मध्य प्रदेश विधान सभा
प्रश्नोत्तर-सूची
फरवरी-अप्रैल, 2016 सत्र
गुरूवार, दिनांक 10 मार्च, 2016
भाग-1
तारांकित
प्रश्नोत्तर
(वर्ग 1 : किसान कल्याण तथा कृषि विकास, पंचायत और ग्रामीण विकास, सामाजिक न्याय एवं निःशक्त जन कल्याण, सहकारिता, राजस्व, पुनर्वास, परिवहन, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, लोक सेवा प्रबंधन, जन शिकायत निवारण)
बलराम
तालाब
योजनांतर्गत
निर्मित
तालाब
1. ( *क्र. 510 ) श्री मुकेश नायक : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में लघु सिंचाई और जल संरक्षण के लिये बलराम तालाब योजना कब से लागू है और वर्ष 2012 से दिसम्बर 2015 तक इस योजना के तहत राज्य में कुल कितने तालाब बनाये गये तथा कुल कितनी धनराशि खर्च की गई? (ख) क्या पन्ना जिले की पवई विधानसभा क्षेत्रांतर्गत बलराम तालाब योजना में घपले-घोटाले और भ्रष्टाचार की शिकायतें प्रशासन को विभिन्न स्तरों पर प्राप्त हुईं हैं और उनकी जाँच भी कराई गयी है और भौतिक सत्यापन के दौरान हजारों तालाब फर्जी तौर पर बनाये जाने तथा केवल कागजों पर तालाब बना कर शासन से अनुदान राशि लेने के मामले प्रकाश में आये हैं? यदि हाँ, तो ऐसे मामलों में दोषी व्यक्तियों और अधिकारियों के खिलाफ क्या कार्यवाही की गई?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) मध्यप्रदेश में बलराम ताल योजना वर्ष 2007-08 से लागू है। वर्ष 2012 से दिसंबर 2015 तक 12931 बलराम तालाब निर्मित किये गये एवं वर्ष 2015-16 में 856 बलराम तालाब निर्माणाधीन हैं तथा इन पर राशि रू. 13118.85 लाख व्यय हुये हैं। जिलेवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) विभागीय स्तर पर कोई शिकायत प्राप्त होना नहीं होना पाया गया कार्यवाही का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
लाइट ट्रैप उपकरणों की उपयोगिता
2. ( *क्र. 4559 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कीट नियंत्रण के लिए शासन द्वारा लाइट ट्रैप उपकरण वितरित किए गए हैं? यदि हाँ, तो भोपाल संभाग में विगत एक वर्ष में कितने किसानों को उक्त उपकरण दिए गए? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार लाइट ट्रैप उपकरणों की उपयोगिता क्या रही? उपकरणों से कीट नियंत्रण का प्रतिशत क्या रहा? क्या उपकरण के उपयोग से किसानों को कीट नाशक दवा का उपयोग नहीं किया गया? (ग) क्या लाइट ट्रैप उपकरण किसानों को अनुदान में दिया गया है? यदि हाँ, तो उपकरण की बाजार कीमत कितनी थी व शासन द्वारा प्रति उपकरण कितनी राशि वहन की गई? (घ) लाइट ट्रैप उपकरण के उपयोग का उपयुक्त समय क्या था? क्या उक्त समय में किसानों को उपकरण के उपयोग के लिए बिजली उपलब्ध रही?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ। भोपाल संभाग में विगत एक वर्ष में 8000 उपकरण दिये गये, जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) लाईट ट्रैप का उपयोग फसल पर हानिकारक कीटों के प्रकोप की पूर्व सूचना हेतु किया जाता है। इससे कीट नियंत्रण का प्रतिशत, कीट प्रकोप की अधिकता या कमी पर निर्भर करता है। तद्नुसार कीटों के नियंत्रण हेतु अंतिम विकल्प के रूप में कीट नाशक दवा का उपयोग किया जाता है। (ग) जी हाँ। योजना के अंतर्गत फसल प्रदर्शन में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद नई दिल्ली द्वारा विकसित एवं अनुशंसित लाईट ट्रैप को एक घटक के रूप में प्रावधानित कर रूपये 1800 प्रति लाईट ट्रैप के शत-प्रतिशत अनुदान पर फसल प्रदर्शन में कृषकों को उपलब्ध करवाया गया है। (घ) लाईट ट्रैप उपकरण के उपयोग का उपयुक्त समय फसल बुवाई के तृतीय सप्ताह से फसल कटाई पूर्व तक अनुशंसित है, तद्नुसार फसल प्रदर्शनों में लाईट ट्रैप का उपयोग शाम सात बजे से दस बजे तक उपयोग किया गया, उक्त समय बिजली की उपलब्धता रही है।
जनश्री एवं आम आदमी बीमा योजना का क्रियान्वयन
3. ( *क्र. 3672 ) श्रीमती पारूल साहू केशरी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सागर जिले में जनपद पंचायतें जनश्री बीमा एवं आम आदमी बीमा के क्रियान्वयन की ओर से पूरी तरह उदासीन हैं? (ख) यदि नहीं, हैं तो बतावें कि वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में किस-किस जनपद पंचायत के अंतर्गत कितने लोगों का जनश्री बीमा एवं आम आदमी बीमा कराया गया तथा कितने लोगों को उक्त बीमा योजनाओं का लाभ दिया गया है? (ग) यदि जनपद पंचायतों द्वारा लक्ष्य के अनुसार कार्यवाही नहीं की गयी है, तो क्या उत्तरदायी शासकीय सेवकों के विरूद्ध कोई कार्यवाही की जावेगी? (घ) यदि हाँ, तो कब तक और किसके विरूद्ध? संबंधित शासकीय सेवक का नाम पदनाम सहित बतावें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 1 एवं 2 अनुसार। (ग) उत्तरांश ‘’ख’’ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मुख्यमंत्री सड़क योजना के तहत अमानक निर्माण कार्य
4. ( *क्र. 5544 ) श्री चम्पालाल देवड़ा : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) देवास जिले के बागली एवं कन्नौद विकासखण्ड में तृतीय चरण में जिन मार्गों का निर्माण कार्य हुआ है अथवा कार्य किया जा रहा है, इनमें निम्न स्तर का घटिया कार्य कराये जाने की शिकायतें विगत 3 वर्षों में कब-कब प्राप्त हुईं? (ख) प्रश्नांकित निर्माण कार्य किन-किन एजेन्सियों के माध्यम से किया जा रहा है? क्या विभागीय अधिकारियों ने शिकायतों की जाँच कराई है? यदि हाँ, तो जाँच के परिणाम बतायें? (ग) किन-किन अधिकारियों ने जाँच की है? अधिकारी का नाम, पद बतावें। क्या शिकायतकर्ता को जाँच प्रतिवेदन से अवगत कराया गया? यदि नहीं, तो क्यों? यदि हाँ, तो कब अवगत कराया गया? (घ) क्या दिनांक 12 जून, 2015 की जिला सतर्कता की बैठक में शेष कार्य अगस्त 2015 तक पूर्ण किये जाने के निर्देश दिये गये थे? यदि हाँ, तो प्रश्नांकित कार्य पूर्ण हो गये हैं? यदि नहीं, तो क्यों? कारण दें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) उक्त विकासखण्डों में निम्न स्तर का घटिया कार्य किये जाने की शिकायत दिनांक 02.08.2014 एवं 20.06.2013 को की गई है। (ख) प्रश्नांकित निर्माण कार्य। (1) मेसर्स कराड़ा कंस्ट्रक्शन कंपनी इन्दौर। (2) मेसर्स सरमन इंडिया रोड मेकर्स प्रा.लि. भोपाल। (3) मेसर्स ज्योति कंस्ट्रक्शन कंपनी हरदा के माध्यम से किया जा रहा है। शिकायतों की जाँच कराई, जाँच में कार्य संतोषप्रद पाये गये। (ग) कार्यों की जाँच राज्य स्तरीय क्वालिटी मॉनिटर्स (1) श्री एस.डी. भाले (2) श्री एस.के.एस. रघुवंशी (3) श्री आर.के. खरे (4) श्री जे.एल. गाँधी से कराई गई। जाँच प्रतिवेदन से माननीय विधायक जी को दिनांक 09.02.2016 को अवगत कराया गया है। (घ) जी हाँ। सभी कार्य पूर्ण नहीं हुये हैं। कार्य अपूर्ण रहने का कारण मार्गों का वनक्षेत्र में होना, पूर्व ठेकेदार द्वारा कार्य अधूरा छोड़ने के कारण अनुबंध निरस्त किया जाना, निजि भूमि होना आदि है।
गृह निर्माण सहकारी संस्था के निर्वाचन में अनियमितता
5. ( *क्र. 5402 ) श्री के.पी. सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या लाल बहादुर शास्त्री गृह निर्माण सहकारी संस्था मर्या. के निर्वाचन संपन्न कराने हेतु वरिष्ठ सहकारी निरीक्षक श्री भास्कर शर्मा को निर्वाचन अधिकारी नियुक्त किया गया था? (ख) यदि हाँ, तो उक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में निर्वाचन अधिकारी द्वारा उप पंजीयक सहकारी संस्थाएं मुरैना से निर्वाचन संपन्न कराने हेतु मार्गदर्शन चाहा गया था तथा तत्कालीन उप पंजीयक सहकारी संस्थाएं मुरैना ने अपने पत्र क्र. 357 दिनांक 08.02.2013 को 161 सदस्य संख्या के बीच ही निर्वाचन कराने हेतु निर्देशित किया गया था? (ग) उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में क्या उप पंजीयक सहकारी संस्थाएं मुरैना द्वारा उक्त संस्था की सदस्यता सूची का सत्यापन किए बिना ही दिनांक 15.07.2015 को नियम विरूद्ध लाल बहादुर शास्त्री गृह निर्माण सहकारी संस्था मर्या. मुरैना का निर्वाचन 161 सदस्यों के स्थान पर 55 सदस्यों के बीच ही कराने संबंधी प्रस्ताव राज्य निर्वाचन सहकारी प्राधिकरण को प्रेषित कर दिया है? (घ) यदि हाँ, तो क्या उक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में उच्च स्तरीय निष्पक्ष जाँच कराई जाकर दोषी अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही की जाएगी एवं तत्कालीन उप पंजीयक सहकारी संस्था द्वारा दिनांक 08.02.2013 को दिए गए मार्गदर्शन/निर्देश के अनुसार ही 161 सदस्यों के बीच ही निर्वाचन संपन्न कराया जाएगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ, जी हाँ। (ग) उप पंजीयक, मुरैना द्वारा 55 सदस्यों नहीं अपितु संस्था से प्राप्त 49 सदस्यों की सूची सहित निर्वाचन कराने हेतु प्रस्ताव मूलतः म.प्र. राज्य सहकारी निर्वाचन प्राधिकारी को प्रेषित किया गया। (घ) प्रश्नांश से संबंधित विषयवस्तु वर्तमान में माननीय उच्च न्यायालय ग्वालियर में संस्था के निर्वाचन की लंबित रिट पिटीशन क्रमांक 6980/15 में विचाराधीन होने तथा इस रिट पिटीशन में माननीय उच्च न्यायालय द्वारा दिनांक 16.10.2015 के अंतरिम आदेश अनुसार "संस्था का निर्वाचन याचिका के अंतिम निर्णय के अध्यधीन होने" के आधार पर तत्संबंध में उक्त याचिका के अंतिम निर्णय होने के उपरान्त ही तदनुसार कार्यवाही की जा सकती है।
गोटेगांव में अनुविभागीय अधिकारी राजस्व की पदस्थापना
6. ( *क्र. 4368 ) डॉ. कैलाश जाटव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गोटेगांव में अनुविभागीय अधिकारी राजस्व (एस.डी.एम.) के पद की पूर्ण कालिक स्थापना है या नहीं? यदि नहीं, तो क्या शासन की कोई ऐसी मंशा है कि गोटेगांव में अनुविभागीय अधिकारी राजस्व (एस.डी.एम.) की पदस्थापना की जावेगी? (ख) यदि हाँ, तो कब तक? यदि स्थापना की जाती है, तो क्या अनुविभागीय अधिकारी हेतु पूर्ण कालिक स्टाफ की पर्याप्त उपलब्धता की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) गोटेगांव में अनुविभागीय अधिकारी राजस्व (एस.डी.एम.) का पद शासन द्वारा स्वीकृत है। पूर्ण कालिक अनुविभागीय अधिकारी पदस्थ है। (ख) उतरांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। जी हाँ, समय-सीमा बताना संभव नहीं।
पुरानी छाबनी ग्वालियर स्थित भूमि का नियम विरूद्ध आवंटन
7. ( *क्र. 2622 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्राम पुरानी छाबनी तहसील व जिला ग्वालियर के सर्वे क्रमांक 783, 784, 785, 786 की भूमि मिसिल बंदोबस्त संवत 1997 खसरा के खाना नं. 3 में मिल्कियत सरकार ग्वालियर गवर्नमेंट तथा खाना नं. 6 में कब्रिस्तान अंग्रेज कब्जे तहसील वशरह नं. 497 दर्ज है? (ख) इंडियन चर्च एक्ट 1997 की किस धारा व नियम के तहत चर्च ऑफ इंगलैण्ड की संपत्ति इंडिया में होने पर चर्च ऑफ इंडिया में समायोजित की गई थी? ग्राम छाबनी तहसील ग्वालियर की मिसिल बंदोबस्त संवत 1997 में किस खसरे में सर्वे नं. 783, 784, 785 एवं 786 की भूमि चर्च ऑफ इंग्लैण्ड की थी? (ग) क्या उक्त भूमि ग्राम पंचायत की मांग पर नायब तहसीलदार रायरू (ग्वालियर) ने जनहित में दिनांक 17.08.2009 को शासकीय इंटर कॉलेज पुरानी छाबनी हेतु आरक्षित कर दी थी? (घ) यदि हाँ, तो तत्कालीन कलेक्टर ग्वालियर ने दस्तावेज का सत्यापन किए बिना चर्च को अनुचित लाभ पहुँचाकर इंडियन चर्च ट्रस्टीज चर्च ऑफ इंडिया सी.आई.पी.बी.सी. डायसीस ऑफ नागपुर सी.आई.पी.बी.सी. के नाम दर्ज आदेश निरस्त कर राजस्व खसरे में शासकीय दर्ज कराकर भूमि की हेराफेरी करने वाले दोषी अधिकारी एवं कर्मचारी के विरूद्ध जाँच कराकर कब तक कार्यवाही की जाएगी? यदि नहीं, तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना का क्रियान्वयन
8. ( *क्र. 3311 ) श्री विष्णु खत्री : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना में बैरसिया विधानसभा क्षेत्रांतर्गत कितने ग्राम जोड़े जाने की पात्रता रखते हैं? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित ग्रामों को जोड़े जाने के संबंध में विभाग की क्या कार्य योजना है एवं उल्लेखित ग्रामों को कब तक इस योजना के तहत जोड़ दिया जावेगा? (ग) सुदूर ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत सुदूर बसे ग्रामों को प्राथमिकता के आधार पर जोड़ने की कोई योजना लंबित है अथवा नहीं? यदि नहीं, तो प्राथमिकता के आधार पर इन सुदूर बसे ग्रामों को कब तक जोड़ दिया जावेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत बैरसिया विधानसभा क्षेत्र में वर्तमान में 36 ग्राम जोड़े जाने की पात्रता रखते हैं। (ख) मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत पात्र ग्रामों को जोड़े जाने की स्वीकृति प्रदान की गई है। निर्माण कार्यों की निविदा आमंत्रण की कार्यवाही प्रचलन में होने से उक्त ग्रामों को जोड़ने की निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) जी नहीं। सुदूर ग्राम संपर्क सड़क योजनांतर्गत मनरेगा के अभिसरण से आंतरिक मार्ग, मजरे टोले एवं खेत समूह को जोड़ने की उपयोजना स्वीकृत की गई है। इस योजनांतर्गत कार्यों की स्वीकृति का निर्णय पंचायतीराज संस्थाओं द्वारा लिया जाता है, अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सांवेर विधानसभा क्षेत्र में कार्यों की स्वीकृति
9. ( *क्र. 618 ) श्री राजेश सोनकर : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सांवेर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत ग्रामीण यांत्रिकी विभाग द्वारा वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक किन-किन योजनाओं में व किन मदों में किन-किन कार्यों की स्वीकृतियां प्रदान की गई है? सांवेर विधानसभा क्षेत्र में ग्रामीण यांत्रिकी विभाग द्वारा स्वीकृत किये गये कार्यों की लागत कितनी थी? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में सांवेर विधानसभा क्षेत्र में कितनी-कितनी राशि का व्यय कहाँ-कहाँ किया गया व किन मदों में कितनी राशि शेष है? आगामी बजट 2016-17 में भी क्या सांवेर विधानसभा क्षेत्र हेतु ग्रामीण यांत्रिकी विभाग द्वारा प्रस्तावों की स्वीकृति चाही गई? यदि हाँ, तो कौन-कौन से व कब तक इन्हें स्वीकृति प्रदान की जायेगी? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में क्या पूर्व स्वीकृत कार्यों में से कुछ कार्य अभी तक लंबित/अप्रारंभ हैं? यदि हाँ, तो किन कारणों से लंबित/अप्रारंभ हैं? (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में लंबित/अप्रारंभ कार्य/स्वीकृत कार्य कब तक पूर्ण कर लिये जायेंगे व निर्माण कार्यों का भौतिक सत्यापन किन-किन अधिकारियों द्वारा कब-कब किया गया? क्या निर्माण कार्यों में कोई अनियमितता पाई गई थी? यदि हाँ, तो उन अधिकारियों/एजेन्सी पर कोई कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, तो कब तक कार्यवाही की जायेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। जी नहीं आगामी बजट 2016-17 में ग्रामीण यांत्रिकी सेवा द्वारा सांवेर विधान सभा क्षेत्र हेतु प्रस्तावों की स्वीकृति की जानकारी निरंक है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) कार्यों को वित्तीय वर्ष 2016-17 में पूर्ण करने का लक्ष्य है। भौतिक सत्यापन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। जी नहीं। निर्माण कार्यों में कोई अनियमितता नहीं पाई गई। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मध्यान्ह भोजन योजना अंतर्गत संचालित समूह
10. ( *क्र. 2250 ) श्री शान्तिलाल बिलवाल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) झाबुआ जिले में वर्तमान में मध्यान्ह भोजन योजना अंतर्गत कितने समूह संचालित हैं? (ख) यदि समूह संचालित हैं, तो इनके द्वारा समय पर मीनू अनुसार भोजन प्रदान किया जा रहा है? विगत एक वर्ष की जानकारी देवें। (ग) यदि समूह द्वारा समय पर मध्यान्ह भोजन नहीं दिया जा रहा है, तो समूह के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? (घ) यदि नहीं की गई तो किस-किस अधिकारी द्वारा क्या कार्यवाही की गई?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) झाबुआ जिले में वर्तमान में मध्यान्ह भोजन योजना अंतर्गत कुल 1762 समूह संचालित हैं। (ख) संचालित समूहों द्वारा सामान्यतः समय पर निर्धारित मीनू अनुसार भोजन प्रदान किया जाता है। विगत एक वर्ष की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) निरीक्षण/शिकायत जाँच में जिन समूहों द्वारा समय पर मध्यान्ह भोजन नहीं देना पाया गया है, ऐसे समूहों के विरूद्ध की गई कार्यवाही का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (घ) प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही नहीं उठता है।
आदिवासी उप योजनांतर्गत बजट आवंटन
11. ( *क्र. 1990 ) श्री संजय उइके : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग को आदिवासी उपयोजना मद से विकास हेतु बजट प्राप्त होता है? (ख) यदि हाँ, तो वित्तीय वर्ष 2013-14 में राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि महाविद्यालय ग्वालियर एवं नवीन कृषि महाविद्यालय वारासिवनी बालाघाट को कितनी-कितनी राशि किस-किस कार्य हेतु आवंटित की गई थी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ। (ख) राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय से संबंधित जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है एवं नवीन कृषि महाविद्यालय वारासिवनी बालाघाट की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
फर्जी निर्वाचन में लिप्त कर्मियों की पदोन्नति/स्थानांतरण
12. ( *क्र. 5447 ) श्री मानवेन्द्र सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2011-12 में हुए अंजनी प्रा.उ.स.भं.मर्या. चन्दला (छतरपुर) के फर्जी निर्वाचन की जाँच उपरांत पुष्टि हो चुकी है? यदि हाँ, तो संबंधित जाँच प्रतिवेदन में संलिप्त दोषी कर्मियों के नाम/पदनाम उल्लेखित करें? (ख) क्या उक्त कर्मियों के विरूद्ध विभागीय जाँच के आदेश जारी हैं? यदि हाँ, तो उक्त कर्मियों के नाम/पदनाम, विभागीय जाँच संस्थापित करने का आदेश क्र./दि., जाँच अधिकारी का नाम/पदनाम, कर्मियों की अधिवार्षिकी आयु की तिथि, प्रश्न दिनांक तक विभागीय जाँच पूर्ण/अपूर्ण, अपूर्ण होने के कारण सहित जानकारी स्पष्ट करें कि उक्त जाँच प्रतिवेदन के परिप्रेक्ष्य में विभागीय जाँच के अंतिम आदेश पारित न करने के लिए कौन दोषी है? दोषी अधिकारी का नाम/पदनाम लेख कर बताएं। (ग) क्या विभागीय जाँच लंबित रहते उक्त में से किसी कर्मी को पदोन्नति का लाभ दिया गया है? यदि हाँ, तो उक्त कर्मी का नाम/पदनाम लेख करें? (घ) क्या उक्त पदोन्नति आदेश में यह उल्लेख है कि पदोन्नत कर्मचारी के विरूद्ध विभागीय जाँच संस्थापित हो, तो पदोन्नति आदेश स्थगित रखकर कार्यमुक्ति/कार्यग्रहण न कराया जाए? यदि हाँ, तो निर्देशों की अनदेखी कर उक्त कर्मी के पक्ष में कार्यमुक्ति आदेश जारी कर कार्य ग्रहण कराकर पदोन्नति लाभ व स्थानांतरण जैसे प्रतिकूल आदेश जारी किये गये हैं? उक्त प्रतिकूल आदेश जारी करने वाले दोषी अधिकारी के नाम/पदनाम का उल्लेख करें। (ड.) क्या शासन उक्त प्रतिकूल आदेशों को तत्काल प्रभाव से निरस्त कर उक्त अधिकारियों के विरूद्ध दण्डात्मक कार्यवाही करेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ, जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘एक’’ अनुसार है। (ख) जाँच में दोषी पाये गये अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध कार्यवाही की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘दो’’ अनुसार है। विभागीय जाँच प्रक्रियाधीन होने से कोई दोषी नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्तरांश ‘‘ग’’ के परिप्रेक्ष्य में किसी भी अधिकारी/कर्मचारी को पदोन्नति का लाभ नहीं दिया गया, किन्तु प्रशासकीय आवश्यकता के आधार पर एक कर्मचारी का स्थानान्तरण किया गया है, जिसमें कोई अधिकारी दोषी नहीं होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ड.) उत्तरांश ‘‘घ’’ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही
13. ( *क्र. 5006 ) श्री आरिफ अकील : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भोपाल जिला सहकारी बैंक द्वारा किसानों की ऋण गारंटी में रखी भूमि को ओने-पौने दामों पर रसूखदारों एवं बैंक के कथित अधिकारियों की मिलीभगत से वर्ष 2001 में नीलामी की गई थी? (ख) यदि हाँ, तो बैंक के कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारियों द्वारा किन-किन रसूखदारों से मिलीभगत कर किन-किन किसानों की कितनी-कितनी कृषि भूमि कितनी-कितनी राशि में नीलाम की गई, वास्तविक कीमत सहित बतावें? (ग) प्रश्नांश (क)-(ख) के परिप्रेक्ष्य में क्या उक्त अनियमितता को लेकर माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा दोषियों के विरूद्ध कानूनी कार्यवाही किए जाने एवं किसानों को उनकी भूमि वापिस दिलाए जाने का निर्णय दिया है? यदि हाँ, तो कब तक किसानों को भूमि वापिस कराकर दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों कारण सहित बतावें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। जिला सहकारी कृषि और ग्रामीण विकास बैंक मर्या. भोपाल द्वारा 25 ऋणी सदस्यों की बंधक भूमि वर्ष 2001 में कलेक्टर दर से भिन्न दरों पर नीलाम की गई है, जिसमें बैंक के अधिकारियों की संलिप्तता प्रकाश में आई है। (ख) 25 ऋणी सदस्यों की 125.63 एकड़ भूमि राशि रुपये 16.86 लाख में नीलाम की गयी थी। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) बैंक द्वारा की गई भूमि नीलामी के विरूद्ध ऋणी कृषक श्री आजम खान एवं श्रीमती अकबरी बानों द्वारा माननीय उच्चतम न्यायालय में अपील की गई थी। माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा उक्तानुसार कृषकों द्वारा प्रस्तुत सिविल अपील क्रमांक 723/2016 एवं सिविल अपील क्रमांक 724/2016 में दिनांक 02/02/2016 को आदेश पारित करते हुए यह निर्देश दिये गये हैं कि अपीलार्थियों द्वारा 6 माह की अवधि के भीतर 6 प्रतिशत ब्याज दर से बैंक को मूलधन के भुगतान करने पर अपीलार्थियों को भूमि वापिस की जाये, बैंक द्वारा नीलामी से भूमि क्रय करने वाले व्यक्तियों को रू. 50,000/- की राशि 6 प्रतिशत की ब्याज दर से 2 माह की अवधि में वापस की जाए तथा लोकायुक्त कार्यालय द्वारा अपनी जाँच रिपोर्ट में दर्शित निष्कर्षों के आधार पर प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज की जाए। माननीय उच्चतम न्यायालय के आदेश के परिपालन में राशि जमा कराने एवं क्रेता को लौटाने की कार्यवाही प्रचलन में है। लोकायुक्त कार्यालय में प्रकरण पंजीकरण की प्रक्रिया में है। बैंक के दोषी अधिकारियों को पूर्व में ही दण्डित किया जा चुका है।
प्रधान मंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत निर्मित मार्ग
14. ( *क्र. 3797 ) श्री मोती कश्यप : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत तीन वर्षों में जिला कटनी के वि.स.क्षे. बड़वारा के अंतर्गत वि.खं. बड़वारा, कटनी ढीमरखेड़ा के कितनी जनसंख्या के कौन-कौन से ग्राम प्र.मं.ग्रा.स.यो. के अंतर्गत पक्की सड़कों से जोड़े गये हैं? (ख) प्रश्नांश (क) में किन ग्रामों की किन सड़कों का निर्माण पूर्ण हो गया है? किनकी निविदा कब स्वीकृत हुईं, कब कार्य आदेश जारी हुये हैं, किन तिथियों में किस चरण के कितने कि.मी. के कार्य पूर्ण हुये हैं? कार्य रूकने के कारण क्या हैं और कौन से कार्य कब पूर्ण होंगे? (ग) क्या प्रश्नांश (क) के किन्हीं प्रचलित मार्गों के निर्माण की अवधि पूर्ण हो गई है और उनमें से किनका रिन्यूवल कार्य पूर्ण हो चुका है और किनके विषय में क्या कार्यवाही चल रही है? (घ) ज.पं. ढीमरखेड़ा के खमतरा से महगवां की कितनी कि.मी. की सड़क कब स्वीकृत हुई है और उसका निर्माण कब प्रारंभ किया गया है तथा किस स्तर तक कार्य पूर्ण हुआ है और कब तक पूर्ण कर दिया जावेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ एवं ‘ब’ अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित सड़कें विगत तीन वर्षों में पूर्ण हुई हैं। अतः सभी सड़कें गारंटी अवधि में हैं। गारंटी अवधि समाप्त होने के पश्चात् बी.टी. रिन्यूवल का कार्य कराया जाता है, अतः उक्त किसी भी सड़क पर न तो बी.टी. रिन्यूवल का कार्य प्रारंभ किया गया है और न ही रिन्यूवल कराने की कोई कार्यवाही चल रही है। (घ) जनपद पंचायत ढीमरखेड़ा के खमतरा से महगवां सड़क का निर्माण कार्य प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत दिनांक 29.12.2011 को स्वीकृत कर माह मई, 2013 में प्रारंभ किया गया है। सड़क की विभिन्न लंबाईयों में जी.एस.बी./डब्ल्यू.एम.एम./बी.टी./सी.सी. स्तर तक का कार्य पूर्ण हुआ है। कार्य पूर्ण कराये जाने की निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
लीज़ पर दी गई भूमि की शर्तें
15. ( *क्र. 4039 ) श्री संजय शाह मकड़ाई : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) हरदा जिला टिमरनी नगर परिषद सीमा के नगर टिमरनी क्षेत्र में कितनी शासकीय भूमि है, शासकीय कुल भूमि का कितने-कितने भाग पर क्या-क्या उपयोग किया जा रहा है? क्षेत्रफल, खसरा नंबर सहित जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) टिमरनी नगर परिषद सीमा के नगर टिमरनी क्षेत्र में शासन द्वारा राधा स्वामी सत्संग सभा दयाल बाग, आगरा को कितनी भूमि किन शर्तों पर किस प्रयोजन हेतु किस वर्ष में कितने वर्षों के लिए लीज़ पर दी गई है? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में क्या शासन द्वारा लीज़ में दिए गए राधा स्वामी सत्संग सभा दयाल बाग, आगरा की टिमरनी नगर परिषद सीमा में स्वयं की भूमि है? यदि हाँ, तो क्षेत्रफल, खसरा सहित जानकारी उपलब्ध करावें? (घ) प्रश्नांश (ख) (ग) के संदर्भ में क्या शासन जनहित एवं शासकीय प्रयोजन हेतु शासकीय भूमि की लीज़ निरस्त कर सकते हैं? यदि हाँ, तो नीति निर्देश की प्रति उपलब्ध करावें?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
मंडी बोर्ड से स्वीकृत सड़कें
16. ( *क्र. 3706 ) श्री लखन पटेल : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र पथरिया जिला दमोह में वर्ष 2012-13 एवं 2013-14 में मंडी बोर्ड से कितनी सड़कें स्वीकृत हुईं? (ख) प्रश्नांश (क) वर्णित निर्माणाधीन एवं प्रस्तावित सड़कों का ग्रामवार नाम बतावें। (ग) प्रश्नांश (क) वर्णित स्वीकृत सड़कों में से कौन-कौन सी सड़कों के निर्माण हेतु निविदा कार्य 31 जनवरी 2016 तक पूर्ण नहीं किया गया है? सड़कवार नाम (ग्राम) बतावें। (घ) इस हेतु क्या विभाग दोषी है या अधिकारीगण?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) विधान सभा क्षेत्र पथरिया जिला-दमोह में मंडी बोर्ड द्वारा बोर्ड निधि से वर्ष 2012-13 एवं 2013-14 में 24 सड़क कार्य स्वीकृत किये गये थे, जिसकी जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। संलग्न परिशिष्ट-अ के क्रमांक 15 से 24 में वर्णित 10 सड़क कार्यों की स्वीकृति मंडी बोर्ड संचालक मण्डल की बैठक क्रमांक 123 दिनांक 30.09.14 के प्रस्ताव क्रमांक-28 के निर्णय अनुसार निरस्त किया गया है। (ख) उत्तरांश "क" अनुसार संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ में वर्णित स्वीकृत 14 सड़क कार्यों में से 05 सड़क कार्य पूर्ण हैं। शेष 09 सडकों के कार्य फायनल स्तर पर हैं, जिसकी जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। मंडी बोर्ड निधि से वर्तमान में पथरिया विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कोई भी सड़क कार्य स्वीकृति हेतु प्रस्तावित नहीं है। (ग) उत्तरांश "क" तथा "ख" के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) उत्तरांश "ग" के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
गंधवानी विधानसभा क्षेत्रांतर्गत कृषकों को मुआवज़ा वितरण
17. ( *क्र. 5258 ) श्री उमंग सिंघार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार जिले की गंधवानी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत विगत वर्ष शीत ऋतु व वर्षा, असमय ओला वृष्टि, आंधी तूफान के कारण रबी की फसलों का कितना नुकसान हुआ था? नुकसान के आंकलन के लिये क्या ग्रामों का सर्वे किया गया और कितने शेष रह गये? (ख) सर्वे उपरांत क्या सर्वे रिपोर्ट सौंपी गई और कितना मुआवज़ा देना सैद्धांतिक रूप से स्वीकृत किया गया? (ग) सर्वे में जिन किसानों के नाम मुआवज़े में शामिल नहीं किये गये या उन्हें मुआवज़ा वितरित नहीं हो सका? वे कितने हैं। उसका क्या कारण है और कौन जिम्मेदार है? (घ) क्या उपरोक्त विषय से संबंधित शिकायतें शासकीय एजेंसी/कार्यालयों के संज्ञान में आईं थी? यदि हाँ, तो उनमें से कितनी निराकृत हुईं?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) धार जिले की गंधवानी विधानसभा क्षेत्रांतर्गत विगत वर्ष शीत ऋतु व वर्षा, असमय ओलावृष्टि, आंधी तूफान के कारण रबी की फसलों का क्षेत्रीय राजस्व अमले द्वारा नजरी आंकलन में 5% से कम क्षति पाई जाने से सर्वे नहीं किया गया था। (ख) एवं (ग) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उद्भूत नहीं होता। (घ) कोई भी शिकायतें संज्ञान में नहीं आईं।
प्रचार सामग्री का मुद्रण
18. ( *क्र. 2155 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2013 एवं 2014 में जिला पंचायत खरगोन एवं खरगोन जिले की समस्त जनपद पंचायत द्वारा निर्मल भारत तथा मतदाता जागरूकता अभियान अंतर्गत प्रचार-प्रसार सामग्री के लिये कब-कब कितनी राशि द्वारा पेंपलेट, पोस्टर, बैनर, स्टीकर, फ्लेक्स आदि कितनी मात्रा में कहाँ-कहाँ से बनवाये गये? जिला जनपदवार व्यय राशि सहित सूची देवें। इन प्रचार सामग्री हेतु किस दिनांक को निविदा का प्रकाशन किस समाचार पत्र में किया गया? यदि निविदा नहीं प्रकाशित की गई, तो क्यों कारण बतायें? (ख) उक्त प्रचार सामग्री किस मद से प्रिंट कराई गई? उक्त दोनों अभियान अंतर्गत विभिन्न मदों में खरगोन जिले को प्राप्त राशि एवं व्यय राशि की मदवार राशि सहित सूची देवें? (ग) उक्त प्रचार सामग्री के संबंध में कितनी शिकायत किस-किस माध्यम से जिला पंचायत को प्राप्त हुई तथा इन शिकायतों पर की गई कार्यवाही की जानकारी देवें? (घ) इस सामग्री संबंधी निर्वाचन विभाग से कोई पत्र व्यवहार किया गया है, तो पत्रवार विषय सहित सूची देवें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) वर्ष 2013 एवं 2014 में जिला पंचायत खरगोन में निर्मल भारत अभियान अंतर्गत प्रचार-प्रचार सामग्री पंपलेट, पोस्टर, बैनर, स्टीकर, फ्लेक्स आदि पंचायती राज मुद्रणालय सहकारी मर्यादित, उज्जैन से बनवाये गये हैं। मतदाता जागरूकता अभियान अंतर्गत कोई भी प्रचार-प्रसार सामग्री नहीं बनवाई गई। खरगोन जिले की समस्त जनपद पंचायतों द्वारा भी प्रचार-प्रसार सामग्री नहीं बनवाई गई। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) प्रचार-प्रसार सामग्री निर्मल भारत अभियान अंतर्गत सूचना शिक्षा एवं संचार मद से प्रिंट कराई गई है। मतदाता जागरूकता अभियान अंतर्गत कोई राशि प्राप्त नहीं हुई है। निर्मल भारत अभियान अंतर्गत प्राप्त राशि एवं मदवार व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (घ) जी नहीं, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सोयाबीन फसल की बीमा राशि का भुगतान
19. ( *क्र. 5036 ) श्री गिरीश भंडारी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नरसिंहगढ़ तहसील के सभी पटवारी हल्कों के कृषकों को सन् 2014-15 की सोयाबीन फसल बीमा राशि का भुगतान कर दिया गया है? (ख) प्रश्न की कंडिका (क) की उपलब्ध जानकारी अनुसार जिन पटवारी हल्कों के कृषकों की बीमा राशि का भुगतान नहीं हुआ, उनको भुगतान कब तक किया जावेगा? अगर भुगतान नहीं किया जायेगा, तो कारण बतायें।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) राष्ट्रीय कृषि बीमा योजनांतर्गत खरीफ 2014 मौसम हेतु नरसिंहगढ़ तहसील के उन पात्र कृषकों को क्षतिपूर्ति राशि का पूर्ण भुगतान नोडल बैंको के माध्यम से किया गया, जिनकी अधिसूचित क्षेत्र की अधिसूचित फसल हेतु उपज में कमी पाई गई थी। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) अनुसार।
मुख्यमंत्री सड़क योजनांतर्गत निर्मित मार्ग
20. ( *क्र. 568 ) श्री ओम प्रकाश धुर्वे : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला डिण्डौरी, प्रथम चरण, द्वितीय, तृतीय चरण में मुख्य मंत्री सड़क योजना के तहत कितने मार्ग बनाये गये, विकासखण्डवार, लागत सहित, रो.गा. मद एवं अन्य मद का अलग-अलग बतावें? (ख) प्रश्न (क) के मार्गों के निर्माण के समय-सीमा के अंदर कितने मार्ग बने, जो नहीं बने उन ठेकेदारों पर क्या कार्यवाही की गई? कितने ठेकेदारों पर कार्यवाही नहीं की गई? (ग) ठेकेदारों द्वारा छोड़े गये कार्यों को विभाग द्वारा कितने कार्यों को कब से कराया जा रहा है? कितने कार्य समय-सीमा में हुये? कितने नहीं? विकासखण्डवार बतावें। (घ) कितने कार्यों की सी.सी. समय में जारी की गई, नहीं तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) अंतर्गत 10 कार्य समय-सीमा के अन्दर पूर्ण हुये हैं। जो कार्य समय-सीमा में पूर्ण नहीं हुये, उन सभी ठेकेदारों के विरूद्ध अनुबंध के प्रावधानानुसार कार्यवाही की जाकर रू. 3.69 लाख की कुल राशि देयकों से रोकी गई। (ग) 02 ठेकेदारों का अनुबंध निरस्त कर विभागीय रूप से कार्य कराया गया है। ठेकेदार द्वारा छोड़े गये सभी कार्यों को विभागीय रूप से कराये जाकर पूर्ण किया गया है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
अवैध कब्जाधारियों पर कार्यवाही
21. ( *क्र. 3441 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर जिले के तहसील भितरवार के ग्राम गोहिन्दा प.ह.न. 15 के सर्वे न. 127, 128, 129, 130 रकबा 4-बीघा 18 विस्वा जो भगत सिंह पुत्र हाकिम सिंह जाति रावत एवं आसिक, आरिफ पुत्रगण स्व. श्री राजूखां आदि की भूमि स्वामित्व की है क्या उक्त भूमि पर कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा अवैध कब्जा किया जा रहा है? (ख) यदि हाँ, तो उनके नाम स्पष्ट करें? इस बाबत् भूमि स्वामियों द्वारा शिकायत तहसीलदार भितरवार, एस.डी.एम. भितरवार, कलेक्टर ग्वालियर को कब-कब की गई है? शिकायतों पर दोषियों के प्रति क्या कार्यवाही की गई? (ग) प्रश्नकर्ता क्षेत्रीय विधायक ने अपने पत्र क्र./152/दिनांक 29.01.2016 को मूल शिकायत सहित कलेक्टर ग्वालियर को पत्र लिखा था, उक्त पत्र पर क्या कार्यवाही की गई है? क्या असामाजिक तत्वों द्वारा भूमि पर अवैध कब्जा करना सही पाया गया? यदि हाँ, तो उनके प्रति क्या दण्डात्मक कार्यवाही की गई? अब कब तक उन असामाजिक तत्वों से भूमि मुक्त कराकर वास्तविक भूमि स्वामियों को कब्जा दिला दिया जावेगा? (घ) ग्वालियर नगर निगम के वार्ड क्र. 41 के छत्री पार्क से लगी हुई अच्युतानन्द व्यायामशाला है, जो आज खण्डहर स्थिति में है इस अच्युतानन्द व्यायामशाला का राजस्व रिकार्ड (लैण्ड रिकार्ड) में कितना रकबा है? क्या उक्त रकबे पर कुछ लोगों द्वारा अवैध कब्जा किया गया है? यदि हाँ, तो अवैध कब्जाधारियों के नाम तथा कितने-कितने रकबे पर अवैध कब्जा किया है? स्पष्ट करें। क्या शासन इस बेशकीमती भूमि पर हुये अतिक्रमण को हटाकर अवैध कब्जे से मुक्त करायेगा? यदि हाँ, तो कब? तक यदि नहीं, तो क्यों? कारण सहित स्पष्ट करें?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
नामांतरण संबंधित कार्य ग्राम पंचायतों को सौंपा जाना
22. ( *क्र. 1255 ) डॉ. मोहन यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नामांतरण प्रकरण में हो रही देरी को रोकने के लिये विभाग द्वारा क्या कार्य योजना बनाई जा रही है? क्या नामांतरण संबंधित समस्त कार्य ग्राम पंचायतों को सौंपने की कार्ययोजना प्रस्तावित है? यदि हाँ, तो उक्त संबंध में समस्त जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) की जानकारी अनुसार क्या ग्राम पंचायतों को नामांतरण के ही अधिकार दिये जा रहे हैं। ऐसी स्थिति में राजस्व अभिलेखों में नामांतरण प्रविष्टी दर्ज कराने में कृषकों को पटवारियों द्वारा परेशान किया जावेगा एवं भ्रष्टाचार की संभावना बनी रहेगी? (ग) यदि हाँ, तो नामांतरण की प्रविष्टी को राजस्व अभिलेखों में अमलदरामद कर खसरा एवं बी-1 की प्रति कृषकों को सुगमता से उपलब्ध कराये जाने के संबंध में विभाग द्वारा क्या कोई नवीन योजना बनाई जा रही है अथवा प्रस्तावित है?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
आवास संघ में अनियमितता की जाँच
23. ( *क्र. 4862 ) श्री हर्ष यादव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश राज्य सहकारी आवास संघ मर्यादित का पत्र क्रमांक/आ.संघ/विधि/13/1545, दिनांक 14 फरवरी 2013 किस परिप्रेक्ष्य में और किसे लिखा गया था? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार संबंधित व्यक्ति के आवेदन दिनांक 04 फरवरी 2013 के क्रमांक 6 के बिन्दु क्रमांक 3 और बिन्दु क्रमांक 4 की जानकारी एवं अभिलेख का विवरण उपलब्ध करावें? (ग) क्या म.प्र. राज्य सहाकारी आवास संघ सहकारिता विभाग के प्रशासकीय नियंत्रण में है? इसके कितने और कौन-कौन से प्रकरण ई.ओ.डब्ल्यू. अथवा लोकायुक्त में विचाराधीन हैं? संस्था की विगत 5 वर्ष की बैलेन्स शीट उपलब्ध करावें? टर्न ओवर की राशि भी बतावें। (घ) सामान्य प्रशासन विभाग और सूचना आयोग के जिस आदेश-दिशा निर्देश से आवास संघ को सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 की परिधि से बाहर रखा गया है? प्रति दें।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के अंतर्गत चाही गई जानकारी के संदर्भ में डॉ. सुरेश गर्ग को लिखा गया। (ख) बिन्दु क्रमांक 03 एवं बिन्दु क्रमांक 04 के संबंध में चाही गई जानकारी एवं अभिलेख पुस्तकालय में रखे गये परिशिष्ट के प्रपत्र "1" एवं "2" अनुसार है। (ग) जी हाँ। ई.ओ.डब्ल्यू. में विचाराधीन प्रकरणों की जानकारी पुस्तकालय में रखे गये परिशिष्ट के प्रपत्र "3" अनुसार है। वर्तमान में लोकायुक्त में कोई प्रकरण विचाराधीन नहीं है। संस्था की विगत पाँच वर्ष की बैलेन्स शीट पुस्तकालय में रखे गये परिशिष्ट के प्रपत्र "4" अनुसार है। टर्न ओवर की राशि पुस्तकालय में रखे गये परिशिष्ट के प्रपत्र "5" अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे गये परिशिष्ट के प्रपत्र "6" अनुसार है।
मुख्य कार्यपालन अधिकारी के प्रकरण में यथोचित कार्यवाही
24. ( *क्र.
5357 ) श्री
मुरलीधर
पाटीदार :
क्या पंचायत
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) प्रश्नकर्ता
के प्रश्न
क्रमांक 587, दिनांक 14.12.2015 अनुसार
श्रीमती
माधुरी शर्मा
सी.ई.ओ. का जाँच
प्रकरण
विभागीय आदेश
क्र. 17042
दिनांक 04.12.15
द्वारा भविष्य
के लिये सचेत
किया गया है? प्रश्न
क्रमांक 592 दिनांक 14.12.15 के पुस्तकालय
परिशिष्ट
अनुसार श्री
डी.एस.
सिसोदिया की
वेतन वृद्धि
संचयी प्रभाव
से रोकी गई है? (ख)
प्रश्नांश
(क) में वर्णित
अनुसार क्या
श्रीमती
माधुरी शर्मा
पर की गई
कार्यवाही पर्याप्त
है? यदि
हाँ, तो
डी.एस.
सिसोदिया की
केवल विलंब से
भुगतान करने
पर वेतन
वृद्धि रोके
जाने की
कार्यवाही उचित
है? यदि
नहीं, तो
माधुरी शर्मा
के प्रकरण को
पुन: संज्ञान
में लेकर
कार्यवाही की
जावेगी?
(ग)
प्रश्नांश
(क) में वर्णित
अनुसार
श्रीमती
माधुरी शर्मा
ने अपने उत्तर
में यह लिखा
था कि दिनांक 08.09.14 की बैठक
में अध्यक्ष
महोदय के कहने
पर मेरी सहमति
मानते हुए गैलाना
एवं मोड़ी में
सामुदायिक
भवन स्वीकृत
किए? क्या
यह उचित है? (घ)
प्रश्नांश
(ग) यदि हाँ, तो
दिनांक 10.09.2014 को
ही कार्यों की
प्रशासकीय स्वीकृति
देना क्या
अधिक जल्दबाजी
नहीं हैं? यदि हाँ, तो क्या
माधुरी शर्मा
पर शीघ्र कठोर
कार्यवाही की जावेगी
व क्या तथा
कब तक?
पंचायत
मंत्री ( श्री
गोपाल भार्गव )
: (क)
जी हाँ। (ख) श्रीमती
माधुरी शर्मा, मुख्य
कार्यपालन
अधिकारी के जाँच
प्रकरण में
गुणदोषों के
आधार पर
निर्णय लिया गया
है। शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (ग) एवं (घ)
प्रश्नांश ''ख'' के परिप्रेक्ष्य
में प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
परिवहन विभाग के निर्देशों का पालन
25. ( *क्र. 541 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या परिवहन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. शासन परिवहन विभाग द्वारा बस चालकों/परिचालकों को वर्दी पहन कर बसें चलाने के निर्देश जारी किये गये हैं? यदि हाँ, तो आदेश/निर्देश की प्रति देवें? (ख) क्या सतना जिले में पंजीकृत बसों के बस चालक/ परिचालकों द्वारा वर्दी पहन कर बस संचालन किया जाता है? यदि नहीं, तो बिना वर्दी पहने बस चला रहे चालकों के विरूद्ध कब-कब अभियान चलाकर कार्यवाही करते हुए जुर्माना वसूला गया है? क्या निजी विद्यालयों के बसों के वाहन चालकों पर भी यह नियम लागू है? यदि हाँ, तो क्या वे इस निर्देश का पालन कर रहे हैं? (ग) क्या सतना जिले में विभिन्न मार्गों पर चलने वाली बसों में यात्री किराया सूची चस्पा कराई गई है? यदि हाँ, तो उन वाहनों के क्रमांकवार जानकारी देवें? साथ ही इन बसों के परमिट, फिटनेस, स्पीड गवर्नर एवं इमरजेंसी गेट सहित संपूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें। (घ) क्या बसों में किराया सूची चस्पा नहीं होने से बस परिचालकों द्वारा यात्रियों से मनमाना किराया वसूल किया जाता है? यदि हाँ, तो विगत एक वर्ष में ऐसी कितनी बसों के परिचालकों के विरूद्ध शिकायत होने पर कार्यवाही कर परमिट रद्द करने की कार्यवाही की गई? क्या उक्त आदेश का कड़ाई से पालन कराया जाएगा?
परिवहन मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर) : (क) मध्यप्रदेश मोटरयान नियम 1994 के नियम-9 के अधीन चालक की वर्दी एवं नियम-36 के अधीन परिचालक की वर्दी निर्धारित की गई है। परिवहन आयुक्त, कार्यालय द्वारा परिपत्र क्रमांक 3322/प्रवर्तन/टीसी/2011 दिनांक 17.06.2011 क्रमांक 5050/प्रवर्तन/टीसी/2011 दिनांक 03.09.2011 एवं समय-समय पर परिवहन अधिकारियों को चालक/परिचालक को उक्त नियमों के अतंर्गत निर्धारित वर्दी धारण कर वाहन चलवाने के निर्देश जारी किए गये हैं। निर्देश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार है। (ख) सतना जिलें में पंजीकृत बसों के बस चालक/परिचालक को वर्दी पहन कर बस संचालन हेतु समय-समय पर आकस्मिक चैकिंग के समय निर्देशित किया गया है एवं वर्दी पहन कर बस संचालन न करने वाले 14 वाहनों के चालकों के विरूद्ध कार्यवाही कर रूपये 7000/- जुर्माना वसूल किया गया है, जिसकी सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार है। प्रश्नांश ‘क’ के उत्तर में दर्शाये नियम एवं परिपत्र निजी विद्यालयों की बसों के वाहन चालकों/परिचालकों पर भी लागू होते हैं और पालन कराया जा रहा है। (ग) सतना जिले में विभिन्न मार्गों पर चलने वाली 548 बसों में यात्री किराया सूची चस्पा कराने का कार्य किया गया है, जिसकी सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘स’ अनुसार है। जिन वाहनों के विण्डस्क्रीन पर परमिट, फिटनेस एवं बीमा की जानकारी चस्पा कराई गई है, उसकी सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘द’ अनुसार है। (घ) मनमाना किराया वसूलने का प्रकरण प्रकाश में नहीं आया है। 548 बसों में किराया सूची चस्पा कराने के कार्य को कड़ाई से कराया गया है, जिन वाहनों पर किराया सूची चस्पा लगी नहीं पायी गयी है, उन वाहनों पर चालानी कार्यवाही कर रूपये 10000/- जुर्माना वसूल किया गया है। 20 वाहनों पर की गई कार्यवाही का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘य’ अनुसार है। जी हाँ।
भाग-2
नियम
46 (2) के
अंतर्गत
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
के रुप में
परिवर्तित
तारांकित
प्रश्नोत्तर
डिपो
भवन को ग्राम
पंचायत कस्बारेंज
को कार्यालय
हेतु सौंपा
जाना
1. ( क्र. 2 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या डिपो भवन ग्राम पंचायत कस्बारेंज के कार्यालय को किरायेदार से खाली कराकर ग्राम पंचायत को सौंपने के निर्देश प्रभारी मंत्री जी के द्वारा दिए जाने तथा 26 जनवरी, 2015 के ग्राम पंचायत की साधारण सभा के प्रस्ताव के बावजूद प्रधानमंत्री सांसद चयनित कस्बारेंज गांव जहां पंचायत भवन नहीं है, को किरायेदार से खाली करवाकर पंचायत भवन को कार्यालय हेतु नहीं दिया जा रहा है? (ख) क्या विलंब के दोषी लोगों पर कार्यवाही ग्राम पंचायत कस्बारेंज के डिपो भवन को ग्राम पंचायत कस्बारेंज को कार्यालय हेतु किरायेदार को हटाकर कब तक सौपेंगे?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) कस्बारेंज स्थित डिपो भवन को ग्राम सभा के प्रस्ताव क्रमांक 03 दिनांक 26.01.2014 द्वारा श्री जगदीश पुत्र जानकीलाल ओझा को किराये पर दिया गया था। किरायेदारी निरस्त करने हेतु जनपद पंचायत मुंगावली द्वारा दिनांक 27.03.2015 को अनुविभागीय अधिकारी मुंगावली को ग्राम पंचायत के प्रस्ताव क्रमांक 03 दिनांक 26.01.2014 को अपास्त करने हेतु अपील प्रस्तुत की गई। अनुविभागीय अधिकारी मुंगावली द्वारा उक्त अपील में आदेश दिनांक 02.01.2016 द्वारा ग्राम पंचायत के प्रस्ताव क्रमांक 03 दिनांक 26.01.2014 को अपास्त किया गया। उक्त भवन किरायेदार से खाली कराने हेतु कार्यवाही की गई, अनुविभागीय अधिकारी के आदेश दिनांक 02.01.2016 को राजस्व मण्डल ग्वालियर द्वारा 3 माह हेतु स्थगन आदेश जारी किया गया। जिसके पालन में भवन रिक्त कराने की कार्यवाही रोक दी गई। (ख) राजस्व मण्डल ग्वालियर द्वारा प्रकरण निर्णित होने के उपरांत डिपो भवन को खाली कराये जाने की कार्यवाही राजस्व मंडल के निर्णय अनुरुप की जाएगी।
तालाब व स्टॉप डेम का रख-रखाव
2. ( क्र. 11 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रतलाम जिले में वर्ष 2011-12 से अभी तक कितने तालाब कृषि विभाग ने किस-किस गांव में बनाये हैं? उनमें से कितने टूट गये हैं व कितनों में मिट्टी भर गई है? (ख) इन्हें ठीक करने व मिट्टी निकालने हेतु शासन की क्या योजना है?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जिले में वर्ष 2011-12 से अभी तक 217 बलराम तालाब, 7 लघुत्तम सिंचाई तालाब एवं 31 परकोलेशन टैंक का निर्माण हुआ है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। जिले में मात्र एक लघुत्तम सिंचाई तालाब (धमोत्तर) फूट गया था, कुछ तालाबों में आंशिक मात्र मिट्टी जमा हुई है। (ख) उत्तरांश (क) अनुसार रख-रखाव संबंधित पंचायतों द्वारा किया जाता है एवं बलराम ताल का रख-रखाव कृषक द्वारा स्वयं किया जाता है। शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
पंचायतकर्मी/सचिवों को एरियर्स का नियम विरूद्ध भुगतान
3. ( क्र. 48 ) श्री राम लल्लू वैश्य : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला शहडोल के विकासखण्ड जयसिंहनगर के अंतर्गत पंचायतकर्मी/ सचिवों को नियम विरूद्ध एरियर्स का भुगतान जनपद पंचायत द्वारा किया गया है, जबकि माननीय न्यायालय द्वारा इनका भुगतान प्रतिबंधित किये जाने हेतु आदेश दिये गये थे? (ख) यदि हाँ, तो इसके लिए उत्तरदायी दोषी अधिकारी कौन है?
पंचायत
मंत्री ( श्री
गोपाल भार्गव )
: (क) जी
नहीं। जिला
शहडोल के जनपद
पंचायत
जससिंहनगर के
अंतर्गत 84 सचिव
कार्यरत है। मध्यप्रदेश
पंचायत राज
संचालनालय
भोपाल के पत्र
क्र. बजट/15-16/9533, दिनांक 19.06.2015 के
अनुसार 73
सचिवों को
नियमानुसार
वेतन एरियर्स
का भुगतान
किया गया है। शेष
कुछ सचिव
निलंबित होने
एवं कुछ के
नियुक्ति
संबंधी मामले
माननीय
न्यायालय में
लंबित होने के
कारण भुगतान
नहीं किया गया
है। सचिवों को
नियमानुसार
माननीय न्यायालय
द्वारा
एरियर्स
भुगतान को
प्रतिबंधित किये
जाने संबंधी
कोई आदेश जारी
नहीं किये गये
हैं।
(ख)
उत्तरांश-‘‘क‘‘ के परिप्रेक्ष्य
में प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
किसानों के अवैध ऋण प्रकरण
4. ( क्र. 60 ) श्री राम लल्लू वैश्य : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला सहकारी बैंक सीधी में वर्ष 2011-12 से दिसंबर 2015 तक बहुत से किसानों के नाम अवैध ऋण प्रकरण बनाये गये और अवैध तरीके से कर्मचारियों की भर्ती की गई? यदि हाँ, तो किन-किन शाखाओं द्वारा अनियमिततायें की गई तथा कलेक्टर सीधी द्वारा किन पर क्या कार्यवाही की गई? पृथक-पृथक जानकारी देवें? (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में जो कर्मचारी दोषी नहीं है, जाँच उपरांत इनकी क्या पुन: पदस्थापना की गई है? यदि हाँ, तो नाम सहित शाखावार विवरण देवें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। अनियमितताएं तथा उन पर की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 1, 2, 3 तथा 4 अनुसार है। (ख) पुनः पदस्थापना नहीं की गई है तथा अवैध रूप से भर्ती कर्मचारियों को बैंक द्वारा निष्कासन का नोटिस जारी किये जाने पर माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर द्वारा स्थगन दिया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
दोहरे रोड टैक्स की वसूली
5. ( क्र. 179 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या परिवहन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में किसी भी टू-व्हीलर से मल्टी-एक्सल वाहनों तक के रजिस्ट्रेशन के समय कितने समय का रोड टैक्स जमा कराया जाता है? यह टैक्स किस लिये लिया जाता है? (ख) क्या नवीन रजिस्ट्रेशन के समय वाहन का लाईफ टाईम रोड टैक्स जमा करवाया जाता है? यदि हाँ, तो प्रदेश में इसके अतिरिक्त बी.ओ.टी. मार्ग पर दोबारा रोड टैक्स क्यों वसूला जा रहा है? (ग) प्रदेश के लाईफ टाईम रोड टैक्स जमा वाहनों से दोबारा रोड टैक्स क्यों वसूला जा रहा है? क्या यह प्रदेश के नागरिकों पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ नहीं है? (घ) यदि हाँ, तो क्या प्रदेश में पंजीबद्ध ऐसे सभी वाहनों से बी.ओ.टी. मार्ग पर रोड टैक्स लिया जाना बंद किया जाएगा? यदि हाँ, तो कब तक?
परिवहन मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) मध्यप्रदेश मोटरयान कराधान अधिनियम 1991 में रोड टैक्स नहीं अपितु मोटरयानों पर कर लेने के प्रावधान हैं। इस अधिनियम की धारा 3 में वर्णित प्रथम अनुसूची एवं द्वितीय अनुसूची में विनिर्दिष्ट दरों पर विभिन्न प्रकार के वाहनों पर मोटरयान कर लिया जाता हैं। निर्धारित दर संबंधी अधिसूचना दिनांक 03.01.2015 की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार हैं। (ख) से (घ) जी नहीं। केवल निजी उपयोग में आने वाली वाहनों से नवीन रजिस्ट्रेशन के समय प्रश्नांश (क) के उत्तर अनुसार द्वितीय अनुसूची में वर्णित दर से मोटरयान कर के रूप में जीवनकाल कर लिया जाता है। बी.ओ.टी. मार्ग पर किसी प्रकार का रोड टैक्स वसूल नहीं किया जा रहा हैं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता हैं।
भू-माफिया द्वारा शासकीय भूमि पर अतिक्रमण
6. ( क्र. 189 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या खंडवा विधानसभा क्षेत्र में भू-माफिया सक्रिय है एवं इन भू-माफियों द्वारा शासकीय भूमि पर लगातार अतिक्रमण किये जा रहे हैं? (ख) क्या अटल सरोवर के चारों ओर संजय नगर/दादाजी वार्ड में भू-माफिया द्वारा अवैध रूप से प्लाट काटकर बेचे गए हैं? यदि हाँ, तो ऐसे भू-माफियाओं के नाम बतायें एवं उन पर क्या कार्यवाही की गई है? (ग) क्या राजस्व विभाग की निष्क्रियता के कारण ऐसे भू-माफिया लगातार सक्रिय हो रहे हैं? विभागीय अधिकारियों द्वारा इन पर कोई कार्यवाही नहीं करने से भू-माफिया निर्भीक होकर अतिक्रमण कर रहे हैं? (घ) क्या जिले में इन भू-माफियाओं द्वारा शासकीय भूमि पर किये गए अतिक्रमण/कब्जे हटाने के लिए विभाग द्वारा कोई कार्ययोजना तैयार की गई है? यदि हाँ, तो शासकीय भूमि को अतिक्रमण मुक्त करने की प्रभावी कार्यवाही कब तक कर ली जाएगी?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी नहीं। (ख) अटल सरोवर बांध की भूमि का रकबा 629.13 हे. है, जिसमें से 83.40 हे. भूमि पर वर्ष 2014-15 में कुल 50 अतिक्रामकों द्वारा अतिक्रमण किया गया था, जिनके विरूद्ध विधिवत कार्यवाही की जाकर राशि रूपये 1,46,000.00 का अर्थदण्ड वसूल किया जाकर मौके से अतिक्रामकों को बेदखल किया गया है। वर्तमान में 48 अतिक्रामकों द्वारा उक्त भूमि पर अतिक्रमण किया गया है। जिनके विरूद्ध विधिवत प्रकरण पंजीबद्ध कर बेदखली की कार्यवाही प्रचलित है। संजय नगर व दादाजी वार्ड में शासकीय भूमि पर वर्ष 1984 व उसके पूर्व वर्षों से लोग निवासरत है, जिसमें से अधिकांश लोगों को वर्ष 1984 में ही आवासीय पट्टा प्रदान किया जा चुका है। भू-माफिया द्वारा उक्त दोनों स्थलों पर शासकीय भूमि पर अतिक्रमण नहीं किया गया है। (ग) राजस्व विभाग द्वारा समय-समय पर अतिक्रमण विरोधी कार्यवाही की जा रही हैं। वर्ष 2014-15 में अटल सरोवर क्षेत्र में कुल 50 अतिक्रामकों को बेदल कर राशि रूपये 1,46,000.00 वसूली गई। (घ) मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता 1969 की धारा 248 के अन्तर्गत अतिक्रमण हटाना और अतिक्रामकों को दण्डित करना एक सतत् कानूनन कार्यवाही है और जब-जब जैसे-जैसे शासकीय भूमि पर अतिक्रमण का तथ्य सामने आता है तब-तब अतिक्रमण विरोधी कार्यवाही की जाती है।
निराश्रित निशक्त को पेंशन प्रदाय
7. ( क्र. 361 ) श्री गोविन्द सिंह पटेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) निराश्रित, नि:शक्तजनों के पेंशन संबंधी किस-किस प्रकार की योजना चलाई जा रही है? कृपया बिन्दुवार पूर्ण जानकारी देवें? पेंशन प्राप्त करने की क्या पात्रता है? क्या नि:शक्त जन को पेंशन प्राप्त करने के लिए बी.पी.एल. कार्डधारक होना अनिवार्य है? (ख) पेंशन पात्रता होने के बाद भी यदि किसी व्यक्ति के पास बी.पी.एल. कार्ड नहीं हैं तो उसे यह सुविधा उपलब्ध कराने हेतु शासन क्या कोई व्यवस्था हेतु दिशा-निर्देश देगा, जिससे कि निराश्रित, नि:शक्त व्यक्ति पेंशन पा सकें? (ग) क्या निराश्रितों, नि:शक्तजनों को प्रतिमाह नियमित पेंशन प्राप्त होती है? यदि नहीं, तो क्या कारण हैं? प्रत्येक माह समय पर पेंशन प्राप्त हो, इसके लिए विभाग की क्या योजना है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) भारत सरकार की पेंशन योजनाओं यथा इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वृद्धावस्था, विधवा, निःशक्त पेंशन योजना एवं राज्य शासन द्वारा संचालित सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना के अंतर्गत विधवा, परित्यकता एवं निःशक्तजनों हेतु बी.पी.एल. की अनिवार्यता है। राज्य शासन द्वारा संचालित सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना के तहत 60 वर्ष से अधिक आयु के वृद्धजनों को बी.पी.एल. की अनिवार्यता से मुक्त रखा गया है। वर्तमान में बी.पी.एल. से छूट दिये जाने का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। (ग) जी हाँ। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। हितग्राहियों को मासिक पेंशन आगामी माह की 5 तारीख के पूर्व प्रदान करने हेतु शासन द्वारा निर्देश जारी किये गये हैं।
फसल बीमा की योजना
8. ( क्र. 414 ) श्री दिलीप सिंह शेखावत : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राज्य में (बीमा) फसल बीमा योजना के वर्तमान में क्या नियम निर्देश हैं? (ख) फसलों के बीमा करने का क्या आधार है? (ग) फसल नुकसान का किस प्रकार आंकलन किया जाता है? (घ) प्रश्नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र नागदा-खाचरौद में वर्ष 2012-13 से 2015-16 तक कुल कितने कृषकों का फसल बीमा किया गया था? उसमें कितने बीमा प्रकरण बीमा कम्पनी को प्राप्त हुये? उनमें कितने स्वीकृत किये गये एवं कितने अस्वीकृत किये? अस्वीकृति का कारण सहित जानकारी सूची में वर्षवार उपलब्ध करावें?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना केन्द्र सरकार की योजना है जिसे राज्य एवं केन्द्र सरकार के सहयोग से एग्रीकल्चर इन्श्योरेन्स कम्पनी ऑफ इण्डिया लिमिटेड द्वारा क्रियान्वयन किया जाता है। खरीफ एवं रबी मौसम में राज्य शासन द्वारा अधिसूचित क्षेत्रों में अधिसूचित फसलों की अधिसूचना जारी की जाती है, जिसके आधार पर कृषकों का बीमांकन कर बैंकों द्वारा पटवारी हल्कावार व फसलवार घोषणा पत्र एकजाई कर प्रीमियम राशि के साथ एग्रीकल्चर इन्श्योरेन्स कम्पनी ऑफ इण्डिया लिमिटेड भोपाल को भेजा जाता है। नियम निर्देश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) गत वर्षों के आधार पर 100 हेक्टर से अधिक पटवारी हल्के में फसलों का क्षेत्र होने पर पटवारी हल्कावार अधिसूचित फसलों हेतु अधिसूचित क्षेत्र एवं 500 हेक्टर से अधिक क्षेत्र होने पर तहसील स्तर पर अधिसूचित फसल हेतु अधिसूचित क्षेत्र का बीमा किया जाता है। योजना फसल ऋण लेने वाले कृषकों हेतु अनिवार्य है तथा अऋणी कृषकों हेतु ऐच्छिक है। (ग) आंकलन प्रक्रिया की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (घ) एग्रीकल्चर इन्श्योरेन्स कम्पनी ऑफ इण्डिया लिमिटेड भोपाल से प्राप्त जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है।
पंचायत सचिवों को अध्यापन के समान वेतनमान
9. ( क्र. 427 ) श्री दिलीप सिंह शेखावत : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पंचायत सचिवों का सहायक अध्यापक के समान वेतन देने की माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा 24 मार्च 2013 को घोषणा की गई थी? (ख) यदि हाँ, तो क्या वर्तमान में सहायक अध्यापकों का वेतन 24000/- के करीब है जबकि पंचायत सचिवों का 17500/- के करीब है। (ग) पंचायत सचिवों को उन्हें छठवां वेतनमान का लाभ कब तक दे दिया जावेगा? (घ) शासकीय सेवकों की तरह पंचायत सचिवों को कौन से श्रेणी वर्ग का वेतन दिया जा रहा है? (ड.) पंचायत सचिवों को अनुकंपा नियुक्ति का लाभ देने की शासन की क्या योजना है? यह कब तक लागू की जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) ग्राम पंचायत सचिव शासकीय सेवक नहीं है, इसलिये इन्हे छठवां वेतनमान नहीं दिया गया है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ड.) पंचायत सचिवों को अनुकंपा नियुक्ति दिये जाने की शासन की कोई योजना नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
गरीबी रेखा की सूची से ग्रामीणों के नाम काटे जाना
10. ( क्र. 610 ) श्रीमती चन्दा सुरेन्द्र सिंह गौर : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या खरगापुर विधानसभा-47 की तहसीले बल्देवगढ़, खरगापुर, पलेरा सूखा से प्रभावित क्षेत्र है? क्या तीनों तहसीलों के सक्षम अधिकारियों द्वारा ऐसे भीषण सूखे के संकट के समय गरीबी रेखा की सूची से कई गरीब परिवारों के नाम काट दिये गये है? यदि हाँ, तो क्यों? कारण स्पष्ट करें? (ख) क्या अभी और भी नाम काटे जा सकते हैं तथा वर्ष 2015 से जनवरी 2016 तक बल्देवगढ़ तहसील में खरगापुर तहसील में पलेरा तहसील में कितने ग्रामीणों के नाम काटे जा चुके हैं? शासन के किस आदेश के तहत या किस नियम के तहत नाम काटे जाने की कार्यवाही की गई है? काटे गये नामों की सूची कारण सहित उपलब्ध करायें? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें? (ग) क्या गरीबों को सूखे में राशन दिये जाने की शासन की कोई योजना है? यदि हाँ, तो अवगत करायें? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। वर्ष 2015 से जनवरी 2016 तक तहसील पलेरा में गरीबी रेखा सूची से कोई नाम नहीं काटा गया है। वर्ष 2015 से जनवरी 2016 तक तहसील खरगापुर में 02 व्यक्तियों के तथा तहसील बल्देवगढ़ में 01 व्यक्ति अपात्र पाये जाने से गरीबी रेखा सूची से नाम काटे गये है। (ख) गरीबी रेखा सूची में अपात्र व्यक्तियों की जानकारी/शिकायत प्राप्त होने पर नाम काटे जाने की समुचित कार्यवाही की जा सकती है। वर्ष 2015 से जनवरी 2016 तक म.प्र. शासन पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग मंत्रालय भोपाल के पत्र क्रमांक 8535/22/वि-6/सा.अ.ज./07 दिनांक 29.03.2007 के प्रावधानों के तहत अपात्र पाये जाने से निम्नांकित व्यक्तियों के नाम गरीबी रेखा सूची से काटे गये है –
क्र |
तहसील |
ग्राम |
व्यक्ति का नाम |
1 |
बल्देवगढ़ |
सैपुरा |
श्री साबूप्रसाद तनय मुरलीधर दुबे |
2 |
खरगापुर |
छिदारी |
श्री घनश्याम तनय धरनीधर दीक्षित |
3 |
खरगापुर |
छिदारी |
श्री देवेन्द्र तनय मंशाराम दीक्षित |
(ग)
जी
हाँ। खरीफ
मौसम 2015
में अल्प वर्षा
के कारण सूखे
से प्रभावित
कृषक जिनकी फसल
का 50
प्रतिशत या
उससे अधिक
क्षति हुई है, उन्हें
राष्ट्रीय
खाद्य
सुरक्षा
अधिनियम 2013 के
अंतर्गत
लक्षित
सार्वजनिक
वितरण प्रणाली
के तहत
प्राथमिकता
परिवार में
सम्मिलित किया
गया है। ऐसे
कृषकों की
सूची
तहसीलदार/नायब
तहसीलदार से
प्राप्त कर
स्थानीय
निकाय द्वारा
सत्यापन
उपरांत जारी
पात्रता
पर्ची के आधार
पर 5
किलोग्राम
खाद्यान्न
प्रति सदस्य
रूपये 1.00
प्रति
किलोग्राम की
दर से, 1 किलो
शक्कर,
1
किलो नमक एवं 4 लीटर
कैरोसीन
प्रदाय किया
जा रहा है। जारी
किये गये आदेश
की प्रति संलग्न
परिशिष्ट पर
है।
छोटे कृषकों को ओला/सूखा सहायता राशि नहीं दिया जाना
11. ( क्र. 797 ) चौधरी मुकेश सिंह चतुर्वेदी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिंड जिले में 01.04.2014 से प्रश्न तिथि तक तहसील मेहगांव, रौन, गोरमी में कितने ओला पीडि़त एवं सूखा पीडि़तों को कितनी-कितनी सहायता राशि दी गई? (ख) ग्राम बहादुरपुरा, मेहदा, अमायन सर्किल के कितने रकबे के कृषकों को प्रश्नांश (क) में वर्णित समयानुसार सूखा/ओला की कितनी सहायता राशि दी गई? (ग) क्या प्रश्नांश (क) में वर्णित समयानुसार एवं (ख) में उल्लेखित ग्रामों में बड़े कृषकों को सहायता दी गई? छोटे कृषकों को सहायता राशि नहीं दी गई? ग्रामों में कुल कितने कृषकों का नुकसान हुआ?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) भिण्ड जिले की तहसील मेहगांव/गोरमी में 2014-15 में ओलावृष्टि से पीडि़त कृषकों को निम्नानुसार सहायता राशि वितरित की गईः-
1. मेंहगांव 34 रू. 140830/-
2. गोरमी 902 रू.
7337915/-
तहसील रौन में 2014-15 में ओलावृष्टि की जानकारी निम्नानुसार हैः-
1. निवसाई 82 रू. 157710/-
इसी प्रकार वर्ष 2015-16 में तहसील मेंहगांव, गोरमी, रौन में सूखा/अल्पवर्षा से पीडि़तों को निम्नानुसार सहायता राशि वितरित की गई हैः-
1. मेंहगांव 471 रू. 1190950/-
2. गोरमी 321 रू. 721550/-
3. रौन 1273
रू. 4711065/-
(ख) ग्राम बहादुरपुरा, मेंहदा, अमायन वृत में अल्पवर्षा/सूखा प्रभावित रकबा के कृषकों को वितरित सहायता राशि की जानकारी निम्नानुसार हैः-
1. बहादुरपुरा 12.38 हे. 28
कृषक रू. 68665/-
2. मेंहदा 24.59 हे. 33
कृषक रू. 174636/-
3. अमायनवृत 154.22 हे. 245 कृषक रू. 666550/-
अमायन वृत में 2014-15 में ओलावृष्टि से प्रभावित 34 व्यक्तियों के 14.92 हे. प्रभावित रकबा के लिये रू. 140830/- की सहायता राशि वितरित की गई। अल्प वर्षा से वर्ष 2015-16 में खरीफ फसल क्षति के लिये सहायता राशि 2015 में वितरित की जा चुकी है। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित समय में सभी प्रकार के प्रभावित कृषकों को उनकी पात्रता अनुसार सहायता राशि दी गई है। प्रभावित कृषकों की संख्या निम्नानुसार हैः-
1. मेंहदा 33
कृषक
2. बहादुरपुरा 28
कृषक
3. अमायन
वृत 34 कृषक
ओला पीडि़त
245 कृषक
सूखा पीडि़त
विभागीय कार्यों की जानकारी
12. ( क्र. 810 ) चौधरी मुकेश सिंह चतुर्वेदी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड जिले में वित्तीय वर्ष 01.04.2013 से प्रश्न तिथि तक दो लाख रूपये से कम राशि के ग्रामीण यांत्रिकी सेवा में क्या-क्या कार्य, किस-किस स्थान पर किये गये? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित जिले में मेन्टेनेन्स पर किस-किस स्थान पर कितनी राशि व्यय की गयी? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) में उल्लेखित कार्यों में से किस-किस को कितनी राशि का भुगतान किया गया? (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ख) में सभी पूर्ण कार्यों का पूर्णता एवं उपयोगिता प्रमाण पत्रों को किस-किस नाम/पदनाम द्वारा जारी किया गया?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) कार्यों में मेन्टेनेंस पर राशि व्यय नहीं की गई। (ग) उत्तरांश (क) अनुसार। (घ) उत्तरांश (क) एवं (ख) अनुसार।
प्रधानमंत्री/मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़क निर्माण
13. ( क्र. 839 ) श्री नरेन्द्र सिंह कुशवाह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना व मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के अंतर्गत विगत पांच वर्षों में प्रश्नांश दिनांक तक कितनी व कौन सी सड़कें स्वीकृत की गई है? स्वीकृत/निर्मित सड़कों का निरीक्षण किन अधिकारियों द्वारा कब किया गया? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में कितनी सड़कों का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है? कितनी अपूर्ण है? कितनी सड़कों का कार्य प्रारम्भ नहीं कराया गया है? कार्य प्रारम्भ न कराये जाने के क्या कारण है? समयावधि में कार्य पूर्ण न होने के क्या कारण है? (ग) उक्त प्रश्नांशों के संदर्भ में शासन द्वारा कितनी राशि स्वीकृत की गई है? कितनी राशि व्यय हो चुकी है? (घ) शासन को कौन सी सड़कों के निर्माण के प्रस्ताव भेजे गये हैं? भिण्ड विधान सभा में हार की जमेह राजस्व ग्राम को किस सड़क से जोड़ा जाएगा? किन मार्गों के मरम्मत के प्रस्ताव तैयार किए गए हैं?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) से (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत पात्र सड़कों के कोई प्रस्ताव प्राप्त नहीं हुये है। भिण्ड विधानसभा के राजस्व ग्राम हार की जमेह प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत निर्मित सड़क मुहण्ड धनकुपुरा मार्ग से द्वार पहुँच मार्ग 500 मीटर से कम दूरी पर स्थित है। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत पात्र ग्राम जो पक्की सड़कों से 500 मीटर के अंदर स्थित है, जुड़े हुये ग्रामों की श्रेणी में आते है अतः हार की जमेह को प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत पृथक से जोड़ा जाना संभव नहीं है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है।
इंदिरा आवासों की स्वीकृति
14. ( क्र. 840 ) श्री नरेन्द्र सिंह कुशवाह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इंदिरा आवास स्वीकृत करने के लिए क्या मापदण्ड निर्धारित किए गए हैं? छायाप्रति सहित जानकारी दें? (ख) भिण्ड जिले के अंतर्गत इंदिरा आवास हेतु शासन से 2012 से 2015 तक किस वर्ष में कितना लक्ष्य प्राप्त हुआ? कितने प्रकरण स्वीकृत किए गए? कितने प्रकरण अस्वीकृत किए गए? (ग) प्रश्नांश (क) में वर्णित अवधि में किन हितग्राहियों को प्रश्नांश दिनांक तक कितनी राशि का भुगतान किया गया? कितनी राशि शेष है? राशि शेष होने के क्या कारण है? (घ) क्या वर्णित प्रश्न में प्रश्नांश दिनांक तक प्रकरण स्वीकृत नहीं किए गए? इसके लिए कौन दोषी है? अभी तक क्या कार्यवाही की गई?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) इन्दिरा आवास स्वीकृत करने के लिए निर्धारित मापदण्ड की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) भिण्ड जिले के अन्तर्गत इन्दिरा आवास हेतु शासन से वर्ष 2012-13 में 1032, वर्ष 2013-14 में 1579, वर्ष 2014-15 में 1559 एवं वर्ष 2015-16 में 1350 का लक्ष्य प्राप्त हुआ है, इसमें से वर्ष 2012-13 में 1032, वर्ष 2013-14 में 1065, वर्ष 2014-15 में 1245 एवं वर्ष 2015-16 में 1161 प्रकरण स्वीकृत किये गये। शेष प्रकरण के प्रस्ताव जनपद पंचायत से प्राप्त करने की कार्यवाही प्रलचन में है। कोई प्रकरण अस्वीकृत नहीं किया गया। (ग) हितग्राहियों को प्रश्नांश दिनांक तक भुगतान हेतु शेष राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। आवास सॉफ्ट में दरवाजा स्तर तक के निर्धारित मापदण्ड के फोटो अपलोड करने एवं हितग्राही से उपयोगिता प्रमाण पत्र प्राप्त करने के उपरांत राशि जारी करने की कार्यवाही प्रचलन में है। (घ) वर्णित प्रश्न में प्रश्नांश दिनांक तक वर्ष 2014-15 एवं वर्ष 2015-16 के शेष प्रकरण हेतु स्वीकृति की कार्यवाही प्रचलन में है। जिसके लिए मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत भिण्ड द्वारा समस्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायतों को पत्र क्रमांक जि.प./ इ.आ.यो./2016/490 भिण्ड दिनांक 25.01.2016 एवं पत्र क्रमांक 504 दिनांक 27.01.2016 जारी किए गये हैं।
कपिल धारा योजना
15. ( क्र. 855 ) श्री जतन उईके : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छिन्दवाड़ा जिले की पांढुर्णा विधान सभा क्षेत्र में महात्मा गांधी नरेगा की कपिल धारा उपयोजना में वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक कितने कूप स्वीकृत किये गये हैं? कितने कूप पूर्ण हो चुके हैं? कितने कूप अपूर्ण हैं? (ख) पूर्ण कूपों का किसके द्वारा भौतिक सत्यापन किया गया है तथा कितने कूपों का सी.सी. जारी हो चुकी है? कितने का सी.सी. जारी होना बाकी है? (ग) कपिल धारा उपयोजना में प्रश्नांश (क) अनुसार कितने कूप सफल हुए है? कितने कूप असफल हुए है? सफल कूपों में कितने कूपों पर विद्युत/मोटर पम्प हेतु आई.टी.पी.डी. से अनुदान दिया गया है? (घ) क्या असफल कूप होने पर संबंधित कृषक को दुबारा कपिल धारा योजना का लाभ दिया गया है? यदि हाँ, तो कितने को?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) छिंदवाडा जिले की पांढुर्णा विधान सभा क्षेत्र में महात्मा गांधी नरेगा की कपिल धारा उपयोजना में वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक 49 कूप स्वीकृत किये गये हैं। कोई भी कूप अभी पूर्ण नहीं होने से स्वीकृत 49 कूप अपूर्ण हैं। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पंचायत सचिवों का नियमितीकरण
16. ( क्र. 858 ) श्री जतन उईके : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या छिंदवाड़ा के पंचायत के सचिवों की पदस्थापना के 3 वर्ष पूर्ण किये जाने पर नियमित किये जाने के शासन के आदेश हैं? यदि हाँ, तो 3 वर्ष पूर्ण किये गये कितने सचिवों को नियमित किया गया है? जनपदवार सूची उपलब्ध करायें? (ख) क्या 3 वर्ष पूर्ण किये जाने के पश्चात भी ऐसे कितने सचिव हैं, जिन्हें नियमित नहीं किया गया है, उनको नियमित नहीं किये जाने का क्या कारण हैं? उन्हें नियमित नहीं किये जाने हेतु कौन अधिकारी दोषी है? (ग) क्या सचिवों को नियमित नहीं किये जाने हेतु जिम्मेदार अधिकारी के विरूद्ध कोई कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो की गई कार्यवाही का विवरण देवें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। 721 ग्राम पंचायत सचिवों को नियमित किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ‘ अनुसार। (ख) 37 ग्राम पंचायत सचिवों को नियमित नहीं किया गया है। इनके विरुद्ध माननीय न्यायालय में प्रकरण लंबित होने, निलंबित होने एवं विभागीय जाँच संस्थित होने के कारण एवं कार्य प्रणाली संतोषजनक न होने के कारण कोई दोषी नहीं है। नियमित नहीं किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब‘‘ अनुसार। (ग) जानकारी उत्तरांश-‘ख‘ अनुसार, कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शासकीय सेवकों द्वारा उत्तरदायित्वों के निर्वहन में लापरवाही करना
17. ( क्र. 1006 ) श्री मधु भगत : क्या परिवहन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला परिवहन कार्यालय बालाघाट में प्रभारी आर.टी.ओ. कौन पदस्थ है? (ख) इनके कार्यकाल में कौन-कौन सी शिकायतें क्लेम्स लंबित थे? क्या इनका निराकरण नियमानुसार निश्चित समयावधि के अंदर और विधि अनुसार कार्यलयीन प्रक्रिया को अपनाते हुए किया गया? (ग) क्या इन्होंने बालाघाट से चलने वाली और गुजरने वाली यात्रा बसों का निरीक्षण किया गया था? यदि हाँ, तो कब-कब कितनी बसों में से कितनी बसों पर इमरजेंसी गेट पीछे की ओर कांच लगवाया गया तथा सीढ़ी का जाल कटवाया गया?
