मध्यप्रदेश विधान सभा
प्रश्नोत्तर-सूची
फरवरी-मार्च, 2021 सत्र
बुधवार, दिनांक 10 मार्च, 2021
भाग-1
तारांकित
प्रश्नोत्तर
स्वास्थ्य
परीक्षण
रिपोर्ट हेतु
ली जाने वाली
फीस का
निर्धारण
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
1. ( *क्र. 3194 ) सुश्री चंद्रभागा किराड़े : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. में विभिन्न चिकित्सकीय जाँचों के लिए पैथोलॉजी, सोनोग्रॉफी, एक्स-रे, सी.टी. स्केन, एम.आर.आई. कैंसर संबंधी जाँचों के लिए ली जाने वाली फीस के लिए क्या कोई पैमाना निर्धारित किया गया है? यदि हाँ, ऐसे नियमों की प्रति देवें। (ख) बड़वानी जिला मुख्यालय पर कुल कितने पैथोलॉजी, सोनोग्रॉफी, एक्स-रे, सी.टी. स्केन, एम.आर.आई., कैंसर संबंधी जाँचों इत्यादि से संबंधित लैब है, सूची देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) की सूची अनुसार प्रत्येक लैब में कौन-कौन सी जाँच की जाती है? उनकी फीस कितनी है तथा मान्यता हेतु आवेदन के समय कितनी फीस प्रदर्शित करते हुए मान्यता ली गई थी? (घ) प्रश्नांश (ख) की सूची अनुसार सभी लैबों के द्वारा ली जाने वाली फीस का तुलनात्मक परीक्षण कर बतावें कि इनके द्वारा ली जाने वाली फीस में अन्तर का क्या कारण है और क्या कम फीस लेने वाली लैब की जाँच रिपोर्ट संतुष्टिकारक नहीं होती। (ड.) क्षेत्र के आदिवासियों की सुविधा के लिए क्या सभी लैबों के बाहर ली जाने वाली फीस को प्रदर्शित किया जाएगा, जिससे कि गरीब आदिवासी अपनी सुविधा और आर्थिक स्थिति के अनुसार लैब का चयन कर सकें? यदि हाँ, तो कब तक, नहीं तो क्यों नहीं?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (घ) दरों के तुलनात्मक परीक्षण हेतु कोई मापदण्ड उपलब्ध नहीं है, कम फीस लेने वाली लैबों की जाँच रिपोर्ट भी संतुष्टिकारक होती है। (ड.) जी हाँ। म.प्र. उपचर्यागृह एवं रूजोपचार संबंधी स्थापनाएं (रजिस्ट्रीकरण तथा अनुज्ञापन) अधिनियम 1973 तथा नियम 1997 के अन्तर्गत पंजीकृत समस्त निजी लैब द्वारा अपनी दर की सूची प्रदर्शित किया जाना अनिवार्य है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जलजीवन मिशन योजना का क्रियान्वयन
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
2. ( *क्र. 788 ) श्री रामपाल सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) फरवरी 2021 की स्थिति में रायसेन जिले में जल जीवन मिशन के अंतर्गत किन-किन ग्रामों में नल-जल योजनायें कब-कब स्वीकृत की गईं? पूर्ण विवरण दें। (ख) जल जीवन मिशन के अंतर्गत रायसेन जिले में क्या-क्या कार्य प्रस्तावित हैं तथा रायसेन जिले के किन-किन विधायकों के पत्र मान. मंत्री जी तथा विभाग के अधिकारियों को दिनांक 01 अप्रैल, 2020 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में प्राप्त हुए, उन पर आज दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ग) रायसेन जिले में विधायकों से प्राप्त पत्रों तथा उनके द्वारा दिये गये सुझावों पर आज दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई? (घ) जल जीवन मिशन के अंतर्गत रायसेन जिले के हर घर में नल से जल कब तक उपलब्ध करा दिया जायेगा तथा इस संबंध में क्या-क्या प्रयास किये जा रहे हैं?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जल जीवन मिशन कार्यक्रम के अंतर्गत प्रत्येक ग्राम में वर्ष 2023 तक प्रत्येक घर में नल-जल योजनांतर्गत क्रियाशील घरेलू नल कनेक्शन के माध्यम से पेयजल उपलब्ध करवाया जाना प्रस्तावित है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (घ) वर्ष 2023 तक उपलब्ध कराया जाना लक्षित है, जल जीवन मिशन कार्यक्रम अंतर्गत रायसेन जिले में 254 एकल एवं 01 समूह नल-जल योजना स्वीकृत की गई है, शेष ग्रामों हेतु सर्वेक्षण की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
ओंकारेश्वर परियोजना के चतुर्थ चरण के कार्य को पूर्ण किया जाना
[नर्मदा घाटी विकास]
3. ( *क्र. 1452 ) डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ओंकारेश्वर परियोजना चतुर्थ चरण का कार्य कब प्रारंभ हुआ था एवं कार्य पूर्ण होने की दिनांक क्या थी तथा आज दिनांक तक कितने प्रतिशत कार्य हुआ है एवं कितना कार्य शेष बचा है? यदि कार्य पूर्ण नहीं हुआ है तो क्या कारण है? (ख) इस परियोजना में महेश्वर विधान सभा का कितना कमाण्ड एरिया है? आज दिनांक तक कितने रकबे में पानी दिया जा रहा है एवं कितना रकबा शेष है? (ग) क्या परियोजना का पूर्णता प्रमाण-पत्र जारी किया जा चुका है? यदि हाँ, तो कब किस दिनांक को? (घ) क्या परियोजना की नहरों की मरम्मत की गई है? यदि हाँ, तो कहां-कहां की गई है एवं कितनी धनराशि व्यय की गई है? क्या परियोजना से ओ.एम.एस./आउटलेट से किसानों को सिंचाई हेतु पानी मिल रहा है अथवा नहीं? नहीं तो क्या कारण है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) ओ.एस.पी. चरण-4 समूह क्रमांक 01 दिनांक, 26.03.2011 को प्रारंभ एवं दिनांक 22.07.2017 को 99 प्रतिशत कार्य पूर्ण। Defect Liability Period में आवश्यक सुधार एवं 27 कि.मी. पाईप नहर टेस्टिंग सहित एक प्रतिशत कार्य शेष है, जिसे निर्माण एजेंसी द्वारा किया जा रहा है। ओ.एस.पी. चरण-4 समूह-2 दिनांक 26.02.2011 को प्रारंभ एवं पूर्ण करने की अनुबंधित तिथि 25.02.2014 थी। दिनांक 31.12.2020 तक समय वृद्धि प्रदान की गई, जिसमें कार्य पूर्ण कर लिये गये हैं। वितरण प्रणाली में टेस्टिंग का कार्य प्रगति पर है। (ख) 26152 हेक्टेयर। 21361 हेक्टेयर रकबे में पानी दिया जा रहा है। वर्तमान में जल प्रवाह कम होने के कारण अंतिम छोर तक पानी नहीं पहुंच पाने से 4791 हेक्टेयर रकबा शेष है। (ग) जी हाँ। चरण-4 समूह-1 दिनांक 22.07.2017 को। चरण-4 समूह-2 का पूर्णता प्रमाण पत्र जारी नहीं किया गया है। (घ) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'ब' अनुसार है। सिसलिया जलाशय में नहरों हेतु आवश्यक 16 क्यूमेक्स जल वर्तमान में उपलब्ध नहीं होने से जल प्रवाह कम होने के कारण सभी ओ.एम.एस./आउटलेट पर जल उपलब्ध नहीं कराया जा सका है। जल की आपूर्ति के लिए अतिरिक्त 6 क्यूमेक्स जल उद्वहन करने हेतु पम्प हाऊस विस्तारीकरण का कार्य माह अप्रैल 2022 तक पूर्ण किया जाना लक्षित है।
विशेष अनुकंपा नियुक्ति से हटाये गये कर्मचारियों की पुन: बहाली
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
4. ( *क्र. 3847 ) श्री बाबू जण्डेल : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या श्योपुर जिले के वीरपुर प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में वर्ष 2012-13 में महिला नसबन्दी ऑपरेशन के दौरान स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही से दो महिलाओं की मृत्यु हुई थी? क्या ध्यानाकर्षण क्र. 149, दिनांक 27.02.2014 में दिये गये आश्वासन/निर्देशों के पश्चात् मृतक महिलाओं के पतियों को विशेष अनुकम्पा के तहत योग्यता अनुसार शासन द्वारा जिला चिकित्सालय श्योपुर में शासकीय संविदा पर नौकरी दी गयी थी? यदि हाँ, तो अवगत करायें। (ख) क्या उक्त विशेष अनुकम्पा नियुक्ति जो वर्ष 2014 से 2020 तक लगातार 07 वर्ष तक शासकीय संविदा पर नौकरी करने के बाद उन्हें पद से हटा दिया गया है? इसके लिये कौन जिम्मेदार है? (ग) मृतकाओं के पतियों को पूर्व की भांति जिला चिकित्सालय श्योपुर में यथावत सरकारी संविदा नौकरी पर कब तक रखा जावेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
Deputation ओर Redeployment पर पदस्थ अधिकारी/कर्मचारी
[सामान्य प्रशासन]
5. ( *क्र. 3921 ) श्री राहुल सिंह लोधी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टीकमगढ़ और निवाड़ी जिले में कितने कर्मचारी अपने विभाग से अन्य विभागों में Deputation ओर Redeployment पर लगाये गये हैं? (ख) किसी भी अधिकारी/कर्मचारी को Deputation ओर Redeployment में भेजने की सरकार की क्या गाईड लाईन है और कितनी अवधि तक अन्य विभाग में कार्य कर सकता है? (ग) Deputation पर पदस्थ और Redeployment किये गये अधिकारी/कर्मचारी की अवधि को रिन्यू करने की समय-सीमा क्या निर्धारित की गई है? (घ) टीकमगढ़ और निवाड़ी जिले में Deputation ओर Redeployment से अन्य विभागों में पदस्थ अधिकारी/कर्मचारियों की नीचे दी हुई सूची के अनुसार काँलमवार जानकारी दें। 1. कर्मचारी का नाम। 2. मूल विभाग का नाम। 3. वर्तमान में पदस्थ विभाग का नाम। 4. Deputation और Redeployment पर पदस्थ किये जाने का प्रथम दिनांक। 5. अन्य विभागों में पदस्थ किये जाने का कारण। 6. अवधि रिन्यु दिनांक। 7. कितने सालों से Deputation ओर Redeployment से अन्य विभाग में कार्य कर रहे हैं? समयावधि बतायें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (घ) की जानकारी एकत्रित की जा रही है।
बण्डा विधानसभा क्षेत्रांतर्गत उप-स्वास्थ्य केन्द्रों में पदपूर्ति
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
6. ( *क्र. 4281 ) श्री तरबर सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बण्डा विधानसभा क्षेत्रांतर्गत कुल कितने उप-स्वास्थ्य केन्द्र हैं? क्या सभी उप-स्वास्थ्य केन्द्रों में डॉक्टर और पर्याप्त स्टाफ है? (ख) प्रश्नांश (क) यदि नहीं, तो डॉक्टर और स्टाफ के कितने पद स्वीकृत हैं और कितने रिक्त हैं तथा कितने कार्यरत हैं? रिक्त पदों की सूची देवें। (ग) क्या जनता को शासकीय योजनाओं का लाभ विधिवत मिल रहा है? रिक्त पदों की पूर्ति कब तक कर दी जायेगी?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) 51 उप स्वास्थ्य केन्द्र हैं, शासन गाईड लाईन अनुसार डॉक्टर के पद उप स्वास्थ्य केन्द्र में स्वीकृत नहीं होते। (ख) डॉक्टर के पद उप स्वास्थ्य केन्द्र में स्वीकृत नहीं होते। अन्य स्टाफ (ए.एन.एम. व एम.पी.डब्ल्यू.) की स्वीकृत/कार्यरत/रिक्त पदों की सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ। निश्चित समयावधि बताया जाना संभव नहीं हैं।
उप स्वास्थ्य केन्द्रों में एम्बुलेंस की व्यवस्था
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
7. ( *क्र. 4298 ) श्री पाँचीलाल मेड़ा : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या धार जिले के धरमपुरी विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत ए.बी. रोड गणपति घाट (गणेश घाट) पर वाहन दुर्घटनाओं से हर वर्ष बड़ी संख्या में लोगों की मौत हो जाती है एवं गंभीर रूप से घायल होते हैं? (ख) यदि हाँ, तो ट्रामा सेंटर नहीं होने से दुर्घटनाग्रस्त मरीजों को उप स्वास्थ्य केन्द्र धामनौद लाया जाता है जो कि ज्यादा गंभीर होने पर उन्हें इंदौर रिफर किया जाता है, जबकि उप स्वास्थ्य केन्द्र धामनौद में एम्बुलेंस की व्यवस्था नहीं है? (ग) यदि हाँ, तो क्या एम्बुलेंस की व्यवस्था नहीं होने से निजी वाहन चालक मनमानी वसूली करते हैं और मरीज को इंदौर स्थित सरकारी अस्पताल की बजाय निजी अस्पताल ले जाते हैं? (घ) क्या गणपति घाट से धामनौद लगभग 70 कि.मी. है और इंदौर 40-45 कि.मी. है? यदि हाँ, तो क्या ए.बी. रोड गणपति घाट (गणेश घाट) पर शासन द्वारा ट्रामा सेंटर स्थापित किया जाएगा एवं उप स्वास्थ्य केन्द्र धामनौद में एम्बुलेंस की व्यवस्था की जाएगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? (ड.) उपरोक्तानुसार क्या उप स्वास्थ्य केन्द्र नालछा जिला धार में एम्बुलेंस की व्यवस्था है? यदि नहीं, तो कब तक। एम्बुलेंस की व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी हाँ। (ख) दुर्घटनाग्रस्त मरीजों का उपचार सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र धामनोद में किया जाता है एवं ज्यादा गंभीर मरीजों को प्राथमिक उपचार प्रदान कर आवश्यकतानुसार शासकीय चिकित्सालय इन्दौर रेफर किया जाता है। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र धामनौद में एम्बुलेंस उपलब्ध है। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी नहीं। जिला चिकित्सालय स्तरीय स्वास्थ्य संस्थाओं में ट्रामा सेंटर की सुविधा उपलब्ध है। उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ड.) जी हाँ, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
वि.स. निर्वाचन क्षेत्र की मार्गदर्शिका में कतिपय कण्डिकाओं का विलोपन
[योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी]
8. ( *क्र. 1782 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग अंतर्गत विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र की मार्गदर्शिका 2013 में वर्णित अनुमत कार्यों की सूची में कुछ कण्डिकाओं को विलोपित किया गया है? यदि हाँ, तो कारण सहित बताएँ। (ख) क्या पंजीकृत, मान्यता प्राप्त अशासकीय संस्थायें शिक्षण के महत्वपूर्ण कार्य हेतु भवन निर्माण एवं फर्नीचर, टाट पट्टी क्रय आदि की व्यवस्था हेतु विधान सभा क्षेत्रांतर्गत विकास निधि से राशि स्वीकृति पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है? यदि हाँ, तो कारण सहित बताएँ। (ग) क्या विधान सभा क्षेत्रांतर्गत विकास निधि से सामाजिक संगठनों के लिये अनुमोदित धर्मशाला, सामुदायिक भवन निर्माण उपरान्त क्षेत्र के आमजन के उपयोग में आते हैं? यदि हाँ, तो इन कार्यों पर प्रतिबंध लगाये जाने का क्या कारण है? क्या शासन उक्त जनहित में किये जाने वाले कार्यों पर लगाये गये प्रतिबंध को निरस्त करेगा?
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जी हाँ। तत्समय शासन द्वारा निर्णय लिया गया था। (ख) जी नहीं। शासन द्वारा उक्त प्रावधान (जो प्रतिबंधित किये गये थे) को बहाल कर दिये गये हैं। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
खरगौन जिलांतर्गत विभाग द्वारा आयोजित बैठकें
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
9. ( *क्र. 2617 ) श्री रवि रमेशचन्द्र जोशी : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खरगौन जिले में विगत 2 वर्षों में स्वास्थ्य विभाग की कितनी बैठक, ट्रेनिंग हुईं? उसकी विस्तृत जानकारी ट्रेनिंग या बैठक किस चीज की थी, किस दिनांक को सूचना दी गई, बैठक/ट्रेनिंग दिनांक, एजेंडा, उपस्थिति पत्रक, सूचना देने का माध्यम, किन-किन अधिकारी कर्मचारियों को सूचना दी गई? ट्रेनिंग या बैठक किसके द्वारा ली गई, बैठक/ट्रेनिंग का स्थान, आदि की जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार मीटिंग/ट्रेनिंग में उपस्थित होने वाले सदस्यों को क्या क्या सुविधा दी गई (जैसे भोजन/नाश्ता/स्टेशनरी या अन्य कोई सामान सुविधा उसकी भी जानकारी सदस्यवार देवें। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार मीटिंग/ट्रेनिंग में हुए व्यय की जानकारी बैठकवार देवें।
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) खरगौन जिले में विगत 2 वर्षों में स्वास्थ्य विभाग की 457 बैठक, ट्रेनिंग आयोजित की गईं हैं। बैठक, ट्रेनिंग का विषय, दिनांक, सूचना देने का दिनांक, उपस्थिति, ट्रेनर अथवा बैठक लेने वाले अधिकारी का नाम, बैठक/ट्रेनिंग के स्थान संबंधी वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। बैठक/ट्रेनिंग की सूचना पत्र/ई-मेल/दूरभाष द्वारा संबंधित अधिकारियों/कर्मचारियों को दी गई। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार मीटिंग/ट्रेनिंग में उपस्थित होने वाले सदस्यों को भोजन, नाश्ता/स्टेशनरी उपलब्ध कराई गई। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार मीटिंग/ट्रेनिंग में हुए व्यय की बैठकवार एवं वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
खाद्य एवं पेय पदार्थों की फूड सेम्पलिंग की जाँच
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
10. ( *क्र. 1929 ) श्री कुँवर विक्रम सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. में कुल कितने फूड सेम्पिल जाँच हेतु लैब हैं, स्थानों के नाम बतायें। क्या उन संचालित लैंबों में पर्याप्त जाँच के आधुनिक उपकरण उपलब्ध हैं? यदि नहीं, तो कैसे खाद्य एवं पेय के लिये गये सेम्पिल की जाँच होती है? विवरण देवें। (ख) प्रदेश में पर्याप्त फूड, एनालिस्ट, माइक्रोबायोलॉजिस्ट, ड्रग एनालिस्ट, रसायनज्ञ, प्रयोगशाला सहायक पर्याप्त स्टाफ है? यदि नहीं, तो कब से इन पदों पर भर्तियां नहीं हुई हैं? क्या चालू वित्तीय वर्ष में रिक्त पदों की पूर्ति कर दी जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? (ग) वर्तमान में किस-किस लैब में कब से दिसम्बर 2020 तक कुल कितने सेम्पल्स जाँच हेतु पेडिंग हैं, उन सभी सेम्पल्स की जाँच कब तक करा ली जावेगी? (घ) क्या शासन स्तर पर पर्याप्त लैब्स एवं अन्य संसाधन नहीं होने के कारण ही प्रदेश में मिलावट खोरी चरम पर है? क्या शासन इसके लिये विभाग को दोषी मानता है? यदि हाँ, तो कब कब किन-किन अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही की गई? (ड.) क्या शासन प्राईवेट लेबों से अनुबंध कर रहा है, तो निजी क्षेत्र की लैबों के नाम एवं नीति उपलब्ध करायें।
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) म.प्र. में विभाग के अधीन 01 शासकीय प्रयोगशाला भोपाल में स्थित है। इसके अतिरिक्त भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण, नई दिल्ली से अधिमान्यता प्राप्त एन.ए.बी.एल. मान्यता प्राप्त प्रदेश में निजी क्षेत्र की 04 इंदौर, 02 भोपाल एवं 01 जबलपुर में प्रयोगशालाएं संचालित हैं। इसके अतिरिक्त इस प्रशासन द्वारा 09 चलित खाद्य प्रयोगशाला संभाग स्तर पर संचालित हैं। जी हाँ। आधुनिक उपकरण हैं। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी नहीं। वर्ष 2015 में कार्यालय में हुई आगजनी के कारण समस्त रिकॉर्ड जल जाने के कारण किस-किस पद पर कब से भर्ती नहीं हुई है, यह जानकारी देना संभव नहीं है। रिक्त पदों पर भर्ती की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) खाद्य प्रयोगशाला भोपाल में वर्ष 2019 से दिसम्बर 2020 तक कुल 7165 नमूनें जाँच हेतु लंबित थे। पूर्व वर्षों की तुलना में 2.5 गुणा नमूनों की जाँच प्रतिमाह की जा रही है। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) जी नहीं। शासन द्वारा भोपाल में संचालित राज्य खाद्य प्रयोगशाला के अतिरिक्त 03 और नई प्रयोगशालाएं इंदौर, ग्वालियर एवं जबलपुर में निर्माण कराई जा रहीं हैं। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ड.) जी हाँ, QTTL लैब, इंदौर से अनुबंध किया गया है। भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण, नई दिल्ली से अधिमान्यता प्राप्त एवं एन.ए.बी.एल. मान्यता प्राप्त प्रयोगशालाओं में से टेण्डर प्रक्रिया के आधार पर लैब का चयन किया गया है।
कोविड संक्रमित शास. अधिकारियों/कर्मचारियों को प्रदत्त सहायता
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
11. ( *क्र. 762 ) श्री सुखदेव पांसे : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कोरोना वारियर्स कोविड-19 से प्रदेश में कितने-कितने अधिकारी एवं कर्मचारी संक्रमित हुए? उनमें से कितने अधिकारी कर्मचारी शहीद हो गए? ऐसे शहीद कर्मचारियों के आश्रित परिवारों को शासन की ओर से क्या-क्या सहायता/सुविधाएं प्रदान की गईं? नाम, पद सहित जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कर्मचारियों में से कितने कर्मचारी शासकीय चिकित्सालय एवं शासन द्वारा चिन्हित मान्यता प्राप्त निजी चिकित्सालयों में उपचाररत रहे एवं इनके उपचार पर किस-किस चिकित्सालय को कितनी-कितनी राशि का भुगतान शासन द्वारा किया गया? (ग) शासकीय अधिकारी एवं कर्मचारी के कोविड संक्रमित होने, होम आईसोलेशन होने अथवा परिवार में किसी सदस्य के संक्रमित होने से कर्मचारी के होम क्वारंटाइन होने से अवकाश पर होने से क्या उन्हें विशेष अवकाश की पात्रता शासन द्वारा प्रदान की गई है? यदि हाँ, तो कुल कितने दिवस की? यदि नहीं, तो ऐसे शासकीय सेवकों की उक्त अवधि के अवकाश का निराकरण किस प्रकार किया जायेगा? (घ) क्या प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित शासकीय सेवकों को कोविड संक्रमित होने के कारण छत्तीसगढ़ शासन के समान विशेष अवकाश स्वीकृत करने की कोई योजना शासन के विचाराधीन है? यदि हाँ, तो उस पर अंतिम निर्णय कब तक लिया जायेगा?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) प्रश्न दिनांक तक कोरोना वारियर्स कोविड-19 से प्रदेश में कुल 4912 अधिकारी एवं कर्मचारी संक्रमित हुये, उनमें से 66 अधिकारी एवं कर्मचारी की मृत्यु हो गई। मुख्यमंत्री कोविड-19 योद्धा कल्याण योजना अंतर्गत दिये गये दिशा-निर्देशों के तहत संकलित जानकारी अनुसार 26 दिवंगत कोरोना योद्धाओं के विधिक उत्तराधिकारी को रूपये 50.00 लाख (प्रति दिवंगत योद्धाओं) आर्थिक अनुदान सहायता स्वीकृत की गई है। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज–स्वास्थ्य कर्मियों के लिये बीमा योजना अंतर्गत प्राप्त प्रकरणों में दिनांक 25.11.2020 तक कुल 12 दिवंगत कोरोना योद्धाओं के विधिक उत्तराधिकारी को रूपये 50.00 लाख (प्रति दिवंगत योद्धा) आर्थिक अनुदान सहायता स्वीकृत की गयी है। संचालनालय स्वास्थ्य सेवायें के परिपत्र क्रमांक आई.डी.एस.पी./2020/666, दिनाकं 19.05.2020 एवं मध्यप्रदेश शासन, लोक स्वास्थ्य विभाग के आदेश क्रमांक एफ/IDSP/2020/सत्रह/मेडि-1045, दिनांक 03.07.2020 में दिये गये निर्देशानुसार कोविड-19 से संक्रमित मरीजों की सूचना गोपनीय रखी जाना है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कर्मचारियों में से 3228 कर्मचारी शासकीय चिकित्सालय, 788 शासन द्वारा चिन्हित मान्यता प्राप्त निजी चिकित्सालयों में एवं 896 होम आईसोलेशन में उपचाररत रहे। शासकीय चिकित्सालयों में मरीजों का उपचार निःशुल्क किया जाता है। आयुष्मान भारत ‘’निरामयम्’’ कार्यालय में शासन द्वारा अनुबंधित निजी चिकित्सालयों द्वारा कोरोना उपचार पर किये गये व्यय का भुगतान किया जाता है। प्राप्त देयकों में शासकीय कर्मचारी का पृथक विवरण अंकित नहीं होता है। अत: निजी चिकित्सालयों में उपचाररत् रहे कर्मचारियों की संख्या एवं उन पर किये गये व्यय की पृथक जानकारी दी जाना संभव नहीं है। (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है। (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
प्रश्नकर्ता के पत्र पर प्रकरण दर्ज किया जाना
[अध्यात्म]
12. ( *क्र. 3433 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या पर्यटन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा मुख्य सचिव को लिखे गए पत्र क्रमांक वि/हो/क्र./1056/2020, दिनांक 18.09.2020 एवं ई-मेल में श्री हरेन्द्र नारायण के खिलाफ भा.द.वि. की धारा 166, 166ए, 167, 171 एवं 219 में प्रकरण दर्ज करने संबंधी अनुरोध को मुख्य सचिव कार्यालय से अपर मुख्य सचिव, अध्यात्म भेजा गया था? (ख) क्या उप सचिव, अध्यात्म विभाग द्वारा पत्र क्रमांक 2000/1613/2020/68, दिनांक 03.11.2020 एवं पत्र क्र. 120/1613/2020/68, दिनांक 27.01.2021 से प्रश्नकर्ता को अवगत कराया कि उक्त धाराओं में प्रकरण चलाने हेतु कलेक्टर, होशंगाबाद से अभिमत मांगा गया है? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित धाराओं में प्रकरण चलाने के संबंध में कलेक्टर होशंगाबाद द्वारा दिये गये अभिमत की जानकारी दें। अभिमत देने में विलंब के क्या कारण हैं? (घ) क्या प्रश्नकर्ता को श्री हरेन्द्र नारायण के खिलाफ भा.द.वि. की धारा 166, 166ए, 167, 171 एवं 219 में प्रकरण चलाने की अनुमति दी जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
पर्यटन मंत्री ( सुश्री उषा ठाकुर ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) कलेक्टर होशंगाबाद द्वारा प्रश्नाधीन धाराओं के अंतर्गत प्रकरण चलाने के संबंध में सामान्य प्रशासन विभाग म.प्र. भोपाल से अनुमति प्राप्त करने का लेख किया गया है। (घ) कलेक्टर होशंगाबाद के पत्र के परिप्रेक्ष्य में सामान्य प्रशासन विभाग को भेजने हेतु विस्तृत प्रतिवेदन होशंगाबाद जिला प्रशासन से प्रतीक्षित है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर की भर्ती
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
13. ( *क्र. 4040 ) श्री मनोज चावला : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्य प्रदेश शासन द्वारा कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर की भर्ती की गई है? यदि हाँ, तो मध्य प्रदेश के किन-किन जिलों में उक्त पद हेतु भर्ती की गई है? जिलेवार सूची उपलब्ध कराएं और बताएं कि कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर भर्ती के लिए योग्यता, मापदण्ड और वेतन क्या है? (ख) क्या इस भर्ती में होम्योपैथी डिग्री धारकों को सम्मिलित नहीं किया गया है? यदि हाँ, तो होम्योपैथी डिग्री धारकों को इस पद हेतु क्यों चयनित नहीं किया गया है, जबकि आयुष विभाग के अंतर्गत होम्योपैथिक और आयुर्वेदिक दोनों शामिल हैं तो यदि आयुर्वेदिक चिकित्सकों को सी.एच.ओ. की भर्ती में शामिल किया जा रहा है तो फिर होम्योपैथिक चिकित्सकों को क्यों छोड़ा जा रहा है? (ग) क्या शासन होम्योपैथी डिग्री धारकों को कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर के पद पर नौकरी हेतु विचार कर रहा है या इस हेतु कोई कमेटी बनाई गई है? (घ) क्या स्वास्थ्य भर्तियों में होम्योपैथी डिग्री धारकों को नजर अंदाज किया जा रहा है? होम्योपैथिक चिकित्सकों के साथ यह भेदभाव क्यों किया जा रहा है?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी हाँ, जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। 1. योग्यता :- कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर पद के लिये साथ बी.एससी. नर्सिंग, पोस्ट बेसिक बी.एससी नर्सिंग, जी.एन.एम. तथा बी.ए.एम.एस. योग्यता निर्धारित है। 2. मापदण्ड :- प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण करने के पश्चात् 6 माह का सर्टिफिकेट कोर्स इन कम्युनिटी हेल्थ उत्तीर्ण करना निर्धारित है। 3. संविदा पदस्थापना पश्चात् रू. 25000/- प्रतिमाह मानदेय तथा रू. 15000/- प्रतिमाह कार्य आधारित प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाती है। (ख) जी हाँ, जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) जी नहीं। (घ) जी नहीं, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत निर्धारित प्रक्रिया एवं शैक्षणिक योग्यता अनुसार भर्ती प्रक्रिया संचालित की जाती है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
जिला अस्पताल दमोह में कोरोना काल में की गई खरीदी
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
14. ( *क्र. 3354 ) श्री धर्मेन्द्र भावसिंह लोधी : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कोरोना काल में जिला अस्पताल दमोह द्वारा खरीदी की गई है? यदि हाँ, तो किन-किन मदों से कितने रुपये की खरीदी की गई? विवरण प्रस्तुत करें। (ख) क्या खरीदी प्रक्रिया टेंडर/GEM के माध्यम से की गई? यदि हाँ, तो संबंधित दस्तावेज उपलब्ध करायें और यदि नहीं, तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी हाँ, जिला चिकित्सालय दमोह में कोरोना काल में औषधि एवं सामग्री ऑनलाईन प्रक्रिया के तहत राशि रुपये 37,49,995.37/- की खरीदी की गई है, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है एवं स्थानीय स्तर से की गई खरीदी जिसमें औषधि, सामग्री एवं उपकरण राशि रुपये 20,08,186.00/- से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। ऑक्सीजन 25,69,681.00/- से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। वेस्ट मैनेजमेंट 40,727.00 से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार है एवं कोविड डाईट 9,28,200.00/- से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ई'' अनुसार है। (ख) जी हां, जिला चिकित्सालय दमोह में समस्त खरीद प्रक्रिया कोटेशन एवं GEM पोर्टल के माध्यम से की गई है, संबंधित प्रक्रिया की सूची व दस्तावेज की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''फ'' अनुसार है।
म.प्र. माध्यम में प्रचार प्रसार हेतु पंजीबद्ध संस्थाएं
[जनसंपर्क]
15. ( *क्र. 4022 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश जनसंपर्क विभाग एवं मध्यप्रदेश माध्यम में वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक तक प्रचार-प्रसार के लिये पंजीबद्ध (इनपैनल्ड) संस्थाओं, कंपनियों एवं फर्मों की वर्षवार जानकारी उपलब्ध करायें? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में जनसंपर्क विभाग एवं मध्यप्रदेश माध्यम में प्रचार प्रसार के लिये पंजीबद्ध (इनपैनल्ड) संस्थाओं, कंपनियों एवं फर्मों को वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक तक किस संस्था, कंपनी, फर्म को कितनी राशि का काम दिया गया? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में जनसंपर्क विभाग एवं मध्यप्रदेश माध्यम में प्रचार प्रसार के लिये इनपैनल्ड संस्थाओं को कार्यादेश देने अथवा चुनने का क्या नियम है? क्या इसमें भेदभाव किया जाता है? यदि नहीं, तो इनपैनल्ड संस्थाओं में से कुछ संस्थाओं को ही बार-बार काम क्यों दिया जाता है और कुछ संस्थाओं को काम ही नहीं दिया जाता है, जिन संस्थाओं को एक भी काम नहीं अथवा न्यूनतम काम दिया गया? इसके लिये दोषी कौन-कौन है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'एक' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'दो' अनुसार है। (ग) विभाग और इसके अधीन कार्यरत मध्यप्रदेश माध्यम द्वारा जिन संस्थाओं को इनपैनल्ड किया जाता है, उन्हें बिना भेदभाव के कार्य के स्वरूप, समयावधि और आवश्यकता तथा संस्था के अनुभव के आधार पर कार्य दिया जाता है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
बुरहानपुर जिला चिकित्सालय में पदों/संसाधनों की पूर्ति
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
16. ( *क्र. 2962 ) श्री सुरेन्द्र सिंह नवल सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासकीय जिला चिकित्सालय बुरहानपुर में रिक्त पद कितने हैं, रिक्त पदों की पूर्ति कब तक की जावेगी? साथ ही बुरहानपुर जिले के समस्त प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों एवं समस्त चिकित्सालय में कितने पद रिक्त हैं? संवर्गवार सूची प्रदान करें। (ख) बुरहानपुर जिला चिकित्सालय में रिक्त चिकित्सकों के पद की पूर्ति कब तक की जायेगी एवं क्या जिला चिकित्सालय में सोनोग्राफी, सी.टी. स्केन, एम.आर.आई. जैसी अन्य सुविधाओं की व्यवस्था है? यदि नहीं, तो कब तक व्यवस्था की जायेगी एवं मरीज को अन्य सुविधा जैसे बिस्तर, पलंग एवं अन्य सुविधा पर्याप्त मात्रा में है? यदि नहीं, तो कब तक सुविधा पूर्ण की जायेगी?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) रिक्त पदों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। रिक्त पदों की पूर्ति हेतु विभाग निरंतर प्रयास कर रहा है, प्रथम श्रेणी विशेषज्ञ के शत-प्रतिशत पद पदोन्नति से भरे जाने का प्रावधान है एवं वर्तमान में माननीय उच्चतम न्यायालय में पदोन्नति के संदर्भ में प्रचलित प्रकरण के कारण पदोन्नति की प्रक्रिया विलंबित है। अतः विशेषज्ञों के पद जिन्हें शत-प्रतिशत पदोन्नति से भरे जाने का प्रावधान है, की पूर्ति में कठिनाई हो रही है। म.प्र. लोक सेवा आयोग को 727 चिकित्सकों की पद पूर्ति हेतु मांग-पत्र प्रेषित किया गया है एवं विज्ञापन जारी किया जा चुका है। पदपूर्ति हेतु बंधपत्र अंतर्गत एवं संविदा एन.एच.एम. चिकित्सकों की कार्यवाही निरंतर जारी है। पदपूर्ति हेतु निश्चित समयावधि बताई जाना संभव नहीं है। (ख) रिक्त पदों की पूर्ति की कार्यवाही प्रश्नांश (क) अनुसार। जिला चिकित्सालय बुराहनपुर में सोनोग्राफी मशीन एवं 200 बिस्तर के अनुसार मरीजों हेतु बिस्तर, बेड साइड लॉकर, आई.वी. स्टैंड, स्ट्रेचर ट्राली, इमरजेन्सी कार्ट इत्यादि एवं अन्य सुविधाएं पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं। सी.टी. स्केन मशीन पी.पी.पी. मोड पर उपलब्ध कराये जाने हेतु निविदा प्रक्रिया मध्यप्रदेश पब्लिक हेल्थ सर्विस कॉर्पोरेशन लिमिटेड के माध्यम से प्रचलन में है। एम.आर.आई. मशीन जिला चिकित्सालय में उपलब्ध कराये जाने हेतु कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
माननीय मुख्यमंत्री द्वारा की गई घोषणाओं का क्रियान्वयन
[सामान्य प्रशासन]
17. ( *क्र. 3809 ) श्री सज्जन सिंह वर्मा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश की 28 विधान सभाओं के उप चुनाव की घोषणा होने के पूर्व तक प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री जी ने इन 28 विधान सभा क्षेत्र के विकास हेतु अन्य प्रयोजनों के लिए दिनांक 01 अप्रैल, 2020 से उप चुनाव की घोषणा होने के पूर्व तक किस-किस विधानसभा के लिए कौन-कौन सी घोषणायें की थी? उन घोषणाओं के क्रियान्वयन की अद्यतन स्थिति क्या-क्या है? (ख) क्या माननीय मुख्यमंत्री द्वारा उक्त की गई घोषणाओं में अधिकांश घोषणायें मुख्यमंत्री कार्यालय में दर्ज नहीं हैं, जबकि इस संबंध में जनसंपर्क विभाग द्वारा समय-समय पर प्रेस नोट जारी किये गये हैं? (ग) यदि नहीं, तो क्या शासन मान. मुख्यमंत्री जी द्वारा की गई घोषणाओं के रिकॉर्ड संधारण नहीं किये जाने की जाँच करायेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा की गई घोषणाओं के अनुरूप 09 विधानसभा क्षेत्रों यथा डबरा, सुमावली, मुरैना, दिमनी, गोहद, ग्वालियर (पूर्व), करेरा, आगर एवं ब्यावरा के लिये मान. मुख्यमंत्री जी द्वारा की गई घोषणाओं पर क्रियान्वयन नहीं किया जा रहा है? यदि हाँ, तो क्यों? यदि नहीं, तो क्या इन क्षेत्रों के विकास के लिए की गई घोषणाओं के क्रियान्वयन के लिए बजट का प्रावधान किया जायेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
सिंगरौली जिले में पेयजल आपूर्ति
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
18. ( *क्र. 3217 ) श्री सुभाष राम चरित्र : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिंगरौली जिले में पेयजल आपूर्ति बावत् दिनांक 01.04.2019 से प्रश्नांश दिनांक तक कितने नलकूप/हैण्डपम्पों की स्थापना किन-किन बसाहटों पर की गई, का विवरण देते हुये बतावें कि प्रति हैण्डपम्प कितने रूपये की लागत लगी एवं किस मद से इनका खनन कराया गया? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में विभाग द्वारा कितने हैण्डपम्पों/नवीन नलकूपों का खनन किया गया एवं कितने ठेकेदारों द्वारा उत्खनन कराया गया, इनकी औसत गहराई के साथ उपयोग की गई सामग्री की गुणवत्ता की जाँच कब-कब, किन अधिकारियों द्वारा की गई, यह भी बतावें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार खनन किये गये नवीन हैण्डपम्पों/नलकूपों की गहराई औसतन क्या है? इनमें से कितने हैण्डपम्पों में पानी नहीं निकल रहा है या पीने योग्य नहीं है, की जानकारी देते हुये बतावें कि जिनसे पानी नहीं निकल रहा है या पीने योग्य नहीं है, उनकी जगह पर विभाग द्वारा नवीन नलकूप खनन बावत् क्या योजना एवं नीति है। (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के हैण्डपम्प एवं नलकूपों का खनन प्राक्कलन एवं तकनीकी स्वीकृति अनुसार न कर कम गहराई व गुणवत्ता रहित सामग्री का उपयोग करने से अधिकांश हैण्पम्प सूखे एवं पानी नहीं दे रहे हैं? इसकी जाँच उच्च स्तरीय समिति बनाकर कराये जाने के साथ संबंधित जिम्मेदारों पर क्या कार्यवाही करेंगे?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) 382 नलकूप, शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है, सफल नलकूपों का पानी पीने योग्य है। आवश्यकतानुसार विभागीय मापदण्डानुसार नवीन नलकूप खनन कर हैण्डपंप स्थापना का कार्य किया जाता है। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
स्थापना शाखा में लंबी अवधि से पदस्थ कर्मियों का स्थानांतरण
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
19. ( *क्र. 1498 ) श्री बृजेन्द्र सिंह राठौर : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग में विभागाध्यक्ष कार्यालय में विगत कई वर्षों से अर्थात 3 वर्षों के अधिक समय से स्थापना शाखा में कर्मचारी कार्यरत हैं? इन कर्मचारियों के विरूद्ध तमाम गंभीर शिकायतें होने के बावजूद भी विभागाध्यक्ष ने कोई कार्यवाही नहीं की है, क्यों? (ख) विगत दो वर्षों में स्थापना शाखा में पदस्थ लिपिक की कितनी शिकायतें वर्षवार प्राप्त हुईं हैं और उन पर कोई कार्यवाही नहीं की गई है? शिकायत संख्या से अवगत करावें। (ग) क्या शासन के आदेशों का खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग में कोई पालन नहीं कराया जाता है? इस कारण स्थापना शाखा में लिपिक द्वारा अपने ढंग से मनमाने तौर पर कार्यवाही की जाती है? इस संबंध में क्या लिपिक के विरूद्ध कोई दण्डनीय कार्यवाही की जावेगी और नहीं तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी हाँ। प्राप्त शिकायतों पर कार्यवाही प्रचलन में है। (ख) विगत दो वर्षों में स्थापना शाखा में पदस्थ दो लिपिक के विरुद्ध कुल 04 शिकायती आवेदन क्रमश: दिनांक 24.03.2019, 15.08.2020, 08.06.2019 एवं 15.08.2020 को प्राप्त हुए। शिकायतों पर कार्यवाही प्रचलन में है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्नांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
अधिकारियों/कर्मचारियों की वेतनवृद्धि
[वित्त]
20. ( *क्र. 4098 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के विभिन्न विभागों में कार्यरत अधिकारियों/कर्मचारियों को क्या नवीन पेंशन योजना का लाभ मिल रहा है? (ख) बालाघाट जिले के विभिन्न निर्माण विभागों (पी.डब्ल्यू.डी., पी.एच.ई, डब्ल्यू.आर.डी., आर.ई.एस.) इत्यादि में केन्द्र शासन के कितने लेखापाल/लेखाधिकारी पदस्थ हैं? इनमें से कितने जी.पी.एफ के अधीन आते हैं और कितने नवीन पेंशन योजना के अंतर्गत आते हैं? क्या इन्हें दिनांक 01.07.2020 तथा 01.01.2021 में वेतन वृद्धि का लाभ दिया गया है? (ग) प्रश्नांश (ख) में वर्णित अधिकारियों/कर्मचारियों को भारत सरकार राजपत्र दिनांक 31.01.2019 के अनुसार 14 प्रतिशत शासकीय अनुदान की राशि 01.04.2019 से क्या दी जा रही है? (घ) प्रश्नांश (ख) तथा (ग) का उत्तर यदि नहीं है तो इसके लिए उत्तरदायी अधिकारी कौन है? उनके नामों तथा पदनामों की जानकारी दें। प्रश्नांश (ख) में वर्णित अधिकारियों तथा कर्मचारियों को हुए आर्थिक नुकसान की भरपाई शासन कब तक करेगा?
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जी हाँ। (ख) बालाघाट जिले में पी.डब्ल्यू.डी. एक, पी.एच.ई. एक, डब्ल्यू.आर.डी. चार, आर.ई.एस. में निरंक कुल-06 लेखाधिकारी पदस्थ हैं, इनमें से एक अधिकारी जी.पी.एफ. के अधीन व शेष 05 लेखाधिकारी नवीन पेंशन योजना के अंतर्गत आते हैं। इन्हें दिनांक 01.07.2020 तथा 01.01.2021 में वेतनवृद्धि का लाभ नहीं दिया गया है। (ग) जी नहीं। (घ) (i) कोविड-19 के कारण राज्य के वित्तीय संसाधनों पर आये वित्तीय प्रभाव के मद्देनजर राज्य शासन ने आदेश दिनांक 29.07.2020 से वार्षिक वेतन वृद्धि के संबंध में निर्देश जारी किये हैं। (ii) राज्य शासन ने आदेश क्रमांक एफ 9/3/2003/नियम/चार, दिनांक 25 सितम्बर, 2006 के द्वारा वेतन+मंहगाई भत्ते की 10 प्रतिशत राशि अंशदान के आदेश प्रभावशील हैं। उपरोक्त परिप्रेक्ष्य में उत्तरदायित्व का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
पथरिया वि.स. क्षेत्र के धर्म स्थानों की संख्या
[अध्यात्म]
21. ( *क्र. 3686 ) श्रीमती रामबाई गोविंद सिंह : क्या पर्यटन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) राजस्व अनुभाग पथरिया जिला दमोह के लेखा अनुसार ऐसे कितने धर्म स्थान हैं, जिनके नाम से निजी ट्रस्ट अथवा संस्था शासकीय अभिलेख में दर्ज हैं? (ख) राजस्व अनुभाग पथरिया जिला दमोह में दर्ज निजी ट्रस्ट अथवा संस्था के पास देवस्थान के पास कितनी भूमि अथवा चल अचल संपत्ति है एवं वर्तमान में उनका अध्यक्ष, संचालक अथवा मालिक कौन है? (ग) यदि निजी ट्रस्ट अथवा संस्था के अध्यक्ष, संचालक अथवा मालिक दर्ज है, तो वर्तमान में मौजूद है अथवा नहीं या फौत हो चुके हैं? (घ) यदि निजी ट्रस्ट अथवा संस्था के दर्ज अध्यक्ष संचालक अथवा महत्तमकार फौत हो चुके हैं तो ऐसे मामलों में जिला प्रशासन द्वारा क्या कार्यवाही की गई है, क्या भूमि अधिग्रहण की कार्यवाही की गई है अथवा मंत्री महोदय के अनुसार इस पर क्या कार्यवाही की जावेगी?
पर्यटन मंत्री ( सुश्री उषा ठाकुर ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
आयुष्मान भारत योजनांतर्गत हितग्राहियों का चयन
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
22. ( *क्र. 2479 ) श्री आलोक चतुर्वेदी : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आयुष्मान भारत योजनांतर्गत हितग्राहियों के चयन करने का आधार क्या है? क्या उक्त आधार का डाटा सरकार के पास है? यदि हाँ, तो आयुष्मान भारत योजना अंतर्गत छतरपुर विकासखण्ड अंतर्गत कितने परिवारों को शामिल किया जा सकता है? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में इनमें से कितने परिवार के आयुष्मान कार्ड बन चुके हैं? कितने शेष हैं? सभी के नाम, पता सहित जानकारी प्रदाय करें। (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुक्रम में शेष बचे लोगों के आयुष्मान कार्ड कब तक किस रणनीति के अंतर्गत बनेंगे?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) आयुष्मान भारत योजना के हितग्राही का नाम वर्ष 2011 की जनगणना SECC (सामाजिक, आर्थिक, जातिगत जनगणना) के डाटा में D1 से D7 तक (D6 को छोड़कर), राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा पर्ची धारक परिवार या संबल योजना में शामिल होना आवश्यक है। जी हाँ। छतरपुर जिले में 1140165 पात्र हितग्राही हैं। (ख) छतरपुर जिले में 396389 आयुष्मान हितग्राही कार्ड बनाये जा चुके हैं एवं 743776 हितग्राहियों के कार्ड बनाये जाना शेष हैं। (ग) आयुष्मान भारत योजना के हितग्राही कार्ड बनाने हेतु लोक सेवा केन्द्र, कॉमन सर्विस सेंटर, ग्राम रोजगार सहायकों के माध्यम से कार्ड बनवाने हेतु ग्राम स्तर पर शिविर आयोजित किये जा रहे हैं एवं योजना का गहन प्रचार-प्रसार किया जा रहा है।
नल-जल योजना का क्रियान्वयन
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
23. ( *क्र. 4204 ) श्री राजेश कुमार शुक्ला : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र बिजावर अंतर्गत आने वाले ग्रामीण क्षेत्र के रहवासियों को दैनिक उपयोग हेतु कितने लीटर पानी की आवश्यकता है? नल-जल, हैण्डपंप, कुआं आदि स्त्रोतों से उन्हें कितने प्रतिशत पानी प्राप्त हो जाता है? (ख) क्या ग्रामीण क्षेत्र के प्रत्येक घर में नल-जल पहुंचाने की शासन की मंशा है? (ग) विधानसभा क्षेत्र बिजावर में कितनी नल-जल योजनाएं हैं, इनसे कितने प्रतिशत लोगों को नल-जल प्राप्त होता है? प्रश्न दिनांक तक कितनी सुचारू रूप से संचालित हैं, इससे कितने प्रतिशत लोगों को नल-जल प्राप्त होता है? (घ) बिजावर विधानसभा की खराब नल-जल योजनाओं को सही कराने एवं शेष आबादी को नल-जल प्रदाय करवाने हेतु शासन की क्या योजना है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जल जीवन मिशन की मार्गदर्शिका के अनुसार ग्रामीण क्षेत्र के रहवासियों को दैनिक उपयोग हेतु 55 लीटर प्रति व्यक्ति प्रतिदिन के मान से निर्धारित है। नल-जल स्त्रोतों से 8 प्रतिशत, हैण्डपंप स्त्रोतों से 92 प्रतिशत पानी प्राप्त होता है। अधिकांश कुंए ग्रीष्म ऋतु में सूख जाते हैं, अतः नगण्य मानकर गणना नहीं की गई है। (ख) जी हाँ। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार, 63 योजनाएं हैं, जिनसे लगभग 16 प्रतिशत लोगों को नल-जल प्राप्त हो सकेगा। वर्तमान में 36 योजनाएं सुचारू रूप से संचालित हैं, जिनमें लगभग 8 प्रतिशत लोगों को नल-जल से प्राप्त होता है। (घ) बंद नल-जल योजनाओं को चालू कराने हेतु संबंधित ग्राम पंचायतों को राज्य शासन द्वारा राशि उपलब्ध कराई जाती है। शेष आबादी को पेयजल प्रदाय किये जाने हेतु जल जीवन मिशन अंतर्गत योजना बनाई जानी है।
शहडोल/अनूपपुर जिलों के अस्पतालों में बाल मृत्यु की संख्या
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
24. ( *क्र. 3655 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शहडोल, अनूपपुर जिला अस्पतालों में वर्ष 2020 के सितम्बर से दिसम्बर व जनवरी 2021 तक कितने बच्चों की मृत्यु हुई है? अस्पतालवार, जिलावार, माहवार संख्या सहित जानकारी दी जावे। (ख) बच्चों की मृत्यु के क्या कारण रहे, किस-किस बीमारी से बच्चों की मृत्यु हुई? क्या जिलों में विशेषज्ञ चिकित्सक पदस्थ नहीं थे, तो बीमारी की रोकथाम क्यों नहीं हो सकी? (ग) क्या अधिकांश बच्चों की मृत्यु कुपोषण के कारण हुई है, जनजाति बाहुल्य इन जिलों में पोषण आहार का वितरण पर्याप्त मात्रा में नहीं होने से कुपोषित बच्चों की संख्या बढ़ती रही, जिस पर अस्पताल प्रबंधन का ध्यान नहीं गया? इसके लिये कौन दोषी है, उन पर क्या कार्यवाही की जावेगी?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) प्रश्न भाग की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'', ''ब'' एवं ''स'' अनुसार है। (ख) बच्चों में मृत्यु के कारण समय पूर्व जन्म, कम वजन, आर.डी.एस., बर्थ एस्फिक्सिया, संक्रमण, जन्मजात विकृति, निमोनिया, दस्तरोग इत्यादि रहे। बच्चों का इलाज प्रमुखतः शिशु रोग विशेषज्ञ, शिशु रोग चिकित्सक द्वारा किया जाता है, परन्तु जिन संस्थाओं में शिशु रोग चिकित्सक उपलब्ध नहीं है, उन संस्थाओं में अन्य विधाओं के प्रशिक्षित चिकित्सकों द्वारा उपचार प्रदान किया जाता है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं, उच्च स्तरीय जाँच में स्वास्थ्य सेवाओं एवं अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही नहीं पाई गई। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अनु. जनजाति उपयोजना अंतर्गत स्मारक/संग्रहालयों की स्थापना
[संस्कृति]
25. ( *क्र. 3538 ) श्री संजय उइके : क्या पर्यटन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या विभाग को अनुसूचित जनजाति उपयोजना (सब स्कीम) में स्मारकों/संग्रहालयों की स्थापना अनुरक्षण एवं विकास योजना/मद में राशि प्राप्त हुई है? (ख) यदि हाँ, तो वित्तीय वर्ष 2019-20 से प्रश्न दिनांक तक कितनी-कितनी राशि प्राप्त हुई? प्राप्त राशि का कहां-कहां, किन-किन कार्यों पर कितना-कितना व्यय किया गया? (ग) प्रदेश में जनजाति स्मारक/संग्रहालय कहां-कहां स्थित हैं?
पर्यटन मंत्री ( सुश्री उषा ठाकुर ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'क' अनुसार है। (ग) भोपाल में मध्यप्रदेश जनजातीय संग्रहालय एवं खजुराहो में 'आदिवर्त' जनजातीय एवं लोककला राज्य संग्रहालय स्थित है, इसके अतिरिक्त विभाग अंतर्गत जनजातीय शासकों द्वारा निर्मित स्मारकों की सूची संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ख' अनुसार है।
भाग-2
नियम
46 (2) के
अंतर्गत
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
के रुप में
परिवर्तित
तारांकित
प्रश्नोत्तर
अवैध
शराब बिक्री
पर रोक
[वाणिज्यिक कर]
1. ( क्र. 49 ) श्री पुरुषोत्तम लाल तंतुवाय : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) हटा एवं पटेरा विकासखण्ड में कितनी शराब दुकानें स्वीकृत है। स्थलवार जानकारी दी जावे एवं कितनी-कितनी राशि से वर्ष 2020-21 के लिए दुकान आवंटित है। (ख) प्रश्नकर्ता द्वारा पुलिस अधीक्षक दमोह को कई बार अवैध शराब बिक्री रोके जाने हेतु लेख किया गया किंतु गांव-गांव व शहर के मुहल्लों में अवैध शराब बिक्री का कारोबार चरम सीमा पर है? यदि हाँ, तो हटा एवं पटेरा विकासखण्ड में अवैध शराब बिक्री पर कब तक प्रतिबंध लगाया जावेगा?
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) हटा विकासखंड में 09 देशी/विदेशी मदिरा दुकानें एवं पटेरा विकासखंड में 05 देशी/विदेशी मदिरा दुकानें संचालित हैं। स्थलवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) 1. पुलिस विभाग, दमोह द्वारा दिनांक 01.04.2020 से दिनांक 31.01.2021 की अवधि में हटा एवं पटेरा विकासखण्ड के थाना क्षेत्रान्तर्गत अवैध शराब बनाने/विक्रय/परिवहन करने वालों के विरूद्ध प्रभावी कार्यवाही करते हुए, उक्त अवधि में हटा एवं पटेरा विकासखण्ड के अंतर्गत के थानों में अवैध शराब के कुल 514 प्रकरण में 539 आरोपियों से कुल 4499 लीटर शराब कीमत 19,81,220/- की जप्त की गई, जबकि आबकारी विभाग दमोह द्वारा भी अवैध शराब की बिक्री रोकने हेतु नियमित रूप से उपलंभन कार्य किया जाता है। वर्ष 2020-21 में दिनांक 01.04.2020 से दिनांक 31.01.2021 तक जिला दमोह के आबकारी वृत्त हटा में अवैध मदिरा के विरूद्ध कुल 160 न्यायालयीन प्रकरण पंजीबद्ध किये गये हैं, जिसमें देशी मदिरा 436.14 बल्क लीटर, हाथभट्टी कच्ची शराब 330.0 लीटर जप्त मदिरा एवं महुआलाहन 2930 किलोग्राम कुल जप्त सामग्री की अनुमानित कीमत रूपये 3,97,000/- है। आरोपियों के विरूद्ध प्रकरण न्यायालय में प्रस्तुत किये जा रहे है। 2. अवैध शराब का कारोबार करने वालों के विरूद्ध समय-समय पर विशेष अभियान चलाकर प्रभावी कार्यवाही कराई जा रही है। अवैध शराब विक्रय/परिवहन/निर्माण करने वालों के संबंध में सूचना संकलित की जाकर प्रभावी कार्यवाही की जा रही है। अवैध शराब की रोकथाम हेतु निरंतर प्रभावी कार्यवाही कराई जा रही है।
सिविल अस्पताल हटा दमोह में डॉक्टरों की पदस्थापना
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
2. ( क्र. 56 ) श्री पुरुषोत्तम लाल तंतुवाय : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला दमोह की सिविल अस्पताल हटा को सिविल अस्पताल का दर्जा कब प्रदाय किया गया था प्रशासन के आदेश की छायाप्रति पद संरचना सहित उपलब्ध करावें। वर्तमान में कौन-कौन डाक्टर कब से कब तक पदस्थ है? (ख) सिविल अस्पताल हटा जिला दमोह का भवन कितनी राशि से किस कार्य एजेंसी के माध्यम से बनाया जा रहा है? शासन के आदेश सहित जानकारी उपलब्ध करायी जावे एवं बताया जावे कि सिविल अस्पताल हटा में जनता की मांग के आधार पर एमडी महिला रोग विशेषज्ञ, शिशु रोग विशेषज्ञों की पद स्थापना कब तक की जावेगी? समय-सीमा सहित जानकारी दी जावे एवं कितने डाक्टरों की पदस्थापना सिविल अस्पताल हटा में है एवं पदस्थापना होते हुये कहीं पर जिले में अटैच किया गया है? यदि किया गया है तो तत्काल वापसी के निर्देश कब तक प्रदाय किये जावेंगे?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) राशि रू. 591.19 लाख की प्रशासकीय स्वीकृति जारी की गई है, आदेश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। जिसका निर्माण कार्य एजेंसी पी.आई.यू. लोक निर्माण विभाग है। प्रथम श्रेणी विशेषज्ञ के शत-प्रतिशत पद पदोन्नति से भरे जाने का प्रावधान है। वर्तमान में माननीय उच्चतम न्यायालय में पदोन्नति के संदर्भ में प्रचलित प्रकरण के कारण पदोन्नति की प्रक्रिया विलंबित है। निश्चित समयावधि बताया जाना संभव नहीं। सिविल अस्पताल हटा में पदस्थ चिकित्सकों की जानकारी प्रश्नांश (क) के उत्तर में जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। सिविल अस्पताल हटा का कोई भी चिकित्सक अन्यत्र अटैच नहीं किया गया है। किन्तु तात्कालिक कार्य व्यवस्था सुनिश्चित करने हेतु प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र हिनौता कला-हटा में पदस्थ चिकित्सक डॉ. कीर्तिवर्धन नेमा को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र हिन्डोरिया में कार्य करने हेतु आदेशित किया गया था, जिन्हें मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जिला दमोह के आदेश क्र. 4134, दिनांक 12.02.2021 के द्वारा अपनी मूल पदस्थापना प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र हिनौता कलां, हटा में कार्य करने हेतु पूर्व में ही आदेशित किया गया है।
जनभागीदारी योजना से स्वीकृत कार्य
[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]
3. ( क्र. 350 ) श्री देवेन्द्र सिंह पटेल : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनभागीदारी योजना 25 प्रतिशत अंशदान राशि से अ.जा. एवं अ.जा.जा. बाहुल्य ग्रामों में कार्य स्वीकृति के संबंध में शासन के क्या-क्या निर्देश है उनकी प्रति दें तथा जनसंख्या के प्रतिशत का सत्यापन एवं प्रमाणीकरण कौन-कौन करते है? (ख) 1 अप्रैल 2018 से प्रश्न दिनांक तक जनभागीदारी योजना 25 प्रतिशत अंशदान राशि से रायसेन जिले में कौन-कौन से कार्य कितनी राशि के कहां-कहां स्वीकृत किये गये उक्त कार्यों में अंशदान की राशि किन-किन व्यक्तियों द्वारा दी गई उनके नाम, पिता का नाम, पता सहित सूची दें उनमें से कौन-कौन के नाम गरीबी रेखा की सूची में दर्ज है? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) के कार्यों में अ.जा. एवं अ.जा.जा. की जनसंख्या की गलत जानकारी देकर एवं जिला योजना अधिकारी द्वारा बिना प्रमाणीकरण के अनेक कार्य स्वीकृत किये गये है? यदि हाँ, तो क्यों कारण बतायें। (घ) प्रश्नांश (ख) में स्वीकृत कार्यों में वर्ष 2011 की जनगणना अनुसार अ.जा. एवं अ.जा.जा. वर्ग की कितनी जनसंख्या है तथा उक्त जनसंख्या शासन के दिशा-निर्देशों के अनुरूप है यदि नहीं तो 25 प्रतिशत अंशदान राशि से गलत जानकारी के आधार पर स्वीकृत कार्यों में विभाग द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की जायेगी?
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) योजनान्तर्ग अनुसूचित जाति/जनजाति बाहुल्य का निर्धारण शासन के पत्र 68 दिनांक 11.01.2008 के आधार पर किये जाने के निर्देश हैं। निर्देश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। जाभागीदारी योजना के अन्तर्गत अंशदान करने की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। अंशदाताओं का गरीबी रेखा के नीचे अथवा ऊपर होना इस योजना में मापदण्ड नहीं है। अतः परिशिष्ट में यह जानकारी नहीं दी गई है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) स्वीकृत कार्यों में वर्ष 2011 की जनसंख्या अनुसार अ.ज. एवं अ.ज.जा. की जनसंख्या की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' के कालम 5 एवं 6 अनुसार है। प्रश्नांश ''क'' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
म.प्र. के अधिकारियों/कर्मचारियों को त्रिस्तरीय समयमान का लाभ
[वित्त]
4. ( क्र. 717 ) श्री पी.सी. शर्मा : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छठवें वेतन आयोग की सिफारिश के अनुसार म.प्र. के लगभग सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों को त्रिस्तरीय समयमान वेतन का लाभ प्राप्त हो रहा है परंतु सहायक शिक्षक संवर्ग को इस लाभ से वंचित क्यों रखा गया है? (ख) सहायक शिक्षक एवं शिक्षक संवर्ग को कब त्रिस्तरीय समयमान वेतन का लाभ प्राप्त होगा? (ग) वर्तमान समय में शासन की ओर से म.प्र. के उन अधिकारियों एवं कर्मचारियों के संदर्भ में जिन्हे लंबे समय से पदोन्नति का लाभ नहीं मिला है क्या उन्हें उच्च पद का पदनाम दिये जाने की कार्यवाही की जा रही है अथवा नहीं। यदि की जा रही है तो पदनाम कब तक मिलेगा यदि नहीं तो क्यों? (घ) पदनाम का लाभ उन कर्मचारियों को मिल सकता है जिन्हें त्रिस्तरीय समयमान वेतन का लाभ दिया गया है ऐसी स्थिति में लंबे समय से पदोन्नति का एवं पदनाम का इंतजार कर रहे सहायक शिक्षक एवं शिक्षक संवर्ग को क्या इसका दिया जायेगा अथवा नहीं यदि नहीं तो क्यों? (ड.) राज्य शासन के मद से वेतन पाने वाले संविदा कर्मचारियों के वेतन में भी एन.आर.एच.एम. में कार्यरत संविदा कर्मचारियों को फिक्स किए गए मूल वेतन में अब तक की गई सेवाकाल के लिए प्रत्येक वर्ष 3 प्रतिशत इंक्रीमेंट का लाभ देते हुए उसको मूल वेतन में जोड़कर वेतन पुनरीक्षित किया गया है जबकि संविदा कर्मचारियों को उनकी सेवाकाल को जोड़कर वेतन पुनरीक्षित नहीं किया गया है ऐसा क्यों? (च) समस्त विभागों में लंबे समय से कार्यरत संविदा कर्मचारियों को कब तक नियमित किया जायेगा?
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) स्कूल शिक्षा विभाग के आदेश दिनांक 25 अक्टूबर 2017 से सहायक शिक्षक/शिक्षकों को त्रिस्तरीय समयमान के स्थान पर त्रिस्तरीय क्रमोन्नत वेतनमान दिया जा रहा है। आदेश की प्रति संलग्न परिशिष्ट पर है। (ख) समयमान वेतनमान दिये जाने हेतु सामान्य प्रशासन विभाग के अधीन गठित समिति के समक्ष प्रस्ताव प्रस्तुत करने का प्रावधान है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) एवं (घ) उच्च पद का प्रभार दिये जाने के संबंध में गठित समिति की अनुशंसा अनुसार प्रकरण प्रक्रियाधीन है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (ड.) राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन में कार्यरत संविदा कर्मियों को राज्य मद से वेतन भुगतान नहीं किया जाता है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (च) दिनांक 05 जून 2018 को जारी संविदा नीति निर्देश स्वत: स्पष्ट है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
प्रदेश में स्थगित महंगाई भत्ता एवं वेतन वृद्धि का प्रदाय
[वित्त]
5. ( क्र. 718 ) श्री पी.सी. शर्मा : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राज्य शासन व निगम मंडल के अधिकारी एवं कर्मचारियों को स्थगित किया हुआ महंगाई भत्ता एवं वेतन वृद्धि कब तक दिया जायेगा? (ख) राज्य शासन व निगम मंडल के अधिकारी एवं कर्मचारियों को सातवें वेतनमान की तीसरी किश्त का एक चौथाई भाग दिया गया था शेष राशि कब तक प्रदाय की जायेगी? (ग) राज्य शासन व निगम मंडल के अधिकारी एवं कर्मचारियों को स्थगित किया हुआ महंगाई भत्ता एवं वेतन वृद्धि का एरियस भी प्रदान करेंगे अथवा नहीं यदि नहीं तो क्यों व हाँ तो कब तक?
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) मंहगाई भत्ते एवं वेतनवृद्धि का निर्णय कोविड-19 के कारण वित्तीय स्थिति पर आये विपरीत प्रकरण के परिप्रेक्ष्य में लिया गया है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (ख) जी हाँ। वित्तीय स्थिति अनुसार यथा समय निर्णय लिया जाता है। (ग) राज्य की वित्तीय स्थिति को दृष्टिगत रखते हुए यथा समय निर्णय लिया जायेगा। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जिले में अवैध शराब के दर्ज प्रकरण
[वाणिज्यिक कर]
6. ( क्र. 765 ) श्री सुखदेव पांसे : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैतूल जिले में 1 अप्रैल 2020 से प्रश्न दिनांक तक कच्ची/देशी शराब बनाने/रखने के कितने प्रकरण आदिवासियों पर धारा 34/2 में दर्ज किये गये? विकासखण्डवार जानकारी दें। (ख) उक्त अवधि में जिले में अवैध शराब के कितने प्रकरण ठेकेदारों व अन्य पर दर्ज किए गए? पृथक-पृथक जानकारी दें एवं उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? (ग) क्या बैतूल जिले में अवैध शराब का विक्रय दिनों दिन बढ़ता जा रहा है? इसे रोकने हेतु क्या शासन द्वारा जिले के आबकारी अमले, राजस्व अधिकारी एवं पुलिस अधिकारियों की एक संयुक्त टीम बनाकर अवैध शराब बिक्री के खिलाफ अभियान चलाया जायेगा?
