मध्यप्रदेश विधान सभा
प्रश्नोत्तर-सूची
फरवरी-मार्च
2017 सत्र
शुक्रवार, दिनांक 10 मार्च 2017
भाग-1
तारांकित
प्रश्नोत्तर
स्टाम्प
वेंडरों की
पंजियों का
निरीक्षण
[वाणिज्यिक कर]
1. ( *क्र. 3551 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खरगोन उप पंजीयक द्वारा सत्र 2014-15 में कौन-कौन से मुद्रांक विक्रेता हेतु आयु, शैक्षणिक योग्यता, चरित्र आदि की जाँच कराई गई तथा किन योग्य उम्मीदवारों को अनुज्ञप्ति जारी की गई? नाम, पता सहित सूची देवें। (ख) स्टाम्प वेंडर हेतु रितेश मंडलोई द्वारा जिला सब रजिस्ट्रार कार्यालय खरगोन में कब आवेदन दिया गया? इस आवेदन पर की गई विभागीय कार्यवाही तथा पुलिस वेरिफिकेशन संबंधी कार्य कब-कब किसके द्वारा किया गया? इस स्टाम्प वेंडर के द्वारा अपने कार्यकाल में स्टाम्प संबंधी संधारित आवश्यक पंजियों का संधारण विभागीय नियमानुसार हुआ है? यदि नहीं, तो इस पर की गई कार्यवाही की जानकारी देवें। (ग) रितेश मंडलोई की दुकान का भौतिक सत्यापन, दुकान निरीक्षण, पंजियों की जाँच, मांग पत्रों की जाँच, बैंक चालान की जाँच कब-कब किस अधिकारी द्वारा की गई? दिनांकवार कार्यवाही की जानकारी देवें। यदि कोई कार्यवाही नहीं की गई तो कारण बतायें। (घ) सब रजिस्ट्रार कार्यालय (पंजीयन एवं मुद्रांक विभाग) अंतर्गत सत्र 2014-15 में कितने स्टाम्प वेंडरों का स्टॉक, संधारित पंजियों का निरीक्षण कार्य किया गया? निरीक्षणवार सूची देवें।
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) प्रश्नांश (क) म.प्र. स्टाम्प नियम 1942 के अंतर्गत मुद्रांक विक्रेता के अनुज्ञा अधिकारी जिले के जिला पंजीयक हैं न कि उप पंजीयक। उप पंजीयक खरगोन द्वारा कोई अनुज्ञा जारी नहीं की गई। (ख) निरीक्षण में स्टाम्प वेंडर पंजियों को नियमानुसार भरा जाना नहीं पाया गया, की गई जाँच एवं कार्यवाही की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) जिला पंजीयक खरगोन को दिनांक 30/12/2016 को प्राप्त शिकायत के अनुसार स्टाम्प वेंडर का निरीक्षण कराया गया। निरीक्षण में विक्रय पंजी, माँग पत्रों की जाँच तथा उप कोषालय से स्टाम्प वेंडर को जारी स्टाम्पों का सत्यापन किया गया। जाँच प्रतिवेदन अनुसार विक्रय पंजी में पाई गई अनियमितता के आधार पर वर्ष 2016-17 के लिये अनुज्ञा का नवीनीकरण नहीं किया गया, की गई कार्यवाही की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (घ) वर्ष 2014-15 में 31 स्टाम्प वेंडरों के किये गये निरीक्षण की तिथिवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है।
आनंद विभाग अंतर्गत संपादित कार्य
[आनन्द]
2. ( *क्र. 5030 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में माह अगस्त 2016 से आनंद विभाग का गठन किया गया है? (ख) यदि हाँ, तो आनंद विभाग के अंतर्गत कितना-कितना बजट किस जिले को आवंटित किया गया है? जिलेवार बताएं। क्या आनंद उत्सव, आनन्दम, आनन्द सभा हेतु पृथक-पृथक बजट आवंटित किया गया है? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार कटनी जिले में प्रत्येक आनंद उत्सव के आयोजन हेतु पंचायत विभाग द्वारा राशि रूपये पन्द्रह हजार तक व्यय करने हेतु संचालनालय से जनपद पंचायतों को राशि उपलब्ध कराई गई है? यदि हाँ, तो कटनी जिले की कौन-कौन सी जनपद पंचायत को कितनी-कितनी राशि कब-कब उपलब्ध कराई गई है? (घ) क्या विभाग द्वारा कटनी जिले को निर्धारित 136 लक्ष्यानुसार कौन-कौन सी ग्राम पंचायत में कब-कब आनन्द उत्सव, आनन्दम, आनन्द सभा का आयोजन किया गया?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। दिनांक 6 अगस्त, 2016 को आनंद विभाग का गठन किया गया। (ख) आनंद विभाग द्वारा जिलेवार बजट आवंटित नहीं किया गया है। अत: प्रश्नांश लागू नहीं। जी नहीं। (ग) जी हाँ। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अंतर्गत पंचायत राज संचालनालय द्वारा कटनी जिले की 6 जनपद पंचायतों को पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार राशि उपलब्ध कराई गई है। (घ) कटनी जिले में निर्धारित 136 पंचायत समूहों में केवल आनंद उत्सव का आयोजन किया गया। आनंद उत्सव के आयोजन की ग्राम पंचायतवार, दिनांकवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
13वें वित्त आयोग से स्वीकृत राशि
[संस्कृति]
3. ( *क्र. 264 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या राज्यमंत्री, संस्कृति महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 13वें वित्त आयोग की अनुशंसाओं के तहत भारत शासन द्वारा वर्ष 2011 से अब तक किन-किन कार्यों हेतु कितनी-कितनी राशि स्वीकृत हुई व कितनी प्राप्त्ा हुई? वर्षवार ब्यौरा दें। (ख) प्रश्नांश (क) के तहत स्वीकृत राशि से क्या-क्या कार्य करवाये गये? कितने एवं कौन-कौन से स्मारक अनुरक्षण पर कितनी-कितनी राशि व्यय की गई? (ग) केन्द्र सरकार द्वारा स्वीकृत कितनी राशि का उपयोग अब तक नहीं किया जा सका व किस कारण?
राज्यमंत्री, संस्कृति ( श्री सुरेन्द्र पटवा ) : (क) 13वें वित्त आयोग की अनुशंसाओं के अंतर्गत स्मारकों के अनुरक्षण एवं विकास कार्य, संग्रहालयों के उन्नयन एवं विविध कार्यों हेतु वर्ष 2011 से अब तक राशि रूपये 157.50 करोड़ भारत शासन द्वारा स्वीकृत की गई एवं प्राप्त हुई। स्वीकृत एवं प्राप्त राशि का ब्यौरा/जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। (ख) प्रश्नांश (क) के तहत स्वीकृत राशि से कराये गये कार्य तथा स्मारकों के अनुरक्षण एवं विकास कार्य, संग्रहालयों के उन्नयन एवं विविध कार्यों पर व्यय की गई राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार। (ग) 13वें वित्त आयोग की अनुशंसाओं के अंतर्गत केन्द्र सरकार द्वारा राशि रूपये 157.50 करोड़ की स्वीकृत की गई। इस राशि में से अब तक राशि रूपये 84.45 करोड़ व्यय की गई तथा शेष राशि रूपये 73.05 करोड़ से अनुरक्षण्ा कार्यों की कार्यवाही प्रचलन में है।
जाति प्रमाण पत्रों का सत्यापन
[सामान्य प्रशासन]
4. ( *क्र. 4544 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता सदस्य का विधानसभा प्रश्न क्रमांक 5235, दिनांक 11/03/2016 के प्रश्नांश (ख) एवं (ड.) एवं प्रश्न क्रमांक 1400, दिनांक 06/12/2016 की एकत्रित जानकारी क्या है? (ख) कटनी जिले में अनुविभागवार कितने जाति प्रमाण दायरा पंजी में दर्ज हैं? कितने जाति प्रमाण-पत्र समग्र पोर्टल पर दिनांक 27/02/2016 के पश्चात् दर्ज कर प्रश्न दिनांक तक सत्यापित किये गये, कितने प्रमाण-पत्र किन कारणों से सत्यापित किया जाना शेष हैं? (ग) जाति प्रमाण-पत्र अभियान में कटनी तहसील के किन-किन विद्यालयों के आवेदन लोक सेवा केन्द्र से ऑनलाईन दर्ज किये गये? पात्र पाये गये आवेदनों का कब-कब डिस्पोजल किया गया? प्रमाण-पत्र कब-कब वितरित किये गये? विद्यालयवार बतायें। (घ) कटनी नगर के किन-किन विद्यालयों के आवेदन अभियान के तहत किन-किन कारणों से अब तक जमा नहीं हुये? क्या इन विद्यालयों को अभियान से पृथक रखा गया था? यदि हाँ, तो क्यों? यदि नहीं, तो आवेदन जमा न होने के कारण बतायें और क्या इस संबंध में अभिभावकों द्वारा समाधान पोर्टल पर शिकायत की गई है? यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक किया गया निराकरण क्या था? (ड.) प्रश्नांश (घ) के इन विद्यालयों में अध्ययनरत विद्यार्थियों के जाति प्रमाण-पत्र, अभियान के तहत बनवाये जाने की एवं प्रश्न में उपस्थित तथ्यों पर संज्ञान लेते हुये कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो क्या एवं कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) प्रश्न क्रमांक 5235 का प्रेषित उत्तर पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''एक'' अनुसार है तथा प्रश्न क्रमांक 1400 के संबंध में कलेक्टर, कटनी से प्राप्त जानकारी परीक्षणाधीन है। (ख) जानकारी निम्नानुसार है :-
अनुविभाग का नाम |
पंजी में दर्ज |
सत्यापित जाति प्रमाण-पत्र |
सत्यापन हेतु शेष |
कटनी, रीठी, बड़वारा |
47676 |
466 |
47210 |
विजयराघवगढ़ |
4884 |
0 |
4884 |
ढीमरखेड़ा |
10808 |
0 |
10808 |
बहोरीबंद |
16927 |
1771 |
15156 |
(ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''दो'' अनुसार है। (घ) कटनी नगर के सभी विद्यालयों के जाति प्रमाण-पत्र हेतु आवेदन तहसील कार्यालय/राजस्व शिविरों में जमा किये गये हैं। जिन आवेदन पत्रों में आवश्यक दस्तावेजों की प्रतिपूर्ति नहीं की गई है। उन्हें वापस कर आवश्यक दस्तावेजों की पूर्ति कर पुन: जमा करने हेतु प्रेरित किया गया है। किसी भी विद्यालयों को अभियान से पृथक नहीं रखा गया है। केन्द्रीय विद्यालय आर्डीनेंस फैक्ट्री द्वारा छात्रों के आवेदन जमा नहीं किये गये। समाधान पोर्टल में शिकायत क्रमांक 10104323 दर्ज हुई थी जो सत्य पाई गई जिस पर प्राचार्य के असहयोग रवैये की जानकारी के संबंध में क्षेत्रीय संगठन अधिकारी, अजमेर को आवश्यक कार्यवाही हेतु पत्र प्रेषित किया गया है। (ड.) विद्यालयों में अध्ययनरत विद्यार्थियों के जाति प्रमाण-पत्र अभियान के तहत निरंतर सत्र दर सत्र लिये जा रहे हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विभाग द्वारा पारित शासकीय संकल्प के अनुरूप कार्यवाही
[महिला एवं बाल विकास]
5. ( *क्र. 2552 ) श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) वर्ष 2013 में विधानसभा द्वारा पारित शासकीय संकल्प के अनुसार महिला बाल विकास विभाग से संबंधित क्या-क्या सुविधाएं देने का निर्णय लिया गया है? संकल्प की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के पालन में विधानसभा क्षेत्र-07 दिमनी जिला मुरैना में जनवरी 2014 से जनवरी 2016 तक संकल्प के निर्णय के अनुसार क्या-क्या कार्य किये गये, की विस्तार पूर्वक जानकारी दी जावे? संकल्प के अनुसार कार्य नहीं किये या नहीं हो सकने के क्या कारण हैं?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) म.प्र. से संबंधित जनसंकल्प की अ़द्यतन जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में विधानसभा क्षेत्र दिमनी में किये गए कार्य का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। पारित संकल्प क्षेत्र विशेष हेतु निर्धारित नहीं है। अतः शेष का प्रश्न नहीं है। सतत् प्रक्रिया है।
नर्मदा नदी से सामूहिक/माइक्रो सिंचाई परियोजनाओं की स्वीकृति
[नर्मदा घाटी विकास]
6. ( *क्र. 1320 ) श्री राजकुमार मेव : क्या राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग द्वारा किसानों को सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने हेतु नर्मदा नदी से सामूहिक सिंचाई एवं माइक्रो सिंचाई परियोजनाएं तैयार कर स्वीकृत करने की कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो वर्ष 2016-17 में प्रदेश में कौन-कौन सी सिंचाई परियोजनाएं कितनी लागत की स्वीकृत की गई हैं? (ख) क्या खरगोन जिले में महेश्वर विधानसभा क्षेत्र की जनपद पंचायत महेश्वर एवं बड़वाह के किसानों को सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने हेतु कोई नई परियोजना स्वीकृति हेतु प्रस्तावित है? यदि हाँ, तो कौन-कौन सी? (ग) क्या प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संबंध में महेश्वर विधानसभा की जनपद पंचायत महेश्वर एवं बड़वाह के क्षेत्र बड़कीचौकी, कवाणा, घटयावैड़ी रामदढ़ बलसगांव आशाखो पेमपुरा करोंदियाखूर्द हाथीदग्गड़ जिरात रोस्याबारी बाकानेर कुसुम्भ्या भवनतलाई छोटाभेडल्या बड़ाभेडल्या हेलाबाबर आदि के किसानों की कृषि सिंचाई हेतु सुविधा उपलब्ध नहीं है? यदि हाँ, तो कार्ययोजना तैयार की गई है? यदि नहीं, तो कारण बतावें। (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में ग्राम के किसानों एवं प्रश्नकर्ता द्वारा सिंचाई परियोजना स्वीकृति हेतु कब-कब प्रस्ताव दिये गये? उन पर विभाग द्वारा कब तक कार्य योजना तैयार कर परियोजना की स्वीकृति हेतु कार्यवाही की जावेगी?
राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास ( श्री लालसिंह आर्य ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) बलवाडा उद्वहन सिंचाई योजना स्वीकृत है। (ग) जी हाँ। ओंकारेश्वर जलाशय के वर्तमान में जल के अधिकतम स्तर से ओंकारेश्वर परियोजना की नहरों से इन ग्रामों में सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने हेतु नहर में अतिरिक्त जल उपलब्ध नहीं है। नर्मदा नदी से जल उद्वहन कर इस क्षेत्र में सिंचाई करना वित्तीय दृष्टि से साध्य नहीं है। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
पेट्रोल, डीजल एवं रसोई गैस पर वेट टैक्स
[वाणिज्यिक कर]
7. ( *क्र. 4147 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या देश के अन्य राज्यों की तुलना में मध्यप्रदेश में पेट्रोल, डीजल एवं रसोई गैस पर सबसे अधिक वेट टैक्स लगाया जाता है? यदि हाँ, तो पेट्रोल, डीजल एवं रसोई गैस पर किन-किन दरों पर टैक्स लगाया जाता है? (ख) देश की सार्वजनिक क्षेत्र की किन-किन पेट्रोलियम कंपनियों से मध्यप्रदेश में पेट्रोलियम पदार्थ बुलाये जाते हैं? उन पेट्रोलियम कंपनियों से प्रदेश सरकार को पेट्रोल तथा डीजल कितने रूपये प्रति लीटर में प्राप्त हो रहा है तथा वे उपभोक्ताओं को कितने रूपये में बेच रहे हैं?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) अन्य राज्यों में लागू वेट की दरें विभाग द्वारा संधारित नहीं की जाती हैं। प्रदेश में पेट्रोल, डीजल एवं रसोई गैस पर अधिरोपित टैक्स की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम कंपनियां मेसर्स इंडियन ऑयल कार्पोरेशन लिमिटेड, मेसर्स हिन्दुस्तान पेट्रोलियम कार्पोरेशन लिमिटेड एवं मेसर्स भारत पेट्रोलियम कार्पोरेशन लिमिटेड हैं। पेट्रोल एवं डीजल प्रतिलीटर कितने रूपये में प्राप्त किया जाता है तथा उपभोक्ताओं को कितने रूपये प्रतिलीटर विक्रय किया जाता है, यह जानकारी विभाग द्वारा संधारित नहीं की जाती है।
अन्य राज्यों को विद्युत का प्रदाय
[ऊर्जा]
8. ( *क्र. 4608 ) श्री गिरीश भंडारी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. पॉवर सरप्लस राज्य बन गया है और दूसरे राज्यों को बिजली बेच रहा है? यदि हाँ, तो वर्ष 2013 से वर्ष 2016 तक वर्षवार कितने राज्यों को कितनी मात्रा में बिजली बेची गयी? (ख) प्रदेश में कृषि पंप हेतु किसानों को कितने घंटे बिजली दी जा रही है? (ग) प्रश्नांश (क) व (ख) की जानकारी अनुसार अगर प्रदेश दूसरे राज्यों को बिजली बेच रहा है तो प्रदेश के किसानों को कृषि कार्य हेतु 24 घंटे बिजली क्यों नहीं दी जा रही है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ। विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) अटल ज्योति अभियान के अंतर्गत प्रदेश में कृषि कार्य हेतु प्रतिदिन 10 घंटे वि़द्युत प्रदाय किया जा रहा है। (ग) भूतल स्तर एवं विभिन्न फसलों के लिए पानी की आवश्यकता अनुसार कृषि कार्यों हेतु प्रतिदिन 10 घंटे विद्युत प्रदाय पर्याप्त है। वर्तमान में भूजल एवं सतही जल का संरक्षण भी एक महत्वपूर्ण उद्देश्य है।
ग्रामीण क्षेत्रों में पोषण आहार वितरण की व्यवस्था
[महिला एवं बाल विकास]
9. ( *क्र. 5642 ) श्री दीवानसिंह विट्ठल पटेल : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) ग्रामीण क्षेत्रों में पोषण आहार वितरण की क्या व्यवस्था है? नियमों की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) विधानसभा क्षेत्र पानसेमल में क्या आंगनवाड़ी केन्द्रों पर पोषण आहार प्रदाय कर रहे समूहों के विरुद्ध लगातार शिकायतें प्राप्त हो रही हैं? यदि हाँ, तो वित्तीय वर्ष 2016-17 में प्राप्त कुल शिकायतें और उन पर की गई कार्यवाही का विवरण देवें? (ग) क्या विभाग के द्वारा आंगनवाड़ी केन्द्रों पर पोषण आहार वितरण व्यवस्था के सुधार हेतु कोई कार्ययोजना है? यदि हाँ, तो उसका क्रियान्वयन कब प्रारम्भ हो जावेगा?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) ग्रामीण क्षेत्रों में विभाग के निर्देशानुसार वर्तमान में 03 वर्ष से 06 वर्ष तक के बच्चों को पूरक पोषण आहार की व्यवस्था सांझा चूल्हा कार्यक्रम तहत् मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम अंतर्गत कार्यरत स्व सहायता समूहों के माध्यम से तथा 06 माह से 03 वर्ष तक के बच्चों, गर्भवती धात्री माताओं एवं किशोरी बालिकाओं को टेकहोम राशन के रूप में पूरक पोषण आहार की व्यवस्था एम.पी. एग्रो के माध्यम से संचालित की जाती है। विभाग के निर्देश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। पानसेमल विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत आंगनवाड़ी केन्द्रों पर सांझा चूल्हा कार्यक्रम अन्तर्गत नाश्ता एवं भोजन का प्रदाय करने वाले स्व सहायता समूह के विरूद्ध कोई भी शिकायत वर्ष 2016-17 में प्राप्त नहीं हुई है। (ग) राज्य शासन द्वारा भारत सरकार महिला बाल विकास एवं माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों के अनुरूप पूरक पोषण आहार वितरण व्यवस्था के विस्तृत निर्देश जारी किए जा चुके हैं। निर्देशों के अनुसार ही वर्तमान में प्रदेश की आंगनवाड़ी केन्द्रों में पूरक पोषण आहार का वितरण किया जा रहा है। विभाग द्वारा इसकी सतत् मॉनिटरिंग की जा रही है। वर्तमान में स्व सहायता समूहों के देयकों के भुगतान की प्रक्रिया का सरलीकरण किया गया है। परियोजना स्तर एवं आंगनवाड़ी केन्द्र स्तर पर पृथक-पृथक टेकहोम राशन प्राप्ति एवं वितरण व्यवस्था का पंचनामा तैयार किया जा रहा है।
विभागीय परीक्षाओं के मापदण्ड
[सामान्य प्रशासन]
10. ( *क्र. 5566 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा आयोजित विभागीय परीक्षाओं में अन्य विभागों के लिपिक वर्गीय कर्मचारी भी शामिल हो सकते हैं? (ख) म.प्र. शासन की अधिसूचना क्रमांक 2377/ ए-3-दिनांक 17/3/1977 के अनुसार क्या अन्य विभागों के शासकीय/अर्द्धशासकीय/निगम मण्डल/शासन के बोर्ड जैसे मण्डी बोर्ड आदि के कर्मचारी भी शामिल हो सकते हैं। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार यदि हाँ, तो छतरपुर जिले में अन्य विभागों के लिपिक वर्गीय कर्मचारियों के आवेदन आमंत्रित क्यों नहीं किये जाते? कलेक्ट्रेट छतरपुर में विगत वर्ष में उक्त विभागीय परीक्षा कब हुई? आवेदन पत्र बुलाये गये तो तिथिवार विगत एक वर्ष की जानकारी देवें। (घ) उक्त परीक्षाओं के क्या नियम हैं और कब से संचालित नहीं हो रही हैं, अगले सत्र की परीक्षा तिथि व आवेदन करने की तिथि की भी जानकारी देवें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) एवं (ख) जी नहीं। (ग) एवं (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अशोक नगर जिले में शासकीय भूमि पर अतिक्रमण
[सामान्य प्रशासन]
11. ( *क्र. 4830 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 06 दिसम्बर 2016 के परि.अता. प्रश्न संख्या 4 (क्र. 30) एवं प्रश्न संख्या 5 (क्र. 31) तथा दिनांक 01 अप्रैल 2016 के प्रश्न संख्या 2 (क्र. 6602) के संदर्भ में बतायें कि इस संबंध में 06 दिसम्बर 2016 के बाद आज तक जो कार्यवाही प्रचलन में थी, उसमें क्या प्रगति हुई? (ख) पत्रों व शिकायतों का विवरण देते हुये प्रश्नवार व पत्रवार शिकायतों की कार्यवाही में जो कार्यवाही प्रचलन में है? उसमें क्या कार्यवाही हुई?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) एवं (ख) की जानकारी एकत्रित की जा रही है।
नवीन विद्युत स्टेशनों की स्वीकृति
[ऊर्जा]
12. ( *क्र. 3754 ) श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड भोपाल के गठन को 10 वर्ष से अधिक हो गये हैं? (ख) कंपनी द्वारा गुना जिले में गत दो वर्षों में केन्द्र एवं राज्य की योजनाओं में 270 के.व्ही.ए., 132 के.व्ही.ए. एवं अन्य छोटे विद्युत सब स्टेशनों के कितने प्रस्ताव स्वीकृत हुये, कितने लम्बित हैं? क्षेत्रीय आपूर्ति अनुसार किन क्षेत्रों में डिमाण्ड है, कब तक पूर्ति होगी? (ग) क्या विभाग म.प्र.म.क्षे.वि.वि. कंपनी वृत्त गुना को विद्युत आपूर्ति एवं विद्युत वोल्टेज की पूर्ति के लिये घोषित तथा मांग अनुसार आर्थिक सहायता की आपूर्ति करेगा? (घ) प्रश्नांश (क) (ख) एवं (ग) में वर्णित तथ्यों की पूर्ति के लिये विभाग और कंपनी में कौन जिम्मेदार है? कारण सहित विवरण दें। क्या विभाग दोषियों पर कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ। (ख) म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड एवं म.प्र. पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड द्वारा गुना जिले में गत दो वर्षों में मांग में वृद्धि होने के परिप्रेक्ष्य में स्वीकृत किये गये विद्युत उपकेन्द्रों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। क्षेत्र में स्वीकृत भार एवं भविष्य में विद्युत मांग में संभावित वृद्धि के दृष्टिगत उपकेन्द्रों की स्वीकृति प्राथमिकता के आधार पर, तकनीकी साध्यता एवं वित्तीय उपलब्धता के अनुसार की जाती है, जो कि एक सतत प्रक्रिया है। तद्नुसार प्रश्नाधीन क्षेत्र में उपकेन्द्रों के प्रस्तावित कार्यों को स्वीकृत कर कार्य पूर्ण किये जा रहे हैं, जिनका उपकेन्द्रवार एवं क्षेत्रवार (स्थानवार) जहाँ बढ़ी हुई माँग के अनुरूप उपकेन्द्र प्रस्तावित किया गया है, का विवरण संलग्न परिशिष्ट में दर्शाए अनुसार है। उक्त स्वीकृत उपकेन्द्रों का कार्य वित्तीय उपलब्धता के अनुरूप किया जा रहा है, जिसे पूर्ण करने की निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) उत्तरांश (ख) अनुसार प्रश्नाधीन उपकेन्द्रों के प्रस्तावित कार्यों को स्वीकृत कर कार्य पूर्ण किये जा रहे हैं, तथापि वितरण कंपनियों को विभिन्न मदों में अनुदान/सहायता एवं वित्तीय संस्थानों से ऋण लेने हेतु राज्य शासन की गारंटी दी जाती है। (घ) उत्तरांश (ख) एवं (ग) के परिप्रेक्ष्य में किसी के दोषी होने का प्रश्न नहीं उठता।
महिदपुर वि.स. क्षेत्र में प्रदायित अस्थायी कनेक्शन
[ऊर्जा]
13. ( *क्र. 5389 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2016-17 में महिदपुर वि.स. क्षेत्र में कुल कितने अस्थायी कनेक्शन प्रदान किये गये हैं? वितरण केन्द्रवार, ग्रामवार, कृषक संख्या सहित बतावें। (ख) नवीन ट्रांसफार्मर लगाकर इन्हें कब तक स्थायी कर दिया जायेगा? (ग) महिदपुर वि.स. क्षेत्र में कितने मजरे टोले अविद्युतीकृत हैं? (घ) इन्हें कब तक विद्युतीकृत कर दिया जावेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) महिदपुर विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2016-17 में कुल 3990 अस्थायी कृषि पम्प कनेक्शन प्रदान किये गये हैं, जिसकी वितरण केन्द्रवार एवं ग्रामवार संख्या की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) महिदपुर विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2016-17 में प्रदाय किये गये कुल 3990 अस्थायी कृषि पम्प कनेक्शनों में से जिन कृषकों द्वारा मुख्यमंत्री स्थायी कृषि पम्प कनेक्शन योजना में स्थायी कृषि पम्प कनेक्शन हेतु आवेदन प्रस्तुत कर योजना के प्रावधानों के अनुसार राशि जमा करने सहित औपचारिकताएं पूर्ण की जाएंगी, उनके अस्थायी पम्प कनेक्शन तकनीकी रूप से साध्य पाये जाने पर स्थायी कनेक्शन में परिवर्तित किये जाने की कार्यवाही की जा सकेगी। अत: वर्तमान में निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) महिदपुर विधानसभा क्षेत्र में चिन्हित 70 मजरे/टोले अविद्युतीकृत हैं। (घ) महिदपुर विधानसभा क्षेत्र में चिन्हित 70 अविद्युतीकृत मजरों/टोलों में से 22 मजरों/टोलों के विद्युतीकरण का कार्य 12वीं पंचवर्षीय योजना में स्वीकृत राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना में सम्मिलित है। उक्त कार्य माह दिसम्बर-2017 तक पूर्ण किया जाना संभावित है। शेष 48 मजरों/टोलों के विद्युतीकरण का कार्य दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के अंतर्गत स्वीकृत है, जिसे टर्न-की ठेकेदार एजेंसी से किये गये अनुबंध के अनुसार नवम्बर, 2018 तक पूर्ण किया जाना है।
ट्रांसफार्मर बदलने की प्रक्रिया
[ऊर्जा]
14. ( *क्र. 4634 ) श्री गोविन्द सिंह पटेल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग द्वारा जले हुये ट्रांसफार्मर के बदलने की क्या प्रक्रिया है तथा इस हेतु निर्धारित राशि क्या है? क्या अपेक्षित राशि जमा न करने पर ट्रांसफार्मर नहीं बदले जाते हैं? निर्धारित शुल्क जमा करने के कितने दिनों में ट्रांसफार्मर बदले जाने के नियम हैं? (ख) यदि अपेक्षित राशि से कम राशि जमा है और ट्रांसफार्मर नहीं बदला जा रहा है तो ऐसी स्थिति में किसानों को बिजली उपलब्ध कराने की शासन की क्या कोई योजना है? यदि हाँ, तो जानकारी उपलब्ध करायें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जले/खराब ट्रांसफार्मर बदलने हेतु उपभोक्ताओं द्वारा शिकायत प्राप्त होने पर/अन्य किसी स्त्रोत से जानकारी प्राप्त होने पर क्षेत्रीय लाईनमेन जाकर ट्रांसफार्मर की जाँच करता है एवं ट्रांसफार्मर जलने/खराब होने संबंधी जानकारी वितरण केन्द्र प्रभारी/फीडर प्रभारी को उपलब्ध करवाता है। संबंधित वितरण केन्द्र प्रभारी/फीडर प्रभारी को जानकारी प्राप्त होने के पश्चात् एस.एम.एस. आदि के माध्यम से उच्चाधिकारी को जानकारी प्रेषित की जाती है तथा ट्रांसफार्मर बदलने हेतु प्राक्कलन बनाकर आवश्यक स्वीकृति हेतु उच्चाधिकारी को प्रेषित किया जाता है। जले/खराब ट्रांसफार्मर बदलने हेतु प्रत्येक संचालन/संधारण संभाग में इम्प्रेस्ट ट्रांसफार्मर उपलब्ध कराये गये हैं। सूचना प्राप्त होते ही सहायक अभियंता/मेन्टेनेन्स प्रभारी ट्रांसफार्मर को उपलब्धता के अनुसार नियमानुसार निर्धारित समय-सीमा के अन्दर ट्रांसफार्मर बदलवाता है। म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा खराब/जले हुये वितरण ट्रांसफार्मरों को बदलने हेतु निम्नानुसार समयावधि निर्धारित है :- (i) संभागीय मुख्यालयों में 12 घंटे के अन्दर। (ii) संभागीय मुख्यालयों को छोड़कर शहरी क्षेत्र में 24 घंटे के अन्दर। (iii) ग्रामीण क्षेत्रों में सूखे मौसम में 72 घंटों के अन्दर तथा मानसून के मौसम में जुलाई से सितम्बर तक 7 दिवस के अन्दर। फेल/खराब वितरण ट्रांसफार्मरों से संबद्ध उपभोक्ताओं पर बकाया राशि होने की स्थिति में जले एवं खराब वितरण ट्रांसफार्मरों से जुड़े 75 प्रतिशत उपभोक्ताओं द्वारा भुगतान करने पर अथवा कुल बकाया राशि का 40 प्रतिशत जमा होने के उपरांत इन जले एवं खराब ट्रांसफार्मरों को उक्तानुसार निर्धारित समय-सीमा में बदला जाता है। फेल/खराब वितरण ट्रांसफार्मर, जिन पर बकाया राशि नहीं है, उनको बदलने हेतु कोई राशि जमा नहीं कराई जाती है। (ख) वर्तमान में निर्धारित नियमानुसार उपभोक्ताओं द्वारा उत्तरांश (क) में दर्शाए अनुसार बकाया राशि जमा करने पर जले/खराब ट्रांसफार्मर को बदल कर विद्युत प्रदाय सुचारू किये जाने का प्रावधान है।
बालाघाट जिलांतर्गत योजनावार व्यय की जानकारी
[पर्यटन]
15. ( *क्र. 4949 ) श्री संजय उइके : क्या राज्यमंत्री, संस्कृति महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग को आदिवासी उपयोजना क्षेत्र माँग संख्या 41 में बजट राशि आवंटन प्राप्त होता है? (ख) यदि हाँ, तो वित्तीय वर्ष 2012-13 से प्रश्न दिनांक तक कितनी-कितनी राशि प्रदेश के जिलों को आवंटित की गयी? (ग) विभाग द्वारा बालाघाट जिले को आवंटित राशि में से कितनी-कितनी राशि कहाँ-कहाँ, किन-किन कार्यों में व्यय की गयी? योजनावार/मदवार बतावें। (घ) बालाघाट जिले में कहाँ-कहाँ, कौन-कौन से पर्यटन केन्द्र हैं? उनकी सूची उपलब्ध करावें।
राज्यमंत्री, संस्कृति ( श्री सुरेन्द्र पटवा ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार। (घ) पर्यटन विभाग में ''पर्यटन केन्द्रों'' की घोषणा का कोई प्रावधान नहीं है, अत: प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सागर जिलांतर्गत विक्रय पत्र का पंजीयन/रजिस्ट्रेशन
[वाणिज्यिक कर]
16. ( *क्र. 4665 ) श्री हर्ष यादव : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर नगर में रजिस्ट्रार सागर के माह दिसम्बर 2016 में कितने विक्रय पत्र पंजीयन किये? खरीददार व विक्रेता के नाम, रकबा, पटवारी हल्का, विक्रय मूल्य, शासन को स्टाम्प आदि से आय सहित बताएं? (ख) जनवरी 2017 में 01 जनवरी से 15 जनवरी 2017 तक कुल कितने विक्रय पत्र रजिस्टर्ड किये गये? (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित समय में सागर के सुभाग्योदय डेव्हलपर्स नामक क्रेता ने कुल कितनी जमीन, किस कीमत की, किस पटवारी हल्का व किस खसरा नंबर की क्रय की है? क्या जिला प्रशासन ने जमीन का विक्रय नहीं करने संबंधी आपत्ति की थी? विक्रय नहीं करने संबंधी आपत्ति संबंधी शासन के पत्र का विवरण देवें। (घ) पट्टे/लीज़ की जमीन का विक्रय क्यों पंजीकृत किया गया? विक्रय के पूर्व जमीन के असल मालिक की जाँच/जानकारी क्यों नहीं की गई? क्या सागर की बेशकीमती, बहुउपयोगी, जमीन भूमाफिया को देने हेतु जमीन के असल मालिक की पड़ताल ना कर अवैध विक्रय किया गया? क्या इसकी जाँच कराई जाकर दोषी शासकीय सेवकों पर कार्यवाही की जावेगी।
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) उप पंजीयक कार्यालय सागर में दिसम्बर, 2016 में नगर निगम क्षेत्र अंतर्गत 101 विक्रय पत्र पंजीबद्ध किये गये। खरीददार व विक्रेता के नाम रकबा पटवारी हल्का, विक्रय मूल्य, शासन को स्टाम्प आदि से आय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जनवरी 2017 में 01 जनवरी से 15 जनवरी तक कुल 137 विक्रय पत्र पंजीबद्ध किये गये। (ग) सुभाग्योदय डेव्हलपर्स नामक क्रेता द्वारा की गई जमीन, कीमत, पटवारी हल्का नं. एवं खसरा नं. की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। कलेक्टर (नजूल), जिला सागर द्वारा राजस्व मण्डल मध्यप्रदेश ग्वालियर के निगरानी प्रकरण क्रमांक-R-1794-I/16 में पारित आदेश दिनांक 06/06/2016 के विरूद्ध अपील प्रस्तुत करने की अनुमति हेतु प्रमुख सचिव, विधि और विधायी कार्य विभाग, मध्यप्रदेश भोपाल को लिखे पत्र की प्रतिलिपि पत्र पृ. क्रमांक 4805/री.नजूल/16 सागर, दिनांक 16/06/2016 द्वारा जिला पंजीयक सागर को सूचनार्थ इस निर्देश के साथ प्राप्त हुआ कि उक्त भूमियों के दस्तावेजों का पंजीयन आगामी आदेश तक न किये जावें। शासन से उक्त भूमि के विक्रय न किये जाने के संबंध में कोई आदेश प्राप्त नहीं हुआ। (घ) भूमि विक्रय संबंधी कलेक्टर (नजूल), जिला सागर द्वारा नजूल प्रकरण 21अ/20 (4) वर्ष 2014-15 में पारित आदेश दिनांक 25/05/2016 के विरूद्ध माननीय राजस्व मण्डल ग्वालियर द्वारा निगरानी प्रकरण क्रमांक 1794-1/10 में पारित आदेश दिनांक 06/06/2016 तथा पुनर्विलोकन आवेदन प्रकरण क्रमांक 2269/2016 में पारित आदेश दिनांक 23/09/2016 के अनुसार तथा माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर द्वारा डब्ल्यू.पी.नं. 10493 में पारित आदेश दिनांक 01/12/2016 के आदेश के विरूद्ध किसी सक्षम न्यायालय के स्टे न होने की स्थिति में उप पंजीयक द्वारा पंजीयन अधिनियम के अंतर्गत प्रस्तुत विक्रय पत्र का पंजीयन नियमानुसार पंजीबद्ध किया गया। अत: कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नार्मल डेवलपमेंट योजना का क्रियान्वयन
[ऊर्जा]
17. ( *क्र. 5606 ) श्री मुकेश पण्ड्या : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र.प.क्षे.वि.वि.कं.लि. इन्दौर के अन्तर्गत नार्मल डेवलपमेंट योजना (एन.डी. योजना) में किस प्रकार के कार्य किये जाते हैं? (ख) उज्जैन जिले में वर्ष 2015-16, 2016-17 में जनवरी, 2017 अंत तक नार्मल डेवलपमेंट योजना में कितने प्राक्कलन स्वीकृत किये गये हैं, उनमें से कितने कार्य पूर्ण किये जा चुके हैं? संख्या बतावें। कार्य पूर्ण नहीं होने के प्रमुख कारण क्या हैं? (ग) क्या संबंधित अधिकारी के द्वारा कार्य में लापरवाही करने के कारण इस योजना का लाभ पात्र व्यक्तियों को नहीं मिल पाया और ऐसे अधिकारी के खिलाफ क्या कार्यवाही की जायेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड इन्दौर के अन्तर्गत नार्मल डेवलपमेंट योजना में घरेलू श्रेणी के आवेदकों/उपभोक्ताओं (उन आवेदकों/उपभोक्ताओं को छोड़कर जो बहु मंजिला काम्प्लेक्स अथवा आवासीय कॉलोनियों में अवस्थित है) एवं गैर-घरेलू अथवा औद्योगिक श्रेणी के आवेदकों/उपभोक्ता के नवीन कनेक्शनों अथवा भार वृद्धि के प्रकरणों में सर्वे के अनुसार, तकनीकी साध्यता होने पर 11 के.व्ही. लाईन, नवीन वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित करने तथा आवश्यक होने पर वितरण ट्रांसफार्मर की क्षमता वृद्धि जैसे कार्य किये जाते हैं तथा इनकी लागत वितरण कंपनी द्वारा वहन की जाती है। निम्नदाब लाईन की आवश्यकता होने पर उपभोक्ता द्वारा निम्नदाब लाईन की लागत वहन की जाती है। (ख) उज्जैन जिले में वर्ष 2015-16 में नार्मल डेवलपमेंट योजना में 74 प्राक्कलन स्वीकृत किये गये व सभी कार्य पूर्ण हो गये हैं। वर्ष 2016-17 में जनवरी-2017 अंत तक नार्मल डेवलपमेंट योजना में 88 प्राक्कलन स्वीकृत किये गये हैं, जिनमें से 84 कार्य पूर्ण किये जा चुके हैं तथा शेष 4 कार्य वर्तमान में प्रगति पर हैं। नार्मल डेवलपमेंट योजना में कार्य वितरण कंपनी द्वारा विभागीय तौर पर सम्पादित कराये जाते हैं तथा कतिपय अवसरों पर उपयोग होने वाली विद्युत सामग्री एवं अन्य संसाधनों की तात्कालिक अनुपलब्धता के कारण कार्य पूर्णता में समय लगता है। प्रश्नाधीन शेष 4 कार्यों हेतु कार्यादेश जनवरी 2017 में ही निर्माण संभाग उज्जैन को जारी किये गये हैं। (ग) प्रश्नाधीन योजना में पात्र सभी व्यक्तियों को योजना का लाभ दिया जा रहा है। अत: किसी के विरूद्ध कार्यवाही करने का प्रश्न नहीं उठता।
विशेष पोषण आहार में अनियमितता
[महिला एवं बाल विकास]
18. ( *क्र. 2311 ) कुँवर विक्रम सिंह : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) वर्ष 2013-14, 2014-15 एवं 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक छतरपुर जिले में आकस्मिक व्यय, अन्य प्रभार, सामग्री उपकरण, स्टेशनरी के व्यय की विकासखण्डवार जानकारी दें? (ख) क्या स्टॉक रजिस्टर पर दर्ज की गई सामग्री भंडार में उपलब्ध नहीं रहती? (ग) यदि हाँ, तो प्रश्नांश (ख) का भौतिक सत्यापन किन-किन तिथियों में किसके द्वारा किया गया? पद सहित नाम बतायें।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) वर्ष 2013-14, 2014-15 एवं 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक छतरपुर जिले में आकस्मिक व्यय, अन्य प्रभार, सामग्री उपकरण, स्टेशनरी के व्यय की विकासखण्डवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) स्टॉक पंजी में दर्ज की गयी सामग्री भंडार में उपलब्ध रहती है। (ग) प्रश्नांश (ग) की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
उमरिया जिले में लोक कल्याण शिविर का आयोजन
[सामान्य प्रशासन]
19. ( *क्र. 5334 ) सुश्री मीना सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राज्य शासन द्वारा शासन की कार्य प्रणाली को अधिक विकासोन्मुखी, जनकल्याणकारी, भेदभाव रहित एवं भ्रष्टाचार मुक्त करने हेतु लोक कल्याण शिविरों का आयोजन प्रत्येक विकासखण्ड में माह में एक बार निश्चित दिन पर आयोजित किये जाने के निर्देश हैं? (ख) यदि हाँ, तो उमरिया जिले में आने वाले विकासखण्डों में वर्ष 2014-15 एवं वर्ष 2015-16 में कहाँ-कहाँ पर इन लोक कल्याण शिविरों का आयोजन किया गया है? इन शिविरों में कितनी शिकायतें प्राप्त हुईं? कितनी निराकृत हुईं? शेष शिकायतों की वर्तमान में क्या स्थिति है? (ग) क्या प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र मानपुर अंतर्गत वर्ष 2015-16 में लोक कल्याण शिविर प्रत्येक माह आयोजित किये गये हैं? यदि हाँ, तो माहवार शिविर आयोजित करने की तिथि सहित प्राप्त शिकायतों को कम्प्यूटरीकृत किया गया है अथवा नहीं? यदि हाँ, तो कब तक लंबित शिकायतों का निराकरण कर दिया जायेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। (ख) उमरिया जिले में आने वाले विकासखण्डों में वर्ष 2014-15 एवं वर्ष 2015-16 में आयोजित लोक कल्याण शिविरों के स्थानों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। इन शिविरों में 2223 शिकायतें प्राप्त हुईं, 2223 शिकायतों का निराकरण किया गया, वर्तमान में कोई शिकायत लंबित नहीं है। (ग) जी हाँ। जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अध्यापक संवर्ग की स्थानान्तरण्ा नीति
[सामान्य प्रशासन]
20. ( *क्र. 5457 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश्ा में शासकीय अधिकारियों एवं कर्मचारियों के स्थानान्तरण के शासन के क्या नियम हैं? निर्देश की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) क्या शासन के अधिकारियों एवं कर्मचारियों को एक ही स्थान पर 3 वर्ष से अधिक अवधि हो जाने पर स्थानान्तरण के निर्देश हैं? यदि हाँ, तो प्रति उपलब्ध करावें? (ग) क्या वर्ष 2016 में शासन ने स्कूल शिक्षा विभाग एवं पुलिस विभाग को छोड़कर जिले में अथवा जिले के बाहर स्थानान्तरण किये जाने के निर्देश दिये थे? यदि हाँ, तो उक्त विभाग को स्थानान्तरण से छूट दिये जाने का क्या कारण रहा है? (घ) क्या शासन स्कूल शिक्षा विभाग के अध्यापक संवर्ग के अध्यापकों के स्थानान्तरण्ा भी अन्य शिक्षकों की भांति करने की नीति बना रहा है? यदि हाँ, तो कब तक और यदि नहीं, तो अध्यापक संवर्ग के अन्य शिक्षकों की भांति स्थानान्तरण नीति नहीं बनाये जाने का क्या कारण है, जबकि अध्यापक संवर्ग को भी अन्य शिक्षकों के समान छठवां वेतनमान दिया गया है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) राज्य एवं जिला स्तर पर अधिकारियों/कर्मचारियों के स्थानांतरण के लिए स्थानांतरण नीति निर्धारित है। जिसकी प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'ब' अनुसार है। (ख) स्थानांतरण नीति की कंडिका 8.7 के प्रावधान अनुसार। प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ग) जी हाँ। प्रशासकीय व्यवस्था को दृष्टिगत रखते हुये उक्त विभागों के लिये पृथक नीति निर्धारित करने का प्रावधान है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) अध्यापक संवर्ग में स्थानांतरण का कोई प्रावधान नहीं है, अपितु अन्तर्निकाय ऑनलाईन संविलियन का प्रावधान है। अध्यापक संवर्ग स्थानीय निकाय के अन्तर्गत पंचायत/नगरीय निकाय के कर्मचारी हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
रीवा जिले में कुपोषण की रोकथाम
[महिला एवं बाल विकास]
21. ( *क्र. 3488 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) रीवा जिले में बच्चों के कुपोषण की रोकथाम हेतु सुपोषण अभियान, अटल बाल पालक मिशन, ब्लॉक वार, स्नेह सरोकार, कुपोषित बच्चों को गोद लेने की परम्परा आदि का अभियान चलाया जा रहा है? यदि हाँ, तो अक्टूबर 2016 की सर्वे रिपोर्ट में 36 हजार बच्चे कुपोषण की चपेट में पाये गये, जिनकी संख्या 2017 में बढ़कर लगभग 37 हजार हो गयी है? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में इसकी रोकथाम हेतु क्या जिले में 15 परियोजनाएं 3300 से ज्यादा आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका, पोषण पुनर्वास केन्द्र में न्यूट्रीशन स्टॉक, नर्स और डॉक्टर पदस्थ हैं? परियोजना अधिकारी मौजूद हैं एवं कुपोषित बच्चों को दिया जाने वाला पोषण आहार का मीनू और भर्ती के लिये एन.आर.सी. तय है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के प्रकाश में क्या प्रश्न दिनांक तक 1 वर्ष में 15 से ज्यादा बच्चों की मौत हो चुकी है एवं 33 हजार बच्चे मध्यम कुपोषण की श्रेणी में एवं लगभग 4 हजार बच्चे अति कुपोषण की श्रेणी में हैं? यदि हाँ, तो पोषण पुनर्वास केन्द्र के आंकड़े बताते हैं कि 1 वर्ष में महज 2800 बच्चे ही केन्द्र में पहुंच सके हैं? (घ) प्रश्नांश (क) (ख) (ग) के प्रकाश में सरकार 1 कुपोषित बच्चे पर करीब 2 हजार रूपये खर्च करती है, जिसमें एन.आर.सी. में पोषण आहर, इलाज और भोजन का खर्चा जुड़ा है, जब कि माँ को भी प्रतिदिन भोजन एवं सौ रूपये दिये जाते हैं? यदि हाँ, तो उपरोक्त के बावजूद हर माह कुपोषण का आंकड़ा घटने की जगह बढ़ता जा रहा है, इन सब के लिये किसे जिम्मेदार माना गया है? अब तक कितनों के विरूद्ध कितनी कार्यवाही की गई? क्या शासन द्वारा राशि उपलब्ध नहीं कराई जा रही है? की जावेगी तो कब तक?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) जी हाँ। माह-अक्टूबर 2016 एवं जनवरी 2017 में कुपोषित बच्चों की संख्या निम्नानुसार है :-
वर्ष |
कुपोषित बच्चों की संख्या |
अक्टूबर 2016 |
36840 |
जनवरी 2017 |
36314 |
(ख)
जी हाँ, रीवा
जिले में 09 पोषण पुनर्वास
केन्द्र
संचालित हैं, जिसमें
न्यूट्रीशन स्टॉक, नर्स
एवं
डॉक्टर पदस्थ
हैं। चिन्हित
गंभीर
कुपोषित
बच्चों को
संचालित केन्द्रों
में भर्ती
किया जाता है व
निर्धारित
मानक अनुसार
पोषण आहार
दिया जाता है।
(ग)
पोषण पुनर्वास
केन्द्रों
में कुपोषण से
मृत्यु की
संख्या निरंक
है। माह जनवरी
2017
में मध्यम कम
वजन के 32746 तथा
अतिकम वजन के 3568
बच्चे कुपोषण
की श्रेणी में
हैं। अतिकम
वजन के सभी
बच्चे पोषण
पुनर्वास
केन्द्र में
भर्ती हेतु
पात्र नहीं
होते हैं। पोषण पुनर्वास
केन्द्र के
मापदण्डों
अनुसार अतिकम
वजन के बच्चों
का परीक्षण
किया जाकर, उन्हें
पात्र पाये
जाने पर पोषण
पुनर्वास केन्द्र
में भर्ती
कराया जाता है।
भर्ती कराने
हेतु बच्चों के
अभिभावकों की
सहमति भी
आवश्यक होती है।
वित्तीय वर्ष 2016-17
में माह जनवरी
तक 1865
बच्चे इन पोषण
पुनर्वास
केन्द्रों
में भर्ती किए
गए हैं। (घ) पोषण
पुनर्वास
केन्द्र में
भर्ती के
दौरान राशि
रूपये 2580/- प्रति
बच्चे के मान
से व्यय की
जाती है, जिसमें
भर्ती बच्चे
की माता को
राशि रू. 120/- प्रतिदिन
मजदूरी
क्षतिपूर्ति भत्ते
के रूप में दी
जाती है। शासन
के द्वारा
कुपोषण
प्रबंधन पर
निरंतर कार्य
किया जा रहा है, कुपोषण
में कमी की
स्थिति प्रश्नांश (क) के उत्तर
में
परिलक्षित है।
कुपोषण हेतु
कई कारक
जिम्मेदार
होते हैं यथा
दैनिक भोजन
में पर्याप्त
पोषण तत्वों
का अभाव, स्वास्थ्य सुविधाओं
की
अनुपलब्धता/पहुंच, आर्थिक
संरचना, संसाधन की
कमी, अनुचित आहार-व्यवहार, बीमारियां, परिवार
में सदस्यों
की संख्या, रोजगार
की कमी, सामाजिक कुरीतियां, शिक्षा
का अभाव आदि। गंभीर
कुपोषित
बच्चों की रोग
निरोधक
क्षमता कम
होने से अन्य
बीमारियों का
उन पर
तुलनात्मक
रूप से ज्यादा
प्रभाव पड़ता है।
जन सामान्य
द्वारा पोषण
विविधता का
उपयोग न करना, स्वच्छता
एवं व्यवहार
परिवर्तन में
कम रूचि जैसे
अन्य कारक भी
कुपोषण की
समस्या बने
रहने के
प्रमुख कारण
हैं,
जिसके लिए
किसी एक
व्यक्ति को
जिम्मेदार
नहीं ठहराया
जा सकता है। अतः
कार्यवाही का
प्रश्न ही
नहीं उठता है।
चंदेरी को पर्यटन केन्द्र के रूप में अधिसूचित किया जाना
[पर्यटन]
22. ( *क्र. 3700 ) श्री गोपालसिंह चौहान (डग्गी राजा) : क्या राज्यमंत्री, संस्कृति महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली चंदेरी एक ऐतिहासिक पर्यटन नगरी है, पर्यटन नगरी होने के बाद भी इसे अभी तक पर्यटन नगरी के रूप में अधिसूचित नहीं किया गया है, क्यों? (ख) इसे कब तक पर्यटन नगरी के रूप में अधिसूचित किया जावेगा?
राज्यमंत्री, संस्कृति ( श्री सुरेन्द्र पटवा ) : (क) पर्यटन नीति 2016 के अंतर्गत किसी ''नगर'' को ''पर्यटन नगरी'' अधिसूचित करने का प्रावधान नहीं है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शासकीय सेवकों का निलंबन
[सामान्य प्रशासन]
23. ( *क्र. 3589 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अनुशासनिक मामलों में शासकीय सेवकों को अनावश्यक निलंबित करने पर उन्हें लघु शास्ति अधिरोपित करने की स्थिति में सम्पूर्ण वेतन भुगतान करने के शासन के निर्देश हैं? (ख) यदि हाँ, तो उज्जैन संभाग में वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक ऐसे कितने प्रकरण हैं, जिसमें अनुशासनिक प्राधिकारी द्वारा शासकीय सेवकों को निलंबित किया गया है? विभागवार विस्तृत ब्यौरा दें। (ग) प्रश्नांश (ख) में दर्शाये गये कितने शासकीय सेवकों की निलंबन अवधि को सेवा अवधि मानकर उन्हें वेतन भुगतान किया गया है? क्या अनावश्यक निलंबन के कारण शासकीय सेवकों को किये गये वेतन भुगतान से शासन को हुई आर्थिक हानि, संबंधित अनुशासनिक प्राधिकारी से वसूल की जाना चाहिए? यदि नहीं, तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) संलग्न परिशिष्ट की सूची के सरल क्रमांक 01 से 06 तक के अधिकारियों को वेतन भुगतान किया गया। शेष के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही प्रचलित है। प्रकरणों में अनावश्यक निलंबन की स्थिति नहीं रही है। शेषांश प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
बीना विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत संचालित शराब दुकानें
[वाणिज्यिक कर]
24. ( *क्र. 5263 ) श्री महेश राय : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र बीना के नगर पालिका सीमा के अतंर्गत कितनी देशी/अंग्रेजी शराब की दुकानें संचालित हैं? लायसेंसधारी का नाम बताएं। (ख) शराब की दुकानें किन-किन स्थानों के लिये आंवटित की गई हैं? सूची उपलब्ध करायें। (ग) क्या छोटी बजरिया पर अंग्रेजी/देशी शराब की दुकान आवंटित है? यदि हाँ, तो क्या शासन की नीति के अनुरूप जनता स्कूल एवं चर्च एवं जैन मंदिर के पास जिसकी दूरी 100 मीटर की दूरी से भी कम है, यह क्या शासन के नियमों के अनुरूप है? (घ) यदि नहीं, तो इस दुकान को हटाने का क्या प्रावधान है?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) विधानसभा क्षेत्र बीना में नगरपालिका बीना अंतर्गत संचालित मदिरा दुकानें एवं उनके लायसेंसधारी का नाम संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) वर्ष 2016-17 के लिये बीना नगर पालिका क्षेत्र अंतर्गत संचालित मदिरा दुकानों का विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (ग) जी हाँ। छोटी बजरिया बीना क्षेत्र अंतर्गत विदेशी मदिरा दुकान छोटी बजरिया आवंटित होकर संचालित है। विदेशी मदिरा दुकान छोटी बजरिया बीना ऑफ श्रेणी की मदिरा दुकान है, जिसके परिसर में मदिरा का उपभोग प्रतिबंधित होने से दुकान अवस्थापन संबंधी सामान्य प्रयुक्ति नियम-1 (2) (ख) के नियम लागू नहीं होते हैं। अत: दुकान नियमानुसार है। (घ) प्रश्नांश (ग) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कुपोषण से मुक्ति हेतु दी गई राशि में अनियमितता
[महिला एवं बाल विकास]
25. ( *क्र. 3343 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) रीवा संभाग अंतर्गत कुपोषित बालक एवं बालिकाओं की जानकारी वर्ष 2014 से प्रश्नांश दिनांक तक की वर्षवार, जिलावार, जनपदवार देवें। इन कुपोषित बच्चों में से कितने बच्चे किस-किस उम्र के हैं? कुपोषित पाये गए बच्चों में कितने बच्चे जन्म से कुपोषित पाये गए, की जानकारी पृथक से देवें? जन्म से कुपोषित बच्चों की माताओं को कुपोषण से मुक्ति बाबत् कब-कब कौन-कौन सा उपचार एवं सुविधा शासन द्वारा उपलब्ध कराई गई? अगर नहीं तो क्यों? क्या इनका समुचित लाभ संबंधितों को मिला? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में सरकार द्वारा कुपोषित बच्चों के परीक्षण एवं सत्यापन बाबत् वजन लेने का कार्यक्रम आयोजित किया गया है। वर्तमान स्थिति में कुपोषित बच्चों की क्या स्थिति जिला एवं जनपदवार संभाग स्तर की है? इस अभियान हेतु शासन द्वारा वर्ष 2012 से प्रश्नांश दिनांक तक में कितनी-कितनी राशि रीवा संभाग के किस-किस जिले को प्रदान की गई? उस राशि में से कितनी राशि खर्च की गई? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार रीवा संभाग अंतर्गत कितने कुपोषित बच्चों की मृत्यु किस-किस जिले एवं जनपद में वर्ष 2012 से प्रश्न दिनांक तक में हुई? मृत्यु हुए बच्चे किस आयु समूह के थे? बच्चों के मृत्यु का प्रतिशत रीवा संभाग सहित प्रदेश के अन्य जिलों में क्या है? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) अनुसार कुपोषित बच्चों की संख्या में बढ़ोत्तरी के लिए कौन-कौन जवाबदार हैं? शासन द्वारा कुपोषण से मुक्ति बाबत् करोड़ों रूपये खर्च किये जाने पर भी इस पर सुधार न होने का क्या कारण हैं? क्या शासन द्वारा दी जाने वाली राशि एवं सुविधाएं संबंधितों द्वारा कुपोषित बच्चों को उपलब्ध न कराकर फर्जी तरीके से राशि का दुरूपयोग कर राशि का बंदरबाट कर लिया जाता है? ऐसा करने के दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही कब तक करेंगे? अगर नहीं तो क्यों?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) रीवा संभाग अंतर्गत वर्ष 2014 से वर्ष 2017 (माह दिसम्बर 2016) तक 0 से 5 वर्ष तक के बालक एवं बालिकाओं की उम्रवार वर्षवार, जिलेवार, ब्लॉक/परियोजनावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। कुपोषित पाए गए बच्चों में ऐसे बच्चे जो जन्म से कुपोषित पाए गए, की जानकारी विभागीय एम.आई.एस. में संधारित नहीं की जाती है। आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा गृह भेंट, मंगल दिवस तथा ग्राम स्वास्थ्य एवं पोषण दिवस के माध्यम से कुपोषित बच्चों की माताओं को बच्चों के पोषण स्तर में सुधारने हेतु निरंतर परामर्श दिया जाता है। कुपोषित बच्चों की माताओं को पर्यवेक्षक द्वारा पृथक से प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है। (ख) दिनांक 01 नवम्बर 2016 से 28 फरवरी 2017 तक प्रदेश के आंगनवाड़ी केन्द्रों में विशेष वजन अभियान का आयोजन किया गया था, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। उक्त अभियान हेतु कोई भी पृथक से राशि उपलब्ध नहीं कराई गई थी। (ग) प्रश्नांकित अवधि में रीवा संभाग अंतर्गत किसी भी कुपोषित बच्चे की मृत्यु कुपोषण के कारण नहीं हुई है। शेष का प्रश्न ही नहीं है। (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में वर्ष 2014 की तुलना में विशेष वजन अभियान अंतर्गत रीवा संभाग के जिलों में कुपोषित बच्चों की संख्या में कमी आई हैं। जी नहीं, अतः शेष का प्रश्न ही नहीं है।
भाग-2
नियम 46 (2) के
अंतर्गत
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
के रुप में
परिवर्तित
तारांकित
प्रश्नोत्तर
भेड़ाघाट
को पर्यटन
स्थल में
शामिल करना
[पर्यटन]
1. ( क्र. 90 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या राज्यमंत्री, संस्कृति महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जबलपुर जिले में भेड़ाघाट विश्व विख्यात पर्यटन स्थल हैं? (ख) क्या यहाँ अंतर्राष्ट्रीय स्तर की सुविधायें नहीं हैं? (ग) यदि हाँ, तो क्या इसी कारण भेड़ाघाट को पर्यटन स्थल का दर्जा नहीं मिला हैं? (घ) क्या भेड़ाघाट की उपेक्षा दूर की जावेगी?
राज्यमंत्री, संस्कृति ( श्री सुरेन्द्र पटवा ) : (क) जी हाँ। (ख) अंतर्राष्ट्रीय स्तर की सुविधाओं की स्पष्ट परिभाषा नहीं होने से उत्तर दिया जाना संभव नहीं है। (ग) प्रश्नांश ''ख'' के प्रकाश में प्रश्न उत्पन्न नहीं होता। (घ) प्रश्नांश ''ग'' के उत्तर अनुसार।
कलाकारों को दिये जाने वाले अलंकरण सम्मान
[संस्कृति]
2. ( क्र. 91 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या राज्यमंत्री, संस्कृति महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. सरकार की ओर से कलाकारों को विभिन्न अलंकरण/प्रतिष्ठित सम्मान दिये जाते हैं? (ख) यदि हाँ, तो कौन कौन से अलंकरण/प्रतिष्ठित सम्मान कब कब दिये गये? (ग) क्या ये सम्मान नियमित रूप से कलाकारों को नहीं दिये गये हैं? यदि हाँ, तो क्यों? (घ) क्या लता अलंकरण सम्मान तीन साल से किसी को नहीं दिया गया हैं? यदि दिया गया हैं तो जानकारी देवें।
राज्यमंत्री, संस्कृति ( श्री सुरेन्द्र पटवा ) : (क) जी हाँ. (ख) मध्यप्रदेश शासन द्वारा दिये जाने वाले अलंकरण/प्रतिष्ठित सम्मान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 से 16 अनुसार. (ग) यथासंभव नियमित रूप से दिए जाते हैं. अत: प्रश्न उपस्थित नहीं होता. (घ) जी हाँ.
लोक प्रतिनिधि अधिनियम के तहत कार्यवाही
[सामान्य प्रशासन]
3. ( क्र. 857 ) श्री रामलाल रौतेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला अनूपपुर के नगरपालिका पसान के तत्कालीन अध्यक्ष के विरूद्ध जनवरी 2017 में आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ भोपाल में किसी प्रकार की शिकायत हुई है? यदि हाँ, तो लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत प्रकरण पंजीबद्ध किया गया है? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) प्रश्नांश (क) शिकायत की छायाप्रति उपलब्ध करावें तथा उक्त शिकायत पर विभाग ने अब तक क्या कार्यवाही की है? यदि कार्यवाही नहीं की है तो क्या कारण है? यदि की जावेगी तो कब तक?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) उत्तरांश 'क' के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नवीन 33/11 विद्युत उपकेन्द्र की स्वीकृति
[ऊर्जा]
4. ( क्र. 1035 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या श्योपुर विधानसभा क्षेत्र कृषि बाहुल्य है तथा क्षेत्र के ग्राम आवनी व जवासा सहित इनके आस पास विद्यमान दर्जनभर से अधिक ग्रामों में कृषि सीजन में हमेशा नियमित विद्युत सप्लाई व लो वोल्टेज की समस्या गंभीर रूप से व्याप्त रहती है? (ख) क्या उक्त कारण से क्षेत्रीय कृषकों को कृषि कार्य में कई प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है? इस समस्या के हल हेतु ग्राम आवनी व जवासा के मध्य नवीन 33/11 विद्युत सब स्टेशन स्वीकृत कर उपयुक्त स्थान पर इसे स्थापित किये जाने की आवश्यकता है तथा इस हेतु क्षेत्रीय कृषक कई वर्षों से निरंतर मांग भी कर रहे है? (ग) यदि हाँ, तो कृषकों की मांग व विद्युत समस्या के समाधान हेतु क्या शासन/विद्युत कंपनी उक्त सब स्टेशन के कार्य को कार्य योजना में शामिल करने उपरांत प्रथम प्राथमिकता में ही ग्राम आवनी-जवासा के मध्य यथाशीघ्र नवीन सब स्टेशन के निर्माण कार्य को स्वीकृति प्रदान करेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ, श्योपुर विधानसभा क्षेत्र कृषि बाहुल्य क्षेत्र है किंतु प्रश्नाधीन क्षेत्रांतर्गत ग्राम आवनी, जवासा व इसके आस-पास के ग्रामों में विद्यमान विद्युत भार के अनुरूप विद्युत अधोसरंचना उपलब्ध होने से इस क्षेत्र में कृषि कार्य हेतु निर्धारित अवधि के लिये पर्याप्त वोल्टेज पर विद्युत प्रदाय किया जाता है। (ख) उत्तरांश ''क'' में दर्शाए अनुसार वर्तमान में उपलब्ध विद्युत अधोसंरचना से प्रश्नाधीन क्षेत्र में पर्याप्त वॉल्टेज के साथ सुचारू रूप से विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। अत: ग्राम आवनी व जवासा के मध्य नवीन 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र के निर्माण की वर्तमान में आवश्यकता नहीं है। प्रश्नाधीन उपकेन्द्र की स्थापना हेतु विगत वर्षों से मांग की जा रही है किंतु उपकेन्द्र की स्थापना का कार्य तकनीकी साध्यता एवं वित्तीय उपलब्धता के अनुरूप किया जाता है। (ग) उत्तरांश ''ख'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता।
33/11 विद्युत सब स्टेशन की स्वीकृति
[ऊर्जा]
5. ( क्र. 1036 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या श्योपुर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत बड़ौदा स्थित 33/11 विद्युत सब स्टेशन पर बड़ौदा नगर व क्षेत्र सहित कई दर्जन ग्रामों की कृषि व गैर कृषि विद्युत का भार है इस कारण वह अधिभारित रहता है? (ख) क्या उक्त कारण से बड़ौदा सब स्टेशन से संबद्ध ग्राम अलापुरा व उसके आसपास के दर्जनभर से भी अधिक ग्रामों में प्रतिवर्ष कृषि सीजन में सुचारू विद्युत सप्लाई व लो वोल्टेज की गंभीर समस्या हर समय व्याप्त रहती है नतीजन कृषकों को कठिनाइयां आती है? (ग) उक्त समस्या के हल हेतु क्या ग्राम अलापुरा में नवीन 33/11 विद्युत सब स्टेशन का निर्माण कार्य स्वीकृत कर स्थापित किये जाने की आवश्यकता है? क्या ये कार्य वर्ष 2016-17 के एस.एस.टी.डी. प्लान में भी शामिल है? (घ) यदि हाँ, तो कृषकों के हित में क्या शासन/विद्युत कंपनी अलापुरा में चालू वित्त वर्ष में ही प्रथम प्राथमिकता के साथ उक्त सब स्टेशन को स्वीकृति प्रदान करेगा? यदि नहीं, तो क्यों? (ड.) ग्राम रामवाड़ी में 33/11 सब स्टेशन का पूर्व से स्वीकृत कार्य हेतु निविदा सहित अन्य क्या-क्या कार्यवाही पूर्ण कर ली है, क्या-क्या नहीं? कब तक इन्हें पूर्ण करके निर्माण कार्य प्रारंभ कराया जावेगा, बतावें?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) श्योपुर विधानसभा क्षेत्रांतर्गत बड़ौदा 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र के कृषि सीजन में कतिपय अवसरों पर अतिभारित होने के कारण लो वोल्टेज की समस्या परिलक्षित होती है। (ख) जी नहीं, बड़ौदा 33/11 के.व्ही.उपकेन्द्र से संबद्ध ग्राम अलापुरा व उसके आस-पास के क्षेत्र में विद्युत प्रदाय कर रहे फीडरों से सामान्यत: सुचारू रूप से विद्युत प्रदाय किया जाता है तथापि इन फीडरों के अंतिम छोर वाले ग्रामों में कृषि सीजन से कतिपय अवसरों पर अधिभार के कारण लो वोल्टेज की समस्या आती है। (ग) एवं (घ) ग्राम अलापुरा में नवीन 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र की स्थापना का कार्य वित्तीय वर्ष 2017-18 में प्रणाली सुदृढ़ीकरण योजना में वित्तीय उपलब्धता अनुसार किया जाना प्रस्तावित है। (ड.) ग्राम रामबाड़ी में नवीन 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र की स्थापना का कार्य दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजनांतर्गत स्वीकृत है। वर्तमान में उक्त योजना का कार्य टर्न-की आधार पर कराए जाने हेतु निविदा कार्यवाही पूर्ण कर दिनांक 18.01.2017 को चयनित ठेकेदार एजेंसी को अवार्ड जारी कर दिया गया है। उक्त योजनांतर्गत अनुबंध की शर्तों के अनुसार कार्य पूर्ण करने की समय-सीमा अवार्ड दिनांक से 24 माह है एवं तद्नुसार ठेकेदार एजेंसी द्वारा कार्य प्रांरभ/पूर्ण कराया जायेगा।
बस स्टैण्ड के पास संचालित शराब दुकानों का स्थानांतरण
[वाणिज्यिक कर]
6. ( क्र. 1368 ) श्री हरवंश राठौर : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बण्डा विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत कौन-कौन सी देशी एवं अंग्रेजी मदिरा दुकानें ग्रामीण क्षेत्र के बस स्टैण्डों के समीप संचालित हैं। संचालित स्थल के पूर्ण पता सहित सूची एवं बस स्टैण्ड से दूरी की जानकारी उपलब्ध कराई जाए? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित बस स्टैण्डों के पास संचालित शराब दुकानों के कारण बस में यात्रा करने वाले यात्रियों की असुविधा होने के कारण इन्हें अन्यत्र स्थानांतरित करने की नीति पर क्या शासन विचार कर रहा है?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) बण्डा विधानसभा क्षेत्रांतर्गत ग्रामीण क्षेत्र में बस स्टैण्ड के समीप संचालित देशी/विदेशी मदिरा दुकानों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) मध्यप्रदेश राजपत्र असाधारण क्रमांक 55 दिनांक 06.02.2015 के अन्तर्गत उक्त मदिरा दुकान नियमानुसार संचालित होने से इन दुकानों को अन्यत्र स्थानांतरित करने की कोई नीति वर्तमान में विचाराधीन नहीं है।
विद्युतीकरण कार्य
[ऊर्जा]
7. ( क्र. 1598 ) डॉ. योगेन्द्र निर्मल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बालाघाट जिले की वारासिवनी-खैरलांजी विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत राजीव गांधी विद्युतीकरण योजना (आर.जी.जी.व्ही.वाय.) १२वां चरण अंतर्गत कितने ग्रामों में कार्य प्रस्तावित हैं तथा कितने ग्रामों में कार्य पूर्ण हो चुका है? ग्रामवार जानकारी उपलब्ध करावे? (ख) प्रश्नांकित (क) के अनुसार उक्त योजनांतर्गत किये गये पूर्ण, अपूर्ण एवं प्रस्तावित ग्रामवार एवं मजरे-टोलेवार कार्यों की प्रशासकीय स्वीकृति उपलब्ध करावें? (ग) प्रश्नांकित (क) अनुसार उक्त योजनांतर्गत किये जाने वाले कार्यों का सर्वे कार्य कब किया गया है? किये गये सर्वे की जानकारी उपलब्ध करावे? (घ) प्रश्नांकित (क) के अनुसार उक्त योजना का कार्य किस एजेंसी के द्वारा किया जा रहा है तथा अनुबंध अनुसार संबंधित एजेन्सी को कार्य कब पूर्ण किया जाना था? अगर वारासिवनी-खैरलांजी विधानसभा क्षेत्र में कार्य प्रारंभ नहीं किया गया या अपूर्ण हैं, तो उसका कारण बतावें?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) 12वीं पंचवर्षीय योजना में बालाघाट जिले हेतु स्वीकृत राजीव गाँधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना में वारासिवनी विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत 73 विद्युतीकृत ग्रामों के 100 एवं 100 से अधिक आबादी वाले मजरों/टोलों के विद्युतीकरण/बी.पी.एल. कनेक्शन प्रदान करने के कार्य सम्मिलित थे। उक्त ग्रामों में सम्मिलित सभी कार्य पूर्ण कर लिये गये हैं। उक्तानुसार प्रस्तावित/कार्य पूर्ण किये गये ग्रामों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) 12वीं पंचवर्षीय योजना में राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के अंतर्गत स्वीकृत योजनाओं की प्रशासकीय स्वीकृति योजनावार प्रदान की गई थी, ग्राम/मजरे/टोलेवार नहीं। बालाघाट जिले सहित 12वीं पंचवर्षीय योजना में स्वीकृत राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के प्रदेश में क्रियान्वयन हेतु प्रदान की गई प्रशासकीय स्वीकृति की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ग) प्रश्नाधीन योजना के अंतर्गत सम्मिलित बालाघाट जिले के वारासिवनी विधानसभा क्षेत्र के सभी 73 ग्रामों का सर्वे कार्य वर्ष 2015-16 में किया गया है। सर्वे की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है। (घ) प्रश्नाधीन योजनान्तर्गत विद्युतीकरण का कार्य टर्न-की आधार पर करने हेतु मेसर्स बजाज इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड मुंबई, को अवार्ड जारी किया गया है। उक्त ठेकेदार एजेंसी द्वारा कार्य पूर्ण करने की निर्धारित अवधि फरवरी-2017 है। वारासिवनी विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत उक्त योजना में सम्मिलित 73 ग्रामों में सभी प्रस्तावित कार्य निर्धारित समयावधि में पूर्ण कर लिये गये हैं। अत: प्रश्न नहीं उठता।
आंगनवाड़ी केन्द्रों पर पोषण आहार की सप्लाई
[महिला एवं बाल विकास]
8. ( क्र. 1700 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) हरदा जिले में आंगनवाड़ियों के माध्यम से बच्चों एवं गर्भवती महिलाओं को प्रदाय किये जाने वाला पोषण आहार की सप्लाई किन-किन एजेंसी/फर्म द्वारा की जा रही है। (ख) क्या शासकीय एजेन्सी द्वारा भी पोषण आहार की सप्लाई हरदा जिले में की जा रही है। यदि हाँ, तो किस-किस शासकीय एजेन्सी से वर्ष 2013-14,14-15, 15-16 एवं वर्ष 2016-17 में प्रश्न दिनांक तक की स्थिति में कितना पोषण आहार कितनी राशि का सप्लाई किया गया। (ग) हरदा जिले में वर्तमान में कितने कुपोषित बच्चे चिन्हित किये गये हैं व उनके स्वास्थ्य सुधार के लिये शासन स्तर से क्या कार्यवाही की जा रही है। (घ) प्रश्नांश (ख) अनुसार वर्षों में कुपोषित बच्चों की संख्या में कितने प्रतिशत की कमी व वृद्धि हुई है। वर्षवार बतायें।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) हरदा जिले की आंगनवाड़ी केन्द्रों में विभाग के निर्देशानुसार वर्तमान में 06 माह से 03 वर्ष तक के बच्चों एवं गर्भवती धात्री माताओं को टेकहोम राशन के रूप में पूरक पोषण आहार की व्यवस्था एम.पी.एग्रो के माध्यम से तथा 03 वर्ष से 06 वर्ष तक के बच्चों को पूरक पोषण आहार की व्यवस्था ग्रामीण क्षेत्रों में सांझा चूल्हा कार्यक्रम के तहत् मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम अंतर्गत कार्यरत स्व-सहायता समूहों के माध्यम से तथा शहरी क्षेत्रों में स्व-सहायता समूह एवं महिला मण्डल के माध्यम से संचालित की जाती हैं। (ख) जी हाँ। हरदा जिले में एम.पी.स्टेट एग्रो इण्डस्ट्रीज डेवलपमेंट कार्पोरेशन लिमिटेड भोपाल द्वारा 06 माह से 03 वर्ष के बच्चों, गर्भवती,धात्री माताओं के लिये टेकहोम राशन के रूप में पूरक पोषण आहार का प्रदाय किया जा रहा हैं। वर्ष 2013-14,2014-15,2015-16 एवं वर्ष 2016-17 में प्रश्न दिनांक तक प्रदाय किये गये पूरक पोषण आहार (टेकहोम राशन) की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''01'' पर है। (ग) हरदा जिले में वर्तमान में कुल 850 अतिकम वजन के कुपोषित बच्चे चिन्हित किये गये है। राज्यशासन द्वारा कुपोषित बच्चों के सुधार हेतु निम्नानुसार कार्यवाही की जा रही हैः- (1) अतिकम वजन के बच्चों को आंगनवाड़ी केन्द्र पर नाश्ता/भोजन एवं थर्डमील प्रदाय किया जाता है। (2) राज्य शासन द्वारा 03 से 06 वर्ष तक के बच्चों को सप्ताह में तीन दिवस दूध का प्रदाय किया जाता हैं। (3) स्नेह शिविर के माध्यम से डे-केयर शिविरों का आयोजन कर बच्चों के भोजन एवं स्वास्थ्य की देखभाल की जाती हैं। (4) स्नेह सरोकार योजना के अंतर्गत समुदाय के प्रबुद्ध लोगों द्वारा अतिकम वजन के बच्चों के स्वास्थ्य सुधार की जिम्मेदारी ली गई है। अतिकम वजन के बच्चों के स्वास्थ्य में सुधार किया जा रहा है। (5) पंचवटी से पोषण आहार द्वारा कुपोषित बच्चों के परिवार को मुनगा के बीज वितरित किया जा रहा है। (6) गंभीर कुपोषित बच्चों को एन.आर.सी.में भर्ती कराया जाकर स्थिति में सुधार किया जाता हैं। (घ) वर्ष 2013-14 से 2016-17 तक कुपोषित बच्चों की संख्यात्मक जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''02'' पर है।
नारी निकेतन का संचालन
[महिला एवं बाल विकास]
9. ( क्र. 1798 ) श्री अनिल फिरोजिया : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मध्यप्रदेश में कितने नारी निकेतन कहाँ-कहाँ पर संचालित है? (ख) क्या उज्जैन संभाग मुख्यालय पर नारी निकेतन का संचालन विभाग द्वारा किया जा रहा है? यदि नहीं, तो क्यों? क्या विभाग में योग्य कर्मचारियों का अभाव है? (ग) क्या उज्जैन संभाग मुख्यालय पर नारी निकेतन बंद कर स्वाधार गृह का संचालन किया जा रहा है? यदि हाँ, तो किसके द्वारा? एन.जी.ओ. द्वारा संचालन का क्या कारण है?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) वर्तमान में प्रदेश में एक भी नारी निकेतन संचालित नहीं है। (ख) जी नहीं। नारी निकेतन के स्थान पर शासकीय (उषा किरण केंद्र) वन स्टॉप स्थापित किया गया है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। शेष का प्रशन उपस्थित नहीं होता है।
जनप्रतिनिधियों को आमंत्रित न किया जाना
[सामान्य प्रशासन]
10. ( क्र. 1805 ) श्री रजनीश सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या किसी नवीन निर्माण के शिलान्यास/भूमिपूजन/लोकार्पण के कार्यों में जन प्रतिनिधियों को आमंत्रित किया जाता है? यदि हाँ, तो प्रोटोकाल के तहत इसमें कौन-कौन से जनप्रतिनिधियों को आमंत्रित किया जाता है? (ख) क्या अधिकारियों की मनमानी के कारण शासन के निर्देशों के बावजूद भी नवीन निर्माण कार्यों में जनप्रतिनिधियों को आमंत्रित नहीं किया जाता है? यदि हाँ, तो इसके लिये कौन दोषी है? (ग) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा दिनांक 29 अगस्त 2016 को ग्राम आमानाला, जनपद पंचायत धनौरा, जिला सिवनी में माध्यमिक शाला के उन्नयन में क्षेत्रीय विधायक को आमंत्रित नहीं किये जाने के संबंध में माननीय मुख्यमंत्री महोदय, मान. शिक्षा मंत्री महोदय, मान. कलेक्टर जिला सिवनी को पत्र प्रेषित किया गया था? यदि हाँ, तो इस संबंध में क्या-क्या कार्यवाही संबंधितों के द्वारा दोषियों के विरूद्ध की गई? यदि नहीं, तो क्यों बताये?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (ग) की जानकारी एकत्रित की जा रही है।
ओव्हर लोड ट्रांसफार्मर
[ऊर्जा]
11. ( क्र. 1806 ) श्री रजनीश सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र केवलारी में प्रश्न दिनांक तक 25 के.वी. 63 के.वी.ए. 100 के.वी.ए. के कितने ट्रांसफार्मर ओव्हरलोड हैं? इन ट्रांसफार्मरों की जानकारी ग्रामवार, क्षमतावार उपलब्ध करावें। (ख) क्या ओवरलोड ट्रांसफार्मरों से बार-बार ट्रांसफार्मर जलने एवं वोल्टेज की समस्या बनी रहती है यदि हाँ, तो अभी तक ओवरलोड के कारण कितने ट्रांसफार्मर जलकर खराब हुये है? ओवरलोड ट्रांसफार्मर शासन कब तक अंडरलोड कर देगा? (ग) विधानसभा क्षेत्र केवलारी अंतर्गत मुख्यमंत्री स्थाई सिंचाई, कनेक्शन, कृषक अनुदान योजना से प्रश्न दिनांक तक कितने कृषकों को लाभ दिया गया है? (घ) नये ट्रांसफार्मर स्थापित किये जाने हेतु क्या प्रावधान हैं?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) केवलारी विधानसभा क्षेत्रांतर्गत वर्तमान में कोई ट्रांसफार्मर अतिभारित नहीं है अत: प्रश्न नहीं उठता। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता। (ग) केवलारी विधानसभा क्षेत्रांतर्गत मुख्यमंत्री स्थायी कृषि पंप कनेक्शन योजना में 20 कृषक लाभान्वित हुए हैं एवं कृषक अनुदान योजना जिसे वर्तमान में लागू मुख्यमंत्री स्थायी कृषि पंप योजना में समाहित कर लिया गया है, के अंतर्गत 556 कृषक लाभान्वित हुए है। (घ) स्थापित ट्रांसफार्मरों पर नियमित रूप से टांगटेस्टर से भार मापन किया जाता है। ट्रांसफार्मर पर उक्तानुसार संबद्ध भार एवं भविष्य में आने वाले संभावित भार का आंकलन कर तथा ट्रांसफार्मर की स्थापना उपरांत दिये गये कनेक्शनों के कारण ट्रांसफार्मर भार केन्द्र पर स्थापित नहीं होने से उससे संबद्ध उपभोक्ताओं को निर्धारित मानकों के अनुरूप वोल्टेज प्राप्त नहीं होने की संभावना के दृष्टिगत ऐसे ट्रांसफार्मरों को प्रतिवर्ष चिन्हित कर, कार्य योजना अनुसार अतिरिक्त ट्रांसफार्मर स्थापित करने या ट्रांसफार्मर की क्षमता वृद्धि की कार्यवाही की जाती है, जो कि एक सतत् प्रक्रिया है। इसके अतिरिक्त मुख्यमंत्री स्थायी कृषि पंप कनेक्शन योजना अंतर्गत कृषकों द्वारा स्थायी पंप कनेक्शन हेतु आवेदन देने पर आवश्यकतानुसार ट्रांसफार्मर स्थापित कर कनेक्शन दिये जा रहे हैं। साथ ही स्वयं का ट्रांसफार्मर योजनांतर्गत भी कृषक अपना ट्रांसफार्मर स्वयं स्थापित करवा सकते है।
आंगनवाड़ी केन्द्रों का सुचारु संचालन
[महिला एवं बाल विकास]
12. ( क्र. 2382 ) श्री दिव्यराज सिंह : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विधानसभा क्षेत्र सिरमौर अन्तर्गत कुल कितने आंगनवाड़ी केन्द्रों का संचालन विभाग द्वारा कराया जा रहा है? कितने ऐसे आंगनवाड़ी केन्द्र हैं जिनमें स्वयं का भवन उपलब्ध होने के बाद भी अन्यत्र संचालन कराया जा रहा है? (ख) क्षेत्र भ्रमण के दौरान यह शिकायतें प्राप्त हो रही हैं कि आंगनवाड़ी केन्द्रों का संचालन नियमित रुप से नहीं किया जा रहा है तथा आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका आंगनवाड़ी केन्द्रों में उपस्थित नहीं रहतीं। ऐसी स्थिति में क्या सिरमौर एवं जवा के आंगनवाड़ी केन्द्रों की जाँच कराकर दोषी कर्मचारियों के विरुद्ध दण्डात्मक कार्यवाही की जावेगी?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) विधानसभा क्षेत्र सिरमौर अन्तर्गत एकीकृत बाल विकास परियोजना सिरमौर क्र. 1 अन्तर्गत 89 एवं जवा अन्तर्गत 246 आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित है। विधानसभा क्षेत्र सिरमौर अन्तर्गत ऐसे कोई आंगनवाड़ी केन्द्र नहीं है जहाँ शासकीय भवन उपलब्ध होने के उपरान्त भी आंगनवाड़ी केन्द्र का संचालन अन्यत्र कराया जा रहा है। (ख) परियोजना अधिकारी, क्षेत्रीय पर्यवेक्षक एवं अन्य अधिकारियों द्वारा नियमित रूप से आंगनवाड़ी केन्द्रों का भ्रमण एवं पर्यवेक्षण किया जाता है। आंगनवाड़ी केन्द्र बंद रहने या आंगनवाड़ी कार्यकर्ता/सहायिका के केन्द्र पर अनुपस्थित रहने की शिकायतें प्राप्त होने पर नियमानुसार अनुशासनात्मक कार्यवाही किये जाने का प्रावधान है।
विकासखण्ड जवा अंतर्गत ग्राम पंचायत चौखण्डी के 200 के.वी. ट्रांसफार्मर को बदलने के संबंध में
[ऊर्जा]
13. ( क्र. 2383 ) श्री दिव्यराज सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विकासखण्ड जवा अंतर्गत ग्राम पंचायत चौखण्डी का 200 के.वी. का ट्रांसफार्मर पिछले 1 वर्ष से जला हुआ है? क्या कारण है कि इतना अधिक समय व्यतीत हो जाने के उपरांत भी उक्त ट्रांसफार्मर को बदला नहीं जा सका? (ख) प्रश्नांश (क) उल्लेखित ट्रांसफार्मर कब तक बदल दिया जावेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी नहीं, अपितु दिनांक 20.12.16 को प्रश्नाधीन उल्लेखित ट्रांसफार्मर की आंतरिक एल.टी.बाइंडिग एवं एल.टी. बुश खराब होने से एक फेस की सप्लाई बाधित हुई थी। आवश्यक सुधार कार्य करवाकर दिनांक 21.12.16 को उक्त ट्रांसफार्मर से तीन फेस सप्लाई चालू कर दी गई थी। दिनांक 13.02.17 को पुन: एक फेस सप्लाई बन्द होने से उक्त ट्रांसफार्मर को फेल घोषित किया गया हैं। (ख) प्रश्नांश 'क' में उल्लेखित 200 के.व्ही.ए. क्षमता के ट्रांसफार्मर से सम्बद्ध 91 उपभोक्ताओं में से 42 उपभोक्ताओं पर रू. 6.77 लाख की विद्युत देयकों की राशि बकाया है, नियमानुसार जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मर से जुडे 75 प्रतिशत उपभोक्ताओं द्वारा बकाया राशि का भुगतान करने अथवा कुल बकाया राशि की 40 प्रतिशत् राशि जमा होने के उपरांत उक्त फेल ट्रांसफार्मर को बदलने की कार्यवाही की जा सकेगी। उक्त परिप्रेक्ष्य में वर्तमान में प्रश्नाधीन ट्रांसफार्मर को बदले जाने की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
निर्माण/सुधार कार्य
[ऊर्जा]
14. ( क्र. 2441 ) श्री सुदर्शन गुप्ता (आर्य) : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र.प.क्षे.वि.वि.कं.लि. इन्दौर के अन्तर्गत इन्दौर शहर में आर.ए.पी.डी.आर.पी. योजना लागू थी? इस योजना के अन्तर्गत इन्दौर शहर में क्या-क्या कार्य सम्पादित कराये गये कार्य की लागत सहित पूर्ण किये गये कार्यों की जानकारी देवें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार योजना के शुरू होने से पहले फीडरवार शहर में कितने प्रतिशत लाईनलॉस थी व इस योजना के तहत कितने समय में कितनी लाईनलॉस कम करने का लक्ष्य था? (ग) माह दिसम्बर-2016 में फीडर वाईज कितना लाईनालॉस है? यदि निर्धारित लक्ष्य से फीडर वाईज लाईनलॉस कम है तो इसके लिये कौन जिम्मेदार है व विभाग द्वारा इस हेतु क्या कार्यवाही की जा रही है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ, म.प्र.पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, इंदौर के अंतर्गत इंदौर शहर में आर.ए.पी.डी.आर.पी. योजना लागू थी। उक्त योजना के तहत् इंदौर शहर में सम्पादित कराये गये कार्यों का लागत सहित विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) इंदौर शहर में आर.ए.पी.डी.आर.पी. योजना लागू होने से पहले वित्तीय वर्ष 2009-10 में औसत लाईन लॉस 22.29 प्रतिशत था। उस समय फीडरवार लाईन लॉस की गणना नहीं होती थी। इस योजना के तहत् 6 वर्षों में लाईन लॉस 15 प्रतिशत तक लाने का लक्ष्य रखा गया था। (ग) इंदौर शहर में माह दिसम्बर-2016 में औसत लाईन लॉस 19.87 प्रतिशत है। इंदौर शहर के 05 शहर संभागो में लाईन लॉस की शहर संभागवार, फीडरवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब-1', 'ब-2', 'ब-3', 'ब-4' एवं 'ब-5' अनुसार है। किसी भी क्षेत्र के लाईन लॉस में तकनीकी एवं वाणिज्यिक लॉसेस शामिल होते हैं। इन्दौर शहर में आर.ए.पी.डी.आर.पी. योजना का मुख्य उद्देश्य विद्युत की बढ़ती मांग के अनुरूप अधोसंरचना का विकास, बेहतर वोल्टेज व गुणवत्तापूर्वक विद्युत प्रदाय के लिए प्रणाली सुदृढ़ीकरण के कार्यों का निष्पादन तथा फलस्वरूप तकनीकी हानियों में कमी लाना था। इसके अतिरिक्त मीटर आदि की स्थापना से कुछ मात्रा में वाणिज्यिक हानियों में कमी लाना भी था। उक्त कार्यवाही के उपरांत भी क्षेत्र के कतिपय रहवासियों द्वारा विद्युत के अनाधिकृत उपयोग तथा मीटर से छेड़छाड़ आदि के कारण वाणिज्यिक हानियों में बढ़ोत्तरी होती है जिससे लाईन लॉस प्रभावित होता है। लाईन लॉस में कमी लाना एक सतत् प्रक्रिया है तथापि आर.ए.पी.डी.आर.पी. योजना में निर्धारित लक्ष्य के अनुसार लाईनलॉस में कमी नहीं होने से अनुबंध की शर्तों के अनुसार ठेकेदार एजेन्सी मेसर्स के.ई.सी.इन्टरनेशनल लिमिटेड, गुडगांव द्वारा प्रस्तुत देयको की राशि में से 20 प्रतिशत प्रतिधारण राशि (रिटेन्शन अमाउन्ट) के रूप में कटौती कर कुल रु. 40.43 करोड़ की राशि काटी गई है।
आंगनवाड़ी कार्यकर्ता को प्राप्त सामाजिक सुरक्षा
[महिला एवं बाल विकास]
15. ( क्र. 2576 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) म.प्र. आंगनवाड़ी कार्यकर्ता को क्या-क्या सामाजिक सुरक्षा मिल रही है? (ख) क्या म.प्र. श्रम विभाग द्वारा आंगनवाड़ी कार्यकर्ता को न्यूनतम वेतन निर्धारित किया है? यदि हाँ,. तो शासन ने अब तक वेतन निर्धारण क्यों नहीं किया? (ग) क्या माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर व इंदौर ने भी उक्त संबंध में निर्देश शासन को दिए हैं? यदि हाँ, तो तत्संबंधी ब्यौरा दें व बताये कि माननीय न्यायालय के निर्देशों का पालन शासन क्यों नहीं कर रहा है? कब तक पालन होगा?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) भारत सरकार द्वारा लागू की गई अटल पेंशन योजना एवं आंगनवाड़ी कार्यकर्ता सहायिका बीमा योजना अंतर्गत इन्हें सामाजिक सुरक्षा मिल रही है। (ख) श्रम आयुक्त, मध्यप्रदेश शासन, इंदौर के पत्र क्रमांक बफा/वेतन/आठ/2014/243-44/(2) दिनांक 07/02/2015 द्वारा आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिकाओं के लिये न्यूनतम वेतन दरे निर्धारित करने की मांग के परिप्रेक्ष्य में आंगनवाड़ी संस्था में नियोजन में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता को कुशल श्रेणी व आंगनवाड़ी सहायिका को अर्द्धकुशल श्रेणी का न्यूनतम वेतन दरे प्रस्तावित किये जाने के संबंध में सुझाव चाहे गये थे। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'एक' अनुसार है। भारत सरकार, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय नई दिल्ली के पत्र क्रमांक/No24-178/2015-CD-I/, दिनांक 17/03/2016 द्वारा म.प्र. मानसेवी आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका संघ म.प्र. भोपाल द्वारा प्रेषित मांगों के संबंध में लेख किया गया है कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय के प्रकरण ''अमीरी बी व अन्य के'' संदर्भ में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका को मानसेवी होने से शासकीय सेवक नहीं माना गया है। साथ ही इनको न्यूनतम वेतन का लाभ एवं आंगनवाड़ी कार्यकर्ता/सहायिका को शासकीय सेवक संबंधी मांग पर कार्यवाही की जाना संभव नहीं है। अत: शेष कार्यवाही का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'दो' अनुसार है। (ग) निर्देश अप्राप्त है। अत: शेष कार्यवाही का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
आंगनवाड़ी केन्द्र पर सामग्री प्रदाय
[महिला एवं बाल विकास]
16. ( क्र. 3150 ) कुमारी निर्मला भूरिया : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) झाबुआ जिले में महिला बाल विकास विभाग अंतर्गत संचालित आंगनवाड़ी केन्द्रों में विगत वर्ष 2014-15, 2015-16 एवं 2016-17 में कौन-कौन सी और कितनी-कितनी सामग्री प्रदाय की गई? (ख) उक्त अवधि में आंगनवाड़ी केन्द्रों में प्रदाय सामग्री पर कितनी राशि व्यय की गई है तथा प्रदाय सामग्री का भौतिक सत्यापन किस अधिकारी द्वारा किया गया है? (ग) सामग्री किस फर्म से ली गई है इस हेतु क्या कोई विज्ञापन अथवा टेण्डर जारी किया गया है यदि हाँ, तो उसका विवरण और यदि नहीं, तो किसके आदेश पर सामग्री आंगनवाड़ी केन्द्रों में प्रदाय की गई है? (घ) क्या विभाग को आंगनवाड़ी केन्द्र में सामग्री प्रदाय के संबंध में कोई शिकायत प्राप्त हुई है यदि हाँ, तो उस पर क्या कार्यवाही की गई?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) झाबुआ जिले में महिला एवं बाल विकास विभाग अंतर्गत संचालित आंगनवाड़ी केन्द्रों में विगत वर्ष 2014-15, 2015-16 एवं 2016-17 में प्रदाय सामग्री की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) उक्त अवधि में आंगनवाड़ी केन्द्रों में प्रदाय सामग्री पर व्यय की गई राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) सामग्री जिस फर्म से ली गई हैं उसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। म.प्र.भण्डार क्रय नियमानुसार म.प्र.लघु उद्योग निगम एवं अन्य शासकीय एजेंसियों के माध्यम से जिले व संचालनालय स्तर से सामग्री क्रय की गई। विभाग द्वारा सामग्रियों हेतु विज्ञापन अथवा टेण्डर नहीं निकाला गया अपितु पूर्ण कार्यवाही म.प्र.भण्डार क्रय के नियमों के अनुरुप म.प्र.लघु उद्योग निगम के माध्यम एवं अन्य शासकीय एजेंसियों के माध्यम से की गई। अतः शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं। अतः शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
नियम विरूद्ध तरीके से व्यय की गई राशि के दोषियों पर कार्यवाही
[सामान्य प्रशासन]