परिवहन मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) श्री अजय मार्को। (ख) श्री मार्को के द्वारा लंबित 05 क्लेम्स एवं शिकायत प्रकरणों में कार्यवाही की गई है। उनके द्वारा श्री जी.डब्ल्यू. तिग्गा का पेंशन प्रकरण, अंतिम वेतन आहरण स्वत्व, श्री राम प्रकाश गौड के आरोप-पत्र, श्री राजीव उपाध्याय के अपराध संबंधी लंबित जानकारी परिवहन आयुक्त कार्यालय को प्रेषित किया गया। साथ ही पुलिस अधीक्षक बालाघाट में प्राप्त दो शिकायत जो क्रमश: (1) स्व. श्री सुरेश कुमार अग्रवाल एवं (2) लोक सेवा यान चलाने के लिये बैच (बिल्ला) के संबंध में थी, उनका निराकरण उनके द्वारा विधिवत् नियमानुसार किया गया है। (ग) दिनांक 15.07.2015 से लगातार बसों का निरीक्षण किया गया है। 138 बसों पर इमरजेंसी गेट लगावाये गये एवं 146 बसों की सीढ़ी का जाल कटवाया गया। जाँच की गई सभी बसों की पीछे की ओर कांच लगा पाया गया।
स्कूल भूमि पर अतिक्रमण
18. ( क्र. 1019 ) श्री रामपाल सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शहडोल जिले के ब्यौहारी शहर में लक्ष्मी नारायण मंदिर के पास कन्या हायर सेकेण्ड्री स्कूल संचालित हैं? यदि हाँ, तो उक्त विद्यालय के लिये कितनी भूमि आरक्षित है? उसका रकबा एवं खसरा नंबर क्या है? (ख) क्या उक्त विद्यालय की भूमि पर अतिक्रमण किया गया है? यदि हाँ, तो कितनी भूमि पर और शासन द्वारा इसे मुक्त कराने की क्या कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, तो मुक्त कराने की कार्यवाही कब तक की जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। उक्त विद्यालय के लिये आराजी खसरा नं. 2049/2ख रकबा 0.027 हे. भूमि आरक्षित है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
इंदिरा आवास की स्वीकृति
19. ( क्र. 1020 ) श्री रामपाल सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शहडोल जिले के जनपद पंचायत गोंहपारू के ग्राम पंचायत नवागांव के बाल गोविन्द पिता श्री द्वारिका प्रसाद गुप्ता का नाम बी.पी.एल. सूची से मुख्य कार्यपालन अधिकारी के आदेश दिनांक 16.10.2009 के आधार पर काटा गया है और दिनांक 02 नवंबर 2015 को उक्त व्यक्ति के नाम इंदिरा आवास स्वीकृत कर 37500/- रूपये की प्रथम किस्त जारी की गई है? यदि हाँ, तो उक्त अनियमितता के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी और कब तक? (ख) क्या शुभम ट्रेडर्स जिसका टिन नंबर 23849044385 है के द्वारा बिल नंबर 66 के माध्यम से उक्त पंचायत को 20 एम.एम. तथा 40 एम.एम. गिट्टी तथा रेत सप्लाई का राशि प्राप्त किया गया है? यदि हाँ, तो क्या उक्त ट्रेडर्स गिट्टी एवं रेत का लीज़ धारी है? यदि नहीं, तो उक्त अनियमितता पर कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। उक्त अनियमितता के दृष्टिगत संबंधित मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत गोहपारू श्री संतोष कुमार पटेल को मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत शहडोल द्वारा दिनांक 29.02.2016 को पत्र क्रमांक आईएवाय/2016/1343 एवं तत्कालीन सचिव को पत्र क्रमांक आई.ए.वाय./ 2016/1216 शहडोल दिनांक 24.02.2016 से कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। संबंधित का जबाब प्राप्त होते ही नियमानुसार अनुशासनात्मक कार्यवाही की जायेगी। (ख) जी हाँ। गिट्टी और रेत सप्लाई करने के लिए लीज़ धारी होना जरूरी नहीं। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
संविदा कर्मियों की सेवा समाप्ति
20. ( क्र. 1162 ) श्री शंकर लाल तिवारी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विकास आयुक्त भोपाल के पत्र क्रमांक 22/वि-3/ग्रायांसे/15 दिनांक 28.02.2015 द्वारा मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत कार्य संचालित न होने एवं आवंटन के अभाव में संविदा कर्मियों की सेवा समाप्ति के निर्देश दिये गये थे? (ख) क्या कार्यपालन यंत्री ग्रामीण यांत्रिकी सेवा सतना ने योजनांतर्गत पदस्थ संविदा कर्मियों को दिनांक 01.04.2015 को जिला पंचायत सतना के लिये भारमुक्त कर दिया था? (ग) क्या मनरेगा में नवीन नियुक्तियों पर प्रतिबंध के बाद भी जिला पंचायत सतना द्वारा बिना सक्षम स्वीकृत प्राप्त किये हटाये गये संविदा कर्मियों को नियुक्ति दी गई है? नियुक्ति आदेश तथा नियुक्ति प्राप्त कर्मचारियों की सूची भी दें? (घ) हटाये गये संविदा कर्मियों को बिना सक्षम स्वीकृति लिये नियम विरूद्ध नियुक्ति करने के लिये दोषी अधिकारी एवं प्रस्तावित करने वाले अतिरिक्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी पर शासन क्या कार्यवाही कब तक करेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) प्रश्न में उल्लेखित पत्र द्वारा अधीक्षण यंत्री ग्रामीण यांत्रिकी सेवा रीवा को, मुख्यमंत्री सड़क योजना के तहत संविदा पर पदस्थ कर्मचारियों के संबंध में जिला स्तर पर नियोक्ता के द्वारा सेवा समाप्ति के संबंध में कार्यवाही किये जाने बाबत् लिखा गया था। (ख) प्रश्नांश ''ख'' में उल्लेखित कार्यपालन यंत्री के पत्र दिनांक 01.04.2015 द्वारा संविदा कर्मी श्री अनिल कुमार शर्मा, संविदा सहायक मानचित्रकार एवं श्री पुष्पेन्द्र नागर संविदा लेखापाल को अपना प्रभार ग्रामीण यांत्रिकी सेवा के अन्य कर्मचारियों को सौंपने एवं जिला पंचायत में उपस्थिति हेतु लिखा गया था। (ग) जी नहीं। उत्तरांश ''ख'' में पूर्व संविदा कर्मचारियों को ही जिले के अंदर युक्तियुक्तकरण करते हुए उन्हें रिक्त पदों पर समान संविदा शर्तों पर पदस्थ किया है। नियुक्ति आदेश तथा नियुक्ति प्राप्त कर्मचारियों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) उत्तरांश ''ग'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
निराश्रित, वृद्ध, विकलांग एवं विधवा पेंशन
21. ( क्र. 1165 ) श्री शंकर लाल तिवारी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगर निगम क्षेत्र सतना एवं सतना (ग्रामीण) में विगत एक वर्ष से निराश्रित, वृद्ध, विकलांग एवं विधवा पेंशन नहीं दी गई है? (ख) क्या सतना नगर निगम क्षेत्रान्तर्गत वित्तीय वर्ष 2015-16 में निराश्रित, वृद्ध, विकलांग एवं विधवा पेंशन हितग्राहियों के खाते में डाल दी गई है? सतना नगरीय क्षेत्र में कितने पेंशनधारियों को पेंशन दी जा रही है? (ग) इसके लिये जिले के कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी दोषी है? शासन समय पर सामाजिक सुरक्षा पेंशन हितग्राहियों को न उपलब्ध कराने वाले राज्य स्तर/जिला स्तर के अधिकारियों पर क्या कार्यवाही करेगा? समय-सीमा दें? कब तक पेंशन की राशि हितग्राहियों के खाते में जमा करा दी जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। (ख) जी हाँ। सतना नगरीय क्षेत्र में 9441 पेंशनधारियों को पेंशन दी जा रही है। माह जनवरी 2016 तक की पेंशन राशि का भुगतान समस्त हितग्राहियों के खाते में कर दिया गया हैं। (ग) उत्तरांश ’’क’’ एवं ’’ख’’ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कर चोरी के संबंध में
22. ( क्र. 1258 ) डॉ. मोहन यादव : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन स्थित चिमनगंज मण्डी में वाहनों के आने जाने के लिये कितने आगम एवं निर्गम द्वार है? (ख) क्या मण्डी में आने वाले अनाज को इन आगम एवं निर्गम द्वारों के अतिरिक्त परिवहन के लिये कुछ व्यापारियों को गोडाउन के पीछे से द्वार बनाकर मण्डी शुल्क, वाणिज्य कर एवं अन्य करों के भुगतान से मुक्त रखने के संबंध में अन्य कोई वैकल्पिक व्यवस्था की गई है? (ग) यदि नहीं, तो इस प्रकार शासन के करों की चोरी करने वाले व्यापारियों एवं उनसे मिली भगत कर उक्त कार्य को प्रोत्साहित कर शासन को राजस्व की हानि पहुंचाने वाले अधिकारियों के विरूद्ध विभाग द्वारा कब तक कार्यवाही की जावेगी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) कृषि उपज मंडी समिति, उज्जैन में 05 द्वार हैं, जिसमें से आगमन एवं निर्गमन हेतु 02 द्वार संचालित किये जा रहे हैं। शेष 03 द्वारा बंद रखे गये हैं। (ख) कृषि उपज मंडी समिति उज्जैन में कृषि उपज का परिवहन निर्धारित आगम एवं निर्गम द्वारा से ही होता है किसी भी व्यापारी को मंडी शुल्क, वाणिज्यिक कर एवं अन्य करों के भुगतान से मुक्त रखने हेतु कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की गई है। (ग) उत्तरांश "ख" के परिप्रेक्ष्य में शेष कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
भवनविहीन अथवा जीर्ण-शीर्ण पंचायत भवन
23. ( क्र. 1482 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजगढ़ जिले की विधानसभा क्षेत्र राजगढ़ में ऐसी कोई ग्राम पंचायत है जिसके पास अपना शासकीय भवन नहीं है अथवा भवन तो है परन्तु जीर्ण-शीर्ण अवस्था में है? (ख) यदि हाँ, तो उनकी नाम सहित अलग-अलग सूची उपलब्ध करावें तथा उक्त ग्रामम पंचायतों में भवन कब तक स्वीकृत किया जावेगा? (ग) क्या जीर्ण-शीर्ण पंचायत भवन के स्थान पर नवीन पंचायत भवन स्वीकृत किया जावेगा? (घ) यदि हाँ, तो कब तक?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। विधानसभा क्षेत्र राजगढ़ अंतर्गत 01 ग्राम पंचायत भवनविहीन एवं 36 ग्राम पंचायतों के भवन जीर्ण-शीर्ण अवस्था में है। (ख) विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत जनपद पंचायत राजगढ़ की ग्राम पंचायत खजूरी भवनविहीन है एवं ग्राम पंचायत काचरी, चाटूखेड़ा, किला अमरगढ़, कलपोनी, कोडीयाजरगर, हथईखेड़ा, सुल्तानपुरा, कालूखेड़ा, प्रेमपुरा, सनखेड़ी, चैड़ापुरा, महाबल, माचलपुर, देहरीनाथ, कांसी, बांकपुरा, संवासडा, देवलीकला, खेडीआम्बा, पडीया, आम्बा, सुआहेडी, नारायणघटा, बानपुर, पीपल्या, नरी, लसूडलीधाकड, बडलावदा, चैंसला, कुण्डीबेह, रामगढ़, सुस्तानी एवं खेडीपाका के भवन जीर्ण-शीर्ण है तथा जनपद पंचायत खिलचीपुर में कोई भी पंचायत भवनविहीन नहीं है, ग्राम पंचायत बारौल, डालपुरा एवं समेली के भवन जीर्ण-शीर्ण है। भवनविहीन ग्राम पंचायतों में विभाग द्वारा नवीन पंचायत भवन निर्माण की योजना है। (ग) जो ग्राम पंचायतें भवनविहीन है वहां नवीन पंचायत भवन निर्माण की विभाग की योजना है। जीर्ण-शीर्ण पंचायतों हेतु बजट उपलब्ध होने पर नवीन भवन निर्माण की कार्यवाही की जा सकेगी। (घ) जानकारी उत्तरांश-‘ग‘ अनुसार।
पुलिया निर्माण की स्वीकृति
24. ( क्र. 1483 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा राजगढ़ जिले की विधानसभा क्षेत्र राजगढ़ के मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजनान्तर्गत 1. बोरदा श्रीजी रोड से अतरालिया 2. एन.एच.-12 से दोलाज से दुर्जनपुरा-नेस 3. सेदरा रोड से पुरा सेदरा, 4. खाजला सेदरा रोड से कांदलखेड़ी व्हाया सेमली 5. बामलावे रोड-नरी जोड़ से माथन्या 6. एन.एच.12 से मूण्डला, अमृतपुरा, खाजला 7 एन.एच.12 से बरदला के बीच पुलियाओं के प्रस्ताव स्वीकृति हेतु शासन को भेजे गये हैं? (ख) यदि हाँ, तो क्या उक्त पुलियाएँ स्वीकृति हो चुकी हैं यदि नहीं, तो कब तक स्वीकृत हो जावेंगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। कार्यों का परीक्षण होकर तकनीकी स्वीकृति की कार्यवाही प्रचलन में होने से स्वीकृति की निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
शासकीय भूमि की हेरा-फेरी
25. ( क्र. 1518 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या श्योपुर जिले के ग्राम जाखदा जागीर में मौजूद 700 हेक्टेयर शासकीय भूमि को शासकीय अभिलेखों में छेड़छाड़ कर राजस्व विभाग के अधिकारी/ कर्मचारियों ने स्वयं की स्वार्थ पूर्ति हेतु 331 लोगों के नाम अनियमित तरीके से राजस्व अभिलेखों में दर्ज कर दिया? (ख) उक्त भूमि में से 161 लोगों के नाम पर 302 हेक्टेयर शासकीय भूमि को बिना किसी सक्षम अधिकारी के आदेश से चढ़ाया गया जिसका कोई प्रकरण आदि भी नहीं है शेष लगभग 175 लोगों के नाम शासकीय भूमि को प्रकरण के साथ चढ़ाया गया जिन प्रकरणों के साथ इन्हें इन्द्राज किया गया व दायरे में दर्ज नहीं होना पाया गया? (ग) क्या उक्त तथ्य तहसीलदार बड़ौदा से प्राप्त प्रतिवेदन में प्राथमिक सूचना एवं कार्यवाही के पश्चात् प्रकाश में आए? (घ) यदि हाँ, तो बतावे कि इस पूरे मामले में कौन दोषी है, के विरूद्ध वर्तमान तक क्या कार्यवाही की गई यदि नहीं, तो क्यों क्या शासन उक्त पूरे मामले की जाँच करवाकर दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही करेगा तथा उक्त शासकीय भूमि को भू-माफियाओं से मुक्त करवाएगा यदि नहीं, तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
चकबन्दी की निरस्ती
26. ( क्र. 1519 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न संख्या 71 (क्रमांक 3415) दिनांक 16.07.2014 के प्रश्नांश (क) से (घ) के उत्तर में श्योपुर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत ग्राम मेखड़ाहेडी, राजपुरा उर्फ झुनझुनीपुरा, ललितपुरा, बिचगावंडी, सारंगपुर, भिलवाडिया में चकबंदी निरस्त करने के निर्णय की समय-सीमा एवं मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता के अंतर्गत चकबंदी की पुष्टि होने उपरांत निरस्त करने का कोई प्रावधान न होने तथा उक्त ग्रामों में लागू चकबंदी को निरस्त करना संभव न होने के तथ्य से अवगत कराया है? (ख) क्या यह सच है कि लगभग 5 दशक पूर्व उक्त ग्रामों की चकबंदी की व्यवस्था को राजस्व अभिलेखों में तो अंकित कर दिया था लेकिन अभिलेखों अनुसार कृषक मौके पर वर्तमान तक काबिज नहीं हो पाए? (ग) यदि हाँ, तो क्या शासन श्योपुर क्षेत्र के कृषकों की कठिनाईयों के निवारण के लिये चकबंदी की निरस्ती हेतु मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता के प्रावधानों में आवश्यक संशोधन करने पर गंभीरता से विचार करेगा व कब तक यदि नहीं, तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) जी नहीं।
सड़कों का निर्माण
27. ( क्र. 1599 ) श्रीमती चन्दा सुरेन्द्र सिंह गौर : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या खरगापुर विधानसभा क्षेत्र में कुछ सड़कों का निर्माण प्रधानमंत्री सड़क योजना के तहत किया गया था, परंतु उन्हीं सड़कों के कुछ शेष भाग छोड़ दिये गये हैं? जैसे सैपुरा से मऊकड़वाहा तक वार से पुरैनिया होकर मुख्य सड़क हीरापुर तक, लुर्हरा से सुकौरा होकर नारायणपुर तक एवं देरी से तिगौड़ा होकर खुड़ौ तक की सड़कें शेष व अधूरी पड़ी हैं? (ख) क्या इन सड़कों से जुड़े दूरस्थ ग्रामीण अंचल हैं? जहां पर स्वास्थ्य सेवाओं से लेकर जीवन के रोजमर्रा की आवश्यक सामग्री हेतु ग्रामीणों को आने जाने हेतु सड़कें न होने के कारण बहुत मुसीबत उठानी पड़ती है? यदि हाँ, तो सड़कों की स्वीकृति प्रदाय कर कब तक निर्माण कार्य शुरू किया जायेगा? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ, खरगापुर विधानसभा क्षेत्र में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत सड़कों का निर्माण किया गया है स्वीकृति के अनुसार किसी भी सड़क का कोई भाग शेष नहीं छोड़ा गया है। प्रश्नांश (क) में उल्लेखित सड़कों का निर्माण प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत नहीं किया गया है। (ख) जी हाँ, प्रश्नांश (क) में उल्लेखित ग्रामों को जोड़ने हेतु प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत ग्राम सैपुरा को टीकमगढ़-छतरपुर मार्ग से, ग्राम कड़वाहा को ग्राम वनपुरा बुजुर्ग से, ग्राम वार को वनपुरा बुजुर्ग से एवं फुटेर टीला रोड से खुडौनज देरी तक के सड़क निर्माण की स्वीकृति भारत सरकार से प्राप्त हो गयी है, निविदा उपरांत एजेंसी निर्धारण होने पर निर्माण कार्य कराया जा सकेगा निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है। शेष ग्राम योजना के दिशा निर्देशों के अंतर्गत पात्रता नहीं रखने के कारण योजनांतर्गत जोड़ना संभव नहीं है।
परिवार सहायता एवं जनश्री बीमा योजना
28. ( क्र. 1607 ) कुँवर विक्रम सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले की लवकुशनगर, राजनगर, विजावर, नौगांव में वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक कितने व्यक्तियों को परिवार सहायता दी गई? (ख) क्या परिवार सहायता के साथ जनश्री बीमा योजना का फार्म भर कर जबलपुर भेजा जाता है यदि हाँ, तो कितने व्यक्ति के परिवार लाभान्वित हुए? (ग) राजनगर, लवकुशनगर जनपद क्षेत्रों के लाभान्वित परिवारों की नामवार सूची का विवरण उपलब्ध करावें तथा शासन की गाइड लाईन की प्रति दें? (घ) लंबित प्रकरणों की प्रश्न दिनांक तक क्या स्थिति है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार। (ख) जी हाँ। जनश्री बीमा योजनांतर्गत 33 हितग्राहियों को लाभांवित किया गया। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 एवं 3 अनुसार। (घ) राष्ट्रीय परिवार सहायता योजनांतर्गत कोई प्रकरण लंबित नहीं है।
पदोन्नतियां समय-सीमा में किया जाना
29. ( क्र. 1608 ) कुँवर विक्रम सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. में राजस्व विभाग के अंतर्गत कमिश्नर कार्यालय एवं कलेक्टर कार्यालयों में पदस्थ स्टेनोग्राफर वर्ग 2 से वर्ग 1 एवं वर्ग 3 से वर्ग 2 पर पदोन्नति किस दिनांक के बाद नहीं की गई? (ख) क्या प्रदेश के संभागीय कमिश्नर कार्यालयों एवं कलेक्टर कार्यालयों में वर्ग 1 एवं वर्ग 2 के स्टेनोग्राफर के पद रिक्त है? (ग) यदि हाँ, तो इन पदों की पूर्ति हेतु स्टेनोग्राफर वर्ग 2 से 1 पर तथा स्टेनोग्राफर वर्ग 3 से 2 पर पदोन्नति कब तक कर दी जावेगी? समय-सीमा बतायें? (घ) क्या यह सत्य है कि लगभग 20 वर्ष उक्त पदों की पदोन्नतियां नहीं की गई जिससे इस वर्ग के कर्मचारियों को पदोन्नति के अधिकारी से वंचित रखा गया?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) प्रश्नाधीन पदोन्नति कुछ वर्षों से नहीं होने के कारण तिथि देना संभव नहीं है। (ख) जी हाँ। (ग) वरिष्ठता सूची एवं पदोन्नति प्रस्ताव तैयार करने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है, समय-सीमा दी जाना संभव नहीं। (घ) जी नहीं।
शिकायतों पर कार्यवाही
30. ( क्र. 1677 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता द्वारा दिनांक 01.03.2014 से 31.12.2015 तक कलेक्टर छिंदवाड़ा, अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) परासिया, तहसीलदार परासिया तहसीलदार उमरेठ को जो शिकायतें की गई थी उनकी अद्यतन स्थिति की जानकारी माहवार देवें? (ख) शासकीय प्राथमिक विद्यालय ग्राम कन्हरगांव की शिक्षिका श्रीमती किरन शर्मा एवं सहायक शिक्षक विरेन्द्र शर्मा के विरूद्ध की गई शिकायतों पर क्या कार्यवाही की गई बतावें? (ग) क्या इनके विरूद्ध शासकीय कुएं एवं भूमि पर कब्जा करने की शिकायतें मिलने पर कब्जा स्थल का भौतिक सत्यापन किया गया? यदि नहीं, तो कब तक भौतिक सत्यापन कराया जाए इनके द्वारा किये गये कब्जे को हटवाया जावेगा? समय-सीमा बतायें?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) प्रश्नकर्ता द्वारा दिनांक 1.3.2014 से 31.12.2015 की गई शिकायतों के संबंध में जाँच हेतु वस्तुस्थिति की जानकारी राजस्व निरीक्षक मोरडोंगरी खुर्द का प्रतिवेदन दिनांक 21.2.2015 तथा ग्राम पंचायत कन्हरगाँव का पत्र दिनांक 26.3.2015 के तहत श्रीमती किरन शर्मा पति वीरेन्द्र शर्मा निवासी कन्हरगाँव के द्वारा प्रचलित आबादी भूमि खसरा नंबर 424 रकबा 1.924 हेक्टर भूमि में से 828 वर्गफुट पर मकान निर्माण किया गया है। पूर्व में उक्त भूमि पर 4-5 फिट गहरा गड्ढा जिसे बराबर कर मकान निर्माण किया गया है। उक्त कुआं नक्शा में प्रदर्शित नहीं है। तथा ग्राम पंचायत कन्हरगाँव ने कुआं पूर कर दिये जाने में कोई आपत्ति नहीं बतायी है। वर्तमान में प्रकरण तहसीलदार उमरेठ के न्यायालय में प्रचलन में है। दिनांक 29.2.2016 को अनावेदिका के साक्ष्य हेतु प्रकरण नियत है। गुण दोषों के आधार पर प्रकरण का निराकरण किया जावेगा। (ख) शिकायत के संबंध में कारण बताओ सूचना पत्र जारी कर जवाब लिया गया। जवाब के सुसंगत तथ्यों की पुष्टि हेतु साक्ष्य के लिये प्रचलित है। शिकायत की पुष्टि उपरान्त विभागीय कार्यवाही हेतु प्रेषित किया जावेगा। (ग) जी हाँ। वर्तमान प्रकरण प्रचलन में है त्वरित कार्यवाही कर प्रकरण में गुणदोषों के आधार पर समय-सीमा में निराकरण किया जावेगा।
प्रधानमंत्री सड़क योजना के अंतर्गत सड़क निर्माण
31. ( क्र. 1691 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छिन्दवाड़ा जिले में प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत वर्ष 2013 से वर्ष 2015 तक कितने मार्ग (सड़क) निर्माण स्वीकृत किए गये है? विकासखण्डवार मार्ग निर्माण की पूर्ण जानकारी उपलब्ध कराये? (ख) छिन्दवाड़ा जिले में विकासखण्ड अनुसार प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना में कितने मार्गों की स्वीकृति हेतु राज्य सरकार से केन्द्र सरकार को प्रस्ताव भेजे गये हैं? (ग) छिन्दवाड़ा जिले के 500 एवं 250 आबादी वाले कितने ग्रामों को प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना में जोड़ा जा रहा है? (घ) क्या जिन ग्रामों में 100 की आबादी है उन्हें भी प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना में जोड़ा जायेगा? हाँ या नहीं?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) छिंदवाड़ा जिले में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत वर्ष 2013 से वर्ष 2015 तक 245 सड़क निर्माण कार्य स्वीकृत किये गये हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) छिंदवाड़ा जिले प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत 146 सड़कों के प्रस्ताव स्वीकृति हेतु भारत सरकार को प्रेषित किये गये है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) छिंदवाड़ा जिले में वर्ष 2001 की जनगणना के अनुसार प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत सामान्य विकासखडों के 500 एवं अधिक तथा आदिवासी विकासखण्ड में 250 एवं अधिक जनसंख्या वाले क्रमशः 359 एवं 195 ग्रामों को अब तक सड़क निर्मित कर जोड़ा जा चुका है एवं क्रमशः 53 एवं 72 ग्रामों को जोड़ने हेतु सड़क निर्माण कार्य प्रगति पर है, शेष क्रमशः 17 एवं 135 ग्रामों को जोड़ा जाना प्रस्तावित है। (घ) जी नहीं, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के मार्गदर्शी दिशा निर्देशों के अनुसार वर्ष 2001 की जनगणना के अनुसार सामान्य विकासखण्डों में 500 एवं अधिक एवं आदिवासी विकासखण्डों में 250 एवं अधिक जनसंख्या के पात्र ग्रामों को जोड़ने का प्रावधान है।
जल ग्रहण परियोजनाओं में प्राप्त राशि एवं व्यय
32. ( क्र. 1728 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र क्र. 229 नीमच में वर्तमान में कहाँ-कहाँ पर जलग्रहण परियोजनाएं संचालित हो रही हैं? (ख) प्रश्नांश (क) में दशाई गई जल ग्रहण परियोजनाओं में अब तक कितनी राशि किन-किन गतिविधियों हेतु व्यय की गई है? व्यय राशि का ग्रामवार घटकवार ब्यौरा दें? (ग) क्या परियोजना क्रियान्वयन के दौरान परियोजना क्षेत्र में जनहित में कराए गए निर्माण कार्यों के शुभांरभ/लोकार्पण आदि कार्यक्रम के आयोजन के दौरान क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों को आमंत्रित किया गया है? यदि नहीं, तो कारण बताएं?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
किसानों को बीमा राशि नहीं मिल पाना
33. ( क्र. 1732 ) श्री गोपालसिंह चौहान (डग्गी राजा) : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अशोक नगर जिले में पिछले 3 वर्षों में किस-किस तहसील में किसानों को इसलिये बीमा नहीं मिला कि समय पर आंकड़े व आंकलन समय पर नहीं भेजा? यदि हाँ, तो किस वर्ष किस-किस तहसील को कितनी धनराशि का आंकलन बीमा कंपनी को नहीं भेजा व किसानों को प्रति तहसील कितनी-कितनी राशि मिलनी थी वह नहीं मिली तथा आंकलन नहीं भेजने के लिये कौन जिम्मेदार है व उसको क्या दण्ड दिया जाएगा? (ख) क्या जिलाधीश अशोक नगर ने गत वर्ष शासन को लिखा था कि कुछ तहसीलों का आंकलन नहीं भेजा जा सका उसका विवरण देकर बताएं कि शासन ने क्या-क्या कार्यवाही की तथा बीमा से वंचित व प्रभावित किसानों को क्या बीमा कम्पनियों से या अपने खजाने से पैसा देगी तथा कब तक? (ग) क्या जिलाधीश श्री प्रजापति ने प्रमुख सचिव व संचालक कृषि को पत्र लिखा था कि बीमा क्लेम हेतु आंकड़े वेबसाईट समय पर नहीं डाले इसलिये बीमा कम्पनी पैसे नहीं दे रही है तो शासन किसानों को बीमे की राशि कब तक दिला देगी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) अशोकनगर जिले की विगत 3 वषों की बीमा आवरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। खरीफ 2015 हेतु क्षतिपूर्ति प्रक्रियाधीन है। खरीफ 2015 मौसम हेतु बीमा आवरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है रबी 2013-14 मौसम में ईसागढ़ तहसील के वास्तविक उपज के आंकड़े योजना के अनुसार राजस्व विभाग द्वारा समयावधि में विभागीय वेबसाईट पर दर्ज नहीं किये जाने से क्षतिपूर्ति की गणना नहीं की जा सकी थी। जिस कारण संबंधित कृषकों को बीमा लाभ प्राप्त नहीं हो पाया है। राज्य तकनीकी समिति की बैठक वर्ष में 2 बार होती है, उक्त बैठक दिनांक 14.10.2015 को आयोजित की गई थी। आगामी बैठक माह मार्च 2016 में आयोजित की जावेगी उसमें उक्त प्रकरणों पर निर्णय लेकर केन्द्र शासन से अनुमोदन प्राप्त कर किसानों को भुगतान हेतु बीमा कम्पनी को क्षतिपूर्ति राशि प्रदाय की जावेगी। (ख) एवं (ग) उत्तरांश 'क' अनुसार।
रंगजी महाराज ट्रस्ट की भूमि
34. ( क्र. 1734 ) श्री गोपालसिंह चौहान (डग्गी राजा) : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न संख्या 39 (क्र. 708) दिनांक 23.11.2011 एवं 22 (क्र. 1138) दिनांक 02.03.2015 के संदर्भ में रंगजी महाराज ट्रस्ट जावरा जिला रतलाम की भूमि के बारे में आयुक्त भू-अभिलेख एवं बन्दोबस्त ग्वालियर के जिलाधीश को लिखे पत्र क्र. 2167 दिनांक 12.09.2011 श्री अरूण पाण्डेय जी तत्कालीन आयुक्त उज्जैन संभाग के अशासकीय पत्र एवं पत्र क्र. 9883-84 दिनांक 10.10.2012, 10207 दिनांक 19.10.2012 एवं 556 दिनांक 15.1.13 एवं उपायुक्त राजस्व उज्जैन का पत्र 10208 दिनांक 19.10.2012 एवं विधान सभा प्रश्न 08 (क्र. 5) दिनांक 06.12.2012 के उत्तर में माननीय मंत्री महोदय द्वारा दिये गये उत्तर एवं प्रश्नकर्ता द्वारा लिखे गये पत्रों का विवरण देते हुए बताएं कि उक्त प्रकरण में प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही कि गई क्या रजिस्ट्री निरस्त कर भूमि शासनाधीन ले लिया है? दोषियों को चिन्हित कर दण्डित कर दिया गया है? (ख) सांसद व विधायक फण्ड से बने भवनों को प्रशासन ने अपने अधीन ले लिया है यदि हाँ, तो पृथक विवरण दे। यदि नहीं, तो क्यों? अभी तक कार्यवाही नहीं होने का कारणों को स्पष्ट करें?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) आयुक्त, भू-अभिलेख एवं बंदोबस्त के पत्र क्रमांक 2167/11 भू-प्रब/2011 दिनांक 12.09.11 के अनुक्रम में दोषी पाये गये पटवारी की एक वेतन वृद्धि असंचयी प्रभाव से रोकने से दण्डित किया गया। आयुक्त, उज्जैन संभाग, उज्जैन के द्वारा अर्द्धशासकीय पत्र एवं संन्दर्भित पत्रों में दोषियो के विरूद्ध कार्यवाही करने हेतु लिखा गया था। पत्रों के तारतम्य में दोषी तहसीलदारों के विरूद्ध कार्यवाही करने हेतु कार्यालयीन पत्र क्रमांक 2179/स्थापना/15 दिनांक 14.7.15 के द्वारा अनुशासनात्मक कार्यवाही किये जाने हेतु आयुक्त, उज्जैन संभाग उज्जैन को आरोप पत्रादि जारी किये जाने हेतु भेजे गये। तत्कालीन अनुविभागीय अधिकारियों राजस्व जावरा के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही के लिये कार्यालयीन पत्र क्रमांक 3088/स्थापना/12 दिनांक 07.07.12 के द्वारा सचिव, म.प्र.शासन, सामान्य प्रशासन विभाग भोपाल को लिखा गया है। अनुविभागीय अधिकारी जावरा का प्रकरण क्रमांक 100/बी-121/02-03 आदेश दिनांक 30.04.03 का मूल प्रकरण उपलब्ध नहीं होने से तत्कालीन प्रवाचक के विरूद्ध कार्यवाही पृथक से की जा रही है। प्रकरण उपलब्ध होते ही रजिस्ट्री के संबंध में नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी। विधायक निधि से ट्रस्ट को पैसे देने का नियम नहीं होने पर नियमों के विपरीत राशि दिये जाने के कारण जिला योजना एवं सांख्यिकीय अधिकारी रतलाम के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही किये जाने हेतु सचिव म.प्र. शासन, योजना, आर्थिक एवं सांख्यकीय विभाग, भोपाल को कार्यालयीन पत्र क्रमांक 2179/स्थापना/15 दिनांक 14.07.15 के द्वारा प्रस्ताव प्रेषित किये गये है। (ख) अनुविभागीय अधिकारी जावरा द्वारा प्रकरण क्रमांक 100/बी-121/02-03 खोजा जा रहा है। मूल प्रकरण प्राप्त होने पर नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी।
शौचालय विहीन ग्राम
35. ( क्र. 1739 ) श्री राजेन्द्र फूलचंद वर्मा : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सोनकच्छ विधानसभा के कितने ग्रामों में वर्ष 2014-15 में शौचालय का निर्माण किया जा चुका है तथा किन-किन योजनाओं के अंतर्गत किया गया है? (ख) सोनकच्छ विधानसभा के कितने ग्रामों में अभी तक शौचालय निर्माण नहीं हुआ है और क्यों? (ग) सोनकच्छ विधानसभा के समस्त घरों में शौचालयों निर्माण की कोई योजना शासन द्वारा बनाई जा रही है यदि हाँ, तो क्या यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) सोनकच्छ विधानसभा क्षेत्रांतर्गत वर्ष 2014-15 में 126 ग्रामों में मनरेगा/निर्मल भारत/स्वच्छ भारत मिशन/आवास योजना अंतर्गत शौचालय निर्माण का कार्य किया गया है। (ख) सोनकच्छ विधानसभा क्षेत्रांतर्गत ऐसा कोई ग्राम नहीं है जहाँ शौचालय निर्माण न हुआ हो। (ग) जी हाँ। वर्ष 2019 तक सोनकच्छ विधानसभा क्षेत्रांतर्गत के समस्त घरों में शौचालय निर्माण कराये जाने का लक्ष्य है।
जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक
36. ( क्र. 1740 ) श्री राजेन्द्र फूलचंद वर्मा : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सोनकच्छ विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक की शाखा कहाँ-कहाँ पर संचालित है? बैंक शाखा का नाम व इन शाखा में नियमित प्रबंधक किस दिनांक से पदस्थ है तथा किन-किन बैंकों में प्रभारी पदस्थ है? इनका मूल पद क्या है? (ख) सोनकच्छ विधानसभा क्षेत्र की कितनी बैंकों में कितने नियमित कर्मचारी कार्यरत है व कितने दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी हैं तथा कितने व कौन से पद रिक्त है? (ग) क्या इन रिक्त पदों की पूर्ति हेतु शासन इस पर कोई विचार कर रहा है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) रिक्त पदों की पूर्ति हेतु जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित, देवास को विभिन्न वर्गों के 50 पदों की स्वीकृति दी गई है, जिनकी भर्ती म.प्र.राज्य सहकारी बैंक मर्यादित, भोपाल के माध्यम से आई.बी.पी.एस. द्वारा की जावेगी।
भ्रष्ट सरपंच एवं सचिव पर कार्यवाही
37. ( क्र. 1789 ) श्री सुदेश राय : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र सीहोर के अंतर्गत वर्ष 2010 से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन सी ग्राम पंचायतों में सरपंच/सचिव पर अनियमित तरीके से शासन की योजनाओं में भ्रष्टाचार करने पर प्रकरण पंजीबद्ध किया गये हैं ग्राम पंचायतवार सूची सहित नाम बतावें? (ख) पंजीबद्ध किये गये प्रकरणों में कार्यवाही की क्या स्थिति है और यदि जाँच धीमी गति से किये जाने के क्या कारण है और इसके लिये कौन-कौन उत्तरदायी है? (ग) सभी प्रकरणों में कब तक कार्यवाही पूर्ण कर दोषियों को सजा दिलायी जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) कुल प्राप्त 15 प्रकरणों में से 14 प्रकरण विभिन्न न्यायालय में पंजीबद्ध किये गये। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार। 01 प्रकरण में राशि वसूली की कार्यवाही, जनपद पंचायत सीहोर के पत्र क्रमांक 51 दिनांक 06.02.16 तत्कालीन सरपंच एवं सचिव को जारी कर, प्रचलित है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार। (ख) प्रकरणों में कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ के कॉलम 7 एवं 8 अनुसार। समस्त प्रकरणों में कार्यवाही प्रचलित, शेष प्रश्न नहीं उठता। (ग) पंजीबद्ध 14 प्रकरणों में 01 प्रकरण में सरपंच व सचिव को निर्णय अनुसार कारावास से दंडित किया गया। शेष 13 प्रकरणों में न्यायालयीन कार्यवाही प्रचलित होने से समय-सीमा दी जाना संभव नहीं है।
सोसायटी भण्डारण की जानकारी
38. ( क्र. 1844 ) श्री मुकेश नायक : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पन्ना जिले की पवई विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत किस-किस स्थान पर कौन-कौन सी नाम/पते वाली सोसायटियां/भण्डार/संस्थायें कब से कार्य कर रही है तथा किन-किन संस्थाओं में सेक्रेटरी की पदस्थापना न होने से उसके स्थान पर कौन कार्य कर रहा है? (ख) पवई विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत वर्णित सोसायटी/संस्था/ भण्डार को कितना-कितना खाद्यान्न/तेल/ अन्य प्रतिमाह किस-किस कैटेगरी (ए.पी.एल.), (बी.पी.एल.) (अन्य) के लिए आवंटित किया जाता है? (ग) प्रश्नांश (क) में वर्णित किन-किन सोसायटी/भण्डारों/ संस्थाओं 1.1.2012 से प्रश्न तिथि तक क्या-क्या शिकायतें कलेक्टर कार्यालय में प्राप्त हुई? उन पर प्रश्न तिथि तक कब व क्या कार्यवाही हुई?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -1 अनुसार है। (ख) कलेक्टर (खाद्य) पन्ना से प्राप्त जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 2 अनुसार है। (ग) कलेक्टर (खाद्य) पन्ना से प्राप्त जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है।
लंबित अविवादित नामांतरण के प्रकरण
39. ( क्र. 1845 ) श्री मुकेश नायक : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र पवई, शाहनगर, रैपुरा एवं सिमरिया में जनवरी 2016 तक कितने अविवादित नामांतरणों के प्रकरण लंबित है? (ख) अविवादित नामांतरणों का निराकरण न करने के क्या कारण है? प्रकरण लंबित रखने हेतु कौन अधिकारी दोषी है? क्या शासन दोषी अधिकारियों एवं कर्मचारियों के विरूद्ध कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? (ग) विवादित नामांतरण प्रकरणों का निराकरण कब तक कर दिया जाएगा?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) कोई प्रकरण लंबित नहीं है। (ख) उत्तरांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) विवादित नामांतरण न्यायालयीन प्रकरण होने के कारण समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
निर्मल भारत, स्वच्छ भारत मिशन
40. ( क्र. 1986 ) श्री संजय उइके : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या निर्मल भारत स्वच्छ भारत मिशन अंतर्गत सूचना, शिक्षा, संचार में राशि व्यय करने के प्रावधान है? यदि हाँ, तो केन्द्र राज्य एवं जिला स्तर पर कितनी राशि व्यय करने के प्रावधान है? मिशन अंतर्गत वर्ष 2012-13 से वर्ष 2014-15 तक बालाघाट जिले को प्राप्त आवंटन केन्द्रांश एवं राज्यांश की वर्षवार जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) क्या राज्य मुख्यालय द्वारा वर्ष 2012-13, 2013-14 एवं 2014-15 में जिलों से सूचना, शिक्षा, संचार के अंतर्गत व्यय की जाने वाली राशि वापस बुलाई गई? यदि हाँ, तो वापस बुलाई गई राशि की वर्षवार जिलेवार जानकारी उपलब्ध करावें? (ग) राज्य मुख्यालय द्वारा उक्त वापस बुलाई गई राशि किस-किस कार्य में कितनी-कितनी व्यय की गई? राशि का व्यय किस अधिकारी द्वारा किया गया? किस एजेंसी को कितना-कितना भुगतान किया गया वर्षवार जानकारी उपलब्ध करावें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। स्वच्छ भारत मिशन अंतर्गत परियोजना लागत का केन्द्र स्तर पर सूचना शिक्षा, संचार मद में 03 प्रतिशत एवं राज्य स्तर पर 05 प्रतिशत व्यय किये जाने का प्रावधान है, जिसमें 4.5 प्रतिशत जिले का (3.75 आई.ई.सी. मद में, 0.75 ट्रेनिंग मद में) एवं 0.5 प्रतिशत राज्य स्तर पर (0.25 आई.ई.सी मद, 0.25 ट्रेनिंग मद में) व्यय का प्रावधान है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) कार्यवार व्यय राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। राशि का व्यय राज्य जल एवं स्वच्छता मिशन भोपाल द्वारा किया गया है। एजेंसीवार भुगतान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार है।
नि:शक्त बालक/बालिकाओं के लिये विशेष विद्यालय
41. ( क्र. 2068 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राज्य शासन द्वारा नि:शक्त बालक/बालिकाओं के लिये विशेष विद्यालय, संस्थाएं संचालित किय गये हैं? (ख) शहडोल संभाग के किन-किन जिलों में दृष्टि एवं श्रवण बाधित बच्चों के लिये कक्षा 1 से 12वीं तक विशेष विद्यालय संचालित है? विद्यालय का नाम, स्थान व जिले का नाम, संचालित वर्ष, प्रत्येक विद्यालय में अध्ययनरत् दृष्टि एवं श्रवणबाधित बच्चों की संख्या क्या है? इन विद्यालयों में पदों की पूर्ति की जानकारी देवें? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार संचालित वर्ष से प्रश्न दिनांक तक प्रत्येक विशेष विद्यालय में किये जा रहे व्यय व दृष्टि एवं श्रवणबाधित बालक/बालिकाओं को मिलने वाली सुविधाओं के संबंध में शासन निर्देशों की जानकारी उपलब्ध करावें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश ’’ख’’ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नष्ट हुई फसलों के मुआवजा
42. ( क्र. 2246 ) श्री विजयपाल सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र सोहागपुर अंतर्गत प्रत्येक हल्कों में 25 से 30 प्रतिशत सोयाबीन की फसल में किसानों के नाम पटवारी द्वारा छोड़ दिये गये हैं जबकि उनका वास्तविक नुकसान हुआ है इस संबंध में क्या कार्यवाही की जा रही है? (ख) क्या पटवारी एवं राजस्व निरीक्षकों द्वारा मनमाने ढंग से सर्वे कर किसानों के खातों में कहीं कम कहीं ज्यादा राशि डाली गई इस विसंगति के लिये कौन जिम्मेदार है? शासन की गाईड लाईन अनुसार राशि क्यों नहीं डाली गई है तथा पटवारी एवं आर.आई. पर क्या कार्यवाही की जायेगी? (ग) क्या किसान द्वारा अनेकों बार खाता नंबर दिये जाने के बावजूद भी राशि उनके खाते में नहीं डाली जा रही है एवं किसान द्वारा जो जमीन वर्षों पूर्व खरीदी गई है जिसकी वहीं पर वर्तमान क्रयकर्ता किसान का नाम होने के बावजूद भी मुआवजे की राशि पूर्व के विक्रयकर्ता किसान के नाम पर आवंटित की जा रही है तथा जिन किसानों के पूर्वज वर्षों पूर्व फौत हो चुके हैं एवं वही पर वर्तमान में उनके वारिसों के नाम होने के बावजूद भी मुआवजा राशि उनके पूर्वजों के नाम पर आवंटित की जा रही है उक्त विसंगतियों को दूर करने हेतु क्या कार्यवाही की गई है? (घ) क्या उक्त सभी अनियमितताओं को लेकर क्षेत्रीय विधायक द्वारा कलेक्टर होशंगाबाद को जानकारी एवं गाईड लाईन उपलब्ध कराने हेतु पत्र प्रेषित किया गया है? परन्तु अभी तक सर्वे की ग्रामवार जानकारी अपर्याप्त है जानकारी देने में विलंब क्यों हुआ है? संपूर्ण विधानसभा क्षेत्र सोहागपुर में पीडि़त किसानों के कितने मुआवजा प्रकरण शेष है? इनकी मुआवजा राशि कब तक वितरण कर दी जायेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) विधानसभा क्षेत्र सोहागपुर अंतर्गत सभी आने वाले ग्रामों में जहां सोयाबीन फसल बोई गई थी का सर्वे दल द्वारा विधिवत सर्वेक्षण किया गया। किसी भी पात्र कृषकों का नाम नहीं छोड़ा गया। (ख) फसल क्षति का सर्वे राजस्व, कृषि, पंचायत विभाग के अधिकारियों/कर्मचारियों के संयुक्त दल के माध्यम से कराया गया है। सर्वे में कहीं भी मनमानी नहीं की गई है। सर्वे पश्चात सभी किसानों को राजस्व पुस्तक परिपत्र 6-4 के मानदण्डानुसार राहत राशि प्रदान की गई है। (ग) प्रभावित कृषकों से प्राप्त बैंक खातों में ही ई-पेमेंट के माध्यम से ही राहत राशि का भुगतान किया गया है। राहत राशि वितरण के पूर्व क्षति पत्रक को ग्राम पंचायत से भी प्रमाणित कराया गया है। (घ) राहत राशि वितरण में किसी भी प्रकार की कोई अनियमितता नहीं की गई है। माननीय विधायक महोदय द्वारा राहत राशि के संबंध में लिखित अथवा मौखिक रूप से जो भी जानकारी चाही गई है। उसे उपलब्ध कराया गया है। सभी पात्र कृषकों को राहत राशि का वितरण किया जा चुका है। वर्तमान में कोई पात्र कृषक एवं प्रकरण शेष नहीं है।
फसलों की गलत प्रविष्टि होना
43. ( क्र. 2247 ) श्री विजयपाल सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि मध्यप्रदेश राजपत्र दिनांक 15 मई 2015 में प्रकाशित होशंगाबाद जिले के सोहागपुर, बाबई, केसला एवं होशंगाबाद तहसील में संलग्न पटवारी हल्कों के किसानों के रकबे में धान की फसल अंकित होने से किसानों को मुआवजा तथा बीमा क्लेम में राशि नहीं मिल पा रही है? (ख) यदि हाँ, तो इस त्रुटि का राजपत्र में सुधार कर किसानों के रकबे में सोयाबीन/मूंग कब तक संशोधित कर दिया जायेगा ताकि किसानों की नष्ट हुई फसल का मुआवजा/बीमा क्लेम मिल सके? (ग) प्रश्नांश (क) एवं प्रश्नांश (ख) के संबंध में उक्त हुई त्रुटि के सुधार हेतु क्या क्षेत्रीय विधायक द्वारा विभाग को पत्र लिखा गया है उस पर क्या कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) मध्यप्रदेश राजपत्र में हुई त्रुटि के लिये कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी जिम्मेदार हैं उन पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जायेगी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना केन्द्र एवं राज्य सरकार के सहयोग से तथा केन्द्र द्वारा प्राप्त दिशा निर्देशों के आधार पर एग्रीकल्चर इन्श्योरेन्स कम्पनी ऑफ इण्डिया लिमिटेड द्वारा क्रियान्वित की जा रही है। जिला कलेक्टरों द्वारा अधिसूचना जारी करने हेतु पटवारी हल्कावार 100 हेक्टर से अधिक बोये गये रकबों की जानकारी आयुक्त भू-अभिलेख ग्वालियर को प्रेषित की जाती है। उक्त जानकारी उनके अनुमोदन होने के पश्चात अधिसूचना में प्रकाशित की जाती है। यदि उक्त जारी अधिसूचना में किसी प्रकार का संशोधन किया जाना हो तो निर्धारित तिथि के पूर्व प्राप्त होने पर संशोधित अधिसूचना जारी की जाती है। 15 मई 2015 में प्रकाशित होशंगाबाद जिले की जारी अधिसूचना में किसी भी प्रकार का संशोधन प्राप्त न होने से संशोधित अधिसूचना जारी नहीं की गई है। (ख) किसानों की नष्ट हुई फसलों का मुआवजा राजस्व विभाग द्वारा दिया गया है। बीमित फसलों की जानकारी राजपत्र में अधिसूचित की गई है। संशोधित जानकारी समय-सीमा में प्राप्त न होने से एवं समयावधि निकल जाने से संशोधित अधिसूचना जारी किया जाना संभव नहीं है। (ग) इस संबंध में मान. क्षेत्रीय विधायक महोदय का पत्र क्रमांक 3605 दिनांक 29.10.2015 कलेक्टर महोदय को प्राप्त हुआ था जिसके पालन में उनके कार्यालयीन पत्र क्रमांक 1572 दिनांक 22.1.2016 को मान. विधायक महोदय को उपरोक्तानुसार जानकारी प्रेषित की गई। (घ) राजपत्र प्रकाशन में कोई त्रुटि नहीं हुई है क्योंकि जानकारी राजपत्र में अधिसूचित फसलों के प्रकाशन हेतु पटवारी हल्कों में 100 हेक्टर से अधिक क्षेत्र बोई जाने वाली फसलों की जानकारी फसल बोने के पूर्व भेजनी होती है। इस हेतु बीमित फसलों की जानकारी संबंधित पटवारी हल्कों में गत वर्ष बोई गई फसलों के आधार पर संबंधित पटवारी से जिला कलेक्टर अधीक्षक भू-अभिलेख को प्राप्त होती है। जानकारी प्राप्त होने पर उनके द्वारा ऑनलाईन सूची प्रकाशन हेतु उपलब्ध कराई जाती है। अत: कार्यवाही का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
इंदिरा आवास योजना
44. ( क्र. 2256 ) श्री शान्तिलाल बिलवाल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत वर्ष 2013-14 से अब तक जिला स्तर से एवं जनपद स्तर से कितने-कितने हितग्राहियों को इंदिरा आवास झाबुआ एवं रानापुर जनपद में स्वीकृत किये गये? (ख) उक्त स्वीकृत इंदिरा आवास प्रकरणों में कितने हितग्राहियों को राशि का भुगतान होकर कितने आवास पूर्ण हो चुके हैं? (ग) उपरोक्त इंदिरा आवास प्रकरणों में कितने आवास पूर्ण नहीं हुए है? नहीं हुए तो क्यों? (घ) शासन इन अपूर्ण इंदिरा आवासों को पूर्ण करने में क्या पहल कर रही है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत वर्ष 2013-14 से अब तक जिला स्तर से एवं जनपद स्तर से जनपद पंचायत झाबुआ में 2105 एवं जनपद पंचायत राणापुर में 1374 इंदिरा आवास स्वीकृत किये गये। (ख) उक्त स्वीकृत इंदिरा आवास प्रकरणों में जनपद पंचायत झाबुआ के 651 एवं जनपद पंचायत राणापुर के 434 हितग्राहियों को राशि का भुगतान किया गया जिसमें जनपद पंचायत झाबुआ में 651 एवं जनपद पंचायत राणापुर में 434 आवास पूर्ण हो चुके हैं। (ग) उपरोक्त इंदिरा आवास प्रकरणों में जनपद पंचायत झाबुआ में 1290 तथा जनपद पंचायत राणापुर में 795 आवास अपूर्ण हैं। हितग्राहियों को प्रथम किश्त जारी करने के उपरांत आवास सॉफ्ट में दरवाजा स्तर तक की निर्धारित मापदण्ड की फोटो आवास सॉफ्ट में अपलोड करने पर द्वितीय किश्त जारी की जाती है। द्वितीय किश्त के उपरांत हितग्राही द्वारा आवास पूर्ण कर आवास सॉफ्ट में पूर्ण आवास की फोटो अपलोड करने पर हितग्राही का आवास पूर्ण माना जाता है। इस कारण से आवास अभी भी अपूर्ण हैं। (घ) हितग्राहियों को आवास निर्माण का कार्य पूर्ण कराने के लिए ग्राम पंचायत स्तर पर पदस्थ ग्राम रोजगार सहायकों को प्रति-आवास दरवाजा स्तर तक पूर्ण कराने एवं आवास सॉफ्ट में फोटो अपलोड करने पर प्रति-आवास प्रोत्साहन राशि देने का प्रावधान किया गया है। राज्य स्तर से सतत् मॉनिटरिंग की जा रही है।
प्रधान मंत्री ग्राम सड़क योजना
45. ( क्र. 2275 ) श्रीमती इमरती देवी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्वालियर जिले में विकासखण्ड डबरा के अंतर्गत प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना अंतर्गत विगत 3 वर्ष से 31 दिसम्बर 2015 तक कहाँ से कहाँ तक कितनी राशि व्यय कर रोडों का निर्माण कार्य किस माह पूर्ण कराया तथा प्रत्येक कार्य की गारंटी अवधि कब तक है अथवा थी? इन रोडों की गारंटी अवधि में मरम्मत कार्य कराने हेतु कितनी-कितनी राशि ठेकेदार की रोकी गई अथवा भुगतान की गई कार्यवार बतायें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार उक्त रोडों में से कौन-कौन से रोड गारंटी अवधि में क्षतिग्रस्त हो जाने से मरम्मत कार्य पर कितनी-कितनी राशि का भुगतान किस ठेकेदार को किस माह किया गया तथा कितनी राशि मरम्मत कार्य हेतु उपलब्ध है प्रत्येक कार्यवार पृथक-पृथक बतावें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार उक्त् सड़कों में से केवल एक सड़क डबरा सिंहपुर रोड से गजापुर गांरटी अवधि में भारी वाहनों के आवागमन के कारण क्षतिग्रस्त है। इस सड़क की मरम्मत हेतु रूपये 4.34 लाख की राशि उपलब्ध थी। निर्माण कार्य पूर्ण होने के तुरन्त पश्चात् रेत खदानों से भारी वाहनों के परिवहन किये जाने से सड़क मरम्मत योग्य नहीं होने से ठेकेदार द्वारा मरम्मत कार्य नहीं कराये जाने के कारण कोई भुगतान नहीं किया गया है। वर्तमान में इस सड़क के उन्नयन का कार्य कराया जा रहा है।
मुआवजा वितरण में अनियमिता
46. ( क्र. 2299 ) श्री अरूण भीमावद : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दिनांक 14 एवं 15 फरवरी 2015 में विकासखण्ड मो. बड़ोदिया जिला शाजापुर के 90% ग्रामों में संतरे की फसलें ओलावृष्टि के कारण नष्ट हो जाने के कारण मान. मुख्यमंत्री म.प्र. शासन ने प्रति पेड़ के मान से किसानों को मुआवजा वितरण की स्वीकृति प्रदाय की गई थी? (ख) क्या राजस्व विभाग के अधिकारी/ कर्मचारियों द्वारा संतरा फसलों का मुआवजा अपात्र किसानों को वितरण किये जाने पर मान. मंत्री जी द्वारा जाँच के निर्देश दिये गये थे? (ग) यदि हाँ, तो मुआवजा वितरण में हुई अनियमिताओं के लिए कौन-कौन से राजस्व विभाग के अधिकारी/कर्मचारी दोषी पाये गये है? (घ) दोषी राजस्व अधिकारी/कर्मचारी पर जाँच के उपरांत क्या कार्यवाही हुई? यदि नहीं, हुई तो कब तक दोषियों के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही कब तक की जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी नहीं, विधानसभा क्षेत्र शाजापुर के विकासखण्ड मो. बडोदिया में दिनांक 14 एवं 15 फरवरी को ओलावृष्टि नहीं हुई थी, अपितु मो. बडोदिया क्षेत्र में दिनांक 12 से 15 मार्च 2015 में ओलावृष्टि/असामयिक वर्षा हुई थी जिससे क्षेत्र के 60 ग्रामों में संतरे सहित अन्य रबी मौसम की फसलों को क्षति हुई थी। जी हाँ, मान. मुख्यमंत्री जी द्वारा तहसील मो. बडोदिया के भ्रमण के दौरान संतरा के लिए 500 रूपये प्रति पेड़ के मान से प्रभावितों को राहत राशि देने की घोषणा की गई थी। (ख) जी हाँ, संतरा फसलों की राहत राशि वितरण अपात्र कृषकों को की जाने संबंधी त्रुटि पाये जाने पर मान. प्रभारी मंत्रीजी द्वारा जाँच के निर्देश दिये गये थे। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में जाँच उपरान्त तीन पटवारी दोषी पाये गये एवं तात्कालीन तहसीलदार एवं अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) द्वारा भी लापरवाही बरती गई। (घ) दोषी अधिकारियों/कर्मचारियों को कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया। तीन पटवारियों की दो-दो वार्षिक वेतन वृद्धि रोकी गई एवं एक पटवारी के विरूद्ध विभागीय जाँच संस्थित की गई।
जिला जनपद एवं ग्राम पंचायतों द्वारा कराये गये विकास कार्य
47. ( क्र. 2345 ) श्री रामकिशन पटेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रायसेन जिला स्थित जिला पंचायत, जनपद पंचायत व ग्राम पंचायतों द्वारा वर्ष 2012-13 से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन से विकास कार्य कराये गये? कार्य नाम, लागत, कार्यकारी एजेन्सी का नाम आदि जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) उक्त कार्यों हेतु किस-किस फर्म से क्या-क्या सामग्री क्रय की गई व क्रय सामग्री हेतु कितना-कितना भुगतान उक्त फर्मों को किया गया?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एवं (ख) जानकारी संकलित की जा रही है।
पट्टे की जमीन की बिक्री
48. ( क्र. 2346 ) श्री रामकिशन पटेल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रायसेन जिले में वर्ष 2013-14 से जून 2015 तक अनुसूचित जाति, पिछड़े वर्ग के पट्टे की जमीन बिक्री अनुमति हेतु कितने आवेदन प्राप्त हुए, कितनी में अनुमति दी गई, कितने निरस्त हुए? (ख) उक्त प्रकरणों में अनुमति की क्या शर्तें रखी गई तथा आवेदन निरस्ती के क्या कारण रहे प्रकरणों में शर्तों के उल्लंघन पर क्या कार्यवाही के निर्देश दिये गये थे? (ग) क्या उक्त बिक्रीत भूमि में शर्तों के उल्लंघन पर बिक्री शून्य घोषित करने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो उनकी निगरानी की जिम्मेदारी किन-किन अधिकारियों को दी गई?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) कुल 04 आवेदन पत्र प्राप्त हुए। किसी में अनुमति नहीं दी गई, चारों आवेदन निरस्त हुए। (ख) सभी आवेदन पत्र म.प्र.भू-राजस्व संहिता की धारा 158, 182, एवं 165 में दिये गये विधि प्रावधानों के अनुरूप न होने से निरस्त किये गये। शेष प्रश्नांश उद्भूत नहीं होता। (ग) उत्तरांश ‘‘ग‘‘ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उद्भूत नहीं होता है।
कृषि उपज मण्डी समिति के अध्यक्ष के विरूद्ध अविश्वास
49. ( क्र. 2379 ) श्री गोवर्धन उपाध्याय : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सिरोंज विधानसभा क्षेत्र के लटेरी कृषि उपज मण्डी समिति के अध्यक्ष के विरूद्ध अविश्वास प्रस्ताव पारित हुआ है, यदि हाँ, तो किस तारीख को पारित हुआ है? (ख) क्या कृषि उपज मण्डी समिति लटेरी के अध्यक्ष पद पर मतदान की दिनांक बार-बार स्थगित की गई है? यदि हाँ, तो स्थगित करने का क्या कारण हैं और किस तारीख को मतदान कराया जावेगा? (ग) क्या कृषि उपज मण्डी समिति लटेरी में सदस्यों द्वारा मण्डी अध्यक्ष के विरूद्ध अविश्वास प्रस्ताव पारित होने के उपरांत भी मण्डी में दो नये सदस्यों की नियुक्ति की गई है? यदि हाँ, तो क्या यह नियमानुसार है? यदि नहीं, तो दोषियों पर क्या कार्यवाही की जावेगी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी नहीं। (ख) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। अविश्वास प्रस्ताव पारित नहीं हुआ। मंडी समिति में नये सदस्यों की नियुक्ति/नाम निर्देशन म.प्र. कृषि उपज मंडी अधिनियम, 1972 की धारा -11 (1) के खंड (घ) (ड.) (ज) (ञ) के अनुसार कलेक्टर/जिला निर्वाचन अधिकारी द्वारा किये जाने का प्रावधान है, जिसके अंतर्गत कार्यवाही की गई है, इसलिये दोषियों पर कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्राकृतिक प्रकोप से हुई फसल क्षति का मुआवजा
50. ( क्र. 2535 ) श्री हितेन्द्र सिंह ध्यानसिंह सोलंकी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राज्य शासन द्वारा मध्यप्रदेश के किसानों को किसानों की फसल क्षति में तत्कालिक आर्थिक सहायता राशि देने के प्रावधान किए गए हैं? यदि हाँ, तो नियम की जानकारी दी जावे? (ख) वर्ष 2015 बड़वाहा विधान सभा क्षेत्र में कितने किसानों की फसलों का नुकसान हुआ है एवं किसानों को हुई फसल क्षति का मुआवजा वर्तमान तक कितनी राशि का भुगतान किया गया है एवं कितनी राशि का भुगतान किया जाना शेष है? (ग) बड़वाहा विधान सभा क्षेत्र में किसानों को हुई फसल क्षति से दिये गये भुगतान के अलावा कितने आवेदन-पत्र लंबित है? इन प्राप्त आवेदन-पत्रों पर विभाग द्वारा मुआवजा देकर समय-सीमा में क्या कार्यवाही कब तक की जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ, राजस्व पुस्तक परिपत्र 6-4 में प्रावधान किया गया है। (ख) बड़वाह विधानसभा क्षेत्रांतर्गत तहसील बड़वाह एवं सनावद के कुल 10983 किसानों को मिर्च फसल क्षति हेतु राहत राशि रूपये 10,62,08,787/- (रूपये दस करोड़ बासठ लाख आठ हजार सात सौ सतासी) का भुगतान बैंक खातों के माध्यम से किया गया है। कोई भी किसान भुगतान हेतु शेष नहीं है। (ग) बड़वाह विधानसभा क्षेत्रांतर्गत राहत राशि वितरण के संबंध में 4462 आवेदन पत्र प्राप्त हुये थे। आवेदन पत्रों की पटवारियों से जाँच करायी गई। जाँच उपरांत अपात्र पाये जाने से आवेदन पत्र नस्तीबद्ध किये गये।
पुल निर्माण
51. ( क्र. 2582 ) श्री दिव्यराज सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिरमौर विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत जवा से जनकहाई पहुँच मार्ग में ग्राम जनकहाई की आदेश नदी की पुलिया कब से क्षतिग्रस्त हैं, पुलिया का निर्माण क्यों नहीं कराया गया? क्या दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही की जायेगी यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों नहीं? (ख) प्रश्नांश (क) के ही संदर्भ में - क्या उक्त पुलिया का निर्माण कार्य विभाग द्वारा पुन: कराया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) सिरमौर विधानसभा क्षेत्र में जनकहाई पहुँच मार्ग पर आदेश नदी नहीं है। अपितु जनकहाई घाट पर उदरा नाले पर लोक निर्माण विभाग द्वारा निर्मित पुलिया वर्ष 2001 से क्षतिग्रस्त है, उक्त पुलिया के स्थान पर बड़े पुल का निर्माण होना है। लोक निर्माण विभाग के दोषी अधिकारियों के विरूद्ध विभागीय जाँच प्रचलन में है। (ख) उत्तरांश (क) के प्रकाश में उक्त पुलिया के स्थान पर बड़े पुल का निर्माण किया जाना है जिसका प्रस्ताव प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत भारत सरकार को प्रेषित किया गया है, स्वीकृति अपेक्षित है। स्वीकृति प्राप्त होने पर निर्माण कराया जा सकेगा, निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
अपात्र सदस्य को पद से पृथक किया जाना
52. ( क्र. 2623 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2009-10 में पंजीयक सहकारी संस्थाएं म.प्र. भोपाल एवं संयुक्त पंजीयक सहकारी संस्थाएं ग्वालियर को श्री रामकुमार कौरव निवासी ग्राम खूजा जिला भिण्ड को दुग्ध उत्पादक सहकारी संस्था मर्यादित बरथरा की प्राथमिक सदस्यता से हटाया जाकर दुग्ध संघ के प्रतिनिधि पद से पृथक किए जाने के संबंध में प्रश्नकर्ता द्वारा दिनांक 14 दिसम्बर 2015 को पूछे गए प्रश्न क्रमांक 1190 के परिप्रेक्ष्य में क्या जांचोपरांत उपायुक्त सहकारिता भिण्ड ने अपने पत्र क्रमांक 10.12.2015 से तथ्यात्मक जाँच प्रतिवेदन संलग्न कर आयुक्त सहकारिता एवं संयुक्त पंजीयक, सहकारी संस्थाएं ग्वालियर को भेजा गया था जिसमें श्री रामकुमार कौरव, दुग्ध समिति के उपनियम के अनुसार दुग्ध उत्पादक सहकारी संस्था मर्यादित बरथरा तहसील लहार के सदस्य रहने के लिए पात्र नहीं है, का उल्लेख किया गया था? (ख) यदि हाँ, तो जाँच उपरांत दुग्ध उत्पादक सहकारी संस्था मर्यादित बरथरा के सदस्य के रूप में अपात्र साबित किए जाने के बाद भी श्री रामकुमार कौरव को अभी तक पद से पृथक क्यों नहीं किया गया तथा इसके लिए कौन जिम्मेदार है? क्या उक्त संबंध में उच्च स्तरीय एवं निष्पक्ष जाँच कराई जाकर दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की जाएगी एवं अपात्र सदस्य को पद से पृथक किया जाएगा? यदि हाँ, तो कब तक? (ग) उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में दुग्ध सहकारी संस्था बरथरा के अध्यक्ष द्वारा नियम विरूद्ध श्री रामकुमार कौरव को बरथरा संस्था से अवैध सदस्यता देकर दुग्ध संघ ग्वालियर को प्रतिनिधि बनाने की जाँच कर संस्था अध्यक्ष एवं सचिव के विरूद्ध कार्यवाही की जाएगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) श्री राम कुमार कौरव को अपात्र होने से आवश्यक कार्यवाही हेतु उप आयुक्त, सहकारिता जिला भिण्ड द्वारा दिनांक 19.02.2016 को प्राथमिक दुग्ध उत्पादक सहकारी समिति मर्यादित बरथरा जिला भिण्ड के संचालक मण्डल को निर्देशित किया गया है, अपात्र सदस्य के विरूद्ध कार्यवाही की जा रही है। अतः जाँच की आवश्यकता नहीं है, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। परीक्षणोपरांत कार्यवाही की जाएगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
विधानसभा क्षेत्र पनानगर में ग्रामीण यांत्रिकी सेवा जबलपुर के द्वारा भुगतान
53. ( क्र. 2658 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पनागर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत ग्रामीण यांत्रिकी सेवा जबलपुर के माध्यम से वर्ष 2014-15 में विधायक निधि से विभिन्न निर्माण कार्य कराये गये हैं? (ख) क्या अधिकांश कार्यों का भुगतान ठेकेदारों को नहीं किया गया है? (ग) यदि हाँ, तो क्या शासन स्तर पर आवंटन का अभाव है? यदि नहीं, तो भुगतान न होने के लिए कौन जवाबदार है? (घ) प्रश्नांश (ख) के अनुसार लंबित भुगतान कब होगा? समय-सीमा बतावें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। प्रश्नांश ''क'' में उल्लेखित कार्यों का आवंटन फरवरी 2016 में प्राप्त होने से सभी संबंधित ठेकेदारों को भुगतान कर दिये गये हैं। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जानकारी उत्तरांश (ख) अनुसार। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अतिक्रमण हटाया जाना
54. ( क्र. 2673 ) चौधरी चन्द्रभान सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि रीवा जिले की तहसील हनुमना के पटवारी हल्का लासा स्थित खसरा नम्बर 364 रकबा 8 डिसमिल, खसरा नम्बर 331 रकबा 23 डिसमिल, खसरा नम्बर 335/3 रकबा 4 डिसमिल पर शासकीय आम रास्ता है? (ख) क्या उक्त रास्ते पर स्थानीय दबंगों द्वारा आम रास्ते पर अतिक्रमण कर उसको सकरा कर दिया गया है यदि हाँ, तो उक्त रास्ते का अतिक्रमण से मुक्त कराने हेतु क्या कार्यवाही की गई? यदि हाँ, तो क्या? (ग) यदि नहीं, तो कब तक उक्त रास्ते को अतिक्रमण से मुक्त करा लिया जायेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ रास्ते पर बाडी लगाकर रास्ता संकरा कर लिया गया है, किन्तु रास्ता चालू है। रास्ते के अंश भाग पर किये अतिक्रमण को हटाने हेतु म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 248 के तहत तहसीलदार हनुमना के न्यायालय में कार्यवाही प्रचलित है। (ग) उत्तरांश ‘‘ख‘‘ में वर्णित न्यायालयीन प्रक्रिया पूर्ण होने पर रास्ते को अतिक्रमण मुक्त करा लिया जावेगा।
अंशदायी भविष्य निधि कटोत्रे में अन्तर
55. ( क्र. 2703 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला पंचायत धार के मूल कर्मचारी तथा संविलियन कर्मचारियों का सी.पी.एफ. कटौत्रा व संस्था का भाग एक ही नियम व अनुपात अनुसार जमा किया जा रहा है? यदि नहीं, तो एक ही कार्यालय के कर्मचारियों के लिये पृथक-पृथक अनुपात में क्यों जमा किया जा रहा है, कारण बतावें? (ख) क्या शासन इस प्रकार के अंतर को समाप्त करेगा? यदि हाँ, तो कब तक बतावें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जिला पंचायत धार के अंतर्गत अन्य कर्मचारियों का संविलियन नहीं हुआ है। जिला पंचायत के मूल कर्मचारियों का सी.पी.एफ कटौत्रा एवं संस्था का भाग नियम एवं अनुपात अनुसार जमा किया जा रहा है। (ख) प्रश्नांश ‘क‘ के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
रोजगार सहायकों की संविदा वृद्धि
56. ( क्र. 2704 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या धार जिले में रोजगार सहायकों की संविदा अवधि में वृद्धि करने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो धार जिले में कार्यरत रोजगार सहायकों की संविदा अवधि वृद्धि की गई है? (ख) यदि नहीं, की गई है तो इन्हें वेतन किन नियमों के तहत भुगतान किया जा रहा है? इस वित्तीय अनियमितता के लिए कौन-कौन अधिकारी कर्मचारी उत्तरदायी है? इनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। धार जिले में कार्यरत ग्राम रोजगार सहायकों की संविदा अवधि में शासन निर्देशानुसार वृद्धि की जाने का प्रावधान है। जी नहीं। कार्यरत ग्राम रोजगार सहायकों की संविदा अवधि में शासन निर्देशानुसार वृद्धि की जाने की प्रक्रिया प्रचलन में है। (ख) जिले की समस्त जनपद पंचायत क्षेत्रांर्गत कार्यरत ग्राम रोजगार सहायकों की संविदा अवधि वृद्धि की जाने की प्रत्याशा में उपस्थिति के आधार पर मानदेय भुगतान किया जा रहा है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नव गठित आगर-मालवा जिले में विभागों की जानकारी
57. ( क्र. 2759 ) श्री गोपाल परमार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नव गठित आगर-मालवा जिला दिनांक 16.08.2013 से प्रभावशील हो गया है? प्रश्नांक दिनांक तक आगर-मालवा जिले में कितने विभागों की पदस्थापना सेट अप स्वीकृत हो चुके हैं? कितने विभागों की स्वीकृति होना शेष है? कब तक कर दिये जायेंगे समय-सीमा बतावें? (ख) शासन द्वारा किन-किन विभागों की स्वीकृति के बाद अधिकारी/ कर्मचारियों की पदस्थापना की गई है विभागवार पदस्थ अधिकारी/कर्मचारियों की सूची देवें? यदि नहीं, की गई है तो शासन कब तक पद पूर्ति कर देगा? (ग) प्रश्नांश दिनांक तक किन-किन कार्यालय को पद सेटअप/कार्यालय प्रमुख/आहरण संवितरण अधिकारों की स्वीकृति शासन द्वारा दी गई है सूची देवें? जिनको नहीं दिये गये है तो कब तक दिये जायेंगे समय-सीमा बतावें? (घ) नवगठित आगर जिले को वर्ष 2013-14 से विकास हेतु कितनी-कितनी राशि आवंटित की गई विभागवार सूची देवें किन-किन विभागों द्वारा कितनी-कितनी राशि व्यय की गई है बतावें?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। प्रश्नांश दिनांक तक 48 विभागों के सेट-अप स्वीकृत किये जा चुके हैं। 07 विभागों की स्वीकृति होना शेष है। समय-सीमा बताना संभव नहीं। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार पद पूर्ति हेतु समय-सीमा दी जाना संभव नहीं। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार।
पटवारी भर्ती प्रक्रिया
58. ( क्र. 2779 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रीवा जिले में सन् 2012 में पटवारी भर्ती की प्रक्रिया में आरक्षण एवं पटवारी विज्ञापन के नियमों का पालन न करके सामान्य अनारक्षित सीट की मैरिट से सभी महिलाओं को बाहर कर केवल पुरूषों की सूची जारी की गई थी? (ख) यदि हाँ, तो क्या सामान्य (अनरक्षित) सीट को सामान्य पुरूष के नाम से सम्बोधन कर सामान्य सीट से मैरिट महिलाओं को मैरिट सीरियल क्रमांक (2) (7) (13) (23) (27) पांचों महिलाओं को हटाकर सामान्य महिला सीट में रख दिया गया? जिससे सामान्य सीट में चयनित होने वाली महिलाएं मैरिट सूची से बाहर हो गयी? नियम सहित कारण बतावें? (ग) क्या सन् 2012 में पटवारी भर्ती की प्रक्रिया में आरक्षण की अन्य जिलों जबलपुर, सीधी, भोपाल आदि स्थानों में सामान्य (अनारक्षित) सीट में मैरिट सीरियल में महिलाओं को जगह दी गई है? यदि हाँ, तो रीवा जिले में क्यों नहीं दी गई नियम सहित कारण बतावें? (घ) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में प्रश्नांश (ग) के अनुसार आरक्षण रोस्टर को लागू कर आरक्षण प्रक्रिया में की गई त्रुटि में सुधार किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों कारण स्पष्ट करें?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी नहीं। रीवा जिले में सन् 2012 में पटवारी भर्ती की प्रक्रिया में आरक्षण एवं पटवारी विज्ञापन के नियमों का पालन आयुक्त भू-अभिलेख एवं बन्दोबस्त म.प्र. ग्वालियर द्वारा जारी विज्ञप्ति एवं दिशा निर्देशों तथा शासन के नियमों के अनुसार किया गया हैं। (ख) प्रश्नांश (क) का उत्तर नकारात्मक होने के कारण अन्य जानकारी दिये जाने की आवश्यकता प्रतीत नहीं होती, क्योकि म.प्र. शासन सामान्य प्रशासन विभाग मंत्रालय भोपाल के ज्ञाप क्रमांक सी/3-2/97/3/एक भोपाल दिनांक 18 फरवरी 1997 के अनुसार महिला आरक्षण में समानान्तरण आरक्षण (होरिजेन्टल आरक्षण) निर्धारित किया है जो नियमानुसार हैं। (ग) रीवा जिले में आरक्षण नियमों का पालन किया गया है तथा अन्य जिले जबलपुर,सीधी,भोपाल में भी आरक्षण नियमों का पालन किया गया है। (घ) आरक्षण प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की त्रुटि नहीं की गई है इसलिये सुधार का कोई प्रश्न ही नहीं उठता।
मुद्रण एवं स्टेशनरी खरीदी
59. ( क्र. 2804 ) श्री शंकर लाल तिवारी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला पंचायत सतना में मध्यान्ह भोजन योजना अंतर्गत विगत 04 वर्षों में मुद्रण एवं स्टेशनरी खरीदी में व्यापक अनियमितता की गयी है? (ख) वित्तीय वर्ष 2012-13, 13-14, 14-15 एवं 15-16 में कब-कब, किस-किस संस्था से, कितनी-कितनी सामग्री का मुद्रण/खरीदी की गई है? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) में वर्णित कार्यों का भुगतान एक ही संस्था को किया गया है? यदि नहीं, तो किन-किन संस्थाओं को कब-कब, कितना-कितना भुगतान किया गया है? (घ) उक्त अनियमित खरीदी/मुद्रण के लिये दोषी एम.डी.एम. प्रभारी एवं लेखाधिकारी के विरूद्ध शासन क्या कार्यवाही करेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जिला पंचायत सतना में मध्यान्ह भोजन योजना अंतर्गत विगत 04 वर्षों में मुद्रण एवं स्टेशनरी खरीदी का परीक्षण कराया जा रहा है। (ख) वित्तीय वर्ष 2012-13, 13-14, 14-15 एवं 15-16 में मुद्रण/खरीदी की गई सामग्री की तिथि, संबंधित संस्था एवं मुद्रित सामग्री का विवरण जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। प्रश्नांश ‘ख’ अनुसार वर्णित कार्यों का संस्थाओं को भुगतान की गई राशि एवं तिथियों का विवरण जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) उत्तरांश ‘क’ के परिप्रेक्ष्य में परीक्षण कराया जा रहा है।
विभागों में अधिकारी एवं कर्मचारियों की पूर्ति
60. ( क्र. 2873 ) श्री गोपीलाल जाटव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला अशोकनगर को बने हुये काफी समय व्यतीत हो गया है, किंतु अभी भी यहां सभी विभागों में अधिकारी एवं कर्मचारियों की कमी बनी हुई है, जिससे शासन की योजनाओं का क्रियान्वयन नहीं हो पा रहा है? (ख) यदि हाँ, तो जिला अशोकनगर में कब तक अधिकारियों, कर्मचारियों की कमी को पूरा कर लिया जायेगा? समय-सीमा बतायें?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी नहीं। (ख) स्वीकृत पदों के विरूद्ध रिक्त पदों को भरने की कार्यवाही नियमानुसार की जाएगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं।
कलेक्टर कार्यालय उज्जैन में अधीक्षक के पद की पूर्ति
61. ( क्र. 3019 ) श्री सतीश मालवीय : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कलेक्टर कार्यालय जिला उज्जैन में अधीक्षक का पद रिक्त है? यदि हाँ, तो किस दिनांक से रिक्त है? पद रिक्त होने की स्थिति में कार्य प्रभावित हो रहा है अथवा नहीं? कलेक्टर द्वारा पद पूर्ति हेतु क्या कार्यवाही की गई जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) क्या वर्तमान प्रभारी अधीक्षक का शासकीय सेवा में प्रथम नियुक्ति आदेश कलेक्टर उज्जैन के द्वारा जारी नहीं किया हुआ है? (ग) क्या प्रभारी अधीक्षक पूर्व में शासकीय अधिवक्ता कार्यालय में कार्यरत रहे है? यदि हाँ, तो कब से कब तक कार्य किया गया? (घ) क्या वर्तमान में प्रभारी अधीक्षक का नाम कलेक्टोरेट कर्मचारियों की वरिष्ठता क्रम सूची में स्थापना शाखा के लिपिकों द्वारा षडयंत्र पूर्वक लाभ पहुँचाने के लिए डाला जाकर सहायक ग्रेड-3 से सहायक ग्रेड-2 एवं अधीक्षक के पद पर पदोन्नति कराई गई है? यदि हाँ, तो कलेक्टर द्वारा दोषी अधिकारी/कर्मचारियों पर क्या कार्यवाही की जावेगी? समय-सीमा बतावें?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। 01.01.14 से रिक्त है। जी नहीं, सहायक अधीक्षक द्वारा कार्य संपादित किया जा रहा है, शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता। (ख) जी हाँ। (ग) जी हाँ, दिनांक 04.10.89 से 12.10.13 तक कार्यरत रहे हैं। (घ) जी नहीं, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सहायक यंत्रियों ग्रामीण यांत्रिकी सेवा, मनरेगा के स्थानांतरण
62. ( क्र. 3020 ) श्री सतीश मालवीय : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला पंचायत उज्जैन में एक वर्ष की अवधि में सहायक यंत्रियों ग्रामीण यांत्रिकी सेवा मनरेगा के कितने स्थानांतरण किये गये? जनपदवार, तिथिवार सूची उपलब्ध करावे एवं शासन के सहायक यंत्रियों ग्रामीण यांत्रिकी सेवा, मनरेगा के स्थानांतरण के क्या नियम हैं? नियम उपलब्ध करावें? (ख) क्या सहायक यंत्रियों के स्थानांतरण माननीय पंचायत मंत्री महोदय पंचायत एवं ग्रामीण अथवा प्रभारी मंत्री के अनुमोदन से किये गये? यदि नहीं, तो क्या स्थानांतरण नियम विरूद्ध किये गये हैं? (ग) क्या नियम विरूद्ध किये गये स्थानांतरण करने वाले अधिकारियों पर शासन कोई कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जिला पंचायत उज्जैन द्वारा पिछले एक वर्ष में चार सहायक यंत्रियों का जिला स्तर पर मुख्यालय परिवर्तन किया गया हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। (ख) जी हाँ। प्रभारी मंत्री से अनुमोदन लिया गया हैं। (ग) प्रश्नांश ''ख'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
लोक सेवा गारंटी केन्द्रों पर सेवा शुल्क का निर्धारण
63. ( क्र. 3050 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. में लोक सेवा गारंटी केन्द्रों के माध्यम से खसरा, बी.1 एवं अक्स (नक्शा) की प्रति लेने पर कितना-कितना शुल्क निर्धारित किया गया है? प्रति सर्वे नं. के अनुसार जानकारी देवें? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित शुल्क के कारण किसानों को खसरा, बी.1 एवं अक्स की एक सर्वे नं. से अधिक सर्वे नं. की प्रति लेने पर अत्याधिक शुल्क देना पड़ रहा है? क्या किसानों को आर्थिक भार से बचाने के लिए प्रति पेज के मान से शुल्क का निर्धारण किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब से? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित शुल्क को यदि कम नहीं किया जाता है तो क्या लोक सेवा गारंटी केन्द्रों को किसानों पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ डालने का अधिकार दिया गया है?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
नियम विरूद्ध ईटों की भट्टी का संचालन
64. ( क्र. 3116 ) श्री रामनिवास रावत : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनवरी 2015 से जून 2015 तक रायसेन जिले की रायसेन तहसील के किस ग्राम के किस किसान की निजी भूमि एवं ग्राम की शासकीय भूमि पर किसके द्वारा बनाई गई ईंट के किस दिनांक को राजस्व अथवा खनिज अधिकारी द्वारा प्रकरण बनाए? कितनी ईंट जप्त की गई? कितनी ईंटें किसके सुपुर्द सौंपी गई? कितनी ईंट स्थल पर ही नष्ट कर दी गई? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में किस दिनांक को कितने जुर्माने का आदेश किसके द्वारा दिया गया? उसमें से कितनी राशि का चेक प्राप्त किया? कितनी राशि किस दिनांक को नगद जमा करवाई, कितनी राशि जमा करवाया जाना शेष है, कितनी राशि का चेक किस दिनांक को बाउंस हुआ? (ग) भू-राजस्व संहिता 1959 एवं म.प्र. गौण खनिज नियम 1996 में ईंट को नष्ट किए जाने का अधिकार किस-किस धारा या कंडिका में किस-किस को दिया गया है? यदि यह अधिकार नहीं दिया गया तो ईंट किन प्रावधानों अनुसार नष्ट की गई? (घ) ईंट जप्त करने, सुपुर्दनामे पर दिए जाने की बजाए नष्ट किए जाने के लिए शासन किसे जिम्मेदार शासन ने क्या कार्यवाही की है? यदि नहीं, तो कारण बतावें व कब तक कार्यवाही की जावेगी? समय-सीमा बतावें?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
फसलों को हुए नुकसान की क्षतिपूर्ति
65. ( क्र. 3117 ) श्री रामनिवास रावत : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) माह अक्टूबर 2015 में ओलावृष्टि, तूफान एवं वर्षा से फसलों को हुए नुकसान का सर्वे कराए जाने के बाद श्योपुर जिलान्तर्गत कितनी-कितनी राहत राशि की मांग जिला कलेक्टरों द्वारा शासन से की? मांग के विरूद्ध में कितनी राशि जिले को उपलब्ध कराई गई? उक्त राशि में से प्रश्नांकित दिनांक तक कितनी राशि व्यय की जा चुकी है? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में जिला श्योपुर की तहसील विजयपुर, वीरपुर, कराहल, श्योपुर एवं बड़ौदा में अवर्षा, अल्पवर्ष एवं ओलावृष्टि से फसलों को हुए नुकसान की राहत राशि नहीं मिलने के कितने आवेदन प्रश्नांकित दिनांक तक प्राप्त हुए? इन आवेदकों को राहत राशि नहीं मिलने के क्या कारण है? क्या शासन इस प्रकार के समस्त आवेदनों की समीक्षा कर पात्र कृषकों को राहत राशि वितरण करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में मान. मुख्यमंत्री जी द्वारा नष्ट हुई फसलों के उपरांत प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर क्या-क्या घोषणायें की एवं प्रश्नांकित दिनांक तक जिला श्योपुर में मान. मुख्यमंत्री जी द्वारा की गई घोषणाओं का क्या-क्या लाभ कितने कृषकों को मिला है?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) माह अक्टूबर 2015 में ओलावृष्टि, अवर्षा एवं कीट-व्याधि से हुई फसल क्षति का सर्वे कराया गया। सर्वे उपरांत श्योपुर जिला को उनकी मांग अनुसार रूपये 1736.87 लाख (रूपये सत्रह करोड़ छत्तीस लाख सतासी हजार) की राहत राशि उपलब्ध करायी गई। संपूर्ण राशि प्रभावित पात्र कृषकों को वितरित की जा चुकी है। (ख) जिला श्योपुर की तहसील विजयपुर से 217 आवेदन प्राप्त हुये। सभी पात्र पाये जाने पर सभी को राहत राशि वितरण की जा चुकी है। तहसील श्योपुर में 208 आवेदन पत्र प्राप्त हुये थे। जाँच उपरांत 112 आवेदन पत्र पात्र होने से प्रभावितों को राहत राशि वितरित की जा चुकी है। शेष 96 आवेदन अपात्र पाये गये। तहसील वीरपुर, बड़ौदा, एवं कराहल से कोई भी आवेदन प्राप्त नहीं हुये। (ग) उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में माननीय मुख्यमंत्रीजी द्वारा जिला श्योपुर में कोई भी घोषणा नहीं की गई है।
प्रदेश में गरीबी रेखा से नीचे जीवन-यापन करने वाली आबादी के संबंध में
66. ( क्र. 3126 ) श्री रामनिवास रावत : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिसम्बर, 2011 की स्थिति में प्रदेश की कितनी आबादी गरीबी रेखा से नीचे निवास करती थी? यह प्रदेश की कुल आबादी का कितना प्रतिशत है? दिसम्बर, 2012-13 एवं दिसम्बर, 2014-15 की स्थिति में प्रदेश में बी.पी.एल. आबादी की कितनी-कितनी संख्या थी, बतावें? (ख) क्या वर्ष, 2011 के बाद से प्रदेश में गरीबी रेखा से नीचे जीवन-यापन करने वाली आबादी में वृद्धि हुई है? यदि हाँ, तो इसके क्या कारण हैं? क्या शासन की योजनाएं प्रदेश से गरीबी हटाने में विफल रही है? (ग) प्रश्नांश (क) की अवधि में श्योपुर जिले में बी.पी.एल. की कितनी आबादी है व वर्ष, 2009 से कितने-कितने नाम बी.पी.एल. सर्वे सूची में बढ़ाए गए, कृपया वर्षवार तहसीलवार बतावें? इनमें से कितने आवेदन प्राप्त कर व कितने सीधे बढ़ाए गए? (घ) प्रश्नांश (ख) अनुसार सर्वे सूची में बढ़ने वाले नामों में से कितने लोगों को खाद्यान्न पर्ची मिलने लगी है, कितनों को नहीं व सभी को कब तक प्रदाय कर दी जावेंगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) दिसम्बर, 2011 की स्थिति में प्रदेश में कुल 5468456 की आबादी गरीबी रेखा के नीचे निवास करती थी। यह प्रदेश की कुल आबादी का 7.53 प्रतिशत है। दिसम्बर, 2012-13 में कुल बी.पी.एल. आबादी 5618904 एवं वर्ष 2014-15 की स्थिति में कुल बी.पी.एल. आबादी 5781466 प्रदेश में बी.पी.एल. आबादी की संख्या थी। (ख) जी हाँ। गरीबी रेखा की सूची में नाम जोड़े जाने की प्रक्रिया निरंतर है तथा पूर्व में किए गये सर्वे में छूटे परिवारों एवं परिवार से पृथक हुये पात्र परिवारों के नाम जोड़े जाने के कारण संख्या में वृद्धि हुई है। जी नहीं, शासन की योजनाएं प्रदेश में गरीबी हटाने में विफल नहीं रही हैं। (ग) प्रश्नांश ‘क’ की अवधि (वर्ष 2014) में श्योपुर जिले में कुल 64220 बी.पी.एल. परिवार हैं। वर्ष 2009 से दिसम्बर, 2014-15 तक कुल 16436 नाम बी.पी.एल. सर्वे सूची में बढ़ाये गये हैं। वर्षवार, तहसीलवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। सभी नाम आवेदन प्राप्त होने पर पात्रता अनुसार बढ़ाये गये हैं। (घ) प्रश्नांश ‘ख’ अनुसार सर्वे सूची में वर्ष 2011 के बाद से वर्ष 2014 तक 12427 बढ़ने वाले नामों में से सभी लोगों को खाद्यान पर्ची प्रदाय की जा चुकी है।
हाट बाजार योजना
67. ( क्र. 3167 ) श्री सचिन यादव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला पश्चिम निमाड़ (खरगोन) में संचालित मुख्यमंत्री ग्राम हाट बाजार योजना के अंतर्गत कुल कितने हाट बाजारों के निर्माण की स्वीकृति प्रश्न दिनांक तक जारी की एवं इनमें से कितनों की निविदाएं स्वीकृत कर कार्य प्रारंभ किये और उनकी वर्तमान स्थिति क्या है? स्थान/ग्राम पंचायतवार जानकारी दें? (ख) क्या उक्त योजनांतर्गत हाट बाजार के प्रस्ताव तैयार करने के प्रक्रिया क्या है? कार्यवाहीवार प्रक्रिया अनुसार जानकारी दें? उक्त योजनांतर्गत जिला पश्चिम निमाड़ (खरगौन) में कुल कितने हाट बाजार के प्रस्ताव लंबित हैं? लंबित रहने के क्या कारण हैं? कितने-कितने प्रस्ताव पर कार्यवाही प्रचलित हैं? प्रश्न दिनांक तक जिलेवार, स्थान/ग्राम पंचायतवार जानकारी दें? (ग) उक्त योजनांतर्गत कसरावद विधानसभा क्षेत्रांतर्गत में कितने-कितने हाट बाजार का निर्माण किस-किस स्थान/ग्राम पंचायत में बनना है? कितने हाट बाजार के प्रस्ताव स्वीकृत किये गये? कितने लंबित हैं? लंबित रहने के क्या कारण हैं? इनकी स्वीकृति कब तक जारी की जायेगी? कितने हाट बाजार बनना शेष है? स्थान/ग्राम पंचायतवार बतायें? शेष के कारणों का उल्लेख करते हुए बतायें कि इन हाट बाजारों के निर्माण की स्वीकृति कब तक कर दी जायेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार। योजनान्तर्गत प्रश्न दिनांक तक लंबित प्रस्तावों, लंबित रहने के कारण एवं लंबित प्रस्तावों पर प्रचलित कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार। (ग) योजनान्तर्गत कसरावद विधानसभा क्षेत्र में जिला स्तर से स्वीकृत 04 हाट बाजार निर्माण कार्य, लंबित निर्माण कार्य एवं लंबित रहने के कारण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘स’ अनुसार। योजनान्तर्गत जिले से पूर्ण प्रस्ताव प्राप्त होने पर, योजना के दिशा-निर्देशानुसार कार्यवाही की जायेगी। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सहकारी समितियों का ऑडिट
68. ( क्र. 3278 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनुपपूर जिले के तहसील पुष्पराजगढ़ क्षेत्र अंतर्गत कुल कितने आदिम जाति सेवा सहकारी समितियां संचालित हैं? समितियों के नाम, स्थान एवं वर्तमान कार्यरत समिति (लैम्प) प्रबंधक का नाम, पदनाम तथा कब से समिति में कार्यरत है? किन-किन प्रबंधकों के विरूद्ध शिकायत एवं न्यायालयों में उनके विरूद्ध प्रकरण विचाराधीन है? प्रकरण सहित जानकारी देवें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार वर्ष 2012-13 से 2015-16 तक किन-किन सहकारी समितियों का ऑडिट वर्षवार किया गया? (ग) किन-किन लैम्प प्रबंधकों के विरूद्ध वसूली राशि बकाया है वसूली राशि की किन वर्षों में तय की गयी थी? उनसे आज दिनांक तक राशि न वसूलने का क्या कारण है? कब तक वसूला जाएगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) 08. समितियों के नाम, स्थान, वर्तमान कार्यरत समिति प्रबंधक का नाम, पद नाम तथा समिति में पदस्थी की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। समिति प्रबंधकों के विरूद्ध प्राप्त शिकायतें एवं न्यायालयीन प्रकरणों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) समितियों के अंकेक्षण के उपरांत किसी भी समिति में प्रबंधक से वसूली हेतु राशि बकाया नहीं है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत सड़कों का निर्माण
69. ( क्र. 3442 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में स्वीकृत (1) पार रोड से रामपुर (2) अमरौल रोड से झॉकरी (3) छीमक रोड से बेरनी (4) रानीघाट रोड से दुरसेंड़ी (5) जखौदा रोड से खुडावली (6) ए.बी. रोड से बेरखेडा डांग (कैंट तक) (7) छीमक जौरासी रोड से निहौना तक (8) बागवई मेहगांव रोड से सौंता खिरिया (9) छीमक रोड से पैरा (10) छीमक जौरासी रोड से खेड़ी ड़बरीया (11) छीमक दोनी रोड से रिझौरा रोडों के कब तक टेण्डर कराकर निर्माण करा लिया जावेगा? (ख) प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत 1 अप्रैल 2014 से प्रश्न दिनांक तक ग्वालियर जिले में कौन-कौन से निर्माण कार्य कितनी-कितनी लागत से कब स्वीकृत किये गये है? उन रोडों का निर्माण किस-किस ठेकेदार/एजेन्सी द्वारा किस-किस स्थान पर किस-किस यंत्री के सुपर वीजन में कराये गये है तथा कराये जा रहे है? उन निर्माण कार्यों की वर्तमान में भौतिक तथा वित्तीय स्थिति क्या है? (ग) क्या ग्राम पंचायत बडागांव जागरी के ग्राम ककेटो तहसील घाटीगांव तथा ग्राम पंचायत पनिहार के ग्राम गुनाह तहसील घाटीगांव एवं ग्राम पंचायत कछौआ तहसील चीनोर जो नवीन राजस्व ग्राम घोषित हुये है इन गांवों में आवागमन हेतु रोड नहीं है? क्या इन नवीन राजस्व ग्रामों में प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के नियमों अनुसार रोड बनाया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित सड़कों का निर्माण कार्य प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत स्वीकृत होकर निविदा प्रक्रिया प्रचलन में है। निविदा कार्यवाही पूर्ण होने के उपरांत एजेंसी निर्धारित होने पर कार्य प्रारंभ कराया जा सकेगा, निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ, जी नहीं, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत कोर नेटवर्क वर्ष 2001 की जनगणना के आधार पर स्वीकृत किया गया है एवं तत्समय घोषित पात्र राजस्व ग्रामों जिनकी जनसंख्या 500 एवं अधिक (सामान्य विकासखण्ड) तथा 250 एवं अधिक (आदिवासी विकासखण्डों) की जनसंख्या के घटते क्रम में जोड़ने का प्रावधान है। चूंकि उक्त ग्राम तत्समय राजस्व ग्राम घोषित नहीं थे। अतः कोर नेटवर्क में सम्मिलित नहीं होने के कारण उक्त ग्रामों को प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के नियमों के अनुसार जोड़ा जाना संभव नहीं है।
उज्जैन संभाग में परमिट दिये जाने में अनियमितता
70. ( क्र. 3471 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या परिवहन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में 100 किलोमीटर से अधिक दूरी के परमिट दिये जाने के क्या नियम हैं? क्या एक ही समय एक जैसे स्थलों के परमिट नीति अनुसार दिये जा सकते हैं? यदि हाँ, तो उज्जैन संभाग में ऐसे कितने परमिट एक ही समय के एक रूट पर है? (ख) प्रश्नांश (क) संदर्भित क्या उज्जैन संभाग में अधिकारियों की अनियमितता के चलते परमिटों के समय को लेकर लगातार विवाद हो रहे हैं, गत 1 जनवरी 2015 के बाद उज्जैन संभाग में कहाँ-कहाँ परिवहन विभाग के खिलाफ माननीय न्यायालय ने नोटिस दिये हैं? (ग) सिंहस्थ 2016 को लेकर उज्जैन संभाग परिवहन विभाग द्वारा कब-कब जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक की गयी तथा सिंहस्थ के दौरान किन-किन स्थलों से कितनी-कितनी बसों का संचालन किस-किस रूट पर किया जाएगा? इसकी समीक्षा किस-किस सक्षम अधिकारी ने कब-कब की? क्या सिंहस्थ के दौरान संभाग के समस्त टोल बूथ फ्री किये जायेंगे? यदि नहीं, तो टोल बूथ पर लंबी कतारों को संभालने के लिये परिवहन विभाग क्या व्यवस्था करेगा?
