महेश्वर विधानसभा
क्षेत्रांतर्गत हार्टिकल्चर हब की स्थापना
1. ( *क्र. 615 ) श्री
राजकुमार मेव : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क)
क्या महेश्वर विधानसभा क्षेत्र में भ्रमण के दौरान दिनांक 29.06.2012 को माननीय
मुख्यमंत्रीजी द्वारा कृषि को लाभ का धंधा बनाने हेतु हार्टिकल्चर हब की स्थापना
किये जाने हेतु घोषणा की गई थी ? (ख) यदि हां तो घोषणा के क्रियान्वयन हेतु विभाग
द्वारा कब-कब, एवं क्या-क्या पत्राचार किया गया ? तथा वर्तमान में कार्यवाही किस
स्तर पर लंबित है ? (ग) क्या घोषणा के क्रियान्वयन में काफी विलम्ब हुआ है ?
यदि हां तो किन कारणों से किस स्तर पर किनके द्वारा ? तत्संबंध में क्या
कार्यवाही की गई ? (घ) माननीय मुख्यमंत्रीजी की घोषणा के अनुरूप महेश्वर विधान
सभा में हार्टिकल्चर हब कब तक कार्यरूप में परिणीत होगा एवं इसका लाभ किसानों को
कब से मिलना प्रारंभ होगा ?
पशुपालन मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले
) :
(क) जी हाँ।
(ख) माननीय
मुख्यमंत्री जी की घोषणा के बाद भारत सरकार ने खरगौन जिले में ही निगरानी में मेगा
फूड पार्क की स्वीकृति प्रदान की है जिस पर कार्य चल रहा है। एक जिले में दो एक
जैसी इकाईयां चलने की संभावना नहीं होने से महेश्वर विधानसभा क्षेत्र में
हार्टीकल्चर हब स्थापित करने की कार्यवाही को रोक दिया गया है। (ग)
जी नहींं। शेष
प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रश्नांश
’’ख’’ अनुसार।
थाना महिदपुर में दर्ज प्रकरण में कार्यवाही
2. ( *क्र. 259 ) श्री बहादुर
सिंह चौहान : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) महिदपुर
वि.स. क्षेत्र नवलखा बीज क्र. पर अपराध क्र. 35/15 धारा 420 भादवि 3/7 थाना महिदपुर
के संबंध में जिला अभियोजना अधिकारी द्वारा जांच के क्या बिन्दु निर्धारित किए गए
?(ख) इन बिन्दुओं पर कितने व्यक्तियों के बयान लिए गए व कितने शेष है ? नाम सहित
बतावें । (ग) उपरोक्त जांच कब तक पूर्ण कर ली जावेगी ? (घ) जांच में विलंब के लिए
दोषी अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा ?
गृह मंत्री ( श्री
बाबूलाल गौर ) : (क) (ख) (ग) एवं (घ) प्रकरण की विवेचना पूर्ण होकर अभियोग पत्र
क्रमांक 357/15,दि. 19.11.2015 द्वारा जे.एम.एफ.सी. न्यायालय महिदपुर में दिनांक
23.11.2015 को चालान पेश किया जा चुका है। मामला सब्ज्युडिश है। अतः जानकारी दी
जाना संभव नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
चरनोई भूमि से
अतिक्रमण हटाया जाकर कार्यवाही बाबत्
3. ( *क्र. 422 ) श्रीमती
शकुन्तला खटीक : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क)
क्या ग्राम खड़ीचा पटवारी हल्का नं. 49 तहसील नरवर, जिला शिवपुरी में चरनोई भूमि
सर्वे क्रमांक 1939 में से लगभग 10 से 12 हे. पर श्री कप्तान, शिशुपाल,
राजेन्द्र, मनोज पुत्रगण हरीराम खंगार एवं हरीराम पुत्र स्व. पहलू खंगार एवं
दिनेश पुत्र रामकिशन परिहार के द्वारा पटवारी से मिलकर अवैध रूप से काबिज होकर खेती
की जा रही है व अतिक्रमण में स्थानीय पटवारी अेरविंद परिहार भी अप्रत्यक्ष रूप से
शामिल है ? (ख) यदि हां तो क्या उपरोक्त चरनोई भूमि पर अतिक्रमण व्यक्तियों को
हटाकर (वंचित किया जाकर) उनके खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज कर कार्यवाही की जावेगी ?
व कब तक ?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) ग्राम खडीचा के
शासकीय सर्वे क्रमांक-1939 की भूमि पर ग्राम के कृषक कप्तान, शिशुपाल, राजेन्द्र,
मनोज पुत्रगण हरीराम एवं हरीराम पुत्र पहलू खंगार एवं दिनेश पुत्र रामकिशन परिहार
के द्वारा अतिक्रमण किया जाना पाया गया है। सभी अतिक्रामकों के विरूद्ध प्रकरण
क्रमांक-08/15-16/अ-68 दर्ज किया जाकर न्यायालयीन प्रक्रियानुसार अतिक्रमण हटाने की
कार्यवाही की जा रही
है।(ख) उत्तरांश
‘‘क‘‘ अनुसार अतिक्रामकों के विरूद्ध न्यायालयीन प्रकरण दर्ज कर, विधि अनुसार
कार्यवाही की जा रही है। अतिक्रमण हटाना सतत् गतिशील न्यायालयीन प्रक्रिया है। अतः
निश्चित समय सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
जनहित एवं विवादों से
बचने हेतु सीमांकन पर रोक
4. ( *क्र. 570 ) श्री तरूण
भनोत : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या
प्रश्नकर्ता ने अपने पत्र क्रं. 3216, 3215, दिनांक 1.10.015 को मोजा रामपुर नं.
बंदोबस्त 1 पटवारी ह.नं. 9 ख.क्रं. 65/1 एवं 65/2 रकवा 1.169 भूमि के सीमांकन आदेश
को जनहित हेतु रोक लगवाने के संबंध में कमिश्नर जबलपुर संभाग एवं कलेक्टर जबलपुर
को पत्र लेख किया था ? (ख) यदि हां, तो उक्त पत्र के तारतम्य में जिला प्रशासन
जबलपुर द्वारा क्या कार्यवाही की गई ? (ग) क्या श्रीमति संगीता डोडानी
उपाध्यक्ष पुरूषार्थी को आपरेटिव हाउसिंग सोसाईटी आदर्श नगर, नर्मदा रोड जबलपुर
द्वारा मय अभिलेखों को प्रस्तुत कर वर्णित (क) की भूमि को विवाद से बचने एवं जनहित
हेतु सीमांकन पर रोक लगवाने हेतु जिला प्रशासन को पत्र लेख किया था किंतु आज दिनांक
तक सीमांकन रोक संबंधी कोई कार्यवाही नहीं की गई ? (घ) यदि वर्णित (क), (ग) सत्य
है तो जिला प्रशासन द्वारा उक्त सीमांकन पर रोक लगवाने हेतु क्या कार्यवाही की गई
?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हॉ। यह सही है कि
प्रश्नकर्ता मा0विधायक श्री तरूण भनोत द्वारा अपने पत्र क्रमांक 3215 दिनांक
01.10.2015 को मौजा रामपुर प.ह.नं. 9 के खसरा नम्बर 65/1 एवं 65/2 रकवा 1.169
हेक्ट0 भूमि के सीमांकन आदेश को जनहित हेतु रोक लगाने के संबंध में कलेक्टर
जबलपुर को पत्र लेख किया गया है। (ख) जिला प्रशासन द्वारा तहसीलदार गोरखपुर को
कार्यवाही हेतु पत्र प्रेषित किया गया है। तहसीलदार के न्यायालय में तत्संबंध में
प्रचलित है। सीमांकन में आपत्ति प्राप्त होने पर आपत्ति का निराकरण हेतु प्रकरण
नियत है। (ग) जी हॉ। सीमांकन का प्रकरण तहसीदार के न्यायालय में लंबित है
जिसमें आपत्ति का निराकरण उपरांत नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी। (घ) कार्यवाही
प्रचलन में है।
बीमा राशि का भुगतान
5. ( *क्र. 375 ) डॉ. रामकिशोर
दोगने : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या हरदा
जिले में किसानों की फसल बीमा राशि रबी एवं खरीफ की फसले वर्ष 2014-2015 का भुगतान
किया जा चुका है ? यदि हां, तो कब भुगतान हुआ व किस मान से भुगतान किया गया ?(ख)
प्रश्नांकित जिले में राजस्व विभाग के सर्वे में अनावरीवार क्षति का आंकलन क्या
था तथा किस अनुपात में बीमा राशि प्रदाय की गई ?(ग) क्या क्षेत्रीय किसानों से
पक्षपात पूर्ण सर्वे/आंकलन व बीमा राशि प्रदाय की शिकायतें शासन को प्राप्त हुई है
? यदि हां, तो शासन ने कब, किस अधिकारी से शिकायतों का परीक्षण / भौतिक मूल्यांकन
कराया व दोषी अधिकारियों व कर्मचारियों पर कार्यवाही कर शिकायतकर्ता किसानों को
वास्तविक बीमा राशि व राहत दिलाई ?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह )
: (क)(ख)(ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
बीज वितरण कार्य में
लापरवाही
6. ( *क्र. 721 ) श्री राजेश
सोनकर : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या
उद्यानिकी विभाग द्वारा किसानों को सस्ती दरों पर अच्छा बीज वितरण कार्य किया
जाता है व बाजार मूल्य से कम भाव में बीज आदि दिया जाता है ?(ख) यदि हां, तो क्या
कुछ समय पूर्व उद्यानिकी विभाग द्वारा सांवेर विधानसभा क्षेत्र के गांवों में बाजार
मूल्य से अधिक भावों में गरीब किसानों, को घटिया बीज व अन्य सामान बेचा गया है ?
यदि हां, तो बतायें ?(ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में क्या इसकी शिकायतें किसानों
द्वारा संबंधित अधिकारियों को की थी ? यदि हां, तो घटिया बीज अधिक दामों पर बेचने
वाले कर्मचारियों पर क्या कार्यवाही कब तक की जायेगी ? (घ) प्रश्नांश (ग) के
संदर्भ में क्या घटिया बीज से हुए नुकसान की भरपाई संबंधित विभाग द्वारा गरीब
किसानों को की जायेगी ?
पशुपालन मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) :
(क) निर्धारित
शासकीय संस्थानों जैसे विभागीय रोपणियों/प्रक्षेत्रों, कृषि विश्व विद्यालय
जबलपुर/ग्वालियर, म.प्र. राज्य बीज एवं फार्म विकास निगम, राष्ट्रीय बागवानी
अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठिान (NHRDF) एवं म.प्र. राज्य कृषि उद्योग विकास निगम
से क्रय कर कृषकों को विभिन्न योजनाओं के अन्तर्गत उच्च गुणवत्ता वाले बीजों का
वितरण/विक्रय किया जाता है आवश्यक होने पर प्रमाणित बीज निविदा के माध्यम से
न्यूनतम दरों पर बीज क्रय कर विभागीय योजनाओं में प्रदाय किये जाते है। बाजार मूल्य
से तुलना का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी
नहीं। (ग) जी
नहीं। एक शिकायत के सदर्भ में उप संचालक उद्यान इन्दौर से प्राप्त प्रतिवेदन के
आधार पर श्री एम.एल दोहरे ग्रामीण उद्यान विस्तार अधिकारी के द्वारा व्यक्तिगत तौर
पर प्याज बीज 03 कृषकों को नियम विरूद्ध विक्रय करने के कारण आदेश क्रमांक 217-18
दिनांक 26.11.2015 द्वारा निलंबित कर दिया गया है।
(घ) प्रश्नांश
’’ग’’ के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नल जल योजना की स्वीकृति
7. ( *क्र. 166 ) श्री दिनेश
राय : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सिवनी जिले
की सिवनी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत वर्ष 2014-15 में कितनी नल जल योजना कहां-कहां,
किस-किस गांव में स्वीकृत की गई है ? स्वीकृत नलजल योजना में से कितनी नल जल
योजनाओं का कार्य पूर्ण होकर पंचायतों को सौंपी गई है ? (ख) कितनी नलजल योजना
अपूर्ण है ? यदि पूर्ण नहीं हुई तो क्या कारण हैं ? कब तक पूर्ण हो जावेगी ? (ग)
ग्राम पंचायतों को सौंपी गई नल-जल योजना में से कितनी संचालित (चालू) हैं तथा कितनी
बंद पड़ी है ? बंद योजनाओं को कब तक प्रारंभ कराया जावेगा ?
पशुपालन
मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क)
जानकारी संलग्न परिशिष्ठ के अनुसार है। (ख) जानकारी
संलग्न परिशिष्ठ के अनुसार है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ठ
के अनुसार है।परिशिष्ट
एक उज्जैन जिले में कराए गए कार्य
8. ( *क्र. 432 ) श्री सतीश
मालवीय : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) उज्जैन
जिले के अंतर्गत आने वाले लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के सभी संभागों में एक
अप्रैल, 2014 से प्रश्न तिथि तक 02 लाख रूपये से कम कार्यादेश किस-किस कार्य के,
कब-कब और किस-किस को जारी हुए ?(ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित समयानुसार
मेन्टेनेंस के कार्यों पर कितनी-कितनी राशि क्या-क्या कार्य हेतु व्यय की गई
? किस-किस ठेकेदार को किस-किस क्रमांक के चेक द्वारा कितना-कितना भुगतान कब-कब किया
गया ?(ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) में किये गये कार्यों में से किन-किन कार्यों की
शिकायतें अधीक्षणयंत्री/मुख्य अभियंता/प्रमुख अभियन्ता/राज्य शासन को
क्या-क्या प्राप्त हुई ? किन आदेश क्रमांक एवं दिनांक से उक्त सक्षम कार्यालयों
द्वारा कब-कब, क्या कार्यवाही प्रश्न तिथि तक की गई ? (घ) उज्जैन जिले में स्थित
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के कार्यालयों को एक अप्रैल 2013से प्रश्न तिथि
तक किस-किस मद में कितनी-कितनी राशि किस-किस कार्य हेतु बजट से आवंटित हुई ?
कितनी-कितनी राशि किस-किस मद हेतु व्यय की गई ?
पशुपालन मंत्री ( सुश्री
कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जानकारी पुस्तकालय मे रखे परिशिष्ठ के
प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय मे रखे परिशिष्ठ के
प्रपत्र-दो अनुसार है। (ग) कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई। शेष प्रश्न ही
उपस्थित नहीं होता। (घ) जानकारी पुस्तकालय मे रखे परिशिष्ठ के
प्रपत्र-तीन अनुसार है।
फसलों का सर्वे
9. ( *क्र. 633 ) श्री प्रताप
सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) दमोह जिले में
वर्ष 2015 हेतु खरीफ फसलों के लिए कितना-कितना लक्ष्य निर्धारित किया गया था ?
क्या लक्ष्य के अनुरूप प्रत्येक फसल की बोनी की गई है ? यदि हां, तो फसलवार एवं
विकासखण्डवार रकबा सहित बतलावें ? (ख) जिले में औसत से कम वर्षा के कारण कितने
किसानों की कौन-कौन सी फसलें नष्ट हुई है, क्या नष्ट हुई फसलों का सर्वे पूर्ण
करा लिया गया है ? यदि हां, तो 25 प्रतिशत से कम, 25 से 50 प्रतिशत तथा 50 प्रतिशत
से अधिक नुकसानी की जानकारी विकासखंडवार एवं फसलवार बतलावें ? फसलों से हुई नुकसानी
से कितने कृषकों ने आत्महत्या अथवा आत्म हत्या का प्रयास किया है, उनका नाम,
पता एवं घटना दिनांक सहित बतलावें ? (ग) दमोह जिला प्रशासन द्वारा कृषकों को फसल
क्षति के मुआवजा हेतु कितनी राशि की मांग शासन से की गई है तथा कितनी राशि अभी तक
प्राप्त हुई है ? उसका वितरण कृषकों में कब तक कर दिया जावेगा ? खरीफ 2015 की
कौन-कौन सी फसलों के कितने कृषकों के बीमा किये गये थे ? उनकी सूची उपलब्ध करावें
। ऐसे कृषकों को बीमा दावा राशि कब तक प्राप्त हो जावेगी ? (घ) दमोह जिला सूखा
ग्रस्त होने के कारण शासन द्वारा कौन-कौन से राहत कार्य अभी तक प्रारम्भ किये है
अथवा कब तक करेंगी ? क्या फसलें नष्ट हो जाने से आर्थिक तंगहाली के चलते कृषक
मजदूर जिले से पलायान कर रहे हैं यदि हां, तो उन्हें रोकने के लिए स्थानीय स्तर
पर रोजगार उपलब्ध कराने हेतु क्या शासन ने कोई ठोस कार्य योजना बनायी, यदि हां,
तो बतलावें ? (ड़) क्या विगत तीन वर्षों से आर्थिक रूप से कमजोर कृषक ऋण
ग्रस्तता, संसाधनों एवं पानी की कमी के कारण रबी मौसम 2015-16 की फसलों की बोनी
हेतु असमर्थता जता रहा है ? शासन ऐसी स्थिति में शासन ने पीडि़त कृषकों को संकट से
उबारने के लिए क्या कोई कार्ययोजना तैयार की है अथवा नहीं ? यदि हां, तो क्या ?
कार्ययोजना कब तक धरातल पर क्रियान्वित की जावेगी ?
राजस्व मंत्री ( श्री
रामपाल सिंह ) : (क)(ख)(ग)(घ)(ड़) जानकारी एकत्रित की जा रही
है।
दशहरा चल समारोह 2015 गोसलपुर जिला जबलपुर में घटित दुर्घटना
10. ( *क्र. 572 ) श्री नीलेश
अवस्थी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) दशहरा चल
समारोह 2015 गोसलपुर जिला जबलपुर में चल समारोह के समय एक वाहन अनियंत्रित होकर चल
समारोह में प्रवेश कर गया था ? (ख) यदि हां, तो उल्लेखित दुर्घटना से कितनी जनहानि
हुई एवं कितने लोग आहत हुये ? नाम, ग्राम सहित सूची देवें एवं यह भी बतलावें कि
मृतकों एवं आहत लोगों को कितनी-कितनी मुआवजा राशि वितरित की गई ?(ग) क्या दशहरा चल
समारोह के समय एन.एस. 7 के यातायात को अन्य वैकल्पिक मार्ग में परिवर्तित न करने
की वजह से प्रश्नांक (क) में उल्लेखित दुर्घटना घटित हुई ? दुर्घटना पश्चात
प्रशासन जन आक्रोश को नियंत्रित करने में असफल रहा ? (घ) यदि हां, तो क्या शासन
दुर्घटना की जांच कराकर दोषियों पर कार्यवाही करते हुए मृतकों एवं आहतों को प्रदान
की गई मुआवजा राशि में वृद्धि करेगा ? यदि हां, तो कब यदि नहीं तो क्यों नहीं
?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) जी हाॅ। (ख) जानकारी संलग्न
परिशिष्ट अनुसार। (ग) जी नहीं। राष्ट्रीय राजमार्ग-07 के अलावा अन्य कोई
वैकल्पिक मार्ग नहीं था। सुरक्षा के हरसंभव इन्तजाम पुलिस बल के साथ किये गये थे,
घटना के पश्चात पुलिस बल के द्वारा विधि पूर्वक कार्यवाही कर जन आक्रोश को
नियंत्रित किया गया। (घ) उत्तरांश ’ग’ के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं
होता।
परिशिष्ट
दो थाना प्रभारी पर कार्यवाही बाबत्
11. ( *क्र. 386 ) श्रीमती
पारूल साहू केशरी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क)
क्या सागर जिले के पुलिस थाना जैसीनगर में पदस्थ थाना प्रभारी के विरूद्ध
कार्यवाही के निर्देश माननीय गृहमंत्री जी ने सागर प्रवास के दौरान वरिष्ठ
अधिकारियों को दिये थे ?(ख) यदि हां, तो थाना प्रभारी जैसीनगर के विरूद्ध प्रश्न
दिनांक तक क्या कार्यवाही की गयी ? यदि नहीं तो क्यों ?
गृह मंत्री (
श्री बाबूलाल गौर ) : (क) पुलिस थाना जैसीनगर में पदस्थ थाना प्रभारी निरीक्षक
आर0पी0रावत के विरूद्ध शिकायत के संबंध में जांच करने के निर्देश दिये गये थे। (ख)
प्रशनांश ‘‘क’’ के परिप्रेक्ष्य में आवेदक राजू कुर्मी द्वारा थाना जैसीनगर में
पदस्थ थाना प्रभारी निरीक्षक आर0पी0रावत के विरूद्ध पुलिस उप महानिरीक्षक सागर रेंज
सागर को की गई शिकायत थी, उक्त शिकायत पत्र की जांच अनुविभागीय अधिकारी (पुलिस)
बीना से कराई गई। जांच प्रतिवेदन पुलिस महानिरीक्षक सागर जोन सागर की ओर प्रेषित
किया गया है। अनुविभागीय अधिकारी (पुलिस) बीना से प्राप्त जांच रिपोर्ट के आधार पर
थाना प्रभारी जैसीनगर श्री आर0पी0रावत जिला सागर एवं स0उ0नि0 श्री राम कुमार यादव
जिला सागर के विरूद्ध कारण बताओ नोटिस दिनांक 20.11.15 जारी करते हुये अपचारियों से
07 दिवस में अभ्यावेदन चाहा गया है। शेष का प्रश्न उपस्थित नही
होता।
अनु. जाति, पिछड़ा वर्ग के पट्टों की जमीन की बिक्री की
अनुमति
12. ( *क्र. 861 ) श्री
सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे
कि(क) क्या मुरैना जिले वर्ष 2012 से अक्टूबर 2015 तक अनुसूचित जाति, पिछड़े वर्ग
की पट्टों की जमीनों के प्रकरणों की बिक्री हेतु काफी संख्या में अनुमति प्रदान की
गई है ?(ख) क्या उक्त अनुमति में कुछ शर्ते लगाई गई थीं व शर्तों का पालन हुआ है
? (ग) क्या शासन अनु. जाति, पिछड़े वर्ग की जमीन बिक्री अनुमति में शर्तों के
उलंघन होने पर बिक्री पत्र शुन्य घोषित किया जावेगा तथ्यों सहित पूर्ण जानकारी दी
जावे ?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हां। कुल
99 प्रकरण में
।(ख) जी
हां।(ग) उत्तरांश
‘‘ख‘‘ अनुसार बिक्री अनुमति में, विहित शर्तों का पालन किया गया है। अतः शेष प्रश्न
उद्भूत नहीं होता है।
शासन
द्वारा सूखाग्रस्त घोषित की गई तहसीलें
13. ( *क्र. 505 ) श्री हरदीप
सिंह डंग : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) म.प्र.
शासन द्वारा इस वर्ष वर्षा की कमी के कारण जिन तहसीलों को सूखाग्रस्त घोषित किया
गया है, उनके नाम बतावें ? (ख) जिन तहसीलों को सूखाग्रस्त घोषित किया गया है,
उनकों किस आधार या नियम पर सूखाग्रस्त घोषित किया गया है ? (ग) मंदसौर, नीमच जिले
में किन-किन तहसीलों को सूखाग्रस्त घोषित किया गया है, नाम बतावें तथा जिन्हें
सूखाग्रस्त घोषित नहीं किया गया है, उनका स्पष्ट कारण बतावें ?(घ) सुवासरा
विधानसभा क्षेत्र में इस वर्ष 2015-16 में किस दिनांक को कितनी इंच वर्षा हुई है,
तहसीलवार बतावें ?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) सूखा
घोषित जिले/तहसील की जानकारी पुस्ताकलय में रखे परिशिष्ट ‘‘अ‘‘ अनुसार है। (ख)
मध्यप्रदेश शासन राजस्व विभाग द्वारा जारी सूखा के स्थाई निर्देश 2007 में दिये गये
प्रावधान अनुसार अल्प वर्षा एवं अनावारी के आधार पर सूखा घोषित किया गया है। ग)
मंदसौर जिले के (1) मंदसौर, (2) दालौदा (3) सीतामऊ (4) सुआसरा (5) गरोठ (6)
श्यामगढ़ (7) भानपुरा (8) मल्हारगढ़, कुल 8 तहसीलें । जिला-नीमच के (1) नीमच (2)
जीरन (3) जावर (4) सिंगौली (5) मनासा (6) रामपुर, कुल 6
तहसीलें। इस प्रकार मंदसौर एवं नीमच जिलें की सभी तहसीलें सूखा घोषित की गई हैं।
शेष प्रश्न अद्भुत नहीं होता। (घ) जानकारी पुस्ताकलय में रखे परिशिष्ट ‘‘ब‘‘
अनुसार है।
बन्द नल जल योजना प्रारंभ करवाना
14. ( *क्र. 603 ) श्री
चम्पालाल देवड़ा : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क)
रायसेन जिले के विकासखण्ड बेगमगंज एवं सिलवानी में वर्ष 2009-10 से प्रश्न दिनांक
तक स्वीकृत कौन-कौन सी नल जल योजनाओं का कार्य कब पूर्ण हुआ ? ठेकेदार को कितनी
राशि का भुगतान किया योजना ग्राम पंचायत को कब हस्तांतरित की गई ? (ख) किन-किन नल
जल योजनाओं/कूप निर्माण का कार्य किन कारणों से अपूर्ण है ? उक्त कार्य कब तक
पूर्ण होगा ? (ग) नवम्बर 15 की स्थिति में उक्त विकासखण्डों में कौन-कौन सी नल
जल योजना चालू है तथा कौन-कौन सी योजना कब से क्यों बन्द है ? (घ) उक्त बन्द नल
जल योजना चालू करवाने के संबध में विभाग के अधिकारियों ने क्या-क्या कार्यवाही की
? उक्त योजनायें कब तक प्रारंभ होगी ?
पशुपालन मंत्री ( सुश्री कुसुम
सिंह महदेले ) : (क) जानकारी पुस्तकालय मे रखे परिशिष्ठ के प्रपत्र-1
एवं 2 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय मे रखे परिशिष्ठ के प्रपत्र-3 अनुसार
है। (ग) जानकारी पुस्तकालय मे रखे परिशिष्ठ के प्रपत्र-4 अनुसार है। (घ)
जानकारी पुस्तकालय मे रखे परिशिष्ठ के प्रपत्र-4 अनुसार
है।
अस्थायी खण्ड लेखकों की नियमित नियुक्ति
15. ( *क्र. 847 ) श्री आर.डी.
प्रजापति : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) प्रदेश
में कलेक्टरों के अधीन अभिलेखागार एवं अन्य शाखाओं में अस्थायी तौर पर कार्यरत
खण्ड लेखकों का को नियमित नियुक्ति के आदेश माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा दिये
गये हैं ? यदि हां तो क्या उक्त आदेश के पालन में उन्हें नियमित नियुक्ति दी गई
? यदि नहीं तो कब तक दी जावेगी ? (ख) क्या न्यायालय के पूर्व आदेशानुसार उक्त
अस्थायी खण्ड लेखकों को नियमित लिपिक पद पर नियुक्ति दी गई है ? यदि नहीं तो
विलंब के लिए कौन उत्तरदायी है ?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) :
(क)(ख)जानकारी एकत्रित की जा रही है।
सूखा पीडित किसानों की
मुआवजा राशि का प्रदाय
16. ( *क्र. 355 ) श्री
सुखेन्द्र सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क)
क्या रीवा जिले में खरीफ सीजन में किसानों की सूखा से हुई कृषि क्षति की, संपूर्ण
कृषकों की फसल नुकसानी का आंकलन कर, क्षतिपूर्ति देने हेतु म.प्र. शासन द्वारा
राजस्व अमले को निर्देशित किया गया है ?(ख) यदि हां, तो क्या रीवा जिले में
राजस्व अमले द्वारा कृषि क्षति का कृषकवार क्षति आंकलन सर्वे सूची तैयार कराया गया
है ? विवरण सहित बतावें ? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में रीवा जिले के
विधानसभा क्षेत्र मऊगंज अंतर्गत कितने किसानों को कितनी-कितनी मुआवजा भुगतान हेतु
सूची तैयार करायी गयी है ? (घ) क्या कृषि कार्य में लगे खेतिहर मजदूरों, जो कि
अधिया एवं लगानी पर जमीन लेकर कृषि कार्य करते हैं, उन्हें उनकी सूखा से हुई कृषि
नुकसानी की क्षतिपूर्ति दी जायेगी ? यदि नहीं तो क्यों ?
राजस्व मंत्री
( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाॅं। (ख) रीवा जिले में 221,373 खातेदाराों को
98,61,28,303/- रूपये के क्षति पत्रक तैयार कराये गये विवरण का पत्रक संलग्न
परिशिष्ट “अ“ अनुसार है। (ग) मऊगंज विधानसभा क्षेत्र की मऊगंज तहसील के 54 ग्रामों
के 3986 कृषक खातेदारों को 1,43,84,225/- रूपये एवं हनुमना तहसील के 331 ग्रामों के
27912 कृषक खातेदारों को 13,20,56,400/- रूपये कृषकवार सूची तैयार कराई कई है इस
प्रकार मऊगंज विधानसभा क्षेत्र के 385 ग्रामों में 31898 कृषक खातेदारों को
14,64,40,625/- रूपये की सहायता राशि की सूची मुआवजा राशि के भुगतान हेतु तैयार
कराई गई है। (घ) आर.बी.सी. 6-4 के प्रावधानों के तहत भूमि स्वामी की सहमति से अधिया
एवं लगानी कृषकों को सहायता प्रदान की जावेगी।
परिशिष्ट
तीन खरीफ फसल की नुकसानी का आंकलन एवं मुआवजा वितरण
17. ( *क्र. 960 ) श्री हर्ष
यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) सागर
जिलान्तर्गत देवरी विधानसभा क्षेत्र में खरीफ 2015 में किन-किन फसलों का
कितने-कितने प्रतिशत नुकसान/हानि अब तक आकलित की गई है ? (ख) उक्त क्षेत्र के
कितने कृषकों की कौन-कौन सी फसल की कितनी क्षति हुई है ? किस फसल की, कितने प्रतिशत
क्षति पर प्रति हेक्टेयर कितना मुआवजा दिये जाने की योजना है ? (ग) क्या उड़द,
मूंग व अरहर की फसलों में हुई क्षति का मुआवजा कृषकों को दिया जाएगा ? नहीं तो
क्यों ? (घ) छोटे शासकीय सेवकों व वृत्तिकर दाताओं के नाम अंकित भूमि पर फसल
नुकसानी का मुआवजा न दिये जाने के क्या-क्या कारण हैं ? (ड.) देवरी व केसली तहसील
में खरीफ 2015 में वास्तविक उपज के आंकड़ो की जानकारी उपलब्ध करावें
?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) सागर जिला अंतर्गत
देवरी विधानसभा क्षेत्र में खरीफ 2015 में सोयाबीन एवं उडद में 25 प्रतिशत से 33
प्रतिशत एवं 33 प्रतिशत से अधिक हानि अब तक आंकलित की गई है । (ख) उक्त क्षेत्र के
58770 प्रभावित क़़षकों की 51825 हेक्टेयर भूमि में उड्द तथा सोयाबीन की फसल में
25 प्रतिशत से 33 प्रतिशत से अधिक की क्षति हुई है । फसलों की क्षति में प्रति
हेक्टेयर राहत राशि दिये जाने का प्रावधान आर.बी.सी. 6-4 अनुसार है जो पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट "अ" अनुसार है । (ग) उड्द की क्षति की राहत राशि दी जा रही है ।
मूंग एवं अरहर में क्षति प्रतिवेदित नहीं है । अत: मूंग अरहर की फसलों के लिए राहत
राशि नहीं दी जा रही है । (घ्) आर.बी.सी. 6-4 के तहत सभी पात्र प्रभावित क़षकों को
राहत राशि दिये जाने का प्रावधन है । (ड्) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट
"ब" अनुसार है ।
आगंनबाड़ी केन्द्र
18. ( *क्र. 784 ) इन्जी.
प्रदीप लारिया : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा
करेंगी कि (क) क्या नरयावली विधानसभा क्षेत्र में सागर एवं राहतगढ़ विकासखण्ड में
कितने आगनबाड़ी केन्द्र संचालित किये जा रहे हैं ? (ख) वर्तमान में कितने
आगंनबाड़ी केन्द्र स्वयं के भवन में, कितने आगंनवाड़ी केन्द्र किराये के मकान
में एवं कितने आगंनवाड़ी भवन निर्माणधीन हैं एवं कितने आगंनवाड़ी भवन स्वीकृत हैं
? (ग) निर्माणधीन एवं स्वीकृत आगंनवाड़ी भवन कब तक पूर्ण होंगे ?
महिला
एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) नरयावली विधानसभा क्षेत्र
के सागर एवं राहतगढ़ विकासखण्ड में 258 आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित किये जा रहे है
।(ख) नरयावली विधानसभा क्षेत्र के सागर एवं राहतगढ़ विकासखण्ड अंतर्गत संचालित
केन्द्रों हेतु 95 आंगनवाडी भवन स्वीकृत किये गये है । वर्तमान में इनमें से 52
आंगनवाड़ी भवन पूर्ण हो चुके है, जिनमें आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित है। 76
आंगनवाड़ी केन्द्र किराये के भवन मे, 43 आंगनवाड़ी भवन निर्माणाधीन है। शेष 130
आंगनवाड़ी केन्द्र अन्य शासकीय भवनों में संचालित है । विस्तृत जानकारी
पुस्तकालय मे रखे परिशिष्ट 'क' अनुसार है। (ग) निर्माणाधीन आंगनवाड़ी भवन एवं
स्वीकृत आंगनवाड़ी भवनों का निर्माण कार्य शीघ्र पूर्ण करा लिया जाएगा। समय सीमा
दिया जाना संभव नही है।
बंटवारा नामांतरण एवं सीमांकन के पंजीयन
प्रकरण
19. ( *क्र. 72 ) कुँवर सौरभ
सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) विधानसभा
क्षेत्र बहोरीबंद में वर्ष 2010 से कितने-कितने प्रकरण बंटवारा, नामांतरण एवं
सीमांकन के पंजीकृत हुये है ? पंजीकृत प्रकरणों में से कितने प्रकरणों का निराकरण
हो चुका है ? कितने प्रकरण आज दिनांक तक लंबित है ? ब्लॉकवार, ग्रामवार विवरण
देवें ? (ख) प्रश्नांश (क) में पंजीकृत कितने प्रकरणों का निराकरण ग्राम सभाओं
द्वारा एवं कितने प्रकरणों का निराकरण तहसील न्यायालयों के माध्यम से हुआ है ?
पृथक-पृथक विवरण देवें ? (ग) प्रश्नांश (क) में लंबित प्रकरणों के लिये दोषी कौन
है ? क्या शासन स्तर से इन दोषियों के विरूद्ध कोई कार्यवाही की गई है ? यदि हां
तो किस-किस के विरूद्ध और यदि नहीं तो क्यों ? दोषियों के विरूद्ध कब तक क्या
कार्यवाही की जावेगी ?(घ) क्या प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा प्रमुख सचिव राजस्व को
कार्यालयीन पत्र क्रमांक 1991 दिनांक 2015 लिखा था ? उक्त पत्र पर क्या कार्यवाही
की गई ? यदि नहीं तो कब की जावेगी ?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह )
: (क)(ख)(ग)(घ)जानकारी एकत्रित की जा रही है।
प्रदेश में
अवर्षा, अल्पवर्षा एवं सूखे की स्थिति से फसलों को नुकसान
20. ( *क्र. 2 ) श्री रामनिवास
रावत : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या प्रदेश
में वर्ष 2014-15 में अवर्षा, अल्पवर्षा व ओलावृष्टि से सूखे की स्थिति निर्मित
होकर खरीफ की फसल को भारी नुकसान हुआ है ? यदि हां, तो आंकलन अनुसार प्रदेश के
कितने जिलों में कितने प्रतिशत व कितनी-कितनी राशि का नुकसान हुआ है ? (ख) प्रदेश
में कितने जिले सूखा प्रभावित हैं व कितने जिलों को सूखा घोषित करने के प्रस्ताव
हैं ? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में फसलों को हुए नुकसान से
प्रभावित किसानों को राहत पहुंचाने के लिए विभाग द्वारा क्या प्रयास किए हैं ?
क्या केन्द्र शासन से राशि की मांग की गई है ? यदि हां तो कब-कब कितनी-कितनी राशि
की ? (घ) विभाग द्वारा किसानों को सहायता व सहयोग करने के लिए क्या-क्या उपाय
किए गए हैं एवं सूखे से निपटने की विभाग की क्या योजना है ?
राजस्व
मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी नहीं । शेष प्रश्न उद्भूत नहीं
होता । (ख) प्रश्नांश “क“ के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उद्भूत नहीं
होता । (ग) प्रश्नांश ”क” एवं ”ख” के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता ।
(घ) प्रश्नांश ”क” ”ख” एवं ”ग” की जानकारी के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं
होता ।
नरसिंहगढ़ जिलान्तर्गत आरक्षक की पदस्थापना/पदोन्नति
21. ( *क्र. 877 ) श्री जालम
सिंह पटेल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) जिला
नरसिंहपुर अंतर्गत पदस्थ मनोजपुरी गोस्वामी आरक्षक की प्रथम नियुक्ति किस
प्रक्रिया के तहत कहां की गई थी ? (ख) क्या केवल मात्र पदोन्नति हेतु उनका
स्थानांतरण एक इकाई से दूसरी इकाई में किया गया था, पदोन्नति उपरांत किस स्थान
पर पदस्थापना की गई थी ? (ग) क्या पुलिस मुख्यालय के पत्र दिनांक 17.05.2013 एवं
दिनांक 11.09.2013 अनुसार पदोन्नति पश्चात 5 वर्ष तक उसी इकाई में पदस्थ रहना
आवश्यक है ? (घ) यदि हां तो फिर किस नियम के तहत श्री गोस्वामी का स्थानांतरण दो
वर्ष के भीतर ही पीटीएस उमरिया से जिला नरसिंहपुर में प्रधान आरक्षक के पद पर किया
गया है ?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) श्री मनोजपुरी
गोस्वामी की प्रथम नियुक्ति शासन के अनुकंपा नियुक्ति के नियमों के अंतर्गत जिला
होशांगाबाद में की गई थी । (ख) श्री मनोजपुरी गोस्वामी के आवेदन पर अतंर जिला
स्थानांतरण संबंधी पु0मु0 के परिपत्र कमांक पु0मु0/3/क्रमांक/ए
3-4/2582/13, दिनांक 17.05.2013 में दिये गये प्रावधानुसार पुलिस अधीक्षक
पीटीएस उमरिया की सहमति के आधार पर पुलिस अधीक्षक नरसिंहपुर द्वारा आदेश
क्रमांक/पु0अ0/नरपुर/स्था/122/14, दिनांक 21.02.2014 के माध्यम से श्री
मनोजपुरी गोस्वामी का स्थानांतरण जिला नरसिंहपुर से पीटीएस उमरिया किया गया था।
आरक्षक मनोज पुरी गोस्वामी पीटीएस उमरिया को प्रधान आरक्षक के पद पर पदोन्नति
पश्चात पीटीएस उमरिया में ही पदस्थ किया गया। (ग) जी नहीं। पुलिस मुख्यालय के
परिपत्र दिनांक 11.09.2013 के द्वारा पूर्व में जारी परिपत्र दिनांक 17.05.2013 की
कण्डिका 5 की उपकण्डिका 2 को समाप्त किये जाने के फलस्वरूप पदोन्नति पश्चात
स्थानांतरण हेतु न्यूनतम पदस्थापना (03 वर्ष एवं 02 वर्ष) की समय-सीमा समाप्त की गई
थी। (घ) प्रश्नांश(ग)के उत्तर को दृष्टिगत रखते हुये प्रश्न उपस्थित नहीं होता
हैं।
दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही
22. ( *क्र. 296 ) श्री
सुन्दरलाल तिवारी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क)
क्या आयुक्त राजस्व रीवा संभाग को प्रश्नकर्ता द्वारा दिनांक 01.04.2015 एवं
26.05.2015 को पत्र लिखकर रीवा संभाग में गत 12 वर्ष यानि 2003 से अब तक भिन्न
योजनाओं, निजी व सार्वजनिक कार्यों हेतु शासकीय एवं अशासकीय भूमि जो अधिग्रहित की
गई है का ब्यौरा शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों का चाहा गया था ? (ख) प्रश्नांश (क)
के संदर्भ में कमिश्नर कार्यालय रीवा संभाग रीवा श्री आर.डी.एस. अग्निवंशी डिप्टी
कमिश्नर (राजस्व) रीवा संभाग रीवा ने कलेक्टर रीवा, सतना, सीधी, सिंगरौली को
दिनांक 17 अप्रैल 2015 एवं दिनांक 29 मई 2015 को पत्र लिखकर भूमि अधिग्रहण संबंधी
जानकारी शीघ्र उपलब्ध कराने हेतु निर्देशित किया था ? (ग) यदि प्रश्नांश (क) एवं
(ख) हां तो चाही गई जानकारी आज दिनांक तक उपलब्ध न कराने के दोषियों के विरूद्ध
कार्यवाही करते हुये प्रश्नांश (क) की जानकारी कब तक उपलब्ध करायेंगे
?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क)जी हां(ख) जी
हां। (ग) माह
अप्रैल 2015 में ओलावृष्टि, बाद में संभाग में अल्पवर्षा तथा अवर्षा की स्थिति
उत्पन्न होने के कारण समस्त अमला क्षति के आकलन में व्यस्त रहा, अतः जानकारी उपलब्ध
कराने में परिस्थितिवश विलम्ब हुआ है, प्रत्यक्ष रूप से कोई दोषी नहीं है। आयुक्त
रीवा संभाग द्वारा अब प्रश्नकर्ता को जानकारी उपलब्ध करा दी गई
है।
राजस्व ग्राम घोषित करने हेतु कार्य योजना
23. ( *क्र. 752 ) श्री
विष्णु खत्री : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क)
बैरसिया विधानसभा क्षेत्रांतर्गत ऐसे कौन-कौन से गांव हैं जो राजस्व ग्राम घोषित
नहीं है ? सूची उपलब्ध करावें ? (ख) प्रश्नांश (क) में दर्शित ग्रामों को राजस्व
ग्राम घोषित करने हेतु शासन/विभाग द्वारा 13/11/2015 तक क्या कार्यवाही की गयी है
? यदि नहीं तो विभाग कोई कार्य योजना तैयार कर रहा है ? यदि हां, तो विवरण उपलब्ध
करावें ?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क)(ख)जानकारी
एकत्रित की जा रही है।
योजनाओं का क्रियान्वयन एवं स्वीकृत
बजट-व्यय
24. ( *क्र. 473 ) डॉ.