17. ( क्र. 3344 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा एवं सतना जिले में वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक में माननीय मुख्यमंत्री के कार्यक्रमों का आयोजन किस-किस माह, दिनांक एवं स्थान पर किया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) के आयोजन किस-किस नाम से आयोजित किये गये? इनके आयोजनों में आयोजनवार कितनी-कितनी राशि खर्च की गई,? इनमें उपयोग हुए टेन्ट (सामियाना), फर्नीचर, कुर्सियों, टेबिलों, भोजन एवं वाहनों हेतु- कितनी राशि खर्च की तथा भुगतान की क्या स्थिति हैं? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के भूमि पूजन बाबत उपयोग किये गये टेन्ट (शामियाना), फर्नीचर एवं अन्य सामग्री कहाँ से ली गई थी? कितने दिनों तक शामियाना एवं अन्य सामग्री अस्पताल परिसर में लगी व रखी रही? इसके लिए निविदा कब बुलायी गई एवं कार्यादेश किस एजेन्सी को कितनी लागत पर दिया गया? इसी तरह ए.एस.एफ. ग्राउण्ड रीवा में दिनांक 22.01.2017 किस नाम से आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री जी आये थे? इस कार्यक्रम में उपायोग किये गए, टेन्ट (शामियाना), कुर्सी, फर्नीचर, वाहन एवं भोजन के पैकेट हेतु किन-किन को कार्यादेश दिया गया? कार्यादेश के पूर्व निविदाएं कब-कब बुलाई गई? (घ) प्रश्नांश (ख) (ग) अनुसार अगर राशि नियम विरूद्ध तरीके से खर्च की गई तो उनके लिए कौन-कौन दोषी हैं? अन्य मदों की खर्च की गई राशि की पूर्ति किस तरह की जावेगी? क्या उक्त राशि खर्च करने से अन्य कार्य प्रभावित नहीं होंगे? इस तरह राशि के अपव्यय के लिए दोषियों पर क्या कार्यवाही करेंगे? करेंगे तो कब तक, अगर नहीं तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (घ) की जानकारी एकत्रित की जा रही है।
मुख्यमंत्री स्थायी पम्प कनेक्शन योजना
[ऊर्जा]
18. ( क्र. 3391 ) श्री गिरीश गौतम : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुख्यमंत्री स्थायी पम्प कनेक्शन योजना की शुरूआत किस माह से की गयी? रीवा जिले में इस योजना के तहत कनेक्शन हेतु 31/12/2016 तक कितने आवेदन प्रस्तुत किये गये? किसानों से प्रति किसान-कितनी राशि जमा करायी गयी? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित योजना अंतर्गत कितने किसानों को उनके पंप तक विद्युत खम्भे स्थापित कर कनेक्शन दिया गया है? शेष किसानों को कब तक कनेक्शन प्रदान कर दिया जायेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) मुख्यमंत्री स्थायी कृषि पम्प कनेक्शन योजना दिनांक 06.09.2016 से प्रारंभ की गई है। रीवा जिले में इस योजनान्तर्गत दिनांक 31.12.2016 तक 150 कृषकों के आवेदन पत्र प्राप्त हुये हैं। उक्त योजनान्तर्गत कृषकों से जमा कराई गई राशि का कृषकवार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) में उल्लेखित 150 कृषकों में से 32 कृषकों के स्थायी पम्प कनेक्शन हेतु लाईन विस्तार के कार्य पूर्ण कर कनेक्शन दिये जा चुके हैं। शेष कृषकों के लाईन विस्तार के कार्य वरीयता क्रमानुसार करते हुए योजना के प्रावधानों के अनुसार निर्धारित अवधि के अन्दर कार्य पूर्ण किया जाना अनुमानित है।
माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा की गई घोषणाओं पर क्रियान्वयन न किया जाना
[सामान्य प्रशासन]
19. ( क्र. 3446 ) श्री रामनिवास रावत : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) माह जनवरी 2014 से प्रश्न दिनांक तक माननीय मुख्यमंत्री जी ने जिला मुरेना, श्योपुर एवं भिंड जिलों में कहाँ-कहाँ किस-किस दिनांक को प्रवास पर रहे? (ख) उक्त प्रवास के दौरान माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा कौन-कौन सी घोषणाएं की थी? उन घोषणाओं में कौन-कौन सी घोषणाएं पूर्ण हो चुकी हैं तथा कौन-कौन सी घोषणाएं अभी तक किन कारणों से पूरी नहीं की जा सकी हैं? घोषणावार, विभागवार सूची दें। (ग) क्या माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा प्रदेश के जिलों में प्रवास के दौरान जनहित से जुड़ी की गई घोषणाएं जिला कलेक्टरों द्वारा सभी घोषणाएं मुख्यमंत्री कार्यालय को नहीं भेजी जाती है अथवा उन्हें मनमाने तरीके से बदलकर भेजा जाता है? (घ) यदि हाँ, तो क्या ऐसे मामले माननीय मुख्यमंत्री जी के संज्ञान में आये हैं और दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? (ड.) क्या दिनांक 30 जुलाई 2008 को श्योपुर जिले के विजयपुर तहसील मुख्यालय के प्रवास के दौरान माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा कराहल ग्राम पंचायत को नगर पंचायत का दर्जा दिये जाने की घोषणा की थी एवं इस आशय का प्रेस नोट जनसंपर्क विभाग, श्योपुर द्वारा जारी किया गया था? यदि हाँ, तो इस घोषणा पर प्रश्न दिनांक तक अमल क्यों नहीं किया जा सकता है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार। (ग) माननीय मुख्यमंत्री जी समस्त घोषणाओं संबंधित कलेक्टर द्वारा मुख्यमंत्री कार्यालय को भेजी जाती है। घोषणाओं में किसी प्रकार का फेरबदल नहीं किया जाता है शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ड.) माननीय मुख्यमंत्रीजी द्वारा कराहल ग्राम पंचायत को नगर पंचायत का दर्जा दिये जाने की घोषणा नहीं की गई। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मा. मुख्यमंत्री की घोषणाओं का क्रियान्वयन
[सामान्य प्रशासन]
20. ( क्र. 3489 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले के विभिन्न कार्यक्रमों में चतुर्दश विधान सभा के गठन से अब तक कितनी घोषणाएं की है, घोषणाओं की संख्या, उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) संबंध में प्रश्न दिनांक तक कितनी घोषणाएं पूरी की गई? क्या मुख्यमंत्री ने अनुसूचित जाति के छात्रों को विदेश में पढ़ाई करने के लिये 15 लाख की सहायता की घोषणा रीवा में की थी? यदि हाँ, तो घोषणा के क्रम में कितने छात्रों को सहायता राशि प्रदान की गयी नाम, पता, वार्षिक आय, योग्यता सहित विवरण देवें? क्या इस संबंध में आवेदन मंगाये गये थे? यदि हाँ, तो कितने आवेदन प्राप्त हुये चयन का मापदण्ड क्या था बतावें? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संबंध में क्या 3 मार्च को एन.एन.ए.सी. ग्राउन्ड में रविदास जयंती पर जिले के पाँच रविदास मन्दिरों को जीर्णोद्धार कराने की घोषणा की थी? यदि हाँ, तो घोषणा के क्रियान्वयन की वर्तमान में क्या स्थित है जानकारी देवें?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) कुल 45 घोषणायें की गई जानकारी पुरस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार। जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार। जी हाँ। चयन के मापदण्ड की जानकारी परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार। (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- द अनुसार। मंदिरों के जीर्णोद्धार की कार्यवाही प्रकियाधीन है।
आबकारी विभाग अंतर्गत स्वीकृत/संचालित दुकानें
[वाणिज्यिक कर]
21. ( क्र. 3674 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार जिले की धरमपुरी विधानसभा क्षेत्र में आबकारी विभाग की कितनी दुकानें संचालित हैं या ठेके पर दी गई है? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित आबकारी विभाग द्वारा संचालित अथवा ठेके पर दी गई दुकानों में से विगत 05 वर्षों में कितनी दुकानें नई स्वीकृत हुई हैं?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) आबकारी विभाग, जिला धार में धरमपुरी विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत 10 देशी मदिरा दुकानें एवं 05 विदेशी मदिरा दुकानें इस प्रकार कुल 15 मदिरा दुकानें संचालित है। शासन नीति अनुसार उपरोक्त मदिरा दुकानों को टेण्डर के माध्यम से निष्पादित कर आवंटित किया जाता है। (ख) आबकारी विभाग जिला धार के अन्तर्गत विगत 05 वर्षों में मदिरा की कोई भी नई दुकान स्वीकृत नहीं हुई है।
प्रदेश में कुपोषण से बच्चों की मृत्यु
[महिला एवं बाल विकास]
22. ( क्र. 3694 ) श्री रामनिवास रावत : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जनवरी 2017 की स्थिति में प्रदेश में 0-6 एवं 6-12 वर्ष उम्र के कितने बच्चे सामान्य वजन, कितने कम वजन (कुपोषित) एवं कितने अति कमवजन (अतिकुपोषित) के है? (ख) 1 जनवरी 2016 से 31 जनवरी 2017 तक 0-6 वर्ष एवं 6-12 वर्ष के कितने बच्चों की मृत्यु किन कारणों (मीजल्स, डायरिया, मलेरिया, कुपोषण, कुपोषण जनित कारणों एवं अन्य बीमारी नाम सहित) से हुई? साथ ही बतावें कि कुपोषित एवं अतिकुपोषित चिन्हित किये गए बच्चों में से कितने बच्चों की मृत्यु हुई है? जिलेवार बतावें? (ग) क्या श्योपुर जिले में कुपोषण से हुई लगातार मौतों के प्रकरण प्रकाश में आने एवं इस सम्बन्ध में प्रश्नकर्ता द्वारा पत्र लिखने के पश्चात् प्रमुख सचिव स्वास्थ्य, प्रमुख सचिव महिला एवं बाल विकास, म.प्र. शासन तथा केंद्र सरकार के अधिकारियों द्वारा जिले का दौरा किया? यदि हाँ, तो श्योपुर जिले के दौरा उपरांत इन अधिकारियों द्वारा क्या क्या प्रतिवेदन दिए एवं उक्त प्रतिवेदनों अनुसार श्योपुर में कुपोषण दूर करने के लिए क्या प्रयास किये गए?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) एकीकृत बाल विकास सेवा अंतर्गत 5 वर्ष तक के बच्चों का वजन लिया जाकर उनके पोषण स्तर का निर्धारण किया जाता है। विभागीय एम.आई.एस. अनुसार उपलब्ध माह दिसम्बर 2016 की स्थिति में जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। (ख) बच्चों की मृत्यु के कारणो का निर्धारण स्वास्थ्य विभाग द्वारा किया जाता है। वर्णित अवधि में बच्चों की मृत्यु की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार है। (ग) जी हाँ, निरीक्षण के आधार पर पोषण पुनर्वास केन्द्रों में अतिकुपोषित बच्चों को भर्ती का विशेष अभियान चलाया गया। डे-केयर सेन्टर्स प्रारम्भ किए गए। कराहल विकास खण्ड में पोषण सुधारों के लिए समिति का गठन भी किया गया है।
आबकारी विभाग की दुकानों से प्राप्त राजस्व आय
[वाणिज्यिक कर]
23. ( क्र. 3706 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार जिले की धरमपुरी विधानसभा क्षेत्र में आबकारी विभाग अंतर्गत संचालित दुकानों से शासन को प्रति वर्ष कितने-कितने राजस्व की आय हुई है? कितनी निलामी से व कितनी बिक्री पर टैक्स के रूप में प्राप्त हुई वर्षवार, दुकानवार जानकारी देवें?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जिला धार में धरमपुरी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत संचालित मदिरा दुकानों से नीलाम की राशि वर्षवार, दुकानवार, शासन को विगत 03 वर्षों में प्राप्त राजस्व की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। वेट अधिनियम के अंतर्गत मदिरा खुदरा व्यवसायियों द्वारा विक्रय किया गया मदिरा कर मुक्त/कर चुके माल की श्रेणी में आने से कर की देयता खुदरा व्यवसायी पर नहीं आती है।
एकीकृत बाल विकास परियोजना नागौद में आंगनवाड़ी केंद्र सिंहपुर में फर्जी नियुक्ति
[महिला एवं बाल विकास]
24. ( क्र. 3737 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या सतना जिले के कार्यालय परियोजना अधिकारी एकीकृत बाल विकास परियोजना नागौद क्र.01 द्वारा ग्राम पंचायत सिंहपुर में आंगनवाड़ी केंद्र क्र. सिंहपुर 05 में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के पद पर आदेश क्र.133 दिनांक 25/04/2016 द्वारा नम्रता गौतम पिता स्वरूपनारायण गौतम की नियुक्ति की गई है? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो क्या नम्रता गौतम की शादी कटनी जिले के जुहली ग्राम में वर्ष 2010 (18 जून 2010) में हुई थी जिसका विधानसभा की मतदाता सूची के भाग संख्या 04 के सरल क्र. 658 में नम्रता पति अरविन्दकुमार का नाम शामिल है, जबकि भर्ती प्रक्रिया 22/08/2014 से प्रारंभ हुई थी लेकिन विवाहित होने के बाद इन्हें आवेदन पत्र प्रस्तुत करने हेतु कैसे वैध किया गया? विवरण सहित बतावें। (ग) क्या गरीबी रेखा की वर्ष 2006-07 की सूची में भगवानदीन गौतम पिता राममिलन गौतम का नाम दर्ज है जिसका चयन क्र.610/11 है, जबकि नम्रता गौतम स्वरुपनारायण की पुत्री हैं जिनका नाम गरीबी रेखा की सूची में नहीं था इसके बावजूद भी गरीबी रेखा का 10 अंक कैसे दिया गया? क्या उक्त नियुक्ति के संबंध में अंतिम सूची के सरल क्र.02 में चयनित राजकली चौधरी पति सुखराम चौधरी द्वारा फर्जी नियुक्ति की शिकायत एस.डी.एम. नागौद/परियोजना अधिकारी नागौद/जिला कार्यक्रम अधिकारी म.बा.वि.वि. सतना/सी.ई.ओ. जिला पंचायत एवं कलेक्टर सतना के यहाँ की गई थी? (घ) प्रश्नांश (ग) यदि हाँ, तो क्या उक्त शिकायत की जाँच संबंधितों के द्वारा की गई, यदि नहीं, तो क्यों, कब तक की जाएगी तथा फर्जी नियुक्ति को निरस्त करते हुए पात्र उम्मीदवार को नियुक्ति दी जाएगी?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) जी हाँ। (ख) आवेदिका नम्रता गौतम द्वारा प्रस्तुत आवेदन पत्र में स्वंय को अविवाहित बताया गया था तथा आवेदन पत्र के साथ संलग्न दस्तावेज निवास प्रमाण, बी.पी.एल. राशनकार्ड, मतदाता सूची में ग्राम सिंहपुर की निवासी प्रमाणित होती थी जिसके आधार पर खण्ड स्तरीय चयन समिति एवं जिला स्तरीय दावा आपत्ति निराकरण समिति द्वारा नम्रता गौतम के स्थानीय निवासी की जाँच तहसीलदार नागौद से कराये जाने के उपरान्त, प्रस्तुत प्रतिवेदन के आधार पर स्थानीय निवासी पाये जाने के कारण नियुक्ति प्रदान की गई। (ग) राजकली चौधरी पति सुखराम चौधरी द्वारा नम्रता गौतम के बी.पी.एल. फर्जी होने की शिकायत के आधार पर जिला स्तरीय दावा आपत्ति निराकरण समिति सतना के निर्देशानुसार आवेदिका नम्रता गौतम के बी.पी.एल. की जाँच तहसीलदार नागौद से कराई गयी। तहसीलदार नागौर के पत्र क्र./104/आर.तह./2016 नागौद दिनांक 16.03.2016 द्वारा प्रस्तुत प्रतिवेदन अनुसार बी.पी.एल. सर्वे क्रमांक 610/11 कार्ड नं. 2184433 जारी दिनांक 12.07.2011 की परिवार सूची में भगवानदीन गौतम, शकुन्तला गौतम, माधुरी गौतम, नितिन, मुकेश, नम्रता गौतम, निधि गौतम का नाम दर्ज है साथ ही भगवानदीन गौतम के साथ नम्रता का नाम समग्र आई.डी. 194574554 पर दर्ज है जिसके आधार पर नम्रता गौतम को बी.पी.एल. के निर्धारित 10 अंक प्रदाय किये गये है। (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में जाँच उपरान्त ही नम्रता गौतम की नियुक्ति की गई। वर्तमान में उक्त प्रकरण न्यायालय कलेक्टर सतना में विचाराधीन है। अतः शेष का प्रश्न की उपस्थित नहीं होता है।
महिला एवं बाल विकास विभाग की संचालित योजनाओं का सत्यापन
[महिला एवं बाल विकास]
25. ( क्र. 3755 ) श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) गत 05 वर्षों से गुना जिले में कितने आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित हैं कितने नवीन केन्द्र खुलना है? इन वर्षों में वर्षवार कितने बच्चे ब्लॉकवार कुपोषित चिन्हित हुए तथा वह कौन से आंगनवाड़ी में निवासरत हैं? (ख) क्या विभागों द्वारा विगत 05 वर्षों से संचालित सभी योजनाओं एवं एन.जी.ओ. के संचालन के सभी कार्यों का भौतिक सत्यापन एवं सी.ए.जी. ऑडिट रिपोर्ट हुई है? यदि नहीं, तो कारण बतायें, कौन जिम्मेदार है? (ग) क्या प्रश्नांश (क) और (ख) में वर्णित तथ्यों की आपूर्ति एवं संचालन कौन करता है? बच्चों को खाद्यान्न वितरण के लिये कौन जिम्मेदार है? समीक्षा के बाद कार्यवाही हेतु उत्तरदायी कौन है? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) में वर्णित तथ्यों की समीक्षा विभाग के पास है या नहीं? गत 05 वर्षों में किस योजना में कितना वर्षवार फण्ड खर्च किया? फिर कुपोषित बच्चों के लिये कौन उत्तरदायी है? क्या विभाग कोई नया प्लान लागू करेगा, ताकि कोई कुपोषित न रहे?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) गुना जिले में विगत 05 वर्षों से 1125 आंगनवाड़ी केन्द्र एवं 393 मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित है। वर्तमान में जिले में 101 नवीन आंगनवाड़ी केन्द्र एवं नवीन 41 मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र स्वीकृत हुये है, जिनकी प्रारंभ की कार्यवाही प्रचलन में है। वर्षवार, संधारित परियोजानावार चिन्हित कुपोषित बच्चों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। अतिकम वजन वाले बच्चों का नामवार संधारण किया जाता हैं, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 02 अनुसार है। (ख) विभाग द्वारा महिला सशक्तिकरण को अप्रैल 2013 से डी.डी.ओ. के अधिकार प्रदाय किये गये है। विभाग अंतर्गत संचालित सभी योजनाओं का ऑडिट कार्य एजीएमपी ग्वालियर द्वारा समय–समय पर किया जाता है। गुना जिले में विभाग अंतर्गत मात्र एक संस्था माँ स्वरूप आश्रम, (शिशु गृह) रेडक्रास सोसायटी गुना द्वारा जिला चिकित्सालय गुना में संचालित किया जा रहा है। जिसका ऑडिट स्थानीय सी.ए. द्वारा किया जाता है तथा भौतिक सत्यापन विभाग द्वारा किया जाता है। (ग) आंगनवाड़ी केन्द्रों का संचालन आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका के द्वारा किया जाता है। आंगनवाड़ी केन्द्र में दर्ज 3 से 6 वर्ष के बच्चों को सांझा चूल्हा कार्यक्रम अन्तर्गत स्व-सहायता समूहों के माध्यम से पोषण आहार का वितरण कराया जाता है तथा 06 माह से 03 वर्ष तक के बच्चों को (रेडी टू ईट फूड) एम.पी.एग्रो के द्वारा प्रदायित टेक होम राशन वितरण किया जाता है। आंगनवाड़ी केन्द्र का पर्यवेक्षण एवं मूल्यांकन क्षेत्रीय पर्यवेक्षक एवं वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा नियमित रूप से किया जाता है। पोषण आहार वितरण न होने के लिये विकासखंड स्तर पर परियोजना अधिकारी तथा जिला स्तर पर जिला कार्यक्रम अधिकारी उत्तरदायी है। (घ) जी हाँ। वर्णित तथ्यों की जानकारी वरिष्ठ अधिकारियों एवं जिला प्रशासन के पास है, गत 05 वर्षों में विभिन्न योजनाओं अन्तर्गत प्राप्त आवंटन एवं व्यय का विवरण जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 03 अनुसार है। कुपोषण हेतु कई कारक जिम्मेदार होते है यथा अपर्याप्त भोजन, स्वास्थ्य सुविधाओं की अनुपलब्धता/पहुंच, आर्थिक संरचना, संसाधन की कमी, अनुचित आहार-व्यवहार, बीमारियां, परिवार में सदस्यों की संख्या, रोजगार की कमी, सामाजिक कुरीतिया, शिक्षा का अभाव आदि। अतः किसी व्यक्ति विशेष को उत्तरदायी नहीं ठहराया जा सकता है। विभाग द्वारा कुपोषित बच्चों की वर्तमान में संख्या का आंकलन करने हेतु विशेष वजन अभियान का आयोजन 01 नवम्बर 2016 से 28 फरवरी 2017 तक किया गया। इस अभियान में सभी आंगनवाड़ी केन्द्रों पर पर्यवेक्षकों द्वारा बच्चों का वजन लेकर उनके पोषण स्तर का निर्धारण किया गया। इस अभियान में चिन्ह्ति कम वज़न एवं अतिकम वज़न के बच्चों के पोषण स्तर में सतत् सुधार तथा फॉलोअप हेतु विशेष पोषण अभियान का प्रांरभ किया जा रहा है।
म.प्र. की बिजली कंपनियों में कार्यरत संविदा कर्मियों का नियमितीकरण
[ऊर्जा]
26. ( क्र. 3817 ) एडवोकेट सत्यप्रकाश सखवार : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. शासन ऊर्जा विभाग मंत्रालय के पत्र क्रमांक 3159/12/05 भोपाल दिनांक 27.12.2013 जनसंकल्प 2013 में बिजली कंपनी में कार्यरत संविदा कर्मचारियों को नियमित करने की बात कही गई है? (ख) क्या मान. मुख्यमंत्री महोदय द्वारा बिजली कंपनी के संविदा कर्मचारियों को यह पूर्ण आश्वासन दिया गया था कि म.प्र. में यदि तीसरी बार भाजपा सरकार बनती है तो संविदा कर्मियों को शीघ्र नियमित कर दिया जावेगा? (ग) यदि प्रश्नांश (क) एवं (ख) का उत्तर हां है तो? क्या शासन लम्बे अर्से से संविदा पर कार्यरत बिजली कंपनी के कर्मचारियों के नियमित करने पर विचार करेगा? यदि हाँ, तो कब तक नहीं तो क्यों नहीं?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जनसंकल्प 2013 में विद्युत वितरण कंपनियों में संविदा नियुक्ति में कार्यरत कर्मचारियों के नियमितीकरण सहित सभी समस्याओं के निराकरण हेतु त्वरित कदम उठाये जाने के संबंध में उल्लेख किया गया था। (ख) उपलब्ध अभिलेखों के अनुसार इस संबंध में माननीय मुख्यमंत्री जी की कोई घोषणा नहीं है। (ग) विद्युत वितरण कंपनियों में संविदा नियुक्ति पर कार्यरत कार्मिकों की समस्याओं के निराकरण हेतु संविदा सेवा (अनुबंध तथा सेवा की शर्तें) नियम 2016, फरवरी 2016 से लागू किए गए हैं। इन नियमों में संविदा कार्मिकों की विभिन्न समस्याओं का निराकरण करते हुए इन कार्मिकों को उनके कार्य की योग्यता के आधार पर अधिकतम 60 वर्ष की आयु तक संविदा पर कार्य करने की सुविधा प्रदान की गई है। नियमित भर्ती की प्रक्रिया में संविदा कार्मिक को भी पात्रतानुसार अवसर दिया जाता है।
आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, सहायिकाओं को नियमितीकरण
[महिला एवं बाल विकास]
27. ( क्र. 3831 ) एडवोकेट सत्यप्रकाश सखवार : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) वर्तमान में चंबल संभाग में कितनी आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, सहायिकाएं कार्यरत हैं उन्हे प्रतिमाह कितना-कितना वेतन प्राप्त हो रहा है? आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका का पद नियमित कर्मचारी के रूप में है या संविदा या अन्य? (ख) क्या शासन इस मंहगाई को एवं आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, सहायिकाओं के अति महत्वपूर्ण, जिम्मेदारीपूर्वक कठोर परिश्रम के कार्य को दृष्टिगत रखते हुए उन्हें नियमित करने पर विचार करेगा? यदि हाँ, तो कब तक तत्संबंधी आदेश जारी कर दिये जावेंगे? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) चंबल संभाग अन्तर्गत जिला मुरैना, श्योपुर एवं भिंड जिले में कार्यरत आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिकाओं को निम्नानुसार मानदेय भुगतान प्रतिमाह किया जा रहा है :-
क्र. |
जिला |
कार्यरत |
देय मानदेय (प्र.मा.) |
||
|
|
आंगनवाड़ी कार्यकर्ता |
सहायिका |
आंगनवाड़ी कार्यकर्ता |
सहायिका |
1. |
मुरैना |
2073 |
2053 |
रू.5000/- |
रू. 2500/- |
2. |
श्योपुर |
894 |
894 |
रू.5000/- |
रू. 2500/- |
3. |
भिण्ड |
2003 |
1961 |
रू.5000/- |
रू. 2500/- |
उपरोक्तानुसार कार्यरत आंगनवाड़ी कार्यकर्ताएं एवं सहायिकाएं मानसेवी है तथा इन्हें भारत सरकार के निर्देशानुसार प्रतिमाह मानदेय का भुगतान किया जाता है। (ख) जी नहीं। आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं के नियमितीकरण का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है अतः शेष का कोई प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
एवरेज बिल प्रदाय के प्रावधान
[ऊर्जा]
28. ( क्र. 3834 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी. जिला राजगढ़ द्वारा सारंगपुर विधानसभा क्षेत्र में विगत एक वर्ष से घरेलू विद्युत उपभोक्ताओं को मासिक विद्युत एवरेज बिल प्रदाय किये जा रहे है? यदि हाँ, तो एवरेज विद्युत बिल प्रदाय किये जाने के विद्युत कम्पनी के क्या प्रावधान है? (ख) प्रश्नांश (क) अंतर्गत क्या एवरेज बिल प्रदाय किये जाने उपरान्त कितने उपभोक्तओं द्वारा बिल संशोधन हेतु आवेदन/शिकायत प्रस्तुत की गई एवं शिकायत/आवेदन के तारतम्य में कितने उपभोक्तओं का बिल वास्तविक मीटर रीडिंग के सापेक्ष संशोधित किया गया? (ग) प्रश्नांश (ख) के तारतम्य में उपभोक्ताओं को होने वाली परेशानी के लिये कौन जिम्मेदार है? क्या विभाग ऐसे अधिकारियों/कर्मचारियों के विरुद्ध कोई कार्यवाही करेगा? क्या वि.वि.क.द्वारा आगे भी मासिक विद्युत एवरेज बिल प्रदाय किये जायेंगे? यदि नहीं, तो इस प्रक्रिया में कब तक सुधार किया जावेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी नहीं, अपितु प्रश्नाधीन क्षेत्र में जिन उपभोक्ताओं के मीटर बंद/खराब/जले पाये जाते हैं उन्हें विद्युत अधिनियम 2003 के प्रावधानों के अंतर्गत म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा दिनांक 7.8.2013 को अधिसूचित म.प्र. विद्युत प्रदाय संहिता, 2013 की कण्डिका 8.35 के प्रावधानों के अनुसार निर्धारण कर औसत खपत के मासिक देयक दिये गये हैं। उक्त वैधानिक प्रावधानों से संबंधित म.प्र. विद्युत प्रदाय संहिता 2013 की कंडिका 8.35 की छायाप्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में दिये गये औसत बिल वाले 845 उपभोक्ताओं द्वारा बिल में संशोधन हेतु आवेदन/शिकायत प्रस्तुत की गई, जिनमें से 331 उपभोक्ताओं के बिल सही होने से सुधार की आवश्यकता नहीं थी तथा शेष 514 उपभोक्ताओं के बिलों में आवश्यक सुधार किया गया। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में उपभोक्ताओं से प्राप्त आवेदनों के विरूद्ध बिलों में परीक्षण उपरांत स्थानीय अधिकारियों द्वारा तत्काल नियमानुसार सुधार किया जा रहा है। अत: इस हेतु किसी भी अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध कार्यवाही किया जाना अपेक्षित नहीं है। बन्द/खराब मीटरों वाले उपभोक्ताओं को उत्तरांश (क) में दर्शाए अनुसार वैधानिक प्रावधानों के अंतर्गत औसत बिल दिये गये हैं तथा बन्द/खराब/जले मीटरों को बदले जाने तक उक्त वैधानिक प्रक्रिया अनुसार ही बिल दिये जायेंगे। तथापि बंद/खराब/जले मीटरों को उपलब्धता के अनुसार अविलम्ब बदलने की कार्यवाही की जा रही है।
नवीन आंगनवाड़ी केन्द्र भवन निर्माण
[महिला एवं बाल विकास]
29. ( क्र. 3843 ) श्री सुदेश राय : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जिला सीहोर अंतर्गत विधानसभा क्षेत्र सीहोर में वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक ग्रामीण एवं शहरी अंचलों में किन-किन स्थानों पर नवीन आंगनवाड़ी केन्द्र प्रारंभ करने हेतु विभाग को कितनी अनुशंसा प्राप्त हुई? स्थान सहित वर्षवार जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ कितने नवीन आंगनवाड़ी के प्रस्ताव शासन को स्वीकृति हेतु प्रेषित किये गये इनमें से कितने मान्य और कितने अमान्य हुये? अमान्य हुये तो किस कारण से तथा मान्य होने पर किन-किन स्थानों पर आंगनवाड़ी केन्द्र प्रारंभ किये गये है? यदि नहीं, तो क्यों नहीं तथा कब तक प्रारंभ करा दिये जावेंगे? (ग) कितने आंगनवाड़ी के स्वयं के भवन हैं तथा कितनी आंगनवाड़ी भवन विहीन हैं जो किराये पर लिये गये कक्षों में संचालित हो रही हैं? इनके स्वयं के भवन के निर्माण हेतु वर्तमान में क्या कार्यवाही प्रचलित है तथा भवनों का निर्माण कब तक करा लिया जावेगा?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) जिला सीहोर अन्तर्गत विधानसभा क्षेत्र सीहोर अन्तर्गत संचालित परियोजनाओं में वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक ग्रामीण एवं शहरी अंचलों के 19 स्थानों हेतु नवीन आंगनवाड़ी केन्द्र खोलने की अनुशंसायें प्राप्त हुई थी जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में उल्लेखित 19 स्थानों हेतु नवीन आंगनवाड़ी केन्द्र खोलने के प्रस्ताव मान्य किये गये है। मान्य किये गये 19 स्थानों में से 18 स्थानों पर आंगनवाड़ी केन्द्र संचालन प्रारंभ कर दिया गया है ग्राम निवारिया में नियुक्ति की कार्यवाही प्रचलन में होने से आंगनवाड़ी केन्द्र संचालन प्रारंभ नहीं हुआ है। समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है। (ग) विधानसभा क्षेत्र सीहोर अन्तर्गत 94 आंगनवाड़ी केन्द्र स्वंय के भवन में संचालित है तथा 128 आंगनवाड़ी केन्द्र भवनविहीन है जो किराये के भवनों में संचालित है। आंगनवाड़ी भवनों का निर्माण वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर करता है। सीमित वित्तीय साधन होने के कारण समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है।
ग्रामीण मजरा टोला, मोहल्लों में विद्युतीकरण
[ऊर्जा]
30. ( क्र. 3844 ) श्री सुदेश राय : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र सीहोर के अन्तर्गत वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक ग्रामीण अंचलों अन्तर्गत किन-किन ग्रामों के विद्युत विहीन मजरा-टोला में विद्युतीकरण का कार्य किस-किस योजना से कराये गये हैं? स्थल सहित योजना का नाम तथा उससे लाभांवित ग्रामीण की संख्या का विवरण पृथक-पृथक बतायें? (ख) आगामी वर्षों में विभाग द्वारा विद्युत विहीन ग्रामों के मजरा, टोला एवं मोहल्ले में विद्युतीकरण का कार्य किस योजना में प्रस्तावित है तथा इसकी समय-सीमा क्या होगी? (ग) स्थाई पंप कनेक्शन हेतु वर्ग विशेष एवं श्रेणीवार कितनी-कितनी राशि जमा कराने का प्रावधान है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) विधानसभा क्षेत्र सीहोर के अंतर्गत प्रश्नाधीन अवधि में ग्रामीण क्षेत्रों में किये गये विद्युतीकरण के कार्यों की मजरा/टोला/ग्रामवार एवं लाभान्वित हुए ग्रामीण परिवारों की संख्या सहित योजनावार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) विधानसभा क्षेत्र सीहोर के 22 अविद्युतीकृत मजरों/टोलों/मोहल्लों के विद्युतीकरण का कार्य दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना में सम्मिलित किया गया है, जिसका विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजनांतर्गत कार्य टर्न-की आधार पर कराए जाने हेतु निविदा कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। निविदा कार्यवाही उपरांत चयनित ठेकेदार एजेंसी द्वारा जारी अवार्ड दिनांक से 24 माह में कार्य पूर्ण कराया जायेगा। अत: वर्तमान में प्रश्नाधीन कार्य पूर्ण किये जाने की निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) नवीन स्थायी पंप कनेक्शन हेतु वर्तमान में लागू ''मुख्यमंत्री स्थायी कृषि पंप कनेक्शन'' योजनांतर्गत कृषकों से विद्युत लाईन विस्तार सहित विद्युत अधोसंरचना के कार्य हेतु निम्नानुसार प्रति हार्सपावर अंशदान की राशि जमा कराये जाने का प्रावधान है :-
(राशि रू. प्रति हार्सपावर)
वर्ष |
लघु
एवं सीमान्त
कृषक |
2 हेक्टेयर तथा अधिक भूमि धारक कृषक |
|
अनुसूचित जाति/जन जाति के कृषक |
अन्य |
||
2016-17 |
5000/- |
7000/- |
11000/- |
आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की भर्ती
[महिला एवं बाल विकास]
31. ( क्र. 3860 ) श्री मुकेश नायक : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) पन्ना जिले की विधानसभा क्षेत्र पवई अन्तर्गत आंगनवाड़ी कार्यकर्ता/सहायिका की भर्ती में शाहनगर परियोजना अंतर्गत अनियमितता के संबंध में परियोजना शाहनगर में कहाँ-कहाँ कितनी शिकायतें प्राप्त हुई है? (ख) उक्त शिकायतों का निराकरण किस अधिकारी द्वारा किया गया?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) जी हाँ। पन्ना जिले की विधानसभा क्षेत्र पवई अन्तर्गत आंगनवाड़ी कार्यकर्ता/सहायिका की भर्ती में अध्यक्ष जनपद पंचायत शाहनगर द्वारा 01 शिकायत संचालनालय स्तर पर तथा सी.एम. हेल्पलाईन अन्तर्गत 10 एवं जनसुनवाई में 08 शिकायतें प्राप्त हुई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) शिकायत की जाँच जिला कार्यक्रम अधिकारी पन्ना द्वारा की जा रही है। जाँच की कार्यवाही प्रचलन में होने से शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
सांस्कृतिक संकुल भवन निर्माण एवं बुन्देलखण्ड सांस्कृतिक महोत्सव का आयोजन
[संस्कृति]
32. ( क्र. 3930 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या राज्यमंत्री, संस्कृति महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के तारांकित प्रश्न संख्या 18 (क्र. 761) दिनांक 08.12.2015 के उत्तरांश में बताया गया था कि, सागर नगर में सांस्कृतिक संकुल का प्रस्ताव जिसकी लागत 803 लाख रू. बताई गई है, का प्रस्ताव भारत सरकार के समक्ष विचारधीन है? क्या प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्र. 4170 दिनांक 15.03.2013 के पश्चात् कोई भी सांस्कृतिक संकुल भवन की स्वीकृति भारत सरकार से प्राप्त नहीं हुई है? यदि हाँ, तो क्या कारण है? यदि अन्य शहरों के लिए स्वीकृति प्राप्त हुई है तो सागर नगर का प्रस्ताव वर्ष 2013 से अभी तक लंबित क्यों है? (ख) क्या शासन स्तर पर सागर नगर के लंबित सांस्कृतिक संकुल भवन निर्माण की स्वीकृति प्राथमिकता पर दिलाये जाने हेतु कोई ठोस कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तक कब तक? (ग) क्या बुन्देलखण्ड के मुख्यालय सागर में कभी भी बुन्देलखण्ड सांस्कृतिक महोत्सव का आयोजन शासन द्वारा कराया गया था? यदि हाँ, तो इस तरह के महोत्सव का बाद के वर्षों में आयोजन क्यों बंद कर दिया गया है? क्या शासन इसको पुन: शुरू करने पर विचार करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
राज्यमंत्री, संस्कृति ( श्री सुरेन्द्र पटवा ) : (क) सागर नगर में सांस्कृतिक संकुल भवन निर्माण हेतु विभाग द्वारा एक डी.पी.आर. राशि रूपये 08.03 करोड़ की बनाकर भारत सरकार को प्रेषित की गई थी. इस पर भारत सरकार द्वारा कोई स्वीकृति नहीं प्राप्त हुई. भारत सरकार द्वारा दिनांक 15/03/2013 के पश्चात मध्यप्रदेश के खण्डवा, विदिशा, भोपाल में सांस्कृतिक संकुल भवन की स्वीकृति दी गई है. सागर का पुराना परियोजना अभिलेख (डीपीआर) लंबित रखने का निर्णय भारत सरकार का है. (ख) शासन स्तर पर सागर नगर में सांस्कृतिक संकुल निर्माण हेतु पुन: प्रशासकीय अनुमोदन उपरांत लोक निर्माण विभाग (पीआईयू) को कार्यादेश दिए गए हैं कि भारत सरकार के मापदंडों के अंतर्गत राशि रूपये 15.00 करोड़ की संशोधित डी.पी.आर. तैयार कर प्रस्तुत करें जिसके उपरांत उसे भारत सरकार को पुन: प्रेषित किया जावेगा. भारत सरकार को अनुश्रवण किया जावेगा. स्वीकृति का निर्णय भारत सरकार द्वारा ही लिया जाता है. (ग) जी नहीं.
शासकीय सेवकों को सातवां वेतनमान का प्रदाय
[वित्त]
33. ( क्र. 3950 ) श्री दिनेश राय (मुनमुन) : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में शासकीय सेवकों को सातवें वेतनमान का लाभ मध्यप्रदेश सरकार द्वारा दिया जायेगा? यदि हाँ, तो कब से? (ख) क्या सातवें वेतनमान के पूर्व दिये गये वेतनमान की स्वीकृति के पत्रकों पर कोष एवं लेखा का अनुमोदन आवश्यक है? (ग) यदि हाँ, तो क्या मध्यप्रदेश के सभी विभागों द्वारा अपने अधिकारी/कर्मचारियों के वेतन पत्रक का अनुमोदन कोष एवं लेखा से करा लिया गया है? (घ) यदि नहीं, तो क्या सातवें वेतनमान दिये जाने के पूर्व विगत सभी वेतनमानों के निर्धारिण पत्रकों की जाँच कोष एवं लेखा से कराए जाने के आदेश शासन द्वारा जारी किये जाएंगे? यदि हाँ, तो कब तक? (ड.) क्या सेवानिवृत्ति के समय शासकीय सेवकों की सेवापुस्तिका कोष एवं लेखा जाँच हेतु भेजने से उनके पेंशन प्रकरणों के निराकरण में विलंब होता है? यदि हाँ,तो क्या शासन ऐसे प्रकरणों के त्वरित निराकरण के लिए शासकीय कर्मचारी हित में सकारात्मक आदेश जारी करेगा?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) प्रदेश की वितीय स्थिति के परिप्रेक्ष्य में यथासमय निर्णय लिया जायेगा। (ख) जी हाँ। (ग) वेतनमान पत्रक का अनुमोदन सतत रूप से जारी रहता है। किसी भी शासकीय सेवक के वेतन पत्रक का अनुमोदन कोष एवं लेखा द्वारा किया जाता है। (घ) ''ग'' के प्रकाश में आवश्यक नहीं है। (ड.) जी नहीं। पेंशन निर्धारण के प्रकरणों का निराकरण तत्परता से किये जाने हेतु प्रत्येक जिले में पेंशन कार्यालय संचालित है।
सिवनी जिले के पर्यटन स्थलों का विकास
[पर्यटन]
34. ( क्र. 3951 ) श्री दिनेश राय (मुनमुन) : क्या राज्यमंत्री, संस्कृति महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिले में पर्यटन की दृष्टि से किन-किन स्थलों को चिन्हित कर उन्हें विकसित किया जा रहा है? यदि नहीं, तो क्या पर्यटन की संभावनाओं को दृष्टिगत रखते हुये कोई कार्य योजना विचाराधीन है? नाम सहित अवगत करायें? (ख) जिले में स्वतंत्रता संग्राम से संबंधित कौन-कौन से ऐतिहासिक स्थलों को संरक्षित किया जा रहा है? उनके विकास की क्या योजना है? नाम सहित अवगत करायें। (ग) पुरातात्विक दृष्टि से जिले में कौन-कौन से स्थल हैं तथा उनके विकास की क्या योजना संचालित है? उनके लिये कितना बजट का प्रावधान किया गया है? अलग-अलग स्थलवार नाम सहित जानकारी से अवगत करायें?
राज्यमंत्री, संस्कृति ( श्री सुरेन्द्र पटवा ) : (क) जी हाँ। केन्द्र सरकार द्वारा स्वीकृत ''स्वदेश दर्शन योजना'' वाईल्ड लाईफ सर्किट के अंतर्गत सिवनी जिले के पेंच नेशनल पार्क के वफर एरिया में पर्यटन गतिविधियों हेतु विकास कार्य किया जा रहा है। (ख) जी नहीं। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) पुरातत्व की दृष्टि से सिवनी जिले में आदेगांव का किला आदेगांव एवं रिछारिया देव का स्थान, ग्वारी संरक्षित स्मारक है। दोनों स्मारक विकसित है तथा रिछारिया देव का स्थान ग्वारी के लिए इस वित्तीय वर्ष 2016-17 में रू. 6,38,300/- की राशि स्वीकृत की गई है। जिसकी निविदा कार्यवाही प्रचलन में है। अनुमोदन पश्चात् विकास कार्य किया जायेगा। वर्तमान में आदेगांव का किला आदेगांव हेतु योजना नहीं है।
वेयर हाउसों में रखी जाने वाली शराब की स्टॉक
[वाणिज्यिक कर]
35. ( क्र. 3966 ) श्री राजेश सोनकर : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इन्दौर जिला अंतर्गत आबकारी विभाग द्वारा वेयर हाउसों में रखी जाने वाली शराब किन-किन वेयर हाउसों में रखी जाती है? वेयर हाउसों की क्षमता क्या है व कितने वेयर हाउस है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में वेयर हाउसों में रखी शराब का स्टॉक कहाँ-कहाँ कितनी-कितनी मात्रा में किया जाता है? वेयर हाउस पर रखी गई शराब का स्टॉक रिकार्ड किन-किन अधिकारी/कर्मचारियों द्वारा किया गया? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में विगत एक वर्ष में वेयर हाउसों का निरीक्षण कब-कब किन-किन अधिकारियों द्वारा किया गया? (घ) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में कितनी-कितनी शराब वेयर हाउसों से शराब दुकानों को पिछले 02 वर्षों में सप्लाय की गई? वेयर हाउसों से सप्लाय की जाने वाली शराब की स्वीकृति किन-किन अधिकारियों द्वारा दी गई?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) इन्दौर जिले के अंतर्गत आबकारी विभाग द्वारा (1) शासकीय विदेशी मदिरा भाण्डागार ग्राम असरावद बुजुर्ग, इन्दौर (2) शासकीय देशी मदिरा संग्रहण मद्य भाण्डागार, 33, 34 एस.आर. कम्पाउण्ड, लसूडिया मोरी, इन्दौर (3) शासकीय देशी मदिरा संग्रहण मद्य भाण्डागार, 123, सिमरोल रोड, महू जिला इन्दौर स्थित वेयर हाउसों में शराब रखी जाती है। उपरोक्त वेयर हाउसों की क्षमता निम्नानुसार है :- शासकीय विदेशी मदिरा भाण्डागार ग्राम असरावद बुजुर्ग इन्दौर की भण्डारण क्षमता 672611 पेटी है, शासकीय देशी मदिरा मद्य भाण्डागार, 33, 34 एस.आर. कम्पाउण्ड, लसूडिया मोरी, इन्दौर की भण्डारण क्षमता 55000 पेटी की है एवं शासकीय देशी मदिरा मद्य भाण्डागार, 123, सिमरोल रोड महू की भण्डारण क्षमता 20000 पेटी है। उपरोक्तानुसार इन्दौर जिले में कुल 03 वेयर हाउस है। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में वेयर हाउसों में शराब का स्टाक प्रश्नांश ''क'' अनुसार रखा जाता है। वेयर हाउस पर रखी गई शराब के स्टॉक एवं रिकार्ड का संधारण मद्यभाण्डागार पर पदस्थ कर्मचारियों की सहायता से निम्नांकित अधिकारियों द्वारा किया जा रहा है :- (1) शासकीय विदेशी मदिरा भाण्डागार ग्राम असरावद बुजुर्ग, इन्दौर के प्रभारी अधिकारी:- सहायक जिला आबकारी अधिकारी श्री राममणीसिंह (2) शासकीय देशी मदिरा संग्रहण मद्य भाण्डागार, 33, 34 एस.आर. कम्पाउण्ड, लसूडिया मोरी, इन्दौर के प्रभारी अधिकारी :- सहायक जिला आबकारी अधिकारी श्री डी.एस. सिसौदिया (3) शासकीय देशी मदिरा संग्रहण मद्य भाण्डागार, 123, सिमरोल रोड, महू, जिला इन्दौर के प्रभारी अधिकारी :- सहायक जिला आबकारी अधिकारी श्री सुखनंदन पाठक (ग) (1) शासकीय विदेशी मदिरा भाण्डागार, इन्दौर का निरीक्षण विगत 01 वर्ष में उपायुक्त आबकारी, संभागीय उडनदस्ता इन्दौर संभाग, इन्दौर द्वारा दिनांक 26.11.2016 को। (2) शासकीय देशी मदिरा भाण्डागार, इन्दौर का निरीक्षण सहायक आबकारी आयुक्त, जिला इन्दौर द्वारा दिनांक 19.09.2016 को एवं (3) शासकीय देशी मदिरा भाण्डागार, महू, जिला इन्दौर का निरीक्षण विगत 01 वर्ष में दिनांक 20 अक्टूबर 2016 को उपायुक्त आबकारी, संभागीय उड़नदस्ता इन्दौर, संभाग, इन्दौर द्वारा एवं सहायक आयुक्त आबकारी, जिला इन्दौर द्वारा 03 जनवरी 2017 को किया गया है। (घ) वर्ष 2014-15 एवं वर्ष 2015-16 तथा वर्ष 2016-17 माह दिसम्बर 2016 तक) में इन्दौर जिले के वेयर हाउसों से शराब दुकानों के प्रदाय (सप्लाई) एवं प्रदाय की जाने वाली शराब की स्वीकृति से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
आंगनवाड़ी केन्द्र
[महिला एवं बाल विकास]
36. ( क्र. 3995 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या नगर पालिका क्षेत्र में कितनी जनसंख्या के मानक से वार्डों में आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित किये जाते हैं? (ख) क्या नगर पालिका मकरोनिया बुजुर्ग जिला सागर में शासन की नीति एवं जनसंख्या के मानक से वार्डवार आंगनवाड़ी संचालित किये जा रहे हैं? (ग) यदि नहीं, तो नगर पालिका मकरोनिया के 18 वार्डों में जनसंख्या के मान से एवं शासन नियमानुसार आंगनवाड़ी केन्द्र कब तक संचालित किये जावेंगे तथा विभाग द्वारा इस संबंध में प्रश्न दिनांक तक कोई योजना बनाई गई है? शासन की ओर प्रस्ताव भेजा गया है? (घ) नगर पालिका मकरोनिया के 18 वार्डों में जनसंख्या के मानक से एवं शासन के नियमानुसार कब तक आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित किये जावेंगे?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) भारत सरकार द्वारा शहरी क्षेत्र हेतु 800 की जनसंख्या पर एक आंगनवाड़ी केन्द्र खोले जाने के निर्देश है। निर्देशो के परिप्रेक्ष्य में नगरपालिक क्षेत्र में भी जनसंख्या मानकों के अनुसार आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित किये जाते है। (ख) जी नहीं। नगरपालिका मकरोनिया बुजुर्ग जिला सागर की जनसंख्या 94700 है एवं भारत सरकार के जनसंख्या मापदण्डों अनुसार नगरपालिक मकरोनिया बुजुर्ग जिला सागर में लगभग 118 आंगनवाड़ी केन्द्र होना चाहिये जिसके विरूद्ध कुल 26 आंगनवाड़ी केन्द्र वर्तमान में संचालित किये जा रहे है। (ग) नगरपालिक मकरोनिया के वार्ड 18 वार्डों में 65 नवीन आंगनवाड़ी केन्द्र खोले जाने का प्रस्ताव वर्तमान में जिला सागर से दिनांक 25/02/2017 को प्राप्त हुआ है जिसे स्वीकृति हेतु भारत सरकार को प्रेषित किया जाएगा। (घ) नवीन आंगनवाड़ी/मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र खोले जाने की स्वीकृति भारत सरकार द्वारा स्वीकृति दी जाती है। समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है।
वाणिज्य कर वसूली में असमानता
[वाणिज्यिक कर]
37. ( क्र. 4019 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में मध्यप्रदेश दुकान स्थापना के तहत पंजीकृत स्वल्पाहार वाली दुकानों को वाणिज्य कर के दायरे में रखा गया है? यदि हाँ, तो इनसे कितने प्रतिशत वाणिज्य कर शासन द्वारा वसूला जाता है? (ख) क्या अपंजीकृत दुकानों को इससे छूट दी गई है? यदि नहीं, तो क्या प्रदेश में ऐसी लाखों दुकानों द्वारा वाणिज्यकर की चोरी की जा रही है? (ग) क्या वाणिज्य कर एवं खाद्य विभाग संयुक्त मुहिम के माध्यम से ऐसी दुकानों को चिन्हित करेगा ताकि शासन के राजस्व/आय में वृद्धि हो? (घ) यदि हाँ, तो वाणिज्य कर विभाग द्वारा इस प्रकार हो रही कर चोरी रोकने एवं राजस्व वृद्धि के लिये क्या प्रयास किये जा रहे हैं?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) मध्यप्रदेश वेट अधिनियम 2002 की धारा 5 के अंतर्गत मध्यप्रदेश में क्रय विक्रय करने वाले व्यवसायी जिनका वार्षिक टर्नओवर 10 लाख से अधिक है उन पर कर दायित्व आता है। केवल मध्यप्रदेश दुकान स्थापना के तहत पंजीकृत होने से कर दायित्व नहीं आता है। कुक्ड फूड, परम्परागत मिठाई, नमकीन, चाय, पकोड़ी, समोसा, कचोरी, दही बड़ा, पोहा, साबुदाना खिचड़ी, श्रीखण्ड एवं खाखरा पर वेट की दर 5 प्रतिशत है। (ख) जी नहीं। जिन व्यवसायियों का वार्षिक टर्नओवर 10 लाख से अधिक है वे सभी कर दायित्व की सीमा में आते हैं, भले ही वे अपंजीयत हो। कर चोरी संबंधी जानकारी/शिकायत विभाग के संज्ञान में आने पर विभाग द्वारा जाँच पश्चात् विधि अनुसार कार्यवाही की जाती है। (ग) मध्यप्रदेश वेट अधिनियम में सर्वे के प्रावधान है, सर्वे के दौरान जो व्यवसायी कर दायित्व की सीमा आते हैं विभाग द्वारा उन पर विधि अनुसार कार्यवाही की जाती है। (घ) विभाग में कर चोरी की रोकथाम हेतु एंटी इवेजन ब्यूरो कार्यरत है।
क्षिप्रा नर्मदा कालीसिंध परियोजना का कार्य
[नर्मदा घाटी विकास]
38. ( क्र. 4062 ) श्री राजेन्द्र फूलचंद वर्मा : क्या राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नर्मदा क्षिप्रा कालीसिंध परियोजना का कोई प्रस्ताव है? यदि हाँ, तो उस पर क्या कार्यवाही चल रही है? यदि नहीं, तो क्या भविष्य में कभी उक्त योजना लागू होगी? (ख) उक्त परियोजना में कितना खर्च होने का अनुमान है? परियोजना में कालीसिंध नदी को कहाँ से नर्मदा व क्षिप्रा से जोड़ा जावेगा? उक्त योजना से सोनकच्छ क्षेत्र के कितनी जमीन को सिंचाई का लाभ मिल पावेगा? (ग) भविष्य में कब तक उक्त योजना का कार्य शुरू हो सकेगा?
राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास ( श्री लालसिंह आर्य ) : (क) यद्यपि परियोजना चिन्हित है, डी.पी.आर. तैयार नहीं हुई है। जी हाँ, डी.पी.आर. बनाकर वांछित स्वीकृतियाँ प्राप्त होने के बाद वित्तीय संसाधनों की व्यवस्था कर। (ख) डी.पी.आर. तैयार नहीं होने से जानकारी दी जाना संभव नहीं है। (ग) उत्तरांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
विद्युत सब स्टेशन की स्थापना
[ऊर्जा]
39. ( क्र. 4096 ) श्री उमंग सिंघार : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार जिले की गंधवानी विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत विकासखण्ड बाग के ग्राम नरवाली क्षेत्र में बिजली की लाईन कितनी पुरानी है? नरवाली एवं आसपास के गांव के आदिवासी किसानों से लाईन बंद, तार टूटने व लो वोल्टेज की कितनी शिकायतें प्राप्त हुई हैं? इसमें विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? (ख) उक्त समस्या के हल हेतु विभागीय मंत्री को एवं मुख्यमंत्री को प्रश्नकर्ता द्वारा दिनांक 07/12/2016 को पत्र क्रमांक 7571 के माध्यम से नवीन 33/11 विद्युत सब स्टेशन (विद्युत ग्रिड) स्वीकृत करने की मांग की गई थी? तत्संबंध में माननीय मुख्यमंत्री एवं विभागीय मंत्री नरवाली विद्युत ग्रीड स्वीकृत करने के आदेश देंगे? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार प्रश्नकर्ता के पत्र के क्रम में मंत्री जी के पत्र क्रमांक 1939 दिनांक15/12/2016 द्वारा प्रबंध संचालक म.प्र.प.क्षे.वि.वि.कंपनी इंदौर को प्रस्ताव का तकनीकी परीक्षण कर योजना में शामिल कर अवगत कराने हेतु निर्देशित किया था? यदि हाँ, तो निर्देशानुसार प्रबंधक संचालक द्वारा वर्तमान तक क्या कार्यवाही की गई? क्या शासन/विद्युत कंपनी जनहित में उक्त प्रस्तावों को चालू वित्त वर्ष की कार्य योजना में ही शामिल करके इनका बजट में प्रावधान कर इनकी स्वीकृति आदेश जारी करेंगे? यदि नहीं, तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) धार जिले के गंधवानी विधान सभा क्षेत्रांतर्गत विकासखण्ड बाग के ग्राम नरवाली क्षेत्र में स्थापित विद्युत लाईनें लगभग 20 वर्ष पुरानी है। विगत 3 माह की अवधि में प्रश्नाधीन क्षेत्र में आदिवासी कृषकों से तार टूटने संबंधी कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है तथापि लाईन बंद होने की 5 एवं कम वोल्टेज प्राप्त होने की एक शिकायत प्राप्त हुई थी। विद्युत लाईनों में तकनीकी खराबी के कारण हुए आकस्मिक अवरोध से विद्युत प्रदाय अवरूध्द होने की 5 शिकायतों का निराकरण कर दिया गया है। शेष एक शिकायत जो कि कम वोल्टेज मिलने संबंधी है, के निराकरण हेतु ग्राम नरवाली में नवीन 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र की स्थापना इसी प्रकार के अन्य कार्यों की वरियता को दृष्टिगत रखते वित्तीय उपलब्धता अनुसार की जा सकेगी। (ख) एवं (ग) जी हाँ, माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय द्वारा प्रश्नाधीन उल्लेखित पत्रों से ग्राम नरवाली में विद्युत उपकेन्द्र की स्थापना हेतु मांग की गई है। माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय के पत्र दिनांक 7.12.2016, जिससे प्रश्नाधीन उपकेन्द्र की स्थापना हेतु मांग की गयी है, के तारतम्य में प्रश्नाधीन उल्लेखित पत्र दिनांक 15.12.16 द्वारा प्रबंध संचालक, म.प्र.पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी को ग्राम नरवाली, जिला धार में नवीन 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र स्थापित करने हेतु परीक्षण करने एवं उपकेन्द्र की स्थापना हेतु कार्यवाही कर अवगत कराने हेतु निर्देशित किया गया था। उक्त तारतम्य में ग्राम नरवाली में नवीन 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र के निर्माण हेतु तकनीकी साध्यता का परीक्षण कराया गया एवं प्रश्नाधीन उपकेन्द्र की स्थापना का कार्य तकनीकी रूप से साध्य पाया गया है। उत्तरांश (क) में दर्शाए अनुसार उक्त उपकेन्द्र की स्थापना का कार्य इसी प्रकार के अन्य कार्यों की वरियता के दृष्टिगत वित्तीय उपलब्धता के अनुसार किया जाएगा। उक्त कार्य चालू वित्तीय वर्ष की कार्ययोजना में सम्मिलित करना सभंव नहीं है, क्योंकि बजट प्रावधान अनुरूप आवश्यक कार्यों का चयन सामान्यतया वित्तीय वर्ष के प्रारंभ में ही कर लिया जाता है।
बाल सम्प्रेक्षण गृह का संचालन
[महिला एवं बाल विकास]
40. ( क्र. 4109 ) श्री अशोक रोहाणी : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) बाल सम्प्रेक्षण गृह गोकलपुर जबलपुर में स्वीकृत व पदस्थ स्टाफ कितना है? कौन-कौन से पद कब से रिक्त हैं एवं क्यों? कौन-कौन, कब से किस पद पर पदस्थ है? (ख) प्रश्नांकित सम्प्रेक्षण गृह में गंभीर अपराधों में लिप्त किशोर अपराधियों की सुरक्षा व्यवस्था क्या है? इस सम्प्रेक्षण गृह से कब-कब, कौन-कौन से अपराधी फरार हुए है? इनके फरार होने का क्या कारण है? इसके लिए दोषी किस-किस पर क्या-क्या कार्यवाही की गई वर्ष 2014-15 से 2016-17 तक की जानकारी दें? (ग) प्रश्नांकित सम्प्रेक्षण गृह में किन-किन अपराधों में लिप्त कौन-कौन से किशोर अपराधी कब से है? इन किशोर अपराधियों को सामाजिक व मानसिक रूप से अच्छा नागरिक बनाने हेतु क्या-क्या व्यवस्थाएं संसाधन है? (घ) प्रश्नांश (ख) अवधि में प्रश्नांकित सम्प्रेक्षण गृह का कब-कब, किन-किन अधिकारियों ने औचक निरीक्षण किया? निरीक्षण में क्या-क्या कमियां/अनियमितताएं/शिकायतें पाई गई? किन-किन दोषियों के विरूद्ध कब-कब, क्या-क्या कार्यवाही की गई?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र “1” पर है। (ख) संस्था के अन्तःवासी किशोरों की सुरक्षा व्यवस्था हेतु 04 चौकीदार (दे.वे.भो.) पदस्थ है एवं 1-6 की गार्ड तैनात है। दिनांक 14.07.2014 को 9 किशोर, दिनांक 29.08.2014 को 4 किशोर, दिनांक 09.10.2016 को 5 किशोर एवं दिनांक 09.12.2016 को 10 किशोर संस्था से पलायन कर गए। किशोर न्याय अधिनियम की धारा 74 के तहत बच्चों की पहचान प्रकट करना प्रतिषेध है। अतः जानकारी प्रकट नहीं की जा सकती है। किशोरों का लंबे समय से संस्था में रहना, घर की याद आना एवं कुछ किशोरों के परिवारों का अपने बच्चों से मुलाकात हेतु नहीं आना, संस्था से पलायन होने के मुख्य कारण है। वर्ष 2014-15 में संप्रेक्षण गृह से किशोरों के पलायन की घटना में संस्था में पदस्थ 03 चौकीदारों को कार्य के प्रति उदासीनता एवं लापरवाही का दोषी पाये जाने के कारण उन्हें संप्रेक्षण गृह से पृथक कर अन्य कार्यालय में कार्य करने हेतु आदेशित किया गया। वर्ष 2016-17 में पलायन की घटना हेतु संस्था के अधीक्षक, चोकीदार एवं होमगार्ड सैनिक के विरुद्ध जाँच प्रचलित हैं। उक्त जाँच के निष्कर्षो के आधार पर नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी। (ग) किशोर न्याय अधिनियम की धारा 74 के तहत बच्चों की पहचान प्रकट करना प्रतिषेध है। अतः जानकारी प्रकट नहीं की जा सकती है। अन्तःवासी किशोरों का शिक्षण कार्य शिक्षा विभाग के शिक्षकों द्वारा संस्था में ही कराया जा रहा है। सामाजिक संस्थाओं के माध्यम से संस्था में समय-समय पर किशोरों को नैतिक शिक्षा प्रदाय कर अच्छा नागरिक बनाने का प्रयास किया जा रहा है। अन्तःवासी किशोरों की नियमित रूप से काउंसिलिंग की जाती है। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र “2” पर है। निरीक्षण के दौरान साफ-सफाई की कमी, अनमोल वेबसाइट की एंट्री को अद्यतन करना, मच्छर जालियों की मरम्मत, नियमित व्यवसायिक प्रशिक्षण का आयोजन, पलंगों को पेंट किया जाना जैसी कमियां पाई गयी। निरीक्षणकर्ता अधिकारियों के द्वारा दिए गए निर्देशानुसार कमियों की पूर्ती कराई गई है। निरीक्षणों के दौरान अनियमिततायें/शिकायतें नहीं पाई गई। शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
विद्युत कर्मचारियों का नियमितीकरण
[ऊर्जा]
41. ( क्र. 4121 ) श्री नथनशाह कवरेती : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में वर्ष 2010-2013 में संविदा आधार पर सहायक यंत्री कनिष्ठ यंत्री, लाईन परिचारक, परीक्षण सहायक, प्रबंधक, एच. आर. के पदों पर मध्यप्रदेश मध्यपूर्व/पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी/ट्रांसमिलन लि. में जो नियुक्तियाँ लिखित एवं साक्षात्कार के द्वारा की गई हैं, क्या शासन द्वारा ऐसा कोई प्रावधान है कि इन विद्युत कर्मचारियों को नियमित किया जायेगा जैसे अन्य प्रदेशों, बिहार, झारखण्ड, आंध्रप्रदेश, जम्मू-कश्मीर, पंजाब में किया गया है? यदि हाँ, तो कब तक?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी नहीं, संविदा आधार पर जो नियुक्तियां की गई हैं, उनमें वर्तमान में लागू संविदा सेवा (अनुबंध तथा सेवा की शर्तें) नियम 2016 के अंतर्गत, नियमितीकरण किये जाने का कोई प्रावधान नहीं है तथापि संविदा कार्मिकों की योग्यता के आधार पर अधिकतम 60 वर्ष की आयु तक संविदा पर कार्य करने की सुविधा प्रदान की गई है।
फर्जी जाति प्रमाण पत्र की जाँच
[सामान्य प्रशासन]
42. ( क्र. 4125 ) श्री नथनशाह कवरेती : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधान सभा क्षेत्र छिंदवाड़ा के अंतर्गत फर्जी जाति प्रमाण पत्र लगाकर नौकरी पाने वाले व्यक्तियों के खिलाफ नामजद शिकायत (लोवेल संजीव पंवार) द्वारा जिलाध्यक्ष, जिला दण्डाधिकारी को दिनांक 30/10/2014 को लिखित में तथा कोरियर द्वारा की गई थी? जिसका आवक क्रमांक 40 जिला कार्यालय छिंदवाड़ा है? (ख) यदि हाँ, तो कितने व्यक्तियों ने फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी पाई है? पत्र की प्रति दें। आवेदक द्वारा दी गई सत्यापित प्रति पर क्या कार्यवाही की गई? (ग) क्या आवेदक द्वारा दिया गया पत्र में जिन व्यक्तियों के नाम हैं, उनके खिलाफ आपराधिक प्रकरण कायम करवाया गया है? यदि नहीं, तो क्यों? कब तक प्रकरण दर्ज कर जाँच की जायेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) कलेक्टर, छिंदवाड़ा के कार्यालयीन अभिलेखों के अनुसार शिकायत कार्यालय में प्राप्त होना नहीं पाया गया है। (ख) एवं (ग) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अतिकुपोषण से हुई मौतों पर कार्यवाही
[महिला एवं बाल विकास]
43. ( क्र. 4149 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) वर्ष 2014-15, 2015-16 एवं 2016-17 में प्रदेश के कौन-कौन से जिलों में कितने प्रतिशत बच्चे अतिकुपोषित पाये गये? उक्त अवधि में कौन-कौन से जिलों में कितने बच्चों की मौतें अतिकुपोषण से हुई हैं वर्षवार, जिलेवार सूची उपलब्ध करावें। (ख) कुपोषण से निपटने के लिये प्रश्नांश (क) में वर्णित वित्तीय वर्षों में बजट में सरकार द्वारा कितनी-कितनी राशि का प्रावधान किया गया तथा कितनी-कितनी राशि किस-किस प्रकार से खर्च की गई वर्षवार जानकारी दें। (ग) क्या सरकार द्वारा सितंबर-अक्टूबर 2016 में किये गये सर्वे अनुसार अतिकुपोषण से प्रदेश में 116 मौतें होने के बाद 2.5 करोड़ रूपये अतिरिक्त खर्च किये गये थे? क्या नवंबर-दिसंबर 2016 के सर्वे में कुपोषित बच्चों की संख्या 22708 से बढ़कर 24448 हो गई? (घ) क्या जिला श्योपुर में नगरपालिका द्वारा जनवरी 2016 में किये गये सर्वे में वार्ड क्रमांक 10 में ही 26 बच्चे अतिकुपोषित अवस्था में पाये गये? (ड.) प्रदेश में बढ़ते कुपोषण के लिये जिम्मेदार/लापरवाह अधिकारी/कर्मचारियों पर क्या कोई कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो क्या? यदि नहीं, तो क्यों?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) वर्ष 2014-15, 2015-16 एवं 2016-17 में प्रदेश अंतर्गत जिलों में पाये गये अति कम वजन के बच्चों के प्रतिशत की वर्षवार जिलेवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'1' अनुसार हैं। अतिकुपोषण से किसी भी बच्चे की मृत्यु होना प्रतिवेदित नहीं हैं। (ख) कुपोषण दूर करने के लिए आई.सी.डी.एस. योजनातंर्गत पूरक पोषण आहार कार्यक्रम तथा अटल बिहारी वाजपेयी बाल आरोग्य एवं पोषण मिशन में राशि व्यय की गई हैं। इस हेतु वर्ष 2014-15, 2015-16 एवं 2016-17 में विभागीय बजट एवं व्यय की जिलेवार स्थिति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'2' अनुसार हैं। प्रश्नावधि में गंभीर कुपोषित बच्चों के उपचार एवं फॉलोअप हेतु स्वास्थ्य विभाग की आवंटित एवं व्यय राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '3' अनुसार हैं। (ग) प्रश्नांकित अवधि में विभाग द्वारा श्योपुर जिले के कुछ गांवों को छोड़कर, अन्य जिलों में कोई सर्वेक्षण नहीं कराया गया। श्योपुर जिले में प्रश्नांकित अवधि में कोई अतिरिक्त राशि खर्च नहीं की गई। नवम्बर 2016-फरवरी 2017 की अवधि में विशेष वजन अभियान में चिन्हित कम एवं अति कम वजन के बच्चों का जिलेवार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '4' अनुसार हैं। (घ) नगरपालिका श्योपुर द्वारा जनवरी 2016 में किये गये सर्वे में वार्ड क्र. 10 में 26 बच्चे अतिकम वजन की श्रेणी में पाये गये थे इसके उपरांत विभाग द्वारा उक्त वार्ड का सर्वेकिया गया जिसमें 26 बच्चों में से 1 ही बच्चा (एम.यू.ए.सी. अनुसार) 11.5 से कम अर्थात गंभीर कुपोषण की श्रेणी में पाया गया। इस प्रकार शेष 25 बच्चे एन.आर.सी. में भर्ती किये जाने योग्य नहीं थे। मार्च 2016 में उक्त वार्ड में स्नेह शिविर लगाकर ऐसे बच्चों के पोषण स्तर में सुधार किया गया। (ड.) कुपोषण की पहचान में लापरवाही बरतने वाले 01 संभागीय संयुक्त सचांलक, 06 जिला कार्यक्रम अधिकारी, 122 बाल विकास परियोजना अधिकारियों को कारण बताओ सूचना पत्र जारी किये गये, 02 बाल विकास परियोजना अधिकारियों को निलंबित करते हुए 899 पर्यवेक्षकों को जिला कलेक्टरों के माध्यम से कारण बताओ सूचना पत्र जारी किये गये।
कलेक्टर दर पर कार्यरत कर्मचारियों को भर्तियों में वरीयता
[सामान्य प्रशासन]
44. ( क्र. 4216 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या 5 या अधिक वर्षों से कलेक्टर दर पर कार्यरत कर्मचारियों को सरकार द्वारा की जा रही भर्तियों में वरीयता प्रदान करने का प्रावधान है? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) सीधी जिले में विभिन्न विभागों की विभिन्न योजनाओं में कलेक्टर दर पर कार्यरत कर्मचारियों को क्या नियमितीकरण का लाभ दिया जावेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी नहीं। सेवा भर्ती नियमों के अनुसार कार्यवाही किये जाने का प्रावधान है। (ख) सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र दिनांक 16.05.2007 द्वारा दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों के नियमितीकरण किये जाने के निर्देश हैं, जो शासन के समस्त विभागों पर समान रूप से लागू हैं। शेषांश प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
स्वीकृत आंगनवाड़ी केन्द्रों का भवन निर्माण
[महिला एवं बाल विकास]
45. ( क्र. 4217 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रदेश में कितनी नई आंगनवाड़ी केन्द्र स्वीकृत हैं? क्या महिला बाल विकास में पर्यवेक्षकों की कमी है यदि हाँ, तो कितनी और कब तक पूर्ति की जायेगी? (ख) विगत दो वर्षों में कुपोषण का स्तर क्या रहा है? प्रदेश में जिलेवार कुपोषित बच्चों की क्या स्थिति है? कुपोषण में सुधार के लिए सरकार के पास क्या-क्या कार्य योजना है? (ग) सीधी सिहावल देवसर सिंगरौली में कुल कितनी आगनवाड़ी स्वीकृत हैं कितने के भवन हैं? कितनी भवन विहीन हैं? कब तक सभी केन्द्रों में भवन बनाये जायेंगे?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) प्रदेश में 84,465 आंगनवाड़ी केन्द्र तथा 12,670 मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र स्वीकृत है। जी हाँ वर्तमान में चार सौ उन्नीस पर्यवेक्षकों के पद रिक्त है। इन रिक्त पदों की पूर्ति हेतु संचालनालय के पत्र क्रमांक 79, दिनांक 07/01/2017 द्वारा प्रस्ताव प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड, भोपाल को भेजा गया है। प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड से चयन सूची प्राप्त होने पर पद पूर्ति कर दी जावेगी। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र- 01 पर है। आंगनवाड़ी केन्द्रों में 5 वर्ष तक के बच्चों का वजन लिया जाकर उनके पोषण स्तर का निर्धारण किया जाता है। कुपोषण की रोकथाम हेतु आई.सी.डी.एस. योजना का क्रियान्वयन, अटल बिहारी बाल आरोग्य एवं पोषण मिशन का क्रियान्वयन किया जा रहा है। इनके अंतर्गत अतिकम वजन वाले बच्चों को थर्डमील का प्रदाय, चिन्हित ग्रामों में स्नेह शिविरों का आयोजन किया जाता है। अतिकम वजन वाले बच्चों में से चिन्हित बच्चों को स्वास्थ्य विभाग द्वारा संचालित पोषण पुनर्वास केन्द्रों में संदर्भित किया जाता है। अतिकम वजन वाले बच्चों के पोषण की देखभाल जनसमुदाय, जनप्रतिनिधियों एवं प्रबुद्ध नागरिकों द्वारा जिम्मेदारी लिये जाने हेतु स्नेह सरोकार कार्यक्रम का क्रियान्वयन किया जा रहा है। विभाग द्वारा कुपोषित बच्चों की वर्तमान में संख्या का आंकलन करने हेतु विशेष वजन अभियान का आयोजन 01 नवम्बर 2016 से 28 फरवरी 2017 तक किया गया। इस अभियान में सभी आंगनवाड़ी केन्द्रों पर पर्यवेक्षकों द्वारा बच्चों का वजन लेकर उनके पोषण स्तर का निर्धारण किया गया। इस अभियान में चिन्ह्ति कम वज़न एवं अतिकम वज़न के बच्चों के पोषण स्तर में सतत् सुधार तथा फॉलोअप हेतु विशेष पोषण अभियान का प्रांरभ किया जा रहा है। (ग) सीधी, सिहावल, देवसर एवं सिंगरौली में कुल 1,905 आंगनवाड़ी केन्द्र स्वीकृत है, जिसमें से 1,036 आंगनवाड़ी केन्द्रों के विभागीय भवन उपलब्ध है। शेष 869 आंगनवाड़ी केन्द्र भवनविहीन (किराये के/अन्य शासकीय भवन में संचालित) हैं। विस्तृत जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''2'' पर है। आंगनवाड़ी भवनों का निर्माण वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर करता है। अतः समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है।
लेखा प्रशिक्षण के प्रशिणार्थियों को अंकसूची एवं प्रमाण पत्र उपलब्ध कराना
[ऊर्जा]
46. ( क्र. 4241 ) श्री रामसिंह यादव : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भोपाल के निष्ठा परिसर गोविन्दपुरा, भोपाल में नवम्बर 2011 में बैच नम्बर 80 में म.प्र.म.क्षे.वि.वि.क.लि. शिवपुरी के श्री ओ.पी.शर्मा, श्री आर.सी.शर्मा, श्री व्ही.पी.शर्मा रामस्वरूप शर्मा, एस.एस.सेंगर कार्यालय सहायकों द्वारा लेखा प्रशिक्षण प्राप्त किया था एवं प्रशिक्षण में उत्तीर्ण घोषित किए गए थे? (ख) यदि हाँ, तो क्या उक्त सभी प्रशिक्षणार्थियों को अंकसूची एवं प्रमाण पत्र उपलब्ध कराए गए? यदि नहीं, कराए गए तो क्यों? कारण सहित संपूर्ण जानकारी दें? (ग) क्या प्रश्न दिनांक तक प्रश्नांश (क) में वर्णित शिवपुरी के पांचों प्रशिक्षणार्थियों को अंकसूची एवं प्रमाण पत्र उपलब्ध नहीं कराने के लिए कौन दोषी है? दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही कब तक की जावेगी और प्रशिक्षणार्थियों को अंकसूची एवं प्रमाण पत्र कब तक उपलब्ध करा दिए जावेंगे?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित बैच नम्बर 80 के कर्मचारियों सहित लेखा प्रशिक्षण के विभिन्न बैचों के कर्मचारियों के प्रशिक्षण प्रमाणपत्र/अंकसूची पॉवर डिस्ट्रीब्यूशन ट्रेनिंग सेन्टर (पी.डी.टी.सी.), भोपाल द्वारा पत्र क्रमांक 270 दिनांक 17.12.2012 से मुख्य महाप्रबंधक (ग्वा.क्षे.) ग्वालियर कार्यालय को सभी संबंधितों को वितरित किये जाने हेतु प्रेषित किये गये थे। किन्तु उक्त पत्र संबंधित कार्यालय में प्राप्त नहीं होने के कारण प्रमाण पत्र/अंकसूची प्रशिक्षणार्थियों को वितरित नहीं किये जा सके। (ग) प्रशिक्षणार्थी श्री रमेशचन्द्र शर्मा द्वारा प्रमाणपत्र/अंकसूची प्राप्त नहीं होने के संबंध में महाप्रबंधक संचालन/संधारण, शिवपुरी को दिये गये आवेदन के अनुक्रम में महाप्रबंधक संचालन/संधारण, शिवपुरी द्वारा पत्र क्रमांक 2234 दिनांक 18.07.2016 के द्वारा निदेशक, पी.डी.टी.सी. को प्रशिक्षण बैच क्रमांक 80 के परीक्षा परिणाम की प्रति उपलब्ध कराने का अनुरोध किया गया था, जिसे पी.डी.टी.सी. भोपाल के पत्र क्रमांक 459 दिनांक 06.08.2016 द्वारा उपलब्ध करा दिया गया था एवं इसमें प्रश्नांश ''क'' में दर्शाये गये सभी प्रशिक्षणार्थियों के परीक्षा परिणाम सम्मिलित थे। इस परीक्षा परिणाम के आधार पर संबंधितों की सेवा पुस्तिका में आवश्यक प्रविष्टियां कर ली गई थी, जिससे उनके पदोन्नति/वित्तीय लाभ प्रभावित नहीं हुए हैं। मुख्य महाप्रबंधक (ग्वा.क्षे.) ग्वालियर के पत्र क्रमांक 21169 दिनांक 23.02.2017 के द्वारा प्रश्नांश ''क'' में वर्णित प्रशिक्षणार्थियों के डुप्लीकेट प्रमाणपत्रों की मांग किये जाने पर पी.डी.टी.सी., भोपाल द्वारा दिनांक 25.02.2017 को प्रश्नाधीन उल्लेखित पाँचों प्रशिक्षणार्थियों के डुप्लीकेट प्रमाणपत्र जारी कर संबंधितों को हस्तांतरित करने हेतु प्रेषित कर दिये गये हैं। उक्त परिप्रेक्ष्य में किसी अधिकारी/कर्मचारी के दोषी होने अथवा किसी के विरूद्ध कार्यवाही किये जाने का प्रश्न नहीं उठता।
विद्युतविहीन बस्तियों में विद्युत का प्रदाय
[ऊर्जा]
47. ( क्र. 4242 ) श्री रामसिंह यादव : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्न दिनांक की स्थिति में कोलारस विधानसभा क्षेत्र के कुछ ग्राम अंधेरे में जीवन यापन कर रहे हैं? यदि हाँ, तो वह कौन-कौन से हें एवं कब से अंधेरे में रहने को मजबूर हैं? ? (ख) क्या कंपनी द्वारा प्रश्नांश (क) वर्णितों को अंधेरे से उजाले में ले जाने के लिये तथा प्रकाश एवं पंखे की सुविधा उपलब्ध कराने के लिये कोई योजना बनायी है? यदि हाँ, तो वह योजना क्या है एवं कहाँ-कहाँ के लिये है? योजनांतर्गत कार्य कब तक पूर्ण किए जाने का लक्ष्य रखा गया है? (ग) क्या प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र कोलारस में कहाँ-कहाँ के कौन-कौन से ट्रांसफार्मर कब से फेल हैं?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) प्रश्न दिनांक की स्थिति में कोलारस विधानसभा क्षेत्र में 8 ग्रामों के तार चोरी होने तथा पोल क्षतिग्रस्त होने, 6 ग्रामों के वितरण ट्रांसफार्मर फेल होने तथा ट्रांसफार्मर से संबद्ध उपभोक्ताओं द्वारा नियमानुसार विद्युत बिल की राशि जमा नहीं करने के कारण उन्हें बदले नहीं जाने तथा एक ग्राम का ट्रांसफार्मर फेल होने तथा उस ट्रांसफार्मर से कोई कनेक्शन नहीं होने के कारण उसे बदला नहीं जाने से वर्तमान में कुल 15 ग्राम डी-इलेक्ट्रिफाईड हैं। उक्त डी-इलेक्ट्रिफाईड ग्रामों की डी-इलेक्ट्रिफाईड होने की जानकारी सहित ग्रामवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ-1' एवं 'अ-2' अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) में वर्णित तार चोरी होने तथा पोल क्षतिग्रस्त होने से डी-इलेक्ट्रीफाईड हुए 8 ग्रामों को विद्युतीकरण हेतु शिवपुरी जिले के लिये स्वीकृत दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना में शामिल किया गया है। योजनान्तर्गत कार्य टर्न-की आधार पर कराए जाने हेतु निविदा कार्यवाही प्रक्रियाधीन है, अत: वर्तमान में कार्य पूर्णता की निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। 6 ग्रामों के फेल ट्रांसफार्मरों से संबद्ध उपभोक्ताओं द्वारा नियमानुसार बकाया राशि जमा करने पर इन ट्रांसफार्मरों को बदलने की कार्यवाही की जायेगी तथा शेष 1 ग्राम में कोई उपभोक्ता नहीं होने से वर्तमान में कोई कार्यवाही किया जाना अपेक्षित नहीं है। (ग) विधानसभा क्षेत्र कोलारस में 52 ट्रांसफार्मर फेल हैं, जिनमें से 51 ट्रांसफार्मर शत्-प्रतिशत उपभोक्ताओं पर बकाया राशि होने एवं 1 ट्रांसफार्मर पर कोई कनेक्शन नहीं होने के कारण इन ट्रांसफार्मरों को नहीं बदला जा सका है। उक्त ट्रांसफार्मरों की फेल होने की दिनांक सहित ग्रामवार एवं क्षमतावार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
म.प्र. शासन में समान कार्य समान वेतन व्यवस्था
[वित्त]
48. ( क्र. 4277 ) श्री गोपाल परमार : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म. प्र. शासन के अंतर्गत मंत्रालय/विभागाध्यक्ष के लिपिक वर्ग के वेतनमान में अंतर किया गया है? यदि हाँ, तो समान कार्य समान वेतन की नीति शासन क्यों नहीं अपना रहा है? (ख) नियमित वेतनमान एवं समय मान वेतनमान के उपरांत मंत्रालय एवं विभागाध्यक्ष के सहायक ग्रेड 1,2,3 में की गई वेतनमान में भारी विसंगति को शासन दूर करने के लिए क्या कार्यवाही कर रहा है तथा समान कार्य समान वेतन को लेकर लिपिक संवर्ग में चल रही वेतन विसंगति शासन कब समाप्त करेगा? समय-सीमा बतावें यदि नहीं, तो कारण बतावें? (ग) क्या म. प्र. शासन द्वारा लिपिक वर्ग की वेतन विसंगति हेतु हाई पॉवर कमेटी बनाई गई है? यदि हाँ, तो हाई पॉवर कमेटी द्वारा सौंपी गई अपनी अनुशंसाओं को शासन कब तक लागू करेगा?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जी नहीं। मंत्रालय एवं विभागाध्यक्ष कार्यालयों के कार्य स्वरूपों में भिन्नता के कारण लिपिकीय संवर्ग के कतिपय पदों के वेतनमानों में पूर्व से ही अंतर रहा है। (ख) उपर्युक्त "क" के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। राज्य के वित्तीय संसाधनों तथा प्रशासनिक संरचनाओं में पारस्परिक प्रभावों के आंकलन के आधार पर यथासमय निर्णय लिया जाएगा।
मुरैना-सबलगढ़ मार्ग पर विद्युत पोल शिफ्टिंग
[ऊर्जा]
49. ( क्र. 4395 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मुरैना-सबलगढ़ मार्ग पर वर्ष 2013-14 में विद्युत पोल शिफ्टिंग का कार्य कराने हेतु कुल तैंतीस प्राक्कलन स्वीकृत किये गये थे? इसी मार्ग पर वर्ष 2016 में कितने प्राक्कलन स्वीकृत किये गये हैं? दोनों प्राक्कलन की राशि एवं प्रावधानों की पूर्ण जानकारी दी जावे? (ख) क्या वर्ष 2013, 2014 में पोल शिफ्टिंग का कार्य किया गया था? यदि हाँ, तो कितना कार्य किया गया था, पूर्ण जानकारी कार्यस्थलों के नाम सहित दी जावे? (ग) क्या वर्ष 2013-14 में पोल शिफ्टिंग का जो कार्य किया गया था, उसका पुराना सामान जैसे तार, व्हीक्रॉस, पोल आदि विद्युत विभाग को वापस नहीं किये गये थे? यदि नहीं, तो क्यों नहीं वापिस किये? (घ) वर्तमान में जो कार्य ठेकेदारी द्वारा किया जा रहा है, उसमें विद्युत कंपनी द्वारा अनुमोदित वेण्डर से ही सामग्री क्रय की जा रही है? यदि हाँ, तो क्रय सामग्री का विवरण दिया जावे एवं कार्य करने वाले ठेकेदार से कितना पुराना सामान वापस लिया गया है, बतावें?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ। प्रश्नाधीन मार्ग पर वर्ष 2016-17 में विद्युत लाईन शिफ्टिंग के कार्य हेतु 5 प्राक्कलन स्वीकृत किये गये हैं। उक्तानुसार स्वीकृत प्राक्कलनों की राशि एवं प्राक्कलनों में प्रावधानित कार्य की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' एवं 'ब' अनुसार है। (ख) जी हाँ। वर्ष 2013-14 में विद्युत लाईन शिफ्टिंग का कार्य किया गया था, जिसका कार्यस्थल के नाम सहित विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है। (ग) प्रश्नाधीन अवधि में किये गये लाईन शिफ्टिंग के कार्य में निकली पुरानी सामग्री यथा-तार, व्हीक्रॉस आर्म, उपयोगी पाए गए पोल इत्यादि को मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी को वापिस न करते हुए उसका उपयोग लाईन शिफ्टिंग के कार्य में किया गया था। (घ) वर्तमान में (वर्ष 2016-17) ठेकेदार एजेंसियों द्वारा विभिन्न कार्यों में उपयोग की जाने वाली सामग्री मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड के आदेश दिनांक 07.11.2016 द्वारा अनुमोदित वेण्डरों से ही क्रय की जानी है। म.प्र. सड़क विकास निगम के संभागीय प्रबंधक द्वारा प्रश्नाधीन कार्यों के लिए नियत किये गये ठेकेदारों के द्वारा उक्त आदेश जारी होने के पूर्व में ही सामग्री क्रय की जा चुकी थी, जो कि मानक स्तर की है। प्रश्नाधीन कार्यों हेतु ठेकेदार एजेंसी द्वारा क्रय की गई सामग्री का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'द' अनुसार है एवं वर्ष 2016-17 में किये जा रहे उक्त कार्य में निकली एवं वितरण कंपनी के संबंधित स्टोर को वापिस की गई सामगी का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ई' अनुसार है।
दोषी अधिकारियों पर कार्यवाही।
[ऊर्जा]
50. ( क्र. 4396 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विदयुत विभाग मुरैना में एक ही कार्य के एक से अधिक अवॉर्ड जारी करने के कारण एस.टी.सी. सम्भाग में किन अधिकारियों, कर्मचारियों के विरूद्ध निलम्बन, स्थानान्तरण सेवा समाप्ति के नोटिस सूचना देते हुये क्या-क्या दण्ड दिया गया वर्ष 2013 से 2015 की जानकारी दी जावे। (ख) क्या रामप्रकाश सिंह परमार को एक से अधिक लेवर अवॉर्ड जारी करने में सहयोग देने के आरोप में निलम्बन, स्थानान्तरण, सेवा समाप्ति की सूचना देकर पेंशन रोकने की कार्यवाही की गई थी? (ग) क्या उक्त कार्य के सम्पूर्ण दोषी रामप्रकाश सिंह परमार को ही माना गया था? क्या उक्त कार्य में लिप्त अन्य अधिकारियों के खिलाफ इसी प्रकार की कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों नहीं की गई?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) प्रश्नाधीन चाही गई जानकारी संलग्न परिशिष्ट में दर्शाए अनुसार है। (ख) जी हाँ। श्री राम प्रकाश परमार, कार्यालय सहायक श्रेणी दो के विरूद्ध निलम्बन की कार्यवाही की जाकर महाप्रबंधक संचालन एवं संधारण वृत्त मुरैना के आदेश क्रमांक 6025, दिनांक 05.10.2015 द्वारा उनका मुख्यालय संचालन एवं संधारण संभाग, अम्बाह नियत किया गया था। उसके पश्चात् कंपनी मुख्यालय द्वारा आदेश क्रमांक 1416, दिनांक 07.10.2015 से उनका निलंबन अवधि में मुख्यालय संचालन एवं संधारण संभाग, विदिशा नियत किया गया था। कंपनी के आदेश क्रमांक 1971 दिनांक 31.12.2015 से श्री रामप्रकाश परमार को सेवा में बहाल करते हुए उनकी पद स्थापना संचालन एवं संधारण संभाग विदिशा की गई थी। मुख्य महाप्रबंधक (भो.क्षे.) भोपाल के आदेश क्रमांक 2315, दिनांक 11.05.2016 के द्वारा श्री रामप्रकाश सिंह परमार, कार्यालय सहायक श्रेणी-2 को उनके आवेदन पर दिनांक 31.05.2016 को स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति प्रदान की गई है। विभागीय जाँच के निष्कर्ष के आधार पर श्री रामप्रकाश परमार की 5 प्रतिशत पेंशन राशि एक वर्ष के लिये रोके जाने के संबंध में महाप्रबंधक संचालन एवं संधारण वृत मुरैना द्वारा आदेश क्रमांक 7246, दिनांक 29.12.2016 के माध्यम से दण्ड आदेश जारी किया गया था। श्री परमार को जारी कारण बताओ सूचना पत्र में सेवा समाप्ति का उल्लेख नहीं था। (ग) जी नहीं। संलग्न परिशिष्ट में दर्शाए अनुसार श्री राम प्रकाश परमार के अतिरिक्त 8 अन्य अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध भी अनुशासनात्मक कार्यवाही की गई है। अत: प्रश्न नहीं उठता।
ट्रांसफार्मर खरीदी में अनियमितता
[ऊर्जा]
51. ( क्र. 4408 ) श्री मेहरबान सिंह रावत : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र.म.क्षे.वि.वि.कं.लि. में सन् 2013 से प्रश्न दिनांक तक विभिन्न कंपनियों द्वारा कितने 3.15 एम.व्ही.ए. एवं 5 एम.व्ही.ए. पावर परिणामित्र लगाऐ एवं उनकी प्रति ट्रांसफार्मर की क्या कीमत थी? साथ ही म.क्षे. कंपनी द्वारा सीधे खरीदे गये ट्रांसफार्मर की कीमत भी बतावें एवं म.क्षे. कंपनी में शेड्यूल ऑफ रेट की दर भी बतावें? (ख) 3.15 एम.व्ही.ए. से 5 एम.व्ही.ए. ट्रांसफार्मर की क्षमता वृद्धि में म.क्षे.कं. कितना लेवर एवं ट्रांसपोर्टेशन चार्ज करती है? अन्य कंपनी द्वारा उसी संभाग में क्षमता वृद्धि करने पर म.क्षे.कं. के द्वारा पिछले पाँच वर्षों में किस दर से भुगतान किया गया? (ग) मध्य क्षे.कं. द्वारा शेड्यूल ऑफ रेट से यदि 100% अधिक दर से 5 MVA परिणामित्र खरीदे गये साथ ही क्षमता वृद्धि में भी म.क्षे. कंपनी ने लेवर ट्रांसपोर्टेशन में व्यय करने के स्थान पर अन्य कंपनी को क्षमता वृद्धि में 200% से अधिक का लेवर एवं ट्रांसपोर्टेशन का भुगतान किया है तो कारण बतावें कि इतनी कीमत का भुगतान क्यों किया गया? इतनी अधिक खरीदी में दोषी कौन है और दोषी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जाएगी? समयावधि बतावें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड के अंतर्गत सन् 2013 से प्रश्न दिनांक तक विभिन्न कार्य एजेन्सी/कंपनियों से 3.15 एम.व्ही.ए. के 9 एवं 5 एम.व्ही.ए. के 266 पॉवर ट्रांसफार्मर, लगाए गए हैं, जिसका विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। उक्त लगाए गए ट्रांसफार्मरों की कीमत में अन्य खर्चों का समायोजन भी सम्मिलित है। म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड द्वारा निविदा प्रक्रिया के माध्यम से खरीदे गये ट्रांसफार्मर एवं शेड्यूल ऑफ रेट की दरों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ख) 3.15 एम.व्ही.ए. से 5 एम.व्ही.ए. ट्रांसफार्मर की क्षमता वृद्धि में म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड द्वारा शेड्यूल ऑफ रेट की दरों के अनुसार चार्ज किये जाने वाले लेबर एवं ट्रांसपोर्टेशन चार्ज का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है। उत्तरांश 'क' में वर्णित एजेन्सी/कंपनियों द्वारा म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड के क्षेत्रान्तर्गत क्षमता वृद्धि करने पर पिछले पाँच वर्षों में किये गये भुगतान की दरों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'द' अनुसार है। (ग) जी नहीं। अपितु उत्तरांश 'क' अनुसार पॉवर ट्रांसफार्मरों की स्थापना के कार्य विभिन्न कार्य एजेंसियों से निविदा प्रक्रिया के माध्यम से न्यूनतम कीमत के आधार पर संपूर्ण प्रोजेक्ट के अंतर्गत करवाये गये है, जिसमें सभी सामग्री के साथ-साथ लगाये गए ट्रांसफार्मरों की कीमत में अन्य खर्चों का समायोजन भी सम्मिलित है। अत: शेड्यूल ऑफ रेट की दरों से इनकी तुलना करने पर दरों में कमी अथवा आधिक्य संभव है। शेड्यूल ऑफ रेट में दी गई पॉवर ट्रांसफार्मर की दरों से टर्न-की प्रोजेक्ट में सम्मिलित पॉवर ट्रांसफार्मर की दरों की तुलना करना उपरोक्त परिप्रेक्ष्य में सही नहीं है। चूंकि दोनों प्रक्रिया में निविदा अनुसार दी गई शर्तों का पालन किया गया है, अत: इस हेतु किसी के दोषी होने या कार्यवाही किये जाने का प्रश्न नहीं उठता।
आंगनवाड़ी केन्द्र
[महिला एवं बाल विकास]
52. ( क्र. 4424 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या भोपाल संभाग के सभी जिलों में आंगनवाड़ी केन्द्र स्वयं के भवनों में संचालित है? यदि हाँ, तो जिलावार ब्यौरा दें। यदि नहीं, तो कितने आंगनवाड़ी केन्द्र किराए के भवनों में संचालित किए जा रहे हैं? (ख) क्या आंगनवाड़ी केन्द्रों में बच्चों की संख्या पर्याप्त है? यदि हाँ, तो सीहोर जिले में प्रत्येक केन्द्र में दर्ज बच्चों की संख्या का ब्लाकवार केन्द्रवार ब्यौरा दें। (ग) प्रश्नांश (ख) अंतर्गत आंगनवाड़ी केन्द्रों में बच्चों को क्या-क्या पोषण आहार दिया जा रहा है? पोषण आहार किन-किन संस्थओं अथवा ऐजेन्सी से क्रय किया जा रहा है? (घ) प्रश्नांश (ख) अंतर्गत क्या पोषण आहार वितरण से संबंधित शिकायतें सामने आई हैं? यदि हाँ, तो एक वर्ष के दौरान सीहोर जिले में प्राप्त शिकायतों का ब्लॉकवार ब्यौरा दें।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) जी नहीं। भोपाल संभाग के सभी जिलों में आंगनवाड़ी केन्द्र स्वयं के भवनों में संचालित नहीं है। किराये के भवनों में संचालित आंगनवाड़ी केन्द्रों की जिलेवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) जी हाँ। आंगनवाड़ी केन्द्रों में बच्चों की संख्या पर्याप्त है केन्द्रवार दर्ज बच्चों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ग) आंगनवाड़ी केन्द्रों पर बच्चों को पोषण आहार सांझा चुल्हा के अन्तर्गत स्थानीय स्व-सहायता समूहों के माध्यम से एवं 06 माह से 03 वर्ष के बच्चों को एमपीएग्रों द्वारा प्रदाय किया जाता है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है। (घ) 01 वर्ष के अन्दर 01 शिकायत लिखित रूप से प्राप्त हुई है एवं 25 शिकायतें सी.एम. हेल्पलाईन के माध्यम से प्राप्त हुई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'द' अनुसार है।
नहरों का रख-रखाव
[नर्मदा घाटी विकास]
53. ( क्र. 4461 ) श्रीमती प्रतिभा सिंह : क्या राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बरगी विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत आने वाली बायीं तट मुख्य, माइनर एवं डिस्ट्रीब्यूटरी नहरों का निर्माण कितनी लागत से कब किया गया? विगत दो वर्षों में उक्त नहरों के रख-रखाव सिल्ट निकासी सुधार के कितने-कितने कार्य किन-किन ठेकेदारों से कराये गये? नहरवार जानकारी दें। (ख) उपरोक्त नहरों में से शहपुरा नहर की बिलपठार तक बनी नहर में पानी मगर मुंहा तक एवं मनकेड़ी के आगे ग्राम-गुबरा तक बनी नहर में पानी केबल सुरई तक ही पहुंचता है? उपरोक्त नहरों के अंतिम छोर बिलपठार एवं गुबरा तक पानी पहुंचाने अब तक प्रयास क्यों नहीं किये गये? अंतिम छोर तक पानी कब तक पहुंचाया जावेगा?
राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास ( श्री लालसिंह आर्य ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। (ख) ग्राम बिलपठार तक शहपुरा नहर की कुल लंबाई 24.00 कि.मी. तक पानी पहुंचता है, किन्तु नहर की आर.डी. 16.00 कि.मी. अर्थात मगरमुहां ग्राम के अपस्ट्रीम के कृषकों द्वारा नहर को काटे जाने एवं बण्ड आदि बनाये जाने के कारण ग्राम बिलपठार तक पानी पहुंचने में कठिनाई आती है। ग्राम सुरई तक बेलखेडी वितरण नहर से सिंचाई हेतु पानी उपलब्ध हो रहा है। गुबराकला माइनर की कुल लंबाई 12.34 कि.मी. है। गुबराकला तक पानी पहुंचाने के लिये सुधार, सफाई एवं लाइनिंग हेतु अनुबंध हो चुका है तथा निर्माण कार्य प्रगति पर है। इस कार्य को 12 माह में पूर्ण करने का लक्ष्य है।
ट्रांसफार्मर सुधार
[ऊर्जा]
54. ( क्र. 4462 ) श्रीमती प्रतिभा सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. पूर्व क्षेत्र वि.वि.कं. लिमि. द्वारा वित्तीय वर्ष 2016-17 में कितने विद्युत ट्रांसफार्मरों का सुधार बाइंडिंग किन-किन निजी संस्थानों से कराया एवं उन पर कितनी राशि व्यय की गयी? (ख) जबलपुर जिले के शहपुरा एवं जबलपुर वि.खं. के अंतर्गत विगत एक वर्ष में विदयुत ट्रांसफार्मरों के जलने, खराब होने की कितनी शिकायतें प्राप्त हुयी? उनमें से कितने ट्रांसफार्मर अब तक बदले गये हैं? कितने अभी भी बंद है? जानकारी 2017 की स्थिति में बताएं? किसानों के हित में बंद/जले ट्रांसफार्मर कब तक बदले जावेंगे?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड द्वारा वर्ष 2016-17 में दिनांक 01.04.2016 से दिनांक 22.02.2017 तक 15458 वितरण ट्रांसफार्मरों व 13 पॉवर ट्रांसफार्मरों, इस प्रकार कुल 15471 विद्युत ट्रांसफार्मरों की री-वाइंडिंग/सुधार कार्य निजी संस्थानों से कराया गया है। उक्त सुधारकर्ता निजी संस्थानों की नामवार सूची एवं सुधार कार्य हेतु निजी संस्थान को भुगतान की गई/व्यय की गई राशि का विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जबलपुर जिले में विगत एक वर्ष में दिनांक 01.01.2016 से दिनांक 31.01.2017 तक शहपुरा विकासखण्ड के अंतर्गत 495 तथा जबलपुर विकासखण्ड के अंतर्गत 233, इस प्रकार कुल 728 वितरण ट्रांसफार्मरों के जलने/खराब होने की शिकायत प्राप्त हुई हैं। उक्त में से 721 ट्रांसफार्मर बदल दिए गए हैं एवं शेष 7 ट्रांसफार्मर संबद्ध उपभोक्ताओं द्वारा नियमानुसार विद्युत बिल की बकाया राशि जमा नहीं करने के कारण बदलने हेतु शेष हैं, जिन्हें नियमानुसार विद्युत बिल की बकाया राशि का भुगतान प्राप्त होने पर बदला जा सकेगा, अत: इन्हें बदलने की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
शिलान्यासों में जन प्रतिनिधियों को आमंत्रित किया जाना
[सामान्य प्रशासन]
55. ( क्र. 4488 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या किसी भी नवीन निर्माण किये जाने पर जनप्रतिनिधियों द्वारा शिलान्यास किये जाने के निर्देश हैं? यदि हाँ, तो निर्देशों की प्रति उपलब्ध करावें। शासन के निर्देशों के पालन में भितरवार विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत वर्ष 2010 से प्रश्न दिनांक तक कितने नवीन निर्माण कार्यों के शिलान्यास में किन-किन जनप्रतिनिधियों को आमंत्रित किया गया? उनका नाम, पद स्पष्ट करें? (ख) क्या अधिकारियों की मनमानी के कारण शासन के निर्देशों के बावजूद भी नवीन निर्माण कार्यों के शिलान्यास कार्यक्रम में जनप्रतिनिधियों को आमंत्रित नहीं किया जाता है? यदि हाँ, तो इसके लिये कौन-कौन दोषी है? क्या दोषियों के प्रति कोई दण्डात्मक कार्यवाही की जावेगी यदि हाँ, तो क्या और कब तक यदि नहीं, तो क्यों कारण सहित स्पष्ट करें?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी नहीं। किसी भी नवीन निर्माण किये जाने पर उसका शिलान्यास अनिवार्यत: जनप्रतिनिधि द्वारा किये जाने के निर्देश नहीं है। परन्तु किसी भी निर्माण के लिए शिलान्यास या उद्घाटन समारोह में क्षेत्रिय विधायकों को महत्व दिये जाने एवं आमंत्रित किए जाने के निर्देश है। भितरवार विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत नवीन निर्माण कार्यों के शिलान्यास में आमंत्रित जनप्रतिनिधियों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आंगनवाड़ी केन्द्रों के भवन निर्माण
[महिला एवं बाल विकास]
56. ( क्र. 4489 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) भितरवार विधानसभा क्षेत्र में कुल कितने आंगनवाड़ी, मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र स्वीकृत एवं संचालित हैं? नगर परिषद् एवं ग्रामीण केन्द्रों के अलग-अलग नाम सहित अवगत करावें। (ख) क्या सभी केन्द्रों के स्वयं के भवन निर्मित किये जा चुके हैं? यदि नहीं, तो ऐसे भवनविहीन आंगनवाड़ी केन्द्रों के नाम पता सहित अवगत करावें। (ग) ऐसे भवनविहीन आंगनवाड़ी केन्द्रों को कहाँ संचालित किया जा रहा है? उनकी सूची पता सहित बतायें तथा उक्त भवनविहीन केन्द्रों के भवन निर्माण कब तक करा लिये जायेंगे? अभी तक न कराने का क्या कारण रहा?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) भितरवार विधानसभा क्षेत्र में कुल 335 आंगनवाड़ी केन्द्र, 31 मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र स्वीकृत हैं। जिसमें से वर्तमान में 21 आंगनवाड़ी केन्द्र नगरपरिषद् एवं 314 आंगनवाड़ी केन्द्र एवं 31 मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र ग्रामीण क्षेत्रों में संचालित हैं। विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार हैं। (ख) एवं (ग) जी नहीं। भितरवार विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत संचालित 335 आंगनवाड़ी केन्द्रों में से 52 आंगनवाड़ी केन्द्रों के लिये भवन निर्माण स्वीकृत नहीं हुये हैं। भवनविहीन (किराये/अन्य शासकीय भवनों में संचालित) आंगनवाड़ी केन्द्रों की विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार हैं। आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण की स्वीकृति वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर करता है। अतः समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है।
जनप्रतिनिधियों द्वारा लिखे पत्रों पर कार्यवाही
[सामान्य प्रशासन]
57. ( क्र. 4500 ) श्री मधु भगत : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बालाघाट जिले अंतर्गत 1 जनवरी 2014 से प्रश्न दिनांक तक किन-किन विधायकगण एवं क्षेत्रीय सांसद द्वारा कलेक्टर बालाघाट को किस-किस संबंध में कौन-कौन से विभागों से संबंधित पत्र कब-कब लिखे गये एवं म.प्र. शासन सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश अनुसार क्या प्राप्त सभी पत्रों की अभिस्वीकृति दी गयी है? तत्संबंध में कलेक्टर बालाघाट द्वारा जवाब के परिप्रेक्ष्य में कब-कब पत्र भेजे गये? पत्रों की सूची उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नकर्ता द्वारा कलेक्टर बालाघाट के अलावा विकासखण्ड स्तर/जिला स्तर पर 1 जनवरी 2014 से प्रश्न दिनांक तक समस्त विभागों में लिखे गये पत्रों में से कितने पत्रों का निराकरण कर दिया गया व किन-किन विषयांकित पत्रों पर कार्यवाही होना शेष है? (ग) सामान्य प्रशासन के आदेशानुसार प्रश्नकर्ता को प्रेषित प्रश्नों की अभिस्वीकृति व पत्रों का प्रति उत्तर समय-सीमा में न दिये जाने पर संबंधित अधिकारी/कर्मचारी पर दण्डात्मक कार्यवाही की जावेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
प्रोटोकाल का उल्लंघन
[सामान्य प्रशासन]
58. ( क्र. 4501 ) श्री मधु भगत : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मंत्री, सांसद, विधायकों के लिये प्रोटोकाल के संबंध में दिशा निर्देश राजपत्र में प्रकाशित किये गए हैं? क्या राजपत्र में प्रकाशित सूची में 24वें अनुक्रमांक पर सांसद के बाद विधायक एवं उसके बाद राज्यमंत्री दर्जा प्राप्त को रखा गया है? तो इसके अनुसार विधायकों का स्थान राज्यमंत्री दर्जा प्राप्त से ऊपर है। (ख) क्या जिला बालाघाट में शासकीय कार्यों के लोकार्पण/शिलान्यास/भूमिपूजन में विधायकों के संबंध में जानबूझकर प्रोटोकाल का उल्लंघन किया जा रहा है। वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक तक शासकीय कार्यों के लोकार्पण/शिलान्यास/भूमिपूजन के संबंध में कितने कार्यक्रम आयोजित किए गए? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार किस विभाग के किन अधिकारी/कर्मचारी पर प्रोटोकाल उल्लंघन संबंधी क्या कार्यवाही की गई अथवा की जावेगी? (घ) क्या भविष्य के उक्त कार्यों के संबंध में प्रोटोकाल का उल्लंघन न किये जाने विषयक एवं कार्यक्रमों की जानकारी 3-4 दिनाकों पूर्व दिये जाने हेतु निर्देशित किया जावेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। क्रमांक 24 पर संसद सदस्य, मध्यप्रदेश विधान सभा के सदस्य, नगर निगम के महापौर, मध्यप्रदेश राज्य के मंत्री अथवा राज्यमंत्री की समकक्ष हैसियत वाले निर्वाचित गणमान्य व्यक्तियों को क्रमश: रखा गया है। (ख) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
पवन ऊर्जा संयत्र
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
59. ( क्र. 4537 ) श्री पुष्पेन्द्र नाथ पाठक : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग को प्रश्नकर्ता द्वारा बिजावर विधानसभा क्षेत्र में पवन ऊर्जा सयंत्र लगाने हेतु पत्राचार प्राप्त हुआ है? (ख) क्या बिजावर विधानसभा क्षेत्र में पवन ऊर्जा के लिए मानक स्तर की हवा की जाँच करने विशेषज्ञ गये थे? यदि हाँ, तो उनके नाम पदनाम सहित जानकारी देवे। यह भी बताये की किन–किन स्थानों पर परीक्षण हुआ था। (ग) यदि बिजावर विधानसभा क्षेत्र में पवन ऊर्जा की संभावना का कोई भी परीक्षण नहीं हुआ तो क्या विभाग विशेषज्ञों को भेज कर इस दिशा में कार्य करेगा।
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ। (ख) जी, नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) पवन ऊर्जा स्त्रोत एवं उस पर आधारित परियोजना की साध्यता के तकनीकी मापदण्डों, यथा, औसत वार्षिक वायु वेग, हवा का घनत्व, दिशा, आदि, का सर्वेक्षण विण्ड मास्ट की स्थापना कर किया जाता है। यह सर्वेक्षण सामान्यता 1 से 2 वर्ष की अवधि का होता है। विण्ड मानीटरिंग मास्ट की स्थापना पर लगभग रू. 30 लाख व्यय होता है। इसके दृष्टिगत, भारत सरकार के नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय की संस्था, यथा नेशनल इन्स्टीटयूट ऑफ विण्ड एनर्जी, चैन्नई (NIWE), द्वारा स्थल की प्रारंभिक साध्यता का अध्ययन इण्डियन विण्ड एटलस में निकट्वर्ती क्षेत्र के उपलब्ध विंड डाटा एवं ज्योग्राफिक इंफार्मेशन सिस्टम के आधार पर किया जाता है एवं स्थल, साध्य पाये जाने पर, विस्तृत सर्वेक्षण हेतु मास्ट की स्थापना की जाती है। बिजावर विधान सभा क्षेत्र में पवन ऊर्जा परियोजनाओं की स्थापना हेतु प्रारंभिक साध्यता अध्ययन कराया गया। उनके द्वारा इण्डियन विंड एटलस, निकट्वर्ती क्षेत्र के उपलब्ध विंड डाटा एवं ज्योग्राफिक इंफार्मेशन सिस्टम के आधार पर क्षेत्र में विंड पैटर्न का अध्ययन किया गया, जिसके अनुसार क्षेत्र में औसत वायु वेग 4.14 मीटर प्रति सेकंड एवं विंड पावर घनत्व 74 वाट प्रति वर्ग मीटर पाया गया है। इसके दृष्टिगत NIWE का मत यह है कि यह क्षेत्र, पवन ऊर्जा परियोजनाओं की स्थापना के लिये उपयुक्त नहीं हैं।
विद्युत मण्डल डबरा जिला ग्वालियर से संबंधित
[ऊर्जा]
60. ( क्र. 4590 ) श्रीमती शकुन्तला खटीक : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या डबरा जिला ग्वालियर डिवीजन अन्तर्गत किसान अनुदान योजना के अन्तर्गत 59 फर्जी पंचनामा किसानों विरूद्ध बनाये गये? जबकि किसानों द्वारा साफ-साफ बताया गया है कि किस ठेकेदार को स्वीकृति हेतु पैसे दिये? (ख) 59 पंचनामा किस-किस वितरण केन्द्र के है व किस-किस लाईन मेन के द्वारा बनाये गये हैं? वितरण केन्द्र का नाम, पंचनामा दिनांक, लाईनमेन का नाम, पता सहित जानकारी दें? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में संबंधित कनिष्ठ यंत्री एवं सहायक यंत्री के खिलाफ निलम्बन की कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों व कब तक निलम्बन की कार्यवाही की जायेगी? (घ) इससे पहले इस तरह की मुहिम स्थानीय अधिकारियों द्वारा विगत 01 वर्ष में कब-कब चलाई गई? यदि इस तरह की मुहिम प्रतिमाह चलाई जाती तो इतने अवैध ट्रांसफार्मर नहीं पकड़े जाते? (ड.) यदि मौके पर पंचनामा बनाया गया तो सामान (तार, ट्रांसफार्मर आदि) की जप्ती क्यों नहीं की गई?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी नहीं, ग्वालियर जिले के संचालन एवं संधारण संभाग, डबरा के अंतर्गत निरीक्षण के दौरान अनाधिकृत रूप से वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित होना पाए जाने पर मौके पर पाई गई अनियमितताओं के लिये पंचनामा तैयार कर 59 प्रकरण बनाये गये थे। प्रश्नांश में उल्लेखित जानकारी प्राप्त नहीं हुई थी तथापि प्रश्नाधीन अनियमितता संज्ञान में आने पर 2 विद्युत ठेकेदारों के विरूद्ध पुलिस में एफ.आई.आर. दर्ज की जा चुकी है एवं अन्य के विरूद्ध कार्यवाही प्रगति पर है। (ख) प्रश्नाधीन अनियमितता के 59 प्रकरणों में पंचनामा बनाने वाले निरीक्षणकर्ता अधिकारी एवं संबंधित लाईन कर्मचारी के नाम/विद्युत उपयोगकर्ता के नाम/पता एवं बनाये गये पंचनामे की दिनांक सहित वितरण केन्द्रवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ग) प्रश्नाधीन अनियमितता के प्रकरणों में प्रथम दृष्टया दोषी पाए जाने पर मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध की गई कार्यवाही का दिनांकवार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (घ) संचालन एवं संधारण संभाग, डबरा के अंतर्गत अनाधिकृत रूप से स्थापित ट्रांसफार्मरों के लिये समय-समय पर जाँच कर कार्यवाही की गई है। विगत एक वर्ष में उत्तरांश ''ख'' में वर्णित प्रकरणों के अतिरिक्त 25 अन्य अवैध रूप से स्थापित ट्रांसफार्मर चिन्हित कर कार्यवाही की गई है, जिसका कार्यवाही की दिनांक सहित विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (ड.) उत्तरांश ''ख'' में वर्णित प्रकरणों में से 4 कृषकों से लगभग 1 कि.मी. तार एवं 2 कृषकों के 2 ट्रांसफार्मर जप्त किये। शेष प्रकरणों में कृषकों के विरोध के कारण जप्ती नहीं हो सकी हैं।
बिना स्वीकृति ट्रांसफार्मरों की स्थापना
[ऊर्जा]
61. ( क्र. 4591 ) श्रीमती शकुन्तला खटीक : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सहायक प्रबंधक म.प्र.म.क्षे.वि.वि.क. लि. वितरण केन्द्र करैरा के द्वारा कार्यरत लाईनमैन नरवर फीडर इंचार्ज वि.के. करैरा को पत्र क्र./सहाप्रबं./करैरा/राजस्व/2016/26 दिनांक 11.04.2016 दिया था एवं इसकी प्रतिलिपि उप महाप्रबंधक संभाग-2 शिवपुरी एवं प्रबंधक उपसंभाग करैरा को भेजी गई थी? पत्र में उपसंभाग करैरा में स्वयं के व्यय पर स्थापित ट्रान्सफार्मर योजना के तहत नियम विरूद्ध अर्थात बिना वरिष्ठ अधिकारियों की स्वीकृति के ट्रान्सफार्मर लगा दिये गये थे? यदि हाँ, तो ग्राम एवं हितग्राही का नाम, पता लगाये गये ट्रान्सफार्मर पर विदयुत भार की जानकारी दें? (ख) यदि प्रश्नांश (क) सत्य है तो सहायक प्रबंधक वितरण केन्द्र करैरा में स्थापित किये गये ट्रान्सफार्मर की जाँच की जाकर लाईनमैन के खिलाफ क्या कार्यवाही हुई व क्या सहा.प्रबंधक द्वारा उपरोक्त पत्र की प्रति उपमहाप्रबंधक एवं प्रबंधक को भी जानकारी दी गई थी? यदि हाँ, तो उनके द्वारा भी पत्र को लेकर क्या-क्या कार्यवाही हुई? (ग) उक्त बिना स्वीकृति स्थापित ट्रान्सफार्मरों पर मण्डल को कितनी क्षति हुई? क्षति की राशि भी बताई जावे? क्या क्षति की वसूली संबंधित दोषी कर्मचारी से वसूल की जा चुकी है? यदि नहीं, तो क्यों? कब तक वसूली की जाकर संबंधित कर्मचारी के खिलाफ अपराधिक प्रकरण दर्ज कर दिया जावेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ। प्रश्नाधीन पत्र की प्रतिलिपि उपमहाप्रबंधक संभाग-2 शिवपुरी एवं प्रबंधक उपसंभाग करैरा को प्रेषित की गई थी, परन्तु उपमहाप्रबंधक संभाग-2 शिवपुरी एवं प्रबंधक उपसंभाग करैरा के कार्यालय में उक्त पत्र की प्रति प्राप्त नहीं हुई है। जी नहीं, कार्यालयीन अभिलेख के अनुसार प्रश्नाधीन पत्र में उल्लेखित स्वयं के व्यय पर स्थापित ट्रांसफार्मर नियम विरूद्ध एवं बिना स्वीकृति के नहीं लगाये गये हैं, अपितु उक्त ट्रांसफार्मरों का प्राक्कलन स्वीकृति सहित कार्यालयीन अभिलेख के अनुसार विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उत्तरांश ''क'' में दर्शाए अनुसार प्रश्नाधीन पत्र में वर्णित ट्रांसफार्मर पत्र दिनांक के पूर्व से स्वीकृत हैं। तथापि प्रश्नधीन पत्र के संज्ञान में आने पर जिसमें ट्रांसफार्मर स्थापना में अनियमितता किये जाने का उल्लेख है, प्रकरण की जाँच कराई जावेगी एवं जाँच निष्कर्ष के आधार पर आवश्यक कार्यवाही की जा सकेगी। (ग) उत्तरांश (क) में दर्शाए अनुसार प्रश्नाधीन पत्र में उल्लेखित ट्रांसफार्मर बिना स्वीकृति के स्थापित नहीं किये गये हैं तथापि उत्तरांश ''ख'' अनुसार प्रकरण में जाँचोपरांत नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही की जायेगी।
मीनू अनुसार पूरक पोषण आहार वितरण
[महिला एवं बाल विकास]
62. ( क्र. 4609 ) श्री गिरीश भंडारी : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नरसिंहगढ़ विधान सभा क्षेत्र में कितने आंगनवाड़ी केन्द्र हैं? क्या उक्त केन्द्रों पर पूरक पोषण आहार दिया जाता है? यदि हाँ, तो किस-किस समूह द्वारा वर्ष 2014-2015 व 2016 में कितने-कितने बच्चों को पूरक पोषण आहार दिया गया एवं इसका कितना-कितना भुगतान समूह को किया गया? समूहवार/वर्षवार जानकारी देवें व एक समूह कितने आंगनवाड़ी केन्द्रों पर पूरक पोषण आहार दे सकता है? (ख) क्या नरसिंहगढ़ विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले आंगनवाड़ी केन्द्रों में मीनू अनुसार पूरक पोषण आहार प्रदाय किया जा रहा है? (ग) क्या आंगनवाड़ी केन्द्रों के सतत् निरीक्षण हेतु पर्यवेक्षक नियुक्त हैं? यदि हाँ, तो कौन-कौन से सुपरवाईजर के अधीन कौन-कौन से आंगनवाड़ी केन्द्र आते हैं? इन सुपरवाईजरों के द्वारा वर्ष 2014-2015 एवं 2016 में कौन-कौन से आंगनवाड़ी केन्द्रों का कब-कब निरीक्षण किया गया? (घ) आंगनवाड़ी केन्द्रों का सुपरवाईजर द्वारा निरीक्षण किया गया तो जिला अधिकारी द्वारा कहाँ-कहाँ पर स्वयं जाकर निरीक्षण किया गया तथा नियमानुसार कहाँ पर मीनू अनुसार पोषण आहार दिया गया व कहाँ पर नहीं दिया जाना गया?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) नरसिंहगढ़ विधानसभा क्षेत्र में 423 आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित है। जी हाँ। उक्त संचालित केन्द्रों पर पूरक पोषण आहार दिया जाता है। वर्ष 2014-2015 एवं 2016 में पोषण आहार प्राप्त किये गये बच्चों की संख्या एवं समूह को भुगतान की गई राशि की समूहवार/वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''क'' अनुसार है। मध्यान्ह भोजन प्रदाय करने वाले स्व-सहायता समूहों से सांझा चूल्हा कार्यक्रम अंतर्गत आंगनवाड़ी केन्द्र पर पूरक पोषण आहार प्रदाय किया जाता है। संख्यात्मक बंधन नहीं है। (ख) जी हाँ। (ग) जी हाँ। पर्यवेक्षक के सेक्टर अन्तर्गत संचालित आंगनवाड़ी केन्द्रों एवं सुपरवाईजर द्वारा वर्ष 2014,2015 एवं 2016 में किये गये निरीक्षण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ख'' अनुसार है। (घ) आंगनवाड़ी केन्द्रों पर जिला अधिकारी द्वारा किये गये निरीक्षण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ग'' अनुसार है। निरीक्षण किये केन्द्रों में मीनू अनुसार ही पोषण आहार प्रदाय किया गया है।
किले का जीर्णोद्धार
[संस्कृति]
63. ( क्र. 4635 ) श्री गोविन्द सिंह पटेल : क्या राज्यमंत्री, संस्कृति महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नरसिंहपुर जिले के गाडरवारा विधान सभा क्षेत्र में चौमान किले के जीर्णोद्धार एवं विकास हेतु शासन द्वारा वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक कितनी राशि का आवंटन किस-किस कार्य हेतु किया गया? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कार्य में भारी अनियमितताओं की शिकायत प्राप्त हुई है एवं उन शिकायतों की जाँच हेतु शासन द्वारा किसी समिति का गठन किया गया हैं? क्या समिति के प्रतिवेदन में अनियमितता होना पाया गया है? यदि हाँ, तो जिन अधिकारियों एवं ठेकेदार द्वारा गड़बड़ी की गई है, शासन उन पर कब तक कार्यवाही कर देगा एवं निर्धारित विकास कब तक पूर्ण कर दिया जायेगा?
राज्यमंत्री, संस्कृति ( श्री सुरेन्द्र पटवा ) : (क) नरसिंहपुर जिले के गाडरवारा विधानसभा क्षेत्र में चौगान किले के अनुरक्षण कार्य हेतु वर्ष 2014-15 में राशि रूपये 49,76,577/- का कार्य सम्पादित कराया गया. (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार शिकायत की जाँच हेतु कलेक्टर नरसिंहपुर द्वारा एक जाँच दल का गठन किया गया था. जाँच दल से प्राप्त प्रतिवेदन एवं प्राप्त नमूना कलेक्टर नरसिंहपुर द्वारा रिसर्च सेंटर प्रा.लि. इन्दौर की ओर जाँच हेतु भेजा गया. कलेक्टर द्वारा अवगत कराया गया है कि जाँच रिपोर्ट प्रतीक्षित है. रिपोर्ट प्राप्ति उपरांत नियमानुसार कार्यवाही कराई जावेगी.
अनुसूचित जन जाति के आवेदकों के जाति प्रमाण पत्र बनाये जाना
[सामान्य प्रशासन]
64. ( क्र. 4700 ) श्री रामनिवास रावत : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्योपुर जिले में निवासरत भील, भिलाला एवं पटेलिया अनुसूचित जन जाति के आवेदकों के कितने आवेदन अनुसूचित जन जाति का जाति प्रमाण पत्र बनाने हेतु विगत तीन वर्षों में प्राप्त हुए? तहसीलवार बतावें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार प्राप्त आवेदनों में से कितने आवेदकों के अनुसूचित जाति के प्रमाण पत्र बनाये गए? कितने के नहीं? क्या प्रश्नांश (क) में वर्णित जातियां प्रदेश की अनुसूचित जनजाति में होने के बावजूद श्योपुर जिले में भील,भिलाला एवं पटेलिया जाति के अनुसूचित जाति के प्रमाण पत्र नहीं बनाए जा रहे हैं? यदि हाँ, तो इसके क्या कारण है? (ग) क्या उक्त जातियों के अनुसूचित जन जाति के प्रमाण पत्र न बनाये जाने के कारण उक्त जाति के हितग्राही सरकारी नौकरियों में आरक्षण एवं शासन की अन्य योजनाओं का लाभ लेने से वंचित हैं? यदि हाँ, तो क्या शासन श्योपुर जिले के उक्त जाति के लोगों के अनुसूचित जाति के प्रमाण पत्र बनाने हेतु शीघ्र निर्देश जारी करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) तहसील श्योपुर में 04, बड़ौदा में निरंक, कराहल में 2347, वीरपुर में निरंक, विजयपुर में 07 कुल 2358 (ख) जिले में विगत तीन वर्षों में कुल 2358 आवेदन प्राप्त हुए। जिसमें से 238 जाति प्रमाण पत्र बनाए जाने के पश्चात् शेष 2120 आवेदन पत्रों में से 1566 आवेदन शासन निर्देशानुसार आवेदक के सन् 1950 की स्थिति में श्योपुर जिले में निवासरत नहीं होने एवं उनके मूल निवास स्थान की पुष्टि नहीं होने तथा मौका जाँच में जिला बासवाडा (राजस्थान) जिला दाहोद (गुजरात) के मूल निवासी पाये जाने से निरस्त किये गये हैं एवं 554 आवेदन पत्र शासन निर्देशानुसार सन् 1950 की स्थिति में आवेदक की ओर से लिखे गये पूर्ण पता/निवास स्थान की जानकारी मौका जाँच में प्राप्त वास्तविक निवास स्थान के पते के आधार पर संबंधित अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) धार, कुक्षी, सरदारपुर, झाबुआ, पेटलावद, मेघनगर, अलीराजपुर, भावरा, थांदला, जोबट, कट्ठीवाडा, रतलाम आदि की ओर भेजे गये हैं। (ग) प्रश्नांश (ख) के प्रकाश में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
सौर ऊर्जा पैनल
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
65. ( क्र. 4767 ) श्री अजय सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग द्वारा नवीन ऊर्जा के विस्तार के लिये कौन-कौन से कार्यक्रम संचालित हैं? (ख) प्रश्नांश (क) से संबंधित क्या नागरिकों के आवासों पर सौर ऊर्जा पैनल लगवाने के लिये तथा अनुसूचित जनजाति, अनु. जाति एवं अन्य वर्ग के लिए सिंचाई सुविधा के लिए कृषि पम्प लगवाने पर अनुदान का क्या प्रावधान है तथा इन्हें प्राप्त करने की प्रक्रिया है? (ग) प्रश्नांश (ख) से संबंधित नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा के विस्तार के लिये यदि कोई शिक्षित बेरोजगार युवा सौर ऊर्जा कार्य से संबंधित व्यवसाय प्रारंभ करना चाहे तो उसके प्रोत्साहन के लिये शासन की नीति क्या है? उसे शासन की किन-किन प्रक्रियाओं का पालन करना होगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) विभाग की योजनाओं के विस्तार हेतु म.प्र. शासन की सौर ऊर्जा परियोजना क्रियान्वयन नीति-2012, पवन ऊर्जा क्रियान्वयन नीति-2012, बायोमास आधारित परियोजना क्रियान्वयन नीति-2011, लघु जल विद्युत आधारित परियोजना क्रियान्वयन नीति-2011 एवं मध्य प्रदेश विकेन्द्रीयकृत नवकरणीय ऊर्जा नीति-2016 लागू की गयी हैं। साथ ही, नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग के अधीन म.प्र. ऊर्जा विकास निगम लि. द्वारा प्रदेश में नवीन ऊर्जा के विस्तार के लिए निम्नलिखित योजनाओं का क्रियान्वयन किया जा रहा है :- (1) सोलर पम्प कार्यक्रम, (2) सौर फोटोवोल्टेइक प्लांट कार्यक्रम, (3) सौर फोटोवोल्टेइक कार्यक्रम अन्तर्गत- सोलर स्ट्रीट लाईट स्थापना व सोलर होम लाईट स्थापना, (4) दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के अन्तर्गत डिसेन्ट्रेलाईज्ड डिस्ट्रीब्यूशन जनरेशन (डी.डी.जी.) कार्यक्रम, (5) ऊर्जा एल.ई.डी. बल्ब, एल.ई.डी. ट्यूब लाईट व पंखों का वितरण, (6) बायोगैस से ऊर्जा उत्पादन, (7) म्यूनिसिपल/इंडस्ट्रियल वेस्ट से ऊर्जा उत्पादन, (8) सौर तापीय कार्यक्रम-सोलर कुकर/सौर गर्म जल संयंत्र आदि। संबंधित/हितग्राही को केन्द्र एवं राज्य शासन के स्तर से अनुदान भी प्रदान किए जाते हैं। (ख) आवासों पर सौर ऊर्जा पैनल लगवानें के लिए 30% केन्द्र अनुदान का प्रावधान है। जहाँ तक अनुदान प्राप्त करने की प्रक्रिया का प्रश्न है, नागरिकों के आवासों पर सौर फोटोवोल्टेइक पॉवर प्लांट की स्थापना के लिए, संयंत्र लागत में से अनुदान की राशि घटाकर शेष राशि जमा करने पर संयंत्र की स्थापना करायी जा सकती है। अनुसूचित जनजाति, अनु. जाति एवं अन्य वर्ग के लिये सिंचाई कार्य हेतु सोलर पम्प लगवाने पर प्रावधानित अनुदान की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। मुख्यमंत्री सोलर पम्प कार्यक्रम का लाभ प्राप्त करने के लिए हितग्राही को आवेदन भरना होगा तथा कृषक अंश की राशि मध्य प्रदेश ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड के पक्ष में जमा करानी होगी। (ग) मध्य प्रदेश ऊर्जा विकास निगम द्वारा उक्त कार्यक्रमों के अन्तर्गत कार्य निविदा आमंत्रण के माध्यम से कराया जाता है। कोई भी शिक्षित बेरोजगार युवा सौर ऊर्जा कार्य की निविदा प्रक्रिया में हिस्सा लेकर कार्य प्रारंभ कर सकता है। निविदा में छोटी इकाई के लिए अपेक्षाकृत आसान शर्तें प्रावधानित की जाती हैं।
बिजली खरीदी के अनुबंध
[ऊर्जा]
66. ( क्र. 4768 ) श्री अजय सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्य प्रदेश शासन द्वारा 01 अप्रैल, 2008 से 31 दिसम्बर, 2016 तक पाँच किन-किन विद्युत उत्पादन निजी कंपनियों से (एम.ओ.यू. के माध्यम से) कितने मेगावाट विद्युत खरीद के अनुबंध किए गए? उनके पते तथा उत्पादन दिनांक एवं स्थापित क्षमता देवें? (ख) प्रश्नांश (क) से संबंधित इन विद्युत उत्पादन कंपनियों से प्रति यूनिट किस दर पर विद्युत खरीद के समझौते किये गये? कंपनीवार विवरण क्या हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) की निजी विद्युत उत्पादक कंपनियों को न्यूनतम बिजली खरीद या भुगतान की गारंटी शासन द्वारा दी गई थी? यदि हाँ, तो उसका विवरण क्या है? (घ) प्रश्नांश (क) की निजी विद्युत उत्पादक कंपनियों से कितनी यूनिट बिजली खरीदी गई तथा उन्हें कितनी धनराशि का भुगतान किया? 01 अप्रैल, 2015 से 31 दिसम्बर 2016 तक का विवरण देवें ।
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) प्रश्नाधीन अवधि में 5 नहीं, अपितु 19 (6 रेगुलेटेड टैरिफ पर एवं 13 कंसेशनल टैरिफ पर) विद्युत क्रय अनुबंध किए गए हैं। अनुबंधित कंपनियों से संबंधित नाम, स्थान, क्षमता तथा उत्पादन प्रारंभ होने की तिथि का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) उत्तरांश 'क' में उल्लेखित विद्युत उत्पादन कंपनियों से विद्युत क्रय की प्रति यूनिट रेग्युलेटेड एवं वैरिएवल दर का निर्धारण म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा किया जाता है। (ग) जी नहीं। अत: विवरण देने का प्रश्न नहीं उठता। (घ) प्रश्नाधीन अवधि में निजी विद्युत उत्पादनकर्ता कंपनियों से क्रय की गयी विद्युत एवं भुगतान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' एवं 'स' अनुसार है।
स्थायी विद्युत ट्रांसफार्मर स्थापित करने में अनियमितता की जाँच
[ऊर्जा]
67. ( क्र. 4892 ) पं. रमेश दुबे : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र चौरई जिला-छिन्दवाड़ा में अतिरिक्त ट्रांसफार्मर वर्क प्लान वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 के अंतर्गत कितने के.व्ही.ए. के विद्युत ट्रांसफार्मर कहाँ-कहाँ पर स्वीकृत है? इनके कार्य आदेश कब-कब जारी किये गये? कहाँ-कहाँ पर कब-कब विद्युत ट्रांसफार्मर स्थापित किये गये? विकास खण्डवार जानकारी दें? (ख) क्या स्थापित किये गये ट्रांसफार्मर कार्य आदेश के अनुसार क्रमवार स्थापित किये गये है? नहीं तो क्यों? कारण स्पष्ट करते हुए कार्य आदेश एवं कार्य पूर्णता प्रतिवेदन की प्रति संलग्न करें? साथ ही प्राक्कलन की प्रति व सामग्री गुणवत्ता की जानकारी की प्रति भी संलग्न करें? (ग) क्या ग्राम मेहगोरा में अतिरिक्त विद्युत ट्रांसफार्मर स्थापित किये जाने में किसानों से रूपयों की मांग किये जाने के संबंध में प्रश्नकर्ता के शिकायत पर की गयी जाँच में लीपापोती और जाँच से असहमत होते हुए प्रश्नकर्ता ने उक्त शिकायत की जाँच प्रश्नकर्ता की उपस्थिति में किये जाने हेतु पत्र क्रमांक 1364 दिनांक 01/09/2016 अधीक्षण यंत्री, म.प्र. पू.क्षे.वि.वि.क.लि. छिन्दवाड़ा को पत्र प्रेषित किया था? (घ) यदि हाँ, तो इस पत्र पर क्या प्रश्नकर्ता की उपस्थिति में जाँच की गयी? नहीं तो क्यों? क्या शासन अतिरिक्त विद्युत ट्रांसफार्मर स्थापित किये जाने में 50 हजार की मांग की शिकायत जाँच, प्रश्नकर्ता की उपस्थिति में कराये जाने का आदेश देगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) छिंदवाड़ा जिले में विधानसभा क्षेत्र चौरई के अंतर्गत वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में माह जनवरी-17 तक अतिरिक्त वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित करने की प्रश्नाधीन चाही गई ट्रांसफार्मर की क्षमतावार, स्थानवार, कार्यादेश की दिनांक सहित विकासखण्डवार एवं वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' एवं 'ब' अनुसार है। (ख) जी हाँ, स्वीकृत प्राक्कलन अनुसार तकनीकी दृष्टि से साध्य पाये गये स्थान पर कार्य की प्राथमिकता एवं कार्य स्थल पर पहुंच मार्ग की सुगमता के आधार पर प्रश्नाधीन ट्रांसफार्मर स्थापित किये गये हैं। उत्तरांश (क) में उल्लेखित कार्यों के प्राक्कलन/कार्य आदेश एवं कार्य पूर्णता प्रतिवेदन की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है। निर्माण कार्य हेतु मुख्य सामग्री क्रय करने के पूर्व संबंधित ठेकेदार एजेंसी द्वारा उन्हें निविदा में उल्लेखित/निर्धारित तकनीकी मापदण्डों एवं आवश्यकताओं के अनुरूप एन.ए.बी.एल. प्रमाणित प्रयोगशाला में परीक्षण करवाकर वांछित परीक्षण रिपोर्ट जमा करना अनिवार्य होता है तथा निविदा/क्रय आदेश में उल्लेखित/निर्धारित तकनीकी मापदण्डों एवं संबंधित आई.एस.एस. में निर्धारित प्रक्रिया/मापदण्डों के अनुरूप संतोषजनक पाए जाने पर ही सामग्री का उपयोग किया जाता है। मुख्य सामग्री की टेस्टिंग एन.ए.बी.एल.प्रमाणित प्रयोगशाला से करवाने के उपरान्त प्राप्त सामग्री की गुणवत्ता के संबंध में प्राप्त की गई नमूना टेस्ट रिपोर्ट की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'द' अनुसार है। (ग) जी हाँ। (घ) जी नहीं। दिनांक 04.12.2016 को जिला स्तरीय विद्युत सलाहकार समिति की बैठक के दौरान पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के क्षेत्रीय अधिकारी द्वारा माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय से उनकी उपस्थिति में जाँच हेतु तिथि निर्धारित करने का अनुरोध किया गया था, किन्तु माननीय विधायक महोदय से प्रश्न दिनांक तक अधीक्षण अभियंता (संचा.-संधा), छिन्दवाड़ा को तत्संबंध में जानकारी उपलब्ध नहीं कराई गई है। अत: माननीय विधायक महोदय की उपस्थिति में जाँच नहीं की जा सकी है। माननीय विधायक महोदय द्वारा उनकी उपस्थिति में जाँच करने की तिथि निर्धारित करने पर उनकी उपस्थिति में जाँच किया जाना संभव हो सकेगा।
जूनियर अधिकारी को नियम विरूद्ध कार्यपालक निदेशक के पद पर नियुक्ति
[ऊर्जा]
68. ( क्र. 4944 ) श्री सतीश मालवीय : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विद्युत वितरण कम्पनी पश्चिम क्षेत्र इंदौर में अतिरिक्त मुख्य अभियंता के कितने पद हैं? अधिकारियों की सूची वरिष्ठता क्रम में बतावे? (ख) क्या वरिष्ठता एवं नियमों की अनदेखी करते हुए विद्युत वितरण कम्पनी उज्जैन क्षेत्र के कार्यपालक निदेशक के पद पर कार्यपालक निदेशक को हटाकर अतिरिक्त मुख्य अभियंता को प्रभारी कार्यपालक निर्देशक क्षेत्र उज्जैन बनाया गया? इसके क्या कारण हैं? सम्पूर्ण विवरण देवे। (ग) जिन अधिकारी को वर्तमान में मुख्य अभियंता उज्जैन क्षेत्र का प्रभार दिया गया है उनके शाजापुर संचालन-संधारण वृत्त के प्रभारी के रूप में पदस्थी काल में वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में शाजापुर वृत्त की माहवार राजस्व वसूली की राशि क्या थी एवं उसी कालखण्ड में उज्जैन क्षेत्र के अन्य वृत्तो की राजस्व वसूली की राशि क्या थी? उन माहों की उज्जैन क्षेत्र की संचालन-संधारण वृत्तवार, माहवार राजस्व वसूली की जानकारी अधिकतम राशि में न्यूनतम राशि के क्रम में उपलब्ध करावें (घ) क्या नियमों की अनदेखी कर योग्य अधिकारियों को दरकिनार कर पदस्थ जूनियर अधिकारी को नियम विरूद्ध कार्यपालक निदेशक के पद से हटाया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, इन्दौर में अतिरिक्त मुख्य अभियंता के 6 पद स्वीकृत है। उक्त पदों के विरूद्ध वर्तमान में पदस्थ अधिकारियों की वरिष्ठता क्रम में सूची निम्नानुसार है :-
वरियता क्रमांक |
अधिकारी का नाम |
1 |
श्री शिवलाल करवाडिया |
2 |
श्री सीताराम बमनके |
3 |
श्री गिरीराज किशोर शर्मा |
4 |
श्री ए. डब्ल्यू. खान |
5 |
श्री दिलीप दण्डवते |
वर्तमान में अतिरिक्त मुख्य अभियंता का एक पद रिक्त है। (ख) जी नहीं, पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा उज्जैन क्षेत्र के कार्यपालक निदेशक के पद पर, कार्यपालक निदेशक को हटाकर अतिरिक्त मुख्य अभियंता को प्रभारी कार्यपालक निदेशक, उज्जैन क्षेत्र नहीं बनाया गया है, अपितु श्री शिवपाल करवाडिया, अतिरिक्त मुख्य अभियंता को मुख्य अभियंता का चालू प्रभार (करंट चार्ज) दिया गया है। (ग) उत्तरांश (ख) अनुसार जिस अधिकारी को वर्तमान में मुख्य अभियंता (उ.क्षे.) उज्जैन का चालू प्रभार दिया गया है उनके शाजापुर संचालन-संधारण वृत्त के प्रभारी के रूप में पदस्थी काल वर्ष 2014-15 एवं वर्ष 2015-16 में शाजापुर वृत्त की माहवार राजस्व वसूली की राशि एवं उसी कालखंड में उज्जैन क्षेत्र के अन्य वृत्तों की राजस्व वसूली की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ-1' एवं अ-2' अनुसार है। उक्त अवधि की, उज्जैन क्षेत्र के संचालन-संधारण वृत्तवार, माहवार राजस्व वसूली की, अधिकतम राशि से न्यूनतम राशि के क्रम में जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब-1' एवं 'ब-2' अनुसार है। (घ) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता।
टेकहोम राशन दिये जाने का प्रावधान
[महिला एवं बाल विकास]
69. ( क्र. 4965 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या मध्य प्रदेश में 6 माह से 3 वर्ष तक के बच्चो, गर्भवती महिलाओं -धात्री महिलाओं और किशोरी बालिकाओं को आगंनवाड़ी के जरिये टेकहोम राशन दिये जाने का प्रावधान है? (ख) वर्ष 2009-10 से 2016 तक टेकहोम राशन पर किस वर्ष में कितनी राशि खर्च की गई? टेकहोम राशन की उपरोक्त अवधि में कितनी राशि किस किस कम्पनी को भुगतान की गयी। (ग) टेकहोम राशन उत्पादन कम्पनियों द्वारा कितना मुनाफा हासिल करने का क्या प्रावधान है? इस सम्बन्ध में उच्चतम न्यायालय के क्या आदेश हैं? उपरोक्त अवधि में टेकहोम कम्पनियों ने किस वर्ष में कितना मुनाफा अर्जित किया इस मुनाफे के सम्बन्ध में नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक एवं महालेखाकार ने क्या आपत्ति दर्ज करवाई। (घ) प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत वर्ष 2014-15, 2015-16, 2016-17 में कितने बच्चे कुपोषित पाए गये तथा कितने बच्चों की मृत्यु कुपोषण से हुई? आगंनवाड़ी केन्द्रवार जानकारी दे।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''01'' अनुसार हैं। (ग) म.प्र.शासन, वित्त विभाग द्वारा 10 प्रतिशत मुनाफा वर्ष 2009-10 से मान्य किया गया हैं। मुनाफे के संबंध में उच्चतम न्यायालय के आदेशों की जानकारी संज्ञान में नहीं हैं। वर्षवार मुनाफे की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''2'' अनुसार है। नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक द्वारा एम.पी.एग्रो भोपाल को प्रत्येक 06 माह के आधार पर विक्रय दरों को निर्धारित करने की सलाह दी गई है। (घ) वर्षवार कम वजन/अतिकम वजन के बच्चों की संख्या निम्नवत हैं :-
क्र. |
वर्ष |
कम वजन के बच्चों की संख्या |
अतिकम
वजन के
बच्चों की
संख्या |
1. |
2014-15 |
1487 |
195 |
2. |
2015-16 |
1436 |
196 |
3. |
2016-17 |
2050 |
334 |
वर्ष 2014-15, 2015-16 एवं 2016-17 बासौदा विधानसभा क्षेत्र में कुपोषण से किसी भी बच्चे की मृत्यु नहीं हुई हैं। आंगनवाड़ी केन्द्रवार कम वजन/अतिकम वजन के बच्चों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''03'' अनुसार है।
मुख्यमंत्री अनुदान योजना अंतर्गत विद्युत प्रदाय
[ऊर्जा]
70. ( क्र. 4986 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र सुसनेर अन्तर्गत मुख्यमंत्री अनुदान योजनान्तर्गत योजना प्रारम्भ से वर्तमान तक कितने कनेक्शनों के आवेदन प्राप्त हुये हैं? (ख) उक्तानुसार प्राप्त आवेदनों पर क्या कार्यवाही की गई? कितने उपभोक्ताओं को योजनान्तर्गत कनेक्शन दिया जाकर विद्युत उपलब्ध कराई जा रही हैं? (ग) उक्तानुसार प्राप्त आवेदनों में से कितने उपभोक्ताओं को कनेक्शन नहीं दिए गए व किन कारणों से? कृपया कारणवार सूची उपलब्ध करावें? समुचित कारण न होने पर कनेक्शन प्रदाय न करने के लिये जवाबदेही तय कर कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो क्या व कब तक?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) विधानसभा क्षेत्र सुसनेर में प्रश्नाधीन अवधि में मुख्यमंत्री स्थायी कृषि पम्प कनेक्शन योजना के अंतर्गत स्थायी कृषि पम्प कनेक्शन हेतु कुल 1423 आवेदन प्राप्त हुए हैं। (ख) उक्तानुसार प्राप्त कुल 1423 आवेदनों में प्राक्कलन तैयार कर स्वीकृति उपरान्त इन कार्यों हेतु कार्यादेश निर्माण संभाग, शाजापुर को जारी किये गये हैं। उक्त 1423 आवेदनों में से 1378 आवेदनों में कार्य पूर्ण कर स्थायी कृषि पम्प कनेक्शन जारी किये जा चुके हैं। (ग) प्रश्नाधीन प्राप्त कुल 1423 आवेदनों में से 45 आवेदनों को कनेक्शन नहीं दिये गये हैं। उक्त 45 आवेदनों में से 7 प्रकरण विभिन्न कारणों से निरस्त किये गये है, 4 प्रकरणों में खेतों में फसल खड़ी होने से राईट ऑफ वे की समस्या के कारण कार्य लंबित है एवं 34 प्रकरणों में निर्माण सामग्री की उपलब्धता उपरान्त वरीयता क्रमानुसार कार्य किये जा रहे है। कारणवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट में दर्शाए अनुसार है। सुसनेर विधानसभा क्षेत्र में उक्तानुसार लंबित 38 प्रकरणों में से कोई भी प्रकरण कार्य पूर्ण करने की निर्धारित समय-सीमा 270 दिन से अधिक समय से लंबित नहीं है, अत: किसी के दोषी होने अथवा किसी के विरूद्ध कार्यवाही किये जाने का प्रश्न नहीं उठता।
दतिया जिले में पर्यटन व्यय बाबत
[पर्यटन]
71. ( क्र. 5019 ) श्री घनश्याम पिरोनियाँ : क्या राज्यमंत्री, संस्कृति महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दतिया जिले में पर्यटन पर राशि व्यय की गई है? (ख) यदि प्रश्नांश (क) का उत्तर हाँ में है तो दिनांक 1 जनवरी 2013 से प्रश्न दिनांक तक किस किस कार्य पर कितनी-कितनी राशि व्यय हुई उसकी विस्तृत जानकारी दी जाएगी? (ग) क्या सम्राट अशोक के शिलालेख का रखरखाव न होने एवं पर्यटन विभाग की उपेक्षा से उसकी हालत दयनीय हैं? जबकि फर्जी तरीके से लाखों रूपये व्यय कर दिये गये है। (घ) विश्व प्रसिद्ध धरोहर शिलालेख के महत्व को देखते हुऐ उसके संरक्षण एवं संबर्द्धन हेतु क्या कार्य योजना है वहां तक आने-जाने के लिऐ सड़क तक नहीं है, प्राथमिक तौर पर सड़क निर्माण एवं विद्युत व्यवस्था तथा सामुदायिक भवन कब तक बनाया जावेगा?
राज्यमंत्री, संस्कृति ( श्री सुरेन्द्र पटवा ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ग) सम्राट अशोक के शिलालेख का रख-रखाव का दायित्व पर्यटन विभाग से अपेक्षित नहीं है। अत: शेष का प्रश्न ही उत्पन्न नहीं होता। (घ) उत्तरांश ''ग'' अनुसार
खपत से अधिक राशि के विद्युत बिलों का प्रदाय
[ऊर्जा]
72. ( क्र. 5024 ) श्री आरिफ अकील : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश विद्युत वितरण कम्पनी के छोला जोन, बड़ा बाग जोन और रायल मार्केट जोन भोपाल अन्तर्गत कौन-कौन सी झुग्गी बस्ती बाहुल्य क्षेत्र हैं जिनके विद्युत उपभोक्ताओं के 50 हजार से अधिक की राशि के विद्युत बिल भुगतान हेतु शेष है जोनवार नामवार राशि बतावें? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में अवगत करावें कि वार्ड क्रमांक 16 छोला जोन अन्तर्गत झुग्गी बस्ती बाहुल्य क्षेत्रों की प्रात: 10 बजे से रात्रि 7 बजे तक विद्युत की कटौती की जा रही है? यदि हाँ, तो क्या शासन छात्रों की आगामी वार्षिक परीक्षाओं तथा माननीय मुख्यमंत्री जी 24 घंटे लाईट देने की घोषणा को दृष्टिगत रखते हुये विद्युत कटौती बंद करेंगे? यदि हाँ, तो कब से और यदि नहीं, तो कारण सहित बतावें? (ग) विद्युत अधिनियम के अनुसार 10 हजार से अधिक विद्युत की बकाया राशि होने पर संबंधित अधिकारियों द्वारा विद्युत विच्छेद करने का नियम/अधिकार होता है? यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक की स्थिति में लापरवाही के चलते राशि की वसूली नहीं की गई तो क्या 10 हजार की राशि का भुगतान कराकर बाकी राशि माफ करेंगे? यदि हाँ, तो कब तक और यदि नहीं, तो क्यों? (घ) प्रश्नांश (क)-(ग) में उल्लेखित तथ्यों तथा विभाग को हो रही वित्तीय हानि को दृष्टिगत रखते हुए उक्त झुग्गी बस्तियों के उपभोक्ताओं से प्रत्येक माह प्रति विद्युत मीटर के हिसाब से 500-500/- रूपये का भुगतान कराना सुनिश्चित/निर्धारित करेंगे? यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड के क्षेत्रान्तर्गत छोला जोन, बड़ाबाग जोन एवं रायल मार्केट जोन के झुग्गी बाहुल्य क्षेत्रों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार एवं उपरोक्त जोनों में रू. 50,000 से अधिक की बकाया राशि वाले उपभोक्ताओं का वार्डवार/जोनवार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब-1', 'ब-2' एवं 'ब-3' अनुसार है। (ख) जी नहीं, वार्ड क्र. 16 छोला जोन के अंतर्गत झुग्गी बस्ती बाहुल्य क्षेत्रों में प्रात: 10 बजे से रात्रि 7 बजे तक विद्युत की कटौती नहीं की जा रही है। वार्ड क्र. 16 के आंशिक भाग के अंतर्गत आरिफ नगर, इन्द्रा सहायता नगर एवं अटल अयूब नगर में विद्युत प्रदाय उच्चदाब वितरण प्रणाली के माध्यम से होने के कारण उपरोक्त क्षेत्रों में तकनीकी व्यवधान होने एवं बकाया राशि की वसूली किये जाने के लिये कनेक्शन विच्छेदन के दौरान सुरक्षा कारणों से 11 के.व्ही. लाईनों को कभी-कभी आवश्यकतानुसार उपरोक्त अवधि में बंद किया जाता है। अत: प्रश्न नहीं उठता। (ग) म.प्र. विद्युत प्रदाय संहिता 2013 की कंडिका 9.14 के अनुसार उपभोक्ता द्वारा निर्धारित तिथि तक पूर्ण भुगतान नहीं करने की स्थिति में, उपभोक्ता के विद्युत संयोजन को अस्थाई रूप से विच्छेदित किये जाने हेतु अधिकार प्रदान किये गये हैं, जिसमें विद्युत बिल की बकाया राशि की सीमा तय नहीं है। रू. 10,000 से अधिक की बकाया राशि वाले विद्युत उपभोक्ताओं से वसूली हेतु समय-समय पर कार्यवाही की जाती रही है एवं इसमें वितरण कंपनी व अधिकारियों/कर्मचारियों द्वारा किसी प्रकार की लापरवाही नहीं बरती गई है। रू. 10,000 जमा कर शेष राशि माफ किये जाने संबंधी वर्तमान में कोई योजना विचाराधीन नहीं है। (घ) विद्युत अधिनियम, 2003 के प्रावधानों के अनुसार गठित म.प्र. विद्युत नियामक आयोग को विद्युत दरों के निर्धारण का अधिकार है तथा उपभोक्ताओं द्वारा की गई खपत के लिये म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा निर्धारित दर के आधार पर ही विद्युत देयक दिये जाने का प्रावधान है। अत: तत्संबंध में अन्य कोई कार्यवाही किये जाने का प्रश्न नहीं उठता।
सूक्ष्म वित्त अंतर्गत व्यक्ति या समूहों को दिये जा रहे लोन
[वित्त]
73. ( क्र. 5031 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) माइक्रो फायनेंस कम्पनियों/समूहों द्वारा ऋण ग्रहिताओं से धोखे सम्बंधी प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा मुख्य सचिव म.प्र. भोपाल को प्रेषित पत्र क्रमांक 2038, दिनांक 30.01.2017 पर क्या कार्यवाही गई? (ख) यदि नहीं, तो क्यों एवं कब तक क्या कार्यवाही की जावेगी?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) उक्त पत्र को जिला कलेक्टर कटनी एवं जिला पुलिस अधीक्षक कटनी को नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही हेतु प्रेषित किया गया है। (ख) उत्तरांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
बकाया राशि की वसूली
[वाणिज्यिक कर]
74. ( क्र. 5038 ) श्रीमती सरस्वती सिंह : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परि.अता. प्रश्न संख्या (क्रमांक 2411) दिनांक 28.07.2015 के प्रश्नांश (घ) के उत्तर के अनुसार क्या बड़े बकायादारों से राशि 49, 44, 197 की वसूली में जो खानापूर्ति की जा रही है, उससे शासन की राशि वसूली नहीं हो पा रही है? यदि हाँ, तो उक्त राशि की वसूली की जाकर टिन नंबर निरस्त करने एवं दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही करने हेतु श्री चन्द्रशेखर अग्निहोत्री (राजगुरू) निवासी रचना नगर कटनी द्वारा दिनांक 07.09.2016 को माननीय मंत्री जी को एवं आयुक्त वाणिज्य कर इन्दौर को दिनांक 08.09.2016 को पंजीकृत डाक से भेजी गई है तथा उसकी एक प्रति दिनांक 07.09.2016 को कलेक्टर कटनी को दी गई है? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में यदि नहीं, तो वसूली हेतु क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो कब तक की जावेगी बताएं और अब तक न करने के लिये कौन दोषी है और उसके विरूद्ध क्या कार्यवाही करेंगे?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) अतारांकित प्रश्न संख्या 2411 दिनांक 28.07.2015 प्रश्नांश घ के उत्तर में कटनी जिले के 282 बकायादारों की सूची प्रदाय की गई थी। श्री चन्द्रशेखर अग्निहोत्री (राजगुरू) रचना नगर, कटनी द्वारा उक्त सूची में से माननीय वाणिज्यिक कर मंत्री जी एवं आयुक्त वाणिज्यिक कर को दिनांक 07.02.2016 के पत्र द्वारा बकायादारों की सूची प्रेषित की गई जिसमें 4944197/- की बकाया राशि का उल्लेख है। जबकि प्राप्त सूची में 55 बकायादारों के नाम तथा कुल बकाया राशि 1,01,02,628/- निहित पाई गई। यह सूची संभागीय उपायुक्त जबलपुर संभाग दो को वसूली कार्यवाही हेतु दी गई। सूची में उल्लेखित बकायादारों में से 35 बकायादारों से कुल 40,44,932/- की वसूली की जा चुकी है। मेसर्स एस. गोयनका लाईम एवं केमिकल, मेसर्स डाबर इण्डिया तथा मेसर्स पावरटेक इंजीनियरिंग का प्रकरण अपील में लंबित है। शेष व्यवसायियों से बकाया वसूली हेतु निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। बकायादारों के विरूद्ध की गई कार्यवाही का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट में दर्शाये अनुसार बकायादारों से 40,44,932/- की वसूली की जा चुकी है। शेष में से 3 प्रकरण अपील में लंबित हैं अन्य प्रकरणों में बकाया वसूली की कार्यवाही जारी है। बकाया वसूली की कार्यवाही भू-राजस्व संहिता के तहत एक सतत् प्रक्रिया है अत: इसमें किसी का दोष नहीं है।
सड़कों का निर्माण
[नर्मदा घाटी विकास]
75. ( क्र. 5136 ) श्री अशोक रोहाणी : क्या राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रानी अवंती बाई लोधी सागर परि. बरगी बांध संभाग बरगी नगर जबलपुर को सड़कों का निर्माण, संधारण, मरम्मत, सुधार व पुनर्निर्माण कार्य हेतु किस-किस मद में कितनी-कितनी राशि आवंटित की गई एवं कितनी-कितनी राशि किन-किन कार्यों में व्यय हुई वर्ष 2013-14 से 2016-17 तक की जानकारी दें? (ख) प्रश्नांश (क) में किन-किन सड़कों का निर्माण कराने हेतु कितनी-कितनी राशि की प्रशासकीय एवं तकनीकी स्वीकृति कब दी गई? कौन-कौन सी कितने कितने कि.मी. सड़कों का निर्माण कब किस एजेंसी से कितनी राशि में कराया गया है? इनकी गुणवत्ता की जाँच कब-कब, किसने की है तथा वर्तमान में इन सड़कों की क्या स्थिति है? (ग) प्रश्नांश (क) में किन-किन सड़कों का कहाँ से कहाँ तक कितने कि.मी. का मरम्मत सुधार व पुर्ननिर्माण कार्य कब किसने कितनी राशि में कराया है? इसकी जाँच कब-कब किसने की है? क्या शासन प्रश्नांकित कार्य में की गई वित्तीय अनियमितता, राशि का दुरूपयोग व भ्रष्टाचार की जाँच कराकर दोषी अधिकारियों पर कार्यवाही करेगा?
राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास ( श्री लालसिंह आर्य ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। (ख) एवं (ग) वर्ष 2013-14 से 2016-17 तक कोई भी नई सड़क का निर्माण नहीं कराया गया है। सड़कों की मरम्मत आदि से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' एवं ''स'' अनुसार है। वित्तीय अनियमितता, राशि के दुरूपयोग व भ्रष्टाचार संबंधी कोई प्रकरण नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शिविर व प्रशिक्षण शिविरों का आयोजन
[महिला एवं बाल विकास]
76. ( क्र. 5137 ) श्री अशोक रोहाणी : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) महिला एवं बाल विकास विभाग जबलपुर को संचालित किन-किन योजनाओं/परियोजनाओं व कार्यक्रमों के तहत कितनी-कितनी राशि आवंटित की गई एवं कितनी राशि व्यय हुई? कितनी राशि का उपयोग नहीं किया गया एवं क्यों? योजनाओं की प्रगति व लक्ष्यपूर्ति बतलावें। वर्ष 2013-14 से 2016-17 तक की जानकारी परियोजनावार पृथक-पृथक दें? (ख) प्रश्नांश (क) में किन-किन योजनांतर्गत प्रचार-प्रसार, मुद्रण कार्य सामग्री की खरीदी आदि शिविरों व प्रशिक्षण शिविरों के आयोजन पर कितनी-कितनी राशि व्यय हुई? (ग) प्रश्नांकित किन-किन योजनांतर्गत कहाँ-कहाँ पर कितने दिवसीय शिविर/प्रशिक्षण शिविर, प्रदर्शन कार्यक्रम आयोजित किये गये? इस पर कितनी-कितनी राशि किन-किन कार्यों में व्यय हुई? इनमें किन-किन अधिकारियों ने भाग लिया? इनके सत्कार, यात्रा भत्ता, मानदेय पर कितनी राशि व्यय हुई? (घ) प्रश्नांश (क) में वाहनों के किराये पर वाहनों का सुधार व मरम्मत कार्य, पी.ओ.एल. पर कितनी-कितनी राशि व्यय हुई? इसका सत्यापन कब किसने किया?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1, '2' अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार प्रचार प्रसार मुद्रण कार्य सामग्री की खरीदी आदि शिविरों व प्रशिक्षण शिविरों के आयोजन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (ग) जबलपुर जिले में संचालित 13 बाल विकास परियोजनाओं में 6 दिवसीय प्रशिक्षण एवं 12 दिवसीय स्नेह शिविर का आयोजन किया गया। जिनके व्यय से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '3' अनुसार है। इन प्रशिक्षण एवं स्नेह शिविरों में समय-2 पर संयुक्त संचालक, जिला कार्यक्रम अधिकारी, परियोजना अधिकारी एवं पर्यवेक्षकों द्वारा भाग लिया। इनके सत्कार,यात्रा भत्ता, मानदेय पर कोई राशि व्यय नहीं की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (घ) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में वाहनों के किराये पर वाहनों का सुधार व मरम्मत कार्य पी.ओ.एल. की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है।
मीटर रीडर्स कर्मचारियों की नियुक्ति
[ऊर्जा]
77. ( क्र. 5152 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मीटर वाचकों की भर्ती प्रक्रिया में शासन/विभाग एवं विद्युत वितरण कंपनियों ने संविदा कर्मचारी भर्ती प्रक्रिया के निर्धारित सभी नियमानुसार मापदण्डों को पूर्ण कर उन्हे विगत वर्षों में म.प्र. भर में नियुक्तियां प्रदान की थी? (ख) यदि हाँ, तो क्या प्रदेश में कार्यरत विद्युत वितरण कंपनियों के नियुक्ति से लेकर मानदेय नियमितीकरण इत्यादि कर्मचारियों के समान सुविधाएं दिये जाने हेतु एक समान नियम होकर कंपनियां उन्हें सुविधाएं दे रही है? यदि हाँ, तो किस-किस प्रकार की, किन-किन नियमों से, क्या-क्या दी जा रही है? (ग) क्या मीटर वाचकों से मीटर रीडिंग एवं बिल वितरण का कार्य भी लिया जाता है? क्या अस्थाई श्रमिक, ठेका श्रमिकों पर समान वेतन लागू किये गये हैं तो क्या मीटर वाचकों को इस श्रेणी से भी नीचे रखा गया है? (घ) यदि हाँ, तो बताएं कि 8-10 वर्षों से बिजली वितरण कंपनियों में काम करने वाले मीटर वाचकों को समान वेतन, समान कार्य नियम अंतर्गत लेकर कब तक नियमित कर्मचारी घोषित किया जाएगा तथा मानदेय में वृद्धि कर अन्य सुविधाएं कब तक दी जाएगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) प्रदेश की तीनों विद्युत वितरण कंपनियों द्वारा मीटर वाचकों की भर्ती नहीं की गयी है। अत: प्रश्न नहीं उठता। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता। (ग) म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, इन्दौर के अंतर्गत मीटर वाचकों से उनके अनुबंध के प्रावधानों के अनुसार ही मीटर रीडिंग एवं बिल वितरण का कार्य लिया जाता है एवं तदनुसार निर्धारित दरों पर भुगतान किया जाता है। म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, इन्दौर में सूचीबद्ध कंपनियों से कलेक्टर रेट पर कुशल, अर्द्ध कुशल एवं अकुशल श्रमिक आउटसोर्सिंग के माध्यम से लिये जाते है जबकि मीटर वाचक योजना के माध्यम से ठेका पद्धति से मीटर वाचक का कार्य कर रहे ठेकेदारों को अनुबंध के आधार पर निर्धारित दरों से भुगतान किया जाता है, अतः दोनों की श्रेणी भिन्न होने से इनमें तुलना की जाना उचित नहीं है। म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, भोपाल क्षेत्रान्तर्गत सेवा प्रदाताओं के माध्यम से प्राप्त कुशल श्रमिकों से ही मीटर वाचन एवं बिल वितरण का काम लिया जा रहा है, जिन्हें जिला कलेक्टर द्वारा कुशल श्रमिकों के लिये निर्धारित दरों के आधार पर सेवा प्रदाताओं के माध्यम से भुगतान किया जा रहा है। म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, जबलपुर क्षेत्रान्तर्गत मीटर वाचकों से मीटर रीडिंग एवं बिल वितरण का कार्य कराया जाता है। कंपनी में मीटर रीडिंग एवं बिल वितरण का कार्य कंपनी की मीटर वाचक योजना-2012 के तहत् समय-समय पर संशोधित/निर्धारित दरों के अनुसार,मीटर वाचन द्वारा किये गये कार्य के आधार पर भुगतान किया जाता है। (घ) म.प्र.पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, इन्दौर में मीटर वाचक योजना के माध्यम से ठेका पध्दति से अनुबंध के आधार पर मीटर वाचकों का कार्य कर रहे ठेकेदार, कंपनी के कार्मिक नहीं है अतः इनको नियमित किया जाना विधि सम्मत नहीं है तथापि राज्य शासन के आदेश दिनांक 10.09.2010 के परिपालन में कंपनी द्वारा वर्ष 2010-11 में लाईन परिचारक (संविदा) की सीधी भर्ती में मीटर वाचक योजना के तहत कार्यरत मीटर वाचकों हेतु 10 प्रतिशत पद आरक्षित किये गये थे एवं निर्धारित आयु सीमा में 5 वर्ष की छूट प्रदान की गयी थी, जिसमें 100 मीटर वाचकों को भर्ती किया गया। तत्पश्चात् वर्ष 2011-12 में विद्युत वितरण कंपनी में कार्यरत मीटर वाचकों को लाईन परिचारक (संविदा) की भर्ती में आयु सीमा में अधिकतम 10 वर्ष (40 वर्ष आयु सीमा तक) की छूट प्रदान की गयी थी एवं अनुभव के आधार पर 2 प्रतिशत प्रतिवर्ष (अधिकतम 10 प्रतिशत) अंकों का वेटेज भी दिया गया था। माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में दायर रिट याचिका क्रमांक 12653/2010 में पारित निर्णय दिनांक 21.09.2011 के परिपालन में वर्ष 2013-14 एवं 2016-17 में लाईन परिचारक (संविदा) की भर्ती में मीटर वाचकों, जिन्हे कम से कम 3 वर्ष का अनुभव हो, को नियुक्ति में अधिकतम आयु सीमा 45 वर्ष तक की छूट प्रदान की गयी थी एवं 10 प्रतिशत अंकों का वेटेज भी दिया गया था, जिसमें योग्य मीटर वाचक चयनित हुए है एवं वर्तमान में कंपनी में कार्यरत है। वर्ष 2013 में परीक्षण सहायक की भर्ती प्रक्रिया में मीटर वाचकों को 3 प्रतिशत प्रतिवर्ष (अधिकतम 10 प्रतिशत) अंकों का वेटेज भी दिया गया था एवं आयु सीमा में पूर्व कार्यवर्षों के सापेक्ष आयु सीमा में छूट प्रदान की गयी थी। प्रदेश की तीनों विद्युत वितरण कंपनियों के अंतर्गत सेवाप्रदाता के माध्यम से कार्यरत् अथवा मीटर वाचक योजना के अन्तर्गत कार्यरत मीटर वाचक नियमित अथवा संविदा कर्मचारी नहीं है एवं उन्हें नियमित करने का कोई प्रावधान नहीं है अत: तत्संबंधी कोई कार्यवाही किया जाना अपेक्षित नहीं है।
कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं के कार्य
[महिला एवं बाल विकास]
78. ( क्र. 5153 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या शासन/विभाग द्वारा केन्द्र/राज्य प्रवर्तित योजनाओं के क्रियान्वयन हेतु रतलाम जिले में विभागीय कार्यकर्ता एवं सहायिकाएं कार्यरत होकर योजनाओं का क्रियान्वयन कर रही हैं? (ख) यदि हाँ, तो रतलाम जिले में नगर/ग्रामीण क्षेत्रों में कुल कितने आंगनवाड़ी केन्द्र होकर किन-किन स्थानों/केन्द्रों पर सहायिकाएं एवं कार्यकर्ता कार्यरत हैं? स्थान सहित संख्या बताएं? (ग) क्या आंगनवाड़ी केन्द्रों पर गर्भवती/धात्री महिलाओं सहित नवजात, शिशुओं, कुपोषित बच्चों की देखभाल, जाँच परीक्षण, पोषण आहार, दवाई वितरण एवं मार्ग दर्शन कर अनेक कार्य किये जाते हैं? (घ) यदि हाँ, तो अवगत कराए कि वर्ष 2012-13 से लेकर प्रश्न दिनांक तक किन-किन केन्द्रों पर कितनी-कितनी संख्या में गर्भवती, धात्री महिलाओं के स्वास्थ्य परीक्षण, उपचार, पौष्टिक आहार सहित क्या-क्या किया एवं नवजात तथा कुपोषित शिशुओं के साथ ही बाल हदय उपचार हेतु क्या किया? क्या कार्यों में लापरवाही होने पर इनका मानदेय काटा गया?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) जी हाँ। (ख) रतलाम जिले में 1720 आंगनवाड़ी केन्द्र तथा 404 मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र स्वीकृत है। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता/सहायिका के भरे पदों की जानकारी स्थानवार संख्या पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ग) आंगनवाड़ी केन्द्रों पर पात्र हितग्राहियों को पात्रता अनुसार सेवाए प्रदान की जाती है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। आंगनवाड़ी केन्द्र में 6 माह से 3 वर्ष तक के बच्चों, गर्भवती/धात्री माताओं एवं किशोरी बालिकाओं को एम.पी. एग्रों के माध्यम से प्रदायित रेडी-टू-ईट खाद्य सामग्री प्रदायित की जाती है। ग्रामीण/शहरी क्षेत्र की बाल विकास परियोजनाओं के आंगनवाड़ी केन्द्रों में 3 से 6 वर्ष तक के बच्चों को साझा चूल्हा कार्यक्रम अंतर्गत स्थानीय स्व-सहायता समूहों के माध्यम से सुबह का नाश्ता एवं दोपहर का भोजन पृथक-पृथक मीनू अनुसार पूरक पोषण आहार के रूप में प्रदाय किया जाता है। बच्चों एवं गर्भवती/धात्री महिलाओं की स्वास्थ्य जाँच, टीकाकरण, ग्रोर्थ मॉनिटरिंग एवं मापदण्ड अनुसार पोषण पुनर्वास केन्द्रों में पोषण प्रबंधन हेतु संदर्भित करा ने आदि सेवाएं प्रदान की जाती है। स्वास्थ्य विभाग से प्राप्त जानकारी अनुसार जिले में 35 बच्चों को बाल हृदय उपचार योजना अंतर्गत लाभ दिया गया है। कार्यों में लापरवाही के पर्याप्त कारण की पुष्टि होने के उपरांत संबंधित आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका का मानदेय काटा जाता है।
फीडर सेपरेशन के कार्य
[ऊर्जा]
79. ( क्र. 5161 ) श्री रणजीतसिंह गुणवान : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आष्टा विधान सभा क्षेत्र में 3 वर्ष से अधिक का समय बीत जाने के बाद भी फीडर सेपरेशन का कार्य पूर्ण नहीं हो सका है? (ख) यदि हाँ, तो क्यों? इसके लिये कौन जिम्मेदार है? (ग) यदि समय-सीमा में ठेकेदार ने कार्य नहीं किया तो विभाग ने इनके विरूद्ध अभी तक क्या कार्यवाही की? (घ) कब तक फीडर सेपरेशन कार्य पूर्ण हो जायेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ। (ख) आष्टा विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत फीडर विभक्तिकरण योजना में कार्य टर्न-की आधार पर कराए जाने हेतु मेसर्स पी.एस.आर.-ए.एम.आर.सी.एल., हैदराबाद को दिनांक 23.12.2010 को अवार्ड जारी किया गया था। उक्त ठेकेदार एजेंसी द्वारा विभिन्न कारणों यथा-सामग्री समय पर उपलब्ध नहीं कराने, आवश्यकतानुसार श्रमिक उपलब्ध नहीं कराने आदि के कारण कार्य की गति धीमी होने से कार्य 18 माह की निर्धारित समय-सीमा में पूर्ण नहीं किया जा सका। प्रश्नाधीन कार्य में विलंब के लिये उक्त ठेकेदार एजेंसी जिम्मेदार है। (ग) प्रश्नाधीन कार्य समय-सीमा में पूर्ण नहीं किये जाने के कारण ठेकेदार एजेंसी मेसर्स पी.एस.आर.-ए.एम.आर.सी.एल., हैदराबाद द्वारा प्रस्तुत देयकों से लिक्विडेटेड डैमेज के रूप में रू. 59.09 लाख की राशि पेनल्टी स्वरूप काटी गई है तथा मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के आदेश दिनांक 30.05.2014 द्वारा उक्त ठेकेदार एजेंसी को जारी अवार्ड निरस्त करते हुये परफार्मेन्स बैंक गारंटी की रू. 673.71 लाख की राशि जप्त की गई हैं। (घ) उत्तरांश (ग) में दर्शाए अनुसार प्रश्नाधीन कार्य हेतु पूर्व में अनुबंधित ठेकेदार एजेन्सी का अवार्ड निरस्त करने के पश्चात् आष्टा विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत फीडर विभक्तिकरण योजना के शेष कार्य हेतु ठेकेदार एजेंसी मेसर्स वोल्टास लिमिटेड, मुम्बई को दिनांक 6.2.15 को अवार्ड जारी किया गया है, जिसकी कार्य पूर्णता अवधि, ठेकेदार एजेंसी से किये गये अनुबंध के अनुसार मई 2017 हैं। आष्टा विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत फीडर विभक्तिकरण के शेष कार्य उक्त समयावधि में पूर्ण कराये जाने के प्रयास किये जा रहे हैं।
विद्युत स्थाई कनेक्शन बाबत्
[ऊर्जा]
80. ( क्र. 5162 ) श्री रणजीतसिंह गुणवान : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आष्टा विधान सभा क्षेत्र में कृषकों से स्थाई विद्युत कनेक्शन देने के नाम पर 7015-7015 की राशि जमा विद्युत विभाग द्वारा जमा करवाई परन्तु किसी भी कृषकों को स्थाई कनेक्शन नहीं दिये गये? (ख) क्या शासन इसकी उच्च स्तरीय जाँच करवायेगा? (ग) आष्टा क्षेत्र से कितने किसानों से यह राशि जमा करवाई गई है तथा कितनी राशि एकत्रित की गई है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) आष्टा विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत कृषकों से रू. 7015/- प्रति कनेक्शन की दर से राशि स्थाई विद्युत पम्प कनेक्शन हेतु नहीं, अपितु वर्ष 2015-16 में 2 माह की अवधि के लिये दिये गये 5 अश्वशक्ति के अस्थाई पम्प कनेक्शन हेतु जमा कराई गई थी। उक्त परिप्रेक्ष्य में जमा कराई गई राशि से स्थाई पम्प कनेक्शन दिये जाने का प्रश्न नहीं उठता। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता। (ग) उत्तरांश (क) में दर्शाए अनुसार आष्टा विधानसभा क्षेत्र में स्थाई पम्प कनेक्शनों हेतु प्रश्नाधीन उल्लेखित राशि जमा नहीं कराई गई है, अत: प्रश्न नहीं उठता।
दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही बावत्
[ऊर्जा]
81. ( क्र. 5176 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले में विद्युत कंपनी द्वारा फीडर सेपरेशन का कार्य किन-किन फीडरों पर कराया गया है? इन फीडरों में कितने-कितने घण्टे बिजली उपलब्ध करायी जा रही है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में घरेलू कनेक्शन एवं सिंचाई हेतु बिजली की आपूर्ति बावत् समय भिन्न-भिन्न निर्धारित किये गए हैं, इस स्थिति में घरेलू उपयोग हेतु कनेक्शनधारी उपभोक्ताओं को बिजली कम अवधि तक प्राप्त हो रही है, कितने ऐसे जिले में फीडर हैं जिस कारण घरेलू उपभोक्ता बिजली की पूर्ति से वंचित हो रहे हैं, बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है, इसके सुधार पर क्या कार्यवाही करेंगे? (ग) प्रश्नांश (क) के अनुसार वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक विभाग द्वारा सिंचाई हेतु किसानों को रीवा जिले में कितने स्थायी एवं कितने अस्थायी कनेक्शन दिये गये हैं? अस्थायी कनेक्शन कंपनी द्वारा किन कारणों द्वारा दिया गया? इस बावत सरकार द्वारा क्या कार्य योजना किसानों के स्थायी कनेक्शन बावत तैयर की है, जिससे किसानों को बार-बार अस्थायी कनेक्शन न लेना पड़े? किसानों को आर्थिक शोषण न हो इस पर क्या कार्य योजना हैं? (घ) प्रश्नांश (क) के अनुसार फीडर सेपरेशन के कारण घरेलू कनेक्शनधारियों को बिजली कम घण्टों एवं समय की उपलब्ध करायी जा रही है, इस पर सरकार क्या योजना तैयार कर घरेलू विद्युत उपभोक्ताओं को 24 घण्टे बिजली उपलब्ध करायेगी? साथ ही किसानों को सिंचाई हेतु बिजली की अवधि बढ़ायेंगे? अस्थायी कनेक्शन में कमी बाबत् पोल एवं केबिल की उपलब्धता सुनिश्चित कराकर स्थायी कनेक्शन देंगे? जिससे किसानों का स्थायी कनेक्शन के नाम से वसूली जा रही ज्यादा रकम में कमी हो?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) रीवा जिले में म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा फीडर विभक्तिकरण योजना में सम्मिलित कुल 142 फीडरों में से 132 फीडरों के विभक्तिकरण का कार्य पूर्ण करा लिया गया है। उक्तानुसार विभक्त किये गये 11 के.व्ही. फीडरों में से कृषि फीडरों को 10 घंटे एवं गैर कृषि फीडरों को 24 घंटे विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। उक्त कार्य पूर्ण फीडरों की प्रश्नाधीन चाही गई फीडरवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जी हाँ, कृषि फीडरों पर निर्धारित समयानुसार 10 घंटे प्रतिदिन एवं गैर कृषि फीडरों पर 24 घंटे प्रतिदिन विद्युत प्रदाय किये जाने का प्रावधान है। रीवा जिले के सभी घरेलू उपभोक्ताओं को गैर कृषि फीडरों तथा मिश्रित फीडरों के माध्यम से शटडाउन/ब्रेक डाउन एवं संधारण कार्य को छोड़कर सामान्यत: 24 घंटे विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। उक्त परिप्रेक्ष्य में घरेलू उपभोक्ताओं का विद्युत प्रदाय प्रभावित होने का प्रश्न नहीं उठता। (ग) रीवा जिले में म.प्र.पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा वर्ष 2015-16 से दिनांक 23.2.17 तक सिंचाई हेतु कृषकों को 15116 स्थायी पम्प कनेक्शन एवं 8728 अस्थायी पम्प कनेक्शन दिये गये हैं। अस्थायी पम्प कनेक्शन सामान्यत: सर्विस लाईन की लम्बाई की आवश्यकता 45 मीटर से अधिक होने पर प्रदान किये जाते हैं, क्योंकि 45 मीटर से अधिक सर्विस लाईन का विस्तार कर म.प्र.विद्युत नियामक आयोग द्वारा निर्धारित नियमानुसार स्थायी कनेक्शन प्रदान नहीं किया जा सकता। सर्विस लाईन की आवश्यकता 45 मीटर से कम होने पर भी उपभोक्ताओं की मांग के आधार पर अस्थायी कनेक्शन प्रदान किए जाते हैं। प्रदेश को अस्थायी पम्प कनेक्शन मुक्त बनाने के उद्देश्य से कृषकों के हितार्थ प्रदेश में दिनांक 6.9.16 से मुख्यमंत्री स्थायी कृषि पम्प कनेक्शन योजना लागू की गई है, जिसके अंतर्गत कृषक द्वारा अंशराशि जमा करने पर स्थायी पम्प कनेक्शन प्रदान किये जाने का प्रावधान है। उक्त योजना की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (घ) फीडर विभक्तिकरण के उपरांत पृथक किये गये 11 के.व्ही. फीडरों/मिश्रित फीडरों के माध्यम से घरेलू उपभोक्ताओं को शटडाउन/ब्रेक डाउन एवं संधारण कार्य को छोड़कर सामान्यत: 24 घंटे विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। वर्तमान में कृषि फीडरों की विद्युत सप्लाई 10 घंटे प्रतिदिन से बढ़ाने का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। अस्थायी कनेक्शन में कमी लाने के उद्देश्य से वर्तमान में कृषकों को कम लागत पर स्थायी पम्प कनेक्शन देने हेतु मुख्यमंत्री स्थायी कृषि पम्प कनेक्शन योजना लागू की गयी है, जिसमें योजना के प्रावधान के अनुसार पोल एवं केबल की उपलब्धता सुनिश्चित कर कार्य कराया जा रहा है।
आबकारी विभाग के प्रकरण
[वाणिज्यिक कर]
82. ( क्र. 5182 ) श्री महेन्द्र केशर सिंह चौहान : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैतूल जिले में वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में कितने आदिवासियों के खिलाफ आबकारी विभाग द्वारा कितनी-कितनी मात्रा में प्रकरण दर्ज किये गये? (ख) आदिवासी विकासखण्ड में कितनी मात्रा की हाथ भट्टी शराब रखने आदिवासियों को शासन द्वारा छूट दी गई है? छूट के उपरांत कितने प्रकरण दर्ज किये गये है और कितनी मात्रा के है? (ग) क्या प्रश्नांश (क) अवधि में बैतूल जिले में देशी एवं विदेशी शराब के प्रकरण बनाये गये है और कितनी मात्रा के बनाये गये है? (घ) देशी एवं विदेशी शराब के जो प्रकरण बनाये गये है वह शराब कहाँ से लाई गई थी उस ठेकेदार के खिलाफ पूरे वर्ष में क्या कार्यवाही की गई?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) बैतूल जिले में वर्ष 2015-16 में 350 प्रकरण एवं वर्ष 2016-17 में 364 प्रकरण, कुल 714 प्रकरण आदिवासियों के खिलाफ आबकारी विभाग द्वारा मध्यप्रदेश आबकारी अधिनियम 1915 की धारा 34 के अंतर्गत पंजीबद्ध किये गये है। पंजीबद्ध प्रकरणों की सूची विधानसभा पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) आदिवासी विकास खण्ड में मध्यप्रदेश आबकारी अधिनियम 1915 की धारा 61-घ, के अंतर्गत अनुसूचित जनजाति के सदस्यों को देशी मदिरा (हाथ भट्टी मदिरा) का विनिर्माण केवल घरेलू उपभोग, सामाजिक तथा धार्मिक समारोहों पर उपभोग के लिये प्रति व्यक्ति कब्जे की अधिकतम सीमा 4.5 लीटर, प्रति गृहस्थी 15 लीटर तथा विशेष परिस्थितियों में प्रति गृहस्थी 45 लीटर की छूट दी गई है। जिसकी जानकारी विधानसभा पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। उक्त छूट सीमा के अतिरिक्त विनिर्मित देशी मदिरा का विक्रय एवं परिवहन किये जाने पर प्रश्नावधि में 714 प्रकरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार पंजीबद्ध किये गये है। (ग) जी हाँ। प्रकरणों की जप्त मात्रावार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन अनुसार है। (घ) लायसेंसी मदिरा दुकानों से ड्यूटी पेड मदिरा खरीदकर एवं हाथ भट्टी मदिरा निर्मित मदिरा का अवैध प्रकार से विक्रय/परिवहन किये जाने पर उनके विरूद्ध न्यायालयीन कार्यवाही की जाती है। ठेकेदारों के विरूद्ध लायसेंस शर्तों के उल्लंघन एवं अन्य अनियमितताओं के लिये विभाग के द्वारा वर्ष 2015-16 एवं वर्ष 2016-17 में की गई विभागीय कार्यवाही का विवरण विधानसभा पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-चार अनुसार है।
नर्मदा जी में निर्मित व निर्माणाधीन बांधों की जानकारी
[नर्मदा घाटी विकास]
83. ( क्र. 5186 ) श्री ओमकार सिंह मरकाम : क्या राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नर्मदा जी में कौन से बांध किस-किस जिले में बनाये गये हैं स्थान एवं बांध के नाम, स्वीकृत राशि, व्यय राशि एवं स्वीकृति वर्ष बतावें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार निर्मित व निर्माणाधीन सभी बांधों में कितनी जमीन डूब क्षेत्र में आने की संभावना प्राक्कलन अनुसार दशार्या गयी थी तथा बांध बनने के बाद कितनी जमीन डूब में आयी किस किस बांध से कितनी-कितनी सिंचाई का रकबा प्राक्कलन में था वर्तमान में कितनी-कितनी सिंचाई हो रही है बांधवार बतावें? (ग) किस-किस बांध में डूब प्रभावितों में कब-कब क्या मांग को लेकर आन्दोलन किये डूब प्रभावितों ने क्या मांग किया और उनके किस किस मांग की पूर्ति हुई और कौन-कौन से मांग विचाराधीन है?
राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास ( श्री लालसिंह आर्य ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) डूब प्रभावितों द्वारा विभिन्न बांधों के निर्माण एवं डूब क्षेत्र के संबंध में किये गए आंदोलनों की दिनांक तथा मांग को एकजाई रूप से संकलित कर संधारित करने की कोई व्यवस्था नहीं है। राज्य शासन की पुनर्वास नीति तथा माननीय उच्च न्यायालय/उच्चतम न्यायालय के द्वारा समय-समय पर दिये गये आदेशों का पालन करने के लिये युक्तियुक्त पुनर्वास की कार्यवाही की गई। वर्तमान में शासन के समक्ष कोई मांग नीतिगत निर्णय हेतु विचाराधीन नहीं है।
टीकमगढ़ विधानसभा में बिजली की उपलब्धता
[ऊर्जा]
84. ( क्र. 5210 ) श्री के. के. श्रीवास्तव : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टीकमगढ़ विधानसभा क्षेत्र के अतंर्गत क्षेत्र में वर्ष 2016 में कितनी विद्युत आपूर्ति की मांग एवं आपूर्ति रही है माहवार जानकारी बतावें? (ख) मांग एवं आपूर्ति के अंतर को समाप्त करने हेतु वर्ष 2017 एवं 2018 में शासन की क्या योजना है? सूचीबद्ध जानकारी देवें? (ग) टीकमगढ़ विधानसभा में कितने नये ट्रांसफार्मर वर्ष 2017-18 में स्थापित किये जाना है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) टीकमगढ़ विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत वर्ष 2016 में माह जनवरी 16 से माह दिसम्बर 16 तक की अवधि में विद्युत की मांग एवं आपूर्ति दोनों 1799.44 लाख यूनिट रही है। प्रश्नाधीन क्षेत्र में वर्ष 2016 में विद्युत की मांग एवं आपूर्ति की माहवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) यद्यपि वर्तमान में प्रदेश में विद्युत की उपलब्धता विद्युत की मांग की पूर्ति हेतु पर्याप्त है तथापि आगामी वर्षों में विद्युत की मांग बढ़ने के दृष्टिगत नए विद्युत उत्पादन केन्द्रों से विद्युत क्रय करने हेतु योजना बनाई जाती है। वर्ष 2016-17 एवं 2017-18 के दौरान जिन ताप विद्युत गृहों से विद्युत उत्पादन प्रारंभ हुआ है/प्रारंभ होना संभावित है उनकी सूची संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। इसके अलावा प्रदेश में स्थापित हो रहे नवकरणीय ऊर्जा स्त्रोतों से भी विद्युत क्रय करने की योजना है। (ग) टीकमगढ़ विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत ट्रांसफार्मरों से सम्बद्ध वर्तमान भार तथा आगामी वर्ष में होने वाली संभावित भार वृद्धि को दृष्टिगत रखते हुए 76 स्थलों का चयन किया गया है। इन स्थलों पर हुई भार वृद्धि को ध्यान में रखते हुए तकनीकी परीक्षण करने के उपरान्त साध्य पाए जाने पर वर्ष 2017-18 की कार्य योजना में नये ट्रांसफार्मरों की स्थापना का कार्य प्रस्तावित किया जायेगा। इसके अतिरिक्त प्रश्नाधीन क्षेत्र में दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना एवं आई.पी.डी.एस. योजना, जिनके कार्य टर्न-की आधार पर कराए जाने हेतु निविदा कार्यवाही प्रक्रियाधीन है तथा मुख्यमंत्री स्थायी कृषि पम्प योजना में भी आवेदन प्राप्त होने पर नये ट्रांसफार्मरों की स्थापना के कार्य किये जायेंगे, जिसकी वर्तमान में वर्ष 2017-18 हेतु संख्या दिया जाना संभव नहीं है।
आंगनवाड़ी भवनों का किरायों
[महिला एवं बाल विकास]
85. ( क्र. 5235 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या शहरी क्षेत्रों में संचालित आंगनवाड़ी केन्द्रों के लिए 1500 रूपये प्रतिमाह एवं ग्रामीण क्षेत्रों में संचालित आंगनवाड़ी केन्द्रों के लिए 750 रूपये प्रतिमाह भवन किराया 01 जनवरी 2014 से किया जा चुका है। यदि हाँ, तो सम्पूर्ण छिन्दवाड़ा जिले में संचालित समस्त शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र की आंगनवाड़ी केन्द्रों को क्या विभाग द्वारा बढ़ाई गई राशि के आधार पर भवन किराया भुगतान किया जा रहा है? अगर हाँ तो प्रत्यक परियोजनावार शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों की आंगनवाड़ी केन्द्रों को प्रदान किये गये भवन किरायों की जानकारी माह जनवरी 2014 से माह दिसम्बर 2016 तक उपलब्ध कराये। (ख) अगर शहरी क्षेत्रों में संचालित आंगनवाड़ी केन्द्रों के लिए 1500 रूपये प्रतिमाह एवं ग्रामीण क्षेत्रों में संचालित आंगनवाड़ी केन्द्रोंके लिए 750 रूपये प्रतिमाह भवन किराया का भुगतान नहीं किया जा रहा है तो इसका क्या कारण है? (ग) क्या आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को प्रतिमाह लगभग 4-5 बार विभाग से संबंधित जानकारी देने एवं मासिक बैठक में शामिल होने के लिए परियोजना कार्यालय (विकास खण्ड मुख्यालय) में बुलाया जाता है, लेकिन इन आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को कोई टी.ए./डी.ए. या निश्चित किराया भत्ता प्रदान किया जाता है? अगर हाँ तो परासिया विकासखण्ड में स्थित दोनों परियोजनाओं में शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों की आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को माह जनवरी 2014 से माह दिसम्बर 2016 तक कितनी-कितनी राशि का भुगतान टी.ए./डी.ए. या निश्चित किराया भत्ता का भुगतान किया गया है। अगर प्रदान नहीं किया गया है तो इसका क्या कारण है?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) संचालनालय एकीकृत बाल विकास सेवा मध्यप्रदेश भोपाल के पत्र क्रमांक 2497 भोपाल दिनांक 21.01.2014 से शहरी क्षेत्रों में संचालित आंगनवाड़ी केन्द्रों के लिए 3000 रुपये प्रतिमाह एवं ग्रामीण क्षेत्रों में संचालित आंगनवाड़ी केन्द्रों के लिए 750 रुपये प्रतिमाह भवन किराया 01 जनवरी 2014 से प्रावधान किया गया है। उक्त के आधार पर शहरी/ग्रामीण क्षेत्र के आंगनवाड़ी भवन के किराये का निर्धारण क्षेत्रफल के मान से समानुपातिक आधार पर किया जाकर शहरी क्षेत्र के लिये राशि रुपये 3000/-प्रतिमाह अधिकतम एवं ग्रामीण क्षेत्र के लिये राशि रुपये 750/- प्रतिमाह, अधिकतम निर्धारित प्रक्रिया अनुसार कर, किराया भुगतान की कार्यवाही की जाती है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) संचालनालय एकीकृत बाल विकास सेवा मध्यप्रदेश भोपाल के पत्र क्रमांक 2497 भोपाल दिनांक 21.01.2014 में दिए मापदण्ड अनुसार शहरी/ग्रामीण क्षेत्र के आंगनवाड़ी भवन के किराये का निर्धारण क्षेत्रफल के मान से समानुपातिक आधार पर किया जाकर शहरी क्षेत्र के लिये राशि रुपये 3000/-प्रतिमाह अधिकतम एवं ग्रामीण क्षेत्र के लिये राशि रुपये 750/- प्रतिमाह, अधिकतम निर्धारित प्रक्रिया अनुसार कर, किराया भुगतान की कार्यवाही की जाती है। (ग) जी नहीं। संचालनालय महिला एवं बाल विकास म.प्र.भोपाल के पत्र क्र.476/23.01.2007 के अनुसार आंगनवाड़ी कार्यकर्ता/सहायिका को उनके द्वारा प्रस्तुत यात्रा देयय के आधार पर कार्यकर्ता को निम्न श्रेणी लिपिक को देय यात्रा भत्ते के अनुसार राशि देय होती है तथा सहायिका को चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी को देय भत्ता अनुसार राशि देय होती है। यदि आंगनवाड़ी कार्यकर्ता/सहायिका को ऐसे स्थान पर बुलाया जाता है जो नगरीय सीमा के अंदर है तो उसे किसी भी प्रकार के दैनिक भत्ते की पात्रता नहीं होगी। यदि बैठक स्थान/प्रशिक्षण स्थल नगरीय निकाय सीमा से बाहर है तब दैनिक भत्ते की पात्रता ग्रामीण क्षेत्रों में कार्यरत आंगनवाड़ी कार्यकर्ता/सहायिका के सामान होगी। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता/सहायिका द्वारा बैठकों/प्रशिक्षण में सम्मिलित होने पर प्रस्तुत यात्रा भत्ता देयक का भुगतान नियमानुसार किया जाता है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
प्रदेश सरकार द्वारा लिये गये कर्ज की जानकारी
[वित्त]
86. ( क्र. 5236 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्तमान में मध्यप्रदेश सरकार पर कितना कर्ज है और किन-किन वित्तीय संस्थानों का कितना-कितना कर्ज बकाया है? संस्थावार जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) वित्तीय वर्ष 2016-17 में सरकार द्वारा किन-किन वित्तीय संस्थाओं से किन-किन प्रयोजनों के लिए कर्ज लिया गया है। (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुसार क्या कर्ज प्राप्त करने के लिये शासन द्वारा कोई गारंटी दी गई है। अगर हाँ, तो संस्थावार कर्ज की राशि व दी गई गारंटी की जानकारी उपलब्ध करायें? (घ) प्रदेश सरकार द्वारा लिये गये कर्ज के अनुसार वर्तमान में प्रदेश में निवासरत् प्रति व्यक्ति के ऊपर कितना भार (कर्ज) आयेगा?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) मध्यप्रदेश सरकार पर 31 मार्च 2016 की स्थिति में रूपये 1,11,101.10 करोड़ का कर्ज था। संस्थावार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) वित्तीय वर्ष 2016-17 के लिये नियंत्रक महालेखा परीक्षक द्वारा उपलब्ध नहीं कराये गये है, अत: कर्ज की जानकारी दिया जाना संभव नहीं है। (ग) प्रश्नांश (ख) के क्रम में जानकारी देना संभव नहीं है। (घ) जनगणना के आंकड़े प्रत्येक दशक में प्रकाशित होते हैं। वर्ष 2011 की जनगणना के आधार पर दशकीय वृद्धि दर 20.30 प्रतिशत के मान से वर्ष 2016 की जनगणना 8.02 करोड़ होती है। राज्य के ऊपर मार्च 2016 की स्थिति में कुल कर्ज 1,11,101.10 करोड़ है। अत: प्रति व्यक्ति कर्ज रूपये 13853 होता है।
कुपोषण की स्थिति
[महिला एवं बाल विकास]
87. ( क्र. 5295 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) अनूपपुर जिले वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में 6 से 12 वर्ष के कितने बच्चे कुपोषित पाये गये हैं? कुपोषण के मामले में प्रदेश की तुलना में जिला अनूपपुर की क्या स्थिति है? (ख) प्रश्नांश (क) अवधि में उक्त जिले में कुपोषण दूर करने के लिये कौन-कौन सी योजनायें संचालित की गई हैं? इनमें कितना बजट का प्रावधान किया गया है एवं कितनी राशि अब तक व्यय की जा चुकी है? (ग) उक्त (क) अवधि एवं जिले में पोषण पुनर्वास केन्द्रों का संचालन कहाँ-कहाँ, किस-किस संस्था द्वारा किया जा रहा है एवं वर्तमान तक कितनी राशि व्यय की गई है?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) 06 से 12 वर्ष का आयु वर्ग विभाग का हितग्राही समूह नहीं है। आंगनवाड़ी केन्द्र में 05 वर्ष तक के बच्चों का वजन लिया जाकर उनके पोषण स्तर का निर्धारण किया जाता है। अनूपपुर जिले में 05 वर्ष तक के बच्चों का वर्षवार, श्रेणीवार विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'1' अनुसार है। एन.एफ.एच.एस.-4 सर्वे 2015-16 अनुसार 05 वर्ष तक के बच्चों के मामले में प्रदेश में कुल कम वजन वाले बच्चों का प्रतिशत 42.8 था, जबकि अनूपपुर जिले में उक्त प्रतिशत 40 पाया गया हैं। (ख) जिले में कुपोषण दूर करने के लिए अटल बिहारी वाजपेयी बाल आरोग्य एवं पोषण मिशन अंतर्गत सुपोषण अभियान (स्नेह शिविर) का आयोजन किया जा रहा हैं, साथ ही पोषण आहार योजना अंतर्गत आंगनवाड़ी केन्द्रों के माध्यम से पोषण आहार का वितरण किया जाता हैं। इस हेतु वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में बजट एवं व्यय की स्थिति संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'2' अनुसार है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिला अनूपपुर में गंभीर कुपोषित बच्चों के उपचार हेतु 5 पोषण पुनर्वास केन्द्र संचालित हैं। स्वास्थ्य विभाग के बजट प्रावधान एवं व्यय राशि की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'3' अनुसार है। (ग) उक्त अवधि में अनूपपुर जिले में 5 पोषण पुनर्वास केन्द्रों का संचालन जिला चिकित्सालय अनूपपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र राजेन्द्र ग्राम, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र जतहरी, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र कोतमा तथा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र करपा में स्वास्थ्य विभाग द्वारा किया जा रहा है। प्रश्नावधि में पोषण पुनर्वास केन्द्रों में बच्चों के उपचार एवं फॉलोअप हेतु कुल राशि रूपये 84,39,793/- व्यय की गई हैं।
लोक कल्याण शिवरों का आयोजन
[सामान्य प्रशासन]
88. ( क्र. 5296 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राज्य शासन द्वारा शासन की कार्यप्रणाली को अधिक विकासोन्मुखी जनकल्याणकारी, भेदभाव रहित एवं भ्रष्टाचार मुक्त करने हेतु लोक कल्याण शिविरों का आयोजन प्रत्येक विकासखण्ड में माह में एक बार निश्चित दिन पर आयोजित किये जाने के निर्देश हैं? (ख) यदि हाँ, तो अनूपपुर जिले में आने वाले विकासखण्डों में वर्ष 2014-15 एवं वर्ष 2015-16 में कहाँ-कहाँ पर इन लोक कल्याण शिविरों का आयोजन किया गया है? इन शिविरों में कितनी शिकायतें प्राप्त हुई? कितनी निराकृत हुई? शेष शिकायतों की वर्तमान में क्या स्थिति है? (ग) क्या प्रश्नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र पुष्पराजगढ़ के अतंर्गत 2015-16 में लोक कल्याण शिविर प्रत्येक माह आयोजित किये गये है यदि हाँ, तो माहवार एवं शिविर आयोजित करने की तिथि सहित प्राप्त शिकायतों को कम्प्यूट्रीकृत किया गया है अथवा नहीं? यदि हाँ, तो कब तक लंबित शिकायतों का निराकरण कर दिया जायेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। (ख) अनूपपुर जिले में आने वाले विकासखण्डों में वर्ष 2014-15 एवं वर्ष 2015-16 में आयोजित लोक कल्याण शिविर के स्थानों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। इन शिविरों में 2039 शिकायतें प्राप्त हुई, 2039 शिकायतों का निराकरण किया गया वर्तमान में कोई शिकायत लंबित नहीं है। (ग) जी हाँ। जी नहीं। प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पोषण आहार वितरण व्यवस्था
[महिला एवं बाल विकास]
89. ( क्र. 5301 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या प्रदेश में पोषण आहार व्यवस्था में कंपनियों की ठेकेदारी समाप्त करने के लिये राज्य सरकार ने हाई पॉवर कमेटी बनाई थी? यदि हाँ, तो उक्त कमेटी की बैठकें कब-कब हुई और कमेटी ने शासन को क्या-क्या अनुशंसा की? क्या इस अनुशंसा के अनुरूप कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) क्या शासन द्वारा पोषण आहार व्यवस्था में सुधार हेतु गठित हाई पॉवर कमेटी की अनुशंसा के बगैर पोषण आहार व्यवस्था में एम.पी.एग्रो के माध्यम से कंपनियों को फिर से नये टेण्डरों में शामिल करने के लिये नियमों में बदलाव किया गया है अथवा किया जा रहा है? यदि हाँ, तो सरकार उक्त कंपनियों पर क्यों मेहरबान हैं?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) पूरक पोषण आहार प्रदायगी व्यवस्था में परिवर्तन हेतु उच्च स्तरीय समिति का गठन किया गया है। समिति इस पर विचार कर रही है। विषयान्तर्गत माननीय उच्च न्यायालय में एक याचिका भी विचाराधीन है। जिसमें माननीय न्यायालय ने यथा स्थिति के निर्देश दिये है। (ख) (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आंगनवाड़ी कार्यकर्ता/सहायिका/मिनी कार्यकर्ता की भर्ती के नियम
[महिला एवं बाल विकास]
90. ( क्र. 5325 ) श्री लखन पटेल : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) महिला बाल विकास विभाग में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता/सहायिका/मिनी कार्यकर्ता की भर्ती के क्या नियम है? ब्लॉक चयन समिति से लेकर अपील के निराकरण तक की संपूर्ण जानकारी भर्ती के लिए विज्ञापन जिले से जारी होता है या ब्लॉक से तथा आवेदन पत्र रजिस्टर्ड डाक से जमा होते है या सीधे विभाग से बताएं? (ख) यदि आवेदन सीधे जमा होते है तो आवेदन जमा करते समय संलग्न दस्तावेज मूल दस्तावेजों से मिलाए जाते है, यदि नहीं, तो मिलान कब किया जाता है? क्या जो आवेदन रजिस्टर्ड डाक से आवेदन जमा होते है, उनमें सत्यापित दस्तावेज लगाए जाते हैं? (ग) आवेदन में संलग्न दस्तावेज अंकसूची/बी.पी.एल. कार्ड आदि का मूल दस्तावेजों से मिलान क्या अंतिम सूची जारी होने से पूर्व किया जाता है? यदि नहीं, तो ऐसा क्यों? यदि हाँ, तो अपील या दावे आपत्ति में कूट रचित दस्तावेजों के आधार पर अंतिम चयन सूची से नियुक्तियां निरस्त कैसे हो जाती है?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) विभागीय पत्र क्रं. एफ 3-2/06/ 50-2, भोपाल दिनांक 10.07.2007 द्वारा निर्धारित निर्देशों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। आवेदन आमंत्रण की सूचना कलेक्टर कार्यालय, मुख्यकार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत, महिला एवं बाल विकास परियोजना कार्यालय, तहसील कार्यालय, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत, परियोजना अधिकारी, बाल विकास परियोजना एवं जिस ग्राम में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका का पद रिक्त है। उस संबंधित ग्राम पंचायत के सूचना फलक पर सूचना चस्पा कर पर्याप्त प्रचार-प्रसार के निर्देश हैं। भर्ती के लिये एक से अधिक पद होने की दशा में कलेक्टर अपने विवेक के अनुसार समाचार पत्रों में विज्ञापन प्रकाशित कर आवेदन पत्र आमंत्रित करने का प्रावधान है। आवेदन पत्र विभाग अंतर्गत संबंधित परियोजना अधिकारी कार्यालय द्वारा सीधे प्राप्त कर संबंधित को आवेदन पत्र प्राप्ति की अभिस्वीकृति दी जाती है। (ख) जी नहीं। आवेदक द्वारा आवेदन पत्र के साथ सत्यापित दस्तावेज संलग्न किये जाते हैं तथा आवेदक को निर्धारित प्रारुप में प्राप्ति अभिस्वीकृति भी दिये जाने का प्रावधान है। अत: शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य अनुसार दस्तावेज प्राप्त किये जाते हैं। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता/सहायिका की नियुक्ति हेतु खंड स्तरीय चयन समिति द्वारा प्राप्त आवेदन पत्रों का परीक्षण करने के उपरांत मेरिट लिस्ट के आधार पर अनन्तिम सूची तैयार कर प्रकाशन किया जाकर सात दिवस में आपत्तियां प्राप्त की जाती है। प्राप्त आपत्तियों का निवारण जिला स्तरीय दावा/आपत्ति निराकरण समिति द्वारा किया जाता है। किसी प्रकरण में विवाद की स्थिति उत्पन्न होने की स्थिति में अंतिम सूची के प्रकाशन होने पर 10 दिवस के अंदर जिला कलेक्टर के समक्ष अपील किये जाने का प्रावधान है।
आंगनवाड़ी केन्द्र एवं मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र खोलने के नियम
[महिला एवं बाल विकास]
91. ( क्र. 5335 ) सुश्री मीना सिंह : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) आंगनवाड़ी केन्द्र एवं मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र खोलने के क्या नियम हैं? कितनी जनसंख्या एवं दूरी पर आंगनवाड़ी केन्द्र खोलने का प्रावधान है? (ख) क्या शासन द्वारा विधायकों/जनप्रतिनिधियों से उनके क्षेत्र में मिनी आंगनवाड़ी एवं आंगनवाड़ी केन्द्र खोले जाने हेतु प्रस्ताव मंगाये गये थे? यदि हाँ, तो मंगाये गये प्रस्तावों पर क्या कार्यवाही हुई एवं कब तक यह केन्द्र खोल दिये जायेंगे? (ग) प्रश्नांश (ख) में प्रस्तावित आंगनवाड़ी केन्द्र एवं मिनी आंगनवाड़ी खोलने की स्वीकृति शासन द्वारा दी जा चुकी है अथवा इनको किराये के भवन में संचालित किया जायेगा? (घ) विधान सभा क्षेत्र मानपुर जिला उमरिया में किन-किन स्थानों पर आंगनवाड़ी अथवा मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र को खोलने की स्वीकृति प्रदान की गई है?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) भारत सरकार द्वारा आंगनवाड़ी केन्द्र/मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र खोले जाने संबंधी निर्देश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जी हाँ। जिला उमरिया में 17 नवीन आंगनवाड़ी केन्द्र तथा 00 मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र स्वीकृति किये गये। नवीन स्वीकृत 17 आंगनवाड़ी केन्द्रों में से 15 आंगनवाड़ी केन्द्रों का संचालन प्रारंभ कर दिया गया है। 02 आंगनवाड़ी केन्द्रों में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता सहायिका के पदों पर नियुक्ति की कार्यवाही प्रचलन में है। आंगनवाड़ी केन्द्रों में पदों की रिक्तता एवं पूर्ति एक सतत् प्रक्रिया है, अतः समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है। (ग) जी हाँ शासन द्वारा नवीन स्वीकृत आंगनवाड़ी/मिनी आंगनवाड़ी केन्द्रों का संचालन शासकीय भवन/किराये के भवन में संचालन किया जावेगा। (घ) विधान सभा क्षेत्र मानपुर में स्वीकृत आंगनवाड़ी/मिनी आंगनवाड़ी केन्द्रों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
आंगनवाड़ी कार्यकर्ता नियुक्ति में अनियमित्ताएं
[महिला एवं बाल विकास]
92. ( क्र. 5345 ) श्री अंचल सोनकर : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं आंगनवाड़ी सहायिका के भर्ती के लिये क्या नियम है? किस आधार पर इनकी नियुक्ति प्रदान की जाती है? विवरण सहित बतावें। (ख) क्या महिला बाल विकास जबलपुर के अंतर्गत विगत माह हुई आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं आंगनवाड़ी सहायका भर्ती में अनियमित्ताएं बरती गई है। क्या जबलपुर नगरीय सीमा अंतर्गत सिद्धबाबा वार्ड में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता की नियुक्ति कु. रोशनी वंशकार को प्रदान कर दी गई थी? यदि हाँ, तो फिर इनकी नियुक्ति किस आधार पर निरस्त की गई? कारण विवरण सहित बतावें! (ग) क्या प्रश्नांश (ख) में वर्णित आंगनवाड़ी कार्यकर्ता कु. रोशन बंशकार की नियुक्ति निरस्त के उनके स्थान पर कु. यामिनी बेन पिता श्री प्रदीप बेन पार्षद सिद्धबाबा वार्ड जबलपुर की नियुक्ति प्रदान कर दी गई है? कु. यामिनी बेन की नियुक्ति किस आधार पर की गई? इनके द्वारा किन-किन दस्तावेजों को संलग्न किया गया है? कु. रोशन वंशकार एवं यामिनी बेन को तुलनात्मक दृष्टि से कितने-कितने अंक दिये गये? विवरण सहित बतावें। (घ) प्रश्नांश (ख), (ग) में नियम विरूद्ध की गई आंगनवाड़ी कार्यकर्ता की नियुक्ति की क्या उच्च स्तरीय जाँच कराकर शासन दोषी अधिकारियों एवं छल कपट से गलत दस्तावेज प्रस्तुत करने वाले आवेदक के विरूद्ध वैधानिक कार्यवाही कर दोषियों को सजा देगी तो कब तक समय-सीमा बतावें?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) विभागीय पत्र क्र./एफ 3-2/06/ 50-2/भोपाल दिनांक 10/07/2007 द्वारा निर्धारित निर्देशों के अनुसार आंगनवाड़ी कार्यकर्ता/ सहायिकाओं एवं उप-आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की नियुक्ति की जाती है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जी नहीं। जी नहीं जबलपुर नगरीय सीमा अन्तर्गत सिद्धबाबा वार्ड में कु. रोशनी वंशकार को आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के पद पर नियुक्ति नहीं दी है, अतः शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (ग) जबलपुर नगरीय सीमा अन्तर्गत सिद्धबाबा वार्ड में कु. रोशनी वंशकार की आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के पद से नियुक्ति निरस्त कर उनके स्थान पर कु. यामिनी बेन पिता श्री प्रदीप बेन को नियुक्ति प्रदान नहीं की गई है। खंड स्तरीय चयन समिति के द्वारा कु. रोशनी वंशकार को अनंतिम रूप से चयनित किया गया था, जिसके विरूद्ध आपत्ति प्राप्त होने पर जिला स्तरीय दावा आपत्ति निराकरण समिति द्वारा निर्णय लिया जाना लंबित है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (घ) प्रश्नांश (ख), (ग) के उत्तर के परिप्रेरक्ष्य में नियुक्ति कार्यवाही प्रचलन में होने से शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
जन-सुनवाई से प्राप्त शिकायतों का निराकरण
[सामान्य प्रशासन]
93. ( क्र. 5359 ) श्री मानवेन्द्र सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले में कलेक्टर जन-सुनवाई के दौरान दिनांक 27.09.2016 में जन-सुनवाई का सरल क्र. 135 में दर्ज शिकायत में विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? शिकायती पत्र की प्रति व कार्यवाही विवरण देवें? (ख) क्या जन-सुनवाई में प्राप्त आवेदनों को निराकृत कर 7 दिवस में आवेदक को कार्यवाही से सूचित करने का प्रावधान है? (ग) क्या शासकीय दिशा-निर्देशों का निर्धारित समय-सीमा में पालन न करने वाले कर्मचारियों के विरूद्ध नियमानुसार निलंबन और बर्खास्त की कार्यवाही करेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) छतरपुर जिले में कलेक्टर जन-सुनवाई के दौरान दिनांक 27/09/2016 में जन-सुनवाई का सरल क्रमांक 135 में दर्ज शिकायत की जाँच तहसीलदार छतरपुर से करवाई गई। जाँच समाधान कारक न होने के कारण अनुविभागीय अधिकारी राजस्व, छतरपुर को आवश्यक कार्यवाही हेतु निर्देशित किया गया। अनुविभागीय अधिकारी राजस्व, छतरपुर द्वारा कॉलोनाईजर के विरूद्ध प्रकरण संस्थित किया जाकर क्रमांक 152/बी-121/16-17 दिनांक 23/02/2017 द्वारा शिकायत में अंकित बिन्दुओं पर नोटिस जारी करते हुए कॉलोनाईजर से 03 दिवस के भीतर जवाब चाहा गया है। शिकायत पत्र की प्रति व कार्यवाही विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) जी हाँ। (ग) शासकीय दिशा-निर्देशों का पालन निर्धारित समय-सीमा में किया जाता है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कर चोरी एवं बिना टिन नंबर व्यवसाय के प्रकरण
[वाणिज्यिक कर]
94. ( क्र. 5380 ) श्री बाला बच्चन : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रकरण क्रमांक 2460 दिनांक 25/02/2016 में (क) उत्तर के परिशिष्ट-ए अनुसार जिन प्रकरणों में वसूली लंबित है, उनमें से कितनी वसूली की गई? सभी प्रकरणों की अद्यतन स्थिति बतावें। (ख) इसी प्रश्न के (ख) उत्तर के अनुसार परिशिष्ट-बी में वर्णित बिना टिन नंबर के प्रकरणों पर की गई कार्यवाही प्रकरणवार बतावें। अद्यतन स्थिति सभी प्रकरणों की बतावें। दिनांक 01/08/2015 से 31/12/2016 तक इंदौर-उज्जैन संभाग में कर चोरी एवं बिना टिन नंबर व्यवसाय के कितने प्रकरण बनाये गये? कितनी वसूली की गई कितनी शेष है? वर्षवार जिलावार बतावें। (ग) क्या कारण है कि कर चोरी एवं बिना टिन नंबर व्यवसाय के प्रकरणों में विभाग द्वारा अत्यंत धीमी गति से कार्यवाही की जाती है। (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार कार्यवाही लंबित रखने वाले अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही कर संबंधित फर्मों से वसूली कर ली जावेगी?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) प्रकरण क्रमांक 2460 दिनांक 25/02/2016 में प्रश्नांश (क) के उत्तर में परिशिष्ट-ए अनुसार कुल 252 प्रकरणों की सूची संलग्न थी। उक्त सूची में 9 प्रकरणों की पुनरावृत्ति होने से उन प्रकरणों को कम किए जाने के पश्चात् कुल 243 प्रकरणों की अद्यतन स्थिति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ए पर है। लंबित प्रकरणों में से वसूल की गई राशि परिशिष्ट के कॉलम नं. 9 पर प्रकरणवार अंकित है। (ख) इसी प्रश्न के (ख) उत्तर के अनुसार परिशिष्ट-बी में वर्णित बिना टिन नंबर के प्रकरणों पर की गई कार्यवाही की प्रकरणवार अद्यतन स्थिति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-बी पर है। दिनांक 01/08/2015 से 31/12/2016 तक इंदौर-उज्जैन संभाग में कर चोरी एवं बिना टिन नम्बर व्यवसाय के 371 प्रकरण बनाये गये, जिसमें रूपये 8936.56 लाख की वसूली की गई। रूपये 1212.66 लाख की वसूली शेष है। वर्षवार/जिलेवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-सी अनुसार है। (ग) विभाग द्वारा कर चोरी एवं बिना टिन नम्बर व्यवसाय के प्रकरणों में विधानानुसार समय-सीमा में कार्यवाही की जाती है। (घ) प्रश्नांश (ग) से संबंधित प्रकरणों में विभाग द्वारा विधान अनुसार कार्यवाही समय-सीमा में की जाती है, जिससे किसी अधिकारी को दोषी नहीं ठहराया जा सकता है। अत: किसी अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही करने की स्थिति निर्मित नहीं होती है। वसूली के लंबित प्रकरणों में वसूली की कार्यवाही निर्धारित प्रक्रिया के अधीन जारी है।
फर्मों की जाँच
[वित्त]
95. ( क्र. 5390 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आई.सी.आई.सी. बैंक शाखा महिदपुर में नवलखा बीज कंपनी एवं दिलीप ट्रेडिंग कंपनी के संबंध में राज्य/केन्द्र सरकार द्वारा कोई जाँच कार्यवाही किए जाने संबंधी पत्राचार विगत 2 वर्षों में वित्त विभाग से किया गया है? यदि हाँ, तो उसकी विवरण देवें। (ख) यदि जाँच की जा रही है, तो उसकी अद्यतन स्थिति बतावें?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जी नहीं। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कोचिंग संस्थानों से वृत्ति कर वसूली
[वाणिज्यिक कर]
96. ( क्र. 5395 ) श्री रमेश पटेल : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल में कितने कोचिंग संस्थानों से वृत्ति कर वसूली की गई/वसूली लंबित है की जानकारी कोचिंग संस्थान नाम वसूली राशि भुगतान/लंबित जानकारी दि. 01.01.16 से 31.01.17 के संदर्भ में देवें? (ख) उपरोक्तानुसार वृत्ति कर निर्धारण का स्लैब कितना तय है? क्या इसके अनुसार ही उपरोक्तानुसार कोचिंग संस्थानों का वृत्ति कर निर्धारण कर वसूला गया है? संस्थानों के सेलरी स्टेटमेंट का विवरण भी उपरोक्त अवधि अनुसार देवें। (ग) जिन संस्थाओं पर राशि वसूली हेतु लंबित है उनसे कब तक वसूली कर ली जावेगी?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) म.प्र. वृत्ति कर अधिनियम के अंतर्गत वृत्तिकर वृत्त भोपाल में पंजीयत व्यक्ति एवं नियोक्ताओं की संख्या दिनांक 31.01.2017 की स्थिति में 30226 है, जिनके द्वारा नियमित रूप से वृत्तिकर जमा किया जाता है। 01 जनवरी 2016 से 31 जनवरी 2017 तक इन पंजीयत व्यक्ति एवं नियोक्ताओं द्वारा कुल राशि रूपये 3415.26 लाख जमा किए गए हैं। इस जमा राशि में भोपाल के पंजीयत कोचिंग संस्थानों द्वारा जमा की राशि भी सम्मिलित है। (ख) म.प्र. वृत्तिकर अधिनियम की अनुसूची के अनुक्रमांक-9 बी में उल्लेखित श्रेणी में कोचिंग संस्थानों को रखा गया है। इन संस्थानों के लिये 2500/- प्रतिवर्ष करदेयता रखी गयी है, जिसका भुगतान कोचिंग संस्थानों द्वारा किया जाता है। कोचिंग संस्थानों का सेलरी स्टेटमेंट संधारित नहीं है। (ग) भोपाल के कोचिंग संस्थानों पर लंबित बकाया राशि निरंक है।
आनंद उत्सव आयोजित करने की योजना
[आनन्द]
97. ( क्र. 5446 ) श्री पुष्पेन्द्र नाथ पाठक : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनवरी - 2017 में प्रदेश भर में आयोजित आनंद उत्सव के सफल आयोजन को देखते हुए क्या इस तरह के आयोजनों को त्रैमासिक स्वरुप देकर आयोजित किया जा सकता है? (ख) आनंद उत्सव के लिए विधान सभा क्षेत्र में ज्यादा स्थान पर आयोजित करने की कोई योजना विभाग की है? (ग) क्या इस तरह के मनोरंजन आयोजन के लिए विधायक विकास निधि के उपयोग का प्रावधान किया जायेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) एवं (ख) वर्तमान में ऐसा कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। (ग) शासन के पास ऐसा प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।
भ्रष्ट्राचार के पंजीबद्ध प्रकरणों की जानकारी
[सामान्य प्रशासन]
98. ( क्र. 5466 ) श्री संजय उइके : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर संभाग में वित्तीय वर्ष 2010-11 से प्रश्न दिनांक तक लोकायुक्त एवं आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरों में भ्रष्ट्राचार के कुल कितने प्रकरण पंजीबद्ध किये गये हैं? अधिकारी/कर्मचारी के नाम, पद विभाग सहित जानकारी देवें। इनमें से कितनों में जाँच पूर्ण की गई हैं? कितने प्रकरण अभियोजन स्वीकृती हेतु राज्य शासन को भेजे गये हैं? कितने नहीं? कारण बतावें। (ख) पंजीबद्ध प्रकरणों में कितनी राशी जब्त की गई? कितने एवं किन-किन प्रकरणों में किन-किन विभागों के किन-किन अधिकारियों के विरूद्ध अभियोजन की स्वीकृति प्रदान की गई और किन-किन प्रकरणों में नहीं? (ग) प्रश्न दिनांक तक राज्य शासन के पास किस-किस श्रेणी के किन-किन अधिकारियों व कर्मचारियों के विरूद्ध अभियोजन स्वीकृति के प्रकरण लम्बित है? अधिकारी/कर्मचारी के नाम, पद, विभाग सहित बतावें और कब तक स्वीकृति प्रदान कर दी जावेगी? (घ) प्रश्न दिनांक तक की स्थिति में जबलपुर संभाग के कितने आई.ए.एस. एवं आई.पी.एस. अधिकारियों के विरूद्ध किन-किन मामलों में लोकायुक्त एवं आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरों में जाँच प्रक्रियाधीन है? नाम, पद एवं वर्तमान पदस्थापना सहित जानकारी देवें?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
विद्युत विभाग द्वारा किसानों के खिलाफ बनाये गये प्रकरण
[ऊर्जा]
99. ( क्र. 5467 ) श्रीमती इमरती देवी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या डबरा डिवीजन में विद्युत विभाग के उप महाप्रबन्धक द्वारा २१ जनवरी २०१७ को क्षेत्रीय किसानों के खिलाफ ५९ विद्युत चोरी के प्रकरण बनाये गये हैं? यदि हाँ, तो क्या उन सभी किसानों के पंचनामा यथा स्थान पर तैयार किये गये हैं? क्या इन सभी किसानों की कोई विद्युत रसीद काटी गई है? (ख) इन सभी प्रकरणों में रखी गई डी.पी. कितने दिन पूर्व से चालू थी? क्या यह सभी डी.पी. स्वयं किसानों के द्वारा लगाई गई थी या किसी ठेकेदार/विभाग के द्वारा कार्यकर लगाई गई थी? क्या इन सभी प्रकरणों में कोई रजिस्टर्ड ठेकेदार या स्थानीय अधिकारी दोषी है? (ग) यदि हाँ, तो किसी के खिलाफ कोई कार्यवाही की गई है? नहीं तो क्यों? उक्त प्रकरण में चल रही डी.पी. की निगरानी पूर्व में किसी के द्वारा नहीं की गई थी तो क्यों? (घ) भोपाल से जाँच टीम आने के ठीक चार दिन पहले ही एक दिन में ५९ प्रकरण क्यों बनाये गये हैं? क्या यह कार्यवाही पूर्व में की जाना संभव नहीं था?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी नहीं, अपितु दिनांक 21.01.2017 को म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड के डबरा संभाग के अंतर्गत पदस्थ सहायक यंत्रियों/कनिष्ठ यंत्रियों द्वारा 23 प्रकरणों में मौके पर पाई गई अनियमितताओं (अवैध रूप से ट्रांसफार्मर की स्थापना) के लिये पंचनामे तैयार किये गये थे। इसके अतिरिक्त विभिन्न तिथियों में अनियमितता के 36 अन्य प्रकरणों में पंचनामे बनाए गये। उक्तानुसार बनाए गए अनियमितता के प्रश्नांश में उल्लेखित दिनांक 21.01.2017 को अनियमितता पाए जाने पर बनाये गये 23 प्रकरणों में कृषकों द्वारा जमा की गई राशि का विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) में वर्णित ट्रांसफार्मर कृषकों द्वारा अनाधिकृत रूप से स्थापित किये गये थे जो कि संभवत: रबी सीजन प्रारंभ होने के साथ ही रखे जाना प्रतीत होते हैं। उत्तरांश (क) में वर्णित अवैध ट्रांसफार्मर मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा नहीं लगाये गये थे। प्रश्नाधीन प्रकरण में 2 विद्युत ठेकेदारों के विरूद्ध पुलिस में एफ.आई.आर. दर्ज की जा चुकी है एवं अन्य के विरूद्ध कार्यवाही प्रगति पर है। प्रकरण में प्रथम दृष्ट्या दोषी पाये जाने पर 8 अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की गई है। (ग) जी हाँ। उत्तरांश (ख) में दर्शाए अनुसार अधिकारियों एवं कर्मचारियों के विरूद्ध की गई अनुशासनात्मक कार्यवाही का विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। इसके अतिरिक्त प्रकरण में लापरवाही के दृष्टिगत 25 अन्य लाईन कर्मियों के स्थानांतरण की कार्यवाही की गई है। (घ) संचालन एवं संधारण संभाग डबरा के क्षेत्रांतर्गत अवैध रूप से ट्रांसफार्मर स्थापना के 59 प्रकरण एक दिन में तैयार नहीं किये गये थे, अपितु विभिन्न तिथियों यथा दिनांक 03.01.2017, दिनांक 20.01.2017, दिनांक 21.01.2017, दिनांक 22.01.2017 एवं दिनांक 23.01.2017, को संबधित अधिकारियों/कर्मचारियों द्वारा तैयार किये गये थे। संचालन एवं संधारण संभाग डबरा के अन्तर्गत अवैध ट्रांसफार्मर स्थापना संबंधी सूचना उप महाप्रबंधक (संचालन/संधारण) डबरा के पत्र क्रं 7012 दिनांक 23.01.2017 के द्वारा महाप्रबंधक संचालन/संधारण वृत्त ग्वालियर को प्रेषित की गई। जानकारी के आधार पर ही, वितरण कंपनी के भोपाल मुख्यालय से जाँच टीम दिनांक 25.01.2017 को भेजी गई थी। अवैध रूप से ट्रांसफार्मर की स्थापना संबंधी जानकारी संज्ञान में आने पर तुरंत ही कार्यवाही की गई थी।
अवैध रूप से डी.ई. का प्रभार
[ऊर्जा]
100. ( क्र. 5468 ) श्रीमती इमरती देवी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या डबरा डिवीजन में श्री राज मालवीय उप महाप्रबन्धक के पद पर पदस्थ है? यदि हाँ, तो क्या नियमानुसार किसी ए.ई. को डी.ई. का प्रभार क्या पाँच वर्ष पूर्व दिया जाना सम्भव है? यदि हाँ, तो आदेश प्रतिलिपि उपलब्ध करावें। यदि नहीं, तो डबरा डिवीजन में पदस्थ श्री राज मालवीय को डी.ई. का प्रभार किसके आदेश से दिया गया? इसमें कौन दोषी है? उसके खिलाफ कब तक कार्यवाही की जावेगी? (ख) क्या श्री राज मालवीय को ए.ई. के पद पर दिनांक :- २८-०५-२०११ को नियुक्त किया गया था? यदि हाँ, तो क्या श्री राज मालवीय को २०-१०-२०१५ को डबरा के उप महाप्रबंधक का चार्ज भी दे दिया गया यदि हाँ, तो क्या इनके पाँच वर्ष पूर्ण हो चुके थे? यदि नहीं, तो चार्ज क्यों दिया गया बतायें तथा दिया गया गलत चार्ज कब तक हटाया जावेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ। किसी ए.ई. को डी.ई. का चालू प्रभार दिये जाने हेतु 5 वर्ष की सेवा की बाध्यता नहीं है। उच्च पदों पर चालू प्रभार देने के संबंध में म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड द्वारा जारी आदेश/परिपत्र दिनांक 24.8.13 की छायाप्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। श्री राज कुमार मालवीय प्रबंधक-ए.ई. को उप महाप्रबंधक (संचालन/संधारण) संभाग डबरा का चालू प्रभार मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के आदेश क्रं. 1532 दिनांक 20.10.15 द्वारा दिया गया था। उक्त परिप्रेक्ष्य में किसी के दोषी होने अथवा किसी के विरूद्ध कार्यवाही किये जाने का प्रश्न नहीं उठता। (ख) जी हाँ। श्री राज कुमार मालवीय को दिनांक 20.10.2015 को उप महाप्रबंधक (संचालन/संधारण) डबरा का चालू प्रभार दिया गया था तथा उक्त दिनांक तक श्री राज कुमार मालवीय को प्रबंधक-सहायक यंत्री (वितरण) के पद पर 5 वर्ष पूर्ण नहीं हुये थे। चालू प्रभार दिया जाना एक प्रशासनिक व्यवस्था है, जिसके द्वारा चालू प्रभार दिये गये अधिकारी का वेतन एवं वरिष्ठता उसके मूलपद की ही रखते हुये, उससे आवंटित कार्य कराया जाता है तथा इससे किसी भी अधिकारी की वरिष्ठता प्रभावित नहीं होती है। अत: प्रश्नाधीन प्रकरण में कोई कार्यवाही किया जाना आवश्यक नहीं है।
संभागीय उपायुक्त आबकारी के विरूध्द कार्यवाही
[वाणिज्यिक कर]
101. ( क्र. 5482 ) श्री जालम सिंह पटेल : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माननीय उच्च न्यायालय, मध्यप्रदेश की इंदौर बैंच द्वारा प्रकरण क्रं. 8117/2015 में दिनांक 15/09/2015 को आदेश जारी कर संभागीय उपायुक्त, आबकारी द्वारा प्रभारी अधिकारी के रूप में अपनी भूमिका ठीक से न निभाने के संबंध में विपरीत टीका कर उनके खिलाफ कार्यवाही किए जाने के निर्देश दिए गए थे? यदि हाँ, तो उक्त निर्देशो के तारतम्य में क्या-क्या कार्यवाही की गई है? (ख) क्या उक्त अधिकारी के विरूद्ध मेसर्स अशोक टेडर्स सागर के प्रकरण में विभागीय जाँच संस्थित की गई थी? यदि हाँ, तो उस विभागीय जाँच के निष्कर्षों के आधार पर क्या-क्या कार्यवाही की गई है? (ग) उक्त अधिकारी इंदौर संभाग में कितने वर्षों से कार्यरत है एवं कब-कब किस-किस पद पर कितनी-कितनी अवधि तक पदस्थ रहे? पूर्ण ब्यौरा दें? (घ) इतनी लंबी अवधि तक एक ही अधिकारी को एक ही संभाग में पदस्थ किए जाने का क्या कारण है? कब तक उनका अन्यत्र स्थानांतरण कर दिया जाएगा?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जी नहीं। (ख) जी नहीं। अतएव शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ग) श्री विनोद रघुवंशी, उपायुक्त आबकारी, सहायक आबकारी आयुक्त जिला इन्दौर के पद पर दिनांक 01.05.2006 से 22.06.2010 तक एवं उपायुक्त आबकारी संभागीय उड़नदस्ता इन्दौर के पद पर दिनांक 10.12.2014 से पदस्थ हैं। (घ) श्री विनोद रघुवंशी को दिनांक 10.12.2014 संभागीय उड़नदस्ता इन्दौर के पद पर प्रशासकीय आवश्यकता के आधार पर पदस्थ किया गया है। अतएव शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
रीमॉडलिंग एवं रीसेक्सरिंग कार्य
[नर्मदा घाटी विकास]
102. ( क्र. 5483 ) श्री जालम सिंह पटेल : क्या राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नरसिंहपुर एवं गोटेगाँव विधान सभा अंतर्गत वर्तमान में मध्य हरेरी शाखा नहर के री-मॉडलिंग एवं री-सेक्सरिंग का कार्य विभाग द्वारा इन दिनों कराया जा रहा है? इस नहर की माईनर्स की लाईनिंग का कार्य भी शुरू किया गया है, इसमें आ रहे 30-32 गाँव में पुलियों, पानी निकासी एवं फुटवेयर की व्यवस्था के लिये क्या कोई योजना बनाई गई है? यदि हाँ, तो जानकारी देवें। (ख) क्या विभाग को हरेरी शाखा नहर एवं उसकी वितरण प्रणाली में क्षेत्र की जनता एवं कृषकों की मांग के अनुरूप नई पुलियों एवं पानी की व्यवस्था हेतु विस्तृत सर्वे कर वांछित स्थलों पर स्ट्रक्चर्स, फुटवेयर का निर्माण किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक निर्माण कर लिया जावेगा? (ग) कौन-कौन स्थानों पर पुलिया, स्ट्रक्चर्स, फुटवेयर का निर्माण किया जावेगा? ग्रामवार जानकारी देवें?
राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास ( श्री लालसिंह आर्य ) : (क) से (ग) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। नहर के रूपांकन में पुलियों एवं वर्षा के पानी की निकासी की आवश्यकता को ध्यान में रखा गया है। नहर के रूपांकन में हर स्थान पर पुलिया एवं फूटब्रिज का प्रावधान रखना नहर की साध्यता को प्रभावित करता है। अत: शेष प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होते हैं।
भवन निर्माण की स्वीकृति
[महिला एवं बाल विकास]
103. ( क्र. 5519 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या राजगढ़ जिले अंतर्गत कार्यालय एकीकृत महिला एवं बाल विकास परियोजना ब्यावरा का स्वयं का भवन नहीं है? यदि हाँ, तो क्या वर्तमान में उक्त परियोजना कार्यालय द्वारा अपना शासकीय कामकाज एवं रिकॉर्ड संधारण कार्य अस्थाई रूप से पुराने अस्पताल भवन के एक कमरे में संचालित किया जा रहा है तथा उक्त कमरा वर्तमान जीर्ण-शीर्ण अवस्था में होकर वर्षाकाल में पानी का रिसाव होने से शासकीय रिकॉर्ड, अन्य विभागीय सामग्री फर्नीचर आदि को वैकल्पिक व्यवस्था कर संरक्षित किया जाता है? यदि हाँ, तो विभाग द्वारा उक्त परियोजना कार्यालय के भवन निर्माण हेतु प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? (ख) क्या शासन उपरोक्तानुसार परियोजना कार्यालय ब्यावरा हेतु भवन निर्माण की स्वीकृति प्रदान करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) जी हाँ। राजगढ़ जिले की एकीकृत बाल विकास परियोजना ब्यावरा का कार्यालय पुराने एवं अस्पताल भवन में संचालित हैं। इस भवन में दो हाल, एक कमरा एवं एक बरामदा उपलब्ध हैं। (ख) पुराना भवन होने से वर्षाकाल में अतिवर्षा के कारण पानी रिसाव होता हैं। तत्समय पानी के रिसाव से कार्यालयीन अभिलेख, फर्नीचर आदि का संरक्षण वैकल्पिक व्यवस्था कर किया जाता हैं। पानी के रिसाव के कारण कोई भी अभिलेख क्षतिग्रस्त नहीं हुआ हैं। वर्तमान में विभाग के कार्यालय भवन निर्माण की स्वीकृति का कोई प्रावधान नहीं है। अतः शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता हैं।
वेयर हाउस एवं वृत्त कार्यालय का भवन निर्माण
[वाणिज्यिक कर]
104. ( क्र. 5520 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले की ब्यावरा नगर में स्थित आबकारी विभाग के वेयर हाउस एवं वृत्त कार्यालय भवन का निर्माण किस वर्ष में कराया गया था? (ख) क्या उक्त वेयर हाउस एवं वृत्त कार्यालय भवन वर्तमान में जीर्ण-शीर्ण अवस्था में है तथा वर्षाकाल में वेयर हाउस एवं कार्यालय भवन की दीवारों एवं छत से पानी का रिसाव होता है, जिससे शासकीय दस्तावेजों एवं आबकारी सामग्री की सुरक्षा के लिये अस्थाई उपाय करने पड़ते हैं? यदि हाँ, तो क्या उक्त वेयर हाउस एवं वृत्त कार्यालय हेतु नवीन भवन निर्माण के लिये प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? (ग) क्या शासन उपरोक्तानुसार वेयर हाउस एवं वृत्त कार्यालय हेतु नवीन भवन की स्वीकृतियां प्रदान करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) राजगढ़ जिले के ब्यावरा नगर में मद्यभांण्डागार एवं वृत्त कार्यालय का निर्माण वर्ष 1926 में कराया गया था। (ख) जी हाँ। अनुविभागीय अधिकारी (भवन एवं सड़क) द्वारा पत्र क्रमांक 237 दिनांक 22.02.2017 से नवीन भवन निर्माण हेतु प्रस्तावित लागत 64.13 लाख रूपये प्रस्तावित की गई है। (ग) अनुविभागीय अधिकारी (भवन एवं सड़क) संभाग राजगढ़ (ब्यावरा) मध्यप्रदेश से आबकारी वृत्त कार्यालय ब्यावरा एवं मद्यभाण्डागार ब्यावरा जिला राजगढ़ (मध्यप्रदेश) के नवीन भवन निर्माण हेतु अनुमानित लागत 64.13 लाख रूपये का प्रस्ताव की स्वीकृति एवं राशि आवंटन हेतु जिला आबकारी अधिकारी के पत्र क्रमांक 425 दिनांक 22.02.2017 से आबकारी आयुक्त मध्यप्रदेश ग्वालियर को प्रेषित किया गया है।
सिंगाजी ताप विद्युत परियोजना
[ऊर्जा]
105. ( क्र. 5525 ) श्री लोकेन्द्र सिंह तोमर : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सिंगाजी ताप विद्युत परियोजना में विद्युत उत्पादन करने पर निकलने वाली राखड़, विद्युत उत्पादन बन्द होने की स्थिति में, परियोजना पास के किन-किन ग्रामों तक उड़ती है? (ख) क्या पर्यावरण की दृष्टि से राखड़ उड़ने से आम जनजीवन पर क्या असर पड़ा है? विभाग द्वारा इसके क्या उपाय किये गए हैं? (ग) क्या परियोजना स्थल से राखड़ को उड़ने से रोकने का कोई स्थाई हल निकाला गया है? यदि हाँ, तो क्या हल निकाला गया है? (घ) क्या परियोजना में बन रही राखड़ की खपत के लिए परियोजना स्थल के आस-पास सीमेंट प्लांट लगाया जायेगा या किसी निजी कंपनी को अनुमति दी जायेगी? स्पष्ट करें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) म.प्र.पा.ज.कं.लि. के श्री सिंगाजी ताप विद्युत परियोजना डोंगलिया, जिला खण्डवा से विद्युत उत्पादन के दौरान उत्पन्न राखड़ को एश पौंड में एकत्रित किया जाता है। सामान्यत: विद्युत उत्पादन बंद रहने की स्थिति में एश पौंड से राखड़ नहीं उड़ती है। वर्ष 2016 में ग्रीष्म ऋतु में समस्त इकाइयों के बंद होने एवं तेज हवायें चलने के कारण आस-पास के ग्रामों भुरलाय, डाबरी एवं भवानपुरा तक राखड़ उड़ी थी। इसकी रोकथाम हेतु आवश्यक कार्यवाही की गई थी। वर्तमान में राखड़ उड़ने की कोई समस्या नहीं है। (ख) लंबी अवधि तक राखड़ उड़ने से पर्यावरण पर विपरीत प्रभाव पड़ने से जनजीवन भी प्रभावित हो सकता है तथापि प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अवधि में राखड़ उड़ने से आम जनजीवन पर कोई असर नहीं पड़ा है। वर्ष 2016 में उत्तरांश (क) में उल्लेखित ग्रामों तक राखड़ उड़ने पर इसे रोकने के लिए म.प्र. पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड द्वारा एश पौंड में पानी भरकर उसे गीला रखना तथा वानस्पतिक पौधे लगाना इत्यादि उपाय किये गये हैं। इस समस्या के स्थाई समाधान के लिये भी आवश्यक प्रबंध किये जा रहे हैं, जिसका विवरण उत्तरांश (ग) में दर्शाए अनुसार है। (ग) जी हाँ। परियोजना स्थल से राखड़ को उड़ने से रोकने के लिए स्थाई हल निकालने हेतु किए गये एवं किए जा रहे विभिन्न उपाय निम्नानुसार है :- (1) ट्रॉपिकल फॉरेस्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट, जबलपुर को तकनीकी परामर्श प्रदान करने हेतु नियुक्त कर उनके परामर्श पर राखड़ बांध एवं उसके आस-पास वनस्पतियाँ लगाने का कार्य (2) राखड़ बांध पर पानी के छिड़काव हेतु स्प्रिंकलर प्रणाली की स्थापना जिसके अंतर्गत पानी की आपूर्ति हेतु मुख्य पाईप लाईन बिछाने का कार्य प्रगति पर (3) राखड़ बांध की सूखी राख पर पानी छिड़कने का कार्य (4) राखड़ बांध की सूखी सतह पर मिट्टी, मुरम इत्यादि बिछाने का कार्य। (घ) वर्तमान में परियोजना स्थल के आस-पास सीमेंट प्लॉट लगाने का विभाग का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। निजी क्षेत्र की कंपनी द्वारा परियोजना स्थल के आस-पास सीमेंट प्लांट लगाये जाने के प्रस्ताव पर विभाग की कोई सैध्दांतिक आपत्ति नहीं है।
सौर ऊर्जा उपकरणों/संयंत्रों पर सब्सिडी
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
106. ( क्र. 5533 ) श्री लोकेन्द्र सिंह तोमर : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में सौर ऊर्जा की स्ट्रीट लाईट लगाने हेतु कितनी सब्सिडी दी जाती है? (ख) क्या ग्राम पंचायतों के माध्यम से सार्वजानिक उपयोग के लिए स्ट्रीट लाईट लगाने हेतु अतिरिक्त सब्सिडी का प्रावधान है? यदि हाँ, तो कितना? (ग) क्या किसानों को भी पंप चलाने हेतु सौर ऊर्जा से कितने हार्स पॉवर पर कितनी सब्सिडी दी जाती है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा सौर ऊर्जा स्ट्रीट लाईट की स्थापना पर रू. 120 प्रति वॉट के मान से (अधिकतम 40 वॉट तक) अनुदान दिया जाना प्रावधानित हैं। (ख) ग्राम पंचायतों के माध्यम से सार्वजनिक उपयोग के लिए स्ट्रीट लाईट की स्थापना पर भी प्रश्नांश (क) के ऊपर अंकित उत्तर के अनुसार ही अनुदान दिया जाना प्रावधानित है। अतिरिक्त सब्सिडी का कोई प्रावधान नहीं है। (ग) किसानों को सिंचाई कार्य हेतु सोलर पंप की स्थापना पर दिये जाने वाले अनुदान की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
क्षमता वृद्धि की मांग पर ट्रांसफार्मर बदले जाना
[ऊर्जा]
107. ( क्र. 5542 ) श्री कैलाश चावला : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मनासा विधान सभा क्षेत्र में कितने विद्युत ट्रांसफार्मर ऐसे हैं जिनमें क्षमता वृद्धि की मांग ग्रामवासियों द्वारा विभिन्न विद्युत् वितरण केन्द्रों पर कनिष्ठ यंत्रियों के माध्यम से संभागीय अभियंताओं को वर्ष 2016-17 में भेजी गई है। विद्युत् वितरणवार, प्रस्तावित ट्रांसफार्मर की संख्या एवं दिनांक बतावें। (ख) उक्त प्रस्तावों पर संभागीय अभियंताओं द्वारा क्या कार्यवाही की गई है, कितने ट्रांसफार्मर बदल दिए गए हैं व कितने अभी बदले जाना शेष है? विद्युत् केन्द्रवार, दिनांकवार जानकारी देवें। (ग) जो ट्रांसफार्मर अभी नहीं बदले जा सके हैं, उनके क्या कारण हैं?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) मनासा विधान सभा क्षेत्र में 13 वितरण ट्रांसफार्मर ऐसे हैं जिनकी क्षमता वृद्धि के प्रस्ताव, ग्रामवासियों की मांग पर विभिन्न वितरण केन्द्र कार्यालयों पर पदस्थ कनिष्ठ यंत्रियों द्वारा संभागीय कार्यालय मनासा को वर्ष 2016-17 में भेजे गये हैं। उक्तानुसार प्रेषित किये गये प्रस्तावों की वितरण केन्द्रवार प्रस्ताव भेजने की दिनांक एवं प्रस्तावित ट्रांसफार्मरों की संख्या की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) प्रश्नाधीन वितरण ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि के प्रस्तावों को कार्यपालन यंत्री, संचालन एवं संधारण संभाग, मनासा द्वारा अधीक्षण यंत्री, संचालन एवं संधारण वृत्त नीमच को प्रेषित किया गया था। उक्त प्रस्तावों पर अधीक्षण यंत्री, संचालन एवं संधारण वृत्त नीमच कार्यालय के द्वारा पत्र क्रमांक 2748 दिनांक 02.06.2016 से स्वीकृति प्रदान की गई एवं उक्त समस्त प्रकरणों में प्रस्ताव अनुसार वितरण ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि का कार्य करवा दिया गया है। प्रश्नाधीन वितरण ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि किये जाने की वितरण केन्द्रवार/दिनांकवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता।
जिला आबकारी अधिकारी एवं कलेक्टर के विरूद्ध जाँच
[वाणिज्यिक कर]
108. ( क्र. 5582 ) श्रीमती शीला त्यागी : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अतारांकित प्रश्न संख्या 124 (क्र.-2566) उत्तर दिनांक 26-07-2016 के प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में उक्त प्रकरण में कुल कितने आरोपी हैं, उनका नाम पदवार एवं वर्तमान पदस्थापना तथा गिरफ्तारी की स्थिति बताएं। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में अनुसंधानकर्ता अधिकारी द्वारा न्यायालय में चलान प्रस्तुत किया गया कि नहीं? यदि नहीं, तो क्यों? कब तक चलान प्रस्तुत कर दिया जावेगा? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के संदर्भ में उक्त प्रकरण में संलिप्त अधिकारियों, कर्मचारियों एवं ठेकेदारों के विरूद्ध निलंबित करने की कार्यवाही की गई। यदि नहीं, तो क्यों, कारण बतायें तथा दोषियों के विरूद्ध कब तक दण्डात्मक कार्यवाही की जावेगी?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) पुलिस अधीक्षक, विशेष पुलिस स्थापना, लोक आयुक्त संगठन जबलपुर संभाग जबलपुर के द्वारा प्रकरण की विवेचना की जा रही है। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) संलिप्त अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध निलंबन की कार्यवाही चालान प्रस्तुत होने पर की जायेगी। प्रकरण में अधिकारियों/कर्मचारियों के स्थानांतरण जिले से बाहर कर दिये गये है एवं 14 समूहों के लायसेंसियों के विरूद्ध लायसेंस निरस्त कर दिये गये है। सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
बकाया राशि समाधान योजना 2016
[ऊर्जा]
109. ( क्र. 5583 ) श्रीमती शीला त्यागी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला रीवा में बकाया राशि समाधान योजना 2016 के द्वारा कितने उपभोक्ताओं से कितनी राशि की वसूली की गई है? उपखण्डवार उपभोक्ताओं की वसूल की गई राशि की जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में जिन उपभोक्ताओं को श्रेणीवार छूट का लाभ प्रदान किया गया है उनके छूट की राशि का प्रतिशतवार, हितग्राही की संख्यावार जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में इस योजना के लाभ पश्चात कितने हितग्राही शेष रह गये हैं। उन हितग्राहियों के वसूली हेतु क्या कार्यवाही की गई है। (घ) प्रश्नांश (ख) एवं (ग) के संदर्भ में शासन के इस महत्वाकांक्षी योजना का लाभ शत्-प्रतिशत हितग्राहियों को न दिये जाने के लिए कौन दोषी है? दोषी के विरूद्ध कौन-सी दण्डात्मक कार्यवाही की जावेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) समाधान योजना 2016 के अन्तर्गत रीवा जिले में 4849 उपभोक्ताओं से रू. 254.54 लाख की राशि वसूल की गई है। उप संभागवार (उप खण्डवार नहीं) उपभोक्ताओं से श्रेणीवार वसूल की गई राशि की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) प्रश्नाधीन योजना में जिन उपभोक्ताओं को श्रेणीवार छूट का लाभ प्रदान किया गया है, उनकी छूट की राशि का बकाया राशि की तुलना में प्रतिशतवार एवं योजना में शामिल हुए उपभोक्ताओं की कुल उपभोक्ताओं की संख्या की तुलना में प्रतिशतवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ग) समाधान योजना के तहत लाभ दिये जाने के पश्चात् रीवा जिले के अन्तर्गत बी.पी.एल. श्रेणी के 68611 एवं ए.पी.एल. श्रेणी के 92618 बकाया राशि वाले उपभोक्ता शेष रह गए हैं। शेष बचे बकाया राशि वाले उपभोक्ताओं से वसूली हेतु शिविरों का आयोजन, बकाया राशि जमा करने हेतु नोटिस जारी करने एवं कनेक्शन विच्छेदन इत्यादि की कार्यवाही की जा रही है। (घ) समाधान योजना का लाभ उठाने हेतु उपभोक्ताओं को जानकारी दिये जाने के लिये विभिन्न समाचार पत्रों में विज्ञापन जारी किया गया था, पम्पलेट छपवाकर जगह-जगह लगवाए गए व हितग्राहियों को समझाइश दी गई ताकि वे इस योजना का ज्यादा से ज्यादा लाभ प्राप्त कर सके। साथ ही पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के पत्र क्रमांक 8985 दिनांक 26.02.2016 द्वारा माननीय सांसद महोदय, माननीय विधायक एवं पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के पत्र क्रमांक 8984 दिनांक 26.02.2016 द्वारा अन्य जन प्रतिनिधियों को अधिक से अधिक हितग्राहियों को इस योजना का लाभ प्राप्त करने हेतु प्रेरित करने के लिये लेख किया गया था। जिन हितग्राहियों द्वारा योजना के तहत राशि जमा की गई, उन हितग्राहियों को योजना का लाभ दिया गया है। व्यापक प्रचार-प्रसार के उपरान्त भी जिन हितग्राहियों द्वारा राशि जमा नहीं की गई उन्हें योजना का लाभ नहीं प्राप्त हुआ, जिस हेतु कोई भी अधिकारी/कर्मचारी दोषी नहीं है। अत: किसी के विरूद्ध कार्यवाही किये जाने का प्रश्न नहीं उठता।
कृषि भूमी क्रय-विक्रय पर स्टाम्प ड्यटी
[वाणिज्यिक कर]
110. ( क्र. 5591 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगर पालिका क्षेत्र शुजालपुर, नगर परिषद क्षेत्र क्रमशः पानखेड़ी, अकोदिया, पोलायकलां एवं इनसे लगे हुए सीमावर्ती गाँवों की कृषि भूमि विक्रय पत्र पंजीयन पर स्टाम्प शुल्क लगाने में स्लैब रेट का प्रावधान किया है? यदि हाँ, तो कौन-कौन से ग्रामों में। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित क्षेत्र के ग्राम आबादी तथा मुख्य सड़कों से लगी भूमि पर प्रावधान किया है अथवा सम्पूर्ण ग्राम सीमा की कृषि भूमि पर? यदि सम्पूर्ण ग्राम की कृषि भूमि पर स्लैब रेट लिया जा रहा है, तो क्यों? क्या नोटिफिकेशन किया गया? यदि हाँ, तो कब? प्रति देवें। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित क्षेत्र में किन-किन सर्वे नम्बरों का नोटिफिकेशन में उल्लेख है? नगरीय क्षेत्रवार व ग्रामवार जानकारी देवें। (घ) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित क्षेत्र के सर्वे नम्बरों का नोटिफिकेशन में स्पष्ट उल्लेख किया जाना चाहिए था?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जी हाँ। नगर पालिका क्षेत्र शुजालपुर तथा तहसील शुजालपुर के ग्राम शुजालपुर, भीलखेड़ी, भूगौर, कमैल्या, किशोनी, अकोदिया, फुलेन तथा पोलायकलां विशिष्ट ग्राम है। इसी प्रकार तहसील कालापीपल के ग्राम पानखेडी एवं भरदी विशिष्ट ग्राम में उक्त प्रावधान लागू है। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित ग्रामों की संपूर्ण सीमा में उक्त प्रावधान लागू है। मध्यप्रदेश बाजार मूल्य सिद्धांतों का बनाया जाना एवं उनका पुनरीक्षण नियम 2000 के अंतर्गत निर्मित उपबंधों के अंतर्गत उक्त प्रावधान किया गया है, नियम की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (क) की जानकारी अनुसार प्रश्न उद्भूत नहीं होता है। (घ) प्रश्नांश (क) के उत्तर अनुसार प्रश्न उद्भूत नहीं होता है।
शराब की अवैध दुकानें
[वाणिज्यिक कर]
111. ( क्र. 5592 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश आबकारी अधिनियम 1915 के प्रावधानों में देशी/अंग्रेजी शराब की दुकानों के अतिरिक्त एजेंट के माध्यम से मदिरा दुकानें संचालित करने का प्रावधान नहीं है फिर भी शाजापुर जिले के ग्राम हाजीपुर, अरंडिया जोड़, धाबलाधीर, ढाबलाघोसी, पंचदेहरिया, खेजडिया तथा अन्य कई ग्रामों में अवैध दुकानें क्यों चल रही हैं? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अवैध दुकानों को बंद कराने के लिए अप्रैल 2016 से प्रश्न दिनांक तक विभाग के कौन-कौन अधिकारी कब-कब विभाग के किस अधिकृत वाहन से गये? वाहन का नाम, नम्बर देवें। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अवैध दुकानों को बंद करवाने के लिए अप्रैल 2016 से प्रश्न दिनांक तक क्या पुलिस अधीक्षक शाजापुर को पत्र व्यवहार किया गया? यदि हाँ, तो कब-कब?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) शाजापुर जिले के ग्राम हाजीपुर, अरडिया जोड़, धावलाधीर, पंचदेहरिया, खेजडिया तथा अन्य कोई ग्राम में एजेंटो के माध्यम से मदिरा की अवैध दुकान संचालित नहीं हो रही है। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित ग्राम एवं अन्य ग्रामों में अप्रैल 2016 से प्रश्न दिनांक तक श्री के.के. शर्मा, आबकारी उपनिरीक्षक, वृत्त शुजालपुर द्वारा अनुबंधित वाहन क्रमांक एम.पी. 42 टी-0881 से दिनांक 13.05.2016, 21.05.2016, 26.05.2016, 07.06.2016, 17.07.2016, 01.08.2016, 05.09.2016, 10.09.2016, 04.11.2016, 10.12.2016, 18.01.2017, 15.02.2017 को शराब के अवैध विक्रय की रोकथाम एवं प्रतिबंधात्मक कार्यवाही हेतु भ्रमण किया गया। (ग) पुलिस अधीक्षक शाजापुर से इस संबंध में कोई पत्र व्यवहार नहीं किया गया।
अप्रशिक्षित ठेका श्रमिकों की असामयिक मृत्यु होने पर हितलाभ
[ऊर्जा]
112. ( क्र. 5599 ) श्री दिलीप सिंह शेखावत : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विद्युत विभाग में लगातार अप्रशिक्षित ठेका श्रमिकों की असामयिक मृत्यु होने पर प्रश्नकर्ता द्वारा पूर्व में विधान सभा में दिनांक 06 दिसम्बर 2016 को अतारांकित संख्या 130 प्रश्न (क्रमांक 1411) के द्वारा पूछे गये प्रश्न के जवाब में बताया गया कि इन श्रमिकों की मृत्यु पर वर्कमेन कम्पन्सेशन एक्ट के तहत मुआवजा राशि भुगतान करने का प्रावधन है एवं अन्य योजनाओं में भी मृतक के आश्रित को राशि भुगतान करने का प्रावधान बताया गया है? (ख) प्रश्नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र में नागदा-खाचरौद विगत तीन वर्षों में कितने अप्रशिक्षित ठेका श्रमिकों की असामयिक मृत्यु हुई है? (ग) विद्युत विभाग द्वारा इन मृत अप्रशिक्षित ठेका श्रमिकों के परिवार को किस-किस योजना में कितनी-कितनी राशि का भुगतान की गयी है? यदि नहीं, की गयी है, तो इसके लिये कौन-कौन दोषी है? दोषियों पर क्या कार्यवाही की गयी है? (घ) इन मृत श्रमिकों के परिवारों को कब तक योजना का लाभ दे दिया जावेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ, विधान सभा अतारांकित प्रश्न क्रमांक 1411 के दिनांक 6.12.2016 को दिये गये उत्तर में यह बताया गया था कि ठेकेदारों द्वारा नियोजित श्रमिकों के साथ कार्य के दौरान दुर्घटनाएं मुख्यत: सुरक्षा संबंधी नियमों का पालन नहीं करने से एवं असावधानी के कारण घटित हुई है। ऐसे प्रकरणों में सेवा प्रदाता ठेकेदार द्वारा श्रमिकों के दुर्घटना बीमा का कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ई.एस.आई.सी) के माध्यम से एवं जिन जिलों में ई.एस.आई.सी लागू नहीं है, उन जिलों के लिये सामुदायिक बीमा के माध्यम से प्रावधान किया जाता है। इसके अतिरिक्त श्रमिकों का बीमा, प्रधानमंत्री बीमा योजना में भी कराने के निर्देश है। कार्य के दौरान ऐसे ठेका श्रमिकों के साथ दुर्घटना होने पर संबंधित बीमा संस्थान द्वारा हितलाभ प्रदाय किया जाता है। कार्य के दौरान दुर्घटना होने पर वर्कमेन कम्पन्सेशन एक्ट के तहत मुआवजा राशि का भुगतान नियमानुसार करवाया जाता है। ठेका श्रमिकों के माध्यम से कार्य सम्पादित कराये जाने वाली सभी योजनाओं के तहत उपरोक्त उल्लेखित प्रावधान लागू है। (ख) विधान सभा क्षेत्र नागदा-खाचरौद में विगत तीन वर्षों में किसी भी अप्रशिक्षित ठेका श्रमिक की असामयिक मृत्यु नहीं हुई है। (ग) एवं (घ) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता।
विभाग द्वारा बकाया बिलों की वसूली हेतु की गई कार्यवाही
[ऊर्जा]
113. ( क्र. 5614 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सुवासरा विधान सभा क्षेत्र में विगत 3 माह में कितने ग्रामों में बकाया विद्युत बिल वसूली हेतु मकानों को सील किया गया? (ख) शासन द्वारा विद्युत बिल वसूली हेतु विद्युत विभाग के साथ मन्दसौर जिले में विगत 6 माह में संभागीय कार्यालय पर कौन-कौन तहसीलदार नियुक्त किये गये थे? नाम एवं स्थापना का स्थान बतावें। (ग) विभाग में कौन-कौन से अधिकारियों को पदेन तहसीलदार के अधिकार रहते हैं? (घ) सुवासरा विधान सभा क्षेत्र के गाँव गोवर्धनपुरा में अजा वर्ग के भग्गा पिता कालू जी उम्र 85 वर्ष को दिनांक 31 जनवरी 2017 को दोपहर 1 बजे से रात्री 10 बजे तक बिल वसूली करने के लिए मकान के अंदर बंद कर बाहर से मकान सील करने वाले कौन-कौन से अधिकारी/कर्मचारी थे? नाम बतावें तथा उस समय कौन तहसीलदार साथ में थे? नाम बतावें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) सुवासरा विधान सभा क्षेत्र में विगत 3 माह में 153 ग्रामों में विद्युत बिल की बकाया राशि की वसूली हेतु मकानों को सील किया गया था। (ख) म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड इन्दौर के अंतर्गत विद्युत बिल की वसूली हेतु मंदसौर जिले में विगत 6 माह में संचालन/संधारण संभागीय कार्यालयों पर किसी भी राजस्व विभाग के तहसीलदार को पृथक नियुक्त नहीं किया गया है। अत: प्रश्न नहीं उठता। (ग) राजस्व विभाग म.प्र. शासन की अधिसूचना दिनांक 28.02.2004 के तहत विद्युत वितरण कंपनी में कार्यरत अपर (अतिरिक्त) अधीक्षण यंत्रियों, कार्यपालन यंत्रियों, अपर (अतिरिक्त) कार्यपालन यंत्रियों, सहायक यंत्रियों, कनिष्ठ यंत्रियों तथा विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड के वितरण केन्द्रों के भार साधक सहायक यंत्रियों को पदेन तहसीलदार के अधिकार प्रदत्त किये गये हैं। (घ) जी नहीं, दिनांक 31 जनवरी 2017 को सुवासरा विधान सभा क्षेत्र के ग्राम गोवर्धनपुरा में विद्युत बिलों की बकाया राशि की वसूली के दौरान श्री भग्गा पिता कालूजी को मकान के अन्दर बंद कर बाहर से मकान सील नहीं किया गया था अपितु पूर्व से लगे हुए ताले पर सील लगाई गई थी। अत: प्रश्न नहीं उठता।
नवीन कार्यों का भूमि पूजन एवं लोकार्पण
[सामान्य प्रशासन]
114. ( क्र. 5615 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सुवासरा विधान सभा क्षेत्र में विगत 3 वर्षों में विभागवार नवीन भवन, नवीन पेयजल योजना, नवीन सडकें, सिंचाई हेतु तालाब/डेम निर्माण के कार्य प्रारम्भ करने से पहले भूमि पूजन या पूर्ण होने पर लोकार्पण किन-किन कार्यों का करवाया है? (ख) उपरोक्त सम्पन्न कार्यों में कौन-कौन जनप्रतिनिधि एवं अतिथियों को आमंत्रित किया जाकर कार्यक्रम करवाए गए हैं? जनप्रतिनिधि का नाम एवं पद बतावें। (ग) यदि नहीं, करवाए गए हैं, तो कारण बतावें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) जानकारी प्रश्नांश (क) एवं (ख) में उल्लेखित परिशिष्ट के प्रपत्र (अ) एवं (ब) में दर्शायी गई है।
पर्यटन स्थलों का उन्नयन एवं रख-रखाव
[संस्कृति]
115. ( क्र. 5632 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या राज्यमंत्री, संस्कृति महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नाकर्ता के विधान सभा प्रश्न क्रमांक-1398 दिनांक-06/12/2016 की एकत्रित जानकारी क्या है और इसे नियत तिथि में उपलब्ध न कराने के क्या कारण रहे? (ख) कटनी जिले में विभाग/शासन द्वारा किन-किन स्थलों को पर्यटन की दृष्टि से उपयुक्त एवं किन-किन ऐतिहासिक एवं पुरातत्व कालीन स्थलों को संरक्षित करना पाया गया है, (ग) प्रश्नांश (ख) के तहत जिले के पर्यटन स्थलों एवं ऐतिहासिक/पुरातत्वकालीन स्थलों के विकास एवं संरक्षण के कौन-कौन से प्रस्ताव विगत पाँच वर्षों में विभाग/शासन को किस आधार/अनुशंसा पर प्राप्त हुये एवं किन प्रस्तावों को स्वीकृत कर कब कार्य कराये गये और कौन-कौन प्रस्ताव किन कारणों से कब से लंबित हैं? इन्हें कब तक स्वीकृत कर कार्य कराये जायेंगे? (घ) कटनी जिले के पर्यटन स्थलों एवं ऐतिहासिक/पुरातत्वकालीन स्थलों के विकास/संरक्षण हेतु शासन/विभाग की क्या योजना है? विवरण देवें एवं इन्हें कब तक किस प्रकार पूर्ण किया जायेगा?
राज्यमंत्री, संस्कृति ( श्री सुरेन्द्र पटवा ) : (क) विधान सभा प्रश्न क्रमांक 1398 दिनांक 06/12/2016 की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '1' अनुसार. प्रश्न की जानकारी वृहद स्वरूप होने के कारण एकत्रित करने में समय लगा. (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '2' अनुसार. (ग) कटनी जिले के पर्यटन स्थलों एवं ऐतिहासिक/पुरातत्वकालीन स्थलों के विकास एवं संरक्षणों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '3' एवं '4' अनुसार. (घ) कटनी जिले के पुरातत्वकालीन स्थलों के विकास/संरक्षण हेतु वर्तमान में कोई योजना नहीं है. स्मारकों की स्थिति देखते हुए कार्य प्रस्तावित किये जाते हैं.
