मध्यप्रदेश विधान सभा
प्रश्नोत्तर-सूची
अगस्त, 2021
सत्र
सोमवार, दिनांक 09 अगस्त, 2021
भाग-1
तारांकित
प्रश्नोत्तर
संविदा
कर्मचारयों
का
नियमितीकरण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
1. ( *क्र. 177 ) श्रीमती झूमा डॉ. ध्यानसिंह सोलंकी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पंचायत एवं ग्रामीण विभाग अन्तर्गत पदस्थ संविदा कर्मचारियों को नियमित कर्मचारी का दर्जा कब तक प्रदाय किया जायेगा? क्या विधानसभा चुनाव के दौरान भारतीय जनता पार्टी द्वारा संविदा कर्मचारियों को नियमित करने हेतु घोषणा पत्र में वर्णन किया गया था? (ख) यदि हॉ, तो उक्त घोषणा पर शासन द्वारा कब तक कार्यवाही की जायेगी? क्या पंचायत सचिवों को छठवां वेतनमान एवं अंशदायी पेंशन का लाभ प्रदाय किया जा रहा है? यदि हां, तो कौन-कौन से जिले में भुगतान किया जा रहा है तथा भुगतान प्राप्त करने वालों की संख्या क्या है? (ग) यदि नहीं, तो क्यों तथा कब तक पंचायत सचिवों को छठवां वेतनमान एवं अंशदायी पेंशन का लाभ प्रदाय किया जायेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया (संजू भैया) ) : (क) पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग अंतर्गत पदस्थ संविदा कर्मचारियों को नियमित कर्मचारी का दर्जा किए जाने संबंधी कोई नियम/निर्देश नहीं हैं। प्रश्न का शेष भाग विभाग से संबंधित नहीं है। (ख) प्रदेश के समस्त जिलों के 21226 ग्राम पंचायत सचिवों को म.प्र. शासन पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के आदेश क्रमांक 02-09/2013/22/पंचा.-1/6477 दिनांक 11/05/2018 से छठवें वेतनमान का लाभ दिया जा रहा है तथा विभाग के पत्र क्र./एफ 2/7/2013/22/पं.-1 दिनांक 20/07/2013 से अंशदायी पेंशन योजना लागू की गयी है। (ग) उत्तरांश (ख) के संदर्भ में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
अपात्रों को शासकीय आवास का आवंटन
[गृह]
2. ( *क्र. 193 ) श्री रामलाल मालवीय : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अता.प्र.क्र. 536, दिनांक 17 मार्च, 2020 के अनुसार आदेश में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को आई श्रेणी के आवास आवंटन की पात्रता का उल्लेख है? यदि हां, तो उज्जैन शहर में अता.प्र.क्र.171, दिनांक 17 दिसम्बर, 2019 के साथ संलग्न परिशिष्ठ ''पचास'' के एलआईजी के लिए अपात्र चतुर्थ श्रेणी कर्मियों को एलआईजी श्रेणी के आवास आवंटन करने का क्या कारण है? (ख) क्या प्रश्नांक (क) अनुसार अता.प्र.क्र. 536, दिनांक 17 मार्च, 2020 के (ग) अनुसार उत्तर में भी यह स्वीकारा है कि प्रदेश संभाग एवं जिला पैलेस पर सभी विभागों के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी आई टाईप आवास के आवंटन के लिए पात्र हैं? शासन के आदेशों की अवहेलना किस अधिकारी द्वारा की गई? उसका नाम पद बतावें। ऐसे अधिकारी पर कब और क्या कार्यवाही की जावेगी? साथ ही क्या भविष्य के लिए अन्य अधिकारियों को नियमों के विरूद्ध कार्य नहीं करने की चेतावनी दी जावेगी? (ग) क्या प्रश्नांक (क) व (ख) के अपात्रों को आवंटित एलआईजी आवासों का आवंटन शीघ्र निरस्त किया जाएगा और इन्हें नियमानुसार ईडब्ल्यूएस (आई)टाईप के आवास ही आवंटित किये जावेंगे?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
अनुदान आधारित योजनाओं का क्रियान्वयन
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
3. ( *क्र. 166 ) श्री शशांक श्रीकृष्ण भार्गव : क्या राज्य मंत्री, उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा जिला अंतर्गत उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग द्वारा विगत दो वर्षों में कितने कृषकों को किन-किन अनुदान आधारित योजनाओं का लाभ दिया गया? वर्षवार, तहसीलवार, कृषक के नाम सहित जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) आगामी वर्षों में किसानों को लाभान्वित किये जाने की विभाग की क्या योजना है एवं योजनाओं का लक्ष्य क्या निर्धारित किया गया है, के संबंध में योजनावार जानकारी उपलब्ध करायें। (ग) प्रश्नांश (क) के क्रम में अनुदान आधारित स्वीकृत योजनाओं की वर्तमान में कृषक की भूमि पर योजनाओं का क्रियान्वयन हो रहा है अथवा नहीं, की जानकारी भी उपलब्ध करायें। (घ) प्रश्न क्रमांक 5080, दिनांक 25.03.2021 के संदर्भ में अनुदान के संबंध में दोषी पाये गये व्यक्तियों के संबंध में क्या कोई कार्यवाही की गई? यदि हां, तो क्या? नहीं तो क्यों?