राजेन्द्र पाण्डेय : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की
कृपा करेंगी कि (क) क्या शासन/विभाग द्वारा प्रदेश के साथ ही जावरा विधान सभा
क्षेत्र में विभिन्न योजनाओं एवं कार्यों को किया जा रहा है ? (ख) यदि हां, तो
जावरा विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत किन-किन योजनाओं का क्रियान्वन किया जाकर
क्या-क्या कार्य किए गए तथा कितने निर्माण एवं उन्नयन के कार्य हुए ?(ग) साथ ही
उक्त योजनाओं के क्रियान्वन एवं निर्माण कार्यों एवं उन्नयन हेतु वर्ष 2012-13,
वर्ष 2013-14 एवं वर्ष 2015 के प्रश्न दिनांक तक कितना बजट स्वीकृत हुआ ?(घ)
कृपया वर्षवार, कार्यवार एवं स्थानवार प्राप्त बजट एवं किए गए व्यय का भौतिक
सत्यापन सहित अवगत करावें ?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती माया
सिंह ) :
(क) जी हॉ। (ख) विभाग द्वारा लाडली लक्ष्मी योजना का क्रियान्वयन किया जा
रहा हैं । विधान सभा क्षेत्र जावरा में गर्भवती, धात्री एवं छः माह से 06 वर्ष तक
के बच्चों को पूरक पोषण आहार का वितरण, टीकाकरण, स्वास्थ्य परीक्षण, शाला पूर्व
शिक्षा, स्वास्थ्य एवं पोषण सलाह इत्यादि सेवाऐं आंगनवाड़ी केन्द्रों के माध्यम से
उपलब्ध कराई गई है । आंगनवाड़ी केन्द्र के माध्यम से विभाग की अन्य गतिविधियों यथा
सुपोषण अभियान में स्नेह शिविरों के माध्यम से अति कम वजन के बच्चों की माताओं को
प्रशिक्षण तथा सामुदायिक पोषण प्रबंधन, प्रतिमाह की 25 तारीख को बाल-चौपाल
कार्यक्रम के माध्यम से हितग्राही बच्चों के माता पिता एवं समुदाय की सहभागिता,
समुदाय/जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति में मंगल दिवस कार्यक्रम यथा गोद भराई
अन्नप्राशन, जन्मदिवस, किशोरी दिवस का आयोजन, स्नेह सरोकार कार्यक्रम में मध्यम कम
वजन/अति कम वजन के बच्चों को समुदाय में गोद लेकर पोषण प्रबंधन, लाड़ली लक्ष्मी
योजना में बालिका जन्म को प्रोत्साहन देने हेतु हितग्राहियों को राष्ट्रीय बचत
पत्र/प्रमाण-पत्र प्रदान करना, इत्यादि विभिन्न कार्य किये गये है। विधान सभा जावरा
अन्तर्गत 139 आंगनवाडी भवनों के निर्माण कार्य एवं स्वीकृत किये गये, जिसमें से 90
भवन पूर्ण हो चुके है तथा 45 भवन निर्माणाधीन है एवं 4 भवन अप्रारंभ है तथा 50
आंगनवाड़ी भवनों का एवं 107 स्कूल भवनों में संचालित आंगनवाड़ी केन्द्रों के भवन का
उन्नयन कार्य किये गये । (ग) लाडली लक्ष्मी योजना के क्रियान्वयन हेतु प्राप्त
बजट
योजना
वर्ष 2012-13
2013-14 2014-15
2015-16
लाडली लक्ष्मी योजना 13476000
10980000 9000000
3534000
योजनाओं के क्रियान्वयन, निर्माण कार्यो एवं उन्नयन कार्य हेतु स्वीकृत बजट की
वर्षवार जानकारी पुस्तकालय मे रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है ।(घ) योजना अंतर्गत वर्ष
2012-13 2013-14 बालिकाओं को लाभान्वित कर एनएससी प्रदाय की गई एवं वर्ष 2014-15 की
शासन की नवीन राशि निर्देशानुसार निधि में जमा कर प्रमाण पत्र दिये गये एवं वर्ष
2015-16 में आनलाइन प्रकरण चढाये जाकर राशि निधि में जमा करने की कार्यवाही जारी है
। शेष जानकारी पुस्तकालय मे रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है
।
मुआवजा का विवरण
25. ( *क्र. 322 ) श्री
दुर्गालाल विजय : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) सूखा
घोषित श्योपुर जिले में (कराहल तहसील को छोड़कर) चालू वित्त वर्ष में खरीफ सीजन
में अल्पवर्षा/दिनांक 28.10.2015 को हुई ओलावृष्टि से किन-किन ग्रामों में
कितने-कितने कृषकों की कौन-कौन सी खरीफ फसलों में कितने-कितने प्रतिशत क्षति सर्वे
दलों ने सर्वे सूची में दर्ज की के अनुसार कितनी-कितनी मुआवजा राशि बांटी, जानकारी
विधानसभा क्षेत्र/ग्रामवार उपलब्ध करावें ?(ख) क्या सर्वे दलों ने मनमाने तरीके
से जिले में सर्वे किया इस कारण हजारों कृषक सर्वे सूची में जुड़ने से वंचित रह गये
जिनके नाम सर्वे सूची में जोड़े गये उनमें से सेकडों कृषकों को वर्तमान तक मुआवजा
नहीं मिल पाया इसके क्या कारण है ?(ग) श्योपुर जिले/क्षेत्र में कृषकों की
अत्यंत खराब हालत के मद्देनजर कितनी मुआवजा राशि शासन द्वारा प्रदाय की गई ?(घ)
क्या उक्त प्रदाय राशि जिले / क्षेत्र में फसलों को हुई हानि के मुकाबले में
अपर्याप्त है यदि हां, तो क्या शासन कृषकों के हित में जिले/क्षेत्र हेतु विशेष
आकर्षक पैकेज की घोषणा करके पर्याप्त राहत कार्य प्रारंभ करवाएगा यदि नहीं तो
क्यों ?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) :
(क) जिला श्योपुर में अल्पवर्षा/ओलावृष्टि से हुई क्षति की जानकारी
निम्नानुसार है-
1. तहसील श्योपुर में 72 ग्रामों के 4656 कृषकों के लिए 737.71 लाख (रू0 सात
करोड़ सेतीस लाख इकहत्तर हजार) राशि स्वीकृत की जाकर प्रभावित कृषकों को राहत राशि
वितरण की जा रही है। 2. तहसील बड़ौदा के 34 ग्राम के 2564 कृषकों को 194.43 लाख
(रू0 एक करोड़ चैरान्वे लाख तिरालीस हजार) राशि का भुगतान किया गया है। 3. तहसील
कराहल में ओलावृष्टि से धान की फसल से 04 ग्रामों के 57 कृषक प्रभावित हुये है।
जिनके लिये 12.19 लाख (रू0 बारह लाख उन्नीस हजार) रूपये आर्थिक सहायता स्वीकृत की
गई है। 4. तहसील विजयपुर में सूखे से 37 ग्रामों के 5166 कृषकों के लिये
306.17लाख(राशि रू. तीन करोड छः लाख सत्रह हजार मात्र) स्वीकृत किया जाकर
1649902/- (रू0 सोलह लाख उन्चास हजार नौ सौ दौ) राशि का वितरण कर दिया गया है। 5.
तहसील वीरपुर की जानकारी निरंक है। (ख) जी नहींं। जिला श्योपुर अन्तर्गत अल्पवर्षा
एवं ओलावृष्टि के कारण हुई खरीफ फसल क्षति केेे सर्वेक्षण हेतुु राजस्व
निरीक्षक/पटवारी/पंचायत सचिव एवं कृषि विभाग के आर.ए.ई.ओ. का संयुक्त दल गठन किया
गया है। उक्त दलों द्वारा संयुक्त रूप से फसलों का सर्वे कार्य सम्पादित किया गया
है। सर्वे पश्चात सभी पात्र कृषकों को सर्वे सूची में शामिल कर लिया गया है। किसी
भी पात्र कृषक का नाम नही छोड़ा गया है। सभी प्रभावित पात्र कृषकों को राहत राशि
वितरण की जा रही है। (ग) जिला श्योपुर द्वारा 1736.87 लाख (रू0 सत्रह करोड़ छत्तीस
लाख सत्यासी हजार) रूपये की राशि की मांग की गई है। शासन से जिले को मांग अनुसार
राशि उपलब्ध करा दी गई है। (घ) फसल क्षति हेतु कृषकों को राजस्व पुस्तक परिपत्र 6-4
के मानदण्ड अनुसार राहत राशि उपलब्ध करायी जा रही है। शासन द्वारा जिले को मांग
अनुरूप राशि उपलब्ध करा दी गई है।
नियम 46(2) के अंतर्गत अतारांकित प्रश्नोत्तर के रुप में
परिवर्तित तारांकित प्रश्नोत्तरखरीफ की फसल के नुकसान से
किसानों को राहत राशि का प्रदाय
1. ( क्र. 3 ) श्री रामनिवास
रावत : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या प्रदेश
में अवर्षा, अल्पवर्षा व ओलावृष्टि से सूखे की स्थिति निर्मित होकर खरीफ की फसल को
भारी नुकसान हुआ है ? यदि हां तो आंकलन अनुसार प्रदेश के किन-किन जिलों की किन-किन
तहसीलों में नुकसान हुआ है ? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रदेश में
अभी तक कितनों जिलों की कितनी तहसीलों को सूखा प्रभावित घोषित कर दिया है ? एवं
विभाग के पास प्रश्न दिनांक तक किन-किन जिलों की किन-किन तहसीलों को सूखा प्रभावित
घोषित करने के प्रस्ताव जिला कलेक्टरों से राज्य शासन को प्राप्त हो चुके हैं ?
उक्त प्रस्तावित तहसीलें कब तक सूखा प्रभावित घोषित कर दी जावेंगी ? यदि नहीं तो
क्यों ? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में फसलों को हुए नुकसान से
प्रभावित किसानों को राहत पहुंचाने के लिए विभाग द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की
गई ? (घ) उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में फसलों को हुए नुकसान की भरपाई
हेतु केन्द्र सरकार से कितनी धन राशि की मांग कब-कब की गई केन्द्र सरकार से कितनी
राशि राहत हेतु राज्य सरकार को प्राप्त हुई है ? यदि नहीं तो क्यों ? (ड़)
उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में राजस्व पुस्तक परिपत्र 6-4 के तहत सूखा
पीडि़त किसानों को राहत राशि देने के लिए प्रश्न दिनांक किन-किन जिलों को
कितनी-कितनी राशि शासन द्वारा आवंटित की गई एवं जिलों में प्रशासन द्वारा
कितनी-कितनी राशि किसानों को प्रश्न दिनांक तक राहत के लिए प्रदाय की गई हैं
?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाॅं ।
प्रभावित जिले तहसील एवं फसलों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट “अ“ अनुसार
है । (ख) अब तक 42 जिलों की 268 तहसीलें सूखाग्रस्त घोषित हो चुकी है । अब
सूखाग्रस्त घोषित किये जाने का प्रस्ताव प्रश्न दिनांक को लंबित नहीं है । (ग)
प्रभावित किसानों को राजस्व पुस्तक परिपत्र 6(4) के प्रावधानों के तह्त अनुदान
सहायता राशि उपलब्ध कराई जा रही है । (घ) केन्द्र से दिनांक 28/11/2015 को ज्ञापन
भेजकर 2391.09 करोड़ एवं पूरक मांग ज्ञापन दिनांक 15/11/2015 के माध्यम से 601.25
करोड़ राशि की मांग की गई है । केन्द्र सरकार से अभी तक राहत राशि प्राप्त नहीं हुई
है । (ड़) प्रश्नांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ”ब” अनुसार
है।
प्रदेश में सूखा एवं कर्ज पीडि़त कृषकों द्वारा आत्महत्या की
जाना
2. ( क्र. 4 ) श्री रामनिवास
रावत : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या यह सही है
कि प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्र. 785 दिनांक 22.07.2015 के उत्तर में दिनांक
01.02.2015 से 30.06.2015 तक प्रदेश में कुल 3646 आत्महत्यायें जिसमें से 245
कृषक तथा 250 कृषक मजदूर आत्महत्या की जानकारी दी गई थी ? (ख) यदि हां तो प्रदेश
में दिनांक 01 जुलाई 2015 से 31.10.2015 तक आत्महत्या की कितनी घटनायें घटित हुईं
? जिलेवार बतावें ? (ग) प्रश्नांश (ख) की अवधि में सूखे से प्रभावित किसानों की
फसल बर्बाद होने एवं कर्ज के कारण कितनी किसानों की सदमें/हृदयघात से मृत्यु हुई
? (घ) प्रश्नांश (ख) अनुसार आत्महत्या करने वालों में से कितने कृषक व कृषि
मजदूर थे ? प्रदेश में बढ़ रही आत्म हत्याओं (विशेषकर कृषक वर्ग में) को रोकने
लिए क्या प्रयास किए जा रहे हैं ?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) :
(क) जी हाॅ। (ख)
जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ग) दिनांक
01.07.2015 से 31.10.2015 तक की अवधि में सूखे से प्रभावित किसानों की फसल बर्बाद
होने एवं कर्ज के कारण प्रदेश में कुल 01 किसान की सदमें से/हृदयघात से मृत्यु हुई
है।(घ) कुल 193 कृषक एवं कुल 149 कृषि मजदूरों द्वारा आत्महत्या की है। राज्य शासन
प्राकृतिक आपदाओं से पीडि़त कृषकों एवं कृषि मजदूरों को हर संभव सहायता प्रदान करने
के लिये कटिबद्ध है।
परिशिष्ट
चार मतगणना के दौरान हिंसा की जांच पर कार्यवाही
3. ( क्र. 20 ) श्री महेन्द्र
सिंह कालूखेड़ा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) 23
फरवरी, 2015 के प्रश्न संख्या 20 (क्र. 779) तथा अतारांकित प्रश्न दिनांक 8
मार्च, 2014 संख्या 15 (क्र. 103) तथा संख्या 3 (क्र. 93) दिनांक 14 जुलाई, 2014
के संदर्भ में बताऐं कि विधान सभा मतगणना के दिन दिनांक 08.12.2013 तथा 29 जुलाई,
2015 की तारांकित प्रश्न संख्या 1 (क्र. 55) को पुलिस पर हमला हुआ तो हमले का
सी.सी.टी.वी. केमरा फुटेज तथा समाचार पत्रों व प्रेस फोटो ग्राफरों द्वारा लिये गये
फोटो के आधार पर 40 लोगों के उत्तर में दिये है उनमें सिर्फ 29 की पहचान कर ली गई
है व बाकी है 8 जिनके अधूरे पते लिखे हैं ? उनकी जांच कब तक पूरी हो जायेगी ? (ख)
मतगणना दिनांक 08.12.2013 के बाद लगभग 2 वर्ष पूरे हो जाने के बाद भी सभी आरोपियों
को गिरफ्तारी अभी तक क्यों नहीं हो पायी है ?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल
गौर ) : (क) अभी तक अनुसंधान में नामजद 40 आरोपियों में 23 आरोपी गिरफ्तार किये
जा चुके हैं तथा 09 नामजद आरोपियेां के विरूद्ध पर्याप्त साक्ष्य नहीं होने से
प्रकरण में 09 आरोपियों के नाम हटाये गये। शेष 08 नामजद आरोपीगणों के विरूद्ध 299
जा0फौ0 में पूरक चालान दिनांक 28.07.2015 को कता कर मि0नं0 157/15 दिनांक
28.07.2015 को न्यायालय पेश किया गया। (ख) मतगणना दिनांक 08.12.2013 से अभी तक
नामजद 23 आरोपी एवं वीडियो फुटेज के आधार पर पहचाने गये 04 आरोपी कुल 27 आरोपियेां
की गिरफ्तारी की जा चुकी है। शेष 11 आरोपियों के विरूद्ध पर्याप्त साक्ष्य नहीं
होने से नाम प्रकरण से हटाया गया है। शेष 13 आरोपियों की गिरफ्तारी के हरसंभव
प्रयास जारी हैं।
ग्राम अथाईखेड़ी तहसील मुंगावली के सर्वे
क्रं. 696/1 में अतिक्रमण
4. ( क्र. 22 ) श्री महेन्द्र
सिंह कालूखेड़ा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क)
क्या ग्राम अथाईखेड़ी तहसील मुंगावली के सर्वे क्रं. 696/1, जो बस स्टेंड के पास
टू लेन सड़क के किनारे पर अतिक्रमण की फर्जी रजिस्ट्री की शिकायत जिसमें खसरे में
बटा लिखा है, लेकिन नक्शे में अंकित नहीं है, को नक्शे में भी डलवाकर मूल
रजिस्ट्री में यही भूमि अथाईखेड़ा से एक किलोमीटर दूर बताई गई है कि शिकायत
प्रश्नकर्ता ने जिलाधीश व जिला पुलिस अधीक्षक को 2 नवम्बर को धारा 420 में प्रकरण
दर्ज कर जांच करने हेतु अनुरोध किया है ? यदि हां, तो उस संबंध में अभी तक क्या
कार्यवाही की गई है ? इस संबंध में हरिशंकर ग्राम अथाईखेड़ा ने तथा प्रश्नकर्ता ने
एस.डी.ओ. व तहसीलदार मुंगावली को क्या-क्या शिकायतें पिछले 18 माह में की है ?
(ख) क्या उक्त मूल रजिस्ट्री व फर्जी रजिस्ट्री वाली भूमि आत्म समर्पित डाकू
छोटा सिंह भदौरिया के पट्टे की भूमि थी, जिसे अथाईखेड़ा के राजेन्द्र शर्मा ने
खरीदी व राजेन्द्र शर्मा से वर्तमान फर्जी रजिस्ट्री कराने वाले ने खरीदी है तथा
पट्टे की भूमि बिना जिलाधीश की अनुमति से नहीं खरीदी जा सकती है ? अत: नामांतरण
रूका है ? (ग) क्या उक्त भूमि पर निर्माण की रोक लगी थी तब थोड़ा सा प्लेटफार्म
का काम हुआ था, जिसका फोटो हैं, वहां रोक व स्टे के बावजूद इस माह तक छत तक
निर्माण क्यों हो रहा है, तथा थाना बहादुरपुर द्वारा निर्माण चलने की रिपोर्ट के
बावजूद सिविल जेल की कार्यवाही क्यों नहीं की गई ?
राजस्व मंत्री ( श्री
रामपाल सिंह ) : (क)जी हां। अतिकमण हटाने हेतु कार्यवाही का मूल प्रकरण
निगरानी में चाहे जाने पर माननीय राजस्व मण्डल मध्यप्रदेश ग्वालियर को दिनांक
09.10.2015 को भेज दिया गया है।(ख) जी
हां।(ग)जी हां। थाना प्रभारी बहादुरपुर से रिर्पोट प्राप्त हुई थी कि निर्माण कार्य
बंद है। निगरानी प्रकरण माननीय राजस्व मंडल ग्वालियर के न्यायालय में विचाराधीन
होने से कोई कार्यवाही नहीं की जा सकी है।
राजघोड़ो द्वारा फसल
नष्ट करना
5. ( क्र. 25 ) श्री महेन्द्र
सिंह कालूखेड़ा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) विगत
एक वर्ष में रतलाम जिले में राजघोड़ों द्वारा फसल नष्ट करने की कितनी शिकायतें
शासन को मिली है तथा शासन ने किसान की फसलें बचाने हेतु क्या कार्यवाही की है व
कितने किसानों को फसल की हानि का कितना मुआवजा दिया है या मुआवजा आवेदन पेंडिंग है
व इस संबंध में वन विभाग के क्या नियम हैं ?(ख) क्या म.प्र.शासन के रिकार्ड में
इस रोजघोड़ा को रोजड़ा कहॉं जाता है या नीलगाय ? क्या यह हिरन की प्रजाति का पशु
है व गोबर नहीं बकरी हिरन की तरह मिगाणी करता है ? नीलगाय कहने से लोगों की धार्मिक
भावनाऐं जुड़ती है। अत: इस धारणा को दूर करने हेतु शासन क्या कर रहा है ?(ग) क्या
वन विभाग के नियमों के अनुसार अपने खेत में नुकसान करने पर इसको बंदूक से मारा जा
सकता है ? यदि हां, तो इस संबंध में प्रश्नांश (क) अवधि में रतलाम जिले में
किसानों के आवेदन कब से लम्बित है जिसमें इसे खेत में मारने की अनुमति मांगी है तथा
क्यों लम्बित है व कब तक अनुमति देंगे ?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल
सिंह ) : (क) जिले में राजघोडों द्वारा फसल नष्ट करने की एक शिकायत प्राप्त
हुई है जिसका तहसीलदार कार्यालय द्वारा नियमानुसार निराकरण किया जा चुका है ।
पात्रता न होने के कारण भुगतान नहीं किया गया है। वन्य प्राणियों द्वारा फसल
हानि करने पर की जाने वाली कार्यवाही के संबंध में शासन नियमों की जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 1 से 3 में संलग्न है । (ख) वन्य जीव संरक्षण
अधिनियम, 1972 की अनुसूची ।।। में यह नीलगाय (Boselaphus tragocamelus) के नाम से
उल्लेखित है तथा ऐंटीलोप (Antelope) वर्ग का वन्यप्राणी है । यह बकरी की तरह
मिगाणी करता है । प्रश्नांकित धारणा को दूर करने हेतु शासन स्तर पर कोई
कार्यवाही प्रचलित नहीं है । (ग) मध्यप्रदेश शासन, वन विभाग की अधिसूचना
क्रमांक/एफ-22/285/99/10-2, दिनांक 31 मई, 2000 के द्वारा अधिसूचना जारी की गई है
जिसमें वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 की धारा (4) उप धारा (1) के खण्ड
(ग) में प्रदत्त शक्तियों का उपयोग करते हुए शासन द्वारा मध्यप्रदेश के
समस्त अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) को अपने-अपने अधिकारिता क्षेत्र की सीमाओं के
भीतर फसल को नुकसान पहुंचाने वाली नीलगाय के लिए अधिनियम की उक्त धारा (11) की
उपधारा (1) के खंड (ख) के प्रयोजनों के लिए अनुमति जारी करने हेतु प्राधिकृत
अधिकारी नियुक्त किया गया है । जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-4 अनुसार है
।
किसानों को मुआवजा राशि का भुगतान
6. ( क्र. 55 ) श्री कमलेश्वर
पटेल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या इस साल
सूखे और अवर्षा से फसल नुकसान के लिए राहत का आधार उत्पादकता रखा गया है ? (ख) यदि
हां, तो क्या केन्द्रीय अध्ययन दल द्वारा इस मापदण्ड को मान्य किया गया है ?
(ग) प्रभावित किसानों को मुआवजा राशि प्रशासनिक मानदण्ड के आधार पर कब तक मिल
जायेगी ?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी नहीं ।
(ख) प्रश्नांश “क“ के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उद्भूत नहीं होता । (ग)
प्रभावित किसानों को राजस्व पुस्तक परिपत्र 6(4) के प्रावधान अनुसार सहायता राशि
वितरित की जा रही है ।
पुनर्वास की भूमि पर राइस मिल एवं दाल मिल
निर्माण
7. ( क्र. 73 ) कुँवर सौरभ
सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) कटनी नगर निगम
सीमा क्षेत्र में पुनर्वास की भूमि पर कौन-कौन राइस मिल एवं दाल मिलों के कौन-कौन
संचालक, कब से अवैध मिलों का निर्माण कर प्रसंस्करण का कार्य कर रहे हैं ? नाम,
पता सहित विवरण दें ? (ख) प्रश्नांश (क) की मिलों में से किन-किन के नक्शें नगर
निगम एवं नगर तथा ग्राम निवेश विभाग से स्वीकृत हैं, कितनी मिलों के भवन बिना
स्वीकृति/अनुज्ञा के निर्मित है ? (ग) प्रश्नांश (ख) की राइस मिलें एवं दाल मिलें
जो अतिक्रमण कर बिना भवन अनुज्ञा के निर्मित की गई हैं, उन्हें प्रदूषण नियंत्रण
बोर्ड से सहमति या ऊर्जा विभाग से विद्युत कनेक्शन किस आधार पर प्रदाय किये गये है
? इसके जिम्मेदार शासकीय सेवकों को निलंबित कर, विद्युत कनेक्शन विच्छेद कर,
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की सहमति निरस्त कर, वैधानिक कार्यवाही की जावेगी ? यदि
हां तो कब तक, यदि नहीं तो क्यों ? (घ) पुनर्वास की भूमियों पर अवैध रूप से राइस
मिलें एवं दाल मिलें निर्मित होने के संबंध में तत्कालीन विभागीय शासकीय सेवकों को
निलंबित कर विभागीय जांच संस्थित की जावेगी, यदि हां तो कब तक ? यदि नहीं तो क्यों
?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) मिलों
की अवैधता संबंधित प्रकरण मान0 उच्च न्यायालय जबलपुर में विचाराधीन है (याचिका
क्र. 1974/13) (ख) नगर निगम एवं नगर तथा ग्राम निवेश से कोई भी
मानचित्र स्वीकृत नहीं किया गया है। (ग) पुनर्वास की भूमि पर सभी
राइस मिल एवं दाल मिलों को विद्युत प्रदाय संहिता में निहित प्रावधान एवं कम्पनी
के नियमानुसार वैध विद्युत कनेक्शन वैध तरीके एवं वैध दस्तावेजों के माध्यम से
दिये गये हैं यदि आवेदक द्वारा प्रस्तुत किये गये दस्तावेजों को संबंधित विभाग
द्वारा अवैधानिक करार दिया जाता है तब नियमानुसार विद्युत विच्छेद की कार्यवाही की
जायेगी। (घ) प्रश्नांश 'क' के
उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रकरण निराकृत होने पर विधिवत् कार्यवाही की
जाएगी।
तहसील गुना के ग्राम कुसमोदा प.ह.नं. 59 के भू-अभिलेख के
बंदोबस्त नक्शे एवं वर्तमान नक्शे की जानकारी देने बाबत्
8. ( क्र. 98 ) श्रीमती ममता
मीना : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) गुना जिले की
तहसील गुना ग्राम कुसमोदा प.ह.नं. 59 के भू-अभिलेख बन्दोबस्त नक्शा एवं वर्तमान
में पटवारी ग्राम नक्शा में क्या-क्या अंतर है ? (ख) क्या तत्कालीन कलेक्टर
महोदय के आदेश से मूल नक्शा एवं पटवारी नक्शा ग्राम कुसमोदा को दुरूस्त कराने का
आदेश दिया था, उस पर क्या कार्यवाही की गई ?(ग) 23 फरवरी 2015 के तारा. प्रश्नांक
881 में प्रश्नकर्ता को सदन में चर्चा के दौरान माननीय मंत्री महोदय द्वारा 01 माह
में उक्त कार्यवाही करने का आश्वासन दिया गया था, लेकिन अभी तक कोई कार्यवाही
नहीं की गई कौन दोषी है ? क्या कार्यवाही करेंगे ?
राजस्व मंत्री ( श्री
रामपाल सिंह ) : (क) ग्राम कुशमौदा का बन्दोबस्त नक्शा एवं ग्राम की सीमाओं
में कोई अंतर नही है, केवल सर्वे नं. 402 की आकृति में बन्दोबस्त नक्शा एवं
पटवारी नक्शा में अंतर है। (ख)ग्राम कुशमौद का मूल नक्शा एवं पटवारी नक्शा
के नवीनीकरण में मूल नक्शा जीर्णशीर्ण होने से नक्शा तैयार करने में पर्याप्त
स्त्रोत नक्शा न होने सं स्थल सर्वेक्षण कर नजूल शीट के अनुसार नक्शा दुरस्त
किये जाने की कार्यवाही की जा रही है। (ग) जी हॉ प्रश्नांश ''ख'' अनुसार समय सीमा
में कार्यवाही की जा रही है शेष प्रश्न उपस्थित नही
होता।
गुना जिले के अनुविभागीय अधिकारी राजस्व परगना
गुना श्री भूलनदास द्विवेदी द्वारा नियम विरूद्ध पटवारी की पदस्थापना करने पर
कार्यवाही बाबत्
9. ( क्र. 99 ) श्रीमती ममता
मीना : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या जून 2015
में गुना जिले में पटवारी श्री अजय सेलर का स्थानांतरण शासन द्वारा तहसील चांचौड़ा
से तहसील गुना में वर्क लोड पटवारी के पद पर स्थानांतरण किया था ? यदि हां, तो
क्या उन्हें यह अधिकार था ?(ख) क्या परगना गुना के अनुविभागीय अधिकारी राजस्व
श्री भूलनदास द्विवेदी द्वारा शासन के प्रभारी मंत्री के अनुमोदन के एक माह के अंदर
बिना नियम के पटवारी श्री अजय सेलर की पद स्थापना बदलकर राजस्व पटवारी हल्का 58
कुसमोदा शहरी क्षेत्र में आदेश कर पदस्थ कर दिया है ?(ग) यदि हां, तो क्या परगना
गुना के अनुविभागीय अधिकारी को शासन की अनुमति के बगैर पटवारी की पदस्थापना बदलने
का अधिकार था या नहीं ?(घ) यदि हां, तो क्या अजय सेलर पटवारी की पदस्थापना क्यों
और कब बदली क्या अनुविभागीय अधिकारी परगना गुना श्री भूलनदास द्विवेदी के विरूद्ध
कब और कैसे कार्यवाही करेंगे ? क्या मूल पदस्थापना पर पटवारी को पदस्थ करायेंगे
कारण सहित उत्तर दें ?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क)
जी हां। कलेक्टर भू-अभिलेख जिला गुना के आदेश क्रमांक क्यू/भू-अभि
/स्था./2015/354-355 दिनांक 30.05.2015 के द्वारा श्री अजय सेलर पटवारी का
स्थानान्तरण तहसील चांचैडा से तहसील गुना में वर्कलोड पटवारी पर प्रभारी मंत्री के
अनुमोदन से किया गया था (ख) जी हां, अनुविभागीय अधिकारी गुना के आदेश क्रमांक
2327 दिनांक 12.06.2015 द्वारा श्री अजय सेलर पटवारी की पदस्थापना वर्कलोड पटवारी
के पद पर की गई थी। जो तहसीलदार गुना के प्रस्ताव के आधार पर शासकीय कार्य सुविधा
की दृष्टि से अनुविभागीय अधिकारी गुना के आदेश कमांक 2728 दिनांक 02.07.2015 द्वारा
रिक्त पटवारी हल्का कुशमोदा पर पदस्थापना की गई है। (ग) माननीय मंत्री जी के
अनुमोदन उपरान्त स्थानान्तरण पर संशोधन आदेश अनुविभागीय अधिकारी स्तर से जारी करने
के संबंध में जांच हेतु स्पष्टीकरण लिया जा रहा है। कलेक्टर गुना को निर्देश दिये
गये है। (घ) ’’ग’’ के प्रकाश में कार्यवाही की जा रही है। अतः शेष का प्रश्न
ही नही उपस्थित होता।
भवन विहीन आंगनवाड़ी केन्द्रों हेतु भवन की
स्वीकृति
10. ( क्र. 110 ) श्री नारायण
सिंह पँवार : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी
कि (क) प्रश्नकर्ता के विधान सभा प्रश्न क्रमांक 2708 दिनांक 2 मार्च 2015 के
उत्तर में विधान सभा क्षेत्र ब्यावरा के अंतर्गत 276 आंगनबाड़ी केन्द्र भवनविहीन
होना बताया गया था ? यदि हां तो सूची उपलब्ध करावें ? (ख) क्या दिनांक 09.10.2015
को राजगढ़ जिले के दौरा कार्यक्रम के दौरान प्रश्नकर्ता द्वारा विधान सभा क्षेत्र
ब्यावरा के कुछ बड़े क्षेत्र/ग्रामों में स्थित भवन विहीन आंगनबाड़ी केन्द्रों
हेतु भवन स्वीकृति हेतु पत्र सौपकर अनुरोध किया गया था ? (ग) यदि हां तो प्रश्न
दिनांक उक्त संबंध में आंगनबाड़ी भवन स्वीकृत करने हेतु क्या कार्यवाही की गई ?
तथा वित्तीय वर्ष 2015-16 में राजगढ़ जिले के किसी विकासखण्ड में तेरहवें अथवा
चौदहवें वित्त से आंगनबाड़ी केन्द्र हेतु भवन निर्माण की स्वीकृतियां प्रदान की
गई है ? यदि हां तो क्या इसी प्रकार प्रश्नकर्ता द्वारा सौंपे गये मांग पत्र पर
आंगनवाड़ी भवन की स्वीकृतियां प्रदान की जावेगी ? यदि हां तो कब तक ? यदि नहीं तो
क्यों ?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क)
जी हा। जानकारी पुस्तकालय मे रखे परिशिष्ट 'क' अनुसार है । (ख) जी हा।(ग) जिला
कलेक्टर्स को विभिन्न योजनाओं यथा पंच-परमेश्वर ,मनरेगा, परफारंमेंस ग्रांट इत्यादि
से आंगनवाड़ी भवन निर्माण के निर्देश दिये गये है । वित्तीय वर्ष 2015-16 में जिले
के खिलचीपुर विकास खंड में 13 वें वित्त आयोग अन्तर्गत 15 आंगनवाडी भवनों की
स्वीकृति प्रदान की गई है । आंगनवाडी भवनों का निर्माण वित्तीय संसाधनों की
उपलब्धता पर निर्भर होता हैं, भविष्य में आंगनवाडी भवन निर्माण की योजनाओं में
वित्तीय प्रावधान उपलब्ध होने पर मान. विधायक के आंगनवाड़ी भवन निर्माण हेतु
प्रेषित प्रस्ताव पर तदानुसार आवश्यक भवनों की स्वीकृति में प्राथमिकता दी जा
सकेगी। समयसीमा दिया जाना संभव नही हैं ।
रिक्त पदों की
पूर्ति
11. ( क्र. 111 ) श्री नारायण
सिंह पँवार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या
राजगढ़ जिले की तहसील ब्यावरा में राजस्व विभाग के अंतर्गत तहसीलदार का एक,
अतिरिक्त तहसीलदार का एक, नायब तहसीलदार के तीन पद स्वीकृत है ? यदि हां तो क्या
वर्तमान में तहसीलदार पद के अलावा शेष सभी पद लम्बे समय से रिक्त है ? (ख) क्या
वर्तमान में ब्यावरा तहसीलदार को ब्यावरा तहसील कार्यालय सहित टप्पा सुठालिया,
टप्पा मलावर एवं स्थानीय नायब तहसीलदार व अतिरिक्त तहसीलदार का भी प्रभार सौंपा
गया है जिसमें राजस्व विभाग का कार्य पूरी तरह अस्त-व्यस्त है तथा राजस्व
संबंधी कार्यों के लिये कृषकों व अन्य संबंधित नागरिकों को कार्यों में विलंब सहित
परेशानियां झेलनी पड़ रही है ? (ग) क्या मध्यप्रदेश शासन राजस्व विभाग द्वारा
अति शीघ्र उक्त रिक्त पदों की पूर्ति की जावेगी ? यदि हां, तो कब तक
?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हां। (ख) जी हां। जी
नहीं। (ग) कार्यवाही प्रचलित है। समय-सीमा दी जाना संभव नहीं
है।
सीहोर जिला पंचायत अध्यक्ष के विरूद्ध दर्ज
प्रकरण
12. ( क्र. 139 ) श्री
शैलेन्द्र पटेल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या
सीहोर जिला पंचायत अध्यक्ष उर्मिला मरेढा के विरूद्ध किसी थानें में प्रकरण दर्ज
हुआ है ? यदि हां तो किन-किन थानों में किन-किन धाराओं में प्रकरण दर्ज हैं ? (ख)
प्रश्नांश (क) अनुसार क्या जिला पंचायत अध्यक्ष उर्मिला मरेढा की गिरफ्तारी के
लिए वांरट जारी किए गए हैं ? यदि हां तो संबंधित की गिरफ्तारी हुई या नहीं ? यदि
गिरफ्तारी नहीं हुई है, तो कारण सहित ब्यौरा देवें ? (ग) क्या जिला पंचायत
अध्यक्ष उर्मिला मरेढा की गिरफ्तारी वारंट की तामिली नहीं होने पर पुलिस अधीक्षक
सीहोर को जिप. सदस्य गोपाल सिंह के द्वारा आवेदन दिया गया था ? यदि हां तो कब ?
क्या आवेदन देने के पश्चात भी जिप. अध्यक्ष, जिला पंचायत की बैठक में शामिल हो
रही हैं ? (घ) क्या जिप. अध्यक्ष की रिपोर्ट पर जि.प. सदस्य, गोपाल सिंह के
विरूद्ध कोई प्रकरण थानें में दर्ज कराया हैं ? यदि हां तो किस थानें में एवं किस
धारा में प्रकरण दर्ज हुआ हैं ? ब्यौरा देवें ? उर्मिला मरेढा ने अभी तक किन-किन
लोगों के खिलाफ किन-किन धाराओं में प्रकरण दर्ज कराए हैं ?
गृह मंत्री (
श्री बाबूलाल गौर ) : (क) जी हां। जानकारी संलग्न परिशिष्ट ’अ’ अनुसार है। (ख)
जी हां। जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती उर्मिला मरेठा के विरूद्ध विशेष न्यायालय
सीहोर द्वारा साक्षी श्रीमती उर्मिला मरेठा का गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया, जो
गिरफ्तारी वारंट थाना अजाक, सीहोर द्वारा दिनांक 29.06.2015 को तामील कराया गया।
(ग) जी नहीं। जिला पंचायत अध्यक्ष, श्रीमती उर्मिला मरेठा के विरूद्ध गिरफ्तारी
वारंट नहीं बल्कि जमानती वारंट तामील न होने के संबंध में दिनांक 13.10.2015 को
जिला पंचायत सदस्य श्री गोपाल सिंह के द्वारा पुलिस अधीक्षक सीहोर को आवेदन
पत्र दिया गया था। जिला पंचायत सीहोर से प्राप्त जानकारी के अनुसार दिनांक
20.10.2015 एवं दिनांक 02.11.2015 को जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती उर्मिला मरेठा
द्वारा जिला पंचायत सीहोर की बैठक में शामिल होना पाया गया है।(घ) जी हां। जिला
पंचायत अध्यक्ष श्रीमती उर्मिला मरेठा की रिपोर्ट पर जिला पंचायत सदस्य गोपाल
सिंह के विरूद्ध सीहोर जिले के थाना कोतवाली में अपराध क्रमांक 941/15, धारा
294, 506 भादवि का प्रकरण पंजीबद्ध कराया गया है। इसके अतिरिक्त श्रीमती उर्मिला
मरेठा द्वारा थाना सिद्धिकगंज तथा थाना अजाक जिला सीहोर में पंजीबद्ध कराये गये
अपराधिक प्रकरणों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट ’ब’ अनुसार है।
परिशिष्ट
पांच राष्ट्रपति पुरस्कार के प्रावधान
13. ( क्र. 152 ) श्री आरिफ
अकील : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) आई.पी.एस.
अधिकारियों को राष्ट्रपति पुरस्कार दिये जाने के क्या प्रावधान है तथा ऐसे
कौन-कौन अधिकारी है जिन्हें एक से अधिक बार राष्ट्रपति पुरस्कार प्रदान किया गया
और ऐसे कुल कितने अधिकारी है जिन्हें एक बार भी राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त
नहीं हुए ? (ख) क्या प्रदेश में पदस्थ कुछ आई.पी.एस. अधिकारियों के विरूद्ध
अपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध होने के बावजूद राष्ट्रपति पुरस्कार प्रदान किए गए है ?
यदि हां तो किन-किन को तथा इस नियम विपरीत कार्यवाही के लिए कौन-कौन दोषी है ?
पंजीबद्ध किए गए प्रकरणों की अद्यतन स्थिति से अवगत करावें ? (ग) क्या प्रश्नांश
(क-ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रावधान के विपरीत अपराधिक प्रवृत्ति के आई.पी.एस.
अधिकारियों को प्रदान किए गए राष्ट्रपति पुरस्कार को वापिस लेने की कार्यवाही
शासन द्वारा की जावेगी ? यदि हां तो कब तक यदि नहीं तो क्यों कारण सहित बतावें
?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) राष्ट्रपति द्वारा सभी
स्तर के पुलिस अध्ािकारियों/ कर्मचारियों को राष्ट्रपति का विशिष्ट सेवा,
सराहनीय सेवा एवं वीरता पदक आदि प्रदाय किये जाते हैं। आई0पी0एस0 अधिकारियों के
लिये राष्ट्रपति द्वारा पृथक से पुरस्कार दिये जाने का प्रावधान नहीं है। शेष
प्रश्नांश में स्पष्ट नहीं है कि किस पुरस्कार के संबंध में एवं किस अवधि की
जानकारी चाही गई है। प्रश्न स्पष्ट नहीं होने से जानकारी दी जाना संभव नहीं है।
(ख) किस पुरस्कार एवं किस अवधि की जानकारी चाही गई है, इसका प्रश्न में स्पष्ट
उल्लेख नहीं होने से जानकारी दी जाना संभव नहीं है। (ग) प्रश्नांश (ख) के
परिपेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता ।
जाति एवं निवास
प्रमाण पत्र की वैधता
14. ( क्र. 179 ) श्री संजय
पाठक : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) परिवर्तित
तारांकित प्रश्न क्र. 207 दिनांक 22.07.2015 के प्रश्नांश (क) से (ड.) की जानकारी
एकत्रित की जा रही है उत्तर दिया गया है ? यदि उक्त जानकारी प्राप्त हो गई ? यदि
हां तो उपरोक्त जानकारी उपलब्ध करावें ? (ख) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में
संबंधित अनुविभागीय अधिकारी/तहसीलदार हुजूर भोपाल नियमों को उल्लंघन कर फर्जी
स्थायी निवास प्रमाण पत्र एवं फर्जी जाति प्रमाण पत्र बनाने के लिए कौन-कौन
अधिकारी दोषी पाये गये, बतायें ? क्या यह सही हैं कि संबंधित श्री नामदेव हेडाऊ
एवं श्री जामदार हेडाऊ द्वारा कूटरचित एवं फर्जी प्रमाण प्रस्तुत कर स्थायी निवास
एवं जाति प्रमाण पत्र बनवाया गया है ? (ग) यदि प्रश्नांश (ख) हां तो क्या दोषी
हेडाऊ बंधुओं के ऊपर धारा 420 प्रकरण पंजीबद्ध किया जायेगा ? यदि हां तो कब तक नहीं
तो क्यों ?(घ) कब तक संबंधित के प्रकरण पर वैद्यानिक कार्यवाही की जाकर जांच
प्रमाण एवं स्थाई निवास प्रमाण पत्र जप्त किया जायेगा ? नहीं तो क्यों
?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हां। वांछित जानकारी
संलग्न परीशिष्ट-1 अनुसार। (ख) जी नहीं। मूल अभिलेख उपलब्ध नहीं होने से कोई मत
दिया जाना संभव नहीं है। (ग) उत्तरांश "ख" के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं
होता। (घ) उपरोक्तानुसार।
परिशिष्ट
छ: हैंडपंप के खनन् की जानकारी
15. ( क्र. 180 ) श्री संजय
पाठक : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विधानसभा
क्षेत्र विजयराघवगढ़, जिला कटनी की तहसील विजयराघवगढ़ तथा बरही के किन-किन ग्राम
पंचायतों में पेयजल व्यवस्था हेतु वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक कितने-कितने
हैंडपंपों का खनन ग्रेवल पैक एवं बिना ग्रेवल पैक के कराया गया ? (ख) प्रश्नांश
(ख) के परिप्रेक्ष्य में खोदे गये हैंडपंप में से कितने हैंडपंप सफल हैं और कितने
असफल हैं, जानकारी पंचायतवार एवं ग्रामवार बतायें ? (ग) प्रश्नांश (ख) में सफल
हैंडपंपों में से कितने हैंडपंप चालू हालत में कार्य कर रहे हैं और कितने हैंडपंप
वर्तमान में बंद पड़े हुये हैं ? पंचायतवार, ग्रामवार जानकारी दें ? (घ) वर्षा की
स्थिति को देखते हुये बंद पड़े/खराब हैंडपंपों को जल स्तर के आधार पर कब तक ठीक
करा दिया जायेगा बतायें ? साथ ही वर्षा की स्थिति से निपटने हेतु आकस्मिक
कार्ययोजना विकासखण्ड के लिये क्या बनायी गई है एवं किन-किन ग्राम पंचायतों में
जल आपूर्ति हेतु तीन माह की कार्य अवधि में कितने हैंडपंप खनन का कार्य प्रस्तावित
है पंचायतवार जानकारी देवें ?
पशुपालन मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह
महदेले ) : (क) जानकारी पुस्तकालय मे रखे परिशिष्ठ अनुसार है। (ख)
जानकारी पुस्तकालय मे रखे परिशिष्ठ अनुसार है। (ग) जानकारी
पुस्तकालय मे रखे परिशिष्ठ अनुसार है। (घ) सुधार योग्य हैण्डपंपों का सुधार
कार्य सतत् प्रक्रिया के तहत् निरंतर किया जाता है। जी हाॅं, कार्य योजना प्रारंभिक
आॅकलन के आधार पर बनायी जाने के कारण ग्राम पंचायतवार जानकारी नहीं दी जा सकती
है।
वन विभाग द्वारा कृषकों की जमीन पर कब्जा
16. ( क्र. 192 ) श्री उमंग
सिंघार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) प.ह.नं. 7
दुब्बार रा.नि.मं. चंदिया तहसील चंदिया जिला उमरिया के ख.नं. 11/2 रकवा लगभग 1.864
हेक्टेयर कृषि भूमि श्रीमती रामकुमारी पति स्व. मदन मोहन तिवारी एवं ख.नं. 11/3
रकवा 0.727 मनोज कुमार पिता स्व. अशोक कुमार तिवारी की जमीन क्या राजस्व रिकॉर्ड
में दर्ज है ?(ख) प्रश्नांश (क) यदि हां, तो क्या संबंधित जमीन की सीमा के अंदर
वन विभाग जिला उमरिया द्वारा मुनारा इस भूमि में निर्माण कैसे कराया गया है ?(ग)
प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्नाधीन जमीन में संबंधित किसान द्वारा
खेती ना कर पाने के लिए वन विभाग के कौन अधिकारी/कर्मचारी दोषी है ?(घ) क्या
कलेक्टर जिला उमरिया द्वारा प्रश्नाधीन भूमि के कृषकों को भूमि वन विभाग से वापस
दिलाये जाने हेतु राजस्व एवं वन विभाग का संयुक्त सर्वे कराकर संबंधित की भूमि
वापस की जाएगी या भूमि के बदले भूमि अथवा मुआवज़ा प्रदान किया जायेगा ? यदि नहीं तो
क्यों ?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) :
(क)(ख)(ग)एवं(घ)जानकारी एकत्रित की जा रही है।
बुंदेलखंड विशेष
पैकेज में हुई आर्थिक अनियमितताएं
17. ( क्र. 197 ) श्री विश्वास
सारंग : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) बुंदेलखंड
विशेष पैकेज के तहत प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र के किस जिले में कितनी राशि की
कितनी पेयजल योजनाएं स्वीकृत की गई ? जिलावार, संख्यावार, राशिवार जानकारी दें ?