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) बैतूल जिले में 1 अप्रैल 2020 से प्रश्न दिनांक तक कच्ची/देशी शराब बनाने/रखने के 02 प्रकरण आदिवासियों पर धारा 34/2 में दर्ज किये गये है विकासखण्डवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) बैतूल जिले में ठेकेदारों के विरूद्ध अवैध शराब के प्रकरण दर्ज न किये जाने से जानकारी निरंक है दिनांक 15.02.2021 तक अवैध शराब के कुल 1691 प्रकरण दर्ज किए गए है, जिसमें गिरफ्तार किये गये 631 अपराधियों में से 488 को सक्षम न्यायालय में प्रस्तुत किया गया है। जिन्हें न्यायालय द्वारा आर्थिक दण्ड एवं न्यायालय उठने तक की सजा से दण्डित किया गया है। शेष रहे 143 अपराधियों को निर्धारित समयावधि में सक्षम न्यायालय में प्रस्तुत कर दिया जावेगा। (ग) यह कहना गलत है कि बैतूल जिले में अवैध शराब का विक्रय दिनों दिन बढ़ता जा रहा है। वित्तिय वर्ष 2020-21 में 15 फरवरी 2021 तक कुल 1691 अपराधिक प्रकरण दर्ज किये गये है जिसमें देशी मदिरा 144.08 बल्क लीटर विदेशी मदिरा- स्प्रिट 102.09 बल्क लीटर माल्ट 67.9 बल्क लीटर एवं हाथ भट्टी मदिरा 7395 बल्क लीटर कुल मदिरा 7709 बल्क लीटर तथा महुआ लाहन 276435 किलोग्राम जप्त किया गया है। बैतूल जिले में अवैध शराब के विनिर्माण संग्रह, विक्रय, परिवहन की रोकथाम हेतु जिले के आबकारी, पुलिस, नगर सेना एवं राजस्व अधिकारियों की टीम बनाकर समय-समय पर दबिश की कार्यवाही हेतु विशेष अभियान चलाये जा रहें है। वर्ष 2020-21 में आज दिनांक तक कलेक्टर बैतूल के निर्देशन में 08 बार विभिन्न दिनांकों में चलाये गये है। ऐसी कार्यवाही आगामी समय में भी जारी रखी जावेगी।
नकली प्लाज्मा चढ़ाए जाने से मृत्यु
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
7. ( क्र. 1316 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्वालियर स्थित अपोलो स्पेक्ट्रों अस्पताल में भर्ती कोरोना मरीज श्री मनोज गुप्ता को नकली प्लाज्मा चढ़ाए जाने से दिनांक 10 दिसम्बर 2020 को मौत हो गई थी? (ख) यदि हाँ, तो क्या दिनांक 13.12.2020 को पुलिस एवं प्रशासन की संयुक्त टीम द्वारा नकली प्लाज्मा सप्लाई गिरोह के मुखिया अजयशंकर त्यागी एवं ग्वालियर शहर के अस्पताल, चिकित्सालय एवं ब्लड बैंक में छापामार कार्यवाही की गई? यदि हाँ, तो छापे के दौरान क्या-क्या सामग्री जप्त की गई एवं क्या-क्या अनियमितताएं पाई गई? (ग) उक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में नकली प्लाज्मा सप्लाई के कारोबार में लिप्त किन-किन व्यक्तियों एवं चिकित्सालयों/अस्पतालों एवं ब्लड बैंकों के विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी नहीं, ग्वालियर स्थित अपोलो अस्पताल में भर्ती कोरोना मरीज श्री मनोज गुप्ता की मृत्यु के संबंध में विसरा रिपोर्ट आना शेष है। चिकित्सक दल द्वारा की गई जांच एवं पोस्टमार्टम रिपोर्ट अनुसार संबंधित मरीज की मृत्यु नकली प्लाज्मा चढ़ाये जाने से होना नहीं पाया गया है। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में जी नहीं, जी हां, दिनांक 13.12.2020 को पुलिस एवं प्रशासन की संयुक्त टीम द्वारा नकली प्लाज्मा सप्लाई गिरोह के मुखिया अजय शंकर त्यागी एवं ग्वालियर शहर के अस्पताल, चिकित्सालय एवं ब्लड बैंक में छापामार कार्यवाही की गई। जप्त की गई सामग्री एवं अनिमितताओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘’अ’’ अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘’ब’’ अनुसार है।
कोरोना काल में बच्चों के मध्यान्ह भोजन की जानकारी
[महिला एवं बाल विकास]
8. ( क्र. 1401 ) श्री संजीव सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भिण्ड जिले में महिला बाल विकास अधिकारी के द्वारा कलेक्टर महोदय से मध्यान्ह भोजन की पूर्ण राशि का अहारण एवं सर्व वितरण का अनुमोदन लेने के पश्चात् पूर्ण राशि के बिल न लगाकर उक्त राशि के बिल ट्रेजरी में टुकड़ों में लगाकर ट्रेजरी अधिकारी द्वारा पास कर दिये जाते हैं? यदि हाँ, तो ये किन-किन नियमों के आधार पर किया जाता है अब तक टुकड़ों में कितने बिलों का भुगतान किया गया है? सत्यापन सहित स्पष्टीकरण देवें। (ख) भिण्ड जिले में महिला बाल विकास में कोरोना महामारी काल में बच्चों का मध्यान्ह भोजन की राशि लॉकडाउन में किस प्रकार खर्च की गई जबकि लॉकडाउन में सभी बच्चे अपने घर पर थे। ये राशि कहां-कहां खर्च की गई विस्तार में बताएं। (ग) भिण्ड जिले में महिला बाल विकास अधिकारी द्वारा कोरोना महामारी काल में किस नियम के तहत समूह के ठेके आवंटित कर दिये गये और किन-किन लोगों को आवंटित किये गये विस्तार में बताएं?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी नहीं। (ख) संचालनालय महिला एवं बाल विकास म.प्र.भोपाल के पत्र क्र./मबावि/पोषण आहार/2019-20/541, भोपाल दिनांक 27.03.20 में जारी निर्देशानुसार राशि व्यय की गई है। लॉकडाउन एवं अनलॉक 0.1 में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिकाओं के माध्यम से रेडी टू ईट पूरक पोषण आहार हितग्राहियों के घर पर पहुँचाया गया है। निर्देश की पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -"अ" अनुसार है। (ग) भिण्ड जिलें में लॉकडाउन अवधि के पूर्व से कार्यरत महिला स्व सहायता समूह/महिला मंडलों के माध्यम से रेडी टू ईट का वितरण संचालनालय महिला एवं बाल विकास म.प्र.भोपाल के पत्र क्र./मबावि/पोषण आहार/2019-20/541 भोपाल, दिनांक 27.03.2020 में जारी निर्देशानुसार कार्य कराया गया है, सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -"ब" अनुसार है।
पवित्र नगरों में शराब विक्रय पर प्रतिबंध
[वाणिज्यिक कर]
9. ( क्र. 1453 ) डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खरगोन जिले के महेश्वर तहसील के शासन द्वारा घोषित पवित्र नगर महेश्वर व मंडलेश्वर में शराब विक्रय पर प्रतिबंध है या नहीं? (ख) यदि है तो शासन द्वारा दोनों पवित्र नगरों में अवैध शराब बिक्री पर प्रतिबंध हेतु क्या कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो जानकारी देवें। (ग) अगर कार्यवाही की गई है तो कितनों पर प्रकरण बनाये है व क्या कार्यवाही की है? (घ) खरगोन जिले में गत 05 माह में नकली शराब से कितने लोगों की मृत्यु हुई है उन पर क्या कार्यवाही हुई जानकारी देवें।
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : क) जी हाँ। खरगोन जिले के महेश्वर तहसील के शासन द्वारा घोषित पवित्र नगर महेश्वर व मण्डलेश्वर में शराब विक्रय पर पूर्णतः प्रतिबंध है। (ख) जी हाँ। अवैध शराब बिक्री करने वालों के विरूद्ध मध्यप्रदेश आबकारी अधिनियम 1915 के अंतर्गत नियमानुसार कार्यवाही की जाती है। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार अवैध शराब बिक्री करने पर दिनांक 01.04.2017 से 18 फरवरी 2021 तक मध्यप्रदेश आबकारी अधिनियम 1915 के तहत कुल 238 प्रकरण पंजीबद्ध किये गये है। (घ) खरगोन जिले में गत 05 माह में नकली शराब से कोई भी मृत्यु होने का प्रकरण प्रकाश में नहीं आया है।
भिण्ड शहर में समूहों द्वारा पौष्टिक आहार का वितरण
[महिला एवं बाल विकास]
10. ( क्र. 1504 ) श्री संजीव सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) समेकित बाल विकास परियोजना आई.सी.डी.एस. अंतर्गत भिण्ड शहर में वर्तमान में कुल कितने समूह पका हुआ पौष्टिक आहार वितरण का कार्य कर रह हैं? केन्द्रवार समूहों की जानकारी दें? (ख) शहरी परियोजना में पके हुए पौष्टिक आहार वितरण हेतु समूहों के चयन संबंधी विभाग के क्या नियम है? उपलब्ध करावें। वर्तमान में कार्यरत समूहों का चयन किस प्रक्रिया अंतर्गत किया गया है तथा एक समूह को अधिकतम कितने आंगनवाड़ी केन्द्रों पर पका हुआ पौष्टिक आहार वितरण का काम दिये जाने का प्रावधान है? (ग) क्या कार्यरत समूहों का किसी प्रकार ऑडिट किया गया है? यदि हाँ, तो कितने समूहों की ऑडिट रिपोर्ट विभाग के पास उपलब्ध है? क्या विभाग के पर्यवेक्षण में सभी समूहों का काम ठीक पाया गया है? (घ) पका हुआ पौष्टिक आहार वितरण करने वाले समूहों के संचालनकर्ताओं के समूहवार नाम तथा विगत 2 वर्षों में इन समूहों को कुल भुगतान की गई राशि की जानकारी दें? क्या भिण्ड जिले में विभाग के कार्यरत अधिकारियों/कर्मचारियों के परिजनों द्वारा समूहों का समूहों का संचालन किया जा रहा है? यदि हाँ, तो ब्यौरा दें?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) समेकित बाल विकास परियोजना आई.सी.डी.एस भिण्ड शहरी में वर्तमान में कुल 07 स्व सहायता समूह/महिला मंडलों के द्वारा पौष्टिक आहार वितरण का कार्य कर रहें है, सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -"अ" अनुसार है। (ख) शहरी परियोजना में पके हुए पौष्टिक आहार वितरण हेतु समूहों के चयन संबंधी विभाग निर्देश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -"ब" अनुसार है। विभागीय निर्देशानुसार स्व सहायता समूह/महिला मण्डलों का चयन जिला स्तरीय चयन समिति द्वारा किया गया है, जिसमें कम से कम 50 आंगनवाड़ी केन्द्रों पर एक संस्था को पूरक पोषण आहार का कार्य दिये जाने का प्रावधान रखा गया था। (ग) जी हाँ। 07 समूह/महिला मंडलों की ऑडिट रिपोर्ट की प्रतियाँ पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -"स" अनुसार है। विभाग के पर्यवेक्षण में सभी समूहों का काम संतोषजनक पाया गया है। (घ) पका हुआ पौष्टिक आहार वितरण करने वाले समूहों के संचालनकर्ताओं के समूहवार नाम तथा विगत 02 वर्षों में इन समूहों को कुल भुगतान की गई राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -"द" अनुसार है। जी नहीं। भिण्ड जिले में विभाग के कार्यरत अधिकारियों/कर्मचारियों के परिजनों द्वारा समूहों का संचालन नहीं किया जा रहा है।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन में अनियमित्ता
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
11. ( क्र. 1519 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खण्डवा जिले में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत 2018-19 से प्रश्न दिनांक तक कितनी राशि प्राप्त हुई? वर्षवार ब्यौरा दें। (ख) क्या प्राप्त आवंटन के उपयोग में वित्त विभाग के नियमों/भंडार क्रय नियमों का पालन किया गया है? वर्षवार एवं मदवार ब्यौरा दें। (ग) क्या व्यय किये जाने वाले कार्यों में समिति/जनप्रतिनिधियों की बैठक का आयोजन कर अनुमोदन लिया गया है? यदि हाँ, तो? बैठक का कार्यवाही विवरण उपलब्ध कराये? यदि नहीं तो क्यों? (घ) क्रय की गई सामग्री की मात्रा एवं गुणवत्ता का सत्यापन किन-किन अधिकारियों द्वारा किया गया? उनके नाम एवं पद की जानकारी उपलब्ध करायें? (ड.) खण्डवा जिला चिकित्सालय में सीटी स्कैन मशीन कब से संचालिंत है? क्या इसपर सभी प्रकार की जाँच की जा रही है? यदि नहीं तो क्यों? (च) स्थापन दिनांक से प्रश्न दिनांक तक मशीन के रख-रखाव पर कितनी-कितनी राशि कब-कब व्यय की गई है?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'द' अनुसार है। (ड.) खण्डवा जिला चिकित्सालय में सीटी स्केन मशीन अप्रैल 2009 से संचालित है। स्थापित मशीन में एच.आर.सी.टी. चेस्ट जाँच को छोड़कर बाकी सभी प्रकार की जाँच की जा रही है। (च) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ई' अनुसार है।
प्लाज्मा काण्ड की जाँच कर दोषियों पर कार्यवाही
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
12. ( क्र. 1648 ) श्री राकेश मावई : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर शहर सिम्स हॉस्पिटल में पदस्थ अजय त्यागी, लैब टेक्नीशियन के पद पर पदस्थ रहा तथा कोरोना काल में 13-12-2020 को पुलिस तथा अन्य विभाग के अधिकारियों द्वारा छापा मारा था तथा उक्त कार्यवाही में क्या-क्या दस्तावेज, किस-किस अधिकारियों की सीलों के साथ ही अन्य कौन-कौन से उपकरण, दवाएं आदि सामग्री बरामद की गई थी? सहपत्रों के साथ जानकारी देवें। क्या प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा पत्र क्रमांक 73/2020 दिनांक 28-12-2020 प्रमुख सचिव, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग को ग्वालियर में नकली प्लाज्मा काण्ड में संलिप्त लोगों के विरूद्ध कार्यवाही हेतु पत्र दिया था? यदि हाँ, तो उस पर क्या कार्यवाही की गई? (ख) प्रश्नांश (क) की कार्यवाही में जब्त रिकार्ड, पदमुद्रा, दवा एवं उपकरण किन-किन की संलिप्तता जाँच अधिकारी द्वारा पायी गयी? क्या उन्हें भी आरोपी बनाया गया है? यदि हाँ, तो जाँच प्रतिवेदन के साथ बनाये गये सभी आरोपियों की सूची देवें। (ग) प्रश्नांश (क) (ख) के परिप्रेक्ष्य में उक्त कार्यवाही में बनाये गये आरोपियों पर कौन-कौन सी धारायें लगायी गयी तथा किन-किन कि गिरफ्तारी अभी तक की जा चुकी है और किस-किस गिरफ्तारी शेष है? जानकारी देवें। (घ) प्रश्नांश (क) (ख) बनाये गये आरोपी अजय त्यागी के नकली प्लाज्मा बेचने के कारण कितने लोगों की जान चल गयी? उनके नाम, पता सहित जानकारी देवें? क्या असामयिक मृत्यु उपरांत मिलने वाली सहायता राशि उनके पीड़ित परिवारों को डॉक्टर/विभाग/अस्पताल से दिलायी जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) पुलिस प्रशासन द्वारा जिला ग्वालियर के थाना पड़ाव के अपराध क्र. 513/20 धारा 304, 420, 465, 467, 468, 471 एवं 34 भा.द.वि. के आरोपी अजय शंकर त्यागी पुत्र श्री रामस्वरूप त्यागी 31 साल निवासी ग्राम कसेरूआ दतिया हाल निवासी नाका चंदवदनी गली नं 8 झांसी रोड, ग्वालियर से दिनांक 13.12.2020 को उक्त अपराध अंतर्गत गिरफ्तार किया गया तथा ग्वालियर स्थित मेसर्स राधा स्वामी ब्लड सेंटर, कम्पू तिराहा, लश्कर ग्वालियर में खाद्य एवं औषधि प्रशासन के औषधि निरीक्षक ने दिनांक 13.12.2020 को कार्यवाही करते हुये बिना अनुमति प्राप्त किये प्लाज्मा संग्रहित पाये जाने पर 8 बैग्स प्लाज्मा, रिक्यूजीशन फार्म एवं डोनर कन्सेंट फार्म जप्त किये। जप्त किये गये माल का विवरण जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘’अ’’ अनुसार है। जी हां। प्रकरण में पत्र प्राप्ति के पूर्व ही कार्यवाही की गई, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘’अ’’ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘’ब’’ अनुसार है। जी हां। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘’ब’’ अनुसार है। (ग) उपरोक्त आरोपियों पर धारा 304, 420, 465, 467, 468, 471, 34 भा.द.वि. लगाई गई है। उपरोक्त सभी आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। गिरफ्तारी पत्रक पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘’ब’’ अनुसार है। (घ) जानकारी निरंक है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
बैतूल जिले में कोविड काल में उपचार पर व्यय
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
13. ( क्र. 1670 ) श्री निलय विनोद डागा : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला चिकित्सालय बैतूल में कोविड काल 01 अप्रैल 2020 से प्रश्नांश दिनांक तक कोविड एवं अन्य बीमारियों के लिये केंद्र/राज्य शासन द्वारा कितनी राशि जिला चिकित्सालय को प्राप्त हुयी? मदवार तिथि सहित प्राप्त राशियों की जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) में प्राप्त राशियों से कितने मरीजों पर माहवार कितनी-कितनी राशि व्यय की गयी? मदवार, मरीजो की संख्या सहित देवें। (ग) जिला चिकित्साल बैतूल को कोविड काल में कौन-कौन सी सामग्री क्रय करने हेतु शासन से प्रशासकीय स्वीकृति प्राप्त होकर राशि प्राप्त हुई? मदवार जानकारी देवें। प्राप्त राशि से जिला चिकित्सालय बैतूल द्वारा कौन-कौन सी सामग्री कितनी राशि से क्रय की गयी? मदवार, जानकारी देवें। क्रय की गयी सामग्री पर क्या म.प्र.भण्डार क्रय नियम 2015 का पालन किया गया?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जिला चिकित्सालय बैतूल में कोविड काल 01 अप्रैल 2020 से प्रश्नांश दिनांक तक कोविड-19 मरीजों हेतु औषधियों में कुल 16,07,720/- एवं अन्य बीमारियों के लिए केन्द्र/राज्य शासन के द्वारा औषधि हेतु कुल राशि रूपये 1,43,95,764/- एवं सामग्री मद में कोविड-19 मरीजों हेतु 13,70,311/- एवं अन्य मरीजों हेतु 58,26,620/- कुल सकल रूपये 71,96,931/- प्राप्त हुई मदवार तिथि सहित प्राप्त राशि की जानकारी निम्नानुसार उपलब्ध है। (01) कोविड हेतु आवंटन (औषधि मद) :-
1 |
औषधि मद में दिनांक 24.8.2020 को |
5,00,000/- |
2 |
औषधि मद में दिनांक 24.04.2020 को |
11,07,720/- |
कुल योग |
16,07,720/- |
(02) अन्य बीमारियों हेतु आवंटन। (औषधि मद) :-
1 |
औषधि मद में दिनांक 23.04.2020 को |
3,50,000/- |
2 |
औषधि मद में दिनांक 24.04.2020 को |
5,00,000/- |
3 |
औषधि मद में दिनांक 21.05.2020 को |
20,19,298/- |
4 |
औषधि मद में दिनांक 21.05.2020 को |
2,51,412/- |
5 |
औषधि मद में दिनांक 22.05.2020 को |
4,80,000/- |
6 |
औषधि मद में दिनांक 29.05.2020 को |
14,31,068/- |
7 |
औषधि मद में दिनांक 29.05.2020 को |
3,57,767/- |
8 |
औषधि मद में दिनांक 06.06.2020 को |
10,00,000/- |
9 |
औषधि मद में दिनांक 27.06.2020 को |
9,91,077/- |
10 |
औषधि मद में दिनांक 20.08.2020 को |
16,77,000/- |
11 |
औषधि मद में दिनांक 28.09.2020 को |
1,50,000/- |
12 |
औषधि मद में दिनांक 09.11.2020 को |
5,41,676/- |
13 |
औषधि मद में दिनांक 17.12.2020 को |
30,00,000/- |
14 |
औषधि मद में दिनांक 26.12.2020 को |
14,880/- |
15 |
औषधि मद में दिनांक 24.12.2020 को |
13,59,655/- |
16 |
औषधि मद में दिनांक 24.12.2020 को |
2,71,931/- |
|
कुल योग |
1,43,95,764/- |
''01'' एवं ''02'' की कुल राशि (औषधि मद) |
1,60,03,484/- |
(03) कोविड हेतु आवंटन (सामग्री मद) :-
1 |
सामग्री मद में दिनांक 24.04.2020 को |
5,50,311/- |
2 |
सामग्री मद में दि. 24.04.20 को |
8,20,000/- |
कुल योग |
13,70,311/- |
(04) अन्य बीमारियों हेतु आवंटन (सामग्री मद) :-
1 |
सामग्री मद में दिनांक 22.05.2020 को |
1,20,000/- |
2 |
सामग्री मद में दिनांक 27.05.2020 को |
1,47,800/- |
3 |
सामग्री मद में दिनांक 26.06.2020 को |
2,01,948/- |
4 |
सामग्री मद में दिनांक 01.07.2020 को |
35,600/- |
5 |
सामग्री मद में दिनांक 04.07.2020 को |
4,00,000/- |
6 |
सामग्री मद में दिनांक 23.07.2020 को |
3,60,000/- |
7 |
सामग्री मद में दिनांक 20.08.2020 को |
17,90,000/- |
8 |
सामग्री मद में दिनांक 26.08.2020 को |
1,68,000/- |
9 |
सामग्री मद में दिनांक 26.11.2020 को |
7,20,000/- |
10 |
सामग्री मद में दिनांक 22.12.2020 को |
5,48,338/- |
11 |
सामग्री मद में दिनांक 23.12.2020 को |
2,22,489/- |
12 |
सामग्री मद में दिनांक 23.12.2020 को |
11,12,445/- |
कुल योग |
58,26,620/- |
|
''03'' एवं ''04'' की कुल राशि (सामग्री मद) |
71,96,931/- |
|
औषधि एवं सामग्री मद से प्राप्त सकल आवंटन |
2,32,00,415/- |
(ख) प्रश्नांश (क) से प्राप्त राशियों से कितने मरीजों पर माहवार कितनी-कितनी राशि व्यय की गई एवं मदवार मरीजों की संख्या सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ग) प्रशासकीय स्वीकृति के साथ कोविड काल में जिला अस्पताल बैतूल को कोरोना संबंधित सामग्री क्रय करने हेतु पृथक से राशि रूपये 13,70,311/- आवंटित की गई है। कोविड मरीजों हेतु क्रय की गई सामग्री की सूची की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। क्रय की गई सामग्री पर भण्डार क्रय नियम 2015 का पालन किया गया।
सेवानिवृत्त हुए अधिकारी/कर्मचारी के स्वत्वों का भुगतान
[वित्त]
14. ( क्र. 1672 ) श्री निलय विनोद डागा : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2018-19 से प्रश्नांश दिनांक तक विधान सभा क्षेत्र-131 बैतूल में कितने अधिकारी/कर्मचारी किस-किस शासकीय विभाग से सेवानिवृत्त हुए है? सेवानिवृत्त कर्मचारी/अधिकारी के नाम, पदनाम सहित सेवानिवृत्त दिनांक की जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) में सेवानिवृत्त हुए कितने अधिकारी/कर्मचारी की पेंशन एवं स्वत्वों का निराकरण नहीं हुआ? अधिकारी/कर्मचारी के नाम, पदनाम सहित उनके पेंशन/स्वत्वों का निराकरण नहीं होने के कारण की जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) शासन द्वारा ऐसे अधिकारी/कर्मचारी के पेंशन एवं स्वत्वों के भुगतान हेतु कोई कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो जानकारी देवें। यदि नहीं तो इन लंबित पेंशन एवं स्वत्वों के भुगतान हेतु कब कार्यवाही की जाकर संबंधितों को भुगतान किया जावेगा?
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) विधानसभा क्षेत्र 131 में वर्ष 2018-19 से प्रश्न दिनांक तक कुल 421 अधिकारी/कर्मचारी सेवानिवृत्त हुये है। नाम/पदनाम सहित सेवानिवृत्ति दिनांक की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) प्रश्नांश ''क'' में सेवानिवृत्त हुये अधिकारी/कर्मचारी में से कुल 14 प्रकरणों का निराकरण नहीं हुआ है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) जनवरी 2020 के 11 प्रकरण है जिनके पेंशन का भुगतान दिनांक 01-03-2021 को देय है जबकि शेष 396 प्रकरणों में भुगतान की कार्यवाही की जा चुकी है। 14 प्रकरण विभिन्न कार्यालय स्तर पर लंबित, में की गयी कार्यवाही पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। प्रकरण प्रक्रियाधीन होने से समय बताया जा पाना संभव नहीं है।
कोविड-19 में नियुक्त किए गए स्वास्थ्यकर्मियों की सेवा समाप्ती
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
15. ( क्र. 1847 ) श्री निलय विनोद डागा : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग द्वारा कितने स्वास्थ्यकर्मी/डाक्टरों को इस महामारी की रोकथाम हेतु जिला स्तर पर नियुक्त किया गया था? (ख) प्रश्नांश (क) में महामारी की रोकथाम हेतु नियुक्त किए गए डॉक्टरों/स्वास्थ्यकर्मियों की क्या सेवा समाप्त की जा रही है? यदि हाँ, तो सेवा समाप्त किए जाने का कारण बतावे यदि नहीं तो नियुक्त किए गए इन कर्मचारियों को क्या शासन द्वारा संविदा नियुक्ति/नियमित किया जावेगा? यदि हाँ, तो समय-सीमा बतावें। (ग) कोविड-19 की रोकथाम हेतु नियुक्त किए गए इन स्वास्थ्यकर्मियों को संविदा/स्थाई नियुक्ति दिये जाने संबंधी शासन द्वारा क्या कोई नियम निर्धारित किए गए है? यदि हाँ, तो नियम की प्रति उपलब्ध करावें।
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) संचालनालय स्वास्थ्य सेवायें के पत्र क्रमांक/आईडीएसपी/2020/288 भोपाल दिनांक 25.03.2020 के द्वारा कोविड-19 महामारी की रोकथाम हेतु जिला कलेक्टर को अस्थाई मानव संसाधन नियोजित करने हेतु अधिकार प्रत्यायोजित किये गये थे। पत्र के अनुसरण में जिलों द्वारा 2403 स्वास्थ्यकर्मी एवं 897 डॉक्टर नियोजित किये गये थे। (ख) जी नहीं, अपितु कोविड-19 केस के घटते क्रम को देखते हुये एवं अधिकांश मरीजों के होम आइसोलेशन में रहने तथा अस्थाई बनाये गये कोविड केयर सेंटर बंद होने से अस्थाई पैरामेडिकल स्टॉफ की आवश्यकता नहीं होने से आवश्यक पैरामेडिकल स्टॉफ को कोविड-19 महामारी नियंत्रण के अंतर्गत विभिन्न मापदण्डों के आधार पर समय-समय पर पत्रों के माध्यम से जिलों में कार्य करने की अनुमति दी जाती रही। जी नहीं। विभाग के पत्र क्रमांक/आईडीएसपी/2020/288 भोपाल दिनांक 25.03.2020 के अनुसार ''यह सेवाएं निश्चित समयावधि 03 माह के लिए ली जा रही है जिसे आवश्यकता होने पर बढ़ाया/घटाया जा सकेगा। अतः निर्धारित अवधि पश्चात् आदेश स्वतः समाप्त माना जावेगा।'' अतः नियमतीकरण तथा संविदा पर रखने का वर्तमान में कोई प्रस्ताव नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
स्वीकृत ग्रामीण पेयजल योजना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
16. ( क्र. 2029 ) श्री रामचन्द्र दांगी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले की ब्यावरा विधानसभा में बागपुरा मोहनपुरा कुशलपुरा ग्रामीण पेयजल योजना कब स्वीकृत की गई थी व इसके कार्य पूर्ण होने की समय-सीमा क्या थी? (ख) जब से कार्य प्रारंभ हुआ उस दिनांक से आज तक पेयजल की क्या व्यवस्था गांव में है वह कौन सा विभाग देख रहा है ठेकेदार द्वारा सामग्री का पूर्ण भुगतान प्राप्त कर लिया गया यदि हाँ, तो कितना भुगतान प्राप्त किया जानकारी उपलब्ध कराएं। (ग) उक्त कार्य में क्या सिविल कार्य नहीं किया जा रहा है? क्या कारण रहा उक्त ग्रामों में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा कार्य करना बंद कर दिया क्या यह नियम में है यदि हाँ, तो अवगत कराएं। (घ) उक्त ग्रामों में पेयजल हेतु वैकल्पिक व्यवस्था करने हेतु शासन द्वारा क्या कार्य योजना है यदि हाँ, तो पेयजल कब तक व कैसे उपलब्ध होगा यदि नहीं तो ग्रामीण जन बिना पानी के कैसे रहेंगे?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) राजगढ़ जिले के ब्यावरा विधानसभा क्षेत्र में बांकपुरा-कुशलपुरा एवं मोहनपुरा समूह जलप्रदाय योजना क्रमशः दिनांक 07.02.2017 एवं 16.08.2017 को स्वीकृत हुई थी एवं कार्य पूर्ण होने की समय-सीमा 24 माह थी। (ख) विधानसभा क्षेत्र ब्यावरा में वर्तमान पेयजल व्यवस्था की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। उक्त व्यवस्था लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग देख रहा है। बांकपुरा-कुशलपुरा एवं मोहनपुरा समूह नलजल योजना में विभिन्न सामग्री हेतु क्रमशः रूपये 66 करोड़ एवं रूपये 150 करोड़ का भुगतान ठेकेदार को किया गया है। (ग) बांकपुरा-कुशलपुरा एवं मोहनपुरा समूह योजना में सिविल कार्य किया जा रहा है। जी नहीं, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा ग्रामों में पूर्व से विद्यमान पेयजल व्यवस्था के समस्त आवश्यक कार्य किये जा रहे हैं, शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (घ) बांकपुरा-कुशलपुरा एवं मोहनपुरा समूह योजनाओं के कार्य पूर्ण होने पर इन योजनाओं से नियमित जलप्रदाय किया जा सकेगा। विभाग द्वारा प्रश्नाधीन ग्रामों में पूर्व से स्थापित पेयजल योजनाओं, हैण्डपंप के माध्यम से जलप्रदाय के कार्य किये जा रहे हैं एवं 19 रेट्रोफिटिंग की योजनाएं भी स्वीकृत की गई हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
फर्जी प्रमाण पत्र पर आंगनवाड़ी कार्यकर्ता की नियुक्ति की जांच
[महिला एवं बाल विकास]
17. ( क्र. 2084 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड जिले के विकासखण्ड लहार के अंतर्गत आंगनवाड़ी केन्द्र रावतपुरा खुर्द की आंगनवाड़ी कार्यकर्ता श्रीमती सुनिता पत्नी मुरारीलाल तिवारी की शैक्षणिक योग्यता (माध्यमिक शाला कक्षा 8) का फर्जी प्रमाण पत्र प्रस्तुत कर आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के रूप में नियुक्ति प्राप्त करने के संबंध में कलेक्टर भिण्ड के न्यायालयीन प्रकरण क्र.26/2019-20/अं0 आंगनवाड़ी में पारित आदेश दिनांक 13.03.2020 के तहत सेवा से पृथक कर दिया था? (ख) यदि हाँ, तो उक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में क्या श्रीमती सुनीता तिवारी द्वारा आंगनवाड़ी का पद प्राप्त करने के लिए कक्षा 8 पास की फर्जी अंकसूची जनता इंटर कॉलेज अकनीवा जिला जालौन (उ.प्र.) से प्राप्त करने के संबंध में पुलिस थाना दवोह जिला भिण्ड द्वारा भा.द.सं. की धारा 420, 465, 467, 468, 471 एवं 261 के तहत प्रकरण पंजीबद्ध किया था? (ग) यदि हाँ, तो क्या आयुक्त चम्बल संभाग मुरैना ने सेवानिवृत्ति के पूर्व तथ्यों की जाँच किए बिना ही आरोपी श्रीमती सुनीता तिवारी पत्नी मुरारीलाल तिवारी, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता को पुन: सेवा में लिए जाने के आदेश जारी कर दिए हैं? (घ) यदि हाँ, तो क्या इस समूचे प्रकरण की उच्च स्तरीय जाँच कराकर आंगनवाड़ी कार्यकर्ता श्रीमती सुनीता तिवारी को सेवा से पृथक किया जाएगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। (ग) आयुक्त चम्बल संभाग मुरैना द्वारा पारित निर्णय दिनांक 24/11/2020 के द्वारा न्यायालय कलेक्टर भिण्ड के आदेश दिनांक 13/03/2020 एवं परियोजना अधिकारी लहार जिला भिण्ड के आदेश क्र./आईसीडीएस/ स्थापना-2/2019/402-403 लहार, दिनांक 24/08/2019 विधि सम्मत न होने से अपास्त किये जाने के कारण परियोजना अधिकारी लहार जिला भिण्ड के आदेश क्र./एबावि/आ.वा./स्था./2020-21/477-478 दिनांक 29/12/2020 द्वारा पुनः सेवा में लेकर आंगनवाड़ी केन्द्र रावतपुरा खुर्द में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के पद पर पुनः पदस्थ किया गया। (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार जानकारी होने से शेष का प्रश्न ही नहीं।
पर्यटन स्थलों के विकास हेतु संचालित योजनायें
[पर्यटन]
18. ( क्र. 2305 ) श्री रामपाल सिंह : क्या पर्यटन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) रायसेन जिले के किस-किस स्थान पर कौन-कौन से पर्यटन स्थल/एतिहासिक धरोहर है, उनके विकास के लिए राज्य सरकार तथा भारत सरकार की कौन-कौन सी योजनायें संचालित है? (ख) रायसेन जिले में पर्यटन स्थलों के विकास, सड़क, बिजली, पानी जैसी मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु 1 जनवरी 19 से फरवरी 2021 तक की अवधि में रायसेन जिले में किस-किस योजना में किन-किन स्थलों पर क्या-क्या कार्य करवाये गये पूर्ण विवरण दें। (ग) प्रश्नांश (ख) के कार्यों हेतु राज्य शासन द्वारा भारत सरकार को किन-किन योजनाओं में कौन-कौन से प्रस्ताव कब-कब भिजवाये तथा उनपर आज दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही हुई पूर्ण विवरण दें? (घ) विभाग के अधिकारियों द्वारा भारत सरकार से राशि स्वीकृत करवाने के संबंध में क्या-क्या कार्यवाही तथा प्रयास किये गये पूर्ण विवरण दें।
पर्यटन मंत्री ( सुश्री उषा ठाकुर ) : (क) रायसेन जिले में सांची स्तूप, उदयगिरी एवं भीम बैठका में शैलचित्र/गुफायें, भोजपुर मंदिर, आशापुरी, सतधारा, मुरलखुर्द एवं सोनारी व रायसेन दुर्ग आदि पर्यटन स्थल/ऐतिहासिक धरोहर है, जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। वर्तमान में कोई योजना संचालित नहीं है। (ख) बुद्धिस्ट सर्किट के अंतर्गत कार्य कराये गये हैं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार। (ग) प्रश्नांश 'ख' के संबंध में रायसेन जिले में बुद्धिस्ट सर्किट से संबंधित प्रस्ताव पर्यटन मंत्रालय भारत सरकार को दिनांक 08-09-2016 को प्रेषित किया गया है। पर्यटन मंत्रालय भारत सरकार द्वारा बुद्धिस्ट सर्किट के स्वीकृति आदेश क्रं 5 (16)/2016-SD दिनांक 19-9-2016 द्वारा राशि रू. 99.77 करोड़ स्वीकृत की गई। पुनरीक्षित स्वीकृति दिनांक 3-6-2020 जिसकी राशि रू. 87.82 करोड़ प्रदान की गई। जिसमें रायसेन जिले के बुद्धिस्ट स्थलों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार। (घ) पर्यटन मंत्रालय भारत सरकार को स्वदेश दर्शन योजनान्तर्गत बुद्धिस्ट सर्किट का प्रस्ताव एवं डी.पी.आर. प्रेषित किया गया तथा निर्देशानुसार उनमें आवश्यक सुधार कर योजना स्वीकृत कराई गई।
विधायक निधि से स्वीकृत राशि का प्रदाय
[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]
19. ( क्र. 2414 ) श्री प्रियव्रत सिंह : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या खिलचीपुर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत नगर माचलपुर, विकासखण्ड जीरापुर, जिला राजगढ़ में दिनांक 18.10.2019 को विधायक निधि से स्वीकृत कार्य सामुदायिक भवन निर्माण (विद्याधाम कॉलोनी के पास) राशि 15 लाख रूपये की प्रशासकीय स्वीकृत जारी की गई थी, जिसकी क्रियान्वयन एजेंसी कार्यपालन यंत्री ग्रामीण यांत्रिकी सेवा राजगढ़ को बनाया गया था? यदि हाँ, तो क्या इसकी राशि जारी की गई? यदि हाँ, तो कब तक की गई, कार्यलीन आदेश का क्रमांक/दिनांक बताएं। यदि नहीं, तो क्यों नहीं की गई? इसमें कौन अधिकारी/कर्मचारी दोषी हैं? इनके खिलाफ क्या कार्यवाही की जा रही है? (ख) उक्त राशि को योजना एवं सांख्यिकी विभाग के वी.सी.ओ. से ग्रामीण यांत्रिकी सेवा के बी.सी.ओ. में राशि डालने में विलंब के क्या कारण है? यह राशि कब तक संबंधित विभाग के बी.सी.ओ. में डाल दी जाएगी? (ग) वित्तीय वर्ष 2019-20 में विधायक निधि अंतर्गत राशि 12,07,320 रूपये एवं विधायक स्वेच्छानुदान अंतर्गत राशि रूपये 1 लाख का बजट अप्राप्त है, उपरोक्त स्वीकृत राशि का बजट कब तक प्राप्त हो जाएगा?
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जी हाँ। जिला योजना एवं सांख्यिकी कार्यालय द्वारा लिपिकीय त्रुटि से ई-मेल पता सही नहीं लिखने के कारण जारी नहीं हो सकी। इस त्रुटि के लिये संबंधित कर्मचारी दोषी है। संबंधित को भविष्य के लिये कड़ी चेतावनी दी गई है। (ख) प्रकरण विशेष में मुख्यत: लिपिकीय त्रुटि से विलम्ब हुआ है। अब क्रियान्वयन एजेन्सी को राशि जारी कर दिये जाने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। बी.सी.ओ. से बी.सी.ओ. को राशि ट्रांस्फर में समय लगने के कारण भी प्रकरणों में विलंब परिलक्षित हुआ है। स्थिति को ध्यान में रखते हुए निर्देश दिनांक 24.02.2021 से सरल प्रक्रिया बनाई गई है। (ग) जी हाँ। राशि आवंटित कर दी गई है।
कुपोषण की रोकथाम हेतु राशि का आवंटन
[महिला एवं बाल विकास]
20. ( क्र. 2496 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला जबलपुर में कुपोषण की रोकथाम और इससे जुड़ी बीमारियों का इलाज तथा गर्भवती महिलाओं से संबंधित राज्य व केन्द्र सरकार शासन द्वारा संचालित किन-किन योजनान्तर्गत कितनी-कितनी राशि आवंटित की गई एवं कितनी-कितनी राशि व्यय हुई? किन-किन योजनाओं के प्रचार-प्रसार मुद्रण सामग्री की खरीदी, जागरूकता अभियान, दस्तक अभियान व शिविरों आदि के आयोजन पर कितनी-कितनी राशि व्यय हुई? बतलावें। वर्ष 2018-19 से 2020-21 तक जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) में जागरूकता अभियान व शिविरों का आयोजन कब से कब तक कितने दिवसीय कहां-कहां पर आयोजित किये गये। इनमें किन-किन अधिकारियों ने कब-कब भाग लिया। किन-किन शिविरों में कितने-कितने बच्चों व गर्भवती महिलाओं का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। इनमें से 0 से लेकर 5 वर्ष तक की आयु के कितने-कितने बच्चे कम वजन, अतिकम वजन के तथा कितने-कितने बच्चे गंभीर व अतिकुषोपित पाये गये। कितने बच्चों व महिलाओं को कितनी-कितनी राशि की दवाईयां व पौष्टिक पोषण आहार का वितरण किया गया? शिविरों के आयोजन पर किन-किन कार्यों पर कितनी-कितनी राशि व्यय हुई। इसका सत्यापन कब और किसने किया? बतलावें। विकासखण्डवार जानकारी दें। (ग) प्रश्नांश (क) में अतिकुपोषित चिंहित कितने-कितने बच्चों को उपचार हेतु किन-किन एन.आर.सी. में भर्ती कराया गया? इनमें से कितने बच्चों का फालोअप किया गया? कितने बच्चों के वजन में वृद्धि हुई। कितने बच्चें पूर्ण स्वस्थ्य हुए एवं कितने बच्चों की मृत्यु हुई? बतलावें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) कुपोषण की रोकथाम और इससे जुड़ी बीमारियों का इलाज तथा गर्भवती महिलाओं से संबंधित संचालित योजना, वर्ष 2018-19 से 2020-21 तक आवंटन राशि एवं व्यय राशि योजनावार पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "क" अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) में जागरूकता व शिविरों के आयोजन किये जाने का दिनांक स्थान एवं भाग लेने वाले अधिकारी की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ख(1), ख(2) एवं ख(3) अनुसार है। ऐसे शिविरों का आयोजन नहीं किया गया है जिसमें बच्चों व गर्भवती महिला का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया हो। आंगनवाड़ी केन्द्रों में प्रत्येक माह वजन अभियान का आयोजन किया जाता है, जिसमें से 0 से लेकर 5 वर्ष तक के बच्चों का वजन लिया जाता है। वजन आयोजन के दौरान कम वजन, अतिकम वजन तथा गंभीर व अति कुपोषित बच्चों को चिन्हित किया जाता है, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "ग" अनुसार है। जिले में स्नेह शिविर का आयोजन वर्ष 2018-19 में किया गया है। जिसमें बच्चों और महिलाओं पर व्यय की गयी दवाइयाँ, पौष्टिक आहार, अन्य व्यय सत्यापनकर्ता अधिकारी की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "घ" पर विकासखण्डवार है। (ग) अति कुपोषित चिन्हित बच्चों के उपचार हेतु एन.आर.सी. में भर्ती कराना, फालोअप कराना, बच्चों के वजन में वृद्धि, पूर्ण स्वस्थ्य हुए तथा बच्चों की मृत्यु से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -"ड" अनुसार है।
सूचना प्रकाशन विभाग अंतर्गत अधिमान्य पत्रकार
[जनसंपर्क]
21. ( क्र. 2540 ) श्री अनिरुध्द (माधव) मारू : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्य प्रदेश शासन सूचना प्रकाशन विभाग द्वारा किन-किन पत्रकारों को राज्य एवं राज्य के अलावा अधिमान्यता दी गयी है? जिलेवार सूची उपलब्ध कराएं। (ख) अधिमान्यता प्राप्त पत्रकार किन-किन समाचार पत्र एवं किन-किन टीवी चैनल, संस्था के लिए कार्यरत है? (ग) सूचना प्रकाशन विभाग द्वारा मान्यता प्राप्त एवं गैर मान्यता प्राप्त समाचार पत्रों एवं टीवी चैनलों को वर्ष 2019, 2020 एवं 2021 में कितनी राशि के विज्ञापन दिये गये? संस्था अनुसार विज्ञापन की राशि एवं भुगतान की राशि बतायें। (घ) सूचना प्रकाशन के अधीन म.प्र. माध्यम कितने प्रिंटर्स पंजीकृत है? सूची सहित बताए। (ड.) म.प्र. माध्यम में पंजीकृत प्रिंटर्स को वर्ष 2018, 2019, 2020 में कितनी राशि का भुगतान किया गया एवं इसमें किन-किन विभागों का कार्य करवाया गया? सूचीवार बताएं।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन अनुसार है। (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-चार अनुसार है।
कर्मचारियों के वेतन निर्धारण उपरांत अधिक भुगतान की वसूली
[वित्त]
22. ( क्र. 2541 ) श्री अनिरुध्द (माधव) मारू : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नीमच जिले में कर्मचारियों के वेतन निर्धारण अनुमोदन उपरांत अधिक भुगतान की वसूली से वर्ष 2019 से प्रश्न दिनांक तक कितनी राशि शासन के खजाने में जमा की गई? (ख) क्या जिले में पेंशन कार्यालयों में अधिक भुगतान की वसूली के सम्बन्ध में आपत्तियां लगाई जाती है और फिर वसूली न करते हुए निराकरण कर दिया जाता है? (ग) क्या पेंशनरों से उपादान/पेंशन भुगतान के आदेश के नाम पर चक्कर लगवाए जाते हैं और उनका भुगतान समय से नहीं होता? उनकी समय-सीमा क्या है? (घ) नीमच जिले में पेंशन कार्यालयों में नियमित कर्मचारियों के वेतन निर्धारण अनुमोदन के वर्ष 2019 से प्रश्न दिनांक तक कितने प्रकरण लंबित है किस अवधि के है उनकी विभागवार जानकारी दें?
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) वर्ष 2019 से प्रश्न दिनांक तक शासन के खजाने में राशि रूपये 1,27,51,808/- जमा की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) शासन द्वारा पदोन्नति/समयमान वेतनमान/वारिष्ठ वेतनमान आदि के जारी आदेशों के अनुसार कार्यालय द्वारा सक्षम अनुमोदन कराये बिना भुगतान के कारण अधिक भुगतान की स्थिति निर्मित होने पर पूर्ति हेतु प्रकरण विभाग को लौटाया जाता है। पूर्ति होने के पश्चात् ही प्रकरण का निराकरण किया जाता है। (ग) जी नहीं। उपादान/पेंशन भुगतान आई.एफ.एम.आई.एस. से ऑनलाईन किया जाता है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) नीमच जिला पेंशन कार्यालय में नियमित कर्मचारियों के वेतन निर्धारण अनुमोदन के वर्ष 2019 से प्रश्न दिनांक तक पुनरीक्षित वेतनमान निर्धारण/उन्नयन/समयमान वेतनमान के 18 प्रकरण लंबित है। जिनके निराकरण की कार्यवाही प्रचलन में है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।
पुरानी पेंशन स्कीम का लाभ
[वित्त]
23. ( क्र. 2664 ) श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. में जनवरी 2005 के पश्चात से प्रश्न दिनांक तक शासन द्वारा जिन अधिकारियों एवं कर्मचारियों की भर्ती की गई है? इन्हें पुरानी पेंशन स्कीम का लाभ कब तक मिल जाएगा?
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) म.प्र. में जनवरी, 2005 के पश्चात् से प्रश्न दिनांक तक शासन द्वारा भर्ती अधिकारियों एवं कर्मचारियों को (नवीन अंशदायी पेंशन योजना) राष्ट्रीय पेंशन योजना लागू की है। अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
मंदिर की जमीनों पर कब्जा
[अध्यात्म]
24. ( क्र. 2739 ) श्री महेश परमार : क्या पर्यटन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या राज्य सरकार हिंदू सनातन धर्म के प्रतीक आगर रोड स्थित राधाकृष्ण मंदिर कि रिक्त भूमि को शासकीय धन्वन्तरी आयुर्वेद एवं चिकित्सा महाविद्यालय के लिए 2.34 करोड़ रुपए में खरीदा जा रहा है? यदि हाँ, तो यह हिंदू मंदिरों कि ज़मीनों को हड़पनें का षड्यंत्र नहीं है? यदि नहीं है तो, उसी क्षेत्र में इंदौर टेक्सटाइल से लेकर हीरामील तक ताकायमी जमीन शासकीय जमीन पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है उसके उपरांत भी हिंदू सनातन धर्म के प्रतीक मंदिरों कि जमीन क्यों छीनी जा रही है? (ख) क्या राज्य सरकार हिंदू मंदिरों की जमीन लेकर अपनी ज़मीनों को महंगे भाव में बेचकर मुनाफा नहीं कमाना चाहती है? अगर ऐसा नहीं है तो, उक्त प्रयोजन के लिए हिंदू धर्म के मंदिरों की ही ज़मीनें क्यों? (ग) उक्त योजना का पुनः भूमि परिवर्तन कर उपलब्ध शासकीय भूमि पर महाविद्यालय निर्माण क्यों नहीं किया जा रहा है? कारण प्रस्तुत करें।
पर्यटन मंत्री ( सुश्री उषा ठाकुर ) : (क) शासकीय स्वशासी धन्वन्तरी आयुर्वेद एवं चिकित्सा महाविद्यालय उज्जैन के विस्तार हेतु आपसी सहमति क्रय निति के अर्जन प्रस्ताव के आधार पर महाविद्यालय के पक्ष में एक हेक्टेयर भूमि वर्तमान बाजार मूल्य से दो गुने मूल्य पर 2,64,08,000/- में अर्जन किया गया तथा उक्त राशि महाविद्यालय द्वारा राधाकृष्ण मंदिर के खाते में जमा कराई गई। जी नहीं उक्त भूमि शासकीय धन्वन्तरी आयुर्वेद एवं चिकित्सा महाविद्यालय के विस्तारीकरण हेतु महाविद्यालय की सीमा से लगी होने के कारण महाविद्यालय के पक्ष में अर्जित की गई। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नहीं। प्रश्नांश ''क'' अनुसार। (ग) जी नहीं। प्रश्नांश ''क'' अनुसार
सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश पर कार्यवाही
[सामान्य प्रशासन]
25. ( क्र. 2885 ) श्री नारायण सिंह पट्टा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि म.प्र. शासन सामान्य प्रशासन विभाग, मंत्रालय के पत्र क्रमांक 354/2176/2019/3एफ, भोपाल दिनांक 09 मार्च 2020 के द्वारा माननीय मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में दिनांक 08 फरवरी 2020 की बैठक में लिए निर्णय के बिंदु क्रमांक 4 में दिए गए निर्देश के संबंध में विभागों को नियम संशोधन करने एवं पदोन्नति/क्रमोन्नति संबंधी कार्यवाही करने हेतु निर्देशित किया गया था, उपरोक्त के संदर्भ में कितने विभागों द्वारा कार्यवाही की गई है? जिन विभागों द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई है तो उन विभागों को पुन: कार्यवाही करने हेतु निर्देशित किया जाऐगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : जी हाँ। शेषांश की जानकारी एकत्रित की जा रही है।
गैर व्यवसायिक वाहनों का विभाग में अटैचमेंट
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
26. ( क्र. 2911 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2018-19 से 2020-21 की अवधि में प्रदेश में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत अटैच/उपयोग किये जाने वाले वाहनों के व्यवसायिक उपयोग के संबंध में शासन द्वारा कोई दिशा निर्देश जारी कर रखें हैं या स्थानीय स्तर पर निविदा आमंत्रित कर वाहनों की दर निर्धारित कर वाहनों का व्यवसायिक रुप से अटैच/उपयोग किये जाने का प्रावधान है। (ख) प्रश्नाधीन अवधि में नीमच जिला चिकित्सालय द्वारा व्यवसायिक रुप से अटैच/उपयोग किये वाहन क्रमांक क्रमशः एम.पी.-44 सी.ए.-6423, 6884, 4223, 5983, 5058, 6176, 5099, 4806, 1275, 9913, 5048, 7296, 7545, 8975, 8605 को कितनी-कितनी राशि का भुगतान किया गया? (ग) प्रश्नांश (ख) में भुगतान की गई राशि क्या गैर व्यवसायिक वाहनों को की गई है? यदि हाँ, तो इससे शासन को कितनी राशि की हानि हुई है तथा इसकी किस प्रकार से वसूली की जावेगी। (घ) नियम विरुद्ध अटैच/उपयोग किये जाने वाले वाहनों के संबंध में कौन उत्तरदायी हैं तथा उसके विरुद्ध क्या कोई अनुशासनात्मक कार्यवाही की जावेगी? यदि नहीं तो कारण बतायें।
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी हाँ, दिशा निर्देशों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) जी हाँ। जिला स्वास्थ्य समिति द्वारा इन वाहनों की खुली ई-निविदा की न्यूनतम दर पर अनुबंध वाहनों का उपयोग किया गया क्योंकि इस क्षेत्र में व्यवसायिक वाहनों की अनु उपलब्धता होने से गैर व्यवसायिक वाहनों का उपयोग स्वास्थ्य सेवाओं के सुचारू रूप से संचालित करने के लिए किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
इंदिरा सागर परियोजना की मुख्य नहरों का निर्माण
[नर्मदा घाटी विकास]
27. ( क्र. 3020 ) श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नर्मदा घाटी विकास विभाग विधानसभा क्षेत्र कसरावद में इंदिरा सागर परियोजना की मुख्य नहर की आर.डी. 118.600 किमी पर स्केप तथा सी.आर. का निर्माण एवं कठोरा उद्वहन सिंचाई परियोजना अंतर्गत जेकवेल माकड्खेड़ा से कसरावद रोड ओझरा तक 13.53 कि.मी. रोड का सुधार कार्य प्राक्कलन राशि रूपये 233.84 लाख एवं इलेक्ट्रिक ग्रिड की फैंसिंग तथा कांक्रीट बीम मरम्मत कार्य प्राक्कलन राशि रू. 2.45 लाख की स्वीकृति जारी की गई है यदि हाँ, तो कब कार्यवाहीवार प्रश्न दिनांक तक की अद्यतन स्थिति में जानकारी दें? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में प्रश्नकर्ता के पत्र क्रमांक 629 दिनांक 22/2/19 163 दिनांक 22/2/20 एवं 2046 दिनांक 21/8/19 के तारतम्य में क्या कार्यवाही की गई? नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण के पत्र क्रमांक 1696/450/53/10/19 दिनांक 23/9/19 के तत्संबंध में प्रश्न दिनांक तक उक्त कार्यों की स्वीकृति आदेश जारी किए गए हैं यदि हाँ, तो बतायें नहीं तो स्पष्ट कारण सहित जानकारी दें? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के अति महत्वपूर्ण कार्यों को पूर्ण किए जाने हेतु स्थानवार किस-किस अधिकारी/कर्मचारी द्वारा सर्वे कर पालन प्रतिवेदन की प्रस्तुति दिनांक के साथ-साथ दिनांक तक की गई कार्यवाही की अद्यतन स्थिति सहित जानकारी दें?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) स्केप तथा सी.आर. का निर्माण कार्य पीपरी उद्वहन माइक्रो सिंचाई योजना के अंतर्गत प्रारंभ हो चुका है। जी नहीं। प्रश्नांकित कार्यों का प्रावधान पूर्व में प्राप्त प्रशासकीय स्वीकृति में सम्मिलित नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) उत्तरांश (क) एवं (ख) अनुसार।
किसानों को पानी उपलब्ध कराया जाना
[नर्मदा घाटी विकास]
28. ( क्र. 3021 ) श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र कसरावद में किसानों को पानी उपलब्ध कराने एवं भीकनगांव में वेदा नदी के कृषकों को अपर वेदा बांध के ग्राम नेमित तह. भीकनगांव के कमाण्ड क्षेत्र से जोड़ने के संबंध में नर्मदा घाटी को प्रश्नकर्ता द्वारा प्राप्त पत्र क्रमाक 303/दिनांक 1/2/19 628/दिनांक 22/02/19 एवं इसी अवधि में अन्य माध्यमों से प्राप्त पत्रों के तारतम्य में प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई कार्यवाहीवार जानकारी दें? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में विभागीय स्तर पर क्या-क्या निर्देश/स्वीकृति/आदेश जारी कब-कब किए गये। हाँ तो बताएं यदि नहीं तो क्यों, कारणों का उल्लेख करें? (ग) उक्त किसानों को पानी उपलब्ध कराये जाने के लिए क्या शासन प्रतिबद्ध नहीं है हाँ, तो कब तक किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए उपरोक्तानुसार कार्यवाही पूर्ण कर किसानों को पानी उपलब्ध करा दिया जावेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) पत्र क्रमांक 303 पीपरी माईक्रो उद्वहन सिंचाई योजना से संबंधित है। इससे कुल 7000 हेक्टेयर में से कसरावद विधानसभा क्षेत्र के 11 ग्रामों में 1861 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा उपलब्ध होगी। योजना का निर्माण कार्य प्रारंभ हो चुका है। पत्र क्रमांक 628 दिनांक 22/02/2019 अपरबेदा परियोजना से संबंधित है। अपरबेदा जलाशय से कसरावद विधानसभा क्षेत्र में सिंचाई किया जाना तकनीकी रूप से संभव नहीं है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) विभिन्न परियोजनाओं से सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। निर्माणाधीन परियोजनाओं से भी सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराया जाना लक्षित है।
आर्थिक अपराध अनुसंधान के लंबित प्रकरणों की जानकारी
[सामान्य प्रशासन]
29. ( क्र. 3155 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आर्थिक अपराध अनुसंधान ब्यूरो ने 01 जनवरी 2015 के बाद से प्रश्न दिनांक तक कितने प्रकरण किन लोगों के खिलाफ दर्ज किये गये हैं? कितने मामलों में पी.ई. दर्ज की है? दर्ज मामलों में कितने मामले द्वितीय श्रेणी और उससे ऊपर के अधिकारियों पर दर्ज हैं? प्रकरण वार जानकारी दी जायें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार दर्ज कितने मामलों में चालान प्रस्तुत कर दिया गया है? कितने मामलों में चालान प्रस्तुत करने की कार्यवाही लंबित है? लंबित प्रकरणों की जानकारी बतायें। (ग) ई-टेंडरिंग घोटाले में कितने प्रकरण किन-किन व्यक्तियों के खिलाफ दर्ज किये हैं? प्रकरणवार जानकारी देवें। (घ) ई.ओ.डब्ल्यू. में भोपाल सिटी लिंक लिमिटेड में 2013 में खरीदी ए.सी. बसों की खरीदी से जुड़ी कितनी शिकायतें लंबित हैं? उन पर अब तक ब्यूरो ने क्या कार्यवाही की है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही हैं।
आयुष्मान भारत योजना अंतर्गत पंजीकृत अस्पताल
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
30. ( क्र. 3195 ) सुश्री चंद्रभागा किराड़े : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म. प्र. में आयुष्मान भारत योजना के अन्तर्गत कुल कितने शासकीय एवं निजी अस्पताल पंजीकृत हैं, जिलेवार सूची देवें। (ख) प्रश्नांश (क) की सूची अनुसार किस अस्पताल में किन-किन बीमारियों के उपचार की सुविधा प्रश्न दिनांक तक कि स्थिति में है, अस्पतालवार, बीमारीवार सूची देवें। (ग) आयुष्मान भारत योजना में मरीज के एप्रूवल के लिए भेजी जाने वाली जांचों में व्यय कि गई राशि स्वीकृति उपरान्त संबंधित अस्पताल को भुगतान कि जाती है या मरीज के खाते में डाली जाती है। (घ) शासकीय अस्पतालों में आयुष्मान भारत योजना अन्तर्गत केन्द्र एवं राज्य सरकार के द्वारा गंभीर ऑपरेशन एवं एक्सीडेन्टल केसेस में उपचार के लिए क्या कोई पृथक से राशि प्रदान कि गई है, हाँ या नहीं, यदि हाँ, तो राशि के व्यय संबंधी विगत एक वर्ष का विवरण उपलब्ध करावें। (ड.) जिला चिकित्सालय बड़वानी में गंभीर ऑपरेशन एवं एक्सीडेन्टल केसेस में मरीज के उपचार एवं ऑपरेशन के लिए क्या-क्या सुविधाएं उपलब्ध है और क्या-क्या नहीं है, बीमारीवार बताएं एवं जो सुविधाएं उपलब्ध नहीं है, उसके लिए विभाग क्या कार्यवाही करेगा।
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) मध्यप्रदेश में आयुष्मान भारत ''निरामयम'' योजनान्तर्गत सम्बद्ध शासकीय एवं निजी चिकित्सालयों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) आयुष्मान भारत ''निरामयम'' मध्यप्रदेश योजनान्तर्गत चिकित्सालयों को विभिन्न विषय विशेषज्ञताओं के अन्तर्गत नियमानुसार सम्बद्ध किया जाता है। उक्त विषय विशेषज्ञताओं के अन्तर्गत उपलब्ध पैकेजेस के माध्यम से भर्ती मरीजों का उपचार योजनान्तर्गत किया जाता है। सम्बद्ध चिकित्सालयों की सूची विषय विशेषज्ञता सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) आयुष्मान भारत ''निरामयम'' योजनान्तर्गत भर्ती मरीजों के उपचार (दवाईयां, जांचें, कन्ज्यूमेवल्स इत्यादि) पर होने वाले व्यय का भुगतान नियत पैकेज राशि अनुसार सम्बद्ध निजी चिकित्सालयों के खाते में ऑनलाईन किया जाता है। योजनान्तर्गत मरीजों के खाते में राशि के भुगतान का कोई प्रावधान नहीं है। (घ) आयुष्मान भारत ''निरामयम'' योजनान्तर्गत विभिन्न प्रकार के गंभीर ऑपरेशन एवं एक्सीडेन्टल केसेस के उपचार हेतु सम्बद्ध चिकित्सालय उपलब्ध पैकेज का उपयोग कर नियत पैकेज राशि अनुसार भुगतान प्राप्त कर सकते हैं। शासकीय चिकित्सालयों को गंभीर ऑपरेशन एवं एक्सीडेन्टल केसेस के उपचार लिये कोई पृथक से राशि प्रदान नहीं की जाती है। (ड.) 1. जिला चिकित्सालय बड़वानी में गंभीर ऑपरेशन से संबंधित उपचार हेतु मुख्य ऑपरेशन थियेटर में पिडियाट्रीक, सर्किट बीथिग बेग, हाईड्रोलिक टेबल मल्टी पारामानिटर की कमी है तथा शेष सुविधायें उपलब्ध है। 2.जिला चिकित्सालय बड़वानी में एक्सीडेन्ट की स्थिति में मरीजों के हड्डी से संबंधित ऑपरेशन हेतु हड्डी विभाग के ऑपरेशन थियेटर में इम्प्लान्ट की सुविधा उपलब्ध नहीं है तथा शेष सुविधायें उपलब्ध है। 3.जिला चिकित्सालय बड़वानी में बिन्दु क्रमांक 1 व 2 के अतिक्ति ब्लड बैंक विशेषज्ञ ऑनकॉल उपलब्ध रहते हैं एवं 108 एम्बूलेंस की सेवायें निःशुल्क उपलब्ध हैं परन्तु सीटी स्कैन एवं एमआरआई की सुविधा उपलब्ध नहीं है। जो सुविधाएं नहीं है उन्हें यथासंभव शीघ्र उपलब्ध कराया जावेगा।
कोविड-19 महामारी में नियुक्त कर्मचारियों को बिना सूचना के सेवा समाप्ति
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
31. ( क्र. 3207 ) श्री महेन्द्र हार्डिया : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कोविड-19 महामारी के कारण विभाग में/जिले में नर्सिंग स्टॉफ, सपोर्ट स्टॉफ एवं अन्य स्टॉफ की भर्ती अस्थाई मानदेय के आधार पर की गई थी? (ख) यदि हाँ, तो क्या बिना कोई पूर्व सूचना के इनकी सेवाएं समाप्त कर दी गई? क्या इन कर्मचारियों ने अपने प्राणों की परवाह किए बिना कोविड-19 महामारी में काम किया तो क्या विभाग का यह दायित्व नहीं था कि इन कर्मचारियों को एक माह पूर्व नोटिस दिया जावें ताकि वे अपने रोजगार की व्यवस्था कर सकें। (ग) क्या इन कर्मचारियों ने कोरोना मरीज के सीधे संपर्क में कार्य किया? यदि हाँ, तो क्या इन कर्मचारियों को कोरोना टीका लगाया गया? यदि नहीं तो क्यों? (घ) क्या विभाग में इनके निरंतर सेवाएं बने रहने की व्यवस्था की जा सकती है? यदि नहीं तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं, समस्त जिला कलेक्टरों को कोविड-19 महामारी की रोकथाम हेतु पत्र क्रमांक/आई.डी.एस.पी/ 2020/288 दिनांक 25.03.2020 द्वारा आवश्यक मानव संसाधन सुनिश्चित करने हेतु अधिकार प्रत्यायोजित किये गये थे। उक्त पत्र में स्पष्ट उल्लेख था कि यह सेवाएं एक निश्चित समयावधि 03 माह के लिए ली जा रही है जिसे आवश्यकता होने पर बढ़ाया/घटाया जा सकेगा। अतः निर्धारित अवधि पश्चात् आदेश स्वतः समाप्त माना जावेगा। इस आशय से संबंधित जिलों में अस्थाई मानव संसाधन को पूर्व से ही नियुक्ति के समय अवगत कराया गया था। (ग) जी हाँ, भारत सरकार द्वारा प्रदाय गाइड लाइन अनुसार समस्त शासकीय एवं अशासकीय हेल्थ वर्करों को भारत सरकार के पोर्टल पर जो पंजीकृत थे उन्हें कोविड-19 वैक्सीन का टीका संस्थाओं में उपस्थित होने पर निःशुल्क दिया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी नहीं। विभाग के पत्र क्रमांक/आईडीएसपी/2020/288 भोपाल दिनांक 25.03.2020 के अनुसार यह सेवाएं निश्चित समयावधि 03 माह के लिए ली जा रही है जिसे आवश्यकता होने पर बढ़ाया/घटाया जा सकेगा। अतः निर्धारित अवधि पश्चात् आदेश स्वतः समाप्त माना जावेगा। अतः नियमतीकरण तथा संविदा पर रखने का वर्तमान में कोई प्रस्ताव नहीं है।
मुख्यमंत्री उद्यमी योजनाएं
[सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम]
32. ( क्र. 3271 ) श्री पी.सी. शर्मा, श्री संजय उइके, श्री कुणाल चौधरी : क्या सूक्ष्म,लघु और मध्यम उद्यम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सरकार द्वारा मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना और मुख्यमंत्री कृषक उद्यमी योजना बंद कर दी गई है? यदि हाँ, तो किस दिनांक से ये योजनाएं बंद की गई हैं? (ख) इन योजनाओं में कितने उद्यमियों ने कर्ज लिया था तथा योजनाओं को बंद करने के बाद कितने युवा उद्यमियों की कितनी राशि की सब्सिडी रोक दी गई है? (ग) सरकार द्वारा सब्सिडी रोकने के कारण कितने उद्यमी बैंकों द्वारा डिफाल्टर हो चुके हैं? (घ) इन योजनाओं के अंतर्गत कर्ज लेकर रोजगार करने वाले उद्यमियों के रोजगार बंद होने और उनके डिफाल्टर होने के लिए कौन उत्तरदायी है?
सूक्ष्म,लघु और मध्यम उद्यम मंत्री ( श्री ओमप्रकाश सखलेचा ) : (क) जी नहीं। दिनांक 18/12/2020 पश्चात ऋण वितरण की कार्यवाही स्थगित की गई है। (ख) वित्तीय वर्ष 2020-21 में इन योजनाओं का संचालन नहीं किया गया, इसलिये इस वर्ष आवेदन लेकर किसी भी उद्यमियों को कोई कर्ज नहीं दिया गया था। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) किसी भी युवा उद्यमी की सब्सिडी राशि रोके जाने के आदेश शासन द्वारा नहीं दिये गये हैं, अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कोरोना महामारी के लिये केन्द्र से प्राप्त राशि
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
33. ( क्र. 3276 ) श्री पी.सी. शर्मा : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कोरोना महामारी से निपटने के लिए 31 जनवरी 2021 तक प्रदेश सरकार को केन्द्र सरकार से अलग-अलग तारीखों में किस-किस मद में कितनी-कितनी राशि प्राप्त हुई है? (ख) 31 जनवरी 2021 तक उपरोक्त में से किस-किस मद में कितनी-कितनी राशि खर्च की गई है? (ग) क्या सरकार ने कोरोना के लिए लगाए जाने वाले वैक्सीन के दो डोज के लिए कोई शुल्क निर्धारित किया है यदि हाँ, तो वह कितना है? (घ) क्या सरकार सभी प्रदेश वासियों को कोरोना के लिए लगाए जाने वाले वैक्सीन के दो डोज नि:शुल्क उपलब्ध कराने पर विचार करेगी? (ड.) भोपाल स्थित पीपुल्स मेडिकल कॉलेज में को-वैक्सीन के थर्ड फेस ट्रायल के अंतर्गत कितने लोगों को वैक्सीन लगाई गई? (च) क्या यह शिकायत मिली है इन लोगों को यह नहीं बताया गया है कि उन पर को-वैक्सीन का ट्रायल किया जा रहा है न ही उन्हें नियमानुसार डायरी दी गई और न ही हेल्थ फालोअप किया गया? (छ) क्या यह सच है कि को-वैक्सीन के थर्ड फेस ट्रायल में शामिल दीपक मरावी की मृत्यु पीपुलस मेडिकल कॉलेज की लापरवाही के कारण हुई है?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ''अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) जी नहीं। (घ) वर्तमान में प्रदेश के समस्त हेल्थ केयर वर्कर्स एवं फ्रंट लाईन वर्कर्स को कोविड-19 वैक्सीन के दो डोज निःशुल्क उपलब्ध कराये जा रहे हैं। आगामी कार्यवाही भारत शासन से प्राप्त दिशा-निर्देशों के अनुरूप की जावेगी। (ड.) भोपाल स्थिति पीपुल्स ऑफ मेडिकल साईंस एण्ड रिसर्च सेंटर को-वैक्सीन के थर्ड फेज ट्रायल के अन्तर्गत कुल 1724 व्यक्तियों को प्रथम डोज एवं 1422 व्यक्तियों को वैक्सीन की द्वितीय डोज लगाई गई। (च) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (छ) जी नहीं।
चौरई विधानसभा में प्रोटोकाल उल्लंघन
[सामान्य प्रशासन]
34. ( क्र. 3297 ) चौधरी सुजीत मेर सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या चौरई विधानसभा के कार्यक्रमों में प्रश्नकर्ता व क्षेत्रीय सांसद को आमंत्रित न कर प्रोटोकाल का उल्लंघन किया जा रहा है, क्यों? (ख) दि.01.06.2020 से 06.05.2021 तक चौरई विधानसभा में हुए समस्त भूमिपूजन एवं लोकार्पण कार्यक्रमों के आमंत्रण पत्र की प्रमाणित प्रति देवें। इसी तरह समस्त शिलालेखों की फोटो भी उपलब्ध करावें। (ग) क्या कारण है कि इनमें प्रोटोकाल का उल्लंघन किया गया? ऐसा करने वाले अधिकारियों के नाम, पदनाम देकर बतावें कि शासन ने उन पर अब तक क्या कार्यवाही की? (घ) यदि कार्यवाही नहीं की गई तो प्रकरणवार कब तक की जाएगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) अनुभाग चौरई में प्रोटोकॉल का उल्लंघन नहीं किया गया है। (ख) अनुभाग चौरई में दिनांक 01.06.2020 से 06.05.2021 तक किसी विभाग द्वारा भूमिपूजन एवं लोकार्पण कार्यक्रम आयोजित नहीं किये गये हैं। (ग) एवं (घ) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
भोपाल इंदौर एवं उज्जैन मे कोविड मरीजों का इलाज
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
35. ( क्र. 3303 ) श्री बाला बच्चन : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल, इंदौर एवं उज्जैन के कितने निजी अस्पतालों/मेडिकल कालेजों को कितनी राशि कितने कोविड मरीजों के उपचार हेतु शासन द्वारा दी गई? दि.01.04.2020 से दि.06.02.2021 के संदर्भ में माहवार देवें। (ख) निजी अस्पताल/मेडिकल कालेज नाम, मरीज संख्या, शासन द्वारा दी गई राशि सहित माहवार प्रश्नांश (क) अनुसार देवें। (ग) भोपाल, इंदौर, उज्जैन के निजी अस्पतालों/मेडिकल कालेजों द्वारा प्राइवेट तौर पर भर्ती मरीजों से कोविड उपचार हेतु कितनी राशि वसूली गई? अस्पताल/मेडिकल कालेज नाम, मरीज नाम, राशि सहित दि.01.04.2020 से 06.02.2021 के संदर्भ में माहवार बतावें। (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार निजी अस्पताल/मेडिकल कालेज द्वारा प्राइवेट मरीज के कोविड उपचार की कितनी राशि शासन ने निर्धारित की अस्पताल/मेडिकल कालेज इस आदेश की छायाप्रति देवें। विभाग के जो अधिकारी इसके निगरानीकर्ता थे। उनके नाम, पदनाम देकर बतावें कि उन्होंने कब-कब इक अस्पतालों का निरीक्षण किया? तीनों नगरों के विषय में पृथक-पृथक बतावें। निरीक्षण रिपोर्ट का विवरण भी देवें।
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) भोपाल, इंदौर एवं उज्जैन के अनुबंधित 6 निजी अस्पताल/मेडिकल कालेजों को माहवार प्रदाय राशि एवं कोविड मरीजों का विवरण जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) निजी अस्पताल/मेडिकल कालेज नाम, मरीज संख्या, राशि सहित माहवार जानकारी प्रश्नांश (क) अनुसार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) जी नहीं किसी प्रकार की राशि वसूली नहीं की गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। जी नही। (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार निजी अस्पताल/मेडिकल कालेज द्वारा कोरोना संक्रमित मरीजों के कोविड उपचार की कितनी राशि शासन ने निर्धारित की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है एवं आदेश की छायाप्रति जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी भोपाल, इंदौर एवं उज्जैन द्वारा प्राप्त निरीक्षण कर्ता अधिकारी के नाम, पदनाम तथा विस्तृत निरीक्षण रिपोर्ट की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ध'' अनुसार है।
सतनगरी जामवंत गुफा एवं तुरनाल पाँच लड्डू में यात्री सुविधा
[पर्यटन]
36. ( क्र. 3313 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या पर्यटन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) खातेगांव तहसील के अंतर्गत सतनगरी में स्थित जामवंत की अति प्राचीन गुफा किवंदंती अनुसार रामायण कालीन जामवंत गुफा कहा जाता है एवं नर्मदा किनारे ग्राम तुरनाल में भगवान परशुराम द्वारा अपनी माँ रेणुका के पिण्डदान स्थल पाँच लड्डू के इन दोनों स्थानों का पर्यटन एवं धार्मिक महत्व का स्थान माना गया है। (ख) क्या इन दोनों स्थानों पर प्रतिवर्ष हजारों की संख्या में श्रद्धालु धार्मिक, पूजन एवं दर्शन के लिये आते हैं लेकिन इन स्थानों पर वर्तमान में किसी प्रकार की सुविधाएं यात्रियों एवं पर्यटकों को विभाग के द्वारा प्रदान नहीं की गई है। (ग) क्या विभाग के पास इन दोनों स्थानों के विकसित करने की कोई योजना बनाई गई है यदि हाँ, तो क्या यहां पर शेड, चबूतरा, कक्ष, पेयजल, प्रसाधन आदि निर्मित किये जाने की संभावना है। (घ) क्या भविष्य में म.प्र. पर्यटन के मानचित्र में इन दोनों स्थानों को भी शामिल किये जाने की संभावना है।
पर्यटन मंत्री ( सुश्री उषा ठाकुर ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। (ख) जी हाँ। प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) वर्तमान में कोई योजना प्रस्तावित नहीं है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) पर्यटन मानचित्र में किसी स्थान को जोड़े जाने की वर्तमान में कोई नीति प्रचलन में नहीं है।
पेयजल संकटग्रस्त गांवों में नवीन बोरवेल का खनन
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
37. ( क्र. 3314 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खातेगांव विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत लगभग 30 गांवों में/बसाहटों में पेयजल का गंभीर संकट उत्पन्न हो गया है ग्राम नवलगांव खैरी, मुहाड़ा, सातल, बरखेडी, नंदाखेड़ा, महुडि़या, दिपगांव, टन्था गौलपुरा, गढ़वाय, कुमनगांव, नांदौन, सिया, कुसमानिया, जामुनिया, आमला, कालीबाई, माथनी, देवसिराल्या, सुलगांव, बहिरावद, ननासा, सुरानी, खारपा, कतलाय, डाबरी, विक्रमपुर, मवासा, डिडाली, सुकरास, उमेड़ा, पलासी, खातामऊ आदि गांवों में भूजल स्तर काफी नीचे चले जाने के कारण आम जनता परेशान है। (ख) क्या विभाग इन गांवों में ट्यूबवेल खनन अथवा सिंगल फेस मोटर पंप के माध्यम से पेयजल संकट के समाधान की किसी कार्ययोजना पर गंभीरता से विचार कर रहा है। (ग) यदि हाँ, तो क्या माह मार्च तक इन गांवों में भूजल की स्थिति का सर्वे करवाकर नवीन नलकूप खनन करवा दिया जावेगा।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी नहीं, प्रश्न में उल्लेखित ग्रामों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के अनुसार है। (ख) आवश्यकतानुसार कार्यवाही की जाती है, शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट के अनुसार है। (ग) पेयजल समस्याग्रस्त ग्रामों/बसाहटों में आवश्यकतानुसार विभागीय मापदण्डानुसार नवीन नलकूप खनन कर हैंडपंप स्थापना का कार्य किया जाता है।
शासकीय अस्पतालों में निजी कंपनियों को सी.टी. स्केन जाँच पर भुगतान
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
38. ( क्र. 3318 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जबलपुर सहित प्रदेश के शासकीय अस्पतालों में प्रायवेट कंपनियों द्वारा सी.टी. स्केन जाँच की जा रही है? (ख) यदि हाँ, तो बी पी एल एवं आयुष्मान कार्डधारकों की सी.टी. स्केंन जाँच पर कितनी राशि कंपनियों को भुगतान की गई है? कम्पनीवार गत 3 वर्षों की जानकारी देवें? (ग) क्या शासन स्वयं की विभागीय मशीनें उपलब्ध कराने हेतु विचार करेगा? (घ) यदि नहीं तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी नहीं, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के चिन्हित चिकित्सालयों में पी.पी.पी.मोड/आउटसोर्स मोड पर सी.टी.स्केन जाँच की जा रही है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। (घ) शासन पीपीपी मोड पर सी.टी.स्केन जाँच सेवा उपलब्ध कराने हेतु आवश्यक कार्यवाही कर रहा है।
राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन प्रशिक्षणों में अनियमितता
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
39. ( क्र. 3328 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2020-21 में कोराना संक्रमण के दौरान राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के तहत उज्जैन संभाग के किन-किन जिलों में गैर संचारी रोग एवं आशा मॉडयूल छः एवं सात के संबंध में आवासीय प्रशिक्षणों का आयोजन किया गया? जिलेवार जानकारी उपलब्ध कराई जावे। (ख) प्रश्नांश (क) में आयोजित प्रशिक्षणों में क्या आशा सहयोगिनियों के द्वारा ही प्रशिक्षण दिये जाने का प्रावधान है या ऐसे आऊट सोर्स/गैर सरकारी संस्था के प्रशिक्षणार्थी जिन्होनें विभागीय तौर पर प्रशिक्षण प्राप्त किया है, के द्वारा भी मास्टर ट्रेनर के रुप में प्रशिक्षण दिये जाने का प्रावधान है? (ग) प्रश्नाधीन अवधि में नीमच जिले में किस-किस दिनाकों में आवासीय प्रशिक्षण आयोजित किये गये हैं तथा क्या आऊट सोर्स/गैर सरकारी संस्था के प्रशिक्षणार्थी जो कि, मास्टर ट्रेनर हैं उनसे प्रशिक्षण न कराया जाकर आशा सहयोगिनियों से ही मास्टर ट्रेनर के रुप में कार्य कराया गया है। आऊट सोर्स/गैर सरकारी संस्था के प्रशिक्षण प्राप्त मास्टर ट्रेनर से प्रत्येक आवासीय प्रशिक्षण में कार्य न लिये जाने के क्या कारण है। (घ) क्या प्रश्नांश (ग) में आयोजित आवासीय प्रशिक्षणों के संबंध में प्राप्त शिकायत के आधार पर जिला प्रशासन द्वारा आकस्मिक निरीक्षण किया गया? यदि हाँ, तो निरीक्षण प्रतिवेदन के अनुसार दोषी अधिकारी/कर्मचारियों के विरुद्ध अब तक क्या वैधानिक कार्यवाही की गई है? यदि नहीं तो कारण स्पष्ट करें।
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) उज्जैन संभाग के चार जिलों देवास, नीमच, शाजापुर एवं रतलाम में आशा मॉड्यूल 6-7 एवं देवास, नीमच, रतलाम में गैर संचारी रोगों के प्रशिक्षण किये गये। (ख) राज्य द्वारा जिलों के लिए प्रशिक्षित प्रशिक्षकों से प्रशिक्षण दिये जाने का प्रावधान है, ये प्रशिक्षक स्नातकोत्तर आशा सहयोगी एवं अन्य व्यक्ति दोनों हो सकते है। आशा प्रशिक्षण के प्रत्येक बैच में तीन प्रशिक्षक होते है जिनमें गैरसंचारी रोगों के प्रशिक्षण में दो महिला प्रशिक्षक होना अनिवार्य है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। जी नहीं, आवश्यकता एवं उपलब्धतानुसार जिला प्रशिक्षकों को प्रशिक्षण हेतु नामांकित किया गया। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी हाँ। जिला प्रशासन द्वारा चेतावनी पत्र जारी कर पुनरावृत्ति न किये जाने के निर्देश दिये गये।
रोगी कल्याण समिति की बैठकों मे आय-व्यय का ब्यौरा
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
40. ( क्र. 3360 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भितरवार विधानसभा क्षेत्र में 1 अप्रैल 2018 से प्रश्न दिनांक तक कब-कब रोगी कल्याण समिति की बैठकें किन-किन कर्मचारियों, अधिकारियों/डॉक्टरों की तथा किन-किन जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति में की गई है क्या बैठकें निर्धारित समय के अनुसार की गई है यदि हाँ, तो बैठकों की तारीखें दें? निर्धारित समय पर बैठक न करने के लिये कौन-कौन अधिकारी दौषी है क्या दोषियो के प्रति कोई कठोर दण्डात्मक कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो क्या और कब तक? यदि नहीं तो क्यों कारण सहित स्पष्ट करें? (ख) 1 अप्रैल 2018 से प्रश्न दिनांक तक भितरवार विधानसभा क्षेत्र में रोगी कल्याण समिति को किन-किन माध्यमों से कितनी-कितनी आय हुई है तथा अब तक कितनी राशि व्यय की गई है? व्यय का गतिविधिवार ब्यौरा वित्तीय वर्षवार दें? (ग) क्या व्यय की गई राशि भण्डार क्रय नियम/म.प्र. वित सहिता के अंतर्गत निहित किये गये प्रावधानों के अंतर्गत की गई है? यदि हाँ,तो तत्संबंधी ब्यौरा दे? (घ) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अवधि में भुगतान किये गये वेतन, पारिश्रमिक, मानदेय या अन्य विवरण तथा ली गई स्वीकृति का विवरण उपलब्ध कराये?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) दिनांक 01 अप्रैल 2018 से प्रश्न दिनांक तक रोगी कल्याण समिति भितरवार में कोई भी बैठक आयोजित नहीं की गयी। निर्धारित समयावधि में रोगी कल्याण समिति का प्रभार दिनांक 31/03/2018 से 29/09/2020 तक श्री जयंत यादव (बी.सी.एम.) एवं दिनांक 29/09/2020 से प्रश्न दिनांक तक श्री पंकज चौहान (मार्च 2020 से प्रश्न दिनांक कोविड-19 महामारी होने के कारण बैठक का आयोजन नहीं किया जा सका दिनांक 01 अप्रैल 2018 से फरवरी 2020 तक बैठक आयोजित न करने के संबंध में खण्ड चिकित्सा अधिकारी को कारण बताओं नोटिस जारी किया गया है, जी हाँ। उत्तर प्राप्त होने पर नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही की जावेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) रोगी कल्याण समिति भितरवार में 01/04/2018 से प्रश्न दिनांक तक आय-व्यय का वर्षवार पत्रक की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ग) जी हाँ, रोगी कल्याण समिति भितरवार द्वारा समस्त व्यय भण्डार क्रय नियमानुसार किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (घ) प्रश्नांश ''क'' में उल्लेखित अवधि में व्यय किए गऐ वेतन भुगतान परिश्रमिक मानदेय का वित्तीय वर्षवार प्रश्नांश ''ख'' की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है एवं समस्त भुगतान में माननीय विधायक महोदय से कार्य उत्तर स्वीकृति प्राप्त की गई है जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है।
नेशनल हेल्थ मिशन द्वारा कराये गये निर्माण कार्य
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
41. ( क्र. 3361 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नेशनल हेल्थ मिशन द्वारा 1 अप्रैल 2018 से प्रश्न दिनांक तक ग्वालियर जिले में कितना-कितना वित्तीय आवंटन किस-किस कार्य के लिये प्राप्त हुआ था, प्राप्त आवंटन का कितना-कितना उपयोग किस-किस कार्य में किया गया, ग्वालियर जिले का वित्तीय वर्षवार पूरा विवरण दें। (ख) ग्वालियर जिले में 1 अप्रैल 2018 से प्रश्न दिनांक तक प्राप्त वित्तीय आवंटन से क्या-क्या नवीन निर्माण, रेनोवेशन एण्ड मेन्टीनेन्स या अन्य कार्य किस-किस स्थान पर किस-किस निर्माण एजेन्सी से कितनी-कितनी लागत से किस-किस कर्मचारी/अधिकारी के सुपरवीजन में कराये गये हैं तथा कराये जा रहे हैं उन कार्यों की प्रश्न दिनांक की स्थिति में भौतिक तथा वित्तीय स्थिति क्या है। (ग) नेशनल हेल्थ मिशन ग्वालियर जिले में कौन-कौन कर्मचारी/अधिकारी प्रश्न दिनांक की स्थिति में पदस्थ है। उनका नाम, पद, पदस्थापना दिनांक, मुख्यालय बताएं। ऐसे कौन-कौन कर्मचारी/अधिकारी हैं जो अन्य विभागों से डेप्यूटेश्न पर हैं उनका नाम, मूल विभाग का नाम एवं पद एवं वर्तमान पद, तथा डेप्यूटेश्न पर किस दिनांक से हैं पूर्ण विवरण दें।
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) प्रश्नाधीन अवधि में ग्वालियर जिले में नेशनल हेल्थ मिशन के अंतर्गत आंवटन एवं व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) प्रश्नाधीन अवधि में वित्तीय आंवटन, व्यय, कार्यों के नाम एवं कार्यरत अमले की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) ग्वालियर जिले में नेशनल हेल्थ मिशन में निर्माण कार्यों के अंतर्गत पदस्थ कर्मचारी/अधिकारी की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है।
खाद्य एवं पेय पदार्थों के प्रकरणों में कार्यवाही
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
42. ( क्र. 3365 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2016-17 से 2020-21 तक जिला प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन जबलपुर के संयुक्त तत्वाधान में खाद्य एवं पेय पदार्थों में मिलावट, नकली व मिलावटी घी, खाद्य तेल, मसाले एवं एक्सपायरी डेट की खाद्य एवं पेय वस्तुओं की तारीख बदलकर विक्रय करने व बनाने के स्थानों पर कब-कब कहां-कहां पर डाले गये? किन-किन मामलों में आरोपियों के विरूद्ध FIR दर्ज कर रासुका की कार्यवाही की गई हैं? विषयांकित समयावधि की जानकारी देवें (ख) प्रश्नांश (क) में कब से कौन-कौन पदस्थ खाद्य सुरक्षा अधिकारियों ने कहां-कहां से कितनी-कितनी मात्रा में कितनी-कितनी राशि का मिलावटी/नकली घी, तेल, मावा, पनीर दुग्ध पदार्थ, एक्सपायरी डेट की खाद्य एवं पेय वस्तुओं को जब्त किया हैं? इनमें से कितने मामलों के आरोपियों के विरूद्ध कब-कब FIR दर्ज कराई गई हैं? मिलावट के कितने प्रकरणों में अभियोजन की कार्यवाही हेतु न्यायालय में चालान प्रस्तुत किये गये हैं? विषयांकित समयावधि की पृथक-पृथक जानकारी देवें (ग) क्या जबलपुर जिले में वर्षों से पदस्थ कुछ खाद्य सुरक्षा अधिकारियों के गठजोड़ एवं वर्चस्व के संरक्षण में नकली, मिलावटी व मिथ्याछाप खाद्य एवं पेय पदार्थ निर्माण/विक्रय का धंधा पनप रहा हैं? यदि हाँ, तो इनका अभी तक अन्यत्र स्थानांतरण क्यों नहीं किया हैं?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) नहीं, मिलावटकर्ताओं पर लगातार कार्यवाही जारी है, शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शहरी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र मकरोनिया का भवन निर्माण
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
43. ( क्र. 3395 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिले की शहरी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र मकरोनिया भवन की स्वीकृत कब प्रदान की गई थी? लागत सहित जानकारी देवें। (ख) भवन निर्माण कार्य एजेंसी द्वारा कब अनुबंध किया गया? कब तक पूर्ण करना था? प्रश्न दिनांक तक कितना कार्य पूर्ण हुआ है? कितना शेष है? (ग) वर्तमान में स्वास्थ्य केन्द्र के निर्माणाधीन भवन के निर्माण संबंधी कार्य एजेंसी को देय भुगतान, तकनीकी परीक्षण रिपोर्ट तथा भवन निर्माण कार्य में उपयोग किये जा रहे रेत, गिट्टी, सीमेंट, सरिया एवं कार्य की गुणवत्ता की जाँच किन-किन लैबों से कब-कब की गई? (घ) यदि कार्य एजेंसी ने कार्य पूर्ण नहीं किया है, तो विभाग द्वारा इस संबंध में कब-कब, क्या-क्या कार्यवाही की है? कार्य समय-सीमा में पूर्ण नहीं किया गया है, तो कार्य एजेंसी के विरूद्ध विभाग क्या कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक तथा भवन निर्माण कार्य कब तक पूर्ण होगा?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) प्रशासकीय स्वीकृति दिनांक 13.06.2018, लागत राशि रूपये 4,42,82,781/- (ख) दिनांक 01.10.2018, अनुबंध अनुसार 18 माह, चिकित्सालय के मुख्य भवन की छत ढ़लाई का कार्य प्रगतिरत एवं आवासीय भवनों का कार्य फिनिशिंग स्तर पर, शेष कार्य प्रगतिरत। (ग) चार चलित देयकों से अभी तक कुल राशि रूपये 2,11,21,727/- का भुगतान किया गया। भवन निर्माण कार्य में रेत, गिट्टी सीमेंट, सरिया की परीक्षण रिपोर्ट की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। समय-समय पर इंजीनियरों द्वारा स्थल पर निरीक्षण किया जाता है। (घ) निर्माण एजेंसी को 18 माह व्यतीत होने के उपरांत स्थानीय बाधाओं जैसे हाइटेंशन लाइन हटवाना, अतिक्रमण हटवाना, निर्माण स्थल से वृक्ष कटवाना इत्यादि के कारण अनुबंध अनुसार दण्ड के अधिकारों को सुरक्षित रखते हुये दिनांक 31.03.2021 तक समयावृद्धि दी गई है। सक्षम अधिकारी द्वारा दण्ड आदि के संबंध में कार्योपरांत गुण-दोष के आधार पर निर्णय लिया जायेगा।
प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र से सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र का उन्नयन
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
44. ( क्र. 3396 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र का सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में उन्नयन हेतु शासन की कोई योजना है? (ख) यदि हाँ, तो शासन/विभाग स्तर से इस विषय के कोई प्रस्ताव/कार्यवाही की जा रही है? (ग) यदि हाँ, तो सागर जिले में ऐसे कितने प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र है जिनका उन्नयन सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में किया जाना प्रस्तावित है? (घ) क्या प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र कर्रापुर, परसोरिया, सानौधा, नरयावली, जरूआखेड़ा, केन्द्रों का शासकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में उन्नयन हेतु कोई प्रस्ताव शासन स्तर से तैयार किया गया है? यदि हाँ, तो प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र का उन्नयन कब तक किया जायेगा?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) जिला सागर के विकासखण्ड सागर के अंतर्गत प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र शाहपुर का सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में उन्नयन का प्रस्ताव प्रस्तावित किया गया है। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कोरोना काल में बाटे गये लड्डू की जांच
[महिला एवं बाल विकास]
45. ( क्र. 3400 ) श्री भूपेन्द्र मरावी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर संभाग अन्तर्गत जिलों में महिला बाल विकास में कोरोना काल में बच्चों को दिए जाने वाले लड्डू, सत्तू, खाद्यान आदि से किन-किन जिलों को कितना-कितना आवंटन दिया गया है? आवंटन के अनुसार किन-किन जिलों में कितने-कितने बच्चों को लाभान्वित किया गया है? (ख) जिलेवार व संपूर्ण आवंटन की जानकारी उपलब्ध करवायें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
जिला आबकारी अधिकारी पर हुई कार्यवाही की जानकारी
[वाणिज्यिक कर]
46. ( क्र. 3401 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सहायक जिला आबकारी अधिकारी जिला अलीराजपुर के द्वारा क्रमांक/आब./शिकायत/2020/क्यू अलीराजपुर दिनांक 20.03.2020 से जिला आबकारी अधिकारी अलीराजपुर को सौंपे पत्र में स्पष्ट उल्लेख किया, है कि 10.01.2020 को दो वाहनों को मदिरा परिवहन करने पर रोका गया एवं मदिरा के संबंध में दस्तावेज मांगे जाने पर दस्तावेज स्पॉट (स्थल पर प्रस्तुत नहीं किये गये? एक वाहन पर अपराध क्रमांक 410/11.01.2020 कायम किया गया? दूसरे वाहन क्रमांक एम.एच. 18 बी.ए. 0498 का परिवहन पास क्रमांक 05 दिनांक 11.01.2020 को दिया गया है? इसी पत्र में क्या जाँच कर लिखा है कि अभिलेखों से स्पष्ट है कि टी.पी. क्रमांक 05, 11.01.2020 को बनाई गई है और चालान बाद में जमा किया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित टी.पी. क्रमांक 05 का चालान किस दिनांक को, किस बैंक में (या किस कार्यालय में) कितनी राशि का, किसके द्वारा जमा किया गया? (ग) उपायक्त आबकारी संभागीय उड़नदस्ता संभाग इंदौर के पत्र क्रमांक/आवब./शिका./2020/1332 इंदौर दिनांक 31.03.2020 से आबकारी आयुक्त म.प्र.ग्वालियर को जो पत्र एवं जाँच प्रतिवेदन भेजा था उस पर प्रश्नतिथि तक कब-कब व क्या-क्या कार्यवाही किन-किन आदेश क्रमांकों एवं दिनांकों से आयुक्त आबकारी ग्वालियर/प्रमुख सचिव वाणिज्यकर के कार्यालय से की गई? (घ) प्रश्नतिथि तक उक्त तात्कालीन जिला आबकारी किस पद पर कब से कहां पर पदस्थ हैं? प्रश्नांश (क) में उल्लेखित प्रकरण पर शासन ने उन पर प्रश्नतिथि तक क्या कार्यवाही की का बिन्दुवार विवरण दें? अगर नहीं की है तो क्यों? कारण दें? नियमों का उल्लेख करें?