राज्य मंत्री, उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण ( श्री भारत सिंह कुशवाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जी हॉ, क्रियान्वयन हो रहा है। (घ) प्रश्न क्रमांक 5080, दिनांक 25.03.2021 के सन्दर्भ में कृषकों की भूमि पर संरचना न पाये जाने के कारण नोटिस जारी किया गया है।
कोरोना में मृत्यु उपरांत अस्पताल में जेवर चोरी की जांच
[गृह]
4. ( *क्र. 210 ) श्री आरिफ अक़ील : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भोपाल शहर में कोराना में मृत्यु उपरांत अस्पताल प्रबंधन द्वारा मृत शरीर से जेवर चोरी का प्रकरण किसी थाने में पंजीबद्ध किया गया है? (ख) यदि हां, तो भोपाल स्थित किस-किस अस्पताल के विरूद्ध कब-कब तथा कौन-कौन सी धारा अंतर्गत प्रकरण पंजीबद्ध किया गया तथा प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो कार्यवाही न किये जाने के क्या कारण हैं? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में अस्पताल प्रबंधनों द्वारा ऐसे अनैतिक तथा अमानवीय कृत्यों के लिए कौन जिम्मेदार है? ऐसी घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए शासन क्या कार्यवाही करेगा?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) भोपाल शहर में कोरोना से मृत्यु उपरांत अस्पताल प्रबंधन द्वारा मृत शरीर से जेवर चोरी करने के संबंध में किसी थाने में प्रकरण पंजीबद्ध नहीं है। (ख) एवं (ग) प्रश्न का उत्तर प्रश्नांश (क) में समाहित है।
भिण्ड जिलांतर्गत सुदूर सम्पर्क मार्ग निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
5. ( *क्र. 56 ) श्री संजीव सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 01 अप्रैल, 2018 से प्रश्न दिनांक तक मनरेगा योजनांतर्गत भिण्ड जिले में किन-किन ग्राम पंचायतों में सुदूर सम्पर्क मार्ग निर्माण कार्य किए गए हैं? उक्त निर्माण कार्य किस-किस ग्राम पंचायत में कितनी-कितनी लागत से कराये गए हैं? (ख) क्या प्रश्नांश (क) अनुसार सुदूर सम्पर्क मार्ग निर्माण गांव से गांव तक जोड़ने का प्रावधान है? यदि हां, तो क्या उक्त कार्यों का उपयंत्रियों द्वारा स्थल निरीक्षण कर प्राक्कलन तैयार किए हैं? यदि हां, तो बताएं? यदि नहीं, तो ऐसी कितनी ग्राम पंचायतें हैं, जिनमें सुदूर सम्पर्क मार्ग की शिकायतें प्राप्त हुई हैं? यदि हां, तो दोषी किस-किस अधिकारी/कर्मचारी पर कोई कार्यवाही की गई? (ग) कितने निर्माण कार्य पूर्ण/कितने अपूर्ण हैं? सम्पूर्ण विवरण दें।
पंचायत मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया (संजू भैया) ) : (क) प्रश्नांकित अवधि में मनरेगा योजना अंतर्गत भिण्ड जिले में ग्राम से ग्राम जोड़ने के लिये स्वीकृत 270 सुदूर संपर्क ग्रेवल सड़कों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हॉं। जी हॉं। उत्तरांश 'क' अनुसार प्रश्नाधीन सुदूर सड़कों में शिकायतें संज्ञान में नहीं होने के कारण शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है। (ग) उत्तरांश 'क' अनुसार सुदूर सड़कों के 55 पूर्ण व 215 कार्य अपूर्ण हैं। कार्यवार विवरण उतरांश 'क' के पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
वरीयता क्रम अनुसार डाटा एन्ट्री ऑपरेटर की नियुक्ति
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
6. ( *क्र. 400 ) श्री शरदेन्दु तिवारी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला पंचायत सीधी द्वारा डाटा एन्ट्री ऑपरेटर सह सहायक ग्रेड-3 कम पी.डी.ए. ऑपरेटर पर चयन हेतु विज्ञापन क्र. 6267/स्था./जि.प./2013, दिनांक 22.08.2013 निकालकर वर्ष 11.10.2015 में चयन परीक्षा आयोजित की गई थी? (ख) यदि हां, तो चयन परीक्षा में चयनित/उत्तीर्ण (हिन्दी, अंग्रेजी टाईपिंग) अभ्यर्थी की मेरिट सूची में कुल कितने अभ्यर्थियों का नाम था? अनारक्षित संवर्ग की मेरिट सूची दें। (ग) क्या मैरिट सूची में सरल क्र. 3 पर चयनित श्री मनीष कुमार सिंह तिवारी पिता श्री श्रवण कुमार सिंह तिवारी थे तथा सरल क्र. 4 पर श्री मदन सिंह चौहान पिता श्री चन्द्रवली सिंह चौहान थे? (घ) यदि हां, तो जारी नियुक्ति में मेरिट क्र. 3 पर चयनित श्री मनीष कुमार तिवारी को नियुक्ति न देकर मेरिट सूची के निचले/फैल क्र. 4 पर श्री मदन सिंह चौहान को नियम विरूद्ध नियुक्ति क्यों दी गई? (ड.) प्रश्न क्र. 5 में मेरिट सूची में चयनित वरीयता क्रम में उच्च अभ्यर्थी श्री मनीष कुमार सिंह तिवारी के संवैधानिक समान अवसर का हनन कर नियम विरूद्ध वरीयता क्रम के निचले/फैल श्री मदन सिंह चौहान को अनुचित लाभ देने के जिम्मेदार प्रशासकीय नियुक्तकर्ता के विरूद्ध अब तक कार्यवाही क्यों नहीं की गई? (च) क्या चयन परीक्षा में वरिष्ठ मेरिट स्थान पाने वाले अभ्यर्थी श्री मनीष कुमार सिंह तिवारी को न्याय प्रदान किया जायेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया (संजू भैया) ) : (क) जी हॉं। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हॉं। (घ) जिला पंचायत से प्राप्त जानकारी अनुसार श्री मनीष कुमार सिंह तिवारी दिनांक 16.10.2015 को अभिलेख सत्यापन में अनुपस्थित होने के कारण सरल क्रमांक 4 में श्री मदन सिंह चौहान को नियुक्ति प्रदान की गई। (ड.) एवं (च) प्रश्नांश (घ) के उत्तरांश के अनुक्रम में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
बड़वानी जिलांतर्गत रिक्त पदों की पूर्ति
[गृह]
