मध्यप्रदेश विधान सभा
प्रश्नोत्तर-सूची
दिसम्बर, 2016 सत्र
शुक्रवार, दिनांक 09 दिसम्बर, 2016
भाग-1
तारांकित
प्रश्नोत्तर
दान
राशि के उपयोग
की जाँच
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
1. ( *क्र. 1917 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या श्री लक्ष्मण आहूजा द्वारा कलेक्टर-कटनी को अक्टूबर 2015 में शासकीय जिला चिकित्सालय कटनी में रसोई घर निर्माण हेतु दान राशि दिये जाने हेतु पत्र दिया गया था एवं यह निर्णय हुआ था कि निर्मित कक्ष का नाम इनकी स्वर्गवासी धर्मपत्नी के नाम रखा जावेगा? (ख) क्या विधानसभा अता. प्रश्न संख्या 55 (क्रमांक 1820), दिनांक 25-07-2016 के उत्तर में दी गयी दानराशि से रसोई घर रेन्यूवेशन के कार्य हेतु दिये जाने की जानकारी दी गई थी एवं यह भी स्वीकार किया गया था कि इस राशि से बाउंण्ड्रीवाल निर्माण एवं रसोई घर रेन्यूवेशन का कार्य किया गया है? यदि हाँ, तो बतायें कि किया गया कार्य दान-दाता की इच्छा के अनुरूप था एवं किस प्रकार? (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में बतायें कि दानदाता की मंशा के विपरीत दानराशि से बाउण्ड्रीवॉल निर्माण एवं रसोई घर रेन्यूवेशन की आवश्यकता किस प्रकार उचित थी? कार्य की मांग एवं नोटशीट किसके निर्देश/आदेश पर लिखी गई? (घ) प्रश्नांश (क) से (ग) के परिप्रेक्ष्य में विधानसभा प्रश्न का भ्रामक उत्तर देने एवं दानराशि का मनमर्जी से उपयोग करने के जिम्मेदारों के विरूद्ध कार्यवाही एवं निर्माण कार्य की गुणवत्ता की जाँच तथा दानदाता की मंशानुसार कार्य कराये जाने की कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी हाँ। जी नहीं। दानदाता द्वारा उनकी स्वर्गीय पत्नी की स्मृति में रसोई घर के निर्माण हेतु रुपये 5.00 लाख का दान दिया गया था। (ख) जी हाँ। जिला चिकित्सालय कटनी में दान दाता द्वारा दी गई राशि रुपये 5.00 लाख एवं जनभागीदारी योजना मद की राशि से भोजनालय में बाउण्ड्रीवाल निर्माण एवं रसोई घर का उन्नयन कार्य कराया गया है। जी हाँ। दानदाता द्वारा अपने दान पत्र में यह उल्लेख नहीं किया गया है कि उनके द्वारा दी गई राशि से रसोई घर में अतिरिक्त कक्ष के निर्माण किये जाने हैं, अतः भोजनालय की बाउण्ड्रीवाल एवं किचिन में उन्नयन के कार्य कराये गये हैं। (ग) रसोई घर के चारों तरफ खुला हुआ क्षेत्र होने के कारण आवारा पशुओं का लगातार विचरण होता था। कई बार सुअर जैसे पशु भोजनालय में घुसने की चेष्ठा करते थे, जिसके कारण रसोई घर में बनने वाले भोजन को संक्रमित करने की लगातार शंका बनी रहती थी। जिसके कारण बाउण्ड्रीवाल का निर्माण अति आवश्यक था। प्रश्नांकित कार्य की नोटशीट सचिव, रोगी कल्याण समिति द्वारा अध्यक्ष कार्यकारिणी, रोगी कल्याण समिति/कलेक्टर, कटनी को अवलोकनार्थ एवं सहमति हेतु भेजी गई थी। (घ) विधानसभा प्रश्न का भ्रामक उत्तर नहीं दिया गया और न ही दान राशि का मनमर्जी से उपयोग किया गया है, उक्त कार्य की प्रशासकीय स्वीकृति जिला योजना समिति द्वारा प्रदान की गई है। कार्य की गुणवत्ता की जाँच, लोक निर्माण विभाग द्वारा की जा रही है।
झिरन्या में मुख्य कार्यपालन अधिकारी की पदस्थापना
[आदिम जाति कल्याण]
2. ( *क्र. 1383 ) श्रीमती झूमा सोलंकी : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जनपद पंचायत अन्तर्गत पदस्थ मुख्य कार्यपालन अधिकारी द्वारा ग्रामीण विकास की समस्त योजनाओं का संचालन किया जाता है तथा उनकी कार्यालय में नियमित उपस्थिति अनिवार्य है? (ख) क्या भीकनगाँव विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत जनपद पंचायत झिरन्या में विगत 02 वर्ष से मुख्य कार्यपालन अधिकारी अवकाश पर हैं तथा वहां पर जनपद पंचायत का संचालन प्रभारी अधिकारियों के माध्यम से कराया जा रहा है, जिसमें संबंधित अधिकारी उनके मूल कार्य करने के पश्चात् अतिरिक्त समय में जनपद पंचायत झिरन्या के कार्यों का सम्पादन कर रहा है, जिससे समस्त जनपद के प्रतिनिधि/सरपंचों के कार्य समयावधि में न होने तथा अधिकारी समय पर न मिलने से त्रस्त हैं? (ग) क्या झिरन्या जनपद में स्थाई मुख्य कार्यपालन अधिकारी को पदस्थ किया जावेगा? हाँ तो कब तक?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं, दिनांक 14.09.2015 से दिनांक 05.10.2016 तक अवकाश पर। जी हाँ। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
नियम विरूद्ध राशि स्वीकृति पर कार्यवाही
[विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्धघुमक्कड़ जाति कल्याण]
3. ( *क्र. 126 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) शासन द्वारा विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्धघुमक्कड़ जाति क्षेत्र के विकास हेतु कौन-कौन सी योजनाएं संचालित हैं? वर्ष 2014-15, 2015-16 एवं 2016-17 में प्रश्न दिनांक तक जिला राजगढ़ में किन-किन योजनाओं में कितना-कितना आवंटन प्राप्त हुआ? योजनावार वर्षवार आवंटन की जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार प्राप्त आवंटन का जिला स्तरीय समिति में कार्य स्वीकृति हेतु कब-कब समिति की बैठक आयोजित की गई? बैठक में जिला राजगढ़ के किन-किन कार्यों को प्रस्तावित किया जाकर जिला स्तर पर एवं शासन स्तर पर स्वीकृत किये गये? कार्य का नाम, राशि का विवरण, ग्राम पंचायतवार देवें। (ग) जिला राजगढ़ अंतर्गत ऐसे कितने हितग्राही हैं, जिनको पूर्व में आवास योजना का लाभ मिल चुका था, किन्तु उन्हें सक्षम अधिकारियों द्वारा पुन: योजना का लाभ दिया गया है एवं ऐसी कितनी ग्राम पंचायतें हैं, जिनमें पूर्व से ही अन्य योजनाओं का निर्माण कार्य हो चुका था, उसी स्थान पर पुन: निर्माण कार्य हेतु राशि स्वीकृत की गई? हितग्राहीवार, ग्रामवार, विकासखण्डवार कितनी-कितनी राशि स्वीकृत की गई? (घ) प्रश्नांश (ख) अनुसार विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्धघुमक्कड़ जाति विकास के स्वीकृत कार्यों का सत्यापन किन-किन जिला स्तरीय अधिकारियों के द्वारा किया गया? कार्यवार सत्यापित करने वाले अधिकारी का नाम एवं दिनांक बताएं। निर्धारित मापदण्ड के विपरीत वास्तविक हितग्राही को लाभ न देते हुये, नियम विरूद्ध कार्य करने वाले दोषी अधिकारियों के विरूद्ध विभाग कब तक कार्यवाही करेगा? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्रीमती ललिता यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार। (घ) अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) नरसिंहगढ़ जिला राजगढ़ के जाँच प्रतिवेदन अनुसार निर्धारित मापदण्ड के विपरीत वास्तविक हितग्राही को लाभ पहुंचाने वाले अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध कार्यवाही प्रचलन में है।
शासकीय उत्कृष्ट विद्यालयों को आवंटित राशि
[स्कूल शिक्षा]
4. ( *क्र. 1931 ) श्री माधो सिंह डावर : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अलीराजपुर जिले में कितने शासकीय उत्कृष्ट विद्यालय संचालित हैं। (ख) वर्ष 2012-13 से वर्ष 2016-17 तक शासन द्वारा उक्त उत्कृष्ट विद्यालयों के संचालन हेतु कितनी राशि किस मद में आवंटित की गई है? वर्षवार बताएं। (ग) आवंटित राशि से क्या-क्या कार्य करवाये गये हैं? कार्यों की सूची प्रदान करें।
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) अलीराजपुर जिले में 01 जिला स्तरीय उत्कृष्ट विद्यालय एवं 05 विकासखण्ड स्तरीय उत्कृष्ट विद्यालय कुल 06 उत्कृष्ट विद्यालय संचालित हैं। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
शासकीय एवं अशासकीय शैक्षणिक संस्थाओं द्वारा डी.एड. कोर्स की अवैध वसूली
[स्कूल शिक्षा]
5. ( *क्र. 1968 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. शासन द्वारा शासकीय एवं अशासकीय शैक्षणिक संस्थाओं में डी.एड. कोर्स हेतु प्रतिवर्ष कितना शैक्षणिक शुल्क निर्धारित किया गया है? विगत एक वर्ष में निर्धारित शिक्षा शुल्क से अधिक धनराशि वसूल करने संबंधी किन-किन संस्थाओं की शिकायतें प्राप्त हुई हैं और क्या उनकी जाँच कराई गई है? यदि हाँ, तो तत्संबंधी ब्यौरा देवेंl (ख) क्या छात्रों द्वारा संस्थाओं की अवैध वसूली का विरोध करने पर उनको मानसिक रूप से प्रताड़ित करते हुए जानबूझकर बिना कोई ठोस कारण के संस्था में उपस्थिति कम दर्शाकर उन्हें परीक्षा से वंचित किया गया है? सूची उपलब्ध कराई जावेl (ग) संस्थानों द्वारा अवैध वसूली किये जाने की शिकायत प्रमाणित होने की स्थिति में संबंधित संस्थानों की मान्यता समाप्त करने संबंधी शासन कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'ब' अनुसार है। (ख) जी नहीं। प्राप्त शिकायतों की जाँच में मानसिक रूप से प्रताड़ित करते हुए जानबूझ कर बिना कोई ठोस कारण के किसी छात्र को परीक्षा से वंचित होना नहीं पाया गया है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) उत्तरांश (ख) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
खण्डवा जिले में नर्सिंग होम/पैथालॉजी लेब में अनियमितता
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
6. ( *क्र. 1232 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खंडवा जिले में कितने पंजीकृत निजी नर्सिंग होम, निजी अस्पताल, पैथालॉजी लेब एवं सोनोग्राफी सेंटर हैं? उनकी संख्या, नाम एवं संचालकवार जानकारी दी जाए। (ख) क्या इनमें से कई नर्सिंग होम, अस्पताल, लेब में शासन की गाईडलाईन का खुलेआम उल्लंघन हो रहा है? प्रश्नांश (क) के क्रम में इनमें कार्यरत मेडिकल, पैरामेडिकल एवं नर्सिंग स्टाफ की नामवार जानकारी दी जाए। (ग) उक्त सभी संस्थानों का विगत तीन वर्षों में किस-किस अधिकारी द्वारा कब-कब निरीक्षण एवं आकस्मिक जाँच की गई? कितने संस्थानों का संचालन नियम विरूद्ध होने पर क्या-क्या कार्यवाही की गई? (घ) क्या सभी संस्थानों में मानव स्वास्थ्य को देखते हुए अस्पताल के कचरे का निपटान नियमानुसार किया जा रहा है? पार्किंग सुविधा, विभिन्न पैथालॉजी जांचों की दरों की रेटलिस्ट दृश्यस्थान पर लगाई गई है? (ड.) यदि नहीं, तो क्या स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों द्वारा नियम विरूद्ध संचालित ऐसे संस्थानों को सहयोग कर जनस्वास्थ्य से खिलवाड़ किया जा रहा है? यदि हाँ, तो क्या इनकी उच्चस्तरीय जाँच की जाएगी?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) खंडवा जिले में 2 निजी नर्सिंग होम, 14 निजी अस्पताल, 9 पैथालॉजी लेब एवं 15 सोनोग्राफी सेंटर पंजीकृत हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जी हाँ, 5 संस्थाओं सदगुरु नेत्र चिकित्सालय, श्री दादाजी हॉस्पिटल, आदर्श पैथालॉजी लेब, निदान पैथालॉजी लेब एवं संजीवनी डायग्नोस्टिक सेंटर बायोमेडिकल द्वारा वेस्ट मैनेजमेन्ट नियमों का पालन नहीं किया जा रहा था। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। 05 संस्थाओं का पंजीयन निरस्त किया गया, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार है। (घ) जी नहीं, 05 निजी संस्थाओं द्वारा बायोमेडिकल वेस्ट के निपटान हेतु मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण मंडल से ऑथोराईजेशन नहीं लिया गया था। जी हाँ। जी हाँ। (ड.) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
बैकलॉग के पदों की भर्ती
[स्कूल शिक्षा]
7. ( *क्र. 1579 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कारण है कि सहायक अध्यापक के बैकलॉग के रिक्त पदों की परीक्षा दिनांक 23.09.2016 को निरस्त की गई जबकि दिनांक 10.05.2016 को भारत सरकार के राजपत्र में नये नियमों का प्रकाशन हो गया था? इस निरस्त आदेश की छायाप्रति, आदेश जारी करने वाले अधिकारी का नाम, पदनाम सहित बतावें। (ख) आरक्षित वर्ग के हितों के साथ खिलवाड़ करके परीक्षा निरस्त करने वाले अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा? धार जिले में वर्तमान में बैकलॉग पदों की कितनी संख्या है? जिलावार, पदवार बतावें। विगत 7 वर्षों में विशेष भर्ती अभियान के तहत कितने पद भरे गए? वर्षवार बतावें। (ग) शेष पदों की पूर्ति हेतु शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) सहायक अध्यापक का पद सीधी भर्ती का पद नहीं है। सहायक अध्यापक के रिक्त पदों के भर्ती के लिए किसी भी प्रकार की परीक्षा आयोजित करने अथवा निरस्त करने के संबंध में कोई आदेश जारी नहीं किये गये हैं अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के अनुसार। धार जिले में वर्तमान बैकलॉग पदों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) पद रिक्तता तथा पद पूर्ति की जाना एक सतत् प्रक्रिया है, निश्चित समयावधि बताया जाना संभव नहीं है।
वित्तीय अनियमितताओं पर कार्यवाही
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
8. ( *क्र. 1216 ) श्रीमती पारूल साहू केशरी : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जैसीनगर के बी.एम.ओ. के विरूद्ध वित्तीय अनियमितताओं की शिकायतें प्राप्त हुई हैं? (ख) यदि हाँ, तो क्या बी.एम.ओ. जैसीनगर के विरूद्ध शिकायतों की जाँच करायी जाकर उनके कार्यकाल अवधि के वित्तीय अभिलेखों का अंकेक्षण भी कराया गया है? जाँच प्रतिवेदन सहित अंकेक्षण की प्रति उपलब्ध करायी जावे। (ग) यदि नहीं, तो क्या बी.एम.ओ. जैसीनगर को विभागीय स्तर पर संरक्षण के चलते वितीय अनियमितता करने की छूट दी गयी है, जिसकी पुष्टि प्रमुख समाचार पत्र दैनिक भास्कर सागर में 26 अक्टूबर, 2016 में प्रकाशित ''बी.एम.ओ. जैसीनगर द्वारा फिर से शासकीय राशि को हड़पने'' संबंधी समाचार से होती है? (घ) मध्यप्रदेश के स्वास्थ्य विभाग अंतर्गत ऐसे कितने बी.एम.ओ. को वित्तीय अनियमिततायें करने की विभागीय स्तर से छूट प्रदान की गयी है?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जैसीनगर ब्लॉक मेडिकल आफिसर डॉ. जे.एस. धाकड़ के विरूद्ध अनियमितता से संबंधित प्राप्त दो शिकायतों में से संचालनालय स्तर पर प्राप्त एक शिकायत की जाँच प्रचलन में है तथा दूसरी शिकायत मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जिला सागर को प्राप्त होने पर प्रकरण की जाँच उनके द्वारा श्री राजेश राय जिला लेखाप्रबंधक सागर से पूर्ण कराते हुये जाँच प्रतिवेदन प्राप्त किया, जिसमें प्राप्त जाँच प्रतिवेदन के आधार पर डॉ. धाकड़ को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुये प्रतिवाद उत्तर चाहा गया जो प्राप्त होने पर, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी सागर द्वारा डॉ. धाकड़ के विरूद्ध आगामी कार्यवाही हेतु प्रकरण क्षेत्रीय संचालक, स्वास्थ्य सेवायें, सागर को प्रेषित किया जो परीक्षणाधीन है। जी नहीं। जाँच प्रतिवेदन की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं, दिनांक 26 अक्टूबर 2016 के दैनिक समाचार पत्र में वित्तीय अनियमितता से संबंधित प्रकाशित समाचार पत्र का जाँच प्रतिवेदन प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित दूसरी शिकायत से संबंधित होकर क्षेत्रीय संचालक, स्वास्थ्य सेवायें, सागर को प्राप्त होकर उनके अधीन परीक्षणाधीन है। परीक्षण उपरान्त संबंधित के विरूद्ध गुण-दोष के आधार पर नियमानुसार कार्यवाही शीघ्र की जावेगी। (घ) जी नहीं।
अपूर्ण भवनों का निर्माण
[स्कूल शिक्षा]
9. ( *क्र. 708 ) श्री रामप्यारे कुलस्ते : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मंडला जिले के विकासखण्ड बीजाडांडी के ग्राम पिण्डरई में प्रा.शा. एवं मा.शा. भवन आंगनवाड़ी भवन, पंचायत भवन शाला के अतिरिक्त कक्ष निर्माण किन कारणों से पिछले 2008 से अपूर्ण हैं? (ख) निर्माण एजेंसी कौन थी? क्या उक्त भवनों की राशि प्राप्त हो गई है? अगर पूर्ण राशि प्राप्त हो गई है तो गड़बड़ी करने वाले के खिलाफ अभी तक क्या कार्यवाही की गई? (ग) क्या विभाग के पास उक्त अधूरे कार्यों को पूर्ण कराने की योजना है, ताकि लोगों को उसका लाभ प्राप्त हो सके?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) मण्डला जिले के विकासखण्ड बीजाडांडी के ग्राम पिण्डरई में 2008-09 में प्राथमिक शाला में 01 अतिरिक्त कक्ष तथा मा.शा. भवन हेतु 03 अतिरिक्त कक्ष स्वीकृत किये गए। प्राथमिक शाला का अतिरिक्त कक्ष पूर्ण है। मा.शा. के 3 अतिरिक्त कक्ष निर्माण एजेन्सी ग्राम पंचायत द्वारा राशि का अनुचित आहरण कर कार्य छत स्तर उपरान्त अपूर्ण है। आंगनवाड़ी भवन, पंचायत भवन का निर्माण स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा नहीं किया जाता है। (ख) कार्य की निर्माण एजेन्सी ग्राम पंचायत है। जिला शिक्षा केन्द्र द्वारा सीधे निर्माण एजेन्सी के खातों में सम्पूर्ण स्वीकृत राशि हस्तान्तरित कर दी गई थी। निर्माण एजेन्सी के विरूद्ध प्रकरण क्र./अविअ/रि./01/12/463/31.03.12 अनु.विभा.अधि. राजस्व विभाग में लंबित है। (ग) विभाग को उक्त राशि की वसूली प्राप्त होने के पश्चात उक्त कार्य को पूर्ण किया जा सकेगा।
राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान अंतर्गत व्यय राशि
[स्कूल शिक्षा]
10. ( *क्र. 693 ) श्री गोपाल परमार : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आगर जिले में वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के तहत जिला कार्यालय को कितनी राशि आवंटित की गई है? मदवार जानकारी दें। क्या शासन द्वारा उक्त राशि व्यय करने के नियम बनाये गए हैं? यदि हाँ, तो नियमों की प्रति उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या शासन द्वारा निर्धारित नियमों का पालन कर व्यय किया जा रहा है? यदि हाँ, तो प्राप्त मदवार राशि से कितनी राशि किस मद में व्यय की गई है? व्यय की मदवार जानकारी उपरोक्तानुसार पृथक पृथक देवें। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार प्राप्त राशि एवं प्रश्नांश (ख) अनुसार व्यय राशि हेतु क्या क्रय समिति एवं सामग्री भौतिक सत्यापन समिति बनायी गयी है? यदि हाँ, तो जानकारी देवें? यदि नहीं, तो कारण बतावें? इसके लिए कौन अधिकारी जिम्मेदार है? शासन दोषी अधिकारी के विरुद्ध क्या कार्यवाही करेगा? (घ) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या क्रय की गई कार्यालय की सामग्री का भौतिक सत्यापन कराया गया है? यदि हाँ, तो भौतिक सत्यापन की वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक की जानकारी देवें।
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) नवीन जिला आगर मालवा का गठन दि. 16.08.2013 को हुआ है। राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान कार्यालय आगर में अक्टूबर 2015 से आरंभ किया गया है। अतः राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के तहत वर्ष 2015-16 से आगर जिला कार्यालय को राशि प्रदाय की गई। मदवार प्रदाय राशि का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 1 अनुसार है। भारत शासन के निर्देशानुसार वित्तीय मेन्यूअल अनुसार राशि का व्यय किया जाता है। व्यय नियम पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 2 अनुसार है। (ख) जी हाँ। मदवार व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 1 अनुसार है। (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 3 एवं 4 अनुसार है। (घ) जी हाँ। सत्यापन रिपोर्ट की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 5 अनुसार है।
उप स्वास्थ्य केन्द्रों में मेडिकल स्टाफ की पूर्ति
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
11. ( *क्र. 2031 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या उप स्वास्थ्य केन्द्र मेडिकल स्टाफ की कमी की वजह से बंद रहते हैं? (ख) यदि हाँ, तो इसमें स्टाफ बढ़ाने के लिये कौन से कदम उठाये जा रहे हैं अथवा उठा लिये हैं?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी नहीं। (ख) प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सिविल सर्जन के विरूद्ध प्राप्त शिकायत पर कार्यवाही
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
12. ( *क्र. 1760 ) श्री मुकेश नायक : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पन्ना जिले के जिला चिकित्सालय में पदस्थ सिविल सर्जन डॉ. राजेश श्रीवास्तव के खिलाफ जिला कलेक्टर, लोक स्वास्थ्य मंत्री जी को की गई शिकायतों के संबंध में अब तक की गई कार्यवाही की जानकारी देवें? (ख) डॉ. राजेश श्रीवास्तव वरिष्ठता सूची में काफी पीछे हैं, फिर भी वरिष्ठों की उपेक्षाकर उन्हें सिविल सर्जन किस कारण बनाया गया? (ग) डॉ. राजेश श्रीवास्तव द्वारा पन्ना जिला चिकित्सालय परिसर में डॉक्टरों और अन्य कर्मचारियों को आवास आवंटन के मामले में नियमों की उपेक्षा करने और अपात्रों को आवास आवंटन करने की शिकायत पर शासन ने क्या कार्यवाही की है?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) पन्ना जिले के जिला चिकित्सालय में सिविल सर्जन के पद पर पदस्थ डॉ. राजेश श्रीवास्तव के विरूद्ध कलेक्टर को प्राप्त दो शिकायतों का जाँच प्रतिवेदन, कलेक्टर पन्ना द्वारा मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी से प्राप्त की जो कलेक्टर पन्ना के अधीन परीक्षणाधीन है, के अतिरिक्त संचालनालय स्तर से डॉ. राजेश श्रीवास्तव, सिविल सर्जन पन्ना के विरूद्ध प्रशासनिक पद पर रहते हुये शासन को आर्थिक क्षति पहुँचाये जाने संबंधी शिकायत प्राप्त होने पर प्राप्त शिकायत जाँच हेतु क्षेत्रीय संचालक, स्वास्थ्य सेवायें, सागर की ओर भेजते हुये जाँच प्रतिवेदन चाहा गया जो अप्राप्त है। (ख) प्रशासकीय पदों का दायित्व, अधिकारी की कार्य दक्षता एवं उनके व्यवहार कुशलता पर उन्हें सौंपा जाता है अतः यह कहना सही नहीं होगा कि डॉ. राजेश श्रीवास्तव वरिष्ठता सूची में काफी पीछे हैं, फिर भी वरिष्ठों की उपेक्षाकर उन्हें सिविल सर्जन बनाया गया। (ग) पन्ना जिला चिकित्सालय परिसर में डॉ. राजेश श्रीवास्तव द्वारा डॉक्टरों/अपात्रों को शासकीय आवास आवंटन के संबंध में डॉ. आलोक गुप्ता द्वारा शिकायत करने के पश्चात उनके द्वारा माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में याचिका क्रमांक डब्ल्यू.पी. 14204/2015 दायर की जिस पर माननीय न्यायालय द्वारा उक्त याचिका पर आदेश दिनांक 26.08.2015 पारित किया गया, जिस पर सागर कमिश्नर द्वारा डॉ. गुप्ता को समक्ष में उपस्थित होने के निर्देश देते हुये माननीय न्यायालय द्वारा पारित आदेश के संबंध में यह निर्णय दिया गया कि शासकीय आवास क्रमांक एफ से आई टाईप के निवास स्थानों के संबंध में किसी स्थान विशेष में कार्यभार ग्रहण करने की तारीख उसकी इस प्रकार के निवास स्थान के लिये अग्रता तारीख होगी, किंतु यह केवल तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी पर ही लागू होगा, शिकायतकर्ता के स्वयं चिकित्सा अधिकारी के पद पर पदस्थ होने के साथ ही द्वितीय श्रेणी की परिधि में आने के परिणामस्वरूप उक्त प्रावधान उन पर लागू नहीं होता।
जिला/राज्य बीमारी सहायता निधि अंतर्गत भुगतान
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
13. ( *क्र. 305 ) श्रीमती सरस्वती सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला/राज्य बीमारी सहायता निधि के अंतर्गत गरीबी रेखा के मरीजों को मान्यता प्राप्त अस्पतालों में ईलाज कराने पर सहायता राशि का भुगतान संबंधित अस्पताल को किया जाता है? (ख) यदि हाँ, तो सिंगरौली जिले में वर्ष 2015 एवं 2016 से प्रश्न दिनांक तक कितने ऐसे मरीजों को सहायता राशि भुगतान की गई है? अस्पतालवार विवरण देवें। (ग) क्या सहायता राशि के प्रकरण प्राप्त होने से लेकर स्वीकृत करने तक की कोई समय-सीमा निर्धारित है? (घ) ऐसे कितने प्रकरण हैं, जिन्हें सहायता राशि अभी तक उपलब्ध नहीं कराई गई है?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) आवेदन प्राप्त होने के 10 कार्य दिवस के अन्दर प्रकरण स्वीकृत करने की समय-सीमा निर्धारित है। (घ) निरंक।
स्कूल भवन निर्माण हेतु आरक्षित भूमि पर से अतिक्रमण को बेदखल किया जाना
[आदिम जाति कल्याण]
14. ( *क्र. 300 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या धार जिले की उप तहसील नालछा के पटवारी हल्का नं. 168 (70) ग्राम बगडी की आबादी भूमि में स्थित शासकीय भूमि, खसरा नं. 624 रकबा 1.202 हेक्टेयर भूमि कलेक्टर, जिला धार द्वारा प्रकरण क्र. 121 बी, 90-91 में आदेश दिनांक 27.06.1991 एवं तहसील आदेश क्र. 195/री-3/91, दिनांक 06.08.1991 के माध्यम से सहायक आयुक्त आदिवासी विकास धार को कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय एवं विज्ञान कक्ष निर्माण हेतु हस्तांतरित की गई थी? (ख) कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बगडी हेतु आरक्षित उक्त भूमि पर भूखण्डों का विक्रय किसके संरक्षण में किसके द्वारा किया गया है? क्या शासन दोषी व्यक्तियों के विरूद्ध वैधानिक कार्यवाही करेगा अथवा यदि अतिक्रमण हो रहा है तो क्या विभाग अतिक्रमण को बेदखल कर विद्यालय हेतु आवंटित भूमि को सुरक्षित करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बगडी हेतु आरक्षित उक्त भूमि पर भूखण्डों का विक्रय नहीं किया गया है। ग्राम पंचायत हल्का पटवारी बगडी तहसील धार द्वारा दिनांक 25.11.2016 को मापन अनुसार शासकीय कन्या माध्यमिक विद्यालय एवं शासकीय कन्या प्राथमिक विद्यालय, बगडी हेतु भूमि क्षेत्रफल 11522 वर्ग फिट (0.107 हेक्टेयर) पर स्कूल संचालित किया जा रहा है। शेष भवन पर अतिक्रमण है। चूँकि उक्त सर्वे नम्बर व रकबे की भूमि शासकीय अभिलेख में आबादी में दर्ज होने के कारण संबंधित ग्राम पंचायत को अतिक्रमण हटाने के अधिकार हैं। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
जिला चिकित्सालय सागर के ट्रामा सेंटर को प्रारंभ किया जाना
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
15. ( *क्र. 1489 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सागर जिला चिकित्सालय परिसर में नव निर्मित ट्रॉमा सेंटर प्रश्न दिनांक तक प्रारंभ नहीं हुआ है? यदि हाँ, तो किन कमियों के कारण ट्रामा सेंटर प्रारंभ नहीं हुआ है? (ख) क्या जिला चिकित्सालय सागर के सिविल सर्जन ने ट्रॉमा सेंटर प्रारंभ कराने हेतु वर्ष 2016 में कुछ आवश्यक कार्यों को कराने के लिए शासन को पत्र लिखा था? यदि हाँ, तो कौन-कौन से कार्य कराने के लिए पत्र में लेख किया गया था? उस पर शासन द्वारा प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गयी? (ग) शासन कब तक ट्रॉमा सेंटर को प्रारंभ करा देगा?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी हाँ। ट्रामा सेन्टर के निर्माण कार्य की कमियों के कारण। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) यथासंभव शीघ्र।
स्कूल भवनों का निर्माण
[स्कूल शिक्षा]
16. ( *क्र. 1944 ) श्री पुष्पेन्द्र नाथ पाठक : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्राथमिक शाला से माध्यमिक शाला एवं माध्यमिक शाला से हाई स्कूल तथा हाई स्कूल से हायर सेकेण्ड्री में उन्नयित शालाओं में नवीन भवन के निर्माण हेतु क्या प्रक्रिया है? विधानसभा क्षेत्र बिजावर में उपरोक्त उन्नयन की गई शालाओं में कब तक भवन निर्माण किया जा सकेगा? (ख) विधानसभा क्षेत्र बिजावर में शासकीय उ.मा.वि. सटई, मातगुवा, गुलगंज में क्या छात्र संख्या के मान से विद्यालय में पर्याप्त कक्ष हैं? यदि नहीं, तो क्या इन विद्यालयों में नवीन कक्ष निर्माण या नवीन भवन निर्माण की आवश्यकता है? यदि हाँ, तो नवीन कक्ष या भवन निर्माण किया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) प्राथमिक शाला से माध्यमिक शाला में उन्नयित नवीन भवन के निर्माण हेतु सर्वशिक्षा अभियान योजना के तहत वार्षिक कार्ययोजना के माध्यम से प्रस्ताव भारत सरकार को स्वीकृति हेतु प्रस्तुत किये जाते हैं। प्राप्त स्वीकृति के आधार पर विभाग द्वारा आवश्यक स्वीकृति प्रदान की जाती है। माध्यमिक शाला से हाईस्कूल तथा हाईस्कूल से हायर सेकेण्डरी की उन्नयित शाला में नवीन भवन के निर्माण हेतु राज्य योजना के अंतर्गत स्वीकृत शाला भवनों का निर्माण उपलब्ध बजट के आधार पर कराया जाता है। राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान अंतर्गत उन्नत किये गये स्कूलों में भवन भारत सरकार द्वारा स्वीकृत किये जाते हैं। विधान सभा क्षेत्र बिजावर में उन्नयित माध्यमिक शालाओं में वर्ष 2013-14 में 10 उन्नयित की गई माध्यमिक शालाओं का निर्माण प्रगतिरत है। सूची संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। उन्नत किये गये हाई एवं हायर सेकेण्डरी शालाओं में भवन निर्माण बजट की उपलब्धता पर निर्भर करेगा। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। शेषांश नवीन कक्ष या भवन निर्माण बजट की उपलब्धता पर निर्भर करेगा। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
रेडक्रास सोसायटी (मुरैना) के कर्मचारियों की सेवा में पुन: बहाली
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
17. ( *क्र. 2035 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला चिकित्सालय मुरैना की रेडक्रास सोसायटी द्वारा लंबे समय से पदस्थ नर्सिंग, इलेक्ट्रीशियन एवं सफाई कर्मचारियों को दिनांक 01.09.2014 से हटा दिया गया है? यदि हाँ, तो क्यों? (ख) क्या उक्त आदेश के खिलाफ माननीय उच्च न्यायालय, खण्डपीठ ग्वालियर में याचिका क्र. 5592/2014 पर स्थगन आदेश पारित किया है तथा एक अन्य याचिका क्र. डब्लू.पी. 7737/2014 में स्थगन आदेश पारित किया गया था, परंतु अस्पताल प्रशासन द्वारा नवम्बर 2016 तक किसी कर्मचारी को ट्रेनिंग नहीं कराई गई है? क्या कारण रहे? तथ्यों सहित पूर्ण जानकारी दी जावे। (ग) क्या उक्त प्रकरण में स्थगन आदेश के बावजूद कार्यरत कर्मचारियों को ना तो सेवा कार्य पर रखा है, ना ही उन्हें अभी तक वेतन भुगतान किया गया है? उन्हें कब तक कार्य पर रख वेतन भुगतान किया जावेगा?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी हाँ। कर्मचारियों के प्रशिक्षित नहीं होने के कारण रेडक्रास सोसायटी मुरैना की दिनांक 01.09.2014 की बैठक में लिये गये निर्णय अनुसार कर्मचारियों को हटाया गया है। (ख) जी हाँ। माननीय उच्च न्यायालय खण्डपीठ ग्वालियर द्वारा न्यायालयीन प्रकरणों क्रमशः 5592/14 एवं 7737/2014 में दायर याचिका में स्थगन आदेश आगामी सुनवाई तक दिया गया। स्टाफ को ट्रेनिंग कराये जाने हेतु दिये गये आदेश के तारतम्य में संबंधित नर्सिंग स्टाफ की निर्धारित योग्यता न होने के कारण कर्मचारियों को प्रशिक्षण नहीं कराया गया। उक्त संबंध में माननीय उच्च न्यायालय को अवगत कराया गया है। प्रकरण वर्तमान में न्यायालय के अधीन विचाराधीन है। (ग) उत्तरांश (क) में उल्लेखित अनुसार सिविल सर्जन मुरैना के आदेश दिनांक 09.12.2014 के पालन में कर्मचारियों द्वारा कार्य पर उपस्थिति नहीं दिये जाने के कारण वेतन भुगतान नहीं किया गया है।
प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ शिक्षक की (ओ.डी.) प्रतिनियुक्ति निरस्त करना
[स्कूल शिक्षा]
18. ( *क्र. 495 ) श्रीमती चन्दा सुरेन्द्र सिंह गौर : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन के आदेशों के अनुसार शिक्षकों को (ओ.डी.) प्रतिनियुक्ति पर किसी अन्य विभाग में तैनाती किये जाने का प्रावधान है? प्रा.शाला जिनागढ़ संकुल केंद्र बल्देवगढ़ में पदस्थ शिक्षक की तैनाती जनपद पंचायत बल्देवगढ़ के कार्यालय में किस अधिकारी के आदेश से तथा किस नियम के तहत की गई है? (ख) यदि विभाग द्वारा कोई आदेश जारी नहीं किया गया तो उक्त शिक्षक शिक्षा संस्था पर कब से उपस्थित होकर शिक्षण कार्य नहीं कर रहा है? क्या उक्त शिक्षक की जाँच हेतु संस्था पर कोई अधिकारी गया? क्या उक्त शिक्षक के विरूद्ध कोई कार्यवाही प्रस्तावित की गई? यदि हाँ, तो पूर्ण जानकारी से अवगत करायें? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या छात्र-छात्राओं के अभिभावकों द्वारा एवं ग्रामीणजनों द्वारा उक्त शिक्षक की मांग पर कोई कार्यवाही की गई? साथ ही प्रश्नकर्ता द्वारा दिये गये पत्र के उत्तर सहित उक्त शिक्षक के विरूद्ध किसी भी प्रकार की कार्यवाही क्यों नहीं की गई? उक्त शिक्षक के विरूद्ध कार्यवाही कब तक करेंगे? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें।
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत बल्देवगढ़ जिला-टीकमगढ़ के पत्र दिनांक 30.08.2016 के द्वारा श्री श्याम सुन्दर यादव, सहायक अध्यापक, शा.प्रा.शा. जिनागढ़ जिला-टीकमगढ़ की जनपद पंचायत बल्देवगढ़ में नियम विरुद्ध ड्यूटी लगाई जाने के लिए कलेक्टर, जिला-टीकमगढ़ ने मुख्य कार्यपालन अधिकारी बल्देवगढ़ को कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया है। मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत बल्देवगढ़ का पत्र संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) दिनांक 31.08.2016 से 18.11.2016 तक। प्रकरण की जाँच हेतु निर्देशित किया गया। (ग) छात्र-छात्राओं के अभिभावकों एवं ग्रामीणजनों के द्वारा शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। माननीय विधायक टीकमगढ़ द्वारा मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत टीकमगढ़ को पत्र लिखा है। पत्र पर की गई कार्यवाही की जानकारी प्राप्त की जा रही है। प्रकरण की जाँच हेतु निर्देशित किया गया है। जाँच प्रतिवेदन प्राप्त होने पर गुण दोष्ा के आधार पर कार्यवाही की जायेगी।
हाईस्कूलों का उन्नयन
[स्कूल शिक्षा]
19. ( *क्र. 1356 ) श्री संजय शर्मा : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) हाईस्कूल से हायर सेकेण्डरी स्कूल में उन्नयन करने के शासन के क्या मापदण्ड हैं? (ख) यदि छात्र/छात्राओं की संख्या पर्याप्त है, दूरी भी 8 कि.मी. से अधिक है तो क्या ऐसे हाईस्कूलों को हायर सेकेण्डरी में उन्नयन नहीं किया जा सकता? (ग) क्या मात्र ग्राम की जनंसख्या कम होने के कारण स्कूलों का उन्नयन नहीं किया जा सकता? (घ) यदि नहीं, तो शा. हाईस्कूल खुलरी, शा. हाईस्कूल पौंरझिर एवं शा. हाईस्कूल चीकसा का उन्नयन क्यों नहीं किया गया?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) से (घ) शालाओं का उन्नयन निर्धारित मापदण्ड एवं उपलब्ध वित्तीय संसाधनों के आधार पर सक्षम स्वीकृति से किया जाता है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
हायर सेकेण्डरी शाला का संचालन
[स्कूल शिक्षा]
20. ( *क्र. 635 ) श्री अरूण भीमावद : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या स्कूल शिक्षा विभाग म.प्र. शासन द्वारा प्रदेश के प्रत्येक विकासखण्ड स्तर पर उत्कृष्ट हायर सेकेण्डरी स्कूल संचालित किये जा रहे हैं, जिसमें विद्यार्थी का प्रवेश चयन परीक्षा के माध्यम से वरीयता क्रम से किया जाता है? (ख) क्या ऐसे विद्यार्थियों के लिये जो चयनित नहीं हो पाते उनको अध्ययन हेतु उत्कृष्ट हायर सेकेण्डरी शाला के अलावा अन्य हायर सेकेण्डरी शाला विकासखण्ड स्तर पर संचालित है, जिसमें अचयनित विद्यार्थी प्रवेश पा सकें? (ग) जिला शाजापुर के विकासखण्ड मोहन बड़ोदिया में केवल एक मात्र उत्कृष्ट हायर सेकेण्डरी शाला संचालित है, जिसमें चयनित छात्रों का ही प्रवेश किया जाता है? अचयनित छात्र/छात्राएं प्रवेश से वंचित रहते हैं? (घ) क्या स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा प्रश्नांश (ख) एवं (ग) के अनुसार अचयनित छात्रों के लिए हायर सेकेण्डरी शाला का संचालन करने हेतु कार्ययोजना बनाई है, जिससे छात्रों का भविष्य सुरक्षित रहे?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ, विकासखण्ड स्तरीय उत्कृष्ट विद्यालयों में चयन प्रवेश परीक्षा के माध्यम से नहीं किया जाता है। आयुक्त, लोक शिक्षण के निर्देश क्र. उविसे/प्रवेश/114/06-07 दिनांक 23/07/2008 के अनुसार ऐसे विकासखण्डों में जहां एक मात्र विद्यालय है एवं उत्कृष्ट विद्यालय के रूप में चिन्हांकित है, उस विद्यालय के क्षेत्र के अन्तर्गत समस्त छात्रों को प्रवेश दिया जाता है। (ख) से (घ) उत्तरांश (क) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
उपयोजना क्षेत्र के ग्रामों में बुनियादी सुविधाएं
[आदिम जाति कल्याण]
21. ( *क्र. 1612 ) श्री प्रताप सिंह : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आदिवासी उपयोजना क्षेत्र के ग्रामों में बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने हेतु भारत सरकार/राज्य सरकार किस-किस मद में किन-किन कार्यों हेतु किस आधार पर राशि स्वीकृत करती है? (ख) जबेरा विधान सभा क्षेत्र के माडा पाकेट्स क्षेत्रांतर्गत आने वाले तेन्दूखेड़ा/जबेरा विकासखण्ड के ग्रामों में वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन से कार्य कितनी-कितनी राशि के स्वीकृत किये गये हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार योजनांतर्गत स्वीकृत कार्य कितने पूर्ण हो चुके हैं तथा कितने अपूर्ण हैं, कार्य अपूर्ण होने का क्या कारण है? अपूर्ण कार्य कब तक पूर्ण कर लिये जावेंगे? (घ) योजनांतर्गत कौन-कौन से कार्य किस आधार पर स्वीकृत किये जाते हैं? नीति और निर्देशों से अवगत करावें। वर्ष 2016-17 में माडा पाकेट्स के ग्रामों में कौन-कौन से कार्य स्वीकृति हेतु राज्य शासन/भारत शासन को प्रस्तावित किये हैं अथवा प्रस्तावित किये जाने हैं? उनका विवरण देवें। क्या कार्य स्वीकृति हेतु माननीय मंत्री जी एवं जनप्रतिनिधियों के प्रस्ताव प्रश्न दिनांक तक प्राप्त हुए हैं?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जिन योजनाओं में भारत सरकार द्वारा राशि दी जाती है, की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''एक'' अनुसार है। राज्य सरकार द्वारा बस्ती विकास योजना के कार्यों हेतु नियमों में प्रावधान अनुसार राशि स्वीकृत की जाती है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''दो'' अनुसार है। (ग) बस्ती विकास योजना अन्तर्गत 11 कार्य पूर्ण हुए हैं। 06 कार्य अपूर्ण हैं। समय-सीमा निर्धारित करना संभव नहीं है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''तीन'' अनुसार है। (घ) आदिवासी उपयोजना विशेष केन्द्रीय सहायता, संविधान के अनुच्छेद 275(1) तथा विद्युतीकरण कार्य अन्तर्गत स्वीकृति के संबध में जारी नीति एवं निर्देश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''चार'' तथा वर्ष 2016-17 में प्रस्तावित किये गये कार्यों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''पांच'' अनुसार है। माननीय विधायक विधान सभा क्षेत्र जबेरा के पत्र दिनांक 27/05/16 द्वारा दो पत्र परियोजना कार्यालय दमोह को प्राप्त हुए थे, जिनमें निस्तार एवं जानवरों के पीने के लिए विकासखण्ड तेंदूखेड़ा के ग्राम जरूआ एवं ग्राम हाथीडोल मे नवीन तालाब निर्माण कार्य प्रस्तावित किये गये थे। सी.सी. रोड के प्रस्ताव जिला संयोजक दमोह को प्राप्त हुए है।
मॉडल स्कूल जावरा के अपूर्ण स्टॉफ क्वार्टर्स का निर्माण
[स्कूल शिक्षा]
22. ( *क्र. 617 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मॉडल स्कूल जावरा के अंतर्गत व्याख्याताओं एवं अधिकारी कर्मचारियों हेतु स्टॉफ क्वार्टर्स का निर्माण कार्य, अपूर्ण स्थिति में बंद होकर अपूर्ण बने क्वार्टर अब जीर्ण-शीर्ण होने लगे हैं? (ख) यदि हाँ, तो क्या प्रश्नकर्ता द्वारा प्रश्नों एवं पत्रों के माध्यम से लगातार शासन/विभाग का ध्यान आकर्षित कर अपूर्ण कार्यों को पूर्ण किये जाने हेतु निवेदन किया जा रहा है? (ग) यदि हाँ, तो शासन/विभाग द्वारा करोड़ों रूपये की स्वीकृति एवं लाखों रूपये का व्यय किये जाने के बावजूद अपूर्ण स्थिति में रहने से क्षतिग्रस्त हो रहे क्वार्टर्स का कार्य कब प्रारंभ होगा? (घ) साथ ही विगत कई वर्षों से लापरवाही के कारण बंद पड़े कार्य से हो रही क्षति एवं धनहानि की जिम्मेदारी हेतु शासन/विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) मॉडल स्कूल जावरा के स्टॉफ क्वार्टर का कार्य पूर्ण नहीं करने के कारण अपूर्ण होकर वर्तमान में बंद हैं। (ख) जी हाँ। (ग) शीघ्र प्रारंभ कराया जाएगा, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) ठेकेदार द्वारा कार्य पूर्ण नहीं करने के कारण कार्य अपूर्ण होकर वर्तमान में बंद है। इस हेतु शेष कार्य की निविदा आमंत्रित कर कार्य पूर्ण करवाने एवं कार्य पूर्ण होने पर पूर्व ठेकेदार की दरों से अधिक व्यय होने पर अंतर की राशि की वसूली ठेकेदार से की जायेगी।
हेड-स्टार्ट योजना का क्रियान्वयन
[स्कूल शिक्षा]
23. ( *क्र. 2072 ) श्रीमती योगिता नवलसिंग बोरकर : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शिक्षा विभाग द्वारा चलाई गई हेड-स्टार्ट योजना वर्तमान में चल रही है या बंद हो गयी है? (ख) यदि चल रही है तो कहाँ-कहाँ एवं उससे कितने छात्र-छात्रा लाभान्वित हुए हैं? (ग) यदि नहीं, तो योजना हेतु लिए गए हजारों कम्प्यूटर्स, फर्नीचर व अन्य सामान कहाँ व किन हालातों में है?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) हेडस्टार्ट योजना वर्तमान में चल रही है। (ख) प्रदेश में 3052 हेडस्टार्ट केन्द्र हैं तथा इनमें लगभग कुल 493003 विद्यार्थी लाभान्वित हुए हैं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) उत्तर (ख) के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
पोस्ट मैट्रिक छात्रावासों में छात्र/छात्राओं को कोचिंग की सुविधा
[आदिम जाति कल्याण]
24. ( *क्र. 1862 ) श्री जतन उईके : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा आदिम जाति कल्याण विभाग में पोस्ट मैट्रिक छात्रावासों में छात्रों को कोचिंग की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है? यदि हाँ, तो कब से एवं क्या इसके लिये कोई आदेश जारी किये गये हैं? यदि हाँ, तो आदेश एवं दिनांक सहित आदेश की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) क्या उक्त सुविधा ग्रामीण क्षेत्रों के छात्रावासों में निवासरत बच्चों को भी उपलब्ध कराई जा रही है? (ग) यदि नहीं, तो ग्रामीण क्षेत्रों में निवासरत छात्र/छात्राओं को उक्त सुविधा कब तक उपलब्ध कराई जायेगी तथा कब तक आदेश कर दिया जायेगा?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जी हाँ। पोस्ट मैट्रिक छात्रावासों में वर्ष 2008 से अंग्रेजी विषय की कोचिंग सुविधा स्वीकृत की गई है। आदेश की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। सभी आदिवासी पोस्ट मैट्रिक छात्रावासों में योजना उपलब्ध है। (ग) शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
परिशिष्ट - ''आठ''
सिविल चिकित्सालय रांझी का उन्नयन
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
25. ( *क्र. 1763 ) श्री अशोक रोहाणी : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राँझी जबलपुर स्थित डिस्पेंसरी का सिविल चिकित्सालय के रूप में उन्नयन करने के पश्चात् इसमें चिकित्सा व स्वास्थ्य संबंधी कौन-कौन सी सुविधाएं कौन-कौन से उपकरण, मशीनरी व संसाधन प्रदाय किये गये हैं? मरीजों के रात्रिकालीन इलाज की क्या-क्या व्यवस्थाएं/सुविधाएं हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के चिकित्सालय में स्वीकृत व पदस्थ चिकित्सकों/पैरामेडिकल स्टाफ कितना है? कौन-कौन से स्वीकृत पद रिक्त हैं एवं क्यों? नये सृजित मेडिकल स्पेशलिस्टों व चिकित्सकों के कितने पदों की पूर्ति की गई है तथा किन-किन पदों की पूर्ति नहीं की गई है एवं क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) में विगत एक वर्ष में इलाज हेतु भर्ती कितने मरीजों की मृत्यु हुई? कितने मरीजों को बेहतर इलाज हेतु अन्यत्र रैफर किया गया? प्रसूति हेतु कितनी महिलाओं को भर्ती किया गया? कितनी महिलाओं की सामान्य/सीजेरियन डिलेवरी कराई गई तथा कितनी महिलाओं को रैफर किया गया? कितनी प्रसूति महिलाओं व नवजात शिशुओं की मृत्यु हुई? (घ) प्रश्नांकित चिकित्सालय का किन-किन अधिकारियों द्वारा कब-कब आकस्मिक निरीक्षण में पाई गई किन-किन कमियों/शिकायतों के संबंध में सुधार हेतु क्या प्रयास किये गये एवं इस संबंध में कब-कब, किसने क्या निर्देश जारी किये हैं और उन पर क्या कार्यवाही की गई है? वर्ष 2014-15 से 2016-17 तक की जानकारी दें।
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) सिविल अस्पताल रांझी को सीमॉक के रूप में कार्यशील बनाया गया एवं सिजेरियन प्रसव एवं ब्लड स्टोरेज यूनिट की सुविधा उपलब्ध कराई गई। उपलब्ध कराये गये उपकरणों एवं मशीनरी संसाधन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। रात्रिकालीन ईलाज की व्यवस्था हेतु 01 चिकित्सक, 02 स्टाफ नर्स, 01 वार्डबॉय, 01 स्वीपर एवं 01 गार्ड पदस्थ रहते हैं। मरीजों को उपचारित करने एवं भर्ती किये जाने की व्यवस्था है। रैफर किये जाने वाले मरीजों के परिवहन हेतु 108 एम्बुलेन्स व 102 जननी एक्सप्रेस की सुविधा उपलब्ध कराई जाती है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। विषय विशेषज्ञ चिकित्सकों एवं स्टाफ की कमी के कारण। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार है।
भाग-2
नियम
46 (2) के
अंतर्गत
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
के रुप में
परिवर्तित
तारांकित
प्रश्नोत्तर
मध्यप्रदेश
में कुपोषण से
शिशु मृत्यु
दर संख्या
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
1. ( क्र. 24 ) श्री सुदर्शन गुप्ता (आर्य) : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में कुपोषण से शिशु मृत्यु दर संख्या क्या है? क्या प्रदेश में कुपोषण से शिशु मृत्यु दर विगत वर्षों की तुलना में बढ़ती जा रही है? यदि हाँ, तो कारण स्पष्ट करें? (ख) मध्यप्रदेश में विगत पाँच वर्षों की कुपोषण से शिशु मृत्यु दर की संख्या जिलावार उपलब्ध करावें? (ग) प्रश्नांश ‘क’ अनुसार मध्यप्रदेश में कुपोषण से शिशु मृत्यु दर की संख्या कम करने हेतु संबंधित विभाग द्वारा क्या कदम उठाए जा रहे हैं?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) प्रदेश में कुपोषण से शिशु मृत्यु दर संख्या संबंधी कोई प्रतिवेदन उपलब्ध नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्न (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) कुपोषण एवं शिशु मृत्यु दर कम करने हेतु विभाग द्वारा किये जा रहे प्रयास संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
आदिवासी उपयोजना क्षेत्र निधि में व्यय राशि
[आदिम जाति कल्याण]
2. ( क्र. 70 ) श्री संजय उइके : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आदिम जाति कल्याण विभाग को भारत सरकार से आदिवासी उपयोजना क्षेत्र के विकास हेतु विशेष केन्द्रीय सहायता व संविधान के अनुच्छेद 275 (1) मद में वित्तीय वर्ष 2010-11 से वित्तीय वर्ष 2015-16 तक कुल प्राप्त राशि 188713.17 लाख के विरूद्ध कुल 103027.57 लाख व्यय किया गया है? (ख) यदि हाँ, तो शेष राशि कहाँ व्यय की गयी?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जी नहीं। प्रश्नांश अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2010-11 से वित्तीय वर्ष 2015-16 तक कुल प्राप्त राशि रू. 188713.17 लाख के विरूद्ध कुल राशि रू. 166260.36 लाख व्यय की गई है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश ‘क‘ के संदर्भ में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विमुक्त घुमक्कड़ एवं अर्ध घुमक्कड़ जनजातियों के संबंधी .
[विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्ध घुमक्कड़ जाति कल्याण]
3. ( क्र. 114 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रदेश के किन-किन जिलों के कलेक्टर्स ने विमुक्त घुमक्कड़ एवं अर्ध घुमक्कड़ जनजातियों की जनसंख्या तथा शैक्षणिक,सामाजिक एवं आर्थिक सर्वेक्षण जानकारी शासनादेश उपरांत अब तक उपलब्ध नहीं करवाई? (ख) क्या उक्त सर्वेक्षण जानकारी अनुपलब्धता के कारण माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा उपरोक्त वर्ग के उत्थान हेतु की गई घोषणाओं का लाभ इस वर्ग को नहीं मिल रहा है? यदि हाँ, . तो कहाँ-कहाँ घोषणा का लाभ दिया गया? ब्यौरा दें. एवं नहीं, तो सर्वे शीघ्र प्राप्ति हेतु क्या कदम उठाये गये? (ग) जुलाई 2016 तक कितनी एवं कौन-कौन सी जातियों को विमुक्त घुमक्कड़ एवं अर्ध घुमक्कड़ जनजातियों में सम्मिलित किया गया एवं कौन सी अन्य जातियों को इस वर्ग में सम्मिलित करने की मांग प्राप्त हुई अथवा विचाराधीन?
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्रीमती ललिता यादव ) : (क) शाजापुर, सिवनी, गुना, देवास एवं दतिया जिलों से सर्वेक्षण की जानकारी प्राप्त हुई है। शेष जिले जिनकी जानकारी प्राप्त नहीं हुई उन्हें स्मरण पत्र भेजा गया है, कार्यवाही अभी प्रचलन में है। (ख) जी नहीं। विभाग द्वारा संचालित योजना का लाभ सभी जिलों में इन वर्गों के व्यक्तियों को दिया जा रहा है। सर्वेक्षण पूर्ण होने पर इन वर्गों के लिये भविष्य की योजनाएं तैयार करने पर सहायता प्राप्त होगी। (ग) जुलाई-2016 तक किसी भी नई जाति को विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्ध घुमक्कड़ जनजातियों में सम्मिलित नहीं किया गया है। विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्ध घुमक्कड़ जनजातियों की सूची में अनुक्रमांक-30 पर अंकित धनगर जनजाति के साथ धनगर में उपजाति वर्ग समूह का उल्लेख अंकित करने एवं गोपाल जाति को घुमक्कड़ जाति में शामिल किये जाने के आवेदन प्राप्त हुए है, जो परीक्षणाधीन है।
सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल की स्थापना
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
4. ( क्र. 115 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सरकार ने सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल खोलने के संबंध में निवेशकों के हित में निर्णय लिये हैं? यदि हाँ, तो तत्संबंधी ब्यौरा क्या है? (ख) सरकार ने बेहतर चिकित्सा सुविधायें देने की दिशा में वर्ष 2015 एवं जुलाई 2016 तक क्या-क्या निर्णय लिये? (ग) क्या सरकार केवल बड़े शहरों में ही चिकित्सा सुविधायें एवं सुपर स्पेशियलिटी चिकित्सालय खोलने पर बल देगी अथवा निवेशकों को पिछड़े, आदिवासी, अनुसूचित जाति बाहूल्य जिलों में उक्त सुविधायें प्रदान करवाने हेतु प्रोत्साहित करेगी?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी हाँ। मध्यप्रदेश शासन द्वारा प्रदेश में मल्टी एवं सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल तथा मेडिकल कॉलेज खोलने के संबंध में म.प्र. स्वास्थ्य क्षेत्र निवेश प्रोत्साहन योजना 2016 जारी की है। तत्संबंधी जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। म.प्र. स्वास्थ्य क्षेत्र निवेश प्रोत्साहन योजना 16 अगस्त 2016 को जारी की गयी है। (ग) जी नहीं, योजना सम्पूर्ण प्रदेश हेतु है। निवेशकों को ग्रामीण क्षेत्र में उक्त सुविधायें प्रदान करने को प्रोत्साहन हेतु इन्दौर शहर में निवेश हेतु रियायती दर पर भूमि आवंटन का प्रावधान नहीं है। भोपाल शहर में 40 प्रतिशत तथा शेष नगरों में 60 प्रतिशत शासकीय भूमि के मूल्य में रियायत/छूट का प्रावधान है तथा अन्य सभी नगरीय क्षेत्र से बाहर स्थापित होने वाली स्वास्थ्य संस्थाओं हेतु 75 प्रतिशत शासकीय भूमि के मूल्य में रियायत/छूट का प्रावधान किया गया है।
शिक्षकों के क्रमोन्नति के प्रकरण
[स्कूल शिक्षा]
5. ( क्र. 133 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला शिक्षा अधिकारी भोपाल कार्यालय में शिक्षकों के क्रमोन्नति के कितने प्रकरण कब से लंबित हैं? (ख) क्रमोन्नति के लंबित प्रकरणों पर कार्यालय द्वारा अभी तक आदेश क्यों नहीं निकाले गये? यदि निकाले जायेंगे तो कब तक? (ग) इसके विलंब होने में कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी दोषी हैं? क्या उनके विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी, यदि हाँ, तो कब तक?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) वर्तमान में कोई प्रकरण लंबित नहीं है। (ख) क्रमोन्नति के प्रकरणों के आदेश जारी किए जा चुके है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश ''ख '' के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शास्ति के प्रभाव में रहते हुए द्वितीय क्रमोन्नति का लाभ
[स्कूल शिक्षा]
6. ( क्र. 168 ) श्री शंकर लाल तिवारी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. शासन स्कूल शिक्षा विभाग मंत्रालय वल्लभ भवन भोपाल के आदेश क्रमांक एफ 17-9/2014/20-4 भोपाल दिनांक 08.05.2014 द्वारा एस.के. त्रिपाठी तथा प्रभारी जिला शिक्षा सतना को भविष्य के लिए सचेत किया गया था? (ख) क्या इसी अधिकारी को म.प्र. शासन, स्कूल शिक्षा विभाग मंत्रालय भोपाल के आदेश क्रमांक 2309/796/2013/20-4 भोपाल दिनांक 26.11.2015 द्वारा परिनिंदा की शास्ति अधिरोपित की गई थी तथा अनुदान घोटाले की विभागीय जाँच भी अभी लंबित है? क्या आयुक्त रीवा संभाग रीवा द्वारा भी आरोप पत्र जारी किये हैं? (ग) जिला पंचायत सतना के पत्र क्रमांक जि.पं./शिका./2015/5368 दिनांक 21.8.2015 द्वारा क्या इसी अधिकारी के विरूद्ध थाना कोलगंवा में अपराध क्रमांक 887/15 दिनांक 24.9.15 भारतीय दंड विधान की धारा 420 के तहत प्रकरण पंजीबद्ध किया गया था तथा उक्त अधिकारी माननीय न्यायालय से जमानत पर हैं? (घ) यदि प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) सही है तो शास्ति के प्रभाव में रहते हुए उक्त अधिकारी को म.प्र. शासन स्कूल शिक्षा विभाग मंत्रालय भोपाल के आदेश क्रमांक एफ 13-36/2012/20-1 भोपाल, दिनांक 06.01.2016 द्वारा द्वितीय क्रमोन्नति वेतनमान कैसे दे दिया गया? नियम विरूद्ध द्वितीय क्रमोन्नति कब तक निरस्त कर दी जायेगी? स्वीकृत करने वाले अधिकारी पर शासन क्या कार्यवाही करेगा बतायें?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। जी हाँ। (ग) जी हाँ। (घ) प्रकरण परीक्षणाधीन है। परीक्षणोपरान्त नियमानुसार कार्यवाही की जा सकेगी।
विधानसभा प्रश्नों पर विभाग द्वारा कार्यवाही न किया जाना
[स्कूल शिक्षा]
7. ( क्र. 169 ) श्री शंकर लाल तिवारी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्न क्रमांक 4619, दिनांक 29.03.2012 पर बने आश्वासन क्रमांक 885 की जाँच उप संचालक कार्यालय संयुक्त संचालक लोक शिक्षण रीवा से करायी गयी थी? क्या यह भी सही है कि उक्त जाँच अधिकारी द्वारा पत्र क्रमांक 30, दिनांक 07.04.2015 को अपना जाँच प्रतिवेदन संयुक्त संचालक लोक शिक्षक को सौंप दिया था, जिसमें एक अधिकारी और दो लिपिक दोषी पाये गये थे? (ख) प्रश्नकर्ता के विधानसभा प्रश्न (क्र. 2718), दिनांक 18.12.2015 में संचालक लोक शिक्षण ने यह मान लिया है कि सतना में सहायक अध्यापक से अध्यापक पद की पदोन्नति में नि:शुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 की धारा का उल्लंघन हुआ है? संचालक लोक शिक्षण भोपाल के पत्र क्रमांक/शि.क./सी/अता. 2718/2015/2229, भोपाल दिनांक 11.12.2015 एवं क्रमांक 358, दिनांक 17.02.2016 के द्वारा प्रकरण की जाँच संयुक्त संचालक लोक शिक्षण रीवा को सौंपी गई थी? इस जाँच में 02 अधिकारी एवं 02 लिपिक नियम विरूद्ध तरीके से लाभ देने के लिये दोषी पाए गए हैं? (ग) क्या संचालक लोक शिक्षण के पत्र क्रमांक/शि.का./सी./आश्वा. 885/35/2015/1775 भोपाल, दिनांक 08.10.2015 द्वारा 01 अधिकारी एवं जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय सतना के दो लिपिक वर्गीय कर्मचारियों के विरूद्ध तत्काल अनुशासनात्मक कार्यवाही के निर्देश गये थे, किन्तु आज दिनांक तक इनके विरूद्ध कोई कार्यवाही नहीं की गई है? (घ) यदि प्रश्नांश (क) (ख) एवं (ग) सही है तो उक्त विधानसभा प्रश्नों से उद्भूत जाँच में दोषी पाये गये अधिकारियों एवं लिपिकों के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही न करते हुए उन्हें बचाने वाले अधिकारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जायेगी? नियम विरूद्ध लाभ देने वाले अधिकारी/कर्मचारी एवं नियम विरूद्ध तरीके से लाभ लेने वाले अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध शासन कब तक दंडित करने की कार्यवाही करेगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। (ख) जी हाँ। जी हाँ। संभागीय संयुक्त संचालक, लोक शिक्षण, रीवा संभाग रीवा के पत्र क्र./वि.स./बजट/ 2016/120, दिनांक 09.03.16 के द्वारा प्राप्त जाँच प्रतिवेदन में जिला शिक्षा अधिकारी सतना को उत्तरदायी बताया गया है। (ग) दोषी अधिकारी एवं कर्मचारी के विरुद्ध निम्नानुसार कार्रवाई की गई है:- 1. लोक शिक्षण संचालनालय म.प्र. के आदेश क्र.स्था.1/सत/सी/सतना/ 74 /2015 /1383-1384, दिनांक 23.11.16 के द्वारा श्री उमाकांत शुक्ला, तत्कालीन प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी सतना की दो वेतन वृद्धि असंचयी प्रभाव से रोकी गई है। 2. संभागीय संयुक्त संचालक, लोक शिक्षण, रीवा संभाग रीवा के आदेश क्र./184-185, दिनांक 08.11.16 के द्वारा श्री पवन श्रीवास्तव, सहायक ग्रेड-2, सतना की एक वेतन वृद्धि असंचयी प्रभाव से रोकी गई है। 3. संभागीय संयुक्त संचालक, लोक शिक्षण, रीवा संभाग रीवा के आदेश क्र./186-187, दिनांक 08.11.16 के द्वारा श्री उमेश कुमार शुक्ला, लेखापाल की एक वेतन वृद्धि असंचयी प्रभाव से रोके जाने के आदेश जारी किये गये है। (घ) प्रश्नांश ''ख '' एवं ''ग'' उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विधानसभा क्षेत्र गोटेगांव में शाला भवनों का मरम्मतीकरण
[स्कूल शिक्षा]
8. ( क्र. 187 ) डॉ. कैलाश जाटव : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र गोटेगांव अंतर्गत वर्तमान में ऐसे कितने प्राथ./माध्य./ हाईस्कूल/हायरसेकेण्डरी विद्यालय हैं जो भवनविहीन हैं एवं कितने विद्यालयों के भवन जर्जर अवस्था में हैं सूची उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार उक्त भवन विहीन/जर्जर भवन वाले विद्यालयों के नवीन भवन निर्माण हेतु शासन की कोई मंशा है तो अवगत करावें। (ग) विधानसभा क्षेत्र गोटेगांव अंतर्गत ऐसे कितने शाला भवन है जिनकी भूमि का सीमांकन कर अतिकमण मुक्त कराया गया है? अतिक्रमण मुक्त भूमि पर कितने विद्यालयों की बाउन्ड्रीवॉल का निर्माण कराया गया हे सूची उपलब्ध करावें। जिन विद्यालयों में बाउन्ड्रीवॉल नहीं है उन विद्यालयों में बाउन्ड्रीवॉल निर्माण की शासन की कोई योजना है? यदि हाँ, तो अवगत करावें।
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) विधानसभा क्षेत्र गोटेगांव के अतंर्गत वर्तमान में प्राथ/माध्यमिक विद्यालय भवनविहीन नहीं है। जर्जर प्राथ/माध्यमिक विद्यालयों के भवन की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार। हाई एवं हायर सेकेण्डरी स्कूलों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं '6ब '' अनुसार है। (ख) नवीन भवन निर्माण हेतु प्रस्ताव वार्षिक कार्ययोजना में प्रेषित किया जाता है। स्वीकृति प्राप्त होने पर एवं बजट उपलब्धता के आधार पर निर्माण कार्य किया जाता है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। प्राथमिक/माध्यमिक शालाओं में बाउन्ड्रीवॉल निर्माण हेतु प्रस्ताव भारत शासन को प्रेषित किया जाता है एवं स्वीकृति प्राप्त होने पर ही निर्माण कार्य किया जा सकता है। शासकीय उ.मा. विद्यालय खमरिया झांसी घाट में जन भागीदारी से बाउन्ड्रीवॉल का निर्माण कराया गया है। बाउन्ड्रीवॉल का निर्माण बजट की उपलब्धता पर निर्भर है।
विधानसभा क्षेत्र गोटेगांव अंतर्गत विद्यालयों में निःशुल्क पाठ्य पुस्तकों के संबंध में
[स्कूल शिक्षा]
9. ( क्र. 193 ) डॉ. कैलाश जाटव : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्तमान सत्र में विधानसभा क्षेत्र गोटेगांव अंतर्गत शासन द्वारा देय निःशुल्क पाठ्य पुस्तकें समस्त विद्यालयों के समस्त छात्र/छात्राओं को वितरित कर दी गई है? (ख) यदि नहीं, तो समस्त विषयों की पुस्तक वितरित न कर पाने का कारण बतावें। (ग) ऐसे कितने विषय है जिनकी शिक्षा शालाओं में संचालित नहीं हो रही है ऐसे स्कूलों की सूची विषयवार उपलब्ध करावें। विषय मान से शिक्षा न दिये जाने का कारण भी स्पष्ट करें।
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। (ख) उत्तरांश 'क' के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 1, 2 व 3 अनुसार है। पदपूर्ति निरंतर प्रक्रिया है। शेषांश प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विधानसभा क्षेत्र पनागर की शालाओं में विद्युत एवं पेयजल व्यवस्था
[स्कूल शिक्षा]
10. ( क्र. 204 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नवनिर्मित/निर्माणाधीन शालाओं में विद्युत एवं पेयजल व्यवस्था का प्रावधान रखा जाता हैं? (ख) क्या विषयांकित विधान सभा में 06 माह पूर्व नवनिर्मित शास. मा. शाला उमरिया पठरा में विद्युत एवं पेयजल की व्यवस्था नहीं हैं? (ग) क्या विद्युत एवं पेयजल व्यवस्था न होने के कारण शाला पुराने भवन में ही चल रही हैं? (घ) यदि हाँ, तो कब तक व्यवस्थायें की जावेगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। (ख) विधानसभा पनागर के अंतर्गत 6 माह पूर्व शास. मा. शाला उमरिया पठरा का निर्माण कार्य नहीं किया गया है। माध्यमिक शाला भवन लगभग 10 वर्ष पूर्व निर्मित किया गया है, जिसमें विद्युत एवं पेयजल की व्यवस्था है। (ग) उत्तरांश ''ख '' के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्तरांश ''ख '' के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
दस बीस वर्षों से अधिक पदस्थ लिपिकों का स्थानांतरण
[स्कूल शिक्षा]
11. ( क्र. 216 ) श्री घनश्याम पिरोनियाँ : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आयुक्त लोक शिक्षण के पत्र क्रमांक स्था.4/बी/स्थाना/2016 भोपाल दिनांक 14.06.2016 द्वारा मध्यप्रदेश के समस्त जिला शिक्षाधिकारियों को निर्देशित किया गया था कि उनके कार्यालय में दस बीस वर्षों से पदस्थ लिपिकों के स्थानांतरण कर एक माह में पालन प्रतिवेदन भेजा जाए? (ख) उपरोक्त पत्र के परिपालन में क्या दतिया जिले के जिला शिक्षाधिकारी कार्यालय में आदेश का पालन हुआ? यदि हाँ, तो पालन प्रतिवेदन एवं स्थानांतरण आदेश की प्रति उपलब्ध कराई जाए? (ग) क्या आयुक्त लोक शिक्षण के पत्र के परिपालन हेतु जनप्रतिनिधियों ने शिक्षामंत्री, जिला शिक्षाधिकारी को पत्र लिखे थे? यदि हाँ, तो उक्त पत्र के संबंध में क्या कार्यवाही की गई और कृत कार्यवाही से जनप्रतिनिधि को अवगत कराया गया अथवा नहीं? यदि हाँ, तो कृत कार्यवाही के पत्र की प्रतिलिपि उपलब्ध कराई जाए यदि नहीं, तो क्यों और इसके लिए कौन जिम्मेदार है?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ, आयुक्त, लोक शिक्षण के पत्र दिनांक 14.06.16 द्वारा जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में तीन वर्ष से अधिक समय से पदस्थ लिपिकों के स्थानातरंण हेतु निर्देश दिये गये थे। (ख) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-एक पर है। (ग) लोक शिक्षण संचालनालय में प्राप्त जनप्रतिनिधि के पत्र के अनुक्रम जिला शिक्षा अधिकारी दतिया द्वारा जारी आदेश दिनांक 23.11.16 की प्रति पत्र क्र./स्था.-4/2325/ दिनांक 25.11.16 दवारा जनप्रतिनिधि को संलग्न भेजते हुए अवगत कराया गया पत्र की प्रति संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-दो पर है।
सहायक अध्यापक संवर्ग को क्रमोन्नति
[स्कूल शिक्षा]
12. ( क्र. 217 ) श्री घनश्याम पिरोनियाँ : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दतिया जिले में सहायक अध्यापक संवर्ग को 12 वर्ष की सेवा पूर्ण करने के उपरांत क्रमोन्नति का लाभ नहीं दिया गया है? क्या इस संबंध में प्रश्नकर्ता द्वारा विधान सभा प्रश्न क्रमांक 5623 दिनांक 16.3.2016 में पूछे गए प्रश्न पर आश्वासन क्रमांक 743 बना था? (ख) क्या उपरोक्त आश्वासन के बावजूद आज दिनांक तक क्रमोन्नति का लाभ नहीं दिया गया? इसके लिए कौन जिम्मेदार है? (ग) उपरोक्त संवर्ग के सहायक अध्यापकों को कब तक क्रमोन्नति का लाभ दिया जावेगा और विलंब के लिए जिम्मेदारों के खिलाफ क्या कार्यवाही की गई या की जावेगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत दतिया के आदेश दिनांक 03.11.2016 एवं 10.11.2016 के द्वारा जिले के 284 सहायक अध्यापकों को 12 वर्ष सेवा उपरांत क्रमोन्नति का लाभ दिया गया है। शेषांश आश्वासन क्रमांक 743 बना था। (ख) एवं (ग) प्रश्नांश ''क '' उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
ग्वालियर जिले में आदिमजाति कल्याण विभाग द्वारा स्वीकृत विद्युत ट्रांसफार्मरों
[आदिम जाति कल्याण]
13. ( क्र. 233 ) श्रीमती इमरती देवी : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर जिले में आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा वर्ष 2014-15 एवं 2016-17 में प्रश्न दिनांक तक किन किन ग्रामों में कितने किस स्थान पर विद्युत ट्रांसफार्मर स्वीकृत कर लगाये गये हैं। कितने शेष हैं किस में कितनी राशि भुगतान की गई ग्राम का नाम व स्थान सहित जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) ग्वालियर जिले में आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा जिन स्थानों पर ट्रांसफार्मर स्वीकृत किये गये हैं। क्या उस क्षेत्र के स्थानीय विधायक को इसकी सूचना दी गई है नहीं तो क्यों इसमें कौन दोषी है क्या उसके खिलाफ कोई कार्यवाही की जावेगी? हाँ, तो कब तक। नहीं तो क्यों?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) ग्वालियर जिले में विभाग द्वारा वर्ष 2014-15 में अनुसूचित जनजाति विद्युतीकरण योजना अन्तर्गत 05 चिन्हित अविद्युतीकृत ग्रामों में विद्युतीकरण कार्य कराये गये है, 75 ग्रामों का विद्युतीकरण कार्य शेष है। स्वीकृत कार्यों की ग्राम, स्थान एवं भुगतान की गई राशि की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। वर्ष 2016-17 में कोई कार्य नहीं कराया गया हैं। (ख) जिले द्वारा स्वीकृत किये गये कार्यों की सूचना स्थानीय विधायक को दिये जाने के संबंध कोई निर्देश नहीं हैं। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नियम विरूद्ध बहाली आदेश निरस्त किया जाना
[स्कूल शिक्षा]
14. ( क्र. 242 ) श्रीमती शीला त्यागी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र क्र. सी. 1-2008-3 एक दिनांक 20/10/2008 द्वारा संभागायुक्तों द्वारा अपने ही संभाग में पदस्थ प्रथम एवं द्वितीय श्रेणी शासकीय सेवकों के विरूद्ध लघु शासित के अधिकार दिये गये हैं? (ख) यदि हाँ, तो स्कूल शिक्षा विभाग के प्रथम एवं द्वितीय श्रेणी के सेवकों को निलंबन से बहाल करने की सूचना संबंधित विभाग/विभाग अध्यक्ष को देते हुए उसकी पदस्थापना किये जाने का अनुरोध किया जाना चाहिये ताकि प्रशासकीय विभाग/विभाग अध्यक्ष द्वारा प्रशासकीय आवश्यकता अनुसार उसकी पदस्थापना करें? (ग) यदि प्रश्नांश (क), (ख) हाँ तो रीवा संभागायुक्त द्वारा संभाग अंतर्गत किन-किन प्रथम एवं द्वितीय श्रेणी शासकीय सेवकों को वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक तक निलंबित किया जाकर बहाल किये या पदस्थापना हेतु प्रस्ताव विभाग अध्यक्ष को भेजे गये हैं, की जानकारी आदेश की प्रति के साथ जिलावार, श्रेणीवार, पदवार सूची देवें? (घ) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) हाँ तो यह बतायें कि किस-किस जिले में किस-किस व्याख्याता/प्राचार्य को संभागायुक्त द्वारा निलंबित कर बहाल किया जाकर पदस्थापना आदेश जारी किये गये हैं? क्या उक्त बहाली पदस्थापना आदेश नियम विरूद्ध है? यदि हाँ, तो उन्हें कब तक निरस्त कर नियमानुसार प्रक्रिया से बहाल एवं पदस्थापना की जायेगी? नियम विरूद्ध आदेश जारी करने वाले अधिकारी के विरूद्ध क्या कार्यवाही करेंगे?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। (ख) उत्तरांश (क) में वर्णित सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र के क्रम में सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा निलंबन किये जाने एवं निलंबन से बहाल करने के संबंध में निर्देश जारी किये गये हैं किन्तु निलंबन से बहाली उपरांत पदस्थापना किये जाने के संबंध में कोई निर्देश जारी नहीं किये गये हैं। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रस्ताव विभागाध्यक्ष को नहीं भेजे गये। (घ) विभाग के प्रथम एवं द्वितीय श्रेणी के शासकीय सेवकों को निलंबन से बहाल कर पदस्थापना आदेश जारी किये जाने की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। शेषांश उत्तरांश ''ख '' अनुसार, शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
फर्जी मांझी जाति प्रमाण-पत्र की जाँच
[आदिम जाति कल्याण]
15. ( क्र. 247 ) श्रीमती शीला त्यागी : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा प्रश्न क्रमांक 87 पूर्ण उत्तर मार्च 2014 के प्रश्नांश (ग) के प्रकरण निरस्त की जानकारी दी गई है, पारित निर्णय की जानकारी नहीं दी गई है। बताएं कि प्रमाण पत्र निरस्त पश्चात् रीवा से पृथक की कार्यवाही करेंगे? (ख) विधान सभा अतारांकित प्रश्न संख्या 134 (क्रमांक 2567) उत्तर दिनांक 18.07.2016 के मूल प्रश्न के भाग (ग) में संशोधन किये जाने से प्रश्नकर्ता द्वारा चाही गई जानकारी का उद्देश्य पूर्ण नहीं होता इसलिये उक्त प्रश्न के मूल प्रश्नानुसार जिलावार, विभागवार, पदवार वर्षवार जानकारी देवें? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में उच्च स्तरीय जाँच कराकर दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही करायेंगे? यदि हाँ, तो कब तक?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) विधानसभा प्रश्न क्रमांक 87 विधानसभा सत्र मार्च 2014 के प्रश्नांश (ग) अनुसार निरस्त प्रकरणों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ '' अनुसार है। सेवा से पृथक करने की कार्यवाही उस विभाग की है जिस विभाग ने उन्हें शासकीय सेवा में नियुक्ति प्रदान ही है। सामान्य प्रशासन विभाग के पत्र कमांक एफ-7-74/2003/आ.प्र/एक दिनांक 21 जुलाई 2003 के द्वारा स्पष्ट निर्देश जारी किये जा चुके हैं। उक्त पत्र पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब '' अनुसार है। (ख) जिलावार, विभागवार, पदवार वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (ग) निरस्त प्रकरणों पर कार्यवाही करने हेतु संबंधित जिलों के कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक को समिति द्वारा पारित निर्णय की प्रतियां उपलब्ध करा दी गई हैं। जिन पर कार्यवाही प्रचलित है।
दोषी पर कार्यवाही
[स्कूल शिक्षा]
16. ( क्र. 248 ) श्रीमती शीला त्यागी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आयुक्त लोक शिक्षण संचालनालय भोपाल के पत्र क्र./विधि/सी/रीवा/ अपील/114/06/1420-1421 भोपाल दिनांक 15/07/06 में विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी सिरमौर, जिला रीवा में पदस्थ तत्कालीन लिपिक रजनीश द्विवेदी के विरूद्ध शासन को आर्थिक क्षति पहुंचाने के कारण कलेक्टर रीवा द्वारा अपराधिक प्रकरण दर्ज कराने के निर्देश दिये गये थे तथा जिला शिक्षा अधिकारी रीवा के आदेश क्रमांक/सतर्कता/609-610 रीवा दिनांक 13/02/2007 को निलंबित किया जाकर विभागीय जाँच संस्थापित की गई थी? आदेश प्रति के साथ जानकारी देवें तथा यह भी बतायें कितनी राशि की आर्थिक क्षति पहुंचाई गई थी? (ख) यदि हाँ, तो दर्ज कराई गई एफ.आई.आर. की प्रति दें। यदि एफ.आई.आर. दर्ज नहीं कराई गई तो क्यों तथा कब तक एफ.आई.आर. दर्ज करा दी जायेगी? एफ.आई.आर. दर्ज न कराने में कौन-कौन दोषी है? दोषी के विरूद्ध कब क्या कार्यवाही करेंगे की जानकारी, एफ.आई.आर. की प्रति एवं संस्थापित विभागीय जाँच का जाँच प्रतिवेदन उपलब्ध कराते हुए देवें? (ग) क्या संयुक्त संचालक संभागीय कार्यालय/जिला शिक्षा अधिकारी/विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी कार्यालय में पदस्थ मुख्य लिपिक का वेतनमान 4500-7000 स्वीकृत हैं? जिला शिक्षा अधिकारी रीवा द्वारा आदेश क्र. स्था/2/लेखा/पदों/2003/263-64 रीवा दिनांक 29/03/2003 से रजनीश द्विवेदी को लेखापाल से मुख्य लिपिक के पद का वेतन नियम विरूद्ध 5000 से 8000 पद पदोन्नति आदेश जारी कर दिया जा रहा है? (घ) (क), (ख), (ग) यदि हाँ, तो नियम विरूद्ध श्री द्विवेदी की पदोन्नति जारी करने वाले अधिकारी के विरूद्ध कब क्या कार्यवाही करेंगे तथा अधिक भुगतान किया गया? वेतन उनके स्वत्वों एवं अचल संपत्तियों से वसूल किया जाकर शासन कोष में राशि जमा कराते हुये पुलिस में प्रकरण दर्ज करायेंगे? यदि हाँ, तो कब?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। विभागीय जाँच संस्थापित करने संबंधी आदेश संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। श्री रजनीश द्विवेदी तत्कालीन मुख्य लिपिक सिरमौर को जारी आरोप पत्र में रूपये 10,19,805/-की हानि का उल्लेख है। (ख) जी नहीं। एफ.आई.आर दर्ज नहीं करायी गई है। कलेक्टर रीवा के पत्र दिनांक 30.11.2016 के अनुक्रम में जिला शिक्षा अधिकारी के द्वारा पत्र क्रमांक/सर्त/वि.स./ 2016/1282, दिनांक 01.12.16 द्वारा पुलिस अधीक्षक रीवा को एफ.आई.आर.दर्ज करने हेतु लिखा गया है। एफ.आई.आर. दर्ज न कराने हेतु तत्कालीन जिला शिक्षा अधिकारी श्री मोहनलाल तिवारी थे, जो कि सेवानिवृत्त हो गये है तथा तत्कालीन सर्तकता कक्ष प्रभारी लिपिक श्री के.के.मिश्रा,सहा.ग्रेड-2 को संयुक्त संचालक के आदेश क्रमांक/249-50 दिनांक 01.12.2016 द्वारा निलंबित कर दिया गया है। प्रकरण में विभागीय जाँच प्रचलन में है, जिसके पूर्ण होते ही जाँच प्रतिवेदन उपलब्ध कराया जा सकेगा। (ग) जी हाँ। जी हाँ। (घ) नियम विरूद्ध पदोन्नति जारी करने वाले तत्कालीन प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी डॉ. प्रदीप कुमार मिश्रा को सेवा से पृथक किया जा चुका है। अधिक भुगतान के संबंध में संयुक्त संचालक, लोक शिक्षण शहडोल संभाग शहडोल को जाँच हेतु निर्देशित किया गया है। जांचोपरांत गुणदोष के आधार पर संबंधितों के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी।
सिविल अस्पताल हटा की व्यवस्थाएं
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
17. ( क्र. 258 ) श्रीमती उमादेवी लालचंद खटीक : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दमोह जिले में हटा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र को सिविल अस्पताल का दर्जा कब किस आदेश के तहत प्राप्त हुआ था? आदेश की छायाप्रति उपलब्ध करावें? (ख) क्या हटा चिकित्सालय को प्रा.स्वा.के. जैसा ही संचालित किया जा रहा है, सिविल हॉस्पिटल के अनुरूप डॉक्टर पदस्थ नहीं हैं, कोई सुविधाएं नहीं हैं? इस संबंध में क्या कार्यवाही की जाएगी? (ग) सिविल अस्पताल हटा को सिविल अस्पताल भवन, सिविल अस्पताल अनुरूप पद संरचना, मरीजों को प्रदाय सुविधाएं कब तक उपलब्ध हो जावेंगी?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) दमोह जिले में हटा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र का 60 बिस्तरीय सिविल अस्पताल का दर्जा शासन आदेश क्र.एफ 1-15/07/सत्रह/मेडि-3 दिनांक 09.09.2008 को प्राप्त हुआ था। आदेश की छायाप्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। सिविल अस्पताल हटा में स्वीकृत 09 विशेषज्ञों के विरूद्ध 01 सर्जिकल विशेषज्ञ व 06 चिकित्सा अधिकारी के विरूद्ध 04 पदस्थ है। जी नहीं, सिविल अस्पताल हटा में एक्स-रे, पैथॉलाजी, ब्लड़ स्टोरेज यूनिट एवं अन्य जांचों की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। चिकित्सकों के पद पूर्ति की कार्यवाही निरन्तर जारी है। (ग) सिविल अस्पताल हटा में भवन को सिविल अस्पताल के अनुरूप निर्माण किये जाने हेतु डी.पी.आर तैयार करने की कार्यवाही प्रचलन में है एवं चिकित्सकों के पदों की पूर्ति हेतु कार्यवाही निरन्तर जारी है। निश्चित समयावधि बताया जाना संभव नहीं है।
इन्सीलेटर शौचालयों के संबंध में
[स्कूल शिक्षा]
18. ( क्र. 263 ) श्रीमती उमादेवी लालचंद खटीक : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर संभाग में कन्या विद्यालयों एवं कन्या छात्रावासों में कहाँ-कहाँ इन्सीलेटर शौचालय स्थापित हैं? नाम, पतावार जानकारी उपलब्ध करायें? (ख) क्या दमोह जिले में कन्या छात्रावासों, विद्यालयों में एक भी इन्सीलेटर शौचालय नहीं बनाये गये हैं? (ग) कितना बजट किन-किन शालाओं को प्रदान किया है? बजट प्राप्ति के बाद यदि उक्त शौचालय नहीं बनाये गये तो संबंधितों पर कब तक और क्या कार्यवाही की जाएगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) हाई व हायर सेकेण्डरी स्कूलों से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट - ''एक '' अनुसार है। प्राथमिक/माध्यमिक कन्या विद्यालयों एवं कन्या छात्रावासों के शौचालयों में इन्सीलेटर स्थापन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''एक '' अनुसार है। (ख) हाई व हायर सेकेण्डरी विद्यालयों से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''दो '' अनुसार है। के.जी.बी.व्ही. एवं कन्या छात्रावास भवनों के प्राक्कलन में इन्सीलेटर का प्रावधान नहीं होने से वहां इन्सीलेटर स्थापित नहीं है। प्राथमिक/ माध्यमिक 371 शालाओं के कन्या शौचालयों में इन्सीलेटर स्थापित है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''तीन'' अनुसार है। जिन एजेंसियों द्वारा इन्सीलेटर निर्मित नहीं किए गए हैं उन्हें इन्सीलेटर निर्मित करने हेतु जिलों द्वारा लिखा गया है। प्राथमिक व माध्यमिक कन्या विद्यालयों एवं कन्या छात्रावासों से संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''एक ''’ अनुसार है। उतरांश ''ख'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन अंतर्गत प्राप्त राशि
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
19. ( क्र. 306 ) श्रीमती सरस्वती सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वित्तीय वर्ष 2014-2015 से प्रश्न दिनांक तक सिंगरौली जिले को राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत कितनी राशि प्राप्त हुई है तथा कितनी व्यय की गई? व्यय राशि का मदवार एवं गतिविधिवार ब्यौरा दें। (ख) प्रश्नांश (क) में व्यय की गई राशि के संबंध में क्या भण्डार क्रय नियमों का पालन वित्तीय सीमा में किया गया है? (ग) क्या प्रश्नांश (क) में दर्शाई गई व्यय राशि के संबंध में जनप्रतिनिधियों की बैठक आयोजित कर अनुमोदन लिया गया है? यदि हाँ, तो तत्संबंधी ब्यौरा दें। (घ) व्यय राशि के संबंध में क्या सक्षम अधिकारी द्वारा सत्यापन किया गया है? यदि हाँ, तो विवरण उपलब्ध कराया जावे?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) प्रश्नावधि में सिंगरौली जिले को राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत 50.19 करोड़ राशि प्राप्त हुई है तथा राशि रूपये 44.07 करोड़ व्यय की गई। मदवार एवं गतिविधिवार व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार है। (ख) जी हाँ। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी हाँ, व्यय राशि का सत्यापन मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी एवं संबंधित कार्यक्रम अधिकारी द्वारा किया है। विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार है।
सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र सुठालिया के नवीन भवन में विद्युत कनेक्शन
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
20. ( क्र. 324 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के तारांकित प्रश्न संख्या 11 (क्रमांक 2935) दिनांक 25 जुलाई 2016 के परिप्रेक्ष्य में सदन में हुई चर्चा के दौरान माननीय विभागीय मंत्री जी द्वारा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र सुठालिया के नवीन भवन में बाहरी विद्युत कनेक्शन के प्राक्कलन की स्वीकृति एक माह में करा लेने की बात कही थी? क्या उक्त स्वास्थ्य केन्द्र के नवीन भवन में विद्युत कनेक्शन की स्वीकृति प्रश्न दिनांक तक नहीं हुई है? यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक स्वीकृति प्रदान न करने के क्या कारण है? (ख) क्या उक्त स्वास्थ्य केन्द्र का नवीन भवन विभाग के आधिपत्य में आए हुये लगभग एक वर्ष का समय व्यतीत हो जाने के बावजूद भी आमजन को नवीन भवन के माध्यम से स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ बाहरी विद्युत कनेक्शन के अभाव में नहीं मिल पा रहा है? यदि हाँ, तो इस लापरवाही के लिये कौन जिम्मेदार है तथा शासन द्वारा संबंधित के विरूद्ध प्रश्न दिनांक तक क्या कोई कार्यवाही की गई? (ग) क्या शासन उक्त नवीन भवन में बाहरी विद्युत कनेक्शन की स्वीकृति प्रदान करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी हाँ। जी नहीं, विद्युत कनेक्शन कार्य सहित पुनरीक्षित प्राक्कलन की स्वीकृति दिनांक 19.10.2016 को जारी की जा चुकी है। अतः शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हाँ। स्वीकृति में कोई लापरवाही नहीं हुई अपितु प्रक्रिया में समय लगा है, अतः शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) स्वीकृति दिनांक 19.10.2016 को जारी हो जाने के पश्चात् पी.आई.यू. लोक निर्माण विभाग राजगढ़ द्वारा बाह्य विद्युतीकरण कार्य की निविदा दिनांक 21.11.2016 से प्रक्रिया में है। यथा शीघ्र।
ब्यावरा नगर में ट्रामा सेन्टर की स्थापना
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
21. ( क्र. 329 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के परि.अता. प्रश्न संख्या 56 (क्रमांक 514) दिनांक 18 जुलाई 2016 के उत्तर की कंडिका (क) में गया था कि मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जिला राजगढ़ द्वारा नगर ब्यावरा में ट्रामा सेंटर खोले जाने हेतु उपयोगिता दर्शाते हुये पूर्ण प्रस्ताव नहीं भेजा गया है? तो क्या प्रश्न दिनांक तक प्रस्ताव विभाग को प्राप्त हो चुका है अथवा नहीं? यदि नहीं, तो शासन निर्देशों के बावजूद प्रश्न दिनांक तक पूर्ण प्रस्ताव प्रेषित नहीं करने पर संबंधित अधिकारी के विरूद्ध क्या कोई कार्यवाही की गई अथवा नहीं? (ख) क्या शासन ब्यावरा नगर में ट्रामा सेंटर खोले जाने हेतु पूर्ण प्रस्ताव प्राप्त कर स्वीकृति हेतु भारत सरकार को प्रेषित करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी हाँ। जी नहीं। जी नहीं। (ख) भारत सरकार को राष्ट्रीय राजमार्गों पर स्थित सिविल अस्पतालों में ट्रामा सेन्टरों की स्थापना हेतु प्रस्ताव संचालनालय के पत्र क्रमांक-/एच.ए./सेल-3/2016/2116 दिनांक 01/12/2016 के द्वारा प्रेषित किया गया है। इसमें सिविल अस्पताल ब्यावरा भी सम्मिलित है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शिक्षा का अधिकार अधिनियम अंतर्गत अशासकीय स्कूलों की फीस निर्धारण
[स्कूल शिक्षा]
22. ( क्र. 341 ) श्री राजेश सोनकर : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में कब से शिक्षा का अधिकार अधिनियम (R.T.E.) लागू किया गया है? क्या इस अधिनियम के तहत् 06 से 14 वर्ष के बच्चों को नि:शुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा का प्रावधान है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में शिक्षा का अधिकार अधिनियम (R.T.E.) लागू होने के उपरांत भी क्या इंदौर जिला अंतर्गत अशासकीय स्कूलों (प्रायवेट स्कूलों) में अधिक फीस वसूली के कारण जन आंदोलन किये गये थे? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या अशासकीय विद्यालय भी इस अधिनियम के अंतर्गत शामिल किये गये हैं? यदि हाँ, तो इनके द्वारा वसूल की जा रही फीस अधिनियम का उल्लंघन नहीं है? यदि हाँ, तो क्या अशासकीय विद्यालयों में भी नि:शुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा दी जाना अनिवार्य किया जायेगा? यदि नहीं, तो कारण बतायें? (घ) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में क्या शासन स्तर पर अशासकीय स्कूलों की बढ़ती फीस वृद्धि से पालकों को निजात दिलाने हेतु फीस रेग्यूलेटिंग एक्ट बनाने का प्रावधान किया जा रहा है या किया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक किया जायेगा? क्या क्षेत्रीय विधायक को भी फीस निर्धारण समिति बनाकर सदस्य बनाया जायेगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) शिक्षा का अधिकार अधिनियम, 2009 दिनांक 01.04.2010 से प्रभावशील है। अधिनियम के क्रियान्वयन के लिए राज्य द्वारा नि:शुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार नियम, 2011 दिनांक 26.03.2011 को अधिसूचित किये गये हैं। जी हाँ। (ख) जी हाँ। (ग) जी हाँ। शिक्षा का अधिकार अधिनियम की धारा 18 के अंतर्गत अशासकीय विद्यालयों को मान्यता प्राप्त करना अनिवार्य है। जी नहीं। शिक्षा का अधिकार अधिनियम की धारा 12 (1) (सी) के अंतर्गत गैर अनुदान प्राप्त अशासकीय विद्यालयों में वंचित समूह तथा कमजोर वर्ग के नि:शुल्क प्रवेशित बच्चों को छोड़कर शेष बच्चों के लिये फीस निर्धारण किये जाने की व्यवस्था है। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) अशासकीय विद्यालयों द्वारा लिये जाने वाले शैक्षणिक एवं अन्य प्रकार के शुल्कों के निर्धारण हेतु मार्गदर्शी सिद्धांत दिनांक 30.04.2015 को मार्गदर्शी सिद्धांत वर्तमान में प्रभावशील है। सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश दिनांक 20.10.2015 द्वारा अशासकीय विद्यालयों में शैक्षणिक तथा अन्य शुल्क व मुद्दों विनियमित करने संबंधी बिंदु पर विचार करने हेतु राज्य शासन द्वारा विशेषज्ञ समिति का गठन किया गया है। कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। निश्चित समय सीमा बताया जाना संभव नहीं है। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
महाराजा यशवंतराव चिकित्सालय में दवाइयों एवं अन्य सामग्री क्रय में अनियमितता
[चिकित्सा शिक्षा]
23. ( क्र. 342 ) श्री राजेश सोनकर : क्या राज्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) महाराजा यशवंतराव चिकित्सालय इंदौर में किन-किन विभागों के माध्यम से कौन-कौन सी सामग्री किन नियमों के तहत क्रय की जाती है? (ख) क्या प्रश्नांश (क) के संदर्भ में महाराजा यशवंतराव चिकित्सालय में पिछले दिनों एप्रिन खरीदी एवं दवाईयां खरीदी में बहुत अनियमितताएं सामने आई थी? यदि हाँ, तो क्या गड़बड़ियां थी? इन अनियमितताओं के दोषियों पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई अथवा की जायेगी? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में महाराजा यशवंतराव चिकित्सालय, इंदौर में चाचा नेहरू अस्पताल, कैंसर विभाग, इंदौर में मरीजों को कौन-कौन सी दवाईयां उपलब्ध कराई जाती हैं व क्या चिकित्सालय में समस्त दवाईयां उपलब्ध हैं? यदि नहीं, तो क्या मरीजों के परिजनों से बाहर से दवाईयां मंगवाई जाती हैं?