(ख) प्रश्नांश (क) के तहत प्रश्न दिनांक तक किस जिले में कितनी योजनाएं चालू हालत
में हैं ? कितनी बंद हैं ? क्यों बंद हैं ? जिलावार, चालूवार, बंदवार व क्यों बंद
है कारण वार जानकारी दें ? (ग) प्रश्नांश (क) व (ख) के तहत क्या उक्त योजनाओं
में व्यापक स्तर पर आर्थिक अनियमितताएं हुई हैं ? क्या माननीय उच्च न्यायालय
ने जांच के आदेश दिए थे ? जांच पूर्ण हो चुकी है ? यदि हां तो किस पदनाम/नाम के
अधिकारी/कर्मचारी दोषी पाए गए ? प्रश्न दिनांक तक दोषियों पर क्या-क्या कार्रवाई
की गई है ?
पशुपालन मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क)
जानकारी संलग्न परिशिष्ठ के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न
परिशिष्ठ के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जाॅंच की कार्यवाही प्रक्रियाधीन
है, जाॅच निष्कर्ष के अनुसार कार्यवाही की जावेगी।
परिशिष्ट
सात फसलों के नुकसान पर वितरित मुआवजा
18. ( क्र. 198 ) श्री विश्वास
सारंग : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) वर्ष
2013-14, 2014-15 व 1 अप्रैल 15 से प्रश्न दिनांक तक प्राकृतिक आपदा से फसलों के
नुकसान होने पर भोपाल संभाग के किसानों को किस प्रकार/दर से प्रति एकड़ मुआवजा राशि
का वितरित किया गया ? जिलावार जानकारी दें ? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित संभाग व
वर्ष में किसानों से फसल बीमा का प्रीमियम किस दर से जमा कराया गया था ? जिलावार
जानकारी दें ? (ग) प्रश्नांश (क) व (ख) के तहत बीमा कंपनी ने फसलों के नुकसान का
आकलन किस पद्धति से किया है ? और प्रति एकड़ किस दर से राशि वितरित की है ? जानकारी
जिलावार दें ?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क)(ख)(ग)
जानकारी एकत्रित की जा रही है।
पुलिस विभाग के शासकीय आवास की
समस्या बावत्
19. ( क्र. 222 ) श्री
सुरेन्द्रनाथ सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क)
राजधानी भोपाल के अंतर्गत पुलिस विभाग द्वारा निर्मित शासकीय आवासों में साफ-सफाई,
सीवेज निकासी आवास दुरस्तीकरण आदि की व्यवस्था कौन देखता है ? इन व्यवस्था के
निरीक्षण का दायित्व वहन किस पर हैं अधिकारी का नाम एवं पद का उल्लेख करें ? (ख)
अव्यवस्थाओं की कितनी शिकायतों का निराकरण किया गया ? और कितनी शिकायतें लंबित
हैं ? विगत दो वर्ष की क्षेत्रवार जानकारी देवें ? (ग) प्रश्न (क) एवं (ख) के
संदर्भ में उक्त कार्य अन्य किन-किन मदों/विभगों से कराया जा सकता हैं ? (घ)
क्या पुलिस विभाग के पास संसाधनों की कमी हैं यदि हां तो क्या कर्मचारियों से
प्रतिमाह ली जाने वाली रखरखाव की राशि नगर निगम, भोपाल का स्थानांतरित कर उक्त
कार्य कराया जा सकता है ?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क)
राजधानी भोपाल के अंतर्गत पुलिस विभाग द्वारा निर्मित शासकीय आवासों में साफ-सफाई,
सीवेज निकासी, आवास दुरूस्तीकरण इत्यादि कार्य लोक निर्माण विभाग, नगर निगम, लोक
स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग भोपाल व इकाई प्रमुख द्वारा देखा जाता है।
जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ’अ’ अनुसार है।(ख)
जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ’ब’ अनुसार है। पुलिस
को हर वर्ष प्राप्त होने वाले बजट से समस्त शिकायतों का निराकरण किया जाना संभव
नहीं हो पाता है। फिर भी इकाई प्रमुखों द्वारा नियमों के परिप्रेक्ष्य में उपलब्ध
बजट के अनुसार शिकायतों का निराकरण किया जा रहा है। (ग) प्रश्नांश ’क’ एवं ’ख’ में
दर्शित कार्य राज्य शासन द्वारा पी.सी. एण्ड.आर./एम.ओ.डब्ल्यू आवासीय मद में उपलब्ध
कराये गये बजट से लोक निर्माण विभाग, म0प्र0 पुलिस हाउसिंग कार्पोरेशन नगर निगम,
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग भोपाल आदि से कराया जाता हैै। (घ) यह सत्य है कि
पुलिस विभाग के पास आवश्यक संसाधनों की कमी हैं। आरक्षक से निरीक्षक तक निशुल्क
आवास की पात्रता है, अत: रखरखाव की राशि कर्मचारियों से नही ली जाती है। अत:
राशि स्थानान्तरित करने का प्रश्न उपस्थित नही होता है।
परिशिष्ट
आठ सुखा राहत हेतु केन्द्र से मांगी गई राशि
20. ( क्र. 225 ) श्री
जितेन्द्र गेहलोत : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क)
प्रदेश में सूखे की स्थिति का जिलेवार एवं तहसीलवार ब्यौरा क्या है ?(ख) सरकार
ने सूखे से निपटने हेतु अब तक क्या-क्या कदम किसान हित में उठाये है ? (ग) प्रदेश
सरकार ने केन्द्र सरकार से सूखा राहत हेतु क्या-क्या मांग की है ? केन्द्र शासन
ने अब तक क्या-क्या सहायता प्रदान की है ?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल
सिंह ) : (क)(ख)(ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
सूखा
ग्रस्त क्षेत्रों में पेयजल समस्या का निराकरण
21. ( क्र. 229 ) श्री
जितेन्द्र गेहलोत : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि
(क) सूखे की स्थिति में प्रदेश के सूखा ग्रस्त क्षेत्रों में पेयजल हेतु ग्रीष्म
काल के लिए शासन ने क्या योजनाऐं बनाई है ? (ख) प्रदेश की किन-किन नदियों में
ग्रीष्मकाल में पेयजल सुरक्षा हेतु क्या-क्या कार्ययोजना बनाई है ? ब्यौरा
क्या है ? (ग) वर्तमान में पेयजल समस्यामूलक क्षेत्रों का ब्यौरा क्या है
?
पशुपालन मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) :
(क) शासन
द्वारा तैयार की गई कार्य योजना पुस्तकालय मे रखे परिशिष्ठ के प्रपत्र-1
अनुसार। (ख)
नदियों के लिये
पेयजल सुरक्षा योजना विभाग द्वारा तैयार नहीं की जाती है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं
होता। (ग) जानकारी
पुस्तकालय मे रखे परिशिष्ठ के प्रपत्र-2 अनुसार।
खाद्य प्रसंस्करण उद्योग की स्थापना
22. ( क्र. 232 ) श्री
जितेन्द्र गेहलोत : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि
(क) प्रदेश में किन-किन क्षेत्रों में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग स्थापना की
संभावनाएं है व शासन ने इस दिशा में क्या कोई सर्वे किया है ? यदि हां, तो
तत्संबंधी ब्यौरा क्या है ?(ख) फल उत्पादक कौन-कौन से जिले एवं तहसील प्रमुख है
एवं किस-किस फल उत्पादक में ? जिलेवार तहसीलवार ब्यौरा क्या है ?(ग) वर्ष 2012
से आज दिनांक तक प्रदेश में कहां-कहां एवं कौन से खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों के
स्थापना की स्वीकृतियां प्राप्त हुई ?
पशुपालन मंत्री ( सुश्री कुसुम
सिंह महदेले ) :
(क) PWC(Price
waterhouse Coopers)से कराये गये सर्वे के आधार पर प्रदेश में फल सब्जी, धान्य,
दलहन, मीट, पोल्ट्री, मछली आदि के खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों के स्थापना की
संभावनायें चिन्हित की गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जानकारी
संलग्न परिशिष्ट-अ अनुसार है। (ग) उद्योग
विभाग से प्राप्त जानकारी पत्र दिनांक 27.11.2015 के अनुसार वर्ष 2012 से आज दिनांक
तक स्थापित खाद्य प्रसंस्करण उद्योगो की जानकारी संकलित की जा रही है। पत्र की
जानकारी संलग्न परिशिष्ट-ब अनुसार है। वर्ष 2012-13 से प्रदेश में
भारत सरकार की योजना नेशनल मिशन आॅन फूड प्रोसेसिंग का क्रियान्वयन उद्यानिकी विभाग
द्वारा किया जा रहा है अतः इसके तहत दी गई स्वीकृतियाँ की जानकारी संलग्न
परिशिष्ट-स अनुसार है।
परिशिष्ट
नौ महिदपुर विधायक द्वारा दिए आवेदन पत्रों पर कार्यवाही
23. ( क्र. 260 ) श्री बहादुर
सिंह चौहान : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) महिदपुर
विधायक द्वारा दिनांक 14.12.14 को दिए गए आवेदन पत्र पर विभाग द्वारा क्या
कार्यवाही की गई ? यदि नहीं तो क्यों ? (ख) क्या उपरोक्त विषय में महिदपुर
विधायक द्वारा पुन: दिनांक 07.11.2015 को आवेदन दिया गया है ?(ग) उपरोक्त आवेदनों
पर कब तक कार्यवाही की जावेगी ? (घ) (क) व (ख) अनुसार आवेदन पर कार्यवाही न करने
वाले अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा ?
गृह मंत्री ( श्री
बाबूलाल गौर ) : (क) महिदपुर विधायक द्वारा दिनांक 14.12.2014 को दिये गये
आवेदन पत्र पर जांच की कार्यवाही की गई है। आवेदन के साथ प्राप्त आडियो सी.डी. तथा
बंसल चेनल से प्राप्त सी.डी. की जांच केन्द्रीय न्यायालयिक विज्ञान
प्रयोगशाला चण्डीगढ़ से कराई गई जिसमें सी.डी. फुल सेशन में नहीं होना, आडियो
सिग्नल में परिवर्तन तथा बीच-बीच में रूकावट (पाॅज़) पाये गये। जांच में मूल भाषण
की सी.डी. उपलब्ध न होने से वास्तव में क्या काटा छांटा गया है पता लगाया जाना संभव
न होने से मान0 विधायक महिदपुर के आवेदन की जांच में अपराध होना नहीं पाया गया। शेष
प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हाॅ। जिसमें पूर्व शिकायत के अतिरिक्त कुछ नये
बिंदु भी हैं। (ग) दिनांक 07.11.2015 के आवेदन पर जांच की जा रही है। समय-सीमा
बताया जाना संभव नहीं है। (घ) उत्तरांश ’क’ एवं ’ग’ अनुसार। शेष प्रश्न उपस्थित
नहीं होता।
पेटलावद विस्फोट कांड में गिरफ्तारी
24. ( क्र. 279 ) श्री बाला
बच्चन : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) झाबुआ जिले के
पेटलावद विस्फोट कांड में कुल कितने आरोपी है, धाराएं भी नाम सहित बतावें ?
गिरफ्तार एवं फरार आरोपियों की जानकारी देवें ?(ख) इन्हें विस्फोट लाइसेंस जारी
करने वाले एवं समय-समय पर रिन्यूअल करने वाले अधिकारियों के नाम, पदनाम सहित
बतावें इनके द्वारा मौका मुआवजा की प्रमाणित प्रति भी तत्कालीन समय से विस्फोट
कांड तक की समयावधि की उपलब्ध करावें ?(ग) जिन अधिकारियों ने रहवासी क्षेत्र में
विस्फोटक गोदाम होने की अनदेखी की उन पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा ? फरार मुख्य
आरोपी की गिरफ्तारी के लिए क्या कार्यवाही की गई ? परिजनों का नार्को टेस्ट कब तक
कराया जायेगा ?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) झाबुआ जिले के
थाना पेटलावद में दिनांक 12.09.2015 को घटित विस्फोट की घटना में कुल 02 आरोपियों
के विरूद्ध अप0क्र0 363/15, धारा 304, 287, 337, 338, 308, 427 भादवि एवं धारा 3/4
भारतीय विस्फोटक पदार्थ अधिनियम 1908 का अपराध पंजीबद्ध किया गया है। प्रकरण में
आरोपी श्री धर्मेन्द्र पिता श्री रामसिंह राठौर निवासी छोटी गेहण्डी पेटलावद जिला
झाबुआ को गिरफ्तार किया जा चुका है तथा श्री राजेन्द्र पिता श्री शांतिलाल
कांसवा, निवासी पेटलावद जिला झाबुआ फरार है।(ख) आरोपी श्री राजेन्द्र कांसवा केा
शाट फायरकर्ता अनुज्ञा पत्र दिनांक 01.03.2005 को उप मुख्य विस्फोटक नियंत्रक
कार्यालय भारत सरकार, अरेरा काॅलोनी, भोपाल से श्री के.एल.सिलावट द्वारा जारी किया
एवं उक्त लायसेंस का नवीनीकरण श्री के.एल.सिलावट द्वारा दिनांक 05.01.2010 एवं श्री
एम.के.झाला द्वारा दिनांक 16.03.2015 को किया। थाना पेटलावद के अप0क्र0 363/15 में
मौका मुआयना के संबंध में अनुसंधान किया जा रहा है। (ग) राज्य शासन द्वारा घटना के
संबंध में जांच हेतु न्यायिक जांच आयोग का गठन किया गया है तथा अपराध क्र0 363/15
पंजीबद्ध कर विवेचना की जा रही है। न्यायिक जांच तथा तथ्यों तथा विवेचना में आये
साक्ष्यों के आधार पर दोषियों एवं अधिकारियों के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही की
जावेगी। प्रकरण में फरार मुख्य आरोपी श्री राजेन्द्र कांसवा की गिरफ्तारी हेतु विधि
अनुरूप प्रभावी प्रयास किये जा रहे हैं। शासन द्वारा आरोपी श्री राजेन्द्र कांसवा
की गिरफ्तारी हेतु रूपये 05 लाख का ईनाम घोषित किया गया है। आरोपी श्री राजेन्द्र
कांसवा के परिजनों का नार्कोटेस्ट कराये जाने के संबंध में कार्यवाही प्रक्रियाधीन
है।
विभागीय गबन पर कार्यवाही
25. ( क्र. 281 ) श्री बाला
बच्चन : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रमुख
सचिव, कुटीर एवं ग्राम उद्योग विभाग द्वारा रेशम संचालनालय एवं वन विभाग द्वारा
किये गये लगभग 250 करोड़ रूपये की गबन / भ्रष्टाचार के मामले में कराई गई विभागीय
जांच में दिनांक 01.01.2010 से प्रश्न दिनांक की अवधि के बीच में कितनी स्वयं
सेवी संस्थाओं को विभाग एवं उनके अधीनस्थों द्वारा अनुदान स्वीकृत किया गया है
एवं विभाग द्वारा स्वयंसेवी संस्थाओं को उक्त अवधि में कौन-कौन से कार्य आवंटित
किये गये है एवं कितनी राशि का भुगतान किया गया है ?(ख) कुटीर एवं ग्रामोद्योग
विभाग म.प्र. शासन की जानकारी में वर्तमान में कितने भ्रष्टाचार के आरोपी
अधिकारी/कर्मचारियों के विरूद्ध लोकायुक्त, ईओडब्लू या अन्य विभागीय जांच किस
दिनांक से लंबित है उक्त अधिकारी/कर्मचारी के नाम उपलब्ध करावें ?(ग) क्या रेशम
संचालनालय एवं वन विभाग की मिली भगत से हुए लगभग 250 करोड़ के घोटाले की सी.बी.आई.
जांच कराये जाने एवं उक्त भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारी/कर्मचारियों की संपत्ति
की उच्च स्तरीय लोकायुक्त जांच के आदेश जारी करेंगे ? यदि हां, तो कब तक,
निश्चित समयावधि बतावें ?
पशुपालन मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले )
: (क) विभाग द्वारा प्रश्नांकित अवधि में स्वयंसेवी संस्थाओं को एवं उनके
अधीनस्थों को अनुदान स्व्ीकृत किया गया है। उक्त अवधि में उन्हे कार्य आवंटित
किए गए है जानकारी पुस्तकालय मे रखे परिशिष्ट ''01'' अनुसार है। (ख) श्री
ए0के पटेल, सहायक संचालक रेशम के विरूद्ध लोक आयुक्त, जबलपुर द्वारा अपराध
क्र0 60/2015 पंजीवद्ध कर विवेचना की कार्यवाही प्रचलन में है तथा श्री आर0के0
श्रीवास्तव, उप संचालक, रेशम (निलंबित) के विरूद्ध विभागीय जांच संस्थित की
गई है। वर्तमान में विभाग में भ्रष्टाचार के आरोपी अधिकारी/कर्मचारियों के
विरूद्ध लोकायुक्त ई0ओ0डब्ल्यू या अन्य विभागीय जांच की जानकारी पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट ''02'' अनुसार है। (ग) लोकायुक्त द्वारा जांच की जाना है। शेष
प्रश्नांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
दोषियों के विरूद्ध
गबन का मामला पंजीबद्ध किया जाना
26. ( क्र. 301 ) श्री
सुन्दरलाल तिवारी : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि
(क) रीवा जिले में कितनी पेय जल हेतु ग्रामीण नल-जल योजनाएं संचालित हैं तथा इनका
संचालन कब शुरू किया गया है, वर्तमान में कितनी नल-जल योजनाओं द्वारा पीने योग्य
पानी ग्रामीणवासियों को दिया जा रहा है तथा इनका संचालन विभाग अथवा पंचायतें कर रही
हैं, अगर ग्राम पंचायतें कर रही हैं, तो कब से क्या पंचायतों को योजना
हस्तान्तरित करने के पूर्व चालू कर सौंपी गई थी ? (ख) यदि प्रश्नांश (क) की
योजनाएं पंचायतों को चालू कर सौंपी गई तो योजनाओं के चालू करने के पूर्व किन-किन
योजनाओं में कितनी-कितनी राशि व्यय की गई, प्रत्येक ग्रामीण नल-जल योजनावार जिले
भर की जानकारी देवें ? (ग) कुल संचालित ग्रामीण नल-जल योजनाओं में विगत दो वर्षो
में प्रत्येक योजनावार एवं वर्षवार उनके मेंटीनेंस (सुधार) में खर्च की गई राशि का
विवरण देवें ?(घ) क्या जनपद पंचायत रायपुर कर्चुलियान अंतर्गत ग्राम पंचायत
दुआरी, बदवार एवं अन्य नल-जल योजनाएं पूर्णत: बंद हैं, फिर भी पूरे जिले में
ग्रामीण नल-जल योजनाओं के संचालन एवं मेंटीनेंस के नाम से फर्जी बिल वाऊचर के आधार
पर राशि गबन किया गया है ? यदि हां, तो गबन करने के दोषियों की पहचान कर उनके
विरूद्ध क्या कार्यवाही करेंगे, क्या कार्यवाही दण्डात्मक स्वरूप की होगी
?
पशुपालन मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) कुल 359
योजनाएं क्रियान्वित हैं, जिनमें से 337 ग्रामीण नलजल योजनायें संचालित हैं एवं 22
योजनाएं अवयव जीर्णशीर्ण होने के कारण बंद हैं। सभी 337 योजनाओं से पीने
योग्य पानी दिया जा रहा है। जी हाॅं। हस्तांतरण उपरांत से, जी हाँ। (ख) जानकारी
पुस्तकालय मे रखे परिशिष्ठ के प्रपत्र-1 अनुसार है।(ग)जानकारी
पुस्तकालय मे रखे परिशिष्ठ के प्रपत्र-2 अनुसार है।(घ)जी नहीं। शेष प्रश्न ही
उपस्थित नहीं होता।
आदिवासी/दलितों की कृषि भूमि पर
कब्जा
27. ( क्र. 323 ) श्री
दुर्गालाल विजय : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क)
क्या श्योपुर जिले के ग्राम सारसिल्ला, कैरका, भोजका, कैलोर सहित अन्य ग्रामों
के आदिवासी/दलितों की 100 बीघा से अधिक कृषि भूमि प्रभावशाली गैर आदिवासी जो
अन्यत्र जिले के निवासी है के नाम अनियमित तरीके से राजस्व विभाग के अमले ने
स्वयं की स्वार्थपूर्ति हेतु राजस्व अभिलेखों में कर दी ?(ख) क्या उक्त मामले
में श्री भोगीराम शर्मा रिटायर्ड राजस्व निरीक्षक जिला श्योपुर की मुख्य भूमिका
रही जिन्होंने स्वयं को राजस्व अभिलेखों में आदिवासी दर्शाकर 34 बीघा भूमि अपने
स्वयं के नाम से करवाली, उक्त जानकारी कलेक्टर श्योपुर को माह अक्टूबर 2015
में उक्त ग्रामों के भ्रमण के दौरान जानकारी में आई ?(ग) यदि हां, तो उक्त मामले
की जांच हेतु कलेक्टर श्योपुर ने जांच दल गठित किया था उसमें कौन-कौन अधिकारी
शामिल हैं । क्या जांच दल ने जांच कार्य पूर्ण कर लिया है ? यदि नहीं तो जांच
कार्य कब तक पूर्ण करके दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही कर संबंधितों को उनकी भूमि कब
तक वापस दिलादी जावेगी ?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) :
(क)प्रश्नाधीन शिकायत की जांच हेतु कलेक्टर छतरपुर के आदेश क्रमांक
/रीडर/2015/6852, दिनांक- 5.10.2015 द्वारा जांच समिति का गठन किया गया था। जांच
पूर्ण होने के पूर्व मान0 राजस्व मंडल ग्वालियर के प्रकरण क्रमांक 3383/2015/निग.
में पारित आदेश दिनांक 19.10.2015 से कलेक्टर छतरपुर के उपरोक्त आदेश को तीन माह के
लिये स्थगित किया गया है। स्थगन समाप्त होने पर नियमानुसार अग्रेतर जांच कार्यवाही
की जा सकेगी।(ख)जांच कार्यवाही पर स्थगन होने से प्रमाणित जानकारी दी जाना संभव
नहीं है।(ग)जी हां। जांच दल में अनुविभागीय अधिकारी राजस्व कराहल एवं श्री सुशील
कुमार तोमर भू-अधीक्षक श्योंपुर,एवं भरतकुमार तहसीलदार तहसील कराहल,शामिल थे। स्थगन
होने से जांच पूर्ण नहीं हो सकी है,अतः शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता
है।
घोड़ाडोंगरी विधान सभा क्षेत्र में फसल क्षति का मुआवजा
28. ( क्र. 414 ) श्री सज्जन
सिंह उईके : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क)
घोड़ाडोंगरी विधानसभा क्षेत्र में कितनी तहसील है ? घोड़ाडोंगरी क्षेत्र में
सोयाबीन की फसल कितने हेक्टेयर में बोनी की गई थी ? (ख) क्या अवर्षा से खरीफ फसल
प्रभावित हुई है ? यदि हां तो फसल के अलग-अलग नाम देवें ? धान का रकबा देवें ? (ग)
क्या सोयाबीन का मुआवजा वितरण हो चुका है ? (1) यदि हां तो कितनी राशि का ? (2)
यदि नहीं तो कब तक राशि वितरण होगी ? (घ) क्या कृषकों को फसल बीमा का लाभ मिलेगा
?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क)घोड़ाडोंगरी विधानसभा
क्षेत्र में चिचोली, शाहपुर, घोड़ाडोंगरी एवं बैतूल कुल 04 तहसील हैं । संपूर्ण
विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत कुल 29295 हेक्टेयर में सोयाबीन की फसल की बोनी की
गई।(ख)जी नहीं। घोड़ाडोंगरी विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत 20820 हेक्टेयर में धान की
फसल बोई गई । (ग) सोयाबीन फसल खराब होने के कारण बैतूल जिले के लिए कुल 70 करोड़
आवंटन उपलब्ध कराया गया है । घोड़ाडोंगरी विधानसभा क्षेत्र सहित संपूर्ण जिले में
आज दिनांक तक रूपये 22,66,23,157/- मुआवजा वितरण किया जा चुका है । वर्तमान में
मुआवजा वितरण की कार्यवाही प्रचलित है । (घ) बीमित कृषकों को फसल बीमा का लाभ
नियमानुसार बीमा कंपनी द्वारा किया जाता है, इस प्रकार फसल बीमा का लाभ कृषकों को
मिलेगा ।
संयुक्त संचालक उद्यान उज्जैन संभाग उज्जैन द्वारा
संतरा पौधों की खरीदी
29. ( क्र. 443 ) श्री सतीश
मालवीय : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) संयुक्त
संचालक उद्यान उज्जैन संभाग उज्जैन द्वारा आदेश क्र/उद्यान/तक-2/2015-16 /599
उज्जैन दिनांक 23/07/2015 के आदेश को महाराष्ट्र की रोपणी के नाम से 1193367
संतरा पौधे प्रति पौधे दर 29/- रूपये की खरीदी के आदेश का निर्धारण किस नियम के तहत
दर का निर्धारण कर क्रय आदेश दिया गया ? क्या दर का निर्धारण नियम विरूद्ध किया
गया है ? (ख) संयुक्त संचालक उद्यान उज्जैन संभा उज्जैन के आदेश से 29/- प्रति
नग की दर से जिले के किन-किन अधिकारियों द्वारा संतरा पौधों की खरीदी की गई अथवा
कितना-कितना भुगतान किया गया ? (ग) क्या एम.पी. एग्रो द्वारा संतरा पौधों की दर
17.50/- प्रति नग निर्धारित की गई है ? यदि हां, तो 29/- प्रति नग का क्रय आदेश
जारी करने वाले संयुक्त संचालक उद्यान पर एवं जिले में भुगतान करने वाले
अधिकारियों जिन्होनें शासन को हानि पहुंचाई, उनके विरूद्ध शासन क्या (निलंबन के
अलावा) राशि की वसूली, सेवा से पृथक एवं अन्य कोई कार्यवाही करेगा
?
पशुपालन मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) :
(क)भारत सरकार के निर्देशानुसार नेशनल हार्टिकल्चर बोर्ड से एक्रिडिएटेड
नर्सरियों से दरें प्राप्त कर गठित समिति द्वारा न्यूूनतम दर रूपये 29/- प्रति पौधा
अनुमोदित की गई। जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जिले
के अधिकारियों द्वारा पौधे क्रय नहीं किये गये। कृषकों द्वारा महाराष्ट्र की
एक्रिडिएटेड नर्सरी से क्रय पौधों के अब तक के भुगतान की जानकारी संलग्न
परिशिष्ट-अ अनुसार है। (ग) जी
हाँ। एम.पी.एग्रो द्वारा वर्ष 2015-16 हेतु दिनांक 18.08.2015 को दरें निर्धारित की
गई, जबकि संयुक्त संचालक उद्यान, उज्जैन संभाग द्वारा 23 जुलाई 2015 में दर रूपये
29/- अनुमोदन की जा चुकी थी। प्रकरण में तत्कालीन उप संचालक उद्यान उज्जैन को आदेश
दिनांक 21.10.2015 द्वारा निलंबित किया गया है।
परिशिष्ट
दस राजस्व कार्यों के संबंध में
30. ( क्र. 458 ) डॉ.
राजेन्द्र पाण्डेय : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे
कि(क) जावरा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत नामांतरण बटवारा एवं जाति प्रमाण-पत्र बनाए
जाने में अत्यधिक समय लगकर कई आवेदन लंबित पड़े है ? (ख) यदि हां तो वर्ष 2012-13,
वर्ष 2013-14 एवं वर्ष 2015 के प्रश्न दिनांक तक नामांतरण बटवारा एवं जाति
प्रमाण-पत्र के कुल कितने आवेदन प्राप्त हुए ?(ग) साथ ही उपरोक्त वर्षों में
उक्त आशय के (विषय के) आवेदनों का निराकरण कितनी अवधि में किया ? (घ) कुल प्राप्त
समस्त आवेदनों का निराकरण कितनी समयावधी में कर आवेदकों को प्रमाण पत्र प्रदान किए
उनमें शेष आवेदन कितने रहे ?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) :
(क) जावरा विधान सभा क्षेत्र अन्तर्गत नामान्तरण,वटवारा एवं जाति प्रमाण पत्र
नियत प्रक्रिया का अनुपालन कर दस्तावेजों के प्राप्त होने पर निराकरण किया जाता
है। (ख) जावरा विधान सभा क्षेत्र में वर्ष 2012-13 एवं 2013-14 प्रश्न दिनांक तक
विवादित नामांतरण वटवारा 1148, विवादित वटवारा के 660 एवं जाति प्रमाण के 60105
आवेदन प्राप्त हुए है। (ग) आवेदन पत्र प्राप्त होने पर आवेदन में वांछित
दस्तावेज एवं साक्ष्य प्राप्त कर आवेदनों का निराकरण किया गया। (घ) कुल 61913
आवेदन प्राप्त हुये जिसमे से 59957 प्रकरणों का निराकरण किया जा चुका है
1956 आवेदन में निराकरण हेतु कार्यवाही प्रचलित
है।
नर्सरी पर पौधेरोपण हेतु पानी का अभाव
31. ( क्र. 483 ) श्री निशंक
कुमार जैन : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या
विदिशा जिले अंतर्गत उद्यान विभाग द्वारा किन-किन स्थानों पर नर्सरी का संचालन
किया जा रहा है ? इन नर्सरी पर विगत 03 वर्षों में कितने पौधों का रोपण किया गया,
इन पोधों से कितना राजस्व विभाग को प्राप्त हुआ, इन नर्सरी से लाभांवित होने वाले
गांवों सहित जानकारी देवें ?(ख) प्रश्नांश (क) उल्लेखित नर्सरियों में किस-किस
नर्सरी पर पानी का अभाव है, जिस कारण पौधे तैयार नहीं हो पा रहे हैं ?(ग) क्या
प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत ग्राम रजौदा में संचालित नर्सरी में पानी
की व्यवस्था न होने के कारण पत्र क्रमांक 2442 दिनांक 01.10.15 के द्वारा
प्रश्नकर्ता ने प्रमुख सचिव उद्यान विभाग म.प्र. को क्या प्रस्ताव प्रस्तुत
किया गया था? प्रस्ताव पर कब तक स्वीकृति प्रदान की जावेगी, समय-सीमा बतावें
?
पशुपालन मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) :
(क) जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। (ख) शासकीय
उद्यान रजौदा पर सिंचाई जल का अभाव है। (ग) जी
हाँ। ग्राम रजौदा स्थित नर्सरी से 1-2 कि.मी. की दूरी पर बेतवा नदी गुजरती है जिससे
नर्सरी में सिंचाई जल हेतु पाईप लाइन डालने के संबंध में पत्र प्राप्त हुआ है।
वित्तीय संसाधन उपलब्ध होने पर स्वीकृति की कार्यवाही किये जाने के कारण समय-सीमा
बताया जाना संभव नहीं है।
पेयजल के संबंध में
32. ( क्र. 506 ) श्री हरदीप
सिंह डंग : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क)सुवासरा
विधान सभा क्षेत्र में वर्तमान सूखे की स्थिति में विभाग द्वारा पेयजल हेतु क्या
योजनाएं बनाई गई है ?(ख) क्या सुवासरा विधान सभा क्षेत्र में पूर्व में किये गये
सर्वे के अनुसार पेयजल हेतु ट्यूबवेल खनन कर हैंडपंप लगाए गये हैं, वर्तमान में जिन
गांवों में हेंडपंप बंद होने से पेयजल का संकट है वहां कब तक नवीन हेंडपंप लगाए
जावेंगे ?(ग) नवीन बस्तियों एवं पुराने चौराहों पर ट्यूबवेल खनन करने की क्या
योजना बनाई गई है ?(घ) विगत 10 माह में विधान सभा क्षेत्र सुवासरा में कितने नवीन
ट्यूबवेल खनन कर हेंडपंप लगाए गए हैं, लगाने की दिनांक, गांव एवं स्थान बतावें
?
पशुपालन मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) मंदसौर जिले
हेतु प्रारंभिक आॅकलन के आधार पर सूखा राहत पेयजल योजना बनाई गई है, जिसमें सुवासरा
विधानसभा क्षेत्र भी सम्मिलित है। (ख) जी हाॅ। जहाँ हैण्डपम्प बंद हैं उन बसाहटों
में वैकल्पिक पेयजल व्यवस्था होने के कारण पेयजल संकट की स्थिति नहीं है। शेष
प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) आंशिक पूर्ण बसाहटों में पेयजल व्यवस्था की
वार्षिक कार्य योजना बनाई गई है। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ठ अनुसार
है।
परिशिष्ट
ग्यारह शराब की तस्करी करने वालों पर कार्यवाही
33. ( क्र. 518 ) श्रीमती
ललिता यादव : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) छतरपुर
जिले में वर्ष 1 जनवरी 2014 से प्रश्न दिनांक तक कहां-कहां अवैध रूप से लाई जा रही
देशी व विदेशी शराब पुलिस द्वारा पकड़ी गई । स्थान, दिनांक, आरोपी का नाम, जप्त
शराब की कीमत सहित पृथक-पृथक थाना क्षेत्रवार बतायें ? (ख) प्रश्नांश (क) के
प्रकाश में पुलिस द्वारा पकड़ी गई शराब कहां से लाई गई थी ? क्या शराब उपलब्ध
कराने वालों पर भी कार्यवाही की गई तो किन-किन पर और क्या वह शासन द्वारा घोषित
ठेकों से लाई गई थी ? अगर हां, तो किन स्थानों से ठेकेदार का नाम व की गई
कार्यवाही सहित बतायें ? (ग) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में अवैध शराब लाने वाले
वाहनों या उपयोग किये गये वाहनों पर क्या राजसात की कार्यवही की गई ? अगर हां, तो
किन पर वाहन का प्रकार, वाहन का नम्बर, वाहन मालिक का नाम व कार्यवाही सहित बतायें
? (घ) अवैध शराब बिक्री करने व परिवहन करने वाले आरोपियों में ऐसे कितने आरोपी हैं
जो फरार हैं और उन्हें अब तक गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया ?
गृह
मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे गए
परिशिष्ट अनुसार।(ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे गए परिशिष्ट अनुसार।(ग)
जानकारी पुस्तकालय में रखे गए परिशिष्ट के काॅलम 12 अनुसार।(घ) अवैध शराब बिक्री
करने व परिवहन करने वाले आरोपियों में से 02 आरोपी फरार हैं जिनकी गिरफ्तारी के
भरसक प्रयास किये जा रहे हैं। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे गए परिशिष्ट के
काॅलम 09 अनुसार।
नामान्तरण के नाम पर परेशान करना
34. ( क्र. 522 ) श्रीमती
ललिता यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) छतरपुर
तहसील अंतर्गत 1 जनवरी 2014 से प्रश्न दिनांक तक कितने नामान्तरण, प्लाट, फार्म
हाउस एवं कृषि भूमि के किये गये । उनके नाम, पता, खसरा नं. एवं भूमि के प्रकार सहित
बतायें ? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में ऐसे कितने नामान्तरण प्रकरण हैं जिनमें
वर्ष 1958-59 की नकलें लगाई गई हैं और ऐसे कौन-कौन से नामान्तरण हैं जिनमें नकलें
नहीं लगाई गई हैं ? उनके नाम, स्थान, कारण सहित बतायें ? (ग) नामान्तरण प्रकरणों
के लिये वर्ष 1958-59 की नकलें लगाने का शासन से कोई आदेश है ? अगर हां, तो
प्रतिलिपि बतायें ? अगर नहीं तो फिर किसके आदेश से 1958-59 की नकलें नामान्तरण के
दौरान मांगी जा रही हैं ? (घ) नामान्तरण प्रकरणों में 1958-59 की नकलें लगाने का
पालन छतरपुर जिले की किस-किस तहसील में किया जा रहा है ?
राजस्व मंत्री (
श्री रामपाल सिंह ) : (क)(ख)(ग)(घ)जानकारी एकत्रित की जा रही
है।
पुराने भोपाल की यातायात व्यवस्था अवरूद्ध होने से उत्पन्न
स्थिति के संबंध में
35. ( क्र. 554 ) श्री आरिफ
अकील : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या पुराने
भोपाल शहर के अधिकांश मार्गों पर यातायात घंटों जाम रहने के कारण विशेषकर बीमार व
गर्भवती महिलाओं सहित आम नागरिकों को प्रतिदिन भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता
है ? (ख) यदि हां, तो क्या यातायात व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने एवं नागरिकों को
जाम से मुक्ति दिलाने हेतु वन वे नियमों का पालन कराने तथा शहर के मुख्य एवं
व्यस्तम बाजारों में स्थित दुकानों के सामने दुकानदारों के चार पहिया, दोपहिया
वाहन खड़ा न करें ऐसी व्यवस्था की जावेगी ? यदि हां, तो कब तक ? यदि नहीं, तो
क्यों ? कारण सहित बतावें ? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के परिप्रेक्ष्य में
प्रश्नकर्ता द्वारा भी कई बार विभाग को पत्र के माध्यम से अवगत कराया गया लेकिन
अव्यवस्था जस की तस बनी हुई है ? इस लापरवाही के लिए कौन-कौन दोषी है ? उनके
विरूद्ध क्या तथा कब तक कार्यवाही की जावेगी ? यदि नहीं, तो क्यों ? कारण सहित यह
अवगत करावें कि भोपाल शहर की यातायात व्यवस्था कब तक व कैसे अच्छी होगी
?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) जी हां। (ख) इन जगहों
पर वन-वे का पालन यातायात पुलिस द्वारा कराया जाता है। उल्लंघन पर यातायात पुलिस
द्वारा चालानी कार्यवाही की गई है। वर्ष 2015 में माह अक्टूबर की स्थिति में
वन-वे का उल्लंघन करने वाले 14 वाहन चालकों के विरूद्ध चालानी कार्यवाही यातायात
पुलिस भोपाल द्वारा की गई है, जो लगातार जारी रहेगी। व्यवस्थित पार्किंग के लिये
वर्तमान में नगर निगम द्वारा सरस्वती प्रकाशन के सामने बहुमंजिला पार्किंग का
निर्माण प्र्रस्तावित है। इसके अतिरिक्त यातायात पुलिस भोपाल द्वारा दुकानों के
सामने खड़े वाहनों को हटाने के लिये नो-पार्किंग/गलत पार्किंग की कार्यवाही मोटर
व्हीकल एक्ट के तहत लगातार की जा रही है। संपूर्ण भोपाल शहर में यातायात पुलिस
द्वारा वर्ष 2015 में माह अक्टूबर की स्थिति में नो-पार्किंग/गलत पार्किंग में खड़े
कुल 9297 वाहनों के खिलाफ कार्यवाही की गई है। (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के अनुसार
भोपाल शहर में यातायात व्यवस्था सुगमतापूर्वक चलाये जाने के लिये यातायात पुलिस
लगातार सड़क पर रहकर कार्य कर रही है। अव्यवस्था नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं
होता।
खरगौन में सांप्रदायिक दंगे में दर्ज प्रकरण
36. ( क्र. 555 ) श्री आरिफ
अकील : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या माह
अक्टूबर 2015 को मोहर्रम के जुलूस पर कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा पथराव करने के
कारण खरगोन में साम्प्रदायिक दंगा भड़क गया था, जिस कारण बेकसूर लोगों को भारी
परेशानियों का सामना करना पड़ा व माली नुकसान उठाना पड़ा था ?(ख) यदि हां, तो
किस-किसकी एफ.आई.आर. पर किस-किसके विरूद्ध किस-किस धारा के प्रकरण कब-कब पंजीबद्ध
किए ? प्रकरण की अद्यतन स्थिति से अवगत करावें । (ग) प्रश्नांश (क) के
परिप्रेक्ष्य में उक्त साम्प्रदायिक दंगे के दौरान किस-किसका कितनी-कितनी राशि
का अनुमानित माली नुकसान हुआ और प्रश्न दिनांक की स्थिति में किस-किसको
कितनी-कितनी राशि का मुआवजा दिया गया ? यदि नहीं, तो किस-किसको कितना-कितना मुआवजा
कब तक देने की योजना है और अभी तक नहीं देने के क्या कारण हैं ?
गृह
मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) जी नहीं। दिनांक 22.10.2015 को रावण दहन के
पश्चात् लौट रहे रामलीला जुलूस के उपर असामाजिक तत्वों के द्वारा पथराव
किया गया था। घटना को लेकर लोगो में तनाव की स्थिति परिलक्षित हुई थी। (ख)
जानकारी पुस्तकाल मे रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) घटना के दौरान
कुल 36 व्यक्तियों का माली नुकसान हुआ है। मुआवजा राशि देने के संबंध मे जिला
दण्डाधिकारी खरगौन से विभाग के नवीन परिपत्र अनुसार पुनरीक्षित प्रस्ताव प्राप्त
किया जा रहा है।
पाटन विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत अल्पवर्षा एवं
ओलावृष्टि से फसल नुकसान के संबंध में
37. ( क्र. 575 ) श्री नीलेश
अवस्थी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) पाटन
विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत वर्षा ऋतु 2015 में अल्पवर्षा एवं ओलावृष्टि के कारण
पाटन एवं मझौली तहसीलों में पटवारी हल्कावार कितनी-कितनी प्रतिशत कौन-कौन सी फसलों
की नुकसानी का आंकलन किया गया ? (ख) प्रश्नांक (क) में उल्लेखित नुकसानी का
कितना-कितना मुआवजा किस मान से प्रदान किया गया ? पटवारी हल्कावार, ग्रामवार
जानकारी देवें एवं यह भी बतलावें कि इस सूची में पाटन विधानसभा के क्या सभी ग्राम
सम्मिलित है ? यदि नहीं, तो कौन-कौन से ग्राम किन कारणों से इस सूची में सम्मिलित
नहीं है ? (ग) क्या मझौली तहसील अंतर्गत कानूनगों-सहायक कानूनगों, नाजरात एवं रीडर
के पद रिक्त है एवं पदस्थ कार्यालयीन कर्मचारियों की अनुपस्थिति की वजह से
राजस्व विभाग के मामलों की सुनवाई में अत्यंत विलंब होता है ? (घ) यदि हां, तो
क्या शासन अतिशीघ्र रिक्त पदों पर नियुक्ति करेगा ताकि राजस्व प्रकरणों का शीघ्र
निराकरण हो सके ? उत्तर में यदि हां, तो कब तक नहीं तो क्यों नहीं
?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) पाटन विधानसभा
क्षेत्र अन्तर्गत वर्षा ऋतु 2015 में अल्पवर्षा के कारण पाटन तहसील के 25 पटवारी
हल्कों के 150 ग्रामों में सोयाबीन व उड़द फसलों में एवं मझौली तहसील के 30 पटवारी
हल्कों के 220 ग्रामों में सोयाबीन, उड़द व धान की फसलों में सर्वे में आंकलन के
पश्चात् पाटन तहसील की फसलों में 25 से 33 प्रतिशत तथा मझौली की फसलों में 33
प्रतिशत से अधिक क्षति पायी गई है । (ख) प्रश्नांश “क“ में उल्लेखित नुकसानी का
मुआवजा राजस्व पुस्तक परिपत्र 6(4) में संशोधित प्रावधनों के मान से पाटन में मांग
के अनुरूप 41396823/- रूपये आवंटित की गई है, जिसमें से 14141080/- रूपये आहरित की
जा चुकी है, वितरण की कार्यवाही प्रचलन में है । इसी प्रकार मझौली में मांग के
अनुरूप 96828688/- रूपये आहरित की गई है जिसमें से 2415175/- रूपये वितरित की जा
चुकी है, शेष कार्य प्रचलन में है । पाटल विधानसभा के सभी ग्राम में क्षति नहीं
होने के कारण केवल प्रभावित ग्रामों को ही सम्मिलित किया गया है। (ग) जी नहीं । (घ)
प्रश्नांश “ग“ की जानकारी के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थ्ति नहीं होता
।
नल जल योजना का क्रियान्वयन
38. ( क्र. 582 ) श्री मुरलीधर
पाटीदार : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विधान
सभा क्षेत्र सुसनेर में विगत 02 वर्षों में कितने ग्रामों में नल-जल योजना स्वीकृत
की गई है एवं कार्य पूर्ण हो चुका है ? कृपया जिलेवार विवरण देवें ? (ख) विधान सभा
क्षेत्र सुसनेर अन्तर्गत विगत 02 वर्षों में विभाग द्वारा कितनी पेयजल टंकियों का
निर्माण किया एवं किन ग्रामों में नल-जल योजना स्वीकृत की, कृपया विवरणात्मक सूची
उपलब्ध करावे ? (ग) क्या विधान सभा क्षेत्र सुसनेर में समूह नल जल योजना से पेयजल
आपूर्ति के प्रस्ताव प्रचलित है ? यदि हां तो प्रस्ताव किस स्तर पर लंबित है एवं
कब तक स्वीकृति होगी ? (घ) विगत 02 वर्षों में विधान सभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत
किन-किन नए कार्यों की स्वीकृति की गई एवं किन-किन कार्यों के प्रस्ताव भेजे गए
?