परिवहन मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) मोटरयान अधिनियम 1988 की धारा 72 एवं 87 के प्रावधानों के अनुरूप मध्यप्रदेश मोटरयान नियम 70 एवं 77 का पालन करते हुये स्टेज कैरिज यात्री बसों को परमिट दिये जाने का प्रावधान है। 100 कि.मी. से अधिक दूरी के परमिट दिये जाने के संबंध में मध्यप्रदेश मोटरयान नियम 1994 के नियम 77 में किये गये संशोधन की अधिसूचना दिनांक 24.11.2010 एवं 28.12.2015 की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार हैं। एक ही समय पर एक ही स्थल से प्रारंभ होने वाली यात्री बसों के लिये किसी मार्ग विशेष पर परमिट जारी करने में यद्यपि कोई कानूनी बंधन नहीं है लेकिन समय चक्र के टकराव को जनहित में यथासंभव टाला जाता है। उज्जैन संभाग में विभिन्न 220 रूटों के 1218 स्थाई अनुज्ञा पत्र जारी किये गये हैं। समस्त जारी परमिटों के प्रांरभिक स्थान पर समान समय चक्र आवंटित नहीं किये गये है। (ख) संभागीय परिवहन प्राधिकार उज्जैन के द्वारा बसों के परमिट जारी करने में नियमों की कोई अनियमितता नहीं की गई है। वाहन स्वामियों द्वारा अनुज्ञा प्राप्ति हेतु प्रस्तुत अनुज्ञा पत्रों पर खुली बैठक में सुनवाई कर अर्द्धन्यायिक प्रक्रिया के तहत गुण दोषों पर विचार कर, नियमानुसार आदेश पारित कर अनुज्ञायें जारी की जाती है। प्राधिकार के आदेश से व्यथित वाहन स्वामी मोटरयान अधिनियम 1988 की धारा 89 एवं 90 तथा मध्यप्रदेश मोटरयान नियम 1994 के नियम 142 के तहत सक्षम न्यायालय में अपील परीक्षण प्रस्तुत कर सकता है। जनवरी 2015 के पश्चात् उज्जैन संभाग में समय च्रक संबंधी कोई न्यायालयीन नोटिस प्राप्त नहीं हुआ है। (ग) सिंहस्थ 2016 की तैयारियों को लेकर उज्जैन जिले के माननीय प्रभारी मंत्री जी, आयुक्त/कलेक्टर की बैठकों में परिवहन विभाग की ओर से संभागीय उप परिवहन आयुक्त/क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी उपस्थित रहते है। परिवहन विभाग द्वारा पृथक से कोई बैठक आयोजित नहीं की जाती है। उज्जैन नगर में सिंहस्थ के दौरान विभिन्न स्थानों से यात्रियों के आवागमन का आंकलन परिवहन विभाग द्वारा किया जा चुका है। जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार है। टोल बूथ फ्री किये जाने या टोल बूथ पर लंबी कतारों को संभालने का कार्य परिवहन विभाग के कार्य क्षेत्र में नहीं है।
किसान सड़क निधि के प्रस्तावों को स्वीकृति
71. ( क्र. 3517 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रतलाम जिला अंतर्गत जावरा कृषि उपज मंडी प्रदेश एवं क्षेत्र की बड़ी मंडियों में गिनी जाती है? साथ ही यहां कृषि उपज आवक भी बढ़ी मात्रा में आती है? (ख) यदि हाँ, तो क्या अत्यधिक कृषि उपज आवक आने से शासन को बड़ी मात्रा में राजस्व की प्राप्ति होती है, इसी कारण अरनियापीथा नवीन मंडी को शासन उन्नत कर रहा है? (ग) यदि हाँ, तो अत्यधिक आवक एवं कृषकों की उपज का लाना ले जाना वाहनों द्वारा बहुतायत से होता है? क्या मंडी फोरलेन सड़क पर स्थित होने से दुर्घटनाएं लगातार होती रहती है? (घ) यदि हाँ, तो किसान सड़क निधि के द्वारा क्या (1) वरगढ़ फटे से ग्राम भैलाना फटा बायपास तक सड़क (2) अरनियापीथा से ग्राम रोजाना तक सड़क एवं (3) जावरा शहर से बेगमपुरा होते हुए अरनियापीथा सड़क के प्रस्ताव शासन/विभाग को प्राप्त हुए हैं? प्रस्तावों को कब तक स्वीकृति दी जाएगी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ। (ख) कृषि उपज मंडी समिति जावरा की वर्ष 2012-13 से 2015-16 (जनवरी 16) तक की आवक एवं आय की वर्षवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ। (घ) जी हाँ, किसान सड़क निधि से 3 सड़क कार्य प्रस्तावित है:- (1) बरगढ़ फटे से ग्राम भैलाना फटा बायपास तक सड़क। (2) अरनियापीथा से ग्राम रोजाना तक सड़क। (3) जावरा शहर से बेगमपुरा होते हुये अरनियापीथा सड़क। इन सड़क कार्यों के प्रस्ताव को किसान सड़क निधि के अंतर्गत साधिकार समिति की बैठक में प्रस्तावित एजेण्डा में सम्मिलित किया गया है। उपरोक्त समिति की बैठक की तिथि नियत नहीं है।
लोक सेवा प्रबंधन की समय-सीमा
72. ( क्र. 3518 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या परिवहन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश सरकार की लोक सेवा प्रबंधन योजना अत्यंत महती एवं महत्वपूर्ण होकर जन उपयोगी, कल्याणकारी योजना है? (ख) यदि हाँ, तो इसके अंतर्गत अनेक कार्यों को समय-सीमा में किया जाना सुनिश्चित किया जाकर समयावधि की अनिवार्यता रखी है, समय-सीमा का उल्लंघन होने पर दण्डात्मक कार्यवाही इत्यादि नियम भी बनाए गये हैं? (ग) यदि हाँ, तो किन-किन कार्यों को कितनी-कितनी समयावधि में कार्य किया जाना सुनिश्चित किया गया है और यदि समयावधि में कार्य नहीं होने पर किस-किस प्रकार की दण्डात्मक स्थितियों के नियम बनाए गये हैं? (घ) रतलाम जिला अंतर्गत वर्ष 2013-14, वर्ष 2014-15 एवं वर्ष 2015-16 के प्रश्न दिनांक तक कितने आवेदन किन-किन विभागों में प्राप्त होकर उन पर किस प्रकार की क्या कार्यवाहियां की गई?
परिवहन मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) लोक सेवा गारंटी अधिनियम के तहत अधिसूचित सेवाओं एवं उनके प्रदाय की समयावधि निर्धारित है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘’क’’ अनुसार है। यदि पदाभिहित अधिकारी अथवा प्रथम अपीलीय अधिकारी बिना पर्याप्त तथा युक्तियुक्त कारण से निश्चित समय-सीमा में सेवा प्रदान करने में विलंब करता है अथवा अपील का विनिश्चय करने में असफल होता है तो उसके विरूद्ध शास्ति रूपयें 250/- से 5000/- तक अधिरोपित करने का प्रावधान है। (घ) रतलाम जिला अंतर्गत वर्ष 2013-14, वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 के प्रश्न दिनांक तक विभागवार प्राप्त होने वाले आवेदनों एवं उसके निराकरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘’ख’’ अनुसार है।
नजूल की भूमि पर कब्जा
73. ( क्र. 3581 ) श्री रामलाल रौतेल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग में संधारित जानकारी के अनुसार क्या अनूपपुर जैतहरी, वैंकटनगर, राजेन्द्रग्राम में लोगों ने नजूल की भूमि पर अनेक वर्षों से कब्जा किया है? (ख) क्या शासन बेजा कब्जाधारियों का परीक्षण करके मालिकाना हक प्रदान करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) वर्तमान प्रचलित नीति अनुसार जाँच उपरांत नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी।
गुना जिले के शक्कर सहकारी कारखाना ग्राम नारायणपुरा को सहायता उपलब्ध कराना
74. ( क्र. 3653 ) श्रीमती ममता मीना : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शक्कर सहकारी कारखाना नारायणपुर, जिला गुना चालू दिनांक से प्रश्न दिनांक तक घाटे अर्थात मुनाफा कम खर्चा अधिक की स्थिति में कार्य कर रहा है? (ख) क्या प्रश्नांश (क) के लिये उत्तरदायी प्रबंधन है? यदि हाँ, तो क्या प्रबंधन के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी या इस कारखाने को सहायता प्रदान कर वित्तीय एवं प्रबंधकीय मदद दी जावेगी? (ग) प्रश्नांश (क) के कारखाने में गत 5 वर्षों में घाटे का क्या कारण है। कितना घाटा हुआ है? (घ) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कारखाना किसानों के भुगतान के कारण या अन्य प्रबंधकीय गलतियों के कारण वर्तमान या भविष्य में बंद हो गया या चालू रहेगा? कौन जिम्मेदार होंगे उन पर क्या कार्यवाही होगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं, वर्ष 2000-01 से 2003-04 एवं वर्ष 2009-10 से 2014-15 तक वार्षिक हानि में एवं वर्ष 2004-05 से 2008-09 तक वार्षिक लाभ में रहा है। (ख) उत्तरांश 'क' के परिप्रेक्ष्य में जी नहीं, प्रश्न उपस्थित नहीं होता, विभाग की ऐसी कोई योजना नहीं। (ग) कारखाना क्षमता अनुरूप गन्ना उपलब्ध न होना, गन्ने के भाव में हुई वृद्धि के अनुपात में शक्कर की कीमत में वृद्धि न होना, वर्ष 2013-14 एवं दिसम्बर 2014 से मार्च 2015 तक शक्कर के दामों में गिरावट। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) कारखाना चालू है, संचालन परिस्थितियों पर निर्भर करता है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सहकारी शक्कर कारखाना नारायणपुर के गन्ना किसानों को भुगतान
75. ( क्र. 3661 ) श्रीमती ममता मीना : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नारायणपुर सहकारी शक्कर कारखाना जिला गुना में निर्वाचित संचालक मण्डल द्वारा प्रबंधन होता है? (ख) क्या शक्कर कारखाने द्वारा गत वर्ष किसानों से लिये गन्ने का भुगतान नहीं हुआ है, कब तक होगा और इसके लिये कौन जिम्मेदार है? (ग) क्या प्रश्नांश (क) एवं (ख) के तथ्यों का गत 10 वर्षों की ऑडिट रिपोर्ट से हर वित्तीय वर्ष में घाटे को कम करने के उपाय विभाग ने किये हैं? क्या प्रबंधन का खर्चा अधिक है? (घ) यदि बतायें कि प्रश्न (क) (ख) एवं (ग) के लिये उत्तरदायी कौन है? क्या उन पर कार्यवाही करेंगे या शक्कर कारखाने को घाटे से उबारने हेतु वित्तीय मदद विभाग करेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) गन्ने का मात्र 30/- प्रति क्विंटल एवं भाड़ा का भुगतान सभी विक्रेता किसानों का लंबित रहा, आय अनुसार ब्याज सहित भुगतान निरतंर जारी है, समय-सीमा बताना सम्भव नहीं। शक्कर के दामों में गिरावट। (ग) वर्ष 2011-12, 2012-13 एवं 2013-14 में वित्तीय वर्ष में घाटे को कम करने के सुझाव ऑडिट रिपोर्ट में दिये गये हैं। घाटा कम करने हेतु उपाय करने का उत्तरदायित्व संचालक मण्डल का है। गन्ने की उपलब्धता में कमी तथा बाजार में शक्कर की कीमतों में गिरावट के कारण कारखाना को अपेक्षाकृत कम आय होने से प्रबंधन व्यय में कमी करने की आवश्यकता प्रतीत होती है। (घ) उत्तरांश 'क' 'ख' 'ग' अनुसार। जी नहीं, विभाग की ऐसी कोई योजना नहीं है।
कृषि विकास हेतु योजनाओं की जानकारी
76. ( क्र. 3690 ) श्री संजय शर्मा : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) तेंदुखेड़ा विधानसभा क्षेत्र में कृषि विकास हेतु कौन-कौन सी योजनायें संचालित हैं? (ख) इन योजनाओं के अंतर्गत विगत 2 वर्षों में कितने कृषकों को लाभांवित किया गया है? प्रश्नांश ‘क’ के संदर्भ में जानकारी प्रदान करें? (ग) आत्मा परियोजना द्वारा कृषि विकास हेतु वर्ष 2012-13 से 2015-16 तक कितनी राशि कौन-कौन से कार्यों हेतु खर्च की गई वर्षवार विवरण प्रदान करें? (घ) आत्मा परियोजना में विगत 2 वर्षों में कितनी राशि आवंटित हुई? मदवार जानकारी प्रदान करें?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) इन योजनाओं के अंतर्गत 13443 कृषकों को लाभान्वित किया गया है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है।
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना
77. ( क्र. 3691 ) श्री संजय शर्मा : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) तेंदुखेड़ा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक कितनी सड़कें प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत स्वीकृत हुई हैं? (ख) कितनी सड़कों का निर्माण पूर्ण हो चुका है? कृपया ग्रामवार जानकारी प्रदान करें। (ग) कितनी सड़कें कहाँ-कहाँ की अपूर्ण हैं? अपूर्ण सड़कों का निर्माण कब तक पूर्ण किया जावेगा? (घ) धीमी गति से कार्य करने वाले ठेकेदारों के विरूद्ध की गई कार्यवाही से अवगत करावें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) तेंदूखेड़ा विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2013-2014 से प्रश्न दिनांक तक कोई भी सड़क प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत स्वीकृत नहीं हुई है। (ख) उत्तरांश (क) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) उत्तरांश (क) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) उत्तरांश (क) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
खेत तालाब योजनांतर्गत अनुदान
78. ( क्र. 3707 ) श्री लखन पटेल : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दमोह जिले में तहसील दमोह, पथरिया एवं बटियागढ़ के किन-किन ग्रामों में कितने किसानों को वर्ष 2014-15 में खेत तालाब योजनांतर्गत अनुदान स्वीकृत किया गया? (ख) वर्ष 2015-16 में कितने किसानों से आवेदन प्राप्त हुए, कितने स्वीकृत हुए, कितने लंबित हैं? (ग) वर्ष 2015-16 में तहसीलवार, राजस्व मंडलवार कृषि विस्तार अधिकारीवार कितना लक्ष्य निर्धारित किया गया? (घ) 31 जनवरी 2016 तक वर्ष में लक्ष्य कितना प्रतिशत पूर्ण किया गया? शेष कब तक पूर्ण होगा?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) खेत तालाब योजना वर्ष 2008-09 से बंद है। वर्तमान में संचालित बलराम ताल योजनांतर्गत प्रश्न अनुसार चाही गई जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (ग) विकासखंडवार लक्ष्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। राजस्व मण्डलवार कृषि विस्तार अधिकारीवार लक्ष्य का निर्धारण नहीं किया जाता है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। जिले को आवंटित 300 बलराम तालाब के लक्ष्य की शत्-प्रतिशत पूर्ति हो चुकी है।
कीट व्याधि से प्रभावित फसलों
79. ( क्र. 3751 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र पनागर में खरीफ एवं रबी की फसलों में हर वर्ष कीट-व्याधि का प्रकोप होता है? (ख) यदि हाँ, तो प्रश्नांश (क) के अनुसार वर्ष 2013-14 एवं 2014-15 में फसलें प्रभावित हुई? (ग) क्या कीट व्याधि नियंत्रण हेतु जिला स्तर/उपसंभाग स्तर पर इस विषय के विशेषज्ञ पदस्थ है? यदि हाँ तो कितने? (घ) क्या फसलों के कीट व्याधि के त्वरित नियंत्रण हेतु विशेषज्ञों का चलित दल बनाने पर विचार किया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ। (ख) वर्ष 2013-14 में रबी कीट व्याधि से प्रभावित क्षेत्र 895 हे. एवं वर्ष 2014-15 में 782 हे. क्षेत्र कीट व्याधि से प्रभावित हुआ है जो आर्थिक परिसीमन स्तर से कम था। (ग) जी हाँ। कीट व्याधि नियंत्रण हेतु जिला स्तर पर कुल 07 एवं उपसंभाग स्तर 03 विभागीय अधिकारी/विषय विशेषज्ञ पदस्थ है। (घ) खरीफ एवं रबी फसलों के कीट व्याधि के त्वरित नियंत्रण हेतु विभागीय अधिकारियों एवं विशेषज्ञों का समावेश कर डायग्नोस्टिक दल का गठन किया जाता है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
दाल मिलों की जाँच
80. ( क्र. 3791 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. राज्य कृषि विपणन बोर्ड भोपाल का पत्र क्रमांक/बी-6/ 16-4 कटनी/4388 दिनांक 17.07.2015 से प्रश्नाधीन शिकायत के अंतर्गत निर्धारित अवधि में कटनी की जिन दाल मिलों की जाँच शेष रह गई है उन सभी दाल मिलों की जाँच 31 अगस्त 2015 तक जाँच पूर्ण की जाकर नियमानुसार मंडी फीस एवं नि:शुल्क की वसूली एवं प्रथम दृष्टया दोषी पाए जाने पर कर्मचारियों के विरूद्ध आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश उपसंचालक मण्डी बोर्ड जबलपुर को दिए गए थे? (ख) यदि हाँ, तो क्या जाँच दिनांक 31.08.2015 तक पूर्ण कर ली गई? यदि हाँ, तो जाँच प्रतिवेदन का विवरण उपलब्ध कराते हुये बताएं कि किस दाल मिल पर कितना-कितना मण्डी शुल्क शेष है और उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई बताएं तथा क्या दाल मिलों से राशि वसूल कर ली गई यदि नहीं, तो कब तक वसूली की जायेगी बताएं? (ग) जाँच कार्य हेतु सचिव मण्डी कटनी द्वारा गठित पांच सदस्यीय दल द्वारा तैयार जानकारी का विवरण उपलब्ध करावें? (घ) प्रश्नांश (ख) एवं (ग) की कार्यवाही पूर्ण नहीं करने के लिए कौन दोषी है और उनक विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं, अभी तक कृषि उपज मंडी समिति कटनी की 47 दाल मिलों की जाँच पूर्ण हो गई है, जिसमें दाल मिलों से बकाया मंडी फीस एवं निराश्रित शुल्क की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। इनमें से 43 फर्मों को शेष मंडी फीस एवं निराश्रित शुल्क जमा कराने हेतु सचिव कृषि उपज मंडी समिति कटनी द्वारा सूचना पत्र दिनांक 25.02.16 को जारी किये गये है, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। उक्त प्रकरणों की कार्यवाही प्रक्रियाधीन होने से समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) सचिव कृषि उपज मंडी समिति कटनी के आदेश दिनांक 30.10.15 से पांच सदस्यी दल का गठन किया गया है, जिसका जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है एवं जाँच दल द्वारा तैयार किये गये प्रकरणों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (घ) 47 दाल मिलों की जाँच की कार्यवाही पूर्ण कर ली गई है। शेष दाल मिलों की नस्तियां गठित जाँच दल को उपलब्ध न कराये जाने से जाँच की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। वृहद स्वरूप की कार्यवाही पूर्ण करने हेतु सार्थक प्रयास किये जा रहे है, ऐसे में किसी पर कार्यवाही का प्रश्न उद्भूत नहीं होता है।
मजरा टोला को ग्राम इकाई बनाना
81. ( क्र. 3799 ) श्री मोती कश्यप : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग ने गत वर्षों में ग्रामीण मजरे-टोलों को राजस्व ग्राम बनाने के लिये कोई मापदण्ड निर्धारित कर जिला कलेक्टरों को सर्वेक्षण किया जाना निर्देशित किया गया है? (ख) जिला कटनी की तहसील ढीमरखेड़ा की किन ग्राम पंचायतों के किन ग्राम के मजरों-टोलों को चिन्हित किया गया है, उनकी जनसंख्या, परिवार संख्या, कृषक इकाई संख्या, ग्राम से दूरी और रकबा कितना पाया गया? (ग) जिन मजरा-टोलों की संख्या 200 से अधिक है, लेकिन खेतिहर व दैनिक मजदूर होने के कारण कृषक इकाई संख्या और रकबा कम होने पर क्या उन्हें ग्राम इकाई माना जावेगा? (घ) तहसील ढीमरखेड़ा की ग्राम पंचायत पहरूआ के मजरा-टोला मेर की जनसंख्या, अ.जा., अ.ज.जा. संख्या, परिवार संख्या, कृषक इकाई संख्या, रकबा और ग्राम से दूरी कितनी है और उसे स्वतंत्र ग्राम बनाये जाने की क्या स्थिति है?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) कोई नहीं। (ग) जी हाँ। (घ) तहसील ढीमरखेड़ा की ग्राम पंचायत पहरूआ के मेर टोला की कुल जनसंख्या 1396 है, शेष अ.जा. एवं अ.ज.जा. की जानकारी निम्नानुसार है :-
वर्ग |
परिवार संख्या |
जनसंख्या |
कृषक संख्या |
रकवा हे. में |
अ.जाति |
124 |
395 |
55 |
57.45 |
अ.जा.जाति |
249 |
946 |
87 |
78.83 |
ग्राम पहरूआ से मेर टोला की दूरी 00 कि.मी. है उसे स्वतंत्र ग्राम नहीं बनाया जा सकता।
नि:शुल्क भू-अधिकार पुस्तिका वितरण
82. ( क्र. 3925 ) कुमारी निर्मला भूरिया : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजस्व विभाग द्वारा कृषकों को नि:शुल्क भू-अधिकार पुस्तिका दिये जाने का कार्यक्रम बनाया गया है? यदि हाँ, तो यह कार्य किस दिनांक तक पूर्ण किया जाना तय किया गया है? (ख) प्रदेश में अभी तक कितने कृषकों को भू-अधिकार पुस्तिका वितरित कर दी गई है? जिलेवार बताएं (ग) प्रश्नांश (ग) यदि हाँ, तो यह कार्य निर्धारित अवधि में पूर्ण क्यों नहीं किया गया यह कार्य कब तक पूर्ण कर लिया जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। 15 अगस्त 2009 से 31 मार्च 2012 तक नि:शुल्क नवीन एकीकृत भू-अधिकार एवं ऋण पुस्तिकाओं का खातेदारों को वितरण किया गया (ख) प्रदेश में अभी तक 1,29,86,215 खातेदारों को भू-अधिकार पुस्तिका नि:शुल्क वितरण कर दी गई जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुसार लगभग सभी खातेदारों को नि:शुल्क भू-अधिकार एवं ऋण पुस्तिकाओं के वितरण का कार्य पूर्ण कर लिया गया है।
कृषि विभाग द्वारा विभिन्न योजनाओं में कराये गये कार्य
83. ( क्र. 3926 ) कुमारी निर्मला भूरिया : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत दो वर्षों में झाबुआ-अलीराजपुर जिले में कृषि विभाग की विभिन्न योजनाओं में कितना-कितना आवंटन प्राप्त हुआ है एवं प्राप्त आवंटन से क्या-क्या कार्य करवाये गये? (ख) वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में झाबुआ-अलीराजपुर जिले में कितने स्वीकृत कार्य है जिनका निर्माण कार्य प्रश्न दिनांक तक पूर्ण नहीं हो सका है बतायें? (ग) उपरोक्त वर्षों में झाबुआ- अलीराजपुर जिले में कितने कृषकों को हितग्राहीमूलक योजना में लाभांवित किया गया? (घ) विभाग को उपरोक्त जिलों के मैदानी अमले के विरूद्ध कितनी शिकायतें प्राप्त हुई?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही
84. ( क्र. 3954 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शहडोल जिले की सेवा सहकारी बैंकों में भी रीवा जिले की जिला सहकारी बैंक डभौरा शाखा की तरह घोटाले का खुलासा हुआ? जिस पर क्या कार्यवाही की गई रीवा जिले के डभौरा शाखा के घोटाले पर क्या कार्यवाही लंबित है तथा कितने अभियुक्तों की गिरफ्तारी शेष है? अभियुक्तों की गिरफ्तारी में विलंब का कारण बतावें? (ख) यदि प्रश्नांश (क) हाँ, तो शासन के संज्ञान में रीवा जिले सहित अन्य जिलों के और कौन-कौन से बैंक हैं जिनसे पे-आर्डर पर बगैर जाँच-परख किये लाखों-लाख रूपये का भुगतान कर दिया गया, उन बैंकों की जानकारी के साथ उन पर प्रश्नांश दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में जिला सहकारी बैंकों के निर्वाचित जनप्रतिनिधियों के संलिप्तता की भी जाँच की गई? साथ ही जाँच पूर्ण कब तक कर ली जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित, शहडोल की शाखा अनूपपुर एवं कोतमा में राशि रूपये 130.72 लाख की आर्थिक अनियमितता/गबन हुआ है, जिसका विस्तृत विवरण एवं की गई कार्यवाही पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। रीवा जिले की डभौरा शाखा में हुये घोटाले के संबंध में दोषी बैंक कर्मंचारियों के विरूद्ध विभागीय जाँच संस्थित की गई है तथा राशि वसूली हेतु मध्यप्रदेश सहकारी सोसाइटी अधिनियम 1960 की धारा 64 के अंतर्गत प्रकरण दायर कर संपत्ति अटैच की गई है। प्रकरण में 24 अभियुक्तों में से 7 अभियुक्तों की गिरफ्तारी हुई है तथा 17 अभियुक्तों की गिरफ्तारी शेष है जिनके लिये जिला पुलिस रीवा तथा अपराध अनुसंधान पुलिस मुख्यालय भोपाल द्वारा लगातार तलाश की जा रही है जो सकूनत से फरार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जिला बैंक बैतूल में निर्वाचित जनप्रतिनिधियों की संलिप्तता की जाँच में जनप्रतिनिधि के विरूद्ध दाण्डिक प्रकरण दर्ज किया गया है। रीवा बैंक के संबंध में जाँच प्रक्रियाधीन है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन छतरपुर में प्रतिनियुक्ति
85. ( क्र. 3999 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले में डी.पी.आई.पी. विभाग/राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन छतरपुर के द्वारा कौन-कौन सी योजनायें संचालित की जा रही है? (ख) क्या राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन छतरपुर में जिला परियोजना प्रबंधक के पद पर प्रतिनियुक्ति पर रखने का कोई शासन आदेश है? यदि हाँ, तो आदेश की प्रति उपलब्ध करावें? (ग) वर्तमान में राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन छतरपुर में कितने स्व-सहायता समूह कार्य कर रहे हैं? इनमें कितने अ.जा., अ.ज.जा., अपि.वर्ग के हैं? (घ) क्या प्रश्नांश (क) में वर्णित जिला परियोजना प्रबंधक के पद पर प्रतिनियुक्ति पर पशु विभाग से है, पशु विभाग में डॉक्टरों की कमी होने से इनको मूल विभाग में कब तक वापिस किया जावेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) डी.पी.आई.पी. दिनांक 30.06.2015 को समाप्त हो चुकी है। छतरपुर जिले में मध्यप्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन द्वारा मिशन के क्रियान्वयन के अलावा मुख्यमंत्री आर्थिक कल्याण योजना एवं मुख्यमंत्री युवा स्व-रोजगार योजनाओं के अंतर्गत भी प्रकरण तैयार किये जा रहे हैं। (ख) जी हाँ, आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट पर है। (ग) वर्तमान में राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन, जिला छतरपुर में 3290 स्व-सहायता समूह कार्य कर रहे हैं। इनमें 921 अ.जा., 466 अ.ज.जा. एवं 1668 अ.पि.वर्ग के हैं। (घ) जी हाँ। इन्हें मूल विभाग में वापस किया जाना वर्तमान में विचाराधीन नहीं है, अतः समयावधि बताना संभव नहीं है।
आकस्मिक आपदा राशि का प्रदाय
86. ( क्र. 4054 ) श्री रजनीश सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन द्वारा आकस्मिक आपदा राशि जैसे - सर्पदंश, आकाशीय बिजली, आग, पानी से परिवार के मुखिया की आकस्मिक मृत्यु की राहत राशि देने का प्रावधान है? (ख) यदि हाँ, तो विगत एक वर्ष से केवलारी विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत कितने प्रकरण लंबित है? जिन्हें आज दिनांक तक आपदा राशि का भुगतान नहीं किया गया है? (ग) क्या ऐसे आपदा प्रभावित परिवारों को तत्काल मुआवजा राशि देने का प्रावधान होना चाहिए? यदि हाँ, तो इतने लंबे समय से राशि का भुगतान इन परिवारों को क्यों नहीं किया गया? (घ) क्या शासन इन्हें तत्काल मुआवजा राशि दिलायेगा? यदि हाँ, तो समय-सीमा बतायें?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
सूखा राहत राशि का प्रदाय
87. ( क्र. 4055 ) श्री रजनीश सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2015 में सूखा राहत राशि खरीफ फसल के अंतर्गत सिवनी जिले में कितने कृषक ऐसे हैं जो फसल क्षति होने के बाद भी राहत राशि प्राप्त नहीं कर सके? तहसीलवार जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) क्या राशि के अभाव में प्रभावित कृषकों को राशि नहीं दी गई? यदि नहीं, तो कारण सहित जानकारी देवें कि प्रभावित कृषकों को राशि क्यों नहीं दी गई? (ग) क्या शासन राहत राशि से वंचित कृषकों को शीघ्र ही राहत राशि उपलब्ध कराये जाने के निर्देश देगा? कब तक, नहीं तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) वर्ष 2015 में जिला सिवनी के अंतर्गत सूखा से खरीफ फसल क्षति होने पर 1,21,696 कृषकों को रूपये 103,31,74,745/- (रूपये एक सौ तीन करोड़ इकत्तीस लाख चौहत्तर हजार सात सौ पैतालिस) की राहत राशि का वितरण किया गया है। कोई पात्र प्रभावित कृषक शेष नहीं हैं। (ख) एवं (ग) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उद्भूत नहीं होता।
सेवढ़ा तहसील में कराए गए कार्य
88. ( क्र. 4075 ) श्री प्रदीप अग्रवाल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दतिया जिले की सेंवढ़ा तहसील के ग्रामों में वर्ष 2013-14, 2014-15, 2015-16 में वाटर शेड योजना में क्या-क्या कार्य कराये गये कार्यों की ग्रामवार लागत राशि, कार्य प्रारंभ होने की तिथि, कार्य समाप्त होने की तिथि, अंतिम भुगतान होने की तिथि सहित सूची उपलब्ध कराई जावे? (ख) उक्त कंडिका (क) में वर्णित कार्यों का मूल्यांकन एवं भौतिक सत्यापन जिला/संभाग/ राज्य के किन-किन अधिकारियों द्वारा कराया गया? (ग) क्या वर्ष 2013-14, 2014-15, 2015-16 में यहां जो कार्य इस योजना में कराये गये उनकी गुणवत्ता उचित नहीं है? यदि नहीं, तो किये गये कार्यों का मूल्यांकन, सत्यापन, भौतिक सत्यापन स्वतंत्र एजेंसी से कराया जाने या जाँच समिति का गठन कर जाँच कराई जावेगी? क्या संबंधित दोषियों के खिलाफ कार्यवाही प्रस्तावित की जावे?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) कार्यों की गुणवत्ता उचित है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
टेहनगुर पर पुल निर्माण
89. ( क्र. 4086 ) श्री नरेन्द्र सिंह कुशवाह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) माननीय मुख्यमंत्री महोदय के भिण्ड प्रवास पर 2 मई 2008 को टेहनगुर से हिलगवां मार्ग पर सिंध नदी पर पुल निर्माण की घोषणा की थी? यदि हाँ, तो प्रश्नांश दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? (ख) मध्यप्रदेश ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण पर्यावास भवन भोपाल में दिनांक 11.12.2015 को प्रश्नांश (क) में प्रस्तावित पुल परीक्षण कर विस्तृत माप विवरण मंगाया गया है? यदि हाँ, तो प्रश्नांश दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? (ग) मुख्यमंत्री कार्यालय के पत्र क्रमांक 752/सी.एम.एस./एस.एच. आर./2015 दिनांक 19.10.2015 के टेहनगुर से नयागांव दूरी 5 कि.मी. हिलगवां से दोहाई दूरी 4 कि.मी. दोहाई से रायपुरा दूरी 4 कि.मी. प्र.मं.ग्रा.स. परियोजना के मार्ग होने के कारण इसका निर्माण कब प्रारंभ होगा? (घ) प्रश्नांश (क) में प्रस्तावित पुल निर्माण में विलंबता के क्या करण हैं? मा. मुख्यमंत्री की घोषणा के उपरांत निर्माण प्रक्रिया शिथिल क्यों है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं, ऐसी घोषणा विभाग में प्राप्त नहीं हुई है। (ख) जी हाँ, पुल निर्माण किये जाने हेतु डी.पी.आर. बनाई जा रही है। (ग) प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित पत्र विभाग को प्राप्त नहीं हुआ है। टेहनगुर से नयागांव (6.828 कि.मी.) एवं दोहई से रायपुरा (3.95 कि.मी.) सड़क प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत निर्मित की गयी है जबकि हिलगवां से दोहई मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत प्रगति पर है। (घ) प्रश्नाधीन पुल निर्माण की कार्यवाही विभाग के संज्ञान में माह दिसम्बर 2015 में आने के बाद डी.पी.आर. बनाने की कार्यवाही प्रारंभ कर दी गई है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
भूमि विक्रय की अनुमति
90. ( क्र. 4136 ) श्रीमती रेखा यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले के छतरपुर तहसील के ग्राम बगौता का अधिकार अभिलेख किस वर्ष में बनाया गया? (ख) ग्राम बगौता के मूल खसरा क्रमांक 1822 रकबा 26.80 एकड़ में से कितना-कितना रकबा पंजीकृत बैनामें के कारण किस-किस के नाम पर किस संशोधन क्रमांक दिनांक के द्वारा दर्ज किया गया इस भूमि के विक्रय की कलेक्टर छतरपुर द्वारा किस-किस दिनांक को अनुमति प्रदान की गई? (ग) मूल खसरा क्रमांक 1822 के कलेक्टर द्वरा विक्रय की अनुमति किस आधार पर किस प्रकरण क्रमांक दिनांक में दी गई अनुमति की प्रति सहित बतावें? (घ) मूल खसरा क्रमांक 1822 रकबा 26.80 के कितने रकबे पर वर्तमान में किसका कब्जा कब-कब से है इसमें से किस कब्जाधारी का नाम खसरा पंजी में दर्ज है?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) वर्ष 1943-44 में। (ख) ग्राम बगौता के वर्तमान खसरा अभिलेख वर्ष 2015-16 के अनुसार खसरा क्रमांक-1822 का रकबा 11.876 है. है। खसरा नं. 1822 के वर्तमान में कुल 228 बटांक है जिसमें से 221 बटांक (रकबा 8.719 हैक्टेयर) भूमि स्वामी खातेदार के हैं तथा 7 बटांक (3.157 है.) शासकीय हैं। खसरा क्रमांक-1822 में हुए विक्रय की अनुमति कलेक्टर द्वारा नहीं दी गई है। विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ अनुसार है। (ग) विक्रय अनुमति नहीं दी गई है। शेष प्रश्नांश उद्भूत नहीं होता। (घ) खसरा क्रमांक 1822 में कुल 221 व्यक्ति खातेदार (भूमि स्वामी) हैं जो अपने अपने स्वत्व के अनुसार कुल रकबा 11.876 हेक्टेयर पर मौके पर काबिज हैं। कब्जेदारों का नाम, सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार है।
प्रदेश में प्राकृतिक आपदा की राशि का वितरण
91. ( क्र. 4174 ) श्री अजय सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में किसानों की फसलों को प्राकृतिक आपदा जैसे ओले, सूखा अधिक वर्षा होने के कारण वर्ष 2012-13 से आज दिनांक तक कितने राशि का नुकसान वर्षवार हुआ तथा इसके एवज में सरकार द्वारा किसानों को कितनी-कितनी मुआवजे की राशि वितरित की? (ख) प्रदेश में कृषि बीमा योजना कब से लागू की गयी है। सरकार द्वारा कौन-कौन सी कंपनियों को किसान बीमा हेतु अधिकृत किया गया। वर्ष 2012-13 से आज दिनांक तक सरकार एवं किसानों के अंश को मिलाकर कितनी कितनी राशि प्रीमियम की एकत्र की गयी। इसके एवज में वर्षवार कितनी राशि किसानों को वितरित की गयी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ अनुसार है। (ख) राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना रबी 1999-2000 मौसम से लागू की गई है। जिसका क्रियान्वयन एग्रीकल्चर इन्श्योरेन्स कम्पनी द्वारा किया जा रहा है। बीमा आवरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है।
प्रश्नकर्ता के प्रस्तावों पर स्वीकृति
92. ( क्र. 4182 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता की ओर से आयुक्त पंचायत राज भोपाल को मार्च 2015 में विभिन्न पत्रों माध्यम से विकास योजना अंतर्गत विभिन्न कार्यों के लिये राशि स्वीकृत करने का प्रस्ताव प्राप्त हुआ है या नहीं? (ख) यदि हाँ, तो क्या संयुक्त संचालक (निर्माण) पंचायत राज संचालनालय मध्यप्रदेश भोपाल का पत्र क्रमांक 3465/एचएम/122/नि/पं./16 भोपाल दिनांक 07-04-15 जिला पंचायत विदिशा को पत्र प्रेषित किया? (ग) उक्त पत्र में क्रम में प्रश्नकर्ता के प्रस्ताव पर कौन-कौन से कार्य स्वीकृत किये गये है, स्वीकृत की सूचना प्रश्नकर्ता को कब दी गई है? (घ) प्रस्ताव पर स्वीकृति कब तक दी जावेगी? नहीं तो कारण देवें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) जिला पंचायत विदिशा में निधि उपलब्ध नहीं होने से कार्य स्वीकृत नहीं किये गये। (घ) जानकारी उत्तरांश ‘ग‘ अनुसार। शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
फसल बीमा योजना की राशि का शेष भुगतान
93. ( क्र. 4329 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) फसल बीमा योजना के अंतर्गत गुना जिले में कितने किसानों को वित्तीय वर्ष 2014-15 की बीमा राशि का जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित गुना द्वारा भुगतान कर दिया गया है? (ख) जिले में कितने किसानों की बीमा राशि का भुगतान बैंक द्वारा किया जाना शेष है? (ग) शेष किसानों को अभी तक बीमा राशि का भुगतान क्यों नहीं किया गया है तथा इन किसानों को उनकी फसल बीमा राशि का कब तक भुगतान कर दिया जायेगा?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। (ग) ‘क’ एवं ‘ख’ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
कृषि यंत्रों पर दिये जाने वाला अनुदान
94. ( क्र. 4330 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश शासन द्वारा किसानों को कृषि यंत्रों की खरीदी पर अनुदान देने का कोई प्रावधान है? यदि हाँ, तो कृपया कृषि यंत्रों की सूची तथा उन पर दिया जाने वाला अनुदान बतायें? (ख) मध्यप्रदेश स्टेट एग्रो इंडस्ट्रीज डेवलपमेंट कार्पोरेशन द्वारा किसानों को सिंचाई के लिये पाईप लाईन (90mm RPVC Pipe Line kg.cm) हेतु पाईप किस दर पर दिये जाते है तथा उक्त पाईप पर किसानों को कितना अनुदान दिया जाता है?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) मध्यप्रदेश स्टेट एग्रो इंडस्ट्रीज़ डव्लपमेंट कार्पोरेशन द्वारा किसानों को सिंचाई के लिये पाईप लाईन (90 mm RPVC Pipe line kg. cm) हेतु पाईप प्रदाय नहीं किये जाते है। अत: दर का प्रश्न नहीं उठता। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
चरनोई/घासमद की भूमि पर अतिक्रमण
95. ( क्र. 4345 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के प्रश्न संख्या 63 क्र. 1080 दिनांक 22 जुलाई 2015 को चरनोई/घासमद में दर्ज भूमि पर अतिक्रमण के संबंध में प्रश्न पूछा था? उत्तर में यदि हाँ, तो मूल प्रश्न उत्तर एवं तत्संबंध में की गई कार्यवाही की छायाप्रति देवें? पूछे गये प्रश्न के उत्तर के अनुसार पटवारी हल्का नं.39 ग्राम सेलहटी ग्राम पंचायत टिकरी तहसील मझौली के खसरा नम्बर 02 वर्तमान समय में किस स्थिति में है उक्त भूमि पर वर्तमान समय पर किसके द्वारा किस प्रकार की फसल बोई गई है एवं क्या उक्त भूमि राजस्व अभिलेख में चरनोई मद में दर्ज है? (ख) प्रश्नांश (क) का उत्तर यदि हाँ, है तो अभी तक अतिक्रमण मुक्त न होने का क्या कारण है? क्या उक्त भूमि अतिक्रमण मुक्त कर दोषियों पर शासन कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक किस प्रकार से यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। प्रश्नाधीन भूमि पर वर्तमान में 1. प्रहलाद पिता रामप्यारे 2. मनोरंजन राय 3. अनिल पिता गिरानसिंह 4. मूरत पिता हरिसिंह गौंड 5. जोडर पिता बुद्धूसिंह 6. हुकुमचंद पिता लालमन, के द्वारा गेहूं की फसल, 7. गुलाब पिता अनूपसिंह द्वारा सरसों की फसल, 8. श्री रामजी पिता दसई द्वारा चना की फसल, 9. हल्लू पिता सूरजा गौंड, 10. गनपत पिता भोला, 11. अजयसिंह पिता हरिसिंह ठाकुर 12. कुंवरसिंह पिता छोटे कुम्हार, 13. हरेलाल, द्वारा गेहूं की फसल बोई गई है। उक्त भूमि राजस्व अभिलेख में चरनोई मद में दर्ज है। (ख) अतिक्रमणकारियों के विरूद्ध राजस्व प्रकरण दर्ज कर, सभी को अर्थदण्ड आरोपित कर बेदखली का आदेश जारी किया जा चुका है। पुनः फसल बोई जाकर अतिक्रमण किये जाने से अब अतिक्रमणकारियों के विरूद्ध सिविल जेल की कार्यवाही प्रस्तावित की गई है।
मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़क योजना
96. ( क्र. 4366 ) डॉ. कैलाश जाटव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र गोटेगांव जिला नरसिंहपुर अंतर्गत ऐसे कितने ग्राम हैं, जो मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजनान्तर्गत मुख्य मार्गों से नहीं जोड़े गये हैं? सूची उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार क्या मुख्य मार्गों से इन ग्रामों को जोड़ने की शासन की कोई मंशा है? यदि हाँ, तो इन मार्गों को जोड़े जाने का कार्य कब तक पूर्ण होगा? (ग) मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़क योजना अंतर्गत गोटेगांव विधानसभा क्षेत्रांतर्गत कितने ग्रामों को जोड़ा जा चुका है, सूची उपलब्ध करायें? मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़क योजना से वित्त वर्ष 2015-16 में किन ग्रामों को जोड़ा गया है? सूची उपलब्ध करायें। (घ) वित्त वर्ष 2016-17 में मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़क योजना अंर्तगत गोटेगांव विधानसभा क्षेत्रांतर्गत कितने नवीन ग्रामों को जोड़ा जाना प्रस्तावित है, सूची उपलब्ध करायें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जी हाँ। मार्गों की स्वीकृति की कार्यवाही परीक्षणाधीन है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत गोटेगांव विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2015-16 में 09 ग्रामों को जोड़े जाने की स्वीकृति प्राप्त हुई है। (घ) वित्तीय वर्ष 2016-17 में मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना की कार्ययोजना तैयार नहीं होने से नवीन ग्रामों को जोड़े जाने का प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है।
मनरेगा में काल्पनिक नामों से मजदूरी का भुगतान
97. ( क्र. 4384 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सुमावली विधान सभा क्षेत्र मुरैना की ग्राम पंचायत-सुमावली में वर्ष 2015 में मनरेगा के कार्यों में मृतक, विकलांगों, काल्पनिक नामों से मजदूरी की राशि का भुगतान दर्शाया गया है जिसकी शिकायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत मुरैना को की गई है? शिकायतकर्ता का नाम व की गई कार्यवाही की जानकारी दी जावे? (ख) क्या मृतक एवं काल्पनिक मजदूरों के नाम से दर्शाया गया उक्त भुगतान मा.द.स. के अंतर्गत दण्डनीय होकर, शासकीय धन राशि के गबन, धोखाधड़ी, कूटरचित दस्तावेज तैयार करने जैसे गम्भीर अपराध की श्रेणी में आता है? यदि हाँ, तो दोषी लोगों के खिलाफ क्या कार्यवाही की जा रही है? (ग) उक्त पंचायत में कितने अन्य कार्यों की वर्ष 2015 में शिकायत प्राप्त हुई उन पर क्या कार्यवाही की गई?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। श्री मुकेश दुबे निवासी ग्राम सुमावली जनपद पंचायत जौरा से शिकायत प्राप्त होने पर जिला स्तरीय जाँच दल से प्राथमिक जाँच पूर्ण करा ली गई है। (ख) जी हाँ। प्राथमिक जाँच के अनुसार उत्तरदायित्व निर्धारण की कार्यवाही प्रचलन में है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) प्रश्नांकित अवधि में 6 अन्य कार्यों की शिकायतें प्राप्त हुई है। इनकी भी जाँच कराई गई, जाँच प्रतिवेदन में शिकायतें असत्य होना प्रतिवेदित है। विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार।
कृषि मण्डी सचिव/निरीक्षकों के साक्षात्कार
98. ( क्र. 4389 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश राज्य कृषि विपणन बोर्ड में वर्ष 2015 में प्रतिनियुक्ति हेतु सचिव (अ), (ब), (स) स्तर/निरीक्षक के साक्षात्कार लिये गये थे? कितने अधिकारी कर्मचारी उपयुक्त पाये ? पद, नाम, सहित संख्या की जानकारी दी जावें? (ख) क्या ग्वालियर, चंबल संभाग की कृषि मण्डियों में सचिव पद पर लिपिकीय वर्ग के कर्मचारी पदस्थ हैं? उक्त पदों पर कब तक सचिवों की पदस्थापना की जावेगी समय-सीमा बताई जावे? (ग) चंबल संभाग की मण्डियों में ऐसे कितने कर्मचारी है जो उसी स्थान पर तीन वर्ष से अधिक समय तक कार्यरत हैं? क्या शासन की नीति के अनुसार उनके स्थानों में परिवर्तन किया जावेगा? (घ) मुरैना संभागीय मुख्यालय की मण्डी में सचिव स्तर का पद कब से रिक्त हैं? उसे उसी स्तर के मण्डी सचिव से कब तक भरा जावेगा?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) ग्वालियर एवं चंबल संभाग की कृषि उपज मंडी समिति कोलारस, कैलारस एवं विजयपुर में क्रमश: शीघ्रलेखक प्रथम, वरिष्ठ अंकेक्षक एवं ग्रेडर वर्ग के कर्मचारी पदस्थ है। वर्तमान में पर्याप्त संख्या में सचिवों की अनुपलब्धता के कारण नियमित सचिव की पदस्थापना हेतु समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (ग) चंबल संभाग की कृषि उपज मंडी समितियों में राज्य मंडी बोर्ड सेवा के तीन वर्ष से अधिक समय से 03 मंडी निरीक्षक, 02 लेखापाल एवं 46 सहायक उप निरीक्षक कर्मचारी पदस्थ है। मंडी बोर्ड की स्थानांतरण नीति अनुसार प्रशासनिक आवश्यकता को दृष्टिगत रखते हुए विभिन्न समयावधि के पदस्थ कर्मचारियों को चरणबद्ध रूप से स्थानांरतरित किया जाता है परंतु तीन वर्ष से अधिक समय से एक स्थान पर पदस्थ सभी कर्मियों के स्थानांतरण की बाध्यता नहीं है। (घ) जी नहीं। म.प्र. राज्य कृषि विपणन बोर्ड भोपाल के आदेश दिनांक 09 फरवरी 2016 से कृषि उपज मंडी समितियों का नवीन वर्गीकरण किया गया है, जिसके अनुसार दिनांक 01.04.16 से कृषि उपज मंडी समिति मुरैना "ग" श्रेणी में आ रही है, जहां पर वर्तमान में समकक्ष श्रेणी का सचिव-स पदस्थ होने से प्रश्नगत कार्यवाही अपेक्षित नहीं रह जाती है।
सड़क एवं पुल निर्माण हेतु आवंटित राशि
99. ( क्र. 4395 ) कुमारी मीना सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला उमरिया में वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग अंतर्गत प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क एवं मुख्यमंत्री सड़क योजनानतर्गत उमरिया जिले में सड़क निर्माण तथा पुल निर्माण हेतु कितनी-कितनी राशि किस कार्य हेतु आवंटित की गई? (ख) उक्त में कितना निर्माण कार्य हुआ, कौन-कौन से कार्य शेष है, निर्माण कार्य कब तक पूर्ण कर लिये जायेंगे, कार्यवार विवरण दें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जिला उमरिया में वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अंतर्गत मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत कोई भी कार्य स्वीकृत नहीं हुआ है जबकि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत सड़क निर्माण कार्यों हेतु रूपये 11872.71 लाख तथा पुलों के निर्माण हेतु रूपये 2530.56 लाख की राशि स्वीकृति प्रदान की गयी है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। कार्यों को पूर्ण करने की निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
इंदिरा आवास कुटीरों की स्वीकृति
100. ( क्र. 4397 ) कुमारी मीना सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उमरिया जिले में वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक कुल कितनी इंदिरा आवास कुटीरें स्वीकृत की गई? कितनी कुटीरों की राशि हितग्राही को दी गई और कितने हितग्राहियों की कितनी-कितनी राशि शेष है? (ख) कितने हितग्राहियों द्वारा इंदिरा आवास कुटीर बना ली गई तथा कितने ऐसे हितग्राही है जिनके द्वारा मौके पर कुटीर नहीं बनाई गई है, मगर अधिकारियों द्वारा सत्यापन कर राशि दे दी गई है? (ग) मानपुर विधान सभा क्षेत्र जिला उमरिया में ऐसे कितने इंदिरा आवास कुटीर हैं जो पात्र हितग्राहियों को मिले हैं, ऐसे कितने कुटीर हैं जो अपात्र लोगों को दिये गये? इंदिरा आवास कुटीर देने के नियम क्या है? नियम की प्रति उपलब्ध करायें।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) उमरिया जिले में वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक कुल 5240 इंदिरा आवास कुटीर स्वीकृत की गई हैं। जिसमें से 4757 हितग्राहियों को रूपये 22193.50 लाख की राशि प्रदाय की गई है। 1274 हितग्राहियों को रूपये 678.65 लाख जारी किया जाना शेष है। जिसमें 791 हितग्राहियों को द्वितीय किश्त तथा 483 हितग्राहियों को प्रथम किश्त जारी करने की कार्यवाही प्रचलन में है। (ख) 1445 हितग्राहियों द्वारा इंदिरा आवास कुटीर बना ली गई तथा 3795 हितग्राहियों की कुटीर निर्माणाधीन हैं। शेष जानकारी निरंक है। (ग) मानपुर विधानसभा क्षेत्र जिला उमरिया में कुल 2589 इंदिरा आवास की कुटीरें स्वीकृत हैं, जो पात्र हितग्राहियों को दी गई हैं। किसी भी अपात्र व्यक्ति को इंदिरा आवास स्वीकृत नहीं किया गया है। नियम की प्रति की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
लोकसेवा केंद्रों का रिन्यूवल
101. ( क्र. 4416 ) चौधरी चन्द्रभान सिंह : क्या परिवहन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. में 2012 में लोक सेवा केंद्र स्थापित हुये थे, तब से आज तक किन-किन लोक सेवा केंद्रों पर जिला प्रशासन द्वारा शास्ति आरोपित की गई, उनमें कितने लोक सेवा केंद्रों का रिन्यूवल हो गया है? (ख) रिन्यूवल किये गये केंद्रों की जानकारी निम्न फॉर्मेट में देवें - जिले का नाम, लोक सेवा केंद्र का नाम, कितनी शास्ति आरोपित की गई, लोक सेवा केंद्र का रिन्यूवल हाँ/नहीं? (ग) म.प्र. में 2012 में लोक सेवा केंद्र स्थापित हुए तब से आज तक टॉप 10 लोक सेवा केंद्र के नाम आवेदन अनुसार देवें? इनमें से किसका रिन्यूवल नहीं हुआ है और क्यों कारण बतायें?
परिवहन मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) कुल 77 लोक सेवा केन्द्रों पर जिला प्रशासन द्वारा शास्ति आरोपित की गई। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'क' अनुसार है। इनमें से 51 लोक सेवा केन्द्रों का रिन्यूवल संबंधित जिला ई-गवर्नेंस सोसायटी द्वारा जिला मूल्यांकन समिति के रिपोर्ट के आधार पर किया गया। (ख) रिन्यूवल किये गये केन्द्रों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ख' अनुसार है। (ग) आवेदन अनुसार टॉप-10 लोक सेवा केन्द्रों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ग’ अनुसार है इनमें से लोक सेवा केन्द्र कलेक्ट्रेट भोपाल का नवीनीकरण जिला मूल्यांकन समिति की रिपोर्ट के आधार पर नहीं किया गया है।
सी.ई.ओ. गंगेव के विरूद्ध की गयी शिकायत
102. ( क्र. 4428 ) श्री गिरीश गौतम : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जनपद पंचायत गंगेव रीवा के कई जनपद सदस्यों द्वारा सी.ई.ओ. गंगेव जनपद द्वारा नियम विपरीत राशि वितरण किये जाने में भ्रष्टाचार किये जाने की शिकायत पर भोपाल से संयुक्त संचालक वित्त आयुक्त संचालनालय पंचायत विभाग के नेतृत्व में टीम गठित कर जाँच करायी गयी है? (ख) क्या उक्त की गयी जाँच पूर्ण हो चुकी है और जाँच के आधार पर क्या कार्यवाही की जायेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। जाँच प्रतिवेदन के आधार पर शिकायत नस्तीबद्ध की गई एवं शिकायतकर्ता को सूचित किया गया। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नियम विरूद्ध पंचायतों को राशि का वितरण
103. ( क्र. 4429 ) श्री गिरीश गौतम : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विकासखण्ड कार्यालय गंगेव रीवा किस ग्राम पंचायत क्षेत्र अंतर्गत स्थित है? (ख) क्या वि.ख. गंगेव जिला रीवा द्वारा परफॉरमेन्स योजना की राशि के तहत वि.ख. कार्यालय परिसर में अध्यक्ष/उपाध्यक्ष के कक्ष निर्माण बाउण्ड्रीवॉल निर्माण, जनपद गेट, वृक्षारोपण, फर्श एवं शेड निर्माण, जनपद भवन में टाइल्स रोपण, कक्ष में पार्टीशन, जनपद भवन के छत के ऊपर छत निर्माण, जनपद पंचायत परिसर में चबूतरा निर्माण, स्मारक की स्थापना, ध्वज स्टैण्ड, एक अतिरिक्त कक्ष का कार्य कराया गया है? यदि हाँ, तो सभी कार्यों का विवरण प्राक्कलन, तकनीकी स्वीकृति तथा उक्त कार्यों की निर्माण एजेन्सियों का विवरण देवें? (ग) क्या किसी दूसरे ग्राम पंचायत क्षेत्र के अंतर्गत अन्य ग्राम पंचायत को कार्य हेतु एजेन्सी निर्धारित किया जा सकता है? प्रावधान एवं नियम बताएं? गंगेव जनपद पंचायत द्वारा एक ही मद की राशि एक ही वित्तीय वर्ष में कितने पंचायतों को दो या दो से अधिक बार कार्य हेतु राशि जारी की गयी है? विवरण देवें तथा इस संबंध में प्रावधान एवं नियम बताएं? (घ) क्या जनपद पंचायत गंगेव के मुख्य कार्यपालन अधिकारी द्वारा नियम विरूद्ध किये गये कार्यों के लिए कार्यवाही की जायेगी? समय-सीमा बताएं?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) विकासखण्ड जनपद पंचायत गंगेव का कार्यालय भवन ग्राम पंचायत मढीखुर्द एवं पुर्वा 310 की सीमा में स्थित है। (ख) जी हाँ। प्रश्नांश में वर्णित अनुसार मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत गंगेव परफॉरमेंस ग्रान्ट योजना मद अंतर्गत 11 निर्माण कार्य कराये गये है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ग) दूसरे ग्राम पंचायत क्षेत्र के अंतर्गत अन्य ग्राम पंचायत को क्रियान्वयन एजेंसी नहीं बनाये जाने के संबंध में कोई निर्देश नहीं है। गंगेव जनपद पंचायत द्वारा एक ही मद की राशि एक ही वित्त वर्ष में दो या दो से अधिकबार एक ही कार्य हेतु राशि जारी नहीं की गई है। शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्तरांश-ग अनुसार कोई नियम विरूद्ध कार्य नहीं किये जाने से कार्यवाही का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
बी.आर.सी.सी. भवन जैसीनगर का निर्माण
104. ( क्र. 4431 ) श्रीमती पारूल साहू केशरी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सागर जिले के सुरखी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत बी.आर.सी.सी. जैसीनगर के भवन का निर्माण, निर्धारित मानक अनुसार न होने से उसे गिराने के निर्देश दिये गये थे? (ख) यदि हाँ, तो बतावें कि अब तक क्या कार्यवाही की गयी है? ठेकेदार से कितनी राशि कब-कब वसूली गयी? जिम्मेवार अधिकारियों में से कितने अधिकारियों के ऊपर अब तक क्या-क्या कार्यवाही की गयी? यदि नहीं, की गयी है तो उक्त दोषी अधिकारी किसके संरक्षण में वर्तमान में कहाँ पदस्थ हैं? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार बी.आर.सी.सी. जैसीनगर के उक्त भवन के स्थान पर नया भवन कब तक बनाया जायेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) बी.आर.सी भवन जैसीनगर के स्लेब का कार्य मानक अनुसार न होने के कारण स्लेब के कार्य को तोड़ कर फिर से कराये जाने के निर्देश दिये गये। (ख) कार्य मानक अनुसार नहीं पाये जाने पर ठेकेदार की जमा राशि रू. 72,443/- राजसात की गई एवं उनका अनुबंध दि. 29.08.14 को निरस्त किया गया। कार्य के लिये जिम्मेदार अधिकारियों के विरूद्ध विभागीय जाँच संस्थित की गई। विभागीय जाँच पूर्ण होने पर गुण दोष के आधार पर कार्यवाही की जायेगी। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) भवन का छत कार्य मानक अनुसार नहीं है। जिसे तोड़ कर पुनः बनाया जाना प्रस्तावित है।
सौंसर क्षेत्र को सूखाग्रस्त घोषित किया जाना
105. ( क्र. 4441 ) श्री नाना भाऊ मोहोड़ : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला छिन्दवाड़ा के अंतर्गत मौखेड़, सौंसर पांढुर्णा क्षेत्र की कपास, मूंगफली, ज्वार, तुअर की कितने प्रतिशत फसल नष्ट हुई है? (ख) क्या उक्त क्षेत्र को सूखाग्रस्त घोषित किया गया है? यदि नहीं, तो क्यों? कब तक सूखाग्रस्त क्षेत्र घोषित कर राहत कार्य प्रारंभ कर दिये जाएंगे?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जिला छिंदवाडा के अंतर्गत तहसील मोहखेड़ एवं पांढुर्णा में मूंगफली, ज्वार, तुअर की फसल को कोई क्षति नहीं हुई। तहसील सौंसर में कपास, मूंगफली, ज्वार, तुअर की फसल को 10 से 15 प्रतिशत तक क्षति हुई है। (ख) जी नहीं। सूखा घोषित करने के मापदण्डों में तहसील मोहखेड़, सौंसर एवं पांढुर्णा पात्र नहीं होने के कारण सूखा घोषित नहीं किया गया।
बैंक कर्मचारियों के विरूद्ध कार्यवाही
106. ( क्र. 4445 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक होशंगाबाद में आयुक्त सहकारी संस्थाएं, भोपाल के पत्र क्रमांक 559 दिनांक 21.09.2012 के द्वारा अंकेक्षण में उल्लेखित रू. 7.50 करोड़ (साढ़े सात करोड़) की वित्तीय अनियमितता के संबंध में बैंक कर्मचारियों के खिलाफ कार्यवाही के निर्देश जारी किये गये थे? तत्पश्चात् हरदा थाना में 150/15 आपराधिक प्रकरण विभिन्न धाराओं में दर्ज किया गया? इसमें कौन-कौन बैंक कर्मचारी हैं, नाम पद सहित बतावें? क्या इन्हें निलंबित किया गया, यदि नहीं, तो क्यों? (ख) किसी संस्था में पर्याप्त स्टॉफ न होने के कारण भ्रष्टाचारी कर्मचारियों को संरक्षण देना क्या उचित है? क्या बैंक संचालक मण्डल के द्वारा बैंक कर्मचारियों को निलंबित न करने संबंधी निर्णय लिया गया है? यदि हाँ, तो क्या यह न्यायोचित है? यदि निलंबित किया जायेगा तो समय-सीमा बतावें? (ग) क्या बैंक की हरदा शाखा में कोई खाद घोटाले संबंधी एफ.आई.आर. थाना हरदा में प्रकरण क्र. 503/09 दि. 06.11.09 के तहत दर्ज की गई है एवं हरदा न्यायालय में चालान क्रमांक 314/11 दि. 23.08.11 विचाराधीन है? इस एफ.आई.आर. में कौन बैंक कर्मचारी व अधिकारी दोषी हैं एवं उनके खिलाफ क्या कार्यवाही की गई? क्या वह वर्तमान में निलंबित हैं? यदि नहीं, तो क्यों? क्या उन्हें निलंबित कर दंडित किया जायेगा? यदि हाँ, तो समय-सीमा बतावें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। बैंक कर्मचारियों की सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। जी नहीं, बैंक स्टॉफ में कमी होने के कारण सेवा-नियम अनुसार विभागीय जाँच किये जाने का निर्णय बैंक के संचालक मंडल द्वारा लिया गया है। (ख) जी नहीं, परन्तु प्रश्नांश ‘क’ में उल्लेखित प्रकरण में बैंक के 19 कर्मचारियों के विरूद्ध अपराधिक प्रकरण दर्ज कराया गया है, बैंक में स्टॉफ की कमी होने तथा बीमा कंपनी से प्राप्त अधिक क्लेम की राशि बीमा कंपनी को वापस कर दिये जाने के कारण संचालक मंडल द्वारा निलंबित न करने का निर्णय लिया गया है। दोषी कर्मचारियों के विरूद्ध सेवा-नियम के अंतर्गत विभागीय जाँच संस्थित है विभागीय जाँच उपरांत नियमानुसार कार्यवाही की जा सकेगी। संचालक मंडल के उक्त निर्णय के परिप्रेक्ष्य में शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ। इस एफ.आई.आर. में श्री कैलाश सारन, तत्कालीन प्रभारी शाखा प्रबंधक, मुख्य शाखा हरदा, श्री हरिप्रसाद गौर प्रभारी समिति प्रबंधक वृहत्ताकार सहकारी समिति मर्या., कड़ौला तथा श्री रमेश कुमार ओजरे प्रभारी समिति प्रबंधक वृहत्ताकार सहकारी समिति मर्या. भुवनखेड़ी सम्मिलित है। श्री सारन के विरूद्ध बैंक द्वारा विभागीय जाँच की गई जिसमें आरोप प्रमाणित नहीं पाये गये, किन्तु अपराधिक प्रकरण सिविल न्यायालय में विचाराधीन होने से स्टॉफ उपसमिति द्वारा न्यायालयीन आदेश उपरांत कार्यवाही किये जाने का निर्णय लिया है तथा संस्था कड़ौला के प्रभारी समिति प्रबंधक श्री हरिप्रसाद गौर को संस्था से बर्खास्त कर दिया गया है। संस्था भुवनखेड़ी के सहायक समिति प्रबंधक श्री रमेश कुमार ओजरे के विरूद्ध कार्यवाही हेतु निर्देश दिये जाने पर भुवनखेड़ी संस्था द्वारा श्री रमेश कुमार ओजरे को दोषी नहीं पाये जाने के आधार पर कार्यवाही नहीं की गई, पुनः बैंक द्वारा संस्था भुवनखेड़ी एवं सहायक आयुक्त, सहकारिता जिला हरदा को श्री रमेश कुमार ओजरे के विरूद्ध कार्यवाही के संबंध में लिखा गया है। श्री सारन बैंक अधिकारी वर्तमान में निलंबित नहीं है क्योंकि बैक कर्मचारी सेवा नियम 51.1 के प्रावधान अनुसार श्री सारन अपराधिक अभियोग में 48 घंटे से अधिक अवधि के लिये न ही गिरफ्तार किये गये एवं न ही निरूद्ध किये गये। विभागीय जाँच में श्री सारन पर आरोप प्रमाणित नहीं हुये है, अतः शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
कालातीत ऋण की वसूली
107. ( क्र. 4446 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या श्री ए.के. हरसौला तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला सह. बैंक मंदसौर के कार्यकाल वर्ष 2005 से 2011 में स्वीकृत वेयर हाउस रसीद जो कि विगत 4 वर्ष पूर्व स्वीकृत थे, उनमें से 62.00 लाख कालातीत है? इस राशि की वसूली के लिये वेयर हाउस में रखी रसीदों की उपज ऋण दिया गया है? क्या उनके पास लायसेंस था? यदि नहीं, तो उन्हें ऋण देकर बैंक का नुकसान करने वाले अधिकारी पर क्या कार्यवाही की जा रही है? (ख) यदि बैंक द्वारा रसीदों पर वितरित तारण ऋण कालातीत है तो इसकी वसूली किस प्रकार होगी? अपैक्स बैंक भोपाल द्वारा श्री ए.के. हरसौला के खिलाफ क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्या इनके खिलाफ दण्डात्मक कार्यवाही की जावेगी? (ग) क्या वेयर हाउसिंग व्यवसाय का लायसेंस प्राप्त न करने वाले कई वेयर हाउस की रसीदें रखकर ऋण दिया गया है जो कि कालातीत हो चुका है? क्या इन फर्जी रसीदों पर वितरित ऋण 62.00 लाख रूपये की राशि वसूली नहीं हो पाई है? क्या उक्त अधिकारी ए.के. हरसौला से वसूली कर इनके खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ, राशि रूपये 52.23 लाख कालातीत है। उक्त ऋण वेयर हाउस में रखी उपज की रसीदों के तारण पर दिये गये थे। वेयर हाउस के पास वैध लायसेन्स नहीं था। ऋण स्वीकृतकर्ता संबंधित शाखा प्रबंधक की सेवायें दिनांक 10.07.2014 को समाप्त की गयी है। अपराधिक प्रकरण दर्ज कराया गया। श्री ए.के. हरसोला के विरूद्ध विभागीय जाँच संस्थित की गई है। (ख) जी हाँ, कालातीत राशि की वसूली हेतु सहकारी अधिनियम की धारा 84-क के अंतर्गत डिक्री प्राप्त की गयी है, जिसके आधार पर चल-अचल संपत्ति कुर्क वसूली की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। श्री ए.के. हरसोला के विरूद्ध विभागीय जाँच संस्थित की गई है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ, वेयर हाउस के पास वैध लायसेन्स नहीं था, की रसीद के आधार पर दिया गया ऋण कालातीत हो चुका है। उक्त रसीदों के आधार पर श्री हरसोला की पदस्थी अवधि में वितरित चार प्रकरणों में ब्याज सहित राशि रूपये 52.23 लाख कालातीत है। श्री ए.के. हरसोला, तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्या., मन्दसौर, श्री सुमित ओझा, शाखा प्रबंधक तथा तत्कालीन बैंक अध्यक्ष श्री राजेन्द्र सुराना के विरूद्ध राशि रूपये 39,49,662/- की वसूली हेतु सहकारी अधिनियम की धारा 58 (बी) के अंतर्गत प्रकरण पंजीबद्ध कर विचाराधीन है। जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्या., मन्दसौर के स्तर पर ऋण स्वीकृतकर्ता शाखा प्रबंधक, श्री सुमित ओझा, वेयर हाउस के स्वामी तथा ऋणियों के विरूद्ध 03 अपराधिक प्रकरण क्रमांक 25/15, 26/15 तथा 33/15 दर्ज कराये गये हैं, जो विवेचनाधीन है।
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना
108. ( क्र. 4456 ) श्री चन्दरसिंह सिसौदिया : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2013 से अब तक गरोठ विधानसभा क्षेत्र में कितनी एवं कौन-कौन सी सड़कें कितनी-कितनी लंबाई एवं राशि की स्वीकृत हुई? (ख) उपरोक्त अवधि में स्वीकृत सड़कों में से कितनी सड़के अभी तक अपूर्ण है एवं किस कारण से? देरी के लिए जिम्मेदरों पर की गई कार्यवाही का ब्यौरा दें? (ग) प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत निर्मित वर्ष 2014 एवं 2015 की गारंटी वाली कौन-कौनसी सड़कें समय पूर्व वर्षाकाल एवं आवागमन के कारण क्षतिग्रस्त हो गई है एवं उक्त सड़कों के रख-रखाव के लिए जिम्मेदार ठेकेदारों पर क्या कार्यवाही की गई?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उपरोक्त अवधि में वर्ष 2013 से अब तक गरोठ विधानसभा क्षेत्र में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत दिनांक 01.02.2016 को स्वीकृत सड़कों की निविदा कार्यवाही प्रचलन में है। अतः विलंब होने एवं विलंब के लिए उत्तरदायियों पर कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत निर्मित वर्ष 2014 एवं 2015 की ग्यारंटी वाली कोई भी सड़क क्षतिग्रस्त नहीं है। वांछित रख-रखाव किया जा रहा है अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
कृषि उपज मण्डी की स्थापना
109. ( क्र. 4459 ) श्री चन्दरसिंह सिसौदिया : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गरोठ विधान सभा क्षेत्र में वर्ष 2015 से अब तक क्या नई कृषि उपज उप मण्डी स्थापना की स्वीकृति शासन ने दी है? यदि हाँ, तो कब एवं स्थापना कार्यवाही किस स्तर पर है? (ख) गरोठ विधानसभा क्षेत्र के मण्डियों में वर्ष 2013 से अब तक मण्डी विकास हेतु कितनी-कितनी राशि किस-किस मद में स्वीकृत की गई? (ग) मण्डी बोर्ड की मद से उपरोक्त अवधि में कितनी सड़कों के निर्माण की स्वीकृति प्राप्त हुई एवं कितनी स्वीकृत सड़कों एवं अन्य कार्यों के निर्माण कार्य किस कारण प्रारम्भ नहीं हुए? (घ) क्षेत्र में कृषि उपज जाँच हेतु स्थापित नाकों पर तैनात कर्मी किसानों से दुर्व्यवहार करते हैं तथा अवैध वसूली कर मण्डी का नुकसान करते है? क्या शासन इस दिशा में कोई ठोस कदम उठाएगा?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी नहीं। (ख) गरोठ विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत मंडी समिति गरोठ को कोई राशि स्वीकृत नहीं की गई, मंडी समिति भानपुरा को किसान सड़क निधि अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2013-14 में राशि रूपये 20.806 लाख स्वीकृत किये गये हैं। (ग) प्रश्न में उल्लेखित अवधि में सड़क निर्माण की कोई स्वीकृति नहीं दी गई है, अत: सड़क निर्माण का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। मंडी समिति भानपुरा में किसान सड़क निधि से 08 निर्माण कार्य स्वीकृत होकर 07 कार्य पूर्ण है, 01 कार्य की 07 बार निविदा आमंत्रित की गई, जिसमें प्रथम, द्वितीय, तृतीय एवं पंचम आमंत्रण में कोई निविदा प्राप्त नहीं हुई, चतुर्थ, षष्ठम एवं सप्तम निविदा दर निरस्त की गई। (घ) गरोठ विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत मंडी गरोठ में सीलगेट रोड एवं बर्डियाइस्तेमार पर चेक पांइट स्थापित है, स्थापित चेक पांइट पर किसानों से दुर्व्यहार एवं अवैध वसूली कर मंडी को नुकसान होने की शिकायत प्राप्त नहीं है, अतएव शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
सहकारी समिति में अनियमितता की जाँच
110. ( क्र. 4540 ) श्री रामलाल रौतेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सेवा सहकारी समिति अमरपाटन जिला सतना में पदस्थ कैशियर श्रीमती रेशमा बेगम को वित्तीय अनियमितता के कारण सेवा से पृथक कर दिया गया है? यदि हाँ, तो उक्त कैशियर के विरूद्ध क्या-क्या आरोप थे तथा पद से पृथक करने का आदेश प्रदाय करें? (ख) क्या प्रश्नाधीन कैशियर को पुन: सेवा में बहाल कर दिया गया है? यदि नहीं, तो आरोपी कैशियर से समिति का कार्य क्यों कराया जा रहा है तथा इस घोर अवैधानिक कृत्य के लिये कौन दोषी है तथा दोषी अधिकारी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जायेगी? (ग) क्या प्रश्नाधीन कैशियर से संस्था का प्रभार ले लिया गया है? यदि हाँ, तो कब? यदि नहीं, तो क्यों प्रभार न लेने का औचित्य बतायें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ, दिनांक 28.09.2015 को सेवा से पृथक कर दिया गया था। सेवा पृथक का आदेश जिसमें आरोपों का विवरण है, संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ, सेवा सहकारी संस्था मर्यादित अमरपाटन की वार्षिक आमसभा की बैठक दिनांक 30.09.2015 में उत्तरांश ‘क’ में उल्लेखित आदेश को अवैधानिक रूप से निरस्त कर दिए जाने से श्रीमती रेशमा बेगम से कार्य कराया जा रहा है, जो नियमों के विपरीत है। प्राथमिक कृषि साख संस्थाओं के सेवा नियम के अनुसार कर्मचारियों की सेवाओं के संबंध में दण्ड देने का अधिकार संचालक मण्डल को है तथा कर्मचारी सेवा नियम में आमसभा को किसी भी प्रकार का कोई अधिकार नहीं है। इस कारण से श्रीमती रेशमा बेगम को सेवा से पुनः पृथक करने हेतु सेवा सहकारी संस्था मर्यादित अमरपाटन के संचालक मण्डल को निर्देश दिए गए हैं। (ग) जी नहीं। उत्तरांश ‘ख’ अनुसार।
अनुविभागीय अधिकारी न्यायालय को नियमित करना
111. ( क्र. 4544 ) श्री जय सिंह मरावी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शहडोल जिले के जैतपुर एवं बुढ़ार को सम्मिलित करके जैतपुर में अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) की वर्तमान अस्थायी व्यवस्था को नियमित क्यों नहीं किया गया? (ख) प्रश्नाधीन अस्थायी अनुविभागीय अधिकारी जैतपुर के न्यायालय में राजस्व एवं दाण्डिक के कितने प्रकरण वर्ष 2013-14 से 31 दिसम्बर 2015 तक पंजीकृत हुए हैं और? (ग) क्या पंजीकृत प्रकरण वर्तमान अनुविभागीय न्यायालय को नियमित करने के लिये पर्याप्त नहीं है? (घ) प्रश्नांश (ख) एवं (ग) के परिप्रेक्ष्य में जैतपुर में अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) का नियमित न्यायालय/कार्यालय कब किया जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) वर्तमान में कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। (ख) अनुविभागीय अधिकारी जैतपुर के न्यायालय में दिनांक 01.10.2013 से 31.12.2015 तक कुल 20610 राजस्व प्रकरण एवं दिनांक 01.01.14 से 31.12.15 तक 21 दाण्डिक प्रकरण पंजीकृत किये गये है। (ग) अनुविभागीय अधिकारी के पृथक कार्यालय की स्थापना हेतु केवल प्रकरणों की संख्या को आधार नहीं माना जाता है। (घ) प्रश्नांश (क) के उत्तरांश के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उद्भूत नहीं होता।
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना से पहुँच मार्ग की स्थिति
112. ( क्र. 4545 ) श्री जय सिंह मरावी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शहडोल जिले के विकासखण्ड बुढ़ार के ग्राम खाम्ही डोल से बचरवार मार्ग का निर्माण कार्य प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना अंतर्गत किस वर्ष स्वीकृत हुआ है? प्राक्कलन की राशि क्या है तथा व्यय राशि क्या है और उक्त मार्ग की वर्तमान स्थिति क्या है? (ख) जिले के विकासखण्ड बुढ़ार के ही अंतर्गत प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना से केशवाही-झींक बिजूरी मुख्य मार्ग के ग्राम बरतर से ग्राम गदहाकुण्डा पहुँच मार्ग का स्वीकृति वर्ष क्या है और निर्माण कार्य पूर्ण होने की समय-सीमा, प्राक्कलन की राशि, व्यय राशि क्या है तथा इस मार्ग की वर्तमान स्थिति क्या है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) शहडोल जिले के विकासखण्ड बुढ़ार के ग्राम खाम्ही डोल से बचरवार सड़क का निर्माण कार्य प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत वर्ष 2007-2008 में स्वीकृत हुआ था। प्राक्कलन (डी.पी.आर.) राशि रूपये 140.62 लाख है एवं रूपये 110.386 लाख की राशि व्यय की गई है। वर्तमान में इस सड़क की गारंटी अवधि पूर्ण हो चुकी है। विभाग द्वारा उक्त सड़क को पांच वर्ष की गारंटी अवधि के पश्चात् संधारण हेतु स्वीकृति जारी की गई है। संधारण हेतु आगामी कार्यवाही की जा रही है। (ख) शहडोल जिले के विकासखण्ड बुढ़ार में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत केशवाही-झींकबिजूरी मुख्य मार्ग के ग्राम बस्तर से ग्राम गदहाकुण्डा पहुंच मार्ग निर्माण कार्य वर्ष 2011-2012 में स्वीकृत किया गया था। निर्माण कार्य पूर्ण करने की अनुबंधानुसार दिनांक 14.03.2014 थी। कार्य की प्राक्कलन (डी.पी.आर.) की राशि रूपये 130.39 लाख है। इस सड़क पर वर्तमान में रूपये 51.79 लाख की राशि व्यय की गई है। वर्तमान में सड़क पर जी.एस.बी. स्तर तक कार्य कराया गया है।
मुख्यमंत्री आवास योजना
113. ( क्र. 4560 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला सीहोर में मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत आवास बनाए जा रहे है? यदि हाँ, तो विगत दो वर्ष से दिनांक से प्रश्न दिनांक तक कितने आवास बनाए गए? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार आवास योजना के तहत कितने प्रकरण जिले में अधूरे अथवा बैंक स्तर पर पेंडिंग है? कारण सहित ब्लॉकवार ब्यौरा दें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। विगत दो वर्ष से प्रश्न दिनांक तक जिले में कुल 9,299 आवास बनाये गये हैं। (ख) प्रश्नांश ''क'' अनुसार मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास मिशन के तहत जिले में कोई भी आवास निर्माण अधूरा नहीं हैं 3292 आवासों का निर्माण प्रगतिरत हैं जिनमें निर्धारित स्तर तक निर्माण कार्य पूर्ण करने के बाद बैंक द्वारा किश्त जारी करने का प्रावधान है। अतः प्रकरण बैंक स्तर पर पेंडिंग होने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। जनपद पंचायतवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
बी.पी.एल. धारी आवासहीन/कच्चा आवासधारी का सर्वे
114. ( क्र. 4579 ) श्री अरूण भीमावद : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्य प्रदेश में गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले आवासहीन/कच्चा आवासधारी परिवारों का सर्वेक्षण कर सूची कब बनाई गई थी? (ख) उक्त सर्वेक्षण के पश्चात नवीन परिवारों को जोड़े जाने हेतु सर्वे कब कराया जावेगा? (ग) यदि वर्तमान में बी.पी.एल. परिवार आवासहीन अथवा कच्चा आवासधारी पात्र परिवार है, जिनका उक्त सर्वे सूची में नाम सम्मिलित नहीं है? उनके नाम जोड़ने हेतु क्या निर्देश दिये गये हैं? (घ) यदि नहीं, दिये गये हैं तो इस पर क्या कार्यवाही प्रस्तावित है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) मध्यप्रदेश में गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले आवासहीन/कच्चा आवासधारी परिवारों का सर्वेक्षण कर बी.पी.एल. सूची वर्ष 2002-03 में बनाई गई थी। (ख) नवीन परिवारों को जोड़े जाने हेतु परिवारों द्वारा तहसील कार्यालय में आवेदन प्रस्तुत किए जाने पर तहसीलदार/नायब तहसीलदार/अपर तहसीलदार द्वारा निर्धारित प्रपत्र में सर्वे कराया जाता है। यह एक सतत् प्रक्रिया है। नवीन परिवारों के नाम जोड़े जाने हेतु सर्वे भारत सरकार के निर्देशानुसार कराया जावेगा। (ग) पात्र परिवारों द्वारा बी.पी.एल. सर्वे सूची में नाम जोड़े जाने हेतु तहसील कार्यालय में आवेदन प्रस्तुत किए जाने पर निर्धारित प्रपत्र में सर्वे उपरांत पात्रता अनुसार नाम जोड़े जाने के निर्देश हैं। (घ) प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
सूखा राहत राशि का आवंटन
115. ( क्र. 4582 ) श्रीमती अनीता नायक : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टीकमगढ़ जिले में वित्तीय वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक तक सूखा प्रभावित किसानों के लिये म.प्र. शासन द्वारा कितनी राशि आवंटित की गई तथा कितनी राशि वितरित की गई? (ख) क्या प्रश्न दिनांक तक कई किसानों को सूखा राहत राशि वितरित नहीं की गई है, अगर हाँ, तो पृथ्वीपुर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत ऐसे कितने किसान शेष है? (ग) म.प्र. शासन ने सूखा राहत राशि बांटने के संबंध क्या आदेश जारी किये थे, शासन के आदेश का पालन जिन अधिकारियों के द्वारा नहीं किया गया है ऐसे कितने अधिकारी कर्मचारी हैं, उनके विरूद्ध कोई कार्यवाही की जायेगी, अगर हाँ, तो क्या एवं कब तक? जिन किसानों को राहत राशि बटना शेष है, वो कब तक बांट दी जायेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जिला टीकमगढ़ को रूपये 65.00 करोड़ का आंवटन उपलब्ध कराया गया है। समस्त राशि सूखा प्रभावित कृषकों को वितरित कर दी गई है। (ख) जी हाँ। विधानसभा क्षेत्र पृथ्वीपुर अंतर्गत 32816 सूखा प्रभावित कृषकों को राहत राशि का भुगतान किया जाना शेष है। (ग) सूखा राहत राशि वितरण हेतु राजस्व पुस्तक परिपत्र 6-4 में पूर्व से स्पष्ट प्रावधान हैं। टीकमगढ़ जिले में प्रावधानानुसार फसल क्षति का सर्वेक्षण कराया जाकर राहत राशि वितरण की गई। अत: कोई भी कर्मचारी/अधिकारी दोषी नहीं है। शेष प्रभावित किसानों को बजट प्रावधान होते ही राहत राशि का वितरण कर दिया जायेगा।
मुख्यमंत्री एवं प्रधानमंत्री सड़क योजना
116. ( क्र. 4583 ) श्रीमती अनीता नायक : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टीकमगढ़ जिले के अंतर्गत मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़क योजना एवं प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के प्रथम एवं द्वितीय चरण में स्वीकृत मार्गों में से किन-किन मार्गों का निर्माण कार्य जनवरी, 2016 तक पूर्ण अथवा अपूर्ण है? विधान सभा क्षेत्रवार बतायें? अपूर्णता का कारण स्पष्ट करें एवं निर्माण एजेंसिंयों के नाम एवं पते बतावें? (ख) इन मार्गों पर बारहमासी आवागमन के लिये क्या शासन पुल-पुलियाओं का निर्माण करायेंगी? यदि हाँ, तो कब तक विधानसभा क्षेत्रवार बतावें? (ग) विधानसभा क्षेत्र पृथ्वीपुर के अंतर्गत ऐसे कितने वांछित ग्राम और मजरे टोले हैं, जिन पर मुख्यमंत्री सड़क योजना एवं प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत सड़क निर्माण कर आवागमन की सुविधा विकसित की जायेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। टीकमगढ़ जिले की विधानसभा क्षेत्रों में 10 मी. से अधिक स्पान की पुलियों की स्वीकृति पृथ्वीपुर विधानसभा क्षेत्र में 03, जतारा में 01, खरगापुर में 01 एवं निवाड़ी में 01 परीक्षणाधीन है। अत: पूर्ण करने की निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) विधानसभा क्षेत्र पृथ्वीपुर मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत 06 ग्राम एवं प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत 09 पात्र ग्रामों में आवागमन की सुविधा विकसित की जाना है। मजरें टोलों हेतु आवागमन की सुविधा प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना एवं मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत प्रदान नहीं की जाती है।
मजदूरों का पलायन
117. ( क्र. 4599 ) श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या गुना जिले में मनरेगा (रोजगार गारंटी) लागू है तथा क्या शासन द्वारा गुना जिले को सूखाग्रस्त घोषित किया गया है? यदि हाँ, तो कब से इनका पालन किया जा रहा है? (ख) गुना जिले में प्रश्नांश (क) के अंतर्गत क्षेत्र में मजदूर वर्ग को विभाग और पंचायतों द्वारा कौन-कौन से कार्यों में मजदूरी इस वर्ष प्रश्न दिनांक तक दी गई है? ब्लॉकवार कितने घोषित मजदूर है उनमें से कितने मजदूरों को रोजगार या भत्ता दिया गया है? (ग) क्या गुना जिले के ग्रामीण यांत्रिकी विभाग द्वारा इस वर्ष मनरेगा योजना में ग्रामीण क्षेत्र की सड़कों, खेत सड़कों, खरंजो के निर्माण पशुओं एवं बगीचों के लिये तथा सिंचाई तालाबों उनकी मरम्मत आदि की तकनीकी स्वीकृति बंद कर दी है, यदि बंद नहीं की तो प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन सी स्वीकृति दी है? (घ) क्या प्रश्नांक (क), (ख) एवं (ग) के तथ्यों में घोषित कार्यों का जिला प्रशासन द्वारा सुचारू संचालन न करने से क्षेत्र में कितने मजदूरों को रोजगार एवं रोजगार भत्ता नहीं दिया इस कारण किस-किस गांव में कितने मजदूर प्रश्न दिनांक तक पलायन कर गये भौतिक सत्यापन कराने का उत्तरदायित्व कौन का था?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। सूखा ग्रस्त घोषित करने की घोषणा दिनांक 30.11.2015 से पालन किया जा रहा है। (ख) गुना जिले में मनरेगा अंतर्गत जल संरक्षण व संवर्धन, ग्रामीण संयोजकता, भूमि विकास, तालाब, वृक्षारोपण आदि कार्यों पर मजदूरी प्रश्न दिनांक तक दी गई है। कुल 156797 घोषित जॉबकार्डधारी मजदूरों में से 66995 मजदूरों को रोजगार प्रदाय किया गया है। ब्लॉकवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। मांग अनुसार कार्य दिये जाने से किसी को बेरोजगारी भत्ता नहीं दिया गया। (ग) जी नहीं। गुना जिले में प्रश्न दिनांक तक 200 निर्माण कार्यों की तकनीकी स्वीकृति प्रदान की गई है जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (घ) उत्तरांश (ख) अनुसार मनरेगा योजना का जिला प्रशासन द्वारा सुचारू संचालन करने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मुख्य कार्यपालन अधिकारी के पद पर नियुक्ति
118. ( क्र. 4609 ) श्री के.डी. देशमुख : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बालाघाट जिले की जनपद पंचायत खैरलांजी में मुख्य कार्यपालन अधिकारी का पद रिक्त है? (ख) यदि हाँ, तो कब तक मुख्य कार्यपालन अधिकारी की जनपद पंचायत खैरलांजी में पदस्थापना कर दी जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। श्री अखिल सहाय श्रीवास्तव, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत वारासिवनी जिला बालाघाट को जनपद पंचायत खैरलांजी जिला बालाघाट का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है।
पूर्व धार महारानी की संपत्ति के व्यवसायिक उपयोग
119. ( क्र. 4643 ) श्रीमती नीना विक्रम वर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पूर्व धार स्टेट की महारानी स्व. श्रीमती मृणालीनी देवी पंवार के स्वर्गवास उपरांत उनकी सम्पत्तियों के न्यायालय में लंबित प्रकरण में समय-सीमा शासन द्वारा जवाब प्रस्तुत नहीं करने पर बड़े बंगले सहित सम्पत्ति पर जिला प्रशासन द्वारा लगाये ताले खोलने का उच्च न्यायालय इंदौर खण्डपीठ द्वारा अंतरिम आदेश दिया है? (ख) यदि हाँ, तो क्या आदेश में संबंधित व्यक्ति विशेष को उक्त ऐतिहासिक सम्पत्ति (बडे बंगले) पर नवीन निर्माण कर व्यवसायिक उपयोग हेतु उल्लेखित किया गया है? (ग) क्या बड़े बंगले पर मांगलिक गार्डन निर्माण व व्यवासायिक उपयोग हेतु आवश्यक लाईसेंस व अनुमतियां जिला प्रशासन द्वारा प्रदान की गई है? (घ) यदि नहीं, तो किस व्यक्ति द्वारा उक्त आशय की गतिविधि अनाधिकृत रूप से संचालित की जा रही है? इस संबंध में विभाग या शासन द्वारा उस व्यक्ति के विरूद्ध कोई कानूनी कार्रवाई की गई है तथा क्या जिला कलेक्टर धार द्वारा शासन का उत्तर उच्च न्यायालय इंदौर के समक्ष प्रस्तुत कर दिय गया है?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
फसल बीमा का भुगतान
120. ( क्र. 4644 ) श्रीमती नीना विक्रम वर्मा : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2013-14 व 2014-15 में धार जिले के कृषकों को सोयाबीन का फसल बीमा विभिन्न सोसायटी के माध्यम से किया गया है? (ख) यदि हाँ, तो वर्ष 2013-14 व 2014-15 में अतिवृष्टि व कुछ स्थानों पर सूखे के कारण हुई फसल नुकसानी पर धार जिले में कितनी बीमित राशि का भुगतान किसानों को किया? तहसीलवार व फसलवार संख्यात्मक जानकारी से अवगत करावें? (ग) क्या बीमा प्रीमियम की राशि सीधे किसानों के बैंक खातों में जमा कर दी गई है? (घ) यदि नहीं, तो जिले में तहसीलवार कितने प्रकरण लंबित है?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) अधिसूचित फसलों की प्रीमियम राशि बैंकों द्वारा नियमानुसार किसानों के खाते से काट कर एग्रीकल्चर इन्श्योरेन्स कम्पनी को घोषणा पत्रों के साथ प्रेषित की जाती है, तत्पश्चात बीमा कम्पनी द्वारा क्षतिपूर्ति दावा राशि का भुगतान संबंधित बैंकों के खाते में जमा किया जाता है तथा बैंकों द्वारा किसानों के खाते में राशि जमा की जाती है। (घ) कोई प्रकरण शेष नहीं है।
खसरा नं. 36 एवं 38 की लीज़
121. ( क्र. 4663 ) श्री अंचल सोनकर : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगर पालिका निगम जबलपुर की सीमान्तर्गत खसरा नं. 36 एवं 38 को वर्ष 1914 में उत्खनन के लिये मेसर्स परफेक्ट पांटरीज एवं मेसर्स परफेक्ट स्टोनवेयर को कितने वर्ष के लिये लीज़ पर दी गई थी? क्या वर्तमान में लीज़ अवधि समाप्त हो चुकी है अथवा लीज़ की अवधि शेष है? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित जमीन की यदि लीज़ समाप्त हो गई है तो क्या शासन ने जमीन को अपने कब्जे में ले ली है? यदि हाँ, तो वर्तमान में शासन द्वारा खसरा नं. 36 एवं 38 की कुल कितनी जमीन अपने कब्जे में लेकर क्या कार्य योजना तैयार की है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) क्या वर्तमान में खसरा नं. 36 एवं 38 की लीज़ अवधि वर्ष 1990 में समाप्त हो चुकी है एवं उक्त जमीन पर कब्जाधारियों द्वारा माल एवं कॉलोनी का निर्माण कर लिया है? यदि हाँ, तो क्या माल एवं कॉलोनी निर्माण हेतु राजस्व एवं नगर पालिक निगम जबलपुर द्वारा बिना लीज़ बढ़ाये माल एवं कॉलोनी निर्माण की अनुमति प्रदान की है? यदि हाँ, तो किस नियम के तहत बतावें? (घ) प्रश्नांश (ग) यदि हाँ, तो क्या राजस्व विभाग/नगर पालिक निगम जबलपुर को मॉल एवं कॉलोनी निर्माण की जानकारी नहीं थी? क्या राजस्व विभाग एवं नगर पालिक निगम के अधिकारी शासकीय भूमि की जानकारी समय-समय पर नहीं लेता इसका दोषी कौन है? क्या दोषियों पर कार्यवाही कर निर्मित माल एवं कॉलोनी को अवैध घोषित कर तोड़ेगी तो कब तक? समय-सीमा बतावें?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) से (घ) ग्राम पोलीपाथर स्थित भूमि सर्वे नं. 36 व 38 से संबंधित याचिका क्रमांक 9780/2015 माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर की मुख्य न्यायाधीश महोदय की अध्यक्षता वाली बैंच में विचाराधीन है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मानसिक रूप से अविकसित बच्चों की मृत्यु