7. ( *क्र. 85 ) श्री ग्यारसी लाल रावत : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़वानी जिलान्तर्गत पुलिसकर्मी के कितने पद स्वीकृत हैं? इनमें से कितने भरे एवं कितने रिक्त हैं? थानावार पूर्ण विवरण देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित रिक्त पदों पर पदपूर्ति हेतु शासन की क्या नीति है? क्या विधान सभा क्षेत्र सेंधवा अन्तर्गत रिक्त पदों पर पदपूर्ति की जाने हेतु कोई प्रभावी कार्यवाही होगी? (ग) विधान सभा क्षेत्र सेंधवा अन्तर्गत यातायात पुलिस की क्या व्यवस्था है? विवरण देवें। (घ) विधान सभा क्षेत्र सेंधवा के अन्तर्गत नगरीय क्षेत्रों में यातायात पुलिस की समुचित व्यवस्था को दृष्टिगत रखते हुये कोई व्यवस्था की जाएगी?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) बड़वानी जिले के अन्तर्गत पुलिसकर्मी के स्वीकृत, उपलब्ध एवं रिक्त पदों की जानकारी पुस्तकालय में रखे गये परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। बड़वानी अंतर्गत थानेवार स्वीकृत, उपलब्ध एवं रिक्त पदों की जानकारी पुस्तकालय में रखे गये परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। (ख)विभाग में रिक्त पदों की पूर्ति सीधी भर्ती, पदोन्नति एवं स्थानांतरण के माध्यम से की जाती है। विधान सभा क्षेत्र सेंधवा अन्तर्गत थाने/चौकियों के स्वीकृत,उपलब्ध एवं रिक्त पदों की जानकारी पुस्तकालय में रखे गये परिशिष्ट ''स'' अनुसार है। विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत रिक्त पदों की पूर्ति सीधी भर्ती, पी.आर.72 के अन्तर्गत उच्चतर प्रभार दिया जाकर एवं स्थानांतरण के माध्यम से की जायेगी, जो एक निरंतर प्रक्रिया है। (ग) विधान सभा क्षेत्र सेंधवा अंतर्गत आने वाले थानों/चौकियों एवं यातायात थाने के उपलब्ध बल के द्वारा यातायात व्यवस्था का सुचारू संचालन सुनिश्चित किया जा रहा है। विशेष अवसरों में समय समय पर जिला एवं जोन मुख्यालय से प्राप्त अतिरिक्त बल से यातायात व्यवस्था सुनिश्चित की जाती है। (घ) उत्तरांश ''ग'' के अनुसार।
जय किसान फसल ऋण माफी योजना का क्रियान्वयन
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
8. ( *क्र. 364 ) श्री प्रियव्रत सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन द्वारा विगत 15 वर्षों से आज दिनांक 2021 तक कृषि क्षेत्र में कितनी ऋण माफी योजना लागू की गई है? प्रत्येक योजना किस वर्ष में लागू हुई एवं कितने समय तक लागू रही? योजना के नाम एवं वर्ष सहित उल्लेख करें। (ख) उक्त योजनाओं में शासन द्वारा कितना बजट, किस-किस वित्तीय वर्ष में जारी किया गया? (ग) जय किसान फसल ऋण माफी योजना शासन द्वारा किस दिनांक को लागू की गई एवं वर्ष 2018-19, 2019-20 एवं 2020-21 में उक्त योजना से कितने कृषकों का ऋण माफ हुआ व शासन द्वारा कितना बजट आवंटन स्वीकृत कराया गया?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री कमल पटेल ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
किसानों को अमोनियम नाइट्रेट का प्रदाय
[गृह]
9. ( *क्र. 140 ) श्री राजेश कुमार प्रजापति : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला छतरपुर में कहां कहां पर विस्फोटक पदार्थ की मैगजीन चालू है? सूची उपलब्ध कराएं। प्रश्नांश (क) के अनुसार क्या उक्त विस्फोटक पदार्थ की मैगजीन रखे जाने हेतु भंडारण गृह बने हुए हैं? यदि हां, तो उक्त भंडारण गृह कहां-कहां एवं कितनी क्षमता के बने हुए हैं? (ख) उक्त भंडारण गृह में विस्फोटक पदार्थ रखने हेतु किस किस के नाम से लाइसेंस जारी किए गए हैं? लाइसेंस आदेश की प्रति उपलब्ध कराएं। (ग) क्या विस्फोटक पदार्थ अमोनियम नाइट्रेट किसानों को शासन द्वारा प्रदान किया जाता है? यदि हां, तो छतरपुर जिले में वर्ष 2018 से प्रश्र दिनांक तक उक्त विस्फोटक पदार्थ मैगजीन अमोनियम नाइट्रेट किन-किन किसानों को कितनी कितनी मात्रा में कब-कब दी गई है? नाम एवं मात्रावार सूची उपलब्ध कराएं।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
समर्थन मूल्य पर बेची गई फसलों का भुगतान
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
10. ( *क्र. 362 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2021 की रबी फसल गेहूं, सरसों, चना, मूंग कितने किसानों द्वारा समर्थन मूल्य पर बेची गई है? ग्वालियर चंबल संभाग के किसानों की संख्या जिलेवार मात्रा सहित जानकारी दी जावे। (ख) क्या सरसों का समर्थन मूल्य बाजार से कम होने के कारण किसानों द्वारा नहीं बेचा गया? क्या शासन बाजार भाव अनुसार सरसों का समर्थन मूल्य बढ़ायेगा? यदि हां, तो कब तक? (ग) क्या उक्त संभागों में किसानों द्वारा समर्थन मूल्य पर बेची गई फसलों की राशि किसानों को प्राप्त नहीं हो सकी है? बकाया राशि कब तक किसानों के खाते में पहुंच जावेगी। (घ) उक्त संभागों में वर्ष 2020 की तुलना में कितनी बेची गई फसल कम रही, जिलावार तुलनात्मक जानकारी दी जावे।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री कमल पटेल ) : (क) जी हॉ। ग्वालियर संभाग की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 1 अनुसार है। चंबल संभाग की जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ख) जी हॉ। न्यूनतम समर्थन मूल्य का निर्धारण कृषि लागत एवं मूल्य आयोग भारत सरकार द्वारा निर्धारित किया जाता है। (ग) ग्वालियर संभाग की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 2 अनुसार है। बकाया राशि के भुगतान की समय-सीमा बताना संभव नही है। चंबल संभाग की जानकारी एकत्रित की जा रही है। (घ)ग्वालियर संभाग की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 3 अनुसार है। चंबल संभाग की जानकारी एकत्रित की जा रही है।
F.I.R. पर कार्यवाही
[गृह]
11. ( *क्र. 386 ) श्री सुनील सराफ : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 15.07.2021 को पुलिस अधीक्षक खंडवा को प्रार्थी गौरव ऊर्फ गबु चौरे द्वारा दिए आवेदन पर की गई कार्यवाही की अद्यतन स्थिति बतावें। आवेदन के बिन्दु क्रमांक 4 में उल्लेखित आधार पर वेदांत ऊर्फ चंदन चौरे व उसकी पत्नी के बैंक खाते, इनकम टैक्स रिटर्न व आय के स्त्रोत की जांच अभी तक क्यों नहीं की गई है? (ख) उपरोक्तानुसार विगत 5 वर्षों में वेदांत चौरे व उसकी पत्नी ने कितनी संपत्ति कहॉ-कहॉ क्रय की है, की जानकारी भी देवें। जांच कराकर कब तक प्रश्नकर्ता को उपलब्ध करा दी जाएगी? (ग) खंडवा जिले की देशगांव चौकी में दिनांक 03.07.21 को श्रीकांत पिता बद्री प्रसाद चौरे व चार अन्य के विरूद्ध दर्ज एफ.आई.आर. में गिरफ्तारी अभी तक क्यों नहीं हुई? यह गिरफ्तारी कब तक होकर इन्हें जेल भेजा जाएगा? प्रश्न (क) अनुसार गौरव चौरे को दी धमकी पर कब तक कार्यवाही होगी?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) दिनांक 15.07.2021 को पुलिस अधीक्षक खण्डवा को प्रार्थी गौरव गबु चौरे पुत्र सतीश चंद्र चौरे द्वारा दिये गये आवेदन पर से आरोपी वेदांत पुत्र बद्रीनारायण चौरे एवं आरती पत्नी वेदांत चौरे के विरूद्ध थाना मोघट रोड में अपराध क्रमांक 305/21 धारा 506 भा.द.वि. का कायम किया गया है। प्रकरण की विवेचना जारी है। आवेदन पत्र में बिंदु क्रमांक 04 में उल्लेखित तथ्य की विवेचना एवं साक्ष्य के आधार पर कार्यवाही की जाएगी। (ख) प्रकरण विवेचना में है। शेष प्रश्नांश ''क'' के उत्तर में समाहित है। (ग) जिला खण्डवा की देशगांव चौकी में दिनांक 03.07.2021 को श्रीकांत पुत्र बद्रीनारायण चौरे व 04 अन्य के विरूद्ध दर्ज थाना छैगाँव माखन के अपराध क्रमांक 255/21 धारा 341, 294, 506, 34 भा.द.वि. में आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया गया, माननीय सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुसार आरोपियों को धारा 41 (क) द.प्र.स. के अंतर्गत नोटिस जारी कर छोड़ा गया। अपराध क्रमांक 305/21 की विवेचना जारी है, समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