राज्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा ( श्री शरद जैन ) : (क) एम.वाय. चिकित्सालय, इंदौर द्वारा चिकित्सालय में भर्ती मरीजों के लिये सेन्ट्रल स्टोर हेतु खाद्यान्न सामग्री भंडार क्रय नियमों के अंतर्गत खुली निविदा के माध्यम से, रोगियों के लिये विभिन्न प्रकार के फर्नीचर एवं अन्य आवश्यक सामग्री भंडार क्रय नियम के तहत मध्यप्रदेश राज्य सहकारी उपभोगता संघ मर्यादित, केन्द्रीय सहकारी उपभोक्ता भंडार मर्यादित, सहकारी बाजार, गांधी हॉल, इंदौर से, मेडिकल स्टोर में दवा नीति के अंतर्गत मेडिकल कॉर्पोरेशन भोपाल द्वारा निर्धारित दर पर दवाइयॉ, इंजेक्शन एवं सर्जीकल सामग्री तथा जो मेडिकल कॉर्पोरेशन में उपलब्ध नहीं है उनका क्रय मध्यप्रदेश भण्डार क्रय नियमों का पालन करते हुये खुली निविदा के सफल न्यूनतम दर के निविदाकार से किया जाता है। (ख) एम.वाय. चिकित्सालय, इंदौर में ऐप्रिन का क्रय मध्यप्रदेश हाथकरघा बुनकर मर्यादित संघ, भोपाल से किया गया है। ऐप्रिन क्रय के संबंध में जाँच की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। दवाइयों के क्रय में अनियमितता का कोई प्रकरण प्रकाश में नहीं आया है। (ग) प्रश्नांश में उल्लेखित संस्थाओं में उपलब्ध दवाइयों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अ, ब एवं स अनुसार है। दवाइयॉ एवं अन्य सामग्री मध्यप्रदेश कार्पोरेशन लिमिटेड भोपाल में उपलब्ध दरों में नहीं है। उन दवाइयों एवं सामग्री को कैंसर चिकित्सालय, इंदौर की कैंसररोधी दवाइयों आमंत्रित निविदा दरो पर एवं जनरल दवाइयों एम.वाय. चिकित्सालय, इंदौर द्वारा जारी निविदा दरों से क्रय की जाती है। अस्पताल प्रबंधन द्वारा मरीजों के परिजनों से बाहर से दवाईयॉ नहीं मंगाई जाती है।
उज्जैन शहर में संचालित नर्सिंग होम
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
24. ( क्र. 383 ) श्री सतीश मालवीय : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन शहर में कितने नर्सिंग होम संचालित हो रहे हैं? सूची उपलब्ध करावें। (ख) नर्सिंग होम की अनुमति किन-किन विभाग द्वारा दी जाती है उसके क्या नियम और शर्त रहती है? उज्जैन शहर के कितने नर्सिंग होम नियमानुसार संचालित हो रहे हैं एवं कितने नर्सिंग होम नियम विरूद्ध संचालित हो रहे हैं? सूची उपलब्ध करावें। (ग) नर्सिंग होम में मरीजों को दी जाने वाली सुविधाओं व जाँच हेतु राशि के निर्धारण के क्या मापदण्ड निर्धारित किये गये हैं? क्या उज्जैन शहर के नर्सिंग होम द्वारा दी जाने वाली सुविधा व जाँच हेतु राशि निर्धारित मापदण्ड अनुसार ली जा रही है? यदि हाँ, तो सुविधा एवं जाँच के संबंध में जिले के किन-किन अधिकारियों द्वारा नर्सिंग होम का निरीक्षण दिनांक 01.10.2015 से 05.11.2016 तक किया गया और क्या-क्या कमियां पाई गई एवं संबंधित अधिकारी द्वारा किस-किस नर्सिंग होम पर क्या-क्या कार्यवाही की गई?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) उज्जैन शहर में 38 नर्सिंग होम संचालित हो रहे है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा नर्सिंग होम की अनुमति प्रदान की जाती है, किन्तु इसके पूर्व संबंधित को नगर निगम/नगर पालिका से अनुमति एवं प्रदूषण नियंत्रण मण्डल से प्राधिकार प्रमाण-पत्र एवं आवश्यकतानुसार ए.ई.आर.बी. की अनुमति प्राप्त करना आवश्यक होता है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा मध्यप्रदेश उपचर्यागृह तथा रूजोपचार संबंधी स्थापनाएं (रजिस्ट्रीकरण तथा अनुज्ञापन) अधिनियम-1973, नियम 1997 के प्रावधानों के पालन पर पंजीयन किया जाता है। उज्जैन शहर में समस्त 38 नर्सिंग होम नियमानुसार संचालित हो रहे है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) नर्सिंग होम में मरीजों को दी जाने वाली सुविधाओं व जाँच हेतु राशि निर्धारण के कोई मापदण्ड निर्धारित नहीं है। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
हाई स्कूल एवं हायर सेकेण्डरी स्कूलों का उन्नयन
[स्कूल शिक्षा]
25. ( क्र. 384 ) श्री सतीश मालवीय : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले में जनवरी, 2014 से प्रश्न दिनांक तक कितने मिडिल से हाईस्कूल एवं हाईस्कूल से हायर सेकेण्डरी स्कूल का उन्नयन किया गया है एवं कितने हाईस्कूल एवं हायर सेकेण्डरी स्कूल का उन्नयन किया जाना शेष हैं? (ख) उज्जैन जिले के उन्नयन किये गये हाईस्कूल एवं हायर सेकेण्डरी स्कूलों में कितने भवन स्वीकृत किये गये हैं, कितने भवन स्वीकृत नहीं हो पाये हैं? कितने भवन पूर्ण हैं, कितने भवन अपूर्ण हैं? अपूर्ण भवन कब तक पूर्ण कर लिये जावेंगे? कितने नवीन भवनों में स्कूलों का संचालन प्रारंभ किया जा चुका है? स्कूलवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) उज्जैन जिले में उन्नयन किये गये हाई स्कूल एवं हायर सेकेण्डरी स्कूलों में स्कूलवार स्टॉफ की क्या स्थिति है? क्या स्कूलवार स्टॉफ पर्याप्त संख्या में है? अगर नहीं तो विभाग द्वारा क्या प्रयास किये जा रहे है? (घ) कब तक स्कूलों में स्टॉफ की पूर्ति कर ली जावेगी एवं वर्तमान में हाईस्कूल एवं हायर सेकेण्डरी स्कूल स्टॉफ की जानकारी उपलब्ध करावें।
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। वर्ष 2016-17 में कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार 03 पूर्ण हायर सेकेण्डरी भवनों में स्कूल का संचालन हो रहा है।। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (घ) पदपूर्ति एक सतत् प्रक्रिया है। पद पूर्ति की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार।
नियम विरूद्ध ए.एन.एम. नियुक्ति
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
26. ( क्र. 413 ) श्री रामसिंह यादव : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शिवपुरी जिले में वर्ष 2011-12 से वर्ष 2015-16 तक लगभग आधा दर्जन ए.एन.एम. की नियुक्ति की गई है? यदि हाँ, तो किन-किन की नियुक्ति किन-किन के द्वारा कब-कब किस आदेश के तहत की गई है? आदेश एवं तत्समय लागू शासन के नियम/निर्देशों की छायाप्रति संलग्न कर जानकारी दें। (ख) क्या उक्त ए.एन.एम. नियुक्ति फर्जीवाड़े की जाँच कराई गई है? यदि हाँ, तो उक्त जाँच प्रतिवेदन पर किन-किन के द्वारा कब-कब क्या-क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, की गई तो क्यों? (ग) क्या सी.एम.एच.ओ. कार्यालय शिवपुरी ने उक्त ए.एन.एम. नियुक्ति फर्जीवाड़े का जाँच प्रतिवेदन टीप सहित कार्यवाही हेतु प्रमुख सचिव लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण म.प्र. शासन भोपाल एवं आयुक्त स्वास्थ्य सेवाएं मध्यप्रदेश को वर्ष-2016 में पत्र प्रेषित किया था? यदि हाँ, तो प्रेषित पत्र एवं संलग्न प्रतिवेदन की छायाप्रतियां संलग्न कर जानकारी दें कि उक्त दोनों अधिकारियों द्वारा प्रकरण में क्या कार्यवाही की गई? यदि कार्यवाही नहीं की गई तो क्यों? (घ) क्या उक्त लगभग आधा दर्जन नियुक्तियां तत्कालीन 03 सी.एम.एच.ओ. द्वारा कर्मचारियों से मिलीभगत कर अनियमितताएं कर की गई हैं, जिन्हें बचाने के लिए शासन कोई कार्यवाही नहीं कर रहा है? यदि नहीं, तो शासन ने अभी तक नियमों की अनदेखी करने वाले सी.एम.एच.ओ. एवं कर्मचारियों के विरूद्ध ठोस एवं प्रभावी कार्यवाही क्यों नहीं की? यदि कार्यवाही की है तो संलग्न कर जानकारी दें?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी हाँ, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) तत्कालीन मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, शिवपुरी द्वारा की गई नियुक्तियों की जाँच जिला टीकाकरण अधिकारी (कनिष्ठ अधिकारी) से कराई गई जो कि नियमानुसार उचित नहीं है। इस प्रकरण की नियमानुसार विस्तृत जाँच कर एक माह में प्रतिवेदन प्रस्तुत करने हेतु क्षेत्रीय संचालक, स्वास्थ्य सेवायें, ग्वालियर को निर्देशित किया गया है। (ग) क्षेत्रीय संचालक, स्वास्थ्य सेवायें, ग्वालियर को जाँच कर एक माह के अंदर प्रतिवेदन प्रस्तुत करने हेतु निर्देशित किया गया है। जाँच प्रतिवेदन में प्राप्त निष्कर्ष के आधार पर नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी। (घ) जाँच प्रतिवेदन के आधार पर नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी।
सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बदरवास के तत्कालीन बी.एम.ओ. के विरूद्ध प्राप्त शिकायतों पर कार्यवाही
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
27. ( क्र. 414 ) श्री रामसिंह यादव : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शिवपुरी जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बदरवास के पूर्व बी.एम.ओ. के विरूद्ध अप्रैल-2014 से अक्टूबर-2016 की अवधि में कोई शिकायतें प्राप्त हुई हैं? यदि हाँ, तो कौन-कौन सी शिकायतें प्राप्त हुई? प्राप्त शिकायतों पर क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ख) क्या सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बदरवास के खण्ड चिकित्सा अधिकारी द्वारा पत्र क्रमांक 2016/क्यू1, दिनांक 08.10.2016 मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जिला शिवपुरी को लिखा गया है? यदि हाँ, तो उक्त पत्र पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जिला शिवपुरी द्वारा क्या कार्यवाही की गई? (ग) क्या कार्यालय मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जिला शिवपुरी द्वारा पत्र क्रमांक मु.चि.अ./2016/12789, दिनांक 21.10.2016, खण्ड चिकित्सा अधिकारी सामु.स्वा. केन्द्र बदरवास को किसी प्रकरण की जाँच कर 02 दिवस में प्रतिवेदन प्रस्तुत करने हेतु लिखा है? यदि हाँ, तो प्रकरण की शिकायत एवं पूर्ण जाँच प्रतिवेदन पर सी.एम.एच.ओ. द्वारा क्या कार्यवाही की गई? (घ) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा जनहित में तत्कालीन बी.एम.ओ. के स्थानांतरण हेतु वर्ष 2016 में सी.एम.एच.ओ. शिवपुरी को कोई पत्र लिखा है? यदि हाँ, तो उस पत्र पर क्या कार्यवाही की गई? जनहित में उक्त स्थानांतरण कब तक किया जावेगा?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। उक्त के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। खण्ड चिकित्सा अधिकारी बदरवास द्वारा प्रकरण की जाँच पूर्ण करते हुये जाँच प्रतिवेदन मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी शिवपुरी को उपलब्ध कराये जाने के पश्चात्, प्राप्त जाँच प्रतिवेदन के आधार पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जिला शिवपुरी ने उनके आदेश दिनांक 26.09.2016 द्वारा डॉ. रामलखन सिंह पिप्पल खण्ड चिकित्सा अधिकारी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, बदरवास को उक्त प्रभार से तत्काल प्रभाव से हटाते हुये उनका प्रभार डॉ. नीतराज गौर, चिकित्सा अधिकारी को तथा आदेश दिनांक 21.11.2016 द्वारा श्री अशोक अग्रवाल, प्रभारी लेखापाल सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, बदरवास का लेखा शाखा संबंधी समस्त प्रभार श्री रामस्वरूप श्रीवास्तव, एम.पी.एस. बदरवास को प्रशासकीय कार्य सुविधा की दृष्टि से तत्काल प्रभार से सौंपा गया। (घ) जी नहीं। उक्त के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
राजनगर विकासखण्ड में आने वाले ग्राम की तकनीकी स्वीकृतियां
[अनुसूचित जाति कल्याण]
28. ( क्र. 470 ) कुँवर विक्रम सिंह : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा तारांकित प्रश्न संख्या 16 (क्र. 1630), दिनांक 09 मार्च, 2016 के उत्तर में सदन में मौखिक चर्चा में माननीय मंत्री महोदय ने सदन में क्षेत्र के लंबित पड़े प्रस्तावों की स्वीकृति का उत्तर दिया था? तो अब तक वर्ष 2016-17 के आवंटन से स्वीकृति की कार्यवाही की गई? यदि हाँ, तो आदेशों की प्रति दें? (ख) राजनगर विधानसभा क्षेत्र के राजनगर विकासखण्ड में आने वाले ग्राम की तकनीकी स्वीकृतियां जनपद द्वारा दी गई और वह पत्रावलियां प्रश्न दिनांक तक आयुक्त अनुसूचित जाति विकास भोपाल को जमा की गई या आदिम जाति विभाग छतरपुर? यदि हाँ, तो स्वीकृत कर दी जावेगी? (ग) यदि नहीं, तो मुख्य कार्यपालन अधिकारी राजनगर द्वारा 07.11.2016 को जमा की गई? पत्रावलियों में अब तक क्या कार्यवाही हुई?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जी हाँ। जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) आयुक्त, अनुसूचित जाति विकास में प्रस्ताव विचाराधीन है। नियमानुसार निर्णय लिया जायेगा। (ग) प्रस्ताव नियमानुसार नहीं होने से स्वीकृति नहीं दी गयी है।
दवाएं, सर्जिकल उपकरण का क्रय
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
29. ( क्र. 471 ) कुँवर विक्रम सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले में वर्ष 15-16 एवं 16-17 में कितनी दवाएं, सर्जिकल उपरकण एवं अन्य सामग्री मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा क्रय की गई? प्राप्त आवंटन, सप्लाई दिनांक, सप्लाई फर्म का नाम, फर्म पार्टनर/प्रोपरायटर का नाम सहित देवें? (ख) किन फर्मों ने टेण्डर भरे, जमा टेण्डरों की स्वीकृति तथा टेण्डर के लिए दिये गये विज्ञापनों का विवरण देवें? (ग) वर्ष 14-15 से 16-17 तक कुपोषण दूर करने हेतु किस-किस मद में कितनी-कितनी राशि विकासखण्डवार प्राप्त हुई वर्षवार विवरण दें। प्राप्त राशि को किन-किन कार्यों पर व्यय किया गया? (घ) क्या प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित राशि के व्यय का परीक्षण किया गया?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) छतरपुर जिले में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा वर्ष 15-16 एवं 16-17 में क्रय की गई दवाएं, सर्जिकल उपकरण एवं अन्य सामग्री एवं सप्लाई दिनांक, सप्लाई फर्म पार्टनर/प्रोपरायटर का नाम सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार है। प्राप्त आवंटन की जानकारी निन्नानुसार हैः-
वर्ष |
औषधि |
सामग्री |
अन्य प्रभार |
मशीनरी/उपकरण 63-01 |
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आवंटन |
व्यय |
आवंटन |
व्यय |
आवंटन |
व्यय |
आवंटन |
व्यय |
|
2015-16 |
9394500 |
9374488 |
4327800 |
4191510 |
899500 |
880426 |
3787400 |
3722087 |
2016-17 |
8268357 |
6062019 |
4066600 |
3541684 |
573400 |
571618 |
3679300 |
3621615 |
(ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘स’ अनुसार है। (घ) जी हाँ।
स्वास्थ्य केन्द्र बल्देवगढ़ एवं खरगापुर में महिला चिकित्सकों के पदों की पूर्ति
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
30. ( क्र. 496 ) श्रीमती चन्दा सुरेन्द्र सिंह गौर : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खरगापुर विधानसभा के स्वास्थ्य केन्द्र बल्देवगढ़ एवं खरगापुर में चिकित्सक एवं महिला चिकित्सा के कुल कितने पद हैं और कितने डॉक्टरों की तैनाती कहाँ-कहाँ पर है और कितने पद रिक्त पड़े हैं? (ख) क्या बल्देवगढ़ स्वास्थ्य केन्द्र पर भारी गंदगी का अंबार लगा हुआ है? B.M.O. स्वास्थ्य केन्द्र पर उपलब्ध नहीं रहते हैं तथा मरीजों को काफी परेशानी उठानी पड़ती है तथा वर्तमान में डॉक्टरों के अभाव से तथा महिला चिकित्सक न होने के कारण आम जनता इलाज के अभाव में इधर-उधर इलाज कराकर परेशान हो रही हैं और डेंगू तथा चिकिनगुनिया ग्राम जिनागढ़, सुजानपुरा, देवीनगर आदि में फैला रहा जिसकों नजर अंदाज कर बी.एम.ओ. द्वारा किसी प्रकार की कोई व्यवस्था नहीं की केवल कागजों में कार्यवाही करते रहे? (ग) क्या बी.एम.ओ. को बदलकर महिला चिकित्सकों की पूर्ति करायेंगे? समयावधि बतायें यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें।
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। साफ-सफाई की पूर्ण व्यवस्था है। जी नहीं, बी.एम.ओ. सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, बल्देवगढ़ में ही उपस्थित रहते है। जी नहीं। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, बल्देवगढ़ में डॉ. उमंग लिटोरिया, डॉ. विरेन्द्र सिंह एवं डॉ. राहुल जैन पदस्थ हैं। स्त्रीरोग विशेषज्ञ का पद रिक्त है। जी नहीं। उपलब्ध स्टॉफ द्वारा समुचित स्वास्थ्य सेवायें उपलब्ध करायी जा रही है। चिकन गुनिया एवं डेंगू का कोई प्रकरण उपस्थित नहीं हुआ। (ग) शिकायत प्राप्त होने पर गुण दोष के आधार पर नियम अनुसार कार्यवाही की जावेगी। प्रदेश में विशेषज्ञों की अत्यधिक कमी के कारण विशेषज्ञों की पदस्थापना नहीं की जा सकी है। विशेषज्ञ के पद पदोन्नति के माध्यम से ही भरे जाने का प्रावधान है, चिकित्सकों की पदपूर्ति हेतु विभाग निरंतर प्रयासरत् है। मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग के माध्यम से 1896 चिकित्सकों की चयन सूची प्राप्त होने पर स्नातकोत्तर चिकित्सकों की उपलब्धता अनुसार पदपूर्ति संबंधी कार्यवाही की जा सकेगी, पदपूर्ति हेतु निश्चित समयावधि बताई जाना संभव नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शालाओं में मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराना
[स्कूल शिक्षा]
31. ( क्र. 502 ) कुँवर हजारीलाल दांगी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले की विधानसभा क्षेत्र खिलचीपुर के अंतर्गत ऐसे कितने शासकीय प्राथमिक/माध्यमिक/हाईस्कूल तथा हाईसेकेण्डरी स्कूल हैं जिनमें स्वयं का शाला भवन, खेल मैदान तथा बाउन्ड्रीवॉल नहीं है? उक्त सुविधाएं विद्यालय के पास कब से नहीं है? शालावार जानकारी देवें। साथ ही बतावें कि शाला उन्नयन हेतु कौन-कौन से प्रस्ताव शासन स्तर पर किन कारणों से लंबित हैं? (ख) क्या शासन द्वारा प्रश्नांश (क) अनुसार शालाओं में उक्त वर्णित सुविधाएं प्रदान करने हेतु प्रश्न दिनांक तक कोई कार्यवाही की गई? यदि हाँ, तो क्या बतावें? (ग) क्या उपरोक्तानुसार सुविधाएं शालाओं में नहीं होने से छात्र-छात्राओं में मानसिक बौद्धिक व शारीरिक विकास पर प्रतिकूल प्रभाव आ रहा है? साथ ही भवन के अभाव में अध्ययन कार्य भी बाधित होता है? यदि हाँ, तो क्या शासन उक्त सभी सुविधाऐं प्रश्नांश (क) वर्णित शालाओं में प्रदान करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) विधानसभा क्षेत्र खिलचीपुरा के समस्त शासकीय प्राथमिक/माध्यमिक शालाओं में स्वयं का शाला भवन है। जिन शालाओं में स्वयं का खेल मैदान तथा बाउन्ड्रीवॉल नहीं है, की शालावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। इन शालाओं में बाउन्ड्रीवॉल एवं खेल मैदान की सुविधा शाला स्थापना से अभी तक नहीं है। शाला उन्नयन हेतु विभाग स्तर पर कोई प्रस्ताव नहीं है। हाईस्कूल एवं हायर सेकेण्डरी स्कूलों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'एक' अनुसार है। वर्ष 2016-17 हेतु शाला उन्नयन की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। शेषांश प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हाँ, वार्षिक कार्ययोजना 2016-17 में भारत शासन से बाउन्ड्रीवॉल मांग की गई है, परन्तु भारत शासन से स्वीकृति प्राप्त नहीं हुई। हाई एवं हायर सेकेण्डरी स्कूलों के लिये उपलब्ध बजट अनुसार समय समय पर आवश्यक कार्यवाही की जाती है। (ग) जी नहीं। शाला का अध्यापन कार्य यथावत संचालित है। सभी प्राथमिक/माध्यमिक शालाओं का स्वयं का भवन है। भारत शासन से स्वीकृती प्राप्त होने पर इनमें बाउन्ड्रीवॉल का निर्माण किया जा सकेगा। प्राथमिक/माध्यमिक शालाओं हेतु खेल मैदान भूमि की उपलब्धता पर पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग एवं खेल एवं युवक कल्याण विभाग के सहयोग पर निर्भर है। हाईस्कूल एवं हायर सेकेण्डरी स्कूलों हेतु सुविधायें बजट की उपलब्धता पर निर्भर करेगा निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है। शेषांश प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
स्वास्थ्य केन्द्रों व प्रसव केन्द्रों की स्वीकृति
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
32. ( क्र. 515 ) श्री प्रहलाद भारती : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पोहरी विधान सभा क्षेत्रांतर्गत 01 जनवरी 2009 से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन से नवीन उपस्वास्थ्य केन्द्र स्वीकृत किये गये हैं? क्या इन उपस्वास्थ्य केन्द्रों हेतु भवन भी स्वीकृत किये गये हैं। यदि हाँ, तो उनकी अद्यतन स्थिति क्या है? (ख) पोहरी विधान सभा क्षेत्रांतर्गत कौन-कौन से प्रसव केन्द्र संचालित हैं व उनमें कौन-कौन कर्मचारी वर्तमान में पदस्थ हैं? प्रसव केन्द्र प्रारंभ होने से प्रश्न दिनांक तक उक्त प्रसव केन्द्रों में कितने प्रसव कराये गये हैं व इन प्रसव केन्द्रों पर प्रसूताओं हेतु क्या-क्या सुविधाएं उपलब्ध हैं? प्रसव केन्द्रों की जानकारी पृथक-पृथक उपलब्ध करावें। (ग) क्या सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, बैराढ़ में एक्स-रे मशीन एवं टेक्नीशियन उपलब्ध नहीं है? यदि हाँ, तो एक्स-रे मशीन एवं टेक्नीशियन की व्यवस्था कब तक कर दी जावेगी? (घ) प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, छर्च में कौन-कौन से पद स्वीकृत किये गये हैं व स्वीकृत पदों के विरूद्ध कौन-कौन से पदों पर किस-किस अधिकारी-कर्मचारी की पदस्थापना कर दी गयी है व शेष पदों पर कब तक पदस्थापना कर दी जावेगी? जानकारी पदवार, नामवार उपलब्ध करावें।
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) पोहरी विधान सभा क्षेत्रांतर्गत 01 जनवरी 2009 से प्रश्न दिनांक तक 08 नवीन उप स्वास्थ्य केन्द्र सलोदा, बारोद, बेरजा, टोरिया, भौराना, भिलौड, दौरानी एवं डांगबर्वे स्वीकृत किये गये हैं। इन उप स्वास्थ्य केन्द्रों के भवन निर्माण की स्वीकृति नहीं की है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र खर्च में पदस्थ अधिकारी/कर्मचारियों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। पदस्थापना की कार्यवाही निरन्तर जारी रहती है। निश्चित समयावधि बताना संभंव नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सिविल हॉस्पिटल नागदा को उन्नयन
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
33. ( क्र. 539 ) श्री दिलीप सिंह शेखावत : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नागदा शहर उज्जैन के बाद जिले का सबसे बड़ा शहर है, यहां कई बड़े-बड़े उद्योग संचालित हैं साथ ही नगर पंचायत उन्हैल, बडावदा एवं महिदपुर रोड के मरीज भी यंहा स्वास्थ्य सुविधा के लिये सिविल हॉस्पीटल नागदा में आते हैं, किन्तु यहां पर स्वीकृत बिस्तरों की संख्या कम होने के कारण मरीजों को ईलाज के लिये अन्यत्र जाना पड़ता है? (ख) क्या बड़नगर तहसील जनसंख्या की दृष्टि से नागदा से काफी छोटी होने के बाद भी यहां 100 बिस्तरों के चिकित्सालय की स्वीकृति हुई है? (ग) सिविल हॉस्पिटल नागदा को 100 बिस्तर का प्रोन्नत कब तक कर दिया जावेगा?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। जी नहीं, 35 बिस्तरीय सिविल अस्पताल नागदा की वर्ष 2015-16 की बाह्य रोगियों की संख्या लगभग-300 एवं आंतरिक रोगी-20 प्रतिदिन की है। अतः सिविल अस्पताल नागदा में मरीजों की संख्या को देखते हुये स्वीकृत बिस्तरों की संख्या पर्याप्त है। (ख) जी नहीं, बड़नगर तहसील क्षेत्र एवं इसके आस-पास की ग्रामीण क्षेत्रों की जनसंख्या के आधार पर 100 बिस्तरीय अस्पताल की स्वीकृति हुई। (ग) प्रश्नांश (क) उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
उन्नयन किये गये विद्यालयों के भवन की स्वीकृति
[स्कूल शिक्षा]
34. ( क्र. 540 ) श्री दिलीप सिंह शेखावत : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शिक्षा विभाग द्वारा माध्यमिक एवं हाई स्कूलों का उन्नयन किया गया है, जो कि (1) शा.मा. शाला कमठाना का हाई स्कूल में उन्नयन (2) शा.मा. शाला बुरानाबाद का हाई स्कूल में उन्नयन (3) शा.मा.शाला बिरियाखेड़ी का हाई स्कूल में उन्नयन (4) शा. हाई स्कूल सुरेल का हायर सेकेण्डरी में उन्नयन (5) शा. हाई स्कूल बड़ागाँव का हायर सेकेण्डरी में उन्नयन (6) शा. हाई स्कूल रूनखेरा का हायर सेकेण्डरी में उन्नयन? (ख) क्या उक्त विद्यालयों में उन्नयन पश्चात् भवन एवं स्टॉफ की पूर्ति नहीं किये जाने से छात्रों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है? (ग) यदि हाँ, तो इन विद्यालयों में कब तक भवन की स्वीकृति एवं पदों की पूर्ति कर दी जावेगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। (ग) भवन निर्माण बजट प्रावधान की उपलब्धता पर निर्भर करेगा। पदपूर्ति एक सतत् प्रक्रिया है। अत: समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
प्रतिनियुक्ति पद पर कार्यरत व्याख्याता की कार्यमुक्ति
[स्कूल शिक्षा]
35. ( क्र. 543 ) श्री सुदर्शन गुप्ता (आर्य) : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या स्कूल शिक्षा विभाग के शा. मॉडल उ.मा.वि. इन्दौर में प्रतिनियुक्ति पद पर कार्यरत श्री धीरज कुमार मिश्रा व्याख्याता को जिला शिक्षा अधिकारी जिला इन्दौर के आदेश क्र./स्था-2/मॉडल स्कूल/2016/5039, इन्दौर दिनांक 13.07.2016 के तहत प्रतिनियुक्ति समाप्त की गई है? यदि हाँ, तो किस आधार पर इनकी प्रतिनियुक्ति समाप्त की गई है? स्पष्ट करें। (ख) क्या प्रश्नांश (क) अनुसार जिला शिक्षा अधिकारी के आदेश के परिपालन में मॉडल स्कूल के प्राचार्य के द्वारा श्री धीरज कुमार मिश्रा, व्याख्याता को अपनी मूल संस्था हेतु कार्यमुक्त कर दिया जबकि वह वर्ष 2016 की पूरक परीक्षा केन्द्र के सहायक केन्द्राध्यक्ष शा. उ.मा.वि. देपालपुर जिला इन्दौर का कार्य संभाल रहे थे? यदि हाँ, तो किस नियम के तहत इन्हें परीक्षा के मध्य ही कार्यमुक्त किया गया? स्पष्ट करें। (ग) क्या मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत जिला इन्दौर के पत्र क्र./7441-7442/स्था.शिक्षा/2016-17, इन्दौर दिनांक 18.07.2016 के तहत श्री धीरज कुमार मिश्रा व्याख्याता के कार्यमुक्ति आदेश पर रोक लगा कर इन्हे शा. मॉडल स्कूल उ.मा.वि. इन्दौर में ही पदस्थ रखे जाने के निर्देश जिला शिक्षा अधिकारी को दिये गये थे? यदि हाँ, तो इस संबंध में जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा क्या कार्यवाही की गई व वर्तमान में श्री धीरज कुमार मिश्रा से किस संस्था में क्या कार्य लिया जा रहा है?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। संबधित का भौतिक विषय नहीं होने से प्रतिनियुक्ति समाप्त की गई है। (ख) जी हाँ। शेषांश की जानकारी उत्तरांश ''क '' अनुसार है। (ग) जी हाँ। मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत इंदौर के पत्र दिनांक 18.07.2016 के पूर्व ही संबंधित को कलेक्टर इंदौर के अनुमोदन से दिनांक 14.07.2016 को मूल संस्था शासकीय उ.मा.वि. तराना जिला उज्जैन के लिये कार्यमुक्त किया जा चुका था। जिला शिक्षा अधिकारी इन्दौर द्वारा मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत इंदौर के माध्यम से प्राप्त संबंधित का अभ्यावेदन दिनांक 15.7.2016 का निराकरण कर संबंधित को मूल संस्था हेतु दिनांक 14.07.2016 को जारी कार्यमुक्ति आदेश को मान्य किया गया। वर्तमान में संबंधित द्वारा अपनी मूल संस्था में उपस्थिति न देने के कारण जिला शिक्षा अधिकारी उज्जैन द्वारा कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया है।
बंजारा, घुमक्कड़, खैरूआ तथा शिकारी जाति के लोगों को अनुसूचित जाति में शामिल किया जाना
[विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्ध घुमक्कड़ जाति कल्याण]
36. ( क्र. 559 ) श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या म.प्र. में बंजारा, घुमक्कड़, शिकारी, खैरूआ जाति निवास करती है? यदि हाँ, तो गुना जिले में कितने लोग है वर्गवार संख्या बतायें। (ख) क्या उक्त जाति के लोगों के लिये शासन द्वारा कोई कार्य योजना तैयार की है? क्या उक्त जाति के लोगों को भी अनुसूचित जाति में शामिल किया जावेगा? (ग) क्या प्रश्नांश (क) अनुसार उक्त जाति के लोगों को भी स्थाई तौर पर बसाकर आवास बनाकर स्थापित किये जाने की शासन की कोई योजना है?
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्रीमती ललिता यादव ) : (क) बेसलाईन सर्वे अनुसार गुना जिले में बंजारा जनजाति की कुल जनसंख्या 37847 है। शिकारी एवं खैरूआ जाति, विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्ध घुमक्कड़ जनजाति की सूची में शामिल नहीं है। (ख) जी हाँ। विभाग द्वारा केवल विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्ध घुमक्कड़ जनजाति की सूची में सम्मिलित जाति को विभाग की शैक्षणिक एवं अार्थिक योजनाओं का लाभ पहुँचाया जा रहा है। (ग) विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्ध घुमक्कड़ जनजाति के आवासहीनों को विभागान्तर्गत आवास अनुदान नियम 2013 के तहत आवास प्रदाय किये जाने की योजना संचालित है।
बस्ती विकास योजना
[विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्ध घुमक्कड़ जाति कल्याण]
37. ( क्र. 598 ) श्री राजकुमार मेव : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्ध घुमक्कड़ जन जाति बस्ती विकास (बंजारा समाज) योजनान्तर्गत वर्ष 2016-17 में विभाग को कितना बजट स्वीकृत किया गया, विभाग द्वारा कितनी राशि के कार्य स्वीकृत किये गये एवं कितनी राशि के कार्य स्वीकृत किये जाने शेष है? (ख) विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्ध घुमक्कड़ जन जाति बस्ती विकास योजनान्तर्गत (बंजारा समाज) द्वारा वर्ष 2015-16 से वर्तमान तक तहसील महेश्वर के लिए कितने कार्यों की स्वीकृति हेतु प्रस्ताव दिये गये? कार्यवार जानकारी उपलब्ध कराई जावे। (ग) प्रश्नांश (ख) के संबंध में वर्ष 2016-17 में खरगोन जिले की महेश्वर तहसील के लिए कितने कार्यों के लिए कितनी राशि का बजट प्रावधान किया गया, कितने कार्यों के लिए कितनी-कितनी राशि स्वीकृत की गई? यदि नहीं, तो क्या कारण है? (घ) क्या शासन स्तर पर संचालनालय में महेश्वर तहसील से संबंधित कार्यों के प्रस्ताव स्वीकृति हेतु विगत दो वर्षों से लंबित है? यदि हाँ, तो कब तक स्वीकृति प्रदान की जावेगी ताकि क्षेत्र का विकास हो सके?
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्रीमती ललिता यादव ) : (क) विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्धघुक्कड जनजाति बस्ती विकास (बंजारा समाज) योजनांतर्गत वर्ष 2016-17 में विभाग को राशि रूपये 441.00 लाख का बजट आवंटन प्राप्त हुआ। विभाग द्वारा राशि रूपये 293.10 लाख का आवंटन जिलों को जारी किया गया एवं राशि रूपये 147.49 लाख के कार्य स्वीकृत किये जाने की कार्यवाही प्रचलन में है। (ख) वर्ष 2015-16 में विधानसभा क्षेत्र महेश्वर के लिये 11 कार्यों की राशि रूपये 49.00 लाख का आवंटन जारी किया गया है। (ग) योजना में तहसीलवार बजट प्रावधान नहीं किया जाता। वर्ष 2016-17 में खरगोन जिले की महेश्वर तहसील के लिये कार्यों के अपूर्ण प्रस्ताव प्राप्त होने के कारण कार्यों की स्वीकृति जारी नहीं की गई। पूर्ण प्रस्ताव उपलब्ध कराने हेतु सहायक आयुक्त, आदिवासी विकास, खरगोन को पत्र लिखा गया है। (घ) अपूर्ण प्रस्ताव प्राप्त होने के कारण स्वीकृति जारी नहीं की गई, जिले से प्रस्ताव प्राप्त होने पर योजना में उपलब्ध बजट प्रावधान अनुसार कार्यवाही की जायेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
अनुसूचित जाति बस्ती विकास के अंतर्गत कार्यों की स्वीकृति
[अनुसूचित जाति कल्याण]
38. ( क्र. 599 ) श्री राजकुमार मेव : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन स्तर से ऐसे नियम बनाये गये हैं कि जनगणना 2011 के आधार पर अनुसूचित जाति बाहुल्य चिन्हित ग्रामों में (जनसंख्या प्रतिशत के घटते क्रम में) ही विकास कार्य किया जावेगा? यदि हाँ, तो नियमों की प्रति उपलब्ध कराई जावे? (ख) अनुसूचित जाति बस्ती विकास योजनांतर्गत वर्ष 2016-17 में विभाग को कितना बजट स्वीकृत किया गया? विभाग द्वारा कितनी राशि के कार्य स्वीकृत किये गये एवं कितनी राशि के कार्य स्वीकृत किये जाने शेष हैं? जिलेवार जानकारी उपलब्ध कराई जावे। (ग) अनुसूचित जाति बस्ती विकास योजनांतर्गत वर्ष 2015-16 से वर्तमान तक तहसील महेश्वर के लिए कितने कार्यों की स्वीकृति हेतु प्रस्ताव दिये गये? कार्यवार जानकारी उपलब्ध कराई जावे तथा कब तक कितने कार्यों में कितनी-कितनी राशि स्वीकृत की जावेगी? (घ) क्या विधानसभा क्षेत्र महेश्वर अनुसूचित जाति बाहुल्य क्षेत्र घोषित होकर क्षेत्र के विकास हेतु अधिक राशि ग्रामों के लिए उपलब्ध कराई जाना चाहिए, जबकि प्रश्नांश (क) के संदर्भ में चिन्हांकित गामों में ही सर्व प्रथम कार्य किये जाना है। क्या सभी अनुसूचित जाति बाहुल्य ग्रामों में कार्य किये जाने का प्रावधान होना चाहिए एवं यह संशोधन कब तक किया जावेगा?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जी हाँ। अनुसूचित जाति बस्ती विकास योजना 2014 की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ '' अनुसार है। (ख) योजनांतर्गत विभाग को रूपये 110.00 करोड़ बजट प्रावधान स्वीकृत है। योजनांतर्गत जिलेवार स्वीकृत कार्यों की संख्या/राशि, स्वीकृति हेतु शेष कार्यों की संख्या/राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब '' अनुसार है। (ग) खरगोन जिले के महेश्वर तहसील के लिये प्राप्त प्रस्ताव, स्वीकृत कार्य एवं राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स '' अनुसार है। (घ) योजनांतर्गत ग्राम/वार्ड/मजरे/टोले को इकाई मानकर 40 प्रतिशत अनुसूचित जाति की संख्या या अनुसूचित जाति के 20 परिवार निवास करते हो वहां कार्य स्वीकृत करने का ही प्रावधान है।
कंपनी का कार्यक्षेत्र एवं विद्युत उत्पादन क्षमता
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
39. ( क्र. 618 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रतलाम, मंदसौर, नीमच जिला अंतर्गत पवन ऊर्जा एवं सौर ऊर्जा से विद्युत उत्पादन का कार्य निरंतर शासन/विभाग के नियंत्रण में होकर चल रहा है? (ख) यदि हाँ, तो इस हेतु शासकीय/निजी भूमियों का आवंटन/क्रय विक्रय किया जाकर उक्त भूमियों पर कंपनियों द्वारा कार्य किये जा रहे हैं और इस हेतु शासन/विभाग की नियम प्रक्रिया भी है? (ग) यदि हाँ, तो उपरोक्त जिलों में वर्ष 2003 से लेकर प्रश्न दिनांक तक किन-किन कंपनियों द्वारा किस-किस स्थान पर कितने मेगावाट के विद्युत उत्पादन के संयंत्र स्थापित कर विद्युत उत्पादन कार्य प्रारंभ किये, कितने कार्य अपूर्ण रहे, कितने कार्य अप्रारंभ रहे? (घ) साथ ही उपरोक्त स्थानों से कितना विद्युत उत्पादन होकर विद्युत क्षमता वृद्धि हुई तथा ग्रामीण क्षेत्रों से आवागमन, रास्तों को रोका जाना एवं आवंटित भूमि से अधिक कब्जे में लेना एवं आबादी के नजदीक संयंत्र स्थापित करना इत्यादि प्रकार की कितनी शिकायतें विगत 5 वर्ष में प्राप्त होकर कितनी निराकृत हुई?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ। रतलाम, मंदसौर व नीमच जिला अन्तर्गत पवन ऊर्जा एवं सौर ऊर्जा से विद्युत उत्पादन का कार्य निरंतर, शासन की पवन ऊर्जा परियोजना क्रियान्वयन नीति-2012 एवं सौर ऊर्जा परियोजना क्रियान्वयन नीति-2012 के प्रावधानों के अन्तर्गत किया जा रहा है। (ख) निजी इकाइयों को शासन की पवन ऊर्जा परियोजना क्रियान्वयन नीति-2012 एवं सौर ऊर्जा परियोजना क्रियान्वयन नीति-2012 के प्रावधानों के अन्तर्गत परियोजना स्थापना हेतु विभाग द्वारा शासकीय भूमि के उपयोग की अनुमति दी जा रही है। विकासकों द्वारा निजी भूमि पर प्रस्तावित परियोजनाओं हेतु निजी भूमि क्रय कर परियोजनाएं स्थापित की जा रही है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) उपरोक्त स्थानों पर पवन ऊर्जा की 1001.7 मेगावाट क्षमता एवं सौर ऊर्जा की 329 मेगावाट क्षमता की स्थापना से कुल 1330.7 मेगावाट क्षमता की वृद्धि हुई है। विगत 5 वर्ष में प्रश्न दिनांक तक ग्रामीण क्षेत्रों से आवागमन, रास्तों को रोका जाना एवं आवंटित भूमि से अधिक कब्जे में लेना एवं आबादी के नजदीक संयंत्र स्थापित करना इत्यादि प्रकार की जिला रतलाम में 35 एवं जिला मंदसौर में 12 कुल 47 शिकायतें प्राप्त हुई हैं। जिला मंदसौर में शेष कुल 4 शिकायतों का निराकरण विकासकों एवं शिकायतकर्ताओं के मध्य सहमति से होना है, इस हेतु आवश्यक समन्वय किया गया है।
विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्ध घुमक्कड़ बस्तियों को मूलभूत सुविधाएं
[विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्ध घुमक्कड़ जाति कल्याण]
40. ( क्र. 636 ) श्री अरूण भीमावद : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या म.प्र. शासन ने विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्ध घुमक्कड़ बस्तियों के निवासियों को मूलभूत सुविधाएं जैसे पानी, बिजली, सड़क आदि के निर्माण हेतु कार्य योजना प्रस्तावित है? (ख) यदि हाँ, तो शाजापुर विधानसभा क्षेत्र में रिंगनीखेड़ा, इमलीडेम, सॉपखेड़ा, खेड़ा पहाड़, तालाबडेर, भालूखेड़ा, पाण्डूखोरा, भेरूखेड़ा, मझानिया खोरिया चक, रामनगर, रूलकी, कांकड़ी आदि बाहुल्य ग्रामों में मूलभूत सुविधाओं के प्रस्ताव लंबित क्यों है? (ग) यदि लंबित है तो प्रश्नांश (क) के अनुसार मूलभूत सुविधाओं से वंचित क्यों है? (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के अनुसार मूलभूत सुविधाओं का लाभ कब तक प्राप्त होगा?
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्रीमती ललिता यादव ) : (क) जी हाँ। विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्ध घुमक्कड़ बस्तियों के निवासियों को मूलभूत सुविधा हेतु बस्ती विकास योजना एवं विद्युतीकरण योजना संचालित है। (ख) प्रस्ताव विभाग के विचाराधीन है। योजना में उपलब्ध बजट प्रावधान अनुसार, नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रस्ताव विभाग के विचाराधीन होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) अभी प्रस्ताव विभाग में विचाराधीन हैं। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
अयोग्य व्यक्ति की बहाली
[स्कूल शिक्षा]
41. ( क्र. 647 ) श्री नरेन्द्र सिंह कुशवाह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परि.अता. प्रश्न संख्या 31 (क्रमांक 1011) दिनांक 25/07/2016 के संबंध में श्री सुधीर त्रिपाठी भिण्ड द्वारा त्याग पत्र दिनांक 06/07/2009 को दिया गया त्याग पत्र स्वीकृत आदेश दिनांक 07/08/2015 को जारी हुआ 10/07/2009 को त्याग पत्र वापस हेतु आवेदन पत्र दिया गया 06 वर्ष पश्चात् त्याग पत्र स्वीकृत कर अनुबंध समाप्त विलम्ब से क्यों किया गया इसके लिए कौन उत्तरदायी है? (ख) श्री सुधीर त्रिपाठी संविदा शाला शिक्षक 2 पर भारतीय दण्ड संहिता के अंतर्गत भिण्ड जिले में कहाँ पर कौन सा प्रकरण कब पंजीबद्ध हुआ? प्रकरण पंजीबद्ध किसके द्वारा करवाया गया विवेचना किसके द्वारा कब की गई? अभी तक क्या कार्यवाही हुई? (ग) क्या मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत अटेर ने एक माह का वेतन देकर आदेश क्रमांक 1974 दिनांक 15/10/2007 सेवा समाप्त की? सामान्य प्रशासन समिति ने पुनर्विचार करके आदेश क्रमांक 2137 दिनांक 12/11/2007 जारी किया? यदि हाँ, तो पुनरावृत्ति क्यों हुई? प्रश्नांश (क) में समयावधि में कार्यवाही क्यों नहीं की गई? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) और (ग) में अयोग्य व्यक्ति की अपील कलेक्टर भिण्ड द्वारा स्वीकार कर सवेतनिक बहाल आदेश क्यों जारी किया गया? क्या यह गंभीर त्रुटि है?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) श्री सुधीर त्रिपाठी, संविदा शाला शिक्षक श्रेणी-2, शा. मा.वि. मधैयापुरा अटेर के द्वारा त्याग-पत्र दिनांक 06.07.09 एवं त्याग-पत्र वापसी दिनांक 10.07.09 के आवेदन-पत्रों पर तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत अटेर जिला-भिण्ड़ द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई थी। इस संबंध में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, मंत्रालय भोपाल को पत्र लिखा जा रहा है। गुण-दोष के आधार पर संबंधित अधिकारी के विरुद्ध कार्रवाई की जायेगी। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ। जी हाँ। प्रश्नांश (क) उत्तर अनुसार। (घ) म.प्र. पंचायत अध्यापक संवर्ग (नियोजन एवं सेवा की शर्तें) नियम, 2008 के नियम-8 के अनुसार अध्यापक संवर्ग के अपीलीय अधिकारी जिला कलेक्टर है। श्री सुधीर त्रिपाठी की अपील पर अपीलीय अधिकारी द्वारा संबंधित को देय पारिश्रमिक में से अनुपस्थित दिवसों का अनुपातिक कटौत्रा किया जाकर उनकी उपस्थिति संस्था में उपस्थित दिनांक से मान्य की गई है। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अनुसूचित जाति बस्ती विकास में निर्माण का स्वीकृत
[अनुसूचित जाति कल्याण]
42. ( क्र. 650 ) श्री नरेन्द्र सिंह कुशवाह : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) तारांकित प्रश्न संख्या-1 (क्रमांक 838) दिनांक 09.03.2016 में 40 प्रतिशत से अधिक अनुसूचित जाति की आबादी या 20 अनुसूचित जाति के परिवार निवासरत होने पर बस्ती विकास योजना से प्रकरण स्वीकृत करने का प्रावधान है बताया गया था तो भिण्ड विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत जिला संयोजक आदिम जाति कल्याण विभाग भिण्ड द्वारा किस ग्राम पंचायत में कितनी राशि विगत पाँच वर्षों में स्वीकृत की गई? (ख) जनवरी 2014 से प्रश्नांश दिनांक प्रति तिमाही कितना बजट किस मद में जिला संयोजक आदिम जाति कल्याण भिण्ड को मिला उसका उपयोग कहाँ पर किया गया? कितना कब लेप्स हुआ? इसके क्या कारण है? (ग) प्रश्नांश (क) के अन्तर्गत क्या नियमों के प्रतिकूल अनुसूचित जाति बस्ती विकास योजना के अंतर्गत प्रकरण स्वीकृत किए गए? यदि हाँ, तो अभी तक क्या कार्यवाही की गई? जनवरी 2016 से अभी तक क्या कार्य योजना तैयार की गई? उसमें से कौनसा प्रकरण अभी तक स्वीकृत नहीं हुआ? (घ) भिण्ड विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत प्रश्नांश दिनांक तक कौन से प्रकरण विचाराधीन है कब तक स्वीकृत हो जायेंगे?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) भिण्ड विधानसभा अंतर्गत ग्राम पंचायतवार विगत पाँच वर्षों में स्वीकृत राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ '' अनुसार है। (ख) जनवरी 2014 से प्रश्न दिनांक तक योजनांतर्गत भिण्ड जिले को प्राप्त आवंटन की त्रैमासिक जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। लैप्स आवंटन की जानकारी एवं कारण परिशिष्ट में उल्लेखित हैं। (ग) जी नहीं। तैयार कार्ययोजना के अंतर्गत स्वीकृत एवं लंबित प्रकरणों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स '' अनुसार है। (घ) भिण्ड विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत प्रस्तावित कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द '' अनुसार है। अनुसूचित जाति बस्ती विकास योजना नियम के अनुसार परीक्षण उपरान्त आवंटन की सीमा में स्वीकृत किये जायेंगे।
जिला चिकित्सालय में निर्माण कार्यों में अनियमितता
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
43. ( क्र. 652 ) श्री नरेन्द्र सिंह कुशवाह : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड जिले के अंतर्गत विगत 03 वर्षों में रोगी कल्याण समिति भिण्ड व रेडक्रास समिति भिण्ड के द्वारा कहाँ से कितनी आय हुई? किस कार्य हेतु कितनी राशि व्यय की गई? व्यय करने के लिए क्या मापदण्ड निर्धारित हैं? क्या व्यय करने से पूर्व सक्षम अधिकारी की अनुमति ली गई? (ख) जुलाई 15 से प्रश्न दिनांक तक जनभागीदारी मांग संख्या 60 व 64 के अंतर्गत कलेक्टर भिण्ड द्वारा कौन से कार्य स्वीकृत किए गए जिला चिकित्सालय भिण्ड में कितनी राशि का निर्माण कार्य किस एजेंसी से करवाया गया? निर्माण का निरीक्षण किसके द्वारा किया गया? (ग) जनवरी 12 से प्रश्न दिनांक तक कार्यपालन यंत्री ग्रामीण यांत्रिकीय सेवा भिण्ड द्वारा किस मद से जिला चिकित्सालय भिण्ड में किस निर्माण कार्य का किस संविदाकर्म/ठेकेदार से अनुबंध किया गया? कौन सा कार्य अप्रारंभ/अपूर्ण/पूर्ण हैं? कब तक पूर्ण होगा? (घ) जनवरी 12 से प्रश्न दिनांक तक जिला चिकित्सालय भिण्ड में किस मद में निर्माण कार्यों के लिए बजट प्राप्त हुआ? किस एजेंसी से क्या निर्माण कार्य करवाया गया? किस प्रयोगशाला में कब परीक्षण करवाया गया? किस उपयंत्री/सहायक यंत्री की देखरेख में कार्य हुआ?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार है। जी हाँ। जी हाँ। (ख) मांग संख्या 60 की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार है। मांग संख्या 64 के तहत जानकारी निरंक है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘स’ अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘द’ अनुसार है।
गुरूजियों को शिक्षाकर्मी के समान वेतन
[स्कूल शिक्षा]
44. ( क्र. 682 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ब्यावरा (राजगढ़) विधान सभा क्षेत्र अन्तर्गत प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षाकर्मी तथा ई.जी.एस.शालाओं में गुरूजी की नियुक्ति किन नियमों एवं शर्तें के तहत कितने मानदेय पर की गई थी? जानकारी दें? (ख) क्या प्राथमिक विद्यालयों में कार्यरत शिक्षाकर्मी तथा ई.जी.एस.शालाओं में गुरूजियों को अलग-अलग मानदेय दिये जाने का प्रावधान निर्धारित था? यदि हाँ, तो शिक्षाकर्मी एवं गुरूजियों को सहायक अध्यापक बनने तक कितना-कितना मानदेय निर्धारित था? (ग) क्या गुरूजियों को नियुक्ति दिनांक से शिक्षाकर्मी के समान सहायक अध्यापक के पद के समान वेतन दिये जाने हेतु प्रकरण माननीय उच्च न्यायालय में लगाया था? यदि हाँ, तो निर्णय की प्रति दें? (घ) क्या राजगढ़ जिले में भी उच्च न्यायालय के निर्णय के पालन में ई.जी.एस.शालाओं में कार्यरत गुरूजियों को शिक्षाकर्मी के समान सहायक अध्यापक के पद के वेतन का एरियर्स दिया है? यदि हाँ, तो किस आदेश से कब उन गुरूजियों का नाम पद नाम पदस्थापना स्थल दी गई एरियर्स की राशि एवं स्वीकृत करने वाले अधिकारी का नाम सहित बतावें?।
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) ब्यावरा (राजगढ़) विधान सभा क्षेत्र अन्तर्गत म.प्र. पंचायत शिक्षाकर्मी (भर्ती तथा सेवा की शर्तें) नियम, 1997 की अनुसूची-एक में अंकित शिक्षाकर्मी वर्ग-1, 2, 3 वेतनमान क्रमशः 1200-40-2000, 1000-30-1600 एवं 800-20-1200 नियत था। इस नियम की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार। प्रदेश में शिक्षा गारंटी शालाओं हेतु वर्ष 1997 से 2005 तक म.प्र. शिक्षा गारंटी शाला पुनरीक्षित नियम 30 जून, 2002 अनुसार निर्धारित नियम एवं शर्तों पर गुरूजी की पहचान वहीं समुदाय करता था, जिसने शाला खोलने की मांग की है एवं गुरूजी का अनुबंध स्थानीय शिक्षा गारंटी शाला के पालक शिक्षक संघ से होता था। शिक्षा गारंटी शालाओं में कार्यरत गुरूजियों का शासन द्वारा समय-समय पर निम्नानुसार मानदेय निर्धारित किये गये है- वर्ष 1997 - रू. 500/- प्रतिमाह। वर्ष 2001 - रू. 1000/- प्रतिमाह। वर्ष 2003 - रू. 2500/- प्रतिमाह (01.07.2001 से पूर्व अनुबंधित)। वर्ष 2003 - रू. 1000/- प्रतिमाह (01.07.2001 से पश्चात् अनुबंधित)।
· वर्ष 2007 - रू. 2500/- प्रतिमाह (प्रौन्नत ई.जी.एस.)। वर्ष 2007 - रू. 1750/- प्रतिमाह (अप्रौन्नत ई.जी.एस.)। वर्ष 2008 - रू. 2500/- प्रतिमाह सभी को।
· वर्ष 2012 - रू. 3600/- प्रतिमाह (20.09.2012) सभी को। (ख) उत्तरांश क अनुसार प्राथमिक विद्यालयों में कार्यरत शिक्षाकर्मियों को सहायक अध्यापक बनने तक 800-20-1200 का वेतनमान दिया जा रहा था। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन अनुसार है।
राजगढ़ जिले में मॉडल स्कूल भवन की स्वीकृति
[स्कूल शिक्षा]
45. ( क्र. 683 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजगढ़ जिले में स्कूल शिक्षा विभाग के अंतर्गत मॉडल स्कूल भवन की स्वीकृति प्रदान की गई है? (ख) यदि हाँ, तो राजगढ़ जिले की तहसीलों में किस-किस वर्ष में कितनी-कितनी राशि के मॉडल स्कूल भवन स्वीकृत किये गये हैं? स्वीकृति दिनांक, स्वीकृति राशि एवं निर्माण एजेंसी का नाम सहित तहसीलवार बतायें। (ग) क्या उक्त स्वीकृत निर्माण कार्य पूर्ण हो चुके हैं? यदि हाँ, तो कौन-कौन सी तहसीलों में कार्य पूर्ण हो चुके हैं? कार्य पूर्ण होने की दिनांक, यदि नहीं, तो अपूर्ण होने का कारण बतावें। (घ) क्या उपरोक्त स्वीकृत मॉडल स्कूल भवनों में विद्युतीकरण, पेयजल एवं बाउन्ड्रीवॉल एवं एप्रोच रोड से शाला भवन तक सड़क मार्ग कार्य भी स्वीकृत है? यदि स्वीकृत है तो क्या कार्य पूर्ण किये गये है? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी हाँ। मॉडल स्कूल के भवनों में आंतरिक विद्युतीकरण, पेयजल के कार्य स्वीकृत होकर पूर्ण हो चुके है। बाह्य विद्युतीकरण, बाउण्ड्रीवॉल एवं एप्रोच रोड (सड़क मार्ग) के कार्य मॉडल स्कूल भवन के साथ प्रावधानित नहीं है। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी की अनियमित नियुक्ति
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
46. ( क्र. 686 ) डॉ. योगेन्द्र निर्मल : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कि वर्षाकालीन सत्र 2016 के तारांकित प्रश्न क्रमांक 670 के जवाब में द्वारा स्वीकार किया गया था, कि बालाघाट जिले में पदस्थ कलम सिंह पटले सहायक ग्रेड-2 की नियुक्ति नियम विरूद्ध हैं? यदि हाँ, तो आज दिनांक तक उनके विरूद्ध कोई भी कार्यवाही क्यो नहीं कि गई? कारण बतावे? कब तक कार्यवाही की जावेगी समय सीमा बतावे? (ख) क्या श्री कलमसिंह पटले की प्रथम नियुक्ति स्वीपर के पद पर की गई थी एवं सहायक ग्रेड-2 के पद पर पदोन्नति भी नियम विरूद्ध की गई हैं? (ग) यदि हाँ, तो आज दिनांक तक उनके विरूद्ध कार्यवाही कर इन्हे पद से बर्खास्त क्यो नहीं किया गया? कारण बतावे? दोषी कर्मचारी के विरूद्ध आज दिनांक तक कोई कार्यवाही नहीं करने वाले जिम्मेदार अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जावेगी और कब तक?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी हाँ। माननीय उच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेश दिनांक 06.02.2014 के संदर्भ में श्री पटले के विरूद्ध कोई कार्यवाही वर्तमान में नहीं की जा रही है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हाँ। जी हाँ। (ग) उत्तरांश (क) के सदंर्भ में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
हाई स्कूलों का हायर सेकेण्डरी स्कूल में उन्नयन
[स्कूल शिक्षा]
47. ( क्र. 755 ) श्रीमती प्रतिभा सिंह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बरगी विधानसभा क्षेत्र के हाई स्कूलों ग्राम रमखिरिया, शहजपुर, मनकेड़ी एवं कालादेही के छात्र-छात्राएं कक्षा 10 वीं उत्तीर्ण करने के बाद पढ़ाई छोड़ देते है क्योंकि हा.से.स्कूल गांव से दूर है? (ख) यदि हाँ, तो क्या शासन ग्रामीण छात्र-छात्राओं के भविष्य को दृष्टिगत ग्राम रमखिरिया, शहजपुर मनकेड़ी एवं कालादेही हाई स्कूलों का उन्नयन हा. से. स्कूल में करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी नहीं। प्रश्नांकित विद्यालयों के छात्र-छात्राऐं समीपस्थ हायर सेकेण्डरी स्कूल, शहपुरा, पिपरियाकला एवं बरगी में अध्ययन हेतु जाते है। (ख) उन्नयन निर्धारित मापदण्ड की पूर्ति करने एवं बजट उपलब्धता पर निर्भर करता है। समय सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
क्षेत्र में विकास की योजना
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
48. ( क्र. 769 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र सुवासरा के आम्बा एवं रूनीजा पंचायत के अन्तर्गत एन.टी. पी.सी. द्वारा सौर ऊर्जा प्लांट हेतु कितने करोड़ की योजना स्वीकृत की गई है तथा क्षमता भी बतावें। (ख) विधानसभा क्षेत्र में विभाग द्वारा विकास हेतु क्या कार्य योजना बनाई गई हैं? (ग) एन टी पी सी के अधिकारियों द्वारा रूनीजा एवं आम्बा पंचायतों के ग्रामीणों को विकास हेतु क्या-क्या आश्वासन दिये गये हैं? (घ) विभाग द्वारा ग्रामीणों की सुविधा हेतु विकास कार्य कब तक प्रारम्भ कर दिया जावेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) विधान सभा सुवासरा के आम्बा एवं रूनीजा पंचायत के अन्तर्गत एन.टी.पी.सी. द्वारा 250 मेगावाट क्षमता की रूपये 1502.77 करोड़ की परियोजना स्थापित की जा रही है। (ख) विधान सभा क्षेत्र सुवासरा में परियोजना क्षेत्र में ग्राम पंचायत रूनीजा एवं आम्बा के अन्तर्गत ग्रामों में स्थानीय क्षेत्र विकास निधि अन्तर्गत कार्य योजना की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) विभाग व एन.टी.पी.सी. द्वारा परियोजना प्रभावित क्षेत्र रूनीजा एवं आम्बा पंचायतों में उत्तरांश (ख) में प्रस्तावित कार्यों को किये जाने हेतु आश्वासन दिया गया है। (घ) संलग्न परिशिष्ट में उल्लेखित विकास कार्य स्वीकृत कर दिए गए हैं।
अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के कृषकों को सिंचाई सुविधा बाबत्
[आदिम जाति कल्याण]
49. ( क्र. 785 ) श्री महेन्द्र सिंह : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनुसूचित जाति एवं जनजाति के कृषकों को सिंचाई सुविधा के उद्देश्य से खेतों में विद्युतीकरण की योजना हेतु वर्ष 2014-15 एवं वर्ष 2015-16 में जिला पन्ना के लिये कितना बजट आवंटन किया गया? उक्त योजना से कितने हितग्राही लाभान्वित हुए? ग्रामवार जानकारी देवें। (ख) क्या समय-सीमा में कार्य न करने पर बजट लैप्स हो जाने से अनुसूचित जाति एवं जनजाति के हितग्राही योजना के लाभ से वंचित रह गये? क्या उक्त कार्य में लापरवाही करने वाले अधिकारियों पर कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) अनुसूचित जनजाति विद्युतीकरण योजना अन्तर्गत पन्ना जिले को वर्ष 2014-15 में राशि रूपये 127.00 लाख एवं जिले में अनुसूचित जाति के कृषकों को पंप ऊर्जीकरण योजनान्तर्गत रूपये 35.00 का बजट आवंटन किया गया था। वर्ष 2015-16 में अनुसूचित जनजाति हेतु कोई राशि आवंटित नहीं की गई एवं अनुसूचित जाति हेतु रूपये 75.00 लाख आवंटन प्राप्त हुआ था। योजना अन्तर्गत अनुसूचित जनजाति लाभान्वितों की ग्रामवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं अनुसूचित जाति की ग्रामवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ख) जिले को आवंटित राशि लेप्स नहीं हुई हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होते।
रोगी कल्याण समितियों का गठन
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
50. ( क्र. 786 ) श्री महेन्द्र सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) स्वास्थ्य एवं उपस्वास्थ्य केन्द्रों में रोगी कल्याण समिति के गठन के क्या प्रावधान है? प्रावधानों की प्रति उपलब्ध करावें? (ख) गुनौर विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत वर्ष 2010 से प्रश्न दिनांक तक किन-किन स्वास्थ्य केन्द्रों एवं उपस्वास्थ्य केन्द्रों में रोगी कल्याण समिति का गठन किया गया है वर्तमान में संचालित समितियों की जानकारी स्वास्थ्य केन्द्र एवं उपस्वास्थ्य केन्द्रवार, समिति के सदस्यों के नामवार समिति गठन के दिनांक सहित सूची उपलब्ध करावें। (ग) स्वास्थ्य केन्द्रों एवं उपस्वास्थ्य केन्द्रों में रोगी कल्याण समिति की बैठकों के क्या प्रावधान है? प्रावधान अनुसार किस रोगी कल्याण समिति की कितनी बैठकें आयोजित की गई और किस-किस बैठक में कौन-कौन उपस्थित रहे एवं क्या-क्या प्रस्ताव रखे गये तथा क्या कार्यवाही की गई?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) रोगी कल्याण समिति नियमावली 2010 के तहत रोगी कल्याण समिति के गठन का प्रावधान है। प्रति जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार है। (ग) उप स्वास्थ्य केन्द्र स्तर पर रोगी कल्याण समिति गठन प्रावधान नहीं है। स्वास्थ्य केन्द्रों में गठित रोगी कल्याण समितियों की साधारण सभा की बैठक वर्ष में 01 न्युनतम एक बार तथा कार्यकारणी की बैठक प्रत्येक त्रैमास में करने का प्रावधान है। रोगी कल्याण समिति की आयोजित बैठकों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘स’ अनुसार है एवं बैठक में उपस्थित सदस्यों तथा पारित प्रस्ताव का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘द’ अनुसार है। बैठक प्रस्तुत प्रस्तावों पर की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ई’ अनुसार है।
जिला बीमारी सहायता निधि के स्वीकृत प्रकरणों पर आवंटन उपलब्ध करवाना
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
51. ( क्र. 802 ) श्री तरूण भनोत : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर शहर में दिनांक 1 अप्रैल 2016 से 30 अक्टूबर 2016 तक जिला बीमारी सहायता निधि से उपचार होने वाले कितने स्वीकृत प्रकरण हैं एवं उनमें कितना व्यय होना है? जानकारी गरीब हितग्राहियों के नामवार, पतेवार एवं बीमारीवार दी जावे। (ख) क्या गरीब पीड़ितों के गंभीर रोगों के उपचार हेतु राशि चिन्हित अस्पतालों को स्वीकृति होने के बाद भी शासन द्वारा आवंटन प्रदाय नहीं किया जा रहा है? इसके क्या कारण हैं? (ग) कब तक जबलपुर शहर में गरीबी रेखा कार्डधारियों को जिला बीमारी सहायता निधि से उपचार करवाने हेतु शासन स्तर के आवंटन उपलब्ध करवा दिया जावेगा?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जबलपुर शहर में दिनांक 1 अप्रैल 2016 से 30 अक्टूबर 2016 तक जिला बीमारी सहायता निधि से 180 प्रकरण में राशि रूपयें 1,80,32,127/- का व्यय होना है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। वित्तीय वर्ष 2016-17 हेतु दिनांक 01.04.2016 से 24.11.2016 तक राशि रूपये 3,69,87,500/- का आवंटन किया गया है। जबलपुर जिले में दिनांक 24.11.2016 की स्थिति में राशि रूपये 10162885/- शेष है। (ग) ’ख’ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्रस्तावति कार्यों की स्वीकृति एवं आवंटन
[अनुसूचित जाति कल्याण]
52. ( क्र. 803 ) श्री तरूण भनोत : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता ने अपने पत्र क्र. 3615 दिनांक 08.01.16 एवं पत्र क्र./40081 दिनांक 17/2/2016 को अनुसूचित जाति बस्ती विकास योजनान्तर्गत जिले की विधान सभा पश्चिम जबलपुर हेतु एक मुश्त प्रावधान के अंतर्गत 8 सी.सी सड़क निर्माण कार्यों को प्रस्तावित किया था? (ख) क्या कलेक्टर जबलपुर ने भी अपने पत्र क्र./247/आ.वि.बस्ती विकास/2016/जबलपुर दिनांक 10/05/16 के द्वारा वर्णित (क) के निर्माण हेतु आयुक्त अनुसूचित जाति विकास म.प्र. भोपाल को प्रशासकीय स्वीकृति एवं 18.40 लाख योजनान्तर्गत प्रदाय हेतु पत्र लेख किया था? (ग) यदि वर्णित (क), (ख) हां, तो वर्णित (क) के निर्माण कार्यों की प्रशासकीय स्वीकृति एवं आवंटन प्रदाय हेतु विलंब का क्या कारण है व इसके लिये कौन जिम्मेदार है? (घ) कब तक वर्णित (क) के निर्माण कार्यों की प्रशासकीय स्वीकृति जारी कर राशि आवंटित कर दी जावेगी?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। (ग) योजनान्तर्गत मुख्य राशि अनुसूचित जाति आबादी को दृष्टिगत रखते हुए जिले को जिला स्तर पर स्वीकृत कार्यों के लिए पुर्नआवंटित की गयी है। राज्य स्तर पर सीमित राशि उपलब्ध है। प्रत्येक कार्य उसमें स्वीकृत किया जाना संभव नहीं है। (घ) आवंटन की सीमा और नियमों के प्रावधान अनुसार परीक्षण कर निर्णय लिया जायेगा।
केन्द्रीय विद्यालय की स्थापना
[स्कूल शिक्षा]
53. ( क्र. 832 ) श्री अनिल जैन : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधान सभा क्षेत्र निवाड़ी में एक केंद्रीय विद्यालय की स्थापना का प्रस्ताव शासन के विचाराधीन है? यदि हाँ, तो क्या उक्त विद्यालय प्रारंभ करने की स्वीकृति शासन द्वारा दे दी गई है? यदि हाँ, तो आदेश जारी होने का दिनांक तथा कब तक कक्षायें प्रारंभ हो सकेंगी? (ख) क्या उक्त केन्द्रीय विद्यालय हेतु आवश्यक भूमि का आवंटन किया जा चुका है? यदि नहीं, तो कब तक कर लिया जायेगा? (ग) क्या नवीन स्वीकृत भवन निर्माण होने तक कक्षायें प्रारंभ करने के लिये किसी वैकल्पिक भवन को व्यवस्था हो गई है? यदि हाँ, तो उसकी जानकारी दी जावे तथा यदि नहीं, तो यह व्यवस्था कब तक हो सकेगी? (घ) उक्त केन्द्रीय विद्यालय के संबंध में केन्द्र शासन और राज्य शासन स्तर से क्या-क्या कार्यवाहियां और स्वीकृतियां शेष रह गई हैं, वे कब तक पूरी कर ली जायेंगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) केन्द्रीय विद्यालय की स्थापना भारत सरकार से संबंधित विषय है। अभी तक स्वीकृति प्राप्त नहीं हुई है। (ख) जी हाँ। (ग) जी हाँ। स्थानीय शा. माडल स्कूल के भूतल को वैकल्किप व्यवस्था के लिए चयनित किया गया है। (घ) केन्द्र शासन से विद्यालय खोलने की स्वीकृति, पद, शिक्षक, बजट की स्वीकृति शेष है। राज्य शासन से कोई स्वीकृति शेष नहीं है।
छात्र-छात्राओं को साइकिलों का वितरण
[स्कूल शिक्षा]
54. ( क्र. 833 ) श्री अनिल जैन : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र निवाड़ी के शासकीय उत्कृष्ट उच्चतर माध्यमिक विद्यालय क्रमांक 1 निवाड़ी के भवन में छात्र-छात्राओं को वितरण हेतु प्राप्त कुछ साइकिलें अक्टूबर 2016 में भण्डारित की गई थी? यदि हाँ, तो संख्या बतायी जावे? (ख) क्या साइकिलें विद्यालय में रखे जाने के दिवस ही आगजनी से जल गई थी? यदि हाँ, तो आगजनी के कारण तथा क्षतिग्रस्त साइकिलों की संख्या बतायी जावे? (ग) आगजनी से क्षतिग्रस्त साइकिलों का प्रदायकर्ता ठेकेदार द्वारा क्या बीमा कराया गया था? यदि हाँ, तो बतावे कि किस कंपनी के द्वारा कितनी राशि का बीमा कराया गया था? यदि नहीं, कराया गया तो इस क्षति के लिये कौन दोषी है? (घ) दुर्घटना में साइकिलों के क्षतिग्रस्त होने के कारण निर्मित विवाद की स्थिति में यहां के छात्र-छात्राओं को साइकिलों का वितरण क्या समय पर किया जा सकेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। प्रदायकर्ता द्वारा विद्यालय परिसर में सायकिलें भण्डारित की गई थी, जिसका अधिपत्य विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी को सौंपा नहीं गया था तत्समय वहाँ 583 साईकिलों का खुला सामान भण्डारित था। (ख) जी हाँ। प्रदायकर्ता के कर्मचारियों द्वारा मोमबत्ती जलाने के कारण आग लगी थी। 583 साइकिलों का खुला सामान क्षतिग्रस्त हुआ। (ग) मेसर्स हीरो साईकिल लि.लुधियाना द्वारा रू.18.61 लाख का बीमा मेसर्स न्यू इण्डिया इश्योरेंस कम्पनी से करवाया गया था अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) विवाद की स्थिति की कोई सूचना प्राप्त नहीं है। वितरण की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
चिकित्सालयों के संचालन हेतु राशि आवंटन
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
55. ( क्र. 859 ) श्री रामपाल सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. शासन लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण द्वारा शासकीय चिकित्सालयों के संचालन हेतु शासन द्वारा राशि आवंटित की जाती है? (ख) यदि हाँ, तो शहडोल जिले के जिला चिकित्सालय सहित विभिन्न चिकित्सालयों को कितनी राशि वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में आवंटित की गई। आवंटित राशि किस प्रयोजन हेतु खर्च की गयी। प्रयोजनवार भौतिक स्थिति सहित संपूर्ण जानकारी उपलब्ध करायी जावे।
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी एवं सिविल सर्जन, शहडोल को निम्नानुसार आवंटन जारी किया गया हैः-
क्र. |
नाम |
वित्तीय वर्ष |
आंवटित राशि (राशि रूपये में) |
1. |
सी.एम.एच.ओ. शहडोल |
2014-15 |
270415061 |
|
|
2015-16 |
272428410 |
2. |
सी.एस. शहडोल |
2014-15 |
132957182 |
|
|
2015-16 |
136887951 |
उपरोक्त आंवटित राशि स्वास्थ्य सेवाओं के सफल संचालन हेतु व्यय की गई।
रोगी कल्याण समिति
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
56. ( क्र. 860 ) श्री रामपाल सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शहडोल जिले में जिला चिकित्सालय सहित विभिन्न शासकीय चिकित्सालयों में रोगी कल्याण समिति के गठन का प्रावधान है? (ख) यदि हाँ, तो उक्त संबध के क्या नियम हैं और नियमानुसार गठन कर नियमित समिति के बैठकों का आयोजन किया जा रहा है? विगत 02 वर्षों से समिति गठन सहित की गई कार्यवाही विवरण की जानकारी दस्तावेज सहित नियम निर्देशों के साथ उपलब्ध करायी जावे? (ग) क्या शहडोल जिले में जिला चिकित्सालय सहित विभिन्न शासकीय चिकित्सालयों में रोगी कल्याण समिति को आय प्राप्त होती है? यदि हाँ, तो विगत 02 वर्षों में कितनी राशि प्राप्त हुई और चिकित्सालयवार प्राप्त राशि किस प्रस्ताव के माध्यम से किस कार्य के लिये खर्च की गयी?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) रोगी कल्याण समिति नियमावली 2010 के के तहत नियमावली पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ '' अनुसार है। जी नहीं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) जी हाँ रोगी कल्याण समिति की विगत 02 वर्षों की आय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' पर एवं व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार है। व्यय संबंधी प्रस्ताव की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
विकास कार्यों की जानकारी
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
57. ( क्र. 865 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग द्वारा जिस क्षेत्र में कम्पनियों द्वारा ऊर्जा उत्पादन प्रारम्भ किये गये हैं, उन कम्पनियों से प्राप्त आय एवं अन्य योजना के तहत स्थानिय क्षेत्र में विकास कार्य हेतु कितने प्रतिशत राशि का प्रावधान रखा गया है? (ख) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में लदूना, छोटी पतलासी में कम्पनीयों द्वारा लगाये गये सौर ऊर्जा के प्लांट एवं क्षेत्र में अन्य स्थानों पर स्थित विण्ड ऊर्जा प्लांट में प्रारम्भ दिनांक से प्रश्न दिनांक तक कितनी यूनिट विद्युत का उत्पादन किया गया है एवं कितने यूनिट विक्रय कर राशि प्राप्त की गई है? अलग-अलग जानकारी देवें। (ग) प्राप्त आय में से क्षेत्र में विकास हेतु कितने प्रतिशत राशि का उपयोग किया गया है तथा प्रश्न दिनांक तक कम्पनियों द्वारा क्षेत्र में कौन-कौन से विकास कार्य कितनी राशि से कराये गये हैं? विकास कार्य का नाम तथा राशि की जानकारी देवें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) कम्पनी एक्ट 2013 की धारा-134 की उपधारा (1) में प्रावधानित कम्पनियों को अपने औसत शुद्ध लाभ का 2% अपनी 'कार्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व' पर व्यय करना होता है। उक्त धारा 135 (1) उन कम्पनियों पर लागू होती है, जिनमें नेट वर्थ रूपये 500 करोड़ या उससे अधिक हो, या टर्नओवर रूपये 1000 करोड़ या उससे अधिक हो, या नेट लाभ रूपये 5 करोड़ या उससे अधिक हो। (ख) सुवासरा विधान सभा क्षेत्र में लदूना एवं छोटी पतलासी में सौर ऊर्जा एवं पवन ऊर्जा के स्थापित प्लांट द्वारा प्रारंभ दिनांक से माह सितम्बर 2016 तक का विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं ब पर तथा विक्रित यूनिट से प्राप्त राशि का विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (ग) प्रश्नाधीन कम्पनियों में से किसी भी कम्पनी को अपने नेट वर्थ/टर्न ओवर/शुद्ध लाभ के कारण कम्पनी एक्ट 2013 की धारा 135 (1) के अन्तर्गत 'कार्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व' पर व्यय करना बंधनकारी नहीं है तथापि उनके द्वारा क्षेत्र में किए गए कार्यों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार है।
युक्ति-युक्तिकरण के संबंध में
[स्कूल शिक्षा]
58. ( क्र. 878 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश शासन स्कूल शिक्षा विभाग का पत्र क्र./एफ 44/4/2013/20-2/8566, भोपाल दिनांक 12.09.2013 के दिशा निर्देश पर क्या राज्य शिक्षा केन्द्र भोपाल के पत्र क्रमांक/रा.शि.के./ई.एण्ड.आर./2016/3942, भोपाल दिनांक 30.05.2016 को युक्ति-युक्तकरण के माध्यम से खोली गई शालाओं का युक्ति-युक्तकरण करने का निर्देश जारी हुआ था? (ख) यदि हाँ, तो क्या रीवा जिले के हनुमना ब्लॉक अंतर्गत माध्यमिक शाला बालक खटखरी का युक्ति-युक्तकरण माध्यमिक शाला कन्या खटखरी में जिला शिक्षा केन्द्र रीवा के पत्र क्रमांक/2016/82, दिनांक 28.06.2016 द्वारा किया गया है? यदि हाँ, तो प्राचार्य शा.बा.उम.मा.वि. खटखरी जिला रीवा के पत्र क्र. 86, दिनांक 06.07.2016 एवं पत्र क्र. 224, दिनांक 26.09.2016 को जिला शिक्षा केन्द्र रीवा को लिखे गये पत्रों पर क्या कार्यवाही की गई? कार्यवाही की प्रतिलिपियां उपलब्ध करावें? (ग) प्रश्नांश (ख) के प्रकाश में विधायक विधानसभा क्षेत्र-71 मऊगंज द्वारा कलेक्टर/जिला शिक्षा अधिकारी/जिला शिक्षा केन्द्र रीवा को युक्ति-युक्तकरण के संबंध में जारी दिशा-निर्देश के विपरीत किये गये युक्ति-युक्तिकरण की समीक्षा एवं जाँच करने हेतु पत्र लिखे गये थे, पत्र पर क्या कार्यवाहियां की गई कार्यवाहियों की प्रति उपलब्ध करावें? (घ) प्रश्नांश (ख) एवं (ग) के प्रकाश में क्या शासकीय माध्यमिक विद्यालय बालक खटखरी का नवीन शाला भवन हेतु भूमि दो किलोमीटर दूर आवंटित की जाकर भवन का निर्माण पूर्ण कर लिया गया है? केवल विभाग को हैण्ड ओव्हर नहीं किया गया है एवं शाला भवन के परिसर भिन्न है? वास्तविक छात्र संख्या 20 से अधिक 173 है एवं बालक विद्यालय का स्थापना वर्ष भी 1945 है? (ड.) प्रश्नांश (घ) यदि हाँ, तो क्या युक्ति-युक्तकरण की परिधि में उपरोक्त युक्ति-युक्तकरण नहीं आता है? क्या इसे परिधि से बाहर किये जाने का पुनर्विचार किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों कारण स्पष्ट करें? इस प्रस्ताव के लिये कौन दोषी है? दोषी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी? नहीं की जावेगी, तो कारण स्पष्ट करें?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) म.प्र. शासन स्कूल शिक्षा विभाग आदेश क्रमांक/एफ-44/4/2013/20-2/8566 भोपाल, दिनांक 12.09.2013 द्वारा शालाओं का युक्ति-युक्तकरण करने के संबंध में एवं राज्य शिक्षा केन्द्र पत्र क्र/राशिके/ईएण्डआर/ 2016/3942 भोपाल, दिनांक 30.05.2016 द्वारा युक्ति-युक्तकरण के माध्यम से खोली गई शालाओं के सत्यापन के संबंध में निर्देश जारी किए गए है। (ख) रीवा जिले के हनुमना विकासखण्ड अंतर्गत शासकीय माध्यमिक शाला बालक खटखरी का युक्ति-युक्तकरण माध्यमिक शाला कन्या खटखरी में कार्यालय जिला शिक्षा केन्द्र रीवा के आदेश क्रमांक/जिशिके/ईएण्डआर/2016/3270 रीवा, दिनांक 15.06.2016 द्वारा किया गया है। प्राचार्य शासकीय उ.मा.वि. बालक खटखरी के द्वारा युक्ति-युक्तकरण हेतु प्रस्तुत प्रस्ताव दिनांक 31.05.2016 के प्रस्ताव अनुसार युक्ति-युक्तकरण की कार्यवाही की गई। प्राचार्य शा.उ.मा.वि. बालक खटखरी के पत्र क्रमांक 224 दिनांक 26.09.2016 पर युक्ति-युक्तकरण औचित्यपूर्ण नहीं होने का लेख किया गया था, किन्तु शाला प्रारंभ होने की तिथि में परिवर्तन होने के कारण प्राचार्य शा.उ.मा.वि. बालक खटखरी को कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया है। प्राचार्य का पत्र एवं युक्ति-युक्तकरण का प्रस्ताव की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'एक' अनुसार है। (ग) जी, हाँ। माननीय विधायक जी के पत्र पर समीक्षा कर, किये गये युक्ति-युक्तकरण के संबंध में माननीय विधायक जी को जानकारी कार्यालयीन पत्र क्र/जिशिके/ईएण्डआर/2016/3499 रीवा, दिनांक 08.07.2016 द्वारा अवगत कराया गया है। पत्र की प्रतियाँ की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -'दो' अनुसार है। (घ) शासकीय उ.मा.वि. बालक खटखरी का नया भवन जिसमें माध्यमिक विभाग समाहित का भवन निर्माणाधीन है। छत स्तर तक कार्य पूर्ण कराया गया है। वर्तमान में शा. कन्या हाईस्कूल खटखरी (माध्यमिक विभाग) एवं शा.उ.मा.वि. बालक खटखरी (माध्यमिक विभाग) एक ही परिसर में संचालित है। शा.उ.मा.वि. बालक खटखरी का संचालन नवीन भवन में होने पर परिसर भिन्न-भिन्न होगा। शाला का युक्ति-युक्तकरण छात्र संख्या के मान से न कर एक ही शाला प्रांगण में एक ही प्रकार एवं स्तर की एक से अधिक संस्थाएं का युक्ति-युक्तकरण किया गया है। युक्ति-युक्तकरण के प्रस्ताव में प्राचार्य शा.उ.मा.वि. बालक खटखरी द्वारा विद्यालय का स्थापना वर्ष में भिन्न तिथि दर्शाने के संबंध में प्रकरण परीक्षणाधीन है। (ड.) उत्तरांश ‘ख‘ के अनुक्रम में प्रकरण परीक्षणाधीन है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सर्व शिक्षा अभियान में निर्माण कार्यों का राशि का भुगतान
[स्कूल शिक्षा]
59. ( क्र. 889 ) श्रीमती रंजना बघेल (किराड़े) : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार जिले के मनावर विधानसभा क्षेत्र में सर्व शिक्षा अभियान अंतर्गत वर्ष 2007-08 से 2011-12 तक कितने निर्माण कार्य स्वीकृत किये गये वर्षवार स्वीकृत राशि सहित जानकारी देवें? (ख) क्या स्वीकृत सभी कार्य पूर्ण हो गये हैं? यदि हाँ, तो क्या कार्य पूर्णता प्रमाण पत्र जारी कर संपूर्ण राशि का भुगतान निर्माण एजेंसी को कर दिया गया है? (ग) मनावर विधानसभा के विकासखण्ड मनावर के 39 कार्यों के पूर्णता प्रमाण पत्र जारी हो चुके किन्तु उनकी लगभग 1495057/- रू. का भुगतान आज दिनांक तक नहीं हुआ है? लंबित भुगतान हेतु उत्तरदायी अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध क्या अनुशासनात्मक कार्यवाही की जावेगी? निर्माण एजेंसी को शेष राशि का भुगतान कब तक कर दिया जावेगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) धार जिले के मनावर विधानसभा क्षेत्र में सर्व शिक्षा अभियान अतंर्गत वर्ष 2007-08 से 2011-12 तक कुल 545 निर्माण कार्य स्वीकृत किये गये है। वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) धार जिले के मनावर विधानसभा क्षेत्र में सर्व शिक्षा अभियान अतंर्गत वर्ष 2007-08 से 2011-12 तक कुल 545 निर्माण कार्य में से 523 निर्माण कार्य पूर्ण हो गये है। शेष 22 अपूर्ण निर्माण कार्यों को छोड़कर सभी कार्यों के पूर्णता प्रमाण पत्र जारी कर दिये गये हैं। निर्माण एजेन्सी ग्राम पंचायत को 58 पूर्ण निर्माण कार्यों की राशि रू. 1857773/- का भुगतान किये जाने की कार्यवाही प्रचलन में है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ग) मनावर विधानसभा के विकासखण्ड मनावर के 39 कार्यों के पूर्णता प्रमाण पत्र जारी हो चुके है, जिसमें से 6 निर्माण कार्यों की राशि 368182/- निर्माण एजेन्सी को जारी की जा चुकी है। 33 निर्माण कार्यों की शेष राशि रू 1126875/- जारी किये जाने की कार्यवाही प्रचलन में है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है।
इमरजेंसी एम्बुलेंस का संचालन
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
60. ( क्र. 898 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश सरकार द्वारा इमरजेंसी एम्बुलेंस 108 संचालन के लिये नए सिरे से टेंडर बुलाए हैं? यदि हाँ, तो टेंडर प्रक्रिया का ब्यौरा एवं प्राप्त टेंडरों का ब्यौरा दें? (ख) क्या मौजूदा कंपनी के स्थान पर नवीन कंपनी का चयन किया जा चुका है? यदि हाँ, तो किन शर्तों पर काम दिया गया? (ग) क्या मौजूदा कंपनी जीवी में ई.एम.आर.आई. को खराब प्रदर्शन के कारण बदला जा रहा है? यदि नहीं, तो नई कंपनी को कार्य क्यों दिया जा रहा है? क्या नई कंपनी का रिकॉर्ड चेक किया है? (घ) क्या इमरजेंसी एम्बूलेंस का काम लेने वाली कंपनी के विरूद्ध सी.बी.आई. जाँच चल रही है? यदि हाँ, तो किस मामले में, ब्यौरा दें?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। निविदा में उल्लेखित शर्तों के अनुसार। (ग) जी नहीं। जी.व्ही.के. ई.एम.आर.आई. द्वारा केवल संजीवनी-108 एम्बुलेंस सेवा का संचालन किया जा रहा था। नवीन एकीकृत रेफरल ट्रांसपोर्ट प्रणाली व्यवस्था अंतर्गत संजीवनी-108 एम्बुलेंस सेवा, जननी एक्सप्रेस सेवा, एम.एम.यू. सेवा एवं हेल्थ हेल्पलाइन सेवा को एकीकृत कर, विस्तारित केन्द्रीय एकीकृत कॉल सेंटर से संचालन किये जाने के उद्देश्य से निविदा आमंत्रित कर, चयनित संस्था द्वारा कार्य करने हेतु अनुबंधित किया गया। जी हाँ, निविदा में उल्लेख अनुसार वांछित अभिलेख का परीक्षण किया गया। (घ) प्रदेश में कंपनी के विरूद्ध सी.बी.आई. जाँच नहीं चल रही है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
राज्य शिक्षा केन्द्र द्वारा भवन निर्माण की जाँच
[स्कूल शिक्षा]
61. ( क्र. 916 ) श्री के. के. श्रीवास्तव : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टीकमगढ़ जिले में राज्य शिक्षा केन्द्र द्वारा वर्ष 2007-08, 2008-09, 2009-10, 2010-11 एवं वर्ष 2011-12 में कितने स्कूल भवनों के निर्माण हेतु कहाँ-कहाँ राशि स्वीकृत की गई? कितनी राशि स्वीकृत की गई? अद्यतन जानकारी दें? (ख) स्वीकृत भवनों के निर्माण की एजेन्सी किसे निर्धारित किया गया था तथा कितने भवन पूर्ण निर्मित हुये, कितने आज भी अधूरे हैं? विधानसभा क्षेत्रवार अलग-अलग जानकारी दें? (ग) क्या उक्त अधूरे भवनों की संपूर्ण स्वीकृत राशि का आहरण कर लिया गया है तथा विभाग द्वारा पूर्णता प्रमाण-पत्र भी जारी कर दिया गया है? क्या इस पूरे प्रकरण की उच्चस्तरीय जाँच कराई जायेगी? यदि हाँ, तो निश्चित समय-सीमा बतायें?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। उत्तरांश ''ख '' में वर्णित अपूर्ण भवनों के पूर्णता प्रमाण-पत्र जारी नहीं किए गए है। जाँच का कोई प्रस्ताव विचाराधीन न होने से शेषांश उपस्थित नहीं होता।
अनुसूचित जाति/जनजाति बाहुल्य ग्रामों में विकास कार्य
[आदिम जाति कल्याण]
62. ( क्र. 949 ) श्री महेश राय : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र बीना अंतर्गत कितने ग्राम एवं वार्ड (शहरी) आदिम जाति कल्याण विकास विभाग में चिहिन्त हैं, जिनमें संबंधित विभाग द्वारा विकास कार्य कराने का प्रावधान है, सूची उपलब्ध करावे? (ख) विधानसभा क्षेत्र बीना में संबंधित विभाग द्वारा सन् 2013 से प्रश्न दिनांक तक कितने विकास कार्य स्वीकृत किये गये एवं कितने प्रस्तावित हैं, सूची प्रस्तुत करें? (ग) जो ग्राम/वार्ड चिन्हित नहीं हुये, उनकों चिन्हित करने का क्या प्रावधान है? (घ) छूट गये ग्रामों को कब तक चिन्हित कर लिया जावेगा?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जी नहीं। अनुसूचित जनजाति बस्ती विकास नियम 2005 यथा संशोधित नियम 2014 अनुसार ऐसे ग्राम/पारे/मजरे/टोलों में अनुसूचित जनजाति की जनसंख्या का 50 प्रतिशत या उससे अधिक हो तथा जहाँ कम से कम अनुसूचित जनजाति के 20 परिवार निवासरत हों, विकास कार्य कराये जाने का प्रावधान है। विभाग द्वारा पृथक से सूची जारी नहीं की गई है। (ख) प्रश्नांकित अवधि में स्वीकृत कार्य संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ '' एवं प्रस्तावित कार्यों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब '' अनुसार है। (ग) प्रश्नांश ''क '' के उत्तर अनुसार। (घ) प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शासकीय चिकित्सालय बीना का उन्नयन
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
63. ( क्र. 950 ) श्री महेश राय : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन के पास शासकीय चिकित्सालय बीना के उन्नयन करने का प्रस्ताव है? यदि हाँ, तो कितने पलंग का? (ख) क्या तत्कालीन मंत्री जी के द्वारा शासकीय चिकित्सालय बीना को 100 पलंग के रूप में उन्नयन करने हेतु अनुशंसा की गयी थी? (ग) यदि हाँ, तो उन्नयन की कार्यवाही कब तक प्रस्तावित है? (घ) शासकीय चिकित्सालय बीना में विशेषज्ञ चिकित्सकों की पूर्ति कब तक कर दी जावेगी?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी हाँ। 100 बिस्तर का। (ख) जी हाँ। (ग) वर्तमान में 50 बिस्तरीय सिविल अस्पताल बीना में बाह्यरोगी लगभग 300 एवं आंतरिक रोगी लगभग 20 प्रतिदिन आते है। अतः वर्तमान में संस्था का पूर्ण उपयोग नहीं हो रहा है एवं प्रदेश में चिकित्सकों की निरन्तर कमी भी है। इन कारणों से सिविल अस्पताल बीना का उन्नयन किया जाना संभव नहीं है। (घ) विशेषज्ञों एवं चिकित्सकों के पद पूर्ति की कार्यवाही निरंतर जारी है। आदेश क्रमांक 1935 दिनांक 17.11.2016 द्वारा डॉ. प्रियंका तिवारी, (स्त्रीरोग) की पदस्थापना सिविल अस्पताल बीना जिला सागर की गई है।
क्षतिग्रस्त भवनों कार्यालयों की जानकारी
[स्कूल शिक्षा]
64. ( क्र. 969 ) श्री मधु भगत : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परसवाड़ा विधान सभा क्षेत्रांतर्गत दिनांक 01.01.2012 से प्रश्न दिनांक तक स्वीकृत स्कूल भवन बाउन्ड्रीवॉल, अतिरिक्त कक्ष, किचन शेड की स्वीकृति दिनांक, लागत कार्य पूर्णत: अवधि बतायें वर्षवार, ग्रामवार, स्थलवार बतायें? (ख) उपरोक्त अनुसार निर्माण स्थलों का चयन किस आधार पर किया जाता है? इसके मापदण्डों का उल्लेख करें? जो स्थल निर्धारित मापदण्ड एवं मानकों के प्रतिकूल हैं, उनकी सूची देवें? उन पर शासन क्या कार्यवाही करेगा? (ग) क्या परसवाड़ा विधान सभा क्षेत्रांतर्गत कई प्राथमिक शाला, माध्यमिक शालाओं के भवन क्षतिग्रस्त हो चुके हैं एवं भारी दुर्घटनाओं की संभावना है? क्या उक्त शाला भवनों एवं किचन शेड का मरम्मत/नवीनीकरण कार्य करवाने हेतु भविष्य में शासन की योजनायें हैं? यदि मरम्मत/नवीनीकरण कार्य करवाया जायेगा तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) प्राथमिक/माध्यमिक शालाओं से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। हाई एवं हायर सेकेण्डरी स्कूलों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- ''एक '' अनुसार है। (ख) उपरोक्त अनुसार निर्माण स्थलों के चयन के आधार की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- ''ब'' अनुसार है। राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के तहत माध्यमिक शाला से हाई स्कूल में उन्नयन किये गये स्कूलों के लिए भारत शासन द्वारा उन्नयन के साथ ही भवन निर्माण की स्वीकृति दी जाती है। अतिरिक्त कक्ष की स्वीकृति के लिए यूडाइस के आधार पर 1:40 छात्र कक्ष अनुपात को आधार मानकर भारत शासन द्वारा स्वीकृति दी जाती है। स्थल निर्धारित मापदण्ड एवं मानकों के प्रतिकूल चयन नहीं किये गये। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) परसवाड़ा विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत 21 क्षतिग्रस्त एवं मरम्मत योग्य तथा 18 जर्जर के विरूद्ध नवीन प्राथमिक एवं माध्यमिक शाला भवनों के निर्माण का प्रस्ताव वार्षिक कार्ययोजना 2016-17 में भारत शासन को स्वीकृति हेतु किये गये जिसमें से 15 प्राथमिक एवं माध्यमिक शाला भवनों की मरम्मत हेतु राशि रू. 1195000 की स्वीकृति प्राप्त हुई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- ''स '' अनुसार है। किचिन शेड का निर्माण पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता के आधार पर करवाया जाता है।
हरदा जिले में प्राथमिक/माध्यमिक/हाई स्कूल भवन निर्माण
[स्कूल शिक्षा]
65. ( क्र. 997 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) हरदा जिले में विकासखण्डवार हरदा/खिरकिया/टिमरनी में कितने-कितने प्राथमिक/माध्यमिक/हाई स्कूल भवनों का निर्माण कार्य करवाया जा रहा है? (ख) क्या सभी भवनों का निर्माण कार्य पूर्ण कर लिया गया है? (ग) यदि हाँ, तो उन्हें कब तक विभाग को हस्तांतरित कर दिया जावेगा? (घ) यदि नहीं, तो उसका क्या कारण है व निर्माण कार्य कब तक पूरा कर लिया जावेगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) हाई स्कूलों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार तथा प्राथमिक/माध्यमिक शालाओं संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ '' अनुसार है। (ख) पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार 07 हाईस्कूल निर्माणाधीन है। सर्व शिक्षा अभियान अन्तर्गत अपूर्ण प्राथमिक एवं माध्यमिक भवनों की कुल संख्या 26 है। (ग) हाईस्कूलों का निर्माण कार्य परियोजना क्रियान्वयन इकाई लोक निर्माण विभाग द्वारा कराया जा रहा है। कार्य पूर्ण होने पर विभाग को हस्तांरित किया जायेगा। हरदा जिले में सर्व शिक्षा अभियान अन्तर्गत 410 भवनों का निर्माण पूर्ण उपरांत संबंधित संस्थाओं को हस्तांतरित किया जा चुका है। शेष पूर्ण होने पर हस्तांतरित किए जा सकेगे। शेषांश निश्चत समय सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) सर्व शिक्षा अभियान अन्तर्गत जिन निर्माण एजेंसी की उदासीनता के कारण उक्त निर्माण कार्य पूर्ण नहीं हुए। जिन एजेंसी विरूद्ध आर.आर.सी. के प्रकरण दर्ज है, उनसे वसूली के उपरांत निर्माण कार्य पूर्ण कराए जावेंगे। शेष को पूर्ण कराया जा रहा है। निश्चित समय सीमा बताया जाना संभव नहीं है। हाई स्कूलों का निर्माण परियोजना इकाई लोक निर्माण विभाग द्वारा कराया जा रहा है।
आदिवासी छात्रावासों/आश्रमों हेतु भवन निर्माण कार्य
[आदिम जाति कल्याण]
66. ( क्र. 1015 ) श्री सचिन यादव : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खरगोन जिले में आदिवासी छात्रावास/आश्रमों के नवीन भवन निर्माण, अनुसूचित जाति बाहुल्य बस्तियों में विकास कार्यों एवं अनुसूचित जनजाति बस्तियों के विकास एवं सौंदर्यीकरण के विकास कार्यों के लिए विगत पाँच वर्षों में कितनी-कितनी राशि किस-किस योजनान्तर्गत जारी की गई और शेष राशि सहित वर्षवार एवं खर्च की गई विधानसभावार जानकारी दें? (ख) प्रश्नांश (क) में दर्शित उक्त अतिआवश्यक कार्यों को शीघ्र पूर्ण किये जाने के संबंध में माह जुलाई 2016 में प्रश्नकर्ता के प्राप्त पत्रों की अद्यतन स्थिति क्या है? समय पर कार्यों की स्वीकृति प्रदान नहीं करने के क्या कारण है? (ग) क्या आदिवासी, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति छात्र/छात्राओं एवं रहवासियों के उत्थान हेतु प्रश्नांश (ख) अनुसार विकास कार्यों की स्वीकृति कब तक प्रदान कर कार्यों को पूर्ण करा लिया जायेगा एवं मांग अनुसार राशि आवंटित कर दी जायेगी? मद अनुसार जानकारी दें?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) खरगोन जिलें में विगत पाँच वर्षों में आदिवासी छात्रावास/आश्रमों के नवीन भवन निर्माण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ '' एवं अनुसूचित जाति बाहुल्य बस्तियों में विकास कार्यों हेतु दी गई राशि एवं व्यय राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब '' एवं अनुसूचित जनजाति बस्तियों के विकास कार्यों के लिये जारी राशि, व्यय एवं शेष राशि की विधानसभावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स '' तथा अनुसूचित जाति बस्ति विकास की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द '' अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) में दर्शित कार्यों को पूर्ण किये जाने के सम्बन्ध में कोई पत्र प्रश्नकर्ता से पत्र प्राप्त नहीं हुआ। अतः समय पर कार्य स्वीकृति का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश (ख) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
स्वास्थ्य केन्द्रों में रिक्त पदों की पूर्ति
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
67. ( क्र. 1016 ) श्री सचिन यादव : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कसरावद विधानसभा क्षेत्र कसरावद में शासकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में प्रथम श्रेणी महिला चिकित्सक (स्त्री रोग विशेषज्ञ) एवं एमडी मेडिसीन चिकित्सक का पद किस दिनांक से रिक्त है और क्यों है? डिजीटल एक्स-रे मशीन प्रदाय नहीं की गई क्यों कारण दें? आवश्यक संसाधनों की कमी क्यों है? जवाबदेही सुनिश्चित कर जानकारी दें? (ख) उक्त सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में प्रश्नकर्ता द्वारा संसाधनों, पदों की पूर्ति, निर्माण कार्यों, मूलभूत सुख सुविधाओं आदि के संबंध में भेजे गये पत्रों पर की गई कार्यवाही से अवगत नहीं कराये जाने के क्या कारण है? पत्रवार जानकारी कारणों सहित संलग्न करें? (ग) प्रश्नांश (क) में दर्शित पदों की पूर्ति, एक्स-रे मशीन एवं संसाधनों की कमी के कारणों और उपलब्ध नहीं कराये जाने के कारणों का उल्लेख कर जानकारी दें?
लोक
स्वास्थ्य और
परिवार
कल्याण
मंत्री ( श्री
रुस्तम सिंह ) : (क)
विभाग
द्वारा 8
अप्रैल 2011 के
द्वारा
प्रदेश में
स्वीकृत
विशेषज्ञ/चिकित्सकों
के पदों का
पुर्नआवंटन
किया गया है, सामुदायिक
स्वास्थ्य
केन्द्र
कसरावद में उक्त
पुर्नआवंटन
अनुसार
मेडिसिन, सर्जरी
एवं
स्त्रीरोग
विशेषज्ञ के 01-01 पद
स्वीकृत किए
गए हैं जो
विशेषज्ञों
की अत्यधिक
कमी के कारण
पुर्नआवंटन
दिनांक से
रिक्त हैं। विशेषज्ञों
के पद
पदोन्नति के
माध्यम से ही
भरे जाने का
प्रावधान है
एवं वर्तमान
में स्वीकृत 3266 पदों के
विरूद्ध
मात्र 1108
विशेषज्ञ
उपलब्ध हैं। कसरावद
में 03
चिकित्सा
अधिकारी
पदस्थ होकर
कार्यरत हैं। डिजिटल
एक्सरे मशीन
के संदर्भ में
अवगत होवें कि
विभाग द्वारा
जारी वायटल
ऐशेन्सियल
एवं डिजायरेबल
श्रेणी के
उपकरणों की
सूची अनुसार
सामुदायिक
स्वास्थ्य
केन्द्र स्तर
की संस्थाओं
में डिजीटल एक्स-रे
मशीन प्रदाय
किए जाने का
प्रावधान
नहीं होने के
कारण, डिजिटल
एक्सरे मशीन
प्रदान नहीं
की जा सकी है। कसरावद
में
सामुदायिक
स्वास्थ्य
केन्द्र के
मापदण्ड
अनुसार पूर्व
से स्थापित
एक्स-रे मशीन
संचालित है
तथा पैथालॉजी
लेब भी संचालित
होकर
नियमानुसार 28 प्रकार
की जांचें
निःशुल्क की
जा रही है। शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (ख) मा.
जनप्रतिनिधियों
से प्राप्त
पत्रों पर
पत्र में
उल्लेखित
विषय अनुसार
विभाग की
पृथक-पृथक
शाखाओं
द्वारा
कार्यवाही
संपादित की
जाती है,
पदपूर्ति/भवन
निर्माण/उपकरण
क्रय संबंधी
कार्यवाही
विभिन्न
प्रक्रियाओं
के कारण
प्रकरणों के
विचाराधीन/प्रक्रियाधीन
होने से अवगत
कराया जाना संभव
नहीं हो सका
है। मा.
सदस्य महोदय
से प्राप्त
पत्र के संबंध
में जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट
अनुसार है। (ग) जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट
अनुसार है।
परिशिष्ट
- ''इक्कीस
''
जिला चिकित्सालय का उन्नयन
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
68. ( क्र. 1031 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के तारांकित प्रश्न संख्या 70 (क्रमांक 599) दिनांक 18.07.2016 के प्रश्नांश (क) के उत्तर में बताया है, कि श्योपुर जिला चिकित्सालय के उन्नयन का प्रस्ताव परियोजना परीक्षण समिति शासन की ओर भेजने की कार्यवाही प्रचलन में है तो क्या उक्त प्रचलित कार्यवाही पूर्ण कर उन्नयन का प्रस्ताव उक्त समिति को भेज दिया है व कब, यदि नहीं, तो कब तक भेजा जावेगा, यदि भेज दिया हो तो बतावें कि समिति द्वारा उक्त प्रस्ताव का परीक्षण क्या कर लिया गया है यदि नहीं, तो कब तक कर लिया जावेगा? (ख) क्या उक्त कार्यवाहियों में विलंब के कारण जिला चिकित्सालय के उन्नयन कार्य में रूकावट पैदा हो रही है नतीजन जगह के अभाव में मरीजों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है? (ग) यदि हाँ, तो क्या शासन प्रस्ताव से संबंधित समस्त औपचारिकताओं को पूर्ण कराकर उन्नयन के प्रस्ताव को मरीजों के हितों के मद्देनजर शीघ्र स्वीकृत प्रदान करके इसे आगामी अनुपूरक बजट में निश्चित रूप से शामिल करेगा, यदि नहीं, तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी नहीं। यथा शीघ्र। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नहीं, मरीजों की संख्या में वृद्धि होने पर अतिरिक्त पलंग लगाकर चिकित्सा सुविधा मुहैया कराई जाती है। (ग) जी हाँ, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जिला चिकित्सालय में सुविधाएं/रिक्त पदों की पूर्ति
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
69. ( क्र. 1032 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्योपुर जिला चिकित्सालय में नॉन-इनवेसिव वेन्टीलेटर क्रय करने हेतु सिविल सर्जन को पत्र क्रमांक अ.-प्रशा./सेल-3/ 276 दिनांक 16.02.2016 द्वारा निर्देशित करने के बावजूद वर्तमान तक वेन्टीलेटर क्रय न करने के कारण आईसीयू का अभाव है, कब तक क्रय किया जावेगा? (ख) चिकित्सालय में वर्तमान में प्रथम श्रेणी विशेषज्ञों के कौन-कौन से पद कब से रिक्त है? इन्हें भरने हेतु अब तक क्या कार्यवाही की गई, कब तक भरे जावेगें? (ग) क्या चिकित्सालय में वर्तमान में पदस्थ एक प्रथम श्रेणी सर्जीकल विशेषज्ञ सी.एम.एच.ओ. के प्रभार में है, एक पद दिनांक 08.04.2011 से रिक्त पड़ा है इसी कारण सभी बीमारियों के अधिकांश गंभीर मरीजों को ऑपरेशन सुविधा के अभाव में अन्यत्र रेफर कर ही दिया जाता है? यदि नहीं, तो बतावें कि किस-किस बीमारी के कितने गंभीर मरीज जनवरी 2014 से वर्तमान तक भर्ती हुए, उन में से कितनों के ऑपरेशन (सीजेरियन ऑपरेशनों को छोड़कर) किये, कितने रेफर किये व क्यों? (घ) मरीजों को ऑपरेशन सुविधाएं उपलब्ध कराने हेतु क्या शासन सर्जीकल विशेषज्ञ सहित सभी विशेषज्ञों के रिक्त पद की पूर्ति व आई.सी.यू. सुविधा यथाशीघ्र उपलब्ध कराएगा, यदि नहीं, तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी नहीं, आई.सी.यू. वेन्टीलेटर का क्रय आदेश क्रमांक 4020 दिनांक 29/07/2016 के द्वारा दिया जा चुका है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ '' अनुसार है। चिकित्सकों के 1896 रिक्त पदों को भरने की कार्यवाही मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग के माध्यम से प्रचलन में है। यथा संभव शीघ्र। (ग) जी हाँ। जी नहीं। केवल गंभीर बीमारियों के मरीजों को ही उपचार हेतु रेफर किया जाता है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब '' अनुसार है। विषय विशेषज्ञ चिकित्सकों की उपलब्धता न होने के कारण। (घ) जी हाँ। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र परासिया का उन्नयन
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
70. ( क्र. 1051 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पूर्व में माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा परासिया विधानसभा क्षेत्र में संचालित सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र परासिया को 100 बिस्तरों एवं सर्वसुविधा युक्त अस्पताल बनाये जाने की घोषणा की जा चुकी है? यदि हाँ, तो उपरोक्त संबंध में विभाग द्वारा अभी तक क्या कार्यवाही की गई है? (ख) माननीय मुख्यमंत्री जी की घोषणा के पश्चात् भी अभी तक सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र परासिया को 100 बिस्तरों का अस्पताल नहीं बनाया गया है, जिसका क्या कारण है? कब तक सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र परासिया का उन्नयन 100 बिस्तरों के अस्पताल के रूप में कर दिया जायेगा? (ग) प्रश्नकर्ता द्वारा माननीय मुख्यमंत्री जी एवं संबंधित विभाग को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र परासिया को 100 बिस्तरों का अस्पताल बनाये जाने के संबंध में अनेकों पत्र प्रेषित किए जा चुके हैं। उन पत्रों पर अभी तक क्या-क्या कार्यवाही की गई है?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी हाँ। वर्तमान 30 बिस्तरीय सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र का पूर्ण उपयोग नहीं हो रहा है एवं प्रदेश में चिकित्सकों की निरंतर कमी भी है। अतः उक्त कारणों से शासन द्वारा उन्नयन का प्रस्ताव अमान्य किया गया है। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्नांश (क) के उत्तर अनुसार।
जनस्वास्थ्य रक्षकों का नियमितीकरण एवं मानदेय प्रदान करना
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
71. ( क्र. 1052 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा वर्ष 2008 में सम्पूर्ण मध्यप्रदेश में कार्यरत जन स्वास्थ्य रक्षकों को मानदेय प्रदान किए जाने की घोषणा की गई थी। अगर हाँ तो उपरोक्त संबंध में विभाग द्वारा अभी तक क्या कार्यवाही की गई है? (ख) जब माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा वर्ष 2008 में सम्पूर्ण मध्यप्रदेश में कार्यरत जन स्वास्थ्य रक्षकों को मानदेय प्रदान किए जाने की घोषणा की जा चुकी है परन्तु अभी तक विभाग द्वारा जन स्वास्थ्य रक्षकों को मानदेय प्रदान नहीं करने का क्या कारण है? जन स्वास्थ्य रक्षकों को कब तक मानदेय प्रदान किया जायेगा? (ग) क्या केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की एन.आर.एच.एम; II डिवीजन ने गत 26 दिसम्बर 2014 को उत्तरप्रदेश/हरियाणा/बिहार/उत्तराखण्ड/छत्तीसगढ़/मध्यप्रदेश आदि भारतीय राज्यों में निर्देश जारी करते हुए जन स्वास्थ्य रक्षकों के कार्यवहन के लिए विस्तार दे दिया। परन्तु मध्यप्रदेश सरकार ने अभी तक निर्देश के बाद भी कोई कार्यवाही नहीं की गई? इसका क्या कारण है? (घ) सम्पूर्ण मध्यप्रदेश में कार्यरत जन स्वास्थ्य रक्षकों को नियमित किए जाने हेतु शासन द्वारा अभी तक क्या-क्या कार्यवाही की गई है? क्या आगामी समय में जन स्वास्थ्य रक्षकों को शासन द्वारा नियमित कर दिया जायेगा?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्नांश ''क '' के अनुक्रम में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। प्रदेश में जनस्वास्थ्य रक्षक कार्यरत नहीं हैं, ना ही इनकी सेवाएं विभाग द्वारा ली जा रही है। वर्तमान में आशा कार्यकर्ताओं द्वारा ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराई जा रही है। (घ) प्रश्नांश ''ग '' के अनुक्रम में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्राथ. स्वा. केन्द्रों में डाक्टरों की कमी
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
72. ( क्र. 1067 ) श्रीमती नंदनी मरावी : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिहोरा विधानसभा क्षेत्रांतर्गत प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र मझगंवा एवं गोसलपुर में किस-किस संवर्ग के कितने-कितने पद स्वीकृत हैं? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार कितने पद भरे हुये हैं कितने रिक्त हैं? रिक्त पदों की पूर्ति अभी तक क्यों नहीं की गई, कब तक पूर्ति कर दी जावेगी?
लोक
स्वास्थ्य और
परिवार
कल्याण
मंत्री ( श्री
रुस्तम सिंह ) : (क)
जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट
अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न
परिशिष्ट
अनुसार है। रिक्त
पदों की
पूर्ति
निरंतर की जा
रही है। पैरामेडिकल
कर्मचारियों
की नियुक्ति
हेतु चयन
परिक्षा
आयोजित किये
जाने हेतु
पुनः व्यापमं
को प्रस्ताव
प्रेषित किया
गया है। चयन
सूची प्राप्त
होने पर
उपलब्धता
अनुसार पदस्थापना
की जावेगी। निश्चित
समय-सीमा बताई
जाना संभव
नहीं है।
परिशिष्ट
- ''तेईस
''
रोगी कल्याण समिति के अनुमोदन के बिना कर्मचारियों की भर्ती
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
73. ( क्र. 1092 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड जिले के लहार विधानसभा क्षेत्र अतंर्गत स्थित सिविल अस्पताल एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में कब से रोगी कल्याण समितियों का गठन किया तथा 01 जनवरी 2015 से प्रश्न दिनांक तक कब-कब साधारण सभा की बैठकें आयोजित की गई। प्रश्न दिनांक तक उपरोक्त समितियों में किस-किस मद में कितनी-कितनी राशि किस-किस बैंक में जमा है? (ख) क्या विकासखण्ड स्वास्थ्य अधिकारी लहार एवं सहायक शल्य चिकित्सकों द्वारा साधारण सभा के बिना अनुमोदन किये तथा बिना कार्य कराये फर्जी बिल लगाकर प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में हेरा-फेरी की है? (ग) यदि हाँ, तो क्या जनपद अध्यक्ष लहार ने प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र असवार एवं बरहा के निरीक्षण में पाई गई गडबड़ियों की शिकायतें कलेक्टर भिण्ड एवं मुख्य चिकित्सा स्वास्थ्य जिला भिण्ड को की थी? यदि हाँ, तो जाँच कब और किस अधिकारी द्वारा की गई यदि नहीं, तो क्यों? (घ) क्या विकासखण्ड चिकित्सा अधिकारी लहार द्वारा कलेक्टर भिण्ड के निर्देश एवं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जिला भिण्ड द्वारा लिखित पत्र दिनांक 27.01.2016 की अवेहलना कर एन.आर.सी. योजनान्तर्गत कुक एवं सफाई कर्मचारी की भर्ती बिना रोगी कल्याण समिति के अनुमोदन के की गई है यदि हाँ, तो आदेश की अवहेलना के दोषी विकासखण्ड स्वास्थ्य केन्द्र लहार के विरूद्ध क्या कार्यवाही की यदि नहीं, तो क्यों? (ड.) 01 जनवरी 2016 से प्रश्नकर्ता द्वारा विकासखण्ड स्वास्थ्य अधिकारी लहार की कब-कब कलेक्टर भिण्ड एवं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को शिकायतें की गई थी। उन शिकायतों का जाँच प्रतिवेदन दें?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार है। (ख) जी हाँ। (ग) जी हाँ। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी की अध्यक्षता में गठित जाँच दल द्वारा दिनांक 26/10/2016 को। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी हाँ, जाँच प्रतिवेदन के आधार पर खण्ड चिकित्सा अधिकारी लहार के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही प्रस्तावित की जायेगी। (ड.) दिनांक 27/08/2016 एवं दिनांक 01/10/2016 को। जाँच प्रतिवेदन पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार है।
शिक्षण संस्थाओं को अधिक राशि का वितरण
[आदिम जाति कल्याण]
74. ( क्र. 1113 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कार्यालय आयुक्त, आदिवासी विकास मध्यप्रदेश के पत्र क्रमांक पी.एम.एस./07/169/20709 भोपाल दिनांक 07.12.2007 अनुसार प्रदेश के किन-किन सहायक आयुक्त कार्यालय आदिवासी विकास द्वारा कौन-कौन से शिक्षण संस्थाओं में व्यावसायिक पाठ्यक्रम में अध्ययनरत कितने विद्यार्थियों को शत्-प्रतिशत शुल्क प्रतिपूर्ति किन-किन वर्षों में की गई? शिक्षण सत्र 2007-08 से 2010-11 तक की जानकारी देवें वर्षवार सूची देवें। उक्त पत्र पर जिन सहायक आयुक्तों ने शत्-प्रतिशत शुल्क का भुगतान किन कारणों से नहीं किया? उन अधिकारियों की सूची नाम, स्थान सहित देवें? (ख) उक्त आदेश को कब-कब किन सहायक आयुक्त आदिवासी विकास कार्यालयों द्वारा निरस्त किया गया तथा शिक्षण संस्थाओं से वसूली हेतु पत्र प्रेषित किया गया, शिक्षण संस्थाओं के नाम व पते सहित सूची देवें। निरस्ती का कारण भी बतायें? शुल्क की अधिक भुगतान की राशि संस्थावर वर्षवार छात्र संख्यावार सूची देवें? (ग) उक्त अधिक भुगतान की कितनी राशि शिक्षण संस्थाओं ने आदिवासी विकास विभाग के किसी भी कार्यालय में जमा कराई गई है, सूची देवें। वसूली के प्रयासों की जानकारी संस्थावार देवें? (घ) उक्त अधिक भुगतान होने से शासन की राशि लंबे समय हेतु अटक गई है, इस कार्य के जिम्मेदार कौन-कौन है? नाम, पद सहित सूची देवें। इनके विरूद्ध की गई कार्यवाही की जानकारी देवें? यदि कोई कार्यवाही नहीं की गई है तो कारण बतावें?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) आयुक्त, आदिवासी विकास के पत्र दिनांक 07.12.2007 के अनुसार अशासकीय शिक्षण संस्थाओं के व्यावसायिक पाठ्क्रमों में प्रवेशित विद्यार्थियों को शुल्क की शत्-प्रतिशत प्रतिपूर्ति करने के संबध में कोई आदेश नहीं दिए गए, बल्कि मात्र जिलों से अतिरिक्त राशि का मांग पत्र बुलाया गया। कुछ जिलों द्वारा शतप्रतिशत शुल्क प्रतिपूर्ति कर दी गई, जिसका विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ '' अनुसार है। राज्य शासन द्वारा शतप्रतिशत शुल्क प्रतिपूर्ति करने संबंधी आदेश नहीं होने के कारण विद्यार्थियों को शतप्रतिशत शुल्क का भुगतान नहीं किया गया। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) सहायक आयुक्त द्वारा शुल्क प्रतिपूर्ति के आदेश निरस्ती की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब '' अनुसार है। (ग) निरंक। (घ) खण्डवा जिले के प्रकरण में माननीय उच्च न्यायालय के निर्णय अनुसार वसूली की कार्यवाही स्थगित रखी गई। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नर्सिंग कोर्स हेतु प्राप्त आवेदन
[चिकित्सा शिक्षा]
75. ( क्र. 1114 ) श्री
विजय सिंह
सोलंकी :
क्या राज्यमंत्री, चिकित्सा
शिक्षा महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) वर्ष 2010 से 2016 तक
खरगोन
विकासखण्ड
में नर्सिंग, एएनएम, जीएनएम
कोर्स हेतु
कितने आवेदन
संबंधित विभाग
को प्राप्त
हुए तथा प्राप्त
आवेदनों पर
निरीक्षण
कार्य किन-किन
सदस्यों
द्वारा किया
गया। (ख) विगत 5 वर्षों
में खरगोन
विकासखण्ड
से प्राप्त
विभिन्न
कोर्स हेतु
कितने
आवेदनों को
अस्वीकृत
किया गया?
राज्यमंत्री, चिकित्सा
शिक्षा ( श्री
शरद जैन ) : (क) एवं
(ख) की
जानकारी
एकत्रित की जा
रही है।
शाला भवनों का निर्माण
[स्कूल शिक्षा]
76. ( क्र. 1132 ) श्री रजनीश सिंह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सिवनी जिले में सभी प्राथमिक शाला भवन एवं माध्यमिक शाला भवन उपयुक्त है? अगर नहीं हैं तो कौन-कौन से शाला भवन उपयुक्त नहीं है? उनका नाम तथा भवन निर्माण वर्ष, मद राशि बतायें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार जो भवन उपयुक्त नहीं हैं उन्हें उपयुक्त बनाने हेतु क्या प्रयास किया गया? (ग) केवलारी विधान सभा क्षेत्र के किस-किस प्राथमिक शाला एवं माध्यमिक शाला भवन उपयुक्त न होने के कारण उक्त भवनों में शालायें नहीं लग रही हैं एवं इसके विकल्प के तौर पर शालायें कौन-कौन से भवन में लग रही है? (घ) क्या केवलारी विधान सभा क्षेत्र में नवीन प्राथमिक शाला भवन एवं माध्यमिक शाला भवन निर्माण प्रस्तावित है? यदि हाँ, तो कहाँ-कहाँ? (ड.) केवलारी विधान सभा क्षेत्र के कितने प्राथमिक व माध्यमिक शाला भवनों में बाउन्ड्रीवॉल निर्मित है? क्या बाउन्ड्रीवॉल निर्माण के लिये शासन की कोई योजना है?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी नहीं। सिवनी जिले में कुल 14 प्राथमिक शाला भवन उपयुक्त नहीं है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 01 अनुसार है। (ख) प्रश्नांश ''क '' अनुसार वार्षिक कार्ययोजना वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में भवन की मांग की गई थी, परन्तु भारत शासन से स्वीकृति अप्राप्त रही। (ग) शाला संचालन की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 01 अनुसार है। (घ) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 02 अनुसार है। (ड.) केवलारी विधानसभा के 93 प्राथमिक एवं माध्यमिक शालाओ में बाउण्ड्रीवॉल निर्मित है। बाउण्ड्रीवॉल निर्माण हेतु भारत शासन से सर्व शिक्षा अभियान योजना अंतर्गत तथा मध्यप्रदेश शासन की राज्य मद अंतर्गत ''बाउण्ड्रीवॉल निर्माण '' की योजना है।
ग्राम कान्हीवाड़ा में उर्दू शाला भवन निर्माण
[स्कूल शिक्षा]
77. ( क्र. 1133 ) श्री रजनीश सिंह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) केवलारी विधानसभा क्षेत्रांतर्गत विकासखण्ड सिवनी के ग्राम कान्हीवाड़ा में उर्दू शाला भवन की स्वीकृति वर्ष एवं राशि का नाम बतावें कौन सी निर्माण एजेंसी द्वारा कार्य किया गया है? (ख) क्या उर्दू शाला भवन का निर्माण कई वर्षों से अधूरा पड़ा है? यदि हाँ, तो क्यों? (ग) यदि निर्माण अवधि पूरी हो चुकी है तो विलंब होने के कारण से अवगत करावें। निर्माण कार्य अधूरा होने की स्थिति मैं कौन दोषी है? दोषी के विरूद्ध कोई दण्डात्मक कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) निर्माण कार्य पूर्ण कराये जाने की निर्धारित समय सीमा बतायें?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) केवलारी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत विकासखण्ड सिवनी के ग्राम कान्हीवाड़ा में उर्दू माध्यमिक शाला भवन की स्वीकृति वर्ष 2008-09 में इकाई लागत राशि रू. 6.99 लाख की प्रदान की गई, जिसकी निर्माण एजेंसी ग्राम पंचायत कान्हीवाड़ा है। (ख) जी हाँ। निर्माण एजेंसी ग्राम पंचायत कान्हीवाड़ा द्वारा कार्य से अधिक राशि का आहरण किया जाकर कार्य छत स्तर पर बंद कर दिया है। (ग) निर्माण एजेंसी ग्राम पंचायत कान्हीवाड़ा द्वारा समय-सीमा में पूर्ण न कर किये गये कार्य से अधिक राशि का अनियमित आहरण किया जाकर कार्य छत स्तर पर बंद कर दिया है। उक्त कार्य से संबंधित निर्माण एजेंसी सरपंच एवं सचिव द्वारा लापरवाही की गई जिसके लिए अनुविभागीय अधिकारी राजस्व सिवनी न्यायालय के समक्ष राजस्व वसूली का प्रकरण दर्ज कर वसूली की कार्यवाही की जा रही है। (घ) वसूली होने उपरांत कार्य पूर्ण हो सकेगा। निश्चित समय-सीमा बताना संभंव नहीं है।
मेडिकल कॉलेजों में शिक्षा ऋण के लाभ से वंचित करने विषयक
[चिकित्सा शिक्षा]
78. ( क्र. 1155 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या राज्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रायवेट मेडीकल कॉलेज द्वारा काउंसिलिंग से चयनित छात्र-छात्राओं से तत्काल पूरी फीस जमा न करने के कारण प्रवेश नहीं दिया जा रहा है? ऐसी स्थिति में उच्च शिक्षा हेतु शासन के शिक्षा ऋण का लाभ छात्र-छात्राओं को कैसे मिलेगा? (ख) क्या शासन तत्काल फीस जमा न करने तथा शिक्षा ऋण का अवसर दिये बगैर छात्र-छात्राओं को प्रवेश न देने वाले प्राईवेट मेडिकल कॉलेजों में उन सीटों को अन्य विद्यार्थियों से न भरने के प्रावधान करके आर्थिक कारणों से सीट छोड़ने को लगाम लगाएगा? (ग) वर्तमान सत्र में शिक्षा ऋण का अवसर दिये बगैर छात्र-छात्राओं को आर्थिक कारणों से सीट छोड़ने पर मजबूर करने वाले मेडिकल कॉलेजों के विरूद्ध शासन क्या कार्यवाही करेगा?