पशुपालन मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जानकारी
पुस्तकालय मे रखे परिशिष्ठ के प्रपत्र-1 के अनुसार है।(ख) जानकारी पुस्तकालय
मे रखे परिशिष्ठ के प्रपत्र-1 एवं 2 के अनुसार है। (ग) जी हाँं। समूह
नलजल प्रदाय योजना हेतु सर्वेक्षण कर विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन (डी.पी.आर.) बनाने
के कार्यवाही प्रगति पर है। स्वीकृति की निश्चित तिथि नहीं बताई जा सकती। (घ)
जानकारी पुस्तकालय मे रखे परिशिष्ठ के प्रपत्र-3, 4 एवं 5 के
अनुसार है।
उपतहसील को तहसील का दर्जा दिया जाना
39. ( क्र. 584 ) श्री मुरलीधर
पाटीदार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) तहसील गठन
हेतु निर्धारित मापदण्ड क्या हैं ? म.प्र. में विगत 05 वर्षों में किन-किन नई
तहसीलों का गठन किस आधार पर किया गया है (ख) क्या विधान सभा क्षेत्र सुसनेर
अंतर्गत उपतहसील सोयतकलां को तहसील का दर्जा दिए जाने संबंधी कोई प्रस्ताव
प्राप्त हुआ है ? यदिहां तो इस ओर क्या कार्यवाही की जा रही है ? (ग) विधान सभा
क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत पटवारियों के कितने पद स्वीकृत है एवं कितने कार्यरत है ?
रिक्त पदों पर पूर्ति हेतु क्या कोई कार्यवाही की जावेगी ? (घ) विधान सभा क्षेत्र
सुसनेर अंतर्गत कार्यरत पटवारियों में से किन-किन पर विगत 03 वर्षों में
अनुशासनात्मक कार्यवाही किसी गंभीर अनियमितता के चलते की गई है प्रकरणवार विवरण
देवें ?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क)मध्यप्रदेश
भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 13 के अंतर्गत तहसील गठन की कार्यवाही की जाती है।
विगत पॉच वर्षो में उक्त आधार पर बहरी,
बिरसा,रामपुर,चॉद,सरई,माडा,सोडवा,कट्रठीवाडा,बुढार,गोखरू,लिधौरा,सिमरिया,सनावद,बजाग,पठारी,
सुल्तानपुर, मौ,पिपरई,नईसराय, उदयनगर,बैराढ,पोलायकला,अवंतीपुरबडौदिया का गठन किया
गया है। (ख)जी हॉ, प्रस्ताव प्रक्रिया में है।(ग) विधानसभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत
पटवारियों के पदों की जानकारी निम्नानुसार है:-
क्र. |
तहसील का नाम |
स्वीकृत पद |
भरे पद |
रिक्त पद |
1 |
सुसनेर |
36 |
26 |
10 |
2 |
नलखेड़ा |
30 |
19 |
11 |
योग |
|
66 |
45 |
21 |
(घ)विगत 3 वर्षों में
विधान सभा क्षेत्र सुसनेर में किसी भी पटवारी के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही व
गंभीर अनियमितता के चलते प्रकरण दर्ज नही हुआ है।
तहसीलदारों के
रिक्त पदों की पूर्ति
40. ( क्र. 604 ) श्री
चम्पालाल देवड़ा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क)
प्रदेश में तहसीलदार एवं नायब तहसीलदार के कुल कितने पद स्वीकृत है ? नवम्बर 15
की स्थिति में कितने पद रिक्त हैं ? (ख) क्या नायब तहसीलदार के पदों की पूर्ति
हेतु वित्त विभाग से अनुमति के बाद लोक सेवा आयोग द्वारा रिक्त पदों की पूर्ति की
जाना है ? यदि हां, तो इस संबंध में विभाग के अधिकारियों ने क्या-क्या कार्यवाही
की ? (ग) प्रश्नकर्ता के 1 जनवरी 14 से नवम्बर 15 तक की अवधि में मान. मंत्री जी
प्रमुख सचिव राजस्व तथा आयुक्त भू-अभिलेख को कितने पत्र कब-कब प्राप्त हुए ? (घ)
उक्त पत्रों पर आज दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई ?
राजस्व
मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) प्रदेश में तहसीलदार के 517 पद एवं नायब
तहसीलदारों के 620 पद स्वीकृत्त है। नवम्बर 2015 की स्थिति में तहसीलदार के 147 पद
एवं नायब तहसीलदार के 331 पद रिक्त हैं। (ख) जी हां। मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग को
मांग पत्र भेजा जा चुका है तथा 46 राजस्व निरीक्षकों को नायब तहसीलदार के पद पर
पदोन्नति आदेश जारी किये गये हैं। (ग) प्रश्नाधीन अवधि तक पांच पत्र प्राप्त हुए।
(घ) उत्तरांश "ग" के संबंध में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
खरगोन
जिले में विभाग द्वारा संचालित योजनाओं का क्रियान्वयन
41. ( क्र. 616 ) श्री
राजकुमार मेव : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क)
मछुआ कल्याण एवं मत्स्य विभाग द्वारा कौन-कौन सी योजनाएं संचालित की जा रही है
एवं खरगोन जिले में इसका क्रियान्वयन कहां-कहां किया जा रहा है ? (ख) विभाग द्वारा
खरगोन जिले में कौन-कौन से तालाब मत्स्य पालन हेतु किन-किन मछुआ समितियों अथवा
समूहों को कब-कब से कितनी अवधि के लिए दिये गये हैं ? (ग) क्या खरगोन जिले में
मत्स्य विभाग द्वारा एक ही मछुआ समिति अथवा समूह को अनेक तालाब मत्स्य पालन
हेतु दिये गये है ? (घ) महेश्वर विधानसभा क्षेत्र में ग्राम पिपल्याबुजुर्ग में
मत्स्य पालन हेतु विभागीय स्तर पर क्या-क्या कार्य किये जा रहे है, क्या
विभाग द्वारा पिपल्याबुजुर्ग में मत्स्य बीज उत्पादन का कार्य किया जाता है ?
यदि हां तो प्रतिवर्ष कितना एवं इससे कितना लाभ अर्जित किया जाता है ? यदि नहीं तो
क्या कारण है ?
पशुपालन मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) :
(क)जिले में विभाग द्वारा संचालित योजनाओं का क्रियान्वयन सम्पूर्ण जिले में
किया जा रहा है । संचालित योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के
प्रपत्र-अ अनुसार है । (ख) प्रश्नांश अनुसार मछुआ समितियों एवं समूह को तालाब
मत्स्य पालन हेतु पटटे पर देने संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखें परिशिष्ट के
प्रपत्र -ब अनुसार है । (ग) जी हॉ । (घ) प्रश्नांश में उल्लेखित ग्राम
पिपल्याबुजुर्ग में विभाग द्वारा मत्स्य बीज प्रक्षेत्र पर अन्य स्थान से
स्पान लाकर संबर्धन का कार्य किया जा रहा है । मत्स्य बीज विक्रय से विगत पांच
वर्षो में आय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -स अनुसार है ।
संचालित योजनाओं में अनियमितता की जांच
42. ( क्र. 656 ) श्री कुँवरजी
कोठार : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जिला
राजगढ़ हथकरघा विभाग अंतर्गत राज्य शासन एवं केंद्र शासन के सहयोग से कौन-कौन सी
योजना संचालित हैं ? जिला राजगढ़ में वर्ष 2014-15 एवं 01.04.2015 से 31.10.2015 तक
विभिन्न योजनाओं में कितनी राशि प्रदाय की गई योजनावार/मदवार विवरण देवें ?(ख)
प्रश्नांश (क) अनुसार जिला राजगढ़ की विधान सभा क्षेत्र सारंगपुर में कितनी बुनकर
सहकारी समिति संचालित है ? संचालित समितियों में से किस-किस समितियों को योजनाओं का
लाभ दिया गया है ? क्या विभागीय अधिकारियों द्वारा मात्र एक ही समिति को योजनाओं
का लाभ प्रदाय किया गया है ? शेष समितियों को लाभ न दिलाने वाले दोषी अधिकारियों के
विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही करेगा ? यदि नहीं, तो क्यों नहीं ? (ग)
प्रश्नांश (ख) अनुसार क्या जिला राजगढ़ की विधान सभा क्षेत्र सारंगपुर में
अधिकारियों की उदासीनता के कारण समितियां बंद होने की कगार पर है, या बंद हो चुकी
है ? इन्हें संचालित करने हेतु विभाग द्वारा कोई कार्ययोजना शासन को प्रेषित की गई
है ? यदि नहीं, तो क्यों नहीं ?
पशुपालन मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह
महदेले ) : (क) राजगढ़ जिले में हाथकरघा संचालनालय एवं संत रविदास म0प्र0
हस्तशिल्प एवं हाथकरघा विकास निगम द्वारा संचालित योजनाओं की जानकारी
पुस्तकालय मे रखे परिशिष्ट ''01'' अनुसार है। राजगढ् जिले में वर्र्र्ष्र्
2014-15 एवं 1.4.2015 से 31.10.2015 तक विभिन्न योजनाओं में दी गयी सहायता का
विवरण योनावार/मदवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''02'' अनुसार है। (ख)
विधानसभा क्षेत्र सारंगपुर में 09 बुनकर सहकारी समिति संचालित है जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''03'' अनुसार है। हाथकरघा संचालनालय एवं संत रविदास
म0प्र0 हस्तशिल्प एवं हाथकरघा विकास निगम द्वारा योजनाओं का लाभ दिये जाने वाले
समितियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''4'' अनुसार है। विभागीय
योजनाओं में प्रश्नाधीन अवधि में हाथकरघा संचालनालय द्वारा 04 समितियों को एवं
निगम द्वारा 08 समिति/इकाईयों को लाभ दिया गया। अत: यह कहना कि मात्र 01 की समिति
को लाभ दिया जा रहा है, सही नहीं है। अत: अनुशासनात्मक कार्यवाही का प्रश्न ही
उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। राजगढ जिले के सारंगपुर विधान सभा क्षेत्र के
अंतर्गत कार्यशील समितियों से वर्ष 2014-15 में राशि रू0 34.01 लाख तथा वर्ष
2015-16 में रू0 27.99 लाख का उत्पादित वस्त्र क्रय किया गया है तथा 8000 नग
साडियों का एवं राशि रू0 0.63 लाख का वस्त्र उत्पादन आदेश दिया गया है साथ ही
बाजार मांग के अनुरूप वस्त्र उत्पादन के लिये उन्हे प्रोत्साहित कर राज्य एवं
अंतर्राज्जीय स्तर पर मेले एवं प्रदर्शनियों में भाग लेने के लिये प्रोत्साहित
किया जा रहा है जिससे उत्पादन एवं विक्रय में और अधिक व़ृद्धि
हो।
छतरपुर जिले में प्राप्त आवंटन एवं राहत राशि का
भुगतान
43. ( क्र. 667 ) कुँवर विक्रम
सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) छतरपुर जिले
में वर्ष 2015-16 में किसानों को सूखा राहत राशि दिये जाने हेतु कितना आवंटन दिया
गया तहसीलवार बतायें ?(ख) राजनगर तथा लवकुशनगर तहसील अंतर्गत सर्वे दल में कौन-कौन
विभाग के अधिकारियों को शामिल किया गया उन्होंने क्या रिपोर्ट दी उसकी प्रतियां
दें ? तहसीलवार, नामवार, ग्रामवार जानकारी दें ? जिसमें राशि अंकित हो ?(ग) क्या
किसानों को शासन प्रावधानों के अनुसार राहत राशि का भुगतान नहीं किया जा रहा है
?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट ‘‘अ‘‘ अनुसार है। (ख) तहसील राजनगर तथा लवकुश नगर के अंतर्गत
अनावृष्टि से हुई फसल क्षति का आकलन करने हेतु राजस्व, कृषि, पंचायत विभाग के
अधिकारियों/कर्मचारियों को सम्मिलित कर दल गठित किये गये थे। सर्वेक्षण दलों द्वारा
आकलित फसल क्षति के अनुसार प्रभावित कृषकों को आर.बी.सी. 6(4) के प्रावधानों के तहत
राहत राशि प्रदान किया जाना प्रस्तावित किया गया। जानकारी पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट ‘‘ब‘‘ अनुसार है। (ग) जी नहीं। यह कहना सही नहीं है कि ‘‘किसानों
को शासन प्रावधानों के अनुसार राहत राशि का भुगतान नहीं किया जा रहा है। किसानों को
राहत राशि भुगतान किया जा रहा है।
पूरक पोषण आहार में अनियमितता
44. ( क्र. 668 ) कुँवर विक्रम
सिंह : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि
(क) सांझा चूल्हा व्यवस्था के तहत पूरक पोषण आहार में विविधता के लिये
साप्ताहिक सांकेतिक मेनू के अनुसार छतरपुर जिले में वर्ष 2014-15 से प्रश्न
दिनांक तक परीक्षण/निरीक्षण किया ? निरीक्षण प्रतिवेदनों की प्रतियां विकासखण्डवार
दी जावे ?(ख) क्या शासन द्वारा दी गई राशि के संबंध में भुगतान किये गये बिलों
में गंभीर अनियमितताएं होने के बाद भी सत्यापन किया गया ?(ग) राशि के समायोजन के
संबंध में क्या कार्यवाही की गई ? जिला स्तर पर महिला बाल विकास अधिकारी छतरपुर
द्वारा परीक्षण में अनियमितताएं पाई गई ?(घ) शासन प्रावधानों का उल्लंघन करने
वालों के विरूद्ध कार्यवाही में विलंब के लिये उत्तरदायी अधिकारी कौन है
?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क)
सांझा चूल्हा व्यवस्था के तहत निरीक्षण प्रतिवेदनों की प्रतियां
परियोजना/विकास खण्डवार पुस्तकालय में रखें परिशिष्ट ‘अ’ अनुसार है। (ख)
समूहों को शासन द्वारा कोई भी अग्रिम राशि नही दी गई है । वास्तविक देयकों के
सत्यापन के आधार पर समूहों को भुगतान किया गया है । भुगतान किये गये देयकों में कोई
अनियमितताएं नहीं पायी गई है । (ग) समूहों के पास वर्तमान में राशि अग्रिम न होने
से समायोजन का प्रश्न ही नहीं है । प्रतिमाह समूहों के देयक प्राप्त होने पर
भुगतान की कार्यवाही की जाती है । प्रत्येक त्रैमास में परियोजना अधिकारियों
की मांग के अनुसार गेहॅू,चावल नागरिक आपूर्ति निगम के माध्यम से समूहों को उपलब्ध
कराया जाता है । प्रदाय गेहॅू,चावल की राशि की कटौती त्रैमासिक रूप से समूहों के
देयकों से की जाती है । जिला स्तर पर निरीक्षण में अनियमितताएं पाये जाने पर
संबंधित समूह,आंगनवाडी कार्यकर्ता,पर्यवेक्षक के विरूद्व नियमानुसार कार्यवाही किये
जाने का प्रावधान है । परीक्षण के दौरान किसी प्रकार की अनियमितता अभी तक नहीं पायी
गई है। (घ) शासन प्रावधानों के अनुरूप जिले में सांझा चूल्हा व्यवस्था संचालित है ।
किसी भी अधिकारी द्वारा शासन प्रावधानों का उल्लंघन नहीं किया गया है
।
विभागीय राशि के गबन मामले में वसूली
45. ( क्र. 685 ) श्री विजय
सिंह सोलंकी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या
वर्ष 2014, 2015 में भगवानपुरा, सेगांव, गोगावा एवं खरगोन तसहीलदार कार्यालय द्वारा
किसान कल्याण तथा कृषि विभाग की हितग्राहियों मूलक कार्यों का भौतिक सत्यापन
पत्रक पूर्ण कराया गया है ? (ख) अनुविभागीय अधिकारी राजस्व जिला खरगोन में वर्तमान
में कितने अधिकारियों, कर्मचारियों के विभागीय राशि के गबन की वसूली के मामले
प्रचलन में है ? विभागवार प्रकरण तथा वसूलने वाली राशि की जानकारी दें ? (ग) खरगोन
जिले की सभी तहसीलों में पिछले 3 वर्षो में प्राकृतिक आपदा के कुल कितने प्रकरण
लंबित है ? कुल कितने प्रकरणों में मुआवजा दिया गया ? लंबित प्रकरणों की संख्या
श्रेणीवार वर्षवार देवें ? वर्ष 2015 में ग्राम धूलकोट में आंधी की वजह से नष्ट
हुए मकानों के प्रकरण में मुआवजे की स्थिति क्या है ?
राजस्व मंत्री (
श्री रामपाल सिंह ) : (क)(ख)(ग) जानकारी एकत्रित की जा रही
है।
इन्दौर एवं मांगलीया में शासकीय भूमि पर अतिक्रमण
46. ( क्र. 715 ) श्री
राजेन्द्र फूलचंद वर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे
कि(क) क्या इन्दौर नगर तथा मांगलीया पंचायत में कई कालोनाईजरों द्वारा शासकीय
भूमि पर अतिक्रमण किया गया है ? यदि है, तो किस प्रकार ? (ख) क्या ऐसे कालोनाईजरों
के खिलाफ कोई कार्यवाही की गई है ? यदि हां तो क्या कार्यवाही की गई है ? यदि
नहीं, तो क्यों नहीं ? (ग) क्या दोषियों पर कार्यवाही की जावेगी ? अभी तक किन-किन
पर कार्यवाही की गई है ?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) :
(क)जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।(ख)एवं(ग)प्रश्नांश 'क' के उत्तर के
परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आंगनवाड़ी केन्द्रों
में सामग्री का वितरण
47. ( क्र. 722 ) श्री राजेश
सोनकर : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि
(क) इन्दौर जिला अंतर्गत सांवेर विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक
तक आंगनवाड़ी केन्द्रों के रख-रखाव हेतु विभाग द्वारा क्या-क्या सामग्री उपलब्ध
कराई गई ?(ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में आंगनवाड़ी केन्द्रों के रख-रखाव हेतु
कितनी-कितनी राशि किन-किन मदों में आवंटित की गई ? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ
में आंगनवाड़ी केन्द्रों में रख-रखाव हेतु आवंटन उपलब्ध होने पर किन-किन फर्मों
के द्वारा क्या-क्या सामग्री खरीदी गई व कहां-कहां पर वितरित की गई
?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) :
(क) सावेर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत बाल विकास परियोजना सावेर एवं बाल विकास
परियोजना इन्दौर ग्रामीण-1 सम्मिलित है। इन परियोजनाओं में वर्ष 2013 से प्रदत्त
सामग्री का विवरण परिशिष्ट-1 पर संलग्न है। (ख) जानकारी परिशिष्ट -2 पर संलग्न है।
(ग) जानकारी परिशिष्ट -3 पर संलग्न है।
````````````
परिशिष्ट
बारह नलजल योजनाओं की स्वीकृति
48. ( क्र. 785 ) इन्जी.
प्रदीप लारिया : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क)
क्या नरयावली विधानसभा क्षेत्र में सागर में नल जल योजना के प्रारंभ से प्रश्न
दिनांक तक विभाग द्वारा कितनी नल जल योजनायें सागर जिले में स्वीकृत की गई ? (ख)
सागर जिले में वर्तमान में विभाग के पास कितनी नल जल योजनाओं की स्वीकृति हेतु
राशि विभाग के पास जमा है ? ग्राम व पंचायतवार विस्तृत जानकारी देवें ? (ग)
नरयावली विधानसभा क्षेत्र में कितने ग्राम व पंचायतों के नल जल योजनाओं की राशि
स्वीकृति हेतु जमा है ? विभाग द्वारा जमा राशि उपरांत प्रश्न दिनांक तक स्वीकृति
क्यों नहीं की गई, कारण बतावें ? (घ) नरयावली विधानसभा क्षेत्र में कितने ग्राम व
पंचायतों के नल जल योजनाओं की राशि स्वीकृति हेतु जमा है राशि जमा होने के उपरांत
स्वीकृति की समय सीमा बतावें ?
पशुपालन मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह
महदेले ) : (क) कुल 107 नलजल योजनाएं। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ठ
अनुसार है।(ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ठ अनुसार। अंशदान की पूर्ण राशि जमा न
होने के कारण।(घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ठ अनुसार। पूर्ण राशि जमा होने एवं नलजल
योजना मद में आवंटन उपलब्ध होने पर स्वीकृति की जावेगी। निश्चित समय सीमा नहीं बताई
जा सकती।
परिशिष्ट
तेरह ग्राम पंचायतों के अंशदान से स्वीकृत नल-जल
योजनाएं
49. ( क्र. 802 ) सुश्री हिना
लिखीराम कावरे : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क)
बालाघाट जिले के किरनापुर तथा लांजी विकासखण्डों में ग्राम पंचायतों के अंशदान से
प्रांरभ की जाने वाली नल-जल योजनाओं के लिए किन-किन- ग्राम पंचायतों के प्रस्ताव
विभाग को प्राप्त हुए हैं ? ग्राम पंचायतों के नाम तथा प्रस्ताव देने की तारीख
सहित जानकारी दें ? (ख) इनमें से विभाग द्वारा कितनी ग्राम पंचायतों का प्राक्कलन
तैयार कर अंशदान की राशि निर्धारित कर सूचित किया गया है ? (ग) ऐसी कितनी ग्राम
पंचायतें हैं जिनके द्वारा अंशदान की राशि विभाग में जमा कर दी गयी है ? जमा की गयी
राशि तथा दिनांक सहित विस्तृत जानकारी दें ? (घ) अंशदान की राशि जमा होने के
बावजूद नल-जल योजनाएँ स्वीकृत न होने का क्या कारण हैं ?
पशुपालन
मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क)
जानकारी संलग्न परिशिष्ठ के अनुसार है। (ख) ग्राम पंचायत भानेगांव को सूचित किया
गया है।(ग) ग्राम पंचायत भानेगांव द्वारा अंशदान की राशि रूपये 75000/- दिनांक
11.7.2013 को जमा की गयी है।(घ) एक जलप्रदाय योजना हेतु अंशदान प्राप्त होने पर
स्वीकृति दी गई है। परिशिष्ट
चौदह ग्रुप वाटर सप्लाई स्कीम की स्वीकृति
50. ( क्र. 803 ) सुश्री हिना
लिखीराम कावरे : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क)
विषयांकित योजना से विकासखंड लांजी अंतर्गत ग्राम पंचायत कुलपा, कारंजा, बापडी,
परसौड़ी तथा परसवाड़ा में पेयजल सप्लाई हेतु कोई योजना बनाई गयी है ? (ख) यदि हां,
तो कब ? वर्तमान में यह स्कीम किस स्तर पर है ? तथा शासन/विभाग इसे कब तक
स्वीकृति प्रदान कर देगा ?
पशुपालन मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले
) : (क) जी नहीं। (ख) उत्तरांश-‘‘क‘‘ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित
नहीं होता।
सेन्डीज मनी घोटाले के दोषियों पर कार्यवाही
51. ( क्र. 826 ) श्रीमती शीला
त्यागी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) जिला सहकारी
केन्द्रीय बैंक शाखा डभौरा जिला रीवा के सेन्डीज मनी घोटाले का अपराध थाना डभौरा
में प्रा.सू.प्र.क्र. 12/15 दिनांक 14.03.15 धारा 409, 420, 467, 468, 471 एवं
120बी पंजीबद्ध किया जाकर मुख्य आरोपी रामकृष्ण मिश्रा एवं अन्य चार की
गिरफ्तारी की गई है ? मुख्य आरोपी से गिरफ्तारी के समय कुल कितने रूपये नकद तथा
कितना सोना, चांदी और क्या-क्या अन्य सामग्री जप्त की गई है ? (ख) प्रश्नांश
(क) हां तो क्या मुख्य आरोपी रामकृष्ण के गिरफ्तारी में संलग्न थाना प्रभारी
पनवार, एस.डी.ओपी डभौरा ने आरोपी से जप्त की गई राशि, सोना, चांदी में से करीब 59
लाख रूपये नगर एवं 320 ग्राम सोना 86 चांदी के सिक्के जप्ती में कम दिखाकर उक्त
राशि एवं सोना, चांदी स्वयं हित में लेने के उद्देश्य से अपने निवास के कमरे
छिपाकर रखे थे ? जो आरोपी के बयान के आधार पर पुलिस अधीक्षक रीवा द्वारा थाना
प्रभारी/एसडीओपी के कमरे से उक्त राशि एवं सोना चांदी बरामद किया गया है ? (ग) यदि
प्रश्नांश (क) (ख) हां तो उक्त थाना प्रभारी पनवार, एसडीओपी डभौरा को क्या
निलंबित करते हुए उनके विरूद्ध एफ.आई.आर. दर्ज कराया गया है ? यदि हां तो निलंबन
आदेश एवं एफ.आई.आर. की प्रति देवें ? यदि नहीं तो कब तक इन्हें निलंबित कर अपराध
दर्ज करा दिया जाएगा ? (घ) प्रश्नांश (क) के मुख्य आरोपी रामकृष्ण द्वारा और
कौन-कौन अधिकारी, कर्मचारी स्थानीय जनप्रतिनिधि को पैसा देने का बयान दिया है ?
क्या उन्हें आरोपी बनाया जा रहा है ? यदि हां तो अब तक बनाये गये आरोपियों की
जानकारी नाम, पता व पद सहित देवें ?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) :
(क) जी हां। मुख्य आरोपी श्री रामकृष्ण मिश्रा से दिनांक 29.10.2015 को
गिरफ्तारी के समय नगद रूपये 14,31,500 मोबाईल फोन्स् 9 नग एवं स्कार्पियो वाहन एक
रजिस्ट्रेशन क्रमांक एम.पी.17सीबी 0238 जब्त की गई थी। (ख) जी हाॅ। मुख्य आरोपी
श्री रामकृष्ण मिश्रा की गिरफ्तारी में संलग्न तत्कालीन थाना प्रभारी पनवार उप
निरीक्षक श्री अरूण सिंह बघेल एवं एस.डी.ओ.पी. डबौरा श्री सुजीत सिंह बरकडे द्वारा
आरोपी से बरामद की गई संपत्ति में से कुल रूपये 59 लाख नकद, 16 नग सोने के सिक्के
एवं 50-50 ग्राम के दो नग सोने के बिस्किट तथा चांदी के 36 सिक्के पुराने, 01 नग
सोने की लोकेट मय जंजीर, 02 नग सोने की अंगूठी, 06 एफ.डी., 04 एफ.डी. की
छायाप्रतियां, 02 पासबुक श्री रामकृष्ण मिश्रा के नाम की, एक चेकबुक, पेनकार्ड, 02
पासपोर्ट एवं 01 आम्र्स लायसेंस जब्ती में कम दिखाकर उक्त राशि एवं सोना अपने पास
स्वयं हित के लिए रख लिया था, जिसे बाद में मेमोरैंडम पर तत्कालीन एस.डी.ओ.पी.
डभौरा, श्री सुजीत सिंह बरकडे तथा तत्कालीन थाना प्रभारी पनवार श्री अरूण सिंह बघेल
के प्रस्तुत करने पर पुलिस नियंत्रण कक्ष रीवा में उप पुलिस अधीक्षक (मुख्यालय)
रीवा द्वारा दिनांक 02.11.2015 को जब्त किया गया है। (ग) जी हाॅ। तत्कालीन
एस.डी.ओ.पी. डभौरा श्री सुजीत सिंह बरकडे एवं तत्कालीन थाना प्रभारी पनवार श्री
अरूण सिंह बघेल उप निरीक्षक को दिनांक 03.11.2015 को निलंबित किया गया है तथा उनके
विरूद्ध थाना अपराध अनुसंधान विभाग, पुलिस मुख्यालय, भोपाल में अपराध क्र0 01/15
धारा 405, 409, 218, 201, 192, 506, 120बी भादवि एवं धारा 25 आयुध अधिनियम, दिनांक
21.11.2015 को पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया है। अधिकारियों के निलंबन आदेश की
प्
रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) थाना डभौरा, जिला रीवा के
अप0क्र0 12/15, धारा 409, 420, 467, 471, 120बी भादवि विवेचना में है तथा अनुसंधान
में आये तथ्यों एवं परिस्थितियों के साक्ष्यों के आधार पर कार्यवाही की
जायेगी।
परिशिष्ट
पंद्रह स्वसहायता समूहों की जांच
52. ( क्र. 830 ) श्रीमती शीला
त्यागी : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि
(क) अता. प्रश्न क्र. 3009 दिनांक 29.07.15 के प्रश्न (क) के तारतम्य में क्या
शासन से प्राप्त राशि का भुगतान समूह से प्रस्ताव पारित कर लेने का नियम है ? यदि
हां तो संदर्भित प्रश्नांश (क) एवं (ग) में अंकित समूह द्वारा कब-कब प्रस्ताव
पारित कर भुगतान लिया है ? (ख) यदि प्रश्नांश (क) के समूहों के सदस्यों का
सत्यापन निवास संबंध नहीं होता है तो अध्यक्ष सचिव के विरूद्ध पुलिस में प्रकरण
दर्ज कराया जावेगा ?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह )
:
(क) जी नहीं । (ख) आंगनवाडी केन्द्रों में 03 वर्ष से 06 वर्ष
तक के बच्चों के पूरक पोषण आहार के प्रदाय संबंधी निर्देश में सदस्यों के निवास के
सत्यापन का प्रावधान नही है ।
चौपना
पुनर्वास क्षेत्र में विस्थापन
53. ( क्र. 831 ) श्री सज्जन
सिंह उईके : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) चोपना
(बैतूल) पुनर्वास क्षेत्र में कितने शरणार्थीयों का विस्थापन किया गया ?
व्यवस्थापन के लिये कितनी राशि आवंटित थी ? (ख) पुनर्वास परियोजना चोपना में
कितने वर्ग के अधिकारी पदस्थ थे ? क्या म.प्र. शासन के कर्मचारी/अधिकारी कार्यरत
थे ? (ग) परियोजना अधिकारी राज्य/केन्द्र स्तर का था ? उक्त परियोजना अधिकारी
की शैक्षणिक योग्यता क्या/कहां से थी ? (घ) पुनर्वास परियोजना में चोपना
प्रा.स्वा.केन्द्र संचालित ? (i) यदि हां तो प्रा.स्वा.केन्द्र कब स्वीकृत हुआ
था ?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) :
(क) चोपना
(बैतूल) पुनर्वास क्षेत्र में विगत 10 वर्ष में कोई शरणार्थियों का विस्थापन नहीं
किया गया है। और न ही कोई राशि आवंटित की गई
है।(ख) विगत 10
वर्ष से कोई अधिकारी/कर्मचारी कार्यरत नहीं
है।(ग) विगत 25
वर्ष पूर्व राज्य स्तर का परियोजना अधिकारी प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत रहें अतः
शेक्षणिक योग्यता का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।(घ) पुनर्वास
परियोजना चोपना में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र वर्ष 1980 से पूर्व संचालित था।
जिसे लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण विभाग को हस्तांतरित कर दिया गया था।
बैतूल जिले में दर्ज अपराधों की संख्या
54. ( क्र. 832 ) श्री सज्जन
सिंह उईके : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) वर्ष 2013
से 2015 तक बैतूल जिले में कितने प्रकरण थानों में दर्ज है ? (i) बलात्कार के
प्रकरण की संख्या बताईयें ? (ii) अ.ज.जा. महिलाओं पर अत्याचार के प्रकरणों की
संख्या (iii) क्या चोपना, सारनी में चिटफंड हुआ था ? (ख) क्या शाहपुर (बरेठा)
बैतूल में ट्रक कटिंग कार्य चल रहा है ? (i) कंटिंग कार्य को संरक्षण किसका है ?
यदि नहीं तो बंद क्यों नहीं हो रहा है ? (ii) कटिंग का माल जब्त होता है ? (ग)
क्या बीजादेही थाना प्रभारी के विरोध में ग्रामीणों ने शाहपुर (बैतूल) के अनुभाग
अधिकारी को ज्ञापन दिया था ?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क)
वर्ष 2013 से 2015 (दिनांक 15.11.2015) तक बैतूल जिले के थानों में भारतीय दण्ड
संहिता में कुल 13842 अपराध पंजीबद्ध हुए हैं। (i) बलात्कार के कुल 394 प्रकरण
पंजीबद्ध किये गये हैं। (ii) अ.ज.जा. महिलाओं पर अत्याचार के 137 प्रकरण दर्ज किये
गये हैं। (iii) चिटफण्ड अधिनियम 1982 के अधीन कोई अपराध पंजीबद्ध नहीं है किंतु
थाना सारणी क्षेत्रांतर्गत कम्पनियों द्वारा धोखाधड़ी से संबंधित घटित 03 घटनाओं
में पृथक-पृथक 03 अपराध भादवि एवं मध्यप्रदेश राज्य निक्षेपकों के हितों का संरक्षण
अधिनियम 2000 के अंतर्गत पंजीबद्ध किये गये हैं। थाना चोपना क्षेत्रान्तर्गत
कम्पनियों द्वारा धोखाधड़ी एवं चिटफण्ड अधिनियम से संबंधित कोई भी अपराध पंजीबद्ध
नहीं हुआ है। (ख) वर्ष 2015 में ट्रकों के रस्सा काट कर एवं तिरपाल खोलकर ट्रक
कटिंग की घटना घटित नहीं हुई है। इस प्रकार के अपराधों को किसी का संरक्षण प्राप्त
नहीं है। इस वर्ष कोई अपराध घटित नहीं हुआ है। वर्ष 2013 में 02 प्रकरण तथा वर्ष
2014 में 04 प्रकरण ट्रकों से चोरी के पंजीबद्ध हुए थे। वर्ष 2013 के 01 अपराध में
संपत्ति बरामद करके न्यायालय में चार्जशीट प्रस्तुत की गई है।(ग) जी हाॅ। ज्ञापन की
जांच पर थाना प्रभारी पर लगाये गये आरोप अप्रमाणित पाये गये
हैं।
मुरैना जिला न्यायालय के वारन्ट तामील कराने विदिशा
पुलिस की लापरवाही
55. ( क्र. 862 ) श्री
सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क)
मुरैना जिले के विशेष न्यायिक मजिस्टेट न्यायालय के वर्ष 2006-07 के प्रकरण
क्रमांक 4613/6, 5679/06, 1735/06, 1220/07 से जारी वारन्ट श्रीमती कल्पना पत्नी
विनय जैन निवासी मालरोड गंज बासौदा जिला विदिशा का वारन्ट जारी की तामील अभी तक
क्यों नहीं हुई जानकारी दी जावे ? (ख) क्या वारन्ट तामील कराये जाने हेतु
स्थानीय विधायक द्वारा वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को शिकायती पत्र भेजा गया था ?
यदि हां तो उस पर अभी तक क्या कार्यवाही की गई ? दिनांक सहित तथ्यों सहित पूर्ण
जानकारी दी जावें ?(ग) क्या चेक बाउन्स जैसे संगीन आर्थिक अपराधों के वारन्ट
तामील न होना पुलिस की लापरवाही की श्रेणी में आता है ? पुलिस कर्मचारियों के खिलाफ
क्या कार्यवाही की गई जानकारी दी जावे ? (घ) क्या वारन्ट तामील कराने हेतु
वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की बैठक में समीक्षा की जाती है ? इन वारन्टों पर कभी
चर्चा हुई ? यदि हां तो पूर्ण विवरण की जानकारी दी जावे ?
गृह मंत्री (
श्री बाबूलाल गौर ) : (क) विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेट जिला मुरैना द्वारा
प्र0क्र0 4613/06, 5679/06, 1735/06 एवं 1220/07 में श्रीमती कल्पना जैन निवासी माल
गोदाम रोड महावीर बिहार के पास गंजबासौदा जिला विदिशा के वारंट जारी किये गये थें ।
जारी वारंटों के परिपेक्ष्य में न्यायालय के पत्र दिनांक 27.07.2015 के माध्यम से
सूचित किया हैं कि वारंटी श्रीमती कल्पना जैन ने न्यायालय में उपस्थित होकर जमानत
करा ली हैं । अतः जारी वारंट अदम तामिल न्यायालय में वापिस किये जावें । वारंट
न्यायालय वापिस कर दिये गये ।(ख) जी हां। मान0 विधायक श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार
द्वारा दिये गये आवेदन पत्र के तथ्यों की जाॅच में तत्कालीन उप निरीक्षक श्री
एम़0पी0 निरंजन एवं तत्कालीन प्रधान आरक्षक 558 श्री सुमेर सिंह को वारंट संबंधी
अभिलेख के संधारण में लापरवाही बरतने व वारंट गुम होने के संबंध में दोषी पाया गया
। जाॅच में दोषी पाये गये दोनों अधिकारी की मृत्यु हो जाने से उनके विरूद्व विभागीय
कार्यवाही नहीं की गई है। (ग) जी हाॅ । परन्तु तत्कालीन प्रधान आरक्षक स्व0
समुरे सिंह की मृत्यु दिनांक 27.12.2013 को तथा उप निरीक्षक स्व0 एम.पी. निरंजन की
मृत्यु दिनांक 15.05.2015 को हो जाने के कारण उनके विरूद्व दण्डात्मक कार्यवाही
नहीं हो सकी । (घ) जी हाॅ । समीक्षा में किसी वारंट विशेष पर विस्तृत चर्चा किये
जाने का अभिलेख नहीं है। अतः विवरण दिया जाना संभव नहीं
है।
ग्राम पंचायतों को विद्युत मोटर पंप का प्रदाय
56. ( क्र. 867 ) पं. रमेश
दुबे : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मध्यप्रदेश
में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा विगत 5 वर्षों में ग्राम पंचायतों को
विद्युत मोटर पंप प्रदाय किये जाने, उसके संधारण के क्या नियम निर्देश थे ? नियम
निर्देश की प्रति सहित जानकारी दें ? (ख) वर्ष 2009 से 2014 तक विकास खण्ड चौरई के
किन-किन ग्राम पंचायतों को विद्युत मोटर पंप कितने पावर के कब-कब प्रदाय किये गये ?
(ग) क्या ग्राम पंचायत समसवाड़ा तहसील चौरई जिला-छिन्दवाड़ा को वर्ष 2013 में 10
एच.पी. का मोटर पंप, 10 एच.पी. का पैनल, 2 इंच जी.आई.पाईप 15 नग 20 फिट का, एवं 200
मीटर 6 स्क्वायर के केबल प्रदाय किया गया है ? यदि हां तो क्या उक्त् सामग्री
वर्तमान ग्राम पंचायत को हस्तांतरण की गयी है और यदि नहीं की गयी है तो किसके पास
है ? (घ) क्या ग्राम पंचायत के पूर्व सरपंच के द्वारा प्रश्नांश (ग) में
उल्लेखित सामग्री अपने कब्जे में रखकर स्वयं के उपयोग में लायी जा रही है ? यदि
हां, तो अभी तक वर्तमान सरपंच को प्रभार में नहीं देने के लिए कौन लोग जिम्मेदार
है ? क्या शासन उक्त सामग्री वर्तमान सरपंच को हस्तांतरित करवाकर दोषियों के
विरूद्ध कार्यवाही का आदेश देगा ? यदि हां तो कब और नहीं तो क्यों
?
पशुपालन मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जिले की
आकस्मिक कार्य योजना स्वीकृत होने तथा उसके अंतर्गत राशि प्राप्त होने पर मोटर
पंपों का प्रदाय एवं सुधार कार्य करवाया जाता है पृथक से कोई नियम निर्देश नहीं
हैं। (ख) प्रश्नांकित अवधि में विकासखण्ड चौरई के ग्राम पंचायतों को प्रदाय किये गए
मोटर पम्पों की संख्या शून्य है।(ग) जी नहीं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (घ)
ग्राम पंचायतों में प्रभार हस्तांतरण का उत्तरदायित्व विभाग का नहीं है। शेष प्रश्न
ही उपस्थित नहीं होता।
पेटलावद जिला झाबुआ में विस्फोट के आरोपी पर
कार्यवाही
57. ( क्र. 896 ) श्री जितू
पटवारी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) विगत दिनों
पेटलावद, जिला झाबुआ में हुये विस्फोटक हादसे के मुख्य फरार आरोपी राजेन्द्र
कांसवा की गिरफ्तारी हेतु क्या पुलिस द्वारा प्रदेश एवं दूसरे राज्यों की पुलिस,
क्राईम ब्रान्च, अपराध शाखा एवं देश के हवाई अड्डों को कोई सूचना जारी की गई है
?(ख) क्या पुलिस द्वारा पेटलावद विस्फोटक हादसे के तुरंत पश्चात् मुख्य आरोपी
राजेन्द्र कांसवा का पासपोर्ट जब्त या रद्द करने की कार्यवाही की गई है ? (ग)
क्या पुलिस द्वारा राजेन्द्र कांसवा के परिजनों का नार्को टेस्ट करवाया गया है ?
(घ) हादसे में कुल कितने लोगों की मृत्यु, कितने अपाहिज एवं कितने लोगों को चोटें
आई हैं, संख्या देवें तथा कितने मृत लोगों की या उनके अंगों की शिनाख्त वर्तमान
तक हो पाई है एवं कितने लोगों की शिनाख्त होना शेष है ?
गृह मंत्री (
श्री बाबूलाल गौर ) : (क) जी हाॅ। (ख) अनुसंधान के दौरान आरोपी श्री राजेन्द्र
कांसवा के नाम से पासपोर्ट जारी होना नहीं पाये जाने से प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
(ग) कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (घ) घटना में कुल 78 व्यक्तियों की मृत्यु हुई तथा
कुल 80 व्यक्ति घायल हुए हैं। कुल 74 मृत व्यक्तियों की शिनाख्त हो चुकी है तथा 04
मृत व्यक्तियों की शिनाख्त होना शेष है।
किसानों को डि़प
इरिगेशन की सुविधा
58. ( क्र. 925 ) श्री हेमन्त
विजय खण्डेलवाल : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क)
बैतूल जिले में वर्ष 2013-14, 2014-15 एव 2015-16 में 30 जून तक विकास खण्डवार
कितने कृषक के यहां ड्रिप लगाई गई ? (ख) उपरोक्त किसानों द्वारा कितनी-कितनी अंश
पूँजी जमा की गई तथा ड्रिप लगाये जाने का कार्य कब स्वीकृत किया गया ? (ग) क्या
उपरोक्त वर्षों में ड्रिप लगाये जाने के समस्त कार्य पूर्ण हो चुके हैं ? यदि
नहीं तो इसके क्या-क्या कारण हैं ? (घ) क्या ड्रिप लगाये जाने के कार्य का
निरीक्षण विभागीय अधिकारियों द्वारा किया गया है ? यदि हां तो किस-किस अधिकारी
द्वारा कब-कब निरीक्षण किया गया ? यदि नहीं किया गया तो क्यों ?
पशुपालन
मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) :
(क),(ख) एवं (घ) की जानकारी संलग्न परिशिष्ट-अ अनुसार है।
(ग) जी हाँ।
शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
परिशिष्ट
सोलह भिण्ड जिले के थाना मिहोना में पंजीबद्ध अपराध क्र.