ग्रामसभा द्वारा लिये गये प्रस्ताव पर कार्यवाही
[जनजातीय कार्य]
12. ( *क्र. 330 ) श्री ब्रह्मा भलावी : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) बैतूल जिले की घोड़ाडोंगरी ब्लॉक के ग्राम कटंगी, सिवनपाट, डुल्हारा, सालीवाड़ा, खैरवानी, भोगईखापा की ग्रामसभा एवं ग्राम पंचायत ने जनवरी 2008 से लागू वन अधिकार कानून 2006 के अनुसार किस दिनांक को किस दावेदार के किस खसरा नम्बर के कितने रकबे के दावे को मान्य किए जाने का प्रस्ताव लिया, किस-किस दावेदार का दावा किन कारणों से अमान्य किए जाने का प्रस्ताव लिया गया? बैठक में कितने सदस्य उपस्थित हुए? (ख) किस ग्राम के निस्तार पत्रक एवं अधिकार अभिलेख में किस-किस मद और किस-किस प्रयोजन के लिए कितनी भूमि दर्ज है? इनमें से कितनी भूमि का नियंत्रण, प्रबंधन ग्रामसभा एवं ग्राम पंचायत का है, कितनी भूमि पर वन विभाग का वर्तमान में कब्जा है? (ग) वन अधिकार कानून 2006 की धारा 2 (ण) में तीन पीढ़ियों से निवास बाबत् क्या प्रावधान है? धारा 4 (3) में किस दिनांक तक के कब्जे से संबंधित क्या प्रावधान है? कानून की किस धारा में तीन पीढि़यों से भूमि पर कब्जे का प्रावधान है? पृथक-पृथक बतावें। (घ) ग्रामसभा एवं ग्राम पंचायत की किस दिनांक की बैठक में किस-किस दावेदार को दावा की गई भूमि से बेदखल किए जाने का किस दिनांक को प्रस्ताव लिया गया? प्रति सहित बतावें।
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। भू-अभिलेख की जानकारी के अनुसार वर्तमान में ग्राम खैरवानी की भूमि खसरा नम्बर 44 रकबा 23.002 हेक्टर भूमि मद छोटे झाड़ के जंगल पर वन विभाग का कब्जा एवं आधिपत्य है। (ग) वन अधिकार अधिनियम 2006 की धारा 2 (ण) एवं धारा 4 (3) में दिये गये प्रावधान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'स' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'द' अनुसार है।
रोजगार मूलक गतिविधियों हेतु अनुदान राशि का भुगतान
[जनजातीय कार्य]
13. ( *क्र. 380 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या जिला संयोजक आदिम जाति एवं अनुसूचित जाति कल्याण विभाग रीवा का आई.डी.बी.आई. बैंक रीवा में खाता क्रमांक 042314000075509, दिनांक 21.12.2003 को खोला गया था? उक्त बैंक में खाता खोलने की तिथि से 31.03.2018 तक किस-किस को किस-किस चैक क्रमांक से कितनी-कितनी राशि का भुगतान किस काम के लिए किया गया? दिनांकवार, माहवार, वर्षवार/भुगतान की गई राशिवार भुगतान प्राप्तकर्ता के नाम एवं पते वार, भुगतान किस मद से किया गया? प्रकरणवार जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) क्या जिला संयोजक आदिम जाति कल्याण रीवा को पत्र क्र./अनु./एस.सी.ए./2013-14/न.क्र./179/2563, दिनांक 12.08.2013 द्वारा रूपये 250.05 लाख एवं पत्र क्र./अनु./एस.सी.ए./2013-14/न.क्र./179/3478, दिनांक 03.10.2013 द्वारा रूपये 83.35 लाख तथा पत्र क्र./अनु./एस.सी.ए./2014-15/न.क्र./187/2007, दिनांक 02.08.2014 द्वारा 55.25 लाख एवं पत्र क्र./अनु./एस.सी.ए./2014-15/न.क्र./187/4985, दिनांक 09.12.2014 द्वारा रूपये 84.51 लाख का आवंटन प्रदाय किया गया था? क्या उक्त राशि से बिखरे हुए बी.पी.एल. आदिवासी परिवारों को रोजगार मूलक गतिविधियों के क्रियान्वयन हेतु अनुदान की राशि सीधे उनके बैंक खाते में दी जानी थी? यदि हां, तो जिले की बी.पी.एल. आदिवासी परिवारों की सूची उपलब्ध करावें। (ग) राज्य शासन कब तक नियमों के विपरीत प्रश्नांश (क) में उल्लेखित काटे गये चैक/भुगतान की गई राशि किस-किस नाम/पदनाम को चिन्हित कर उनके विरूद्ध वसूली की कार्यवाही एवं निलंबन का आदेश जारी करेगा? क्या महालेखाकार ग्वालियर के अंकेक्षण दल क्र. 06 द्वारा (मनोज कुमार) 20.01.2016 को की गई ऑडिट में लगाई गई आपत्ति का निराकरण किया गया? यदि हां, तो कब? यदि नहीं, तो क्यों?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जी नहीं, उक्त खाता दिनांक 21/12/2013 को खोला गया था। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हॉं, विभाग द्वारा उपलब्ध कराये गये आवंटन से राशि का आहरण कर आदिवासी उपयोजना क्षेत्र के बाहर बिखरे हुये बी.पी.एल. आदिवासियों को रोजगार मूलक गतिविधियों के प्रशिक्षण हेतु एन.जी.ओ. के बैंक खातों में राशि स्थानांतरित की गई। (ग) श्री एस.डी. सिंह तत्कालीन जिला संयोजक के विरूद्ध कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
जावरा शुगर मिल परिसर में बहु उत्पाद औद्योगिक क्षेत्र का विकास
[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]
14. ( *क्र. 465 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जावरा शुगर मिल परिसर में बहु उत्पाद औद्योगिक क्षेत्र के विकास हेतु अधोसरंचना विकसित किये जाने के कार्यों की तकनीकी एवं प्रशासकीय स्वीकृति शासन/विभाग द्वारा प्रदान की गई है? (ख) यदि हां, तो उपरोक्तानुसार कार्ययोजना हेतु कितनी राशि स्वीकृत की जाकर उक्त कार्ययोजना में किन-किन कार्यों को सम्मिलित किया जाकर क्या-क्या कार्य किये जाएंगे? कार्यों की जानकारी दें। (ग) अवगत कराएं कि अधोसंरचना अंतर्गत किये जाने वाले मिल परिसर अंतर्गत कौन-कौन से कार्य किये जाकर उक्त कार्य प्रारंभ किये जाने हेतु शासन/विभाग द्वारा क्या निर्णय निश्चित किया जाकर कब किये जाएंगे? (घ) बताएं कि उपरोक्त विभागीय कार्ययोजना अनुसार निश्चत किये गये कार्य किस कार्य एजेंसी अथवा विभाग द्वारा कब से प्रारंभ किया जाना निर्धारित हुआ है?
औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन मंत्री ( श्री राजवर्धन सिंह प्रेमसिंह दत्तीगांव ) : (क) जावरा शुगर मिल परिसर में बहु उत्पाद औद्योगिक क्षेत्र के विकास हेतु अधोसरंचना विकसित किये जाने के कार्यों की तकनीकी स्वीकृति मुख्य अभियंता, एम.पी.आई.डी.सी., भोपाल के द्वारा दिनांक 08.07.2021 को प्रदान की गई है। बहु उत्पाद औद्योगिक क्षेत्र के विकास हेतु अभी प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान नहीं की गई है। (ख) कार्य योजना के अंतर्गत किये जाने वाले अधोसंरचना कार्यों के लिये राशि रूपये 39.60 करोड़ की तकनीकी स्वीकृति प्रदान की गई है। बहु उत्पाद औद्योगिक क्षेत्र विकास हेतु मुख्य रूप से सड़कों का निर्माण, पुलियाएं, स्टार्म बॉटर ड्रेनेज, स्ट्रीट लाईट, उच्च दाब व निम्न दाब की विद्युत लाईन एवं ट्रांसफार्मर एवं जल वितरण नलिकाओं, आर.सी.सी. ओवर हेड टैंक एवं सम्पवेल आदि का निर्माण कार्य सम्मिलित है। (ग) एवं (घ) अभी प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान नहीं की गई है,अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
ग्राम सामाजिक ऐनीमेटर के चयन हेतु जारी दिशा-निर्देश
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
15. ( *क्र. 442 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्राम सामाजिक ऐनीमेटर (VSA) के चयन हेतु शासन द्वारा क्या-क्या निर्देश जारी किये गये हैं? सभी निर्देशों की प्रति बताएं। (ख) सीधी जिले में VSA चिन्हांकन की प्रक्रिया का विवरण देवें। क्या इस हेतु प्रकाशन कराया गया था? कब आवेदन बुलाये गये? कब परीक्षा ली गई? दिनांकवार पूर्ण विवरण देवें। (ग) सीधी जिले में जिला पंचायत सीधी द्वारा ग्राम सामाजिक एनिमेटर (VSA) के चयन में अनियमितता बरती गई है, इसकी निष्पक्ष जांच कराई जाकर कब तक न्यायोचित कार्यवाही की जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया (संजू भैया) ) : (क) जी हाँ, ग्राम सामाजिक एनिमेटर (VSA) के चयन हेतु म.प्र. स्टेट सामाजिक संपरीक्षा समिति, भोपाल द्वारा दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 01 अनुसार है। (ख) जिले द्वारा प्रकाशन नहीं कराया गया है। मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत द्वारा मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत समस्त सीधी को आवेदन आमंत्रित करने हेतु पत्र जारी किया गया है। हाँ, आवेदन बुलाए गए एवं दिनांक 07.03. 2021 को परीक्षा ली गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 02 एवं 03 अनुसार है। (ग) सीधी जिले में जिला पंचायत सीधी द्वारा ग्राम सामाजिक एनिमेटर (VSA) के चयन में किसी भी प्रकार की कोई अनियमितता नहीं बरती गई है। अत: जांच कराए जाने की आवश्यकता नहीं है।
शुद्ध के विरूद्ध युद्ध अभियान का क्रियान्वयन
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
16. ( *क्र. 449 ) श्री विपिन वानखेड़े : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2019 में कृषि विभाग द्वारा मध्यप्रदेश में ''शुद्ध के लिये युद्ध'' अभियान चलाया गया था, उस दौरान लोकायुक्त द्वारा प्रदेश में कृषि विभाग के कई अधिकारी एवं कर्मचारियों को रंगे हाथों रिश्वत लेते हुए पकड़ा गया था? यदि हां, तो उन सभी के विरूद्ध अभी तक की गई कार्यवाही की जानकारी दें। (ख) आगरमालवा जिले में किसानों द्वारा और उर्वरक व्यापारियों के विरूद्ध कालाबाजारी की शिकायत होने की विकासखण्डवार जानकारी एवं किन-किन व्यापारियों के विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गई, उसकी जानकारी एवं जिन व्यापारियों के विरूद्ध कोई कार्यवाही नहीं की गई? उसके क्या कारण रहे, की जानकारी देवें।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री कमल पटेल ) : (क) जी हां, दिनांक 15.11.2019 से 30.11.2019 तक विशेष अभियान रबी 2019-20 चलाया गया। उस दौरान कृषि विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों पर लोकायुक्त द्वारा की गई कार्यवाही की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नाधीन अवधि में आगरमालवा जिले में किसानों द्वारा उर्वरक व्यापारियों के विरुद्ध कालाबाजारी की कोई भी शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मध्यान्ह भोजन वितरण में व्यय राशि
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
17. ( *क्र. 51 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2019-20 में 46.23 लाख विद्यार्थियों को मध्यान्ह भोजन दिया गया जिस पर 819.5862 करोड़ रूपया खर्च हुआ? (ख) क्या वर्ष 2020-21 में भौतिक लक्ष्य 47.61 लाख के स्थान पर 63.46 विद्यार्थियों को मध्यान्ह भोजन दिया गया, जिस पर 560.4780 करोड़ खर्च हुआ? (ग) यदि प्रश्नांश (क) तथा (ख) का उत्तर हां है तो प्रत्येक गतिविधि में वर्ष 2019-20 में संख्या 2020-21 की तुलना में 30 प्रतिशत कम होने के बावजूद खर्च में 50 प्रतिशत की वृद्धि क्यों हो गई? (घ) वर्ष 2016-17 से 2020-21 तक मध्यान्ह भोजन की प्रमुख विभागीय लक्ष्य एवं प्रगति सहित प्रतिवर्ष होने वाली प्रतिशत वृद्धि एवं कमी की जानकारी देवें। (ड.) वर्ष 2020-21 में कोविड 19 के बावजूद 63 लाख विद्यार्थियों को खाद्यान्न किस प्रकार वितरित किया गया तथा मध्यान्ह भोजन की मानीटरिंग मैनेजमेंट एवं ई-वेल्युएशन (एम.एम.ई.) का कार्य किस ऐजेन्सी द्वारा किया जा रहा है तथा उसे किस दर से वर्ष 2017-18 से वर्ष 2020-21 तक कितना-कितना भुगतान किया गया है?
पंचायत मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया (संजू भैया) ) : (क) जी नहीं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ख) जी नहीं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। (ग) उपरोक्त (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'स' एवं 'द' अनुसार है। (ड.) वित्तीय वर्ष 2020-21 में कोविड-19 महामारी के संक्रमण अवधि के बावजूद 63 लाख विद्यार्थियों को नहीं अपितु 65.86 लाख विद्यार्थियों को सूखे राशन के पैकेट्स बनाकर शालाओं/घरों में खाद्यान्न क्रियान्वयन एजेंसियों यथा स्व-सहायता समूहों/शिक्षक पालक संघ/स्वयं सेवी संस्थाओं के माध्यम से वितरित कराया गया। प्रश्नांकित अवधि में मध्यान्ह भोजन योजनांतर्गत मॉनीटरिंग मेनेजमेंट एवं ई-वेल्युएशन (एम.एम.ई.) का कार्य जिला स्तर पर पदस्थ अमले, खण्ड स्तर पर विकासखण्ड स्त्रोत समन्वयक जनशिक्षक एवं पंचायत स्तर पर शाला प्रबंधन समितियों द्वारा किया जाता रहा है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ई अनुसार है।
होशंगाबाद पॉलीटेक्निक में नये विषय प्रारंभ किया जाना
[तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोज़गार]
18. ( *क्र. 27 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या खेल एवं युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रश्नकर्ता के तारांकित प्रश्न क्र. 2614, दिनांक 23.07.2019 में हुई चर्चा में माननीय मंत्री जी द्वारा आश्वासन दिया गया कि आने वाले सत्र (2020-21) में चारों पाठ्यक्रम प्रारंभ कर देंगे तो मंत्री जी द्वारा दिए गए आश्वासन के संबंध में विभाग द्वारा अभी तक क्या-क्या कार्यवाही की गयी? आश्वासन के क्रियान्वयन में विलंब के क्या कारण हैं? (ख) क्या मुख्य सचिव, म.प्र. शासन द्वारा सदन में दिए गए आश्वासन को पूरा करने के संबंध में कोई निर्देश जारी किए गए हैं? यदि हां, तो निर्देशों की प्रति उपलब्ध करावें। (ग) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा मंत्री जी द्वारा दिए गए आश्वासन की पूर्ति के संबंध में मान. तकनीकी शिक्षा मंत्री एवं प्रमुख सचिव/सचिव, तकनीकी शिक्षा को वर्ष 2021 में कब-कब अनुरोध किया गया? उक्त अनुरोध के संबंध में क्या कार्यवाही की गयी? (घ) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित आश्वासन के तारतम्य में चारों पाठ्यक्रम कब तक प्रारंभ हो सकेंगे?