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) उपायुक्त आबकारी, संभागीय उड़नदस्ता, इंदौर के पत्र क्रमांक/आब/वि.स./2021/892 दिनांक 25.02.2021 द्वारा प्रेषित प्रतिवेदन अनुसार उपायुक्त आबकारी, संभागीय उड़नदस्ता, इंदौर के पत्र क्रमांक 1332/31.03.2020 से तत्कालीन जिला आबकारी अधिकारी जिला अलीराजपुर के जाँच प्रतिवेदन क्रमांक/आब./शिका/2020/375 दिनांक 21.03.2020 एवं संलग्न प्रश्नांश ''क'' में उल्लेखित सहायक जिला आबकारी अधिकारी जिला अलीराजपुर के पत्र क्रमांक/आब./शिका/2020/क्यू. अलीराजपुर दिनांक 20.03.2020 को आबकारी आयुक्त म.प्र. ग्वालियर को प्रेषित किया गया था जिसमें तत्कालीन प्रभारी जिला आबकारी अधिकारी द्वारा अपने जाँच प्रतिवेदन दिनांक 20.03.2020 में यह उल्लेख किया है कि ''आबकारी उपनिरीक्षक द्वारा दिनांक 10.01.2020 एवं दिनांक 11.01.2020 की दरम्यानी रात्रि में वाहन आयशर क्रमांक एम.पी. 46 एच 0388 एवं वाहन ट्रक क्रमांक एम.एच. 18 बी.ए. 0498 के परिवहन दस्तावेज साथ में न होने पर निरूद्ध किया गया एवं वाहन आयशर क्रमांक एम.पी. 46 एच 0388 में भरी 900 पेटी बीयर के परिवहन संबंधी वैधानिक दस्तावेज न होने से प्रकरण क्रमांक 410/11.01.2020 कायम किया गया''। वाहन ट्रक क्रमांक एम.एच. 18 बी.ए. 0498 के संबंध में प्रयुक्त परिवहन पारपत्र के संबंध में उक्त प्रतिवेदन में यह लेख किया गया है कि ''परिवहन पास क्रमांक 05 दिनांक 10.01.2020 भी प्रस्तुत किया गया जिसे एवं उसमें प्रयुक्त चालान क्रमांक 00398162 दिनांक 10.01.2020 परिवहन शुल्क रूपये 1,00,000/-का सुक्ष्मता से परिशीलन किया गया। जिसमें पाया कि टी.पी. क्रमांक 05 दिनांक 10.01.2020 को जिला कार्यालय से जारी किया गया था उक्त टी.पी. विदेशी मदिरा दुकान जोबट से विदेशी मदिरा दुकान चांदपुर हेतु 1400 पेटी स्प्रिट 9450 प्रू.ली. जारी की गई थी। जिसके पृष्ठ भाग पर स्थान विदेशी मदिरा दुकान जोबट जारी करने की तारीख 10.01.2020 एवं जारी करने का समय 08.30 पी.एम. को विदेशी मदिरा दुकान चांदपुर हेतु रवाना किया। ''उक्त चालान क्रमांक 00398162 दिनांक 10.01.2020 जयविंदर सिंह भाटिया विदेशी मदिरा जोबट के द्वारा राशि 100,000/- रूपये का दिनांक 10.01.2020 को 23:59:41 को अर्थात (रात्रि 11:59:41) बजे ऑनलाईन जमा किया गया था। ''अतः अभिलेखों से स्पष्ट है कि टी.पी. क्रमांक 05 दिनांक 10.01.2020 बनाई गई है एवं चालान बाद में जमा किया गया है। (ख) टी.पी. क्रमांक 05 का चालान क्रमांक 00398162 दिनांक 10.01.2020 जयविंदर सिंह भाटिया विदेशी मदिरा जोबट के द्वारा राशि 1,00,000/- रूपये का दिनांक 10.01.2020 को 23:59:41 को अर्थात (रात्रि 11:59:41) बजे ऑनलाईन जमा किया गया था। (ग) उपायुक्त आबकारी संभागीय उड़नदस्ता संभाग इंदौर के पत्र क्रमांक/आब./शिका./2020/1332 इंदौर दिनांक 31.03.2020 के परिप्रेक्ष्य में कार्यालयीन पत्र क्रमांक/2/अ/शिका./86/2020/1281 दिनांक 24.11.2020 से शिकायत में उल्लेखित बिन्दुओं के संबध में अपना पक्ष तथ्यात्मक जानकारी सहित प्रेषित किये जाने हेतु श्री विनय रंगशाही, जिला आबकारी अधिकारी जिला अलीराजपुर को लिखा गया था। जानकारी प्रस्तुत न किये जाने पर पुनः पत्र क्रमांक/2/अ/शिका./86/2020/167 दिनांक 08.02.2021 से स्मरण कराया गया है। किन्तु श्री विनय रंगशाही, जिला आबकारी अधिकारी जिला अलीराजपुर द्वारा उपरोक्त के संबंध में कोई जानकारी/समाधानकारक उत्तर प्रस्तुत नहीं किया गया है। उपरोक्तानुसार उपायुक्त आबकारी संभागीय उड़नदस्ता संभाग इंदौर के प्रवितेदन के आधार पर अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाने हेतु आगामी कार्यवाही की जा रही है। (घ) प्रश्नांश (क) में संबंधित जिला आबकारी अधिकारी जिला अलीराजपुर में पदस्थ थे। कार्यालय आबकारी आयुक्त मोतीमहल ग्वालियर के आदेश पृ. क्रमांक-7- ठेका/2020-21/02 कैम्प भोपाल दिनांक 16.01.2020 के द्वारा तत्कालीन जिला आबकारी अधिकारी जिला अलीराजपुर को अपर आबकारी आयुक्त, राज्य स्तरीय उड़नदस्ता भोपाल में 2020-21 के आबकारी ठेकों के निष्पादन की तैयारी हेतु संलग्न किया गया तथा कार्यालय आबकारी आयुक्त मोतीमहल ग्वालियर के आदेश पृ.क्रमांक 1 (अ.रा.) स्था./2020/735 दिनांक 06.04.2020 के पालन में दिनांक 06.04.2020 को तत्कालीन जिला आबकारी अधिकारी ने जिला आबकारी अधिकारी जिला अलीराजपुर के पद पर पुनः कार्यभार ग्रहण किया गया है। प्रश्नांश (घ) का शेष भाग के संबंध में श्री विनय रंगशाही, जिला आबकारी अधिकारी जिला अलीराजपुर के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाने हेतु आगामी कार्यवाही की जा रही है।
लाड़ली लक्ष्मी योजना में पंजीकृत बेटियों के विवाह
[महिला एवं बाल विकास]
47. ( क्र. 3430 ) श्री सुनील उईके : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. में बेटियों के लिए लाड़ली लक्ष्मी योजना प्रारंभ की गई है? यदि हाँ, तो किस वर्ष से? (ख) लाड़ली लक्ष्मी योजना के अंतर्गत योजना के प्रारंभ होने के वर्ष से वर्ष 20-21 तक कितनी बेटियों का पंजी. किया गया है? (ग) क्या इस योजना में बेटियों के विवाह में भी एकमुश्त राशि दिए जाने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो कितनी राशि पंजीकृत बेटी के विवाह में दी जानी है? (घ) इस योजना के अंतर्गत आज दि. 30 जनवरी 20 तक जबलपुर संभाग अन्तर्गत कितनी पंजीकृत बेटियों के विवाह के लिए प्रश्नांश ग के अनुसार राशि दी गई? यदि हाँ, तो जिलेवार विवरण दे? यदि नहीं तो क्यों नहीं? (ड.) क्या योजना के प्रारंभिक वर्ष में पंजीकृत हुई किसी भी बेटी का विवाह दि.30 जनवरी 2021 तक नहीं हुआ है? यदि हुआ है तो क्या शासन द्वारा इन बेटियों के विवाह में योजना के अनुसार विवाह हेतु राशि दी गई है? यदि हाँ, तो विवरण दे? (च) शासन द्वारा विभिन्न माध्यमों से इस योजना के प्रारंभ से लेकर 30 जनवरी 21 तक योजना के प्रचार पर विभिन्न माध्यमों/विभागों के माध्यम से कितनी राशि व्यय की गई है, वर्षवार ब्यौरा उपलब्ध कराएं।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँI मध्यप्रदेश में लाड़ली लक्ष्मी योजना दिनांक 01 अप्रैल 2007 से प्रारम्भ की गई है I (ख) योजना प्रारंभ से वर्ष 2020-21 में प्रश्न दिनांक तक कुल 3839565 बालिकाओं का पंजीयन किया गया I (ग) जी नहींI शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता I (घ) उत्तरांश (ग) के सन्दर्भ में लागू नहीं I शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता I (ड.) उत्तरांश (घ) के सन्दर्भ में लागू नहींI शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होताI (च) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है I
किशोरी बालिकाओं को प्रदाय पोषण का आहार
[महिला एवं बाल विकास]
48. ( क्र. 3432 ) श्री रामलाल मालवीय : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) किशोरी बालिकाओं के लिए विभाग कौन-कौन सी योजनाएं अथवा कार्यक्रम संचालित करता है।? (ख) क्या स्कूल न जाने वाली किशोरी बालिकाओं को पोषण आहार देने का प्रावधान है? इनका चयन किस आधार पर किया जाता है एवं किस योजना में लाभान्वित किया जाता है? (ग) क्या विगत 3 वर्षों में उज्जैन जिले में दर्ज किशोरी बालिकाओं की संख्या से ज्यादा को लाभान्वित किया गया है यदि हाँ, तो क्या इस अनियमितता की जाँच विभाग द्वारा की गई है एवं दोषियों के विरुद्ध क्या कार्यवाही की जायेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) किशोरी बालिकाओं के लिए- उदिता योजना, लालिमा योजना, बेटी बचाओं बेटी पढ़ाओं, किशोरी बालिका योजना संचालित है। (ख) जी हाँ। इन्हें किशोरी बालिका योजना अंतर्गत लाभ दिया जाता है। 11 से 14 वर्ष की ऐसी बालिकाएं जो कक्षा उत्तीर्ण होने पर भी अगली कक्षा में प्रवेश नहीं ले रही हैं, तथा सर्व शिक्षा अभियान के शाला से बाहर बच्चों से संबंधित जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार शालात्यागी बालिकाओं का चयन किया जाता है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मंत्रियों द्वारा की गई घोषणाओं का क्रियान्वयन
[सामान्य प्रशासन]
49. ( क्र. 3477 ) श्री बृजेन्द्र सिंह राठौर : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कलेक्टर निवाड़ी द्वारा अपने पत्र क्रमांक 1601/स्टेनो/कले. नि/2018 दिनांक 27/5/2019 द्वारा कलेक्टर टीकमगढ़ को तत्कालीन मंत्रीगणों द्वारा दिनांक 18/01/2019 से 20/01/2019 एवं 02/02/2019 को पृथ्वीपुर/जेरोन में की गयी घोषणाओं के क्रियान्वयन के संबंध में पत्र लिखा था? (ख) यदि हाँ, तो उक्त घोषणाओं के क्रियान्वयन हेतु प्रश्न दिनांक तक क्या कर्यवाही की गई? (ग) कब तक उक्त घोषणाओं को पूरा किया जायेगा? उक्त घोषणाओं में से कितनी पूरी हो गई है? यदि नहीं तो कब तक पूरी कर ली जावेगी? (घ) उक्त घोषणाएं आज दिनांक तक क्यों पूरी नहीं की गई? इसके लिये कौन अधिकारी/कर्मचारी जिम्मेदार है एवं उनके खिलाफ क्या कार्यवाही की गई?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) एवं (घ) घोषणाओं के क्रियान्वयन की एक सतत प्रक्रिया है। संबंधित विभाग द्वारा अपने निहित प्रावधानों/प्रक्रियाओं/नियमों के तहत कार्यवाही की जाती है। अत: क्रियान्वयन की निश्चित समय अवधि बताई जाना संभव नहीं है। उक्त के परिप्रेक्ष्य में कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पैथोलॉजी एवं अन्य टेस्टों का ठेका
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
50. ( क्र. 3656 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश के शासकीय अस्पतालों में पैथोलॉजी व अन्य टेस्टों का ठेका शासन द्वारा निजी संस्थाओं को दिया जा रहा है क्यों? वर्ष 2020 से जनवरी 2021 की स्थिति में जानकारी दी जावे। (ख) शासन द्वारा कौन-कौन सी संस्थाओं के टेण्डर कब आमंत्रित किये उनमें प्रदेश के कितने-जिलों को सम्मिलित किया गया है? क्या नीति संभागवार या प्रदेश स्तर पर रहेगी। क्या पूर्व में भी कुछ संस्थाओं के टेण्डर आमंत्रित किये थे, पूर्व के टेण्डर व बाद के टेण्डरों की दरों में क्या अन्तर रहा था? संस्थाओं के नाम, पता, दरों का प्रतिशत सहित पूर्ण जानकारी दी जावें? (ग) क्या प्रदेश के जिला अस्पतालों में ग्रामीण क्षेत्रों के गरीब, मजदूर किसानों के परिवार जन ईलाज कराने आते हैं जिन्हें निजी संस्थाओं से महंगी जाँच कर अत्यधिक व्यय उनकी आर्थिक क्षमता से भारी पड़ेगा? यदि हाँ, तो क्या शासन इस नीति में बदलाव करेगा? (घ) क्या प्रदेश के शासकीय अस्पतालों में कार्यरत पैरामेडिकल कर्मचारियों की सेवा पर इस नीति से प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा तथा पदस्थ कर्मचारियों जिनमें अस्थाई, ठेका कर्मचारियों की सेवा पर भी प्रभाव पड़ेगा?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी नहीं, प्रदेश के शासकीय अस्पतालों में उपलब्ध स्त्रोतों के अधिकतम उपयोग एवं गुणवत्तापूर्ण जाँच ऑटोमेटिक उपकरणों से कराये जाने हेतु निविदा प्रक्रिया के माध्यम से चिन्हित शासकीय संस्थानों (51 जिला चिकित्सालय एवं 32 सिविल अस्पताल) में रिएजेन्ट रेन्टल मॉडल के माध्यम से ऑटोमेटिक उपकरणों को स्थापित कर पैथालॉजी जाँच सुविधा निःशुल्क उपलब्ध कराने हेतु मध्यप्रदेश पब्लिक हेल्थ सर्विसेस कार्पोरेशन लि. भोपाल द्वारा निविदा की जाकर एक सर्विस एजेन्सी का चयन किया गया। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्नांश ''ख'' से संबंधित जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं, समस्त शासकीय संस्थानों में पैथालॉजी जाचें निःशुल्क उपलब्ध कराई जा रही हैं शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिश़न के अंतर्गत कार्यरत संविदा पैरामेडिकल कर्मचारी कार्य कर रहे हैं। वर्तमान में नये लैब टेक्नीशियन की सेवा भी ली जा चुकी है। इससे स्पष्ट है कि इस नीति का प्रभाव पैरामेडिकल कर्मचारियों की सेवा पर नहीं पड़ा है।
शराब माफियाओं के विरूद्ध की गई कार्यवाही
[वाणिज्यिक कर]
51. ( क्र. 3661 ) श्री के.पी. त्रिपाठी : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले के कमोवेश अधिकांश ग्रामों में शराब माफियाओं द्वारा अवैध पैकारी चलाकर साधारण भोले-भाले युवकों को नशे की आदी बनाया जा रहा है तथा आबकारी विभाग द्वारा शराब माफियाओं के विरूद्ध कार्यवाही न कर इन्हीं साधारण युवकों के विरूद्ध कार्यवाही कर रहा है। विगत 2 वर्षों में जिले में किन-किन ग्रामों में कितनी अवैध पैकारी हुई? इनमें किन-किन व्यक्तियों के विरूद्ध कितने प्रकरण बनाये गये? की गई कार्यवाही से अवगत करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में दिनांक 01-04-2018 से प्रश्न प्रस्तुति दिनांक तक जिले में किन-किन स्थानों में कितनी-कितनी शराब जब्त की गई एवं उक्त के संदर्भ में किन-किन शराब माफिया/ठेकेदारों के विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गई? की गई कार्यवाही की सत्यापित प्रति देवें।
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) रीवा जिले के किसी भी गांव में शराब माफियाओं द्वारा अवैध पैकारी चलाकर साधारण भोले-भाले युवकों को नशे का आदि बनाये जाने संबंधी कोई प्रकरण प्रकाश में नहीं आया है। यह कहना गलत है कि आबकारी विभाग शराब माफियाओं के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं करता एवं साधारण युवकों के विरूद्ध कार्यवाही कर रहा है। रीवा जिले में किसी भी अनुज्ञप्तिधारी के विरूद्ध अवैध रूप से मदिरा विक्रय का कोई प्रकरण प्रकाश में नहीं आया है। आबकारी विभाग जिला रीवा द्वारा अवैध रूप से मदिरा विक्रय, परिवहन, संग्रहण एवं विनिर्माण करने वालों के विरूद्ध मध्यप्रदेश आबकारी अधिनियम, 1915 में विहित प्रावधानों के अंतर्गत नियमानुसार कार्यवाही की जाती है। रीवा जिले में विगत 2 वर्षों एवं वर्तमान वर्ष अर्थात 01.04.2018 से 31 जनवरी, 2021 तक की अवधि में 2701 व्यक्तियों के विरूद्ध अवैध मदिरा विक्रय, संग्रहण, परिवहन, विनिर्माण के प्रकरण दर्ज किये गये हैं। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के प्रकाश में दिनांक 01.04.2018 से 31.01.2021 तक रीवा जिले में आबकारी विभाग द्वारा अवैध रूप से मदिरा विक्रय, परिवहन, संग्रहण एवं विनिर्माण करने वालों के विरूद्ध कुल 2701 प्रकरण कायम किये गये हैं। उक्त अवधि में रीवा जिले में जिन-जिन स्थानों पर जिन-जिन व्यक्तियों के विरूद्ध प्रकरण कायम किये गये हैं, उनमें जप्त मदिरा की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। सभी प्रकरणों में दर्ज की गयी प्रथम सूचना रिपोर्ट पी.8, जप्ती पत्र, परिवाद पत्र, की गयी विवेचना इत्यादि सक्षम न्यायालय में प्रस्तुति के रिकॉर्ड अत्यंत वृहद है, जो कि माननीय न्यायालय में तत्समय ही प्रस्तुत कर दिये गये हैं। अत: इनकी सत्यापित प्रति वर्तमान में दी जाना संभव नहीं है।
नल-जल योजना का प्रभार
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
52. ( क्र. 3697 ) श्री ब्रह्मा भलावी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बैतूल जिले के ग्रामों में पी.एच.ई. द्वारा दिनांक 01.04.2018 से बनवाई जा रही नल-जल योजना का ग्राम पंचायतों को प्रश्नांकित दिनांक तक विधिवत प्रभार नहीं दिलवाया गया? (ख) दिनांक 01.04.2018 से किस ग्राम (ग्राम पंचायत) में कितनी लागत की नल-जल योजना पी.एच.ई ने किस अवधि में बनाई उस योजना का विधिवत प्रभार ग्राम पंचायत को किस दिनांक को सौंपा किस ग्राम पंचायत को प्रश्नांकित दिनांक तक भी विधिवत प्रभार नहीं सौंपा गया? (ग) जिन नल-जल योजनाओं का विधिवत पंचायतों को प्रश्नांकित दिनांक तक भी प्रभार नहीं सौंपा उन पर कितना बिजली बिल बकाया है यह बिल जमा करने की जिम्मेदारी वर्तमान में किसकी है। (घ) नल-जल योजना का विधिवत प्रभार कब तक ग्राम पंचायतों को दिलवा दिया जावेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी नहीं, सभी पूर्ण योजनाओं का प्रभार सौंपा गया है। ऐसी योजनाएं जो प्रगतिरत हैं अथवा ठेकेदार द्वारा संचालन-संधारण किया जा रहा है, उनका प्रभार नहीं सौंपा गया है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। प्रगतिरत अथवा जिन योजनाओं का संचालन/संधारण अनुबंध अनुसार ठेकेदार द्वारा किया जा रहा है, उनका प्रभार नहीं सौंपा गया, शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। बिजली का बिल जमा करने की जिम्मेदारी संबंधित ग्राम पंचायत की है। (घ) निश्चित तिथि बताया जाना संभव नहीं है।
अधिसूचित क्षेत्र में शराब की छापामारी
[वाणिज्यिक कर]
53. ( क्र. 3700 ) श्री ब्रह्मा भलावी : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गत एक वर्ष में बैतूल जिले के किस-किस अधिसूचित क्षेत्र के आदिवासी ग्राम में शराब पकड़े जाने से संबंधित किस दिनांक को छापा मारा कितने आदिवासियों पर शराब के कितने प्रकरण बनाए गए? (ख) आदिवासियों पर शराब के प्रकरण बनाने एवं आदिवासी ग्रामों में छापा मारे जाने के पूर्व कलेक्टर बैतूल से किस-किस दिनांक को अनुमति प्राप्त की गई? इस संबंध में आयुक्त आबकारी विभाग ग्वालियर ने किस दिनांक को क्या-क्या निर्देश जारी किए हैं? प्रति सहित बतावें। (ग) आदिवासियों को किस धारा में शराब बनाने, रखने एवं उपयोग करने के संबंध में क्या-क्या छूट दी गई है? शराब के संबंध में पेसा कानून 1996 की किस धारा में क्या प्रावधान किए हैं?
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) गत एक वर्ष में बैतूल जिले के अधिसूचित क्षेत्रों के आदिवासी ग्रामों में आदिवासियों पर अवैध शराब से संबंधित कायम किये गये प्रकरणों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) बैतूल जिले में आबकारी आयुक्त मध्यप्रदेश ग्वालियर से समय-समय पर प्राप्त निर्देशों के अनुसार कलेक्टर के विभिन्न आदेशों के अनुक्रम में छापामार कार्यवाही की गई है। आदेश पत्रों की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) आदिवासियों को मध्यप्रदेश आबकारी अधिनियम 1915 की धारा 61-घ में अनुसूचित क्षेत्रों में देशी मदिरा का विनिर्माण उसके कब्जे तथा उपभोग की अधिकतम सीमा प्रति व्यक्ति 4.5 लीटर, प्रति गृहस्थी 15 लीटर तथा विशेष परिस्थितियों में सामाजिक तथा धार्मिक समारोह के अवसर पर प्रति गृहस्थी 45 लीटर की छूट दी गई है। ''पेसा कानून 1996 में शराब संबंधी प्रावधान पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है।
शराब दुकान बंद एवं खोलने की जानकारी
[वाणिज्यिक कर]
54. ( क्र. 3701 ) श्री ब्रह्मा भलावी : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैतूल जिले में देशी एवं विदेशी शराब दुकान किस दिनांक से किस दिनांक तक किन-किन कारणें से गत एक वर्ष में बंद रखी गई दुकान बंद रखे जाने के आदेश किस दिनांक को किसने दिए? (ख) उपरोक्त अवधि में किस शराब दुकान से संबंधित कितनी-कितनी राशि किस-किस मद में किस-किस दिनांक को जमा करवाई गई किस दुकान के लिए कितनी मदिरा के परिवहन की अनुमति प्रदान की गई? (ग) किस दुकान को किस दिनांक को बंद किए जाने एवं किस दिनांक को खोले जाने पर स्टाक का वेरीफिकेशन विभाग के किस अधिकारी, कर्मचारी ने किया पंचनामें या प्रतिवेदन की प्रति सहित बतावें।
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) बैतूल जिले में देशी एवं विदेशी शराब दुकान बंद रखी जाने संबंधी दिनांक, कारण एवं आदेश से संबंधित अभिलेख पुस्तकालय में रखे परिशष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) की अवधि में शराब दुकानों से संबंधित जमा राशि के मद, दिनांक, मदिरा के परिवहन की अनुमति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) दुकान को बंद किये जाने एवं खोले जाने पर स्टाक वेरिफिकेशन वृत्त आबकारी उपनिरीक्षक द्वारा किया गया है। पंचनामें/प्रतिवेदन की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है।
नवीन हैण्डपंपों के खनन की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
55. ( क्र. 3746 ) श्री अजब सिंह कुशवाह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र सुमावली के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2018-19 से आज दिनांक कहां-कहां पर कुल कितने-कितने नवीन हैण्डपंपों का खनन कराया गया? इन नवीन हैण्डपंपों का किस-किस उपयंत्री द्वारा कब-कब भौतिक सत्यापन करके कितनी-कितनी राशि का मूल्यांकन किया गया? इन सभी नवीन हैण्डपंपों के खनन करने के लिए कब-कब, कितनी-कितनी राशि तकनीकी एवं प्रशासकीय स्वीकृति जारी की गई तथा वर्तमान में इन सभी हैण्डपंपों की भौतिक स्थिति क्या है? (ख) क्या वर्ष 2018 से 30.12.2020 तक की अवधि में नियम विरूद्ध निजी भूमि में घरों के अंदर तथा निजी खेतों पर नवीन हैण्डपंपों का खनन कराया गया। बहुत से नवीन हैण्डपंपों की तकनीकी एवं प्रशासकीय स्वीकृतियां भी जारी नहीं की गई? क्या उच्च अधिकारियों द्वारा जाँच करायी जावेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। वर्ष 2018-19 में खनित 13 नलकूपों की तकनीकी, प्रशासकीय स्वीकृति अप्राप्त है। जी हाँ।
आदर्श आंगनवाड़ी केन्द्रों के निर्माण में अनियमितताएं
[महिला एवं बाल विकास]
56. ( क्र. 3842 ) श्री राकेश गिरि : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2017 से 2019 में टीकमगढ़ जिले में आदर्श आंगनवाड़ी केन्द्रों का निर्माण किया गया था? यदि हॉ तो केन्द्रों की सूची दे। (ख) प्रश्नांश ''क'' अनुसार सभी आंगनवाड़ी केन्द्रों पर निर्धारित प्राक्कलन/मापदण्ड के अनुरूप निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है? यदि हाँ, तो केन्द्रवार कार्यपूर्ति प्रतिवेदन का विवरण उपलब्ध करायें। (ग) प्रश्नांश ''ख'' अनुसार यदि नहीं तो, क्या सभी या कुछ केन्द्रों में जहां कार्य अपूर्ण होते हुये भी विभाग ने उपयोग में ले लिये है? यदि हाँ, तो केन्द्रवार अपूर्ण कार्यों का विवरण दे, इसके लिये कौन दोषी है तथा दोषी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई बतायें। (घ) प्रश्नांश ''ग'' अनुसार अपूर्ण कार्यों को कब तक पूरा किया जायेगा और इस पर व्यय होने वाली राशि दोषी अधिकारी से कब तक वसूल की जायेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) टीकमगढ़ जिले में वर्ष 2017 से 2019 में 149 आंगनवाड़ी केन्द्रों को आदर्श आंगनवाड़ी केन्द्र के रूप में तैयार करने के निर्देश प्रात हुए थे। केन्द्रवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट में दर्शित है। (ख) नहीं। प्रश्नांश ''क'' अनुसार जिले में 149 में से 148 आदर्श आंगनवाड़ी केन्द्रों के कार्य पूर्णता की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट में दर्शित है। (ग) प्रश्नांश ''ख'' अनुसार टीकमगढ़ जिले में स्वीकृत 149 आदर्श आंगनवाड़ी केन्द्रों में स 148 केन्द्रों का कार्य पूर्ण एवं एक आदर्श आंगनवाड़ी केन्द्र का कार्य अपूर्ण है। विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट में दर्शित है। आदर्श केन्द्र में अपूर्ण कार्य पूर्व से संचालित केन्द्रों में अतिरिक्त कार्य होने से पूर्व से ही आंगनवाड़ी भवनों का विभाग द्वारा उपयोग किया जा रहा है। आदर्श केन्द्र अनियमितता की जाँच कार्यालय कमिश्नर सागर संभाग सागर के पत्र क्र. शाखा-4-2/234 दिनांक 24.01.2020 द्वारा गठित जाँच समिति की जा रही है। (घ) एजेंसी को इसी वित्तीय वर्ष में कार्य पूर्णता के निर्देश दिये गये हैं। प्रश्नांश ''ग'' अनुसार जाँच समिति के प्रतिवेदन अनुसार कार्यवाही संभव है।
आयुष्मान भारत योजना का लाभ
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
57. ( क्र. 3862 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आयुष्मान भारत योजना में पात्रता हेतु हितग्राही को S.E.C.C. का सर्वे 2011 और राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा पर्ची धारक एवं संबल योजना में शामिल परिवार में से किसी एक में होना आवश्यक है? संर्दभ प्रश्न 2539 दि. 23 जूलाई 2019 के प्रति उत्तर अनुसार (ख) यदि हाँ, तो क्या राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा पर्ची एवं संबल कार्ड धारक परिवारों को आयुष्मान भारत योजना का लाभ दिया जायेगा? (ग) यदि हाँ, तो क्या इनके कार्ड बनाने हेतु कार्यवाही की जावेगी?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी हाँ। वर्ष 2011 सर्वे, S.E.C.C. की श्रेणी D1–D7 तक (D6 को छोड़कर)। (ख) जी हाँ। (ग) जी हाँ। आयुष्मान भारत योजना से अनुबंधित अस्पतालों में स्थापित कियोस्क केन्द्र में आयुष्मान मित्र द्वारा निःशुल्क एवं कॉमन सर्विस सेंटर, लोक सेवा केन्द्र पर 30/- निर्धारित शुल्क अदा कर पात्र हितग्राही अपना आयुष्मान भारत कार्ड बनवा सकते हैं।
विधायक निधि की अवशेष राशि का उपयोग
[योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी]
58. ( क्र. 3877 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राज्य योजना मंडल द्वारा दिनांक 23.10.99 को अपने पत्र क्रमांक 1461/99/रायोम/ डीएपी/4 के द्वारा विधायक निधि से स्वीकृत निर्माण कार्यों की अवशेष राशि को लेखा शीर्ष में जमा करने के निर्देश दिए गये थे? यदि हाँ, तो उक्त पत्र के पश्चात इस सन्दर्भ में कोई पत्र या निर्देश जारी किये गये हो तो अवगत करायें। (ख) मंदसौर विधान सभा क्र. 224 में वित्तीय वर्ष 2016-17 से 2020-21 तक कितनी अवशेष राशि विभाग के लेखा शीर्ष में जमा की गयी? वित्तीय वर्षवार जानकारी देवें। कुल अवशेष राशि के एवज में अनुशंसायें पुन: सम्बन्धित विधायक से नहीं लेने के क्या कारण हैं? क्या विभाग पुन: सम्बन्धित विधायकों से अनुशंसा लेने के निर्देश जारी करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों? (ग) क्या राज्य योजना मंडल ने अपने पत्र क्रमांक 2117/2000/रायोम/डीएपी दिनांक 17/01/2000 को विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र विकास योजनांतर्गत विगत वर्षों के स्वीकृत अप्रारम्भ कार्यों को निरस्त करने तथा सम्बन्धित विधायक की अनुशंसा पर नवीन कार्य स्वीकृत न करने सम्बन्धित निर्देश जारी किये गये थे? यदि हाँ, तो सबंधित विधायक की अनुसंशित राशि की निरस्ती उपरांत अन्य कार्यों में अनुशंसा नहीं लेने के क्या कारण हैं तथा विधायक के अधिकार क्षेत्र की राशि को लेखा शीर्ष में जमा करने के क्या कारण हैं?
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जी हाँ। जी नहीं। (ख) निर्माण एजेन्सियों के द्वारा कार्य पूर्णता पश्चात पूर्णता प्रमाण-पत्र भेजे जाते है, जिसमें वास्तविक व्यय एवं बचत राशि का उल्लेख किया जाता है। 224 मन्दसौर विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत विगत वर्षों का प्राप्त पूर्णता प्रमाण पत्रों में अवशेष राशि निम्नानुसार दर्शाई गई हैः- वर्ष 2016-17 पूर्णता प्रमाण-पत्रों की संख्या - 7 व्यय पश्चात अवशेष राशि - 104651 एजेंन्सी का नाम - नगर पालिका मन्दसौर, वर्ष 2017-18 पूर्णता प्रमाण-पत्रों की संख्या - 9 व्यय पश्चात अवशेष राशि - 598939 एजेंन्सी का नाम - नगर पालिका मन्दसौर, वर्ष 2018-19 पूर्णता प्रमाण-पत्रों की संख्या - 5 व्यय पश्चात अवशेष राशि - 107269 एजेंन्सी का नाम - नगर पालिका मन्दसौर, कुल योग पूर्णता प्रमाण-पत्रों की संख्या - 21 व्यय पश्चात अवशेष कुल राशि 810859। उक्तानुसार पूर्णता प्रमाण-पत्र विगत माह प्राप्त हुए हैं, नगर पालिका मन्दसौर को स्वीकृत कार्यों की अवशेष राशि के संबंध में पूर्णता प्रमाण पत्र शीघ्र प्रेषित करने हेतु लिखा गया है। उपलब्ध राशि से नवीन अनुशंसाओं के संबंध में योजना की मार्गदर्शिका 2013 के पैरा 3.8 में प्रावधान है। (ग) 224 मन्दसौर विधानसभा क्षेत्र में विगत वर्षों में समस्त स्वीकृत कार्यों को पूर्ण कराया गया है। कोई भी कार्य निरस्त कर स्वीकृत राशि शासन के खाते में जमा नहीं कराई गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
राष्ट्रीय पर्व में जनप्रतिनिधियों को न बुलाए जाना
[सामान्य प्रशासन]
59. ( क्र. 3955 ) श्री बैजनाथ कुशवाह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा उनके कार्य क्षेत्र में आयोजित शिलान्यास, लोकार्पण, राष्ट्रीय पर्व कार्यक्रम आदि व जिला स्तर एवं शासन स्तर प्राप्त पत्रों का उत्तर देने हेतु शासन के क्या नियम निर्देश हैं? छायाप्रति उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में क्या प्रश्नकर्ता विधायक को जनवरी 2019 से जनवरी 2021 तक संबंधित क्षेत्र में कितने आयोजन हुए की जानकारी वर्ष, दिनांक व आयोजित कार्यों का विवरण, भेजे गये आमंत्रण पत्रों की छायाप्रति जिसमें प्राप्तकर्ता के हस्ताक्षर का उल्लेख आदि सहित जानकारी दी जावे। (ग) क्या प्रश्नकर्ता विधायक को कुछ कार्यक्रमों में नहीं बुलाया गया, जैसे 26 जनवरी 2021, (गणतंत्र दिवस) जैसे कार्यक्रम में आमंत्रित न करना प्रोटोकॉल एवं विशेषाधिकारों का हनन व शासन के नियम निर्देशों का उल्लंघन भी है। यदि हाँ, तो संबंधित अधिकारी/कर्मचारियों के खिलाफ क्या कार्यवाही की जावेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
समीक्षा बैठकों हेतु दिशा-निर्देश
[योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी]
60. ( क्र. 3956 ) श्री बैजनाथ कुशवाह : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) माननीय विधायकों द्वारा अपने-अपने विधानसभा क्षेत्रों में विकास एवं अन्य कार्यों की समीक्षा बैठक हेतु बैठक बुलाने के शासन के क्या-क्या निर्देश/आदेश हैं की फोटो प्रति उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में जनवरी 2019 से जनवरी 2021 तक विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 03 सबलगढ़ जिला मुरैना में कितनी समीक्षा बैठकों का आयोजन किया गया, की जानकारी बैठक दिनांक, स्थान आदि सहित बतावें। (ग) यदि बैठकों का नियमानुसार आयोजन नहीं किया गया तो इस हेतु कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी जिम्मेदार हैं? नाम, पद बतावें। क्या यह कार्य शासन के आदेशों का उल्लंघन होकर मान. विधायकों के प्रोटोकॉल व विशेषाधिकारों का हनन की श्रेणी में आता है? यदि हाँ, तो जिम्मेदार अधिकारी/कर्मचारियों के खिलाफ क्या-क्या कार्यवाही की जावेगी?
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) सामान्य प्रशासन विभाग का पत्र क्र. एफ 11/54/2006/ एक/09 भोपाल, दिनांक 14 जून 2006 से विधानसभा क्षेत्रवार विकास कार्यों की समीक्षा बैठक आयोजित करने के निर्देश दिये गये है। पत्र की प्रति की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जनवरी 2019 से जनवरी 2021 तक मान. विधायक श्री बैजनाथ कुशवाह विधानसभा क्षेत्र 03 सबलगढ़ की अध्यक्षता में दिनांक 26.09.2020 को जनपद पंचायत सबलगढ़ के सभागार में समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया। (ग) मान. विधायक की अध्यक्षता में विकास एवं अन्य कार्यों की समीक्षा बैठक का आयोजन दिनांक 26.09.2020 को किया गया है। इसके पूर्व वर्ष 2019 में लोकसभा चुनाव एवं वर्ष 2020 में कोविड-19 से बचाव को दृष्टिगत रखते हुये बैठक का आयोजन नहीं किया जा सका। इसके लिये कोई अधिकारी/कर्मचारी दोषी नहीं है।
फर्जी नियुक्तियों के विरूद्ध कार्यवाही
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
61. ( क्र. 3986 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. शासन के पत्र क्रमांक एफ-12-10/2017 मेडिकल 3 भोपाल दिनांक 25/.05.2018 के परिपालन में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, अनूपपुर का पत्र क्रमांक/भर्ती/4021, दिनांक 31.12.2019 के तहत भर्ती हुए विभिन्न पदों के वर्गवार नाम, पता एवं शैक्षणिक योग्यता/तकनीकी योग्यता की जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) क्या प्रश्नांश (क) के संदर्भ में हुई त्रुटिपूर्ण नियुक्तियों की शिकायतें समय-समय पर शासन को विभिन्न स्तरों पर प्राप्त हुई हैं? यदि हाँ, तो शासन द्वारा उन फर्जी नियुक्तियों के लिए दोषी व्यक्तियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई है? (ग) क्या कलेक्टर जिला अनूपपुर के आदेश क्रमांक 1361/अनूपपुर दिनांक 18.03.2020 के तहत सी.एम.एच.ओ., अनूपपुर द्वारा की गई भर्ती को निरस्त किया गया है? यदि हाँ, तो किन अधिकारियों को दोषी पाया गया? दोषी अधिकारियों पर क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं तो क्यों तथा कब तक कार्यवाही कर दी जायेगी।
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जी हाँ। उक्त शिकायत की जांच, क्षेत्रीय संचालक, स्वास्थ्य सेवायें, रीवा संभाग रीवा द्वारा पूर्ण कर जाँच प्रतिवेदन संचालनालय को प्रेषित किया गया। जाँच उपरांत क्षेत्रीय संचालक स्वास्थ्य सेवायें रीवा संभाग रीवा ने उक्त नियुक्तियों संबंधी संपूर्ण कार्यवाहियों में श्री के.पी. सिंह, उप जिला माध्यम विस्तार अधिकारी जिला अनूपपुर, श्री चन्दु पाव, मुख्य लिपिक कार्यालय मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जिला अनूपपुर की संलिप्तता प्रदर्शित हो रही है का लेख कर उनके विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही किये जाने की अनुशंसा की गई। तदोपरांत संचालनालय पत्र दिनांक 24.02.2021 द्वारा डॉ. बी.डी. सोनवानी, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जिला अनूपपुर, श्री के.पी. सिंह, उप जिला माध्यम विस्तार अधिकारी जिला अनूपपुर एवं श्री चन्दु पाव, मुख्य लिपिक, कार्यालय मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जिला अनूपपुर के विरूद्ध मध्यप्रदेश सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम अन्तर्गत अनुशासनात्मक कार्यवाही करते हुये, उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है, नोटिस की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) जी हाँ। जानकारी उत्तरांश (ख) में समाहित है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नहरों में कराए गए निर्माण कार्य
[नर्मदा घाटी विकास]
62. ( क्र. 4009 ) श्री विजयराघवेन्द्र सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नर्मदा विकास मण्डल क्रमांक 6 कटनी एवं सतना की नहरों का निर्माण संधारण रख-रखाव व मरम्मत कार्य हेतु कितनी-कितनी राशि आवंटित की गई है एवं किन-किन कार्यों में कितनी-कितनी राशि व्यय हुई? वर्ष 2016-17 से प्रश्न दिनांक तक की जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) में कहाँ-कहाँ की नहरों की मरम्मत, सुधार व निर्माण कार्य कब-कब कितनी राशि से कराया गया है तथा इसकी जाँच कब-कब किसने की है? कहाँ-कहाँ की नहरें टूट फूट गई हैं, तथा कहाँ-कहाँ की नहरों की साफ सफाई, मरम्मत व सुधार कार्य कब से नहीं कराया गया है एवं क्यों? उपसंभागवार जानकारी दें। (ग) प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र बड़वारा में नर्मदा जी का पानी लाने की शासन ने कोई सर्वे या योजना बनाई है तो बताएं। यदि नहीं तो कब तक बनाएंगे? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) के परिप्रेक्ष्य में नहरों के गुणवत्ताहीन निर्माण होने से खराब हुई उस विषयक प्रश्नांकित अवधि में जो शिकायतें प्राप्त हुई हैं उनकी शिकायतवार कार्यवाहीवार विवरण दें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। परियोजना निर्माण काल में है। अत: संधारण, रख-रखाव व मरम्मत मद में आवंटन एवं व्यय की जानकारी ''निरंक'' है। (ख) आर.डी. 129 से 154 कि.मी. के निर्माण पर राशि रू. 940.67 लाख एवं विजयराघवगढ़ शाखा नहर के निर्माण कार्य पर राशि रू. 462.921 लाख से। निर्माण कार्य की जाँच गुण नियंत्रण इकाई एवं निर्माण कार्य के मैदानी अधिकारियों द्वारा निरंतर की जाती है। नहरों में जल संचालन नहीं होने के कारण कुछ स्थलों पर रेन-कट्स परिलक्षित हुए हैं। परियोजना निर्माण काल में है। अत: मरम्मत, सुधार कार्य एवं साफ-सफाई निर्माण कार्यों की पूर्णता एवं नहरों में जल संचालन के पूर्व सुनिश्चित की जायेगी। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) तकनीकी एवं वित्तीय साध्यता का परीक्षण प्रचलन में है। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है।
पेयजल की पूर्ति हेतु नवीन खनन की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
63. ( क्र. 4010 ) श्री विजयराघवेन्द्र सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी जिले में विभाग को सिंगल फेस कनेक्शन की विद्युत मोटर 1 अप्रैल 2018 से प्रश्न दिनांक तक कितनी उपलब्ध हुई थी? कुल उपलब्ध विद्युत मोटरों में से कितनी कहाँ-कहाँ लगाई गई है? विधान सभा क्षेत्रवार कितनी-कितनी उपलब्ध कराई गई? अलग-अलग बतायें। कटनी जिला में विद्युत मोटरें किस-किस पंचायत में किस-किस स्थान पर डाली गई हैं तथा वर्तमान में उनकी क्या स्थिति है तथा कितनी कीमत की क्रय की गई? पृथक-पृथक विवरण दें। (ख) 1 जनवरी 2018 से प्रश्न दिनांक तक पी.एच.ई. विभाग द्वारा कटनी जिले में पेयजल की पूर्ति के लिये कितने नवीन खनन किये गये हैं? नवीन खनन में ऐसे कितने खनन हैं जहां उक्त अवधि में खनन हुये पाईन्टों में न हैण्डपम्प सेट लगे हैं न उनका प्लेट फार्म निर्माण हुआ है? ऐसी खननों की सूची ग्राम पंचायत का नाम, खनन का स्थान, खनन दिनांक एवं हैण्डपम्प सेट पर प्लेटफार्म न बनाने का क्या कारण है? (ग) इस लापरवाही के लिये कौन-कौन कर्मचारी/अधिकारी दोषी हैं? दोषियों के प्रति क्या कोई दण्डात्मक कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो क्या और कब तक? यदि नहीं तो क्यों? कब तक हैण्डपम्प सेट डालकर तथा प्लेट फार्म तैयार कर पेयजल की पूर्ति हेतु प्रदाय करा दिया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) कोई दोषी नहीं है। कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
उप चुनावों में प्रचार-प्रसार हेतु प्रावधानित राशि
[जनसंपर्क]
64. ( क्र. 4023 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनसंपर्क विभाग द्वारा वर्ष 2020 में 28 विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में प्रचार-प्रसार के लिये निर्वाचन आयोग से कितनी राशि का प्रावधान/आदेश दिया गया था? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में जनसंपर्क विभाग द्वारा वर्ष 2020 में 28 विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में प्रचार-प्रसार के लिये किन संस्थाओं को कौन से कार्य हेतु कितनी राशि के कार्यादेश दिये गये थे? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में जनसंपर्क विभाग द्वारा वर्ष 2020 में 28 विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में प्रचार-प्रसार के लिये जिन संस्थाओं को कार्यादेश दिया गया था, उनका प्रमाणीकरण/भुगतान से संबंधित विवरण उपलब्ध करावें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) राशि रूपये 12, 98, 70, 800.00/- (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) निर्वाचन अधिकारी/नोडल अधिकारी/रिटर्निंग ऑफिसर/पर्यवेक्षक के द्वारा कार्यों का सत्यापन कर प्रमाण पत्र जारी किये गये। उक्त प्रमाण पत्रों के सत्यापन के उपरांत कार्यालय मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी द्वारा राशि एवं भुगतान की स्वीकृति दी गई। मेसर्स 24 फ्रेम्स प्रोडक्शन एवं मेसर्स प्रथम पब्लिसिटी प्रा.लि. भोपाल का भुगतान किया गया।
आंगनवाड़ी भवनों की जानकारी
[महिला एवं बाल विकास]
65. ( क्र. 4026 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र परासिया के अन्तर्गत परियोजना 01 एवं 02 में ऐसे कौन-कौन से आंगनवाड़ी केन्द्र हैं, जो भवन विहीन हैं? प्रत्येक परियोजनावार अवगत करायें। (ख) परासिया विधानसभा क्षेत्र के जनपद पंचायत परासिया एवं चारों नगरीय निकायों के अन्तर्गत ऐसे कौन-कौन से आंगनवाड़ी केन्द्र हैं, जिन आंगनवाड़ी केन्द्रों में आंगनवाड़ी भवन निर्माण कार्य की स्वीकृति शासन/विभाग द्वारा पूर्व में प्रदान की जा चुकी है? स्वीकृत निर्माण कार्य में से कितने कार्य प्रारंभ हो चुके हैं और कितने कार्य अप्रारंभ हैं? कितने कार्य पूर्ण हो चुके हैं और कितने कार्य अपूर्ण हैं? कार्यों को प्रारंभ न करने एवं कार्यों के अपूर्ण होने का क्या कारण है? भौतिक स्थिति से अवगत करायें। जो कार्य अपूर्ण हैं या अप्रारंभ हैं, उन कार्यों को कब तक पूर्ण करा दिया जायेगा? (ग) प्रश्नांश (क) के अनुसार भवन विहीन आंगनवाड़ी केन्द्रों हेतु शासन/विभाग द्वारा कब तक कार्यवाही करते हुए, आंगनवाड़ी भवन निर्माण कार्यों की स्वीकृति प्रदान कर दी जायेगी? (घ) परासिया विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत कितने नवीन आंगनवाड़ी केन्द्र एवं मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र खोले जाने की आवश्यकता है? नगर एवं ग्रामवार जानकारी उपलब्ध करायें। आवश्यकता के अनुसार कब तक इन आंगनवाड़ी केन्द्रों की स्वीकृति प्रदान कर दी जायेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) विधानसभा क्षेत्र परासिया के अंतर्गत परियोजना 01 में 168 आंगनवाड़ी केन्द्र स्वीकृत हैं जिनमें से 74 केन्द्र भवन विहीन है तथा परियोजना क्रमांक-02 में 195 आंगनवाड़ी केन्द्र स्वीकृत है जिनमें से 17 केन्द्र भवन विहीन है। भवन विहीन केन्द्रों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "अ" अनुसार है। (ख) परासिया विधानसभा क्षेत्र के जनपद पंचायत परासिया अंतर्गत स्वीकृत 272 भवनों में से 187 पूर्ण, 39 निर्माणधीन एवं 46 अप्रारंभ है तथा चारों नगरीय निकायो के अंतर्गत 33 आंगनवाड़ी केन्द्र एवं 01 मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र भवन विहीन है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "ब" अनुसार है। स्वीकृत निर्माण कार्य की निर्माण ऐजेन्सी ग्राम पंचायत/नगर पालिका/नगर परिषद् है। निर्माण कार्य शीघ्र पूर्ण करने हेतु संबंधित निर्माण ऐजेन्सी से जिला स्तर से पत्राचार किया गया है। आंगनवाड़ी भवन निर्माण सतत् प्रक्रिया है, जो कि वित्तीय संसाधन पर निर्भर करती है। समय-सीमा दी जाना संभव नहीं है। (ग) आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण की स्वीकृति एक सतत् प्रक्रिया है जो कि वित्तीय संसाधनों के आधार पर निर्भर करता है, जिसकी समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है। (घ) परासिया विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत 28 आंगनवाड़ी केन्द्र एवं 08 मिनी आंगनवाड़ी केन्द्रों की आवश्यकता है। नवीन आंगनवाड़ी एवं मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र खोलने की स्वीकृति भारत सरकार द्वारा दी जाती है। अत: समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है।
स्व-सहायता समूह से सेनेटरी नेपकीन का क्रय
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
66. ( क्र. 4028 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासकीय अस्पतालों में सेनेटरी नेपकीन स्व-सहायता समूह से लेने का प्रावधान है? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार अगर हाँ तो छिंदवाड़ा जिले में संचालित अस्पतालों में कब से स्व-सहायता समूह से सेनेटरी नेपकीन लेना प्रारंभ कर दिया जायेगा? (ग) यदि शासन द्वारा निर्देश जारी कर दिये गये हैं तो मध्यप्रदेश के कितने जिलों में शासकीय अस्पतालों में समूह द्वारा नेपकिन सप्लाई की जा रही है?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी नहीं। (ख) प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन द्वारा इस सम्बध में निर्देश नहीं दिये गये हैं। अतः प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
बहोरीबंद विधानसभा अंतर्गत जल प्रदाय योजनाएं
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
67. ( क्र. 4038 ) श्री प्रणय प्रभात पाण्डेय : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) केन्द्र/राज्य प्रवर्तित समूह जल प्रदाय योजना एवं जल जीवन योजना क्या है? योजनाओं का क्रियान्वन किसके द्वारा किया जा रहा है तथा इनका कार्यक्षेत्र एवं उद्देश्य क्या है? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित दोनों योजनाओं से बहोरीबंद विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कहाँ-कहाँ पर कौन-कौन सी कार्ययोजनाएं कहाँ-कहाँ के लिये प्रस्तावित है? सूची सहित संपूर्ण जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित प्रस्तावित योजनाएं शासन स्तर पर कहाँ पर किस स्थिति में लंबित हैं? कौन-कौन सी कितनी लागत से प्रश्न दिनांक तक स्वीकृत हैं तथा लंबित योजनाओं की स्वीकृति किस प्रकार से कब तक प्रदान कर दी जावेगी तथा इनसे कहाँ-कहाँ का कितना-कितना क्षेत्र लाभान्वित होगा? सूची सहित संपूर्ण विवरण देवें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में समूह पेयजल प्रदाय योजनाओं का क्रियान्वयन राज्य मद एवं केन्द्रीय प्रवर्तित समूह योजनायें, केन्द्रीय वित्त पोषण पर आधारित होती है जिनका क्रियान्वयन कार्यक्षेत्र को देखते हुये म.प्र. जल निगम अथवा विभाग द्वारा किया जाता है। जल जीवन मिशन का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों के प्रत्येक परिवार को क्रियाशील घरेलू नल कनेक्शन से पेयजल उपलब्ध कराना है। प्रदेश में इस मिशन को वर्ष 2023 तक पूरा कराये जाने का लक्ष्य है, इसका क्रियान्वयन विभाग एवं जल निगम द्वारा किया जा रहा है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। योजनाओं की स्वीकृति बजट आवंटन की उपलब्धतानुसार की जाती है, निश्चित तिथि बताया जाना संभव नहीं है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के अनुसार है।
बहोरीबंद विधानसभा अंतर्गत संचालित नल-जल योजनाएं
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
68. ( क्र. 4039 ) श्री प्रणय प्रभात पाण्डेय : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बहोरीबंद विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कहाँ-कहाँ पर नल-जल योजनाएं संचालित है? इनमें से कितनी योजनाएं चालू एवं कहाँ-कहाँ की किन कारणों से बंद है? सूची देवें। यह भी बतलावें कि इन्हें किस प्रकार से कब तक चालू कर दिया जावेगा? (ख) ऐसी कितनी नल-जल योजनाएं है, जिनके बोर का जल स्तर नीचे चले जाने अथवा जल-स्त्रोत असफल हो जाने के कारण बंद है? इन्हें प्रारंभ कराने हेतु क्या विभाग कि कोई विशेष कार्य-योजना है? यदि हाँ, तो इन्हें किस प्रकार से कब तक चालू कर दिया जावेगा? यदि नहीं तो क्यों नही? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित क्षेत्र में कहाँ-कहाँ पर कितनी लागत से नवीन नल-जल योजनाओं का निर्माण प्रस्तावित है या प्रगतिशील है? (घ) बहोरीबंद विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कहाँ-कहाँ पर कौन-कौन से हैण्डपंप खनित हैं, तथा इनसे कितने क्रियाशील एवं कौन-कौन से किन कारणों से बंद हैं? इन बंद हैण्डपंपों को किस प्रकार से कब तक पुनः प्रारंभ कराया जायेगा? (ड.) विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कहाँ-कहाँ भू-गर्भीय जल-स्तर कम है तथा कहाँ-कहाँ पर ग्रीष्मकाल में पेयजल संकट बढ़ने की संभावना है? ग्रामवार सूची देवें। यह भी बतलावें कि आने वाले समय में उत्पन्न होने वाले पेयजल संकट से निपटने हेतु विभाग कि क्या कार्ययोजना है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) 6 योजनाएं बंद हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। ग्रीष्मकाल में पेयजल संकट प्रभावित ग्रामों/बसाहटों में आवश्यकता अनुसार नलकूपों का खनन कर हैण्डपंप स्थापना, स्थापित हैण्डपंपों में राइजर पाइप बढ़ाने, सिंगल फेस मोटरपंप स्थापित करने, कम जल आवक क्षमता वाले नलकूपों में हाइड्रोफ्रैक्चरिंग कर पेयजल व्यवस्था की जाती है।
गोविंदपुरा विधानसभा क्षेत्र की शराब दुकानों का स्थानांतरण
[वाणिज्यिक कर]
69. ( क्र. 4041 ) श्रीमती कृष्णा गौर : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा प्रेषित पत्र क्रमांक 2391 एवं 2392 दिनांक 7/11/20 जो गोविंदपुरा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत चल रही शराब की दुकानों को वित्तीय वर्ष 2021-22 से अन्यत्र निर्विवाद स्थल पर स्थानांतति किये जाने हेतु प्राप्त हुआ है? यदि हाँ, तो दुकान पर कोई समीक्षा की गई है? विवरण बताया जाये। (ख) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित दुकानों को हटाने हेतु विचार करने हेतु जन प्रतिनिधियों की कोई बैठक बुलाई जायेगी? यदि हाँ, तो कब? (ग) क्या शराब दुकान खोलने से पूर्व शासन जन समान्य से स्थलवार आपत्ति प्राप्त करने की कोई योजना है? यदि नहीं तो इसे कब बनाई जायेगी?