पवन चक्कियां लगाने में अनियमितता से कृषकों को परेशानी
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
116. ( क्र. 5635 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मंदसौर, रतलाम जिले में किस-किस कम्पनियों की पवन चक्कियां लगाने से कहाँ-कहाँ कृषकों एवं कम्पनियों के बीच विवाद उत्पन्न हुये? कृषकों ने एसी कितनी-कितनी शिकायतें कहाँ-कहाँ दर्ज कराई, कम्पनियों के अनुबंध की उक्त जिलों की प्रतिलिपि उपलब्ध करायें? क्या पर्यावरण विभाग से अनुमति लिए बिना गोचर भूमि का उपयोग किया जा सकता है? यदि "हाँ" तो उक्त कंपनियों ने कहाँ-कहाँ, किस-किस स्थल पर उक्त जिलों में अनुमति ली? (ख) क्या उक्त कम्पनियों द्वारा उक्त जिलों में स्थानीय अधिकारियों की मदद से ऊर्जा विभाग से अनुबंधित नक्शे के विरुद्ध गोचर भूमि, मंदिर भूमि तथा अन्य सार्वजनिक भूमि पर अवैध कब्जा कर अनैतिक रूप से रास्तों का निर्माण एवं पोल लगाने का कार्य कर तथा कृषकों पर झूठे अतिक्रमण के प्रकरण का दबाव बनाकर, व्यवसायिक वाहनों को खेतों में से निकलवाने का कार्य किया जा रहा है? क्या भूमि की नोइयत बदले बिना चरनोई भूमि पर मार्ग निकाले जा रहे हैं? क्या तहसीलदार, गिरदावर एवं पटवारी को नोइयत परिवर्तन का अधिकार भू-राजस्व संहिता के नियम विरुद्ध दिया गया है? यदि हाँ, तो क्यों? (ग) 1 जनवरी 2016 के बाद में कितने किसानों ने कम्पनियों एवं ऊर्जा विभाग से किये गये अनुबन्ध नक्शे के विरुद्ध कार्य करने के कितने प्रकरण कहाँ-कहाँ न्यायालय में दर्ज कराये?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) मंदसौर जिले में किसी भी कम्पनी द्वारा पवन चक्कियां लगाने से कृषकों एवं कम्पनी के बीच गंभीर विवाद की स्थिति उत्पन्न नहीं हुई तथापि कृषकों द्वारा विभिन्न प्रकार की 11 शिकायतें सी.एम. हेल्पलाईन में दर्ज करायी गयी। रतलाम जिले में क्षेमा पॉवर एवं औस्ट्रो विण्ड एनर्जी कम्पनियों और कृषकों के बीच विवाद के कारण ग्राम अम्बा एवं पिपलौदा में शिकायतें दर्ज कराई गई थी, जिनका मौके पर निराकरण किया गया। तथापि कृषकों द्वारा विभिन्न प्रकार की 08 शिकायतें सी.एम. हेल्पलाईन में दर्ज करायी गयी। कम्पनी एवं कृषकों के मध्य आपसी सहमति से कार्य किये जाते हैं। संबंधित अनुबंधों में शासन पक्षकार नहीं है, अतएव वांछित अनुबंध कार्यालय में संधारित नहीं किये जाते हैं। परियोजनाएं 'ग्रीन' श्रेणी की होने से, गोचर भूमि पर परियोजना स्थापना हेतु पर्यावरण विभाग से अनुमति की आवश्यकता नहीं होती। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नहीं। (ग) प्राप्त जानकारी के अनुसार ऐसा कोई प्रकरण न्यायालय में दर्ज नहीं कराया गया है।
महिलाओं को कम्प्यूटर शिक्षा
[महिला एवं बाल विकास]
117. ( क्र. 5637 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मंदसौर, रतलाम, नीमच जिले में 1 जनवरी 2014 के पश्चात विभाग के विभिन्न मदों में, कितनी-कितनी राशि, किस-किस मद में, प्राप्त हुई, उनमें से कितनी राशि को किस-किस मद से, कहाँ-कहाँ खर्च किया गया? (ख) उज्जैन संभाग में किन-किन जिलों में, किन-किन अधिकारियों के खिलाफ, किस-किस तरह की, कहाँ-कहाँ शिकायत प्राप्त हुई? उन पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? शिकायतकर्ता का नाम सहित जानकारी देवें? (ग) उज्जैन संभाग में कितने अधिकारी/कर्मचारी को किस-किस कारण से निलंबित या अन्य सजा दिनाक 1 जनवरी 2013 के पश्चात दी गई? वर्तमान में उनके प्रकरण की अद्यतन स्थिति क्या है? कितने पुन: बहाल किये गये? शेष कहाँ-कहाँ कार्यरत हैं? जानकारी देवें। (घ) क्या प्रदेश में महिला बाल विकास विभाग द्वारा महिलाओं को कम्प्यूटर शिक्षा में दक्ष करने हेतु स्टेट सर्टिफिकेट कोर्स इन इन्फर्मेशन टेक्नालॉजी या अन्य प्रकार के कोर्स संचालित हैं? यदि हाँ, तो यह कोर्स उज्जैन संभाग में कहाँ-कहाँ करवाए जा रहे हैं?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) उज्जैन संभाग अंतर्गत जिला शाजापुर में श्री यू.एस. चौहान जिला महिला सशक्तिकरण अधिकारी जिला शाजापुर के विरूद्ध सबीनाबी पति स्व. श्री मुख्तियार ग्राम टुकराना तहसील व जिला शाजापुर द्वारा समाधान ऑन-लाईन में प्राप्त शिकायत के संबंध में आयुक्त महोदय उज्जैन संभाग, उज्जैन द्वारा आदेश क्रमांक/5012/एफ 01/14/वि-2 उज्जैन दिनांक 01/07/2014 श्री यू.एस. चौहान जिला महिला सशक्तिकरण अधिकारी जिला शाजापुर को निलंबित किया गया। (ग) उज्जैन संभाग अंतर्गत जिला शाजापुर, मंदसौर एवं नीमच जिले में अधिकारी एवं कर्मचारी को किस कारण से निलंबित उपरांत बहाल कर सजा दी गई, जिलेवार अद्यतन स्थिति की जानकारी निम्नानुसार है:- 1. जिला शाजापुर :- श्री यू.एस. चौहान जिला महिला सशक्तिकरण अधिकारी जिला शाजापुर के विरूद्ध समाधान ऑन-लाईन में सबीनाबी पति स्व. श्री मुख्तियार ग्राम टुकराना तहसील व जिला शाजापुर द्वारा शिकायत क्रमांक 19/27062014/52 से शिकायत की गई। उक्त शिकायत के संबंध में आयुक्त, उज्जैन संभाग, उज्जैन के आदेश क्रमांक/5012/एफ 01/14/वि-2 उज्जैन दिनांक 01/07/2014 द्वारा श्री यू.एस. चौहान जिला महिला सशक्तिकरण अधिकारी जिला शाजापुर को लाड़ली लक्ष्मी योजनान्तर्गत प्राप्त आवेदन पत्रों का निराकरण लम्बी अवधि व्यतीत हो जाने के उपरांत भी एन-एस.सी. तैयार कराई जाकर हितग्राहियों को वितरित नहीं करने के कारण निलंबित कर विभागीय जाँच संस्थित की गई। कार्यालय आयुक्त उज्जैन संभाग उज्जैन के आदेश क्रमांक 6331 दिनांक 19/08/2014 द्वारा श्री यू.एस. चौहान जिला महिला सशक्तिकरण अधिकारी जिला शाजापुर को निलंबन से बहाल कर निलंबन काल की अवधि का निराकरण विभागीय जाँच कर प्रकरण में अंतिम आदेश पारित करते समय किया जाने हेतु आदेशित किया गया। कार्यालय आयुक्त उज्जैन संभाग, उज्जैन के आदेश क्रमांक 4391 दिनांक 28/07/2015 द्वारा विभागीय जाँच प्रकरण का निराकरण करते हुए श्री यू.एस. चौहान जिला महिला सशक्तिकरण अधिकारी जिला शाजापुर की आगामी एक वार्षिक वेतन वृद्धि असंचयी प्रभाव से रोकने की लघुशास्ति से दंडित किया गया। वर्तमान में श्री यू.एस. चौहान सेवानिवृत्त हो चुके हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार। 2. जिला मंदसौर :- मंदसौर जिले में महिला एवं बाल विकास विभाग अंतर्गत जन शिकायत निवारण विभाग से प्राप्त लाड़ली लक्ष्मी योजना में बालिका को लाभ नहीं दिए जाने की शिकायत के आधार पर श्री सुबरात खां मंसूरी, सहायक ग्रेड -3 एकीकृत बाल विकास परियोजना सीतामऊ क्र. 01 को आदेश क्रमांक 305-306 दिनांक 05/05/2015 से निलंबित किया गया था। श्री सुबरात खां मंसूरी को आदेश क्रमांक 435-436 दिनांक 16/06/2015 से बहाल कर इन्हें पूर्ववत् एकीकृत बाल विकास परियोजना सीतामऊ क्र. 01 में पदस्थापना की गई। वर्तमान में श्री सुबरात खां मंसूरी के विरूद्ध विभागीय जाँच संस्थित है, जिसका निराकरण होना शेष है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार। 3. जिला नीमच :- नीमच जिले में श्री रविन्द्र सिंह चौहान, परामर्शदाता को दिनांक 02/05/2016 को लोकायुक्त पुलिस उज्जैन द्वारा रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़े जाने से कलेक्टर नीमच के आदेश क्रमांक 417 दिनांक 20205/2016 द्वारा आगामी सेवा हेतु अनुबंध का नवीनीकरण नहीं किया गया। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'द' अनुसार। (घ) उज्जैन संभाग अंतर्गत किसी भी जिले में महिलाओं को कम्प्यूटर शिक्षा में दक्ष करने संबंधी कोई कोर्स संचालित नहीं होने से जानकारी निरंक है।
नवीन विद्युत कनेक्शनों का निराकरण l
[ऊर्जा]
118. ( क्र. 5643 ) श्री दीवानसिंह विट्ठल पटेल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बडवानी जिले की पानसेमल विधान सभा क्षेत्र में वर्ष 2016-17 में जनवरी-2017 अंत तक की स्थिति में कितने किसानों के सिंचाई हेतु विद्युत कनेक्शन प्राप्त करने हेतु आवेदन पत्र प्राप्त हुए है? प्राप्त आवेदनों में से कितने आवेदनों में विद्युत कनेक्शन प्रदान कर दिये गये हैं एवं कितने आवेदनों में कनेक्शन दिया जाना लंबित हैं? (ख) प्रश्नांश (क) में आवेदकों के लंबित प्रकरणों का निराकरण कब तक कर दिया जावेगा? (ग) क्या यह सही है कि घरेलू कनेक्शनों में उपभोक्ता के यहां मीटर लगा दिया गया है? किन्तु विद्युत प्रवाह प्रारम्भ नहीं किया गया हैं जबकि उन्हें बिल प्राप्त होने लगे हैं? इस तरह की शिकायत लगातर प्राप्त हो रही है? इसके लिए कौन दोषी है एवं दोषियों के खिलाफ क्या कार्यवाही कब होगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) बड़वानी जिले के पानसेमल विधान सभा क्षेत्र में वर्ष 2016-17 में जनवरी-2017 के अंत तक की स्थिति में कृषक अनुदान योजना, जिसे मुख्यमंत्री स्थायी कृषि पम्प कनेक्शन योजना में समाहित कर लिया गया है, के अंतर्गत स्थायी कृषि पम्प कनेक्शन हेतु 830 आवेदन प्राप्त हुए हैं। उक्तानुसार प्राप्त 830 आवेदनों में से 458 आवेदकों को स्थायी कृषि पम्प कनेक्शन प्रदान कर दिये गये हैं। शेष 372 आवेदकों में से 222 आवेदकों के स्थायी कृषि पम्प कनेक्शन हेतु विद्युत अधोसंरचना के विस्तार का कार्य वरीयता के आधार पर किया जा रहा है तथा 150 आवेदकों द्वारा उक्त योजना के प्रावधानों के अनुसार आवश्यक राशि जमा नहीं कराए जाने के कारण उनके कार्य लंबित हैं। (ख) उत्तरांश (क) में उल्लेखित योजना के प्रावधानों के अनुसार आवश्यक राशि जमा करने वाले 222 आवेदकों के स्थायी कृषि पम्प कनेक्शन हेतु विद्युत अधोसंरचना विस्तार का कार्य राशि जमा करने की दिनांक से 9 माह के अंदर पूर्ण कर विद्युत कनेक्शन प्रदान कर दिये जाएंगे। शेष 150 आवेदकों द्वारा योजना के प्रावधानों के अनुसार राशि जमा करने के उपरांत ही इनके कार्य किया जाना संभव हो सकेगा, अत: वर्तमान में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) जी नहीं, घरेलू उपभोक्ताओं के कनेक्शन में मीटर लगाने तथा उन्हें विद्युत प्रदाय किये बिना विद्युत देयक जारी करने संबंधी कोई भी शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। अत: किसी के दोषी होने अथवा किसी के विरूद्ध कार्यवाही करने का प्रश्न नहीं उठता।
भाग-3
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
पोषण आहार
वितरण
[महिला एवं बाल विकास]
1. ( क्र. 69 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) आंगनवाडि़यों को पोषण आहार सप्लाय की वर्तमान व्यवस्था क्या है? क्या माननीय उच्च न्यायालय इंदौर द्वारा उक्त संबंध में शासन से स्पष्टीकरण चाहा है? पूर्ण ब्यौरा दें। (ख) भारत सरकार एवं माननीय उच्चतम न्यायालय के उक्त आहार वितरण सप्लाय आदि के संबंध में क्या दिशा-निर्देश हैं? (ग) प्रदेश की वर्ष 2014 से 2016 तक की कितनी एवं कौन-कौन सी कंपनियां कब से कितनी आंगनवाडि़यों को आहार सप्लाय कर रही है व कितनी-कितनी मात्रा में?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) राज्य शासन के निर्देशानुसार वर्तमान में 06 माह से 03 वर्ष तक के बच्चों, गर्भवती धात्री माताओं एवं किशोरी बालिकाओं को टेकहोम राशन के रूप में पूरक पोषण आहार की व्यवस्था एम.पी.एग्रो के माध्यम से तथा 03 वर्ष से 06 वर्ष तक के बच्चों को पूरक पोषण आहार की व्यवस्था ग्रामीण क्षेत्रों में सांझा चूल्हा कार्यक्रम तहत् मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम अंतर्गत कार्यरत स्व सहायता समूहों के माध्यम से तथा क्षेत्रों में स्व सहायता समूह एवं महिला मण्डल के माध्यम से संचालित की जाती हैं। माननीय उच्च न्यायालय इन्दौर द्वारा टेकहोम राशन वितरण की वर्तमान योजना/व्यवस्था नीति या संयुक्त क्षेत्र उपक्रम से उत्पादन करने, तैयार करने की व्यवस्था आगामी आदेश तक निरन्तर रखे जाने के निर्देश दिए हैं। माननीय उच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''01'' अनुसार है। (ख) भारत सरकार, महिला बाल विकास विभाग एवं माननीय उच्चतम न्यायालय के निर्देशों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''02'' अनुसार है। (ग) प्रदेश के समस्त जिलों की 453 बाल विकास परियोजनाओं अंतर्गत 92230 आंगनवाड़ी/मिनी आंगनवाड़ी केन्द्रों हेतु एम.पी.एग्रो द्वारा स्वयं के पोषण आहार संयंत्र, बाड़ी जिला-रायसेन एवं निम्नानुसार तीन संयुक्त क्षेत्र उपक्रमों के माध्यम से पूरक पोषण आहार (टेकहोम राशन) का प्रदाय किया जाता है। 1. एम.पी.एग्रोटॉनिक्स लिमि.बी-13, सतलापुर ग्रोथ सेंटर इण्डस्ट्रियल एरिया फेस-2 मण्डीदीप, जिला रायसेन। 2.मध्यप्रदेश एग्रो फूड्स इण्डस्ट्रीज लिमि, 72-73, न्यू इण्डस्ट्रियल एरिया, मण्डीदीप जिला-रायसेन। 3.एम.पी.एग्रो न्यूट्रीफूड्स लिमि.95-96, सेक्टर-ई, औद्योगिक क्षेत्र,सांवेर रोड-इंदौर। वर्ष 2013-14 से 2015-16 तक एम.पी.एग्रो द्वारा प्रदायित पूरक पोषण आहार (टेकहोम राशन) की जिलेवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''03'' अनुसार है।
देशी शराब की अवैध दुकानों के संचालन पर रोक
[वाणिज्यिक कर]
2. ( क्र. 313 ) श्री जतन उईके : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छिन्दवाड़ा जिले में किन-किन ग्रामों में देशी व अंग्रेजी शराब की दुकानें संचालित हैं? (ख) क्या म.प्र. में देशी शराब की नई दुकानें खोली जा रही हैं? यदि नहीं, तो छिन्दवाड़ा जिले के पांढुर्णा विधान सभा में लायसेन्सी दुकानों के अलावा कितने ग्रामों में देशी शराब की अवैध दुकानें संचालित हैं? (ग) म.प्र. सरकार देशी शराब की नई दुकानें नहीं खोलना चाहती है, फिर भी शराब ठेकेदारों द्वारा कमीशन एजेन्ट नियुक्त करके ग्रामों में शराब खुलेआम बेची जा रही है। क्या बगैर लायसेंस के दुकान संचालित करना वैध है? (घ) म.प्र में देशी शराब की अवैध दुकानों पर रोक क्यों नहीं लगाई जा रही है? क्या शासन द्वारा अवैध शराब की दुकानें जिन्हें कमीशन एजेन्ट चला रहे हैं, उन पर सख्ती से रोक लगाई जावेगी।
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) छिंदवाड़ा जिले के ग्रामों में 51 देशी व 14 अंग्रेजी शराब की दुकानें संचालित है। ग्रामवार मदिरा दुकानों की सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) मध्यप्रदेश में देशी शराब की नई दुकानें नहीं खोली जा रही है। छिंदवाड़ा जिले के पाण्ढुर्णा विधानसभा में लायसेंसी दुकानों के अलावा किसी भी ग्राम में देशी शराब की अवैध दुकानें संचालित नहीं है। (ग) छिंदवाड़ा जिले के शराब ठेकेदारों द्वारा कमीशन एजेन्ट नियुक्त करके ग्रामों में शराब खुलेआम बेची जाने का कोई प्रकरण प्रकाश में नहीं आया है। बगैर लायसेंस के दुकान संचालित करना अवैध है। (घ) कोई प्रकरण प्रकाश में नहीं आया है। आबकारी अधिनियम के तहत अवैध शराब विक्रय के विरूद्ध आपराधिक प्रकरण दर्ज कर न्यायालय में प्रस्तुत किये जाने की कार्यवाही की जाती है, जो निरंतर प्रक्रिया है।
मण्डला विधान सभा क्षेत्र में हवाई पट्टी निर्माण
[विमानन]
3. ( क्र. 379 ) प्रो. संजीव छोटेलाल उइके : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या हर जिले में एक हवाई पट्टी बनाए जाने का प्रस्ताव शासन के पास विचाराधीन है? यदि हाँ, तो मण्डला जिले में कब तक बनाई जावेगी? (ख) क्या विकासखण्ड मण्डला अंतर्गत ग्राम ग्वारा में निर्मित हवाई पट्टी प्रश्नांश (क) का ही हिस्सा है? यदि हाँ, तो क्या ग्वारा में निर्मित हवाई पट्टी पूर्ण गुणवत्ता आधारित और विभाग के मापदंड अनुसार बनाई गई है? यदि हाँ, तो हवाई पट्टी बनाने वाले ठेकेदार को निर्माण एजेंसी लोक निर्माण विभाग द्वारा क्यों निलंबित किया गया था? यदि नहीं, तो क्या हवाई पट्टी की गुणवत्ता की जाँच विभाग द्वारा कराया जावेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) उत्तरांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता, किन्तु ग्राम-ग्वारा जिला-मण्डला में हवाई पट्टी निर्मित हैं। हवाई पट्टी का निर्माण गुणवत्तापूर्ण था। परन्तु परफारमेंस अवधि के दौरान हवाई पट्टी के नियमित उपयोग न होने के कारण उत्पन्न त्रुटियों का सुधार न करने के कारण ठेकेदार को निलंबित किया गया था। निलंबन पश्चात् ठेकेदार द्वारा त्रुटियों का सुधार किये जाने के बाद गुणवत्ता का पुन: सत्यापन हो चुका हैं और अब जाँच का प्रश्न उपस्थित नहीं होता हैं।
राजीव गांधी ग्रामीण विदयुतीकरण योजना
[ऊर्जा]
4. ( क्र. 380 ) प्रो. संजीव छोटेलाल उइके : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मण्डला विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत मण्डला एवं नैनपुर विकासखण्ड में किन-किन गाँवों में राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के अंतर्गत विद्युतीकरण किया गया है? ग्रामवार एवं ग्राम पंचायतवार जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में योजना के संबंध में ग्रामवार कितने ग्रामों में अभी इस योजना के तहत विद्युतीकरण कार्य शेष है तथा विद्युतीकरण की समय-सीमा बताएं। (ग) विधानसभा क्षेत्र में कितने ग्राम विद्युतीकरण योजना में नहीं जुड़े हैं, उन्हें कब तक जोड़ लिया जावेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) मण्डला विधानसभा क्षेत्र के विकासखण्ड मण्डला एवं विकासखण्ड नैनपुर के अंतर्गत 12वीं पंचवर्षीय योजना में स्वीकृत राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के अंतर्गत विद्युतीकृत ग्रामों के 100 एवं 100 से अधिक आबादी वाले क्रमश: 25 एवं 36 मजरों/टोलों के विद्युतीकरण सहित ग्रामों के सघन विद्युतीकरण का कार्य किया गया है, जिसकी ग्रामवार एवं ग्राम पंचायतवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार प्रश्नाधीन योजना में विकासखण्ड मण्डला में 33 एवं विकासखण्ड नैनपुर में 78 ग्रामों के 100 एवं 100 से अधिक आबादी के मजरों/टोलों के विद्युतीकरण सहित, सघन विद्युतीकरण का कार्य किया जाना शेष है, जिसकी ग्रामवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। उक्त शेष कार्य माह अप्रैल, 2017 तक पूर्ण किया जाना संभावित है। (ग) प्रश्नाधीन योजना में योजना के प्रावधानों के अनुसार मण्डला विधानसभा क्षेत्र के सभी विद्युतीकृत ग्रामों के 100 एवं 100 से अधिक आबादी वाले मजरों/टोलों को विद्युतीकरण के कार्य हेतु योजनान्तर्गत समाहित किया गया है। अत: प्रश्न नहीं उठता।
गुड्स एंड सर्विस टैक्स के संबंध में
[वाणिज्यिक कर]
5. ( क्र. 1061 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जी.एस.टी.) के लागू करने के संबंध में शासन/केन्द्र सरकार के क्या निर्देश है? (ख) श्योपुर जिले के किन-किन व्यापारियों ने जी.एस.टी. के पंजीयन हेतु विभागीय कार्यालय में आवेदन किये? इन आवेदनों पर वर्तमान तक क्या कार्यवाही की गई? (ग) क्या विभाग द्वारा जिले के व्यापारियों को इस आशय की सूचना दी गई है? यदि नहीं, तो सूचना के अभाव में जो व्यापारी निर्धारित समय-सीमा में जी.एस.टी. हेतु आवेदन नहीं कर पाये क्या उन्हें आवेदन करने का अवसर देंगे अथवा क्या उन्हे जी.एस.टी. के पंजीयन हेतु पूर्ण जानकारी देने के लिये जिले में कैम्प अथवा कार्यशाला आयोजित की जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) 101 वें संविधान संशोधन अधिनियम से स्थापित जी.एस.टी. काउंसिल की बैठकें सतत् रूप में की जा रही है। (ख) वेट में पंजीयत व्यवसाइयों को G.S.T. में पंजीयन हेतु पृथक से आवेदन की आवश्यकता नहीं है। पैन सत्यापन के उपरांत G.S.T. नेटवर्क से प्राप्त यूजर-आईडी एवं पासवर्ड के आधार पर व्यवसायी स्वयं जी.एस.टी. पंजीयन कर सकते हैं। श्योपुर एवं शिवपुरी जिले के लिए गठित एक वृत्त शिवपुरी में 3618 पंजीकृत व्यवसाइयों ने G.S.T.N में पंजीयन हेतु कार्यवाही प्रारम्भ कर दी है। (ग) विभाग द्वारा इस आशय की सूचना समाचार माध्यम, रेडियो, एस.एम.एस. व कार्यशालाओं द्वारा दी गई है। वृत्त स्तर पर हेल्प-डेस्क व्यापारियों की नामांकन में सहायता हेतु स्थापित की गई है जो वर्तमान में भी कार्यरत है। संबंधित डीलर के विभागीय एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर में मौजूदा प्रोफाईल में ही यूजर-आईडी व पासवर्ड दिये गये हैं। जो व्यवसाई नामांकन नहीं कर पाये हैं, वे अभी भी नामांकन कर सकते हैं। नामांकन प्रक्रिया अभी निरंतर जारी है।
फास्टर केयर योजनांर्तगत फर्जी संरक्षक की जाँच
[महिला एवं बाल विकास]
6. ( क्र. 1062 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रदेश में महिला एवं बाल विकास/महिला सशक्तिकरण विभाग द्वारा संचालित फास्टर केयर योजना के संबंध में शासन के क्या निर्देश हैं? (ख) उक्त निर्देशानुसार श्योपुर जिले में उक्त योजना कब प्रारंभ हुई तब से अब तक प्रतिमाह कितने 2 निराश्रित बच्चों का पंजीयन किया गया उनके व उनके संरक्षकों को क्या-क्या सुविधाएं व लाभ दिया जा रहा हैं? (ग) क्या उक्त में से एक संरक्षक बीना शर्मा जो पन्ना जिले की निवासी हैं इन्हें विभागीय संबंधित अमले द्वारा विभागीय अभिलेखों में फर्जी तरीके से श्योपुर जिले की निवासी व तीन बच्चों का संरक्षक दर्शाकर उक्त योजना के तहत इन्हें इनके आई.डी.बी.आई. बैंक ब्रांच श्योपुर के खाता क्रमांक 1563104000009133 में प्रतिमाह निम्नानुसार 2 हजार के मान से 6 हजार रूपये का फर्जी भुगतान करके शासकीय राशि का दुरूपयोग किया जा रहा हैं? बीना शर्मा की समग्र आईडी की प्रमाणित प्रति भी उपलब्ध करावे? (घ) क्या शासन उक्त मामले की जाँच अविलम्ब कराएगा व दोषियों के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही करेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) विभागीय निर्देश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- “1” अनुसार है। (ख) श्योपुर जिले में फोस्टर केयर कार्यक्रम का प्रारम्भ वर्ष 2013-2014 में किया गया है, कार्यक्रम प्रारम्भ से अब तक निराश्रित बच्चों हेतु संरक्षकों को दी गई आर्थिक सहायता की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-“2” अनुसार है। इसके अतिरिक्त अन्य कोई सुविधा या लाभ कार्यक्रम के तहत दिया जाने का प्रावधान नहीं है। (ग) जिला श्योपुर के द्वारा फोस्टर केयर कार्यक्रम के तहत 03 बच्चों को उक्त कार्यक्रम के तहत आई.डी.बी.आई. बैंक श्योपुर के खाता क्रमांक 1563104000009133 में प्रति हितग्राही 2 हजार के मान से वर्ष 2014-2015 में 18000/- रुपये वर्ष 2015-16 में 30000/- रुपये एवं वर्ष 2016-17 में 8000/- रुपये इस प्रकार कुल 56000/- रुपये का भुगतान संरक्षक बीना शर्मा को किया गया हैं। बीना शर्मा को भुगतान की गयी राशि की शिकायत विभाग को प्राप्त हुई थी। जिसकी जाँच श्री आर.के.दुबे, डिप्टी कलेक्टर श्योपुर द्वारा कराई गयी। जिसमें बीना शर्मा को श्योपुर का निवासी नहीं होना पाया गया। समग्र आईडी जिला कार्यालय को प्राप्त नहीं है। (घ) जिला श्योपुर द्वारा बीना शर्मा संरक्षक को 03 बच्चों को फोस्टर केयर कार्यक्रम के तहत आर्थिक सहायता राशि भुगतान किये जाने के सम्बन्ध में जिला स्तर पर जाँच करायी गयी। जिसमें दोषी पाए गए श्री अनिल शाक्य संविदा संरक्षण अधिकारी के विरूद्ध जाँच प्रतिवेदन के आधार पर कार्यालयीन आदेश क्रमांक 151-52 दिनांक 09-02-2017 के द्वारा संविदा सेवा नियम व शर्तों के तहत किया गया अनुबंध निरस्त किया जा चुका हैं। विभागीय आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-“3” अनुसार है।
अनाथ बच्चों के लिए भत्ता
[महिला एवं बाल विकास]
7. ( क्र. 1466 ) श्री प्रताप सिंह : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या मध्यप्रदेश में असहाय/अनाथ बच्चों के भरण-पोषण के लिए फास्टरकेयर भत्ता प्रदान किया जाता है? यदि हाँ, तो प्रत्येक के मान से कितना-कितना भत्ता प्रदान किया जाता है? आदेश की प्रति उपलब्ध करावें। यदि नहीं, तो क्यों? (ख) क्या फास्टरकेयर भत्ता प्रदाय किये जाने हेतु शासन के मापदण्ड तय किये गये है? यदि हाँ, तो उसकी प्रति उपलब्ध करावें? (ग) क्या शासन द्वारा फास्टरकेयर भत्ता देने हेतु कोई नवीन/संशोधित नियम/दिशा-निर्देश जारी किये गये हैं, यदि हाँ, तो उसकी प्रति उपलब्ध करायी जावे?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) जी हाँ। प्रदेश में देखरेख एवं संरक्षण के जरुरतमंद बच्चों के लिए फॉस्टर केयर कार्यक्रम संचालित है। प्रश्नांकित श्रेणी के बच्चे भी योजना से आच्छादित हैं। कार्यक्रम के तहत रू.2000/- प्रतिमाह प्रति बच्चा सहायता राशि प्रदान करने का प्रावधान है। आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
आंगनवाड़ी केन्द्रों में मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराना
[महिला एवं बाल विकास]
8. ( क्र. 1501 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या पनागर विधान सभा क्षेत्र के आंगनवाड़ी केन्द्रों में स्वस्थ, सुव्यवस्थित वातावरण एवं मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध होने से बच्चों की उपस्थिति बढ़ सकती है? (ख) क्या प्रश्नांश (क) केन्द्रों में बच्चों को बैठनें के लिये टाट-पट्टी, विद्युत, पेयजल, टॉयलेट नहीं हैं? (ग) क्या ऐसे केन्द्रों में व्यवस्थायें की जावेगी? (घ) यदि हाँ, तो कब तक?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) पनागर विधानसभा क्षेत्र के 394 आंगनवाड़ी केन्द्रों में स्वस्थ, सुव्यवस्थित वातावरण एवं मूलभूत सुविधाएं पूर्व से उपलब्ध हैं। वर्तमान में आंगनवाड़ी केन्द्रों में बच्चों की उपस्थिति में भी बढ़ोत्तरी हुई हैं। (ख) प्रश्नांश 'क' अनुरूप संचालित आंगनवाड़ी केन्द्रों में उपलब्ध टाट-पट्टी, विद्युत, पेयजल, टॉयलेट की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) एवं (घ) आंगनवाड़ी केन्द्रों के भवनों हेतु बुनियादी सुविधायें उपलब्ध कराने के लिये विभाग द्वारा निरंतर प्रयास किये जा रहे हैं। शौचालय विहीन आंगनवाड़ी केन्द्रों में शौचालय निर्माण हेतु पत्र क्र. 3188, दिनांक 31.07.2015 के माध्यम से जिला कलेक्टर को निर्देश दिये गये हैं। विभाग द्वारा प्रश्नांश 'ख' के संदर्भ में उल्लेखित अन्य सुविधाएं हेतु पृथक से आवंटन उपलब्ध नहीं कराया जाता हैं। विभिन्न विभागों की संचालित योजनाओं के अभिसरण एवं जनसहयोग से (सी.एस.आर. गतिविधि) इन केन्द्रों पर वांछित सुविधायें उपलब्ध कराने के प्रयास किये जा रहे हैं। समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं।
आंगनवाड़ी केन्द्रों के भवन निर्माण
[महिला एवं बाल विकास]
9. ( क्र. 1502 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या पनागर विधान सभा क्षेत्र के 198 आंगनवाड़ी केन्द्रों में से मात्र 40 केन्द्रों में शासकीय भवन निर्मित हैं? क्या शासन शेष केन्द्रों में भवन निर्माण के लिये कार्यवाही करेगा यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) क्या नगर पालिका क्षेत्र पनागर में भूमि उपलब्ध न होने से भवन निर्माण नहीं हो पा रहे हैं? (ग) क्या सूखा एवं अन्य 3 केन्द्रों में भूमि एवं राशि आवंटित है परन्तु भवन निर्माण नहीं किया गया है? (घ) प्रश्नांश (ख) एवं (ग) अंतर्गत क्या शासन द्वारा दिशा-निर्देश जारी किये जाएंगे ताकि भवन निर्माण में अनावश्यक विलंब न हो?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) पनागर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत पनागर परियोजना में संचालित कुल 198 आंगनवाड़ी केन्द्रों में से 115 आंगनवाड़ी केन्द्रों के लिये भवन स्वीकृत हैं, जिनमें से 54 भवन पूर्ण हैं, 40 भवन निर्माणाधीन हैं एवं 21 भवन अप्रारंभ हैं। आंगनवाड़ी भवन निर्माण की स्वीकृति वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर हैं। अतः समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं हैं। (ख) नगर पालिका क्षेत्र पनागर अंतर्गत आंगनवाड़ी भवन निर्माण संबंधी कोई भी प्रस्ताव प्राप्त नहीं हुआ हैं। इस कारण नगर पालिका क्षेत्र पनागर में आंगनवाड़ी भवन स्वीकृत नहीं किये गये हैं। (ग) ग्राम सूखा में 02 आंगनवाड़ी भवन स्वीकृत हैं, इनमें से 01 भवन निर्माणाधीन हैं तथा 01 भवन सरपंच एवं सचिव के विवाद के कारण अप्रारंभ हैं। अन्य 03 ग्राम मोहनिया, कारिवाहा एवं कुटेरी में आंगनवाड़ी भवन निर्माणाधीन हैं। (घ) विभाग द्वारा आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण कार्यों में निर्माण एजेंसी स्थानीय निकाय (ग्राम पंचायत/नगर पंचायत/नगर पालिका) नियत हैं तथा भवन निर्माण के संबंध में ड्राईंग/डिजाईन एवं आदर्श प्राक्कलन भी समुचित निर्देश के साथ जिलों को उपलब्ध कराया जाकर कलेक्टर/मुख्य कार्यपालन अधिकारी के माध्यम से निर्माण कार्यों की समीक्षा की जा रही हैं। अतः शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता हैं।
आनन्द विभाग द्वारा संचालित योजनाएं
[आनन्द]
10. ( क्र. 1553 ) डॉ. कैलाश जाटव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र गोटेगांव अंतर्गत विभाग द्वारा कौन-कौन से कार्य संचालित किये जा रहे हैं। (ख) आनन्द विभाग द्वारा संचालित योजनाओं की सूची एवं नियम उपलब्ध करावें। विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत आनन्द विभाग में कार्यरत आनन्दकों की सूची पद, कार्यक्षेत्र सहित उपल्बध करावें?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) विधान सभा क्षेत्र गोटेगांव के अंतर्गत नगर पालिका शापिंग कॉम्पलेक्स यमना नाले के पास, गोटेगांव में दिनांक 15.01.2017 से आनंदम गतिविधि संचालित की जा रही है। दिनांक 14 से 21 जनवरी, 2017 तक की अवधि में आनंद उत्सव के अंतर्गत लोकसंगीत, नृत्य, गायन, भजन-कीर्तन, नाटक आदि तथा खेलकूद का आयोजन किया गया। (ख) आनंद विभाग के अंतर्गत आनंद उत्सव, आनंदम और आनंद सभा कार्यक्रम सम्मिलित है। इन कार्यक्रमों के लिए राज्य शासन द्वारा कोई पृथक से नियम नहीं बनाये गये अपितु आनंद उत्सव एवं आनंदम के अंतर्गत दिशा-निर्देश जारी किये गये है। दिशा निर्देशों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 1-अ, 1-ब एवं 1-स अनुसार है। आनंदकों के द्वारा वेबसाइट पर अपना पंजीयन कराया जा रहा है। अभी उन्हें विभाग के अंतर्गत कार्यरत माना जाना उचित नहीं है। अत: कार्यरत आनंदकों की सूची निरंक मानी जावे।
दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति विद्युतीकरण योजनांतर्गत स्वीकृत कार्य
[ऊर्जा]
11. ( क्र. 1599 ) डॉ. योगेन्द्र निर्मल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विकासखण्ड वारासिवनी-खैरलांजी क्षेत्रान्तर्गत विगत दो वर्ष में 12वीं पंचवर्षीय दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति विद्युतीकरण योजना के तहत किन-किन ग्रामों में विद्युतीकरण के कार्य स्वीकृत किये गये है? स्वीकृत कार्यों में से कार्यों के लिए कितनी राशि का भुगतान कब-कब किया गया है? कितने कार्य पूर्ण हुये एवं कितने अपूर्ण हैं? अपूर्ण रहने का क्या कारण हैं? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार उक्त योजना को किस एजेंसी के माध्यम से कराया जा रहा है, कार्य पूर्ण करने की समयावधि क्या थी? अपूर्ण कार्यों को कब तक पूर्ण किया जावेगा? समयावधि पूर्ण होने पर पुन: निविदाएं आमंत्रित की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? (ग) उक्त योजना के तहत अभी तक कितने ग्राम जोड़े जाने हेतु शेष है? कब तक जोड़े जाने की संभावना है? अनियमितता संबंधी कितनी शिकायतें कार्यपालन अभियंता (सं/सं) वारासिवनी कार्यालय में प्राप्त हुई है? शिकायतों की जाँच किस अधिकारी के द्वारा की जा रही है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) 12वीं पंचवर्षीय योजना में स्वीकृत राजीव गाँधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना, जिसे वर्तमान में दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजनान्तर्गत समाहित कर लिया गया है, में विगत दो वर्षों में विकासखण्ड वारासिवनी क्षेत्रान्तर्गत 54 विद्युतीकृत ग्रामों के 100 एवं 100 से अधिक आबादी वाले मजरों/टोलों के विद्युतीकरण सहित सघन विद्युतीकरण एवं विकासखण्ड खैरलांजी क्षेत्रान्तर्गत 15 विद्युतीकृत ग्रामों के 100 एवं 100 से अधिक आबादी वाले मजरों/टोलों के विद्युतीकरण सहित सघन विद्युतीकरण हेतु स्वीकृति आर.ई.सी. लिमिटेड से प्राप्त हुई है, जिसकी ग्रामवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। ठेकेदार एजेन्सी द्वारा देयक प्रस्तुत करने पर भुगतान ग्रामवार/कार्यवार/विकासखण्डवार नहीं अपितु संपूर्ण जिले में किये गये कार्यों के लिये प्राक्कलनवार किया जाता है। विगत 2 वर्षों में प्रश्नाधीन दोनों विकासखंडों सहित बालाघाट जिले में माह जनवरी 2017 तक कुल रू. 35.49 करोड़ की राशि का भुगतान किया गया है। भुगतान की राशि की दिनांकवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। उपरोक्त स्वीकृत सभी कार्य पूर्ण कर लिये गये है एवं कोई भी कार्य अपूर्ण नहीं है। (ख) प्रश्नाधीन योजना का कार्य टर्न-की आधार पर ठेकेदार एजेंसी मेसर्स बजाज इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड मुंबई, से कराया गया है जिसके कार्य पूर्ण करने की समय अवधि माह फरवरी 2017 है। प्रश्नाधीन सभी स्वीकृत ग्रामों के सघन विद्युतीकरण का कार्य निर्धारित समय अवधि में पूर्ण कर लिया गया है, अत: पुन: निविदा आमंत्रित किये जाने का प्रश्न नहीं उठता। (ग) प्रश्नाधीन योजना के अंतर्गत सम्मिलित विकासखण्ड वारासिवनी एवं विकासखंड खैरलांजी के सभी ग्रामों के सघन विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण किया जा चुका है। प्रश्नांश (क) में वर्णित कार्यों में अनियमितता संबंधी किसी भी प्रकार की शिकायत कार्यपालन अभियंता (संचालन/संधारण) संभाग वारासिवनी के कार्यालय में प्राप्त नहीं हुई है। अत: प्रश्न नहीं उठता।
दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना
[ऊर्जा]
12. ( क्र. 1654 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पाटन विधान सभा अंतर्गत वित्त वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक 12वीं पंचवर्षीय दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति विद्युतीकरण योजना के तहत कितने ग्रामों में विद्युतीकरण के कार्य स्वीकृत किये गये? स्वीकृत कार्यों हेतु कितनी राशि का भुगतान किया गया कितने कार्य पूर्ण हुये एवं कितने कार्य किन कारणों से अपूर्ण रहें? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कार्यों की कार्य एजेंसी कौन है? कार्य पूर्ण करने की समयावधि पूर्ण होने पर क्या निविदायें पुन: आमंत्रित करने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो अपूर्ण कार्यों की निविदाएं कब आमंत्रित की गई? (ग) प्रश्नांकित योजनाओं अन्तर्गत अभी तक कितने ग्रामों को जोड़े जाने हेतु शेष हैं? इन्हें कब तक पूर्ण किया जावेगा? इन कार्यों में अनियमितता संबंधी कार्यपालन अभियंता (संचा/संधा) पाटन में कितनी शिकायतें प्राप्त हुई और इन पर क्या कार्यवाही की गई?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) पाटन विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत प्रश्नाधीन अवधि में 12वीं पंचवर्षीय योजना में स्वीकृत राजीव गाँधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना (दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना में समाहित) अंतर्गत 30 विद्युतीकृत ग्रामों के 100 एवं 100 से अधिक आबादी वाले मजरों/टोलों के विद्युतीकरण सहित सघन विद्युतीकरण के कार्य स्वीकृत हुए है। उक्त योजनान्तर्गत टर्न-की ठेकेदार एजेन्सी को कार्यों का भुगतान ठेके के लॉट के अनुसार पूरे लाट हेतु किया जाता है। प्रश्नाधीन अवधि में पाटन विधानसभा क्षेत्र सहित जबलपुर जिले हेतु किये गये कार्यों के विरूद्ध रू. 1179.26 लाख की राशि का भुगतान ठेकेदार एजेन्सी को किया गया है। उपरोक्त स्वीकृत सभी कार्य पूर्ण कर लिये गये हैं एवं कोई भी कार्य अपूर्ण नहीं है। (ख) प्रश्नाधीन कार्य टर्न-की आधार पर ठेकेदार एजेन्सी मेसर्स केबकॉन कोलकत्ता से कराया गया है, जिसके द्वारा प्रश्नाधीन कार्य पूर्ण करने की समय-सीमा माह फरवरी-2017 निर्धारित है। कार्य करने की समयावधि पूर्ण होने पर नहीं, अपितु ठेका निरस्तीकरण के उपरांत निविदायें पुन: आमंत्रित करने का प्रावधान है। उत्तरांश ''क'' में उल्लेखित सभी स्वीकृत कार्य पूर्ण कर लिये गये हैं। उक्त परिप्रेक्ष्य में निविदाएँ पुन: आमंत्रित करने का प्रश्न नहीं उठता। (ग) उत्तरांश ''क'' में उल्लेखित सभी स्वीकृत कार्य पूर्ण कर लिये गये हैं। प्रश्नाधीन कार्यों में अनियमितता संबंधी कोई भी शिकायत कार्यपालन अभियंता (संचालन/संधारण), पाटन के कार्यालय में प्राप्त नहीं हुई है। अत: कार्यवाही किये जाने का प्रश्न नहीं उठता।
प्रदेश सरकार पर कर्ज
[वित्त]
13. ( क्र. 1655 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्तमान समय में प्रदेश सरकार पर कुल कितना कर्ज है? किन-किन वित्तीय संस्थाओं का कुल कितना कर्ज बकाया है? संस्थावार देय ब्याज सहित ब्यौरा देवें। वित्त वर्ष 2012-13, 2013-14, 2014-15, 2015-16 में वर्षवार कुल कितना कर्ज था एवं इन वित्त वर्षों में राज्य शासन का कितना व्यय वेतन भत्तों एवं कार्यालय स्थापना में वर्षवार हुआ वर्षवार सूची देवें एवं बतलावें कि इन वित्त वर्षों में वर्षवार कर्ज पर कितना ब्याज दिया गया? (ख) वित्त वर्ष 2016-17 में प्रदेश सरकार द्वारा कब-कब किन-किन प्रयोजनों हेतु कहाँ-कहाँ से किस दर पर किन शर्तों के अधीन कितना कर्ज लिया गया? वित्तीय संस्थावार ब्यौरा देवें? (ग) प्रश्नांश (घ) अनुसार देय ब्याज दर सहित कर्ज की समयावधि बतलावें एवं प्राप्त कर्जे हेतु शासन द्वारा क्या गारंटी दी गई है?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) प्रदेश सरकार पर 31 मार्च 2016 की स्थिति में राशि रूपये 1,11,101.10 करोड़ का कर्ज है। जिसका वित्तीय संस्थावार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। वित्त लेखे अनुसार वित्तीय वर्ष 2012-13, 2013-14, 2014-15 एवं 2015-16 में वर्षवार कर्ज की स्थिति एवं वर्षवार कर्ज पर ब्याज का भुगतान एवं वेतन भत्तों तथा कार्यालय स्थापना में हुये व्यय की जानकारी तालिका– अ में स्पष्ट की गई है।
तालिका – अ
(राशि करोड़ में)
वित्तीय वर्ष |
कुल ऋण |
कुल ब्याज भुगतान |
वेतन भत्तों एवं स्थापना में हुआ व्यय |
2012-13 |
77413.87 |
5573.74 |
17816.69 |
2013-14 |
83897.90 |
6391.32 |
20408.71 |
2014-15 |
94979.16 |
7071.25 |
22237.16 |
2015-16 |
111101.10 |
8090.88 |
22784.17 |
(ख) वित्त वर्ष 2016-17 के वित्त लेखे नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक से अप्राप्त हैं, अतः जानकारी दिया जाना संभव नहीं है। (ग) प्रश्नांश "ख" के अनुक्रम में जानकारी दी जाना संभव नहीं है।
नवीन आंगनवाड़ी केन्द्र खोले जाना
[महिला एवं बाल विकास]
14. ( क्र. 1751 ) श्रीमती चन्दा सुरेन्द्र सिंह गौर : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या खरगापुर विधानसभा क्षेत्र के कई ग्रामों में आंगनवाड़ी केन्द्र नहीं हैं और छोटे-छोटे बच्चों को काफी दूर जाना पड़ता है? इसी तरह ग्राम पंचायत बुदौरा के कारी डलई खिरक में आंगनवाड़ी केन्द्र नहीं है? (ख) क्या ग्राम पंचायत बुदौरा के खिरक कारी डलई में मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र खोले जाने की शासन के पास कोई योजना है? यदि हाँ, तो मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र कब तक खोल देंगे? समयावधि बताये यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या वहाँ पर बच्चों की संख्या पर्याप्त है और एक मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र खोला जा सकता हैं?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) आंगनवाड़ी केन्द्र/मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र खोले जाने के निर्धारित जनसंख्या मापदण्डों अनुसार विधानसभा क्षेत्र खरगापुर अन्तर्गत बाल विकास परियोजना बलदेवगढ़ में 273 आंगनवाड़ी केन्द्र तथा 101 मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र एवं बाल विकास परियोजना पलेरा में 92 आंगनवाड़ी केन्द्र तथा 02 मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित है। विधानसभा खरगापुर अन्तर्गत कोई भी ग्राम आंगनवाड़ी केन्द्र विहीन नहीं है। ग्राम पंचायत बुदौरा के ग्राम कारीडलई खिरक में जनसंख्या के निर्धारित मापदण्डों अनुसार वर्ष 2009-10 से एक मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित है। (ख) एवं (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में दी गई जानकारी से अन्य कोई कार्यवाही अपेक्षित नहीं।
आनंद विभाग द्वारा जिला/खण्ड पर कार्य
[आनन्द]
15. ( क्र. 1766 ) श्री गोविन्द सिंह पटेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश शासन के आनंद/मनोरंजन विभाग के जिला एवं खण्ड स्तर पर क्या-क्या कार्य हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में जिला एवं विकास स्तर पर किस स्तर के अधिकारी की नियुक्ति होगी या फिर किसी विभाग के अधिकारी के पास इसका प्रभार होगा? (ग) क्या आनंद/मनोरंजन विभाग में धार्मिक एवं सांस्कृतिक गतिविधियों के कार्य भी जोड़े जाएंगे?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) इस विभाग का नाम आनंद/मनोरंजन न होकर आनंद विभाग है। जिला प्रशासन द्वारा आनंदम गतिविधि संचालित की जा रही है। दिनांक 14 से 21 जनवरी, 2017 में ग्रामीण क्षेत्रों में पंचायतों के समूह में आनंद उत्सव आयोजित किया गया। (ख) आनंद विभाग अंतर्गत जिला व विकासखण्ड स्तर पर अधिकारियों की नियुक्ति का वर्तमान में प्रावधान नहीं है अपितु गतिविधियों के संचालन के लिए जिला स्तर के अधिकारी को नोडल अधिकारी के रूप में नामांकित किया जाता है। (ग) आनंद विभाग अंतर्गत आयोजित आनंद उत्सव कार्यक्रम में खेलकूद एवं सांस्कृतिक गतिविधियां सम्मिलित की गई है। धार्मिक गतिविधि जोड़े जाने का कोई प्रस्ताव नहीं है।
मीनु अनुसार पूरक पोषण आहार वितरण
[महिला एवं बाल विकास]
16. ( क्र. 1812 ) श्री रजनीश सिंह : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) केवलारी विधानसभा क्षेत्रातंर्गत कितने आंगनवाड़ी केन्द्र हैं? उक्त केन्द्रों पर पूरक पोषण आहार दिया जाता है? यदि हाँ, तो किस-किस समूह द्वारा वर्ष 2015 एवं 2016 में कितने-कितने बच्चों को पूरक पोषण आहार दिया गया? इसका कितना-कितना भुगतान समूह को किया गया? (ख) क्या केवलारी विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले आंगनवाड़ी केन्द्रों में मीनू अनुसार पूरक पोषण आहार प्रदाय किया जा रहा है? यदि हाँ, तो वर्ष 2015 एवं 2016 में किन-किन ने कब-कब कहाँ-कहाँ मीनू अनुसार पूरक पोषण आहार दिया अथवा नहीं, यह चैक किया? (ग) क्या आंगनवाड़ी केन्द्रों के सतत् निरीक्षण हेतु पर्यवेक्षक नियुक्त हैं? यदि हाँ, तो कौन-कौन से सुपरवाइजर के अधीन कौन-कौन से आंगनवाड़ी केन्द्र आते है? इन सुपरवाइजर द्वारा वर्ष 2015 एवं 2016 में कौन-कौन से आंगनवाड़ी केन्द्रों का कब-कब निरीक्षण किया गया? (घ) आंगनवाड़ी केन्द्रों का सुपरवाइजर द्वारा निरीक्षण किया गया तो विभाग के अधिकारी द्वारा कहाँ-कहाँ पर स्वयं निरीक्षण किया गया? अगर निरीक्षण किया गया तो वर्ष 2015 एवं 2016 की निरीक्षण डायरी से अवगत करावें की कहाँ पर मीनू आधार पर पोषण आहार नहीं दिया गया?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) जी हाँ। केवलारी विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत 450 आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित है। जी हाँ। उक्त केन्द्रों में नियमित रूप से पोषण आहार प्रदाय किया जाता है। आंगनवाड़ी केन्द्रों में स्व सहायता समूहों द्वारा वर्ष 2015 एवं 2016 में प्रदाय किये गए पोषण आहार से लाभान्वित बच्चों एवं समूह को भुगतान राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के पप्रत्र अ-1, अ-2 अनुसार है। (ख) जी हाँ। वर्ष-2015 एवं वर्ष-2016 में केवलारी विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत आने वाली सभी आंगनवाड़ी केन्द्रों में मीनू अनुसार पूरक पोषण आहार प्रदाय किया जा रहा है। जिसका निरीक्षण संबंधित आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, पर्यवेक्षकों, परियोजना अधिकारियों एवं जिला कार्यक्रम अधिकारी, जिला-सिवनी द्वारा समय-समय पर किया गया है। विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ब-1 एवं ब-2 अनुसार है। (ग) जी हाँ। विधानसभा क्षेत्र केवलारी अन्तर्गत आंगनवाड़ी केन्द्रों के निरीक्षण हेतु 24 पर्यवेक्षक नियुक्त है। सुपरवाईजर के अधीन आने वाले आंगनवाड़ी केन्द्रों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''स'' अनुसार है। इन सुपरवाईजर द्वारा वर्ष 2015 एवं 2016 में आंगनवाड़ी केन्द्रों के निरीक्षण संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब-1 अनुसार है। (घ) आंगनवाड़ी केन्द्रों का निरीक्षण विभागीय अधिकारियों द्वारा भी किया गया है। वर्ष 2015 एवं 2016 में विभागीय अधिकारियों द्वारा किये गये निरीक्षण के अनुसार सभी आंगनवाड़ी केन्द्रों में मीनू के अनुसार पोषण आहार दिया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ब-2 अनुसार है।
जले हुये ट्रांसफार्मरों की मरम्मत कार्य
[ऊर्जा]
17. ( क्र. 1813 ) श्री रजनीश सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिले में विगत 6 माह से प्रश्न दिनांक तक कितने क्षमतावार वितरण ट्रांसफार्मर जले कितने क्षमतावार वितरण ट्रांसफार्मर निर्धारित समयावधि में नहीं बदले गये? निर्धारित समयावधि में बदले न जाने के कारण तथा कब तक बदल दिये जावेंगे? (ख) प्रश्न दिनांक से विगत 6 माहों में कितने नवीन वितरण ट्रांसफार्मर कितने के.व्ही.ए. के जिले में कहाँ-कहाँ स्वीकृत किये गये हैं ग्रामवार जानकारी दें? (ग) सिवनी जिला अंतर्गत फीडर विभक्तिकरण योजना अंतर्गत कितने फीडरों में फीडर विभक्तिरण का कार्य पूर्ण हो चुका है? कितने फीडरों में शेष है? क्यों शेष है? कब तक पूर्ण कर लिया जावेगा? अब तक न करने के क्या कारण हैं?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) सिवनी जिले में माह अगस्त 2016 से दिनांक 14.2.2017 तक 456 वितरण ट्रांसफार्मर जले/खराब हुए है तथा उक्त सभी 456 जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मरों को बदला जा चुका है। उक्त 456 में से 445 जले/खराब ट्रांसफार्मरों को निर्धारित समयावधि में बदला गया है तथा शेष 11 ट्रांसफार्मरों को, पहुंच मार्ग उपलब्ध नहीं होने के कारण, बदलने में विलंब हुआ है। प्रश्नाधीन अवधि में जले/खराब हुए तथा उनमें से ट्रांसफार्मरों का निर्धारित समय अवधि में बदले गये तथा निर्धारित समय अवधि के बाद बदले गये वितरण ट्रांसफार्मरों का क्षमतावार विवरण निम्नानुसार है :-
विवरण |
16 के.व्ही.ए. |
25 के.व्ही.ए. |
63 के.व्ही.ए. |
100 के.व्ही.ए. |
200 के.व्ही.ए. |
कुल |
निर्धारित समय अवधि में बदले गये ट्रांसफार्मर |
17 |
241 |
135 |
43 |
9 |
445 |
निर्धारित समय अवधी के बाद बदले गये ट्रांसफार्मर |
0 |
6 |
3 |
2 |
0 |
11 |
कुल |
17 |
247 |
138 |
45 |
9 |
456 |
(ख) सिवनी जिले में माह अगस्त 2016 से दिनांक 16.2.2017 तक 132 नवीन वितरण ट्रांसफार्मरों की स्थापना का कार्य स्वीकृत किया गया है। उक्तानुसार प्रश्नाधीन क्षेत्र हेतु स्वीकृत नवीन वितरण ट्रांसफार्मरों की ग्रामवार एवं क्षमतावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) सिवनी जिले के अंतर्गत फीडर विभक्तिकरण योजना में 66 फीडरों में विभक्तिकरण का कार्य पूर्ण हो गया है तथा 47 फीडरों में विभक्तिकरण का कार्य शेष है। पूर्व में विभक्तिकरण का कार्य टर्न-की आधार पर कराये जाने हेतु अवार्ड मेसर्स एस्टर प्रा.लि., हैदराबाद को जारी किया गया था किन्तु उक्त ठेकेदार एजेंसी द्वारा विभिन्न कारणों यथा – सामग्री समय पर उपलब्ध नहीं कराने, आवश्यकतानुसार श्रमिक उपलब्ध नहीं कराने आदि कारणों से निर्धारित समयावधि में कार्य पूर्ण नहीं होने से उसे जारी अवार्ड निरस्त कर दिया गया था। पुन: निविदा कार्यवाही उपरांत शेष कार्य का अवार्ड सिवनी (संचारण/संधारण) संभाग क्षेत्र के लिए ठेकेदार एजेंसी मेसर्स विंघ्नेश्वर एयर कंडीशनिंग प्रा.लि. मुम्बई को दिनांक 13.7.15 को एवं लखनादौन (संचारण/संधारण) संभाग क्षेत्र के लिए मेसर्स वोल्टास लि. मुम्बई को दिनांक 6.7.15 को जारी किया गया है। वर्षा ऋतु में पहुंच मार्ग सुगम नहीं होने, खेतों में फसल खड़ी होने आदि कारणों से उक्त कार्य पूर्ण नहीं हो पाया है जिसे यथाशीघ्र पूर्ण कराने के प्रयास किये जा रहे हैं।
तदर्थ समितियों की सूची
[महिला एवं बाल विकास]
18. ( क्र. 1833 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) खरगोन जिले में विगत 2016 व 2017 में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, मिनी आंगनवाड़ी कार्यकर्ता हेतु कितने स्थानों हेतु आवेदन प्राप्त हुए, उसमें से कितने आवेदन किन कारणों से अस्वीकृत हुए, कितने आवेदनों को स्वीकृत किया गया। (ख) उक्त चयन संबंधी कितनी शिकायतें विभिन्न माध्यमों से प्राप्त हुई, इसमें से कितनी शिकायतों पर किन अधिकारी के द्वारा कब-कब जाँच की गई, जाँच उपरांत लिये गये निर्णय का विवरण शिकायतवार देवें।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) खरगोन जिले में विगत 2016 व 2017 में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, मिनी आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं हेतु कुल 221 स्थानों हेतु आवेदन प्राप्त हुए, उसमें से 353 आवेदन शैक्षणिक योग्यता एवं स्थानीय निवासी न होने के कारण अस्वीकृत हुए तथा 1014 आवेदन स्वीकृत किये गये। (ख) चयन के संबंध में प्राप्त शिकायतों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 01 अनुसार है।
जनसंपर्क निधि की राशि का प्रदाय
[सामान्य प्रशासन]
19. ( क्र. 1987 ) श्रीमती उमादेवी लालचंद खटीक : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनसंपर्क निधि अंतर्गत जिला दमोह को वर्ष 2016-17 में कितनी राशि प्रदाय की गई? विधानसभा क्षेत्रवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) क्या प्रतिवर्ष प्रति विधानसभा क्षेत्र 2.00 लाख रूपये राशि जनसंपर्क निधि अंतर्गत प्रदाय की जाती थी वर्ष 2016-17 में यह राशि 1.25 लाख ही क्यों प्रदाय की गई? क्या अन्य जिलों में भी 1.25 प्रदाय की गई? राशि में कटौती क्यों की गई?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जनसंपर्क निधि अंतर्गत जिला दमोह को वर्ष 2016-17 में राशि रूपये 8,00,000/- का आवंटन दिया गया है। विधान सभा क्षेत्रवार जानकारी निम्नानुसार है- विधान सभा क्षेत्र पथरिया- रूपये 2,00,000/-, विधान सभा क्षेत्र दमोह- रूपये 2,00,000/-, विधान सभा क्षेत्र जबेरा- रूपये 2,00,000/- एवं विधान सभा क्षेत्र हटा- रूपये 2,00,000/-। (ख) जी नहीं। पूर्व के वर्षों में प्रति विधान सभा क्षेत्र रूपये 2.75 लाख। वर्ष 2016-2017 में प्राप्त बजट आवंटन के आधार पर।
ट्रांसफार्मर एवं एल.टी. लाईन के कार्य
[ऊर्जा]
20. ( क्र. 2146 ) श्री शान्तिलाल बिलवाल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) झाबुआ विधान सभा क्षेत्र में कितने-कितने 11 के.वी.ए. लाईन ट्रांसफार्मर एल.टी. लाईन एवं एक बत्ती बी.पी.एल. कनेक्शन जारी करने का प्रावधान राजीव गांधी ग्राम विद्युतीकरण योजना के तहत था? (ख) योजना प्रारंभ दिनांक से आज दिनांक तक कितना-कितना कार्य पूर्ण कर लिया गया है तथा कितना कार्य किया जाना लंबित है? (ग) प्रश्नांश (ख) योजना में से लंबित कार्य कब तक पूर्ण कर लिये जावेंगे? (घ) यदि ठेकेदार कंपनी द्वारा कार्य नहीं किया जा रहा है तो उस ठेकेदार के विरूद्ध शासन कोई कार्यवाही करेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) 12वीं पंचवर्षीय योजनांतर्गत झाबुआ जिले हेतु स्वीकृत राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना में झाबुआ विधानसभा क्षेत्र हेतु 110.90 कि.मी. 11 के.व्ही. लाईन, 25 के.व्ही.ए. क्षमता के 232 वितरण ट्रांसफार्मरों की स्थापना, ए.बी.केबल पर 486.48 कि.मी. एल.टी.लाईन एवं 6341 बी.पी.एल. कनेक्शन दिये जाने का कार्य प्रावधानित था। (ख) झाबुआ विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत प्रश्नाधीन योजना में 95.50 कि.मी. 11 के.व्ही. लाईन, 25 के.व्ही.ए. क्षमता के 215 वितरण ट्रांसफार्मरों की स्थापना, ए.बी. केबल पर 452.90 कि.मी. एल.टी.लाईन एवं 5432 बी.पी.एल. कनेक्शन दिये जाने का कार्य पूर्ण कर लिया गया है तथा 15.40 कि.मी. 11 के.व्ही. लाईन, 25 के.व्ही.ए. क्षमता के 17 वितरण ट्रांसफार्मरों की स्थापना, ए.बी. केबल पर 33.58 कि.मी. एल.टी. लाईन एवं 909 बी.पी.एल. कनेक्शन दिये जाने का कार्य किया जाना शेष है। (ग) उत्तरांश-ख में उल्लेखित शेष कार्यों को माह दिसम्बर-2017 तक पूर्ण किया जाना संभावित है। (घ) टर्न-की ठेकेदार एजेंसी द्वारा किया जा रहा प्रश्नाधीन कार्य प्रगति पर है। तथापि कार्य में विलम्ब के लिये अनुबंध की शर्तों के अनुसार ठेकेदार एजेंसी द्वारा प्रस्तुत देयकों से लिक्विडेटेड डैमेज के रूप में पेनल्टी स्वरूप रू. 83.46 लाख की राशि काटी जा चुकी है।
माननीय मुख्यमंत्री जी को लिखे गए पत्र
[सामान्य प्रशासन]
21. ( क्र. 2169 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माननीय मुख्यमंत्री जी को माननीय विधायक श्री निशंक जैन द्वारा दिनांक 14 दिसंबर 2016 को लिखे गए पत्र क्रमांक 7020 पत्र क्रमांक 7021 पत्र क्रमांक 7022 पत्र क्रमांक 7023 पत्र क्रमांक 7024 एवं पत्र क्रमांक 7025 संबंधित विभाग को प्रेषित किए गए हैं। (ख) यदि हाँ, तो 14 दिसंबर, 2016 को किस क्रमांक का पत्र किस दिनांक को किस आदेश, निर्देश के साथ किस विभाग को प्रेषित किया? इस पत्र में माननीय विधायक ने किस पत्र क्रमांक दिनांक से किस विभाग की कौन सी जानकारी के लिये किसे लिखे गए पत्र का हवाला दिया गया है? (ग) निर्वाचित जनप्रतिनिधियों को पत्र लिखकर चाही गई जानकारी कितने दिनों में उपलब्ध करवाए जाने का क्या प्रावधान है, जानकारी उपलब्ध करवाए जाने के संबंध में सूचना के अधिकार कानून 2005 में क्या समय-सीमा निर्धारित है। (घ) 14 दिसंबर 2016 को माननीय मुख्यमंत्री जी को लिखे गये पत्रों में उल्लेखित कौन-कौन से पत्र में चाही गई जानकारी माननीय विधायक को कब तक उपलब्ध करवाई जाएगी? समय-सीमा बतावें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) मुख्यमंत्री कार्यालय एवं कक्ष के संधारित अभिलेखानुसार प्रश्नाधीन माननीय विधायक के पत्र कार्यालय में आना नहीं पाये गये हैं। (ख) से (घ) प्रश्नांश (क) के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सारनी पावर हाउस प्रबंधन द्वारा जाँच
[ऊर्जा]
22. ( क्र. 2170 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माननीय विधायक श्री निशंक जैन के द्वारा पत्र लिखकर श्री प्रदीप दुबे फतेहगढ़ भोपाल के शपथ पत्रों की प्रेषित प्रतियों पर जाँच के संबंध में सारनी पावर हाउस प्रबंधन ने गत एक वर्ष में भी जाँच पूरी कर प्रश्नांकित दिनांक तक भी कार्यवाही पूरी नहीं की है। (ख) यदि हाँ, तो श्री प्रदीप दुबे के किस-किस विषय पर किस दिनांक को दिए गए शपथ पत्र सारनी पावर हाउस प्रबंधन एवं कंपनी मुख्यालय को किस दिनांक को प्राप्त हुए, उनमें से किस शपथ पत्र पर किस दिनांक को क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ग) किस शपथ पत्र पर किन कारणों से प्रश्नांकित दिनांक तक भी कार्यवाही नहीं की गई, किस शपथ पत्र पर किन कारणों से कौन-कौन सी कार्यवाही वर्तमान में लंबित है? कब तक कार्यवाही पूरी की जायेगी, समय-सीमा सहित बतावें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी नहीं, माननीय विधायक श्री निशंक कुमार जैन द्वारा अग्रेषित श्री प्रदीप दुबे, भोपाल के आठ शपथ पत्रों पर यथा समय म.प्र.पा.ज.कं.लि. से संबंधित बिंदुओं पर कार्यवाही की गई। विषयांतर्गत माननीय विधायक श्री निशंक कुमार जैन को कंपनी मुख्यालय द्वारा पत्र दिनांक 15.2.2016 द्वारा अवगत कराया गया। (ख) उत्तरांश 'क' में उल्लेखित शपथ पत्र कंपनी मुख्यालय में 16.12.2015 को प्राप्त हुये थे एवं सारणी ताप विद्युत गृह में दिनांक 17.12.2015 को प्राप्त हुये थे। शपथ पत्रों से संबंधित विषय पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। माननीय विधायक श्री निशंक कुमार जैन को प्रेषित जानकारी जिसमें शपथ पत्र अनुसार विवरण तथा संबंधित बिन्दुओं पर अद्यतन विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' एवं 'स' अनुसार है। (ग) माननीय विधायक द्वारा अग्रेषित शपथ पत्रों पर यथा समय कार्यवाही की गई है। विवरण उत्तरांश 'ख' अनुसार है।
सिंगल फेस/थ्री फेस खराब मीटर होने की शिकायतें
[ऊर्जा]
23. ( क्र. 2443 ) श्री सुदर्शन गुप्ता (आर्य) : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र.प.क्षे.वि.वि.कं. लि. इन्दौर के अन्तर्गत इन्दौर शहर में सिंगल फेस/थ्री फेस विद्युत मीटर खराब होने की शिकायतें संबंधित विद्युत झोनों पर प्राप्त हुई थी? यदि हाँ, तो वर्ष 2016-17 में 01 अप्रैल-2016 से जुलाई-2016 तक इस तरह की कितनी शिकायतें प्राप्त हुई है एवं इनमें से कितने विद्युत मीटर बदले गये झोनवार संख्या बतावें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार इन्दौर शहर के विद्युत झोनों पर अगस्त-2016 से जनवरी-2017 तक विद्युत मीटर खराब होने की कितनी शिकायतें प्राप्त हुई एवं इस अवधि में कितनी शिकायतों का निराकरण किया गया तथा शेष कितनी बची हुई हैं झोनवार संख्या बतावें?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ। इन्दौर शहर वृत्त के अन्तर्गत वर्ष 2016-17 में 1 अप्रैल-2016 से जुलाई 2016 तक सिंगल फेस मीटर खराब होने की 16494 एवं थ्री फेस मीटर खराब होने की 2736, इस प्रकार कुल 19230 शिकायतें संबंधित झोन कार्यालयों में प्राप्त हुई थी। मीटर खराब होने की उक्तानुसार प्राप्त 19230 शिकायतों में से 19054 उपभोक्ताओं के मीटर बदल दिये गये हैं। प्रश्नांश में उल्लेखित अवधि में सिंगल फेस/थ्री फेस के मीटरों के खराब होने की प्राप्त शिकायतों एवं उनमें से मीटर बदलकर निराकृत की गई शिकायतों की संख्या की इन्दौर शहर वृत्त के झोनवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) इन्दौर शहर वृत्त के अन्तर्गत वर्ष 2016-17 में अगस्त 2016 से जनवरी 2017 तक सिंगल फेस मीटर खराब होने की 23210 एवं थ्री फेस मीटर खराब होने की 2804, इस प्रकार कुल 26014 शिकायतें संबंधित झोन कार्यालय में प्राप्त हुई हैं। मीटर खराब होने की उक्तानुसार प्राप्त 26014 शिकायतों में से 24563 उपभोक्ताओं के मीटर बदल दिये गये हैं एवं 1451 मीटर बदलने हेतु शेष है। प्रश्नांश में उल्लेखित अवधि में सिंगल फेस/थ्री फेस के मीटरों के खराब होने की प्राप्त शिकायतों एवं उनमें से खराब मीटर बदलकर निराकृत की गई एवं शेष शिकायतों की संख्या की इन्दौर शहर वृत्त के झोनवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।
स्वयं सेवी संस्थाओं को अनुदान
[संस्कृति]
24. ( क्र. 2466 ) श्री रामकिशन पटेल : क्या राज्यमंत्री, संस्कृति महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) संस्कृति विभाग द्वारा रायसेन जिले अंतर्गत 01 अप्रैल, 2013 से प्रश्न दिनांक तक स्वयं सेवी संस्थाओं को दिये गये अनुदान की जानकारी देवें? संस्था का नाम, पता, संस्था के कार्यकारिणी सदस्यों के नाम, पते, किस आयोजन के लिये, कितनी राशि स्वीकृत की गई, जानकारी वर्षवार उपलब्ध करावें? (ख) ऐसी कितनी स्वयं सेवी संस्थाएं हैं, जिनका पंजीयन 20 वर्ष अथवा इससे अधिक पुराना है और जो विगत 03 वर्ष से लगातार संस्कृति विभाग में आवेदन किये जाने के बाद भी अनुदान स्वीकृति के लिये योग्य नहीं मानी गई?
राज्यमंत्री, संस्कृति ( श्री सुरेन्द्र पटवा ) : (क) रायसेन जिले के अंतर्गत दिनांक 01 अप्रैल, 2013 से प्रश्न दिनांक तक स्वयं सेवी संस्थाओं को दिये गये अनुदान की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार. (ख) नवअंकुर शिक्षण संस्था सिलवानी बसस्टेण्ड के पास सिलवानी जिला रायसेन.
भूमि पूजन एवं लोकार्पण
[सामान्य प्रशासन]
25. ( क्र. 2490 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि वर्ष 2013-14 से आज दिनांक तक पनागर विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत कितने शासकीय भवन, तालाब एवं सड़कों आदि का किन-किन स्थानों में भूमि पूजन एवं लोकार्पण कराये गये हैं?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : जानकारी एकत्रित की जा रही है।
अनुकम्पा नियुक्तियों के प्रकरणों का निराकरण
[ऊर्जा]
26. ( क्र. 2590 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश की पाँच विद्युत कंपनियों में अनुकम्पा नियुक्तियों के कितने एवं कौन-कौन से प्रकरण कितने समय से लंबित हैं? कारण सहित जिलेवार ब्यौरा दें। (ख) कितने अनुकंपा नियुक्ति प्रकरण साधारण एवं दुर्घटना मृत्यु के हैं? अलग-अलग ब्यौरा दें। साथ ही कब तक लंबित अनुकंपा नियुक्ति प्रकरणों का निराकरण कर दिया जायगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) प्रदेश की समस्त छ: विद्युत कंपनियों में अनुकम्पा नियुक्ति के लंबित प्रकरणों की कंपनीवार, जिलावार, आवेदकवार, अवधिवार एवं लंबित होने के कारणवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) प्रदेश की समस्त छ: विद्युत कंपनियों में अनुकंपा नियुक्ति हेतु लंबित प्रकरणों में साधारण एवं दुर्घटना मृत्यु की कंपनीवार एवं जिलावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। अनुकंपा नियुक्ति हेतु लंबित प्रकरणों के निराकरण हेतु विद्युत कंपनियों में लागू अनुकंपा नीति के प्रावधानों के अंतर्गत निर्धारित अर्हता एवं पात्रता के प्रकरणों में पदों की उपलब्धता अनुसार सतत् रूप से कार्यवाही की जा रही है। उक्त परिप्रेक्ष्य में शेष लंबित प्रकरणों का निराकरण किये जाने की निश्चित समय-सीमा वर्तमान में बता पाना संभव नहीं है।
श्रम संगठनों के साथ हुए समझौतों में स्वीकृत पद
[ऊर्जा]
27. ( क्र. 2591 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. की पांचों विद्युत कंपनियों में श्रम संगठनों के साथ हुए समझौते में कितने कर्मचारियों के कौन-कौन से पद स्वीकृत हुए? (ख) प्रश्नांश (क) कंपनियों में आज दिनांक तक कितने व कौन-कौन से पद रिक्त हैं? कब तक उक्त पद भरे जाएंगे? (ग) सभी कंपनियों में संविदा पर कितने कर्मचारी कार्यरत हैं? इनके वेतनमान समाजिक सुरक्षा व नियमितीकरण हेतु क्या प्रक्रिया अपनाई जा रही है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) प्रदेश की सभी छ: विद्युत कंपनियों द्वारा श्रम संगठनों के साथ किसी भी प्रकार के पदों की स्वीकृति का समझौता नहीं किया गया है। (ख) प्रदेश की छ: विद्युत कंपनियों में रिक्त पदों की जानकारी :- 1 म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड इंदौर की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। 2 म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड भोपाल की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। 3 म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड जबलपुर की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है। 4 म.प्र. पॉंवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड जबलपुर की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'द' अनुसार है। 5 म.प्र. पॉंवर ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड जबलपुर की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ई' अनुसार है। 6 म.प्र. पॉंवर मैनेजमेन्ट कंपनी लिमिटेड जबलपुर की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'फ' अनुसार है। रिक्त पदों के विरुद्ध सीधी भर्ती की कार्यवाही प्रतिवर्ष की जा रही है। चूंकि पदोन्नति, सेवानिवृत्ति, त्याग-पत्र आदि के कारण पद निरन्तर रिक्त होते रहते है एवं पदोन्नति के संबंध में याचिका क्रमांक 10296/2012 में माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर के आदेश दिनांक 30/04/2016 के संबंध में माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिनांक 12/05/2016 को यथा स्थिति बनाये रखने के निर्देश के अनुसार अभी कोई कार्यवाही न करते हुए यथास्थिति बनाये रखना है। उक्त परिप्रेक्ष्य में रिक्त पदों को भरे जाने की निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) प्रदेश की 6 विद्युत कंपनियों के कुल 5205 कार्मिक संविदा आधार पर कार्यरत है। विद्युत कंपनियों में, संविदा नियुक्ति में कार्यरत कार्मिकों के वेतनमान, सामाजिक सुरक्षा आदि विभिन्न समस्याओं के निराकरण हेतु राज्य शासन के अनुमोदनोपरांत, संविदा सेवा (अनुबंध तथा सेवा शर्तें) नियम 2016 लागू किये गये हैं। उक्त नियमों के अंतर्गत संविदा कार्मिकों के नियमितीकरण का कोई प्रावधान नहीं है तथापि इन कार्मिकों को उनके कार्य की योग्यता के आधार पर अधिकतम 60 वर्ष की आयु तक संविदा पर कार्य करने की सुविधा प्रदान की गई है।
स्वीकृत नवीन कार्यों को पूर्ण किया जाना
[ऊर्जा]
28. ( क्र. 2844 ) श्री विष्णु खत्री : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैरसिया विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत माह जनवरी 2014 से दिसम्बर 2016 के मध्य विभाग द्वारा कौन-कौन से नवीन विकास/निर्माण कार्य स्वीकृत हुये? पंचायतवार, लागत सहित विस्तृत सूची उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) में दर्शित नवीन स्वीकृत विकास/निर्माण कार्य में से कितने कार्य पूर्ण होकर क्षेत्रीयजनों को उसका लाभ मिलने लगा है? शेष लंबित कार्य कब तक पूर्ण कर लिये जावेंगे? सूची उपलब्ध करावें। (ग) बैरसिया विधानसभा अंतर्गत क्षेत्रीयजनों को गुणवत्तापूर्ण विद्युत आपूर्ति के उद्देश्य से अनुदान योजनान्तर्गत एवं स्व-वित्तीय योजना से एवं विभाग के माध्यम से कितने नवीन ट्रांस्फार्मरों को स्थापित किया गया है। ग्रामवार एवं योजनावार सूची उपलब्ध करावें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) बैरसिया विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत प्रश्नाधीन अवधि में म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा स्वीकृत किये गये 61 नवीन विकास/निर्माण कार्यों की स्वीकृति राशि सहित ग्राम पंचायतवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) उत्तरांश 'क' में दर्शाए अनुसार प्रश्नाधीन क्षेत्र एवं अवधि में स्वीकृत नवीन विकास/निर्माण कार्यों में से 60 कार्य पूर्ण कर क्षेत्र के उपभोक्ताओं को लाभान्वित किया जा चुका है। शेष 1 लम्बित कार्य प्रगति पर है, जिसे मार्च 17 तक पूर्ण किया जाना संभावित है। उक्तानुसार पूर्ण/शेष कार्यों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) विधान सभा क्षेत्र बैरसिया के अंतर्गत उपभोक्ताओं को आवश्यकतानुसार/गुणवत्तापूर्ण विद्युत प्रदाय उपलब्ध कराए जाने के उद्देश्य से कृषक अनुदान योजना, स्ववित्त पोषित योजना यथा- स्वयं का ट्रासंफार्मर योजना, पूर्ण जमा योजना, सुपरविजन चार्ज जमा योजना आदि एवं म.प्र.मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के माध्यम से प्रश्नाधीन अवधि में स्थापित किये गये वितरण ट्रांसफार्मरों की योजनावार एवं ग्रामवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के क्रमश: प्रपत्र 'ब', 'स' एवं 'द' अनुसार हैं।
बिना रीडिंग औसतन बिल दिए जाना
[ऊर्जा]
29. ( क्र. 2859 ) श्री हरवंश राठौर : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र बण्डा अन्तर्गत उपभोक्ताओं को मीटर की रीडिंग एवं फोटोग्राफी उपरांत ही बिल दिए जा रहे हैं? (ख) क्या क्षेत्र में ऐसे भी उपभोक्ता हैं जिनके मीटर चालू होने के बाद भी औसतन राशि के बिल प्रदाय किए जा रहे हैं? यदि हाँ, तो इसके लिए कौन जिम्मेदार है।
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) विधान सभा क्षेत्र बण्डा के अंतर्गत ऐसे उपभोक्ता जिनके मीटर चालू है, उन्हें मीटर रीडिंग के आधार एवं बंद/खराब मीटरों वाले उपभोक्ताओं को विद्युत प्रदाय संहिता 2013 की कंडिका क्रमांक 8.35 में निहित प्रावधानों के अनुसार औसत खपत के बिल दिये जा रहे हैं। वर्तमान में फोटोग्राफी से मीटर रीडिंग करने की व्यवस्था नहीं है। (ख) जी नहीं। अत: प्रश्न नहीं उठता।
प्रदेश सरकार द्वारा की गई विभिन्न महापंचायतों के बारे में
[सामान्य प्रशासन]
30. ( क्र. 2937 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. सरकार द्वारा वर्ष 2003 से प्रश्न दिनांक तक राज मिस्त्री, कोटवार आदि की किस-किस की कितनी-कितनी महापंचायत/पंचायत प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किये गये? उनका विवरण देते हुए उन पर व्यय की कई राशि का महापंचायत/प्रशिक्षण पर किया गया पृथक-पृथक कार्यक्रमवार विवरण देते हुए बताएं कि किया गया व्यय किस-किस विभाग द्वारा कितना-कितना किया गया? (ख) प्रश्नांश (क) से संबंधित आयोजनों से प्रदेश के निवासियों एवं हितग्राहियों को कोई लाभ प्राप्त हुआ? यदि हाँ, तो विवरण दें यदि नहीं, तो उक्त आयोजन करने के पीछे सरकार का क्या उद्देश्य था?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
31. ( क्र. 3354 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. शासन ने ऑफग्रिड अक्षय ऊर्जा की स्थापना के लिए नीति व वार्षिक लक्ष्य तय किये हैं? राज्य में ऑफग्रिड संबंधित नवकरणीय ऊर्जा के लिए पूरी क्षमता का उपयोग किया गया? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में वर्ष 2010 से 2015 के दौरान कितने सौर, फोटा बोल्टिक ऊर्जा संयंत्र स्थापित किये गए? आपूर्तिकर्ताओं द्वारा कार्य पूरा न किये जाने पर उनके आदेश कब-कब रद्द किये गए? (ग) प्रश्नांश (ख) के आदेश रद्द किये जाने के कारण वर्ष 2010 से 2015 तक की अवधि में कितने गर्म जल संयंत्रों की स्थापना हो सकी? कम जल संयंत्रों की स्थापना की वजह से कितने करोड़ रूपये कंपनी में व्यर्थ पड़े रहे, जिसका लाभ कंपनी को मिला? (घ) प्रश्नांश (ग) के कितने संयंत्रों की स्थापना के बाद स्थापित संयंत्र दीर्घकालिक स्थिरता वाले रहे, जिनका रख-रखाव समुचित रहा? क्या आपूर्तिकर्ताओं द्वारा रख-रखाव नियमित किया गया, जिससे कितनी अक्षय ऊर्जा का उत्पादन हुआ? (ड.) यदि प्रश्नांश (ख) एवं (ग) अनुसार ऊर्जा संयंत्र समय पर स्थापित नहीं किये गये एवं उनका रख-रखाव उचित ढ़ंग से नहीं किया गया, जिससे ऊर्जा का उत्पादन प्रभावित हुआ और कंपनी को करोड़ों रूपये का लाभ पहुंचाया गया, तो इसके लिए कौन-कौन दोषी हैं? दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही करेंगे? अगर नहीं तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) मध्यप्रदेश शासन ने रूफटॉप एवं परिसरों में ऑफग्रिड एवं ग्रिड कनेक्टेड संयंत्रों की स्थापना हेतु ''म.प्र. विकेन्द्रीयकृत नवकरणीय ऊर्जा नीति, 2016'' नीति लागू की गई है। नीति की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। म.प्र. शासन द्वारा ऑफग्रिड सौर संयंत्रों की स्थापना के लिए पृथक रूप से कोई वार्षिक लक्ष्य निर्धारित नहीं किये गये हैं तथापि रूफटॉप आधारित ग्रिड संयोजित एवं ऑफ ग्रिड संयंत्रों के लिए नीति में वर्ष 2022 तक प्रदेश में 2200 मेगावॉट क्षमता के संयंत्रों की स्थापना का लक्ष्य दर्शित है। राज्य में ऑफग्रिड संबंधी संयंत्रों की विभिन्न विभागों से प्राप्त मांग अनुसार, इन संयंत्रों की स्थापना संपन्न की गई है। (ख) वर्ष 2010 से वर्ष 2016 के दौरान 4048 कि.वा. क्षमता के 993 ऑफ ग्रिड संयंत्रों की स्थापना की गई। आपूर्तिकर्ता इकाइयों द्वारा कार्य पूरा न किये जाने पर उनको आवंटित कार्य निरस्त किये जाने की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) वर्ष 2010 से 2015 के बीच सौर गर्म जल संयंत्रों की स्थापना की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। मेसर्स वॉरी एनर्जी प्रा. लि. मुम्बई द्वारा म.प्र. के विभिन्न दुग्ध संघ केन्द्रों में 60 डिग्री C- 85000 लीटर प्रतिदिन तथा 80 डिग्री C-1,55,000 लीटर प्रतिदिन क्षमता के संयंत्रों का कार्यादेश दिया गया था, परंतु इकाई द्वारा समय पर कार्य पूर्ण न करने के कारण, दिये गए आदेश निरस्त किए गए। इस कार्य हेतु इकाई को कुछ भी भुगतान नहीं किया गया। (घ) प्रश्नांश (ग) के उत्तर में दर्शित संयंत्र दीर्घकालिक स्थिरता वाले रहे। आपूर्तिकर्ता इकाइयों द्वारा संयंत्रों का नियमित रख-रखाव किया जा रहा है। रख-रखाव में कमी पायी जाने पर निविदा शर्तों के अनुसार कार्यवाही की जाती है। संयंत्रों से वि़द्युत उत्पादन नहीं होता है, अपितु गर्म पानी मिलता है। (ड.) प्रश्नांश (घ) के सन्दर्भ में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
प्रशासनिक अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही
[सामान्य प्रशासन]
32. ( क्र. 3365 ) श्री आरिफ अकील : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल में स्थापित समस्त विभागों में पदस्थ कुछ प्रशासनिक अधिकारियों के द्वारा वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक की स्थिति में आय से अधिक सम्पत्ति, रिश्वत खोरी, दुर्व्यवहार, अमानत में ख्यानत, लोकायुक्त एवं आयकर विभाग की छापामार कार्यवाही किए जाने के उजागर मामलों में किन-किन अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही की गई? उनके नाम, पद विभाग सहित प्रकरणों की अद्यतन स्थिति से अवगत करावें। (ख) क्या कुछ अधिकारियों को दोषी पाए जाने के बाद भी एवं न्यायालयीन स्थगन के नाम पर कार्यवाही नहीं की गई? यदि हाँ, तो ऐसे कौन-कौन अधिकारी हैं उनके नाम व पद विभाग सहित यह अवगत करायें कि दोषियों के विरूद्ध कब तक कार्यवाही की जावेगी और समय पर कार्यवाही नहीं करने के लिए कौन-कौन दोषी हैं? लापरवाह अधिकारियों के विरूद्ध शासन द्वारा क्या तथा कब तक कार्यवाही की जावेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
सार्वजनिक उपक्रमों के कर्मचारियों का शासन के विभागों में संविलियन
[सामान्य प्रशासन]
33. ( क्र. 3454 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के अतारांकित प्रश्न संख्या 81 (क्रमांक- 5708) दिनांक 18/03/2016 की कंडिका (घ) में जानकारी एकत्रित करने की जानकारी दी गई थी यदि जानकारी प्राप्त हो गई हो तो जानकारी दें? यदि नहीं, तो अभी तक जानकारी एकत्रित नहीं किये जाने के क्या कारण है? (ख) उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में विशिष्ट योग्यता रखने वाले कर्मचारियों को मध्यप्रदेश सार्वजनिक उपक्रमों के कर्मचारियों का लोकसेवा में संविलियन प्रतिषेध अधिनियम 2000 से किन कारणों से मुक्त रखा गया है तथा विशेष योग्यता का क्या पैमाना निर्धारित किया गया है? (ग) उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में क्या विशिष्ट योग्यता रखने वाले कर्मचारियों को शासन के विभागों में संविलियन किये जाने के लिए मंत्रि परिषद से अनुमोदन लिया जाना आवश्यक है? यदि हाँ, तो जिन कर्मचारियों को मंत्रि परिषद के अनुमोदन के बिना शासन के विभागों में संविलियन कर लिया गया है? क्या उनका संविलियन वैद्य माना जायेगा? यदि नहीं, तो ऐसे प्रकरणों में शासन क्या कार्यवाही करेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
घोषणाओं पर कार्यवाही
[सामान्य प्रशासन]
34. ( क्र. 3654 ) श्री रामपाल सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शहडोल संभाग के उमरिया, अनुपपुर, शहडोल जिलों में माननीय मुख्यमंत्री महोदय द्वारा विगत 01 वर्ष में भ्रमण के दौरान विभिन्न घोषणाएं की गई हैं। (ख) यदि प्रश्नांश (क) हाँ तो कौन-कौन सी घोषणाएँ की गई हैं तथा प्रश्न दिनांक तक उन घोषणाओं में क्या कार्यवाही की गई है? घोषणावार, कृत कार्यवाही की जानकारी उपलब्ध करायी जावे।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार।
पर्यटन केन्द्र विकसित करना
[पर्यटन]
35. ( क्र. 3701 ) श्री गोपालसिंह चौहान (डग्गी राजा) : क्या राज्यमंत्री, संस्कृति महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राज्य शासन द्वारा किसी क्षेत्र विशेष को पर्यटन क्षेत्र हेतु बढ़ावा देने हेतु क्या- क्या नियम/कार्ययोजना निर्धारित है? (ख) क्या राज्य शासन ने हनुवंतिया में जल पर्यटन को बढ़ावा देने हेतु कार्ययोजना का क्रियान्वयन किया है? चूंकि प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्रांतर्गत राजघाट बांध में विशाल जलाशय मौजूद है और यह जल पर्यटन केन्द्र के रूप में विकसित होने की अपार संभावना है? क्या शासन की इस हेतु भी कोई कार्ययोजना है?
राज्यमंत्री, संस्कृति ( श्री सुरेन्द्र पटवा ) : (क) विभाग द्वारा जारी नवीन पर्यटन नीति 2016 के तहत पूरे प्रदेश में समग्र पर्यटन विकास हेतु दिशा-निर्देश है। किसी क्षेत्र विशेष को पर्यटन क्षेत्र के रूप में घोषित करने का प्रावधान नहीं है। (ख) जी हाँ। राजगढ़ बांध में जल पर्यटन केन्द्र की वर्तमान में कोई योजना प्रस्तावित नहीं है।
चंदेरी में पर्यटकों के लिये मुद्रा विनिमय एवं सुविधा काउंटर केन्द्र
[पर्यटन]
36. ( क्र. 3702 ) श्री गोपालसिंह चौहान (डग्गी राजा) : क्या राज्यमंत्री, संस्कृति महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) चंदेरी में देश विदेश के सैलानी आते है, क्या पर्यटकों हेतु चंदेरी में पर्यटन विकास निगम का सुविधा काउंटर एवं मुद्रा विनिमय जैसी सुविधायें उपलब्ध है? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) इस हेतु राज्य शासन की क्या योजना है एवं पर्यटक सुविधा केन्द्र व मुद्रा विनिमय केन्द्र चंदेरी में कब तक स्थापति कर दिया जावेगा?