खेल एवं युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ख) मुख्य सचिव द्वारा सभी विभागों को समीक्षा बैठकों में आश्वासनों के निराकरण के संबंध में निर्देश दिये गये हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्रश्नकर्ता द्वारा पत्र क्रमांक वि/हो/क्र/1730/2021, दिनांक 01.06.2021 के द्वारा अनुरोध किया गया था। इस तारतम्य में कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (घ) समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
सहारा इंडिया व अन्य चिटफण्ड कंपनियों पर कार्यवाही
[गृह]
19. ( *क्र. 188 ) श्री मनोज चावला : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में दिनांक 01 जनवरी, 2021 से प्रश्न दिनांक तक सहारा इंडिया लिमिटेड और अन्य चिटफंड कंपनियों द्वारा जनता का जमा पैसा भुगतान नहीं करने के संबंध में कितनी-कितनी शिकायतें प्रदेश के विभिन्न जिलों में प्राप्त हुई हैं और उन पर क्या कार्रवाई की गई है? (ख) प्रदेश में सहारा इंडिया कंपनी और अन्य चिटफंड कंपनियों द्वारा कितने लोगों से, कितनी धनराशि हड़पने का अनुमान है? राज्य सरकार आम लोगों को चिटफंड कंपनियों की ठगी से बचाने और उन्हें रकम वापस दिलाने के लिए क्या क्या प्रयास कर रही है? शासन द्वारा इन कंपनियों को मध्यप्रदेश में कब तक प्रतिबंधित कर दिया जाएगा? (ग) सहारा इंडिया कंपनी और अन्य चिटफंड कंपनियों के विरुद्ध प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 793, दिनांक 17/12/2019 एवं प्रश्न क्रमांक 54, दिनांक 21/09/2020 के संदर्भ में क्या-क्या कार्यवाही की गई है? (घ) क्या सहारा इंडिया कंपनी प्रमुख सुब्रतो राय पर रतलाम जिले के आलोट थाने में प्रकरण दर्ज किया गया है? यदि हां, तो उन्हें गिरफ्तार करने के संबंध में क्या कार्यवाही अभी तक की गई है?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (घ) जानकारी संकलित की जा रही है।
कौशल विकास योजनांतर्गत उपलब्ध कराये गये रोजगार
[तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोज़गार]
20. ( *क्र. 240 ) श्री पी.सी. शर्मा : क्या खेल एवं युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) कोरोना काल में कितने बेरोजगार युवक व युवतियों को कौशल विकास के तहत स्व-रोजगार उपलब्ध कराये गये? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार कितने युवक व युवतियों को कौशल विकास योजना के तहत रोजगार दिया गया? नाम एवं पता सहित सूची उपलब्ध करायें एवं कितने स्व-रोजगार केन्द्र वर्तमान समय में संचालित हैं एवं कितने बंद हो चुके हैं? दोनों की सूची उपलब्ध करायें।
खेल एवं युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) कोरोना काल मार्च, 2020 से वर्तमान तक आयोजित रोज़गारोन्मुखी प्रशिक्षणों के तहत स्व-रोज़गार की जानकारी निम्नानुसार है :-
रोजगार मूलक योजना |
प्रशिक्षित |
प्रमाणित |
प्रतिवेदित नियोजन संख्या (वैतनिक रोजगार) |
प्रतिवेदित नियोजन संख्या (स्व-रोजगार) |
मुख्यमंत्री कौशल संवर्धन, कौशल्या योजना |
913 |
502 |
52 |
11 |
युवा स्वाभिमान योजना |
8787 |
6842 |
386 |
00 |
प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना-2.0 |
4864 |
3748 |
385 |
00 |
प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना-3.0 |
2784 प्रशिक्षणरत |
00 |
00 |
00 |
कुल :- |
17348 |
11092 |
823 |
11 |
(ख) प्रश्नांक (क) अनुसार वैतनिक रोजगार में प्रशिक्षण उपरांत प्रतिवेदित नियोजित आवेदकों की सूची संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 1/2/3 अनुसार है। स्व-रोजगार केन्द्र कभी भी संचालित नहीं थे।
कोरोनाकाल में जारी किये गये मृत्यु प्रमाण पत्रों की संख्या
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
21. ( *क्र. 44 ) श्री महेश परमार : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले की समस्त ग्राम पंचायतों में दिनांक 20/03/2020 से प्रश्न दिनांक तक कोरोना काल में कितने मृत्यु प्रमाण पत्र जारी किए गए? समस्त पंचायतों के माहवार संख्यात्मक आंकड़े देते हुए सूची उपलब्ध कराएं। (ख) उक्त अवधि में कितने अंतिम संस्कार पंचायत में होना पाया गया और कितने लोगों के अंतिम संस्कार पंचायत से बाहर होना पाये गए हैं? पंचायतवार संख्यात्मक आंकड़ों के साथ नाम, पते और मृत्यु के कारणों के साथ पूर्ण विवरण उपलब्ध कराएं। (ग) कोरोना काल में पंचायतों के रिकॉर्ड के आधार पर कुल कितनी मृत्यु कोरोना महामारी से होना पायी गयी और कितनी अन्य कारणों से पायी गयी? अलग-अलग नाम, पते और मृत्यु के कारणों सहित सूची उपलब्ध कराएं। (घ) क्या उक्त अवधि में जिला सांख्यिकी कार्यालय द्वारा विभिन्न माध्यमों से मृत्यु के आंकड़े एकत्रित किए गए हैं? यदि हाँ, तो कब-कब और किन पत्रों के माध्यम से? उनकी प्रमाणित प्रतियाँ देते हुए उन पत्रों के परिपालन में पंचायतों द्वारा दी गयी जानकारी की प्रमाणित प्रति उपलब्ध कराएं। (ड.) कोरोना काल में शासन की कौन-कौन सी योजनाओं में कोरोना से हुई मृत्यु के लिए कितनी आर्थिक सहायता कब कब और कितने पीड़ित परिवारों को किन-किन माध्यमों से उपलब्ध करायी गयी? पूर्ण विवरण के साथ पंचायतवार सूची उपलब्ध कराएं।
पंचायत मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया (संजू भैया) ) : (क) से (ड.) जानकारी संकलित की जा रही है।
परम्परागत कृषि विकास योजना के क्रियान्वयन हेतु व्यय राशि
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