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित पत्रों पर कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित दुकानों को हटाने के संबंध में शासन द्वारा निर्धारित नियमों के परिप्रेक्ष्य में यथोचित कार्यवाही की जावेगी। (ग) शराब दुकान खोलने से पूर्व शासन जन सामान्य से स्थलवार आपत्ति प्राप्त करने की कोई योजना वर्तमान आबकारी नीति वित्तीय वर्ष 2020-21 में प्रावधानित नहीं है।
नल-जल योजना एवं रिट्रोफिटिंग कार्य की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
70. ( क्र. 4101 ) श्री जुगुल किशोर बागरी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा सतना जिले में मुख्यमंत्री नल-जल प्रदाय योजना स्वीकृति की गई थी? यदि हाँ तो सूची उपलब्ध करावें। निर्माण कार्य पूर्ण होने की अवधि क्या थी? क्या निर्धारित व्यय में निर्माण कार्य पूर्ण हुये हैं? यदि हाँ तो प्रमाण सहित जानकारी दें। क्या ग्राम पंचायत द्वारा उक्त योजनायें अपनें आधिपत्य में ले ली गई हैं? विवरण सहित पूर्ण जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार यदि उक्त निर्माण कार्य (नल-जल योजना) निर्धारित समयावधि में पूर्ण नहीं हुए तो क्या दोषी निविदाकर पर अब तक क्या कार्यवाही की गई? क्या संबंधित उपयंत्री पर भी कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों नहीं? जबकि उक्त कार्य को कार्य पूर्ण करानें की जिममेवारी उपयंत्री पर भी है? (ग) क्या मुख्यमंत्री नल-जल प्रदाय योजना को रिट्रोफिटिंग में लिया गया है? यदि हाँ तो क्यों? जबकि ये योजनायें अभी-अभी निर्मित कराई गई हैं। यदि उक्त ग्रामों में कोई बसाहट शेष रह गई है तो क्यों? जबकि उपयंत्री द्वारा डी.पी.आर. तैयार कराया गया है तो क्यों जानबूझकर बसाहटें छोड़ी गई थीं? दोषियों पर क्या कार्यवाही की जावेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। प्रश्नाधीन योजनायें अभी तक ग्राम पंचायत के आधिपत्य में नहीं सौंपी गयी हैं। (ख) नल-जल योजनायें निर्धारित समयावधि में पूर्ण नहीं होने पर संबंधित एजेंसी पर अनुबंध की शर्तानुसार अर्थदण्ड अधिरोपित की कार्यवाही की जाती है, संबंधित उपयंत्री पर कार्यवाही किये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। उक्त ग्रामों में शेष बसाहटें मुख्यग्राम से ज्यादा दूरी पर होने, मापदंडानुसार 20 अथवा कम परिवार होने, बिखरी हुई बसाहट होने, व्यवहारिक रूप से साध्य नहीं होने आदि के कारण तत्कालीन योजना में शामिल नहीं हो सकी, अतः कार्यवाही का प्रश्न नहीं उठता।
स्वास्थ्य केन्द्रों में रिक्त पदों की पूर्ति
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
71. ( क्र. 4104 ) श्री जुगुल किशोर बागरी : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिला चिकित्सालय सहित रैगाँव विधानसभा में संचालित प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, उप स्वास्थ्य केन्द्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में कौन-कौन से पद स्वीकृत हैं? उनमे से कितने पद रिक्त हैं? स्वास्थ्य केन्द्रवार पूर्ण जानकारी देवें। (ख) यह बतावें कि जिला चिकित्सालय सहित रैगाँव विधानसभा के स्वास्थ्य केन्द्रों को विगत वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक तक किन-किन मदों में कितनी-कितनी राशि आवंटित की गई? आवंटित राशि का उपयोग वर्षवार किन-किन कार्यों में किया गया? पूर्ण जानकारी वर्षवार मदवार देवें। राज्य शासन के पेंशनरों हेतु आवंटित राशि एवं वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक तक व्यय राशि की पूर्ण जानकारी वर्षवार देवें। (ग) क्या शासन द्वारा वर्ष 2018 से विभिन्न मदों में प्रदान राशि के उपयोग में नियमों का पालन न करते हुये व्यापक अनियमितता की गई है? मरम्मत कार्यों, पुताई कार्य, सामाग्री क्रय आदि में व्यापक भ्रष्टाचार किया गया है, जिसकी शिकायतें विभिन्न स्तरों पर उक्त अवधि में कब-कब प्राप्त हुईं? उन पर की गई कार्यवाहियों की जानकारी देवें! (घ) प्रश्नांश (क) अनुसार स्वास्थ्य केन्द्रों में रिक्त पदों की प्रतिपूर्ति कब तक कराई जायेगी? यदि नहीं तो क्यों? प्रश्नांश (ख) एवं (ग) अनुसार शासन द्वारा प्रदान राशि के व्यय की उच्च स्तरीय जाँच कब तक कराई जावेगी? यदि नहीं तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) सतना जिले में शासन द्वारा वर्ष 2018 से विभिन्न मदों में प्रदान राशि का उपयोग नियमानुसार किया गया है, किसी भी प्रकार की अनियमितता नहीं की गई है। मरम्मत कार्य, पुताई कार्य, सामाग्री क्रय नियमानुसार किया गया है। इस संबंध में किसी भी प्रकार की शिकायत किसी भी स्तर से प्राप्त नहीं हुई है, विभिन्न निरीक्षण प्रतिवेदनों में भी वित्तीय अनियमितता संबंधी कोई भी आक्षेप नहीं लिया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) विभाग के अधीन सीधी भर्ती से भरे जाने वाले पदों की कार्यवाही क्रमशः लोक सेवा आयोग एवं प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड के माध्यम से निरंतर जारी है, निश्चित समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है। उत्तरांश (ग) के अनुक्रम में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
हृदय रोग के उपचार की सुविधाएं
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
72. ( क्र. 4105 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में हृदयरोग के उपचार की क्या-क्या सुविधाएं मौजूद हैं? (ख) क्या इन अस्पतालों में ई.सी.जी. एवं हार्ट अटैक आने की स्थिति में मरीजों को तत्काल उपचार देने के आवश्यक जीवन रक्षक उपकरण एवं दवाएं हर समय मौजूद रहती हैं? यदि हाँ, तो क्या ये सुविधाएं सिवनी विधान सभा क्षेत्र में मौजूद हैं? (ग) क्या बढ़ते हृदय रोगियों की संख्या को देखते हुये शासन प्रत्येक तहसील स्तर पर हृदय रोग के जाँच एवं उपचार की व्यवस्था करने पर गंभीरता से विचार कर रही है? (घ) यदि हाँ, तो कब तक इस दिशा में कारगर कदम उठाये जायेंगे?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) म.प्र. के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में एन.सी.डी. क्लीनिक स्थापित किया गया है। जिसके अंतर्गत आने वाले आम नागरिकों को हृदय रोग के उपचार हेतु आवश्यक एवं महत्वपूर्ण यथा- Cholesterol, Blood Urea, Blood Sugar, ECG आदि की जॉचों की सुविधा एवं BP Machine, Stethoscope, Pulse oximeter, Oxygen Cylinder, Glucometer आदि उपकरणों के द्वारा आवश्यकतानुसार हृदय रोगियों को प्राथमिक उपचार की सुविधाएं प्रदाय की जाती है एवं आवश्यक जीवन रक्षक औषधियॉ उपलब्ध रहती है। (ख) जी हाँ। जी हाँ। (ग) एवं (घ) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों का संचालन एवं डॉक्टरों की पदस्थापना
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
73. ( क्र. 4106 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र सिवनी अंतर्गत वर्तमान में कितने प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र कहाँ-कहाँ पर संचालित हैं? संचालित स्वास्थ्य केन्द्रों में कहाँ-कहाँ कितने डॉक्टर, टेक्नीशियन एवं अन्य कर्मचारी पदस्थ हैं? पदवार ब्यौरा देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में क्या डॉक्टरों की कमी है जिससे गरीब आम जनता को पूर्ण स्वास्थ्य लाभ नहीं मिल पा रहा है एवं गरीब आदिवासियों को शहर के मंहगे अस्पतालों में आर्थिक क्षति उठाकर इलाज करवाना पड़ रहा है? यदि हाँ, तो शासन इन प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में डॉक्टरों एवं अन्य वर्ग के पदों पर कब तक पदस्थापना करेगी? (ग) आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र छपारा एवं कुरई के अंतर्गत कितने स्वास्थ्य केन्द्र वर्तमान में संचालित हो रहे है? इनमें क्या-क्या सुविधाएं शासन द्वारा प्रदाय की गई हैं एवं कितने डॉक्टर एवं अन्य स्टॉफ पदस्थ है? यदि आदिवासी बाहुल्य क्षेत्रों में स्वास्थ्य केन्द्र स्थापित नहीं हैं तो क्या शासन प्राथमिकता के आधार पर केन्द्रों को स्थापित कर आम गरीब आदिवासी जनता को इसका लाभ देगा? यदि हाँ, तो कब तक?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जी नहीं। चिकित्सकों के पद की पूर्ति के लिए मध्य प्रदेश, लोक सेवा आयोग को 727 चिकित्सकों की पद पूर्ति हेतु मांग पत्र प्रेषित किया गया है एवं विज्ञापन जारी किया जा चुका है। चिकित्सक की पदपूर्ति हेतु बंधपत्र अंतर्गत एवं संविदा एन.एच.एम. चिकित्सकों की कार्यवाही निरंतर जारी है। अन्य वर्गों के पदों पर पदस्थापना की कार्यवाही प्रचलन में है। निश्चित समयावधि बताया जाना संभव नहीं। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। जी हाँ, विभाग द्वारा प्रदेश की जनता को सुलभ स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के उद्देश्य से ''शेल्फ ऑफ प्रोजेक्ट'' तैयार किया गया है। इस प्रोजेक्ट के तहत जनसंख्या के निर्धारित मापदण्ड एवं स्वास्थ्य सेवाओं की प्रदायगी को ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य केन्द्रों की स्थापना हेतु प्राथमिकता निर्धारित की गई है एवं विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत संस्थाओं की स्थापना/उन्नयन के प्रस्ताव सम्मिलित किये गये हैं। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
हितग्राहियों को पूरक पोषण आहार का वितरण
[महिला एवं बाल विकास]
74. ( क्र. 4115 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2017 से 2021 की 31 जनवरी को इन्दौर और उज्जैन संभाग में किस-किस हितग्राही वर्ग में कितनी-कितनी संख्या में पूरक पोषण आहार (टेक होम राशन) दिया गया? कितनी संख्या में प्रोटीन युक्त सोयाबड़ी प्रदाय की गई तथा उक्त अवधि में इन्दौर एवं उज्जैन संभाग में कितनी-कितनी आंगनवाड़ी थी तथा उसमें दर्ज बच्चों की संख्या कितनी-कितनी थी? जिलेवार संख्यात्मक जानकारी दें। (ख) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 1103 दिनांक 19.03.2020 के खण्ड ''घ'' के संदर्भ में बतावें कि उल्लेखित विभिन्न गतिविधियों पर वर्ष 2014 से 2021 तक कितना-कितना खर्च किया गया? (ग) वर्ष 2017-18 से 31 जनवरी 2021 तक विभाग में विभिन्न पोषण आहार का प्रदाय किस-किस फर्म से किस-किस मात्रा में कुल कितनी राशि का किया गया? जनवरी 2014 से जनवरी 2021 की 31 जनवरी तक कुपोषित बच्चों की संख्या क्या-क्या है तथा यह उस उम्र के कुल बच्चों का कितना प्रतिशत है? (घ) वर्ष 2017-18 से जनवरी 2021 तक प्रश्नांश (क) संभाग में 1 लाख से अधिक राशि की खरीदी की सूची, विक्रेता का नाम, वस्तु का नाम, दर, मात्रा, कुल राशि का भुगतान राशि सहित सूची देवें। (ङ) पिछले पाँच वर्ष में विभाग में आर्थिक घोटाले के कितने प्रकरणों पर विभागीय स्तर पर जाँच की गई? सूची देवें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-"1", "2", "3" एवं "4" अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "5" अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "6", "7" एवं "8" अनुसार है। (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ड.) पिछले पाँच वर्ष में संचालनालय स्तर से जाँच समिति गठित कर भोपाल जिले अंतर्गत परियोजना कार्यालयों द्वारा मानदेय मद से किए गए अनियमित आहरण की जाँच कराई गई, जिसका प्रतिवेदन समिति द्वारा दिनांक 31.08.2017 को दिया गया। 2. संचालनालय स्तर से जाँच समिति गठित कर भोपाल जिले अंतर्गत परियोजना कार्यालयों द्वारा अतिरिक्त मानदेय मद से किए गए अनियमित आहरण की जाँच कराई गई, जिसका प्रतिवेदन समिति द्वारा दिनांक 28.08.2018 को दिया गया।
आंगनवाडी भवन उन्नयन में अनियमितता
[महिला एवं बाल विकास]
75. ( क्र. 4116 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 1103 दिनांक 19.03.2020 के खण्ड (ख) के सन्दर्भ में बताएं कि आंगनवाड़ी भवन उन्नयन में किस प्रकार का घोटाला हुआ तथा विभागीय स्तर पर जाँच हुए बिना EOW को प्रकरण कैसे दिया गया? क्या इसी प्रकार का घोटाला प्रदेश में और कहाँ-कहाँ पाया गया? (ख) वर्ष 2014-15 से वर्ष 2020-21 तक प्रत्येक जिले में वर्ष वार भवन उन्नयन (मरम्मत) हेतु कितनी-कितनी राशि प्रदान की गई तथा LCDS मिशन द्वारा वर्ष 2013-14 में भवन उन्नयन हेतु प्राप्त राशि कितनी खर्च की गई किस-किस जिले में जारी दिशा-निर्देशों का समुचित पालन नहीं किया गया? (ग) वर्ष 2014-15 से वर्ष 2020-21 तक किस-किस एन.जी.ओ. को किस-किस कार्य के लिये कितना-कितना भुगतान किस दिनांक को किया गया. एन.जी.ओ. का चयन तथा राशि का चयन किस प्रक्रिया से किया गया? एन.जी.ओ. का नाम संचालकों का नाम, पिता/पति का नाम, तथा निवास का पता सहित सूची देवें। (घ) रतलाम जिले में 2014-15 से जनवरी 2021 तक किस-किस हितग्राही वर्ग में कितनी कितनी संख्या में टेक होम राशन दिया गया? दिनांक 31 जनवरी 2019, 31 जनवरी 2020 तथा 31 जनवरी 2021 को जिन्हें पूरक पोषण आहार दिया गया उनके नाम, पते सहित सूची देवें। (ड.) क्या रतलाम जिले में शाला त्यागी बालिकाओं की सूची शिक्षा विभाग से प्राप्त की गई या विभाग स्तर पर बनाई गई?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) विधान सभा प्रश्न क्रमांक 1103 दिनांक 19.03.2020 के खण्ड (ख) की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "अ" अनुसार है। विभाग द्वारा EOW को जाँच हेतु प्रकरण नहीं दिया गया है बल्कि शिकायत सीधे EOW कार्यालय को प्राप्त होकर जाँच उनके स्तर पर लंबित है। जी नहीं। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "ब" अनुसार है। प्रदेश के अन्य किसी जिले से निर्देशों के पालन नहीं करने की जानकारी प्राप्त नहीं है। (ग) प्रश्नांश से संबंधित जानकारी निरंक है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "स" अनुसार है। (ड.) शाला त्यागी बालिकाओं की सूची विभागीय आंगनवाड़ी केन्द्रों पर कार्यकर्ताओं द्वारा किये गये सर्वे के आधार पर तैयार की गई।
पर्यटन केन्द्रों में उपलब्ध सुविधायें
[पर्यटन]
76. ( क्र. 4119 ) श्री प्रेमशंकर कुंजीलाल वर्मा : क्या पर्यटन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) होशंगाबाद जिले में कितने पर्यटन केन्द्र हैं? संख्यावार एवं उनके नाम बताएं। (ख) इन पर्यटन केन्द्रों पर पर्यटकों को क्या-क्या सुविधाएं उपलब्ध हैं? (ग) इन पर्यटक केन्द्रों से म.प्र. सरकार को प्रतिवर्ष क्या आय होती है? (घ) क्या पर्यटक केन्द्रों पर और क्या विकास एवं सुधार की आवश्यकताए हैं जिससे कि केन्द्रों के राजस्व में बढ़ोत्तरी हो सके?
पर्यटन मंत्री ( सुश्री उषा ठाकुर ) : (क) विभाग द्वारा पर्यटन केन्द्रों को सूचीबद्ध किये जाने की कोई नीति नहीं है। (ख) से (घ) उत्तरांश ''क'' अनुसार।
भारतीय प्रशासनिक सेवा एवं राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों की संपत्ति
[सामान्य प्रशासन]
77. ( क्र. 4122 ) श्री शशांक श्रीकृष्ण भार्गव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्य प्रदेश में वर्षात 2019 की स्थिति में कितने भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी आई.पी.एस., आई.एफ.एस. एवं राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों द्वारा अचल संपत्ति की जानकारी प्रस्तुत की गई एवं जिन भारतीय प्रशासनिक सेवा एवं राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों द्वारा जानकारी नहीं दी गई है, उन अधिकारियों पर क्या कार्यवाही की गई? (ख) भारतीय प्रशासनिक सेवा एवं राज्य प्रशासनिक सेवा के कितने अधिकारियों की लोकायुक्त, ई.ओ.डब्ल्यू. की जाँच लंबित है? (ग) भारतीय प्रशासनिक सेवा एवं राज्य प्रशासनिक सेवा के कितने अधिकारियों को विगत 2 वर्षों में दण्डित किया गया?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) वर्षान्त 2019 की स्थिति में 372 भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी, 251 भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी, 176 भारतीय वन सेवा के अधिकारियों एवं राज्य प्रशासनिक सेवा के 567 अधिकारियों द्वारा अचल संपत्ति की जानकारी प्रस्तुत की गई है। जिन भारतीय प्रशासनिक सेवा एवं राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों द्वारा जानकारी नहीं दी गई, उनके संबंध में की गई कार्यवाही की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है।
नल-जल योजना का क्रियान्वयन
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
78. ( क्र. 4128 ) श्री आलोक चतुर्वेदी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र छतरपुर अंतर्गत आने वाले ग्रामीण क्षेत्र के रहवासियों को दैनिक उपयोग हेतु कितने लीटर पानी की आवश्यकता है? नल-जल, हैण्डपंप, कुआं आदि स्त्रोतो से अलग-अलग कितने प्रतिशत पानी प्राप्त हो जाता है? (ख) क्या ग्रामीण क्षेत्र के प्रत्येक घर में नल-जल पहुंचाने की शासन की मंशा है? (ग) विधानसभा क्षेत्र छतरपुर में कितनी नल-जल योजनाएं हैं, इनसे कितने प्रतिशत लोगों को नल-जल प्राप्त होता है? प्रश्न दिनांक तक कितनी सुचारू रूप से संचालित हैं? इससे कितने प्रतिशत लोगों को नल-जल प्राप्त होता है? (घ) छतरपुर विधानसभा की खराब नल-जल योजनाओं को सही कराने एवं शेष आबादी को नल-जल प्रदाय करवाने हेतु शासन की क्या योजना है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जल जीवन मिशन की मार्गदर्शिका के अनुसार ग्रामीण क्षेत्र के रहवासियों को दैनिक उपयोग हेतु 55 लीटर प्रति व्यक्ति प्रतिदिन के मान से निर्धारित है। नल-जल स्त्रोतों से 4.5 प्रतिशत, हैण्डपंप स्त्रोतों से 95.5 प्रतिशत पानी प्राप्त होता है। अधिकांश कुएं ग्रीष्म ऋतु में सूख जाते हैं। अतः नगण्य मानकर गणना नहीं की गई है। (ख) जी हाँ। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार, 44 योजनाएं हैं जिनसे लगभग 16.86 प्रतिशत लोगों को नल-जल प्राप्त हो सकेगा। वर्तमान में 25 योजनाएं सुचारू रूप से संचालित हैं जिनमें लगभग 4.5 प्रतिशत लोगों को नल-जल से प्राप्त होता है। (घ) बंद नल-जल योजनाओं को चालू कराने हेतु संबंधित ग्राम पंचायतों को राज्य शासन द्वारा राशि उपलब्ध कराई जाती है। शेष आबादी को पेयजल प्रदाय किये जाने हेतु जल जीवन मिशन अंतर्गत योजना बनाई जानी है।
स्वास्थ्य केन्द्रों का संचालन
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
79. ( क्र. 4130 ) श्री प्रेमशंकर कुंजीलाल वर्मा : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी मालवा विधान सभा क्षेत्र में कहाँ-कहाँ पर स्वास्थ्य केन्द्र किस समय से संचालित किऐ जा रहे हैं? (ख) इन सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में कितने डॉक्टर, महिला डॉक्टर., नर्स, टेक्निशियन एवं अन्य स्वास्थ्य कर्मियों के पद स्वीकृत हैं? स्वीकृत पद के अनुसार कितने पद रिक्त एवं कितने पद भरे गए हैं? सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रशः बतावें। (ग) क्या सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर स्वास्थ्य उपकरण, एम्बुलेंस आदि अन्य स्वास्थ्य संबंधी सामग्री उपलब्ध है? (घ) क्या डोलरिया प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र को उन्नयन कर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बनाने का प्रस्ताव विभाग के पास है? यदि हाँ तो कब तक उन्नयन होगा?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) स्वास्थ्य संस्थाओं की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। उपलब्ध जानकारी के आधार पर परिशिष्ट में उल्लेखित संस्थाएं वर्ष 1998 से संचालित हैं। (ख) जानकारी प्रश्नांश (क) के संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ। (घ) जी हाँ, जनसंख्या के निर्धारित मापदण्ड अनुसार अतिरिक्त सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र की पात्रता नहीं होने से उन्नयन हेतु विचार नहीं किया गया। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पोषण आहार घोटाला
[महिला एवं बाल विकास]
80. ( क्र. 4134 ) श्री आरिफ अक़ील : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक द्वारा महिला बाल विकास विभाग एवं शिक्षा विभाग द्वारा संयुक्त रूप से किया गया पोषण आहार घोटाला पकड़ा है? यदि हाँ, तो मार्च 2018 से प्रश्न दिनांक तक बैतूल, ग्वालियर, डिण्डौरी और सिंगरौली में कितने करोड़ का घोटाला पकड़ा गया है? (ख) क्या मध्यप्रदेश के अन्य जिलों में भी इस प्रकार के घोटालों के प्रकरण प्रकाश में आये हैं? यदि हाँ, तो जानकारी दें एवं उसमें सम्मिलित अधिकारियों/कर्मचारियों के नाम बतायें। क्या उक्त घोटाले की जाँच राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग ने ई.ओ.डब्ल्यू. को सौंपी है? (ग) महिला बाल विकास विभाग द्वारा टेक होम राशन में बच्चियों की संख्या एवं शिक्षा विभाग द्वारा अध्ययनरत बच्चियों की संख्या में कितना अंतर पाया गया है? (घ) मध्यप्रदेश सरकार के अधिकारियों द्वारा घोटाले करने वाले अधिकारियों पर क्या कार्यवाही की? यदि नहीं तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) एवं (ख) जी नहीं, शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा 11 से 14 वर्ष की शाला त्यागी किशोरी बालिकाओं को टेकहोम राशन दिया जाता है। शिक्षा विभाग में शाला में उक्त आयु वर्ग की अध्ययनरत बालिकाएं दर्ज होती हैं। अतः दोनों संख्याओं में साम्य का औचित्य नहीं है। (घ) प्रश्नांश 'क' एवं 'ख' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अवैध शराब की जब्ती
[वाणिज्यिक कर]
81. ( क्र. 4135 ) श्री आरिफ अक़ील : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 अप्रैल 2020 से 30 जून 2020 तक भोपाल, रायसेन, सीहोर के कितने वाहनों से अवैध शराब जप्त की गई? जप्त की गई शराब किस-किस ब्राण्ड की और कितनी मात्रा में थी? उसका बेच नम्बर भी बतायें। (ख) क्या उपरोक्त जप्त की गई अवैध शराब किसी लायसेंसी दुकान की थी? (ग) यदि नहीं तो अभी तक की विवेचना में विभाग ने जप्त शराब के बैच नम्बर आदि के माध्यम से क्या इसकी पड़ताल पूर्ण कर ली है? यदि हाँ तो इसमें कितने लोगों की गिरफ्तारी की गई? नाम, पता सहित बतावें।
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) 1 अप्रैल 2020 से 30 जून 2020 तक भोपाल, रायसेन एवं सीहोर के वाहनों से जप्त की गई अवैध शराब की जानकारी एवं अन्य विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। (जप्त की गई शराब किसी लायसेंसी की दुकान की न होकर अवैध स्त्रोतों से प्राप्त की गई मदिरा तथा अवैध हाथभट्टी शराब होना पाया गया है।) (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार पंजीबद्ध प्रकरणों की विवेचना पूर्ण की जाकर सक्षम न्यायालय में अभियोजन की कार्यवाही की गई है। प्रकरण न्यायालयीन प्रक्रियाधीन है। उपरोक्त प्रकरणों में गिरफ्तार किये गये आरोपियों की संख्या, उनके नाम एवं पते की जानकारी एवं अन्य विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
मध्यप्रदेश शासन के विभागों एवं कार्यालयों में हिन्दी भाषा का उपयोग
[संस्कृति]
82. ( क्र. 4143 ) श्री संदीप श्रीप्रसाद जायसवाल : क्या पर्यटन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मध्यप्रदेश में शासकीय कार्यों हेतु किन-किन भाषाओं का उपयोग किए जाने के वर्तमान में क्या शासनादेश/निर्देश लागू हैं और विधि, राजस्व तथा पुलिस विभाग द्वारा किस-किस भाषा और किन-किन भाषाओं के शब्दों का प्रयोग किया जाता हैं? (ख) क्या कटनी जिला सहित मध्यप्रदेश में राजस्व, पुलिस और अन्य शासकीय विभागों द्वारा हिन्दी भाषा से हटकर अन्य भाषाओं के मिश्रित शब्दों का उपयोग प्रतिवेदनों/सूचना पत्रों आदि में लंबे समय से किया जा रहा हैं और वर्तमान में भी प्रचलन में हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) विभागों के शासकीय सेवकों द्वारा अपने प्रतिवेदनों आदि में हिन्दी भाषा से हटकर अन्य भाषा के शब्दों के बहुतायत में उपयोग करने और आम नागरिकों को इनका अर्थ समझ में आने वाली परेशानियों का शासन स्तर पर संज्ञान लिया जायेगा? (घ) प्रदेश के शासकीय विभागों/कार्यालयों में हिन्दी भाषा का उपयोग सुनिश्चित किए जाने के लिए शासन द्वारा विगत समय में क्या कार्यवाही की गयी और क्या निर्देश दिये गए? (ङ) प्रश्नांश (क) से (ग) के परिप्रेक्ष्य में नागरिकों को शब्दों का भावार्थ सरलता से ज्ञात हो सके, इसके लिए क्या हिन्दी भाषा और हिन्दी भाषा के शुद्ध और सरल शब्दों का उपयोग सुनिश्चित किए जाने हेतु शासन स्तर से समुचित निर्देश जारी किए जायेंगे? यदि हाँ, तो किस प्रकार एवं कब तक? नहीं तो क्यों?
पर्यटन मंत्री ( सुश्री उषा ठाकुर ) : (क) से (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है.
जल निगम के कार्य और योजनाओं का क्रियान्वन
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
83. ( क्र. 4144 ) श्री संदीप श्रीप्रसाद जायसवाल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जल निगम द्वारा किन-किन कार्यों एवं योजनाओं का क्रियान्वन किया जाता है और कटनी जिले हेतु जल निगम के किस नाम/पदनाम के शासकीय अधिकारी/कर्मचारी वर्तमान में कब से कहाँ पदस्थ/कार्यरत हैं? इनके पदीय दायित्व क्या हैं तथा जल निगम का कार्यालय वर्तमान में कहाँ से कब से संचालित हैं? (ख) कटनी जिले में जलनिगम द्वारा विगत 03 वर्षों में किस मांग एवं आवश्यकता पर किन-किन कार्यों/योजनाओं को प्रस्तावित किया गया? किन-किन कार्यों को स्वीकृत तथा अस्वीकृत किया गया? (ग) क्या जल निगम के कार्यों के प्रस्ताव तैयार किए जाने में निर्वाचित जनप्रतिनिधियों की भूमिका हैं तथा विचार-विमर्श कर अवगत कराया जाता हैं? हाँ, तो किस प्रकार एवं क्या नियम/निर्देश जारी हैं? (घ) प्रश्नांश (ख) अंतर्गत किन-किन स्थानों पर कौन-कौन से कार्य वर्तमान में प्रचलन में हैं? कार्य/योजना की लागत, लाभान्वित क्षेत्र/ग्रामों, कार्य की प्रगति एवं निर्माणकर्ता एजेंसी की जानकारी सहित बतायें। (ङ) प्रश्नांश (घ) अंतर्गत प्रचलित और पूर्ण कार्यों के पर्यवेक्षण/निरीक्षण एवं माप/सत्यापन की ज़िम्मेदारी किन शासकीय अधिकारियों/कर्मचारियों की हैं और इनके द्वारा कार्यों का पर्यवेक्षन/निरीक्षण कब किया गया और किस ठेकेदार कंपनी को किस-किस कार्य हेतु कितना-कितना भुगतान कब-कब किया गया? (च) प्रश्नांश (क) से (ड.) के परिप्रेक्ष्य में जल निगम के कार्यों के प्रस्ताव तैयार करने एवं योजना बनाने में मध्यप्रदेश विधानसभा के क्षेत्रीय सदस्यों की भूमिका सुनिश्चित करने के निर्देश जारी किए जायेंगे? हाँ, तो किस प्रकार और कब तक? नहीं तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) मध्यप्रदेश जल निगम अंतर्गत सतही स्त्रोत आधारित समूह जल प्रदाय योजनाओं का क्रियान्वयन किया जाता है, शेष प्रश्नांश की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। दायित्व-समूह जल प्रदाय योजनाओं का क्रियान्वयन के पर्यवेक्षण एवं प्रबंधन का कार्य है, परियोजना क्रियान्वयन इकाई, जबलपुर का कार्यालय जिला जबलपुर में दिनांक 20.12.2018 से संचालित है, इसके कार्यक्षेत्र के अंतर्गत कटनी जिला है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जल निगम द्वारा स्त्रोत से जल की उपलब्धता, स्थानीय आवश्यकता, जनप्रतिनिधियों की अनुशंसा एवं तकनीकी साध्यता आदि को दृष्टिगत रखकर योजनाओं के प्रस्ताव बनाये जाते हैं। जी हाँ, निर्देश जारी हैं। (घ) प्रश्नांकित अवधि में जल निगम द्वारा प्रस्तावित कोई भी कार्य वर्तमान में प्रचलन में नहीं है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ङ) उत्तरांश (घ) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (च) उत्तरांश (ग) अनुसार निर्देश जारी हैं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
स्वरोजगार योजनाओं अंतर्गत स्वीकृत प्रकरण
[सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम]
84. ( क्र. 4148 ) श्री विनय सक्सेना : क्या सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2019-20 में जबलपुर जिले में विभिन्न स्वरोजगार योजनाओं अंतर्गत किन-किन लोगों के कितनी-कितनी राशि के प्रकरण किस किस कार्य हेतु स्वीकृत किये गये? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में किन-किन लोगों को कब-कब, कितनी-कितनी अनुदान राशि भुगतान की गयी? (ग) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में किन-किन लोगों को अनुदान राशि का भुगतान आज दिनांक तक नहीं हुआ है? भुगतान न होने के क्या कारण हैं?
सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री ( श्री ओमप्रकाश सखलेचा ) : (क) वर्ष 2019-20 में जबलपुर जिले में राज्य शासन की मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना, मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के अंतर्गत 737 लोगों को राशि रूपये 7549.68 लाख के प्रकरण विभिन्न स्वरोजगार गतिविधियों हेतु स्वीकृत किये गये, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में स्पष्ट किया जाता है कि हितग्राहियों के अनुदान भुगतान के लिये निर्धारित क्लेम-सेटलमेंट की प्रक्रिया अन्तर्गत बैंक शाखायें नोडल बैंक में संधारित पूल खाते के माध्यम से सीधे अनुदान राशि प्राप्त करती है, इसलिये हितग्राहियों के अनुदान भुगतान संबंधी अभिलेख बैंकों में संधारित होते हैं, जिला कार्यालय स्तर पर नहीं। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश ''ख'' के परिप्रेक्ष्य में उल्लेखित टीप अनुसार। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विंध्याचल डिस्टलरी में प्रतिबंधित यूरिया की बरामदगी
[वाणिज्यिक कर]
85. ( क्र. 4156 ) श्री राज्यवर्धन सिंह : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजगढ़ जिले के औद्योगिक क्षेत्र पीलूखेड़ी अंतर्गत विंध्याचल डि़स्टलरी में दिनांक 30 जनवरी 2021 को 92 बैग यूरिया बरामद होने की जानकारी विभाग के संज्ञान में है? यदि हाँ, तो क्या शराब निर्माता औद्योगिक इकाई अपने पास यूरिया रख सकती है? इस संबंध में विभागीय निर्देश क्या है? क्या उक्त संबंध में प्रश्न दिनांक तक विभाग द्वारा स्वयं संज्ञान लेकर उक्त औद्योगिक इकाई प्रबंधन के विरूद्ध कोई कार्यवाही की गई? (ख) क्या विंध्याचल डि़स्टलरी द्वारा उनके पास उपलब्ध भूमि पर कृषि कार्य करने अथवा उक्त औद्योगिक इकाई हेतु विशेष रूप से प्रतिबंधित यूरिया अपने पास रखने हेतु विभाग से कोई अनुमति प्राप्त करने अथवा सूचना देने संबंधी प्रावधान है? (ग) यदि हाँ, तो विंध्याचल डि़स्टलरी द्वारा यूरिया क्रय करने, कृषि कार्य करने संबंधी सूचना अथवा कोई अनुमति विभाग से प्राप्त की गई थी? यदि नहीं तो क्या यह स्पष्ट कहा जा सकता है कि उक्त यूरिया के माध्यम से नकली एवं जहरीली शराब निर्मित कर विध्यांचल डि़स्टलरी द्वारा आमजन की जान से खिलवाड़ किया जा रहा है? (घ) यदि हाँ, तो क्या शासन उक्त औद्योगिक इकाई को प्रतिबंधित करने की कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों?
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जी हाँ। मध्यप्रदेश आसवनी नियम 1995 के नियम 4 (24) में वर्णित व्यवस्था अनुसार शराब निर्माता इकाई परिसर में यूरिया नहीं रखा जा सकता है। जी नहीं। प्रश्न दिनांक तक कलेक्टर, राजगढ़ के आदेश पृ./उर्व/टी-6/2020/740 राजगढ़ दिनांक 02.02.2021 द्वारा 8 सदस्यीय जाँच समिति गठित कर जाँच जारी है, उक्त समिति द्वारा विधिवत कार्यवाही करते हुए ई.एन.ए. (एक्स्ट्रा न्यूट्रल अल्कोहल) के सेम्पल, मध्यप्रदेश लघु उद्योग निगम लिमिटेड के प्रयोगशाला इन्दौर को जाँच हेतु भेजे गये थे। जिसकी जाँच रिपोर्ट ई-मेल के माध्यम से दिनांक 16.02.2021 को प्राप्त हुई है। जाँच रिपोर्ट में सेम्पलों में यूरिया का उपयोग किये जाने का उल्लेख नहीं है। जाँच रिपोर्ट जाँच समिति के समक्ष प्रस्तुत की जा रही है। (ख) जी नहीं। (ग) विंध्याचल डिस्टलरी द्वारा यूरिया क्रय करने, कृषि कार्य करने संबंधी सूचना अथवा कोई अनुमति विभाग से प्राप्त के संबंध में मध्यप्रदेश आबकारी अधिनियम, 1915 के अंतर्गत कोई प्रावधान नहीं है। समिति द्वारा ई.एन.ए. (एक्स्ट्रा न्यूट्रल अल्कोहल) के सैम्पल, मध्यप्रदेश लघु उद्योग निगम लिमिटेड के प्रयोग शाला इन्दौर को जाँच हेतु भेजे गये थे। प्राप्त जाँच रिपोर्ट के सैम्पलों में यूरिया का उपयोग किये जाने का उल्लेख नहीं है। आमजन की जान से खिलवाड़ नहीं किया जा रहा है। (घ) जाँच समिति द्वारा जाँच पूर्ण होने पर नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी।
सिविल मेहताब अस्पताल का उन्नयन
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
86. ( क्र. 4157 ) श्री राज्यवर्धन सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 650 दिनांक 30.12.2020 के उत्तर में बताया था कि प्रदेश की जनता को सुलभ स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करायें जाने के उद्देश्य से ''शेल्फ ऑफ प्रोजेक्ट'' के अंतर्गत 37 बिस्तरीय सिविल मेहताब अस्पताल नरसिंहगढ़ को 50 बिस्तरीय अस्पताल में उन्नयन किये जाने हेतु प्रस्ताव में सम्मिलित किया गया है तो क्या उक्त अस्पताल राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक-46 पर स्थित होकर जिला चिकित्सालय राजगढ़ से 60 कि.मी. की दूरी पर स्थित हैं? साथ ही भोपाल से 85 कि.मी. की दूरी पर स्थित हैं, ऐसे में वर्तमान परिस्थितियों में उक्त अस्पताल का 50 बिस्तरीय उन्नयन नाकाफी है? (ख) यदि हाँ, तो क्या उक्त अस्पताल को 100 बिस्तरीय उन्नयन करने हेतु प्रश्नकर्ता द्वारा अपने पत्र दिनांक 18.11.2020 से माननीय विभागीय मंत्री जी एवं पत्र दिनांक 21.01.2021 से माननीय मुख्यमंत्री महोदय जी को विशेष आग्रह किया गया था? (ग) यदि हाँ, तो क्या शासन ''शेल्फ ऑफ प्रोजेक्ट'' के अंतर्गत 37 बिस्तरीय सिविल मेहताब अस्पताल नरसिंहगढ़ को 50 बिस्तरीय अस्पताल में उन्नयन किये जाने हेतु प्रस्ताव में संशोधन कर 100 बिस्तरीय अस्पताल उन्नयन की स्वीकृति प्रदान करेगा?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। प्रश्नकर्ता का पत्र दिनांक 18.11.2020, 21.01.2021 एवं माननीय मंत्री महोदय का पत्र अप्राप्त। (ग) आवश्यकता होने पर पृथक मेटरनिटी विंग की स्थापना कर अतिरिक्त बिस्तर की व्यवस्था की जायेगी।
खरगोन जिले के स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
87. ( क्र. 4168 ) श्री रवि रमेशचन्द्र जोशी : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खरगोन जिले में स्वास्थ्य विभाग के कितने कर्मचारी अलग-अलग श्रेणियों में अलग-अलग पदों पर कार्यरत हैं? उनकी जानकारी नाम, पद, मूल पदस्थापना जहां से उनकी तनख्वाह निकलती है, वर्तमान में कार्यरत स्थान व पद सहित देवें। (ख) खरगोन जिले में ऐसे कितने कर्मचारी हैं जिनको की मूल पदस्थान/मूल पद से अन्य स्थान/पद पर संलग्न/आगामी आदेश तक/कार्य सुविधा की दृष्टि से अन्य स्थान/पद पर कार्य कराया जा रहा है, की संख्या की जानकारी दें। (ग) खरगोन जिले में ऐसे कितने कर्मचारी हैं जिनका स्थानान्तरण/संलग्न/आगामी आदेश तक/कार्य सुविधा से मूल पदस्थापना से अन्य स्थान/पद पर किए जाने का आदेश हुआ है परन्तु वह अभी मूल पद/स्थान पर ही पदस्थ हैं? सूची देवें।
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) जानकारी निरंक है।
खरगोन जिले के जिला अस्पताल का उन्नयन
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
88. ( क्र. 4169 ) श्री रवि रमेशचन्द्र जोशी : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खरगोन जिले का जिला अस्पताल लगभग 35 वर्ष पूर्व स्थापित हुआ था जबकि शहर की आबादी लगभग 30, 000 हुआ करती थी और जिला अस्पताल 300 बिस्तर का था, वर्तमान में खरगोन शहर की आबादी लगभग डेढ़ लाख है जबकि जिला अस्पताल की सुविधाएं 35 वर्ष पूर्व की 300 बिस्तर की ही हैं। क्या इन सुविधाओं में खरगोन शहर को पूर्ण स्वास्थ्य सुविधाएं मिल पा रही हैं? यदि हाँ, तो कैसे और नहीं तो अस्पताल के उन्नयन के लिए शासन द्वारा क्या-क्या पत्राचार किए गए? पत्राचार का विवरण प्रति देवें। (ख) विगत 5 वर्षों में किन-किन जिला अस्पतालों का उन्नयन 300 बिस्तर से 400 या 500 बिस्तर में किया गया? उनकी जानकारी अस्पतालवार किन-किन मापदंडों के आधार पर इन अस्पतालों का उन्नयन किया गया? दिशा-निर्देश की छायाप्रति देवें। (ग) क्या जिला अस्पताल खरगोन का पूर्व में 300 बिस्तर से 400 बिस्तर का करने के लिए कोई कार्यवाही हुई है? यदि हुई है तो उन पत्रों का विवरण प्रति देवें। (घ) खरगोन जिले की आवश्यकता अनुसार जिला अस्पताल खरगोन का उन्नयन 300 बिस्तर से 500 बिस्तर का करना अतिआवश्यक है, इस हेतु शासन द्वारा कब तक उन्नयन किया जावेगा?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) सन् 1987 में सिविल अस्पताल खरगोन (जिला बड़वानी) 184 बिस्तर का था जिसका उन्नयन 196 बिस्तरीय अस्पताल में किया गया। इसके पश्चात विभाग के परिपत्र क्र. एफ-1/15/07/सत्रह/मेडि-3, दिनांक 14.07.2008 के द्वारा जिला चिकित्सालय खरगोन का 300 बिस्तरीय अस्पताल में उन्नयन किया गया है। जी हाँ। वर्तमान में जिला चिकित्सालय खरगोन में उपलब्ध चिकित्सक स्टाफ, पैरामेडिकल स्टाफ एवं उपलब्ध उपकरणों से शहर को पूर्ण रूप से स्वास्थ्य सुविधाएं प्राप्त हो रही हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) विगत 05 वर्षों में 300 बिस्तर से 400 एवं 500 बिस्तर में उन्नयन की गई संस्था-जिला चिकित्सालय भोपाल 300 से 400 बिस्तर, जिला चिकित्सालय शिवपुरी 300 से 400 बिस्तर एवं जिला चिकित्सालय मुरैना 300 से 600 बिस्तरीय किये गये। बैड ऑक्यूपेंसी के आधार पर इन अस्पतालों का उन्नयन किया गया, दिशा-निर्देश नहीं है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) भविष्य में मांग/प्रस्ताव, स्वास्थ्य सेवाओं की उपयोगिता एवं वित्तीय संसाधन उपलब्ध होने पर 300 से 500 बिस्तर में उन्नयन किये जाने पर विचार किया जावेगा। निश्चित समयावधि बताया जाना संभव नहीं।
नर्मदा नालछा-माण्डू उद्वहन सिंचाई परियोजना
[नर्मदा घाटी विकास]
89. ( क्र. 4174 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 567 दि. 29.12.2020 के खंड (ग) के संदर्भ में बतावें कि जब विधायक ने नर्मदा नालछा-मांडु परियोजना में सरदारपुर तहसील के 24 गांवों को जोड़ने की मांग की गई थी उसमें से कितने गांवों को जोड़ा गया? इसका उत्तर क्यों नहीं दिया गया? मांग अनुसार 24 ग्रामों को क्यों नहीं जोड़ा गया? स्पष्ट उत्तर बताएं। (ख) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्र. 567 दि. 29.12.2020 के खंड (ग) के संदर्भ में बतावें कि मांडु लिफ्ट सिंचाई परियोजना में कि डी.पी.आर. का परीक्षण हुआ कि नहीं? यदि हाँ, तो उसका विवरण उपलब्ध करावें। (ग) नर्मदा झाबुआ सरदारपुर उद्वहन माइक्रो सिचांई परियोजना का कार्य किस दिनांक से प्रारंभ हुआ तथा अनुबंध के अनुसार किस दिनांक को पूर्ण हो जावेगा? (घ) प्रश्नाधीन दोनों परियोजना के लिये गाँव वासियों की भूमि ली गई थी? उसका मुआवजा सभी को निर्धारित अवधि पर भुगतान कर दिया है? यदि विलम्ब हुआ है तो क्या ब्याज का भुगतान किया गया हैं तथा किस-किस गाँव की किस आदिवासी की कितनी भूमि का मुआवजा शेष है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) 26 ग्रामों को नर्मदा नालछा माण्डू उद्वहन सिंचाई परियोजना की डी.पी.आर. में सम्मिलित किया गया है। (ख) जी हाँ। परीक्षण के दौरान पाई गई विसंगतियों का निराकरण किया जा रहा है। (ग) कार्य दिनांक 06/07/2018 को प्रारंभ हुआ तथा अनुबंध के अनुसार दिनांक 05/01/2022 को पूर्ण करने का लक्ष्य है। (घ) नर्मदा झाबुआ माईक्रो उद्वहन सिंचाई योजना के अंतर्गत पाईप लाईन बिछाये जाने के लिए अस्थाई अर्जन हेतु कुक्षी तहसील के 21 ग्रामों की 16.540 हैक्टेयर निजी भूमि के प्रकरण अवार्ड की प्रक्रिया में हैं। अब तक पारित अवार्ड अनुसार किसी भी कृषक को मुआवजा राशि का भुगतान शेष नहीं है।
मंत्रि-मंडल की बैठक में लिए गए निर्णयों पर कार्यवाही
[सामान्य प्रशासन]
90. ( क्र. 4180 ) श्री महेश परमार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) माननीय मुख्यमंत्री जी की अध्यक्षता में मंत्रि-मंडल के साथ कितनी बार बैठक हुई? उन बैठकों में क्या-क्या निर्णय लिए गए? एजेंडे की प्रति, कार्यवाही विवरण और बैठक में उपलब्ध कराए गए संक्षिप्त विवरण देवें। (ख) माननीय मुख्यमंत्री जी और मंत्रि-मंडल की बैठक के दौरान कौन-कौन से निर्णय किस-किस विभाग के जनकल्याण और नई-नई योजनाओं को लेकर किए गए? उन सभी निर्णयों का विवरण उपलब्ध कराएं। (ग) माननीय मुख्यमंत्री जी और उनके मंत्रि-मंडल द्वारा कौन-कौन से कार्यों की अभी तक समीक्षा की जा चुकी है? नई सरकार के संपूर्ण कार्यकाल में कौन-कौन से निर्णय कब कब हुए और उनका कितना पालन हुआ। (घ) क्या शासन के सभी विभागों ने मंत्रि-परिषद् द्वारा दिए गए निर्णयों का पालन किया? यदि हाँ, तो पालन प्रतिवेदन का वेरिफिकेशन कौन-कौन से विभाग द्वारा कब-कब किया गया? माननीय मुख्यमंत्री के सामने कब क्या रिपोर्ट पेश की गई?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) एवं (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
कर्मचारियों के हित में की गई अनुशंसाओं पर कार्रवाई
[वित्त]
91. ( क्र. 4182 ) श्री महेश परमार : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कर्मचारी आयोग द्वारा 1 वर्ष के कार्यकाल में हर विभाग के कर्मचारियों के हित में क्या अनुशंसा की गई? आयोग द्वारा कितनी अनुशंसाएं कब-कब प्राप्त हुई हैं? उनका विवरण देवें। (ख) माननीय मुख्यमंत्री जी और मंत्रि-मंडल की बैठक में कब अनुशंसा को रखा गया और उन सब अनुशंसा पर मंत्रि-मंडल ने क्या-क्या निर्णय लिया? कार्यवाही विवरण बताएं! (ग) शासन के सभी विभागों के कर्मचारियों के लिए कौन-कौन सी सुविधाएं और वेतन के मामले में कर्मचारी आयोग द्वारा अनुशंसा का प्रस्तुतीकरण किया गया है? उन अनुशंसा पर शासन कब तक अमल करेगा? विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करें। (घ) क्या मध्यप्रदेश शासन अस्थाई कर्मचारियों को नियमित करने के लिए कोई फैसला लेने जा रहा है या कोई फैसला लेने के लिए कभी विचार किया है? यदि हाँ, तो कब-कब? यदि नहीं तो विस्तृत निर्णय कब तक लेगा? (ङ) क्या माननीय वित्त मंत्री जी ने एक वर्ष के कार्यकाल में आयोग को कितना बजट दिया और क्या व्यवस्था उपलब्ध करायी।
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) आयोग से कोई अनुशंसाएं प्राप्त नहीं हुई है। (ख) एवं (ग) प्रश्न "क" के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (घ) ऐसा कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ड.) वर्ष 2020-21 के बजट अनुमान में राशि रूपये 2,09,19, 000/- का प्रावधान किया गया है। आयोग को कार्यालय, कार्यालयीन उपकरण, वाहन आदि की व्यवस्था उपलब्ध कराई गई है।
संचालित उद्योग धंधों की जानकारी
[सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम]
92. ( क्र. 4184 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रतलाम जिला अंतर्गत शासन/विभाग द्वारा किन-किन स्थानों पर कितनी कितनी भूमि किस-किस सर्वे नंबर की कुल कितनी भूमियां विभागीय औद्योगिक कार्यों को किए जाने हेतु शासनाधीन हैं? विकासखंडवार जानकारी दें। (ख) उपरोक्त भूमियों पर किन-किन कार्यों को किए जाने हेतु संबंधितों से एग्रीमेंट कर लीज इत्यादि संपादित की गई है तो उनमें से कितने अनुबंधित उद्योग धंधे कार्यरत होकर संचालित किए जा रहे हैं? कितने बंद पड़े हैं? वर्षवार, विकासखंडवार बताएं। (ग) किन-किन वर्षों में किन-किन कार्यों हेतु संबंधितों से अनुबंध किए गए तो अनुबंधित लीज अनुसार कहाँ-कहाँ पर कार्य संचालित किए जा रहे हैं तथा कहाँ-कहाँ पर नहीं किए जा रहे हैं तो किन कारणों से और यदि उद्योग धंधे बंद पड़े हैं तो किस वर्ष से किन कारणों से? वर्षवार, विकासखंडवार बताएं। (घ) जावरा नगर स्थित शुगर मिल परिसर व इससे संलग्न अन्य भूमियां कुल कितने रकबा/बीघा होकर किन-किन स्थानों पर स्थित है? उक्त भूमियों के संरक्षण, इन पर आगामी कार्यों हेतु क्या विभागीय कार्य योजना बनाई गई?
सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री ( श्री ओमप्रकाश सखलेचा ) : (क) सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विभाग तथा औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक एवं दो अनुसार है। (ख) सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विभाग तथा औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन एवं चार अनुसार है। औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग के अनुसार एल्कोहल प्लांट एवं जावरा शुगर मिल की भूमि पर उद्योग स्थापित करने के लिये आवंटन नहीं किया गया है। (ग) सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विभाग तथा औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन एवं चार अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्कालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-पांच अनुसार है। औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग अनुसार जावरा शुगर मिल व इससे संलग्न कुल भूमि 112.504 हेक्टेयर है। उक्त भूमि जावरा शुगर मिल में ग्राम कुमरी, नाउखेडी़ इस्लाम नगर, हरियाखेड़ा, बाराखेड़ा, बिसलखेड़ा एवं जावरा की है। कुल भूमि में से जावरा शुगर मिल परिसर की 35.75 हेक्टेयर भूमि पर औद्योगिक पार्क विकसित करने की कार्ययोजना तैयार की गई है। शेष भूमि पर कोई कार्ययोजना तैयार नहीं है।
पर्यटकों की मूलभूत सुविधाओं का प्रदाय
[पर्यटन]
93. ( क्र. 4185 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या पर्यटन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या विगत कई वर्षों से 1-सुजापुर मगरा पर्यटन स्थल (पिपलोदा तहसील) 2-नंदावता मगरा व 3-मिंडाजी त्रिवेणी स्थल (जावरा तहसील) पर पर्यटकों को मूलभूत सुविधाएं दिए जाने की मांग लगातार की जा रही हैं? (ख) यदि हाँ, तो उपरोक्त उल्लेखित स्थलों पर विभिन्न कारणों से वर्ष भर में हजारों पर्यटकों का आवागमन उक्त स्थलों पर बना रहता है किंतु मूलभूत सुविधाओं की कमी काफी कठिनाईयां उत्पन्न करती हैं? (ग) विगत वर्षों में आमजन, विभिन्न जनप्रतिनिधियों के साथ ही प्रश्नकर्ता द्वारा भी अनेक पत्रों व सदन में प्रश्नों व ध्यानाकर्षण के माध्यम से शासन/विभाग का ध्यान इस हेतु लगातार आकृष्ट किया गया है तो बताएं कि शासन/विभाग द्वारा पर्यटकों को दी जाने वाली मूलभूत सुविधाओं की आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु किस-किस प्रकार की किन स्थानों की कार्ययोजना बनाई गई व उन्हें बजट में सम्मिलित कर कब तक स्वीकृति दी जा सकेगी?
पर्यटन मंत्री ( सुश्री उषा ठाकुर ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। किसी भी पर्यटन स्थल के विकास कार्यों की उपयोगिता, पर्यटकों की संख्या, कार्यों का औचित्य एवं संसाधनों की उपलब्धता के आधार पर कार्य स्वीकृत किया जाता है एवं यह सतत् प्रक्रिया है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विधवा/परित्यक्ता बेटियों को परिवार पेंशन का लाभ
[वित्त]
94. ( क्र. 4197 ) श्री सुनील उईके : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पुरानी पेंशन योजना के अंतर्गत मध्यप्रदेश शासन से सेवानिवृत्त हुए किसी व्यक्ति के परिवार को पेंशन पाने का अधिकार है? यदि हाँ, तो परिवार के किन सदस्यों को पेंशन पाने की पात्रता है? (ख) क्या सेवानिवृत्त व्यक्ति पर आश्रित परित्यक्ता/विधवा बेटी को भी परिवार पेंशन पाने की पात्रता है? यदि हाँ, तो पात्रता की शर्तें क्या हैं? (ग) केंद्र शासन द्वारा पुरानी पेंशन योजना अंतर्गत सेवानिवृत्त कर्मचारी के ऊपर निर्भर परित्यक्ता/विधवा बेटी को पेंशन देने का प्रावधान किया गया है तथा परित्यक्ता/विधवा बेटी की आयु सीमा का कोई बंधन भी नहीं रखा गया है किंतु क्या राज्य शासन द्वारा परित्यक्ता/विधवा बेटी को पेंशन पाने की पात्रता शर्तों में 25 वर्ष की आयु सीमा का बंधन रखा गया है? यदि हाँ, तो एक समान कार्य में केंद्र और राज्य शासन में किस आधार पर नियमों में भिन्नता रखी गई है? (घ) अधिकतर बेटियां जो परित्यक्ता/विधवा होती है उनकी उम्र 25 वर्ष से अधिक होती है तो क्या राज्य शासन परित्यक्ता/विधवा बेटियों को परिवार पेंशन योजना से लाभान्वित किया जाए इस हेतु 25 वर्ष की आयु सीमा का बंधन खत्म करेगी?
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जी हाँ। मध्यप्रदेश सिविल सेवा पेंशन नियम, 1976 के नियम 47 में उल्लेखित परिवार के सदस्यों को पेंशन पाने का अधिकार है। नियम 47 की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। जी नहीं। केन्द्र शासन द्वारा आश्रित परित्यक्ता/विधवा बेटी के संबंध में परिवार पेंशन में बेटी की आयु सीमा का कोई बंधन नहीं है किंतु प्रश्नोत्तर "क" में उल्लेखित नियम अनुसार परित्यक्ता/विधवा बेटी को पेंशन की पात्रता नहीं होने से आयु सीमा का बंधन का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। भारत सरकार तथा राज्य सरकार के पेंशन नियम पृथक-पृथक है। (घ) वर्तमान में ऐसा कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।
शासकीय जिला चिकित्सालय का उन्नयन
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
95. ( क्र. 4207 ) श्री शशांक श्रीकृष्ण भार्गव : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. के पूर्व मुख्यमंत्री मा. कमलनाथ जी द्वारा दिनांक 15.11.2019 विदिशा प्रवास पर शासकीय जिला चिकित्सालय विदिशा को 350 से 500 बेड की स्वीकृति की घोषणा की गई थी? (ख) यदि प्रश्नांश (क) हाँ तो क्या घोषणा के पालन में 500 बेड अस्पताल एवं बेड संख्या के मान से आवश्यक स्टॉफ की स्वीकृति की गई? (ग) यदि प्रश्नांश (ख) नहीं तो कब तक माननीय मुख्यमंत्री जी की घोषणा के पालन में शासकीय जिला चिकित्सालय विदिशा को 500 बेड की स्वीकृति के संबंध में कार्यवाही की जायेगी?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। (ग) विदिशा में चिकित्सा महाविद्यालय प्रारंभ होने के परिप्रेक्ष्य में जिला चिकित्सालय का 500 बिस्तर में उन्नयन औचित्यपूर्ण नहीं है।
विकास निधि मद से कराये गए कार्य
[योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी]
96. ( क्र. 4217 ) श्री संजय यादव : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला जबलपुर में विधायकों के विकास निधि मद से जिले के नगर निगम वार्डों तथा ग्राम पंचायतों में विकास निधि के कार्य करवाये जाते हैं, जिसमें जिले के अनेकों विभागों जैसे-नगर निगम/ ग्रामीण यांत्रिकी विभाग/लोकनिर्माण विभाग/ग्राम पंचायतों को निर्माण कार्यों की एजेंसी बनाया जाता है? (ख) जिले में स्वीकृत निर्माण कार्यों का कार्य नियत समयावधि में पूर्ण क्यों नहीं होता है? निर्माण कार्यों में गुणवत्ता की जाँच कौन-कौन, कब-कब करता है? जाँच के क्या मापदण्ड हैं? (ग) क्या जिले में विभाग द्वारा स्वीकृत सभी निर्माण कार्यों का निर्माण कार्य नियत समयावधि में पूर्ण हो चुका है? यदि हाँ, तो सूची देवें। यदि नहीं तो समयावधि में कार्य पूर्ण नहीं होने के लिये कौन-कौन दोषी है? उन पर अभी तक क्या कार्यवाही की गई है? (घ) क्या विभाग को निर्माण कार्यों की स्वीकृति का ही अधिकार प्राप्त है? निर्माण कार्यों का समय-समय पर निरीक्षण का दायित्व है या नहीं? वित्तीय वर्ष 2019 से अभी तक स्वीकृत एवं लंबित निर्माण कार्यों की सूची दी जावे।
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जी हाँ। (ख) जिले में स्वीकृत निर्माण कार्य नियत समय पर पूर्ण कराने हेतु प्रयास किये जाते हैं। स्वीकृत निर्माण कार्यों में टेण्डर प्रक्रिया, स्थल विवाद तथा क्रियान्वयन अभिकरणों द्वारा निर्माण कार्यों में रूचि नहीं लेने के कारण कार्यों को पूर्ण करने में विलम्ब होता है। स्वीकृत निर्माण कार्य में गुणवत्ता की जाँच संबंधित क्रियान्वयन अभिकरणों के सक्षम प्राधिकारियों द्वारा विभागीय मैन्युअल के आधार पर कार्य की प्रकृति, प्रगति के आधार पर समय-समय पर की जाती है। निर्माण कार्य की जाँच के मापदण्ड एस.ओ.आर. के अनुरूप होते हैं। रुपये 5.00 लाख से अधिक लागत के कार्यों में गुणवत्ता नियंत्रण हेतु निर्माण सामग्री का परीक्षण प्रयोगशाला में कराया जाता है। (ग) जी नहीं। स्वीकृत निर्माण कार्यों को समयावधि में पूर्ण नहीं कराये जाने हेतु संबंधित क्रियान्वयन अभिकरण जिम्मेदार है। कार्य गुणत्तापूर्ण एवं समय-सीमा में पूर्ण कराने हेतु क्रियान्वयन अभिकरणों का निर्देश है। (घ) जी नहीं। योजना की मार्गदर्शिका के अनुसार स्वीकृत कार्यों का निरीक्षण करने का दायित्व निर्धारित है। वित्तीय वर्ष 2019-20 एवं 2020-21 में स्वीकृत निर्माण कार्यों की भौतिक स्थिति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
पर्यटन स्थल को बढ़ावा देने हेतु विकास कार्यों की स्वीकृति
[पर्यटन]
97. ( क्र. 4218 ) श्री संजय यादव : क्या पर्यटन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या विधान सभा क्षेत्र बरगी में प्राकृतिक सौन्दर्य के लिये प्रसिद्ध पर्यटन स्थल ''टेमर फाल'' स्थित है? उक्त प्राकृतिक सौन्दर्य के प्रतीक रमणीक स्थल में अधिकाधिक पर्यटकों के आकर्षण हेतु टेमर फाल में पर्यटन को बढ़ावा देने एवं विकसित करने हेतु निर्माण कार्य/विकास की आवश्यकता अनुसार विभाग को प्रस्ताव दिये गये थे? यदि हाँ, तो की गई कार्यवाही से अवगत करावें। (ख) क्या विभाग टेमर फाल में प्रस्तावित विकास कार्यों की स्वीकृति प्रदान करेगा? यदि हाँ, तो समय-सीमा बताई जावे। (ग) प्रश्नकर्ता द्वारा गत 3 वर्षों में बरगी विधानसभा क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा देने संबंधी कितने प्रस्ताव विभाग को दिये हैं? इन प्रस्तावों पर प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई? कितने प्रस्ताव अभी तक लंबित हैं? लंबित रहने के क्या-क्या कारण हैं?
पर्यटन मंत्री ( सुश्री उषा ठाकुर ) : (क) जी हाँ, जी हाँ। प्रस्ताव तैयार किये गये हैं। (ख) जी हाँ। कार्य के औचित्य, उपयोगिता एवं बजट उपलब्धता के आधार पर कार्यों की स्वीकृति दी जाती है। समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है। (ग) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अनुसूचित जाति वर्ग के अधिकारों का हनन
[सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम]
98. ( क्र. 4248 ) श्री नीलांशु चतुर्वेदी : क्या सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग में अनुसूचित जाति वर्ग के धोबी उपजाति के कितने महाप्रबंधक कार्यरत हैं? किस-किस राज्य के है? क्या प्रमोशन में आरक्षण के समय प्रदेश के बाहर से जाति प्रमाण पत्र धारण करने वाले अनुसूचित जाति के कर्मचारियों को आरक्षण में लाभ दिए जाने का प्रावधान है? (ख) प्रश्नांश (क) के ऐसे कितने कर्मचारी हैं जो प्रदेश के बाहर के धोबी जाति के अनुसूचित जाति वर्ग के जाति प्रमाण-पत्र के आधार पर निरीक्षक पद पर नियुक्त होकर दो-दो बार प्रमोशन में आरक्षण का लाभ लेकर महाप्रबंधक के पद पर कार्यरत हैं? (ग) क्या इसको प्रदेश के अनुसूचित जाति वर्ग के अधिकारों का हनन नहीं मानना चाहिए? ऐसे प्रकरणों पर कब तक न्याय संगत कार्यवाही की जायेगी? (घ) यदि प्रदेश के बाहर के धोबी उपजाति के लोग प्रदेश में अनुसूचित जाति का लाभ ले सकते हैं तो प्रदेश के मूल निवासियों को इससे वंचित क्यों रखा गया है? कौन-कौन दोषी हैं? दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जायेगी?
सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री ( श्री ओमप्रकाश सखलेचा ) : (क) इस विभाग में अनुसूचित जाति वर्ग के धोबी उपजाति के 01 महाप्रबंधक कार्यरत हैं। वे उत्तरप्रदेश राज्य के हैं। जी नहीं। (ख) उत्तरांश ''क'' अनुसार। (ग) प्रकरण सामान्य प्रशासन विभाग के अधीन परीक्षणाधीन है जो निरन्तर प्रक्रिया है। अतः समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (घ) उत्तरांश ''ग'' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
गुना जिले में रजिस्टर्ड मंदिरों की जानकारी
[अध्यात्म]
99. ( क्र. 4254 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या पर्यटन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) गुना जिले में कितने मंदिर विभाग अंतर्गत रजिस्टर्ड हैं? तहसीलवार, ग्रामवार पृथक-पृथक बतायें। (ख) पिछले पाँच वर्षों में मंदिरों के विकास/जीर्णोद्धार हेतु क्या कार्ययोजना कितनी-कितनी राशि, कितनी-कितनी अवधि के लिये की गयी हैं? वर्तमान में कार्यों की अद्यतन स्थिति क्या है? कितने कार्य पूर्ण एवं कितने कार्य अपूर्ण हैं? अपूर्ण कार्यों के लिये कौन जिम्मेदार हैं? पृथक-पृथक बतायें। (ग) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में विभाग द्वारा जिलेवार लक्ष्य निर्धारित किया जाता है? यदि हाँ, तो किस-किस जिले के लिये क्या-क्या लक्ष्य निर्धारित है?
पर्यटन मंत्री ( सुश्री उषा ठाकुर ) : (क) गुना जिले में कुल 788 मंदिर शासन संधारित है। तहसीलवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) पिछले पाँच वर्षों में गुना जिले के मंदिर जीर्णोद्धार हेतु निम्नानुसार राशि स्वीकृत की गई:- 1. वित्तीय वर्ष 2016-17 - निल 2. वित्तीय वर्ष 2017-18 - 90.10 लाख मात्र 3. वित्तीय वर्ष 2018-19 - निल 4. वित्तीय वर्ष 2019-20 - निल 5. वित्तीय वर्ष 2020-21 - निल वित्तीय वर्ष 2017-18 हेतु 07 मंदिरों के जीर्णोद्धार के लिये कुल राशि 90.10 लाख स्वीकृत होकर शासन द्वारा सीधे म.प्र.गृह निर्माण एवं अधोसंरचना विकास मण्डल संभाग गुना को हस्तांतरित की गई है। कार्यपालन यंत्री म.प्र. गृह निर्माण एवं अधोसंरचना विकास मण्डल, संभाग गुना की रिपोर्ट अनुसार कार्य पूर्ण हो चुके हैं। (ग) जी नहीं। आयुक्त के माध्यम से प्रस्ताव प्राप्त होने पर बजट उपलब्धता के आधार पर राशि स्वीकृत की जाती है।
कोविड-19 महामारी में नियम विरूद्ध स्टॉफ की नियुक्ति
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
100. ( क्र. 4255 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कोविड-19 महामारी के रोकथाम हेतु तकनीकी एवं गैर तकनीकी स्टॉफ की नियुक्ति हेतु कलेक्टर एवं अध्यक्ष जिला स्वास्थ्य समिति द्वारा किस-किस पद के लिये, कितने-कितने स्टॉफ की मांग, कब-कब की गई? पत्र की प्रति सहित गौशवारा में सम्पूर्ण ब्यौरा दें। क्या मांग के अनुरूप पदस्थ स्टॉफ की नियुक्ति की गई है? यदि हाँ, तो कब-कब, किस-किस के द्वारा कितनी-कितनी अवधि के लिये तथा किस-किस मानदेय/वेतनमान के लिये। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या स्वीकृत पदों के विरूद्ध अतिरिक्त स्वास्थ्य कर्मियों की नियुक्ति की गई है? यदि हाँ, तो किस-किस पद, कितने-कितने स्टॉफ की? कब-कब? कार्यालयवार ब्यौरा दें। अतिरिक्त स्टॉफ का वेतन/मानदेय का आहरण कर लिया गया है? यदि हाँ, तो कब-कब, किस-किस के द्वारा कितना-कितना, नाम, पदनाम, पता सहित सम्पूर्ण ब्यौरा दें। यदि नहीं तो क्यों? (ग) प्रदेश में संचालित राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन कार्यालय द्वारा कोविड-19 महामारी में किसी भी स्वरूप में कार्य नियोजित करने वाले अधिकारी/कर्मचारियों के लिये बीमा योजना अन्तर्गत न्यू इंडिया इंश्योरेन्स कम्पनी से बीमा कराया है? (घ) उपरोक्त के संबंध में कोविड-19 से पीड़ित स्टॉफ के आकस्मिक निधन पर बीमा कम्पनी, कोरोना योद्धा निधि अथवा अन्य किसी योजना से लाभ दिया गया है? यदि हाँ, तो किस-किस पात्रता परीक्षण के बाद किस-किस प्रकरण में यथा आवेदन, पहचान पत्र कोविड-19 की कौन-सी रिपोर्ट चिकित्सालय का मृत्यु सारांश, मृत्यु प्रमाण पत्र, पोस्टमार्टम रिपोर्ट, एफ.आई.आर., कोविड-19 में कार्य करने का कार्यालय प्रमाण पत्र एवं अन्य सहित सम्पूर्ण ब्यौरा गौशवारा बनाकर दें। (ड.) उपरोक्त के संबंध में विभाग में कौन-कौन सी शिकायतें कब-कब, किस-किस के द्वारा, कितनी-कितनी प्राप्त हुई हैं एवं जिम्मेदारी तय होने पर किस-किस के विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं तो क्यों तथा कब तक कार्यवाही की जायेगी?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) से (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
पीने के पानी की व्यवस्था
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
101. ( क्र. 4259 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) महिदपुर की क्षिप्रा नदी से महिदपुर रोड़/गोगापुर पीने के पानी के लिए विभाग ने क्या योजना बनाई है? (ख) योजना नाम, लागत सहित बतलायें। इसका टेंडर कब तक जारी किया जाएगा? (ग) इसकी पूर्णता अवधि कब है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। (ख) महिदपुर रोड/गोगापुर नल-जल योजना, अनुमानित लागत रूपये 15.31 करोड़। योजना स्वीकृति उपरांत, निश्चित समयावधि बताया जाना संभव नहीं है। (ग) उत्तरांश 'ख' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
गोविंदराम
शुगर मिल
महिदपुर की
भूमि का हस्तांतरण
[सूक्ष्म, लघु और
मध्यम उद्यम]
102. ( क्र. 4260 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग द्वारा गोविंदराम शुगर मिल महिदपुर की भूमि को औद्योगिक निवेश तथा प्रोत्साहन विभाग को हस्तांतरित करने से मना कर दिया गया है, क्यों? (ख) विभाग ने इस भूमि का प्रश्न दिनांक तक कितना विकास किया है? क्या औद्योगिक पार्क के लिए कोई कार्यवाही की है? यदि हाँ, तो विवरण देवें। (ग) एक ओर प्रश्न दिनांक तक विभाग से इस भूमि का कोई विकास नहीं किया व इसे विकसित करने का कोई ब्लूप्रिंट भी विभाग के पास नहीं है फिर भी विभाग ने इसे औद्योगिक निवेश तथा विभाग को हस्तांतरित क्यों नहीं किया? (घ) कब तक विभाग इस भूमि का हस्तांतरण करेगा?
सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री ( श्री ओमप्रकाश सखलेचा ) : (क) से (ग) भारत शासन की एम.एस.एम.ई. की नवीन परिभाषा एवं क्लस्टर विकास के दृष्टिगत गोविन्दराम शुगर मिल, महिदपुर, जिला उज्जैन की भूमि औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग को हस्तांतरित नहीं करने का निर्णय लिया गया है। वर्तमान में भूमि परिसमापक के आधिपत्य में होने से विभाग द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई है। (घ) उक्त के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शासकीय अधिकारियों पर प्रकरण दर्ज करने हेतु राज्य शासन की अनुमति
[सामान्य प्रशासन]
103. ( क्र. 4268 ) श्री जितू पटवारी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मा. सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि लोकायुक्त एवं आर्थिक अपराध प्रकोष्ट (EOW) में शासकीय अधिकारी पर प्रकरण दर्ज करने हेतु राज्य शासन की अनुमति की आवश्यकता नहीं है? यदि हाँ, तो क्या दोनों विभागों द्वारा इसका पालन शत्-प्रतिशत किया जा रहा है? (ख) यदि नहीं तो बतावें कि इस विषय पर मा. उच्च्तम न्यायालय एवं मा.उच्च न्यायालय के क्या आदेश हैं? उन आदेशों की प्रति देवें। (ग) शासन के पास प्रकरण दर्ज करने पर अनुमति के लिये कितने अधिकारियों की संख्या लंबित है? उनके नाम लोकायुक्त/EOW द्वारा अनुमति हेतु भेजे गये पत्र क्रमांक एवं दिनांक, वर्तमान पदस्थापना, तथा अभी तक अनुमति न देने का कारण सहित सूची देवें तथा लोकायुक्त तथा EOW के पत्र की प्रति देवें। (घ) लोकसेवा ग्यारंटी अधिनियम, सिटीजन चार्टर में क्या इसको शामिल किया जाएगा कि शासन कितने समय में लोकायुक्त/EOW के पत्र पर अधिकारियों पर प्रकरण दर्ज करने की अनुमति देगा? यदि नहीं तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) इस विषय पर माननीय उच्चतम न्यायालय एवं माननीय उच्च न्यायालय के कोई आदेश प्राप्त नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) विशेष पुलिस स्थापना एवं आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ द्वारा प्रकरण दर्ज करने पर शासन को अनुमति के लिये कोई प्रकरण नहीं भेजा गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नांश 'ग' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मंदसौर गोलीकाण्ड की जाँच की रिपोर्ट
[सामान्य प्रशासन]
104. ( क्र. 4269 ) श्री जितू पटवारी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2017 में मंदसौर गोलीकांड की जाँच हेतु गठित जैन आयोग की रिपोर्ट शासन को किस दिनांक को प्राप्त हुई तथा उसे अभी तक सदन में क्यों नहीं रखा गया? कब रखा जायेगा? (ख) देवीलाल धाकड़ को किसान आंदोलन के दौरान दलोदा थाने में पीट-पीट कर मार देने की मजिस्ट्रियल जाँच तीन वर्ष में भी पूर्ण न होने के कारण स्पष्ट करें। इस अति गंभीर लापरवाही के लिये कौन जिम्मेदार है? रिपोर्ट कब तक पूर्ण हो जावेगी? (ग) क्या जैन आयोग की रिपोर्ट का शासन स्तर पर अध्ययन किया जा रहा है? यदि हाँ, तो किस अधिकारी को यह कार्य सौंपा गया है? यदि नहीं तो रिपोर्ट की सदन में रखने हेतु किसके आदेश की आवश्यकता है? (घ) मंदसौर गोलीकांड के दौरान कलेक्टर, एसपी तथा सी.एस.पी. कौन थे उन्हें कब सस्पेंड किया गया तथा किसके निर्देश पर कब बहाल किया गया तथा बतावें कि तीनों वर्तमान में किस पद पर कहाँ कार्यरत है? (ड.) क्या शासन किसी आयोग के पहल पर रखे बिना उसकी विवेचना या परीक्षण कर सकता है तथा उस नाम पर उसे सालों तक लंबित रख सकता है? यदि नहीं तो जैन आयोग की रिपोर्ट की विवेचना के नाम पर उसे तीन सालों से क्यों पटल पर नहीं रखा जा रहा है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) वर्ष 2017 में मंदसौर गोलीकांड की जाँच हेतु गठित जैन आयोग की रिपोर्ट सामान्य प्रशासन विभाग में दिनांक 11.06.2018 को प्राप्त हुई। जाँच रिपोर्ट पर कार्यवाही गृह विभाग में प्रक्रियाधीन है। अत: समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) प्रकरण की मजिस्ट्रियल जाँच प्रक्रियाधीन है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ। गृह विभाग में कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। जाँच आयोग अधिनियम, 1952 की धारा-3 (4) के अनुसार कार्यवाही की जाती है। (घ) मंदसौर गोली कांड के समय श्री स्वतंत्र कुमार सिंह, भाप्रसे (म.प्र.-2007) कलेक्टर, श्री ओ.पी. त्रिपाठी, पुलिस अधीक्षक एवं श्री साई कृष्ण एस थोटा, सी.एस.पी., नगर पुलिस अधीक्षक मंदसौर पदस्थ थे। तीनों अधिकारियों को प्रशासकीय कारणों से दिनांक 21.06.2017 को सस्पेंड किया गया तथा दिनांक 29.06.2018 को सक्षम प्राधिकारी के आदेश से बहाल किया गया। श्री स्वतंत्र कुमार सिंह वर्तमान में संचालक (पुनर्वास) नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण, भोपाल, श्री ओ.पी. त्रिपाठी, सेनानी प्रथम वाहिनी विसबल इंदौर तथा श्री साई कृष्ण एस थोटा, पुलिस अधीक्षक, भोपाल में पदस्थ हैं। (ड.) जी हाँ। जाँच आयोग अधिनियम, 1952 की धारा-3 (4) ''समुचित सरकार, (यथास्थिति, संसद के प्रत्येक सदन या राज्य के विधान-मंडल के समक्ष), उपधारा (1) के अधीन आयोग द्वारा की गई जाँच पर आयोग की रिपोर्ट, यदि कोई हो तो, उस पर की गई कार्यवाही के ज्ञापन सहित, आयोग द्वारा समुचित सरकार को रिपोर्ट के प्रस्तुत किए जाने से छ: मास की कालावधि के अंदर रखवाएगी।'' के अनुसार कार्यवाही प्रक्रियाधीन होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शराब बंदी की जानकारी
[वाणिज्यिक कर]
105. ( क्र. 4273 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन पूर्ण शराब बंदी अथवा आंशिक शराब बंदी पर विचार कर रहा है? यदि नहीं तो क्यों? (ख) क्या शराब के नशे पर रोक के लिए शराब की दुकानें तथा अहातों का समय प्रात: 10 बजे से शाम 06 बजे तक किया जावेगा तथा शराब दुकानों पर सी.सी.टी.वी. कैमरे लगाये जायेंगे? यदि नहीं तो क्यों? (ग) 31 जनवरी 2021 को शराब ठेकेदारों से कितना शुल्क वसूलना बाकी है? यह राशि 31 जनवरी 2015 से कितने प्रतिशत कम अथवा ज्यादा है? क्या अधिकारियों तथा ठेकेदारों की मिली भगत से शुल्क वसूलने हेतु कठोर कार्यवाही नहीं की जाती? (घ) वर्ष 2014-15 से वर्ष 2020-2021 में शराब से शुद्ध राजस्व (राजस्व-खर्च) कितना-कितना प्राप्त हुआ तथा यह उस वर्ष में कुल राजस्व का कितना प्रतिशत है। (ड.) वर्ष 2014-15 से 2020-21 तक कुल विक्रीत देशी विदेशी शराब की वर्षवार मात्रा बतावें तथा प्रत्येक वर्ष में कितने फीसदी वृद्धि हुई? क्या शराब के विक्रय में वृद्धि से यह निष्कर्ष नहीं निकलता कि शराब के नशे के खिलाफ चेतना जाग्रत करने के ठोस प्रयास नहीं किये गये?