122. ( क्र. 4666 ) श्री अंचल सोनकर : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पंचायत एवं सामाजिक न्याय संचालनालय द्वारा जिला जबलपुर में संचालित मानसिक रूप से अविकसित बच्चों का बाल गृह का संचालन कितने वर्षों से किया जा रहा है? बाल गृह में वर्तमान में कितने बच्चे है? उम्र सहित बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) क्या बालगृह में विगत दो माह में अनेकों बच्चों की मृत्यु पंचायत एवं सामाजिक न्याय में पदस्थ जिम्मेवार अधिकारी की लापरवाही से हो गयी है? अधिकारी द्वारा समय-समय पर बाल गृह की जाँच न करने के कारण बाल गृह में घोर लापरवाही बरती जा रही है? यदि हाँ, तो क्या शासन बच्चों की मृत्यु की गंभीरतापूर्वक जाँच कराकर दोषियों के खिलाफ कार्यवाही करेगी तो कब तक? (ग) क्या प्रश्नांश (क) में वर्णित बाल गृह को एक चौकीदार के भरोसे पर छोड़ दिया गया है? अधीक्षक एवं वार्डन बाल गृह में नहीं आते है। यदि हाँ, तो क्यों? क्या उच्चाधिकारियों द्वारा समय-समय जाँच की गई है तो कब-कब? यदि नहीं, तो क्यों। (घ) क्या बाल गृह में निवास कर रहे बच्चों को शासन द्वारा निर्धारित भोजन/नाश्ता नहीं दिया जा रहा है जिसका सत्यापन भी किसी उच्चाधिकारियों द्वारा विगत कई माह से नहीं किया गया है? क्यों कारण बतावें। बच्चों के भोजन/नाश्ता में प्रत्येक माह कितना व्यय किया जाता है? उन्हें प्रतिदिन क्या-क्या भोज्य पदार्थ दिया जाता है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) मानसिक रूप से अविकसित बच्चों की संस्था संचालन वर्ष 1981 (35 वर्षों) से किया जा रहा है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’अ’’ अनुसार है। (ख) माह नवंबर 2015 में एक बालक तथा दिसंबर 2015 में दो बालकों की मृत्यु उपचार के दौरान हुई है, जिला अधिकारी एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा समय-समय पर निरीक्षण किया गया है। किये गये निरीक्षण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’ब’’ अनुसार है। जिला प्रशासन ने बच्चों की मृत्यु को गंभीरता से लेते हुए मजिस्ट्रियल जाँच के आदेश दिनांक 01.01.2016 से दिये गये हैं। (ग) जी नहीं। संस्था भवन में अधीक्षक, वार्डन निवासरत हैं, उनके द्वारा बालकों के रात्रि विश्राम के समय राउंड लिया जाता है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं। विभाग द्वारा नियत आहार तालिका अनुसार बालगृह में निवासरत बच्चों को भोजन, चाय, नाश्ता दिया जा रहा है। उक्त समय में अधीक्षक, वार्डन एवं संस्था का अन्य स्टॉफ उपस्थित रहता है। उत्तरांश ’’ख’’ में उल्लेखित अनुसार निरीक्षण उच्च अधिकारियों द्वारा किया गया है। वर्ष 2015-16 में बच्चों के भोजन/नाश्ते में औसत मासिक व्यय रूपये 51,870/- हुआ है। बच्चों को प्रतिदिन दोनों समय दाल, चावल, सब्जी, रोटी एवं चाय/नाश्ता दिया जाता है।
निर्माण कार्यों की जानकारी
123. ( क्र. 4673 ) श्री ओमकार सिंह मरकाम : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) डिण्डौरी जिले में वर्ष 2010 से आज दिनांक तक ग्रामीण सेवा यांत्रिकी (आर.ई.एस.) द्वारा किये गये कार्य की निम्नानुसार जानकारी बतावें? कार्य का नाम, मद का नाम, स्वीकृत राशि, स्वीकृति दिनांक, निर्माण कार्य विभागीय किया गया, या ठेकेदार कार्य पर व्यय राशि, कार्य प्रारंभ दिनांक, कार्य पूर्णता दिनांक, वर्तमान में कार्य की भौतिक स्थिति? (ख) प्रश्नांक (क) अनुसार क्या सभी कार्य की निर्माण ठीक हुआ है? अगर हाँ तो बतावें तुराड़ नदी में निर्मित पुलिया क्यों जर्जर है? अगर नहीं तो बतावें कौन-कौन से कार्य का निर्माण ठीक नहीं हुआ है? किसके वजह से निर्माण कार्य ठीक नहीं हुआ?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ, प्रश्नांश ''क'' में उल्लेखित कार्य तकनीकी मापदण्ड अनुसार किया जाना प्रतिवेदित है। तुराड़ नदी में निर्मित पुलिया जर्जर नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
धान खरीदी की जानकारी
124. ( क्र. 4674 ) श्री ओमकार सिंह मरकाम : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि डिण्डौरी जिले में वर्ष 2016 में खरीदे गये धान की जानकारी निम्नानुसार बतावें? केन्द्र का नाम, कृषक का नाम, रकबा, कृषक द्वारा विक्रय किया गया धान की मात्रा, कृषक को किया गया भुगतान की राशि, केन्द्र में खरीदा गया कुल धान की मात्रा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
सूखा राहत राशि
125. ( क्र. 4726 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश के सूखा प्रभावित किसानों को जिलेवार कितना आवंटन दिया गया वितरित राशि का जिलेवार विवरण दें? (ख) जिन प्रभावित किसानों को सूखा राहत राशि का भुगतान नहीं किया गया उनको कब तक भुगतान किया जावेगा समय-सीमा बताएँ? (ग) क्या यह सत्य है कि विभिन्न प्रभावित किसानों से आवंटित राहत राशि वापस ले ली गई यदि हाँ, तो क्यों? (घ) सीधी एवं सिंगरौली जिले के सिहावल देवसर एवं बहरी तहसील के कई प्रभावितों को राहत राशि से वंचित रखा गया है उनके प्रकरण क्यों नहीं बनाए गये और सर्वे भी नहीं किये गये क्यों? कारण बताएं एवं राहत राशि का भुगतान कब तक किया जावेगा समय-सीमा बताएं?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) राहत राशि वितरण की जिलेवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) बजट प्रावधान होते ही तत्काल वितरण किया जायेगा। (ग) जी नहीं। (घ) सीधी जिले के सिहावल एवं बहरी तहसील के अंतर्गत सभी प्रभावित किसानों के फसलों का सर्वेक्षण कराया गया है। बजट प्रावधान होते ही प्रभावित पात्र कृषकों को राहत राशि का भुगतान किया जायेगा। जिला सिंगरौली की तहसील देवसर में सूखा प्रभावित समस्त कृषकों की फसलों का सर्वेक्षण उपरांत राहत राशि का वितरण किया जा चुका है।
जनपद पंचायत द्वारा कराये गए निर्माण कार्य
126. ( क्र. 4727 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिंगरौली जिले के जनपद पंचायत देवसर में वित्तीय वर्ष 2009-10 से 2014-15 तक कौन-कौन से निर्माण कार्य किस-किस मद से कराये गये एवं कितनी राशि आहरित की गयी? पंचायतवार पूर्ण विवरण दें? (ख) क्या जनपद पंचायत देवसर अंतर्गत ग्राम पंचायत जियावन में निर्माण कार्य हुए ही नहीं और करोड़ों रूपये आहरित कर लिये गये? क्या एक ही निर्माण कार्य का भुगतान दो अलग-अलग मदों से कराये गये? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) के कार्यों का भौतिक सत्यापन शासन या जिम्मेदार अधिकारियों के द्वारा किया गया है? यदि हाँ, तो दोषियों पर क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) सिंगरौली जिले की जनपद पंचायत देवसर में वित्तीय वर्ष 2009-10 से 2014-15 तक विभिन्न योजनाओं यथा मनरेगा, पंच परमेश्वर, बी.आर.जी.एफ., आई.ए.पी. निर्मल भारत अभियान, योजना मंडल (सांसद, विधायक निधि) आदिवासी विकास परियोजना एवं परफॉरमेंस ग्रान्ट फण्ड से ग्राम पंचायतों में कराये गये निर्माण कार्यों की वर्षवार ग्राम पंचायतवार एवं निर्माण कार्यों में किये गये व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) जनपद पंचायत देवसर अंतर्गत ग्राम पंचायत जियावन में ग्राम पंचायत द्वारा राशि आहरित कर काम न किये जाने का कोई प्रकरण प्रकाश में नहीं आया है साथ ही प्रश्नांश से संबंधित शिकायत भी प्राप्त नहीं हुई है। जी हाँ निर्माण कार्य की स्वीकृति दो अलग-अलग योजना मदों की स्वीकृति राशि का (कन्वर्जेंस) का भुगतान कराया गया है। (ग) शासन दिशा निर्देश के अनुसार प्रत्येक निर्माण कार्य का सतत् पर्यवेक्षण एवं मूल्यांकन संबंधित उपयंत्री द्वारा किया जाना तथा उसका सत्यापन अनुविभागीय अधिकारी ग्रा.यां.सेवा/सहायक यंत्री मनरेगा द्वारा किया जाना प्रावधानित है एवं तद्नुसार निर्माण कार्य के सत्यापन उपरांत कार्य के पूर्णता प्रमाण-पत्र जारी करने की कार्यवाही की गई है।
भूमि अधिग्रहण
127. ( क्र. 4728 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मे. आर्यन पावर जनरेशन प्रा.लि.कं. द्वारा ग्राम मूसामूड़ी एवं भूमका में भूमि अधिग्रहण किन दरों पर किया गया एवं शासन द्वारा कंपनी को कितनी भूमि आवंटित की गई? (ख) क्या वर्ष 2012 में तत्कालीन कलेक्टर जिला सीधी द्वारा गठित जाँच समिति श्री बी.बी. श्रीवास्तव ने अपने प्रतिवेदन क्र./15/10 SCST 2012 दिनांक 4/9/2012 को उपरोक्त भूमि अधिग्रहण को काल्पनिक एवं विधि विरूद्ध बताया था? (ग) क्या नियम विरूद्ध किया गया भू-अधिग्रहण समाप्त कर किसानों को उनकी जमीनें वापस दी जायेगी? यदि नहीं, तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
सूखा राहत राशि के भुगतान
128. ( क्र. 4748 ) श्री अनिल जैन : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में शासन द्वारा किसानों को दी जा रही सूखा राहत राशि के भुगतान से बहुत से किसान प्रश्न दिनांक तक वंचित रह गये हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के किसानों के लिये आवश्यक धन राशि क्या राज्य शासन द्वारा जिलों को उपलब्ध करा दी गई है? यदि नहीं, तो क्या-क्या प्रयास किये गये हैं और यह धन राशि कब तक जिलों को प्राप्त हो सकेगी तथा उन किसानों को कब तक भुगतान हो सकेगा? (ग) सूखा राहत राशि हेतु टीकमगढ़ जिले में उपलब्ध कराई गई राशि, इसमें से भुगतान की गई राशि तथा शेष राशि की जानकारी तथा लाभान्वित कृषकों की जानकारी दी जावे?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ, प्रदेश के कुछ जिलों में प्रभावितों को सूखा राहत राशि भुगतान हेतु शेष है। (ख) जी हाँ। अब तक प्रदेश के 47 जिलों के प्रभावित कृषकों को राशि रूपये 382237.63 लाख (रू. तीन हजार आठ सौ बाईस करोड़ सैंतीस लाख तिरेसठ हजार) की राहत राशि वितरित की जा चुकी है। शेष कृषकों को बजट प्रावधान होते ही तत्काल राहत राशि वितरण कर दी जाएगी। (ग) टीकमगढ़ जिले को राशि रूपये 65.00 करोड़ की राहत राशि उपलब्ध कराई गई है। जिले के 192278 प्रभावित किसानों को राहत राशि वितरित की जा चुकी है। टीकमगढ़ जिले में राशि रूपये 6578.79 लाख (रूपये पैंसठ करोड़ अठहत्तर लाख उन्यासी हजार) 195851 प्रभावित कृषक राहत राशि वितरण हेतु शेष हैं।
प्राकृतिक आपदाओं में आर्थिक सहायता
129. ( क्र. 4749 ) श्री अनिल जैन : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सर्पदश, आसमानी बिजली, विद्युत करंट आदि दुर्घटनाओं व प्राकृतिक आपदाओं तथा सड़क दुर्घटनाओं आदि में मृत्यु हो जाने या घायल होने में पीडि़तों की सहायता उपलब्ध कराने हेतु क्या नीति, नियम, निर्देश, प्रावधान प्रदेश में लागू हैं? किस प्रकरण में कितनी राशि किस अवधि में उपलब्ध कराने के प्रावधान है? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकरणों के निराकरण हेतु कोई समय-सीमा निर्धारित है? यदि हाँ, तो किस प्रकरण के निराकरण की क्या समय-सीमा है? (ग) विगत दो वर्षों में विधानसभा क्षेत्र निवाड़ी के अंतर्गत प्रश्नांश (क) में वर्णित सहायता/मुआवजा के कितने प्रकरण कब से प्रश्न दिनांक तक लंबित है? लंबित होने का कारण तथा प्रकरण लंबित रखने के लिये यदि कोई अधिकारी, कर्मचारी दोषी है, तो जानकारी दी जावे तथा लंबित प्रकरण कब तक निराकृत किये जायेंगे? समयावधि बतायी जावे?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) विगत 2 वर्षों में विधानसभा निवाड़ी के अंतर्गत प्रश्नांश (क) में वर्णित कोई भी प्रकरण लंबित नहीं है। शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता।
एफ.टी.ओ. जारी किया जाना
130. ( क्र. 4787 ) श्री ठाकुरदास नागवंशी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत बनखेड़ी जिला होशंगाबाद के पत्र क्रमांक मनरेगा/2862/2015 दिनांक 26.10.2015 के द्वारा प्रदत्त जानकारी की जाँच के संबंध में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत होशंगाबाद को पत्र क्रमांक 1069/आर दिनांक 16.11.2015 के द्वारा पत्र लिखा था? यदि हाँ, तो पत्र पर क्या-क्या कार्यवाही की गई? किस अधिकारी को जाँच अधिकारी नियुक्त किया गया? जाँच अधिकारी द्वारा क्या प्रतिवेदन दिया गया एवं प्रतिवेदन पर क्या कार्यवाही हुई? नहीं तो क्यों? (ख) दिनांक 04.06.2015 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में ऐसी कितनी पंचायतें है जिनमें से 60-40 का प्रतिशत नहीं होने के बाद भी उनके एफ.टी.ओ. जारी कर दिये गये हैं एवं ऐसी कितनी पंचायते हैं जिनमें 60-40 का प्रतिशत मेन्टेन होने के बाद भी एफ.टी.ओ. जारी नहीं किये गये हैं? मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत बनखेड़ी के पत्र क्रमांक मनरेगा/2862/2015 बनखेड़ी दिनांक 26.10.2015 में वर्णित जानकारी "कि मेरे द्वारा दिनांक 24.06.2015 को जनपद में उपस्थिति देने के उपरांत लगातार मजदूरी एवं सामग्री के एफ.टी.ओ. दिनांक 07.08.2015 तक जारी किये गये" का उल्लेख किया हैं परंतु दिनांक 10.08.2015 के बाद रोक होने के बाद भी मु.का.अ. द्वारा एफ.टी.ओ जारी किये गये? यदि हाँ, तो क्यों बतायें? (ग) क्या ग्रा.पंचा. गरधा, ग्रा.पंचा महंगवा, ग्रा.पंचा. ईशरपुर, ग्रा.पं. परसवाड़ा नांदना, ग्रा.पं. कलंगवा, ग्रा.पं. सिंगपुर, पथरकुई, जुन्हेटा एवं अधिकांश पंचायतें जिनके द्वारा सामग्री के बिल जमा करने के बाद भी विगत 03 माह की अवधि से अधिक अवधि हो जाने के पश्चात भी एफ.टी.ओ. जारी नहीं किये गये? यदि हाँ, तो क्यों, कारण बतायें।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। पत्र में उल्लेखित तथ्यों की जाँच हेतु जाँच दल का गठन किया गया जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। जाँच दल के प्रतिवेदन में ''मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत बनखेड़ी के द्वारा जानबूझ कर लापरवाही अथवा एफ.टी.ओ. जारी करने में विलंब किया जाना प्रतीत नहीं होता है'', प्रतिवेदित किया है। वित्तीय वर्ष के दौरान कार्यक्रम अधिकारी के डिजीटल सिग्नेचर एक्टिवेट होने में विलंब, राज्य स्तरीय नोडल खाते में अपर्याप्त राशि तथा अन्य तकनीकी कारणों से भुगतान संबंधी एफ.टी.ओ. जारी किये जाने में विलंब के दृष्टिगत कार्यवाही नहीं की गई। जानबूझकर लापरवाही परिलक्षित न होने के कारण कोई कार्यवाही नहीं की गई। (ख) प्रश्नांकित अवधि में जनपद पंचायत बनखेड़ी के 06 पंचायतों में 60:40 का अनुपात नहीं होने के बाद भी एफ.टी.ओ. जारी किये गये। 47 ग्राम पंचायतों में 60:40 का अनुपात मेंटेन है, इनमें से 29 ग्राम पंचायतों में एफ.टी.ओ. जारी नहीं किये गये है। जी हाँ। दिनांक 10.09.2015 से 28.09.2015 तक मजदूरी भुगतान को प्राथमिकता दिये जाने हेतु पर्याप्त राशि की उपलब्धता होने तक तात्कालिक रूप से सामग्री भुगतान को स्थगित किया गया था। रोक हटाने के उपरांत एफ.टी.ओ. जारी किये गये। (ग) जनपद पंचायत बनखेड़ी में उल्लेखित ग्राम पंचायतों सहित 29 ग्राम पंचायत के एफ.टी.ओ. विगत 03 माह या अधिक अवधि से लंबित हैं। जिसका कारण मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत बनखेड़ी का सेवानिवृत्त होना, नवीन डिजीटल सिग्नेचर एक्टीवेट होने में समय लगना एवं राज्य स्तरीय नोडल खाते में पर्याप्त राशि न होना एवं अन्य तकनीकी समस्या होना है।
सूखाग्रस्त ग्रामों में मुआवजा एवं पटवारियों के स्थानांतरण
131. ( क्र. 4788 ) श्री कल सिंह भाबर : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला प्रशासन झाबुआ द्वारा वर्ष 2015-16 की स्थानांतरण नीति की कंडिका 8.13 के विपरित नीति से हटकर पटवारियों के स्थानांतरण कर दिये है? (ख) ऐसे स्थानांतरण नीति के विपरीत पटवारियों के किये गये स्थानांतरण को प्रश्नकर्ता द्वारा जिला प्रशासन को संज्ञान में लाने के बाद भी एवं ऐसे स्थानांतरण पटवारी की पुन: कई शिकायत होने के बाद भी जिला प्रशासन द्वारा ऐसे स्थानांतरण निरस्त क्यों नहीं किये गये है? क्या अब ऐसे स्थानांतरण कृषकों के हित में निरस्त किये जायेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? (ग) झाबुआ जिले में कितनी तहसील, कितने ब्लॉक, कितने ग्रामों को सूखा ग्रस्त घोषित किया गया है? यदि जिले के सभी ग्रामों में सूखा घोषित किया गया है तो फसल नुकसानी का मुआवजा सभी ग्रामों को क्यों नहीं दिया जा रहा है? (घ) जिले में फसल नुकसानी से शेष रहे ग्रामों का मुआवजा कब तक दिया जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) झाबुआ जिले में भू-अभिलेख विभाग से स्थानान्तरण नीति 2015-16 की कंडिका 8.13 का पालन किया जाकर स्थानान्तरण किये गये है। (ख) प्रश्नांश "क" के परिप्रेक्ष्य में निरंक (ग) जिला झाबुआ की सभी 05 तहसीलों को शासन द्वारा सूखा प्रभावित घोषित किया गया है। जिले के 317 ग्रामों में 25 प्रतिशत से अधिक फसल नुकसानी होने से राहत राशि का वितरण किया जा रहा है। (घ) जिले में कोई ग्राम शेष नहीं है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
क्रेडिट कार्ड के माध्यम से किसानों को ऋण वितरण
132. ( क्र. 4789 ) श्री कल सिंह भाबर : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2012 से प्रश्न दिनांक तक झाबुआ जिले की सहकारी संस्थाओं में हितग्राहियों को किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से कितने किसानों को ऋण दिया गया है? (ख) सहकारी संस्थाओं द्वारा किसानों की ऋण पलटा कर कितनी राशि जारी की गई हैं? पलटा कर ऋण दिये गये किसानों की संख्या बताएं? (ग) सहकारी संस्थाओं द्वारा वन समिति राखडिया द्वारा विपणन सहकारी संस्था मेघनगर को चेक दिये गये है? उक्त चेकों की राशि किसके द्वारा आहरित की गई है, व किसके नाम से चेक जारी किये हैं तथा कितनी-कितनी राशि दी गई है? पूर्ण जानकारी वर्ष 2012 से आज तक की उपलब्ध करावें। (घ) झाबुआ जिले में 31 जनवरी,2016 की स्थिति पर समस्त पंजीकृत सहकारी समितियों की सूची पंजीयन क्रमांक एवं दिनांक, निर्वाचित अध्यक्ष/प्रशासक का नाम तथा अंतिम निर्वाचन की तिथि संस्थावार उपलब्ध करावें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) वर्ष 2012-13 में 40436, वर्ष 2013-14 में 44705, वर्ष 2014-15 में 42914 तथा वर्ष 2015-16 में 40938 कृषकों को के.सी.सी. के माध्यम से ऋण दिया गया है। (ख) ऋण पलटा नहीं किया गया। किसान क्रेडिट कार्ड योजनांतर्गत किसानों से पुराने ऋण राशि को जमा कराये जाकर नवीन आहरण किया जाता है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। ग्राम वन समिति द्वारा विपणन सहकारी संस्था मर्यादित, मेघनगर के नाम पर चेक जारी किये गये है। विपणन सहकारी संस्था मर्यादित, मेघनगर द्वारा अपने बैंक खातो में जमा कराये गये चेक का विस्तृत विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (घ) कार्यरत संस्थाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 पर तथा परिसमापन संस्थाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है।
ग्राम कुसुम्बिया से गोराडिया मार्ग पर पुलिया निर्माण
133. ( क्र. 4803 ) श्रीमती योगिता नवलसिंग बोरकर : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पंधाना विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत जनपद पंचायत छैगांवमाखन के अधिनस्थ ग्राम कुसुम्बिया से गोराडिया मार्ग पर पुलिया निर्माण की स्वीकृति विभाग द्वारा हुई है? या नहीं? (ख) यदि हुई हो तो कब तक निर्माण कार्य शुरू किया जायेगा? (ग) यदि नहीं, तो मनरेगा के कार्य के साथ विधायक निधि दिया जाना अनिवार्य है? क्या प्रत्येक मनरेगा के स्वीकृत कार्यों में विभाग विधायक मद अनिवार्यत: लेता है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। (ख) उत्तरांश 'क' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। मनरेगा के स्वीकृत प्रत्येक कार्य में विधायक निधि मद से अभिसरण (Convergence) कर राशि लेना अनिवार्य नहीं है।
मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना का क्रियान्वयन
134. ( क्र. 4811 ) श्री रामसिंह यादव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शिवपुरी जिले में मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत प्रथम चरण (फर्स्ट फेस) में डाली गई सड़कों में जी.एस.वी. मटेरियल में मुरम का उपयोग किया गया है? जबकि क्रेशर मटेरियल का इस्तेमाल करने का प्रावधान डी.पी.आर. में था? यदि हाँ, तो मुरम का उपयोग क्यों किया गया? (ख) क्या उक्त सड़कों में मानक अनुसार मटेरियल का उपयोग किया गया है? यदि हाँ, तो उक्त सड़कों में उपयोग किए गए जी.एस.वी. मटेरियल का परीक्षण किन-किन लैबों में किया गया तथा निर्मित पुल-पुलियों की गुणवत्ता क्या अति दयनीय है? उनके दोनों ओर रोड का सरफेस लेवल ऊंचा-नीचा होने एवं उपयुक्त तरीके से मटेरियल दोनों डाला गया है या नहीं? (ग) क्या उक्त मार्गों पर जी.एस.वी. मटेरियल का उपयोग न होने एवं अमानक रूप से मुरम का उपयोग होने के कारण सड़कें खस्ताहाल हो गई है एवं धूल के उड़ते उम्बार के कारण ग्रामीणजनों के स्वास्थ्य पर धूल जनहित दमा एवं सांस रोग आदि का प्रकोप बढ़ रहा है? यदि हाँ, तो उक्त सड़कों का सुधार कब तक कराया जाएगा? (घ) क्या उक्त निर्माण कार्यों में डी.पी.आर. अनुसार मटेरियल उपयोग न करने एवं गुणवत्ता उपयुक्त न होने के कारण क्या शासन उक्त मार्गों की तकनीकी अधिकारियों की उच्च स्तरीय टीम से जाँच कराएगा एवं जाँच उपरांत दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही करेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। बेसकोर्स में ग्रेवल का उपयोग किया गया है। योजना के प्रावधानों के अनुसार ग्रेवल की सी.बी.आर.30 निर्धारित है। यह सी.बी.आर. मुरूम, बजरा, रेत या स्टोन स्क्रीनिंग के मिश्रण से प्राप्त होती है। जी नहीं, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हाँ। सड़कों में उपयोग किये गये ग्रेवल मटेरियल का परीक्षण कंसल्टेंट द्वारा स्थापित प्रयोगशाला एवं कार्यस्थल पर मोबाईल प्रयोगशाला में किया गया। पुल-पुलियों की गुणवत्ता दयनीय नहीं है एवं पुलियों के ऊपर दोनों ओर रोड के सर्फेस लेवल के अनुसार उपयुक्त तरीके से मटेरियल डाला गया। (ग) जी नहीं। उत्तरांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) उत्तरांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
स्मार्ट ग्राम योजना
135. ( क्र. 4847 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. सरकार द्वारा सिंहस्थ 2016 के तहत स्मार्ट ग्राम योजना अंतर्गत मुख्य मार्ग से जुड़े गांवों में विकास कार्य किया जायेगा? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित योजना अंतर्गत उज्जैन संभाग के शाजापुर जिले की कौन-कौन सी ग्राम पंचयतों को सम्मिलित किया गया है? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित योजना अंतर्गत शाजापुर जिले की कालापीपल विधानसभा क्षेत्र के कौन-कौन से गांवों की विकास की योजना बनाई गई? विकासखण्डवार जानकारी देवें क्या स्मार्ट गांवों की पंचायतों में राशि का आवंटन किया गया है? यदि नहीं, तो सिंहस्थ 2016 तक उक्त गांवों को कैसे स्मार्ट बनाया जावेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ‘ अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब‘ अनुसार। चयनित ग्रामों को राशि प्रदाय किया जाना शासन प्रक्रियाधीन है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
बीज अनुदान भुगतान में गड़बड़ी
136. ( क्र. 4864 ) श्री हर्ष यादव : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2012-13 में सागर संभाग अंतर्गत किन जिलों में बीज वितरण हेतु कितनी राशि बीज वितरण अनुदान की राशि प्राप्त हुई? कितनी राशि निजी बीज उत्पादक समितियों को सोयाबीन बीज वितरण अनुदान हेतु भुगतान की गई? (ख) सागर जिले में खरीफ 2012-13 में कितने किसानों को बीज वितरण अनुदान राशि भुगतान की गई? (ग) सागर जिले में रबी वर्ष 2012-13 एवं 2013-14 में गेहूं, चना बीज उत्पादन अनुदान के लिये शासन से प्राप्त और व्यय राशि की जानकारी दें? निजी बीज उत्पादक समितियों को सोयाबीन बीज वितरण अनुदान हेतु भुगतान राशि बतावें? (घ) सागर संभाग के किन जिलों में किसानों को अनुदान राशि का भुगतान बैंक खाते के माध्यम से नहीं होने की शिकायत मिलने पर भी कार्यवाही नहीं की गई?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) वर्ष 2012-12 में सागर संभाग अंतर्गत बीज वितरण हेतु जिला टीकमगढ़ को राशि रूपये 84.705 लाख सागर को राशि रूपये 758.41 लाख, दमोह को 468.39 लाख, पन्ना 192.11 लाख तथा छतरपुर को राशि रूपये 382.01 लाख बीज वितरण अनुदान राशि प्राप्त हुई। मध्यप्रदेश शासन,किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग मंत्रालय भोपाल का पत्र क्रमांक/बी-15-18/2011/ 14-2 दिनांक 22 मई 2012 के द्वारा सोयाबीन बीज वितरण पर अनुदान राशि का प्रावधान न होने के कारण सोयाबीन बीज वितरण का अनुदान भुगतान नहीं किया गया। (ख) सागर जिले में खरीफ 2012-13 में किसानों को बीज वितरण अनुदान भुगतान नहीं हुआ है। (ग) सागर जिले में रबी वर्ष 2012-13 एवं 2013-14 में गेहूं चना बीज उत्पादन अनुदान के अंतर्गत प्राप्त आवंटन एवं व्यय की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। वर्ष 2012-13 में बीज उत्पादक सहकारी समितियों को बीज वितरण अनुदान का भुगतान शासन के निर्देश के तहत नहीं किया गया। वर्ष 2013-14 की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (घ) कोई शिकायत लंबित नहीं जिस पर कार्यवाही नहीं की गई।
स्वच्छ भारत मिशन अंतर्गत कार्यवाही
137. ( क्र. 4898 ) श्री कमल मर्सकोले : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सिवनी जिले में स्वच्छ भारत मिशन अंतर्गत वर्ष 2014-15 में व्यक्तिगत शौचालयों का निर्माण कराया गया है? इसके लिए कितने व्यक्तिगत शौचालयों का लक्ष्य निर्धारित किया गया था तथा इस वर्ष में कितना व्यय किया गया है? (ख) स्वच्छ भारत मिशन अंतर्गत वर्ष 2014-15 में सिवनी जिला अंतर्गत प्रावधानित लक्ष्य व व्यय के अनुसार कितने शौचालय का निर्माण कराया गया है? यदि लक्ष्य पूर्ण नहीं किया गया है तो इस पर जिम्मेदार अधिकारियों पर क्या कार्यवाही की गई है? (ग) स्वच्छ भारत मिशन अंतर्गत वर्ष 2004-15 में आई.ई.सी मद में जिला स्तर पर कुल कितनी राशि का प्रावधान किया गया था? इस राशि में कितनी राशि आउट डोर मीडिया तथा मास मिडिया में व्यय की गई है? (घ) क्या स्वच्छ भारत मिशन अंतर्गत वर्ष 2014-15 में आउट डोर मीडिया में निर्धारित प्रावधान के अधिक व्यय हुआ है तो क्या शासन खर्च की अनुमति प्रदान की है? यदि बिना शासन की अनुमति के अतिरिक्त व्यय किया गया है तो जिम्मेदार अधिकारियों पर क्या कार्यवाही की गई है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। स्वच्छ भारत मिशन अंतर्गत वर्ष 2014-15 में 23093 शौचालयों का लक्ष्य निर्धारित किया गया था तथा वर्ष 2014-15 में कुल रू. 698.22 लाख व्यय किया गया है। (ख) स्वच्छ भारत मिशन अंतर्गत वर्ष 2014-15 में 8799 शौचालयों का निर्माण कराया गया है। लक्ष्य पूर्ण नहीं होने पर संबंधित अधिकारियों को प्रगति लाने हेतु भविष्य के लिये सचेत किया गया है। (ग) स्वच्छ भारत मिशन अंतर्गत वर्ष 2014-15 में आई.ई.सी. मद में जिला स्तर पर राशि रू. 69.80 लाख का प्रावधान किया गया था। आउट डोर मीडिया तथा मास मीडिया में राशि रू. 29.78 लाख व्यय की गई है। (घ) जी हाँ। जी नहीं। प्रकरण की जाँच के निर्देश दिये गये है, जाँच उपरांत जिम्मेदार अधिकारियों पर नियमानुसार गुणदोष के आधार पर कार्यवाही की जावेगी।
मनरेगा अंतर्गत किये जा रहे कार्य
138. ( क्र. 4954 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश शासन द्वारा मनरेगा राशि से क्या-क्या कार्य किए जा सकते हैं? मनरेगा राशि के तहत मजदूरी एवं सामग्री खर्च का क्या प्रतिशत है बतावें? (ख) क्या प्रदेश में जॉब कार्डधारी मजदूरों की जगह मशीनों (J.C.B.) ट्रैक्टरों एवं अन्य मशीनों के द्वारा कार्य किया जा रहा है? (ग) क्या मनरेगा की राशि से जो कार्य मजदूरों द्वारा मजदूरी हेतु किए जाते हैं? उन्हें J.C.B. ट्रैक्टर या मशीनों से कराये जा सकते हैं? (घ) पंचायतों में मजदूरों हेतु जॉब कार्ड मजदूरों के पास रखे जाते हैं या पंचायत में स्थाई रूप से रखे जाते हैं? जाली हस्ताक्षर का मिलान करने की क्या व्यवस्था है? क्या मजदूरों के सीधे खाते में जमा राशि को मजदूरों द्वारा ए.टी.एम. कार्ड के द्वारा राशि निकाली जा रही है? या पंचायत द्वारा नियुक्त व्यक्ति के माध्यम से ए.टी.एम. का उपयोग कर राशि का आहरण किया जा रहा है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) मध्यप्रदेश शासन द्वारा मनरेगा राशि से किये जा सकने वाले कार्यों की सूची सलंग्न 'परिशिष्ट अनुसार है। मनरेगा राशि के तहत मजदूरी 60 प्रतिशत एवं सामग्री 40 प्रतिशत खर्च की जाती हैं। (ख) जी नहीं। (ग) जी नहीं। (घ) जी हाँ। पंचायतों में स्थायी रूप से रखे जाने का प्रावधान नहीं हैं। जाली हस्ताक्षर की शिकायत प्राप्त होने पर शिकायत की जाँच की जाती है। मजदूरों के सीधे खाते में जमा राशि को मजदूरों द्वारा राशि निकाली जाती है। जिन स्थानों पर बैंक ब्रांच उपलब्ध नहीं है उक्त स्थानों पर मजदूरों को राशि उपलब्ध कराने के लिये बैंकों द्वारा बिजनेस करसपोंडेस नियुक्त किये जाते है। पंचायतों द्वारा इस संबंध में किसी व्यक्ति को नियुक्त नहीं किया जाता है।
लोक सेवा केन्द्र की स्वीकृति
139. ( क्र. 5019 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या परिवहन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र ब्यावरा के टप्पा सुठालिया के अंतर्गत लगभग 60-65 ग्राम आते हैं तथा शासन की समस्त जनकल्याणकारी योजनाओं, खसरा नकल, बी.पी.एल. कार्ड हेतु आवेदन, आदि लोक सेवाओं का लाभ प्राप्त करने के लिये आवेदन प्रस्तुत करने हेतु आमजनों को 30 से 60 कि.मी. दूरी तक से तहसील मुख्यालय ब्यावरा स्थित लोक सेवा केन्द्र आना पड़ता है? यदि हाँ, तो क्या क्षेत्र के किसानों व आमजनों को अत्यधिक दूरी से लोक सेवा केन्द्र ब्यावरा आने में समय, धन अथवा कई अन्य परेशानियों का सामना भी करना पड़ रहा है? (ख) यदि हाँ, तो क्या शासन किसानों एवं आमजनों की परेशानियों को दृष्टिगत रखते हुये सुठालिया नगर में लोक सेवा केन्द्र प्रारंभ करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
परिवहन मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। लोक सेवा केन्द्रों की स्थापना तहसील/विकासखंड में ही की जा सकती है।
नि:शक्तजन कल्याण हेतु आयोजित शिविर
140. ( क्र. 5020 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले की विधानसभा क्षेत्र ब्यावरा के अंतर्गत वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन कल्याण विभाग द्वारा नि:शक्तजनों को विभिन्न योजनाओं का लाभ देने हेतु कब-कब, कहाँ-कहाँ शिविरों का आयोजन किया गया? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में विभाग द्वारा कौन-कौन उपकरण जिला/ब्लॉक स्तर पर उपलब्ध कराये जाते हैं तथा ऐसे कौन-कौन से उपकरण है, जिनके लिये हितग्राही को जिला/ब्लॉक स्तर से हटकर बाहर भेजा जाता है अथवा बाहर से गुणवत्तापूर्ण उपकरण उपलब्ध कराने हेतु परामर्श दिया जाता है तथा क्या उनका सम्पूर्ण व्यय विभाग द्वारा वहन किया जाता है? (ग) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में विभाग के पास क्या ऐसे नि:शक्तजन जो विकलांग अथवा बहुविकलांग की श्रेणी में पात्रता रखते हैं, इस बाबत् सर्वे कराया गया है? यदि हाँ, तो सर्वेक्षण सूची नाम व पूर्ण पते सहित उपलब्ध करावें? यदि नहीं, तो शासन की उक्त योजनाओं के लाभ से वंचित हितग्राहियों के साथ असंवेदना बरतने वाले विभागीय अधिकारी-कर्मचारियों के विरूद्ध क्या कोई कार्यवाही की गई?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक विधान सभा क्षेत्र ब्यावरा में दिनांक 27-06-2015 को बी.आर.सी. भवन ब्यावरा में शिविर का आयोजन किया गया है। (ख) विभाग द्वारा निःशक्तजनों को जिला/ब्लॉक स्तर पर नियमानुसार पात्रता होने पर ट्रायसिकल्स, फोल्डिंग व्हील चेयर, बैसाखी, वाकिंग स्टिक, अंधत्व छड़ी, ब्रेलकिट, एम.आर.किट, श्रवण यंत्र, लैपटाप, मोटराईज्ड ट्रायसिकल्स, मोटराईज्ड व्हील चेयर, एडवरटाइजमेन्ट ट्रायसिकल, कैलीपर्स एवं अन्य कृत्रिम अंग/ सहायक उपकरण उपलब्ध कराये जाते हैं, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण द्वारा संचालित योजनाओं में नियमानुसार पात्रता होने पर हितग्राहियों को लाभान्वित किया जाता है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
संवर्ग समिति प्रबंधक की नियुक्ति
141. ( क्र. 5037 ) श्री गिरीश भंडारी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजगढ़ जिले की प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों में संवर्ग समिति प्रबंधक नियुक्ति किये जाने का प्रावधान है? (ख) प्रश्न की कंडिका (क) की उपलब्ध जानकारी अनुसार क्या जिले के समस्त प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों में संवर्ग समिति प्रबंधक नियुक्त है? यदि नहीं, तो क्यों नहीं? क्या यह शासन के नियमानुसार है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। राज्य शासन की अधिसूचना दिनांक 25.08.2010 से प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों के संवर्ग को समाप्त किया गया था। माह अप्रैल 2015 में सहकारी अधिनियम में संशोधन कर संवर्ग बनाये जाने का प्रावधान किया गया है, इस हेतु नियम बनाये जाने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
मार्केटिंग फेडरेशन का केप (ओपन गोडाउन)
142. ( क्र. 5086 ) डॉ. योगेन्द्र निर्मल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मार्केटिंग फेडरेशन का केप (ओपन गोडाउन) मेंहदीवाड़ा-खापा होते हुये बोदलकसा सड़क पर बनाया गया है? क्या उक्त केप की सड़क जो की प्रधानमंत्री सड़क योजनांतर्गत आती है, जो कि भारी वाहन चलने के कारण अत्यधिक जर्जर एवं जीर्ण-शीर्ण हो गयी है? (ख) क्या उक्त सड़क पर 12 चक्का एवं 16 चक्का के भारी टन के वाहन गुजरते हैं? क्या प्रधानमंत्री सड़क योजनांतर्गत 8 टन के ऊपर के वाहन का आवागमन प्रधानमंत्री सड़क पर नहीं होना चाहिए? (ग) उक्त सड़क के निर्माण के लिये कृषि विभाग को प्रश्नकर्ता द्वारा लिखे गये पत्र के जवाब में अधिकारियों द्वारा प्रश्नकर्ता को जवाब दिया गया? (घ) कृषि विभाग द्वारा उक्त सड़क का निर्माण कब तक करा लिया जावेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। जी हाँ। (ख) जी हाँ। जी हाँ, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनान्तर्गत निर्मित मार्ग 8 टन के उपर के वाहनों के आवागमन हेतु प्रतिबंधित है। (ग) जी हाँ। (घ) कृषि विभाग द्वारा सड़क का निर्माण नहीं कराया जाना है।
ट्रांसपोर्ट लाइसेंस में अनियमितता
143. ( क्र. 5089 ) डॉ. योगेन्द्र निर्मल : क्या परिवहन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मोटरयान नियम 1994 के 7 के नियम अनुसार आवेदक ट्रांसपोर्ट लाइसेंस (हेवी) की फीस एवं 100 रू. बिल्ला का शुल्क सहित आवेदन ऑनलाईन करता है? नियम 8 परिवहनयान के चालक का बिल्ला प्राप्त होने पर बिल्ला क्रमांक प्रिंट किया जाता है? (ख) दिनांक 02.06.2015 से 31.12.2015 तक कितने ट्रांसपोर्ट लाईसेंस बनाये गये हैं? उनकी कुल संख्या बतायी जावे? (ग) जिला परिवहन अधिकारी बालाघाट एवं लिपिक द्वारा अपने पद का दुरूपयोग कर आवेदकों को नुकसान पहुंचाने एवं अपने लाभ के लिये कार्यालय में बिल्ला होते हुये भी आवेदकों को प्रदान नहीं किया जा रहा है? (घ) उक्त अधिकारी/कर्मचारी किस नियम के अंतर्गत बिल्ला फीस शासन को देने के बाद भी नहीं दिया जा रहा है? उक्त दोषी अधिकारी/कर्मचारी पर विभाग क्या कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
परिवहन मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) मध्यप्रदेश मोटरयान नियम 1994 के नियम 7 के अनुसार आवेदक परिवहन यान चलाने के लिये प्राधिकृत (अथाराईजेशन) किये जाने हेतु विनिर्दिष्ट फीस सहित आवेदन ऑनलाइन कर सकता है तथा नियम-8 के अनुसार परिवहन यान चलाने के लिये प्राधिकार (अथाराईजेशन) मंजूर होने पर विनिर्दिष्ट फीस रूपये 100/- ऑनलाइन भुगतान करने पर प्लास्टिक या धातु का बिल्ला जारी किया जाता है, जिसमें एक पहचान संख्या अंकित रहती है। (ख) प्रश्नाधीन अवधि में राज्य में कुल 30217 ट्रांसपोर्ट लाइसेंस जारी किये गये हैं (ग) जी नहीं। जिला परिवहन अधिकारी बालाघाट एवं लिपिक द्वारा अपने पद का दुरूपयोग कर आवेदकों को नुकसान पहुँचाने एवं अपने लाभ के लिये कार्यालय में बिल्ला होते हुये भी आवेदकों को प्रदान नहीं किये जाने का प्रकरण प्रकाश में नहीं आया है। वर्तमान में प्राप्त आवेदनों के आधार पर 65 आवेदकों को बिल्ला प्रदाय किया गया है। (घ) प्रश्नांश ‘‘ग’’ के उत्तर अनुसार प्राप्त आवेदनों पर नियमानुसार बिल्ले जारी किये गये है। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
गेहूं खरीदी में हुई आर्थिक अनियमितताएं
144. ( क्र. 5160 ) श्री विश्वास सारंग : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल एवं रायसेन जिलों की किस-किस सेवा सहकारी संस्थाओं द्वारा वर्ष 2013, 14 व 15 में कितने-कितने क्विंटल गेहूं की खरीदी की गई वर्षवार, क्विंटलवार, जिलावार संस्थावार जानकारी दें? (ख) प्रश्नांश (क) के तहत खरीदे गए गेहूं में तुलाई, बारदाना, परिवहन व अन्य मदों में कितना-कितना व्यय किया गया वर्षवार, मदवार व व्यय राशिवार, जिलावार, संस्थावार जानकारी दें? क्या उक्त मदों में नियम से ज्यादा व्यय किया गया है? यदि हाँ, तो क्यों? नियम बताएं? (ग) प्रश्नांश (क) व (ख) के तहत एस.डी.एम./कलेक्टर या विभाग को गेहूं खरीदी में हुई अनियमितताओं की कितनी-कितनी शिकायतें प्राप्त हुईं? प्रश्न दिनांक तक उनका क्या-क्या, निराकरण हुआ? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) व (ग) के तहत समितियों के किस-किस कर्मचारी द्वारा गेहूं खरीदी के दौरान राशि का गबन कर कितनी राशि किस दिनांक से अपने पास रखे हुए हैं? प्रश्न दिनांक तक उस पर क्या-क्या कार्रवाई की गई है? क्या ऐसे कर्मचारी के खिलाफ एफ.आई.आर. दर्ज कराई गई है? यदि नहीं, तो क्यों? कारण दें? क्या अब कराई जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है, प्रथम दृष्टया अधिकांश संस्थाओं द्वारा अधिक व्यय किया गया है, गेहूं उपार्जन में हुए अधिक व्ययों के संबंध में जाँच के निर्देश दिये गये हैं, शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ग) एवं (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
भूमिहीन कृषकों की भूमि का व्यवस्थापन
145. ( क्र. 5185 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले के अंतर्गत जिले के समस्त तहसीलों में क्या 20 सत्रीय कार्यक्रम के अंतर्गत भूमिहीन कृषकों को भूमि का व्यवस्थापन किया गया था? यदि हाँ, तो कितने कृषकों कितनी भूमि का व्यवस्थापन कितने कृषकों के नाम किया गया था? (ख) रघुराजनगर तहसील के अंतर्गत ग्राम सोनौदा, उतैलीचेक, कृपालपुर, रामटेकरी, घूरडाँग, बरदाडीह, अमौधा, बगहा एवं डेलौरा ग्राम में बन्दोबस्ती जमीनों की अद्यतन स्थिति क्या है? (ग) क्या व्यवस्थापन की प्रश्नांश (ख) की भूमियां भूमाफिया एवं राजस्व अमले के द्वारा बिक्री कर प्लाटिंग कराई गई हैं तथा हजारों प्लाट बिक्री किये जा चुके हैं? यदि हाँ, तो व्यवस्थापन की भूमियों के अपग्रेडेशन संबंधी नियम क्यों लागू नहीं किये गये? विक्रीत भूमियों को विक्रय पत्र निष्पादन क्या आवैधानिक माना जावेगा? यदि हाँ, तो वैधानिक कार्यवाही कब तक की जावेगी? (घ) प्रश्नांश (ख) के वर्णित ग्रामों में व्यवस्थापन की भूमि का विक्रय पत्र का दाखिल खारिज (नामांतरण) पटवारी एवं तहसीलदार द्वारा किया गया है? क्या राज्य शासन भूमाफिया एवं राजस्व अमले के विरूद्ध कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो समयावधि बताई जावे?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ, कुल 2390 भूमिहीन कृषकों को कुल 1808.870 हे. भूमि का व्यवस्थापन किया गया था। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ग) जी नहीं, राजस्व अमले के द्वारा बिक्री करने के प्रकरण प्रकाश में नहीं आये हैं। व्यस्थापन के अपग्रेडेशन संबंधी नियम शासन के निर्देश एवं नियमों की परिधि में लागू हैं। विक्रित भूमियों के विक्रय-पत्र का निष्पादन अवैधानिक मान्य करने संबंधी आदेश सक्षम न्यायालय से जारी होना नहीं पाये गये हैं। (घ) रजिस्टर्ड विक्रय पत्र के आधार पर नामांतरण किया गया है। शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता।
कर्मचारियों को विभाग में संविलियन
146. ( क्र. 5205 ) श्री जालम सिंह पटेल : क्या परिवहन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या तिलहन संघ को तथा मध्य प्रदेश सड़क परिवहन विभाग को शासन द्वारा बंद करने का निर्णय लिया है? तिलहन संघ के शेष बचे लगभग 1200 कर्मचारियों को अपने विभागों में संविलियन करने का निर्णय लिया है? यदि हाँ, तो मध्य प्रदेश सड़क परिवहन निगम के कर्मचारियों के लिये ऐसा निर्णय क्यों नहीं लिया? (ख) शासन के सैद्धांतिक निर्णय अनुसार क्या परिवहन निगम के पूर्ण परिसमापन हेतु श्रम विभाग भारत सरकार से अनुमति चाही गई? यदि हाँ, तो अनुमति हेतु प्रथम आवेदन कब प्रस्तुत किया गया है? आवेदन में आज तक अनुमति विगत 10 वर्षों में क्यों नहीं प्राप्त हुई? (ग) क्या बगैर वैधानिक प्रक्रियाएं पूर्ण किये जन सुविधा से जुड़े परिवहन निगम को बंद कर देने की कार्यवाही न्यायोचित है? (घ) क्या मध्य प्रदेश सड़क परिवहन निगम के शेष 454 कर्मचारियों को भी अविलंब अपने विभागों में संविलियन करने का निर्णय लिया जायेगा?
परिवहन मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) मध्यप्रदेश शासन सहकारिता विभाग के पत्र क्रमांक एफ 6-36/2012/15 दिनांक 01.08.2013 के परिपालन में, आयुक्त सहकारिता के आदेश दिनांक 12.11.2013 द्वारा मध्यप्रदेश राज्य सहकारी तिलहन संघ भोपाल को परिसमापन में लाया गया हैं। मंत्रि परिषद् निर्णय दिनांक 18.02.2005 के अनुसार राज्य शासन द्वारा मध्यप्रदेश सड़क परिवहन निगम को बंद करने का सैद्धांतिक निर्णय लिया गया है। मध्यप्रदेश शासन सामान्य प्रशासन विभाग के पत्र क्र. सी-3-14/2013/1/3 दिनांक 12.08.2013 द्वारा तिलहन संध के सेवायुक्तों को राज्य शासन के विभिन्न विभागों में संविलियन हेतु संविलियन योजना चालू की गई है। मध्यप्रदेश सड़क परिवहन निगम के शेष कर्मचरियों को शासन के अन्य विभागों में संविलियन किये जाने हेतु प्रस्ताव सामान्य प्रशासन विभाग को प्रेषित किया गया था, परन्तु विभाग के उक्त प्रस्ताव को सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा दिनांक 24.11.2015 को इस आधार पर अमान्य किया चुका है कि संविलियन संबंधी प्रस्ताव विधि सम्मत नहीं हैं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता हैं। (ख) जी हाँ। अनुमति हेतु प्रथम आवेदन पत्र दिनांक 28.09.2006 श्रम एवं रोजगार मंत्रालय भारत सरकार को प्रेषित किया गया था। निगम को बंद करने बाबत् भारत सरकार से अनापत्ति हेतु विभाग द्वारा निरंतर पत्राचार किया जा रहा हैं। अतएव शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता हैं। (ग) मध्यप्रदेश सड़क परिवहन निगम के निंरतर घाटे में चलने के कारण मंत्रि परिषद् निर्णय दिनांक 18.02.2015 द्वारा निगम को बंद करने का सैद्धांतिक निर्णय लिया गया है। (घ) मध्यप्रदेश सड़क परिवहन निगम के शेष कर्मचारियों को शासन के अन्य विभागों में संविलियन किये जाने संबंधी प्रस्ताव विधिसम्मत न होने से सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा दिनांक 24.11.2015 को अमान्य किया चुका हैं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता हैं।
दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही
147. ( क्र. 5206 ) श्रीमती शीला त्यागी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिला अंतर्गत चौखंडी से बसरेही एवं बसरेही से किरहाई चौराहा और भिटौहा से अनुसूचित जाति बस्ती बरौहुला प्रधानमंत्री सड़क के तहत कार्य वंदना कन्स्ट्रक्शन कंपनी द्वारा गत दो वर्ष पूर्व कराया गया था? यदि हाँ, तो उक्त कार्यों का उक्त कंपनी से विभाग का अनुबंध क्या था तथा कुल कितने लागत से उक्त कार्य कराये गये थे? (ख) क्या प्रश्नांश (क) के प्रधान मंत्री सड़क निर्माण का कार्य अनुबंधित समय से पूर्व सड़के उखड़ गई है? क्या उक्त सड़कों की जाँच कलेक्टर रीवा से कराई जाकर उक्त कार्य की रिपेरिंग कराते हुए दोषी पर कार्यवाही करेंगे? यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) के सड़कों के निर्माण की रिपेरिंग ठेकेदार के द्वारा न कराये जाने पर उसके विरूद्ध पुलिस में प्रकरण दर्ज कराते हुय उक्त भुगतान राशि की वसूली करेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? (घ) प्रश्नांश (क) के सड़क निर्माण कार्य में विभाग के कौन-कौन से अधिकारी/कर्मचारी संलग्न है? उनके लापरवाही के कारण उक्त कार्य घटिया कराया गया है? यदि हाँ, तो इस कार्य में विभाग के कौन-कौन से कर्मचारी/अधिकारी दोषी है? इनके विरूद्ध क्या कार्यवाही करेंगे?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित मार्गों का निर्माण प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत अतरैला घूमन रोड से बसरेही, बराह डभौरा रोड से किरहाई एवं पटेहरा लटियार रोड से बरहुला सीगोंटोला सड़क निर्माण कार्यों का अनुबंध श्री वंदना कंस्ट्रक्शन कंपनी से किया गया था, किंतु उक्त एजेंसी द्वारा कार्य पूर्ण नहीं करने के कारण ठेका निरस्त कर दिया गया था। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित सड़कें वर्तमान में अपूर्ण है। अतः अनुबंधित समय से पूर्व उखड़ जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। उक्त सड़कों के निर्माण हेतु पूर्व एजेंसी का ठेका निरस्त किया गया है एवं वर्तमान में नवीन एजेंसी का निर्धारण हेतु निविदा आमंत्रित की गई है। अतः किसी जाँच कराये जाने, किसी पर कार्यवाही करने की आवश्यकता प्रतीत नहीं होती। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) उत्तरांश (क) के प्रकाश में ठेका निरस्त होने से पूर्व ठेकेदार के विरूद्ध अनुबंध के प्रावधान के अनुसार कार्यवाही करते हुये रूपये 29.10 लाख की वसूली कर ली गई है। शेष वसूली हेतु कार्यवाही की जा रही है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। जी नहीं चूंकि कार्य अपूर्ण है एवं पूर्व ठेकेदार से मानक अनुसार कार्य कराया गया है। अतः किसी के दोषी अथवा उनके विरूद्ध कार्यवाही किये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
समिति प्रबंधक एवं कर्मचारियों से बकाया राशि की वसूली
148. ( क्र. 5209 ) श्रीमती शीला त्यागी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले के सेवा सहकारी समिति मनगवां, परासी, चांदी, गढ़वा, जवा (टगहा, नौबस्ता) सिरमौर, चोरहटा में वित्तीय वर्ष 2012-13 से प्रश्न दिनांक तक बैलेंस शीट में समिति संस्था के समिति प्रबंधक एवं अन्य कर्मचारियों के ऊपर कितनी-कितनी राशि बकाया नामें बाधी गई है? समितिवार जानकारी देवें? (ख) प्रश्नांश (क) समितियों एवं अवधि में क्या समितियों की ऑडिट कराई गई है? यदि हाँ, तो ऑडिट में कितने-कितने रूपये का ऑडिट आक्षेप आया है? समितिवार जानकारी देवें? ऑडिट आक्षेप एवं बैलेंस शीट की अधिरोपित दोनों राशियां मिलाकर समितिवार कितने रूपये की हानि समितियों को हुई है? समिति संस्थावार, वर्षवार जानकारी देवें? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के समितियों एवं वर्षों में बैलेंस सीट में बकाया नामे राशि एवं ऑडिट आक्षेप की राशि संबंधितों से ब्याज राशि के साथ वसूल करेंगे? यदि हाँ, तो किस-किस से कितनी-कितनी राशि कब तक वसूल करेंगे? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) की राशि दोषियों द्वारा जमा न करने की स्थिति में पुलिस में प्रकरण दर्ज करायेंगे? क्या दोषी समिति प्रबंधकों को उक्त पद प्रभार से बाहर करेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो कारण बतायें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) वर्ष 2012-13 का अंकेक्षण पूर्ण कराया जा चुका है, वर्ष 2013-14 एवं 2014-15 का अंकेक्षण कराया जा रहा है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) जी हाँ, वसूली हेतु म.प्र. सहकारी सोसायटी अधिनियम 1960 की धारा 64 व 68 में वाद दायर किया जाएगा, वसूली न होने पर यथास्थिति निर्णय लिया जाएगा। वर्तमान में कार्यरत दोषी समिति प्रबंधक की पदस्थापना अन्यत्र कर दी गई है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विपणन संघ द्वारा प्रदायित सामग्री का परीक्षण
149. ( क्र. 5219 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उप संचालक कृषि सागर के द्वारा वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में कौन-कौन सी सामग्री प्राप्त करने के आदेश जिला विपणन अधिकारी सागर को प्राप्त हुए? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या सामग्री प्रदाय कराने के पूर्व नमूने लेकर जाँच कराने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो किन सामग्रियों के नमूने लिये गये एवं गुणवत्ता परीक्षण कहाँ कराया गया? (ग) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में उपसंचालक कृषि विभाग सागर से जिला विपणन अधिकारी कार्यालय द्वारा कौन-कौन सी गुणवत्ताहीन/ अमानक सामग्री का भुगतान प्राप्त किया गया है? (घ) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या एक ही उत्पादक विक्रेता से सामग्री प्राप्त की गयी है? उत्पादक विक्रेता का नाम और स्थान बतायें तथा इस उत्पाद विक्रेता से कौन-कौन सामग्री के सेंपल लिए गए हैं? उनके क्या परिणाम प्राप्त हुए? क्या अमानक सामग्री का भुगतान किया गया है? यदि हाँ, तो कारण सहित बताएं?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जिले द्वारा वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में जिला विपणन अधिकारी सागर को विभिन्न योजनाओं में कृषकों को कृषि आदान सामग्री वितरण के आदेश संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जी हाँ। कृषि यंत्र एवं सिंचाई उपकरणों को छोड़कर उर्वरक एवं पौध संरक्षण औषधि के नमूने लेकर विश्लेषण हेतु प्रयोगशाला में भेजने तथा उनके परिणाम की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) जिले द्वारा वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में गुणवत्ताहीन/अमानक सामग्री का वितरण नहीं किया गया। अत: अमानक सामग्री का भुगतान करने का प्रश्न ही नहीं उठता। (घ) जी नहीं। उत्पादक विक्रेता का नाम एवं स्थान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है एवं उत्पाद विक्रेता की सामग्री के लिये गये सेम्पल एवं सेम्पल के प्राप्त परिणाम की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। अत: अमानक सामग्री का भुगतान करने का प्रश्न ही नहीं उठता।
अविवादित नामांतरण एवं बंटवारा
150. ( क्र. 5227 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 01 फरवरी 2014 से प्रश्न दिनांक तक कटनी जिले के नायब तहसीलदार एवं तहसीलदार कार्यालयों में अविवादित नामांतरण एवं अविवादित बंटवारे के कितने आवेदन प्राप्त हुये/दर्ज हुये हैं, तहसीलवार बतायें? (ख) प्रश्नांश (क) में प्राप्त कितने आवेदनों/प्रकरणों का निराकरण कर दिया गया, कितने प्रकरणों का निराकरण होना लंबित है? इनका निराकरण कब तक किये जायेगा? (ग) क्या प्रश्नकर्ता सदस्य के प्रश्न सं. 85 (क्र. 2117) दिनांक 16 दिसम्बर 2015 के प्रश्नांश (क) के उत्तर में कटनी जिले में अविवादित नामांतरण के 22 एवं बंटवारा के 03 आवेदन, 01/02/2014 से 20/11/2015 तक प्राप्त होना बताया गया है एवं प्रश्नांश (ख) का प्रकरणों के निराकरण हेतु न्यायालयीन कार्यवाही प्रचलित है, उत्तर दिया गया था? क्या विभाग द्वारा जारी आदेश दिनांक 28/01/2014 के अनुसार विभाग के कार्यालयों में सीधे तौर पर प्राप्त आवेदन भी लोक सेवाओं की गारंटी अधिनियम के अंतर्गत मान्य एवं निराकृत होंगे? (घ) प्रश्नांश (ग) के तहत क्या प्रश्न क्रमांक 2117, दिनांक 16/12/2015 के प्रश्नांश (क) एवं (ख) के उत्तर में जिले में प्राप्त आवेदनों की असत्य संख्या एवं अस्पष्ट उत्तर दिया गया है? यदि हाँ, तो इसका कौन-कौन जिम्मेदार है? यदि नहीं, तो स्पष्ट करें एवं कारण बतायें? (ड.) प्रश्नांश (क) से (घ) के परिप्रेक्ष्य में बतायें कि विभाग द्वारा जारी पत्र क्रमांक एफ-5-14/2014/सात-1 एवं एफ-5-15/2014/सात-1 दिनांक 28/01/2014 की मनमानी व्याख्या कर, अपनी गलतियों को छिपाने एवं असत्य उत्तर देने के जिम्मेदार शासकीय सेवकों पर कार्यवाही किये जाने के आदेश प्रदान करेंगे? यदि हाँ, तो क्या और कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) तहसीलवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) तहसीलदार/नायब तहसीलदार कार्यालयों में दर्ज नामांतरण, बंटवारा के कुल 12685 प्रकरणों में से कुल 12655 प्रकरणों का निराकरण कर दिया गया है। शेष 30 प्रकरणों का निराकरण नियत समयावधि में कर दिया जावेगा। (ग) प्रश्न क्र. 2117 दिनांक 16 दिसम्बर 2015 के प्रश्नांश (क) के उत्तर में नामांतरण के 22, बंटवारा के 3 प्रकरण प्राप्त होना बताया गया था। प्राप्त प्रकरणों के अंतर्गत 21 नामांतरण व बंटवारा के 3 प्रकरण निराकृत किये गये है। 1 प्रकरण शेष है। जिसकी कार्यवाही प्रचलित है एवं सीधे तौर पर प्राप्त आवेदन लोक सेवा गारण्टी अधिनियम के अंतर्गत ही निराकृत होंगे। (घ) चूंकि प्रश्न क्र.2117 दिनांक 16.12.2015 के प्रश्नांश ''क'' एवं ''ख'' के उत्तर में प्राप्त आवेदनों की संख्या में लोक सेवा केन्द्रों में प्राप्त आवेदनों की संख्या सम्मिलित नहीं थी। सीधे तहसीलदारों को प्राप्त आवेदनों की संख्या में सीधे प्राप्त आवेदनों को भी सम्मिलित कर लिया गया है। अत: पूर्व में प्रेषित जानकारी के लिए किसी को उत्तरदायी नहीं ठहराया जा सकता। (ड.) विभाग द्वारा जारी परिपत्र क्र.एफ 5-14/2014/सात-1 एवं एफ 5-15/1014/सात-1 दिनांक 28/1/2014 में दिये निर्देशानुसार ही कार्यवाही की जाती है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
महाविद्यालय की जमीन पर अतिक्रमण
151. ( क्र. 5290 ) श्रीमती शकुन्तला खटीक : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासकीय स्नातक महाविद्यालय करैरा, जिला शिवपुरी के सर्वे क्रमांक 1996 रकबा 1.118 हे. एवं सर्वे क्रमांक 2034 रकबा 1.70 हे. होकर जिसमें लगभग 3 बीघा भूखण्ड पर महाविद्यालय भवन निर्मित है तथा शेष भूमि खाली है? (ख) क्या स्नातक महाविद्यालय के प्राचार्य द्वारा सीमांकन कराने पर ज्ञात हुआ कि कुछ भूमि पर भू-माफियाओं द्वारा कब्जा कर अवैध निर्माण कर लिया है, जिसकी शिकायत प्राचार्य द्वारा संबंधित अधिकारियों को कई बार लिखित शिकायतें की गई, लेकिन अवैध कब्जा नहीं हटाया जा सका?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) शासकीय महाविद्यालय शिक्षा समिति करैरा के नाम सर्वे नं.1996 रकवा 1.118 है एवं सर्वे नं.2034 रकवा 1.170 है, कुल रकवा 2.288 दर्ज है। पूर्व में उक्त भूमि का सीमांकन कर अतिक्रमण हटाया गया था, परन्तु कॉलेज प्रबंधन द्वारा उनकी भूमि की बाउण्ड्री, तार फेंसिंग आदि नहीं की गई है, जिसके कारण कुछ भूमि पर बाउण्ड्री, चबूतरा आदि निर्माण कर अतिक्रमण किया गया है। दिनांक 20.02.2016 को पुन: प्राचार्य की उपस्थिति में सीमांकन कराकर मौके की जाँच की गई, जिसमें अतिक्रमणकारियों को चिन्हित कर अतिक्रमण हटाने हेतु नोटिस जारी किए गए है। न्यायालयीन प्रक्रिया अनुसार प्रकरण निराकरण किया जावेगा।
विकास कार्यों संबंधी शिलान्यास कार्य
152. ( क्र. 5304 ) श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला स्तरीय अन्त्योदय मेला जिला मुरैना दिनांक 22 फरवरी, 2014 आओ बनाएं अपना मध्य प्रदेश के कार्यक्रम के अवसर पर पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा विकास संबंधी कार्य मुख्यमंत्री ग्रामीण हाट बाजार निर्माण, राजीव गांधी सेवा केंद्र एवं सुदूर ग्राम संपर्क एवं खेत सड़क योजना से संबंधित शिलान्यास माननीय मुख्यमंत्री द्वारा किया गया था? उस सूची में उल्लेखित शिलान्यास संबंधी कार्यों की विधानसभा क्षेत्र व कार्य वाईज़ अलग-अलग जानकारी दी जावे? (ख) उपरोक्त (क) में वर्णित स्वीकृत कार्यों को किस-किस नियम व प्रक्रिया के तहत स्वीकृति प्रदान की गई? (ग) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कार्यों में कार्यों की संख्या दिमनी विधानसभा क्षेत्र में कम संख्या में स्वीकृत होना, भेदभाव पूर्ण व्यवहार प्रतीत नहीं होता है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। शिलान्यास संबंधी कार्यों की विधानसभावार एवं कार्यवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) प्रश्नांश ‘क‘ में वर्णित स्वीकृत कार्यों को विभिन्न विभागों द्वारा संबंधित योजनाओं के दिशा निर्देशों के अनुरुप स्वीकृति प्रदान की गई है। (ग) जी नहीं। दिमनी विधानसभा क्षेत्र में 20 निर्माण कार्यों का शिलान्यास एवं लोकार्पण किया गया है।
तालाबों का निर्माण
153. ( क्र. 5322 ) श्री सुदर्शन गुप्ता (आर्य) : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश शासन द्वारा बलराम तालाब योजना बनाई गई है? यदि हाँ, तो क्या संबंधित को उक्त योजना के तहत तालाब निर्माण में शासन द्वारा सब्सिडी प्रदान की जाती है? यदि हाँ, तो इंदौर जिलान्तर्गत वित्त वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में कितने तालाबों का निर्माण योजना के तहत हुआ है, तालाबों की संख्या की सूची वर्षवार उपलब्ध करावें? (ख) क्या कतिपय लोगों द्वारा प्रश्नांश (क) अनुसार योजना के तहत तालाब नहीं खुदवाया है व योजना अनुसार सब्सिडी प्राप्त कर ली गई की शिकायतें विभाग को मिली है? यदि हाँ, तो जिलेवार शिकायत संख्या व जारी सब्सिडी राशि की सूची उपलब्ध करावें? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार प्राप्त शिकायतों पर विभाग द्वारा कार्यवाही की गई है, स्पष्ट करें?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ। बलराम तालाब योजनांतर्गत सब्सिडी प्रदान की जाती है। इंदौर जिलान्तर्गत वित्त वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में बलराम तालाब निर्माण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) योजनांतर्गत तालाब नहीं खुदवाने एवं सब्सिडी प्राप्त कर लेने संबंधी शिकायत प्रदेश में मात्र देवास एवं सिंगरौली जिले से प्राप्त हुई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (ग) समाधान ऑनलाईन में बलराम ताल निर्माण में अनियमितता बाबत् शिकायत प्राप्त होने पर कृषि उत्पादन आयुक्त, मध्यप्रदेश शासन किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग मंत्रालय भोपाल के निर्देश पर कलेक्टर जिला देवास द्वारा जाँच दल गठित कर जाँच की गई है। जाँच में प्रथम दृष्टया दोषी कर्मचारी/अधिकारीयों को आरोप-पत्र एवं संबंधित हितग्राहियों को सूचना पत्र दिये गये है, जिनके प्रति उत्तर प्राप्त हो रहे है एवं कार्यवाही प्रक्रियाधीन है एवं सिंगरौली जिले की जाँच संयुक्त संचालक रीवा द्वारा की जा रही है। जाँच प्रतिवेदन अपेक्षित है।
कृषि रथ का संचालन
154. ( क्र. 5336 ) श्री दिनेश राय : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिले के सिवनी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत वर्ष 2015-16 में कृषि रथ किस-किस ग्राम में किस-किस दिनांक को पहुंचा? (ख) कृषि रथ के ग्राम भ्रमण के दौरान विधानसभा क्षेत्र में शासन द्वारा किन-किन योजनाओं का लाभ किसानों को दिये जाने का उद्देश्य निर्धारित था? कितने किसानों को किस-किस योजना के तहत क्या-क्या लाभ दिया गया है? (ग) कृषि रथ के ग्राम भ्रमण के दौरान अधिकारियों द्वारा कितने किसानों का मिट्टी परीक्षण किया? क्या उन सभी किसानों को प्रश्न दिनांक तक मिट्टी परीक्षण रिपोर्ट नहीं दी गई है? कितने किसानों की मिट्टी का परीक्षण रथ भ्रमण दिनांक को ही किया गया? विकासखण्डवार जानकारी देवें? (घ) यदि नहीं, तो सिवनी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत आने वाले विकासखण्डों में कितने किसानों का मिट्टी परीक्षण किया जाकर मिट्टी परीक्षण रिपोर्ट दी गई है? जानकारी उपलब्ध करावें?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) कृषि रथ के ग्राम भ्रमण के दौरान विधानसभा क्षेत्र में शासन द्वारा कृषि एवं संबद्ध विषयों जैसे- पशुपालन, उद्यानिकी, मछली पालन आदि पर किसानों एवं कृषि वैज्ञानिकों के मध्य सीधे संपर्क कायम कर नवीन वैज्ञानिक तकनीकी सुधार एवं वर्तमान फसलों की उत्पादकता बढ़ाना एवं नवीन फसल (किस्म) की संभावनाओं के आधार पर भविष्य में प्रदेश के फसल चक्र को परिवर्तन कर कृषि को लाभ का धंधा बनाना मुख्य उद्देश्य था। कृषि रथ के ग्राम भ्रमण के दौरान तत्कालिक समय में किसी योजना के तहत किसान को लाभ दिये जाने का उद्देश्य निर्धारित नहीं था इसलिए कृषकों को तत्कालिक समय में किसी भी योजना का लाभ नहीं दिया गया। (ग) कृषि रथ के ग्राम भ्रमण के दौरान अधिकारियों द्वारा किसी भी किसानों का मिट्टी परीक्षण नहीं किया गया। क्योंकि रथ भ्रमण के दौरान स्थल पर मिट्टी परीक्षण करने की तत्कालिक व्यवस्था नहीं थी। केवल मिट्टी नमूना लिया जाना प्रावधानित था, अत: शेष प्रश्न उपस्थित ही नहीं होता। (घ) सिवनी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत आने वाले विकास खण्डों में मिट्टी नमूने लेकर प्रयोगशाला में परीक्षण रिपोर्ट आने के पश्चात कृषकों को दी गई। सिवनी विकासखण्ड में भ्रमण के दौरान आने वाले ग्रामों से 601 मिट्टी के नमूने लिये गये एवं मिट्टी परीक्षण की रिपोर्ट 178 कृषकों को दी गई तथा छपारा विकासखण्ड में भ्रमण के दौरान आने वाले ग्रामों से 619 मिट्टी परीक्षण नमूने लिये गये एवं मिट्टी परीक्षण की रिपोर्ट 56 कृषकों को दी गई।
ग्रामीण क्षेत्रों में शौचालय निर्माण
155. ( क्र. 5337 ) श्री दिनेश राय : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में शासन द्वारा शौचालय निर्माण कार्य कब से प्रारंभ किया गया है एवं एक शौचालय निर्माण पर कितनी राशि प्रदान की जाती है? (ख) सिवनी विधानसभा क्षेत्र में कितनी पंचायतों में शौचालय निर्माण योजना के कार्य प्रारंभ किए जा चुक हैं उनके नाम बतावें? शौचालय निर्माण कार्य योजना जिन पंचायतों में प्रारंभ नहीं हुई उनके नाम एवं कारण बतायें? (ग) शौचालय निर्माण कार्य में 1 जनवरी 2014 से प्रश्न दिनांक तक जनसुनवाई, सी.एम. हेल्पलाईन एवं अन्य शिकायतों के माध्यम से विधानसभा सिवनी की किन-किन ग्राम पंचायतों की शिकायतें प्राप्त हुई हैं? प्राप्त शिकायतों पर क्या-क्या कार्यवाही हुई?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) मध्यप्रदेश में शासन द्वारा शौचालय निर्माण कार्य वर्ष 2001-2002 से प्रारंभ किया गया है। वर्तमान में प्रति शौचालय निर्माण हेतु राशि रू. 12000/- प्रदान की जाती है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।
सावरिया ग्रुप के द्वारा मंडी शुल्क का अपवंचन
156. ( क्र. 5345 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. राज्य शासन द्वारा सावरिया ग्रुप के मंडी शुल्क अपवंचन मामले की जाँच प्रबंध संचालक मंडी बोर्ड भोपाल को सौंपी गई थी? यदि हाँ, तो प्रबंध संचालक द्वारा जाँच रिपोर्ट जो शासन को सौंपी है उसकी एक प्रति उपलब्ध करावें? (ख) सावरिया ग्रुप की फर्मों ने दलहन, तिलहन जिन्सों को क्रय किया है? जिन्स, मात्रा, मूल्य, देय, जमा मंडी शुल्क, निराश्रित शुल्क, विगत 3 वर्षों का मंडीवार विवरण दें? (ग) क्या प्रबंध संचालक की जाँच में सावरिया ग्रुप को अनाधिकृत छूट देकर लाभ पहुंचाया गया है? यदि हाँ, तो अनाधिकृत छूट देने वाले का नाम, पद बताएं तथा छूट का मंडीवार विवरण दें? (घ) प्रश्नांश (ग) की छूट देने वाले अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ। वर्तमान में प्रक्रियाधीन जाँच के प्रभावित होने की स्थिति को देखते हुए अंतरिम प्रतिवेदन को सार्वजनिक करना उपयुक्त नहीं होगा। (ख) विगत तीन वर्षों (वर्ष 2012-13 से 2014-15 तक) की प्रश्नागत जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) वर्तमान में जाँच प्रक्रियाधीन है, जिसके पूर्ण होने पर प्रश्नागत वास्तविक स्थिति स्पष्ट हो सकेगी। अत: अभी शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता है। (घ) उत्तरांश "ग" के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
बीमा राशि का भुगतान
157. ( क्र. 5346 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता सदस्य एवं कृषकों की शिकायत पर वरिष्ठ सहकारी निरीक्षक एवं जाँच अधिकारी सहकारी संस्थाएं कटनी द्वारा की गई, जाँच में तत्कालीन समिति प्रबंधक बड़गांव श्री राधेश्याम तिवारी एवं तत्कालीन शाखा प्रबंधक अरविंद पाठक दोषी पाए गए हैं? क्या इस आशय की सूचना प्रश्नकर्ता को कार्यालय आयुक्त सहकारिता कटनी के पत्र क्रमांक/साख/16/144 दिनांक 03/02/2016 द्वारा दी गई है? यदि हाँ, तो इन किसानों के नुकसान की भरपाई किस तरह की जाएगी? (ख) क्या कृषकों की फसल बीमा क्लेम उक्त अधिकारियों के वेतन से कटौती कर कृषकों को भुगतान कराया जाएगा? यदि हाँ, तो कब-तक? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में दोषी अधिकारियों को क्या दण्ड दिया जायेगा? ताकि भविष्य में इस तरह की पुनरावृत्ति न हो?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। प्रकरण में संयुक्त आयुक्त, सहकारिता जबलपुर संभाग द्वारा परीक्षण कराया गया है जिसमें प्रश्नांश ‘क’ में दोषी 2 कर्मचारियों के अतिरिक्त समिति बड़गांव के सहायक समिति सेवक श्री सोनेलाल पटेल भी दोषी है। किसानों के नुकसान की भरपाई हेतु फसल बीमा योजनांतर्गत बीमा कंपनी से प्राप्त होने वाली बीमा राशि का आंकलन कराया गया जिसके अनुसार समिति बड़गांव के 77 कृषकों को राशि रूपये 11,74,405.80 बीमा क्लेम की राशि प्राप्त होना चाहिये थी। संबंधित संस्था से उन कृषकों को उक्त बीमा राशि का भुगतान करने तथा दोषी अधिकारी/कर्मचारियों से वसूल करने के निर्देश दिये गये हैं। (ख) उत्तरांश ’’क’’ अनुसार समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं। (ग) दोषी कर्मचारियों को गंभीर दुराचरण अंतर्गत कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया है। कर्मचारी सेवा-नियम अंतर्गत दण्ड दिया जायेगा।
प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना से निर्मित मार्ग
158. ( क्र. 5359 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत मार्ग स्वीकृति के क्या मापदण्ड है? विगत 03 वर्षों में आगर जिला अंतर्गत कौन-कौन से मार्गों के प्रस्ताव प्राप्त हुए व इनमें से कितने स्वीकृत हुए, विवरण देवें? (ख) विधानसभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत विगत 02 वर्षों में किन-किन निर्मित एवं निर्माणाधीन मार्गों की गुणवत्ता, कार्यपूर्णता या अन्य प्रकार की शिकायतें विभिन्न माध्यमों से प्राप्त हुई? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार प्राप्त शिकायतों पर क्या कार्यवाही की गई? विभिन्न स्तरों पर की गई जाँच के प्रतिवेदनों एवं की गई कार्यवाही संबंधी आदेश/निर्देश की प्रति उपलब्ध करावें? (घ) विधानसभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत कौन-कौन से नवीन मार्ग विगत 02 वर्षों में स्वीकृत किए गए हैं? कौन-कौन से मार्ग प्रस्तावित हैं? प्रस्तावित मार्ग कब तक स्वीकृत होंगे? विवरण सहित सूची उपलब्ध करावें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनान्तर्गत स्वीकृत कोर-नेटवर्क के अनुसार वर्ष 2001 की जनगणना के अनुसार सामान्य विकासखण्ड में 500 या अधिक एवं आदिवासी विकासखण्ड में 250 या अधिक जनसंख्या वाले ऐसे ग्रामों को जो पक्की सड़क से 500 मीटर से अधिक दूरी पर स्थित है की जनसंख्या के घटते क्रम में जोड़ने का प्रावधान है। भारत सरकार को स्वीकृत हेतु प्रेषित प्रस्तावों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है सभी प्रस्तावों की स्वीकृति प्राप्त हो गई है। (ख) एवं (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है वर्तमान में कोई प्रस्ताव लंबित नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
पुल निर्माण में विलंब
159. ( क्र. 5377 ) पं. रमेश दुबे : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छिंदवाड़ा जिले में म.प्र. ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण के द्वारा निर्माणाधीन पुल 25 मीटर से अधिक स्पान/वाटर वे की जानकारी पुल की चैनेज निर्माण कार्य प्रारंभ होने की तिथि व लागत राशि ठेकेदार का नाम पता सहित विकासखण्डवार दें? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में ग्राम बडोंसा से पनियारी मार्ग पर बडोंसा के समीप प्रवाहित नदी पर निर्माणधीन पुल कब स्वीकृत हुआ, लागत राशि क्या है, निर्माण कार्य कब प्रारंभ हुआ, निर्माण की अवधि क्या थी? क्या समयावधि में निर्माण कार्य पूर्ण हुआ यदि नहीं, तो क्यो इसके लिए कौन जिम्मेदार है तथा शासन उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही कर रही है? (ग) क्या उक्त पुल के निर्माण की अवधि समाप्त होने के पश्चात् भी कार्य पूर्ण नहीं हुआ है? (घ) क्या शासन संबंधित ठेकेदार और जिम्मेदार अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही कर उक्त पुल को शीघ्र पूर्ण करायेगा यदि हाँ, तो कब तक और यदि नहीं, तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में ग्राम बडोंसा से पनियार सड़क, जो प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत देवी से साहनवाडी नाम से निर्मित है, पर बडोंसा के समीप प्रवाहित सर्पा नदी पर निर्माणाधीन पुल वर्ष 2011 में रूपये 286.04 लाख की लागत से स्वीकृत हुआ है। इस पुल का निर्माण कार्य दिनांक 21.12.2011 को प्रारंभ किया गया, अनुबंधानुसार इस पुल का निर्माण कार्य पूर्ण करने की अवधि दिनांक 08.12.2013 तक थी। जी नहीं, कार्य पूर्ण नहीं करने के लिये ठेकदार उत्तरदायी है। विभाग द्वारा ठेकेदार के विरूद्ध अनुबंधानुसार कार्यवाही कर पुल निर्माण में हुये विलंब के लिये ठेकेदार से उसके चलित देयक से रूपये 3.78 लाख की राशि दण्ड हेतु काटी गई है। (ग) जी हाँ। (घ) उत्तरांश (ख) के अनुसार विभाग द्वारा ठेकेदार के विरूद्ध कार्यवाही की जा रही है। चूंकि अधिकारियों द्वारा ठेकेदार के विरूद्ध अनुबंधानुसार कार्यवाही की गई है, अतः अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही करने की आवश्यकता नहीं है। पुल के निर्माण कार्य को शीघ्र पूर्ण कराये जाने के प्रयास किये जा रहे है पूर्ण कराये जाने की निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
तकनीकी साध्यता बिना स्टॉप डेम का निर्माण
160. ( क्र. 5378 ) पं. रमेश दुबे : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) किसी भी स्टॉप डेम के निर्माण हेतु तकनीकी साध्यता के मुख्य मापदण्ड क्या है? (ख) क्या विकासखण्ड बिछुआ जिला - छिन्दवाड़ा के ग्राम पंचायत चंद्रिकापुर में संविधान के अनुच्छेद 275 (1) के तहत रूपये 8 लाख की राशि की स्टॉप डेम स्वीकृत किया गया है? यदि हाँ, तो इस स्टॉप डेम का तकनीकी आधार क्या है? किन तकनीकी अधिकारियों ने मौका निरीक्षण कर प्रस्तावित किया तथा किस अधिकारी ने तकनीकी स्वीकृति किस आधार पर प्रदान की? (ग) क्या प्रश्नकर्ता ने मौका निरीक्षण के दौरान स्वीकृत स्थल स्टॉप डेम हेतु उपयुक्त नहीं पाये जाने से इसकी तकनीकी साध्यता की जाँच हेतु कलेक्टर को पत्र प्रेषित किया था? यदि हाँ, तो क्या तकनीकी साध्यता की जाँच कार्यपालन यंत्री जल संसाधन छिंदवाड़ा ने की? यदि हाँ, तो इस जाँच में क्या पाया गया? (घ) क्या शासन तकनीकी रूप से साध्य नहीं होने के पश्चात् भी शासकीय राशि का दुरूपयोग करने वाले उक्त स्टॉप डेम की तकनीकी स्वीकृति प्रदान करने वाले उपयंत्री और सहायक यंत्री के विरूद्ध कार्यवाही करने का आदेश देगा? यदि नहीं, तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) स्टॉप डेम का निर्माण नदी/नाले के जल का निस्तार हेतु उपयोग तथा सिंचाई एवं भू-जल संवर्धन हेतु किया जाता है। अतः स्थल का चयन इस प्रकार से किया जाना चाहिये कि जिसमे स्टॉप डेम जिस उद्देश्य हेतु बनाया गया है, उसमे उपयोगी हो। स्टॉप डेम का निर्माण ऐसे स्ट्रेटा पर होना चाहिये ताकि नींव से पानी का रिसाव न हो। (ख) जी हाँ। स्टॉप डेम की तकनीकी स्वीकृति भू-जल संवर्धन पानी रोको अभियान ग्रामीणों के निस्तार हेतु के उपयोग के आधार पर दी गई। कार्य का मौका निरीक्षण श्री संजीव सनोड़िया सहायक यंत्री, श्री रामेश्वर पहाड़े उपयंत्री ने किया एवं प्रस्ताव दिया। कार्य की तकनीकी स्वीकृति श्री एस.एल. धुर्वे कार्यपालन यंत्री द्वारा उक्त प्रस्ताव के आधार पर दी गई। (ग) जी हाँ। जी हाँ। जाँच जल संसाधन संभाग छिंदवाड़ा के कार्यपालन यंत्री श्री एम.के. जैन द्वारा की गई, कार्यपालन यंत्री जल संसाधन ने स्थल चयन तकनीकी दृष्टि से उपयुक्त नहीं एवं सिंचाई की दृष्टि से उपयोगी नहीं पाया गया। (घ) स्टॉप डेम के स्थल की प्राथमिक जाँच अधीक्षण यंत्री ग्रामीण यांत्रिकी सेवा मण्डल जबलपुर के माध्यम से कराई गई, जिसमें कार्य स्थल भू-जल संवर्धन, निस्तार हेतु उपयुक्त प्रतिवेदित किया गया। स्टॉप डेम निर्माण की तकनीकी स्वीकृति सिंचाई के उद्देश्य से न होकर भू-जल संवर्धन एवं निस्तार हेतु दी जाने से एवं जाँच में इस उद्देश्य की पूर्ति होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आदेश का क्रियान्वयन
161. ( क्र. 5436 ) श्रीमती ललिता यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कार्यालय कमिश्नर सागर संभाग, सागर द्वारा आदेश क्रमांक 308/तीन/विभा. अपील/2012 सागर दिनांक 13.04.2012 को आदेश जारी किया गया था? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार यदि हाँ, तो आदेश के संबंध में क्या कार्यवाही की गई है बतायें? (ग) प्रश्नांश (क) के अनुसार यदि नहीं, तो क्यों? कारण सहित बतायें? इसमें कौन-कौन दोषी हैं? दोषियों के खिलाफ क्या कार्यवाही की जावेगी? समय-सीमा बतायें?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
बीज वितरण
162. ( क्र. 5437 ) श्रीमती ललिता यादव : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले में 1 जनवरी 2014 से प्रश्न दिनांक तक किन-किन सहकारी संस्थाओं एवं बीज समितियों द्वारा खरीफ और रबी की फसलों के लिए कितना-कितना बीज वितरण किया गया? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में सहकारी संस्थाओं एवं बीज समितियों को किस-किस फसल के लिये कितना-कितना अनुदान दिया गया? (ग) बीज का प्रमाणीकरण किस-किस संस्था द्वारा किस-किस सहकारी संस्था का बीज समिति का किया गया?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) बीज का प्रमाणीकरण म.प्र. राज्य बीज प्रमाणीकरण संस्था भोपाल द्वारा किया जाता है। शेष प्रश्नांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है।
विभागीय पदोन्नत समिति की बैठक
163. ( क्र. 5443 ) श्री सुरेन्द्रनाथ सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग में उपायुक्त (विकास) और संयुक्त आयुक्त के कितने पद स्वीकृत हैं? कितने भरे हैं और कितने रिक्त है? रिक्त पदों को भरने के लिये कब से रिव्यू डी.पी.सी. और पूर्ण डी.पी.सी. नहीं की गई और क्यों नहीं की गई? कितने अधिकारियों के प्रकरण कब से बंद लिफाफे में है नाम बतलाईये? विभागीय जाँच लंबित रखने वाले अधिकारियों पर क्या अनुशासनात्मक कार्यवाही की जायेगी? (ख) उपायुक्त (विकास) से भरे जाने वाले कितने पद जिलों में अति. मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत और परियोजना अधिकारी जिला पंचायत से भरे जाने हैं? उनमें से कितने रिक्त हैं और ये पद कब तक भरे जायेंगे? (ग) अति. मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत को विभाग ने क्या कार्य दायित्व एवं अधिकार सौंपे हैं? इस संबंध में कब-कब आदेश जारी किये गये? आदेशों की प्रति उपलब्ध करायें? क्या अधिकांश जिलों ने विभागीय आदेश का पालन न कर अपनी मनमर्जी से अलग-अलग काम सौंपे हैं? यदि हाँ, तो विभाग काम में एकरूपता लाने के लिये सी.ई.ओ. जिला पंचायतों को निर्देश जारी करेगा? (घ) उपायुक्त (विकास) के कितने रिक्त पदों के लिये विभाग ने म.प्र. लोक सेवा आयोग, इंदौर को वर्ष 2012 में पदोन्नति समिति की बैठक के लिये प्रस्ताव भेजे थे?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) विभाग में उपायुक्त विकास के स्वीकृत पद 125, भरे गये पद 100 रिक्त पद 25 एवं संयुक्त आयुक्त (वि.) के स्वीकृत पद 42 भरे गये पद 40 रिक्त पद 2 है। वर्ष 2004 से रिव्यू डी.पी.सी./डी.पी.सी. नहीं की गई है। अधिकारियों के 39 प्रकरण बंद लिफाफे में है। सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''एक'' पर है। विभागीय जाँच अर्द्ध न्यायिक प्रक्रिया होने से कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) उपायुक्त (वि.) जिले में अतिरिक्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी/परियोजना अधिकारी से 50-50 पद स्वीकृत है। उनमें से 27 अतिरिक्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी के एवं जिला पंचायत में परियोजना अधिकारियों के 5 पद भरे हुये है। शेष रिक्त पद के भरे जाने के संबंध में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) जी हाँ। समय समय पर जारी आदेशों की प्रति संलग्न है, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के द्वारा आवश्यकता अनुरूप आदेश जारी किये जाते है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। आदेशों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''दो'' पर है। (घ) जी नहीं। उपायुक्त विकास के 16 पदों के लिये वर्ष 2012 की स्थिति में प्रस्ताव दिनांक 20/3/13 को भेजा गया था। विभागीय पत्र दिनांक 16/7/13 द्वारा प्रेषित प्रस्ताव स्थगित करते हुए 110 पदों के लिये दिनांक 12/9/13 को सचिव लोक सेवा आयोग को भेजा गया।
प्रेषित पत्रों पर की गयी कार्यवाही
164. ( क्र. 5466 ) श्री संजय पाठक : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता द्वारा मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत कटनी को विगत एक वर्ष में प्रेषित पत्रों पर क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ख) क्या विभाग प्रमुख द्वारा प्रेषित पत्रों को संबंधित शाखाओं में भेजने की कार्यवाही करते हुए सूचना प्रश्नकर्ता को दी गई है? (ग) यदि हाँ, तो संबंधित कक्ष प्रभारियों द्वारा कितने पत्रों का निराकरण किया गया एवं हितग्राही मूलक एवं सामूहिक कार्यों के पत्रों में लाभान्वित किया गया? (घ) प्रश्न दिनांक तक किस-किस कक्ष प्रभारी के पास बिना कार्यवाही के पत्र लंबित पड़े हुए है? उनका निराकरण कब तक कर लिया जायेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार। (ख) जी हाँ। (ग) संबंधित कक्ष प्रभारियों द्वारा पत्रों के निराकरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार तथा हितग्राही मूलक एवं सामूहिक कार्यों संबंधी पत्रों में लाभान्वित की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ के कॉलम 09 अनुसार। (घ) किसी शाखा प्रभारी अधिकारी के पास बिना कार्यवाही के कोई पत्र लंबित नहीं है।
करायी गयी जाँच की जानकारी
165. ( क्र. 5467 ) श्री संजय पाठक : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा प्रश्न क्र. 1671 दिनांक 26.02.2015 के तारतम्य में क्या जाँच पूर्ण हुई? क्या जाँच में संबंधित अधिकारी दोषी है? (ख) जब योजना में बीज कम मंगाया गया था तो अवितरित शेष बीज अन्नपूर्णा सूरजधारा खरीफ रवी एवं जायत में झूठा वितरण बतलाकर फर्जी सूची क्यों तैयार कराई गई? (ग) सामान्य योजना के बीज को योजना में वितरण कर शासकीय अनुदान राशि गबन करने के लिये क्या संबंधित तत्कालीन उप संचालक से वसूली की जायेगी? क्या उक्त बीज की फर्जी सूची बनाई गई जो जाँच में प्रमाणित पाई गई है?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) विधान सभा प्रश्न क्रमांक 1671 दिनाक 26.02.2015 के तारतम्य में जाँच पूर्ण हो चुकी है। कार्यवाही प्रचलन में है। (ख) विधान सभा प्रश्न क्रमांक 1671 के तारतम्य में कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ग) गुण दोष के आधार पर कार्यवाही की जावेगी।
बलराम तालाब के संबंध में
166. ( क्र. 5491 ) श्री
सुरेन्द्र
सिंह बघेल :
क्या किसान
कल्याण
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) धार
जिले में वर्ष
2012-13 से
अब तक कितने
बलराम तालाब
स्वीकृत
किये गये? विधानसभावार, वर्षवार, स्वीकृत
राशि सहित
बतावें?