74/13 के आरोपियों की गिरफ्तारी
59. ( क्र. 933 ) डॉ. गोविन्द
सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) भिण्ड जिले के
थाना मिहोना में पंजीबद्ध अपराध क्रमांक 74/13 में प्रश्न दिनांक तक किन
अभियुक्तों को गिरफ्तार किया तथा किन-किन की गिरफ्तारी होना शेष है ? नाम सहित
बतायें ? (ख) उक्त अपराध में किन-किन अभियुक्तों के विरूद्ध कब और कौन से माननीय
न्यायालय में चालान प्रस्तुत किया ? (ग) सैनिक कल्याण आफिसर भिण्ड द्वारा
दिनांक 03.07.2014 को तोपखाना, अभिलेख, आर्टिलरी रिकार्ड, नासिक रोड केम्प 422102
ए.पी.एस, पिन 908802 को सुरेन्द्र सिंह उर्फ देवेन्द्र सिंह की पेंशन बंद करने का
पत्र लिखने के बाद भी अभी तक पेंशन बंद क्यों नहीं हुई ? क्या पत्र प्राप्त होने
की पुष्टि सैनिक कल्याण आफिसर भिण्ड द्वारा की गई ? यदि नहीं तो क्यों ? (घ)
माननीय उच्च न्यायालय बैच ग्वालियर की याचिका क्रमांक M.Cr.C.No11030/2014
ग्वालियर में माननीय न्यायालय द्वारा पुलिस अधीक्षक भिण्ड, थाना प्रभारी मिहोना
को श्री देवेन्द्र सिंह प्रधान आरक्षक भिण्ड की प्रकरण में जांच कर कार्यवाही
करने का निर्देश दिया था ? यदि हां तो अभी तक क्या कार्यवाही की गई ? यदि नहीं तो
क्यों ?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) थाना मिहोना, जिला
भिण्ड में पंजीबद्ध अपराध क्र0 74/13 में आरोपी 1- श्री दीपक पुत्र सुरेन्द्र सिंह
राजावत निवासी इमलाहा, 2- श्री सुरेन्द्र सिंह पुत्र श्री शंकर सिंह राजावत निवासी
इमलाहा, 3- प्र0आर0 145 श्री देवेन्द्र सिंह पुत्र श्री शंकर सिंह राजावत निवासी
इमलाहा को गिरफ्तार किया गया है। प्रकरण में किसी अन्य आरोपी की गिरफ्तारी होना शेष
नहीं है।(ख) प्रकरण में आरोपी 1- श्री दीपक पुत्र सुरेन्द्र सिंह राजावत निवासी
इमलाहा, 2- श्री सुरेन्द्र सिंह पुत्र श्री शंकर सिंह राजावत निवासी इमलाहा, 3-
प्र0आर0 145 श्री देवेन्द्र सिंह पुत्र श्री शंकर सिंह राजावत निवासी इमलाहा के
विरूद्ध सक्षम न्यायालय में चालान क्र0 15/15 दिनांक 06.07.2015 को प्रस्तुत किया
गया है।(ग) जी हाॅ। सेवा निवृत्त सैनिक की पेंशन बंद करने संबंधी निर्णय सेना
मुख्यालय को लेना है। राज्य शासन द्वारा कोई कार्यवाही शेष नहीं है।(घ) जी हाॅ।
माननीय न्यायालय के आदेशानुसार प्रकरण की जांच कर अपराध क्र0 74/13 में विवेचना की
जाकर आरोपीगणों को गिरफ्तार कर सक्षम न्यायालय में चालान प्रस्तुत किया गया
है।
ग्वालियर नगर निगम सीमा क्षेत्र में सम्मिलित ग्रामों की
अधिसूचना
60. ( क्र. 934 ) डॉ. गोविन्द
सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) ग्वालियर नगर
निगम चुनाव के पूर्व वर्ष 2014-15 में कौन से ग्रामों को सम्मिलित करने की अधिसूचना
कब-कब जारी की गई ? (ख) नगर निगम ग्वालियर की सीमा में सम्मिलित होने के पूर्व
कलेक्टर ग्वालियर ने ग्राम सुसेरा, ग्राम नौगांव, ग्राम सातऊ, ग्राम पिरोली के
कितने किसानों की निजी स्वामित्व एवं शासकीय पट्टे की भूमि विक्रय की स्वीकृति
दी गई ? (ग) वर्तमान में उक्त भूमि राजस्व दस्तावेज के अनुसार किन-किन
व्यक्तियों के स्वामित्व में है ? (घ) ग्वालियर जिले के ग्राम टेकनपुर में वर्ष
2013-14 एवं 2014-15 में किन-किन किसानों की निजी स्वामित्व एवं पट्टेदारों की
भूमि विक्रय की परमिशन कलेक्टर ग्वालियर द्वारा दी गई ? (ड.) वर्तमान में
उपरोक्त ग्रामों में से कौन-कौन से ग्राम नगर निगम ग्वालियर के किस-किस वार्ड में
सम्मिलित किये ? सम्मिलित किये जाने का आदेश दिनांक बतायें ? (च) उपरोक्त भूमि
विक्रय करने वाले अनुसूचित जाति एवं जनजाति के किसानों ने किस-किस ग्राम में कृषि
भूमि खरीदी ? रकबा एवं सर्वे क्रमांक सहित बतायें ?
राजस्व मंत्री ( श्री
रामपाल सिंह ) : (क)(ख)(ग)(घ)(ड़)(च)जानकारी एकत्रित की जा रही
है।
तहसील बैराढ़ में वर्षा मापक यंत्र की स्थापना
61. ( क्र. 985 ) श्री प्रहलाद
भारती : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) तहसील बैराढ़
का गठन कब किया गया ?(ख) क्या तहसील बैराढ़ के गठन से आज दिनांक तक भी तहसील
बैराढ़ में वर्षा मापक यंत्र नहीं लगाया गया है जिससे तहसील बैराढ़ में भयंकर सूखे
की स्थिति होते हुए सामान्य से अत्यधिक कम बारिश होने के बावजूद भी बैराढ़ तहसील
को सूखाग्रस्त घोषित नहीं किया जा सका है ? इसके लिए कौन-कौन जिम्मेदार है व अब
कब तक बैराढ़ तहसील को सूखाग्रस्त घोषित कर दिया जावेगा ? (ग) प्रश्नांश (ख) के
संदर्भ में तहसील बैराढ़ में पृथक से वर्षा मापक यंत्र कब तक स्थापित कर दिया
जावेगा, समयावधि बतावें ?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) :
(क)(ख)(ग)जानकारी एकत्रित की जा रही है।
अतारांकित प्रश्नोत्तरप्राकृतिक आपदा
हेतु केन्द्र शासन से प्राप्त राशि
1. ( क्र. 7 ) श्री रामनिवास
रावत : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या आकस्मिक
प्राकृतिक आपदा अथवा सूखे की स्थिति से निपटने के लिये केन्द्र शासन के प्राकृतिक
आपदा राहत के लिये प्रतिवर्ष राशि राज्य शासन को प्राप्त होती है ? यदि हां, तो
वर्ष 2013-14, 2014-15 एवं 2015-16 में केन्द्र से राज्य शासन को कितनी राशि
प्राप्त हुई है ? वर्षवार बतावें व वर्तमान में राज्य शासन के पास प्राकृतिक आपदा
राहत कोष में कितनी राशि उपलब्ध है ? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार प्राकृतिक आपदा
राहत कोष की राशि से सूखे की स्थिति में किस-किस तरह से राहत प्रदान करने पर व्यय
की जा सकती है ? (ग) क्या प्रश्नांश (क) की अवधि में प्रदेश शासन द्वारा सूखा
प्रभावित क्षेत्रों के लिये केन्द्र शासन से राशि की मांग की है ? यदि हां, तो
किन-किन क्षेत्रों के लिये व कितनी-कितनी राशि व कब-कब मांग की गई ? पत्रों की
प्रति उपलब्ध करावें ? मांग के विरूद्ध के कब-कब कितनी राशि प्राप्त हुई, तथा
राशि प्राप्त होने पर प्रदेश शासन राशि को किन-किन कार्यों में किस तरह से व्यय
करेगा ?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) :
(क)जी हां। प्राकृतिक आपदा अथवा सूखे की स्थिति से निपटने के लिए राज्य आपदा
मोचन निधि का गठन किया गया है, जिसके अंतर्गत 75 प्रतिशत केन्द्रांश एवं 25 प्रतिशत
राशि राज्य की होती है। राज्य आपदा मोचन निधि का वर्षवार आकार निम्नानुसार है
-
वर्ष राशि
रू. करोड़ में
2013-14 454.66
2014-15 477.39
2015-16 877.00
वर्ष 2013-14 एवं 2014-15 में केन्द्रों की संपूर्ण राशि प्राप्त हो चुकी थी।
वर्ष 2015-16 में अभी तक रूपये 328.875 करोड़ केन्द्रांश प्राप्त हुआ है। राज्यों
की रा’शि सम्मिलित करते हुए संपूर्ण राशि व्यय की जा चुकी है। (ख) सूखे की स्थिति
में फसल क्षति हेतु राहत राशि, पेयजल परिवहन, सूखाग्रस्त क्षेत्रों में पोषण आहार,
रोजगार के लिए व्यय किया जा सकता है। (ग) वर्ष 2013-14 एवं 2014-15 में सूखे के लिए
केन्द्र शासन से कोई मांग नहीं की गई है। वर्ष 2015-16 में केन्द्र शासन को
मेमोरेण्डम भेजकर रूपये 4821.63 करोड़ की मांग की गई है, जो केन्द्र सरकार से
अपेक्षित है।
अशोक नगर शहर के मध्य अतिक्रमण
2. ( क्र. 37 ) श्री महेन्द्र
सिंह कालूखेड़ा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क)
क्या जिला अशोक नगर के सर्वे नं. 555/2 रकबा 1.558 हैक्टर सर्वे नं. 558/2 रकबा
0.815 हैक्टर सर्वे नं. 572/2 रकबा 1.172 हैक्टर जो अशोक नगर शहर के मध्य
करोड़ों मूल्य की शासकीय भूमि है को अतिक्रमण से मुक्त कर शासन के अधीन लेने हेतु
उद्योग व वाणिज्य मंत्री द्वारा पत्र क्र. 226 मी नी/सी तथा 1/2014 दिनांक
16.09.2015 तत्काल कब्जा हटाने हेतु तत्कालीन कलेक्टर बी. एल. प्रजापति को पत्र
लिखा था ? (ख) क्या उक्त भूमि पर जब अशोक नगर जिला, स्वतन्त्र नहीं था व गुना
में था तब तत्कालीन जिलाधीश गुना श्रीमती नीलम ने पुलिस की मदद से अवैध
कब्जेदारों को हटाया था ? उनके नाम व पते दें तथा बाद में पुन: पुलिस व प्रशासन ने
किस का कब्जा क्यों होने दिया उनके नाम व पते दें ? पुन: कब्जा किस तिथि को हुआ
तथा कब तक हटेगा ताकि भूमि उद्योग विभाग ले सके व कोई उद्योग आ सके
?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क)जी हां।(ख)वर्ष 2003 में
इस भूमि का अतिक्रमण हटाया गया तथा मौके पर गड़ी हुई फर्शियां भी तोड़ी गई थीं।
अतिक्रामक द्वारा पुन: आज से 10-11 वर्ष पूर्व अतिक्रमण कर लिया गया होगा। तब
से ही प्रकरण विभिन्न न्यायालयों में विचाराधीन है। न्यायालय तहसीलदार
अशोकनगर के प्र.क्र.8 अ 68/13-14 आ दि.10.12.14 द्वारा अतिक्रमण गजरामसिंह पुत्र
अलोल सिंह यादव निवासी खानपुर तहसील चंदेरी को म.प्र. भू-राजस्व संहिता
की धारा 248 के तहत 10000/- रुपये का अर्थदण्ड आरोपित कर बेदखल करने का आदेश पारित
किया गया था तथा अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही की जा रही थी। आवेदक द्वारा माननीय
उच्च न्यायालय खण्डपीठ ग्वालियर के प्रकरण क्रमांक डब्लू.पी. 8034 आदेश दिनांक
22.12.14 द्वारा इस न्यायालय के आदेशों के विरुद्ध स्थगन प्राप्त कर लिया गया
था। इस कारण माननीय न्यायालय के आदेश के परिपालन में उपरोक्त प्रकरण में आगामी आदेश
तक कार्यवाही स्थगित की गई थी। वर्तमान में इस भूमि का प्रकरण 9/अपील एसडीएम
अशोकनगर के न्यायालय में विचाराधीन है। वर्तमान में जिला एवं सत्र न्यायाधीश
महोद्य अशोकनगर के न्यायालय में प्रकरण क्र.80 अ/15 अपील दीवानी विचाराधीन है एवं
स्थगन जारी है। इसलिये प्रकरण में अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही माननीय
न्यायालय में विचाराधीन प्रकरण के अंतिम निराकरण पश्चात ही की जा
सकेगी।
नजूल भूमि का व्यवस्थापन
3. ( क्र. 87 ) कुँवर सौरभ
सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) प्रश्नकर्ता
सदस्य द्वारा नजूल भूमि के व्यवस्थापन एवं आवंटन के संबंध में कलेक्टर कटनी को
पत्र क्रमांक 1745 दिनांक 13.08.2015 से जानकारी चाही गई थी, जानकारी समय-सीमा में
न मिलने पर पुन: कार्यालयीन पत्र क्रमांक 2141 दिनांक 17.09.2015 से स्मरण कराया
गया था फिर भी जानकारी प्रश्न दिनांक तक अप्राप्त है, जानकारी उपलब्ध कराते हुए
अब तक जानकारी न देने के लिये कौन उत्तरदायी है ? (ख) विधान सभा प्रश्न क्रमांक
5432 दिनांक 20.03.2015 में पुनर्वास नामांतरण प्रकरण वर्ष 2012-13 एवं 2014-15 में
जो स्वीकृत किये गये है, उनके प्रकरण क्रमांक दर्शाये गये हैं जिनका प्रश्नकर्ता
द्वारा विवरण संलग्न कर तहसीलदार पुनर्वास कटनी को कार्यालयीन पत्र क्रमांक 1725
दिनांक 13.08.2015 से उन प्रकरणों की आर्डरशीट की एक-एक प्रति प्रकरणवार चाही गई
थी, जो प्रश्न दिनांक तक अप्राप्त है, उक्त जानकारी उपलब्ध करावें
?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क)(ख)जानकारी एकत्रित की
जा रही है।
कटनी अंतर्गत बंद पड़ी नलजल योजनाएं
4. ( क्र. 88 ) कुँवर सौरभ
सिंह : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) कटनी जिले
में कितनी नलजल योजनाएं संचालित हैं, संचालित योजनाओं में से कितनी योजनाएं चालू
हैं, कितनी योजनाएं बंद हैं ? ब्लाकवार विवरण दें ? बंद योजनाओं को चालू कराने
हेतु विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है, शतप्रतिशत योजनाओं को जिले या
विभाग द्वारा चालू नहीं कराने का क्या कारण है ? (ख) क्या विद्युत कनेक्शन के
अभाव में, बोर धंसने के कारण पाइप लाइन ध्वस्त होने के कारण, जल स्तर नीचे जाने
के कारण या पंचायत द्वारा रूचि न लेने के कारण बहुत सी योजनाएं जिले में बंद पड़ी
हुई है । कारण दर्शाते हुए बंद योजनाओं का ब्लाकवार विवरण दें ? (ग) कटनी जिले में
वर्ष 2012 से प्रश्न दिनांक तक कहां-कहां, कितनी योजनाएं स्वीकृत हुई है ?
स्वीकृत योजनाओं में से कितनी योजनाएं पूर्ण हो चुकी है, कितनी प्रगतिरत है, कितनी
अप्रारंभ है, अपूर्ण एवं अप्रारंभ योजनाओं को कब तक पूर्ण करा लिया जावेगा ?
समयसीमा बताएं ? (घ) प्रश्नकर्ता के पत्र क्रमांक 1861 दिनांक 20.08.15 एवं पत्र
क्रमांक 2346 दिनांक 30.10.15 के संदर्भ में विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है
? क्या विकासखंड रीठी की नलजल योजना देवगांव एवं बांधा तथा विकासखंड बहोरीबंद की
नलजल योजना धूरी तथा बचैया का सफल संचालन हो रहा है ? यदि नहीं तो विभाग द्वारा
इनके संचालन हेतु कब तक कार्यवाही की जावेगी ? क्या सूखाग्रस्त कटनी जिले में
पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित करने हेतु विभाग द्वारा पृथक से कोई कार्ययोजना तैयार
कराई जावेगी, यदि हां तो कब तक ? यदि नहीं तो क्यों ?(ड.) प्रश्नांश (क) से (घ)
के परिप्रेक्ष्य में कितनी शिकायते 2013 से प्रश्न दिनांक तक प्राप्त हुई, कितनी
पर जांच हुई, दोषियों पर क्या कार्यवाही हुई ?
पशुपालन मंत्री ( सुश्री
कुसुम सिंह महदेले ) : (क) 245 नलजल योजनाएं संचालित हैं, जिनमें से 227 चालू
एवं 18 बंद हैं। ब्लाकवार विवरण पुस्तकालय मे रखे परिशिष्ठ के प्रपत्र-1 के अनुसार
है। स्रोत असफल होने के कारण बंद 14 नलजल योजनाओं को चालू करने हेतु स्रोत निर्माण
की कार्यवाही विभाग द्वारा की गई एवं 9 योजनाओं में स्रोत निर्माण कर लिये गये हैं।
अन्य कारणों से बंद योजनाओं को चालू करने का दायित्व संबंधित पंचायतों का है।
(ख) जानकारी पुस्तकालय मे रखे परिशिष्ठ के प्रपत्र-1 अनुसार है।
(ग) जानकारी पुस्तकालय मे रखे परिशिष्ठ के प्रपत्र-2 अनुसार है।
(घ) प्रश्नांश अंतर्गत उल्लेखित पत्रों का उत्तर पुस्तकालय मे रखे परिशिष्ठ
के प्रपत्र-3 के अनुसार दिया गया है। रीठी विकासखण्ड देवगांव नलजल योजना ग्राम
पंचायत द्वारा संचालित एवं चालू है। बांधा नलजल प्रदाय योजना का कार्य प्रगति पर
है। विकासखण्ड बहोरीबंद की धुरी एवं बचैया नलजल प्रदाय योजनायें ग्राम पंचायत
को हस्तांतरित हैं, जिनमें से धुरी नलजल योजना मोटरपम्प जल जाने से बंद है।
कार्यवाही पंचायत द्वारा की जानी है। जी हाॅं, तैयार कर ली गई है। (ड) एक शिकायत
प्राप्त हुई, जाॅंच में कोई दोषी नहीं पाया गया। अतः कार्यवाही का प्रश्न ही नहीं
उठता।
नियम विरूद्ध आदेशों की जांच एवं कार्यवाही
5. ( क्र. 103 ) श्रीमती ममता
मीना : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या श्री
बी.डी. द्विवेदी, एस.डी.एम. एवं एस.डी.ओ. गुना द्वारा परगना गुना में पदस्थापना
दिनांक से प्रश्न दिनांक तक कितने राजस्व प्रकरणों एवं दण्डाधिकारी प्रकरणों में
आदेश किये हैं ? (ख) क्या श्री बी.डी. द्विवेदी, एस.डी.ओ. गुना द्वारा इनके
कार्यकाल एवं तत्कालीन एस.डी.ओ. के कार्यकाल में डायवर्सन के कितने प्रकरणों का
निराकरण किया गया ? क्या श्री द्विवेदी द्वारा मई एवं जून 2015 में एक साथ
डायवर्सन में केशों का निराकरण कर लाखों रूपयों का गबन किया है ? (ग) क्या
एस.डी.ओ. श्री द्विवेदी गुना द्वारा जिन राजस्व प्रकरणों एवं दण्डाधिकारी वाले
प्रकरणों में नियम विरूद्ध आर्डर किये हैं, उनकी वरिष्ठ अधिकारियों से क्या विभाग
जांच करायेगा ? (घ) क्या एस.डी.एम. गुना के द्वारा किये गये नियम विरूद्ध आदेशों
की जांच कराने से पूर्व उन्हें पद से हटाया जाएगा ? गत 6 माह के दौरान द्विवेदी
द्वारा किये गये आदेशों की जांच एवं नियम विरूद्ध आदेशों पर कार्यवाही की जाएगी
?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क)श्री बी.डी. द्धिवेदी ,
एस.डी;एम. एवं एस.डी. ओ. गुना द्वारा परगना गुना में पदस्थापना दिनांक 09.12.14 से
प्रश्न दिनांक तक 66145 राजस्व प्रकरण एवं 532 जा.फौ.(दण्डाधिकारी) प्रकरणों का
निराकरण किया गया है।(ख)श्री बी.डी. द्धिवेदी , एस.डी;ओ. गुना द्वारा अपने कार्यकाल
में डायवर्शन के 181 प्रकरणों का निराकरण किया गया, जिसमें से माह मई 2015 में 16
एवं माह जून 2015 में 15 डायवर्शन के प्रकरणों का निराकरण किया है तत्कालीन
एस.डी.ओ.ने 395 प्रकारणो का निराकरण किया है इनके द्वारा कोई गवन नही किया गया
है।(ग)प्रकरणों में नियमानुसार आदेश पारित किये गये है (घ) प्रकरणों में
नियमानुसार आदेश पारित किये गये है।
राजस्व पुस्तक
परिपत्र अन्तर्गत राहत राशि की स्वीकृति
6. ( क्र. 104 ) श्रीमती ममता
मीना : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) म.प्र. शासन के
राजस्व पुस्तक परिपत्र (RBC) 6-4 में खरीफ एवं रबी सीजन की कौन-कौन सी फसलों का
मुआवजा (राहत राशि) स्वीकृत करने का प्रावधान है ? सोयाबीन एवं धनिया फसल नष्ट
होने पर राहत राशि दी जा सकती है या नहीं तथा कौन से राजस्व अधिकारियों को राहत
राशि स्वीकृत करने का अधिकार है ? क्या पटवारी राहत राशि स्वीकृत या वितरण
प्रणली में शामिल है या नहीं ? (ख) क्या कृषकों को फसल हानि का मुआवजा (राहत
राशि) उनको मिलने तक की जिम्मेदारी राजस्व अधिकारी की है या पटवारी की ? (ग)
क्या गुना जिले की चांचोड़ा एवं गुना तहसील में वर्ष 2014 एवं 2015 में जो राहत
राशि स्वीकृत की गई थी उसमें जो हानि पत्रक बने थे, क्या वह सम्पूर्ण स्वीकृत
राशि वितरण हो गई है ? यदि नहीं तो जिम्मेदार राजस्व अधिकारियों के विरूद्ध शासन
क्या कार्यवाही कब तक करेगा ? (घ) क्या वर्ष 2014 में गुना एवं चाचौड़ा तहसील
में राहत राशि वितरण में गड़बड़ी हुई है ? कितने किसानों में अभी तक राहत नहीं
मिली, कितने को दो बार मिल गई, कितने अपात्र (पड़त) भूमि वाले कृषकों को राहत राशि
दे दी गई है । सूची सहित जानकारी दें एवं क्या गुना तहसील में वर्ष 2014 के राहत
राशि वितरण से संबंधित दस्तावेजों की नकलें सूचना के अधिकार में मांगी है ? क्या
नकलें दे दी हैं ? यदि नहीं, तो कब तक देंगे ?
राजस्व मंत्री ( श्री
रामपाल सिंह ) : (क) खरीफ एवं रबी सीजन की सभी फसलों पर प्राकृतिक आपदा
से क्षति होने पर आर्थिक अनुदान सहायता दिये जाने का प्रावधन है । जी हाॅं । अनुदान
सहायता दी जा सकती है । संभागायुक्त, कलेक्टर, उपखण्ड अधिकारी तथा तहसीलदार को राहत
राशि स्वीकृत करने के अधिकार हैं । जी हाॅं, पटवारी द्वारा फसल क्षति की जांच कर
क्षति पत्रक प्रस्तुत किया जाता है । (ख) जी हाॅं, जिम्मेदारी राजस्व अधिकारी एवं
पटवारी दोनों की है । (ग) जी हाॅं । शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता । (घ) जी
नहीं । राहत वितरण से कोई पात्र कृषक शेष नहीं है, ऐसे कोई कृषक नहीं हैं जिन्हें
दो बार राहत राशि दी गई हो, न ही अपात्र (पड़त) भूमि वाले कृषकों को राहत राशि दी
गई है । जी हाॅं ।
प्राकृतिक आपदा संबंधी प्रकरणों में लंबित सहायता
राशि
7. ( क्र. 121 ) श्री नारायण
सिंह पँवार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) विगत
तीन वर्षों में प्राकृतिक आपदा अग्नि, बाढ़, जहरीले जन्तु/सर्पदंश एवं आरबीसी 6-4
के तहत विधान सभा क्षेत्र ब्यावरा के अंतर्गत प्रकरणों में ब्यावरा तहसील की मांग
अनुसार आर्थिक सहायतानुदान हेतु कब-कब, कितनी-कितनी राशि प्रदान की गई ? वर्षवार
बतावें ? (ख) क्या माह अक्टूबर-नबंवर 2015 में राजगढ़ जिले की अन्य तहसीलों में
उपरोक्तानुसार प्रकरणों में मांग अनुसार सहायतानुदान राशि कलेक्टर जिला राजगढ़
द्वारा स्वीकृत की गई है तथा जिसमें ब्यावरा तहसील को राशि स्वीकृत नहीं की गई ?
यदि हां तो क्यों ? (ग) क्या शासन उपरोक्तानुसार प्रकरणों में सहायता राशि
स्वीकृत करेगा ? यदि हां तो कब तक ?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह
) :
(क) विगत तीन वर्षो से प्राकृतिक आपदा अग्नि, बाढ़, जहरीले जन्तु/सर्पदंश एवं
आर.बी.सी. 6-4 के तहत विधानसभा क्षेत्र ब्यावरा के अंतर्गत प्रकरणों में ब्यावरा
तहसील से प्राप्त मांग अनुसार मदवार प्रदाय आर्थिक सहायता राशि इस प्रकार
है-
क्र. वित्त
वर्ष
2012-13 2013-14 2014-15
1 अग्नि 164800 619600 208710
2 बाढ़ 418700 475500 1560850
3 जहरीले
जन्तु 1000000 650000 650000
4 ओला 60405200 96111400 197240353
5 अन्य
5504 0 500000 874600
योग 61988700 98356500 200534513
(ख) जी हाॅ। राजगढ़ जिले की सभी तहसीलदारों को माह अक्टूबर-नवम्बर 2015 में
उनके द्वारा की गई मांग अनुसार राहत राशि उपलब्ध कराई गई है। ब्यावरा तहसील को भी
तहसीलदार की मांग अनुसार राशि उपलब्ध कराई गई है। (ग) प्रश्नांश ’’क’’ के संदर्भ
में प्रश्न उदभूत नहीं होता है।
शासकीय अधिवक्ता की नियुक्ति के संदर्भ में
8. ( क्र. 140 ) श्री
शैलेन्द्र पटेल : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क)
क्या प्रदेश सरकार द्वारा न्यायालयों में शासकीय अधिवक्ताओं की नियुक्ति की जाती
है ? यदि हां, तो प्रक्रिया का ब्यौरा देवें ? (ख) प्रदेश भर में कितने
अधिवक्ताओं की नियुक्ति कब-कब की गई हैं ? ब्यौरा देवें ? (ग) शासकीय अधिवक्ताओं
के लिए नियुक्ति के लिए शासन की क्या योजना है और इस पर वर्तमान में क्या
कार्यवाही प्रचलित है ?
पशुपालन मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) :
(क) जी हां, परिशिष्टि ''अ''पर जानकारी उपलब्ध है। (ख) परिशिष्टि ''ब''
पर सूची संलग्न है। (ग) मध्यप्रदेश शासन द्वारा शासकीय अधिवक्ता एवं
अतिरिक्त शासकीय अधिवक्ता के पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया पद
रिक्त होते ही निरंतर चलती रहती है।
फल-फूल एवं
सब्जी की खेती का रकबा
9. ( क्र. 141 ) श्री
शैलेन्द्र पटेल : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क)
क्या प्रदेश में फल, फूल एवं सब्जी की खेती के लिए शासन द्वारा किसी प्रकार के
प्रयास किए जा रहे हैं ? यदि हां तो योजना का विस्तृत ब्यौरा दें ? (ख)
प्रश्नांश (क) अनुसार प्रदेश भर में फल,फूल एवं सब्जी की खेती का वर्तमान रकबा
क्या हैं एवं उक्त रकबा की वृद्धि के लिए की गई कार्यवाही का ब्यौरा देवें ? (ग)
सीहोर जिले में फल, फूल एवं सब्जी की खेती के लिए गत 3 वर्षों में वितरित बीज, खाद
आदि वितरण का ब्यौरा देवें ? (घ) सीहोर जिले में फल, फूल एवं सब्जी के प्रदर्शन
प्लॉट किस-किस गांव में दिए गए ?
पशुपालन मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह
महदेले ) :
(क) जी हाँ।
योजनाओं का विस्तृत विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार
है। (ख)
प्रदेश में वर्ष
2014-15 की स्थिति में फल, फूल एवं सब्जी का रकबा निम्नानुसार है:-
क्र
नाम
फसल
रकबा
हेक्टेर
1
फल
226834
2
फूल
17750
3
सब्जी
665420
उक्त रकबे में वृद्धि के लिये परिशिष्ट-अ में दर्शायी गई
योजनाओं के अनुसार कृषकों को फल, फूल एवं सब्जी फसलों की खेती करने हेतु
प्रोत्साहित कर रकबे में वृद्धि की जा रही है। (ग)
जानकारी पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। (घ)
जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-स अनुसार
है।
माननीय मुख्यमंत्री की घोषणा का पालन
10. ( क्र. 154 ) श्री आरिफ
अकील : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या माननीय
मुख्यमंत्री मध्यप्रदेश शासन द्वारा यह घोषणा की गई थी कि शासकीय भूमि पर जो जहां
रह रहा है उस भूमि के पट्टे दे दिये जायेगे और उन्हें हटाया नहीं जायेगा ? (ख) यदि
हां तो प्रदेश के किस-किस जिले में शासकीय भूमि पर वर्ष जनवरी,2013 से निवास कर
रहे लोगों को पट्टे प्रदान किए गए ? जिलेवार बतावें ? (ग) प्रश्नांश (क) के
परिप्रेक्ष्य में ऐसे कितने लोग है जो शासकीय भूमि पर झुग्गी बनाकर निवास कर रहे
हैं जिन्हें जिला प्रशासन द्वारा हटा दिया गया है ? यदि हां तो किस-किस जिले में
कितने-कितने लोगों हटाया गया ?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) :
(क)(ख)(ग)जानकारी एकत्रित की जा रही है।
मछली पालन हेतु लीज पर
दिये गये तालाब
11. ( क्र. 170 ) श्री दिनेश
राय : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सिवनी जिले
में कितने तालाब/बांध हैं, जो लीज पर दिये गये हैं ? (ख) उक्त तालाब/बांध किस-किस
समिति/ठेकेदार को कितने-कितने वर्षों के लिए दिए गए हैं ? (ग) क्या बिना विज्ञप्ति
जारी किये गये किसी भी तालाब को मछली पालन हेतु लीज पर दिया जा सकता है ? यदि नहीं
तो सिवनी जिले में अनेक तालाब/बांध/जलाशय बिना विज्ञप्ति जारी किये नवीन मछुआ
सहकारी समितियों को 10 वर्षों के लिये किस आधार पर लीज पर दिये गये है ? (घ) नवीन
मछुआ सहकारी समिति को लीज पर दिये जाने के बाद समिति द्वारा ठेकेदारों (बाहरी
व्यक्तियों) को अनेक तालाब/जलाशय/बांध सौंपकर अवैध रूप से आखेट किस प्रकार कराया
जा रहा है ?
पशुपालन मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क)
सिवनी जिले में 666 ग्रामीण तालाब एवं 104 सिंचाई जलाशय पंचायती राज्य संस्थाओ
द्वारा लीज/पटटे पर दिये गये है । (ख) प्रश्नांश 'क' में उल्लेखित ग्रामीण तालाब
एवं सिंचाई जलाशय मत्स्य पालन नीति 2008 के प्रावधान अनुसार मछली पालन के लिये
पंचायती राज्य संस्थाओं द्वारा 10 वर्षीय पटटे पर दिये गये है । जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -अ अनुसार है । (ग) जी नही । ऐसा कोई
प्रकरण संज्ञान में नही है । (घ) ऐसा कोई प्रकरण संज्ञान में नही है ।
आंगनवाड़ी केन्द्रों की जानकारी बाबत
12. ( क्र. 171 ) श्री दिनेश
राय : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क)
वर्ष 2010 से सिवनी जिले में कहां-कहां आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित हैं एवं
कार्यकर्ता तथा सहायिका के पद पर कौन-कौन कार्यरत हैं इनमें कितने अनु.जाति एवं
जनजाति के हैं ? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में कितनी नवीन नियुक्तियों के
प्रकरण किस स्तर पर लंबित हैं तथा ऐसे किन-किन कार्यकर्ता एवं सहायिकाओं के प्रकरण
निराकृत होने के पश्चात नियुक्ति आदेश जारी नहीं किए गए हैं ?(ग) प्रश्नांश (क)
एवं (ख) के संदर्भ में जिन-जिन की नियुक्तियां लंबित हैं उन्हें कब तक नियुक्ति
आदेश जारी कर दिये जावेगें ?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती माया
सिंह ) :
(क) सिवनी जिले में 08 विकास खण्डों में 11 बाल विकास परियेाजनायें स्वीकृत
है। वर्ष 2010 से जिले में 1810 आंगनवाड़ी केन्द्र एवं 210 मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र
इस प्रकार कुल 2020 आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित है। अनुसूचित जाति की 431 एवं
अनुसूचित जनजाति की 629 आंगनवाड़ी कार्यकर्ता तथा अनूसूचित जाति की 320 तथा 770
अनुसूचित जनजाति की सहायिकायें कार्यरत है। जानकारी पुस्तकालय मे रखे परिशिष्ट 'अ'
अनुसार है। (ख) एवं (ग) प्रनांश (क) के परिपे्रक्ष्य मे 13 आंगनवाड़ी कार्यकर्ता,
02 आंगनवाड़ी सहायिकायें तथा 02 मिनी आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के नियुक्ति प्रकरण जिला
स्तर पर प्राप्त दावे/आपत्ति के निराकरण की प्रक्रिया के अन्तर्गत लम्बित है। उक्त
के निराकरण के उपरान्त ही नियुक्ति की कार्यवाही की जाएगी।
बंद नलजल योजनाओं को चालू किया जाना
13. ( क्र. 186 ) श्री संजय
पाठक : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विधानसभा
क्षेत्र विजयराघवगढ़ के अंतर्गत कितनी नलजल योजना स्वीकृत हुई हैं और इनमें से
कितनी योजनायें पूर्ण की जाकर संबंधित ग्रामों की जनता को जल प्रदाय किया जा रहा है
तथा कितनी निर्माणाधीन हैं ? योजनावार प्रश्न दिनांक तक जानकारी देवें ? (ख)
प्रश्नांश (क) पूर्ण नलजल योजनाओं में से ऐसी कितनी योजनायें हैं जो चालू होने के
बाद बंद पड़ी हुई हैं ? बंद नलजल योजनावार, ग्रामवार बंद होने की विस्तृत जानकारी
कारण सहित देवें और यह भी बतायें की बंद हुई नलजल येाजनाओं को अवर्षा की स्थिति को
देखते हुये क्या तीन माह के अंदर सुधार कर जल प्रदाय का कार्य प्रांरभ कर दिया
जावेगा ? (ग) प्रश्नांश (ख) में बंद नलजल योजना क्या विद्युत बिल जमा नही होने के
कारण बंद हैं ? यदि हां तो किस-किस ग्राम पंचायतों की हैं जानकारी देवें और यह भी
बतायें की कब तक चालू करा ली जावेंगी ? (घ) निर्माणाधीन नलजल योजनाओं में से तीन
माह के अंदर कितनी पूर्ण कर जलप्रदाय चालू किया जायेगा जिससे सूखे की स्थिति से
ग्रामीणों को राहत मिल सके ?
पशुपालन मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले
) : (क) जानकारी पुस्तकालय मे रखे परिशिष्ठ अनुसार है। (ख) जानकारी
पुस्तकालय मे रखे परिशिष्ठ अनुसार है । (ग) उत्तरांश-‘‘ख‘‘ के परिप्रेक्ष्य
में प्रश्न ही नहीं उठता। (घ) जानकारी पुस्तकालय मे रखे परिशिष्ठ
अनुसार।
अपूर्ण जानकारी प्रस्तुत किये जाने के संबंध में
14. ( क्र. 187 ) श्री संजय
पाठक : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) तारांकित
प्रश्न क्रमांक 208, दिनांक 22.07.2015 में मुद्रित प्रश्नांश (क) का उत्तर जी
हां, प्रश्नांश (ख) का उत्तर कार्यवाही प्रक्रियाधीन है, प्रश्नांश (ग) का
उत्तर जी नहीं, प्रश्नांश (घ) का उत्तर (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न
उपस्थित नहीं होता है ? दिया गया था, तो क्या कार्यवाही प्रक्रियाधीन है ? क्या
प्रक्रिया पूर्ण हुई विभाग द्वारा किस अधिकारी से जांच कराई गई ? यदि जांच
प्रतिवेदन प्राप्त हुआ है तो प्रतिवेदन का विवरण देवें ? प्रश्नांश (ग) जी नहीं
बताया गया है तो शाखा प्रबंधक द्वारा जारी चालानों की कापी का विवरण देवें तथा
संबंधित सामग्री का परिवहन किस ट्रक से किया गया है उसका नंबर बतायें ? क्या
विधानसभा को असत्य जानकारी देने के लिए संबंधित शाखा दोषी है ? यदि हां तो दोषी पर
क्या अनुशासनात्मक कार्यवाही की जावेगी ? (ख) ताराकिंत प्रश्न क्र. 213, दिनांक
प्रश्नांश (घ) 22/7/15 के समायोजित राशि वापस एवं शेष परिशिष्ट (ब) अनुसार है
वित्तीय नियमों का उल्लंघन नहीं हुआ अत: दण्ड ब्याज की वसूली का प्रश्न
उपस्थित नहीं होता, प्रश्नांश (ड.) जी हां मांग अनुसार राशि के आहरण के लिए
प्रोफार्मा बिल आदि कोटेशन जारी किया जाता है शेष प्रश्न नहीं होता ? मध्यप्रदेश
वित्तीय संहिता भाग-1 के नियम 9 और मध्यप्रदेश कोषालय संहिता शग के सहायक नियम
284 यदि राशि तत्काल आवश्यक न हो तो आहरण नहीं किया जाये किंतु संबंधित शाखा
प्रबंधक तीन माह से अधिक समय तक शासकीय राशि अपने संस्था में रखने हेतु कैसे दोषी
नहीं है विधानसभा को झूटी जानकारी देने के लिए क्या दोषी हैं ? (ग) यदि प्रश्नांश
(ग) एवं (घ) परिप्रेक्ष्य में संबंधित शाखा प्रबंधक द्वारा गलत जानकारी प्रस्तुत
की गई है तो क्या अनुशासनात्मक कार्यवाही की जावेगी ? यदि नहीं तो क्यों, बतायें
?
पशुपालन मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) :
(क) जी हाँ ।
कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। उत्तरांश ’’ग’’ के परिप्रेक्ष्य में चूंकि सामग्री सीधे
विकासखण्ड स्तर पर प्रदाय की गई है, अतः चालान जारी नहीं किए गए हैं, तदानुसार ट्रक
का नंबर दिया जाना संभव नहीं है। विधानसभा को असत्य जानकारी नहीं दिए जाने के कारण
दोषी का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ख) जैसा
कि प्रश्न ’’क’’ में उल्लेखित है कि सामग्री सीधे वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी स्तर
पर प्रदाय हुई, केवल समायोजन में समय लगा है, अतः सीमा से अधिक समय तक राशि रखने की
कोई स्थिति नहीं है, केवल समायोजन में देरी हुई है। चूंकि सामग्री का प्रदाय किया
जा चुका था, अतः कोई दोषी नहीं है और न ही विधानसभा को झूठी जानकारी दी गई।
(ग) प्रश्नांश
’’क’’ में उल्लेखित प्रश्न ’’ग’’ एवं घ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न
उपस्थित नहीं होता।
पुलिस अधिकारियों/कर्मियों की चल रही जांच
15. ( क्र. 207 ) श्री विश्वास
सारंग : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) राजधानी भोपाल
में पदस्थ किस-किस पदनाम/नाम के पुलिस अधिकारियों/कर्मियों की जांच डी.आई.जी. ऑफिस
में प्रश्न दिनांक तक चल रही है ? पदनाम/नाम वार, प्रकरणवार जानकारी दें ? (ख)
प्रश्नांश (क) के तहत प्रश्न दिनांक तक कितने पुलिसकर्मी भ्रष्टाचार के मामले
में पकड़े जा चुके हैं ? नामवार, दिनांकवार जानकारी दें ? (ग) प्रश्नांश (क) व (ख)
के तहत किस-किस पदनाम/नाम के अधिकारियों/कर्मियों की जांचपूर्ण हो चुकी है ? जांच
में क्या पाया गया ? किन-किन पर क्या-क्या, कार्रवाई प्रश्न दिनांक तक की गई है
?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) पदनाम/नामवार प्रकरणवार
जानकारी पुस्तकालय में रखे गए परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार
है। (ख) 01- पुलिसकर्मी भ्रष्टाचार के मामले में पकड़ा गया है। विवरण
पुस्तकालय में रखे गए परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार । (ग)
जानकारी पुस्तकालय में रखे गए परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार
।
भवन विहीन आंगनवाडियों के भवन निर्माण
16. ( क्र. 237 ) श्री
जितेन्द्र गेहलोत : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा
करेंगी कि (क) प्रदेश में भवन विहीन आंगनवाडियों की संख्या का तहसीलवार ब्यौरा
क्या है ?(ख) वर्ष 2012 से अक्टूबर 2015 तक केन्द्र सरकार ने कितनी आंगनवाडि़यों
को खोलने स्वीकृतियां प्रदान की तथा प्रदेश सरकार ने कितनी आंगनवाडियों उक्त अवधी
में खोलने की मांग केन्द्र शासन से की ? तहसीलवार ब्यौरा क्या है ?(ग) केन्द्र
सरकार ने आंगनवाडि़यों के लिए किस-किस मद में कितनी-कितनी राशि राज्य शासन को वर्ष
2013 से अब तक प्रदान की ? व्यय का ब्यौरा क्या-क्या है ?
महिला एवं
बाल विकास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) :
(क) प्रदेश में भवनविहीन आंगनवाडि़यों की परियोजनावार, संख्यात्मक जानकारी
पुस्तकालय मे रखे परिशिष्ट 'क' अनुसार है। तहसीलवार ब्यौरा नही रखा जाता है।
(ख)भारत सरकार ने वर्ष 2012 में 1231 आंगनवाड़ी केन्द्र तथा वर्ष 2014 मे 4305
आंगनवाड़ी केन्द्र तथा 600 मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र इस प्रकार वर्ष 2012 से अक्टूबर
2015 तक कुल 5536 आंगनवाड़ी तथा 600 मिनी आंगनवाड़ी खोलने की स्वीकृति प्रदान की गई
है। प्रश्नाधीन अवधि में कुल 8589 आंगनवाड़ी केन्द्र तथा 2531 मिनी आंगनवाड़ी
केन्द्र खोलने की मांग भारत सरकार से की गई थी । जानकारी पुस्तकालय मे रखे परिशिष्ट
'ख' एवं 'ग' अनुसार है। तहसीलवार ब्यौरा नही रखा जाता है।(ग) केन्द्र सरकार से
आंगनवाड़ी केन्द्रों के लिये पृथक से कोई राशि प्राप्त नहीं होती है वरन
आई.सी.डी.एस.योजना के क्रियान्वयन हेतु अनुदान के रुप में राशि राज्य शासन को
प्राप्त होती है। आई.सी.डी.एस.योजनान्तर्गत आंगनवाड़ी केन्द्रों के लिये प्री-स्कूल
किट, मेडिसिन किट, आकस्मिक व्यय, फ्लैक्सी फण्ड, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता/आंगनवाड़ी
सहायिका/मिनी आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के मानदेय एवं यूनिफार्म बैजेस आदि में व्यय
किया जाता है। आई.सी.डी.एस.योजना अंतर्गत प्राप्त अनुदान राशि एवं व्यय राशि का
विवरण निम्नानुसार है-
(राशि लाख में)
वर्ष
आई.सी.डी.एस.योजना अंतर्गत भारत सरकार
व्यय राशि
से अनुदान के रुप में प्राप्त राशि
2013-14
52777.45
67246.87
2014-15
61257.34
69126.44
2015-16
2401.65
38484.12
(द्वितीय त्रैमास तक)
उज्जैन जिले में पॉली हाउस का
निर्माण
17. ( क्र. 267 ) श्री बहादुर
सिंह चौहान : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क)
उज्जैन जिले में दिनांक 01.01.12 से 01.11.15 तक पॉली हाउस निर्माण के कितने
प्रकरण स्वीकृत किए गए है विधानसभा क्षेत्रवार, हितग्राही नाम, स्वीकृत राशि सहित
वर्षवार बतावें ?(ख) (क) अुनसार कितनी सबसिडी दी गई ? प्रकरणवार बतावें ।
निर्मित/अनिर्मित/अपूर्ण पॉलीहाउस की भौतिक सत्यापन की प्रमाणित प्रति सहित
जानकारी देवें ?(ग) ऐसे कितने प्रकरण है जिनमें राशि आहरित करने के बाद भी निर्माण
अपूर्ण है या हुआ ही नहीं ? प्रकरणवार जानकारी देवें ? (घ) उपरोक्त (ग) अनुसार
दोषियों पर कब तक कार्यवाही की जावेगी ?