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जी नहीं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) जी नहीं। शराब दुकानों तथा अहातों का समय उपभोक्ताओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए निर्धारित किया गया है। अपनी आवश्यकतानुसार अन्य संस्थानों की तरह शराब दुकान/आहते के अनुज्ञप्तिधारी भी सी.सी.टी.वी. केमरे लगाने के लिए स्वतंत्र है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन अनुसार है। (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-चार अनुसार है।
जांच आयोगों की रिपोर्टों को विधान सभा के पटल पर न रखा जाना
[सामान्य प्रशासन]
106. ( क्र. 4283 ) श्री सज्जन सिंह वर्मा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में वर्तमान में कौन-कौन से जाँच आयोग गठित हैं एवं ये जाँच आयोग किस-किस प्रकरण के लिए कब-कब, कितनी-कितनी अवधि के लिए गठित किए गए एवं इन आयोगों की अवधि कब-कब बढ़ाई गई तथा आयोग के अध्यक्ष/सदस्य के नाम सहित जानकारी दें। (ख) उक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में उक्त जाँच आयोगों के जाँच प्रतिवेदन कब-कब शासन को प्रेषित किए एवं कब इन जाँच प्रतिवेदनों को विधान सभा के पटल पर रखा गया? (ग) क्या सामाजिक सुरक्षा पेंशन तथा राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन के क्रियान्वयन तथा पेंशन की राशि के वितरण में हुई कतिपय अनियमितता की जाँच हेतु एक सदस्यीय जाँच आयोग का गठन न्यायमूर्ति श्री एन.के. जैन की अध्यक्षता में किया गया था एवं जैन जाँच आयोग ने अपना अंतिम प्रतिवेदन दिनांक 15.09.2012 को राज्य शासन को प्रस्तुत किया था तथा जैन आयोग के जाँच प्रतिवेदन के परीक्षण हेतु राज्य शासन द्वारा दिनांक 31 दिसम्बर 2012 को मंत्रि-परिषद् के सदस्यों की समिति गठित की गई थी? (घ) उक्त मंत्रि-परिषद् की समिति द्वारा राज्य शासन को परीक्षण रिपोर्ट कब सौंपी गई? मंत्रि-परिषद् की समिति के जाँच निष्कर्षों के आधार पर उक्त जाँच प्रतिवेदन विधान सभा के पटल पर अभी तक पटलित न किए जाने के क्या कारण हैं? उक्त रिपोर्ट कब तक पटलित की जाएगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) प्रदेश में वर्तमान में कोई जाँच आयोग गठित नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) उत्तरांश 'क' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। राज्य शासन के आदेश क्रमांक एफ-ए 3-03/2012 दिनांक 21 दिसम्बर 2012 द्वारा मंत्रि-परिषद् समिति का गठन किया गया है। (घ) उक्त मंत्रि-परिषद् समिति द्वारा राज्य शासन को परीक्षण रिपोर्ट दिनांक 11.07.2013 को सौंपी गई। जाँच प्रतिवेदन पर कार्यवाही प्रक्रियाधीन होने से समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
म.प्र. आबकारी नीति
[वाणिज्यिक कर]
107. ( क्र. 4287 ) श्री प्रवीण पाठक : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. आबकारी नीति के अन्तर्गत देशी एवं विदेश शराब दुकानों की शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र में कितने वर्ग किमी. अथवा कितनी जनसंख्या के मध्य खोला जाएगा। (ख) म.प्र. आबकारी नीति के अन्तर्गत देशी एवं विदेशी शराब दुकानों की धार्मिक स्थलों, शैक्षणिक संस्थाओं एवं गर्ल्स हॉस्टलों से दूरी के संबंध में नियम की जानकारी उपलब्ध कराएं। (ग) म.प्र. में देशी-विदेशी शराब दुकानों के खुलने एवं बंद होने के प्रतिदिन के समय के संबंध में जानकारी उपलब्ध कराएं। (घ) क्या 17 ग्वालियर दक्षिण विधान सभा में वर्तमान में संचालित देशी-विदेशी शराब की दुकानें दूरी के नियमों के तहत स्थित हैं?
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) वर्तमान में प्रचलित म.प्र. आबकारी नीति के अंतर्गत देशी एवं विदेशी शराब दुकानों की शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र में कितने वर्ग किमी. अथवा कितनी जनसंख्या के मध्य खोले जाने के संबंध में कोई प्रावधान नहीं है। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार मध्यप्रदेश राजपत्र (असाधारण) क्रमांक 55 दिनांक 06.02.2015 की कंडिका क्रमांक-1 के उपनियम 2-ख एवं मध्यप्रदेश राजपत्र (असाधारण) क्रमाक 209 दिनांक 31.03.2018 में प्रकाशित अधिसूचना रूल्स ऑफ जनरल एप्लीकेशन संशोधन 2018 की उप नियम (2) एवं (3) अनुसार किसी धार्मिक या किसी शैक्षणिक संस्था, वैध गर्ल्स होस्टल, किसी कॉलोनी, किसी श्रमिक कॉलोनी या किसी बस स्टैण्ड, रेल्वे स्टेशन से 50 मीटर या उससे अधिक दूरी पर स्थित हो। राजपत्र की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) मध्यप्रदेश राजपत्र (असाधारण) क्रमांक 77 दिनांक 25.02.2020 की कंडिका क्रमांक 36 के अनुसार मदिरा की फुटकर बिक्री की दुकानों की साफ-सफाई तथा मदिरा के प्रारम्भिक संग्रह, आमद, विक्रय एवं अंतिम संग्रह के दैनिक लेखे की पंजियों को पूर्ण/संधारित किये जाने के लिये मदिरा दुकानें प्रात: 8:30 बजे से खोली जायेगी। प्रात: 8:30 बजे से प्रात: 9:30 बजे तक का समय लेखा संधारण के लिए एवं मदिरा का विक्रय प्रात: 9:30 बजे से रात्रि 11:30 बजे तक रहेगा। राजपत्र की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (घ) जी हाँ। 17 ग्वालियर दक्षिण विधान सभा में वर्तमान में संचालित देशी/विदेशी मदिरा दुकान मध्यप्रदेश आबकारी अधिनियम, 1915 के वर्णित नियमों के परिप्रेक्ष्य में स्थित है।
पेंशनर्स के लिए आयुष्मान एवं स्वास्थ्य बीमा योजना का लाभ
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
108. ( क्र. 4288 ) श्री प्रवीण पाठक : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. के पेंश्न प्राप्त कर्मचारियों/अधिकारियों के स्वास्थ्य के संबंध में किन-किन योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है? आयुष्मान योजना एवं स्वास्थ्य बीमा योजना का लाभ म.प्र. के पेंशनर्स हितग्राहियों को प्राप्त है अथवा नहीं? यदि नहीं तो क्यों? (ख) भविष्य में ऐसी कोई योजना है जिसके तहत पेंशनर्स के लिए आयुष्मान एवं स्वास्थ्य बीमा योजना का लाभ दिया जाएगा? (ग) सातवें वेतनमान के अंतर्गत 01.01.2016 से 31.03.2018 तक केन्द्र सरकार के परिपत्र दिनांक 12.05.2017 के अनुपालन में एरियर्स भुगतान राज्य के पेंशनर्स को किया गया है तो जानकारी उपलब्ध कराएं। यदि नहीं, तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) शासकीय चिकित्सालयों में निःशुल्क चिकित्सा सुविधा। जी नहीं। आयुष्मान भारत योजना केवल वर्ष 2011 की जनगणना SECC (सामाजिक, आर्थिक, जातिगत जनगणना) के डाटा में श्रेणी D1 से D7 तक (श्रेणी D6 को छोड़कर), राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा पर्ची धारक या संबल योजना में शामिल परिवार के लिये है तथा मध्यप्रदेश कर्मचारी स्वास्थ्य बीमा योजना शासन स्तर पर विचाराधीन है। (ख) जी हाँ, उत्तर (क) अनुसार। (ग) जी नहीं। म.प्र. शासन वित्त विभाग के ज्ञाप क्रमांक एफ-09/02/2018/नियम/चार दिनांक 11.06.2018 द्वारा सातवें वेतनमान का पुनरीक्षण 01.04.2018 से प्रभावशील किया गया है जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। अतः एरियर्स राशि दिये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। म.प्र. के पेंशनरों पर भारत सरकार के नियम लागू नहीं होते।
माननीय मुख्यमंत्री द्वारा की गई घोषणाओं का संधारण
[सामान्य प्रशासन]
109. ( क्र. 4291 ) श्री मेवाराम जाटव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री द्वारा समय-समय पर राजधानी भोपाल एवं प्रदेश में प्रवास के दौरान की जाने वाली घोषणाओं को संबंधित जिले के कलेक्टर द्वारा भोपाल में मंत्रालय स्थित मुख्यमंत्री कार्यालय को भेजा जाता है एवं इन घोषणाओं के संबंध में जनसंपर्क विभाग प्रकाशन के लिए प्रेस नोट आदि भी जारी करता है? (ख) यदि हाँ, तो क्या उक्त घोषणाओं का संधारण/पंजीयन किया जाकर संबंधित विभागों को घोषणाओं की पूर्ति हेतु भेजा जाता है? (ग) यदि हाँ, तो दिनांक 23 दिसम्बर 2020 से 15 फरवरी 2021 तक की अवधि में प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री महोदय द्वारा की गई कितनी घोषणाओं का पंजीयन/संधारण किया गया? विभागवार की गई घोषणाओं का पंजीयन क्रमांक एवं दिनांक सहित सूची दें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। कलेक्टर द्वारा माननीय मुख्यमंत्री की घोषणाएं मुख्यमंत्री कार्यालय को प्रेषित की जाती है। मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा जनसम्पर्क विभाग को घोषणायें नहीं भेजी जाती है। (ख) जी हॉ (ग) प्रश्नांकित अवधि में माननीय मुख्यमंत्री द्वारा की गई घोषणाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग के बंद होने से उत्पन्न स्थिति
[सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम]
110. ( क्र. 4292 ) श्री मेवाराम जाटव : क्या सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में लगे सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों में से लगभग 700 उद्योग बंद होने की कगार पर हैं? यदि हाँ, तो यह उद्योग किन कारणों से बंद होने की कगार पर हैं तथा इन्हें बचाने के लिए सरकार कोई स्पेशल पैकेज दिया है? यदि नहीं तो क्यों? (ख) उक्त उद्योगों के बंद होने से हजारों लोग बेरोजगार हो जायेंगे ऐसी स्थिति में मध्यप्रदेश को कैसे आत्मनिर्भर बनाया जायेगा?
सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री ( श्री ओमप्रकाश सखलेचा ) : (क) बन्द हो रहे उद्योगों की जानकारी विभाग द्वारा संधारित नहीं की जाती है। ऐसी औद्योगिक इकाईयां जो बीमार हैं, के पुनर्जीवन हेतु मध्यप्रदेश एम.एस.एम.ई. प्रोत्साहन योजना 2019 की कंडिका 18 में पुनर्जीवन पैकेज का प्रावधान किया गया है। (ख) नवीन उद्योगों की स्थापना के लिए विभाग द्वारा एम.एस.एम.ई. विकास नीति 2019 में आकर्षक सुविधाओं एवं पैकेज का प्रावधान किया गया है। इन सुविधाओं का लाभ प्राप्त करने के लिए औद्योगिक इकाईयों को 70 प्रतिशत स्थानीय लोगों को रोजगार प्रदाय करना अनिवार्य है। एम.एस.एम.ई. इकाईयों का विकास आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश की प्रक्रिया में एक महत्वपूर्ण कड़ी है तथा विभाग विकास की इस प्रक्रिया को मूलरूप देने के लिए कृत संकल्पित है।
डूब प्रभावित क्षेत्रों में निर्माण कार्यों की स्वीकृति
[नर्मदा घाटी विकास]
111. ( क्र. 4311 ) श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कुक्षी विधानसभा क्षेत्र में सरदार सरोवर बांध की डूब से प्रभावित क्षेत्र से संबंधित ऐसे स्थान जिनमें नवीन पहुँच मार्ग, पुल, पुलिया आदि के निर्माण से संबंधित कितने प्रस्ताव शासन को भेजे गए? दिनांक 01.01.2019 से 20.03.2020 तक के संदर्भ में कार्य का नाम लागत राशि सहित बतावें। (ख) इनमें से कितने प्रस्ताव स्वीकृत किए गए? कार्य का नाम लागत राशि सहित बतावें। (ग) लंबित प्रस्ताव कब तक स्वीकृत कर दिए जाएंगे?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ग) आवश्यकता प्रतिपादित होने पर।
लंबित प्रकरणों का निराकरण
[नर्मदा घाटी विकास]
112. ( क्र. 4312 ) श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भू-अर्जन अधिकारी कुक्षी एवं अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) कुक्षी ने दिनांक 01.01.2019 से 20.03.2020 तक मध्यप्रदेश शासन द्वारा सरदार सरोवर परियोजना की डूब से प्रभावित कुक्षी विधानसभा के विस्थापितों के 5.80 लाख विशेष पुनर्वास पैकेज के कितने प्रकरण वरिष्ठ कार्यालयों को भेजें? हितग्राही के नाम, पते सहित ग्रामवार जानकारी देवें। (ख) उपरोक्तानुसार प्रश्न दिनांक तक कितने प्रकरणों में हितग्राही को राशि प्रदान की जा चुकी है। (ग) जो प्रकरण लंबित हैं उनके हितग्राही का नाम, पूरा पता सहित ग्रामवार जानकारी देकर विलंब का कारण बतावें। यह प्रकरण वर्तमान में किस स्तर पर लंबित है? (घ) प्रश्न (ग) अनुसार लंबित प्रकरणों को कब तक निराकरण कर हितग्राहियों को राशि प्रदान कर दी जावेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) कलेक्टर धार को 2543 हितग्राहियों के कुल 3599 प्रकरण भुगतान हेतु भेजे गये। माह सितम्बर 2019 में पूर्ण जलाशय स्तर तक जल भराव होने से प्रभावित ग्रामों के नवीन डूब प्रभावित मकानों के 1343 पंचनामे अनुमोदन हेतु कलेक्टर धार को प्रेषित किये गये। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र–'अ' एवं 'ब' अनुसार है। (ख) 3599 प्रकरणों में 2543 हितग्राहियों को। 1343 नवीन पंचनामों में से 182 प्रकरण पात्र पाये गये इनमें से 152 प्रकरणों में राशि का भुगतान किया जा चुका है। (ग) पात्र शेष 30 विस्थापितों के प्रकरण भू-अर्जन एवं पुनर्वास अधिकारी सरदार सरोवर परियोजना, कुक्षी के कार्यालय में प्रचलन में है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र–'स' अनुसार है। (घ) शीघ्र कार्यवाही पूर्ण की जावेगी।
एक ही शाखा में तीन वर्षों से अधिक समय तक पदस्थ कर्मचारी
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
113. ( क्र. 4318 ) श्री अर्जुन सिंह काकोडि़या : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभागीय एम.एस.सी. नर्सिंग प्रशिक्षण हेतु भोज मुक्त विश्वविद्यालय से पोस्ट बी.एस.सी. नर्सिंग उत्तीर्ण स्टॉफ नर्स पात्र हैं? यदि नहीं तो संचालनालय नर्सिंग शाखा में पदस्थ स्टॉफ नर्स जो अपात्र हैं तथा नर्सिंग शाखा में कई वर्षें से पदस्थ हैं, उसका तथा अन्य ऐसी अपात्र स्टॉफ नर्सों का नाम एम.एस.सी. नर्सिंग प्रशिक्षण हेतु नामांकित क्यों किया गया? क्या यह कार्य उक्त स्टाफ नर्स द्वारा स्वयं को लाभ पहुंचाने हेतु उप संचालक नर्सिंग एवं उप संचालक (नर्सिंग प्रशिक्षण) से मिलीभगत करके किया गया हैं? (ख) क्या प्रश्नांश (क) अनुसार उक्त प्रकरण की निष्पक्ष जाँच कर संबंधितों को निलंबित कर विभागीय जाँच संस्थित की जायेगी? यदि नहीं तो क्यों? (ग) संचालनालय में उप संचालक नर्सिंग के रिक्त पद पर नर्सिंग कैडर के कर्मचारी की पदस्थापना नहीं करने के क्या कारण है? यदि पदस्थापना की जाएगी तो कब तक? (घ) संचालनालय (मुख्यालय) में कितने कर्मचारी विगत वर्षों से एक ही शाखा में पदस्थ हैं नाम, पद, पदस्थापना सहित विवरण देवें। एक ही स्थान पर तीन वर्षों से अधिक समय से पदस्थ कर्मचारियों की अन्य शाखाओं में पदस्थापना कब तक की जाएगी?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी नहीं। संचालनालय नर्सिंग शाखा में पदस्थ स्टॉफ नर्स का नामांकन एम.एस.सी. नर्सिंग प्रशिक्षण हेतु नहीं किया गया। जी नहीं शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता (ख) प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) संचालनालय में उप संचालक नर्सिंग का पद स्वीकृत नहीं है। अतः प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
सामान्य प्रशासन विभाग के नियम-निर्देशों का पालन न किया जाना
[सामान्य प्रशासन]
114. ( क्र. 4319 ) श्री अर्जुन सिंह काकोडि़या : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2014 में सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा शासकीय सेवक की सेवाकाल में मृत्यु होने पर अनुकंपा नियुक्ति बाबत् दिनांक 29.09.2014 को जारी किये गये एकजाई निर्देश कंडिका 3.2 एवं कंडिका 4.7 में निहित प्रावधानों की तरह सहानुभूति पूर्वक विचार कर विशेष प्रकरण मानकर अनुकंपा नियुक्ति दिये जाने का प्रावधान है तथा इसी प्रकार कंडिका 7.8 एवं कंडिका 10.1 अनुसार विभाग में पद रिक्त न होने का प्रमाण पत्र देकर प्रकरण उस जिले के कलेक्टर को भेजा जाना है, जिस जिले में दिवंगत शासकीय सेवक मृत्यु पूर्व पदस्थ था? (ख) यदि हाँ, तो सामान्य प्रशासन विभाग के इस नियम अंतर्गत कुटीर एवं ग्रामोद्योग विभाग द्वारा श्री दिलीप राठौर को पिता के स्थान पर अनुकंपा नियुक्ति नहीं दिये जाने के क्या कारण है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी नहीं। निर्देश दिनांक 29.09.2014 में विशेष प्रकरण मानकर अनुकंपा नियुक्ति दिए जाने का कोई प्रावधान नहीं है। जी हाँ। (ख) श्री दिलीप राठौर के पिता स्व. श्री कैलाश राठौर शासकीय सेवक न होकर म.प्र. राज्य हाथकरघा संघ मर्यादित जबलपुर के कर्मचारी थे। बुनकर संघ म.प्र. सहकारी सोसायटी अधिनियम के तहत पंजीकृत संस्था है। सहकारी संस्था के मृत कर्मचारी के आश्रित पुत्र श्री दिलीप राठौर को शासन के अन्तर्गत अनुकंपा नियुक्ति की पात्रता नहीं है।
कोविड-19 के अंतर्गत अस्पतालों का चयन
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
115. ( क्र. 4322 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कोविड-19 अंतर्गत नरसिंहपुर, भोपाल एवं जबलपुर जिलों में कोरोना पेशेंट के लिये कौन-कौन से प्राईवेट एवं सरकारी अस्पताल को कोविड सेंटर बनाया गया था? (ख) किस-किस अस्पताल को कोराना के इलाज हेतु कितनी राशि शासन द्वारा प्रति मरीज दी गई एवं कुल कितनी राशि का भुगतान माह दिसम्बर, 2020 तक किया गया? माहवार जानकारी दें। (ग) मेट्रो अस्पताल जबलपुर एवं चिरायु अस्पताल भोपाल में कितने कोरोना पेशेंट का इलाज किया गया? (घ) किस-किस मरीज से कितनी राशि ली गई? मरीजवार जानकारी प्रदान करें। (ड.) क्या कोरोना पेशेंट का इलाज मुफ्त करने का प्रावधान था? अगर था तो मरीज से पैसे क्यों लिये गये?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जिला - नरसिंहपुर, भोपाल एवं जबलपुर में कोविड-19 अंतर्गत प्राईवेट एवं सरकारी अस्पताल को कोविड सेंटर बनाये जाने की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसर है। (ख) रूपये 1244919163 राशि शासन द्वारा दी गई, प्रति मरीज व्यय राशि बता पाना संभव नहीं है एवं रूपये 1122565160 राशि का भुगतान माह दिसम्बर, 2020 तक किया गया। भुगतान की माहवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसर है। (ग) मेट्रो अस्पताल जबलपुर में 1000 एवं चिरायु अस्पताल भोपाल में 11275 कोरोना पेशेंट का इलाज किया गया। (घ) मरीजों से राशि नहीं ली गई। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ड.) जी हाँ। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
उपायुक्त के विरूद्ध कार्यवाही
[वाणिज्यिक कर]
116. ( क्र. 4323 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माननीय जिला न्यायालय भोपाल द्वारा प्रकरण क्र. RT. No. 5442/2008, भोपाल के आदेश दिनांक 18.07.2019 के माध्यम से श्री विनोद रघुवंशी उपायुक्त आबकारी उड़नदस्ता भोपाल, आर.के. गोयल एवं श्री ओ.पी. शर्मा के विरूद्ध भा.द.वि. की धारा 420 एवं धारा 120 बी के अंतर्गत आरोप विचरित किये जा चुके हैं? (ख) क्या इसी प्रकरण में माननीय उच्च न्यायालय म.प्र. एवं माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा भी श्री विनोद रघुवंशी के विरूद्ध विपरीत आदेश पारित किये जा चुके हैं? (ग) क्या म.प्र. सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966, के नियम 9 के तहत किसी शासकीय सेवक के विरूद्ध किसी भी दाण्डिक अपराध के संबंध में कोई मामला अन्वेषण जाँच या परीक्षण के अधीन हो या आरोप विचरित किये जा चुके हो तो उसे निलंबित किये जाने का प्रावधान है? (घ) यदि हाँ, तो प्रश्नांश (क) में वर्णित प्रकरण में श्री विनोद रघुवंशी के खिलाफ अन्वेषण जाँच एवं परीक्षण के साथ माननीय जिला न्यायालय भोपाल द्वारा गंभीर आरोप विचरित कर दिये जाने के बाद आज दिनांक तक निलंबन की कार्यवाही क्यों नहीं की गई है? (ड.) श्री विनोद रघुवंशी, उपायुक्त आबकारी उड़नदस्ता भोपाल के विरूद्ध म.प्र. सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 के अंतर्गत अथवा अन्य किसी प्रकार की क्या-क्या कार्यवाही की गई है? पूर्ण विवरण दें। (च) क्या प्रश्नांश (क) में वर्णित प्रकरण में अन्य आरोपियों के विरूद्ध सजा की कार्यवाही पूर्ण हो चुकी है? यदि हाँ, तो उपरोक्त के विरूद्ध कार्यवाही क्यों लंबित रखी गई है? कब तक कार्यवाही की जावेगी?
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जी हाँ। प्रकरण क्रमांक RT-No. 5442/2008, में आरोप विचरित किये जा चुके है। (ख) इसी प्रकरण के संबंध में श्री विनोद रघुवंशी द्वारा माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में एम.सी.आर.सी क्रमांक 5521/2008 दायर की गई थी। जिसे माननीय उच्च न्यायालय, जबलपुर द्वारा आदेश दिनांक 11.11.2008 से खारिज कर दिया गया था। छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। उपरोक्त आदेश के विरूद्ध श्री विनोद रघुवंशी द्वारा माननीय उच्चतम न्यायालय में आपराधिक अपील क्रमांक 1477/2013 दायर की गई थी। माननीय उच्चतम न्यायालय नई दिल्ली द्वारा आपराधिक अपील क्रमांक 1477/2013 में दिनांक 23.09.2013 को आदेश पारित कर एस.एल.पी. को इस आधार पर खारिज कर दिया गया कि ट्रायल कोर्ट में ही प्रकरण का वास्तिवक परीक्षण होना चाहिये। इस कोर्ट में क्या सही है क्या गलत यह कहना उचित नहीं है। छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (ग) जी हाँ। किन्तु म.प्र. सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966, के नियम 9 के तहत शासन ''जहाँ उसके विरूद्ध किसी भी दाण्डिक अपराध के संबंध में कोई मामला अन्वेषण जाँच या परीक्षण के अधीन हो निलंबित कर सकेगा।'' परन्तु शासकीय सेवक को सदैव निलंबित किया जाएगा, जबकि भ्रष्टाचार या अन्य नैतिक पतन में अन्तर्वलित दाण्डिक अपराध में सरकार द्वारा अभियोजन स्वीकृति के पश्चात उसके विरूद्ध चालान प्रस्तुत किया गया हो। (घ) यह प्रकरण व्यक्तिगत शिकायत के रूप में चल रहा है एवं प्रकरण में माननीय न्यायलय कोई अंतिम निर्णय कार्यवाही हेतु प्राप्त नहीं हुआ हैं। इस प्रकरण के संबंध में श्री कृष्ण कुमार ताम्रकर द्वारा मध्यप्रदेश शासन एवं अन्य के विरूद्ध माननीय उच्च न्यायालय, खण्डपीठ इन्दौर में जनहित याचिका क्रमांक 5094/2020 दायर कर श्री विनोद रघुवंशी को निलंबित करने की मांग की थी जिसे माननीय उच्च न्यायालय द्वारा आदेश दिनांक 06.03.2020 द्वारा खारिज कर दिया गया है। आदेश की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन अनुसार है। (ड.) जी नहीं। (च) प्रश्नांश (क) में वर्णित प्रकरण में अन्य आरोपियों के विरूद्ध भी अपराध सिद्ध होने बाबत् कोई अंतिम निर्णय अभी नहीं हुआ है।
भाग-3
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
कर्मचारियों
को अत्यंत
न्यूनतम
पेंशन मिलना
[वित्त]
1. ( क्र. 187 ) श्री महेन्द्र हार्डिया : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश में 1 जनवरी 2005 के बाद नियुक्त कर्मचारियों पर न्यू पेंशन सिस्टम लागू है? (ख) यदि हाँ तो क्या वर्ष 2019 एवं 2020 में सेवानिवृत्त हुए न्यू पेंशन सिस्टम के अंतर्गत आने वाले कर्मचारियों को एक हजार रू. से लेकर पांच हजार रू. महीना ही पेंशन मिल रही है? कुछ कर्मचारियों को एक हजार से भी कम पेंशन प्राप्त हो रही है? (ख) कर्मचारियों को सम्मानजनक पेंशन प्राप्त हो इसके लिए सरकार क्या उपाय कर रही है? क्या न्यू पेंशन सिस्टम के कर्मचारी पुरानी पेंशन की मांग कर रहे है? यदि हाँ तो उनकी मांग पर सरकार कब ध्यान देगी?
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जी हाँ। (ख) सेवानिवृत्ति के पश्चात् पेंशन भुगतान ANNUITY PROVIDER के माध्यम से होने से आंकड़े की पुष्टि नहीं की जा सकती है। (ग) सरकारी कर्मचारी के सम्मान का सदैव ध्यान रखती है। जी हाँ। भारत सरकार द्वारा केन्द्र शासन के कर्मचारियों हेतु राष्ट्रीय पेंशन योजना 2004 से लागू करने के संदर्भ में मध्यप्रदेश शासन द्वारा 01 जनवरी, 2005 के बाद नियुक्त कर्मचारियों हेतु राष्ट्रीय पेंशन योजना लागू की गई है। शेषांश प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आंगनवाड़ी केन्द्र का भवन
[महिला एवं बाल विकास]
2. ( क्र. 505 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खातेगांव विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत कितने आंगनवाड़ी केन्द्र है जो भवनविहिन है ग्राम के नाम बतावें। (ख) आंगनवाड़ी भवन उपलब्ध नहीं है तो आंगनवाड़ी केन्द्र कहां पर लग रही है नाम बतावें। (ग) जिन ग्रामों में आंगनवाड़ी केन्द्र नहीं है (भवन) तो क्या शासन नवीन भवन निर्माण की स्वीकृति प्रदान करेगा? अगर हाँ तो कब तक समयावधि बतावें? (घ) वर्ष 2017-18 से प्रश्नांश दिनांक तक खातेगांव विधान सभा क्षेत्र के कौन-कौन से ग्रामों में आंगनवाड़ी भवन निर्माण की स्वीकृति है ग्रामों के नाम बतावें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) खातेगांव विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत 187 आंगनवाड़ी केन्द्र भवनविहिन है। ग्राम के नामों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -"अ" अनुसार है। (ख) भवनविहीन आंगनवाड़ी केन्द्र जिन भवनों में लग रहे है। सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -"ब" अनुसार है। (ग) आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण की स्वीकृति एक सतत् प्रक्रिया है जो कि वित्तीय संसाधनों के आधार पर निर्भर करता है, जिसकी समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है। (घ) वर्ष 2017-18 से प्रश्नांश दिनांक तक खातेगांव विधान सभा क्षेत्र में कुल 22 आंगनवाड़ी केन्द्र भवन स्वीकृत हुए है। सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -"स"अनुसार है।
जन औषधि केन्द्र की स्थापना
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
3. ( क्र. 773 ) श्री सुखदेव पांसे : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में अभी तक आम आदमियों के लिए सस्ती दवाई उपलब्ध कराने के उद्देश्य से जेनेरिक दवाइयों के कितने जन औषधि केन्द्र खोले गये हैं तथा कितने जन औषधि केन्द्र खोले जाने की योजना है? (ख) बैतूल जिले सहित मुलताई तहसील में किन-किन स्थानों पर जेनेरिक दवाइयों के जन औषधि केन्द्र खोले जाना प्रस्तावित है एवं यह कब तक खुल जायेंगे, जिससे आम जनता को सस्ती दवाईयां सुलभता से मिल सकें?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) मध्यप्रदेश में कुल 196 प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केन्द्र हैं। ब्यूरो ऑफ़ फार्मा पी.एस.यू. ऑफ़ इण्डिया (बी.पी.पी.आई.) से पंजीकृत आवेदकों द्वारा नियमानुसार आवेदन किये जाने पर लाईसेंस नियमानुसार प्रदाय किये जाने की योजना है। (ख) जिला बैतूल एवं मुलताई तहसील में प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केन्द के नाम औषधि विक्रय अनुज्ञप्तियां प्राप्ति हेतु प्रश्न की तिथि तक कोई आवेदन प्राप्त नहीं है। सरदार वल्लभ भाई पटेल निशुल्क औषधि योजना के अंतर्गत दवाइयों का निशुल्क वितरण किया जा रहा है।
प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना
[महिला एवं बाल विकास]
4. ( क्र. 793 ) श्री रामपाल सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 फरवरी 20 से फरवरी 21 तक की अवधि में रायसेन जिले में प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के अन्तर्गत कितने हितग्राहियों को योजना का लाभ मिला नगरीय निकाय तथा जनपद पंचायतवार संख्या बतायें? (ख) फरवरी 21 की स्थिति में कितने आवेदन पत्र कब से क्यों लंबित है? उनका कब तक निराकरण होगा? (ग) प्रश्नांश (क) की अवधि में कितने आवेदन पत्र क्यों निरस्त किये गये? कारण बतायें। (घ) प्रश्नांश (क) की अवधि में किन-किन माध्यमों से कितनी शिकायतें प्राप्त हुई? उक्त शिकायतों पर आज दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) 1 फरवरी 20 से फरवरी 21 तक की अवधि में रायसेन जिले में प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के अन्तर्गत 11855 हितग्राहियों को योजना का लाभ मिला नगरीय निकाय तथा जनपद पंचायतवार संख्या पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -"क" अनुसार है। (ख) फरवरी 21 की स्थिति में रायसेन जिले में कुल 307 आवेदन पत्र लंबित है। इन प्रकरणों के निराकरण किये जाने का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -"ख" अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (क) की वर्णित अवधि में रायसेन जिले में कोई प्रकरण निरस्त नहीं किया गया है। शेष का प्रश्न नही। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -"ग" अनुसार है।
क्योस्क सेंटर के संबंध में
[विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी]
5. ( क्र. 801 ) श्री रामपाल सिंह : क्या सूक्ष्म,लघु और मध्यम उद्यम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) फरवरी 2021 की स्थिति में रायसेन जिले में किन-किन स्थानों पर क्योस्क सेंटर (बी.सी.) तथा नागरिक सुविधा केन्द्र (सी.एस.सी.) किन-किन के द्वारा संचालित किये जा रहे हैं पूर्ण विवरण दें। (ख) क्योस्क सेंटर तथा नागरिक सुविधा केन्द्रों द्वारा उपभोक्ताओं को क्या-क्या सुविधायें दी जा रही हैं, उनके संचालकों को किस-किस सुविधा हेतु कितनी राशि दी जा रही है? (ग) क्या उपभोक्ताओं द्वारा अंगूठा लगाने के बाद राशि आहरण उपरांत पर्ची न मिलने के कारण उक्त संचालकों द्वारा गड़बड़ी की जा रही है, यदि हाँ, तो उपभोक्ता को ए.टी.एम. की तरह पर्ची क्यों नहीं दी जाती। (घ) 1 जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक रायसेन जिले में क्योस्क सेंटर तथा नागरिक सुविधा केन्द्रों के संचालकों द्वारा की जा रही गड़बड़ी की माननीय मंत्री जी तथा विभाग के अधिकारियों को किन-किन माध्यमों से शिकायतें प्राप्त हुई तथा उनपर क्या-क्या कार्यवाही की गई पूर्ण विवरण दें।
सूक्ष्म,लघु और मध्यम उद्यम मंत्री ( श्री ओमप्रकाश सखलेचा ) : (क) क्योस्क सेंटर (Banking Correspondents Center (BCs) तथा नागरिक सुविधा केन्द्र (सी.एस.सी.) राज्य शासन के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा संचालित नहीं है। प्रदेश में नागरिक सुविधा केन्द्र (सी.एस.सी.) का संचालन भारत सरकार, सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, नई दिल्ली के अंतर्गत सी.एस.सी. संस्था SPV द्वारा किया जाता है। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
जानकारी उपलब्ध कराये जाना
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
6. ( क्र. 1492 ) श्री प्रागीलाल जाटव : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शिवपुरी एवं रीवा जिले को स्वास्थ्य विभाग में वर्ष 2018-19 से प्रश्न दिनांक तक जिलों में संचालित अस्पतालों, स्वास्थ्य केन्द्रों, उप स्वास्थ्य केन्द्रों के कायाकल्प एवं ओ.डी.एफ. कार्यालय मद में कितनी राशि व्यय करने जिलावार राशि का आवंटन प्राप्त हुआ है? आवंटन राशि के साथ जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के जिलों में प्राप्त राशि से किन-किन अस्पतालों, पर उपस्वास्थ्य केन्द्रों, स्वास्थ्य केन्द्रों में कितनी-कितनी राशि किस-किस कार्य में व्यय की गई है? देय राशि एवं व्यय राशि के साथ जिलावार, कार्यवार, जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के राशि के व्यय करने के क्या नियम थे, नियम की प्रति देवें तथा उक्त अधिकारियों को उक्त कार्य के लिये कितनी राशि व्यय करने का अधिकार था? सहपत्रों के साथ जानकारी देवें। (घ) प्रश्नांश (क) के जिलों में (ख) एवं (ग) के प्रयोजन में व्यय की गई राशि यदि पात्रता से अधिक है, तो कौन दोषी है? क्या उक्त राशि वास्तविक रूप से न खर्च कर कागजों में खर्च दिखाया गया है? क्या इसकी उच्च स्तरीय जाँच कराते हुये दोषियों को दण्डित करेंगे? यदि हाँ, तो कब तक जाँच दल का गठन कर जाँच करा दी जायेगी?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (घ) व्यय की गई राशि प्रात्रता अनुसार उपयोग के परीक्षण/जांच हेतु राज्य स्तर से जाँच कमेटी का गठन किया गया है तथा जाँच रिपोर्ट प्राप्त होने पर गुणदोष के आधार पर कार्यवाही की जायेगी। राज्य स्तर जाँच कमेटी की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार है।
मिलावट खोरों के विरूद्ध कार्यवाही
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
7. ( क्र. 1501 ) श्री बृजेन्द्र सिंह राठौर : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. शासन द्वारा मिलावटखोरों (खाद्य पदार्थों में मिलावट करने वाले) के विरूद्ध दंडनीय कार्यवाही करने का निश्चय किया गया है, तो बतायें कि खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग में आयुक्त की स्वतंत्ररूपेण नियुक्ति वर्ष 2014 से आज तक नहीं की गयी है, जिस कारण खाद्य पदार्थों में मिलावटखोरों के विरूद्ध कोई कार्यवाही नहीं हो रही है? (ख) क्या विगत एक वर्ष से खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग में पदस्थ खाद्य सुरक्षा अधिकारियों द्वारा विभिन्न खाद्य पदार्थों के 4000 नमूने जाँच हेतु लेकर खाद्य प्रयोगशाला भोपाल भेजे है परंतु उनका जाँच परिणाम एक वर्ष से ऊपर समय व्यतीत हो गया, फिर भी परिणाम नहीं भेजे जा रहे है? (ग) फूड सेफ्टी अधिनियम के अंतर्गत खाद्य नमूना देने के बाद 14 दिन के बाद आवश्यक रूप से जाँच परिणाम प्राप्त हो जाना चाहिए। इस कमी के कारण विभाग द्वारा अभियुक्तों के विरूद्ध कार्यवाही करने में कठिनाई होगी, इस प्रकार अभियुक्त न्यायालय से दोषमुक्त होंगे इस लापरवाही पूर्ण जाँच परिणाम समय पर प्राप्त न होने के कारण न्यायालय से आरोपी दंड से बचेंगे इसका उत्तरदायित्व किसका होगा?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी हाँ। खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006, की धारा 30 एवं नियम 2.1.1 के अनुरूप आयुक्त, खाद्य सुरक्षा कार्यरत है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) विगत वर्ष 2020 में कुल 12791 नमूनें जाँच हेतु राज्य खाद्य परीक्षण प्रयोगशाला म.प्र. को प्राप्त हुए थे। जिनमें से 11,617 का विश्लेषण किया जा चुका है। 1174 नमूनें विश्लेषणाधीन है। (ग) खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 विनियम 2011 की धारा 46 (3) के अंतर्गत खाद्य नमूनों की जाँच रिपोर्ट 14 दिवस में प्रेषित की जाना आवश्यक है। यदि किसी कारणवश खाद्य नमूनों की जाँच रिपोर्ट समय-सीमा 14 दिवस में प्रेषित की जाना संभव न हो तो अधिनियम की धारा 46 (3) के परंतुक (ii) में यह प्रावधान भी है कि समय पर जाँच रिपोर्ट न भेजने की सूचना भेजी जाती है। अतः जाँच रिपोर्ट की वैद्यता पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
वित्तीय वर्ष 2017-18 से वर्ष 2019-20 तक कराए गए कार्य
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
8. ( क्र. 1623 ) श्री संजीव सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी खण्ड शिवपुरी में वित्तीय वर्ष 2017-18 से वर्ष 2019-20 तक 5000/- रूपये से 200000/- रूपये तक के कितने कार्यादेश दिये। ठेकेदार का नाम राशि तथा कार्य का नाम बताये। (ख) वित्तीय वर्ष 2017-18 से वर्ष 2019-20 तक पूर्ण श्रेणी के ग्रामों में कितने नलकूप खनन किये तथा कितने नलकूपों की प्रशासकीय स्वीकृति प्राप्त की पूर्ण जानकारी देवें। (ग) वित्तीय वर्ष 2017-18 से वर्ष 2019-20 तक ग्रामीण क्षेत्र की बंद नलजल योजनाओं के रखरखाव पर कितना व्यय किया? योजनावार जानकारी देवें। (घ) उक्त अवधि में ग्रामीण क्षेत्र में प्रचार-प्रसार के नाम पर कितनी राशि व्यय की गई ग्रामवार जानकारी देवें। (ड.) वित्तीय वर्ष 2017-18 से वर्ष 2019-20 तक तक हैण्डपम्प रखरखाव पर ठेकेदारों को कितना-कितना, किस-किस कार्य का भुगतान किया? ग्रामवार व्यय राशि का विवरण देवें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) प्रश्नांकित अवधि में पूर्ण श्रेणी के किसी भी ग्राम में नलकूप खनन नहीं किया गया है, शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है।
पर्यटक स्थलों/स्मारकों की जानकारी
[पर्यटन]
9. ( क्र. 1665 ) श्री राकेश मावई : क्या पर्यटन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मुरैना जिले में पर्यटन की दृष्टि से प्रमुख रूप से कौन-कौन से पर्यटक स्थल/स्मारक कहाँ-कहाँ पर स्थित है? उनके नाम एवं स्थान सहित जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार पर्यटक स्थलों/ स्मारकों में से किस-किस को प्रदेश शासन ने पर्यटन को बढ़ावा देने, सैलानियों को आकर्षित करने के लिये शासन ने क्या योजना बनाई है? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार जिले में पर्यटक स्थलों/स्मारकों के लिये पर्यटन की दृष्टि से पर्यटकों के मनोरंजन, आवास, भ्रमण आदि की क्या-क्या व्यवस्था, संसाधन एवं सुविधायें है? इस संबंध में जिला प्रशासन, शासन, राज्य पर्यटन विकास निगम ने क्या प्रयास किये है तथा विकास की क्या योजना बनाई है? (घ) प्रश्नांश (क) अनुसार मुरैना जिले में पर्यटन स्थलों/स्मारकों पर वर्ष 2017 से प्रश्न दिनांक तक किस-किस पर्यटक स्थल/स्मारक पर किस-किस कार्य हेतु कितनी-कितनी राशि कब-कब किसके द्वारा व्यय की गयी? स्थलवार, स्मारकवार, वर्षवार संपूर्ण जानकारी देवें।
पर्यटन मंत्री ( सुश्री उषा ठाकुर ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) वर्तमान में कोई योजना प्रचलन में नहीं है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। वर्तमान में कोई योजना प्रचलन में नहीं है। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार।
लाभान्वित हितग्राहियों की जानकारी
[सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम]
10. ( क्र. 1666 ) श्री राकेश मावई : क्या सूक्ष्म,लघु और मध्यम उद्यम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्तमान में मुरैना जिले में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग के माध्यम से कौन-कौन सी योजनायें बेरोजगारों को रोजगार देने के लिये संचालित की जा रही हैं? (ख) वर्ष 2017 से प्रश्न दिनांक तक प्रश्नांश (क) अनुसार कितने बेरोजगार/हितग्राहियों को विभिन्न योजनाओं का लाभ दिया गया तथा उन्हें ऋण की रूप में कितनी राशि स्वीकृत की गई? उद्यमवार, हितग्राहीवार एवं वर्षवार जानकारी देवें। (ग) वर्ष 2017 से प्रश्न दिनांक तक प्रश्नांश (क) में उल्लेखित सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग अंतर्गत बेरोजगारों द्वारा रोजगार प्राप्त करने हेतु जिला उद्योग केन्द्र मुरैना में विभिन्न योजनाओं का लाभ पाने के लिये कितने आवेदकों ने आवेदन दिये? आवेदकों की संख्या, योजना का नाम एवं स्वीकृत/अस्वीकृत प्रकरणों की जानकारी देवें। (घ) क्या मुरैना जिले में शिक्षित बेरोजगारों के पलायन को रोकने हेतु एवं रोजगार देने हेतु विभाग एवं अन्य शासकीय विभागों के माध्यम से अधिक से अधिक विशेष शिविरों का आयोजन करायेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों?
सूक्ष्म,लघु और मध्यम उद्यम मंत्री ( श्री ओमप्रकाश सखलेचा ) : (क) वर्तमान में मुरैना जिले में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग के माध्यम से बेरोजगारों को स्वरोजगार देने के लिये भारत सरकार की प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (PMEGP) योजना का संचालन किया जा रहा है। (ख) प्रश्नांश ''क'' अनुसार (PMEGP) योजना अन्तर्गत वर्ष 2017 से प्रश्न दिनांक तक 38 हितग्राहियों को लाभांवित किया गया है तथा ऋण राशि रूपये 539.72 लाख स्वीक़त की गई है। उद्यमवार हितग्राहीवार एवं वर्षवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) वर्ष 2017 से प्रश्न दिनांक तक प्रश्नांश ''क'' के संदर्भ में उल्लेखित (PMEGP) योजना अन्तर्गत जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र, मुरैना में 158 आवेदकों ने आवेदन किये। इस योजना अन्तर्गत वर्षवार प्राप्त आवेदनों की संख्या, स्वीकृत एवं अस्वीकृत प्रकरणों की जानकारी निम्नानुसार है:-
वर्ष |
प्राप्त आवेदन (संख्या) |
स्वीकृत प्रकरण (संख्या) |
अस्वीकृत प्रकरण (संख्या) |
2017-18 |
13 |
4 |
9 |
2018-19 |
16 |
5 |
11 |
2019-20 |
17 |
4 |
13 |
2020-21 |
112 |
25 |
87 |
योग |
158 |
38 |
120 |
(घ) करोना महामारी को देखते हुए इस वर्ष् विभाग द्वारा शिविरों के आयोजन किये जाने के कोई निर्देश नहीं दिये गये है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्रचार प्रसार की निविदा के संबंध में
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
11. ( क्र. 2129 ) श्री रामचन्द्र दांगी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले में वर्ष 2019- 20 व 20- 21 में प्रचार-प्रसार की जो निविदा हुई थी उसमें क्या दरें आई व एजेंसी कौन थी? (ख) क्या उस दर व एजेंसी से ही कार्य पूर्ण करवाया गया या फिर अधिक दरों पर कार्य हुआ है यदि हाँ, तो क्या यहा नियमानुसार है? (ग) एजेंसी का नाम व दर बतावें। उक्त कार्य अधिक दर व नई एजेंसियों से क्यों करवाया गया क्या कारण रहा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के अनुसार है। (ख) बांकपुरा कुशलपुरा योजना में न्यूनतम दर वाली एजेंसी द्वारा अनुबंध नहीं करने के कारण निविदा निरस्त कर, पुनः निविदा आमंत्रित कर अन्य एजेंसी से कार्य कराया गया। जी हाँ। (ग) उत्तरांश-'क' अनुसार। एजेंसी एस.आर.एम. एजूकेशन एण्ड सोशल वेल्फेयर सोसायटी सागर द्वारा न्यूनतम दर रूपये 54,84,480/- पर अनुबंध नहीं करने के कारण एजेंसी की ई.एम.डी.राशि राजसात कर पुनः निविदा आमंत्रित कर दूसरी एजेंसी ह्यूमन रिसोर्स फेडरेशन सिवनी से प्राप्त न्यूनतम दर रूपये 69,95,775/- पर कार्य कराया गया।
रोगी कल्याण समिति की बैठक
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
12. ( क्र. 2390 ) श्री देवेन्द्र सिंह पटेल : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रायसेन जिले में किन-किन स्वास्थ्य केन्द्रों में रोगी कल्याण समितियों के पास फरवरी 2021 की स्थिति में कितनी राशि है उक्त राशि किन-किन कार्यों में व्यय की जा सकती है तथा उनको मरीजों के हित में व्यय क्यों नहीं किया जा रहा है? (ख) 1 अप्रैल 2019 से फरवरी 2021 तक किन-किन रोगी कल्याण समिति की बैठक कब-कब हुई उक्त बैठकों में पारित प्रस्तावों पर क्या-क्या कार्यवाही की गई किन-किन प्रस्तावों पर कार्यवाही क्यों नहीं की गई? (ग) किन-किन चिकित्सालयों में रोगी कल्याण समिति द्वारा बनाई गई दुकानें किन-किन को किन-किन शर्तों पर दी गई किराया प्रतिमाह कितना है? (घ) किराया नियमित रूप से क्यों वसूल नहीं किया जा रहा है किस-किस से कितना किराया लेना बकाया है कब तक वसूल किया जायेगा किराया वसूल न होने के लिए कौन-कौन अधिकारी जवाबदार है तथा विभाग द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। रोगी कल्याण समिति से प्राप्त आय नियमानुसार मरीजों के हित में व्यय की जा रही है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार है। (घ) किराया वसूलने की कार्यवाही की जा रही है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ड़'' अनुसार है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है, किराया वसूली कार्यवाही निरंतर जारी है, सिविल अस्पताल बरेली की दुकानें नगर परिषद् द्वारा बनाई गई है एवं उनसे किराया वसूल किया जाता है मुख्य नगर पालिका अधिकारी बरेली जवाबदार है एवं बॉडी, बेगमगंज एवं जिला चिकित्सालय के संस्था प्रभारी जवाबदार है। समय-समय पर की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ड़'' अनुसार है।
स्वेच्छानुदान राशि का भुगतान
[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]
13. ( क्र. 2391 ) श्री देवेन्द्र सिंह पटेल : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) फरवरी 2021 की स्थिति में विधायक स्वेच्दानुदान मद से राशि स्वीकृत एवं संबंधित हितग्राही को कितने दिन के भीतर राशि प्राप्त हो जाना चाहिए के संबंध में शासन के क्या-क्या निर्देश है निर्देशों की प्रति दें। (ख) 1 अप्रैल 2020 से प्रश्न दिनांक तक रायसेन जिले के किन-किन विधायकों द्वारा विधायक स्वेच्छानुदान मद से राशि स्वीकृति हेतु पत्र कब-कब लिखे तथा संबंधित हितग्राहियों को किन-किन दिनांकों में किस माध्यम से राशि का भुगतान हुआ? (ग) रायसेन जिले में किन-किन हितग्राहियों को विधायक स्वेच्छानुदान मद से स्वीकृत राशि का भुगतान शासन द्वारा निर्धारित अवधि में नहीं हुआ तथा क्यों इसके लिए कौन-कौन जवाबदार है? उनके विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गई?
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) एक सप्ताह में राशि के भुगतान के निर्देश हैं। निर्देश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) रायसेन जिले की विधानसभा क्षेत्र उदयपुरा की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। जिले की शेष विधानसभाओं में समयावधि में भुगतान हुआ है। उदयपुरा विधानसभा क्षेत्र में मान. विधायक से प्राप्त अनुशंसा के आधार पर अनुशंसाओं की पूरी स्वीकृति जारी कर दी गई थी एवं भुगतान बजट आवंटन प्राप्त होने पर हुआ। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
कुपोषण से शिशुओं की मृत्यु
[महिला एवं बाल विकास]
14. ( क्र. 2509 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में रजिस्ट्रेशन सर्वे की ताजा रिपोर्ट के अनुसार शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र में शिशुओं की औसत मृत्यु दर कितनी-कितनी है। देश में इसकी औसत मृत्यु दर कितनी है? बतलायें। प्रदेश में कुपोषण के कारण कितने शिशुओं की मृत्यु हुई है? इसमें एक वर्ष से कम आयु के कितने शिशुओं की मृत्यु हुई है? बतलायें। वर्ष 2018-19 से 2020-21 तक की जिलावार जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) में केन्द्र सरकार द्वारा जानकारी 2018 से संचालित आकांक्षी योजना में चिंहित किन-किन जिलों में चिंहित अतिकुपोषित बच्चों की संख्या कितनी-कितनी है तथा इसमें वर्षवार कितनी-कितनी कमी/वृद्धि हुई है? इस पर वर्षवार कितनी-कितनी राशि व्यय हुई? (ग) प्रश्नांश (क) में अतिकुपोषित चिंहित कितने-कितने बच्चों को इलाज हेतु एन.आर.सी. में भर्ती कराया गया? इसमें से कितने बच्चों के वजन में वृद्धि हुई? कितने बच्चें पूर्ण स्वस्थ्य हुये एवं कितने बच्चों की मृत्यु हुई है? वर्षवार व जिलावार पृथक-पृथक जानकारी दें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) प्रदेश में रजिस्ट्रेशन सर्वे द्वारा मई 2020 में जारी रिपोर्ट एस.आर.एस. 2018 अनुसार शिशु मृत्यु दर शहरी 36 एवं ग्रामीण 52 प्रति हजार जीवित जन्म है। उक्त रिपोर्ट के अनुसार देश की औसत शिशु मृत्यु दर 32 प्रति हजार जीवित जन्म है। स्वास्थ्य विभाग से प्राप्त जानकारी अनुसार वर्ष 2018-19 से 2020-21 तक प्रदेश में कुपोषण के कारण कोई मृत्यु प्रतिवेदित नहीं है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -"1" अनुसार है। बच्चों के पोषण स्तर हेतु संचालित गतिविधियों हेतु व्यय राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -"2" अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -"3" अनुसार है।
स्मृति में सम्मान पुरूस्कार
[संस्कृति]
15. ( क्र. 2564 ) श्री मुरली मोरवाल : क्या पर्यटन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या मध्यप्रदेश शासन संस्कृतिक संचनालय द्वारा राष्ट्रकवि एवं गीतकार स्व. प्रदीप जी की स्मृति में 2 लाख रूपये का पुरूस्कार एवं प्रशस्ती पत्र विगत 3 वर्षों में किन-किन कवि को प्रदान किया गया। नामवार सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करावे। (ख) बड़नगर क्षेत्र की जनता व साहित्यकारों द्वारा स्वर्गीय प्रदीप जी की स्मृति में दिये जाने वाले पुरूस्कार उनकी जन्म स्थान बड़नगर में कार्यक्रम आयोजित कर सम्मान पुरूस्कार दिये जाने की मांग लगातार की जा रही है प्रश्नकर्ता द्वारा भी माननीय संस्कृति मंत्री को पत्र क्र. 830 दिनांक 15.12.2019 के द्वारा शासन को बड़नगर में कार्यक्रम अयोजित करने के संबंध में लिखा था? यदि हाँ, तो शासन की क्या मंशा है और कब तक किया जावेगा?
पर्यटन मंत्री ( सुश्री उषा ठाकुर ) : (क) जी हाँ, विगत 3 वर्षों में सम्मानित कवियों के नाम संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश में अंकित पत्र एवं मांग का अभिलेख विभाग में प्राप्त नहीं हुआ है. शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
पेयजल योजना की स्वीकृति
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
16. ( क्र. 2675 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शहडोल जिले के पुष्पराजगढ़ विधान सभा क्षेत्र के ग्रामों में शुद्ध पेय जल उपलब्ध कराने हेतु तिपान नदी आधारित कुम्हारी जुहिला नदी आधारित समूह जल करौदा टोला नर्मदा नदी आधारित एवं करोदी जुहिला नदी आधारित समूह जल योजना में क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ख) क्या प्रश्नांश (क) अनुसार समूह जल प्रदाय योजनाओं की प्राक्कलन तैयार कर कार्यपालन यंत्री पी.एच.ई. अनूपपुर द्वारा वरिष्ठालय को स्वीकृत हेतु भेजा जा चुका है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) में उल्लेखित प्रक्रियाओं को यदि पूरा नहीं, किया गया तो आदिवासी बाहुल्य गांवों में शुद्ध पेय जल की समस्या बढ़ जायेगी? (घ) प्रश्नांश (क) समूह जल प्रदाय योजना को शासन द्वारा कब तक स्वीकृति प्रदान की जायेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) कार्यपालन यंत्री खण्ड अनूपपुर द्वारा समूह जल प्रदाय योजना के स्टेज-1 प्रस्ताव बनाये गये थे। (ख) जी हाँ, परन्तु प्रस्तुत किये गये प्रस्ताव तकनीकी रूप से साध्य नहीं पाय गये। (ग) जी नहीं, प्रश्नांकित प्रस्तावों में शामिल ग्रामों में पेयजल के लिये कुल 1837 हैण्डपंप स्थापित हैं तथा 27 ग्रामों में नलजल योजनाएं भी संचालित हैं। (घ) प्रश्नांकित प्रस्ताव तकनीकी रूप से साध्य नहीं पाये गये, वैकल्पिक सतही जल स्त्रोतों की उपलब्धता का परीक्षण किया जा रहा है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
स्वास्थ्य सुविधाओं को सुदृढ़ करना
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
17. ( क्र. 2691 ) श्री नीलांशु चतुर्वेदी : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले के विधान सभा क्षेत्र चित्रकूट के अन्तर्गत सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में कितने डॉक्टर, कितने पैरामेडिकल स्टाफ स्वीकृत है? स्वीकृत पदों के विरूद्ध कितने लोग कार्यरत हैं? कितने शेष है? पदवार विवरण दें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र/प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में रिक्त पदों को कब तक भरा जायेगा? समय-सीमा बतायें। (ग) मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी सतना के कार्यालय में विगत दो वर्षों में किराये से वाहनों को लगाने हेतु कब-कब निविदा का प्रकाशन किया गया? प्रकाशन निविदा की प्रति दें। कितने वाहन किराये पर किस कार्य हेतु लिये गए, किसको आवंटित किए गए? कितना व्यय किया गया? वाहन क्रमांकवार बतायें, जो वाहन किराये पर लिये गए क्या वे टैक्सी परमिटधारी थे या नहीं यह भी बतावें।
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) रिक्त पदों की पूर्ति हेतु विभाग निरंतर प्रयास कर रहा है, प्रथम श्रेणी विशेषज्ञ के शत-प्रतिशत पद पदोन्नति से भरे जाने का प्रावधान है एवं वर्तमान में माननीय उच्चतम न्यायालय में पदोन्नति के संदर्भ में प्रचलित प्रकरण के कारण पदोन्नति की प्रक्रिया विलंबित है। अतः विशेषज्ञों के पद जिन्हें शतप्रतिशत पदोन्नति से भरे जाने का प्रावधान है की पूर्ति में कठिनाई हो रही है। म.प्र.लोक सेवा आयोग को 727 चिकित्सकों पदपूर्ति हेतु मांग-पत्र प्रेषित किया गया है एवं विज्ञापन जारी किया जा चुका है। पदपूर्ति हेतु बंधपत्र अंतर्गत एवं संविदा एन.एच.एम. चिकित्सकों की कार्यवाही निरंतर जारी है। पैरामेडिकल एवं नर्सिंग संवर्ग के पदों की पूर्ति भी नियमित/संविदा माध्यम से जारी है। पदपूर्ति हेतु निश्चित समयावधि बताई जाना संभव नहीं है। (ग) मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय सतना द्वारा पत्र क्रमांक 975 दिनांक 28.08.2018 के माध्यम से जनसंपर्क विभाग को लेख कर निविदा प्रकाशन करवाया गया एवं वर्ष 2020 में पत्र क्रमांक एन.एच.एम/2020-21/435 दिनांक 17.06.2020 के माध्यम से ऑनलाईन निविदा का प्रकाशन कराया गया। प्रकाशित निविदा की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। किराये पर लिए गए वाहनों की संपूर्ण जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है।
जबलपुर जिले की क्षतिग्रस्त नहरे
[नर्मदा घाटी विकास]
18. ( क्र. 2719 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या टूटी-फूटी नहरों से जब पानी छोड़ा जाता है तो पहले वाले खेतों की फसलें सड़ जाती हैं एवं अंतिम छोर के खेतों तक पानी नहीं पहुंच पाता जिसके कारण फसलें सूख जाती हैं? (ख) यदि नहीं तो जबलपुर जिलान्तर्गत सूखा, लोहारी, चौपड़ा, बिनेकी, मंगेला, बरौदा आदि टूटी-फूटी नहरों की मरम्मत पिछले 3 सालों में क्यों नहीं की गई? (ग) गत 3 वर्षों में कितनी नहरों को सुधारा गया एवं कितनी राशि व्यय की गई? वर्षवार नहरवार बतावें?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी नहीं। (ख) एवं (ग) मरम्मत कराई गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
आंगनवाड़ी भवन का निर्माण
[महिला एवं बाल विकास]
19. ( क्र. 2932 ) श्री रामचन्द्र दांगी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले के ब्यावरा विधानसभा क्षेत्र में कुल कितने आंगनवाड़ी भवन पिछले 5 वर्षों में स्वीकृत किए गए सूची उपलब्ध करावें। (ख) उक्त आंगनवाड़ी भवन में से कितने भवन पूर्ण हो चुके हैं? कितने भवन अपूर्ण है वह कब तक पूर्ण होंगे? (ग) क्या उक्त भवनों की राशि जिन खातों में दी गई थी वो उन खातों में उपलब्ध है? यदि हाँ, तो कार्य कब तक पूर्ण होगा? यदि नहीं तो उक्त राशि किस कार्य में खर्च की गई?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) राजगढ़ जिले के ब्यावरा विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत पिछले 05 वर्षों में कुल 111 आंगनवाड़ी भवन मनरेगा अभिसरण से स्वीकृत हुए हैं। (ख) स्वीकृत आंगनवाड़ी भवन में से 56 भवन पूर्ण हो चुके हैं, 43 भवन अपूर्ण हैं एवं 12 अप्रांरभ है। आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण की प्रगति वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर करता है, जिसकी समय-सीमा दिया जाना संभवन नहीं है। (ग) 43 अपूर्ण भवनों की राशि एवं 01 अप्रारंभ भवन की राशि संबंधित ग्राम पंचायतों के पास ही है। अप्रारंभ 11 भवनों की राशि में से 02 भवन की राशि अन्य ग्राम पंचायत एवं 09 भवनों की राशि जिला पंचायत के खाते में हस्तांतरित करवाई गई है। आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण की समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है। उक्त राशि का व्यय अन्य किसी कार्य में नहीं हुआ है।
सेवानिवृत्त होने उपरांत पेंशन का लाभ
[वित्त]
20. ( क्र. 3007 ) श्री प्रियव्रत सिंह : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न दिनांक तक ऐसे कितने अधिकारी एवं कर्मचारी सेवानिवृत्त हुए हैं, जिनकी नियुक्ति दिनांक 01 जनवरी 2005 के बाद हुई थी? विभागवार सेवानिवृत्त अधिकारी एवं कर्मचारी का नाम/पदनाम तथा उनको प्राप्त हो रही पेंशन राशि की विस्तृत जानकारी प्रदाय करें। (ख) क्या 01 जनवरी, 2005 के बाद नियुक्त शासकीय सेवक के आश्रित को शासकीय सेवक की मृत्यु उपरांत परिवार पेंशन की पात्रता होगी? यदि हाँ, तो प्रश्नांश (क) दर्शित शासकीय सेवकों के आश्रित को कितनी परिवार पेंशन प्राप्त होगी, कृपया अवगत कराएं। (ग) क्या प्रश्नांश (क) एवं (ख) के पेंशन एवं परिवार पेंशन आंकड़ों को देखते हुए शासकीय सेवक को सेवानिवृत्ति उपरांत न्यू पेंशन स्कीम का लाभ देना उचित है? क्या म.प्र. शासन पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाल करने हेतु आवश्यक कार्यवाही करेगा, कृपया अवगत कराएं।
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) राष्ट्रीय पेंशन योजना के प्रावधान अनुसार सेवानिवृत्ति पर अभिदाता की जमा राशि का 60 प्रतिशत एकमुश्त भुगतान तथा 40 प्रतिशत पर एन्युटी/पेंशन दी जाती है। सेवानिवृत्ति पर एकमुश्त भुगतान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है किंतु प्राप्त एन्युटी/पेंशन की जानकारी पेंशन फण्ड संस्था तथा अभिदाता को ही रहती है। विभाग में संधारित नहीं रहती है। (ख) जी नहीं। (ग) राष्ट्रीय पेंशन स्कीम भारत शासन द्वारा लागू व्यवस्था अनुसार है। वर्तमान में राज्य शासन में पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाल करने का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।
नल-जल योजनाओं की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
21. ( क्र. 3183 ) श्री गोपाल सिंह चौहान : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) चन्देरी विधानसभा अंतर्गत ईसागढ़ ब्लॉक में ऐसी कितनी नल-जल योजनाओं है जोकि 1 करोड़ से ऊपर की है? जिनके टेन्डर स्वीकृत होने के बाद भी आज दिनांक तक कार्य प्रारंभ नहीं हुए है. (ख) क्या ठेकेदार को नोटिस दिया गया है यदि हाँ, तो नोटिस की प्रति उपलब्ध करावें या फिर पेनाल्टी लगाई गई है? (ग) कार्य कब तक प्रारंभ करवा दिया जावेगा।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) 06 योजनाएं। जी नहीं, सभी योजनाओं के कार्य प्रगति पर हैं। (ख) जी नहीं, उत्तरांश-'क' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) उत्तरांश-'क' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
पात्रों को लाभ न पहुंचाने वालों पर कार्यवाही
[महिला एवं बाल विकास]
22. ( क्र. 3225 ) श्री सुभाष राम चरित्र : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला सिंगरौली में वर्ष 2018 से प्रश्नांश दिनांक तक में कितने कुपोषित एवं अति-कुपोषित बच्चे पाये गये, की जानकारी वर्ष 2018 से प्रश्नांश दिनांक तक की देते हुए बतावें कि इनमें कितने बच्चे जन्म से कुपोषित हैं एवं कितने जन्म के बाद कुपोषित हुए? (ख) प्रश्नांश (क) के कुपोषित बच्चों के कुपोषण से मुक्ति बाबत् क्या-क्या कार्यवाहियां की जा रही है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार कुपोषण से मुक्ति बाबत् चलाई जा रही योजनाओं में प्रति बच्चे औसतन कितनी राशि व्यय की जा रही है की जानकारी देते हुए बतावें कि संबंधित जिलों को कुपोषण से मुक्ति बाबत् संचालित योजनाओं के संचालन बाबत् कितनी राशि शासन द्वारा प्रश्नांश दिनांक की अवधि अनुसार प्राप्त हुई का विवरण वर्षवार देवें एवं व्यय का विवरण पृथक-पृथक देवें। (घ) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) में उल्लेखित तथ्यों के आधार पर जिम्मेदारों द्वारा अपने कर्तव्यों का निर्वहन न कर प्राप्त राशि का दुरूपयोग किया। बच्चे आज भी कुपोषित हैं। कुपोषण की संख्या आये दिन बढ़ रही है, इसके लिये जिम्मेदारों की पहचान कर उन पर क्या कार्यवाही करेंगे? अगर नहीं तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) वर्णित अवधि में कम वजन वाले बच्चों की संख्या – 42924, अति कम वजन वाले बच्चों की संख्या 3879 एवं जन्म के समय कम वजन वाले बच्चों की संख्या 1994 रही। जन्म से 05 वर्ष तक की आयु वर्ग के बच्चों का मासिक शारीरिक माप लिए जाने का प्रावधान है एवं विभागीय एम.आई.एस. में इसकी जानकारी संख्यात्मक रूप में संधारित की जाती है। जन्म के पहले एवं जन्म के बाद कुपोषित हुए बच्चों का पृथक से संधारण नहीं किया जाता है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -"अ" अनुसार है। (ग) अति कम वजन वाले बच्चों को पूरक पोषण आहार के अतिरिक्त थर्ड मील दिए जाने का प्रावधान है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -"ब" अनुसार है। जिले को प्राप्त राशि एवं व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -"स" अनुसार है। (घ) कुपोषित बच्चों की संख्या में कमी परिलक्षित हुई है। कुपोषण निवारण हेतु जिम्मेदार अधिकारी द्वारा कर्तव्यों का निर्वहन किया गया है तथा राशि का दुरूपयोग नहीं किया गया है। अतः शेष का प्रश्न ही नही।
अनुकंपा नियुक्ति प्रदान करने के नियम
[सामान्य प्रशासन]
23. ( क्र. 3240 ) श्री राकेश मावई : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. शासन के विभिन्न विभागों में कार्यरत शासकीय सेवकों की सेवाकाल में मृत्यु होने पर अनुकम्पा नियुक्ति देने के एक ही प्रावधान/नियम है अथवा अलग-अलग विभागों द्वारा अलग-अलग नियम बनाये गये है? यदि हाँ, तो विभागवार नियमों की जानकारी देवें। (ख) क्या शासकीय सेवकों की सेवाकाल में मृत्यु होने पर अनुकम्पा नियुक्ति करने संबंध में प्रश्नकर्ता सदस्य ने पत्र क्र.-108/2021 दिनांक 18.01.2021 द्वारा प्रमुख सचिव, सामान्य प्रशासन विभाग, भोपाल को ध्रुवसिंह यादव, सचिव ग्राम पंचायत बोना, जनपद पंचायत डबरा जिला ग्वालियर की सेवाकाल में मृत्यु उपरांत उनकी पुत्री श्रीमती रेनू यादव की अनुकम्पा नियुक्ति के लंबित प्रकरण का निराकरण कर नियुक्ति करने के लिये अवगत कराया गया? यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? (ग) क्या प्रश्नांश (क), (ख) के संबंध में प्रश्नकर्ता सदस्य को पत्र पर की गई कार्यवाही से अवगत कराया गया है? यदि हाँ, तो विवरण सहित जानकारी देवें? यदि अवगत नहीं कराया गया तो क्यों तथा इसके लिये कौन-कौन दोषी है उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी? श्रीमती रेनू यादव के प्रकरण के संबंध में किन-किन के द्वारा कब-कब आयुक्त, पंचायतीराज संचालनालय भोपाल को पत्र प्राप्त हुये थे तथा उन पत्रों पर क्या कार्यवाही की गई? विवरण सहित जानकारी देवें। (घ) श्रीमती रेनू यादव के लंबित अनुकम्पा नियुक्ति प्रकरण का निराकरण कब तक होगा।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। अनुकम्पा नियुक्ति के संबंध में दिनांक 29.09.2014 का नियम लागू है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हाँ। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के आदेश दिनांक 25.02.2021 द्वारा आवेदिका को अवगत कराते हुए लेख किया गया है कि विवाहित पुत्री को अनुकम्पा नियुक्ति की पात्रता नहीं होने से प्रकरण अमान्य किया गया है। (ग) जी हाँ। पंचायत राज संचालनालय मध्यप्रदेश के पत्र दिनांक 02.03.2021 द्वारा माननीय सदस्य को अवगत कराया गया है। विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। श्रीमती रेनू यादव के प्रकरण के संबंध में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत, श्रीमती रेनू यादव पुत्री स्व. श्री ध्रुव सिंह यादव, माननीय पूर्व विधायक विधानसभा क्षेत्र जौरा का पत्र प्राप्त हुआ। (घ) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
रिक्त पदों की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
24. ( क्र. 3258 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले की मउगंज विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत कौन-कौन से किस स्थान पर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, सिविल अस्पताल एवं अन्य प्रकार के स्वास्थ्य केन्द्र/अस्पताल है? सूची दें? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित अस्पतालों में कुल कितने पद, किस पदनाम के, वेतनमान के स्वीकृत हैं? अस्पतालवार सूची दें? प्रश्नतिथि तक इन अस्पतालों में किस नाम/पदनाम/वेतनमान के अधिकारी/कर्मचारी स्थायी/संविदा के तहत किन-किन जगहों पर किस दिनांकों से पदस्थ हैं? किस पदनाम के पद कब से रिक्त हैं? सूची दें? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित चिकित्सा केन्द्रों में 01.04.2017 से प्रश्नतिथि तक किस नाम/पदनाम/वेतनमान के संविदा कर्मियों की नियुक्ति किस सक्षम कार्यालयों के किस जारी आदेशों के तहत की गई? (घ) प्रश्नांश (क) में वर्णित अस्पतालों में मरीजों के लिये कौन-कौन सी मशीनें/उपकरण उपलब्ध हैं? सूची दें? कौन-कौन चालू हालत में हैं? कौन कब से क्यों बंद/खराब पड़े हैं? सूची दें? किन-किन उपकरणों की आवश्यकता है? उसके लिये क्या प्रयास किये गये हैं? बतायें कि 01.04.2017 से प्रश्नतिथि तक नि:शुल्क दवा वितरण के लिये माहवार वर्षवार कितनी राशि आई एवं माहवार/वर्षवार अस्पतालवार व्यय हुई? कितनी नि:शुल्क दवायें तक अस्पतालवार उपलब्ध हैं? सूची दें।
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (घ) अस्पतालों में मरीजों के लिए उपलब्ध मशीनें/उपकरण, चालू एवं बंद, निःशुल्क दवा वितरण की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार है। संस्थाओं में सभी आवश्यक उपकरण उपलब्ध है। शेष प्रश्न उपस्थिति नहीं होता। निःशुल्क दवा का क्रय जिला स्तर पर किया जाता है, कोई राशि उक्त संस्थाओं को प्रदाय नहीं की जाती है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अनुसूचित जन जाति के प्रमाण-पत्रों का प्रदाय
[सामान्य प्रशासन]
25. ( क्र. 3268 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अनुसूचित जनजाति के आवेदनकर्ताओं से जाति प्रमाण पत्र बनाने के लिये पचास वर्ष का रिकार्ड मांगा जा रहा है? क्यों? ग्वालियर पूर्व विधान सभा की इस स्थिति के बारे में जानकारी दी जावे। (ख) उक्त समाज के लोग कम पढ़े-लिखे होने के कारण पचास वर्षों का रिकार्ड उपलब्ध नहीं रहता है, जब उक्त वर्ग के लोग जाति प्रमाण पत्र बनाने हेतु आवेदन करते हैं तो उनसे मोहल्ले का प्रमाण पत्र पटवारी की जाँच कराने के कारण उन्हें कई चक्कर लगाने पड़ते हैं, क्यों? जनवरी 2021 की स्थिति के अनुसार। जानकारी दी जावें। (ग) क्या जो व्यक्ति जन्म से निवासरत हैं एवं पहले से जाति प्रमाण पत्र भी हैं, इन प्रमाण पत्रों को ऑनलाईन करने से अधिकारी मना करते हैं यदि हाँ, तो? इनको कब तक ऑनलाईन कर दिया जावेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) सामान्य प्रशासन विभाग के ज्ञाप क्रमांक एफ 7-42/2012/आप्र/एक,दिनांक 08 जुलाई 2021/आप्र/एक, दिनांक 08 जुलाई 2019 के पद क्रमांक-3 में उल्लेखित निर्देशानुसार संबंधित आवेदकों से 50 वर्षों का लिखित रिकार्ड की मांग नहीं की जा रही है। मौका जाँच कर पंचनामा के आधार पर प्रमाण पत्र जारी किये जाते हैं। (ख) उक्त ज्ञाप के क्रम में आवेदक/संबंधित सरपंच/पार्षद/उस ग्राम, मोहल्ले के संभ्रांत व्यक्ति से पूछताछ कर उनके बयान दर्ज किये जाकर समय-सीमा में जारी किये जा रहे हैं। जनवरी 2021 की स्थिति में कोई भी प्रकरण लंबित नहीं है। (ग) पूर्व से बने हुये (हस्तलिखित) जाति प्रमाण पत्रों को ऑनलाईन किये जा रहे हैं। किसी भी अधिकारी द्वारा मनाही नहीं किया जाता है। लोक सेवा गारंटी से प्राप्त आवेदन पत्रों का निर्धारित समयावधि में निराकरण किया जाता हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
बड़वानी जिले में कार्य लंबित होने संबंधी
[सामान्य प्रशासन]
26. ( क्र. 3307 ) श्री बाला बच्चन : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रभारी मंत्री न होने से बड़वानी जिले में कितने कार्य लंबित है? दिनांक 31.01.2021 की स्थिति में फाइल संख्या सहित जानकारी देवें? (ख) उपरोक्त स्थिति में कितने कार्य शासन से अनुमोदन लेकर स्वीकृत किए गए फाइल संख्या सहित बतावें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जिला बड़वानी अंतर्गत समस्त विभागों से प्राप्त जानकारी निरंक है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उद्भूत नहीं होता।
नर्मदा नदी से लिफ्ट इरिगेशन परियोजना
[नर्मदा घाटी विकास]
27. ( क्र. 3315 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्तमान में देवास जिले में नर्मदा नदी से कितनी लिफ्ट इरिगेशन योजनाएं स्वीकृत की गई हैं। प्रत्येक का प्रारंभ बिन्दु, लाभान्वित क्षेत्र, सिंचित रकबा (हेक्टेयर) में, परियोजना लागत एवं उपलब्ध जल की जानकारी योजनावार उपलब्ध कराएं। (ख) खातेगांव विधानसभा क्षेत्र के गांवों के लिफ्ट इरिगेशन के माध्यम से हंडिया बैराज योजना की वर्तमान में क्या तकनीकी एवं प्रशासकीय स्थिति है क्या इस योजना में कुछ गांवों को और जोड़ा जा सकता है? (ग) क्या इस विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत लगभग 95 गांव अब भी ऐसे शेष हैं जिन्हें सिंचाई की कोई सुविधा उपलब्ध नहीं है एवं किसान लम्बे समय से सिंचाई सुविधा हेतु नहर/उद्वहन सिंचाई परियोजना की मांग कर रहे हैं। (घ) क्या सरकार खातेगांव कन्नौद, तहसील के शेष सिंचाई से वंचित गांवों की सिंचाई हेतु नर्मदा नदी से एक नवीन योजना की शीघ्र स्वीकृति कराने पर विचार कर रही है।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रशासकीय स्वीकृति दिनांक 07/02/2020 को जारी की जा चुकी है। तकनीकी स्वीकृति की कार्यवाही प्रचलन में है। ग्रामों को जोड़ना संभव नहीं है। (ग) जी हाँ। (घ) जी नहीं।
सामग्री की खरीदी
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
28. ( क्र. 3334 ) श्री संजय उइके : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला चिकित्सालय बालाघाट को जिला खनिज प्रतिष्ठान नीधि से उपकरण/ अन्य सामग्री खरीदी हेतु वित्तीय वर्ष 2018-19 से प्रश्न दिनांक तक कितनी-कितनी राशि किन-किन कार्यों हेतु कब-कब प्राप्त हुई? कितना-कितना व्यय किया गया, कितना-कितना शेष है? (ख) जिला चिकित्सालय को प्रश्न ''क'' में उल्लेखित कार्यों हेतु प्राप्त राशि से व्यय करने हेतु कब-कब निविदा बुलाई गई, सफल निविदाकार का नाम एवं दर, कार्य प्रारम्भ करने का दिनांक, पूर्ण करने का दिनांक, कब-कब कितनी राशि का भुगतान किया गया, प्रशासकीय स्वीकृति सहित जानकारी उपलब्ध करावें? (ग) कोविड 19 में जिला खनिज प्रतिष्ठान नीधि से प्रश्नांश ''क'' में उल्लेखित कार्यों में व्यय करने शासन के आदेश/निर्देश की स्वच्छ प्रतिलिपि? जिला चिकित्सालय के किन-किन अधिकारी/समिति को निर्माण कार्य एवं खरीदी हेतु प्रदत्त वित्तीय अधिकार शासन द्वारा दिये गये है उसकी प्रति सहित जानकारी उपलब्ध करावें?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जिला चिकित्सालय बालाघाट में जिला खनिज प्रतिष्ठान निधि से उपकरण/अन्य सामग्री खरीदी हेतु वित्तीय वर्ष 2018-19 से प्रश्न दिनांक तक कोई राशि प्राप्त नहीं हुई है। (ख) शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
निर्माण कार्य के संबंध में
[संस्कृति]
29. ( क्र. 3336 ) श्री संजय उइके : क्या पर्यटन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या वित्तीय वर्ष 2018-19 में विभाग को विशेष पिछड़ी जनजाति केन्द्रों की स्थापना हेतु शिवपुरी (सहरिया), बालाघाट (बैगा) भवन निर्माण हेतु राशि प्राप्त हुई थी? (ख) यदि हाँ, तो स्वीकृत वर्ष 2018-19 से प्रश्न दिनांक तक कितनी-कितनी राशि कब-कब प्राप्त हुई बतावें? (ग) विशेष पिछड़ी जनजाति सांस्कृतिक केन्द्रों का भवन निर्माण कार्य कब-कब, कहाँ-कहाँ प्रारम्भ किया गया है? यदि कार्य प्रारम्भ नहीं किया गया है? कार्य कब तक प्रारम्भ किया जावेगा, समय-सीमा बतावें? (घ) विभाग को प्राप्त राशि वित्तीय वर्ष में व्यय नहीं कर सकने के कारण समर्पण किया गया? हाँ या नहीं? यदि हाँ, तो पुनः आवंटन हेतु कब-कब पत्र लिखा गया एवं कब-कब राशि प्राप्त हुई?