(ख) कितने
तालाब पूर्ण
हो गये हैं, कितने
अपूर्ण है? विधानसभावार
जानकारी
देवें। (ग)
प्रश्नांश
(ख) अनुसार
इनमें राशि
आवंटन का
विवरण भी
देवें? पूर्ण, अपूर्ण
को आवंटित राशि, शेष
राशि
पृथक-पृथक
विधानसभावार
बतावें?
(घ) अपूर्ण
कार्यों, बिना
कार्य के राशि
आहरण के लिये
संबंधित अधिकारियों
पर कब तक
कार्यवाही की
जावेगी?
कार्य
कब तक पूर्ण
होंगे?
किसान
कल्याण
मंत्री ( श्री
गौरीशंकर
बिसेन ) : (क) से (ग)
जानकारी संलग्न
परिशिष्ट अनुसार
है। (घ) जी नहीं, बिना
कार्य के राशि
आहरण नहीं की
गई। कार्यवाही
का प्रश्न ही
उपस्थित नहीं
होता है। बलराम
तालाब
निर्माण कृषक
द्वारा स्वयं
किया जाता है
इस कारण
समय-सीमा बताई
जाना संभव
नहीं है।
दखल भूमि के संबंध में
167. ( क्र. 5492 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भू-राजस्व संहिता 1952 के अनुसार दखल रहित जमीन किन जमीनों को माना जाता है इन जमीनों के संबंध में संहिता के अध्याय 18 की किस-किस धारा में क्या प्रावधान दिए गए हैं? (ख) वर्ष 2010-11 से दिसम्बर 2015 तक मध्यप्रदेश शासन राजस्व विभाग ने किस उद्योग एवं परियोजना या किसी अन्य को किस जिले की कितनी दखल रहित जमीन किस आदेश क्रमांक दिनांक से आवंटित की है? इसके बदले में शासन को कितनी-कितनी राशि प्राप्त हुई? आवंटितों के नाम सहित जानकारी देवें? (ग) दखल रहित जमीनों को आवंटित किए जाने के संबंध में वर्तमान में क्या प्रावधान, प्रचलित है? किस धारा में क्या-क्या संशोधन किस दिनांक से लागू किए गए हैं? (घ) दखल रहित भूमि का भूमिहीनों, आवासहीनों एवं काबिजों को वितरण किए जाने के वर्तमान में क्या प्रावधान प्रचलित है?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
अपूर्ण परकोलेशन टैंक के निर्माण हेतु आवंटन
168. ( क्र. 5504 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2011-12 में उज्जैन संभाग को परकोलेशन टैंक के निर्माण हेतु कितनी राशि आवंटित की गई तथा कितनी व्यय की गई है? (ख) प्रश्नांश (क) में आवंटित राशि से कितने परकोलेशन टैंक पूर्ण हुए तथा कितने आज भी आवंटन के अभाव में अपूर्ण है, जिलेवार बताएं? (ग) प्रश्नांश (ख) में दर्शाये गये निर्माण कार्य आवंटन के अभाव में अपूर्ण है और किया गया व्यय निष्फल है? (घ) यदि हाँ, तो अपूर्ण कार्यों को शासन कब तक पूर्ण करायेगा?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। संरचनायें भौतिक रूप से पूर्ण है, अब तक हुआ व्यय निष्फल नहीं कहा जा सकता। (घ) वर्तमान में योजना संचालित नहीं है इस कारण समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक खरगोन के ऋण वसूली संबंधी
169. ( क्र. 5506 ) श्री बाला बच्चन : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अवंती सूत मिल सनावद जिला खरगोन को जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक खरगोन ने कब-कब कितना लोन दिया? इस पर वर्तमान में ब्याज सहित कितनी राशि बकाया है? (ख) यह लोन किस आधार पर मिल को दिया गया? इसकी वसूली न होने के लिए बैंक के कौन अधिकारी जिम्मेदार है? (ग) इस संबंध में विभाग द्वारा की गई जाँच का विवरण देवें। क्या विभाग ने 62.5 करोड़ रू. लोन देने वाले अधिकारियों से इसका कारण जाना? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) उक्त ऋण की वसूली कब तक कर ली जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित, खरगोन के अनुसार अवंति सूत मिल सनावद की परिसंपत्तियों को बंधक रखकर नाबार्ड के एक्सपोजर नार्मस एवं बैंक की ऋण नीति के अनुसार ऋण दिया गया परन्तु विभाग द्वारा की गई जाँच में पाया गया है कि अंवति सूत मिल द्वारा बंधक रखे जाने हेतु प्रस्तुत टाईटल सर्च रिपोर्ट में जो संपत्ति है, वह संपत्ति बैंक हित में बंधक किये जाने योग्य नहीं थी। बैंक द्वारा अवंति सूत मिल को दिये गये ऋण की वसूली नियमित होने से शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) अवंति सूत मिल सनावद के संबंध में प्राप्त शिकायत की जाँच संयुक्त आयुक्त, सहकारिता, संभाग उज्जैन द्वारा की गई, जाँच प्रतिवेदन में उक्त ऋणों के संबंध में यह उल्लेख किया गया है कि अवंति सूत मिल द्वारा बंधक रखे जाने हेतु प्रस्तुत टाईटल सर्च रिपोर्ट में जो संपत्ति है, वह संपत्ति बैंक हित में बंधक किये जाने योग्य नहीं थी। बैंक प्रबंधन को अवंति सूत मिल में हो रही अनियमितताओं की जानकारी होने के बाद भी लगातार एक के बाद एक ऋण स्वीकृत किये गये। इस हेतु बैंक के प्रबंध संचालक, प्रबंधक लेखा, शाखा प्रबंधक सनावद, संचालक मंडल के सदस्य तथा समय-समय पर गठित समिति के सदस्य उत्तरदायी है। जाँच अधिकारी द्वारा मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित, खरगोन को शिकायत की प्रति भेजते हुये कारण जानने तथा अपना पक्ष/जबाव/दस्तावेज प्रस्तुत करने हेतु समय दिया गया था। जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित, खरगोन एवं शाखा सनावद द्वारा जाँच हेत दस्तावेज प्रस्तुत किये गये थे। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) बैंक द्वारा अवंति सूत मिल सनावद को प्रदाय ऋण की वसूली हेतु मध्यकालीन ऋण त्रैमासिक किश्तों के आधार पर दिया जाना निर्धारित है, जो चरणबद्ध तरीके से दिनांक 01.12.2021 तक वसूल होना उल्लेखित है तथा हायपोथिकेशन लिमिट, प्लेज लिमिट एवं क्लीन लिमिट प्रतिवर्ष नवीनीकृत की जाना बैंक/मिल के बीच शर्तों के अधीन वर्णित है।
सांवरिया ग्रुप पर कार्यवाही
170. ( क्र. 5507 ) श्री बाला बच्चन : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रमुख सचिव कृषि द्वारा सांवरिया ग्रुप की कंपिनयों की जाँच संबंधी कार्यवाही के लिए मंडी बोर्ड प्रबंध संचालक अरूण पांडे को लिखे पत्र पर अभी तक क्या कार्यवाही की गई? (ख) इसके लिए कितने जाँच दल, कहाँ-कहाँ गठित किए गए? अधिकारियों के नाम, पदनाम सहित बतावें? पत्र में अंतरिम प्रतिवेदन एक सप्ताह में एवं अंतिम प्रतिवेदन चार सप्ताह में भेजने का उल्लेख था तो क्या जाँच पूरी हो गई? (ग) यदि हाँ, तो जाँच प्रतिवेदन का विवरण एवं उस पर की गई कार्यवाही के बारे में विस्तार से बतावें? (घ) यदि नहीं, तो जाँच कब तक पूरी कर ली जावेगी? जाँच की अद्यतन स्थिति बतावें?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग से प्राप्त प्रश्नाधीन निर्देश के अनुक्रम में म.प्र. राज्य कृषि विपणन बोर्ड के आदेश दिनांक 04.12.2015 द्वारा मंडी बोर्ड के सात आंचलिक कार्यालयों के पृथक-पृथक जाँच दल गठित किये गये है। (ख) प्रश्नांश जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। जी हाँ। अंतरिम प्रतिवेदन एक सप्ताह में तथा अंतिम प्रतिवेदन एक माह में राज्य शासन को प्रेषित किये जाने का उल्लेख किया गया था। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उद्भूत नहीं होता है। (घ) प्रकरण में जाचं विस्तृत स्वरूप की होने से समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। जाँच की अद्यतन स्थिति उत्तरांश (ख) अनुसार है।
कृषि बीमा से संबंधित जानकारी
171. ( क्र. 5518 ) श्री चन्द्रशेखर देशमुख : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मुलताई वि.स. के पंजाब नेशनल बैंक, दुनावा तथा भारतीय स्टेट बैंक, प्र. पट्टन द्वारा वर्ष 2014-15 में किसानों के के.सी.सी. पर बीमा काटा गया था? कितने किसानों का बीमा काटा गया था? (ख) उक्त में यदि बीमा काटा गया तो कितने गांवों के कितने किसानों को बीमा का लाभ इन बैंकों द्वारा दिया गया? लाभान्वितों की संख्या उपलब्ध कराये? (ग) उक्त में यदि किसानों को बीमा का लाभ नहीं दिया गया तो क्यों नहीं दिया गया? कारण स्पष्ट करें तथा किसानों को हुये नुकसान का जिम्मेदार किसे माना जायेगा? (घ) उक्त में किसानों को जो लाभ मिलना चाहिये उसका क्या होगा?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) वर्ष 2014-15 में मुलताई विधान सभा के पंजाब नेशनल बैंक, दुनावा द्वारा 565 किसानों का एवं भारतीय स्टेट बैंक, प्र.पट्टन द्वारा 611 किसानों का कुल 1176 किसानों के के.सी.सी. पर बीमा हेतु प्रीमियम काटा गया था। (ख) दोनों बैंकों द्वारा समयावधि में घोषणा पत्र एवं प्रीमियम राशि एग्रीकल्चर इन्श्योरेन्स कम्पनी को उपलब्ध न कराने के कारण दावों का भुगतान नहीं किया गया। (ग) राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना के दिशा निर्देश के पृष्ठ क्रमांक 14 के बिन्दु क्रमांक 5 में स्पष्ट निर्देश है कि योजना के तहत यदि नोडल बैंक/शाखा/पी.सी.एस. की गलतियां/विलोपन/कमीशन के कारण किसान लाभ से वंचित रहता है संबंधित संस्थायें को ही जिम्मेदार मानी जायेगी। (घ) प्रश्नांश ‘ग’ अनुसार।
बलराम तालाब का निर्माण
172. ( क्र. 5527 ) श्री
बहादुर सिंह
चौहान : क्या
किसान कल्याण
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) परि.अता.
प्रश्न संख्या
73 (क्रं.
263) दिनांक
07.12.2015 के
अनुसार सहायक
भूमि संरक्षण
अधिकारी महिदपुर
को जो कारण बताओ
सूचना पत्र
जारी किया था
उसकी तथा
संबंधित अधिकारी
द्वारा दिए
उत्तर की
छायाप्रति
देवें? विभाग
द्वारा इस पर
कब तक
कार्यवाही की
जावेगी?
समय-सीमा
बतावें?
(ख) बिना
कार्य के राशि
आहरण के मामले
में कार्य, स्थान
नाम, राशि
भी बतावें? यह कब तक
वसूल कर ली
जावेगी?
(ग) जो 23 तालाब
निर्माणाधीन
हैं? कब
तक पूर्ण कर
लिए जाएंगे?
किसान
कल्याण
मंत्री ( श्री
गौरीशंकर
बिसेन ) : (क) सहायक
भूमि संरक्षण
अधिकारी
महिदपुर को
जारी कारण बताओ
सूचना पत्र की
जानकारी पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-एक
अनुसार एवं
संबंधित के
द्वारा दिये
गये उत्तर की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-दो
अनुसार है। परीक्षणोपरांत
गुणदोष के
आधार पर
कार्यवाही की
जावेगी। समय-सीमा
बताई जाना
संभव नहीं है।
(ख) जानकारी पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-तीन
अनुसार है। कुल
आहरित राशि रू. 67.88 लाख में
से राशि रू. 55.97 लाख के
बलराम तालाब
निर्मित हुये
है एवं अनुदान
राशि का
भुगतान
कृषकों को
किया गया है, शेष
राशि रू.
11.91
लाख राजस्व
खाते के हेड 13-0401 में
दिनांक 13.01.2015 को
चालान से जमा
कर दी गई है, इस
प्रकार कोई
राशि वसूली
हेतु शेष नहीं
है। (ग) 23
निर्माणाधीन
बलराम तालाब
स्वयं कृषकों
द्वारा पूर्ण
किये जाने थे, जिनको
पूर्ण करने
हेतु समय-समय
पर विभागीय अमले
द्वारा मौके
पर कृषकों को
तालाब पूर्ण
करने की समझाईश
दी गई, जिसमें
से दो कृषक
श्री
उकारलाल/चतरसिंह, कंथारी
एवं श्री
सोजान सिंह/सबसिंह
कंथारी के
बलराम तालाब
भौतिक सत्यापन
के उपरांत
पूर्ण पाये
गये, जिसकी
अनुदान राशि
संबंधित
कृषकों के
खाते में
प्रदाय की जा
चुकी है। शेष 21
निर्माणाधीन
तालाबों को
पूर्ण करने
हेतु संबंधित
कृषकों को
सहायक भूमि
संरक्षण
अधिकारी
महिदपुर के पत्र
क्रमांक/तक/2015-16/347 दिनांक 23.09.2015 को
सूचना पत्र
जारी किये गये
है। निर्माणाधीन
21 बलराम
तालाबों की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-4 अनुसार है
कार्य कृषकों
द्वारा स्वयं
पूर्ण किया जाना
है इस कारण
समय-सीमा बताई
जाना संभव
नहीं है।
परिवहन अथॉरिटी के गठन
173. ( क्र. 5559 ) श्री जितू पटवारी : क्या परिवहन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कैबिनेट द्वारा 6-7 माह पूर्व परिवहन अथॉरिटी के गठन की घोषणा के बाद आज तक उसमें नियुक्ति क्यों नहीं हो पाई उसके कारण बतायें तथा कब की जावेगी? (ख) माननीय मुख्यमंत्री द्वारा विडियो क्लिप पर बसों में ओव्हर लोडिंग पर कार्यवाही करने की घोषणा के संदर्भ में विभाग द्वारा जारी परिपत्र आदेश की प्रतिलिपी उपलब्ध करावें तथा अभी तक कितने लोगों पर कार्यवाही की गई? परिवहन मंत्री ने कई बार यह घोषणा की कि प्रत्येक बस में दो गेट एक आपातकालीन निकास द्वारा पीछे के कांच पर जाली नहीं लगाना तथा आगे के कांच पर गाड़ी की परमिट एवं समस्त जानकारी चस्पा की जाए? यदि हाँ, तो क्या इसका पालन हो रहा है? (ग) निजी बसों को जो अर्न्तराज्य चल रही है उसको सामान्य लोडिंग की अनुमति दी गई है यदि नहीं, तो वह किस आधार पर?
परिवहन मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) श्री आशीष गुप्ता, राज्य प्रशासनिक सेवा को मुख्य कार्यपालन अधिकारी के पद पर पदस्थ किया जा चुका है। इसी प्रकार श्री गुणवंत सेवतकर, लेखाधिकारी कार्यालय आर.टी.ओ. भोपाल को महाप्रबंधक, वित्त का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है। श्री एन.के. श्रीवास्तव कार्य पर्यवेक्षक एवं श्री योगेन्द्र द्विवेदी, उपयंत्री मध्यप्रदेश सड़क परिवहन निगम को उनके वर्तमान दायित्वों के साथ-साथ अतिरिक्त रूप से मध्यप्रदेश इंटरसिटी ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी का कार्य संपादित करने हेतु आदेशित किया गया है। (ख) प्रश्नाधीन घोषणा का क्रियान्वयन अगामी वित्तीय वर्ष से किया जाना प्रस्तावित है, अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। परिवहन मंत्री द्वारा की गई घोषणा के पालन में विभाग के अमले द्वारा लगातार सघन चेकिंग एवं पर्यवेक्षण कर नियमों के अंतर्गत कार्यवाही की गई है। यह प्रक्रिया सतत् रूप से चालू है। की गई कार्यवाही का विवरण निम्नानुसार हैं :-
1 |
दो गेट लगवाये गये बसों की संख्या |
12046 |
2 |
आपातकालीन निकास द्वार स्थापित करने की संख्या |
14529 |
3 |
पीछे के कांच से जाली हटाने की संख्या |
11479 |
4 |
विंडस्क्रीन पर वाहनों की परमिट एवं समस्त जानकारी लगवाने की संख्या |
9665 |
(ग) मोटरयान अधिनियम 1988 की धारा 72 से 74 एवं मोटरयान नियम 1994 की धारा 78 से 80 में वर्णित अनुसार निजी बसों के संचालन की अनुमति दी जाती है। निजी बसों को जो अंतर्राज्यीय चल रही है उनमें पृथक से सामान लोडिंग की अनुमति नहीं दी गयी है।
आदिवासी भूमि का विक्रय
174. ( क्र. 5560 ) श्री जितू पटवारी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इंदौर जिले में धारा 165 (6) के तहत पिछले तीन वर्षों में आदिवासी जमीन गैर आदिवासी के नाम विक्रय की अनुमति हेतु कितने आवेदन प्राप्त हुये? (ख) प्रश्नांश (क) में प्राप्त आवेदन में से कितने आवेदनों पर अनुमति प्रदान की गई, कितने आवेदनों को अस्वीकृत किया गया तथा कितने लंबित है? (ग) प्रश्नांश (ख) में अस्वीकृत किये कितने आवेदन को संभागयुक्त द्वारा स्वीकृत किया गया उसकी संख्या वर्षवार प्रस्तुत करें?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
भाग-3
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
पट्टे में
मिली बंजर
भूमि को बेचकर
सिंचित भूमि
खरीदने की
अनुमति
1. ( क्र. 5 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अशोकनगर जिले के ग्राम लक्ष्मीपुरा में श्री सुखलाल जो अनुसूचित जाति के किसान है को पट्टे में उनके ग्राम लक्ष्मीपुरा से दूर बंजर भूमि मिली है, को बेचकर गांव के पास सिंचित भूमि खरीदना चाहते हैं? क्या उक्त भूमि को पटवारी ने अहस्तांतरण योग्य भूमि लिख दी है। अत: बंजर भूमि की रजिस्ट्री की इजाजत नहीं दी जा रही है? (ख) इस संबंध में प्रश्नकर्ता के अक्टूबर, 2015 को लिखे पत्र व सुखलाल के आवेदन पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) ग्राम लक्ष्मीपुरा स्थित भूमि सर्वे नं. 41/1/ख एवं 71/7 कुल रकबा 1.700 हेक्टेयर कृषक सुखलाल पुत्र उमकार जाति अहिरवार के नाम भूमि स्वामी स्वत्व दर्ज है, उक्त भूमि बंजर नहीं है। अहस्तांतरणीय प्रविष्टि को हटाने हेतु म.प्र. राजपत्र असाधारण दिनांक 21 अगस्त 2015 द्वारा संशोधित म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 165 (7-ख) के अंतर्गत आवेदन किया जा सकता है। संशोधित प्रावधान अनुसार निर्धारित प्रक्रिया पूर्ण कर निर्धारित राशि जमा हो जाने के पश्चात उपखण्ड अधिकारी द्वारा ऐसी प्रविष्टि को हटाने के आदेश पारित किये जा सकते हैं। (ख) आवेदक द्वारा सक्षम न्यायालय में विधिवत आवेदन प्रस्तुत करने पर ही कार्यवाही की जा सकती है।
जाँच प्रतिवेदन पर कार्यवाही
2. ( क्र. 93 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के प्रश्न संख्या 47 (क्र.1146) के दिनांक 18 मार्च, 2015 उत्तर में बताया गया है कि श्री जगदीश कुशवाह के विरूद्ध जाँच प्रतिवेदन नहीं प्राप्त होने के कारण उन पर कार्यवाही नहीं की जा सकी? (ख) क्या सुश्री सुकृति सिंह संचालक खाद्य ने जगदीश कुशवाह का नाम लेकर खासतौर से उनके विरूद्ध सख्त कार्यवाही की सिफारिश 5 वर्ष पूर्व 2010 में अपनी रिपोर्ट में की थी ? (ग) यदि हाँ, तो 05 वर्ष से अधिक समय हो गया है कार्यवाही में विलम्ब क्यों हुआ व ऐसे लोगों को राशन वितरण से रिपोर्ट की सिफारिश के अनुसार अलग क्यों नहीं किया गया तथा उनका स्थानान्तरण या मुख्यालय में अटैच क्यों नहीं किया गया?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) श्री जगदीश कुशवाहा द्वारा माननीय उच्च न्यायालय खण्डपीठ, ग्वालियर के प्रकरण क्रमांक डब्ल्यू.पी./ 4747/2010 में निर्णय दिनांक 20.08.2010 से आयुक्त, खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण संचालनालय के पत्र दिनांक 07.06.2010 के क्रियान्वयन पर स्थगन होने एवं प्रकरण क्र. डब्ल्यूपी 3615 (एस) में निर्णय दिनांक 08.07.2010 से कलेक्टर, अशोकनगर के पत्र दिनांक 11.06.2010 के क्रियान्यवन पर स्थगन होने से आगामी कार्यवाही स्थगित है। जाँच प्रतिवेदन में उल्लेखित 07 विक्रेताओं को पूर्व से ही सेवा से पृथक किया जा चुका है। जाँच प्रतिवेदन में उल्लेखित 03 समिति प्रबंधकों में से एक के द्वारा त्यागपत्र दे दिया गया है तथा शेष 02 श्री बृजभान सिंह अहिरवार एवं श्री जगदीश कुशवाहा का स्थानांतरण किया जा चुका है।
गलत बन्दोबस्त की शिकायत का निराकरण
3. ( क्र. 94 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रतलाम जिलांतर्गत तहसील पिपलौंदा जिला रतलाम ग्राम चिपिया, रियावन, झातला, जैठाना, रानीगाँव, कॅसेर, बिलन्दपूर, तालीदाना, पंचेवा, भाकरखेड़ी आदि में प्रश्नकर्ता के दिसम्बर 2015 में भेजे पत्र के आलावा कितने किसानों द्वारा गलत बंदोबस्त की कितनी-कितनी शिकायत, किस-किस स्तर पर किन-किन गाँव की, की गई शिकायतों का निराकरण क्यों नहीं हो पाया? कारण स्पष्ट करते हुए बतायें? (ख) क्षेत्र में बंदोबस्त के कारण हुई समस्याओं एवं विवादों को देखते हुए शासन वर्ष 2000-01 में हुए बंदोबस्त को निरस्त करने या सुधार करने के संबंध में कोई कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो क्या विवरण दें?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) रतलाम जिलांतर्गत तहसील पिपलौंद जिला रतलाम ग्राम चिपिया,रियावन,झातला,जैठाना,रानीगॉव, केंसेर, बिलन्दपूर, तालीदाना, पंचेवा, भारखेडी आदि में बन्दोबस्त में त्रुटि संबंधी 44 शिकायतें तहसील जिला स्तर पर प्राप्त हुई है। जिसमें 39 का नियमानुसार निराकरण किया जा चुका है। शेष ग्राम रानीगाँव, भाटखेडी, मावता, तालीदाना एवं बरवड की शिकायतों पर नियमानुसार निराकरण हेतु विचारण में है। (ख) बन्दोबस्त म.प्र.भू-राजस्व संहिता के प्रावधान अनुसार विधिपूर्वक तैयार किया गया अभिलेख होता है। इसे निरस्त करने के प्रावधान नहीं है और न ही इससे पूर्व के अभिलेख को लागू किये जाने के प्रावधान है। जी नहीं। शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता।
निजी भूमि पर वृक्षों की कटाई
4. ( क्र. 124 ) श्री ओम प्रकाश धुर्वे : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला डिण्डौरी में, निजी भूमि पर लगे वृक्षों को आदिवासी एवं गैर आदिवासियों को काटने हेतु पिछले 02 वर्षों में कितने लोगों को आदेश दिया गया? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में वृक्ष काटने हेतु कितने प्रकरण पंजीबद्ध किये गये? (ग) प्रकरण लम्बित होने के क्या कारण हैं? (घ) यदि समय-सीमा में जिन कर्मचारियों के लापरवाही से प्रकरण लम्बित हैं, उन पर क्या कार्यवाही की गई?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) विगत 02 वर्षों में जिले के अंतर्गत कुल 02 व्यक्तियों को निजी भूमि स्वामी पर लगे सूखे वृक्ष को काटने के आदेश दिये गये है। (ख) प्रश्नांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में जिले में कुल 32 प्रकरण पंजीबद्ध किये गये है। (ग) लंबित प्रकरण जिले के निम्न स्तर पर जाँच प्रतिवेदन हेतु लंबित है :- कलेक्टर डिण्डौरी 01- तहसीलदार के प्रतिवेदन हेतु लंबित। 2. तहसीलदार डिण्डौरी 06 3. तहसीलदार बजाग 01 4. नायब तहसीलदार समनापुर 02 5. नायब तहसीलदार अमरनुर 01 (घ) संबंधित तहसीलदार/नायब तहसीलदार को प्रतिवेदन शीघ्र भेजने हेतु निर्देशित किया गया है। लापरवाही से प्रकरण लंबित नहीं होने से कार्यावाही करने का प्रश्न उद्भूत नहीं होता।
केन्द्र प्रवर्तित योजना
5. ( क्र. 261 ) श्री रामनिवास रावत : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा केंद्र प्रवर्तित योजनाओं में केंद्र सरकार द्वारा वर्ष 2015-16 में 30 जून, 2015 से जनवरी, 2016 तक कितनी-कितनी राशि का आवंटन किया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार राशि में राज्य शासन द्वारा दिये जाने वाली अंश राशि कब-कब व कितनी-कितनी प्रदाय की गई? जिलेवार जानकारी दें। (ग) प्रश्नांश (क), (ख) अनुसार राशि में से अभी तक कितनी राशि शेष है? जिलेवार जानकारी दें।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के सरल क्रमांक-1 से 7 तक की योजनाओं की राशि राज्य स्तरीय नोडल खाते से सीधे ही संबंधितों के खाते में भुगतान किया जाता है, जिलेवार राज्यांश का आवंटन नहीं किया जाता है।
शासन की ई-मेल नीति
6. ( क्र. 295 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या परिवहन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग द्वारा म.प्र. शासन के कार्य को त्वरित गति से कम खर्च पर विश्वसनीय तरीके से करने के उद्देश्य से ई-मेल नीति 2014 जारी की गई है? (ख) यदि हाँ, तो विदिशा जिले के अंतर्गत जिला व विकासखंड स्तर पर संचालित शासकीय विभागों तथा उनके आनुषंगी संगठनों, सांवैधानिक संस्थाओं, स्वायत्तशासी संस्थाओं, निगम एवं मंडल आदि में किस नाम से ई-मेल आई.डी. का उपयोग किया जा रहा है या अधिकारी एवं कर्मचारी के नाम पर संचालित की जा रही है? संचालित ई-मेल आई.डी. एवं संबंधित अधिकारी दूरभाष व कार्यालय का दूरभाष की जानकारी विभागवार देवें? (ग) क्या प्रश्नकर्ता की ई-मेल आई डी mlabasoda145@gmail.com से विदिशा जिले के तहसील पंचायत, R.E.S., P.H.E., आदिम जाति, स्वास्थ्य विभाग एवं प्रधानमंत्री सड़क योजना आदि विभागों (कलेक्टर विदिशा को छोड़कर) में वर्ष 2014 से प्रश्नांश दिनांक तक कितने पत्र/प्रस्ताव विभाग को प्राप्त हुये, उन पत्रों पर कार्यवाही कर सूचना प्रश्नकर्ता को दी गई है या नहीं? विभागवार जानकारी देवें?
परिवहन मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। (ख) ई-मेल नीति के अनुरूप जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 पर है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 पर है।
आर्थिक अपराध संबंधी शिकायतों का निराकरण
7. ( क्र. 336 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार जिले में हुए आर्थिक अपराधों से संबंधित कितनी शिकायतें कलेक्टर, जिला धार के समक्ष वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में प्राप्त हुई है? उपरोक्त प्राप्त शिकायतों में से कितनी शिकायतों का निराकरण हो चुका है तथा कितनी लंबित है? निराकृत प्रकरणों में कितने प्रकरणों में आर्थिक अपराध होने की शिकायत सही पाई गई तथा दोषियों से कितना अर्थदण्ड वसूला गया एवं दोषियों के विरूद्ध अर्थदण्ड के अतिरिक्त क्या-क्या कानूनी कार्यवाही की गई? (ख) कलेक्टर, जिला धार को आर्थिक अपराधों से संबंधित वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में प्राप्त शिकायतों में से लंबित शिकायतें किस स्तर पर किन कारणों से लंबित है? लंबित शिकायतों का निराकरण कब तक कर दिया जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) आर्थिक अपराधों से संबंधित 4 शिकायतें प्राप्त हुई। वर्तमान में 4 शिकायतों में जाँच प्रचलित है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं है। (ख) शिकायत अनुविभागीय अधिकारी राजस्व को भेजी जाकर जाँच करवाई जा रही है। वर्तमान में जाँच प्रचलित है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
कर्मचारियों के बराबर वेतन का प्रदाय
8. ( क्र. 555 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माननीय मुख्यमंत्री म.प्र. शासन भोपाल द्वारा दिनांक 2007 को कोटवार पंचायत आयोजित कर कोटवारों के संबंध में की गई घोषणाओं के कितने बिंदुओं पर अमल किया गया? (ख) क्या इस भीषण मंहगाई में भी कोटवारों का पारिश्रमिक मात्र 2000 रूपये नियत किया गया है? यदि हाँ, तो क्या माननीय मुख्यमंत्री महोदय द्वारा निर्धारित पारिश्रमिक पर्याप्त है, जिस पारिश्रमिक से पूरे परिवार का भरण-पोषण संभव है? (ग) यदि नियत पारिश्रमिक से पूरे परिवार का भरण-पोषण संभव नहीं है तो क्या समस्त कोटवारों को नियमित करते हुए चतुर्थ श्रेणी के वेतनमान के बराबर वेतनमान निर्धारित किये जाने के निर्देश जारी किये जावेंगे, यदि हाँ, तो कब तक समय-सीमा बतावें?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) संपूर्ण बिन्दुओं पर अमल किया गया। (ख) जी हाँ। कोटवार कोटवारी के साथ ही अपने निजी कार्य भी करता है। कोटवारों के पारिश्रमिक में वृद्धि पर विचार किया जावेगा। (ग) ऐसा कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।
दाखिला पंजी की उपलब्धता
9. ( क्र. 556 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या परिवर्तित अतारांकित प्रश्न क्रमांक 1218 दिनांक 16 दिसम्बर 2015 द्वारा पूछे गये प्रश्न के सरल क्रमांक 33 (क) से (घ) तक जानकारी एकत्रित किये जाने हेतु माननीय राजस्व मंत्री द्वारा जवाब दिया गया था? यदि हाँ, तो क्या उपरोक्त जानकारी एकत्रित कर ली गई है बताएं? (ख) क्या म.प्र. शासन राजस्व विभाग मंत्रालय वल्लभ भवन भोपाल के आदेश क्रमांक एफ-1-53/92 निगरानी भोपाल दिनांक 02.05.98 द्वारा आयुक्त रीवा संभाग रीवा की ओर प्रकरण क्रमांक 61/84-85/निगरानी मूलत: संलग्न कर आवश्यक कार्यवाही हेतु प्रकरण की प्राप्ति अभिस्वीकृति भिजवाने के निर्देश दिये गये थे? (ग) यदि हाँ, तो क्या बीस सूत्रीय समिति कोठी की दाखिला पंजी वर्ष 1998 तक मंत्रालय में उपलब्ध थी? उक्त दाखिला पंजी सचिवालय से कलेक्टर सतना कार्यालय कब भेजी गई तिथि सहित बताएं?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
विभागीय कार्यों की जानकारी
10. ( क्र. 828 ) चौधरी मुकेश सिंह चतुर्वेदी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड जिले में वित्तीय वर्ष 01.04.2011 से 31.03.2013 तक दो लाख रूपये से कम राशि के ग्रामीण यांत्रिकी सेवा में क्या-क्या कार्य, किस-किस स्थान पर किये गये? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित जिले में मेंटेनेन्स पर किस-किस स्थान पर, कितनी राशि व्यय की गयी? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) में उल्लेखित कार्यों में से किस-किस को कितनी राशि का भुगतान किया गया? (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ख) में सभी पूर्ण कार्यों का पूर्णता एवं उपयोगिता प्रमाण पत्रों को किस-किस नाम/पदनाम द्वारा जारी किया गया?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) कार्यों में मेन्टेनेंस पर राशि व्यय नहीं की गई। (ग) उत्तरांश (क) अनुसार। (घ) उत्तरांश (क) एवं (ख) अनुसार।
शासन की बेस कीमती की फर्जी तरवीन करायी जाना
11. ( क्र. 938 ) श्रीमती चन्दा सुरेन्द्र सिंह गौर : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या छतरपुर जिले के वरकुआं पटवारी हल्का में भूमि खसरा क्र.-228 जो शासकीय भूमि है और छतरपुर से राजनगर रोड पर स्थित है जो मुख्य सड़क पर होने के कारण उक्त भूमि बेस कीमती है जो छतरपुर से नजदीक ही लगी हुई है? क्या भूमि खसरा-228 शासन की भूमि मुख्य सड़क के किनारे होने से और अधिक कीमती होने भू-माफियों द्वारा पीछे के खसरा नम्बरों की तरवीन आगे सड़क के किनारे की फर्जी तरीके से करा ली गई है और उस पर काबिज होकर तुरंत कॉलोनी निर्माण किये जाने प्लाटिंग कर भूमि को विक्रय किया जा रहा है। (ख) क्या इसकी जाँच करायेंगे यदि हाँ, तो कब तक नहीं तो कारण स्पष्ट करें? (ग) क्या भू-माफियों द्वारा जब इस भूमि का विक्रय करना प्रारंभ किया तो कई लोगों ने राजस्व विभाग के अधिकारियों को सूचना दी मगर कोई कार्यवाही नहीं की गई। ऐसे लापरवाह या मिलीभगत करने वाले अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही करते हुए उक्त 228 खसरा की भूमि को बिक्री से रोकते हुये अतिक्रमण करने वाले भू-माफियों के विरूद्ध कार्यवाही करेंगे एवं शासन की बेशकीमती भूमि को अतिक्रमण से मुक्त करायेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
सतना नगर निगम क्षेत्र अंतर्गत शासकीय भूमि
12. ( क्र. 1191 ) श्री शंकर लाल तिवारी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना नगर निगम क्षेत्र कितनी शासकीय भूमि रिक्त है? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित शासकीय भूमि में से कितनी भूमि सार्वजनिक प्रयोजन हेतु किसी संस्था अथवा विभाग को आवंटित की गई है? (ग) क्या प्रश्नांश (क) में वर्णित शासकीय भूमि जो प्रश्नांश (ख) अनुसार सार्वजनिक प्रयोजन हेतु आवंटित नहीं की गई है किन्तु निजी व्यक्तियों द्वारा अतिक्रमण/अवैध कब्जा/अवैध निर्माण कर लिया गया है का विवरण दें? (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार अतिक्रमित की गई शासकीय भूमि कब तक अतिक्रमणकर्ताओं का अवैध कब्जा/अवैध निर्माण हटाते हुये मुक्त करा ली जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) वर्तमान में सतना नगर निगम क्षेत्र अन्तर्गत 1692.075 हे. शासकीय भूमि दर्ज अभिलेख है। (ख) सार्वजनिक प्रयोजन हेतु आवंटन का कुल रकबा 157.941 हे. है। (ग) पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (घ) अतिक्रमणकर्ताओं के विरूद्ध नियमानुसार न्यायालय में प्रकरण विचाराधीन है, मान. न्यायालय के निर्णय अनुसार कार्यवाही की जावेगी।
मुख्यमंत्री कन्यादान योजना
13. ( क्र. 1250 ) श्रीमती उमादेवी लालचंद खटीक : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दमोह जिला अंतर्गत हटा नगर पालिका एवं हिण्डोरिया नगर परिषद द्वारा कितने विवाह मुख्यमंत्री कन्यादान योजनान्तर्गत वर्ष 2013-14, 2014-15 व 2015-16 अंतर्गत किये गये नाम, पतावार जानकारी बतायें? (ख) मुख्यमंत्री कन्यादान योजनान्तर्गत वर-वधुओं को प्रदाय सामग्री कहाँ से खरीदी गई?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं 2 अनुसार है। (ख) नगर पालिका हटा द्वारा निविदा आमंत्रित कर न्यूनतम दर पर पुरुषोत्तम दास कोमलप्रसाद बर्तन भंडार, हटा से एवं नगर परिषद हिण्डोरिया के द्वारा भी निविदा आमंत्रित कर न्यूनतम दर पर सुरभि ज्वेलर्स, दमोह ऑनर्स कमलेश गुप्ता से सामग्री क्रय की गई है।
सदन में गलत जानकारी देना
14. ( क्र. 1286 ) डॉ. मोहन यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि विभाग द्वारा प्रश्नकर्ता को अतारांकित प्रश्न संख्या 60 (क्रमांक 1009) दिनांक 22.07.15 की जानकारी अनुसार वर्ष 2013-14 एवं 2014-15 में समस्त प्राप्त अविवादित नामांतरण आवेदन को निराकृत होना बताया है? साथ ही तारांकित प्रश्न क्रमांक 1012 में प्रदत्त जानकारी में तहसील उज्जैन में वर्ष 2013-14 एवं 2014-15 में उज्जैन तहसील में 62, घट्टिया तहसील में 29, खाचरौद तहसील में 48, नागदा तहसील में 14, बड़नगर तहसील में 48, तराना तहसील में 45, महिदपुर तहसील में 21 प्रकरण पटवारी रिपोर्ट एवं राजस्व निरीक्षक की रिपोर्ट हेतु लंबित होना बताया है? (ख) प्रश्नांश (क) की जानकारी अनुसार एक ही विषय पर दो विरोधाभाषी जानकारी देने के लिये कौन अधिकारी दोषी है? दोषियों के विरूद्ध कब तक कार्यवाही की जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
मुख्यमंत्री खेत सड़क योजना अंतर्गत कार्य स्वीकृति
15. ( क्र. 1327 ) श्रीमती झूमा सोलंकी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजनान्तर्गत कौन-कौन सी सड़कें सम्मिलित की जा सकती है तथा इसकी तकनीकी एवं प्रशासकीय स्वीकृति कौन जारी करता है? क्या इस योजना से संबंधित शासन का कोई परिपत्र जारी किया गया है? यदि हाँ, तो उपलब्ध करावें? (ख) भीकनगांव विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत उक्त योजना में प्रस्तावित कुल कितने मार्ग है? कृपया मार्गों की जनपदवार सूची उपलब्ध करावे? (ग) क्या इस योजना में शासन स्तर से कार्य स्वीकृति हेतु जिला स्तर पर या जनपद स्तर पर कोई लक्ष्य निर्धारित किया जाता है? यदि हाँ, तो वह क्या है तथा नहीं तो आवंटन की प्रक्रिया क्या है तथा भीकनगांव विधान सभा अंतर्गत वर्ष 2016-17 हेतु कितने मार्ग कितनी राशि के स्वीकृत हो सकते हैं? (घ) भीकनगांव विधान सभा अंतर्गत विगत 3 वर्ष से वर्तमान तक कुल कितने मार्ग इस योजनान्तर्गत स्वीकृत हुये है? क्या इस योजना में मार्गों की स्वीकृति हेतु क्षेत्रीय विधायक द्वारा प्रस्ताव प्राप्त हुए थे? हाँ, तो प्रश्नावधि तक उन पर क्या कार्यवाही की गई तथा क्या आगामी वर्ष में स्वीकृति हेतु कोई मार्ग प्रस्तावित है? हाँ, तो सूची उपलब्ध करावें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत सामान्य विकासखण्डों में 500 से कम एवं आदिवासी विकासखण्ड में 250 से कम जनसंख्या के राजस्व ग्रामों को ग्रेवल रोड के माध्यम से बारहमासी मार्ग से एकल सम्पर्कता प्रदान की जाती है। कार्य की तकनीकी स्वीकृति कार्यपालन यंत्री एवं इससे वरिष्ठ स्तर के अधिकारी एवं प्रशासकीय स्वीकृति मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत, जिला कलेक्टर एवं राज्य शासन द्वारा प्रदान की जाती है। इस योजना से संबंधित विभाग द्वारा जारी एक परिपत्र पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) भीकनगांव विधानसभा क्षेत्रांतर्गत विकासखण्ड भीकनगांव में 02 मार्ग प्रस्तावित है। मार्गों की जनपदवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) जी नहीं। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। योजनांतर्गत आवंटन राज्य स्तर से कार्यपालन यंत्री को उपलब्ध कराया जाता है। भीकनगांव विधानसभा क्षेत्रांतर्गत वर्ष 2016-17 हेतु उक्त योजना हेतु कार्ययोजना नहीं बनाई गई अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) भीकनगांव विधानसभा क्षेत्रांतर्गत विगत 03 वर्ष से वर्तमान तक 02 मार्ग स्वीकृत किये गये है। योजनांतर्गत क्षेत्रीय विधायक द्वारा मार्गों के प्रस्ताव प्राप्त हुये थे, प्राप्त प्रस्ताव मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के मापदण्डानुसार पात्र नहीं होने से स्वीकृत नहीं किये गये। आगामी वर्ष में योजनांतर्गत कोई कार्ययोजना तैयार नहीं होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
खेत सड़क योजना अंतर्गत सामग्री का भुगतान
16. ( क्र. 1328 ) श्रीमती झूमा सोलंकी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भीकनगांव जनपद क्षेत्रांतर्गत मुख्यमंत्री खेत सड़क योजना अंतर्गत कुल कितनी खेत सड़क प्रारंभ की गई है तथा वर्तमान स्थिति तक उन सड़कों पर कितनी राशि का मूल्यांकन उपयंत्री द्वारा दर्ज किया गया है? उसमें मूल्यांकन अनुसार सामग्री एवं मजदूरी की राशि कितनी है? कृपया मार्गवार मूल्यांकन की वर्तमान स्थिति एवं तथा मूल्यांकित मजदूरी सामग्री की राशि सहित जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) क्या समस्त मार्गों पर मूल्यांकित सामग्री की राशि का भुगतान हो गया है? नहीं तो क्या कारण है? क्या वर्तमान में प्रगतिरत सड़कों पर वर्षा पूर्व मुरूम परिवहनकर्ताओं का भुगतान शेष है? यदि हाँ, तो इतना अधिक समय का क्या कारण है तथा इसके विलंब के लिये कौन दोषी है? (ग) मुख्यमंत्री खेत सड़क योजना अंतर्गत जिन सड़कों पर मुरूम परिवहनकर्ताओं का भुगतान लंबित है उन्हें भविष्य में भुगतान कब तक होगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) मुख्यमंत्री खेत सड़क के नाम से योजना संचालित नहीं है। भीकनगांव जनपद पंचायत में मनरेगा के अंतर्गत सुदूर ग्राम संपर्क व खेत सड़क उपयोजना में कुल 72 सड़कें प्रारंभ की गई हैं। वर्तमान स्थिति अनुसार इन सड़कों पर रू. 171.65 लाख का मूल्यांकन उपयंत्रियों द्वारा दर्ज किया गया है, उसमें मूल्यांकन अनुसार सामग्री की राशि रू. 31.57 लाख एवं मजदूरी की राशि रू. 140.08 लाख है। मार्गवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट पर उपलब्ध है। (ख) मूल्यांकित सामग्री के 30 मार्गों में से 13 मार्गों पर सामग्री का भुगतान कर दिया गया है। शेष 17 मार्गों के सामग्री के बिल प्रस्तुत नहीं किये जाने के कारण भुगतान नहीं किया जा सका। वर्तमान में प्रगतिरत 9 सड़कों पर वर्षा पूर्व परिवहनकर्ताओं का सामग्री का भुगतान बिल एवं सामग्री परीक्षण रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं करने के कारण शेष है। परिवहनकर्ताओं द्वारा कोई भी बिल प्रस्तुत नहीं करने के कारण कोई भी अधिकारी/ कर्मचारी दोषी नहीं हैं। (ग) सुदूर ग्राम संपर्क व खेत सड़क उपयोजनान्तर्गत निर्माणाधीन सड़कों पर मुरूम परिवहनकर्ताओं का भुगतान, सामग्री परिवहन के बिल एवं सामग्री परीक्षण रिपोर्ट प्रस्तुत किये जाने पर, मनरेगा योजना में राशि उपलब्ध होने की स्थिति में भुगतान किया जा सकेगा। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
बलराम तालाबों में अनियमितताएं
17. ( क्र. 1329 ) श्रीमती झूमा सोलंकी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भीकनगांव विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में कितने बलराम तालाबों की स्वीकृति हुई है तथा स्वीकृति पश्चात् कितनी राशि जारी की गई है? कितने बलराम तालाब पूर्ण हो चुके हैं? विकासखण्डवार जानकारी देवें। (ख) वर्तमान तक कितने बलराम तालाब अपूर्ण है तथा उसका कारण क्या है? क्या बलराम तालाबों में अनियमितताएं संबंधी कोई शिकायत प्राप्त हुई थी? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की गई? (ग) वर्तमान में कितने बलराम तालाब स्वीकृति हेतु प्रस्तावित हैं? इन तालाबों की आवेदन चयन की क्या प्रक्रिया है? (घ) क्या बलराम तालाबों में कोई अनियमितता प्रदर्शित हुई है? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही प्रस्तावित की गई है?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। अनियमितता संबंधी कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई थी। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। शासन द्वारा बलराम तालब योजना क्रियान्वयन हेतु जारी मार्गदर्शिका में वर्णित चयन प्रक्रिया के निर्देश संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (घ) जी नहीं, कोई अनियमितता नहीं पाई गई। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
चरनोई भूमि का सीमांकन
18. ( क्र. 1526 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्योपुर जिले में वर्तमान में कितने हेक्टेयर क्षेत्र में चरनोई भूमि उपलब्ध हैं? (ख) जिले में राजस्व विभाग द्वारा वर्तमान तक कितने हेक्टेयर चरनोई भूमि का सीमांकन व उस पर बाउंड्रीवॉल कराकर उसे सुरक्षित किया गया? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या राजस्व विभाग के अमले की उदासीनता के कारण जिले में उक्त आदेशानुसार वर्तमान तक कोई कार्यवाही नहीं की गई? यदि हाँ, तो इस हेतु कौन दोषी है, के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी? क्या शासन उक्त आदेश का जिले में प्रभावी क्रियान्वयन कराएगा? यदि नहीं, तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) कुल 37118 हेक्टर क्षेत्र में। (ख) कुल 3807 हेक्टेयर का सीमांकन किया जा चुका है। शेष पर कार्यवाही प्रचलित है। बाउन्ड्रीवॉल लगाने का कोई प्रावधान नहीं है। (ग) जी नहीं, शेष प्रश्नांश उद्भूत नहीं होता है।।
अतिक्रमण हटाया जाना
19. ( क्र. 1644 ) कुँवर विक्रम सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिला अंतर्गत अमर पाटन में नवनिर्मित सतना रोड बस स्टेण्ड के पास कितनी जगह पर लोगों ने अतिक्रमण किया जिससे आम लोगों को आवागमन से परेशानी होती है? (ख) ऐसे कितने लोग है जिन्होंने प्लाटों के सामने तथा बीचो-बिच अतिक्रमण किया और उनको हटाया नहीं गया? (ग) क्या शासान प्रावधानों के अनुसार शासन की भूमि पर रोड पर अतिक्रमण करने वालो का कब तक हटाया जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) प्लाटों के सामने 17 व्यक्तियों द्वारा एवं प्लाट बस स्टैण्ड के बीच 21 व्यक्तियों द्वारा अतिक्रमण किया गया है। अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही तहसीलदार न्यायालय में प्रचलित है। (ग) राजस्व संहिता की धारा 248 के प्रावधानों के अनुसार अतिक्रमणकर्ताओं के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर कार्यवाही प्रचलित है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं।
शौचालयों का निर्माण
20. ( क्र. 1661 ) श्रीमती ममता मीना : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या गुना जिले के विकासखण्ड गुना अंतर्गत ग्राम पंचायत हिलगना एवं ग्राम गादेर में कार्यालय जनपद पंचायत गुना के माध्यम से पंचायत द्वारा शाला में कक्ष निर्माण, सेहरिया सेटलमेंट आवास एवं आंगनवाड़ी भवन सहित मर्यादा निर्मल भारत अभियान के तहत बी.पी.एल. शौचालयों कानिर्माण कराया गया है? (ख) उक्त राशि पर व्यय के लाखों रूपये का भुगतान जनपद पंचायत गुना/ग्राम पंचायत हिलगना (गुना) द्वारा श्री अशोक शर्मा लिपिक/शासकीय सेवक कृषि विभाग जिला गुना को किया गया है? यदि हाँ, तो क्यों? (ग) क्या किसी लोक सेवक को इस तरह जनकल्याण की योजनाओं का भुगतान चैक के माध्यम से प्राप्त करना या इस तरह के कार्यों में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से संलिप्त रहना आचरण नियमों के विपरीत है? (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार किया गया कृत्य आचरण नियमों के विपरीत है तो दोषी कर्मचारी के विरूद्ध क्या विभागीय कार्यवाही कब तक की जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) विकासखण्ड गुना अंतर्गत ग्राम पंचायत हिलगना एवं ग्राम गादेर में कार्यालय जनपद पंचायत गुना के माध्यम से पंचायत द्वारा शाला में कक्ष निर्माण नहीं कराया गया है। शेष कार्य पंचायत द्वारा कराये गये है। (ख) जी हाँ। श्री अशोक शर्मा एवं श्री अशोक कुमार शर्मा द्वारा निर्माण सामग्री प्रदान की गई थी। जिस हेतु ग्राम पंचायत द्वारा राशि रू. 2.35 लाख श्री अशोक शर्मा एवं राशि रू. 1.88 लाख श्री अशोक कुमार शर्मा के नाम से चैक जारी किये गये हैं। दोनों चैक एक ही व्यक्ति श्री अशोक कुमार शर्मा द्वारा प्राप्त किये गये है। (ग) जी हाँ। (घ) संबंधित कर्मचारी श्री अशोक कुमार शर्मा के विरूद्ध जाँच कराई जाकर नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
खसरों में बिना आदेश के विक्रय वर्जित दर्ज करना
21. ( क्र. 1675 ) श्रीमती ममता मीना : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या गुना जिले की समस्त तहसीलों के भू-स्वामियों कृषकों के कृषि खातों खसरों में वर्ष 1997 से 2003 तक या प्रश्न दिनांक तक बिना किसी सक्षम अधिकारी के आदेश बिना पटवारियों एवं कम्प्यूटर ऑपरेटरों द्वारा विक्रय वर्जित दर्ज कर दिया, यदि हाँ, तो विवरण दें? (ख) प्रश्नांश (क) में ऐसे कितने भू-स्वामी कृषक है जिनके खसरों में विक्रय वर्जित लिखा है यदि हाँ, तो विवरण दें? (ग) यदि बिना सक्षम अधिकारी के पटवारियों या कम्प्यूटर ऑपरेटरों द्वारा विक्रय निषेध खसरों के कॉलम नं. 12 में दर्ज किया है तो उसको कैसे हटायेंगे जानकारी दें? (घ) क्या गुना-चांचौड़ा तहसील में ऐसे भू-स्वामी कृषकों के खाते है जिनके पटवारी खसरों में विक्रय वर्जित नहीं है? कम्प्यूटर खसरों में लिखा है, कौन दोषी है, कैसे सुधारेंगे पटवारी हल्कावार जाँच कर कारणों सहित विवरण दें?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी नहीं । (ख) से (घ) शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
छिंदवाड़ा जिले को संभाग बनाये जाने हेतु
22. ( क्र. 1702 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा छिंदवाड़ा जिले को संभाग बनाने की घोषणा की गई थी? अगर हाँ तो छिन्दवाड़ा जिले को संभाग का दर्जा शासकीय तौर पर कब तक दिया जायेगा? समय-सीमा बतायें? (ख) छिन्दवाड़ा जिले को संभाग बनाये जाने के संबंध में शासन द्वारा अभी तक क्या कार्यवाही की जा चुकी है? जानकारी उपलब्ध कराये और यदि कार्यवाही नहीं की गई है तो कार्यवाही नहीं किए जाने का क्या कारण है? जानकारी उपलब्ध करायें? (ग) छिन्दवाड़ा जिले को संभाग बनाये जाने के संबंध में मेरे द्वारा माननीय मुख्यमंत्री जी को पत्र के माध्यम से अवगत कराया गया था, जिस पर विभाग द्वारा अभी तक क्या कार्यवाही की गई है? जानकारी उपलब्ध कराये?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) से (ग) जी हाँ, किन्तु संभावित वित्तीय भार को ध्यान में रखते हुए अभी कार्यवाही विलंबित रखी गई है।
नगर पालिका भूमि का अधिग्रहण
23. ( क्र. 1737 ) श्री गोपालसिंह चौहान (डग्गी राजा) : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) फरवरी-मार्च विधान सभा सत्र के पूर्ण उत्तरों की प्रश्न संख्या 30 (क्र. 790) के संदर्भ में यह बतावें कि शासन के विरूद्ध उच्चखंड पीठ इंदौर में अपील तथा रिट अपील क्र. 712/2/2014 दिनांक 02.09.2014 को जो प्रस्तुत की गई है उसमें किस उच्च अधिकारी को इंदौर न्यायालय में जाने के लिये व मॉनिटरिंग करने के लिये नियुक्त किया गया है तथा क्या सरकारी वकील के अलावा कोई अच्छा वकील करने पर विचार करेंगे ताकि इस प्रकरण में शासन के हितों का संरक्षण हो सके? (ख) जावरा नगर पालिका में जिस भूमि का अधिग्रहण बस स्टेण्ड के विस्तार तथा शॉपिंग कॉम्पलेक्स व बगीचा बनाने के लिये किया है वह कब तक पूरा हो जायेगा क्योंकि इस योजना में नगर पालिका को लगभग 10 करोड़ की आमदनी की संभावना है?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। रिट अपील क्रमांक 712/2/2014 में अनुविभागीय अधिकारी राजस्व जावरा को प्रभारी अधिकारी नियुक्त किया गया है। प्रकरण की पैरवी शासकीय अभिभाषक द्वारा की जा रही है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नहीं। अत: शेषांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
अशोक नगर जिले में भूमि का विवरण
24. ( क्र. 1738 ) श्री गोपालसिंह चौहान (डग्गी राजा) : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा में 20 मार्च 2015 को प्रश्न संख्या 10 (क्र. 2610) के दिये गये खाता नम्बर सर्वे क्रमांक पर आज की तारीख में पटवारी रिकार्ड में किसके नाम दर्ज है तथा कब्जा किसका है? (ख) उपरोक्त संबंध में अशोकनगर जिले की कुछ और भूमि का विवरण जिलाधीश व भोपाल स्तर पर सूची के साथ दें, उस पर किसका कब्जा है व पटवारी रिकार्ड में किसके नाम से है? इस संबंध में जाँच की प्रगति का विवरण देवें?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग की प्रस्तावित योजना
25. ( क्र. 1745 ) श्री राजेन्द्र फूलचंद वर्मा : क्या परिवहन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग की कौन-कौन सी योजनाएं किस-किस नाम से वर्तमान में संचालित है? (ख) सोनकच्छ नगर एवं देवास जिले में कौन-कौन सी व किस-किस नाम से योजनाएं संचालित है? (ग) क्या सोनकच्छ विधान सभा में सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग की कोई सुविधा या योजना प्रस्तावित है या नहीं?
परिवहन मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा मध्यप्रदेश राज्य इलेक्ट्रॉनिक्स विकास एवं मैप-आई.टी. के माध्यम से निम्न परियोजनाएं संचालित है:-- (1) मध्यप्रदेश स्टेट वाईड एरिया नेटवर्क, (2) स्टेट डाटा सेंटर, (3) आई.टी.पार्क सिंहासा, भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर, (4) आई.टी.पार्क परदेशीपुरा इंदौर (5) डाटा सेन्टर पार्क बेटमा, (6) इलेक्ट्रॉनिक्स मेन्यूफेक्चरिंग क्लस्टर्स (EMC) धनखेड़ी, (7) इलेक्ट्रॉनिक्स टेस्ट एवं डेव्हलपमेंट सेंटर इंदौर, भोपाल (8) मंत्रालय, कम्प्यूटर प्रशिक्षण केंद्र (9) स्टेट पोर्टल एवं स्टेट सर्विस डिलेवरी गेटवे (SSDG) (10) ई-टेंडरिंग परियोजना (11) म.प्र.स्टेट रेसिडेंट डाटा हब (M.P.SRDH) (12) आधार पंजीयन (13) वर्चुअल क्लासरूम परियोजना (14) सेन्टर ऑफ एक्सीलेन्स (15) कम्प्यूटर दक्षता प्रमाणीकरण परीक्षा (16) ई-मेल सेवा, (17) परियोजना प्रबंधन की संस्थागत व्यवस्था, (18) जी.आई.एस. लैब परियोजना, (19) सेटेलाईट ब्रॉड कास्ट परियोजना, (20) दक्षता संवर्द्धन एवं प्रशिक्षण केन्द्रों (ई-दक्ष) की स्थापना (21) सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में पुरस्कारों का वितरण (ख) सोनकच्छ नगर में स्टेट वाईड एरिया नेटवर्क, वर्चुअल क्लास रूम परियोजना, आधार पंजीयन योजनाएं संचालित है। देवास जिले में स्टेट वाईड एरिया नेटवर्क, वर्चुअल क्लास रूम परियोजना, आधार पंजीयन, ई-दक्ष (केवल जिला स्तर पर संचालित कम्प्यूटर प्रशिक्षण केन्द्र) योजनाएं संचालित है। (ग) उत्तरांश ''ख'' में उल्लेखित योजनाओं के अतिरिक्त वर्तमान में अन्य योजना प्रस्तावित नहीं है।
वृहताकार/मध्यक कृषक सेवा समितियों का गठन
26. ( क्र. 1791 ) श्री सुदेश राय : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीहोर विधान सभा क्षेत्र में कितनी वृहताकार/मध्यम कृषक सेवा समितियां वर्तमान में संचालित हैं एवं इनका कार्य क्षेत्र का आकार किस प्रकार निर्धारित है तथा प्रत्येक समिति अंतर्गत कौन-कौन से ग्राम सम्मिलित हैं? (ख) प्रत्येक सोसायटी पर कितने कृषकों का पंजीयन/सदस्यता है तथा शासन के निर्देशानुसार कार्य को आसान/ सुगम बनाये जाने हेतु क्या विभाग द्वारा नवीन सोसायटियों/संस्थाओं के गठन का प्रस्ताव दिया जायेगा है? यदि हाँ, तो कब तक और नहीं तो कारण बतायें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) 15, कार्यक्षेत्र पंजीकृत उपविधियों में उल्लेख अनुसार है तथा प्रत्येक समिति अंतर्गत आने वाले ग्रामों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रत्येक सोसायटी के सदस्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है तथा मध्य प्रदेश सहकारी सोसायटी अधिनियम 1960 की धारा 16 में सहकारी संस्थाओं का पुनर्गठन किये जाने का प्रावधान है। प्रस्ताव प्राप्त होने पर अधिनियम के प्रावधान तथा प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थाओं के पुनर्गठन हेतु निर्धारित मापदंडों के अनुसार कार्यवाही की जा सकेगी। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
जिला पंजीयक के पद पर पदस्थापना
27. ( क्र. 1794 ) श्री सुदेश राय : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला पंजीयक सहकारिता के पद पर जिला सीहोर में वर्तमान में कौन पदस्थ है? (ख) प्रश्नांश (क) वर्णित अधिकारी उक्त पद पर कब से पदस्थ है? (ग) शासन नियम अंतर्गत एक जिले में कोई अधिकारी कितनी अवधि तक पदस्थ रह सकता है? यदि नियम 3 वर्ष का है तो इतने वर्ष से जिला सीहोर में एक ही अधिकारी के एक ही स्थान पर पदस्थ रहने का क्या कारण है तथा शासन के नियमों का कब तक पालन करा लिया जावेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) वर्तमान में जिला सीहोर में श्री अशोक कुमार शुक्ला, उप आयुक्त सहकारिता एवं उप पंजीयक सहकारी संस्थायें के पद पर पदस्थ है। (ख) दिनांक 29.09.2009 से वर्तमान तक। (ग) एक ही जिले में अधिकारी की पदस्थी अवधी के संबंध में कोई नियम नहीं है अपितु, स्थानान्तरण नीति दिनांक 15 अप्रैल 2015 की कण्डिका 8.7 में जिलों में पदस्थ प्रथम श्रेणी के कार्यपालन अधिकारियों के एक ही स्थान पर 03 वर्ष की पदस्थापना पूर्ण कर लेने पर जिले से अन्यत्र प्राथमिकता पर स्थानान्तरण किये जा सकने का उल्लेख है, परन्तु यह अनिवार्य नहीं है कि 03 वर्ष पूर्ण होने पर स्थानान्तरण किया ही जावे। एक ही अधिकारी के एक ही स्थान पर पदस्थ रहना प्रशासकीय प्रक्रिया अंतर्गत की गई व्यवस्था है, अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
स्थायी/अस्थायी लीज़ नवीनीकरण
28. ( क्र. 1806 ) श्री प्रताप सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दमोह जिले में नजूल एवं नगर पालिका केकितने स्थायी/अस्थायी पट्टेदार हैं, इनमें से कितने लीज़ धारियों की लीज़ अवधि समाप्त हो गई है, लीज़ अवधि समाप्त होने पश्चात् लीज़ नवीनीकरण हेतु कितने लीज़ धारियों द्वारा आवेदन विभाग में प्रस्तुत किये हैं? शेष लीज़ धारियों द्वारा नवीनीकरण आवेदन न देने पर उनके विरूद्ध क्या विभाग द्वारा कार्यवाही की गई है? (ख) स्थायी/अस्थायी लीज़ नवीनीकरण हेतु प्रस्तुत आवेदन पत्र पर अभी तक क्या निर्णय लिया गया है? कितने अंतिम रूप से निराकृत किये गये, कितने विचाराधीन हैं? विचाराधीन रहने का क्या कारण रहा है? लीज़ का नवीनीकरण समयावधि में न होने के कारण प्रति वर्ष शासन को कितने राजस्व की हानि होती है? (ग) स्थायी/अस्थायी लीज़ नवीनीकरण समयावधि में किये जाने से शासन को प्रति वर्ष कितना राजस्व प्राप्त होता है? दमोह जिले में अस्थायी लीज़ का नवीनीकरण कब से नहीं किया गया है? लीज़ नवीनीकरण न किये जाने के संबंध में शासन के यदि कोई आदेश हो तो प्रतिलिपि उपलब्ध करावें?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) दमोह जिले, दमोह शहर के नजूल भूमि के कुल 968 स्थायी पट्टे जारी किये गये है। लीज़ अवधि समाप्ति उपरांत 254 लोगों ने आवेदन दिये है। जिनमें 142 पट्टों का नवीनीकरण किया जा चुका है। लीज़ अवधि समाप्ति उपरांत लीज़ धारक द्वारा आवेदन प्रस्तुत किया जाता है। विलम्ब से आवेदन देने की स्थिति में शमन शुल्क वसूली की कार्यवाही की जाती है। नवीनीकरण कार्य से अब तक 1835798/- रूपये की वसूली की जा चुकी है। (ख) स्थायी लीज़ के अभी तक 142 प्रकरणों का निराकरण किया जा चुका है। शेष प्रकरण 112 न्यायालयीन कार्यवाही हेतु विचाराधीन है। लीज़ पट्टों से वार्षिक भू-भाटक की राशि का वसूली कार्य किया जा रहा है जिसमें प्रतिवर्ष भू-राजस्व वसूली की जाती है। (ग) दमोह जिले में नजूल भूमि के स्थायी लीज़ के कुल 968 लीज़ धारक है। जिनसे प्रतिवर्ष भू-भाटक राजस्व आय- 381960/- रूपये प्राप्त होती है। अस्थायी लीज़ का आवंटन की प्रक्रिया बन्द है। अस्थायी पट्टों की भू-भाटक राशि जमा की जा रही है। अस्थाई पट्टों का नवीनीकरण नहीं किया जा रहा है।
प्रधानमंत्री ग्रामीण, मुख्यमंत्री ग्राम संपर्क सड़कों की जानकारी
29. ( क्र. 1861 ) श्री मुकेश नायक : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पवई विधान सभा क्षेत्र के पवई एवं शाहनगर विकासखण्ड के किन-किन ग्रामों की सड़कों को प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री संपर्क सड़कों से जोड़ दिया गया है? कितनी प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़कें, मुख्यमंत्री ग्राम संपर्क सड़कें क्षतिग्रस्त है और उपयोग योग्य नहीं रह गई है? उन सड़कों का सुधार किस मद से कब तक किया जावेगा? (ख) पन्ना जिले पवई विधानसभा क्षेत्र की प्रधानमंत्री सड़क योजना की कौन-कौन सी सड़कें आज तक पूर्ण नहीं हो सकी क्यों? अपूर्ण सड़कें पूर्ण कब तक हो जायेगी बतावें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना एवं मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत ऐसी कोई सड़क नहीं है जो क्षतिग्रस्त होकर अनुपयोगी हो गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। अपूर्ण कार्यों को पूर्ण कराये जाने का प्रयास किया जा रहा है, निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
विभाग द्वारा किये गये विभिन्न कार्य
30. ( क्र. 1862 ) श्री मुकेश नायक : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पन्ना जिले की पवई विधानसभा क्षेत्र में पिछले 3 वर्षों में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा विकास कार्यों में कहाँ-कहाँ सड़कों व पुलियाओं के कार्य विधायक निधि एवं मुख्यमंत्री सड़क योजना में कितनी-कितनी धनराशि के क्या-क्या निर्माण कार्य हुये व उनकी गुणवत्ता क्या रही है? (ख) उक्त निर्माण कार्यों में एजेंसी कौन-कौन थी तथा उन्होंने किस-किस व्यक्ति या फर्म की कौन सी जे.सी.बी. पोर्सलीन मशीन व डम्पर का उपयोग किया तथा उन्हें कितना-कितना पेमेन्ट हुआ?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। परिशिष्ट में उल्लेखित कार्य ग्रामीण यांत्रिकी सेवा द्वारा निविदा पद्धति से ठेकेदारों के माध्यम से एवं जनपद पंचायतों द्वारा कराये जाने वाले कार्य ग्राम पंचायतों से कराये जाने से उन्हें किये गये कार्य का निर्धारित दर पर सीधे भुगतान किये जाने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अवैध लकड़ी की कटाई
31. ( क्र. 1993 ) श्री संजय उइके : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कलेक्टर/अपर कलेक्टर एवं अनुविभागीय अधिकारी बैहर के द्वारा लकड़ी की अवैध कटाई के प्रकरण पंजीबद्ध किये गये है? (ख) यदि हाँ, तो वित्तीय वर्ष प्रश्न दिनांक से वर्ष 2010-2011 तक प्रश्नांश (क) में दर्शित अधिकारियों द्वारा प्रतिवर्ष कितने व्यक्तियों के विरूद्ध प्रकरण पंजीबद्ध किये तथा क्या कार्यवाही की गई बतावें? (ग) किन-किन अधिकारियों के विरूद्ध जाँच या शिकायत के आधार पर कब-कब/ क्या-क्या कार्यवाही की गई?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
निर्मल भारत मिशन अंतर्गत गबन
32. ( क्र. 1995 ) श्री संजय उइके : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला बालाघाट में निर्मल भारत मिशन अंतर्गत 31 मार्च 2011 को बैलेंस शीट के संपत्ति पक्ष में एस.एच.जी. को दिए गए एडवांस 49000 को विलोपित कर 31 मार्च 2012 की बैलेंस शीट के देयता में नहीं दर्शाया गया है और संयुक्त आयुक्त वित्त विकास उपायुक्त कार्यालय के जाँच प्रतिवेदन दिनांक 05/05/2015 के बिन्दु क्रमांक-8 में इसे गबन की संभावना बताया गया है? (ख) यदि हाँ, तो क्या वर्ष 2011 की संपत्ति को विलोपित कर वर्ष 2012 में प्रारंभिक शेष न दिखाया जाना गबन है? यदि हाँ, तो इसके लिए कौन कर्मचारी/अधिकारी दोषी है और उन पर क्या कार्यवाही की जायेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। (ख) जी नहीं। अग्रिम राशि वर्ष 2009-10 में ही रोकड़बही में समायोजित हो गई थी। यह अग्रिम राशि एस.एच.जी. की न होकर स्टॉफ एडवांस हेतु थी। संयुक्त आयुक्त वित्त, विकास आयुक्त कार्यालय के जाँच प्रतिवेदन दिनांक 5-5-2015 के बिंदू क्र. 8 में वर्ष 2011-2012 में प्रारंभिक शेष में रूपये 49000/- न दर्शाना त्रुटिपूर्ण लेखांकन उल्लिखित किया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
फसलों की खरीदी दर का निर्धारण
33. ( क्र. 2115 ) श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कृषकों की फसल खरीदी नियमों के तहत सभी फसलों को उपार्जन हेतु शामिल कर खरीद दर निर्धारित है? (ख) यदि हाँ, तो खाद्यान्न, तिलहन व दलहन आदि की फसलों हेतु वर्ष 2015-16 में क्या-क्या दर निर्धारित होकर खरीदी की गई है? खरीदी दर अलग-अलग बतावें? (ग) तहसील अम्बाह व मुरैना में प्रश्नांश (ख) में वर्णित दलहन व तिलहन फसलों की खरीदी हेतु कहाँ-कहाँ केन्द्र संचालित है? केन्द्रों के नाम सहित जानकारी दें?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी नहीं। केवल मुख्य फसलों का भारत शासन द्वारा उपार्जन हेतु खरीद दर निर्धारित की जाती है। (ख) खादयान्न की फसलों हेतु समर्थन मूल्य पर खरीदी हेतु वर्ष 2015-16 में निर्धारित दर गेंहू की राशि रू. 1450/- प्रति क्विं.., धान 1410 प्रति क्विं. धान ग्रेड (अ) 1450/प्रति क्विं., ज्वार हाईब्रीड 1570 प्रति क्विं., ज्वार मालदंडी 1590/प्रति क्विं., बाजरा 1275/प्रति क्विं. एवं मक्का 1325/प्रति क्विं., दर से खरीदी की गई है। (ग) मुरैना जिले में तिलहन व दलहन की कोई खरीदी नहीं होने से केंद्र स्थापित नहीं किये है। शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
अन्त्योदय मेलों में लाभांवित हितग्राही
34. ( क्र. 2183 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2012 से 2015 तक एकीकृत सामाजिक सुरक्षा पेंशन तथा राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना में खरगोन जिले में कितनी सेम्पल जाँच की कार्यवाही की गई, इसमें कितने अपात्र हितग्राही पाये गये? कितने हितग्राहियों की अपात्रता संबंधी शिकायते प्राप्त हुई कितने अपात्र हितग्राहियों की पेंशन बंद की गई तथा कितने अपात्र हितग्राहियों सेकितनी राशि वसूली गई है तथा कितनी वसूली जाना शेष है? (ख) खरगोन जिले में विगत 3 वर्षों में कितने प्रकरणों में रेण्डम जाँच की गई? कितने प्रकरण में हितग्राही की आयु पात्रता योजना अनुरूप नहीं पाई गई? कितने प्रकरणों में आयु संबंधी विवाद रहा? कितने प्रकरणों में डॉक्टरी जाँच द्वारा आयु के प्रमाणीकरण को मान्य किया गया? (ग) विभागीय पत्र क्रमांक /752/2005/26-2, भोपाल, दिनांक 12.05.05 के अनुसार खरगोन जिले में कितने हितग्राहियों का भौतिक सत्यापन कार्य कब-कब, कहाँ-कहाँ, किन अधिकारियों के द्वारा कार्य कराया गया? इस संबंध में वरिष्ठ कार्यालय को प्रेषित 9 कॉलम वाले प्रपत्र की पूर्ति की गई, यदि यह प्रपत्र नहीं बनाया या भेजा गया है तो कारण बतायें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) खरगोन जिले में वर्ष 2012 से 2015 तक 16 सेम्पल जाँच की कार्यवाही की गई। कोई भी हितग्राही अपात्र नहीं पाया गया। किसी भी हितग्राही की अपात्रता संबंधित शिकायत प्राप्त नहीं हुई एवं किसी भी पात्र हितग्राही की पेंशन बंद नहीं की गई। पात्र हितग्राहियों को ही पेंशन प्रदान की गई है, इसलिए राशि वसूली का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ख) उत्तरांश ’’क’’ अनुसार। आयु पात्रता योजना अनुरुप होने से आयु संबंधी कोई विवाद नहीं पाया गया। डॉक्टरी जाँच द्वारा आयु के प्रमाणीकरण के संबंध में कोई प्रकरण मान्य नहीं किया गया। (ग) विभागीय पत्र 2005 के परिपालन में हितग्राहियों का भौतिक सत्यापन ग्रामीण स्तर पर अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व), तहसीलदार, मुख्य कार्यपालन अधिकारी, संबंधित पटवारी तथा नगरीय निकाय स्तर पर अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व), मुख्य नगर पालिका अधिकारी, नगर पंचायत अधिकारी, राजस्व निरीक्षक, संबंधित पटवारी एवं दरोगा द्वारा कराया गया। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। जी हाँ, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
क्षेत्र में तालाब डेम का भौतिक सत्यापन
35. ( क्र. 2190 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत 3 वर्षों में खरगोन जिले को बलराम ताल योजना अंतर्गत प्राप्त राशि मदवार खर्च राशि, वर्षवार सूची देवें? (ख) भू-संरक्षण विभाग द्वारा विगत तीन वर्षों में कितने बलराम तालाब भगवानपुरा विधानसभा क्षेत्र में स्वीकृत हुये कितने कार्य पूर्ण, अपूर्ण तथा निर्माणाधीन है? इन निर्माण में खर्च राशि सहित देवें? (ग) खरगोन जिले में भूमि संरक्षण उपसंभाग में स्वीकृत पद, भरे पद रिक्त पद की सूची श्रेणीवार देवें? कितने प्रभार अन्य अधिकारियों को कब से दिये गये है, सूची देवें? (घ) भूमि संरक्षण विभाग द्वारा भगवानुपरा विधान सभा क्षेत्र में बनाये गये बलराम तालाब के भौतिक सत्यापन किन-किन अधिकारियों द्वारा किये गये सूची देवें?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) बलराम ताल योजनांतर्गत प्राप्त राशि एवं मदवार खर्च राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है तथा वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन अनुसार है (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-चार (अ), चार (ब) अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-पांच अनुसार है।
मुख्यमंत्री अन्त्योदय आवास योजना
36. ( क्र. 2222 ) श्री नरेन्द्र सिंह कुशवाह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा मुख्यमंत्री अन्त्योदय आवास योजना के अंतर्गत भवनहीन परिवारों को आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है? (ख) भिण्ड विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत कितने हितग्राहियों को 2011 से प्रश्नांश दिनांक तक इस योजना के अंतर्गत क्या सहायता प्रदान की गई? (ग) प्रश्नांश (ख) के अंतर्गत इस योजना के अंतर्गत प्रश्नांश दिनांक तक कितने आवेदन प्रत्र प्राप्त हुए तथा उन पर क्या कार्यवाही की गई? कार्यवाही न करने के क्या कारण है? (घ) मुख्यमंत्री अन्त्योदय आवास योजना के सहायता देने के लिए क्या मापदण्ड निर्धारित किए गए हैं? किस स्तर पर प्रकरण का परीक्षण किया जाता है? कब एवं निराकरण किया जाता है? विलंब के लिए कौन उत्तरदायी है? प्रश्नांश दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) भिण्ड विधान सभा क्षेत्र के अन्तर्गत 26 हितग्राहियों को 2011 से प्रश्नांश दिनांक तक इस योजनान्तर्गत आवास निर्माण हेतु 11.70 लाख की सहायता प्रदान की गई। (ग) प्रश्नांश (ख) अन्तर्गत इस योजना के अंतर्गत प्रश्नांश दिनांक तक कुल 26 आवेदन पत्र प्राप्त हुये। उन सभी 26 आवेदनों को स्वीकृत किया गया। जिसमें से 26 हितग्राहियों को प्रथम किश्त एवं 07 हितग्राहियों को द्वितीय किश्त जारी की गई है। शेष 19 हितग्राहियों को आवास सॉफ्ट में दरवाजा स्तर तक के निर्धारित मापदण्ड के फोटो अपलोड करने पर द्वितीय किश्त जारी करने की प्रक्रिया प्रचलन में है। (घ) मुख्यमंत्री अंत्योदय आवास योजना के अंतर्गत अ.जा./अ.ज.जा. के बी.पी.एल. परिवारों को जो आवासहीन हैं को आवास निर्माण हेतु सहायता दी जाती है। ग्राम पंचायत की प्रतीक्षा सूची से ग्राम सभा द्वारा अनुमोदित हितग्राही को जनपद स्तर पर परीक्षण किया जाकर स्वीकृति हेतु सूची मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत को भेजी जाती है। जनपद पंचायत से प्रस्ताव प्राप्त कर किश्त जारी करने की कार्यवाही प्रचलन में है।
कृषकों को फसल का मुआवजा
37. ( क्र. 2239 ) श्री जसवंत सिंह हाड़ा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2015 के दौरान हुई अतिवृष्टि तथा अन्य प्राकृतिक आपदाओं में कृषकों की नष्ट हुई फसलों को मुआवजा दिये जाने का प्रावधान किया गया है? (ख) क्या फसल मुआवजा दिये जाने हेतु कृषक को पृथक-पृथक बैंक खाता तथा अन्य जानकारी दिया जाना प्रावधानित है? (ग) यदि हाँ, तो संयुक्त खाते में उल्लेखित ऐसे खातेदार जिनका नाम खाते में अंकित है और उनकी मृत्यु हो गई है अथवा अन्यत्र चले गये हैं तथा जिन संयुक्त खातेदार के पास वांछित दस्तावेज न हो तो दिये खातों के मुआवजे के वितरण के संबंध में कोई नीति बनाई गई है? (घ) प्रश्नांश (ग) में वर्णित परिस्थिति के कारण मुआवजा वितरण में आ रही कठिनाई के संबंध में शासन द्वारा पृथक से कोई नीति बनाये जाने पर विचार किया जा रहा है?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। पूर्व से ही राजस्व पुस्तक परिपत्र 6-4 में प्रावधान है। (ख) जी हाँ। प्रभावित कृषकों से उनके बैंक खाता नम्बर लिए जाते हैं ताकि राहत राशि ई-पेमेंट के माध्यम से सीधे प्रभावित कृषकों के खातों में अंतरित हो सके। (ग) खातेदार की मृत्यु की स्थिति में मृतक के वारिसान को राहत राशि का भुगतान होगा। कृषकों के अन्यत्र जाने की स्थिति में अनुदान सहायता राशि उस व्यक्ति को देय होगी जिसके द्वारा फसल बोई गई हो। संयुक्त खाते के मामले में आर्थिक अनुदान सहायता राशि की संगणना करने के लिए ऐसे संयुक्त खाते के कल्पित विभाजन के आधार पर अंशधारी खातेदार को पृथक खातेदार मान्य करते हुए गणना की जायेगी। (घ) प्रश्नांश (ग) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उद्भूत नहीं होता।
मान. मुख्यमंत्री जी की घोषणा
38. ( क्र. 2240 ) श्री जसवंत सिंह हाड़ा : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मान. मुख्यमंत्री द्वारा वर्ष 2013 में ग्राम पंचायत चितोड़ा जिला शाजापुर के अंतर्गत ग्राम शेष सलमपुर में सड़क निर्माण तथा पुलिया निर्माण की घोषणा की गई थी? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में की गई घोषणा के अनुरूप सड़क निर्माण तथा पुलिया निर्माण के संबंध में विभाग द्वारा आवश्यक औपचारिकता पूर्ण कर ली है? (ग) यदि हाँ, तो घोषणा के अनुसार सड़क तथा पुलिया निर्माण का कार्य कब तक पूर्ण किया जावेगा? (घ) क्या सुन्दरसी कल्याणपुर सड़क का पूर्ण हो चुका है? यदि हाँ, तो मार्ग के पुल पुलिया तथा शेष कार्य कब तक पूर्ण होगा? क्या उक्त मार्ग का कार्य सुन्दरसी से गऊ जा चुका है यदि नहीं, तो कब तक पूर्ण होगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। कार्य का प्रथम स्तरीय प्राक्कलन बनाया गया है। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में पूर्णता की निश्चित-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) सुन्दरसी कल्याणपुर सड़क निर्माण अंतर्गत शेष मार्ग एवं पुल-पुलियों का निर्माण सुदूर ग्राम सम्पर्क एवं खेत सड़क योजना/परफारमेंस ग्राण्ट योजनांतर्गत स्वीकृति की कार्यवाही किये जाने हेतु कलेक्टर जिला शाजापुर को लिखा गया है। कार्य की स्वीकृति नहीं होने से कार्य की पूर्णता की निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
कर्मचारियों की पदोन्नति एवं नवीन भर्ती
39. ( क्र. 2257 ) श्री शान्तिलाल बिलवाल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) झाबुआ जिले में आदिम जाति सेवा सहकारी समिति में वर्ष 2012 से मई 2015 तक कितने कर्मचारियों की पदोन्नति एवं नवीन भर्ती की गई है? संस्थावार सूची उपलब्ध करावें? (ख) यदि झाबुआ जिले में आदिम जाति सेवा सहकारी समितियों में कर्मचारियों की पदोन्नति एवं नवीन भर्ती की गई है तो कौन सी गठित समिति द्वारा प्रस्ताव शासन को भेज कर अनुमोदन करवाया गया? (ग) यदि शासन द्वारा पदोन्नति एवं नवीन भर्ती पर अनुमोदन नहीं दिया गया तो जिस अधिकारी द्वारा पदोन्नति एवं नवीन भर्ती की गई उसके विरूद्ध शासन क्या कार्यवाही की गई? (घ) यदि नहीं, की गई तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) 15 कर्मचारियों को पदोन्नति दी गई है तथा किसी भी संस्था में नवीन भर्ती नहीं की गई है। संस्थावार सूची संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र अनुसार है। (ख) प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थाओं के कर्मचारी सेवा नियम के प्रावधान अनुसार संस्थाओं के संचालक मण्डल द्वारा पदोन्नति दी गयी है। सेवा नियम में शासन से अनुमोदन किये जाने का प्रावधान नहीं है। (ग) उत्तरांश ’’ख’’ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्तरांश ’’ख’’ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
लीज़ पर दी गई शासकीय भूमि
40. ( क्र. 2276 ) श्रीमती इमरती देवी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शुगर कम्पनी प्राइवेट लिमिटेड डबरा को शहरी क्षेत्र एवं किन ग्रामों से किस सर्वे नं. की कितनी शासकीय भूमि कब से कब तक के लिये किस कार्य हेतु लीज़ पर दी गई तथा किस सर्वे नं. की लीज़ कब समाप्त हुई? (ख) लीज़ समाप्त भूमि व वर्तमान में किस के आधिपत्य में है एवं शुगर कम्पनी डबरा ने लीज़ की किस सर्वे नं. की कितनी भूमि किस व्यक्ति को कब विक्रय की गई?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
वसीयतनामा अभिलेखबद्ध करने में असाधारण विलम्ब
41. ( क्र. 2289 ) श्री मोती कश्यप : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता विधायक ने अपने पत्र दिनांक 02.04.2012 मय अभ्यावेदन किसी दिनांक के वसीयतनामा और मृत्यु प्रमाण पत्र सहित अनुविभागीय दण्डाधिकारी कटनी को किसी कार्य के निष्पादन हेतु लेख किया है? (ख) क्या प्रश्नांश (क) कार्य के निष्पादन हेतु सक्षम अधिकारी कौन है और उसके द्वारा किन-किन तिथियों में सुनवाइयां की है और कब किनके साक्ष्य लिये है? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) प्रकरण को कब तक राजस्व अभिलेख में दर्ज कर लिया जावेगा और ऋण पुस्तिका वितरित कर दी जावेगी? (घ) क्या प्रश्नांश (क), (ख), (ग) के प्रति उदासीनता बरतने वालों के विरूद्ध कोई अनुशासनात्मक कार्यवाही की जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रश्नांश (क) के कार्य निष्पादन हेतु सक्षम अधिकारी संबंधित क्षेत्र यानि रा.नि.म. पहाडी के नायब तहसीलदार है। संबंधित प्रकरण के आवेदक ग्रेदलाल पिता विश्वनाथ चौधरी निवासी जरवाही का प्रकरण न्यायालय नायब तहसीलदार दायर पंजी के राजस्व प्रकरण क्र.91/अ-6/2012-13 में दर्ज है, जिसमें दिनांक 20.4.12, 28.4.12, 17.5.12, 8.6.12, 18.2.13, 24.4.13, 13.6.13, 11.7.13, 24.7.13, 13.8.13, 17.12.13, 8.1.14, 28.1.14, 18.2.14, 7.3.14, 16.9.14 सुनवाई एवं साक्ष्य पेश करने हेतु तिथि लगाई गई है। आवेदक द्वारा साक्ष्य पेश नहीं किये गये जिससे दिनांक 16.9.14 को प्रकरण का गुण-दोष के आधार पर निराकरण किया गया है। (ग) नायब तहसीलदार पहाडी के द्वारा साक्ष्य के अभाव में प्रकरण खारिज कर दिया गया है। इसलिये ऋण पुस्तिका नहीं दी जा सकेगी। प्रकरण का निराकरण नियमानुसार किया गया है। (घ) प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मार्गाधिकार एवं सुखाधिकार संरक्षित रखा जाना
42. ( क्र. 2290 ) श्री मोती कश्यप : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला जबलपुर की तहसील पनागर के ग्राम जटवां के किसी कृषक ने मा. मुख्यमंत्री जी को दिनांक 06.07.2013 को भू-राजस्व संहिता की धारा 131 के प्रावधानों की विसंगतियों पर कोई लेख किया है? (ख) क्या प्रश्नांश (क) भू-राजस्व संहिता में बैल एवं बैलगाड़ी आदि के आवागमन का मार्गाधिकार एवं सुखाधिकार का उल्लेख है जबकि अब इनका उपयोग नगण्य हो ट्रेक्टर, ट्राली, ट्रक, हार्वेस्टर आदि अनेक कृषि उपकरणों व यंत्रों का आवगमन प्रचलित हो गया है? (ग) क्या प्रश्नांश (क) तहसील के किन जिला व स्थानीय मार्गों के किनारे किन नगरीय तथा कथित कृषक पूंजीपतियों द्वारा भूमि क्रय कर बाउण्ड्रीवाल व विभिन्न संरचनाओं का निर्माण कर लिया है और ग्रामों की पूर्व रूढि़ परम्परागत मार्गों के आवागमन के अधिकार एवं सुखाधिकार को छीन लिया है? (घ) क्या भू-राजस्व संहिता में प्रश्नांश (क) (ख) के मार्गाधिकार एवं सुखाधिकार हनन पर किन्हीं राजस्व अधिकारियों को स्वयं स्फूर्त संरक्षित करने का अधिकार दिया गया है? प्रश्नांश (क) अधिकारी द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? (ड.) क्या विभाग द्वारा प्रश्नांश (ख) प्रावधानों में कोई संशोधन कर सुधार किया जाना सुनिश्चित किया गया है और कब तक संशोधन कर दिया जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) से (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
लीज़ निरस्त करना
43. ( क्र. 2338 ) श्री सूबेदार सिंह रजौधा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्राम अलापुर तह. जौरा की सर्वे क्र. 1137 की भूमि को संस्कृत विद्यालय को कब और किस शर्तों के अधीन लीज़ पर दिया गया है? शर्तों एवं नियमों से अवगत कराये? (ख) क्या संस्था द्वारा अपने उद्देश्यों की पूर्ति किये बिना समय-सीमा में विद्यालय का निर्माण न करते हुये नियमों एवं शर्तों का उल्लंघन किया गया है? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की जावेगी? (ग) क्या विद्यालय के नाम का सहारा लेकर भू-माफियाओं ने अपने निजी हित में उस भूमि पर कब्जा कर लिया है? (घ) प्रश्नांश (क) वर्णित भूमि को संस्था द्वारा नियम शर्तों के उल्लंघन करने से लीज़ निरस्त कर उक्त भूमि को शासन अपने हित में वापिस कर सकेगा? यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) ग्राम अलापुर तहसील जौरा की भूमि सर्वे क्रमांक 1137 रकबा 2 बीघा भूमि म.प्र.शासन राजस्व विभाग के आदेश क्रमांक एफ-6-82/सात/सा-2बी, दिनांक 18.11.1992 के द्वारा आदर्श संस्कृत विद्यालय हेतु लीज़ पर दी गई थी, जिसकी सामान्य शर्त/नियम संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। संस्था द्वारा आवंटन की किसी भी शर्तों का उल्लंघन नहीं किया गया है। (ग) जी नहीं। वर्तमान में उक्त भूमि संस्था के आधिपत्य में है तथा उक्त भूमि पर विद्यालय चल रहा है जिसकी चारों और से पक्की बाउन्ड्रीवाल होकर 05 कमरे, 05 टीन सेट, 01 ऑफिस का कमरा व बच्चों के लिये खेल का मैदान है एवं संस्था द्वारा वर्ष 2015-16 तक का वार्षिक भू-भाटक भारतीय स्टेट बैंक शाखा जौरा में चालान के द्वारा जमा किया गया है। (घ) प्रश्नांश ’क’ के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता।
पार्क निर्माण हेतु भूमि हस्तांतरण
44. ( क्र. 2431 ) श्रीमती नंदनी मरावी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला जबलपुर तहसील सिहोरा नगर पालिका सिहोरा अंतर्गत ख.न. 1214/1 रकबा 0.101 एवं 1214/2 रकबा 1.023 अनुपयोगी भूमि को पार्क बनाने हेतु भूमि हस्तांतरण के संबंध में प्रश्नकर्ता के पत्र क्रमांक 396 दिनांक 1.9.2015 के द्वारा अनुविभागीय अधिकारी राजस्व सिहोरा को लिखा गया था? (ख) कंडिका (क) प्रस्ताव पर क्या कार्यवाही की गई एवं कब तक भूमि हस्तांतरित कर दी जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जा हाँ। (ख) प्रस्ताव पर राजस्व पुस्तक परिपत्र 4 (1) की कण्डिका 36 के अनुसार संबंधित भूमि को उसके वर्तमान भूमि स्वामी विभाग ‘जल संसाधन‘ से राजस्व विभाग को हस्तान्तरण हेतु कार्यवाही की जा रही है।
निर्माण कार्यों के संबंध में
45. ( क्र. 2432 ) श्रीमती नंदनी मरावी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गाँव के विकास जैसे सड़क निर्माण, नाली निर्माण, कूप निर्माण, मेड़ बधान, खेत सड़क योजना, वृक्षारोपण सहित ऐसी कौन-कौन सी याजनायें संचालित है, योजना का नाम एवं योजना का प्रकार उपलब्ध करावें? (ख) सिहोरा विधान सभा क्षेत्रांतर्गत जनपद पंचायत सिहोरा एवं कुण्डम में प्रश्नांश (क) योजनांतर्गत 1 अप्रैल 2013 से प्रश्नांश दिनांक तक किन-किन गाँव में कौन-कौन से कार्य कराये गये कार्य का विवरण, स्वीकृत राशि, व्यय राशि, एजेन्सी का नाम, मूल्यांकनकर्ता एवं कार्य पूर्ति प्रमाण पत्र जारी करने वाले अधिकारी का नाम सहित संपूर्ण विवरण उपलब्ध करायें वर्तमान में कार्य की क्या स्थिति है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) गांव के विकास हेतु संचालित योजनाओं की सूची एवं प्रकार का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) सिहोरा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत जनपद पंचायत सिहोरा एवं कुण्डम में विभिन्न योजनांतर्गत 01 अप्रेल 2013 से प्रश्नांश दिनांक तक कराये गए निर्माण कार्यों के विवरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
ग्रामों में लैम्प लगाया जाना
46. ( क्र. 2433 ) श्रीमती नंदनी मरावी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिये शासन आदेश दिनांक 30/06/11 के द्वारा 13 वे वित्त आयोग के अनुदान से प्रत्येक ग्राम में 4 से 10 लैम्प लगाये जाने के निर्देश थे? (ख) वर्तमान में पंचायतों में कम्प्यूटर प्रदाय किये गये है? ग्रामीण क्षेत्रों में विद्युत प्रवाह में गड़बड़ी होने से ये कम्प्यूटर उपयोग नहीं हा पा रहे है? प्रश्नांश (क) अनुसार वर्तमान में 14वे वित्त आयोग सहित किन-किन मदों से सौलर लैम्प पंचायतों लगाये जाने का प्रावधान है? विवरण देवें एवं जारी निर्देशों की प्रति उपलब्ध करावें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। जी नहीं। ग्राम पंचायतों को कम्प्यूटर प्रदाय के साथ ही शासन द्वारा उपयोग हेतु इनवर्टर बैटरी सहित प्रदाय किये गये थे, अतः विद्युत प्रवाह में गड़बड़ी होने से कम्प्यूटर उपयोग नहीं हो पा रहे है, का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार।
प्राकृतिक आपदा में हुई मृत्यु पर आर्थिक सहायता
47. ( क्र. 2590 ) श्री जसवंत सिंह हाड़ा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्राम चितोड़ा तहसील शुजालपुर के निवासी अमित आत्मज सीताराम बेख की नाले में वर्षा के दौरान नदी में बह जाने के कारण एक युवक की मृत्यु हो गई थी? मृतक के परिवार को आर्थिक सहायता नहीं दी गई है? (ख) तहसील गुलाना के अंतर्गत सर्प दंश तथा अन्य जहरीले जानवरों से काटे जाने के कारण मृत्यु हो जाने के कारण मृत हुए व्यक्त्यिों के परिवार को आर्थिक सहायता के कितने प्रकरण लंबित हैं और कब से? (ग) यदि हाँ, तो प्रश्नांश (क) एवं (ख) में वर्णित व्यक्तियों के परिवार को आर्थिक सहायता भुगतान नहीं किया गया है, तो क्यों और आर्थिक सहायता राशि का भुगतान कब तक कर दिया जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी नहीं। प्रशनाधीन में उल्लेखित व्यक्ति की मृत्यु नाले के गड्ढे में पैर फिसलकर गिर जाने से हुई थी। (ख) निरंक (ग) प्रश्नोत्तर (क) एवं (ख) के संदर्भ में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
परिवहन विभाग का अस्थाई कार्यालय प्रारंभ करना
48. ( क्र. 2626 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या परिवहन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भिण्ड जिले की तहसील मुख्यालय लहार पर परिवहन विभाग द्वारा वाहन पंजीयन, ड्रायविंग लायसेंस, फिटनेस एवं परमिट बनाए जाने की योजना है? (ख) उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में क्या लहार तहसील मुख्यालय पर उक्त सुविधाएं उपलब्ध कराना प्रारंभ कर दी है? यदि हाँ, तो कब से? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) उक्त योजना के प्रारंभ होने से प्रश्न दिनांक तक लहार एवं रौन विकासखण्ड के ग्रामीण क्षेत्रों में किस-किस मार्ग हेतु कितने-कितने वाहनों को परमिट जारी किए गए?