पशुपालन मंत्री ( सुश्री कुसुम
सिंह महदेले ) :
(क)जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार
है। (ख)जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार
है। (ग)ऐसे कोई प्रकरण नहीं है। (घ)प्रश्नांश ’’ग’’ के उत्तर के परिप्रेक्ष्य
में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
महिदपुर वि.स. क्षेत्र में राहत राशि का वितरण
18. ( क्र. 272 ) श्री बहादुर
सिंह चौहान : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) महिदपुर
वि.स. क्षेत्र में पटवारी हल्केवार आनावरी की जानकारी देवें ?(ख) प्रति हेक्टेयर
कितनी राहत राशि वितरण निर्धारित किया गया है ?(ग) महिदपुर वि.स. क्षेत्र में कुल
कितनी राहत राशि वितरण की जावेगी ? पटवारी हल्कावार राहत राशि सहित बतावें ?(घ)
इसके लिए कितनी समय सीमा निर्धारित की गई है ?
राजस्व मंत्री ( श्री
रामपाल सिंह ) : (क)(ख)(ग)(घ)जानकारी एकत्रित की जा रही
है।
विगत सत्र की प्रश्न जानकारी एवं राहत राशि वितरण के संबंध में
19. ( क्र. 289 ) श्री बाला
बच्चन : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) बड़वानी जिले
की राजपुर एवं ठीकरी तहसीलों में पटवारी हल्कावार आनावरी कितनी है ? दोनो तहसीलों
का ग्रामवार, पटवारी हल्कावार पृथक-पृथक देवें ?(ख) (क) अनुसार राहत राशि किस दर
से कब तक कृषकों को वितरित कर दी जाएगी एवं कितनी राहत राशि प्रदान की जावेगी
?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क)बड़वानी जिले की राजपुर
एवं ठीकरी तहसीलों में आनावारी 50 पैसे से अधिक है। दोनों तहसीलों का ग्रामवार
आनावारी पत्रक पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है।(ख)राजस्व पुस्तक परिपत्र
6-7 में निहित मानदण्ड अनुसार तहसील राजपुर में 88.76 लाख राहत राशि प्रदान की जा
रही है।
बड़वानी एवं खरगोन जिले में पॉली हाऊस के स्वीकृत प्रकरण
20. ( क्र. 295 ) श्री बाला
बच्चन : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) बड़वानी
एवं खरगोन जिले में पॉली हाऊस निर्माण के कितने प्रकरण स्वीकृत किए गये ? दि.
01.01.13 से 01.11.15 तक बतावें ? विधानसभा क्षेत्रवार बतावें ? (ख) (क) अनुसार
हितग्राही की संख्या स्वीकृत राशि, सब्सिडी राशि सहित विधानसभा क्षेत्रवार
बतावें ? (ग) उपरोक्त समयावधि में स्वीकृत प्रकरणों की वर्तमान स्थिति संबंधित
विभागीय अधिकारी के भौतिक सत्यापन की प्रमाणित प्रति सहित देवें
?
पशुपालन मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) :
(क) प्रश्नांश
अवधि में बड़वानी जिले में 7 खरगौन जिले में 17 प्रकरण स्वीकृत किये गये है।
विधानसभा क्षेत्रवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार
है। (ख)
जानकारी पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। (ग)
प्रश्नांश अवधि
में स्वीकृत प्रकरणों की वर्तमान स्थिति एवं अधिकारी के भौतिक सत्यापन की प्रमाणित
प्रति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-स एवं द अनुसार
है।
राहत कार्य प्रारंभ कराने बाबत्
21. ( क्र. 325 ) श्री
दुर्गालाल विजय : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क)
क्या सूखा घोषित श्योपुर जिले में (कराहल तहसील को छोड़कर) अल्पवर्षा/ओलावृष्टि
के कारण कर्ज से लदे समस्त कृषक/मजदूरों के समक्ष रोजीरोटी का संकट व्याप्त हो
गया है ? वे मजदूरी हेतु अन्यत्र पलायन करने लगे हैं ?(ख) यदि हां, तो क्या विभाग
ने सूखे की कोई विशेष कार्य योजना तैयार कर शासन को स्वीकृति हेतु भेजी है ? कार्य
योजना की प्रति उपलब्ध करावें, कार्य योजना वर्तमान में किस स्तर पर स्वीकृति
हेतु लंबित है कब तक स्वीकृति प्रदान कर दी जावेगी ?(ग) क्या शासन कृषकों के हित
में शीघ्र उक्त कार्य योजना को स्वीकृत करके प्रत्येक ग्राम पंचायत क्षेत्र में
पर्याप्त राहत कार्य प्रारंभ करवाएगा, ताकि कृषकों को आर्थिक राहत व पलायन करने से
मुक्ति मिल सके यदि नहीं, तो क्यों ?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह
) : (क) जी नहीं। (ख) प्रत्येक ग्राम पंचायत में रोजगार मूलक कार्य प्रारंभ कर
दिए गए हैं। (ग) प्रत्येक ग्राम पंचायत में रोजगार मूलक कार्य प्रारंभ
कर दिए गए हैं। इसके अतिरिक्त प्रभावित कृषकों को शासन द्वारा राहत राशि भी उपलब्ध
कराई जा रही है।
स्वसहायता समूहों को राशि का भुगतान
22. ( क्र. 327 ) श्री
दुर्गालाल विजय : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा
करेंगी कि (क) श्योपुर जिले में वर्तमान में संचालित समस्त आंगनवाड़ी केन्द्रों
में कार्यरत स्व सहायता समूहों को शासन निर्देशानुसार भोजन परोसने के एवज में
भुगतान हेतु कितनी-कितनी राशि वर्ष 2014-15, 2015-16 में प्रदाय की ?(ख) उक्त अवधि
में प्रदाय राशि में से किन-किन समूहों को कब-कब, कितने-कितने माह का भुगतान कर
दिया गया है कितने-कितने माह का शेष रह गया है व क्यों कारण बतावें ?(ग) क्या
उक्त अवधि में विभागीय अमले द्वारा जानबूझकर पर्याप्त आवंटन होने के बावजूद भी
वर्तमान तक समस्त समूहों का 3 से 11 माह तक का भुगतान रोका हुआ है इस कारण समूहों
द्वारा आर्थिक तंगी के चलते जिले के सैकड़ो केन्द्रों में निर्धारित मीनू के
स्थान पर उबले चावल परोसे जा रह है कई केन्द्र बंद एवं कई में नियमित भोजन
नियमानुसार नहीं परोसा जा रहा है इन कारणों से सैकड़ो आंगनवाडी केन्द्रों में
बच्चे, गर्भवती व धात्री महिलाओं/किशोरियों ने जाना बंद कर दिया है ?(घ) यदि नहीं
तो क्या शासन उक्त तथ्यों की जांच करवाएगा तथा उक्त केन्द्रों में कार्यरत
समस्त समूहों को शेष महिनों का भुगतान शीघ्र करवाएगा, यदि नहीं तो क्यों
?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) श्योपुर
जिले में वर्तमान में संचालित समस्त आंगनवाड़ी केन्द्रों में कार्यरत स्व-सहायता
समूहों को शासन निर्देशानुसार भोजन परोसने के एवज में वर्ष 2014-15, में राशि
रू.2,60,22,857/- एवं 2015-16 में राशि रू.1,64,46,691/- का भुगतान किया गया। (ख)
उक्त अवधि में पूरक पोषण आहार हेतु भुगतान किये गये समूहों की सूची पुस्तकालय मे
रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है । माह सितम्बर 2015 तक सभी परियोजनाओं में
संचालित स्व सहायता समूहों का भुगतान किया जा चुका है एवं माह अक्टूबर 2015 का
भुगतान प्रक्रीयाधीन है ! (ग) जी नहीं ! (घ) माह सितंबर 2015 तक सभी समूहो के
देयकों का भुगतान किया जा चुका है ! शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता !
बंद
पड़ी नल-जल योजनाओं विषयक
23. ( क्र. 340 ) श्री जितू
पटवारी : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क)
मध्यप्रदेश में ग्रामीण क्षेत्रों हेतु कितनी नल-जल योजनायें बनाई गई है तथा इनमें
से कितनी नल-जल योजनायें बंद पड़ी है ? (ख) क्या म.प्र. सरकार द्वारा प्रदेश के
प्रत्येक गांव को पेयजल उपलब्ध कराने के उद्देश्य से वर्तमान में कोई नल-जल
योजना प्रांरभ की गई है ? जिसके लिये नाबार्ड द्वारा 2000 करोड़ रू. की राशि
स्वीकृत की गई है ? (ग) प्रश्नांश (ख) का उत्तर हाँ है, तो उपरोक्त योजना क्या
है, एवं इसे कब से लागू किया गया है ? योजना से संबंधित प्रति उपलब्ध करवाये ? (घ)
नाबार्ड द्वारा स्वीकृत राशि से उपरोक्त योजना का लाभ कितने गाँवों को मिलना
प्रांरभ हो चुका है ? नाम सहित जानकारी देवें ? (ड.) प्रश्नकर्ता के विधानसभा
क्षेत्र में उपरोक्त राशि से किन-किन गाँवों में योजना का लाभ प्रदान किया जाना है
?
पशुपालन मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) प्रदेश में
कुल 15058 नलजल योजनाएं हैं जिनमें से 2592 योजनाएं बंद हैं। जानकारी संलग्न
परिशिष्ठ अनुसार है। (ख) जी नहीं। (ग) उत्तरांश-‘‘ख‘‘ के परिप्रेक्ष्य
में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्तरांश-‘‘ख‘‘ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न
ही उपस्थित नहीं होता। (ड) उत्तरांश-‘‘ख‘‘ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित
नहीं होता।
परिशिष्ट
सत्रह शा. सेवा में रहते हुए नियमित परीक्षार्थी के रूप में
परीक्षा पास करने की जांच
24. ( क्र. 364 ) श्री
सुखेन्द्र सिंह : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा
करेंगी कि (क) क्या रीवा जिले के नगर परिषद मनगवां के वार्ड क्र. 2 में ममता
नामदेव 2007 से सहायिका पद पर कार्यरत रही है एवं इसी अवधि में इनके द्वारा 12वीं
की परीक्षा नियमित परीक्षार्थी के रूप में पास की गई है ?(ख) प्रश्नांश (क) के
संदर्भ में क्या उसी 12वीं की अंकसूची के आधार पर इन्हें कार्यकर्त्ता पद पर
नियुक्ति दी गई है ? (ग) क्या तवस्सुम शेखपति अहमद अली खान निवास वार्ड क्र. 2
नगर परिषद मनगवां द्वारा ममता नामदेव के नौकरी में रहते नियमित 12वीं की परीक्षा
पास करने की शिकायत जिला कार्यक्रम अधिकारी रीवा को दिनांक 19.08.2015 को की गई है
? यदि हां तो इसमें विभाग द्वारा अब तक क्या कार्यवाही की गई है ?
महिला
एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) :
(क) जी हॉ । जी हॉ। (ख) जी हॉ। श्रीमती ममता नामदेव द्वारा परियोजना अधिकारी गंगेव
के पत्र क्र. 769 दिनांक 6.10.2010 द्वारा अनुमति लेकर परीक्षा दी गई । श्रीमती
नामदेव की अंकसूची में नियमित परीक्षार्थी अंकित होने से परियोजना अधिकारी गंगेव
द्वारा प.क्र. 190 दिनांक 07.08.2015 द्वारा प्राचार्य रावतपुरा सरकार संस्कृत
उ.मा.वि. करारी गंगेव को स्थिति स्पष्ट करने हेतु लेख किया गया कि श्रीमती ममता
नामदेव मनगवां वार्ड क्र. 02 द्वारा वर्ष 2011 में उच्चत्तर माध्यमिक परीक्षा कक्षा
12 वी नियमित या स्वाध्यायी परीक्षार्थी के रूप में उत्तीर्ण की है ? जबकि अंकसूची
में नियमित अंकित है। प्राचार्य रावतपुरा सरकार संस्कृत उ.मा.वि. करारी गगेव द्वारा
पत्र क्र. 403 दिनांक 08.08.2015 के द्वारा प्रतिवेदित किया गया है कि श्रीमती ममता
नामदेव द्वारा इस विद्यालय से वर्ष 2011 की परीक्षा स्वाध्यायी परीक्षार्थी के रूप
में दी गई है। लिपिकीय त्रुटिवंश अंकसूची में नियमित अंकित हो गया । प्राचार्य
रावतपुरा सरकार संस्कृत उ.मा.वि. करारी गगेव द्वारा पत्र क्र. 484 दिनांक
18.08.2015 के द्वारा निदेशक महर्षि पतान्जलि संस्थान भोपाल को श्रीमती ममता नामदेव
पति सुमेश्वर प्रसाद नामदेव की मूल अंक सूची में नियमित अंकित है, के सुधार हेतु
लेख किया गया है। प्राचार्य रावतपुरा सरकार के उक्त पत्र के आधार पर खण्ड स्तरीय
समिति गंगेव द्वारा ममता नामदेव की कक्षा 12 वी अंक सूची को मान्य किया जा कर
अन्न्तिम सूची में प्रथम वरीयता में चयनित किया गया। श्रीमती ममता नामदेव द्वारा
महर्षि पतन्जलि संस्कृत संस्थानाम भोपालम् वार्ड में आवेदन पत्र देकर दिनांक
21.09.2015 को रेगुलर के स्थान पर प्राईवेट संशोधन करा कर संशोधित की गई अंकसूची
उपलब्ध करा दी गई है। (ग) जी हा। जिला स्तरीय समिति दावा आपत्ति समिति की दिनांक
11.09.2015 में आयोजित बैठक में शिकायतकर्ता तबस्सुम शेख पति अहमद तथा श्रीमती ममता
नामदेव को बुलाया गया तथा तबस्सुम शेख द्वारा प्रस्तुत आपत्ति पर सुनवाई की गई ।
दोनो आवेदिकाओं द्वारा प्रस्तुत अभिलेखों का अवलोकन किया गया जिसमें जिला स्तरीय
दावा आपत्ति निराकरण समिति द्वारा निर्णय लिया गया कि प्राचार्य रावत सरकार के उक्त
पत्र के आधार पर ममता नामदेव को स्वाध्यायी परीक्षार्थी के रूप में कक्षा 12 वी की
परीक्षा दी है को मान्य किया गया। अतः आपत्ति को अमान्य किया गया
।
राधास्वामी ट्रस्ट की भूमि का आवंटन
25. ( क्र. 376 ) डॉ. रामकिशोर
दोगने : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) हरदा जिले
में राजाबरारी स्टेट अंतर्गत राधा स्वामी ट्रस्ट को किस उद्देश्य से किन-किन
ग्राम/स्थानों में कितनी लीज अवधि हेतु जमीन/भूमि आवंटित की गई है ?(ख)
प्रश्नांकित ट्रस्ट द्वारा भूमि का क्या उपयोग किय जा रहा है कब भूमि आवंटित हुई
थी ? क्या उक्त भूमि का कृषि कार्य/व्यावसायिक उपयोग हो रहा है ?(ग)
प्रश्नांकित भूमि किस भू भाटक पर आवंटित हुई ? वर्तमान में इसके प्रबन्धकर्ता
कौन-कौन है तथा ट्रस्ट की क्या-क्या गतिविधियां विगत वर्ष 2013-15 में हुई
?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क)ग्राम वार जानकारी
संलग्न परिशिष्ट ‘‘अ‘‘ पर है।(ख)ट्स्ट द्वारा भूमि का उपयोग कार्य आयोजनानुसार वन
प्रबंधन हेतु किया जा रहा है। भूमि दिनांक 1 अप्रैल 1951 से 99 वर्ष की लीज पर
आवंटित हुई थी। वन आच्छादित क्षेत्र को छोडकर, भूमि का उपयोग कृषि एवं जनकल्याणकारी
कार्यों तथा शिक्षा आदि के क्षेत्रों में किया जा रहा है।(ग)
प्रश्नाधीन
भूमि रूपये 2000/-भू-भाटक पर आवंटित हुई है। वर्तमान प्रबंधक राधास्वामी सत्संग
ट्रेनिंग एम्पलायमेंट एंड आदिवासी अपलिफ्ट इंस्टीट्यूट टिमरनी एवं हरदा जिले मेें
विधु कश्यप हैं।
परिशिष्ट
अठारह शासकीय गोचर भूमि पर अतिक्रमण
26. ( क्र. 383 ) डॉ. रामकिशोर
दोगने : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) ग्राम पंचायत
खेमागांव तह. नलखेड़ा, जिला आगर (मालवा) स्थित में कितनी शासकीय गोचर भूमि है ? (ख)
क्या इस भूमि पर शासन का आधिपत्य है यदि नहीं तो किसका इस भूमि पर आधिपत्य है ?
(ग) क्या ग्राम खेलागांव, बिजनाखेडी, देहरी देव गुराडिया देव तथा लक्ष्मीखेडा के
असामाजिक तत्वों द्वारा अतिक्रमण कर रखा है और शासकीय भूमि का यह लोग निजी भूमि
जैसा उपयोग कर रहे हैं यदि हां तो उन व्यक्तियों का नाम सहित विवरण देवें ? (घ)
शासन ऐसे अतिक्रमणधारियों से शासकीय भूमि को कब तक मुक्त करवायेगा ? ऐसे लोगों के
विरूद्ध शासन क्या कार्यवाही करेगा तथा भविष्य में पुन: अतिक्रमण न हो इस हेतु
क्या कार्यवाही की जावेगी ?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) :
(क)
कुल 92.99
है0 शासकीय गोचर भूमि है।(ख)
जी
हां। भूमि राजस्व अभिलेख में शासकीय दर्ज है। वर्तमान में उक्त भूमि पर संलग्न
परिशिष्ट ‘‘अ‘‘ में दर्शाये गये 26 अतिक्रामकों का अनाधिकृत कब्जा पाया गया
है।(ग)
जी हां।
अतिक्रामकों का नाम सहित विवरण संलग्न परिशिष्ट ‘‘अ‘‘ अनुसार । (घ)
अतिक्रामकों
के विरूद्ध न्यायालयीन प्रकरण दर्ज किया जाकर, तहसीलदार द्वारा म0प्र0भू0 राजस्व
संहिता 1959 के प्रावधानों के तहत कार्यवाही की जा रही है। अतिक्रमण हटाना सतत्
गतिशील न्यायालयीन प्रक्रिया है। अतः निश्चित समय सीमा बताया जाना संभव नहीं
है।
परिशिष्ट
उन्नीस आंगनवाडियों की स्वीकृति
27. ( क्र. 393 ) श्रीमती
पारूल साहू केशरी : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा
करेंगी कि (क) सागर जिले के 01.01.2015 से अब तक कितनी नवीन आंगनवाडियों की राशि
किस-किस पंचायत को स्वीकृत की गयी है ? विधान सभा क्षेत्रवार एवं पंचायतवार
जानकारी उपलब्ध करावें ?(ख) जिन ग्राम पंचायतों में जनसंख्या 1000 से अधिक है,
उन ग्राम पंचायतों में कितनी आंगनवाडियों स्वीकृत हैं और कितनी स्वयं के भवन में
संचालित नहीं है इनमें से कितनी किराये के भवनों में संचालित हैं ? जानकारी विधान
सभावार एवं पंचायतवार देवें ?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती माया
सिंह ) : (क) जिले में 01.01.2015 से अब तक 316 नवीन आंगनवाडि़यों की राशि
स्वीकृत की गयी है । विधान सभा क्षेत्रवार एवं पंचायत की जानकारी पुस्तकालय मे रखे
परिशिष्ट 'क' एवं 'ख' अनुसार है। (ख) जिले में 1000 से अधिक जनसंख्या वाले ग्राम
पंचायतों में 2199 आंगनवाड़ी केन्द्र एवं 334 मिनी आंगनवाडी केन्द्र सहित कुल 2533
आंगनवाड़ी स्वीकृत है । 2533 केन्द्रों में से 2060 स्वयं के भवन में संचालित नही
है (978 किराये के एवं 1082 अन्य शासकीय भवनों में) एवं 473 भवन विभागीय भवनों में
संचालित है। इनमें से 978 आंगनवाड़ी केन्द्र किराये के भवनों में संचालित है।
विधान सभावार व पंचायतवार जानकारी पुस्तकालय मे रखे परिशिष्ट 'ग' अनुसार है
।
योजनाओं की जानकारी
28. ( क्र. 395 ) श्रीमती
पारूल साहू केशरी : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि
(क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा दिनांक 4 मई, 2015 को उप संचालक उद्यान जिला सागर को
पत्र लिखकर योजनाओं की जानकारी चाही थी ? परन्तु विभाग के अधिकारियों द्वारा
प्रश्न दिनांक तक भी पत्र का उत्तर एवं जानकारी नहीं दी है ?(ख) यदि हां, तो
क्यों ? प्रश्नकर्ता को उनके द्वारा प्रश्नांश (क) में उल्लेखित पत्र एवं
01.04.2014 से अभी तक विभाग को भेजे गये पत्रों का प्रत्युत्तर एवं वांछित
जानकारी कब तक उपलब्ध करा देना सुनिश्चित किया जावेगा ?(ग) क्या संबंधित
अधिकारियों के विरूद्ध मध्यप्रदेश शासन सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र दिनांक
06.08.2012 एवं फरवरी 2014 के परिप्रेक्ष्य में संबंधित अधिकारी के विरूद्ध आचरण
या सेवा नियमों के अधीन अवचार समझा जाकर अनुशासनात्मक कार्यवाही की जावेगी ? यदि
हां, तो कब तक ?
पशुपालन मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) :
(क) जी हाँ।
दिनांक 26.05.2015 द्वारा माननीय विधायक महोदया को उपलब्ध करा दी गई है। पत्र की
पावती परिशिष्ट-अ अनुसार है। (ख) माननीय
विधायक महोदया से प्रश्नांश ’’क’’ में उल्लेखित पत्र के अतिरिक्त विभाग में अन्य
कोई पत्र प्राप्त नहीं हुआ है। शेष प्रश्नांश ’क’ अनुसार। (ग) उत्तरांश
’’क’’ एवं ’’ख’’ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
परिशिष्ट
बीस एस.ए.एफ. 5वी बटालियन मुरैना आवास गृहों से संबंधित
29. ( क्र. 429 ) श्रीमती
शकुन्तला खटीक : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क)
एस.ए.एफ. 5वी बटालियन मुरैना में कितने आवासगृह वर्तमान में है ? संख्या बताई जावे
?(ख) आवासगृहों के आवंटन हेतु शासन की क्या गाईड लाईन निर्धारित है व क्या (क)
में वर्णित आवासगृहों का गाईड लाईन के अनुसार आवंटन किया गया है ?(ग) क्या आवंटित
आवास गृहिताओं को स्वयं के मकान मुरैना में होने के बाद भी आवास गृह आवंटित किये
गये है व स्वयं के मकानों को किराये पर दिया जा चुका है ?(घ) क्या जिनके स्वयं
के आवास भी नहीं हैं व वह लोग (कर्मचारी एस.ए.एफ.) किराये से उपलब्ध करा दिये
आवासों में रह रहे हैं उन्हें अवैध व्यक्तियों से बेदखल किये जावेंगे ? यदि हां
तो कब तक ?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) कुल 309 आवास गृह।
(ख) आवासगृहों के आवंटन हेतु पुलिस मुख्यालय द्वारा पत्र
क्र.पुमु/लेखा/पेंशन/1287/2008, दिनांक 05.12.2008 के तहत आवसगृह आवंटन हेतु
परिपत्र जारी किया गया है। जी, हाॅ। (ग) जी नहीं। (घ) जी नहीं, शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं होता।
कार्य बजट एवं कार्य पूर्णता के संबंध में
30. ( क्र. 467 ) डॉ.
राजेन्द्र पाण्डेय : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि
(क) क्या शासन / विभाग द्वारा जावरा विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत अनेक नलजल योजनाओं
का क्रियान्वयन एवं कार्य किए जा रहे है ? (ख) यदि हां, तो वर्ष 2012-13, वर्ष
2013-14 एवं 2015 के प्रश्न दिनांक तक उक्त क्षेत्र अंतर्गत क्या-क्या कार्य,
किन-किन स्थानों पर किए गए ?(ग) उक्त वर्षों में उक्त कार्यों हेतु कुल कितना
बजट स्वीकृत होकर कितना व्यय हुआ, कितना शेष रहा ? (घ) उक्त वर्षों में कितने
कार्य पूर्ण होकर कितने कार्य अपूर्ण रहे, तथा नवीन प्रस्तावों, प्राक्कलनों की
क्या स्थिति है ?
पशुपालन मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) :
(क) जी हाॅं । (ख) जानकारी पुस्तकालय मे रखे परिशिष्ठ के प्रपत्र-‘‘एक’’ अनुसार
है।(ग) विभाग को विधानसभा क्षेत्रवार बजट स्वीकृत होकर प्राप्त नहीं होता है अपितु
संपूर्ण जिले हेतु बजट स्वीकृत होता है। प्रश्नांकित अवधि में रतलाम जिले को
विभिन्न मदों में प्राप्त बजट आवंटन एवं किये गये व्यय की जानकारी पुस्तकालय मे रखे
परिशिष्ठ के प्रपत्र-‘‘दो’’ अनुसार है। (घ) प्रश्नांकित अवधि में पूर्ण किये गये
कार्यों की स्थिति जानकारी पुस्तकालय मे रखे परिशिष्ठ के प्रपत्र-‘‘एक’’ अनुसार है।
कोई कार्य अपूर्ण नहीं है। नवीन कार्यो (नलजल योजनाओं) की स्वीकृति वर्तमान में
भारत शासन द्वारा प्रतिबंधित है।
योजना का कार्य एवं बजट व्यय
31. ( क्र. 468 ) डॉ.
राजेन्द्र पाण्डेय : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि
(क) क्या शासन / विभाग द्वारा प्रदेश के साथ ही जावरा विधान सभा क्षेत्र में अनेक
योजनाओं का क्रियान्वयन कर अनेक कार्य किए जा रहे है ? (ख) यदि हां, तो जावरा
विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत वर्ष 2013-14 एवं वर्ष 2015 के प्रश्न दिनांक तक विभाग
की विभिन्न योजनाओं के क्रियान्वयन हेतु उपरोक्त वर्षों में कितना-कितना बजट
स्वीकृत हुआ ?(ग) साथ ही उक्त वर्षों में प्राप्त बजट के विभाग की विभागीय
किन-किन योजनाओं पर कितना-कितना व्यय हुआ ?(घ) कृपया उपरोक्तानुसार योजनावार,
कार्यवार, स्थानवार अवगत करावें ?
पशुपालन मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह
महदेले ) :
(क) जी
हाँ। (ख) आवंटन
की जानकारी संलग्न परिशिष्ट-अ अनुसार है। (ग) जानकारी
जानकारी संलग्न परिशिष्ट-ब अनुसार है। (घ) जानकारी
संकलित की जा रही है।
परिशिष्ट
इक्कीस शस्त्र लायसेंस के लंबित प्रकरण
32. ( क्र. 491 ) श्री निशंक
कुमार जैन : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या
विदिशा जिले में शस्त्र लायसेंस देने की शासन द्वारा निर्धारित प्रक्रिया अनुसार
ही शस्त्र लायसेंस प्रदाय किये जा रहे हैं ? शासन द्वारा निर्धारित प्रक्रिया का
विवरण देवें ?(ख) विगत 03 वर्षों में प्रश्नांश दिनांक तक कितने आवेदन पत्र दर्ज
हुये ? आवेदन प्राप्ति दिनांक, आवेदन पत्र पर आपत्ति ली गई है तो आपत्ति दिनांक व
आपत्ति विवरण, आपत्ति पूर्ति होने का दिनांक, लायसेंस देने का दिनांक, आवेदन
निरस्त होने का कारण व दिनांक सहित जानकारी उपलब्ध करावें ? विकासखण्डवार
जानकारी उपलब्ध करावें ?(ग) वर्तमान में कितने-कितने आवेदन शस्त्र लायसेंस के
कलेक्टर एवं जिला पुलिस अधीक्षक कार्यालय में लंबित हैं, लंबित का कारण, कब तक
निराकृत कर दिया जावेगा ?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) जी
हाॅ। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे गये परिशिष्ट अनुसार। (ख) एवं (ग) जानकारी
संकलित की जा रही है।
लंबित रिपोर्ट पर
कार्यवाही
33. ( क्र. 492 ) श्री निशंक
कुमार जैन : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) राजस्व
विभाग में विदिशा जिले में जनवरी, 2014 से प्रश्नांश दिनांक तक कितने प्रकरण
पटवारी रिपोर्ट/राजस्व निरीक्षक की रिपोर्ट के लिये लंबित हैं ? (ख) क्या
पटवारियों एवं राजस्व निरीक्षक द्वारा नियमानुसार एवं निश्चित समय-सीमा में
व्यक्तिगत स्वार्थ के चलते जानबूझ कर प्रकरणों में प्रतिवेदन प्रस्तुत नहीं किया
गया है ? जिसके कारण आमजन एवं संबंधित व्यक्तियों को परेशानियों का सामना करना
पड़ता है ?(ग) यदि हां, तो प्रकरणों में देरी से रिपोर्ट प्रस्तुत करने वाले
पटवारियों एवं राजस्व निरीक्षकों के विरूद्ध कार्यवाही के क्या प्रावधान हैं एवं
कितने पटवारियों एवं राजस्व निरीक्षकों के विरूद्ध उक्त संबंध में क्या
कार्यवाही की गई है ? यदि कार्यवाही नहीं की गई है, तो कारण बताएं
?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क)विदिशा जिले अंतर्गत
राजस्व विभाग में वर्ष 2014 में कोई भी प्रकरण लंबित नहीं है, वर्ष 2015 में कुल185
प्रकरण पटवारी रिपोर्ट/राजस्व निरीक्षक की रिपोर्ट के लिये विचाराधीन है।(ख)जी
नहीं।(ग)प्रश्नांश ख के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं
होता।
शासन द्वारा संचालित योजनाएं
34. ( क्र. 507 ) श्री हरदीप
सिंह डंग : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी
कि (क) शासन द्वारा महिला एवं बाल विकास में कौन-कौन सी योजनाऍं संचालित की जा रही
है ? (ख) वर्तमान में मंदसौर जिले में कितनी आंगनवाडि़या संचालित की जा रही है एवं
कितनी आंगनवाडिया भवन विहीन है ? (ग) मंदसौर जिले में विभाग के सर्वे अनुसार
महिलाओं में कितनी महिलाऐं एवं बच्चे कुपोषण से ग्रसित है जिनकी प्रत्येक विधान
सभा की संख्या अलग-अलग बतावें ? (घ) मंदसौर जिले में किन-किन विकासखण्डों में
जहां आंगनवाड़ी भवन नहीं है ? भवन निर्माण हेतु चयन किया गया है, चयन करने की
प्रक्रिया की जानकारी दें ?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती माया
सिंह ) :
(क) महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा महिला सशक्तिकरण अंतर्गत निम्न
योजनाऐं संचालित की जाती है - 1; लाडली लक्ष्मी योजना 2.
मुख्यमंत्री महिला सशक्तिकरण योजना 3. उषाकिरण योजना 4. आई सी पी एस योजना ।
मंदसौर जिले में आई.सी.डी.एस. योजना, राजीव गाधी किशोरी बालिका सशक्तिकरण योजना
'सबला' योजना, मंगल दिवस, अटल बिहारी बाजपेयी बाल आरोग्य एवं पोषण मिशन, उषा किरण
योजना लाड़ली लक्ष्मी योजना, योजनाओं का संचालन किया जा रहा है। (ख) मंदसौर जिले
में महिला एवं बाल विकास विभाग अन्तर्गत 1499 आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित किये जा
रहे है। जबकि 1352 आंगनवाड़ी केन्द्र स्वंय के भवन में संचालित न हो कर किराये अथवा
अन्य शासकीय भवनों में संचालित हो रहे है। अतः कोई भी आंगनवाड़ी केन्द्र भवन विहीन
नही है। (ग) मंदसौर जिले में विभाग के सर्वे अनुसार बच्चों में कुपोषण की स्थिति
विधानसभा वार निम्नानुसार है। विभाग द्वारा महिलाओं में कुपोषण की जानकारी का
संधारण नही किया जाता है ।
क्र. विधानसभा क्षेत्र कुपोषण से
ग्रसित बच्चों की संख्या
1 मंदसौर
635
2 सुवासरा
828
3 गरोठ
545
4 मल्हारगढ़
485
कुल 2493
(घ) मंदसौर जिले के कुल 05 विकासखंडों में, कुल स्वीकृत 1499 आंगनवाड़ी
केन्द्रों के लिये 1352 आंगनवाड़ी केन्द्र स्वयं के भवन में संचालित नही होते है
जानकारी पुस्तकालय मे रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। भारत शासन के पत्र
क्रं/9-1/2012-सीडी.आई(वीओएल 2) सीडीआई, दिनांक 12 अगस्त 2015, पत्र
क्रं/19-3/2015-सीडी.आई (वीओएल 6) सीडीआई,दिनांक 4 सितम्बर 2015, पत्र
क्र/19-3/2004-सीडी.आई (वीओएल 6) सीडीआई,दिनांक 6 अक्टूबर 2015, द्वारा आईपीपीई
विकास खंडो/स्नीप जिलो में आंगनवाड़ी भवन निर्माण हेतु प्रस्ताव भेजने के निर्देश
दिए गए थे। जिसके अन्तर्गत मनरेगा व महिला बाल विकास विभाग द्वारा अभिसरण कर
आंगनवाड़ी भवनों का निर्माण किया जाएगा । भारत शासन को मंदसौर जिले के एक मात्र
आईपीपीई विकास खंड सीतामऊ में 303 आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण हेतु प्रस्ताव भेजा
गया है। चयन प्रक्रिया के निर्देश पुस्तकालय मे रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है
।
विभाग में संचालित योजनाएं
35. ( क्र. 508 ) श्री हरदीप
सिंह डंग : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विभाग
द्वारा कौन-कौन सी योजनाऍं बनाई गई है ? (ख) विभाग द्वारा किस कुटीर एवं ग्राम
उद्योग पर कितनी सब्सिडी मिलती है उद्योग का नाम एवं सब्सिडी की राशि बतावें ? (ग)
सुवासरा विधान सभा क्षेत्र में विगत 5 वर्षों में उद्योग हेतु ऋण स्वीकृत कर कितने
व्यक्तियों को लाभ पहुँचाया गया है ? (घ) इस वर्ष में कितने प्रकरण स्वीकृत किये
गये हैं एवं कितने को लाभ प्राप्त हुआ है ?
पशुपालन मंत्री ( सुश्री
कुसुम सिंह महदेले ) : (क) विभाग द्वारा संचालित योजनाओं की जानकारी
पुस्तकालय मे रखे परिशिष्ट ''01'' अनुसार है। (ख) विभाग द्वारा संचालित
योजनाओं मे दी जाने वाली सब्सिडी का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''02''
अनुसार है। (ग) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में विगत 5 वर्षो में कुल 115 उद्योग हेतु
ऋण स्वीकृत 115 व्यक्तियों को लाभ पहुंचाया गया है। विवरण पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट ''03'' अनुसार है। (घ) इस वर्ष में विभाग द्वारा 08 प्रकरण
स्वीकृत कर 08 व्यक्ितयों को लाभ प्राप्त हुआ है। विवरण पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट ''04'' अनुसार है।
उद्यानों व नर्सरियों पर कार्य न होना
36. ( क्र. 523 ) श्रीमती
ललिता यादव : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क)
छतरपुर जिले में स्थापित उद्यानकी विभाग के उद्यानों, नर्सरियों को वर्ष 2014-15
एवं 2015-16 में आज दिनांक तक कितनी राशि दी गई ? नर्सरी का नाम, राशि सहित
पृथक-पृथक बतायें ? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में आवंटित राशि के विरूद्ध खर्च
की गई राशि का ब्यौरा बतायें ? (ग) क्या विभाग द्वारा कृषकों को वृक्षों एवं
बीजों का आवंटन किया गया ? अगर हां, तो हितग्राही कृषको की संख्या, वृक्ष, बीज की
मात्रा सहित बतायें ?
पशुपालन मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) :
(क) जानकारी
निम्नानुसार है:-
वर्ष
खजुराहो
लवकुश
नगर
बड़ाबाग
कृष्णबाग
शमशेर बाग
2014-15
274665 733961
408840
429874 299384
2015-16
364451
936877
308334
410183
363760
(ख) प्रनांश
(क) के प्रकाश में आंवटित राशि के विरूद्ध राशि रू. 3849705.00खर्च की गई है जिसका
नर्सरीवार विवरण की जानकारी संलग्न परिशिष्ट-अ अनुसार है। (ग)
जी हाॅँ।
हितग्राही कृषकों की संख्या का विवरण निम्नानुसार हैः-
वर्ष
हितग्राही कृषकों की संख्या
वृक्षों की
संख्या
बीज की मात्रा (कि.ग्रा. में)
2014-15
1595
36445
96854.27
2015-16 अक्टोबर 2015)
672
43453
42.40
योग
2267
79898
96896.67
परिशिष्ट
बाईस जुआडियों पर सख्ती से कार्यवाही
37. ( क्र. 524 ) श्रीमती
ललिता यादव : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) छतरपुर
जिले में 1 जनवरी 2014 से प्रश्न दिनांक तक कितने जुआडि़यों को पकड़ा गया ?
पृथक-पृथक थाना क्षेत्रवार बतायें ? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में पकड़े गए
आरोपियों को किन-किन फड़ों से गिरफ्तार किया गया ? (ग) क्या छतरपुर जिले में जुआ
के अवैध अड्डे संचालित हैं तो कहां-कहां थानावार बतायें ? (घ) क्या एक से अधिक बार
पकड़े जाने व जुआं के अड्डों का संचालन करने वालों के खिलाफ छतरपुर पुलिस के आला
अधिकारियों द्वारा सख्ती से कार्यवाही करने की घोषणा की गई ? तो क्या अब तक
आरोपियों के खिलाफ ऐसी कोई कार्यवाही की गई ?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल
गौर ) : (क)
जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) प्रश्नांश
’क’ से संबंधित जानकारी में आरोपियों को सार्वजनिक स्थलों, से जुआ खेलते पकड़े गये
हैं। (ग) जी नहीं। (घ) जुओं के संचालन करने वालों के विरूद्ध पुलिस के आला
अधिकारियों द्वारा सख्ती से कार्यवाही करने हेतु दिशा निर्देश जारी किये गये हैं।
एक से अधिक बार पकडे़ गये आरोपियों में से 31 आरोपियों के खिलाफ 110 जा.फौ. एवं 4
आरोपियों के विरूद्ध जिला बदर की कार्यवाही की गई।
परिशिष्ट
तेईस गुना जिले की तहसील बमोरी के ग्राम चीतोडी पटवारी तथा
पांडोन (वर्धा) के भूमि सर्वे नं. 27 एवं 27/1 एवं 27/1, 27/2 को शासकीय घोषित किया
जाना
38. ( क्र. 536 ) श्री
महेन्द्र सिंह सिसौदिया : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे
कि(क) क्या गुना जिले की तहसील बमोरी के ग्राम चीतोडी (वर्धा पांडौन) की भूमि
सर्वे नं. 27 रकबा 42.134 कदीम वर्ष 1999 से पूर्व शासकीय कदीम थी ? यदि हां, तो
जानकारी दें ? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित भूमि को वर्ष 1999-2000 के
खसरे के कॉलम नं. 16 में सर्वे नं. 27 मिन का रकवा 27.670 हेक्टर नामांतरण पंजी
क्र. 15/27-5-2000 से वटा स्वीकृत एवं कार्यालय अनुविभागीय अधिकारी महोदय गुना के
प्र.क्र. 2 अ 90वी(3) के तहत अमल किया शेष भूमि का वटा स्वीकृत की प्रविष्टि
राजस्व के कौन से कर्मचारी ने की उक्त आदेशों के प्रतियां दे फर्जी है तो जांच
करें बताये ? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित राजस्व आदेश अनुविभागीय
अधिकारी गुना के प्र.क्र. 2 अ 90वी(3) का प्रकरण दायरा रजिस्ट्रर में दर्ज नहीं है
तो या उक्त आदेश फर्जी है क्या गंगासिंह ने राजस्व पटवारी से मिलकर षडयंत्र रचकर
शासकीय भूमि का अमल कराया है ? यदि हां तो बतायें ? (घ) यदि प्रश्नांक (क), (ख),
(ग) में उल्लेखित प्रविष्टि राजस्व रिकार्ड में है या नहीं सही दर्ज है या फर्जी
क्या जांच करायेगे ? यदि शासकीय भूमि को षडयंत्र रचकर सर्वे नं. 27 ग्राम चीतोडी
की भूमि हड़पी है तो क्या उसे पुन: शासकीय घोषित करेगें दोषियों पर कार्यवाही
करेगें कब और कैसे कारण सहित विवरण दें ?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल
सिंह ) : (क)जी
हां(ख) जी हां,
प्रविष्टि के समय नामांतरण पंजी, पटवारी श्री मुनव्वर अली तथा नायब तहसीलदार श्री
संजीव सक्सेना के द्वारा प्रमाणित की गई है। आदेशों की प्रतियां पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट ‘‘अ‘ पर
हैं।(ग) जी नहीं।
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘‘अ‘‘ पर रखे गये उक्त आदेश फर्जी नहीं हैं। अतः शेष
प्रश्न उद्भूत नहीं होता।(घ) उत्तरांश
‘‘ख‘‘ एवं ‘‘ग‘‘ में दी गई जानकारी के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उद्भूत नहीं होता
है।
गुना-अशोकनगर जिलों में चारा विकास योजना एवं औषधि क्रय करने
में अनियमितता
39. ( क्र. 537 ) श्री
महेन्द्र सिंह सिसौदिया : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा
करेंगी कि (क) क्या गुना-अशोकनगर जिलों में पशुपालन विभाग के द्वारा वर्ष 2010-11
से प्रश्न दिनांक तक औषधि क्रय की है ? यदि हां तो क्या औषधि की गुणवत्ता का
परीक्षण प्रयोगशाला में कराया है ? यदि हां तो क्या औषधि परीक्षण करने के बाद
विभाग द्वारा भुगतान किया है ? यदि नहीं तो दोषियों के नाम एवं उन पर की गई
कार्यवाही का विवरण दें ? (ख) क्या गुना-अशोकनगर जिलों में पशुपालन विभाग द्वारा
वर्ष 2010-11 से 2014 तक चारा विकास योजना में मक्का, चरी, वर्षीय किन किसानों को
कितने प्रदर्शन प्लांटों में उत्पादन हेतु चयन किया था ? यदि हां तो क्या चारा
उत्पादन करने वालों को ही कुट्टी मशीनें दी थी कि योजना से अन्य कृषकों का
सत्यापन कर सूची सहित विवरण दें ?(ग) क्या चारा विकास योजना के प्रश्न (ख) में
उल्लेखित कृषकों को ही यूरिया का वितरण किया है ? यदि हां तो चारा उत्पादन करने
वाले कृषकों और यूरिया खाद्य देने वालों की सूची सत्यापन सहित दे ? यदि नहीं तो
क्या फर्जी हस्ताक्षर कर प्राप्ति सूची बनाकर यूरिया खाद्य का वितरण किया है कौन
दोषी है कारण सहित बताये ? (घ) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) में विभाग द्वारा क्रय की
गई औषधि, चारा विकास योजना में दिये गये बीज, यूरिया खाद्य एवं दी गई कुटी मशीन आदि
के हितग्राही एवं कृषकों की सूचियों एवं औषधि परीक्षण रिपोर्ट तथा भुगतान आदि लेखों
की क्या विभाग अन्य तकनीकी विभाग से जांच करायेगा ? सत्यापन और मूल्यांकन
करायेगा ? क्या दोषियों पर कार्यवाही करेंगे कब और कैसे विवरण दें
?