राज्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा ( श्री शरद जैन ) : (क) जी नहीं। दिनांक 31/10/2009 से प्रभावशील उच्च शिक्षा ऋण गांरटी योजना के अंतर्गत छात्र/छात्राओं द्वारा उच्च शिक्षा ऋण हेतु आवेदन पत्र सहपत्रों सहित अभिलेखों के साथ संचालनालय में प्रस्तुत किया जाता है। आवेदनों का परीक्षण कर छानबीन समिति के समक्ष विचारार्थ प्रस्तुत किया जाता है। प्रकरण का परीक्षण वित्त विभाग द्वारा किया जाकर आवेदकों को पात्रता अनुसार ऋण की राशि स्वीकृत की जाती है। (ख) जी हाँ। समय बताना संभव नहीं है। (ग) प्रश्न दिनांक तक ऐसा कोई प्रकरण प्राप्त नहीं हुआ है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
छात्र-छात्राओं को साईकिल दिये जाना
[स्कूल शिक्षा]
79. ( क्र. 1156 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में ऐसे कई गांव हैं जो माध्यमिक विद्यालय अथवा हाईस्कूल वाली ग्राम पंचायतों में तो हैं किंतु मुख्य पंचायत से दो या उससे अधिक कि.मी. की दूरी पर स्थित हैं? (ख) शासन की वर्तमान नीति के कारण पंचायत से दूर होने के बावजूद उन्हें साईकिल का लाभ नहीं मिल पाता? (ग) फील्ड में आने वाली व्यवहारिक दिक्कतों को देखते हुए क्या शासन स्कूलों वाली पंचायत के आश्रित ग्रामों में रहने वाले छात्र-छात्राओं को साईकिल देने पर विचार करेगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं वर्तमान योजनान्तर्गत ग्रामीण क्षेत्र में निवासरत शासकीय विद्यालयों में कक्षा 6 वीं एवं 9 वीं में अध्ययनरत ऐसे विद्यार्थी जो उनके निवासरत ग्राम में शासकीय माध्यमिक/हाईस्कूल संचालित न होने की स्थिति में अध्ययन हेतु अन्य ग्राम/शहर में जाने की स्थिति में उसे निःशुल्क साईकिल योजना का लाभ दिया जा रहा है। (ग) वर्तमान में इस प्रकार की काई योजना विचाराधीन नहीं है।
सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र खडियाहार के भवन की जीर्णशीर्ण स्थिति
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
80. ( क्र. 1185 ) श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र खडियाहार तहसील अम्बाह जिला मुरैना में निर्मित भवन की स्थिति वर्तमान में दयनीय है? कभी भी भवन गिरकर जन हानि हो सकती है? (ख) क्या उपरोक्त सामुदायिक भवन के निर्माण हेतु प्रश्नकर्ता ने कई बार पत्र द्वारा व बजट भाषण में भी नए निर्माण हेतु चर्चा की है परन्तु प्रश्न दिनांक तक कोई कारगर कदम नहीं उठाया गया है? (ग) क्या उपरोक्त भवन की स्थिति को लेकर शासन प्रशासन कब तक नवीन सामुदायिक भवन निर्माण हेतु आदेश प्रसारित करेगा?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) खडियाहार तहसील अम्बाह जिला मुरैना में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र के भवन में सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र भवन संचालित है, जो लोक निर्माण विभाग के निरीक्षण अनुसार मरम्मत योग्य है। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के नवीन भवन हेतु प्रस्ताव प्रचलन में है। (ख) जी हाँ। विभागीय पत्र क्रमांक मेडि-3 भोपाल दिनांक 15.09.2008 द्वारा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र खडियाहार के नवीन भवन निर्माण हेतु राशि रुपये 164.86 लाख की प्रशासकीय स्वीकृति जारी की गई थी जिसकी पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति दिनांक 20.03.2013 को राशि रुपये 212.51 लाख जारी की गई। परंतु स्थान नहीं होने के कारण विभागीय पत्र क्रमाकं/एफ 12-28/2014/सत्रह/ मेडि-3 भोपाल दिनांक 01.09.2014 के द्वारा निरस्त की गई। तत्पश्चात् राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की कार्ययोजना वर्ष 2013-14 में राशि रुपये 260.00 लाख की स्वीकृति भारत शासन से प्राप्त हुई थी। परंतु निर्माण हेतु स्थान उपलब्ध न होने के कारण प्राप्त स्वीकृति का स्थान परिवर्तन किया गया। वर्तमान में सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र खडियाहार में नवीन भवन निर्माण हेतु प्रस्ताव प्रचलन में है। (ग) नवीन सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के भवन के निर्माण हेतु प्रस्ताव प्रचलन में है, अतः समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्ध घुमक्कड़ जाति विकास योजना
[विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्ध घुमक्कड़ जाति कल्याण]
81. ( क्र. 1186 ) श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) म.प्र. शासन द्वारा विमुक्त घुमक्कड़ एवं अर्द्ध घुमक्कड़ जाति बस्ती विकास योजनांतर्गत विभाग द्वारा कौन-कौन सी सुविधाएं देने का प्रावधान है व उनके क्रियान्वयन हेतु क्या-क्या मापदण्ड निर्धारित हैं, प्रति सहित जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) म.प्र. शासन द्वारा वर्ष अप्रैल 2015 से अक्टूबर 2016 तक वर्षवार कितनी राशि मुरैना जिले को किन-किन कार्यों हेतु उपलब्ध कराई गई? (ग) प्रश्नांश (ख) में मुरैना को देयक राशि में से किन-किन जनपद पंचायतों को कितनी-कितनी राशि किस-किस कार्य हेतु दी गई, की जानकारी नाम, पता, दी गई राशि, कार्य विवरण आदि सहित उपलब्ध करावें?
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्रीमती ललिता यादव ) : (क) मध्यप्रदेश विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्ध घुमक्कड़ जनजाति बस्ती विकास योजना नियम 2013 अन्तर्गत कराये जाने वाले कार्य एवं नियम की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ‘ अनुसार है। (ख) मुरैना जिले को अप्रैल 2015 से अक्टूबर 2016 तक विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्ध घुमक्कड़ जनजाति आवास योजना अन्तर्गत राशि 96.00 लाख रूपये का आवंटन प्रदाय किया गया है। (ग) रूपये 96.00 लाख की राशि के विरूद्ध राशि रूपये 89.40 लाख के कार्य विवरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब‘ अनुसार है।
बस्ती विकास योजनांतर्गत निर्माण कार्य
[आदिम जाति कल्याण]
82. ( क्र. 1203 ) श्रीमती शकुन्तला खटीक : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा अनुसूचित जाति बस्ती विकास योजनांतर्गत कौन-कौन से कार्य किये जाने के प्रावधान होकर कितनी राशि जिला शिवपुरी को प्राप्त हुई है? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित संदर्भ में जनपद पंचायत करैरा व नरवर जिला शिवपुरी में वित्तीय वर्ष 2014-15 से अक्टूबर 2016 तक कितनी राशि जिला शिवपुरी को आवंटित की गई? (ग) प्रश्नांश (ख) में प्राप्त राशि में से जनपद पंचायत करैरा व नरवर में किन-किन निर्माण कार्यों के लिये कितनी-कितनी राशि दी जाकर क्या-क्या कार्य किये गये की जानकारी निर्माण कार्य का नाम, पता, स्वीकृत राशि, पूर्ण/अपूर्ण, प्रदाय राशि, आदि सहित जानकारी दी जावे। (घ) क्या कुछ कार्यों में कार्य पूर्ण होने के उपरांत भी शेष राशि नहीं दी गई है? कारण बताएं।
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) मध्यप्रदेश अनुसूचित जाति बस्ती विकास योजना नियम 2014 में कंडिका 6 में कार्यों के निर्धारण का प्रावधान है। उक्त नियम पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ '' अनुसार है। (ख) योजनांतर्गत जनपद पंचायतवार आवंटन प्राप्त नहीं होता है। वित्तीय वर्ष 2014-15 से अक्टूबर 2016 तक शिवपुरी जिले को राशि रूपये 438.58 लाख का आवंटन प्राप्त हुआ है। (ग) प्रश्नांश अवधि में जनपद करैरा व नरवर में निर्माण कार्यों के लिये दी गई राशि एवं किये गये कार्य की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब '' अनुसार है। (घ) जिले में समस्त पूर्ण कार्यों की राशि प्रदाय कर दी गई है।
सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र करैरा में रिक्त पदों की पूर्ति विषयक
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
83. ( क्र. 1204 ) श्रीमती शकुन्तला खटीक : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र करैरा, जिला शिवपुरी में स्त्री रोग विशेषज्ञ, शिशु रोग विशेषज्ञ, निश्चेतना (Anacsthisiya) विशेषज्ञ, एक्स-रे टेक्नीशियन के पद स्वीकृत होकर भी लगभग पाँच वर्ष से रिक्त हैं? (ख) यदि हाँ, तो पदों की पूर्ति न करने के क्या कारण हैं व प्रश्नांश (क) में वर्णित रिक्त पदों की पूर्ति जनहित में कब तक कर दी जायेगी?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी नहीं, शिशुरोग विशेषज्ञ का पद विगत 02 वर्षों से रिक्त है एवं एक्सरे टेक्नीशियन के पद पर श्री रामेश्वर टेकाम, दिनांक 23.02.2016 से पदस्थ होकर कार्यरत हैं। प्रश्न में उल्लेखित अन्य विशेषज्ञों यथा स्त्रीरोग, निश्चेतना के पद विगत 05 वर्षों से अधिक अवधि से रिक्त हैं। (ख) प्रदेश में विशेषज्ञों एवं स्नातकोत्तर योग्यताधारी चिकित्सकों की अत्यधिक कमी के कारण सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र स्तर की संस्थाओं में शत्-प्रतिशत विशेषज्ञों के पद भरे जाने में कठिनाई हो रही है। मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग के माध्यम से 1896 चिकित्सकों के पदों की चयन प्रक्रिया प्रचलन में है, चयन सूची प्राप्त होने पर स्नातकोत्तर चिकित्सकों की उपलब्धता के आधार पर पदस्थापना संबंधी कार्यवाही की जा सकेगी।
दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों का नियमितीकरण
[स्कूल शिक्षा]
84. ( क्र. 1261 ) श्री राजेन्द्र फूलचंद वर्मा : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा कन्टेंजेंसी/दैनिक वेतन भोगीयों कर्मचारियों को नियमित करने हेतु कोई कार्यवाही चल रही हैं? (ख) यदि हाँ, तो देवास जिले के कितने कर्मचारी किन-किन पद पर नियमित किया जाना है? (ग) क्या नियमितीकरण के लिए पद रिक्त हैं? यदि नहीं, तो क्या शासन द्वारा पदोन्नति हेतु योग्य कर्मचारियों की पदोन्नति कर रिक्त पदों पर नियमितीकरण की प्रक्रिया करने का कोई विचार है?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। (ख) स्कूल शिक्षा विभाग देवास जिला अंतर्गत कन्टेंजेंसी/दैनिक वेतनभोगी के पद पर कोई कर्मचारी कार्यरत नहीं है। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) देवास जिला अंतर्गत नियमित भृत्य अनुसूचित जनजाति प्रवर्ग के 22 पद रिक्त है किन्तु कन्टेंजेंसी/दैनिक वेतनभोगी पद पर कोई कर्मचारी कार्यरत नहीं है। अत: नियमितीकरण किये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
टोंककलॉ हायर सेकण्ड्री स्कूल भवन निर्माण
[स्कूल शिक्षा]
85. ( क्र. 1263 ) श्री राजेन्द्र फूलचंद वर्मा : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शा.हा.से. स्कूल टोंककलॉ का भवन स्वीकृत है? यदि हाँ, तो कब से स्वीकृत है? आदेश की छायाप्रति संलग्न करें। (ख) उक्त भवन का निर्माण कार्य कब शुरू किया गया था? क्या कारण है की आज तक उक्त भवन निर्माण अधूरा है? (ग) उक्त भवन का निर्माण कार्य कब तक पूर्ण कर लिया जावेगा? निर्माण कार्य में हो रही देरी के लिए दोषियों पर क्या कार्यवाही की जाएगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। शास. हायर सेकेण्डरी स्कूल टोंककलॉ वर्ष 2007-08 से स्वीकृत है। आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) शास. हायर सेकेण्डरी स्कूल टोंककलॉ का भवन निर्माण कार्य दिनांक-24.09.2009 को प्रारंभ किया गया था, भूमि विलंब से प्राप्त होने एवं बाद में लागत वृद्धि के कारण भवन निर्माण कार्य पूर्ण नहीं हो सका। (ग) निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है। उत्तरांश ''ख '' के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
बरखेड़ा नाथू एवं बकानिया हाई स्कूल भवन निर्माण
[स्कूल शिक्षा]
86. ( क्र. 1287 ) श्री रामेश्वर शर्मा : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) हुजूर विधानसभा क्षेत्र के बरखेड़ा नाथू और बकानिया में हाई स्कूल के भवनों की क्या स्थिती है? उक्त स्थानों पर वर्तमान में किस स्थान पर स्कूल संचालित किया जा रहा है? (ख) क्या यहां नवीन भवनों के कार्य स्वीकृत किए गए हैं? यदि हाँ, तो स्वीकृति दिनांक और कार्य पूर्णता हेतु दी गई समयावधि से अवगत करावें। (ग) इन स्थानों पर भवन निर्माण का कार्य किस एजेंसी को दिया गया है और कार्य की गुणवत्ता हेतु मानिटरिंग की क्या व्यवस्था तय की गई है।
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) हुजूर विधान सभा क्षेत्र के शास. हाईस्कूल बरखेडा नाथू और शास. हाईस्कूल बकानिया वर्तमान में शास. माध्यमिक विद्यालय के भवन में संचालित है। (ख) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश ''ख '' के उत्तर प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
शासकीय हाई/हायर सेकेण्डरी स्कूलों में फर्नीचर व्यवस्था
[स्कूल शिक्षा]
87. ( क्र. 1357 ) श्री संजय शर्मा : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन द्वारा शासकीय हाईस्कूलों/हायर सेकेण्डरी स्कूलों में छात्रों को बैठने हेतु फर्नीचर की क्या व्यवस्था है? (ख) तेंदूखेड़ा विधान सभा क्षेत्र में वर्ष 2013-14 से वर्तमान तक कितने नवीन हाई स्कूल खोले गये है? ग्रामवार जानकारी प्रदाय करें। (ग) खोले गये नवीन हाई स्कूलों में फर्नीचर किन-किन शालाओं में उपलब्ध है? (घ) शेष हाई स्कूलों में फर्नीचर कब तक उपलब्ध हो सकेगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) हाई/हायर सेकेण्डरी स्कूलों में बैठने हेतु फर्नीचर की व्यवस्था बजट उपलब्धता के आधार पर कराई जाती है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्रश्नाधीन स्कूलों में वर्तमान में फर्नीचर उपलब्ध नहीं है। (घ) हाईस्कूलों में फर्नीचर प्रदाय कराये जाना बजट उपलब्धता पर निर्भर करेगा। समय सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
परिशिष्ट- ''छब्बीस''
शासकीय हायर सेकेण्डरी/हाई स्कूल भवनों के संबंध में
[स्कूल शिक्षा]
88. ( क्र. 1455 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नरयावली विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत सागर एवं राहतगढ़ विकासखंड में ऐसे कितने शासकीय हाईस्कूल/हायर सेकेण्डरी स्कूल है जिनके स्वयं के भवन न होने की दशा में अतिरिक्त कक्ष या माध्य. शाला भवनों या अन्य शासकीय भवनों में संचालित किये जा रहे हैं? (ख) ऐसे कितने शासकीय हाईस्कूल/हायर सेकेण्डरी स्कूल हैं जो भवन न होने की स्थिति में शालाएं दो पारियों में संचालित की जा रही हैं? (ग) ऐसे कितने शासकीय भवन विहीन हाई स्कूल/हायर सेकेण्डरी स्कूल संचालित है जिनके पास भूमि उपलब्ध नहीं है? (घ) शासकीय हाईस्कूल/हायर सेकेण्डरी स्कूल भवनों की स्वीकृति के संबंध में विभाग द्वारा प्रश्न दिनांक तक क्या कोई कार्यवाही की गई है?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र -1 अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) नरयावली विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत भवनविहीन शा. हाईस्कूल/हायर सेकेण्डरी स्कूलों में भूमि उपलब्ध है। (घ) भवनों की स्वीकृति बजट की उपलब्धता पर निर्भर करेगा।
पाटन विधान सभा अंतर्गत चिकित्सकों की कमी
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
89. ( क्र. 1471 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पाटन विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कहाँ-कहाँ पर सामुदायिक एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र संचालित है एवं इन स्वास्थ्य केन्द्रों में चिकित्सकों के कितने पद स्वीकृत हैं तथा इनके विरूद्ध कहाँ-कहाँ पर कौन-कौन से चिकित्सक कब से पदस्थ हैं एवं कौन-कौन से पद कब से रिक्त है? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित रिक्त पदों की पूर्ति हेतु प्रश्नकर्ता द्वारा निरंतर मांग करने एवं विधानसभा के सत्रों में बैठक दिनांक 04 जुलाई, 2014 प्रश्न संख्या 41 (क्रमांक 984) एवं बैठक दिनांक 24 जुलाई, 2015 प्रश्न संख्या 65 (क्रमांक 1077) तथा बैठक दिनांक 18 जुलाई 2016 प्रश्न क्रमांक 828 के उत्तर में पद पूर्ति की कार्यवाही निरंतर जारी है, शीघ्र पद पूर्ति होगी के दिए गए उत्तर के बावजूद प्रश्न दिनांक तक रिक्त पदों की पूर्ति न होने के क्या कारण है? रिक्त पदों की पूर्ति किस प्रकार से कब तक कर दी जावेगी? (ग) क्या प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र लमकना में चिकित्सक एवं अन्य स्वास्थ्य कर्मचारियों की लगातार अनुपस्थिति के कारण प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र लमकना में ताला लगा हुआ है तथा निरंतर बंद रहने की वजह से प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र भवन भी क्षतिग्रस्त हो रहा है तथा रोगग्रस्त ग्रामीण परेशान है? यदि हाँ, तो प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र लमकना में पूर्ण कालिक चिकित्सक एवं स्वीकृत पद अनुरूप अन्य स्वास्थ्य कर्मचारी कब तक पदस्थ कर दिये जावेंगे, यदि नहीं, तो कौन से चिकित्सक तथा अन्य स्वास्थ्य कर्मचारी कब से पदस्थ है? नाम सहित सूची देवें?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ '' अनुसार है। (ख) चिकित्सकों की पदपूर्ति की कार्यवाही हेतु विभाग निरंतर प्रयासरत है। पदपूर्ति की कार्यवाही बंधपत्र चिकित्सकों आर.सी.एच. योजनान्तर्गत संविदा चिकित्सकों एवं म.प्र. लोक सेवा आयोग के माध्यम से की जाती है। 1896 पदों की पूर्ति की प्रक्रिया म.प्र. लोक सेवा आयोग में लगभग डेढ़ वर्षों से प्रक्रियाधीन है। प्रश्नावधि में डॉ. ओमप्रकाश कुमावत, डी.ए., बंधपत्र चिकित्सक की नियुक्ति दिनांक 28.07.2014 को तथा डॉ. आशीष श्रीवास्तव, बंधपत्र चिकित्सक, दिनांक 18.06.2016 को की गई है तथा 02 फार्मासिस्टों की पदस्थापना सामु.स्वा.केन्द्र, पाटन में, 01 फार्मासिस्ट की पदस्थापना सामु.स्वा.केन्द्र, मझौली में एवं 01 प्राथ.स्वा.केन्द्र, कटंगी में की गई है। (ग) जी नहीं। प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, लमकाना में कार्य एवं सुविधा की दृष्टि से सामु.स्वा.केन्द्र, मझौली में पदस्थ डॉ. बड़ोनिया एवं 01 ड्रेसर तथा 01 स्वीपर की ड्यूटी सप्ताह में 02 दिवस हेतु लगायी गई है। पदपूर्ति की कार्यवाही निरंतर जारी है। निश्चित समय अवधि बताया जाना संभव नहीं है। उक्त संस्था का भवन मरम्मत हेतु मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जबलपुर द्वारा लोक निर्माण विभाग से पत्राचार किए जाने की सूचना दी गई है। प्राथ.स्वा.केन्द्र, लमकाना की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब '' अनुसार है।
भवनविहीन एवं शिक्षक विहीन शालायें
[स्कूल शिक्षा]
90. ( क्र. 1472 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पाटन विधान सभा अंतर्गत कौन-कौनसी हायर सेकेण्डरी स्कूल, हाईस्कूल, मिडिल स्कूल एवं प्राथमिक शालाएं भवन विहीन हैं अथवा उनके निर्मित शाला भवन आंशिक रूप से जर्जर अथवा पूर्ण रूप से जर्जर हो चुके हैं? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित शाला भवनों में वर्तमान समय में शालाओं का संचालन किया जा रहा है? यदि हाँ, तो ऐसी स्थिति में भविष्य में होने वाली किसी दुर्घटना का दोषी कौन होगा बतलावें? यदि उक्त शाला भवनों में शालाओं का संचालन नहीं हो रहा है तो वर्तमान में शाला संचालित स्थल की पूर्ण जानकारी सहित उत्तर देवें इन शाला भवनों का निर्माण किस योजना मद से कब तक कर लिया जावेगा? (ग) पाटन विधान सभा अंतर्गत कौन-कौन से हाईस्कूल, मिडिल स्कूल एवं प्राथमिक शालाएं क्रमश: हायर सेकेण्डरी स्कूल, हाईस्कूल एवं मिडिल स्कूल में उन्नयन की पात्रता रखते हैं तथा उनका कब तक उन्नयन कर लिया जावेगा? सूची देवें। (घ) पाटन विधान सभा अंतर्गत कौन-कौन सी हायर सेकेण्डरी स्कूलों में विषय विशेषज्ञ शिक्षिकों के कितने पद रिक्त है सूची देवें। इन्हें कब तक भरा जावेगा? पाटन विधानसभा अंतर्गत ऐसी कौन-कौन सी प्राथमिक एवं पूर्व माध्यमिक शालाएं हैं जहां पर एक भी पूर्ण कालिक शिक्षक पदस्थ नहीं है? सूची सहित जानकारी देवे इनकी पद पूर्ति किस प्रकार से कब तक की जावेगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) हाई व हायर सेकेण्डरी स्कूलों से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। कोई भी प्राथमिक एवं माध्यमिक शाला, भवनविहीन नहीं है। शेषांश जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-क अनुसार है। (ख) हाई व हायर सेकेण्डरी से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। भवन निर्माण बजट की उपलब्धता पर निर्भर करेगा। समय-सीमा बताना संभव नहीं है। उत्तरांश (क) के परिशिष्ट में दी गई किसी भी शाला में दुर्घटना की संभावना नहीं है। शेषांश का प्रश्न ही नहीं उठता। इन शाला के भवनों हेतु वार्षिक कार्ययोजना, कार्य स्वीकृति वर्ष 2017-18 में विशेष मरम्मत का प्रावधान किया जावेगा। भारत शासन से स्वीकृति एवं आवंटन प्राप्ति पर निर्भर करेगा। (ग) हाई व हायर सेकेण्डरी विद्यालयों संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। शाला उन्नयन बजट की उपलब्धता पर निर्भर करेगा। निश्चत समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। पाटन विधानसभा के अंतर्गत कोई भी प्राथमिक शालाएं मिडिल स्कूल में उन्नयन की पात्रता नहीं रखते है। अत: शेषांश प्रश्न ही नहीं उठता। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। पदपूर्ति सतत् प्रक्रिया है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
सैनिक स्कूल रीवा में फर्जी दस्तावेज से प्रवेश की शिकायतों पर कार्यवाही
[स्कूल शिक्षा]
91. ( क्र. 1479 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सैनिक स्कूल रीवा में फर्जी दस्तावेज से विजयबहादुर पटेल को कक्षा 5 में प्रवेश दिया गया था? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित छात्र की शिकायत के बाद दिनांक 16 अक्टूबर 2014 को फर्जी दस्तावेजों की शिकायत पुलिस अधीक्षक रीवा से की गयी? उक्त प्राचार्य की शिकायत पर क्या कार्यवाही की गयी? (ग) उक्त फर्जी दस्तावेजों के आधार पर होने वाले एडमीशन की कितनी शिकायतें प्राप्त हुई एवं कहाँ-कहाँ की गई? (घ) प्रश्नांश (ग) में वर्णित होने वाली शिकायतों पर क्या कार्यवाही हुई? विवरण उपलब्ध करावें?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) श्री विजय बहादुर पटेल को कक्षा 6 में प्रवेश दिया गया था। (ख) पुलिस अधीक्षक रीवा को दिनांक 31 अक्टूबर, 2014 को प्राचार्य सैनिक स्कूल रीवा द्वारा पुलिस अधीक्षक द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार दस्तावेजी साक्ष्य के अभाव में एफ.आई.आर. दर्ज नहीं की गई है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) संबंधित छात्र को विद्यालय से दिनांक 16 अक्टूबर 2014 को निष्कासित कर दिया गया है।
पैरा मेडिकल स्टाफ एवं चिकित्सकों की पदस्थापना
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
92. ( क्र. 1528 ) श्री कुंवर सिंह टेकाम : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीधी जिले के अंतर्गत विकासखण्ड मझौली में कितने सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र एवं उप स्वास्थ्य केन्द्र संचालित हैं? नाम सहित जानकारी देवें। साथ ही संचालित सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र एवं उप स्वास्थ्य केन्द्रों में स्वीकृत पदों की संख्या पदवार देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में स्वीकृत पदों के विरूद्ध कितने पैरा मेडिकल स्टॉफ एवं चिकित्सकों की पदस्थापना की गई हैं? नाम सहित स्वास्थ्य केन्द्र वार सूची उपलब्ध करायें। (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र मझौली एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र डांगा, खड़ौरा, पथरौला, ताला, पांड़, नौढि़या, मड़वास में रिक्त पदों पर चिकित्सक एवं पैरा मेडिकल स्टॉफ की पदस्थापना कब तक कर दी जावेगी? (घ) सीधी जिले के विकासखण्ड मझौली के अंतर्गत सुदूर आदिवासी अंचलों में जहां 20 कि.मी. की परिधि में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र नहीं है ऐसे ग्राम गंजरी, गिजवार एवं टिकरी में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र की स्थापना की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक स्थापना कर दी जायेगी? यदि नहीं, तो क्यों कारण बतायें।
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) चिकित्सकों की पदपूर्ति हेतु विभाग निरंतर प्रयासरत है। मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग के माध्यम से 1896 चिकित्सकों की पदपूर्ति की प्रक्रिया प्रचलन में है। चयन सूची प्राप्त होने पर उपलब्धता एवं आवश्यकतानुसार पदपूर्ति की जा सकेगी। 910 पैरामेडिकल स्टॉफ की पदपूर्ति हेतु प्रोफेशनल एक्जामिनेशन बोर्ड को मांग पत्र भेजा गया है। चयन प्रक्रिया पूर्ण होने उपरांत उपलब्धता एवं आवश्यकतानुसार पदपूर्ति की जा सकेगी। निश्चित समय अवधि बताया जाना संभव नहीं है। (घ) जी नहीं। विकासखण्ड मझौली अंतर्गत ग्राम गंजरी से प्राथ.स्वा.केन्द्र, खड्डी की दूरी 07 कि.मी. एवं प्राथ.स्वा.केन्द्र, करवाही की दूरी 10 कि.मी. है। ग्राम गिजवार से प्राथ.स्वा.केन्द्र, मड़वास 10 कि.मी. की दूरी पर है। ग्राम टिकरी से प्राथ.स्वा.केन्द्र, मड़वास की दूरी लगभग 18. कि.मी. एवं सामु.स्वा.केन्द्र, निवास (सिंगरौली) की दूरी 10 कि.मी. है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मरीजों को मध्यान्ह भोजन का वितरण
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
93. ( क्र. 1541 ) श्री गोवर्धन उपाध्याय : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा जिले में सिरोंज विधान सभा क्षेत्र के शासकीय राजीव गांधी स्मृति चिकित्सालय सिरोंज में विगत तीन वर्षों से मरीजों को भोजन बनाने का ठेका किस-किस समूह या संस्था को कितने-कितने अवधि के लिए कब-कब अधिकृत किया गया है? आदेश की प्रति उपलब्ध करावें। मरीजों को मेनू में क्या-क्या परोसे जाने का प्रावधान है? क्या मेनू अनुसार मरीजों को भोजन परोसा जा रहा है, यदि नहीं, तो क्यों अस्पताल प्रबंधक द्वारा इस पर क्यों कार्यवाही नहीं की जा रही है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार वर्तमान में जिस संस्था या समूह को मरीजों के लिए भोजन बनाने का ठेका दिया गया है, कब ठेका दिया गया कितने अवधि के लिए किसके आदेश से दिया गया? क्या टेण्डर प्रस्ताव प्राप्त करने से पहले विज्ञापन जारी किया गया था? यदि हाँ, तो उसकी छायाप्रति उपलब्ध करावें। कितने निविदा पत्र प्राप्त हुए थे और कहाँ-कहाँ से पूर्ण विवरण देवें। (ग) शासकीय राजीव गांधी चिकित्सालय सिरोंज में विगत 03 वर्ष में कितने और कब-कब रोगी कल्याण समिति की बैठकों का आयोजन किया गया है वर्षवार जानकारी देवें? बैठक की कार्यवाही विवरण एजेंडा की प्रति एवं बैठक आहूत करने की सूचना की प्रति एवं बैठक में उपस्थित सदस्यों पंजी की सत्यप्रतिलिपि उपलब्ध करावें?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) विदिशा जिले में सिरोंज विधानसभा क्षेत्र क शासकीय राजीव गांधी स्मृति चिकित्सालय सिरोंज में विगत तीन वर्षों से मरीजों को भोजन बनाने का ठेका किसी भी समूह या संस्था को प्रदाय नहीं किया गया है। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ '' अनुसार है। जी हाँ। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब '' अनुसार है। दिनांक 24.08.2015 को एवं दिनांक 05.10.2015 को। साहू किराना स्टोर हाजीपुर, सिरोंज एवं मैसर्स मेरे राम, सीहोर। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स '' अनुसार है।
शाला भवन निर्माण
[स्कूल शिक्षा]
94. ( क्र. 1542 ) श्री गोवर्धन उपाध्याय : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा जिले के सिरोज विधानसभा क्षेत्रांतर्गत तहसील सिरोज/लटेरी/ में विगत 05 वर्षों में प्रश्नांश दिनांक तक कितने प्राथमिक, माध्यमिक, हाई स्कूल, हायर सेकेण्डरी स्कूल एवं अतिरिक्त कक्ष शाला भवन निर्माण की स्वीकृति शासन द्वारा कब-कब एवं कितनी-कितनी लागत में प्रदान की गई है? स्वीकृत शाला भवनों की सूची वर्षवार उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार स्वीकृत शाला भवन निर्माण में से कितने पूर्ण किये गये, कितने अपूर्ण हैं? अपूर्ण शाला भवन को कब तक पूर्ण किया जावेगा? अपूर्ण रहने का क्या कारण है? अपूर्ण शाला भवन निर्माण एजेंसियों पर क्या कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या स्वीकृत शाला भवन में से निर्मित होने के उपरांत भी आज दिनांक तक संस्था को हस्तांतरित नहीं किये गये हैं? हस्तांतरित न करने का क्या कारण है? ऐसे कितने शाला भवन हैं जो निर्माण एजेंसियों द्वारा अनियमितताएं किये जाने के कारण भवन अपूर्ण, खण्डहर या जर्जर की स्थिति में होने के कारण आज दिनांक तक संस्था को हस्तांतरित नहीं किये गये हैं? क्या उक्त एजेंसियों के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी? उक्त निर्माण एजेंसी एवं शाला भवन के नाम उपलब्ध करावें?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) हाईस्कूलों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’एक’ अनुसार। विदिशा जिले के सिरोंज विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत तहसील सिरोंज/लटेरी विगत 05 वर्षों में प्रश्नांश दिनांक तक 155 माध्यमिक शाला भवन एवं अतिरिक्त कक्ष शाला भवन निर्माण की स्वीकृति प्रदान की गई। स्वीकृत शाला भवन, कब-कब एवं कितनी-कितनी लागत के है, की वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ '' अनुसार। (ख) हाई व हायर सेकेण्डरी स्कूलों के संबंध में उत्तरांश ''क '' अनुसार। प्राथमिक व माध्यमिक विद्यालयों के संबंध में प्रश्नांश ''क '' के अनुसार के प्रश्नांश (ख) के अनुसार स्वीकृत 155 कार्यों में से 82 कार्य पूर्ण, 73 कार्य अपूर्ण है। अपूर्ण रहने का कारण निर्माण एजेंसी की उदासीनता है। अपूर्ण निर्माण कार्यों की एजेंसी के विरूद्ध राशि वसूली हेतु प्रकरण अनुविभागीय अधिकारी न्यायालय कोर्ट में कार्यवाही प्रचलन में है। इन कार्यों को अपूर्ण रहने का कारण, निर्माण एजेंसियों पर की गई जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब '' अनुसार है। (ग) हाई व हायर सेकेण्डरी स्कूलों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''एक '' में उल्लेखित पूर्ण निर्माण कार्यविभाग को हस्तांतरित हो चुके है। शेषांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। प्राथमिक व माध्यमिक शाला भवनों में से निर्मित 82 शाला भवन/अतिरिक्त कक्ष संस्था को हस्तांतरित किये जा चुके है। भवन निर्माण कार्य निर्माण कक्ष एजेंसी द्वारा अनियमितता किये जाने से पूर्ण न होने के कारण उनके विरूद्ध पंचायत राज अधिनियम के तहत धारा 40 एवं धारा 92 की कार्यवाही प्रचलन में है। निर्माण एजेंसी के विरूद्ध की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब '' अनुसार है।
विद्यार्थी सुरक्षा बीमा योजना
[स्कूल शिक्षा]
95. ( क्र. 1610 ) श्री प्रताप सिंह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2012-13 से प्रश्न दिनांक तक दमोह जिले के शासकीय विद्यालयों में अध्ययनरत नियमित छात्र/छात्राओं का विद्यार्थी सुरक्षा बीमा योजनांतर्गत बीमा किया गया है अथवा नहीं? यदि किया गया है, शालावार छात्र/छात्राओं की संख्या बतलावें? (ख) यदि नहीं, तो इसके लिये कौन जिम्मेदार है? जिम्मेदार अधिकारियों/कर्मचारियों के नाम, पद बतलावें? क्या इस कार्य में कोताही बरतने वालों के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) विगत एक वर्ष में जिले में कक्षा 1 से 12 तक कितने छात्र/छात्राओं की असामयिक मृत्यु हो गई हो गई है तथा उन्हें शासनस्तर से कितनी-कितनी सहायता दी गई है?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी नहीं। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) वर्ष 2011-12 से विद्यार्थी सुरक्षा बीमा योजना असंचालित है। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) वर्ष 2015-16 में 20 छात्र/छात्राओं की असामयिक मृत्यु हुई है। प्रा.शा. खम्हरिया कला (तेंदूखेडा) के छात्र अभिषेक पिता श्री बेनीलाल अहिरवार को राजस्व परिपत्र 6 (4) के अनुसार अनुविभागीय राजस्व अधिकारी तेंदूखेडा द्वारा एक लाख रूपये की सहायता राशि प्रदान की गई है। शेष किसी भी विद्यार्थी को कोई सहायता प्रदान नहीं की गई।
म.प्र.
सिविल सेवा
आचरण नियम 1965 के
उल्लंघन पर
कार्यवाही
[स्कूल शिक्षा]
96. ( क्र. 1661 ) श्री गिरीश भंडारी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजगढ़ जिले में वर्तमान में पदस्थ जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा शासन नियमों एवं शिक्षा विभाग के नियमों का अक्षरश: नियमानुसार पालन किया तथा करवाया जा रहा है? यदि हाँ, तो किस प्रकार बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 7711 दिनांक 30.03.16 में कलेक्टर राजगढ़ द्वारा पत्र 5948 दि. 24.08.15 से उक्त जिला शिक्षा अधिकारी को पद अनुरूप स्थानांतरण के पूर्व परीक्षण किये बिना आदेश जारी होने के फलस्वरूप चेतावनी दी गई एवं प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्र. 80 दिनांक 18 जुलाई, 16 के उत्तर की कंडिका (ख) नियम विरूद्ध स्थानांतरण के लिए दोषी बताया गया है? इसी प्रकार प्रश्नकर्त्ता के प्रश्न क्रमांक 2231 दि. 25 जुलाई, 2016 के उत्तर में दोषी प्राचार्य को ही प्रस्तुतकर्ता अधिकारी बनाना बताया गया है तथा लोक शिक्षण संचालनालय भोपाल द्वारा अपने पत्र 919 दि. 16.7.16 से संयुक्त संचालक DPI भोपाल संभाग भोपाल द्वारा एवं पत्र 3194 दिनांक 17/10/16 से उक्त जिला शिक्षा अधिकारी के कृत्यों को म.प्र. सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के नियम (i) (ii) एवं (iii) के प्रतिकुल माना जाकर कारण बताओं सूचना पत्र जारी किये गये है? (ग) यदि हाँ, तो ऐसे क्या कारण है कि बार-बार नियम विरूद्धकृत्य सिद्ध होने पर भी प्रश्न दिनांक तक उक्त जिला शिक्षा अधिकारी को निलंबित नहीं किया जाकर विभागीय जाँच नहीं कराई गई तथा कब तक निलंबित कर उच्चस्तरीय जाँच करवाई जावेगी? समय सीमा बतावें।
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जिला शिक्षा अधिकारी, राजगढ़ द्वारा जिले में विभाग प्रमुख के नाते विभागीय योजनाओं का क्रियान्वयन किया जा रहा है। यदि इस संबंध में कोई कमी पाई जाती है, तो नियमानुसार कार्यवाही की जाती है। (ख) जी हाँ। शेषांश जी हाँ। (ग) जिला शिक्षा अधिकारी जिला राजगढ़ को जारी कारण बताओ सूचना पत्र के अनुक्रम में संबंधित से प्राप्त प्रतिवाद परीक्षणाधीन है। परीक्षण उपरांत गुण-दोष के आधार पर निर्णय लिया जाकर कार्यवाही की जावेगी। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
प्राचार्य की नियम विरूद्ध निलंबन बहाली
[स्कूल शिक्षा]
97. ( क्र. 1662 ) श्री गिरीश भंडारी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. शासन द्वारा किसी भी शासकीय सेवक को निलंबित किये जाने के बाद नियमानुसार आरोप पत्र जारी करने का प्रावधान है? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या आयुक्त लोक शिक्षण संचालनालय के आदेश क्र./स्था. 2/सवि/ए/राजगढ़/वि.स./2016/917 भोपाल दिनांक 16/7/16 से शा.उ.मा.वि. करनवास जिला राजगढ़ की प्रभारी प्राचार्य को अपने पदीय कर्तव्यों के निर्वहन में लापरवाही एवं वित्तीय अनियमितता पाये जाने से तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया था? यदि हाँ, तो क्या निलंबन के बाद संबंधित प्राचार्य को आरोप पत्र जारी किया गया था अथवा नहीं? यदि हाँ, तो प्रति उपलब्ध करावें? यदि नहीं, तो क्यों नहीं? (ग) क्या उक्त प्राचार्य को बिना आरोप पत्र जारी किये एवं बिना लिखित प्रतिवाद लिए ही दिनांक 16/9/16 को आयुक्त लोक शिक्षण संचालनालय म.प्र. भोपाल द्वारा निलंबन से बहाल कर दिया गया है? यदि हाँ, तो उक्त कार्यवाही में किसी भी शासन नियमों का उल्लंघन हुआ है अथवा नहीं? यदि हाँ, तो इसमें कौन दोषी है तथा क्या शासन दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक तथा उक्त प्रकरण में पुन: उक्त प्राचार्य को निलंबित कर अक्षरश: जाँच करवाई जावेगी अथवा नहीं?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। मध्यप्रदेश सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 के नियम 9 में वर्णित अनुसार '' (2-क) जहॉं किसी शासकीय सेवक को उपनियम (1) के खण्ड (क) के अधीन निलम्बित किया जाय वहॉ निलम्बन आदेश में ऐसा आदेश करने के कारण अन्तर्विष्ट होंगे और जहॉ ऐसे शासकीय सेवक के विरूद्ध नियम 14 के अधीन जाँच करना प्रस्तावित हो वहॉ नियम 14 के उपनियम (4) द्वारा अपेक्षित किये गये अनुसार आनुशासिक प्राधिकारी द्वारा ऐसे शासकीय सेवक को आरोप पदों की अवचार या कदाचार के लॉछनों के विवरण की और उन दस्तावेजों तथा साक्षियों की जिनके कि द्वारा प्रत्येक आरोप पद का प्रमाणित किया जाना प्रस्तावित है, सूची की एक प्रतिलिपि निलम्बन आदेश के दिनांक से 45 दिन की कालवधि के भीतर जारी की जायेगी या जारी करवाई जायेगी। '' (ख) जी हाँ । जी नहीं। आरोप पत्र जारी करने के पूर्व संबंधित द्वारा संचालनालय को अभ्यावेदन प्रस्तुत किया गया था जिसके परीक्षणोपरांत प्रकरण दीर्घ शास्ति को प्रतीत न होने से आरोप पत्रादि जारी करने की आवश्यकता परिलक्षित नहीं हुई। (ग) श्रीमति सुमनलता शुक्ला, द्वारा निलंबन पश्चात् अपनी बहाली हेतु अभ्यावेदन प्रस्तुत किया गया जिसके परीक्षणोपरांत उन्हें संचालनालय के आदेश दिनांक 16.09.2016 द्वारा निलंबन से बहाल कर अन्यत्र पदस्थापना की गई। साथ ही संबंधित को मध्यप्रदेश सिविल सेवा (वर्गीकरण,नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 के नियम 16 के तहत कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया जाकर प्रतिवाद चाहा गया। प्रतिवाद प्राप्त होने पर परीक्षणोपरान्त उक्त प्रतिवाद आंशिक रूप से संतोषजनक एवं समाधानकारक पाये जाने के फलस्वरूप संचालनालय के आदेश दिनांक 17.11.2016 द्वारा श्रीमती शुक्ला की एक वेतनवृद्धि असंचयी प्रभाव से रोकी जाने की शास्ति अधिरोपित करते हुए प्रकरण समाप्त किया गया है। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
आरक्षित वर्ग के छात्र/छात्राओं को स्वीकृत छात्रवृत्ति
[आदिम जाति कल्याण]
98. ( क्र. 1668 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश शासन द्वारा निजी महाविद्यालयों, नर्सिंग महाविद्यालयों एवं अन्य संचालित संस्थानों में अध्यनरत अ.जा./अ.ज.जा. एवं अन्य पिछड़ा वर्गों के छात्र/छात्राओं को कितनी-कितनी छात्रवृत्ति स्वीकृत की जाती है तथा कितनी कालेज फीस स्वीकृत की जाती है? (ख) क्या संबंधित संस्थानों द्वारा स्वीकृत छात्रवृत्ति एवं फीस के अतिरिक्त राशि ली जाती है? यदि हाँ, तो क्यों कारण सहित बताएँ। (ग) क्या इन निजी संस्थानों में अध्ययनरत् आरक्षित अ.जा./अ.ज.जा. एवं अन्य पिछड़ा वर्गों के छात्र/छात्राओं की आर्थिक स्थिति को देखते हुए संस्थान द्वारा ली जाने वाली अतिरिक्त फ़ीस की भरपाई शासन स्तर से की जावेगी? (घ) क्या इन निजी संस्थानों में कार्यरत कर्मचारियों को कम वेतन दिए जाने एवं हस्ताक्षर अधिक वेतन दर्शाकर दिया जाता है? यदि हाँ, तो स्थिति को दृष्टिगत रख क्या इन कर्मचारियों के खाते खुलवाकर चेक के माध्यम से भुगतान करने के निर्देश दिए जाएंगे? साथ ही इन्हें अवकाश की पात्रता सुनिश्चित करने के भी निर्देश जारी किये जाएँगे?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) अनुसूचित जनजाति एवं अनुसूचित जाति पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना के अंतर्गत शासकीय, अशासकीय मान्यता प्राप्त महाविद्यालयों में विभिन्न पाठ्यक्रमों में अध्ययनरत विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति के रूप में पाठ्यक्रमों के समूहवार निर्धारित निर्वाह भत्ता एवं अनिवार्य शुल्कों की प्रतिपूर्ति की जाती है। समूहवार पाठ्यक्रमों का विवरण एवं अनिवार्य शुल्कों की प्रतिपूर्ति की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) अशासकीय शिक्षण संस्थाओं में संचालित पाठ्यक्रमों में अध्ययनरत विद्यार्थी को निर्धारित निर्वाह भत्ता के अलावा उस पाठ्यक्रम में शासकीय संस्थान में ली जा रही अनिवार्य शुल्क के समतुल्य ही शुल्क प्रतिपूर्ति की जाती है। एस.टी. हेतु सात पाठ्यक्रमों एवं एस.सी. हेतु 8 पाठ्यक्रमों में शुल्क एवं प्रवेश नियामक समिति द्वारा निर्धारित न्यूनतम शुल्क की प्रतिपूर्ति की जाती है। जिनका उल्लेख संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्न का संबंध विभाग से संबंधित नहीं होने के कारण संबंधित विभागों अर्थात् चिकित्सा शिक्षा विभाग, तकनीकी शिक्षा विभाग तथा उच्च शिक्षा विभाग से जानकारी एकत्रित की जा रही है।
ग्राम दिल्लौद एवं ईंटखेडी उपस्वास्थ्य केन्द्र भवन निर्माण
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
99. ( क्र. 1679 ) श्री विष्णु खत्री : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र बैरसिया के ग्राम ईंटखेड़ी एवं ग्राम दिल्लौद का उपस्वास्थ्य केन्द्र का भवन जीर्णशीर्ण होने के संबंध में विधानसभा प्रश्न की चर्चा में प्रश्नकर्ता द्वारा ईंटखेडी उपस्वास्थ्य केन्द्र के नवीन भवन एवं उन्नयन तथा दिल्लौद के जीर्णशीर्ण उपस्वास्थ्य केन्द्र के स्थान पर नवीन भवन की की गई मांग पर माननीय मंत्री जी द्वारा कहा गया था कि यदि ये भवन जीर्णशीर्ण होने की स्थिति में होंगे तो नवीन भवन स्वीकृत किया जावेगा? (ख) यदि हाँ, तो इस संबंध में विभाग द्वारा प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई है?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) उप स्वास्थ्य केन्द्र ईंटखेड़ी के भवन मरम्मत कार्य हेतु रूपये 3.62 लाख की स्वीकृति जारी की गई थी। जिससे छत की वाटर प्रूफिंग, फ्लोरिंग, मरम्मत तथा रंगाई पुताई का कार्य किया गया है। उप स्वास्थ्य केन्द्र ईंटखेड़ी के उन्नयन हेतु परीक्षण उपरांत निर्णय लिया जावेगा। उप स्वास्थ्य केन्द्र दिल्लौद के नवीन भवन निर्माण हेतु प्रयास किये जावेगें।
मध्यप्रदेश के मेडिकल कॉलेजों में शिक्षा के लिए देह प्राप्ति बाबत्
[चिकित्सा शिक्षा]
100. ( क्र. 1690 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या राज्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश के मेडिकल कॉलेजों में चिकित्सा शिक्षा के लिए देह प्राप्त करने के लिए क्या व्यवस्था है? इस पर शासन द्वारा विगत तीन वर्षों में कितनी राशि व्यय की गयी? (ख) क्या जिन व्यक्तियों द्वारा मेडिकल कॉलेजों में देह दान की घोषणा की जाती है उनके परिजनों को नि:शुल्क चिकित्सीय सुविधा मेडिकल कॉलेजों एवं जिला चिकित्सालयों में उपलब्ध कराने का प्रावधान है? यदि नहीं, तो क्या शासन इस पर विचार करेगा एवं कब तक? (ग) क्या बुन्देलखण्ड मेडिकल कॉलेज सागर में पर्याप्त देह के अभाव में अध्यनरत विद्यार्थियों को पोस्टमोर्टम संबंधी ट्रेनिंग में व्यवधान हो रहा है? यदि हाँ, तो शासन द्वारा इस संबंध में अभी तक क्या कार्यवाही की गयी है?
राज्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा ( श्री शरद जैन ) : (क) प्रदेश में संचालित चिकित्सा महाविद्यालयों के एनाटॉमी विभाग में चिकित्सा छात्रों के अध्ययन हेतु मृत मानव देह, स्वैच्छिक देहदान एवं एनाटॉमी एक्ट 1954, मध्यप्रदेश एनाटॉमी रूल्स 1966 तथा चिकित्सा शिक्षा विभाग के ज्ञाप दिनांक 28/07/2014 के प्रावधानों के अंतर्गत नियमों की पूर्ति करते हुये अदावाकृत (लावारिस) मृत मानव देह विभिन्न अस्पतालों द्वारा भेजे जाने पर प्राप्त होती है। मृत देह प्राप्त करने के लिये विभाग द्वारा विगत 03 वर्षों में कोई राशि व्यय नहीं की गई है । (ख) जी नहीं। ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अनुकम्पा नियुक्ति
[स्कूल शिक्षा]
101. ( क्र. 1695 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शिक्षा विभाग द्वारा सतना जिले में वर्ष 1993-98 में जनपद पंचायतों द्वारा नियुक्त शिक्षाकर्मी को अध्यापक के पद पर पदोन्नति की गई? (ख) प्रश्नांश (क) के अध्यापकों की सेवा में कार्यरत रहते मृत्यु यदि होती है तो उनके वारिसों की नियुक्ति के क्या प्रावधान हैं? क्या अध्यापकों की मृत्यु होने पर उनके वारिसों को DPI एक व्यापम पात्रता परीक्षा पास किया जाना अनिवार्य रखा है? (ग) प्रश्नांश (क) (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रदेश में कितने ऐसे अध्यापकों की मृत्यु होने के पश्चात् उनके वारिसों को नियुक्ति नहीं दी गई? साथ ही नियमों को शिथिल कर अध्यापकों के वारिसों की अनुकम्पा नियुक्ति कब तक की जावेगी? (घ) सतना जिले के कितने अध्यापकों के वारिसों की अनुकम्पा नियुक्त किया जाना शेष है? कब तक नियुक्ति की जावेगी और अब तक न करने के क्या कारण है?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) सतना जिले में वर्ष 1998 में शिक्षा कर्मी वर्ग-3 के रूप में नियुक्त लोक सेवकों को सहायक अध्यापक से अध्यापक के पद पर पात्रतानुसार पदोन्नति दी गई है। (ख) अध्यापकों की सेवा में कार्यरत रहते मृत्यु होती है तो उनके वारिसों को योग्यता अनुसार संविदा शाला शिक्षक वर्ग-2 एवं 3 के पद पर अनुकंपा नियुक्ति दिये जाने का प्रावधान है। जी हॉ । (ग) प्रदेश में 428 अध्यापकों की मृत्यु होने के पश्चात वारिसों को अनुकंपा नियुक्ति नहीं दी गई है। भारत सरकार का निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 प्रभावशील है, जिसका अनुपालन संवैधानिक बाध्यता है। उक्त प्रावधान के कारण शर्तों को शिथिल करना राज्य शासन के अधिकार में नहीं है। शर्तों को शिथिल करने हेतु विभाग द्वारा पत्र क्रमांक/PS/ RTE/ 2013/191/CPI/2013, Bhopal, dated 27 Jan, 2015 के द्वारा मानव संसाधन मंत्रालय,शालेय शिक्षा एवं साक्षरता विभाग भारत सरकार से अनुरोध किया गया है। (घ) सतना जिले में 27 अध्यापकों के वारिसों की निर्धारित शैक्षणिक अर्हता न होने के कारण अनुकंपा नियुक्ति संविदा शाला शिक्षक वर्ग-2 एवं 3 के पद पर दिया जाना शेष है। नियमों के अनुसार 07 वर्ष तक की पात्रता है। उक्त अवधि में यदि वारिस निर्धारित अर्हता प्राप्त कर लेता है तो अनुकंपा नियुक्ति प्रदान की जा सकेगी।
माध्यमिक स्कूल का हाई स्कूल में उन्नयन
[स्कूल शिक्षा]
102. ( क्र. 1696 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले के विधान सभा क्षेत्र नागौद के अंतर्गत माध्यमिक शाला झिंगोदर, पिथौराबाद, कोरवारा की माध्यमिक शाला के बड़े-बड़े गांव हैं जहाँ स्कूल स्थापित हैं, जिनके प्रस्ताव हाई स्कूल बनाये जाने हेतु शासन एवं प्रशासन को भेजे गये हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में छात्र हित को दृष्टिगत रखते हुये उक्त माध्यमिक शालाओं का हाई स्कूल में उन्नयन कब तक किया जावेगा? यदि नहीं, तो कारण बताएं?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। (ख) शालाओं का उन्नयन बजट प्रावधान एवं निर्धारित मापदण्डों की पूर्ति पर निर्भर करेगा। अत: समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
शासन द्वारा स्वास्थ्य आदि के संबंध में चलाये जा रहे अभियान
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
103. ( क्र. 1702 ) श्री सुदेश राय : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वित्तीय वर्ष 2016-17 में शासन द्वारा प्रदेश स्तर पर प्रत्येक जिले में स्वास्थ्य सेवाएं तथा स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने के लिये कौन-कौन से अभियान चलाये गये? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में जिला सीहोर उक्त अभियान के तहत किस-किस मद में कितनी-कितनी राशि का आवंटन किस-किस योजना के तहत उपलब्ध कराया गया है? योजनावार प्राप्त आवंटन पृथक-पृथक बतावें। (ग) शासन निर्देशानुसार प्राप्त आवंटन का उपयोग समय-सीमा में तथा जिस उद्देश्य के लिये दिया गया था वह पूर्ण हुआ है अथवा नहीं यदि नहीं, तो इस हेतु कौन उत्तरदायी है तथा उसके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) वित्तीय वर्ष 2016-17 में शासन द्वारा जिले स्तर पर स्वास्थ्य सेवायें तथा स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने के लिये निम्नलिखित अभियान चलायें हैं- महिला स्वास्थ्य शिविर, बाल सुरक्षा माह, प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान, विश्व जनसंख्या माह (11 जुलाई- 11 अगस्त), गहन दस्त रोग नियंत्रण पखवाड़ा, माँ कार्यक्रम, राज्य मिशन इन्द्रधनुष, मलेरिया माह। (ख) वर्ष 2016-17 में जिला सीहोर को उल्लेखित अभियानो के लिये निम्नानुसार आवंटन दिया गया है-
क्र. |
अभियान |
योजना |
मद |
आवंटित राशि |
1 |
महिला स्वास्थ्य शिविर |
आर.सी.एच. |
मातृ स्वास्थ्य |
3.15 लाख |
2 |
बाल सुरक्षा माह |
आर.सी.एच. |
शिशि स्वास्थ्य |
0.86 लाख |
3 |
विश्व जनसंख्या माह |
आर.सी.एच. |
परिवार कल्याण |
1.00 लाख |
4 |
गहन दस्त रोग नियंत्रण पखवाड़ा |
आर.सी.एच. |
शिशु स्वास्थ्य |
6.41 लाख |
5 |
मॉ कार्यक्रम |
आर.सी.एच. |
पोषण कार्यक्रम |
4.10 लाख |
6 |
प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान |
आर.सी.एच. |
मातृ स्वास्थ्य |
1.28 लाख |
7 |
राज्य मिशन इंद्रधनुष |
टीकाकरण |
नियमित टीकाकरण |
4.50 लाख |
8 |
मलेरिया माह |
मलेरिया |
मलेरिया नियंत्रण |
0.50 लाख |
(ग) जी हाँ। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
ग्राम स्वास्थ्य प्रहरी दल का गठन
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
104. ( क्र. 1716 ) प्रो. संजीव छोटेलाल उइके : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मण्डला जिले में ग्राम स्वास्थ्य प्रहरी दल का गठन किया जा चुका है तो गठन का स्वरूप, प्रकार, उद्देश्य एवं कार्यक्षेत्र के बारे में स्पष्ट करें? इन दलों के प्रभारी एवं सदस्य कौन-कौन है केन्द्र/दलवार संबंधित डॉ/कर्मचारियों के नाम पद सहित स्पष्ट करें? (ख) क्या ऐसी ग्राम पंचायतें है जहां यह दल गठित नहीं हो पाया है नाम बतायें? यहां कब तक दल गठित कर लिये जावेंगे और अपना कार्य आंरभ कर लेगें? दल गठन नहीं हो पाने के लिये जिम्मेदार अधिकारी/कर्मचारी पर क्या कार्यवाही की जायेगी? (ग) क्या विगत जुलाई अगस्त 2016 एवं उसके उपरांत जिले में उल्टी दस्त डायरिया एवं अन्य बीमारियों से लगातार मौते हुईं? (घ) क्या गठित ग्राम स्वास्थ्य प्रहरी दलों का इन क्षेत्रों में सही कार्य नहीं कर पाने से मौते हुई? जिम्मेदार अधिकारी/कर्मचारी पर क्या कार्यवाही की जायेगी? क्या इन स्वास्थ्य प्रहरियों के पास जीवन रक्षकदवायें उपलब्ध होती है तथा इनका किस प्रकार से उपयोग किया जाता है?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी हाँ। ग्राम स्वास्थ्य प्रहरी दल गठन का स्वरूप-प्रत्येक सेक्टर स्तर पर एक चिकित्सा अधिकारी के अधीन स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार एवं अपेक्षित परिणाम प्राप्त करने के लिये सर्पोटिव सुपरविजन कर स्वास्थ्य कार्यकताओं की क्षमता विकास करना। ग्राम स्वास्थ्य प्रहरी दल का उद्देश्य- (1) ग्राम आरोग्य केन्द्र के माध्यम से ग्रामीण समुदाय तक स्वास्थ्य सेवाओं की पहुँच में वृद्धि करना। (2) शासन की मनसा अनुरूप ग्राम आरोग्य केन्द्र तथा ग्राम सभा स्वस्थ ग्राम तदर्थ समितियों को क्रियाशील करना। (3) मैदानी स्तर पर सर्पोटिव सुपरवीजन के माध्यम से स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता सुनिश्चित करना। ग्राम स्वास्थ्य प्रहरी दल कार्यक्षेत्र- संबधित 10 से 12 ग्राम इन दलों के प्रभारी एवं सदस्य निम्नानुसार हैं- 1. सेक्टर चिकित्सा अधिकारी (विभागीय या आयुष) - संयोजक 2. पुरूष बहुद्देश्यीय स्वास्थ्य पर्यवेक्षक- सदस्य 3. एल.एच.व्ही- सदस्य 4. एम.पी.डब्ल्यू - सदस्य 5. ए.एम.एम.– सदस्य केन्द्र/दलवार संबंधित डॉ. कर्मचारियों के नाम पद सहित विकासखंडवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं, विगत जुलाई-अगस्त 2016 में उल्टी दस्त, डायरिया एवं अन्य बीमारियों से मौते हुई है, लेकिन उसके उपरांत उल्लेखित बीमारियों से मौते नहीं हुई है। (घ) जी हाँ। जिम्मेदार अधिकारी/कर्मचारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था एवं जाँच उपरांत दोषी पाये गयी उप स्वास्थ्य केन्द्र, भैसदेही एवं अहमदपुर की महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता क्रमशः सुश्री पर्वतिया धुर्वे एवं श्रीमती एम. बी खान को तत्काल निलम्बित किया गया है। जी हाँ, ग्राम स्वास्थ्य प्रहरीयों के पास जीवन रक्षक औषधियां होती है एवं आवश्यकतानुसार उनका उपयोग किया जाता है।
सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र आमला को सिविल अस्पताल में उन्नयन करने विषयक
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
105. ( क्र. 1721 ) श्री चैतराम मानेकर : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आमला विकासखण्ड में 68 ग्राम पंचायतें एवं लगभग 157 ग्राम है? (ख) क्या आमला विकासखण्ड में एक ही सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र संचालित हैं? (ग) क्या सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र आमला सिविल अस्पताल में उन्नयन की पात्रता रखता है? (घ) यदि हाँ, तो सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र आमला का सिविल अस्पताल में उन्नयन कब तक हो जायेगा?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। (ग) जी नहीं। (घ) प्रश्नांश (ग) के उत्तर के परिपेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
स्कूल भवनों की स्वीकृति
[स्कूल शिक्षा]
106. ( क्र. 1722 ) श्री चैतराम मानेकर : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आमला विधानसभा क्षेत्र में कितने हाईस्कूल एवं हायर सेकेण्डरी स्कूल संचालित हैं? (ख) इनमें से कितने स्कूलों के भवन बने हैं एवं कितने स्कूल भवन विहीन हैं? (ग) भवन विहीन स्कूलों के भवन कब तक बना दिये जायेंगे?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) आमला विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत 16 हाईस्कूल एवं 16 हायर सेकेण्डरी स्कूल संचालित है। (ब) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) भवन निर्माण बजट की उपलब्धता पर निर्भर करेगा। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
मुंगावली क्षेत्र के ग्रामों में अप्रोचरोड व सी.सी. रोड निर्माण
[विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्धघुमक्कड़ जाति कल्याण]
107. ( क्र. 1727 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या प्रश्नकर्ता ने नवंबर प्रथम सप्ताह में माननीय मंत्री जी को अशोकनगर जिले के मुंगावली क्षेत्र के मोगिया, बंजारा आदि मुंगावली शहर से लगे सभी गांवो में अप्रोच रोड व सी.सी. के लिए जिले से प्रस्ताव समय सीमा में मंगवाकर धनराशि स्वीकृत करने का अनुरोध किया है? उसे क्या जिले में भेजकर प्राक्कलन मंगवा लिया गया है? (ख) जिलाधीश अशोकनगर व जिले के अधिकारियों द्वारा उस पर क्या कार्यवाही की है?
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्रीमती ललिता यादव ) : (क) जी हाँ। कलेक्टर, अशोकनगर को प्राक्कलन बुलाये जाने के लिये पत्र लिखा गया है। (ख) जानकारी अपेक्षित।
डीमेट परीक्षाओं की जाँच
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
108. ( क्र. 1728 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या डीमेट के अधिकारी योगेश उपरीत द्वारा एस.आई.टी. ग्वालियर को डीमेट परीक्षाओं के बारे में दिये गये बयान विभाग के संज्ञान में है? यदि हाँ, तो बतावें कि उस बिन्दु पर क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ख) माननीय सर्वोच्च न्यायालय में लम्बित प्रकरण 4060/2009 में प्रारंभ से प्रश्न दिनांक तक किस-किस अभिभावक को किस दिनांक की उपस्थिति के एवज में कितनी राशि का भुगतान किया गया? (ग) क्या राज्य शासन को डीमेट परीक्षा में फर्जीवाडे की जाँच करने का अधिकारी है? यदि हाँ, तो क्या शासन डीमेट परीक्षा 2007 से 2014 तक की जाँच कर रहा है या करेगा?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
आश्रम शालाओं/छात्रावासों के विद्यार्थियों को उपलब्ध सुविधाएं
[आदिम जाति कल्याण]
109. ( क्र. 1744 ) श्री मानवेन्द्र सिंह : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले में आदिम जाति एवं अनुसूचित जाति की किस-किस स्थान पर छात्र एवं छात्राओं की आश्रम शालायें एवं छात्रावास स्थित हैं? (ख) राज्य शासन के नियमों के तहत उक्त आश्रम शालाओं एवं छात्रावासों में क्या-क्या सामग्री एवं खान-पान की व्यवस्था बालकों/बालिकाओं को नि:शुल्क प्रदान की जाती है? प्रश्नांश (क) में उल्लेखित छात्रावासों/आश्रम शालाओं में विगत दो वर्षों में क्या-क्या सामग्री किस-किस दर पर, संस्थाओं/दुकानों से खरीदी गयी? उक्त सामग्री के क्रय हेतु किस-किस फर्म दुकानों से किस-किस दर पर टेंडर (निविदा) आये? किस-किस को कितना भुगतान किया गया? (ग) प्रश्नांश (क) में वर्णित छात्रावासों की पुरानी सामग्री का प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित समयानुसार क्या किया गया?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- ''अ '' अनुसार है। (ख) राज्य शासन के नियमों के तहत उक्त आश्रम शालाओं एवं छात्रावासों में बिस्तर सामग्री, बर्तन सामग्री, खेलकूद सामग्री एवं अन्य, शिक्षा के लिए टी.व्ही, कम्प्यूटर मनोरंजन के साधन तथा विद्यार्थी कल्याण मद से बालक/बालिकाओं को पेन, पेन्सिल, कॉपी निःशुल्क प्रदान की जाती है। शासन द्वारा निर्धारित मीनू अनुसार नाश्ता, दोपहर के भोजन तथा शाम को स्वल्पाहार एवं रात्रि में भोजन निःशुल्क उपलब्ध कराया जाता है। छात्रावास/आश्रमों में स्वीकृत सीट के मान से पलंग, गद्दा, गद्दा कव्हर, चादर, तकिया, तकिया कव्हर, कम्बल, कम्बल कव्हर, मच्छरदानी, दरी छोटी, फर्स, थाली, लोटा, गिलास, कटोरी, चम्मच, टिफिन, बाल्टी तथा आवश्यकतानुसार भोजन बनाने के बर्तन पानी की टंकी, गैस सेट, पंखे, सी.एफ.एल./एल.ई.डी. बल्ब तथा सफाई हेतु हार्पिक एवं फिनायल आदि सामग्री निःशुल्क उपलब्ध करायी जाती है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- ''ब'' अनुसार है। छात्रावास/आश्रमों हेतु मध्य प्रदेश शासन, आदिम जाति कल्याण विभाग, मंत्रालय के ज्ञापन क्रमांक एफ-12-11/2014/25-2 दिनांक 17/6/2014 द्वारा पालक एवं पालक समितियों द्वारा नियमानुसार सामग्री क्रय किये जाने के निर्देश हैं तथा बिस्तर सामग्री छात्रों/अभिभावकों द्वारा क्रय की जाती है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश अन्तर्गत छात्रावास/आश्रमों की पुरानी सामग्री का शासन द्वारा सामग्री की निर्धारित उपयोग अवधि पूर्ण होने पर समय-समय पर भण्डार क्रय नियमों के अनुसार अपलेखन की कार्यवाही की जाती है।
तहसील गाडरवाडा के ग्राम बनवारी एवं सुखाखेरी में संचालित शालाओं के संबंध में
[स्कूल शिक्षा]
110. ( क्र. 1751 ) श्री गोविन्द सिंह पटेल : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नरसिंहपुर जिले के गाडरवाड़ा विधानसभा के ग्राम बनवारी विकासखण्ड सांईखेड़ा तथा ग्राम सूखाखैरी विकासखण्ड चीचली में क्रमश: किस कक्षा तक शाला संचालित है एवं इन शालाओं में कक्षावार दर्ज संख्या कितनी है? (ख) क्या इन विद्यालयों में दर्ज संख्या के आधार पर पर्याप्त भवन, कक्ष एवं विद्यार्थियों के लिये बैठने की पर्याप्त व्यवस्था है? क्या इन विद्यालय प्रबंधन द्वारा विभाग को भवनों की कमी या भवन जीर्णशीर्ण होने की जानकारी दी है। (ग) ग्राम बनवानी एवं ग्राम सूखाखैरी में कब तक प्राथमिक, माध्यमिक एवं हाई व हायर सेकेण्डरी स्कूल आवश्यकतानुसार पर्याप्त भवनों की शासन की मंशानुसार कब तक व्यवस्था की जावेगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) ग्राम बनवारी एवं सुखाखैरी में कक्षा पहली से कक्षा 12 वीं तक की कक्षाऐं संचालित हैं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) शा.उ.मा.वि. वनवारी स्वभवन विहीन है विद्यालय का संचालन स्थानीय प्राथमिक एवं माध्यमिक विद्यालय के कक्षों में किया जाता है। शा.उ.मा.वि. सुखाखैरी का संचालन 04 कक्ष स्वंय के तथा प्राथमिक शाला के 07 कक्षों में किया जाता है। डाइस प्रपत्र के माध्यम से स्कूलो में भवन एवं अन्य आवश्यकता की सूचना प्रति वर्ष प्राप्त की जाती है। (ग) शाला भवन का निर्माण बजट की उपलब्धता पर निर्भर करेगा। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
नि:शुल्क दवा वितरण योजना
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
111. ( क्र. 1752 ) श्री गोविन्द सिंह पटेल : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नरसिंहपुर जिले में सरदार वल्लभ भाई पटेल नि:शुल्क दवा वितरण योजना में किन-किन स्तर के स्वास्थ्य केन्द्रों में कितने प्रकार की दवाईयां उपलब्ध कराई जाती हैं एवं किन-किन मरीजों को नि:शुल्क दवा वितरण का लाभ उपलब्ध कराया जाता है। अस्पतालों की श्रेणीवार जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) संबंधित स्वास्थ्य केन्द्र में अपेक्षित किस्म की दवाई उपलब्ध नहीं हो तब क्या दवाईयां बाजार से खरीद कर उपलब्ध कराई जाती है जानकारी देवें? (ग) क्या कुत्ता काटने से रेबीज के एवं सर्पदंश के एंटी स्नेक इंजेक्शन किन-किन स्तर के स्वास्थ्य केन्द्रों में उपलब्ध रहते हैं यदि अस्पतालों में यह इंजेक्शन उपलब्ध न हों तो क्या तत्काल बाजार से खरीद कर इंजेक्शन उपलब्ध कराये जाने हेतु कोई प्रावधान है?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) सरदार वल्लभ भाई पटेल निःशुल्क दवा वितरण योजना के अंतर्गत प्रदेश के विभिन्न स्तर के चिकित्सालयों में प्रदाय हेतु न्यूनतम उपलब्ध रहने वाली औषधियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। सभी स्वास्थ्य संस्थाओं में आने वाले सभी मरीजों को योजनान्तर्गत निःशुल्क दवाएं उपलब्ध कराई जाती है। (ख) जो दवाईयां अनिवार्य औषधि सूची (ई.डी.एल) में सम्मलित नहीं है, उन दवाईयों को मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी एवं सिविल सर्जन सह मुख्य अस्पताल अधीक्षक द्वारा स्थानीय निविदा के माध्यम से क्रय कर स्वास्थ्य संस्थाओं को उपलब्ध कराया जाता है। (ग) एंटी रैबीज (कुत्ता काटने के) एवं एंटी स्नैक वैनम (सर्पदंश) किस स्तर की स्वास्थ्य संस्थाओं में उपलब्ध रहते है, इसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। यह इंजेक्शन समस्त स्वास्थ्य संस्थाओं में उपलब्ध रहते है। आकस्मिकता की स्थिती में कुल बजट सीमा के 20 प्रतिशत तक के स्थानीय क्रय के प्रावधान के तहत खरीदी की जा सकती है।
प्राप्त आवंटन एवं व्यय
[विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्धघुमक्कड़ जाति कल्याण]
112. ( क्र. 1761 ) श्री मुकेश नायक : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) 1 अप्रैल 2014 से दिसम्बर 2016 तक पन्ना जिले में आदिम जाति कल्याण विभाग अनुसूचित जाति विभाग एवं विमुक्त घुमक्कड़ एवं अर्द्ध घुमक्कड़ विभाग को अनुसूचित, अनुसूचित जनजाति तथा विमुक्त घुमक्कड़ एवं अर्द्ध घुमक्कड़ जातियों के कल्याण हेतु कितना-कितना वित्तीय आवंटन प्राप्त हुआ? प्राप्त आवंटन का पवई विधान सभा क्षेत्र में किस-किस रूप में उक्त जातियों के कल्याण हेतु उपयोग किया? (ख) पवई विधान सभा क्षेत्र में अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति तथा विमुक्त घुमक्कड़ एवं अर्द्ध घुमक्कड़ जातियों के बच्चों के लिये किस स्थान पर कितने-कितने सीटर बालक/कन्या, छात्रावास/आश्रम संचालित हैं? (ग) वर्तमान में 1 दिसम्बर 2016 की स्थिति में छात्रावासों/आश्रमों में कितने-कितने छात्र अध्यनरत तथा निवासरत है? इन छात्रावासों/आश्रमों में कौन-कौन अधीक्षक, स्टॉफ पदस्थ हैं? उनकी नामवार, पदवार, स्थानवार, पदस्थापनावार, दिनांकवार जानकारी उपलब्ध करावें।
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्रीमती ललिता यादव ) : (क) पन्ना जिले में 01 अप्रैल 2014 से नवम्बर-2016 तक अनुसूचित जाति/जनजाति एवं विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्धघुमक्कड़ जनजाति वर्ग के विकास के लिये प्राप्त आवंटन की विभागवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- अ अनुसार है। आवंटन जिले के मान से प्राप्त होता है। जिले को प्राप्त आवंटन के विरूद्ध पवई विधानसभा क्षेत्रांतर्गत अनुसूचित जाति/जनजाति एवं विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्धघुमक्कड़ जनजाति योजनांतर्गत निर्माण एवं विद्युतिकरण योजनांतर्गत इन जातियों के कल्याण हेतु कराये गये कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ख) पवई विधानसभा क्षेत्रांतर्गत अनुसूचित जाति/जनजाति एवं विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्ध घुमक्कड़ जनजाति वर्ग के बच्चों के लिये संचालित छात्रावास/आश्रमों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (ग) पवई विधानसभा क्षेत्रांतर्गत वर्तमान स्थिति में छात्रावास/आश्रमों में प्रवेशित विद्यार्थी एवं इन छात्रावास/आश्रमों में पदस्थ अधीक्षक की नामवार, पदवार पदस्थापना, दिनांकवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र द अनुसार है।
स्कूलों को वार्षिक अनुदान
[स्कूल शिक्षा]
113. ( क्र. 1764 ) श्री अशोक रोहाणी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र केंट जिला जबलपुर के तहत शासकीय संचालित कितने हाई एवं हायर सेकण्डरी स्कूल भवन विहीन, किराये के भवनों व जर्जर, खतरनाक भवनों में है? बाउण्ड्रीवाल विहीन कितने स्कूल है? इनके भवन व बाउण्ड्रीवाल का निर्माण कराने की क्या योजना है? शाला भवनों की सूची दें। (ख) प्रश्नांश (क) में संचालित किन-किन हाई/हायर सेकेण्ड्री स्कूलों में शिक्षण संबंधी कौन-कौन सी बुनियादी सुविधायें प्रयोगशाला, उपकरण, पुस्तकालय, खेल का मैदान, खेल सामग्री, शुद्ध पेयजल व शौचालय की पर्याप्त व्यवस्था नहीं है एवं क्यों ? इसके लिए कब क्या प्रयास किये गये? सूची दें। (ग) प्रश्नांकित किन-किन स्कूलों को राष्ट्रीय शिक्षा अभियान के तहत वार्षिक अनुदान व शासन की किन-किन योजनाओं में किस-किस मद में कितनी-कितनी राशि दी गई एवं कितनी-कितनी राशि किन-किन कार्यों में व्यय हुई? शाला भवनों की मरम्मत, रखरखाव, साफ-सफाई व्यवस्था आदि पर कितनी राशि व्यय हुई वर्ष 2014-15 से 2016-17 तक की जानकारी दें।
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। भवन बाउण्ड्रीवॉल का निर्माण बजट की उपलब्धता पर निर्भर करेगा। (ख) बुनियादी सुविधाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। प्रत्येक स्कूल को सामान्यत: रू 50,000/- की राशि वार्षिक अनुदान के रूप में राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के तहत दी जाती है जिसमें प्रयोगशाला, साफ-सफाई इत्यादि हेतु व्यय के निर्देश है। शाला द्वारा विज्ञान प्रयोगशालाओं हेतु हाई स्कूल में 30 रू प्रतिवर्ष प्रति विद्यार्थी एवं हायर सेकेण्डरी में रू 50 प्रतिवर्ष प्रति विद्यार्थी के मान से विज्ञान फीस ली जाती है जिसे विज्ञान प्रयोगशाला हेतु उपयोग किये जाने के निर्देश है। क्रीड़ा शुल्क के रूप में भी हाई स्कूल शाला द्वारा रू 60 प्रति विद्यार्थी प्रतिवर्ष तथा हायर सेकेण्डरी के लिए रू 100 प्रति विद्यार्थी प्रतिवर्ष की राशि फीस के रूप में लेकर इसमें से 45 प्रतिशत राशि का व्यय शाला स्तर पर करने के निर्देश हैं। बाउण्ड्रीवॉल, पुस्तकालय कक्ष, प्रयोगशाला कक्ष इत्यादि अधोसंरचना की स्वीकृति बजट की उपलब्धता पर निर्भर करती है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।
ग्वालियर संभाग में नर्सिंग कालेजों की संख्या
[चिकित्सा शिक्षा]
114. ( क्र. 1788 ) श्री प्रदीप अग्रवाल : क्या राज्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर संभाग में कौन-कौन से एवं कुल कितने नर्सिंग कॉलेज है कॉलेजों के नाम जिलावार/संचालनकर्ता समिति के नाम/कॉलेज प्रारंभ होने कि दिनांक सहित जानकारी उपलब्ध कराई जावे? (ख) कंडिका (क) में वर्णित कॉलेजों में किन-किन कॉलेज के स्वयं के भवन हैं तथा कौन-कौन किराये के भवनों से संचालित हो रहे है? (ग) नर्सिंग कॉलेज के साथ-साथ क्या इन कॉलेजों में कोई और पाठ्यक्रम या अन्य व्यवसाय किये जा रहे है? (घ) क्या ग्वालियर संभाग में कई कॉलेज मेडिकल काउंसिल आफ इंडिया के बनाये गये नियम विरूद्ध किराये के भवनों या दो कमरों के भवनों से संचालित हो रहे है तथा कुछ कॉलेज अन्य व्यवसाय भी कर रहे है? यदि हाँ, तो इनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जायेगी? यदि नहीं, तो क्या इन की उच्च स्तरीय जाँच एम.सी.आई. की टीम से कराई जावे?
राज्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा ( श्री शरद जैन ) : (क) ग्वालियर संभाग में कुल 40 निजी नर्सिंग कॉलेज संचालित है जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं 2 अनुसार है। (ख) 39 कॉलेजों के स्वयं के भवन है 01 कॉलेज को 30 साल की लीज मिली हुई है जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) जी नहीं। (घ) जी नहीं। नर्सिंग कॉलेज का संचालन भारतीय उपचर्या परिषद् नई दिल्ली के नियमों के आधार पर किया जाता है, न कि मेडिकल कांउसिल ऑफ इंडिया के तहत। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
गुणवत्ताहीन निर्माण कराये गये भवनों/सड़कों की जाँच व कार्यवाही
[आदिम जाति कल्याण]
115. ( क्र. 1803 ) पं. रमेश दुबे : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नवनिर्मित हाईस्कूल देवरी विकासखण्ड बिछुआ का गुणवत्ताहीन निर्माण, छत से पानी का रिसाव, दीवारों में दरारें, प्लास्टर उखड़ने की नागरिकों से शिकायत प्राप्त होने पर प्रश्नकर्ता ने क्या पत्र क्रमांक 972, दिनांक 06.07.2016 सहायक आयुक्त आदिवासी विकास छिंदवाड़ा एवं पत्र क्रमांक 971, दिनांक 06.07.2016 आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय को प्रेषित किया है? (ख) क्या विकास खण्ड चौरई के आदिवासी बालक छात्रावास झिलमिली एवं छात्रावास हरदुआमाल पहुंच मार्ग तक सी.सी. सड़क निर्माण के 7-8 माह में ही बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो जाने, गुणवत्ताहीन सी.सी. सड़क निर्माण की जाँच कर दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही एवं संबंधितों से राशि वसूल कर सड़क का पुनर्निमाण कराये जाने के संबंध में भी प्रश्नकर्ता ने पत्र क्रमांक 1624, दिनांक 26.10.2016 कलेक्टर छिंदवाड़ा को एवं पत्र क्रमांक 1623, दिनांक 26.10.2016 सहायक आयुक्त आदिवासी विकास छिंदवाड़ा को प्रेषित किया है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में कराये गये निर्माण कार्यों की प्राक्कलन, मूल्यांकन रिपोर्ट एवं सेंपल रिपोर्ट की छायाप्रतियां संलग्न करें? (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ख) का उत्तर यदि हाँ, है तो क्या शासन उक्त दोनों गुणवत्ताहीन निर्माण कार्यों की प्रश्नकर्ता की उपस्थिति में जाँच करने तथा दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही कर दोषियों से राशि वसूल कर भवन एवं सड़क का पुनर्निमाण कराने का आदेश देगा? यदि नहीं, तो क्यों?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) निर्माण कार्य के प्राक्कलन, मूल्यांकन एवं सेम्पल रिपोर्ट की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ‘ ‘ब‘ एवं ‘स‘ अनुसार है। (घ) कलेक्टर द्वारा जांच हेतु निर्देशित किया गया है।
सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र चौरई को उपलब्ध करायी गयी राशि में अनियमितता
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
116. ( क्र. 1804 ) पं. रमेश दुबे : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र चौरई जिला छिन्दवाड़ा को डॉ. वाचक के बी.एम.ओ. पदस्थ रहने के दौरान किन-किन योजनाओं में कितनी-कितनी राशि प्राप्त हुई थी? कितनी-कितनी राशि किन-किन कार्यों पर अथवा कौन-कौन सी सामग्री क्रय किये जाने के ऐवज में खर्च की गयी है? (ख) उक्त संदर्भ में खर्च की गयी राशि की भंडार क्रय नियमों के अनुसार अपनायी गयी प्रक्रिया सामग्री की जानकारी, सामग्री पर खर्च राशि की जानकारी, भुगतान व्हाउचर्स की छायाप्रतियां भी संलग्न करें? (ग) विगत वर्षों में पूछे गये विधान सभा प्रश्नों के उत्तर में विभाग द्वारा जानकारी दी गयी थी कि कुछ मामलों में डॉ. वाचक को वित्तीय अनियमितता का दोषी पाया गया है? विस्तृत जाँच संभागीय संयुक्त संचालक के द्वारा की जा रही है? दो वर्ष की अवधि पूर्ण होने पर भी जाँच पूर्ण नहीं करना, दोषियों के विरूद्ध आपराधिक मामला दर्ज नहीं कराने के क्या कारण है? (घ) प्रश्नों के माध्यम से बार-बार खर्च की गयी राशि का ब्यौरा, नस्ती और भुगतान व्हाउचर्स की मांग करने के पश्चात् भी प्रश्नकर्ता को उपलब्ध नहीं कराने के क्या कारण है?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र चौरई, जिला छिंदवाड़ा में डॉ. वाचक, बी.एम.ओ. के अगस्त 2012 से सितम्बर 2014 तक की अवधि में पदस्थ रहने के दौरान राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन से संबंधित प्राप्त एवं खर्च राशि का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार है। (ग) जी हाँ। विस्तृत जाँच संभागीय संयुक्त संचालक द्वारा की गई है, जाँच अंतर्गत राशि रूपये 2,58,861/- वसूली योग्य पाई गई जिसकी वसूली की जा रही है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं, माननीय विधायक प्रश्नकर्ता द्वारा विधानसभा प्रश्न क्र. 3007 बजट सत्र 2015 एवं 5618 विधानसभा बजट सत्र 2016 द्वारा राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन से संबंधित जानकारी चाही गई थी, जो उपलब्ध कराई गई थी।
संस्थानों को दी गई गई राशि का उपयोग
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
117. ( क्र. 1818 ) श्री हर्ष यादव : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2016-17 में प्रदेश में किन-किन चिकित्सा संस्थानों को विभाग द्वारा कितनी-कितनी राशि कब-कब कटे-फटे होंठ व तालू की विकृति वाले बच्चों के ऑपरेशन/इलाज हेतु किस योजनांतर्गत उपलब्ध कराई गई? (ख) प्रश्नांश (क) अवधि में प्रदेश भर से ऐसे बच्चों का चयन किस आधार पर कब किया गया और कितने-कितने बच्चे जिलावार इलाज हेतु भेजे गये? संस्थानों द्वारा कितनी राशि से कितने बच्चों के ऑपरेशन किये? (ग) क्या विभाग द्वारा प्रदत्त राशि का संपूर्ण उपयोग कर लिया गया है? वास्तविक रूप से कितने बच्चों के सफलतापूर्वक ऑपरेशन हुए? कितनों के किए जाना शेष है? (घ) क्या उक्त कार्य हेतु चिकित्सा संस्थानों को दी गई राशि व उसके परिणामों की विस्तृत जाँच कराई जाएगी? यदि हाँ, तो कब तक, नहीं तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) वर्ष 2016-17 में प्रदेश में कटे-फटे होंठ व तालू की विकृति वाले बच्चों के ऑपरेशन निःशुल्क किये गये हैं। यह ऑपरेशन स्माईल टेन इंडिया के चिहांकित चिकित्सालय द्वारा पूर्णतः निःशुल्क किये गये है। जिस पर विभाग या शासन द्वारा किसी भी प्रकार से राशि व्यय नहीं की गई है। (ख) वर्ष 2016-17 में प्रदेश में कटे-फटे होंठ व तालू बच्चों का चयन जिला स्तर पर कैम्प आयोजित कर किया गया। जिलावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- ''अ '' अनुसार है। स्माईल टेन इंडिया द्वारा मान्यता प्राप्त संस्थानों द्वारा यह ऑपरेशन पूर्णतः निःशुल्क किये गये है। (ग) विभाग द्वारा किसी भी प्रकार से राशि प्रदत्त नहीं कराई गई है। सफलतापूर्वक हुए ऑपरेशन की जिलावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब '' अनुसार है। ऑपरेशन हेतु शेष बच्चों की जिलावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (घ) उक्त कार्य हेतु चिकित्सा संस्थानों को किसी भी प्रकार से कोई राशि विभाग एवं शासन द्वारा नहीं दी गई है। इसलिये जाँच कराये जाने का प्रश्न ही नहीं उठता।
सागर जिला में शिक्षकों को द्वितीय, तृतीय समयमान वेतनमान बाबत्
[स्कूल शिक्षा]
118. ( क्र. 1820 ) श्री हर्ष यादव : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिले में कितने सहायक शिक्षकों एवं शिक्षकों को पहला समयमान वेतनमान स्वीकृत कर भुगतान किया गया है? कितने सहायक/शिक्षकों को किस कारण से पहला समयमान वेतन स्वीकृत नहीं किया गया है? विकासखण्ड/संकुल/श्रेणीवार संख्या बतायें। (ख) कितने सहायक शिक्षकों/शिक्षकों को द्वितीय समयमान वेतनमान स्वीकृत किया गया है? कितने पात्र थे? कितने किस कारण अपात्र थे? विकासखण्ड/संकुलवार/ श्रेणीवार संख्या बतायें। (ग) कितने सहायक शिक्षक/शिक्षक प्रश्न दिनांक तक समयमान वेतनमान की द्वितीय एवं तृतीय समयमान वेतन की परिधि में आ गये है? संख्या विकासखण्डवार/संकुलवार बतायें। कितने शिक्षक है जिनको तृतीय समयमान वेतनमान मिलना था उन्हें द्वितीय समयमान वेतन प्रश्न दिनांक तक स्वीकृत नहीं किया गया है? संकुलवार नाम सहित बतायें। इसके लिये किसकी जवाबदेही तय होगी? (घ) तृतीय समयमान वेतनमान के पात्र शिक्षकों को द्वितीय एवं तृतीय समयमान वेतन कब तक स्वीकृत कर भुगतान किया जावेगा? शासन की मंशा के विपरीत शिक्षकों को हुई आर्थिक हानि (ब्याज राशि) की भरपाई जवाबदेह शासकीय सेवकों के कराई जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) सहायक शिक्षकों एवं शिक्षकों को समयमान वेतनमान दिये जाने का प्रावधान नहीं है। शेषांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्नांश ''क'' के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्नांश ''क'' के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रश्नांश ''क'' के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
एरिया एजुकेशन के संबंध में
[स्कूल शिक्षा]
119. ( क्र. 1843 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) एरिया एजुकेशन अधिकारी की परीक्षा शासन द्वारा क्यों निरस्त की गई? (ख) एरिया एजुकेशन अधिकारी की परीक्षा को नियम विरूद्ध क्यों आयोजित की गयी? (ग) एरिया एजुकेशन अधिकारी की परीक्षा में शासन को कुल कितना आर्थिक नुकसान मानव श्रम का नुकसान हुआ? (घ) उक्त नियम विरूद्ध परीक्षा जो आयोजित की गयी उसके लिये कौन-कौन जिम्मेदार है नाम बतायें एवं उन पर क्या कार्यवाही की जावेगी और कब तक?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय दिनांक 11/05/2016 के अनुक्रम में स्कूल शिक्षा विभाग के परिपत्र क्रमांक एफ 01-37/2016/20-1 दिनांक 22/10/2016 द्वारा परीक्षा निरस्त की गई। (ख) से (घ) प्रश्नांश ''क '' के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कटनी एवं जबलपुर संभाग के डॉक्टरों एवं पैरामेडिकल स्टॉफ की पदस्थापना
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
120. ( क्र. 1844 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी एवं जबलपुर जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, सिविल अस्पताल एवं जिला चिकित्सालय में कुल कितने डॉक्टरों एवं पैरामेडिकल स्टाफ के पद स्वीकृत है कितने भरे हैं? पृथक-पृथक पदवार विवरण दें। रिक्त पद कब से हैं, उसका भी विवरण दें। (ख) प्रश्नांश (क) के पद रिक्त होने से आम नागरिकों को चिकित्सा सुविधा प्रभावित हो रही है या नहीं? यदि उक्त पदों की आवश्यकता नहीं, तो उन्हें समाप्त नहीं किया जा रहा है। यदि आवश्यकता है तो अभी तक भरा क्यों नहीं गया है। इसके लिए किस स्तर के अधिकारी का उत्तरदायित्व था? क्या शासन उस पर कोई कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) के अस्पतालों के लिए विगत तीन वर्षों में क्या-क्या सामग्री कितनी राशि की खरीदी गई?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जी नहीं। पदस्थ स्टॉफ द्वारा आम जन का आवश्यक स्वास्थ्य सेवायें प्रदान की जा रही है, प्रदेश में विशेषज्ञ/चिकित्सकों की अत्यधिक कमी के कारण शतप्रतिशत पदपूर्ति में कठिनाई हो रही है। विशेषज्ञ के पद पदोन्नति के माध्यम से ही भरे जाने का प्रावधान है एवं विशेषज्ञों के कुल स्वीकृत 3266 पदों के विरूद्ध मात्र 1108 विशेषज्ञ उपलब्ध हैं। चिकित्सकों की पदपूर्ति हेतु मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग के माध्यम से 1896 चिकित्सकों की भर्ती हेतु माह जून 2015 में विज्ञापन जारी किया गया है परंतु चयन प्रक्रिया पूर्ण न होने के कारण, चयन सूची अप्राप्त है। चयन सूची प्राप्त होने पर स्नातकोत्तर चिकित्सकों की उपलब्धता अनुसार पदपूर्ति संबंधी कार्यवाही की जा सकेगी। स्वास्थ्य संस्थाओं में स्वीकृत बिस्तर संख्या अनुसार पद स्वीकृति की कार्यवाही की जाती है, रिक्त पद की पूर्ति हेतु कार्यवाही निरंतर जारी है परंतु प्रदेश में विशेषज्ञ/चिकित्सकों/पैरामेडिकल स्टॉफ की कमी के कारण शतप्रतिशत रिक्त पदों की पूर्ति नहीं की जा सकी है। विभाग रिक्त पदों की पूर्ति के प्रयास निरंतर कर रहा है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
बागरी जाति के प्रमाण-पत्र
[अनुसूचित जाति कल्याण]
121. ( क्र. 1918 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आदिम जाति अनुसंधान एवं विकास संस्था भोपाल के पत्र दिनांक 7/5/2012 के अनुसार केवल बागरी उपनाम का उपयोग करने के आधार पर प्रमाण-पत्र जारी नहीं किये जा रहे हैं? यदि हाँ, तो क्या इसी पत्र के अनुसार स्थल निरीक्षण इत्यादि किये जाने पर भी यह स्पष्ट नहीं हो पा रहा है कि आवेदक बागरी या बागरी ठाकुर/राजपूत है। (ख) यदि हाँ, तो क्या मौके पर आवेदनों/दस्तावेजों की जाँच में यदि स्थानीय जनप्रतिनिधि, गणमान्य एवं वरिष्ठ नागरिकों से आवेदक के राजपूत/गैर राजपूत होने एवं सन् 1950 के पूर्व से निवासरत होने की पुष्टि पर प्रमाण-पत्र जारी किये जा सकते है? यदि हाँ, तो किस प्रकार, यदि नहीं, तो क्यों?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) आदिम जाति अनुसंधान विकास संस्था भोपाल के पत्र दि. 07.05.2012 में केवल बागरी उपनाम का उपयोग करने के आधार पर जाति प्रमाण पत्र जारी न करने का उल्लेख है। मध्यप्रदेश में बागरी/बागडी (बागरी, बागड़ी में राजपूत और ठाकुर की उप जातियों को छोड़कर) जाति प्रदेश की अनुसूचित जातियों की सूची के क्रमांक 2 पर अनुसूचित जाति अधिमान्य है। अतः इस जाति के व्यक्ति को जाति प्रमाण पत्र जारी न करने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। परन्तु, यदि कोई व्यक्ति जाति से राजपूत है लेकिन उसका उपनाम बागरी है तो उसे राजपूत जाति का होने के कारण केवल बागरी उपनाम के आधार पर अनुसूचित जाति के जाति प्रमाण पत्र की पात्रता नहीं है। मध्यप्रदेश शासन, सामान्य प्रशासन विभाग के ज्ञापन क्रमांक एफ-7-13/2004/आ.प्र. एक/दिनांक 11 जुलाई 2005 द्वारा अनुसूचित जाति के व्यक्तियों को जाति प्रमाण-पत्र जारी करने की प्रक्रिया निर्धारित की गई है जिसकी कंडिका 6.12 में निर्दिष्ट है कि ''कई जातियों/उपजातियों के नामों में सूक्ष्म अंतर होने के कारण लोग गलत तथ्यों के आधार पर जाति प्रमाण पत्र हासिल करने का प्रयास करते हैं। अतः राजस्व अधिकारियों को यह भी सूक्ष्मता से देखना आवश्यक है कि आवेदक उसी जाति का सदस्य है, जिसका उसने दावा किया है और वह जाति उसी वर्ग की सूची में शामिल हैं, जिसका उसे जाति प्रमाण पत्र जारी किया जा रहा है। '' इस अनुसार ही परीक्षण उपरान्त बागरी जाति के जाति प्रमाण पत्र जारी किये जा रहे हैं। (ख) मौके पर आवेदनों, दस्तावेजों की जाँच में स्थानीय जनप्रतिनिधि, गणमान्य एवं वरिष्ठ नागरिकों के राजपूत/गैर राजपूत होने एवं सन् 1950 के पूर्व के निवासरत होने की पुष्टि पर प्रमाण पत्र जारी करने के विषय में सामान्य प्रशासन विभाग के उक्त उल्लेखित ज्ञापन की कंडिका क्रमांक 6.6 में निर्दिष्ट है कि ''यदि किसी आवेदक के पास वर्ष 1950 या उससे पहले से मध्यप्रदेश का निवासी होने संबंधी लिखित रिकार्ड नहीं हैं, तो उसे यह लिखित रिकार्ड प्रस्तुत करने हेतु विवश न किया जाए। राजस्व अधिकारियों को स्वयं मौके पर जाकर/कैम्प में, जाँच कर आवेदन पत्र में उल्लेखित जानकारी की पुष्टि करना चाहिये। इसके लिये आवेदक/संबंधित सरपंच/पार्षद उस ग्राम, मोहल्ले के संभ्रान्त व्यक्तियों से पूछताछ कर उनके बयान दर्ज किए जाना चाहिए और स्वयं संतुष्टि के बाद स्थाई जाति प्रमाण पत्र जारी करने की अनुशंसा करनी चाहिए।
अध्यापक संवर्ग को छठवां वेतनमान भुगतान
[स्कूल शिक्षा]
122. ( क्र. 1919 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अध्यापक संवर्ग को वित्त विभाग के आदेश दिनांक 15.10.2016 के द्वारा छठवां वेतनमान दिया गया है? यदि हाँ, तो आगर मालवा जिले में कितने आहरण संवितरण अधिकारियों द्वारा वेतनमान के अनुसार वेतन भुगतान किया गया है अथवा नहीं? (ख) जिला आगर अंतर्गत प्रश्नांश ''क'' में उल्लेखित आदेशों का पालन किन-किन आहरण संवितरण अधिकारियों द्वारा नहीं किया गया व किस कारण से। क्या वेतन निर्धारण हेतु जारी निर्देश में विसंगति हैं? क्रमोन्नति प्राप्त अध्यापक को वरिष्ठ अध्यापक से अधिक वेतन प्राप्त होगा? यदि हाँ, तो क्या संशोधन किया जावेगा? (ग) जिन आहरण संवितरण अधिकारियों द्वारा अध्यापक संवर्ग को छठवां वेतनमान भुगतान नहीं किया गया है उनकी जवाबदारी सुनिश्चित की गई थी? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की जावेगी? (घ) जिला आगर अंतर्गत संविदा शाला शिक्षक से अध्यापक संवर्ग में एवं अध्यापक संवर्ग में प्रथम क्रमोन्नति के कौन-कौन से प्रकरण किन कारणों से लंबित हैं? लंबित प्रकरणों का शीघ्र निराकरण कर पात्र संविदा शाला शिक्षकों के अध्यापक संवर्ग में संविलियन के एवं क्रमोन्नति के आदेश प्रसारित करने हेतु प्रभावी कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो क्या व कब तक आदेश प्रसारित होगे?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) अध्यापक संवर्ग को छठवां वेतनमान स्वीकृत करने के संबंध में आदेश पंचायत एवं ग्रामीण विकास तथा नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग द्वारा जारी किये गये है। आगर मालवा जिले में 02 आहरण संवितरण अधिकारियों द्वारा छठवें वेतनामन में वेतनमान का भुगतान किया गया हैं। (ख) छठवें वेतनमान में वेतन निर्धारण के पूर्व वेतन निर्धारण प्रक्रिया नियत है तथा प्रत्येक वेतन निर्धारण का अनुमोदन अनिवार्यतः स्थानीय निधि संपरीक्षा से कराये जाने की व्यवस्था है। तद्नुसार कार्यवाही प्रचलन में है। प्रश्नांश ''क '' के उत्तर में उल्लेखित आदेशों में क्रमोन्नति वेतनमान अध्यापक संवर्ग के लिये समय समय पर जारी निर्देशों के अनुरूप दिये जाने की व्यवस्था है। अतः शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश ''ख '' में दिये गये उत्तर के परिपेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) आगर-मालवा जिले में 332 संविदा शाला शिक्षकों का संविलियन करते हुये जिला पंचायत, आगर मालवा द्वारा आदेश क्रमांक/जि.पं./शिक्षा/स्था./2016/6073 दिनांक 25.11.16 द्वारा जारी किये जा चुके है। संविलियन के शेष प्रकरणों में प्रभावी कार्यवाही प्रचलित है। प्रश्नांश ''क'' में दिये गये उत्तर अनुसार संदर्भित आदेशों में क्रमोन्नति की व्यवस्था उल्लेखित है।
विधानसभा क्षेत्र सुसनेर में स्वास्थ्य सेवाओं एवं सुविधाओं का विस्तार
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
123. ( क्र. 1920 ) श्री
मुरलीधर
पाटीदार :
क्या लोक
स्वास्थ्य और
परिवार
कल्याण
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) विधानसभा
क्षेत्र
सुसनेर
अंतर्गत
सामुदायिक
स्वास्थ्य
केन्द्र
सुसनेर एवं
नलखेड़ा में
कौन-कौन से पद
स्वीकृत हैं? इनमें से
कितने भरे एवं
कितने रिक्त
हैं? रिक्त
पद कितने समय
से रिक्त हैं
क्या रिक्त
पदों पर शीघ्र
पदपूर्ति
हेतु कोई प्रभावी
कार्यवाही की
जावेगी?
(ख)
प्रश्नकर्ता
द्वारा
सामुदायिक
स्वास्थ्य केन्द्र
सुसनेर एवं
नलखेड़ा को
सिविल हॉस्पिटल
का दर्जा दिए
जाने संबंधी
कोई पत्र लिखा
था या मांग की
थी? यदि
हाँ, तो
क्या
कार्यवाही की
गई एवं कब तक सिविल
हॉस्पिटल का
दर्जा दिया
जावेगा?
(ग)
विधानसभा
क्षेत्र
सुसनेर
अंतर्गत
कौन-कौन से
नवीन
उपस्वास्थ्य
केन्द्र एवं
नवीन प्राथमिक
स्वास्थ्य
केन्द्र
प्रारम्भ
किये जाने के
प्रस्ताव
प्राप्त हुए
हैं? प्राप्त
प्रस्तावों
पर क्या
कार्यवाही की
जा रही हैं
एवं कब तक स्वीकृति
होगी? (घ) सामुदायिक
स्वास्थ्य
केन्द्र
सुसनेर एवं नलखेड़ा
में
एम्बुलेन्स
एवं डिजीटल
एक्सरे सुविधा
प्रारंभ किये
जाने संबंधी
कोई प्रस्ताव
प्रक्रियाधीन
हैं? यदि
हाँ, तो
कब तक
स्वीकृति
होगी? यदि
नहीं, तो
क्या
स्वप्रेरणा
से जनहित को
दृष्टिगत रखते
हुए इस ओर
विचार किया
जाकर सुविधा
उपलब्ध कराने
हेतु कोई
प्रभावी
कार्यवाही की
जावेगी?