22. ( *क्र. 148 ) श्री विनय सक्सेना : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) संचालक, कृषि के पत्र क्रमांक/जै.खे./टी.ए.डी.पी./2020-21/821, दिनांक 04/03/2021 अनुसार एस.सी.ए. (योजना क्रमांक-5211) राशि रूपए 5400 लाख के विरूद्ध किन किन जिलों में किन किन मदों हेतु कितनी कितनी राशि, शेष बची है? (ख) रूपए 5400 लाख के विरूद्ध कितनी राशि भारत सरकार द्वारा स्वीकृत किन मदों में एवं कितनी राशि स्वीकृति से हटकर अन्य जिन-जिन मदों में खर्च की गई? उनका पूर्ण विवरण देवें। (ग) परम्परागत कृषि विकास योजना अन्तर्गत भारत सरकार की गाइडलाइन के नॉर्म्स के बिन्दु क्रमांक 2.1.4 में उल्लेखित ग्लिरिसीडिया, सेसबानिया इत्यादि को बदलकर स्पेसिफिक ''सेसबानिया रोस्ट्रेटा'' करने के प्रस्तावक एवं निर्णयकर्ता कौन-कौन हैं? नाम एवं पद बतावें।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री कमल पटेल ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
स्कूल शिक्षा विभाग की तर्ज पर अनुकंपा नियुक्ति का प्रावधान
[जनजातीय कार्य]
23. ( *क्र. 160 ) श्री सुनील उईके : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) आदिम जाति, जनजातीय कार्य विभाग में आज दिनांक तक छिन्दवाड़ा सहित प्रदेश में कुल कितने अनुकंपा नियुक्ति के प्रकरण लंबित हैं? (ख) क्या मध्यप्रदेश शासन स्कूल शिक्षा विभाग मंत्रालय, वल्लभ भवन भोपाल के पत्र क्रं एफ 1-10/2021/20-1 भोपाल दिनांक 01/02/2021 में प्रयोगशाला शिक्षक के रिक्त पदों पर अनुकंपा नियुक्ति प्रकरणों में नियुक्ति आदेश जारी हो चुके हैं? यदि हां, तो क्या जनजातीय कार्य विभाग राज्य शासन की प्राथमिकता में आता है? आदिवासी कर्मचारी दूरस्थ अंचलों में काम करते हैं, उसके बाद भी मृत कर्मचारियों के परिवारों को अनुकंपा नियुक्ति से वंचित रखा गया है? (ग) मध्य प्रदेश सरकार आदिम जाति, जनजातीय कार्य विभाग में स्कूल शिक्षा विभाग की तरह अनुकंपा नियुक्ति पर कब तक विचार करेगी? (घ) अध्यापक शिक्षक संवर्ग/नवीन शिक्षक संवर्ग के मृतकों के आश्रितों को स्कूल शिक्षा विभाग की भांति आदिम जाति कल्याण विभाग में भी प्रयोगशाला सहायक के पद पर अनुकंपा नियुक्ति कब तक प्रदान की जावेगी? (ड) वर्तमान तारीख तक कोरोना में भी अनेकों कर्मचारियों/नवीन शिक्षकों की मृत्यु हुई है तो क्या उनके आश्रित परिवारों को भी सरकार अनुकंपा नियुक्ति देगी।
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) 330 अनुकम्पा नियुक्ति के प्रकरण लंबित हैं। (ख)जी हॉं। जी हॉं। जी नहीं। शासन स्तर पर विचाराधीन हैं। (ग) एवं (घ) स्कूल शिक्षा विभाग के पत्र दिनांक 01/02/2021 द्वारा प्राथमिक शिक्षक एवं प्रयोगशाला शिक्षक जिनका ग्रेड-पे छठा वेतनमान में रूपये 5200- 20200+2400 ग्रेड पे निर्धारित है, जबकि सा.प्र.वि. के परिपत्र दिनांक 20/09/2014 की कंडिका 5.1 अनुसार सहायक ग्रेड 3 तथा समकक्ष पद संविदा शाला शिक्षक रूपये 5200-20200+ 2100 ग्रेड पे तक वेतनमान वाले अन्य कार्यपालिक पदों पर अनुकंपा नियुक्ति दिये जाने के निर्देश हैं। उक्त विसंगति के मुद्दे पर सामान्य प्रशासन विभाग से अभिमत मांगा गया है उनके अभिमतानुरूप कार्यवाही की जावेगी। (ड.) जी हॉं। नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी।
खरीफ फसलों की बीमा राशि का भुगतान
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
24. ( *क्र. 4 ) श्री महेश राय : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2019 की खरीफ फसलों की बीमा राशि का भुगतान तहसील बीना के कितने किसानों को किया गया है? संख्या उपलब्ध करायें। (ख) तहसील बीना के कितने किसानों को फसल बीमा राशि का भुगतान नही किया गया? (ग) यदि नहीं, तो क्यों? किसकी गलती से भुगतान नहीं हो पाया? बैंक या बीमा कम्पनी पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गयी? (घ) तहसील बीना के शेष किसानों को बीमा राशि का भुगतान कब तक कर दिया जायेगा?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री कमल पटेल ) : (क) प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत खरीफ 2019 मौसम में तहसील बीना के पात्र बीमित कृषकों को किये गये क्षतिपूर्ति राशि के भुगतान की पटवारी हल्कावार, फसलवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख)खरीफ 2019 मौसम में राज्य सरकार के आग्रह पर भारत सरकार द्वारा पोर्टल पुन: दिनांक 16.5.2020 से 2.6.2020 व 1.3.2021 से 10.3.2021 के दौरान खोला गया था, जिसमें बैंकों द्वारा फसल बीमा की एंट्रियां की गईं थीं। योजना के अनुसार उक्त अवधि के दौरान की गई एंट्रियों में से तहसील बीना की 2037 एंट्रियों के बीमांकन व आंकलन का कार्य प्रक्रियाधीन है। (ग) उत्तरांश 'ख' अनुसार। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) समय सीमा बताना संभव नहीं है।
ई-पंचायत परियोजना अंतर्गत संपादित कार्यों का विवरण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
25. ( *क्र. 43 ) श्री सुखदेव पांसे : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ई-पंचायत परियोजना के अंतर्गत महात्मा गांधी ग्राम सेवा केन्द्र परियोजना में प्रदेश में कुल कितनी पंचायतों में ई-केन्द्र स्थापित किये गये हैं एवं वर्तमान में उक्त परियोजना की क्या स्थिति है? (ख) महात्मा गांधी ग्राम सेवा केन्द्र परियोजना का वर्ष 2018-19, 2019-20, 2020-21, 2021-22 में कुल कितने रूपये का बजट रखा गया था? अब तक इस बजट के तहत कितने रूपये खर्च किये गये? (ग) उपरोक्त परियोजना के अंतर्गत कार्यरत कर्मचारियों को यथा ग्राम स्तरीय उद्यमी को मानदेय, प्रभारी एवं जिला प्रभारियों को कब से वेतन नहीं दिया गया है एवं कब तक बकाया वेतन का भुगतान कर दिया जावेगा? पूर्ण विवरण दें। (घ) प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित कर्मचारियों का क्या ई.पी.एफ. काटा गया है? यदि हां, तो किन-किन माहों का कितना-कितना काटा गया है? यदि नहीं, तो क्यों नहीं काटा गया है? (ड.) भारत सरकार के पंचायत राज मंत्रालय नई दिल्ली के पत्र क्रमांक D.O. No-N-11019/26/2019-Governace, दिनांक 03 सितम्बर, 2019 पर राज्य सरकार क्या कार्यवाही कर चुकी है एवं क्या कार्यवाही करना शेष है?