पशुपालन मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी हॉ। जी हॉ।
विभागीय औषधि कय्र नीति 2012 की कंडिका 8.6,8.7,8.8,8.9,8.10 एवं 8.11 के अंतर्गत
वर्ष 2012 से क्रय की गई औषधियों का रेण्ड़म के आधार पर प्रयोगशाला परीक्षण
अनिवार्य कर दिया गया है। जी हां। जिला गुना में वर्ष 2012-13, 2013-14, 2014-15
एवं 2015-16 में तथा जिला अशोकनगर द्वारा वर्ष 2012-13, 2013-14 एवं 2015-16 में
रेण्ड़म आधार पर औषधि परीक्षण किया गया। वर्ष 2014-15 में जिला अशोक नगर द्वारा
औषधि परीक्षण नहीं कराया गया। वर्ष 2014-15 में औषधि परीक्षण नहीं करवाने वाले
तत्कालीन अधिकारी डॉ.आर.पी.एस.भदौरिया, उप संचालक पशु चिकत्सा सेवाएं अशोकनगर के
विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जा रही है। (ख) जी हां। गुना जिले में
एसीलरेटेड फॉडर डेवलपमेंट प्रोग्राम योजनांतर्गत चारा विकास कार्यक्रम में पशुपालक
/कृषक/दुग्ध समिति सदस्य इत्यादि को चारा उत्पादन हेतु वर्ष 2011-12 में 2470
हितग्राहियों को, वर्ष 2012-13 में 4940 हितग्राहियों को तथा वर्ष 2013-14 में 2470
हितग्राहियों को चारा बीज किट प्रदाय किए जाने हेतु चयन किया गया था। इसी प्रकार
अशोकनगर जिले में वर्ष 2011-12 में 2470 हितग्राहियों को, वर्ष 2012-13 में 2470
हितग्राहियों को तथा वर्ष 2013-14 में 2470 हितग्राहियों को चारा बीज किट प्रदाय
किए जाने हेतु चयन किया गया था। जी हां, 2470 हितग्राहियों के क्लस्टर में से
50 हितग्राहियों को योजना अनुसार चारा कुटटी मशीन प्रदाय की गई हैं। गुना जिले की
सत्यापित सूची की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अ-1 एवं अशोकनगर की जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अ-2 अनुसार है।(ग) जी हां। गुना जिले की जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ब-1 एवं अशोकनगर की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट
ब-2 अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।(घ) जी नहीं । जी नहीं,
शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विभाग को प्राप्त राशि
40. ( क्र. 547 ) श्री
सुखेन्द्र सिंह : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क)
रीवा जिले में उद्यानिकी विभाग को वित्तीय वर्ष 2015-16 में राज्यांश केन्द्र
सरकार से कितनी राशि प्रश्न दिनांक तक प्राप्त हुई ? (ख) प्रश्नांश (क) के
संदर्भ में प्राप्त राशि प्रश्न दिनांक तक किस-किस कार्य हेतु खर्च की गई ?
विधानसभावार विवरण उपलब्ध करावें ? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में यदि
हितग्राहियों को वितरित किया गया है तो प्रश्नांश (ख) अनुसार संख्या बताऍं? (घ)
प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के संदर्भ में क्या प्रश्नकर्ता की उपस्थिति में
सत्यापन कराया जायेगा ? यदि हां तो कब तक ? यदि नहीं तो क्यों ? कारण स्पष्ट
बतावें ?
पशुपालन मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) :
(क) रीवा
जिले में वित्तीय वर्ष 2015-16 में राज्यांश राशि रू. 151.88454 लाख तथा
केन्द्रंश राशि रू. 38.48223 लाख प्राप्त हुई।
(ख) जानकारी
परिशिष्ट-अ पर संलग्न है (ग)जानकारी परिशिष्ट-ब पर
संलग्न है।
(घ) योजना के
नियमों में माननीय विधायक से सत्यापन का प्रावधान नहीं है।
परिशिष्ट
चौबीस अंधे कत्लों के आरोपियों की गिरफ्तारी
41. ( क्र. 560 ) श्री आरिफ
अकील : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या भोपाल शहर
में कुछ अंधे कत्ल के प्रकरण पंजीबद्ध हुए हैं और उनके आरोपियों का पुलिस कोई
सुराग नहीं लगा पाई है ? यदि हां, तो जनवरी 2004 से प्रश्न दिनांक की स्थिति में
कब-कब प्रकरण पंजीबद्ध हुए उनके आरोपियों का कब तक पता लगा लिया जावेगा ? यदि नहीं,
तो क्यों ? प्रकरण की अद्यतन स्थिति से अवगत करावें । (ख) प्रश्नांश (क) के
परिप्रेक्ष्य में किस-किस हत्या के प्रकरण के कौन-कौन विवेचक रहे और समय पर
आरोपियों का पता नहीं लगाने एवं लापरवाही के लिए कौन-कौन दोषी है ? उनके विरूद्ध
शासन द्वारा क्या तथा कब तक कार्यवाही की जावेगी ? यदि नहीं, तेा क्यों ? कारण
सहित बतावें ?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) जी हां। माह
जनवरी 2004 से दिनांक 19.11.2015 तक की अवधि में जिला भोपाल में 68 ऐसे अंधे कत्ल
के प्रकरण पंजीबद्ध हैं जिनमें अभी तक आरोपियों का पता नहीं लगा है। माह
जनवरी, 2004 से प्रश्न दिनांक तक अंधे कत्ल के प्रकरणों के पंजीबद्ध होने की
जानकारी एवं प्रकरण की अद्यतन स्थिति की जानकारी पुस्तकालय मे रखे परिशिष्ट अनुसार
है। (ख) जानकारी पुस्तकालय मे रखे परिशिष्ट अनुसार है। उक्त प्रकरणों की
विवेचना में संंबंधित विवेचकों के द्वारा किसी तरह की लापरवाही करना नहीं
पाया जाने से उनके विरूद्ध कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं
होता।
निर्दोष लोगों के विरूद्ध गौ हत्या का प्रकरण पंजीबद्ध
किया जाना
42. ( क्र. 561 ) श्री आरिफ
अकील : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या माह अगस्त
2015 को अपराध क्रमांक 463/15 बैरसिया थाने में प्रकरण पंजीबद्ध किया गया है ? यदि
हां, तो किन-किनके विरूद्ध किस-किस धारा के अंतर्गत कार्यवाही कर कब-कब गिरफ्तार
किया गया ?(ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या गाय का पोस्टमार्टम किया
गया है ? यदि हां, तो कब और पोस्टपार्टम रिपोर्ट में क्या आया ? (ग) प्रश्नांश
(क), (ख) के परिप्रेक्ष्य में यदि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में गौ हत्या होना नहीं
पाया गया, तो क्या शासन प्रकरण वापिस लेकर आरोपियों को दोषमुक्त करेगा ? यदि हां,
तो कब तक ? यदि नहीं, तो क्यों ? कारण सहित यह अवगत करावें कि गौ हत्या के नाम पर
जिन लोगों ने शहर की शांति भंग करने का प्रयास किया है उनके विरूद्ध क्या तथा कब
तक कार्यवाही करेंगे ?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) जी
हाॅ। थाना बैरसिया, जिला भोपाल में अपराध क्र. 463/15 धारा 34 आबकारी अधिनियम के
अंतर्गत दिनांक 11.08.2015 को आरोपी श्री बल्ला बिजौरी पुत्र श्री हजारी लाल, उम्र
45 वर्ष निवासी ग्राम सोनकच्छ बिजोरी टपरा, थाना बैरसिया, जिला भोपाल के विरूद्ध
पंजीबद्ध हुआ है। प्रकरण में आरोपी के विरूद्ध संबंधित सक्षम न्यायालय में अभियोग
पत्र प्रस्तुत किया गया था। सक्षम न्यायालय द्वारा आरोपी को 1500/- रूपये की राशि
के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया है।
(ख) जी नहीं। गाय का पोस्टमार्टम थाना
बैरसिया, जिला भोपाल के अपराध क्र0 468/15 धारा 429 भादवि एवं धारा 4, 5, 9 गौ वंश
हत्या प्रतिषेध अधिनियम में दिनांक 14.08.2015 को कराया गया है पोस्टमार्टम में गाय
को काटना पाया गया है। (ग) जी नहीं। उक्त गाय के पोस्टमार्टम रिपोर्ट में गौ हत्या
होना पाया गया है, इसलिये आरोपियों के विरूद्ध प्रकरण वापिस लिये जाने का कोई
औचित्य नहीं है। प्रकरण को लेकर शहर में कोई शांति व्यवस्था भंग नहीं की गई
है।
पाटन विधानसभा अंतर्गत संचालित नल-जल योजनाएं
43. ( क्र. 577 ) श्री नीलेश
अवस्थी : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) पाटन
विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कौन-कोन सी नल-जल योजना संचालित है एवं कौन-कौन से किन
कारणों से असंचालित है ? सूची देवें ? (ख) क्या मझौली तहसील अंतर्गत ग्राम मढ़ई
में संचालित नल-जल योजना सुचारू रूप से नहीं चल रही है परन्तु विद्युत बिल ग्राम
पंचायत के नाम से आ रहा है जबकि उक्त नल-जल योजना अभी तक ग्राम पंचायत को
हस्तांतरित नहीं हुई है ?(ग) यदि हां, तो प्रकरण की जांच कराकर क्या विभाग द्वारा
विद्युत बिलों का भुगतान किया जावेगा यदि हां, तो कब तक यदि नहीं तो क्यों नहीं ?
(घ) पाटन विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत वित्त वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक
कहां-कहां पर नलकूपों का खनन कर हैण्ड पंप स्थापित किये गये ? स्थान ग्राम सहित
सूची देवें एवं इन खनित नलकूपों में से कौन-कौन से किन कारणों से बंद है
?
पशुपालन मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जानकारी
पुस्तकालय मे रखे परिशिष्ठ के प्रपत्र-1 के अनुसार है। (ख) योजना के कार्य पूर्ण
होकर टेस्टिंग कार्य किया जा रहा है। योजना का संचालन-संधारण ग्राम पंचायत को ही
करना होता है इसलिये विद्युत कनेक्शन ग्राम पंचायत के नाम से ही लिया गया है। योजना
के हस्तांतरण होने तक विद्युत देयक का भुगतान विभाग द्वारा किया जायेगा। योजना का
टेस्टिंग कार्य पूर्ण होने पर ग्राम पंचायत को योजना हस्तांतरित की जायेगी। (ग)
उत्तरांश-‘‘ख‘‘ के प्रकाश में शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (घ) जानकारी
पुस्तकालय मे रखे परिशिष्ठ के प्रपत्र-2 अनुसार है।
पाटन
विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत संचालित योजनाएं
44. ( क्र. 578 ) श्री नीलेश
अवस्थी : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि
(क) पाटन विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा किन-किन
स्थानों पर कौन-कौन सी योजनाओं का संचालन किया जा रहा है ? स्थान ग्राम सहित सूची
देवें ? (ख) प्रश्नांक (क) में उल्लेखित योजनाओं से वित्त वर्ष 2014-15 से
प्रश्न दिनांक तक किस-किस योजना अंतर्गत कितनों को लाभान्वित किया गया ? (ग)
प्रश्नांक (ख) में उल्लेखित कार्यों हेतु कितनी शिकायतें शासन को प्रेषित की गई
एंव उन पर क्या कार्यवाही की गई ? (घ) पाटन विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कौन-कौन से
आंगनवाड़ी केन्द्र भवन विहीन है ? शासकीय भवनों में संचालित आंगनवाड़ी केन्द्रों
में शासन द्वारा निर्धारित मापदण्डों के अनुरूप कौन-कौन सी सुविधाऐं उपलब्ध है
एवं कौन-कौन सी सुविधाऐं उपलब्ध नहीं है ? अनुपलब्ध सुविधाओं को पूर्ण करने हेतु
शासन द्वारा कब तक क्या प्रयास किये जावेंगे ?
महिला एवं बाल विकास
मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) पाटन विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत महिला
सशक्तिकरण मे निम्न योजनाए संचालित है । 1- लाडली लक्ष्मी योजना, 2- मुख्यमंत्री
महिला सशक्तिकरणय योजना 3- उषा किरण योजना 4- आईसीपीएस योजना की (स्थान एवं ग्राम
सहित सूची) पुस्तकालय में रखे परिशिरष्ट एक अनुसार है बाल विकास परियोजना
पाटन एवं मझौली जिला जबलपुर अन्तर्गत महिला एवं बाल विकास विभाग की आई.सी.डी.एस.
योजना, राजीव गॉधी किशोरी बालिका, सशक्तिकरण योजना, सबला योजना, मंगल दिवस, अटल
बिहारी बाजपेयी बाल आरोग्य एवं पोषण मिशन, उषा किरण योजना, लाड़ली लक्ष्मी योजना,
योजनाओं का संचालन आंगनवाड़ी केन्द्रों के माध्यम से किया जा रहा है। जानकारी
पुस्तकालय मे रखे परिशिष्ट एक अनुसार है। (ख) योजना अन्तर्गत लाभान्वित
हितग्राहियों की संख्यात्मक जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट दो अनुसार है। (ग)
निरंक । अतः शेष का प्रश्न ही उपस्थित नही होता। (घ) पाटन विधानसभा क्षेत्र की बाल
विकास परियोजना पाटन एवं मझौली अन्तर्गत 130 भवन विहीन आंगनवाड़ी केन्द्रों की सूची
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट तीन अनुसार है। यह भवन विहीन आंगनवाड़ी केन्द्र किराये
के भवन में संचालित है। शासकीय भवनों में संचालित आंगनवाड़़ी केन्द्रों में शासन के
निर्धारित मापदण्डों अनुसार हॉल,स्टोर,किचिन, शौचालय एवं स्वच्छ पेयजल इत्यादि
सुविधाएं उपलब्ध है। शासकीय भवनों में संचालित आंगनवाड़ी केन्द्रों में न्यूनतम
आवश्यक सुविधायें उपलब्ध होने से शेष का प्रश्न उपस्थित नही होता
।
STF द्वारा व्यापमं घोटाले में दर्ज प्रकरण
45. ( क्र. 597 ) श्री
रामनिवास रावत : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) व्यापमं
के संदर्भ में STF द्वारा (प्रदेश के पुलिस थानों में पूर्व से दर्ज तथा STF की
विभिन्न शाखाओं द्वारा दर्ज सहित) 13 जुलाई 2015 तक कितने प्रकरण दर्ज किये गये
आरोपी के नाम, धारा प्रकरण क्रमांक, दिनांक, न्यायालय में चालान प्रस्तुत करने की
दिनांक, इत्यादि सहित सूची प्रस्तुत करे ? (ख) STF द्वारा व्यापमं घोटाले की
जांच के दौरान ऐसे व्यक्तियों/अधिकारियों की सूची देवे, जिनके बयान दर्ज किये गये,
लेकिन उन्हें आरोपी नहीं बनाया गया ? (ग) STF द्वारा व्यापमं घोटाले में बनाये
गये सरकारी गवाह की सूची देवे तथा बतावे कि कौन किस प्रकरण में, किस धारा में आरोपी
है और उन्हें गवाह क्यों बनाया गया है ? (घ) STF द्वारा व्यापमं घोटाले में उन
आरोपियों की सूची देवें जिन पर एक से ज्यादा प्रकरण दर्ज है, प्रकरण क्रमांक,
धारा, प्रत्येक प्रकरण अनुसार गिरफ्तारी तथा जमानत की दिनांक, इत्यादि सहित
जानकारी दें ?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) व्यापम के
संबंध में म.प्र.एस.टी.एफ. एवं प्रदेश के विभिन्न पुलिस थानों में दिनांक
13.07.2015 तक कुल 212 प्रकरण पंजीबद्ध हुए हैं। दर्ज प्रकरण क्रमांक, धारा, पंजीयन
दिनांक, न्यायालय में चालान प्रस्तुत करने की दिनांक की जानकारी पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) मध्यप्रदेश एस.टी.एफ. द्वारा व्यापम
घोटाले की जांच के दौरान ऐसे सभी सरकारी अधिकारी/कर्मचारियों को आरोपी बनाया गया है
जिनके अपराध में संलिप्त होने के साक्ष्य हैं। एस.टी.एफ. द्वारा व्यापम प्रकरणों
संबंधी की जा रही समस्त विवेचनाओं को, माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा रिट याचिका
क्र0 372/15 में दिनांक 09.07.2015 को दिये गये आदेश से विवेचना संबंधी अग्रिम
कार्यवाही करने हेतु सी.बी.आई. को निर्देशित किया गया है। अतः जिन प्रकरणों में
अंतिम चालान प्रस्तुत नहीं हुए हैं उन प्रकरणों में कौन व्यक्ति अंतिम तौर पर गवाह
अथवा आरोपी होगा यह सी.बी.आई. द्वारा अंतिम चालान प्रस्तुत किये जाने पर ही स्पष्ट
हो सकेगा। (ग) भारतीय दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 में सरकारी गवाह नामक कोई
शब्दावली नहीं है परंतु सामान्य भाषा में सरकारी गवाह से तात्पर्य ऐसे आरोपी से
होता है जो अपराध में जुड़े आरोपियों की संलिप्तता के संबंध में न्यायालय में
स्वेच्छा से गवाही दे। यह कार्यवाही सामान्यतः अभियोजन पक्ष द्वारा मान0 न्यायालय
में चालान प्रस्तुत करने के बाद न्यायालय की अनुमति से, विचारण के दौरान की जाती
है। एस.टी.एफ.के अधिकारियों द्वारा विवेचित प्रकरणों में से मात्र 06
प्रकरणों में अभी तक न्यायालय में विचारण हुआ है। इन प्रकरणों में एस.टी.एफ. के
द्वारा 01 आरोपी को सरकारी गवाह (क्षमादान साक्षी) बनाया गया है। थाना एस.टी.एफ.
भोपाल के अपराध क्रमांक 07/2014 धारा 419, 420, 467, 468, 471, 120 बी भादवि एवं
3घ(1-2), 4 म.प्र. मान्यता प्राप्त परीक्षा अधिनियम 1937 में आरोपी प्रदीप जैन पिता
कुन्दन लाल जैन निवासी पार्ट-2, गजराज सोसायटी चांद लोडिया, अहमदाबाद (गुजरात), को
सरकार गवाह (क्षमादान साक्षी) बनाया गय है। यह आरोपी म.प्र.पी.एम.टी. परीक्षा वर्ष
2013 के अभ्यर्थी साहिल जैन का पिता है, जिसने मध्यस्थों के बैंक खातों में रूपये
डाले थे। प्रकरण में ठोस साक्ष्य प्रस्तुत करने एवं अन्य आरोपियेां (मुख्यतः
मध्यस्थों) को न्यायालय से सजा दिलाने हेतु न्यायालय से अनुमति प्राप्त कर प्रकरण
के विचारण के दौरान सरकारी गवाह (क्षमादान साक्षी) बनाया गया है। (घ) जानकारी
एकत्रित की जा रही है।
बन्द हैण्ड पम्प
46. ( क्र. 609 ) श्री
चम्पालाल देवड़ा : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क)
रायसेन जिले के विकास खण्ड बेगमगंज एवं सिलवानी में किस-किस ग्राम में विभाग के
कितने हैण्ड पंप हैं ? उनमें से कितने हैण्ड पंप असुधार योग्य हैं ? (ख) नवम्बर
15 की स्थिति में कहां-कहां पर हैण्ड पंप खराब हैं ? उनको कब तक सुधरवाया जायेगा ?
(ग) उक्त विकासखण्डों में फ्लोराईड प्रभावित तथा पेयजल समस्या मूलक कौन-कौन से
ग्राम हैं ? उक्त ग्रामों में शुद्ध पेयजल व्यवस्था हेतु क्या-क्या कार्यवाही
की जा रही है ? (घ) किन-किन ग्रामों में विभाग द्वारा कुंआ बनवाये जा रहे हैं ?
उनका कार्य कब तक पूर्ण होगा ?
पशुपालन मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह
महदेले ) : (क) जानकारी पुस्तकालय मे रखे परिशिष्ठ के प्रपत्र-1 अनुसार है।
(ख) जानकारी पुस्तकालय मे रखे परिशिष्ठ के प्रपत्र-1 अनुसार है। विभाग द्वारा
सुधार योग्य हैण्डपंपों का सतत् संधारण कार्य किया जाता है, सामान्यतः लघु सुधार
कार्य अधिकतम सात दिवस में तथा वृहद सुधार कार्य अधिकतम 15 दिवस में किया जाता
है।(ग) फ्लोराइड प्रभावित ग्रामों में वैकल्पिक व्यवस्था कर दी गई है। वर्तमान में
कोई भी ग्राम समस्या मूलक नहीं है, शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (घ) जानकारी
पुस्तकालय मे रखे परिशिष्ठ के प्रपत्र-2 अनुसार है।
भवन विहीन
आंगनवाड़ी केन्द्रों की संख्या
47. ( क्र. 610 ) श्री
चम्पालाल देवड़ा : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा
करेंगी कि (क) आंगनवाड़ी केन्द्रों में विभाग द्वारा क्या-क्या सामग्री राशि
प्रतिमाह किन-किन कार्यों हेतु उपलब्ध कराई जाती है ?(ख) रायसेन जिले में
कहां-कहां पर आंगनवाड़ी कार्यकर्ता/सहायिका के पद कब से रिक्त है ? उक्त रिक्त
पदों की पूर्ति हेतु क्या-क्या कार्यवही की गई ? कब तक रिक्त पद भर दिये जायेगें
? (ग) भवन विहीन आंगनवाड़ी केन्द्रों की विकासखण्ड वार सूची दे तथा उनके भवन
निर्माण की विभाग की क्या योजना है ? (घ) रायसेन जिले में वर्ष 2015 में किन-किन
आंगनवाड़ी केन्द्रों का कब-कब किसने निरीक्षण किया तथा क्या-क्या कमियां पाई ?
क्या कार्यवाही की ?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह
) : (क) प्रत्येक आंगनवाड़ी में सांझ चूल्हा अन्तर्गत ताजा पका हुआ नाश्ता,
एवं भोजन का प्रदाय प्रतिदिन किया जाता है। एम.पी. एग्रो के माध्यम से टेक होम राशन
- हलवा,बाल आहार,खिचड़ी,सोया बरफी,आटा बेसन लड्डू का प्रदाय किया जाता है।
आंगनवाड़ी केन्द्र में मंगल दिवस (गोदभराई,जन्मदिवस,अन्नप्राशन,किशोरी बालिका दिवस
कार्यक्रम आयोजन हेतु राशि रू. 200/- प्रतिमाह, फ्लेक्सी फण्ड हेतु राशि रू.
250/-प्रति त्रैमास, आकस्मिक व्यय हेतु राशि रू. 250/-प्रति त्रैमास प्रदान की जाती
है। (ख) रायसेन जिले में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता/सहायिका के रिक्त पदों की जानकारी
पुस्तकालय मे रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ग) भवन विहीन आंगनवाड़ी केन्द्रों की
जानकारी पुस्तकालय मे रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। आंगनवाड़ी भवनों का
निर्माण वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर होता है। विभाग द्वारा आंगनवाड़ी
भवन निर्माण के संबंध में विभिन्न योजनाओं यथा पंच-परमेश्वर,
मनरेगा,परफारमेंस ग्राण्ट इत्यादि के अभिसरण से आंगनवाड़ी भवन निर्माण के
निर्देश कलेक्टर को दिये गये है तथा जिले में आईसीडीएस मिशन एवं 13 वें वित आयोग
अन्तर्गत आंगनवाड़ी भवन स्वीकृत किये गये है। (घ) रायसेन जिले में वर्ष 2015 में
आंगनवाड़ी केन्द्रों के किये गये निरीक्षण की जानकारी पुस्तकालय मे रखे परिशिष्ट
'स' अनुसार है। रायसेन जिले में वर्ष 2015 में आंगनवाड़ी केन्द्रों के किये गये
निरीक्षण की जानकारी पुस्तकालय मे रखे परिशिष्ठ 'स' अनुसार है।
गौ
संवर्धन एवं विकास योजना का संचालन
48. ( क्र. 649 ) श्री प्रताप
सिंह : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मध्यप्रदेश
में गौ संवर्धन एवं विकास के लिए क्या-क्या योजनाएं संचालित की जा रही हैं ? दमोह
जिले में कहां-कहां पर गौशालाएं स्थापित की गई हैं तथा कब-कब, किस स्थान पर
कार्यशालाओं का आयोजन कर बायोगैस, गौ मूत्र औषधि, पंच गव्य आदि तैयार करने का
प्रशिक्षण दिया गया ? संचालित प्रत्येक गौशालाओं में कितनी-कितनी गायें हैं तथा
उनमें से कितनी की मृत्यु हो चुकी है, मृत्यु होने का क्या कारण रहा है ? (ख)
प्रदेश में गौशाला खोले जाने की शासन की कोई योजना है ? यदि हां तो नियम/नीति
बतलावें, यदि नहीं तो क्यों ? (ग) दमोह जिले में गौ पालन एवं पशुधन संवर्धन बोर्ड
भोपाल के माध्यम से कितनी पंजीकृत गौशालाओं को आर्थिक सहायता वर्ष 2013-14 से
प्रश्न दिनांक तक उपलब्ध करायी गई है, प्रत्येक गौशालावार बतलावें ? (घ) गौशाला
खोले जाने हेतु राज्य शासन की ओर से स्वयंसेवी संस्थाओं को कितनी-कितनी भूमि किस
दर पर अथवा नि:शुल्क उपलब्ध करायी गई है ? भूमि आवंटन हेतु सक्षम अधिकारी कौन है
? अभी तक जिले में गौशालाओं के लिए कुल कितनी भूमि उपलब्ध करायी गई है, स्थानवार
एवं संस्थावार एवं संस्था प्रमुख का नाम एवं पता सहित बतलावें
?
पशुपालन मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) मध्यप्रदेश
में पशु पालन विभाग द्वारा गौशालाओं का अनुदान, नंदीशाला, गोपाल पुरस्कार योजना,
वत्स पालन प्रोत्साहन योजना ,दुधारू पशु इकाई प्रदाय योजना, आचार्य विद्यासागर
योजना तथा प्रक्षेत्रों के माध्यम से संवर्धन एवं विकास की योजनाएं संचालित हैं।
जिले में विभाग द्वारा गौशालाएं स्थापित नहीं की जाती हैं। दमोह जिले में अशासकीय
एवं स्वयं सेवी संस्थाओं द्वारा गौशालाएं स्थापित की गई हैं। जिनकी जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘‘अ‘‘ अनुसार है। वर्ष 2013-14 एवं वर्ष 2014-15 में
कृषि महोत्सव कार्यक्रम के दौरान जिले के प्रत्येक विकास खण्ड में एवं जिला स्तर के
कार्यक्रम में एक-एक संगोष्ठी का आयोजन कर बायोगैस, गौ मूत्र औषधि, पंचगव्य तैयार
करने की जानकारी से कृषकों, पशु पालकों एवं गौशाला के संचालकों को अवगत कराया गया
है। दमोह जिले की क्रियाशील गौशालाओं में गायों की संख्या एवं उनकी मृत्यु की
संख्या की जानकारी पुस्तकालय में रखे संलग्न परिशिष्ट ‘‘अ‘‘ अनुसार है। अपंग असहाय
एवं बूढ़ी गायों की मृत्यु स्वाभाविक हुई है। किसी बिमारी या आपदा के कारण गायों की
मृत्यु नहीं हुई है।(ख) जी हां। गौशालाएं प्रायः अशासकीय स्वयंसेवी संस्थाओं द्वारा
संचालित की जाती हैं। जिनका पंजीयन म.प्र.गौपालन एवं पशुधन संवर्धन बोर्ड द्वारा
किया जाता है। गौशालाओं के पंजीयन हेतु गौशाला समितियां निर्धारित प्रपत्र में उप
संचालक, पशु चिकित्सा सेवायें, को आवेदन करती हैं। (उप संचालक, जिला गौपालन एवं
पशुधन संवर्धन समिति के सचिव होते हैं।) बोर्ड की कार्य परिषद में इस गौशाला के
पंजीयन प्रस्ताव पर विचार कर कार्य परिषद के सदस्य को सत्यापन हेतु नामांकित करती
है, जिनके प्रतिवेदन उपरांत गौशाला का पंजीयन किया जाता है। गौशाला में कम से कम 50
गौवंश होना चाहिये व इन में से 75 प्रतिशत गौवंश निःशक्त, बिना दूध देने वाला होना
चाहिये। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘‘ब‘‘ अनुसार है।(घ) जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘‘स‘‘ अनुसार है। दमोह जिले में पंजीकृत गौशाला
जागेश्वर धाम गौशाला समिति, बांदकपुर को कलेक्टर, दमोह के रा.प्र.क. 20/अ19(अ) वर्ष
2014-15 आ दि. 23.05.2015 के अनुसार खसरा नं. 368/3 रकबा 3.000 गौशाला हेतु
अनुज्ञप्ति प्रदान की गई है। गौशाला प्रमुख श्री पंकज हर्ष श्रीवास्तव, दमोह हैं।
एवं गौसेवा एवं पर्यावरण संरक्षण समिति बांसातारखेड़ा के पंजीयन की कार्यवाही
प्रक्रियाधीन है। जिन्हें चांदा 1 लुप्त कलेक्टर महोदय दमोह के रा.प्र.क्र. 2
अ/19(1) वर्ष 2011-12 आ दि. 26.09.2012 के अनुसार रकबा 1.970 गौशाला हेतु आरक्षित
की गई है। जिसके प्रमुख श्री सुरेश चंद जैन बांसातारखेड़ा जिला दमोह
हैं।
विधान सभा क्षेत्र सारंगपुर अंतर्गत अतिक्रमण
49. ( क्र. 659 ) श्री कुँवरजी
कोठार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) जिला राजगढ़
की विधान सभा क्षेत्र सारंगपुर अंतर्गत कितनी-कितनी शासकीय भूमि उपलब्ध है ?(ख)
प्रश्नांश (क) अनुसार क्या अधिकतम शासकीय भूमि पर अतिक्रमण किया गया है ?यदि हां
तो कितनी शासकीय भूमि पर अतिक्रमण किया गया है ?
राजस्व मंत्री ( श्री
रामपाल सिंह ) : (क)जिला राजगढ़ के विधानसभा क्षेत्र सारंगपुर के अन्तर्गत
9476 हेक्टेयर भूमि शासकीय उपलब्ध है।(ख)जी हां। सारंगपुर अंतर्गत 34.089 हेक्टेयर
भूमि पर अतिक्रमण किया गया है।
नवीन हैण्डपंप का उत्खनन
50. ( क्र. 660 ) श्री कुँवरजी
कोठार : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जिला
राजगढ़ अंतर्गत विभाग द्वारा वर्ष 2014-15 एवं 01.04.2015 से 30.10.2015 तक नवीन
हैण्डपंप उत्खनन हेतु वित्तीय एवं भौतिक लक्ष्य कितना-कितना था ? कृपया विकास
खण्डवार जानकारी देवें ? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार दिये गये वित्तीय वर्षों में
हैण्डपंप उत्खनन हेतु दिये गये भौतिक लक्ष्यों के अनुसार ग्रामीण क्षेत्रों में
पेयजल हेतु व्यवस्था पूर्ण की जा सकेगी ? यदि नहीं तो शासन द्वारा हैण्डपंप
उत्खनन के लक्ष्यों को बढ़ाने की क्या कार्यवाही की जा रही है ? (ग) क्या जिला
राजगढ़ की विधानसभा क्षेत्र सांरगपुर में पूर्व से स्थापित/स्वीकृत नलजल एवं
मुख्यमंत्री पेयजल योजना की भौतिक स्थिति क्या है ? पूर्व से बंद
नलजल/मुख्यमंत्री योजनाओं को पुन: चालू करने के लिये विभाग द्वारा क्या-क्या
कार्यवाही की गई है ? (घ) क्या विधानसभा क्षेत्र सारंगपुर अंतर्गत पूर्व में
स्वीकृत नलजल/मुख्यमंत्री पेयजल योजना आज दिनांक तक विभाग द्वारा कार्य पूर्ण न
होने के कारण संबंधित ग्राम पंचायत को हस्तांतरित नहीं की गई है, उन्हें कब तक
पूर्ण कर संबंधित ग्राम पंचायत को हस्तांतरित कर दी जावेगी ?
पशुपालन
मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) राजगढ़ जिले हेतु वर्ष 2014-15 एवं
2015-16 (1.4.15 से 30.10.15 तक) में भौतिक लक्ष्य 150 एवं 86 तथा वित्तीय
लक्ष्य (रू. लाख में) 223.48 एवं 297.30 लाख है। लक्ष्य जिलेवार दिये जाते हैं,
विकासखण्डवार नहीं। (ख) जी नहीं, वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता के अनुसार
हैण्डपंप उत्खनन के लक्ष्यों के निर्धारण की कार्यवाही की जा रही है। (ग)
जानकारी पुस्तकालय मे रखे परिशिष्ठ अनुसार है।(घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित ही
नहीं होता।
सड़क हादसों में कार्यवाही
51. ( क्र. 679 ) कुँवर विक्रम
सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) छतरपुर जिले में
वर्ष 14-15 से प्रश्न दिनांक तक कितनी सड़क हादसे हुए कितनो की मृत्यु हुई तथा
कितनों के अंग भंग हुए ? (ख) सड़क हादसों में अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध
कितनी जांचे शासन के संज्ञान में प्राप्त हुई और उन पर अब तक क्या कार्यवाही की
गई ? (ग) ट्रॉफिक वार्डन योजना को छतरपुर जिले को सुगम एवं दुर्घटना विहीन बनाने
हेतु अब तक क्या प्रयास किये गये ?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) :
(क) छतरपुर जिले में वर्ष 2014-15 में घटित सड़क दुर्घटना,
मृत्यु एवं अंग भंग की जानकारी निम्नानुसार हैः-
वर्ष |
कुल सड़क दुर्घटना |
मृत्यु |
अंग भंग |
2014 |
741 |
186 |
72 |
2015 |
615 |
154 |
54 |
(ख)निरंक है।शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं होता। (ग)छतरपुर जिले को सुगम एवं दुर्घटना विहीन बनाने हेतु जिले में
ट्राफिक योजना के तहत ट्राफिक वार्डनों की नियुक्ति की प्रक्रिया चल रही है।
ट्राफिक वार्डन योजना में स्वेच्छा से कार्य करने के इच्छुक नागरिकों से आवेदन पत्र
मांगे गये हैं, जिसके उपरांत उनका वेरीफिकेशन कराने के उपरांत उनको ट्राफिक वार्डन
नियुक्त कर यातायात संचालन हेतु आवश्यक प्रशिक्षण देकर जिले में तैनात कर जिले के
यातायात को सुगम एवं दुर्घटनाविहीन बनाने में उनका उपयोग किया
जावेगा।
जिला न्यायालय को खरगोन स्थानांतरण करना
52. ( क्र. 694 ) श्री विजय
सिंह सोलंकी : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क)
प्रदेश में इवनिंग कोर्ट खोले जाने हेतु केंद्र सरकार से 01 जनवरी, 2010 से
पश्चात् कितनी राशि राज्य सरकार को प्राप्त हुई है ? इवनिंग कोर्ट खोले जाने की
नीति, निर्देश की एक प्रति देवें ? केंद्र सरकार से प्राप्त इवनिंग कोर्ट के लिये
क्या स्थान चयन भी नहीं किये गये कारण बतायें ? क्या उक्त राशि का उपयोग नहीं
किया गया है ? क्या यह राशि लेप्स हो जावेगी ? इसके जिम्मेदार कौन होंगे ?(ख)
खरगोन जिला न्यायालय को मंडलेश्वर से जिला मुख्यालय में स्थानांतरण करने संबंधी
वरिष्ठ कार्यालयों को कितने आवेदन प्राप्त हुए है, सूची देवें ? जिला न्यायालय
को जिला मुख्यालय खरगौन शहर में स्थानांतरण की कोई योजना प्रस्तावित है, यह
कार्य कब तक हो सकेगा ?(ग) जिला न्यायालय को स्थानांतरण करने संबंधी नीति की एक
प्रति देवें ?
पशुपालन मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क)
13वें वित्त आयोग की अनुशंसा के अंतर्गत प्रदेश में मार्निग/इवनिंग कोर्ट खोले जाने
हेतु केेंद्र सरकार से 01 जनवरी, 2010 से पश्चात् वर्ष 2010-11 में रू. 40.982
करोड़ तथा वर्ष 2011-12 में रू. 20.492 करोड़ इस प्रकार कुल रू. 61.473 करोड़ की
राशि राज्य सरकार को प्राप्त हुई हैंं।मार्निंग/इवनिंग कोर्ट खोले जाने की नीति,
निर्देश एवं कार्ययोजना की प्रति संलग्न परिशिष्ट पर है। मार्निंग/इवनिंग
कोर्ट के लिये निम्नानुसार स्थान चयन किए गएः-1-अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश स्तर
के 17 स्थानों पर कुल 30 न्यायालय चयनित किए गए थे। 2-मजिस्ट्रियल कोर्ट के कुल 22
स्थानों पर कुल 50 न्यायालय चयनित किए गये थे। उक्त राशि का उपयोग नहीं किया गया
है। उक्त राशि को ’’K’’ डिपाजिट में जमा कराये जाने की अनुमति वित्त विभाग द्वारा
दिनांक 30.03.2011 को प्रदान की गई परंतु तकनीकी कारणों से जिला कोषालय जबलपुर के
सर्वर पर उक्त राशि को डिपाजिट में जमा कराये जाने की प्रक्रिया नही की जा सकी
जिससे राशि का उपयोग नहीं किया जा सका। (ख) जिला न्यायालय को मंडलेश्वर से जिला
मुख्यालय मेे स्थानांतरण करने संबंधी चार आवेदन पत्र दिनांक 10.10.2004,
30.11.2011, 01.06.2011 एवं 13.06.15 को माननीय उच्च न्यायालय के माध्यम से प्राप्त
हुए है। जिला न्यायालय को जिला मुख्यालय खरगोन में स्थानांतरण के संबंध में व्यय की
पूर्ति हेतु बजट की उपलब्धता एवं आवश्यक मूलभूत सुविधाएं-जैसे न्यायालय हेतु भवन,
आवासीय भवनों आदि की व्यवस्था की जाना आवश्यक है। निश्चित समयावधि बताई जाना संभव
नहीं है। (ग) जिला न्यायालय को स्थानांतरण करने संबंधी कोई नीति नहीं है।
खरगौन जिलान्तर्गत आंगनवाड़ी केंद्र
53. ( क्र. 695 ) श्री विजय
सिंह सोलंकी : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी
कि (क) जिला खरगोन की भगवानपुरा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत किस-किस स्थान पर
आंगनवाड़ी केंद्र कब से संचालित हो रहे हैं ? केंद्रवार, स्थानवार जानकारी दें ?
ऐसे कितने स्थान हैं जहां आंगनवाड़ी केंद्र खोलना है, सूची देवें ? कितने
आंगनवाड़ी केंद्र, मिनी केंद्र शासकीय, किराये के भवन में संचालित हो रहे है,
किरायेवार सूची देवें ?(ख) आंगनवाड़ी केंद्रों में आई.सी.डी.एस. की सेवाओं तथा
अन्य दिवस, सप्ताह के लिये आवंटित बजट तथा बजट खर्च के निर्देश सहित सूची देवें ?
विगत एक वर्ष में उक्त सेवाओं तथा अन्य कार्यक्रम में लाभांवित हितग्राहियों की
संख्या देवें ?(ग) भगवानपुर विकासखण्ड में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता की भर्ती में
कितनी शिकायतें प्राप्त हुई तथा इनका निराकरण क्या किया गया, सूची देवें
?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) :
(क) खरगौन जिला के विधानसभा क्षेत्र भगवानपुरा क्षेत्रान्तर्गत कुल 463
आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित है। जानकारी पुस्तकालय मे रखे परिशिष्ट 'एक' , 'दो'
एवं 'तीन' अनुसार है। (ख) विधानसभा क्षेत्र भगवानपुरा जिला खरगौन अन्तर्गत
आंगनवाड़ी केन्द्रों में आईसीडीएस सेवाओं तथा अन्य दिवस,सप्ताह के लिये आवंटित बजट
का विवरण पुस्तकालय मे रखे परिशिष्ट 'चार' अनुसार है। आंगनवाड़ी केन्द्रों में
आईसीडीएस सेवाओं तथा अन्य दिवस,सप्ताह के लिये खर्च के निर्देशो की प्रतियां
पुस्तकालय मे रखे परिशिष्ट 'पांच' अनुसार है। विगत एक वर्ष (वित्तीय वर्ष 2014-15)
में उक्त सेवाओं तथा अन्य कार्यक्रम में लाभान्वित हितग्राहियों की
संख्यात्मक जानकारी पुस्तकालय मे रखे परिशिष्ट 'चार' अनुसार है। (ग) भगवानपुरा
विकासखण्ड में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता की भर्ती में प्राप्त एक शिकायत एवं निराकरण का
विवरण पुस्तकालय मे रखे परिशिष्ट 'छः' अनुसार है।
नल जल एवं
स्वजल धारा योजनाओं की स्वीकृति
54. ( क्र. 696 ) श्री विजय
सिंह सोलंकी : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क)
भगवानपुरा विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2010 से अब तक कितनी एवं कौन-कौन सी नल जल
योजना, स्वजलधारा योजना स्वीकृत की गई तथा कितनी विचाराधीन है, स्थानवार
तहसीलवार ब्यौरा देवें ?(ख) उपरोक्त अवधि में योजनांतर्गत कितनी योजनाएं संचालित
हैं, तहसीलवार बतायें ? कितनी टंकियों का निर्माण कहां-कहां कराया गया ? उनमें से
कितनी चालू हैं, कितनी बंद हैं ? बंद एवं अपूर्ण योजनाओं को कब तक प्रारंभ कर दिया
जावेगा ? व्यवधान का कारण क्या है ?(ग) चालू वित्त वर्ष में कितनी एवं कौन सी नल
जल योजना, स्वजलधारा योजनाओं की स्वीकृति प्राप्त है या प्रस्तावित है ?
स्वजलधारा योजनांतर्गत जिले को कितनी राशि ब्लॉकवार, पंचायतवार प्राप्त हुई है,
इसके खर्चे संबंधी क्या निर्देश है ?(घ) विभाग द्वारा सत्र 2014-15 में खरगौन जिले
में कुल कितने नलकूपों में मोटर पंप डाला गया तथा कितने स्थानों पर सोलर पंप लगाया
गया या प्रस्तावित किया गया है ?
पशुपालन मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह
महदेले ) : (क) प्रश्नांकित अवधि में स्वीकृत एवं विचाराधीन नलजल योजनाओं की
जानकारी पुस्तकालय मे रखे परिशिष्ठ के प्रपत्र-1 के अनुसार है। स्वजलधारा
योजनांतर्गत विभाग द्वारा कोई योजना स्वीकृत नहीं की गई है। (ख) भगवानपुरा
विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत भगवानपुरा, खरगौन एवं गोंगावा तहसील में क्रमशः 31,
48 एवं 43 इस प्रकार कुल 122 नलजल येाजनाएं संचालित हैं जो सभी चालू हैं।
प्रश्नांकित अवधि में निर्मित टंकियों एवं प्रगतिरत टंकियों की जानकारी पुस्तकालय
मे रखे परिशिष्ठ के प्रपत्र-2 अनुसार है। प्रगतिरत योजनाओं की पूर्णता
की निश्चित तिथि नहीं बताई जा सकती। (ग) भगवानपुरा विधानसभा क्षेत्र में चालू
वित्तीय वर्ष में विभाग द्वारा कोई भी नलजल योजना स्वीकृत नहीं की गई है। ग्राम
धूलकोट विकासखण्ड भगवानपुरा की आवर्धन योजना स्वीकृति हेतु प्रक्रियाधीन है।
स्वजलधारा योजना का क्रियान्वयन विभाग द्वारा नहीं किया जाता है अतएव शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं होता है।(घ) कुल 69 नलकूपों में सिंगलफेस मोटर पंप तथा 23
नलकूपों में सोलर पंप स्थापित किये गये। जानकारी पुस्तकालय मे रखे
परिशिष्ठ के प्रपत्र-3 एवं 4 के अनुसार है।
ई चालान कार्यवाही
55. ( क्र. 736 ) श्री राजेश
सोनकर : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) प्रदेश के
किन-किन शहरों में ई-चालान बनाये जा रहे हैं ? ई-चालान म.प्र. शासन के किस नियम के
तहत बनाये जा रहे हैं ? (ख) ई-चालान की तामिली इन्दौर शहर के थाना प्रभारियों
द्वारा किस आदेश के तहत कराई जा रही है ? (ग) ई-चालानों से कितनी दण्ड राशि वसूल
की गई एवं उक्त राशि किन-किन प्रायोजनों में व्यय की गई है एवं इनका वित्तीय
लेखा परीक्षण किस-किस वित्तीय वर्ष में कराया गया है ? (घ) वर्ष 2010 से प्रश्न
दिनांक तक इन्दौर शहर में कुल कितने ई-चालान बनाये गये हैं ? कुल कितने प्रकरण
न्यायालय में प्रस्तुत किये गये हैं व कितने लंबित हैं ?