लोक
स्वास्थ्य और
परिवार
कल्याण
मंत्री ( श्री
रुस्तम सिंह ) : (क)
जानकारी
संलग्न परिशिष्ट
अनुसार है। विभाग
द्वारा सीधी
भर्ती के
रिक्त पदों की
पूर्ती लोक
सेवा आयोग एवं
प्रोफेशनल
एक्जामिनेशन बोर्ड
के माध्यम से
किये जाने बाबत्
मांग पत्र
प्रेषित किये
गये है। (ख) जी
हाँ। प्राप्त
पत्र के
संदर्भ में
मुख्य
चिकित्सा एवं
स्वास्थ्य
अधिकारी आगर
से प्रस्ताव
एवं जानकारी
प्राप्त हुई
है। परीक्षण
उपरांत
नियमानुसार
कार्यवाही की
जावेगी। (ग) पूर्व
में प्रेषित
प्रस्तावों
के उपरांत
विभागीय आदेश
दिनांक 21.06.2016
द्वारा
विधानसभा
क्षेत्र
अंतर्गत 05 उप
स्वास्थ्य
केन्द्र
क्रमशः
सालरिया, बडिया, बामनियाखेडी, माडा एवं
सेमली
स्वीकृत किये
गये है। दिनांक
21.06.2016 के
पश्चात्
वर्तमान में
नवीन उप
स्वास्थ्य केन्द्र
एवं नवीन
प्राथमिक
स्वास्थ्य
केन्द्रों के
प्रस्ताव
प्राप्त नहीं
हुए है। प्रस्ताव
प्राप्त होने
पर परीक्षण
उपरांत नियमानुसार
कार्यवाही की
जावेगी। (घ) जी
नहीं। शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। शासन
नियमानुसार
कार्यवाही की
जावेगी।
दीनदयाल चलित अस्पताल
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
124. ( क्र. 1923 ) श्री दिनेश राय : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिले में दीनदयाल चलित अस्पताल अंतर्गत कितने वाहन नियमित रूप से संचालित हैं? क्या दीनदयाल चलित अस्पताल वाहन ग्रामीण क्षेत्रों में प्रतिदिन नियमित रूप से चलाये जाने का प्रावधान हैं अथवा नहीं? (ख) सिवनी जिले में प्रश्नांश (क) योजनान्तर्गत संचालित वाहनों को शासन द्वारा स्वयं चलाये जा रहें हैं अथवा निविदा प्रक्रिया के अंतर्गत किसी प्रायवेट संस्था/एजेन्सी/ फर्म के माध्यम से चलाया जा रहा है? यदि निजी संस्था से चलाये जा रहे हैं, तो एक वाहन का प्रतिमाह कितना भुगतान किया जा रहा है, योजना प्रारंभ से प्रश्न दिनांक तक की माहवार जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (क) योजनान्तर्गत चलित चिकित्सालय द्वारा प्रतिदिन कितने मरीजों का उपचार किये जाने का प्रावधान निहित किया गया हैं? सिवनी जिले में विधानसभावार जिले में योजना प्रारंभ तिथि से प्रश्न दिनांक तक किस-किस ग्राम में किस-किस तिथि को कितने-कितने महिला एवं पुरूष मरीजों का उपचार किया गया है? (घ) सिवनी जिलें में प्रश्नांश (क) योजनान्तर्गत संचालित वाहनों के नाम, मालिक/फर्म का नाम, पता एवं वाहनों के सभी दस्तावेज फिटनेश सर्टिफिकेट सहित उपलब्ध करावें?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) सिवनी जिले में दीनदयाल चलित अस्पताल अंतर्गत 05 वाहनें नियमित रूप से संचालित हैं। जी नहीं, दीनदयाल चलित अस्पताल वाहनों का ग्रामीण क्षेत्रों में निर्धारित भ्रमण कार्यक्रम अनुसार माह में 26 दिवस चलाए जाने का प्रावधान है। (ख) निविदा प्रक्रिया अतर्गत वाहनों को निजी संस्था के माध्यम से चलाया जा रहा है। एक वाहन कर प्रतिमाह रू. 118916/- के मान से भुगतान किया जा रहा है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''एक '' अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (क) योजनान्तर्गत चलित चिकित्सालय द्वारा प्रतिदिन लगभग 75 मरीजों का उपचार किये जाने का प्रावधान निहित किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''दो '' अनुसार है। (घ) सिवनी जिले में योजनान्तर्गत टाटा-410 वाहनें संचालित है तथा मालिक का नाम-श्री अजय मालवीय, फर्म- ज्ञान योगेवर विद्यापीठ समिति कुक्षी जिला धार एवं वाहनों से संबंधित समस्त दस्तावेज की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''तीन '' अनुसार है।
सिवनी जिले में छात्रों से कॉशनमनी वसूली
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
125. ( क्र. 1924 ) श्री दिनेश राय : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा जी.एन.एम. एवं ए.एन.एम. नर्सिंग प्रशिक्षण केन्द्रों में अध्यनरत छात्राओं से अध्ययनरत़ अवधि में कॉशनमनी (Cautionmoney) लिये जाने का प्रावधान है? (ख) यदि हाँ, तो सिवनी जिले में स्थित जी.एन.एम. एवं ए.एन.एम. नर्सिंग प्रशिक्षण केन्द्र में अध्यनरत छात्राओं से वर्ष 2014-15 से चालू वित्तीय वर्ष तक कुल कितनी कॉशनमनी प्राप्त हुई और प्राप्त राशि को शासन के किस मद में जमा की गई वर्षवार जानकारी उपलब्ध करावें? (ग) क्या छात्राओं से ली जाने वाली कॉशनमनी को प्रशिक्षण पूर्ण होने के उपरांत छात्राओं को वापिस किये जाने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो सिवनी जिले में प्रशिक्षणरत् छात्राओं को कब-कब, कितनी-कितनी राशि, किस मद से वापिस की गई, जानकारी उपलब्ध करावें? (घ) यदि छात्राओं को कॉशनमनी वापिस नहीं की गई हैं, तो क्या कारण है? स्पष्ट करें। इसके लिये कौन-कौन अधिकारी/ कर्मचारी जिम्मेदार हैं और उन पर क्या कार्यवाही की गई या की जावेगी?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी नहीं। (ख) कोई कॉशनमनी राशि नहीं ली गई। (ग) एवं (घ) प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विद्यार्थियों को साईकिल उपलब्ध कराना
[स्कूल शिक्षा]
126. ( क्र. 1927 ) श्रीमती झूमा सोलंकी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भीकनगाँव विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत कुल ऐसे कितने छात्र-छात्राएं है जो विद्यालय से लगभग 01 कि.मी. दूरी या इससे अधिक दूरी से चलकर आना जाना करते है तथा ऐसे कितनी छात्र-छात्राएं है जो राजस्व ग्राम के अतिरिक्त मजरे/टोलों से लगभग 01 कि.मी. या इससे अधिक दूरी से चलकर विद्यालय आते हैं? (ख) क्या इन्हें नियमानुसार शत प्रतिशत साईकिल वितरण कार्य हो चुका है? नहीं तो क्या कारण है? (ग) क्या जिस पोर्टल से छात्रों की विद्यालय से उनके निवास स्थल की दूरी का आकंलन कर साईकिल वितरण कार्य कराया जा रहा है उस पोर्टल में राजस्व ग्राम ही सम्मिलित है तथा मजरे/टोलों का वर्णन न होने से विद्यालय से लगभग 01 कि.मी. दूरी या इससे अधिक दूरी से चलकर आना जाना करने वाले मजरे/टोले के विद्यार्थियों को साईकिल उपलब्ध नहीं हो पाई है? ऐसे विद्यार्थियों को कैसे साईकिल उपलब्ध होगी? (घ) क्या इन्हें शासन द्वारा लाभ से वंचित रखा जायेगा? यदि नहीं, तो इन साईकिल वितरण से वंचित बच्चों को साईकिल वितरण की क्या प्रक्रिया अपनाकर शीघ्र साईकिल वितरण किया जायेगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) विधान सभा क्षेत्र भीकनगाँव अंतर्गत विकास खण्ड भीकनगाँव एवं झिरन्या की शालाओं में कक्षा 6 में 2196 एवं कक्षा 9 वीं में 2024 कुल 4220 छात्र-छात्राऐं 1 कि.मी. या अधिक दूरी से पढ़ने आते है। जिनमें से एक ही राजस्व ग्राम मजरे/टोलो से कक्षा 6 वी में 1371 एवं कक्षा 9 वीं में 114 कुल 1485 पढ़ने आते है। (ख) से (घ) सायकिल प्रदाय योजना में दूरी के मापदण्ड का प्रावधान नहीं है। विस्तृत दिशा निर्देश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
गंभीर लापरवाही की जाँच एवं दोषी अधिकारियों पर कार्यवाही
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
127. ( क्र. 1928 ) श्रीमती झूमा सोलंकी : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भीकनगाँव जनपद क्षेत्र की ग्राम बामनडोकरी (कान्झर) की महिला श्रीमती बायजाबाई पति विरेन्द्र को प्रसूती के 24 घंटे के अन्दर शासकीय अस्पताल खरगोन से छुट्टी प्रदाय कर उसे भीकनगाँव अस्पताल में जननी एक्सप्रेस शासकीय वाहन से छोड़ा गया है तथा उसके पश्चात् उसके द्वारा निवेदन करने कि उसके मूल ग्राम बामनडोकरी तक उसे जननी एक्सप्रेस शासकीय वाहन छोड़ दिया जाये, उसके उपरान्त भी उसे नहीं छोड़ा गया तथा वह 8 कि.मी. पैदल चलकर प्रसूती के 24 घंटे के अन्दर की अवस्था में अपने गृह ग्राम बामनडोकरी गई, जिससे उसके पैरों में सूजन एवं स्वास्थ्य खराब हो गया है तथा उसके जाने के कुछ समय पश्चात आशा कार्यकर्ता को उसी ग्राम बामनडोकरी में छोड़ने हेतु जननी एक्सप्रेस शासकीय वाहन गया? (ख) क्या इस घटनाक्रम में शासकीय कार्यवाही स्वरूप जननी एक्सप्रेस शासकीय वाहन के चालक को सूचना पत्र जारी किया गया? क्या उपरोक्त समस्त घटनाक्रम में किसी भी शासकीय अस्पताल प्रभारी की कोई जवाबदारी नहीं है? क्या समस्त घटनाक्रम को देखते हुए पूरे घटनाक्रम की जाँच कराकर संदिग्ध जिला अस्पताल प्रभारी अधिकारी, भीकनगाँव अस्पताल प्रभारी अधिकारी एवं आशा कार्यकर्ता पर कोई कार्यवाही प्रस्तावित की जावेगी जिससे भविष्य में इस प्रकार के घटनाक्रम की पुनरावृत्ति न हो?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। संबंधित वाहन चालक को कारण बताओ नोटिस जारी कर नौकरी से हटा दिया गया है। जी हाँ। जी हाँ।
अलीराजपुर जिले सामग्री का क्रय
[आदिम जाति कल्याण]
128. ( क्र. 1932 ) श्री माधो सिंह डावर : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वित्तीय वर्ष 2015-16 एवं 16-17 में विभाग द्वारा अलीराजपुर जिले के आदिम जाति कल्याण विभाग को किस-किस मद में कितना कितना आवंटन प्राप्त हुआ? (ख) प्राप्त आवंटन से विभाग द्वारा किस-किस मद में क्या-क्या सामग्री क्रय की गई? जिस फर्म से सामग्री क्रय की गई उस संस्था का नाम बतावें? (ग) क्या विभाग में एस.सी., एस.टी. के उद्यमी, व्यापारी की फर्म से 30 प्रतिशत सामग्री क्रय किये जाने के नियम हैं? (घ) यदि हाँ, तो जिले में किस एस.सी., एस.टी. के उद्यमी, व्यापारी की फर्म से 30 प्रतिशत सामग्री क्रय की गई। (ड.) यदि नहीं, तो क्या शासन के नियम का उल्लंघन करने पर संबंधित अधिकारी/कर्मचारी के विरुद्ध कार्यवाही की जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) अलीराजपुर जिले को वित्तीय वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में प्रदत्त आवंटन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ‘ अनुसार है। (ख) विभाग द्वारा क्रय सामग्री एवं बिलो की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ख‘ अनुसार है। (ग) जी नहीं। मध्यप्रदेश भण्डार क्रय नियम तथा उपार्जन नियम-2015 में यह प्रावधान नहीं है। (घ) प्रश्नांश ''ग '' के उत्तर अनुसार प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ड.) नियम का उल्लंघन नहीं होने से कार्यवाही का प्रश्न ही नहीं उठता।
स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा संचालित विद्यालय
[स्कूल शिक्षा]
129. ( क्र. 1937 ) श्रीमती संगीता चारेल : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सैलाना विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कितने विद्यालय एवं छात्रावास संचालित हैं? क्या विभाग द्वारा संचालित इन स्कूल भवनों की स्थिति जीणशीर्ण है? ऐसे कितने-कितने स्कूल भवन हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के सम्बंध में इन स्कूल भवनों की मरम्मत तथा नवीन निर्माण के संबंध में विभाग की क्या योजना है वर्ष २०१३-१४ से प्रश्न दिनांक तक विभाग द्वारा कितने स्कूल भवनों की मरम्मत करवाई तथा कितने नए भवनों का निर्माण किन किन निर्माण विभाग द्वारा करवाया गया, मय वित्तीय एवं भौतिक प्रगति के जानकारी प्रदान करें? (ग) क्या मरम्मत हेतु शेष रहे स्कूल भवनों को विभाग द्वारा चिन्हित किया गया है? यदि नहीं, तो क्यों? इन भवनों की मरम्मत या नवीन निर्माण के संबंध में विभाग की क्या कार्य योजना है?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) कुल 618 प्राथमिक विद्यालय, 162 माध्यमिक विद्यालय, 22 हाईस्कूल, 17 हायर सेकेण्डरी स्कूल एवं 43 छात्रावास संचालित है। कुल 05 प्राथमिक विद्यालय जीर्ण-शीर्ण है, इसके अतिरिक्त स्कूल शिक्षा विभाग के विद्यालय एवं छात्रावास भवन जीर्ण शीर्ण नहीं है। (ख) स्कूल भवनों के मरम्मत योग्य शालाओं के नवीन निर्माण के प्रस्ताव वार्षिक कार्ययोजना में सम्मिलित किये जाते हैं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। इसके अतिरिक्त 02 छात्रावासों का निर्माण पी.आई.यू., लोक निर्माण विभाग से करवाया गया। प्रति छात्रावास लागत रू. 137 लाख है। दोनों छात्रावासों का कार्य पूर्ण हो चुका है। (ग) मरम्मत हेतु शेष रहे प्राथमिक एवं माध्यमिक स्कूल भवनों को वार्षिक कार्ययोजना 2017-18 में सम्मिलित किये जाएंगे। कोई हाईस्कूल एवं हायर सेकेण्डरी स्कूल मरम्मत योग्य नहीं है।
परिशिष्ट- ''पैंतीस''
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा की योजनाएं
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
130. ( क्र. 1938 ) श्रीमती संगीता चारेल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए विभाग द्वारा क्या प्रयास किए जा रहे है? इस सम्बंध में शासन की कौन कौन सी योजना संचालित हैं तथा इनके क्या मापदंड है? योजनावार जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में विभाग द्वारा सैलाना विधानसभा क्षेत्र में वर्ष २०१३-१४ से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन से क्या क्या कार्य किए? कार्यवार वर्षवार मय वित्तीय एवं भौतिक प्रगति के जानकारी उपलब्ध कराएं? (ग) क्या विभाग द्वारा सैलाना विधानसभा में कोई नए कार्य प्रस्तावित या स्वीकृत किए हैं? यदि हाँ, तो किस किस योजनान्तर्गत क्या क्या कार्य प्रस्तावित या स्वीकृत किए गए? मय लागत जानकारी उपलब्ध कराए।
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग द्वारा ग्रिड कनेक्टेड नवकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं की स्थापना हेतु सौर ऊर्जा परियोजना क्रियान्वयन नीति-2012, पवन ऊर्जा परियोजना नीति-2012, लघु जल विद्युत परियोजना क्रियान्वयन नीति-2011 एवं बायोमास आधारित परियोजना क्रियान्वयन नीति-2011 लागू की गई है। नीतियों के अन्तर्गत निजी इकाइयों द्वारा प्रदेश में ग्रिडकनेक्टेड सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा, लघु जल ऊर्जा एवं बायोमास आधारित ऊर्जा क्रमश: परियोजनाओं की स्थापना की जा रही है। नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए विभाग द्वारा अन्य कार्यक्रम भी चलाये जा रहे हैं, जिनकी योजनाओं एवं मापदण्ड की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) उत्तरांश- (क) के सन्दर्भ में सैलाना विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक की योजनावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) जी हाँ। विधान सभा क्षेत्र सैलाना में स्वीकृत परियोजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। इसके अतिरिक्त, मुख्यमंत्री सोलर पम्प योजना अन्तर्गत किसानों को सिंचाई कार्य हेतु सोलर पम्प 10% से 15% राशि पर उपलब्ध कराये जायेंगे।
उच्चत्तर माध्यमिक विद्यालयों के भवन निर्माण
[स्कूल शिक्षा]
131. ( क्र. 1941 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन संभाग ऐसे कितने +2 विद्यालय है जो, भवनविहीन है तथा ऐसे कितने नये +2 विद्यालय है जो स्वयं के भवन में संचालित है? नवीन भवन प्रदान करने की क्या नीति है? क्या विधान सभा क्षेत्र में नवीन भवन प्रदान करने के लिये जनप्रतिनिधि की आवश्यकता है? (ख) यदि है तो मंदसौर, रतलाम जिले में जनप्रतिनिधि की अनुसंशा पर सर्वशिक्षा अभियान एवं आर.एम.एस.ए. ने कहाँ विद्यालय भवन दिए गये? (ग) +2 स्कूल भवन के लिए मंदसौर, रतलाम जिलों में विद्यार्थियों, जनप्रतिनिधियों ने विभाग को ज्ञापन के माध्यम से विद्यालय भवन की कहाँ- कहाँ मांग की? (घ) उक्त अवधि में भवन निर्माण को लेकर कहाँ शिकायत की, उस पर क्या कर्यवाही की गई? (ड.) +2 विद्यालयों में संम्पूर्ण भवन न देकर अतिरिक्त कक्ष दिए जा रहे है जबकि अन्य जिलों में पुराने विद्यालय को नवीन भवन स्वीकृत किये जा रहे है ऐसा क्यों?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) उज्जैन संभाग अतंर्गत हायर सेकेन्डरी स्कूल स्तर के 51 विद्यालय स्वभवन विहीन है। 164 हायर सेकेण्डरी स्कूल स्वयं के भवन में संचालित है। नवीन भवन निर्माण बजट की उपलब्धता पर निर्भर करेगा। (ख) मंदसौर एवं रतलाम जिले में जनप्रतिनिधि की अनुशंसा पर सर्व शिक्षा अभियान योजना में कोई भी कार्य स्वीकृत नहीं किये गए। राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के तहत हायर सेकेण्डरी स्कूल स्तर के विद्यालयों के लिए भवन प्रदान नहीं किया जाता। (ग) मंदसौर जिले में शा.उ.मा.वि. नगरी एवं करजू रतलाम जिले में शास उ.मा.वि. वरखेडी, वार्डियागोयल, भाटी बडोदिया विरमावल, खारवांकला, मण्डावल, बिलपांक में भवन की मांग की है। (घ) जानकारी निरंक है। (ड.) भवन निर्माण बजट की उपलब्धता पर निर्भर करता है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शा. विद्यालयों में कम होते बच्चे
[स्कूल शिक्षा]
132. ( क्र. 1942 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 जनवरी 2013 के पश्चात उज्जैन संभाग में कितने शासकीय प्राथमिक,माध्यमिक, हाईस्कूल में कितने विद्यार्थी किस कारण से कम हुए, जिलेवार विद्यार्थियों की कम होती संख्या, अनुपातिक प्रतिशत, संभाग का वर्षवार कम होता प्रतिशत, उक्त अवधि में उपस्थिति बढ़ाने के किये गये प्रयास, कम उपस्थिति के कारण बंद किये गये विद्यालयों की संख्या, अन्य विद्यालयों में मर्ज किये गये शिक्षको की संख्या सहित उक्त संभाग की जानकारी देवें? (ख) उक्त संभाग में ऐसे कितने प्राथमिक विद्यालय है जिनकी छात्र संख्या 5 से भी कम है, शासकीय विद्यालयों में कम छात्र संख्या के क्या कारण विभाग मानता है? (ग) क्या विभाग मानता है कि ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में अंग्रेजी मीडियम के नाम पर अधिकारियों की मिली भगत से अनावश्यक रूप से अयोग्य निजी विद्यालय को मान्यता देना मुख्य कारण बनता जा रहा है जबकि इन निजी विद्यालयों की गुणवत्ता शून्य है? क्या विभाग ऐसे अयोग्य निजी विद्यालयों की मान्यता समाप्त करेगा? (घ) क्या शासन के श्रेष्ठ परिणाम वाले विद्यालयों का समाज में विज्ञापन न होना भी शासकीय विद्यालयों में कम उपस्थिति का मुख्य कारण है? क्या विभाग कुछ शासकीय विद्यालयों को अंग्रेजी मीडियम बनाने का विचार कर रहा है? यदि हाँ, तो कब तक?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) वर्ष 2013-14 के पश्चात् वर्ष 2015-16 तक उज्जैन संभाग में शासकीय प्राथमिक एवं माध्यमिक शालाओं में लगभग 141954 बच्चे कम हुए है एवं हाइस्कूलों में 11470 विद्यार्थी बढे हैं। कम होने का कारण इस प्रकार है- प्रारंभिक कक्षाओं में निःशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम 2009 अन्तर्गत 25 प्रतिशत छात्रों का अशासकीय विद्यालयों में प्रवेश होना, दोहरा नामांकन कम होना, पारिवारिक कारण जैसे छोटे भाई-बहन की देखभाल एवं घर के कामकाज करने के कारण स्कूल छोड़ना, कक्षा-1 में प्रवेश कम होना, मजदूरी पर जाने वाले परिवारों के साथ छात्रों का पलायन इत्यादि। उज्जैन संभाग अंतर्गत जिलेवार विद्यार्थियों की कम होती संख्या, अनुपातिक प्रतिशत, संभाग का वर्षवार कम होता प्रतिशत की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। कम उपस्थिति के कारण कोई भी विद्यालय बंद नहीं किया गया है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) उज्जैन संभाग में कुल 49 प्राथमिक शालाएं में दर्ज संख्या 05 से कम है, जिसकी जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार हैं। उत्तरांश ‘क‘ अनुसार कारण है - प्रारंभिक कक्षाओं में निःशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम 2009 अन्तर्गत 25 प्रतिशत छात्रों का अशासकीय विद्यालयों में प्रवेश होना, दोहरा नामांकन कम होना, पारिवारिक कारण जैसे छोटे भाई-बहन की देखभाल एवं घर के कामकाज करने के कारण स्कूल छोड़ना, कक्षा-1 में प्रवेश कम होना, मजदूरी पर जाने वाले परिवारों के साथ छात्रों का पलायन इत्यादि। (ग) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी, नहीं। विभाग के आदेश दिनांक 21.5.2015 द्वारा प्रत्येक जिले में 10 अंग्रेजी माध्यम की माध्यमिक शालाओं की स्थापना (कक्षा एक से प्रारंभ करने) के अनुक्रम में कक्षा एक से वर्ष 2015-16 में कुल 235 विद्यालयों में तथा वर्ष 2016-17 में कुल 40 विद्यालयों में अंग्रेजी माध्यम से कक्षाएं संचालित की गई है। इसी प्रकार विभाग के आदेश दिनांक 23.5.15 द्वारा गैर आदिवासी 224 विकासखण्डों में अंग्रेजी माध्यम के उत्कृष्ट माध्यमिक विद्यालयों (कक्षा 6 से प्रारंभ करने) की स्थापना संबंधी निर्देश के अनुक्रम में वर्ष 2015-16 में 219 विद्यालयों में कक्षा-6 से अंग्रेजी माध्यम के शिक्षण प्रारंभ किया गया है। वर्तमान में विभाग द्वारा प्रसारित निर्देशों के अतिरिक्त शासकीय विद्यालयों को अंग्रेजी माध्यम बनाने हेतु योजना विचाराधीन नहीं है।
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ईशानगर का भवन निर्माण
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
133. ( क्र. 1945 ) श्री पुष्पेन्द्र नाथ पाठक : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा पत्र क्र 758 दिनांक 20.04.16 कलेक्टर छतरपुर को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ईशानगर के भवन निर्माण हेतु 48048 वर्ग फीट भूमि उपलब्ध कराने हेतु लिखा गया था? यदि हाँ, तो उपरोक्त पत्र पर की गई कार्यवाही से अवगत कराएं। (ख) जिला योजना समिति जिला छतरपुर की बैठक दिनांक 17 अगस्त 16 में क्या सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ईशानगर में भवन निर्माण हेतु भूमि आवंटन की कार्यवाही कलेक्टर छतरपुर द्वारा 01 माह में किए जाने का प्रस्ताव पारित किया गया था? यदि हाँ, तो उपरोक्त प्रस्ताव पर क्या- क्या कार्यवाही की गई? (घ) क्या सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ईशानगर के भवन निर्माण हेतु भूमि आवंटन में कोई कठिनाई आ रही है? यदि हाँ, तो क्या? इसे किस प्रकार और कब तक दूर किया जावेगा ।
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी हाँ। कलेक्टर छतरपुर को भूमि आवंटन हेतु मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी छतरपुर के पत्र दिनांक 19.10.2016 द्वारा लेख किया गया है। (ख) जी हाँ। समिति की अनुशंसा अनुसार भूमि आवंटन के लिये कलेक्टर छतरपुर को मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के पत्र दिनांक 19.10.2016 को लिखा गया। भूमि आवंटन की प्रक्रिया प्रचलन में है। भूमि आवंटन से संबधित जानकारी कलेक्टर छतरपुर से प्राप्त संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्रदेश में बच्चों की कुपोषण से मृत्यु
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
134. ( क्र. 1948 ) श्री रामनिवास रावत : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 10 नवम्बर 2016 की स्थिति में प्रदेश में 0-6 एवं 6-12 वर्ष उम्र के कितने बच्चों का वजन लिया गया? इनमें से कितने सामान्य वजन, कितने कम वजन (कुपोषित) एवं कितने अति कम वजन (अतिकुपोषित) के है, जिलेवार बतावे। श्योपुर जिले में कुपोषित बच्चों की संख्या ग्रामवार, तहसीलवार बतावे। (ख) 01 जुलाई 2016 से प्रश्नांकित तिथि तक 0-6 एवं 6-12 वर्ष उम्र तक के कितने बच्चों की मृत्यु किन कारणों (मीजल्स, डायरिया, मलेरिया, डेंगू, स्वाईन फ्लू, कुपोषण एवं अन्य बीमारी नाम सहित ) से हुई. जिलेवार बतावें? ज़िला श्योपुर की जानकारी बच्चे के नाम, पिता का नाम, उम्र, पता एवं कारण सहित दें? (ग) क्या जिला श्योपुर में कुपोषण एवं अन्य बीमारियों से हुई बच्चों की मौतों के प्रकरण प्रकाश में आने के बाद विभिन्न विभागों के उच्च अधिकारियों द्वारा श्योपुर जिले का दौरा किया? यदि हाँ, तो किन किन अधिकारियों द्वारा कब कब दौरा किया एवं उनके द्वारा क्या रिपोर्ट प्रस्तुत की रिपोर्ट पर क्या कार्यवाही की गई? (घ) बच्चों की मृत्यु एवं कुपोषण की रोकथाम के लिए सरकार द्वारा क्या प्रयास किये है. शासन की कौन-कौन सी योजनाओ में वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में कितनी राशि आवंटित एवं व्यय की गई है वर्षवार बतावें? श्योपुर जिले की जानकारी मदवार पृथक से दें?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) प्रश्नावधि में एकीकृत बाल विकास सेवाऐं द्वारा 0-5 वर्ष तक के बच्चों के लिये गये वजन अनुसार जिलेवार एवं श्रेणीवार अर्थात सामान्य वजन, कम वजन (कुपोषित) एवं अति कम वजन (अति कुपोषित) बच्चों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। अवगत हो कि म.बा.वि. द्वारा 6-12 वर्ष उम्र के बच्चों का वजन नहीं लिया जाता। महिला एवं बाल विकास विभाग के विभागीय एम.आई.एस में तहसीलवार जानकारी संधारित नहीं की जाती है, अतः श्योपुर जिले में कुपोषित बच्चों की विकासखण्डवार, ग्राम पंचायतवार तथा ग्रामवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ख) प्रश्नावधि में 0-6 एवं 6-12 वर्ष उम्र तक के बच्चों की एच.एम.आई.एस में प्रतिवेदित मृत्यु की कारणवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। जिला श्योपुर की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। (ग) जी हाँ। अधिकारियों द्वारा दौरे की तिथिवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-5 अनुसार है। अधिकारियों द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट एवं की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-6 एवं 7 अनुसार है। (घ) बच्चों में कुपोषण की रोकथाम के लिये महिला बाल विकास विभाग द्वारा किये जा रहे प्रयासों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-8 अनुसार है। वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में म.बा.वि द्वारा आंवटित एवं व्यय राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-9 अनुसार है। श्योपुर जिले की मदवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-10 अनुसार है। बच्चों की मृत्यु एवं गंभीर कुपोषण की रोकथाम के लिये स्वास्थ्य विभाग द्वारा किये जा रहे प्रयासों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-11 अनुसार है। प्रश्नावधि में स्वास्थ्य विभाग द्वारा आंवटित एवं व्यय राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-12 अनुसार है। तथा श्योपुर जिले की मदवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-13 अनुसार है।
प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र खोलने की कार्यवाही
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
135. ( क्र. 1949 ) श्री सूबेदार सिंह रजौधा : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जौरा विधानसभा के जंगली क्षेत्र में पहाड़गढ़ के अलावा लगभग ४० कि.मी. के आसपास तक कोई प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र नहीं है जिससे वहां के रहवासियों को प्राथमिक चिकित्सा प्राप्त करने में काफी असुविधा होती है? (ख) क्या ग्राम कंहार के आसपास के क्षेत्र की महिलाएं प्रसव हेतु ४० से ५० कि.मी. चलकर पहाड़गढ़ आने को मजबूर हैं इस आवागमन में कई प्रसवित महिलाओं की ओर शिशुओं की मृत्यु तक हो जाती है? (ग) क्या प्रश्नांश (क) (ख) के समस्या समाधान हेतु ग्राम कंहार में नवीन प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र खोला जाना उचित होगा? यदि हाँ, तो इस हेतु क्या कार्यवाही की जावेगी? (घ) यदि नहीं, तो उपरोक्त समस्या का समाधान क्या होगा जिससे वहां के रहवासी स्वास्थ्य एवं महिलाओं के प्रसव हेतु 40 कि.मी. की दूरी कम की जा सके?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी नहीं, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पहाड़गढ़ के अलावा प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र सहसराम जिला श्योपुर लगभग 25 किमी.की दूरी पर संचालित है, जहां पर प्राथमिक चिकित्सा सुविधाऐं उपलब्ध है। (ख) जी नहीं, उप स्वास्थ्य केन्द्र कंहार में प्रसव एवं नवजात शिशु देखभाल की सुविधाऐं उपलब्ध है। केवल जटिल प्रसव वाली महिलाओं एवं जटीलता वाले नवजात शिशुओं को उपचार हेतु जननी एक्सप्रेस एवं 108 एम्बुलेंस से सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पहाड़गढ़ भेजा जाता है। (ग) जी नहीं, उप स्वास्थ्य केन्द्र कंहार का प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में उन्नयन हेतु परीक्षण उपरांत निर्णय लिया जावेगा। (घ) उप स्वास्थ्य केन्द्र कंहार द्वारा रहवासियों को स्वास्थ्य एवं प्रसव सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है एवं प्रश्न (ग) के उत्तर अनुसार कार्यवाही की जावेगी।
छात्र/छात्राओं को विभागीय योजनाओं का लाभ
[अनुसूचित जाति कल्याण]
136. ( क्र. 1950 ) श्री दीवानसिंह विट्ठल पटेल : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कक्षा 11 वीं में अध्ययनरत ऐसी छात्राएं जो अनुसूचित वर्ग से हैं उन्हें ही सायकल प्राप्त करने की पात्रता हैं? अन्य वर्ग को नहीं? (ख) क्या ऐसी छात्राएं जो अनुसूचित जनजाति वर्ग की है तथा विज्ञान विषय है उन्हें ही विज्ञान प्रोत्साहन राशि प्रदाय की जाती हैं? अन्य वर्ग को नहीं? कारण स्पष्ट करें? क्या भविष्य में सभी वर्गों की छात्राओं को उक्त योजनाओं से लाभान्वित किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक और नहीं तो कारण स्पष्ट करे?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) कक्षा 11वीं में अध्यनरत अनुसूचित जाति की उन बालिकाओं को सायकल के लिए राशि दी जाती है जिन्हें कक्षा 9 वीं में सायकल प्राप्त नहीं हुई है। जी हाँ। (ख) जी हाँ। अनुसूचित जनजाति कल्याण विभाग का लक्ष्य आदिवासी बालिकायें हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आशा कार्यकर्ताओं के वेतन के सम्बन्ध में l
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
137. ( क्र. 1951 ) श्री दीवानसिंह विट्ठल पटेल : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़वानी जिले में किस विकासखंड में कितनी आशा कार्यकर्ता कार्यरत है? इन्हें प्रतिमाह प्रोत्साहन राशि किस आधार पर प्रदाय की जाती है? (ख) क्या पानसेमल विधानसभा में कार्यरत आशा कार्यकर्ताओं को प्रतिमाह प्रोत्साहन राशि नहीं मिल रही है? यदि हाँ, तो फिर उनके परिवार की जीवनचर्या किस प्रकार होती होगी? (ग) क्या प्रतिमाह इन कार्यकर्ताओं को प्रोत्साहन राशि प्रदाय नहीं की जा सकती है? क्या कारण है की इन्हें राशि समय से नहीं दी जाती है? जिम्मेदार कौन है? (घ) क्या क्षेत्र की बेटी का प्रसव होने पर एवं बहु के प्रसव पर अलग– अलग प्रोत्साहन राशि का प्रावधान है? क्यों? कारण नियम बतावे?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) बड़वानी जिले के विकास खण्डों में कार्यरत आशा कार्यकर्ताओं की जानकारी निम्नांकित है-
स. क्र. |
विकास खण्ड का नाम |
आशा कार्यकर्ताओं की संख्या |
1 |
ठीकरी |
157 |
2 |
राजपुर |
180 |
3 |
सेंधवा |
260 |
4 |
निवाली |
109 |
5 |
पानसेमल |
159 |
6 |
पाटी |
145 |
7 |
सिलावट |
132 |
|
कुल योग |
1142 |
इन्हें प्रतिमाह कार्य आधारित प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाती है। (ख) जी हाँ। संबंधित आशा कार्यकर्ता के परिवार की आमदनी स्त्रोत पर। (ग) जी हाँ, कार्यरत आशाओं को प्रतिमाह प्रोत्साहन राशि का भुगतान किया जा सकता है। आशा कार्यकर्ताओं द्वारा उनके किये कार्यों की जानकारी समय पर प्रस्तुत नहीं करना, विकासखण्ड मुख्यालय पर संबंधित अधिकारी, कर्मचारियों की उदासीनता व लापरवाही, बजट राशि का अभाव एवं पी एफ एम एस साफ्टवेअर में तकनीकी खराबी। आशा कार्यकर्ता, आशा सहयोगी, विकासखंड कम्यूनिटी मोबिलाईजर्स, विकासखंड लेखा प्रबंधक, विकासखंड कार्यक्रम प्रबंधक व खंड चिकित्सा अधिकारी। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
किसानों के विद्युतीकरण के कार्य
[आदिम जाति कल्याण]
138. ( क्र. 1956 ) श्री लोकेन्द्र सिंह तोमर : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला खंडवा अंतर्गत अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग के किसानों के लिए कृषि पम्प ऊर्जीकरण/विद्युतीकरण कार्य हेतु वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में कितनी राशि स्वीकृत की गई है? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित वर्षों के कार्य किस एजेंसी/विभाग/ कंपनी को दिए गए हैं? उनके द्वारा कितने कार्य पूर्ण कर दिए गए हैं? कितने विद्युतीकरण के कार्य शेष हैं? सूची देवें? (ग) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित वर्षों के कार्य यदि शेष हैं तो उसका क्या कारण है?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) खंडवा जिले के अनुसूचित जाति कृषकों के पम्पों के उर्जीकरण हेतु विद्युत लाईन विस्तार के लिये वर्ष 2015-16 में 165.00 लाख रूपये एवं अनुसूचित जनजाति हेतु कोई राशि आवंटित नहीं की गई। वर्ष 2016-17 में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति हेतु राशि स्वीकृत नहीं की गई है। (ख) खंडवा जिले अंतर्गत अनुसूचित जाति वर्ग के किसानों के लिये मध्यप्रदेश पश्चिमी क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी खंडवा के माध्यम से कार्य कराये गये हैं। सभी कार्य पूर्ण कर लिये गये हैं। कार्यों एवं पूर्णता की स्थिति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। अनुसूचित जनजाति वर्ग के प्रश्नांश ''क '' के प्रकाश में जानकारी निरंक है। (ग) अनुसूचित जाति वर्ग का कोई भी स्वीकृत कार्य पूर्ण होना शेष नहीं है एवं अनुसूचित जनजाति वर्ग की जानकारी निरंक है।
परिशिष्ट - ''अड़तीस''
प्रदेश के निजि चिकित्सा महाविद्यालयों में N.R.I. छात्रों का प्रवेश
[चिकित्सा शिक्षा]
139. ( क्र. 1958 ) श्री बाला बच्चन : क्या राज्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2014-15, 15-16 एवं 16-17 में प्रदेश के निजी चिकित्सा महाविद्यालयों द्वारा N.R.I. कोटे में चयनित अभ्यर्थियों के नाम, पिता का नाम, पते, उम्र, उस चयन परीक्षा का नाम तथा प्राप्तांक जिस आधार पर प्रवेश दिया की सूची वर्षवार, महाविद्यालय वार देवें। (ख) उपरोक्त उल्लेखित अभ्यर्थियों से फ़ीस किस विदेशी मुद्रा में प्राप्त की गयी, प्राप्ति दिनांक, मुद्रा राशि सहित जानकारी फ़ीस रसीद की छायाप्रति अभ्यर्थी वार, महाविद्यालय वार वर्षवार देवें। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अभ्यर्थी को किस आधार पर N.R.I. माना गया? पूरी जानकारी संबंधित दस्तावेजों के विवरण सहित देवें। (घ) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अभ्यर्थियों के अभिभावकों के आय संबंधी प्रमाण उपलब्ध करावें अथवा फ़ीस भरने की ग्यारन्टी के संबंध में बान्ड इत्यादि लिये गये हो तो उसका विवरण छायाप्रति देवे।
राज्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा ( श्री शरद जैन ) : (क) से (घ) की जानकारी एकत्रित की जा रही है।
आयुष औषधालय के संबंध में
[आयुष]
140. ( क्र. 1960 ) श्री सूबेदार सिंह रजौधा : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र जौरा में आयुष औषधालय कहाँ कहाँ संचालित हैं और उन औषधालयों में वर्ष २०१५ से प्रश्न दिनांक तक कितनी कितनी राशि उपलब्ध कराई गई? (ख) विधान सभा जौरा में आयुष औषधालयों में वर्ष २०१५ से प्रश्न दिनांक तक कितने रोगियों को औषधि का वितरण किया गया है औषधालयवार पृथक-पृथक जानकारी उपलब्ध करावें? (ग) क्या आयुष औषधालय में जाने वाले रोगियो को औषधि के अभाव में उनका ईलाज न होने से रोगी मजबूरन एलोपैथी पद्धति से ईलाज लेते हैं? (घ) विभाग द्वारा रोगियों के लिए ऐसा कोई कार्यक्रम चलाया जावेगा जिससे कि आमजन आयुष औषधि पर विश्वास जाग्रत कर औषधालयों का लाभ उठा सकेगा?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। औषधालयों को राशि उपलब्ध नहीं कराई जाती। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) (1) शास. आयुर्वेद औषधालय कन्हार-8165 (2) शास. आयुर्वेद औषधालय गोल्हारी-8442 (3) शास. आयुर्वेद औषधालय बधरेटा-11670 (4) शास. आयुर्वेद औषधालय हुसैनपुर-8216 (5) शास. आयुर्वेद औषधालय परसौटा-8566 (6) शास. आयुर्वेद औषधालय टिकटौली दूमदार-10023 (7) शास. आयुर्वेद औषधालय मोहना-1007 (8) शास. आयुर्वेद औषधालय सुजानगढ़ी-9405 (ग) जी नहीं। (घ) आयुष रोग नियंत्रण कार्यक्रम, लोक कल्याण शिविर इत्यादि कार्यक्रम संचालित किये जा रहे हैं।
परिशिष्ट - ''उनचालीस''
विद्यालयों में बाउण्ड्रीवॉल व बैठने की व्यवस्था
[स्कूल शिक्षा]
141. ( क्र. 1961 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या छतरपुर जिले की चन्दला विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत आने वाले विद्यालयों में पढने वाले बच्चों की संख्या के अनुसार बैठने की व्यवस्था पूर्ण है? यदि नहीं, तो अतिरिक्त विद्यार्थियों के बैठने की व्यवस्था के लिये क्या अतिरिक्त कक्षों की व्यवस्था की जावेगी? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार उक्त व्यवस्था कब तक की जावेगी? (ग) क्या चन्दला विधानसभा क्षेत्र में सभी विद्यालयों में बाउण्ड्रीवॉल है? यदि नहीं, है तो उक्त बाउण्ड्रीवॉल कब तक बनवायी जावेगी समय सीमा बतावें? (घ) दिनांक ३१/१०/१६ तक की स्थिति में छतरपुर जिले में संचालित शासकीय विद्यालयों की बाउण्ड्रीवॉल एवं बैठने की व्यवस्था की सम्पूर्ण जानकारी सूचीवार प्रदान करें?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम, 2009 के मापदण्ड अनुसार नामांकन के आधार पर 75 शालाओं में 105 अतिरिक्त कक्षों की आवश्यकता है। उपरोक्त अतिरिक्त कक्षों की पूर्ति हेतु वार्षिक कार्ययोजना वर्ष 2017-18 में शामिल कर प्रस्ताव भारत शासन को स्वीकृति हेतु प्रेषित किया जावेगा। हाई एवं हायर सेकेण्डरी स्कूलों में पर्याप्त व्यवस्था नहीं है, इन विद्यालयों में अतिरिक्त कक्ष का निर्माण वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर करेगा। (ख) उत्तरांश ''क'' अनुसार। (ग) जी नहीं। प्राथमिक एवं माध्यमिक शालाओं में बाउण्ड्रीवॉल विहीन शालाओं में बाउण्ड्रीवॉल निर्माण का प्रस्ताव वार्षिक कार्ययोजना वर्ष 2017-18 में भारत शासन को प्रेषित किया जावेगा। भारत शासन से स्वीकृति प्राप्त होने पर निर्माण कार्य कराया जा सकेगा। हाई एवं हायर सेकेण्डरी स्कूलों में बाउण्ड्रीवॉल का निर्माण वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर करेगा। अत: समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (घ) दिनांक 31.10.2016 तक की स्थिति में छतरपुर जिलें में संचालित शासकीय विद्यालयों की बाउण्ड्रीवॉल एवं बैठने की व्यवस्था की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ '' अनुसार है। हाई एवं हायर सेकेण्डरी स्कूलों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब '' अनुसार है।
स्वास्थ्य विभाग छतरपुर की भर्ती के संबंध में
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
142. ( क्र. 1962 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले में स्वास्थ्य विभाग छतरपुर में वर्ष २०११ में विशेष भर्ती अभियान बैकलाग के पदो की पूर्ति हेतु कितने आवेदन पत्र प्राप्त हुये? (ख) कितने आवेदकों के दस्तावेज सही पाये गये? (ग) क्या कुछ आवेदकों ने अपनी पहली आवेदन पत्र जमा करने के समय वाली अंकसूची को बदलकर दूसरी अंकसूची लगाई थी और कुछ आवेदकों ने तो एक ही वर्ष एक ही समय में एक ही कक्षा में दो-दो शालाओं से परीक्षा पास की अंकसूची लगाई थी? यदि हाँ, तो ऐसे आवेदकों की सूची उपलब्ध करावें? (घ) फर्जी दस्तावेज लगाने वाले आवेदकों तथा अयोग्य आवेदकों को भर्ती करने वाले अधिकारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो कब तक की जावेगी?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) छतरपुर जिले में स्वास्थ्य विभाग छतरपुर में वर्ष 2011 में विशेष भर्ती अभियान बैकलॉग पदों की पूर्ति हेतु कुल 9301 आवेदन पत्र प्राप्त हुये थे। (ख) प्राप्त आवेदन पत्रों में से कुल 6113 आवेदकों के दस्तावेज सही पाये गये। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्तरांश ''ग'' के अनुक्रम में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सतना जिले में 0 से 5 वर्ष के कुपोषित बच्चों की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
143. ( क्र. 1963 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले में किन-किन विकास खण्डों में 0 से 5 वर्ष के कुपोषित बच्चे पाये गए हैं? स्वास्थ्य केंद्रवार जानकारी देवें। (ख) क्या विकासखंड मझगवां एवं विकास खण्ड नागौद के परस्मानियाँ पठार में अ.ज.जा. के बच्चे अति कुपोषित पाए गए हैं? यदि हाँ, तो इनकी संख्या बताएँ तथा उनके स्वास्थ्य के सुधार के शासन द्वारा क्या-क्या उपाय किये जा रहे हैं? (ग) क्या सतना जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में अप्रैल 2016 से जुलाई 2016 के बीच कुल 1274 प्रसव में से मात्र 979 डिलेवरी ही संस्थागत हैं शेष 400 से अधिक बच्चों का जन्म घरों में हुआ है? इसके लिए कौन दोषी है, कारण सहित बताएँ? (घ) क्या प्रश्नांश (ख) एवं (ग) में शासन की योजनाओं में विभाग के मैदानी अमले में पदस्थ जिम्मेदार अधिकारी/कर्मचारी दोषी हैं? यदि हाँ, तो इनके खिलाफ कब-कब क्या-क्या कार्यवाही की गई हैं?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) सतना जिले में विकासखण्डवार कुपोषित बच्चों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘1’ अनुसार है। स्वास्थ्य केन्द्रवार जानकारी संधारित नहीं की जाती। (ख) जी हाँ। अवगत हो कि सतना जिले में परस्मनिया पठार विकासखण्ड नागौद में न होकर विकासखण्ड उचेहरा में है, तदानुसार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘2’ अनुसार है। महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा सुपोषण अभियान अंतर्गत आंगनवाड़ी/ग्राम स्तर पर स्नेह शिविर का आयोजन कर पोषण प्रबंधन की कार्यवाही की जा रही है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा बच्चों के स्वास्थ्य में सुधार हेतु किये जा रहे उपाय पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘3’ अनुसार है। (ग) जी नहीं, सतना जिले के 9 सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में कुल 2489 संस्थागत प्रसव हुये है एवं 8 विकासखण्डों में कुल 9691 प्रसव हुये हैं, जिनमें से 8598 संस्थागत प्रसव तथा 1093 प्रसव घरों में हुये है। प्रश्नावधि में सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रवार एवं विकासखण्डवार संस्थागत प्रसवों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘4’ अनुसार है। कोई दोषी नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
बस्ती विकास मद से स्वीकृत कार्य
[अनुसूचित जाति कल्याण]
144. ( क्र. 1964 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले के आदिम जाति कल्याण विभाग में वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में अ.जा. बस्ती विकास मद में कितना आवंटन प्राप्त हुआ है तथा इस आवंटन से कितने कार्य स्वीकृत किये गए? विकासखण्ड वार जानकारी देवें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार वित्तीय वर्षों में प्राप्त आवंटन में से विधान सभा क्षेत्र रैगाँव में कितने कार्य स्वीकृत किये गए हैं? यदि स्वीकृत नहीं किये गए तो क्यों? (ग) प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा उपरोक्त वित्तीय वर्षों में विभाग को कितने कार्यों को स्वीकृत करने हेतु अनुशंसा सहित प्रस्ताव प्रेषित किये गए हैं तथा इन प्रस्तावों में से कितने कार्यों की स्वीकृति प्रदान की गई है? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें? (घ) क्या विधान सभा क्षेत्र रैगाँव अ.जा. के लिए आरक्षित है? यदि हाँ, तो अ.जा. बस्ती विकास योजना मद से क्षेत्रीय विधायक की अनुशंसा से कार्य स्वीकृत न करने के क्या कारण है जबकि अन्य विकासखंडों में रैगाँव से अधिक कार्य स्वीकृत किये गए हैं, क्यों? साथ ही यह भी बतावें कि अ.जा. के हितग्राहियों के पम्प उर्जीकरण एवं विद्युतीकरण हेतु विभाग में आवंटन देना बंद कर दिया गया है? यदि हाँ, तो क्यों?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जिले में विभाग को अ.जा.बस्ती विकास मद में वर्ष 2015-16 में रूपये 129.33 लाख एवं वर्ष 2016-17 में 150.10 लाख आवंटन प्राप्त हुआ है। आवंटन के विरूद्ध वर्ष 2015-16 में 18 कार्य स्वीकृत किये गये, जिनमें वि.ख.सोहावल में 05 कार्य, वि.ख. मैहर में 05 कार्य, वि.ख.मझगंवा में 05 कार्य, वि.ख.उचेहरा में 01 कार्य एवं वि.ख.अमरपाटन में 02 कार्य स्वीकृत किये गये। वर्ष 2016-17 में कुल 41 कार्य स्वीकृत किये गये, जिनमें वि.ख.सोहावल में 05 कार्य, वि.ख.रामनगर में 01 कार्य वि.ख.रामपुर बाघेलान में 09 कार्य एवं वि.ख.मझगंवा में 11 कार्य स्वीकृत किये गये। (ख) विधानसभा रैगांव क्षेत्र में 04 कार्य स्वीकृत किए गए। (ग) माननीय सदस्य द्वारा उपरोक्त वित्तीय वर्षों में विभाग को 15 कार्यों की स्वीकृति हेतु अनुशंसा सहित प्रस्ताव प्रेषित किए गए, उक्त प्राप्त प्रस्तावों में 04 कार्य स्वीकृत किए गए। अनुसूचित जाति बस्ती विकास नियम 2014 की कण्डिका 3.3 के तहत शेष 11 प्रस्ताव में ग्राम की अनुसूचित जाति की जनसंख्या 40 प्रतिशत से कम होने के कारण स्वीकृत नहीं किए जा सके। (घ) जी हाँ। सभी प्रस्तावित कार्य स्वीकृत न हो पाने का कारण नियम की परिधि में नहीं आना है। पंप ऊर्जीकरण एवं विद्युतीकरण हेतु आवंटन जिलों को दिया जाना बंद नहीं किया गया है।
नि:शुल्क साईकिल वितरण
[स्कूल शिक्षा]
145. ( क्र. 1966 ) श्री संजय उइके : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश के शासकीय शालाओं के कक्षा 6 वीं एवं 9 वीं में अध्ययनरत् छात्र/छात्राओं को नि:शुल्क साईकिल वितरण की गई है? यदि हाँ, तो विगत एक वर्ष में जिलेवार वितरित की गई साईकिलों की कुल संख्या की जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में साईकिल वितरण हेतु शासन द्धारा किस फर्म/संस्था से साईकिलों की खरीदी की गई? किस दर पर, कितनी साईकिलें खरीदी गई और कितना भुगतान किया गया? (ग) क्या खरीदी गई साईकिलों की गुणवत्ता की जाँच सरकार द्वारा कराई गई? यदि हाँ, तो गुणवत्ता किससे कराई गई, जाँच रिपोर्ट का विवरण उपलब्ध करावें?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'एक' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'दो' पर है। (ग) जी हाँ। गुणवत्ता जाँच प्रत्येक 1000 नग साईकिल के लॉट में से 01 नग साईकिल के सम्पूर्ण कम्पोनेंट का परीक्षण रिसर्च एण्ड डेव्हलपमेंट सेंटर फॉर बाईसिकल एवं सुईंग मशीन लुधियाना से करवाने एवं परीक्षण प्रतिवेदन प्राप्त होने के उपरांत साईकिल संबंधित ब्लॉक मुख्यालय को प्रेषित की जाने का प्रावधान है। साईकिल असम्बेलिंग होने के उपरांत असेम्बल्ड साईकिल का रेण्डम आधार पर निरीक्षण तृतीय पक्ष निरीक्षणकर्ता एजेंसी राईटस लि.आई.आर.क्लास तथा म.प्र.लघु उघोग निगम के तकनीकी अधिकारी द्वारा किया जाता है।
आम्बेडकर भवन का अपूर्ण कार्य
[अनुसूचित जाति कल्याण]
146. ( क्र. 1967 ) श्री चन्द्रशेखर देशमुख : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र मुलताई के ग्राम मासोद के अम्बेडकर भवन की लागत स्वीकृति दिनांक सहित बतायें। (ख) क्या कारण है की ये भवन आज तक अपूर्ण हैं? (ग) इसे कब तक पूर्ण कर लिया जायेगा?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) विधानसभा क्षेत्र मुलताई के ग्राम प्रभातपट्टन में डॉ. अम्बेडकर मांगलिक भवन निर्माण की स्वीकृति म.प्र. शासन, के पत्र क्र. एफ/ 3-1 /2013/4/25 दिनांक 05.09.2013 द्वारा राशि रूपये 41.80 लाख की जारी की गई। म.प्र. शासन अनुसूचित जाति कल्याण विभाग के पत्र क्र. एफ/ 3-1 /2013/4/25 दिनांक 08.08.2014 द्वारा स्थान परिवर्तन ग्राम प्रभातपट्टन से मासोद किया गया। (ख) भवन निर्माण का स्थान परिवर्तन एवं भूमि विलंब से प्राप्त होने के कारण भवन अपूर्ण है। (ग) मार्च 2017 तक भवन पूर्ण करने का लक्ष्य है।
विमुक्त,घुमक्कड़ एवं अर्द्ध घुमक्कड़ जाति विकास योजना
[विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्धघुमक्कड़ जाति कल्याण]
147. ( क्र. 1969 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) म०प्र० शासन द्वारा उज्जैन सम्भाग में विमुक्त,घुमक्कड़ एवं अर्द्ध घुमक्कड़ जाति के लोगों को वर्ष २०१५-१६ एवं २०१६-१७ में किन-किन योजनाओं में लाभान्वित किया गया? योजनावार घटकवार हितग्राही संख्या बतायें। (ख) प्रश्नांश (क) में दर्शायी अवधि में विभाग अंतर्गत नीमच जिले को कितनी धनराशि आवंटित की गई है तथा कितनी-कितनी धन राशि किस-किस योजना में व्यय की गयी है? विकासखंडवार घटकवार बतायें। (ग) क्या शासन के पास वर्तमान में विमुक्त,घुमक्कड़ एवं अर्द्ध घुमक्कड़ जाति के आर्थिक एवं सामाजिक उत्थान हेतु कोई कार्य योजना विचाराधीन है? यदि नहीं, तो क्या शासन इस सम्बन्ध में कोई विचार करेगा? यदि हाँ, तो तत्सम्बन्धी ब्यौरा देवें।
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्रीमती ललिता यादव ) : (क) वर्ष 2015-16, 2016-17 में उज्जैन संभाग के 05 जिलों क्रमशः शाजापुर, मंदसौर, नीमच, उज्जैन एवं देवास से प्राप्त जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ '' अनुसार है। शेष जिलों रतलाम एवं आगर-मालवा से जानकारी प्राप्त होने पर उपलब्ध करायी जावेगी। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब '' अनुसार है। (ग) विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्ध घुमक्कड़ जनजाति के कल्याण हेतु संचालित योजनाओं की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स '' अनुसार है।
स्थानांतरित किये गये शिक्षकों की पदस्थापना
[स्कूल शिक्षा]
148. ( क्र. 1971 ) श्री ठाकुरदास नागवंशी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) होशंगाबाद जिले में शिक्षण सत्र 2011-12 से प्रश्न दिनांक तक जिला स्तर से कौन कौन से सहायक शिक्षक/शिक्षक /उच्च श्रेणी शिक्षक के स्थानांतरण प्रशासनिक आधार एवं स्वैच्छिक आधार पर विधानसभा क्षेत्र की उपशालाओं /प्राथ. शालाओं/मा. शालाओं/उ.मा. शालाओं में किये गये? पदवार व शालावार जानकारी प्रदान करें। (ख) क्या विधानसभा क्षेत्र पिपरिया की जिन शालाओं में स्वीकृत पद/दर्ज संख्या के आधार पर पद के विरूद्ध अधिक संख्या में शिक्षकों को स्थानांतरित कर ज्वाईन कराया गया जो उपस्थिति दिनांक से उस शाला में अतिशेष हो गये? (ग) यदि हाँ, तो कंडिका (ख) में ऐसे स्थानांतरण आदेश जारी किये जाने के लिये कौन उत्तरदायी हैं? क्या उत्तरदायित्व का निर्धारण किया जावेगा? (घ) क्या ऐसे शिक्षकों को जो शाला में स्वीकृत पद भरे होने के उपरांत जिन्हे स्थानांतरण के द्वारा ज्वाईन कराया गया, क्या उन्हें अतिशेष माना जावेगा? यदि नहीं, तो क्यों? जबकि ये स्वीकृत भरे पद होने के उपरांत इन्हें उस शाला में ज्वाईन कराया गया। इन्हें अतिशेष माना जाकर प्रथम इन्हें अन्य शाला में समायोजित किया जावेगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) होशंगाबाद जिले में शिक्षण सत्र 2011-2012 से प्रश्न दिनांक तक सहायक शिक्षक के स्वैच्छिक 30, प्रशासनिक 12 एवं शिक्षक/उच्च श्रेणी शिक्षक के स्वैच्छिक 02, प्रशासनिक 02 स्थानान्तरण किये गये है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) जी नहीं। उपस्थिति दिनांक को अतिशेष नहीं थे। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (ग) प्रश्नांश ’ख’ के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नांश ’ख’ के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
चिकित्सकों के रिक्त पदों की पूर्ति विषयक
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
149. ( क्र. 1972 ) श्री चन्दरसिंह सिसौदिया : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत प्राथमिक एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में विगत वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक तक रोगी कल्याण समिति में कितनी राशि प्राप्त हुई? रोगी कल्याण समिति से प्राप्त राशि के व्यय के शासन निर्देश क्या हैं? (ख) विगत वर्षों में किस-किस मद से कौन-कौन निर्माण कार्य कितनी-कितनी राशि के स्वीकृत किये गये वर्तमान में इन कार्यों की क्या स्थिति है, कार्य अपूर्ण है तो कौन जिम्मेदार है कब तक ये कार्य पूर्ण होगे? (ग) रोगी कल्याण समिति के व्यय का ऑडिट विगत 2 वर्षों में किस-किस एजेंसी से कराया। कोई अनियमितता पाई गई? यदि हाँ, तो दोषी पर विभाग कोई कार्यवाही करेगा। विधानसभा क्षेत्र गरोठ अंतर्गत आने वाल प्रा.स्वा.केन्द्र में कहाँ-कहाँ कुल कितने चिकित्सक /तकनीकी विशेषज्ञ के पद स्वीकृत हैं, कितने पदों की पूर्ति कर दी गई है और कितने पद रिक्त हैं, रिक्त पदों की पूर्ति कब तक कर दी जावेगी।
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘स’ अनुसार है। अपूर्ण कार्य हेतु कोई अधिकारी/कर्मचारी जिम्मेदार नहीं है, यथा संभव शीघ्र। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘द’ अनुसार है। जी नहीं, प्रश्न उपस्थित नहीं होता। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ई’ अनुसार है। यथा संभव शीघ्र।
ऑपरेशन ब्लेक बोर्ड योजना अंतर्गत नियुक्त सहायक शिक्षकों का भुगतान
[स्कूल शिक्षा]
150. ( क्र. 1973 ) श्री जालम सिंह पटेल : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अता.प्रश्न संख्या 49 (क्र.1694) दिनांक 25.07.2016 के उत्तरांश (क) के परिशिष्ट एक में उल्लेखित सहायक शिक्षकों के बारे में कृपया नामवार यह बताएं कि जिनकी नियुक्ति वर्ष 1993 में की गई थी क्या बाद में उन्हें सेवा से पदच्युत के उपरांत वर्ष 1995 में पुन: नियुक्ति दी गई थी? (ख) यदि हाँ, तो यह किसके आदेश से किया गया? संबंधी आदेश की छाया प्रति संलग्न करें एवं नामवार यह भी बताएं कि उन सहायक शिक्षकों को वरिष्ठता किस-किस दिनांक से दी गई है, किसके आदेश से दी गई है? संबद्ध आदेश की छायाप्रति/प्रतियां भी संलग्न करें। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित परिशिष्ट एक के किस-किस सहायक शिक्षक को कितनी-कितनी अवधि का कितनी-कितनी राशि का भुगतान, किस-किस दिनांक को किया गया है, नामवार जानकारी दें?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) लोक शिक्षण संचालनालय म.प्र. के आदेश क्रमांक स्था.3/डी/56/95/917, दिनांक 30-3-95 द्वारा किया गया है। आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। नामवार सहायक शिक्षकों को भोपाल जिले में कार्यभार ग्रहण करने के दिनांक से वरिष्ठता दी गई है। उपरोक्त सभी सहायक शिक्षक अन्य जिलों से स्थानान्तरित होकर भोपाल जिले में आये हैं। भोपाल जिले में आपरेशन ब्लैक बोर्ड योजना अंतर्गत कोई नियुक्ति नहीं की गई है। नामवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) नामवार सहायक शिक्षकों को किये गये भुगतान की अवधि एवं भुगतान राशि तथा दिनांक की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है।
नेट मीटरिंग प्रणाली
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
151. ( क्र. 1978 ) श्री जितू पटवारी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में क्या नेट मीटरिंग प्रणाली विभाग द्वारा शुरू कर दी गई है? यदि हाँ, तो आज दिनांक तक किस-किस प्रायवेट संस्था द्वारा इस सुविधा का लाभ उठाया जा रहा है? संस्था का नाम एवं विद्युत लोड सहित जानकारी दें? (ख) क्या विभाग ने नवीन ऊर्जा के बढ़ावे के लिये सब्सिडी/अनुदान का प्रावधान किया है? यदि हाँ, तो उसकी नियमावली की संपूर्ण जानकारी उपलब्ध करायें? (ग) प्रश्नांश (ख) अंतर्गत आज दिनांक तक इस सुविधा का लाभ कितने व्यक्तियों/संस्थाओं को प्राप्त हो चुका है व कितने आवेदन प्रतीक्षा में है, कि सूची संस्था के नाम सहित उपलब्ध करायें? (घ) प्रश्नांश (ख) अंतर्गत जिन्होंने पूर्व के वर्षों में सोलर प्लांट लगाये हैं? क्या उन्हें भी इसका लाभ मिलेगा? यदि हाँ, तो प्रक्रिया स्पष्ट करें? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ। जिन प्रायवेट संस्थाओं द्वारा नेट मीटरिंग हेतु आवेदन दिया गया है, उनकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जी हाँ। विभाग द्वारा नवीन ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिये निम्नानुसार राज्य अनुदान का प्रावधान किया गया है :- (अ) सभी शासकीय एवं अर्द्धशासकीय संस्थानों को 20 प्रतिशत तक का राज्य अनुदान प्रावधानित। (ब) निजी संस्थागत क्षेत्र के लिये 20 प्रतिशत तक का राज्य अनुदान एक ही बार के लिये प्रावधानित। (न्यूनतम 5 कि.वा. क्षमता से अधिकतम 25 कि.वा. क्षमता के संयंत्रों की स्थापना पर)। वर्तमान में उपरोक्त दर्शित अनुदान की स्वीकृति हेतु नियमावली की सम्पूर्ण जानकारी ''मध्यप्रदेश विकेन्द्रीकृत नवकरणीय ऊर्जा नीति, 2016 '' में वर्णित है। नीति की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) उत्तरांश-ख के अन्तर्गत आज दिनांक तक राज्य अनुदान की सुविधा का लाभ पाने वाली संस्थाओं की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। प्रतिक्षारत् संस्थाओं के आवेदनों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (घ) जी हाँ। उन्हे "मध्य प्रदेश विकेन्द्रीकृत नवकरणीय ऊर्जा नीति-2016" के प्रावधान अनुसार लाभ प्राप्त करने की पात्रता होगी। नीति की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।
अनुसूचित जाति तथा आदिवासी वर्ग के कृषकों के पंप उर्जीकरण हेतु शासन योजना
[अनुसूचित जाति कल्याण]
152. ( क्र. 1982 ) श्रीमती ममता मीना : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनुसूचित जाति एवं आदिवासी वर्ग के कपिलधारा एवं अन्य स्त्रोतों से स्थापित कूपों तथा नलकूपों के उर्जीकरण हेतु शासन की क्या नीति है? (ख) क्या प्रश्नांश (क) के तहत मंत्री परिषद् द्वारा यह निर्णय लिया गया है कि पूर्व की भांति पंप उर्जीकरण हेतु अब जिला स्तर पर विभाग द्वारा इस योजना का क्रियान्वयन किया जावेगा? यदि हाँ, तो शासन एवं विभागाध्यक्षों द्वारा क्या नीति निर्देश जारी किये गये है? यदि नहीं, तो क्या बिना गाईड लाईन्स के इस योजना से गरीब कृषकों को लाभांवित किया जाना संभव है? (ग) क्या अभी तक पम्प उर्जीकरण योजना में जीवनधारा, कपिलधारा, कूपों का ही उर्जीकरण किये जाने की नीति थी? यदि हाँ, तो क्या जिन बी.पी.एल. कृषकों के पास अन्य स्त्रोतों से यथा नलकूप, नदी, तालाब आदि से जल का स्त्रोत है, उन्हें विद्युत व्यवस्था हेतु इस योजना के समानान्तर लाभ हेतु कोई नीति या दिशा-निर्देश है? यदि नहीं, तो कारण बतायें तथा उन गरीब कृषकों जिनके पास कपिलधारा के अलावा निजी नलकूप या अन्य जल स्त्रोत है, उन्हें इस योजना के समानांतर लाभ हेतु शासन एवं विभाग द्वारा शामिल किये जाने की नीति/दिशा निर्देश कब तक जारी किये जावेंगे? (घ) शासन द्वारा चालू वित्तीय वर्ष में गरीब कृषकों के पम्प उर्जीकरण हेतु जिलेवार क्या-क्या लक्ष्य निर्धारित किये गये हैं, बतायें? यदि नहीं, तो योजना के क्रियान्वयन में कौन-कौन अधिकारी दोषी है? इनके विरूद्ध अभी तक क्या कार्यवाही हुई?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) अनुसूचित जाति के गरीब और सीमांत कृषकों के कुंओं तक विद्युत लाईन के विस्तार की योजना प्रचलित है। आदिम जाति कल्याण विभाग की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। संशोधित नियम जारी किये जा रहे हैं। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) योजनान्तर्गत लक्ष्य निर्धारित नहीं किये जाते हैं बल्कि मांग अनुसार प्रकरण स्वीकृत किये जाते हैं। इसके लिए कोई दोषी नहीं है। अत: कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आवासीय विद्यालय ढेंगदा जिला श्योपुर में प्राचार्य की अनियमित पदस्थापना
[आदिम जाति कल्याण]
153. ( क्र. 1983 ) श्रीमती
ममता मीना :
क्या आदिम
जाति कल्याण
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) आदर्श
आवासीय
विद्यालय में
प्राचार्य की
पदस्थापना
की क्या नीति
है वर्तमान
में आवासीय
विद्यालय, ढेंगदा
जिला श्योपुर
में
प्राचार्य के
पद पर पदस्थ
अधिकारी का
नाम बतायें
तथा इनका मूल
पद बतायें? (ख) क्या
इनके द्वारा
प्राचार्य
गिरधरपुर
रहते हुए इनके
पुत्र की
अनियमित
नियुक्ति की
जाकर शासन को
वित्तीय
हानि पहुंचाई
गई है? यदि
हाँ, तो
इनके विरूद्ध
आज दिनांक तक क्या
कार्यवाही की
गई? (ग) क्या
इनके द्वारा
पदस्थ संस्थाओं
में गंभीर
भ्रष्टाचार
किये गये है
जिनकी
विभागीय जाँच
भी प्रचलित है
यदि हाँ,
तो
आदर्श आवासीय
विद्यालय में
पदस्थापना
के लिये क्या
मापदण्ड
अपनाये गये
बतायें?
(घ)
प्रश्नांश
(क) (ख) (ग) में
उल्लेखित
अनुसार श्री
पी.आर. दोहरे
प्राचार्य
आदर्श आवासीय
विद्यालय
ढेंगदा जो
अवैध नियुक्ति
अन्य पदस्थ
संस्थाओं
में गंभीर
वित्तीय
अनियमितताओं
की जांचों के
चलते हुए इन्हें
आदर्श आवासीय
संस्था में
पदस्थ कर
आहरण एवं
संवितरण
अधिकार दिया
जाना उचित है? (ड.) यदि
नहीं, तो
आदर्श आवासीय
संस्था से
इन्हें तत्काल
हटाया जाएगा? इनके
द्वारा की गई
अनियमितताओं
पर शासन द्वारा
इनके विरूद्ध
आज दिनांक तक
क्या
कार्यवाही
हुई यदि नहीं, तो क्यों
और इनके
विरूद्ध कब तक
कार्यवाही
होगी?
आदिम
जाति कल्याण
मंत्री ( श्री
ज्ञान सिंह ) : (क) आदर्श
आवासीय
विद्यालय में
पदस्थापना
प्राचार्य
प्रथम श्रेणी
की पदोन्नति/स्थानांतरण
के द्वारा की
जाती है। वर्तमान
में आवासीय
विद्यालय
ढेंगदा श्योपुर
में
प्राचार्य के
पद पर श्री
पी.आर.दोहरे
पदस्थ हैं
इनका मूल पद
प्राचार्य
हायर सेकण्डी
(द्वितीय श्रेणी)
संवर्ग हैं। (ख)
जी नहीं। श्री
पी.आर.दोहरे
के द्वारा की
गई अनुशंसा के
आधार पर
संभागीय
उपायुक्त, आदिवासी
तथा अनुसूचित
जाति विकास
मुरैना /ग्वालियर
द्वारा
नियुक्ति दी
गई थी। श्री
दोहरे द्वारा
अपने पुत्र की
अनियमित नियुक्ति
की अनुशंसा
किये जाने के
कारण विभागीय जाँच
संस्थित की गई
है। विभागीय जाँच
प्रचलन में है।
जाँच पूर्ण
होने पर गुण
दोष के आधार
पर कार्यवाही की
जावेगी। (ग) जी
हाँ। चूंकि
विभाग
अंतर्गत
प्रथम श्रेणी
प्राचार्यों
के पद काफी
संख्या में
रिक्त हैं। अत:
दोहरे की पदस्थापना
प्रभारी
प्राचार्य के
रूप में की गई
है। (घ) एवं (ड.) श्री
पी.आर. दोहरे
प्राचार्य के
विरूद्ध आयुक्त, आदिवासी
विकास के आदेश
दिनांक 3-1-13
द्वारा
विभागीय जाँच
संस्थित की गई
है। जाँच
पूर्ण होने पर
गुण-दोष के
आधार पर
कार्यवाही की
जावेगी।
राज्य विधानसभा की सिफारिश के विरूद्ध कार्यपालिका द्वारा कार्यवाही किया जाना
[अनुसूचित जाति कल्याण]
154. ( क्र. 1990 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनुसूचित जाति की सूची में धोबी जाति पर लगे क्षेत्रीय बंधन को हटाने तथा संपूर्ण मध्यप्रदेश में अनुसूचित जाति में शामिल करने के लिये विधानसभा ने दिनांक 17.02.2006 संकल्प पारित किया है? क्या उक्त संकल्प/प्रस्ताव की पुनर्समीक्षा करने के लिये दिनांक 08.03.2007 को केन्द्र शासन से अनुरोध किया है? (ख) क्या ऐसे क्षेत्रीय बंधन को समाप्त करने के लिये पिछड़ा वर्ग आयोग के अंतिम प्रतिवेदन 1993 के पृष्ठ 342 में भी सिफारिश की गई है व दिनांक 10.07.1981, दिनांक 18.10.2000, दिनांक 13.11.2003, दिनांक 04.03.2006 एवं दिनांक 06.06.2006 को सर्वे के आधार पर प्रमुख सचिव, अनुसूचित जाति कल्याण म.प्र. शासन भोपाल ने केन्द्र सरकार से अनुरोध किया गया है? (ग) क्या उपरोक्त संकल्प/सिफारिशों/प्रस्तावों की पुर्नसमीक्षा के स्थान पर उसके विरोध में दिनांक 02.09.2014 को मध्यप्रदेश शासन ने (आदिम जाति अनुसंधान एवं विकास संस्थान म.प्र. भोपाल की टीप दिनांक 24.07.2007 के पैराग्राफ 13 के साथ) केन्द्र शासन को प्रकरण समाप्त करने के लिये लिखा गया? (घ) यदि हाँ, तो विधानसभा की सिफारिश/पिछड़ा वर्ग आयोग की अनुशंसा के विरूद्ध एवं राजनैतिक मामलों की मंत्रीपरिषद् की अनुशंसा के विरूद्ध केन्द्र शासन को प्रकरण समाप्त करने की अनुशंसा किस आधार पर की गई?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जी हाँ। जी नहीं। (ख) जी हाँ (ग) जी नहीं। राज्य शासन के प्रस्ताव पर निर्णय की जानकारी देने हेतु केंद्र शासन को भेजे गये स्मरण पत्र से संबंधित है। (घ) प्रश्नांश ‘घ’ के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
उज्जैन विकास खण्ड में माडल स्कूल भवन निर्माण
[स्कूल शिक्षा]
155. ( क्र. 1992 ) डॉ. मोहन यादव : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन विकासखण्ड में मॉडल स्कूल भवन निर्माण अन्य फर्नीचर हेतु स्वीकृति के लिए विभाग द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई? राशि स्वीकृति के लिए विभाग द्वारा कौन-कौन से आधार लिए गये थे? विवरण उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) की जानकारी अनुसार स्वीकृत राशि किस मद में प्राप्त हुई थी? राशि स्वीकृति के पत्र की प्रति उपलब्ध करावें वर्तमान में उक्त राशि किस मद में जमा है? राशि स्वीकृति के पश्चात् भी उज्जैन विकासखण्ड में मॉडल स्कूल का भवन का निर्माण नहीं किये जाने के क्या कारण रहे? (ग) प्रश्नांश (ख) की जानकारी अनुसार भूमि की उपलब्धता के बिना वरिष्ठ कार्यालय द्वारा किस प्रकार राशि स्वीकृत कर दी गई वरिष्ठ कार्यालय में त्रुटि पूर्ण प्रस्ताव भेजने के लिए कौन अधिकारी दोषी है? दोषियों के विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) भवन निर्माण हेतु प्रथमतः प्रशासकीय स्वीकृति पत्र क्रमांक 341 दिनांक 04.10.2010 से जारी की गई। तदुपरांत इस योजना में वित्तिय सहायता भारत सरकार द्वारा बंद किये जाने से यह कार्य निरस्त कर दिया गया था। पुनः राज्य योजना के रूप में संचालित इन स्कूलों के निर्माण हेतु मंत्रि परिषद् की स्वीकृति से भवन निर्माण हेतु प्रशासकीय स्वीकृति दिनांक 18.11.2016 को जारी की गई है। भारत सरकार द्वारा शैक्षिक रुप से पिछड़े विकासखंडों के लिये भवन एवं फर्नीचर सहित मॉडल स्कूल की स्वीकृति दी गई थी। उज्जैन की ग्रामीण महिला साक्षरता दर के आधार पर उज्जैन के लिये मॉडल स्कूल की स्वीकृति भारत सरकार द्वारा दी गई थी। (ख) राशि मॉडल स्कूल योजना के अनावर्ती मद में, भवन निर्माण में प्रदान की गई थी। जारी प्रशासकीय स्वीकृति की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। वर्तमान में उक्त राशि पी.आई.यू. को आंबटित की गई है। भूमि के अंतिम रुप से आबंटित न हो पाने के कारण उज्जैन विकासखंड में मॉडल स्कूल का भवन निर्माण प्रारम्भ नहीं हो सका है। (ग) भूमि चिन्हित थी किन्तु सक्षम आनापत्ति न प्राप्त हो पाने से भूमि विभाग को आवंटित नही हो सकी। कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
परिशिष्ट- ''बयालीस''
अशासकीय चिकित्सा महाविद्यालयों में शिक्षण शुल्क के संबंध में
[चिकित्सा शिक्षा]
156. ( क्र. 1993 ) डॉ. मोहन यादव : क्या राज्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अशासकीय चिकित्सा महाविद्यालयों में वर्तमान में शिक्षण शुल्क, छात्रावास शुल्क तथा अन्य शुल्कों के निर्धारण के क्या नियम है? नियमों की प्रति उपलब्ध कराते हुए म.प्र. में संचालित समस्त अशासकीय महाविद्यालयों के शुल्क के विवरण की जानकारी महाविद्यालयवार प्रदान करें। (ख) प्रश्नांश (क) की जानकारी अनुसार शुल्कों के अलावा यदि महाविद्यालय द्वारा अधिक शुल्क की मांग की जाती है तो फिस नियामक को तथा पीड़ित पक्ष को संबंधित महाविद्यालय के विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही करने के अधिकार प्राप्त है?
राज्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा ( श्री शरद जैन ) : (क) शिक्षण शुल्क विनियमन करने के संबंध में मध्यप्रदेश निजी व्यवसायिक शिक्षण संस्था (प्रवेश का विनियामक एवं शुल्क का निर्धारण) अधिनियम 2007 तदोपरांत संशोधित अधिनियम 2013 को प्रकाशित राजपत्र पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 पर है। मध्यप्रदेश शासन तकनीकी शिक्षा एवं प्रशिक्षण विभाग मंत्रालय भोपाल द्वारा दिनांक 15/04/2008 को प्रकाशित राजपत्र पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। अधिनियम 2007 तदोपरांत संशोधित अधिनियम 2013 के अंतर्गत दिये गये प्रावधानों मध्यप्रदेश में स्थित 8 गैर अनुदान निजी क्षेत्र की चिकित्सा महाविद्यालयों की विनियमित किये गये शुल्क से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 पर है। प्रवेश एवं शुल्क विनियामक समिति की दिनांक 06/04/2016 को आयोजित बैठक में लिये गये निर्णयानुसार बस फीस, छात्रावास फीस एवं ट्रेनिंग एण्ड प्लेसमेंट फीस को उपभोग के अनुसार ऐच्छिक मदों में रखते हुये इन मदों में अधिकतम ली जाने वाली शुल्क की सीमा निर्धारित की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। निजी क्षेत्र की गैर अनुदान प्राप्त चिकित्सा महाविद्यालयों में संचालित एम.बी.बी.एस. पाठ्यक्रम के आगामी ब्लॉक अर्थात 2016-17, 2017-18 एवं 2018-2019 के शुल्क का निर्धारण हेतु समिति की दिनांक 27/08/2016 को आयोजित बैठक में विद्यमान तीन संस्थाओं के लिये रूपये 5,72,000/- प्रति वर्ष तथा नवीन चार संस्थाओं के लिये रूपये 5,00,000/- प्रतिवर्ष एक वर्ष के लिये निर्धारित की गई है एक नवीन संस्था के लिये रूपये 5,00,000/- प्रतिवर्ष एक वर्ष के लिये निर्धारण की कार्यवाही प्रवेश एवं शुल्क विनियामक समिति की दिनांक 24/10/2016 को आयोजित बैठक में की गई है। (ख) शिकायत प्राप्त होने पर अधिनियम 2007 की धारा 4 उपधारा 9 तदोपरांत संशोधित अधिनियम 12 सितम्बर 2013 में दिये गये प्रावधानों के तहत कार्यवाही करने का अधिकार है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-5 अनुसार है। प्रवेश एवं शुल्क विनियामक समिति को अधिनियम के अधीन कोई जॉच करने के प्रयोजनों के लिये किसी वाद का विचारण कर रही हो, सिविल न्यायालय की समस्त शक्तियां प्राप्त है। समिति में अपीलीय प्राधिकारी का भी प्रावधान है। अधिक शुल्क की मांग करने पर पीडि़त पक्ष को एक्ट में दिये गये प्रावधानों अनुरूप प्रथमतः प्रवेश एवं शुल्क एवं विनियामक समिति को शिकायत प्रस्तुत करने का अधिकार है। समिति सचिवालय द्वारा अभ्यार्थियों एवं उनके अभिभावकों से शिकायतों एवं समस्याओं के संबंध में आनलाईन आवेदन प्राप्त करने की व्यवस्था की गई है। अधिनियम 2007 के अध्याय पाँच कंडिका 10 एवं तदोपरांत संशोधित अधिनियम 2013 के तहत अपीलीय प्राधिकारी का प्रावधान है। जिसके समक्ष प्रवेश एवं शुल्क विनियामक समिति के आदेश से व्यथित कोई व्यक्ति अथवा कोई व्यावसायिक संस्था अपील भी कर सकती है।
नए मेडिकल कालेजों को मान्यता
[चिकित्सा शिक्षा]
157. ( क्र. 1996 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या राज्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सरकार द्वारा प्रदेश में नए मेडिकल कॉलेज खोले जा रहे हैं? यदि हाँ, तो कितने और कहाँ-कहाँ पर? (ख) क्या उक्त मेडिकल कॉलेज को खोलने हेतु मेडिकल काउंसिल आफ इंडिया को निरीक्षण के लिए आवेदन दिया? अगर नहीं तो क्यों? (ग) क्या सरकार द्वारा नए मेडिकल कॉलेजों को मान्यता दी है? अगर हां, तो कितने और कहाँ-कहाँ पर एवं संस्था के नाम का उल्लेख करें? (घ) क्या पूर्व में मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया ने इंस्पेक्शन रिपोर्ट के आधार पर मान्यता देने से मना कर दिया था? अगर हां, तो सरकार ने किस आधार पर इन्हें मान्यता प्रदान की?
राज्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा ( श्री शरद जैन ) : (क) जी हाँ। प्रदेश में 07 नये चिकित्सा महाविद्यालय, रतलाम, शहडोल, विदिशा, दतिया, शिवपुरी, खण्डवा एवं छिन्दवाडा में खोले जा रहे है। (ख) उत्तरांश ''क '' के परिप्रेक्ष्य में कॉलेजों में एम.सी.आई.को मापदण्डों के अनुरूप निर्माण कार्य एवं अन्य संसाधन पूर्ण होने पर निरीक्षण हेतु आवेदन प्रस्तुत किया जायेगा। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) एम.सी.आई. के निरीक्षण दल द्वारा चिकित्सा महाविद्यालय, खण्डवा एवं दतिया में निरीक्षण किया गया था, किन्तु निर्माण कार्य एम.सी.आई. के मापदण्ड के अनुसार अपूर्ण होने के कारण एम.सी.आई द्वारा मान्यता प्रदान नहीं की गई। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्राथमिक, माध्यमिक, हाईस्कूल बाउण्ड्रीवॉल विहीन भवनों में बाउण्ड्रीवॉल का निर्माण
[स्कूल शिक्षा]
158. ( क्र. 1997 ) श्री भारत सिंह कुशवाह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र ग्वालियर ग्रामीण के ऐसे कितने प्राथमिक, माध्यमिक एवं हाईस्कूल है जो बाउण्ड्रीवॉल विहीन है? उनकी संख्या बतायें? (ख) क्या प्राथमिक, माध्यमिक एवं हाईस्कूल भवनों के निर्माण की स्वीकृति के साथ-साथ बाउण्ड्रीवॉल बनाने का प्रावधान है? (ग) यदि हाँ, तो शेष बचे हुये स्कूल भवनों की बाउण्ड्रीवॉल कब तक बनवाई जावेगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) विधानसभा क्षेत्र ग्वालियर ग्रामीण में 92 प्राथमिक विद्यालय एवं 63 माध्यमिक विद्यालय बाउण्ड्रीवॉल विहीन है। 13 हाई स्कूल बाउण्ड्रीवॉल विहीन है। (ख) जी नहीं। (ग) उत्तरांश ''ख '' के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
संभागीय पिछड़ा वर्ग पास्ट मैट्रिक बालक छात्रावासों की सुविधाओं एवं व्यय के संबंध में
[पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण]
159. ( क्र. 1998 ) श्री भारत सिंह कुशवाह : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) संभागीय पिछड़ा वर्ग पोस्ट मैट्रिक बालक छात्रावासों में पढ़ने वाले बच्चों को क्या-क्या सुविधायें दी जाती है? (ख) संभागीय पिछड़ा वर्ग पोस्ट मैट्रिक बालक छात्रावासों में अस्थायी एवं स्थायी कितने कर्मचारी पदस्थ है? नाम, पद सहित बतावें। (ग) संभागीय पिछड़ा वर्ग पोस्ट मैट्रिक बाल छात्रावास ग्वालियर में बालकों की व्यवस्था हेतु वर्ष 2015-16 में कितनी राशि किस-किस व्यवस्था (कार्य में) एवं संधारण पर व्यय की गई? अलग-अलग विवरण दें?
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्रीमती ललिता यादव ) : (क) बच्चों को नि:शुल्क आवासीय सुविधा, पलंग, बिस्तर सामग्री, लाईट एवं पानी आदि। (ख) संभागीय पिछडा वर्ग पोस्ट मैट्रिक बालक छात्रावासों में एक अस्थायी अधीक्षक एवं चार दैनिक वेतन भोगी चतुर्थ श्रेणी पदस्थ है। पदस्थ कर्मचारियों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र- एक अनुसार है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र- दो अनुसार है।
शास. उत्कृष्ट उ.मा.वि. में की गई वित्तीय अनियमितता
[स्कूल शिक्षा]
160. ( क्र. 2002 ) चौधरी मुकेश सिंह चतुर्वेदी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शास. उत्कृष्ट उ.मा.वि. सेवढ़ा जिला दतिया म.प्र. में आयुक्त लोक शिक्षण संचालनालय भोपाल द्वारा प्राचार्य के मांग पत्र पर फर्नीचर, कार्यालय उपकरण, स्टेशनरी आदि क्रय करने हेतु राशि रू. 20,73,500 डी.डी.ओ. कोड 0922003015 से सत्र 2014-15 में भेजी गई है? (ख) क्या प्राचार्य द्वारा आयुक्त लोक शिक्षण भोपाल के पत्र क्रमांक/बजट/2015/46/भोपाल दिनांक 6.5.2015 की कंडिका 2 व 4 भण्डार क्रय नियम का पालन कर राशि का व्यय किया गया है? यदि हाँ, तो नियमानुसार 5000 से अधिक व्यय किये जाने हेतु सक्षम अधिकारी की स्वीकृति लिये जाने संबंधी प्रमाण प्रस्तुत करें। (ग) क्या आयुक्त लोक शिक्षण भोपाल के पत्र क्रमांक/बजट/2015/46/भोपाल दिनांक 6.5.2015 की कंडिका 2 व 4 भण्डार क्रय नियम का पालन न कर की गई अनियमितता को लेकर अन्य शिक्षण संस्थाओं के प्राचार्य, उपप्राचार्यों के विरूद्ध कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो इस प्रकरण में क्यों नहीं की गई? (घ) क्या शासन शा.उत्कृष्ट उ.मा.वि. सेवढ़ा जिला दतिया म.प्र. के प्राचार्य द्वारा नियमानुसार सामग्री क्रय नहीं किये जाने संबंधी अनियमितता के परिप्रेक्ष्य में कोई कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो क्या और कब तक?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रकरण में जाँच की कार्यवाही प्रचलित है। (ग) प्रकरण में प्राचार्य शा. उत्कृष्ट उमावि सेवढ़ा जिला दतिया को संचालनालय के पत्र क्रमांक/स्था-1/सत/सी/दतिया/2015/102 दिनांक 14/02/2016 द्वारा कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया है। प्रकरण में कार्यवाही प्रचलन में है। (घ) कार्यवाही वर्तमान में प्रचलित है, जाँच पूर्ण होने पर नियमानुसार कार्यवाही की जा सकेगी। समय सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
छात्रावास, आश्रम के भवनों की जानकारी
[आदिम जाति कल्याण]
161. ( क्र. 2006 ) श्री ओमकार सिंह मरकाम : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) डिण्डौरी जिला में प्री मैट्रिक बालक छात्रावास, प्री मैटिक बालिका छात्रावास, पोस्ट मैट्रिक बालक छात्रावास, पोस्ट मैट्रिक बालिका छात्रावास, कन्या आश्रम, बालक आश्रम उत्कृष्ट छात्रावास कुल कितने हैं, इनका संचालन कब प्रारंभ हुआ, स्वीकृत सीट कितनी है छात्रावास एवं छात्रावास व आश्रमों के लिए भवन निर्माण कब किया गया? भवन निर्माण हेतु किस मद से राशि दी गयी? भवन निर्माण किस एजेंसी ने किया भवन निर्माण हेतु कितनी राशि स्वीकृत हुई? कितना व्यय हुआ वर्तमान में भवन की भौतिक स्थिति कैसी है, कितने भवन जर्जर स्थिति में है? जर्जर स्थिति के लिए जिम्मेदार कौन है? जर्जर भवनों की मरम्मत कब तक की जायेगी?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) प्रश्नांश अंतर्गत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ '' एवं ''ब '' अनुसार है। जर्जर स्थिति में एक भी भवन नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कन्या कस्तूरबा आश्रम तथा कन्याछात्रावास के भवनों की जानकारी
[स्कूल शिक्षा]
162. ( क्र. 2007 ) श्री ओमकार सिंह मरकाम : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) डिण्डौरी जिले में कन्या कस्तूरबा आश्रम, कन्या छात्रावास कितने है, किस जगह के संचालित है, कब से संचालित है, स्वीकृत सीट कितनी है? (ख) आश्रम व छात्रावास हेतु भवन कब बनाया गया, किस मद से कितनी राशि दी गयी है, भवन किस एजेंसी ने बनाया, कितनी राशि व्यय की गयी? (ग) भवन में आश्रम कब से संचालित हुआ वर्तमान में भवनों की स्थिति कैसी है कितने भवन जर्जर है? जर्जर भवनों के लिए कौन जिम्मेदार है? (घ) जर्जर भवनों की मरम्मत कब किया जायेगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) से (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) कोई भवन जर्जर नहीं है अत शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अलीराजपुर जिले अंतर्गत पोस्ट मैट्रिक बालक-बालिका छात्रावास
[पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण]
163. ( क्र. 2008 ) श्री नागर सिंह चौहान : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) अलीराजपुर जिले में पोस्ट मैट्रिक सहायक पिछड़ा वर्ग बालक-बालिका छात्रावास में कितनी-कितनी सीट स्वीकृत है? क्या सभी सीट भरी हुई है? (ख) यदि नहीं, तो सीट नहीं भरने का क्या कारण है? (ग) क्या सीट भरने का कोई प्रयास किया गया? यदि हाँ, तो क्या?
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्रीमती ललिता यादव ) : (क) बालक छात्रावास में कुल 100 सीट एवं बालिका छात्रावास में 50 सीट स्वीकृत है। बालक छात्रावास में 49 सीट एवं कन्या छात्रावास में 15 सीट भरी हुई है। (ख) अलीराजपुर आदिवासी बाहुल्य जिला होने एवं पिछडा वर्ग की जनसंख्या कम अनुपात में होने से पिछडा वर्ग के पर्याप्त विद्यार्थी उपलब्ध न होने के कारण छात्रावासों में सीटें रिक्त है। रिक्त सीटों को भरने के निरंतर प्रयास किये जा रहें हैं। (घ) जी हाँ। छात्रावास में प्रवेश हेतु शिक्षण संस्थाओं को पत्र जारी किये गये एवं प्रचार प्रसार हेतु फ्लेक्स एवं पम्पलेट संस्थाओं में चस्पा किये गये। प्रवेश की कार्यवाही जारी है।
अम्बाह विधान सभा अंतर्गत स्वा. केन्द्रों में चिकित्सकों की कमी
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
164. ( क्र. 2009 ) एडवोकेट सत्यप्रकाश सखवार : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अम्बाह विधानसभान्तर्गत अम्बाह एवं पोरसा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में चिकित्सकों के कितने पद स्वीकृत हैं? स्वा. केन्द्रवार जानकारी दी जावे। (ख) क्या स्वीकृत पद के मान से चिकित्सक पदस्थ नहीं किये गये हैं? यदि हाँ, तो किस-किस स्वास्थ्य केन्द्र में कितने-कितने चिकित्सकों के पद रिक्त हैं तथा रिक्त पदों की पूर्ति कब तक कर ली जावेगी?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) चिकित्सा अधिकारियों के शतप्रतिशत पद भरे हैं परंतु प्रदेश में विशेषज्ञों की अत्यधिक कमी के कारण विशेषज्ञों की पदस्थापना नहीं की जा सकी है। स्त्रीरोग एवं अस्थिरोग योग्यता के चिकित्सक पदस्थ हैं, विशेषज्ञ के पद पदोन्नति के माध्यम से ही भरे जाने का प्रावधान है, शेष पदपूर्ति हेतु विभाग निरंतर प्रयास कर रहा है, हाल ही में विभागीय उम्मीदवार के रूप में अध्ययन उपरांत डॉ. प्रमोद शर्मा, चि.अ., डी.सी.एच. की पदस्थापना संचालनालय के आदेश दिनांक 30.09.2016 के द्वारा अम्बाह में की गई है। मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग के माध्यम से 1896 चिकित्सकों की चयन सूची प्राप्त होने पर स्नातकोत्तर चिकित्सकों की उपलब्धता अनुसार पदपूर्ति संबंधी कार्यवाही की जा सकेगी, पदपूर्ति हेतु निश्चित समयावधि बताई जाना संभव नहीं है।
अनियमितताओं की जाँच
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
165. ( क्र. 2010 ) एडवोकेट सत्यप्रकाश सखवार : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पोरसा (जि. मुरैना) सामु. स्वा. केन्द्र पोरसा में विकास कार्य एवं खरीद फरोक्त (क्रय समिति) हेतु कोई समिति बनाई गई है यदि हाँ, तो समिति के समस्त सदस्यों के नाम व पते सहित जानकारी दी जावें? (ख) क्या सामु. स्वा. केन्द्र पोरसा में पदस्थ डॉ. मेवाफरोस द्वारा समिति के सदस्यों से बिना विचार विमर्श एवं सहमति के लाखों रूपयों की खदीद फरोक्त एवं अन्य कार्य करा दिये है, यदि हाँ, तो ऐसा क्यों? दिनांक 1 जनवरी, 2015 से प्रश्न दिनांक तक की जानकारी दी जावें तथा क्या नियम विरूद्ध कराये गये कार्यों की उच्च स्तरीय समिति से जाँच कराई जावेगी?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी हाँ। सामु. स्वा. केन्द्र, पोरसा में विकास कार्य एवं खरीद फरोक्त (क्रय समिति) हेतु माननीय सत्यप्रकाश सखवार, विधायक महोदय द्वारा दिनांक 21.10.2015 को रोगी कल्याण समिति की साधारण सभा की बैठक में समिति बनाई गई है जो कि निम्न प्रकार हैः- 1. श्री मातादीन- विधायक प्रतिनिधि, धनेटा रोड पोरसा। 2. डॉ. छविराम सिंह भदौरिया-भा.जा.पा. चिकित्सा प्रकोष्ठ प्रभारी, वार्ड 5 छविराम भदौरिया बाली गली सब्जी मंडी रोड पोरसा। 3. श्री कमलेश मिश्रा- पत्रकार (नई दुनिया समाचार पत्र) अटेर रोड पोरसा। 4. श्री अजब सिंह सखवार-पूर्व सरपंच बुधारा, पोरसा। 5. अनुविभागीय अधिकारी पी.डब्ल्यू.डी. पोरसा। (ख) सामु.स्वा.केन्द्र पोरसा में पदस्थ डॉ. मेवाफरोश द्वारा माननीय विधायक महोदय की उपस्थिति में रोगी कल्याण समिति की साधारण बैठक दिनांक 21.10.2015 में कराये गये विकास कार्य एवं खरीद फरोक्त के प्रस्ताव समिति के समक्ष पारित किये गये है एवं क्रय समिति की सहमति के पश्चात् विकास कार्य एवं खरीद फरोक्त की गई है। बिना प्रस्ताव पारित किये कोई भी कार्य नहीं किया गया है। अत: जाँच का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। कराये गये कार्यों की जानकारी निम्नानुसार है:- 1. गुरूकृपा ईलै. पोरसा बिल नं0 311/04.06.2015 रू. 24990/- अस्पताल उपयोग हेतु इन्वर्टर मय बैटरी के क्रय किया गया। 2. शर्मा ईलै. पोरसा बिल नं0 14/25.05.2016 रू. 24270/- मई 2015 को पोरसा में आये आंधी तूफान में क्षतिग्रस्त हुये इलेक्ट्रिक सामान की मरमम्त कार्य। 3. गुरूदेव ट्रेडर्स पोरसा में पानी बिल नं0 66/05.06.2015 रू. 600/- अस्पताल पोरसा में पानी की टंकी, जच्चाखाने में पर्दा एवं मच्छर जाली क्रय कर फिंटिक कार्य। 4. मोहित कम्प्यूटर पोरसा बिल नं0 44/30.10.2015 रू. 20480/- अस्पताल पोरसा में एक कम्प्यूटर सैट वेक्सीन कक्ष हेतु क्रय किया गया। 5. मोहित कम्प्यूटर पोरसा बिल नं0 46/30.10.2015 रू. 10500/- अस्पताल पोरसा के वैक्सीन कक्ष, ऑफिस कार्य हेतु प्रिंटर क्रय किये। 6. गुरूदेव ट्रेडर्स पोरसा बिल नं0 71/14.01.2016 रू. 24514/- अस्पताल पोरसा की पुताई एवं पेण्ट कार्य। 7. गुरूदेव ट्रेडर्स पोरसा बिल नं0 73/20.06.2016 रू. 24950/- अस्पताल पोरसा में सीवर एवं पानी के निकास हेतु पी.वी.सी. पाईप द्वारा गटर लाईन तैयार कर बड़े नाले में मिलाने का कार्य। 8. श्री सुरेन्द्र तिवारी ठेकेदार पोरसा द्वारा दिनांक 16.02.2016 को एम.बी. बिल क्र. 1 रू. 93338/- का कार्य जिसमें 16.12.2015 के समाचार पत्र अनुसार अस्पताल में सैड, गार्डन, सी.सी.मैन्टीनेन्स आदि कार्य किया गया। 9. श्री सुरेन्द्र तिवारी ठेकेदार पोरसा द्वारा दिनांक 16.02.2016 को एम.बी. बिल क्र0 2 रू. 91403/- का कार्य जिसमें 16.12.2015 के समाचार पत्र अनुसार अस्पताल में मैन्टीनेन्स एवं सिविल कार्य आदि किया गया। 10. श्री सुरेन्द्र तिवारी ठेकेदार पोरसा द्वारा दिनांक 16.02.2016 को एम.बी. बिल क्र0 3 रू. 247219/- का कार्य जिसमें 16.12.2015 के समाचार पत्र अनुसार अस्पताल में जच्चाखाने के सामने नवीन कार्यालय में केविन निर्माण कार्य एवं अस्पताल पोरसा के मुख्य गेट का निर्माण कार्य एवं पिछले गेट का कार्य किया गया। 11. गुरूदेव ट्रेडर्स पोरसा बिल नं0 77/29.02.2016 रू. 15000/- अस्पताल पोरसा के पिछले गेट पर लोहे का प्रिंटेड बोर्ड एवं दवा वितरण कक्ष में रिपेयरिंग कार्य आदि। 12. गुरूदेव ट्रेडर्स पोरसा बिल नं0 62/21.03.2016 रू. 183625/- अस्पताल पोरसा के बैठक कक्ष हेतु सोफा थ्री सीटर स्टील वाले क्रय किये। 13. शर्मा इलै0 पोरसा बिल नं0 70/20.07.2016 रू. 24879/- अस्पताल पोरसा में कूलर पंखों की बाइन्डिग इत्यादि कार्य। 14. समाचार पत्रों में प्रकाशित विज्ञापनों का भुगतान- रू. 18500/- निराला भारत समाचार पत्र, मध्य पत्रिका समाचार पत्र, समाचार पत्र पत्रिका पोरसा, दैनिक भास्कर समाचार पत्र, हिन्दुस्तान एक्सप्रेय समाचार पत्र, चम्बल एक्सप्रेस समाचार पत्र, श्योपुर एक्सप्रेस समाचार पत्र आदि।
धोबी जाति के संबंध में दी गई जानकारी
[अनुसूचित जाति कल्याण]
166. ( क्र. 2013 ) श्री रामनिवास रावत : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आदिम जाति अनुसंधान एवं विकास संस्थान, भोपाल द्वारा धोबी जाति के संबंध में कराए गए सभी 45 जिलों का अध्ययन प्रतिवेदन के निष्कर्ष एवं उससे संबंधित आवश्यक दस्तावेज, टीप, प्रपत्र तथा जिलावार संक्षेपिका दिनांक 06 जून 2006 को मध्यप्रदेश शासन को प्रेषित किए गए एवं उक्त दस्तावेज संलग्न कर तत्कालीन प्रमुख सचिव के पत्र दिनांक 14.07.2006 तथा तत्कालीन सचिव के पत्र दिनांक 29.04.2008 द्वारा सचिव, भारत सरकार, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय को भेजे गये है? (ख) यदि हाँ, तो पत्र दिनांक 14 जुलाई 2006 के साथ संलग्न आदिम जाति अनुसंधान संस्थान के पत्र दिनांक 06 जून 2006 में तथा संलग्न प्रपत्रों 10, 17 एवं 18 में धोबी जाति के संबंध में क्या-क्या प्रतिवेदित किया गया? अक्षरश: जानकारी दें? (ग) उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के पत्र दिनांक 08.03.2007 द्वारा महारजिस्ट्रार की टिप्पणी के आलोक में प्रस्ताव की पुर्नसमीक्षा एवं उसके औचित्य में अतिरिक्त नृजाति सामग्री/जानकारी उपलब्ध कराई गई? यदि हाँ, तो क्या जानकारी भेजी गई? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) उक्त प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में आदिम जाति अनुसंधान एवं विकास संस्थान के पत्र दिनांक 24.07.2007 के साथ संलग्न टीप के पैराग्राफ 3, 9, 10, के साथ पैराग्राफ 13 में क्या-क्या किस आधार पर प्रतिवेदित किया गया? (ड.) उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में संस्थान के उक्त पत्र दिनांक 06 जून 2006 के बाद 24 जुलाई 2007 तक की अवधि में धोबी समुदाय की प्रदेश के भिन्न-भिन्न क्षेत्रों में सामाजिक स्थिति भिन्न-भिन्न होने के पर्याप्त आधार क्या हैं? क्या कूटरचित टेबिल रिपोर्ट भारत सरकार को भेजी गई है? यदि हाँ, तो असत्य एवं भ्रामक जानकारी भेजने के लिए कौन-कौन दोषी है? (च) उपरोक्त प्रश्नांश के संबंध में क्या दिनांक 05.10.2016 को सचिव, अखिल भारतीय धोबी महासंघ शाखा भोपाल ने सहपत्रों सहित अवर सचिव, म.प्र. शासन को पत्र लिखा था? यदि हाँ, तो पत्र में उल्लेखित बिन्दुओं पर क्या-क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार है (ग) जी नहीं। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के पत्र दिनांक 8.3.2007 द्वारा महारजिस्ट्रार की टिप्पणी के आलोक में आग्रह किया गया है कि राज्य शासन पुनर्विचार कर और अनुशंसा के संदर्भ में तर्क देते हुए प्रस्ताव इस मंत्रालय को भेजा जाये। भेजी गयी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार है। (घ) अध्ययन प्रतिवेदनों में प्राप्त तथ्यों के आधार पर उल्लेख किया गया है कि म.प्र. के भिन्न भिन्न क्षेत्रों में धोबी समुदाय की सामाजिक स्थिति भिन्न भिन्न है। (ड.) अध्ययन प्रतिवेदनों में प्राप्त जानकारी/तथ्यों के आधार पर ही स्थिति स्पष्ट की गयी है। जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (च) जी हाँ। परीक्षणाधीन है।
दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही बाबत्
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
167. ( क्र. 2014 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा, सीधी, सतना जिले में कितने शासकीय अस्पताल एवं प्रायवेट नर्सिंगहोम (निजी अस्पताल) संचालित हैं? क्या प्रायवेट नर्सिंगहोम के संचालन के पूर्व शासन के मापदण्डों का पालन कराते हुए मान्यता (रजिस्ट्रेशन) प्रदान की गयी हैं शासन ने क्या मापदण्ड निर्धारित किये हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के शासकीय अस्पतालों में वर्ष 2012 से प्रश्नांश दिनांक तक में कितनी गर्भवती महिलाओं को प्रसव हेतु भर्ती किया गया? इनमें से कितनी महिलाओं का सामान्य प्रसव द्वारा बच्चे पैदा हुये तथा कितनी महिलाओं के बच्चे ऑपरेशन से पैदा हुए पृथक-पृथक विवरण देवें। सामान्य प्रसव एवं ऑपरेशन से बच्चे पैदा होने का क्या प्रतिशत है? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में शासन द्वारा गर्भवती महिलाओं के सुरक्षित एवं सामान्य प्रसव से संबंधित कौन-कौन सी योजनाएं संचालित की हैं? क्या शासन द्वारा प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व योजना की भी शुरूआत की है, जिस पर गर्भवती माताओं की जानकारी हेतु पोर्टल और ऐप लांच किया गया है, अगर हाँ तो इसका उपयोग कर क्या जानकारी एकत्रित की गई यदि हाँ, तो बतावें। (घ) यदि प्रश्नांश (ग) अनुसार गर्भवती महिलाओं की जानकारी पोर्टल पर उपलब्ध है तो उनको शासन की योजनाओं से लाभान्वित कर सुरक्षित एवं सामान्य प्रसव बाबत् क्या पहल की गई। (ड.) अगर प्रश्नांश (ख) की गर्भवती महिलाओं के सामान्य प्रसव का प्रतिशत कम रहा, ऑपरेशन कर बच्चा पैदा करने का प्रतिशत अधिक है, तो सरकार इसके लिए किन-किन को जवाबदार मानकर कार्यवाही करेगी? प्रायवेट नर्सिंगहोमों में इसका प्रतिशत ज्यादा है, जबकि शासकीय अस्पतालों में कम है, तो क्या इस कारण मरीजों का ऑपरेशन कर बच्चा पैदा करने का उद्देश्य मनमानी राशि वसूलने का नर्सिंगहोमों का है, इसके रोंक पर शासन की क्या योजना होगी? प्रश्नांश (ख) चिकित्सालयों द्वारा शासन की योजनाओं का लाभ गर्भवती महिलाओं को न देकर फर्जी बिल वाउचर पर राशि व्यय की गई, तो इस संबंधितों के विरूद्ध क्या कार्यवाही करेंगे।
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) रीवा जिले में 43 शासकीय अस्पताल 40 प्रायवेट नर्सिंग होम, सीधी जिले में 32 शासकीय अस्पताल 03 प्रायवेट नर्सिंगहोम एवं सतना जिले में 55 शासकीय अस्पताल 20 प्रायवेट नर्सिंगहोम संचालित है। मध्यप्रदेश उपचार्यगृह तथा रूजोउपचार संबंधी स्थापनाऐं (रजिस्ट्रीकरण तथा अनुज्ञापन) अधिनियम 1973, नियम 1997 के तहत निजी संस्थायें पंजीकृत है। मापदण्ड/नियम की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) शासकीय अस्पतालों में 1 अप्रैल 2012 से 31 अक्टूबर 2016 तक जिलेवार प्रसव एवं आपरेशन से हुये प्रसवो की जानकारी निम्नानुसार है-
जिले |
कुल भर्ती (कुल प्रसव) |
सामान्य प्रसव |
सामान्य प्रसव का प्रतिशत |
आपरेशन से प्रसव |
आपरेशन
से |
रीवा |
183608 |
177938 |
97 |
5670 |
3 |
सतना |
145607 |
137050 |
94 |
8557 |
6 |
सीधी |
89500 |
87466 |
98 |
2034 |
2 |
(ग) गर्भवती महिलाओं के सुरक्षित एवं सामान्य प्रसवों से संबंधित निम्न योजनाऐं संचालित है- मातृ स्वास्थ्य कार्यक्रम, जननी सुरक्षा योजना, जननी सुरक्षा कार्यक्रम, प्रसूती सहायता योजना, जननी एक्सप्रेस योजना, दीनदयाल 108 एम्बुलेंस सेवा। जी हाँ। जी हाँ पोर्टल पर गर्भवती महिलाओं की संख्या, क्लीनिकल एवं प्रयोगशाला जाँच की जानकारी एवं हाईरिस्क गर्भवती महिलाओं की जानकारी एकत्रित की गई है। (घ) गर्भवती महिलाओं की चिकित्सक द्वारा क्लीनिकल एवं समस्त उपलब्ध प्रयोगशाला जांचे कर हाईरिस्क गर्भवती महिलाओं का चिन्हांकन किया जा रहा है तथा इन महिलाओं को उचित प्रबंधन कर सुरक्षित प्रसव हेतु ट्रेकिंग की जा रही है। (ड.) जी नहीं, उत्तर (ख) में सामान्य प्रसवों का प्रतिशत अधिक है, अतः कोई जवाबदेह नहीं है। शासकीय अस्पतालो की तुलना में प्रायवेट अस्पतालों में ऑपरेशन से प्रसवों का प्रतिशत अधिक है। नर्सिंग होम एक्ट अनुसार निजी नर्सिंग होम का जिला स्तरीय समिति द्वारा निर्धारित समयावधि में भ्रमण कर निर्धारित मापदण्ड अनुरूप मॉनीटरिंग की जाती है एवं गुणदोष के आधार पर कार्यवाही का प्रावधान है। अनावश्यक ऑपरेशन से प्रसव कराने की शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही बाबत्
[स्कूल शिक्षा]
168. ( क्र. 2015 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले के अन्तर्गत शालाओं में कितने शिक्षक/ अध्यापक श्रेणी-1,2 एवं 3 के पद रिक्त है शालावार एवं विषयवार जानकारी देवें साथ ही बन्द की गई शालाओं की विगत 03 वर्षों की जनपदवार जानकारी देवें (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में बंद विद्यालयों के शिक्षकों को किस-किस विद्यालय में किस विषय के रिक्त पद पर पदस्थ किया गया है, बंद विद्यालयों में पठन-पाठन कर रहे विद्यार्थियों को किन-किन विद्यालयों में प्रवेश दिलाया गया है, अगर बच्चे अप्रवेशी हो गये, पठन-पाठन से वंचित हुए तो उसके लिए कौन जवाबदार है? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार रिक्त पदों में बी.ए.सी., सी.ए.सी. एवं बी.आर.सी. की प्रतिनियुक्ति समाप्त करते हुए किन-किन विद्यालयों में पदस्थ किया गया है, विषयवार बतावें। पदस्थ किये गये बी.ए.सी., सी.ए.सी. एवं बी.आर.सी. को उनके प्रतिनियुक्ति पूर्व जगह पर पदांकित किया गया, इनमें से कितने ऐसे हैं जिनको नयी जगह एवं विद्यालय में पदस्थ किया गया है? अतिथि शिक्षक कितने रिक्त पदों पर किस विषय समूह के कार्यरत हैं, उनकी कार्य अवधि पिछले 03 वर्षों की बतावें। (घ) प्रश्नांश (ग) के संबंध में अगर शासन के जारी निर्देशानुसार बी.ए.सी., सी.ए.सी. एवं बी.आर.सी. की पदस्थापना नहीं की जाकर नवीन जगह एवं विद्यालय में की गई प्रतिनियुक्ति के पूर्व की विद्यालयों में पद रिक्त होने के बाद भी ऐसा नहीं किया गया, तो इसके लिए संबंधितों के विरूद्ध क्या अनुशासनात्मक कार्यवाही की जायेगी? प्रश्नांश (ख) अनुसार अगर बंद विद्यालयों के बच्चे अप्रवेशी हो गये इसके लिए कौन-कौन जवाबदार है, उन पर क्या कार्यवाही प्रस्तावित करेंगे? विद्यालयों में रिक्त पदों की पूर्ति बाबत शासन की क्या योजना है? क्या अतिथि शिक्षकों को इसमें वरियता दी जायेगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) शालावार रिक्त पदों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है एवं शालाओं की युक्तियुक्तकरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार है। (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ग) प्रतिनियुक्ति समाप्ति पश्चात् बी.ए.सी.,सी.ए.सी. एवं बी.आर.सी. की पदस्थापना की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-03 अनुसार है। अतिथि शिक्षकों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-04 अनुसार है। (घ) प्रकरण की जाँच की जा रही है। प्रतिवेदन प्राप्त होने के बाद नियमानुसार कार्यवाही की जा सकेंगी। उत्तरांश ''ख'' अनुसार जानकारी एकत्रित की जा रही है। प्राप्त जानकारी अनुसार कार्यवाही की जा सकेगी। रिक्त पदों की पूर्ति एक सतत प्रक्रिया है। अतिथि शिक्षकों को अतिरिक्त अंकों का अधिभार दिए जाने का प्रावधान है।
माननीय न्यायालय के निर्देशों की अवहेलना
[पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण]
169. ( क्र. 2020 ) श्री आरिफ अकील : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या मध्यप्रदेश वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी द्वारा भ्रष्टाचार कारित हुए कानूनी प्रावधान की अवहेलना कर माननीय उच्च न्यायालय की याचिका क्रमांक 8961/16 में दिये गये आदेश की गलत व्याख्या कर एवं पद का दुरूपयोग करते हुए क्षेत्राधिकार से बाहर जाकर रातोरात लगभ 90 प्रबंध कमेटियों के गठन आदेश जारी किए गए है? (ख) यदि हाँ, तो क्या माननीय उच्च न्यायालय ने याचिका क्रमांक 2348/16 में स्पष्ट किया था कि वक्फ की प्रबंध कमेटियों के गठन का अधिकार मात्र बोर्ड को है? यदि हाँ, तो क्या प्रश्नकर्ता द्वारा दिनांक 19 सितम्बर 2016 को प्रमुख सचिव, आयुक्त पि.वर्ग तथा अल्पसंख्यक कल्याण विभाग मध्यप्रदेश शासन एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी मध्यप्रदेश वक्फ बोर्ड भोपाल को माननीय न्यायालय के आदेश का पालन करने हेतु पत्र प्रेषित किया गया था? (ग) यदि हाँ, तो प्रश्नांश (क) (ख) के परिप्रेक्ष्य में माननीय न्यायालय के आदेश एवं प्रश्नकर्ता के प्रेषित पत्र के आधार पर प्रश्न दिनांक की स्थिति में किस-किसको दोषी माना एवं किन-किनके विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गई यदि नहीं, तो क्यों कारण सहित बतावें कि कब तक कार्यवाही की जावेगी?