परिवहन मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) सप्ताह में एक दिन अस्थाई कैम्प लगाना प्रारंभ कर दिया गया है। (ख) दिनांक 16.02.2016 एवं 25.02.2016 को कैम्प लगाये गये है। (ग) ग्रामीण मार्ग पर वाहनों के परमिट की कार्यवाही जिला परिवहन कार्यालय से संपादित होती है। ग्रामीण परिवहन सेवा के अंतर्गत कोई आवेदन प्राप्त न होने के कारण परमिट जारी नहीं किये गये हैं। आवदेन प्राप्त होने पर नियमानुसार परमिट जारी किये जाते हैं।
मुख्यमंत्री निवास में आयोजित कार्यक्रम पर व्यय
49. ( क्र. 2627 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2008 से 2015 तक भारत सरकार ने किस-किस वर्ष में राज्य सरकार एवं राज्य के किस-किस किसान को कृषि कर्मण पुरस्कार प्रदान किया है? पृथक-पृथक बताएं? (ख) उक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में किस वर्ष का कृषि कर्मण पुरस्कार किसके द्वारा प्राप्त किया गया एवं उस पुरस्कार के अनुसार किस किसान को कितनी राशि एवं राज्य सरकार को कितनी राशि भारत सरकार के द्वारा प्रदान की गई? (ग) उक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में प्रश्नांश (क) में वर्णित अवधि में पुरस्कार से संबंधित आभार, बधाई एवं शुभकामना संदेश आदि के प्रचार-प्रसार पर कितनी राशि किस-किस मद से व्यय की गई? (घ) उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में दिनांक 31.01.2016 को भोपाल स्थित माननीय मुख्यमंत्री निवास पर आयोजित कार्यक्रम में किस-किस जिले के कितने-कितने किसान आए थे एवं आयोजन पर कुल कितनी राशि किस-किस कार्य पर व्यय की गई?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) वर्ष 2008 से 2015 तक भारत सरकार द्वारा वर्ष 2011-12, वर्ष 2012-13 एवं वर्ष 2013-14 में कृषि कर्मण अवार्ड प्रदाय किया गया है। किसानवार, वर्षवार कृषि कर्मण प्राप्त करने वाले कृषकों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) वर्ष 2011-12 में कृषि कर्मण अवार्ड भारत सरकार के कृषि मंत्री मा. हरीश रावत द्वारा प्रदाय किया जो म.प्र. के कृषि मंत्री मा. राम कृष्ण कुशमारिया कृषि मंत्री म.प्र. शासन द्वारा प्राप्त किया। भारत सरकार के द्वारा दी गयी पुरस्कार राशि का विवरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। वर्ष 2012-13 का अवार्ड महामहिम राष्ट्रपति भारत सरकार मा. प्रणव मुखर्जी एवं मा. कृषि मंत्री श्री शरद पवार के हस्ते मा. मुख्यमंत्री म.प्र. श्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा ग्रहण किया गया। राज्य सरकार को प्राप्त राशि का विवरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (क) में वर्णित अवधि में पुरस्कार से संबंधित आभार, बधाई एवं शुभकामना संदेश आदि के प्रचार-प्रसार पर विभागीय सूचना एवं प्रसारण मद से राशि रू. 21822/- व्यय की गयी है। (घ) दिनांक 31-1-2016 को भोपाल स्थित माननीय मुख्यमंत्री निवास पर आयोजित कार्यक्रम में जिलेवार सूची जिलों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार है। माननीय मुख्यमंत्री निवास पर दिनांक 31-1-2016 को होने वाले सम्मेलन में पंडाल, स्टेज, कुर्सी, पुष्पसज्जा, माईक, लाईट, एल.सी.डी., रात्री भोज, पानी आदि की व्यवस्था के लिये लगभग 40 लाख का व्यय संभावित है।
परियोजना अधिकारियों के पदों की पूर्ति
50. ( क्र. 2705 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सामान्य प्रशासन विभाग के निर्देश आदेश नियम होते है? तो सामान्य प्रशासन विभाग के निर्देश अनुरूप किसी भी विभाग में पद स्वीकृत किये जाते हैं तो कुल स्वीकृत पदों का 50 प्रतिशत पद पदोन्नति हेतु प्रावधानित करना होता है? (ख) यदि हाँ, तो फिर जिला पंचायतों में सहायक परियोजना अधिकारी तथा परियोजना अधिकारी के स्वीकृत समस्त पदों को प्रतिनियुक्ति द्वारा पद पूर्ति करने का प्रावधान किन नियमों के तहत किये गए है? (ग) इसी प्रकार सहायक परियोजना अधिकारी के स्वीकृत पद में से 25 प्रतिशत पद ही पदोन्नति हेतु प्रावधानित किये गये है क्यों? इसका कारण बतावें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। जी नहीं। विभाग में पदों की आवश्यकता के अनुरूप भर्ती नियम बनाये जाते है एवं उसमें पदोन्नति, सीधी भर्ती व प्रतिनियुक्ति के पदों का प्रावधान होता है। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) भर्ती नियमों के प्रावधान अनुसार पदोन्नति के पदों का निर्धारण होता है।
कम्प्यूटर आपरेटरों का नियमितीकरण
51. ( क्र. 2712 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या समस्त जिला पंचायत एवं जनपद पंचायतों में विगत तीन से पांच वर्ष पूर्व लगे कलेक्टर दर के कम्प्यूटर आपरेटरों को भविष्य में नियमित करने की कोई योजना है? (ख) यदि हाँ, तो कब तक किया जाएगा, समयावधि बतावें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। (ख) उत्तरांश - ‘‘क‘‘ अनुसार।
सुगंधित दूध वितरण व्यवस्था
52. ( क्र. 2883 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत एक वर्ष में आंगनवाडि़यों, छात्रावासों, स्कूलों इत्यादि में सुगंधित दूध प्रदाय हेतु कब किस माध्यम से निविदा प्रकाशित की गई? कितनी निविदा प्राप्त हुई? स्वीकृत एवं अस्वीकृत निविदाओं की सूची निविदाकर्ता एजेंसी का नाम, पता सहित देवें? स्वीकृत निविदा किन शर्तों पर प्रदान की गई? (ख) सुगंधित दूध के वितरण की नीति क्या है, प्रति देवें? वितरण परिवहन के खर्च की राशि किस मद से व्यय की जाती है? दूध वितरण की कितनी शिकायतें संभागीय कार्यालयों में प्राप्त हुई हैं? इन शिकायतों पर की गई कार्यवाही बतायें? (ग) वर्ष 2015 में कितने स्थानों पर कितनी मात्रा में सुगंधित दूध एक्सपायर हुआ है, जिलावार सूची देवें? क्या कारण है की अन्य दूध पाउडर लगभग 12 माह से अधिक अवधि तक उपयोगी रहते है परंतु वितरण वाला दूध पाउडर की वेलिडिटी समय 3 माह ही है? (घ) अगस्त 2015 से दिसंबर 2015 तक खरगोन जिले की भगवानपुरा जनपद में दूध वितरण की जानकारी देवें? क्या कारण है जनशिक्षकों को दर्ज संख्या के 70 प्रतिशत के हिसाब से दूध पाउडर पैकेट प्रदान किये गये? कितने जनशिक्षकों द्वारा प्रतिमाह नियमित रूप से दूध पाउडर जनपद कार्यालय से उठाया गया, कितने जनशिक्षकों ने नियमित नहीं उठाया? जनशिक्षकवार सूची देवें।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) प्रदेश की आंगनवाडि़यों, छात्रावासों एवं स्कूलों में सुगंधित दूध पाउडर म.प्र. दुग्ध सहकारी संघ भोपाल के माध्यम से प्रदाय किया जा रहा है, किसी निजी संस्था को दुग्ध प्रदाय हेतु अधिकृत नहीं किया गया है। (ख) सुगंधित दूध वितरण से संबंधित कार्यपालिक निर्देशों की प्रति जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। राज्य शासन द्वारा म.प्र. दुग्ध सहकारी संघ (एम.पी.सी.डी.एफ.) से दूध पाउडर क्रय करने हेतु उपलब्ध कराये गये बजट से ही परिवहन मद में व्यय करने का प्रावधान है। दुग्ध वितरण के संबंध में प्राप्त कुल 08 शिकायतों एवं की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) वर्ष 2015 में 17 जिलों में एक्सपायर हुए कुल 40190 कि.ग्रा. सुगंधित दूध का जिलावार विवरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। एक्सपायर्ड दूध पाउडर का उपयोग नहीं किया गया है। एक्सपायर्ड दूध म.प्र. दुग्ध सहकारी संघ को वापस करने की कार्यवाही प्रचलन में है। मीठा सुगंधित दूध पाउडर के निर्माण में लगने वाले घटकों यथा-शक्कर, समय, प्रक्रिया, परिवहन, फील्ड में भण्डारण/वितरण स्थानों में आवश्यक अधोसंरचना/व्यवस्था में कमी के मद्देनजर एवं कम उम्र के हितग्राही बच्चों के स्वास्थ्य सुरक्षा हेतु अतिरिक्त सावधानी की दृष्टिगत इसके उपयोग की अवधि कम रखी गई है। (घ) अगस्त 2015 से दिसम्बर 2015 तक खरगोन जिले की भगवानपुरा जनपद पंचायत द्वारा दुग्ध संघ इंदौर से 14250 किलोग्राम दुग्ध पाउडर प्राप्त किया गया। विकासखण्ड भगवानपुरा में जनशिक्षकों को शालाओं में छात्रों की औसत उपस्थिति के आधार पर दुग्ध पाउडर पैकेट प्रदान किये गये हैं। विकासखण्ड भगवानपुरा के समस्त 29 जनशिक्षकों द्वारा माह अगस्त 2015 से दिसम्बर 2015 तक माहवार नियमित रूप से जनपद पंचायत कार्यालय से दुग्ध पाउडर का उठाव नहीं किया गया है। जनशिक्षकवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'द' अनुसार है। ऐसे जनशिक्षकों के विरूद्ध कार्यवाही प्रचलन में है।
महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार ग्यारंटी योजना
53. ( क्र. 2923 ) श्री राजेश सोनकर : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश शासन द्वारा पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग अंतर्गत इंदौर जिले में महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार ग्यारंटी योजना अंतर्गत सांवेर विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2013-14 से दिनांक 31.01.2016 तक विभिन्न विभागों द्वारा कार्य कराये जाने के लिये कन्वर्जेंस से कुल कितने कार्य स्वीकृत किये गये? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में मनरेगा योजना अंतर्गत पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा जो कार्य कराये जा सकते है, तत्संबंधी परिपत्र की प्रति उपलबध कराये? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या मनरेगा योजना अंतर्गत ओ.डी.एफ. हुई पंचायतों को कार्य करने हेतु कंजर्वेशन से मुक्त कर शतप्रतिशत राशि स्वीकृत करने का प्रावधान है? (घ) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में सांवेर विधान सभा क्षेत्र में मनरेगा अंतर्गत कितने नवीन कार्यों को वर्ष 2016-17 में स्वीकृत किये जाना है व ये कार्य कब तक प्रारंभ किये जायेंगे?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) इन्दौर जिले में महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना अंतर्गत सांवेर विधानसभा में वर्ष 2013-14 से दिनांक 31.01.2016 तक कन्वर्जेंस से कुल 2777 कार्य स्वीकृत किये गये। (ख) मनरेगा योजना अंतर्गत पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा जो कार्य कराये जा सकते हैं, तत्संबंधी परिपत्र की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ। (घ) सांवेर विधानसभा क्षेत्र में मनरेगा अन्तर्गत वर्ष 2016-17 में जनपद पंचायत इन्दौर में 186 कार्य एवं सांवेर में 800 कार्य, इस प्रकार कुल 986 कार्य प्रस्तावित है। मनरेगा योजना, जॉबकार्डधारियों द्वारा रोजगार की मांग अनुरूप वित्तीय वर्ष 2016-17 के प्रारंभ उपरांत शुरू किए जा सकेंगे।
स्वच्छ भारत मिशन अंतर्गत शौचालय निर्माण
54. ( क्र. 3039 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) स्वच्छ भारत मिशन अंतर्गत आगर जिला अंतर्गत कितने व्यक्तिगत एवं कितने सामूहिक शौचालयों का निर्माण कराया गया है? ग्राम पंचायतवार संख्या उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार निर्मित व्यक्तिगत शौचालयों में हितग्राहियों से कितना अंशदान प्राप्त हुआ व कितना अनुदान/प्रोत्साहन राशि शौचालय निर्माण हेतु दी गई? (ग) विधान सभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत प्रस्तावित शौचालय निर्माण की ग्राम पंचायतवार सूची उपलब्ध करावें? क्या शौचालय निर्माण हेतु ग्रामवार लक्ष्य दिए गए हैं? यदि हाँ, तो लक्ष्य प्राप्ति हेतु क्या कार्ययोजना बनाई गई है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। जी हाँ। लक्ष्य प्राप्ति हेतु ग्राम पंचायत स्तर पर प्रेरक नियुक्त किये जाकर इन्हें जिला स्तर पर प्रशिक्षण दिया जाकर अधिकारियों, कर्मचारियों एवं प्रेरकों के माध्यम से शौचालय निर्माण हेतु हितग्राहियों को प्रोत्साहित किया जा रहा है।
विस्तार सुधार कार्यक्रम (आत्मा) का क्रियान्वयन
55. ( क्र. 3040 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विस्तार सुधार कार्यक्रम (आत्मा) अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में आगर जिला अंतर्गत कितना आवंटन दिया गया है एवं इसके विरूद्ध क्या-क्या कार्य तय किए गए हैं? (ख) विधान सभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत विगत 02 वर्षों में अनुदान पर कितने कृषकों को कृषि यंत्र उपलब्ध कराये गए? संख्या व राशि बताइए? (ग) विगत 03 वर्षों में विदेश भ्रमण के कितने कार्यक्रम हुए हैं? इनमें विधान सभा क्षेत्र सुसनेर के किन-किन कृषकों को भेजा गया? विवरण सहित सूची देवें?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) आत्मा योजना अंतर्गत विगत 2 वर्षों में अनुदान पर कृषि यंत्र उपलब्ध नहीं कराये गये है। (ग) विगत 3 वर्षों में मुख्यमंत्री किसान विदेश अध्ययन यात्रा योजनांतर्गत 5 विदेश भ्रमण कार्यक्रम हुआ है, जिसमें विधान सभा क्षेत्र सुसनेर से कृषक श्रीमति रूकमणी बाई पति जयनारायण पाटीदार, निवासी गुदरावन को भेजा गया था।
भूमि के सीमांकन में विलम्ब
56. ( क्र. 3091 ) श्रीमती प्रतिभा सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) तहसीलदार नजूल कोतवाली, जबलपुर के अंतर्गत आने वाले ग्राम/मौजा लक्ष्मीपुर के ख.नं.223, 225 पर स्थित शासकीय शिक्षक, कर्म. गृह निर्माण समिति मर्यादित की भूमि 1.637 हे. के सीमांकन हेतु समिति के प्रशासकीय अधिकारी उप पंजीयक सहकारिता विभाग द्वारा जिला प्रशासन को कब-कब आवेदन प्राप्त हुये? (ख) उक्त भूमि के सीमांकन हेतु कब-कब आदेश जारी किये गये? (ग) उक्त भूमि के सीमांकन में विलम्ब क्यों किया जा रहा है? सीमांकन कब तक होगा?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) तहसील नजूल कोतवाली, जबलपुर के अंतर्गत आने वाले ग्राम/मौजा लक्ष्मीपुर के खसरा नम्बर 223, 225 पर स्थित शासकीय शिक्षक, कर्म गृह निर्माण समिति मर्यादित की भूमि 1,637 हे. के सीमाकंन हेतु दिनांक 04.12.2015 को केवल एक आवेदन प्राप्त हुआ। (ख) उक्त भूमि के सीमांकन हेतु दिनांक 11.02.2016 को आदेश जारी किया गया। (ग) सीमांकन दिनांक 13.02.2016 को कर दिया गया है।
अल्प आय वर्ग हेतु आरक्षित भूमि
57. ( क्र. 3097 ) श्रीमती प्रतिभा सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर नगर की सहकारिता विभाग के प्रशासकीय आधिपत्य की शास.शिक्षक कर्मचारी गृह निर्माण मर्या. जबलपुर की अल्प आय वर्ग हेतु आरक्षित 19200 वर्ग फीट एवं गार्डन की भूमि पर अतिक्रमण अवैध निर्माण की सूचना उप पंजीयक को कब-कब प्राप्त हुई? (ख) उक्त गृह निर्माण समिति की भूमि पर अवैध निर्माण/अतिक्रमण रोकने हेतु उपपंजीयक द्वारा कब-कब, क्या-क्या कार्यवाही की गयी? विभाग की जानकारी के अनुसार कितनी भूमि पर अतिक्रमण किया गया है? (ग) विभाग द्वारा उक्त संबंध में कार्यवाही करने में जान बूझकर विलम्ब करने एवं त्रुटिपूर्ण कार्यवाही करने का क्या कारण है? उक्त विलम्ब के लिए कौन अधिकारी/कर्मचारी दोषी है? (घ) उक्त गृह निर्माण समिति की भूमि का सीमांकन कब तक करवाया जावेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) शासकीय शिक्षक कर्मचारी गृह निर्माण सहकारी संस्था मर्यादित जबलपुर की अल्प आय वर्ग हेतु आरक्षित 19200 वर्ग फीट एवं गार्डन की भूमि पर अतिक्रमण अवैध निर्माण की सूचना दिनांक 20.08.2014, 15.10.2014 एवं दिनांक 07.08.2015 को उप पंजीयक को प्राप्त हुई। (ख) दिनांक 01.09.2014, 21.01.2015, 26.09.2015 एवं दिनांक 23.12.2015 को सीमांकन करा कर अतिक्रमण हटाने हेतु संस्था प्रशासक को निर्देशित किया गया एवं संस्था प्रशासक द्वारा आयुक्त नगर निगम को सीमांकन होने तक नक्शा पारित न करने हेतु दिनांक 07.05.2015 को लिखा गया है। सीमांकन रिपोर्ट प्राप्त होने के पश्चात् ही बताया जा सकेगा कि संस्था की कितनी भूमि पर अतिक्रमण किया गया है। (ग) उत्तरांश (ख) में की गई कार्यवाही के परिप्रेक्ष्य में जानबूझकर किया गया विलंब प्रतीत नहीं होता। उत्तरांश के प्रथम भाग के परिप्रेक्ष्य में कोई अधिकारी/कर्मचारी दोषी नहीं है। (घ) दिनांक 13.02.2016 को संस्था का सीमांकन अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व), अनुभाग कोतवाली, जबलपुर द्वारा करवाया जा चुका है।
अनुदान/सहायता प्राप्त संस्थाओं की जानकारी
58. ( क्र. 3141 ) श्री रामनिवास रावत : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला निराश्रित निधि एवं राज्य निराश्रित निधि से अनुदान/सहायता प्राप्त कर नि:शक्त कल्याण के क्षेत्र में कार्य करने वाली कौन-कौन सी संस्था किस-किस जिले में कब से कार्यरत हैं? (ख) क्या यह सही है कि जिला निराश्रित निधि से संचालित जिला विकलांग पुर्नवास केन्द्रों में कार्यरत अमले को विभाग द्वारा बड़े हुए मानदेय का लाभ दिया जा रहा है जबकि उसी निधि से कार्य कर रही जिले की अन्य अशासकीय संस्थाओं के कर्मचारियों को इस लाभ से वंचित रखा गया है? यदि हाँ, तो इसके क्या कारण हैं? (ग) जिला निराश्रित निधि से नि:शक्त कल्याण के क्षेत्र में कार्य करने वाली संस्थाओं के विशेष शिक्षकों को बड़े हुए मानदेय का लाभ कब तक दिया जावेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) निःशक्त कल्याण के क्षेत्र में जिला निराश्रित निधि के क्षेत्र में संचालित संस्थाओं की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। जी हाँ। दोनो संस्थाओं का कार्य स्वरूप पृथक-पृथक होने से। (ग) ऐसा कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।
शासकीय भूमि पर अतिक्रमण
59. ( क्र. 3142 ) श्री रामनिवास रावत : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला श्योपुर की तहसील श्योपुर स्थित बंजारा डेम स्थित कितनी भूमि स्थित हैं? उक्त भूमि में से कितनी भूमि पर किस-किस व्यक्ति ने अतिक्रमण कर रखा है? (ख) प्रश्नांश (क) की शासकीय भूमि को अतिक्रमणकारियों से अतिक्रमण मुक्त कराने हेतु प्रशासन द्वारा जारी किए गए नोटिसों के पश्चात उक्त बेशकीमती शासकीय भूमि का अतिक्रमण से मुक्त कराने हेतु प्रशासन द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? कब तक उक्त भूमि का अतिक्रमण से मुक्त करा लिया जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) तहसील श्योपुर में बंजारा डेम के समीप स्थित ग्राम नागदा में 36.590 हेक्टर, ग्राम हसनपुर हवेली में 13.129 हेक्टर भूमि है। इस भूमि पर पट्टे एवं अतिक्रामक व्यक्तियों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। (ख) तहसील न्यायालय श्योंपुर में अतिक्रामकों के विरूद्ध म.प. भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 248 के तहत प्रकरण दर्ज कर अर्थदण्ड आरोपित कर मौके से अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही प्रचलित है। न्यायालयीन प्रक्रिया पूर्ण कर भूमि को अतिक्रमण से मुक्त कराया जावेगा।
निर्मित दुकानों का आवंटन
60. ( क्र. 3279 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनूपपुर जिले के पुष्पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्रांतर्गत आदिम जाति सेवा सहकारी समिति राजेन्द्रग्राम द्वारा मुख्य मार्ग पर किस मद से कितनी दुकानों का निर्माण कार्य कराया गया? निर्माण वर्ष, स्वीकृत राशि, व्यय राशि एवं शेष राशि की जानकारी दें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार निर्मित दुकानों का आवंटन नीलामी द्वारा कब किया गया? क्या निर्मित दुकानों को अनुसूचित जाति-जनजाति वर्ग के लिये आरक्षित किया गया था? यदि हाँ, तो दुकानों का क्रम संख्या बतावें तथा अनारक्षित वर्ग के लिये कितनी दुकानें थी? दुकानों का क्रमांक बतावे तथा सहकारी समिति राजेन्द्रग्राम संस्था के लिये कौन-कौन से दुकानों को रखा गया? दुकानों का क्रमांक क्या था? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार आरक्षित/अनारक्षित दुकानों की नीलामी बोली किन अधिकारियों/कर्मचारियों/ समिति के माध्यम से करायी गयी? नाम, पदनाम सहित जानकारी देवें? निर्मित दुकानों के लिये दुकानवार कितने-कितने उम्मीदवारों ने बोली में भाग लिया, नाम पता सहित बतावें तथा प्रत्येक दुकानों के लिए अंतिम बोली/अधिकतम बोली लगाने वाले उम्मीदवार का नाम पता बतावें, जिनके नाम से दुकान का आवंटन दिया गया है? क्या नीलामी प्रक्रिया में मान. अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) पुष्पराजगढ़ के उपस्थिति में कराया गया था? क्या नीलामी की गई दुकानों नहीं दिया गया है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एकीकृत सहकारी विकास परियोजना अंतर्गत 22 दुकानों का निर्माण कराया गया है। वर्ष 2012-13 एवं 2013-14 में स्वीकृत राशि रूपये 22 लाख के सम्पूर्ण व्यय से दुकानों का निर्माण कराया गया। (ख) दिनांक 12.07.2014 को। जी हाँ। दुकान क्रमांक 7, 8, 9 एवं 10 तथा अनारक्षित वर्ग हेतु 13 दुकानें रखी गई थी। दुकान क्रमांक 6 एवं 11 से 22 अनारक्षित वर्ग हेतु तथा दुकान क्रमांक 1 से 5 संस्था हेतु रखी गई। (ग) नीलामी में उपस्थित अधिकारी/कर्मचारी/ पदाधिकारी की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। दुकानवार बोली में भाग लेने वाले उम्मीदवारों के नाम, पता, अंतिम बोली लगाने वाले उम्मीदवार का नाम तथा जिसके दुकान आंवटित की गई उसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। जी हाँ। दुकान क्रमांक 16 से 21 नहीं दी गई।
अनुदान आधारित योजनाओं में अनियमितताएं
61. ( क्र. 3354 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2014-15 में किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग के सतना एवं रीवा जिले में अनुदान आधारित योजनाओं में गंभीर भ्रष्टाचार किया गया था, जिसकी शिकायत होने पर शासन स्तर से वर्ष 2015 में जाँच दल गठित कर जाँच कराई गई थी? (ख) प्रश्नांश (क) की शिकायतों के जाँच प्रतिवेदनों के अनुसार कौन-कौन दोषी पाए गए? किन-किन को आरोप पत्र जारी किए? किन-किन को जारी किया जाना शेष है बताएं? (ग) क्या प्रश्नांश (क) से संबंधित अनियमितताओं में दोषी अधिकारी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग के सतना एवं रीवा जिले में अनिमितताओं की जाँच हेतु शासन के आदेश क्रमांक 757/860/2015/14-1, दिनांक 26.3.2015 एवं आदेश क्रमांक 807, दिनांक 4.4.2015 द्वारा जाँच दल गठित कर जाँच कराई गई। (ख) जाँच प्रतिवेदन के परीक्षण में प्रथम दृष्टया अनियमितताएं प्रमाणित पाई जाने से अधिकारियों को आरोप पत्र जारी किये गये है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्रश्नांश ''ख'' अनुसार आरोप पत्र जारी किये गये है।
पोषण आहार का वितरण
62. ( क्र.
3377 ) श्रीमती
शकुन्तला
खटीक : क्या
पंचायत
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क)
विधानसभा
क्षेत्र 23, करैरा
में पोषण आहार
की पूर्ति
हेतु क्या
बच्चों को
दूध देने का
भी प्रावधान
सम्मिलित हैं? यदि
हाँ, तो
यह कब से
प्रभावशील है, दिनांक
सहित जानकारी
देवें? (ख)
क्या दूध की
पूर्ति हेतु
दूध पावडर
दिया जा रहा
है? यदि
हाँ, तो
मात्रा से भी
अवगत करावें? (ग)
क्या प्रश्नांश
(क) में उल्लेखित
विधानसभा
क्षेत्र में
कहीं भी दूध
पावडर का
वितरण नहीं
किया जा रहा
है? यदि
हाँ, तो
प्रश्नकर्ता
विधायक, बालक-बालिकाओं
व उनके पालकों
के समक्ष जाँच
कराई जावेगी? यदि
हाँ, तो
समय-सीमा
बतावें?
पंचायत
मंत्री ( श्री
गोपाल भार्गव
) : (क) जी हाँ।
जिले के समस्त
प्राथमिक
विद्यालय एवं
आंगनवाडि़यों
में दूध वितरण
व्यवस्था 15
जुलाई 2015 से
प्रभावशील
है। (ख) जी
हाँ। जिले के
समस्त
प्राथमिक
विद्यालय एवं
आंगनवाडि़यों
में दूध पाउडर
10
ग्राम प्रति
छात्र के मान
से सप्ताह में
03
दिवस (सोमवार, बुधवार
एवं शुक्रवार)
दिया जा रहा
है। (ग) जी
नहीं। शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है।
चौकीदार के वेतन (मानदेय) भुगतान
63. ( क्र. 3445 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) न्यायालय तहसीलदार परगना भितरवार जिला ग्वालियर का प्र04/08-09/ अ-56 दिनांक 31.12.2009 के आदेश के प्रति दें? क्या उक्त आदेशानुसार शासकीय कार्य सुविधा की दृष्टि से नन्ने सिंह पुत्र जय सिंह परिहार निवासी ग्राम कैरूआ को अस्थाई कोटवार नियुक्त किया था? यदि हाँ, तो उक्त आदेश के पालन में क्या नन्ने सिंह को वेतन (मानदेय) उपलब्ध कराया गया है? यदि हाँ, तो कब-कब और कितना-कितना? यदि नहीं, तो क्यों? कारण सहित स्पष्ट करें? अभी तक वेतन (मानदेय) न देने के लिये कौन कर्मचारी/अधिकारी दोषी है? क्या दोषी के प्रति कोई दण्डात्मक कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो क्या और कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? कारण सहित बतावें? (ख) क्या कैरूआ ग्राम पंचायत में चौकीदार के नाम से वेतन (मानदेय) किसी को दिया जा रहा है? यदि हाँ, तो उसका नाम बतावें? क्या वह ग्राम कैरूआ का निवासी है? क्या वह गांव में चौकीदारी कर रहा है क्या ग्राम कैरूआ के लोग उसे पहचानते हैं? यदि नहीं, तो फिर फर्जी वेतन (मानदेय) क्यों और किसके द्वारा निकाल कर गबन किया गया है? क्या इस प्रकार के भ्रष्टाचार में लिप्त कर्मचारी/अधिकारी को दण्डित किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक और क्या?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। जी हाँ। जी नहीं। नन्हे सिंह द्वारा कोटवार पद का कार्य नहीं करने से वेतन (मानदेय) नहीं दिया गया। प्रश्न उद्भूत नहीं होता दिनांक 16-08-2010 को कार्यालयीन आदेश से विजय शंकर पुत्र दायाराम बाथम निवासी भितरवार को कैरूआ का कोटवार नियुक्त किया गया था उसी दिनांक से जून 2015 तक वेतन (मानदेय) का भुगतान विजय शंकर को किया गया है। इसमें कोई कर्मचारी/अधिकारी दोषी नहीं है। (ख) जी हाँ। तहसीलदार भितरवार के आदेश दिनांक 16-08-2010 से नियुक्ति की गई थी उसी समय से लेकर दिनांक जून 2015 तक विजय शंकर को वेतन (मानदेय) भुगतान दिया गया है। जुलाई 2015 से किसी के द्वारा कोटवार पद का कार्य नहीं करने से कोई वेतन (मानदेय) नहीं दिया जा रहा है। नन्हे सिंह पुत्र जय सिंह द्वारा श्रीमान अनुविभागीय अधिकारी भितरवार के न्यायालय में विजय शंकर के विरूद्ध अपील प्रकरण क्रमांक 70/2010-11 प्रस्तुत की गई है जो वर्तमान में प्रचलित है। फर्जी वेतन (मानदेय) किसी को भुगतान नहीं किया गया है।
अनुदान में अनियमितता
64. ( क्र. 3482 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इन्दौर, उज्जैन संभाग में 1 जनवरी 2013 के पश्चात् सौर ऊर्जा पंप सेटों के कितने-कितने आवेदन कहाँ-कहाँ प्राप्त हुए तथा कितने कृषकों को कितना-कितना अनुदान भुगतान किया गया? (ख) क्या विभाग सभी आवेदकों को अनुदान उपलब्ध कराने का विचार रखती है, यदि हाँ, तो मंदसौर जिले में समस्त कृषकों को कब तक ऊर्जा पंप हेतु अनुदान दे दिया जायेगा? (ग) कृषि विभाग द्वारा कौन-कौन से कृषि उपकरणों पर कितना-कितना अनुदान दिया जाता है? वित्तीय सत्र 2015-16 में मंदसौर जिले में कितने कृषकों को कितनी-कितनी राशि का अनुदान दिया गया है? आवेदन पर अनुदान देने की नीति क्या है? (घ) क्या उक्त अनुदान अधिकारियों की मिलीभगत से अनीतिपूर्वक पहुंच वाले एवं संपन्न व्यक्तियों को देकर अनियमितता की जा रही है तथा कमजोर कृषक शासन के अनुदान से वंचित है? ऐसी कितनी शिकायतें विभाग को कहाँ-कहाँ पर प्राप्त हुईं? उज्जैन संभाग की जानकारी देवें?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) वर्तमान में किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग में सौर उर्जा पर पंप सेटों पर अनुदान हेतु योजना स्वीकृत नहीं है। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में जानकारी निरंक है। (ग) किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग द्वारा संचालित योजनाओं में कृषि उपकरणों पर देय अनुदान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। वित्तीय सत्र 2015-16 में मंदसौर जिलें में दिये गये अनुदान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। आवेदन पर कृषि यंत्रों एवं सिंचाई उपकरणों के अनुदान पर वितरण की ऑनलाईन प्रक्रिया के दिशा-निर्देश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (घ) उज्जैन संभाग में लाभान्वित किये गये कृषकों को उनके आवेदन के आधार पर पहले आये पहले पाये की नीति के आधार पर लाभांवित एवं अधिकारियों की मिलीभगत से अनीति पूर्वक पहुंच वाले सम्पन्न व्यक्तियों को लाभ देकर कमजोर व्यक्तियों को अनुदान से वंचित रखने संबंधी कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है।
किसानों से संबंधित योजनाओं का क्रियान्वयन
65. ( क्र. 3529 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कृषि विकास एवं किसानों के कल्याणार्थ शासन/विभाग द्वारा अनेक योजनाओं का क्रियान्वयन किया जा रहा है, जिसके अंतर्गत कृषि विकास हेतु कृषि उपकरणों से लेकर खाद बीज इत्यादि एवं अनेक अनुदान मूलक योजनाएं क्रियान्वित की जा रही है? (ख) यदि हाँ, तो क्या शासन/विभाग इस हेतु पर्याप्त बजट उपलब्ध करवा रहा है? यदि हाँ, तो वर्ष 2013-14, वर्ष 2014-15 एवं वर्ष 2015-16 के प्रश्न दिनांक तक रतलाम जिले को कितना बजट प्राप्त होकर कितना व्यय हुआ? (ग) प्राप्त बजट का उपरोक्त वर्षों में जिला अंतर्गत अनुदान मूलक किन-किन योजनाओं में कृषि उपकरणों यथा ट्रेक्टर, रोटावेटर, स्प्रिंकलर पाईप पर कितना-कितना व्यय हुआ? (घ) उक्त योजनाओं में व्यय की प्रक्रिया किस प्रकार की होकर क्रियान्वयन की निगरानी किस प्रकार की जाती है इसका भौतिक सत्यापन किस प्रकार होता है?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ। (ख) आयोजना मद में जिला योजना एवं राज्य योजना आयोग की निर्धारित सीमा तथा निर्धारित लक्ष्य अनुसार बजट उपलब्ध कराया जाता है। रतलाम जिले को प्राप्त बजट/व्यय की वर्षवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (घ) योजनाओं के मार्गदर्शी निर्देश/गाईड लाइन अनुसार योजना का क्रियान्वयन किया जाकर व्यय सुनिश्चित किया जाता है। योजना के प्रावधान के अनुसार ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारियों एवं कृषि विकास अधिकारियों द्वारा 100 प्रतिशत वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारियों द्वारा 50 प्रतिशत अनुविभागीय कृषि अधिकारियों द्वारा 10 प्रतिशत तथा उप संचालक कृषि द्वारा 5 प्रतिशत भौतिक सत्यापन किया जाता है।
परिवहन परमिट की स्थिति
66. ( क्र. 3530 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या परिवहन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रतलाम जिला अंतर्गत शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में यात्रियों के परिवहन हेतु किस-किस प्रकार के कितने परमिट जारी किये गये हैं? (ख) क्या शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में जारी यात्री परिवहन परमिट में वाहनों की आवाजाही की समय-सीमा सुनिश्चित की जाती है? यदि हाँ, तो परमिटों के बीच की समय-सीमा का अंतराल कितना रखा जाता है? (ग) क्या परमिट जारी करने से पूर्व वाहनों एवं ड्रायवरों का फिजीकल फिटनेस, वाहनों की स्थिति इत्यादि देखी जाती है, यदि हाँ, तो वाहन कितने वर्ष पुराना है क्या यह भी देखा जाता है? (घ) यदि हाँ, तो क्या रतलाम जिला अंतर्गत शहरी एवं ग्रामीण यात्री परिवहन निश्चित समय-सीमा एवं मार्गों पर चलायमान है? क्या सभी वाहनों का कर जमा है? यदि बकाया है, तो किस पर कितना-कितना?
परिवहन मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) रतलाम जिला अंतर्गत आर.टी.ओ. रतलाम के द्वारा शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में यात्रियों के परिवहन हेतु ऑटो रिक्शा 3+1 मिनिडोर, मैजिक (6+1 एवं 7+1) मिनीबस एवं बसों को परमिट जारी किये जाते हैं। वर्तमान में ऑटो रिक्शा के 244 अस्थाई परमिट, मिनीडोर, मैजिक 107, एवं मिनीबस तथा बस के 67 परमिट अस्थाई परमिट प्राप्त कर संचालित हैं। कार्यालय द्वारा जारी अस्थाई अनुज्ञा पत्र की संधारित पंजी की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार है। वाहनों के स्थाई परमिट क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय उज्जैन द्वारा जारी किये जाते हैं एवं क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय उज्जैन से प्राप्त जारी स्थाई परमिटों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार है। (ख) जी हाँ, समय चक्र निश्चित किया जाता है। समस्त मार्गों पर यात्रियों के दवाब एवं मार्ग की स्थिति को देखते हुए समय चक्र का अंतराल रखा जाता है। (ग) जी हाँ, परमिट जारी करने के पूर्व वाहनों का फिटनेस देखा जाता है। प्राधिकार द्वारा परमिट जारी करने के पूर्व ड्रायवरों की फिटनेस देखने का प्रावधान नहीं है। राजपत्र दिनांक 28.12.2015 की अधिसूचना द्वारा ड्रायवरों एवं वाहन स्वामियों को पाबंद किया गया है, कि प्रत्येक ड्रायवर अपने पास चिकित्सा व्यवसायी द्वारा जारी प्रमाण पत्र रखेगा कि वह किसी नेत्र रोग या रतौंधी से ग्रस्त नहीं है। जी हाँ। (घ) रतलाम जिला अंतर्गत शहरी एवं ग्रामीण यात्री परिवहन निश्चित समय-सीमा एवं मार्गों पर चलायमान है। वाहन स्वामियों द्वारा मोटरयान कर जमा करने पर परमिट जारी किया जाता है। यात्री वाहनों पर बकाया की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘स’ अनुसार है।
मजदूरों को भुगतान में विलम्ब
67. ( क्र. 3542 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खण्डवा जिले में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की मनरेगा योजनान्तर्गत कौन-कौन से निर्माण कार्य जनपंचायतों/ग्राम पंचायतों में चल रहे है? (ख) क्या मनरेगा में मजदूरी भुगतान की प्रक्रिया का सरलीकरण किया जायेगा? निर्माण कार्यों में मजदूरों की दैनिक मजदूरी दर क्या है? (ग) क्या खण्डवा विधानसभा क्षेत्र में मनरेगा के कार्यों में मजदूरों को मजदूरी का भुगतान दो-तीन माह विलंब से किया जा रहा है? यदि हाँ, तो क्यों? (घ) मजदूरी में विलंब करने वाली प्रक्रिया में सुधार के क्या कदम उठाये जा रहे है? क्या इनमें विभागीय अधिकारियों की लापरवाही है? यदि हाँ, तो इनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जाएगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) खण्डवा जिले में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की मनरेगा योजना अंतर्गत विभिन्न श्रेणी के 7856 अनुमत निर्माण कार्य जनपद पंचायतों/ग्राम पंचायतों में चल रहे है, जिसकी विस्तृत जानकारी वेबसाईट www.nrega.nic.in पर उपलब्ध है। (ख) मनरेगा में मजदूरी भुगतान की प्रक्रिया का सरलीकरण कर भुगतान योग्य राशि संबंधित के खाते में एफ.टी.ओ. के माध्यम से अंतरित करने की व्यवस्था बनाई गई है। निर्माण कार्यों में मजदूरों की दैनिक मजदूरी दर रू. 159/- है। (ग) भुगतान की प्रक्रिया नियमित चल रही है। वर्तमान में भारत सरकार से राशि समय से प्राप्त न होने के कारण मनरेगा के कार्यों में मजदूरों की मजदूरी का भुगतान विलंब से हो रहा है। (घ) भारत सरकार से समन्वय में प्रक्रियात्मक सुधार के लिये प्रयास किये जा रहे हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शांतिधाम एवं मुक्तिधाम योजना
68. ( क्र. 3566 ) श्री रामकिशन पटेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उदयपुरा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत वर्ष 2012-13 दिनांक 31.01.2016 तक कुल कितने ग्रामों को शांतिधाम योजना का लाभ दिया गया है? (ख) क्या योजना का लाभ देने के बाद उसका भौतिक सत्यापन किया गया? (ग) उक्त योजना से शेष ग्रामों को कब तक लाभ प्राप्त हो जावेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) उदयपुरा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत वर्ष 2012-13 से दिनांक 31.01.2016 तक कुल 62 ग्रामों को शांतिधाम योजना का लाभ दिया गया है। (ख) जी हाँ। (ग) शेष ग्रामों को उनकी मांग प्राप्त होने पर संबंधित ग्राम पंचायतों द्वारा शेल्फ ऑफ प्रोजेक्ट में शामिल कर लाभान्वित किया जावेगा।
संविदा कर्मचारी/अधिकारियों के मानदेय की जानकारी
69. ( क्र. 3570 ) श्री रामकिशन पटेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या संविदा कर्मचारियों/अधिकारियों को नियमित किये जाने की शासन की योजना है? माननीय मंत्रीजी द्वारा वार्षिक अनुबंध समय पर नहीं होने की वजह से मानदेय मिलने में होने वाली कठिनाइयों का ध्यान में रखते हुए अनुबंध व्यवस्था समाप्त किये जाने एवं महंगाई भत्ता व यात्रा भत्ता प्रदान किये जाने की घोषणा की गई थी? अगर हाँ, तो उक्त संबंध में अभी तक क्या कार्यवाही की गई है एवं इन घोषणाओं को कब तक लागू किया जायेगा? (ख) क्या संविदा कर्मचारियों/अधिकारियों को शासन की ओर से प्रतिमाह मानदेय दिया जाता है? यदि हाँ, तो रायसेन जिले के किस-किस कार्यलय/विभाग द्वारा कितने संविदा कर्मचारियों/अधिकारियों को 01.01.2015 से प्रश्न दिनांक तक एक से अधिक माह से वेतन नहीं दिया गया है? मानदेय कब तक दे दिया जावेगा? (ग) क्या भविष्य में संविदा पर कार्यरत कर्मचारियों/अधिकारियों को प्रतिमाह मानदेय प्राप्त हो इस संबंध में विभाग में कोई योजना तैयार की जा रही है? क्या सरकार की मंशा इनका मानदेय बढ़ाने की है या नहीं? अगर हाँ, तो समय-सीमा बतायें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) विभाग में संविदा में पदस्थ अधिकारियों/कर्मचारियों को नियमित किये जाने का कोई प्रावधान नहीं है। इस संबंध अन्य कोई घोषणा नहीं की गई, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी, हाँ। जिला पंचायत रायसेन में विभाग द्वारा संचालित सभी योजनाओं में पदस्थ संविदा अधिकारी/कर्मचारियों को प्रतिमाह मानदेय दिया जा रहा है। मनरेगा योजनांतर्गत पदस्थ एक डाटा एन्ट्री ऑपरेटर, जनपद पंचायत सिलवानी को कोई कार्य न किये जाने के आधार पर जनपद पंचायत द्वारा अवैतनिक किया गया है। (ग) जी, नहीं। विभाग में संविदा पर कार्यरत कर्मचारियों के मानदेय में प्रतिवर्ष वृद्धि की जाती है। शेष प्रश्न उपस्थिति नहीं होता।
आई.ए.पी. योजनान्तर्गत भवन/बाउन्ड्रीवॉल एवं प्रवेश द्वारों का निर्माण
70. ( क्र. 3583 ) श्री रामलाल रौतेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनूपपुर एवं शहडोल जिले में आई.ए.पी. योजना से वित्तीय वर्ष 2012-13, 2013-14 एवं 2014-15 में कौन-कौन से भवन एवं बाउन्ड्रीवॉल तथा प्रवेश द्वारों के निर्माण कार्य कराने की स्वीकृत प्रदान की गई है? (ख) प्रश्नांश (क) अंतर्गत स्वीकृत निर्माण कार्यों के लिये प्रदत्त आवंटन, व्यय क्या था? कौन-कौन से निर्माण कार्य पूरे हो गये हैं तथा कौन-कौन से निर्माण कार्य अधूरे हैं?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) अनूपपुर एवं शहडोल जिले में आई.ए.पी. योजना से वित्तीय वर्ष 2012-13, 2013-14 एवं 2014-15 में भवन एवं बाउण्ड्रीवाल के निर्माण कार्य की स्वीकृति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' पर है। दोनों जिलों में आई.ए.पी. योजना से प्रवेश द्वार स्वीकृत नहीं किये गये। (ख) प्रश्नाधीन स्वीकृत निर्माण कार्यों के लिये प्रदत्त आवंटन व्यय राशि और पूर्ण निर्माण कार्य और अधूरे/प्रगतिरत निर्माण कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' एवं ''स'' पर है।
खाद्यान्न सुरक्षा योजना अंतर्गत राशि का आवंटन
71. ( क्र. 3619 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश सरकार द्वारा खाद्य सुरक्षा योजना लागू करने की क्या तैयारी है? इस योजना में कितना खर्च आएगा? (ख) प्रश्नांश (क) में मध्यप्रदेश सरकार द्वारा कितनी राशि मुहैया कराई जाएगी तथा केन्द्र सरकार द्वारा कितनी राशि मुहैया कराई जाएगी? (ग) सीहोर जिले का खाद्यान्न सुरक्षा योजना के तहत कितनी राशि आवंटित की जाएगी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) मध्यप्रदेश सरकार द्वारा खाद्य सुरक्षा योजना किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग में संचालित नहीं है लेकिन राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन विभाग में वर्ष 2007-08 से संचालित है इस योजना में वर्ष 2015-16 में प्रस्तावित कार्यक्रम राशि रूपये 35117.00 लाख का स्वीकृत है। (ख) राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन अंतर्गत मध्यप्रदेश सरकार द्वारा 8940.11 लाख एवं केन्द्र सरकार द्वारा 13410.35 लाख राशि मुहैया कराई गई है। (ग) सीहोर जिले को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के तहत वर्ष 2015-16 में जारी कार्यक्रम अनुसार राशि रूपये 557.59 लाख आवंटित की जावेगी।
पंचायत सचिवों का वेतनमान
72. ( क्र. 3636 ) श्री वीरसिंह पंवार : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल संभाग में ग्राम पंचायतों के पंचायत सचिवों का वेतन एक समान है या अलग-अलग वेतनमान है? यदि हाँ, तो ऐसा क्यों? (ख) क्या विदिशा जिले में भी पंचायत सचिवों का वेतन एक समान है या अलग-अलग है या जनपदवार अलग-अलग वेतन है? (ग) यदि जिले में अलग-अलग जनपद पंचायतों में पंचायत सचिवों का वेतन अलग-अलग है तो ऐसा क्यों? जिले में किस जनपद पंचायत में सबसे कम वेतन दिया जा रहा है? (घ) पंचायत सचिवों को सरकार उनकी मांग अनुसार कब तक एक समान वेतनमान की व्यवस्था कब तक लागू कर सकेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) भोपाल संभाग के ग्राम पंचायत सचिवों को मध्यप्रदेश शासन, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग मंत्रालय भोपाल के आदेश क्रमांक एफ-2-6/2013/22/पं.-1, दिनांक 24.7.2013 एवं आदेश क्रमांक एफ-2/2013/22/पं.-1, दिनांक 27.8.2013 के अनुरुप ग्राम पंचायत सचिवों को वेतन भुगतान किया जा रहा है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ग) जिले की जनपद पंचायतों द्वारा जनपद पंचायत स्तर से वेतन निर्धारण किया गया है। 01 वर्ष से 10 वर्ष की सेवा अवधि पर वेतन बैण्ड रूपये 3500-10000+1100 ग्रेड पे, 10 वर्ष या अधिक वर्ष की सेवा अवधि पर 3500-10000+1200 ग्रेड पे एवं प्रचलित दर अनुसार महंगाई भत्ता एवं विशेष भत्ता रूपये 13000 वेतन निर्धारण वर्तमान में प्राप्त हो रहे वेतन का 1.62 का गुणा कर निर्धारण किया गया है। जनपद पंचायत बासौदा द्वारा न्यूनतम वेतन दिया जा रहा है। (घ) उत्तरांश ‘‘क‘‘ अनुसार। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
बीज उत्पादन समितियों की कार्य प्रणाली
73. ( क्र. 3640 ) श्री वीरसिंह पंवार : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा जिले में बीज उत्पादन के लिये कितनी बीज उत्पादन समितियां और सोसायटी रजिस्टर्ड है तथा कौन-कौन सी फसलों का बीज उत्पादन करती है तथा वर्ष 2014-15 और 2015-16 अभी तक किस-किस फसल का कितना बीज उत्पादन किया गया? (ख) प्रत्येक समिति या सोसायटी की सूची नाम रजिस्ट्रेशन संख्या तारीख उनके सदस्यों के तथा प्रोप्राइटर के नाम की सूची जानकारी देवें? (ग) इन समितियों में वर्ष 2014-15 और 2015-16 में अभी तक किस-किस समिति इकाई द्वारा कौन-कौन सी फसल कितना-कितना बीज उत्पादन किया गया वह कौन-कौन से गांव तहसील में कितना-कितना हुआ? किन-किन अधिकारियों के निर्देशन और देख-रेख में हुआ? (घ) इन बीज उत्पादक समितियों में कितनी और कौन-कौन सी इकाई का बीज गुणवत्ताविहीन और मानक स्तर पर सही नहीं पाया गया उन पर क्या कार्यवाही की गई? कितनों के लायसेंस निरस्त किये गये नाम सहित जानकारी देवें?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) विदिशा जिले में कुल 35 बीज उत्पादक सहकारी समितियां रजिस्टर्ड हैं, जिसमें से बीज उत्पादन के लिये म.प्र.राज्य बीज प्रमाणीकरण संस्था भोपाल में 11 बीज उत्पादन समितियां पंजीकृत हैं। यह समितियां खरीफ में सोयाबीन, उड़द, मूंग, अरहर, धान तथा रवी में गेहूं, चना व मसूर फसलों का बीज उत्पादन करती हैं। वर्ष 2014-15 में समितिवार एवं फसलवार प्रमाणित बीज की मात्रा की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है तथा वर्ष 2015-16 में उत्पादित अभी तक किसी भी समिति का बीज प्रमाणित नहीं किया गया है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार है (ग) वर्ष 2014-15 में प्रमाणित किये गये बीज की मात्रा की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-03 अनुसार है तथा वर्ष 2015-16 में उत्पादित अभी तक किसी भी समिति का बीज प्रमाणित नहीं किया गया है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-04 पर है तथा प्रश्नांश अवधि में किसी भी बीज उत्पादक समिति का लायसेंस निरस्त नहीं किया गया है।
शासकीय लीज़ भूमि अधिग्रहण संबंधी
74. ( क्र. 3644 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या खाचरौद तहसील में (1) उंकार जीनिंग फैक्ट्री (2) कृष्णा जीनिंग फैक्ट्री (3) गणेश जीनिंग फैक्ट्री एवं नागदा में कृष्णा जीनिंग फैक्ट्री को लीज़ पर दी गई भूमि के अधिग्रहण की कार्यवाही प्रचलित है? यदि हाँ, तो वर्तमान में 30 दिसंबर 2015 तक खाचरौद तहसील में कितनी ताकायमी कारखानों की भूमि का अधिग्रहण सरकार ने कब-कब किया? (ख) कितने ताकायमी कारखानों की भूमि का अधिग्रहण अब तक नहीं हो सका? किस कारण तथा किस कारखाने की भूमि का अधिग्रहण शेष है?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) 1-उंकार जीनिंग फैक्ट्री तहसील खाचरौद की भूमि से संबंधित प्रकरण मान. राजस्व मण्डल में विचाराधीन है। 2- ग्राम पाउल्याकलां तहसील नागदा स्थित कृष्णा जीनिंग फैक्ट्री की भूमि से संबंधित प्रकरण शासन हित में निर्णित होकर कब्जा प्राप्त कर लिया गया है। 3- गणेश जीनिंग फैक्ट्री तहसील खाचरौद से संबंधित प्रकरण न्यायालय में विचाराधीन है। (ख) शासनादेश से समस्त ताकायमी कारखानों की भूमियों को राजस्व अभिलेख में शासकीय दर्ज कर लिया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आत्मा योजना
75. ( क्र. 3677 ) श्रीमती पारूल साहू केशरी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आत्मा योजना अंतर्गत वर्ष 2015-16 में किस-किस मद में कितनी-कितनी राशि/आवंटन सागर जिले को प्राप्त हुआ? मदवार जानकारी देवें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार प्राप्त राशि में से विभिन्न कार्यों के लिये व्यय किये जाने के प्राप्त दिशा-निर्देशों की छायाप्रति उपलब्ध कराते हुये, प्रश्न दिनांक तक मदवार व्यय राशि की जानकारी दी जाये? (ग) क्या आत्मा योजना अंतर्गत प्राप्त राशि निर्धारित मदों पर व्यय न करते हुये अन्य मदों में व्यय कर समायोजित की गयी है एवं विभिन्न हितग्राही योजनाओं एवं प्रशिक्षण संबंधी राशि का उपयोग निर्धारित समय-सीमा में न किये जाने से राशि समर्पित की गयी है एवं लेप्स हो गयी है? प्रश्न दिनांक तक समायोजित, समर्पित एवं लेप्स राशि की जानकारी योजनावार देवें? (घ) आत्मा योजना के अंतर्गत चालू वर्ष में प्रश्न दिनांक तक सागर जिलातंर्गत कौन-कौन से प्रशिक्षण कहाँ-कहाँ, कब से कब तक आयोजित किये जाना थे, कौन-कौन से प्रशिक्षण कब से कब तक कहाँ-कहाँ आयोजित किये गये?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) आत्मा योजनान्तर्गत प्राप्त आवंटन का व्यय किये जाने के दिशा निर्देशों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। वर्ष 2015-16 में मदवार व्यय राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) जी नहीं। आत्मा योजनान्तर्गत प्राप्त राशि का व्यय निर्धारित मदों पर ही किया गया है, अन्य मदों में व्यय कर राशि समायोजित नहीं की गई है। आत्मा योजनान्तर्गत प्राप्त आवंटन बैंक खाते में प्राप्त होता है। अत: राशि समर्पित एवं लेप्स नहीं होती है। शेष का प्रश्न नहीं उठता है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है।
राहत राशि का वितरण
76. ( क्र. 3678 ) श्रीमती पारूल साहू केशरी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सागर जिले के अनेक गावों के किसानों को राहत राशि के अभाव में मुआवजा वितरित नहीं किया जा सका है? उन ग्रामों की सूची, किसानों की संख्या एवं आवश्यक मुआवजा राशि की जानकारी देते हुए बतावें कि इन किसानों को कब तक मुआवजा राशि का वितरण करा दिया जावेगा? (ख) क्या जिन गावों में मुआवजा वितरण हो चुका है उन गावों में भी सर्वे में हजारों कृषकों को छोड़ दिया गया है? ग्रामवार ऐसे कृषकों की संख्या देवें? (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में इन कृषकों के सर्वे एवं मुआवजा वितरण की क्या योजना है?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। सागर जिले के 406 ग्रामों के 59630 कृषकों को राशि रूपये 32,68,50,275/- (रूपये बत्तीस करोड़ अड़सठ लाख पचास हजार दो सौ पचहत्तर मात्र) वितरण हेतु शेष है। बजट प्रावधान होते ही तत्काल शेष प्रभावित कृषकों को राहत राशि का वितरण कर दिया जायेगा। शेष प्रभावित ग्रामों, किसानों एवं राशि की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उद्भूत नहीं होता।
सागर दमोह मुख्यमार्ग से शाहपुर पथरिया मार्ग निर्माण
77. ( क्र. 3715 ) श्री लखन पटेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रधानमंत्री सड़क योजनांतर्गत सागर-दमोह मुख्य मार्ग से शाहपुर जमुनिया फाटक पथरिया सड़क मार्ग स्वीकृत किया जावेगा? (ख) यदि हाँ, तो निर्माण (सड़क) लागत क्या होगी? दूरी कितनी होगी? (ग) निर्माण कार्य कब तक पूर्ण कर लिया जावेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत निर्मित सड़क पथरिया से सासा पर जमुनिया फाटक स्थित है। ग्राम शाहपुर लोक निर्माण विभाग द्वारा निर्मित सड़क परसोरिया से शाहपुर द्वारा जोड़ा जा चुका है अतः प्रश्नांश में उल्लेखित जमुनिया फाटक एवं शाहपुर ग्राम को एकल सड़क संपर्क सुविधा उपलब्ध होने से प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के मार्गदर्शी दिशा निर्देशों के अनुसार द्वितीय सड़क संपर्क सुविधा उपलब्ध कराये जाने हेतु स्वीकृत किया जाना संभव नहीं है। (ख) उत्तरांश (क) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) उत्तरांश (क) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सड़क मरम्मत
78. ( क्र. 3716 ) श्री लखन पटेल : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्राम बोतराई से जमुनिया फाटक तक सड़क निर्माण कार्य मंडी बोर्ड से कब कराया गया है? (ख) गुणवत्ता निम्न होने के कारण सड़क मार्ग जर्जर हो चुका है? क्या इसकी जाँच कराई जावेगी? (ग) सड़क सुधार कार्य के लिये प्रस्तावित धनराशि कब तक स्वीकृत की जावेगी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) मंडी बोर्ड द्वारा कृषकों की आवागमन की सुविधा के अंतर्गत बोर्ड निधि से ग्राम बोतराई से जमुनिया फाटक तक सड़क लम्बाई 2.85 कि.मी., लागत राशि रू. 102.73 लाख का निर्माण कार्य दिनांक 03.07.2013 को पूर्ण कराया गया है। (ख) जी नहीं। सड़क का निर्माण कृषकों के आवागमन की सुविधा को दृष्टिगत हेतु कराया गया था। सड़क कार्य पूर्ण होने के पश्चात निर्मित सड़क का अधिकाधिक उपयोग बटियागढ़ से सागर जाने वाले अधिक वजन क्षमता के वाहनों द्वारा रेल्वे क्रासिंग न होने के कारण किये जाने के फलस्वरूप उक्त सड़क कार्य के डामरीकरण की सरफेस क्षतिग्रस्त हो गयी है, जिसकी मरम्मत सड़क की गारंटी अवधि दिनांक 03.07.18 तक होने से संबंधित ठेकेदार द्वारा की जा रही है। साथ ही उक्त सड़क पर अधिक क्षमता के वाहनों के आवागमन को प्रतिबंधित करने के लिये संबंधित प्राधिकारियों से अनुरोध किया गया है। अत: उपरोक्तता के आधार पर गुणवत्ता की जाँच संबंधी प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (ग) उत्तरांश "ख" के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
जानकारी उपलब्ध कराया जाना
79. ( क्र. 3743 ) श्रीमती शीला त्यागी : क्या परिवहन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मुख्यमंत्री ऑनलाईन समाधान में की गई शिकायत पी.जी.कोड 320326/2015, 39,56, 25, 56, 90, 64, 74, 420, 312206/2014, 319136, 305280/2014, 319474/2014, 319436/2014, 275101/2014, 325844/2014, 325844/2014, 295840, 320905, 344760/2015,एवं 337426/2015 की जाँच कराई गई? (ख) क्या मुख्यमंत्री कॉल सेन्टर 181 में भी शिकायत की गई जिसका शिकायत क्रमांक 343954, 55611, 357553, 786899, 1315469, 1380265, 1428513, एवं 1569681 की जाँच करायेंगे तथा गलत एवं अधूरी जानकारी देने वाले अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही करेंगे?
परिवहन मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ, प्रश्नांश ‘’क’’ में अंकित सी.एम. हेल्पलाईन में दर्ज शिकायतों को निराकरण हेतु संबंधित विभागीय अधिकारियों को प्रेषित किया गया था। शिकायतों के निराकरण की स्थिति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘’क’’ अनुसार है। (ख) जी हाँ, प्रश्नांश ‘’ख’’ में अंकित शिकायतों को निराकरण हेतु संबंधित विभागीय अधिकारियों को प्रेषित किया गया था। शिकायतों के निराकरण की स्थिति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘’ख’’ अनुसार है। संबंधित विभागीय अधिकारियों द्वारा जाँच उपरान्त ही शिकायतों का निराकरण दर्ज किया जाता है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
कृषकों को वितरित ऋण की वसूली
80. ( क्र. 3752 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र पनागर में वर्ष 2013-14 एवं 2014-15 में कुल कितना ऋण कृषकों को वितरित किया गया? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार उपरोक्त वर्षों में खरीफ एवं रवी में कितने कृषक लाभान्वित हुये? कृषक संख्या एवं वितरित राशि बतावें? (ग) अभी तक वितरित किये गये कुल ऋण में से कितनी राशि की वसूली की गई एवं कितनी शेष है? (घ) क्या प्रश्नांश (ग) में आपदा पीडि़त कृषक भी शामिल हैं? यदि हाँ तो कुल संख्या एवं वसूली की गई राशि बतावें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) से (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
तीन ग्रामों के निर्माण कार्य
81. ( क्र. 3753 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र पनागर के तीन ग्रामों जैतपुरी, घुघ्घूटोला एवं खरहघाट के मनरेगा के अंतर्गत निर्माण कार्य बंद है? (ख) यदि हाँ, तो क्यों इसके लिए कौन जबावदार है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ, क्योंकि वस्तुस्थिति यह है कि दिनांक 14.11.2014 को जारी अधिसूचना के अनुसार ग्राम पंचायत मुख्यालय गधेरी नगरीय क्षेत्र में शामिल हो जाने के कारण, ग्राम जैतपुरी, घुघ्घूटोला को ग्राम पंचायत ककरतला में जोड़ा गया है। खरहघाट पृथक ग्राम न होकर जैतपुरी ग्राम का मोहल्ला है। पूर्व में एम.आई.एस. मेपिंग का कार्य प्रक्रियाधीन था, जिससे मनरेगा के कार्य अवरूद्ध हो गये थे। अब मेपिंग के बाद कोई समस्या नहीं है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
बी.पी.एल. कार्डधारियों के संबंध में
82. ( क्र. 3767 ) श्री पुष्पेन्द्र नाथ पाठक : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्राम पंचायत सलैया में 2012 से कितने बी.पी.एल. कार्डधारी निवासरत है? सूची उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार उपरोक्त कार्डधारियों को शासन की किस-किस योजना से प्रश्न दिनांक तक कब-कब लाभांवित किया गया? सूची प्रदाय करें।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) ग्राम पंचायत सलैया में 2012 से 262 बी.पी.एल. कार्डधारी निवासरत है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ‘‘ अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार है।
लोकसेवा गारंटी केन्द्र
83. ( क्र. 3786 ) प्रो. संजीव छोटेलाल उइके : क्या परिवहन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र मण्डला में कितने लोक सेवा गांरटी केन्द्र संचालित है? जिले के लोक सेवा केन्द्रों में 2015-16 में कितने आवेदन प्राप्त हुये एवं उनसे कितनी राशि प्राप्त हुई? (ख) मण्डला जिले में लोक सेवा गारंटी केन्द्र संचालकों को प्रश्न (क) की अवधि में कितनी राशि का भुगतान किया गया? (ग) लोक सेवा गारंटी केन्द्र में प्राप्त आवेदन में से कितने आवेदकों का विभिन्न विभागों द्वारा निराकरण कर हितग्राहियों को लाभ दिया गया और कितने हितग्राहियों को लाभ नहीं मिला? जिन हितग्राहियों को लोक सेवा गारंटी केन्द्र से लाभ नहीं मिला उसका कारण बतायें एवं विभाग द्वारा क्या प्रयास किये गये?