राज्यमंत्री, संस्कृति ( श्री सुरेन्द्र पटवा ) : (क) जी हाँ। निगम की चन्देरी इकाई में विदेशी मुद्रा विनियम की सुविधा नहीं है। म.प्र. राज्य पर्यटन विकास निगम की इकाइयां विदेशी मुद्रा विनियम हेतु अधिकृत नहीं है। (ख) कोई योजना नहीं है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
लोकायुक्त और ईओडब्यू प्रकरणों में कार्यवाही
[सामान्य प्रशासन]
37. ( क्र. 3735 ) श्री प्रताप सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ई.ओ.डब्ल्यू. की एफ.आई.आर. 61/2012 और लोकायुक्त जाँच प्रकरण 149/2015 समान कार्यालय के समान मामले से संबंधित हैं? एफ.आई.आर. से संबंधित रोजनामचा क्रमांक-138, दिनांक 11 जुलाई 2011 और रोजनामचा क्रमांक-295, दिनांक 22 सितंबर 2012 की प्रति उपलब्ध करावें? (ख) प्रशासकीय विभाग (आदिम जाति कल्याण विभाग) के विभागीय जाँच आदेश क्रमांक एफ 16-5 /2013/1/25, दिनांक 11 नवंबर 2016 द्वारा वित्तीय मामले में जिस अधिकारी को आरोपी बनाया है, उसे ई.ओ.डब्ल्यू. और लोकायुक्त ने किन कारणों से आरोपी नहीं बनाया? (ग) उपरोक्त मामले में जिनके द्वारा कार्यालय के बिल रजिस्टर पर 80 लाख के बिल का इन्द्राज खुर्द-बुर्द किया गया और जिन्होंने कैश बुक सत्यापित की तथा जिनके खातों में सरकारी राशि जमा होकर आहरित हुई, उन सब को किन कारणों से एफ.आई.आर. में आरोपी नहीं बनाया गया? (घ) आरोपी अपर संचालक के खाते में अगस्त 2007 से जून 2010 के बीच वेतन-भत्तों/निजी स्वत्वों के अलावा कब-कब व कितनी-कितनी अतिरिक्त शासकीय राशियां जमा हुई, पूर्ण विवरण देवें?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। जाँच प्रकरण 149/15 माननीय उच्च न्यायालय की खण्डपीठ ग्वालियर के पत्र दिनांक 19.08.2015 के संदर्भ में जाँच हेतु लोकायुक्त में पंजीबद्ध किया गया। प्रकरण विवेचनाधीन होने से प्रतियां दी जाना संभव नहीं है। (ख) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
सतपुड़ा राष्ट्रीय उद्यान, मढ़ई स्थित होटल निर्माण की अनुमति
[पर्यटन]
38. ( क्र. 3747 ) श्री संजय शाह मकड़ाई : क्या राज्यमंत्री, संस्कृति महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) होशंगाबाद जिले के अंतर्गत सोहागपुर तहसील में सतपुड़ा राष्ट्रीय उधान (मढ़ई) में मध्यप्रदेश शासन द्वारा किन-किन ग्रामों में कितना-कितना रकबा कितने वर्षों के लिए मध्यप्रदेश पर्यटन विकास निगम द्वारा किस आधार पर लिया गया है? (ख) क्या मढ़ई के आस-पास मध्यप्रदेश पर्यटन विकास निगम ने अन्य संस्था/एजेन्सी/होटल को भूमि लीज पर दी है? यदि हाँ, तो एजेन्सी/संस्था/होटल का नाम, लीज राशि, लीज की समयावधि सहित जानकारी देवे? (ग) सतपुड़ा राष्ट्रीय उद्यान मढ़ई में स्थित लॉज/होटल का निर्माण कार्य कौन-कौन सी एजेन्सियों से क्या-क्या कार्य कराया गया? कार्य की लागत राशि एवं एजेन्सी/ठेकेदारों के नाम सहित जानकारी से अवगत करायें? (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में क्या मढ़ई स्थित होटल/लॉज का निर्माण ग्राम तथा निवेश की अनुमति, बिल्डिंग निर्माण अनुमति, डाइवर्सन पश्चात निर्माण कार्य किया है? यदि हाँ, तो ग्राम तथा निवेश, डाइवर्सन एवं बिल्डिंग निर्माण अनुमति की प्रति उपलब्ध करावें? यदि नहीं, तो कारण सहित जानकारी देवे?
राज्यमंत्री, संस्कृति ( श्री सुरेन्द्र पटवा ) : (क) होशंगाबाद जिले अन्तर्गत सोहागपुर तहसील के ग्राम सारंगपुर के खसरा नं. 7/3 रकबा 10 एकड पर्यटन गतिविधियों के संचालन हेतु मध्य प्रदेश शासन से प्राप्त किया गया है। (ख) जी हाँ। पर्यटन विभाग पर्यटन नीति के अंतर्गत पारदर्शी प्रक्रिया द्वारा रूपये 28.00 लाख प्रीमियम राशि तथा रूपये 15150/- वार्षिक भू-भाटक पर 90 वर्ष की लीज अवधि हेतु श्री ए.एस. सिंह देव, संचालक देनवा वाटर रिसोर्ट, को दी गई है। (ग) म.प्र. राज्य पर्यटन विकास निगम के रिसॉर्ट के संबंध में जानकारी परिशिष्ट अनुसार। (घ) कलेक्टर जिला होशंगाबाद द्वारा सर्वे क्र. 35/1 रकबा 0.369 हैक्टेयर भूमि पर्यटन गतिविधियों के संचालन हेतु पर्यटन विभाग को सौंपी गई है। हस्तांतरित भूमि पर पूर्व से ही पर्यटन गतिविधियों हेतु भवन निर्मित था, इसमें पर्यटन विकास निगम द्वारा विस्तार एवं नवीनीकरण कार्य किया गया है। म.प्र. राज्य पर्यटन विकास निगम द्वारा पत्र क्रमांक-7271/यॉंत्रिकी/पविनि/15, भोपाल दिनांक 22/08/2015 द्वारा उपसंचालक, नगर तथा ग्राम निवेश होशंगाबाद एवं सदस्य सचिव स्थानीय सलाहकार समिति एवं क्षेत्र संचालक, सतपुड़ा टाईगर रिजर्व, होशंगाबाद की ओर पत्र क्रमांक-1174/यॉंत्रिकी/पविनि/15, भोपाल दिनांक 18/12/2015 द्वारा अवगत कराया गया है।
मध्यप्रदेश स्टेट टूरिज्म द्वारा होटल/रेस्टोरेन्ट निर्माण
[पर्यटन]
39. ( क्र. 3748 ) श्री संजय शाह मकड़ाई : क्या राज्यमंत्री, संस्कृति महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) हरदा जिले की हंडिया तहसील में स्थिति मध्यप्रदेश स्टेट टूरिज्म के होटल/रेस्टोरेन्ट के निर्माण कार्य किन-किन एजेन्सियों से क्या-क्या कार्य कराया गया? कार्य की लागत सहित जानकारी से अवगत करायें? (ख) क्या मध्यप्रदेश शासन द्वारा प्राप्त भूमि मध्यप्रदेश स्टेट टूरिज्म को व्यवसायिक कार्य/निर्माण कराने के पूर्व ग्राम तथा निवेश की अनुमति एवं भूमि का व्यवसायिक डायवर्सन अनिवार्य है? यदि हाँ, तो हंडिया स्थित होटल/रेस्टोरेन्ट के निर्माण पूर्व ग्राम तथा निवेश की अनुज्ञा/अनुमति ली गई? (ग) प्रश्नांश (ख) सन्दर्भ में बिना अनुमित निर्माण कार्य करने में कौन-कौन एजेन्सी/ठेकेदार एवं अधिकारी/कर्मचारी दोषी?
राज्यमंत्री, संस्कृति ( श्री सुरेन्द्र पटवा ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) कलेक्टर जिला हरदा द्वारा अपने आदेश क्रमांक 9अ-19/2010-11, दिनांक 27.12.2012 द्वारा हांडिया में पर्यटक स्वागत केन्द्र का निर्माण किये जाने के लिये पर्यटन विभाग को भूमि आवंटित की गई थी। भूमि आवंटन से पूर्व प्रश्नाधीन भूमि पर कलेक्टर हरदा द्वारा पर्यटक स्वागत केन्द्र बनाये जाने हेतु सरपंच ग्राम पंचायत से अनापत्ति प्राप्त की जाकर भूमि आवंटित की गयी थी। अतएव पृथक से ग्राम पंचायत से अनुमति प्राप्त करने की आवश्यकता नहीं थी। हांडिया नगर तथा ग्राम निवेश क्षेत्र से बाहर स्थित है अतएव नगर तथा ग्राम निवेश विभाग से अनुमति नहीं ली गई है। (ग) प्रश्नांश ''ख'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
लोकायुक्त प्रकरणों की जानकारी
[सामान्य प्रशासन]
40. ( क्र. 3766 ) श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विशेष पुलिस स्थापना लोकायुक्त संगठन ग्वालियर संभाग अंतर्गत 5 वर्षों में बनाये गये ट्रैप के प्रकरणों की जानकारी आरोपी के नाम, पद तथा प्रकरण क्रमांक दिनांक सहित देवे? इनमें से किन-किन आरोपियों के प्रकरण में चालान किस-किस न्यायालय में प्रस्तुत हो गये है बताये किन-किन के चालान प्रस्तुत नहीं हुये है नामवार बताये? (ख) महेन्द्र जैन सहकारी निरीक्षक कार्यालय उपायुक्त सहकारिता अशोकनगर के विरूद्ध लोकायुक्त ग्वालियर अन्तर्गत न्यायालय में चालान पेश नहीं होने का कारण बताये। चालान कब तक प्रस्तुत जायेगा समयावधि बताये। महेन्द्र जैन के खिलाफ प्रकरण चलाने की अनुमति हेतु सहकारिता विभाग को प्रेषित पत्र की प्रति उपलब्ध करावें? (ग) जिला अशोकनगर एवं जिला गुना अन्तर्गत स्थापित सभी थानों में गत 05 वर्षों के दौरान जिला सहकारी बैंक गुना के कर्मचारियों तथा दोनों जिलों में स्थित बैंक की सेवा सहकारी समितियों के कर्मचारियों के विरूद्ध पी.डी.एस. अनियमितता तथा अन्य कोई भी गबन/धोखाधड़ी से संबंधित दर्ज प्रकरण में एफ.आई.आर. हुई है। आरोपियों के नामवार अपराध क्रमांक व दर्ज अपराध की धाराओं सहित जानकारी देवे? इनसे किन-किन के विरूद्ध चालान प्रस्तुत कर दिये है नाम सहित बताये किन-किन के खिलाफ चालान प्रस्तुत नहीं किये गये है? नाम सहित कारण सहित बताये?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'क' अनुसार। (ख) सहकारिता विभाग में अभियोजन स्वीकृति की कार्यवाही प्रक्रियाधीन होने से समयावधि बताया जाना संभव नहीं है। अभियोजन स्वीकृति हेतु विधि एवं विधायी कार्य विभाग द्वारा सहकारिता विभाग को लिखे गये पत्र की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ख' अनुसार। (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
लिपिकों की वेतन विसंगति
[वित्त]
41. ( क्र. 3805 ) श्री गोपीलाल जाटव : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. शासन की वर्षों पुरानी वेतन विसंगति दूर करने की क्या योजना है? (ख) क्या म.प्र. शासन के लिपिक कर्मचारियों को अपनी वेतन विसंगति दूर करने के संबंध में माननीय न्यायालय की शरण ली गई है? यदि हाँ, तो क्या शासन माननीय न्यायालय के निर्णय के पालन में लिपिकों की वेतन विसंगति दूर करेगी? (ग) क्या लिपिक वर्गीय कर्मचारियों और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के वेतन में मात्र 100 (सौ) रूपये का अंतर है? यदि हाँ, तो इस अंतर को कब तक दूर किया जावेगा? (घ) शासन की लिपिक वर्गीय कर्मचारियों की वेतन विसंगति कब तक दूर कर नवीन वेतनमान देने की योजना है? क्या नवीन वेतनमान में ही पुराना वेतनमान विसंगति दूर करने की कोई योजना है?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) यह एक सतत् प्रक्रिया है। वेतन विसंगति ज्ञात होने पर विसंगति दूर करने की आवश्यक कार्यवाही की जाती है। (ख) जी हाँ। रिट पिटीशन क्रमांक 6555/13 लिपिक वर्गीय कर्मचारी संघ विरूद्ध म.प्र.शासन प्रकरण माननीय उच्च न्यायालय में विचाराधीन है। (ग) जी नहीं। अत: प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) राज्य के वित्तीय संसाधनों एवं अन्य परिणामों के परिप्रेक्ष्य निर्णय लिया जाता है।
विद्युत कनेक्शन परिवर्तित करने
[ऊर्जा]
42. ( क्र. 3836 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक विधानसभा क्षेत्र सारंगपुर में कितने उपभोक्ताओं को 3 एच.पी. एवं 5 एच.पी. के स्थायी/अस्थाई कनेक्शन दिये गये हैं? ग्रामवार, कनेक्शनधारियों के नाम बतावें? (ख) प्रश्नांश (क) अंतर्गत ऐसे कितने उपभोक्ता हैं जिनके कनेक्शन 3 एच.पी. से 5 एच.पी. एवं 5 एच.पी. से 7 एच.पी. एवं 7 एच.पी. से 10 एच.पी. में स्वैच्छा से परिवर्तित किये गये है? यदि कनेक्शन स्वैच्छा से परिवर्तित नहीं किये गये तो क्यों? (ग) क्या विधानसभा क्षेत्र सारंगपुर में 3 एच.पी. कनेक्शन प्रदान करने पर रोक लगाई गई है? यदि हाँ, तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) विधानसभा क्षेत्र के सारंगपुर के अंतर्गत 1 अप्रैल 2015 से 31 जनवरी 2017 तक 3 एच.पी. के निरंक एवं 5 एच.पी. के 983 स्थाई पंप कनेक्शन तथा 3 एच.पी. के 922 एवं 5 एच.पी. के 2028 अस्थाई पंप कनेक्शन कृषकों को दिये गये। ग्रामवार दिये गये स्थाई एवं अस्थाई पंप कनेक्शन उपभोक्ताओं का नामवार, ग्रामवार, संबद्धवार सहित विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) में वर्णित स्थाई एवं अस्थाई पंप कनेक्शनों में से कोई भी कनेक्शन 3 एच.पी.से 5 एच.पी., 5 एच.पी. से 7 एच.पी. एवं 7 एच.पी. से 10 एच.पी. में स्वैच्छा से परिवर्तित नहीं किया गया है। (ग) जी नहीं। अत: प्रश्न नहीं उठता।
शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में विद्युतीकरण
[ऊर्जा]
43. ( क्र. 3849 ) श्री सुदेश राय : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र सीहोर अन्तर्गत शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र में वर्ष 2014-15 से नवीन विद्युत पोल एवं केबल आदि का कार्य किस योजना के अन्तर्गत किया जा रहा है? इस हेतु कितना आवंटन प्राप्त हुआ है तथा कार्य प्रारंभ तथा उसके पूर्ण होने की समय-सीमा क्या है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में किये जा रहे कार्य का स्थान शहरी क्षेत्र में वार्ड मोहल्ला तथा ग्रामीण क्षेत्र में ग्राम में मोहल्ला बस्ती मजरा टोला आदि की जानकारी पृथक-पृथक विस्तृत विवरण देवें?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) सीहोर विधानसभा क्षेत्र के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में प्रश्नाधीन अवधि में किये गए/किये जा रहे विद्युत अद्योसंरचना विकास के कार्यों हेतु स्वीकृत/ आवंटित राशि, कार्य प्रारंभ करने की दिनांक, कार्य पूर्ण करने के लिये निर्धारित समय-सीमा एवं कार्य पूर्णता की अद्यतन स्थिति की योजनावार एवं क्षेत्रवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) में उल्लेखानुसार सीहोर विधानसभा क्षेत्र में विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत प्रश्नाधीन अवधि में किये गये/किये जा रहे कार्यों की कार्य के स्थान-वार्ड/ मोहल्ला/मजरा/टोला बस्ती के नाम सहित योजनावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब-1', 'ब-2', 'ब-3' एवं 'ब-4' में दर्शाए अनुसार है।
मुख्यमंत्री स्थायी कृषि पंप कनेक्शन योजना
[ऊर्जा]
44. ( क्र. 3851 ) श्री सुदेश राय : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र सीहोर अंतर्गत दिनांक 01/04/2016 के पूर्व कितने पात्रताधारी कृषकों को अस्थाई पंप कनेक्शन दिये गये हैं तथा कितने कृषकों के 01/04/2016 के बाद पंप कनेक्शन स्थाई कर दिये गये तथा शेष कनेक्शन को कब तक स्थाई कर दिया जावेगा? (ख) स्थाई पंप कनेक्शन हेतु वर्ग एवं श्रेणीवार कितनी-कितनी राशि जमा कराई जा रही है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) विधानसभा क्षेत्र सीहोर के अंतर्गत दिनांक 01.04.2016 के पूर्व वित्तीय वर्ष 2015-16 में 3348 कृषकों को अस्थाई पंप कनेक्शन जारी किये गये थे। दिनांक 01.04.2016 के पश्चात् उपरोक्त में से 643 कृषकों द्वारा आवेदन करने पर उन्हें स्थाई पंप कनेक्शन प्रदान कर दिये गये हैं। शेष अस्थाई पंप कनेक्शन वाले आवेदकों के द्वारा मुख्यमंत्री स्थाई कृषि पंप कनेक्शन योजना में स्थाई पंप कनेक्शन हेतु ऑनलाईन पोर्टल पर आवेदन करने एवं उनके द्वारा योजना में प्रावधानित अंशराशि नियमानुसार जमा कराये जाने के पश्चात् योजना में प्रावधानित समय-सीमा में स्थाई पंप कनेक्शन प्रदान करने हेतु कार्यवाही की जा सकेगी। (ख) वर्तमान में लागू मुख्यमंत्री स्थाई कृषि पंप कनेक्शन योजनांतर्गत स्थाई पंप कनेक्शन हेतु वर्ष 2016-17 के लिये वर्ग एवं श्रेणीवार जमा कराई जाने वाली प्रति हार्सपावर राशि का विवरण निम्नानुसार है :-
(रूपये प्रति हार्सपावर)
लघु एवं सीमांत कृषक (2 हेक्टेयर से कम के भूमि धारक) |
2 हेक्टेयर तथा अधिक भूमि धारक कृषक |
|
अनुसूचित जाति/जनजाति के कृषक |
अन्य |
|
5000 |
7000 |
11000 |
आंगनवाड़ी भवन निर्माण
[महिला एवं बाल विकास]
45. ( क्र. 3865 ) श्री मुकेश नायक : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) पन्ना जिले की विधानसभा क्षेत्र पवई में प्रश्न दिनांक तक की स्थिति में कितने आंगनवाड़ी केन्द्र भवन विहीन हैं? क्या इनके भवन निर्माण हेतु प्रस्ताव भेजे गये हैं? यदि हाँ, तो उनकी वर्तमान स्थिति क्या है? नहीं तो कारण दें? (ख) प्रश्नांश (क) में दर्शित आंगनवाड़ी केन्द्र अन्य शासकीय विभागीय भवनों में खोले गये हैं जो पर्याप्त नहीं हैं? जीर्ण-शीर्ण एवं उनमें मूलभूत सुविधाओं का अभाव है? यदि हाँ, तो बताये कि इन आंगनवाड़ी केन्द्रों के लिये नये भवन निर्माण की स्वीकृति जारी की जायेगी? यदि हाँ, तो समय-सीमा बतायें।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) विधानसभा क्षेत्र पवई में प्रश्न दिनांक तक कुल 275 आंगनवाड़ी केन्द्र भवनविहीन (किराये पर/अन्य शासकीय भवनों में संचालित) हैं। इन 275 आंगनवाड़ी केन्द्रों में से 139 आंगनवाड़ी केन्द्रों के भवन निर्माण हेतु जिले से प्रस्ताव प्राप्त हुआ हैं, जिनमें से 27 आंगनवाड़ी भवनों की स्वीकृति दी जा चुकी हैं। स्वीकृत 27 आंगनवाड़ी भवनों में से 11 आंगनवाड़ी भवन निर्माणाधीन हैं एवं 16 आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण हेतु प्रशासकीय एवं तकनीकी स्वीकृति जारी करने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ख) प्रश्नांश 'क' में उल्लेखित आंगनवाड़ी केन्द्र का संचालन अन्य शासकीय भवनों में एवं किराये के भवनों में किया जा रहा है। इन भवनों में से अधिकांश अन्य शासकीय भवनों में संचालित केन्द्रों में मूलभूत सुविधाओं का अभाव नहीं है। परन्तु किराये के भवनों में संचालित केन्द्रों में पर्याप्त मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध नहीं है। आंगनवाड़ी भवन निर्माण कार्य वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर करता हैं। अतः समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं हैं।
11 K.V. और 33 K.V. लाईन को ऊंचा करना
[ऊर्जा]
46. ( क्र. 3896 ) श्री अरूण भीमावद : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शाजापुर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों के मार्गों से 11 K.V. और 33 K.V. विद्युत लाईन गुजरी है? सार्वजनिक क्षेत्रों के मध्य से गुजरने वाली लाईनों की औसत ऊंचाई क्या निर्धारित होती है? (ख) क्या शाजापुर नगर के ज्योति नगर के आवासीय क्षेत्र एवं भरड़, लोहरवास, गोपीपुर, बनाखेड़ी से गुजरने वाले प्रधानमंत्री सड़क पर विद्युत की ऊंचाई बहुत कम क्यों है? (ग) क्या प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में आमजनों एवं किसानों के अपने वाहन के आवागमन में दुर्घटना की आशंका होती रहती है? (घ) क्या उक्त स्थानों पर 11 K.V. एवं 33 K.V. की विद्युत लाईन को और ऊंचाई पर करने का प्रस्ताव है? यदि है तो कब तक?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ, शाजापुर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों के मार्गों से 11 के.व्ही. एवं 33 के.व्ही. विद्युत लाईन गुजर रही है। विद्युत अधिनियम, 2003 के प्रावधानों के अंतर्गत केन्द्रीय विद्युत प्राधिकरण द्वारा दिनांक 20.9.2010 को अधिसूचित सुरक्षा तथा विद्युत आपूर्ति संबंधी विनियमों के अनुसार सड़क के किनारे लगी 11 के.व्ही. एवं 33 के.व्ही. लाईनों की सड़क से न्यूनतम ऊर्ध्वाधर दूरी 5.8 मीटर तथा सड़क के आर-पार लगी 11 के.व्ही. एवं 33 के.व्ही. लाईनों की सड़क से न्यूनतम ऊर्ध्वाधर दूरी 6.1 मीटर निर्धारित है। (ख) शाजापुर नगर में ज्योति नगर के आवासीय क्षेत्र एवं भरड़, लोहरवास, बनाखेड़ी से गुजरने वाले प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना अंतर्गत बनाए गए मार्ग पर पूर्व से निर्मित 11 के.व्ही. एवं 33 के.व्ही. विद्युत लाईनों की ऊंचाई निर्माण के समय निर्धारित मापदण्डों के अनुरूप ही रखी गई थी, किन्तु वर्ष 2009 में प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क के अंतर्गत मार्ग का निर्माण भरड़, लोहरवास, गोपीपुर क्षेत्र में हो जाने एवं माह नवम्बर-2016 में इसी योजना के तहत ग्राम बनाखेड़ी में सड़क निर्माण होने के कारण निर्धारित मापदण्ड के अनुसार पूर्व से स्थापित लाईनों की निर्मित रोड की सतह से ऊँचाई लगभग 0.50 मीटर तक कम हो गई है। संबंधित विभाग से आवेदन प्राप्त कर प्राक्कलन तैयार कर केन्द्रीय विद्युत प्राधिकरण की उक्त अधिसूचना दिनांक 20.9.2010 के प्रावधानों के अनुसार प्राक्कलन राशि वितरण कंपनी में जमा होने के उपरांत उक्त लाईन निर्धारित ऊँचाई पर स्थापित करने हेतु कार्यवाही की जा सकेगी। (ग) जी नहीं। (घ) उत्तरांश (ख) में दर्शाए अनुसार प्रश्नाधीन लाईनों को निर्धारित ऊँचाई पर व्यवस्थित किया जाना प्रस्तावित है।
विद्युत लाईनों की चोरी
[ऊर्जा]
47. ( क्र. 3898 ) श्री अरूण भीमावद : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शाजापुर विधानसभा क्षेत्रांतर्गत विद्युत विभाग द्वारा कनेक्शन हेतु डाली गई विद्युत लाईनों के तारों की चोरी के कितने प्रकरण वित्तीय वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में दर्ज हुए? इस पर क्या कार्यवाही हुई? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में जिन लाईनों के तारों की चोरी हुई है, उन लाईनों की वर्तमान में क्या स्थिति है? (ग) क्या विधान सभा क्षेत्र शाजापुर अंतर्गत ग्राम चौमला-कुल्मी, रूलकी एवं बर्डियासोन दुपाड़ा क्षेत्र में पचोर आदि में नई तारों की विद्युत लाईनों को जोड़ा गया है? (घ) यदि नहीं, तो कब तक नई तारों की विद्युत लाईन जोड़ दी जावेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) शाजापुर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, इंदौर द्वारा विद्युत कनेक्शन हेतु डाली गई निम्नदाब विद्युत लाईनों के विद्युत तारों के चोरी जाने के वित्तीय वर्ष 2014-15 में 13 प्रकरण एवं वित्तीय वर्ष 2015-16 में 11 प्रकरण दर्ज हुए हैं। उपरोक्त सभी 24 प्रकरणों में संबंधित पुलिस थानों को प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करने हेतु आवेदन-पत्र प्रस्तुत किये गये है, जिनमें से 3 प्रकरणों में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज हुई है। (ख) उत्तरांश ''क'' में उल्लेखित निम्नदाब विद्युत लाईनों के तारों के चोरी जाने के वित्तीय वर्ष 2014-15 के सभी 13 प्रकरणों में विद्युत लाईन की पुनर्स्थापना का कार्य पूर्ण कर लिया गया है। वित्तीय वर्ष 2015-16 में विद्युत लाईन चोरी जाने के 11 प्रकरणों में से 6 प्रकरणों में विद्युत लाईन की पुनर्स्थापना का कार्य पूर्ण कर लिया गया है तथा शेष 5 प्रकरणों में लाईन पुनर्स्थापना का कार्य प्रगति पर है। उक्त कार्य मार्च-2017 तक पूर्ण किया जाना संभावित है। (ग) एवं (घ) जी हाँ, चौसला कुल्मी (चौमला-कुल्मी नहीं), रूलकी, बर्डियासोन एवं दुपाड़ा क्षेत्र, पचोर आदि में फीडर विभक्तिकरण योजना के अंतर्गत कार्य पूर्ण कर उक्त ग्रामों को गैर कृषि फीडर से जोड़कर 24 घंटे विद्युत प्रदाय किया जा रहा था। किन्तु वर्ष 2016-17 में उक्त ग्रामों में विद्युत तार चोरी होने एवं पोल क्षतिग्रस्त होने की घटना घटित हुई है। उक्त विद्युत ग्रामों की विद्युत लाईनों के तार एवं पोल लगाने का कार्य मार्च 2017 तक पूर्ण किया जाना संभावित है।
आय से अधिक सम्पत्ति एवं ट्रेप प्रकरणों पर कार्यवाही
[सामान्य प्रशासन]
48. ( क्र. 3938 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2012-13 से दिसम्बर 2016 तक लोकायुक्त संगठन ने आय से अधिक सम्पत्ति के कितने प्रकरण बनाये है? (ख) प्रश्नांश (क) उल्लेखित समय के कितने प्रकरणों में चालान न्यायालयों में प्रस्तुत किये गए हैं? कितने प्रकरण विवेचना में हैं? कितने प्रकरणों में शासन से न्यायालय में चालान पेश करने की अनुमति नहीं मिली है? अधिकारी का नाम, पद, स्थान बताये। (ग) प्रश्नांश (क) समय में कितने प्रकरणों में खात्मा लगाया गया है? अधिकारी के नाम, पद विभाग बताये। (घ) प्रश्नांश (क) समय में सागर में ट्रेप के कितने प्रकरण बने हैं? जिलेवार शासकीय सेवकों का नाम, पद सहित बताये? क्या सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्रानुसार ट्रेप हुए शासकीय सेवक को उस स्थान से हटा दिये जाने का प्रावधान है, जहां शासकीय सेवक ट्रेप हुआ है? यदि हाँ, तो सागर जिले में कितने शासकीय सेवक ट्रेप उपरांत उसी पद एवं स्थल पर आज भी कार्यरत हैं? नाम, पद विभाग सहित बताये।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'क' अनुसार। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ख' अनुसार। जी हाँ। जानकारी एकत्रित की जा रही है।
पर्यटन क्षेत्रों में एयर कनेक्टिविटी
[पर्यटन]
49. ( क्र. 3941 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या राज्यमंत्री, संस्कृति महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश के पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए प्रमुख पर्यटन स्थलों पर जहां एयर कनेक्टिविटी नहीं है क्या वहां छोटे विमान चलाने की योजना है? (ख) यदि हाँ, तो किन-किन जिलों में एवं कब तक?
राज्यमंत्री, संस्कृति ( श्री सुरेन्द्र पटवा ) : (क) जी हाँ। (ख) चयनित एजेंसी द्वारा मांग के आधार पर रूट एवं नगरों का निर्धारण किया जाएगा।
लिपकीय वर्ग को समयमान वेतनमान
[वित्त]
50. ( क्र. 3952 ) श्री दिनेश राय (मुनमुन) : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिले के अंतर्गत प्रश्न दिनांक तक 10 वर्ष, 20 वर्ष एवं 30 वर्ष की सेवा पूर्ण कर चुके लिपिक संवर्ग के कर्मचारियों को समयमान वेतनमान का लाभ कब तक दे दिया जावेगा? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में संबंधितों का समयमान वेतनमान के लाभ से वंचित रखे जाने हेतु कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी दोषी हैं तथा इनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) समयमान वेतनमान पाने की पात्रता अवधि पूर्ण करने वाले समस्त लिपिक वर्गीय कर्मचारियों को समयमान वेतनमान का लाभ प्रदान किया जा चुका है। (ख) चूंकि समस्त पात्र कर्मचारियों को लाभ दिया जा चुका है। अत: प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
राजीव गांधी विद्युतीकरण योजना
[ऊर्जा]
51. ( क्र. 3953 ) श्री दिनेश राय (मुनमुन) : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजीव गांधी विद्युतीकरण योजना सिवनी जिले के कब से प्रांरभ हुई तथा इसमें जिले के कितने ग्रामों को चयनित किया गया? कितने ग्रामों को कितनी लागत से विद्युतीकरण प्रस्तावित है तथा विद्युतीकरण पूर्ण किये जाने की क्या समय-सीमा है? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित योजना से विधानसभा क्षेत्र सिवनी में वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक तक कितने ग्रामों में विद्युतीकरण का कार्य प्रारंभ किया गया तथा कितने ग्रामों में विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण कर लिया गया है? इसमें कितनी राशि व्यय की गई? कार्य एजेन्सी कौन है? तकनीकी प्रतिवेदन अनुसार क्या कार्य प्रस्तावित है? कितने समय में कार्य पूर्ण कर लिया जावेगा? धीमी गति से कार्य करने का क्या कारण है? (ग) प्रश्नांश (ख) में वर्णित कार्यों का किस-किस अधिकारी के द्वारा कब-कब, कहाँ-कहाँ निरीक्षण किया? (घ) उजाला योजना जो भारत सरकार द्वारा संचालित है म.प्र. में इसकी कार्य एजेन्सी कौन-कौन है? इस योजना के क्या नियम निर्देश हैं? योजना की पूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें। वर्तमान तक सिवनी जिले अंतर्गत कितने एल.ई.डी. बल्ब बांट दिये गये हैं और कितने बांटा जाना है? लक्ष्य बतायें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) सिवनी जिले में राजीव गाँधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना, 10वीं पंचवर्षीय योजना अवधि में दिनांक 02.01.2006 को स्वीकृत हुई थी। उक्त योजनान्तर्गत 23 अविद्युतीकृत ग्रामों के विद्युतीकरण, 1545 ग्रामों के सघन विद्युतीकरण एवं 61925 बी.पी.एल. हितग्राहियों को नि:शुल्क कनेक्शन दिये जाने के कार्य हेतु रू. 75.02 करोड़ की राशि स्वीकृत की गई थी। उक्त योजना के अंतर्गत विद्युतीकरण के समस्त कार्य पूर्ण कर परियोजना पूर्णता प्रतिवेदन आर.ई.सी. लिमिटेड को प्रेषित किया जा चुका है। अत: विद्युतीकरण पूर्ण किये जाने की समय-सीमा बताये जाने का प्रश्न नहीं उठता। सिवनी जिले हेतु दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना की स्वीकृति आर.ई.सी. लिमिटेड से जुलाई 2015 में प्राप्त हुई है। उक्त योजना में सिवनी जिले में 12 अविद्युतीकृत ग्रामों के विद्युतीकरण कार्य हेतु एवं 1 सांसद आदर्श ग्राम तथा 1563 विद्युतीकृत ग्रामों को सघन विद्युतीकरण के कार्य हेतु चयनित किया गया है। उक्त योजनान्तर्गत ग्राम विद्युतीकरण सहित फीडर विभक्तिकरण, पद्धति सुदृढ़ीकरण एवं मीटरीकरण के कार्यों हेतु स्वीकृत राशि रू. 93.04 करोड़ है। उक्त योजना का कार्य टर्न-की आधार पर कराए जाने हेतु निविदा प्रक्रियाधीन है। अत: वर्तमान में प्रश्नाधीन कार्य पूर्ण करने की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) राजीव गाँधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के अंतर्गत सिवनी विधानसभा क्षेत्र का कार्य प्रश्नाधीन अवधि से पूर्व ही पूर्ण हो गया था तथा प्रश्नाधीन अवधि में दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के अंतर्गत एक अविद्युतीकृत ग्राम डोंगरखेड़ी के विद्युतीकरण का कार्य पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा विभागीय स्तर पर प्रारंभ करके पूर्ण कर दिया गया है। इस ग्राम के विद्युतीकरण कार्य हेतु रू. 8.59 लाख की राशि व्यय की गई है। तकनीकी प्रतिवेदन अनुसार प्रस्तावित एवं पूर्ण किये गये उक्त कार्य का विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। उक्त कार्य पूर्ण कर दिया गया है, अत: कार्य पूर्ण करने की समय-सीमा दिये जाने या धीमी गति से करने का प्रश्न नहीं उठता। (ग) उत्तरांश (ख) में दर्शाए अनुसार प्रश्नाधीन अवधि में पूर्ण किये गये कार्य का निरीक्षण करने वाले अधिकारी, निरीक्षण की दिनांक एवं स्थान का विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (घ) उजाला योजना, विद्युत मंत्रालय भारत सरकार के संयुक्त उपक्रम एनर्जी इफीशियेंसी सर्विसेस लिमिटेड द्वारा संचालित है। नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार उनके अधीनस्थ म.प्र. ऊर्जा विकास निगम द्वारा प्रदेश में निगम के जिला कार्यालयों, अक्षय ऊर्जा शॉपस, सहकारी संस्थाओं की उचित मूल्य की दुकानों, विद्युत वितरण केन्द्रों, पोस्ट आफिस आदि के माध्यम से एल.ई.डी. बल्ब, एल.ई.डी. ट्यूबलाईट व ऊर्जा दक्ष पंखों का वितरण किया जा रहा है। उजाला योजना के नियम/ निर्देशों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है। अभी तक सिवनी जिले में 1,39,148 एल.ई.डी. बल्ब का वितरण किया गया है। जिलेवार लक्ष्य निर्धारित नहीं है।
पर्यटन स्थलों पर विकास कार्य
[पर्यटन]
52. ( क्र. 3974 ) श्री रामकिशन पटेल : क्या राज्यमंत्री, संस्कृति महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रायसेन जिले में कौन-कौन से स्थान पर्यटन स्थल घोषित हैं? (ख) पर्यटन विभाग द्वारा इन पर्यटन स्थलों के विकास हेतु क्या योजनाएँ बनाई गई हैं? (ग) विगत 5 वर्षों में पर्यटन विभाग को पर्यटन स्थलों के विकास हेतु कितनी राशि प्राप्त हुई है तथा कितनी राशि व्यय की गई है? विधान सभाक्षेत्रवार जानकारी दें। (घ) उदयपुरा विधान सभा क्षेत्र में विगत 5 वर्षों में पर्यटन विभाग द्वारा कौन-कौन से विकास कार्य कराए गए हैं? किये गए विकास कार्यों की व्यय राशि सहित पर्यटन स्थलवार जानकारी दें?
राज्यमंत्री, संस्कृति ( श्री सुरेन्द्र पटवा ) : (क) नवीन पर्यटन नीति 2016 के तहत किसी भी स्थल विशेष को पर्यटन स्थल घोषित करने का प्रावधान नहीं है। (ख) प्रश्नांश ''क'' के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार।
पालन पोषण देख-रेख योजना
[महिला एवं बाल विकास]
53. ( क्र. 4089 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) पालन पोषण देख-रेख योजना अंतर्गत निराश्रित, बेसहारा, परित्याग बच्चों के संबंध में प्रदेश शासन द्वारा वित्त वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक कितना व्यय जिलेवार वर्षवार किया गया? सूची देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित जबलपुर जिले में दी गई राशि का जनपदवार वर्षवार विवरण देवें एवं उक्त व्यय की गई राशि की मानिटरिंग नियमानुसार किसके द्वारा किये जाने की व्यवस्था है? क्या उपरोक्त प्रक्रिया का पालन करते हुये सक्षम अधिकारी द्वारा समय-समय पर मानिटरिंग की गई है? यदि हाँ, तो कब-कब की विवरण देवें? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित समय अवधि में जबलपुर जिला अंतर्गत पाटन एवं मझौली तहसीलों के अंतर्गत पोषण देख-रेख में कितने समूहों एवं व्यक्तियों को भुगतान किया गया? तहसीलवार व्यक्तियों की संख्या, राशि, समूह का नाम सहित विवरण देवें। (घ) प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित भुगतान का भौतिक सत्यापनकर्ता अधिकारी कौन रहे उनके पद विवरण सहित जानकारी उपलब्ध करावें?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-“1” अनुसार है। (ख) जबलपुर जिले में दी गई राशि का जनपदवार वर्षवार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-“2” अनुसार है। समेकित बाल संरक्षण योजना अंतर्गत पालन-पोषण देखरेख योजना की मानीटरिंग करने का दायित्व जिला बाल संरक्षण अधिकारी का है। जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-“3” अनुसार है (ग) पाटन एवं मझौली तहसील अंतर्गत पालन-पोषण देखरेख कार्यक्रम के तहत बालकों के संरक्षण हेतु प्रदायित राशि का व्यक्तिवार विवरण, संख्या पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-“4” अनुसार है। (घ) श्री अनिल पाण्डे विधि सह परिवीक्षा अधिकारी द्वारा भौतिक सत्यापन किया गया है।
आंगनवाड़ी केन्द्रों में कार्यरत रसोइयों का वेतन
[महिला एवं बाल विकास]
54. ( क्र. 4123 ) श्री नथनशाह कवरेती : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विधान सभा क्षेत्र जुन्नारदेव में कितने आंगनवाड़ी केंद्र संचालित किये जा रहे हैं तथा क्या इन केन्द्रों पर महिलाएं एवं पुरूष रसोइया के रूप में कार्यरत हैं? (ख) प्रश्नांश (क) प्रकाश में कार्यरत रसोइयों को शासन द्वारा प्रत्येक माह वेतन कितना निर्धारित किया गया है तथा कितना प्राप्त हो रहा है? (ग) क्या प्रत्येक माह का वेतन मात्र एक हजार रूपये निर्धारित है? यदि हाँ, तो क्या इसे बढ़ाये जाने हेतु शासन स्तर पर कोई प्रयास हो रहा है? यदि हाँ, तो कब तक वेतन वृद्धि कर दी जायेगी? नहीं तो क्यों?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) विधानसभा क्षेत्र जुन्नारदेव में कुल 600 आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित किये जा रहे है तथा इन केन्द्रों में संलग्न स्व सहायता समूह में महिला रसोइया कार्यरत हैं। पुरूष रसोइया नहीं है। (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में राज्य शासन के निर्देशानुसार आंगनवाड़ी केन्द्रों में पूरक पोषण आहार प्रदायकर्ता स्व सहायता समूह के कार्यरत रसोइयों को राशि रू.500/-प्रतिमाह की पारिश्रमिक राशि दिए जाने का प्रावधान है। प्रावधान अनुसार इन्हें पारिश्रमिक राशि रू.500/-दी जा रही है। आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। जी नहीं। शासन के निर्णय अनुसार कार्यवाही की जा रही है।
गोंड गोवारी गोडी लोहर गोंडी अहीर के जाति प्रमाण पत्र
[सामान्य प्रशासन]
55. ( क्र. 4132 ) श्री नथनशाह कवरेती : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश शासन, सामान्य प्रशासन विभाग मंत्रालय भोपाल का पत्र क्रमांक 7-7/2007/आ.प्र./ एक भोपाल दिनांक 17.06.2016 को समस्त कलेक्टर मध्यप्रदेश को गोंड गोवारी जाति के व्यक्तियों को जाति प्रमाण पत्र जारी करने हेतु दिशा-निर्देश दिये गये हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में जिला छिंदवाड़ा में निवासरत गोंड अहीर एवं गोड़ी लोहार, गोंड गोवारी समाज जिसे स्थानीय बोली में गुढेरा अहीर कहा जाता है जो अनु.ज.जा. की पात्रता रखते है जिस आधार पर छिंदवाड़ा की कुछ तहसीलों में स्थायी जाति प्रमाण पत्र बन चुके है यदि हाँ, तो अमरवाड़ा तहसील में अभी तक गोंड गोवारी अनु.ज.जाति का स्थायी जाति प्रमाण पत्र क्यों नहीं बनाया जा रहा है? (ग) जिला छिंदवाड़ा के अंतर्गत जिन व्यक्तियों के जाति प्रमाण पत्र बनाना छोड़ दिये गये हैं, कब तक बना दिये जायेंगे?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। (ख) गोंड गोवारी समुदाय के व्यक्तियों को विधिवत जाँच कर नियमानुसार जाति प्रमाण पत्र जारी किये जा रहे है। (ग) संबंधित व्यक्तियों के द्वारा आवेदन पत्र प्रस्तुत करने पर जाँच उपरांत नियमानुसार जाति प्रमाण पत्र जारी किये जा रहे हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मध्यप्रदेश सरकार पर कर्ज की स्थिति
[वित्त]
56. ( क्र. 4152 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 31 मार्च 2004 की स्थिति में प्रदेश पर कुल कितना कर्ज था? वित्तीय वर्ष 2016-17 की स्थिति में वर्तमान तक प्रदेश पर कितना कर्ज है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार वर्णित अवधि में प्रदेश पर कर्ज के बोझ का अंतर कितना है? (ग) राज्य के प्रति व्यक्ति पर वर्तमान में कितना औसत कर्ज है? (घ) क्या राज्य के खजाने की अधिकांश राशि सरकार के प्रचार-प्रसार पर व्यय किये जाने से लगातार कर्ज बढ़ता जा रहा है? यदि हाँ, तो क्या सरकारी प्रचार प्रसार पर नियंत्रण किया जायेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) 31 मार्च 2004 की स्थिति में प्रदेश पर कुल रूपये 34671.98 करोड़ का ऋण था। वित्तीय वर्ष 15-16 के दौरान 31 मार्च 2016 की स्थिति में रूपये 1,11,101.10 करोड़ का ऋण था। वर्ष 2016-17 के वित्त लेखे नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक से अप्राप्त होने के कारण वित्तीय वर्ष 2016-17 की जानकारी दिया जाना संभव नहीं है। (ख) प्रश्नांश ''क'' की अवधि अनुसार प्रदेश में कर्ज का अंतर रूपये 76429.12 करोड़ है। (ग) जनगणना के आंकड़े एक दशक में जारी होते है। वर्ष 2011 की जनगणना को दशकीय वृद्धि दर 20.30 प्रतिशत अनुसार प्रक्षेपित करने पर वर्ष 2016 की जनगणना 8.02 करोड़ होती है। राज्य पर 31 मार्च 2016 की स्थिति में कुल ऋण 1,11,101.10 करोड़ था, इस मान से प्रति व्यक्ति कर्ज रूपये 13853 है। (घ) जी नहीं, राज्य के खजाने से राशि विनियोग अधिनियम अधिसूचित होने के पश्चात् व्यय की जाती है।
प्रदेश सरकार को प्राप्त राजस्व
[वित्त]
57. ( क्र. 4153 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वित्तीय वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में मध्यप्रदेश सरकार को किन-किन मदों अथवा करों के माध्यम से कितनी आय/राजस्व प्राप्त हुआ? (ख) क्या वित्तीय वर्ष 2015-16 की तुलना में 2016-17 में सरकार की आय/राजस्व में गिरावट आई है? यदि हाँ, तो इसके क्या कारण रहे? (ग) क्या राजस्व में आई गिरावट के कारण 2016-17 में प्रदेश में विभिन्न विकास कार्यों व सरकार की अन्य गतिविधियों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) वर्ष 2015-16 में प्राप्त आय राजस्व का पत्रक वित्त लेखे 2015-16, खण्ड-2, विवरण क्रमांक 14 पर उपलब्ध है, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्टि अनुसार है वर्ष 2016-17 के वित्त लेखा भारत के नियंत्रक महालेखा परीक्षक से प्राप्त नहीं हुआ है इसलिए जानकारी दिया जाना संभव नहीं है। (ख) 2016-17 के वित्त लेखे भारत के नियंत्रक महालेखा परीक्षक से प्राप्त नहीं हुए है। अत: तुलना की जाना संभव नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश ''ख'' के उत्तर के प्रकाश में प्रश्नांश ''ग'' का उत्तर दिया जाना सम्भव नहीं है।
आंगनवाड़ी केन्द्र भवनों का निर्माण
[महिला एवं बाल विकास]
58. ( क्र. 4171 ) श्री अनिल जैन : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) टीकमगढ़ जिले में ऐसे कितने आंगनवाड़ी केन्द्र हैं, जो भवन के अभाव में किराये के भवनों में संचालित किये जा रहे हैं? विधानसभा क्षेत्रवार दी जावें। (ख) प्रश्नागत आंगनवाड़ी केन्द्रों के भवन निर्माण कराने के लिए शासन द्वारा क्या कोई विशेष योजना तैयार की गयी है? यदि हाँ, तो विवरण सहित बतावें। यदि नहीं, तो विशेष योजना कब तक तैयार की जा सकेगी? (ग) प्रश्नांश (क) के आंगनवाड़ी केन्द्र विधानसभा क्षेत्र निवाड़ी में कब तक निर्मित कराये जा सकेंगे?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) टीकमगढ़ जिले में कुल 1611 आंगनवाड़ी केन्द्र स्वीकृत होकर संचालित है। जिसमें से 1148 आंगनवाड़ी केन्द्र विभागीय भवनों में 314 आंगनवाड़ी केन्द्र किराये के भवनों में एवं 149 आंगनवाड़ी केन्द्र अन्य शासकीय भवनों में संचालित हो रहे है। विधानसभा क्षेत्रवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। (ख) भवनविहीन (किराये के भवनों में संचालित) आंगनवाड़ी केन्द्रों के लिये भवनों के निर्माण हेतु ग्रामीण क्षेत्रों में मनरेगा योजना के अभिसरण से आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण की स्वीकृतियां, जिले के प्रस्ताव एवं उपलब्ध आवंटन अनुरूप दी जा रही है तथा शहरी क्षेत्र में राज्य आयोजना मद से आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण की स्वीकृतियां जिले से प्राप्त प्रस्ताव एवं उपलब्ध आवंटन अनुरूप दी जाना विचाराधीन हैं। (ग) आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण की स्वीकृति वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर करता है। अतः समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है।
दैनिक वेतन भोगी श्रमिकों का नियमितीकरण
[सामान्य प्रशासन]
59. ( क्र. 4176 ) श्री अनिल जैन : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा प्रदेश में दिनांक 07.10.2016 को दैनिक वेतन भोगी श्रमिकों को स्थाईकर्मी की श्रेणी में विनियमित करने की कोई योजना शुरू की गई है? यदि हाँ, तो योजना लागू करने की तारीख बताई जावे? (ख) प्रश्नगत योजना अंतर्गत टीकमगढ़ जिले के कितने कर्मचारियों को लाभान्वित किया जा चुका है तथा कितने शेष रह गये हैं विभागवार जानकारी दी जावे? (ग) शेष कर्मचारी इस योजना से कब तक लाभान्वित हो सकेंगे विभागवार समय-सीमा बताई जावे?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। 01 सितम्बर, 2016. (ख) एवं (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
आंगनवाड़ी उन्नयन
[महिला एवं बाल विकास]
60. ( क्र. 4191 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) वर्ष 2015-16 में आंगनवाड़ी उन्नयन हेतु कितनी राशि किन-किन जिलों को प्रदान की गई? उज्जैन तथा इंदौर संभाग में जिलेवार प्रश्नाधीन राशि से किये गये कार्य, खरीदी गई सामग्री की जानकारी प्रदान करें? (ख) क्या रतलाम में आये 3 करोड़ रूपये के घोटाले को लेकर आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो ने प्रकरण दर्ज किया है? यदि हाँ, तो प्रकरण क्रमांक, दिनांक तथा आरोपियों के नाम तथा पद सहित सूची उपलब्ध करावें? (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित प्रकरण की विभागीय जाँच की अंतिम रिपोर्ट की प्रति उपलब्ध करावें तथा बतावे कि विभागीय जाँच में दोषी पाये जाने पर क्या कार्यवाही की गई? (घ) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित राशि में प्रदेश के किस-किस जिले में घोटाला पाया गया है? उसकी विस्तृत जानकारी दें तथा बतावें कि कितने जिलों में पुलिस/ ई.ओ.डब्लू. में प्रकरण दर्ज किया गया?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) वर्ष 2015-16 में आंगनवाड़ी उन्नयन हेतु जिलों को प्रदान की गई राशि की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' पर है। उज्जैन तथा इंदौर संभाग में जिलेवार राशि के उपयोग की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' पर है। (ख) रतलाम जिले में प्रश्नाधीन अवधि में राशि के घोटालो को लेकर आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो में कोई प्रकरण पंजीबद्ध नहीं हुआ हैं। अतः शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता हैं। (ग) प्रश्नांश 'ख' में उल्लेखित अवधि में रतलाम जिले में राशि के दुरूपयोग की कोई शिकायत नहीं होने से, विभागीय जाँच नहीं कराई गई हैं। अतः शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नांश 'क' में उल्लेखित अवधि में उपलब्ध कराई गई राशि से प्रदेश के किसी भी जिले में घोटाला नहीं पाया गया। अतः शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
अघोषित विद्युत कटौती
[ऊर्जा]
61. ( क्र. 4220 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा 24 घंटे बिजली प्रदाय की घोषणा किये जाने के बावजूद भी सीधी एवं सिंगरौली जिले में बिजली की अघोषित कटौती, घटिया क्वालिटी के तार केबल ट्रान्सफार्मर आदि उपकरण लगाये जाने के कारण उपकरणों के जल जाने से कटौती की जाती है? क्या इसकी जाँच कराई जाकर दोषी के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? (ख) सीधी एवं सिंगरौली जिला अतंर्गत सिहावल क्षेत्र के कितने गांव विद्युत से वंचित हैं? कितने परिवार हैं जिन्हें विद्युत कनेक्शन दिया जाना शेष है? कब तक उन्हें लाभान्वित किया जावेगा? शासन की किन-किन योजनाओं से वंचित ग्राम विद्युत से लाभान्वित होंगे? (ग) सीधी जिले में विधानसभावार कितने ट्रांसफार्मर जले हुए हैं और उन्हें बदला नहीं गया है? किस-किस गांव के ट्रांसफार्मर नहीं बदले गये हैं? क्या बिजली बिल नहीं जमा होने के कारण कई गरीब बस्तियों की बिजली बंद कर दी गई है? (घ) क्या शासन की गाईडलाईन के बावजूद ट्रांसफार्मर नहीं बदले जा रहे हैं? यदि हाँ, तो दोषी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई है? (ड.) क्या सीधी एवं सिंगरौली सिहावल विधानसभा जिले में डी.सी. अमिलिया बहरी देवसर बरगंवा में पोल गढ़े हैं किन्तु तार नहीं खिचे हैं, पोल टूटे हुए हैं, पुराने तारों की वजह से विद्युत संचार बंद है, डबल बिलिंग एवं विद्युत विहीन घरों में भी बिल आ रहा है? कब तक सुधार कर दिया जायेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के सीधी वृत्त के अंतर्गत सीधी एवं सिंगरौली जिलों में कतिपय अवसरों पर तकनीकी खराबी के कारण आए आकस्मिक व्यवधानों एवं आवश्यक सुधार कार्य किये जाने जैसी अपरिहार्य स्थितियों को छोड़कर निर्धारित शेड्यूल के अनुसार घरेलू फीडरों को 24 घण्टे एवं कृषि फीडरों को 10 घण्टे विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। कंडक्टर, केबल एवं ट्रांसफार्मरों की गुणवत्ता की जाँच एन.ए.बी.एल. प्रमाणित प्रयोगशाला में कराने के उपरांत ही उक्त सामग्री का उपयोग किया जाता है। यदि किन्हीं कारणों से विद्युत उपकरण के जल जाने या खराब होने से विद्युत प्रदाय प्रभावित होता है तो खराब/जले उपकरणों को तत्काल बदलने की कार्यवाही कर विद्युत प्रदाय चालू कर दिया जाता है। उक्त परिप्रेक्ष्य में किसी प्रकार की जाँच कराया जाना आवश्यक नहीं है। (ख) सीधी एवं सिंगरौली जिलों के अंतर्गत सिहावल क्षेत्र में कोई भी ग्राम अविद्युतीकृत नहीं है। उक्त क्षेत्र के सभी 355 ग्राम विद्युतीकृत हैं एवं क्षेत्र के सभी आवेदकों को नियमानुसार विद्युत कनेक्शन प्रदाय किए गए हैं। आवेदक से आवेदन प्राप्त होना एवं विद्युत कनेक्शन प्रदाय किया जाना एक सतत् प्रक्रिया है तथापि आवेदकों से आवेदन प्राप्त होने पर निर्धारित प्रक्रियानुसार तत्काल कार्यवाही कर निर्धारित समय-सीमा में विद्युत कनेक्शन जारी कर दिया जाता है। प्रश्नाधीन क्षेत्र में दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के अंतर्गत वि़द्युतीकृत ग्रामों के सघन विद्युतीकरण के कार्य किये जायेंगे। (ग) सीधी जिले में माह जनवरी-17 की स्थिति में 33 ग्रामों के 36 फेल/खराब वितरण ट्रांसफार्मरों को संबद्ध उपभोक्ताओं द्वारा नियमानुसार विद्युत बिल की बकाया राशि जमा नहीं करने के कारण बदला नहीं जा सका है। उक्त बदलने हेतु शेष जले/खराब ट्रांसफार्मरों की विधानसभावार एवं ग्रामवार सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। वर्तमान में नियमानुसार जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मर से संबद्ध 75 प्रतिशत् उपभोक्ताओं द्वारा विद्युत बिल का भुगतान करने अथवा बकाया राशि का 40 प्रतिशत जमा होने पर इन जले/खराब ट्रांसफार्मरों को बदला जाता है। (घ) उत्तरांश (ग) में उल्लेखानुसार वर्तमान में लागू नियमों के अनुरूप बकाया राशि का भुगतान प्राप्त होने पर जले/ खराब ट्रांसफार्मर बदले जा रहे हैं। उक्त के परिप्रेक्ष्य में किसी के दोषी होने तथा किसी के विरूद्ध कार्यवाही किये जाने का प्रश्न नहीं उठता। (ड.) सीधी एवं सिंगरौली विधानसभा क्षेत्रांतर्गत प्रश्नांश में उल्लेखित ग्रामों में कोई भी अपूर्ण कार्य पूर्ण किये जाने हेतु लम्बित नहीं है। कतिपय अवसरों पर आई प्राकृतिक आपदा के कारण क्षतिग्रस्त हुई विद्युत लाईन/टूटे हुए पोलों को बदलकर उनके स्थान पर नए पोल गाड़कर उनमें तार खींचने का कार्य तत्काल कराया जाता है एवं विद्युत आपूर्ति की सुचारू रूप से चालू कर दी जाती है। पुराने तारों की वजह से विद्युत प्रदाय बंद होने की स्थिति नहीं है, विद्युत प्रदाय सुचारू रूप से किया जा रहा है। वितरण कंपनी द्वारा प्रति वर्ष वर्षा पूर्व एवं वर्षा के पश्चात् रख-रखाव के कार्य कराए जाते हैं तथा आवश्यकतानुसार पुराने तारों को बदला जाता है। डबल बिलिंग एवं विद्युत विहिन घरों में भी बिल दिये जाने की कोई शिकायतें प्राप्त नहीं हुई हैं, कोई प्रकरण विशेष संज्ञान में आने पर तत्काल आवश्यक कार्यवाही की जावेगी।
मातृ एवं शिशु मृत्यु दर
[महिला एवं बाल विकास]
62. ( क्र. 4253 ) श्री रामसिंह यादव : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मध्यप्रदेश में मातृ एवं शिशु मृत्यु दर क्या है? भारत सरकार द्वारा जारी आंकड़ों में मध्यप्रदेश कौन से स्थान पर है? मातृ एवं शिशु मृत्यु दर नियंत्रित करने के लिए विभाग की क्या योजना है? (ख) मध्यप्रदेश में कुपोषण से वर्ष 2016 में कहाँ-कहाँ पर मृत्यु हुई? संख्यावार जानकारी जिलेवार बतावें। कुपोषण रोकने हेतु शासन की क्या योजना है? (ग) मध्यप्रदेश में पूरक पोषण आहार उपलब्ध कराने की वर्तमान व्यवस्था क्या है? यह पूरक पोषण आहार निर्माता से वितरण केन्द्रों तक किस-किस माध्यम से कितने समय में पहुँचता है? पूरक पोषण आहार की किस-किस की एक्सपायरी समय-सीमा कितनी रहती है? (घ) क्या पूरक पोषण आहार प्रदेश स्तर से क्रय किए जाने के संबंध में कोई शिकायतें या सुझाव वर्ष 2016 में प्राप्त हुए थे? यदि हाँ, तो विभाग द्वारा उन पर क्या कार्यवाही कब की गई एवं वर्तमान में पूरक पोषण आहार की पारदर्शितापूर्ण प्रणाली क्या है?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) स्वास्थ्य विभाग से प्राप्त जानकारी अनुसार मध्यप्रदेश में मातृ मृत्युदर 221 प्रति लाख जीवित जन्म एवं शिशु मृत्युदर 50 प्रति हजार जीवित जन्म है। प्रदेश मातृ मृत्युदर में 12वें स्थान पर एवं शिशु मृत्युदर में अंतिम स्थान पर है। मातृ मृत्युदर एवं शिशु मृत्युदर नियंत्रित करने हेतु स्वास्थ्य विभाग की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-01 पर है। (ख) स्वास्थ्य विभाग से प्राप्त जानकारी अनुसार प्रदेश में कुपोषण से वर्ष 2016 में मृत्यु की जिलों से प्रतिवेदित जानकारी निरंक है। शेष का प्रश्न नहीं। स्वास्थ्य विभाग द्वारा कुपोषण की रोकथाम हेतु किये जा रहे प्रयासों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-02 पर है। बच्चों के पोषण स्तर में सुधार हेतु आई.सी.डी.एस. योजना का क्रियान्वयन, अटल बिहारी बाल आरोग्य एवं पोषण मिशन का क्रियान्वयन किया जा रहा है। इनके अंतर्गत अतिकम वजन वाले बच्चों को थर्डमील का प्रदाय, चिन्हित ग्रामों में स्नेह शिविरों का आयोजन किया जाता है। अतिकम वजन वाले बच्चों में से चिन्हित बच्चों को स्वास्थ्य विभाग द्वारा संचालित पोषण पुनर्वास केन्द्रों में संदर्भित किया जाता है। अतिकम वजन वाले बच्चों के पोषण की देखभाल जनसमुदाय, जनप्रतिनिधियों एवं प्रबुद्ध नागरिकों द्वारा जिम्मेदारी लिये जाने हेतु स्नेह सरोकार कार्यक्रम का क्रियान्वयन किया जा रहा है। विभाग द्वारा कुपोषित बच्चों की वर्तमान में संख्या का आंकलन करने हेतु विशेष वजन अभियान का आयोजन 01 नवम्बर 2016 से 28 फरवरी 2017 तक किया गया। इस अभियान में सभी आंगनवाड़ी केन्द्रों पर पर्यवेक्षकों द्वारा बच्चों का वजन लेकर उनके पोषण स्तर का निर्धारण किया गया। इस अभियान में चिन्ह्ति कम वज़न एवं अतिकम वज़न के बच्चों के पोषण स्तर में सतत् सुधार तथा फॉलोअप हेतु विशेष पोषण अभियान का प्रारंभ किया जा रहा है। (ग) राज्य शासन के निर्देशानुसार वर्तमान में 06 माह से 03 वर्ष तक के बच्चों, गर्भवती धात्री माताओं एवं किशोरी बालिकाओं को टेकहोम राशन के रूप में पूरक पोषण आहार की व्यवस्था एम.पी.एग्रो के माध्यम से तथा 03 वर्ष से 06 वर्ष तक के बच्चों को पूरक पोषण आहार की व्यवस्था ग्रामीण क्षेत्रों में सांझा चूल्हा कार्यक्रम तहत् मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम अंतर्गत कार्यरत स्व सहायता समूहों के माध्यम से तथा शहरी क्षेत्रों में स्व सहायता समूह एवं महिला मण्डल के माध्यम से जिला स्तर से संचालित की जाती हैं। एम.पी.एग्रो द्वारा टेकहोम राशन का उत्पादन संयंत्र से परियोजना कार्यालय तक परिवहनकर्ता के माध्यम से सामान्यतः 03 दिवस में प्रदाय किया जाता है। परियोजना अधिकारी द्वारा परियोजना गोदाम से प्रत्येक आंगनवाड़ी केन्द्र तक टेकहोम राशन का प्रदाय आवश्यकतानुसार प्रतिमाह स्थानीय परिवहनकर्ता के माध्यम से एक दिवस में किया जाता है। टेकहोम राशन की एक्सपायरी समय-सीमा उत्पादन तिथि से 03 माह तक की रहती है। साझा चूल्हा कार्यक्रम अंतर्गत स्थानीय स्तर पर निर्माता समूहों द्वारा प्रतिदिन गर्म ताजा पका खाना तैयार कर आंगनवाड़ी केन्द्रों पर पहुंचाते है। साझा चूल्हा एवं अन्य समूहों से निर्मित ताजा गर्म खाने को उसी दिन उपयोग करना आवश्यक होता है। (घ) जी हाँ। विभिन्न संस्थाओं से सुझाव प्राप्त हुए थे। राज्य शासन द्वारा सुझाव पर विचार किया गया। वर्तमान में पूरक पोषण आहार की पारदर्शिता को दृष्टिगत रखते हुये राज्य शासन द्वारा भारत सरकार महिला बाल विकास एवं माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशानुसार प्रदेश में पूरक पोषण आहार की व्यवस्था लागू की गई है। राज्य शासन द्वारा पोषण आहार की गुणवत्ता एवं हितग्राहियों को पोषण आहार की प्राप्ति की सुनिश्चिता हेतु पोषण आहार कार्यक्रम को लोक सेवा गारन्टी अधिनियम के अंतर्गत शामिल किया गया है।
पेट्रोल-डीजल, रसोई गैस एवं कृषि उपकरणों पर लगने वाले कर की दर
[वाणिज्यिक कर]
63. ( क्र. 4254 ) श्री रामसिंह यादव : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश में पेट्रोल-डीजल, केरोसिन, रसोई गैस एवं कृषि उपकरणों पर कोई कर/शुल्क वर्तमान में लिया जा रहा है? यदि हाँ, तो किस-किस पर कितना-कितना प्रति लीटर एवं प्रति नग, कर/शुल्क लिया जा रहा है? (ख) क्या पेट्रोल-डीजल, केरोसिन, रसोई गैस एवं कृषि उपकरणों पर देश के सभी राज्यों से ज्यादा कर/शुल्क (टैक्स/ड्यूटी) लिया जाता है? यदि हाँ, तो अन्य राज्यों से ज्यादा क्यों? यदि नहीं, तो किन-किन राज्यों से ज्यादा लिया जा रहा है? (ग) क्या शासन प्रदेश की जनता को महंगाई से निजात दिलाने के लिये पेट्रोल-डीजल, केरोसिन, रसोई गैस एवं कृषि उपकरणों पर लगने वाले बहुत अधिक कर/शुल्क को न्यूनतम कर राहत प्रदान करेगा? यदि हाँ, तो कब से एवं कितनी?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जी हाँ। पेट्रोल, डीजल, केरोसिन, रसोई गैस पर कर का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। मध्यप्रदेश वेट अधिनियम, 2002 की अनुसूची-1 की प्रविष्टि क्रमांक-एक-1 (अ), 1 (ख) में उल्लेखित कृषि हेतु उपयोग किये जाने वाले कृषि उपकरण कर मुक्त हैं जो पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार हैं। जो कृषि उपकरण अनुसूची-1 में सम्मिलित नहीं हैं, उनके विक्रय मूल्य पर 5 प्रतिशत वेट एवं क्रय मूल्य पर 01 प्रतिशत प्रवेशकर देय हैं। (ख) अन्य राज्यों की जानकारी संधारित नहीं की जाती। प्रदेश हित में राजस्व संग्रहण की दृष्टि से राज्य शासन द्वारा कर की दरें निर्धारित की जाती हैं। (ग) प्रदेश हित में राजस्व संग्रहण की दृष्टि से राज्य शासन द्वारा कर की दरें निर्धारित की जाती है।
म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी लि. आगर के ठेके के संबंध में
[ऊर्जा]
64. ( क्र. 4279 ) श्री गोपाल परमार : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी लि. आगर जिले को ठेके पर दिया गया है यदि हाँ, तो किस कंपनी एवं ठेकेदार को दिया गया है? ठेके की पूर्ण नियम शर्तें बतावें? (ख) क्या शासन द्वारा दिए गए ठेका कंपनी को कर्मचारियों की नियुक्ति के संबंध में दिशा-निर्देश जारी किये गए हैं? यदि हाँ, तो ठेकेदार द्वारा किन-किन अधिकारी कर्मचारियों को नियुक्ति दी गई है व कब से विस्तृत सूची देवें? (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुसार नियुक्त अधिकारी/कर्मचारियों के लिए योग्यता शासन द्वारा निर्धारित की गई यदि हाँ, तो किस पद के लिए क्या-क्या योग्यता निर्धारित की गई है? ठेकेदार द्वारा वर्तमान में नियुक्त किये गए कर्मचारियों की क्या-क्या योग्यता के आधार पर नियुक्ति दी गई है? (घ) क्या ऐसे कोई कर्मचारी हैं जो शासन के नियम मापदंड के विपरीत रखे गए हैं? यदि हाँ, तो शासन ठेकेदार के विरुद्ध क्या कार्यवाही करेगा? ठेकेदार द्वारा नियुक्त कर्मचारियों को वेतन भुगतान शेष है? यदि हाँ, तो कर्मचारियों को कितना वेतन भुगतान करना शेष हैं? कब तक भुगतान करेंगे यदि नहीं, तो बतावें?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड इन्दौर द्वारा आगर जिले की विद्युत व्यवस्था को ठेके पर नहीं दिया गया है। अत: प्रश्न नहीं उठता। (ख) से (घ) उत्तरांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता।
व्यावसायिक प्रतिष्ठानों का विद्युतीकरण
[ऊर्जा]
65. ( क्र. 4376 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र.शासन विद्युत वितरण पूर्व क्षेत्र कम्पनी के बहुमंजिला निजी कालोनी/व्यवसायिक प्रतिष्ठानों के विद्युतीकरण हेतु क्या नियम है? नियम की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) मुख्य अभियंता (री.क्षे.) रीवा द्वारा वर्ष 2012 से 2016 तक वर्षवार कितने बहु मंजिला भवन/निजी कालोनी/व्यवसायिक प्रतिष्ठानों के विद्युतीकरण हेतु प्राक्कलन अनुमोदित कर स्वीकृत किया है वर्षवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) क्या सतना जिले में नागौद रोड पर पेपटेक सिटी के सामने नव निर्मित बहुमंजिला भवन एवं निजी कालोनी में शासन कम्पनी के नियमों की अनदेखी कर कालोनाइजर को कालोनी के विद्युतीकरण में आर्थिक लाभ पहुंचाया गया है? यदि हाँ, तो दोषी अधिकारी का नाम, पद एवं की गई कार्यवाही का विवरण दें?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी सहित संपूर्ण प्रदेश में बहु-उपभोक्ता संकुल सहित वाणिज्यिक संकुलों एवं आवासीय कालोनियों को निम्नदाब पर विद्युत प्रदाय दिये जाने का म.प्र. विद्युत प्रदाय संहिता 2013 की क्रमश: कंडिका 4.23 से 4.29 एवं कंडिका क्रमांक 4.30 से 4.32 अनुसार प्रावधान है। उक्त नियमों/प्रावधानों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। (ख) मुख्य अभियंता (रीवा क्षेत्र), रीवा द्वारा 1.1.12 से 31.12.16 तक स्वीकृत किये गये बहुमंजिला भवन/निजी कालोनी/व्यावसायिक प्रतिष्ठानों के विद्युतीकरण के प्राक्कलनों की वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) सतना जिले में नागौद रोड पर पेपटेक सिटी के सामने निजी कालोनी श्री सांई लोटस हेतु प्राक्कलन क्र. 45-000-401801-16-0285 दिनांक 30.09.15 राशि रू. 1,50,60,967 की मुख्य अभियंता रीवा द्वारा स्वीकृति प्रदान की गई थी। म.प्र.विद्युत प्रदाय संहिता 2013 के प्रावधानों के अनुरूप उक्त निजी कालोनी का विद्युतीकरण कार्य नियमानुसार स्वीकृत कर सम्पादित किया गया है। अत: किसी के दोषी होने का प्रश्न नहीं उठता।
फर्जी जाति प्रमाण-पत्रों की जाँच
[सामान्य प्रशासन]
66. ( क्र. 4382 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शहडोल जिले के किन-किन विभागों में फर्जी जाति प्रमाण-पत्र संलग्न कर नौकरी प्राप्त की है, जिसकी शिकायतें विभाग को वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक प्राप्त हुई है? शिकायतवार कार्यवाहीवार विवरण दें? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में दिनांक 08.02.2017 को मुख्य सचिव म.प्र. शासन को श्री चन्द्रशेखर अग्निहोत्री (राजगुरू) कटनी द्वारा शिकायत की है? शिकायत के साथ मूल शिकायत नरेन्द्र सिंह गहरवार बुढ़ार जिला शहडोल द्वारा की गई, शिकायतों को संलग्न किया गया है? (ग) प्रश्नांश (ख) की शिकायतों की जाँच क्या शिकायतकर्ता को सुना जाकर कब तक की जावेगी, बताएं? विधान सभा प्रश्न संख्या 76 (क्रमांक 1643), दिनांक 21.07.2016 के प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में कलेक्टर रायसेन एवं आयुक्त आदिवासी विकास को लिखे पत्र दिनांक 10.05.2016 पर क्या उत्तर दिया गया है? उक्त उत्तरों की प्रति उपलब्ध करावें तथा दिनांक 10.05.2016 के पत्र की भी प्रति दें? (घ) ध्यानाकर्षण सूचना क्रमांक 87, दिनांक 05.03.2016 के उत्तर के अनुसार सुरेशचंद्र वर्मा अधीक्षण यंत्री का प्रकरण छानबीन समिति को दिया गया था? उस पर क्या आगे की कार्यवाही की गई?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
सुमावली विधान सभा के ग्राम सावदा में विद्युतीकरण
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
67. ( क्र. 4399 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सुमावली विधान सभा क्षेत्र मुरैना में नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा हेतु किन-किन मजरे, टोला, गांवों को चयनित किया है? गांवों के नाम सहित पूर्ण जानकारी दी जावे? (ख) क्या मजरा-सावदा पंचायत-गुढ़ा चम्बल तह.जौरा मुरैना में किसी प्रकार के विद्युतीकरण का कार्य नहीं किया है, क्यों? जनवरी 2017 की जानकारी दी जावे। (ग) क्या शासन जौरा तहसील के ग्राम जिनके पंचायत भवनों सामुदायिक भवन, आंगनवाड़ी, विद्युत कनेक्शनविहीन हैं उन पर सौर ऊर्जा की प्लेट देने का कार्य किया जावेगा? (घ) सुमावली विधान सभा के ग्राम कुल्हाड़ा, मऊखेड़ा में नवीन ऊर्जा एवं नवीनीकरण ऊर्जा से कब तक कार्य करा दिया जावेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
आनंद उत्सव
[आनन्द]
68. ( क्र. 4431 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत एक वर्ष में शासन द्वारा भोपाल संभाग में जिला, ब्लॉक और ग्राम स्तर पर आनंद उत्सव के तहत कौन-कौन से आयोजन किए गए? जिला, ब्लॉकवार ब्यौरा दें। (ख) क्या शासन द्वारा आनंद उत्सवों के लिए राशि आवंटित की गई थी? यदि हाँ, तो भोपाल संभाग में आवंटित राशि का जिलावार, ब्लॉकवार ब्यौरा दें। (ग) क्या शासकीय स्कूलों के वार्षिक उत्सवों की राशि का आनन्द उत्सव में उपयोग हुआ हैं? (घ) क्या आनंद उत्सवों के परिणाम सकारात्मक रहे? यदि हाँ, तो क्या परिणाम सामने आए? (ड.) क्या स्कूलों में वार्षिक उत्सवों को बंद कर आनंद उत्सव आयोजित करने की योजना है? यदि हाँ, तो ब्यौरा दें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) प्रश्नाधीन अवधि में दिनांक 14 से 21 जनवरी, 2017 में आनंद उत्सव के अंतर्गत लोकसंगीत, नृत्य, गायन, भजन-कीर्तन, नाटक आदि तथा खेलकूद की गतिविधियों का आयोजन किया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 पर है। (ख) जी हाँ। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग अंतर्गत पंचायत राज संचालनालय द्वारा राशि आवंटित की गई है। राशि के आवंटन की जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-2 पर है। (ग) जी नहीं। (घ) जी हाँ। ग्रामीण जनता द्वारा आयोजनों में बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया गया। (ङ) जी नहीं। शेष प्रश्न लागू नहीं।
राजीव गांधी फीडर सेपरेशन योजना।
[ऊर्जा]
69. ( क्र. 4432 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के तहत सीहोर जिले के सभी गांवों में कार्य पूर्ण कर लिया गया हैं यदि नहीं, तो किन-किन गांवों में कार्य अपूर्ण है? ब्लॉकवार अपूर्ण कार्यों का ब्यौरा दें? (ख) क्या प्रश्नांश (क) अनुसार ग्रामों के तहत आने वाले अविद्युतीकृत मजरें/टोलों का विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण कर लिया गया है? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) योजना के तहत गांवों में विद्युतीकरण के लिए रोड मैप बनाने में क्या बिन्दु रखे गए थे? ब्यौरा दें। गांवों में नवीन विकसित कॉलोनी और मोहल्लों में उक्त योजना का लाभ दिया जा रहा है? यदि नहीं, तो क्यों? इन मोहल्लों में रहने वालों को विद्युत उपलब्ध कराने की क्या योजना है? (घ) प्रश्नांश (क) की इन नव विकसित कॉलोनी और मोहल्लों में शासन की मंशानुरूप 24 घंटे बिजली कब तक उपलब्ध करा दी जाएगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी नहीं, सीहोर जिले के अंतर्गत 11वीं पंचवर्षीय योजना में स्वीकृत राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना में कुल 334 ग्रामों के सघन विद्युतीकरण का कार्य सम्मिलित है, जिनमें से 139 ग्रामों के सघन विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण कर लिया गया है तथा शेष 195 ग्रामों के सघन विद्युतीकरण का कार्य अपूर्ण है, जिसकी विकासखंडवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं, 11वीं पंचवर्षीय योजना में स्वीकृत राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के दिशा निर्देशों/प्रावधानों के अनुसार 100 अथवा 100 से अधिक आबादी वाले अविद्युतीकृत मजरों/टोलों के कार्य को ही योजना में सम्मिलित किया गया है। अत: कार्य पूर्ण ग्रामों में सभी मजरों/टोलों के कार्य नहीं किये गये हैं। (ग) 11वीं पंचवर्षीय योजना में स्वीकृत राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के तहत विद्युतीकरण के लिए निम्नलिखित बिन्दुओं को रोड मेप बनाने/योजनांतर्गत विद्युतीकरण का कार्य करने हेतु सम्मिलित किया गया है:- 1. अविद्युतीकृत ग्राम का विद्युतीकरण करना। 2. योजना में सम्मिलित ग्रामों के 100 अथवा 100 से अधिक जनसंख्या वाले अविद्युतीकृत मजरों/टोलों के विद्युतीकरण सहित ग्राम का सघन विद्युतीकरण करना। 3. ग्रामों एवं टोलों/मजरों के बी.पी.एल. श्रेणी के हितग्राहियों को नि:शुल्क कनेक्शन प्रदान करना। सीहोर जिले हेतु प्रश्नाधीन 11वीं पंचवर्षीय योजना में स्वीकृत राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना में उत्तरांश 'क' अनुसार सम्मिलित ग्रामों के सघन विद्युतीकरण के कार्यों में योजना के प्रावधानों के अनुसार ग्रामों के मोहल्लों/बस्तियों/मजरों/टोलों को लाभान्वित किया जा रहा है। (घ) उत्तरांश 'क' में वर्णित ग्रामों के सघन विद्युतीकरण के अपूर्ण कार्यों में योजना के प्रावधानों के अनुसार 100 एवं 100 से अधिक आबादी वाले मजरों/टोलों/मोहल्लों/बस्तियों के विद्युतीकरण का शेष कार्य निविदा की शर्तों के अनुसार टर्न-की ठेकेदार द्वारा माह फरवरी 2018 तक किया जाना प्रस्तावित है। राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के अंतर्गत केवल ग्रामीण क्षेत्रों में ही विद्युतीकरण का कार्य किया जाना है।
बेलखेड़ी माइनर का निर्माण
[नर्मदा घाटी विकास]
70. ( क्र. 4474 ) श्रीमती प्रतिभा सिंह : क्या राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रानी अवन्ती बाई सागर बांयी तट नहर की बेलखेड़ी माइनर के निर्माण हेतु जारी की गयी निविदाओं में से कितनी निविदाएं स्वीकृत हो चुकी है? कितनी निविदाएँ अब तक स्वीकृत नहीं हुयी? (ख) स्वीकृत एवं लम्बित निविदाओं की कार्यवार राशिवार ठेकेदारों के नाम सहित जानकारी दें। उपरोक्त बेलखेड़ी माइनर के निर्माण कार्य कब तक प्रारम्भ होंगे?
राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास ( श्री लालसिंह आर्य ) : (क) बेलखेड़ी माईनर के निर्माण हेतु चार निविदायें स्वीकृत हो चुकी हैं। स्वीकृति हेतु कोई भी निविदा लंबित नहीं हैं। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। निर्माण कार्य माह नवम्बर 2016 से प्रारंभ हो चुका है।
बांयी तट मुख्य नहर से माइनर नहर बनाना
[नर्मदा घाटी विकास]
71. ( क्र. 4475 ) श्रीमती प्रतिभा सिंह : क्या राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रानी अवंती बाई सागर बांध की तलहटी में बसे बरगी विधान सभा क्षेत्र के अनेक गांव असिंचित हैं। क्या असिंचित ग्राम पारा, चौरई खमरिया, पारा रीवा, नया गांव, सिलुआ, बम्हनी, रमनपुर, कालादेही, खापा, हुल्की तक बायी तट नहर का पानी पहुंचाने शासन मुख्य नहर से माइनर नहर निर्माण का सर्वेक्षण कराकर स्वीकृति प्रदान करेगा? (ख) यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास ( श्री लालसिंह आर्य ) : (क) जी हाँ। जी नहीं। (ख) प्रश्नाधीन क्षेत्र नहर के तल से लगभग 32 मीटर ऊंचाई पर होने के कारण नहर निर्माण किया जाना साध्य नहीं होने के कारण।
फीडर सेपरेशन के कार्य
[ऊर्जा]
72. ( क्र. 4499 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्वालियर जिले की विधानसभा क्षेत्र भितरवार अन्तर्गत विगत तीन वर्षों से प्रश्न दिनांक तक फीडर सेपरेशन कार्य किया जा रहा है, परंतु अभी तक कार्य पूर्ण नहीं हुआ है? कार्य अपूर्ण होने की स्थिति में वर्तमान में किस-किस फीडर पर औसतन कितने घण्टे विद्युत प्रदाय किया जा रहा है? फीडरवार जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार फीडर सेपरेशन का कार्य अपूर्ण होने की दशा में रबी के सीजन में किसानों को कृषि कार्य हेतु मोटर पम्प चलाने हेतु 10 घण्टे एवं घरेलू उपभोक्ताओं को 24 घण्टे विद्युत नहीं मिलने के लिये कौन-कौन दोषी हैं? यदि दोषियों पर कार्यवाही नहीं की जावेगी तो क्यों नहीं? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार क्या शासन आज पर्यन्त तक ग्रामीण क्षेत्र में फीडर सेपरेशन का कार्य अपूर्ण रहने की स्थिति में दोषी अधिकारियों/ठेकेदारों के विरूद्ध कार्यवाही करेगा? फीडर सेपरेशन का कार्य ठेकेदार द्वारा समयावधि में पूर्ण नहीं करने पर किन-किन ठेकेदारों के आर्डर निरस्त किये जाकर कितनी-कितनी जमा राशि राजसात की गई? क्या ठेकेदारों को शासन ने ब्लैक लिस्टेड किया है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ, ग्वालियर जिले के भितरवार विधानसभा क्षेत्रांतर्गत फीडर विभक्तिकरण का कार्य किया जा रहा है। पूर्व में ठेकेदार एजेन्सी मेसर्स ज्योति स्ट्रक्चर्स लिमिटेड, मुंबई को उक्त कार्य हेतु दिनांक 9-8-2011 को अवार्ड जारी किया गया था किन्तु ठेकेदार एजेंसी द्वारा कार्य में विलंब किये जाने के कारण उसे जारी अवार्ड दिनांक 15.04.15 को निरस्त कर, शेष कार्य हेतु ठेकेदार एजेंसी मेसर्स बजाज इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड को दिनांक 01.08.2016 को अवार्ड जारी किया गया है। वर्तमान में उक्त ठेकेदार एजेंसी द्वारा प्रश्नाधीन क्षेत्र में फीडर विभक्तिकरण का कार्य किया जा रहा है। भितरवार विधानसभा क्षेत्रांतर्गत 11 के.व्ही. के फीडरों पर की जा रही औसतन विद्युत आपूर्ति का फीडरवार विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) एवं (ग) उत्तरांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्नाधीन क्षेत्र में फीडर विभक्तिकरण का कार्य अपूर्ण होने पर भी तकनीकी खराबी/प्राकृतिक आपदा एवं संधारण कार्य किये जाने हेतु आवश्यक होने जैसे अपरिहार्य कारणों को छोड़कर रबी सीजन में मिश्रित फीडरों से भी कृषि एवं गैर कृषि उपभोक्ताओं के लिए क्रमश: 10 घंटे एवं 24 घंटे विद्युत प्रदाय की व्यवस्था की गई है। उत्तरांश (क) में दर्शाए अनुसार ठेकेदार एजेंसी मेसर्स ज्योति स्ट्रक्चर्स लिमिटेड, मुंबई द्वारा धीमी गति से कार्य किये जाने के कारण विलंब हुआ है, जिसके लिये मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी का कोई अधिकारी दोषी नहीं है। कार्य में विलंब के लिये अनुबंध की शर्तों के अनुसार ठेकेदार एजेन्सी मेसर्स ज्योति स्ट्रक्चर्स लिमिटेड, मुंबई के देयकों से लिक्विडेटेड डैमेज के रूप में पेनाल्टी स्वरूप रू. 72.45 लाख की राशि काटी गई है एवं अवार्ड निरस्त कर बैंक गारण्टी की राशि रू. 665.90 लाख जब्त कर ली गई है। साथ ही ठेकेदार एजेन्सी मेसर्स ज्योति स्ट्रक्चर्स लिमिटेड, मुंबई को टर्मिनेशन आदेश की दिनांक 15.04.2015 से आगामी 3 वर्ष के लिये ब्लैक लिस्ट कर दिया गया है।
नवीन एवं नवीनीकरण ऊर्जा प्लांट
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
73. ( क्र. 4510 ) श्री मधु भगत : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक बालाघाट जिले में विशेषकर परसवाड़ा विधान सभा क्षेत्र में नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा उत्पादन हेतु कितने एवं कौन-कौन से प्लांट स्वीकृत हुए? (ख) स्वीकृत ऊर्जा प्लांट किस कंपनी के हैं? उनकी लागत राशि एवं विद्युत उत्पादन क्षमता का ब्यौरा क्या है? कितने प्लांट प्रारंभ होने की स्थिति में हैं तथा उपरोक्त अवधि में कितने प्लांट प्रारंभ हो गए? (ग) उक्त ऊर्जा प्लांट स्थापना में शासन द्वारा दी गई भूमि नियम व शर्तों तथा प्लांट प्रारंभ करने हेतु निर्धारित शर्तों व अनुबंधों का ब्यौरा क्या हैं?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) बालाघाट जिले में नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा हेतु स्वीकृत परियोजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) स्वीकृत कम्पनियाँ, परियोजना की लागत राशि एवं विद्युत उत्पादन क्षमता की जानकारी उत्तरांश- (क) के प्रपत्र-अ अनुसार है। प्रपत्र-अ में उल्लेखित प्लांट प्रारंभ नहीं हुये है। प्रपत्र-अ के स.क्र.-2 पर परियोजना के विकास हेतु अनुमोदन दिया जा चुका है व शेष विकासकों द्वारा परियोजना का विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन (डी.पी.आर.) प्रस्तुत नहीं किया गया है। (ग) उक्त ऊर्जा प्लांट की स्थापना म.प्र. शासन की लघु जल विद्युत आधारित विद्युत परियोजना क्रियान्वयन नीति-2011 के प्रावधानों के अन्तर्गत की जा रही है। राजस्व भूमि उपयोग की अनुमति, निर्धारित भूमि उपयोग अनुज्ञा अनुबंध के अन्तर्गत दी जाती है। नीति-2011 एवं भूमि उपयोग अनुज्ञा अनुबंध की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' एवं 'स' अनुसार है।
विदयुतीकरण कार्य
[ऊर्जा]
74. ( क्र. 4511 ) श्री मधु भगत : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बालाघाट जिले की परसवाड़ा विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना तथा दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजनान्तर्गत गांव में विद्युतीकरण का कार्य किया जा रहा है? (ख) यदि हाँ, तो कब से किया जा रहा है और विगत तीन वर्षों में कौन-कौन सी योजना में किन-किन गांवों का विद्युतीकरण कार्य किया गया हैं? कौन-कौन से गांव शेष हैं वर्षवार बतावें। (ग) प्रश्नांश (ख) अवधि में विद्युतीकरण हेतु किन-किन ठेकेदारों के बिलों का कितना-कितना भुगतान किया गया?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ, बालाघाट जिले की परसवाड़ा विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत 11वीं एवं 12वीं पंचवर्षीय योजना में स्वीकृत राजीव गाँधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना जिसे वर्तमान में दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना में समाहित कर लिया गया है, के अन्तर्गत अविद्युतीकृत ग्रामों के विद्युतीकरण एवं विद्युतीकृत ग्रामों के 100 एवं 100 से अधिक आबादी वाले मजरों/टोलों के विद्युतीकरण सहित सघन विद्युतीकरण का कार्य किया जा रहा है। (ख) 11वीं पंचवर्षीय योजना में स्वीकृत राजीव गाँधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना में अप्रैल-2009 से, 11वीं पंचवर्षीय योजना में बालाघाट जिले हेतु स्वीकृत पूरक योजना में सितम्बर-2012 से एवं 12वीं पंचवर्षीय योजना में स्वीकृत राजीव गाँधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना में कार्य माह फरवरी-2015 से कार्य प्रारंभ किया गया है। विगत तीन वर्षों में परसवाड़ा विधानसभा क्षेत्र में उक्त योजनाओं के अंतर्गत किये गये अविद्युतीकृत ग्रामों के विद्युतीकरण के कार्यों की सूची संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। उक्त योजनाओं में प्रश्नाधीन क्षेत्र का कोई भी अविद्युतीकृत ग्राम विद्युतीकरण हेतु शेष नहीं है। (ग) प्रश्नाधीन अवधि में 11वीं एवं 12वीं पंचवर्षीय योजना में स्वीकृत राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के अंतर्गत विद्युतीकरण के कार्यों हेतु ठेकेदार एजेंसियों के बिलों के भुगतान की प्रश्नाधीन चाही गई जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है।
प्राचीन महल एवं किलो की मरम्मत
[संस्कृति]
75. ( क्र. 4538 ) श्री पुष्पेन्द्र नाथ पाठक : क्या राज्यमंत्री, संस्कृति महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बिजावर विधानसभा अंतर्गत ग्राम किशनगढ़, देवरा, गुलगंज एवं सटई में प्राचीन महल एवं किलो की देखरेख के लिए गत 05 वर्षों में क्या खर्च किया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित महल एवं किलों की वर्तमान में भौतिक स्थिती क्या है? क्या मरम्मत कार्य की आवश्यकता प्रतीत होती है? (ग) क्या प्रश्नांश (क) में वर्णित किले वर्तमान में पूर्णतः पुरातत्व विभाग के पास अधिग्रहीत है? यदि हाँ, तो उनका रख-रखाव कौन देख रहा है? यदि नहीं, तो वर्तमान में यह किसके अधीन है? कब तक पुरातत्व विभाग को सुपुर्दगी प्राप्त हो सकती है?