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्रीमती ललिता यादव ) : (क) जी नहीं। माननीय उच्च न्यायालय द्वारा याचिका क्रमांक 8961/16 में दिये गये आदेश दिनांक 03.08.2016 के पालन में 91 कमेटियों का गठन किया गया है। (ख) जी नहीं। इस संबंध में माननीय उच्च न्यायालय के आदेश 2348/16 की छायाप्रति संलग्न परिशिष्ट पर है। (ग) प्रश्न (क) एवं (ख) भाग के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आरोपियों के विरूद्ध एफ.आई.आर. दर्ज की जाना
[पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण]
170. ( क्र. 2021 ) श्री आरिफ अकील : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या पिछड़ा वर्ग तथा अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के पत्र क्रमांक 10-3/2014/54-2 भोपाल दिनांक 29 जनवरी 2015 को वक्फ बोर्ड में गंभीर अनियमितताओं के चलते भादवि की धारा 420, 467 एवं 468 के तहत एफआईआर. दर्ज करने के लिखित आदेश जारी किए थे? (ख) यदि हाँ, तो क्या शासनादेश के तारतम्य में विधानसभा की प्रश्न एवं संदर्भ समिति के प्रतिवेदन की अनुशंसा के परिप्रेक्ष्य में आफाक अहमद तत्कालीन ए.एस.ओ.डी., के विरूद्ध एफ.आई.आर. दर्ज करने हेतु मुख्यकार्यपालन अधिकारी मध्यप्रदेश वक्फ बोर्ड द्वारा दिनांक 27.11.2015 को थाना प्रभारी थाना शाहजहॉनाबाद भोपाल को पत्र लिखा था? यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक की स्थिति में एफ.आई.आर. दर्ज नहीं करने के क्या कारण है तथा कब तक कार्यवाही की जावेगी? (ग) क्या श्री अशोक शाह प्रमुख सचिव अल्पसंख्यक कल्याण विभाग को प्रश्नकर्ता द्वारा दिनांक 09 सितम्बर 2016 को प्रश्नांश (क) (ख) के अनुसार कार्यवाही नहीं होने के क्या कारण है तथा कौन-कौन दोषी है और किन-किनने न्यायालय से स्थगन प्राप्त किया है? स्थगन आदेश की प्रति उपलब्ध कराने हेतु पत्र प्रेषित किया गया था? (घ) यदि हाँ, तो स्थगन आदेश की प्रतियां कब तक उपलब्ध कराई जावेगी और प्रश्नांश (क) (ख) के अंतर्गत दोषियों के विरूद्ध कब तक एफ.आई.आर. दर्ज कराई जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों।
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्रीमती ललिता यादव ) : (क) जी हाँ। (ख) से (घ) जी हाँ। प्रकरण में मान. उच्च न्यायालय का स्थगन है। स्थगन आदेश 12968/15 की प्रति संलग्न परिशिष्ट पर है। प्रकरण में मान. न्यायालय निर्णय उपरांत गुण-दोष के आधार पर कार्यवाही की जावेगी।
सामुदायिक एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में चिकित्सक के रिक्त पद
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
171. ( क्र. 2024 ) श्री उमंग सिंघार : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विगत कई वर्षों से धार जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र गंधवानी, बाग में एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र जीराबाद, बिल्दा, पानवा, बलेड़ी एवं टाण्डा में कितने चिकित्सकों के पद स्वीकृत है एवं वर्तमान में कितने-कितने चिकित्सक पदस्थ है? स्त्री रोग विशेषज्ञ, शीशु रोग विशेषज्ञ, एमपीडब्ल्यू, नर्स के रिक्त पदों की पूर्ति कब तक की जावेगी? (ख) प्रश्नांकित (क) अनुसार सामुदायिक एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर चिकित्सक एवं अन्य पद रिक्त है तो क्या कारण है तथा विभिन्न रिक्त पदों पर नियुक्ति क्यों नहीं हो पाई एवं रिक्त पदों को कब तक भरा जावेगा? (ग) प्रश्नांकित (क) अनुसार क्या सामुदायिक एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों की पद पूर्ति हेतु पिछले 05 वर्षों में कोई विज्ञप्ति प्रकाशित की गई है? अगर की गई है एवं विज्ञप्ति अनुसार पद की पूर्ति की गई थी, तो अब किस कारण से पद रिक्त है एवं रिक्त पदों पर कब तक पूर्ति कर दी जावेगी?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। पदपूर्ति की कार्यवाही निरंतर जारी है, निश्चित समयावधि बताई जाना संभव नहीं है। (ख) जी नहीं, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, गंधवानी एवं बाग तथा प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, पनवा में चिकित्सकों की पद स्वीकृति अनुसार 02 नियमित व एक संविदा चिकित्सा अधिकारी कार्यरत हैं, गंधवानी एवं बाग में विशेषज्ञों के पद रिक्त हैं। प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, जीराबाद, बिल्दा, बलेडी एवं टाण्डा में चिकित्सक का पद रिक्त है, रिक्त पद की पूर्ति हेतु कार्यवाही निरंतर जारी है परंतु प्रदेश में विशेषज्ञ/चिकित्सकों/स्टॉफ नर्स की कमी के कारण सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र/प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र स्तर की संस्थाओं शतप्रतिशत रिक्त पदों की पूर्ति नहीं की जा सकी है। पदपूर्ति हेतु निश्चित समयावधि बताई जाना संभव नहीं है। (ग) रिक्त पदों की पूर्ति हेतु विज्ञप्ति चिन्हित संस्था हेतु नहीं अपितु विभाग में पद रिक्तता की संख्या अनुसार की जाती है। प्रदेश में विशेषज्ञ/चिकित्सकों की अत्यधिक कमी के कारण शतप्रतिशत पदपूर्ति में कठिनाई हो रही है, विशेषज्ञ के पद पदोन्नति के माध्यम से ही भरे जाने का प्रावधान है एवं विशेषज्ञों के कुल स्वीकृत 3266 पदों के विरूद्ध मात्र 1108 विशेषज्ञ उपलब्ध हैं। चिकित्सकों की पदपूर्ति हेतु विभाग निरंतर मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग के माध्यम से प्रयास कर रहा है वर्ष 2012 में 1416 वर्ष 2014 में 1271 रिक्त पदों हेतु विज्ञापन जारी किए गए थे एवं वर्ष 2015 में चयन सूची में से 30 नव नियुक्त चिकित्सकों की पदस्थापना धार जिले अंतर्गत विभिन्न संस्थाओं में की गई थी, उक्त में से 01 चिकित्सक सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, गंधवानी में कार्यरत हैं। पुनः मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग के माध्यम से 1896 चिकित्सकों की भर्ती हेतु माह जून 2015 में विज्ञापन जारी किया गया है परंतु चयन प्रक्रिया पूर्ण न होने के कारण, चयन सूची अप्राप्त है। चयन सूची में उपलब्धता अनुसार चिकित्सकों की पदस्थापना विभिन्न संस्थाओं में की जाती है। इसके अतिरिक्त पैरामेडिकल संवर्ग की पदपूर्ति हेतु प्रोफेशनल एक्जामिनेशन बोर्ड, को 910 पदों की पूर्ति हेतु मांगपत्र प्रेषित किया गया है। स्टॉफ नर्स की पदपूर्ति हेतु कार्यवाही निरंतर जारी है।
वेतन नियम 1998 में प्रशिक्षित लेखापाल/गणक को वेतनमान
[स्कूल शिक्षा]
172. ( क्र. 2028 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) स्कूल शिक्षा विभाग अंतर्गत विदिशा जिले में कार्यालयों एवं स्कूलों में ऐसे कितने लेखा प्रशिक्षित लेखापाल/गणक/जूनि.ऑडिटर कार्यरत है, जिन्हें वर्तमान में 2400 ग्रेड वेतन दिया जा रहा है? संख्यात्मक जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) क्या म.प्र. पुनरीक्षित नियम 1990 लागू होने के पश्चात् के आदेश अर्थात म.प्र. वित्त विभाग के आदेश क्रमांक 383/109/97/सी/चार, दिनांक 6.3.97 से प्रश्नांश (क) में उल्लेखित गणक/लेखापाल के लिए पृथक से वेतनमान (1200-1320 अप्रशिक्षित के लिए, दो-1320-2040 प्रशिक्षित के लिए) देने की शर्त लगाई गई थी? (ग) यदि हाँ, है तो क्या यह भी सही है कि प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित विद्यमान वेतनमान के संदर्भ में लगाई गई शर्त म.प्र. पुनरीक्षित 1988 के नियम-12 के अनुसार पुनरीक्षित वेतनमान नियम 1998 में प्रश्नांश (क) में उल्लेखित प्रशिक्षित गणक/लेखापाल पर शर्त वर्तमान में यथावत लागू की जा रही है या नहीं? यदि हाँ, तो बतावें। नहीं तो क्या पुनरीक्षित 1998 के उपनियम-12 का विश्लेषण सही तरीके से नहीं किया जा रहा है? (घ) यदि नहीं, है तो उक्त विसंगति के लिए विभाग द्वारा अभी तक क्या-क्या कार्यवाही की गई है। यदि नहीं, की गयी तो विसंगति दुर करने के लिए क्या विभागीय समिति का गठन कर प्रस्ताव वित्त विभाग को प्रस्तुत करेगी? समय-सीमा बतावें।
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) विदिशा जिला अंतर्गत 11 लेखा प्रशिक्षित लेखापाल/गणक/जूनियर ऑडिटर को 2400 का ग्रेड वेतन दिया जा रहा है। (ख) जी नहीं। प्रश्नाधीन ज्ञापन के प्रावधान प्रश्नांश 'क' में उल्लेखित संवर्गो पर लागू नहीं है। (ग) प्रश्नांश 'ख' में दिये गये उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) उपरोक्त के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
स्कूली शिक्षा में धार्मिक शिक्षाओं को शामिल किया जाना
[स्कूल शिक्षा]
173. ( क्र. 2032 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या स्कूली शिक्षा के पाठ्यक्रमों में बदलाव करते हुए धार्मिक शिक्षकों को शामिल किया जा रहा है? (ख) यदि हाँ, तो किन-किन धर्मों की शिक्षाओं को शामिल किया जा रहा है?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी नहीं। (ख) शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
संविदा शिक्षकों के संविलियन में हो रहे विलम्ब के कारण
[स्कूल शिक्षा]
174. ( क्र. 2036 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मुरैना जिले के विकासखण्ड पहाड़गढ़ एवं सबलगढ़ में संविदा शिक्षकों का संविलियन नहीं किया गया है यदि नहीं, तो क्यों? (ख) संविलियन नहीं होने से पहाड़गढ़, सबलगढ़ विकासखण्डों नवम्बर 2016 तक कितने संविदा शिक्षक प्रभावित हुए हैं? उनकी संख्या वर्गवार कितनी-कितनी है? इसके लिये कौन-कौन अधिकारी कर्मचारी दोषी है? उनके खिलाफ क्या कार्यवाही की जावेगी? (ग) क्या उक्त शिक्षकों का अक्टूबर, नवम्बर 2016 का पूर्ण निर्धारित वेतन नहीं लगाने से अध्यापकों की वेतन राशि व अंशदायी पेंशन में अधिक आर्थिक हानि हो रही है? इस समस्या का समाधान कब तक किया जावेगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) नवम्बर 2016 की स्थिति में मुरैना जिले के विकास खण्ड पहाड़गढ़ एवं सबलगढ़ के अन्तर्गत संविदा शिक्षकों का संविलियन नहीं, अपितु जिन संविदा शाला शिक्षक श्रेणी-1, 2 एवं 3 के द्वारा 03 वर्ष की सेवा पूर्ण कर ली गई है तथा छानबीन समिति द्वारा उपयुक्त पाये गये है, उनको अध्यापक संवर्ग में क्रमश: वरिष्ठ अध्यापक, अध्यापक एवं सहायक अध्यापक नियुक्त करने के आदेश जारी किये गये है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) एवं (ग) प्रश्नांश (क) उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
बैतूल जिले में विभाग द्वारा डेस्क/बेंच खरीदी संबंध में
[आदिम जाति कल्याण]
175. ( क्र. 2041 ) श्री हेमन्त विजय खण्डेलवाल : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बैतूल जिले में वर्ष 2014-15, 2015-16 एवं 2016-17 में प्रश्न दिनांक तक विभाग द्वारा शालाओं के लिये डेस्क/बेंच की खरीदी की गई है? (ख) यदि हाँ, तो वर्षवार कितनी-कितनी डेस्क/बेंच कहाँ-कहाँ से किस-किस दर पर क्रय की गई है वर्षवार जानकारी देवें? (ग) क्या समस्त क्रय की गई डेस्क/बेंच को संबंधित शाला में पहुंचा दिया गया है? यदि हाँ, तो किस-किस शाला में कितनी-कितनी डेस्क/बेंच कब-कब भेजी गई तथा शाला की दर्ज संख्या क्या है, की जानकारी देवें? प्रत्येक शाला में ये डेस्क/बेंच किसके द्वारा प्राप्त की गई? (घ) क्या उक्त शालाओं में पूर्व से डेस्क बेंच उपलब्ध नहीं थे? यदि उपलब्ध थे तो किस-किस शाला में कितनी-कितनी डेस्क/बेंच उपलब्ध थी तथा अब कहाँ है तथा इनका क्या किया गया?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) म.प्र.लघु उद्योग निगम भोपाल के माध्यम से क्रय की गई। डेस्क/बेंच की मात्रा एवं दर का वर्षवार विवरण निम्नानुसार हैः-
वर्ष |
सामग्री का नाम |
संख्या |
दर प्रति नग |
2014-15 |
डेस्क |
2170 |
1149/- |
2015-16 |
डेस्क |
6035 |
1241/- |
2016-17 |
क्रय की कार्यवाही जारी। |
(ग) जी हाँ। संलग्न परिशिष्ट अनुसार। प्रत्येक शाला में ये डेस्क/बेंच संस्था प्रमुख द्वारा प्राप्त की गई। (घ) नवीन संस्थाओं में डेस्क बेंच उपलब्ध नहीं थे एवं पूर्व से संचालित संस्थाओं में डेस्क बेंच उपलब्ध थे परन्तु पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध न होने से संस्था प्रमुखों की मांग अनुसार वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में आवश्यकता अनुसार डेस्क बेंच उपलब्ध कराये गये हैं। विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार। उपलब्ध कराये गये डेस्क बेंच का उपयोग संबंधित संस्थाओं में विद्यार्थियों के द्वारा किया जा रहा है।
बैतूल जिले संबंधित
[आदिम जाति कल्याण]
176. ( क्र. 2042 ) श्री हेमन्त विजय खण्डेलवाल : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या हाईस्कूल एवं हायर सेकेण्डरी की कक्षाओं में आर्ट, कृषि एवं विज्ञान विषयों से संबंधित पुस्तकें माध्यमिक शिक्षा मण्डल द्वारा उपलब्ध कराई जाती है? (ख) यदि नहीं, तो इनसे संबंधित विद्यार्थियों को पुस्तकों का वितरण कैसे किया जाता है? (ग) यदि पुस्तकों का वितरण क्रय कर किया जाता है तो विगत 03 वर्षों में बैतूल जिले में किस-किस शाला में कितनी-कितनी पुस्तकें क्रय की गई? (घ) क्या क्रय की गई सभी पुस्तकों का भुगतान हो चुका है? यदि नहीं, तो क्यों? कहाँ-कहाँ का भुगतान कब से शेष है?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जी नहीं। (ख) पुस्तकें आयुक्त लोक शिक्षण द्वारा उपलब्ध कराए गए आवंटन से संस्था प्रमुख द्वारा क्रय की जाकर विद्यार्थियों को वितरित की जाती हैं। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जी हाँ। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
इंदौर के चिमनबाग आदिवासी छात्रावास की अव्यवस्थाओं पर कार्यवाही संबंध में
[आदिम जाति कल्याण]
177. ( क्र. 2045 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इंदौर के चिमनबाग स्थित आदिवासी छात्रावास के स्टोर के गेहूँ में कीड़े एवं छिपकली पाये जाने पर एस.डी.एम. श्री राजकुमार हलदर और अनिल बनवारिया ने कलेक्टर इंदौर को जो रिपोर्ट सौंपी हैं उसकी छायाप्रति देवें। (ख) इस रिपोर्ट पर अभी तक की गई कार्यवाही की जानकारी देवें। यदि नहीं, की गई है तो कारण बतावें। (ग) कोच की शिकायत मिलने पर कोच पर प्रश्न दिनांक तक कार्यवाही क्यों नहीं की गई? उत्कृष्ट खेल प्रतिभा आधार पर चयनित छात्रों को ऐसे कोच क्यों उपलब्ध कराए गए? (घ) 98 छात्रों के रहने के लिए कितने पलंग, गद्ददे, कंबल, रजाई हैं बतावें। इनकी कमी कब तक दूर कर दी जायेगी? छात्रों की परेशानी के लिए दोषी छात्रावास प्रभारी व कोच पर कब तक कार्यवाही की जावेगी?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) कलेक्टर, इन्दौर द्वारा श्री शरद चन्द्र शास्त्री, कोच एवं श्री राजेन्द्र मसातकर, अधीक्षक को कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया है। अधीक्षक को तत्काल प्रभाव से स्थानान्तरित किया गया है। (ग) कलेक्टर, इन्दौर द्वारा श्री शरद चन्द्र शास्त्री, कोच को कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया है। स्वीकृत पद के विरूद्ध उपलब्ध कोच से पदस्थापना की गई। (घ) पलंग -100, गद्दे-100, कम्बल-100, रजाई-100 छात्रावास में स्वीकृत सीट के मान से उपलब्ध है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। उत्तरांश (ख) उत्तरांश ''ख '' अनुसार कार्यवाही की गई है।
आर.टी.ई. में प्रवेश
[स्कूल शिक्षा]
178. ( क्र. 2046 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार जिले में वर्ष 2014-15, 2015-16 एवं 2016-17 में आर.टी.ई. के तहत कितने आवेदन ऑनलाईन तथा ऑफलाईन प्राप्त हुए वर्षवार जानकारी देवें? ऑफलाईन आवेदनों की संख्या संकुलवार वर्षवार बतावें। (ख) धार जिले में कुल कितनी सीटे निर्धारित की इनमें कितनी सीटें किन स्कूलों में भरी गई? स्कूल नाम, सीट संख्या सहित जानकारी प्रश्नांश (क) अवधि अनुसार देवें? (ग) इन स्कूलों को आर.टी.ई. में प्रवेश के लिए कितनी राशि का भुगतान किया गया? कितना शेष है की जानकारी स्कूलवार वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 के संदर्भ में देवें? (घ) 2015-16 एवं 2016-17 के प्रवेशी छात्रों की सूची चाइल्ड आई.डी. नंबर के साथ देवें?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में धार जिलें में शिक्षा का अधिकार अधिनियम के अन्तर्गत गैर अनुदान प्राप्त अशासकीय विद्यालयों में नि:शुल्क प्रवेश हेतु प्राप्त आवेदनों की जानकारी संकलित की जा रही है। वर्ष 2016-17 में ऑनलाइन लॉटरी के माध्यम से नि:शुल्क प्रवेश हेतु 7574 ऑनलाइन आवेदन प्राप्त हुये तथा ऑफलाइन आवेदनों की संख्या निरंक रही। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्टके प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ग) वर्ष 2014-15 में 685 स्कूलों में से 596 अशासकीय विद्यालयों में अध्यनरत बच्चों की फीस प्रतिपूर्ति हेतु 5 करोड़ 79 लाख 4 हजार 626 रूपयें जारी किये गये है तथा शेष 89 स्कूलों के लिए 70 लाख 45 हजार 814 रूपयें के भुगतान की स्वीकृति हो चुकी है और भुगतान की कार्यवाही प्रचलन में है। स्कूलवार फीस प्रतिपूर्ति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्टके प्रपत्र-'ब' अनुसार हैं। वर्ष 2015-16 के लिये फीस प्रतिपूर्ति की कार्यवाही प्रचलन में है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्टके प्रपत्र-'स' अनुसार हैं।
स्कूलों की मान्यता में फर्जीवाड़े के संबंध में
[स्कूल शिक्षा]
179. ( क्र. 2049 ) श्री बाला बच्चन : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या स्कूलों की मान्यता बढ़ाने के लिये विभाग के अवर सचिव श्री सी.बी. सिंह की 28 सितंबर, 2015 की नोटशीट में 12 सितम्बर 2004 के अस्तित्वहीन राजपत्र का उल्लेख किया गया है? इस नोटशीट की छायाप्रति देवें? यदि दिनांक 12 सितम्बर, 2004 का राजपत्र है, तो उसकी छायाप्रति भी देवें? (ख) इस आदेश के तहत प्रदेश में कितने स्कूलों को मान्यता दी गई या मान्यता बढ़ाई गई पृथक-पृथक सूची उनके संचालकों, ट्रस्टों समितियों के नाम, मान्यता दिनांक सहित उपलब्ध करावें? (ग) क्या कारण है कि शैक्षणिक सत्र, प्रारंभ होने के कई महीने बाद में मान्यता दी जाती रही? प्रश्नांश (क) अनुसार नोटशीट के विभागीय मंत्री के अनुमोदन तक की समस्त टीप, नोटशीट, पत्रों का विवरण देवें? इसके आदेश की छायाप्रति भी देवें? (घ) ऐसा फर्जीवाड़ा करने वाले दोषी अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा? इसका अनुमोदन करने वाले टीप लिखने वाले, नोटशीट, पत्र लिखने वाले समस्त अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) 12 दिसंबर 2004 के स्थान पर त्रुटीवश 12 सितंबर 2004 लेख हो गया है। नोटशीट की छायाप्रति एवं वास्तविक राजपत्र 12 दिसंबर 2004 जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''एक '' अनुसार है। (ख) प्रश्नांश ''क '' में उल्लेखित नोटशीट/राजपत्र के आधार पर मान्यता नहीं दी गई/एवं न ही मान्यता बढाई गई। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) मान्यता नियमानुसार मध्यप्रदेश माध्यमिक एवं उच्चत्तर माध्यमिक विद्यालय मान्यता नियम 2015 के अनुसार दी गई जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''एक '' एवं ''दो'' अनुसार है। (घ) उत्तरांश ''क'' ''ख'' एवं ''ग'' के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अतिथि शिक्षकों द्वारा अन्य विषयों का अध्यापन कराने संबंधी
[स्कूल शिक्षा]
180. ( क्र. 2052 ) श्री
बहादुर सिंह
चौहान : क्या
स्कूल शिक्षा
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) प्रदेश
के माध्यमिक
विद्यालयों
में विज्ञान
एवं अंग्रेजी विषय
का अध्यापन
कार्य क्या
विषय विशेष
अतिथि
शिक्षकों
द्वारा ही कराने
का आदेश शासन
ने दिया है? यदि हाँ, तो इस
आदेश की
छायाप्रति
देवें। (ख) जिन
स्थानों पर
विज्ञान एवं
अंग्रेजी के
अतिथि शिक्षक
उपलब्ध नहीं
है उन स्थानों
पर अन्य विषय
के शिक्षकों
द्वारा उक्त
विषयों का अध्यापन
कार्य कराने
का शासन कब तक
आदेश जारी करेगा? जिससे कि
उक्त विषयों
की पढ़ाई
सुचारू रूप से
जारी रहे। (ग) यदि
आदेश जारी
नहीं किया
जाएगा तो उक्त
विषयों का अध्यापन
कैसे होगा? क्या शेष
शैक्षणिक
सत्र में
विद्यार्थी
बिना शिक्षक
के रहेंगे? (घ) उज्जैन
जिले के माध्यमिक
स्कूलों की
सूची उपरोक्त
संदर्भ में
विज्ञान एवं
अंग्रेजी के
अतिथि शिक्षकों
के संदर्भ में
विधानसभावार
देवें।
स्कूल
शिक्षा
मंत्री (
कुँवर विजय
शाह ) : (क) एवं
(ख) जी नहीं, अपितु
नियमित
शिक्षकों के
पद रिक्त रहने, प्रशिक्षण
पर रहने,
अवकाश
पर रहने की
दशा में
तत्कालीक रूप
से अध्यापन
कार्य सुचारू
रूप से जारी
रखने हेतु अतिथि
शिक्षकों की व्यवस्था
हेतु आदेश
जारी किये गये
है। निर्देशों
की प्रति पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-एक
अनुसार है। (ग)
प्राचार्यों
द्वारा
सामान्यतः
अन्य विषय के
उपलब्ध शिक्षकों
से जो इस विषय
का ज्ञान रखते
हैं, स्कूलों
में शिक्षण की
व्यवस्था की
जाती है। शेषांश
का प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (घ) बिना
अतिथि
शिक्षकों
वाले शालाओं
की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-दो
अनुसार है।
उज्जैन जिले में दवा खरीदी के संदर्भ में
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
181. ( क्र. 2053 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले में दिनांक 01.03.2015 से 30.10.2016 तक कितनी दवाएं, सर्जिकल आयटम्स, परदे व अन्य सामग्री किन-किन फर्मों से किस-किस दर पर खरीदी गई की जानकारी माहवार सामग्री, नाम, दर, फर्मनाम सहित बतावें? (ख) उपरोक्त फर्मों द्वारा प्रस्तुत बिल एवं भुगतान रसीद का विवरण भी देवें। स्थानीय खरीदी कितने प्रतिशत निर्धारित हैं बतावें। (ग) उपरोक्त (क) अनुसार समयावधि में स्थानीय खरीदी कितने प्रतिशत की गई की जानकारी भी सामग्री नाम, दर, फर्म द्वारा प्रस्तुत बिल एवं भुगतान रसीद के विवरण सहित देवें। (घ) तय सीमा से अधिक स्थानीय खरीदी करने वाले अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) उज्जैन जिलें में दिनांक 01.03.2015 से 30.10.2016 तक खरीदी गई दवाएं, सर्जिकल आयटम्स परदे व अन्य सामग्री, की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार है। (ख) मूल प्रश्नांश “क“ में संलग्न है तथा जिला कोषालय द्वारा ई पेरेन्ट किया जाता है। स्थानीय खरीदी में औषधी एवं सामग्री का 20 प्रतिशत निर्धारित है। (ग) उपरोक्त (क) अनुसार समयावधि में उज्जैन जिलें में स्थानीय खरीदी निर्धारित 20 प्रतिशत के अनुसार ही की गई है। खरीदी की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार है। दवाएं सर्जिकल आयटम्स, परदे व अन्य सामग्री की जानकारी बिल एवं भुगतान रसीद जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘स’ पर तथा जिला कोषालय द्वारा फर्मों का ई पेमेन्ट किया जाता है (घ) प्रश्न ही उपस्थिति नहीं होता है।
बड़वानी जिले में बजट आवंटित राशि का लेप्स होना
[आदिम जाति कल्याण]
182. ( क्र. 2056 ) श्री रमेश पटेल : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बड़वानी जिले में विभाग द्वारा संचालित योजनाओं के क्रियान्वयन हेतु समय-समय पर जिले को बजट जारी किया जाता रहा है? (ख) क्या प्राप्त आवंटन राशि का उपयोग न करने से प्रत्येक तिमाही एवं प्रत्येक वित्तीय वर्ष में राशि लेप्स हो जाती है? (ग) विगत दिनांक 01.04.2014 से 30.10.2016 तक बड़वानी जिले में विभाग को कितनी राशि आवंटित की गई? विभाग ने वर्ष 2014-15, 2015-16 की तिमाही एवं वित्तीय वर्ष में कितनी राशि सरेंडर की वर्ष 2016-17 की प्रत्येक तिमाही की सरेंडर राशि की जानकारी भी देवें? (घ) राशि लेप्स होने सरेंडर करके समय पर उपयोग न करने वाले अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) राशि का तत्-समय उपयोग न होने की स्थिति में राशि समर्पित किये जाने का प्रावधान है। समर्पण न होने पर राशि लेप्स होती है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक तथा 'अ' अनुसार है। (घ) राशि लेप्स नहीं हुई है वरन् समर्पित की गई है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विभाग द्वारा संचालित आश्रमों/छात्रावासों के पदों के संबंध में
[आदिम जाति कल्याण]
183. ( क्र. 2057 ) श्री रमेश पटेल : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग द्वारा संचालित छात्रावासों/आश्रमों में कलेक्टर दर पर रसोइया, वाटरमेन एवं चौकीदार के पद स्वीकृत किए गए है? (ख) यदि हाँ, तो क्या इन पदों पर भर्ती प्रक्रिया का पालन करते हुए बड़वानी जिले में पद भरे गए हैं? यदि हाँ, तो कितने पद भरे गए है? (ग) क्या बड़वानी जिले के छात्रावास/आश्रमों में कलेक्टर दर के पदों पर अंशकालीन कर्मचारी रखे जाकर कलेक्टर दर से भुगतान किया जा रहा है? (घ) यदि हाँ, तो भुगतान शासन के किन नियमों/निर्देशों के अंतर्गत किया जा रहा है? यदि नियमों का उल्लघंन कर भुगतान किया जा रहा है तो ऐसे कृत्य करने वाले अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार। (ग) जी हाँ। (घ) संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार मध्यप्रदेश शासन वित्त विभाग का ज्ञाप दिनांक 27/03/2015 अनुसार भुगतान किया जा रहा है। नियमों का उल्लंघन नहीं किया गया। अत: शेष उपस्थित नहीं होता।
सिविल अस्पताल अमरवाड़ा डॉक्टरों के स्वीकृत पद
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
184. ( क्र. 2058 ) श्री कमलेश शाह : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिविल अस्पताल अमरवाड़ा में डाक्टरों के कितने पद स्वीकृत हैं, कितने रिक्त हैं सूची देवें? (ख) क्या उपस्वास्थ्य केन्द्रों में पदस्थ डॉक्टरों का अटैचमेंट सिविल अस्पताल अमरवाड़ा में किया गया है यदि हाँ,तो आदेश की छायाप्रति देवें (वर्तमान में कार्यरत)? (ग) जो डॉक्टर सिविल अस्पताल में पदस्थ (अटैच) हैं तो वे अमरवाड़ा मुख्यालय में निवास करते हैं या नहीं की जानकारी दी जाए? (घ) निवास नहीं करने की अवस्था में शासन इन पर क्या कार्यवाही करेगा?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ '' अनुसार है। (ख) जी नहीं, उप स्वास्थ्य केन्द्र में चिकित्सा अधिकारी के पद स्वीकृत नहीं होते है परंतु प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र बड़ेगॉव की एक चिकित्सक डॉ. श्वेता पाठक, डी.जी.ओ. एवं डॉ. संजय जैन, चि. अ., निश्चेतना योग्यता, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पिण्डरईकलां को, जिला कलेक्टर द्वारा सिविल अस्पताल अमरवाड़ा सीमॉक संस्था में सीजेरियन किए जाने हेतु स्थानीय स्तर पर आदेशित किया गया है। आदेश प्रति संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब '' अनुसार है। (ग) सिविल अस्पताल अमरवाड़ा में पदस्थ समस्त चिकित्सक मुख्यालय में निवास करते हैं तथा डॉ. श्वेता पाठक, डी.जी.ओ. मुख्यालय में निवास करती है तथा डॉ. जैन आन कॉल ड्युटी सि. अ. अमरवाड़ा में दे रहे थे, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के आदेश क्रमांक स्था/राज/ 2013/12673 दिनांक 25.11.2016 के द्वारा इन्हें सि. अ. अमरवाड़ा में मुख्यालय बनाकर रहने के निर्देश जारी किए गए हैं। आदेश प्रति संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''स '' अनुसार है। (घ) उत्तरांश ''ग '' अनुसार कार्यवाही की जा चुकी है, मुख्यालय में निवास न करने वाले चिकित्सकों के संबंध में विभागीय आदेश क्रमांक एफ 12/10/13/सत्रह/मेडि-1 दिनांक 23.07.2013 में निहित प्रावधान अनुसार कार्यवाही की जावेगी।
विद्यालयों में स्वीकृत विभिन्न निर्माण कार्य
[स्कूल शिक्षा]
185. ( क्र. 2059 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मैहर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत प्राथमिक, माध्यमिक, उच्चतर व उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में वर्ष 2005 से प्रश्न दिनांक तक किस-किस मद से स्कूल भवन, अतिरिक्त कक्ष, शौचालय, किचिन शेड व अन्य प्रकार के निर्माण कार्य कहाँ-कहाँ स्वीकृत किये गये? स्वीकृत कार्यों की मदवार जानकारी, स्वीकृत राशि, स्थल, पूर्णता हेतु निश्चित तिथि तथा निर्माण एजेंसी की जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) वर्णित स्वीकृत कार्यों में से कौन-कौन से कार्य प्रश्न दिनांक तक पूर्ण नहीं कराये जा सके हैं? कार्यवार कारण बतावें। इनमें से किन-किन अपूर्ण कार्यों की पूर्ण राशि निर्माण एजेंसियों द्वारा प्राप्त कर ली गई है? क्यों? कार्य पूर्ण न होने के लिए कौन उत्तरदायी है? कौन-कौन से कार्य भुगतान न होने के कारण अपूर्ण है? इस हेतु अब तक क्या कार्यवाही की गई है? (ग) क्या विभाग द्वारा कोई विशेष तकनीकी दल गठित कर प्रश्नांश (क) वर्णित निर्माण कार्यों का भौतिक सत्यापन कराया जावेगा? नहीं तो क्यों? यदि हाँ, तो कब तक?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) प्राथमिक/माध्यमिक शालाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार एवं हाईस्कूल/हायर सेकेण्डरी स्कूलों की जानकारी परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) प्राथमिक/माध्यमिक विद्यालयों के निर्माण कार्यों का भौतिक सत्यापन समय समय पर अधिकारियों द्वारा किया जाता हैं। शेष निर्माण कार्यों की गुणवत्ता निर्धारण एवं सत्यापन का उत्तरदायित्व निर्माण एजेंसी का होता है, विशेष तकनीकी दल के गठन का औचित्य नहीं है।
आशा कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
186. ( क्र. 2061 ) श्री हर्ष यादव : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आशा कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित करने हेतु शासन- केन्द्र सरकार की क्या योजना है वर्ष 2016 में रायसेन जिले में आशा कार्यकर्ताओं को कब-कब प्रशिक्षण दिया गया अथवा दिया जाना है? कुल कितनी आशा कार्यकर्ताओं के प्रशिक्षण पर कितनी राशि व्यय हुई अथवा की जानी है? (ख) आशा कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण देने हेतु जिले में संस्था का चयन कब, किस आधार पर किन नियम-नीति निर्देशों, मापदण्डों के आधार पर किनके द्वारा किया गया? किन-किन संस्थाओं ने इस कार्य हेतु प्रस्ताव दिये? चयनित संस्था के चयन का आधार क्या रहा? संस्था द्वारा दिये गये प्रस्ताव व पूर्व अनुभवों का विवरण दें। चयनित संस्था के संचालकगणों व संरक्षकों का नाम, पता बतावें। (ग) चयनित संस्था के आशा कार्यकर्ताओं के प्रशिक्षण हेतु कितनी राशि कब-कब दी गई? कब-कब, कहाँ-कहाँ संस्था द्वारा प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किये गये? कार्य पर अब तक व्यय राशि का विवरण दें। प्रशिक्षण शिविरों का निरीक्षण कब-कब किन-किनके द्वारा किया गया?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) आशा कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित करने हेतु राज्य शासन/केन्द्र सरकार की निम्नांकित योजना है। (1) -नवीन आशाओं को 8 दिवसीय प्रारम्भिक प्रशिक्षण दिया जाता है। (2) -आशा प्रशिक्षण मॉड्यूल 6-7 के अंर्तगत चार चरणों में पाँच-पाँच दिवसीय प्रशिक्षण दिया जाता है। (3) - आशाओं को उपरोक्त तीन चरणों के प्रशिक्षण बाद पाँच दिवसीय रिफ्रैशर प्रशिक्षण दिया जाता है। प्रश्नावधि में निम्नांकित अनुसार आशा कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण दिया गया है -
क्र. |
प्रशिक्षण दिनांक |
कुल आशा |
बैच संख्या |
1 |
03-08-2016 से 07-08-2016 तक |
30 |
01 |
2 |
27-08-2016 से 31-08-2016 तक |
50 |
02 |
2 |
09-09-2016 से 13-09-2016 तक |
50 |
02 |
3 |
16-09-2016 से 20-09-2016 तक |
50 |
02 |
4 |
21-09-2016 से 25-09-2016 तक |
50 |
02 |
5 |
28-09-2016 से 02-10-2016 तक |
50 |
02 |
6 |
12-10-2016 से 16-10-2016 तक |
50 |
02 |
7 |
20-10-2016 से 24-10-2016 तक |
50 |
02 |
कुल |
380 |
15 |
(ख) वर्ष 2011 में आशा कार्यकर्ताओं के प्रशिक्षण के लिये संस्था का चयन, जिला चयन समिति द्वारा दिनांक 22.10.2011 को राज्य स्वास्थ्य समिति के दिशानिर्देश पत्र क्रमांक/एन.आर.एच.एम/आशा/2011/13331-13332 दिनांक 19.05.2011 एवं पत्र क्रमांक/एन.आर.एच.एम/आशा/2011/13744 दिनांक 02.07.2011 में निर्धारित चयन मापदंड के अनुसार जिला स्वास्थ्य समिति, रायसेन के अनुमोदन उपरांत किया गया है। प्रश्नांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र “एक“ अनुसार है। संस्था का चयन, राज्य स्वास्थ्य समिति द्वारा निर्धारित चयन मापदण्ड के आधार पर किया गया। संस्था द्वारा दिया गया प्रस्ताव एवं पूर्व अनुभव पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र “दो“ अनुसार है। चयनित संस्था के संचालक का नाम श्रीमती गणेशी तोमर है, पता ग्राम-बारला, जिला रायसेन एवं संरक्षक का नाम श्री दीपक लोधी व श्री राजेश धूते ग्राम-बारला जिला रायसेन। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र “तीन“ अनुसार है।
पोषण पुनर्वास केन्द्र त्योथर को प्राप्त एवं व्यय राशि
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
187. ( क्र. 2066 ) पं. रमाकान्त तिवारी : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वित्तीय वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 के लिए पोषण पुनर्वास केन्द्र त्योथर जिला रीवा में मेन्टीनेस एवं डाईट फंड के लिए मध्यप्रदेश शासन द्वारा कितनी राशि प्रदान की गई? (ख) प्रदान की गई राशि में से कुल कितनी राशि किस मद में खर्च की गई? (ग) यदि उपरोक्त राशि खर्च करने में विभाग के कर्मचारियों द्वारा किसी प्रकार की अनियमितता की गई है तो उनके खिलाफ क्या कार्यवाही की जावेगी एवं कब तक?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) पोषण पुनर्वास केन्द्र, त्योथर जिला रीवा में प्रदान की गयी राशि की जानकारी निम्नानुसार है:-
क्र. |
मद |
वित्तीय वर्ष 2014-15 |
वित्तीय वर्ष 2015-16 |
1 |
मेन्टीनेस |
30,000/- |
30,000/- |
2 |
डाईट |
3,02,400/- |
3,02,400/- |
(ख) प्रश्न भाग की जानकारी निम्नांकित है:-
क्र. |
मद |
वित्तीय वर्ष 2014-15 |
वित्तीय वर्ष 2015-16 |
1 |
मेन्टीनेस |
29,788/- |
26,751/- |
2 |
डाईट |
1,73,330/- |
2,18,450/- |
(ग) उपरोक्त राशि खर्च करने में विभाग के कर्मचारियों द्वारा किसी प्रकार की अनियमितता नहीं की गई है, अतः उनके विरुद्ध कार्यवाही करने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्राचार्य के पद पर पदस्थापना
[स्कूल शिक्षा]
188. ( क्र. 2067 ) पं. रमाकान्त तिवारी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय रायपुर सोनारी विकासखण्ड त्योंथर जिला रीवा में वर्तमान समय में प्राचार्य पद पर कौन एवं कब से पदस्थ है? (ख) इनकी पदस्थापना दिनांक से प्रश्न दिनांक तक मध्यप्रदेश शासन द्वारा रमसा योजना की कितनी राशि विद्यालय में प्रदान की गई एवं किस मद में कब-कब खर्च की गई? (ग) क्या राशि आहरण करने एवं खर्च करने के लिए नियमानुसार प्रक्रिया अपनाई गई अथवा नहीं,यदि राशि आहरण एवं खर्च करने में अनियमितता की गई है तो इनके खिलाफ क्या कार्यवाही की जावेगी एवं कब तक समयावधि सहित बताएं। (घ) उपरोक्त के संबंध में इनकी पदस्थापना दिनांक से प्रश्न दिनांक तक शाला प्रबंधन समिति की बैठक कब-कब आयोजित की गई एवं किस बैठक में कितने पदाधिकारी उपस्थित हुए?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) रीवा जिले के विकासखण्ड त्योंथर क्षेत्र अन्तर्गत शास. उमावि रायपुर सोनारी में श्री संतोष कुमार मिश्रा प्राचार्य के पद पर दि. 21.05.2015 से कार्यरत है। (ख) पदस्थापना दिनांक से स्कूल को रू. 53,600/- की राशि प्रदान की गई। इसमें से वार्षिक अनुदान मद से आकस्मिक व्यय मद में रू. 19,000/- की राशि व्यय की गई। (ग) राशि आहरण एवं व्यय में नियमानुसार प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया। संबंधित के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही हेतु कारण बताओ सूचना पत्र जिला शिक्षा अधिकारी रीवा द्वारा पत्र क्रमांक/1147/ 2016 दिनांक 25.11.16 से जारी किया गया है। समय सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) पदस्थापना दिनांक से 5 बैठकें आयोजित की गई है। दिनांक 30.07.15 की बैठक में 12 सदस्य, 16.08.2015 को 10 सदस्य, 30.08.2016 को 12 सदस्य, 31.08.2016 को 12 सदस्य एवं 03.11.2016 को 9 पदाधिकारी उपस्थित हुए।
भाग-3
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
कुष्ठ
रोग पीड़ित
परिवारों को
सहायता
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
1. ( क्र. 16 ) श्री सुदर्शन गुप्ता (आर्य) : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में कितने लोग कुष्ठ रोग से पीड़ित हैं, जिलावार सूची उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश ‘क’ अनुसार क्या प्रदेश शासन द्वारा इन रोगियों को सहायता प्रदान की जाती है? यदि हाँ, तो किन-किन योजनाओं के तहत इनको सहायता प्रदान की जाती है? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या समस्त कुष्ठ रोग पीड़ित व्यक्तियों को प्रश्नांश (ख) अनुसार समस्त योजनाओं का लाभ मिल रहा है? यदि नहीं, तो शासन द्वारा इस हेतु क्या कार्यवाही की जा रही है?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) प्रदेश में 6663 लोग कुष्ठ रोग से पीड़ित है। जिलेवार सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। स्वास्थ्य विभाग की ओर से एम.डी.टी. औषधि, विशेष पदरक्षक, सेल्फ केयर किट, एड्स एंड एप्लायन्स (चश्में, स्पिलेंटस, बाथ टब इत्यादि) प्रदान की जाती है। प्रदेश के 3 केन्द्रों में विकृति से प्रभावित कुष्ठ व्यक्तियों की पुर्नशल्यक्रिया उपरांत रू. 8000/- की क्षतिपूर्ति राशि तीन किश्तों में दी जाती है। (ग) जी हाँ। शेष प्रश्न उपस्थित ही नहीं होता।
उप स्वास्थ्य केन्द्रों की स्वीकृति
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
2. ( क्र. 60 ) श्री हरवंश राठौर : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र बण्डा जिला सागर के लिए इस वर्ष उप स्वास्थ्य केन्द्र स्वीकृत किए हैं? यदि हाँ, तो कितने और कब स्वीकृत किए गए? (ख) स्वीकृत उप स्वास्थ्य केन्द्रों का निर्माण किस विभाग/एजेंसी के माध्यम से किया जावेगा? क्या संबंधित कार्य एजेन्सी द्वारा अभी तक प्रशासकीय/तकनीकी स्वीकृति प्राप्त कर ली हैं? यदि नहीं, तो कब तक स्वीकृतियां का कार्य हो जावेगा? (ग) यदि निर्माण कार्य एजेंसियों द्वारा स्वीकृति प्राप्त कर ली हैं तो क्या इसी वर्ष में निर्माण कार्य प्रारंभ हो जावेगा? (घ) स्वीकृत उप स्वास्थ्य केन्द्रों के लिए आवश्यक सामग्री/उपकरण तथा अमला कब तक स्थल पर नियुक्त हो सकेगा?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी हाँ। 6 उप स्वास्थ्य केन्द्र स्वीकृत वर्ष 2016-17 में। (ख) निर्माण एजेन्सी वर्तमान में नियत नहीं। कार्य की प्रशासकीय स्वीकृति का प्रकरण विचाराधीन है, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) विधानसभा क्षेत्र बण्डा जिला सागर में स्वीकृत नवीन उप स्वास्थ्य केन्द्रों में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन से संविदा ए.एन.एम. की पदस्थापना पुर्ननियोजन के माध्यम से की जाना प्रस्तावित है। उप स्वास्थ्य केन्द्रों के लिये भवन उपलब्ध होने पर यथाशीघ्र ए.एन.एम., उपकरण एवं सामग्रियों की व्यवस्था की जावेगी। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
अ.जा./अ.ज.जा. बस्तियों में विद्युतीकरण
[आदिम जाति कल्याण]
3. ( क्र. 64 ) श्री हरवंश राठौर : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सागर जिले में अ.जा./अ.ज.जा. बाहुल्य बस्तियों में आबादी का 50% से अधिक अ.जा./अ.ज.जा. के परिवारों तथा आर्थिक दृष्टि से कमजोर तथा लघु एवं सीमांत कृषकों को चिन्हित किया गया है? यदि हाँ, तो संख्या क्या है? (ख) सागर जिले को आवंटित राशि से चिन्हित कितनी बस्तियों/मजरों/टोलों में गत तीन वर्षों में विद्युत लाईन बिछाई जा चुकी है तथा कितनों में शेष है? शेष की पूर्ति कब तक की जायेगी? (ग) सागर जिले को आवंटित राशि से कितने अ.जा./अ.ज.जा./गरीब लघु एवं सीमांत कृषकों के कुओं तक गत तीन वर्षों में नि:शुल्क विद्युत सर्विस लाईन बिछाई जा चुकी है तथा शेष चिन्हितों को कब तक योजना का लाभ प्राप्त होगा? (घ) इस योजना की पूर्ति के लिए सागर जिले द्वारा विद्युत विभाग को गत तीन वर्षों में कितनी-कितनी राशि उपलब्ध कराई जा चुकी है?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) अनुसूचित जनजाति की बस्तियों/मजरे/टोलों का एवं कृषकों के पंपों का विद्युतीकरण की योजनान्तर्गत सागर जिले में प्रश्नांकित उल्लेखित चिन्हांकन का कार्य नहीं किया जाता। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्नांश ‘‘क’’ के उत्तर के संबंध में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) सागर जिले को आवंटित राशि से अनुसूचित जनजाति के कृषकों के पंपों का विद्युतीकरण का कराया गया कार्य की विगत तीन वर्षों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। अनुसूचित जाति के 58 कृषकों के कुओं का विगत तीन वर्षों में ऊर्जा विभाग के माध्यम से कराया गया है। (घ) सागर जिले में गत तीन वर्षों मे मध्यप्रदेश विद्युत मंडल के माध्यम से कार्य कराया गया। विद्युत मंडल को निम्नानुसार सुपरवीजन की राशि प्रदाय की गई है।
वर्ष |
कार्यों की संख्या |
विद्युत मंडल को सुपरवीजन/सर्विस टैक्स की राशि |
ठेकेदार की भुगतान राशि (लाखों में) |
2013-14 |
17 |
491805 |
8502195 |
2014-15 |
04 |
110252 |
1756125 |
2015-16 |
- |
- |
- |
2016-17 |
- |
- |
- |
अनुसूचित जाति |
|||
वर्ष |
कार्यों की संख्या |
उर्जा विभाग को सुपरवीजन/सर्विस टैक्स की राशि |
ठेकेदार की भुगतान राशि (लाखों में) |
2013-14 |
08 |
191596 |
2808404 |
2014-15 |
05 |
135653 |
1863707 |
2015-16 |
02 |
41168 |
850113 |
2016-17 |
16 |
110018 |
7687887 |
आगर जिले को विभाजन में प्राप्त राशि
[स्कूल शिक्षा]
4. ( क्र. 96 ) श्री गोपाल परमार : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नवीन आगर जिले में कार्यालय जिला शिक्षा अधिकारी दिनांक 16.08.2013 से क्रियाशील हो गया है? यदि हाँ, तो शाजापुर जिले से आगर जिले के विभाजन में आगर जिले को शाजापुर से क्या-क्या सौंपा गया है? सूची देंवें। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार यदि नहीं, हुआ है तो कब तक शासन विभाजन की कार्यवाही पूर्ण करेगा? क्या विभाजन के समय स्थानीय निधियों की राशि वर्ष 2012-13, 2013-14 एवं 2014-15 की राशि शाजापुर द्वारा प्राप्त की गयी थी? यदि हाँ, तो क्यों? क्या प्राप्त की गयी राशि आगर जिले को वापस कर दी गयी है? हां, तो कितनी-कितनी मदवार बतावें। यदि नहीं, तो क्यों? प्राप्त की गयी राशि आगर जिले को कब तक कितनी-कितनी दी जावेगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ '' अनुसार है। (ख) विभाजन की कार्यवाही पूर्ण हो चुकी है, शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। दिनांक 09.03.2015 से जिला शिक्षा अधिकारी आगर के पदांकन के बाद से आगर जिला स्वतंत्र रूप से जिला शिक्षा अधिकारी आगर द्वारा संचालित किया जा रहा है। संचालनालय लोक शिक्षण म.प्र. भोपाल के पत्र क्रमांक/ पी.ए./यो./अ./पद.विभा/17/2015-16/24 भोपाल दिनांक दिनांक 18.01.2016 के परिपालन में दोनो जिलों के पदों का विभाजन किया जाकर पद उपलब्ध कराये जा चुके है। विभाजन के समय स्थानीय निधियों की राशि वर्ष 2012-13, 2013-14 एवं 2014-15 की राशि शिक्षा जिला शाजापुर द्वारा प्राप्त की गई ओर इस राशि से पूर्ववत् दोनो जिलों की विभिन्न तत्संबंधि गतिविधियों पर व्यय किया जाकर गतिविधियां संचालित की गई। राशि वापस करने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। आगर जिले का आय-व्यय का ब्यौरा जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' पर है।
योजनान्तर्गत प्राप्त एवं व्यय राशि
[आदिम जाति कल्याण]
5. ( क्र. 98 ) श्री संजय उइके : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आदिवासी उपयोजना क्षेत्र एवं गैर आदिवासी उपयोजना क्षेत्र के निवासरत् आदिवासियों के लिए राज्य सरकार द्वारा राज्य आयोजना, आयोजनेत्तर एवं केन्द्र सरकार द्वारा केन्द्र प्रवर्तित/केन्द्रीय क्षेत्रीय योजना, विशेष केन्द्रीय सहायता एवं अनुच्छेद 275 (1) के तहत विभाग को राशि प्राप्त होती है? (ख) यदि हाँ, तो वित्तीय वर्ष 2014-15, 2015-2016 एवं 2016-17 से प्रश्न दिनांक तक मद/मांग संख्या/योजनावार कितनी-कितनी राशि बजट प्रावधान के विरूद्ध वास्तविक प्राप्त हुई एवं कितनी-कितनी राशि व्यय की गयी, अलग-अलग जानकारी उपलब्ध करावें?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
परिशिष्ट - ''तीन''
झोला-छाप डॉक्टर्स के द्वारा ईलाज
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
6. ( क्र. 139 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीहोर जिले के नसरूल्लागंज में कुल कितने डॉ. बंगाली दवाखाना संचालित है? डॉक्टरों के नाम सहित जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) क्या नसरूल्लागंज के आजाद मार्केट में भी बंगाली दवाखाना संचालित किया जा रहा हैं? झोला-छाप डॉक्टरों के नाम की जानकारी दें? क्या उक्त डॉक्टरों के पास प्रैक्टिस के लिये निर्धारित योग्यता है? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित झोला-छाप डॉक्टरों ने अपने मकान के दो कमरों में अवैध नर्सिंग होम संचालित कर रखा है? अगर हां, तो उक्त डॉक्टरों के खिलाफ शासन ने अभी तक क्या कार्यवाही की? नहीं तो क्यों? (घ) क्या विगत छह माह में उक्त झोला-छाप डाक्टरों के ईलाज से कई मरीजों को गंभीर अवस्था में शासकीय अस्पताल व वहां से भोपाल रिफर किया गया? अगर ये चिकित्सक की निर्धारित योग्यता नहीं रखते तो क्या शासन ऐसे चिकित्सकों को प्रतिबंधित करेगा?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) सीहोर जिले के नसरूल्लागंज में डॉ. के. के. हीरा एवं डॉ. चक्रवर्ती द्वारा अनाधिकृत रूप से बंगाली दवाखाना संचालित किया जा रहा था। (ख) जी हाँ। नसरूल्लागंज के आजाद मार्केट में डॉ. के. के. हीरा द्वारा अनाधिकृत रूप से बंगाली दवाखाना संचालित था। जी नहीं। (ग) जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। उक्त झोलाछाप डॉक्टर के खिलाफ छापामार कार्यवाही कर क्लीनिक सील कर विधिक कार्यवाही की गई है। (घ) इस संबंध में कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। गैर योग्यताधारी व्यक्ति चिकित्सीय कार्य करने से पूर्व से ही प्रतिबंधित है।
गोटेगांव अंतर्गत संचालित शासकीय शालाएं
[स्कूल शिक्षा]
7. ( क्र. 194 ) डॉ. कैलाश जाटव : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र गोटेगांव अंतर्गत प्राथमिक शाला, माध्यमिक शाला, हाई स्कूल एवं हायर सेकेण्डरी स्कूल भवनों की स्थिति, शाला स्टॉफ की संख्या की जानकारी प्रदान करे। (ख) वर्तमान में शासन द्वारा प्राथमिक से माध्यमिक शाला, माध्यमिक से हाई स्कूल, हाई स्कूल से हायर सेकण्डरी उन्नयन हेतु किन विद्यालयों को प्रस्तावित किया गया है, सूची उपलब्ध करावें। (ग) शालाओं में पदस्थ शिक्षकों की जानकारी, शिक्षक संवर्ग, अध्यापक संवर्ग संविदा शाला शिक्षक एवं अतिथि शिक्षक की पदवार, शालावार उपलब्ध करावें। (घ) क्या विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत ग्राम करकबेल में मॉडल स्कूल शासन द्वारा स्वीकृत किया गया है और जो वर्तमान में चालू नहीं हुआ है यदि हाँ, तो उसको प्रारंभ करवाये जाने की कार्ययोजना की जानकारी प्रदान करे।
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) स्कूल भवनों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 1 अनुसार है। शाला में शिक्षकों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 2 अनुसार है। (ख) प्राथमिक से माध्यमिक शाला में उन्नयन प्रस्तावित नहीं है वर्ष 2016-17 हेतु हाई स्कूल/हायर सेकेण्डरी में उन्नयन की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 2 अनुसार है। (घ) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
स्कूल शिक्षा विभाग प्रतियोगिताओं से संबंधित
[स्कूल शिक्षा]
8. ( क्र. 195 ) डॉ. कैलाश जाटव : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या स्कूल शिक्षा विभाग के अंर्तगत 61वीं राष्ट्रीय शालेय क्रीड़ा प्रतियोगिताओं के लिए वर्ष 2014-15 में व्यायाम शिक्षकों को प्री-नेशनल कोंचिग केम्प देकर दलप्रबंधक (व्यायाम शिक्षकों) नियुक्त किया गया था? (ख) यदि हाँ, तो नरसिंहपुर जिले में ऐसे कितने दलप्रबंधको को प्री-नेशनल कोंचिग केम्प व प्रतियोगिता हेतु लोक शिक्षण संचालनालय या संबंधित जिला शिक्षा अधिकारियों द्वारा अग्रिम राशि प्रदाय की गई ओर ऐसे कितने दलप्रबंधक (व्यायाम शिक्षक) हैं जिन्हें लोक शिक्षण संचालनालय या संबंधित जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा अग्रिम राशि नहीं दी गई? (ग) ऐसे कितने दलप्रबंधक (व्यायाम शिक्षक) हैं जिन्होनें स्वयं के व्यय से प्रतियोगिता सम्पन्न कराई गई तथा जिन दलप्रबंधक (व्यायाम शिक्षक) ने स्वयं के व्यय से प्रतियोगिता सम्पन्न कराई उन्हें व्यय राशि का आवंटन कब तक किया जावेगा।
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी नहीं। (ख) एवं (ग) उत्तरांश क के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पनागर के स्कूलों की बाउण्ड्रीवॉल का निर्माण
[स्कूल शिक्षा]
9. ( क्र. 206 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शा. कन्या शाला बरेला एवं सिंगौद में बाउण्ड्रीवॉल न होने से शाला परिसर के मध्य से वाहन आते जाते हैं एवं शाला प्रांगण का उपयोग आम रास्ता के रूप में किया जाता हैं? (ख) क्या तिलगवां, निरंदपुर, बम्हनौदी, गुलौदा, महगवां, हिनौतिया, बैरागी, आदि अनेक बाउण्ड्रीवॉल विहीन शालाओं के परिसर में आवारा मवेशियों एवं असामाजिक तत्वों का रात्रि में डेरा रहता हैं? (ग) क्या पनागर के मुख्य मार्गों एवं दुर्घटना संभावित स्थानों की शालाओं में बाउण्ड्रीवॉल न होने के कारण गंभीर दुर्घटनायें हो सकती हैं? (घ) यदि प्रश्नांश (क), (ख), (ग) का उत्तर हाँ हैं, तो इन शालाओं में कब तक बाउण्ड्रीवॉल निर्माण की जावेगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) शासकीय कन्या बरेला एवं सिंगोर में बाउण्डीवॉल न होने से शाला प्रांगण का उपयोग आने-जाने हेतु शाला परिसर के पीछे रहने वाले लोगों द्वारा किया जाता है। (ख) शासकीय हाई स्कूल निरंदरपुर को छोड़कर शेष स्थानों पर शाला समय के उपरांत कभी-कभार रात्रि में अवारा मवेशी एवं असामाजिक तत्व शाला परिसर में आ जाते हैं। (ग) पनागर में संचालित शासकीय हाई एवं हायर सेकेण्डरी विद्यालयों के भवन मुख्य मार्ग में स्थित न होने से प्रश्नाधीन संभावना नहीं है। पनागर में संचालित शासकीय प्राथमिक एवं माध्यमिक विद्यालयों के लिये भी प्रश्नाधीन संभावना नहीं है। (घ) बाउण्डीवॉल निर्माण बजट उपलब्धता पर निर्भर करेगा। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
पनागर की शासकीय शालाओं का उन्नयन
[स्कूल शिक्षा]
10. ( क्र. 207 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बैरागी (खैरी), बम्हनौदी, रिछाई, निपनिया, हिनौतिया भोई, सूखा, इमलिया टिकारी, बिलहरी, कसही के मिडिल स्कूलों का हाई स्कूल में उन्नयन न होने से विशेषतयां छात्रायें घर बैठने को मजबूर हैं? (ख) क्या शिक्षा विभाग उन्नयन के मापदण्ड के साथ-साथ परिस्थितियों के आधार पर छात्राओं के भविष्य को देखते हुये उन्नयन करने का निर्णय करेगा? (ग) यदि हाँ, तो प्रश्नांश (क) की शालाओं के उन्नयन हेतु कब तक सकारात्मक निर्णय लिया जाएगा? (घ) यदि नहीं, तो क्यों?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी नहीं, प्रश्नांश में दर्शित विद्यालयों में अध्ययनरत छात्र-छात्रायें समीपस्थ हाई/हायर सेकेण्डरी स्कूलों में आगामी अध्ययन हेतु जाते हैं, जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) निर्धारित मापदण्डों की पूर्ति तथा बजट उपलब्धता पर निर्भर करेगा। (ग) उत्तरांश (ख) अनुसार, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) उत्तरांश (ख) एवं (ग) अनुसार।
परिशिष्ट - ''चार''
भाण्डेर विधानसभा में चिकित्सकों की पूर्ति
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
11. ( क्र. 224 ) श्री घनश्याम पिरोनियॉं : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भाण्डेर विधानसभा क्षेत्र के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र एवं उप स्वास्थ्य केन्द्रों में चिकित्सकों का अभाव है? (ख) क्या संपूर्ण भाण्डेर विधानसभा क्षेत्र के एक भी चिकित्सालय में महिला चिकित्सक नहीं है? (ग) क्या इसके लिए विधायक भाण्डेर ने कई बार पत्र भी लिखे हैं? (घ) यदि प्रश्न क, ख, ग का उत्तर हां है तो अभी तक कोई कार्यवाही क्यों नहीं हुई है? महिला चिकित्सक कब तक पदस्थ कर दी जावेगी एवं जर्जर उप स्वास्थ्य केन्द्रों का नवीन निर्माण कब तक कराया जावेगा?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी नहीं। भाण्डेर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत 01 सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र एवं 04 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र संचालित है। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, भाण्डेर में 01 स्नातकोत्तर (सर्जरी) योग्यताधारी चिकित्सक एवं 02 नियमित चिकित्सा अधिकारी पदस्थ है तथा प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, सालोन एवं सोहन में भी चिकित्सक पदस्थ है। विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत अन्य 02 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, बड़चोली एवं गोंदल में पद रिक्त है। विशेषज्ञों की अत्यधिक कमी के कारण सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, भाण्डेर में विशेषज्ञों के 04 पद रिक्त है। (ख) एवं (ग) जी हाँ। (घ) प्रदेश में विशेषज्ञों की अत्यधिक कमी के कारण स्त्रीरोग विशेषज्ञ/अन्य विशेषज्ञों की पदस्थापना नहीं की जा सकी है। विशेषज्ञ के पद पदोन्नति के माध्यम से ही भरे जाने का प्रावधान है, चिकित्सकों की पदपूर्ति हेतु विभाग निरंतर प्रयासरत् है। मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग के माध्यम से 1896 चिकित्सकों की भर्ती हेतु माह जून 2015 में विज्ञापन जारी किया गया है परंतु चयन प्रक्रिया पूर्ण न होने के कारण, चयन सूची अप्राप्त है। चयन सूची प्राप्त होने पर स्नातकोत्तर चिकित्सकों की उपलब्धता अनुसार पदपूर्ति संबंधी कार्यवाही की जा सकेगी, पदपूर्ति हेतु निश्चित समयावधि बताई जाना संभव नहीं है। जर्जर उप स्वास्थ्य केन्द्रों के नवीन निर्माण के संबंध में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी दतिया से विस्तृत प्राक्कलन प्राप्त होने पर परीक्षण उपरांत तत्समय उपलब्ध वित्तीय संसाधनों के आधार पर स्वीकृति हेतु कार्यवाही की जा सकेगी, अतः निश्चित समयावधि बताई जाना संभव नहीं है।
भाण्डेर विधानसभा क्षेत्र में शिक्षकों की व्यवस्था
[स्कूल शिक्षा]
12. ( क्र. 225 ) श्री घनश्याम पिरोनियॉं : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भाण्डेर विधानसभा क्षेत्र के संपूर्ण प्राथमिक, माध्यमिक, उच्चतर विद्यालयों में कितने शिक्षकों के पद स्वीकृत हैं एवं उनके विरूद्ध कितने कार्यरत हैं? (ख) भाण्डेर विधानसभा क्षेत्र में ऐसे कितने विद्यालय हैं जहां छात्र संख्या एवं स्वीकृत पद से अधिक शिक्षक पदस्थ हैं और ऐसे कितने विद्यालय हैं जहां स्वीकृत छात्र संख्या से कम शिक्षक पदस्थ हैं या पदस्थ ही नहीं है? (ग) उपरोक्त विसंगति के लिए कौन जिम्मेदार है? (घ) भाण्डेर विधानसभा क्षेत्र के उपरोक्त विद्यालयों में स्वीकृत स्टॉफ के अनुसार कब तक शिक्षक पदस्थ कर दिये जावेंगे और गैर शिक्षकीय कार्य में संलग्न शिक्षकों को कब तक पदस्थ कर विद्यालयों में भेजा जावेगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-एक पर है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-दो पर है- (ग) अनुपातिक छात्र संख्या में कमी/अधिकता होने से शालाओं में शिक्षकों की कमी/अधिकता की स्थिति निर्मित हुई है (घ) जिन शालाओं में छात्र संख्या मान से या स्वीकृत पद मान से शिक्षक कम हैं उनमें अतिथि शिक्षकों की व्यवस्था, संविदा शाला शिक्षकों की नियुक्ति होने तक की गई है। गैर शिक्षकीय कार्य में जिला निर्वाचन, तहसील निर्वाचन एवं जनपद पचांयत कार्यालयों में संलग्न शिक्षकों को पत्र दिनांक 23-11-16 द्वारा मूल पदांकित संस्था के लिये कार्यमुक्त करने के निर्देश जारी किये गए है।
परिशिष्ट - ''पाँच''
विभागीय भवनों की मरम्मत
[स्कूल शिक्षा]
13. ( क्र. 235 ) श्री पुष्पेन्द्र नाथ पाठक : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र बिजावर में विभाग के ऐसे कितने प्राथमिक, माध्यमिक, हाई स्कूल, हायर सेकेण्ड्री स्कूल एवं छात्रावास भवन है जो प्रश्न दिनांक तक जर्जर, क्षतिग्रस्त या अनुपयोगी है तथा जिनके उपयोग से कोई भी जन हानि हो सकती है। नाम सहित जानकारी प्रदाय करे। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में उपरोक्त भवनों की मरम्मत एवं पुनः निर्माण हेतु क्या प्रक्रिया है? शासन द्वारा अभी तक इस दिशा में क्या-क्या कार्यवाही की गई?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) कोई भवन जर्जर अनुपयोगी नहीं है। कुछ प्राथमिक एवं माध्यमिक शालाओं के कक्ष विशेष मरम्मत योग्य है, जो कि संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) मरम्मत योग्य प्राथमिक एवं माध्यमिक शालाओं के मरम्मत के प्रस्ताव एवं जर्जर शाला भवन के स्थान पर नवीन शाला भवन निर्माण के प्रस्ताव आवश्यकतानुसार वार्षिक कार्ययोजना में तैयार कर प्रतिवर्ष भारत शासन को स्वीकृति हेतु प्रेषित किये जाते हैं, भारत शासन से स्वीकृति उपरांत कार्य स्वीकृत किये जाते हैं। संलग्न परिशिष्ट पर कार्यों के विशेष मरम्मत प्रस्ताव आगामी कार्ययोजना वर्ष 2017-18 में सम्मिलित किये जायेंगे।
परिशिष्ट - ''छ:''
मसाजिद कमेटी के गठन की प्रकिया
[पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण]
14. ( क्र. 238 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मसाजिद कमेटी के गठन की प्रकिया एवं वर्तमान गठन का ब्यौरा क्या है? मसाजिद कमेटी का कार्यक्षेत्र व अधिकार क्या है? उक्त कमेटी को विगत तीन वर्षों में आवंटित बजट एवं व्यय का पूर्ण ब्यौरा दें। (ख) मसाजिद कमेटी के अंतर्गत किन-किन जिलों में क्या-क्या गतिविधियां संचालित किया जा रहा है एवं उक्त जिलों का चयन किस आधार पर किया गया है? (ग) प्रदेश के सभी जिलों में मसाजिद के इमामों, मोआज्जिनों आदि को मानदेय देने के संबंध में मसाजिद कमेटी क्या विचार/योजना/कार्यक्रम/संचालित कर रही है? अथवा करने की मंशा रखती है?
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्रीमती ललिता यादव ) : (क) मसाजिद कमेटी का गठन भारत सरकार एवं भोपाल नवाब के बीच हुये मर्जर एग्रीमेंट 1949 के तहत हुआ था। वर्तमान में मध्यप्रदेश शासन के पिछड़ा वर्ग तथा अल्पसंख्यक कल्याण विभाग द्वारा मसाजिद कमेटी के बिजनेस नियम धारा 3 एवं 4 के तहत अध्यक्ष, सचिव और 3 सदस्यों पर मसाजिद कमेटी का गठन किया जाता है। मसाजिद कमेटी का कार्यक्षेत्र भोपाल, सीहोर एवं रायसेन जिलों (पूर्व रियासत भोपाल) तक सीमित है। मसाजिद कमेटी को विगत 3 वर्षों में वर्ष 2013-14 में राशि रूपये 70.00 लाख वर्ष 2014-15 में राशि रूपये 70.50 लाख एवं वर्ष 2015-16 में राशि रूपये 133.75 लाख का आवंटन हुआ। आवंटन अनुसार राशि ईमाम, मोअज्जिनो, कार्यालयीन स्टाफ एवं स्कूल स्टाफ के मानदेय/वेतन पर व्यय की गई है। (ख) मसाजिद कमेटी के अंतर्गत भोपाल, सीहोर एवं रायसेन जिले की मसाजिद के ईमाम, पेश ईमाम और मोअज्जिनों को मानदेय वितरित करना है। उक्त जिलों का चयन का आधार प्रश्नांश 'क' भाग के उत्तर में वर्णित मर्जर एग्रीमेंट है। (ग) मर्जर एग्रीमेंट के अनुसार मसाजिद कमेटी का कार्यक्षेत्र केवल भोपाल, सीहोर एवं रायसेन (पूर्व रियासत भोपाल) तक सीमित होने से शेष जिलों का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नियम विरूद्ध दी गई अनुमति निरस्त करना
[स्कूल शिक्षा]
15. ( क्र. 250 ) श्रीमती शीला त्यागी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अतारांकित प्रश्न संख्या 32 (क्रमांक 1290) उत्तर दिनांक 25/07/2016 बिन्दु (ग) का उत्तर म.प्र. शिक्षा संहिता के नियम 29 उप नियम 4 के खण्ड 2 अनुसार अनुमति दी गई का लेख किया गया है, जिस कारण नियमित अध्ययन एवं नौकरी करने को नियमानुसार माना गया है? (ख) यदि हाँ, तो श्री पाठक को नियमित अध्ययन हेतु म.प्र. शिक्षा संहिता के नियम 29 के परिशिष्ट 2 के पैरा 2 एवं परिशिष्ट 4 के पैरा 1 के विपरीत दी गई अनुमति को नियम विरूद्ध माना जायेगा? यदि हाँ, तो उक्त नियम विरूद्ध अनुमति देने वाले अधिकारी एवं प्राप्तकर्ता अधिकारी के विरूद्ध आपराधिक प्रकरण दर्ज करायेंगे? (ग) प्रश्नांश (क) के बिंदु (ग) के उत्तर में मार्च 2016 में की गई शिकायत की जाँच में जाँच दल बदलने का औचित्य क्या था? इससे क्या यह माना जायेगा कि दोषी प्राचार्य को संरक्षण देने एवं प्रकरण में विलंब करने के उद्देश्य से जाँच दल बदलकर श्री पाठक के कहने पर जाँच दल में उनके मनमाफिक प्राचार्यों को शामिल किया गया है? (घ) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) यदि हाँ, तो क्या उक्त जाँच दल द्वारा शिकायतकर्ता के कथन एवं शिकायतकर्ता से शिकायत में संलग्न सहपत्रों एवं अन्य तथ्यों को उपलब्ध कराने के लिये कहा गया? यदि नहीं, तो उक्त जाँच निष्पक्ष मानी जायेगी? क्या उक्त प्रकरण की संपूर्ण जाँच लोकायुक्त संगठन रीवा संभाग रीवा से करायेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) प्रकरण की जाँच जिला शिक्षा अधिकारी जिला रीवा से कराई जाकर प्रतिवेदन प्राप्त किया गया है। वर्तमान में जाँच प्रतिवेदन परीक्षणाधीन है। (ख) प्रश्नांश 'क' के उत्तर अनुसार। (ग) प्रश्नांश के बिंदु में की गई शिकायत की जाँच में जाँच अधिकारी बदलने के संबंध में जाँचकर्ता अधिकारी श्री गोपाल शरण सिंह चौहान प्राचार्य शा.उ.मा.वि पुरौना द्वारा अपने पत्र क्र. 470 दिनांक 14.06.2016 के द्वारा स्वास्थ्य संबंधी कारणों से सौंपे गये दायित्व का निर्वहन करने में असमर्थता को दृष्टिगत रखते हुये जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय द्वारा श्री गोपाल शरण सिंह चैहान के स्थान पर श्री एस.के. तिवारी प्राचार्य शा.उ.मा.वि.रगौली को जाँच अधिकारी नियुक्त किया जाकर जाँच कार्यवाही संपादित की गई है। (घ) जाँच अधिकारियों द्वारा शिकायतकर्ता के द्वारा दिये गये शिकायती बिन्दु अनुसार शिकायत की जाँच कराई गई। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नियम विरूद्ध पदोन्नति निरस्त की जाना
[स्कूल शिक्षा]
16. ( क्र. 251 ) श्रीमती शीला त्यागी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. शासन स्कूल शिक्षा विभाग का राज पत्र दिनांक 25 जुलाई, 2009 को अमहाविद्यालयीन तृतीय श्रेणी (लिपिकीय संवर्गीय) भती तथा पदोन्नति नियम 1973 को संशोधित किया गया है तथा राजपत्र की अनुसूची क्रमांक 1 (ब) के सरल क्रमांक 4 में वरिष्ठ अंकेक्षक/लेखापाल का नियोक्ता अधिकारी आयुक्त लोक शिक्षण नियत किया गया है? म.प्र. स्कूल शिक्षा विभाग का पत्र क्रमांक/8210/8103/20-1/73 भोपाल दिनांक 07.08.74 के द्वारा वरिष्ठ लेखा परीक्षक/लेखापाल, मुख्य लिपिक, सहायक ग्रेड-1 कनिष्ठ लेखा परीक्षक तथा गणक के पद पर लेखा परीक्षा उत्तीर्ण को ही पदोन्नति की पात्रता निर्धारित है तथा सहायक ग्रेड-2 से लेखा परीक्षा उत्तीर्ण गणक/कनिष्ठ लेखा परीक्षक के पद पर पदोन्नति के निर्देश है क्या सहायक ग्रेड-2 से लेखापाल के पद पर पदोन्नति का प्रावधान है? (ख) यदि प्रश्नांश (क) हां, तो क्या संयुक्त लोक शिक्षण रीवा संभाग रीवा द्वारा संभाग अंतर्गत जिलों रीवा/सीधी/सतना/ सिंगरौली में वर्ष 2011 से जुलाई 2016 तक बिना लेखा परीक्षा उत्तीर्ण लिपिकों तथा बिना पात्रता व बिना अधिकार के ही सहायक ग्रेड-2 से लेखापाल के पद पर पदोन्नति आदेश जारी किया गया है? जबकि अंकक्षेक/लेखापाल का नियोक्ताधिकारी आयुक्त लोक शिक्षण है क्या सहायक ग्रेड-2 से लेखा परीक्षा उत्तीर्ण लोक सेवकों को गणक/कनिष्ठ लेखा परीक्षक के पद पर ही पदोन्नति का प्रावधान निर्धारित किया गया है? (ग) यदि प्रश्नांश (ख) यदि हाँ, तो नियम विरूद्ध बिना लेखा परीक्षा उत्तीर्ण अपात्र लोक सेवकों की सहायक ग्रेड-2 से लेखापाल के पद पर की गई पदोन्नति कब तक निरस्त की जावेगी तथा नियम विरूद्ध पदोन्नति आदेश जारी करने वाले दोषी अधिकारियों/ कर्मचारियों के विरूद्ध कब तक कार्यवाही की जायेगी? यदि नहीं, तो क्यों?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) स्कूल शिक्षा विभाग के राजपत्र दि. 25.07.2009 के द्वारा भर्ती तथा पदोन्नित नियम 1973 में संशोधन किया गया तथा अनुसूची क्रमांक-1 ''ब '' के संरल क्रमांक-4 पर वरिष्ठ अंकेक्षण/लेखापाल के नियोक्ता अधिकारी आयुक्त लोक शिक्षण नियत है। जी हाँ, स्कूल शिक्षा विभाग के संदर्भित पत्र दिनांक 07.08.74 द्वारा प्रश्नाधीन संवर्गो में पदोन्नति के लिए लेखा परीक्षा उर्त्तीण होने संबंधी प्रावधान किया गया था। साथ ही यह व्यवस्था भी थी की अप्रशिक्षित कर्मचारियों को पदोन्नति के दो वर्ष के भीतर लेखा परिक्षण उर्त्तीण करना होगा। जी नहीं, सहायक ग्रेड-२ से लेखापाल के पद पर पदोन्नति का प्रावधान नहीं है। (ख) संभीगय संयुक्त संचालक रीवा द्वारा सहायक ग्रेड-2 से लेखापाल के पद पर पदोन्नति आदेश जारी किये गये है भर्ती नियम 1973 में सहायक ग्रेड-2 एवं लेखापाल के पद उल्लेखित नहीं है। अपितु प्रधान लिपिक (जिला स्तर/संभाग स्तर) एवं गणक के पद उल्लेखित थे। भर्ती नियम में दिनांक 25.07.2009 में किये गये संशोधन में भी इन पदों पर भी पदोन्नति के प्रावधान नहीं थे। इसे दृष्टिगत रखते हुए प्रशासकीय कारणों से सहायक ग्रेड-2 के समतुल्य संवर्ग प्रधान लिपिक तथा गणक के समतुल्य लेखापाल से समानता अंकित करते हुए संचालनालय लोक शिक्षण से पत्र दिनांक 22.06.2009 द्वारा दिशा निर्देश जारी किये गये। भर्ती नियम 1973 में प्रधान लिपिक (सहायक ग्रेड-2 के समरूप) से गणक (लेखापाल के समरूप) के पद पर पदोन्नति हेतु संभागीय संयुक्त संचालक की अध्यक्षता में समिति गठित किये जाने का प्रावधान है। तदानुसार ही प्रश्नाधीन पदोन्नतियां की गयी। (ग) प्रश्नांश ''क '' एवं ''ख '' के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नियम के विपरीत विद्यालयों की मान्यता समाप्त करने
[स्कूल शिक्षा]
17. ( क्र. 252 ) श्रीमती शीला त्यागी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अशासकीय संस्कार वेली स्कूल मैदानी रीवा को कौन-कौन सी कक्षाएं संचालित करने की मान्यता शासन/विभाग द्वारा दी गई है? मान्यता की प्रति भवन, भूमि का नक्शा, खसरे की प्रति एवं संचालन समिति के धारा 27, 28 की सूची के साथ जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के विद्यालय में कुल कितने कर्मचारी/सह.शिक्षक/ शिक्षक/व्याख्याता/प्रचार्य कार्यरत हैं उनका नाम, पद शैक्षणिक योग्यता एवं डी.एड., बी.एड., एम.एड धारी शिक्षक/व्याख्याताओं के शैक्षणिक एवं व्यवसायिक शिक्षा की अंकसूची उपलब्ध कराते हुए जानकारी देवें? (ग) क्या शासन के नियमानुसार उन्ही अशासकीय विद्यालयों को मान्यता दी जानी है, जिनके कार्यरत शैक्षणिक स्टॉफ के पास डी.एड., बी.एड. की योग्यता हो और ऐसे योग्यताधारियों को शिक्षक/सहा.शिक्षक/ व्याख्याता के पद पर रखा गया हो की संस्थाओं को मान्यता प्रदान की जायें? यदि हाँ, तो प्रश्नांश (क) विद्यालय में उक्त नियम के विपरीत संचालन समिति द्वारा शैक्षणिक स्टॉफ रखा गया है? तो क्या उक्त विद्यालय की मान्यता समाप्त कर आपराधिक प्रकरण दर्ज करायेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) प्रश्नांश (क) के विद्यालय में शैक्षणिक सत्र 2012 से प्रश्न दिनांक तक किन-किन छात्रों/छात्राओं को आर.टी.एक्ट के तहत प्रवेश दिया गया है? की सूची छात्र/छात्रा का नाम, पिता का नाम, प्रवेश देने का दिनांक, कक्षा, स्थाई पता के साथ देवें? यदि उक्त नियम का पालन नहीं किया गया है तो कौन दोषी है दोषी के ऊपर कार्यवाही करें।
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) दिनांक 19.12.2013 द्वारा दिनांक 19.12.2013 से 19.12.2016 तक कक्षा 1 से 8वीं की तथा दिनांक 24.2.2016 से सत्र 2016-17 में कक्षा 9वीं तथा सत्र 2017-18 में कक्षा 10वीं संचालित करने की मान्यता प्रदान की गई है। शेषांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) विद्यालय में 01 प्राचार्य, 09 सहायक शिक्षक एवं 05 शिक्षक कार्यरत है। इस तरह कुल 15 कार्यरत है। कक्षा 1 से 8वीं तक में कार्यरत सभी शिक्षक बी.एड. योग्यताधारी है एवं हाईस्कूल में 05 शिक्षक में से 03 शिक्षक बी.एड. योग्यताधारी है। 02 शिक्षक अर्चना शुक्ला एवं बृजेश कुमार नामदेव बी.एड. योग्यताधारी नहीं है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जी हाँ। संस्था को कारण बताओं सूचना पत्र जारी किया गया है। प्रतिवाद प्राप्त होने पर नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अध्यापक संवर्ग के स्थानांतरण
[स्कूल शिक्षा]
18. ( क्र. 265 ) श्रीमती उमादेवी लालचंद खटीक : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल जिले में विगत वर्ष 2012 से प्रश्न दिनांक तक अध्यापक संवर्ग के कितने पुरूष व महिलाओं के स्थानांतरण किये गये हैं? नाम, पदस्थ शाला, स्थानांतरित शाला का नाम सहित समस्त उपलब्ध करायें। (ख) यह भी बतायें कि म.प्र. शासन की अध्यापकों के लिए क्या स्थानांतरण नीति है? छायाप्रति उपलब्ध करायें।
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) भोपाल जिलान्तर्गत किसी भी अध्यापक संवर्ग के पुरूष व महिलाओं का स्थानांतरण नहीं किया गया है, अपितु संविलियन किया गया है। वर्ष 2012 से प्रश्न दिनांक तक वरिष्ठ अध्यापक के 49, अध्यापक के 94 तथा सहायक अध्यापक संवर्ग के 94 शिक्षको का संविलियन किया गया है। जानकारी क्रमश: पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 1, 2 व 3 अनुसार है। (ख) अध्यापकों के लिये स्थानांतरण की कोई नीति नहीं है।
विकासखण्ड शिक्षा कार्यालयों की उपयोगिता
[स्कूल शिक्षा]
19. ( क्र. 266 ) श्रीमती उमादेवी लालचंद खटीक : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश राज्य अंतर्गत कितने विकासखण्ड शिक्षा कार्यालय संचालित हैं एवं विकासखण्ड शिक्षा कार्यालयों में क्या पद संरचना है? विकासखण्ड शिक्षा कार्यालयों में प्रतिवर्ष कर्मचारियों के वेतन के अलावा कौन-कौन सी राशियां प्रदाय की जाती हैं? (ख) बी.आर.सी.सी. कार्यालय स्थापित होने के बावजूद बी.ई.ओ. ऑफिस के क्या उपयोग हैं? क्या संपूर्ण मध्यप्रदेश के बी.ई.ओ. ऑफिस बंद की स्थिति में हैं। करोड़ों रूपये का वेतन विकासखण्ड शिक्षा कार्यालयों में पदस्थ कर्मचारियों को प्रदाय किया जाता है लेकिन शासन को उक्त कार्यालयों से कोई लाभ प्राप्त नहीं हो पा रहा है? यदि हाँ, तो क्या बी.ई.ओ. ऑफिस बंद करने की कोई योजना है?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) शिक्षा विभाग द्वारा 224 विकासखण्ड शिक्षा कार्यालय संचालित है। पद संरचना पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। विकासखण्ड शिक्षा कार्यालयों में कार्यरत कर्मचारियों को वेतन भत्ते के अलावा चिकित्सा एवं कार्यालयीन व्यय हेतु राशि प्रदान की जाती है। (ख) बी.आर.सी.सी. कार्यालय प्राथमिक स्तर की शिक्षा व्यवस्था एवं बी.ई.ओ. कार्यालय विकासखण्ड स्तर पर शिक्षा व्यवस्था, विभिन्न केन्द्रीय एवं राज्य स्तर की योजनाओं के क्रियान्वयन हेतु स्थापित है। जी नहीं, शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सिविल अस्पताल ब्यावरा में सोनोग्राफी मशीन की स्थापना
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
20. ( क्र. 337 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता परि.अता. संख्या प्रश्न संख्या 160 क्रमांक 2936 दिनांक 25 जुलाई 2016 के उत्तर की कंडिका (ख) में बताया गया था कि सिविल अस्पताल ब्यावरा में सोनोग्राफी मशीन स्थापित करने हेतु पंजीयन की कार्यवाही होते ही सोनोग्राफी मशीन प्राप्त कर सुविधा प्रारंभ कर दी जायेगी? तो क्या पंजीयन की कार्यवाही प्रश्न दिनांक तक पूर्ण कर ली गई है अथवा नहीं? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) क्या शासन निर्धन वर्ग के आमजनों को सुविधा प्रदान करने की दृष्टि से सिविल अस्पताल ब्यावरा में सोनोग्राफी मशीन एवं उसके संचालन हेतु तकनीशियन की सुविधा प्रदान करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हाँ। यथासंभव शीघ्र।
शासकीय शालाओं में मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई जाना
[स्कूल शिक्षा]
21. ( क्र. 338 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले की विधानसभा क्षेत्र ब्यावरा अंतर्गत ऐसे कितने शासकीय प्राथमिक/माध्यमिक/हाई स्कूल तथा हायर सेकेण्डरी स्कूल हैं, जिनमें स्वयं का शाला भवन, खेल मैदान तथा बाउण्ड्रीवॉल नहीं है? उक्त सुविधाएं विद्यालय के पास कब से नहीं है? शालावार जानकारी देवें। (ख) क्या शासन द्वारा प्रश्नांश (क) अनुसार शालाओं में उक्त वर्णित सुविधाएं प्रदान करने हेतु प्रश्न दिनांक तक कोई कार्यवाही की गई? यदि हाँ, तो क्या? (ग) क्या उपरोक्तानुसार सुविधाएं शालाओं में नहीं होने से छात्र-छात्राओं के मानसिक, बौद्धिक व शारीरिक विकास पर प्रतिकूल प्रभाव आ रहा है? साथ ही भवन के अभाव में अध्ययन कार्य भी बाधित होता है? यदि हाँ, तो क्या शासन उक्त सभी सुविधाएं प्रश्नांश (क) वर्णित शालाओं में प्रदान करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) हाईस्कूल एवं हायर सेकेण्डरी स्कूलों संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''एक '' अनुसार है। समस्त प्राथमिक/माध्यमिक शालाओं में स्वयं का शाला भवन है। जिन शालाओं में स्वयं का खेल मैदान तथा बाउण्ड्रीवॉल नहीं है, की शालावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। इन शालाओं में बाउण्ड्रीवॉल एवं स्वयं के खेल मैदान की सुविधा शाला स्थापना से अभी तक नहीं है। हाईस्कूल एवं हायर सेकेण्डरी स्कूलों में कार्य बजट की उपलध्ता पर निर्भर करेगा निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) हाईस्कूल एवं हायर सेकेण्डरी स्कूलों में कार्य बजट की उपलध्ता पर निर्भर करेगा। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। प्राथमिक/माध्यमिक शालाओं के संबंध में वार्षिक कार्य योजना 2016-17 में भारत शासन से बाउण्ड्रीवॉल की मांग की गई है। परन्तु भारत शासन से स्वीकृति प्राप्त नहीं हुई। खेल मैदान का निर्माण पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग एवं खेल एवं युवा कल्याण विभाग द्वारा बजट उपलब्ध्ता के आधार पर किया जाता है। (ग) जी नहीं। शालाओं का अध्यापन कार्य यथावत संचालित है। शेषांश उत्तराश ''ख '' अनुसार।
ऑडिट कार्य में लापरवाही
[चिकित्सा शिक्षा]
22. ( क्र. 349 ) श्री राजेश सोनकर : क्या राज्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या चिकित्सा महाविद्यालय, इन्दौर एवं अधीनस्थ एम.वाय.एच में वर्ष 2012 से प्रश्न दिनांक तक का लेखा प्रतिवेदन (ऑडिट) कार्य पूर्ण कराया गया है? (ख) यदि हाँ, तो ऑडिट प्रतिवेदन में कोई आपत्ति ली गई थी? यदि हाँ, तो क्या आपत्ति ली गई थी? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में क्या ऑडिट आपत्तियों का निराकरण कराया गया है? यदि हाँ, तो क्या निराकरण कराया? नहीं तो क्यों नहीं कराया गया? (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में ऑडिट आपत्तियों के पीछे कौन-कौन दोषी है? जिम्मेदार पर कोई कार्यवाही की जायेगी?
राज्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा ( श्री शरद जैन ) : (क) जी हाँ। (ख) अंकेक्षण दल द्वारा विभिन्न प्रकार के हो रहे निर्माण कार्य, विभागीय भविष्य निधि के भुगतान, प्रकाशन/ भोजन/कैश बुक/कायाकल्प मिशन 2014 एवं औषधि क्रय आदि में आपत्तियां ली गई है। (ग) ऑडिट आपत्तियों के निराकरण की कार्यवाही विचाराधीन है। (घ) उत्तरांश ''ग '' के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शिक्षा का अधिकार अधिनियम अन्तर्गत अल्पसंख्यक स्कूलों को शामिल किया जाना
[स्कूल शिक्षा]
23. ( क्र. 350 ) श्री राजेश सोनकर : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश में अल्पसंख्यक श्रेणी के विद्यालयों को आर.टी.ई. के तहत नि:शुल्क प्रवेश न देने संबंधी छूट प्राप्त है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में इन विद्यालयों के निर्माण एवं संचालन हेतु शासन द्वारा क्या-क्या छूट दी जाती है तथा इनके संचालन के क्या प्रावधान/नियत/शर्तें तय हैं? इन विद्यालयों का संचालन तय प्रावधानों के तहत किया जा रहा है अथवा नहीं, इसकी प्रतिवर्ष जाँच का क्या प्रावधान है? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में इंदौर जिले में अल्पसंख्यक श्रेणी के अन्तर्गत कितने विद्यालय से छूट प्राप्त कर रहे है? सूची प्रदान करें? (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में प्रवेश में छूट प्राप्त करने वाले विद्यालयों की वार्षिक फीस कितनी है? विद्यालयवार जानकारी उपलब्ध कराये? इन विद्यालयों में कितने विद्यार्थी अध्ययनरत है? उनमें से कितने अल्पसंख्यक श्रेणी के है? विद्यालयवार जानकारी उपलब्ध करायें?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। (ख) माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय अनुसार अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थाओं को शिक्षा का अधिकार अधिनियम के प्रावधानों से मुक्त रखा गया है। (ग) एवं (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
छात्र-छात्राओं को सायकल वितरण
[स्कूल शिक्षा]
24. ( क्र. 366 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष २०१६ में स्कूली बच्चों को शासन योजनांतर्गत उज्जैन संभाग में अब तक कितनी सायकलें वितरित की गई? जिलेवार, तहसीलवार ब्यौरा दें. (ख) वर्ष २०१६ के शिक्षा सत्र में कितने बच्चों (छात्र-छात्राओं) को अब तक सायकलें नहीं दी जा सकी एवं सायकल नहीं मिलने का कारण क्या है? (ग) जिन छात्र-छात्राओं को सायकलें प्राप्त नहीं हो सकी उनकी शिक्षा में पिछड़ने के लिए कौन जिम्मेदार है? जिम्मेदारों पर क्या कार्यवाही की गई?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) एवं (ग) साईकिल वितरण की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है, अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
परिशिष्ट - ''सात''
स्वास्थ्य विभाग अंतर्गत सामग्री पूर्ति के संबंध में
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
25. ( क्र. 397 ) श्री शान्तिलाल बिलवाल : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) स्वास्थ्य विभाग अंतर्गत झाबुआ जिले में वर्ष 2014-15, 2015-16, 2016-17 में जून 2016 तक सामग्री एवं आपूर्ति मद में किस-किस फर्म से क्या-क्या सामग्री खरीदी गई तथा कितनी-कितनी राशि का भुगतान किया गया? (ख) जिले में कीटनाशक दवाई छिड़काव के लिए कितने पम्प उपलब्ध हैं तथा उपरोक्त अवधि में किस-किस फर्म से कितनी-कितनी राशि के पम्प पार्टस खरीदे गये? (ग) खरीदी प्रक्रिया के लिए क्या मापदण्ड अपनाया गया तथा भण्डार क्रय नियमों के अनुसार खरीदी की गई की नहीं तथा किन-किन फर्म से 03 वर्षों से निविदा प्राप्त हुई?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जिला झाबुआ द्वारा वर्ष 2014-15, 2015-16 एवं वर्ष 2016-17 में जून 2016 तक कि सामग्री एवं आपूर्ति मद में क्रय एवं भुगतान कि जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-“अ“ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-“ब“ अनुसार है। (ग) वर्ष 2014-15, 2015-16, 2016-17 में भण्डार क्रय नियमानुसार किया गया। उपरोक्त वर्षों में ऑनलाइन खुली निविदा के अन्तर्गत वर्षवार निम्नलिखित फर्मो द्वारा निविदा में भाग लिया गयाः- वर्ष 2014-15 1. अंजनी केमिस्ट इन्दौर। 2. एम के फार्मा इन्दौर। 3. प्रीति फार्मा इन्दौर। 4. अम्बेडकर प्रोडक्ट भोपाल। 5. सुरेश मेडिकल ग्वालियर। 6.यश मार्केटिंग इन्दौर। वर्ष 2015-16 1. आयुष इन्टरप्राईस भोपाल। 2. अन्नु सेल्स भोपाल। 3. एम के ब्रदर्स इन्दौर। 4. मोहित हेल्थ केयर भोपाल। 5. नेशनल सर्जिकल भोपाल। 6. राष्ट्रिय उद्योग भोपाल। 7. श्री व्यंकटेश फार्मा इन्दौर। 8. सुयोज मेडिकल इन्दौर। 9. यश मार्केटिंग इन्दौर। वर्ष 2016-17 1. श्री व्यंकटेश फार्मा इन्दौर। 2. यश मार्केटिंग फार्मा इन्दौर। 3. मोहित हेल्थ केयर भोपाल।
हैजा, डायरिया एवं महामारी से हुई मृत्यु
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
26. ( क्र. 422 ) श्री रामसिंह यादव : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शिवपुरी जिले के कोलारस विकासखण्ड के अंतर्गत वर्ष 2016 में प्रश्न दिनांक तक हैजा, डायरिया एवं महामारी से मृत्यु हुई है? यदि हाँ, तो मृतकों के नाम, पता, आयु सहित जानकारी दें कि उक्त मौतें किन कारणों से हुई? (ख) कोलारस विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत हैजा, डायरिया एवं महामारी न फैले इसकी रोकथाम के लिये विभाग द्वारा वर्ष 2016 में क्या-क्या उपाय/इंतजाम किए गए थे? किए गए उपाय/इंतजाम के बावजूद हैजा, डायरिया एवं महामारी से मौतें क्यों हुई? (ग) कोलारस विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत कौन-कौन महिला एवं पुरूष स्वास्थ्य कर्मचारी किस-किस पद पर कहाँ-कहाँ पर कब से कार्यरत हैं? इनके मुख्यालय कहाँ हैं? इनमें से किन-किन कर्मचारियों के अंतर्गत कौन-कौन से ग्राम आते हैं? क्या उक्त कर्मचारी मुख्यालय पर निवास करते हैं? यदि मुख्यालय पर निवास नहीं करते हैं तो क्यों? (घ) क्या उक्त कर्मचारियों ने वर्ष 2016 में अक्टूबर 2016 तक अपनी टूर/वर्क डायरी प्रस्तुत की है? यदि हाँ, तो इसका विवरण संलग्न कर जानकारी दें?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी हाँ। विवरण निम्नानुसार है:-
क्रं. |
विकासखण्ड का नाम |
ग्राम का नाम |
मृतकों के नाम |
पिता/पति |
उम्र |
मृत्यु का संभावित कारण |
1 |
कोलारस |
अटामानपुर |
बरफी आदिवासी |
गजरा आदिवासी |
25 |
आंत्रशोध |
2 |
अटामानपुर |
अजंली आदिवासी |
पाति आदिवासी |
4 |
आंत्रशोध |
|
3 |
राजगढ |
कला बाई |
छत्तू आदिवासी |
75 |
आंत्रशोध |
कोलारस विकासखण्ड में आंत्रशोध से उक्त 3 मृत्यु दूषित जल एवं खाद्य पदार्थों के सेवन करने से हुई थी। (ख) हैजा, डायरिया एवं महामारी की रोकथाम हेतु विभाग द्वारा निम्नानुसार उपाय किये गये है। जिले में सेक्टर डॉक्टरों को प्रत्येक 5000 की जनसंख्या के लिये जिम्मेदार बनाया गया है। जो कि अपने सेक्टर के ग्रामों में नियमित रूप से भ्रमण कर किसी भी बीमारी की सूचना प्राप्त होने पर तत्काल रोकथाम के उपाय प्रारम्भ कर देते है। गांव में पेयजल स्त्रोतों का ए.एन.एम. एवं आशा द्वारा ब्लीचिंग पाउडर से शुद्धिकरण करवाया गया है, समस्त बहुउद्देशीय कार्यकर्ताओं व आशा कार्यकर्ताओं को मोबाईल सिम प्रदाय की जा चुकी है। जिसके माध्यम से किसी भी प्रकार की महामारी होने की स्थिति में वारिष्ठ अधिकारी को सूचित किया जा सके। जिला स्तर पर महामारी नियंत्रण हेतु कंट्रोल रूम की स्थापना की गई है, जो कि 24X7 कार्यरत है। संक्रमित खाद्य पदार्थ व जल का सेवन न करने की सलाह दी गयी। स्कूल के छात्र-छात्राओं को एवं ग्रामवासियों को हाथ धोने का महत्व बताया गया। सभी ग्राम आरोग्य केन्द्र एवं उप स्वास्थ्य केन्द्र पर महामारी नियंत्रण से संबंधित आवश्यक दवाईयां उपलब्ध कराई गयी। विकासखण्ड एवं सेक्टर स्तर पर महामारी नियंत्रण हेतु काम्बेट टीम गठित की गयी। प्रचार-प्रसार के माध्यम से जन-साधारण को बीमारियों से बचाव हेतु स्वास्थ्य शिक्षा एवं उपचार हेतु जानकारी दी जाती है। वर्ष 2016 अक्टुबर तक जिले में आंत्रशोध से तीन मृत्यु दर्ज की गई है। जिले द्वारा इस हेतु हर संभव प्रयास किए गए है कि मरीज को यथासमय समुचित उपचार मिल सके। फिर भी दो मरीजों के द्वारा समय पर समीपस्थ शासकीय स्वास्थ्य संस्था में न दिखा कर प्रायवेट झोलाछाप से उपचार करवाया और मृत्यु के शिकार हुए। एक मरीज का इलाज स्थानीय आशा व ए.एन.एम. के माध्यम से प्राथमिक उपचार किया गया व मरीज की हालत गंभीर होने के कारण जिला चिकित्सालय रिफर किया गया और वहॉ मरीज की मृत्यु हो गई। (ग) एवं (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्ध घुमक्कड़ जाति के कल्याण के लिए लागू योजनाएं
[विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्धघुमक्कड़ जाति कल्याण]
27. ( क्र. 423 ) श्री रामसिंह यादव : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या शिवपुरी जिले में अप्रैल-2016 की स्थिति में विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्ध घुमक्कड़ जाति के परिवार/व्यक्ति निवासरत है? यदि हाँ, तो कौन-कौन, कहाँ-कहाँ, पर कब से निवासरत है? (ख) क्या उक्त व्यक्तियों/परिवारों में से कुछ के नाम अक्टूबर-2016 की स्थिति में मतदाता सूची में नहीं हैं तथा उनके पास राशन कार्ड भी नहीं है? यदि हाँ, तो इनके नाम मतदाता सूची में क्यों नहीं है एवं इनके पास राशन कार्ड क्यों नहीं है? इन्हें राशन कार्ड एवं मतदान की सुविधा कब तक उपलब्ध करा दी जावेगी? (ग) क्या शिवपुरी नगर में ए.बी.रोड, राघवेन्द्र नगर के किनारे प्रश्नकर्ता के निवास के सामने 15 वर्षों से निवासरत श्री शेर सिंह पुत्र स्व. रघुवीर अगरिया आदिवासी एवं बेवा राम वाई पत्नी स्व. श्री रघुवीर अगरिया आदिवासी के नाम पर राशन कार्ड नहीं है एवं मतदाता सूची में नाम नहीं है? यदि हाँ, तो क्यों? इनके नाम मतदाता सूची में कब तक जोड़े जाएगें एवं इन्हें राशन कार्ड कब तक उपलब्ध कराया जावेगा? (घ) शिवपुरी जिलान्तर्गत विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्ध घुमक्कड़ जाति के कल्याण हेतु शासन की कौन-कौन सी योजनाएं संचालित हैं? इन योजनाओं के तहत अप्रैल-2012 से अगस्त-2016 तक कितने व्यक्तियों को क्या-क्या सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं? योजनाओं का क्या-क्या लाभ दिया गया है?
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्रीमती ललिता यादव ) : (क) जी हाँ। शिवपुरी जिला अन्तर्गत विमुक्त घुमक्कड़ एवं अर्द्धघुमक्कड़ जाति के निवासरत परिवारों की स्थानवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ‘ अनुसार है। (ख) कलेक्टर, जिला शिवपुरी द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार प्रश्नांश अवधि अक्टूबर 2016 की स्थिति में मतदाता सूची में नाम नहीं होने तथा राशन कार्ड उपलब्ध नहीं होने के कोई प्रकरण प्रकाश में नहीं आये है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्नांश ‘ग‘ में उल्लेखित श्री शेर सिंह पुत्र श्री रघुवीर अगरिया आदिवासी के नाम से वार्ड क्रमांक 17 मोहल्ला ए.बी. रोड शिवपुरी का राशनकार्ड क्रमांक 24700 है। शेर सिंह अगरिया पुत्र श्री रघुवीर अगरिया का नाम मतदाता सूची के भाग संख्या 82 सरल क्रमांक 717 मतदाता परिचय क्रमांक XLW1369016 जारी किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) उक्त वर्ग के लिये शासन द्वारा संचालित योजनाएं एवं उपलब्ध कराई गई सुविधाओं की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब‘ अनुसार है।
पन्ना जिले में प्रायवेट स्कूलों में फीस की प्रतिपूर्ति
[स्कूल शिक्षा]
28. ( क्र. 455 ) श्री मुकेश नायक : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2013-2014 एवं 2014-2015 में पन्ना जिले की निजी शालाओं को कितनी-कितनी, किस-किस शालाओं की राशि फीस प्रतिपूर्ति के लिये आवंटत की गई? राशि आवंटित करने के पूर्व कितनी शालाओं में दर्ज छात्र संख्या एवं फीस प्राप्त करने वाले छात्रों का सत्यापन कराया गया सत्यापन किन शासकीय कर्मचारियों द्वारा किया गया कितने छात्रों के इनरोलमेंट फर्जी पाये गये? यदि पाये गये तो उन शालाओं के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गयी? (ख) वर्ष 2014-2015 में जिला परियोजना समन्वयक द्वारा जिले की कितनी शालाओं का निरीक्षण किया गया? निरीक्षण के दौरान पाई गयी अनियमितताओं एवं अनुपस्थित शिक्षकों के खिलाफ क्या कार्यवाही किस-किस तारीख को की गई? कार्यवाही में अंतिम निर्णय क्या लिया गया तथा किस दिनांक को लिया गया?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 'अ' अनुसार है। राशि आवंटित करने के पूर्व सत्र 2013-14 में 271 तथा सत्र 2014-15 में 280 अशासकीय शालाओं में दर्ज छात्र संख्या एवं फीस का सत्यापन विद्यालय के लिए नियुक्त नोडल अधिकारी/एपीसी/बीआरसी/बीएसी/सीएसी के द्वारा किया गया। किसी भी छात्र का इन्रालमेंट फर्जी नहीं पाया गया। अत: शेषांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ख) वर्ष 2014-15 में जिला परियोजना समन्वयक द्वारा 315 शासकीय शालाओं का निरीक्षण किया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है।
अनुसूचित जनजातियों के उत्थान की योजनाएं
[आदिम जाति कल्याण]
29. ( क्र. 456 ) श्री मुकेश नायक : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार मध्यप्रदेश में विभिन्न अनुसूचित जनजातियों की जातिवार जनसंख्या क्या है? (ख) क्या राज्य में कुछ जनजातियों की संख्या में लगातार कमी आ रही है और वे बहुत कम संख्या में ही बची हैं? यदि हाँ, तो कारण बतायें। (ग) क्या मध्यप्रदेश में सहरियां, मारियां आदि कुछ जनजातियों को अति पिछड़ी जनजातियों के संवर्ग में रखा गया है, यदि हाँ, तो इनके आर्थिक सामाजिक उत्थान के लिये क्या कार्यक्रम बनाये गये है?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ '' अनुसार है। (ख) जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब '' अनुसार है।
परिशिष्ट - ''नौ''
सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में वाहन तथा पोषण पर व्यय
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
30. ( क्र. 472 ) कुँवर विक्रम सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन से किराये के वाहन शासन की स्वीकृति प्राप्त कर लगाये गये? क्या इसके लिए विज्ञापन समाचार पत्रों में प्रकाशित किया गया? (ख) परिवार कल्याण कार्यक्रम के अंतर्गत हितग्राहियों एवं प्रेरकों को परिवहन सुविधा हेतु प्रतिवर्ष उक्त सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों को कितनी राशि प्राप्त हुई? परिवहन सुविधा के भुगतान हेतु कितनी राशि व्यय की गई? (ग) सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में पोषण पुनर्वास केन्द्र हेतु वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक कितनी राशि शासन द्वारा प्रतिमाह स्वीकृत हुई? स्वीकृत राशि में से उक्त केन्द्र में कार्यरत कर्मचारियों व अन्य कार्य में कितनी राशि खर्च की गई? कार्यवार, राशिवार विवरण दें।
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) छतरपुर जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक लगाये गये वाहनों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- ''एक '' अनुसार है। जी हाँ (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- ''दो '' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- ''तीन '' अनुसार है।
अतिरिक्त कक्षों की खराब स्थिति
[स्कूल शिक्षा]
31. ( क्र. 478 ) कुँवर विक्रम सिंह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजनगर एवं लवकुशनगर विकासखण्ड में आने वाले ग्रामों में विगत 3 वर्ष पूर्व जो अतिरिक्त कक्षों का निर्माण कराया गया था वह खराब हो चुके हैं, बरसात में पानी टपकता रहा जिससे छात्रों को तथा शिक्षकों को परेशानी हुई? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अतिरिक्त कक्षों का मूल्यांकनकर्ता अधिकारी कौन रहे उनका पद सहित नाम बतायें तथा विभाग द्वारा नोटिस जारी किये गये? (ग) कया तकनीकी अधिकारियों की घोर लापरवाही के कारण छत/दीवाल खराब स्थिति में है, जिनकी जिले के जिम्मेदार अधिकारियों ने भवनों को देखा? यदि नहीं, तो क्यों? यदि हाँ, तो कब? उन भवनों के नाम बतायें? (घ) जिले के सभी अतिरिक्त कक्षों की धरातल पर विभागीय टीम बनाकर कब तक परीक्षण कर उसकी रिपोर्ट प्रश्नकर्ता को दी जावेगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) विकासखण्ड राजनगर एवं लवकुशनगर अंतर्गत विगत 03 वर्ष पूर्व सत्र 2009-10 से 2011-12 के मध्य 08 हायर सेकेण्ड्री विद्यालयों में 19 अतिरिक्त कक्षों तथा 02 हाई स्कूलों में 02 अतिरिक्त कक्षों का निर्माण कराया गया था। उपरोक्तानुसार निर्मित कराये गये अतिरिक्त कक्षों में से शास. उमावि लवकुशनगर एवं शास. हाई स्कूल टहनगा में निर्मित कराये गये अतिरिक्त कक्षों में सीपेज की समस्या होने के संबंध में राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान/1918 छतरपुर दिनांक 26/4/2016 से संबंधित एजेंसी ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभाग क्र. 2 छतरपुर को सुधार हेतु लिखा गया था। एजेंसी द्वारा सुधार कार्य करने की सूचना 28/11/2016 को दी गई है। (ख) 17 कक्षों के निर्माण हेतु निर्माण एजेंसी लघु उद्योग निगम द्वारा तथा 04 अतिरिक्त कक्षों हेतु निर्माण एजेंसी ग्रामीण यांत्रिकी सेवा द्वारा मूल्यांकन कराया गया है। विभाग द्वारा पत्र क्र. रा.मा.शि.अ. 1918 छतरपुर दि. 26/04/2016 से लिखा गया है। (ग) शास. कन्या उमावि लवकुशनगर में निर्मित कराये गये 03 अतिरिक्त कक्षों एवं शास. हाई स्कूल टहनगा में निर्मित कराये गये 01 अतिरिक्त कक्ष में अतिवृष्टि होने के कारण सीपेज की समस्या से संबंधित प्राचार्य द्वारा अवगत कराया गया, जिसमें संबंधित निर्माण एजेंसी द्वारा सुधार कार्य कराया जा चुका है। एजेंसी द्वारा पत्र क्र. 2848 दि. 28/11/2016 से अवगत कराया गया है कि सुधार कर दिया गया है। (घ) विभागीय टीम बनाकर 2 माह में रिपोर्ट प्रश्नकर्ता को उपलब्ध कराई जाएगी।
जनपद पंचायत बल्देवगढ़ में शिक्षक की तैनाती किये जाने
[स्कूल शिक्षा]
32. ( क्र. 494 ) श्रीमती चन्दा सुरेन्द्र सिंह गौर : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनपद पंचायत बल्देवगढ़ में प्रा.शाला जिनागढ़ में पदस्थ शिक्षक की तैनाती (ओ.डी.) किस नियम के आधार पर किस अधिकारी द्वारा की गई तथा किस कार्य के लिये की गई है? इस हेतु शिक्षा विभाग से अनुमति ली गई या प्रस्ताव भेजा गया या सूचना दी गई? (ख) क्या उक्त शिक्षक की पत्नी ग्राम पंचायत वृषभानपुरा में सचिव के पद पर है और टीकमगढ़ में निवास करती है उक्त शिक्षक सचिव को पूर्ण दायित्व निभाकर पत्नी के हस्ताक्षर बनाकर सारे शासकीय कार्य कर रहा है तथा सरपंचों एवं आम जनता पर राजनैतिक दवाब बनाकर लाखों रूपयों की वसूली कर भ्रष्टाचार कर रहा है तथा खुले आम जनप्रतिनिधियों नेताओं के साथ खुले आम राजनीति कर रहा है? (ग) क्या ऐसे शिक्षक की जाँच कराकर उसे मूल पदांकित शाला भेजकर कार्यवाही प्रस्तावित करेगें? यदि हाँ, तो कब तक? समयावधि बतायें। यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें।
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत बल्देवगढ़ जिला-टीकमगढ़ के पत्र दिनांक 30.08.16 के द्वारा श्री श्याम सुन्दर यादव, सहायक अध्यापक, शा. प्रा.शा. जिनागढ़ जिला-टीकमगढ़ की नियम विरुद्ध ड्यूटी जनपद पंचायत बल्देवगढ़ में गांव की बेटी योजना के आवेदनों की जाँच हेतु लगाई गई थी। (ख) मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत बल्लदेवगढ़ के पत्र क. /3776 दिनांक 18.11.16 द्वारा संबंधित शिक्षक को जनपद पंचायत बल्देवगढ़ से उनकी मूल संस्था के लिए कार्य मुक्त किया गया है। उक्त शिक्षक की पत्नी श्रीमती किरण यादव ग्राम पंचायत वृषभानुपरा जनपद पंचायत बल्लदेवगढ़ में सचिव के पद पर कार्यरत है। तत्संबंध में सचिव श्रीमती किरण यादव के विरूद्ध ग्राम पंचायत वृषभानुपरा में न रहने एवं सचिवीय दायित्व का निर्वहन न करने के संबंध में जाँच कराई जाकर जाँच उपरांत कार्यवाही की जायेगी। (ग) संबंधित शिक्षक को मूल संस्था के लिए कार्य मुक्त किया गया है। शेष के संबंध में प्रश्नांश (ख) उत्तर के अनुसार कार्यवाही की जायेगी। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विद्यालयों की स्वीकृति, उन्नयन एवं भवन निर्माण
[स्कूल शिक्षा]
33. ( क्र. 520 ) श्री प्रहलाद भारती : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पोहरी विधानसभा क्षेत्रांतर्गत 01 जनवरी, 2009 से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन से नवीन शासकीय प्राथमिक व माध्यमिक विद्यालय प्रारंभ किए गए? कौन-कौन से माध्यमिक विद्यालयों का हाईस्कूल में एवं कौन-कौन से हाईस्कूलों का हायर सेकेण्डरी में उन्नयन किया गया? जानकारी विकासखण्डवार, विद्यालयवार पृथक-पृथक उपलब्ध करावें? (ख) क्या प्रश्नांश (क) अनुसार उक्त नवीन विद्यालयों में नवीन भवन भी स्वीकृत किए गए हैं? यदि हाँ, तो कौन-कौन से विद्यालयों में नवीन भवन बनकर तैयार हो चुके हैं व कौन-कौन से भवनों का निर्माण प्रश्न दिनांक तक प्रारंभ नहीं हो पाया है व क्यों? जानकारी विद्यालयवार उपलब्ध कराते हुए उनकी वर्तमान अद्यतन स्थिति से अवगत करावें? (ग) पोहरी विधानसभा क्षेत्रांतर्गत ऐसे कौन-कौन से शासकीय हाईस्कूल, हायर सेकेण्डरी स्कूल संचालित हैं जिनके पास स्वयं का भवन उपलब्ध नहीं है? इन स्कूलों हेतु नवीन भवन बनाये जाने हेतु शासन की क्या योजना है? इन स्कूलों हेतु नवीन भवन कब तक स्वीकृत कर दिए जावेंगे? (घ) पोहरी विधानसभा क्षेत्र में संचालित शासकीय हाईस्कूल सेवढ़ा, ग्वालियर (नरवर), बमरा एवं दुल्हारा में नवीन भवन कब तक स्वीकृत कर दिए जावेंगे?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) प्राथमिक/माध्यमिक शालाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र एक अनुसार एवं हाईस्कूल/हायर सेकेण्डरी शालाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र दो अनुसार है। (ख) 01 जनवरी 2009 से प्रश्न दिनांक तक 31 माध्यमिक शाला भवन एवं 36 प्राथमिक शाला भवनों में से 25 प्राथमिक शाला भवन स्वीकृत किये गये है। उक्त 31 स्वीकृत माध्यमिक शाला भवनों में से वर्तमान में 22 भवन पूर्ण किये जा चुके है तथा शेष 09 भवन प्रगतिरत है। इसी प्रकार 36 प्राथमिक विद्यालयों में से 16 प्राथमिक विद्यालय भवन पूर्ण हो चुके है तथा 09 भवन प्रगतिरत है तथा 11 प्राथमिक शाला भवन स्वीकृत न होने के कारण स्वभवन विहीन है। भवन की भौतिक प्रगति की अद्यतन जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र तीन अनुसार है। प्रश्नाअवधि में कुल 31 हाईस्कूल/हायर सेकेण्डरी स्कूलों में 20 में भवन/अतिरिक्त कक्ष स्वीकृत किये गये एवं प्रगति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र दो‘ अनुसार है। (ग) एवं (घ) स्वयं भवन विहिन हाई/हायर सेकेण्डरी की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘चार’ अनुसार है। निर्माण बजट की उपलब्धता पर निर्भर करेगा। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
शास. प्राथ./ माध्यमिक/हाई स्कूल व हायर सेकेण्डरी स्कूलों में बुनियादी व्यवस्था
[स्कूल शिक्षा]
34. ( क्र. 521 ) श्री प्रहलाद भारती : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पोहरी विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत ऐसे कौन-कौन से शासकीय प्राथमिक, माध्यमिक, हाईस्कूल एवं हायर सेकेण्डरी स्कूल भवन हैं जिनमें बाउण्ड्रीवॉल उपलब्ध नहीं है? जानकारी विकासखण्डवार, स्कूलवार, उपलब्ध करावें? इन स्कूलों में बाउण्ड्रीवॉल निर्माण कब तक करा दिया जावेगा? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में ऐसे कौन-कौन से स्कूल है जिनमें शौचालय एवं हैण्डपंप या पेयजल की कोई व्यवस्था उपलब्ध नहीं है? जानकारी विकासखण्डवार, स्कूलवार उपलब्ध करावें? उक्त स्कूलों में शौचालय निर्माण व पेयजल व्यवस्था कब तक पूर्ण कर ली जावेगी? (ग) पोहरी विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत ऐसे कौन-कौन से शासकीय प्राथमिक, माध्यमिक, हाईस्कूल एवं हायर सेकेण्डरी स्कूल हैं जो शिक्षकविहीन या एक शिक्षकीय हैं? जानकारी विकासखण्डवार, स्कूलवार उपलब्ध करावें? इन स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति कब तक कर दी जावेगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) हाई एवं हायर सेकेण्डरी स्कूलों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ '' अनुसार है। बाउण्ड्रीवॉल का निर्माण बजट उपलब्धता पर निर्भर करेगा। प्राथमिक एवं माध्यमिक विद्यालयों में बाउण्ड्रीवॉल का निर्माण भारत शासन से स्वीकृति प्राप्त होने पर निर्भर करेगा। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ख) समस्त हाई एवं हायर सेकेण्डरी स्कूलों प्राथमिक एवं माध्यमिक शाला भवनों में शौचालय एवं पेयजल की व्यवस्था उपलब्ध है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स '' अनुसार है। शिक्षकों की नियुक्ति एक सतत प्रक्रिया है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
मासिक एवं अन्य बैठकों की कार्यवाही की जानकारी
[आदिम जाति कल्याण]
35. ( क्र. 523 ) श्रीमती सरस्वती सिंह : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिंगरौली जिले के देवसर तहसील के अंतर्गत आदिम जाति कल्याण के परियोजना प्रशासक द्वारा मासिक बैठक एवं अन्य बैठकों की सूचना पूर्व में प्रश्नकर्ता सदस्य को दी जाती थी। वर्ष 2015-2016 से प्रश्नकर्ता की बैठकों में क्यों नहीं बुलाया गया? क्या विभाग नहीं बुलाने के कारणों की जाँच करायेंगे। (ख) उक्त विभाग के द्वारा वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक कितनी राशि किस-किस कार्य में व्यय की गई? (ग) वर्ष 2015-16 में प्रश्न दिनांक तक कितनी-कितनी बैठकें हुईं? बैठकवार कार्यवाही संबंधी प्रोसीडिंग की प्रति उपलब्ध करावें।
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जी नहीं। परियोजना सलाहकार मण्डल मात्र की बैठकों की सूचना मान. प्रश्नकर्ता सदस्य को दी जाती है। वर्ष 2015-16 में परियोजना सलाहकार मण्डल की बैठक दिनांक 04/07/2015 को आयोजित हुई थी, जिसकी सूचना माननीय सदस्य को दी गयी है, तत्पश्चात् आज दिनांक तक कोई बैठक आयोजित नहीं की गयी हैं। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ '' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब '' अनुसार है।
मासिक एवं अन्य बैठकों की कार्यवाही की जानकारी
[आदिम जाति कल्याण]
36. ( क्र. 526 ) श्रीमती सरस्वती सिंह : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिंगरौली जिले के आदिम जाति कल्याण विभाग अन्तर्गत आदिवासी विकास विभाग सिंगरौली द्वारा वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक आयोजित मासिक एवं अन्य बैठकों में प्रश्नकर्ता सदस्य को क्यों नहीं बुलाया जाता? क्या संबंधित के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी? (ख) उक्त विभाग के द्वारा वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक किस-किस कार्य में कितनी राशि के क्या-क्या कार्य कराए गए? (ग) प्रश्नांकित अवधि में कब-कब बैठके आयोजित की गई? प्रत्येक बैठक की प्रोसींडिग की प्रति उपलब्ध करावें?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) सिंगरौली जिले के आदिवासी विकास विभाग द्वारा जिला स्तरीय सतर्कता एवं मॉनीटरिंग समिति की बैठकों में वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक माननीय सदस्य को बैठक में सम्मिलित होने हेतु कलेक्टर सिंगरौली के पत्र कार्या. पत्र क्र. 727 दिनांक 16/03/2015, 1608 दिनांक 17/06/2015, 2840 दिनांक 28/09/2015, 3863 दिनांक 26/12/2015 एवं 874 दिनांक 21/ 03/2016 द्वारा आमंत्रित किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) आदिवासी विकास विभाग सिंगरौली द्वारा वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक किये गये कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ '' एवं ''ब '' अनुसार है। (ग) प्रश्नांकित अवधि में आयोजित बैठकों की तिथिवार जानकारी एवं कार्यवाही विवरण की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स '' अनुसार है।
किसानों के खेतों पर सिंचाई हेतु ट्रांसफार्मर लगाना
[अनुसूचित जाति कल्याण]
37. ( क्र. 541 ) श्री दिलीप सिंह शेखावत : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनुसूचित जाति वर्ग के किसानो के खेतों पर सिंचाई हेतु ट्रांसफार्मर लगाने की वर्तमान में शासन द्वारा क्या-क्या योजनाएं चलाई जा रही हैं? (ख) क्या पूर्व में इन किसानों के यहां ट्रांसफार्मर लगाने हेतु निःशुल्क योजना थी जो वर्तमान में बंद या शिथिल कर दी गयी है? (ग) वर्तमान में इस वर्ग हेतु कौन-कौन सी नवीन योजनाएं बनाई जा रही है?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) अनुसूचित जाति विकास विभाग द्वारा अनुसूचित जाति वर्ग के गरीब एवं सीमान्त कृषकों को सिंचाई सुविधा हेतु पंपों के ऊर्जीकरण के लिये विद्युत लाईन विस्तार की योजना है जिसमें आवश्यकतानुसार ट्रांसफार्मर भी स्थापित किये जाते हैं। (ख) जी नहीं। (ग) वर्तमान में कोई भी नवीन योजना प्रस्तावित नहीं है।
महाराजा यशंवतराव हॉस्पिटल में नवीन लिफ्ट लगाने का प्रावधान
[चिकित्सा शिक्षा]
38. ( क्र. 550 ) श्री सुदर्शन गुप्ता (आर्य) : क्या राज्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या इन्दौर जिले के महाराजा यशंवतराव हॉस्पिटल (एम.वाय.एच.) में नवीन लिफ्ट लगाने का प्रावधान किया गया था? (ख) यदि हाँ, तो आज दिनांक तक नवीन लिफ्ट नहीं लगने का क्या कारण है और कब तक नवीन लिफ्ट लगाई जावेगी?