परिवहन मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) मण्डला विधानसभा क्षेत्र में 02 लोक सेवा केन्द्र संचालित है। जिले के 09 लोक सेवा केन्द्रों में 2015-16 में कुल 1,14,606 आवेदन प्राप्त हुये है। उनसे 20,84,599/- (बीस लाख चौरासी हजार पांच सौ निन्यान्वे रूपये) की राशि प्राप्त हुई है। (ख) मण्डला जिले में लोक सेवा गारंटी केन्द्र संचालकों को प्रश्नांश (क) की अवधि में 39,91,605 (उनतालीस लाख इक्यान्वे हजार छह सौ पांच रूपये) राशि का भुगतान किया गया है। (ग) लोक सेवा गारंटी केन्द्र में प्राप्त आवेदन में से 90,393 आवेदकों का विभिन्न विभागों द्वारा निराकरण कर हितग्राहियों को लाभ दिया गया। 24,213 हितग्राहियों को लाभ दिया जाना शेष है जिनमें से 19,281 आवेदन जाति प्रमाण पत्र अभियान के अंतर्गत है एवं 1,836 आवेदन पत्र अपूर्ण होने से निराकृत नहीं हो सके है। दस्तावेजों की पूर्ति की कार्यवाही उपरांत इनका निराकरण हो सकेगा। शेष 3,096 आवेदन पत्र समय-सीमा के अन्दर है जिनका निराकारण नियत समय-सीमा में किया जा रहा है।
वाटरशेड योजना का क्रियान्वयन
84. ( क्र. 3787 ) प्रो. संजीव छोटेलाल उइके : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मण्डला जिले में वाटरशेड योजना में वित्तीय वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में कितना आवंटन प्राप्त हुआ? (ख) वाटरशेड योजना अंतर्गत विकास एवं निर्माण कार्य किन-किन क्रियान्वयन एजेन्सी से कराये जाते है एजेन्सी का निर्धारण एवं कार्य सम्पादन की क्या प्रक्रिया है? (ग) क्रियान्वयन एजेन्सी द्वारा प्रश्नांश (क) की अवधि में कौन-कौन से कार्य संपादित कराये गये? (घ) वाटरशेड योजना में कार्यों का चयन एवं अनुमोदन की क्या प्रक्रिया है? निर्माण कार्यों के पर्यवेक्षण अनुश्रवण तथा समीक्षा हेतु कौन अधिकारी सक्षम है प्रश्नांश (क) की अवधि में स्वीकृत निर्माण कार्यों की गुणवत्ता नियंत्रण हेतु किन अधिकारियों द्वारा स्थल निरीक्षण किया गया?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) रूपए 857 लाख का आवंटन प्राप्त हुआ है। (ख) आस्थामूलक कार्य हेतु परियोजना के लिए नियुक्त पी.आई.ए. की वाटरशेड डेव्हलपमेंट टीम तथा वाटरशेड विकास कार्यों हेतु परियोजना क्षेत्र में गठित वाटरशेड समितियां क्रियान्वयन एजेंसी होती हैं। एजेंसी का निर्धारण पृथक से नहीं किया जाता क्योंकि पी.आई.ए. एवं वाटरशेड समितियों को कार्यान्वयन का दायित्व सौंपने का प्रावधान भारत सरकार द्वारा जारी कॉमन वाटरशेड गाईडलाइन में ही अंतर्निहित है। कार्य संपादन के लिए विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन में शामिल मद के कार्यों की स्वीकृति प्राप्त की जाती है तदोपरांत कार्यान्वयन वाटरशेड समिति द्वारा किया जाता है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) वाटरशेड डेव्हलपमेंट टीम द्वारा नेट प्लानिंग, हाउस होल्ड सर्वे तथा अन्य सर्वेक्षणों के आधार पर परियोजना के उद्दश्यों की पूर्ति हेतु कार्यों का चयन कर विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन तैयार किया जाता है, जिसका अनुमोदन जिला स्तरीय वाटरशेड समिति द्वारा प्रदाय किया जाता है। कार्यों के पर्यवेक्षण, अनुश्रवण तथा समीक्षा के लिए जिला वाटरशेड सैल के अधिकारी तथा वाटरशेड डेव्हलपमेंट टीम सक्षम है। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
ग्रामीण विकास कार्यों में गौण खनिज का उपयोग
85. ( क्र. 3801 ) श्री चम्पालाल देवड़ा : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) त्रिस्तरीय पंचायतों एवं अन्य शासकीय विभागों के द्वारा किये जाने वाले ग्रामीण विकास कार्यों में लगने वाले गौण खनिज के संबंध में म.प्र. गौण खनिज नियम 1996 के नियम 3 में क्या-क्या छूट दी गई है? म.प्र. शासन खनिज विभाग द्वारा अप्रैल 2013 में जारी परिपत्र में क्या प्रक्रिया निर्धारित की गई है? (ख) नियम-3 में दी गई छूट के बाद भी ग्रामीण विकास कार्यों के लिए गौण खनिज क्रय करने, ठेकेदारों की रॉयल्टी का भुगतान करने वालों से भुगतान की गई राशि की वसुली की क्या प्रक्रिया निर्धारित की है? इस वसूली के लिये किसे क्या-क्या दायित्व एवं अधिकार सौंपे गये है? (ग) वर्ष 2013-14-15 एवं प्रश्न दिनांक तक बालाघाट जिले में ग्रामीण विकास कार्यों के लिए कितना गौण खनिज क्रय किया जाकर रॉयल्टी का भुगतान किया जाकर किस-किस के द्वारा परिवहन करवाया गया, उनके विरूद्ध भुगतान की गई राशि की वसूली हेतु प्रश्नांकित तिथि तक भी कार्यवाही न किए जाने का क्या कारण है संबंधितों से कब तक वसूली की कार्यवाही की जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) त्रिस्तरीय पंचायतों के द्वारा कराये जाने वाले ग्रामीण विकास कार्यों में गौण खनिज नियम 1996 के उप नियम-3 के प्रावधान के अनुसार शासकीय भूमि से गौण खनिज निकालने के लिये रायल्टी में छूट दी गई है। शासन के परिपत्र क्र-एफ,19-1/2013/12/1 (पार्ट), भोपाल दिनांक 10.04.2013 में दिये गये प्रावधानों के तहत गौण खनिज के उपयोग किये जाने की प्रक्रिया निर्धारित है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार शासकीय विभागों के द्वारा कराये जा रहे निर्माण कार्यों में उपयोग किये जाने वाली गौण खनिज हेतु आवेदित स्थल जाँच तथा रायल्टी राशि जमा करने उपरांत अनुमति दिये जाने का प्रावधान है। (ख) निर्माण कार्यों के लिये गौण खनिज हेतु ठेकेदारों से रायल्टी की वसूली गौण खनिज खपत के अनुसार उनके देयकों से की जाकर शासन के पक्ष में मद 0853 में जमा की जाती है। जिन ठेकेदारों द्वारा पूर्व में ही रायल्टी राशि जमा की जाती है, उनकी पावतियां संबंधित कार्यालय में जमा कराई जाती है। (ग) वर्ष 2013-14-15 एवं प्रश्न दिनांक तक ग्रामीण विकास कार्यों के लिये जो गौण खनिज का क्रय किया गया है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। समस्त ठेकेदारों/प्रदायकर्ताओं से नियमानुसार रायल्टी की राशि वसूल की गयी है। अतः संबंधितों से वसूली की कार्यवाही का प्रश्न ही उत्पन्न नहीं होता है।
मनरेगा कपिल धारा अपूर्ण कूप
86. ( क्र. 3855 ) श्री वीरसिंह पंवार : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मनरेगा योजना में वर्ष 2013-14 से दिनांक 31.1.2016 तक रायसेन जिले के विकासखण्ड सिलवानी तथा बैगमगंज में कपिलधारा उपयोजना के अंतर्गत कुल कितने कुआं निर्माण के कार्य स्वीकृत किये गये? (ख) उपरोक्त स्वीकृत कार्यों में से दिनांक 31.1.2016 तक कुल कितने कार्य पूर्ण हुये? क्या इन कुओं में सिंचाई व्यवस्था हेतु विद्युतीकरण अथवा डीजल इंजन प्रदाय किये जाने हेतु कार्यवाही की जा रही है? यदि हाँ, तो दिनांक 31.1.2016 तक कुल कितने कुओं हेतु डीजल पंप प्रदाय किये जा चुके है? (ग) उपरोक्त स्वीकृत कार्यों की जानकारी वर्षवार, विकासखण्डवार कुल स्वीकृत पूर्ण, अपूर्ण तथा अप्रारम्भ कार्यों की संख्या बतायें? क्या इन सभी कार्यों का मूल्यांकन तथा भुगतान की कार्यवाही हो चुकी है? (घ) क्या अपूर्ण कार्यों को पूर्ण करने हेतु संबंधित अधिकारियों द्वारा प्रयास किये जा रहे हैं?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) मनरेगा योजना में वर्ष 2013-14 से दिनांक 31.01.2016 तक रायसेन जिले के विकासखण्ड सिलवानी तथा बेगमगंज में कपिलधारा उपयोजना के अंतर्गत कुल 1387 कुआं निर्माण कार्य स्वीकृत किये गये। (ख) उत्तरांश (क) में दर्शित स्वीकृत कार्यों में से दिनांक 31.01.2016 तक 443 कार्य पूर्ण हुये। जी हाँ। दिनांक 31.01.2016 तक 16 कुओं हेतु डीजल पंप प्रदाय किये जा चुके हैं। (ग) उपरोक्त कार्यों की जानकारी वर्षवार, विकासखण्डवार कुल स्वीकृत, पूर्ण, अपूर्ण तथा अप्रारम्भ कार्यों की संख्या संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जी हाँ।
लंबित प्रकरणों का निराकरण
87. ( क्र. 3856 ) श्री वीरसिंह पंवार : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) फरवरी 16 की स्थिति में रायसेन जिले में जनश्री बीमा आम आदमी बीमा, मुख्यमंत्री मजदूर सुरक्षा योजना के अंतर्गत कितने प्रकरण किस स्तर पर कब से तथा किस कारण से लंबित हैं? (ख) उक्त प्रकरणों के निराकरण हेतु विभाग के अधिकारियों ने क्या-क्या कार्यवाही/प्रयास किये विगत 2 वर्षों में बीमा कंपनी ने कितने आवेदन पत्र निरस्त किये तथा क्यों? (ग) भारतीय जीवन बीमा निगम भोपाल के स्तर पर कितने प्रकरण कब से एवं क्यों लंबित हैं? उक्त प्रकरणों का समय-सीमा में निराकरण हो इस हेतु विभाग ने शासन स्तर से कार्यवाही क्यों नहीं की? यदि कार्यवाही की तो उसका पूर्ण विवरण दें।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जनश्री बीमा योजना एवं आम आदमी बीमा योजना के प्रकरणों के संबंध में जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। मुख्यमंत्री मजदूर सुरक्षा योजना के संबंध में जानकारी निरंक। (ख) लंबित प्रकरणों के निराकरण हेतु भारतीय जीवन बीमा निगम को समय-समय पर पत्राचार किया गया है। साथ ही भारतीय जीवन बीमा निगम से शिविर आयोजन हेतु तिथि चाही गई है। भारतीय जीवन बीमा निगम द्वारा दो वर्षों में केवल 2 प्रकरण निरस्त किये गये है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। राज्य स्तर से भारतीय जीवन बीमा निगम को लंबित प्रकरणों के निराकरण हेतु समय-समय पर पत्राचार किया गया है तथा राज्य स्तरीय समीक्षा बैठकों में भी निगम के वरिष्ठ अधिकारियों से समय-समय पर चर्चा कर लंबित प्रकरणों के निराकरण हेतु निर्देशित किया गया है।
प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना
88. ( क्र. 3860 ) श्री संजय शर्मा : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना में क्या-क्या प्रावधान है क्या-क्या कार्य स्वीकृत किये जायेंगे, जिला की कार्य योजना में संसद सदस्य तथा विधायकों की क्या भूमिका है? (ख) रायसेन एवं निरसिंहपुर जिले में उक्त योजना के अंतर्गत कार्य स्वीकृत करने के संबंध में किन-किन के प्रस्ताव प्राप्त हुए तथा उन पर क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ग) उक्त जिलों में अभी तक क्या-क्या कार्य/कार्यवाही/समिति का गठन किया गया पूर्ण विवरण दें? (घ) उक्त जिलों में उक्त योजना के प्रचार-प्रसार हेतु क्या-क्या कार्यवाही की गई?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) वृहद एवं मध्यम सिंचाई परियोजनाओं को पूर्ण करने, हर खेत को पानी देने, पर ड्राप मोर क्राप एवं जल ग्रहण क्षेत्र विकास घटकों का क्रियान्वयन करने का प्रावधान है। जिलें की डी.आई.पी. का अनुमोदन जिला योजना समिति से प्राप्त कर ही राज्य स्तरीय मंजूरी समिति से अनुमोदित की जावेगी। (ख) डी.आई.पी. तैयार करने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ग) कलेक्टर रायसेन/नरसिंहपुर द्वारा जिला स्तरीय क्रियान्वयन समिति का गठन कर दिया गया है। (घ) रायसेन एवं नरसिंहपुर जिले में जनसंपर्क विभाग के माध्यम से दैनिक समाचार पत्रों में योजना की जानकारी दी गई तथा नरसिंहपुर जिले में 26.01.2016 को गणतंत्र दिवस पर एवं प्रत्येक ग्राम पंचायत में विशेष ग्राम सभा में योजना की जानकारी दी गई।
कृषि विश्व विद्यालय ग्वालियर में रिक्त पदों की पूर्ति
89. ( क्र. 3868 ) श्री प्रहलाद भारती : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय ग्वालियर द्वारा वर्ष 2010 से प्रश्न दिनांक तक किन-किन रिक्त पदों की पूर्ति हेतु कब-कब विज्ञप्ति जारी की गयी व उन पदों हेतु कितने-कितने आवेदन प्राप्त हुए? आवेदन किये जाने हेतु क्या शुल्क निर्धारित किया गया था? जानकारी पदवार, वर्षवार पृथक-पृथक उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या एक ही पद हेतु एक से अधिकवार विज्ञप्ति जारी की गयी व पूर्व में उक्त पदों हेतु आवेदन कर चुके अभ्यार्थियों से पुन: आवेदन व आवेदन शुल्क लिया गया? यदि हाँ, तो ऐसा किस नियम के तहत किया गया? कारण स्पष्ट करते हुए नियम की प्रति भी उपलब्ध करावें? क्या अभ्यार्थियों से एक ही पद हेतु एक से अधिक बार लिया गया? आवेदन शुल्क वापिस किये जाने हेतु विश्वविद्यालय विचार करेगा? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार जारी विज्ञप्ति अनुसार कौन-कौन से पदों पर भर्ती की जा चुकी है? क्या जारी विज्ञप्ति अनुसार कुछ पद प्रश्न दिनांक तक भी नहीं भरे जा सके हैं? यदि हाँ, तो कौन-कौन से पद नहीं भरे जा सके हैं? शेष रिक्त पदों की पूर्ति कब तक कर दी जावेगी? समय अवधि बतावें?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) कृषि विश्वविद्यालय ग्वालियर द्वारा विज्ञापित पदों की प्रश्नांकित अवधि की चाही गयी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'क' अनुसार है। जी हाँ आवेदन हेतु शुल्क निर्धारित किया गया था। वर्ष 2010 एवं वर्ष 2012 के विज्ञापन में शुल्क रू. 400 (सामान्य एवं अ.पि.व. के लिए) एवं 200 (अ.जा. एवं अन.ज.जाति के लिए) वर्ष 2013 से विज्ञापित विज्ञापनों में यह शुल्क रू. 600 (सामान्य एवं अ.पि.व. के लिए) एवं 300 (अ.जा. एवं अन.ज.जाति के लिए) किया गया है। जो कि समिति द्वारा निर्धारित किया गया था। (ख) जी हाँ, एक ही पद हेतु एक से अधिकबार विज्ञप्ति जारी की गयी व पूर्व में उक्त पदों हेतु आवेदन कर चुके अभ्यार्थियों से पुन: आवेदन लिये गये किन्तु शुल्क नहीं लिया गया। इसकी सूचना विज्ञापन में भी दी गयी थी। किसी आवेदक द्वारा आवेदन शुल्क के संबंध में आवेदन एवं प्रमाण दिये जाने पर विश्वविद्यालय द्वारा शुल्क वापिस किये जाने हेतु विचार किया जावेगा। (ग) कृषि विश्वविद्यालय ग्वालियर द्वारा विज्ञापित पदों की प्रश्नांकित अवधि की चाही गयी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ख' अनुसार है। शीघ्र ही शेष रिक्त पदों की पूर्ति की कार्यवाही की जा रही है।
वाटरशेड योजना
90. ( क्र. 3939 ) कुमारी निर्मला भूरिया : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग के वाटरशेड योजना के अंतर्गत विगत 3 वर्षों में झाबुआ जिले में कहाँ-कहाँ, क्या-क्या कार्य हुए परियोजना अधिकारी (पी.ओ.) कौन-कौन थे एवं प्रत्येक परियोजना द्वारा अपने कार्यकाल में किस योजना में कितनी राशि व्यय की गई बतावें? (ख) वाटर शेड मिशन में जो कार्य कराये जाना रिकार्ड में दर्शाये है उनका भौतिक सत्यापन/निरीक्षण किसके द्वारा किया गया? (ग) क्या वाटरशेड योजना से संबंधित केशबुक, बिल, व्हाउचर भुगतान दर्शाने वाला अभिलेख गायब है तथा नष्ट या उसमें कांट-छांट कर विरूपित किया गया है? यदि हाँ, तो कौन जिम्मेदार है? उत्तरदायित्व निर्धारण कर क्या कार्यवाही की जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
राजस्व अभिलेखों में सुधार
91. ( क्र. 3972 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले के जनपद पंचायत रीवा तहसील हुजूर अंतर्गत ग्राम पंचायत दूबी में एक 17 एकड़ का मड़फा तालाब स्थिति है? राजस्व रिकार्ड में भी आम निस्तार घोषित था? जिसे वर्ष 2000-2001 में आम निस्तार राजस्व अधिकारियों की मिलीभगत से विलोपित करा दिया गया। बाद में तालाब के मूल स्वरूप को परिवर्तित करने का प्रयास सरहंगों द्वारा किया गया है? जिसकी शिकायतें समय-समय पर आम जनता ने जिला प्रशासन से की है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में माननीय उच्च न्यायालय द्वारा रिट पिटीशन क्रमांक 1475/86 के माध्यम से उक्त तालाब को आम जनता के लिए बहाल किया है? 2001 में चतुर्थ अपर जिला न्यायाधीश रीवा द्वारा श्री रामनारायण द्वारा करायी गयी अवैध रजिस्ट्री को भी निरस्त कर दिया? संबंधित द्वारा अनाधिकृत रूप से कब्जा करने का प्रयास अनवरत किया जा रहा है? आम जनता को आम निस्तार से रोका जा रहा है? (ग) प्रश्नांश (ख) के तारतम्य में माननीय न्यायालय के पारित आदेशों के बाद भी संबंधित द्वारा साथियों के साथ दिनांक 17.12.2015 को जे.बी.सी. मशीन से मेड़ डालकर तालाब के स्वरूप को नष्ट करने का प्रयास किया गया एवं आम निस्तार भी प्रभावित किया जा रहा है? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) के संदर्भ में क्या राजस्व रिकार्ड में सुधार कर आम निस्तार दर्ज कराते हुये आम निस्तार के लिए सरहंगों से तालाब को मुक्त कराएंगे? साथ ही राजस्व रिकार्डों में धोखाधड़ी के लिए संबंधितों के विरूद्ध आपराधिक प्रकरण दर्ज कराएंगे? कराएंगे तो कब तक नहीं तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
दोषियों के विरूद्ध जाँच कर कार्यवाही
92. ( क्र. 3973 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले में राजीव गांधी जल ग्रहण मिशन वाटरशेड अंतर्गत क्रियान्वित योजना में विगत पाँच वर्षों से प्रश्नांकित दिनांक तक कितने कौन-कौन से कार्य स्वीकृत किये गये? (ख) प्रश्नांश (क) के कराये गये कार्यों का सत्यापन, मूल्यांकन एवं पूर्णता प्रमाण पत्र किस अधिकारी द्वारा जारी किया गया? अगर कार्य गुणवत्ताविहीन कराये गये तो विभाग द्वारा गुणवत्तापूर्ण कार्य कराये जाने बाबत् क्या प्रयास किये गये? क्या कार्य गुणवत्तापूर्ण कराये गये हैं? (ग) उक्त योजनान्तर्गत निर्माण सामग्री उपकरण, पौधे आदि खरीदने हेतु शासन के क्या नियम व निर्देश हैं? उपरोक्त अवधि में किस-किस फर्म से कब-कब सामग्री क्रय की गयी? क्या सामग्री क्रय में क्रय भण्डार नियम का पालन किया गया? अगर नहीं तो क्यों? (घ) यह सामग्री क्रय पूर्व एवं क्रय के बाद उसकी गुणवत्ता की जाँच एवं परीक्षण कराया गया? परीक्षणकर्ता अधिकारी के नाम व एजेन्सी का विवरण देवें? अगर नहीं तो क्यों? (ड.) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) के संदर्भ में अगर मौके पर कार्य नहीं किये गये? पौधे जीवित नहीं है? इनकी सुरक्षा रख-रखाव के नाम पर राशि का आहरण कर लिया गया है? तो इसके लिये दोषियों की पहचान कर क्या कार्यवाही करेंगे? नहीं तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार हैं। (ग) सामग्री, उपकरण खरीदने हेतु शासन के भण्डार क्रय नियम लागू है। पौधों का क्रय केवल शासकीय विभाग की शासकीय नर्सरी से किया जाना है। सामग्री क्रय में भण्डार क्रय नियम का पालन किया गया है। क्रय की गई सामग्री की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार है। (घ) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार है। (ड.) परियोजना क्षेत्र में कार्य कराए गए है। पौधे जीवित है तथा इनकी सुरक्षा रख-रखाव हेतु किसी भी प्रकार की राशि का आहरण नहीं किया गया हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता हैं।
मुख्यमंत्री सड़क योजना अंतर्गत सड़क/पुलिया निर्माण
93. ( क्र. 4005 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले की विधान सभा क्षेत्र चन्दला अंतर्गत विभाग द्वारा वर्ष 2010 से प्रश्न दिनांक तक कितनी मुख्यमंत्री सड़क स्वीकृत की गयी? नाम व स्वीकृत राशि सहित ब्योरा देवें? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार वर्ष 2010 से प्रश्न दिनांक तक कितनी मुख्यमंत्री सड़क योजना के कार्य पूर्ण हो गये और कितने अपूर्ण है? पूर्ण व अपूर्ण कार्यों में कितनी राशि व्यय की गयी? अपूर्ण कार्यों को कब तक पूर्ण कराया जावेगा? (ग) उक्त कार्यों का मूल्यांकन एवं भौतिक सत्यापन किन-किन अधिकारी/ कर्मचारियों द्वारा किया गया? (घ) क्या मुख्यमंत्री सड़क योजना के जो कार्य पूर्ण कराये गये वह प्राक्कलन अनुसार ही तैयार किये गये? यदि हाँ, तो कार्य की गुणवत्ता की समय-सीमा भी बतायें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। सभी कार्य पूर्ण है अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) उक्त कार्यों का मूल्यांकन एवं भौतिक सत्यापन श्री अरूण कुमार दुबे, एवं श्री पी.एल. पटेल एवं श्री एच.एन.सक्सेना कार्यपालन यंत्री ग्रायांसे., श्री एस.पी. अहिरवार, परियोजना प्रबंधक, श्री संजय कुमार जाटव सहायक यंत्री, श्री आशीष खरे एवं श्री बी.आर. चौरासिया उपंयत्री द्वारा किया गया है। (घ) जी हाँ। सभी कार्य गुणवत्तायुक्त है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अविवादित सीमांकन, नामांतरण बंटवारे
94. ( क्र. 4046 ) श्री संजय शाह मकड़ाई : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) हरदा जिले के तहसील टिमरनी, सिराली, रहटगांव में वर्ष 2014-15 से आज दिनांक तक सीमांकन नामांतरण एवं अविवादित बंटवारे के कितने-कितने प्रकरण कब से लंबित हैं? (ख) इनमें से तहसील टिमरनी, रहटगांव, सिराली के अविवादित प्रकरणों का कब तक निराकरण कर दिया जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) हरदा जिले की तहसील टिमरनी/ रहटगांव/सिराली के अंतर्गत वर्ष 2014-15 से आज दिनांक तक नामांतरण एवं अविवादित बंटवारे के कोई प्रकरण लंबित नहीं है। तहसील टिमरनी/रहटगांव में सीमांकन के प्रकरण लंबित नहीं है। तहसील सिराली अंतर्गत सीमांकन के 06 प्रकरण वर्ष 2015-16 में पंजीबद्ध किये गये है, जिनका निराकरण नियमानुसार किया जावेगा। (ख) हरदा जिले की तहसील टिमरनी/रहटगांव/सिराली के अंतर्गत अविवादित प्रकरणों का नियमानुसार निर्धारित समयावधि में निराकरण किया जा रहा है अब कोई प्रकरण निराकरण के शेष नहीं है।
पाला/तुषार से नष्ट हुई फसलें
95. ( क्र. 4056 ) श्री रजनीश सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सिवनी जिले में दिसम्बर-जनवरी 2015-16 के दौरान पाला/तुषार से हुई फसल क्षति के लिए सर्वे कराया गया है? यदि हाँ, तो केवलारी विधान सभा क्षेत्र में किन-किन ग्रामों में सर्वे हुआ है? (ख) उक्त सर्वे रिपोर्ट के आधार पर कितने कृषकों को कितनी मुआवजा राशि स्वीकृत की गई? (ग) प्रश्नाधीन वर्णित प्रभावित किसानों को कितनी राशि जारी की गई तथा ऐसे कितने किसान है जिन्हें प्रश्न दिनांक तक राशि उपलब्ध नहीं कराई गई है?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) सिवनी जिले में दिसम्बर-जनवरी 2015-16 पाला/तुषार आपदा का प्रभाव नहीं था। अत: शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उद्भूत नहीं होता। (ग) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उद्भूत नहीं होता।
हितग्राहियों एवं योजनाओं की जानकारी
96. ( क्र. 4072 ) श्री संजय शाह मकड़ाई : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला हरदा अंतर्गत तहसील टिमरनी, रहतगॉव, सिराली में आत्मा योजना बेलगाड़ी योजना, बलराम तालब योजना द्वारा वर्ष 2014-15 और 2015-16 में कितने हितग्राही को लाभांवित किया गया है? (ख) क्या विभाग द्वारा कृषक मित्र योजना टिमरनी तहसील में संचालित की गई है? यदि हाँ, तो विगत 1 वर्ष में टिमरनी तहसील में बनाए गये कृषक मित्रों की संख्या बताएं?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। आत्मा योजना अंतर्गत तहसील टिमरनी में 28 कृषक मित्र कार्यरत है। विगत 1 वर्ष में 5 कृषक मित्र परिवर्तित कर बनाये गये है।
गेंहू की खरीदी
97. ( क्र. 4138 ) श्रीमती रेखा यादव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले में वर्ष 2012 से 2015 तक गेंहू खरीदी केन्द्रवार कितना-कितना शासन से प्रासंगिक व्यय मदवार प्राप्त हुआ व कितना-कितना समिति द्वारा मदवार प्रमाणित व्यय डाला गया? (ख) क्या समिति कर्मचारियों द्वारा शासन से प्राप्त प्रासंगिक व्यय के विरूद्ध अधिक मात्रा में व्यय डालकर समितियों को प्राप्त कमीशन से उसकी भरपाई कर समितियों को हानि पहुंचाई जा रही है यदि हाँ, तो ऐसे कितने कर्मचारी है जिनके द्वारा प्राप्त मात्रा से अधिक व्यय डाला जा रहा है, कर्मचारीवार जानकारी दें व उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) सभी संस्थाओं में प्रथम दृष्टया अधिक व्यय पाया गया है, व्ययों के संबंध में जाँच के निर्देश दिये गये हैं, कार्रवाई जाँच निष्कर्षों के अधीन।
खरीदी में अंतर
98. ( क्र. 4139 ) श्रीमती रेखा यादव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले में वर्ष 2012 से 2015 तक वर्षवार कितने गेहूं खरीदी केन्द्र बनाये गये तथा उन केन्द्रों द्वारा कितनी-कितनी मात्रा में कितने किसानों से गेहूं खरीदी की गई, क्या खरीद मात्रा के अनुरूप नागरिक आपूर्ति निगम के गोदामों में मात्र जमा कराया गया वर्षवार केन्द्रवार नाम की जानकारी सहित प्रस्तुत करें? (ख) क्या खरीदी केन्द्र में खरीद मात्रा में अंतर पाया गया तो उस नयी मात्रा के लिये किस व्यक्ति से कब किस रसीद अथवा चालान से राशि जमा करवाई गई? नहीं करने वाले कर्मचारियों के विरूद्ध संस्था द्वारा विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई, यदि नहीं, तो कब तक की जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है, राशि नहीं जमा करने वाले दो केन्द्रों के तीन कर्मचारियों को निलंबित किया गया है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
इंदिरा आवास योजना
99. ( क्र. 4194 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा गरीब निर्धन परिवारों को इंदिरा आवास योजना अंतर्गत कुटीर उपलब्ध कराये जाने का प्रावधान है या नहीं? यदि हाँ, तो प्रावधान की प्रति उपलब्ध करावें? (ख) तो विदिशा जिले में वर्ष 2012-13, 2013-14 एवं 2014-15 में किस-किस जनपद क्षेत्र के अंतर्गत किस-किस ग्राम के हितग्राहियों को इंदिरा आवास योजना अंतर्गत कुटीर स्वीकृत की गई है, इन हितग्राहियों को प्रथम द्वितीय व तृतीय किश्त का भुगतान किया गया है? (ग) प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत जनपद पंचायत बासौदा एवं ग्यारसपुर क्षेत्र के ऐसे कितने हितग्राही है जिन्हें द्वितीय या तृतीय किश्त का भुगतान नहीं किया गया है? अभी तक भुगतान न होने का क्या कारण है? भुगतान कब तक कर दिया जावेगा? (घ) विकासखंड बासौदा एवं ग्यारसपुर क्षेत्र अंतर्गत वर्ष 2015-16 में कितने हितग्राहियों को आवास स्वीकृत किया जाना प्रस्तावित है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। प्रावधान की प्रति जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) विदिशा जिले में वर्ष 2012-13, 2013-14 एवं वर्ष 2014-15 में जनपदवार स्वीकृत हितग्राहियों को जारी प्रथम एवं द्वितीय किश्त की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) जनपद पंचायत बासौदा एवं ग्यारसपुर क्षेत्र के समस्त हितग्राहियों को वर्ष 2012-13 एवं 2013-14 के द्वितीय किश्त का भुगतान कर दिया गया है। वर्ष 2014-15 में इंदिरा आवास योजनान्तर्गत जनपद पंचायत बासौदा क्षेत्र के 160 हितग्राही एवं जनपद पंचायत ग्यारसपुर क्षेत्र के 92 हितग्राहियों को द्वितीय किश्त प्रदाय नहीं की गई है, क्योंकि इंदिरा आवास योजनान्तर्गत प्रथम किश्त की राशि से हितग्राही द्वारा दरवाजा स्तर तक पक्का आवास निर्माण करने एवं आवास सॉफ्ट में निर्धारित मापदण्ड के फोटो अपलोड करने के उपरांत ही द्वितीय किश्त की राशि जारी करने का प्रावधान है। उपरोक्तानुसार द्वितीय किश्त जारी करने की प्रक्रिया प्रचलन में है। (घ) वर्ष 2015-16 में विकासखण्ड बासौदा में 278 एवं विकासखण्ड ग्यारसपुर में 173 हितग्राहियों को आवास स्वीकृत किया जाना प्रस्तावित है।
पंजीयक सहकारी संस्थाओं में नियुक्तियां
100. ( क्र. 4195 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पंजीयक सहकारी संस्थाओं के अंतर्गत प्रशासनिक एवं न्यायालयीन संस्थायें कब से अलग-अलग हुई एवं मध्यप्रदेश में कौन से पदों पर नियुक्तियां नहीं हुई? नियुक्ति नहीं होने का क्या कारण है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार भोपाल शाखा में कितने पद रिक्त है? इन रिक्त पदों की पूर्ति की कोई योजना है? (ग) पंजीयन सहकारी संस्थाओं के अंतर्गत न्यायालीन सेल में कितने प्रकरणों में फैसला होना शेष है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) दिनांक 14.05.2012 से, जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘एक‘‘ अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘दो‘‘ अनुसार है। कर्मचारियों की कमी होने के कारण प्रशासकीय आवश्यकतानुसार रिक्त पदों की पूर्ति की जा सकेगी। (ग) 4241 प्रकरणों में।
अतिक्रमण हटाना
101. ( क्र. 4217 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश शासन की आराजी नम्बर 96/1 शासकीय पूर्व माध्यमिक विद्यालय झलवार जनपद केन्द्र मऊगंज जिला रीवा के खेल मैदान में अतिक्रमण कर अवैध मकान एवं मध्यप्रदेश शासन की शासकीय आराजी खसरा नम्बर 117 डिघवार तालाब जनपद शिक्षा केन्द्र मऊगंज जिला रीवा में क्रमश: रकवा 0.002 एवं 0.006 हेक्टेयर, 0.002 हेक्टेयर, 0.004 हेक्टेयर, में कई लोगों द्वारा सार्वजनिक उपयोग के स्थान पर अतिक्रमण कर लिया गया है? (ख) प्रश्नांश ‘’क’’ के संदर्भ में यदि हाँ, तो नायब तहसीलदार वृत्त देव तालाब तहसील मऊगंज जिला रीवा द्वारा प्रकरण पंजीबद्ध कर अतिक्रमण हटाने हेतु आदेश पारित किया गया है? (ग) प्रश्नांश ‘’क’’ एवं ‘’ख’’ के संदर्भ में यदि हाँ, तो उपरोक्त सार्वजनिक उपयोग हेतु भूमि को आदेशानुसार कब तक अतिक्रमण से मुक्त कराया जावेगा? यदि नहीं, तो क्यों कारण बतावे? इसके लिये कौन-कौन दोषी है दोषी का नाम बतावे? उसके खिलाफ क्या कार्यवाही की जावेगी? कार्यवाही का विवरण एवं समय-सीमा बतावे?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
एन.एम.एस.ए. (आर.डी.ए.) योजना में अनियमितता
102. ( क्र. 4233 ) श्री नरेन्द्र सिंह कुशवाह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भिण्ड जिले में 2014-15 में एन.एम.एस.ए. (आर.ए.डी.) योजनान्तर्गत मद 13 में राशि 52.24 लाख मद 41 में 1.70 लाख मद 64 में 6.65 लाख प्राप्त व्यय मद 13 में 52.22 लाख मद 64 में 2.29 लाख व्यय की गई? राशि व्यय किस स्थान पर की गई स्थान का निरीक्षण किस स्तर के अधिकारी द्वारा कब किया गया? निरीक्षण रिपोर्ट क्या प्रस्तुत की गई? (ख) प्रश्नांश (क) के अंतर्गत मद 41 राशि 0 लाख व्यय की गई? इस राशि का उपयोग न करने के क्या कारण है? क्या विभागीय शिथिलता के कारण राशि दुरूपयोग हो रहा है? मद 13 में व्यय की गई राशि से कृषकों को कोई लाभ प्राप्त नहीं हुआ व्यय राशि का भौतिक सत्यापन शून्य है? इसके लिए कौन दोषी है? कलेक्टर भिण्ड द्वारा किस स्थल का निरीक्षण कर विभागीय अधिकारी को फटकार लगाई? (ग) वर्ष 2015-16 ओर 2016-17 में कौन से ग्रामों को चिन्हित किया गया है? जिला स्तरीय समिति में अनुमोदन लेकर भारत सरकार के प्रावधान अनुसार कार्यक्रम तैयार किया गया है? यदि हाँ, तो भिण्ड विधान सभा के कौन से ग्रामों को चिन्हित किया गया? किस कार्य किए एजेंसी से करवाये जायेंगे? कौन सा दल निगरानी रखेगा? किस दल द्वारा कब निरीक्षण किया जायेगा? क्या निरीक्षण दल में जनप्रतिनिधि को सम्मिलित किया जायेगा? (घ) भिण्ड में कितना बीहड़ क्षेत्र है? प्रश्नांश (क) कार्य योजना से क्षेत्र को कितना लाभ होगा कितनी भूमि सिंचित असिंचित उपजाऊ के लिए उपयोगी बनाई जायेगी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) भिण्ड जिले में वर्ष 2014-15 एन.एम.एस.ए. (आर.ए.डी.) योजनांतर्गत मद 13 में राशि रू. 52.20 लाख एवं मद 64 में राशि रू. 2.29 लाख इस प्रकार कुल राशि रू. 54.49 लाख की राशि नुन्हाटा क्लस्टर के ग्राम नुन्हाटा एवं सिकहटा में, नंदना क्लस्टर के ग्राम नंदना में एवं थनुपुरा क्लस्टर के ग्राम थनुपुरा में व्यय की गई है। कार्यों का निरीक्षण कलेक्टर भिण्ड एवं जिले के अन्य विभागीय अधिकारियों द्वारा किया गया है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) मद 41 में आवंटित राशि रू. 0.36 लाख कार्यावधि में अ.ज.जा. वर्ग के कृषक उपलब्ध न होने से व्यय नहीं हो सकी। आवंटित राशि की 91 प्रतिशत राशि व्यय की गई है। अत: शिथिलता नहीं बरती गई है। मद 13 एवं 64 में व्यय की गई राशि से शासकीय एवं निजी भूमि में कार्य कराये गये है तथा कृषक लाभांवित हुये है। कार्य प्रगति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है एवं भौतिक सत्यापन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) भारत सरकार द्वारा अनुमोदित कार्यक्रम के अनुसार वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में जिले में पूर्व से संचालित कलस्टर नुनहटा, नंदना एवं थनुपुरा में कार्य किये जायेंगे कलस्टर में अनुमोदित कार्यक्रम में जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित जिला मिशन समिति की निगरानी में विभागीय अमले द्वारा किये जायेंगे। (घ) भिण्ड जिले में 20686 हेक्टेयर बीहड़ क्षेत्र है प्रश्नांश (क) की कार्ययोजना से कलस्टर से संबंधित ग्रामों के अंतर्गत आने वाला बीहड़ क्षेत्र लाभांवित होगा। सिंचित क्षेत्र में वृद्धि का आंकलन योजना समाप्ति पश्चात कार्य मूल्यांकन के आधार पर स्पष्ट होगा।
राजस्व अधिकारी द्वारा कानून का पालन नहीं करना
103. ( क्र. 4238 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या खाचरौद व बड़नगर तहसील के अंतर्गत 01 जनवरी 2015 से 5 फरवरी 2016 के मध्य पवन ऊर्जा परियोजना में कम्पनियों द्वारा बगैर सक्षम अधिकारी के समक्ष कार्यवाही कर भूमि परिवर्तन डायवर्सन नहीं कराते हुए विंड टरबाईन स्थापित की गई है? यदि हाँ, तो कौन-कौन सी कम्पनियों द्वारा कहाँ-कहाँ? (ख) भूमि परिवर्तन डायवर्सन करवाये बगैर कार्य प्रारंभ करने व विंड टरबाईन स्थापित करने वाली कितनी कम्पनियों के विरूद्ध राजस्व अधिकारियों द्वारा प्रकरण पंजीबद्ध किए गए और नियमों का उल्लंघन करने वाली कम्पनियों से कितनी राशि डायवर्सन शुल्क मय पेनाल्टी वसूल की गयी है? यदि नहीं, की गई तो क्यों? (ग) म.प्र. भू-राजस्व संहिता के प्रावधानों के विपरीत गौचर, चरनोई, निस्तार भूमि में रास्ता निर्माण करने व उनका उपयोग करने की अनुमति विंड टरबाईन स्थापित करने वाली कम्पनियों को खाचरौद बड़नगर तहसील में किन-किन गांवों में किस राजस्व अधिकारी द्वारा अनुमति दी गई है? आदेश दिनांक व प्रकरण में किन-किन गांवों में किस राजस्व अधिकारी द्वारा किस आदेश क्रमांक दिनांक से अनुमति दी गई है? (घ) नियम विरूद्ध कार्य करने वाली कम्पनियों व शासकीय अधिकारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई है?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
आंगनवाडि़यों में पोष्टिक आहार के वितरण में गुणवत्ता
104. ( क्र. 4293 ) श्री जितू पटवारी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आंगनवाडि़यों में एवं प्राथमिक विद्यालयों में बच्चों को विगत समय से सुगंधित मीठा दूध वितरित किया जा रहा है? यदि हाँ, तो कितने समय से एवं कितनी मात्रा में दूध बच्चों को प्रतिदिन दिया जाता है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार इंदौर जिले में प्रतिदिन कितना दुग्ध किस कंपनी से क्रय किया जा रहा है एवं कितना दूध आंगनवाडि़यों में एवं प्राथमिक विद्यालयों में सप्लाय किया जा रहा है? (ग) क्या दूध सप्लायर्स कंपनी द्वारा पावडर में अधिक मात्रा में पानी मिलाकर दूध का सप्लाय किये जाने के कारण सुगंधित दूध की मिठास कम होने की शिकायत आ रही है? यदि हाँ, तो विभाग द्वारा दूध सप्लायर्स के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई है एवं नहीं की गई है तो क्यों नहीं की गई है? (घ) प्रश्नांश (ग) का उत्तर नहीं में है तो पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा पत्र क्रं. 93/22/वि-9/एमडीएम/2016 दिनांक 20.01.2016 के माध्यम से प्रदेश के समस्त जिला पंचायतों सी.ई.ओ. को कार्यवाही करने को क्यों लिखा गया है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। आंगनवाडि़यों एवं प्राथमिक विद्यालयों में बच्चों को 15 जुलाई 2015 से नियमित रूप से सप्ताह में तीन दिवस (सोमवार, बुधवार एवं शुक्रवार) दूध प्रदाय किया जा रहा है। दूध पाउडर की मात्रा प्रति छात्र प्रतिदिन 10 ग्राम निर्धारित है, इससे 100 मि.ली. दूध तैयार कर बच्चों को दिया जाता है। (ख) इंदौर जिले में इंदौर सहकारी दुग्ध संघ मर्यादित द्वारा प्रतिमाह जिले की मांग अनुसार दुग्ध पावडर उपलब्ध कराया जा रहा है। माह 15 जुलाई 2015 से माह फरवरी 2016 तक आंगनवाडि़यों हेतु 51125 कि.ग्रा. एवं प्राथमिक शालाओं हेतु 53400 कि.ग्रा. दूध पावडर इंदौर सहकारी दुग्ध संघ मर्यादित द्वारा प्रदाय किया गया है। माह जुलाई 2015 से माह फरवरी 2016 तक आंगनवाड़ी एवं प्राथमिक शालाओं हेतु प्राप्त कुल दूध पाउडर की मात्रा विकासखण्डवार विवरण की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। इंदौर जिले में इंदौर सहकारी दुग्ध संघ मर्यादित द्वारा दूध पावडर के रूप में सप्लाय किया जाता है एवं शाला स्तर पर उसमें निर्धारित मात्रा में पानी मिलाकर दूध तैयार किया जाता है एवं कहीं से भी दूध में मिठास कम होने की शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जिले द्वारा प्रश्नांश (ग) में दिये जबाव अनुसार प्रश्न ही नहीं उठता है। शासन का पत्र क्र. 93/22/वि-9/ एमडीएम/2016 भोपाल दिनांक 20.01.2016 एक सामान्य स्मरण पत्र है, जो समस्त जिलों को मानक विधि से दूध तैयार करने हेतु जारी किया गया है।
शिवपुरी में संचालित डे-केयर सेंटर
105. ( क्र. 4341 ) श्री प्रहलाद भारती : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शिवपुरी जिले में वर्तमान में कुल कितना राशि निराश्रित निधि के खाते में जमा है? (ख) निराश्रित निधि से शिवपुरी जिले में पिछले तीन वित्तीय वर्षों में कुल कितनी धनराशि विभिन्न प्रकल्पों में व्यय की गयी है मदवार, ब्यौरा दें? (ग) क्या वर्तमान में इस निधि से डे-केयर सेंटर भी संचालित है यदि हाँ, तो शिवपुरी जिले में कहाँ-कहाँ इनका ब्यौरा दें तथा इन पर व्यय की गयी राशि का विवरण उपलब्ध करावें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) शिवपुरी जिले में वर्तमान में निराश्रित निधि की राशि रूपये 19.21 करोड़ जमा है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ग) शिवपुरी जिला मुख्यालय पर निराश्रित निधि से वृद्धाश्रम भवन में डे-केयर सेन्टर 26 जनवरी, 2014 से प्रारम्भ किया गया था। डे-केयर सेन्टर में वृद्धजन लाभान्वित न होने से केन्द्र की गतिविधियां बंद है, इसीलिए कोई राशि व्यय नहीं की गई है।
सहकारी केंद्रीय बैंकों व अपेक्स बैंको में भर्ती
106. ( क्र. 4342 ) श्री प्रहलाद भारती : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. स्थित 38 जिलों में सहकारी केंद्रीय बैंकों एवं अपेक्स बैंक में वर्तमान में रिक्त विभिन्न पदों की भर्ती हेतु क्या बैंकिंग भर्ती बोर्ड मुंबई के लिये कोई प्रस्ताव भेजा गया है या भेजे जाने की प्रक्रिया विचाराधीन है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या बैंकिंग भर्ती बोर्ड के माध्यम से होने वाली भर्तियों में आरक्षण नियमों का प्रावधान होगा? यदि हाँ, तो विवरण दें? (ग) बैंकों में प्रस्तावित भर्ती के दौरान क्या प्रदेश के अभ्यार्थियों को ही अवसर मिलेगा या राज्य के बाहर के अभ्यार्थियों के लिये यह भर्ती व्यवसायिक बैंकों की तरह खुली रहेगी? क्या दूसरे राज्यों में बाहरी प्रदेश के आवेदकों के लिये भर्ती प्रक्रिया में शामिल होने पर कोई प्रतिबंध है या नहीं?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) प्रदेश की जिला सहकारी केन्द्रीय बैंकों हेतु 1344 पद एवं अपेक्स बैंक हेतु 49 पदों की स्वीकृति जारी की गई है। भर्ती हेतु प्रस्ताव बैकिंग भर्ती बोर्ड मुंबई को भेजे जाने हेतु परीक्षणाधीन है। (ख) विधि विभाग के परामर्श तथा राज्य शासन के अनुमोदन उपरांत प्रदेश की सहकारी बैंकों में आरक्षण का प्रावधान लागू किया जा रहा है। बैंकों में मध्यप्रदेश आरक्षण अधिनियम 1994 के अनुसार आरक्षण नियम लागू किये जा रहे है तथा महिला/विकलांग/भूतपूर्व सैनिकों हेतु आरक्षण म.प्र. शासन के नियमों के अनुसार लागू किये जा रहे है। (ग) जिला बैंक तथा अपेक्स बैंक स्तर पर लिपिक वर्गीय पदों पर की जाने वाली सीधी भर्ती हेतु मध्यप्रदेश का मूल निवासी होने का प्रावधान लागू किया जा रहा है। अन्य पदों पर भर्ती हेतु ऐसी शर्त नहीं है। अन्य राज्यों में बाहरी प्रदेश के आवेदकों के लिये भर्ती प्रक्रिया में शामिल होने या न होने की जानकारी उपलब्ध नहीं है।
गोटेगांव अंतर्गत स्वीकृत निर्माण कार्य
107. ( क्र. 4369 ) डॉ. कैलाश जाटव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2012-13, 2013-14 एवं 2014-15 में विधान सभा क्षेत्र गोटेगांव जिला नरसिंहपुर अंतर्गत जनपद पंचायत गोटेगांव एवं जनपद पंचायत नरसिंहपुर में कौन-कौन से निर्माण कार्य स्वीकृत हुए है? सूची उपलब्ध करायें? (ख) प्रश्नांश (क) के तहत किन-किन कार्यों की कितनी राशि जारी की गई? सूची उपलब्ध करावें? (ग) प्रश्नांश (ख) के तहत जिन पंचायतों को राशि जारी की गई थी क्या उन पंचायतों में सभी कार्य पूर्ण हो चुके है? यदि नहीं, तो अधूरे निर्माण कार्य पूर्ण न होने का स्पष्ट कारण सहित सूची उपलब्ध कराये? (घ) क्या विधान सभा क्षेत्र गोटेगांव अंतर्गत समस्त ग्राम पंचायतों में शौचालय का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है? यदि हाँ, तो क्या उनका भुगतान पूर्ण हो चुका है एवं गुणवत्ता की जाँच के लिए जिन अधिकारियों को नियुक्त किया गया था उन्होंने कब-कब निरीक्षण किया एवं अनियमितताओं पर क्या कार्यवाही की गई? सभी अधिकारियों की निरीक्षण दिनांक सहित की गई कार्यवाही की जानकारी उपलब्ध करायें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के कॉलम 05 एवं 08 अनुसार। (ग) जी नहीं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के कॉलम 09 एवं 10 अनुसार। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
सर्प दंश से मृत्यु
108. ( क्र. 4393 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सुमावली विधान सभा मुरैना के ग्राम-हिगोना खुर्द में दिनांक 01.09.2015 को सर्प काटने से किसी भाई-बहन की मृत्यु हुई थी? (ख) क्या भाई-बहिन की मृत्यु का शव परीक्षा प्रतिवेदन (रिपोर्ट) दिनांक 01.09.2015 को ही कराया गया था तथा मृत्यु प्रमाण पत्र भी दिनांक 10.09.2015 को जारी किया गया था? प्रशासन द्वारा अभी तक क्या कार्यवाही प्रकरण में की गई? (ग) उक्त प्रकरण में मृतक परिवार को शासन द्वारा निर्धारित आर्थिक सहायता प्रदान की गई या नहीं?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) दिनांक 01.09.2015 को भाई-बहन की मृत्यु हुई थी, जो सर्प दंश से मृत्यु होना प्रमाणित नहीं है। (ख) जी हाँ। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में राजस्व पुस्तक परिपत्र 6-4 के अंतर्गत पात्र नहीं होने से सहायता राशि प्रदान नहीं की गई।
लोक सेवा केन्द्रों का रिन्यूवल
109. ( क्र. 4418 ) चौधरी चन्द्रभान सिंह : क्या परिवहन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या धार जिले में लोक सेवा केन्द्रों के रिन्यूवल के लिए जिला प्रबंधक द्वारा देरी की गई? लोक सेवा प्रबंधन विभाग भोपाल राज्य लोक सेवा अभिकरण भोपाल को भोपाल संभाग के किन-किन जिला प्रबंधकों के विरूद्ध भ्रष्टाचार की शिकायत प्राप्त हुई? इन शिकायतों पर क्या कार्यवाही की गई है? (ख) इन भ्रष्टाचार की शिकायतों की जाँच किसके द्वारा की जा रही है? अभी तक क्या कार्यवाही की गई हे? अगर शिकायत पेंडिंग है तो कौन अधिकारी जिम्मेदार है? उसके विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई है? (ग) विभाग में कार्यरत कर्मचारियों से संबंधित भ्रष्टाचार की शिकायतों के निराकरण के क्या नियम हैं? इन शिकायतों पर त्वरित कार्यवाही होती है या नहीं?
परिवहन मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : जी नहीं। भोपाल संभाग में भोपाल जिले के जिला प्रबंधक के विरूद्ध शिकायत प्राप्त हुई थी शिकायत में पता नहीं लिखे होने के कारण सामान्य प्रशासन विभाग मंत्रालय भोपाल के पत्र क्रमांक एफ।।-40/2014/एक/9 दिनांक 20/11/2014 के पालन में नस्तीबद्ध की गई है। (ख) प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) विभाग में कार्यरत कर्मचारियों से संबंधित भ्रष्टाचार की शिकायत प्राप्त होने पर नियमानुसार त्वरित कार्यवाही की जाती है।
उपयंत्रियों का मनरेगा में साक्षात्कार
110. ( क्र. 4485 ) श्री राजेन्द्र श्यामलाल दादू : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बी.आर.जी.एफ. योजना के बंद होने के उपरांत पद मुक्त उपयंत्रियों का मनरेगा योजना में नियुक्ति हेतु साक्षात्कार लिया गया था? यदि हाँ, तो साक्षात्कार दिनांक बतावें? उक्त साक्षात्कार का आज दिनांक तक परिणाम घोषित नहीं किये जाने का क्या कारण है? (ख) क्या हटाये गये सहायक परियोजना अधिकारियों को बिना साक्षात्कार मध्यान्ह भोजन योजना अंतर्गत वापस पदस्थ कर दिया गया है? (ग) क्या डी.पी.आई.पी. योजना बंद होने पर उक्त योजना के संविदा अमले को तत्काल अन्य योजना में समायोजन कर दिया गया? (घ) प्रश्नांश (ख) एवं (ग) यदि हाँ, तो बी.आर.जी.एफ. योजना के शेष रहे उपयंत्रियों एवं डाटा एन्ट्री आपरेटरों को किसी योजना में समायोजन क्यों नहीं किया गया? इसके लिए कौन दोषी है? संबंधित अमले का कब तक अन्य योजना में समायोजन किया जावेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। साक्षात्कार दिनांक 28.07.2015 है। कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार। (ख) जी नहीं। (ग) जी नहीं। डी.पी.आई.पी. परियोजना समाप्त होने के पश्चात परियोजना से संबंधित उपयुक्त सलाहकारों की सेवाएं मध्यप्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन में एक वर्ष हेतु संविदा पर अनुबंधित की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार। (घ) जानकारी उत्तरांश ‘‘ख‘‘ एवं ‘‘ग‘‘ अनुसार। शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
सेवानिवृत्ति उपरांत स्वत्वों का भुगतान
111. ( क्र. 4487 ) श्री राजेन्द्र श्यामलाल दादू : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में जनपद एवं जिला पंचायतों में 01 जनवरी, 2005 से पूर्व के नियुक्त है? कर्मचारियों को सेवानिवृत्त उपरांत शासकीय कर्मचारियों के समान कौन-कौन सी सुविधाएं दी जावेगी? कौन-कौन सी सुविधा प्राप्त नहीं होगी? (ख) क्या विगत कुछ वर्ष पूर्व, भोपाल में न्यू मार्केट स्थित समन्वय भवन में जनपद जिला पंचायत कर्मचारियों के सम्मेलन में तत्कालीन माननीय वित्त मंत्री एवं मान. पंचायत ग्रामीण विकास मंत्री द्वारा परिवार पेंशन, बीमा, मृत्यु अनुग्रह लाभ दिये जाने के संबंध में आश्वासन दिया गया था? (ग) यदि हाँ, तो उक्त कर्मचारियों को पारिवारिक पेंशन, बीमा, मृत्यु अनुग्रह लाभ दिये जाने हेतु कोई प्रक्रिया किसी स्तर पर कार्यवाही हेतु प्रचलित है? यदि नहीं, तो क्यों? शासकीय कर्मचारियों के समान पूरे जीवन काल कार्य संपादन करने वाले उक्त कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति उपरांत पारिवारिक पेंशन, बीमा, मृत्यु अनुग्रह का लाभ दिये जाने हेतु विसंगतियों को दूर कर किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ग) जी नहीं। जानकारी उत्तरांश ‘‘क‘‘ अनुसार। जिला एवं जनपद पंचायत के कर्मचारी, शासकीय कर्मचारी नहीं होने से शासकीय कर्मचारियों के समान सेवानिवृत्ति उपरांत, पारिवारिक पेंशन, बीमा मृत्यु अनुग्रह का लाभ आदि दिये जाने का कोई प्रावधान नहीं है और न ही शासन स्तर पर ऐसा कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।
नियम विरूद्ध किये गये स्थानान्तरण की जाँच
112. ( क्र. 4541 ) श्री रामलाल रौतेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित शाखा अमरपाटन जिला-सतना में वर्तमान में पदस्थ शाखा प्रबंधक का नाम व पदस्थ होने का दिनांक बतायें? (ख) प्रश्नाधीन शाखा प्रबंधक द्वारा अपने कार्यकाल के दौरान कितने समिति प्रबंधकों के स्थानांतरण किये गये? (ग) क्या स्थानांतरण नीति में समिति प्रबंधकों के स्थानांतरण के अधिकार शाखा प्रबंधक को प्रदाय किये गये हैं? यदि हाँ, तो स्थानान्तरण नीति की छायाप्रति प्रदाय करें? यदि नहीं, तो नियम विरूद्ध किये गये स्थानान्तरण निरस्त कर, प्रश्नाधीन शाखा प्रबंध के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जायेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) श्री बाबूलाल पटेल शाखा प्रबंधक के पद पर दिनांक 04.06.2012 से पदस्थ हैं। (ख) 11 आदेश में 19 स्थानांतरण/प्रभार के आदेश किये गये, जिनमें 01 समिति प्रबंधक का सात बार, 01 सहायक समिति प्रबंधक का पांच बार, 01 सहायक समिति प्रबंधक दो बार तथा अन्य 05 कैशियर/सहायक समिति प्रबंधक के एक-एक बार स्थानांतरण/प्रभार के आदेश किये गये हैं। (ग) जी नहीं। उत्तरांश ’’ख’’ में उल्लेखित स्थानांतरण/प्रभार के आदेश निरस्त कर दोषी शाखा प्रबंधक के विरूद्ध सेवानियम के अंतर्गत कार्यवाही किये जाने हेतु निर्देश दिये गये हैं।
शहडोल स्थित रिफ्यूजी क्वार्टर क्र. 26 का निपटान करना
113. ( क्र. 4557 ) श्री जय सिंह मरावी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला शहडोल के शहडोल मुख्यालय स्थित रिफ्यूजी क्वार्टर क्र. 29 की राशि शासन के आदेशानुसार जमा नहीं करने के कारण आदेश क्र. एफ-22-143/ 84/1/28 भोपाल दिनांक 24 दिसम्बर 1991 निरस्त किया गया? (ख) यदि नहीं, तो अभी तक निरस्त क्यों नहीं किया गया? कारण बताइये। (ग) प्रश्नाधीन क्वार्टर क्र.29 का वर्तमान बाजार मूल्य क्या है? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के परिप्रेक्ष्य में शासन को हो रही वित्तीय हानि के कारण उक्त क्वार्टर का निपटान खुली नीलामी द्वारा क्यों नहीं किया जा रहा है?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) से (घ) की जानकारी एकत्रित की जा रही है।
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना अंतर्गत पहुँच मार्ग का निर्माण
114. ( क्र. 4558 ) श्री जय सिंह मरावी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शहडोल जिले के विकासखण्ड बुढ़ार अंतर्गत जैतपुर से मिठौली मार्ग के स्वीकृति का वर्ष क्या है? इस मार्ग का कितना कार्य हो चुका है और कितना कार्य होना शेष है? (ख) प्रश्नाधीन मार्ग का निर्माण कार्य पूर्ण नहीं हो पाने का कारण क्या है तथा यह कार्य कब तक में पूर्ण करा लिया जावेगा? (ग) क्या विकासखण्ड बुढ़ार के ही खम्हरिया-कुम्हेडि़न मार्ग के ग्राम घुनघुटा तक पहुँच मार्ग निर्माण कराने का प्रस्ताव है? यदि हाँ, तो निर्माण कार्य कब तक में शुरू कराया जावेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) शहडोल जिले के विकासखण्ड बुढ़ार अंतर्गत जैतपुर से मिठौली मार्ग की स्वीकृति का वर्ष 2007-2008 है। इस मार्ग के 11.25 कि.मी. लंबाई में डामरीकरण का पूर्ण हो चुका है। शेष 6.73 कि.मी. लंबाई में कार्य होना शेष है। (ख) उत्तरांश (क) अनुसार शेष 6.73 कि.मी. लंबाई के एकरेखण में कुनक नदी पर तीन स्थानों पर पुलों का निर्माण लोक निर्माण विभाग द्वारा कराया जा रहा है। पुलों का निर्माण पूर्ण नहीं होने से उक्त सड़क की शेष लंबाई में कार्य पूर्ण नहीं कराया जा सका है। पुलों के निर्माण कार्य पूर्ण होने के पश्चात्अपूर्ण सड़क निर्माण कार्य को पूर्ण कराने की कार्यवाही की जावेगी। निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सोयाबीन तेल उत्पादन कारखानें
115. ( क्र. 4569 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. में सोयाबीन तेल उत्पादन के कितने सहकारी कारखानें स्थापित हैं? कितने कारखानें बंद स्थिति में है और कितने कारखानों में उत्पादन हो रहा है? (ख) क्या प्रदेश में सहकारिता विभाग के नियंत्रण में सोयाबीन तेल कारखानें हैं? यदि हाँ, तो उनकी वर्तमान स्थिति क्या है? यदि बंद हैं तो कब से और क्यों? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार कारखानें बंद हैं, तो क्या उन्हें फिर से चालू करने की दिशा में सरकार की क्या कार्ययोजना है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) 04. चारों कारखाने बंद स्थिति में हैं, चारों कारखानों में उत्पादन नहीं हो रहा है। (ख) जी नहीं, चारों कारखाने मध्यप्रदेश सहकारी सोसाइटी अधिनियम 1960 के अंतर्गत पंजीकृत म.प्र. राज्य सहकारी तिलहन उत्पादक संघ मर्या. भोपाल के स्वामित्व में हैं, उत्तरांश 'क' अनुसार कारखाना बानापुरा वर्ष 2004 से, पचामा सीहोर वर्ष 2004 से, उज्जैन वर्ष 1999 एवं छिंदवाड़ा वर्ष 2000 से बंद है, संस्था की आर्थिक सक्षमता न होने के कारण। (ग) जी हाँ, कोई कार्य योजना नहीं है।
संपूर्ण स्वच्छता अभियान में निर्मित शौचालय
116. ( क्र. 4570 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सीहोर में संपूर्ण स्वच्छता अभियान के तहत शौचालयों का निर्माण किया जा रहा है? यदि हाँ, तो शौचालय निर्माण के लिए हितग्राही चयन की क्या प्रक्रिया अपनाई गई? (ख) सीहोर जिले में विगत दो वर्ष से दिनांक से प्रश्न दिनांक तक कुल कितने शौचालय निर्मित किए जा चुके हैं और कितने अभी अधूरे हैं? (ग) क्या शौचालय निर्माण के लिए सीहोर जिले में हितग्राही चयन सूची से छूटे गए हैं? यदि हाँ, तो छूटे हितग्राहियों के लिए शासन की क्या योजना है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। हितग्राही चयन हेतु पात्रता की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) सीहोर जिले में कुल 43952 शौचालय निर्मित किये जा चुके है तथा 4927 शौचालय प्रगतिरत है। (ग) जी हाँ। योजनांतर्गत निर्धारित पात्रताधारी सभी हितग्राहियों को लाभान्वित की जाने की कार्यवाही की जा रही है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता
पंचपरमेश्वर एवं परफारमेंस ग्रांट योजना
117. ( क्र. 4586 ) श्रीमती अनीता नायक : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टीकमगढ़ एवं पन्ना जिले में पंच परमेश्वर योजना एवं परफारमेंस ग्रारंट योजना कब से लागू की गई? (ख) पंच परमेश्वर योजना एवं परफारमेंस ग्रांट योजना के अंतर्गत विगत दो वर्षों में ग्राम पंचायत, जनपद पंचायत, जिला पंचायत स्तर से स्वीकृत कार्यों की मार्गदर्शिका अनुसार स्वीकृत की गई कार्य की तकनीकी एवं प्रशासनिक स्वीकृति की जानकारी विधानसभा क्षेत्रवार बतावें? (ग) पंच परमेश्वर योजना एवं परफारमेंस ग्रांट योजना के अंतर्गत विगत दो वर्ष में टीकमगढ़ एवं पन्ना जिले को कितनी राशि प्राप्त हुई है एवं कितनी राशि व्यय की गई है विधान सभा क्षेत्रवार बतावें? (घ) क्या ग्राम पंचायत के प्रशासनिक स्वीकृति अनुसार कार्य कराने के निर्देश है? यदि हाँ, तो क्या मार्गदर्शिका अनुसार राशि स्वीकृत कर व्यय किया गया है? यदि नहीं, तो क्यों विधानसभा क्षेत्रवार बतावें? (ड.) क्या जनप्रतिनिधियों से प्राप्त प्रस्ताव के आधार पर एवं मार्गदर्शिका अनुसार तकनीकी एवं प्रशासकीय स्वीकृति दी गई है? यदि नहीं, तो क्यों?
पंचायत
मंत्री ( श्री
गोपाल भार्गव
) : (क) टीकमगढ़
एवं पन्ना
जिले में
पंच-परमेश्वर
योजना एवं
परफॉरमेन्स
ग्रांट योजना
वर्ष 2011-12
में लागू की
गई थी। (ख)
जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट
अनुसार। (ग) उत्तरांश ‘‘ख‘‘ अनुसार।
(घ) जी
हाँ। शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (ड.) जी
हाँ।
जनप्रतिनिधियों
से प्राप्त
प्रस्ताव के
आधार पर एवं
मार्गदर्शिका
अनुसार तकनीकी
एवं
प्रशासकीय
स्वीकृति दी
गई है।
मुख्यमंत्री कन्यादान योजना में अनियमितता
118. ( क्र. 4602 ) श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या गुना जिले के बमोरी विधान सभा क्षेत्र के बमोरी एवं गुना ब्लॉक में गत 5 वर्षों में मुख्यमंत्री कन्यादान योजना में विवाह (शादी) हेतु विभाग द्वारा सहायता प्रदान की थी? यदि हाँ, तो कितने विवाह हुये बतायें? (ख) गत 5 वर्षों में वर्षवार कितने विवाह (शादी) में आर्थिक सहायता कितने लोगों को दी थी वह जोड़े शासन की नीति अनुसार पात्र थे? (ग) यदि हाँ, तो कौन से वर्ष में सर्वाधिक शादी सम्पन्न करायी गयी थी उन शादियों में कितनी राशि प्रति जोड़े खर्च की? कितनी नगद राशि दी और उन शादियों में जो सामग्री खरीदी वह कौन से अधिकृत व्यापारियों से खरीदी थी कैसे वितरण की थी? (घ) क्या प्रश्नांश (क) के तहत हुई शादियों के पात्र एवं अपात्र शादी के जोड़ों का सूचीकरण कर सत्यापन करेंगे कि उन कन्याओं के विवाह हुये है कि नहीं यदि नहीं, तो उनके नाम पर भुगतान करने वाले कौन-कौन दोषी है? क्या उन पर कार्यवाही करेंगे?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। बमोरी ब्लॉक में 1662 तथा गुना ब्लॉक में 1648, इस प्रकार कुल 3310 विवाह विगत पाँच वर्षों में सम्पन्न हुए। (ख) जी हाँ। पात्र हितग्राहियों के ही विवाह सम्पन्न कराए गए। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ‘‘ अनुसार। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ब‘‘ अनुसार। (घ) सूचीकरण करने के पश्चात् सत्यापित पात्र कन्याओं के विवाह ही सम्पन्न कराये गये। शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण
119. ( क्र. 4606 ) श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग में संविदा पर पदस्थ अधिकारियों/कर्मचारियों को कब तक नियमित किया जावेगा? (ख) यदि कोई नियमितीकरण की नीति नहीं है तो कब तक तैयार की जावेगी? (ग) गुना जिले में मनरेगा योजना का पत्र क्र. 7070 के अंतर्गत संविदा अधिकारियों को अभी तक 01.04.14 से बढ़ा हुआ वेतन मानदेय क्यों नहीं दिया गया? (घ) क्या इस संबंध में दोषी अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही विभाग द्वारा की जावेगी और कब तक बढ़ा हुआ मानदेय दे दिया जायेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) विभाग में संविदा में पदस्थ अधिकारियों/ कर्मचारियों को नियमित किये जाने का कोई प्रावधान नहीं है। (ख) प्रश्नांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) मनरेगा प्रावधान के अंतर्गत प्रशासकीय मद 6 प्रतिशत की राशि में वित्तीय उपलब्धता न होने से संविदा अधिकारियों को दिनांक 01.04.2014 से बढ़ा हुआ मानदेय नहीं दिया जा सका है। (घ) प्रश्न उपस्थित नहीं होता एवं समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
श्मशान घाट की भूमि आरक्षित करना
120. ( क्र. 4625 ) श्री कैलाश चावला : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नीमच जिले के मनासा विधान सभा क्षेत्र में ग्राम पंचायतों, नागरिकों जनप्रतिनिधियों द्वारा अनुविभागीय अधिकारी राजस्व तहसीलदार मनासा को श्मशान घाट की भूमि आरक्षित किये जाने हेतु कितने आवेदन प्राप्त हुए? (ख) उक्त आवेदन पर प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई है?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) प्रश्नाधीन तहसील मनासा में कुल 3 ग्रामों कुकडेश्वर, पिपल्याघोटा व मुण्डी कोई आवेदन पत्र प्राप्त नहीं हुआ। तहसील रामपुरा के ग्राम देवरान में श्मशान भूमि आरक्षित करने का एक आवेदन प्राप्त हुआ है। (ख) तहसील रामपुरा के ग्राम देवरान में ग्राम पंचायत द्वारा पूर्व से श्मशान भूमि होने के कारण, अन्य श्मशान भूमि की आवश्यकता नहीं होने का अभिमत दिया गया है, अतः आवेदन निरस्त किया गया। शेष ग्रामों में प्राप्त आवेदन अनुसार श्मशान भूमि आरक्षित की जा चुकी है।
खेल मैदान हेतु भूमि आरक्षित करने
121. ( क्र. 4626 ) श्री कैलाश चावला : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्य प्रदेश शासन खेल एवं युवक कल्याण विभाग द्वारा शालाओं में खेलकूद को प्रोत्साहित करने हेतु खेल मैदान आरक्षित करने हेतु निर्देश दिये गये थे? (ख) उक्त निर्देशों के पालन में नीमच जिले के मनासा विधानसभा क्षेत्र में ग्रामीण क्षेत्र में कितने खेल मैदान आरक्षित करने हेतु कार्यवाही की गई?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) कुल 68 ग्रामों में खेल मैदान हेतु भूमि आरक्षित की जा चुकी है।
मनरेगा योजना संचालित
122. ( क्र. 4681 ) श्री योगेन्द्र सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में मनरेगा योजना कब से संचालित है योजना के प्रारंभ करने के पूर्व क्या इस हेतु पृथक से विभाग गठित किया गया था या नहीं? यदि इस योजना का पृथक से विभाग गठन किया गया था तो विभाग में पदों की संरचना क्या थी? (ख) मनरेगा योजना अंतर्गत ग्रामीण विकास द्वारा पदों पर नियुक्ति किस आधार पर की गई? क्या उस समय कर्मचारियों को प्रतिनियुक्ति से अथवा संविदा में लिया गया था यदि संविदा में पदस्थ किया गया था तो इनके नियमितीकरण हेतु क्या शासन विचार करेगा? (ग) संविदा में पदस्थ मनरेगा योजना में विभिन्न पदों को किसी अन्य विभाग में संविलियन किये जाने की क्या कोई योजना है अथवा विभाग इस दिशा में कोई कार्यवाही कर रहा है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) प्रदेश में मनरेगा योजना दिनांक 02/02/2006 से 18 जिले, दिनांक 01/04/2007 से 13 जिले एवं दिनांक 01/04/2008 से पूरे प्रदेश में लागू की गई है। जी नहीं, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अंतर्गत म.प्र. राज्य रोजगार गारंटी परिषद का गठन किया गया। स्वीकृत पदों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) मनरेगा योजना अंतर्गत ग्रामीण विकास विभाग द्वारा पदों पर नियुक्ति प्रतिनियुक्ति एवं संविदा आधार पर की गई थी। संविदा पर पदस्थ कर्मचारियों को नियमितीकरण हेतु प्रावधान नहीं हैं। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
ड्रिप ऐनीगेशन एवं स्प्रिंकलर सिंचाई के भौतिक सत्यापन
123. ( क्र. 4695 ) श्री के. के. श्रीवास्तव : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत तीन वर्षों में टीकमगढ़ जिले में ड्रिप ऐरीगेशन एवं स्प्रिंकलर सिंचाई पर किसानों को कितना अनुदान दिया गया? (ख) विगत 3 वर्षों में कितने किसानों को कितना अनुदान मिला? (ग) स्वीकृत उपरोक्त सिंचाई सिस्टम में प्रश्न दिनांक तक कितने सिस्टम कारगर होकर कार्यरत है? (घ) क्या विभाग इनके भौतिक सत्यापन हेतु कोई समिति गठित करेगा? हाँ, तो कब तक परीक्षण करा लेगा?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग द्वारा टीकमगढ़ जिले में ड्रिप इरीगेशन पर अनुदान नहीं दिया गया। स्प्रिंकलर पर राशि रू. 310.254 लाख का किसानों को अनुदान दिया गया। (ख) 2524 कृषकों को राशि रू. 310.254 लाख अनुदान मिला। विस्तृत जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'एक' अनुसार है। (ग) सभी 2524 स्प्रिंकलर सिस्टम कार्यशील है। (घ) वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी/कृषि विकास अधिकारी/ग्रामीण कृषि विकास अधिकारियों द्वारा शतप्रतिशत एवं अनुविभागीय कृषि अधिकारी द्वारा 10 प्रतिशत तथा उप संचालक कृषि द्वारा 5 प्रतिशत स्प्रिंकलर सेटों का भौतिक सत्यापन किया गया। विस्तृत जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'दो' अनुसार है।
प्रधानमंत्री सड़कों के निर्माण
124. ( क्र. 4700 ) श्रीमती प्रतिभा सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बरगी विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत विगत तीन वर्षों में कितनी एवं कौन-कौन सी प्रधानमंत्री सड़कें स्वीकृत है? विगत तीन वर्षों उक्त सड़कों के निर्माण निविदाएं कब स्वीकृत की गयी? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में सड़कों की निर्माण अवधि क्या थी? निर्धारित अवधि में कौन-कौन सी सड़कें पूर्ण हो चुकी हैं? कौन-कौन सी सड़कें निर्धारित अवधि में पूर्ण नहीं हुयी एवं क्यों? (ग) निर्धारित अवधि में निर्माण कार्य पूर्ण नहीं होने के लिए कौन-कौन से अधि. कर्म. दोषी है? अपूर्ण सड़कों का निर्माण कब तक पूर्ण होगा? विगत 3 वर्षों की सड़कवार प्रगति एवं जानकारी दें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) बरगी विधानसभा क्षेत्र में विगत तीन वर्षों में 21 सड़कें प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत स्वीकृत हुई है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) ठेकेदार द्वारा धीमी गति से कार्य कराने के कारण निर्धारित अवधि में कार्य पूर्ण नहीं हुये है जिसके लिये ठेकेदारों के चलित देयकों से राशि काटी जा रही है, अतः विभाग के अधिकारियों के दोषी होने का प्रश्न नहीं है। अपूर्ण सड़कों को पूर्ण कराने का प्रयास किया जा रहा है, पूर्णता की निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
होटल उद्योगों के द्वारा शासकीय भूमि पर अतिक्रमण
125. ( क्र. 4753 ) श्री अनिल जैन : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र निवाड़ी अंतर्गत ओरछा तहसील के ग्राम सावंतनगर के खसरा नंबर-1 एवं 2/2 में शासकीय भूमि का रकबा बतायें तथा इसमें से निजी व्यक्तियों द्वारा होटल, रास्ता आदि एवं अन्य अशासकीय प्रयोजन में कितना रकबा उपयोग किया जा रहा है तथा कितना मौके पर शेष रह गया है? साथ ही इस शासकीय भूमि को निजी उपयोग में किये जाने की अनुमति किस आदेश के द्वारा किसे और कब दी गयी? (ख) प्रश्नांश (क) में शासकीय भूमि पर किये जा रहे अनाधिकृत उपयोग क्या अतिक्रमण की श्रेणी में आते हैं? यदि हाँ, तो अतिक्रमणकर्ताओं के विरूद्ध अब तक क्या कार्यवाही की गयी है? यदि नहीं, तो इस अतिक्रमण को कब तक हटाया जायेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) खसरा नं. 1 रकवा 2.881 हेक्टेयर शासकीय नाला एवं खसरा नं. 2/2 रकवा 1.819 हेक्टेयर शासकीय पठार दर्ज है। उक्त शासकीय भूमि के सीमांकन हेतु तहसील स्तर के तथा जिला स्तर से दल गठित किया गया। खसरा नं. 1 नाला में पानी भरा है तथा खसरा नम्बर 2/2 के आसपास फसल खड़ी है। ई.टी.एस. मशीन से सीमांकन किये जाने हेतु मुस्तिकिल सीमांक चिन्ह अत्यधिक दूर स्थित होने तथा फसल खड़ी होने तथा बीच में पेड़ व झाड़ खड़े होने के कारण सीमांकन किया जाना संभव नहीं हो रहा है जिससे वर्तमान में शासकीय भूमि पर अन्य अशासकीय प्रयोजन में उपयोग किये जाने के संबंध में वस्तुस्थिति स्पष्ट नहीं हो सकी है। मौके पर फसल कटने के बाद सीमांकन उपरान्त स्थिति स्पष्ट हो सकेगी। शासकीय भूमि को निजी उपयोग करने की अनुमति देने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) सीमांकन पश्चात् यदि अतिक्रमण पाया जाता है तो नियमानुसार कार्यवाही की जाकर अतिक्रमण हटाया जायेगा।
वृद्धा अवस्था पेंशन
126. ( क्र. 4785 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या 01 मार्च, 2014 से प्रश्न दिवस तक जिला रीवा की ग्राम पंचायत सगरा में वृद्धा अवस्था पेंशन का भुगतान हितग्राही नागरिकों का नाम होने के उपरांत भी भुगतान नहीं किये जा रहे है, जबकि इसका भुगतान बैंक से किया जाता है? इसके साथ ही 80 व 90 उम्र के हितग्राहियों को प्रश्नांकित अवधि के मध्य तक भुगतान न होने वालों की सूची व कारण बताएं? (ख) ग्राम पंचायत सगरा ब्लाक-रायपुर करचुलियान जिला रीवा संबंधित अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध इस वृद्धावस्था पेंशन भुगतान में अनियमितता करने पर शासन ने क्या कार्यवाही की है व दोषियों को क्या सजा दी गई है? यदि नहीं, तो क्या कार्यवाही की जावेगी? (ग) प्रश्नांकित हितग्राहियों को शासन द्वारा अतिशीघ्र कब तक वृद्धावस्था पेंशन का भुगतान करा दिया जावेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं सभी हितग्राहियों को पेंशन का भुगतान समय-सीमा में किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) उत्तरांश ‘‘क‘‘ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश ’’क’’ एवं ’’ख’’ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सार्वजनिक कूप निर्माण कपिल धारा कूप निर्माण
127. ( क्र. 4790 ) श्री कल सिंह भाबर : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) थान्दला विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2013-14 से दिनांक 31.01.2016 तक कुल कितने सार्वजनिक कूप निर्माण कार्य स्वीकृत किये गये है? क्या ऐसे सभी कूप निर्माण शासकीय भूमि में ही प्रस्तावित किये गये है? (ख) क्या ऐसे सभी कुओं पर सार्वजनिक कुओं की पट्टिका लगा दी गई है? इन सभी कार्यों की वर्ष 2013-14 से दिनांक 31.01.2016 तक की वर्षवार जनपद पंचायतवार स्वीकृत पूर्ण तथा अपूर्ण स्थिति की संख्यात्मक जानकारी देवें? (ग) थांदला विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत विभिन्न ग्राम पंचायतों में कपिलधारा उपयोजना के अंतर्गत प्रश्नांश (क) की अवधि में वर्षवार जनपद पंचायतवार स्वीकृत पूर्ण तथा अपूर्ण स्थिति की संख्यात्मक जानकारी देवें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) थान्दला विधानसभा क्षेत्र में मनरेगा अंतर्गत वर्ष 2013-14 से दिनांक 31.01.2016 तक कुल 174 सार्वजनिक कूप निर्माण स्वीकृत किये गये हैं। जी हाँ। समस्त कूप शासकीय भूमि एवं शासन को दान में प्राप्त भूमि में ही खोदे गए है। (ख) जी हाँ। वर्ष 2013-14 से दिनांक 31.01.2016 तक वर्षवार, जनपद पंचायतवार स्वीकृत, पूर्ण तथा अपूर्ण स्थिति की संख्यात्मक जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'एक' पर है। (ग) थांदला विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत प्रश्नांश (क) की अवधि में ग्राम पंचायतों में कपिलधारा उपयोजना के अंतर्गत वर्षवार, जनपद पंचायतवार स्वीकृत, पूर्ण तथा अपूर्ण स्थिति की संख्यात्मक जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'दो' पर अनुसार है।
निर्मित/निर्माणाधीन सड़कों के निर्माण में अनाधिकृत
128. ( क्र. 4831 ) श्री रामसिंह यादव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शिवपुरी जिले में विगत 03 वर्षों में मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत बनाई गई सड़कों के निर्माण में सड़क के दोनों ओर किसानों के खेतों से मिट्टी लेकर खाइयों में तबदील कर दिया गया है? यदि हाँ, तो क्या डी.पी.आर. में इस प्रकार का प्रावधान था? यदि नहीं, तो किसान के खेतों की मिट्टी का अनाधिकृत रूप से उपयोग करने पर क्या कार्यवाही कब तक की जाएगी? (ख) क्या उक्त सड़कों के दोनों ओर किसानों की भूमि पर निर्मित बड़ी खाइयों का भराव कराकर समतलीकरण किया जाएगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? किसानों के खेतों में बनी खाइयों कौन कब तक भर जाएगा? (ग) क्या शिवपुरी जिले में उक्त अवधि में निर्मित सड़कों पर बाहर से मिट्टी लाकर लेअर वाइस मिट्टी उपयोग की गई है? यदि हाँ, तो इसकी कुटाई का परीक्षण किस-किस मार्ग का किस अधिकारी द्वारा किया गया? (घ) क्या उक्त मार्गों के तकनीकी परीक्षण हेतु कंसलटेंसी का प्रावधान था? यदि हाँ, तो फीस भुगतान के बावजूद अमानक स्तर की सड़कें कैसे बनाई गई तथा कंसलटेंसी द्वारा कब-कब, किस-किस रोड का परीक्षण किया और क्या-क्या कमी पाई गई? कमियों को दूर करने हेतु क्या-क्या निर्देश किस-किस को दिए गए?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत सड़क के बाजू में शासकीय भूमि पर उचित गुणवत्ता की मिट्टी उपलब्ध न होने पर आवश्यकतानुसार बाहर से मिट्टी लाई जाकर लेयरवाईज उपयोग की गई है। कुटाई के परीक्षण संबंधी मार्गवार एवं अधिकारीवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जी हाँ। सड़कें निर्धारित मानकों के अनुसार निर्माण की गई। कंसल्टेंसी के स्टॉफ द्वारा प्रत्येक मार्ग के निर्माण कार्य की प्रगति के दौरान परीक्षण किया गया। पाई गई कमियों को यथासमय प्रगति के दौरान ही सुधार कराया गया। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कोलारस एवं बदरवास तहसील कार्यालय नवीन भवन में अविलंब स्थानांतरित
129. ( क्र. 4832 ) श्री रामसिंह यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि शिवपुरी जिले के अंतर्गत कोलारस एवं बदरवास में नवीन तहसील भवन बनकर तैयार है? यदि हाँ, तो उक्त भवन कितनी लागत से किस निर्माण एजेंसी द्वारा निर्मित, कब से तैयार है? निर्माण एजेंसी द्वारा उक्त भवनों को राजस्व विभाग को कब हैंडओवर किया गया? (ख) उक्त नवीन तहसील भवनों में तहसील कार्यालय अभी तक क्यों स्थानांतरित नहीं किए गए? उक्त नवीन तहसील भवनों में नवीन विद्युत कनेक्शन किए जाने हेतु संबंधित तहसीलदारों द्वारा विद्युत विभाग में कब आवेदन प्रस्तुत किए? यदि आवेदन प्रस्तुत नहीं किए तो क्यों? कारण सहित बताएं? (ग) उक्त दोनों तहसील कार्यालय नवीन तहसील भवनों में कब तक स्थानांतरित कर दिए जाएंगे? क्या प्रश्नकर्ता द्वारा तहसील कार्यालय नवीन भवन में स्थानांतरित करने हेतु पत्र लिखा था? यदि हाँ, तो उक्त पत्र पर क्या कार्यवाही की गई? (घ) उक्त दोनों तहसील कार्यालयों के नवीन भवनों में वर्तमान में क्या-क्या नुकसान हुआ है? तहसील कार्यालय लगभग 02-03 वर्षों तक नवीन भवनों में क्यों स्थानांतरित नहीं किए गए?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। कोलारस तहसील भवन की लागत रूपये 38.00 लाख एवं बदरवास तहसील भवन की लागत रूपये 35.00 लाख है। निर्माण एजेंसी लोक निर्माण विभाग हैं। निर्माण एजेंसी द्वारा कोलारस तहसील भवन मार्च, 2015 में तथा बदरवास तहसील भवन फरवरी, 2015 में राजस्व विभाग को आधिपत्य दिया गया है (ख) तहसील कार्यालय, कोलारस को नवीन भवन में स्थानांतरित किया जा चुका है। तहसील कार्यालय, बदरवास को अतिशीघ्र नवीन भवन में स्थानांतरित करने की व्यवस्था बनाई जा रही है। तहसीलदार कोलारस द्वारा दिनांक 23.03.2015 को विद्युत विभाग को आवेदन दिया गया है तथा तहसीलदार बदरवास को विद्युत विभाग द्वारा दिनांक 29.09.2015 को विद्युत व्यवस्था के लिये ऐस्टीमेट प्रस्तुत किया गया है। (ग) तहसील कार्यालय, कोलारस को नवीन भवन में स्थानांतरित किया जा चुका है। तहसील कार्यालय, बदरवास को भी अतिशीघ्र नवीन भवन में स्थानांतरित कर दिया जायेगा प्रश्नकर्ता द्वारा तहसील कार्यालय नवीन भवन में स्थानांतरित करने हेतु लिखे गये पत्र के उपरांत तहसील कार्यालय, कोलारस को नवीन भवन में स्थानांतरित किया गया हैं। (घ) कोई नुकसान नहीं हुआ हैं। विद्युत व्यवस्था तथा अन्य आवश्यक सुविधाएं न होने के कारण नवीन भवनों में स्थानांतरण में विलंब हुआ हैं।
जूनियर डाटा एन्ट्री ऑपरेटरों से कार्य
130. ( क्र. 4856 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. में कुछ जिलों में ई-खसरा परियोजना से खसरा एवं बी-1 की नकल प्रदाय करने का कार्य प्रायवेट कम्पनी को दे दिया गया है? यदि हाँ, तो क्या भविष्य में प्रदेश के सभी जिलों में प्रायवेट कंपनी को यह कार्य दे दिया जायेगा? (ख) यदि पूरे प्रदेश में संपूर्ण कार्य प्रायवेट कंपनी को दे दिया जायेगा? तो फिर जूनियर डाटा एन्ट्री ऑपरेटरों के पास क्या कार्य रहेगा? क्या इनको किसी दूसरे विभागीय पद या अन्य विभाग में संविलियन किया जायेगा? यदि हाँ,तो क्या प्रक्रिया चल रही है?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ, ई-खसरा परियोजना से खसरा एवं बी-1 की नकल प्रदाय करने का कार्य खुली निविदा के आधार पर प्रायवेट कम्पनी को दे दिया गया है। इसे सभी जिलो में लागू किया जाएगा। (ख) कम्पनी को यह कार्य P.P.P. Boot Model पर 5 वर्षों के लिए दिया गया है। डाटा अद्यतन का कार्य पूर्व की भांति अभी भी विभागीय अमले को करना है। इससे जूनियर डाटा एन्ट्री आपरेटर का कार्य यथावत रहेगा। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
जूनियर डाटा एन्ट्री ऑपरेटरों की पदोन्नति
131. ( क्र. 4857 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आयुक्त भू-अभिलेख एवं बंदोबस्त म.प्र. ग्वालियर के अंतर्गत जूनियर डाटा एन्ट्री ऑपरेटरों के कितने पद स्वीकृत है वर्तमान में कितने पद भरे है? जिलेवार जानकारी देवें? (ख) जूनियर डाटा एन्ट्री ऑपरेटरों की पदोन्नति की क्या प्रक्रिया है तथा इनकी पदोन्नति किस पद पर की जाती है? (ग) दिनांक 01.01.2016 तक कितने जूनियर डाटा एन्ट्री ऑपरेटरों की पदोन्नति की गई है? ऐसे कितने डाटा एन्ट्री ऑपरेटर है, जिनकी पदोन्नति होना थी और नहीं हुई है?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) आयुक्त भू-अभिलेख एवं बन्दोबस्त के अंतर्गत जूनियर डाटा एन्ट्री आपरेटर के 457 पद स्वीकृत है। वर्तमान में 394 पद भरे है। जिलेवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) भरती नियमानुसार 5 वर्ष का भू-अभिलेख कम्प्यूटरीकरण कार्य का अनुभव रखने वाले जूनियर डाटा एन्ट्री आपरेटर की पदोन्नति डी.पी.सी. द्वारा डाटा एन्ट्री आपरेटर पद पर की जाती है। (ग) विभाग में डाटा एन्ट्री आपरेटर के 81 पदों के विरूद्ध प्रश्नांश दिनांक तक 28 पद भरे हुये है। शेष 53 पदों पर पदोन्नति की कार्यवाही प्रचलित है, निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
अमानक खाद निर्माताओं के खिलाफ कार्यवाही
132. ( क्र. 4870 ) श्री हर्ष यादव : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिले में वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में सिंगल सुपर फास्फेट के कितने नमूने लेकर उर्वरक गुण नियंत्रण प्रयोगशाला में भेजे गये? कितने के परिणाम प्राप्त हुये है इनमें से कितने नमूने अमानक पाये गये है? निर्माता कंपनी का नाम सहित बतावें? (ख) सिंगल सुपर फास्फेट के नमूना में न्यूनतम कितने प्रतिशत तक तत्व पाये जाने पर मानक माना जाता है? बतलावें? (ग) अमानक सिंगल सुपर फास्फेट विक्रय करने वाले विक्रेताओं के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जाती है? (घ) उक्त अवधि में सागर जिले में अमानक पाये गये सिंगल सुपर फास्फेट के विक्रेताओं के विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गई? बतलावें?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) सिंगल सुपर फास्फेट के वर्ष 2014-15 में 46 एवं 2015-16 में 39 नमूने, इस प्रकार कुल 85 नमूने परीक्षण हेतु प्रयोगशाला में भेजे गये, जिनमें से सभी 85 नमूनों के परीक्षण परिणाम प्राप्त हो गये हैं। वर्ष 2014-15 में 3 नमूने एवं 2015-16 में 5 नमूने अमानक पाये गये हैं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'एक' अनुसार है। (ख) निर्धारित प्रतिशत से 0.5 प्रतिशत तक कम तत्व पाये जाने पर भी नमूना मानक स्तर का माना जाता है। (ग) उर्वरक (नियंत्रण) आदेश 1985 के प्रावधान अनुसार संबंधितों के विरूद्ध कार्यवाही की जाती है। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'दो' अनुसार है।
जिला सागर में भ्रष्टाचार की जाँच
133. ( क्र. 4872 ) श्री हर्ष यादव : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2015 में प्रमुख सचिव किसान कल्याण एवं कृषि विकास विभाग ने जिला सागर में कृषि योजनाओं में हुए भ्रष्टाचार की जाँच उच्च स्तरीय समिति से कराने के निर्देश दिये थे? जाँच कब हुई? समिति के सदस्यों के नाम एवं शासकीय पदनाम, पदस्थापना स्थान की जानकारी दें? (ख) क्या समिति ने रिपोर्ट पेश कर दी है? नहीं तो क्यों? कारण बतावें? यदि रिपोर्ट पेश कर दी हो तो प्रति उपलब्ध करावें? (ग) जाँच में कौन-कौन से शासकीय सेवक दोषी पाए गए हैं? उन पर क्या कार्यवाही की गई? नहीं की गई तो क्यों? कब तक की जावेगी? (घ) वर्तमान वर्ष 2015-16 सहित विगत तीन वर्षों में सागर जिले में भ्रष्टाचार के कौन-कौन से मामले विभाग में संज्ञान में आए हैं? सभी पर कार्यवाही क्यों नहीं की गई? कब तक की जावेगी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ। म.प्र.शासन, किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग, मंत्रालय के आदेश क्रमांक एफ- 4ए/22/2015/14-1, दिनांक 21 जुलाई 2015 के माध्यम से विगत तीन वर्षों की सघन जाँच कराने के निर्देश दिये गये थे। जाँचदल द्वारा जाँच दिनांक 31 अगस्त 2015 से 4 सितम्बर 2015 तक हुई, समिति के सदस्यों के नाम, पद एवं स्थापना की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) समिति द्वारा प्रारंभिक जाँच प्रतिवेदन प्रबंध संचालक, म.प्र. राज्य बीज एवं फार्म विकास निगम भोपाल के पत्र क्रमांक एच.ओ./ एफ.ए.ए./3920, दिनांक 22.09.2015 के माध्यम से शासन को प्रस्तुत की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) जाँच में श्री एम.एल.चौहान, तत्कालीन उप संचालक, किसान कल्याण तथा कृषि विकास जिला सागर वर्तमान में जिला नीमच में पदस्थ है, दोषी पाये गये है। श्री चौहान के विरूद्ध म.प्र.शासन, किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग के पत्र क्रमांक एफ 4ए/22/ 2015/14-1, दिनांक 4.12.2015 के द्वारा आरोप पत्र जारी किया गया है। कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (घ) वर्तमान में वर्ष 2015-16 सहित विगत तीन वर्षों में सागर जिले में प्रश्नांश ''क'' ''ख'' एवं ''ग'' के उत्तर में उल्लेखित के अतिरिक्त प्राप्त शिकायतों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'द' अनुसार है।
कृषि विपणन बोर्ड सागर द्वारा निर्माण कार्य
134. ( क्र. 4886 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कृषि विभाग के अंतर्गत म.प्र. कृषि विपणन बोर्ड जिला सागर को वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में निर्माण कार्य हेतु कब-कब कितनी राशि प्राप्त हुई? (ख) सागर जिले में वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में प्राप्त राशि किन-किन निर्माण कार्य/ मजबूतीकरण कार्य/सड़क निर्माण कार्य/अन्य कार्यों में खर्च की गई? विधानसभा क्षेत्रवार जानकारी देवें? (ग) सागर जिले में वर्ष 2015-16 में नरयावली विधानसभा क्षेत्र के कौन-कौन से सड़क निर्माण कार्य/मजबूतीकरण/अन्य कार्य विभाग में प्रस्तावित है एवं स्वीकृति हेतु प्राक्कलन लंबित है?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) वर्ष 2014-15 एवं वर्ष 2015-16 में किसान सड़क निधि तथा मंडी बोर्ड की निधि से निर्माण कार्यों हेतु प्राप्त हुई राशि की वर्षवार/तिथिवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) उत्तरांश "क" अनुसार प्राप्त राशि सागर जिले के अंतर्गत मंडी एवं उपमंडी के विकास कार्यों में खर्च की गई है, जिसकी वर्षवार तथा विधानसभा क्षेत्रवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। म.प्र. राज्य कृषि विपणन बोर्ड आंचलिक कार्यालय सागर, जिला सागर द्वारा मजबूतीकरण कार्य एवं सड़क कार्यों पर प्रश्नांकित वर्षों में राशि खर्च नहीं की गई है। (ग) म.प्र. राज्य कृषि विपणन बोर्ड, आंचलिक कार्यालय सागर जिला सागर में वर्ष 2015-16 में नरयावली विधानसभा क्षेत्र में सड़क निर्माण कार्य/मजबूतीकरण/अन्य कार्य प्रस्तावित नहीं होने से शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
वसूली भृत्य प्रोसेस सर्वरों को नियमित करना
135. ( क्र. 4887 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वसूली भृत्य प्रोसेस सर्वरों को मात्र 06 माह के लिये ही नियुक्त किया जाता है एवं विभाग के अन्य भृत्यों की तरह कार्य लिये जाते हैं? (ख) यदि हाँ, तो राजस्व विभाग में कार्यरत वसूली भृत्यों के हितों को ध्यान में रखते हुये इनका नियमितीकरण/संविदा पर रखे जाने हेतु विभाग की कोई योजना है?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ, जी नहीं। (ख) जी नहीं।
ग्रामीण विकास योजना हेतु बैंक एकाउंटिंग व्यवस्था
136. ( क्र. 4903 ) श्री कमल मर्सकोले : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश शासन पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा योजनाओं के क्रियान्वयन हेतु एक बैंक एकाउंटिंग व्यवस्था लागू की गई है? क्या यह व्यवस्था जिला पंचायत सिवनी में भी प्रभावशील है? (ख) जिला पंचायत सिवनी में ग्रामीण विकास हेतु लागू समस्त योजनाओं की वित्तीय व्यवस्था संधारण के लिए किन-किन योजनाओं के एकाउन्ट किन-किन बैंकों में खोले गये हैं? (ग) आज की स्थिति में जिला पंचायत सिवनी अंतर्गत योजनाओं के किस-किस बैंक के खाते में कितनी-कितनी राशि उपलब्ध है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। (ख) एवं (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार।
फसल बीमा की राशि का भुगतान
137. ( क्र. 4942 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला राजगढ़ की विधानसभा क्षेत्र सारंगपुर अंतर्गत दिनांक 13, 14 एवं 15 मार्च 2015 को ओलावृष्टी से किस-किस ग्रामों में किसानों की रवी फसल नष्ट हुई थी? जिसके एवज में किस-किस ग्रामों में किसानों को खाद्यान्न वितरण एवं मुख्यमंत्री कन्यादान योजनांतर्गत पात्र हितग्राहियों को लाभांवित किया गया? ग्रामों के नाम बतायें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार दर्शित ग्रामों की अनावारी राजस्व विभाग, कृषि विभाग एवं बीमा कंपनी द्वारा कितने-कितने प्रतिशत आंकलित की गयी थी? (ग) क्या तहसील पचोर के पटवारी हल्का नं. 23 के ग्राम रोस्या, कल्याणपुर में अनावारी का प्रतिशत राजस्व विभाग, कृषि विभाग एवं बीमा कंपनी द्वारा कितना आंकलित किया गया था? (घ) यदि हाँ, तो क्या प्रश्नकर्ता द्वारा तत्कालीन तहसीलदार एवं कलेक्टर राजगढ़ को पत्र द्वारा अवगत कराये जाने के बाद तत्कालीन सक्षम अधिकारी द्वारा क्या कार्यवाही की गई? क्या वर्ष 2014-15 में रवी फसल की अनावारी/क्रॉप कटिंग के मान से बीमा राशि का लाभ कब तक प्रदाय किया जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
मनरेगा उपयंत्रियों का स्थानान्तरण
138. ( क्र. 4946 ) श्री पुष्पेन्द्र नाथ पाठक : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन द्वारा मनरेगा उपयंत्रियों को एक जनपद पंचायत से अन्य विधान सभाओं की दूसरी जनपद पंचायतों में स्थानान्तरण करने की विभाग की क्या योजना है? (ख) प्रश्नांश (क) के आधार पर टीकमगढ़ जिले की जनपद पंचायतों में ऐसे कौन-कौन से मनरेगा के उपयंत्री है जो 3 वर्ष से अधिक एवं पदस्थापना दिनांक से प्रश्न दिनांक तक उसी जनपद पंचायत में पदस्थ हैं? उनके नाम, पद, पदस्थापना दिनांक एवं पता सहित बतावें? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के आधार पर बतायें कब तक ऐसे उपयंत्रियों का स्थानांतरण करके अन्य विधान सभाओं की जनपद पंचायतों में पदस्थ कर दिया जावेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) संविदा पर पदस्थ उपयंत्रियों हेतु विधान सभावार जनपद पंचायतों में स्थानांतरण की कोई योजना नहीं है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सूखा राहत राशि का मुआवजा
139. ( क्र. 4947 ) श्री पुष्पेन्द्र नाथ पाठक : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टीकमगढ़ जिले की जतारा विधान सभा क्षेत्र एवं छतरपुर जिले की विजावर विधान सभा क्षेत्र के कितने किसानों को सूखा राहत राशि का मुआवजा उनके खातों में भेजा जा चुका है? (ख) प्रश्नांश (क) के आधार पर ऐसे कितने किसान है जिन किसानों को प्रश्न दिनांक तक सूखा राहत राशि का मुआवजा उनके खातों में नहीं भेजा गया है? (ग) छूटे हुए किसानों को सूखा राहत राशि का मुआवजा उनके खातों में कब तक भेज दिया जावेगा और नहीं तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) टीकमगढ़ जिले की जतारा विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2015-16 में अवर्षा/सूखा से खरीफ फसलों को हुई क्षति के कारण 48082 कृषकों को सूखा राहत राशि उनके बैंक खातों के माध्यम से भुगतान की जा चुकी है। छतरपुर जिले की विजावर क्षेत्रांतर्गत कुल 35499 कृषकों को राहत राशि उनके बैंक खाते में अंतरित की जा चुकी है। (ख) टीकमगढ़ जिले के जतारा विधानसभा क्षेत्र के 50825 कृषकों को सूखा राहत राशि का भुगतान किया जाना शेष है। (ग) बजट प्रावधान होने पर शेष प्रभावित कृषकों को राहत राशि का भुगतान किया जायेगा।
सुवासरा विधान सभा क्षेत्र में कपिलधारा कूप निर्माण
140. ( क्र. 4955 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सुवासरा विधान सभा क्षेत्रांतर्गत विकासखण्ड सीतामऊ एवं गरोठ में पात्र व्यक्तियों को कपिलधारा कुएं के निर्माण हेतु अलग-अलग नियम होने के क्या कारण है? (ख) सुवासरा विधान सभा क्षेत्र में विगत 05 वर्षों में पानी को रोकने एवं जल स्तर में वृद्धि करने के लिए क्या-क्या प्रयास किये गये हैं? (ग) सुवासरा विधान सभा क्षेत्र में विगत 05 वर्षों में जल स्तर में कितनी वृद्धि हुई है वर्षवार जानकारी देवें? (घ) सुवासरा विधान सभा क्षेत्र कि विकासखण्ड सीतामऊ में यदि जल स्तर में वृद्धि हुई है तो पात्र व्यक्ति की जमीन (खातेदार) को कपिलधारा कुंआ का लाभ क्यों नहीं दिया जा रहा या कब तक दिया जावेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) विकासखण्ड सीतामऊ एवं गरोठ में पात्र हितग्राही की निजी भूमि पर कपिलधारा कूप निर्माण की स्वीकृति के नियम अलग होने का कारण यह है कि जल संसाधन विभाग द्वारा जारी भू-जल पुनर्आंकलन प्रतिवेदन 2013 के आधार पर विकासखण्ड सीतामऊ अति दोहन क्षेत्र तथा विकासखण्ड गरोठ सुरक्षित क्षेत्र में आने से महात्मा गांधी नरेगा गाईड लाईन 2013 के पैरा 7.3.9 संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार प्रक्रिया निर्धारित है। (ख) महात्मा गांधी नरेगा, वॉटरशेड, पंचपरमेश्वर योजनाओं के तहत जल संरक्षण एवं संवर्धन संरचनाओं का निर्माण कराया जाकर पानी को रोकने एवं जल स्तर में वृद्धि के प्रयास किये गये हैं। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (घ) विकासखण्ड सीतामऊ को सक्षम विभाग द्वारा अतिदोहित क्षेत्र से सुरक्षित क्षेत्र घोषित होने के उपरांत ही पात्र हितग्राही को सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराई जा सकेगी।
सूखा राहत राशि के वितरण
141. ( क्र. 4970 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले की चंदला विधानसभा क्षेत्र के तहसील गौरिहार, चंदला, लवकुश नगर में वर्ष 2015-16 में सूखा राहत राशि के वितरण का क्या मापदण्ड रहा? फसल के आधार पर या जमीन के आधार पर, विवरण सहित बतावें। (ख) क्या सूखा राहत राशि वितरण के समय कृषकों को राशि फसल के आधार पर वितरण नहीं की गयी? (ग) यदि हाँ, तो नियम विरूद्ध राहत राशि वितरण करने वाले अधिकारी/कर्मचारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गयी? यदि नहीं, तो कब तक की जावेगी? (घ) यदि वितरण फसल के आधार पर किया गया तो बी-1 की नकल के अनुसार लाभांवित कृषकों की संख्या ग्रामवार वितरण की राशि फसल का नाम सहित सूची उपलब्ध करावें?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) खरीफ फसल क्षति के लिए राहत राशि का वितरण राजस्व पुस्तक परिपत्र 6-4 में दिये गये प्रावधानानुसार किया गया। (ख) राजस्व पुस्तक परिपत्र 6-4 के प्रावधानानुसार किया गया। (ग) राहत राशि का वितरण राजस्व पुस्तक परिपत्र 6-4 के प्रावधान अनुसार किया गया, किन्तु सर्वेक्षण एवं क्षति पत्रक तैयार करने में लापरवाही बरतने के प्रकरण प्रकाश में आने पर 2 पटवारियों को निलंबित किया गया। (घ) ग्रामवार वितरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
अवैध कारोबार को बढ़ावा देने वालों पर कार्यवाही
142. ( क्र. 5007 ) श्री आरिफ अकील : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनहित याचिका क्रमांक रिटपीटीशन/7561/2013 में उच्च न्यायालय द्वारा दिये गये निर्देशानुसार राज्य सहकारी सतर्कता सेल द्वारा जाँच कर दिनांक 05.05.2012 को दिये गये निर्णय के अनुसार वर्ष 2004-05 के अंकेक्षण प्रतिवेदन में संलग्न सदस्य सूची में कितने सदस्य वैध एवं अवैध पाये गये और कारोबार किस दिनांक तक वैध रहा तथा किस दिनांक से अवैध रहा? (ख) प्रश्नांश (क) के जाँच प्रतिवेदन के अनुसार हो रहे अवैध कारोबार से शासन भली भॉति अवगत होने के बाद भी पंजीयक सहकारी संस्था द्वारा प्रश्न दिनांक की स्थिति में घोषणा क्यों नहीं की गई? अवैध कारोबार को बढ़ावा देने वाले कौन-कौन लोग हैं उनके विरूद्ध शासन द्वारा प्रश्न दिनांक की स्थिति में क्या तथा कब तक कार्यवाही की जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों कारण सहित बतावें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) याचिका क्रमांक 7561/2013 में माननीय उच्च न्यायालय, जबलपुर के आदेशानुसार की गई जाँच के प्रतिवेदन दिनांक 05/05/2012 नहीं, अपितु दिनांक 05/05/2014 के अनुसार रोहित गृह निर्माण सहकारी संस्था मर्या., भोपाल के वर्ष 2004-05 के अंकेक्षण प्रतिवेदन में दिनांक 31/03/2005 पर कुल सदस्य संख्या 1644 तथा संस्था के पास कुल उपलब्ध भूखण्ड 1459 होने का उल्लेख है, इसमें संस्था के पास भूखण्ड संख्या कम होने पर भी नये सदस्यों की भर्ती को आपत्तिजनक होने का उल्लेख है। प्रतिवेदन में संस्था का कारोबार किस दिनांक से वैध तथा अवैध रहा इसका उल्लेख नहीं है। (ख) उत्तरांश ‘क‘ के जाँच प्रतिवेदन के अनुसार संस्था में पायी गई अनियमितताओं के संबंध में आवश्यक कार्यवाही करने हेतु आयुक्त सहकारिता एवं पंजीयक द्वारा उप आयुक्त, सहकारिता, भोपाल, जो कार्यवाही करने हेतु सक्षम अधिकारी थे, को निर्देशित किया गया। उप आयुक्त, सहकारिता, भोपाल द्वारा निर्देशानुसार तत्संबंध में की गई कार्यवाही के विवरण की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। याचिका क्र. 7561/2013 में पारित आदेश से संबंधित माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर के समक्ष प्रस्तुत अवमानना याचिका क्रमांक 914/2015 में प्रस्तुत जवाब में उक्तानुसार की गई कार्यवाही से अवगत कराये जाने पर मान. न्यायालय द्वारा भी इस कार्यवाही से संतुष्टि व्यक्त की जाकर आदेश दिनांक 18/11/2015 के द्वारा अवमानना याचिका निराकृत की गई। अतः तत्संबंध में कार्यवाही हेतु पृथक से घोषणा करने व अन्य कोई कार्यवाही की स्थिति निर्मित नहीं होती है।
पंजीयक सहकारी संस्थाएं मध्यप्रदेश के परिपत्र की अवहेलना
143. ( क्र. 5008 ) श्री आरिफ अकील : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पंजीयक सहकारी संस्थाएं मध्यप्रदेश के परिपत्र क्रमांक/गृ.नि./365 दिनांक 07.06.2005 की अवहेलना, उपेक्षा एवं अनदेखी रोहित गृह निर्माण सहकारी संस्था भोपाल द्वारा की जा रही है? (ख) यदि नहीं, तो क्या शासन विभागीय एवं संस्था के पदाधिकारियों की मिलीभगत की जाँच कर अनुशासनात्मक कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों कारण सहित बतावें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। पंजीयक सहकारी संस्थाएं, मध्यप्रदेश के द्वारा पत्र दिनांक 31.12.2015 से उक्त परिपत्र को निरस्त कर दिया गया है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पेंशन योजना में बढ़ी हुई आयु के मान से लाभ
144. ( क्र. 5027 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश शासन की विभाग के अंतर्गत संचालित विभिन्न पेंशन योजनाओं में पात्र हितग्राही की योजना का प्रथम बार लाभ लेते समय अंकित आयु को अगले वित्तीय वर्ष में बढ़ाये जाने के कोई निर्देश है? यदि हाँ, तो बतावें? (ख) राजगढ़ जिले की विधानसभा क्षेत्र ब्यावरा के अंतर्गत वर्ष 2015-16 में विभाग की पेंशन योजनाओं में कितने ऐसे हितग्राही पाये गये जो कि बढ़ी हुई आयु के मान से पात्रता प्राप्त पेंशन योजना में लाभांवित किये गये है? (ग) क्या शासन द्वारा ऐसी निरंतर चलने वाली प्रक्रिया में अपनाई जाने वाली लापरवाही करने से वंचित हितग्राहियों को लाभ न दे पाने के कारण दोषी अधिकारियों व कर्मचारियों के विरूद्ध कोई कार्यवाही की गई? यदि हाँ, तो क्या?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। विभाग द्वारा जारी निर्देश क्रमांक/2015/67/333 दिनांक 07.05.2015 अनुसार समग्र पोर्टल द्वारा हितग्राहियों की जो प्रथम बार सत्यापित अंकित आयु (जन्मतिथि) दर्ज की जाती है, उस दिनांक से ठीक 1 वर्ष पश्चात् तथा उसके पश्चात् प्रतिवर्ष सॉफ्टवेयर के माध्यम से स्वयंमेव आयु में वृद्धि हो जाती है और उनकी परिवर्तित (बढ़ी हुई) आयु दर्शित होने लगती हैं, जिसके आधार पर उन्हें पात्रतानुसार बढ़ी हुई पेंशन राशि का भुगतान भी किया जाता हैं। (ख) विधान सभा क्षेत्र ब्यावरा अंतर्गत वर्ष 2015-16 में विभाग की विभिन्न पेंशन योजनाओं में बढ़ी हुई आयु के मान से 2343 हितग्राही लाभान्वित किये गये हैं। (ग) उत्तरांश ’’क’’ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
अवैध वाहन संचालन
145. ( क्र. 5028 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या परिवहन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिला परिवहन कार्यालय से विगत दो वर्षों में लोक परिवहन हेतु कब-कब, किस-किस यात्री क्षमता के कितनी-कितनी अवधि के लिये वाहन परमिट जारी किये गये एवं कितने परमिट नवीनीकरण किये गये? वाहन एवं धारक के नामे सहित बतावें? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में उपरोक्त अनुज्ञा प्राप्त वाहनों का फिटनेस परीक्षण एवं प्रदूषण परीक्षण उक्त अवधि में कब-कब कराया गया जिसमें कितने व कौन-कौन से वाहन अनफिट पाये गये तथा अनियमितता की स्थिति में किस-किस वाहन व अनुज्ञप्तिधारक के विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ग) उपरोक्तानुसार दी गई अनुज्ञप्तियों में राष्ट्रीय राजमार्ग, राज्य स्तरीय राजमार्ग एवं जिला व ग्रामीण मार्गों की वाहनवार पृथक-पृथक दूरी कि.मी. वार बतावें? क्या अनुज्ञप्ति के विपरीत संचालित वाहनों के विरूद्ध कोई कार्यवाही अभी तक की गई है? यदि हाँ, तो बतावें? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) क्या एक वाहन की अनुज्ञप्ति पर अनेक वाहनों का अवैध संचालन धड़ल्ले से किया जा रहा है? यदि हाँ, तो ऐसे अवैध संचालित वाहनों के विरूद्ध प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई?