पर्यटन मंत्री ( सुश्री उषा ठाकुर ) : (क) जी नहीं। (ख) प्रश्नांश ''क'' उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश ''क'' उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नांश ''क'' उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
अवैध शराब जप्ती की जानकारी
[वाणिज्यिक कर]
30. ( क्र. 3345 ) श्री विशाल जगदीश पटेल : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 अप्रैल 2020 से 30 जून 2020 भोपाल, रायसेन एवं सीहोर जिले के कितने वाहनों से अवैध शराब जप्त की गई? जप्त की गई शराब किस-किस ब्रांड की और कितनी मात्रा में थी? उसका बैच नंबर भी बताएं? (ख) क्या उपरोक्त जप्त की गई अवैध शराब किसी लाइसेंसी दुकान की थी? (ग) यदि नहीं तो अभी तक की विवेचना में विभाग ने जप्त शराब के बेच नंबर आदि के माध्यम से क्या इसकी पड़ताल पूर्ण कर ली है? इसमें कितने लोगों की गिरफ्तारी की गई? उनका नाम पता भी बताएं।
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) 1 अप्रैल 2020 से 30 जून 2020 तक भोपाल, रायसेन एवं सीहोर के वाहनों से जप्त की गई अवैध शराब की जानकारी एवं अन्य विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नही। जप्त की गई शराब किसी लायसेंसी की दुकान की न होकर अवैध स्त्रोतों से प्राप्त की गई मदिरा तथा अवैध हाथ भट्टी शराब होना पाया गया है। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार पंजीबद्ध प्रकरणों की विवेचना पूर्ण की जाकर सक्षम न्यायालय में अभियोजन की कार्यवाही की गई है। प्रकरण न्यायालयीन प्रक्रियाधीन है। उपरोक्त प्रकरणों में गिरफ्तार किये गये आरोपियों की संख्या, उनके नाम एवं पते संलग्न परिशिष्ट पर है।
वाहन निविदा के संबंध में
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
31. ( क्र. 3355 ) श्री नागेन्द्र सिंह (गुढ) : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि कलेक्टर सतना के प्रशासनिक आदेश दिनांक 27.5.2020 एवं 03.09.2020 से रेवांचल टूर एण्ड ट्रेवल्स को एक वर्ष के लिये ब्लैक लिस्टेड कर निविदा प्रपत्र क्रय करने एवं नया अनुबन्ध करने तथा नया पंजीयन करने के लिये अपात्र घोषित किया गया था। (ख) यदि हाँ तो रेवाचंल टूर एण्ड ट्रेवल्स को मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जिला रीवा द्वारा किस आधार पर निविदा प्रपत्र प्रदान कर निविदा में भाग लेने दिया गया तथा एन.आर.एच.एम. द्वारा जारी अनिवार्य अर्हताओं का पालन भी नहीं किया गया? (ग) क्या यह सही है कि आयुक्त रीवा संभाग द्वारा अपने न्यायालयीन प्रकरण क्र. RCMS 0327/ अपील/20-21 आदेश दिनांक 28.01.2020 से प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कलेक्टर सतना के आदेश को अपात्र कर दिया गया? (घ) यदि प्रश्नांश (ग) का उत्तर हाँ है तो कलेक्टर सतना के प्रशासनिक आदेश को किस आधार पर न्यायालय में दर्ज कर अवैधानिक आदेश पारित कर दिया गया?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी हाँ। (ख) ऑनलाईन निविदा प्रक्रिया में निविदा आमंत्रित की गई थी किन्तु निविदा प्रक्रिया पूर्ण नहीं की गई है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन द्वारा जारी अनिवार्य अर्हताओं का पालन किया गया है। (ग) जी हाँ। (घ) मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता, 1959 की धारा 44 अपील तथा अपील अधिकारी (1) (छ) (एक) के प्रावधान अनुसार ''कलेक्टर द्वारा पारित किये गये प्रत्येक आदेश के विरूद्ध द्वितीय अपील आयुक्त को होगी''।
शासकीय कर्मचारियों एवं पेंशनर्स के बकाया भुगतान
[वित्त]
32. ( क्र. 3362 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश शासन के शासकीय कर्मचारियों/अधिकारियों एवं पेंशनरों का माह जुलाई 2019 से 5 प्रतिशत, जनवरी 2020 से 4 प्रतिशत एवं जुलाई 2020 से 3 प्रतिशत एवं जनवरी 2021 से 4 प्रतिशत महंगाई राहत राशि का दिया जाना शेष है? यदि हाँ, तो अभी तक न देने का क्या कारण है? क्या यह शसकीय कर्मियों एवं पेंशनर्स के साथ अन्याय है? यदि हाँ, तो अब कब-तक ऐरियर सहित राहत राशि दी जायेगी? एक निश्चित समय-सीमा स्पष्ट करें? (ख) आयुष्मान योजना का लाभ प्रदेश के पेंशनर्स को क्यों नहीं दिया जा रहा? अब-कब से दिया जायेगा? क्या स्वास्थ्य बीमा योजना पेंशनर्स के स्वास्थ्य लाभ के लिये लागू की जायेगी? यदि हाँ, तो कब से? क्या विलम्ब की स्थिति में 1000/-रूपये प्रतिमाह चिकित्सा भत्ता दिया जायेगा? यदि हाँ, तो कब से? यदि नहीं तो क्यों? बतायें। (ग) क्या छठवें वेतनमान का माननीय उच्च न्यायालय के निर्णय दिनांक 2 मार्च 2020 के अनुसार 1 जनवरी 2006 से 31 अगस्त 2008 तक कुल 32 माह के ऐरियर का 6 प्रतिशत ब्याज सहित भुगतान किया जायेगा यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों? क्या सातवें वेतनमान का 27 माह का ऐरियर्स केन्द्र सरकार के परिपत्र अनुसार भुगतान किया जाना शेष है? यदि हाँ, तो कब तक भुगतान कर दिया जायेगा? यदि नहीं तो क्यों?
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) मध्यप्रदेश शासन के शासकीय कर्मचारियों/अधिकारियों को जुलाई 2019 से मंहगाई भत्ते/राहत राशि का निर्णय कोविड-19 महामारी के कारण आर्थिक स्थिति पर पड़े विपरीत प्रभाव के परिप्रेक्ष्य में लंबित है। समय-सीमा बताना जाना संभव नहीं है। (ख) वर्तमान में आयुष्मान भारत योजना के हितग्राही का नाम वर्ष 2011 की जनगणना SECC (सामाजिक, आर्थिक, जातिगत जनगणना) के डाटा में D1 से D7 तक (D6 को छोड़कर) राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा पर्चीधारक परिवार या संबल योजना में शामिल होना आवश्यक है। वर्तमान में पेंशनरों को इलाज के लिए दवाइयों की सुविधा शासकीय चिकित्सालयों के माध्यम से उपलब्ध है। विशेष प्रकरणों के लिए पेंशनर्स कल्याण कोष की व्यवस्था है। पेंशनरों के लिए स्वास्थ्य बीमा योजनाओं के प्रावधानों पर विचार-विमर्श की कार्यवाही प्रक्रियाधीन होने से समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) मध्यप्रदेश शासन के सुविचारित निर्णय अनुसार पेंशनर्स को छठवें वेतनमान का लाभ 01 सितम्बर 2008 से तथा सांतवें वेतनमान का लाभ माह अप्रैल 2018 से दिया गया है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में छठवें वेतनमान के संबंध में रिव्यू याचिका क्रमांक 1014/2020 प्रचलित है।
जनभागीदारी योजनान्तर्गत नल-जल योजनाओं की स्वीकृति
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
33. ( क्र. 3363 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भितरवार विधानसभा क्षेत्र में पेयजल की गम्भीर समस्या है किन-किन ग्राम पंचायतों में 1 फरवरी 2021 की स्थिति में नल-जल योजना चालू है तथा किन-किन ग्राम पंचायतों में किन-किन कारणों से किस दिनांक से बन्द है। नल-जल योजना बन्द होने के लिये कौन-कौन कर्मचारी/ अधिकारी दोषी है क्या दोषियों के प्रति कोई दण्डात्मक कार्यवाही की जावेगी यदि हाँ, तो क्या? अब बन्द नल-जल योजनाओं को कब तक चालू कर दिया जावेगा एक निश्चित समय-सीमा स्पष्ट करें। (ख) 1 अप्रैल 2020 से प्रश्न दिनांक तक ग्वालियर जिले में विधानसभा क्षेत्र भितरवार, डबरा एवं ग्वालियर ग्रामीण में कितने-कितने नवीन खनन कर हैण्डपम्प लगवाये तथा कितनी-कितनी सिंगल फेश की मोटरें किस-किस स्थान, गाँव, ग्राम पंचायतों में डलवाई सम्पूर्ण जानकारी दें। (ग) भितरवार विधानसभा क्षेत्र में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग में कौन-कौन कर्मचारी/अधिकारी पदस्थ है उनका नाम, पद पदस्थापना दिनांक, मुख्यालय बतावें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी नहीं, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 के अनुसार है। योजनाएं संबंधित ग्राम पंचायतों को हस्तांतरित हैं, जिनके संचालन-संधारण का दायित्व संबंधित ग्राम पंचायतों का है, अतः कोई अधिकारी/कर्मचारी दोषी नहीं है, शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। निश्चित समयावधि बताया जाना संभव नहीं है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 एवं 3 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है।
संविदा कर्मचारियों के यूनिक कोड के संबंध में
[वित्त]
34. ( क्र. 3399 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या संविदा पर कायर्रत कर्मचारियों के यूनिक कोड आईडेंटीफिकेशन कोड बनाये जा रहे है या अपडेट किये जा रहे? (ख) सागर संभाग में सागर जिले के सर्व शिक्षा अभियान के तहत आने वाले संविदा कर्मचारियों के यूनिक कोड आईडेंटीफिकेशन बन चुके हैं या नहीं? (ग) यदि हाँ, तो प्रश्नांश (क) में पूछे गये कर्मचारियों का मासिक भुगतान कोषालय के माध्यम से हो रहा है या नहीं? यदि नहीं हो रहा है तो कब तक किया जायेगा?
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। सर्व शिक्षा अभियान परियोजना पंजीकृत सोसायटी के अंतर्गत कार्य कर रही है। इसमें कार्यरत कर्मचारियों का वेतन अनुदान के रूप में सोसायटी को भुगतान किया जाता है। कोषालय से आहरित नहीं किया जाता है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नोत्तर (ख) के संदर्भ में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मंदिरा अवैध रूप से बेचना
[वाणिज्यिक कर]
35. ( क्र. 3402 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मार्च 2020 में पूरे प्रदेश में लाक डाउन का घोषणा के पश्चात क्या प्रदेश की देशी/विदेशी मदिरा की दुकानें आबकारी विभाग के समक्ष अधिकारियों की मौजूदगी में शासकीय सील लगाकर बंद की गई थी? (ख) लॉक डाउन खत्म होने पर रीवा राजस्व संभाव में देशी/विदेशी मदिरा की दुकानें खोले जाने के शासन के आदेश के पूर्व किन-किन जिलों में किन-किन स्थानों पर देशी/विदेशी की दुकानों की सील तोड़कर दुकानों से कितनी राशि की देशी/विदेशी मदिरा चोरी जाने के प्ररकणों पर विभाग द्वारा स्वयं अपने स्तर पर/संबंधित पुलिस थाना क्षेत्रों में आपराधिक प्रकरण कब-कब, किन-किन के विरूद्ध किस-किस स्थान पर प्रकरण दर्ज स्वयं किये? पुलिस में दर्ज करवायें? प्रकरणवार/जिलेवार सूची दें। (ग) उक्त शासकीय सील तोड़कर जिन-जिन ठेकेदारों द्वारा स्थानीय आबकारी अधिकारियों से सांठ-गांठ कर लाकडाउन के दौरान शराब चोरी कर बेची उस पर विभाग द्वारा प्रश्नतिथि तक किस-किस को चिन्हित कर उसके विरूद्ध कब व क्या कार्यवाही की? प्रकरणवार/जिलेवार जानकारी दें। (घ) उक्त मदिरा चोरी के इतने बड़े प्रकरणों पर आबकारी आयुक्त ग्वालियर/प्रमुख सचिव वाणिज्य कर/संभागीय उड़नदस्ता कार्यालयों को जो शिकायतें दिनांक 01/05/2020 से 30/11/2020 के दौरान प्राप्त हुई उनका विवरण दें तथा उन पर की गई?
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जी हाँ, मार्च 2020 में पूरे प्रदेश में लॉकडाउन की घोषणा के पश्चात् शासन के आदेशानुसार प्रदेश की समस्त देशी/विदेशी मदिरा दुकानों को आबकारी विभाग के सक्षम अधिकारियों द्वारा सील बंद किया गया। (ख) लॉकडाउन खत्म होने पर मदिरा दुकानें खोले जाने के शासन आदेश के पूर्व रीवा राजस्व संभाग के अंतर्गत जिला रीवा एवं सीधी में देशी/विदेशी मदिरा दुकानों से मदिरा चोरी किये जाने का कोई प्रकरण कायम नहीं हुआ है। लॉकडाउन खत्म होने पर मदिरा दुकानें खोले जाने के आदेश के पूर्व रीवा राजस्व संभाग के अंतर्गत देशी/विदेशी मदिरा दुकानों से मदिरा चोरी किये जाने के सतना जिले में 4 प्रकरणों में एफ.आई.आर. दर्ज की गई है। जबकि 1 प्रकरण में एफ.आई.आर. दर्ज किए जाने हेतु आबकारी विभाग द्वारा थाना प्रभारी रामनगर को पत्र लिखा गया है तथा सिंगरौली जिले में 1 प्रकरण में एफ.आई.आर. दर्ज की गई है। विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ग) रीवा राजस्व संभाग के अंतर्गत जिला सतना में लॉकडाउन के दौरान मदिरा चोरी की घटना के प्रश्नांश (ख) के उत्तर में दर्ज 4 प्रकरण पुलिस विभाग में विवेचनाधीन है एवं 1 प्रकरण में एफ.आई.आर. दर्ज किए जाने हेतु पत्र लिखा गया है। सिंगरौली जिले में दर्ज 1 प्रकरण को पुलिस विभाग द्वारा सक्षम न्यायालय में दिनांक 11.07.2020 को प्रस्तुत किया गया है। लॉकडाउन अवधि दौरान सागर जिले अंतर्गत शहरी क्षेत्र की देशी मदिरा दुकान तिलिगांव एवं विदेशी मदिरा दुकान झांसी बस स्टेण्ड की सील तोड़कर मदिरा चोरी के प्रकरण पुलिस थाना गोपालगंज एवं थाना कैंट के अंतर्गत कायम किये गये है। जो पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। चूंकि प्रकरण पुलिस द्वारा कायम किये गये थे जिसमें स्थानीय आबकारी अधिकारियों की कोई सांठ-गांठ नहीं पाई गई। अतएव इस संबंध में विभाग द्वारा प्रश्न तिथि तक किसी को भी चिन्हित कर कोई कार्यवाही नहीं की गई। ग्वालियर संभाग के अंतर्गत जिला मुरैना में शासकीय सील तोड़कर देशी मदिरा दुकान पहाड़गढ़ एवं विदेशी मदिरा दुकान आर.टी.ओ. बैरियर पर चोरी की घटना घटित हुई है जिसकी श्री दिनेश निगम, आबकारी उपनिरिक्षक द्वारा संबंधित पुलिस थानों में एफ.आई.आर. दर्ज कराई गई है। एफ.आई.आर. की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन अनुसार है। (घ) प्रश्नांश (घ) अनुसार प्रदेश के उपायुक्त आबकारी, संभागीय उड़नदस्ता, रीवा में आलोच्य अवधि में 1 शिकायत प्राप्त हुई। उक्त शिकायत के संबंध में जिला आबकारी अधिकारी, जिला सतना से जाँच प्रतिवेदन प्राप्त किया गया। उन्होंने अपने प्रतिवेदन में लॉकडाउन अवधि में सतना जिले की देशी/विदेशी मदिरा दुकानों से मदिरा चोरी के 4 प्रकरणों में एफ.आई.आर. दर्ज होने एवं 1 प्रकरण में एफ.आई.आर. दर्ज किए जाने हेतु पत्र लिखे जाने का उल्लेख किया है।
विभागीय जाँच के संबंध में
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
36. ( क्र. 3415 ) श्री नागेन्द्र सिंह (गुढ) : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या संचालनालय स्वास्थ्य सेवायें के पत्र दिनांक 13.11.2019 से डॉ. सुधीर जैसानी तत्कालीन सी.एम.एच.ओ. रीवा के विरूद्ध विभागीय जाँच संस्थित की गई थी? (ख) यदि हाँ तो म.प्र. सिविल सेवा वर्गीकरण नियंत्रण तथा अपील नियम 1966 के प्रावधानों का पालन कर एक वर्ष की निर्धारित समयावधि में जाँच पूर्ण क्यों नहीं की गई? (ग) शासनादेश के तहत उक्त विभागीय जाँच कब तक पूर्ण कर ली जायेगी तथा जाँच में विलम्ब के लिये दोषी अधिकारियों के विरूद्ध कब तक कार्यवाही की जायेगी?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी हाँ। संचालनालय के ज्ञाप क्रमांक.3126/दिनांक 13/11/2019 द्वारा डॉं. सुधीर जैसानी, तत्कालीन मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जिला रीवा के विरूद्ध विभागीय जाँच संस्थित करने हेतु उन्हें आरोप पत्रादि जारी किये गये। (ख) डॉं. जैसानी को जारी आरोप पत्र का प्रतिवाद उत्तर, उनके द्वारा प्रस्तुत नहीं किये जाने के परिणामस्वरूप, उनके विरूद्ध निर्धारित समयावधि में जाँच पूर्ण नहीं हो सकी। (ग) डॉं. जैसानी से प्रतिवाद उत्तर प्राप्त किये जाने हेतु उन्हें स्मरण पत्र जारी किया गया है। डॉं.जैसानी से प्रतिवाद उत्तर प्राप्त होने पर, प्राप्त प्रतिवाद उत्तर का परीक्षणोंपरान्त उनके विरूद्ध संस्थित विभागीय जाँच प्रकरण में शीघ्र निर्णय लिया जावेगा के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मोबेलिटी सपोर्ट एवं आर.बी.एस. के वाहनों की निविदा
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
37. ( क्र. 3416 ) श्री नागेन्द्र सिंह (गुढ) : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या एन.आर. एच.एम. भोपाल द्वारा वर्ष 2020-21 के लिये मोबेलिटी सपोर्ट एवं आर.बी.एस. के वाहनों की निविदा हेतु अनिवार्य अर्हतायें जारी की गई कि नहीं? (ख) यदि हाँ तो उक्त जारी अनिवार्य अर्हतायें प्रदेश के सभी जिलों के लिये एक ही अनिवार्य अर्हतायें जारी की गई है या अलग-अलग जिलों के लिये अलग-अलग अनिवार्य अर्हतायें जारी की गई हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) का उत्तर यदि हाँ तो यह बतायें कि अनिवार्य अर्हतायें जारी करने के लिये गठित समिति द्वारा पूरे प्रदेश के जिलों में एक समान अनिवार्य अर्हतायें जारी न कर अलग-अलग अर्हतायें किस आधार पर जारी की गई? (घ) अलग-अलग जिलों के लिये अलग-अलग अर्हतायें जारी कर किसी व्यक्ति विशेष को लाभ पहुंचाने के कृत्य के लिये कौन दोषी है तथा उसके इस कृत्य के लिये क्या कार्यवाही की जायेगी?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी हाँ, मोबिलिटी सपोर्ट हेतु जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। आर.बी.एस.के. वाहनों की निविदा हेतु पृथक से अनिवार्य अर्हतायें जारी नहीं की गयी है। (ख) जी हाँ, समस्त जिलों हेतु एक समान अर्हतायें जारी की गई। आर.बी.एस.के. वाहनों के संबंध में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
योजनाओं के संबंध में
[सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम]
38. ( क्र. 3421 ) श्री संजय उइके : क्या सूक्ष्म,लघु और मध्यम उद्यम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग द्वारा एम.एस.एम. ई. प्रोत्साहन व्यवसाय निवेश संवर्धन/सुविधा प्रदाय योजना, मुख्यमंत्री स्व-रोजगार योजना, मुख्यमंत्री आर्थिक कल्याण योजना, मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना, पॉवरलूम बुनकरों को रियायत दर पर विद्युत प्रदाय/ब्याज अनुदान योजनाऐं विभाग द्वारा संचालित की जा रही है? (ख) यदि हाँ तो वित्तीय वर्ष 2018-19 से प्रश्न दिनांक तक योजनाओं में कितनी-कितनी राशि प्राप्त हुई एवं कितनी-कितनी राशि योजनावार जिले को आवंटित की गई बतावें? (ग) प्रश्नांश ''क'' में उल्लेखित योजनाओं से बालाघाट जिलांतर्गत कितने-कितने अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं अन्य लाभांवित हुए?
सूक्ष्म,लघु और मध्यम उद्यम मंत्री ( श्री ओमप्रकाश सखलेचा ) : (क) प्रश्नांश ''क'' में उल्लेखित योजनाओं में से वर्तमान में विभाग द्वारा केवल एम.एस.एम.ई. प्रोत्साहन योजना 2019 एवं पावरलूम बुनकरों को विद्युत अनुदान की योजना संचालित है। (ख) एम.एस.एम.ई. प्रोत्साहन योजना अंतर्गत वर्ष 2018-19 से प्रश्न दिनांक तक प्राप्त राशि एवं जिलों को वितरित राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। पावरलूम बुनकरों को दिये जाने वाले विद्युत अनुदान की राशि जिलों को आवंटित नहीं की जाती है अपितु सीधे विद्युत वितरण कंपनी को प्रदान की जाती है। वर्ष 2018-19 से प्रश्न दिनांक तक विद्युत अनुदान हेतु प्राप्त राशि एवं व्यय की गई राशि का विवरण निम्नानुसार है:-
वित्तीय वर्ष |
योजना में प्राप्त राशि (रूपये में) |
व्यय राशि (रूपये में) |
2018-19 |
27,40,00,000 |
19,29,65,227 |
2019-20 |
16,38,00,000 |
7,25,96,000 |
2020-21 |
8,00,00,000 |
7,99,51,422 |
(ग) प्रश्नांश ''क'' में उल्लेखित एम.एस.एम.ई. प्रोत्साहन योजना अन्तर्गत वर्ष 2018-19 से प्रश्न दिनांक तक लाभांवित इकाइयों की श्रेणीवार संख्या की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। बालाघाट जिले में पॉवरलूम बुनकरों को दिये जाने वाले विद्युत अनुदान संबंधी जानकारी निरंक है।
प्रमुख सचिव द्वारा की जा रही जाँच से प्राप्त तथ्य
[सामान्य प्रशासन]
39. ( क्र. 3438 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या इटारसी के पूर्व अनुविभागीय अधिकारी श्री हरेन्द्र नारायण द्वारा अपने कार्यकाल में की गयी अनियमितताओं एवं आपराधिक कृत्य के संबंध में प्रश्नकर्ता द्वारा अपने पत्र क्र.1134 दिनांक 12.10.2020 से की गयी। शिकायत मुख्य सचिव, कार्यालय से पत्र क्रमांक 6535/मु.स./2020/सामान्य दिनांक 14.10.2020 से प्रमुख सचिव, सामान्य प्रशासन विभाग (कार्मिक) म.प्र. को प्रेषित की गयी थी। (ख) प्रमुख सचिव, सामान्य प्रशासन विभाग (कार्मिक) द्वारा जाँच की गयी? यदि हाँ, तो जाँच में कौन से तथ्य प्रकाश में आये। यदि जाँच नहीं की गयी तो कब तक की जावेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। (ख) प्राप्त शिकायत पर आयुक्त, नर्मदापुरम संभाग, होशंगाबाद से प्राप्त प्रतिवेदन परीक्षणाधीन हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कार्य प्रणाली के संबंध में शिकायत
[सामान्य प्रशासन]
40. ( क्र. 3439 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता द्वारा मुख्य सचिव कार्यालय को अपने पत्र क्र. 217 दि. 11.11.2019 एवं पत्र क्र. 218 दि. 11.11.2019 से तत्कालीन कलेक्टर श्री शीलेन्द्र सिंह की कार्यप्रणाली के संबंध में शिकायत की गयी थी? (ख) क्या मुख्य सचिव कार्यालय द्वारा अपने पत्र क्र. 9014 एवं 9045 दोनों दि. 29.11.2019 से प्रमुख सचिव, कार्मिक, सामान्य प्रशासन विभाग, म.प्र. भोपाल लिखकर कार्यवाही कर तथ्यों से प्रश्नकर्ता को अवगत कराने हेतु लिखा गया था? (ग) क्या उप सचिव, कार्मिक, भोपाल द्वारा प्रश्नकर्ता को अपने पत्र क्र. 2545/4068/2019/6/एक दि. 29.08.2020 से अवगत कराया था कि तत्संबंध में आयुक्त नर्मदापुरम संभाग से तत्संबंध में प्रतिवेदन प्राप्त हो गया है? यदि हाँ, तो क्या? (ड.) क्या कार्मिक विभाग द्वारा उक्त जाँच पूर्ण कर ली गयी है? यदि हाँ, तो जाँच से प्राप्त तथ्यों से अवगत करावें। यदि जाँच अपूर्ण है तो क्यों एवं कब तक हो सकेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रश्नांश में उल्लेखित दोनों पत्र मुख्य सचिव कार्यालय द्वारा प्रमुख सचिव ''कार्मिक'' सा.प्र.वि. को प्रेषित किये गये हैं। (ग) जी हाँ। प्रतिवेदन की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ड.) प्राप्त प्रतिवेदन के परीक्षणोंपरांत शिकायत के बिन्दु प्रमाणित नहीं पाए गए है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्रशासनिक पदों पर बैठे एम.डी. मेडिसन की जिलों में पदस्थापना
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
41. ( क्र. 3440 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला चिकित्सालय एवं डॉ.श्यामाप्रसाद मुखर्जी चिकित्सालय, इटारसी में एम.डी. (मेडिसन) के स्वीकृत/भरे एवं रिक्त पदों की जानकारी दें? (ख) जानकारी दें कि रिक्त पदों की पूर्ति कब से, किन कारणों से नहीं हो सकी है? (ग) क्या (क) में उल्लेखित चिकित्सालयों में एम.डी. (मेडिसन) न होने से आई.सी.यू. भी नहीं संचालित हो पा रहा है? (घ) प्रदेश में शासकीय चिकित्सालयों में एवं कितने चिकित्सालय से इतर विभागीय कार्यालयों/ मंत्रालय में प्रशासनिक पदों पर कितने एम.डी. (मेडिसन) चिकित्सक कार्यरत है, जिलावार संख्या की जानकारी दें। (ड.) क्या शासन सुनिश्चित करेगा कि हर जिले को एक या दो या समान संख्या में एम.डी. (मेडिसन) चिकित्सक उपलब्ध हो सके। यदि हाँ, तो कब तक, यदि नहीं तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जिला चिकित्सालय होशंगाबाद में मेडिकल विशेषज्ञ के 04 पद स्वीकृत एवं रिक्त हैं। सिविल अस्पताल डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी चिकित्सालय इटारसी में मेडिसिन विशेषज्ञ के 02 पद स्वीकृत एवं रिक्त हैं। (ख) विशेषज्ञ के शतप्रतिशत पद पदोन्नति से भरे जाने का प्रावधान है एवं अप्रैल 2016 में पदोन्नति के संदर्भ में माननीय उच्चतम न्यायालय में प्रचलित प्रकरण के कारण पदोन्नति की प्रक्रिया विलंबित होने के कारण विशेषज्ञों के रिक्त पदों की पदपूर्ति संभव नहीं हो पा रही है। (ग) जी हाँ। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ड.) जी हाँ। पदपूर्ति हेतु निश्चित समयावधि बताई जाना संभव नहीं है।
पदस्थापना के संबध में
[वाणिज्यिक कर]
42. ( क्र. 3460 ) श्री नागेन्द्र सिंह (गुढ) : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्रीमती संगीता गुप्ता डिप्टी कमिश्नर राज्य कर, कितने वर्ष से रीवा जिले में पदस्थ हैं? (ख) शासन के नियमानुसार प्रथम श्रेणी कर्मचारी कितने वर्ष तक निरन्तर एक ही स्थान पर पदस्थ रह सकते हैं इस हेतु शासन के क्या नियम हैं?
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) श्रीमती संगीता गुप्ता, उपायुक्त, राज्य कर, रीवा वृत्त में दिनांक 06.06.2015 से पदस्थ है। (ख) सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी स्थानांतरण नीति, 2019-20 की कंडिका 11.4 में प्रावधान है कि जिलों में पदस्थ प्रथम श्रेणी एवं द्वितीय श्रेणी के कार्यपालिक अधिकारियों के एक ही स्थान पर 03 वर्ष की पदस्थापना पूर्ण कर लेने पर जिले से अन्यत्र स्थानांतरण प्राथमिकता पर किया जा सकेगा। साथ ही उक्त कंडिका में यह भी स्पष्ट है कि यह अनिवार्य नहीं कि तीन वर्ष पूर्ण होने पर स्थानांतरण किया ही जावे। वर्क्स एवं रेग्युलेटरी विभागों को छोड़कर अन्य विभागों में मात्र 03 वर्ष की अवधि को ही स्थानांतरण का आधार न बनाया जाये।
पृथ्वीपुर में वीरसागर, गढ़कुडार भड़खेरा किलों का संधारण
[पर्यटन]
43. ( क्र. 3482 ) श्री बृजेन्द्र सिंह राठौर : क्या पर्यटन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) कलेक्टर-निवाड़ी द्वारा अपने पत्र क्र.1627/स्टेनो/कले.नि./2019 दि.29.05.2019 को प्रमुख सचिव म.प्र. शासन नर्मदा घाटी विकास एवं पर्यटन को पत्र लिखकर मा.तत्कालीन मंत्री द्वारा की गई घोषणा के क्रियान्वयन हेतु अनुरोध किया था? (ख) बतायें कि पृथ्वीपुर में बीरसागर, गढकुडार भडखेरा पृथ्वीपुर के किलों एवं अधरूमाता मंदिर के सौन्दर्यकरण तथा युवाओं को रोजगार पर्यटन के माध्यम से देने के संबंध में घोषणा की गई थी? (ग) यदि हाँ, तो उक्त घोषणाओं के क्रियान्वयन के संबंध में प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई, की गई कार्यवाही से अवगत करावें? यदि कार्यवाही नहीं की गई तो क्यों इसके लिये कौन जिम्मेदार हैं उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी?
पर्यटन मंत्री ( सुश्री उषा ठाकुर ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) उपरोक्त घोषणाओं के अनुरूप स्थलों का निरीक्षण संबंधित द्वारा किया जाकर प्रथम स्तरीय प्राक्कलन तैयार किये जाकर DATC (जिला पुरातत्व एवं पर्यटन कौंसिल) जिला निवाड़ी को प्रेषित करने के संबंध में कार्यवाही प्रचलन में है। बजट उपलब्धता एवं कार्यों के औचित्य के आधार पर स्वीकृति दी जाती है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
माइक्रो उद्धवहन सिंचाई परियोजना
[नर्मदा घाटी विकास]
44. ( क्र. 3487 ) सुश्री चंद्रभागा किराड़े : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता द्वारा विधान सभा क्षेत्र पानसेमल में माइक्रो सिंचाई परियोजना की प्रशासकीय स्वीकृति हेतु प्रेषित के पत्र दिनांक 17/2/2019 पर आज दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं तो क्यों? (ख) विधान सभा क्षेत्र पानसेमल में माइक्रो उद्धवहन सिंचाई परियोजना कब तक स्वीकृत की जावेगी? यदि नहीं तो क्यों? हाँ तो कब तक?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) प्रारंभिक साध्यता पर कार्यवाही प्रचलन में है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) उत्तरांश (क) अनुसार। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
अतिशेष में पदस्थ वित्त सेवा के शासकीय सेवकों के संबंध में
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
45. ( क्र. 3488 ) सुश्री चंद्रभागा किराड़े : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) संचालनालय स्वास्थ्य सेवायें भोपाल (मुख्यालय) में वित्त सेवा के शासकीय सेवकों हेतु कितने पद निर्धारित हैं एवं कितने पदस्थ हैं? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार संचालनालय में पदस्थ वित्त सेवा के शासकीय सेवकों की नाम, पदनाम संचालनालय में आवंटित कार्य की सूची प्रदान करें। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या वित्त सेवा के शासकीय सेवक अतिशेष में पदस्थ नहीं हैं? विभाग में निर्धारित पदों से अधिक पदस्थ शासकीय सेवकों के कब तक कार्यमुक्त किया जावेगा? यदि नहीं तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जानकारी निम्नानुसार है:-
क्रमांक |
पदनाम |
निर्धारित पद |
कार्यरत/पदस्थ |
1 |
लेखाधिकारी |
02 |
02 |
2 |
कनिष्ठ लेखाधिकारी |
04 |
04 |
(ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
निर्मित पानी की टंकियों से जल प्रदाय व्यवस्था
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
46. ( क्र. 3552 ) श्री दिव्यराज सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विकासखण्ड जवा अंतर्गत विभाग के द्वारा जल प्रदाय योजना के तहत दिनांक 1.4.2018 से कुल कितनी पानी सप्लाई की टंकियों का निर्माण कराया गया है? स्थलवार विवरण उपलब्ध करावें। (ख) क्या सभी पानी की टंकियों से जल प्रदाय व्यवस्था सुचारु रुप से संचालित है? यदि नहीं तो ऐसी कितनी पानी की टंकियां हैं जो बंद पड़ी हुई हैं? ऐसी बंद पड़ी पानी की टंकियों से जल प्रदाय व्यवस्था कब तक चालू की जा सकेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) 02 टंकियों का निर्माण कार्य कराया गया। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट के अनुसार है। (ख) जी हाँ, प्रश्नांकित अवधि में निर्मित सभी टंकियों से जलप्रदाय व्यवस्था संचालित है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
राज्य सरकार द्वारा दी जा रही सम्मान निधि (पेंशन)
[सामान्य प्रशासन]
47. ( क्र. 3556 ) श्री दिव्यराज सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्तमान में रीवा जिले अंतर्गत कुल कितने स्वंतत्रा संग्राम सेनानी जीवित हैं? ऐसे सभी जीवित सेनानियों को कितनी सम्मान निधि (पेंशन) राज्य सरकार द्वारा दी जा रही है? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में स्वंतत्रता संग्राम सेनानियों के मरणोपरांत आश्रित को कितनी राशि प्रदाय किये जाने का प्रावधान है? ऐसे कितने आश्रित हैं जिनको स्वंतत्रता संग्राम सेनानियों के मरणोपरांत सम्मान निधि प्राप्त हो रही है? नाम एवं पतावार सूची उपलब्ध करावें। (ग) यह कि स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को सम्मान निधि के अतिरिक्त अन्य कौन-कौन सी सुविधाऐं प्रदान की जा रही हैं? विवरण उपलब्ध करावें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) रीवा जिले में 4 जीवित स्वतंत्रता संग्राम सेनानी है, ऐसे सभी जीवित सेनानियों को राशि रूपये 25000/- राज्य सम्मान निधि (पेंशन) दी जा रही है। (ख) स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के मरणोपरांत आश्रित को राशि रूपये 25000/- राज्य सम्मान निधि (पेंशन) दिये जाने का प्रावधान है। 23 आश्रित है, जिन्हें स्व.सं.सेनानियों के मरणोपरांत राज्य सम्मान निधि प्राप्त हो रही है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) स्व.सं.सेनानियों के मरणोपरांत अंतेष्टि लिये राशि रूपये 4000/- दिया जाना, चिकित्सा सहायता अनुदान दिया जाना, नि:शुल्क डेंचर, दांत, चश्मा तथा श्रवण यंत्र दिया जाना, पुत्र एवं पौत्रों के लिये इंजीनियरिंग महाविद्यालयों में प्रवेश हेतु स्थान आरक्षण दिया जाना, पुत्र एवं पुत्रियों के लिये कृषि विश्वविद्यालयों में प्रवेश दिया जाना, पौत्र/पौत्रियों तथा नाती/नातिन को शिक्षण संस्थाओं में प्रवेश हेतु प्रमाण - पत्र दिया जाना, परिवार के सदस्य को शासकीय सेवा में प्राथमिकता देना, शासकीय सेवकों के पदोन्नति के मामले निपटाना एवं कृषि प्रयोजनों के लिये शासकीय भूमि का बंटन, भूमिहीनों को भूमि वितरण संबंधी योजना बनाना।
जिले में संचालित आंगनवाड़ी केंद्र
[महिला एवं बाल विकास]
48. ( क्र. 3572 ) श्री मनोज चावला : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रतलाम जिले अंतर्गत कुल कितने आंगनवाड़ी केंद्र व मिनी आंगनवाड़ी केंद्र नगरीय व ग्रामीण क्षेत्रों में संचालित हैं तहसीलवार सूची उपलब्ध कराएं और वर्ष 2014 से वर्ष 2020 तक इन केंद्रों पर बच्चों की दर्ज संख्या क्या रही है वर्ष वार बालक, बालिकाओं को जानकारी बताएं और बताएं कि क्या नामांकन में गिरावट आई है इसका कारण बताएं? (ख) प्रश्नांश (क) अंतर्गत संचालित आंगनवाड़ी केंद्रों में कितने आंगनवाड़ी केंद्र स्वयं विभाग के भवन में, किराए के भवन में और अन्य शासकीय भवनों में संचालित हो रही हैं तहसीलवार बताएं। (ग) किराए के भवन में संचालित हो रही आंगनवाड़ी केंद्रों में कितना भुगतान शहरी व नगरी क्षेत्र में किया जा रहा है तहसीलवार बताएं और यह भी बताएं कि कि स्वयं आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं व सहायिकाओं के निजी मकानों में कितने आंगनवाड़ी केंद्र संचालित हो रहे हैं सूची देवे, स्वयं के भवन में आंगनवाड़ी केंद्र संचालित करने हेतु शासन का कोई आदेश है या नहीं। (घ) विभाग द्वारा जिले में कुल कितने आंगनवाड़ी केंद्र भवन वर्ष 2014 से वर्ष 2020 तक स्वीकृत हुए हैं लागत, ठेकेदार का नाम, भवन पूर्णता प्रमाण पत्र उपलब्ध कराएं और बताएं इनमें से कितने भवनों के निर्माण कार्य अधूरे हैं अधूरे रहने का कारण क्या है क्या संबंधित को नोटिस जारी किए गए हैं यदि हाँ, तो उनका विवरण उपलब्ध कराएं।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) रतलाम जिले में कुल 1720 आंगनवाड़ी केन्द्र एवं 404 मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित है। जिसमें से 344 आंगनवाड़ी केन्द्र नगरीय क्षेत्र में तथा 1376 आंगनवाड़ी केन्द्र एवं और 404 मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र ग्रामीण क्षेत्र में संचालित है। तहसीलवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -"एक" अनुसार है। वर्ष 2014 से वर्ष 2020 तक दर्ज बालक/बालिकाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -"दो" अनुसार है। हितग्राहियों की संख्या में परिवर्तन हेतु कई कारक महत्वपूर्ण है इनमें विगत वर्षों में आंगनवाड़ी चलो अभियान अन्तर्गत बच्चों की दर्ज संख्या में बढ़ोत्तरी, अशासकीय प्ले स्कूल, नर्सरी स्कूलों में बच्चों का जाना, रोजगार एवं अन्य कारणों से परिवारों का स्थान परिवर्तन, बच्चों की जन्म दर में परिवर्तन आदि कारण सम्मिलित है। (ख) प्रश्नांश ''क'' अन्तर्गत संचालित 1720 आंगनवाड़ी केन्द्रों में से 815 विभागीय भवनों में, 508 किराये के भवनों में तथा 397 अन्य शासकीय भवनों में संचालित हो रहे है। तहसीलवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -"तीन" अनुसार है। (ग) नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्र अन्तर्गत किराये के भवन में संचालित होने वाले आंगनवाड़ी केन्द्रों का किराया निर्धारण एवं भुगतान के संबंध में शासन के दिशा-निर्देश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -"चार" अनुसार है। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिकाओं के निजी मकानों में कोई आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित नहीं है। अतः शेष का प्रश्न नही। (घ) जिला रतलाम में वर्ष 2014 से वर्ष 2020 तक कुल 253 आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण की स्वीकृति दी गई है। जिसमें से 157 आंगनवाड़ी भवन पूर्ण हुये है तथा 96 आंगनवाड़ी केन्द्र निर्माणाधीन है। प्रति आंगनवाड़ी भवन की लागत राशि 7.80 लाख है। आंगनवाड़ी भवन के निर्माण के लिये निर्माणकर्ता एजेंसी ग्राम पंचायत है। आंगनवाड़ी भवन पूर्णता के प्रमाण पत्र पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -"पांच" अनुसार है। आंगनवाड़ी भवनों का निर्माण एक सतत प्रक्रिया है, जो कि वित्तीय संसाधनों पर निर्भर करता है। निर्माण कार्य अधूरे रहने संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -"छ:" अनुसार है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -"सात" अनुसार है।
शासन संधारित मंदिरों का जीर्णोद्धार
[अध्यात्म]
49. ( क्र. 3574 ) श्री मनोज चावला : क्या पर्यटन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) आलोट विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत तहसील आलोट और जावरा अंतर्गत कितने शासन संधारित मंदिरों के जीर्णोद्धार के प्रस्ताव शासन को प्राप्त हुए हैं और प्रस्ताव स्वीकृत कर धनराशि जारी कर दी गई है और यदि धनराशि जारी नहीं की गई है तो कब तक कर दी जाएगी (ख) प्रश्नकर्ता द्वारा कितने शासन संधारित मंदिरों के जीर्णोद्धार हेतु प्राक्कलन/प्रतिवेदन बनाने हेतु पत्र लिखा गया है क्या सभी शासन संधारित मंदिरों के जीर्णोद्धार हेतु प्राक्कलन/प्रतिवेदन संबंधित विभाग द्वारा बना दिए गए हैं? (ग) यदि हाँ, तो सभी मंदिरों के प्राक्कलन/प्रतिवेदन का विवरण उपलब्ध कराएं और यदि नहीं तो अभी तक प्राक्कलन/प्रतिवेदन क्यों नहीं बनाए गए हैं कारण बताएं? (घ) शासन संधारित मंदिरों के जीर्णोद्धार हेतु राशि स्वीकृत करने के संबंध में शासन के क्या प्रावधान और नियम हैं इस संबंध में लिखित में जानकारी उपलब्ध कराएं।
पर्यटन मंत्री ( सुश्री उषा ठाकुर ) : (क) जी हाँ। तहसील आलोट स्थित श्री अनादिकल्पेश्वर महादेव मंदिर धरोला के सौंदर्यीकरण एवं नवीनीकरण के प्राक्कलन रूपये 484.40 लाख स्वीकृति के प्रस्ताव विभाग में प्राप्त हुआ है। उपरोक्त प्राप्त प्रस्ताव अनुसार विभाग द्वारा वित्तीय वर्ष 2019-20 में राशि रूपये 25.00 लाख की प्रशासकीय एवं वित्तीय स्वीकृति सहीत संबंधित निर्माण एजेन्सी लोक निर्माण विभाग के बी.सी.ओ. में अंतरित की गई है। (ख) तहसील आलोट के 03 देवस्थान क्रमंश 1. श्री देवनारायण मंदिर 2. श्री राम मंदिर गुलबालोद 3. श्री हनुमान मंदिर ददियाखेड़ी आश्रम आलोट एवं तहसील जावरा के 04 देवस्थान क्रमंश 1. श्री खैवतमाता मंदिर उपलई 2. श्री शनि मंदिर बडावदी 3. श्री राम मंदिर सादाखेड़ी 4. श्री राधाकृष्ण मंदिर नागदी के जीर्णोद्धार हेतु प्रश्नकर्ता के पत्र कलेक्टर कार्यालय को प्राप्त हुए है, जिनके प्राक्कलन तैयार किये जा रहे है। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तरानुसार। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
फर्जी बिलों के सम्बन्ध में
[वाणिज्यिक कर]
50. ( क्र. 3575 ) श्री मनोज चावला : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न कर्ता के प्रश्न क्रमांक 304 के खंड (क) तथा (ख) के संदर्भ में बताएं कि क्या विभाग के पास फर्जी बिलों से पंचायतों में निर्माण कार्य हेतु सामग्री देने वालों को पकड़ने की कोई व्यवस्था क्यों नहीं है ऐसे में हर विक्रेता फर्जी बिलों से विक्रय करता रहेगा और करोड़ों की कर चोरी होती रहेगी विभाग इस पर कंट्रोल कैसे करेगा? (ख) क्या विभाग के पास कबूतर बिलों से पंचायतों में सामान देने की पिछले 2 सालों में क्या कोई शिकायत प्राप्त हुई है यदि हाँ, तो उसकी जानकारी देवें तथा की गई कार्रवाई से अवगत कराएं। (ग) कोई व्यापारी 40 लाख से अधिक का माल 1 वर्ष में बेचे तथा पंजीयन नहीं कराएं तो विभाग उसको कैसे चेक करेगा। (घ) क्या वर्ष 2020 में वाणिज्य कर अधिकारी धार को प्रश्नांश (क) के संदर्भ में कोई शिकायत जनपद अधिकारी सरदारपुर द्वारा प्राप्त हुई थी यदि हाँ, तो उस पर क्या जाँच की गई जाँच रिपोर्ट से अवगत कराएं। (ड.) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 304 दिनांक 22/9/2020 के खंड (ग) के संदर्भ में बताएं कि वर्ष 2016-17 से वर्ष 2020-21 तक राजस्व में जो प्रतिशत वृद्धि हुई है क्या वह लक्ष्य के अनुकूल है।
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जी.एस.टी. विधान के अन्तर्गत गुड्स की आपूर्ति के लिए रूपए 40 लाख तथा सर्विस प्रदाता के लिए रूपए 20 लाख वार्षिक टर्नओवर से कम टर्नओवर होने पर आपूर्तिकर्ता सर्विस प्रदाता को पंजीयन प्राप्त करने की बाध्यता नहीं है। अतः पंचायतों द्वारा रूपये 40 लाख से कम टर्नओवर वाले अपंजीयत व्यवसाइयों से खरीदी किया जाना संभावित है। पंचायतों द्वारा निर्माण कार्य हेतु खरीदी कहां से की जा रही है। यह जानकारी विभाग द्वारा संधारित नहीं की जाती है। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, मध्यप्रदेश के पोर्टल ''पंचायत दर्पण'' से पंचायतों में सामग्री आपूर्ति करने वाले वेण्डरों द्वारा की गई आपूर्ति का डाटा संग्रहित कर जी.एस.टी. के अधीन पंजीयत संबंधित आपूर्तिकर्ताओं के द्वारा जी.एस.टी. नेटवर्क के पोर्टल पर प्रस्तु्त जी.एस.टी. विवरणियों के डाटा से मिलान करने के पश्चात् मिसमैच पाये जाने अथवा कर अपवंचन की स्थिति के संज्ञान में आने पर ऐसे आपूर्तिकर्ताओं के विरूद्ध मध्यप्रदेश माल एवं सेवाकर अधिनियम, 2017 के विधिक प्रावधानों के अधीन कार्यवाही की जाती है। (ख) विगत 2 वर्षों में वाणिज्यिक कर विभाग के जबलपुर संभाग-1 एवं जबलपुर संभाग-2 के अन्तर्गत पंचायतों के आपूर्तिकर्ताओं से संबंधित तीन शिकायतें प्राप्त हुई, उनमें से दो शिकायतों पर परीक्षण की कार्यवाही प्रचलन में हैं। एक शिकायत पर जाँच कार्यवाही पूर्ण कर ली गई है। रतलाम संभाग के अन्तर्गत पंचायतों को आपूर्ति करने वाले आलोट के तीन आपूर्तिकर्ताओं की शिकायतें प्राप्त हुई, जिसकी जाँच कार्यवाही पूर्ण कर ली गई। उज्जैन संभाग के अन्तर्गत कलेक्टर शाजापुर द्वारा पंचायतों को आपूर्ति करने वाले आपूर्तिकर्ता की जानकारी उपलब्ध कराई गई। जिसके आधार पर एक आपूर्तिकर्ता पर जाँच कार्यवाही पूर्ण कर ली गई। इन्दौर संभाग-1 के अन्तर्गत पंचायतों के आपूर्तिकर्ताओं से संबंधित दो शिकायतें प्राप्त हुई है, जिसमें से एक शिकायत के परीक्षण की कार्यवाही प्रचलन में है तथा एक शिकायत पर जाँच कार्यवाही पूर्ण कर ली गई है। ग्वालियर संभाग-2 के अन्तर्गत जनपद पंचायत कैलारस जिला मुरैना की फर्मों के संबंध में एक शिकायत प्राप्त हुई है, जिस पर जी.एस.टी. संबंधी कार्यवाही प्रचलन में है। (ग) एक वर्ष में रूपए 40 लाख से अधिक का कारोबार किए जाने तथा पंजीयन प्राप्त नहीं किए जाने की जानकारी विभाग के संज्ञान में आने पर पंजीयन जारी किए जाने एवं विधिसम्मत कार्यवाही किए जाने के प्रावधान हैं। जी.एस.टी. के अंतर्गत इनपुट टैक्स क्रेडिट के प्रावधान हैं। रूपए 40 लाख से अधिक टर्नओवर होने पर पंजीयन नहीं लेने की स्थिति में ऐसे अपंजीयत आपूर्तिकर्ता को प्राप्त की गई आपूर्ति पर चुकाए गए जी.एस.टी. का इनपुट टैक्स क्रेडिट के रूप में लाभ प्राप्त नहीं होगा, ऐसे अपंजीयत आपूर्तिकर्ता से कोई पंजीयत व्यावसायी भी आपूर्ति प्राप्त नहीं करेगा। चूँकि ऐसी आपूर्ति पर पंजीयत आपूर्ति प्राप्तकर्ता को इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ नहीं मिलता है। (घ) मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत, सरदारपुर से पत्र क्रमांक 424 दिनांक 22/02/2020 से ग्राम पंचायतों में सामग्री भुगतान हेतु दर्ज वेण्डरों के सत्यापन के संबंध में पत्र प्राप्त हुआ था, जिसके संलग्न पंचायत वेण्डरों के नाम तथा पी.एफ.एम.एस. कोड की सूची प्राप्त हुई। पत्र में वेण्डर्स से संबंधित नाम एवं पी.एफ.एम.एस. कोड के अतिरिक्त कोई अन्य जानकारी नहीं होने के कारण वाणिज्यिक कर अधिकारी, धार वृत्त द्वारा संबंधित वेंडर्स की पूर्ण जानकारी जिसमें प्रोपाइटर नाम, पता, जी.एस.टी. पंजीयन क्रमांक, पेन नम्बर एवं सप्लाई पर भुगतान राशि की अतिरिक्त जानकारी उपलब्ध कराने का अनुरोध किया गया है। जानकारी प्राप्त होने पर आवश्यक सत्यापन कार्यवाही की जा सकेगी। (ड.) वर्ष 2017-18 से 2020-21 तक के लिए प्रतिवर्ष दिये गये लक्ष्य एवं राजस्व प्राप्ति की जानकारी निम्नानुसार है-
(राशि करोड़ में)
वर्ष |
शासन द्वारा दिया गया लक्ष्य |
सकल राजस्व प्राप्तियां |
लक्ष्य की तुलना में प्रतिशत कमी/वृद्वि |
2016-17 |
26858.00 |
27351.28 |
1.84 |
2017-18 |
26520.61 |
29426.74 |
10.96 |
2018-19 |
30971.02 |
33476.22 |
8.09 |
2019-20 |
36888.74 |
36391.53 |
-1.35 |
2020-21 |
32879.42 |
32573.90 (अप्रैल, 20 से जनवरी, 21 तक) |
- |
ग्रामों
में नबीन हैण्डपंप
की स्थापना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
51. ( क्र. 3637 ) श्री गोपाल सिंह चौहान : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 जुलाई 2019 से आज दिनांक तक अशोकनगर जिले की विधानसभा (32) अशोकनगर, (33) - चंदेरी, (34) - मुंगावली, तीनो विधानसभाओ में किन-किन ग्रामों में नवीन हैण्डपंप लगाये गये हैं। सूची उपलब्ध कराए। (ख) यह किस नियम के अंतर्गत लगाये गये?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) पेयजल समस्याग्रस्त ग्रामों/बसाहटों में आवश्यकतानुसार विभागीय मापदण्डानुसार नवीन नलकूप खनन कर हैण्डपंप स्थापना का कार्य किया जाता है।
आंगनवाड़ी केन्द्रों में प्रदाय पोषण आहार
[महिला एवं बाल विकास]
52. ( क्र. 3652 ) श्री रामलाल मालवीय : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आंगनवाड़ी केन्द्रों में पोषण आहार देने के लिए समूह का चयन करने के क्या प्रावधान है? क्या प्रदेश में इस प्रावधान के अनुसार ही चयन किया जा रहा है? (ख) वर्ष 2020-21 में पोषण आहार के लिए उज्जैन संभाग के किस जिले में प्रदायकर्ता को कब तक का भुगतान किया गया है? किस-किस माह में कितना-कितना भुगतान किया गया? (ग) पोषण आहार का प्रदायकर्ता को भुगतान कितने दिन में करने का प्रावधान है? क्या जिलों द्वारा उसका पालन किया जा रहा है? अथवा नहीं इसकी जांच कराई जाएगी और दोषियों के विरूद्ध कब तक और क्या कार्यवाही की जावेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) ग्रामीण/शहरी क्षेत्रों की आंगनवाड़ी केन्द्रों में पूरक पोषण आहार प्रदाय हेतु समूह चयन के शासन निर्देशों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -"01'' एवं "02'' अनुसार है। जी हाँ। (ख) वर्ष 2020-21 में पोषण आहार के लिए उज्जैन संभाग के जिलों में प्रदायकर्ता को भुगतान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -"03'' पर एवं माहवार भुगतान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -"04'' अनुसार है। (ग) पोषण आहार प्रदायकर्ता को भुगतान प्रत्येक पोषण आहार प्रदायित माह के आगामी माह तक किए जाने का प्रावधान है। जी हाँ। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सरसैनी जौरा (मुरैना) के किले का सरंक्षण
[संस्कृति]
53. ( क्र. 3658 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या पर्यटन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या जिला मुरैना जौरा तहसील की ग्राम पंचायत सरसैनी के चंबल किनारे स्थिति सरसैनी किला की जीर्णोद्धार स्थित में है जनवरी 2021 की स्थिति में जानकारी दी जावें। (ख) क्या शासन में उक्त पुराने किले को पुरातत्व महत्व की किस श्रेणी में रखा है उक्त किला कितने वर्ष पुराना है व उसका इतिहास क्या है? (ग) क्या इस किले पर प्रतिवर्ष एक सप्ताह तक मेला लगता है तथा जहां ग्रामीण क्षेत्र के हजारों महिलायें, पुरूष, बच्चे अपने कुल देवता की पूजा करते है? (घ) क्या शासन ऐसे पुरातत्व महत्व के भवनों की सुरक्षा हेतु जीर्णोंद्धार के लिए अनुदान, आर्थिक सहायता प्रदान करेगा?
पर्यटन मंत्री ( सुश्री उषा ठाकुर ) : (क) प्रश्नाधीन किला मध्यप्रदेश शासन, संस्कृति विभाग अंतर्गत राज्य संरक्षित स्मारक नहीं है. (ख) प्रश्नांश 'क' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता. (ग) जी नहीं. (ग) प्रश्नांश 'क' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में औचित्य नहीं है.
लघु, सूक्ष्य, मध्यम उद्योगों से अधिक टैक्स वसूलने
[सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम]
54. ( क्र. 3659 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या सूक्ष्म,लघु और मध्यम उद्यम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश के लघु, सूक्ष्य, मध्यम उद्योग कोरोना-19 काल से फरवरी 2021 तक मजदूरों, कुशल कारीगरों की अनुपस्थिति के कारण आर्थिक परेशानियों से समस्या ग्रसित हैं तथा उद्योग ठीक तरह से कार्य करने में असमर्थ हैं? (ख) क्या उक्त समस्या के कारण अधिकांश उद्योगिक इकाइयां बीमार उद्योग (सिक इंडस्ट्रीज) की श्रेणी में आ चुकी है? विभाग द्वारा घोषित ऐसे उद्योगों की संख्या जिलेवार बताई जावे। जनवरी 2021 की स्थिति में। (ग) क्या यह भी सही है कि बीमार उद्योगों से विभाग मेंटीनेन्स चार्ज/संधारण शुल्क लिया जा रहा है? उन्हीं से नगर निगम, नगर पालिकायें संपत्ति कर भी ले रहा है। क्या शासन लघु मध्यम उद्योगों को इन करों में छूट देगा? यदि हाँ, तो कब तक?
सूक्ष्म,लघु और मध्यम उद्यम मंत्री ( श्री ओमप्रकाश सखलेचा ) : (क) जी नहीं। कोविड-19 महामारी के कारण विगत एक वर्ष में उद्योगों को मजदूरों/कारीगरों की अनुपस्थिति के कारण परेशानियों का सामना करना पड़ा है, परंतु अब लगभग सभी उद्योग पुन: उत्पादनरत हो चूके है और ठीक तरह से कार्य कर रहे है। (ख) विभाग द्वारा औद्योगिक इकाइयों को बीमार घोषित नहीं किया जाता है और न ही ऐसी इकाइयों की जानकारी संधारित की जाती है। (ग) विभागीय औद्योगिक क्षेत्रों में स्थापित इकाइयों से विभाग द्वारा नियमानुसार संधारण शूल्क लिया जाता है। नगरीय निकायों की सीमा में स्थित सम्पत्तियों पर स्थानीय निकायों द्वारा सम्पत्तिकर लिया जाता है। कर वसूली मध्यप्रदेश नगर पालिका नियम अधिनियम, 1956 व मध्यप्रदेश नगर पालिका अधिनियम, 1961 में वर्णित प्रावधानों के अंतर्गत की जाती है। अत- शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जानकारी प्रदाय करना
[वाणिज्यिक कर]
55. ( क्र. 3667 ) श्री के.पी. त्रिपाठी : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रीवा जिले के कमोवेश अधिकांश ग्रामों में शराब माफियाओं द्वारा अवैध पैकारी चलाकर साधारण भोले-भाले युवकों को नशे का आदी बनाया जा रहा है? तथा आबकारी विभाग द्वारा शराब माफियाओं के विरूद्ध कार्यवाही न कर इन्हीं साधारण युवकों के विरूद्ध कार्यवाही की जा रही है? विगत 2 वर्षों में जिले में किन-किन ग्रामों में कितनी अवैध पैकारी हुई? इनमें किन-किन व्यक्तियों के विरूद्ध कितने प्रकरण बनाये गये? की गई कार्यवाही से अवगत करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में दिनांक 01.04.2016 से प्रश्न प्रस्तुति दिनांक तक जिले में किन-किन स्थानों में कितनी-कितनी शराब जब्त की गई एवं उक्त के संदर्भ में किन-किन शराब माफिया/ठेकेदारों के विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गई? की गई कार्यवाही की वर्षवार जानकारी देवें।
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) रीवा जिले के किसी भी गांव में शराब माफियाओं द्वारा अवैध पैकारी चलाकर साधारण भोले-भाले युवकों को नशे का आदी बनाये जाने संबंधी कोई प्रकरण प्रकाश में नहीं आया है। यह कहना गलत है कि आबकारी विभाग शराब माफियाओं के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं करता एवं साधारण युवकों के विरूद्ध कार्यवाही कर रहा है। रीवा जिले में किसी भी अनुज्ञप्तिधारी के विरूद्ध अवैध रूप से मदिरा विक्रय का कोई प्रकरण प्रकाश में नहीं आया है। आबकारी विभाग जिला रीवा द्वारा अवैध रूप से मदिरा विक्रय, परिवहन, संग्रहण एवं विनिर्माण करने वालों के विरूद्ध मध्यप्रदेश आबकारी अधिनियम, 1915 में विहित प्रावधानों के अंतर्गत नियमानुसार कार्यवाही की जाती है। रीवा जिले में विगत 2 वर्षों एवं वर्तमान वर्ष अर्थात 01.04.2018 से 31 जनवरी, 2021 तक की अवधि में 2701 व्यक्तियों के विरूद्ध अवैध मदिरा विक्रय, संग्रहण, परिवहन, विनिर्माण के प्रकरण दर्ज किये गये हैं। (ख) प्रश्नांश 'क' के उत्तर के प्रकाश में दिनांक 01.04.2016 से 31.01.2021 तक रीवा जिले में आबकारी विभाग द्वारा अवैध रूप से मदिरा विक्रय, परिवहन, संग्रहण एवं विनिर्माण करने वालों के विरूद्ध कुल 3456 प्रकरण कायम किये गये हैं। उक्त अवधि में रीवा जिले में जिन-जिन स्थानों पर जिन-जिन व्यक्तियों के विरूद्ध प्रकरण कायम किये गये हैं, उनमें जप्त मदिरा की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
नलजल योजना का प्रभार
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
56. ( क्र. 3712 ) श्री ब्रह्मा भलावी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गत तीन वर्षों में बैतूल जिले में किस ग्राम की कितनी लागत की नलजल योजना का प्रभार ग्राम पंचायत को किस दिनांक को सौंपा गया? सौंपे गए प्रभार के आदेश या पंचनामें का विवरण देवें। (ख) प्रभार में सौंपी गए योजना में कितने हार्सपावर की मोटर भी सौंपी गई मोटर चलाने के लिये विद्युत कनेक्शन किस दिनांक को लिया गया कनेक्शन दिनांक से प्रभार सौंपे जाने के दिनांक तक बिजली बिल का भुगतान किसने किया? (ग) प्रभार सौंपे जाने के पूर्व का बिजली बिल विभाग या उसके अनुबन्धकर्ता के द्वारा जमा नहीं करवाए जाने का क्या कारण रहा है? यह बिल विभाग या अनुबन्धकर्ता से कब तक भुगतान करवाया जावेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। विद्युत कनेक्शन दिनांक से प्रभार सौंपे जाने के दिनांक तक बिजली बिल का भुगतान ग्राम पंचायतों द्वारा किया जा रहा है। (ग) निविदा शर्तों के अनुसार योजना का प्रभार सौंपे जाने के पूर्व का बिजली बिल विभाग या अनुबंधकर्ता के द्वारा जमा नहीं करवाया जाना है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
कलेक्टर गाईड लाईन
[वाणिज्यिक कर]
57. ( क्र. 3713 ) श्री ब्रह्मा भलावी : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बैतूल जिले में गढ़ा जलाशय की डूब क्षेत्र में आने वाले ग्रामों की भूमि से संबंधित कलेक्टर गाईड लाईन में वर्ष 2011-2012 से कोई वृद्धि विभाग के द्वारा नहीं की गई है? (ख) यदि हाँ, तो गढ़ा जलाशय की डूब क्षेत्र में आने वाले किस ग्राम में वर्ष 2011-2012 से 2020-2021 के लिए सिंचित भूमि, असीमांकित भूमि की क्या-क्या दर निर्धारित की गई इन ग्रामों की सीमा से लगे किस ग्राम की इस अवधि में क्या-क्या दर निर्धारित की गई? पृथक-पृथक बतावें। (ग) गढ़ा जलाशय से प्रभावित ग्रामवासियों ने गत दो वर्षों में जिला पंजीयक बैतूल एवं दर निर्धारण समिति के समक्ष दरों से संबंधित किस दिनांक को पत्र लिखा, उस पर क्या कार्यवाही की गई नहीं की गयी तो कब तक की जावेगी?
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) गढा जलाशय के डूब क्षेत्रों में आने वाले ग्रामों की भूमि से संबंधित कलेक्टर गाईडलाइन में वर्ष 2011-12 से 2015-16 तक परिवर्तन किया गया है। वर्ष 2016-17 से 2020-21 तक कोई परिवर्तन नहीं किया गया। वर्ष 2019-20 में 01 जुलाई 2019 से प्रचलित बाजार मूल्य की गाईडलाईन में स्थलवार दरों को 20 प्रतिशत घटाकर लागू किया गया है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'क' एवं 'ख' अनुसार है। (ग) गढा जलाशय से प्रभावित ग्रामवासियों से जिला पंजीयक बैतूल एवं जिला मूल्यांकन समिति बैतूल के समक्ष दरों से संबंधित वर्ष 2019-20 में कोई पत्र प्राप्त नहीं हुआ है तथा वर्ष 2020-21 में प्राप्त पत्रों व उन पर की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ग' अनुसार है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
रेस्ट हाउस को हस्तांतरित करना
[नर्मदा घाटी विकास]
58. ( क्र. 3731 ) श्री संजय यादव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता की विधानसभा क्षेत्र बरगी में नर्मदाघाटी विभाग का 20 कमरों का रेस्ट हाउस स्थित है? जो कि वर्तमान में जर्जर स्थिति में है एवं पर्यटक एवं विभागीय उपयोग नहीं होने से वीरान पड़ा हुआ है? (ख) विभाग द्वारा गत दो वर्षों में रेस्ट हाउस का उपयोग कितनी बार किया गया है? रेस्ट हाउस के रखरखाव एवं उपयोग पर इन दो वर्षों में कितनी राशि खर्च की गई है? (ग) क्या यदि उक्त रेस्ट हाउस को नर्मदाघाटी विभाग से पर्यटन विभाग को हस्तांतरित कर दिया जाता है, तो उसका रखरखाव के साथ पर्यटन विभाग के द्वारा जीर्णोंद्धार करवाया जाकर पूरे वर्ष पर्यटन के लिये उपलब्धता की योजना बनाई जा सकती है? (घ) क्या नर्मदाघाटी विभाग का 20 कमरों का रेस्ट हाउस को विभाग पर्यटन विभाग को हस्तांतरित करेगा? यदि हाँ, तो इसकी क्या रूपरेखा होगी? नर्मदा घाटी विभाग इस संबंध में कब तक क्या कार्यवाही करेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। जी नहीं, पर्यटकों एवं विभाग द्वारा उपयोग किया जाता है। (ख) वर्ष 2018-2019 एवं 2019-2020 में 290 बार। कोई राशि व्यय नहीं की गयी है। (ग) एवं (घ) ऐसी कोई योजना नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जानकारी उपलब्ध कराया जाना
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
59. ( क्र.
3757 ) श्री
अजब सिंह
कुशवाह : क्या
लोक
स्वास्थ्य
एवं परिवार
कल्याण मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
राज्य शासन
द्वारा सभी
विभागों में
संलग्नीकरण
व्यवस्था
समाप्त कर दी
गई है,
यदि हाँ, तो
मुरैना जिले
में लोक स्वास्थ्य
एवं परिवार
कल्याण
विभाग के
अंतर्गत
कितने
अधिकारी/कर्मचारियों
को मूल पद स्थापना
स्थल से अन्य
चिकित्सीय
संस्थानों
में संलग्न
किया गया है।
अधिकारी व
कर्मचारियों
के नाम, पदनाम, मूल
संस्था, तथा
संलग्न की गई, संस्था
सहित जानकारी
उपलब्ध
करावें। (ख) प्रश्नांश
(क) के अनुसार
यदि राज्य
शासन से संलग्नीकरण
प्रतिबंधित
है तो मुख्य
चिकित्सा स्वास्थ्य
अधिकारी
मुरैना
द्वारा जिले
में अधिकारी, कर्मचारियों
को शासन के
किस आदेश के
तहत संलग्न
किया गया है? आदेश
की प्रति
उपलब्ध
करावें।
लोक
स्वास्थ्य
एवं परिवार
कल्याण
मंत्री ( डॉ.