गृह मंत्री (
श्री बाबूलाल गौर ) : (क) प्रदेश में भोपाल शहर में मोटर व्हीकल एक्ट, 1988 की
धारा 122/177, 119/177 एवं 129/177 के तहत ई-चालान की कार्यवाही की जा रही
है।
(ख) इन्दौर में ई-चालान की प्रक्रिया प्रारम्भ नहीं है।(ग) जिला भोपाल में
दिनांक 07.04.2014 से 20.11.2015 तक 12,608 ई-चालान कार्यवाही कर 48,77,450/- रूपये
समन शुल्क वसूल कर शासकीय कोष में जमा कराया गया है। जमा राशि की 75 प्रतिशत राशि
सड़क सुरक्षा कोष में आवंटित की जाती है जिससे प्रदेश के यातायात संबंधी उपकरण एवं
व्यवस्था में खर्च किये जाते हैं जिसका प्रतिवर्ष नियमानुसार लेखा परीक्षण कराया
जाता है। (घ) उत्तरांश ’ख’ के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं
होता।
फूड पार्क योजना
56. ( क्र. 754 ) श्री विष्णु
खत्री : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या
बैरसिया विधानसभा क्षेत्रांतर्गत फूड पार्क स्थापित किये जाने की कोई योजना
स्वीकृत की गयी है ? (ख) यदि स्वीकृत की गयी है तो किस स्थान पर की गयी है,
विभाग की क्या कार्ययोजना है ?
पशुपालन मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह
महदेले ) :
(क) जी नहींं। (ख) प्रश्नांश ’’क’’ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं
होता।
समूह नल-जल योजना
57. ( क्र. 755 ) श्री विष्णु
खत्री : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) बैरसिया
तहसील अंतर्गत विभाग द्वारा समूह नल-जल योजना प्रस्तावित है ? यदि हां, तो
कार्ययोजना क्या है ? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार यदि प्रस्तावित है तो इस समूह
नल-जल योजना की वर्तमान में स्वीकृति की क्या स्थिति है ?
पशुपालन
मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी हाॅं। विकासखण्ड बैरसिया जिला
भोपाल के 101 ग्राम एवं विकासखण्ड नटेरन जिला विदिशा के 50 ग्रामों की संजय सागर
बांध आधारित नेहरियाई समूह जल प्रदाय योजना का प्रस्ताव है। (ख) प्रस्तावित योजना
में सम्मिलित ग्रामों का सर्वेक्षण एवं विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन (डी.पी.आर.)
बनाने की कार्यवाही की जा रही है।
नल जल योजनाओं की स्वीकृति
58. ( क्र. 786 ) इन्जी.
प्रदीप लारिया : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क)
क्या नरयावली विधानसभा क्षेत्र में विगत पांच वर्षों में सागर एवं राहतगढ़
विकासखंड में कितनी नल जल योजनायें विभाग द्वारा प्रश्न दिनांक तक स्वीकृत की गई
है, कितनी वर्तमान में ग्रामों में चालू है, कितनी बंद है एवं कितनी अपूर्ण है ?
(ख)नरयावली विधान सभा क्षेत्र की बंद पड़ी नल जल योजनाओं को चालू करने हेतु विभाग
द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है ? (ग)नरयावली विधान सभा क्षेत्र की अपूर्ण नल
जल योजनायें पूर्ण करने के लिये विभाग द्वारा क्या कोई समय निर्धारित किया गया था
? यदि हां तो विभाग द्वारा निर्धारित समय में कार्य पूर्ण न होने से संबंधित
अधिकारी/एजेंसी के खिलाफ कोई कार्यवाही की गई है ?
पशुपालन मंत्री (
सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जानकारी पुस्तकालय मे रखे परिशिष्ठ के
प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) स्रोत असफल होने से बंद नलजल योजनाओं को चालू करने
के लिये विभाग द्वारा पुस्तकालय मे रखे परिशिष्ठ के प्रपत्र-2 अनुसार
कार्यवाही की जा रही है। अन्य कारणों से बंद योजनाओं के चालू करने का दायित्व
संबंधित ग्राम पंचायतों का है। (ग) जी हाँ। सफल स्रोत उपलब्ध न हो पाने के
कारण योजनाओं के पूर्ण होने में विलंब हुआ। कोई भी अधिकारी/एजेंसी दोषी नहीं है।
कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पदमाकर थाना का भवन निर्माण
59. ( क्र. 787 ) इन्जी.
प्रदीप लारिया : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या
पदमाकर थाने का भवन विभाग द्वारा स्वीकृत है ? यदि है तो कब स्वीकृत किया गया था
? (ख) भवन निर्माण का कार्य प्रश्न दिनांक तक क्यों प्रारंभ नहीं किया गया ? (ग)
भवन निर्माण का कार्य कब से प्रारंभ किया जावेगा ?
गृह मंत्री ( श्री
बाबूलाल गौर ) : (क) जी हाॅ। भारत सरकार गृह मंत्रालय (पुलिस आधुनिकीकरण संभाग)
के ज्ञाप दिनांक 26.08.2014 द्वारा पुलिस अधुनिकीकरण योजना वर्ष 2014-15 राज्य
स्तरीय प्लान-बी के अंतर्गत पदमाकर थाना भवन स्वीकृत किया गया है। (ख) भवन निर्माण
का कार्य प्रक्रियाधीन हैं।(ग) प्रक्रिया पूर्ण होते ही प्रारंभ किया जावेगा।
निश्चित समय बताना संभव नहीं है।
पेयजल योजना का क्रियान्वयन
60. ( क्र. 804 ) सुश्री हिना
लिखीराम कावरे : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क)
प्रदेश में कम वर्षा के कारण ग्रीष्म काल में पेयजल के लिए होने वाले परेशानियों
को ध्यान में रखते हुए विभाग ने क्या कोई कार्य योजना तैयार की है, विस्तृत
जानकारी दें ? (ख) पेयजल की समस्या से निपटने के लिए विभाग द्वारा जल स्तर बढ़ाने
के लिए स्टापडेम अथवा अन्य कौन-कौन से उपाय करना प्रस्तावित है ? (ग)
ग्रीष्मकाल में पेयजल की आपूर्ति टेंकरों द्वारा जरूरतमंद लोगों को पेयजल सप्लाई
करने हेतु क्या कोई योजना है ? यदि हां तो क्या ?
पशुपालन मंत्री (
सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ठ अनुसार है। (ख)
प्रदेश में पेयजल समस्या से निपटने के लिये जलस्तर बढ़ाने के लिये चेकडेम,
रिचार्जशाफ्ट एवं रिचार्ज पिट के निर्माण करवाया जाना जैसे उपाय वार्षिक कार्य
योजना में प्रस्तावित हैं। (ग) जी हाँ, समस्त पेयजल स्रोत समाप्त होने की
स्थिति में परिवहन के माध्यम से पेयजल उपलब्ध कराया जाना प्रस्तावित
है।
परिशिष्ट
पच्चीस RBC 6(4) के तहत किये गये संशोधन तथा क्रियान्वयन
61. ( क्र. 805 ) सुश्री हिना
लिखीराम कावरे : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) RBC
6(4) में पूर्ण क्षतिग्रस्त (प्राकृतिक आपदा से) मकानों के हितग्राहियों को
इंदिरा आवास का लाभ देने संबंधी कोई संशोधन किया गया है ? यदि हां तो कब किया गया
है ? कृपया RBC 6(4) की एक प्रति उपलब्ध कराने की कृपा करें ? (ख) बालाघाट जिले की
किरनापुर तथा लांजी तहसीलों में अतिवृष्टि से पूर्ण क्षतिग्रस्त हुए मकानों के
हितग्राहियों को इंदिरा आवास क्यों स्वीकृत नहीं किये गये ?(ग) बालाघाट में कुल
ऐसे कितने प्रकरण है जिनमें संशोधन के अनुसार पूर्ण क्षतिग्रस्त मकानों को इंदिरा
आवास का लाभ दिया जाना शेष है अथवा कितने प्रकरणों में दिये गये है
?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी नहीं। राजस्व पुस्तक
परिपत्र 6-4 की प्रति संलग्न है। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के प्रकाश
में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश (क) के उत्तर के प्रकाश में
प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
बैतूल में दर्ज आदिवासी प्रकरण
62. ( क्र. 837 ) श्री सज्जन
सिंह उईके : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) दि.
23.03.2012 को बैतूल निवासी श्रीमती इमरती बाई की हत्या गोली मारने से हुई थी ?(ख)
बैतूल थाने में श्रीमती इमरती बाई ने नाबालिग बेटी के अपहरण ज्यादती की रिपोर्ट
दर्ज की थी ? यदि हां तो जांच क्यों नहीं हुई ? (ग) क्या पुलिस ने शिकायतकर्ता को
सहयोग किया था ? यदि हां तो कितने समय में यदि नहीं तो विलंब के लिये कौन
जिम्मेदार है ? (घ) क्या आदिवासी पीडि़तों के साथ पुलिस भेदभाव करती है ? वर्ष
2012 से 2015 तक अ.ज.जा. अपराध की जानकारी देवें ?
गृह मंत्री ( श्री
बाबूलाल गौर ) : (क) जी हाॅ।(ख) श्रीमती इमरती बाई ने नाबालिग बेटी के अपहरण
ज्यादती की रिपोर्ट दर्ज नहीं कराई थी बल्कि इमरती बाई की पुत्री पीडि़ता रेणू उईके
पुत्री श्री श्यामराव ने दिनांक 10.02.2012 को अपहरण एवं ज्यादती की रिपोर्ट
कोतवाली बैतूल में दर्ज कराई थी। रिपोर्ट पर थाना कोतवाली में अपराध क्रमांक 89/12,
धारा 376, 342, 506, 109, 34 भादवि सहपठित धारा 3(2)5 अजा/जजा अधिनियम का 1-
श्रीमती रानी पत्नी शंकर उर्फ मंटू यादव, 2- राजेश किरार के विरूद्ध कायम
किया गया था। जिसमें रानी यादव को दिनांक 11.02.12 एवं राजेश किरार को दिनांक
26.03.2012 को गिरफ्तार कर मान0 न्यायालय के समक्ष पेश किया गया। माननीय न्यायालय
द्वारा दिनांक 04.09.2015 को अंतिम निर्णय पारित कर दोनों अपराधियों 1- श्रीमती
रानी पत्नी शंकर एवं 2- राजेश किरार को 10-10 वर्ष के कठोर करावास एवं 35,000/-
रूपये (रू. पैंतीस हजार) के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया है। न्यायालयीन निर्णय की
छायाप्रति संलग्न है। (ग) शिकायतकर्ता श्रीमती इमरती बाई ने दिनांक 20.03.2012 को
थाना अजाक बैतूल में एक शिकायती आवेदन प्रस्तुत किया था। इस आवेदन पर थाना अजाक
बैतूल त्वरित कार्यवाही नहीं की गई। दिनांक 23.03.2012 को इमरती बाई की हत्या के
उपरांत दिनांक 25.03.2012 को थाना अजाक में विलंब से अपराध पंजीबद्ध किया गया।
विलंब से अपराध पंजीबद्ध करने के लिय 1- तत्का. उप पुलिस अधीक्षक (अजाक) सतीश
चन्द्र मिश्रा, 2- उ0नि0 आर0के0 बिसारे, 3- प्र0आर0 सुरेन्द्र शुक्ला
जिम्मेदार थे। विलंब से अपराध पंजीबद्ध के दण्डस्वरूप तत्का0 उप पुलिस अधीक्षक
(अजाक) श्री सतीश चन्द्र मिश्रा के सेवानिवृत्त होने से देय पेंशन से 15
प्रतिशत राशि 5 वर्ष तक की अवधि के लिये वापस लेने के दण्ड से एवं उनि आर0के0बिसारे
को आगामी देय वार्षिक वेतन वृद्धि एक वर्ष की अवधि के लिये असंचयी रूप से रोके जाने
के दण्ड से दण्डित किया गया है। प्र0आर0 सुरेन्द्र शुक्ला के विरूद्ध पर्याप्त
साक्ष्य अभाव में विभागीय जांच नहीं की गई है। (घ) जी नहीं। वर्ष 2012 से 2015 तक
अ.ज.जा. वर्ग पर घटित अपराध की जानकारी पुस्तकालय मे रखे परिशिष्ट अनुसार
है।
अवर्षा से प्रभावित फसल का सर्वे
63. ( क्र. 838 ) श्री सज्जन
सिंह उईके : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क)
घोड़ाडोंगरी विधानसभा क्षेत्र के घोड़ाडोंगरी, शाहपुर, चिचोली तहसील में कौन-कौन सी
खरीफ फसल कृषकों द्वारा बोई गई थी ? (ख) खरीफ फसल अवर्षा से प्रभावित हुई है ?
सोयाबीन का अवर्षा से सर्वे हुआ है ? धान क्षेत्र चोपना (बैतूल) में सर्वे से
प्रभावित क्षेत्र बताईये ? मक्का का भी प्रभावित क्षेत्रफल बताईयें ? कितने कृषकों
का घोड़ाडोंगरी, शाहपुर, चिचोली में मुआवजा बना है ? सूची देवें ? (घ) क्या म.प्र.
शासन मुआवजा के साथ बीमा भी देगा ?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह )
: (क)(ख)(ग)(घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
प्रदेश में
नामान्तरण बटबारे के प्रकरण पुन: राजस्व निरीक्षकों को देना
64. ( क्र. 866 ) श्री
सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे
कि(क) क्या प्रदेश में भू-अभिलेख राजस्व संहिता अधिनियम 1959 में संशोधन कर
अविवादित, नामान्तरण, बटवारे के अधिकार राजस्व निरीक्षकों से वापस कर वर्ष 1993
में पंचायती राज्य लागू होने पर पंचायतों को सौंपे गये थे ? क्यों ? यह किस वर्ष
तक लागू रहे ? (ख) क्या पंचायती राज्य लागू होने से यह अधिकार वर्ष 2014 तक
पंचायतों के पास रहे ? इन्हें कब राजस्व अधिकारियों को वापस किया गया ? (ग) क्या
उक्त अधिकार पूर्व की भांति राजस्व-निरीक्षकों को न देकर तहसीलदारों को दिये हैं,
क्यों ? इन्हें राजस्व निरीक्षकों देने में क्या शासन विचार कर रहा है ? यदि
हां तो कब तक ?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) :
(क)एवं(ख)मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 110 के अनुसार नामांतरण
की शक्तियां तहसीलदार को प्रदत्त है। अविवादित नामांतरण के मामलो के लिये यह
शक्तियां दिनांक 28.07.1975 को राजस्व निरीक्षको को प्रदत्त की गई जो दिनांक
21.10.94 को ग्राम पंचायतों को सौपी गई, दिनांक 26.01.2001 को ग्राम पंचायतो से
वापस लेकर ग्राम सभाओं को सौपी गई, दिनांक 20 मार्च 2013 को वापस तहसीलदार को
प्रदत्त की गई। दिनांक 21.10.94 से 20 मार्च 2013 तक(ग)जी हॉ। जी नही। शेष
प्रश्न उदभूत नही होता।
छिन्दवाड़ा जिले में सीमा
चिन्ह स्थापित कराया जाना
65. ( क्र. 868 ) पं. रमेश
दुबे : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) सीमा चिन्ह
मिट जाने की दशा में भूमियों के सीमांकन किये जाने की क्या प्रक्रिया है ? नियम
निर्देश की प्रति सहित प्रक्रिया की जानकारी दें ? (ख) विगत राजस्व वर्ष से
वर्तमान तक सीमा चिन्ह के अभाव में सीमांकन नहीं करने के राजस्व निरीक्षक अथवा
पटवारियों के प्रतिवेदन पर छिन्दवाड़ा जिले में सीमांकन के कितने प्रकरण कब
निरस्त अथवा नस्ती किये गये ? (ग) सीमा चिन्ह के अभाव में निरस्त किये गये
सीमांकन प्रकरणों के पश्चात् सीमा चिन्ह गड़ाये जाने के लिए क्या किसी स्तर से
कोई पहल की गयी ? यदि नहीं तो क्यों ? सीमा चिन्ह के अभाव में आवेदक की भूमियों
का सीमांकन नहीं हो पाने के लिए कौन लोग जिम्मेदार है तथा शासन उनके विरूद्ध क्या
कार्यवाही कर रही है ? (घ) क्या प्रश्नकर्ता विधायक ने श्री शुभम पालीवाल कृषिक
काराबोह, तहसील चौरई जिला-छिन्दवाड़ा के भूमि का चांदा स्थापित नहीं होने पर
सीमांकन नहीं होने के कारण चांदामुनारा स्थापित कर सीमांकन सुनिश्चित किये जाने के
संबंध में कलेक्टर छिन्दवाड़ा को पत्र क्रमांक 193 दिनांक 03/03/2015 प्रेषित
किया था ? यदि हां तो अभी तक चांदा मुनारा स्थापित नहीं होने तथा सीमांकन नहीं
होने के क्या कारण हैं ?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) :
(क)(ख)(ग)(घ)जानकारी एकत्रित की जा रही है।
दुग्ध समितियों
द्वारा दुग्ध प्रदाय
66. ( क्र. 878 ) श्री जालम
सिंह पटेल : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क)
नरसिंहपुर जिलान्तर्गत कौन-कौन सी दुग्ध समितियों द्वारा दुग्ध संकलन कर
डेयरियों का प्रदाय किया जा रहा है ? (ख) क्या प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा इस
संबंध में मिल्क रूट बनाये जाने संबंधी कर्मचारी दिए जाने के संबंध में पत्र
व्यवहार किया गया है ?(ग) क्या इस संबंध में कोई कार्ययोजना बनाई गई है
?
पशुपालन मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क)
नरसिंहपुर जिलान्तर्गत कुल 32 दुग्ध समितियों द्वारा दुग्ध शीतकेन्द्र
नरसिंहपुर को दूध प्रदाय किया जा रहा है। दुग्ध समितियों की जानकारी परिशिष्ट ''अ''
अनुसार है।
(ख) जी
नहीं।
(ग) जी नहीं। यद्यपि दुग्ध संघ द्वारा दुग्ध समितियां
पुनर्जीवित करने एवं नवीन दुग्ध समितियों के गठन का कार्य जारी है।
परिशिष्ट
छब्बीस अविवादित नामांतरण/बंटवारे के प्रकरण
67. ( क्र. 886 ) श्री गिरीश
भंडारी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या
राजस्व के अविवादित नामांतरण/बंटवारों का निराकरण करने की कोई समय सीमा है ? यदि
है तो क्या ? नरसिंहगढ़ विधानसभा क्षेत्र के तहसील एवं टप्पो नरसिंहगढ़/
बोड़ा/तलेन/कुरावर/पचोर में कितने प्रकरण दर्ज हुये जानकारी देवें ? (ख) प्रश्न की
कंडि़का (क) की उपलब्ध जानकारी अनुसार उक्त तहसीलों/टप्पो में दर्ज प्रकरणों को
समय सीमा में पूरा किया गया ? प्रश्न दिनांक तक कितने प्रकरण विचाराधीन है ? अगर
प्रकरणों को समय सीमा में पूरा नहीं किया गया है तो संबंधित अधिकारी के खिलाफ क्या
कार्यवाही कब तक की जावेगी ? समय सीमा बतावें ?
राजस्व मंत्री ( श्री
रामपाल सिंह ) : (क)जी हां। मध्य प्रदेश शासन के सिटीजन चार्टर के अनुसार
अविवादित नामांतरण/बंटवारों के निराकरण करने की समय सीमा एक माह निर्धारित है। उसी
प्रकार मध्यप्रदेश शासन राजस्व विभाग मंत्रालय का पत्र क्रमांक एफ
5-
14/
2014 /सात
-1
दिनांक 28.1.2014 के अनुसार लोक सेवा गारंटी की सेवा क्रमांक 4.14
अविवादित नामांतरण के निराकरण की समय-सीमा 30 दिवस एवं मध्य प्रदेश शासन राजस्व
विभाग मंत्रालय का पत्र क्रमांक
5-
15/
2014/सात
-1
दिनांक
28.
01.
2014 के अनुसार लोक सेवा गारंटी की सेवा क्रमांक 4.15 अविवादित
बटवारा के निराकरण की समय-सीमा 90 दिवस निर्धारित की गई है।
नरसिंहगढ विधान सभा क्षेत्र के तहसील एवं टप्पो,
नरसिंहगढ,बोडा/तलेन/कुरावन/पचोर में वर्ष 2015-16 में अविवादित नामांतरण एवं
अविवादित बंटवारा के निम्नानुसार प्रकरण दर्ज हैं:-
न्यायालय |
अविवादित नामांतरण |
अविवादित वटवारा |
नरसिंहगढ |
11 |
03 |
बोडा |
09 |
02 |
कुरावन |
15 |
03 |
तलेन |
10 |
15 |
पचोर |
35 |
12 |
कुल प्रकरण |
80 |
35 |
(ख) जी हां।
उपरोक्त सभी दर्ज प्रकरणों का निराकरण समय-सीमा में पूर्ण कर लिया गया है। वर्तमान
में संबंधित न्यायालयों में कोई भी प्रकरण लंबित नहीं है।
नरसिंहगढ़
विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत संचालित आंगनवाड़ी केन्द्र
68. ( क्र. 890 ) श्री गिरीश
भंडारी : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि
(क) नरसिंहगढ़ विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत कुल कितने आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित हैं
? ग्रामवार सूची उपलब्ध कराये ? (ख) प्रश्न की कंडिका (क) की उपलब्ध जानकारी
अनुसार कितने आंगनवाड़ी भवन शासकीय भवन में है तथा कितने किराये के भवन में संचालित
हैं ? अलग-अलग सूची उपलब्ध करायें ? (ग) प्रश्न की कंडिका (ख) अनुसार शासकीय भवन
विहीन आंगनवाड़ी केन्द्रों पर कब तक शासकीय भवन स्वीकृत किये जावेंगे
?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) :
(क) नरसिंहगढ़ विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत 454 आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित है।
ग्रामवार सूची पुस्तकालय में रखें परिशिष्ट ‘क‘ अनुसार है
।(ख्र) नरसिंहगढ़ विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत 259 ऑगनवाडीयॉ शासकीय भवनों में, 195
ऑगनवाडियॉ किराये के भवन में संचालित है । विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में
रखें परिशिष्ट ‘ख‘ एवं ‘ग‘अनुसार है । (ग) आंगनवाड़ी भवनों का निर्माण कार्य
वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर करता है। अतः समय सीमा दिया जाना संभव नही
है ।
पटवारी संवर्ग को रु. 2800 की
ग्रेड वेतन दिया जाना
69. ( क्र. 906 ) श्री जितू
पटवारी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) म.प्र. में
कार्यरत पटवारियों (राजस्व) को दिये जाने वाले हल्के या क्षेत्रफल का कोई
मापदण्ड निर्धारित है, यदि हां तो एक पटवारी के लिये हल्के का गठन कितने
हेक्टेयर भूमि पर किया जाता है ? नियम से संबंधित प्रति उपलब्ध करवाये ? (ख)
म.प्र. में जिलेवार कितने हेक्टेयर भूमि उपलब्ध है, एवं जिलेवार पटवारियों के
कितने पद स्वीकृत कार्यरत एवं रिक्त हैं, तथा कितने पटवारियों को हल्कों का
अतिरिक्त प्रभार दिया गया है ? (ग) क्या शासन द्वारा सन् 2007 में पटवारी संवर्ग
को छटे वेतनमान के अनुसर रु. 2800 ग्रेड वेतन प्रदान करने का आश्वासन दिया गया था
? यदि हां तो इस पर क्या कार्यवाही की गई है एवं नहीं तो क्यों कारण बतावे ? (घ्)
क्या म.प्र. शासन द्वारा पटवारियों की मांग एवं शासन द्वारा की गई घोषणा के अनुरूप
वेतनमान प्रदान किया जावेगा ?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) :
(क) पटवारी हल्को के गठन का मापदण्ड क्षेत्रफल न होकर पंचायतवार निर्धारित किया
गया है पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट "अ" अनुसार। (ख) जिलेवार भूमि का
क्षेत्रफल पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट "ब" अनुसार है, पटवारियों
के स्वीकृत्त, भरे, रिक्त पदो की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट
"स" अनुसार है, पंचायतवार हल्कों के गठन के पश्चात हल्को की कुल संख्या 23542 हो गई
है। इससे 11920 अतिरिक्त हल्के सृजित हुए है। इनमें से 10248 अतिरिक्त हल्कों का
प्रभार कार्यरत पटवारियों को दिया गया है। (ग) पटवारियों के ग्रेड वेतन दिये जाने
प्रकरण हेतु विचाराधीन है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं।(घ) "ग" के उत्तर के
प्रकाश में प्रस्ताव विचाराधीन है।
100 डायल योजना का
क्रियान्वयन
70. ( क्र. 907 ) श्री जितू
पटवारी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) विभाग द्वारा
लागू की गई 100 डायल योजना का मूल उददेश्य एवं कार्यप्रणाली क्या है, एवं ये
योजना म.प्र. के किन-किन शहरों में लागू की जाकर कितने वाहन उपलब्ध करवाये गये है
? (ख) क्या उपरोक्त योजना हेतु एफवीआर (फास्ट रिस्पांस वैन) वाहन क्रय किये गये
हैं या किसी कंपनी से अनुबंधित किये गये हैं ? यदि अनुबंधित किये गये हों तो किराया
दर, कितने समय हेतु वाहन अनुबंधित किये गये हैं ? (ग) प्रश्नांक (ख) के तारतम्य
में, क्या इसके लिये समाचार पत्रों में विज्ञापन निकाला गया था, किन-किन फर्मों
द्वारा टेण्डर प्रक्रिया में भाग लिया गया ? चयन प्रक्रिया से संबंधित दस्तावेज
उपलब्ध करावे ? (घ) क्या उपरोक्त योजना का क्रियान्वयन केवल शहरी क्षेत्र में
ही लागू किया गया है, या ग्रामीण क्षेत्रों में भी लागू किया गया है ? (ड.) क्या
इन्दौर जिले की राऊ, सॉवेर, देपालपुर एवं महु तहसीलों से लगे ग्रामीण क्षेत्रों
में एफवीआर वाहन उपलब्ध करवाये गये है ? यदि हां तो कितने एवं नहीं तो कब तक
उपलब्ध करवाये जावेगे ?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) डायल
100 योजना का मूल उद्देश्य आपात कालीन परिस्थिति में आमजन तक पुलिस की पहुॅच को
सुलभ बनाना है। योजना की कार्यप्रणाली के अंतर्गत पुलिस सहायता की आवश्यकता होने पर
आमजन द्वारा 100 नम्बर पर फोन लगाये जाने पर फोन राज्य पुलिस कन्ट्रोल रूम, भोपाल
में लगेगा। कन्ट्रोल रूम द्वारा घटनास्थल पर सबसे नजदीकी फर्स्ट रिस्पांस वाहन को
भेजकर समस्या का विधि अनुसार समुचित निराकरण किया जावेगा। 1 नवम्बर से 07 जिलों
में, भोपाल में 40 वाहन, इंदौर में 40 वाहन, ग्वालियर में 40 वाहन, जबलपुर में 40
वाहन, सागर में 20 वाहन, रीवा में 20 वाहन एवं उज्जैन में 20 वाहनों के साथ योजना
प्रारंभ की जा चुकी है। प्रदेश के शेष जिलों में भी शीघ्र सेवा प्रारम्भ की
जावेगी।(ख) डायल 100 योजना हेेतु एफआरवी वाहन (फर्स्ट रिस्पाॅन्स व्हीकल) वाहन
क्रय नहीं किय गये है। खुली निविदा के माध्यम से मे. बी.व्ही.जी इण्डिया लिमिटेड,
पुणे को डायल-100 प्रोजेक्ट हेतु ’’टर्न की’’ आधार पर अनुबंधित किया गया है।
इस ’’टर्न की’’ प्रोजेक्ट के अंतर्गत मे. बीव्हीजी द्वारा 31 मार्च 2020 तक के लिये
मासिक किराया आधार पर वाहन अनुबंधित किये गये है। प्रतिवाहन प्रतिमाह किराया राशि
रू. 68500/- है। कम्पनी द्वारा प्रति वाहन 03 चालक दिये जावेंगे।(ग) उक्त योजना
हेतु खुली निविदा के तहत प्रदेश एवं राष्ट्रीय स्तर के समाचार पत्रों में सूचना एवं
जन संपर्क संचालनालय, म0प्र0 भोपाल के माध्यम से विज्ञापन प्रकाशित कराये गये थे।
म0प्र0 पुलिस की वेबसाईट www.mppolice.gov.in पर भी निविदा संबंधी संपूर्ण जानकारी
एवं निविदा दस्तावेज अपलोड कराये गये थे।
स0क्र0 |
फर्म का नाम |
1 |
में0 बीव्हीजी इण्डिया लिमिटेड, पुणे
(महाराष्ट्र) |
2 |
में0 जीव्हीके ईएमआरआई, सिकन्दराबाद
(आन्ध्रप्रदेश) |
3 |
में0 लार्सन एण्ड टूब्रो लिमिटेड, नई
दिल्ली |
चयन प्रक्रिया से संबंधित दस्तावेज पुस्तकालय में
रखे गए परिशिष्ट के प्रपत्र ’अ’ तथा ’ब’ अनुसार हैं। (घ) योजना का क्रियान्वयन शहरी
एवं ग्रामीण क्षेत्रों में समान रूप से किया जा रहा है।(ड़) इंदौर जिले के सांवेर,
देवालपुर एवं महू तहसीलों के लिये 12 एफआरव्ही वाहन उपलब्ध करवाये गये
है।
मानव तस्करी एवं गुमशुदगी के दर्ज
प्रकरण
71. ( क्र. 912 ) श्री मुकेश
नायक : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) वर्ष 2014 और वर्ष
2015 में 30 सितम्बर तक महिलाओं, बालकों और बालिकाओं के अपहरण, मानवी तस्करी और
गुमशुदगी के कुल कितने प्रकरण पुलिस थानों में दर्ज किये गये और कितने मामलों में
कार्यवाही की गई ? (ख) राज्य के विभिन्न जिलों में मानव तस्करी से संबंधित
अपराधों की रोकथाम के लिये शासन ने अब तक क्या व्यवस्था की है ?
गृह
मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) वर्ष 2014 एवं वर्ष 2015 (30 सितम्बर तक) की
अवधि में महिलाओं, बालकों और बालिकाओं से संबंधित अपहरण के कुल प्रकरण 12,938 मानव
तस्करी के कुल 156 तथा गुमशुदगी के कुल 32677, प्रदेश के थानों में पंजीबद्ध किये
गये हैं। सभी प्रकरणों में विधि अनुरूप कार्यवाही की गई है। (ख) मानव दुव्र्यापार
की रोकथाम हेतु सभी जिलों में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षकों/उप पुलिस अधीक्षकों को मानव
दुव्र्यापार के प्रकरणों की समीक्षा एवं पर्यवेक्षण हेतु नोडल अधिकारी बनाया गया
है। केन्द्रीय शासन के अनुमोदन उपरांत 24 मानव दुव्र्यापार निरोधी इकाईयों के
साथ-साथ अन्य जिलों में भी अतिरिक्त पुलिस अधीक्षकों के निर्देशन में इन प्रकरणों
की विवेचना की जाती है। मानव दुव्र्यापार रोकने हेतु पुलिस मुख्यालय द्वारा उचित
दिशा-निर्देश जारी किये गये हैं एवं पुलिस अधिकारियों एवं कर्मचारियों को इस अपराध
के प्रति संवेदनशील बनाने हेतु कार्यशाला का आयोजन किया गया है। इस कार्य में स्वयं
सेवी संगठनों का भी सहयोग लिया जाता है।
महिलाओं से संबंधित
दर्ज अपराध
72. ( क्र. 915 ) श्री मुकेश
नायक : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) मध्यप्रदेश में
वर्ष 2014-15 और वर्ष 2015 में सितम्बर माह तक बलात्कार, बलात्कार के प्रयास और
महिलाओं, बालिकाओं से छेड़छाड़ के जिलेवार कितने अपराध दर्ज किये गये और उन पर
क्या पुलिस कार्यवाही की गई ? (ख) भारत के अन्य राज्यों की तुलना में
मध्यप्रदेश में महिलाओं पर अत्याचार, बलात्कार, छेड़छाड़ जैसे अपराधों में क्या
सबसे ज्यादा वृद्धि हुई है ? यदि हां, तो विवरण दीजिए ?
गृह मंत्री (
श्री बाबूलाल गौर ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) जी
नहीं। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पेयजल व्यवस्था
73. ( क्र. 923 ) श्री मधु
भगत : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विभाग द्वारा
परसवाड़ा विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत पेयजल हेतु क्या-क्या व्यवस्थाएं
किस-किस ग्राम में क्या-क्या की गई और उनसे कितने हितग्राही लाभान्वित हुए ? (ख)
क्या विभाग द्वारा परसवाड़ा विधान सभा क्षेत्र अन्तर्गत पेयजल की कमी हेतु कोई
जानकारी संग्रहित की गई ? किस-किस ग्राम में, मापदण्ड के अनुसार कितने हैण्डपंप
के स्त्रोत है और कितने की आवश्यकता है ? (ग) क्षेत्र के अंतर्गत जल के लेवल
जांचने हेतु या जल कष्ट की समस्याओं के निराकरण हेतु उक्त अवधि में क्या दौरे
किये गये ? यदि हां तो कब-कब ?
पशुपालन मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह
महदेले ) :
(क) जानकारी पुस्तकालय मे रखे परिशिष्ठ के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख)
जी हाॅं। जानकारी पुस्तकालय मे रखे परिशिष्ठ के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग)
जी हाॅं। जानकारी पुस्तकालय मे रखे परिशिष्ठ के प्रपत्र-3
अनुसार है।
भू-अधिकार एवं ऋण पुस्तिका का वितरण
74. ( क्र. 926 ) श्री हेमन्त
विजय खण्डेलवाल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क)
क्या नवीन एकीकृत भू-अधिकारी एवं ऋण पुस्तिका खातेदारों को नि:शुल्क प्रदान किये
जाने का निर्णय शासन द्वारा लिया गया है ? यदि हां तो कब ? (ख) बैतूल जिले में
कितने खातेदार हैं जिन्हें भू-अधिकारी एवं ऋण पुस्तिका का वितरण किया जाना है ?
तहसील एवं विकास खण्डवार जानकारी दें ? (ग) क्या इन निर्देशों के तहत बैतूल जिले
में समस्त खातेदारों को भू-अधिकार एवं ऋण पुस्तिकाओं का वितरण कर दिया गया है ?
यदि नहीं तो किस-किस विकासखण्ड के कितने खातेदारों को वितरण किया जाना शेष है ?
(घ) भू-अधिकार पत्र एवं ऋण पुस्तिकायें कब तक वितरित कर दी जावेंगी ? समय सीमा
बताइये ?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क)(ख)(ग)(घ)जानकारी
एकत्रित की जा रही है।
बैतूल जिले को प्राप्त विभागीय आवंटन
75. ( क्र. 927 ) श्री हेमन्त
विजय खण्डेलवाल : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क)
बैतूल जिले के अंतर्गत उद्यानिकी विभाग में विगत तीन वर्षों में किस-किस कार्य हेतु
कितना आवंटन प्राप्त हुआ तथा किस-किस कार्य पर कितना व्यय किया गया ?वर्षवार
जानकारी दें ? (ख) क्या सरकार की कोई योजना है जिसके तहत किसानों को अनुदान दिया
जाता है ? यदि हां तो कौन-कौन सी योजनायें हैं तथा योजनावार किस-किस उद्देश्य के
लिये अनुदान दिया जाता है ? (ग) बैतूल जिले में 2013-14, 2014-15 एवं 2015-16 में
प्रश्न दिनांक तक वर्षवार किस-किस योजनान्तर्गत कितने कृषकों को अनुदान दिया गया
है ? विकास खण्डवार एवं वर्षवार जानकारी उपलब्ध कराई जावे ? (घ) उपरोक्त वर्षों
में किस-किस कम्पनी से कितनी-कितनी राशि की क्या-क्या सामग्री क्रय की गई तथा
इसका क्या उपयोग किया गया ं?
पशुपालन मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह
महदेले ) :
(क) जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। (ख) जीं
हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। (ग)
जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-स अनुसार है।
(घ) जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-द अनुसार है।
दुग्ध संघ का गठन
76. ( क्र. 928 ) श्री हेमन्त
विजय खण्डेलवाल : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क)
क्या माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा बैतूल जिले में दुग्ध संघ के गठन के संबंध
में कोई घोषणा की गई थी ? (ख) यदि हां तो बैतूल, हरदा एवं होशंगाबाद जिले को मिलाकर
दुग्ध संघ का गठन किये जाने का कोई प्रस्ताव शासन के पास विचाराधीन है ? (ग) यदि
हां तो दुग्ध संघ का गठन कब तक कर दिया जावेगा ?
पशुपालन मंत्री (
सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी
नहीं।(ख) जी नहीं।(ग) प्रश्नांश 'क'
व 'ख' के परिपेक्ष में प्रश्न उपस्थित नहीं
होता।
अनुपपुर में विधिक सहायता हेतु लंबित प्रकरणों का निराकरण
77. ( क्र. 949 ) श्री
फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी
कि (क) जिला अनुपपुर में विधिक सहायता हेतु कितने प्रकरण 1 अप्रैल, 2014 से प्रश्न
दिनांक तक प्राप्त हुये ? तहसीलवार संख्या बतायें ? (ख) उक्त प्रकरणों में
कितनों को सहायता राशि दी गई तथा कितने प्रकरण वर्तमान में लंबित हैं ? लंबित रहने
का क्या कारण रहा ? क्या शासन लंबित प्रकरणों का निराकरण कर विधिक सहायता प्रदान
करेगा ? यदि हां, तो कब तक ?
पशुपालन मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले
) : (क) 113 प्रकरण प्राप्त हुए तहसीलवार विवरण निम्नानुसार है:- अनूपपुर 77,
तहसील विधिक सेवा समिति कोतमा 25 एवं तहसील विधिक सेवा समिति
राजेन्द्रग्राम 11 (ख) 21 प्रकरणों में विधिक सहायता राशि
प्रदान की गई, 92 प्रकरण लंबित है, न्यायालय
से निराकरण होने के बाद सहायता राशि अधिवक्ता शुल्क प्रदान की
जायेगी, जी हॉ, न्यायालय निर्णय उपरांत निर्णय की कापी प्राप्त होने
पर।
कृषकों हेतु संचालित योजनाओं में अनियमितता
78. ( क्र. 956 ) श्री हर्ष
यादव : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सहायक
संचालक, उद्यान जि. सागर द्वारा वित्तीय वर्ष 2013-14, 2014-15 एवं प्रश्न दिनांक
तक विभिन्न मदों से प्राप्त आवंटन से जिले की नर्सरियों में किस-किस कार्य में
कितना-कितना व्यय किया गया तथा कृषकों को फलोद्यान, बीज वितरण व अन्य योजनाओं में
कहां-कहां, क्या-क्या कार्य, कितनी-कितनी राशि से किये गये ? (ख) प्रश्नांश (क)
वर्णित अवधि में विभागीय कर्मचारियों, अधिकारियों की मनमानी व अनियमितता की
शिकायतें कृषकों द्वारा शासन को की गई हैं ? उन पर अब तक क्या कार्यवाही की गई ?
(ग) सागर जिले में विभागीय अधिकारियों, कर्मचारियों द्वारा नियम विरूद्ध राशि का
दुरूपयोग किया गया है ? क्या इसकी जांच वरिष्ठ अधिकारियों से कराई जाकर संबंधितों
पर कार्यवाही की जावेगी ? नहीं तो क्यों ?
पशुपालन मंत्री ( सुश्री
कुसुम सिंह महदेले ) :
(क) जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ एवं ब अनुसार
है। (ख) जी
नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
(ग) जी नहीं।
शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नल-जल योजनाओं का पुन: विभाग को अंतरण
79. ( क्र. 957 ) श्री हर्ष
यादव : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) अब तक
प्रदेश में ग्रामीण क्षेत्रों में जिलावार कुल कितनी नल-जल योजनायें/पेजजल योजनायें
निर्मित की गई हैं ? इनमें से कितनी नल-जल योजनायें चालू व कितने बंद हैं ? (ख)
क्या ग्राम पंचायतों के अधीन संचालित पेयजल योजनाओं का सामान्य संधारण न होने से
अधिकतर योजनायें बंद हैं ? ग्राम पंचायतों के पास तकनीकी व वित्तीय संसाधन न होने
से इन योजनाओं को पुन: आरंभ किया जाना संभव नहीं है ? (ग) क्या प्रश्नांश (ख)
वर्णित बंद पेयजल योजनाओं को पुन: विभाग के अधीन लिया जाकर उनका संधारण कर उन्हें
पुन: चालू करने पर विभाग द्वारा जनहित में विचार किया जायेगा ? यदि हां तो क्या इस
पर प्रभावी कार्यवाही की जाकर योजनाओं को चालू करने की दिशा में प्रयास होगा ? (घ)
यदि प्रश्नांश (ग) का उत्तर नहीं है तो फिर सैकड़ों की संख्या में अक्रियाशील
पेयजल योजनाओं के संधारण की क्या योजना है ?
पशुपालन मंत्री ( सुश्री
कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ठ अनुसार। (ख)
जी नहीं। जी नहीं। (ग) वर्तमान में ऐसी कोई नीति नहीं है। शेष
प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (घ) ग्राम पंचायतों को विभाग द्वारा तकनीकी
मार्गदर्शन उपलब्ध कराकर पंचायतों के माध्यम से योजनाओं का संचालन-संधारण कराने की
वर्तमान में व्यवस्था है।
परिशिष्ट
सत्ताईस पोहरी विधानसभा क्षेत्र में पेयजल व्यवस्था
80. ( क्र. 990 ) श्री प्रहलाद
भारती : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) पोहरी
विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत ऐसे कितने ग्राम, मजरे, टोले है जहां भूजल स्तर कम होने
के कारण हैण्डपंप/नलकूप नहीं चल पा रहे है जिससे उक्त ग्रामों में पेयजल संकट
उत्पन्न हो गया है ? ग्रामवार, मजरे टोलों सहित पृथक-पृथक जानकारी उपलब्ध करावें
? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में ऐसे कितने ग्राम हैं जहां वर्तमान में स्थापित
हैण्डपंप जल स्तर नीचे चले जाने के कारण नहीं चल पा रहे हैं, उन हैण्डपंपों में
सिंगल फेस मोटर डालकर पेयजल की व्यवस्था हेतु क्या कार्ययोजना बनाई गयी है अथवा
बनाई जा रही है ? जानकारी उपलब्ध करावें ? (ग) पोहरी विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत
कितने पेयजल, स्थलजल व नल-जल योजनाए वर्तमान में संचालित हैं इनमें से कितनी
योजनाए चालू व कितनी किस-किस कारण से बंद हैं बंद योजनाए कब तक प्रारंभ कर दी
जावेगी, समय अवधि बतावें ?
पशुपालन मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले
) : (क) जानकारी पुस्तकालय मे रखे परिशिष्ठ के प्रपत्र-1 के अनुसार है।
(ख) जानकारी पुस्तकालय मे रखे परिशिष्ठ के प्रपत्र-1 के अनुसार है। (ग)
पेयजल (हैण्डपंप) योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय मे रखे परिशिष्ठ के प्रपत्र-2
एवं नलजल योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय मे रखे परिशिष्ठ के प्रपत्र-3
के अनुसार है। बंद योजनाओं को चालू करने का उत्तरदायित्व ग्राम पंचायतों का है
इस कारण निश्चित समयावधि नहीं बताई जा सकती।
तहसील बैराढ़ में
रिक्त पदों की पूर्ति व नवीन तहसील भवन निर्माण
81. ( क्र. 995 ) श्री प्रहलाद
भारती : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या तहसील
बैराढ़ के गठन से आज दिनांक तक नवीन तहसील के सेटअप अनुसार स्वीकृत पद नहीं भरे जा
सके हैं ? यदि हां तो सेटअप अनुसार रिक्त पद भरे जाने हेतु क्या कोई कार्यवाही
वर्तमान में संचालित है ? यदि हां तो स्पष्ट करें यदि नहीं तो कारण बतावें ?
रिक्त पद कब तक भर दिये जावेंगे ? (ख) क्या तहसील बैराढ़ हेतु स्वीकृत नवीन
तहसील भवन स्वीकृत हो चुका है यदि नहीं तो उक्त भवन कब तक स्वीकृत कर दिया जाकर
निर्माण कार्य प्रांरभ कर दिया जावेगा ?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल
सिंह ) : (क) जी नहीं। मध्यप्रदेश शासन राजस्व विभाग के आदेश क्रमांक एफ
4-8/2012/सात/4ए, दिनांक 24.08.2013 द्वारा नवगठित तहसील बैराड हेतु 01 पद तहसीलदार
01 नायब तहसीलदार 05 पद सहायक ग्रेड-3 एवं 06 पद भृत्य के स्वीकृत्त किये गये है।
समय सीमा दी जाना संभव नहीं।(ख) जी नहीं। नवीन तहसील बैराड के तहसील भवन की
स्वीकृत्ती नहीं है। समय सीमा दी जाना संभव नहीं है।