परिवहन मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) राजगढ़ जिले में विगत दो वर्षों में 1648 यात्री बसों को अस्थाई परमिट जारी किये गये हैं। वाहन एवं धारक के नाम सहित सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार है। (ख) अनुज्ञा प्राप्त वाहनों का समय-समय पर जाँच की जाती है। प्रश्नांकित अवधि में चैकिंग के दौरान 40 यात्री बसों के विरू़द्ध कार्यवाही की गई हैं। विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार हैं। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार है। जाँच के दौरान अनुज्ञप्ति के विपरीत संचालित वाहनों के विरूद्ध कार्यवाही की जाती है। प्रश्नांकित अवधि में ऐसी वाहनों से रूपये 14,35,645/- की राशि वसूली गयी हैं। जिसका विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार है। (घ) जी नहीं, चैकिंग के दौरान इस प्रकार का कोई भी वाहन चलता नहीं पाया गया हैं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
पुरानी बसों के परमिट
146. ( क्र. 5093 ) डॉ. योगेन्द्र निर्मल : क्या परिवहन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बालाघाट जिले में 10 वर्षों से अधिक पुरानी कितनी बसें हैं? (ख) उक्त बसों का परमिट किस-किस स्थान का है? क्या बस मालिक उक्त बसों को परमिट के हिसाब से चला रहे हैं? यदि नहीं, तो क्यों? बसों के फिटनेस कब-कब कराये गये? (ग) क्या विभाग पुरानी बसों के प्रति कोई कार्यवाही करेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
परिवहन मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) बालाघाट जिले में 10 वर्षों से अधिक पुरानी 72 बसें हैं। (ख) उक्त बसों पर वर्तमान में जारी परमिटों एवं फिटनेस के विवरण की संयुक्त सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। परमिट के अनुसार बस संचालन न पाये जाने पर नियमानुसार चालानी कार्यवाही की जाती हैं। (ग) विनिर्माण वर्ष से गणना कर बसों के संचालन के संबंध में शासन द्वारा मध्यप्रदेश मोटरयान नियम 1994 के नियम 77 की अधिसूचना दिनांक 28.12.2015 के द्वारा व्यवस्था निर्धारित की गयी हैं शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता हैं।
सहकारी समितियों द्वारा राशि वितरण
147. ( क्र. 5095 ) डॉ. योगेन्द्र निर्मल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बालाघाट जिले में सहकारी समितियों को खरीफ 2015 फसल क्षति की राहत राशि वितरण हेतु कितनी राशि उपलब्ध कराई गई है? किसानों को वितरण हेतु प्राप्त राशि समितिवार बतायें? (ख) प्रश्न दिनांक तक कितने किसानों को राशि भुगतान की गई? कितने किसानों को कितनी राशि वितरण हेतु शेष है? विधानसभा क्षेत्र वारासिवनी-खैरलांजी की समितिवार जानकारी दें? (ग) क्या शासनादेश थे कि जिन किसानों को मुआवज़ा राशि भुगतान की जावे, उनके सहकारी समिति/बैंक में खाते खोले जावे तथा सहकारी समिति का सदस्य बनाया जावे? क्या इस आदेश का पालन कराया गया? विधानसभा क्षेत्र वारासिवनी खैरलांजी में कितने किसानों को समिति का सदस्य बनाया गया, समितिवार बतायें? खाता खोलने हेतु प्रति कृषक कितनी राशि ली गई? (घ) क्या कई समितियों ने मनमानी करते हुए बैंक खाता खोलने हेतु अधिक राशि ली और राशि की पावती भी नहीं दी? बैंक खाता खोलने के फार्म पर हस्ताक्षर भी नहीं कराये? क्या इसकी जाँच कर किसानों के साथ हुई ठगी के दोषियों पर कार्यवाही होगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) राशि रूपये 21,60,771/- समितिवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) 691 कृषकों को भुगतान की गई। किसी भी किसान को राशि वितरण किया जाना शेष नहीं है। विधान सभा क्षेत्र वारासिवनी-खैरलांजी की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जी नहीं, राहत राशि का वितरण समस्त प्रभावितों को कोर बैंकिंग के माध्यम से सीधे उनके खातों में अंतरण करने के निर्देश दिये गये थे तथा ऐसे सदस्य जिनकी बचत खाते प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों में है, उनकी राशि संबंधित जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक को सूची के साथ दिये जाने एवं संबंधित बैंक द्वारा तत्पश्चात अपनी आंतरिक मनी ट्रांसफर प्रणाली (मेन्यूअल सिस्टम) से राशि प्रभावित कृषक सदस्य के बचत खाते में अंतरण करने के निर्देश दिये गये थे। जी हाँ, आदेश का पालन किया गया है। मुआवजा राशि भुगतान हेतु कृषकों को समिति का सदस्य नहीं बनाया गया क्योंकि वे कृषक पूर्व से ही समिति के सदस्य थे। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं. उत्तरांश ’’ग’’ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
2 लाख रूपये से कम राशि के विभागीय कार्य
148. ( क्र. 5169 ) श्री विश्वास सारंग : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल एवं रायसेन जिले में वित्तीय वर्ष 1 अप्रैल 2013 से प्रश्न तिथि तक 2 लाख रू. से कम राशि के ग्रामीण यांत्रिकी सेवा में क्या-क्या कार्य, किस-किस स्थान पर किए गए? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित जिले में मेंटेनेन्स पर किस-किस प्रकार के कार्यों पर कितनी राशि व्यय की गयी? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) में उल्लेखित कार्यों में से किस-किस को कितनी राशि का भुगतान किया गया? (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ख) में उल्लेखित सभी पूर्ण कार्यों का पूर्णता एवं उपयोगिता प्रमाण पत्रों को किस-किस नाम/पदनाम द्वारा जारी किया गया?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) कार्यों में मेन्टेनेंस पर राशि व्यय नहीं की गई। (ग) जानकारी उत्तरांश (क) अनुसार। (घ) जानकारी उत्तरांश (क) एवं (ख) अनुसार।
आर.ई.एस. अंतर्गत किये गये कार्यों पर व्यय राशि
149. ( क्र. 5170 ) श्री विश्वास सारंग : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल एवं रायसेन जिले में 1 अप्रैल 2011 से 31 मार्च 2013 तक 2 लाख रू. से कम राशि के ग्रामीण यांत्रिकी सेवा में क्या-क्या कार्य, किस-किस स्थान पर किए गए? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित जिलों में उक्त समयानुसार मेंटेनेन्स पर किस-किस स्थान पर, कितनी राशि, व्यय की गयी? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) में उल्लेखित कार्यों में से किस-किस को कितनी राशि का भुगतान किया गया? (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ख) में उल्लेखित सभी पूर्ण कार्यों का पूर्णता एवं उपयोगिता प्रमाण पत्रों को किस-किस नाम/पदनाम द्वारा जारी किया गया?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) कार्यों में मेन्टेनेंस पर राशि व्यय नहीं की गई। (ग) एवं (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
अपचारी पूर्व सरपंच एवं सचिव की गिरफ्तारी
150. ( क्र. 5193 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले के अंतर्गत जनपद पंचायत रामपुर बघेलान में ग्राम पंचायत लखहा की पूर्व सरपंच श्रीमती गौरी बाई एवं तत्कालीन सचिव को लोकायुक्त कार्यालय म.प्र. भोपाल के द्वारा शासकीय राशि का अवैधानिक आहरण एवं 5231401/- रू. का दोषी माना गया है? यदि हाँ, तो अपचारी सरपंच/सचिव की आज दिनांक तक गिरफ्तारी क्यों नहीं की गई? (ख) क्या प्रश्नांश (क) के लिये समिति प्रबंधक चोरहटा रामलोटन तिवारी की भूमिका संदिग्ध पाई गई है? यदि हाँ, तो श्री रामलोटन तिवारी के विरूद्ध कार्यवाही हेतु क्या विभाग द्वारा सहकारी बैंक सतना को लेख किया गया है? यदि हाँ, तो पत्र क्रं. दि. सहित पूर्ण विवरण दें? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) में वर्णित अपचार मनरेगा के अंतर्गत किया गया है 10 वर्ष की अवधि बीत जाने की बाद भी आज दि. तक विभाग द्वारा अपचारियों के विरूद्ध दण्डात्मक कार्यवाही न किया जाने का क्या कारण है? राज्य शासन दोषी अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही करेगा? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) क्या श्रीमती गौरी बाई तत्कालीन सरपंच ग्राम पंचायत लखहा के 10 वर्षीय कार्यकाल में शासन द्वारा संचालित सभी योजनाओं की जाँच राज्य स्तरीय राज्य शासन करायेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। वस्तुत: लोकायुक्त के निर्देश पर करायी गई प्राथमिक जाँच प्रतिवेदन के परीक्षण उपरान्त राशि रूपये 523140.00 (अंकन पाँच लाख तेईस हजार एक सौ चालीस रूपये) की वसूली निर्धारित की गई है। इसके दायित्व में सरपंच/सचिव को संयुक्त रूप से निर्धारित किया गया है। सरपंच श्रीमती गौरीबाई द्वारा वसूली योग्य राशि में से रू. 261570.00 दिनांक 08.02.2016 को जमा करा दी गई है तथा सचिव के विरूद वसूली की कार्यवाही प्रचलन में है। मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत रामपुर बघेलान को एफ.आई.आर. दर्ज कराने के निर्देश दे दिये गये हैं। विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र– अ अनुसार है। (ख) जी हाँ। श्री राम लोटन तिवारी के विरूद्ध कार्यवाही हेतु कलेक्टर जिला सतना के पत्र क्र. 10164 दिनांक 23.02.2016 द्वारा महाप्रबंधक केन्द्रीय सहकारी बैंक जिला सतना को निर्देशित किया गया है। विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र– ब अनुसार है। (ग) विवरण उत्तरांश (क) अनुसार है। (घ) लोकायुक्त संगठन में जाँच प्रकरण 291/13 के अनुसार कार्यवाही प्रचलन में है। शेष के संबंध में शिकायत प्राप्त नहीं है।
खुदागंज में शासकीय भूमि का आवंटन
151. ( क्र. 5203 ) श्रीमती इमरती देवी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल जिले के ग्राम खुदागंज में वॉटर पार्क निर्माण आदि हेतु एक्सल इन्फ्रा प्रोजेक्ट लिमिटेड को कितनी शासकीय भूमि का आवंटन किन-किन शर्तों के अधीन कब किया गया एवं उनसे कितनी राशि जमा कराई गई? यदि भूमि नि:शुल्क उपलब्ध कराई गई तो उसका उद्देश्य क्या था? (ख) क्या प्रश्नांश (क) के संबंध में जिस उद्देश्य हेतु शासकीय भूमि आवंटित की गई उसका पालन भूमि प्राप्तकर्ता द्वारा नहीं किया गया और भूमि प्राप्तकर्ता द्वारा शासकीय भूमि बंधक रखकर उस पर ऋण प्राप्त किया जो शासन के साथ किए गए अनुबंध का उल्लंघन है इसके लिए दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही कब तक की जावेगी? (ग) इस गलत भूमि आवंटन के विरूद्ध आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ में शिकायत प्राप्त होने पर प्रकरण की जाँच में क्या तथ्य पाए गए और संबंधितों के विरूद्ध आपराधिक धोखाधड़ी के लिए विभाग द्वारा भमि आवंटन निरस्त कर कार्यवाही की जावेगी यदि हाँ, तो कब तक?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) कुल 50.70 एकड़ भूमि एम्यूजमेंट पार्क विकसित करने हेतु दिनांक 28.03.2006 को आवंटित की गई थी। शर्तों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। भूमि नि:शुल्क उपलब्ध नहीं कराई गई है बल्कि कंपनी से रूपये 3,49,35,780/- की राशि जमा कराई गई है। (ख) जी हाँ। कंपनी द्वारा आवंटन की शर्तों का उल्लंघन किए जाने के कारण, कंपनी के विरूद्ध कार्यवाही कलेक्टर भोपाल के न्यायालय में प्रचलित है। (ग) जी नहीं, आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ में जाँच नहीं चल रही है। भूमि आवंटन निरस्त करने की कार्यवाही उत्तरांश ‘‘ख‘‘ अनुसार प्रचलित है। न्यायालयीन प्रकिया अंतर्गत होने से समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
विभागीय योजनाओं का परीक्षण एवं कार्यवाही
152. ( क्र. 5236 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन/विभाग द्वारा वर्ष 2015 में जिले के कलेक्टरों एवं जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को लिखित पत्र के माध्यम से खरीदे गये कृषि उपकरणों की रेण्डम जाँच करने एवं योजनाओं में अभिमत के संबंध में जानकारी चाही गयी थी? यदि हाँ, तो कटनी जिले से क्या रिपोर्ट प्राप्त हुई? (ख) प्रश्नांश (क) में शासनादेश के पालन में कटनी जिले में कब किनके द्वारा जाँच की गई, जाँच में क्या कार्यवाही की गई? (ग) कटनी जिले में वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक विभागीय योजनाओं में कितने कृषकों को कितने कृषि उपकरण वितरित किये गये? (घ) कटनी जिले में विभागीय योजनाओं के क्रियान्वयन में अनयमितताओं के संबंध में विभाग को वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक कितनी शिकायतें प्राप्त हुई? क्या कार्यवाही की गई?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) कार्यवाही प्रचलन में है। (ख) कलेक्टर/मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला कटनी के निर्देशानुसार वर्ष 2015-16 में अनुविभागीय अधिकारी (रा.) बोहरीबंद जिला कटनी एवं सहयोगी दल द्वारा जाँच की गई है। कार्यवाही संबंधित जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ग) कटनी जिलें में वर्ष 2005 से प्रश्न दिनांक तक विभागीय योजनाओं के अंतर्गत 292 कृषकों को 292 कृषि उपकरण वितरित किये गये। (घ) शिकायत प्राप्त नहीं हुई। वस्तुस्थिति की जानकारी प्राप्त की जा रही है।
सूखा राहत में मुआवज़े का वितरण
153. ( क्र. 5250 ) श्री मधु भगत : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परसवाड़ा विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत इस वर्ष अतिवृष्टि और सूखे से कौन-कौन सी पंचायतों के कौन-कौन से ग्राम कितने प्रतिशत प्रभावित हुए? (ख) इस वर्ष सूखे का प्रभाव जिन ग्रामों में पड़ा वे कौन-कौन है तथा ग्रामवार कितना मुआवज़ा दिया गया? (ग) वे कौन-कौन से ग्राम व कितने कृषक हैं, जिन्हें मुआवज़ा नहीं दिया गया कारण बताते हुए कौन जिम्मेदार है? (घ) मुआवज़ा निर्धारण के नियम, निर्देश, प्रक्रिया क्या है?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
चरनोई निस्तार की भूमि
154. ( क्र. 5251 ) श्री मधु भगत : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परसवाड़ा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कौन-कौन से ग्राम में कौन-कौन सी भूमि, चरनोई, निस्तार की है? (ख) उक्त क्षेत्र से संबंधित कौन-कौन से ग्राम में कौन-कौन सी भूमि शासकीय (राजस्व विभाग की) है, जिस पर कि स्कूल, चिकित्सालय सार्वजनिक प्रयोजन आमोद/प्रमोद व्यापारिक निर्माण के प्रस्ताव देने पर विचार किया जा सकता है? (ग) राजस्व अभिलेख अनुसार उक्त ग्रामों में वे कौन से ग्राम विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत हैं, जिनमें कि जल संसाधन विभाग की नहरों से सिंचाई सुविधा नहीं है?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
गृह निर्माण सहकारी समिति में उल्लंघन
155. ( क्र. 5259 ) श्री उमंग सिंघार : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या उपायुक्त सहकारिता जिला भोपाल के पत्र क्र. वि.स./2015/928 दि. 8.06.15 में स्वीकार किया गया है कि कुछ सदस्यों की वरीयता का उल्लंघन कर भूखण्ड आवंटन किया गया था? यदि हाँ, तो तत्समय की वरीयता सूची और वर्तमान में जारी वरीयता सूची की प्रति बताते हुए कौन सदस्य शेष हैं, उनके नाम, क्रमांक, तिथि बतायें? (ख) तत्कालीन अध्यक्ष द्वारा वरीयता का उल्लंघन करने के आरोप में वर्तमान अध्यक्ष को एफ.आई.आर. दर्ज कराने के निर्देश विभाग ने क्यों दिये? क्या पुलिस में एफ.आई.आर. दर्ज कराने हेतु जाँच प्रतिवेदन तथा अन्य आवश्यक दस्तावेज विभाग ने अध्यक्ष को प्रदाय किये? यदि हाँ, तो कब? यदि नहीं, तो बिना दस्तावेज के एफ.आई.आर. दर्ज कराने का क्या उद्देश्य है? (ग) अता. प्रश्न संख्या-27 (क्र. 921) दिनांक 14.12.2015 के उत्तर में स्वीकार किया गया है कि कर्मचारियों को जाँच पूर्ण न कराने हेतु जिम्मेदार पाया गया है? यदि हाँ, तो उन्हें आरोप पत्र कब जारी किये गये? यदि नहीं, तो दण्ड कैसे दिया जायेगा? (घ) क्या सहकारिता निरीक्षकों ने ऑडिट के समय इस तथ्य को उजागर नहीं किया था कि वरीयता का उल्लंघन कर प्लाट दिये गये थे? यदि हाँ, तो कौन-कौन दोषी है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ, हजरत निजामुद्दीन गृह निर्माण सहकारी संस्था मर्या., भोपाल के दो सदस्यों को सोसाइटी द्वारा भूखण्ड आवंटन न कर वरीयता के उल्लंघन हेतु उप आयुक्त, सहकारिता जिला भोपाल के पत्र में उल्लेख किया गया है। तत्समय (वर्ष 1989-90) की वरीयता (सदस्यता) सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार तथा वर्तमान में दिनांक 31.03.2015 की वरीयता (सदस्यता) सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार, तत्समय जारी सदस्यता सूची में भूखण्ड आवंटन हेतु शेष रहे दो सदस्य क्रमश: स्वर्गीय श्री अनवर खान, सदस्यता क्रमांक 220, सदस्यता दिनांक 13.08.1984 एवं स्वर्गीय श्री नसीम अख्तर, सदस्यता क्रमांक 401, सदस्यता दिनांक 23.08.1985. (ख) प्रथम दृष्टया जाँच प्रतिवेदन के आधार पर वरीयता का उल्लंघन के कारण एफ.आई.आर. दर्ज कराने के निर्देश विभाग द्वारा दिए गए थे। जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। जाँच प्रतिवेदन से संबंधित संस्था के समस्त अभिलेख व जानकारी संस्था में उपलब्ध होने से दाण्डिक कार्यवाही हेतु कोई प्रभाव नहीं पड़ता। (ग) जी हाँ। मध्यप्रदेश सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 के नियम 10 एवं 16 के अंतर्गत तीन कर्मचारियों क्रमश: श्री विनोद कुमार गुप्ता, वरिष्ठ सहकारी निरीक्षक, श्री विलिन खटावकर, सहकारी निरीक्षक एवं श्री डी.के. गुप्ता, सहकारी निरीक्षक को कारण बताओ सूचना पत्र दिनांक 30.12.2015 को जारी किए गए थे, संबंधित से प्राप्त उत्तर परीक्षणाधीन होकर व्यक्तिगत सुनवाई दिनांक 30.3.2016 नियत की गई है, सुनवाई पश्चात गुण-दोष के आधार पर दण्ड नियत किया जायेगा। (घ) जी हाँ। श्री डी. बोरकर तत्कालीन सहकारी निरीक्षक, से इस संबंध में कारण बताओ सूचना पत्र जारी कर अनुशासनिक कार्यवाही प्रारंभ की गई है।
परिवहन नीति
156. ( क्र. 5292 ) श्रीमती शकुन्तला खटीक : क्या परिवहन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माननीय वित्त मंत्री के बजट भाषण सत्र दिनांक 25.02.2015 के समय बिंदु क्रमांक 124 में चालक-परिचालक कल्याण बोर्ड का गठन व ग्रामीण क्षेत्रों में सुगम आवागमन उपलब्ध कराने की दृष्टि से ग्रामीण परिवहन सेवा योजना प्रारंभ की है? इस योजनांतर्गत वाहनों पर रियायती दर से वाहन कर लिया जायेगा व अन्य सुविधा बस स्टेण्डों से संबंधित दिये जाने का उल्लेख भी है? (ख) यदि हाँ, तो चालक-परिचालक कल्याण बोर्ड के तहत क्या-क्या सुविधा उन्हें दिये जाने के प्रावधान है व उन्हें सुविधा कहाँ से उपलब्ध होगी व ग्रामीण परिवहन सेवा के तहत परमिट प्रदाय की प्रक्रिया व वाहन कर की दरें क्या-क्या हैं? (ग) माननीय वित्त मंत्री के भाषण के उपरांत विधानसभा क्षेत्र 23 करैरा जिला शिवपुरी के शिवपुरी में योजनाओं को मूर्तरूप देने हेतु क्या-क्या प्रतिक्रियायें हुई बतावें? यदि नहीं, तो क्यों कारण भी बताया जावे व योजनाएं कब तक प्रारंभ की जायेंगी?
परिवहन मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। ग्रामीण परिवहन सेवायान के तहत परमिट प्रदाय करने हेतु इच्छुक आवेदक निर्धारित प्रारूप में शुल्क जमा कर कार्यालय में आवेदन करेगा, आवेदन के साथ चाहे गये वाहन के पास वैध स्वस्थता प्रमाण-पत्र (फिटनेस, बीमा) संलग्न करेगा। ग्रामीण परिवहन यान के पंजीयन व परमिट हेतु वाहन पर निर्धारित कलर कार्ड होना आवश्यक है। वाहन का रंग सफेद व केसरिया रंग की पट्टी होना चाहिए जिस पर हरे रंग से मुख्यमंत्री ग्रामीण परिवहन सेवा योजना लिखा होना चाहिए। वाहन पर कर की दर यान के मूल्य का 1 प्रतिशत दर पर परिमट की वैधता तक जीवनकाल कर के रूप में देय होगा। ग्रामीण परिवहन सेवा अंतर्गत परमिट संबंधित परिवहन अधिकारी के द्वारा प्रदाय किये जाते हैं। (ग) शिवपुरी जिला अतंर्गत मुख्यमंत्री ग्रामीण परिवहन सेवा योजना को मूर्त रूप प्रदाय करने हेतु 15 ग्रामीण मार्ग चिन्हित किये गये है एवं 55 वाहनों का उक्त योजना के अंतर्गत 1 प्रतिशत रिहायती दर से पंजीयन किया गया है। करैरा विधान सभा के अंतर्गत 15 वाहनों का पंजीयन किया गया है। साथ ही चालक परिचालकों को विभिन्न योजना का लाभ दिया जाने हेतु कुल 226 चालकों/परिचालकों का समग्र में पंजीयन किया जा चुका है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
प्रश्न क्रमांक 764 तारांकित दिनांक 02.07.2014 के उत्तर
157. ( क्र. 5293 ) श्रीमती शकुन्तला खटीक : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परि. अतारांकित प्रश्न संख्या-37 (क्रमांक 764) दिनांक 02.07.2014 के उत्तर पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 में स्वीकृत कार्यों में से कुछ कार्य पूर्ण एवं अधिकतर कार्य अप्रारंभ बतायें है? तो उक्त बलराम तालाबों के कार्यों की निर्माण की पूर्णावधि क्या थी व किस-किस वित्तीय वर्ष में स्वीकृत हुये? (ख) प्रश्नांश (क) में अप्रारंभ कार्य प्रारंभ होने में कृषि कल्याण विभाग या हितग्राही (कृषक) का दोष है? (ग) अप्रारंभ कार्य कब तक पूर्ण हो सकेंगे?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) बलराम ताल का निर्माण कृषक द्वारा स्वयं किया जाता है, इस कारण अप्रारंभ कार्य प्रारंभ करने हेतु संपूर्ण उत्तरदायित्व कृषक का है। (ग) बलराम ताल का निर्माण कृषक द्वारा स्वयं किया जाता है, इस कारण समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
ग्रामीण अंचलों में आवागमन हेतु वाहन परमिट
158. ( क्र. 5313 ) श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया : क्या परिवहन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्रामीण अंचल में मुख्य मार्गों से जुड़े हुये मार्गों पर जनसमुदाय को जिला, जनपद, तहसील व हाट बाजार आदि कार्यों के आवागमन की सुविधा हेतु परिवहन नीति में क्या प्रावधान है? (ख) क्या ग्रामीण अंचलों में जहां बसों का संचालन नहीं है, तो वहां के रहवासियों को आवागमन हेतु मार्शल, बुलेरो, ऑटो, रिक्शा, जीप आदि वाहनों के आने जाने के परमिट दिये जाने का कोई प्रावधान है? यदि हाँ, तो प्रावधान क्या है? यदि नहीं, तो जनसमुदाय को आवागमन हेतु परमिट देने हेतु नीति में संशोधन कर परमिट दिये जावेंगे?
परिवहन मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) एवं (ख) मध्यप्रदेश मोटरयान नियम 1994 के नियम 116 क (1) (दो) में ग्रामीण मार्ग को परिभाषित किया गया है। मध्यप्रदेश राजपत्र दिनांक 28.12.2015 के अनुसार ग्रामीण मार्ग से अभिप्रेत है, ऐसा मार्ग जो किसी ग्राम या नगर को दूसरे ग्राम या नगर से जोड़ता है किन्तु उसमें साधारण मार्ग का “10 किलोमीटर से अधिक” का भाग सम्मिलित नहीं है। चालक को छोड़कर 7 व्यक्तियों की बैठक क्षमता वाली मंजिली गाड़ी सेवायान जो ग्रामीण मार्ग पर चलेगी उन्हें “ग्रामीण सेवायान” के रूप में वर्गीकृत किया गया है। ऐसे यान पर वायुरोधी शीशे (विण्डस्क्रीन) के ऊपरी किनारे पर तथा यान की बॉडी के दोनों और बाहरी भाग पर केशरिया रंगी गई पट्टी पर नीले रंग से ‘‘ग्रामीण सेवायान’’ लिखा जाएगा, पट्टी की चौड़ाई 10 से.मी. और ऊँचाई में अक्षरों का आकार 8 से.मी. होगा और वे इस प्रकार होंगे कि 25 मीटर की दूरी से साफ-साफ पढ़े जा सकते हों। मध्यप्रदेश राजपत्र दिनांक 03.01.2015 अनुसार ग्रामीण अनुज्ञा-पत्र की विधि मान्यता तक यान के मानक मूल्य का 1 प्रतिशत कर देय होगा। तद्नुरूप आवेदन करने पर परमिट दिये जाते हैं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
किसानों को राहत राशि का वितरण
159. ( क्र. 5342 ) श्री दिनेश राय : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनवरी, 2015 से प्रश्न दिनांक तक अतिवृष्टि, सूखे, कर्ज से परेशान होकर संपूर्ण म.प्र. में किसानों द्वारा की गई आत्महत्या के तारतम्य में क्या शासन द्वारा किसानों को राहत या मुआवजा प्रदान करने हेतु कोई ठोस नीति निर्धारित की गई है? यदि हाँ, तो इस हेतु शासन द्वारा कौन-कौन से कदम उठाये गये हैं? आदेश की प्रतियां प्रदान करें? (ख) क्या किसानों द्वारा विभिन्न राष्ट्रीयकृत बैंकों, सहकारी बैंकों, सार्वजनिक संस्थाओं से लिये गये कर्ज को माफ करने हेतु कोई आदेश शासन द्वारा प्रसारित किये गये हैं? यदि हाँ, तो आदेश की प्रति प्रदान करते हुये क्या मापदण्ड निर्धारित किये गये हैं? (ग) क्या विगत वर्ष सूखा, ओलावृष्टि, असमायिक वर्षा एवं अन्य कारणों से किसानों की फसल खराब होने पर जो बीमा किया गया था वह बीमा राशि प्रश्न दिनांक तक कई जिलों में किसानों को वितरित नहीं की गई है एवं जिन जिलों में यह राशि वितरित की गई है वहाँ सौ-दो-सौ रूपये प्रति हेक्टेयर वितरित की है? इस हेतु क्या मापदण्ड तय हैं तथा किसानों को बीमें की राशि का कब तक वितरण कर दिया जावेगा?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी नहीं। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) राष्ट्रीयकृत बैंको से लिये गये कर्ज को माफ करने हेतु कोई आदेश प्रसारित नहीं किये गये है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) राष्ट्रीय कृषि बीमा योजनान्तर्गत मध्यप्रदेश में योजना प्रावधानों के अनुसार रवी 2014-15 मौसम हेतु क्षतिपूर्ति देय राशि का पूर्ण भुगतान नोडल बैंकों के माध्यम से लाभान्वित कृषकों को किया गया, अभी कोई भी क्षतिपूर्ति राशि भुगतान करना शेष नहीं है। खरीफ 2015 मौसम हेतु क्षतिपूर्ति का आंकलन प्रक्रियाधीन है। रवी 2014-15, खरीफ 2015 मौसम हेतु बीमा अवरण की जिलेवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। योजनान्तर्गत क्षतिपूर्ति आंकलन मापदण्ड की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
परफार्मेंस गारंटी के कार्यों की स्वीकृति
160. ( क्र. 5343 ) श्री दिनेश राय : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सिवनी जिले के विकास कार्यों हेतु वित्तीय वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में परफार्मेंस गारंटी की राशि प्रदान की गई? यदि हाँ, तो जनपद पंचायतवार, वर्षवार जानकारी देवें? (ख) प्रश्नांश (क) योजना के तहत प्रदत्त राशि से कौन-कौन से कार्य, किन नियमों के तहत प्राप्त अधिकारों का प्रयोग कर स्वीकृत किये गये? जनपद पंचायतवार जानकारी देवें? (ग) प्रश्नांश (क) के संबंध में क्या परफार्मेंस गारंटी की राशि से कार्य स्वीकृति के अधिकार जनपद पंचायत की सामान्य प्रशासन समिति को प्रदान किये गये है? यदि हाँ, तो क्या जिले की सभी जनपद पंचायत की सामान्य प्रशासन समिति से कार्यों की स्वीकृति हेतु अनुमोदन प्राप्त किया गया है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार। (ग) जी हाँ। सभी जनपद पंचायतों की सामान्य प्रशासन समिति से अनुमोदन पश्चात् स्वीकृति प्रदान की गई है।
स्लीमनाबाद तहसील बनाया जाना
161. ( क्र. 5351 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. शासन द्वारा कटनी जिले के बहोरीबंद विधानसभा क्षेत्रांतर्गत स्लीमनाबाद को तहसील बनाए जाने पर विचार किया जा रहा है? (ख) यदि हाँ, तो उक्त तहसील के अंतर्गत किन-किन ग्रामों को शामिल किया जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
प्रधानमंत्री सड़क निर्माण
162. ( क्र. 5352 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी जिले में विगत पांच वर्षों में कहाँ-कहाँ प्रधानमंत्री योजना में कितनी लम्बाई-चौड़ाई, कितनी भार क्षमता की, कितनी लागत से किस ठेकेदार द्वारा रोड बनाई गई हैं पृथक-पृथक विवरण दें? (ख) कटनी/सतना में प्रधानमंत्री सड़क योजना के तहत कौन-कौन से मार्ग निर्माण हेतु प्रस्तावित है? उक्त प्रस्तावित मार्गों के निर्माण हेतु प्रशासनिक/तकनीकी स्वीकृत कब तक प्रदान की जावेगी? (ग) कटनी जिले के मुख्य मार्ग खराब होने के कारण भारी वाहन अर्थात् 8 टन से अधिक ओव्हर लोड वाहन जो प्रधानमंत्री सड़क से निकलने के कारण खराब हुए हैं या हो रहे हैं? उन्हें यातायात विभाग द्वारा रोकने की क्या कार्यवाही की गई या की जावेगी? (घ) प्रश्नांश (क) के मार्गों के अल्प अवधि में खराब होने के क्या कारण हैं? क्या गुणवत्ता का कारण है या फिर ओव्हर लोड? उक्त मार्गों का भौतिक सत्यापन कराकर दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही करते हुए मार्गों को ठीक कराया जाएगा? यदि हाँ, तो कब तक और यदि नहीं, तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत सड़क 8 टन एक्सल लोड (भार क्षमता) के अनुरूप डिजाइन की जाती है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। सतना एवं कटनी जिले के कुल 132 मार्ग प्रस्तावित है इसमें से सतना जिले के 58 मार्गों को भारत सरकार द्वारा स्वीकृति प्रदान कर दी गयी है शेष मार्गों की स्वीकृति अपेक्षित है। भारत सरकार द्वारा स्वीकृत मार्गों की प्रशासकीय एवं तकनीकी स्वीकृति जारी की जा चुकी है। शेष मार्गों की भारत सरकार से स्वीकृति प्राप्त होने पर प्रशासकीय स्वीकृति जारी की जा सकेगी। (ग) कटनी जिले के मुख्य मार्ग खराब होने के कारण भारी वाहनों अर्थात 8 टन (एक्सल लोड) से अधिक भारी वाहनों के प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की सड़कों से आवागमन होने से कोई मार्ग क्षतिग्रस्त होना नहीं प्रतिवेदित है। यद्यपि यातायात विभाग द्वारा मुख्य मार्ग एवं प्रधानमंत्री सड़क पर भारी वाहनों के आवागमन के कारण 41 ओवर लोड वाहनों पर कार्यवाही कर रूपये 2,27,400/- शमन शुल्क वसूला गया है। अतिरिक्त क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी कटनी द्वारा परिवहन उड़नदस्ता जबलपुर को कार्यवाही करने हेतु लेख किया गया है। (घ) उत्तरांश (क) में उल्लेखित सड़कों में कोई भी सड़क अल्प अवधि में क्षतिग्रस्त नहीं हुई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
गबन एवं शिकायत की जाँच
163. ( क्र. 5355 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अपैक्स बैंक भोपाल की मुख्य शाखा टी.टी.नगर, भोपाल के शाखा प्रबंधक श्री कमाली द्वारा जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक होशंगाबाद की शहर शाखा हरदा में गबन, धोखाधड़ी की शिकायत की जाँच की गई है? यदि हाँ, तो क्या पाया गया एवं तत्कालीन शाखा प्रबंधक कौन पदस्थ थे? (ख) क्या जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक होशंगाबाद की शहर शाखा हरदा के तत्कालीन शाखा प्रबंधक द्वारा अपने रिश्तेदार का एफ.डी. लिमिट एकाउंट 1,20,000/- कम जमा कर सन् 2010 में बंद कर दिया गया था? यदि हाँ, तो यह खाता किस नाम से था? (ग) क्या लगभग 5 वर्षों बाद दिनांक 30.06.2015 को उक्त गबन की राशि जमा की गई? आर्थिक गड़बड़ी मिलने पर राशि जमा कर देना क्या आई.पी.सी. की धारा का उल्लंघन नहीं है? क्या यह आर्थिक अपराध की श्रेणी में नहीं आता है? यदि हाँ, तो क्या इन्हें बैंक द्वारा निलंबित किया गया है? यदि नहीं, तो कब तक इन्हें निलंबित कर इनके खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज किया जायेगा? (घ) क्या उक्त शाखा प्रबंधक के खिलाफ अन्य गबन प्रकरणों में भी एफ.आई.आर. दर्ज है? यदि हाँ, तो इनके खिलाफ क्या कार्यवाही की गई?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। जाँच प्रतिवेदन की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है तथा तत्कालीन शाखा प्रबंधक श्री के.सी. सारन थे। (ख) जी हाँ। यह खाता श्री दीपक सारन एवं श्री कैलाश सारन के नाम से था। (ग) जी हाँ। जी नहीं, उल्लंघन है। जी नहीं, आर्थिक अपराध की श्रेणी में आता है। बैंक द्वारा निलंबित नहीं किया गया है, कर्मचारी सेवा नियम के अंतर्गत सेवा समाप्ति का दंड प्रस्तावित करते हुये कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया है। सेवा नियम के अंतर्गत कार्यवाही करने तथा अपराधिक प्रकरण दर्ज कराने के निर्देश दिये गये है समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) जी हाँ। फसल बीमा योजना के अंतर्गत की गई अनियमितताओं के लिए सेवामुक्ति दण्ड के प्रस्तावना के साथ कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया जाकर विभागीय जाँच संस्थित की गई है जो प्रक्रियाधीन है, उर्वरक के अनियमित परिवहन के संबंध में दर्ज एफ.आई.आर. में श्री सारन का नाम नहीं होने से कोई कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता तथा हरदा जिले की समिति भुवनखेड़ी से जारी परमिट के आधार पर समिति करोला से रासायनिक खाद्य दिये जाने के संबंध में दर्ज एफ.आई.आर. में श्री सारन का नाम होने से विभागीय जाँच की गई जिसमें आरोप प्रमाणित नहीं पाये गये, किन्तु प्रकरण न्यायालय में विचाराधीन होने से स्टाफ उप-समिति द्वारा न्यायालय के आदेश उपरांत कार्यवाही किये जाने का निर्णय लिया है। बैंक को इस प्रकरण में कर्मचारी सेवा नियम के अंतर्गत कार्यवाही किये जाने का निर्णय लिया है।
गृह निर्माण संस्थाओं के ऑडिट व चुनाव
164. ( क्र. 5428 ) श्रीमती मालिनी लक्ष्मण सिंह गौड़ : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या इन्दौर संभाग के जिलों में कई गृह निर्माण सहकारी संस्थाओं के 30.06.2015 की स्थिति में वर्षों से ऑडिट नहीं हुये और समयावधि पूर्ण होने के बावजूद संचालक मंडल का निर्वाचन नहीं हुआ? यदि हाँ, तो जिलेवार दोनों प्रकार की संस्थाओं की संख्या बतावें? (ख) क्या विगत महिनों में कई संस्थाओं के संचालक मंडल भंग किये गये, यदि हाँ, तो विभिन्न कारणों के अनुसार भंग संस्थओं की संख्या बतावें? (ग) क्या विभाग के पास ऐसी जानकारी उपलब्ध रहती है कि किन-किन संस्थाओं ने वर्षों से ऑडिट नहीं करवाया और न ही समयावधि पूर्ण होने पर भी निर्वाचन नहीं करवाया? यदि हाँ, तो तुरंत कार्यवाही क्यों नहीं की जाती है? (घ) दिनांक 30.06.2015 की स्थिति में दोनों प्रकार की संस्थाओं की जिलेवार संख्या बतावें जिन्होंने समयावधि पूर्ण होने पर भी निर्वाचन और ऑडिट नहीं करवाया?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘01’’ अनुसार है। (ख) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘02’’ अनुसार है। (ग) जी हाँ। मध्यप्रदेश सहकारी सोसायटी अधिनियम 1960 के प्रावधानों के अंतर्गत नियमानुसार कार्यवाही की जाती है। (घ) जानकारी उत्तरांश (क) अनुसार।
शासकीय राशि का दुरुपयोग
165. ( क्र. 5440 ) श्रीमती ललिता यादव : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले में 1 जनवरी 2014 से प्रश्न दिनांक तक कितने किसान मित्र बनाये गये? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में इन किसान मित्रों को विधानसभा क्षेत्रवार कितनी-कितनी राशि वितरित की गई? (ग) किसान मित्र का क्या कार्य होता है और इन्हें किस प्रकार किसान मित्र बनाते हैं?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) 1 जनवरी 2014 से प्रश्न दिनांक तक 507 कृषक मित्र बनाये गये। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) किसान मित्रों की चयन प्रक्रिया, कर्तव्य एवं जिम्मेदारियों के संबंध में शासन द्वारा जारी आदेश क्रमांक बी-6/10/2012/14-2 दिनांक 15 दिसंबर 2015 की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
कीटनाशक दवाओं का वितरण न होना
166. ( क्र. 5442 ) श्रीमती ललिता यादव : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले में 1 जनवरी 2014 से प्रश्न दिनांक तक कितने किसानों को कीटनाशक दवा वितरित की गई? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में वितरित की गई दवा किस फर्म से खरीदी गई? गुणवत्ता प्रमाण पत्र व खरीदी प्रक्रिया सहित बतायें? (ग) कीटनाशक दवाओं पर कितनी राशि खर्च की गई?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) छतरपुर जिले में संचालित योजनाओं के अंतर्गत 01 जनवरी 2014 से प्रश्न दिनांक तक कुल 15700 किसानों को कीटनाशक का वितरण किया गया। (ख) प्रश्नांश ‘क’ के प्रकाश में योजनाओं के अंतर्गत दिये गये भौतिक एवं वित्तीय लक्ष्यों के अनुसार शासकीय संस्थाओं को कीटनाशक प्रदाय करने हेतु आदेश दिये जाते हैं। वितरित कीटनाशक एम.पी. स्टेट एग्रो इण्डस्ट्रीज डवलपमेंट कार्पोरेशन लिमिटेड छतरपुर द्वारा प्रदाय की गई। गुणवत्ता के लिये वितरित कीटनाशकों के 1 जनवरी 2014 से प्रश्न दिनांक तक 19 नमूने लेकर प्रयोगशालाओं में परीक्षण कराये गये जो सभी मानक स्तर के पाये गये। (ग) प्रश्नावधि में कुल व्यय राशि रू. 87,12,304 है।
अशासकीय शालाओं में आवागमन हेतु संचालित बसें
167. ( क्र. 5460 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या परिवहन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर जिला अंतर्गत शासकीय अशासकीय शालाओं में अध्ययनरत् छात्र-छात्राओं के शाला आने-जाने हेतु संचालित वाहनों के परिवहन के संबंध में क्या नियम तथा दिशा-निर्देश हैं? अधिनियम की छाया प्रति देवें? (ख) जबलपुर जिला अंतर्गत अशासकीय स्कूलों द्वारा प्रश्नांश (क) उल्लेखित नियमों का पालन किया जा रहा है? यदि हाँ, तो जबलपुर जिलान्तर्गत संचालित पंजीकृत अशासकीय स्कूलों द्वारा छात्र-छात्राओं के आवागमन हेतु स्वयं के अनुबंधित वाहनों की वाहन के प्रकार/वाहन नंबर अधिकतम सवारी क्षमता सहित सूची देवें एवं यह भी बतलावें कि इन वाहनों की जाँच कब किस अधिकारी द्वारा की गई? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित वाहनों के द्वारा विद्यार्थियों के परिवहन में किस-किस शैक्षणिक संस्था द्वारा किस मान से कितना पविहन शुल्क वसूला जा रहा है? परिवहन विभाग द्वारा यात्री किराए की रेट लिस्ट की तरह क्या स्कूल परिवहन में लगे वाहनों की किराया सूची चस्पा करने हेतु कोई नियम बनाया गया है, यदि हाँ, तो इसकी सूची देवें, यदि नहीं, तो क्या इस संबंध में शासन क्या कोई दिशा-निर्देश जारी करेगा? यदि हाँ, तो किस प्रकार से कब तक यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
परिवहन मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) शासकीय/अशासकीय शालाओं में अध्ययनरत् छात्र-छात्राओं के शाला में आने-जाने हेतु संचालित वाहनों के संबंध में जारी निर्देशों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार है। (ख) जी हाँ। वाहनों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार है। समय-समय पर स्कूल बसों की जाँच परिवहन निरीक्षक विशेष जाँच दल द्वारा की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘स’ अनुसार है। (ग) स्कूल बसों के संचालन एवं किराया आदि के संबंध में आने वाली शिकायतों के निराकरण हेतु राज्य शासन के द्वारा आदेश दिनांक 23.06.2015 से जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में समिति गठित की है, जिसकी बैठक समय-समय पर की जाती है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘द’ अनुसार है। स्कूल बसों में लगे वाहनों में किराया सूची चस्पा करने के संबंध में नियमों में प्रावधान नहीं है।
जिला/जनपत पंचायत के कर्मचारियों को पेंशन/सेवानिवृत्ति लाभ
168. ( क्र. 5461 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या डी.आर.डी.ए. प्रशासन के भारत सरकार के दिशा-निर्देश के पैरा 4.2 में स्टॉफ जो अभी डी.आर.डी.ए. से संबंधित है, के संबंध में राज्य ग्रामीण विकास विभाग के स्टॉफ को लाइन विभागों में समावेशित करने के लिए 3-5 वर्षीय योजना तत्काल बनाने हेतु निर्देशित किया गया था? (ख) क्या प्रश्नांश (क) के दिशा-निर्देशों के विपरीत डी.आर.डी.ए. के कर्मचारियों को राज्य सरकार के कर्मचारियों के भॉति पेंशन/सेवानिवृत्ति के बाद मिलने वाले लाभ नहीं दिये जा रहे है एवं इस हेतु पेंशन निधि के अतिरिक्त जिम्मेदारी वहन करने से ग्रामीण विकास मंत्रालाय भारत सरकार द्वारा इंकार करते हुए पेंशन के लिये राज्य बजट से प्रावधान करने की अनुशंसा की है? (ग) क्या विकास आयुक्त कार्यालय भोपाल द्वारा अपने पत्र क्रमांक/ 2967/22/वी-2/ स्था./2012 दिनांक 23.02.2012 डी.आर.डी.ए. के अधिकारियों/कर्मचारियों के ग्रेज्युटी/पेंशन व्यय की जानकारी सभी मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायतों से मांगी गई थी? यदि हाँ, तो उक्त जानकारी किस उद्देश्य से मांगी गई तथा उस पर क्या कार्यवाही की गई? (घ) क्या डी.आर.डी.ए. में कार्यरत कर्मचारियों के सेवा संबंधी मामले राज्य सरकार के कार्यक्षेत्र में आते हैं तथा इनकी पेंशन/सेवानिवृत्ति के बाद मिलने वाले लाभ हेतु राज्य सरकार जवाबदेय है? यदि हाँ, तो इन कर्मचारियों को कब तक उक्त लाभ प्रदान किये जावेंगे? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) डी.आर.डी.ए. प्रशासन योजनांतर्गत भारत सरकार के दिशा-निर्देश के पैरा 4.2 में 3-5 वर्षीय योजना का प्रावधान है। (ख) सेवानिवृत्त डी.आर.डी.ए. कर्मचारियों को अर्जित अवकाश नगदीकरण/ग्रेज्यूटी दिये जाने का प्रावधान है। पेंशन व्यवस्था लागू नहीं है। ऐसी कोई अनुशंसा नहीं की है। (ग) जी, हाँ। डी.आर.डी.ए. प्रशासन योजनांतर्गत अधिकारियों/कर्मचारियों की जानकारी राज्य स्तर पर उपलब्ध रहे। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी, हाँ। डी.आर.डी.ए. प्रशासन योजनांतर्गत पेंशन व्यवस्था लागू नहीं है। सेवानिवृत्त उपरांत अन्य स्वत्वों का लाभ दिया जा रहा है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
ग्राम पंचायत/जनपद पंचायतों में स्थानीय निवासियों की नियुक्ति
169. ( क्र. 5476 ) श्री के.पी. सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. शासन द्वारा ऐसे निर्देश हैं कि किसी भी स्थानीय व्यक्ति जिसकी नियुक्ति पंचायत द्वारा पूर्व में की गई है, ग्राम पंचायतों/जनपद पंचायतों के स्थाई निवासी होने से पंचायत में पदस्थ/कार्यरत नहीं रखा जावेगा? (ख) यदि हाँ, तो शिवपुरी जिले के किन-किन ग्राम पंचायतों/जनपद पंचायतों के अंतर्गत कौन-कौन सी पंचायतों में स्थानीय निवासी सचिव पद पर पदस्थ/कार्यरत हैं? उनके नाम पदस्थी/कार्यरत तिथि सहित विवरण देवें? (ग) क्या शासन/विभाग प्रचलित नियम/निर्देशों के विरूद्ध ग्राम पंचायतों/जनपद पंचायतों में पदस्थ/कार्यरत स्थानीय निवासी सचिवों को उनके पद से तत्काल हटाकर उन्हें अनियमित रूप से पदस्थ/कार्यरत कराने वाले दोषी अधिकारियों/ कर्मचारियों पर कार्यवाही किया जाना सुनिश्चित करेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ग) जिला शिवपुरी अंतर्गत कुल 04 ग्राम पंचायत सचिव में से 01 ग्राम पंचायत सचिव विकलांग होने के कारण मानवीय दृष्टिकोण अपनाते हुये एवं 02 ग्राम पंचायत सचिवों के माननीय उच्च न्यायालय ग्वालियर द्वारा पारित निर्णय के पालन में तथा 01 ग्राम पंचायत सचिव का जिला पंचायत शिवपुरी की सामान्य प्रशासन समिति में अनुमोदन न होने से मूल पंचायत में पदस्थ है। कोई अधिकारी/कर्मचारी दोषी नहीं है।
पीडि़त किसानों का राहत राशि
170. ( क्र. 5482 ) श्री पन्नालाल शाक्य : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ओलावृष्टि से हुई हानि की पूर्ति हेतु कृषकों का मूल्यांकन कर पीडि़तों को सहायता राशि स्वीकृत करने के निर्देश हैं? (ख) प्रश्नांश (क) में यदि हाँ, तो क्या गुना जिले के ग्राम रिक्षेरा पड़त व बंजर भूमि होने पर भी सर्वे क्रमांक 280/2,2463/3,14/11,63/2,296,321/1,321/2,1/8,62/2/1,62/3/2क,270/2/क,280/1,27/2,62,/3ख, 304/1,298,299 एवं 307 में राशि रू. 386292/- का पटवारी व राजस्व कर्मचारी द्वारा मिलकर सांठ-गांठ कर जिन किसानों की फसल नुकसान नहीं हुआ उन्हें अनुचित लाभ दिया गया है?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) ग्राम रिछेरा में भूमि सर्वे क्रमांक 24 में राशि रूपये 9594/- सर्वे क्रमांक 14/11 में राशि रूपये 42,000/- सर्वे क्रमांक 296 में राशि रूपये 22282/- सर्वे क्रमांक 321/1 में राशि रूपये 14469/- सर्वे क्रमांक 321/2 में राशि रूपये 24869/- सर्वे क्रमांक 62/2/1 में राशि रूपये 7,445/- सर्वे क्रमांक 62/3/2क में राशि रुपये 9,770/- सर्वे क्रमांक 270/2क में राशि रूपये 19,558/- सर्वे क्रमांक 280/1 में राशि रूपये 13,000/- सर्वे क्रमांक 27/2 में राशि रूपये 13,585/- सर्वे क्रमांक 62/3ख में राशि रूपये 6,993/- सर्वे क्रमांक 298 में राशि रूपये 8,626/- सर्वे क्रमांक 299 में राशि रूपये 25610/- सर्वे क्रमांक 304/1 में राशि रूपये 13,000/- एवं सर्वे क्रमांक 307 में राशि रूपये 25493/- राहत राशि का वितरण किया जाकर उक्त सर्वे नम्बरों में पड़त भूमि का अनुचित लाभ नहीं दिया गया है। सर्वे क्रमांक 1/8 ग्राम रिछेरा के राजस्व रिकार्ड में उपलब्ध नहीं है। भूमि सर्वे क्रमांक 62/2/1, 63/2, 63/3 एवं 280/2 में पुन: जाँच में फसल इन्द्राज में आंशिक गलती पाई गई थी, जिसके फलस्वरूप तत्कालीन पटवारी श्री फूलचंद प्रजापति को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया था जिसकी विभागीय जाँच प्रचलित है।
वाटरशेड परियोजना की जानकारी
171. ( क्र. 5497 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार जिले में एकीकृत जल ग्रहण क्षेत्र प्रबंधन कार्यक्रम की कितनी परियोजनायें किन-किन विकासखण्ड में संचालित है वर्ष 2013-14 से अब तक कितनी राशि जिला वाटरशेड सेल द्वारा इन परियोजनाओं को जारी की गई एवं कितना व्यय किया गया? (ख) धार जिले में योजनान्तर्गत किन-किन परियोजनाओं में किन-किन पंचायतों में वाटर शेड समितियाँ गठित की गई है? इनके नाम एवं वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक कितनी बैठकों का आयोजन किया गया वर्ष 2013-14 से इन समितियों द्वारा क्या-क्या विकास कार्य कराये गये और इन कार्यों पर कितना-कितना भुगतान किया गया? किये गये कार्यों का भौतिक सत्यापन किन-किन अधिकारियों द्वारा कब-कब किया गया? (ग) धार जिले में योजनान्तर्गत वाटरशेड समितियों द्वारा वर्ष 2013-2014 कराये गये विकास कार्यों से कार्यवार लाभांवित, उपयोगकर्ता समूह की जानकारी दी जावे? क्या किये गये कार्यों का मूल्यांकन कराया जाता है? यदि हाँ, तो वर्ष 2013-14 से अब तक मूल्यांकनकर्ता द्वारा क्या-क्या आक्षेप लगाये गये एवं उन पर संबंधितों के विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गई?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार है। (ग) लाभांवित उपयोगकर्ता समूह की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार है। कार्यों का मूल्यांकन कराया जाता है। मूल्यांकनकर्ता द्वारा कोई आक्षेप नहीं लगाये गये है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अवैध वसूली प्रकरण लोकायुक्त में दर्ज होना
172. ( क्र. 5499 ) श्री जालम सिंह पटेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या लोकायुक्त द्वारा नरसिंहपुर जिले बरमानकलां के बस स्टेंड में अवैध वसूली एवं संचालन के विरूद्ध सरपंच, सचिव एवं ठेकेदार के विरूद्ध जाँच प्रकरण दर्ज किया गया है? (ख) क्या प्रभारी लेखाधिकारी मनरेगा एवं जाँच अधिकारी जिला पंचायत नरसिंहपुर द्वारा अपनी जाँच दिनांक 10.03.2015 के अनुसार सिर्फ बसों से प्राईवेट ठेकेदार द्वारा 410400/- रूपये वार्षिक वसूली की जाती है एवं लगभग 20 वर्षों के मान से रूपया 8208000/- अवैध वसूली की गई है? (ग) क्या बरमानकलां बस स्टेंड परिसर में शासकीय भूमि पर निर्मित 17 पक्की दुकानों से प्राईवेट ठेकेदार द्वारा 1595990/- रूपये अवैध किराया वसूला गया है? (घ) यदि प्रश्नांश (ख) एवं (ग) का उत्तर हाँ है तो प्राईवेट ठेकेदार से रू. 8208000/- एवं रू. 1595990/- की वसूली क्यों नहीं की जा रही है तथा इस शासकीय धन राशि की वसूली शासन कब तक करेगी एवं वसूली नहीं करने वाले पंचायत विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारियों पर क्या कार्यवाही करेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) जाँच अधिकारी द्वारा जाँच प्रतिवेदन में वार्षिक राशि रूपये 410400.00 की वसूली का उल्लेख किया गया है। कलेक्टर नरसिंहपुर द्वारा उक्त वसूल की गई राशि के वैध या अवैध होने की जाँच करने हेतु तीन सदस्यीय समिति का गठन किया गया है। समिति के जाँच प्रतिवेदन प्राप्त होने पर ही स्थिति स्पष्ट हो सकेगी। (ग) जाँच अधिकारी द्वारा जाँच प्रतिवेदन में राशि रूपये 1595990.00 की वसूली का उल्लेख किया गया है। कलेक्टर नरसिंहपुर द्वारा उक्त वसूल की गई राशि के वैध या अवैध होने की जाँच करने हेतु तीन सदस्यीय समिति का गठन किया गया है। कलेक्टर नरसिंहपुर को एक माह के अन्दर जाँच सम्पन्न कराने हेतु निर्देशित किया गया है (घ) जाँच समिति का प्रतिवेदन प्राप्त होने पर नियमानुसार गुण-दोष के आधार पर आगामी कार्यवाही की जायेगी।
नरसिंहपुर जिलान्तर्गत बरमानकलां में अवैध वसूली
173. ( क्र. 5501 ) श्री जालम सिंह पटेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम 1993 की धारा 58 के तहत पंचायत विभाग (शासन) को सार्वजनिक स्थलों जैसे:- बाजार, मेला, बस स्टेण्ड आदि के प्रबंधन एवं नीलामी के अधिकार है? (ख) क्या नरसिंहपुर जिले के बरमानकलां (धार्मिक स्थल) के बस स्टेण्ड आने जाने वाले वाहनों से वूसली का प्राइवेट ठेकेदार के साथ अनुबंध को निरस्त एवं प्राइवेट ठेकेदार द्वारा की जा रही वसूली को सी.ई.ओ. जिला पंचायत नरसिंहपुर द्वारा दिनांक 31.12.14 को अवैध घोषित कर दिया है? (ग) क्या बरमानकलां के बस स्टेण्ड की वसूली दिनांक 31.12.14 के बाद पंचायत के कर्मचारियों के द्वारा प्राइवेट ठेकेदार के साथ मिलीभगत कर की जा रही है एवं बरमानकलां आने वाले श्रद्धालुओं से प्राइवेट ठेकेदार के एजेटों द्वारा अभद्रता एवं अवैध वसूली बदस्तूर जारी है? (घ) यदि हाँ, तो पंचायत विभाग बरमानकलां के बस स्टेंड को नीलाम क्यों नहीं कर रहा है एवं शासन बरमान आने वाले श्रद्धालुओं एवं परिक्रमावासियों के प्राइवेट ठेकेदार की अभद्रता एवं अवैध वसूली से कब तक मुक्ति दिलायेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। ग्राम पंचायत बरमानकलां ने अपने पत्र क्रमांक 10 दिनांक 31.12.2014 से प्राईवेट ठेकेदार श्री त्रिभुवन पॉलीवाल द्वारा संचालित बस स्टेण्ड एवं लघु बाजार के अनुबंध की स्वीकृति निरस्त की गई है। वसूली को अवैध घोषित किये जाने हेतु किसी भी प्रकार का आदेश जिला कार्यालय से जारी नहीं किया गया है। (ग) बरमानकलां के बस स्टेण्ड की वसूली दिनांक 31.12.2014 के बाद पंचायत के द्वारा प्राईवेट ठेकेदार के साथ मिलीभगत नहीं की जा रही है और न ही बरमानकलां आने वाले श्रृद्धालुओं से अभद्रता एवं अवैध वसूली की जा रही है। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जिला सहकारी कृषि और ग्रामीण विकास बैंककर्मियों का वेतन
174. ( क्र. 5515 ) श्री बाला बच्चन : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में जिला सहकारी कृषि और ग्रामीण विकास बैंक में कितने कर्मचारी कार्यरत हैं? जिलावार बतावें? (ख) इन्हें किन जिलों में कब से वेतन नहीं दिया गया है? विगत 1 वर्ष के वेतन प्रदाय की जानकारी माहवार, बैंक नाम, कर्मचारी संख्या, वेतन प्रदाय राशि सहित जानकारी देवें? (ग) इनका बकाया वेतन कब तक देकर वेतन समय पर देने की व्यवस्था प्रारंभ की जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘एक‘ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘एक‘ एवं ‘दो‘ अनुसार है। (ग) जिला सहकारी कृषि और ग्रामीण विकास बैंकों के परिसमापन की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। बकाया वेतन के संबंध में बैंकों में नियुक्त परिसमापकों द्वारा सहकारी अधिनियम/नियम के प्रावधान अंतर्गत कार्यवाही की जावेगी।
बाजार हाट बाजार प्लेटफार्म का निर्माण
175. ( क्र. 5516 ) श्री बाला बच्चन : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजपुर विधान सभा क्षेत्र के ओसर में S.G.S.Y. योजना के अंतर्गत बाजार हाट प्लेटफार्म कब स्वीकृत हुआ था? इसकी लागत कितनी है? आहरित राशि की जानकारी तिथिवार देवें? (ख) क्या कारण है कि पूरी राशि आहरित होने के बाद भी कार्य अधूरा है? इसके लिए जिम्मेदार अधिकारी कौन है? इन पर कब तक कार्यवाही की जावेगी? (ग) उपरोक्त कार्य कब तक पूर्ण करा लिया जायेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एस.जी.एस.वाय. योजनांतर्गत ग्रामीण हाट बाजार ओसर वर्ष 2010-11 में स्वीकृत किया गया था जिसकी लागत राशि रू.15.00 लाख थी। दिनांक 28/03/2011 को राशि रू.9.00 लाख, दिनांक 29/09/2011 को राशि रू.4.00 लाख एवं दिनांक 23/05/2013 को राशि रू.2.00 लाख आहरित की गई। (ख) कार्य पूर्ण हो चुका है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश (ख) अनुसार।
बैतूल जिले में पंच परमेश्वर/मनरेगा योजना
176. ( क्र. 5521 ) श्री चन्द्रशेखर देशमुख : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैतूल जिले में वर्ष 2011-12 से आज प्रश्न दिनांक तक पंच परमेश्वर/मनरेगा योजना में प्राप्त राशि में क्या 80 प्रतिशत राशि का उपयोग सी.सी. रोड एवं नाली निर्माण के लिये ही किये जाने के आदेश है? अगर हाँ, तो बैतूल जिले की किन-किन जनपद पंचायतों ने उक्त आदेश का पालन किया है? (ख) उक्त में मुलताई वि.स. में वर्ष 2011-12 से आज प्रश्न दिनांक तक किन-किन ग्राम पंचायतों में कितने प्रतिशत पंच परमेश्वर/मनरेगा योजना की राशि का प्रयोग सी.सी. रोड एवं नाली निर्माण में किया है? नामों की प्रतिशत के साथ वर्षवार सूची दें। (ग) उपरोक्त में मुलातई विधान सभा में वर्ष 2011-12 से आज प्रश्न दिनांक तक पंच परमेश्वर/मनरेगा योजना की बची राशि का उपयोग किन-किन ग्राम पंचायतों ने किस-किस कामों में किया? कामों के नामों के साथ, बची राशि का प्रतिशत वर्षवार सूची दें।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ‘ अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब‘ अनुसार।
महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी पर्कोलेशन टैंक
177. ( क्र. 5522 ) श्री चन्द्रशेखर देशमुख : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुलताई विधान सभा क्षेत्र के प्रभात पट्टन एवं मुलताई ब्लाक में वर्ष 2012-13, 2013-14, 2014-15, 2015-16 में महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी के अंतर्गत कितने पर्कोलेशन टैंक स्वीकृत किये गये? कितने पूर्ण तथा अपूर्ण हैं वर्षवार संख्या दें? (ख) उक्त में वर्ष 2012-13, 2013-14, 2014-15, 2015-16 में प्रभात पट्टन एवं मुलताई ब्लाक में स्वीकृत सभी पर्कोलेशन टैंक के स्थान का नाम, स्वीकृत दिनांक, कार्य पूर्ण/अपूर्ण स्थिति, स्वीकृत राशि, व्यय की गयी राशि, कार्य प्रारंभ का दिनांक, कार्य पूर्ण का दिनांक, कार्य पूर्ण की तय समय-सीमा, मूल्यांकन राशि, मूल्यांकन अधिकारी का नाम इस फार्मेट की वर्षवार सूची में अवगत करायें? (ग) उक्त में वर्ष 2012-13, 2013-14, 2014-15, 2015-16 में ऐसी कई स्थान है जहां पर्कोलेशन टैंक अधूरे निर्माण कर छोड़ दिये गये जिन पर राशि व्यय की गई है ऐसे में शासकीय राशि की हेरा-फेरी में संलिप्त उपयंत्री सहायक यंत्रियों पर क्या कार्यवाही कब तक की जावेगी? (घ) उक्त में खम्बारा पर्कोलेशन टैंक में 45 लाख, सिरसावाड़ी 26 लाख परसठानी 26 लाख, चिचण्डा 16 लाख, सांईखेड़ा 14 लाख के निर्माण कार्य शुरू किये गये थे उक्त पर्कोलेशन टैंक को पूर्ण किये जाने के क्या कोई आदेश जारी किया? नहीं तो कब तक जारी कर दिये जाएंगे?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। प्रश्नाधीन अवधि में कोई पर्कोलेशन टैंक स्वीकृत नहीं किए गए है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित पर्कोलेशन टैंक खम्बारा रू. 45.06 लाख, सिरसावाड़ी रू. 27.06 लाख, परसठानी रू. 24.59 लाख, चिचण्डा रू. 15.71 लाख तथा पर्कोलेशन टैंक सांईखेड़ा रू. 12.06 लाख की प्रशासकीय स्वीकृति वर्ष 2009-10 एवं 2008-09 में जारी की गई थी, जिनमें से पर्कोलेशन टैंक सांईखेड़ा पूर्ण कर सी.सी. जारी की गयी है एवं शेष 4 कार्य अपूर्ण हैं। जी हाँ, समस्त अपूर्ण कार्यों को पूर्ण करने हेतु समय-समय पर निर्देश जारी किये गये हैं।
पंचायत के अधूरे कार्यों व भ्रष्टाचार
178. ( क्र. 5532 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) महिदपुर वि.स. क्षेत्र की पेटलावद ग्राम पंचायत में दि. 01-01-10 से 31-12-2014 तक कितने कार्य स्वीकृत किए गए? कार्य नाम, स्वीकृति दिनांक, लागत, पूर्णता दिनांक, पूर्ण/अपूर्ण सहित बतावें? (ख) जो कार्य अपूर्ण हैं कब तक पूर्ण कर लिए जाएंगे? पंच परमेश्वर मद से उपरोक्त समयावधि में कितना व्यय कब कहाँ-कहाँ किया गया? (ग) इंदिरा आवास मुख्यमंत्री आवास योजना की (क) अनुसार वरीयता सूची एवं आवंटन सूची देवें? गलत आवंटन पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा? (घ) प्रश्नांश (ख) एवं (ग) के लिए जिम्मेदारों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) महिदपुर विधानसभा क्षेत्र की पेटलावद ग्राम पंचायत में दिनांक 01.01.2010 से 31.12.2014 तक 54 कार्य स्वीकृत किए गए। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार। (ख) मनरेगा योजना के 03 कार्य अपूर्ण है, जिन्हें शीघ्र पूर्ण किये जाने का प्रयास है। पंचपरमेश्वर मद से उपरोक्त समयावधि में 05 निर्माण कार्यों पर एवं 20 प्रतिशत राशि से अन्य कार्यों पर राशि व्यय की गई। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार। मुख्यमंत्री आवास योजनान्तर्गत किसी भी हितग्राही को आवंटन नहीं हुआ है। इंदिरा आवास योजनान्तर्गत भारत सरकार द्वारा जारी मार्गदर्शिका में वर्णित पात्रता अनुसार ही आवंटन किया गया है। शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्तरांश ‘‘ग‘‘ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
रिलायंस समूह को दी लीज़ एवं उनके द्वारा क्रय भूमि
179. ( क्र. 5553 ) श्री जितू पटवारी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रिलायंस व ADAG समूह को विगत 10 वर्षों में कितनी भूमि लीज़ पर दी गई एवं कितनी भूमि कहाँ-कहाँ इनके द्वारा क्रय की गई? स्थान, नाम, भूमि रकबा, लीज़ राशि/क्रय राशि सहित बतावें? (ख) क्रय भूमि किन किसानों/व्यक्तियों से ली गई उन्हें कितना मुआवजा दिया गया? (ग) इनके विरूद्ध कितनी शिकायतें संबंधित जिला कलेक्टरों माननीय मुख्यमंत्री, मान. मंत्री, PS, CS, कमिश्नर को प्रश्न दिनांक तक प्राप्त हुई एवं उस पर क्या कार्यवाही की गई? (घ) कितनी लीज़ भूमि पर कहाँ-कहाँ पर कितने उद्योग प्रारंभ/अप्रारंभ अवस्था में है बतावें?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
सहकारिता में गोडाऊन निर्माण की स्थिति
180. ( क्र. 5554 ) श्री जितू पटवारी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश राज्य सहकारी आवास संघ ने किस नियम के किसके निर्देश पर राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के अंतर्गत 35 करोड़ रू. की लागत से पिछले पांच वर्षों में 90 गोडाऊन का निर्माण किया है? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित गोडाऊन के निर्माण हेतु टेण्डर कब-कब निकाले गये तथा किन-किन ठेकेदारों ने किस दर से कौन-कौन से गोडाऊन का निर्माण किया तथा बतावें कि ई-टेण्डर प्रक्रिया का पालन क्यों नहीं किया गया? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित गोडाऊन के निर्माण हेतु संघ के पास उपलब्ध तकनीकी कर्मचारियों की सूची प्रस्तुत करें तथा बतावें कि प्रश्नाधिन गोडाऊन की निर्माण गुणवत्ता की जाँच तथा निगरानी किस-किस स्तर पर किस अधिकारी/ कर्मचारी द्वारा की गई? (घ) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित गोडाऊन के निर्माण के अनुबंध में ठेकेदार द्वारा कितने वर्ष की रख-रखाव की गारंटी दी गई है तथा गोडाऊन की अद्यतन स्थिति क्या है प्रत्येक गोडाऊन की वर्तमान स्थिति की रिपोर्ट प्रस्तुत करें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) म.प्र. शासन, सहकारिता विभाग द्वारा राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के अंतर्गत गोदामों के निर्माण हेतु मध्यप्रदेश राज्य सहकारी आवास संघ मर्या., भोपाल को निर्माण एजेन्सी नियुक्त किया जाने से (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘’एक’’ अनुसार है। मध्यप्रदेश राज्य सहकारी आवास संघ में निर्माण कार्यों हेतु खुली निविदा का प्रावधान व व्यवस्था लागू होने से। (ग) उक्त गोदामों के निर्माण हेतु आवास संघ के पास उपलब्ध तकनीकी कर्मचारियों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘’दो’’ अनुसार है। शेष प्रश्नांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘’एक’’ अनुसार है। इसके अतिरिक्त राज्य शासन द्वारा अनुमोदित तथा आयुक्त सहकारिता एवं पंजीयक द्वारा जारी हस्तांतरण नीति अनुसार गठित कमेटी, जिसमें जिला कलेक्टर या अधिकृत प्रतिनिधि, उप/सहायक आयुक्त, सहकारिता, उप संचालक, कृषि एवं कार्यपालन यंत्री आवास संघ या अधिकृत प्रतिनिधि हैं, के द्वारा योजनांतर्गत निर्मित गोदामों का सहकारी संस्थाओं को हस्तांतरण के पूर्व भौतिक सत्यापन किया जाता है। (घ) जी नहीं, अपितु ठेकेदारों से निष्पादित अनुबंध में योजनांतर्गत निर्मित गोदामों के दो लगातार वर्षाकाल में लीकेज नहीं होने अन्यथा ठेकेदार द्वारा स्वयं इसे सुधारने तथा ठेकेदार द्वारा सुधार नहीं करने पर संघ द्वारा सुधार कार्य कराया जाकर व्यय की गई राशि को ठेकेदार की जमा बकाया राशि या सुरक्षा निधि से वसूली करने का प्रावधान है. जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘’एक’’ अनुसार है।