राज्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा ( श्री शरद जैन ) : (क) जी नहीं। अधिष्ठाता, चिकित्सा महाविद्यालय, इंदौर द्वारा 03 नवीन लिफ्ट स्थापित करने का प्रस्ताव विचाराधीन है। (ख) उत्तरांश ''क '' के परिप्रेक्ष्य में समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
गुना जिले में सर्व शिक्षा अभियान अंतर्गत निर्मित भवन
[स्कूल शिक्षा]
39. ( क्र. 562 ) श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सर्व शिक्षा अभियान अंतर्गत विगत 5 वर्ष में कितने भवन कहाँ-कहाँ, कितनी लागत से स्वीकृत हुये हैं? सूची देवें। (ख) क्या उक्त स्वीकृत भवन वर्तमान में पूर्ण हो गये हैं? यदि अपूर्ण है तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार अपूर्ण भवनों की सूची से अवगत करायें। अपूर्णता के लिये कौन अधिकारी/कर्मचारी जिम्मेदार है? क्या उनके प्रति कार्यवाही की जायेगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) 84 भवन निर्माण कार्यों में से 18 कार्य पूर्ण एवं 66 कार्य अपूर्ण है। 66 अपूर्ण कार्यों में से 58 कार्य प्रगतिरत एवं 8 कार्य निर्माण एजेन्सी की उदासीनता के कारण अपूर्ण हैं। (ग) भवनो की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। 08 अपूर्ण भवनों की निर्माण एजेन्सी संबंधित ग्राम पंचायत उत्तरदायी है, जिसमें से 06 निर्माण एजेन्सी के विरूद्ध अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) के न्यायालय में प्रकरण दर्ज होकर कार्यवाही प्रचलित है। शेषांश का प्रशन उपस्थित नहीं होता।
दीनदयाल चलित हॉस्पिटल की उपयोगिता
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
40. ( क्र. 566 ) श्री गोपाल परमार : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि क्या जिला आगर मालवा में संचालित दीनदयाल चलित हॉस्पिटल का 111000 प्रति माह भुगतान होता है? इसकी उपयोगिता क्या है? इसके द्वारा जिन मरीजों को उपचार किया जाता है उसका सत्यापन किनके द्वारा किया जाता है? विगत 3 वर्षों से जिन मरोजों का उपचार व इलाज किया गया, नाम पता सहित सत्यापन की रिपोर्ट की जानकारी देवें?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी हाँ। जिले के चिन्हित दूरस्थ, पहुँच विहीन एवं आदिवासी बाहुल्य विकासखण्ड के ग्रामीण अंचलों में निवासरत आमजन को सामान्य बीमारियों की जाँच, उपचार एवं अन्य स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के उददेश्य से दीनदयाल चलित अस्पताल का संचालन किया जाता है। लाभान्वित हितग्राहियों का सत्यापन विकासखण्ड चिकित्सा अधिकारी आगर-मालवा (कानड़) के द्वारा किया जाता है। विगत 03 वर्षों में दीनदयाल चलित अस्पताल के माध्यम से लाभान्वित हितग्राहियों/मरीजों का विवरण निम्नानुसार है-
क्र. |
सत्र |
लाभान्वित हतग्राहियों/मरीजों की संख्या |
रिमार्क |
1. |
2014-15 |
22306 |
- |
2. |
2015-16 |
19746 |
- |
3. |
2016-17 |
10655 |
अक्टूबर-16 तक |
स्त्री रोग चिकित्सक डॉ.व्ही.वी जैन किये गये नसबंदी ऑपरेशन की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
41. ( क्र. 567 ) श्री गोपाल परमार : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) डॉ. व्ही.के. जैन जिला चिकित्सालय आगर द्वारा कितने नसबंदी ऑपरेशन विगत पाँच वर्षों में किये गये हैं? उक्त नसबंदी ऑपरेशन में कितने सफल/असफल हुए महिला/पुरुषों की संख्यात्मक जानकारी देवें? (ख) प्रश्न 'क' के अनुसार असफल हुए ऑपरेशन के लिए कौन जिम्मेदार है नाम बताबे जिम्मेदार के विरुद्ध शासन ने क्या कार्यवाही की? यदि नहीं, तो कारण बतावे? कार्यवाही कब तक की जाएगी? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) 14479 ऑपरेशन किये गये। इनमें से 48 महिलाओं के ऑपरेशन असफल हुये। (ख) माननीय उच्चतम न्यायालय एवं भारत शासन द्वारा जारी दिशा-निर्देशानुसार क्षतिपूर्ति योजनान्तर्गत परिवार कल्याण ऑपरेशन संरक्षित है। इसमें कुछ असफलता की संभावना रहती है। डॉ. जैन द्वारा काफी संख्या में परिवार कल्याण ऑपरेशन किये गये है, जो कि असफल ऑपरेशन के मापदंड से काफी कम है, फिर भी इन्हें सावधानीपूर्वक ऑपरेशन संपादित किये जाने के निर्देश दिये गये हैं।
बड़नगर विधानसभा क्षेत्र में संचालित शासकीय विद्यालयों की जानकारी
[स्कूल शिक्षा]
42. ( क्र. 569 ) श्री मुकेश पण्ड्या : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़नगर विधानसभा क्षेत्र में कितने शासकीय प्राथमिक, माध्यमिक, हाई स्कूल एवं हायर सेकण्डरी विद्यालय संचालित किये जा रहे हैं वर्तमान में कितने विद्यालय स्वयं के भवन में संचालित हैं तथा कितने भवन विहीन हैं? विधानसभा में संचालित होने वाले समस्त शासकीय विद्यालयों में स्वच्छ पेयजल एवं शौचालय की क्या स्थिति है? सूची संलग्न करें। (ख) यदि भवन विहिन हैं तो किस भवन में संचालित किये जा रहे हैं? सूची संलग्न करें। (ग) भवन विहीन विद्यालयों के भवन निर्माण के लिये शासन की क्या कार्ययोजना है?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) बड़नगर विधानसभा क्षेत्र में कुल 238 शासकीय प्राथमिक विद्यालय एवं 122 शासकीय माध्यमिक विद्यालय संचालित है। वर्तमान में 232 प्राथमिक विद्यालय एवं 120 शासकीय माध्यमिक विद्यालय के स्वयं के भवन होकर शाला उनमें संचालित है। 06 प्राथमिक शालाओं एवं 02 माध्यमिक शाला स्वयं के भवन विहीन है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। समस्त 238 शासकीय प्राथमिक विद्यालयों एवं 122 शासकीय माध्यमिक विद्यालयों में स्वच्छ पेयजल की व्यवस्था है। प्राथमिक एवं माध्यमिक विद्यालयों में शौचालय एवं पेयजल की स्थिति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार है। विधानसभा क्षेत्र बड़नगर अन्तर्गत 17 शासकीय हाईस्कूल, 16 शासकीय. हायर सेकेण्डरी स्कूल संचालित हैं। इनमे से 22 में स्वयं का भवन है एवं 11 भवन विहीन है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-03 एवं -04 अनुसार है। उल्लेखित समस्त स्कूलों में पेयजल एवं शौचालय की सुविधा उपलब्ध है। (ख) स्वयं का भवन विहीन प्राथमिक एवं माध्यमिक विद्यालयों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 01 अनुसार है। 11 हाई/हायर सेकेन्डरी स्कूल भवन विहीन है एवं माध्यमिक शालाओं में संचालित किए जा रहे है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-04 अनुसार है। (ग) 06 प्राथमिक भवन विहीन विद्यालयों में से 02 युक्तियुक्तकरण वाली शाला एवं 01 जीर्ण-शीर्ण शाला के प्रस्ताव वार्षिक कार्ययोजना में सम्मिलित किये गये थे। भारत शासन से इस वर्ष स्वीकृति प्राप्त नहीं हुई है। शेष 03 प्राथमिक विद्यालयों के भवन स्वीकृत है, परन्तु भूमि समस्या के कारण अप्रारंभ हैं। 02 माध्यमिक विद्यालय भवन विहीन है जिनके भवन पूर्व वर्षों में स्वीकृत है, परन्तु भूमि समस्या के कारण अप्रारंभ है। हाई/हायर सेकेन्डरी स्कूलों के भवन निर्माण बजट की उपलब्धता पर निर्भर करेगा।
अतिथि शिक्षकों का नियमितीकरण
[स्कूल शिक्षा]
43. ( क्र. 589 ) श्री
दिनेश कुमार
अहिरवार :
क्या स्कूल शिक्षा
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे कि
(क) क्या
म.प्र. के
शासकीय
शालाओं में
वर्षों से पदस्थ
अतिथि
शिक्षकों
द्वारा अपने
कर्तव्यों
का निर्वाहन
बड़ी
ईमानदारी के
साथ कर रहे हैं
एवं शालाओं
में समय पर
शैक्षणिक
गतिविधियों
का संचालन इन
शिक्षकों के
द्वारा किया
जा रहा है? (ख) यदि
हाँ, तो
शासकीय
शालाओं में
अतिथि
शिक्षकों के
साथ भेदभाव क्यों
किया जा रहा
है? उनकों
मजदूरों से भी
कम
पारिश्रमिक
दिया जा रहा
है? (ग) क्या
वर्षों से
प्रदेश की
शासकीय
शालाओं में पदस्थ
अतिथि
शिक्षकों को
म.प्र. शासन
नियमित करने
का कार्य
करेगा जिससे
इस मंहगाई के
समय में अतिथि
शिक्षकों को
न्याय मिल
सके?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) विद्यालयों में शिक्षक के अवकाश पर रहने अथवा पद रिक्तता की स्थिति में तात्कालिक रूप में शिक्षण हेतु अतिथि शिक्षक की व्यवस्था की जाती है। (ख) अतिथि शिक्षकों को निर्धारित मानदेय दिया जाता है। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) ऐसा कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।
शासकीय विद्यालयों के भवन निर्माण
[स्कूल शिक्षा]
44. ( क्र. 608 ) श्री राजकुमार मेव : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र महेश्वर क्षेत्रांतर्गत कितने एवं कहाँ-कहाँ शासकीय प्राथमिक विद्यालय, माध्यमिक विद्यालय, हाईस्कूल एवं हायर सेकेण्डरी स्कूल संचालित हो रहे हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में किस-किस विद्यालय के अपने भवन हैं एवं ऐसे कितने विद्यालय हैं जिनके अपने भवन नहीं है? विद्यालयवार जानकारी दी जावें? क्या विद्यालयों में अतिरिक्त कक्ष, बाउण्ड्रीवॉल, प्रयोगशाला जैसी सुविधाओं हेतु भवन निर्माण हेतु प्रस्ताव तैयार किये गये है? यदि हाँ, तो किन-किन विद्यालयों के लिये तैयार किये गये है? (ग) क्या ऐसे शासकीय विद्यालय जिनके अपने भवन नहीं हैं, इनके भवन निर्माण हेतु कोई कार्ययोजना, प्रस्ताव तैयार किये गये हैं? प्रस्ताव किस स्तर पर लंबित हैं एवं कब तक भवन विहीन विद्यालय के नवीन भवनों की स्वीकृति प्रदान की जावेगी? (घ) क्या हायर सेकेण्डरी स्कूल बलवाड़ा के भवन निर्माण हेतु प्रस्ताव प्राप्त हुये हैं? यदि हाँ, तो प्रस्ताव पर क्या कार्यवाही की गई? प्रस्ताव किस स्तर पर लंबित है? भवन निर्माण की स्वीकृति कब तक दी जावेगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र एक अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र एक एवं दो अनुसार है। (ग) विद्यालयों में भवन निर्माण, अतिरिक्त कक्ष, बाउण्ड्रीवॉल के प्रस्ताव कार्ययोजना वर्ष 2016-17 में भारत शासन को प्रेषित किये गये, जिन पर स्वीकृति प्राप्त नहीं हुई है। भारत शासन से स्वीकृति अप्राप्त रहने के कारण निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। हाईस्कूल/हायर सेकेण्डरी नवीन भवन की स्वीकृति बजट उपलब्धता पर निर्भर करेगा। (घ) जी नहीं, शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र से सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में उन्नयन
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
45. ( क्र. 609 ) श्री राजकुमार मेव : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र महेश्वर क्षेत्रांतर्गत प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र करही एवं बलवाड़ा को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में उन्नयन हेतु प्रश्नकर्ता द्वारा कब-कब प्रस्ताव एवं पत्र विभाग को प्रेषित किए गए एवं विभाग द्वारा प्रस्तावों पर क्या कार्यवाही की गई है? (ख) विधानसभा क्षेत्र महेश्वर क्षेत्रांतर्गत उप स्वास्थ्य केन्द्र बरझर को प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में उन्नयन हेतु प्रश्नकर्ता द्वारा कब-कब प्रस्ताव एवं पत्राचार विभाग को दिये गये है? विभाग द्वारा प्रस्तावों पर क्या कार्यवाही की गई है? (ग) विधानसभा क्षेत्र महेश्वर अंतर्गत सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र महेश्वर को 100 बिस्तरीय सुविधा उपलब्ध कराने हेतु प्रश्नकर्ता द्वारा कब-कब प्रस्ताव एवं पत्र विभाग को दिये गये? विभाग द्वारा उक्त प्रस्तावों पर क्या कार्यवाही की गई? कब तक सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र महेश्वर को 100 बिस्तरीय सुविधा उपलब्ध कराने की स्वीकृति दी जावेगी? (घ) शासन द्वारा वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में विधानसभा क्षेत्र महेश्वर में कितनी नये उप स्वास्थ्य केन्द्र एवं कितने प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, कहाँ-कहाँ खोलने की स्वीकृति प्रदान की गई? सूची उपलब्ध करावें? क्या नवीन स्वीकृत उपस्वास्थ्य केन्द्र प्रारंभ कर दिये गये हे? यदि हाँ, तो क्या उनमें स्टॉफ की पूर्ति भी कर दी गई है? यदि नहीं, तो कब तक पदपूर्ति की जावेगी?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) माननीय विधायक/प्रश्नकर्ता द्वारा प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र करही व बलवाड़ा के उन्नयन हेतु विभाग को पत्र क्र. 183 दि. 07.08.2014, क्र. 190 दि. 10.12.2014, क्र. 423 दि. 22.07.2014 एवं क्र. 712 दि. 16.10.2014 द्वारा प्रस्ताव प्रेषित किये थे। प्रस्ताव पत्रों का परीक्षण किया गया, उन्नयन के निर्धारित मापदण्ड़ानुसार पात्रता नहीं होने से उन्नयन किया जाना संभंव नहीं है। इससे माननीय विधायक को संचालनालय के पत्र क्र. 26 दि. 27.01.2015 एवं क्र. 48 दि. 25.02.2015 द्वारा अवगत भी कराया गया हैं। (ख) माननीय विधायक/प्रश्नकर्ता द्वारा ग्राम बरझर में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र खोले जाने हेतु पत्र क्र. 183 दि. 07.08.2014, द्वारा प्रस्ताव प्रेषित किया था। प्रस्ताव पत्र का परीक्षण किया गया उन्नयन के निर्धारित मापदण्डानुसार पात्रता नहीं होने से उन्नयन किया जाना संभंव नहीं हैं। (ग) माननीय विधायक/प्रश्नकर्ता द्वारा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र महेश्वर को 100 बिस्तरीय अस्पताल हेतु पत्र क्र. 2182 दि. 07.06.2016 द्वारा प्रस्ताव प्रेषित किया था। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी खरगौन से प्रस्ताव व अभिमत टीप प्राप्त कर परीक्षण उपरांत नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी। निश्चित समयावधि बताना संभव नहीं। (घ) वर्ष 2015-16 में निरंक एवं वर्ष 2016-17 में 04 नवीन उप स्वास्थ्य केन्द्रों (बाकानेर, समराज, गुजरमोहना एवं करोंदिया माता जी) की स्वीकृति दी गई। जी नहीं। जी नहीं। निश्चित समयावधि बताया जाना संभव नहीं।
निर्माण कार्यों की स्वीकृति
[अनुसूचित जाति कल्याण]
46. ( क्र. 625 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या केन्द्र/राज्य प्रवर्तित योजनाओं के माध्यम से अनुसूचित जाति कल्याण हेतु जाति के बाहुल्य क्षेत्रों में बस्ती विकास हेतु अनेक कार्य किये जा रहे हैं? (ख) यदि हाँ, तो वर्ष 2012-13 से लेकर प्रश्न दिनांक तक रतलाम जिले को शासन/विभाग की योजनाओं एवं विकास कार्यों के क्रियान्वयन हेतु अब तक कुल कितना-कितना बजट प्राप्त होकर विकासखण्डवार/ग्राम पंचायतवार कितना व्यय हुआ? (ग) साथ ही उपरोक्त वर्षों में ग्राम पंचातवार किस-किस प्रकार के जनउपयोगी उल्लेखनीय कार्य किये गये? (घ) प्रश्नकर्ता द्वारा उपरोक्त वर्षों में अग्रेषित मांग पत्रों की आवश्यकता अनुसार जावरा विधानसभा क्षेत्र में कहाँ-कहाँ पर किस-किस प्रकार के कार्य स्वीकृत हुए? प्रश्नकर्ता द्वारा अग्रेषित उपरोक्त वर्षों में कुल कितने पत्र किस-किस दिनांक को विभाग को प्राप्त हुए?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जी हाँ। अनुसूचित जाति बस्ती विकास योजना अंतर्गत अनुसूचित जाति बाहुल्य बस्तियों में विकास कार्य किये जा रहे हैं। (ख) रतलाम जिले को प्राप्त आवंटन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ '' अनुसार है। योजनांतर्गत वर्षवार प्राप्त आवंटन के विरूद्ध ग्राम पंचायतों में हुए व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब '' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘स '' अनुसार है। (घ) प्रश्नकर्ता माननीय विधायक द्वारा जिला स्तर पर विभाग को प्राप्त प्रस्तावों की जानकारी पत्र दिनांक सहित एवं जावरा विधानसभा क्षेत्र में प्राप्त प्रस्तावों के विरूद्ध स्वीकृति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द '' अनुसार है।
हाईस्कूल, हायर सेकेण्डरी स्कूल भवन निर्माण
[स्कूल शिक्षा]
47. ( क्र. 626 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जावरा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत बड़ी संख्या में हाईस्कूल एवं हायर सेकेण्डरी स्कूल भवन विहीन होकर अन्य शालाओं अथवा अन्यत्र स्थानों पर असुविधाजनक स्थिति में संचालित हो रहे हैं? (ख) यदि हाँ, तो क्या भवन विहिन शालाओं हेतु भवन की स्वीकृति दिये जाने हेतु प्रश्नकर्ता द्वारा प्रश्नों एवं पत्रों के माध्यम से शासन/विभाग से लगातार निवेदन किया जा रहा है? (ग) यदि हाँ, तो क्या ग्रामीण क्षेत्रों में अत्यंत कम व्यवस्था होने एवं अन्य शालाओं में संचालित हो रहे स्कूलों के कारण काफी शैक्षणिक अव्यवस्था उत्पन्न हो रही है? (घ) स्कूल भवनों की कमी के कारण हो रही छात्र-छात्राओं, अध्यापकों एवं शैक्षणिक कठिनाईयों को दृष्टिगत रखते हुए कठिनाईयों के निराकरण हेतु शासन/विभाग कब तक स्वीकृति देगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जावरा विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत 13 हाईस्कूल एवं 04 हायर सेकेण्डरी स्कूल स्वभवन विहिन है। सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। इनका संचालन प्राथमिक एवं माध्यमिक विद्यालयों के अतिरिक्त कक्षों में किया जा रहा है। (ख) जी हाँ। (ग) उत्तरांश ''क '' के प्रकाश में जी नहीं। (घ) हाईस्कूल एवं हायर सेकेण्डरी स्कूलों के भवन निर्माण वित्तीय संसाधन की उपलब्धता पर निर्भर करेगा।
परिशिष्ट - ''दस''
गणवेश व साइकिल वितरण में विलंब
[स्कूल शिक्षा]
48. ( क्र. 658 ) श्री नरेन्द्र सिंह कुशवाह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत जुलाई 16 से प्रश्न दिनांक तक कितने छात्र/छात्रा साइकिल एवं गणवेश के लिए पात्र है। क्या समस्त पात्र छात्र/छात्राओं को साइकिल एवं गणवेश दी जा चुकी है? (ख) प्रश्नांश (क) के अंतर्गत साइकिल वितरण के समय कहाँ पर कौन जनप्रतिनिधि/वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे? क्या साइकिल वितरण विलंब से किया गया है? यदि हाँ, तो इसके लिए कौन उत्तरदायी है? (ग) भिण्ड विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत ग्राम पंचायत कचोगरा में पात्र विद्यार्थियों को साइकिल नहीं दी गई ऐसा क्यों? कब तक साइकिल दी जाएगी? (घ) भिण्ड विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत कहाँ पर साइकिल वितरित नहीं हुई है वहां पर कब तक वितरित हो जायेगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) शासकीय विद्यालयों में कक्षा 6 वीं में अध्ययनरत 179 एवं कक्षा 9वीं में अध्ययनरत 650 छात्र/छात्राएं साइकिल हेतु एवं 26613 छात्र/छात्राएं गणवेश हेतु पात्र है। कक्षा 6वीं में अध्ययनरत पात्र समस्त छात्र/छात्राओं को साइकिल वितरीत की जा चुकी है एवं कक्षा 9वीं में अध्ययनरत पात्र छात्र/छात्राओं को साईकिल वितरण की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। गणवेश हेतु पात्र शेष 4475 छात्र/छात्राओं को गणवेश की राशि वितरण की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ख) शासकीय माध्यमिक शालाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। शासकीय हाईस्कूल कचोंगरा में मान. विधायक, श्री नरेन्द्र सिंह कुशवाह एवं जनपद अध्यक्ष श्रीमती संजू जाटव, अन्य स्थान पर जिला एवं जनपद सदस्य, अटेर विधानसभा जिला पंचायत सदस्य, जनपद पंचायत सदस्य एवं अन्य विभागीय अधिकारी, मेहगांव विधानसभा क्षेत्र शा.उमावि गौरवी में मान. विधायक श्री मुकेश सिंह चौधरी, अध्यक्ष नगर परिषद गौरवी, गोहद विधानसभा शा.उमावि गोहद, मालनपुर, मौ में मान. मंत्री, लहार विधायक, जिला/जनपद सदस्य उपस्थित थे। सायकिल वितरण की कार्यवाही प्रचलन में है। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) शासकीय माध्यमिक विद्यालय कचोगरा में पात्र 12 छात्र/छात्राओं को दिनांक 24.9.2016 को साइकिल वितरण किया जा चुका है। कक्षा 9वीं में पढ़ने वाले छात्र/छात्राओं को पात्रतानुसार सायकिल वितरण की कार्यवाही प्रचलन में है। (घ) समस्त शासकीय माध्यमिक शालाओं में कक्षा 6वीं के पात्र सभी छात्र/छात्राओं को साइकिल वितरित की जा चुकी है। शासकीय हाईस्कूलों में कक्षा 9वीं के पात्र छात्र/छात्राओं को साइकिल वितरण की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
संभागीय कार्यालय माध्यमिक शिक्षा मंडल को आवंटित एवं व्यय राशि
[स्कूल शिक्षा]
49. ( क्र. 664 ) पं. रमाकान्त तिवारी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) माध्यमिक शिक्षा मण्डल म.प्र. के संभागीय कार्यालय रीवा में संभागीय अधिकारी कौन है एवं कब से है? इनकी पदस्थापना दिनांक से प्रश्न दिनांक तक कुल कितना बजट संभागीय कार्यालय रीवा के लिए शासन द्वारा अथवा विभाग द्वारा दिया गया एवं किस-किस मद में खर्च करने के लिए दिया गया? (ख) उनमें से कुल कितनी राशि किस मद में कब-कब खर्च की गई? (ग) क्या किसी अन्य मद की राशि किसी दूसरे मद में खर्च की गई? यदि हाँ, तो क्या उसकी स्वीकृति वरिष्ठ अधिकारियों से ली गई? यदि हाँ, तो कब? (घ) यदि राशि वरिष्ठ अधिकारियों की जानकारी अथवा स्वीकृति के बगैर खर्च की गई है, तो इसमें दोषी कौन है एवं दोषी के खिलाफ क्या कार्यवाही कब तक की जावेगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) संभागीय कार्यालय रीवा में संभागीय अधिकारी श्री रणजीत सिंह दाहिमा दिनांक 17.10.2016 से पदस्थ है। इनकी पदस्थपना दिनांक से अभी तक मण्डल द्वारा राशि रूपये 6,24,972/- बजट दिया गया है। बजट वेतन भत्ते एवं कार्यालयीन व्यय के लिए दिया गया है। (ख) वेतन भत्ते में राशि रूपये 4,17,553/- एवं कार्यालयीन व्यय में राशि रूपये 1,46,054/- खर्च की गई है। (ग) मण्डल द्वारा भेजी गई राशि में से संभागीय कार्यालय द्वारा अन्य मद में खर्च नहीं की गई। (घ) ''ग '' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उत्पन्न नहीं होता है।
राजगढ़ विधानसभा के हाईस्कूलों में भवनों की स्वीकृति
[स्कूल शिक्षा]
50. ( क्र. 684 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले में वर्तमान में प्रश्न दिनांक तक कुल कितने हाईस्कूल/हायर सेकेण्डरी विद्यालय कब से संचालित है? विधानसभावार स्थान के नाम सहित बतावें। (ख) क्या राजगढ़ जिले की विधानसभा क्षेत्र राजगढ़ के अंतर्गत संचालित हाईस्कूल कोडिया जरगर, बगा, कीलखेड़ा, ओढ़पुर, धनवासकलां तहसील राजगढ़ और हाईस्कूल सडियाकुऑ तहसील खिलचीपुर में विद्यालय में स्वयं का भवन है? (ग) यदि नहीं है तो अब तक उक्त हाईस्कूलों के भवन नहीं होने से उक्त संचालित विद्यालयों के छात्र-छात्राओं के शैक्षणिक व्यवस्था हेतु क्या व्यवस्था की गई है? (घ) क्या राजगढ़ जिले की विधानसभा क्षेत्र राजगढ़ के अंतर्गत संचालित हाईस्कूल कोडिया जरगर, बगा, कीलखेड़ा, ओढ़पुर, धनवासकलां तहसील राजगढ़ और हाईस्कूल सडियाकुऑ तहसील खिलचीपुर के विद्यालयों में स्वयं का भवन स्वीकृत किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। (ग) उक्त हाईस्कूल में शैक्षणिक व्यवस्था का संचालन प्राथमिक एवं माध्यमिक शाला के भवन में किया गया है। (घ) भवन निर्माण बजट की उपलब्धता पर निर्भर करेगा। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
राजगढ़ विधानसभा में ग्राम छायन में स्कूल भवन की स्वीकृति
[स्कूल शिक्षा]
51. ( क्र. 685 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शिक्षा विभाग द्वारा राजगढ़ जिले की विधानसभा क्षेत्र राजगढ़ के ग्राम छायन में कोई निर्माण कार्य स्वीकृत किया गया था है? (ख) यदि हाँ, तो कार्य का नाम, स्वीकृति की दिनांक, स्वीकृत राशि और व्यय राशि सहित बतावें। (ग) उक्त निर्माण कार्य की वर्तमान स्थिति क्या है? क्या उक्त निर्माण कार्य पूर्ण किया गया है? (घ) क्या उक्त शाला भवन में कक्षायें संचालित हो रही है? यदि हाँ, तो विवरण दें और नहीं तो उक्त शाला भवन का क्या उपयोग किया जा रहा है?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। (ख) माध्यमिक विद्यालय छायन का भवन निर्माण स्वीकृति दिनांक 4.3.2008, स्वीकृत राशि रू. 7,00,000 तथा व्यय राशि रू. 6,44,100 है। (ग) उक्त भवन निर्माण कार्य पूर्ण है। जी हाँ। (घ) उक्त शाला भवन में कक्षायें वर्षाकाल में संचालित नहीं होती है। शाला भवन निर्माण की स्वीकृति वर्ष 2007-08 में हुई थी। ग्राम पंचायत द्वारा वर्ष 2009-10 में निस्तारी तालाब का निर्माण किया गया। बाद में ग्राम पंचायत द्वारा पाल की ऊँचाई बढ़ाई गई जिस कारण माध्यमिक शाला भवन के समीप वर्षा काल में पानी का भराव रहता है। इस दौरान माध्यमिक शाला प्राथमिक शाला के भवन में संचालित होती है। दिसंबर माह तक जलस्तर समाप्त होने पर शाला का संचालन माध्यमिक विद्यालय भवन में किया जाता है। शेषांश प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अनियमित नियुक्ति के विरूध्द कार्यवाही
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
52. ( क्र. 687 ) डॉ. योगेन्द्र निर्मल : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बालाघाट जिले में पदस्थ सहायक ग्रेड ०२ श्री कलमसिंह पटले को कब-कब पदोन्नत किया गया? क्या पदोन्नति के समय इनकी सेवा पुस्तिका से इनकी जन्म तिथि एवं शैक्षणिक योग्यता का सत्यापन किया गया? यदि हाँ, तो किनके द्वारा? (ख) क्या नियुक्ति के दौरान निर्धारित योग्यता नहीं होने एवं नियम विरूध्द नियुक्ति के बाद भी समिति द्वारा इन्हें पदोन्नति दी गई है? यदि हाँ, तो आज दिनांक तक श्री कलमसिंह पटले के विरूद्ध विभाग द्वारा कोई कार्यवाही क्यों नहीं की गई? विभाग द्वारा इन्हें पद से कब तक बर्खास्त किया जावेगा?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) श्री कलम सिंह पटले को वर्ष 2005 में चतुर्थ श्रेणी से सहायक ग्रेड-3 के पद पर एवं आदेश दिनांक 16.09.2008 द्वारा सहायक ग्रेड-3 से सहायक ग्रेड-2 के पद पर पदोन्नत किया गया है। जी नहीं, मध्यप्रदेश शासन पदोन्नत नियम अंतर्गत शैक्षणिक प्रमाण पत्रों का सत्यापन कराये जाने संबंधी प्रावधान नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हाँ। माननीय उच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेश दिनांक 06.02.2014 के संदर्भ में श्री पटले के विरूद्ध कोई कार्यवाही वर्तमान में नहीं की जा रही है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
राज्य बीमारी सहायता निधि
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
53. ( क्र. 689 ) डॉ. योगेन्द्र निर्मल : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बालाघाट जिले अंतर्गत वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक राज्य बीमारी सहायता निधि के अंतर्गत कितने हितग्राहियों को सहायता प्रदान की गई? नामवार जानकारी देवें? (ख) क्या हितग्राहियों को म.प्र.शासन से मान्यता प्राप्त स्वास्थ्य संस्थाओं में चिन्हित बीमारियों के ईलाज पर ही सहायता प्रदान कि जाती हैं? यदि हाँ, तो क्या बालाघाट जिले में सभी हितग्राहियों को शासन के नियमानुसार सहायता प्रदान की गई हैं? (ग) प्रश्नाधीन अवधि में बालाघाट जिले अंतर्गत कितने गैर मान्यता प्राप्त स्वास्थ्य संस्थाओं से हितग्राहियों का ईलाज कराया गया है? कितने गैर चिन्हित बीमारियों हेतु हितग्राहियों को सहायता प्रदान की गई हैं?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) बालाघाट जिले अन्तर्गत वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक राज्य बीमारी सहायता निधि के अन्तर्गत 515 हितग्राहियों को सहायता प्रदान की गई। नामवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। बालाघाट जिले में सभी हितग्राहियों को नियमानुसार सहायता प्रदान की गई हैं। (ग) प्रश्नाधीन अवधि में किसी भी हितग्राही का उपचार किसी भी गैर मान्यता प्राप्त स्वास्थ्य संस्थाओं में नहीं कराया गया हैं। गैर चिहिन्त बीमारी हेतु किसी भी हितग्राही को सहायता प्रदान नहीं की गई है।
कन्या हा. से. स्कूल के भवन की स्वीकृति
[स्कूल शिक्षा]
54. ( क्र. 767 ) श्रीमती प्रतिभा सिंह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शास. कन्या हा. से. स्कूल बरगी जि. जबलपुर का स्वयं का भवन नहीं होने के कारण इसे शास. मा. शाला के भवन में संचालित किया जा रहा है जहां छात्राओं के बैठने का पर्याप्त स्थान नहीं है? (ख) यदि हाँ, तो क्या शासन शास. कन्या हा. से. स्कूल, बरगी (जबलपुर) हेतु भवन निर्माण की स्वीकृति कब तक प्रदान करेगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) शास. कन्या उ.मा.वि. बरगी जिला जबलपुर के स्वयं के 04 नवनिर्मित कक्षों एवं माध्यमिक शाला के कक्षों में कक्षांए लगाई जा रही हैं। शेषांश जी नहीं। (ख) भवन निर्माण वित्तीय संसाधन की उपलब्धता पर निर्भर करेगा। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
बस्ती विकास योजना अंतर्गत राशि आवंटन
[आदिम जाति कल्याण]
55. ( क्र. 793 ) श्री महेन्द्र सिंह : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या गुनौर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा बस्ती विकास योजना अंतर्गत ग्रामों को चिन्हित कर राशि ग्राम पंचायतवार दी जाती है? यदि हाँ, तो वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक कितने ग्रामों को कितनी राशि स्वीकृति की गई? ग्रामवार एवं पंचायतवार बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में स्वीकृत की गई राशि में से कितने ग्रामों के कितने कार्य पूर्ण हो चुके हैं एवं कितने अपूर्ण हैं? बस्ती विकास योजना अंतर्गत स्वीकृत राशि का उपयोग न कर पाने के लिये कौन अधिकारी/कर्मचारी दोषी है? दोषियों के विरूद्ध कब तक और क्या कार्यवाही की जावेगी? (ग) प्रश्नांश (क) अवधि में बस्ती विकास योजना अंतर्गत पन्ना जिले की किन-किन विधानसभाओं को कितनी-कितनी राशि स्वीकृत की गई है? क्या राशि स्वीकृत करने में सांसद एवं विधायकों की अनुशंसा ली गई है? यदि हाँ, तो कितने प्रकरणों में, यदि नहीं, तो क्यों?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जी हाँ। स्वीकृत कार्यों की ग्रामवार एवं पंचायतवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ '' अनुसार है। (ख) योजनान्तर्गत 08 स्वीकृत कार्यों में से 06 पूर्ण हैं एवं 02 कार्य पूर्णता की ओर है, कोई दोषी नहीं है। अतः शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) विधानसभा क्षेत्र में स्वीकृत राशि की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''स '' अनुसार है। जी नहीं। माननीय सांसदों एवं विधायकों की अनुशंसा लेने के सम्बन्ध में नियमों में कोई प्रावधान नहीं है।
परिशिष्ट - ''ग्यारह''
स्कूलों में छात्र/छात्राओं की बैठक व्यवस्था
[स्कूल शिक्षा]
56. ( क्र. 794 ) श्री महेन्द्र सिंह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पन्ना शहर अन्तर्गत कितने हाई स्कूल हायर सेकेण्ड्री वर्तमान में संचालित है एवं उनमें कितनी-कितनी छात्र/छात्राएं अध्ययरत है? स्कूलवार सूची उपलब्ध करावें? (ख) पन्ना शहर अन्तर्गत संचालित किस हाईस्कूल एवं हायर सेकेण्ड्री स्कूल में कितने कक्ष छात्र/छात्राओं के बैठने हेतु उपलब्ध है स्कूलवार बतावें? (ग) पन्ना शहर अन्तर्गत संचालित हाईस्कूल एवं हायर सकेण्ड्री स्कूलों में कितनी लंबाई चौड़ाई के कक्ष में कितने छात्र/छात्राओं की बैठक व्यवस्था की गई है? स्कूलवार बतावें? छात्र/छात्राओं के अनुपात में बतावें कि किस आकार के कक्ष में अधिकतम कितने विद्यार्थी समुचित रूप से बैठकर अध्ययन कर सकते है? (घ) पन्ना शहर के हाई स्कूल एवं हायर सकेण्ड्री स्कूलों में छात्र/छात्राओं की संख्या के अनुपात में कक्ष उपलब्ध न होने से छात्र/छात्राओं के बैठने की समुचित व्यवस्था न होने के कारण पढ़ाई में बाधा उत्पन्न होती है और विद्यार्थी सही तरीके से विद्यालय में अध्ययन नहीं कर पाते हैं?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन अनुसार। माध्यमिक स्तर पर सामान्यत: कक्ष छात्र अनुपात 1:40 का है। (घ) हाईस्कूल एवं हायर सेकेण्डरी स्कूलों में आवश्यकता अनुसार उपलब्ध माध्यमिक शाला भवन के कक्षों का उपयोग किया जाता है।
शासकीय चिकित्सालयों में सामान्य एवं आपरेशन से हुये नवजातों की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
57. ( क्र. 810 ) श्री तरूण भनोत : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर स्थिति शासकीय चिकित्सालयों में दिनांक 30 मार्च 2013 से दिनांक 30 अक्टूबर 2016 तक कितनी प्रसूती हुई? जानकारी लिंग के आधार पर संख्यावार बताई जावें? (ख) उक्त अवधि में हुई प्रसूतियों में कितनी प्रसूती सामान्य हुई एवं कितनी आपरेशन के माध्यम से हुई? (ग) प्रश्नांश (क) (ख) अनुसार प्रसूती के समय कितने नवजातों की मृत्यु हो गई एवं मृत्यु होने के क्या कारण थे? (घ) प्रसूती के पूर्व एवं बाद में कितनी प्रसूताओं की मौत हुई? कारण सहित जानकारी प्रश्नांश (क) की अवधिवार बताई जावे।
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जबलपुर स्थित शासकीय चिकित्सालयों में दिनांक 30 मार्च 2013 से दिनांक 30 अक्टूबर 2016 तक कुल 107016 प्रसूती हुई। शेष प्रश्नांश की जानकारी निम्नांकित हैः-
|
बालक |
बालिका |
कुल प्रसव |
30 मार्च 2013 से मार्च 2014 |
14923 |
13643 |
28566 |
अप्रैल 2014 से मार्च 2015 |
15390 |
14481 |
29871 |
अप्रैल 2015 से मार्च 2016 |
16089 |
14691 |
30780 |
अप्रैल 2016 से अक्टूबर |
9195 |
8604 |
17799 |
|
55597 |
51419 |
107016 |
(ख) प्रश्नावधि में कुल 107016 प्रसूति हुई, इनमें से 90655 सामान्य एवं 16361 आपरेशन से प्रसूति हुई। (ग) प्रश्नावधि में 1397 नवजातों की प्रसूति के समय मृत्यु हूई है। इन मृत्युओं में रेसपीरेटरी डिस्ट्रेस, म्युक्स एसपीरेशन, बर्थ एसफेक्सीया, सेपसिस, जन्मजात विकृति आदि प्रमुख कारण है। (घ) प्रश्नावधि में 176 प्रसूति के पूर्व एवं बाद प्रसूताओं की मौत हुई है। सीवीयर एनीमिया, एक्लेम्पशीया, पी.पी.एच. मृत्युओं का प्रमुख कारण है।
शासकीय चिकित्सालयों में डायलिसिस के मरीजों को उपचार न मिलना
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
58. ( क्र. 811 ) श्री तरूण भनोत : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश के 48 जिलों में स्वास्थ्य विभाग ने डायलिसिस मशीनें तो लगा दी हैं किन्तु उसके मेंटेनेन्स एवं मॉनिटरिंग की अब तक कोई व्यवस्था नहीं कर पा रहा है, जिसके फलस्वरूप मरीजों को समय पर उपचार प्राप्त नहीं हो पा रहा है एवं वे जीवन व मृत्यु से संघर्ष कर रहे हैं? (ख) क्या डायलिसिस मशीन संचालित करने का कार्य प्रोजेक्ट ऑफिसर के अधीन होता है एवं शासन द्वारा उसकी नियुक्ति नहीं की जा रही है, जिसके कारण व्यवस्थायें प्रभावित हो रही हैं? (ग) क्या डायलिसिस करने हेतु आवश्यक सामग्रियां विभाग के सामंजस्य के अभाव में जिलों में समय पर उपलब्ध नहीं हो पा रही है? (घ) यदि वर्णित (क) एवं (ग) हाँ तो कब तक प्रदेश के शासकीय चिकित्सालयों में डायलिसिस हेतु समस्त व्यवस्थायें सुधार की जावेंगी?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी नहीं। मेसर्सं डी.सी.डी.सी. संस्था नई दिल्ली को योजना के संचालन एवं रख-रखाव की जिम्मेदारी दी गई है। जी नहीं। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। डायलिसिस हेतु आवश्यक सामग्री हेतु सभी जिलों में व्यवस्था की गई है। (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ग) के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
राज्य मुक्त स्कूल शिक्षा परिशद् भोपाल द्वारा परीक्षा आयोजित
[स्कूल शिक्षा]
59. ( क्र. 857 ) श्री रामपाल सिंह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. राज्य मुक्त स्कूल शिक्षा परिषद् भोपाल द्वारा हाई स्कूल एवं हायर सेकेण्डरी प्रमाण-पत्र परीक्षा आयोजित करायी जाती है? (ख) यदि हाँ, तो वर्ष २०१२ तक उक्त परीक्षाएँ प्रत्येक ०६ माह में करायी जाती थीं और प्रत्येक जिले के सुविधाजनक स्कूलों में परीक्षा केन्द्र बनाकर परीक्षाएँ आयोजित करायी जाती थी जिससे दूर-दराज के विद्यार्थी भी अपने नजदीकी परीक्षा केन्द्रों में सुविधाजनक तरीके से परीक्षाओं में सम्मिलित होकर लाभ उठाते थे। (ग) क्या उक्त परीक्षाएँ वर्ष २०१३ में एक वर्ष की अवधि में करायी गयी और उनका परीक्षा केन्द्र जिला मुख्यालय में बनाया गया? यदि हाँ, तो क्यों? (घ) क्या वर्ष २०१४ में उक्त परीक्षा जिला मुख्यालय परीक्षा केन्द्र में आयोजित कराने के उपरांत वर्ष २०१५ में परीक्षा नहीं करायी गयी तथा अब ०८ दिसंबर २०१६ से परीक्षा आयोजित किये जाने की समय सारिणी जारी की गई है? अब ०२ वर्ष के अंतराल में परीक्षा क्यों आयोजित की जा रही हैं तथा पूर्व की भांति प्रत्येक जिले के सुविधाजनक परीक्षा केन्द्रों में परीक्षाऐं क्यों आयोजित नहीं की जा रही है? कारण सहित जानकारी उपलब्ध करायें।
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं (ग) वर्ष 2010 से वर्ष में एक बार परीक्षाऐं आयोजित हुई। 2013 के पूर्व विकासखण्ड स्तर पर परीक्षा केन्द्र बनाये गये थे। पर्याप्त पुलिस बल उपलब्ध नहीं होने से सामूहिक नकल की शिकायत प्राप्त हुई। जिला स्तर पर पर्याप्त मात्रा में पुलिस बल की उपलब्धता होने के कारण जिले स्तर पर परीक्षा केन्द्र बनाए गये। (घ) जी नहीं। शेषांश उदभूत नहीं होता है।
शहडोल जिले में शासन द्वारा आवंटित राशि
[आदिम जाति कल्याण]
60. ( क्र. 858 ) श्री
रामपाल सिंह :
क्या आदिम
जाति कल्याण
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या म.प्र.
शासन
आदिमजाति
कल्याण विभाग
द्वारा
अनुसूचित
जनजाति के
उत्थान एवं
अनुसूचित
जनजाति बाहुल्य
बस्तियों के
विकास हेतु
शासन द्वारा राशि
आवंटित की
जाती है?
(ख)
यदि
हाँ, तो
आवंटित
राशियों को
व्यय करने के
शासन के क्या
प्रावधान हैं
तथा शहडोल
जिले में वर्ष
२०१४-१५ एवं
१५-१६ में
कितनी राशि
आवंटित की गई तथा
आवंटित राशि
किस प्रयोजन
हेतु खर्च की
गयी। प्रयोजनवार
भौतिक स्थिति
सहित संपूर्ण
जानकारी
उपलब्ध करायी
जावे।
आदिम
जाति कल्याण
मंत्री ( श्री
ज्ञान सिंह ) : (क) जी
हाँ। (ख) अनुसूचित
जनजाति बस्ती
विकास नियम 2005 यथा
संशोधित नियम 2014 में
निहित
प्रावधान
अनुसार शहडोल
जिले को वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में इस
योजनान्तर्गत
निम्नानुसार
राशि आवंटित
की गई :-
क्रमांक |
वर्ष |
प्रदाय राशि (लाखों में) |
1 |
2014-15 |
137.07 |
2 |
2015-16 |
165.37 |
कार्यवार
भौतिक स्थिति
की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट
अनुसार है।
सौर ऊर्जा प्लांट हेतु कार्य प्रारम्भ करना
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
61. ( क्र. 866 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में आम्बा, रूनीजा पंचायत क्षेत्र सौर ऊर्जा प्लांट हेतु कितनी भूमि आवंटित की गई है? सर्वे नम्बर सहित जानकारी देवें। (ख) जिस स्थान पर एन.टी.पी.सी. के द्वारा कार्य किया जा रहा है वहां गौचर भूमि को निशान चिंहित कर इसकी जानकारी ग्रामीणों को दी गई है या बिना लेआऊट (नक्शा) एवं भौतिक सत्यापन के कम्पनियों द्वारा कार्य प्रारम्भ कर दिया गया है? (ग) सौर ऊर्जा प्लांट हेतु जिस भूमि का उपयोग किया जा रहा है क्या वह भूमि समतल है? यदि नहीं, है तो ऐसी भूमि पर प्लांट लगाकर शासकीय राशि का दुरुपयोग तो नहीं किया जा रहा है? (घ) प्लांट में जिन ठेकेदारों द्वारा कार्य हेतु ठेके लिए गए हैं, वे मध्यप्रदेश के निवासी हैं या अन्य प्रदेशों के। ठेकेदारों के नाम तथा स्थान की जानकारी देवें तथा स्थानीय एवं बाहरी कितने कर्मचारी या साधन लगाये गये हैं? साधनों की जानकारी उपलब्ध करावें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) ग्राम रूनिजा में 134.19 हेक्टेयर एवं ग्राम गुर्जरखेडी में 419.448 हेक्टेयर कुल 553.638 हेक्टेयर भूमि कलेक्टर, मंदसौर द्वारा नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग को आवंटित की गई है, जिसकी जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग को आवंटित भूमि का सीमांकन, राजस्व अधिकारियों द्वारा किया गया है। तत्पश्चात् सीमा पर पिलर की स्थापना की गई है। (ग) प्रश्नाधीन भूमि पूर्णतया समतल नहीं है। एन.टी.पी.सी. द्वारा यथा आवश्यक भूमि को समतल किया जा रहा है, जिससे परियोजना पर व्यय कम रहे। (घ) इस सोलर परियोजना में एन.टी.पी.सी. द्वारा ठेकेदारों के नाम एवं ठेकेदारों को दी गई स्थापना के कार्य की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। प्रपत्र-ब में उल्लेखित ठेकेदारों द्वारा अपने स्तर पर कर्मचारी या साधन द्वारा कार्य करवाया जा रहा है, इससे मध्यप्रदेश शासन का कोई सीधा संबंध नहीं है।
मिनी स्टेडियम का निर्माण
[स्कूल शिक्षा]
62. ( क्र. 884 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के पत्र क्रमांक 270 दिनांक 12.06.2016 द्वारा अनुविभागीय अधिकारी राजस्व अनुभाग मऊगंज हनुमना जिला रीवा को शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय मऊगंज एवं शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय हनुमना में उपलब्ध खेल मैदान पर मिनी स्टेडियम निर्माण हेतु संबंधित विद्यालयों से अनापत्ति प्रमाण-पत्र प्राप्त संलग्न कर अग्रिम कार्यवाही हेतु लेख किया गया था? (ख) यदि हाँ, तो अनुविभागीय अधिकारी तहसील मऊगंज/हनुमना जिला रीवा के पत्र क्र. 793/रीडर-1/अनु.अधि./2016 मऊगंज दिनांक 05.07.2016 द्वारा कलेक्टर जिला रीवा एवं प्रतिलिपी जिला शिक्षा अधिकारी जिला रीवा की ओर दो नग अनापत्ति प्रमाण-पत्र सहित भेजा गया था? (ग) यदि हाँ, तो उस पत्र पर प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? कार्यवाही का विवरण उपलब्ध करावें। यदि नहीं, की गई तो क्यों कारण स्पष्ट करें? (घ) प्रश्नांश (क) (ख) एवं (ग) के प्रकाश में लंबित कार्यवाही हेतु कौन दोषी है? दोषी के खिलाफ कार्यवाही की समय-सीमा बतावें? नहीं की जावेगी तो कारण स्पष्ट करें?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) प्रस्ताव जिला कलेक्टर स्तर पर प्रक्रियाधीन है। (घ) उत्तरांश ''ग '' के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पिपराही में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र खोले जाने
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
63. ( क्र. 885 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा दिनांक 18.12.2015 को ग्राम पिपराही ब्लाक हनुमना जिला रीवा के आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र खोले जाने हेतु मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जिला रीवा को पत्र लिखा गया था? (ख) यदि हाँ, तो प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र खोलने हेतु क्या मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जिला रीवा के पृ.क्र./ए.एस.ओ./टीकाकरण/2015/16143-44 रीवा दिनांक 18.12.2015 द्वारा ब्लाक मेडिकल ऑफिसर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र हनुमना जिला रीवा से 5 बिन्दुओं की जानकारी प्राप्त करने हेतु पत्र लिखा गया था? (ग) यदि हाँ, तो विकासखण्ड हनुमना के ग्राम पिपराही में उपस्वास्थ्य केन्द्र संचालित होकर वर्ष 2011 के जनसंख्या अनुसार कुल 23 ग्राम के 27992 की जनसंख्या को 25 किलोमीटर दूर स्थित निकटतम सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र हनुमना में प्राथमिक उपचार की स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध हो रही है? (घ) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) के प्रकाश में यदि हाँ, तो मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जिला रीवा ने पृ.क्र./ए.एस.ओ./ टीकारण/2015/16368-69 रीवा दिनांक 22.12.2015 द्वारा पिपराही में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र तकनीकी मापदण्ड अनुसार खोलने की अनुशंसा की गई है? यदि हाँ, तो प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र क्यों नहीं खोला गया? प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र कब तक खोला जावेगा?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) से (ग) जी हाँ. (घ) जी हाँ, उप स्वास्थ्य केन्द्र पिपराही का प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में उन्नयन की कार्यवाही प्रचलन में है। निशिचत समयावधि बताना संभव नहीं।
छात्रावास खोले जाने
[आदिम जाति कल्याण]
64. ( क्र. 886 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के परि.अता.प्रश्न संख्या-85 (क्रमांक 1332) दिनांक 24 जुलाई 2015 द्वारा वित्तीय वर्ष 2015-16 में खोले जाने वाले 20 नवीन प्री-मैट्रिक छात्रावासों के प्रस्ताव में रीवा जिले की विकासखण्ड हनुमना एवं मऊगंज में बालक/ कन्या छात्रावास बहेराडाबर, मुनहाई एवं हाटा को शामिल किया गया है, उत्तर दिया गया था? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में विकासखण्ड मऊगंज के कन्या छात्रावास बहेराडाबर को वित्तीय वर्ष 2015-16 में प्री-मैट्रिक छात्रावास खोलने की अनुमति दी गई है जबकि प्रश्नांश (क) के प्रकाश में सभी छात्रावास खोलने का आश्वासन 20 नवीन प्री-मैट्रिक छात्रावासों में दिया गया था? (ग) प्रश्नांश (क) (ख) के प्रकाश में प्रश्नकर्ता के प्रश्न संख्या 55 ( क्रमांक 477) उत्तर दिनांक 18 जुलाई 2016 में प्राप्त उत्तर वित्तीय वर्ष 2015-16 हेतु 20 नवीन प्री-मैट्रिक छात्रावास खोलने की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई तथा सीमित वित्तीय संसाधन होने के कारण सम्मिलित नहीं किया जा सका? बताया गया है। (घ) प्रश्नांश (ग) के प्रकाश में यदि हाँ, तो वर्ष 2015-16 के नवीन 20 प्री-मैट्रिक छात्रावासों में ही खोलने की स्वीकृति प्रदान करना था जो नहीं किया गया जिसे पूरा करने हेतु वित्तीय वर्ष 2016-17 में प्रश्नांश (क) के आश्वासन को पूरा किया जावेगा? यदि हाँ, तो समय-सीमा बतावें। यदि नहीं, तो क्यों? कारण स्पष्ट करें।
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जी नहीं। (ख) जी नहीं। जी नहीं। (ग) जी हाँ। (घ) शासन ज्ञाप क्रमांक एफ-12-03/2015/25-2 दिनांक 27/7/2015 द्वारा सरल क्रमांक-16 पर जिला रीवा के विकासखण्ड महूगंज के फरहदा में 50 सीटर नवीन प्री मैट्रिक छात्रावास तथा शासन ज्ञाप क्रमांक एफ-12-05/2016/2-25/1327 दिनांक 16/9/2016 द्वारा सरल क्रमांक 03 पर जिला रीवा के विकासखण्ड हनुमना के बहेराडाबर में 50 सीटर नवीन कन्या प्री मैट्रिक छात्रावास खोलने की प्रशासकीय एवं वित्तीय स्वीकृति प्रदान की गई है। वर्ष 2016-17 में मात्र 20 प्री मैट्रिक छात्रावास का प्रावधान में सम्पूर्ण प्रदेश की मांग अनुसार सभी छात्रावासों की स्वीकृति सम्भव नहीं है। सीमित वित्तीय संसाधनों में भी रीवा जिले के उपरोक्त छात्रावास की स्वीकृति सम्मिलित है। सीमित वित्तीय संसाधन होने से समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
अध्यापकों को अंशदायी पेंशन का लाभ
[स्कूल शिक्षा]
65. ( क्र. 907 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा प्रदेश भर में कार्यरत अध्यापकों को अंशदायी पेंशन का लाभ दिया जा रहा है? यदि हाँ, तो प्रक्रिया का ब्यौरा दें? (ख) क्या शासन द्वारा अध्यापकों के वेतन से शासन द्वारा काटी गई राशि पेंशन फंड में नियमित जमा कराई जा रही है? यदि नहीं, तो कब से जमा नहीं हुई? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार कुल कितने अध्यापकों की कितनी राशि जमा कराया जाना लंबित है, ब्यौरा दें और कब तक जमा करा दी जाएगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। दिनांक 01/04/2011 से अध्यापक संवर्ग में अंशदायी पेंशन योजना लागू की गई हैं। इस योजना अन्तर्गत अध्यापकों के मूल वेतन ग्रेड पे मंहगाई भत्ते का 10 प्रतिशत तथा इस राशि के बराबर शासन के अंशदान की कटौत्रा राशि को प्रतिमाह (दो माह के अंतराल से) नेशनल सिक्युरिटीस डिपासिटरी लिमिटेड मुम्बई को हस्तांतरण किये जाने का प्रावधान है. (ख) फरवरी 2016 तक की अंशदान की राशि जमा कराई जा चुकी हैं। शेष माहों की अंशदान राशि के हस्तांतरण की कार्यवाही प्रक्रियाधीन हैं। (ग) 136938 अध्यापकों की मार्च 2016 से सितंबर 2016 तक कुल राशि 360,56,33,114/- जमा कराया जाना शेष हैं। कोषालय से राशि आहरण की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। यह एक सतत प्रक्रिया है, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं हैं।
आयुर्वेद कॉलेजों में प्रशिक्षण
[आयुष]
66. ( क्र. 908 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में कितने आयुर्वेदिक कॉलेज शासन द्वारा संचालित किए जा रहे हैं? क्या निजी आयुर्वेदिक कॉलेज भी संचालित हैं? यदि हाँ, तो ब्यौरा दें? (ख) क्या निजी एवं शासकीय आयुर्वेदिक कॉलेजों में सुविधाओं के अनुरूप शिक्षा दी जा रही है? यदि हाँ, तो निजी कॉलेजों में उपलब्ध कराई जा रही प्रेक्टिकल सुविधाओं का ब्यौरा दें? (ग) क्या आयुष चिकित्सकों को शिक्षा के दौरान शव परीक्षण कराया जाता है? यदि हाँ, तो निजी व शासकीय आयुर्वेद कॉलेजों में प्रश्न दिनांक तक 3 वर्षों में उपलब्ध शवों का विवरण दें?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। (ख) जी हाँ। सभी निजी आयुर्वेद महाविद्यालय में प्रेक्टिकल सुविधायें उपलब्ध है। इस संबंध में सभी निजी आयुर्वेद महाविद्यालयों से प्राप्त पत्रों की छायाप्रतियाँ पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब '' अनुसार है। (ग) जी हाँ। शेष विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स '' अनुसार है।
बीना के अंतर्गत 0 point (बस्ती) से स्कूल भवन तक जाने हेतु मार्ग का निर्माण
[स्कूल शिक्षा]
67. ( क्र. 951 ) श्री महेश राय : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र बीना के ऐसे कितने विद्यालय हैं जो बस्ती से बाहर बनाये गये हैं, उनकी सूची उपलब्ध करायी जावे? (ख) क्या बस्ती से विद्यालय तक पहुंचने के लिये कितने स्कूलों के लिये सड़क मार्ग नहीं हैं? यदि नहीं, हैं तो स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा उक्त संबंध में क्या कार्यवाही की है? (ग) ग्राम पार में संचालित शासकीय हाईस्कूल के छात्रों के लिये विद्यालय जाने हेतु मार्ग कब तक बना दिया जावेगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) विधानसभा क्षेत्र बीना अंतर्गत शासकीय हाईस्कूल धनौरा, शासकीय हाईस्कूल पार, शासकीय.उ.मा.वि.मॉडल स्कूल बीना बस्ती से बाहर बनाये गये है। (ख) विधानसभा क्षैत्र बीना अन्तर्गत उपरोक्त शालाओं में पहुचने के लिये सड़क मार्ग नहीं है। विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी द्वारा प्रस्ताव बनाकर ग्राम पंचायत अनुविभागीय अधिकारी एवं जनपद पंचायत बीना को प्रेषित किया गया है। (ग) ग्राम पार में संचालित शासकीय हाईस्कूल के छात्रों के लिये विदयालय जाने के लिए सड़क मार्ग बनाने संबंधी कार्यवाही संबंधित विभाग द्वारा की जावेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
हाईस्कूल/हायर सेकेण्डरी स्कूल भवन निर्माण
[स्कूल शिक्षा]
68. ( क्र. 952 ) श्री महेश राय : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र बीना में कितने हाईस्कूल/हायर सेकेण्ड्री स्कूल भवन विहीन हैं एवं वर्तमान में किसके भवन में संचालित हैं और कब तक भवन स्वीकृत हो जायेंगे? सूची उपलब्ध करायी जावे? (ख) शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय भानगढ़ का भवन वर्ष 2008 में स्वीकृति हो गया था एवं निर्माण कार्य भी प्रारंभ हो गया था, भवन आधा बनकर तैयार है लेकिन वर्ष 2008 से प्रश्न दिनांक तक भवन का निर्माण पूर्ण नहीं हुआ है, इसके निर्माण में विलंब क्यों हो रहा है? यदि बजट की समस्या आ रही है तो शासन भवन के निर्माण हेतु कब तक बजट उपलब्ध करायेगी? (ग) विधानसभा क्षेत्र बीना में शासकीय हाईस्कूल बेसराकसोई विगत 10-12 वर्ष पूर्व प्रारंभ किया गया था लेकिन आज दिनांक तक भवन स्वीकृत नहीं किया गया जबकि उसके बाद में स्वीकृत स्कूलों के भवन स्वीकृत हो गये है? उक्त स्कूल का भवन कब तक स्वीकृत हो जायेगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। भवन की स्वीकृति बजट उपलब्धता पर निर्भर करेगा। (ख) शा. उच्चतर माध्यमिक विद्यालय भानगढ जिला सागर का भवन वर्ष 2008 में स्वीकृत किया गया था। निर्माण एजेंसी की शिथिलता के कारण उक्त शाला भवन का निर्माण पूर्ण नहीं हो सका है। कार्य पूर्ण होने के पश्चात् शेष राशि संबधित निर्माण ऐजेंन्सी को उपलब्ध कराई जाती है। (ग) भवन निर्माण बजट की उपलब्धता पर निर्भर करेगा।
बालाघाट सी.एच.एम.ओ. द्वारा की गई खरीदी
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
69. ( क्र. 970 ) श्री मधु भगत : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बालाघाट सी.एच.एम.ओ. द्वारा विगत 4 वर्षों में कितनी-कितनी खरीदी किन-किन स्थानों पर की गई? दिनांकवार वर्षवार आवंटित राशि एवं व्यय राशि का ब्यौरा दें? (ख) आवंटित बजट में से सी.एच.एम.ओ. को कितने प्रतिशत स्थानीय खरीदी की पात्रता थी और विगत 4 वर्षों में आवंटित बजट एवं उसके समक्ष खरीदी का प्रतिशत भी बतायें? (ग) इसके लिये जिन अखबारों में विज्ञप्ति निकाली गई उनकी छायाप्रति विज्ञप्ति शुल्क के साथ विगत 4 वर्षों की जानकारी दें, जिन फर्मों ने टेंडर डाले उनकी छायाप्रति स्वीकृत फर्म की टेंडर की छायाप्रति सहित कार्य अनुसार वर्षवार ब्यौरा देवें? (घ) निर्धारित मापदण्डों का पालन न कर के खरीदी करने वाले अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा बालाघाट द्वारा विगत 4 वर्षों में खरीदी जिला मुख्यालय स्तर पर की गई है। विगत 4 वर्षों में खरीदी पर किया गया व्यय एवं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, बालाघाट को आवंटित राशि का ब्यौरा वर्षवार निम्नानुसार है:-
वर्ष |
आवंटित बजट |
व्यय राशि |
2013-14 |
36371025 |
26893887 |
2014-15 |
33828898 |
24529949 |
2015-16 |
37857600 |
27651461 |
2016-17 |
26425077 |
15168660 |
(ख) मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को कुल आवंटित बजट का 20 प्रतिशत स्थानीय स्तर से खरीदी की पात्रता है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, बालाघाट द्वारा निर्धारित मापदण्डों का पालन करते हुए स्थानीय क्रय 20 प्रतिशत राशि के अन्तर्गत किया गया है। अत: कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
द्वितीय क्रमोन्नति वेतन निर्धारण
[स्कूल शिक्षा]
70. ( क्र. 1007 ) श्री कल्याण सिंह ठाकुर : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा जिले अंतर्गत श्री सुरेश कुमार श्रीवास्तव से.नि.प्र.अ. की दिनांक 01.11.99 से द्वितीय क्रमोन्नति वेतन निर्धारण मान. उच्च न्याया. के पारित निर्णय अनुसार कार्यवाही किया जाना है? (ख) क्या जिला शिक्षा अधि. विदिशा का पत्र क्र./1129 दिनांक 26.02.14 संकुल प्राचार्य शा.क.हा. गांधी चौक बासौदा का पत्र क्रमांक /2014 दिनांक 15.6.14 एवं पत्र क्रमांक /2015 दिनांक 24.11.2015 संयुक्त संचालक कोष एवं लेखा सतपुड़ा भवन भोपाल को संबोधित है? (ग) क्या श्री सुरेश कुमार श्रीवास्तव सेवानिवृत्त की द्वितीय क्रमोन्नति वेतन निर्धारण मान. उच्च न्याया. के पारित निर्णय के पालन में संयुक्त संचालक कोष एवं लेखा में कार्यवाही विचाराधीन है, कार्यवाही सुनिश्चित किया जाना आवश्यक है? हां, तो कब तक नहीं तो क्यों?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) जिला विदिशा स्कूल शिक्षा विभाग अंतर्गत श्री सुरेश कुमार श्रीवास्तव से.नि.प्र.अ. का द्वितीय क्रमोन्नति वेतन निर्धारण पारित किये जाने हेतु संकुल केन्द्र शास.कन्या गांधी चौक बासौदा द्वारा संयुक्त संचालक कोष एवं लेखा भोपाल को भेजा गया था, कोष एवं लेखा के द्वारा पत्र क्रमांक-1486 दिनांक 09.11.2016 को वेतन निर्धारण पारित होकर प्राप्त हुआ है। संबंधित की अवशेष राशि 19.04.99 से सेवानिवृत्त दिनांक तक भुगतान हेतु देयक कोषालय में प्रस्तुत कर दिया गया है। विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
परिशिष्ट - ''तेरह''
स्कूलों के भवन निर्माण की स्वीकृति
[स्कूल शिक्षा]
71. ( क्र. 1021 ) श्री सचिन यादव : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा परि.अता. प्रश्न संख्या 158 (क्र. 2860), दिनांक 25 जुलाई, 2016 के विभागीय उत्तर (क) अनुसार ग्राम बलखडिया (भीकनगांव) व ग्राम भोइंदा में हाई स्कूल एवं रेगवां में हायर सेकेण्ड्री स्कूल के भवन निर्माण पर भारत शासन को राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान की वार्षिक कार्ययोजना 2016-17 में प्रस्ताव प्रेषित पर क्या भारत शासन द्वारा स्वीकृति प्रदान कर दी गई है? हां, तो कब नहीं तो विलंब क्यों? (ख) उक्त भवन निर्माणों के संबंध में क्या मध्यप्रदेश शासन द्वारा बजट उपलब्ध नहीं किया जा सकता? नहीं तो शासन स्तर पर क्या कार्यवाही की जायेगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी नहीं। भारत शासन द्वारा सीमित बजट की उपलब्धता के कारण स्वीकृति नहीं दी गई है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) बजट की उपलब्धता पर निर्भर रहेगा। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
स्वास्थ्य केन्द्रों के भवन निर्माण कार्यों की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
72. ( क्र. 1022 ) श्री सचिन यादव : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा अता. प्रश्न संख्या-164 (क्रमांक 2861) दिनांक 25 जुलाई, 2016 के विभागीय उत्तर (क) अनुसार ग्राम बोरावा उप स्वास्थ्य केन्द्र से प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में संस्था उन्नयन की कार्यवाही पूर्ण कर ली गई है हां, तो भवन निर्माण का कार्य कब तक प्रारंभ कर दिया जायेगा? (ख) प्रश्नांश (क) में दर्शित कार्यवाही में विलंब के क्या कारण हैं? क्या स्वास्थ्य जैसी संवेदनशील समस्याओं के निराकरण को प्राथमिकता से कार्यवाही करने की समय-सीमा तय की जायेगी हां, तो उक्त कार्यवाही कब तक पूर्ण कर दी जायेगी?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी नहीं, संस्था उन्नयन की कार्यवाही प्रचलन में है। संस्था उन्नयन की स्वीकृति उपरांत भवन निर्माण हेतु भूमि एवं वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता के आधार पर निर्माण की स्वीकृति की कार्यवाही की जा सकेगी। (ख) संस्था उन्नयन की प्रक्रिया प्रचलन में है, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
उप स्वास्थ्य केन्द्र का उन्नयन
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
73. ( क्र. 1033 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के तारांकित प्रश्न संख्या 71 (क्रमांक 600) दिनांक 18.07.2016 के प्रश्नांश (क) के उत्तर में बजट सत्र 2016 में विभागीय बजट मांगों पर चर्चा के दौरान तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री जी द्वारा श्योपुर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत मानपुर उप स्वास्थ्य केन्द्र का उन्नयन किये जाने की घोषणा सदन में की थी एवं प्रश्नांश (घ) के उत्तर में केन्द्र के उन्नयन की कार्यवाही प्रचलन में होने के तथ्य को स्वीकारा है? तो उक्त घोषणा अनुसार उक्त केन्द्र के उन्नयन से संबंधित प्रचलित कार्यवाही को पूर्ण करके उन्नयन आदेश प्रसारित करने में विलंब क्यों किया जा रहा है? (ख) क्या उक्त केन्द्र में उपलब्ध स्वास्थ्य सुविधाएं क्षेत्रीय मरीजों के मान से अपर्याप्त है चिकित्सक के अभाव में क्षेत्रीय मरीजों को विशेषकर गंभीर मरीजों व प्रसूताओं को उपचार/प्रसूती हेतु किसी भी समय अन्यत्र ले जाने में कठिनाईयां आती है? (ग) यदि हाँ, तो क्या शासन उक्त कठिनाईयों के मद्देनजर उक्त घोषणानुसार यथाशीघ्र उक्त केन्द्र के उन्नयन कार्य को चालू वित्त वर्ष के अनुपूरक बजट में शामिल कर उन्नयन के आदेश जारी करेगा, यदि नहीं, तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी हाँ। उन्नयन की कार्यवाही प्रचलन में है। (ख) जी नहीं। उप स्वास्थ्य केन्द्र मानपुर से 14-22 कि.मी. के अंतराल में दो प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र दुर्गापुरी एवं ढोढ़र संचालित है। जहां पर गंभीर मरीजों व प्रसूताओं को उपचार तथा परिवहन की सुविधा उपलब्ध है। (ग) जी हाँ, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक वर्ग के हितग्राहियों हेतु संचालित योजनाएं
[पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण]
74. ( क्र. 1061 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) शासन द्वारा पिछडा़ वर्ग एवं अल्पसंख्यक वर्ग के हितग्राहियों के लिए कौन-कौन सी योजनायें संचालित की जा रही है? (ख) सम्पूर्ण छिन्दवाड़ा जिले में पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक वर्ग के कितने हितग्राहियों को वर्ष 2014-15, 2015-16 एवं वर्ष 2016-17 में विभाग द्वारा कौन-कौन सी योजनाओं के अतंर्गत लाभान्वित किया गया है? (ग) शासन द्वारा पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण विभाग छिन्दवाड़ा को वर्ष 2014-15, 2015-16 एवं वर्ष 2016-17 में कितनी राशि का आवंटन प्रदान किया गया है और उस राशि का उपयोग विभाग द्वारा कहाँ-कहाँ किया गया है?
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्रीमती ललिता यादव ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र एक अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र दो अनुसार है।
परिशिष्ट - ''चौदह''
माध्यमिक शालाओं व हाईस्कूलों का उन्नयन
[स्कूल शिक्षा]
75. ( क्र. 1062 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परासिया विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत कौन-कौन सी माध्यमिक शालाओं का हाई स्कूलों में उन्नयन एवं हाई स्कूलों का हायर सेकेण्डी स्कूलों में उन्नयन विभाग द्वारा किया जाना प्रस्तावित है? (ख) प्रस्तावित माध्यमिक शालाओं का हाई स्कूलों में उन्नयन एवं हाई स्कूलों का हायर सेकेण्डी स्कूलों में उन्नयन विभाग द्वारा कब तक कर दिया जायेगा? (ग) परासिया विकासखण्ड के अंतर्गत ऐसे कितने शासकीय हाईस्कूल एवं हायर सेकेण्ड्री स्कूल संचालित हैं जिनके पास शासकीय भवन उपलब्ध नहीं हैं? ऐसे स्कूलों को शासकीय भवन स्वीकृत किए जाने हेतु विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है और ऐसे स्कूलों को विभाग द्वारा कब तक शासकीय भवन निर्माण की स्वीकृति प्रदान कर दी जायेगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) वर्ष 2016-17 में माध्यमिक शाला का हाईस्कूल में एवं हाईस्कूल का हायर सेकेण्ड्री शाला में उन्नयन की कार्यवाही हेतु जिलों से प्रस्ताव प्राप्त किये जा रहे हैं। कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ख) उत्तरांश क के प्रकाश में निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) 06 हाईस्कूल एवं 07 हायर सेकेण्डरी स्कूल भवन विहीन है। बजट प्रावधान उपलब्धता पर निर्भर करेगा, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं हैं
खेतों में विद्युतीकरण की योजना
[आदिम जाति कल्याण]
76. ( क्र. 1071 ) श्रीमती नंदनी मरावी : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनु.जाति/जनजाति वर्ग के किसानों के खेत में विद्युतीकरण की क्या योजना है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार जिला जबलपुर के विकासखण्ड सिहोरा एवं कुण्डम में किन-किन ग्रामों में प्रश्नांश (क) वर्ग के किसानों के खेतों में जनवरी 2014 से प्रश्नांश दिनांक तक विद्युतीकरण का कार्य किया गया वर्ष 2016-17 में कितने किसानों को इस सुविधा का लाभ दिया जाना प्रस्तावित है? (ग) प्रश्नांश (क) वर्ग के किसानों के खेतों के विद्युतीकरण के प्रस्ताव प्रश्नकर्ता के द्वारा प्रश्नांश (ख) अवधि में भेजे गये है। प्रस्ताव अनुसार कब तक कार्यवाही की जावेगी?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) विद्युतीकरण योजना के नियम/निर्देश संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) विभाग द्वारा जनवरी 2014 से प्रश्न दिनांक तक जिला जबलपुर के विकासखंड सिहोरा एवं कुण्डम के अनु.जनजाति वर्ग के कृषकों के खेतों में कराये गये विद्युतीकरण कार्यों की ग्रामवार सूची संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। वर्ष में उपलब्ध वित्तीय प्रावधानों की सीमा में कार्य कराये जाते है। अतः वर्ष 2016-17 के लिये लक्ष्य निर्धारित नहीं किया जाता है। (ग) प्रश्नांश ''ख '' की अवधि में माननीय विधायक महोदय से अनुसूचित जनजाति वर्ग के कोई प्रस्ताव प्राप्त नहीं हुये है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
परिशिष्ट - ''पंद्रह''
प्रधानाध्यापक की शिकायत पर कार्यवाही
[स्कूल शिक्षा]
77. ( क्र. 1073 ) श्रीमती नंदनी मरावी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिहोरा विधानसभा क्षेत्रांतर्गत विकासखण्ड सिहोरा अतंर्गत माध्यमिक शाला पौण्डीकला के प्रधानाध्यापक के विरूद्ध कार्यवाही किये जाने हेतु ग्रामवासियों एवं प्रश्नकर्ता द्वारा 01 जनवरी 2014 से प्रश्नांश दिनांक तक कब-कब, किन-किन को शिकायतें की गई? शिकायत का विवरण उपलब्ध करायें? (ख) प्रश्नांश (क) शिकायतों पर जन आकांक्षाओं के अनुरूप आज तक वहां से हटाने की कार्यवाही क्यों नहीं की गई? कब तक इन्हें हटा दिया जावेगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) संबंधित की शिकायतों की जाँच संयुक्त संचालक लोक शिक्षण जबलपुर संभाग जबलपुर को सौंपी गई है। जाँच प्रतिवेदन प्राप्त होने पर गुण-दोष के आधार पर कार्यवाही की जा सकेगी।
स्वास्थ्य केन्द्रों के रिक्त पदों की पूर्ति
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
78. ( क्र. 1099 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड जिले के लहार विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत स्थित सिविल अस्पताल एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में कितने-कितने चिकित्सकों एवं कर्मचारियों के पद रिक्त हैं? प्रत्येक का पदवार विवरण दें? (ख) प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र बिजौरा (रावतपुरा) का शुभारंभ कब और किस आदेश से किया गया? आदेश की प्रति दें? (ग) प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र बिजौरा (रावतपुरा) के भवन हेतु किसकी स्वीकृति से कितनी राशि व्यय की गई। उक्त स्वास्थ्य केन्द्र के प्रांरभ से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन से चिकित्सकों एवं कर्मचारियों की पदस्थापना की गई। नाम पद सहित विवरण दें? (घ) उपरोक्त स्वास्थ्य केन्द्र पर सहायक शल्य चिकित्सक सहित सम्पूर्ण अमले की पदस्थापना कब तक कर दी जावेगी?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
अल्पसंख्यक संस्थाओं में प्रदत्त सुविधाएं
[स्कूल शिक्षा]
79. ( क्र. 1117 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इन्दौर संभाग में कितनी अल्पसंख्यक संस्थाएं संचालित हो रही हैं। नाम, स्थान, कोर्स, संख्या प्रारंभ वर्ष सहित सूची देवें? इन संस्थाओं को शासन की ओर से प्रदान की जाने वाली सुविधाओं की जानकारी देवे? (ख) उक्त संस्थाओं में अध्ययनरत विद्यार्थियों को शासन की ओर से प्रदत्त सुविधाओं की जानकारी देवे। इन संस्थाओं में सामान्य प्रवेश/आर.टी.ई. प्रवेश की नीति क्या है? (ग) उक्त संस्थाओं को अन्य सामान्य संस्थाओं से भिन्न प्रदत्त सुविधाओं के उद्देश्य की पूर्ति संबंधी जानकारी देवें?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ '' एवं ''ब '' अनुसार है। (ख) सुविधाओं की जानकारी उत्तरांश ''क '' अनुसार है। डी.एल.एड. संस्थाओं में सामान्य प्रवेश हेतु विभाग द्वारा जारी डी.एल.एड. नियमित प्रवेश नियम (अशासकीय महाविद्यालयों हेतु) दिनाँक 07/06/2016 द्वारा प्रावधानित है। 'शिक्षा का अधिकार अधिनियम' कक्षा 1 से 8 तक की शालाओं के लिए लागू है। माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय के अंतर्गत नि:शुल्क प्रवेश के प्रावधान इन अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थाओं पर लागू न होकर सामान्य प्रवेश की नीति लागू है। (ग) डी.एल.एड. पाठ्यक्रम संचालित करने वाली अल्पसंख्यक संस्थाओं को ऑनलाईन प्रवेश प्रक्रिया से मुक्त रखा गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है संस्थाओं को अन्य सामान्य संस्थाओं से भिन्न अन्य प्रदत्त सुविधायें नहीं दी जाती है। केवल मदरसों को भारत सरकार द्वारा अनुदान दिया जाता है।
अल्पसंख्यकों की छात्रवृत्ति का लाभ
[पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण]
80. ( क्र. 1118 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) खरगौन जिले में वर्ष 2011 से 2016 तक अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति हेतु कितने आवेदन प्राप्त हुए। कक्षावार, स्कूलवार, संस्थावार, वर्षवार संख्या बतावें? कितने आवेदन स्वीकृत हुए और कितने अस्वीकृत हुए? सूची देवें। (ख) अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति के आवेदन एवं छात्रवृत्ति की स्वीकृति संबंधी कार्यवाही एवं कार्यवाही करने वाले जवाबदारों की जानकारी देवें। (ग) विगत 5 वर्षों में खरगोन जिले में कितने अल्पसंख्यकों को कितनी छात्रवृत्ति का लाभ प्रदान किया गया है? ब्लाकवार वर्षवार राशि सहित संख्या बतावें?
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्रीमती ललिता यादव ) : (क) खरगौन जिले में वर्ष 2011 से 2016 तक अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति हेतु 19,898 आवेदन प्राप्त हुये। वित्तीय वर्ष 2014-15 तक की स्थिति में 10,784 आवेदन भारत सरकार द्वारा स्वीकृत किये गये तथा 5,505 आवेदन अस्वीकृत हुये। विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''एक'' अनुसार है। (ख) अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति योजना भारत सरकार अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय के माध्यम से संचालित की जा रही है। विद्यार्थियों द्वारा अपने आवेदन ऑनलाईन भारत सरकार द्वारा निर्मित छात्रवृत्ति पोर्टल पर भरे जाते है। भारत सरकार के निर्धारित नियमानुसार एवं पात्रतानुसार छात्रवृत्ति की स्वीकृति भारत सरकार द्वारा दी जाकर स्वीकृत राशि का हस्तांतरण सीधे विद्यार्थियों के एकल बैंक खातों में ऑनलाईन की जाती है। (ग) विगत 5 वर्षों में (वर्ष 2015-16 छोड़कर) खरगौन जिले में 10,784 अल्पसंख्यकों को राशि रूपये 2,29,64,574/- छात्रवृत्ति का लाभ प्रदान किया गया। वर्षवार राशि की विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''दो'' अनुसार है।
विद्युतीकरण पर खर्च राशि
[आदिम जाति कल्याण]
81. ( क्र. 1139 ) श्री रजनीश सिंह : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गत दो वर्षों में जिला सिवनी में विभाग ने विद्युत पंप पर बिजली पहुंचाये जाने पर बिजली कनेक्शन उपलब्ध करवाए जाने एवं ग्रामों, मजरे टोलों ढानों में विद्युत पहुचाए जाने के कार्य के बदले किस दिनांक को किसे, कितनी राशि का भुगतान किया गया? (ख) भुगतान किए गये कार्य की किस दिनांक को कितनी लागत की प्रशासकीय स्वीकृति एवं तकनीकी स्वीकृति किसके द्वारा दी गई, कितनी लागत के किस कार्य की निविदा किस दिनांक को आमंत्रित की गई? निविदा को किसके द्वारा स्वीकृति प्रदान की गई? (ग) किस कार्य का आदेश किस दिनांक को दिया गया? कार्य आदेश एवं एन.आई.टी. की प्रति सहित बतायें?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) प्रश्नांश अन्तर्गत वर्ष 2014-15 में श्री प्रकाश साहू, विद्युत ठेकेदार को भुगतान की गई राशि का दिनांकवार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है तथा वर्ष 2015-16 में आवंटन प्राप्त न होने से भुगतान नहीं किया गया है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है, शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन अनुसार है।
चिकित्सकों एवं कर्मचारियों के पदों की पूर्ति
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
82. ( क्र. 1140 ) श्री रजनीश सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) केवलारी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत नवम्बर 2016 की स्थिति में कहाँ-कहाँ पर चिकित्सकों एवं कर्मचारियों के कौन-कौन से कितने-कितने पद स्वीकृत हैं? उक्त स्वीकृत पद कब-कब से रिक्त हैं? रिक्त पद कब से भर दिये जायेंगे? उक्त रिक्त पद अभी तक क्यों नहीं भरे गये है? (ख) चिकित्सकों के स्वीकृत पद रिक्त होने के कारण आम जनता को बीमारी के इलाज में हो रही परेशानी से निजात दिलाने के लिये शासन क्या कार्यवाही कर रहा है? (ग) केवलारी विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत विकासखण्ड छपारा एवं विकासखण्ड केवलारी के सामुदायिक एवं उप स्वास्थ्य केन्द्रों में डॉ. एवं अन्य स्टॉफ की कमी को पूरा करने के लिये क्या विकल्प है? डॉ. व अन्य स्टॉफ की कमी के कारण वर्तमान में आम जनों को क्या स्वास्थ्य से संबंधित सुविधायें दी जा रही है? यदि सुविधायें दी जा रही हैं तो क्या यह पर्याप्त है?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ में वर्णित है। विभाग रिक्त पदों की पूर्ति हेतु निरंतर प्रयासरत् है परंतु विशेषज्ञों की अत्यधिक कमी के कारण विशेषज्ञों के रिक्त पदों की पूर्ति नहीं की जा सकी है। चिकित्सकों एवं पैरामेडिकल स्टॉफ की पदपूर्ति हेतु विभाग निरंतर प्रयास कर रहा है, म.प्र. लोक सेवा आयोग के माध्यम से 1896 चिकित्सकों के पदों हेतु चयन प्रक्रिया प्रचलन में है, पैरामेडिकल संवर्ग/नर्सिंग संवर्ग के कर्मचारियों की भर्ती की प्रक्रिया निरंतर जारी है। उपलब्धता अनुसार ही जिलों में शत-प्रतिशत पदपूर्ति की कार्यवाही की जा सकेगी। (ख) प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र उगली एवं सुनवारा में चिकित्सक का पद रिक्त होने के कारण निकट की संस्था से सप्ताह में 02 दिवस हेतु क्रमाशः डॉ. ग्लोरिया लकरा एवं डॉ. मानसिंह कुमरे, चि0अ0 की ड्युटी लगाई गई है। (ग) उत्तरांश ''क'' अनुसार। संस्थाओं में उपलब्ध सुविधाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। जी नहीं।
लांजी स्थित आयुष औषधालयों की जानकारी
[आयुष]
83. ( क्र. 1165 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र लांजी में आयुर्वेदिक यूनानी अथवा होम्योपेथी के कितने तथा कहाँ-कहाँ शासकीय औषधालय हैं? (ख) उक्त शासकीय औषधालयों में क्या स्वयं का भवन है अथवा किराए के भवन में संचालित किये जा रहे हैं? इन औषधालयों में स्टाफ का सेटअप क्या है तथा वर्तमान में उनकी क्या स्थिति है? (ग) क्या शासन आयुष चिकित्सकों को ऐलोपेथिक चिकित्सकों की तरह पदोन्नति अथवा समयमान वेतनमान नहीं देता? क्या शासन आयुष चिकित्सकों को अन्य चिकित्सकों की भांति सुविधाएं देने पर विचार करेगा?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ '' एवं ''ब '' अनुसार। (ग) आयुष विभाग के नवीन सेवा भर्ती नियम-2013 के अनुसार पदोन्नति दी जाती है। नियमानुसार समयमान-वेतनमान स्वीकृत किया जाता है। आयुष चिकित्सको की पात्रतानुसार सुविधाये दी जाती है।
परिशिष्ट - ''सोलह''
परीविक्षा अवधि में नियम विरूद्ध स्थानांतरण
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
84. ( क्र. 1166 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सिविल हॉस्पिटल लांजी में पदस्थ डॉ. वर्षा रंगारे संविदा मेडिकल ऑफिसर की दो वर्ष की परीविक्षा अवधि समाप्त हुए बगैर उनका स्थानांतरण नियम विरूद्ध सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बैहर कर दिया गया है? (ख) क्या प्रश्नकर्ता विधायक द्वारा प्रमुख सचिव लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण म.प्र. शासन को ई-मेल द्वारा इस संबंध में सूचित किया था? (ग) संचालनालय लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा समस्त C.M.H.O. को पत्र द्वारा परीविक्षा अवधि में किये गये स्थानांतरण निरस्त करने के आदेश के बावजूद यह स्थानांतरण निरस्त क्यों नहीं किया गया? (घ) हाईकोर्ट द्वारा यदि बैहर में महिला चिकित्सक की तत्काल पदस्थापना के आदेश थे तो ऐसी कई महिला चिकित्सक जिले में हैं जो परीविक्षा अवधि पूर्ण कर चुके हैं?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) डॉ. वर्षा रंगारे के विरूद्ध प्राप्त विभिन्न शिकायतों एवं माननीय उच्च न्यायालय, जबलपुर द्वारा जनहित याचिका क्रमांक 20149/2014 (पी.आई.एल.) में दिये निर्देश के पालन में स्थानीय कार्य व्यवस्था हेतु एक ही जिले के अन्दर जिला कलेक्टर बालाघाट द्वारा डॉ. वर्षा रंगारे, चिकित्सा अधिकारी, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, लांजी की पदस्थापना सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, बैहर की गई। (ख) जी हाँ। (ग) पदस्थापना परिवर्तन का आधार शिकायत, न्यायालयीन निर्देश एवं स्थानीय कार्य व्यवस्था था। शेष उत्तरांश ''क '' अनुसार। (घ) उत्तरांश ''क '' अनुसार।
संविदा शाला शिक्षक वर्ग 1, 2, 3 की महिला शिक्षिकाओं को पुन: काउंसलिंग
[स्कूल शिक्षा]
85. ( क्र. 1195 ) श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2011 की संविदा शाला शिक्षक वर्ग - 1, 2, 3 व्यापम पात्रता परीक्षा में उत्तीर्ण महिला शिक्षिकाओं को वर्ष 2013 की लोक शिक्षण संचालनालय म.प्र. की प्रथम काउंसलिंग में चयनित महिला शिक्षिकाओं को महिला सशक्तिकरण के तहत उनकी सुरक्षा की दृष्टि से उचित स्थान पर पुन: काउंसलिंग कर लाभ दिया जा चुका है? (ख) क्या महिला शिक्षिकाओं की वर्ष 2011 में व्यापम पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण होने के बाद उनकी नियुक्ति लोक शिक्षण संचालनालय की द्वितीय काउंसलिंग वर्ष 2014 में हुई थी? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) में चयनित शिक्षिकाओं को लोक शिक्षण संचालनालय की प्रथम काउंसलिंग वर्ष 2013 की तरह म.प्र. शासन के महिला सशक्तिकरण के तहत उन्हें भी सुरक्षा की दृष्टि से पुन: काउंसलिंग कर उचित शालाओं में पदांकन किया जायेगा? यदि हाँ, तो इस हेतु शासन कब तक पुन: काउंसलिंग करायेगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) वर्ष 2013 में संविदा शाला शिक्षक नियोजन अंतर्गत आयोजित प्रथम काउन्सलिंग के उपरांत नियमों में एक ही नाम की एक से अधिक संस्था होने के कारण आवेदकों से संस्था के चयन में त्रुटि होने एवं इस कारण पद रिक्त होने की स्थिति संज्ञान में आई। इस कारण म.प्र. शासन स्कूल शिक्षा विभाग के जारी परिपत्र क्रमांक एफ 01-27/2013/20-1 दिनांक 30/7/2013 एवं 01/08/2013 के अनुक्रम में प्रथम काउन्सलिंग में नियुक्त महिला संविदा शाला शिक्षक जिनके द्वारा पदांकित संस्था में पदभार ग्रहण कर लिया है, को निकाय के भीतर संस्था परिवर्तन तथा एक निकाय से दूसरे निकाय में निकाय/संस्था परिवर्तन का एक अवसर प्रदान किया गया था। (ख) जी हाँ। (ग) जी नहीं। प्रश्नांश ''क'' के उत्तर के प्रकाश में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विद्यालयों में देयक सुविधाएं
[स्कूल शिक्षा]
86. ( क्र. 1212 ) श्रीमती शकुन्तला खटीक : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनपत पंचायत करैरा एवं नरवर जिला शिवपुरी में शासन द्वारा दी जा रही है देय सुविधाओं में से क्या सभी शालाओं में वर्णित सुविधाएं प्राप्त हो रही है? (ख) यदि नहीं, तो ऐसे कौन-कौन से विद्यालय है जहां देयक सुविधाएं पूर्णरूपेण नहीं दी जा रहीं हैं? ऐसा क्यों व किन-किन विद्यालयों में कौन-कौन सी सुविधाएं अनुपलब्ध हैं कि जानकारी विद्यालय का नाम, सुविधाओं का वर्णन, सुविधा न देने के कारण, आदि सहित दी जावे? विद्यालयों को उपरोक्त सेवाएं कब तक उपलब्ध करा दी जायेगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। जनपद पंचायत करैरा एवं नरवर के अंतर्गत आने वाले समस्त 454 शा.प्रा. विद्यालय, 152 शा. मा. विद्यालय, 31 शा. हाईस्कूल एवं 15 शा. हायर सेकेण्डरी हैं जिसमें सभी देय सुविधाएं जैसे- गणवेश, नि:शुल्क पाठ्यपुस्तक, मध्यान्ह भोजन, छात्रवृत्ति, नि:शुल्क साईकिल आदि उपलब्ध कराई जा रही है। (ख) उत्तरांश 'क' के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्राथमिक शाला की स्वीकृति
[स्कूल शिक्षा]
87. ( क्र. 1226 ) श्रीमती शकुन्तला खटीक : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा प्रस्तुत पत्र क्रमांक 64/एम.एल.ए./2016 दिनांक 13.06.2016 के माध्यम से बी.आर.सी.सी. विकासखण्ड करैरा, जिला शिवपुरी, को ग्राम पंचायत सिरसौद के मजरा सूखापुर विकासखण्ड करैरा जिला शिवपुरी में प्राथमिक शाला (ई.जी.एस.) स्वीकृत कर खोले जाने की मांग की थी? (ख) क्या ग्राम पंचायत सिरसौद के मजरा सूखापुरा विकासखण्ड करैरा जिला शिवपुरी में प्राथमिक शाला (ई.जी.एस.) की स्वीकृति हो चुकी है अथवा नहीं? यदि नहीं, तो क्यों व कब तक कर दी जावेगी? शाला प्रारंभ होने की कार्यवाही किस स्तर पर है?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। नि:शुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम 2009 अन्तर्गत नि:शुल्क और अनिवार्य बाल शिखा अधिकार नियम 26 मार्च 2011 की धारा-4 में पड़ोस की परिभाषा अनुसार - ''1 क्षेत्र या पड़ोस की सीमाएं जिनके भितर राज्य सरकार द्वारा स्कूल स्थापित किया जाना नियम 2 के उपनियम (1) के खण्ड (ट) में यथा परिभाषित या सीमा होगी : परन्तु यदि क्षेत्र के भीतर किसी बसाहट या पड़ोस की सीमा में एक कि.मी. की परिधि के भीतर प्रायमरी स्कूल की सुविधा नहीं है और 6 से 11 वर्ष की आयु के कम से कम 40 बच्चे उपलब्ध है तो राज्य सरकार ऐसी बसाहट में प्रायमरी स्कूल की सुविधा उपबंध करेगी: मजरा सूखापुर में निर्धारित मापदण्डों की पूर्ति नहीं होने के कारण प्राथमिक शाला प्रारंभ नहीं किया गया है।
आदिवासी विकास की योजनाओं में भेदभाव
[आदिम जाति कल्याण]
88. ( क्र. 1234 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खंडवा जिले में आदिवासी विकास विभाग को बस्ती विकास योजनान्तर्गत विगत पाँच वर्षों में कितना आवंटन वर्षवार प्राप्त हुआ? (ख) बस्ती विकास योजनान्तर्गत विगत पाँच वर्षों में जनपद पंचायतवार कितने कार्य स्वीकृत किये गये? इन कार्यों का चयन किस आधार पर किया गया? (ग) क्या स्वीकृत कार्यों के लिए क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों, पंचायत प्रतिनिधियों आदि की बैठक लेकर प्रस्ताव प्राप्त किये गये? यदि नहीं, तो क्यों? क्या योजना के क्रियान्वयन पद्धति में सुधार किया जायेगा? (घ) विगत पाँच वर्षों में स्वीकृत कार्यों में कितने कार्य अपूर्ण है और क्यों? क्या इन कार्यों की स्वीकृति में विभाग द्वारा लापरवाही एवं स्वेच्छाचारिता से भेदभावपूर्ण कार्य कराये गये है? (ड.) यदि हाँ, तो क्या ऐसे अधिकारियों पर विभाग द्वारा नियम विरूद्ध कार्य करने के कारण अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी? यदि हाँ, तो कब तक?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) खण्डवा जिले को अनुसूचित जनजाति बस्ती विकास योजनान्तर्गत विगत पाँच वर्षों में निम्नानुसार आवंटन प्राप्त हुआ :-
क्रमांक |
वर्ष |
अनुसूचित जनजाति बस्ती विकास योजनान्तर्गत प्राप्त आवंटन |
1 |
2011-12 |
341.94 |
2 |
2012-13 |
621.30 |
3 |
2013-14 |
204.00 |
4 |
2014-15 |
132.20 |
5 |
2015-16 |
159.49 |
(ख) विगत पाँच वर्षों में जनपद पंचायतवार स्वीकृत कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ '' अनुसार है। कार्य अनुसूचित जनजाति बस्ती विकास योजना के मापदण्डों के अनुसार स्वीकृत किये गये हैं। (ग) जी नहीं। नियमों में प्रावधान नहीं होने से। योजना में आवश्यकतानुसार समय-समय पर सुधार किया जाता है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब '' में अनुसार है। विभाग द्वारा कार्यों की स्वीकृति में लापरवाही नहीं बरती गई है। (ड.) प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
खेल संसाधन उपलब्ध कराना
[स्कूल शिक्षा]
89. ( क्र. 1238 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खण्डवा जिले में व्यायाम शिक्षक के कितने पद स्वीकृत एवं रिक्त है तथा रिक्त पदों की पूर्ति के लिये विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है? (ख) खंडवा जिले में कितने माध्यमिक, हाईस्कूल एवं हायर सेकेण्डरी शालाओं में खेल मैदान है? (ग) प्रश्नांश (ख) के क्रम में प्रत्येक स्कूलों को खेल सामग्री हेतु कितनी राशि प्रतिवर्ष प्रदाय की जाती है? क्या यह राशि पर्याप्त है? (घ) क्या खेल सामग्री, खेल मैदानों एवं प्रशिक्षकों के अभाव में खेलों के प्रति बच्चों का रूझान कम हुआ है? यदि हाँ, तो क्या विभाग शालेय खेलों के विकास के लिए उक्त संसाधनों को उपलब्ध कराने के प्रयास करेगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जिला खंडवा अंतर्गत व्यायाम शिक्षक के स्वीकृत पद 47, कार्यरत पद 08 एवं रिक्त पद 39 हैं। रिक्त पदों की पूर्ति एक सतत् प्रक्रिया है, निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) जिला खण्डवा अंतर्गत 279 माध्यमिक शालाओं में, 28 हाई स्कूलों में एवं 25 हायर सेकेण्डरी स्कूलों में खेल मैदान उपलब्ध है। (ग) जी नहीं, राशि प्रदाय नहीं की जाती है। कक्षा 09 से 12 तक संस्थाओं में राशि क्रीड़ा शुल्क के रूप में ली जाती है जिससे आवश्यकतानुसार खेल सामग्री क्रय की जाकर छात्रों को खेल सामग्री उपलब्ध कराई जाती है। (घ) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
कन्या हायर सेकेण्ड्री स्कूल भवन निर्माण
[स्कूल शिक्षा]
90. ( क्र. 1265 ) श्री राजेन्द्र फूलचंद वर्मा : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सोनकच्छ का भवन स्वीकृत है? यदि हाँ, तो स्वीकृति पत्र संलग्न करें। (ख) शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सोनकच्छ का भवन निर्माण कहाँ पर कराया जा रहा है तथा निर्माण कार्य किस दिनांक से शुरू हुआ है? क्या आज दिनांक तक निर्माण कार्य पूर्ण हो गया है? यदि नहीं, तो क्यों नहीं? (ग) भवन आज दिनांक तक अपूर्ण होने का क्या कारण है?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। शासकीय हायर सेकेन्डरी स्कूल सोनकच्छ वर्ष 2007-08 में स्वीकृत है। आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) शासकीय हायर सेकेन्डरी स्कूल सोनकच्छ के भवन बायपास रोड रिलायन्स पेट्रोल पम्प के सामने निर्माण किया जा रहा है। मई 2010 से निर्माण कार्य प्रारंभ किया गया था, जो आज पर्यन्त अपूर्ण है। भूमि विलम्ब से प्राप्त होने पर कार्य आरंभ में विलम्ब हुआ, बाद में लागत वृद्धि की स्थिति उत्पन्न हुई जिसके निराकरण हेतु कार्यवाही प्रचलन में है। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तरांश अनुसार।
विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी की पद स्थापना
[स्कूल शिक्षा]
91. ( क्र. 1266 ) श्री राजेन्द्र फूलचंद वर्मा : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन संभाग में विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी का दायित्व उत्कृष्ट विद्यालय के प्राचार्यों को दिया गया है?। (ख) क्या उक्त प्राचार्यो के पास नोडल अधिकारी एवं अन्य प्रशासनिक वेतन आहरण छात्रवृत्ति आदि का प्रभार है? (ग) शिक्षा विभाग द्वारा विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी के पद पर पद स्थापना क्यों नहीं की जा रही है या इस पद पर प्रभारी अधिकारी को दायित्व क्यों नहीं दिया जा रहा है?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) विकासखण्ड स्तर की नवीन पद संरचना स्वीकृत करते हुए विकासखण्ड स्तर पर सहायक संचालक स्तर का पद सृजित किया गया है जिसमें 50 प्रतिशत पद सीधी भरती से तथा 50 प्रतिशत पद पदोन्नति से भरने का प्रावधान हैं। कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। शेष प्रश्नांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अनुकम्पा नियुक्ति के प्रकरण
[आदिम जाति कल्याण]
92. ( क्र. 1290 ) श्री रामेश्वर शर्मा : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग अंतर्गत पूरे मध्यप्रदेश में अनुकंपा नियुक्ति के कितने प्रकरण लंबित है? जिलावार सूची और पिछले दो वर्ष का रोस्टर उपलब्ध करवाएं? (ख) क्या सहायक अध्यापक के पद पर अनुकंपा नियुक्ति देने हेतु किसी पात्रता परीक्षा का उत्तीर्ण करना अनिवार्य किया गया है? यदि हाँ, तो बताएं कि अनुकंपा नियुक्ति के प्रकरणों में निर्धारित शैक्षणिक योग्यता होने के बावजूद पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण करने की शर्त किस तरह उचित है? (ग) भोपाल एवं होशंगाबाद संभाग के संदर्भ में बताएं कि अनुकंपा नियुक्ति के लंबित प्रकरणों को कब तक निराकृत कर आवेदकों को नियुक्ति प्रदान कर दी जाएगी। (घ) इन संभागों के सभी जिलों में पिछले तीन वर्षों में लिपिकीय संवर्ग में दी गई अनुकंपा नियुक्ति के रोस्टर की जानकारी प्रदान करें।
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) विभाग अंतर्गत पूरे प्रदेश में अनुकम्पा नियुक्ति के कुल 333 प्रकरण लंबित हैं। जिलावार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''एक'' अनुसार है। पिछले 02 वर्ष का रोस्टर पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''दो '' (अ), (ब), (स) एवं (द) अनुसार है। (ख) जी हाँ। जी हाँ। अनुकंपा नियुक्ति संविदा शाला शिक्षक वर्ग-3 पर देने का प्रावधान है। आयुक्त, लोक शिक्षण संचालनालय म.प्र. भोपाल के आदेश दिनांक 09-12-2014 के द्वारा नि:शुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा अधिनियम 2009 की धारा 23 के अनुरूप संविदा शाला शिक्षक के पद पर किसी भी प्रकार की नियुक्ति करने के पूर्व भारत सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम शैक्षणिक अर्हतायें संबंधित व्यक्ति के पास होना सुनिश्चित करने के निर्देश दिये गये हैं। जिसमें संबंधित व्यक्ति का शिक्षक पात्रता परीक्षा (टी.ई.टी.) भी उत्तीर्ण किया जाना अनिवार्य है। (ग) अनुकम्पा नियुक्ति एक सतत् प्रक्रिया है। अनुकम्पा नियुक्ति के लंबित प्रकरणों में निराकृत करने की समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं। (घ) भोपाल एवं होशंगाबाद संभाग के सभी जिलों में पिछले तीन वर्षों में लिपिकीय संवर्ग का रोस्टर पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''तीन (अ) (ब) एवं (स) अनुसार है।
शासकीय विद्यालयों में शिक्षकों की पदपूर्ति
[स्कूल शिक्षा]
93. ( क्र. 1312 ) श्री चन्दरसिंह सिसौदिया : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पिछले तीन वर्षों में गरोठ विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कितने माध्यमिक विद्यालय, हाईस्कूल, हायर सेकेण्डरी स्कूलों का उन्ननयन किया है? क्या ये समस्त उन्नयन शाला प्रारंभ हो गई हैं? यदि हाँ, तो क्या इन विद्यालयों हेतु भवन स्वीकृत होकर निर्माण कार्य कराया जा रहा है? (ख) क्या नवीन स्वीकृत शालाओं में पद संरचना अनुसार पद पूर्ति हो गई है? यदि नहीं, तो कब तक की जावेगी? साथ ही वर्तमान में इन संस्था का संचालन किससे करवाया जा रहा है? क्या स्वीकृत पद अनुसार इन संस्थाओं में अतिथि शिक्षक कार्य कर रहे हैं यदि हाँ, तो नवीन स्वीकृत शालाओं में कार्यरत अतिथि शिक्षक की सूची उपलब्ध करावें। (ग) माध्यमिक विद्यालय आउट ऐरिया बरखेडा लोया में कितने पद स्वीकृत हैं और वर्तमान में कितने शिक्षक कार्यरत हैं? क्या उक्त विद्यालय में अंग्रेजी विषय का कोई पद स्वीकृत है? यदि नहीं, तो वहाँ अंग्रेजी विषय के शिक्षक की नियुक्ति की गई है? क्या वह नियमानुसार है? (घ) यदि नहीं, तो विभाग क्या कार्यवाही कर रहा है? मॉडल स्कूल गरोठ एवं भानपुरा में शिक्षकों की पद पूर्ति होने तक व्यवस्था स्वरूप शिक्षकों की पदपूर्ति के निर्देश दिये गये हैं एवं जो शिक्षक नियुक्त किये गये है, क्या वह सब नियमानुसार नियुक्त किये गये है?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) संलग्न परिशिष्ट अनुसार। जी हाँ। भवन निर्माण बजट प्रावधान उपलब्धता पर निर्भर करेगा। (ख) पद पूर्ति एक सतत् प्रक्रिया है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। रिक्त पदों पर अतिथि शिक्षकों से अध्यापन कार्य करवाया जा रहा है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ग) मा.वि. आउट एरिया बरखेडा लोया में 01 प्रधान अध्यापक एवं 07 शिक्षक के पद स्वीकृत है जिसमें से 01 प्रधान अध्यापक एवं 04 सहायक शिक्षक/शिक्षक कार्यरत है। 01 पद अंग्रेजी विषय का स्वीकृत है, जिस पर सुश्री अर्चना मेहता कार्यरत थी किन्तु नगरीय क्षे़त्र होने से कार्यालयीन आदेश क्रमांक स्थापना-2/2016/4817 मंदसौर दिनांक 9-11-2016 से संबंधित का पदांकन निरस्त किया गया है। वर्तमान में अंग्रेजी विषय का अध्यापक कार्यरत नहीं है। (घ) मॉडल स्कूल गरोठ एवं भानपुरा में शिक्षको की पद पूर्ति होने तक तात्कालिक रूप से नियमानुसार शिक्षको की पद स्थापना की गई है।
परिशिष्ट - ''सत्रह''
सर्व शिक्षा अभियान अंतर्गत स्वीकृत निर्माण कार्य
[स्कूल शिक्षा]
94. ( क्र. 1324 ) श्री हरवंश राठौर : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सर्व शिक्षा अभियान अंतर्गत विधानसभा क्षेत्र बण्डा में प्रा.शा./मा.शा. के स्कूल भवन, अतिरिक्त कक्ष, शौचालय निर्माण कार्य वर्ष 2008-09 से 2011-12 तक स्वीकृत हुए है? (ख) यदि हाँ, तो विकासखण्डवार एवं ग्राम पंचायतवार किन-किन स्थानों पर किस-किस प्रकार के कितने कार्य स्वीकृत हुए है? (ग) क्या उपरोक्त वर्षों में स्वीकृत निर्माण कार्य अनेक स्थानों पर पूर्ण नहीं हुए है जबकि निर्माण कार्यों हेतु संबंधित एजेंसियों द्वारा पूर्ण राशि की किश्त आहरित कर प्राप्त कर ली गई है? (घ) यदि हाँ, तो कितने कार्य पूर्ण एवं कितने कार्य अपूर्ण रहे तथा कितनी राशि आहरित एवं उपयोग की गई एवं संबंधित एजेंसी पर क्या कार्यवाही प्रस्तावित की गई है?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। (ख) विकासखण्डवार एवं ग्राम पंचायतवार निर्माण कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- ''अ'' अनुसार है। (ग) 26 शालाओं के 29 निर्माण कार्य पूर्ण नहीं हुए। संबंधित एजेंसी द्वारा प्रदाय राशि आहरित कर ली गई है। (घ) स्वीकृत 658 निर्माण कार्यों में से 629 पूर्ण एवं 29 कार्य अपूर्ण है। 29 अपूर्ण कार्यों में से 16 कार्यों के 14 प्रकरण अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) न्यायालय बण्डा में पंजीबद्ध कराये गये है एवं 13 कार्य प्रगतिरत है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- ''ब'' अनुसार है।
शासकीय शालाओं में शौचालय सुविधा
[स्कूल शिक्षा]
95. ( क्र. 1325 ) श्री हरवंश राठौर : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विद्यालय क्षेत्र बंडा अंतर्गत कुल कितने हाईस्कूल/मा.शा.प्राथ. शालाओं में शौचालय की सुविधा है एवं कितनी शालाएं शौचालय विहीन हैं? (ख) क्या शालाओं में शौचालय की सुविधा के साथ-साथ पानी एवं सफाई कर्मचारी की व्यवस्थाएं की गई है? यदि नहीं, तो कब तक सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) विधानसभा क्षेत्र बण्डा के अन्तर्गत 332 प्राथमिक शाला एवं 133 माध्यमिक, 14 हाई तथा 12 हायर सेकेण्डरी शालाओं में शौचालय की सुविधा है। यद्यपि 16 हाई व एक हायर सेकेण्डरी विद्यालय के स्वयं के भवन न होने से वे माध्यमिक विद्यालयों के भवनों में संचालित है। (ख) जी हाँ। शालाओं में शौचालय की सुविधा के साथ पानी की व्यवस्था की गई है तथा शौचालय में सफाई कार्य हेतु पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा पंच परमेश्वर योजना से करने के निर्देश है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पर्यटन स्थलों पर प्राथमिक चिकित्सा
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
96. ( क्र. 1347 ) श्रीमती मालिनी लक्ष्मण सिंह गौड़ : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. में विभिन्न पर्यटन स्थलों पर प्राथमिक उपचार केन्द्रों की संख्या बतावें? (ख) इन्दौर संभाग में पर्यटन स्थलों के आस-पास के प्राथमिक उपचार केन्द्र अथवा शासकीय अस्पतालों की सूची उपलब्ध करावें? सूची में संबंधित अधीक्षक एवं स्टॉफ की संख्या, नाम व दूरभाष क्रमांक देवें? (ग) यदि पर्यटन स्थलों पर प्राथमिक उपचार केन्द्र नहीं हैं, तो क्या नये प्राथमिक केन्द्र प्रारंभ करने के लिए विभाग किसी प्रकार की कार्यवाही करेगा?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
राज्य स्तरीय शालेय व्हालीबाल प्रतियोगिता
[स्कूल शिक्षा]
97. ( क्र. 1358 ) श्री संजय शर्मा : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2015-16 की राज्य स्तरीय व्हालीबाल प्रतियोगिता का आयोजन तेंदूखेड़ा जिला नरसिंहपुर में दिनांक 8 नवम्बर से 11 नवम्बर तक किया जाना था? (ख) यदि हाँ, तो इस प्रतियोगिता का स्थान परिवर्तन तेंदूखेड़ा से नरसिंहपुर किस आदेश से किया गया? आदेश की छायाप्रति उपलब्ध करावें? (ग) क्या म.प्र. शासन के आदेश को जिला स्तर पर संशोधित किया जा सकता है? यदि नहीं, तो उक्त प्रतियोगिता को तेंदूखेड़ा के स्थान पर नरसिंहपुर में क्यों स्थानांतरित किया गया?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी नहीं। (ख) एवं (ग) उत्तरांश ''क '' के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
उपस्वास्थ्य केन्द्रों की स्थिति
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
98. ( क्र. 1359 ) श्री संजय शर्मा : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रायसेन जिले के विकासखण्ड बेगमगंज एवं सिलवानी में उप स्वास्थ्य केन्द्र कहाँ-कहाँ स्वीकृत है वर्तमान में उक्त उप स्वास्थ्य केन्द्रों का संचालन किन-किन स्थानों से हो रहा है, कौन-कौन कर्मचारी कार्यरत है? सूची दें। (ख) उक्त उप स्वास्थ्य केन्द्रों में से कौन-कौन से भवनविहीन हैं किन-किन के भवन क्षतिग्रस्त हैं उक्त उपस्वास्थ्य केन्द्रों के भवन निर्माण हेतु विभाग ने क्या-क्या कार्यवाही की? (ग) उक्त उपस्वास्थ्य केन्द्रों में कार्यरत कर्मचारी मुख्यालय पर कौन-कौन से दिन कितने समय बैठते हैं तथा मरीजों को कितने प्रकार की दवाईयां देते हैं? इस संबंध में शासन के क्या-क्या निर्देश है? (घ) उक्त विकासखण्डों में संजीवनी चलित चिकित्सा इकाई के संचालन की क्या व्यवस्था है? 01 जनवरी 2016 से नवम्बर 2016 की अवधि में किन-किन ग्रामों में कितने मरीजों का उपचार किया गया?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार है। सीमित वित्तीय संसाधन के कारण वर्तमान में भवन विहीन स्वास्थ्य केन्द्रों के निर्माण की कोई कार्ययोजना नहीं है एवं क्षतिग्रस्त उपस्वास्थ्य केन्द्र का प्रस्ताव प्राप्त होने पर परीक्षणोपरांत उपलब्ध वित्तीय संसाधनों के आधार पर आवश्यकतानुसार कार्यवाही की जा सकेगी। (ग) उपस्वास्थ्य केन्द्रों में कार्यरत कर्मचारी मुख्यालय पर रहते हुये उपस्वास्थ्य केन्द्रों में सप्ताह में 3 दिवस सोमवार, बुधवार एवं शनिवार को प्रातः 11.00 से 5.00 बजे तक बैठकर ओ.पी.डी. सेवायें देकर मरीजों को 24 प्रकार की दवाईयाँ प्रदान की जाती है। 24 प्रकार की दवाईयों की सूची जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘स’ अनुसार है। शासन के दिशा निर्देश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘द’ अनुसार है। (घ) संजीवनी चलित चिकित्सा इकाई विकासखण्ड बेगमगंज/सिलवानी में प्रत्येक माह 02 दिन का भ्रमण कर आने वाली मरीजों की कुल संख्या 10600 का उपचार लगातार किया गया है विकासखण्ड के अभी तक भ्रमण किये गये कुल ग्रामों की संख्या 134 में एक बार एवं 68 ग्रामों में दूसरी बार भ्रमण किया गया है। ग्रामों की सूची जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ई’ अनुसार है।
स्थानांतरण के संबंध में
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
99. ( क्र. 1415 ) डॉ. योगेन्द्र निर्मल : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) स्वास्थ्य विभाग के अंतर्गत वर्ष २०१५-१६ में स्टाफ नर्स/ए.एन.एम के स्थानांतरण हेतु कितने आवेदन प्राप्त हुये? (ख) उक्त प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में कितनों के स्थानांतर आदेश जारी किये गये? (ग) क्या जिन कर्मचारियों द्वारा स्थानांतरण हेतु ऑनलाईन के माध्यम से आवेदन किए गये उनके प्रकरण मुख्यमंत्री समन्वय में भेजे जाकर उनके स्थानांतरण आदेश जारी किये गये है? यदि नहीं, किये गये तो, विलंम्ब के क्या कारण हैं? क्या ऑनलाईन प्राप्त आवेदनों पर उक्त कर्मचारियों के स्थानांतरण आदेश कब तक जारी कर दिये जायेगे?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) वर्ष 2015-16 में स्टॉफ नर्स के 585 आवेदन पत्र प्राप्त हुये। ए.एन.एम. के स्थानांतरण संबंधी जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) स्टॉफ नर्स के 69 एवं 01 सिस्टर ट्यूटर, कुल 70 कर्मचारी के स्थानांतरण आदेश जारी किये गये। ए.एन.एम. के स्थानांतरण संबंधी जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) स्टॉफ नर्स/ए.एन.एम. के स्थानांतरण हेतु ऑनलाईन के माध्यम से आवेदन बुलाये जाने का प्रावधान नहीं था। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
परिशिष्ट - ''अठारह''
छात्रवृत्ति प्रदाय व्यवस्था
[स्कूल शिक्षा]
100. ( क्र. 1466 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासकीय प्राथमिक, माध्यमिक, हाईस्कूल एवं हायर सेकेण्डरी स्कूलों में अध्ययनरत अनु.जाति/जनजाति के छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति क्या स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा उनके बैंक खाता में जमा कर प्रदाय की जाती है? (ख) यदि हाँ, तो स्कूल शिक्षा विभाग नरयावली विधानसभा क्षेत्र में स्थित शालाओं में वर्ष 2013-14, 2014-15, 2015-16 के सभी अनु.जाति/जनजाति के छात्र-छात्राओं के बैंक खाता में जमा कर दी गई है? (ग) यदि नहीं, तो छात्र-छात्राओं के बैंक खाता न खुलने के कारण छात्रवृत्ति का प्रदाय नहीं हो पा रहा है तो विकल्प के रूप में छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति चेक के माध्यम से प्रदान कराने की शासन कोई नीति निर्धारित करेगा है? समय-सीमा स्पष्ट करें?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। (ख) नरयावली विधानसभा क्षेत्र में स्थित शालाओं वर्ष 2013-14, 2014-15, 2015-16 के पात्र अनु जाति/ अनु. जनजाति के छात्र-छात्राओ के बैंक खाते में छात्रवत्ति जमा की गई है। (ग) उत्तरांश (ख) का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
शालाओं को अतिक्रमण मुक्त कराना
[स्कूल शिक्षा]
101. ( क्र. 1477 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर नगर में स्थित प्राथमिक, माध्यमिक, हाई स्कूल एवं हायर सेकेण्डरी स्कूलों में से कितनी शालाओं में परिसर के अंदर अतिक्रमण किया गया है? शासन शालाओं से उक्त अतिक्रमण हटाने अब तक क्या कार्यवाही की गयी है? (ख) क्या जबलपुर नगर में स्थित माढोताल नगर एवं माढोताल ग्राम स्थित प्राथमिक शालाओं/ माध्यमिक शालाओं में किये गये पक्के अतिक्रमण हटाने हेतु कलेक्टर जबलपुर द्वारा वर्ष 2016 में पत्र लिखा गया था? यदि हाँ, तो उस पर क्या कार्यवाही की जावेगी? माढोताल ग्राम प्राथमिक शाला में वर्ष 1996 में आये भूकम्प पीड़ित को अस्थाई आश्रम देने के पश्चात् उक्त अतिक्रमणकर्ता द्वारा शाला प्रांगण में बाउन्ड्री तोड़कर स्थाई अतिक्रमण किया गया है? यदि हाँ, तो उसे कब तक हटाया जावेगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) प्राथमिक/माध्यमिक शालाओं की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। 01 हाईस्कूल एवं 01 हायर सेकेण्डरी स्कूल में अतिक्रमण किया गया है, कलेक्टर जिला जबलपुर के पत्र क्र. 2676 दि. 27.03.2015 द्वारा संबंधित अनुविभागीय अधिकारियों को अतिक्रमण हटाये जाने हेतु आदेशित किया गया है। (ख) कलेक्टर जबलपुर द्वारा वर्ष 2015 में पत्र क्र. 7080, दिनांक 24.07.2015 लिखा गया था। प्राथमिक शाला माढ़ोताल में भूकम्प के बाद से स्वर्गीय श्री रामसिंह रैकवार अस्थायी तौर से निवास कर रहे थे, उनकी मृत्यु उपरांत उनका परिवार वर्तमान में शाला परिसर में बाउण्ड्रीवाल के अंदर स्वयं की भूमि बताते हुए आवास बनाकर रह रहे है। इस संबंध में जाँच की जाकर नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी।
परिशिष्ट - ''उन्नीस''
बालक हिन्दी माध्यमिक शाला मझौली का उन्नयन
[स्कूल शिक्षा]
102. ( क्र. 1478 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगर पंचायत मझौली जिला जबलपुर के अंतर्गत शासन द्वारा एक बालक हिन्दी माध्यमिक शाला संचालित थी, जिसका माध्यम शिक्षण सत्र 2015-16 से अंग्रेजी कर दिया गया है? (ख) यदि हाँ, तो नगर पंचायत मझौली में संचालित शासकीय प्राथमिक शालाओं के बच्चे जो हिन्दी माध्यम से अध्ययन करना चाहते हैं, को कहाँ पर प्रवेश दिलाया जा रहा है? (ग) क्या शासन नगर पंचायत मझौली में हिन्दी माध्यम से संचालित शासकीय प्राथमिक शाला का उन्नयन हाई स्कूल में करेगा ताकि हिन्दी माध्यम से अध्ययन करने वाले विद्यार्थी पाँचवी कक्षा पास कर आगे अध्ययन कर सके? यदि हाँ, तो किस प्रकार से कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ, बालक माध्यमिक शाला मझौली में वर्ष 2015-16 में कक्षा 6 तथा वर्ष 2016-17 में कक्षा 7 में अंग्रेजी माध्यम से शिक्षण प्रारंभ किया गया है। (ख) शास. प्रा. शाला मझौली में ही प्रवेश दिलाया जा रहा है। (ग) चिन्हांकित शाला हायर सेकेण्ड्री तक संचालित है, अतएव उन्नयन का प्रश्न नहीं उठता है। वर्तमान में कक्षा 6, 7 में अंग्रेजी माध्यम से शिक्षण किया जा रहा है। स्कूल की शेष कक्षा 9 से 12 में हिन्दी माध्यम से ही अध्यापन किया जा रहा है। कक्षा 5 के पश्चात् हिन्दी माध्यम से आगामी शिक्षण कराने के इच्छुक छात्रों को निकट की शालाओं में प्रवेश प्रदान करने के निर्देश है।
मुस्लिम अल्पसंख्यक वर्ग के कल्याण/उत्थान हेतु की गई घोषणाओं की पूर्ति
[पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण]
103. ( क्र. 1483 ) श्री आरिफ अकील : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा दिसम्बर 2009 से प्रश्न दिनांक तक मुस्लिम अल्पसंख्यक वर्ग के महिला-पुरूष, छात्रों एवं बेरोजगारों के कल्याण/उत्थान तथा आर्थिक सुधार, सामाजिक विकास एवं पुनर्वास हेतु योजनाएं लागू किए जाने घोषणाएं की गई है? (ख) यदि हाँ, तो कौन-कौन सी घोषणायें कब-कब की गई एवं की गई घोषणाओं में से कितनी घोषणा का पालन किया गया है तथा कौन-कौन सी घोषणाओं का किन-किन कारणों से पालन नहीं किया गया तथा कब तक पूर्ति की जावेगी? (ग) प्रश्नांश 'क' 'ख' के परिप्रेक्ष्य में क्या माननीय मुख्यमंत्री जी की घोषणाओं पर समय पर कार्यवाही नहीं करने वाले अधिकारियों/ कर्मचारियों के विरूद्ध विभागीय कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों? यह भी अवगत करावें कि शासन के किन-किन अधिकारियों/कर्मचारियों की लापरवाही के कारण समय पर घोषणाओं की पूर्ति नहीं हो सकी नाम व पद सहित बतावें?