राज्यमंत्री, संस्कृति ( श्री सुरेन्द्र पटवा ) : (क) बिजावर विधानसभा के अंतर्गत ग्राम किशनगढ़ का किला, देवरा की गढ़ी एवं गुलगंज का किला विभाग के राज्य संरक्षित स्मारक है, सटई का महल/ किला के संरक्षण नहीं है. जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार. (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित राज्य संरक्षित स्मारकों की वर्तमान स्थिति को देखकर उनका आवश्यकतानुसार अनुरक्षण कार्य कराया जा रहा है. (ग) प्रश्नांश (क) में वर्णित किशनगढ़ का किला, देवरा की गढ़ी एवं गुलगंज का किला विभाग के राज्य संरक्षित स्मारक है, जिसका रख-रखाव पुरातत्व विभाग करता है. सटई के प्राचीन महल का स्थल निरीक्षण किया जाकर पुरातत्वीय महत्व का होने पर संरक्षित संबंधी आगामी कार्यवाही की जावेगी.
पोषक आहार वितरण करने वाली संस्थाओं की प्राप्त शिकायतों की जाँच
[महिला एवं बाल विकास]
76. ( क्र. 4539 ) श्री पुष्पेन्द्र नाथ पाठक : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) बिजावर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कितनी ऐसी समितियाँ, समूह एवं संस्था हैं जो एक से अधिक आंगनवाड़ी केन्द्रों में पोषक आहार प्रदाय कर रही हैं? ऐसी संस्थायें उनके द्वारा वितरण केंद्रों की सूची एवं कालावधि की संपूर्ण सूची उपलब्ध कराये। क्या कभी इनकी कोई शिकायत हुई है? यदि हाँ, तो क्या परिणाम रहे? (ख) बिजावर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत आंगनवाड़ी केंद्रों में पोषक आहार प्रदाय करने वाली संस्थाओं की गत 03 वर्षों में कितनों की शिकायत हुई? कितनों की जाँच हुई? कितनी ऐसी रही कि उनकी आपूर्ति बंद कर दूसरे समूह को कार्यादेश दिया गया हो? नाम सहित जानकारी प्रदाय करें। (ग) वर्तमान में ऐसी कितनी समितियाँ हैं जो पोषक आहार वितरण कर रही हैं किंतु उनकी शिकायत हुई हों और जाँच चल रही हो।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) बिजावर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कुल 64 समितियाँ समूह एवं संस्थायें एक से अधिक आंगनवाड़ी केन्द्रों में पोषण आहार प्रदाय कर रही हैं। एक से अधिक आंगनवाड़ी केन्द्रों में पोषण आहार प्रदाय करने वाली संस्थाओं की सूची एवं कालावधि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। जिन संस्थाओं के विरूद्ध शिकायत प्राप्त हुई है उनके विरूद्ध जाँच एवं की गई कार्यवाही का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। (ख) बिजावर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत आंगनवाड़ी केन्द्रों में पोषण आहार प्रदाय करने वाली संस्थाओं के विरूद्ध विगत 03 वर्षों में कुल 22 शिकायतें प्राप्त हुई हैं। संस्थाओं के विरूद्ध कुल 17 शिकायतों की जाँच की गई। शिकायतों की जाँच उपरान्त कुल 17 संस्थाओं की आपूर्ति बंद कर अन्य समूह को कार्यादेश जारी किया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''स'' अनुसार है। (ग) बिजावर विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत वर्तमान में कुल 05 समितियां है, जिनके विरूद्ध प्राप्त शिकायतों की जाँच प्रचलन में है।
पर्यटन स्थल घोषित करना
[पर्यटन]
77. ( क्र. 4550 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या राज्यमंत्री, संस्कृति महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) किसी भी धार्मिक या ऐतिहासिक स्थल को पर्यटन क्षेत्र घोषित करने के क्या नियम या प्रावधान हैं? (ख) क्या विधानसभा क्षेत्र सारंगपुर अंतर्गत प्राचीन एवं ऐतिहासिक धार्मिक स्थल भैसवामाता जी पर्यटन स्थल घोषित होने की पात्रता में नहीं आता है? (ग) क्या भविष्य में धार्मिक स्थल भैंसवामाता जी को पर्यटन स्थल घोषित किया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
राज्यमंत्री, संस्कृति ( श्री सुरेन्द्र पटवा ) : (क) नवीन पर्यटन नीति 2016 के तहत किसी भी स्थल विशेष को पर्यटन स्थल घोषित करने का प्रावधान नहीं है। (ख) उत्तरांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश ''ख'' अनुसार।
किसान समृद्ध योजना
[ऊर्जा]
78. ( क्र. 4598 ) श्रीमती शकुन्तला खटीक : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ऊर्जा विभाग द्वारा किसान समृद्ध योजना को लेकर योजनान्तर्गत क्या-क्या कार्य किये जाने के प्रावधान है? योजना के क्रियान्वयन हेतु कौन-कौन से निर्देश प्रचलन में है? (ख) उपरोक्त अनुसार जिला शिवपुरी में विगत तीन वर्षों में क्या-क्या गतिविधियां हुयी? (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में विद्युत उपसंभाग करैरा एवं नरवर में प्रश्नांश (क) में उल्लेखित योजना तहत क्या-क्या गतिविधियां हुई? (घ) क्या शासन की नीति अनुसार किसी भी योजना के प्रचार-प्रसार हेतु संबंधित हितग्राहियों को मुनादी द्वारा सूचना दी जाती है? यदि हाँ, तो क्या उपसंभाग करैरा शिवपुरी के विद्युत हितग्राहियों को प्रचार-प्रसार किया गया? यदि हाँ, तो उसका माध्यम क्या रहा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) किसान समृद्धि योजना प्रदेश में दिनांक 13-03-2013 से लागू है। उक्त योजना के अंतर्गत स्थाई एवं अस्थाई रूप से विच्छेदित एवं अन्य सभी कृषि पंप उपभोक्ताओं की दिनांक 28.02.2013 की स्थिति में बकाया राशि में सम्मिलित शतप्रतिशत सरचार्ज की राशि को शून्य करने एवं बकाया ऊर्जा प्रभार को स्थिर कर कृषि उपभोक्ताओं द्वारा शेष ऊर्जा प्रभार की 50 प्रतिशत राशि योजना के प्रावधानों के तहत जमा करने पर शेष 50 प्रतिशत राशि राज्य शासन द्वारा अनुदान के रूप में विद्युत वितरण कंपनियों को दिये जाने का प्रावधान है। उक्त योजना के क्रियान्वयन के संबंध में जारी निर्देशों की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा शिवपुरी जिले के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में प्रश्नाधीन योजना का व्यापक प्रचार-प्रसार किया गया। शिवपुरी जिले के अंतर्गत योजना के प्रभावी रूप से क्रियान्वयन हेतु योजना संबंधी जानकारी सभी जनप्रतिनिधियों को दी गई तथा इसके अतिरिक्त पेम्पलेट, बैनर, स्थानीय समाचार पत्रों, विद्युत शिविरों एवं स्थानीय प्रशासन के माध्यम से योजना का प्रभावी रूप से प्रचार-प्रसार किया गया। योजनांतर्गत प्रश्नाधीन अवधि में शिवपुरी जिले के अंतर्गत कुल रू. 524.56 लाख की राशि माफ की गई। (ग) उत्तरांश 'ख' के अनुसार योजना के तहत प्रश्नांश में उल्लेखित क्षेत्रांतर्गत भी योजना का प्रचार-प्रसार कर प्रश्नाधीन अवधि में करेरा उपसंभाग एवं नरवर उपसंभाग के अंतर्गत क्रमश: रू. 19.47 लाख एवं रू. 14.56 लाख की राशि माफ की गई। (घ) जी हाँ। प्रश्नांश में उल्लेखित क्षेत्र में उत्तरांश (ख) में दर्शाए गए प्रचार माध्यमों से प्रश्नाधीन योजना का प्रचार-प्रसार किया गया।
ओव्हर लोड ट्रांसफार्मर
[ऊर्जा]
79. ( क्र. 4614 ) श्री गिरीश भंडारी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नरसिंहगढ़ विधान सभा क्षेत्र में प्रश्न दिनांक तक 25 के.वी.ए., 63 के.वी.ए., 100 के.वी.ए., 200 के.वी.ए. के कितने ट्रांसफार्मर ओव्हरलोड हैं? जानकारी ग्रामवार, क्षमतावार उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्न की कंडिका (क) की उपलब्ध जानकारी अनुसार ओव्हर लोड ट्रांसफार्मर शासन कब तक अंडरलोड कर देगा? (ग) मुख्यमंत्री स्थायी सिंचाई कनेक्शन योजना की संपूर्ण जानकारी देवें। इस योजना के तहत नरसिंहगढ़ विधान सभा क्षेत्र में प्रश्न दिनांक तक कितने आवेदन ग्रामवार आये? अभी तक कितने कनेक्शन दिये? कितने बाकी हैं? बाकी के कनेक्शन कब तक दिये जावेंगे?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) वर्तमान में नरसिंहगढ़ विधानसभा क्षेत्र में 25 के.व्ही.ए., 63 के.व्ही.ए., 100 के.व्ही.ए. एवं 200 के.व्ही.ए. क्षमता का कोई भी वितरण ट्रांसफार्मर अतिभारित नहीं है। अत: प्रश्न नहीं उठता। (ख) उत्तरांश 'क' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता। (ग) मुख्यमंत्री स्थायी कृषि पंप कनेक्शन योजना प्रदेश में अस्थायी कृषि पंप कनेक्शनों को स्थायी कनेक्शनों में परिवर्तित करने तथा नए स्थायी पंप कनेक्शन प्रदान करने के उदेश्य से प्रारम्भ की गई है। पूर्व में लागू कृषक अनुदान योजना को इस योजना में समाहित किया गया है। इस योजना में शामिल होने वाले कृषक द्वारा अंशदान की राशि कनेक्शन हेतु देय होगी, जिसमें अधोसंरचना के कार्य शामिल है तथा शेष राशि का प्रावधान योजना के अंतर्गत किया जाएगा। योजना के संबंध में राज्य शासन द्वारा जारी आदेश दिनांक 06.09.2016 की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। इस योजना के तहत नरसिंहगढ़ विधानसभा क्षेत्र में प्रश्न दिनांक तक 79 कृषकों से आवेदन प्राप्त हुये हैं जिनका ग्रामवार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। उपरोक्त सभी 79 आवेदन कार्यपूर्णता हेतु लंबित हैं। प्रश्नाधीन समस्त कार्य प्राथमिकता के आधार पर वरियता क्रमानुसार योजना के प्रावधानों के अनुसार निर्धारित समय-सीमा में पूर्ण करने के प्रयास किये जा रहे हैं।
दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति विद्युतीकरण योजनांतर्गत स्वीकृत कार्य
[ऊर्जा]
80. ( क्र. 4615 ) श्री गिरीश भंडारी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नरसिंहगढ़ विधान सभा क्षेत्रांतर्गत विगत दो वर्षों में दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति विद्युतीकरण योजना के तहत किन-किन ग्रामों एवं मजरा टोलों में कितने कार्य स्वीकृत किये गये हैं? स्वीकृत कार्यों में से किन-किन कार्यों के लिए कितनी-कितनी राशि का भुगतान वर्षवार किया गया है? कितने कार्य पूर्ण हुये एवं कितने अपूर्ण हैं? अपूर्ण रहने के क्या कारण हैं? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार उक्त योजना को किस एजेंसी के माध्यम से कराया जा रहा है? कार्य पूर्ण करने की समयावधि क्या थी? अपूर्ण कार्यों को कब तक पूर्ण किया जावेगा? (ग) उक्त योजना के तहत अभी तक कितने मजरे टोले जोड़े जाने शेष हैं? कब तक जोड़े जावेंगे?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) राजगढ़ जिले की नरसिंहगढ़ विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत विगत दो वर्षों में 11वीं पंचवर्षीय योजना में स्वीकृत राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना में, जिसे वर्तमान में दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना में समाहित कर लिया गया है, के अंतर्गत 93 मजरों/टोलो के विद्युतीकरण सहित 164 ग्रामों के सघन विद्युतीकरण के कार्य स्वीकृत/ पूर्ण किये गये है जिनका ग्रामवार एवं मजरा/टोलावार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' 1 एवं 'अ' 2 अनुसार है। उक्त योजनांतर्गत ठेकेदार एजेन्सी द्वारा कार्यवार देयक प्रस्तुत नहीं किये जाते हैं एवं न ही कार्यवार भुगतान किया जाता है, अत: कार्यवार भुगतान की जानकारी दी जाना संभव नहीं है। तथापि उक्त स्वीकृत कार्यों जिन्हें पूर्ण किया जा चुका है, के लिए ठेकेदार एजेन्सी मेसर्स सिम्पलेक्स इन्फ्रास्ट्रक्चर्स लिमिटेड कोलकाता को रू. 17.72 करोड़ की राशि का भुगतान किया गया है। प्रश्नाधीन क्षेत्रान्तर्गत उक्त योजना में सभी स्वीकृत कार्य पूर्ण हो चुके है, अत: प्रश्न नहीं उठता। इसके अतिरिक्त नरसिंहगढ़ विधानसभा क्षेत्र में दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना अंतर्गत 44 ग्रामों एवं 53 मजरों/टोलों में सघन विद्युतीकरण/विद्युतीकरण के कार्य किये जाने प्रस्तावित है, जिनका ग्रामवार एवं मजरा/टोलावार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' 1 एवं 'ब' 2 अनुसार है। योजनांतर्गत कार्य टर्न-की आधार पर कराए जाने हेतु निविदा कार्यवाही प्रक्रियाधीन है, अत: वर्तमान में कार्यों के पूर्ण/अपूर्ण होने या भुगतान संबंधी जानकारी दिये जाने का प्रश्न नहीं उठता। (ख) 11वीं पंचवर्षीय योजना में स्वीकृत राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के कार्य हेतु अवार्ड ठेकेदार एजेन्सी मेसर्स सिम्पलेक्स इन्फ्रास्ट्रक्चर्स लिमिटेड, कोलकाता को दिया गया था। नरसिंहगढ़ विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत उक्त ठेकेदार एजेंसी द्वारा दिनांक 30.06.2016 को कार्य पूर्ण कर दिया गया है। स्वीकृत कार्यों में से कोई भी कार्य अपूर्ण नहीं है। नरसिंहगढ़ विधानसभा क्षेत्र सहित राजगढ़ जिले हेतु दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजनांतर्गत कार्य टर्न-की आधार पर कराए जाने हेतु निविदा कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। निविदा प्रक्रिया पूर्ण होने पर अवार्ड दिया जाकर कार्य प्रारंभ किये जावेंगे। अत: वर्तमान में कार्य पूर्णता की निश्चित समयावधि बताया जाना संभव नहीं हैं। (ग) नरसिंहगढ़ विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत 11वीं पंचवर्षीय योजना में स्वीकृत राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना में योजना के प्रावधानों के अनुसार सम्मिलित सभी मजरों/टोलों के विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण किया जा चुका है। दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना में सम्मिलित नरसिंहगढ़ विधानसभा क्षेत्र के 53 मजरों/ टोलों में उत्तरांश (ख) में दर्शाए अनुसार निविदा प्रक्रिया उपरांत कार्य प्रारंभ किया जा सकेगा।
आंगनवाड़ी एवं मिनी आंगनवाड़ी केन्द्रों की जानकारी
[महिला एवं बाल विकास]
81. ( क्र. 4639 ) श्री गोविन्द सिंह पटेल : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नरसिंहपुर जिले के गाडरवारा विधान सभा क्षेत्र में वर्तमान में कुल कितने आंगनवाड़ी केन्द्र, मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र स्वीकृत/संचालित हैं? शहरी एवं ग्रामीण केन्द्रों के अलग-अलग नाम सहित अवगत करावें। (ख) जनसंख्या के अनुपात से क्षेत्र में कितने मिनी तथा आंगनवाड़ी केन्द्र खोले जाने संबंधी विभाग की कोई योजना है? यदि हाँ, तो विवरण दें? (ग) क्या सभी केन्द्रों के स्वयं के भवन निर्मित किये जा चुके हैं? यदि नहीं, तो ऐसे भवनहीन आंगनवाड़ी केन्द्रों का नाम, पता सहित अवगत करावें। (घ) ऐसे भवनहीन आंगनवाड़ी केन्द्रों को कहाँ संचालित किया जा रहा है? उनकी सूची पता सहित बतायें। उक्त भवनविहीन आंगनवाड़ी केन्द्रों के भवन का निर्माण कब तक करवा लिया जायेगा?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) नरसिंहपुर जिले के गाडरवारा विधानसभा क्षेत्र गाडरवारा अन्तर्गत निम्नानुसार आंगनवाड़ी/मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र स्वीकृत/संचालित है :-
क्र. |
परियोजना |
स्वीकृत |
संचालित |
||
|
|
आ.वा. केन्द्र |
मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र |
आ.वा. केन्द्र |
मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र |
1. |
चीचली |
138 |
07 |
133 |
05 |
2. |
सांईखेड़ा |
146 |
14 |
139 |
12 |
|
कुल योग |
284 |
21 |
272 |
17 |
शहरी एवं ग्रामीण केन्द्रों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''एक'' अनुसार है। (ख) भारत सरकार द्वारा जनसंख्या के निर्धारित मापदण्डों की पूर्ति होने पर नवीन आंगनवाड़ी केन्द्र/मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र खोले जाने की स्वीकृति द्वारा दी जाती है। वर्तमान में नये आंगनवाड़ी केन्द्र खोले जाना प्रस्तावित नहीं है। (ग) जी नहीं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''दो'' अनुसार है। (घ) भवन विहीन (अन्य शासकीय एवं किराये के भवनों में संचालित) आंगनवाड़ी केन्द्रों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''दो'' अनुसार है। आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण की स्वीकृति वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर करती है अतः समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है।
मध्यप्रदेश भवन नई दिल्ली के संबंध में
[सामान्य प्रशासन]
82. ( क्र. 4682 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश भवन चाणक्यपुरी नई दिल्ली का निर्माण कब कराया गया था। इस भवन की उम्र कितनी निर्धारित की गयी थी? (ख) शासन म.प्र. भवन डिस्मेंटल कर उसी स्थान पर क्या नया भवन बनाने पर विचार कर रहा है यदि हाँ, तो इस संबंध में हुई प्रगति की जानकारी दें? (ग) यदि नवीन भवन बनाया जायेगा तो विधानसभा सदस्यों तथा अधिकारियों को दिल्ली में ठहरने के लिए क्या वैकल्पिक व्यवस्था की जायेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) मध्यप्रदेश भवन, चाणक्यपुरी नई दिल्ली के ओल्ड ब्लाक का वर्ष 1964-65 में तथा विस्तार खण्ड का वर्ष 1989 में निर्माण हुआ था। भवन की उम्र 45-50 वर्ष अनुमानित आंकी गयी थी। (ख) जी हाँ। वर्तमान में नवीन भू-खण्ड आवंटित करने हेतु भारत सरकार से निवेदन किया गया है ताकि नए भवन के निर्माण की अवधि में वर्तमान भवन की व्यवस्थाओं को निरंतर रखते हुए राज्य शासन के कार्यों तथा भवन में ठहरने वाले विशिष्ट एवं अन्य व्यक्तियों की सुविधाओं में अवरोध होने से बचा जा सके। (ग) जी हाँ।
विभिन्न करों से प्राप्त राजस्व
[वाणिज्यिक कर]
83. ( क्र. 4702 ) श्री रामनिवास रावत : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2015-16 में माह नवम्बर 2015, दिसम्बर 2015 एवं जनवरी 2016 में विभिन्न करों, जैसे आबकारी कर, भूमि पंजीयन शुल्क, विक्रय कर से कुल कितना राजस्व प्राप्त हुआ? माहवार, मदवार जानकारी दें? (ख) वर्ष 2016-17 में माह नवम्बर 2016, दिसम्बर 2016 एवं जनवरी 2017 में विभिन्न करों जैसे आबकारी कर, भूमि पंजीयन शुल्क, विक्रय कर से कुल कितना राजस्व प्राप्त हुआ? माहवार, मदवार जानकारी दें? (ग) क्या विगत वर्ष की तुलना में वर्ष 2016-17 के माह नवम्बर 2016, दिसम्बर 2016 एवं जनवरी 17 में उक्त करों से प्राप्त होने वाले राजस्व में कमी आयी है? यदि हाँ, तो कितनी-कितनी एवं इसके क्या कारण रहे?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (ग) आबकारी राजस्व में माह नवम्बर 2016 में रूपये 24.54 करोड़ तथा माह दिसम्बर 2016 में रूपये 62.04 करोड़ की कमी आई है जबकि माह जनवरी 2017 में रूपये 10.15 करोड़ की राजस्व में वृद्धि हुई है। प्रदेश में वर्ष 2015-16 की तुलना में वर्ष 2016-17 की अवधि हेतु सम्पूर्ण मदिरा दुकानों का निष्पादन 9.9 प्रतिशत कम राशि पर होने से राजस्व में कमी परिलक्षित हुई है। इसी प्रकार वर्ष 2015-16 में प्रश्नगत अवधि की तुलना में वर्ष 2016-17 की प्रश्नगत अवधि में पंजीयन/स्टाम्प शुल्क में माह नवम्बर, दिसम्बर 16 एवं जनवरी 2017 में क्रमश: 6.76, 8.49 एवं 4.79 प्रतिशत की कमी रियल एस्टेट में मंदी के कारण विक्रय पत्रों के दस्तावेजों के पंजीयन में गिरावट होना पाया गया है। आयुक्त वाणिज्यिक कर के अंतर्गत प्रश्नगत अवधि में विगत वर्ष की तुलना में वर्ष 2016-17 में औसत राजस्व प्राप्ति में वृद्धि हुई है और केवल वृत्ति कर मद में ही मात्र 2.09 करोड़ का कम राजस्व प्राप्त हुआ है।
जाति प्रमाण पत्र बनाने हेतु भारत सरकार से किया गया पत्राचार
[सामान्य प्रशासन]
84. ( क्र. 4703 ) श्री रामनिवास रावत : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राज्य सरकार ने अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जन जाति वर्ग के उम्मीदवारों को जाति प्रमाण पत्र प्रदाय करने की प्रक्रिया का सरलीकरण करने हेतु म.प्र. के पुनर्गठन के आधार पर भारत सरकार सामाजिक न्याय मंत्रालय से पत्राचार किया है? (ख) यदि हाँ, तो कब-कब, क्या-क्या पत्राचार किया गया है एवं भारत सरकार द्वारा राज्य सरकार के पत्राचार पर अब तक क्या कार्यवाही की है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 1 से 22 अनुसार। भारत सरकार से संबंधित है।
पोषण आहार वितरण
[महिला एवं बाल विकास]
85. ( क्र. 4782 ) श्री अजय सिंह : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सीधी, रीवा एवं सतना जिलों में पोषण आहार के अंतर्गत क्या-क्या कितना-कितना आहार प्रति बच्चे के मान से किस-किस एजेंसी के माध्यम से वितरण कराया जा रहा है? आहारवार, मात्रावार, एजेंसीवार जानकारी दें? (ख) क्या आहार के वितरण कार्य एजेंसियों को कार्य आवंटन के संबंध में कोई दिशा-निर्देश निर्धारित है? यदि हाँ, तो उनकी प्रति उपलब्ध करावें? क्या तहसीलों में पोषण आहार का वितरण स्थानीय एजेंसी को न कराया जाकर क्षेत्र से बाहर की एजेंसियों से कराया जा रहा है? यदि हाँ, तो किस नियम से और किसके निर्देश से? नियम निर्देश की प्रति उपलब्ध करावें। (ग) 01 अप्रैल, 2014 से प्रश्न तिथि तक प्रश्नांश (क) जिलों के, तहसीलों के अंतर्गत प्रतिमाह कितना-कितना पोषण आहार का आवंटन किया गया है? माहवार, पोषण आहारवार जानकारी उपलब्ध करावें।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) सीधी, रीवा एवं सतना जिलों में विभाग के निर्देशानुसार वर्तमान में 06 माह से 03 वर्ष तक के बच्चों को टेकहोम राशन के रूप में पूरक पोषण आहार की व्यवस्था एम.पी.एग्रो के माध्यम से तथा 03 वर्ष से 06 वर्ष तक के बच्चों को पूरक पोषण आहार की व्यवस्था ग्रामीण क्षेत्रों में सांझा चूल्हा कार्यक्रम तहत् मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम अंतर्गत कार्यरत स्व सहायता समूहों के माध्यम से तथा क्षेत्रों में स्व सहायता समूह एवं महिला मण्डल के माध्यम से संचालित की जाती हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''01'' अनुसार है। (ख) जी हाँ। विभागीय निर्देश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''02'' अनुसार है। जी नहीं। सीधी, रीवा एवं सतना जिलों की तहसीलों में 03 से 06 वर्ष तक के बच्चों को पूरक पोषण आहार का कार्य स्थानीय स्व सहायता समूह के माध्यम से ही कराया जा रहा है। (ग) सीधी, रीवा एवं सतना जिलों में प्रतिमाह प्रदाय पूरक पोषण आहार (टेकहोम राशन) की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''03'' अनुसार है।
अटल ज्योति योजना
[ऊर्जा]
86. ( क्र. 4783 ) श्री अजय सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा संभाग क्षेत्रान्तर्गत दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजनान्तर्गत किये जा रहे विद्युतीकरण कार्य के लिये विभाग के मापदण्ड निर्धारित है? यदि हाँ, तो मापदण्डों की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) रीवा संभाग में दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजनांतर्गत किस-किस जिले में कितने ग्राम में विद्युतीकरण कार्य किये जाने की कार्ययोजना तैयार की गई है? जिलेवार कार्ययोजना की जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) रीवा संभाग की किन-किन जिलों में कितने गांवों को उक्त दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजनांतर्गत विद्युतीकरण के लिए कार्य स्वीकृत किया गया है तथा कितने कार्य किये जा रहे है क्या उक्त कार्य के लिये कोई समय-सीमा निर्धारित है यदि हाँ, तो क्या?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) रीवा संभाग क्षेत्रांतर्गत 12वीं पंचवर्षीय योजना में स्वीकृत राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना, जिसे दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजनांतर्गत समाहित कर लिया गया है, के अंतर्गत वर्तमान में विद्युतीकरण का कार्य किया जा रहा है, जिसके अंतर्गत योजना के दिशा निर्देशों/मापदण्डों के अनुसार अविद्युतीकृत ग्रामों के विद्युतीकरण तथा विद्युतीकृत ग्रामों के 100 एवं 100 से अधिक आबादी बाले मजरों/टोलों के विद्युतीकरण सहित सघन विद्युतीकरण का कार्य करते हुए सभी श्रेणी के बी.पी.एल. हितग्राहियों को नि:शुल्क कनेक्शन उपलब्ध कराया जाना है। उक्त योजना के दिशा निर्देशों/मापदण्डों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) रीवा संभाग में प्रश्नाधीन योजनांतर्गत सीधी जिले में एक एवं सिंगरौली जिले में 5 अविद्युतीकृत ग्रामों का विद्युतीकरण करने हेतु कार्ययोजना तैयार की गई थी। रीवा संभाग के शेष जिलों यथा-रीवा एवं सतना में किसी भी अविद्युतीकृत ग्राम को विद्युतीकृत किये जाने का कार्य शेष नहीं है। (ग) रीवा संभाग के अंतर्गत जिलेवार स्वीकृत अविद्युतीकृत ग्रामों के विद्युतीकरण के कार्यों की प्रश्नाधीन चाही गई जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। वर्तमान में सभी अविद्युतीकृत ग्रामों के विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण किया जा चुका है, अत: समय-सीमा बताये जाने का प्रश्न नहीं उठता।
बिजली कंपनियों के संविदा कर्मचारियों के संबंध में
[ऊर्जा]
87. ( क्र. 4813 ) श्रीमती नीना विक्रम वर्मा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश की बिजली कंपनियों में संविदा कर्मचारी कार्यरत है? (ख) यदि हाँ, तो, कौन-कौन से पद संविदा के रूप में स्वीकृत है तथा स्वीकृत पद के विरूद्ध कितने कर्मचारी कार्यरत है। (ग) क्या बिजली कंपनियों में कार्यरत संविदा कर्मचारियों का नियमितीकरण करने संबंधी आवश्वासन दिया गया है? (घ) यदि हाँ, तो, बिजली कंपनियों के संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण की कार्रवाई कब तक पूर्ण कर ली जावेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ, प्रदेश की विद्युत कंपनियों में संविदा कर्मचारी कार्यरत है। (ख) संगठनात्मक, संरचना में संविदा आधार पर सहायक यंत्री, कनिष्ठ यंत्री, विधि अधिकारी, प्रोग्रामर, लाईन परिचारक/वरिष्ठ लाईन परिचारक, कार्यालय सहायक श्रेणी-3, सुरक्षा सैनिक, सिस्टम ऐनालिस्ट, एच.आर. मैनेजर, सर्वेयर सहायक, निज सहायक वरिष्ठ शीघ्रलेखक, कनिष्ठ शीघ्रलेखक, कार्यालय सहायक-एक, कार्यालय सहायक-दो, ड्रायवर (वाहन चालक), परीक्षण परिचारक वरिष्ठ सिविल परिचारक, सिविल परिचारक वरिष्ठ परीक्षण परिचारक, भृत्य, मैनेजर एक्जीक्यूटीव, चार्टर्ड एकांउटेंट, जूनियर केमिस्ट, वार्डबाय/आया, कंपनी सेकेट्ररी, उप महाप्रबंधक (सूचना एवं प्रोद्योगिकी), सहायक यंत्री (सूचना एवं प्रोद्योगिकी) एवं परीक्षण सहायक के पद स्वीकृत है। संविदा के उक्त स्वीकृत पदों की कुल संख्या 9805 है तथा इसके विरूद्ध कार्यरत संविदा कर्मियों की संख्या 5195 है। (ग) जी नहीं, विद्युत कंपनियों में कार्यरत संविदा कर्मचारियों को नियमितीकरण करने संबंधी कोई आश्वासन नहीं दिया गया है। (घ) उत्तरांश ''ग'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता।
लाड़ली लक्ष्मी योजना
[महिला एवं बाल विकास]
88. ( क्र. 4828 ) श्री संजय उइके : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या बैहर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत लाड़ली लक्ष्मी योजनान्तर्गत पात्र हितग्राहियों को योजना का लाभ दिया गया है? (ख) यदि हाँ, तो उक्त योजना के क्रियान्वयन दिनांक से प्रश्न दिनांक तक वर्षवार कितने-कितने हितग्राहियों को लाभान्वित किया गया है वर्षवार हितग्राही की कुल संख्यात्मक जानकारी उपलब्ध करावें।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रश्नांश "ख" के तारतम्य में चाही गई जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है।
कर्मचारियों के नैतिक पतन की परिभाषा
[सामान्य प्रशासन]
89. ( क्र. 4840 ) श्रीमती रेखा यादव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र क्रमांक-एफ-6-3-77-3-एक भोपाल, दिनांक 15.9.1977 में यह आदेशित है कि ''किसी शासकीय सेवक को किसी न्यायालय द्वारा आपराधिक प्रकरण में दोषसिद्ध घोषित किया जाता है तब अनुशासनिक प्राधिकारी न्यायालय के निर्णय का अध्ययन करें और यदि पाये कि जिस आचरण के कारण उसे दोषसिद्ध पाया गया है, उससे शासकीय सेवक का नैतिक अधोपतन होने का आभास होता है तब अनुशासनिक प्राधिकारी शासकीय सेवक के विरूद्ध मध्यप्रदेश सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 के नियम 19 (एक) के अन्तर्गत उचित शास्ति अधिरोपित करने की तत्काल कार्यवाही करें। (ख) क्या शा. सेवकों की स्थानांतरण नीति वर्ष 2015-16 की कंडिका 8.28 में जिन अधि./कर्म. के विरूद्ध नैतिक पतन संबंधी आपराधिक प्रकरण लंबित हो, के बारे में कहा गया है? (ग) क्या शासन द्वारा लोक सेवकों/ कर्मचारियों/अधिकारियों के नैतिक अधोपतन की कोई परिभाषा व्यक्त की गई है? यदि हाँ, तो उस परिभाषा को बतलाते हुये जिस विधि/संहिता/नियम/अधिनियम/परिपत्र में परिभाषा व्यक्त की गई है? उसका विवरण बतलाते हुये उसकी प्रतिलिपि उपलब्ध करावें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार।
हाई पावर विद्युत लाईन का स्थानान्तरण
[ऊर्जा]
90. ( क्र. 4850 ) श्रीमती रेखा यादव : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में कृषि भूमि के मध्य से 11000 वोल्टेज की विद्युत लाईन से पूर्व उपयोग में ली जाने वाली भूमियों को नोटिफिकेशन कृषक के संज्ञान में लाकर उसकी सहमति लिये जाने व डाली गयी हाई पॉवर विद्युत लाईन को हटाने का प्रावधान है? हाँ तो तत्संबंधी शासनादेश/निर्देश की प्रतियाँ प्रस्तुत करें। (ख) क्या उक्त दिशा-निर्देशों के तहत छतरपुर तहसील के ग्राम/मौजा चन्द्रपुरा स्थित भूमि ख.नं. 82/1, 82/2, 82/3, 121ब, 131ब, 131अ/2, 126/अ, 131अ/1 तथा 125 ब पर 11000 वोल्टेज की विद्युत लाईन संधारित/संचालित है? हाँ तो स्पष्ट करें। (ग) क्या जनहित की दृष्टि से एवं डायवर्सन युक्त उक्त भूमि पर निर्माण कराने के उद्देश्य से उक्त विद्युत लाईन हटाने हेतु स्वत्वाधिकारी कृषक/हितग्राही ने सक्षम अधिकारी के कार्यालय में वर्ष 2016-17 में आवेदन प्रस्तुत किया है? यदि उक्त आवेदन पर विचार नहीं किया गया तो क्यों? दोषियों के नाम/पदनाम बतायें? (घ) शासन, जनहित की दृष्टि से उक्त डायवर्सन युक्त भूमि पर संधारित/संचालित हार्डपॉवर विद्युत लाईन को हटाने हेतु विधि संगत कार्यवाही करने हेतु विभाग प्रमुखों को आवश्यक आदेश/निर्देश जारी करेगा? हाँ तो कब तक।
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) केन्द्रीय विद्युत प्राधिकरण के दिनांक 20.09.2010 को अधिसूचित सुरक्षा तथा विद्युत आपूर्ति संबंधी विनियमों के प्रावधानों की कंडिका-63 के अनुसार संबंधित कृषक द्वारा आवेदन करने तथा स्वयं के व्यय पर लाईन शिफ्ट करवाने की सहमति देने पर तकनीकी दृष्टि से साध्य उपयुक्त स्थान उपलब्ध होने पर विद्यमान 11 के.व्ही. लाईन को स्थानान्तरित किये जाने का प्रावधान है। उक्त निर्देशों के संबंधित अंश की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित भूमि पर विद्यमान 11 के.व्ही. लाईन लगभग 40 वर्षों से संचालित/संधारित की जा रही है। (ग) जी हाँ, कनिष्ठ अभियंता (ग्रामीण) छतरपुर वितरण केन्द्र कार्यालय में दिनांक 16.01.2017 को श्री मुहम्मद लतीफ सौदागर द्वारा विद्यमान 11 के.व्ही. लाईन को शिफ्ट करने हेतु आवेदन दिया गया है। पूर्व से स्थापित विद्युत लाईनों को शिफ्ट किये जाने के संबंध में केन्द्रीय विद्युत प्राधिकरण द्वारा दिनांक 20.09.2010 को अधिसूचित सुरक्षा तथा विद्युत आपूर्ति संबंधी विनियमों के प्रावधानों के अंतर्गत कनिष्ठ अभियंता (ग्रामीण) छतरपुर के पत्र क्रमांक 1169, दिनांक 23.01.2017 द्वारा आवेदक को लाईन शिफ्टिंग का कार्य प्राक्कलन राशि का 5% सुपरविजन चार्ज वितरण कंपनी के संबंधित कार्यालय में जमा करवाकर स्वयं के व्यय पर लाईन शिफ्टिंग का कार्य कराने या उक्त कार्य हेतु वितरण कंपनी में प्राक्कलन की शत-प्रतिशत राशि जमा किये जाने की सहमति देने हेतु लेख किया गया है। सहमति प्राप्त होने के उपरान्त प्राक्कलन स्वीकृत कर राशि जमा होने पर उक्त लाईन शिफ्टिंग का कार्य किया जाना संभव हो सकेगा। उक्त के परिप्रेक्ष्य में किसी के दोषी होने का प्रश्न नहीं उठता। (घ) उत्तरांश (ग) में उल्लेखित वैधानिक प्रावधानों के अंतर्गत निर्धारित प्रक्रिया अनुसार ही प्रश्नाधीन विद्युत लाईन की शिफ्टिंग का कार्य किया जाना संभव है एवं तद्नुसार ही आवेदक से सहमति चाही गई है, जो कि प्रतीक्षित है। अत: इस संबंध में पृथक से कोई निर्देश जारी करना आवश्यक नहीं है।
आंगनवाड़ी केन्द्रों की जानकारी
[महिला एवं बाल विकास]
91. ( क्र. 4958 ) चौधरी मुकेश सिंह चतुर्वेदी : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) भिण्ड जिले में कितने आंगनवाड़ी केन्द्र किराए के भवन में संचालित किए जा रहे हैं? कितना-कितना किराया दिया जा रहा है? क्या किराया प्रतिमाह दिया जाता है? (ख) प्रश्नांश (क) के तहत क्या किराए की राशि नगद प्रदान की जाती है? यदि हाँ, तो? कारण दें। (ग) प्रश्नांश (क) व (ख) के तहत राशि का भुगतान ई-पेंमेंट से क्यों नहीं किया जाता? क्या अब किया जाएगा? यदि हाँ, तो कब से?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) भिण्ड जिले में 905 आंगनवाड़ी केन्द्र किराये के भवन में संचालित किए जा रहे है। संचालनालय एकीकृत बाल विकास सेवा मध्यप्रदेश भोपाल के पत्र क्रमांक 2497 भोपाल दिनांक 21.01.2014 से शहरी क्षेत्रों में संचालित आंगनवाड़ी केन्द्रों के लिए 3000 रुपये प्रतिमाह एवं ग्रामीण क्षेत्रों में संचालित आंगनवाड़ी केन्द्रों के लिए 750 रुपये प्रतिमाह भवन किराया का प्रावधान किया गया है। उक्त के आधार पर शहरी/ ग्रामीण क्षेत्र के आंगनवाड़ी भवन के किराये का निर्धारण क्षेत्रफल के मान से समानुपातिक आधार पर किया जाकर शहरी क्षेत्र के लिये राशि रुपये 3000/-प्रतिमाह अधिकतम एवं ग्रामीण क्षेत्र के लिये राशि रुपये 750/- प्रतिमाह अधिकतम निर्धारित प्रक्रिया अनुसार कर, प्रतिमाह किराया भुगतान की कार्यवाही की जाती है। (ख) जी नहीं। अतः शेष का प्र'न उत्पन्न नहीं होता है। (ग) किराया भवन स्वामी के बैंक खाते में ई-पेमेन्ट के माध्यम से प्रदान की जाती है। अतः शेष का प्रश्न उत्पन्न नहीं होता।
जनप्रतिनिधियों को जानकारी उपलब्ध करायी जाना
[सामान्य प्रशासन]
92. ( क्र. 4966 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा दिनांक 26-06-15 को मुख्य सचिव मध्य प्रदेश शासन भोपाल को पत्र क्रमांक 1838 से पत्र क्रमांक 1887 लिखकर चाही गयी जानकारियां प्रश्नांकित दिनांक तक भी उपलब्ध नहीं करवाई गई। (ख) क्या प्रश्नकर्ता ने पत्र क्रमांक 1838 से 1887 तक किस-किस विषय पर किस जिले से सम्बंधित कौन सी जानकारी उपलब्ध करवाए जाने का अनुरोध किया? उसमें से किस पत्र में चाही गयी कौन सी जानकारी उपलब्ध है कौन सी जानकारी उपलब्ध नहीं है कौन सी जानकारी प्रश्नकर्ता को किन कारणों से उपलब्ध नहीं की जा सकती। (ग) निर्वाचित जनप्रतिनिधियों को चाही गयी जानकारी उपलब्ध करबाने की क्या समय-सीमा है? जानकारी उपलब्ध नहीं करवाए जाने पर किसके विरुद्ध किन कार्यवाहियों के प्रावधान है? (घ) मुख्य सचिव को लिखे गये पत्रों में चाही गयी जानकारी प्रश्नकर्ता को कब तक उपलब्ध करवाई जावेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
जनप्रतिनिधियों को जानकारी उपलब्ध करायी जाना
[सामान्य प्रशासन]
93. ( क्र. 4967 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा दिनांक 26-06-15 को मुख्य सचिव मध्य प्रदेश शासन भोपाल को पत्र क्रमांक 1701 से 1750 तक में चाही गयी कोई जानकारियाँ प्रश्नांकित दिनांक तक भी उपलब्ध नहीं करवाई गई? (ख) निर्वाचित जन प्रतिनिधियों को जानकारी उपलब्ध करवाये जाने की क्या समय-सीमा निर्धारित की है? सूचना अधिकार कानून 2005 में जानकारी उपलब्ध करवाए जाने की क्या समय निर्धारित की है? (ग) दिनांक 26-06-15 को लिखे गये पत्र क्रमांक 1701 से 1750, तक में कौन सी जानकारी शासन के पास उपलब्ध है कौन सी जानकारी शासन के पास उपलब्ध नहीं है? (घ) प्रश्नकर्ता द्वारा लिखे गये पत्र क्रमांक 1701 से 1750, दिनांक 26-06-15 में चाही गयी जानकारी प्रश्नकर्ता को कब तक उपलब्ध करवाई जावेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
मुख्य सचिव को लिखे गये पत्र
[सामान्य प्रशासन]
94. ( क्र. 4968 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मुख्य सचिव कार्यालय के पत्र क्रमांक 230/सी.एस./04 दिनांक 24 जुलाई 2004 के अनुसार की गई कार्यवाहियों के सम्बन्ध में प्रश्नकर्ता द्वारा मुख्य सचिव को लिखे गये पत्र क्रमांक 2880 से 2932 दिनांक 13 जनवरी 2016 के माध्यम से चाही गई कोई जानकारियाँ प्रश्नकर्ता को प्रश्नांकित दिनांक तक भी उपलब्ध नहीं करवाई। (ख) यदि हाँ, है तो 24 जुलाई 2004 के पत्र में क्या-क्या आदेश निर्देश दिए गये थे उनसे सम्बंधित कौन-कौन सी जानकारी उपलब्ध करवाए जाने हेतु प्रश्नकर्ता ने दिनांक 13 जनवरी 2016 को मुख्य सचिव को पत्र लिखे? (ग) प्रश्नकर्ता द्वारा मुख्य सचिव को लिखे गये पत्र क्रमांक 2880 से 2932 दिनांक 13 जनवरी 2016 में चाही कौन सी जानकारी शासन के पास उपलब्ध है कौन-कौन सी जानकारी शासन के पास उपलब्ध नहीं है कौन सी जानकारी प्रश्नकर्ता को किन कारणों से उपलब्ध नहीं करवाई जा सकती है? (घ) मुख्य सचिव को दिनांक 13 जनवरी 2016 को को लिखे गये पत्र में चाही गई जानकारी प्रश्नकर्ता को कब तक उपलब्ध करवाई जावेगी।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
नदी सौन्दर्यीकरण कार्य
[पर्यटन]
95. ( क्र. 4987 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या राज्यमंत्री, संस्कृति महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग द्वारा नदी सौन्दर्यीकरण कार्यों हेतु बजट प्रदाय किया जाना प्रावधानित हैं? यदि हाँ, तो क्या मापदण्ड व प्रक्रिया निर्धारित हैं? (ख) विगत 05 वर्षों में मध्यप्रदेश में कहाँ-कहाँ उक्तानुसार कार्य करवाये गये? (ग) विधानसभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत कंठाल, लखुन्दर, भाटन नदियों पर समुचित स्थलों पर घाट निर्माण एवं सौन्दर्यीकरण हेतु अन्य कार्य की मांग या प्रस्ताव प्राप्त हुये थे? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की गई? (घ) प्रश्नांश (ग) का उत्तर यदि नहीं, है तो क्या स्वप्रेरणा से विधानसभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत नदी सौन्दर्यीकरण हेतु प्रस्ताव आमंत्रित कर कार्य किये जावेंगे? यदि हाँ, तो कब तक?
राज्यमंत्री, संस्कृति ( श्री सुरेन्द्र पटवा ) : (क) जी नहीं। शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्नांश ''क'' के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। (घ) जी नहीं। अत: शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
अवैध मादक पदार्थो का उत्पादन एवं बिक्री
[वाणिज्यिक कर]
96. ( क्र. 4988 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्तमान में तय आबकारी नीति अनुसार विधानसभा क्षेत्र सुसनेर में कितने लायसेन्सी देशी एवं विदेशी मदिरा दुकान एवं कितनी भांग घोटा दुकान संचालित हैं? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित दुकानों पर कितनी न्यूनतम मात्रा तय हैं कृपया दुकानवार विवरण देवे? लायसेन्सी दुकानों पर तय मात्रा के अनुरूप स्टॉक का मिलान/परीक्षण कब-कब किया गया? विगत 02 वर्ष की जानकारी उपलब्ध करावें? (ग) विगत 03 वर्षों में आगर जिला अंतर्गत अवैध मादक पदार्थों के उत्पादन एवं बिक्री की कितनी शिकायतें प्राप्त हुई हैं एवं कितने मामले स्वतः संज्ञान से जवाबदार अधिकारियों के निरीक्षण से सामने आये हैं? संज्ञानित मामलों में क्या कार्यवाही की गई हैं? प्रकरणवार विवरण देवे? (घ) विधानसभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत अवैध मादक पदार्थों की रोकथाम एवं प्रभावी कार्यवाही हेतु आबकारी विभाग ने पृथक से एवं पुलिस विभाग के सहयोग से क्या-क्या कार्यवाही विगत 03 वर्षों में की हैं?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) सुसनेर विधानसभा क्षेत्र में लायसेंसी देशी/विदेशी मदिरा एवं भांग घोटा दुकान सुसनेर की जानकारी विधानसभा पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) प्रश्नांश ''क'' में उल्लेखित देशी/विदेशी मदिरा की दुकानों एवं भांग दुकान पर संग्रह की कोई न्यूनतम मात्रा तय नहीं है। अत: स्टॉक रखने की न्यूनतम मात्रा के अनुरूप स्टॉक का मिलान परीक्षण नहीं किया गया। (ग) विगत 03 वर्षों में जिला आगर-मालवा में अवैध मादक पदार्थों की बिक्री की कुल 74 शिकायतें प्राप्त हुई, जिनके आधार पर कुल 55 प्रकरण कायम किये गये व शेष 19 शिकायतें निराधार पायी गयी। इसके अतिरिक्त, स्वत: संज्ञान से जवाबदार अधिकारियों के निरीक्षण में कुल 251 प्रकरण कायम किए गये, इस प्रकार कुल 306 प्रकरण कायम किये गये है। उक्त 306 मामलों में से 293 प्रकरणों में न्यायालय में चालान पेश किए जा चुके है, जिनमें से 292 प्रकरणों में न्यायालय द्वारा आरोपियों को दंडित किया जा चुका है व न्यायालय में 01 प्रकरण विचाराधीन है। शेष प्रकरण विवेचनाधीन है। प्रकरणवार विवरण विधानसभा पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (घ) विगत 03 वर्षों में विधानसभा क्षेत्र सुसनेर अन्तर्गत अवैध मादक पदार्थों की रोकथाम हेतु आबकारी विभाग सुसनेर द्वारा 165 न्यायालयीन प्रकरण कायम कर न्यायालय में प्रस्तुत किए गये, जिनका निराकरण हो चुका है एवं सभी प्रकरणों में आरोपियों को दण्डित किया जा चुका है। आबकारी विभाग द्वारा पुलिस के सहयोग से कोई कार्यवाही नहीं की गई है, समस्त प्रकरणों में समस्त कार्यवाहियां आबकारी विभाग द्वारा स्वयं ही की गई हैं।
घेबी अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही
[वाणिज्यिक कर]
97. ( क्र. 5027 ) श्री आरिफ अकील : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या श्री शैलेष गुरू वरिष्ठ जिला पंजीयक भोपाल के कार्यकाल में स्टाम्प वेंडर के लायसेंस, राजस्व वसूली के प्रकरणों, अर्थदण्ड नहीं लगाये जाने तथा कई प्रकरणों में 50 प्रतिशत से अधिक यानि एक लाख से अधिक शास्ति लगाये जाने के मामलों में बड़े पैमाने पर अनियमितता किए जाने संबंधी माननीय मुख्यमंत्री, महानिरीक्षक पंजीयक, लोकायुक्त ई.ओ.डब्ल्यू., कलेक्टर आदि को वर्ष 2010 से प्रश्न दिनांक की स्थिति में शिकायतें प्राप्त हुई हैं? (ख) यदि हाँ, तो प्रश्नांश (क) में उल्लेखित किन-किन मामलों में कब से कब तक किन-किन जिला पंजीयकों के विरूद्ध जांचें प्रचलन में रही और प्रश्न दिनांक की स्थिति में प्रकरणों की अद्यतन स्थिति तथा वर्षवार शिकायतवार की गई? कार्यवाही से अवगत करावें। (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में कि किन-किन मामलों में संबंधितों के विरूद्ध किन-किन कारणों से कार्यवाही नहीं की गई और प्रश्नांश (क) में उल्लेखित किन-किन शिकायतों के लिए किन-किन लोगों की जाँच समिति कितनी अवधि के लिए बनाई गई और उनका पालन प्रतिवेदन विभाग को कब प्राप्त हुआ?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) प्रश्नांश (क) से संबंधित कोई शिकायत प्राप्त होना नहीं पाया गया। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश (क) व (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अधिक भुगतान की गई राशि की वसूली
[नर्मदा घाटी विकास]
98. ( क्र. 5035 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) एन.डी. संभाग क्रमांक 7 सतना में टर्न को संविदा के कार्य क्षेत्र से क्रॉस रेग्यूलेटर-कम-स्केप की संरचना को हटाने के कारण ठेकेदार को क्या एक करोड़ का अदेय लाभ पहुँचाया गया है? (ख) एन.डी. संभाग क्रमांक 7 सतना (नागौद शाखा नहर) और एन.डी. संभाग क्रमांक 9 मैहर (सतना-रीवा मुख्य नहर) में दो नहर कार्यों में मूल्यवृद्धि की गणना करने में गलत मूल्य सूचकांक अपनाने के परिणाम स्वरूप एक ठेकेदार को 99.69 लाख का अधिक भुगतान किया गया है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में अधिक भुगतान की गई राशि ठेकेदार से कब तक वसूल कर ली जावेगी?
राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास ( श्री लालसिंह आर्य ) : (क) जी नहीं, निविदा में आर.डी. 32.880 पर सी.आर.-कम-स्केप के निर्माण स्थल की भौगोलिक स्थिति अनुकूल नहीं होने के कारण इसके एवज में पाँच अतिरिक्त संरचनाओं का निर्माण ठेकेदार से कराया गया जिनकी लागत रूपये 1.00 करोड़ से अधिक है। ठेकेदार को अनुबंधित राशि के अतिरिक्त कोई भुगतान नहीं किया गया है। (ख) निर्माण कार्यों में मूल्य वृद्धि की गणना तत्समय उपलब्ध मूल्य सूचकांक के आधार पर की गई थी। तत्पश्चात् भूतलक्षी प्रभाव से नया मूल्य सूचकांक लागू होने के कारण रूपये 99.69 लाख के अधिक भुगतान की स्थिति निर्मित हुई। (ग) ठेकेदार से राशि रूपये 99.69 लाख की वसूली वर्ष 2015 में कर ली गई है।
अनुबंधों में निर्धारित माईल स्टोन
[नर्मदा घाटी विकास]
99. ( क्र. 5138 ) श्री अशोक रोहाणी : क्या राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रानी अवंती बाई लोधी सागर परियोजना बरगी संभाग क्र.- 2 बरगी हिल्स व बायीं तट नहर वितरण संभाग के तहत स्वीकृत किन-किन निर्माण कार्यों के अनुबंधों में निर्धारित माईल स्टोन के अनुसार किन-किन निर्माण एजेंसियों/ठेकेदारों ने निर्धारित समयावधि में कितनी-कितनी राशि का कौन-कौन सा कार्य पूर्ण नहीं कराया है वर्ष 2013-14 से 2016-17 तक की जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) में किन-किन एजेंसियों/ठेकेदारों से कितनी-कितनी राशि का सीमेंट, कांक्रीट, मिट्टी कार्य, स्टोन मेसोनरी व सी.सी. लाइनिंग का कार्य कराया गया? इन कार्यों की गुणवत्ता की जाँच कब-कब किसने की है? इन कार्यों से संबंधित कितनी-कितनी राशि का भुगतान किया गया? उप संभागवार जानकारी दें। (ग) प्रश्नांश (क) में कहाँ-कहाँ की नहरें टूटी-फूटी पड़ी हैं एवं क्यों? इनका पुनर्निर्माण मरम्मत व सुधार कार्य न कराने का क्या कारण है? इन कार्यों से संबंधित कब कितनी राशि के प्रस्ताव स्वीकृत हेतु भेज गये है? बतलावें। उपसंभागवार जानकारी दें।
राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास ( श्री लालसिंह आर्य ) : (क) से (ग) वर्ष 2013-14 से वर्ष 2015-16 तक के अनुबंधों में माईल स्टोन के प्रावधान नहीं थे। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र - ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है।
नहरों का निर्माण, संधारण, मरम्मत एवं सुधार कार्य
[नर्मदा घाटी विकास]
100. ( क्र. 5139 ) श्री अशोक रोहाणी : क्या राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2014-15 से प्रश्नावधि तक रानी अवंती बाई लोधी सागर परियोजना बरगी संभाग क्र. 2 बरगी हिल्स व बांयी तट नहर वितरण संभाग में नहरों का निर्माण, संधारण, मरम्मत व सुधार कार्य पर कितनी-कितनी राशि व्यय हुई? किन-किन उपसंभागों में कितनी-कितनी राशि के कार्य किस ठेकेदार से कराये गये हैं? (ख) प्रश्नांश (क) में किन-किन निर्माण एजेंसियों/ठेकेदार से निविदा की स्वीकृत शर्तों के तहत धरोहर व सुरक्षा निधि की कितनी राशि जमा कराई गई? कितने कार्यों से संबंधित कितनी राशि की कटौती चलित देयकों से की गई? कितनी राशि वसूल करना बकाया है? उप संभागवार जानकारी दें। (ग) प्रश्नांश (क) नहरों के टूटने/फूटने से किसानों की फसलें नष्ट होने से संबंधित प्राप्त शिकायतों पर जिला प्रशासन व शासन ने दोषी कार्यपालन यंत्री पर कब क्या कार्यवाही की है? कितने किसानों को मुआवजे की कितनी राशि का वितरण किया गया? यदि नहीं, तो क्यों?
राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास ( श्री लालसिंह आर्य ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र - ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। (ग) नहरों के टूटने/फूटने से प्रश्नाधीन वर्ष में फसलें नष्ट होने की कोई भी शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पर्यटन सर्किट की कार्ययोजना
[पर्यटन]
101. ( क्र. 5156 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या राज्यमंत्री, संस्कृति महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा उठाये गये परि.ता. प्रश्न संख्या 63 (क्र. 1119) दिनांक 25/02/2016 के प्रश्नांश (घ) के उत्तर में राशि रूपये 17.15 लाख की स्वीकृति के अंतर्गत जावरा में सुविधा केन्द्र के पहुँच मार्ग के संदर्भ में कार्य प्रगति पर है, होना बताया है, तो प्रश्नकर्ता द्वारा बताए गये निम्नांकित (1) सुजापुर मगरे वाली माताजी पहुँच मार्ग (2) मामटखेडा रोग्यादेवी पहुँच मार्ग एवं (3) भिण्डा जी त्रिवेणी स्थल पहुँच मार्ग हेतु शासन/विभाग ने इन्हें अपने बजट कार्ययोजना में सम्मिलित कर पर्यटकों को दी जाने वाली उक्त पहुँच मार्गों की सुविधाओं की स्वीकृति सम्मिलित की है? (ख) यदि हाँ, तो जिले में पर्यटन सर्किट की कार्ययोजना में क्या-क्या सम्मिलित किया गया है, किन-किन स्थानों को चिन्हित कर पर्यटकों हेतु सुविधाओं के संबंध में क्या-क्या किया जाने वाला है? जिले भर की जानकारी दें? (ग) साथ ही अवगत कराएं कि प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कौन सा कार्य जावरा क्षेत्र में किस स्थान पर प्रगतिरत् होकर कार्य पूर्ण अथवा अपूर्ण स्थिति में है तथा प्रश्नांश (ख) के पहुँच मार्गों की ध्वस्त एवं जर्जर स्थिति को कब तक ठीक करवा कर सुगम किया जा सकेगा?
राज्यमंत्री, संस्कृति ( श्री सुरेन्द्र पटवा ) : (क) जी हाँ। मार्ग सुविधा केन्द्र के अतिरिक्त प्रश्नांश (क) में उल्लेखित शेष कार्य उक्त स्वीकृत राशि में प्रस्तावित नहीं है। (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पोषण आहार, दवाइयां एवं खिलौनों का क्रय
[महिला एवं बाल विकास]
102. ( क्र. 5157 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या शासन/विभाग द्वारा गर्भवती महिलाओं धात्री महिलाओं के साथ ही नवजात शिशुओं एवं कुपोषित बच्चों हेतु स्वास्थ्य जाँच परीक्षण, पोषण आहार सहित देखभाल एवं खिलौनों इत्यादि से उन्हें संभालने का कार्य भी किया जा रहा है? (ख) यदि हाँ, तो बताएं कि वर्ष 2012-13 से लेकर प्रश्न दिनांक तक रतलाम जिले में कुल कितनी दवाइयां किस-किस प्रकार की एवं खिलौने सहित अन्य सामग्रियां किस-किस प्रकार की कितनी क्रय की गई? पोषण आहार की व्यवस्था किस प्रकार की गई? उपरोक्त वर्षों में गर्भवती महिलाओं, धात्री महिलाओं नवजात शिशुओं एवं कुपोषित बच्चों हेतु पौष्टिक आहार किस-किस प्रकार का, कितना-कितना, किन-किन माध्यमों से किन नियमों के अंतर्गत प्राप्त हुआ, क्रय किया अथवा व्यवस्थाओं से बनवाया गया? (ग) अवगत कराएं कि जिले भर के आंगनवाड़ी केन्द्रों पर गर्भवती महिलाओं, धात्री महिलाओं, नवजात शिशुओं एवं कुपोषित बच्चा की संख्या भी दर्ज की गई, तो संख्या बताएं तथा पौष्टिक आहार सहित अन्य सामग्रियों के क्रय संबंधी किये गये कार्यों को नाम सहित केन्द्र सहित उल्लेखित कर प्राप्त बजट व व्यय से अवगत कराएं?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) जी हाँ। (ख) वर्ष 2012-13 से लेकर प्रश्न दिनांक तक रतलाम जिले में दवाइयां एवं खिलौने सहित अन्य सामग्रियां क्रय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। पोषण आहार की व्यवस्था से संबंधित एवं गर्भवती महिलाओं, धात्री महिलाओं, नवजात शिशुओं एवं कुपोषित बच्चों हेतु पौष्टिक आहार संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। (ग) (1) आंगनवाड़ी केन्द्रों पर गर्भवती, धात्री महिला, नवजात शिशु एवं कुपोषित बच्चों के लाभांवित की संख्या की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''स'' अनुसार है। (2) संचालित आंगनवाड़ी केन्द्रों में 06 माह से 03 वर्ष के बच्चों/गर्भवती/धात्री माताओं एवं किशोरी बालिकाओं को एम.पी.एग्रो के माध्यम से निम्नानुसार रेडी-टू-ईट खाद्य सामग्री अलग-अलग दिवसों में प्रदाय किया जाता है। (3) संचालित ग्रामीण/शहरी क्षैत्र की बाल विकास परियोजना में 03 वर्ष से 06 वर्ष तक के बच्चों को सांझा चूल्हा अंतर्गत स्थानीय स्व-सहायता समूहों के माध्यम से सुबह का नाश्ता एवं दोपहर का भोजन पृथक-पृथक मीनु एवं अलग-अलग दिवसों में पूरक पोषण आहार के रूप में प्रदाय किया जाता है। (4) इसके साथ ही बच्चों एवं महिलाओं का स्वास्थ्य जाँच, टीकाकरण, ग्रोथ मॉनीटरिंग एवं पोषण पुनर्वास केन्द्र में भर्ती कराकर उपचार कराने आदि की सेवायें प्रदान की जाती हैं। (5) प्राप्त बजट एवं व्यय संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''द'' अनुसार है।
आवेदन पत्रों का समय पर निराकृत न करने पर दोषियों पर कार्यवाही
[सामान्य प्रशासन]
103. ( क्र. 5179 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राज्य सरकार द्वारा भारत में घोषित आपातकाल के कालावधि के दौरान म.प्र. के राजनैतिक व सामाजिक कारणों से मीसा/डी.आई.आर. के अधीन निरूद्ध व्यक्तियों को सहायता देने का निर्णय लिया गया है, जिसका नाम लोक नायक जय प्रकाश नारायण सम्मान निधि नियम 2008 है? (ख) यदि प्रश्नांश (क) हाँ, तो रीवा जिले में सामाजिक व राजनैतिक (निरूद्ध मीशा/डी.आई.आर.) कारणों के तहत कितने व्यक्ति के सम्मान निधि बाबत् आवेदन प्राप्त हुए? उनमें से कितने लोगों के आवेदन स्वीकृत कर सम्मान निधि प्रदान करायी गई? विवरण देवें? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में रीवा जिले में क्या 30 आवेदन पत्र लोक नायक जय प्रकाश नारायण सम्मान निधि बाबत् लंबित है? यह आवेदन कब से लंबित हैं? लंबित होने के कारण बतावें। यह भी बतावें कि क्या इनमें से एक दो आवेदन स्वीकृत कर उनको सम्मान निधि प्रदान की गई? (घ) प्रश्नांश (क) के सम्मान निधि के आवेदन प्रश्नांश (ग) अनुसार लंबित रखे जाने एवं पात्र मीसा बंदियों को समय से सम्मान निधि न दिये जाने के लिये कौन-कौन दोषी हैं? क्या संबंधितों के सम्मान निधि बाबत् दिये गए आवेदन पत्रों की स्वीकृति आवेदन दिनांक से प्रदान कर सम्मान निधि दिलायेंगे? दिलायेंगे, तो कब तक? अगर नहीं तो क्यों।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। (ख) 99 व्यक्तियों के आवेदन प्राप्त हुये। 64 आवेदकों को सम्मान निधि स्वीकृत की गई। (ग) जी नहीं। 35 आवेदन लम्बित है। (घ) जिला स्तर पर लम्बित प्रकरणों के निराकरण हेतु मीसाबंदी समिति का गठन किया जा चुका है। प्रक्रियाधीन है। जी नहीं। स्वीकृति आदेश दिनांक से सम्मान निधि देने का प्रावधान है।
लोक सूचना अधिकारी को प्राप्त आवेदन
[सामान्य प्रशासन]
104. ( क्र. 5202 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सामान्य प्रशासन विभाग के लोक सूचना अधिकारी के कार्यालय में वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक तक प्राप्त हुये आवेदनों की संख्या बताएं? जिनमें आवेदक को अपेक्षित जानकारी उपलब्ध कराई गई, उनकी संख्या सहित विवरण दें। जिन आवेदकों को चाही गई जानकारी निर्धारित अवधि 30 दिवस के अंदर नहीं दी गई उनका विवरण एवं संख्या सहित बताएं। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में निर्धारित 30 दिवस में चाही गई समय-सीमा में प्रदाय न करने के क्या कारण है? (ग) क्या लोक सूचना अधिकारी लोक सूचना अधिनियम 2005 के प्रावधानों के तहत निर्धारित समय-सीमा 30 दिवस के अंदर आवेदकों को जानकारी उपलब्ध न कराकर ऐसे कितने आवेदनों में जानकारी विलंब से दी गई है? ऐसा क्यों किया गया है? कारण बताएं। (घ) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) के परिप्रेक्ष्य में उक्त लोक सूचना अधिकारी को हटा कर इनके द्वारा की गई मनमानी की जाँच किसी वरिष्ठ प्रमुख सचिव से कराई जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो कारण बताएं?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) कुल 3571 आवेदन प्राप्त। 3405 की जानकारी समय-सीमा में एवं 126 आवेदन पत्रों पर समय-सीमा के बाद जानकारी/सूचना दी गई, संलग्न परिशिष्ट अनुसार। 40 आवेदन पत्र लंबित है, जो समय-सीमा के भीतर है। (ख) एवं (ग) केवल 126 आवेदन पत्रों से संबंधित जानकारी संकलन करने की प्रक्रिया के कारण समयावधि पश्चात् दी गई। (घ) (क), (ख) एवं ग के परिप्रेरक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
दैनिक वेतन भोगियों का नियमितीकरण
[सामान्य प्रशासन]
105. ( क्र. 5213 ) श्री के. के. श्रीवास्तव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्तमान समय में राज्य शासन के विभिन्न विभागों में कार्यरत दैनिक वेतन कर्मचारियों को कब तक नियमित किया जायेगा? (ख) दैनिक वेतन पर कार्यरत कर्मचारियों को शासन के मापदण्डों के अनुसार दी जाने वाली कर्मचारियों संबंधी समस्त सुविधाएं देने का प्रावधान है कि नहीं? यदि हाँ, तो सूचीवार बतावें। (ग) विभिन्न विभागों में कार्यरत दैनिक वेतन भोगियों के लिये क्या विभागवार परीक्षा कराकर उनका नियमितीकरण करने की शासन की कोई योजना है? यदि हाँ, तो अवगत करावें?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र दिनांक 16.05.2007 द्वारा दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों के नियमितीकरण किये जाने के निर्देश हैं, समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। शेषांश प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पयर्टन को बढ़ावा देने हेतु राज्य सरकार की योजना
[पर्यटन]
106. ( क्र. 5214 ) श्री के. के. श्रीवास्तव : क्या राज्यमंत्री, संस्कृति महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टीकमगढ़ जिले में पयर्टन को बढ़ावा देने कि राज्य सरकार की क्या योजना है? यदि कोई योजना है, तो अवगत करायें? (ख) टीकमगढ़ जिले में ओरछा कुण्डेश्वर मडखेरा सूर्य मंदिर आदि अनेकों अनेक स्थल हैं, उनमें पर्यटकों एवं पर्यटन की अपार संभावना है। इन स्थानों पर शासन की क्या योजना है? (ग) आरेछा से विदेशी पर्यटक काफी संख्या में पर्यटन करने आते हैं। इनको जिले के कई स्थानों पर भ्रमण हेतु शासन द्वारा कोई बस सेवा शुरू की जा सकती है, जिससे जिले में पर्यटन को बढ़ावा मिल सके?
राज्यमंत्री, संस्कृति ( श्री सुरेन्द्र पटवा ) : (क) जिला टीकमगढ़ में ओरछा हेतु राज्य शासन के प्रस्ताव पर केन्द्र शासन द्वारा स्वदेश दर्शन के हेरिटेज सर्किट के अन्तर्गत योजना स्वीकृत की गई है। (ख) ओरछा हेतु उत्तरांश (क) अनुसार। शेष हेतु वर्तमान में कोई योजना नहीं है। (ग) वर्तमान में कोई प्रस्ताव नहीं है।
विद्युत वितरण कम्पनी के संविदा कर्मचारियों का नियमितीकरण
[ऊर्जा]
107. ( क्र. 5243 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश ऊर्जा विभाग मंत्रालय के पत्र क्रमांक 9159/12/05/भोपाल, दिनांक 27.12.2013 जनसंकल्प 2013 के माध्यम से बिजली कम्पनी में कार्यरत संविदा कर्मचारियों को नियमित करने का उल्लेख किया गया था? (ख) क्या मध्यप्रदेश में कार्यरत विद्युत संविदा कर्मचारियों को अन्य राज्यों की तरह नियमित किया जा सकता है? अगर हाँ, तो कब तक नियमित कर दिया जायेगा? अगर नियमित नहीं किया जा सकता है, तो इसका क्या कारण है? (ग) क्या शासन द्वारा विगत 10 वर्षों में विभिन्न योजनाओं के तहत अधोसंरचना में काफी वृद्धि की गई है, जबकि उसके अनुपात में विभाग में स्थायी कर्मचारियों की कमी मेहसूस की जा रही है और सभी कंपनियों में नियमित कर्मचारियों के पद भी रिक्त हैं? क्या ऐसी परिस्थितियों में विभाग द्वारा उन पदों पर नियमित भर्ती न करते हुए, विभाग में कार्यरत संविदा कर्मचारियों को नियमित किया जायेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) ऊर्जा विभाग, मध्यप्रदेश शासन के विद्युत कंपनियों को प्रेषित पत्र क्रमांक 9159/2013/तेरह/05/भोपाल दिनांक 27.12.2013 के साथ संलग्न किये गये जनसंकल्प 2013 में विद्युत वितरण कंपनियों में संविदा नियुक्ति में कार्यरत कर्मचारियों के नियमितीकरण सहित सभी समस्याओं के निराकरण हेतु त्वरित कदम उठाये जाने के संबंध में उल्लेख किया गया था। (ख) जी नहीं। राज्य शासन द्वारा विद्युत वितरण कंपनियों में संविदा नियुक्ति पर कार्यरत कार्मिकों की समस्याओं के निराकरण हेतु संविदा सेवा (अनुबंध तथा सेवा की शर्तें) नियम 2016, को अनुमोदन प्रदान किया गया, जिसे कंपनियों द्वारा लागू किया गया है। इन नियमों में संविदा कार्मिकों को नियमित करने का प्रावधान नहीं है तथापि इन नियमों में संविदा कार्मिकों की विभिन्न समस्याओं का निराकरण करते हुए इन कार्मिकों को उनके कार्य की योग्यता के आधार पर अधिकतम 60 वर्ष की आयु तक संविदा पर कार्य करने की सुविधा प्रदान की गई है। नियमित भर्ती की प्रक्रिया में संविदा कार्मिक को भी पात्रतानुसार अवसर दिया जाता है। (ग) जी हाँ, अधोसंरचना में वृद्धि की गई है तथापि उसके अनुपात में स्थाई कर्मचारियों की कमी महसूस नहीं की जा रही है। कंपनी में नियमित कर्मचारियों के पद रिक्त हैं, जिन्हें भरने की कार्यवाही समय-समय पर की जाती है, जिसमें पात्रतानुसार संविदा कार्मिक को भी अवसर दिया जाता है। उत्तरांश (ख) में उल्लेखानुसार संविदा सेवा (अनुबंध तथा सेवा की शर्तें) नियम, 2016 में संविदा कार्मिकों के नियमितीकरण का प्रावधान नहीं है।
निर्माण कार्यों में की गई अनियमितताओं की जाँच
[पर्यटन]
108. ( क्र. 5244 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या राज्यमंत्री, संस्कृति महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परासिया विधान सभा क्षत्र के अन्तर्गत हिंगलाज मन्दिर धार्मिक स्थल अम्बाड़ा में वर्ष 2013 में पर्यटन विभाग द्वारा किन-किन निमार्ण कार्यों की स्वीकृति प्रदान की गई थी? जिन निमार्ण कार्यों की स्वीकृति प्रदान की गई थी, क्या वे सभी निर्माण कार्य क्रियान्वयन एजेन्सी (संबंधित ठेकेदार) द्वारा गुणवत्तापूर्ण तरीके से पूर्ण किये जा चुके हैं? (ख) उपरोक्त स्वीकृत निर्माण कार्यों को क्रियान्वयन एजेन्सी (M/S Ciscom Engineers and Constructors, F-5 Kachnar City Vijay Nagar, Jabalpur M.P.) द्वारा गुणवत्तापूर्ण तरीके से नहीं कराते हुए, निर्माण कार्यों में अनेकों अनियमितता बरती गई हैं और स्वीकृत निर्माण कार्यों में से कुछ कार्य जैसे पीने के पानी की व्यवस्था से संबंधित निर्माण कार्य राशि 2.62 लाख रूपये के कार्य किये ही नहीं गये है और पार्किंग डेव्लपमेन्ट से संबंधित कार्य को भी निर्धारित क्षेत्रफल में नहीं किया गया है और जो कार्य किया गये हैं, वह भी गुणवत्ताहीन (खराब) तरीके से किया गये हैं? फिर भी उन्हें विभाग के सब-इंजीनियर द्वारा कार्य पूर्णत: प्रमाण-पत्र जारी करते हुए राशि का भुगतान करा दिया गया है? क्या इसकी उच्च स्तरीय जाँच करायी जावेगी? (ग) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा पत्र क्र.वि.स./परासिया/ 127/2015/1381 दिनांक 30/08/2015 के माध्यम से माननीय मंत्री जी को परासिया विधान सभा क्षेत्र के कोसमी व हिंगलाज धार्मिक स्थल में पर्यटन विभाग द्वारा स्वीकृत किये गये निर्माण कार्यों में क्रियान्वयन एजेन्सी (संबंधित ठेकेदार) द्वारा कराये गये निर्माण कार्यों में की गई अनियमितताओं की जाँच के संबंध में पत्र प्रेषित किया गया था? उस पर विभाग द्वारा अभी तक क्या जाँच कार्यवाही कराई गई है?
राज्यमंत्री, संस्कृति ( श्री सुरेन्द्र पटवा ) : (क) वर्ष 2013 में केन्द्र शासन द्वारा स्वीकृत परियोजना छिंदवाड़ा डेस्टीनेशन के अन्तर्गत संलग्न परिशिष्ट अनुसार स्वीकृति प्रदान की गई है। जी हाँ। ड्रिंकिंग वॉटर का कार्य भारत सरकार से राशि प्राप्त न होने के कारण रोक दिया गया है। (ख) स्वीकृति के अन्तर्गत उपलब्ध राशि अनुसार संपादित सभी कार्य गुणवत्तापूर्वक है। केन्द्र शासन से पीने के पानी की 2.63 लाख की राशि प्राप्त न होने से कार्य नहीं कराया गया। निगम द्वारा निर्दिष्ट स्थल पर उपलब्ध भूमि पर कार्य किया गया कार्य गुणवत्तापूर्ण है, ऐजेन्सी को उसके द्वारा संपादित कार्य के अनुपात में ही भुगतान किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ। निगम द्वारा वरिष्ठ यंत्री से कार्य की गुणवत्ता की जाँच करायी गई थी। कार्य गुणवत्तापूर्वक पाया गया। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
वृहद/मध्यम/लघु सिंचाई परियोजनाएं
[नर्मदा घाटी विकास]
109. ( क्र. 5253 ) श्री सचिन यादव : क्या राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कसरावद विधान सभा क्षेत्र के अतंर्गत कितनी वृहद/मध्यम/लघु सिंचाई परियोजनाएं संचालित है? नाम सहित जानकारी दें। क्या कोई नई सिंचाई परियोजना स्थापित करने के संबंध में प्रस्ताव है हाँ, तो प्रस्तावित परियोजनायें कब तक पूर्ण कर ली जायेंगी? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में पूर्व से संचालित सिंचाई परियोजनाओं की नहरें क्या क्षतिग्रस्त/कच्ची है? हाँ, तो ग्रामवार भौतिक निरीक्षण कर जानकारी दें। इनके मरम्मत के लिए कितनी राशि स्वीकृत की गई? जलाशयवार जानकारी दें। नहीं तो कब तक राशि स्वीकृत की जायेगी? (ग) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्षतिग्रस्त कच्ची नहरों को पक्की नहरों (लाईनिंग) में परिर्वतन करने के लिए क्या कोई योजनाएं बनाई गई हैं? हाँ, तो प्रस्तावित योजना कब तक पूर्ण कर ली जायेगी? (घ) उक्त प्रश्नांशों के परिप्रेक्ष्य में प्रश्नकर्ता द्वारा नर्मदा घाटी विभाग को प्राप्त पत्रों पर की गई कार्यवाही से अवगत नहीं कराये जाने के तत्संबंधी कारण क्या है?
राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास ( श्री लालसिंह आर्य ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। जी नहीं। (ख) एवं (ग) इंदिरा सागर परियोजना एवं ओंकारेश्वर परियोजना की नहरें क्षतिग्रस्त/कच्ची नहीं है। कठोरा उद्वहन सिंचाई परियोजना की भूमिगत पाईप लाईनें क्षतिग्रस्त हैं, जिसका विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। मरम्मत के लिए राशि रूपये 1.97 करोड़ की स्वीकृति देकर निर्माण एजेंसी निर्धारित की जा चुकी है। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''स'' अनुसार है।
सिंचाई परियोजनान्तर्गत फसलों को पानी की उपलब्धता
[नर्मदा घाटी विकास]
110. ( क्र. 5254 ) श्री सचिन यादव : क्या राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कसरावद विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत नर्मदा घाटी विकास विभाग की इंदिरा सागर की मुख्य नहर की आर.डी 79.84 किमी. पर निर्माणधीन खरगोन उद्वहन योजना के अतंर्गत छिरवा तालाब के जलाशय की कुल संग्रहण क्षमता क्या है और इससे कुल कितने क्षेत्र में सिंचाई की जा सकती है तथा इसके कितने मिलियन क्यूबिक मीटर पानी से प्रतिदिन भरा जा रहा है? प्रश्नांकित दिनांक तक तत्संबंधी ब्यौरा क्या है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार किसानों की खरीफ एवं रबी की फसल हेतु कितने कितने ग्रामों व क्षेत्र में सिंचाई हेतु कितनी-कितनी मात्रा में पानी उपलब्ध कराया गया/जा रहा है? फसलवार तुलनात्मक स्थिति में प्रश्नांकित दिनांक तक तत्संबंधी ब्यौरा क्या है? (ग) उक्त योजनान्तर्गत अधिक क्षेत्र में किसानों को रबी की फसल में पानी नहीं उपलब्ध होने के क्या कारण है? फसलें प्रभावित एवं सूख रही हैं। तत्संबंध जबावदेही सुनिश्चित कर तत्संबंधी ब्यौरा दें? (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में प्रश्नकर्ता द्वारा संबंधित अधिकारियों एवं विभाग में प्राप्त पत्रों की कार्यवाही से अवगत नहीं कराने के क्या कारण है?
राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास ( श्री लालसिंह आर्य ) : (क) जल संग्रहण क्षमता 6.178 मिलियन क्यूबिक मीटर है। इससे कुल 9387 हेक्टेयर कमाण्ड क्षेत्र में सिंचाई की जा सकती है। प्रतिदिन 0.149 मिलियन क्यूबिक मीटर पानी भरा जाता है। वर्तमान में एल.एस.एल स्तर से 2 मीटर ऊपर तक पानी भरा है। (ख) खरीफ फसल हेतु पानी प्रवाहित नहीं किया गया है। रबी सीजन में 34 ग्रामों की 8,452 हेक्टर भूमि में सिंचाई हेतु दिनांक 17/02/2017 तक 12.9 मिलियन क्यूबिक मीटर पानी दिया गया है। (ग) परियोजना कार्य पूर्ण नहीं होने एवं भाड़ली, भाजलपुरा एवं वरड़िया के किसानों द्वारा उच्च न्यायालय में प्रकरण दायर करने के कारण। सैच्य क्षेत्र में पर्याप्त पानी दिये जाने से शेष प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होते हैं। (घ) विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
किसान अनुदान योजनान्तर्गत हितग्राहियों को लाभ
[ऊर्जा]
111. ( क्र. 5255 ) श्री सचिन यादव : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खरगोन जिले के अतंर्गत किसान अनुदान योजना में विगत तीन वर्ष में बिजली कनेक्शन हेतु कितने हितग्राहियों द्वारा राशि जमा कराई गई है? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न दिनांक तक कितने हितग्राहियों को उक्त योजना का लाभ दिया गया है? कितने शेष हैं और क्यों? विधान सभावार जानकारी दें। (ग) प्रश्नकर्ता के विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत शेष रहे हितग्राहियों को कब तक लाभ से लाभान्वित किया जायेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) खरगोन जिले में कृषक अनुदान योजना, जिसे वर्तमान में लागू मुख्यमंत्री स्थायी कृषि पंप कनेक्शन योजना में समाहित कर लिया गया है, के अंतर्गत विगत तीन वर्षों में स्थायी कृषि पंप कनेक्शन हेतु कुल 2796 हितग्राहियों (वर्ष 2013-14 में 918 वर्ष 2014-15 में 1197 तथा वर्ष 2015-16 में 681) द्वारा राशि जमा कराई गई है। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न दिनांक तक कुल 2783 हितग्राहियों को उक्त योजना के अंतर्गत स्थायी कृषि पम्प कनेक्शन प्रदान कर लाभान्वित किया जा चुका है। शेष 13 हितग्राहियों में से 10 हितग्राहियों द्वारा विभिन्न कारणों यथा संयुक्त खातेदारों के आपसी विवाद, लाईन निर्माण, ट्रांसफार्मर स्थापना स्थल पर विवाद इत्यादि के कारण संयोजन नहीं लेने हेतु आवेदन देकर जमा राशि की वापसी की मांग की गई है। 3 हितग्राहियों के प्रकरणों में स्वीकृत प्राक्कलन अनुसार राशि का भुगतान आवेदक द्वारा नहीं किये जाने के कारण उनके आवेदन निरस्त किए गये हैं। इस प्रकार उक्तानुसार शेष सभी 13 आवेदन निरस्त किये गये हैं। उक्त में से 8 कृषकों की जमा राशि वापस कर दी गई है एवं 5 कृषकों की राशि वापस करने के प्रकरण प्रक्रियाधीन हैं। प्रश्नाधीन प्राप्त आवेदनों की संख्या, लाभान्वित हितग्राहियों एवं शेष हितग्राहियों की संख्या की विधान सभा क्षेत्रवार एवं वर्षवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) उत्तरांश ''ख'' के परिप्रेक्ष्य में किसी भी हितग्राही को लाभान्वित किया जाना शेष नहीं है।
मुख्यमंत्री सहायता कोष
[सामान्य प्रशासन]
112. ( क्र. 5297 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनूपपुर जिले में वर्ष 2015-16, 2016-17 में मुख्यमंत्री स्वेच्छानुदान मद से आर्थिक सहायता एवं बीमारी के उपचार हेतु कितने आवेदन पत्र मुख्यमंत्री कार्यालय को स्वीकृति हेतु प्राप्त हुये हैं? (ख) मुख्यमंत्री स्वेच्छानुदान मद से कितने आवेदकों को कितनी-कितनी राशि प्रदान की गई है तथा कितने आवेदकों का उपचार कराया गया है? (ग) कितने आवेदन पत्र लंबित है? लंबित आवेदनों का निराकरण कब तक करा दिया जायेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) वर्ष 2015-16 में 20 एवं वर्ष 2016-17 में 69. (ख) वर्ष 2015-16 में 07 आवेदकों को राशि रूपये 2,00,000/- (दो लाख) एवं वर्ष 2016-17 में 35 आवेदकों को राशि रूपये 10,20,000/- (दस लाख बीस हजार) राशि स्वीकृत की गई। वर्ष 2015-16 में 3 आवेदकों का एवं वर्ष 2016-17 में 18 आवेदकों का उपचार कराया गया। (ग) कोई प्रकरण लंबित नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थिति नहीं होता।
आंगनवाड़ी/मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र खोलने की प्रक्रिया
[महिला एवं बाल विकास]
113. ( क्र. 5298 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) आंगनवाड़ी केन्द्र एवं मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र खोलने के क्या नियम हैं? कितनी जनसंख्या एवं दूरी पर आंगनवाड़ी केन्द्र खोलने का प्रावधान है? (ख) क्या विगत वर्षों में शासन द्वारा विधान सभा सदस्यों से उनके क्षेत्र में मिनी आंगनवाड़ी एवं आंगनवाड़ी केन्द्र खोले जाने हेतु प्रस्ताव मंगाये गये थे? क्या प्रस्तावित आंगनवाड़ी केन्द्र एवं मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र खोलने की स्वीकृति शासन द्वारा दी जा चुकी है अथवा इनको किराये के भवन में संचालित किया जायेगा? (ग) प्रश्नकर्ता के क्षेत्र पुष्पराजगढ़ में किन-किन स्थानों पर आंगनवाड़ी अथवा मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र को खोलने की स्वीकृति प्रदान की गई है?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) भारत सरकार द्वारा आंगनवाड़ी केन्द्र/मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र स्वीकृत करने हेतु जनसंख्या के निम्नानुसार मापदण्ड निर्धारित किये गये है :-
(अ) |
आंगनवाड़ी केन्द्र :- |
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1.1 |
ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र हेतु |
:- 400-800 (एक केन्द्र) |
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:- 800-1600 (दो केन्द्र) |
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:- 1600- 2400 (तीन केन्द्र) |
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(इसके पश्चात प्रति 800 की जनसंख्या पर एक केन्द्र) |
1.2 |
आदिवासी क्षेत्र हेतु |
:- 300-800 (एक केन्द्र) |
(ब) |
मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र |
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1.1 |
ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र हेतु |
:- 150-400 (एक मिनी केन्द्र) |
1.2 |
आदिवासी क्षेत्र हेतु |
:- 150-300 (एक मिनी केन्द्र) |
(ख) जी हाँ। जी हाँ। शासन द्वारा नवीन स्वीकृत आंगनवाड़ी/मिनी आंगनवाड़ी केन्द्रों का संचालन शासकीय भवन/किराये के भवन में संचालन किया जावेगा। (ग) प्रश्नकर्ता माननीय विधायक के विधान सभा क्षेत्र पुष्पराजगढ़ में स्वीकृत आंगनवाड़ी/मिनी आंगनवाड़ी केन्द्रों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है।
पोषण आहार व्यवस्था
[महिला एवं बाल विकास]
114. ( क्र. 5304 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या समेकित बाल विकास परियोजनाओं में पूरक पोषण में 03 से 06 वर्ष तक बच्चों तथा गर्भवती धात्री माताओं एवं किशोरी बालिकाओं को पूरक पोषण आहर के प्रदाय के संबंधित निर्देश विभाग के पत्र क्रमांक एफ 3-21-07-50-2 भोपाल दिनांक 27.03.2008 जारी किये गये थे? (ख) यदि हाँ, तो उक्त निर्देशों के बाद पूरक पोषण आहार के संबध में कब-कब प्रश्न दिनांक तक दिशा-निर्देश जारी किये गये थे? (ग) क्या पूरक पोषण आहार का प्रदाय म.प्र. एग्रो इंडस्ट्रीज कार्पोरेशन भोपाल के साथ ज्वाइंट वेन्चर कंपनियों के साथ अनुबंध कर किया गया था? यदि हाँ, तो किन-किन शर्तों के साथ किन-किन कंपनियों से अनुबंध कितनी अवधि के लिये किया गया था? (घ) क्या एम.पी. एग्रो एवं उनकी ज्वाइंट वेन्चर पोषण आहर प्रदाय कंपनियों के संचालकों के ठिकानों पर वर्ष 2016 में आयकर विभाग द्वारा की गई छापामार कार्यवाही में करोड़ों रूपयों की आय से अधिक संपत्ति प्राप्त होने की समाचार पत्रों के माध्यम से विभाग के संज्ञान में यह मामला आया था? यदि हाँ, तो विभाग ने इस संबंध में अब तक क्या-क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) जी हाँ। (ख) विभाग द्वारा जारी निर्देशों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। (ग) जी हाँ। महिला बाल विकास एवं एम.पी.एग्रो के मध्य अनुबंध निष्पादित हुआ है। एम.पी.एग्रो इण्डस्ट्रीज कार्पोरेशन भोपाल द्वारा 03 संयुक्त क्षेत्र उपक्रमों (ज्वाइंट वेन्चर कम्पनियों) के मध्य अनुबंध निष्पादित किया गया हैं, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार है। (घ) जी हाँ। वर्तमान में आयकर विभाग द्वारा विवेचना की कार्यवाही की जा रही हैं, आयकर विभाग से कोई प्रतिवेदन प्राप्त नहीं हुआ है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
लोक मंथन कार्यक्रम पर व्यय राशि
[संस्कृति]
115. ( क्र. 5307 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या राज्यमंत्री, संस्कृति महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजधानी भोपाल में दिनांक 12, 13 एवं 14 नवम्बर 2016 को भोपाल भारत भवन, संस्कृति विभाग एवं प्रज्ञा प्रवाह द्वारा संयुक्त लोक मंथन कार्यक्रम आयोजित किया गया था? (ख) यदि हाँ, तो उक्त कार्यक्रम पर प्रज्ञा प्रवाह एवं शासन ने कितनी-कितनी राशि किस-किस कार्य हेतु व्यय की थी? (ग) उक्त कार्यक्रम की आयोजक इवेन्ट कंपनी कौन-कौन सी थी? उन्हें किस-किस कार्य हेतु कितनी-कितनी राशि का भुगतान किस-किस माध्यम से किया गया? (घ) उक्त कार्यक्रम का आयोजन किस-किस इवेन्ट कंपनी से कराया गया तथा किस-किस कार्य हेतु कितनी-कितनी राशि इवेन्ट कंपनी व अन्य को कितनी-कितनी राशि का भुगतान किया गया?