प्रभुराम
चौधरी ) : (क) जी
हाँ। मुख्य
चिकित्सा एवं
स्वास्थ्य
अधिकारी
मुरैना के
अधीन औषधि
भण्डार में
कार्य की आवश्यकता
के
दृष्टिगत
श्री
श्यामराज
गुर्जर, फार्मासिस्ट
ग्रेड-2, प्राथमिक
स्वास्थ्य
केन्द्र
सुमावली से एवं
डॉ जीतेन्द्र
सिंह चौहान, फार्मासिस्ट-
संविदा
सामुदायिक
स्वास्थ्य केन्द्र
पहाड़गढ़ की
ड्यूटी
अस्थाई रूप से
लगाई गई है। (ख) औषधि
क्रय एवं औषधि
भण्डार के
प्रभारी
कर्मचारियों
के कार्यकाल/प्रभार
परिवर्तन के
संबंध में
संचालनालय
द्वारा जारी
निर्देश
क्रमांक 2/अविज्ञप्त/सेल-2/2011/76-ए
दिनांक 22.01.2011 की जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट अनुसार
है।
जानकारी उपलब्ध कराने के संबंध में
[महिला एवं बाल विकास]
60. ( क्र. 3760 ) श्री अजब सिंह कुशवाह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र सुमावली के अंतर्गत वर्तमान में कितनी आंगनवाडि़यां संचालित हैं? कितनी स्वीकृत हैं? कब तक बनकर तैयार हो जाएगी? सूची उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार संचालित आंगनवाडि़यों में कितने आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के पद व कितनी आशा कार्यकर्ता पद रिक्त हैं? रिक्त पदों पर कब तक भर्ती हो जाएगी? रिक्त पदों की सूची उपलब्ध करावें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) मुरैना जिले के विधानसभा क्षेत्र सुमावली में 324 आंगनवाड़ी केन्द्र वर्तमान में संचालित है। 324 आंगनवाड़ी केन्द्र स्वीकृत है तथा स्वीकृत भवनों की संख्या 175 स्वीकृत है। 158 भवन पूर्ण है तथा 17 भवन निर्माणाधीन है। पूर्ण एवं निर्माणाधीन भवनों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -"अ" अनुसार है। आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण की स्वीकृति एक सतत प्रक्रिया है, जो कि वित्तीय संसाधानों उपलब्धता पर निर्भर करता है। अतः निर्माणाधीन भवनों के पूर्ण होने की समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार संचालित आंगनवाड़ी केन्द्रों में 04 आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के पद रिक्त है। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के रिक्त पदों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -"ब" अनुसार है।
दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी
[सामान्य प्रशासन]
61. ( क्र. 3784 ) श्री प्रणय प्रभात पाण्डेय : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा सितम्बर 2016 से दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को स्थाईकर्मी का दर्जा प्रदान किया गया है। (ख) क्या प्रश्नांश (क) के उत्तर में यदि हाँ, तो यह बतलावे कि कमिश्नर जबलपुर संभाग की अध्यक्षता में गठित समिति के द्वारा कटनी जिला अंतर्गत किन-किन विभागों के कौन-कौन से दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को स्थाईकर्मी पर नियुक्ति कि अनुशंसा कि गई थी, बतलावे कार्यालयों के नाम सहित संपूर्ण सूची देवें। (ग) क्या प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित कमिश्नर जबलपुर द्वारा अनुशंसित सूची के सभी दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को स्थाईकर्मी का दर्जा प्रदान कर दिया गया है। उत्तर में यदि नहीं तो कहां-कहां के कौन-कौन से दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी किन कारणों से अभी तक वंचित है, बतलावे सूची देवें एवं यह भी बतलावे कि इसका दोषी कौन है, शासन दोषियों पर कब क्या कार्यवाही करेगा? (घ) प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित स्थाईकर्मी के दर्जे से वंचित दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को किस प्रकार से कब तक स्थाईकर्मी का दर्जा प्रदान कर दिया जावेगा बतलावे?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। (ख) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
मातृ-शिशु मृत्यु दर
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
62. ( क्र. 3821 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया द्वारा वर्ष 2020 में जारी रिपोर्ट के अनुसार मातृ-शिशु मृत्यु दर क्या है? देश में प्रदेश का स्थान किस क्रम पर है? (ख) प्रदेश में मातृ-शिशु मृत्यु दर को कम करने व सुरक्षित प्रसव हेतु राज्य एवं केन्द्रीय शासन की संचालित कार्यक्रमों पर कितनी-कितनी राशि व्यय हुई? इनकी लक्ष्य पूर्ति बतलावें। वर्ष 2018-19 से 2020-21 तक की जानकारी दें। (ग) प्रश्नांश (ख) अवधि में जिला जबलपुर में कितनी गर्भवती महिलाओं की प्रसव पूर्व व प्रसव पश्चात तथा प्रसव के दौरान मृत्यु हुई है? इसके लिए दोषी चिकित्सकों, अधिकारियों पर शासन ने क्या कार्यवाही की हैं? (घ) जिला जबलपुर में कितने नवजात शिशुओं की मृत्यु जन्म आघात, समय पूर्व प्रसव, वजन कम होना, निमोनिया संक्रमण, असंचारी बीमारियां तथा डायरिया रोग के कारण हुई है? एस.एन.सी.यू. पी.आई.सी.यू. व पोषण पुनर्वास केन्द्रों में इलाज हेतु भर्ती कितने बच्चों की मृत्यु हुई?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया द्वारा जुलाई 2020 में जारी रिपोर्ट अनुसार मातृ मृत्यु दर 173 प्रति लाख जीवित जन्म (एस.आर.एस. 2016-18) तथा शिशु मृत्यु दर 48 प्रति हजार जीवित जन्म (एस.आर.एस. 2018) है। देश में मध्यप्रदेश राज्य का स्थान मातृ मृत्यु दर में 18 वें तथा शिशु मृत्यु दर में 21वें क्रम पर है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ''अनुसार है। (ग) वर्ष 2018-19 से वर्ष 2020-21 तक जिला जबलपुर में प्रसव पूर्व 15, प्रसव के दौरान 11 एवं प्रसव पश्चात 112 गर्भवती महिलाओं की मृत्यु हुई है। दोषी पाये जाने पर 01 स्टाफ नर्स को निलंबित किया गया तथा 02 स्टाफ नर्स की वेतन वृद्धि रोकी गई। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब''अनुसार है।
बंद एवं नवीन नल-जल योजना प्रारम्भ/पुनर्प्रारम्भ कराना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
63. ( क्र. 3843 ) श्री राकेश गिरि : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टीकमगढ़ जिले की बड़ागॉव धसान एवं टीकमगढ़ तहसीलों के कितने ग्रामों में नल-जल योजना लागू है? सूची दे। क्या शासन द्वारा जिले के सभी ग्रामों में जल जीवन मिशन के तहत नल-जल योजना लागू की जाना प्रस्तावित है? (ख) प्रश्नांश ''क'' अनुसार, पूर्व से संचालित योजना कितने ग्रामों में किन कारणों से बंद है? (ग) प्रश्नांश ''क'' अनुसार, जिले में ऐसे कितने ग्राम है, जहां जल जीवन मिशन योजना लागू किया जाना प्रस्तावित है? ब्यौरा दें, क्या ऐसे ग्रामों की कार्य योजना स्वीकृति हेतु शासन को भेजी गई है? यदि नहीं भेजी गई है तो, कब तक कार्य योजना तैयार कर स्वीकृति हेतु भेजी जायेगी? (घ) प्रश्नांश ''ख'' अनुसार बंद पड़ी योजनायें कब तक चालू करा दी जावेगी? प्रश्नांश ''ग'' अनुसार योजना विहीन ग्रामों में प्रस्तावित कार्य योजना के प्रस्ताव कब तक स्वीकृत किये जायेंगे?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के अनुसार है। जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के अनुसार है। (ग) जिले के सभी 625 ग्राम। कुल 207 ग्रामों की योजनाएं स्वीकृति हेतु प्रस्तुत की गयीं, शेष ग्रामों के लिये जल स्त्रोतों की उपलब्धता के परीक्षणोपरांत नलजल योजना के प्रस्ताव तैयार करने के लिये प्रक्रिया जारी है, निश्चित तिथि बताया जाना संभव नहीं है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के अनुसार है। पेयजल स्त्रोत एवं वित्तीय संसाधन उपलब्ध होने पर वर्ष 2023 तक योजना के कार्य स्वीकृत किये जायेंगे।
लंबित विधायक निधि
[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]
64. ( क्र. 3863 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या स्वीकृत विधायक निधि का उपयोग न करने के कारण पंचायतों एवं विभाग में राशि लंबित हैं? (ख) यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक को कहां-कहां पर कितनी राशि लंबित है? (ग) क्या राशि उपयोग करने हेतु समय-सीमा निर्धारित है? (घ) यदि हाँ, तो समय-सीमा में राशि का उपयोग न करने पर कौन दोषी है? क्या दोषी के विरूद्ध कार्यवाही की जावेंगी?
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जी नहीं। (ख) प्रश्नांश ''क'' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। (घ) क्रियान्वयन अभिकरणों द्वारा स्वीकृत राशि का उपयोग समय-सीमा में कर लिए जाने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
स्वास्थ्य केन्द्रों का संचालन
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
65. ( क्र. 3864 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र पनागर के कितने प्राथमिक एवं उप स्वास्थ्य केन्द्र विभाग के भवनों एवं कितने किराये के भवनों में संचालित हैं? स्थानवार बतायें। (ख) क्या उपरोक्त केन्द्रों में मेडिकल ऑफिसर, ए.एन.एम., फार्मासिस्ट वार्ड बॉय पदस्थ हैं? (ग) क्या सभी केन्द्रों में विधिवत पूर्ण कालीन सेवायें प्रदान की जा रही हैं? (घ) अधिकांश स्वास्थ्य केन्द्र नियमित नहीं खुलते हैं?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) 05 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र एवं 18 उप स्वास्थ्य केन्द्र शासकीय भवनों में संचालित है, 10 उप स्वास्थ्य केन्द्र अन्य शासकीय विभागों के भवनों में संचालित तथा 04 उप स्वास्थ्य केन्द्र किराये के भवनों में लगते है। विस्तृत जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में पूर्णकालीन सेवायें प्रदान की जाती है, परंतु उप स्वास्थ्य केन्द्रों में दिन मंगलवार, शुक्रवार को टीकाकरण होने के फलस्वरूप क्षेत्रीय स्वास्थ्य कार्यकर्ता टीकाकरण स्थल पर जाकर टीकाकरण कार्य संपादित करता है। (घ) विधान सभा क्षेत्र पनागर के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पूर्णकालीन सेवायें तथा उप स्वास्थ्य केन्द्रों में सप्ताह में दो दिवस टीकाकरण का कार्य संपादित किया जाता है, जिससे मैदानी स्वास्थ्य कार्यकर्ता टीकाकरण स्थल पर जाकर टीकाकरण कार्य करते है।
अनुकम्पा नियुक्ति के लंबित प्रकरण
[सामान्य प्रशासन]
66. ( क्र. 3879 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न दिनांक तक उज्जैन संभाग के विभिन्न विभागों के अनुकम्पा नियुक्ति के कितने प्रकरण लंबित है? कुल प्रकरणों की संख्या एवं विभागवार प्रकरणों की संख्या अलग-अलग बतायें। अनुकम्पा नियुक्ति की कुल कितनी शिकायत किस-किस विभाग की लंबित है? कितनो का निराकरण हो गया है? जिलेवार जानकारी दें। (ख) सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा अनुकम्पा नियुक्ति के प्रकरणों को लेकर दिनांक 1 जनवरी 17 के पश्चात कब-कब विभिन्न विभागों को क्या-क्या निर्देश/परिपत्र जारी किये? (ग) मंदसौर, रतलाम जिलो में विभिन्न विभागों में वर्तमान में कितने प्रकरण किन-किन कारणों से लंबित है? कारण सहित जानकारी देवें। (घ) अनुकम्पा नियुक्ति के प्रकरणों का कितने समय में निराकरण का नियम है? अनुकम्पा नियुक्ति के प्रकरणों को हल करने में तेजी लाने के लिए सामन्य प्रशासन विभाग द्वारा क्या-क्या प्रयास किये जा रहे है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ख) दिनांक 05 जनवरी 2019 एवं दिनांक 18 नवम्बर 2019 को निर्देश जारी किए गए। (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है। (घ) निर्देश दिनांक 29.09.2014 की कंडिका 13.6 अनुसार अनुकम्पा नियुक्ति के लिये पद रिक्त होने पर एक माह की समयावधि नियत है। उत्तरांश (ख) अनुसार सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा निर्देश जारी किए गए हैं।
जिला व्यापार एवं उद्योग केंद्र मंदसौर का प्रभार
[सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम]
67. ( क्र. 3880 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या सूक्ष्म,लघु और मध्यम उद्यम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला व्यापार एवं उद्योग केंद्र मंदसौर का प्रभार कितने समय से रिक्त है? क्या रिक्त प्रभार के कारण जिला व्यापार एवं उद्योग केंद्र मंदसौर में औद्योगीकरण का कार्य लगातार प्रभावित हो रहा है यदि हाँ, तो प्रश्नकर्ता द्वारा प्रस्तावित योग्य अधिकारी को प्रभार नहीं देने के क्या कारण रहे? (ख) क्या प्रश्नकर्ता ने उक्त प्रभार के संबंध में कई बार पत्र व्यवहार किया, इन पत्रों पर विभाग द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गयी? यदि नहीं तो क्यों? (ग) क्या विभागीय के माननीय मंत्री जी ने मंदसौर प्रभार को लेकर विभाग के उच्च अधिकारियों को कोई निर्देश दिए है? यदि हाँ, तो उस पर क्या कार्यवाही विभाग द्वारा की गयी? (घ) जिला व्यापार एवं उद्योग केंद्र मंदसौर का प्रभार कब तक योग्य अधिकारी को दे दिया जाएगा?
सूक्ष्म,लघु और मध्यम उद्यम मंत्री ( श्री ओमप्रकाश सखलेचा ) : (क) जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र मंदसौर में महाप्रबंधक का पद दिनांक 01/01/2021 से रिक्त है। कार्यालय का दैनंदिनी कार्य कार्यालय में पदस्थ वरिष्ठ प्रबंधक द्वारा संपादित किया जा रहा है। (ख) जी हाँ। जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र मंदसौर में श्री रामेश्वर गौड महाप्रबंधक जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र नीमच को पदस्थ करने हेतु समन्वय में मा. मुख्यमंत्रीजी के अनुमोदन हेतु संक्षेपिका प्रस्तुत की गई। किन्तु श्री रामेश्वर गौड द्वारा स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली गई। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार। (घ) श्री आर.एस. जयन्त वरिष्ठ प्रबंधक जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र मंदसौर को अपने वर्तमान कार्य के साथ महाप्रबंधक जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र मंदसौर का अतिरिक्त प्रभार सौंपते हुये प्रशासनिक एवं वित्तीय अधिकार तत्काल प्रभाव से आगामी व्यवस्था होने तक के लिये प्रदान किये गये है।
प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र का उन्नयन
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
68. ( क्र. 3926 ) श्री पंचूलाल प्रजापति : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मनगवां विधानसभा क्षेत्र (73) अन्तर्गत वर्तमान में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र मनगवां को पूर्व में कभी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र का दर्जा प्राप्त था? यदि हाँ, तो किन कारणों से सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र से प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में परिवर्तन किया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) के सन्दर्भ में यदि नहीं? तो क्या प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र मनगवां का उन्नयन कर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में परिवर्तन कराया जा सकता है? यदि हाँ, तो कब तक?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी हाँ। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) मांग/प्रस्ताव एवं वित्तीय संसाधन उपलब्ध होने प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र मनगवां का सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में उन्नयन/परिवर्तन की कार्यवाही पर विचार किया जावेगा। निश्चित समयावधि बताया जाना संभव नहीं।
पर्यटन स्थल घोषित किये जाने
[पर्यटन]
69. ( क्र. 3927 ) श्री पंचूलाल प्रजापति : क्या पर्यटन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) रीवा जिले की मनगवां विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत पर्यटन विभाग एवं पर्यटन विकास निगम द्वारा प्रश्न दिनांक तक कितने प्राचीन, धार्मिक एवं ऐतिहासिक पर्यटन स्थल चिन्हित किये गये है? (ख) प्रश्नांश (क) के सन्दर्भ में क्या मलकपुर तालाब एक प्राचीन तालाब है तथा 40 हेक्टेयर रकवा शासकीय अभिलेख में दर्ज है? यदि हाँ, तो पर्यटन की दृष्टिकोण से सौन्दर्यीकरण-जीर्णोद्धार के माध्यम से विकसित कर पर्यटन स्थल बनाया जा सकता है? यदि हाँ, तो कब तक, नहीं तो क्यों?
पर्यटन मंत्री ( सुश्री उषा ठाकुर ) : (क) पर्यटन नीति 2016 संशोधित 2019 के तहत किसी स्थल को पर्यटन स्थल चिन्हित करने की कोई नीति नहीं है। (ख) जी हाँ। जी हाँ। पर्यटन नीति 2016 संशोधित 2019 के अंतर्गत किसी स्थल को पर्यटन स्थल घोषित करने की कोई नीति नहीं है। शेष का उपस्थित नहीं होता।
दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों की स्थाई पदस्थापना
[सामान्य प्रशासन]
70. ( क्र. 3966 ) श्री बैजनाथ कुशवाह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को स्थाई पद स्थापना हेतु शासन के क्या-क्या अधिनियम, नियम, आदेश, निर्देश निर्मित हैं, की जानकारी फोटो कॉपी सहित दी जावें। (ख) क्या शासन ने वेतन भोगी कर्मचारियों की मांग अनुसार इन्हें स्थाई करने हेतु व माननीय मुख्यमंत्री द्वारा सदन (विधानसभा) व भ्रमण के दौरान स्थाई हेतु घोषणाएं भी की है। यदि हाँ, तो जनवरी 2021 तक स्थाई पद स्थापना को लेकर क्या-क्या कार्यवाहियां हुई? क्या इन्हें स्थाई करने हेतु स्वीकृति प्रदान की जा चुकी है अथवा नहीं? तो क्या इनके भविष्य को देखते हुए स्थाई नियुक्ति कब तक कर दी जावेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र क्रमांक-एफ,5-3/2006/1/3, दिनांक 16 मई, 2007 अनुसार नियमितीकरण की कार्यवाही करने तथा परिपत्र क्र.-एफ, 5-1/2013/1/3, दिनांक 07 अक्टूबर, 2016 अनुसार कार्यरत दैनिक वेतन भोगी श्रमिकों के लिए ''स्थायी कर्मियों को विनियमित करने की योजना'' के निर्देश हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) जी हाँ। दिनांक 15.08.2016 की घोषणा के पालन में उत्तरांश (क) अनुसार आदेश दिनांक 07.10.2016 जारी किए गए। शेषांश प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मध्यप्रदेश सरकार के कर्ज की जानकारी प्रदान किए जाने
[वित्त]
71. ( क्र. 3978 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 25.03.2020 से दिनांक 25.01.2021 तक मध्यप्रदेश सरकार द्वारा किन-किन तिथियों में कितने-कितने रूपए का कर्ज लिया गया है? (ख) दिनांक 25.03.2020 के पहले मध्यप्रदेश सरकार पर कितना रूपये का कर्ज का बोझ था? (ग) दिनांक 31.01.2021 को मध्यप्रदेश सरकार पर कितना रूपये का कर्ज का बोझ है? (घ) दिनांक 31.12.2018 को मध्यप्रदेश सरकार पर कितना रूपये का कर्ज का बोझ था?
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) म.प्र. सरकार द्वारा दिनांक 25-03-2020 से दिनांक 25-01-2021 तक का बाजार ऋण का विवरण संलग्न परिशिष्ट पर अवलोकनीय है। अन्य ऋणों के संबंध में अंतिम लेखे महालेखाकार से प्राप्त नहीं होने के कारण दर्शाई अवधि में लिए गए कर्ज की जानकारी देना संभव नहीं है। (ख) 25 मार्च 2020 की स्थिति में लेखे तैयार नहीं किए जाते है। महालेखाकार के अंतिम लेखे प्राप्त नहीं हुए है लेकिन पुनरीक्षित अनुमान अनुसार मार्च 2020 की समाप्ति पर राशि रूपए 2,01,989.28 करोड़ का कर्ज रहने का अनुमान है। (ग) 31 जनवरी 2021 की स्थिति में लेखे तैयार नहीं किए जाते है। अत: जानकारी देना संभव नहीं है। (घ) महालेखाकार द्वारा वित्त लेखे वित्तीय वर्ष की समाप्ति के आधार पर तैयार किए जाते है। अत: दिनांक 31-12-2018 की स्थिति में जानकारी देना संभव नहीं है। मार्च 2019 के अंत महालेखाकार के प्रावधानित लेखों के अनुसार में पुनरीक्षित अनुमान अनुसार 1,73,943.5 करोड़ कर्ज रहने का अनुमान है।
विगत तीन वर्षों में आय व्यय तथा खरीद की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
72. ( क्र. 3984 ) श्री कमलेश जाटव : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला मुरैना में विभाग में विगत तीन वर्षों में किस-किस मद में, किस-किस कार्य हेतु कितना-कितना आवंटन प्राप्त हुआ एवं प्राप्त आवंटन के विरूद्ध विभाग द्वारा किन-किन कार्यों पर कितना-कितना व्यय किया गया एवं विगत तीन वर्षों में विभाग द्वारा की गई, समस्त सामान्य काल की खरीदियों एवं कोरोना काल में कोविड-19 की रोकथाम एवं उपचार एवं अन्य के लिए की गई खरीदी की जानकारियां पृथक-पृथक रूप से प्रदाय करें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार उक्त वर्षों में की गई समस्त खरीदियों की जानकारी वर्षवार, विकासखण्डवार, क्रय सामग्रीवार, प्राप्त आवंटन एवं व्ययवार, क्रय की गई एजेन्सीवार, एजेन्सी का पता तथा वितरण सामग्री के नाम तथा मात्रा के साथ समस्त सामान्य काल एवं कोविड काल की जानकारी पृथक-पृथक प्रदाय की जावे। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या विभाग द्वारा जिन एजेन्सियों से खरीद की गई क्या उनमें से किसी एजेन्सी द्वारा मानकों के विरूद्ध एवं गुणवत्ताविहीन सामान की सप्लाई उक्त वर्षों में दी गई? यदि हाँ, तो उक्त संबंध में विभाग द्वारा की गई समस्त जानकारी उपलब्ध करावें। (घ) प्रश्नांश (ख) अनुसार उक्त क्रय एवं सामग्री वितरण किन-किन अधिकारियों के आदेश से किये गए? उक्त अधिकारियों के कार्यकाल की अवधि सहित जानकारी पृथक-पृथक उपलब्ध करावें।
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जिला मुरैना में विगत 03 वर्षों में मदवार एवं कार्यवार प्राप्त आवंटन एवं व्यय की सामान्य काल एवं कोविडकाल की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ''अनुसार है। प्रश्नांश के शेष भाग खरीदी संबंधी जानकारी प्रश्नांश (ख) के पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' में सम्मिलित है। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार उक्त वर्षों में की गयी समस्त खरीदियों की जानकारी वर्षवार, सामग्रीवार क्रय की गयी एजेंसीवार, एजेंसी का पता तथा आवंटन एवं व्यय का विवरण सामान्य काल एवं कोविडकाल की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब''अनुसार है। विकासखण्डवार, वितरण सामग्री का नाम तथा मात्रा की जानकारी विस्तृत होने से एकत्र की जा रही है। (ग) जी, नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नांश (ख) अनुसार चाही गई क्रय एवं सामग्री वितरण हेतु कार्यरत अधिकारियों के नाम एवं कार्यकाल अवधि सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। कार्यरत अधिकारियों के द्वारा क्रय एवं सामग्री वितरण हेतु दिये गये आदेश सहित चाही गई जानकारी विस्तृत है जानकारी एकत्र की जा रही है।
जानकारी प्रदाय करने
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
73. ( क्र. 4018 ) श्री विजयराघवेन्द्र सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी जिले में स्वास्थ्य विभाग को विगत 2 वर्षों में विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत कितना बजट प्राप्त हुआ? मदवार, योजनावार जानकारी से अवगत करायें। (ख) उक्त बजट कहाँ-कहाँ व्यय किया गया? जिला स्तर पर की गई खरीदारी किस प्रक्रिया से की गई, खरीदी गई सामग्री, मात्रा तथा प्रदाय करने वाली एजेंसी के नाम सहित अवगत करायें। (ग) उक्त क्रय की गई सामग्री कहाँ-कहाँ आवंटित की गई? संस्था का नाम, उसका मांग पत्र एवं सामग्री प्राप्ति की पावती के विवरण सहित उपलब्ध करायें। (घ) सामग्री क्रय पश्चात शेष बचे हुये बजट को कैसे और कहाँ व्यय किया गया? उसका मदवार ब्यौरा उपलब्ध करावें। (ड.) प्रश्नांश (क) से (घ) तक में यदि कोई अनियमितताओं की शिकायतें प्राप्त हुई हैं तो शिकायतवार कार्यवाहीवार पठनीय विवरण दें।
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) :(क) कटनी जिले में स्वास्थ्य विभाग को विगत 02 वर्षों में विभिन्न योजनाओं के अन्तर्गत कुल 1127242536 रूपये का बजट प्राप्त हुआ है। मदवार योजनावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ''अनुसार है। (ख) उक्त बजट वेतन भत्ते, कार्यालय व्यय, दवाइयों, उपकरणों एवं अन्य सामग्री क्रय करने में व्यय किया गया। क्रय की कार्यवाही म.प्र.प.हे.स.कार्पो.लिमि. भोपाल द्वारा अनुबंधित एजेंसियों से एवं स्थानीय स्तर पर आवश्यक सामग्री का क्रय म.प्र. भंडार क्रय नियम का पालन करते हुये की गई। प्रश्नांश की शेष जानकारी विस्तृत स्वरूप की होने के कारण एकत्र की जाकर शीघ्र प्रदाय की जावेगी। (ग) उक्त क्रय की सामग्री जिले की अधीनस्थ समस्त स्वास्थ्य संस्थाओं में आवंटित की गई। संस्था का नाम, मांग पत्र एवं सामग्री प्राप्ति की पावती का विवरण विस्तृत स्वरूप की होने के कारण एकत्र की जाकर शीघ्र प्रदाय की जायेगी। (घ) राज्य बजट एवं राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन योजना का बजट ऑनलाईन साफ्टवेयर के माध्यम से प्राप्त होता है एवं 31 मार्च वर्षान्त में बचा हुआ शेष बजट स्वतः ही ऑनलाईन समर्पित हो जाता है अतः इसका अतिरिक्त व्यय किया जाना संभव नहीं है। (ड.) प्रश्नांश (क) से (घ) में उल्लेखित बिन्दु अनुसार, क्षेत्रीय संचालक, स्वास्थ्य सेवायें, जबलपुर के पत्र क्रमांक 6069/दिनांक 21 जुलाई द्वारा संचालनालय को डॉ. एस. के. निगम, तत्कालीन सी.एम.एच.ओ. कटनी के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही संबंधी प्रस्ताव प्राप्त होने पर संचालनालय के आदेश क्रमांक 878/दिनांक 21.07.2020 द्वारा डॉ. निगम को निलंबित कर ज्ञाप कमांक 1041 दिनांक 20.08.2020 द्वारा उन्हें आरोप पत्रादि जारी किये गये। जारी आरोप पत्र का प्रतिवाद उत्तर डॉ. निगम से प्राप्त होने पर, प्रस्तुत प्रतिवाद उत्तर परीक्षण उपरान्त संतोषजनक नहीं पाये जाने पर डॉ. एस.के.निगम के विरूद्ध संचालनालय के आदेश दिनांक 23.01.2021 द्वारा विभागीय जाँच संस्थित की गई है। आदेश प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब''अनुसार है।
वाहन अनुबंधित एवं आवंटन व्यय की जानकारी
[महिला एवं बाल विकास]
74. ( क्र. 4021 ) श्री कमलेश जाटव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग में वाहन अनुबंधित किये जाने के वर्तमान नियम एवं शर्तें तथा जिला मुरैना में विगत वर्ष 2018 से किस योजना तथा खाद्य एवं अन्य सामग्री क्रय किये जाने एवं अन्य कार्यों हेतु किस-किस मांग संख्या एवं किस मद में क्या आवंटन प्रदाय किया गया? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार जिला मुरैना में कितने वाहन किस दिनांक से अनुबंधित हैं क्या उक्त वाहनों की लॉग बुक भरी जाती है? अनुबंधित वाहनों में प्रतिमाह अधिकतम कितने कि.मी. तक डीजल डलाए जाने का प्रावधान है? डीजल के भुगतान किस मद से किये जाने का नियम है? नियम सहित जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार जिला मुरैना को जिन मदों में आवंटन प्रदाय किया गया है उसकी जानकारी वर्षवार उपलब्ध करावें तथा यह भी जानकारी प्रदाय करें कि प्रदाय किये जाने वाले आवंटन की मांग संख्या शीर्ष, उप शीर्ष, मद से केवल किन-किन कार्यों का भुगतान किया जा सकता है? (घ) प्रश्नांश (ख), (ग) अनुसार जिला मुरैना को प्राप्त आवंटन के विरूद्ध संबंधित मदों में किस-किस कार्य का भुगतान किया गया है? कितनी राशि किस मद में वर्ष के अंत में बी.सी.ओ. को समर्पित की गई? जानकारी वर्षवार माहवार प्रदाय की जावें। क्या किसी अन्य मद के कार्य का किसी अन्य मद से भुगतान किया गया? यदि हाँ, तो कौन अधिकारी जिम्मेदार है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-"क" अनुसार है। (ख) मुरैना जिले में अनुबंधित वाहनों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-"ख" अनुसार है। उक्त वाहनों की लॉग बुक संबंधित अधिकारियों द्वारा भरी जाती है। वाहनों में प्रतिमाह शासन द्वारा निर्धारित राशि अनुसार डीजल पर व्यय किया जाता है। प्रतिमाह अधिकतम कि.मी. तक डीजल डलाये जाने का कोई प्रावधान नहीं है। डीजल के देयकों की राशि का भुगतान वाहन मद 31-007 एवं 22-009 से किये जाने का नियम है। नियम की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-"क" अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-"क" अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-"क" अनुसार है। किसी अन्य मद के कार्य का किसी अन्य मद से भुगतान नहीं किया गया है। अतः शेष का प्रश्न ही नहीं है।
आंगनवाड़ी केन्द्रों की जानकारी
[महिला एवं बाल विकास]
75. ( क्र. 4024 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में संचालित आंगनवाड़ी केन्द्रों में कितने-कितने कार्यकर्ता एवं सहायिकाऐं कार्यरत हैं? जिला एवं विकासखण्डवार संख्या बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या वर्ष 2018-19 एवं 2019-20 में विभाग ने आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिकाओं को साड़ियां देने अथवा राशि देने का प्रावधान किया था? यदि, हाँ तो निर्देशों/आदेशों की प्रति उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिकाओं के लिये प्रति साड़ी कितनी राशि का प्रावधान किया गया था? कुल एक मुश्त कितनी राशि की साड़ियां वितरित की जाना थी? जिलेवार एवं विकासखण्डवार संख्या बतावें एवं किन-किन दिनांकों में राशि का भुगतान किया गया? वर्षवार जानकारी दें। (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के संदर्भ में क्या जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी एवं विकासखण्ड महिला एवं बाल विकास अधिकारी द्वारा दुकान विशेष से साड़ी खरीदने के लिये बार-बार दबाव बनाया जा रहा था? जिन दुकानों से साड़ियां खरीदने के लिये दबाव बनाया गया था वहां से गुणवत्ताहीन साड़ियां प्रदान की गई? किन-किन दुकानों से किस नियम प्रक्रिया से साड़ियां क्रय की गई? प्रदेश में जिन दुकानों से साड़ियां क्रय की गई उन दुकानों/फर्मों के नाम स्थान एवं संचालकों के नाम सहित बतावें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) मध्यप्रदेश में संचालित आंगनवाड़ी केन्द्रों में कार्यरत कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-"1" अनुसार है। (ख) जी हाँ। साड़ी क्रय किये जाने हेतु जारी बजट/राशि आवंटन निर्देशों/आदेशों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-"2" अनुसार है। (ग) आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिकाओं के लिये प्रति साड़ी राशि रुपये 400/- का प्रावधान किया गया। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-"2" अनुसार है। (घ) जी नहीं। अतः शेष का प्रश्न नहीं।
आंगनवाड़ी केन्द्रों का रंग रोगन
[महिला एवं बाल विकास]
76. ( क्र. 4025 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल संभाग में कितने आंगनवाड़ी केन्द्र हैं? कितने केन्द्र निजी एवं शासकीय भवनों में संचालित हैं? जिलेवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में विभाग द्वारा वर्ष 2018-19 एवं 2019-2020 में आंगनवाड़ी केन्द्रों के रंगरोगन, पुताई हेतु आंगनवाड़ी केन्द्रवार कितनी राशि का आवंटन किया गया था? यदि हाँ, तो प्रति आंगनवाड़ी कितनी राशि का प्रावधान था? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में क्या आवंटित राशि से कई आंगनवाड़ी केन्द्रों में रंगरोगन का कार्य प्रश्न दिनांक तक नहीं कराया गया है? इसका कारण बतावें। यदि कर लिया गया है तो क्या सत्यापन कराया गया है? यदि नहीं तो क्यों? विदिशा, रायसेन, राजगढ़, सीहोर जिलों की समग्र जानकारी आंगनवाड़ी केन्द्र अनुसार बतावें। (घ) प्रश्नांश (ख) एवं (ग) के संदर्भ में क्या आवंटित राशि से गुणवत्ताहीन कार्य कराया गया है? उनकी संख्या बतावें। इस मिलीभगत से हुए भ्रष्टाचार में कौन-कौन दोषी हैं? इनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई है एवं क्या कार्यवाही की जा रही है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) भोपाल संभाग में 9972 आंगनवाड़ी केन्द्र स्वीकृत हैं इसमें से 3237 आंगनवाड़ी केन्द्र किराये के भवनों में में तथा 6735 शासकीय भवनों में संचालित है। जिलेवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-"1" अनुसार है। (ख) जी हाँ। वित्तीय वर्ष 2018-19 में राशि रूपये 2000 प्रति आंगनवाड़ी केन्द्र के मान से एवं वित्तीय वर्ष 2019-2020 में राशि रूपये 3000 प्रति आंगनवाड़ी केन्द्र के मान से राशि आवंटित की गयी है। जिलेवार आवंटित राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-"2" अनुसार है। (ग) जिलेवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-"3" अनुसार है। (घ) जी नहीं। शेष जानकारी का प्रश्न ही उत्पन्न नहीं होता है।
टेक टू होम राशन प्रदान किये जाने
[महिला एवं बाल विकास]
77. ( क्र. 4027 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या टेक टू होम राशन मंडला जिले में स्थित प्लांट से जबलपुर संभाग के जिलों में प्रदान किया जाता है? क्या प्लांट में बनने वाले टेक टू होम राशन का निर्माण समूहों के महासंघ द्वारा किया जाता है। अगर हाँ तो इस महासंघ में कितने संघ और इन संघों में कितने समूह जुड़े हुए हैं प्रत्येक समूहों का नाम, पता, अध्यक्ष, सचिव एवं सदस्यों की जानकारी सहित पृथक-पृथक जानकारी उपलब्ध कराये। (ख) पिछले दो वर्षों में जबलपुर संभाग के विभिन्न जिलों में स्थित विभिन्न परियोजनाओं में कितना टेक टू होम राशन प्रदान किये जाने की विभाग द्वारा मांग पहुँचायी गई थी और मंडला प्लांट से जबलपुर संभाग के विभिन्न जिलों में पिछले दो वर्षों में टेक टू होम राशन कितनी मात्रा में किन-किन परियोजनाओं में किस-किस माह में पहुँचाया गया हैं? प्रत्येक जिले की परियोजनावार आंगनवाड़ी केन्द्रावार राशन की मात्रा सहित जानकारी उपलब्ध करायें। (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुसार यदि विभाग की मांग अनुसार टेक टू होम राशन उपलब्ध नहीं कराया गया है तो इसका क्या कारण है? क्या मांग अनुसार पर्याप्त राशन उपलब्ध नहीं कराने पर भी विभाग द्वारा मंडला प्लांट को पूरा भुगतान कर दिया गया है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। मंडला रेडी टू ईट संयंत्र से ''माह नवम्बर 2019 से फरवरी 2020 तक टेकहोम राशन का उत्पादन समूहों के परिसंघ (महिला आजीविका औद्योगिक सहकारी समिति मर्यादित) द्वारा किया गया। ''महिला आजीविका औद्योगिक सहकारी समिति मर्यादित में जबलपुर संभाग के कुल 15 संकुल स्तरीय संगठन, 492 ग्राम संगठन तथा 4682 स्व सहायता समूह जुड़े है। जिलेवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-"1" अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-"2" अनुसार है। (ग) विभाग की मांग अनुसार ही टेकहोम राशन की प्रदायगी की गई है। अतः शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अन्तर्गत स्वीकृत पद
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
78. ( क्र. 4029 ) श्री मुकेश रावत (पटेल) : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अलीराजपुर जिले में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन अन्तर्गत जिले में कुल कितने और कौन-कौन से पद स्वीकृत है? स्वीकृत पदों में से कितने पद रिक्त हैं और कितने भरे हैं? अधिकारी/कर्मचारी के नाम व पद सहित जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार स्वीकृत पदों में पद अनुसार राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन अन्तर्गत क्या-क्या दायित्व सौंपे गये हैं? जिला/विकास खण्ड/ग्राम स्तर पर सौपे गये कार्योवार जानकारी देवें। (ग) क्या प्रश्नांश (क) अनुसार पदस्थ अधिकारी/कर्मचारियों को शासन द्वारा जारी गाइड लाइन के अनुसार ही कार्य/दायित्व सौंपे गये हैं? यदि हाँ तो सौंपे गये दायित्व की आदेश की प्रति देवें।
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) जी नहीं, अपितु आवश्यकतानुसार सौंपे गये कार्यदायित्वों के अतिरिक्त कर्मचारी के अनुभव एवं कार्यक्षमता अनुसार अन्य कार्य भी समय-समय पर सौंपे जाते है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन अंतर्गत आवंटन की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
79. ( क्र. 4030 ) श्री मुकेश रावत (पटेल) : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अलीराजपुर जिले को वर्ष 2018-19 से प्रश्न दिनांक तक में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन अन्तर्गत कितना-कितना आवंटन प्राप्त हुआ है? वर्षवार जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार प्राप्त आवंटन से जिले में क्या-क्या गतिविधियां संचालित की गई हैं और उस पर कितनी-कितनी राशि खर्च की गई हैं? वर्षवार गतिविधिवार जानकारी दी जावें। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार क्या संचालित गतिविधियों/कार्यों का सत्यापन किया गया है? यदि हाँ तो सत्यापन किन-किन अधिकारियों द्वारा किया गया है? उनके नाम एवं पद की जानकारी भी दी जावें।
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है।
चिकित्सालय में सफाई कर्मियों की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
80. ( क्र. 4061 ) श्री बापूसिंह तंवर : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजगढ़ जिला चिकित्सालय में मेसर्स प्रथम नेशनल सिक्युरिटी प्रायवेट सर्विस कम्पनी इन्दौर का साफ-सफाई से संबंधित कोई टेंडर है? हाँ तो कब से कब तक के लिए है? (ख) क्या राजगढ़ जिला चिकित्सालय में कार्यरत कम्पनी में कितने सफाई कर्मी वर्तमान में कार्यरत हैं तथा सफाई कर्मियों के वेतन से शासन की योजनानुसार पी.एफ. का कटौत्रा किया जाता है? नहीं तो क्यों नहीं?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी हाँ। दिनांक 01/04/2018 से 01/04/2019 तक। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
कोविड 19 महामारी की रोकथाम में लगे आयुष चिकित्साकों की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
81. ( क्र. 4099 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विषयांकित महामारी की रोकथाम हेतु सम्पूर्ण प्रदेश में अस्थाई रूप से लिए गये आयुष चिकित्सकों की जानकारी जिला अनुसार संख्यात्मक दें? इनमें कितने आयुर्वेदिक चिकित्सक हैं तथा कितने होम्योपैथिक चिकित्सक हैं? (ख) शासन आयुर्वेदिक तथा होम्योपैथिक चिकित्सकों को अलग-अलग मान्यता देता है या दोनों की मान्यता एक ही है? यदि मान्यता एक ही है तो आयुर्वेदिक चिकित्सकों को न हटाते हुए होम्योपैथिक चिकित्सकों को क्यो हटाया गया? (ग) क्या शासन प्रदेश में सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र तथा प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में वर्षों से रिक्त पड़े चिकित्सकों के पदों को आयुष चिकित्सकों से भरने पर विचार करेगा? (घ) प्रदेश में कोविड 19 के रोकथाम हेतु चलाये जाने वाले वृहद वैक्सीन अभियान में क्या आयुष चिकित्सकों को अवसर दिया जायेगा?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) कोविड-19 महामारी की रोकथाम हेतु अस्थाई रूप से जिलों में रखे गये आयुर्वेदिक चिकित्सक एवं होम्योपैथिक चिकित्सकों की जिलेवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) आयुर्वेदिक एवं होम्योपैथिक चिकित्सकों का पंजीयन पृथक-पृथक बोर्ड से होता है। आयुर्वेदिक चिकित्सकों का पंजीयन रजिस्ट्रार आयुर्वेदिक, यूनानी बोर्ड म.प्र. एवं होम्योपैथिक चिकित्सको का पंजीयन रजिस्ट्रार होम्योपैथी परिषद् म.प्र. द्वारा किया जाता है। दोनों पैथी के चिकित्सक आयुष विभाग अंतर्गत है। जिलों में केवल होम्योपैथिक चिकित्सकों को ही नहीं हटाया गया है अपितु वर्तमान में कोविड-19 के प्रकरणों में निरंतर कमी होने से जिलों में वर्तमान में आयुष चिकित्सकों की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए कुछ जिलों में कुछ आयुर्वेदिक एवं होम्योपैथिक दोनों प्रकार के चिकित्सकों को निरंतर नहीं किया गया है। (ग) शासन स्तर से संबंधित है। जी नहीं। (घ) जी नहीं, वर्तमान में कोविड वैक्सिनेशन का कार्य जिलों में पदस्थ स्टॉफ नर्स/एएनएम द्वारा किया जा रहा है।
विभागीय अंशकालिक कर्मचारियों के संबंध में
[योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी]
82. ( क्र. 4100 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग में कार्यरत अंशकालिक कर्मचारियों की संख्या तथा ये कब से अंशकालिक कर्मचारी हैं इसकी विस्तृत जानकारी दें? अंशकालिक कर्मचारियों को पूर्णकालिक कर्मचारी करने हेतु क्या विभाग की कोई योजना है? यदि है तो इन्हें कब तक पूर्णकालिक कर दिया जायेगा? (ख) क्या संचालनालय द्वारा पूर्व में 9 अंशकालिक कर्मचारियों को नियमित कर चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी बना दिया गया लेकिन उनके साथ के अन्य कर्मचारियों को नियमित नहीं किया गया? क्या शासन इस पूरे प्रकरण की जाँच करायेगा तथा इसके लिए दोषी अधिकारियों पर कार्यवाही करेगा? यदि हाँ तो कब तक? (ग) विभाग द्वारा जिन अंशकालिक कर्मचारियों को नियमित कर चतुर्थ श्रेणी पद पर पदोन्नत किया गया है उनके नाम तथा पद नाम बतायें? वर्तमान में अंशकालिक कर्मचारियों को कितना वेतन दिया जा रहा है?
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हाँ। तत्समय म.प्र. शासन कार्मिक, प्रशासनिक सुधार एवं प्रशिक्षण विभाग (वेतन आयोग प्रकोष्ठ) के ज्ञापन क्रमांक 16-1188-1-वेआप्र/89 भोपाल दिनांक 09.01.1990 में निहित निर्देशानुसार गठित समिति की अनुशंसा अनुसार नियमितिकरण की कार्यवाही वर्ष 1998 एवं 1999 में उपलब्ध रिक्त पदों के आधार पर की गई थी। अतः इस परिप्रेक्ष्य में जाँच की आवश्यकता प्रतीत नहीं होती है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) अंशकालिक कर्मचारियों की चतुर्थ श्रेणी के पद पर नियुक्ति संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार एवं अंशकालिक कर्मचारियों को वर्तमान में देय मानदेय संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है।
वर्षों से एक ही स्थान पर पदस्थ लोकसेवकों की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
83. ( क्र. 4102 ) श्री जुगुल किशोर बागरी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग सतना में विगत 10 वर्षों से अधिक समय से उपयंत्री एवं कार्यालयीन अमले में लोक सेवक पदस्थ हैं, यदि हाँ तो विगत 10 वर्षों से अधिक समय से पदस्थ लोकसेवकों की जानकारी, नाम, पदनाम कार्यालय सहित देवें। (ख) क्या शासन के नियमानुसार एक ही खण्ड कार्यालय में लंबे समयावधि तक लोकसेवक को पदस्थ नहीं रखने के निर्देश हैं? स्थानान्तरण नीति में भी 3 वर्ष से अधिक समय से एक ही स्थान पर पदस्थ लोकसेवकों को अन्यत्र पदस्थापना करने का प्रावधान है? शासनादेशों के अनुक्रम में विगत 3 वर्ष से अधिक समय से पदस्थ लोक सेवकों की जानकारी पदवार, नामवार, कार्यालयवार, पदस्थ रहने की समयावधि देते हुये बतावें कि संबंधितों का स्थानान्तरण कब तक अन्यत्र कर दिया जावेगा? यदि नहीं तो कारण बतावें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जी हाँ। वर्ष 2019-20 हेतु जारी स्थानांतरण नीति की कंडिका 11.4 अनुसार कर्मचारियों/अधिकारियों के स्थानांतरण हेतु तीन वर्ष से अधिक समय से एक ही स्थान पर पदस्थता भी एक बिन्दु है, किन्तु अनिवार्य नहीं है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। स्थानांतरण आवश्यकतानुसार किये जाते है, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
सहायक ग्रेड-3 का प्रारंभिक वेतनमान परिवर्तित करने
[वित्त]
84. ( क्र. 4103 ) श्री जुगुल किशोर बागरी : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वित्त विभाग मंत्रालय भोपाल आदेश क्रमांक/224/2031/2020/नियम/चार, भोपाल दिनांक-6/2/2021 द्वारा आई.टी.आपरेटर, प्रारंभिक वेतनमान (5200-20200+ग्रेडपे 1900) 1/1/2016 से परिवर्तित कर (5200-20200+ग्रेडपे 2400) करते हुये प्रथम-उच्चतर-वेतनमान (5200-20200+ग्रेडपे 2800) एवं द्वितीय-उच्चतर-वेतनमान (5200-20200+ग्रेडपे 3200) किये जाने के आदेश जारी किये गये हैं? यदि हाँ, तो यह बतावें कि किन-किन विभागों के किन-किन पदों का प्रारंभिक वेतनमान (5200-20200+ग्रेडपे 1900) था, उनमें से किन-किन विभागों के उक्त पदों के प्रारंभिक वेतनमान में बदलाव किस आधार पर किया गया है? शेष कितने विभाग के कौन-कौन से पद हैं उनके प्रारंभिक वेतनमान में बदलाव न करने का मुख्य कारण क्या है? पूर्ण जानकारी अभिलेखों सहित देवें। (ख) क्या स्कूल शिक्षा विभाग में सहायक ग्रेड-3 के पद का भी प्रारंभिक-वेतनमान (5200-20200+ग्रेडपे 1900) है एवं उक्त विभाग में अधिकांशत: कार्यालयीन कार्य कम्प्यूटर के माध्यम से किया जा रहा है? यदि हाँ, तो क्या कम्प्यूटर कार्य हेतु अलग से कोई पद सृजित किया गया है या कम्प्यूटर कार्य हेतु पृथक से भर्ती कर कार्यालयों में कम्प्यूटर कार्य कराने की व्यवस्था की गई है? पूर्ण जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में स्कूल शिक्षा विभाग के सहायक ग्रेड-3 के प्रारंभिक वेतनमान (5200-20200+ग्रेडपे 1900) में बदलाव वाणिज्यकर विभाग के आई.टी. आपरेटर की भांति करने के आदेश कब तक जारी कर दिये जावेंगे? यदि नहीं तो कारण स्पष्ट करें?
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
पांच वर्षों से ज्यादा एक स्थान पर पदस्थ कर्मियों का स्थानांतरण
[महिला एवं बाल विकास]
85. ( क्र. 4108 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिले के अंतर्गत आने वाली परियोजनाओं में परियोंजना अधिकारी, सुपरवाईजर एवं जिला महिला बाल विकास अधिकारी के पदों पर किस-किस नाम एवं पदनाम वाले व्यक्ति पाँच वर्षों से ज्यादा एक ही स्थान पर पदस्थ हैं? परियोजनावार, नामवार, पदनामवार जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित परियोजनाओं में चतुर्थ/तृतीय/द्वितीय श्रेणी के कितने पद स्वीकृत है? उन पदों के विरूद्ध कितने अधिकारी कब से पदस्थ हैं? उपरोक्त श्रेणी में अस्थायी, संविदा पर कुल कितने कर्मचारी कब से पदस्थ हैं? श्रेणीवार/परियोजनावार/नामवार जानकारी दें। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित पदों में पदस्थ परियोजना अधिकारी की एक ही स्थान पर पदस्थापना के क्या नियम निर्धारित है? प्रश्नांश (क) के अंतर्गत किस-किस परियोजना में इस नियम का पालन हो रहा है? यदि नहीं हो रहा है तो किस-किस परियोजना अधिकारी को पाँच वर्ष से ज्यादा एक स्थान पर रहने की राज्य शासन ने छूट दे रखी है? (घ) क्या शासन पाँच वर्षों से ज्यादा एक स्थान पर पदस्थ कर्मचारियों/अधिकारियों/सुपरवाईजर/जिला महिला बाल विकास अधिकारी को अन्यत्र स्थानांतरित करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) सिवनी जिले के अन्तर्गत आने वाली परियोजनाओं में पाँच वर्ष से ज्यादा एक ही स्थान पर पदस्थ परियोजना अधिकारी, सुपरवाईजर एवं जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी की नामवार पदनामवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -"अ" अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। (ग) म.प्र. शासन, सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र क्रमांक एफ 6-1/2019/एक/9 दिनांक 04 जून 2019 द्वारा जारी राज्य एवं जिला स्तर पर अधिकारियों/कर्मचारियों की स्थानांतरण नीति 2019-20 की कंडिका 11.4 में उल्लेखानुसार जिलों में पदस्थ प्रथम श्रेणी एवं द्वितीय श्रेणी के कार्यपालक अधिकारियों के एक ही स्थान पर तीन वर्ष की पदस्थापना पूर्ण कर लेने पर जिले से अन्यत्र प्राथमिकता पर स्थानांतरण किया जा सकेगा। स्थानांतरण नीति वर्ष 2019-20 पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -''स'' अनुसार है। राज्य की स्थानांतरण नीति की कंडिका 11.4 में उल्लेखानुसार यह अनिवार्य नहीं है कि 03 वर्ष पूर्ण होने पर स्थानांतरण किया ही जाये। अतः शेष का प्रश्न ही उत्पन्न नहीं होता। (घ) प्रश्नांश (ग) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उत्पन्न नहीं होता।
राज्य के तृतीय श्रेणी कर्मचारियों को समयमान
[वित्त]
86. ( क्र. 4121 ) श्री शशांक श्रीकृष्ण भार्गव : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राज्य के तृतीय श्रेणी कर्मचारियों को समयमान देने के क्या नियम हैं? क्या समयमान की पात्रता प्रथम नियुक्ति दिनांक से आती है? नियुक्ति के उपरांत यदि कर्मचारी द्वारा नियुक्ति केडर से अन्य केडर जैसे प्रथम नियुक्ति सहायक ग्रेड 3 के पद पर होने के उपरांत कर्मचारी द्वारा अन्य केडर स्टेनोग्राफर के पद पर नियुक्ति की गई हो और उसी कर्मचारी की अन्य संवर्ग लेखा अधिकारी के पद पर नियुक्ति की गई है तो कर्मचारी को देय समयमान की गणना अवधि किस आधार पर की जावेगी? (ख) ऐसे कर्मचारी जो सहायक गेड 3 के पद पर कार्य करते हुये शासन की संचालित परीक्षाएं जैसे अधिनस्थ लेखा, सेवा परीक्षा उत्तीर्ण कर पदभार ग्रहण किया हो तो ऐसे कर्मचारी के लिये समयमान की गणना का लाभ किस दिनांक से दिया जायेगा? (ग) यदि प्रथम नियुक्ति के दिनांक से नहीं दिया जाता है तो प्रश्नांश (क) के कर्मचारी को इसका लाभ किस नियम के तहत दिया गया? इसका संभागीय कार्यालय कोष एवं लेखा भोपाल द्वारा किस-किस विभाग के कर्मचारी/अधिकारी के प्रकरणों में बिना नियम/निर्देश के किस अधिकारी द्वारा अनुमोदन दिया गया? यदि नियम विरूद्ध है, तो उन प्रकरणों का पुनः परीक्षण कर नियमानुसार अनुमोदन किया जायेगा? दोषी अधिकारी/कर्मचारियों के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी?
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) वित्त विभाग द्वारा परिपत्र क्रमांक एफ-11-1/2008/नियम/ चार, दिनांक 24-01-2008 एवं दिनांक 30-09-2014 में वर्णित नियम है। (ख) समयमान वेतनमान की गणना सीधी भर्ती के पदों पर नियुक्ति से ही होती है। अगर पदोन्नति का पद अंशत: सीधी भर्ती/ पदोन्नति का होता है तो ऐसी स्थिति में पदोन्नति पद से समयमान की गणना की जाती है। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
(आर्थोपेडिक) अस्थि रोग विशेषज्ञ चिकित्सक के पद की पूर्ति
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
87. ( क्र. 4123 ) श्री शशांक श्रीकृष्ण भार्गव : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा शासकीय जिला चिकित्सालय में (आर्थोपेडिक) अस्थि रोग विशेषज्ञ चिकित्सक का पद कब से रिक्त है एवं रिक्त पद के कारण अस्थि रोगों से संबंधित मरीजों की चिकित्सा व्यवस्था में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है? (ख) यदि प्रश्नांश (क) के क्रम में हाँ तो क्या? क्या विभाग यथाशीघ्र अस्थिरोग विशेषज्ञ चिकित्सक की व्यवस्था एवं अस्थिरोग ईलाज की पर्याप्त सुविधा हेतु ऑर्थो टेबिल की व्यवस्था शीघ्र ही करेगा? (ग) यदि प्रश्नांश (ख) के क्रम में हाँ तो कब तक?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) दिनांक 07.02.2020 से। जिला चिकित्सालय में एक अस्थि रोग योग्यता के चिकित्सा अधिकारी तथा चिकित्सा महाविद्यालय के चिकित्सकों द्वारा रोगियों का उपचार किया जाता है। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पोषण आहार एवं आंगनवाडी केन्द्रों की जानकारी
[महिला एवं बाल विकास]
88. ( क्र. 4129 ) श्री पंचूलाल प्रजापति : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले की मनगवां विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत कुल कितने आंगनवाड़ी केन्द्र कहाँ-कहाँ संचालित हैं तथा प्रति केन्द्रों में कितने-कितने बच्चों के नाम कहाँ-कहाँ दर्ज है एवं आंगनवाड़ी केन्द्र द्वारा कितने प्रकार के पोषण आहार प्रति छात्र कितनी मात्रा में किस माध्यम से वितरित किये जाते हैं? लाभांवित हितग्राहियों की संख्या वर्ष 2019-20 से प्रश्न दिनांक तक बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) के सन्दर्भ में क्या यह सही है कि म.प्र. शासन द्वारा गर्भवती महिलाओं को प्रति माह 500/- रूपये देने का प्रावधान किया गया है? यदि हाँ, तो अब तक कुल कितनी गर्भवती महिलाओं को वर्ष 2019-20 से प्रश्न दिनांक तक वर्षवार कितनी राशि जारी की गई है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-"अ", "ब", "स", "द", ''ई'' अनुसार है। (ख) जी नहीं।
कटनी जिले में उद्योगों की स्थापना एवं स्वरोजगार
[सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम]
89. ( क्र. 4145 ) श्री संदीप श्रीप्रसाद जायसवाल : क्या सूक्ष्म,लघु और मध्यम उद्यम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी जिले में कौन-कौन से उद्योग और बड़ी औद्योगिक इकाइयां वर्तमान में कहाँ-कहाँ स्थापित/संचालित हैं और जिले में कौन-कौन से औद्योगिक इकाइयों की स्थापना की जा सकती हैं और प्रस्तावित हैं? (ख) कटनी जिले में नवीन औद्योगिक इकाइयों की स्थापना के लिए विभाग द्वारा क्या कार्य एवं कार्यवाही की गयी हैं और विगत 03 वर्षों में कौन-कौन से किन-किन नवीन औद्योगिक इकाइयों का संचालन प्रारम्भ किया गया हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) औद्योगिक इकाईयों में क्या स्थानीय नागरिकों को रोजगार दिये जाने का प्रावधान नियत हैं? यदि हाँ, तो नियमानुसार जिले में संचालित औद्योगिक इकाइयों में कितने स्थानीय एवं मध्यप्रदेश के निवासियों को रोजगार प्रदान किया गया है? औद्योगिक इकाइयोंवार बताएं। (घ) कटनी जिले से मजदूरों का पलायन रोकने के लिए जिला प्रशासन द्वारा विगत 03 वर्षों में क्या कार्ययोजना बनाई गयी एवं क्या कार्य किए गए और क्या इससे मजदूरों के पलायन में कमी आना परिलक्षित हुआ हैं? यदि हाँ, तो जानकारी देवें। यदि नहीं तो पलायन रोकने के लिए शासन/जिला प्रशासन द्वारा क्या कार्यवाही की जाएगी? (ड.) प्रश्नांश (क) से (ड.) के परिप्रेक्ष्य में प्रदेश एवं कटनी जिले में बेरोजगारी की समस्या के निदान के लिए क्या-क्या प्रयास और कार्य किए गये तथा शासन/विभाग द्वारा इस पर क्या कार्यवाही की जा रही हैं और क्या योजना हैं?
सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री ( श्री ओमप्रकाश सखलेचा ) : (क) कटनी जिले में स्थापित/ संचालित उद्योगों के संबंध में सूक्ष्म लघु और मध्यम उद्यम विभाग तथा औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक एवं दो अनुसार है। कटनी जिले में स्थापित की जाने वाले उद्योगों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन अनुसार है। औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग के अनुसार कटनी जिले में एसीसी लि0 द्वारा ग्राम अमेहठा में वृहद स्तर का सीमेंट प्लांट प्रस्तावित है। (ख) 1- नवीन औद्योगिक इकाइयों की स्थापना के प्रोत्साहन हेतु विभाग द्वारा मध्यप्रदेश एम.एस.एम.ई. प्रोत्साहन योजना 2019 लागू की गई है। प्रदेश में स्थापित होने वाली निर्माण श्रेणी की एम.एस.एम.ई. इकाइयों को मध्यप्रदेश एम.एस.एम.ई. प्रोत्साहन योजना 2019 में निहित सुविधाओं का लाभ प्रदान किया जाता है। मध्यप्रदेश एम.एस.एम.ई. प्रोत्साहन योजना 2019 का लाभ कटनी जिले में स्थापित होने वाली औद्योगिक इकाइयों को भी प्राप्त होता है। 2- कटनी जिले में विगत तीन वर्षों में स्थापित नवीन औद्योगिक इकाइयों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-चार अनुसार है। औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग अनुसार विगत तीन वर्षों में उद्योग स्थापनार्थ आवंटित की गई भूमि की उद्योगवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-पांच अनुसार है तथा संचालित (स्थापित) नवीन औद्योगिक इकाइयों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-छ: अनुसार है। (ग) ऐसी औद्योगिक इकाईयां जो मध्यप्रदेश एम.एस.एम.ई. प्रोत्साहन योजना 2019 के अंतर्गत सुविधा प्राप्त करती है, को अपने कुल रोजगार का न्यूनतम 70 प्रतिशत मध्य प्रदेश के स्थानीय निवासियों को प्रदान करना अनिवार्य है। कटनी जिले में औद्योगिक इकाईयों में प्रदत्त कुल रोजगार एवं उसमें से स्थानीय लोगों को प्रदत्त रोजगार की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-सात अनुसार है। औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग अनुसार उद्योग संवर्धन नीति 2014 (यथा संशोधित 2020) अंतर्गत प्रावधानित वित्तीय तथा अन्य सुविधाओं का लाभ लेने वाली इकाइयों को उनके द्वारा उपलब्ध कराये गये कुल रोजगार का 70 प्रतिशत रोजगार मध्यप्रदेश के स्थायी निवासियों को दिया जाना अनिवार्य होगा। औद्योगिक इकाइयों में इकाईवार स्थानीय (मध्यप्रदेश के निवासियों) को रोजगार प्रदान किये जाने की जानकारी प्रपत्र छ: के कालम-6 में उल्लेखित है। (घ) कटनी जिले में मजदूरों का पलायन रोकने के लिये जिला प्रशासन द्वारा किये गये कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-आठ अनुसार है। (ड.) बेरोजगारी की समस्या के निदान के लिये विभाग द्वारा भारत सरकार के प्रधानमंत्री रोजगार सजृन कार्यक्रम एवं राज्य शासन की स्वरोजगार योजनाओं (वर्तमान में स्थगित) का संचालन किया जाता है। साथ ही प्रदेश में स्थापित होने वाली ऐसी एम.एस.एम.ई. इकाईयां जो मध्यप्रदेश एम.एस.एम.ई. प्रोत्साहन योजना 2019 के अंतर्गत सुविधाओं का लाभ लेना चाहती है, में 70 प्रतिशत स्थानीय व्यक्तियों के रोजगार की शर्त अनिवार्य की गई है।
डिजिटल जाति प्रमाण-पत्र के आवेदन एवं जारी किए जाने की कार्यवाही
[सामान्य प्रशासन]
90. ( क्र. 4146 ) श्री संदीप श्रीप्रसाद जायसवाल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सामान्य प्रशासन विभाग म.प्र. शासन द्वारा आदेश दिनांक 27/11/2019 से सेवा क्रमांक 6.5 के आवेदन में संलग्न किए जाने वाले दस्तावेजों के संबंध में कोई परिवर्तन किया गया हैं? यदि हाँ, तो क्या और क्या आवेदन के साथ हस्तलिखित जाति प्रमाण-पत्र की मूल प्रति संलग्न करना आवश्यक हैं? यदि हाँ, तो क्यों? यदि नहीं तो शासनादेशों/निर्देशों से अवगत करायें? (ख) प्रश्नांश (क) आदेश के पश्चात् कटनी जिले में किस प्रक्रिया से किन-किन दस्तावेजों के आधार पर आवेदन जमा और डिजिटल जाति प्रमाण-पत्र जारी किए जा रहे हैं तथा क्या आवेदन के समय हस्तलिखित जाति प्रमाण-पत्र की मूल प्रति की मांग आवश्यक तौर पर की जाती हैं? यदि हाँ, तो क्यों? यदि नहीं तो क्या ऐसा ना होना सत्यापित किया जायेगा? (ग) प्रश्नांश (ग) क्या हस्तलिखित जाति प्रमाण-पत्र की मूल प्रति संलग्न न होने पर लोक सेवा केन्द्रों द्वारा आवेदन जमा नहीं किए जाते और पदभिहित अधिकारियों द्वारा आवेदनों को निरस्त किया गया हैं? यदि हाँ, तो क्यों? यदि नहीं तो क्या ऐसा न होना सत्यापित किया जायेगा? (घ) प्रश्नांश (क) से (घ) के परिप्रेक्ष्य में नियम विपरीत तरीके से लोक सेवा केन्द्रों द्वारा आवेदन जमा करने से इंकार कर आवेदकों को भटकाने और आवेदनों को निरस्त करने का संज्ञान लेते हुये कोई कार्यवाही की जायेंगी? यदि हाँ, तो क्या एवं कब तक? यदि नहीं तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। जी नहीं। (ख) आवेदन के साथ हस्तलिखित (मैन्यूअल) मूल प्रति जाति प्रमाण की स्व प्रमाणित छायाप्रति के आधार पर डिजिटल जाति प्रमाण-पत्र जारी किया जाता है। आवेदन के समय हस्तलिखित जाति प्रमाण-पत्र की मूल प्रति की मांग नहीं की जाती है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। स्व प्रमाणित छायाप्रति संलग्न करने पर आवेदन जमा किये जाते हैं। मूल प्रति के अभाव में आवेदन निरस्त नहीं किए गए हैं। (घ) उत्तरांश (ख) एवं (ग) के प्रकाश में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मांझी जाति अंतर्गत आरक्षण का लाभ लेने वाले व्यक्तियों को संरक्षण
[सामान्य प्रशासन]
91. ( क्र. 4147 ) श्री विनय सक्सेना : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. शासन द्वारा प्रदेश के समस्त मांझी जाति प्रमाण-पत्र धारियों को जिन्होने 11.11.2005 तक किसी भी प्रकार का शासकीय/शैक्षणिक लाभ लेने वाले व्यक्तियों को संरक्षण देने के लिए दिनांक 01.01.2018 को आदेश जारी किया गया है? (ख) क्या किन्हीं मांझी जाति प्रमाण-पत्र धारियों को माननीय म.प्र उच्च न्यायालय से संरक्षण आदेश के तहत पुनः शासकीय सेवा में बहाल करने के आदेश हुए हैं? यदि हाँ, तो सभी के विभागवार, नाम, पदनाम बतावें। (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में किन-किन लोगों को बहाल किया गया, उनकी सूची देवें व जिन्हें बहाल नहीं किया गया है उनके नाम बतावें। बहाल नहीं करने का कारण बतावें। (घ) क्या राज्य स्तरीय छानबीन समीति ने भी अपने लंबित प्रकरणों में राज्य शासन के आदेश दिनांक 01.01.2018 का पालन किया है? यदि हाँ, तो सुसंगत आदेशों की प्रति देवें। यदि नहीं, तो कारण बतावें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) आदेश दिनांक 01.01.2018 की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
राज्य सूचना आयोग की गतिविधियाँ ऑनलाइन करने
[सामान्य प्रशासन]
92. ( क्र. 4150 ) श्री विनय सक्सेना : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नागरिकों की सहूलियत हेतु राज्य सूचना आयोग की गतिविधियों (शिकायत/अपील) को ऑन लाइन करने हेतु राज्य शासन ने आज दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की है? (ख) जब केन्द्रीय सूचना आयोग व अन्य राज्य सूचना आयोग ऑन लाइन शिकायतें/अपीलें ग्रहण करने/आदेश/सुनवाई ट्रेक करने की सुविधा उपलब्ध करा रहे हैं तो म.प्र. राज्य सूचना आयोग द्वारा प्रदेश के नागरिकों हेतु ऐसी सुविधा क्यों नहीं दी जा रही है? (ग) क्या म.प्र. राज्य सूचना आयोग केन्द्रीय सूचना आयोग व अन्य राज्य के सूचना आयोगों की तुलना में तकनीकी रूप से सक्षम नहीं है? (घ) शासन द्वारा राज्य सूचना आयोग को कब-कब तथा क्या-क्या तकनीकी संसाधन उपलब्ध कराये गये? (ङ) राज्य सूचना आयोग की गतिविधियाँ अन्य सूचना आयोगों की तरह कब तक ऑनलाइन हो जावेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) कार्यवाही प्रचलन में है। (ख) म.प्र. राज्य सूचना आयोग द्वारा ऑन लाईन शिकायतें/अपीले ग्रहण करने हेतु प्रदेश के नागरिकों हेतु ऐसी सुविधा उपलब्ध कराने बाबत निम्न कार्यवाही की गई है:- (1) राज्य सूचना आयोग की नवीन वेबसाइट केन्द्रीय सूचना आयोग नई दिल्ली की वेबसाइट के अनुरूप निर्मित एवं विकसित करने हेतु पत्र क्र. 2781 दिनांक 04/02/2020 निदेशक, NIC, Bhopal को प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार करने एवं उस पर आने वाले अनुमानित वित्तीय भार की जानकारी देने हेतु जारी किया गया था। (2) उक्त तारतम्य में पत्र क्र. 3033 दिनांक 07.02.2020 द्वारा सचिव, केन्द्रीय सूचना आयोग, नई दिल्ली से अनुरोध किया गया था कि वे अपनी वेबसाइट की तकनीकी जानकारी NIC, Bhopal से साझा करें ताकि केन्द्रीय सूचना आयोग की वेबसाइट के अनुरूप राज्य सूचना आयोग की वेबसाइट विकसित की जा सके। तद्-विषयक केन्द्रीय सूचना आयोग से दूरभाष पर प्राप्त सहमति पत्र क्र. 4893 दिनांक 04.03.2020 द्वारा NIC, भोपाल को संसूचित की गई। (3) राज्य मुख्य सूचना आयुक्त द्वारा अपर मुख्य सचिव, सामान्य प्रशासन विभाग, मध्यप्रदेश शासन को अर्द्धशासकीय पत्र क्र. 7400 दिनांक 09.06.2020 द्वारा वेबसाइट के उन्नयन हेतु केन्द्रीय सूचना आयोग की वेबसाइट की तकनीकी जानकारी एन.आई.सी. की भोपाल शाखा के माध्यम से साझा करने एवं एन.आई.सी. द्वारा राज्य सूचना आयोग की वेबसाइट निर्माण करवाने का अनुरोध किया गया। (4) उक्त अनुक्रम में एन.आई.सी. द्वारा दिनांक 18 जून 2020 को आयोग की वेबसाइट पुन: प्रारम्भ की गई। सामान्य प्रशासन विभाग, मंत्रालय को प्रेषित पत्र क्र. 8058 दिनांक 23.06.2020 द्वारा एन.आई.सी. के माध्यम से आयोग की वेबसाइट में ऑनलाईन द्वितीय अपील/शिकायत फाइल करने की सुविधा निर्मित करवाने तथा ऑनलाईन आवेदन/अपील शुल्क की प्रक्रिया के सम्बन्ध में वित्त विभाग द्वारा यह मार्गदर्शन दिया गया है कि सूचना आयोग के Payment Gatway हेतु सायबर ट्रेजरी से इंट्रीग्रेशन किए जाने हेतु उपलब्ध Document के अनुसार अपने Softwere में प्रावधान कर, Cyber Treasury से Intigration हेतु Testing करने का परामर्श है। (5) प्रकरण में कार्यवाही हेतु आयोग को दिनांक 24.11.2020 द्वारा परामर्श दिया गया है। (ग) आयोग में सूचना प्रौद्योगिकी में प्रशिक्षित कोई तकनीकी स्टॉफ उपलब्ध नहीं है और योग्य तकनीकी संसाधनों की अत्यधिक कमी है। (घ) वित्त विभाग से अभिमत चाहा गया है। (ड.) कार्यवाही प्रकियाधीन है। समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
शेल्फ ऑफ प्रोजेक्ट कार्ययोजना में प्रस्ताव सम्मिलित करने
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
93. ( क्र. 4158 ) श्री राज्यवर्धन सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजगढ़ जिले अंतर्गत प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र कुरावर राष्ट्रीय राजमार्ग 46 भोपाल-ब्यावरा पर स्थित होकर नगर कुरावर की लगभग 20 हजार वर्तमान जनसंख्या सहित आसपास के 15-20 ग्रामों की आबादी को चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सुविधा प्रदान कर रहा हैं? यदि हाँ, तो क्या उक्त स्वास्थ्य केन्द्र पर प्रश्न दिनांक तक 10 बिस्तरीय होकर प्रसव सुविधा भी उपलब्ध नहीं है, जिससें आमजन को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा का लाभ नहीं मिल पा रहा हैं? यदि हाँ, तो उक्त केन्द्र पर बिस्तरों की संख्या वृद्धि एवं आवश्यक संसाधनों की पूर्ति हेतु विभाग द्वारा कोई कार्यवाही की हैं? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की गयी? (ख) क्या शासन द्वारा प्रदेश की जनता को सुलभ स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराये जाने के उद्देश्य से वर्तमान में ''शेल्फ ऑफ प्रोजेक्ट'' कार्ययोजना तैयार की गई हैं? यदि हाँ, तो क्या शासन आमजन को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं बहाल करने हेतु 10 बिस्तरीय प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र कुरावर का 30 बिस्तरीय केन्द्र में उन्नयन कर आवश्यक संसाधन की पूर्ति करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं तो प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र कुरावर हेतु विभाग द्वारा क्या कार्य योजना तैयार की जा रही हैं?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी हाँ। प्रसव सुविधा उपलब्ध है प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र कुरावर 06 बिस्तरीय स्वीकृत होकर संचालित है। प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र कुरावर का 30 बिस्तरीय सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में उन्नयन का प्रस्ताव self of Project में सम्मिलित है। (ख) जी हाँ। जी हाँ। निश्चित समयावधि बताया जाना संभव नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आंगनवाड़ी केन्द्रों के अपूर्ण भवन
[महिला एवं बाल विकास]
94. ( क्र. 4159 ) श्री राज्यवर्धन सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 1453 दिनांक 19 दिसम्बर 2019 के उत्तर (क) के संदर्भ में बतावें कि प्रश्न दिनांक तक निर्माणाधीन आंगनवाड़ी भवनों की अदयतन स्थिति क्या है तथा क्या विभाग दवारा निर्माण एजेन्सी ग्राम पंचायतों द्वारा प्रश्न दिनांक तक कार्य पूर्ण नहीं किये जाने से कोई ठोस कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो क्या? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में उपरोक्त निर्माणाधीन भवनों को पूर्ण करने के लिये प्रश्न दिनांक तक जिला स्तर पर मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत एवं राज्य स्तर पर पंचायत राज संचालनालय से कब-कब समन्वय किया गया है तथा क्या समन्वय उपरांत कोई नवीन निर्देश जारी किये गये? यदि हाँ, तो क्या? (ग) उपरोक्तानुसार क्या शासन उक्त वर्णित निर्माणाधीन आंगनवाड़ी भवनों को पूर्ण करवाएगा तथा विधानसभा क्षेत्र नरसिंहगढ़ अंतर्गत भवन विहीन 229 केन्द्रों के भवन निर्माण की स्वीकृति प्रदान करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) विधानसभा प्र.क्र. 1453 में दी गई जानकारी के पश्चात वर्तमान अद्यतन स्थिति में परियोजना नरसिंहगढ़ के 20 परियोजना कुरावर के 05 एवं परियोजना पचोर के 03 भवन पूर्ण हो गए हैं। आंगनवाड़ी भवन की निर्माण एजेन्सी ग्राम पंचायत है। विभाग द्वारा विभागीय वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से निर्माणाधीन/अपूर्ण आंगनवाड़ी भवनों को पूर्ण कराये जाने के संबंध में समय-समय पर निर्देश दिए गए हैं। (ख) निर्माणाधीन भवनों को पूर्ण करवाने हेतु जिला स्तर पर मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत के संज्ञान में लाया गया है तथा विभाग स्तर से समय-समय पर पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग को पत्र जारी किए गए हैं। (ग) जी हाँ। नरसिंहगढ़ विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत भवन विहीन 229 आंगनवाड़ी केन्द्रों में से 46 भवन मनरेगा अभिसरण से स्वीकृत हो गये हैं। आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर करता है, जिसकी समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है।
मुख्यमंत्री नल जल योजना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
95. ( क्र. 4161 ) श्री सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाहा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग, सतना द्वारा मुख्यमंत्री नल-जल योजना का निर्माण सोहावल विकासखण्ड में कराया गया था? (ख) यदि हाँ, तो पिछले 2 वर्षों में कितने कार्य स्वीकृत हुए हैं, कितने कार्य पूर्ण हो चुके है एवं कितने कार्य अभी शेष है? (ग) यदि प्रश्नांश (क) सत्य है, तो ग्राम पंचायतों को कब हैण्ड ओव्हर किया गया? यदि नहीं, तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ, दो योजनाओं का निर्माण कराया गया। (ख) प्रश्नांकित अवधि में 02 नलजल योजनाओं की स्वीकृति क्रमशः दिनांक 4 एवं 9 मार्च 2020 को प्राप्त हुई थी तथा इन योजनाओं के कार्य अप्रारंभ थे। अब इन योजनाओं को जल जीवन मिशन अंतर्गत पुनरीक्षित किया जाकर निविदा आमंत्रण की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। योजना पूर्ण होने पर निविदा की शर्त अनुसार 02 वर्ष संचालन एवं संधारण का कार्य संबंधित ठेकेदार द्वारा किया जाना है, इस कारण योजना ग्राम पंचायत को हस्तांतरित नहीं की गई।
स्थायी नियमितकर्मी को वेतन वृद्धि
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
96. ( क्र. 4162 ) श्री सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाहा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. शासन सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश क्र./एफ-5/2013/1/3 दिनांक 23.11.2017 के द्वारा समस्त विभागों को दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं, स्थाई नियमितकर्मी को सेवा पूर्ण करने के अनुसार वेतनवृद्धि की पात्रता होगी? (ख) यदि प्रश्नांश (क) सही है, तो निश्चित है कि 10 वर्ष तक सेवा पूर्ण करने पर अर्द्धकुशल एवं 20 वर्ष की सेवा पूर्ण करने पर कुशल श्रमिक का वेतन देय होना चाहिए? (ग) यदि उपरोक्त खंड सही है तो लोक स्वास्थ्य यांत्रिकीय विभाग जिला सतना में उक्त आदेश का पालन क्यों नहीं किया गया? यदि किया जावेगा तो कब तक?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। दैनिक वेतन भोगी श्रमिकों के लिए स्थायी कर्मी में विनियमित करने की योजना के अंतर्गत श्रमिक द्वारा जिस श्रेणी में जितनी सेवा अवधि पूर्ण की है उतनी अवधि के लिये उसी वेतनमान में वेतनवृद्धि की पात्रता होगी। (ग) उत्तरांश (ख) के अनुसार शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
संविदा पर कार्यरत कर्मचारियों के संबंध में
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
97. ( क्र. 4163 ) श्री सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाहा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग, सतना द्वारा जल जीवन मिशन के अंतर्गत संविदा पर कर्मचारियों को रखने सम्बंधी किसी निजी संस्था को निविदा के माध्यम से नियुक्ति करने का कोई प्रस्ताव हैं? यदि हाँ, तो क्यों? (ख) विगत 5 वर्षों से संविदा पर कार्यरत जिला व ब्लाक समन्वयक की सूची उपलब्ध करावें। (ग) यदि प्रश्नांश (क) सत्य है तो पूर्व में संविदा पर नियुक्त जिला व ब्लाक समन्वयक सफलतापूर्वक काम भी कर रहे हैं, तो फिर अधिक वेतन देकर निजी संस्था को निविदा आमंत्रित करके नियुक्ति करने की कार्यवाही क्यों की जा रही है? (घ) जब जिला स्तर पर 4 भिन्न-भिन्न पदों पर जिला समन्वयक कार्य कर रहे हैं तो, फिर क्यों जिला स्तर के अन्य पद स्वीकृत किये गये है, जबकि कार्य का प्रकार समान है? क्या पहले से कार्यरत जिला व ब्लाक समन्वयकों को हटाये जाने का विचार है? हाँ तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी नहीं। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के-प्रपत्र 1 एवं 2 अनुसार है। (ग) एवं (घ) प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
खरगोन विधान सभा क्षेत्र में चल रही योजनाओं की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
98. ( क्र. 4170 ) श्री रवि रमेशचन्द्र जोशी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खरगोन विधानसभा क्षेत्र में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग की कितनी योजनाओं का कार्य स्वीकृत/प्रगतिरत है, उनकी जानकारी ग्रामवार, कार्यवार, कार्य की प्रशासकीय स्वीकृति, कार्य की वर्तमान स्थिति सहित देवें। (ख) खरगोन विधानसभा क्षेत्र में शेष बचे गांवो में योजनाएं कब तक स्वीकृत की जाएगी? गांववार जानकारी देवें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जल जीवन मिशन कार्यक्रम के अंतर्गत वर्ष 2023 तक शेष बचे सभी गांवों में, राशि की उपलब्धता के आधार पर, योजनायें स्वीकृत कर क्रियाशील घरेलू नल कनेक्शन के माध्यम से पेयजल उपलब्ध करवाया जाना लक्षित है, शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
स्वेच्छानुदान की राशि की जानकारी
[योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी]
99. ( क्र. 4171 ) श्री रवि रमेशचन्द्र जोशी : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खरगोन विधान सभा क्षेत्र की विधायक स्वेच्छानुदान राशि वर्ष 2019-20 की स्वीकृति के पश्चात राशि आना बाकी है? यदि हाँ, तो क्या राशि की मांग के लिए खरगोन स्थित जिला कार्यालय से कोई पत्राचार किया गया है? यदि हाँ, तो पत्राचारों का विवरण देवें। (ख) क्या प्रश्नांश (क) अनुसार बाकी राशि मिलेगी? यदि हाँ, तो कब तक और नहीं तो कारण सहित विवरण देवें। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार राशि की मांग के लिए प्रश्नकर्ता द्वारा कोई पत्र लिखा गया? यदि हाँ, तो उस पर क्या कार्यवाही की गई? पत्राचारों कार्यवाही का विवरण देवें।
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जी हाँ। शेष प्रश्न की जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। (ख) राशि आवंटित कर दी गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ। पत्राचार की जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है।
कोरोना महामारी से निपटने के लिये केन्द्र सरकार से प्राप्त राशि
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
100. ( क्र. 4172 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कोरोना महामारी से निपटने के लिये 31 जनवरी 2021 तक प्रदेश सरकार को केन्द्र सरकार से अलग-अलग तारीखों में किस-किस मद में कितनी-कितनी राशि प्राप्त हुई है? (ख) दिनांक 31 जनवरी 2021 तक उपरोक्त मद में से किस-किस मद में कितनी-कितनी राशि खर्च की गई है?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
विस्थापितों का पुनर्वास
[नर्मदा घाटी विकास]
101. ( क्र. 4178 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या इंदौर हाईकोर्ट द्वारा गठित झा कमेटी ने 2009-2016 के दौरान सरदार सरोवर परियोजना की जाँच में बड़ी राशि के भ्रष्टाचार होने का खुलासा किया? भ्रष्टाचार की उक्त राशि कितनी है? उक्त भ्रष्टाचार में कौन-कौन से सरकारी/गैर-सरकारी लोगों के शामिल होने की सूचना कमेटी द्वारा दी गई? नामवार सूची उपलब्ध कराएं। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित भ्रष्टाचार में शामिल लोगों के खिलाफ राज्य-शासन द्वारा क्या कार्यवाही की गई? किन-किन लोगों के खिलाफ एफ.आई.आर. दर्ज कराए गए? यदि कार्यवाही नहीं की गई तो विधिसम्मत कारण बताएं। कब तक कार्यवाही/ एफ.आई.आर. की जाएगी। (ग) क्या मनावर विधानसभा के करोली गाँव के किसान सीताराम पिता गोपाल की पुनर्वास स्थल के लिए ली गई जमीन का मुआवजा राशि किसी अन्य व्यक्ति द्वारा निकाल लिया गया है? विभाग को इसकी शिकायत कब प्राप्त हुई? शिकायत प्राप्त होने के उपरांत विभाग ने क्या कार्यवाही की? (घ) प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित पीड़ित किसान को न्याय एवं मुआवजा राशि प्रदान करने के लिए विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं की गई तो विधिसम्मत कारण बताएं।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) एवं (ख) जी नहीं। झा आयोग द्वारा कतिपय प्रकरणों में भूमि क्रय-विक्रय आदि में अनियमितता दर्शाई गई थी। शासन द्वारा दिनांक 05/08/2016 को दोषी पाये गये व्यक्तियों के विरूद्ध कार्यवाही किये जाने के निर्देश दिये गये थे। माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिनांक 08/02/2017 को आदेश पारित करते हुये झा आयोग की जाँच रिपोर्ट से उद्भूत होने वाले समस्त सिविल एवं क्रिमिनल विवाद समाप्त घोषित कर दिये जाने के कारण कोई कार्यवाही नहीं की गई। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। खातेदार के पुत्र द्वारा कार्यालय में उपस्थित होकर मुआवजा राशि प्राप्त नहीं किये जाने के संबंध में समक्ष में अवगत कराया गया। भू-अर्जन अधिकारी मनावर द्वारा शिकायत की जाँच कर नियमानुसार विधिक कार्यवाही हेतु प्रकरण थाना प्रभारी मनावर को प्रेषित किया गया जिस पर अपराध क्रमांक 94/2020 पंजीबद्ध किया गया एवं फौ.मु.न. 320/2020 माननीय अपर सत्र न्यायाधीश मनावर के न्यायालय में लंबित है। (घ) माननीय उच्च न्यायालय खण्डपीठ इन्दौर में प्रचलित रिट याचिका क्रमांक 22838/2017 में निर्णय पारित होने के उपरांत विधि अनुसार कार्यवाही की जा सकेगी।
फर्जी जाति प्रमाण-पत्र
[सामान्य प्रशासन]
102. ( क्र. 4179 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि प्रश्न क्र. 1077, दिनांक 18 मार्च 2020 का उत्तर प्रश्न-दिनांक तक भी उपलब्ध नहीं कराने का विधिसम्मत कारण बताएं? कब तक उत्तर उपलब्ध कराए जाएंगे।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : जानकारी एकत्रित की जा रही है।
सर्वोच्च न्यायालय के पारित निर्णय में प्रदत निर्देशों के अनुसार कार्यवाही
[सामान्य प्रशासन]
103. ( क्र. 4181 ) श्री महेश परमार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग द्वारा परिपत्र संख्या क्रमांक एफ/5-3/2006/3/एक भोपाल दिनांक 6 फरवरी 2008 को जारी किया गया था? (ख) माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा पारित निर्णय में दिए गए निर्देशों के पालन के लिए सचिव कर्नाटक राज्य एवं उमा देवी तथा एच एस राजशेखर विरुद्ध स्टेट बैंक ऑफ मैसूर के मामले में पारित निर्णय को मध्य प्रदेश में लागू करने के लिए क्या कार्यवाही की गई? (ग) क्या माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशानुसार अस्थाई रूप से 240 दिन से अधिक काम करने वाले कर्मचारियों को स्थाई कर हक दिया जाएगा? क्या अस्थाई कर्मचारियों और दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को स्थाई करने के लिए जारी किए गए आदेशों पर मध्य प्रदेश शासन के विभाग कब तक अमल करेंगे और कब तक माननीय सर्वोच्च न्यायालय के पारित निर्णय अनुसार कार्यवाही होगी? (घ) शासन के अभी तक कितने विभागों को माननीय न्यायालय के निर्णय से अवगत कराया गया है और निर्णय के पालन के लिए प्रतिवेदन भेजने को कहा गया हैं? (ङ) क्या माननीय न्यायालय के निर्णय का पालन कराने के लिए शासन कोई कदम बढ़ाएगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी नहीं। सामान्य प्रशासन विभाग का परिपत्र क्रमांक-एफ, 5-3-2006-1-3, दिनांक 6 फरवरी की जगह समसंख्यक परिपत्र दिनांक 8 फरवरी, 2008 जारी किया गया था। (ख) सचिव कर्नाटक राज्य एवं उमादेवी एवं अन्य के प्रकरण में पारित निर्णय में प्रदत्त निर्देशों के अनुसार दैनिक वेतन भोगी/अस्थायी कर्मचारियों के प्रकरण में जारी परिपत्र क्रमांक-एफ, 5-3-2006-1-3 दिनांक 16.5.2007 एवं स्पष्टीकरण दिनांक 08.2.2008 अनुसार कार्यवाही के निर्देश हैं। (ग) से (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
कोरोना नियंत्रण हेतु किए गए कार्य
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
104. ( क्र. 4187 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन/विभाग द्वारा केंद्र/राज्य प्रवर्तित विभिन्न योजनाओं/ अनुदानों के माध्यम से कोरोना पर नियंत्रण हेतु विभिन्न प्रकार के अनेक कार्य किये गये हैं? (ख) यदि हाँ, तो रतलाम जिला अंतर्गत विकासखण्डवार उल्लेखनीय किस-किस प्रकार के क्या-क्या कार्य किये गये तथा समस्त कार्यों पर कितना व्यय हुआ? विकासखण्डवार जानकारी दें l (ग) कोरोना नियंत्रण हेतु वर्ष 2020 फरवरी माह से लेकर प्रश्न दिनांक तक विभागीय कार्यों को किये जाने हेतु किन-किन व्यवस्थाओं यथा शासन/विभाग, विभिन्न जनप्रतिनिधियों, दान-दाताओं, संस्थाओं द्वारा अथवा अन्य माध्यमों द्वारा भी कुल कितनी राशि प्राप्त होकर प्राप्त राशि के माध्यम से क्या-क्या कार्य किये गये? विकासखण्डवार बताएं l (घ) कोरोना काल में किन-किन कार्यों को किये जाने हेतु रतलाम जिला अंतर्गत समस्त स्वास्थ्य सेवाओं हेतु कितनी किस-किस प्रकार की नवीन नियुक्ति किस नियम प्रक्रिया के माध्यम से किन-किन केन्द्रों पर की गई? विकासखण्डवार बताएं। यदि कोई उपकरण, सामग्री, किट, डिस्पोजल चादर इत्यादि अन्य कोई सामग्री कितनी-कितनी क्रय की गई? प्राप्त बजट, राशि, व्यय व प्रक्रिया की जानकारी सहित विकासखंडवार बताएंl
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (घ) रतलाम जिले के अंतर्गत आयुक्त स्वास्थ्य, संचालनालय स्वास्थ्य सेवायें के दिशा-निर्देश पत्र क्रमांक/ई.डी.एस.पी./2020/288, दिनांक 25.03.2020 के द्वारा चिकित्सक/ कर्मचारियों को कोविड-19 महामारी की रोकथाम हेतु अस्थाई व्यवस्था हेतु नियुक्तियां की गई, विकासखण्डवार एवं केन्द्रवार जानकारी संलग्न है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है।
नलजल योजनाओं की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
105. ( क्र. 4193 ) श्री पंचूलाल प्रजापति : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले की मनगवां विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत कुल कितनी नल जल योजनाएं संचालित है तथा उनमें से कितनी नल जल योजनाएं चालू हालत में हैं एवं कितनी नल जल योजनाएं बन्द पड़ी हैं तथा उन्हें कब तक चालू कर दिया जायेगा? (ख) प्रश्नांश (क) के सन्दर्भ क्या मनगवां विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत जल निगम द्वारा मीठे पानी को घर-घर तक पहुँचाने का कार्य प्रगति पर हैं? यदि हाँ, तो कहाँ-कहाँ, किन सेवा शर्तों पर कौन-कौन से निर्माण कार्य किस एजेन्सी द्वारा कराया जा रहा है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) कुल 67 नलजल योजनायें संचालित है। वर्तमान में 50 योजनायें चालू एवं 17 योजनायें बंद हैं। स्त्रोत के अलावा अन्य कारणों से बंद नलजल योजनाओं का संचालन-संधारण संबंधित ग्राम पंचायतों द्वारा किया जाता है। निश्चित तिथि बताया जाना संभव नहीं है। (ख) जी हाँ। मध्यप्रदेश जल निगम द्वारा घर-घर पेयजल उपलब्ध कराने हेतु कन्दैला समूह जलप्रदाय योजना का क्रियान्वयन कार्य प्रगतिरत है। योजना अंतर्गत मनगवां विधानसभा के 22 ग्रामों में प्रत्येक ग्रामवासी को 70 लीटर प्रतिदिन के मान से, निर्माण कार्यों का विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है, निर्माण कार्य मेसर्स इण्डियन ह्यूम पाईप कम्पनी लिमिटेड, मुम्बई द्वारा किया जा रहा है।
जल जीवन मिशन स्वीकृत योजनाओं का क्रियान्वयन
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
106. ( क्र. 4198 ) श्री सुनील उईके : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जल जीवन मिशन में छिन्दवाड़ा जिले में कहाँ-कहाँ वित्तीय वर्ष 2019-20 एवं 2020-21 में कौन-कौन सी योजनाएं स्वीकृत हुई हैं? (ख) आदिवासी विधानसभा क्षेत्र जुन्नारदेव अंतर्गत ऐसी कितनी बसाहटें हैं जहॉ पीने के पानी के लिये नल कूपों की पर्याप्त उपलब्धता नहीं हैं? (ग) माननीय मुख्यमंत्री महोदय वित्तीय वर्ष 2021-22 में विधानसभा जुन्नारदेव में नल जल जीवन मिशन के लिये किन-किन नालों एवं नदियों में, तालाब, स्टाप डेम बनाकर पानी की व्यवस्था पर विचार करेगें?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) वर्तमान में ऐसी कोई भी बसाहट नहीं है। (ग) जल जीवन मिशन के अंतर्गत विभाग द्वारा नदी एवं नालों में तालाब अथवा स्टाप डैम बनाने का कार्य नहीं किया जाता है।
ऑन लाईन भूमि पूजन/उद्घाटन पर विभिन्न विभागों द्वारा किया गया व्यय
[सामान्य प्रशासन]
107. ( क्र. 4202 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) माननीय मुख्यमंत्री द्वारा कोरोना महामारी को देखते हुए ऑन लाईन भूमिपूजन, उद्घाटन व अन्य कार्यक्रम किए जा रहे हैं? 1 अप्रैल, 2020 से 11 फरवरी, 2021 तक मुख्यमंत्री महोदय द्वारा ऑन लाईन कार्यक्रम में किन-किन विभाग द्वारा उज्जैन जिले की किन-किन तहसीलों में कितनी-कितनी राशि खर्च की गई? पृथक-पृथक तहसीलवार विवरण दें। (ख) यदि विभिन्न विभागों द्वारा राशि व्यय नहीं की गई तो कार्यक्रम के संबंध में वेंडर द्वारा किस-किस सामग्री के बिल कार्यालय में दिये गये? बिल का भुगतान कब तक और किस मद से किया जायेगा? (ग) ऑन लाईन कार्यक्रम में भुगतान हेतु शासन के क्या निर्देश प्राप्त हुए? उसकी भी प्रति उपलब्ध करवायें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
पुराने चिकित्सालय भवन को तोड़कर नये चिकित्सालय भवन निर्माण की स्वीकृति
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
108. ( क्र. 4203 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नागदा शासकीय चिकित्सालय के भवन निर्माण हेतु प्रशासकीय स्वीकृति राशि रूपये 750.00 लाख से होने वाले भवन निर्माण हेतु मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जिला उज्जैन के पत्र दिनांक 07/09/2019 एवं पत्र दिनांक 01/10/2019 तथा खण्ड चिकित्सा अधिकारी ब्लॉक खाचरौद द्वारा पत्र दिनांक 24/02/2020 को कलेक्टर उज्जैन का भूमि उपलब्ध कराने हेतु पत्र लिखे गये हैं? यदि हाँ, तो कलेक्टर महोदय द्वारा भूमि उपलब्ध करा दी गई है? यदि नहीं तो क्यों? (ख) क्या खाचरौद चिकित्सालय भवन का निर्माण पुरानी बिल्डिंग को तोड़कर बनाया गया था? यदि हाँ, तो नागदा चिकित्सालय भवन जो 1960 से निर्मित है को तोडकर भवन निर्माण की अनुमति क्यों नहीं दी जा रही है? दोहरा मापदण्ड क्यों अपनाया जा रहा है? (ग) नागदा चिकित्सालय रोगी कल्याण समिति द्वारा पुरानी बिल्डिंग को तोड़कर नयी बिल्डिंग बनाने हेतु प्रस्ताव भी स्वीकृत किया है तथा अस्पताल के दुकानदारों से भी सहमति ले ली गई थी तो शासन अनुमति क्यों प्रदान नहीं कर रहा है या फिर अन्य स्थानों पर भूमि क्यों उपलब्ध नहीं करा रहा है? (घ) नागदा-खाचरौद में संजीवनी क्लिनिक कहाँ-कहाँ खोले जा रहे हैं? (ङ) खाचरौद में नवनिर्मित अस्पताल के बजट में स्वीकृत राशि से नये फर्नीचर व अन्य संसाधन क्यों नहीं उपलब्ध कराये जा रहे हैं?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) नागदा में चिकित्सालय भवन निर्माण हेतु मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी उज्जैन के दो पत्र क्रमांक 19876 दिनांक 07.09.2019 एवं क्रमांक 22358 दिनांक 01.10.2019 द्वारा 3.981 हेक्टेयर (लगभग 10 एकड़) भूमि आवंटन हेतु पत्र कलेक्टर को लिखे गये, वर्तमान तक भूमि आवंटन की प्रक्रिया प्रचलन में है। (ख) जी हाँ। नागदा के पुराने अस्पताल भवन के अपलेखन के लिए वर्तमान भवन का मूल्यांकन हेतु लोक निर्माण विभाग को लिखा गया है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) रोगी कल्याण समिति द्वारा भी पुराने भवन को ही तोड़कर नया भवन बनाने हेतु सहमति दी है, साथ ही उचित भूमि का चयन निरंतर प्रक्रियाधीन है। (घ) 02 संजीवनी क्लिनिक खोला जाना प्रस्तावित है, एक संजीवनी क्लिनिक हेतु नागदा शहर में चंबल सागर कॉलोनी में चिन्हित किया गया है एवं दूसरा संजीवनी क्लिनिक हेतु स्थान चिन्हांकन की प्रक्रिया जारी है। (ड.) मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय उज्जैन द्वारा 20 नग पलंग मय गद्दे एवं एसेसरिज में रूपये 277276/- एवं 01 नग शैडो लैस लेम्प रूपये 369600/- के क्रय आदेश जारी हो चुके है।
लिपिकों की भर्ती में शैक्षणिक योग्यता में वृद्धि
[सामान्य प्रशासन]
109. ( क्र. 4206 ) श्री बीरेन्द्र रघुवंशी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राज्य सरकार द्वारा लिपिकों के रिक्त पदों पर आगामी भर्ती हेतु सहायक ग्रेड 03 सहित अन्य पदों की वर्तमान निर्धारित शैक्षणिक योग्यता एवं वेतनमान में वृद्धि करने तथा लिपिकों के पदनाम में परिवर्तन करने पर विचार किया जा रहा है? यदि हाँ, तो किन-किन बिंदुओं पर विचार किया जा रहा है? वर्तमान में लिपिकों के किन-किन पदों हेतु क्या शैक्षणिक योग्यता निर्धारित हैं तथा किस पद के लिए कितना-कितना वेतनमान निर्धारित है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार यदि सरकार द्वारा शैक्षणिक योग्यता, वेतनमान में वृद्धि सहित पदनाम परिवर्तन हेतु विचार नहीं किया जा रहा है तथा क्या वर्तमान समय में कम्प्यूटर सहित अन्य तकनीकी कार्यों में लिपिकों पर बढ़ते कार्यभार को ध्यान में रखकर योग्य एवं प्रशिक्षित कर्मचारियों की आवश्यकता नहीं है? क्या राज्य शासन इस विषय पर विचार करेगा? यदि हाँ, तो कब तक व क्या?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी नहीं। वर्तमान में निर्धारित शैक्षणिक योग्यता संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। सहायक ग्रेड-3 का छठवां वेतनमान 5200-20200+1900 एवं सातवां वेतनमान 22100-70000 (एल-4) है। (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
ट्रेनिंग सेंटर खोलने
[विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी]
110. ( क्र. 4208 ) श्री प्रेमशंकर कुंजीलाल वर्मा : क्या सूक्ष्म,लघु और मध्यम उद्यम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी मालवा विधान सभा क्षेत्र में विभाग के द्वारा विभाग का कोई भवन निर्माण किस वर्ष में और कितनी लागत से किया गया है। (ख) क्या इन भवन में कोई ट्रेनिंग सेंटर अथवा इलेक्ट्रॉनिक्स डिप्लोमा कोर्स खोलने की योजना है? (ग) यदि हाँ तो कौन-कौन से ट्रेंनिंग कोर्स कब तक खोले जाएंगें? (घ) प्रशिक्षाणार्थी की संख्या क्या होगी एवं उन प्रशिक्षण की उपयोगिता क्या होगी?
सूक्ष्म,लघु और मध्यम उद्यम मंत्री ( श्री ओमप्रकाश सखलेचा ) : (क) सिवनी मालवा विधानसभा क्षेत्र में विभाग अंतर्गत मध्यप्रदेश राज्य इलेक्ट्रॉनिक्स विकास निगम द्वारा नवम्बर 2013 से नवम्बर 2015 में लगभग रूपये 3,66,88,986.00 की लागत से एक भवन का निर्माण किया गया है। (ख) जी नहीं। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
शासकीय मंदिरों के निर्माण एवं जीर्णोद्धार कार्य कराने
[अध्यात्म]
111. ( क्र. 4210 ) श्री रामलाल मालवीय : क्या पर्यटन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या शासकीय मंदिरों के निर्माण/जीर्णोद्धार के लिए शासन स्तर से राशि जारी की जाती है? यदि हाँ तो इसकी प्रक्रिया क्या है? प्रश्नकर्ता के द्वारा वर्ष 2020 व 2021 में प्रेषित प्रस्ताव जो मंत्रालय, कलेक्टर जिला उज्जैन अथवा संभागायुक्त उज्जैन को प्रेषित किये गये है उन प्रस्तावों पर आज दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई है? कौन-कौन सा प्रस्ताव स्वीकृत किया गया? सभी प्रेषित प्रस्तावों का विवरण देवें। (ख) वर्तमान में प्रश्नांश (क) के प्रस्ताव कहाँ लंबित हैं? क्या शासकीय मंदिरों के निर्माण/जीर्णोद्धार कार्य कराने के प्रश्नकर्ता द्वारा प्रेषित प्रस्तावों को शीघ्र स्वीकृति प्रदान की जा रही है? यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं कारण सहित स्पष्ट करें।
पर्यटन मंत्री ( सुश्री उषा ठाकुर ) : (क) जी हाँ। शासन संधारित जिन मंदिरों के जीर्णोद्धार/निर्माण कार्य हेतु आवेदन पत्र मान. जनप्रतिनियों के द्वारा प्राप्त होते है, तो उन आवेदन पत्रों को जिस जिला/तहसील का मंदिर होता उस जिला कलेक्टर के माध्यम से संबंधित तहसील के अनुविभगीय अधिकारी राजस्व को प्रकरण तैयार किये जाने हेतु भेजा जाता है। तदुपरांत जिला कलेक्टर कार्यालय द्वारा आयुक्त के माध्यम से प्रस्ताव विभाग में प्राप्त होने पर परिक्षण उपरांत कार्यवाही की जाती है। प्रश्नकर्ता द्वारा विभाग में प्रस्तुत आवेदन पत्रों द्वारा (1) श्री हरि मंदिर कालूहेड़ा तहसील घट्टिया एवं (2) श्री राम मंदिर ग्राम नरवल के जीर्णोद्धार हेतु प्रस्ताव प्राप्त हुए है। जिन पर पर्याप्त बजट आवंटन उपलब्ध ना होने से स्वीकृति प्रदाय किया जाना संभव नहीं हो सका। प्रश्नकर्ता द्वारा कलेक्टर कार्यालय को प्रेषित पत्रों में 04 मंदिर क्रमश: (1) श्री गणेश टेकरी एवं श्री रेकोडिया हनुमान मंदिर, (2) श्री राम मंदिर ग्राम खलाना अनुविभागीय अधिकारी राजस्व घट्टिया की ओर (3) लालबाई फूलबाई मंदिर ग्राम गुराडियासांगा (4) शिव महादेव मंदिर ग्राम गुराडियासांगा अनुविभागीय अधिकारी राजस्व खाचरौद की ओर विधिवत प्रस्ताव तैयार करने हेतु भेजे गये है। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर अनुसार।
औषधि क्रय भण्डारण के माध्यम से करवाने
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
112. ( क्र. 4222 ) श्री संजय यादव : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश शासन लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा अपने पत्र क्रमांक 879/3932/2016/17/मेडि-1 दिनांक 16.03.2017 द्वारा प्रदेश के फार्मासिस्टों की समस्याओं के निराकरण के संबंध में पत्र जारी कर पत्र के बिन्दु क्रमांक 3 में प्रदेश के समस्त मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों एवं सिविल सर्जन, मुख्य अधीक्षक सिविल अस्पताल को औषधि क्रय, भण्डारण का कार्य फार्मासिस्ट के माध्यम से करवाने के निर्देश जारी कर पालन प्रतिवेदन, संबंधित अधिकारियों से प्राप्त किया जा रहा है। (ख) उपरोक्तानुसार प्रदेश के समस्त मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी एवं सिविल सर्जन से उपरोक्त निर्देशों के क्रियान्वयन कर पालन प्रतिवेदन, संबंधित अधिकारियों से प्राप्त कर लिया गया है? (ग) उपरोक्त निर्देशों के बावजूद भी सीहोर, उज्जैन, रायसेन, रतलाम, नीमच, ग्वालियर इत्यादि सहित अनेक जिलों में प्रश्न दिनांक तक भी उपरोक्त निर्देशों की अवहेलना कर औषधि का भण्डार एवं क्रय संबंधी कार्य लिपिक वर्ग के कर्मचारियों से लिया जा रहा है क्यों? (घ) लगभग 4 वर्ष के पश्चात भी निर्देशों का पालन सुनिश्चित क्यों नहीं हो पाया है? इसके लिये कौन अधिकारी जवाबदेह है एवं इन अधिकारियों पर कब-कब, क्या-क्या कार्रवाई की जाएगी? यदि नहीं तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) निर्देशो का पालन किया जा रहा है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मुख्यमंत्री सहायता कोष से उपचार
[सामान्य प्रशासन]
113. ( क्र. 4224 ) श्री प्रियव्रत सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत एक माह पूर्व नगर जीरापुर, जिला राजगढ़ के सोनी परिवार द्वारा खाटू श्यामजी, राजस्थान के दर्शन कर वाहन से लौटते समय सड़क दुर्घटना में कितने सदस्य की मृत्यु हुई? क्या सड़क दुर्घटना में मृतक के परिवार को मध्यप्रदेश शासन द्वारा कोई आर्थिक सहायता प्रदान की गई? यदि हाँ, तो कितनी राशि प्रदान की गई? (ख) सड़क दुर्घटना में घायल सदस्यों को ईलाज हेतु मध्यप्रदेश शासन द्वारा उपचार हेतु क्या व्यवस्थाएं की गई? घायलों के उपचार हेतु प्रश्नकर्ता द्वारा मुख्यमंत्री सहायता कोष से ईलाज हेतु क्या पत्र लिखा गया था? यदि हाँ, तो क्या उस अस्पताल में मुख्यमंत्री सहायता कोष से इलाज किया गया? यदि नहीं, तो क्या मरीज इसकी पात्रता नहीं रखता है? अस्पताल का नाम सहित बताएं। मुख्यमंत्री सहायता कोष से उपचार हेतु क्या मापदण्ड तय किये गये हैं? क्या उक्त अस्पताल की मान्यता समाप्त कर दी गई है? (ग) उक्त अस्पताल को मुख्यमंत्री सहायता कोष से उपचार हेतु विगत 5 वर्षों में कितनी राशि, कौन-कौन से उपचार हेतु आवंटित की गई है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) इस सड़क दुर्घटना में राजगढ़ जिले के कुल 06 व्यक्तियों की मृत्यु हुई थी। मध्यप्रदेश शासन सड़क दुर्घटना योजना के तहत 04 मृतकों के निकटतम वारिसों को प्रत्येक को 15000/- रूपये एवं एक घायल को 7500/- रूपये की आर्थिक सहायता प्रदान की गई है। शेष दो मृतकों के वारिस के खाता नम्बर उपलब्ध नहीं होने से सहायता राशि प्रदान नहीं की गई है। (ख) एवं (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
वार्षिक प्रतिवेदन एवं पृथक कोड के लिये पृथक बजट
[विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी]
114. ( क्र. 4256 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या सूक्ष्म,लघु और मध्यम उद्यम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2019-20 में जारी वार्षिक प्रतिवेदन में आपके द्वारा ''जेण्डर बजट'' प्रस्तुत किया गया है? यदि हाँ, तो स्पष्ट करें कि विभाग अंतर्गत कौन-कौन से कार्य इस श्रेणी में आते हैं? उनके नाम, राशि, कब से प्रारंभ है अथवा कब से प्रारंभ हो रहे हैं पृथक-पृथक बतायें। यदि नहीं तो असत्य जानकारी देने के लिये कौन जिम्मेदार है? उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही कब तक की जायेगी? (ख) क्या योजना का क्रमांक पृथक-पृथक एवं योजना का नाम एक हो तथा 0101/102/ 103-0144-44-001 अनुसंधान, योजना तथा विकासीय गतिविधियॉ, 0101/102/0103-3950-42-007 विज्ञान का लोकप्रिय करना, विज्ञान के प्रसार हेतु, 0101/0102/0103-6874-44-001 एवं 0101/0102/ 0103-6874-63-002 स्टेट वाईड एरिया नेटवर्क की स्थापना के अतिरिक्त भी कोई योजना है? यदि हाँ, तो किस प्रकार से पृथक कोड के लिये पृथक-पृथक बजट जारी किया गया है, जबकि योजना का नाम एक है? योजनावार पृथक-पृथक बतायें। यह भी स्पष्ट करें कि बजट अनुमान के विरूद्ध कितना व्यय मार्च 2020 से प्रश्न दिनांक तक किया गया है? (ग) प्रदेश में संचालित योजनाओं/ कार्यक्रमों/निर्माण कार्यों/नेटवर्क/लैब/अन्य में प्रदेश के कितने लोगों, किस-किस वेतनमान, किस-किस पद पर, कितनी-कितनी अवधि के लिये स्थाई/अस्थाई रोजगार के अवसर सृजित हुये हैं? पृथक-पृथक योजनवार बतायें। यदि नहीं तो कौन जिम्मेदार है? उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही कब तक की जायेगी? (घ) उपरोक्त के संबंध में कितनी-कितनी शिकायतें, कब-कब, किस-किस स्तर पर प्राप्त हुई हैं? उन शिकायतों पर प्रश्न दिनांक तक कब-कब, क्या-क्या कार्यवाही की गई? जिम्मेदारों पर कोई कार्यवाही की गई? यदि नहीं तो क्यों? (ड.) कोविड-19 कार्यकाल में वर्कफ्राम होम कान्सेप्ट पर आपके विभाग अंतर्गत क्या-क्या कार्यवाही, कब-कब की गई? यदि नहीं तो क्यों?
सूक्ष्म,लघु और मध्यम उद्यम मंत्री ( श्री ओमप्रकाश सखलेचा ) : (क) जी नहीं। विभाग द्वारा कोई वार्षिक प्रतिवेदन जारी नहीं किया है। (ख) वित्त विभाग की बजट नियामवली एवं दिशा-निर्देशों के अनुसार विभाग को योजनावार भिन्न-भिन्न मदों में बजट आवंटन प्राप्त होता है। प्राप्त बजट में से संबंधित मदों में नियमानुसार व्यय किया जाता है। वित्तीय वर्ष 2019-2020 में विभाग को कुल बजट रू. 24671.66 लाख का बजट आवंटन हुआ, जिसमें से माह मार्च 2020 में राशि रू. 574.91 लाख का आहरण/व्यय किया गया। वित्तीय वर्ष 2020-2021 में विभाग को कुल बजट रू. 15092.90 लाख का बजट आवंटन हुआ है, जिसमें से फरवरी 2021 तक कुल बजट रू. 14384.94 लाख का आहरण/व्यय किया गया। (ग) विभाग अंतर्गत मध्यप्रदेश राज्य इलेक्ट्रानिक्स विकास निगम, मध्यप्रदेश एजेन्सी फॉर इन्फोरमेशन टेक्नोलोजी एवं मध्यप्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद संचालित है। इनमें कुल नियमित (स्थाई) अधिकारियों एवं कर्मचारियों की संख्या 198 तथा संविदा की कुल संख्या 145 है। एक ही अधिकारी/कर्मचारी/संविदाकर्मी से विभिन्न योजनाओं में कार्य लिया जाता है। अत: पृथक-पृथक योजनाओं में उनकी संख्या दिये जाने में कठिनाई है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं। शेंषाश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ड.) कोविड-19 कार्यकाल में वर्क फ्रॉम होम के संबंध में शासन द्वारा समय-समय पर दिये गये आदेशों/निर्देशों का पालन किया गया। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मॉनिट प्रकरण एवं स्थानांतरण
[सामान्य प्रशासन]
115. ( क्र. 4257 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मार्च 2020 से प्रश्न दिनांक तक सामान्य प्रशासन विभाग अन्तर्गत भारतीय प्रशासनिक सेवा राज्य प्रशासनिक सेवा एवं भारतीय पुलिस सेवा तथा राज्य पुलिस सेवा के कितने-कितने प्रकरण (ए+, ए, बी, सी एवं अन्य) मॉनिट में दर्ज हुये है? कार्य, आवेदक/जनप्रतिनिधि/अन्य की जानकारी सहित संपूर्ण जानकारी का ब्यौरा दें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में शासन द्वारा किस-किस कारण, से कब-कब, किसके-किसके अनुमोदन से कितनी-कितनी संख्या में स्थानांतरण/प्रतिनियुक्ति/ स्थानांतरण निरस्त/पदस्थापना के आदेश प्रसारित किये है? (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में क्या स्थानांतरण/प्रतिनियुक्ति/स्थानांतरण निरस्त/पदस्थापना के संबंध में अनुशंसा/आवेदन पत्र विभाग को प्राप्त हुये है? यदि हाँ, तो कब-कब, कितने-कितने? (घ) प्रश्नांश (ख) के संबंध में क्या स्थानांतरण/ प्रतिनियुक्ति/स्थानांतरण निरस्त पदस्थापना प्रशासकीय है? यदि हाँ, तो शासन को कितना-कितना वित्तीय भार आया है? प्रकरणवार पृथक-पृथक बताये।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
प्रश्नकर्ता के पत्रों पर कार्यवाही
[नर्मदा घाटी विकास]
116. ( क्र. 4261 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के पत्र क्र. 46-P दि. 30.01.2021 जो मान. मंत्री श्री भारत सिंह कुशवाहा जी को संबोधित था पर पत्र दिनांक तक की गई कार्यवाही का विवरण देवें। (ख) उक्त पत्रानुसार महिदपुर वि.स. क्षेत्र के 244 गांवों में नर्मदा जल से सिंचाई हेतु योजना कब तक स्वीकृत कर दी जाएगी? (ग) यदि नहीं तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) प्रस्ताव का परीक्षण कराया जा रहा है। (ख) एवं (ग) तकनीकी एवं वित्तीय साध्यता पाये जाने पर। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
प्रश्नकर्ता के पत्रों पर कार्यवाही
[सामान्य प्रशासन]
117. ( क्र. 4264 ) श्री सुनील सराफ : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 01.01.19 से 06.02.21 तक प्रश्नकर्ता द्वारा कलेक्टर अनूपपुर को दिए पत्रों पर की गई कार्यवाही की जानकारी पत्रवार देवें। (ख) क्या कारण है कि प्रश्नकर्ता के पत्रों पर की गई कार्यवाही से अवगत नहीं कराया गया? (ग) कब तक प्रश्नकर्ता को समस्त कार्यवाही की जानकारी प्रदान कर दी जाएगी? यदि नहीं तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
प्रश्नकर्ता के पत्र पर कार्यवाही
[सामान्य प्रशासन]
118. ( क्र. 4274 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 1347 दिनांक 18 दिसम्बर 2019 के खण्ड (क) के संदर्भ 34 दर्ज प्रकरणों के आरोपी का नाम, पिता का नाम, पद, प्रकरण क्रमांक, दिनांक, धाराएं, न्यायालय में चालन प्रस्तुत करने की दिनांक सहित सूची देवें तथा बतावें कि 55 शिकायतों की अद्यतन स्थिति क्या है? (ख) प्रश्न क्रमांक 1347 दिनांक 18 दिसम्बर 2019 में उल्लेखित 1706 शिकायतों की अद्यतन स्थिति से अवगत करावें तथा वर्ष 2019 में न्यायालय में सक्सेस प्रतिशत क्या है तथा बतावें कि 2015 से 2019 तक प्रतिवर्ष कितनी शिकायतें प्राप्त हुई तथा कितनी शिकायतों पर जाँच में अपराधिक प्रकरण दर्ज हुआ तथा कितनी नस्तीबद्ध की गई? (ग) प्रकोष्ठ भ्रष्टाचार, आर्थिक अनियमितता आदि की शिकायत करने की प्रक्रिया जनता को बताने हेतु क्या कार्यक्रम/गतिविधि करता है? (घ) क्या प्रकोष्ठ न्यायालय में पिछले वर्षों की सक्सेस रेट से संतुष्ट है? भ्रष्टाचार के खिलाफ जाँच की प्रदेश की सबसे बड़ी एजेंसी में सक्सेस शत-प्रतिशत क्यों नहीं होना चाहिए? पिछले 10 वर्षों की औसत सक्सेस 60 प्रतिशत ही क्यों है? प्रकोष्ठ के अनुसार सामान्यतया किस प्रकार की कमी से न्यायालय में सक्सेस नहीं होती?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) उतरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार हैं। उक्त 55 शिकायतों की जाँच उपरांत ही अपराध पंजीबद्ध किये गये है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार हैं। (ख) प्रश्न क्रमांक 1347 दिनांक 18/12/19 में उल्लेखित 1706 शिकायतों में से 272 नस्तीबद्ध 30 विभागों को मूलत: प्रेषित, 13 से प्रारंभिक जाँच दर्ज, 41 अपराध दर्ज तथा 1350 शिकायत लंबित हैं। वर्ष 2019 में न्यायालय में सक्सेस 29.17% है। शेष प्रश्नांश (ख) के संबंध में जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार हैं। (ग) सामान्यत: कोई भी व्यक्ति सीधे प्रकोष्ठ में शिकायत कर सकता है। इसकी जानकारी हेतु प्रकोष्ठ कोई गतिविधि नहीं करता है। (घ) आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ द्वारा न्यायालयीन प्रकरण में और अधिक सफलता प्राप्त किये जाने हेतु सतत् प्रयास किये जा रहे हैं।
माध्यम में लूट 100 करोड़ के टैक्स की दोहरीमार, भ्रष्टाचार
[संस्कृति]
119. ( क्र. 4275 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या पर्यटन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 1353 दिनांक 19.12.2019 के संदर्भ में बतावें कि जिस दिनांक को डेकोरेशन का कार्य पूर्ण होकर किराया शुरू हुआ, उस दिन पी.डब्ल्यू.डी. अधिकारियों द्वारा क्रय की गयी सामग्री एवं कार्य का विवरण देवें तथा बतावें कि बिल क्रमांक 120 में बिना सत्यापन के भुगतान क्यों नहीं किया गया? (ख) उस आदेश, नोटिफिकेशन की प्रति देवें जिसमें 2080 का डेम, वुडन फ्लोरिंग तथा उच्च क्वालिटी का कारपेट 26 अगस्त तथा बाकि सभी सामग्री 08 सितम्बर 2015 से लगाने का निर्णय किया गया जबकि सम्मलेन 10 सितम्बर को होना था तभी सभी कार्यों के कार्यादेश की प्रति, प्राप्त इस्टीमेंट की प्रति देवें। बतावें कि अन्य एजेन्सी से डेकोरेशन कार्य का इस्टीमेंट बुलाया गया या नहीं तथा पर्याप्त समय होनेपर भी 10 करोड़ के कार्य टेण्डर क्यों नहीं निकाला गया? (ग) भोपाल ग्लास एवं टेन्ट स्टोर के मालिक/भागीदार के नाम, पिता/पिता का नाम तथा निवास का पता देवें तथा बतावें कि फर्म को 2014 से 2019 तक किस-किस ईवेन्ट में डेकोरेशन मद में कितना-कितना भुगतान किया गया? (घ) बतावें कि माध्यम से गठन से शासन को प्रति वर्ष टैक्स में 100 करोड से ज्यादा का दोहरी मार क्यों पड़ रही है? प्रश्नांश (क) अनुसार डेकोरेशन का 96 लाख 23 हजार का सर्विस टैक्स देने के बाद माध्यम को एक करोड़ 18 लाख का टैक्स क्यों देना पड़ा यानि कुल 02 करोड़ 15 लाख का टैक्स का भुगतान क्या राज्य धन की बर्बादी नहीं है? क्या माध्यम द्वारा देय टैक्स से पुन: रिबेट प्राप्त की जाती है?
पर्यटन मंत्री ( सुश्री उषा ठाकुर ) : (क) बिल क्रमांक 120 में कार्यों का विवरण दिया गया है. बिल की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। मध्यप्रदेश लोक निर्माण विभाग द्वारा कार्यों के सत्यापन के पश्चात ही नियमानुसार बिल क्रमांक 120 का भुगतान माध्यम द्वारा किया गया है। (ख) आदेश एवं इस्टीमे की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक एवं दो अनुसार। मध्यप्रदेश माध्यम में खुली निविदा अंतर्गत दो वर्ष हेतु न्यूनतम दरों का निर्धारण कर लिया जाता है तद्नुसार ही अनुमोदित न्यूनतम दरों पर ही पंजीकृत फर्मों से कार्य संपादित कराया जाता है। अतएव टेण्डर प्रक्रियाओं का पालन किया गया है। (ग) श्री मोहम्मद जावेद, इतवारा रोड, भोपाल. शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन अनुसार। (घ) मध्यप्रदेश माध्यम का गठन सन 1983 में राज्य के सहायक उपक्रम के रुप में किया गया है। राज्य शासन की ओर से मध्यप्रदेश माध्यम को प्रशासनिक व्यवस्था हेतु किसी प्रकार का अनुदान प्राप्त नहीं होता है अतएव मध्यप्रदेश माध्यम द्वारा राज्य शासन के सहयोगी उपक्रम के रूप में कार्य किये जाने हेतु 10 प्रतिशत से 15 प्रतिशत सेवा शुल्क का प्रावधान प्रबंध समिति की बैठक दिनांक 11.09.2017 में लिये गये निर्णय अनुसार लिया जाता है। जिससे मध्यप्रदेश माध्यम के प्रशासनिक व्यय आदि का भुगतान किया जाता है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-चार अनुसार।
राज्य आर्थिक अपराध ब्यूरो एवं लोकायुक्त संगठन द्वारा छापामारी कार्यवाही
[सामान्य प्रशासन]
120. ( क्र. 4284 ) श्री सज्जन सिंह वर्मा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो तथा लोकायुक्त संगठन द्वारा वर्ष 2017 से प्रश्न दिनांक तक राज्य में शासकीय एवं अर्द्धशासकीय विभागों में किस-किस स्तर के अखिल भारतीय सेवाओं के अधिकारियों सहित राज्य के किस-किस स्तर के किन-किन अधिकारी/कर्मचारियों के यहॉ छापामार कार्यवाही की गई? नाम, पद एवं पदस्थापना सहित ब्यौरा दें। (ख) उक्त कार्यवाही में किस-किस के यहां से कितनी-कितनी चल-अचल संपत्ति जब्त की गई? ब्यूरो की कार्यवाही एवं लोकायुक्त की कार्यवाही में कुल कितनी-कितनी चल संपत्ति जब्त की गई? (ग) उपरोक्त किन-किन प्रकरणों में ब्यूरो एवं लोकायुक्त संगठन ने न्यायालय में चालान प्रस्तुत किये तथा किन-किन प्रकरणों में खात्मा लगाया गया एवं कितने प्रकरण किन-किन कारणों से विचाराधीन हैं? (घ) उपरोक्त किन-किन प्रकरणों में संबंधित ब्यूरो एवं लोकायुक्त संगठन को जानकारी लंबे समय से अनेक स्मरण कराये जाने के बाद भी उपलब्ध नहीं कराई जा रही है? कारण सहित जानकारी दें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ एवं लोकायुक्त संगठन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ में प्रकरण विवेचनाधीन होने से जानकारी दिया जाना संभव नहीं है। लोकायुक्त संगठन में जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार कॉलम नं. 4 एवं 5 पर हैं। (ग) आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ में जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार सभी प्रकरण वर्तमान में विवेचनाधीन है। लोकायुक्त संगठन में जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार कॉलम नं. 8 एवं 9 पर हैं। प्रकरणों के विचाराधीन होने के कारण कॉलम नं- 10 अनुसार है। (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही हैं।
खाद्य पेय पदार्थ खराब के नमूनों की जाँच
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
121. ( क्र. 4286 ) श्री सज्जन सिंह वर्मा : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम-2006 एवं नियम-2011 के अंतर्गत शराब की सेम्पलिंग की जाती है? यदि हाँ, तो इंदौर एवं भोपाल शहर में 01 अप्रैल 2020 से 15 फरवरी 2021 की अवधि में किस-किस ब्रांड/डिस्टलरी की शराब के सेम्पलिंग कर जाँच हेतु खाद्य एवं औषधि प्रशासन की प्रयोगशाला में भेजा गया? (ख) यदि शराब की सेम्पलिंग नहीं की गई है तो क्यों एवं इसके लिए कौन-कौन उत्तरदायी है? (ग) क्या प्रदेश में मिलावटी/जहरीली शराब के पीने से मुरैना, उज्जैन, बड़वानी एवं खरगौन जिलों में अनेक लोगों की मौते हो गई है? यदि हाँ, तो शराब की सेम्पलिंग क्यों नहीं की जा रही है? (घ) यदि हाँ, तो प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में किस-किस ब्रांड की शराब की सेम्पलिंग अमानक स्तर की पायी गई है एवं उन डिस्टलरियों एवं शराब विक्रेता के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी हाँ, विभिन्न खाद्य पदार्थों की सेम्पलिंग की कार्यवाही की जाती है जिसमें शराब शामिल है। प्रश्नांकित अवधि में लिये गये नमूनों की जानकारी निरंक है। (ख) शराब सहित अन्य खाद्य पदार्थों के नमूनें लेने की कार्यवाही की जाती है। प्रदेष में प्रश्नांकित अवधि सहित विगत 3 वर्ष में कुल 84 नमूनें शराब के जाँच हेतु लिये गये जिनमें 54 नमूनें मानक एवं 18 नमूनें फेल हुए है। अतः शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006, विनियम 2011 के अंतर्गत निर्मित एवं विक्रय किये जाने वाले विभिन्न खाद्य पदार्थो सहित शराब के नमूनें लिये जाते है। उज्जैन जिले में दिनांक 14.10.2020 की रात्रि जहरीली शराब नहीं, अपितु जहरीला रसायन पीने से 12 व्यक्तियों की मृत्यु की दुखद घटना घटित हुई थी। बड़वानी जिले में माह सितम्बर में हाथभट्टी शराब पीने से 02 लोगों की मृत्यु हुई थी। जिसकी जाँच पुलिस विभाग द्वारा प्राथमिकी दर्ज कर की जा रही है। जिसकी मृत्यु के कारण का अंतिम विनिश्चय शेष है। मुरैना जिले में दिनांक 11.01.2021 को जहरीली शराब की घटित घटना में 24 लोगों की मृत्यु हुई थी। उक्त घटना के पश्चात् देशी मदिरा दुकान छैरा, बागचीनी, सुमावली से देशी के सेम्पल लिये जाकर रासायनिक परीक्षण हेतु विधि विज्ञान प्रयोगशाला, ग्वालियर भेजे गये थे। प्राप्त जाँच में उक्त मदिरा मानव सेवन के उपयुक्त पाई गई। खरगौन जिले में मिलावटी जहरीली शराब पीने से कोई मौत होने संबंधी प्रकरण प्रकाश में नहीं आये है। प्रदेश में स्थित डिस्टलरियों में पदस्थ आबकारी अधिकारियों द्वारा डिस्टलरियों में निर्मित विभिन्न प्रकार की मदिरा के सेम्पल लिये जाकर समय-समय पर विभागीय रासायनिक परीक्षण प्रयोगशाला से जाँच करायी जाती है। (घ) जी नहीं, इंदौर, भोपाल सहित प्रदेश के विभिन्न जिलों में खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 विनियम 2011 के अंतर्गत समय-समय पर देशी/विदेशी शराब के नमूनें जाँच हेतु लिये जाते है। जाँच उपरांत खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006, विनियम 2011 अंतर्गत कार्यवाही की जाती है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश का रोडमेप लागू करने
[सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम]
122. ( क्र. 4294 ) श्री मेवाराम जाटव : क्या सूक्ष्म,लघु और मध्यम उद्यम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश का रोडमेप लागू करने की दिशा में राज्य सरकार प्रयासरत हैं? यदि हाँ, तो इस हेतु सरकार द्वारा क्या कार्ययोजना बनाई गई हैं? योजनाओं का विवरण दें। (ख) उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में माननीय मुख्यमंत्री जी की अध्यक्षता में दिनांक 14.12.2020 को विभाग की समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री युवा उद्यमी, स्वरोजगार और कृषि उद्यमी योजना बंद करने निर्णयके परिप्रेक्ष्य में क्या सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग (एमएसएमई) के सचिव द्वारा दिनांक 18.12.2020 को स्टेट लेबल बैंकर्स कमेटी (एसएलबीसी) के संयोजक को पत्र भेजकर उल्लेख किया है कि राज्य सरकार द्वारा मुख्यमंत्री युवा उद्यमी स्वरोजगार और कृषि उद्यमी योजना बंद कर दी गई है एवं उक्त योजनाओं के तहत जो ऋण प्रकरण स्वीकृत हो चुके हैं, उन्हें भी रोक दिया जाए? (ग) यदि हाँ, तो एक ओर जहां सरकार आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश का रोडमेप लागू करने की तैयारी कर रही है वहीं प्रदेश के युवाओं को स्वरोजगार प्रदान किए जाने हेतु पूर्व से संचालित योजनाओं को बंद किए जाने से मध्यप्रदेश कैसे आत्मनिर्भर बनेगा?
सूक्ष्म,लघु और मध्यम उद्यम मंत्री ( श्री ओमप्रकाश सखलेचा ) : (क) हाँ। एमएसएमई विभाग की कार्य योजना संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) दिनांक 14/12/2020 को आयोजित बैठक में निर्णय लिया गया कि स्वरोजगार योजनाओं के ऐसे प्रकरण जो संवितरित (Disbursed) नहीं हुए है उन्हें आगामी आदेश तक संवितरित (Disbursed) नहीं किया जाये। उक्त परिप्रेक्ष्य में सचिव एमएसएमई विभाग द्वारा संयोजक, एसएलबीसी को पत्र दिनांक 18/12/2020 द्वारा लेख किया गया था कि मुख्यमंत्री युवा उद्यमी/स्वरोजगार/कृषक उद्यमी योजनान्तर्गत दिनांक 18/12/2020 पश्चात बैंको में लंबित अवितरित प्रकरणों में संवितरण (Disbursed) न हो। (ग) शासन द्वारा पूर्व से संचालित स्वरोजगार योजनाओं के स्थान पर एक नई स्वरोजगार योजना लागू किये जाने पर विचार किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त प्रदेश में स्वरोजगार के इच्छुक युवा भारत सरकार द्वारा संचालित विभिन्न स्वरोजगार योजनाओं जैसे प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (PMEGP) योजना, मुद्रा योजना एवं स्टैण्डअप इण्डिया योजना के माध्यम से ऋण लेकर प्रदेश में बड़ी संख्या में उद्यम स्थापित कर रहे हैं। प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के रोडमैप अन्तर्गत विभाग की कार्ययोजना का उल्लेख किया गया है। अत: मध्यप्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने के लिये विभागीय गतिविधियों के माध्यम से यथासंभव प्रयास किये जा रहे हैं।
मंत्री मंडल के सदस्यों द्वारा हवाई यात्रा पर व्यय राशि
[विमानन]
123. ( क्र. 4295 ) श्री मेवाराम जाटव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 01 अप्रैल 2020 से 15 फरवरी 2021 की अवधि में प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री सहित मंत्रीमंडल के किन-किन सदस्यों ने शासकीय विमान एवं हेलीकॉप्टर तथा निजी विमान एवं हेलीकॉप्टर से कहाँ-कहाँ की यात्राएं की है? किस यात्रा पर कितनी-कितनी राशि व्यय हुई है? पृथक-पृथक विवरण दें। शासकीय विमान एवं हेलीकॉप्टर से की गई यात्रा पर कुल कितनी राशि व्यय हुई तथा निजी विमान एवं हेलीकॉप्टर से की गई यात्रा पर कुल कितनी राशि व्यय हुई? (ख) उक्त निजी विमान एवं हेलीकाप्टर किस-किस कंपनी के थे कंपनी के संचालकों के नाम पते सहित बतायें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1-अ, 1-ब, 1-स एवं 1-द अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''2'' अनुसार है।
सामान्य प्रशासन विभाग के नियमों का उल्लंघन
[सामान्य प्रशासन]
124. ( क्र. 4299 ) श्री पाँचीलाल मेड़ा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश शासन सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा शासकीय योजनाओं/परियोजनाओं के शिलान्यास तथा उद्घाटन समारोहों में क्षेत्रीय विधायकों की अवहेलना रोकने के संबंध में कब-कब निर्देश/आदेश जारी कर समस्त जिला कलेक्टरों को निर्देशित किया गया? (ख) क्या यह धार जिले सहित प्रदेश के अन्य जिलों में शासन के उक्त निर्देशों/आदेशों का पालन जिला प्रशासन अधिकारियों द्वारा नहीं किया जाकर विशेषकर विपक्ष के क्षेत्रीय विधायकों की उपेक्षा/अवहेलना की जाती है? (ग) यदि नहीं तो धार जिले के धरमपुरी, सरदारपुर, मनावर एवं गंधवानी विधानसभा क्षेत्र में 01 अप्रैल 2020 से 15 जनवरी 2021 की अवधि में कौन-कौन से सरकारी कार्यक्रम कब-कब ओयाजित किए गए एवं किन-किन कार्यक्रमों में क्षेत्रीय विधायकों को किन कारणों से आमंत्रित नहीं किया गया? इसके लिए कौन-कौन उत्तरदायी है और उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? (घ) उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में क्या दिनांक 17 सितम्बर 2020 को धामनौद में कुटीर पट्टा वितरण आवास कार्यक्रम में नायब तहसीलदार ने क्षेत्रीय विधायक को आमंत्रित नहीं कर उनकी उपेक्षा की है? इस संबंध में जिला कलेक्टर को शिकायत किए जाने के बावजूद भी कोई कार्यवाही नहीं की गई तथा कब तक इस प्रकरण की जाँच कराकर कार्यवाही की जाएगी? यदि नहीं तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
विदेशी पत्र-पत्रिकाओं को विज्ञापन दिया जाना
[जनसंपर्क]
125. ( क्र. 4302 ) श्री पाँचीलाल मेड़ा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनसम्पर्क विभाग एवं माध्यम के द्वारा 01 अप्रैल 2020 से 15 फरवरी 2021 की अवधि में किन-किन विदेशी पत्र-पत्रिकाओं को कितनी-कितनी राशि के विज्ञापन किस-किस संबंध में कब-कब दिये गये हैं? (ख) क्या कोरोना काल की अवधि में भी उक्त पत्र-पत्रिकाओं को विज्ञापन दे रहे थे? यदि हाँ, तो किन-किन पत्रिकाओं को विज्ञापन दे रहे थे? (ग) विदेशी पत्र-पत्रिकाओं को विज्ञापन दिये जाने के क्या नियम/प्रावधान हैं? उक्त दिये गये विज्ञापन नियमानुसार हैं। यदि नहीं तो उसके लिये कौन उत्तरदायी हैं? (घ) विदेशी पत्र-पत्रिकाओं को विज्ञापन देने से प्रदेश को क्या लाभ हुआ है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) प्रश्नांकित अवधि में किसी भी विदेशी पत्र-पत्रिकाओं को कोई विज्ञापन नहीं दिया गया है। (ख) जी नहीं। (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) उपरोक्त के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उद्भूत नहीं होता।
प्रदेश में बच्चों में बढ़ते कुपोषण से उत्पन्न स्थिति
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
126. ( क्र. 4306 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में वर्तमान में राज्य स्वास्थ्य नीति का प्रारूप वर्ष 2004 में बनाया गया था एवं इसके क्रियान्वयन हेतु रणनीति डाक्यूमेंट डी.ए.आई.डी. के सहयोग से बनाया गया है, जिसके अनुरूप क्रियान्वयन की कार्यवाही प्रचलित है? (ख) यदि हाँ, तो NFHS-3 के अनुसार वर्तमान में प्रदेश में कितने प्रतिशत बच्चे कुपोषण के शिकार हैं? इन बच्चों के कुपोषित होने के क्या-क्या कारण हैं? (ग) क्या कुपोषित बच्चे मलेरिया, निमोनिया, डायरिया एवं मीजल्स बीमारी के कारण जल्दी कुपोषण के शिकार हो जाते हैं? यदि हाँ, तो विगत 05 वर्षों में इन बीमारियों के कारण प्रदेश में कितने बच्चों की मृत्यु हुई? वर्षवार बताएं। (घ) कुपोषण की पहचान के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा जारी किए मापदण्ड के अनुसार राज्य में उक्त अवधि में कितने बच्चे कुपोषित एवं गंभीर कुपोषित होने की श्रेणी में आए हैं तथा गंभीर कुपोषित बच्चों के लिए कितने पोषण पुनर्वास केन्द्र संचालित किए जा रहे है?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी हाँ। (ख) एन.एफ.एच.एस.-3 के अनुसार वर्तमान में प्रदेश में कुपोषित बच्चों का प्रतिशत की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। बच्चों के कुपोषित होने के कारण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (घ) विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा जारी मापदण्ड अनुसार विगत 05 वर्षों में चिन्हित कुपोषित बच्चों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार है। प्रदेश में 315 पोषण पुनर्वास केन्द्र संचालित है जिनमें चिकित्सकीय जटिल गंभीर कुपोषित बच्चों का प्रबंधन किया जाता है।
मंदिरों के जीर्णोंद्धार हेतु राशि उपलब्ध
[अध्यात्म]
127. ( क्र. 4307 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या पर्यटन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या मध्यप्रदेश शासन ने पत्र क्र. एफ 3-222/2019/अड़सठ भोपाल, दिनांक 16-01-2020 के द्वारा श्री नारददेव (शिव मंदिर) मड़ोरी, तहसील लहार, जिला भिण्ड को जीर्णोद्धार के लिए 10 लाख रूपए तथा पत्र क्र. एफ 3-22/2019/अड़सठ भोपाल, दिनांक 17-03-2020 को स्वीकृत कर पत्र के द्वारा श्री बैजनाथधाम जी मंदिर बारहेट (मिहोना) को 4.99 लाख रूपए श्री रामजानकी मंदिर ग्राम ररी (मिहोना) को 11.20 लाख रूपए एवं बड़ी माता मंदिर मिहोना को 10 लाख रूपए की स्वीकृति प्रदान की थी? (ख) यदि हाँ, तो क्या उपरोक्त स्वीकृत राशि संबंधित मंदिरों को भुगतान की जा चुकी है? यदि नहीं तो क्यों एवं कब तक राशि भुगतान की जाएगी?
पर्यटन मंत्री ( सुश्री उषा ठाकुर ) : (क) जी हाँ। प्रश्नाधीन पत्रों द्वारा विगत वित्तीय वर्ष में प्रशासकीय स्वीकृतियां प्रदान की गई थी। (ख) श्री नारद देव (शिव मंदिर) मडोरी तहसील लहार, जिला भिण्ड के जीर्णोद्धार हेतु राशि रूपये 10.00 लाख का आवंटन लोक निर्माण विभाग के बीसीओ में प्रदाय किया गया था। शेष मंदिरों के जीर्णोद्धार कार्य हेतु पर्याप्त बजट आवंटन उपलब्ध नहीं होने से राशि प्रदाय किया जाना संभव नहीं हो सका। बजट उपलब्धता पर राशि प्रदाय की जावेगी।
विशेष पुनर्वास अनुदान से भुगतान
[नर्मदा घाटी विकास]
128. ( क्र. 4313 ) श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भगवान पिता बाला निवासी छोटा बड़दा, तह. ठीकरी, जिला बड़वानी की 15-12-2007 को मृत्यु होने के उपरांत उनके उत्तराधिकारियों को विशेष पुनर्वास अनुदान अभी तक क्यों प्राप्त नहीं हुआ? (ख) उनके उत्तराधिकारियों का उपरोक्त अनुदान स्वीकृति में विलंब का क्या कारण है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) एवं (ख) भगवान पिता बाला निवासी ग्राम छोटा बड़दा के स्वामित्व की कुल 0.020 हैक्टेयर भूमि की मुआवजा राशि रू. 4,370/- का भुगतान दिनांक 06/01/2006 को किया जा चुका है। शिकायत निवारण प्राधिकरण के प्रकरण क्रमांक 5246/2017 में पारित निर्णय दिनांक 09/09/2019 के विरूद्ध विभाग की ओर से शिकायत निवारण प्राधिकरण की डिवीजन बैंच के समक्ष अपील दायर की गई है। प्रकरण लंबित होने के कारण स्वीकृति लंबित है।
शिकायतों का निराकरण
[महिला एवं बाल विकास]
129. ( क्र. 4317 ) श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कलेक्टर सतना एवं जिला कार्यालय अधिकारी महिला बाल विकास विभाग के समक्ष पत्र क्रमांक 701 दिनांक 01.02.2021 तथा कमिश्नर रीवा को दिनांक 02.02.2021 को प्राप्त आवेदन क्या श्रीमती अरूणा यादव महिला केयर टेकर वन स्टाप सेन्टर महिला बाल विकास सतना के संबंध में प्राप्त हुआ है? यदि हाँ, तो उक्त आवेदन में उल्लेखित शिकायतों के निराकरण हेतु तत्संबंध में क्या कार्यवाही की गई है? (ख) उक्त कर्मचारी को क्या सेवा से प्रथक किये जाने की कार्यवाही किस दिनांक एवं वार में की गई और क्यों? कारण बताएं। (ग) उक्त संबंध में प्रशासन आदेश क्रमांक 109/ओ.एस.सी./स्था. 202 दिनांक 26.12.2020 को आदेश कार्यालय के 181 हेल्पलाईन की शिकायतों के संबंध में कार्य करने का आदेश जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला बाल विकास सतना के पत्र क्रमांक 79/म.व.वि./स्था./202 सतना दिनांक 22.10.2020 से प्रार्थिया की नियुक्ति होने की जानकारी शासन को प्रेषित की गई थी? हाँ तो बतायें। (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के संबंध में प्रश्न दिनांक तक की गई कार्यवाही का प्रतिवेदन उपलब्ध करायें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) कलेक्टर सतना का पत्र प्राप्त हुआ है किन्तु कमिश्नर संभाग रीवा को दिया गया आवेदन विभाग को प्राप्त नहीं हुआ है l कलेक्टर सतना से प्राप्त आवेदन पत्र की जाँच कराई गई। शिकायत निराधार पाई जाने से, शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता हैl (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होताl (ग) जी नहीं। (घ) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होताl
संचालनालय स्वास्थ्य सेवाएं के निर्देशों की अवहेलना
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
130. ( क्र. 4320 ) श्री अर्जुन सिंह काकोडि़या : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या संचालनालय स्वास्थ्य सेवायें म.प्र. द्वारा जारी अपने पत्र क्रमांक/अ.प्र./उप/क्रय/05/629 भोपाल दिनांक 21/09/2005 द्वारा सभी जिलों के औषधि भंडार शाखा, क्रय शाखा संबंधी कार्य पंजीकृत फार्मासिस्ट से कराएं जाने के निर्देश देकर फार्मासिस्ट को छोड़कर किसी अप्रशिक्षित लिपिक वर्ग या अन्य वर्ग के कर्मचारी से उक्त कार्य कराने को नियमानुसार नहीं बताया गया है? (ख) क्या संचालयनालय स्वास्थ्य सेवायं म.प्र. के उक्त निर्देशों की अवहेलना कर प्रदेश के विभिन्न मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी तथा सिविल सर्जन द्वारा प्रश्न दिनांक तक भी लिपिक वर्ग के कर्मचारियों से औषधि भंडार एवं क्रय सम्बंधी कार्य लिया जा रहा है? यदि हाँ, तो प्रश्नांश (क) में दिए गए निर्देशों का पालन सुनिश्चित क्यों नहीं कराया जा रहा है? इसके लिए कौन जवाबदेह है? जवाबदेह अधिकारी पर कब तक कार्यवाही की जावेगी? यदि नहीं तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
ड्रग एवं कॉस्मेटिक रूल्स 1945 के निर्देशों का पालन
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
131. ( क्र. 4321 ) श्री अर्जुन सिंह काकोडि़या : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या स्टेट फार्मासिस्ट एसोसिएशन म.प्र. द्वारा अपने पत्र क्रमांक SPAMP/2021/011-13 दिनांक 28/01/2021 के माध्यम से मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, जिला सीहोर म.प्र. को पत्र लिखकर एवं उक्त पत्र की प्रतिलिपि आयुक्त स्वास्थ्य सेवाएं एवं क्षेत्रीय संयुक्त संचालक, भोपाल संभाग को कार्यवाही हेतु प्रेषित कर संचालनालय स्वास्थ्य सेवायें का पत्र क्रमांक/अ.प्र./उप./क्रय/05/629 भोपाल, दिनांक 21/09/2005 एवं ड्रग एण्ड कॉस्मेटिक एक्ट 1945 के निर्देशों के पालन सुनिश्चित कराने हेतु आग्रह किया गया है? (ख) क्या उक्त पत्र में सीहोर जिले में पदस्थ फार्मासिस्टों द्वारा हस्ताक्षरित आवेदन संलग्न कर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय के क्रय शाखा का कार्य एक निम्न श्रेणी लिपिक से कराये जाने को अनुचित दर्शाते हुए संचालनालय स्वास्थ्य सेवायें का पत्र क्रमांक/अ.प्र./उप./क्रय/05/629 भोपाल, दिनांक 21/09/2005 एवं ड्रग एण्ड कॉस्मेटिक एक्ट 1945 के निर्देशों के पालन सुनिश्चित कराने हेतु लेख किया गया है? (ग) स्टेट फार्मासिस्ट एसोसिएशन म.प्र. के उपरोक्त पत्र पर संबंधितों द्वारा प्रश्न दिनांक तक कब-कब, क्या-क्या कार्यवाही की गई? संचालनालय स्वास्थ्य सेवायें म.प्र. के उपरोक्त पत्र दिनांक 21/09/2005 एवं ड्रग एण्ड कॉस्मेटिक एक्ट 1945 के निर्देशों की अवहेलना कर उक्त निम्न श्रेणी लिपिक को प्रश्न दिनांक तक क्यों क्रय शाखा में पदस्थ रखा गया है? इसके लिये कौन जवाबदेह है? जवाबदेह अधिकारी पर कब तक कार्यवाही की जावेगी? (घ) क्या माननीय विभागीय मंत्री महोदय, संचालनालय स्वास्थ्य सेवायें म.प्र. का पत्र क्रमांक/अ.प्र./उप./क्रय/05/629 भोपाल, दिनांक 21/09/2005 एवं ड्रग एण्ड कॉस्मेटिक एक्ट 1945 के निर्देशों का पालन सुनिश्चित कराने हेतु तत्काल उक्त निम्न श्रेणी लिपिक निलंबित कर उसके कार्यकाल में हुए गंभीर अनियमितताओं की लोगायुक्त, ई.ओ.डब्ल्यू. से पारदर्शी जाँच कराया जाना सुनिश्चित करेंगे? यदि हाँ, तो समय-सीमा बताएं। यदि नहीं तो विधियुक्त, नियमयुक्त कारण बताएं।
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी हाँ, पत्र की प्रति जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जी हाँ, प्रश्नांश में वर्णित विवरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ग) मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जिला सीहोर के आदेश दिनांक 22.02.2021 द्वारा जिला सीहोर अन्तर्गत औषधि क्रय एवं औषधि भण्डार शाखा का प्रभार फार्मासिस्ट ग्रेड-2 कर्मचारियों को सौपा गया है (आदेश प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जिला सीहोर के कार्यालयीन आदेश क्रमांक 732 दिनांक 13.01.2020 द्वारा औषधि क्रय शाखा का कार्य फार्मासिस्ट ग्रेड-2 को सौपा गया था (आदेश प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है), तत्कालीन परिस्थितियों में कोविड-19 के उचित प्रबंधन, कार्य की अधिकता तथा सुगमता के दृष्टिगत क्रय शाखा से संबंधित नस्तियों का संधारण एवं तकनीकी (कम्प्यूटराईज्ड, ऑन लाईन) कार्य में लिपिक वर्ग के कर्मचारी का सहयोग लिया गया था। कार्यालय मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जिला सीहोर द्वारा प्रश्न दिनांक तक औषधि के संधारण, क्रय, वितरण संबंधी समस्त कार्य केवल फार्मासिस्ट ग्रेड-2 (नियमित एवं पंजीकृत फार्मासिस्ट) के माध्यम से लिया गया है एवं कोई अधिकारी अनुचित कार्य हेतु दोषी नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जिला सीहोर द्वारा शासन एवं संचालनालय स्वास्थ्य सेवायें, भोपाल द्वारा औषधि क्रय के संबंध में जारी निर्देशों का पालन सुनिश्चित किया जा रहा है। कार्यालयीन कार्य में अनियमितता पाई जाने पर नियमानुसार जाँच कर कार्यवाही की जाती है। प्रश्न दिनांक तक कोई अनियमितता परिलक्षित नहीं हुई है।
कोरोना पेशेंट/वारियर्स को राशि का प्रदाय
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
132. ( क्र. 4324 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा कोरोना पेशेंट एवं कोरोना वारियर की मृत्यु होने पर राशि का प्रावधान है? यदि हाँ, तो कितनी? (ख) भोपाल, नरसिंहपुर एवं जबलपुर जिलों में उक्त प्रावधान के तहत किस-किस कोरोना वारियर की मृत्यु उपरांत कितना-कितना पैसा दिया गया है? नामवार जानकारी प्रदान करें।
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) कोरोना पेशेंट की मृत्यु होने पर कोई राशि दिये जाने का प्रावधान नहीं है। कोरोना वारियर की मृत्यु होने पर परिवार को रूपये 50.00 लाख राशि प्रदान करने के प्रावधान मुख्यमंत्री कोविड-19 कल्याण योजना एवं प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज इन्श्यूरेंस स्वास्थ्य कर्मी बीमा योजना में है। (ख) जिलावार एवं नामवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
ऋण योजनाएं
[सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम]
133. ( क्र. 4325 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या सूक्ष्म,लघु और मध्यम उद्यम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राज्य शासन द्वारा शिक्षित बेरोजगारों हेतु अपने उद्योग स्थापित करने हेतु कौन-कौन सी ऋण योजनाऐं संचालित की जा रही हैं? (ख) किस-किस योजना में कितना-कितना ऋण किस-किस प्रक्रिया के तहत उपलब्ध कराया जा रहा है? (ग) आत्मनिर्भर भारत योजना के अंतर्गत क्या-क्या सुविधायें दी जा रही हैं? (घ) विभाग को विगत वर्ष में कितने आवेदन प्राप्त हुए एवं कितना ऋण बांटा गया? कितने आवेदन किन-किन कारणों से शेष हैं?
सूक्ष्म,लघु और मध्यम उद्यम मंत्री ( श्री ओमप्रकाश सखलेचा ) : (क) वर्तमान में एमएसएमई विभाग द्वारा स्वरोजगार के माध्यम से उद्योग स्थापित करने हेतु राज्य शासन की कोई भी ऋण योजना संचालित नहीं की जा रही है। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) भारत सरकार से संबंधित है। उल्लेखनीय है कि एमएसएमई इकाइयों को उद्योग स्थापना में सहयोग के लिये विभाग द्वारा एमएसएमई प्रोत्साहन योजना 2019 जारी की गई है। इस योजनान्तर्गत, एसएसएमई श्रेणी की औद्योगिक इकाई स्थापित करने पर विभिन्न सुविधाओं का लाभ उद्यमियों को प्राप्त होता है। (घ) विभाग को विगत वर्ष में राज्य शासन द्वारा संचालित विभिन स्वरोजगार योजनाओ में लगभग 65514 आवेदन प्राप्त हुए थे। बैंको द्वारा ऋण वितरण किया जाता है, विभाग द्वारा नहीं। उपरोक्त में से कोई आवेदन शेष नहीं है।