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्रीमती ललिता यादव ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा अल्पसंख्यक वर्ग के लिये कुल 14 घोषणायें की है। जिनमें 12 घोषणायें पूर्ण हो चुकी है। शेष 2 घोषणाओं पर कार्यवाही प्रचलन में है। पूर्ण होने हेतु निश्चित समयावधि बताई जाना संभव नहीं है। (ग) विभाग द्वारा माननीय मुख्यमंत्री जी की घोषणाओं पर यथासमय नियमानुसार कार्यवाही की गई है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
भवन विहीन शालाओं की जानकारी
[स्कूल शिक्षा]
104. ( क्र. 1549 ) श्री गोवर्धन उपाध्याय : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा जिले के सिरोंज एवं लटेरी विकासखण्ड में प्राथमिक, माध्यमिक, हाईस्कूल एवं हायर सेकेण्ड्री स्कूल ग्रामीण एवं नगरीय क्षेत्रों में कितनी शालाएं कब से संचालित हैं, जिसमें से कितनी भवन विहीन शालाएं हैं? विकासखण्डवार पूर्ण जानकारी देवें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार बी.ई.ओ. व डी.ई.ओ. द्वारा शासन को भवन विहीन शालाओं के संबंध में भवन निर्माण हेतु अभी तक कब-कब और क्या-क्या प्रक्रिया अपनाई गई? कार्यवाही हेतु भेजे गये पत्र का विवरण संलग्न करें? शासन द्वारा कब तक भवन विहीन शालाओं को भवन निर्माण कर संस्था को सौंपा जावेगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) विदिशा जिले के सिरोंज एवं लटेरी विकासखण्ड में 811 प्राथमिक/माध्यमिक शालाएं शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों क्षेत्रों में संचालित है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। संचालित शालाओं में से 44 शालाएं स्वयं के भवन विहीन है। विकासखण्डवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। हाई एवं हायर सेकेण्डरी स्कूलों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है। (ख) स्व भवन विहिन प्राथमिक/माध्यमिक शालाओं के स्व-भवन निर्माण हेतु प्रस्ताव वार्षिक कार्य योजना वर्ष 2017-18 में प्रेषित किया जाना प्रस्तावित है। भारत शासन से स्वीकृति प्राप्त होने पर निर्माण कराया जा सकेगा। हाई एवं हायर सेकेण्डरी स्कूलों के भवन निर्माण बजट की उपलब्धता पर निर्भर करेगा। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
रोग की रोकथाम एवं उपचार
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
105. ( क्र. 1613 ) श्री प्रताप सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दमोह जिले में डेंगू, चिकिनगुनियां एवं मलेरिया आदि रोग की रोकथाम एवं उपचार हेतु क्या कार्ययोजना बनायी गई थी? यदि नहीं, तो क्यों? जिले में उक्त अभियान के संचालन हेतु कितनी राशि का आवंटन प्राप्त हुआ है तथा उसे किस-किस मद में कितना-कितना व्यय किया जा चुका है? (ख) जिले में कितने रोगी उल्लेखित बीमारियों से पीड़ित चिन्हित किये गये तथा उनकी वर्तमान स्थिति क्या है? बीमारियों से पीड़ित रोगियों की पहचान के लिए जिला एवं ग्रामीण स्तर पर कितने कर्मचारी नियुक्त किये गय हैं? क्या इन कर्मचारियों को आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराये गये हैं, यदि हाँ, तो बतलावें? (ग) मलेरिया से बचाव के लिए जिला प्रशासन द्वारा कहाँ-कहाँ छिड़काव करवाया गया है, छिड़काव हेतु कितने उपकरण जिला, तहसील एवं ग्रामीण स्तर पर उपलब्ध हैं? कितनी मशीनें चालू हैं एवं कितनी खराब हैं, खराब मशीनों का कब-कब सुधार कार्य कराया गया है? शहरी क्षेत्र के किन-किन वार्डों में तथा ग्रामीण क्षेत्र के किन-किन ग्रामों में छिड़काव कराया गया है? (घ) बचाव कार्य एवं पीड़ितों को चिन्हित करने के लिए शासन/प्रशासन स्तर पर क्या कार्यवाही की जा रही है? जिलास्तर पर डेंगू रोगियों की पहचान के लिए क्या उपकरण उपलब्ध हैं?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) दमोह जिले में स्वास्थ्य विभाग द्वारा माह जुलाई को डेंगू निरोधक माह के रूप में मनाया गया, इसी माह में डेंगू/चिकिनगुनिया/मलेरिया नियंत्रण की कार्ययोजना बनाई गई। डेंगू की रोकथाम हेतु जिले को रू. 1,06,000/- का आवंटन किया गया, जिसमें सुपरविजन हेतु रू. 25000.00, महामारी नियंत्रण हेतु रू. 10,000.00, वेक्टर जनित रोग नियंत्रण हेतु रू. 25000.00 एवं डेंगू की आई.ई.सी. हेतु रू. 39000.00 जिला स्तरीय कार्यशाला हेतु रू. 7000.00 का आवंटन किया गया जिसमें से आज दिनांक तक सुपरवीजन हेतु रू. 20000.00 वेक्टर जनित रोग के नियंत्रण हेतु रू. 19000.00 डेंगु से बचाव हेतु प्रचार-प्रसार के लिये रू. 38600.00 तथा जिला स्तरीय कार्यशाला हेतु रू. 7000.00 व्यय किये गए हैं। (ख) जिले में माह जनवरी 2016 से अभी तक डेंगू के 79 रोगी पाये गये हैं। चिकिनगुनिया के 16 रोगी पाए गए हैं, मलेरिया के 503 रोगी पाये गये हैं, सभी रोगियों की जाँच एवं उपचार निःशुल्क किया गया है, सभी रोगी पूर्णतः स्वस्थ्य हैं। जिला, ब्लाक स्तर व ग्राम स्तर पर टीम का गठन किया है, टीम में एक डाक्टर एवं अन्य कर्मचारी रहते है। ग्राम स्तर पर आशा कार्यकर्ता एवं ए.एन.एम./एम.पी.डब्ल्यू शामिल रहते है, ग्राम स्तर तक आवश्यक संसाधन उपलब्ध करवायें गये है जिसमें सभी ग्राम आरोग्य केन्द्रों पर मलेरिया की जाँच हेतु रैपिड डायग्नोस्टिक किट एवं उपचार हेतु आवश्यक औषधियां उपलब्ध हैं। प्रत्येक सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पर मलेरिया निरीक्षकों के पास, उप स्वास्थ्य केन्द्र पर स्वास्थ्य कार्यकर्ता के पास एवं ग्राम स्तर पर आशा कार्यकर्ता के पास इन रोगों से बचाव हेतु आव’यक संसाधन उपलब्ध है। (ग) मलेरिया से बचाव के लिये जिले में कुल 67 ग्रामीण/शहरीय क्षेत्रों में कीटनाशक दवा छिड़काव का कार्य एवं लार्वा सर्वे, लार्वीसाईड स्पे्र का कार्य किया है। छिड़काव हेतु जिला स्तर पर 4 नेफसेक पंप एवं 4 गणेश पंप, 12 स्ट्रिप पंप चालू हालत में। जिले में 4 फागिंग मशीने है जिसमें 2 चालू हालत में है। उपकरणों का सुधार कार्य आवश्यकता के अनुसार समय-समय पर कराया जाता है। शहरी क्षेत्र के 24 वार्ड एवं 43 ग्रामों में कीटनाशक दवा का छिड़काव एवं लार्वा सर्वे व लार्वीसाईड स्पे्र कार्य किया गया है, (सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार है) (घ) पीड़ित रोगियों को चिन्हित करने के लिये रक्त की जाँच की जाती है तथा डेंगू पॉजीटिव पाए जाने पर उस रोगी के घर एवं घर के आस-पास के 400 वर्ग मीटर क्षेत्र के लगभग 150 से 160 घरों में लार्वा सर्वे एवं लार्वीसाईड, एडल्टीसाईड का छिड़काव किया जाता है। जिला स्तर पर डेंगू रोगियों की पहचान हेतु प्लेटलेट्स् जाँच की सुविधा जिला चिकित्सालय दमोह में उपलब्ध है।
परिशिष्ट - ''बीस''
जननी एक्सप्रेस संचालन हेतु अनुबंध
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
106. ( क्र. 1615 ) श्री प्रताप सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दमोह जिले में प्रदेश शासन ने आर.सी.एच./एन.आर.एच.एम. कार्यक्रम के तहत जननी एक्सप्रेस संचालन करने हेतु अनुबंध किये जाने के क्या नीति/निर्देश हैं। (ख) जिले में वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक कितनी अनुबंधित जननी एक्सप्रेस संचालित हैं, वाहन किस शर्तों में कितनी अवधि के लिए कितनी मासिक दर पर अनुबंधित किये गये हैं? वाहन मालिकों का नाम, पता, वाहन का प्रकार एवं उन्हें भुगतान की गई राशि का विवरण बतलावें। (ग) योजना के अंतर्गत अभी तक कुल कितनी राशि व्यय हुई है तथा जननी एक्सप्रेस के सुचारू रूप से संचालन न होने से संबंधित कितनी शिकायतें विभाग में प्राप्त हुई हैं तथा उन पर क्या कार्यवाही की गई है।
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) दमोह जिले में प्रदेश शासन ने आर.सी.एच./एन.आर.एच.एम. र्कायक्रम के तहत जननी एक्सप्रेस संचालन करने हेतु अनुबंध किये जाने के नीति/निर्देश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- ''एक '' अनुसार है। (ख) दमोह जिले में वर्ष 2013 से प्र’न दिनांक तक क्रमश: वर्ष 2012-13 में दो वर्षों हेतु 18 जननी एक्सप्रेस वाहनों तथा वर्ष 2014-15 में एक वर्ष हेतु 18 जननी एक्सप्रेस वाहनों एवं वर्ष 2015-16 में एक वर्ष हेतु 19 जननी एक्सप्रेस वाहनों को अनुबंध की शर्तों अनुसार अनुबंधित किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- ''दो '' अनुसार है। (ग) योजना अंतर्गत अभी तक कुल 33550589/- (तीन करोड़ पैतीस लाख पचास हजार पॉच सौ नवासी मात्र) राशि व्यय हुयी है। जननी एक्सप्रेस के सुचारू रूप से संचालन न होने से संबंधित अभी तक कुल 08 शिकायतें प्राप्त हुई हैं तथा प्राप्त शिकायतों पर जांचोपरांत संबंधितों के विरुद्ध नियमानुसार कार्यवाही की गई है।
छात्रवृत्ति के मैपिक कार्य की शुल्क वसूली
[स्कूल शिक्षा]
107. ( क्र. 1626 ) श्रीमती इमरती देवी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर जिले की डबरा तहसील की शालाओं में समग्र छात्रवृत्ति के अन्तर्गत मेपिंग एवं फीडिंग का क्या कोई शुल्क निर्धारित किया गया है? यदि हाँ, तो कितना और नहीं तो डबरा विकासखण्ड में विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी डबरा द्वारा शासकीय छात्रों से प्रति छात्र ६ रूपये तथा अशासकीय छात्रों से प्रति छात्र १० रूपये शुल्क क्यों लिया जा रहा है। (ख) विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी द्वारा जो शुल्क लिया जा रहा है क्या वह सही है? यदि हाँ, तो उसकी शासकीय रसीद क्यों नहीं दी जा रही है उनके द्वारा अशासकीय रसीद क्यों दी जा रही है? इसमे कौन दोषी है? क्या उसके खिलाफ कोई कार्यवाही की जावेगी? हाँ तो कब तक? (ग) डबरा विकासखण्ड की शालाओं में जो समग्र छात्रवृत्ति का मैपिंग कार्य चल रहा है, क्या उसके लिये शालाओं द्वारा कोई राशि व्यय की गई है? यदि हाँ, तो फिर छात्रों से राशि क्यों ली जा रही है? क्या इसकी जाँच कर दोषियों पर कार्यवाही कर ली गई राशि छात्रों को वापस दिलाई जावे।
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी नहीं, कोई शुल्क नहीं लिया जा रहा है। (ख) जी नहीं उत्तरांश ''क '' के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। समेकित छात्रवृत्ति योजना अंतर्गत संकुल प्राचार्य/स्वीकृतकर्ता अधिकारी को जिला शिक्षा अधिकारी के माध्यम से प्रशासकीय व्यय हेतु राशि उपलब्ध कराई जाती है। उत्तरांश ''क '' के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
राजगढ़ जिला कार्या. मुख्य चिकित्सा में साफ-सफाई बजट आवंटन
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
108. ( क्र. 1663 ) श्री गिरीश भंडारी : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कार्यालय मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जिला राजगढ़ में साफ-सफाई मद में 01 अप्रैल 2016 से प्रश्न दिनांक तक क्या कुछ बजट (राशि) दिया गया? यदि हाँ, तो कितना-कितना बजट किस-किस दिनांक को दिया गया? (ख) यदि हाँ, तो आवंटित बजट से प्रश्न दिनांक तक उक्त मद से साफ-सफाई कर्मचारी एवं सफाई सामग्री का भुगतान किया गया? यदि हाँ, तो भुगतान की जानकारी दें? (ग) क्या कण्डिका (क) अनुसार दिये गये बजट व कण्डिका (ख) अनुसार बताई गई जानकारी के अतिरिक्त भी क्या कुछ देनदारी शेष है? यदि हाँ, तो शेष देनदारी का भुगतान कब तक हो जावेगा? यदि भुगतान नहीं होगा तो क्यों नहीं होगा?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी हाँ। राजगढ़ जिले को साफ-सफाई मद में निम्नानुसार दिनांकों को आवंटन दिया गया है का विवरण निम्नानुसार है:-
दिनांक |
राशि |
मद |
22-04-2016 |
862819-00 |
नियमित बजट |
07-05-2016 |
244613-00 |
नियमित बजट |
11-08-2016 |
11649000-00 |
एन.आर.एच.एम |
(ख) हाँ। प्रश्नांश''क'' अनुरूप प्राप्त आवंटन से निम्नानुसार भुगतान किया गया।
रूपये 385742.00 |
साफ-सफाई कर्मचारी नियमित बजट से |
रूपये 4247450.00 |
साफ-सफाई कर्मचारी एन.एच.एम. बजट से |
रूपये 35450.00 |
सफाई सामग्री |
रूपये 651680.00 |
बायो मेडिकल वेस्ट |
(ग) हाँ, रूपये 1002053.00 की देनदारी शेष है जो कि परीक्षण उपरांत मापदण्डों के आधार पर शीघ्र निराकृत की जावेंगी।
नरसिंहगढ़ विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत अस्पतालों में पदों की पूर्ति
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
109. ( क्र. 1664 ) श्री गिरीश भंडारी : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नरसिंहगढ़ विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत नरसिंहगढ़/बोड़ा/कुरावर/तलेन के उपस्वास्थ्य केन्द्र/सिविल अस्पताल में कितने-कितने पद डॉक्टर/नर्स/कम्पाउण्डर/ड्रेसर के पद स्वीकृत हैं? (ख) क्या सभी स्वीकृत पदों पर डॉक्टर/नर्स/कम्पाउण्डर/ड्रेसर पदस्थ हैं? (ग) यदि नहीं, तो रिक्त पदों पर पदस्थी कब तक कर दी जावेगी?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। शत् प्रतिशत नहीं। (ग) प्रदेश में विशेषज्ञों की अत्यधिक कमी के कारण विशेषज्ञों की पदस्थापना नहीं की जा सकी है। विशेषज्ञ के पद पदोन्नति के माध्यम से ही भरे जाने का प्रावधान है, शेष पदपूर्ति हेतु विभाग निरंतर प्रयास कर रहा है। मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग के माध्यम से 1896 चिकित्सकों की चयन सूची प्राप्त होने पर स्नातकोत्तर चिकित्सकों की उपलब्धता अनुसार पदपूर्ति संबंधी कार्यवाही की जा सकेगी, पदपूर्ति हेतु निश्चित समयावधि बताई जाना संभव नहीं है।
मुख्य लिपिकों को तीसरा समयमान वेतनमान
[स्कूल शिक्षा]
110. ( क्र. 1678 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता सदस्य आतारंकित प्रश्न संख्या ११९ (क्र. २३७१) दिनांक २५ जुलाई 2016 के बिंदु (क) के उत्तर में प्रस्ताव तैयार कर वित्त विभाग को भेजा जा रहा है की जानकारी दी गई थी? तो क्या सतना जिले में स्कूल शिक्षा विभाग में पदस्थ जिन मुख्य लिपिकों को तीसरा समयमान वेतनमान प्राप्त नहीं हुआ है उन्हें कब तक विसंगतिपूर्ण आदेश में सुधार करते हुए लाभ दिया जावेगा? (ख) क्या प्रश्नांश (क) अनुसार प्रस्ताव तैयार कर वित्त विभाग को भेजा गया है? यदि हाँ, तो कब? क्या वित्त विभाग द्वारा तीन पदोन्नति प्राप्त मुख्य लिपिकों को तीसरा समयमान वेतनमान देने के आदेश जारी कर दिए गए हैं, यदि हाँ, तो आदेश की छायाप्रति देवें?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) वेतन विसंगति के संबध में कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। निश्चित समयावधि बताना संभव नहीं है। (ख) प्रश्नांश 'क' के परिप्रेक्ष्य में कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
ब्लड सेपरेटर यूनिट
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
111. ( क्र. 1691 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सागर जिला चिकित्सालय में ब्लड सेपरेटर यूनिट की व्यवस्था है? यदि हाँ, तो क्या वह पूर्ण रूप से संचालित है? यदि नहीं, तो कब तक संचालित कर लिया जायेगा? (ख) क्या डेंगू के इलाज में उपयोग होने वाले प्लेटलेट्स की उपलब्धता ब्लड सेपरेटर यूनिट के माध्यम से हो सकती है? ऐसे में ब्लड सेपरेटर यूनिट के होते हुए उसका व्यवस्थित संचालन न होना चिंता का विषय नहीं है? क्या शासन इसे अविलंब शुरू करा देगा? यदि हाँ, तो कब तक? (ग) सागर जिले में डेंगू/ चिकुनगुन्या से पीडि़त मरीजों की संख्या कितनी है? विकासखण्डवार बतायें? जिले में वर्ष 2015-16 से अब तक इस बीमारी से कितनी मौतें हुई हैं? विकासखण्डवार नाम, ग्राम सहित बतायें? (घ) सागर जिले में डेंगू/चिकुनगुन्या ज्वर के उपचार की कौन-कौन से चिकित्सालयों में इलाज की व्यवस्था है तथा डेंगू/चिकुनगुन्या से पीडि़त कितने मरीजों को इलाज हेतु जिले से बाहर भेजा गया है? शासन कब तक डेंगू/चिकुनगुन्या इलाज की संपूर्ण व्यवस्था जिले के चिकित्सालयों में करा देगा?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। निश्चित समयावधि बताना संभव नहीं है। (ख) जी हाँ। सागर में ब्लड कम्पोनेंट सेपरेशन यूनिट वर्तमान में संचालित नहीं है। अतः प्रश्न उपस्थित नहीं होता। यथा संभव शीघ्र। निश्चित समयावधि बताना संभव नहीं है। (ग) डेंगू पीडि़त मरीजों की संख्या-326 एवं चिकुनगुन्या पीडि़त मरीजों की संख्या-02 है। डेंगू मरीज की विकासखण्डवार संख्या-
क्र. |
ब्लॉक |
मरीजों की संख्या |
क्र. |
ब्लॉक |
मरीजों की संख्या |
1 |
रहली |
48 |
7 |
जैसीनगर |
15 |
2 |
बण्डा |
29 |
8 |
देवरी |
14 |
3 |
शाहपुर |
81 |
9 |
केसली |
21 |
4 |
सागर |
63 |
10 |
बीना, आगासौद |
13 |
5 |
शाहगढ़ |
3 |
11 |
मालथौन |
12 |
6 |
राहतगढ़ |
22 |
12 |
खुरई |
5 |
योग |
326 |
चिकुनगुन्या पीडि़त मरीजों की विकासखण्डवार संख्या-
क्र. |
विकासखण्ड का नाम |
संख्या |
1 |
देवरी |
1 |
2 |
सागर |
1 |
|
योग |
2 |
जिले में वर्ष 2015 में डेंगू से 01 मौत हुई, मृतक का विवरण निम्नानुसार है-
क्र. |
विकासखण्ड |
ग्राम |
रोगी |
मुखिया |
उम्र/लिंग |
मृत्यु दिनांक |
1 |
शाहगढ़ |
सेमराहाट |
कंचन लोधी |
राजेश |
04/महिला |
11.01.2015 |
जिले में वर्ष 2016 में डेंगू से 05 मौतें हुई, मृतकों का विवरण निम्नानुसार है-
क्र. |
विकासखण्ड |
ग्राम |
रोगी |
मुखिया |
उम्र/लिंग |
मृत्यु दिनांक |
1 |
बण्डा |
विनेका |
नेहा |
गोपाल |
12/महिला |
07.09.2016 |
2 |
रहली |
वार्ड-7 |
भूपेन्द्र |
सतीश श्रीवास्तव |
08/पुरूष |
30.09.2016 |
3 |
शाहपुर |
चंद्रपुरा |
कुंतिबाई |
जमना सेन |
30/महिला |
14.10.2016 |
4 |
खुरई |
लाल हाउसिंग कालोनी |
जय प्रकाश |
एल.पी. शर्मा |
62/पुरूष |
02.11.2016 |
5 |
सागर |
शुक्रवारी वार्ड |
नाजिश |
अजलमुद्दीन |
11/महिला |
02.11.2016 |
सागर जिले में डेंगू/चिकुनगुन्या ज्वर के संपूर्ण जाँच तथा इलाज की व्यवस्था जिला चिकित्सालय, सागर में है, डेंगू/चिकुनगुन्या से पीडि़त 15 मरीजों को इलाज हेतु बाहर भेजा गया। यथा संभव शीघ्र। निश्चित समयावधि बताना संभव नहीं है।
तृतीय समयमान वेतन के संबंध में
[स्कूल शिक्षा]
112. ( क्र. 1697 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. शासन के कर्मचारियों की तृतीय समयमान वेतनमान का लाभ जुलाई 2014 से दिया जा रहा है किन्तु स्कूल शिक्षा विभाग के शिक्षकों को यह लाभ प्रश्न दिनांक तक नहीं दिया गया क्यों? कारण बताएं? (ख) यदि हाँ, तो इनको भी तृतीय समयमान वेतनमान का लाभ दिया जायेगा तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों कारण स्पष्ट करें?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) स्कूल शिक्षा विभाग के शिक्षकों को समयमान वेतनमान दिये जाने का वर्तमान में प्रावधान नहीं है। (ख) प्रश्नांश 'क' के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
हाई स्कूलों का उन्नयन
[स्कूल शिक्षा]
113. ( क्र. 1698 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले के विधान सभा क्षेत्रांतर्गत लोहरौरा एवं भरहुत हाई स्कूल के अंतर्गत कई बड़े-बड़े गांव हैं एवं उन गांवों में पर्याप्त जनसंख्या है तथा छात्रों की संख्या पर्याप्त होने के बाद भी उक्त हाई स्कूलों का हायर सेकण्डरी में उन्नयन नहीं किया गया है? जब की उक्त पंचायत के सरपंच एवं प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा शासन एवं प्रशासन को प्रस्ताव भेजे गए हैं। (ख) प्रश्नांश (क) के प्रस्तावों एवं छात्रों एवं छात्राओं के हित को दृष्टिगत रखते हुए उक्त हाई स्कूलों का उन्नयन हायर सेकण्डरी स्कूलों में कब तक किया जावेगा? यदि नहीं, तो कारण बताएं।
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) शासकीय हाईस्कूल लोहरौरा एवं भरहुत उन्नयन हेतु निर्धारित मापदण्ड अनुसार पात्र नहीं है। (ख) उत्तरांश (क) के प्रकाश में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
शालाओं का उन्नयन
[स्कूल शिक्षा]
114. ( क्र. 1707 ) श्री सुदेश राय : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला सीहोर के अंतर्गत विधानसभा क्षेत्र 159 सीहोर में वर्ष 2013-14 से आज दिनांक तक प्रा.शाला को मा.शाला, मा.शाला को हाईस्कूल एवं हाईस्कूल को हायर सेकण्डरी स्कूल में उन्नयन किये गये है वर्षवार जानकारी स्थान सहित बतावें। (ख) शालाओं के उन्नयन हेतु शासन के क्या मापदण्ड है? प्रा.शाला से हायर सेकण्डरी स्कूल तक उन्न्यन के पृथक-पृथक नियम बतावें।
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) सीहोर जिला अंतर्गत विधान सभा क्षेत्र 159 में वर्ष 2013-14 से आज दिनांक तक किसी भी प्राथमिक शाला को माध्यमिक शाला में उन्नयन नहीं किया गया है। माध्यमिक शाला से हाई स्कूल एवं हाईस्कूल से हायर सेकेण्डरी में उन्नयन संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) प्राथमिक शाला से माध्यमिक शाला में उन्नयन हेतु निःशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम 2009 अन्तर्गत निःशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार नियम 26 मार्च 2011 की धारा-4 में पड़ोस की परिभाषा अनुसार - ''(1) क्षेत्र या पड़ोस की सीमाएं जिनके भीतर राज्य सरकार द्वारा स्कूल स्थापित किया जाना है नियम 2 के उपनियम (1) के खण्ड (ट) में यथा परिभाषित क्षेत्र या सीमा होगी : परन्तु यह और कि यदि क्षेत्र के भीतर किसी बसाहट या पड़ोस की सीमा के भीतर तीन कि.मी. की परिधि में कोई मिडिल स्कूल की सुविधा उपलब्ध नहीं है और 11 से 14 वर्ष की आयु के कम से कम 12 बच्चे उपलब्ध हैं, तो राज्य सरकार ऐसी बसाहट में मिडिल स्कूल की सुविधा उपबंध करेगी.'' माध्यमिक शाला से हाई स्कूल एवं हाईस्कूल से हायर सेकेण्डरी में उन्नयन संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है।
आदिम जाति कल्याण विभाग में विगत तीन वर्षों में विकास की राशि
[आदिम जाति कल्याण]
115. ( क्र. 1723 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग में विगत तीन वर्षों में क्षेत्र विकास हेतु कितनी-कितनी राशि प्राप्त हुई एवं कितनी-कितनी किस-किस पर व्यय की गई? (ख) प्रश्नांश (क) से संबंधित रतलाम एवं अशोकनगर जिले में विगत 4 वर्षों में किस-किस योजना में कितनी-कितनी राशि किस-किस कार्य हेतु, किस-किस एजेन्सी को प्रदान की गई?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) विभाग में बस्ती विकास योजना अंतर्गत विगत तीन वर्षों में प्राप्त राशि एवं व्यय राशि का विवरण निम्नानुसार हैः-
वर्ष |
प्राप्त राशि (राशि लाखों में) |
व्यय राशि (राशि लाखों में) |
2013-14 |
2728.58 |
2714.00 |
2014-15 |
5513.00 |
4091.17 |
2015-16 |
6651.15 |
4538.06 |
(ख) रतलाम एवं अशोकनगर की विगत चार वर्षों में अनुसूचित जनजाति बस्ती विकास योजना अंतर्गत किये गये कार्य की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
एम्बुलेंस व्यवस्था
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
116. ( क्र. 1729 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. में 108 एम्बुलेंस कब-कब, किस-किस कम्पनी की कितनी-कितनी राशि में किन-किन शर्तों पर क्रय की गई या अनुबंध पर ली गई है व प्रत्येक जिले में इसको चलाने की जिम्मेदारी किस-किस को किन-किन शर्तों पर दी गई है व किस आधार पर दी गई है? (ख) अभी तक 108 एम्बुलेंस के चलने पर प्रत्येक एम्बुलेंस पर अशोकनगर एवं रतलाम जिले में किस-किस वाहन पर रखरखाव व ईंधन पर कितना-कितना खर्च हुआ? जिलेवार विवरण दें। (ग) क्या शासन ने एम्बुलेंस की केन्द्रीयकृत व्यवस्था करने का निर्णय लिया है, जिसके कारण विरोध हुआ? उसका विवरण देवें।
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) म.प्र. में क्रय की गयी 108-एम्बुलेंस का विवरण निम्नानुसार है:-
क्र |
माह/वर्ष |
क्रय एम्बुलेंसों की संख्या |
वाहन का प्रकार |
दर प्रति वाहन |
1 |
दिसम्बर 2008 |
23 |
टाटा 407 |
रू. 522450/- प्रति वाहन |
2 |
दिसम्बर 2008 |
32 |
फोर्स ट्रैवलर |
रू. 516006/- प्रति वाहन |
3 |
अप्रैल 2010 |
45 |
फोर्स ट्रैवलर |
रू. 5060439/- प्रति वाहन |
4 |
जनवरी 2013 |
143 |
मारूति ईको |
रू. 366194/- प्रति वाहन |
5 |
जनवरी 2013 |
159 |
मारूति ओमनी |
रू. 257641/- प्रति वाहन |
6 |
जनवरी 2013 |
50 |
टाटा सुमो |
रू. 450031/- प्रति वाहन |
7 |
अप्रैल,मई 2013 |
150 |
टाटा विंगर |
रू. 640954/-प्रति वाहन |
8 |
2014-15 |
55 |
टाटा विंगर |
रू. 7,44,850.29/-प्रति वाहन |
9 |
2015-16 |
38 |
टाटा विंगर |
रू. 7,39,904.25/- प्रति वाहन |
सितम्बर 2016 में जिगित्सा हेल्थ केयर लिमिटेड से अनुबंध करते हुए निविदा में उल्लेखित शर्तों के आधार पर प्रति कि.मी. की दर से जिलों में एम्बुलेंस के संचालन की जिम्मेदारी दी गयी। निविदा अभिलेख पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। इसके पूर्व में GVK EMRI को वास्तिविक व्यय/अधिकतम रू. 97,700/- मासिक दर पर अनुबंध किया था। (ख) अभी तक 108 एम्बुलेंस के चलने पर प्रत्येक एम्बुलेंस पर अशोकनगर एवं रतलाम जिले में रख रखाव एवं ईंधन पर हुए व्यय का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार है। (ग) जी नहीं। पूर्व से ही एम्बुलेंस सेवा केन्द्रीयकृत व्यवस्था अंतर्गत चल रहीं थीं। वर्तमान में जिलों में संचालित जननी एक्सप्रेस सेवा, दीनदयाल चलित अस्पताल सेवाओं एवं 108 एम्बुलेंस सेवाओं को समन्वित रूप से एकीकृत करते हुए केन्द्रीय कॉल सेंटर से संचालन करने एवं आमजन को गुणवत्तापूर्ण सेवाएं प्रदाय करने के उद्देश्य से निविदाएं आमंत्रित कर निविदा में न्यूनतम दर वाली संस्था का चयन किया गया है।
छात्रवृत्ति का वितरण
[आदिम जाति कल्याण]
117. ( क्र. 1747 ) श्री मानवेन्द्र सिंह : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले के अंतर्गत आने वाले शासकीय महाविद्यालयों, निजी इंजीनियरिंग/नर्सिंग सभी विषयों के ग्रेजुएट एवं पोस्ट ग्रेजुएट कॉलेजों के द्वारा वर्ष 2013-14, 2014-15, 2015-16 तक कितने छात्रों एवं छात्राओं को कितनी-कितनी छात्रवृत्ति किस-किस प्रकार की कब-कब दी? (ख) क्या छात्रों को छात्रवृत्ति की राशि उनके बैंकों के एकाउंट में शासन द्वारा दी? क्या कॉलेजों के एकाउंट में छात्रवृत्ति की राशि शासन द्वारा दी गयी? (ग) छात्रवृत्ति देने के राज्य शासन के क्या नियम हैं? नियमों की एक प्रति उपलब्ध कराते हुए बतायें कि क्या छात्रवृत्ति शासन कॉलेजों के एकाउंट में नियमानुसार दे सकता है? अगर नहीं तो किस नाम/पदनाम के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जायेगी? (घ) कितनी-कितनी राशि उल्लेखित वित्तीय वर्ष में राज्य शासन से जिला प्रशासन को प्राप्त हुई एवं जिला प्रशासन द्वारा कितनी राशि संबंधित छात्रों के बैंक खाता में हस्तांतरित की गई?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) छतरपुर जिला अंतर्गत आने वाले शासकीय महाविद्यालयों, निजी इंजीनियरिंग/नर्सिंग सभी विषयों के ग्रेजुएट एवं पोस्ट ग्रेजुएट कॉलेजों में अध्यनरत वर्ष 2013-14, 2014-15, 2015-16 तक अनुसूचित जनजाति वर्ग के छात्रों एवं छात्राओं को निम्नानुसार छात्रवृत्ति दी गई :-
वर्ष |
छात्रवृत्ति का प्रकार |
छात्र/छात्राओं की संख्या |
दी गई राशि |
छात्रवृत्ति दिये जाने का वर्ष |
2013-14 |
पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति |
210 |
2872000 |
2013-14 |
2014-15 |
पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति |
247 |
3702328 |
2014-15 |
2015-16 |
पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति |
242 |
3598084 |
2015-16 |
(ख)
जी हाँ। जी
नहीं। (ग)
जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
अनुसार है। नियमानुसार
छात्रवृत्ति
दी जाती है, शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (घ) प्रश्नांश
में उल्लेखित
वर्षों पोस्टमैट्रिक
छात्रवृत्ति
अंतर्गत
छतरपुर को आवंटन
राशि एवं
विद्यार्थियों
के खातों में
अंतरित की गई
राशि का विवरण
निम्नानुसार
है:-
वर्ष |
राज्य से प्रदत्त आवंटन (राशि लाखों में) |
छात्र/छात्राओं की संख्या |
विद्यार्थियों के खातों में अंतरित की गई राशि |
2013-14 |
48.40 |
210 |
2872000 |
2014-15 |
31.74 |
247 |
3702328 |
2015-16 |
49.20 |
242 |
3598084 |
छतरपुर जिलांतर्गत स्कूलों का उन्नयन
[स्कूल शिक्षा]
118. ( क्र. 1748 ) श्री मानवेन्द्र सिंह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में जिला छतरपुर के कौन-कौन से शासकीय प्राथमिक विद्यालय/माध्यमिक विद्यालय/शासकीय हाईस्कूल/शासकीय हायर सेकेण्डरी स्कूल में उन्नयन किये गये? (ख) शासन स्तर पर विधान सभा क्षेत्र छतरपुर ग्रामीण के कितने विद्यालयों के प्रस्ताव उन्नयन हेतु शासन स्तर पर लंबित हैं? सूची उपलब्ध कराई जाये। (ग) विधान सभा क्षेत्र छतरपुर के लंबित प्रस्तावों में से कितने प्रस्ताव उन्नयन की श्रेणी में आते हैं तथा कितने प्रस्ताव उन्नयन की श्रेणी में नहीं आते हैं? कारण सहित सूची उपलब्ध कराई जाये। (घ) शासन स्तर पर लंबित उन्नयन के प्रस्तावों को कब तक स्वीकृत किया जाकर अमल में लाया जावेगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) हाईस्कूल/हायर सेकेण्डरी स्कूलों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। किसी भी प्राथमिक शाला का माध्यमिक शाला में उन्नयन नहीं किया गया है। (ख) से (घ) प्राथमिक शाला से माध्यमिक शाला में उन्नयन के कोई प्रस्ताव लंबित नहीं है। वर्ष 2016-17 में हाईस्कूल/हायर सेकेण्डरी स्कूलों में उन्नयन की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। शालाओं का उन्नयन बजट उपलब्धता पर निर्भर करता है। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
जिला छतरपुर के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में एक्स-रे मशीन की स्थापना
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
119. ( क्र. 1749 ) श्री मानवेन्द्र सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला छतरपुर के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र नौगांव, लवकुशनगर में अधिक मरीज अस्पताल में इलाज हेतु आते हैं और किसी गंभीर बीमारी हेतु उन्हें एक्सरे मशीन की सुविधा इन दोनों स्वास्थ्य केन्द्रों पर नहीं है, जिससे मरीजों को कठिनाई का सामना करना पड़ता है, ऐसी स्थिति में मरीजों की सुविधा को ध्यान में रखते हुये एक्सरे मशीनें नौगांव, लवकुशनगर के अस्पतालों में लगवायेंगे? (ख) क्या कभी-कभी गंभीर दुर्घटना हो जाने पर एक्सरे मशीन न होने के कारण मरीज को बाहर जाकर इलाज के लिये रिफर कर दिया जाता हे? ऐसी विषम परिस्थितियों को भी ध्यान में रखते हुये तथा आम जनता के स्वास्थ्य की चिंता करते हुये एक्सरे मशीन लगाये जाने की व्यवस्था करेंगे? यदि हाँ, तो कब तक आदेश जारी कर दिये जायेंगे? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी नहीं। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र नौगांव, लवकुशनगर में एक्सरे मशीन संचालित है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पिछड़ा वर्ग की संचालित योजनाएं
[पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण]
120. ( क्र. 1753 ) श्री गोविन्द सिंह पटेल : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नरसिंहपुर जिले के गाडरवारा विधानसभा क्षेत्र में पिछड़ा वर्ग कल्याण की कौन-कौन सी योजनाएं संचालित है? पिछड़ा वर्ग हेतु कौन-कौन सी संस्थाओं में आरक्षण का क्या प्रावधान है। (ख) पिछड़ा वर्ग कल्याण हेतु एवं पिछड़ा वर्ग में जागरूकता तथा शैक्षणिक सुधार हेतु विभाग समय-समय पर क्या गतिविधियां करता है? (ग) पिछड़ा वर्ग में और कौन सी जातियों को सम्मिलित करने हेतु विभाग ने चिन्हित किया है एवं विगत दो वर्षों में अभी तक जिले में पिछड़ा वर्ग कल्याण हेतु विभाग ने क्या-क्या कार्यक्रम किये है?
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्रीमती ललिता यादव ) : (क) विधानसभा क्षेत्रवार योजना का संचालन नहीं किया जाता है। प्रदेश में पिछड़ा वर्ग कल्याण की संचालित योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। पिछड़ा वर्ग हेतु विभिन्न स्तरों पर आरक्षण हेतु शासन आदेश की प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (ख) पिछड़ा वर्ग में जागरूकता प्रदान करने के उद्देश्य से जिला स्तर पर आयोजित विकास/रोजगार शिवरों में विभागीय योजनाओं का प्रचार-प्रसार किया जाता है। प्रमुख हितग्राही मूलक योजनाओं की लघु वृत फिल्मों का निर्माण भी विभाग द्वारा किया गया है। इन वर्गों के शैक्षणिक सुधार हेतु विभाग द्वारा छात्रावास, छात्रगृह एवं छात्रवृत्ति योजनाएं संचालित की जा रही है। (ग) वर्तमान में नरसिंहपुर जिले की नवीन जातियों को पिछड़ा वर्ग में सम्मिलित करने हेतु चिन्हित नहीं किया है। विगत दो वर्षों में नरसिंहपुर जिले में पिछड़े वर्गों के कल्याण हेतु विभाग द्वारा किये गये कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन अनुसार है।
नरसिंहपुर जिले के गाडरवाडा विधानसभा में संचालित छात्रावास
[पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण]
121. ( क्र. 1754 ) श्री गोविन्द सिंह पटेल : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नरसिंहपुर जिले के गाडरवाड़ा विधानसभा क्षेत्र में विभाग द्वारा कितने छात्रावास संचालित है? कितनों के पास स्वयं के भवन हैं? कितने छात्रावासों के पास स्वयं के भवन नहीं है? नाम एवं स्थानवार जानकारी देवें। (ख) जिन छात्रावास के पास स्वयं के भवन नहीं है वह किस तरह संचालित हो रहे है एवं विभाग द्वारा कब तक भवन निर्माण किया जायेगा? (ग) प्रत्येक छात्रावास में आवश्यकतानुसार अधीक्षक, रसोइया, भृत्य आदि के कितने पद स्वीकृत हैं कितने पद रिक्त है एवं रिक्त पदों को कब तक भर दिया जायेगा छात्रावासवार जानकारी देवें?
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्रीमती ललिता यादव ) : (क) नरसिंहपुर जिले के गाडरवाड़ा विधानसभा क्षेत्र में विभाग द्वारा कोई भी छात्रावास संचालित नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) एवं (ग) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
स्वीकृत पद एवं रिक्त पद
[स्कूल शिक्षा]
122. ( क्र. 1758 ) श्रीमती पारूल साहू केशरी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिले अन्तर्गत शालाओं में शिक्षक/अध्यापक संवर्ग, संविदा शाला शिक्षक के कितने पद स्वीकृत कार्यरत एवं रिक्त है? जानकारी देवें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार शालाओं में कितने अतिथि शिक्षक रखे गये हैं? जानकारी देवें? (ग) क्या यह सच है कि विद्यालयों में शिक्षक/अध्यापक के रिक्त पदों के अनुपात में कार्यरत अतिथि शिक्षक की संख्या ज्यादा है? रिक्त पदों की पूर्ति कब तक की जायगी? जानकारी दें? (घ) यदि हाँ, तो स्वीकृत पदों के विरूद्ध बजट से ज्यादा वेतन, मानदेय एवं भत्तों आदि के आहरण हेतु कौन उत्तरदायी है और इसके लिये शासन स्कूल शिक्षा विभाग क्या कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक और यदि नहीं, तो क्यों?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' पर है। (ख) अतिथि शिक्षकों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' पर है। (ग) जी नहीं। सीधी भरती के रिक्त पदों की पूर्ति के लिए पात्रता परीक्षा की कार्रवाई प्रचलन में है। रिक्त पदों की पूर्ति एक सतत् प्रक्रिया है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) प्रश्नांश (ग) उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
क्रीड़ा शुल्क
[स्कूल शिक्षा]
123. ( क्र. 1759 ) श्रीमती पारूल साहू केशरी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा शासकीय, अशासकीय अनुदान प्राप्त एवं मान्यता प्राप्त स्कूलों से अंशदान के रूप में क्रीड़ा शुल्क लिया जाता है? (ख) यदि हाँ, तो विभाग द्वारा आयोजित जिला क्रीड़ा प्रतियोगिता पर एवं संभाग स्तरीय क्रीड़ा प्रतियोगिता के लिये चयन हो जाने पर चयनित प्रतियोगियों के प्रतियोगिता स्थल तक आने-जाने, यूनिफार्म भोजन आदि का व्यय कहाँ से किया जाता है? (ग) सागर जिले में स्कूल शिक्षा विभाग के अन्तर्गत वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में कुल कितनी राशि जिला स्तरीय/संभाग स्तरीय प्रतियोगिता में व्यय की गई?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। (ख) विभाग द्वारा आयोजित जिला स्तरीय क्रीड़ा प्रतियोगिताओं में सम्मिलित होने वाले खिलाडि़यों के आने-जाने, भोजन एवं अन्य व्यय संस्था द्वारा वहन किया जाता है एवं प्रतियोगिता का व्यय विकासखण्ड स्तरीय संस्था द्वारा वहन किया जाता है जिस संस्था को प्रतियोगिता संपादित करने की जिम्मेदारी दी जाती है। संभाग स्तरीय क्रीड़ा प्रतियोगिताओं के लिए चयन हो जाने पर चयनित प्रतियोगियों के प्रतियोगिता स्थल तक आने-जाने, यूनिफॉर्म भोजन आदि का व्यय संस्थाओं से प्राप्त क्रीड़ा अंशदान शुल्क की राशि से किया जाता है। (ग) जिला शिक्षा अधिकारी, सागर द्वारा वर्ष 2014-15 में जिला स्तर पर वीर सावरकर तैराकी जिला स्तरीय प्रतियोगिता पर कुल रूपए 11,719/- व्यय हुए। वर्ष 2014-15 में कुल 12 संभाग स्तरीय प्रतियोगिता संपन्न हुई जिसमें कुल रूपए 4,39,700/- व्यय हुए। वर्ष 2015-16 में कुल 23 संभाग स्तरीय प्रतियोगिता संपन्न हुई जिसमें कुल रूपए 10,82,971/- व्यय हुए।
दूध एवं दुग्ध पदार्थों में मिलावट
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
124. ( क्र. 1765 ) श्री अशोक रोहाणी : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर जिले में खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 के तहत पंजीकृत व लाइसेंस प्राप्त तथा बिना लायसेंस के अवैध रूप से कौन-कौन सी डेरियां संचालित हैं। बिना लायसेंस के अवैध रूप से संचालित किन-किन डेरियों पर कब-कब किसने, क्या-क्या कार्यवाही की है वर्ष 2014-15 से 2016-17 तक की जानकारी दें। (ख) जबलपुर जिले में पदस्थ किन-किन खाद्य सुरक्षा अधिकारियों ने किन-किन डेरियों, दुग्ध विक्रेताओं से दूध व दुग्ध उत्पादों घी, मावा, पनीर के नमूने जाँच हेतु कब-कब लिए हैं? इन्हें जाँच हेतु कब भेजा गया? जाँच रिपोर्ट कब प्राप्त हुई? जाँच में कौन-कौन से नमूने अपमिश्रित, मिलावटी, दूषित व मिथ्या छाप पाये गये? नमूनों के किन-किन प्रकरणों में अभियोजन की स्वीकृति कब किस सक्षम अधिकारी से ली गई? किन-किन प्रकरणों में न्यायालय में चालान कब प्रस्तुत किया गया तथा अन्य किन-किन प्रकरणों में कब-कब क्या-क्या कार्यवाही की गई वर्ष 2014-15 से 2016-17 तक (क) जानकारी दें सूची दें? (ग) प्रश्नांश (क) में पदस्थ किन-किन खाद्य सुरक्षा अधिकारियों ने कब-कब, कहाँ-कहा से कितनी-कितनी मात्रा में नकली/मिलावटी दूध, घी, मावा व पनीर जप्त किया हे और कब-कब किस-किस पर क्या-क्या कार्यवाही की गई?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
शिकायतों पर कार्यवाही
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
125. ( क्र. 1766 ) श्री अशोक रोहाणी : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अता. प्रश्न संख्या 2 (क्रमांक 1678) दिनांक 02.04.12 के संदर्भ में जबलपुर जिले में परिवीक्षाधीन पदस्थ किस खाद्य सुरक्षा अधिकारी के विरूद्ध प्राप्त शिकायतों की जाँच के आधार पर कब क्या कार्यवाही की गई। इनका कब, कहाँ का स्थानांतरण किया गया? शिकायतों एवं जाँच प्रतिवेदनों की छायाप्रति दें। (ख) क्या प्रश्नांकित खाद्य सुरक्षा अधिकारी के विरूद्ध प्राप्त शिकायतों की जाँच व जाँच प्रतिवेदनों के परीक्षण की कार्यवाही प्रचलन में रहते हुए इनकी परिवीक्षा अवधि समाप्त की गई है यदि हाँ, तो कब एवं क्यों। क्या शासन इसकी जाँच कराकर दोषी अधिकारी पर कार्यवाही करेगा। (ग) क्या प्रश्नांकित विवादित खाद्य सुरक्षा अधिकारी को स्थानांतरित कर पुन: जबलपुर जिले में पदस्थ कर दिया गया है यदि हाँ, तो कब एवं क्यों? इनका कब तक जबलपुर जिले से अन्यत्र स्थानांतरण कर दिया जावेगा। निश्चित समयावधि बतलावें।
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
दतिया जिले की शासकीय अस्पतालों में सफाई व्यवस्था
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
126. ( क्र. 1789 ) श्री प्रदीप अग्रवाल : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दतिया जिले में शासकीय अस्पतालों में सफाई व्यवस्था का कार्य एवं सुरक्षा के कार्य हेतु किस-किस एजेंसी को किस दिनांक से किस दिनांक तक किस मान से किस प्रक्रिया के तहत कार्य आवंटित किया गया है? दतिया जिले में स्थित अस्पतालवार जानकारी उपलब्ध कराई जावे? (ख) कंडिका (क) में वर्णित एजेंसी जिन्हें सफाई एवं सुरक्षा का कार्य दिया गया, उनके साथ क्या अनुबंध किया गया? अनुबंध की छायाप्रति उपलब्ध कराई जावे? उक्त एजेंसियों को मासिक अथवा वार्षिक कितनी-कितनी राशि का भुगतान किया जा रहा है? अस्पतालवार जानकारी उपलब्ध करायें? (ग) क्या अस्पताल प्रबंधन द्वारा जिले से बाहर के व्यक्ति को सुरक्षा एवं सफाई के कार्य आवंटित किये, परिणाम स्वरूप अस्पतालों में ठेकेदार की देखरेख के अभाव के कारण सफाई नहीं हो रही है? इनके द्वारा इस्तेमाल में लाई जाने वाली फिनायल बहुत घटिया किस्म की है, सुरक्षाकर्मी होने के बावजूद आये दिन अस्पतालों में तोड़फोड़ एवं डॉक्टरों के साथ मारपीट होती रहती है? यदि हाँ, तो इसके लिये कौन-कौन जिम्मेदार है, उनके खिलाफ क्या कार्यवाही की जायेगी? क्या शासन द्वारा स्थानीय लोगों को सफाई एवं सुरक्षा व्यवस्था के कार्य आवंटित करने बाबत् पृथक से कोई निर्देश दिये जायेंगे? यदि हाँ, तो कब तक?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) दतिया जिले में शासकीय अस्पतालों में सफाई व्यवस्था एवं सुरक्षा संबंधी कार्य मेसर्स प्रकाश मिश्रा सिक्युरिटी सर्विसेस एण्ड लेबर सप्लायर को खुली निविदा के माध्यम से दिनांक 01/06/2016 से 31/05/2017 तक की अवधि के लिये पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- ''अ'' के अनुरूप दर पर दिया गया था। अस्पतालवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- ''ब'' अनुसार है। (ख) जी हाँ, अनुबंध की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- ''स'' अनुसार है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- ''द'' अनुसार है, सुरक्षा व्यवस्था हेतु भुगतान की जानकारी निरंक है। (ग) जी नहीं, खुली निविदा प्रणाली आधारित होने से निविदा में कोई भी एजेन्सी भाग ले सकती है। जी नहीं, फिनायल एवं अन्य सामग्री निविदा शर्तानुसार प्रयुक्त की जा रही है। जी हाँ, अस्पताल में तोड़फोड़ अथवा मारपीट करने वालों के विरूद्ध जिला प्रशासन को सूचित कर नियमानुसार कार्यवाही की जाती है। जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शालेय अभिलेखों में नाम दुरूस्त करने विषयक
[स्कूल शिक्षा]
127. ( क्र. 1809 ) पं. रमेश दुबे : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्राथमिक/माध्यमिक स्कूलों में किन्हीं त्रुटियों के चलते गलत नाम अंकित होने से उसे दुरूस्त कर सही नाम लिखे जाने हेतु शासन के क्या कोई आदेश/निर्देश हैं? यदि हाँ, तो दुरूस्त किये जाने का अधिकार किसे है? प्रक्रिया क्या है? (ख) क्या प्रश्नकर्ता के संज्ञान में लाये जाने के पश्चात कुमारी नीतू पिता शिशुपाल निवासी मुआरी कक्षा 6वीं शासकीय माध्यमिक शाला मरकाहाड़ी का उनके जन्म प्रमाण पत्र और अन्य वैधानिक दस्तावेजों के आधार पर शालेय अभिलेखों में छात्रा का अंकित नाम ''करिश्मा'' को विलोपित कर अथवा सुधार कर नीतू पिता शिशुपाल दर्ज किये जाने के संबंध में पत्र क्रमांक 1619 दिनांक 25/10/2016 कलेक्टर छिंदवाड़ा, क्रमांक 1617 दिनांक 25/10/2016 जिला शिक्षा अधिकारी छिंदवाड़ा को एवं पत्र क्रमांक 1618 दिनांक 25/10/2016 संकुल प्राचार्य, कन्या उ.मा.वि. चौरई को सुसंगत दस्तावेजों के साथ प्रस्तुत किया है? (ग) क्या शासन प्रश्नकर्ता के पत्रों पर अविलंब कार्यवाही करने एवं शालेय अभिलेखों में जन्म प्रमाण पत्र एवं अन्य सुसंगत दस्तावेजों के आधार पर प्रश्नगत छात्रा का नाम दुरूस्त कर नीतू पिता शिशुपाल दर्ज करने का आदेश देगा? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) यदि हाँ, तो कब तक नाम दर्ज कर दिया जावेगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) स्थानीय तौर पर किन्हीं आंशिक त्रुटियों के चलते गलत नाम अंकित होने से उसे दुरूस्त कर सही नाम लिखे जाने हेतु जिला शिक्षा अधिकारी/शिक्षा संकूल केन्द्र प्राचार्य के निर्देशानुसार संबंधित शाला के प्रधान पाठक द्वारा आवश्यक अभिलेखों के आधार पर किया जाता है। (ख) जी हाँ (ग) प्रधान पाठक द्वारा प्रश्नगत छात्रा का नाम सुधार कर नीतू पिता शिशुपाल किया जा चुका है शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता (घ) उत्तरांश 'ग' के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
शिक्षक की डी.एड. द्वितीय वर्ष की परीक्षा एक अंक से अनुत्तीर्ण होना
[स्कूल शिक्षा]
128. ( क्र. 1810 ) पं. रमेश दुबे : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता ने संविदा शिक्षक श्री श्रीराम अमरोदे, प्राथमिक शाला लोनीकला, विकासखण्ड चौरई जिला-छिन्दवाड़ा से डी.एड. द्वितीय वर्ष की परीक्षा में उनके अंग्रेजी विषय का प्रश्न क्रमांक 3 के उत्तर की जाँच नहीं किये जाने के चलते इस परीक्षा में उन्हें एक अंक से अनुत्तीर्ण किये जाने की जाँच कर उचित कार्यवाही के संबंध में संबंधित शिक्षक का आवेदन पत्र सहित पत्र क्रमांक 1313 दिनांक 23/08/2016 माननीय स्कूल शिक्षा मंत्री म.प्र.शासन को प्रस्तुत किया है? (ख) यदि हाँ, तो इस पत्र पर किस स्तर से अब तक क्या कार्यवाही की गयी है? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या इस वर्ष आयोजित डी.एड. द्वितीय वर्ष की परीक्षा में अंग्रेजी विषय के प्रश्न क्रमांक 3 का श्रीराम अमरोदे शिक्षक द्वारा सही उत्तर लिखे जाने के पश्चात् भी उन्हें अंक नहीं दिया गया जबकि अन्य को उसी उत्तर पर एक अंक दिया गया? (घ) यदि हाँ, तो क्या शासन उक्त उत्तर पुस्तिका की जाँच करवाकर अन्य की भांति उन्हें भी एक अंक देगा।
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। (ख) पत्र लोक शिक्षण संचालनालय में परीक्षणाधीन है। (ग) जी नहीं। संविदा शिक्षक श्री श्रीराम अमरोदे द्वारा डी.एड. परीक्षा द्वितीय वर्ष 20154 में अंग्रेजी विषय की परीक्षा दिनांक 16.12.2015 को दी गई थी। जिसका परीक्षा परिणाम फरवरी 2016 को घोषित हुआ। आवेदक द्वारा निर्धारित ऑनलाईन प्रक्रियानुसार अंक सत्यापन हेतु आवेदन प्रस्तुत किया गया था। मूल्यांकन केन्द्र पर अंक सत्यापनकर्ता द्वारा तत्समय उत्तरपुस्तिका के परीक्षण उपरांत आवेदक के अंकों में कोई परिवर्तन नहीं (नो-चेंज) पाया गया जिसका परिणाम ऑनलाईन घोषित किया गया। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
योजनाओं की जानकारी
[आदिम जाति कल्याण]
129. ( क्र. 1845 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी जिले में आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा कौन-कौन सी योजनाएं संचालित हैं? विगत 05 वर्षों में योजनावार कितनी राशि शासन द्वारा स्वीकृत की, कितनी राशि किस-किस कार्य में व्यय की गई? पृथक-पृथक विवरण दें? (ख) प्रश्नांश (क) की व्यय राशि से गंभीर अनियमितताएं की गई है? सामग्री क्रय में क्रय नियमों का पालन नहीं किया गया, जिसकी समय-समय में शिकायतें भी विभाग को एवं कलेक्टर कटनी को तथा शासन को भी भेजी गई है? (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में विगत 03 वर्षों में कितनी शिकायतें शासन/प्रशासन को प्रश्न दिनांक तक प्राप्त हुई? पृथक-पृथक शिकायतवार, कार्यवाहीवार विवरण दें?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) कटनी जिले में आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा संचालित योजनायें पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। विगत 05 वर्षों में योजनावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ख) जी नहीं। क्रय नियम अनुसार तथा वर्ष 2014-15 से शासन के नवीन दिशा निर्देशानुसार छात्रावासी निवासरत विद्यार्थियों को 01 से 05 वर्ष तक की आयु सीमा वाले स्थायी सामग्री को विद्यार्थियों के खाते में कोषालय के माध्यम से सीधे अंतरित की गई है। 05 वर्ष से अधिक आयु सीमा वाले स्थायी सामग्री को क्रय करने हेतु सचिव के द्वारा प्राप्त सामग्री मांग पत्र अनुसार राशि सीधे पालक संघ के अध्यक्ष/सचिव के संयुक्त खातों में कोषालय द्वारा ई-पेमेंट के माध्यम से अंतरित की जा रही है। (ग) विभाग को एक शिकायत प्राप्त हुई है। जिस पर कलेक्टर कटनी को पत्र क्रमांक 17965 दिनांक 17-08-15 द्वारा लेख किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र''स'' अनुसार है।
वेतन में एकरूपता
[स्कूल शिक्षा]
130. ( क्र. 1846 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 18.07.2016 में मुद्रित अता.प्रश्न संख्या 19 (क्र. 156) के प्रश्नांश (ख) का उत्तर संभागीय कार्यालय रीवा एवं अन्य संभागीय कार्यालय में पदस्थ संविदा डाटा एन्ट्री आपरेटर के वेतन इत्यादि के संबंध में कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। जी हाँ, (ग) का उत्तर उत्तरांश (ख) अनुसार दिया गया है तो क्या प्रक्रियापूर्ण कर अन्य संभागीय कार्यालयों में पदस्थ डाटा एन्ट्री ऑपरेटरों की भांति शेष अन्य संभागों के डाटा एंट्री आपरेटरों को क्यों कम वेतन दिया जा रहा है? उनको भी समान रूप से समान दिनांक से वेतन भुगतान के निर्देश संबंधित संभाग कार्यालयों के संभागीय अधिकारियों को दे दिए गए? यदि नहीं, तो कब तक दे दिए जायेंगे? (ख) प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा कार्यालयीन पत्र क्रमांक 704 दिनांक 23.07.2016 द्वारा माननीय श्री दीपक जोशी राज्यमंत्री स्कूल शिक्षा को पत्र लिखकर रीवा कार्यालय में पदस्थ डाटा एन्ट्री आपरेटर को अन्य संभाग के डाटा एन्ट्री आपरेटर की भांति वेतन भुगतान किए जाने हेतु अनुरोध किया था? जिस पर माननीय मंत्री जी के द्वारा सचिव माध्यमिक शिक्षा मण्डल को अर्द्ध शासकीय पत्र क्रमांक 9923 दिनांक 13.08.2016 से प्रकरण का परीक्षण कराकर अभिमत सहित टीप चाही गई थी? (ग) क्या उक्त टीप प्राप्त हुई? यदि हाँ, तो उसका विवरण उपलब्ध करावें साथ ही उक्त टीप पर क्या कार्यवाही की गई?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) मण्डल कार्यपालिका समिति के निर्णयानुसार संविदा डाटा एन्ट्री आपरेटर्स की सेवा शर्तें एवं वेतनमान के संबंध में परीक्षण हेतु मण्डल स्तर पर समिति का गठन किया गया है प्रकरण अभी समिति के परिक्षणाधीन है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) जी, हाँ। (ग) जी, हाँ। माननीय राज्य मंत्री जी का पत्र प्राप्त हुआ। प्रकरण विचाराधीन है। कार्यवाही प्रचलन में होने की जानकारी से माननीय राज्य मंत्री जी को पत्र क्रमांक प्रशा/स्था/ए-2/1939/2016 भोपाल दिनांक 12.09.2016 से अवगत कराया गया है।
ट्रामा सेंटर में स्टाफ की नियुक्ति
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
131. ( क्र. 1857 ) श्री हेमन्त विजय खण्डेलवाल : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बैतूल जिला मुख्यालय का ट्रामा सेंटर बनकर तैयार है? (ख) यदि हाँ, तो क्या ट्रामा सेंटर में स्टाफ की पदस्थिति तथा फर्नीचर आदि की पूर्ण व्यवस्था हो चुकी है? यदि नहीं, तो कब तक कर दी जाएगी? (ग) ट्रामा सेंटर कब तक प्रारंभ कर दिया जाएगा?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। आवश्यक फर्निचर एवं उपकरण क्रय हेतु व्यवस्था की जा चुकी है तथा उपलब्ध स्टाफ से ट्रामा सेन्टर दिनांक 27/11/2016 को प्रारंभ किया जा रहा है। (ग) दिनांक 27/11/2016 से ट्रामा सेंटर प्रारंभ किया जा चुका है।
सतना जिले में अध्यापक संवर्ग को नियुक्ति दिनांक से वरिष्ठता दी जाना
[स्कूल शिक्षा]
132. ( क्र. 1913 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या लोक शिक्षण संचालनालय म.प्र. भोपाल के पत्र क्र./शि.क.ए. /२०१३/१०३४ दिनांक १८/०४/२०१३ एवं अपर सचिव म.प्र. शासन पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के पत्र क्र. एफ.-१-२/२०१३/२२/पं.-२ भोपाल दिनांक २१ फरवरी २०१३ तथा संचालक लोक शिक्षण म.प्र. भोपाल के मार्गदर्शन पत्र पृष्ठांकन क्र./शिक्षाकर्मी /ए./ ०२/२०१४/४५८ दिनांक २६/०३/२०१४ द्वारा संविदा शाला शिक्षकों को नियुक्ति दिनांक से वरिष्ठता (संविदा अवधी सहित) क्रमोन्नति/पदोन्नति दिए जाने के निर्देश जारी किये गए थे? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो सतना जिले में उपरोक्त आदेशों का पालन करते हुए नियुक्ति दिनांक से वरिष्ठता, क्रमोन्नति, पदोन्नति के आदेश जारी किये गए हैं? (ग) क्या सतना जिले में वर्ष २०१६ में जारी वरिष्ठता सूची में संविदा शाला शिक्षकों/ अध्यापकों (संविदा अवधि सहित) को नियुक्ति दिनांक से वरिष्ठता का निर्धारण किया गया? यदि नहीं, तो क्यों? क्या माह नवम्बर २०१५ में हुई पदोन्नति में नियुक्ति दिनांक से वरिष्ठता का पालन किया गया है? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) क्या म.प्र. शासन द्वारा वर्ष १९९८ में नियुक्त शिक्षा कर्मियों को नियुक्ति दिनांक से वरिष्ठता/पदोन्नति/ क्रमोन्नति का लाभ दिए जाने के आदेश संविदा शाला शिक्षकों की भांति जारी किये गए हैं या नहीं? यदि नहीं, तो इनके साथ सौतेला व्यवहार क्यों किया जा रहा है जबकि उच्च न्यायालय जबलपुर द्वारा नियुक्ति दिनांक से लाभ दिए जाने के निर्देश शासन को दिए जा चुके हैं?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। (ख) सतना जिले में संविदा अवधि से गणना कर क्रमोन्नति एवं वरिष्ठता का लाभ दिया जा चुका है। पदोन्नति में संविदा अवधि की गणना सम्मिलित करते हुये पदोन्नति दिये जाने की समीक्षा की जा रही है। माननीय सर्वोच्च न्यायालय में पदोन्नति में आरक्षण के प्रावधान को लेकर लंबित याचिका के अंतिम निर्णय के अनुसार आगामी कार्यवाही की जायेगी। (ग) प्रश्नांश''ख'' के उत्तर अनुसार। (घ) अध्यापक संवर्ग के नियम, 2008 में शिक्षाकर्मियों के संविलियन के पश्चात शिक्षाकर्मी के रूप में उनके द्वारा की गई सेवा की गणना केवल पदोन्नति/क्रमोन्नति/वरिष्ठता के प्रयोजन हेतु किये जाने का उल्लेख है। प्रश्नांश में माननीय न्यायालय के याचिका क्रमांक एवं निर्णय दिनांक का उल्लेख नहीं होने से जानकारी एकत्रित की जा रही है।
संविदा कर्मचारियों का नियमितिकरण
[स्कूल शिक्षा]
133. ( क्र. 1914 ) श्री चन्दरसिंह सिसौदिया : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सर्व शिक्षा अभियान में संविदा पर 18 वर्षों से कार्यरत कर्मचारियों को नियमित किये जाने के संबंध में शासन की क्या नीति है और कब तक इन्हें नियमित किया जावेगा। सर्व शिक्षा अभियान शिक्षा विभाग का हिस्सा होने से क्या शिक्षा विभाग में रिक्त पदों के विरूद्ध इन अनुभवी 18 वर्षों से सेवारत कर्मचारियों को समायोजित किया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों। (ख) संविदा कर्मचारियों को नियमित कर्मचारियों के भांति वेतन/ मानदेय क्यों नहीं दिया जा रहा है जबकि वह नियमित कर्मचारियों के समान कार्य कर रहे हैं? जब संविदा शिक्षकों को सरकार तीन वर्ष के कार्यकाल उपरांत उन्हे अध्यापक संवर्ग में नियमित कर दिया जाता है तो इन कर्मचारियों के साथ सौतेला व्यवहार क्यों किया जा रहा है? (ग) क्या माननीय न्यायालय द्वारा अस्थाई कर्मचारियों को भी नियमित कर्मचारी के समान वेतन दिये जाने के निर्देश दिये हैं? यदि हाँ, तो शासन इन कर्मचारियों को समान कार्य समान वेतन देगा? यदि हाँ, तो कब तक।
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) सर्व शिक्षा अभियान मिशन में स्वीकृत पद परियोजना के पद है। इन पदों पर संविदा में कार्यरत कर्मचारियों को नियमित किये जाने का प्रावधान नहीं है। यह कर्मचारी परियोजना के पदों पर संविदा आधार पर कार्यरत होने से शिक्षा विभाग में रिक्त पदों पर समायोजित किये जाने का वर्तमान में कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) सर्व शिक्षा अभियान मिशन का एक पंजीकृत संस्था के रूप में गठन किया गया है। संविदा में कार्यरत इन कर्मचारियों को राज्य स्तरीय कार्यकारिणी समिति के निर्णय अनुसार पद के वेतनमान का न्यूनतम वेतन, ग्रेड-पे एवं महंगाई भत्ता जोड़कर मासिक परिलब्धियाँ दी जा रही है। अत: शेषाश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) माननीय उच्च न्यायालय द्वारा सर्व शिक्षा अभियान के संविदा कर्मचारियों को नियमित कर्मचारी के समान वेतनमान दिये जाने के संबंध में निर्णय नहीं दिया है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विभागीय छात्रावासों का रख-रखाव एवं संचालन
[आदिम जाति कल्याण]
134. ( क्र. 1915 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क शासन द्वारा छात्रावासों के सुदृढ़ीकरण/रखरखाव हेतु जारी पत्र दिनांक 21-11-2005 के पालन में कटनी जिले की वर्ष 2016-17 की कार्ययोजना क्या है? जिला संयोजक द्वारा जनवरी 2016 से छात्रावासों/ आश्रमों का कब-कब आकस्मिक निरीक्षण किया? निरीक्षण प्रतिवेदन सहित बतायें? (ख) प्रश्नांश (क) के तहत छात्रावासों/आश्रमों के भौतिक सत्यापन हेतु गठित वर्तमान टीम में कौन शासकीय/सेवक शामिल है? नाम, पदनाम बतायें, टीम द्वारा वर्ष 2014-15 से अब तक किन-किन छात्रावासों/आश्रमों का कब-कब भौतिक सत्यापन किया गया? क्या-क्या प्रतिवेदन दिये गये? (ग) कटनी जिले के कौन-कौन से छात्रावासों/आश्रमों में किस विभाग के किन-किन शासकीय सेवकों को किन, नियमों एवं आदेशों के तहत वर्तमान में अधीक्षक बनाया गया है और क्या इन छात्रावासों/आश्रमों में अधीक्षकों की पदस्थापना हेतु आवेदन आमंत्रित किये गये थे एवं मूल विभाग से सहमति/अनुशंसा प्राप्त की गई? यदि हाँ, तो कार्यवाही विवरण बतायें, यदि नहीं, तो नियम विपरीत नियुक्तियों पर क्या कार्यवाही की जायेगी? (घ) कटनी जिले के छात्रावासों/आश्रमों में वित्तीय एवं अन्य अनियमितताओं की वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन सी शिकायतें एवं जानकारी प्राप्त हुई? किन-किन शासकीय सेवकों को दोषी पाया गया? इन पर क्या कार्यवाही की गई, प्रकरणवार बतायें? क्या दोषी शासकीय सेवक प्रश्न दिनांक तक, अधीक्षक पद पर कार्यरत हैं? यदि हाँ, तो कौन-कौन एवं कहाँ-कहाँ और इन्हें अधीक्षक के दायित्वों से न हटाने के क्या कारण है?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) प्रश्नांश अंतर्गत छात्रावास/आश्रमों के लघु मरम्मत कार्य एवं साम्रगी पूर्ति की कार्ययोजना प्रस्तावित है। छात्रावास/आश्रमों के निरीक्षण प्रतिवेदन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'एक' अनुसार है। (ख) छात्रावास/आश्रमों के भौतिक सत्यापन हेतु शासन आदेश दिनांक 21 नवम्बर, 2005 के अनुसार जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में जिला संयोजक एवं विभागीय सहायक यंत्री की समिति गठित की गई है। विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''दो'' अनुसार है। (ग) विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''तीन'' एवं ''चार'' अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''पाँच'' अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
विद्यालयों में उपलब्ध सुविधायएं
[स्कूल शिक्षा]
135. ( क्र. 1916 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुडवारा विधानसभा क्षेत्र के किन-किन शासकीय प्राथमिक, माध्यमिक, हाई स्कूल एवं हायरसेकेण्डरी विद्यालयों में भवन, बाउण्ड्रीवाल, खेल-मैदान, शौचालय, पेयजल, पानी की उपलब्धता के संसाधन, विद्युत कनेक्शन, प्रकाश उपकरण, पंखे एवं विद्यार्थियों हेतु फर्नीचर की उपलब्धता है? विद्यालयवार बतायें? (ख) प्रश्नांश (क) के तहत जिन विद्यालयों में उपरोक्त सुविधायें नहीं हैं, तो क्या-क्या और इन सुविधाओं की उपलब्धता/पूर्ति हेतु विगत तीन वर्षों में कब-कब, किस-किस के द्वारा किन-किन को प्रस्ताव दिये गये? विद्यालयवार बतायें? (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में विद्यालयों हेतु दिये गये प्रस्तावों पर कब-कब, किस-किसके द्वारा क्या-क्या कार्यवाही कर स्वीकृति प्रदान की गई और प्रस्ताव कहाँ-कहाँ लंबित है? लंबित प्रस्तावों की स्वीकृति कब तक प्रदान कर दी जावेगी? प्रस्ताववार, विद्यालयवार बतायें?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) मुडवारा विधानसभा क्षेत्र के शासकीय प्राथमिक, माध्यमिक विद्यालयों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''01'' अनुसार है। हाईस्कूल एवं हायर सेकेण्डरी विद्यालयों संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) 17 प्राथमिक विद्यालयों में पेयजल का स्थायी स्त्रोत उपलब्ध कराने के लिये लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग को लेख किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''02'' अनुसार है। वर्ष 2014-15, 2015-16 एवं वर्ष 2016-17 में सर्व शिक्षा अभियान अन्तर्गत भवन, बाउण्ड्रीवाल, शौचालय, अतिरिक्त कक्ष की पूर्ति हेतु वार्षिक कार्ययोजना में प्रस्ताव भारत शासन को प्रेषित किये गये, जिसमें से वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में 79 शौचालयों के निर्माण की स्वीकृति प्राप्त हुई जो निर्मित है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-03 अनुसार है। शेष कार्यों की स्वीकृति अप्राप्त है। शालाओं में स्वयं के खेल मैदान, भूमि की उपलब्धता एवं पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग एवं खेल एवं युवा कल्याण विभाग द्वारा वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर है। हाई एवं हायर सेकेण्डरी विद्यालयों संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) शासकीय प्राथमिक, माध्यमिक विद्यालयों में प्रस्तावित एवं स्वीकृत निर्माण कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-03 अनुसार है। भारत शासन द्वारा वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता के आधार पर स्वीकृति प्रदान की जाती है। विद्यालयों में निर्माण एवं सुविधाओं की उपलब्धता बजट उपलब्धता पर निर्भर करेगा। निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
विधानसभा क्षेत्र में नवीन पिछड़ा वर्ग छात्रावास की स्वीकृति
[पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण]
136. ( क्र. 1921 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विगत 03 वर्षों में शासन द्वारा कितने नवीन पिछड़ा वर्ग छात्रावास प्रारम्भ किए गए हैं? इनमें से कितनों के भवन स्वीकृत हो चुके हैं एवं कितने किराये के भवन में संचालित हैं? (ख) प्रश्नकर्ता द्वारा विधानसभा क्षेत्र में नवीन पिछड़ा वर्ग छात्रावास प्रारम्भ किए जाने हेतु कोई पत्र लिखा था या मांग की थी? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की गई? (ग) विधानसभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत तहसील मुख्यालय सुसनेर एवं नलखेड़ा के शासकीय एवं अशासकीय हाईस्कूलों में पिछड़ा वर्ग के कितने ग्रामीण बच्चे अध्ययनरत हैं? शालावार जानकारी देवे? (घ) प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित संख्या के मान से क्या सुसनेर एवं नलखेड़ा में पिछड़ा वर्ग छात्रावास की आवश्यकता है? यदि हाँ, तो पिछड़ा वर्ग छात्रावास प्रारम्भ किये जाने संबंधी कोई प्रभावी कार्यवाही की जाकर स्वीकृति दी जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्रीमती ललिता यादव ) : (क) 26. इनमें से सभी छात्रवास शासकीय की भवनों में संचालित हो रहे हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हाँ। कार्यवाही से माननीय विधायक को कार्यालीन पत्र क्रमांक/छात्रावास/2016-17/2640, दिनांक 16.06.2016 द्वारा वस्तुस्थिति से अवगत कराया गया है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जी हाँ। शासन के सीमित वित्तीय संसाधनों को दृष्टिगत रखते हुए वर्तमान में केवल प्रत्येक जिले में एक बालक एवं एक बालिका छात्रावास प्रारंभ किये गये है। इस कारण अतिरिक्त नवीन छात्रावासों की स्वीकृति के संबंध में अभी समय सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
हितग्राही मूलक/ समूह मूलक योजनाएं
[विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्धघुमक्कड़ जाति कल्याण]
137. ( क्र. 1922 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विभाग द्वारा कौन-कौन से हितग्राहीमूलक एवं कौन-कौन से समूह मूलक योजनायें संचालित की जा रही हैं या कौन-कौन सी कार्य किए जा रहे हैं? (ख) जिला आगर अंतर्गत विगत 03 वर्षों में प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अनुसार कौन-कौन सी योजनाओं में हितग्राहियों को लाभान्वित किया गया हैं या कार्य किए गए हैं? (ग) विधानसभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत प्रश्नांश (क) में उल्लेखित योजनाओं या कार्य हेतु कौन-कौन से ग्राम पात्रता श्रेणी में आते हैं? विवरण सहित सूची उपलब्ध करावें? विधानसभा क्षेत्र सुसनेर में निवासरत कंजर, बंजारे, कालबेलिया समाज के लोगों के लिए क्या कार्य किए गए/किए जाना प्रस्तावित हैं? (घ) प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित पात्र हितग्राहियों या पात्र ग्रामों को योजनानुसार समुचित लाभ हो सके इस हेतु कोई कार्ययोजना बनाई गई है? यदि हाँ, तो तदानुसार कार्य किया जा रहा हैं? यदि नहीं, तो क्या इस ओर विचार किया जाकर कार्यवाही की जावेगी?
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्रीमती ललिता यादव ) : (क) विभाग द्वारा प्रदेश में निम्न हितग्राही मूलक योजनाएं संचालित हैं। (1) विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्धघुमक्कड़ जनजाति आवास योजना। (2) विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्धघुमक्कड़ जनजाति बस्तियों में विद्युतिकरण योजना (ख) विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्धघुमक्कड़ जनजाति आवास योजनान्तर्गत वर्ष 2014-15 में 25 हितग्राहियों को एवं वित्तीय वर्ष 2015-16 में 50 हितग्राहियों को लाभांवित किया गया है। (ग) विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्धघुमक्कड़ जनजाति बाहुल्य क्षेत्रों/बस्तियों के वर्तमान में सर्वे/ जनगणना के आंकड़े उपलब्ध न होने से जानकारी दिया जाना संभव नहीं है। (घ) जिले में विभाग द्वारा संचालित हितग्राही मूलक एवं बस्ती विकास की योजनाओं का समुचित लाभ पात्रतानुसार दिया जा रहा है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सिवनी जिले में शिक्षकों की ई-उपस्थिति तथा ड्रेस कोड
[स्कूल शिक्षा]
138. ( क्र. 1925 ) श्री दिनेश राय : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा शासकीय शिक्षकों की उपस्थिति, ई-उपस्थिति के माध्यम से निर्धारित कर शिक्षकों की ड्रेस कोड निर्धारित करने की योजना संचालित की है? यदि हाँ, तो आदेश/निर्देश की प्रति उपलब्ध करावें? (ख) क्या प्रश्नांश (क) प्रक्रिया का पालन केवल सिवनी जिले में कराया जा रहा है? यदि हाँ, तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) प्रक्रिया का पालन प्रदेश के अन्य जिलों में भी किया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) शिक्षकों की उपस्थिति, ई उपस्थिति संबंधी निर्देश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। वर्तमान में शिक्षकों के लिए कोई ड्रेस कोड निर्धारित नहीं है। (ख) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश ‘क‘ के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में लगाये गये वाहनों पर व्यय
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
139. ( क्र. 1926 ) श्री दिनेश राय : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी विधान सभा अंतर्गत सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में वर्ष 2012 से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन से वाहन लगाये जाने हेतु शासन से स्वीकृति प्राप्त की गई? वाहन लगाये जाने हेतु क्या निविदा प्रक्रिया अपनाई गई? यदि अपनाई गई तो विज्ञापन किस सामाचार पत्र में प्रकाशित हुआ? (ख) परिवार कल्याण कार्यक्रम के अंतर्गत प्रश्नांश (क) अवधि में हितग्राहियों एवं प्रेरकों को परिवहन सुविधा हेतु प्रति वर्ष सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों को कितनी राशि प्राप्त हुई? परिवहन सुविधा के भुगतान हेतु कितनी राशि व्यय की गई? (ग) सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में पोषण पुनर्वास केन्द्र हेतु वर्ष 2013-14 से प्रश्नांकित तिथि तक कितनी राशि शासन द्वारा प्रतिमाह स्वीकृत हुई? स्वीकृत राशि में से उक्त केन्द्र में कार्यरत कर्मचारियों व अन्य कार्य में कितनी राशि व्यय की गई? कार्यवार, राशिवार विवरण दें?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) सिवनी विधानसभा अंतर्गत गोपालगंज एवं छपारा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में वर्ष 2012 से प्रश्न दिनांक तक जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम अंतर्गत जननी एक्सप्रेस एवं सुपरवाईजरी वाहनों के लगाये जाने हेतु शासन से स्वीकृति प्राप्त की गई। जी हाँ। जननी एक्सप्रेस एवं सुपरवाईजरी वाहनों हेतु क्रमश: (1) वर्ष 2012-13 में संवाद कुज एवं जबलपुर एक्सप्रेस में, (2) वर्ष 2013-14 में स्वतंत्र मत, सिवनी युग श्रेष्ठ, पत्रिका तथा जबलपुर एक्सप्रेस में, (3) वर्ष 2014-15 में दैनिक दलसागर, संवाद कुंज, राज एक्सप्रेस एवं दैनिक भास्कर में, (4) वर्ष 2015-16 में संवाद कुज, जबलपुर एक्सप्रेस, महाकौशल एक्सप्रेस तथा दैनिक भास्कर समाचार पत्रों में विज्ञापन प्रकाशित किया गया। (ख) परिवार कल्याण कार्यक्रम के अंतर्गत प्रश्नांश (क) अवधि में हितग्राहियों एवं प्रेरकों को परिवहन सुविधा हेतु प्रतिवर्ष प्राप्त राशि एवं भुगतान हेतु व्यय राशि का विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र- ''एक'' अनुसार है। (ग) सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में पोषण पुनर्वास केन्द्र हेतु वर्ष 2013-14 से प्रश्नांकित तिथि तक स्वीकृत राशि उक्त केन्द्र में कार्यरत कर्मचारियों व अन्य कार्य में व्यय की गई कार्यवार राशिवार विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र- ''दो'' अनुसार है।
प्रशिक्षित जन स्वास्थ्य रक्षकों की सेवायें लेना
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
140. ( क्र. 1929 ) श्रीमती झूमा सोलंकी : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्तमान में शासन द्वारा वनग्राम एवं जंगलों से सटे ग्रामों में प्राथमिक उपचार हेतु दीनदयाल वनांचल सेवा योजना प्रारंभ की जा रही है, जिसके अन्तर्गत वनरक्षकों को प्रशिक्षण प्रदान किया जायेगा? (ख) क्या जनस्वाथ्य रक्षकों को पूर्व में शासन द्वारा प्रशिक्षण देने के उपरान्त परिक्षा उत्तीर्ण करने के पश्चात् प्राथमिक उपचार हेतु मानदेय प्रदाय कर वर्ष 1995 से 2005 तक सेवायें ली जा रही थी? (ग) क्या वर्तमान में ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य अमला न होने के कारण इन प्रशिक्षित लगभग 53000 जन स्वास्थ्य रक्षकों की सेवायें पुनः शासन द्वारा ली जा सकती है जिससे वन ग्राम के अलावा राजस्व ग्रामों में भी प्राथमिक उपचार हेतु स्वास्थ्यकर्मी की सेवायें प्राप्त हो सके?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
विमुक्त घुमक्कड़ जनजाती बस्ती विकास मद अन्तर्गत विकास कार्यों की स्वीकृती
[विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्धघुमक्कड़ जाति कल्याण]
141. ( क्र. 1930 ) श्रीमती झूमा सोलंकी : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या विमुक्त घुमक्कड़ जनजाति बस्ती विकास विभाग द्वारा भीकनगांव विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत प्राप्त प्रस्तावों की स्वीकृति वर्तमान तक अपेक्षित है तथा पूर्व में परि.अता. प्रश्न संख्या 10 (क्र. 311) 25 जुलाई 2016 अन्तर्गत बताया गया था कि विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत घुमक्कड़ एवं अर्धघुमक्कड़ बस्ती विकास मद अन्तर्गत कार्यों की स्वीकृति में दोषी अधिकारियों की पहचान हेतु कलेक्टर को निर्देशित किया गया है? (ख) यदि हाँ, तो क्या वर्तमान तक कोई दोषी अधिकारी की पहचान हो पाई है? यदि नहीं, तो इन कार्यों की स्वीकृति में इतना विलम्ब क्यों हो रहा हैतथा भीकनगांव विधानसभा अन्तर्गत प्रस्तावित कार्यों की स्वीकृति कब तक प्रदाय की जायेगी?
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्रीमती ललिता यादव ) : (क) जी हाँ। आश्वासन क्रमांक 1337 की पूर्ति हेतु दोषी अधिकारियों की पहचान करते हुये प्रतिवेदन कलेक्टर, खरगोन से चाहा गया है, प्रतिवेदन अभी अपेक्षित है। (ख) जिले से पूर्ण प्रस्ताव प्राप्त होने पर उपलब्ध बजट प्रावधान को ध्यान में रखकर प्रस्ताव पर नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी। इस हेतु निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
कौशल विकास केन्द्रों को आवंटित एवं व्यय राशि
[आदिम जाति कल्याण]
142. ( क्र. 1933 ) श्री माधो सिंह डावर : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अलीराजपुर जिले में आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा कितने कौशल विकास केन्द्र संचालित हैं। (ख) शासन द्वारा उक्त केन्द्रों के संचालन के प्रारम्भ वर्ष से वर्ष 2016-17 तक प्रति वर्ष कितना आवंटन किस-किस मद में किया गया वर्षवार जानकारी देवें। (ग) आवंटित राशि से केन्द्रों के प्रारम्भ वर्ष से वर्ष 2016-17 तक किन कार्यों में कितनी-कितनी राशि खर्च की गई है? उन कार्यों की सूची उपलब्ध करावें। (घ) केन्द्रवार प्रति सत्र कितने विद्यार्थियों का चयन किया जाता है? चयन के मापदण्ड क्या है? उक्त केन्द्रों के प्रारम्भ वर्ष से 2016-17 तक में कितने विद्यार्थी उत्तीर्ण हुए। वर्षवार संख्या बताएं। (ड.) उत्तीर्ण विद्यार्थियों में से कितने विद्यार्थियों को रोजगार दिया गया। यदि नहीं, तो क्यों।
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) 04 कौशल विकास केन्द्र संचालित हैं। (ख) प्रश्नांतर्गत योजना मद 41-2225-0102-7851 में दिये गये वर्षवार आवंटन की जानकारी निम्नानुसार है:-
क्रं. |
वर्ष |
राशि लाखों में |
1- |
2012-13 |
226.00 |
2- |
2013-14 |
21.98 |
3- |
2014-15 |
16.00 |
4- |
2015-16 |
20.00 |
5- |
2016-17 |
30.00 |
(ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) केन्द्रवार स्वीकृत सीट अनुसार प्रतिवर्ष 350 विद्यार्थियों का चयन किया जाता है। अनुसूचित जनजाति वर्ग के शाला त्यागी/ कम पढ़े लिखे प्रशिक्षणार्थियों का चयन प्राप्त आवेदन पत्रों की मेरिट के आधार पर किया जाता है। प्रारंभ वर्ष से 2016-17 तक में उत्तीर्ण हुये विद्यार्थियों की वर्षवार जानकारी निम्नानुसार है:-
क्रं. |
वर्ष |
उत्तीर्ण विद्यार्थियों की संख्या |
1- |
2012-13 |
निरंक |
2- |
2013-14 |
536 |
3- |
2014-15 |
137 |
4- |
2015-16 |
75 |
5- |
2016-17 |
प्रशिक्षणार्थी अध्ययनरत |
(ड.) 484 प्रशिक्षणार्थियों को रोजगार उपलब्ध कराया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
कन्या छात्रावास उमरी जिला अलीराजपुर में क्रय में अनियमितता
[स्कूल शिक्षा]
143. ( क्र. 1934 ) श्री माधो सिंह डावर : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सर्व शिक्षा अभियान योजना में ग्राम उमरी विकासखण्ड जोबट जिला अलीराजपुर में बालिका आश्रम संचालित है? (ख) यदि हाँ, तो क्या उक्त बालिका छात्रावास में चार-पाँच वर्ष पूर्व लकड़ी के पलंग क्रय किये गये थे? (ग) यदि हाँ, तो क्या इन पलंगों का उपयोग किया गया? यदि नहीं, तो क्यों? क्या इतना समय व्यतीत होने के बाद भी वर्तमान तक पलंग का उपयोग नहीं किया गया है। (घ) यदि नहीं, तो पलंगों के क्रय करने का क्या औचित्य था? क्या इससे शासन की राशि का दुरुपयोग कर वित्तीय अनियमितता की गई है? (ड.) यदि हाँ, तो संबंधित अधिकारी/कर्मचारी के विरुद्ध कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। सर्व शिक्षा अभियान के तहत ग्राम उमरी विकासखंड जोवट में बालिका छात्रावास संचालित है। (ख) जी नहीं। (ग) उत्तराश 'ख' के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्तराश 'ख'' के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ड.) उत्तरांश 'ख' के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन का क्रियान्वयन
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
144. ( क्र. 1935 ) श्रीमती संगीता चारेल : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन अंतर्गत कार्यरत कर्मचारियों के पद समाप्त किए गए है? यदि हाँ, तो सैलाना विधानसभा अंतर्गत किन-किन पदों को समाप्त किया गया है? क्या विभाग द्वारा पद समाप्त किए जाने से आमजन को होने वाली समस्याओं के समाधान के लिए कोई वैकल्पिक व्यवस्था की गई है? (ख) प्रश्नांश (क) के सम्बंध में सैलाना विधानसभा अंतर्गत समाप्त किए गए पदों के कर्मचारी कब से पदस्थ थे तथा इनकी पदस्थापना किस नियम से तथा कैसे की गई थी? पद समाप्ति से प्रभावित कर्मचारियों के सम्बन्ध में शासन ने क्या व्यवस्था की है? (ग) क्या स्वास्थ्य विभाग में स्वीकृत पद के विरूद्ध कम कर्मचारी कार्यरत है? यदि हाँ, तो क्या राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन अंतर्गत कार्यरत कर्मचारी जिनके पद समाप्त किए गए है उनकी योग्यता व अनुभव के आधार पर उन्हें रिक्त पद पर नियुक्ति प्रदान की जावेगी? क्या शासन द्वारा इस संबंध में कोई कार्ययोजना बनाई जा रही है?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी हाँ। परिवार कल्याण परामर्शदाता, एन.सी.डी. डाटा एंट्री आपॅरेटर एवं डी.डी.सी सपोर्ट स्टाफ के पद। जी हाँ। (ख) परिवार कल्याण परामर्शदाता वर्ष 2012 तथा एन.सी.डी. डाटा एंट्री ऑपरेटर एवं डी.डी.सी. सपोर्ट स्टाफ वर्ष 2014 से। इनकी पदस्थापना एन.आर.एच.एम. अंतर्गत प्रावधानित नियमानुसार की गई थी। योग्यता, पात्रता एवं कार्य आधारित मूल्यांकन के आधार पर उपलब्ध अन्य रिक्त पदों पर पुनर्नियोजन किया गया। (ग) जी हाँ। प्रश्नांश (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्नांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
ग्रामीण विधुतीकरण योजना
[आदिम जाति कल्याण]
145. ( क्र. 1936 ) श्रीमती संगीता चारेल : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र में ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के माध्यम से किसानों की सिचाई सुविधा हेतु ट्रांसफार्मर एवं विद्युत पोल लगाने की योजना का क्रियान्वयन किया जा रहा है? यदि हाँ, तो इस योजना के क्या नियम हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में क्या वर्ष 2016-17 में विभाग द्वारा इस योजना के क्रियान्वयन के संबंध में क्या कार्यवाही की गई? क्या वर्तमान में भी योजना का क्रियान्वयन विभाग द्वारा किया जा रहा है? यदि नहीं, तो योजना किस विभाग को हस्तांतरित की गई हैं?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जी हाँ। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। वर्ष 2016-17 में विभाग द्वारा वर्ष 2015-16 के विद्युतीकरण योजना अन्तर्गत जिलों को उनके द्वारा कराये गये विद्युतीकरण कार्यों के लंबित दायित्वों के भुगतान की राशि का आवंटन दिया जा रहा है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अध्यापकों को छठा वेतनमान देने में अधिकारियों की अनियमितताएं
[स्कूल शिक्षा]
146. ( क्र. 1939 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या उज्जैन संभाग में विभाग का स्पष्ट आदेश नहीं होने के कारण अध्यापकों को छठे वेतनमान देने के लिए अलग-अलग गणना पत्रक तैयार कर सामान पद, समान नियुक्ति दिनांक वाले शिक्षकों को भी अलग-अलग वेतन दिया जा रहा है? यदि हाँ, तो क्यों? विभाग दवारा जारी किये गये समस्त आदेश की प्रतिलिपि उपलब्ध करायें? (ख) क्या विभाग की लापरवाही से शिक्षकों को ज्यादा वेतन निर्धारण करने से, भविष्य में शिक्षकों से १२% ब्याज के साथ वसूली की जायेगी? यदि हाँ, तो क्यों? ज्यादा वेतन निर्धारण करने वाले अधिकारियों से क्यों नहीं? क्या वेतन एकरूपता के लिए प्रदेश स्तर से ही एक जैसा गणना पत्रक तैयार करवाया गया है? (ग) क्या उक्त छठे वेतनमान में 1998 से कार्य कर रहे अध्यापकों को कुछ जिलों में 3 वेतन वृद्धि का लाभ दिया जा रहा है? यदि नहीं, तो क्या उक्त त्रुटी पूर्ण आदेश के कारण १९९८ में नियुक्त अध्यापकों को भारी नुकसान हो रहा है? यदि नहीं, तो स्पष्ट करें। (घ) उत्तर दिनांक तक मन्दसौर जिले में कितने शिक्षकों का वेतन निर्धारण से वेतन भुगतान कर दिया गया है?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी नहीं। अध्यापक संवर्ग को दिनांक 01.01.2016 से छठवां वेतनमान स्वीकृत करने के संबंध में आदेश पंचायत एवं ग्रामीण विकास तथा नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग द्वारा जारी किये गये है। आदेशों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश ''क'' के उत्तर उल्लेखित आदेशों में छठवें वेतनमान में वेतन निर्धारण की प्रकिया नियत है तथा प्रत्येक वेतन निर्धारण का अनुमोदन अनिवार्यत: स्थानीय निधि संपरीक्षा से कराये जाने की व्यवस्था है। वेतन निर्धारण का अनुमोदन कराये बिना छठवें वेतनमान में वेतन आहरित करने एवं अधिक भुगतान होने की स्थिति में संदर्भित ज्ञापन की कण्डिका 2.10 अनुसार कार्यवाही की व्यवस्था है। (ग) जी नहीं। अध्यापक संवर्ग को छठवां वेतनमान दिनांक 01.01.2016 से स्वीकृत किया गया है। अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) मंदसौर जिले में छठवें वेतनमान में भुगतान होना शेष है।
संविदा भृत्यों का मानदेय निर्धारण
[स्कूल शिक्षा]
147. ( क्र. 1940 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मंदसौर जिले में भारत सरकार दवारा संचालित राष्ट्रीय बाल श्रम परियोजना विद्यालयों के सेवा मुक्त किये गये स्टाफ के सदस्यों को म.प्र. संविदा शाला भर्ती नियम, 2005 के प्रावधानुसार स्कूल शिक्षा विभाग में संविदा शिक्षक वर्ग 3 और संविदा भृत्य के पदों पर नियुक्तियां की गई थी? (ख) उक्त में से संविदा भृत्य को प्रतिमाह कितना वेतन/मानदेय शासन दवारा समय समय पर दिए जाने के आदेश है? आदेश की प्रतिलिपि उपलब्ध करायें? (ग) क्या संविदा भृत्यों को मात्र 1600 रु. प्रतिमाह दिया जा रहा है, जो की शासन के अंशकालीन भृत्यों के लिए निर्धारित मासिक मानदेय का एक तिहाई है? (घ) क्या उक्त भृत्यों को इन्हीं के साथ लगे संविदा शिक्षकों की तरह ही भर्ती पद पर नियमित किया जाएगा? यदि हाँ, तो कब तक? क्या वर्तमान में इन्हें प्राप्त हो रहे मानदेय में कितनी सम्मानजनक वृद्धि की जायेगी ताकि ये भृत्य भी संविदा शिक्षकों की तरह परिवार का भरण पोषण ठीक तरह कर सके?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) शासन द्वारा निर्धारित रूपये 1600/- प्रतिमाह वेतन/मानदेय संविदा भृत्यों को दिया जा रहा है। (घ) कार्यवाही परीक्षणाधीन है।
सौर ऊर्जा संयंत्र की स्थापना
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
148. ( क्र. 1943 ) श्री पुष्पेन्द्र नाथ पाठक : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र बिजावर में सौर ऊर्जा सयंत्र की स्थापना हेतु प्रश्नकर्ता द्वारा माननीय मुख्यमंत्री, माननीय ऊर्जा मंत्री एवं विभागीय अधिकारियों को पत्र लिखा गया था? (ख) यदि हाँ, तो उपरोक्त पत्र के अनुक्रम में क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ग) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में सौर ऊर्जा संयंत्र हेतु उपयुक्त भूमि के खसरा नंबर की जानकारी प्रश्नकर्ता द्वारा कलेक्टर छतरपुर को कब उपलब्ध कराई गई थी? उस पर क्या-क्या कार्यवाही की गई एवं कौन-कौन सी परेशानी आ रही है? (घ) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में क्या शासन छतरपुर जिले के बिजावर विकासखंड में सौर ऊर्जा संयंत्र की स्थापना हेतु प्रयास करेगा? क्या सौर ऊर्जा संयंत्र की स्थापना हेतु आ रही विभिन्न दिक्कतों को शीघ्र दूर कर इसे शीघ्र स्थापित करने का प्रयास किया जायगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ। माननीय विधायक बिजावर, छतरपुर द्वारा प्रबंध संचालक, एम.पी.पॉवर मैनेजमेंट कम्पनी लिमिटेड भोपाल को प्रेषित पत्र क्रमांक 536 दिनांक 22.07.2015 द्वारा बिजावर क्षेत्र में सौर परियोजना हेतु पत्र प्रेषित किया गया था, जिसमें उनके द्वारा लगभग 2000 एकड़ राजस्व भूमि उपलब्ध होने की जानकारी दी गई थी। (ख) एवं (ग) प्रमुख सचिव, नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग द्वारा दिनांक 23.07.2015 को कलेक्टर, छतरपुर को प्रस्तावित भूमि की खसरेवार जानकारी प्रेषित करते हुए भूमि के परीक्षण एवं पुष्टि हेतु पत्र लिखा गया तथा दूरभाष पर भी कलेक्टर, छतरपुर से भूमि के परीक्षण एवं राजस्व विभाग के परिपत्र अनुसार भूमि आवंटन करने हेतु चर्चा की गई। दिनांक 17 मार्च 2016 को अतिरिक्त आयुक्त, नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा द्वारा स्थल भ्रमण कर जिला कलेक्टर से भेंट की गई, जिसमें कलेक्टर छतरपुर द्वारा यह बताया गया कि प्रश्नाधीन भूमि में से काफी भूमि वन श्रेणी में है। अत: इन खसरों को छोड़कर, शेष भूमि की उपलब्धता का परीक्षण एवं आवंटन हेतु अनुरोध किया गया। इसी विषय में कलेक्टर को पत्र दिनांक 12.04.2016 व पुन: पत्र दिनांक 04.11.2016 द्वारा भूमि के परीक्षण एवं आवंटन हेतु अनुरोध किया गया। इसके अतिरिक्त, जिला अक्षय ऊर्जा अधिकारी, छतरपुर द्वारा समय-समय पर जिला प्रशासन से प्रस्तावित भूमि के परीक्षण एवं आवंटन हेतु अनुरोध किया गया। कलेक्टर छतरपुर से प्राप्त जानकारी के अनुसार अनुविभागीय अधिकारी, बिजावर से प्राप्त प्रतिवेदन के अनुसार ग्राम बिहरवारा, मिहिरखुवा एवं गर्दा में राजस्व भूमि 422.522 हेक्टेयर उपलब्ध है, परन्तु वह एक चक में नहीं है व उसके बीच में वनभूमि और 12.201 हेक्टेयर भूमिस्वामी हक की भूमियाँ है। ग्राम बिहरवारा एवं मिहिरखुवा में 481.715 हेक्टेयर वन भूमि है। कलेक्टर, छतरपुर द्वारा एक चक में स्थित गैर-वन भूमि को चिन्हांकित किया जा रहा है। (घ) नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग, म.प्र.शासन के प्रयास से छतरपुर जिले में भारत सरकार द्वारा 500 मेगावॉट क्षमता के सोलर पार्क की सैद्धांतिक स्वीकृति दी जा चुकी है। बिजावर विकासखण्ड में शासकीय भूमि उपलब्ध होने पर सौर परियोजना स्थापित की जा सकती है।
नलकूप खनन के ऊर्जीकरण हेतु विद्युत कनेक्शन
[आदिम जाति कल्याण]
149. ( क्र. 1946 ) श्री रामनिवास रावत : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या श्योपुर जिले में अनुसूचित जनजाति कृषकों की भूमि पर सिंचाई हेतु कृषकों के समूह बनाकर फल, फूल, साग, सब्जी एवं उद्वहन सहकारी सिंचाई समूहों के माध्यम से नलकूप खनन कार्य कराकर उनके ऊर्जीकरण हेतु स्वयं के कनेक्शन लेने की योजनान्तर्गत विद्युत विभाग से प्राक्कलन स्वीकृत कराकर सुपरविज़न राशि जमा कर कर दी थी? यदि हाँ, तो कनेक्शन नहीं देने के क्या कारण रहे? इन कार्यों की तकनीकी स्वीकृति एवं प्रशासकीय स्वीकृति कितनी-कितनी राशि की थी? (ख) श्योपुर जिले में कितनी उद्वहन सिंचाई समितियों का गठन कर कितने नलकूप खनन कराये जाकर कितने ट्रांसफार्मर लगाये गए हैं एवं कुल कितनी राशि किस-किस मद में से व्यय की गई है? उक्त कार्यों की निर्माण एजेंसी किसे नियुक्त किया गया? निर्माण एजेंसी को कब कब कितनी-कितनी राशी भुगतान की गई है? उक्त कार्यों से कितने हितग्राही लाभान्वित होंगे तथा कितनी भूमि की सिंचाई हो सकेगी? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार कराये गए कार्य उपरांत उनके उर्जीकरण हेतु विद्युत विभाग से कनेक्शन दिलवाने हेतु प्रश्नकर्ता द्वारा दिनांक 03.10.16 को मान. मुख्यमंत्री जी, मुख्य सचिव एवं प्रमुख सचिव ऊर्जा को लिखे गए पत्रों पर क्या कार्यवाही की गई है? कब तक उक्त समितियों के हितग्राहियों को विद्युत कनेक्शन प्रदाय कर दिए जावेंगे?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जी हाँ। 189 हितग्राहियों का कनेक्शन दे दिये गये है। शेष 53 नल-कूपों में संबंधित समितियों द्वारा विद्युतीकरण कार्य कराने के उपरांत, विद्युत वितरण कंपनी द्वारा कनेक्शन जारी किये जा सकेंगे। इन कार्यों की तकनीकी स्वीकृति एवं प्रशासकीय स्वीकृति संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- ''अ'' अनुसार है। (ख) श्योपुर जिले में 46 उद्वहन सिंचाई समितियों का गठन किया जाकर 242 नलकूप खनन कराये गये। उक्त नलकूपों पर 132 विद्युत ट्रांसफार्मर लगाये गये हैं। मदवार व्यय की गई राशि का विवरण जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- ''अ'' अनुसार है। नलकूप खनन एवं पंप उर्जीकरण कार्य हेतु फल, फूल, साग भाजी एवं उद्वहन सहकारी सिंचाई समितियों को कार्य एजेन्सी बनाया गया। इन कार्यों हेतु कार्य एजेन्सी को प्रदाय की गई राशि की तिथिवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- ''ब'' अनुसार है। उक्त योजना से 1355 हितग्राही लाभन्वित होंगे तथा 1913.889 हेक्टेयर रकवा भूमि की सिंचाई हो सकेगी। (ग) माननीय विधायक महोदय द्वारा दिनांक 03.10.2016 को माननीय मुख्यमंत्री जी, मुख्य सचिव एवं प्रमुख सचिव ऊर्जा विकास विभाग को लिखे गये पत्र के पालन में 189 हितग्राहियों को विद्युत कनेक्शन जारी कर दिये गये है। शेष 53 नलकूपों की, समितियों द्वारा विद्युतीकरण कार्य कराने के उपरांत, विद्युत वितरण कंपनी द्वारा कनेक्शन जारी किये जा सकेंगे।
योजनान्तर्गत प्राप्त राशि से स्वीकृत नलकूप खनन
[आदिम जाति कल्याण]
150. ( क्र. 1947 ) श्री रामनिवास रावत : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्योपुर जिले में वर्ष 2013-14, 2014-15, 2015-16 एवं 2016-17 में आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा व्यक्तिगत हितग्राहीमूलक योजनान्तर्गत एकीकृत आदिवासी परियोजना, आदिवासी उप योजना, सी.सी.प्लान व 275-1 के अंतर्गत प्राप्त राशि से कराहल एवं विजयपुर विकासखंड में कितने सहरिया आदिवासी हितग्राहियों को सिंचाई हेतु ट्यूबवेल खनन करने व विद्युत कनेक्शन कराने की स्वीकृति प्रदान की गई व स्वीकृति पश्चात कितने हितग्राहियों को ट्यूबवेल खनन कराये गए? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में स्वीकृत व खनन कराये गए ट्यूबवेल में प्राथमिकता के आधार पर विद्युत कनेक्शन दिलवाना था? यदि हाँ, तो कितनों को कनेक्शन करवा दिए गए, कितनों को नहीं एवं क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार सिंचाई हेतु खनन कराये गए ट्यूबवेल के विद्युत कनेक्शन न होने के लिए कौन उत्तरदायी है? उक्त हितग्राहियों के नलकूपों को कनेक्शन कब तक करा दिए जावेंगे? यदि राशि नहीं है तो क्या शासन विशेष रूप से राशि स्वीकृत कर विद्युत कनेक्शन कराएगा? यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों? (घ) क्या विभाग में संचालित उक्त योजना वर्ष 2016-17 में ऊर्जा विभाग को हस्तांतरित की गई है? यदि हाँ, तो उक्त योजना के तहत प्रकरण स्वीकृत करने के क्या नियम एवं निर्देश हैं?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) प्रश्नांश अन्तर्गत आदिवासी हितग्राहियों को सामूहिक सिंचाई हेतु 242 नलकूपों की स्वीकृति प्रदाय कर नलकूप खनन कराये गये एवं 189 हितग्राहियों को विद्युत कनेक्शन दिये गये है। (ख) जी हाँ। 189 हितग्राहियों को कनेक्शन दे दिये गये है। शेष 53 नलकूपों में, संबंधित निर्माण एजेन्सी/समितियों द्वारा, विद्युतीकरण कार्य प्राक्कलन अनुसार पूर्ण न कराने एवं म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी लिमि. के पक्ष में औपचारिकतायें पूर्ण न कराये जाने से इन्हें कनेक्शन प्राप्त नहीं हुये है। (ग) विद्युतीकरण का कार्य प्राक्कलन अनुसार पूर्ण न कराने के कारण कनेक्शन नहीं दिया जा सका। समितियों द्वारा विद्युतीकरण कार्य पूर्ण कराये जाने के उपरान्त एवं राशि जमा कराये जाने पर विद्युत कनेक्शन कार्य कराये जा सकेंगे। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) जी नहीं, योजना की राशि वर्ष 2015-16 में ऊर्जा विभाग को हस्तांतरित की गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अनुसूचित जाति एवं आदिम जाति वर्ग के हितग्राहियों हेतु संचालित योजनाएं
[अनुसूचित जाति कल्याण]
151. ( क्र. 1952 ) श्री मुकेश पण्ड्या : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में अनुसूचित जाति एवं आदिम जाति वर्ग के लोगों के लिये कौन-कौन सी योजनाएं राज्य शासन और केन्द्र शासन के द्वारा संचालित की जा रही है? (ख) इन योजनाओं में से कौन-कौन सी योजना उज्जैन जिले में संचालित की जा रही है तथा इनमें से कौन-कौन सी योजनाओं का लाभ बड़नगर विधानसभा में प्रदान किया जा रहा है? (ग) सत्र 2014 से प्रश्न दिनांक तक किन-किन योजनाओं में कितनी-कितनी राशि हितग्राहियों को प्रदान की गई है वर्ष अनुसार और योजनानुसार जानकारी प्रदान करें।
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) अनुसूचित जाति कल्याण विभाग की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार तथा अनुसूचित जनजाति कल्याण विभाग की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार है। (ख) अनुसूचित जाति कल्याण विभाग की जानकारी उत्तरांश ‘क’ अनुसार है तथा अनुसूचित जनजाति कल्याण विभाग द्वारा विशेष केंद्रीय सहायता अंतर्गत बिखरे हुए बी.पी.एल. आदिवासियों हेतु योजना तथा अनुसूचित जनजाति विद्युतिकरण योजना का लाभ दिया जा रहा है। (ग) अनुसूचित जाति कल्याण विभाग की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘स’ अनुसार है तथा अनुसूचित जनजाति कल्याण विभाग की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘द’ अनुसार है।
पिछड़ा वर्ग/अल्पसंख्यक वर्ग के हितग्राहियों को लाभ प्रदान करना
[पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण]
152. ( क्र. 1953 ) श्री मुकेश पण्ड्या : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रदेश में पिछड़ा वर्ग/अल्पसंख्यक वर्ग के लोगों के लिये कौन-कौन सी योजना राज्य शासन और केन्द्र शासन के द्वारा संचालित की जा रही है? (ख) इन योजनाओं में से कौन-कौन सी योजना उज्जैन जिले में संचालित की जा रही है तथा इनमें से कौन-कौन सी योजनाओं का लाभ बड़नगर विधानसभा में प्रदान किया जा रहा है? (ग) सत्र 2014 से प्रश्न दिनांक तक किन-किन योजनाओं में कितनी-कितनी राशि हितग्राहियों को प्रदान की गई है वर्ष अनुसार और योजनानुसार जानकारी प्रदान करें?