राज्यमंत्री, संस्कृति ( श्री सुरेन्द्र पटवा ) : (क) जी हाँ. (ख) कार्यक्रम पर अभी तक व्यय की गई राशि का विवरण निम्नानुसार है :- (1) कलाकारों को भुगतान राशि रूपये 4,79,280.00 (2) सांस्कृतिक प्रस्तुति राशि रूपये 2,50,000.00 (3) परिवहन व्यय राशि रूपये 61,722.00 (4) यात्रा व्यय राशि रूपये 13,912.00 (5) विधान सभा हॉल आरक्षण राशि रूपये 2,70,000.00 (6) कार्यालयीन व्यय राशि रूपये 4,667.00 (7) डोम एवं अरेंजमेंट राशि रूपये 1,13,01,349.00 (ग) लोक मंथन 2016 आयोजित करने के लिये मध्य प्रदेश माध्यम को कार्य सौंपा गया था मध्य प्रदेश माध्यम के लिये मेसर्स विजन फोर्स, भोपाल द्वारा इवेन्ट संबंधी कार्य किया गया है. अभी तक म.प्र. माध्यम भोपाल द्वारा मेसर्स विजन फोर्स भोपाल को डोम एवं अरेंजमेंट के लिए राशि रूपये 1,13,01,349.00 का भुगतान किया गया है. (घ) प्रश्नांश 'ग' अनुसार.
अल्ट्रा मेगा सोलर प्रोजेक्ट
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
116. ( क्र. 5319 ) श्री जितू पटवारी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले में अल्ट्रा मेगा सोलर प्रोजेक्ट में निविदा में भाग लेने वाली कंपनियों को शासन के तरफ से क्या-क्या सुविधाएं दी जा रही है? प्रोजेक्ट स्थल पर क्या-क्या कार्य सिविल इलेक्ट्रिकल के मद में कराये गये हैं? मदवार कार्यवार जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अंतर्गत प्रोजेक्ट हेतु शासन ने कितनी जमीन दी है व कुल जमीन में से कंपनियों को प्रोजेटक्ट लगाने हेतु तीनों प्रोजेक्ट (250 मेगावॉट के तीनों प्रोजेक्ट) हेतु कितनी जमीन दी जाना प्रस्तावित है? कुल जमीन का बाजार मूल्य क्या है? (ग) क्या शासन ने कंपनियों को कार्य करने हेतु सस्ती ब्याज दर पर ऋण का भी प्रावधान रखा है? यदि हाँ, तो वह दर क्या है? साथ ही कार्य करने वाली कंपनियों की तीनों यूनिटों (250 के तीनों प्रोजेक्ट) पर शासन द्वारा दी जा रही समस्त रियायतों व सुविधाओं पर शासन ने कितना रूपया खर्च किया है? (घ) इस पूरे प्रोजेक्ट की सारे मद मिलाकर कितनी कीमत है व इसके आने से आस-पास के गाँवों के कितने बेरोजगार नौजवानों को रोजगार मिलेगा? क्या टेंडर की शर्तों में काम करने वाली कंपनियों को सामाजिक विकास व रोजगार देने को लेकर कोई शर्त शासन ने रखी है? यदि हाँ, तो क्या प्रोजेक्ट की डी.पी.आर. व सोशियो इकोनामी रिपार्ट का विवरण उपलब्ध कराये? (ड.) अल्ट्रा मेगा प्रोजेक्ट से बनी बिजली किस-किस विभाग व उपक्रम को किस-किस दर पर बेची जायेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) रीवा जिले में अल्ट्रा मेगा सौर प्रोजेक्ट में निविदा में भाग लेने वाली कम्पनियों को परियोजना का स्थल भ्रमण कराया गया था और परियोजना दस्तावेजों को विकसित करने के लिए प्री-वीड मीटिंग की गई थी। जहाँ तक परियोजना के विकासकों का प्रश्न है, उन्हें शासन की तरफ से निम्न सुविधाएं दी जा रही हैं :- (1) 250 मेगावाट की 03 यूनिट हेतु प्रत्येक को 500 हेक्टेयर भूमि, 25 वर्ष के लिए उपयोग के लिए दी जा रही है। (2) परियोजना में उत्पादित समस्त विद्युत के विक्रय की पुख्ता व्यवस्था की गयी है, जिसके अन्तर्गत म.प्र. पावर मैनेजमेंट कम्पनी एवं दिल्ली मेट्रो के साथ आवश्यक अनुबंध तैयार किए गए हैं। (3) म.प्र. पावर मैनेजमेंट कम्पनी द्वारा परियोजना विकासकों के भुगतान की सुनिश्चितता के लिए राज्य शासन द्वारा गारंटी उपलब्ध कराई जा रही है। वर्तमान तक प्रोजेक्ट स्थल पर किसी तरह का कोई भी कार्य सिविल मद में नहीं कराया गया है। प्रोजेक्ट से उत्पादित विद्युत के ग्रिड संयोजन हेतु प्रत्येक यूनिट के लिए 33/220kV का एक-एक सब स्टेशन बनवाया जा रहा है, जो पॉवर ग्रिड कार्पोरेशन आफ इण्डिया के निर्माणाधीन 320/4400kV सब-स्टेशन में संयोजित होंगे। (ख) इस परियोजना हेतु म.प्र. शासन (राजस्व विभाग) द्वारा 1255.684 हेक्टेयर राजस्व भूमि नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग को आवंटित की गई है। उक्त भूमि में, शासन की ''आपसी सहमति से भूमि क्रय नीति'' अन्तर्गत रीवा अल्ट्रा मेगा सोलर लिमिटेड (RUMS) द्वारा क्रय की गई निजी भूमि सम्मिलित कर, इकाइयों की कुल 1500 हेक्टेयर भूमि (प्रति यूनिट 500 हेक्टेयर भूमि) के भूमि उपयोग की अनुमति शासन के नियमों एवं शर्तों अन्तर्गत देने का प्रावधान है। कुल 1500 हेक्टेयर भूमि का बाजार मूल्य रूपये 101.773 करोड़ है। (ग) शासन ने विकासकों को कार्य करने हेतु सस्ती ब्याज दर पर बैंक के माध्यम से ऋण का कोई प्रावधान नहीं रखा है। शासन द्वारा RUMS को परियोजना क्रियान्वयन के लिए 1255.684 हेक्टेयर राजस्व भूमि नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग की नीतियों के अनुसार कलेक्टर गाईड-लाईन रेट के 50% मूल्य पर देने का प्रावधान है। निजी भूमि नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा दिये जा रहे अनुदान से म.प्र. शासन की आपसी सहमति नीति के आधार पर क्रय की जा रही है। पॉवर ग्रिड कार्पोरेशन इण्डिया लिमिटेड द्वारा 220/400kV सब स्टेशन निर्माण किया जा रहा है, जिसकी परियोजना लागत रूपये 300 करोड़ आंकलित है। आंतरिक ट्रांसमिशन व्यवस्था का कार्य विश्व बैंक व स्वच्छ तकनीक फण्ड के ऋण से किया जा रहा है, जिसकी वापसी विकासकों से राशि लेकर की जाएगी। (घ) इस प्रोजेक्ट पर व्यय विकासकों द्वारा किया जाएगा, जिसकी अनुमानित कीमत रूपये 4500 करोड़ है। इससे परियोजना निर्माण की अवधि में लगभग 13500 अस्थायी रोजगार उपलब्ध होगा व निर्माण पूरा होने के बाद 750 स्थायी रोजगार प्राप्त होगा। परियोजना से प्रथम व द्वितीय वर्ष में रूपये 7.5 करोड़ प्रत्येक स्थानीय क्षेत्र के विकास के लिए उपलब्ध होंगे। इसके अतिरिक्त, परियोजना में काम कर रही कम्पनियों को कम्पनी अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार ''कार्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व'' में व्यय करना होगा। (ड.) परियोजना से बनी बिजली राज्य की विद्युत कम्पनी म.प्र. पॉवर मैनेजमेंट कम्पनी लिमिटेड व दिल्ली मेट्रो रेल कार्पोरेशन को बेची जायेगी। इस हेतु निर्धारित दर, यूनिट-1 से रूपये 2.979/kWh यूनिट-2 से रूपये 2.97/kWh एवं यूनिट-3 से रूपये 2.974/kWh है, जिसमें आगामी 15 वर्षों तक 5 पैसे प्रति वर्ष वृद्धि किया जाना प्रावधानित है और फिर शेष 10 वर्षों के लिए दर अपरिवर्तनशील है।
स्थायी और अस्थायी विद्युत कनेक्शन
[ऊर्जा]
117. ( क्र. 5320 ) श्री जितू पटवारी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) स्थायी एवं अस्थायी विद्युत संयोजन देने के प्रावधान किस विनियम अथवा संहिता में उल्लेखित है वर्तमान में निम्नदाब सिंचाई उपयोग एवं औद्योगिक उपयोग हेतु क्या दरे लागू हैं? प्रतिलिपि उपलब्ध करावें। (ख) तीन वित्तीय वर्षों 2014-15,2015-16 एवं 2016-17 (जनवरी-2017 अंत तक) में म.प्र. पश्चिम क्षे.वि.वि.कं.लि. इन्दौर के अन्तर्गत कुल कितने अस्थायी सिंचाई पम्प कनेक्शन दिये गये जिलेवार वर्षवार संख्या बतावें? । (ग) प्रश्नांश (ख) अंतर्गत क्या किसानों को दिए जाने वाले अस्थायी कनेक्शन हेतु कोई न्यूनतम समयावधि निर्धारित है? यदि हाँ, तो कितनी? (घ) म.प्र.प.क्षे.वि.वि.कं.लि. इन्दौर के अन्तर्गत दिनांक 31/12/2016 की स्थिति में ऐसी कार्यशील औद्योगिक इकाइयों की संख्या बतावें जिन पर 03 माह या उससे अधिक समय से विद्युत देयकों की राशि बकाया हैं, वृत्तवार संख्या एवं उन पर कुल बकाया राशि बतावें। (ड.) वित्तीय वर्ष 2016-17 (दिसम्बर-2016 अंत तक) में म.प्र. पश्चिम क्षे.वि.वि.कं.लि. इन्दौर के अन्तर्गत कितने औद्योगिक संयोजनों के विद्युत देयकों में राशि रू. 01 लाख से अधिक का संशोधन किया गया? संशोधित विद्युत देयक की जानकारी यथा उपभोक्ता का नाम, बिल माह मूल विद्युत देयक की राशि एवं संशोधित देयक की राशि की जानकारी देवें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) विद्युत अधिनियम, 2003 (क्रमांक 36 वर्ष 2003) के प्रावधानों के अंतर्गत मध्य प्रदेश विद्युत नियामक आयोग द्वारा दिनांक 30.8.2013 को अधिसूचित म.प्र. विद्युत प्रदाय संहिता 2013 के अध्याय 4 की विभिन्न कंडिकाओं में प्रदेश में स्थायी एवं अस्थायी विद्युत संयोजन दिये जाने के निर्देश/प्रावधान उल्लेखित हैं। वर्तमान में निम्नदाब सिंचाई उपयोग एवं निम्नदाब औद्योगिक उपयोग हेतु लागू विद्युत दरों की प्रतिलिपि पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड इंदौर में वित्तीय वर्ष 2014-15, 2015-16 एवं 2016-17 (जनवरी-2017 अंत तक) में दिये गये अस्थायी कृषि पम्प कनेक्शनों की जिलेवार संख्या की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) जी हाँ, म.प्र. विद्युत नियामक आयोग के टेरिफ आदेश 2016-17 के शेड्यूल एल.व्ही.-5 की नियमावली 1.4 के अनुसार किसानों को दिये जाने वाले अस्थाई पम्प कनेक्शनों की न्यूनतम अवधि एक माह निर्धारित की गयी है। (घ) म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड इंदौर के अंतर्गत दिनांक 31.12.16 की स्थिति में ऐसी 3495 कार्यशील औद्योगिक इकाईयाँ हैं, जिन पर 3 माह या उससे अधिक समय से विद्युत देयकों की राशि बकाया है। उक्त कार्यशील औद्योगिक इकाइयों पर दिनांक 31.12.16 की स्थिति में कुल बकाया राशि रू. 1228.24 लाख है। पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के वृत्तवार उक्त इकाइयों की संख्या एवं उन पर कुल बकाया राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (ड.) म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड इंदौर के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2016-17 (दिसम्बर-2016 अंत तक) में केवल एक औद्योगिक संयोजन के विद्युत देयक में राशि रू. 1 लाख से अधिक का संशोधन किया गया। उक्त विद्युत उपभोक्ता की जानकारी निम्नानुसार है :- उपभोक्ता का नाम - श्री माणकलाल पिता पन्नालाल, पता - जावरा रोड रतलाम, बिल का माह-जून 2016, संशोधित की गई राशि - 389048/- संशोधन के पश्चात् विद्युत देयक राशि रू. 5169/- जारी किया गया। पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी की प्रयोगशाला में परीक्षण के उपरांत प्राप्त रिपोर्ट के आधार पर उक्त उपभोक्ता का मीटर डिफेक्टिव पाए जाने एवं मीटर में क्रिपिंग होने के दृष्टिगत उसके देयक में सुधार किया गया था।
बेटी बचाओ योजना के तहत प्राप्त आवंटन
[महिला एवं बाल विकास]
118. ( क्र. 5328 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) वित्तीय वर्ष 2014-15 से फरवरी 2017 तक प्रदेश में कुल कितना आवंटन विभाग को प्राप्त हुआ? उसमें से कितना आवंटन का व्यय किया गया व कितना आवंटन लैप्स हुआ? मदवार जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार प्राप्त आवंटन में से सागर संभाग में किस-किस मद में कितना-कितना आवंटन प्राप्त हुआ? मदवार त्रैमास बार जानकारी प्रदान करें। प्राप्त आवंटन किस-किस मद में व्यय किया व कितना आवंटन व्यय नहीं किये जाने के कारण लैप्स हुआ? मदवार व्यय एवं लैप्स हुये आवंटन की जानकारी प्रदान करें। (ग) प्रश्नांश (क) के अनुसार प्राप्त आवंटन में से बेटी बचाओ योजना अंतर्गत सागर जिले में संभाग स्तर पर कितनी कार्यशालायें आयोजित की गईं? कार्यशालावार बतायें? (घ) क्या यह सच है कि दिनांक 26.03.2016 को स्वर्ण जयंती सभागार में बेटी बचाओ योजना से संबंधित कार्यशाला आयोजित की गई थी? कार्यशाला पर कितना व्यय किया व दिनांक 26.03.2016 से भुगतान पर वित्तीय रोक होने के कारण उक्त दिनांक में आयोजित कार्यशाला का व्यय कब किया गया एवं किन-किन मदों से देयकों का आहरण किया गया? किन-किन को भुगतान किया गया? यदि अन्य मदों से कार्यशाला के देयकों का भुगतान किया गया? तो क्या भुगतान पूर्व वित्तीय स्वीकृति प्राप्त की गई?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''1'' अनुसार है। (ख) संभागीय उपसंचालक कार्यालय तथा जिलों से प्राप्त आवंटन, व्यय एवं शेष/समर्पण की जानकरी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''2'' अनुसार है। (ग) संभाग स्तर पर बेटी बचाओ योजनान्तर्गत एक कार्यशाला दिनांक 26.03.2016 को आयोजित की गयी। आयोजित कार्यशाला में स्वागतम लक्ष्मी/शौर्यादल आदि से संबंधित गतिविधियों का आयोजन भी किया गया। (घ) जी हाँ कार्यशाला पर रुपये 465271/- का व्यय किया गया। दिनांक 26.03.2016 से भुगतान पर वित्तीय रोक होने के कारण कार्यशाला से संबंधित व्यय द्वितीय एवं तृतीय त्रैमास में किया गया। मदवार आवंटन, व्यय एवं भुगतान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''3'' अनुसार है। कार्यालयीन पत्र क्रमांक 234 दिनांक 27.05.2016 के द्वारा आयुक्त महिला सशक्तिकरण से उक्त कार्यशाला से संबंधित व्यय के देयकों का भुगतान हेतु आवंटन/व्यय की स्वीकृति चाही गयी थी। तत्संबंध में संचालनालय महिला सशक्तिकरण के पत्र क्रमांक 168 दिनांक 20.06.2016 द्वारा प्रथम त्रैमास में तत्समय उपलव्ध आवंटन रूपये 127616/- से व्यय की स्वीकृति प्रदाय की गयी थी। इसके साथ ही अन्य जिलों को भी प्राथमिकता के आधार पर वित्तीय वर्ष 2015-16 के शेष देयकों के भुगतान की स्वीकृति प्रदान की गयी थी, इसी स्वीकृति के परिप्रेक्ष्य में द्वितीय त्रैमास में प्राप्त आवंटन से शेष देयकों का भुगतान किया गया।
मुख्यमंत्री स्वेच्छानुदान के लंबित आवेदन
[सामान्य प्रशासन]
119. ( क्र. 5336 ) सुश्री मीना सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उमरिया जिले में वर्ष 2015-16, 2016-17 में मुख्यमंत्री स्वेच्छानुदान मद से आर्थिक सहायता एवं बीमारी के उपचार हेतु कितने आवेदन पत्र मुख्यमंत्री कार्यालय को स्वीकृति हेतु प्राप्त हुये हैं? (ख) मुख्यमंत्री स्वेच्छानुदान मद से उक्त जिले में उक्त अवधि में कितने आवेदकों को कितनी-कितनी राशि प्रदान की गई है तथा कितने आवेदकों का उपचार कराया गया है? (ग) कितने आवेदन पत्र लंबित है? लंबित आवेदनों का निराकरण कब तक करा दिया जायेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) वर्ष 2015-16 में 24 एवं वर्ष 2016-17 में 107. (ख) वर्ष 2015-16 में 13 आवेदकों को राशि रूपये 6,46,000/- (छ: लाख छयालीस हजार) एवं वर्ष 2016-17 में 82 आवेदकों को राशि रूपये 39,20,000/- (उन्तालीस लाख बीस हजार) की राशि प्रदान की गई तथा वर्ष 2015-16 में 03 आवेदकों का एवं वर्ष 2016-17 में 09 आवेदकों का उपचार कराया गया। (ग) कोई प्रकरण लंबित नहीं है। प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कुपोषित बच्चों की जानकारी
[महिला एवं बाल विकास]
120. ( क्र. 5337 ) सुश्री मीना सिंह : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) उमरिया जिले में वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में 6 से 12 वर्ष के कितने बच्चे कुपोषित पाये गये हैं? कुपोषण के मामले में प्रदेश की तुलना में उमरिया जिले की क्या स्थिति है? (ख) प्रश्नांश (क) अवधि में उक्त जिले में कुपोषण दूर करने के लिये कौन-कौन सी योजनायें संचालित की गई हैं? इनमें कितना बजट का प्रावधान किया गया है एवं प्रश्नांश (क) अवधि में कितनी राशि अब तक व्यय की जा चुकी है? (ग) उक्त (क) अवधि एवं जिले में पोषण पुनर्वास केन्द्रों का संचालन कहाँ-कहाँ, किस-किस संस्था द्वारा किया जा रहा है एवं वर्तमान तक कितनी राशि व्यय की गई है?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) 06 से 12 वर्ष का आयुवर्ग विभाग का हितग्राही समूह नहीं है। आंगनवाड़ी केन्द्र में 05 वर्ष तक के बच्चों का वजन लिया जाकर उनके पोषण स्तर का निर्धारण किया जाता हैं। अनूपपुर जिले में वर्ष 2014-15 में 14234 बच्चे तथा वर्ष 2015-16 में 12652 बच्चे सामान्य से कम वजन के पाये गये। एन.एफ.एच.एस.-4 सर्वे 2015-16 अनुसार 05 वर्ष तक के बच्चों के मामले में प्रदेश में कुल कम वजन वाले बच्चों का प्रतिशत 42.8 था, जबकि अनूपपुर जिले में उक्त प्रतिशत 40 पाया गया हैं। (ख) जिले में कुपोषण दूर करने के लिए अटल बिहारी वाजपेयी बाल आरोग्य एवं पोषण मिशन अंतर्गत सुपोषण अभियान (स्नेह शिविर) का आयोजन किया जा रहा हैं, साथ ही पोषण आहार योजना अंतर्गत आंगनवाड़ी केन्द्रों के माध्यम से पोषण आहार का वितरण किया जाता हैं। इस हेतु वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में बजट एवं व्यय की स्थिति संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'1' अनुसार है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिला अनूपपुर में गंभीर कुपोषित बच्चों के उपचार हेतु 5 पोषण पुनर्वास केन्द्र संचालित हैं। स्वास्थ्य विभाग के बजट प्रावधान एवं व्यय राशि की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'2' अनुसार है। (ग) उक्त अवधि में अनूपपुर जिले में 5 पोषण पुनर्वास केन्द्रों का संचालन जिला चिकित्सालय अनूपपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र राजेन्द्र ग्राम, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र जैतहरी, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र कोतमा तथा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र करपा में स्वास्थ्य विभाग द्वारा किया जा रहा हैं। प्रश्नावधि में पोषण पुनर्वास केन्द्रों में बच्चों के उपचार एवं फॉलोअप हेतु कुल राशि रूपये 84,39,793/- व्यय की गई है।
पानी छोड़ने से जनधन हानि
[नर्मदा घाटी विकास]
121. ( क्र. 5352 ) श्री अंचल सोनकर : क्या राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मई 2016 में रानी अवंतीबाई सागर परियोजना की मुख्य नहर, नदियां गाँव के पास फूट गई थी? कारण बतावें। नहर फूटने से कितनी जनधन की हानि हुई? (ख) क्या मुख्य नहर फूटने से उमर नदी में बिना किसी सूचना के अधिक मात्रा में पानी छोड़ा गया था, जिससे आप-पास के क्षेत्र जल मग्न हो गये थे एवं शासन को भारी राजस्व की हानि हुई साथ ही दो व्यक्तियों की जान चली गई? यदि हाँ, तो इसका दोषी कौन है? नाम बतावें। क्या शासन दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही करेगा तो कब? (ग) क्या बिना कोई सूचना के उमर नदी के गेट खोलने के कारण बहे युवकों के शव आज तक नहीं मिले? यदि हाँ, तो शासन ने इन्हें तलाशने क्या उपाय किये? यह भी बताया जावे कि शासन द्वारा बहे युवकों के परिवार के सदस्यों को क्या राहत राशि प्रदान की गयी है? यदि हाँ, तो कब कितनी राशि किसके माध्यम से प्रदान की गई?
राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास ( श्री लालसिंह आर्य ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
ई.ओ.डब्ल्यू. थाने की स्थापना
[सामान्य प्रशासन]
122. ( क्र. 5357 ) श्रीमती रेखा यादव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर में ई.ओ.डब्ल्यू. थाना कहाँ पर कार्यरत है? (ख) यदि नहीं, तो क्यों नहीं कार्यरत है? क्या इसके अभाव में विधान सभा क्षेत्र मलहरा के लोगों को शिकायत के लिए जबलपुर या भोपाल तक जाना पड़ता है? (ग) कब तक सागर में ई.ओ.डब्ल्यू. थाना प्रारंभ हो जाएगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) सागर में ई.ओ.डब्ल्यू. थाना कार्यरत नहीं है। (ख) संपूर्ण मध्यप्रदेश के लिये केवल भोपाल में ही ई.ओ.डब्ल्यू. थाना कार्यरत है। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना
[ऊर्जा]
123. ( क्र. 5362 ) श्री मानवेन्द्र सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले के महाराजपुर विधान सभा अंतर्गत 12वीं पंचवर्षीय दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना अन्तर्गत कितने ग्रामों में विद्युतीकरण के कार्य प्रस्तावित हैं तथा कितने ग्रामों में कार्य पूर्ण हो चुका है? (ख) प्रश्नांकित (क) अनुसार उक्त योजना अंतर्गत किये गये स्वीकृत कार्य, पूर्ण कार्य, शेष कार्य की ग्रामवार स्थिति उपलब्ध करवायें। (ग) प्रश्नांकित (क) अनुसार योजना अंतर्गत किये जाने वाले कार्यों का सर्वे कार्य कब किया गया है? किये गये सर्वे की जानकारी उपलब्ध करायें। (घ) प्रश्नांकित (क) अनुसार उक्त योजना का कार्य किस एजेंसी के द्वारा किया जा रहा है तथा संबंधित एजेंसी को कार्य कब पूर्ण किया जाना था? अगर महाराजपुर विधान सभा में कार्य प्रारंभ नहीं किया गया या अपूर्ण है, तो उसका कारण बतावें?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) 12वीं पंचवर्षीय योजना में स्वीकृत राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना (दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना में समाहित) के अंतर्गत छतरपुर जिले में महाराजपुर विधान सभा क्षेत्र में 24 विद्युतीकृत ग्रामों के 100 एवं 100 से अधिक आबादी वाले मजरों/टोलों के विद्युतीकरण सहित ग्रामों के सघन विद्युतीकरण का कार्य स्वीकृत/प्रस्तावित हैं तथा उपरोक्त सभी 24 ग्रामों के सघन विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण किया जा चुका है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में छतरपुर जिले के महाराजपुर विधान सभा क्षेत्र में 24 ग्रामों के सघन विद्युतीकरण हेतु स्वीकृत 11.46 कि.मी. 11 के.व्ही. लाईन, 25 वितरण ट्रांसफार्मरों की स्थापना, 12.13 कि.मी. एल.टी. लाइन एवं 219 बी.पी.एल. कनेक्शन दिये जाने के स्वीकृत/प्रस्तावित कार्यों के विरूद्ध सभी कार्य पूर्ण कर लिये गये है, जिनकी ग्रामवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' में दर्शाये अनुसार है। उक्तानुसार महाराजपुर विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत प्रश्नाधीन योजना में स्वीकृत/प्रस्तावित कोई भी कार्य पूर्ण किये जाने हेतु शेष नहीं है। (ग) प्रश्नाधीन योजना के अंतर्गत महाराजपुर विधान सभा क्षेत्र में किये जाने वाले कार्यों का सर्वे माह फरवरी-15 में किया गया था। सर्वे की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (घ) प्रश्नाधीन योजना का कार्य ठेकेदार एजेंसी मेसर्स बजाज इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड मुंबई, द्वारा किया गया है तथा उक्त ठेकेदार एजेन्सी द्वारा कार्य पूर्ण करने की समय-सीमा माह फरवरी-2017 है। चूंकि, महाराजपुर विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत स्वीकृत/प्रस्तावित सभी कार्य पूर्ण कर लिया गया है, अत: कार्य प्रारंभ नहीं किये जाने एवं अपूर्ण होने का प्रश्न नहीं उठता।
अधिकारियों पर दर्ज प्रकरण
[सामान्य प्रशासन]
124. ( क्र. 5383 ) श्री बाला बच्चन : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इन्दौर संभाग में राज्य प्रशासनिक सेवा के कितने अधिकारियों पर कितनी विभागीय जाँच, लोकायुक्त, ई.ओ.डब्ल्यू. के प्रकरण विचाराधीन हैं? अधिकारी का नाम, जाँच प्रकार, जाँच प्रारंभ तिथि सहित बतावें। (ख) इन प्रकरणों की अद्यतन स्थिति बतावें। वर्तमान पदस्थापना बतावें। (ग) इनमें से कितने अधिकारियों के पास एक या अधिक पदों का प्रभार है? इनकी सूची नाम, पदनाम सहित देवें। ऐसा क्यों किया गया? बतावें। (घ) 02 वर्ष या अधिक समय से लंबित प्रकरणों का निराकरण कब तक कर दिया जायेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) विभाग में दो वर्ष से अधिक समय से लंबित एक प्रकरण में अनंतिम निर्णय लिया जाकर अभिमत हेतु लोक सेवा आयोग को भेजा गया है। लोक सेवा आयोग के अभिमत प्राप्त होने पर ही अंतिम निर्णय लिया जा सकेगा। अत: प्रकरण लोक सेवा आयोग में निर्णयाधीन होने से समय अवधि बताई जाना संभव नहीं है।
कुपोषण पर श्वेत पत्र एवं अन्य जानकारियां
[महिला एवं बाल विकास]
125. ( क्र. 5385 ) श्री बाला बच्चन : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या प्रश्न क्रमांक 700 दिनांक 06.12.2016 के (घ) उत्तर में बताया गया कि माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा कुपोषण पर स्वेत पत्र जारी करने की कार्यवाही प्रचलन में है? यह श्वेत पत्र कब तक जारी किया जाएगा? (ख) क्या विभाग द्वारा वर्तमान में जारी पोषण आहार प्रदाय व्यवस्था अप्रैल 2017 से बदली जाएगी? यदि हाँ, तो पूरी जानकारी देवें? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) कुपोषण से संबंधित कितनी परियोजनाओं/कार्यों में कितने एन.जी.ओ. या अन्य संस्थाओं को कितनी राशि के कौन से कार्य स्वीकृत किए गए? एन.जी.ओ/संस्थान नाम, राशि, योजना/कार्य नाम, स्थान नाम सहित दि. 01-01-14 से 31-12-16 तक बतावें। (घ) कुपोषण से संबंधित कितनी बैठकें किन होटलों या अन्य स्थानों पर प्रदेश में आयोजित की गई? कितने सेमिनार कहाँ आयोजित किए गए, की जानकारी दि. 01-01-15 से 31-01-17 तक बैठक/सेमीनार स्थान, होटल नाम, व्यय सहित माहवार देवें?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) जी हाँ। कार्यवाही प्रचलन में है। अत: समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। । (ख) पूरक पोषण आहार प्रदायगी व्यवस्था में परिवर्तन हेतु उच्च स्तरीय समिति का गठन किया गया है। समिति इस पर विचार कर रही है। विषयान्तर्गत माननीय उच्च न्यायालय में एक याचिका भी विचाराधीन है। जिसमें माननीय न्यायालय ने यथा स्थिति के निर्देश दिये हैं। (ग) जानकारी निरंक है। शेष का प्रश्न नहीं। (घ) जानकारी निरंक है। शेष का प्रश्न नहीं।
सोलर व पवन ऊर्जा प्रोजेक्ट
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
126. ( क्र. 5392 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न क्रमांक 2055 दिनांक 09.12.2016 में वर्णित पवन ऊर्जा व सोलर ऊर्जा कंपनियों में कितने श्रमिक कर्मचारी कार्यरत हैं। (ख) उपरोक्त (क) अनुसार कितने प्रोजेक्ट पूर्ण होकर कितना उत्पादन प्रांरभ हो गया है? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार जिन कर्मचारियों/श्रमिकों के खाते में पी.एफ. राशि जमा नहीं कराई गई है या कम कराई गई है, उनमें कब तक राशि जमा करा ली जावेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) प्रश्न क्रमांक-2055 दिनांक 09.12.2016 में वर्णित सौर ऊर्जा कम्पनियों में कुल 62 श्रमिक/कर्मचारी एवं पवन ऊर्जा कम्पनियों में कुल 53 श्रमिक/कर्मचारी कार्यरत है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) श्रम विभाग से प्राप्त जानकारी अनुसार श्रमिकों के खाते में पी.एफ. की राशि श्रम मंत्रालय, भारत सरकार के अधीन केन्द्रीय भविष्य निधि आयुक्त कार्यालय में जमा की जाती है।
खाद्यान्न सामग्री एवं राशि का वितरण
[महिला एवं बाल विकास]
127. ( क्र. 5394 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) महिदपुर वि.स. क्षेत्र में दिनांक 01.07.16 से 31.01.17 तक कार्यरत स्वसहायता समूहों को कितनी खाद्यान्न सामग्री एवं राशि कब-कब वितरित की गई बतावें?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) महिदपुर विधान सभा क्षेत्र में दिनांक 01/07/16 से 31/01/17 तक कार्यरत स्व-सहायता समूहों को वितरित खाद्यान्न सामग्री एवं राशि की प्रश्नानुसार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''1'' एवं ''2'' अनुसार है।
संस्थानों से वृत्तिकर के रूप में वसूली
[वाणिज्यिक कर]
128. ( क्र. 5405 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इंदौर जिले में कितने कोचिंग संस्थानों से कितनी राशि वृत्तिकर के रूप में वसूली गई? कितनी लंबित है की जानकारी संस्थान नाम वसूली राशि/लंबित राशि की जानकारी दि. 01.01.16 से 31.01.17 तक के संदर्भ में देवें? (ख) इन संस्थानों के सेलरी स्टेट्मेंट का विवरण भी संस्थानवार उपरोक्त अवधि अनुसार देवें। (ग) जिन संस्थाओं में कर का भुगतान नहीं किया है या कम किया उनसे वसूली कब तक कर ली जावेगी?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) म.प्र. वृत्तिकर अधिनियम के अंतर्गत वृत्तिकर वृत्त इंदौर में पंजीयत व्यक्ति एवं नियोक्ताओं की संख्या दिनांक 31.01.2017 की स्थिति में 78516 है, जिनके द्वारा नियमित रूप से वृत्तिकर जमा किया जाता है। 01 जनवरी 2016 से 31 जनवरी 2017 तक इन पंजीयत व्यक्ति एवं नियोक्ताओं द्वारा कुल राशि रूपये 6094.41 लाख जमा किए गए हैं। इस जमा राशि में इंदौर के पंजीयत कोचिंग संस्थानों द्वारा जमा की राशि भी सम्मिलित हैं। (ख) म.प्र. वृत्तिकर अधिनियम की अनुसूची के अनुक्रमांक-9 बी में उल्लेखित श्रेणी में कोचिंग संस्थानों को रखा गया है। इन संस्थानों के लिये 2500/- प्रतिवर्ष कर देयता रखी गयी है, जिसका भुगतान कोचिंग संस्थानों द्वारा किया जाता है। कोचिंग संस्थानों का सेलरी स्टेट्मेंट संधारित नहीं है। (ग) वृत्तिकर अधिनियम में पंजीयत व्यक्ति/नियोक्ताओं द्वारा वृत्तिकर का नियमित भुगतान किया जाना अपेक्षित है। कर का भुगतान नहीं करने वालों पर वसूली की नियमानुसार कार्यवाही की जाती है। यह एक नियमित प्रक्रिया है।
टी.डी.एस. कटौत्रा की जानकारी
[महिला एवं बाल विकास]
129. ( क्र. 5407 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) धार जिले में दिनांक 01.01.15 से 31.12.16 तक कितनी खरीदी किन-किन मदों में की गई? मदवार जानकारी, राशि सहित वर्षवार बतावें। (ख) क्या खरीदी विकासखण्ड स्तर एवं जिला स्तर पर की गई? यदि हाँ, तो पूरा विवरण देवें? (ग) उक्त अवधि के टी.डी.एस. कटौत्रा की जानकारी फर्मवार देवें। यदि टी.डी.एस. कटौत्रा नहीं किया गया तो कारण बतावें? इसके दोषियों के नाम, पदनाम सहित बतावें। (घ) इन पर कब तक कार्यवाही की जावेगी? समय-सीमा देवें।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) धार जिले में दिनांक 01.01.2015 से 31.12.2016 तक क्रय की गई सामग्री की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' पर है। (ख) जी हाँ। सामग्री का क्रय जिला स्तर पर म.प्र. लघु उद्योग निगम के माध्यम से किया गया। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' पर है। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार क्रय सामग्री के टी.डी.एस. कटौत्रा की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' पर है। अतः शेष का प्रश्न नहीं उठता। (घ) (ग) के परिप्रेक्ष्य में कार्यवाही का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
आंगनवाड़ी भवन एवं नवीन आंगनवाड़ी केन्द्र की स्वीकृति
[महिला एवं बाल विकास]
130. ( क्र. 5415 ) श्रीमती पारूल साहू केशरी : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सागर जिले के महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा सुरखी विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में कितने आंगनवाड़ी भवन एवं नवीन आंगनवाड़ी केन्द्र कहाँ-कहाँ, किस-किस ग्राम में स्वीकृत किये गये है? सूची देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार उक्त स्वीकृत आंगनवाड़ी भवनों एवं आंगनवाड़ी केन्द्रों को किस-किस की अनुशंसा के आधार पर स्वीकृत किया गया है? वर्षवार अनुशंसा सहित पूरी सूची देवें।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) सागर जिले के सुरखी विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में नवीन स्वीकृत आंगनवाड़ी केन्द्र की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' पर एवं आंगनवाड़ी भवन निर्माण की स्वीकृति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है।
स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को मृत्यु उपरांत देयक सुविधाएं
[सामान्य प्रशासन]
131. ( क्र. 5427 ) श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. शासन द्वारा स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की उनकी मृत्यु उपरांत आश्रित (परिवारों) को क्या-क्या सुविधाएं दिये जाने के प्रावधान हैं की जानकारी नियम प्रक्रिया की प्रति उपलब्ध करावें? (ख) क्या स्वर्गीय श्रीयुत बाबूलाल जी डण्डौतिया निवासी ग्राम इमलिया तहसील व जिला मुरैना हाल निवास पानी की टंकी के पास गणेशपुरा मुरैना को मृत्यु उपरांत परिवार को देय सुविधाओं में से कोई भी सुविधा प्रश्न दिनांक तक नहीं दी गई है? यदि हाँ, तो क्यों कारण बताएं? उनके आश्रित परिवार को देय सुविधाएं कब तक सुलभ करा दी जायेंगी।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) राज्य सम्मान निधि प्राप्त सेनानी की मृत्यु होने पर पत्नी को अंतरण किया जाता है। स्वतंत्रता संग्राम सेनानी की मृत्यु होने पर अन्त्येष्टि हेतु रूपये 4000/- की सहायता राशि दी जाती है। राज्य सम्मान निधि नियम 1972 की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-क अनुसार है। परिपत्र दिनांक 16/04/1998 की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ख अनुसार है। (ख) स्वर्गीय श्री बाबूलाल डण्डौतिया, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी की मृत्यु उपरांत उनके वारिस श्री मोहन डण्डौतिया को अन्त्येष्टि हेतु सहायता राशि रूपये 4000/- का भुगतान किया गया है। स्व. श्री बाबूलाल डण्डौतिया की म़ृत्यु के पूर्व ही इनकी पत्नी की जून 1996 में मृत्यु हो चुकी है। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
बैकलॉग पदों की पूर्ति
[सामान्य प्रशासन]
132. ( क्र. 5428 ) श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. शासन की नीति/उद्देश्यों के तहत बैकलॉग पदों की पूर्ति हेतु क्या-क्या प्रावधान होकर उनके क्रियान्वयन की मार्ग-दर्शिका/गाईड-लाईन है, की प्रति उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में विगत तीन वर्ष में कितने बैकलॉग के पदों की पूर्ति की गई? (ग) प्रश्नांश (ख) के तहत विगत तीन वर्षों में चंबल संभाग मुरैना में कहाँ-कहाँ, कितनी नियुक्तियां की गई की?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र दिनांक 19 सितम्बर, 2002 की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) कुल 18798 (वर्ष 2013, 2014 एवं 2015 के उपलब्ध आकड़ों के अनुसार) बैकलॉग के पदों की पूर्ति की गई है। (ग) श्योपुर जिले में बैकलॉग के 01 पद एवं भिण्ड जिले में 16 पदों पर नियुक्ति की गई है।
सेवानिवृत्त कर्मचारियों को मंहगाई भत्ते का भुगतान
[वित्त]
133. ( क्र. 5437 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. के सेवानिवृत्त कर्मचारियों को बढ़ी हुई 7% मंहगाई भत्ता का भुगतान करने हेतु आदेश जारी किये गए हैं? यदि हाँ, तो आदेश क्रमांक व दिनांक देवें? (ख) क्या प्रश्नांश (क) के सेवानिवृत्त कर्मचारियों को बढ़ी हुई 7% मंहगाई भत्ता का आदेश जारी नहीं किया गया है? यदि नहीं, तो क्यों? कारण सहित बताएँ। (ग) क्या म.प्र. शासन वित्त विभाग द्वारा शासकीय कर्मचारियों के साथ इन सेवानिवृत्त कर्मचारियों को भी बढ़ी हुई मंहगाई भत्ते के आदेश जारी कर दिए जाते थे, लेकिन इस बार ऐसा क्यों नहीं किया गया? क्या वित्तीय संकट के कारण आदेश जारी नहीं किये गए? कब तक आदेश जारी कर दिए जावेंगे?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जी, हाँ। वित्त विभाग का परिपत्र क्रमांक एफ-9-6/2016/ नियम/चार, दिनांक 01 मार्च, 2017 द्वारा जारी किये गये। (ख) एवं (ग) शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
केन्द्र एवं राज्य सरकार की संचालित योजनाएं
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
134. ( क्र. 5465 ) श्री संजय उइके : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग द्वारा केन्द्र एवं राज्य सरकार की कौन-कौन सी योजनाएं संचालित की जा रही हैं? (ख) केन्द्र एवं राज्य सरकार की योजनाओं में वित्तीय वर्ष 2010-11 से प्रश्न दिनांक तक जबलपुर संभाग अंतर्गत कितनी-कितनी राशि प्राप्त हुई एवं कितनी-कितनी राशि व्यय की गई? जिलेवार जानकारी देवें? (ग) बालाघाट जिले को प्राप्त राशि में से किन-किन योजनाओं में कितनी-कितनी राशि वर्षवार कहाँ व्यय की गई?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) विभाग द्वारा राज्य शासन की सौर ऊर्जा परियोजना क्रियान्वयन नीति-2012, पवन ऊर्जा क्रियान्वयन नीति-2012, बायोमास आधारित परियोजना क्रियान्वयन नीति-2011 एवं लघु जल विद्युत आधारित परियोजना क्रियान्वयन नीति-2011 के अन्तर्गत निजी इकाइयों के माध्यम से क्रमश: सौर ऊर्जा परियोजना, पवन ऊर्जा परियोजना, लघु जल विद्युत परियोजना एवं बायोमास परियोजना की स्थापना की जा रही है। प्रदेश में केन्द्र सरकार की सौर ऊर्जा पार्क योजना संचालित की जा रही है। इसके अतिरिक्त विकेन्द्रीयकृत नवकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं को बढ़ावा देने के लिए 'मध्यप्रदेश विकेन्द्रीयकृत नवकरणीय ऊर्जा नीति-2016' अन्तर्गत कार्य किया जा रहा है। नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग के अधीन म.प्र. ऊर्जा विकास निगम लि. द्वारा प्रदेश में नवीन ऊर्जा के विस्तार के लिए निम्नलिखित योजनाओं का क्रियान्वयन किया जा रहा है :- (1) सोलर पम्प कार्यक्रम, (2) सौर फोटोवोल्टेइक प्लांट कार्यक्रम, (3) सौर फोटोवोल्टेइक कार्यक्रम अन्तर्गत- सोलर स्ट्रीट लाईट स्थापना व सोलर होम लाईट स्थापना, (4) दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के अन्तर्गत (डिसेन्ट्रेलाईज्ड डिस्ट्रीब्यूशन जनरेशन) डी.डी.जी. कार्यक्रम, (5) ऊर्जा एल.ई.डी. बल्ब, एल.ई.डी. ट्यूब लाईट व पंखों का वितरण, (6) बायोगैस से ऊर्जा उत्पादन, (7) म्यूनिसिपल/इंडस्ट्रियल वेस्ट से ऊर्जा उत्पादन, (8) सौर तापीय कार्यक्रम-सोलर कुकर/सौर गर्म जल संयंत्र आदि। (ख) केन्द एवं राज्य शासन से योजनाओं के लिये जिलेवार राशि का आवंटन प्राप्त नहीं होता तथापि योजनाओं के अन्तर्गत जबलपुर संभाग के अन्तर्गत समस्त जिलों में वर्ष 2010-11 से प्रश्न दिनांक तक व्यय की गई राशि का विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) उत्तरांश (ख) में संलग्न परिशिष्ट में जानकारी दी गई है।
आंगनवाड़ी संचालन एवं कार्यकर्ता एवं सहायिका की नियुक्ति
[महिला एवं बाल विकास]
135. ( क्र. 5473 ) डॉ. कैलाश जाटव : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विधान सभा क्षेत्र गोटेगाँव में कितनी आंगनवाड़ी कहाँ-कहाँ संचालित है? इन आंगनवाडि़यों में कौन-कौन सी आंगनवाड़ी कार्यकर्ता/सहायिका के रिक्त पद हैं? सूची प्रदान करें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में रिक्त आंगनवाडि़यों में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता/सहायिका की नियुक्ति कब तक कर दी जावेगी।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) विधान सभा क्षेत्र गोटेगाँव अन्तर्गत बाल विकास परियोजना नरसिंहपुर में 108 तथा बाल विकास परियोजना गोटेगाँव में 182 इस प्रकार कुल 290 आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित हैं। संचालित आंगनवाड़ी केन्द्रों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका के रिक्त पदों की जानकारी निम्नानुसार है :-
क्र. |
परियोजना |
आंगनवाड़ी केन्द्र |
रिक्त पद का विवरण |
|
कार्यकर्ता |
सहायिका |
|||
1. |
नरसिंहपुर |
खुरपा |
01 |
00 |
2. |
गोटेगाँव |
बेन्दू क्रमांक 01 |
00 |
01 |
3. |
गोटेगाँव |
मेख क्र. 2 |
00 |
01 |
4. |
गोटेगाँव |
झॉसीघाट क्र. 2 |
01 |
00 |
(ख) आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका के रिक्त पदों पर पदपूर्ति की कार्यवाही प्रचलन में है। समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है।
कोष एवं लेखा द्वारा किये गए ऑडिट की जानकारी
[वित्त]
136. ( क्र. 5486 ) श्री गोपाल परमार : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन संभाग के जिला आगर शाजापुर में कोष एवं लेखा द्वारा किन-किन विभागों का ऑडिट कार्य वर्ष 2015 - 2016 व 2016 - 2017 में किया गया एवं कब-कब ऑडिट के दौरान किस-किस विभाग में अनियमितताएं पाई गईं? विवरण उपलब्ध कराये? (ख) ऑडिट रिपोर्ट किस विभाग को सौंपी गई? दिनांक सहित जानकारी देवें।
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) एवं (ख) विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
संतान पालन अवकाश का लाभ
[वित्त]
137. ( क्र. 5521 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश में कार्यरत शासकीय महिला कर्मियों को संतान पालन अवकाश (चाइल्ड केयर लीव) का लाभ दिये जाने के निर्देश सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी किये गये थे? यदि हाँ, तो क्या प्रदेश में कार्यरत महिला अध्यापक सवंर्ग को इसका लाभ नहीं दिया जा रहा है? (ख) क्या वर्तमान में विभाग के पास महिला अध्यापक संवर्ग को उक्त योजना का लाभ दिये जाने संबंधी कोई प्रस्ताव विचाराधीन है? यदि नहीं, तो क्या शासन द्वारा इस संबंध में कोई निर्णय कर महिला अध्यापक संवर्ग को भी उक्त योजना का लाभ प्रदान किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जी, नहीं। संतान पालन अवकाश का प्रावधान प्रदेश में वित्त विभाग द्वारा जारी अधिसूचना दिनांक 22 अगस्त 2015 से शासकीय महिला कर्मचारियों हेतु लागू किया गया है। प्रदेश में संविदा शाला शिक्षक के सीधी भर्ती अंतर्गत 50 प्रतिशत पद महिलाओं के लिये आरक्षित हैं। महिला अध्यापकों को संतान पालन अवकाश से अध्यापन व्यवस्था पर विपरित प्रभाव संभावित होने से संतान पालन अवकाश का प्रावधान इन पर लागू नहीं किया गया है। (ख) इस विषय पर समग्र रूप से विचार कर यथा समय निर्णय लिया जावेगा।
फीडर सेपरेशन के कार्य
[ऊर्जा]
138. ( क्र. 5522 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले की विधान सभा क्षेत्र ब्यावरा के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में फीडर सेपरेशन योजनांतर्गत विद्युतीकरण कार्य किन-किन ग्रामों में पूर्ण कराया गया तथा किन-किन ग्रामों में कराया जाना शेष है एवं प्रश्न दिनांक तक पूर्ण कराये गये कार्यों की अद्यतन स्थिति क्या है? वर्तमान में किस एजेन्सी द्वारा कार्य कराया जा रहा है? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में उक्त कार्य पूर्ण कराये जाने हेतु क्या समय-सीमा निर्धारित की गई है तथा क्या वर्तमान में अनुबंधित एजेन्सी से पूर्व एजेन्सी द्वारा किये गये अपूर्ण कार्यों एवं तत्समय किये गये कार्य जो कि गुणवत्तापूर्ण नहीं होने से अनुपयोगी हो गये हैं, ऐसे सभी कार्यों को भी पूर्ण कराया जाएगा? यदि नहीं, तो उक्त अपूर्ण कार्यों को पूर्ण कराये जाने हेतु विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जायेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) राजगढ़ जिले के विधान सभा क्षेत्र ब्यावरा के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में फीडर विभक्तिकरण योजनांतर्गत 174 ग्रामों में कार्य पूर्ण कराये गये हैं तथा 170 ग्रामों में उक्त योजनांतर्गत कार्य कराये जाना शेष हैं। उक्तानुसार कार्य पूर्णता वाले एवं शेष कार्यों वाले ग्रामों की ग्रामवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं ''ब'' अनुसार है। अद्यतन स्थिति में पूर्ण किये गये कार्यों में पृथक-पृथक 11 के.व्ही. फीडरों के माध्यम से कृषि एवं गैर-कृषि उपभोक्ताओं को सामान्यत: क्रमश: 10 घण्टे एवं 24 घण्टे प्रतिदिन विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। वर्तमान में ठेकेदार एजेंसी मेसर्स श्याम इंडस पॉवर सोल्यूशन प्रायवेट लिमिटेड, दिल्ली से प्रश्नाधीन क्षेत्र के फीडर विभक्तिकरण योजनांतर्गत कार्य कराया जा रहा है। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में फीडर विभक्तिकरण योजनांतर्गत ठेकेदार एजेन्सी मेसर्स श्याम इंडस पॉवर सोल्यूशन प्रायवेट लिमिटेड दिल्ली को अनुबंध दिनांक 16.03.2016 से 18 माह की अवधि में कार्य पूर्ण करना है। पूर्व में अनुबंधित ठेकेदार एजेन्सी मेसर्स ज्योति स्ट्रक्चर लिमिटेड मुबंई को जारी किया गया अवार्ड दिनांक 08.06.2015 को निरस्त कर दिया गया था। उक्त ठेकेदार एजेन्सी द्वारा किये गये अपूर्ण/अधूरे कार्यों को वर्तमान कार्यरत ठेकेदार एजेन्सी मेसर्स श्याम इंडस पॉवर सोल्यूशन प्रायवेट लिमिटेड को दिए गए कांट्रेक्टर में शामिल किया गया है। अत: प्रश्न नहीं उठता।
दीनदयाल ग्राम ज्योति योजना अन्तर्गत ऊर्जीकरण
[ऊर्जा]
139. ( क्र. 5541 ) श्री कैलाश चावला : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2015-16 में दीनदयाल ग्राम ज्योति योजना के अन्तर्गत मनासा विधान सभा क्षेत्र के कुल कितने ग्रामों, टोलों व मजरों का ऊर्जीकरण किया जाना शेष था? (ख) उक्त चरण एक में उल्लेखित ग्रामों में से कितने ग्रामों का ऊर्जीकरण प्रश्न दिनांक तक पूर्ण किया जा चुका है? कितने गाँवों, मजरों व टोलों में कार्य प्रारंम्भ कर दिया गया है? कितने गाँवों, मजरों व टोलों में कार्य प्रारंम्भ नहीं हुआ है? चरण एक में उल्लेखित ग्रामों का ऊर्जीकरण कब तक पूर्ण कर दिया जावेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) प्रश्नाधीन योजना के अंतर्गत वर्ष 2015-16 में मनासा विधान सभा क्षेत्र में 1 राजस्व ग्राम के विद्युतीकरण का कार्य किया जाना शेष था तथा उक्त अवधि में मनासा विधान सभा क्षेत्र में किसी भी चिन्हित मजरे/टोले के विद्युतीकरण का कार्य किया जाना शेष नहीं था। (ख) उत्तरांश (क) में उल्लेखित विद्युतीकरण हेतु शेष एक राजस्व ग्राम पगारा बुजुर्ग के विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण किया जा चुका है। इस प्रकार प्रश्नाधीन क्षेत्र में किसी भी ग्राम तथा चिन्हित मजरे/टोले के विद्युतीकरण का कार्य किया जाना शेष नहीं है। अत: प्रश्न नहीं उठता।
विद्युत वितरण केन्द्रों का युक्ति-युक्तकरण
[ऊर्जा]
140. ( क्र. 5543 ) श्री कैलाश चावला : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मनासा विधान सभा क्षेत्र अन्तर्गत वर्तमान में कितने विद्युत वितरण केन्द्र संचालित हैं व उनके अन्तर्गत कितने-कितने गाँव आते हैं व उनमें कितने घरेलू व कितने सिंचाई कनेक्शन संचालित हैं? विद्युत वितरण केन्द्रवार, गाँव की संख्या, विद्युत् कनेक्शन, घरेलू व सिंचाई क्षेत्रवार बतायें। (ख) क्या विद्युत केन्द्रों का समान बंटवारा न होने पर उपभोक्ताओं को बिल भरने, विद्युत शिकायत करने में कठिनाई आती है व विभागीय नियंत्रण में भी असुविधा का सामना करना पड़ता है? (ग) यदि हाँ, तो क्या विद्युत वितरण केन्द्रों पर क्षेत्रों का युक्ति-युक्तकरण करने का विचार किया या नए विद्युत वितरण केन्द्रों की स्थापना आवश्यता होने पर की जावेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) मनासा विधान सभा क्षेत्र के अन्तर्गत वर्तमान में 9 विद्युत वितरण केन्द्र संचालित हैं। उक्त 9 विद्युत वितरण केन्द्रों के अंतर्गत आने वाले ग्रामों की संख्या एवं इन विद्युत वितरण केन्द्रों के क्षेत्रांतर्गत दिये गये घरेलू एवं सिंचाई कनेक्शनों की विद्युत वितरण केन्द्रवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं, विद्युत उपभोक्ताओं को विद्युत बिल जमा करने एवं विद्युत संबंधी शिकायतें करने में प्रश्नाधीन विद्युत वितरण केन्द्रों के अंतर्गत कोई कठिनाई नहीं आती है। जी नहीं, प्रश्नाधीन विद्युत वितरण केन्द्रों द्वारा अपने-अपने क्षेत्रांतर्गत विभागीय नियंत्रण में किसी भी प्रकार की कोई असुविधा नहीं होती है। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता।
पर्यटन विभाग द्वारा व्यय राशि
[पर्यटन]
141. ( क्र. 5561 ) श्री गोपालसिंह चौहान (डग्गी राजा) : क्या राज्यमंत्री, संस्कृति महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) चंदेरी जिला अशोकनगर में पर्यटन विभाग द्वारा जनवरी 2013 से आज दिनांक तक नगर में पर्यटन को बढ़ावा देने हेतु विभाग द्वारा क्या-क्या कार्य कराये गये? सूची उपलब्ध करायें। (ख) इन कार्यों को पूर्ण करने में कितनी राशि किन मदों से विभाग द्वारा व्यय की गई?
राज्यमंत्री, संस्कृति ( श्री सुरेन्द्र पटवा ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार।
आंकलन के आधार पर विद्युत देयक का प्रदाय
[ऊर्जा]
142. ( क्र. 5568 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्तमान में म.प्र. में विद्युत प्रदाय के शुल्क की क्या दरें है? पृथक-पृथक कार्यों के संबंध में बतलायें। (ख) जिन ग्रामों में विद्युत सप्लाई की जा रही है, लेकिन मीटर नहीं लगे हैं, उनमें आंकलन के आधार पर विद्युत देयक प्रदाय किये जा रहे हैं, उसका क्या नियम है? (ग) यदि किसी नगरीय क्षेत्र में घरों, निवास गृहों व अन्य संस्थानों के मीटर बन्द हैं, तो उनकी राशि का आंकलन किस प्रकार किया जाता है? (घ) क्या आंकलित बिल के नाम से उपभोक्ताओं से अधिक राशि वसूल की जा रही हैं?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) प्रदेश में म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी टैरिफ आदेश के अनुसार लागू विद्युत दरों के आधार पर विभिन्न श्रेणी के उपभोक्ताओं हेतु औसत दरों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) बिना मीटर के विद्युत प्रदाय किये जाने पर म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी टैरिफ आदेश (वित्तीय वर्ष 2016-17, 13 अप्रैल से लागू) में वर्णित प्रावधानों के अनुसार उपभोक्ताओं को बिल जारी किये जाते हैं। विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ग) ऐसे उपभोक्ता जिनका मीटर बंद हो, उन्हें आंकलित राशि का बिल जारी किये जाने संबंधी प्रावधान ''म.प्र. विद्युत प्रदाय संहिता 2013'' के बिन्दु क्रमांक 8.35 में वर्णित है। उक्त प्रावधान पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है। (घ) जी नहीं, आंकलित बिलों को म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी आदेश के अनुसार दिया जाता है।
अन्य विभाग द्वारा नियम बनाना
[सामान्य प्रशासन]
143. ( क्र. 5569 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जिन आदेशों को जारी किया जाता है उन आदेशों को सभी विभागों को मानना बाध्यकर है? (ख) यदि सामान्य प्रशासन विभाग के आदेशों के विपरीत कोई अन्य विभाग उसी विषय पर अन्य नियम बनाता है, तो किसके आदेश मान्य होंगे? (ग) सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश से हटकर उसकी विषय पर कोई अन्य नियम बनाता है, तो क्या वह कदाचार का विषय होगा? (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार यदि हाँ, तो अन्य विभागों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी सामान्य आदेश/निर्देश सभी विभागों पर सामान्यत: लागू होते हैं। (ख) अन्य विभाग आवश्यकतानुसार नियम बनाने के लिए समक्ष हैं। (ग) एवं (घ) उत्तरांश (ख) अनुसार। शेषांश प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पुरातत्व की धरोहर को पर्यटन के रूप में विकसित करना
[पर्यटन]
144. ( क्र. 5576 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या राज्यमंत्री, संस्कृति महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) तालाबों के सौन्दर्यीकरण कर पर्यटन के रूप में विकसित करने हेतु शासन की क्या योजना है? (ख) विधान सभा क्षेत्र लांजी में विधान सभा मुख्यालय लांजी के कोटेश्वर मंदिर लांजी का किला जैसी पुरातत्व धरोहर को पर्यटन के रूप में विकसित करने हेतु क्या कोई सर्वे कराया गया है? यदि हाँ, तो कब कराया गया है? यदि नहीं, तो क्या सर्वे कराया जायेगा? कब तक कराया जायेगा?
राज्यमंत्री, संस्कृति ( श्री सुरेन्द्र पटवा ) : (क) वर्तमान में इस प्रकार की कोई योजना नहीं है। (ख) नवीन पर्यटन नीति-2016 में किसी स्थल विशेष को पर्यटन के रूप में विकसित करने का प्रावधान नहीं है। अत: शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
ऐसे बच्चे जिनके माता-पिता दोनों की मृत्यु हो चुकी है का सर्वे
[महिला एवं बाल विकास]
145. ( क्र. 5577 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विषयांकित बच्चों की संख्या के संबंध में क्या शासन ने कोई सर्वे कराया है? यदि हाँ, तो बालाघाट जिले में किये गये सर्वे की जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) यदि नहीं, तो इतने संवेदनशील मुद्दे पर क्या शासन ऐसा सर्वे कराने पर विचार करेगा? (ग) विषयांकित बच्चों के भरण-पोषण के लिए बच्चों के उन निकटतम रिश्तेदारों को नगद राशि देने संबंधी कोई योजना है? (घ) प्रदेश में कुल कितने बालगृह हैं, जिनमें ऐसे बच्चों को रखा जा सके, जिले अनुसार इन गृहों में उपलब्ध सुविधाओं अनुसार जानकारी दें?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) जी नहीं। (ख) समेकित बाल संरक्षण योजना के तहत् देख-रेख एवं संरक्षण के जरूरतमंद बालकों को संरक्षण प्रदान किया जाता हैं। बिना माता-पिता के देख-रेख एवं संरक्षण के जरूरतमंद बालकों को योजना के तहत् संस्थागत एवं गैर-संस्थागत संरक्षण प्रदान किया जाता है। योजना में प्रश्नाधीन बच्चों का पृथक सर्वे का प्रावधान नहीं हैं। समेकित बाल संरक्षण योजना के कर्मचारी सुभेद बच्चों के परिवारों के संपर्क में रहते हैं एवं आवश्यकतानुसार उन्हें संरक्षण प्रदान किया जाता हैं। अतः पृथक से सर्वे की आवश्यकता नहीं है। (ग) स्पांसरशिप कार्यक्रम के तहत् ऐसे बच्चों को रूपये 2000/- (बालक एवं संरक्षक के सयुंक्त खाते में) प्रति परिवार दो बच्चों के लिए लघु/दीर्घ अवधि के लिए आर्थिक साहयता दिए जाने का प्रावधान है लेकिन आर्थिक साहयता ऐसे परिवार के बच्चों को दी जाएगी जिनके बच्चे परिवार की आर्थिक अक्षमता के कारण 06 माह से अधिक समय से बाल देख-रेख संस्थाओं में रहने को मजबूर है। कार्यक्रम की प्रति संलग्न परिशिष्ट पर है। (घ) प्रदेश में कुल 46 बालगृह संचालित हैं, जहां आवास, पोषण वस्त्र, विस्तर, स्वास्थ्य, शिक्षा, मनोरंजन आदि की सुविधा हैं।
उपायुक्त द्वारा टैक्स में छूट की जाँच
[वाणिज्यिक कर]
146. ( क्र. 5585 ) श्रीमती शीला त्यागी : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अपीलीय उपायुक्त वाणिज्य कर सतना, में दिनांक 01-04-2014 से प्रश्न दिनांक तक कितने अपीलीय प्रकरण प्राप्त हुये हैं तथा प्राप्त प्रकरणों में कुल मांग की राशि क्या अपीलार्थी को अपील निर्णय में कुल कितने राशि की छूट (वापस) दी गई है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में अभिलार्थियों की सूची में टिन नं., मूल कर निर्धारण आदेश एवं अपील निर्णय आदेश का विवरण वर्षवार देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में कितने व्यवसायियों के उपर राशि अधिरोपित का दोषी पाया गया है। अधिरोपित राशि में छूट (वापस) देने के लिए अधिक राशि अधिरोपित कर अपील में लाभ प्राप्त कर छूट दी गई है। छूट देने वाले दोषी अधिकारियों की सूची देवें।
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) अपीलीय उपायुक्त वाणिज्यिक कर सतना में दिनांक 1.04.14 से 31.01.17 तक की अवधि में प्राप्त अपील आवेदन एवं प्राप्त अपील आवेदनों में सन्निहित मांग की राशि एवं अपील निर्णय पश्चात् छूट की राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में अपीलाथिर्यों की सूची में टिन नं, मूल कर निर्धारण आदेश एवं अपील निर्णय आदेश के विवरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' में दर्शाई गई है। (ग) कर निर्धारण आदेश, कर निर्धारण अधिकारियों के द्वारा पारित किये जाते हैं। व्यवसायियों द्वारा इनमें से ऐसे कर निर्धारण आदेशों के विरूद्ध अपील की जाती है, जिन कर निर्धारण प्रकरणों में घोषणा पत्रों के कर निर्धारण के समय न प्रस्तुत हो पाने या अन्य वैधानिक आवश्यकताओं की पूर्ति न हो पाने पर अतिरिक्त मांग सृजित हुई है। अपीलीय अधिकारी के समक्ष ऐसे घोषणा पत्रों/वैधानिक आवश्यकताओं की पूर्ति होने पर कर निर्धारण के समय निकाली गई अतिरिक्त मांग में छूट प्राप्त होती है। यह वैधानिक कार्यवाही है, इसके लिए किसी अधिकारी को दोषी नहीं ठहराया जा सकता है।
सोलर पम्प हेतु अनुदान
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
147. ( क्र. 5590 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों को सोलर पम्प स्थापित करने के लिए शासन द्वारा क्या अनुदान दिया जाता है? यदि हाँ, तो 5 हार्सपावर के सोलर पम्प पर कितने प्रतिशत अनुदान दिया जाता है? (ख) क्या किसानों को अपने घर एवं ग्राम पंचायतो को गाँव में सोलर लेम्प लगाने के लिए शासन द्वारा अनुदान प्रदान किया जाता है? यदि हाँ, तो कितने प्रतिशत। (ग) यदि प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित सोलर लेम्पों पर अनुदान, नहीं तो क्या किसानों को व ग्राम पंचायतों को सोलर लेम्प पर अनुदान दिया जावेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) मुख्यमंत्री सोलर पंप योजना अन्तर्गत मध्यप्रदेश शासन द्वारा सिंचाई कार्य हेतु सोलर पंप की स्थापना पर किसानों के लिये 85 से 90 प्रतिशत (राज्य एवं केन्द्र शासन का अनुदान मिलाकर) अनुदान दिया जाना स्वीकृत किया गया है, जिसकी जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। 5 एच.पी. के सोलर पम्प की स्थापना पर संलग्न परिशिष्ट अनुसार 85 प्रतिशत अनुदान दिया जाना प्रावधानित है। (ख) सोलर लेम्प पर नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा रूपये 120 प्रति वॉट के मान से (अधिकतम 40 वॉट तक) अनुदान किया जाना प्रावधानित है। (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुसार ही अनुदान दिया जाता है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
भवन विहीन आंगनवाड़ी केन्द्र हेतु भवन निर्माण
[महिला एवं बाल विकास]
148. ( क्र. 5593 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) शाजापुर जिले में परियोजना पोलायकलां, परियोजना शुजालपुर, परियोजना कालापीपल, में कितने आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित हैं? सूची देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में संचालित कितने आंगनवाड़ी केन्द्र भवन विहिन हैं? क्या भवन विहिन आंगनवाड़ी केन्द्रों के लिए राशि स्वीकृत की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) शाजापुर जिले अन्तर्गत परियोजना पोलायकलां, परियोजना शुजालपुर, परियोजना कालापीपल अन्तर्गत निम्नानुसार आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित हैं:-
क्र. |
परियोजना |
संचालित आंगनवाड़ी केन्द्रों की संख्या |
1. |
पोलायकलां |
119 |
2. |
शुजालपुर |
126 |
3. |
कालापीपल |
221 |
सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेरक्ष्य में संचालित आंगनवाड़ी केन्द्रों में निम्नानुसार आंगनवाड़ी केन्द्र भवन विहीन है।
क्र. |
परियोजना |
भवन
विहीन
(किराये
के/अन्य
शासकीय
भवनों में) |
1. |
पोलायकलां |
50 |
2. |
शुजालपुर |
49 |
3. |
कालापीपल |
134 |
भवन विहीन (किराये के/अन्य शासकीय भवनों में) आंगनवाड़ी केन्द्रों हेतु भवन निर्माण की मनरेगा योजना के अभिसरण से आई.पी.पी.ई. विकासखंड/स्निप जिलों (शाजापुर) में स्वीकृति दी चुकी है। भवन निर्माण हेतु राशि प्रदाय भारत सरकार से राशि उपलब्ध होने पर दी जाना संभव है। आंगनवाड़ी केन्द्रों का भवन निर्माण वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर करता है। अतः समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है।
प्रोटोकॉल अर्न्तगत क्षेत्र के विधायक को आमंत्रित करना
[सामान्य प्रशासन]
149. ( क्र. 5600 ) श्री दिलीप सिंह शेखावत : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता विधान सभा क्षेत्र नागदा खाचरौद के ग्राम अटलावदा, निनावटखेडा, निपानिया एवं अंजिमाबाद पारदी में विगत तीन वर्षों में कितने भूमी पूजन एवं लोकार्पण कार्यक्रम किये गये हैं। क्या दिनांक 23 अगस्त 2015 को ग्राम अटलावदा निनावटखेड़ा, निपानिया एवं अंजिमाबाद पारदी में आंगनवाड़ी भवन का भूमि पूजन क्रार्यक्रम रखा गया था? इस कार्यक्रम में कौन-कौन मुख्य अतिथि थे? क्या मध्यप्रदेश शासन के प्रोटोकॉल नियम के अर्न्तगत इन स्थानीय कार्यक्रमों में क्षेत्र के विधायक को आमंत्रित करने का स्पष्ट प्रावधान है? इन आयोजनों में प्रश्नकर्ता को क्यों नहीं आमंत्रित किया गया? इसके लिये कौन-कौन दोषी हैं? दोषियों पर क्या कार्यवाही की गयी है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) ग्राम पंचायत अटलावदा में दिनांक 27/04/2015 को मुख्यमंत्री खेत सड़क एवं निनावटखेडा में सीसी रोड का लोकार्पण भूमि पूजन का कार्यक्रम ग्राम पंचायत द्वारा आयोजित किया गया। जिसमें मुख्य अतिथि माननीय विधायक श्री दिलीपसिंह शेखावत थे। ग्राम पंचायत, निनावटखेडा, निपानिया एवं अंजिमाबाद पारदी में आंगनवाड़ी भवन को छोड़कर अन्य कोई भूमि पूजन एवं लोकार्पण का कार्यक्रम आयोजन नहीं किया गया। ग्राम पंचायत अटलावदा निपानिया, अंजिमाबाद पारदी में दिनांक 23/08/2015 को आंगनवाड़ी भवन का भूमि पूजन श्री महेश परमार, अध्यक्ष जिला पंचायत उज्जैन के मुख्य आतिथ्य में कराया गया। उक्त तीनों ग्राम पंचायतों में आंगनवाड़ी भवनों के भूमि पूजन के कार्यक्रम ग्राम पंचायत सचिव/सरपंच द्वारा अपने स्तर से आयोजित किये गये थे। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नवीन 33 के.व्ही. ग्रिड की स्थापना
[ऊर्जा]
150. ( क्र. 5601 ) श्री दिलीप सिंह शेखावत : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधान सभा क्षेत्र के बड़गाँव ग्रिड के आस-पास के करीब 30-40 ग्रामों में वोल्टेज की समस्या होने से बिजली होते हुए भी इस क्षैत्र को पर्याप्त बिजली नहीं मिल पा रही है तथा बडगाँव ग्रिड पर बिजली की काफी खपत का दबाव होने के कारण आये दिन किसानों की डीपियां वोल्टेज कम होने से जल रही है? (ख) यदि हाँ, तो क्या ग्राम सुरेल में 33 के.व्ही. ग्रीड की स्थापना की कोई योजना प्रस्तावित है? यदि हाँ, तो कब तक स्वीकृती हो जावेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) प्रश्नाधीन क्षेत्र में स्थित 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र बड़गाँव से निर्गमित 11 के.व्ही. फीडरों से संयोजित ग्रामों में सुचारू रूप से निर्धारित अवधि (कृषि फीडरों पर 10 घंटे व गैर-कृषि फीडरों पर 24 घंटे) हेतु विद्युत प्रदाय किया जा रहा है तथा फीडरों के अंतिम छोर पर निर्धारित मानकों के अनुरूप वोल्टेज मिल रही है। अत: प्रश्न नहीं उठता। (ख) प्रश्नाधीन क्षेत्र में विद्युत प्रदाय की गुणवत्ता में सुधार हेतु ग्राम सुरेल में नवीन 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र का निर्माण किया जाना तकनीकी दृष्टि से साध्य है। उक्त कार्य ऐसे ही अन्य कार्यों की प्राथमिकता के क्रम में वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता के अनुसार स्वीकृत कर पूर्ण किया जा सकेगा।
आंगनवाड़ी भवनों की स्थिति
[महिला एवं बाल विकास]
151. ( क्र. 5602 ) श्री मुकेश पण्ड्या : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) बड़नगर विधान सभा क्षेत्र में कितनी आंगनवाडि़यों का संचालन किया जा रहा है? इन आंगनवाडि़यों में कितने बच्चे दर्ज हैं? (ख) ये आंगनवाडि़यां स्वयं के भवन में संचालित हो रही हैं या किराये के भवन में? कितनी आंगनवाडि़यां स्वयं के भवन में संचालित हो रही हैं तथा कितनी किराये के भवन में? इन आंगनवाडि़यों के लिये स्वयं का भवन कब तक निर्मित कर दिया जावेगा? (ग) वर्ष 2013 से 2016 तक बड़नगर में कितने आंगनवाड़ी भवन स्वीकृत किये गये हैं, उनमें से कितनों का कार्य पूर्ण हो चुका हैं तथा कितनों का अधूरा है? जिन आंगनवाड़ी भवन का कार्य अधूरा है, उनमें कब तक कार्य पूर्ण करा दिया जावेगा तथा समय पर कार्य पूर्ण न होने के कारण कौन अधिकारी जिम्मेदार है तथा शासन उन पर क्या कार्यवाही कर रहा है?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) बड़नगर विधान सभा क्षेत्र में 343 आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित हैं। जिनमें 29001 बच्चे दर्ज हैं। (ख) प्रश्नांश (क) अनुरूप संचालित आंगनवाड़ी केन्द्रों में से 114 आंगनवाड़ी केन्द्र स्वयं के भवनों में, 159 आंगनवाड़ी केन्द्र किराये के भवनों में एवं 70 आंगनवाड़ी केन्द्र अन्य शासकीय भवनों में संचालित हैं। किराये के/अन्य शासकीय भवनों में संचालित आंगनवाड़ी केन्द्रों के लिये भवन निर्माण की स्वीकृति वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर हैं। अतः समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं हैं। (ग) वर्ष 2013 से 2016 तक बड़नगर में 105 आंगनवाड़ी भवन स्वीकृत किये गये, जिनमें से 57 आंगनवाड़ी भवनों का निर्माण पूर्ण हो चुका हैं एवं 48 आंगनवाड़ी भवन निर्माणाधीन हैं। आंगनवाड़ी भवनों का निर्माण विभाग द्वारा ग्राम पंचायतों के माध्यम से कराया जा रहा हैं, सभी कार्य निर्माणाधीन एवं प्रगतिरत् हैं। अतः शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता हैं।
लिपिक वर्गीय कर्मचारियों की वेतन विसंगती हेतु गठित समिति
[वित्त]
152. ( क्र. 5604 ) श्री मुकेश पण्ड्या : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्तमान में प्रदेश में कार्यरत लिपिकीय वर्गीय कर्मचारियों का वेतनमान क्या है? क्या प्रदेश में कार्यरत लिपिकों के वेतनमान समान योग्यता और समान पद पर होने के बावजूद भी अंतर है? प्रदेश में कार्यरत अन्य वर्ग के कर्मचारियों और लिपिकीय वर्गीय कर्मचारियों में किस प्रकार की वेतन विसंगति है। (ख) क्या लिपिक वर्गीय वेतन विसंगती को दूर करने के लिये शासन स्तर पर कोई समिति का गठन की गयी है? यदि हाँ, तो इस समिति के सदस्य कौन-कौन हैं? (ग) पिछले 3 वर्षों में इस समिति के गठन से लेकर अभी तक कितनी बैठकें हुई हैं तथा इस समिति के द्वारा क्या-क्या निर्णय लिये गये हैं? विस्तृत जानकारी प्रदान करें।
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) सहायक ग्रेड-3 का वेतन बैण्ड 5200-20200+1900 ग्रेड वेतन है। सामान्यत: नहीं यद्यपि कतिपय संस्थानों की विशिष्ट स्थितियों के आधार पर अंतर है। अन्य वर्ग एवं लिपिक वर्ग की सापेक्ष तुलना नहीं की जा सकती, अत: वेतन विसंगति की स्थिति नहीं है। (ख) जी हाँ। दिनांक 7-5-2016 को गठित समिति की प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ग) अभी तक सम्पन्न हुई समिति की 02 बैठकों का कार्यवाही विवरण की प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार।
नोटबंदी के पूर्व एवं बाद में विभाग द्वारा वसूल की गई राशि
[ऊर्जा]
153. ( क्र. 5616 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र.प.क्षे.वि.वि.कं.लि. इन्दौर के अन्तर्गत सुवासरा विधान सभा क्षेत्र में आने वाले वितरण केन्द्रों की माह अप्रैल-2016 से जनवरी,2017 तक माहवार राजस्व वसूली की जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) मंदसौर जिले विद्युत वितरण कंपनी द्वारा माह अप्रैल-2016 से अक्टूबर-2016 तक एवं माह नवम्बर-2016 से जनवरी-2017 तक कुल कितना राजस्व संग्रहण किया गया है? दोनों अवधि का अलग-अलग बतावें। (ग) सुवासरा विधान सभा क्षेत्र में प्रश्न दिनांक तक किन-किन गाँवों में ट्रांसफार्मर बन्द या जले हुए हैं एवं उन पर कितनी राशि बकाया है? (घ) सुवासरा विधान सभा क्षेत्र में ऐसे कितने मजरे टोले नई आबादी है? जहां विद्युत पोल खड़े कर विद्युत प्रदाय नहीं दी जा रही है? गाँव के नाम बतावें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड इन्दौर के अंतर्गत सुवासरा विधान सभा क्षेत्र में आने वाले वितरण केन्द्रों की माह अप्रैल-2016 से जनवरी-2017 तक माहवार राजस्व वसूली की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) मंदसौर जिले में म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड द्वारा माह अप्रैल-2016 से अक्टूबर-2016 तक रू. 14031.54 लाख एवं माह नवम्बर-2016 से जनवरी-2017 तक रू. 6303.51 लाख के राजस्व का संग्रहण किया गया है। (ग) सुवासरा विधान सभा क्षेत्र में प्रश्न दिनांक तक 49 ग्रामों में ट्रांसफार्मर बंद/जले हुए हैं, जिनसे संबद्ध उपभोक्ताओं पर रू. 66.50 लाख की राशि बकाया है। उक्त बंद/जले हुए ट्रांसफार्मरों की ग्राम के नामवार बकाया राशि सहित सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (घ) सुवासरा विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत चिन्हित 37 ऐसे मजरे/टोले/नये आबादी क्षेत्र हैं, जहाँ विद्युतीकरण का कार्य किया जाना है। इन मजरों/टोलों/नये आबादी क्षेत्रों के विद्युतीकरण हेतु राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना (वर्तमान में दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना) में खम्भे खड़े कर दिये गये हैं एवं विद्युतीकरण का कार्य प्रगति पर है। उक्त चिन्हित 37 मजरों/टोलों/नये आबादी क्षेत्रों की वितरण केन्द्रवार, नामवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है।
शासकीय वेबसाइटों को अद्यतन करने संबंधी कार्य
[सामान्य प्रशासन]
154. ( क्र. 5628 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग के पत्र दिनांक-15/12/2015 एवं 10/05/2016 से वेबसाइटों को अद्यतन करने एवं मंथन-2014 की अनुशंसाओं के पालन के निर्देश दिये गये हैं? यदि हाँ, तो क्या वेबसाइट अद्यतन न करने पर जिम्मेदारी तय कर, कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो क्या एवं कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) विधायक निधि, जनसंपर्क निधि एवं स्वेच्छानुदान मद के उपयोग के वर्ष 2013 के पश्चात से नवीनतम निर्देश क्या है एवं क्या निर्देशों के परिपत्रों को शासन की वेबसाइट पर अपलोड किया गया है? यदि हाँ, तो किस वेबसाइट पर तथा कब से? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) से (ग) के परिप्रेक्ष्य में क्या मध्यप्रदेश शासन के सभी विभागों एवं अन्य संस्थाओं की वेबसाइटों को चरणबद्ध एवं नियत समयावधि में नवीनतम जानकारी से अद्यतन किया जायेगा एवं सतत् अद्यतन किया जायेगा? यदि हाँ, तो किस प्रकार एवं कब से? यदि नहीं, तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
करंट से भारी संख्या में मृत्यु
[ऊर्जा]
155. ( क्र. 5636 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वित्तीय वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में जनवरी, 2017 अंत तक उज्जैन राजस्व संभाग में कितने विद्युत कंपनी के कर्मचारी, ठेका श्रमिक एवं अन्य नागरिकों की विद्युत करंट लगने से मृत्यु हुई है और कितने घायल हुए हैं? उनकी वर्षवार, नामवार एवं दिय गये मुआवजे की जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) उल्लेखित दुर्घटनाग्रस्त कर्मचारी/ठेका श्रमिक अनुभवहीन होकर अप्रशिक्षित थे? क्या अप्रशिक्षित विद्युत कर्मचारियों के लिए कोई नीति है? माह जनवरी-2017 अंत की स्थिति में मृतक कर्मचारियों के मुआवजें को लेकर विद्युत कंपनी के विरूद्ध कितने प्रकरण उज्जैन राजस्व संभाग में विभिन्न न्यायालायों में चल रहे है? वित्तीय वर्ष 2016-17 में ऐसे कितने प्रकरणों में माननीय न्यायालय में विद्युत कंपनी के विरूद्ध निर्णय पारित किया हैं? (ग) राजस्व संभाग उज्जैन में वित्तीय वर्ष 2016-17 में खतरनाक विद्युत तार हटाने के लिए कितने आवेदन विद्युत कंपनी के विभिन्न कार्यालयों में प्राप्त हुए जिलेवार संख्या बतावें? कितने प्रकरणों में विद्युत लाईन हटायी गई? इनमें से कितने प्रकरण हैं जहां नागरिकों/संस्था द्वारा आवेदन देने के पश्चात विभाग द्वारा नियमानुसार कार्यवाही नहीं करने के कारण दुर्घटना घटी? (घ) रिहायशी इलाकों में खतरनाक हाई-वोल्टेज के विद्युत तार हटाने के लिए विभाग की क्या नीति है? क्या फंड के आभाव में तार नहीं हटाये जा रहे है? क्या इस कार्य हेतु अलग से फंड की कोई योजना है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) वित्तीय वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में जनवरी-2017 अंत तक उज्जैन राजस्व संभाग में विद्युत कंपनी के 4 कर्मचारी, 20 ठेका श्रमिक एवं 192 नागरिकों की विद्युत करंट लगने से मृत्यु हुई है तथा 23 विद्युत कंपनी के कर्मचारी, 28 ठेका श्रमिक एवं 72 नागरिक विद्युत करंट लगने से घायल हुए हैं। विद्युत दुर्घटनाओं में मृत/घायल विद्युत वितरण कंपनी के कर्मचारियों, ठेका श्रमिकों एवं नागरिकों की दिनांकवार, नामवार एवं दिये गये मुआवजे की राशि सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'', ''ब'' एवं ''स'' अनुसार है। (ख) विद्युत वितरण कंपनी के दुर्घटनाग्रस्त कर्मचारी प्रशिक्षित एवं अनुभवी थे। ठेका श्रमिक भी पर्याप्त अनुभवी थे। विद्युत कंपनी में लाईन कर्मचारियों की नियुक्ति शैक्षणिक योग्यता के आधार पर की जाती है एवं उनके पद अनुसार प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है। सफलतापूर्वक प्रशिक्षण पूर्ण करने के उपरांत ही उनका नियमितीकरण किया जाता है। समय-समय पर विद्युत कर्मचारियों को कार्यशाला आयोजित कर नवीन विद्युत उपकरणों की कार्य प्रणाली इत्यादि से अवगत कराया जाता है। माह जनवरी-2017 अंत तक की स्थिति में मृतक विद्युत कंपनी के कर्मचारियों के मुआवजे को लेकर पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के विरूद्ध उज्जैन राजस्व संभाग के माननीय न्यायालयों में कोई प्रकरण नहीं चल रहा है तथा न ही उक्त अवधि में माननीय न्यायालय द्वारा पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के विरूद्ध कोई निर्णय पारित किया है। (ग) राजस्व संभाग उज्जैन में वित्तीय वर्ष 2016-17 में विद्युत तार हटाने के लिए 191 आवेदन पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के विभिन्न कार्यालयों में प्राप्त हुए, जिनकी जिलेवार संख्या की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार है। 156 प्रकरणों में विद्यतु लाईन हटायी गई है तथा शेष 35 प्रकरणों में आवेदकों द्वारा नियत औपचारिकताएं पूर्ण नहीं करने के कारण प्रकरण लंबित है। उक्त शेष प्रकरणों में कोई दुर्घटना घटित नहीं हुई हैं। (घ) विद्युत अधिनियम 2003 (2003 का 36) के प्रावधानों के अंतर्गत केन्द्रीय विद्युत प्राधिकरण द्वारा दिनांक 20.9.2010 को अधिसूचित (सुरक्षा तथा विद्युत आपूर्ति संबंधी) विनियम-2010 की धारा 63 अनुसार यदि कोई व्यक्ति पहले से खड़ी ओव्हर हेड लाईन के नीचे नई इमारत अथवा अवसंरचना निर्माण अथवा कोई विस्तार या फेरबदल करना चाहता है, तो विद्युत आपूर्तिकर्ता अथवा लाईन के स्वामी और इलेक्ट्रिकल इंस्पेक्टर को नियमानुसार सूचित करना होता है। यदि तकनीकी रूप से प्रस्ताव व्यवहारिक है, तो संबंधित व्यक्ति को ओव्हर हेड लाईन में फेरबदल की लागत का भुगतान करना होता है। विद्युत आपूर्तिकर्ता अथवा लाईन के स्वामी के पास उक्त फेरबदल की अनुमानित लागत को जमा कराने के बाद अवसंरचना में किसी विस्तार अथवा फेरबदल की अनुमति उक्त धारा 63 की उपधारा 5 के अनुसार प्रदान की जा सकती है। उक्तानुसार विद्युत लाईनों को सशुल्क (जमा योजना में) हटाये जाने का नियमानुसार प्रावधान है। संबंधित व्यक्ति द्वारा आवेदन कर उपरोक्तानुसार औपचारिकताएं पूर्ण करने के उपरांत कार्यवाही की जाती है। प्रश्नाधीन कार्य के लिए वितरण कंपनी में अलग से कोई फंड/मद नहीं है तथा उपरोक्त वैधानिक प्रावधानों के अनुसार ही विद्युत लाईन शिफ्टिंग की कार्यवाही की जाती है।
ग्रामीण क्षेत्रों में 24 घंटे बिजली प्रदाय
[ऊर्जा]
156. ( क्र. 5644 ) श्री दीवानसिंह विट्ठल पटेल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश शासन द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में भी 24 घंटे विद्युत प्रदाय की जा रही है? यदि हाँ, तो आदिवासी क्षेत्र के कई ग्रामों में आज तक भी 24 घंटे बिजली नहीं दी जा रही है? क्यों? (ख) क्या वनवासी क्षेत्र में आदिवासी लोग फलिये, मजरे एवं टोलों में ही निवासरत् रहते हैं? यदि हाँ, तो पानसेमल विधान सभा क्षेत्र के कई ग्रामों/फलिये/मजरे/टोलों में 24 घंटे बिजली प्रदाय क्यों नहीं की जा रही है? (ग) क्या उक्त क्षेत्र में पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी द्वारा विद्युत विस्तार का कार्य निम्न स्तर का किया जा रहा है? क्षेत्र के ग्राम पलहानी, मलगांव एवं राखी बुजुर्ग क्षेत्र में चल रहे कार्य की गुणवत्ता ठीक नहीं होने की शिकायत लगातार ग्रामीणों से प्राप्त हो रही है? क्या गुणवत्ता सुधारी जावेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ वर्तमान में आदिवासी क्षेत्र सहित प्रदेश के समस्त ग्रामीण क्षेत्रों में राजस्व ग्रामों को तकनीकी कारणों/प्राकृतिक आपदा के कारण हुए आकस्मिक अवरोधों को छोड़कर गैर-कृषि फीडरों एवं मिश्रित फीडरों पर 24 घंटे तथा कृषि फीडरों पर 10 घंटे विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। (ख) जी हाँ, सामान्यत: आदिवासी परिवार अपनी परम्परा के अनुसार खेतों में दूर-दूर मकान बनाकर निवास करते हैं, जिनके सिंचाई के पम्प भी घरों के पास ही होते है। पानसेमल विधान सभा क्षेत्र के समस्त राजस्व ग्रामों में फीडर विभक्तिकरण योजनान्तर्गत कार्य पूर्ण कर राजस्व ग्रामों को गैर-कृषि फीडरों के माध्यम से आकस्मिक अवरोधों को छोड़कर 24 घंटे विद्युत प्रदाय किया जा रहा है, जबकि खेतों में मकान बनाकर रह रहे परिवारों तक 24 घंटे विद्युत प्रदाय करने का कोई प्रावधान नहीं है। प्रश्नाधीन क्षेत्र के कुछ फलियों/मजरों/टोलों के सिंचाई फीडर से जुड़े होने के कारण उन्हें 10 घंटे विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के अंतर्गत 100 एवं 100 से अधिक आबादी वाले एक साथ बसे घरों/मकानों वाले फलियों/मजरों/टोलों को वित्तीय उपलब्धता अनुसार चयनित कर विद्युतीकरण का कार्य किया जाना प्रस्तावित है, जिसे टर्न-की आधार पर कराए जाने हेतु अवार्ड जारी किया जा चुका है तथा ठेकेदार एजेन्सी द्वारा सर्वे का कार्य आंरभ कर दिया गया है। उक्त कार्य पूर्ण होने पर इन विद्युतीकृत किये गये फलियों/मजरों/टोलों को भी 24 घंटे विद्युत प्रदाय किया जा सकेगा। (ग) जी नहीं, म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, इंदौर द्वारा गुणवत्ता पूर्ण कार्य कराया जा रहा है। ग्राम पलहानी, मलगांव एवं राखी बुजुर्ग में चल रहे निर्माण कार्यों की गुणवत्ता ठीक नहीं होने संबंधी कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। पूर्व से ही गुणवत्तापूर्ण कार्य सम्पादित किए जा रहे हैं, अत: प्रश्न नहीं उठता।
महिला सशक्तिकरण
[महिला एवं बाल विकास]
157. ( क्र. 5645 ) श्री दीवानसिंह विट्ठल पटेल : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) महिला सशक्तिकरण की दिशा में विभाग के द्वारा संचालित योजनाओं की जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) विधान सभा क्षेत्र पानसेमल में विभाग के द्वारा वर्ष 2016-17 में किये गए कार्यों की जानकारी उपलब्ध करावें? (ग) क्या विभाग की उदासीनता के कारण शासन के द्वारा निहित उद्देश्य की पूर्ति नहीं हो पा रही है? क्या विभाग के द्वारा उक्त सम्बन्ध में कोई कार्यवाही की जावेगी?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) महिला सशक्तिकरण की दिशा में संचालनालय महिला सशक्तिकरण द्वारा लाड़ली लक्ष्मी योजना, ऊषा किरण योजना, स्वागतम लक्ष्मी योजना, लाडो अभियान, मुख्यमंत्री महिला सशक्तिकरण योजना, शौर्या दल, संचालित है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। (ग) निहित उद्देश्यों की पूर्ति हो रही है। योजनाओं की उपलब्धि प्राप्त होने से उद्देश्यों की पूर्ति नहीं होने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।