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्रीमती ललिता यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) भाग के उत्तर में संलग्न प्रपत्र-एक में अंकित सभी योजनाएं सरल क्रमांक 18 पर अंकित अल्पसंख्यक बाहुल्य क्षेत्रों की विकास योजना को छोड़कर उज्जैन जिले में लागू है। विधानसभा क्षेत्रवार योजना का संचालन नहीं किया जाता है किन्तु सभी विधानसभा क्षेत्रों में विभाग की छात्रवृत्ति एवं मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना का लाभ पहुँचाया जा रहा है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है।
स्वास्थ्य केन्द्र की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
153. ( क्र. 1954 ) श्री मुकेश पण्ड्या : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़नगर विधानसभा में कुल कितने स्वास्थ्य केन्द्र स्वीकृत हैं वर्तमान में कितने स्वास्थ्य केन्द्रों का संचालन हो रहा है तथा कितने स्वास्थ्य केन्द्र प्रस्तावित होकर कार्य प्रारंभ होने की स्थिति में है? (ख) विधान सभा में स्वीकृत कितने स्वास्थ्य केन्द्र में कितना-कितना स्टॉफ कार्यरत है? कितने स्वास्थ्य केन्द्र स्वयं के भवन में संचालित हैं तथा कितने भवनविहिन हैं? (ग) भवनविहिन स्वास्थ्य केन्द्रों के भवन निर्माण के लिये शासन की क्या योजना है तथा बड़नगर विधानसभा में और कितने स्वास्थ्य केन्द्रों की स्वीकृति के लिये प्रस्ताव प्राप्त हुए है।
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) बड़नगर विधानसभा में एक 100 बिस्तरीय सिविल अस्पताल बड़नगर, एक 30 बिस्तरीय सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, तीन 06 बिस्तरीय प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र एवं 45 उप स्वास्थ्य केन्द्र स्वीकृत है। वर्तमान में 37 उप स्वास्थ्य केन्द्रों का संचालन हो रहा है। शेष 13 नवीन उप स्वास्थ्य केन्द्र स्वीकृत हुये जिनके प्रारंभ की कार्यवाही प्रचलन में है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) सीमित वित्तीय संसाधन के कारण भवनविहिन स्वास्थ्य संस्थाओं के निर्माण की वर्तमान में कोई योजना नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
डॉक्टरों के रिक्त पदों की पूर्ति
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
154. ( क्र. 1955 ) श्री लोकेन्द्र सिंह तोमर : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला खंडवा के विकासखण्ड पुनासा, किल्लोद और हरसूद के अंतर्गत प्रत्येक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर डॉक्टरों के कितने पद रिक्त हैं? (ख) डॉक्टरों के रिक्त पद कब तक भरे जायेंगे? (ग) प्रश्नकर्ता द्वारा डॉ यशवंत इंगला व डॉ अंबर जोशी को प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र में स्थानांतरित करने हेतु कितने पत्र दिए गए है? इनका स्थानांतरण क्यों नहीं किया गया है? इन डॉक्टरों का स्थानांतरण कब तक कर दिया जायेगा?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। किल्लोद एवं हरसुद सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र है। इसके अंतर्गत अन्य कोई प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र स्वीकृत नहीं है। (ख) मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग के माध्यम से 1896 चिकित्सकों की चयन प्रक्रिया प्रचलन में है। आयोग से चयन सूची प्राप्त होने पर उपलब्धता एवं आवश्यकता अनुसार पदपूर्ति की जावेगी। (ग) डॉ. यशवंत इंगला के स्थानांतरण हेतु माननीय सदस्य द्वारा दिनांक 30.03.2016 को तथा डॉ. अंबर जोशी के स्थानांतरण के संबंध में दिनांक 02.03.2016 एवं 31.10.2015 को पत्र लिखा गया। डॉ. यशवंत इंगला के स्थानांतरण के संबध में माननीय सदस्य महोदय को तद्नुसार स्थानांतरण में कठिनाई से अवगत कराने संबंधी पत्र क्रमांक 1231, दिनांक 23.07.2016 द्वारा लिखा गया। डॉ. अंबर जोशी के स्थानांतरण के संबंधी प्रकरण स्थानांतरण नीति में रखे जाने के निर्देश थे वर्ष 2016 में स्थानांतरण आवेदन-पत्र ऑन-लाईन प्राप्त किये जाने का निर्णय लिया गया। ऑन-लाईन आवेदन में डॉ. अंबर जोशी का नाम सरल क्रमांक 68 में पंजीबद्ध हुआ किन्तु स्थानातरण हेतु प्रस्तावित नहीं हुआ। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
बस्ती विकास योजना के कार्य
[आदिम जाति कल्याण]
155. ( क्र. 1957 ) श्री लोकेन्द्र सिंह तोमर : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला खंडवा के अंतर्गत अ.ज.जा. व अ.जा. बस्ती विकास की वर्ष 2015-16 व 2016-17 में कितनी राशि स्वीकृत हुई है? (ख) क्या प्रश्नांश (क) अनुसार स्वीकृत राशि से कौन-कौन से विकास कार्य किस-किस ग्राम में कितनी-कितनी राशि के कराये गए हैं?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) खण्डवा जिले में वर्ष 2015-16 में अनुसूचित जाति बस्ती विकास में राशि रूपये 71.77 लाख एवं वर्ष 2016-17 में रूपये 101.25 लाख राशि कार्यों के लिए स्वीकृत है। अनुसूचित जनजाति बस्ती विकास में वर्ष 2015-16 में राशि रूपये 159.49 लाख एवं वर्ष 2016-17 में रूपये 140.29 लाख स्वीकृत है। (ख) खण्डवा जिले में वर्ष 2015-16 एवं वर्ष 2016-17 में स्वीकृत कार्यों की ग्रामवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
छात्र संख्यानुपात में शिक्षकों की नियुक्ति
[स्कूल शिक्षा]
156. ( क्र. 1959 ) श्री सूबेदार सिंह रजौधा : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विकासखण्ड मुरैना में छात्र संख्यानुपात में शिक्षकों की कमी है? यदि हाँ, तो शासन के आदेशानुसार अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति न करने का क्या कारण है? यदि नहीं, तो स्कूलवार छात्रवार जानकारी व पदस्थ शिक्षकों की जानकारी उपलब्ध कराई जावें? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित समस्या ग्रसित स्कूलों की सूची उपलब्ध कराई जा सकेगी और उसमें अतिथि शिक्षक पदस्थ न करने के क्या कारण रहे? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) में उल्लेखित समस्या से छात्रों की पढ़ाई पर विपरीत असर पड़ रहा है जो कि भविष्य के लिए अपूरनीय क्षति है, इस हेतु जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ क्या वैधानिक कार्यवाही कर छात्र अनुपात में अतिथि शिक्षक नियुक्त किए जावेंगे? यदि हाँ, तो कब तक?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। शासन आदेशानुसार शाला प्रबंधन समिति (एस.एम.सी.) द्वारा अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति की गई है, यद्यपि 02 हाई स्कूल, 22 मा.वि. एवं 39 प्राथमिक विद्यालयों में पदाभिलाषी (उम्मीदवार) उपलब्ध न होने से अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति नहीं की जा सकी है, स्कूलवार-छात्रवार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उत्तरांश ‘क’ अनुसार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) उत्तरांश (क) में वर्णित प्राथमिक एवं माध्यमिक विद्यालयों में पदस्थ स्टाफ द्वारा अध्यापन कार्य कराये जाने एवं उन्नयन हुए नवीन हाई स्कूलों में माध्यमिक विद्यालय के स्टाफ द्वारा अध्यापन कार्य कराये जाने के फलस्वरूप छात्रों की पढ़ाई पर विपरीत असर नहीं पड़ रहा है। अतः किसी जिम्मेदार अधिकारी के खिलाफ कोई भी वैधानिक कार्यवाही किये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। उक्त विद्यालयों में पदाभिलाषी उपलब्ध होने पर अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति की जाना संभव होगा, समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
प्राचार्य द्वारा की गई अनियमितता की जाँच
[आदिम जाति कल्याण]
157. ( क्र. 1965 ) श्री संजय उइके : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा वर्तमान प्राचार्य कन्या शिक्षा परिसर बालाघाट के विरूद्ध उत्कृष्ट विद्यालय बिरसा एवं बैहर में प्राचार्य पदस्थी के दौरान की गई अनियमितता की जाँच हेतु आयुक्त आदिम जाति कल्याण विभाग को पत्र लिखा गया था? (ख) यदि हाँ, तो यदि उक्त पत्रानुसार जाँच कार्यवाही पूर्ण कर ली गई हो तो जाँच प्रतिवेदन उपलब्ध करावें और जाँच कार्यवाही पूर्ण न की गयी हो तो कब तक जाँच पूर्ण कर ली जावेगी समय-सीमा बतावें।
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जाँच प्रतिवेदन संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
सामग्री खरीदी में वित्तीय अनियमितता
[स्कूल शिक्षा]
158. ( क्र. 1970 ) श्रीमती इमरती देवी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आयुक्त लोक शिक्षण संचालनालय भोपाल द्वारा प्राचार्य के मांग पत्र पर फर्नीचर, कार्यालय उपकरण स्टेशनरी आदि क्रय करने हेतु सत्र २०१४-१५ में डी.डी.ओ. कोड क़मांक ०९२२००३०१५ से रूपये २०७३५००/बीस लाख तिहत्तर हजार पाँच सौ शा.उत्कृष्ट उच्चतर मा.वि. सेंवडा जिला दतिया को प्रदाय किये गये थे? (ख) यदि हाँ, तो क्या उपरोक्त विद्यालय के तत्कालीन प्राचार्य के द्वारा सामग्री क्रय में आयुक्त लोक शिक्षण भोपाल के पत्र क्रमांक/बजट/२०१५/४६/भोपाल दिनांक ०६-५-२०१५ की कण्डिका २ व ४ में दिये गये भण्डार क्रय नियम का पालन किया गया है? यदि हाँ, तो क्या कोई सक्षम अधिकारी की स्वीकृति ली गई है? यदि हाँ, तो प्रति उपलब्ध करावें। (ग) क्या उपरोक्त तत्कालीन प्राचार्य द्वारा शाला हेतु सभी सामग्री दिनांक ०५-०६-२०१४ से १९-०३-२०१५ तक सम्पूर्ण राशि २०७३५००/आहरण कर क्रय की गई है? यदि हाँ, तो क्या प्राचार्य को सीधे सामग्री क्रय के अधिकार थे? नहीं तो क्या वित्तीय अनियमितता की गई है? (घ) यदि हाँ, तो प्राचार्य पर आज दिनांक तक सेवा समाप्ति की कार्यवाही क्यों नहीं की गई? क्या ऐसे ही अन्य प्रकरणों में कोई कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो फिर इन पर क्यों नहीं की गई? यदि नहीं, तो कब तक की जावेगी।
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रकरण में जाँच की कार्यवाही प्रचलित है। (ग) प्रकरण में प्राचार्य शा. उत्कृष्ट उ.मा.वि. सेवढ़ा जिला दतिया को संचालनालय के पत्र क्रमांक/स्था-1/सत/सी/दतिया/2015/102 दिनांक 14/02/2016 द्वारा कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया है। प्रकरण में कार्यवाही प्रचलन में है। (घ) कार्यवाही वर्तमान में प्रचलित है, जाँच पूर्ण होने पर नियमानुसार कार्यवाही की जा सकेगी। समय सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
सहायक शिक्षकों को पदोन्नति/समयमान वेतनमान दिया जाना
[स्कूल शिक्षा]
159. ( क्र. 1974 ) श्री जालम सिंह पटेल : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नरसिंहपुर एवं भोपाल जिलों में प्रश्न दिनांक तक कितने सहायक शिक्षकों को पदोन्नति दी जानी है? पदोन्नति से वंचित सहायक शिक्षकों को कब तक पदोन्नति दे दी जाएगी? (ख) प्रश्नांश (क) दर्शित जिलों के सहायक शिक्षकों को समयमान वेतनमान कब तक दे दिया जाएगा? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) में उल्लेखित जिलों के सहायक शिक्षकों को पदोन्नति एवं समयमान वेतनमान का लाभ आज दिनांक तक न देने का क्या कारण है?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) नरसिंहपुर एवं भोपाल जिले में प्रश्न दिनांक तक क्रमश: 109 एवं 1306 सहायक शिक्षकों की पदोन्नति की जाना है। मान. उच्च न्यायालय जबलपुर के पारित निर्णय दिनांक 30/04/2016 में मान. सर्वोच्च न्यायालय द्वारा स्थगन प्रदान किये जाने के उपरांत पदोन्नति की प्रक्रिया एवं कार्यवाही स्थगित है। (ख) सहायक शिक्षकों को समयमान वेतनमान दिये जाने का प्रावधान नहीं है। (ग) उत्तरांश 'ख' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
संविदा शाला शिक्षक वर्ग-2 एवं वर्ग-3 के पद पर अनुकंपा नियुक्ति
[स्कूल शिक्षा]
160. ( क्र. 1975 ) श्री के.डी. देशमुख : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या संविदा शाला शिक्षक वर्ग-2 एवं वर्ग-3 के पद पर अनुकंपा नियुक्ति प्रदान करने हेतु नियम निर्धारित किये गये हैं? (ख) क्या इन नियमों के अंतर्गत अनुकंपा नियुक्ति प्राप्त करने हेतु डी.एड./बी.एड. तथा मध्यप्रदेश व्यावसायिक परीक्षा मण्डल द्वारा आयोजित की जाने वाली पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण करना अनिवार्य है? (ग) यदि हाँ, तो जबलपुर संभाग के अंतर्गत आने वाले जिलों में जिला शिक्षा अधिकारियों द्वारा वर्ष 2010 के पश्चात आज दिनांक तक संविदा शाला शिक्षक वर्ग-2 एवं वर्ग-3 के पद पर पात्रता न रखने वाले कितने अभ्यर्थियों को अनुकंपा नियुक्ति प्रदान की गई है? नाम, योग्यता, नियुक्ति प्रदान करने की तिथि की जानकारी दें। (घ) क्या नियमों के उपरांत भी पात्रता न रखने वाले अभ्यर्थियों को अनुकंपा नियुक्ति प्रदान करने वाले अधिकारियों पर विभाग द्वारा कोई कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, तो क्यों? क्या नियम विरूद्ध की गई इन नियुक्तियों को निरस्त किया जावेगा तथा नियम विरूद्ध कार्य करने वाले इन अधिकारियों पर दण्डात्मक कार्यवाही कब तक की जावेगी? (ड.) उपरोक्त संबंध में जबलपुर संभाग के बालाघाट एवं नरसिंहपुर जिलों में नियम विरूद्ध अनुकंपा नियुक्ति के संबंध में माननीय विधायक वारासिवनी के द्वारा वर्षाकालीन सत्र में ध्यानाकर्षण सूचना दिनांक 21.07.16 के संबंध में विभाग द्वारा दी गई जानकारी अनुसार नियम विरूद्ध अनुकंपा नियुक्ति प्रदान करने वाले अधिकारियों पर अब तक क्या कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, तो क्यों? नियम विरूद्ध कार्य करने वाले ऐसे अधिकारियों के विरूद्ध दण्डात्मक कार्यवाही कब तक की जावेगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) जबलपुर संभाग के अंतर्गत आने वाले जिलों में जिला शिक्षा अधिकारियों द्वारा वर्ष 2010 के पश्चात् संविदा शाला शिक्षक वर्ग-2 के पद पर 22 तथा संविदा शाला शिक्षक वर्ग-3 के पद पर 98 कुल 120 अभ्यार्थियों को अनुकंपा नियुक्ति प्रदान की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखें परिशिष्ट अनुसार है। (घ) नियम विरूद्ध अनुकंपा नियुक्ति प्रदान की गई है उनकी जाँच कराई जा रही है। जाँच प्रतिवेदन प्राप्त होने के उपरांत गुण-दोष के आधार पर अनुकंपा नियुक्ति को निरस्त किये जाने तथा दोषी अधिकारी/कर्मचारी के संबंध में नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ड.) जबलपुर संभाग अंतर्गत बालाघाट एवं नरसिंहपुर जिलो में संविदा शाला शिक्षक वर्ग 2 एवं 3 के पद पर नियम विरूद्ध की गई अनुकंपा नियुक्ति के संबंध में दोषी अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध जाँच प्रचलित है। जाँच कार्यवाही पूर्ण होने के बाद ही नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी, समय सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
बी.एम.सी. सागर में नियम विपरीत डी.पी.सी.
[चिकित्सा शिक्षा]
161. ( क्र. 1976 ) श्री के.डी. देशमुख : क्या राज्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बी.एम.सी. सागर में तत्कालीन अधिष्ठाता (डॉ. एल.पी.वर्मा) की अध्यक्षता में की गई डी.पी.सी. (भृत्य से वाहन चालक) शासन के नियमों के विपरीत की गई? हाँ या नहीं? (ख) क्या शासन के नियमों के विपरीत लिये गये निर्णय के दोषी अधिकारियों के विरूद्ध विभागीय जाँच संस्थापित होगी? हाँ या नहीं? जाँच कब तक संस्थापित होगी? (ग) क्या तत्कालीन अधिष्ठाता द्वारा जबलपुर में पदस्थ रहने के दौरान भी पदोन्नति समिति की बैठक में अनियमितता की गई थी? क्या जाँच हुई अथवा नहीं? जाँच कब तक की जावेगी समयावधि बतावें? (घ) क्या बी.एम.सी. सागर में उपकरण/ठेके एवं अन्य सामग्री खरीदी में हुई वित्तीय अनियमितता के चलते तत्कालीन अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध आरोप पत्र शासन द्वारा वर्ष 2014 में चाहे गये थे? क्या आरोप पत्र जारी कर दिये गये हैं? यदि नहीं, तो कब जारी किये जावेंगे समयावधि बतावें?
राज्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा ( श्री शरद जैन ) : (क) जी हाँ। (ख) भर्ती नियमों के प्रावधानों के विरूद्ध की गई पदोन्नति को अधिष्ठाता, चिकित्सा महाविद्यालय, सागर के आदेश दिनांक 02/09/2016 द्वारा निरस्त किया गया है। वाहन चालक के पद पर पदोन्नत कर्मचारी द्वारा पदोन्नति निरस्त किये जाने के आदेश के विरूद्ध रिट याचिका क्रमांक 17355/2016 दायर की गई हैं माननीय उच्च न्यायालय द्वारा दिनांक 16/11/2016 को पारित आदेश द्वारा अधिष्ठाता, चिकित्सा महाविद्यालय, सागर के जारी आदेश दिनांक 02/09/2016 पर स्थगन दिया गया है न्यायालयीन स्थगन आदेश दिनांक 02/09/2016 फलस्वरूप के प्रकरण में आगामी कार्यवाही स्थगित है। (ग) उत्तरांश ''ख'' के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) दोषी अधिकारी/कर्मचारियों के विरूद्ध आरोप पत्र जारी करने की कार्यवाही प्रचलित है।
फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर नियुक्ति
[स्कूल शिक्षा]
162. ( क्र. 1977 ) श्री के.डी. देशमुख : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग द्वारा जिला बालाघाट में वर्तमान में पदस्थ जिला शिक्षा अधिकारी को अनुसूचित जाति वर्ग में नियुक्ति प्रदान की गई है? यदि हाँ, तो कब? क्या नियुक्ति प्रदान करने के पूर्व जाति प्रमाण पत्र का सत्यापन कराया गया था? यदि हाँ, तो कब और किस दिनांक को और यदि नहीं, तो क्यों? (ख) क्या उक्त अधिकारी द्वारा अवैध जाति प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने के संबंध में विभाग को कोई शिकायतें प्राप्त हुई हैं? यदि हाँ, तो शिकायतों पर प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई है तथा किन-किन अधिकारियों एवं किन विभागों द्वारा जाँच की गई है? जाँच में क्या पाया गया है? (ग) क्या जाँच में जाति प्रमाण पत्र नियम विरूद्ध अवैध पाये गये हैं? यदि हाँ, तो संबंधित अधिकारी पर विभाग द्वारा नियमानुसार दण्डात्मक कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो कब व किस दिनांक को? यदि कार्यवाही नहीं की गई तो क्यों एवं यदि कार्यवाही की जावेगी तो कब तक?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी नहीं। उपलब्ध अभिलेख अनुसार संबंधित की तत्समय प्रथम नियुक्ति आदिवासी विकास विभाग अंतर्गत उच्च श्रेणी शिक्षक पद पर दिनांक 05.09.1985 को जिला छिंदवाड़ा में अनुसूचित जनजाति वर्ग में नियुक्ति हुई थी। तत्पश्चात् म.प्र. लोक सेवा आयोग के माध्यम से चयन उपरांत स्कूल शिक्षा विभाग के आदेश क्र./एफ-13-32 /20-1, दिनांक 24.06.1997 द्वारा प्राचार्य उ.मा.वि. के पद पर नियुक्ति की गई। नियुक्ति के समय प्रमाण पत्रों के सत्यापन की कार्यवाही नहीं की जाती थी। अतः शेषांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी नहीं। अपितु शिकायत अध्यक्ष म.प्र. लोकसेवा आयोग इंदौर को की गई थी एवं उसकी प्रतिलिपि अन्य एवं लोकायुक्त म.प्र. भोपाल को दी गई थी। लोकायुक्त कार्यालय से राज्य स्तरीय छानबीन समिति को श्री लाल का प्रकरण प्राप्त हुआ। जिसके अनुक्रम में शिकायत की जाँच राज्य स्तरीय छानबीन समिति द्वारा की जाकर दिनांक 16-3-2004 को निर्णय पारित किया गया। समिति का प्रतिवेदन पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ। समिति द्वारा लिये गये निर्णय के क्रम में आयुक्त आदिवासी विकास मं.प्र. के पत्र क्रमाक 10547-548 दिनांक 14.6.2005 के द्वारा कलेक्टर जिला छिन्दवाड़ा को समिति की अनुशंसा अनुसार कार्यवाही हेतु लिखा गया है। माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में श्री लाल द्वारा डब्ल्यू.पी. 5107/2005 दायर की गई। माननीय न्यायालय द्वारा आदेश विरूद्ध 18.07.2005 द्वारा आगामी तिथि तक कार्यवाही नहीं करने के निर्देश दिए गए है। प्रकरण में सहायक आयुक्त आदिवासी विकास जिला छिंदवाड़ा एवं प्रभारी अधिकारी द्वारा दिनांक 26.10.2005 में जवाबदावा प्रस्तुत किया जा चुका है। साथ ही दिनांक 04.05.07 को मान. न्यायालय में स्थगन शिथिल करने हेतु आवेदन पत्र प्रस्तुत किया गया है। वर्तमान में माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में प्रकरण प्रचलित है।
सरकारी सीटों पर अन्य को प्रवेश दिया जाना
[चिकित्सा शिक्षा]
163. ( क्र. 1980 ) श्री जितू पटवारी : क्या राज्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अपीलेट अथारिटी जी के दास ने ए.एफ.आर.सी. के आदेश के खिलाफ निजी चिकित्सा महाविद्यालय की अपील पर सरकारी सीटों पर अन्य को प्रवेश देने के बारे में वर्ष 2015 में दिये फैसले में किस-किस वर्ष के कुल कितनी सीटों को चिन्हित किया गया था? कॉलेज अनुसार वर्ष अनुसार बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित सीटों पर प्रवेश दिये गये अभ्यार्थी के नाम, पिता का नाम, पता सहित सूची देवे तथा बतावें कि शासन ने इन विद्यार्थियों द्वारा नियम विरूद्ध प्रवेश लेने पर क्या कार्यवाही की? (ग) वर्ष 2014 तथा 2015 में निजी चिकित्सा महाविद्यालयों को सरकारी सीटों पर प्रवेश देने हेतु संचालनालय चिकित्सा शिक्षा द्वारा जो सूची दी गई थी उसकी प्रति देवें तथा बतावें कि सूची अनुसार कितनों को प्रवेश दिया गया तथा जिन्हें प्रवेश नहीं दिया गया उसके क्या कारण थे? (घ) वर्ष 2013 से 2016 तक निजी चिकित्सा महा. में एन.आर.आई. कोटे में प्रवेशित अभ्यार्थियों के नाम, पिता का नाम, पता सहित सूची देवें तथा अभ्यर्थी द्वारा एन.आर.आई. संबंधी दिये गये सारे दस्तावेजों की प्रतिलिपि देवें?
राज्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा ( श्री शरद जैन ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
आर.टी.ई. के तहत ऑनलाइन एवं ऑफलाइन प्राप्त आवेदन
[स्कूल शिक्षा]
164. ( क्र. 1981 ) श्री जितू पटवारी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इंदौर, उज्जैन जिले में वर्ष 2016-17 में R.T.E. (शिक्षा के अधिकार) के तहत कितने आवेदन ऑनलाईन प्राप्त हुए, की जानकारी देवें? ऑफलाइन आवेदनों की विद्यालयवार जानकारी देवें? (ख) इन्दौर, उज्जैन जिले में कुल कितनी सीटें निर्धारित थी वर्ष 2016-17 के संदर्भ में बतावे, इनमें कितनी सीटे किन स्कूलों में भरी गई? स्कूल नाम, सीट संख्या सहित देवें? इनमें कितनी सीटें आनलाईन भरी गई की जानकारी देवें? (ग) क्या सीटें रिक्त होने पर भी प्राप्त आवेदनों को अमान्य करते हुए एडमीशन नहीं दिए गए क्यों? कारण सहित स्कूलवार जानकारी देवें। (घ) वर्ष 2015-16 में इंदौर, उज्जैन जिले के स्कूलों में R.T.E. (शिक्षा के अधिकार) के लिए कितनी राशि का भुगतान किया गया, कितनी राशि का भुगतान शेष है? स्कूलवार जानकारी देवें।
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) शिक्षा का अधिकार अधिनियम के अंतर्गत वर्ष 2016-17 में गैरन अनुदान प्राप्त अशासकीय विद्यालयों में वंचित समूह एवं कमजोर वर्ग के बच्चों के नि:शुल्क प्रवेश के लिए उज्जैन जिलें में 9866 तथा इंदौर जिलें में 18689 ऑनलाइन आवेदन प्राप्त हुए। उज्जैन जिले में ऑफलाईन प्राप्त आवेदनों की संख्या निरंक है और इंदौर जिले में प्राप्त ऑफलाइन आवेदनों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है, जिन्हें स्कूलों द्वारा ऑनलाइन किया गया है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। वर्ष 2016-17 में सभी सीटे ऑनलाइन प्रवेश प्रक्रिया के तहत भरी गई है। (ग) अशासकीय शालाओं में शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत आरक्षित एवं रिक्त सीटों पर ऑनलाइन लॉटरी उपरांत पात्र बच्चों को नियमानुसार प्रवेश दिये गये है। (घ) वर्ष 2015-16 की फीस प्रतिपूर्ति की कार्यवाही प्रचलन में है।
एकलव्य आवासीय विद्यालय गुना में शैक्षणिक स्तर सुधार
[आदिम जाति कल्याण]
165. ( क्र. 1984 ) श्रीमती ममता मीना : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गुना जिला मुख्यालय पर संचालित एकलव्य आवासीय विद्यालय का बोर्ड परीक्षाओं में शैक्षणिक सत्र 2015-16 के परीक्षा परिणाम क्या रहें? (ख) क्या ग्वालियर संभाग के विशेष पिछड़ी जनजाति के बच्चों को प्रवेश परीक्षा के माध्यम से इस संस्था में प्रवेश दिया जाता है यदि हाँ, तो इस संस्था की स्थापना विशेष पिछड़ी जनजाति के बच्चों को उत्कृष्ट शिक्षा हेतु की गई है फिर इस संस्था में बोर्ड परीक्षाओं के परीक्षा परिणाम अत्यधिक खेद जनक क्यों आये कारण बतायें? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के परिप्रेक्ष्य में क्या विगत वर्षों की तुलना में परीक्षा परिणाम प्राचार्य की पदस्थापना के बाद बिगड़े है यदि हाँ, तो प्राचार्य के विरूद्ध आज दिनांक तक कार्यवाही हुई? यदि नहीं, तो क्यों कारण बतायें। प्राचार्य के विरूद्ध शासन/विभाग कार्यवाही कब तक करेगा। (घ) एकलव्य आवासीय विद्यालय गुना से पूर्व में पदस्थ शैक्षणिक अमले को सेवा से पृथक क्यों किया गया है? कारण बतायें। साथ ही इस संस्था में शैक्षणिक स्तर में जो गिरावट आई है क्या इस परिप्रेक्ष्य में विभाग द्वारा आज दिनांक तक कोई प्रभावी कार्यवाही की गई?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) शैक्षणिक सत्र 2015-16 में 10वीं बोर्ड परीक्षा का परिणाम 50 प्रतिशत एवं 12वी बोर्ड परीक्षा का परिणाम 25 प्रतिशत रहा है। (ख) जी हाँ। विद्यालय के 10वीं बोर्ड परीक्षा के परिणाम 50 प्रतिशत, जो मध्यप्रदेश राज्य के 10वीं के औसत परीक्षा परिणाम 53.87 प्रतिशत है, परन्तु विद्यालय का 12वीं का परीक्षा परिणाम विषय अध्यापक न मिलने के कारण अपेक्षानुरूप नहीं रहा है। (ग) जी हाँ। प्राचार्य का परीक्षा परिणाम कम रहने के कारण नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण चाहा गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) शैक्षणिक अमले को सेवा से पृथक नहीं किया गया है, बल्कि संविदा अवधि पूर्ण होने के उपरान्त दोबारा संविदा पर नहीं रखा गया है। प्राचार्य को नोटिस जारी किया गया है। परीक्षा परिणाम हेतु प्रयास जारी है।
संविदा शिक्षकों को अनियमित तरीके से सेवा से पृथक किया जाना
[आदिम जाति कल्याण]
166. ( क्र. 1985 ) श्रीमती ममता मीना : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या एकलब्य आवासीय विद्यालय गुना में चयन प्रक्रिया के माध्यम से संविदा शिक्षकों की भर्ती की गई यदि हाँ, तो शिक्षकों की भर्ती/संविदा नियुक्ति प्रथम बार किस वर्ष में हुई। भर्ती संविदा शिक्षकों के नाम, पदवार एवं पदस्थ अवधि सहित जानकारी दें? (ख) क्या विगत आठ-दस वर्षों से इन संविदा शिक्षकों की सेवा अवधि विभाग द्वारा प्रतिवर्ष बढ़ाई जाती थी यदि हाँ, तो वर्ष 2015-16 में इनकी सेवा अवधि न बढ़ाये जाने का कोई तथ्यात्मक आधार बतायें? यदि कोई आधार नहीं है तो शिक्षकों को रोजगार से वंचित क्यों किया गया? (ग) क्या एकलब्य आवासीय विद्यालय में संविदा शिक्षकों की सेवा अवधि न बढ़ाये जाने के कारण विशेष पिछड़ी जनजाति के बच्चों का शैक्षणिक स्तर कम हुआ है यदि हाँ, तो इस सर्वहारा वर्ग के बच्चों के शैक्षणिक हित में क्या पुराने अनुभवी शैक्षणिक स्टाफ की सेवा अवधि बढ़ाने हेतु शासन/विभाग कब तक निर्णय लेगा?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जी हाँ। संविदा शिक्षकों की भर्ती प्रथम बार वर्ष 2008-09 में की गई थी। भर्ती संविदा शिक्षकों के नाम, पदवार एवं पदस्थ अवधि सहित जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। शैक्षणिक सत्र 2015-16 में भी संविदा शिक्षकों की सेवा अवधि बढाई गई थी। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश ''ख'' के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
तीन वर्षों से अधिक एक ही शाखा में पदस्थ कर्मचारी
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
167. ( क्र. 1986 ) श्री के.पी. सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश क्रमांक एफ 9-1/88/क.क. एफ दिनांक 12.11.1988, क्रमांक 1631/282/1/15/89 दिनांक 12.11.1991, स्मरण पत्र क्रमांक 233/3652/1/15, दिनांक 18.02.1993 व क्रमांक एफ-6/2/ 94/1/15 दिनांक 02.06.1994 एवं समय-समय पर भी निर्देशित के साथ-साथ प्रतिवर्ष जारी स्थानांतरण नीति के अंतर्गत क्रय/भण्डार/लेखा एवं स्थापना शाखा में तीन वर्ष से अधिक निरंतर कार्य करने वाले अधिकारियों/कर्मचारियों को निश्चित रूप से हटाये जाने के आदेश दिये गये है? (ख) यदि हाँ, तो संचालनालय स्वास्थ्य सेवायें म.प्र. भोपाल के अधीन कौन-कौन से कर्मचारी तीन वर्षों से अधिक स्थापना/अविज्ञप्त शाखा (एन.जी.) में कार्यरत/पदस्थ है? उनके नाम, पद एवं उक्त शाखा में पदस्थापना/कार्यरत की जानकारी देवें। शासन के प्रचलित नियमों/प्रावधानों के विपरीत अत्यधिक वर्षों से उक्त शाखा में कार्यरत कर्मचारियों को समय रहते नहीं हटाये जाने के क्या कारण है? दोषी कौन है? (ग) क्या शासन/विभाग प्रश्नांश (क) में उल्लेखित शासनादेशों का पालन करते हुये नियम विरूद्ध स्थापना/अविज्ञप्त शाखा में कई वर्षों से कार्यरत कर्मचारियों को अन्यत्र शाखाओं में पदस्थापना/कार्य करने के निर्देश जारी करने के साथ-साथ उनके कार्यकाल की उच्चस्तरीय निष्पक्ष जाँच कराने के आदेश जारी करते हुये समय रहते शासनादेशों का उल्लंघन/अवहेलना करने वाले दोषियों पर कठोर कार्यवाही करते हुये प्रश्नांश (क) से (ग) का उत्तर आयुक्त स्वास्थ्य सेवाएं के अभिमत सहित दिया जाना सुनिश्चित करेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। स्थापना शाखा के अंतर्गत अवकाश प्रकरण/ न्यायालयीन प्रकरण/ पदोन्नति एवं नियुक्ति/आवक-जावक/सी.आर. का संधारण एवं स्थानांतरण संबंधी कार्य संपादित किये जाते है। शासन नीति अनुसार स्थापना शाखा में स्थानांतरण संबधी कार्य करने वाले लिपिक को निर्धारित समयावधि पूर्ण होने पर उसके दायित्वों में परिर्वतन किये जाते है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश (ख) के अनुक्रम में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नियम/निर्देशों के विरूद्ध कई वर्षों से पदस्थ/कार्यरत कर्मचारी
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
168. ( क्र. 1987 ) श्री के.पी. सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) संयुक्त संचालक स्वास्थ्य सेवाएं भोपाल संभाग के द्वारा विगत 5 वर्षों में प्रेषित कितने कर्मचारियों के अवकाश प्रकरण संचालनालय स्वास्थ्य सेवाएं म.प्र. को निराकरण हेतु प्राप्त हुए? कितनों का निराकरण किया गया? कितने प्रकरण किन कारणों से निराकरण हेतु कब से विचाराधीन है? प्रकरणों की प्राप्ति दिनांक सहित कितने प्रकरणों को संचालनालय स्तर से एवं कितने प्रकरणों को शासन स्तर से निराकरण किया जाना है? (ख) लम्बित प्रकरणों को कई वर्षों पश्चात् भी निराकरण नहीं करने के साथ-साथ जो प्रकरण शासन स्तर से निराकरण होने हैं उन्हें संचालनालय द्वारा शासन स्तर पर नहीं भेजे जाने के क्या कारण हैं? दोषी कौन हैं? (ग) क्या शासन के नियम/निर्देशों के विरूद्ध निर्धारित तीन वर्षों से अधिक की अवधि में एक ही शाखा स्थापना/अविज्ञप्त शाखा में कार्यरत/पदस्थ संबंधित कर्मचारी द्वारा लम्बित अवकाश प्रकरणों को एक निश्चित राशि रिश्वत के रूप में मांग अनुसार नहीं मिलने के कारण जानबूझकर रोका जा रहा है? उक्त संबंधित कर्मचारी का नाम, पदनाम एवं अविज्ञप्त शाखा में कार्यरत पदस्थापना सहित जानकारी देवें? (घ) क्या शासन/विभाग कई वर्षों से संचालनालय/शासन स्तर के लंबित अवकाश प्रकरणों का निराकरण निश्चित समयावधि में कराने के साथ-साथ रिश्वत नहीं मिलने के अभाव में प्रकरणों को जानबूझकर अकारण लम्बित रखने वाले दोषी अभिव्यक्त शाखा के कर्मचारी के विरूद्ध कठोर अनुशासनात्मक कार्यवाही करते हुए उन्हें तत्काल अन्यत्र शाखाओं में पदस्थ/कार्य करने हेतु निर्देश करते हुए उसके कार्यकाल की निष्पक्ष जाँच कराया जाना सुनिश्चित करेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) विगत 5 वर्षों 01 कर्मचारी का अवकाश प्रकरण क्षेत्रीय संचालक भोपाल द्वारा संचालनालय को निराकरण हेतु प्रेषित किया गया। प्रकरण में कार्यवाही प्रचलित है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) उत्तरांश (क) के अनुक्रम में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्तरांश (ग) के अनुक्रम में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
डी.पी.सी. में अपात्र कर्मचारियों को विशेष लाभ देना
[चिकित्सा शिक्षा]
169. ( क्र. 1988 ) श्री कमल मर्सकोले : क्या राज्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शिकायतकर्ता द्वारा प्रमुख सचिव, चिकित्सा शिक्षा को दिनांक 28.07.2016 को चिकित्सा महाविद्यालय भोपाल में हो रही अनियमितताओं की जानकारी देते हुए पारदर्शी जाँच कराने का निवेदन किया गया था? यदि हाँ, तो शिकायतकर्ता का नाम एवं पद की जानकारी दें। (ख) क्या उपरोक्त पत्र में सहायक ग्रेड-3, फार्मासिस्ट ग्रेड-2 के पदों में गोलमाल, न्यायालयीन प्रकरण के चलते कर्मचारी की पदोन्नति, बिना ड्रायविंग लायसेंस के वाहन चालकों की पदोन्नति, स्टेटीशियन की नियम विरूद्ध नियुक्ति/पदोन्नति एवं डी.पी.सी. में अपात्रों को विशेष लाभ देने इत्यादि अनियमितताओं की जानकारी मय सहपत्रों के साथ दी गई? (ग) उपरोक्त शिकायती पत्र पर विभाग/संबंधितों द्वारा कब-कब, क्या-क्या कार्यवाही की गई? जाँच का स्तर क्या है? जाँच में किन-किन बिंदुओं को शामिल किया गया एवं किन-किन बिंदुओं को नहीं एवं क्यों? (घ) क्या शासन/विभाग उपरोक्त अनियमितताओं के लिये प्रत्यक्ष रूप से दोषी स्टेटीशियन श्रीमती मीना कर्वे को तत्काल निलंबित करते हुए उपरोक्त अनियमितताओं की पारदर्शी जाँच करायेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
राज्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा ( श्री शरद जैन ) : (क) जी हाँ। श्री मनीष श्रीवास्तव, पूर्व जिला संयोजक भारतीय जनता पार्टी जिला भोपाल द्वारा गांधी चिकित्सा महाविद्यालय, भोपाल की शाखा में पदस्थ स्टेटिशियन द्वारा की गई अनियमितताओं के संबंध में शिकायत की गई है। (ख) जी हाँ। (ग) अधिष्ठाता, चिकित्सा महाविद्यालय, भोपाल के आदेश दिनांक 30/07/2016 द्वारा डॉ. ए.के.श्रीवास्तव की अध्यक्षता में 03 सदस्यीय जाँच समिति गठित की गई है। (घ) उत्तरांश ''ग'' के परिप्रेक्ष्य में गुणदोष के आधार पर नियमानुसार कार्यवाही की जा सकेगी। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
फार्मासिस्टों की समस्याओं का निराकरण
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
170. ( क्र. 1989 ) श्री कमल मर्सकोले : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अपर सचिव म.प्र. शासन लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग मंत्रालय द्वारा अपने पत्र क्र. 333/3932/ 2016/सत्रह/मेडि-1 दिनांक 03.10.2016 द्वारा आयुक्त स्वास्थ्य सेवायें म.प्र. भोपाल को प्रदेश के फार्मासिस्टों की समस्याओं के निराकरण विषयक पत्र भेजकर आठ बिन्दुओं में यथाशीघ्र कार्यवाही कर समुचित प्रस्ताव उपलब्ध कराने के निर्देश दिये गये हैं? (ख) उपरोक्त पत्र आयुक्त स्वास्थ्य सेवायें म.प्र. को कब प्राप्त हुआ एवं प्राप्त पत्र पर आयुक्त स्वास्थ्य सेवाएं म.प्र. द्वारा प्रश्न दिनांक तक कब-कब, क्या-क्या कार्यवाही की गई? बिन्दुवार बतावें।
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) दिनांक 03.10.2016 को। प्राप्त पत्र पर संचालनालय स्तर से कार्यवाही की जाकर मांग पत्र में उल्लेखित बिन्दुओं पर की गई कार्यवाही, की अद्यतन स्थिति से संचालनालय के पत्र दिनांक 23.11.2016 द्वारा अवर सचिव, मध्यप्रदेश शासन लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग एवं प्रदेश अध्यक्ष, स्टेट फार्मासिस्ट एसोसिएशन को अवगत कराया गया है। प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
शासनादेश आदेश का उल्लंघन किया जाना
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
171. ( क्र. 1991 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या खाद्य एवं औषधि प्रशासन में मध्यप्रदेश शासन सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा समय-समय पर जारी किये जाने वाले आदेश/निर्देंश का अक्षरक्ष: कड़ाई से पालन किया जाता है। (ख) यदि हाँ, तो क्या मध्यप्रदेश शासन, सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश क्रमांक एफ/21/2011/ आ.प्र./एक, दिनांक 07 मार्च 2011 का पालन खाद्य एवं औषधि प्रशासन मध्यप्रदेश द्वारा किया गया है? (ग) यदि हाँ, तो क्या मध्यप्रदेश शासन, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग का आदेश क्रमांक एफ/03/07/2012/सत्रह/मेडि-1, भोपाल दिनांक 17.12.2012 द्वारा जारी किये गये पदोन्नति आदेश में प्रश्नांश (ख) के आदेश पर पालन किया गया है। यदि नहीं, तो शासनादेश का उल्लंघन किये जाने पर क्या संबंधित दोषियों के विरूद्ध कार्रवाई करते हुये उक्त जारी आदेश तत्काल प्रभाव से निरस्त किया जायेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
शिक्षा अधिकार के नियम
[स्कूल शिक्षा]
172. ( क्र. 1994 ) डॉ. मोहन यादव : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शिक्षा के अधिकार के नियम के तहत अध्यापन कार्य किये जाने तथा करवाये जाने के क्या-क्या नियम हैं? नियमों की प्रति उपलब्ध करावे? (ख) शिक्षा के अधिकार नियम के तहत उज्जैन जिले में कितने माध्यमिक विद्यालयों में विषयवार शिक्षकों के कितने पद रिक्त हैं? रिक्त पदों की जानकारी उपलब्ध कराते हुए कितने माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षकों के स्थान पर सहायक शिक्षकों से अध्यापन कार्य करवाया जा रहा है। शालावार विषयवार कार्यरत शिक्षकों की जानकारी प्रदान करें? (ग) प्रश्नांश (ख) की जानकारी अनुसार शिक्षा के अधिकार के नियमों के लागू होने के पश्चात् किन-किन शालाओं में सहायक शिक्षकों के स्थानांतरण किये गये है? कारण सहित स्पष्ट करें?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) उज्जैन जिला अंतर्गत माध्यमिक विद्यालयों में गणित 298, अंग्रेजी 348, सामाजिक विज्ञान के 61, संस्कृत के 07 एवं विज्ञान के 05 विषयवार शिक्षकों के पद रिक्त है। माध्यमिक विद्यालयों में सहायक शिक्षक से अध्यापन कार्य कराया जा रहा है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन अनुसार है। शाला में छात्र संख्या के मान से पद रिक्त होने एवं विषय की आवश्यकता के आधार पर स्थानान्तरण नीति के तहत स्थानान्तरण किये गये है।
शिक्षकों के स्थानांतरण
[स्कूल शिक्षा]
173. ( क्र. 1995 ) डॉ. मोहन यादव : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कार्यालय जिला शिक्षा अधिकारी जिला उज्जैन एवं कार्यालय संयुक्त संचालक लोक शिक्षण उज्जैन संभाग उज्जैन में 3 वर्ष से अधिक अवधि से कार्यरत लिपिकों के स्थानांतरण के संबंध में की गई अनियमितता को लेकर दिनांक 29.09.2016 को कलेक्टर कार्यालय, संयुक्त संचालक लोक शिक्षण उज्जैन संभाग उज्जैन कार्यालय, जिला शिक्षा अधिकारी के कार्यालय में विभाग के कर्मचारियों द्वारा स्थानांतरण/संशोधन आदेश निरस्त करने के संबंध में दिये गये ज्ञापन के पालन में की गई कार्यवाही से अवगत करावें? यदि कार्यवाही नहीं की गई तो कारण बतावें? (ख) प्रश्नांश (क) की जानकारी अनुसार स्थानांतरण/संशोधन आदेश की प्रति उपलब्ध कराते हुए उक्त आदेश की वैधानिकता के संबंध में मय प्रमाण जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नकर्ता को विभाग द्वारा दिनांक 25.07.2016 को परि.अता. प्रश्न संख्या 38 (क्रमांक 1294) में दी गई जानकारी अनुसार संभागीय संयुक्त संचालक लोक शिक्षण उज्जैन संभाग उज्जैन द्वारा की गई जाँच का संपूर्ण विवरण मय प्रतिवेदन के उपलब्ध करावें तथा जाँच में दोषी अधिकारियों के विरूद्ध की गई कार्यवाही की जानकारी उपलब्ध करावें।
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जिला शिक्षा अधिकारी उज्जैन द्वारा लिपिकों के किये गये स्थानांतरण के संबंध में विभाग के कर्मचारियों द्वारा स्थानांतरण निरस्त एवं संशोधन के संबंध में प्रस्तुत ज्ञापन में स्वयं के स्थानांतरण निरस्त करने की मांग की गई थी। जिसे जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा कलेक्टर के अनुमोदन उपरांत अमान्य किया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 01 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 02 एवं 03 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 04 अनुसार है। प्रतिवेदन परीक्षणाधीन है। परीक्षणोपरांत गुण-दोष के आधार पर नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी।
14 ग्वालियर ग्रामीण क्षेत्र में स्वीकृत उपस्वास्थ्य केन्द्रों के संबंध में
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
174. ( क्र. 1999 ) श्री भारत सिंह कुशवाह : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 14 ग्वालियर ग्रामीण में वर्तमान में कितने उपस्वास्थ्य केन्द्र कहाँ-कहाँ स्वीकृत किये गये? ग्रामों के नाम बतायें? (ख) कब तक उक्त उपस्वास्थ्य केन्द्र प्रांरभ कर दिये जायेंगे एवं कब तक उपस्वास्थ्य केन्द्रों पर समस्त सुविधाएं एवं स्टाफ की व्यवस्था कर दी जावेगी? जिससे ग्रामीणों को स्वास्थ्य लाभ मिल सकें?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) 14 ग्वालियर ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत कुल 17 नवीन उप स्वास्थ्य केन्द्र हस्तिनापुर, सेथरी, भदरौली, गड़रौली, सौसा, इकाहारा, सुपावली, जमाहर, सिगौरा, जिगसौली, शंकरपुर, सौजना, वीरपुर, गिरवई, अजयपुर, तुलजायपुरा, (तुलाराम का पुरा) एवं रूद्रपुरा ग्रामों में स्वीकृत किये गये है। (ख) यथाशीघ्र। यथाशीघ्र, निश्चित समयावधि बताया जाना संभव नहीं।
योजनाओं के संबंध में एवं उन पर हुई व्यय राशि
[विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्धघुमक्कड़ जाति कल्याण]
175. ( क्र. 2000 ) श्री भारत सिंह कुशवाह : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विमुक्त घुमक्कड़ एवं अर्द्ध घुमक्कड़ जाति कल्याण विभाग द्वारा कौन-कौन सी योजनाएं संचालित है तथा विभाग द्वारा उक्त योजनाओं के प्रचार प्रसार हेतु कब-कब, क्या-क्या कदम उठाये गये? (ख) विधान सभा क्षेत्र ग्वालियर ग्रामीण में विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्धघुमक्कड़ समाज के कितने हितग्राहियों को एवं गांवों को इस योजना का लाभ वर्ष 2015-16 में मिला नाम सहित संख्या बतायें। (ग) विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्धघुमक्कड़ ग्रामों में नागरिकों को मूलभूत सुविधाएं में सड़क बिजली, पानी के लिये शासन की कौन-कौन सी योजनाएं संचालित हैं? (घ) विधान सभा क्षेत्र ग्वालियर ग्रामीण में कहाँ-कहाँ उक्त जाति के नागरिक निवासरत हैं तथा शासन विगत तीन वर्षों में उनके कल्याण के लिये कौन-कौन से कार्य कहाँ-कहाँ किये गये? उक्तावधि में किस-किस कार्य पर कितनी-कितनी राशि व्यय की गई? भविष्य में क्या योजनाएं है जिससे उक्त जाति के लोगों को लाभ मिल सकें।
राज्यमंत्री, पिछड़ा
वर्ग एवं
अल्पसंख्यक
कल्याण (
श्रीमती
ललिता यादव ) :
(क) विमुक्त, घुमक्कड़
एवं
अर्द्धघुमक्कड़
जाति कल्याण विभाग
द्वारा इस
वर्ग के लिये
संचालित
मुख्य योजनाओं
की जानकारी संलग्न
परिशिष्ट
के प्रपत्र ‘अ‘ अनुसार
है। विभाग की
योजनाओं का
प्रचार-प्रसार
जिलों में
विभाग के
जिलाधिकारी
सहायक आयुक्त, आदिवासी
विकास/जिला
संयोजक, आदिम जाति
कल्याण विभाग
द्वारा जिला
स्तरीय जागरूकता
शिविरों एवं
शैक्षणिक
संस्थाओं में
किया जाता है।
इसके अलावा जनसम्पर्क
कल्याण विभाग
की पुस्तक ''आगे
आये लाभ उठाये'' में
भी विभागीय
योजनाओं की
जानकारी
प्रचार-प्रसार
हेतु संकलित
है। (ख) वर्ष 2015-16
में विधान सभा
क्षेत्र
ग्वालियर
ग्रामीण में
विमुक्त, घुमक्कड़
एवं
अर्द्धघुमक्कड़
समाज के 16
हितग्राहियों
को जो 04
ग्रामों में
निवासरत हैं, को
आवास योजना का
लाभ दिया गया
है। जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट के
प्रपत्र ‘ब‘ अनुसार
है। (ग) विभागान्तर्गत
विमुक्त, घुमक्कड़
एवं
अर्द्धघुमक्कड़
जनजाति बस्ती
विकास योजना
एवं विमुक्त, घुमक्कड़
एवं
अर्द्धघुमक्कड़ जनजाति
की बस्तियों
में
विद्युतीकरण
योजना नियम 2016
संचालित हैं। (घ)
विमुक्त, घुमक्कड़
एवं
अर्द्धघुमक्कड़
जनजाति वर्ग की
पृथक से सर्वे
अथवा जनगणना
नहीं होने के
कारण
ग्रामवार
जानकारी
उपलब्ध नहीं
है। वर्ष 2013-14
में जिला
ग्वालियर को
सामुदायिक
भवन निर्माण
हेतु 60.00
लाख रूपये का
बजट आवंटन उपलब्ध
कराया गया था।
विमुक्त, घुमक्कड़
एवं
अर्द्धघुमक्कड़
जनजाति वर्ग के
लिये विभाग
द्वारा
संचालित
समस्त योजनाओं
का लाभ योजना
के
नियमानुसार
एवं
पात्रतानुसार
प्रदान किया
जाता है।
परिशिष्ट
- ''चौंतीस''
पी.एच.डी. उपाधि प्राप्त उपसंचालक
[आदिम जाति कल्याण]
176. ( क्र. 2001 ) चौधरी मुकेश सिंह चतुर्वेदी : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग के किस अपर संचालक ने अपने पत्र दिनांक 5 जनवरी 2012 के माध्यम से जीवाजी विश्वविद्यालय, ग्वालियर से पी.एच.डी. उपाधि प्राप्त करने की सूचना विभाग को दी थी? यदि हाँ, तो प्रस्तुत पत्र एवं सहपत्रों की प्रतियां उपलब्ध कराने की कृपा करें। (ख) क्या संबंधित अपर संचालक द्वारा नियुक्त के समय अपनी योग्यता संबंधित प्रमाणों में एम.ए. फायनल (भूगोल) की गढ़वाल विश्वविद्यालय की मार्कशीट की प्रति प्रस्तुत की थी? यदि हाँ, तो उसकी प्रति उपलब्ध करावें। (ग) क्या उक्त अपर संचालक द्वारा स्नातकोत्तर भूगोल विभाग एवं शोध केन्द्र, शासकीय उत्कृष्ट स्नातकोत्तर महाविद्यालय, मुरैना से कोर्स कार्य/शोध कार्य/शोध अध्ययन के लिये दिनांक 13 मई 2008 से 12 दिसम्बर 2011 तक अर्जित अवकाश लिया गया था? यदि हाँ, तो कब-कब कितना-कितना? उसका विवरण अर्जित अवकाश के आवेदन पत्र की प्रति के सहित उपलब्ध करावें। (घ) कोर्स कार्य/शोध कार्य/शोध अध्ययन के लिये गये अवकाशों को छोड़कर क्या संबंधित अपर संचालक द्वारा दिनांक 13 मई 2008 से 12 दिसम्बर, 2011 तक अर्जित अवकाश लिया गया था? यदि हाँ, तो कब-कब कितना-कितना?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) श्री एस.एस. भण्डारी, अपर संचालक, द्वारा जानकारी दी गई। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) 12 दिसम्बर 2011 से 4 जनवरी 2012 तक अर्जित अवकाश लिया गया था। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (घ) जी हाँ, केवल 12 दिसम्बर 2012 को छोड़कर। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार है।
अनुसूचित जाति बस्ती में कराये गये निर्माण कार्य
[अनुसूचित जाति कल्याण]
177. ( क्र. 2003 ) चौधरी मुकेश सिंह चतुर्वेदी : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग से हरिजन बस्ती में निर्माण कार्य स्वीकृत करने के कोई नियम निर्देश जारी किये गये है? यदि हाँ, तो उक्त नियम निर्देशों की प्रति उपलब्ध करावें? (ख) आदिम जाति कल्याण विभाग भिण्ड द्वारा जिला भिण्ड के अंतर्गत वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक जिले में कितने विकास कार्य कितनी-कितनी धनराशि से कराये गये है? विधानसभा क्षेत्र, ग्राम पंचायतवार जानकारी दी जावे? (ग) उक्त अवधि में विधानसभा क्षेत्र मेहगांव के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायतों में से कितनी ग्राम पंचायत के प्रस्ताव हरिजन बस्ती में निर्माण कार्य कराये जाने बाबत् कब-कब विभाग को प्राप्त हुये? ग्राम पंचायत वार दिनांक वार कार्यवार जानकारी दी जावे?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जी हाँ। अनुसूचित जाति बस्ती विकास योजना नियम 2014 की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है।
अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति
[स्कूल शिक्षा]
178. ( क्र. 2004 ) चौधरी मुकेश सिंह चतुर्वेदी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड जिलांतर्गत मेहगांव तहसील में वर्ष माह जुलाई 2016 में किस-किस शासकीय माध्यमिक शिक्षण संस्था में कौन-कौन अतिथि शिक्षक ने कार्य किया है? नामवार संस्थावार जानकारी देवें? (ख) क्या शासकीय मा.वि. रामपुरा (खेरियावाग) विकासखण्ड मेहगांव में माह अगस्त 2016 में कार्यरत अतिथि शिक्षक को हटाया जाकर उसके स्थान पर अतिशेष शिक्षक को शासकीय मा.वि. रामपुरा (खेरियावाग) विकासखण्ड मेहगांव पदस्थ कर दिया गया है? यदि हाँ, तो किस नियम से तथा किसके आदेश से? (ग) क्या शासकीय मा.वि. रामपुरा (खेरियावाग) विकासखण्ड मेहगांव के अलावा भी मेहगांव विकासखण्ड के अंतर्गत संचालित शासकीय शिक्षण संस्थाओं में अतिशेष शिक्षकों के होते हुये भी अतिथि शिक्षक वर्तमान में कार्यरत हैं? यदि हाँ, तो किस नियम से और किसके आदेश से? आदेश की प्रति उपलब्ध करावे।
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) स्कूल शिक्षा विभाग के परिपत्र क्र. एफ 44/2014/20-2/711 दिनांक 19.5.16 के पालन में शा.प्रा.वि. सोनी से छात्र संख्या कम होने से एवं बालक/कन्या प्रा.वि. का एकीकरण होने से अतिशेष शिक्षकों में से विषयमान के आधार पर स्नातक योग्यताधारी श्री मुकट सिंह नरवरिया सहा.शि. की दिनांक 24.8.16 को मा.वि. खेरिया बाग में शैक्षणिक व्यवस्था की गई है। (ग) विकासखण्ड मेहगांव अंतर्गत विषयमान से स्नातक योग्यताधारी अतिशेष शिक्षक नहीं होने से रिक्त पदों पर अतिथि शिक्षकों को रखा गया है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अनुकंपा नियुक्त एम.पी.डब्ल्यू.के शेष स्वत्वों का भुगतान
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
179. ( क्र. 2005 ) श्री केदारनाथ शुक्ल : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. शासन द्वारा स्वास्थ्य विभाग में अनुकंपा नियुक्त किये गये एम.पी.डब्ल्यू. कर्मचारियों को समय-समय पर प्रशिक्षण दिलाये जाने की व्यवस्था की गई है? (ख) वर्ष 2000 से आज तक कुल कितने लोगों का उक्त पद पर अनुकंपा नियुक्ति दी गई है तथा कितने लोगों को प्रशिक्षण दिलाया जा चुका है व अभी कितने एम.पी.डब्ल्यू. कर्मचारी प्रशिक्षण के लिये शेष है? (ग) क्या सभी एम.पी.डब्ल्यू. कर्मचारियों को वेतन के साथ समय-समय पर देय सभी भत्तों का भुगतान समय पर किया जा रहा है? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) समयमान वेतनमान आदि शेष भत्तों का भुगतान कब तक में किया जावेगा?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी नहीं। शासन नियमानुसार प्रशिक्षण उत्तीर्ण करने के पश्चात् ही अनुकम्पा नियुक्ति दिये जाने का प्रावधान है। (ख) वर्ष 2000 से आज तक प्रदेश में कुल 317 लोगों को एम.पी.डब्ल्यू. के पद पर अनुकम्पा नियुक्ति प्रदान की गई है, 231 कर्मचारी प्रशिक्षण प्राप्त है एवं 86 कर्मचारी प्रशिक्षण के लिए शेष है। (ग) जी हाँ। प्रशिक्षण प्राप्त सभी एम.पी.डब्ल्यू. कर्मचारियों को शासन द्वारा समय-समय पर निर्धारित देय सभी भत्तों का भुगतान किया जाता है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्तरांश (ग) के अनुक्रम में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
फार्मासिस्टों की समस्या का निराकरण
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
180. ( क्र. 2011 ) एडवोकेट सत्यप्रकाश सखवार : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अपर सचिव म.प्र. शासन लो.स्वा. एवं परिवार कल्याण विभाग मंत्रालय द्वारा अपने पत्र क्र. 3333/3932/2016 सत्रह/मेडि-1, दिनांक 3.10.2016 द्वारा आयुक्त स्वास्थ्य सेवाएं म.प्र. भोपाल को प्रदेश के फार्मासिस्टों की समस्या के निराकरण विषयक पत्र भेजकर आठ बिंदुओं में यथाशीघ्र कार्यवाही कर समुचित प्रस्ताव उपलब्ध कराने के निर्देश दिये गये हैं? (ख) यदि हाँ, तो उपरोक्त पत्र आयुक्त स्वास्थ्य सेवायें म.प्र. को कब प्राप्त हुआ एवं प्राप्त पत्र पर आयुक्त स्वा. सेवाएं द्वारा प्रश्न दिनांक तक कब-कब क्या-क्या कार्यवाही की गई है? बिंदुवार बतावें एवं प्रश्नांश (क) में वर्णित आदेशों की प्रति उपलब्ध करावें?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) दिनांक 03.10.2016 को। प्राप्त पत्र पर संचालनालय स्तर से कार्यवाही की जाकर मांग पत्र में उल्लेखित बिन्दुओं पर की गई कार्यवाही, की अद्यतन स्थिति से संचालनालय के पत्र दिनांक 23.11.2016 द्वारा अवर सचिव, मध्यप्रदेश शासन लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग एवं प्रदेश अध्यक्ष, स्टेट फार्मासिस्ट एसोसिएशन को अवगत कराया गया है। प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
अध्यापकों को समान कार्य एवं समान वेतन देना
[स्कूल शिक्षा]
181. ( क्र. 2012 ) एडवोकेट सत्यप्रकाश सखवार : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. में पदस्थ अध्यापकों (वर्ग 1, 2, 3) को मान. मुख्यमंत्री महोदय द्वारा समान कार्य समान वेतन देने की घोषणाएं समय-समय पर की गई थी? (ख) यदि हाँ, तो क्या घोषणा के मुताबिक उन्हें नियमित शिक्षकों की भांति समान कार्य, समान वेतन का भुगतान किया जा रहा है? (ग) यदि हाँ, तो समान कार्य वेतन संबंधी ऐसे समस्त शासनादेशों की प्रतियां उपलब्ध कराई जावें, यदि समान कार्य एवं समान वेतन का भुगतान नहीं किया जा रहा है तो उन्हें कब तक विसंगति को दूर करते हुए समान कार्य समान वेतन दिला दिया जावेगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) अध्यापक संवर्ग को समान कार्य समान वेतन चार किस्तों में दिया जावेगा, के निर्देश माननीय मुख्यमंत्रीजी द्वारा दिनांक 22.7.2013 को उज्जैन में दिये गये थे। (ख) जी हाँ। (ग) आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
डिप्लोमाधारी छात्रों को नौकरी पर रखा जाना
[चिकित्सा शिक्षा]
182. ( क्र. 2016 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या राज्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. शासन द्वारा मेडिकल कॉलेजों व प्रायवेट (निजी) पैरामेडिकल कॉलेजों में डिप्लोमा कोर्स, एलोपैथिक कम्पाउंडर (डिप्लोमा इन हॉस्पिटल एण्ड क्लीनिक फार्मेसी) कोर्स संचालित किये गये जो संबंधित विश्वविद्यालय से मान्यता प्राप्त एवं जुड़े हुए थे, जो वर्ष 2004-05 से 2008-09 तक संचालित हुए? (ख) यदि हाँ, तो प्रश्नांश (क) के डिप्लोमा धारक विद्यार्थी अपने-अपने संबंधित विश्वविद्यालय से परीक्षा उत्तीर्ण कर अंकसूची के साथ डिप्लोमा प्राप्त कर म.प्र. सह-चिकित्सकीय परिषद भोपाल में पंजीकृत भी हुए? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में डिप्लोमा धारक (डी.एच.पी.सी.) एलोपैथिक कम्पाउंडर के रोजगार/नौकरी बाबत् शासन द्वारा क्या कार्ययोजना तैयार की गई? अगर नहीं तो क्या इनके भविष्य पर सरकार संवेदनशीलता का परिचय देते हुए विचार कब तक करेंगी? अगर नहीं तो क्यों?
राज्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा ( श्री शरद जैन ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) ऐसी कार्य योजना तैयार करने संबंधी प्रस्ताव विचारधीन नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अनुकम्पा नियुक्ति एवं अनुग्रह राशि समय पर न देने वालों पर कार्यवाही
[स्कूल शिक्षा]
183. ( क्र.
2017 ) श्री
सुन्दरलाल
तिवारी :
क्या स्कूल
शिक्षा
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) दिनांक
25
जुलाई 2016 के
अता.प्रश्न
संख्या 156 (क्र.
2783) में
मुद्रित
प्रश्न के
उत्तर (क) रीवा
जिले अंतर्गत
प्रश्नांकित
अवधि में 07
शिक्षाकर्मियों
की मृत्यु
हुई है, जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट
अनुसार। (ख)
एवं (ग)
संभागीय
संयुक्त
संचालक लोक
शिक्षण रीवा
संभाग रीवा को
जाँच के
निर्देश दिये
गए है,
जाँच
प्रतिवेदन
प्राप्त
होने पर
गुणदोष के
आधार पर
कार्यवाही की
जावेगी? बताया गया
था, तो
सेवाकाल के
दौरान
शिक्षाकर्मियों
की मृत्यु
उपरांत उनके
परिजनों/आश्रितों
को अनुकंपा
नियुक्ति एवं
अनुग्रह राशि
प्रदान न करने
के लिए
दोषियों के
विरूद्ध जाँच
प्रतिवेदन के आधार
पर क्या
कार्यवाही की
गई? (ख)
जाँच
प्रतिवेदन
प्राप्त हो
गया हो तो
विवरण देते
हुए बतावें कि
कौन-कौन दोषी
है, दोषियों
के विरूद्ध क्या
कार्यवाही
प्रस्तावित
की गई?
अनुग्रह
राशि न मिलने
एवं परिजनों
को अनुकंपा
नियुक्ति समय
पर न देने के
कारण
संबंधितों के
परिवार को हुई
आर्थिक क्षति
की भरपाई ब्याज
सहित
करवायेंगे
एवं उनके परिवार
के सदस्य को
अनुकंपा
नियुक्ति
देंगे? (ग) प्रश्नांश
(ख) के संदर्भ
में जाँच
प्रतिवेदन के
आधार पर दोषियों
के विरूद्ध
कार्यवाही के
साथ अनुग्रह राशि
ब्याज सहित
दिलाने एवं
उनके परिवार
के सदस्य/परिजनों
को अनुकंपा
नियुक्ति
देंगे? हॉं, तो कब तक? अगर
नहीं तो क्यों? अगर
संबंधितों
द्वारा जाँच
प्रतिवेदन
प्रस्तुत
नहीं किया गया
तो जाँच समिति
के विरूद्ध क्या
कार्यवाही कब
तक प्रस्तावित
करेंगे? अगर नहीं तो
क्यों?
स्कूल
शिक्षा
मंत्री (
कुँवर विजय
शाह ) : (क) जी
हाँ। संयुक्त
संचालक, लोक शिक्षण
संभाग रीवा
द्वारा प्रस्तुत
जाँच
प्रतिवेदन
में किसी भी
अधिकारी को
दोषी नहीं
दर्शाये जाने
के कारण
संयुक्त संचालक
स्तर के अन्य
अधिकारी को
पुनः जाँच
सौंपी गई है।
जाँच प्रतिवेदन
प्राप्त होने
पर कार्यवाही
की जावेगी। (ख) प्रश्नांश
''क'' के
संबंध में
पुनः जाँच
प्रतिवेदन
प्राप्त होने
के उपरांत
कार्यवाही की
जावेगी। (ग) पुनः
जाँच
प्रतिवदेन
प्राप्त होने
के उपरांत ही
गुण दोष के
आधार पर
दोषीयो के
विरूद्ध कार्यवाही
की जावेगी।
अधिनियम के विपरीत जाकर निजी संस्थाओं को वक्फ भूमि आवंटित किया जाना
[पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण]
184. ( क्र. 2022 ) श्री आरिफ अकील : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या यह सही है कि वक्फ अधिनियम 1995 की धारा 51 के अन्तर्गत वक्फ सम्पत्ति निजी संस्थाओं को आवंटित/ लीज प्रदान करने की अधिकारिता मात्र बोर्ड को ही है? (ख) यदि हाँ, तो क्या वक्फ कब्रस्तान एमागिर्द बुरहानपुर खसरा नम्बर 222 आजाद एजूकेशन सोसायटी को आदेश क्रमांक 260-आर-3/ बुरहानपुर/ 09/5329 दिनांक 22.07.2009 को 3 एकड़ भूमि आवंटित की गई है? (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में क्या नियम विरूद्ध प्राप्त 3 एकड़ वक्फ भूमि बिना बोर्ड की स्वीकृति के आजाद एजूकेशन सोसायटी द्वारा 6 अन्य निजी संस्थाओं को बाले-बाले आवंटित कर दी गई है? यदि हाँ, तो क्या प्रश्नकर्ता द्वारा दिनांक 26 सितम्बर 2016 को प्रमुख सचिव एवं आयुक्त पि.वर्ग तथा अल्पसंख्यक कल्याण विभाग मध्यप्रदेश शासन को पत्र लिखकर अवगत कराया था? यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक की स्थिति में क्या कार्यवाही की गई बतावें? (घ) प्रश्नांश (क) के अन्तर्गत प्रावधान का उल्लंघन करने एवं प्रश्नांश (ख), (ग) अन्तर्गत एवं नियम का पालन नहीं करने और मनमानी करने वाले कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी है उनके विरूद्ध शासन द्वार प्रश्न दिनांक की स्थिति में क्या तथा कब तक कार्यवाही की जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों?
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्रीमती ललिता यादव ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) वक्फ कब्रस्तान ईमागिर्द बुरहानपुर के खसरा क्रमांक 222 में से रकबा 2 एकड़ खाली भूमि को बोर्ड अनुमोदन की प्रत्याशा में 3 वर्ष हेतु आजाद एजुकेशन सोसायटी आजाद नगर बुरहानपुर को किराये पर दी गई थी। आदेश क्रमांक 5327-29 दिनांक 22.07.2009 द्वारा संशोधित आदेश में 2 एकड़ के स्थान पर 3 एकड़ भूमि आवंटन की गई। यह आवंटन बोर्ड अनुमोदन की प्रत्याशा में किया गया था। इस कारण दिनांक 30.01.2010 बोर्ड बैठक में प्रकरण अनुमोदन हेतु प्रस्तुत किया गया था जिसका अनुमोदन वक्फ बोर्ड से प्राप्त न होने के कारण आदेश क्रमांक 1074-77 दिनांक 15.02.2010 द्वारा आवंटन आदेश क्रमांक 4229-31 दिनांक 18.06.2009 एवं संशोधित आदेश क्रमांक 5327-29 दिनांक 22.07.2009 तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दिये गये जिसकी सूचना संबंधित वक्फ कमेटी तथा जिला वक्फ कमेटी बुरहानपुर को नियमानुसार प्रेषित कर दी गई। वर्तमान में उक्त भूमि से संबंधित 04 प्रकरण क्रमांक 23/15, 24/15, 25/15, 26/15 मान. मध्यप्रदेश राज्य वक्फ अधिकरण में प्रचलित है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) प्रश्नांश भाग (ग) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पात्रता से अधिक डीजल/पेट्रोल का व्यय
[पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण]
185. ( क्र. 2023 ) श्री आरिफ अकील : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या वक्फ अधिनियम एवं रेग्यूलेशन में अध्यक्ष एवं मेम्बरों को बोर्ड द्वारा अधिकृत किए जाने पर ही भोपाल मुख्यालय के बाहर जिलों में शासकीय वाहन से दौरे/यात्राएं किए जाने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो यह अवगत करावें कि अध्यक्ष को माह में एवं प्रतिदिन कितनी मात्रा में डीजल/पेट्रोल व्यय करने की पात्रता है? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में यह अवगत करावें कि अध्यक्ष द्वारा बोर्ड गठन दिनांक से प्रश्न दिनांक की स्थिति में प्रदेश में कहाँ-कहाँ के किस-किस प्रयोजन हेतु शासकीय वाहन से दौरे किए और कितनी-कितनी मात्रा में डीजल/पेट्रोल एवं भत्ते के रूप में राशि व्यय की गई? (ग) क्या वक्फ बोर्ड अध्यक्ष द्वारा निजी दौरों को वक्फ हित में बताने एवं शासकीय वाहन राशि का दुरूपयोग करने संबंधी शासन स्तर पर शपथ पत्र के साथ शिकायत की गई है? यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक की स्थिति में क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों? क्या तथा कब तक कार्यवाही की जावेगी?
राज्यमंत्री, पिछड़ा
वर्ग एवं
अल्पसंख्यक
कल्याण (
श्रीमती
ललिता यादव ) : (क) जी
हाँ। मुख्यालय
हेतु पेट्रोल
सीमा
प्रतिमाह 120 लीटर
का प्रावधान
है। मुख्यालय
के बाहर के
शासकीय दौरे
एवं प्रतिदिन
हेतु पेट्रोल
की मात्रा तय
नहीं है। (ख) अध्यक्ष
म.प्र. वक्फ
बोर्ड द्वारा
प्रदेश के
विभिन्न
जिलों में वक्फ
संपत्तियों
के
निरीक्षण/शासकीय
कार्य हेतु
दौरे किये गये
एवं दौरे में
डीजल/पेट्रोल
पर व्यय हुई
राशि के विवरण
की सूची संलग्न
परिशिष्ट
अनुसार अध्यक्ष
महोदय को किसी
प्रकार का
यात्रा भत्ते
का भुगतान
नहीं किया गया
है। (ग) प्रश्नांश
(क) भाग के उत्तर
के संदर्भ में
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
परिशिष्ट
- ''सैंतीस''
मा.शा. का हाईस्कूल में एवं हाईस्कूल का हायर सेकेण्डरी स्कूल में उन्नयन
[स्कूल शिक्षा]
186. ( क्र. 2025 ) श्री उमंग सिंघार : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 01 अप्रैल, 2014 से प्रश्न दिनांक तक धार जिले की गंधवानी विधानसभा क्षेत्र में गंधवानी, बाग एवं तिरला ब्लाक में किन-किन माध्यमिक शालाओं का हाईस्कूल में उन्नयन किये जाने के प्रस्ताव जिले से शासन को प्राप्त हुये है? (ख) धार जिले की गंधवानी विधानसभा क्षेत्र में गंधवानी, बाग एवं तिरला ब्लाक में किन-किन हाईस्कूल का हाईस्कूल से हायर सेकण्डरी में उन्नयन किये जाने के प्रस्ताव जिले से शासन का प्राप्त हुए है? (ग) प्रश्नांकित (क) एवं (ख) अनुसार उन्नयन के प्रकरण कब से विचाराधीन है? कब तक उन्नयन कर दिया जावेगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) सीमित वित्तीय प्रावधान अंतर्गत प्रतिवर्ष प्रदेश के सभी जिलों में 20 माध्यमिक शालाओं का हाईस्कूल में उन्नयन विभाग द्वारा किया जाता है। धार जिले में वर्ष 2014-15 में 02 एवं 2015-16 में 02 माध्यमिक विद्यालयों का उन्नयन किया गया है। सीमित वित्तीय प्रावधान अंतर्गत प्रतिवर्ष प्रदेश के सभी जिलों में 40 हाईस्कूल को उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में उन्नयन किया जाता है। धार जिले में वर्ष 2014-15 में 02 2015-16 में 01 एवं 2016-17 में 02 हाईस्कूलों का उ.मा.वि. में उन्नयन किया गया है। सीमित वित्तीय प्रावधान के कारण समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
स्कूलों में किचिन शेड का निर्माण
[स्कूल शिक्षा]
187. ( क्र. 2029 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र बासौदा अन्तर्गत शासकीय प्राथमिक, माध्यमिक शालाएं संचालित हैं? संकुल केन्द्रवार शालाओं की सूची उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित शालाओं में से मध्यान्ह भोजन के सुचारू रूप से संचालन हेतु कितनी शालाओं में किचिन शेड का निर्माण किया गया है, कितनी शालाओं में किचिन शेड का निर्माण होना शेष है, शेष का कारण सहित शालावार जानकारी देवें? (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित शालाओं में कब तक किचिन शेड का निर्माण करा दिया जावेगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ, संकुल केन्द्रवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश ''क'' में उल्लेखित शालाओं में से मध्यान्ह भोजन सुचारू रूप से संचालन हेतु 336 शालाओं में किचिन शेड निर्मित है, 156 शालाओं में किचिन शेड निर्माण होना शेष है। शेष शालाओं में किचिन शेड का निर्माण पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता के आधार पर किया जाता है। शालावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्रश्नांश ''ख'' में उल्लेखित शालाओं में किचिन शेड का निर्माण पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता के आधार पर किया जाता है। अतः समय सीमा बताना संभव नहीं है।
पूर्व की सेवाएं पेंशन में जोड़ने की स्वीकृति
[स्कूल शिक्षा]
188. ( क्र. 2030 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या स्कूल शिक्षा विभाग में भोपाल संभाग अंतर्गत कितने कर्मचारियों की वर्तमान सेवा में पूर्व की सेवाएं पेंशन प्रयोजन हेतु जोड़ने हेतु कितने कितने प्रकरण संचालनालय एवं मंत्रालय स्तर पर वर्ष 2015 से प्रश्नांश दिनांक तक दर्ज हुये हैं? ऐसे प्रकरणों की सूची उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कितने प्रकरणों में स्वीकृति जारी की गई? कितने प्रकरणों में लंबित है? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित लंबित प्रकरणों में से प्रश्नकर्ता द्वारा अनुशंसित प्रकरण पर अवर सचिव, स्कूल शिक्षा, मंत्रालय, भोपाल की एकल नस्ती/2665 दिनांक 22.01.2015 के द्वारा किस कर्मचारी की सेवा जोड़ने हेतु आयुक्त लोक शिक्षण से प्रस्ताव चाहा गया था? (घ) प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित प्रस्ताव पर स्वीकृति जारी हुई या नहीं? यदि नहीं, तो कब तक स्वीकृति जारी की जावेगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) कु. नीरज कनौजिया, व्याख्याता, शासकीय उत्कृष्ट उ.मा.विद्यालय विदिशा की भारतीय डाक विभाग अंतर्गत की गई पूर्व सेवाएं एवं श्री सतीश कुमार गौतम सेवानिवृत्त प्रधानाध्यापक माध्यमिक शाला जिला रायसेन द्वारा आदिम जाति कल्याण विभाग एवं पंचायत व समाज कल्याण विभाग के अंतर्गत की गई पूर्व सेवाओं को जोड़ने के संबंध में उक्त दो प्रकरण दर्ज हुए हैं। (ख) कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ग) कु. नीरज कनौजिया, व्याख्याता, के प्रकरण में आयुक्त, लोक शिक्षण से प्रस्ताव चाहा गया है। (घ) जी नहीं। कार्यवाही प्रक्रियाधीन है, समय सीमा बताना संभव नहीं है।
नीमच में 135 मेगावाट का सोलर प्लांट की स्थापना
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
189. ( क्र. 2033 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नीमच में एशिया का सबसे बड़ा 135 मेगावाट का सोलर प्लांट स्थापित किया गया है? (ख) यदि हाँ, तो इससे कितनी बिजली राज्य को मिल रही है और किस दर पर?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) नीमच के ग्राम डीकेन एवं भगवानपुरा में 130 मेगावाट क्षमता का सोलर प्लांट दिनांक 26 फरवरी 2014 को कमीशन किया गया था, जो तत्समय एशिया का सबसे बड़ा था। (ख) उक्त संयंत्र से 130 मेगावाट क्षमता की बिजली राज्य को प्राप्त हो रही है, जिसकी दर रूपये 8.05 प्रति यूनिट है।
विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्धघुमक्कड़ जातियों को अनुसूचित जाति में शामिल करना
[विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्धघुमक्कड़ जाति कल्याण]
190. ( क्र. 2034 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या विमुक्त, घुमक्कड़ और अर्द्ध घुमक्कड़ जातियों को अनुसूचित जाति में शामिल करने का निर्णय लिया गया है? (ख) यदि हाँ, तो क्या केन्द्र सरकार को इसका प्रस्ताव भेजा गया है? यदि हाँ, तो कब?
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्रीमती ललिता यादव ) : (क) जी नहीं। (ख) प्रश्नांश (क) भाग के उत्तर के संदर्भ में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शासकीय विद्यालयों में पदस्थ अध्यापकों की जानकारी
[स्कूल शिक्षा]
191. ( क्र. 2037 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुरैना जिले के शासकीय माध्यमिक, प्राथमिक विद्यालयों में नवम्बर 2016 तक कितने विद्यालयों में प्रधान अध्यापक पदस्थ नहीं है। माध्यमिक, प्राथमिक विद्यालयों में कितने-कितने पद स्वीकृत हैं? (ख) उक्त विद्यालयों में किस स्तर के हैडमास्टरों का प्रभार किस-किस स्तर के शिक्षकों को दिया गया है? उनकी संख्या सहित पद स्तर सहित जानकारी दी जावे। (ग) सुचि, श्रुतिलेख, योजना का कार्य प्रथम कक्षा से आठवीं कक्षा तक के छात्रों का अध्यापन कार्य वर्तमान शिक्षा सत्र में कैसे पूर्ण हो सकेगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''एक'' अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''दो'' अनुसार है। (ग) प्रथम कक्षा से आठवीं कक्षा तक के छात्रों का अध्यापन कार्य वर्तमान शिक्षा सत्र में संस्था में पदस्थ शिक्षकों से पूर्ण कराये जाने से शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सामान्य वर्ग के निर्धन छात्रों को छात्रवृत्ति
[चिकित्सा शिक्षा]
192. ( क्र. 2038 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या राज्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर संभाग के वर्ष 2015, 2016 में स्वशासी तथा शासकीय चिकित्सा महाविद्यालयों में चिकित्सा, दन्त चिकित्सा कोर्स में अध्ययनरत छात्रों को दी गई छात्रवृत्ति की संख्या सहित जानकारी दी जावें? (ख) ग्वालियर के स्वशासी, शासकीय चिकित्सा महाविद्यालयों में अध्ययनरत सामान्य वर्ग के निर्धन एवं पिछड़ा वर्ग के छात्र, छात्राओं को छात्रवृत्ति प्रदान की गई उनकी संख्या वर्गवार जानकारी दी जावें? (ग) क्या स्वशासी चिकित्सा महाविद्यालयों में सामान्य निर्धन वर्ग एवं पिछड़ा वर्ग के छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति मिलने में अध्यापक सत्र में काफी विलंब होने के कारण उनके अध्यापन में काफी परेशानी आती है शासन द्वारा अध्यापन सत्र के मध्य में छात्रवृत्ति स्वीकृत करने का आदेश दिया जावेगा यदि हाँ, तो कब तक?
राज्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा ( श्री शरद जैन ) : (क) वर्ष 2015-16 में गजराराजा शासकीय स्वशासी चिकित्सा महाविद्यालय में एम.बी.बी.एस. पाठ्यक्रम में अध्ययनरत 142 छात्र/छात्राओं को छात्रवृत्ति दी गई है। ग्वालियर संभाग में कोई शासकीय स्वशासी दंत चिकित्सा महाविद्यालय संचालित नहीं है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) वर्ष 2015-16 में गजराराजा शासकीय स्वशासी चिकित्सा महाविद्यालय में अध्ययनरत सामान्य निर्धन वर्ग के 14 तथा पिछड़ा वर्ग के 55 छात्र/छात्राओं को छात्रवृत्ति प्रदान की गई। (ग) गजराराजा शासकीय स्वशासी चिकित्सा महाविद्यालय में सामान्य, निर्धन एवं पिछड़ा वर्ग के छात्र/छात्राओं को छात्रवृत्ति स्वीकृत करने में कोई विलंब नहीं किया गया है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
बैतूल जिले में क्रय पुस्तकों का भुगतान
[स्कूल शिक्षा]
193. ( क्र. 2043 ) श्री हेमन्त विजय खण्डेलवाल : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या हाई स्कूल एवं हायर सेकेण्ड्री की कक्षाओं में आर्ट, कृषि एवं विज्ञान विषयों से संबंधित पुस्तकें माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा उपलब्ध कराई जाती है? (ख) यदि नहीं, तो इनमें संबंधित, विद्यार्थियों को पुस्तकों का वितरण कैसे किया जाता है? (ग) यदि पुस्तकों का वितरण क्रय कर किया जाता है तो विगत 3 वर्षों में बैतूल जिले में किस-किस शाला में कितनी-कितनी पुस्तकें क्रय की गई? (घ) क्या क्रय की गई सभी पुस्तकों का भुगतान हो चुका है? यदि नहीं, तो क्यों? कहाँ-कहाँ का भुगतान कब से शेष है?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी नहीं। (ख) हाईस्कूल एवं हायर सेकेण्डरी तक की अधिकांश पुस्तकों का मुद्रण पाठ्य पुस्तक निगम द्वारा कर निःशुल्क वितरण किया जाता है। हायर सेकण्डरी की कक्षाओं में आर्ट, कृषि, विषयों की पुस्तकें प्राचार्यों द्वारा क्रय कर विद्यार्थियों को वितरण किया जाता है। (ग) प्राचार्यों द्वारा विगत तीन वर्ष 2013-14, 2014-15, 2015-16 में क्रय की गई पुस्तकों की संख्या संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जी, हाँ। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
भवन उद्घाटन में प्रोटोकॉल का उल्लंघन
[आदिम जाति कल्याण]
194. ( क्र. 2047 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कुक्षी विधान सभा क्षेत्र के ग्राम कुण्डारा में आदिवासी कन्या आश्रम कुण्डारा के भवन निर्माण की स्वीकृति दिनांक, लागत सहित नवनिर्मित भवन के संदर्भ में बतावें। (ख) इसे विभाग को कब हस्तांतरित किया गया? क्या इसमें आश्रम का संचालन प्रारंभ हो गया है? यदि हाँ, तो संबंधित आदेश की छायाप्रति देवें। (ग) इस भवन का उद्घाटन कब एवं किनके द्वारा करवाया गया? शिलालेख एवं कार्ड पर किनके नाम, पदनाम अंकित थे? क्या इसमें प्रोटोकॉल का पालन किया गया है? (घ) यदि नहीं, तो दोषियों के विरूद्ध कब तक कार्यवाही की जावेगी?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) वर्ष 2007-08 में शासन से आदिवासी कन्या आश्रम कुण्डारा की स्वीकृति शासन से दिनांक 06-01-2008 को दी गई। शासन द्वारा दिनांक 24-08-2016 को राशि रूपये 51.46 लाख की पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति प्रदाय की गई। (ख) भवन विभागीय एजेंसी द्वारा निर्मित होने से हस्तांतरण का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। जी हाँ, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) भवन का उद्घाटन नहीं कराया गया है। शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (घ) कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
एंबुलेस ठेके के संबंध में
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
195. ( क्र. 2048 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में एंबुलेंस के लिए नव नियुक्त जिगित्सा कंपनी को किस दर पर (प्रति किलोमीटर के हिसाब से) ठेका दिया गया है? इसके पूर्व संचालित कंपनी को ठेका छोड़ते समय क्या दर थी? (ख) जिगित्सा कंपनी के अनुबंध के समस्त दस्तावेजों की विवरण देवें। शासन ने पिछली कंपनी की ठेका दर से बढ़ाकर अधिक दर पर ठेका क्यों दिया? दर बढ़ाने का कारण स्पष्ट करें? (ग) नये अनुबंध के लिए की गई टेंडर प्रक्रिया की जानकारी देवें। अखबारों की विज्ञप्ति तथा जिन कंपनियों ने इसमें भाग लिया उनके द्वारा प्रस्तुत समस्त दस्तावेजों का विवरण देवें? (घ) अगर बिना टेंडर प्रक्रिया के यह ठेका दिया गया है तो इसके दोषियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) प्रति कि.मी. रू. 19.60/- की दर से। पूर्व संचालनकर्ता संस्था द्वारा 108-एम्बुलेंस वाहनों का संचालन प्रति कि.मी. के आधार पर न करते हुए वास्तविक व्यय के आधार पर किया जाता था। जिसकी, ठेका छोड़ते समय अधिकतम दर रू. 1,03,074/- प्रति एम्बुलेंस प्रतिमाह थी। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। पूर्व संचालनकर्ता संस्था द्वारा केवल 108 एम्बुलेंस का संचालन किया जाता था। नवीन एकीकृत रेफरल ट्रांसपोर्ट प्रणाली व्यवस्था अंतर्गत संजीवनी-108 एम्बुलेंस, जननी एक्सप्रेस सेवा, एम.एम.यू. सेवा एवं हेल्थ हेल्पलाइन सेवा को एकीकृत कर विस्तारित केन्द्रीय एकीकृत कॉल सेंटर से संचालन किये जाने के उद्देश्य से नियमानुसार निविदाएं आमंत्रित करते हुए निविदा में प्राप्त न्यूनतम दर पर अनुबंध किया गया है। शेष उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार है। (घ) प्रश्नांश (ग) के उत्तर में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जिला शिक्षा अधिकारी राजगढ़ पर कार्यवाही
[स्कूल शिक्षा]
196. ( क्र. 2050 ) श्री बाला बच्चन : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अध्यापक संवर्ग में कार्यरत किसी भी अध्यापक को निलंबन से बहाल करने पर उसकी मूल संस्था से अन्य संस्था में बहाल किया जा सकता है यदि हाँ, तो नियम की प्रति देवें। (ख) प्रश्नांश (क) क परिप्रेक्ष्य में जिला शिक्षा अधिकारी राजगढ़ द्वारा संशोधित आदेश क्र./शिकायत/2014/1219-20 राजगढ़ दिनांक 19.05.15 एवं द्वितीय आदेश क्र./शिकायत/2014/1544-45 राजगढ़ दिनांक 18-06-2015 के आदेश विभाग के किस नियम के तहत जारी किए। नियम की प्रमाणित प्रति देवें। (ग) क्या प्रश्नांश (ख) के आदेश विधि संगत न होकर नियमों का उल्लंघन है? (घ) यदि हाँ, तो ऐसे आदेश जारी करने वाले जिला शिक्षा अधिकारी राजगढ़ पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) कर्मचारियों को सामान्य प्रशासन विभाग के निर्देश के अनुसार निलम्बन आदेश वापिस लेने के पश्चात उसकी पदस्थापना उस स्थल पर नहीं किये जाने के निर्देश है, जिस स्थान पर वह पहले से पदस्थ था। अध्यापक संवर्ग के लिये पृथक से निर्देश नहीं है किन्तु निर्देश के अनुसार कार्यवाही की गई है। (ख) जिला शिक्षा अधिकारी राजगढ़ द्वारा जाँच प्रभावित न हो इस कारण म.प्र. शासन के लोक सेवकों के लिये प्रचलित नियमों के तहत आदेश क्र./ शिकायत/2014/1219-20, राजगढ़ दिनांक 19.05.15 द्वारा शासकीय उ.मा.वि. भिलवाडिया जारी किया गया एवं द्वितीय आदेश क्र. शिकायत/2014/1544-45/राजगढ़, दिनांक 18.06.2015 के द्वारा शासकीय उ.मा.वि. भिलवाडि़या में पद रिक्त नहीं होने से शासकीय उ.मा.वि. झाड़मउ किया गया। शासकीय लोक सेवकों के लिये लागू नियम की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) निलंबन उपरांत पदस्थ करने के आदेश मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत की अनुशंसा पर कलेक्टर जिला राजगढ़ के अनुमोदन से किया गया है। (घ) उत्तरांश 'ग' के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
बड़वानी एवं खरगोन जिले में आर.टी.ई. प्रवेश के संबंध में
[स्कूल शिक्षा]
197. ( क्र. 2051 ) श्री बाला बच्चन : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़वानी एवं खरगोन जिले में वर्ष 2016-17 में आर.टी.ई (शिक्षा का अधिकार) के तहत कितने आवेदन ऑनलाईन प्राप्त हुए जानकारी देवें? विद्यालयवार जानकारी देवें?। (ख) बड़वानी एवं खरगोन जिले में कुल कितनी सीटें निर्धारित थी इनमें कितने सीटें किन स्कूलों में भरी गई? स्कूल नाम, सीट संख्या सहित जानकारी प्रश्नांश (क) अनुसार दें? ? (ग) बड़वानी एवं खरगोन जिले के स्कूलों को आर.टी.ई. प्रवेश के समक्ष कितनी राशि का भुगतान किया गया कितनी राशि शेष है, की जानकारी स्कूलवार वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में संदर्भ में देवें? (घ) बड़वानी एवं खरगोन जिले के वर्ष 2015-16 के प्रवेशी छात्रों की सूची चाइल्ड आई.डी. नंबर के साथ देवें?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ग) वर्ष 2014-15 की फीस प्रतिपूर्ति से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है। वर्ष 2015-16 की फीस प्रतिपूर्ति की कार्यवाही प्रचलन में है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'द' अनुसार है।
वक्फ बोर्ड भोपाल का निर्णय
[पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण]
198. ( क्र. 2054 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) परि.अता. प्रश्न संख्या-98 (क्र. 787) दि. 18-07-16 के (ग) उत्तर में बताया गया है कि प्रकरण का परीक्षण कराया जा रहा है। क्या परीक्षण पूर्ण हो गया? यदि हाँ, तो इसकी जानकारी देवें। यदि नहीं, तो क्यों व कब तक जानकारी दी जावेगी? (ख) इस संबंध में चल रहे प्रकरण की अद्यतन स्थिति बतावें। (ग) इसी प्रश्न के (घ) उत्तर अनुसार तथ्य छुपाकर वक्फ बोर्ड को भ्रमित करने वालों पर तथ्यों का परीक्षण कर नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी तो इन पर अब तक क्या कार्यवाही की गई?
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्रीमती ललिता यादव ) : (क) जी नहीं। इस संबंध में राज्य शासन के आदेश क्रमांक एफ 4-8/2016/54-2 दिनांक 21.10.2016 द्वारा तत्कालीन सचिव पिछड़ा वर्ग/अल्पसंख्यक आयोग श्री प्रताप नारायण यादव की अध्यक्षता में समिति गठित की गई थी। किन्तु उनका स्थानांतरण होने से परीक्षण कार्य पूर्ण नहीं हुआ है। इस संबंध में नवीन समिति के गठन की कार्यवाही प्रचलन में है। इस हेतु निश्चित समय सीमा दी जाना संभव नहीं है। (ख) प्रकरण में मान. राज्य वक्फ अधिकरण भोपाल के निर्णय दिनांक 13.05.2016 द्वारा सर्वें क्रमांक 184 रकबा 2.24ए, सर्वें क्रमांक 187/1/1 में से रकबा 14.36ए (5.802 है.) सर्वें क्रमांक 187/3 रकबा 1.10ए (0.445है0) सर्वें क्रमांक 186/1 रकबा 5.70ए (2.300है.) सर्वें क्रमांक 187/1/1 में से रकबा 0.010 है., सर्वें क्रमांक 187/4 रकबा 1.03ए भूमि स्थित ग्राम ताजपुरा महिदपुर जिला उज्जैन को वक्फ संपत्ति घोषित किया गया है। वक्फ अधिकरण के उक्त आदेश के विरूद्ध प्रतिवादी म्यूनिसिपल काउंसिल द्वारा मान. उच्च न्यायालय इंदौर में एक सिविल रिविजन क्रमांक 115/16 दायर की गई है। इस रिविजन में म.प्र. वक्फ बोर्ड द्वारा प्रतिवादी क्रमांक 3 की हैसियत से अधिवक्ता नियुक्त किया जाकर जवाबदावा प्रस्तुत किया जा चुका है। वर्तमान में प्रकरण मान. उच्च न्यायालय में प्रचलित है। (ग) प्रश्नांश (ख) उत्तर के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
उज्जैन जिले में संयंत्र स्थापित
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
199. ( क्र. 2055 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले में पवन ऊर्जा व सोलर ऊर्जा के कितने संयंत्र स्थापित है इनकी लागत स्थान सहित बतावें? (ख) (ग्रीन एनर्जी कारिडोर) या भारत सरकार/म.प्र. सरकार की योजनाओं के तहत कितना अनुदान इन्हें दिया जा रहा है? प्रत्येक संयंत्र के संबंध में बतावें? (ग) इनमें कितने संयंत्र 500 करोड़ रू. की लागत से अधिक के है, जानकारी देवें?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) यह परियोजनाएं निजी इकाइयों द्वारा शासन की पवन ऊर्जा परियोजना क्रियान्वयन नीति-2012 एवं सौर ऊर्जा परियोजना क्रियान्वयन नीति-2012 के प्रावधानों के अन्तर्गत स्थापित की जा रही हैं। इन परियोजनाओं को ग्रीन एनर्जी कारीडोर, भारत सरकार/म.प्र. सरकार की योजनाओं के अन्तर्गत कोई अनुदान नहीं दिया जा रहा है। (ग) उत्तरांश-क में उल्लेखित किसी भी परियोजना की लागत रूपये 500 करोड़ से अधिक नहीं है।
सिविल अस्पताल मैहर को 160 बिस्तरीय अस्पताल किया जाना
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
200. ( क्र. 2060 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सिविल अस्पताल मैहर जिला सतना को शासन ने उन्नत कर 160 बिस्तरीय अस्पताल किया है? यदि हाँ, तो अब तक इस हेतु सुविधा विस्तार, निर्माण कार्यों व अन्य व्यवस्थाओं हेतु प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की है? (ख) 160 बिस्तरीय अस्पताल में अपेक्षित सुविधायें हेतु मैहर में क्या-क्या निर्माण कार्य व क्या-क्या सुविधायें जुटाई जानी हैं? इस हेतु किस-किस स्तर से अब तक क्या-क्या कार्यवाही की गई है? (ग) सिविल अस्पताल मैहर को उन्नत किये जाने हेतु संवर्गवार स्वीकृत किये गये पदों में अस्पताल अधीक्षक का पद सृजित न किये जाने के क्या कारण है? क्या इसमें त्रुटि हुई हैं? यदि हाँ, तो क्या शीघ्र त्रुटि सुधार कर अस्पताल अधीक्षक का नवीन पद सृजित किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी हाँ। वर्तमान भवन के विस्तारीकरण हेतु लोक निर्माण विभाग, पी.आई.यू. द्वारा योजना तैयार कराई जा रही है। भवन निर्माण होने पर अन्य व्यवस्थायें की जाना संभव होगा। (ख) 160 बिस्तरीय अस्पताल अनुरूप प्रस्तावित अतिरिक्त भवन को वर्तमान निर्मित भवन से संयोजित कर अस्पताल की बिस्तर संख्या में वृद्धि अनुसार अतिरिक्त ओ.पी.डी. कक्ष, 100 बिस्तरीय अतिरिक्त वार्ड का निर्माण एवं पैथॉलाजी लेब, एक्सरे कक्ष, इमरजेंसी केजुअल्टी कक्ष, दवाई स्टोर इत्यादि का निर्माण कराया जाएगा एवं तदानुरुप उपकरण एवं फर्नीचर की व्यवस्था भी की जाएगी। विभागीग आदेश क्रमांक एफ 12-43/ 2015/ सत्रह/मेडि-3 भोपाल दिनांक 12.10.2015 के द्वारा चिकित्सक एवं पेरामेडिकल स्टॉफ के पद स्वीकृत किये गये हैं। (ग) सिविल अस्पताल में अस्पताल अधीक्षक का पद स्वीकृति का कोई मापदण्ड निर्धारित नहीं है, अतः शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
स्कूलों हेतु स्वीकृत निर्माण कार्य
[स्कूल शिक्षा]
201. ( क्र. 2062 ) श्री हर्ष यादव : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) देवरी विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत प्राथमिक, माध्यमिक, उच्चतर व उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में किस-किस मद से स्कूल भवन, अतिरिक्त कक्ष, शौचालय, किचिन शेड एवं अन्य निर्माण कार्य वर्ष 2005 के बाद स्वीकृत किये गए? स्वीकृत कार्यों की मदवार जानकारी स्वीकृत राशि, स्थल, पूर्णता हेतु तय तिथि तथा निर्माण एजेंसी का विवरण दें? (ख) प्रश्नांश (क) वर्णित स्वीकृत कार्यों में से कौन-कौन से कार्य प्रश्न दिनांक तक पूर्ण नहीं हो सके है? कार्यवार कारण बतावें? क्या इन निर्माणाधीन कार्यों की पूर्ण राशि निर्माण एजेंसी द्वारा प्राप्त कर ली गई है? क्यों? अब तक इन कार्यों को पूर्ण न होने के लिए कौन उत्तरदायी है? कब तक कार्य पूर्ण करा लिए जायेंगे? (ग) क्या प्रश्नांश (क) वर्णित निर्मित कार्यों का वर्तमान में भौतिक सत्यापन कराया जाकर कार्यों की वास्तविक स्थिति तय कर उन्हें पूर्ण कराने हेतु कोई विशेष प्रयास किया जाएगा? नहीं तो क्यों?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) देवरी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत प्राथमिक एवं माध्यमिक शालाओं में स्कूल भवन, अतिरिक्त कक्ष, शौचालय किचिन शेड एवं अन्य निर्माण कार्य सर्व शिक्षा अभियान मद से वर्ष 2005 के बाद सर्व कुल 1086 निर्माण कार्य स्वीकृत किये गये। स्वीकृत कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 'अ' अनुसार है। हाई एवं हायर सेकेण्डरी स्कूलों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक से चार अनुसार है। आर.एम.एस. अंतर्गत वर्ष 2009-10 से एवं राज्य बजट से 2011-12 से कार्य स्वीकृत हुये हैं। (ख) प्राथमिक व माध्यमिक शालाओं हेतु स्वीकृत कार्यों में से 29 कार्य पूर्ण नहीं हो सके है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 'ब' अनुसार है। निर्माण एजेंसियों को अंतिम किस्त की राशि प्रदाय करना शेष है। कार्य पूर्ण न होने हेतु निर्माण एजेंसी उत्तरदायी है। हाई एवं हायर सेकेण्डरी स्कूलों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-पाँच से सात अनुसार है। शास. उत्कृष्ट उ.मा.वि. देवरी में बाउंड्रीवाल निर्माण हेतु राशि अभी प्रदाय नहीं की गई है हाई स्कूल बहेरिया कलां हेतु निर्माण एजेंसी लघु उद्योग निगम सागर को 80 प्रतिशत राशि दी गई है, हाई स्कूल डोंगर सलैया नया नगर, धाना भवन निर्माण के लिये 10 प्रतिशत राशि 10 लाख प्रति कार्य के मान से राशि निर्माण एजेंसी को दी गई है। वर्तमान में इन कार्यों की समय-सीमा पूर्ण नहीं हुई है। (ग) जी हाँ। अपूर्ण कार्यों की सतत् समीक्षा मॉनिटरिंग द्वारा पूर्ण कराने हेतु प्रयास किये जा रहे है।
स्कूलों को मान्यता देने में अनियमितता
[स्कूल शिक्षा]
202. ( क्र. 2063 ) श्री हर्ष यादव : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2015 में स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा लगभग 3000 निजी स्कूलों को मान्यता/मान्यता वृद्धि दी थी? यदि हाँ, तो किन नियमों, नीतियों, मापदण्डों के आधार पर? (ख) क्या इस हेतु 12 सितम्बर, 2004 को प्रकाशित किसी राजपत्र का हवाला दिया गया था? यदि हाँ, तो उस राजपत्र की प्रति उपलब्ध करायें? क्या यह सही है कि इस दिनांक को कोई राजपत्र प्रकाशित ही नहीं किया गया? (ग) क्या विभाग स्कूलों को मान्यता देने में हुए फर्जीवाड़े, अनियमितता की कोई विस्तृत जाँच कराएगा और इसमें दोषी विभागीय अधिकारियों, संयुक्त संचालकों व अन्य का उत्तरदायित्व निर्धारित कर दोषियों को सजा दिलाएगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) वर्ष 2015 में 590 स्कूलों को मान्यता एवं 5473 स्कूलों को मान्यता वृद्धि दी गई। जो मध्यप्रदेश माध्यमिक एवं उच्चतर माध्यमिक शाला मान्यता नियम 2015 के नियम एवं मापदण्डों के आधार पर दी गई। (ख) जी नहीं। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) इस तरह की कोई शिकायत अथवा अनियमितता प्रकाश में नहीं आई है। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
संविदा नियुक्ति बाबत्
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
203. ( क्र. 2065 ) श्री केदारनाथ शुक्ल : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में शासन द्वारा संविदा पद पर कुल कितने ए.एन.एम. एवं फार्मासिस्ट वर्तमान में कहाँ-कहाँ कार्यरत है, पदस्थापना दिनांक सहित संपूर्ण विवरण दें? (ख) इनके नियमितिकरण के संबंध में शासन की क्या योजना है?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन मध्यप्रदेश के अंतर्गत कुल. 4387 ए.एन.एम. एवं 926 फार्मासिस्ट कार्यरत है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) वर्तमान में कोई योजना नहीं है।
निजी आयुष महाविद्यालयों को मध्यप्रदेश एनाटामी एक्ट में शामिल करना
[आयुष]
204. ( क्र. 2068 ) पं. रमाकान्त तिवारी : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में निजी आयुष महाविद्यालयों को मध्यप्रदेश एनाटामी एक्ट में शामिल किया गया है अथवा नहीं? (ख) यदि नहीं, शामिल किया गया है तो क्यों? (ग) क्या नए आयुष महाविद्यालयों को मान्यता प्रदान करने से पूर्व इस संबंध में उनसे कोई अनापत्ति प्रमाण पत्र लिए जाने का प्रावधान है, यदि हाँ, तो विवरण दें, यदि नहीं, तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी नहीं। (ख) प्रस्ताव चिकित्सा शिक्षा विभाग को भेजा गया है। (ग) जी नहीं। सी.सी.आई.एम. से संबंधित है।