पंचायत मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया (संजू भैया) ) : (क) वर्तमान में 5000 ग्राम पंचायतों में ई-केन्द्र स्थापित किये गये हैं। उक्त परियोजना अंतर्गत ग्राम पंचायतों में 5000 VLEs, 289 ब्लाक इंचार्ज, 48 डिस्ट्रिक्ट इंचार्ज, 04 मास्टर ट्रेनर तथा राज्य स्तरीय टीम सी.एस.सी. ई-गवर्नेंस सर्विसेस इंडिया लिमिटेड द्वारा नियुक्त किये जाकर 5000 केन्द्रों के माध्यम से ग्रामवासियों को विभिन्न सेवाएं उपलब्ध करवाई जा रही हैं। (ख) प्रदेश में महात्मा गांधी ग्राम सेवा केन्द्र परियोजना जुलाई 2020 में प्रारंभ की गई, इस हेतु भारत सरकार द्वारा बजट का प्रावधान नहीं किया गया है, किन्तु भारत सरकार पंचायती राज मंत्रालय के पत्र दिनांक 03 सितम्बर, 2019 अनुसार केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं/ग्राण्टस्/केंद्रीय वित्त आयोग अनुदान की राशि से परियोजना के संचालन हेतु वित्तीय प्रावधान करने संबंधी निर्देश हैं। तद्नुसार पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग एवं सी.एस.सी. ई-गवर्नेंस सर्विसेस इंडिया लिमिटेड के मध्य दिनांक 02/07/2020 को अनुबंध संपादित किया गया है एवं राशि रूपये 05.00 करोड़ (पांच करोड़) का भुगतान सी.एस.सी. ई-गवर्नेंस सर्विसेस इंडिया लिमिटेड को किया गया है। (ग) सी.एस.सी. ई-गवर्नेंस सर्विसेस इंडिया लिमिटेड द्वारा परियोजना के अंतर्गत कार्यरत ग्राम स्तरीय उद्यमी को माह अगस्त 2020 से तथा प्रभारी एवं जिला प्रभारियों को माह मार्च 2021 से पारिश्रमिक नहीं दिया गया है, किन्तु महात्मा गांधी ग्राम सेवा केंद्रों द्वारा प्रदान किये जाने वाली सेवाओं के बदले कमीशन सीधे ग्राम स्तरीय उद्यमियों के वॉलेट (अकाउंट) में प्राप्त होता है। समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नही होता। (घ) अधिकृत एजेंसी सी.एस.सी. ई-गवर्नेंस सर्विसेस इंडिया लिमिटेड द्वारा कर्मचारी के पारिश्रमिक से ई.पी.एफ. का कटौत्रा नहीं किया जाता है, क्योंकि सी.एस.सी. ई-गवर्नेंस सर्विसेस इण्डिया लिमिटेड द्वारा उक्त सभी कर्मचारी ई.पी.एफ. कटौत्रा के दायरे में नहीं रखे गये हैं, उक्त सभी कर्मचारी कंपनी के अनुबंधित कर्मचारी की श्रेणी में रखे गये हैं। (ड.) सी.एस.सी. ई-गवर्नेंस सर्विसेस इण्डिया लिमिटेड को कार्यादेश दिनांक 30/10/2019 जारी किया गया तथा दिनांक 02/07/2020 को पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग एवं सी.एस.सी. ई-गवर्नेंस सर्विसेस इण्डिया लिमिटेड के मध्य अनुबंध संपादित किया गया। परियोजना के सफल क्रियान्वयन हेतु एजेंसी द्वारा 5000 ग्राम पंचायतों में सी.एस.सी. केंद्रों को ग्राम पंचायतों के साथ संबद्ध किया जाकर ग्राम पंचायत भवनों में ई-गवर्नेंस के तहत कम्प्यूटर एवं अन्य तकनीकी संसाधन, विलेज लेवल इंटरप्रेन्योर (VLEs) को उपलब्ध करवाये गये हैं, जिनके माध्यम से 5000 केंद्रों में नागरिकों को सेवाएं प्रदान की जा रही हैं। पारिश्रमिक भुगतान संबंधी कार्यवाही प्रचलित है।
भाग-2
नियम
46 (2) के अंतर्गत
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
के रुप में
परिवर्तित
तारांकित
प्रश्नोत्तर
प्रधानमंत्री
सड़क की जाँच
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
1. ( क्र. 5 ) श्री महेश राय : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रधानमंत्री सड़क योजना के अन्तर्गत खिमलासा नाऊखेड़ा बारधा के सड़क निर्माण की गुणवत्ता की जाँच विभाग के अधिकारियों द्वारा की गयी है? (ख) यदि हाँ, तो परीक्षण में क्या तथ्य सामने आये? क्या सड़क निर्माण शासन के नियमों के अनुरूप किया गया है? (ग) यदि नहीं, तो विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की है? यदि नहीं, तो क्या अब खिमलासा नाऊखेड़ा बारधा के सड़क के निर्माण की गुणवत्ता की जाँच कराई जायेगी तथा दोषियों पर सख्त कार्यवाही की जायेगी? (घ) यदि हाँ, तो जाँच कब तक हो जायेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया (संजू भैया) ) : (क) जी हाँ। भारत शासन के निर्देशानुसार प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत निर्मित मार्गों की गुणवत्ता की जाँच हेतु त्रिस्तरीय गुणवत्ता नियंत्रण प्रणाली स्थापित है, जिसके तहत प्रत्येक मार्ग का नियमित पर्यवेक्षण एवं गुणवत्ता की जाँच की जाती है। वर्तमान में कार्य प्रगति पर है, संपादित कार्य की जाँच निर्धारित प्रक्रियानुसार की गई है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) एवं (घ) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
थाना चिनौर में दर्ज एफ.आई.आई की जाँच
[गृह]
2. ( क्र. 10 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या तारांकित प्रश्न क्र. 2560 दिनांक 5 मार्च 2021 के प्रश्नांश (क) अनुसार अपराध क्र 18/21 दिनांक 2 फरवरी 2021 के अपराध की विवेचना होना बताया गया था? तो क्या विवेचना पूर्ण हो चुकी है? क्या सेन्ट्रल बैंक ऑफ इंडिया चिनौर से सी.सी.टी.व्ही. फुटेज प्राप्त हो चुके है? (ख) यदि हाँ, तो क्या दौलत सिंह कुशवाह एवं अन्य पर अपराध होना बताया था? क्या वह उस समय बैंक में थे? यदि हाँ, तो थाना प्रभारी को अपराध पंजीकृत करने के पूर्व पूरी वास्तविक स्थिति से अवगत कराया गया था फिर भी थाना प्रभारी द्वारा झूठी एफ.आई.आर. क्यों दर्ज की गई? (ग) पूर्व प्रश्न क्र. 2560 के (ग) भाग अनुसार क्या झूठी शिकायत कराने वालों तथा ऐसे थाना प्रभारी जो आज भी उसी थाने में पदस्थ हैं तथा उनकी जानकारी में होते हुये भी झूठी एफ.आई.आर. दर्ज कर रहे हैं? क्या उनके प्रति कोई कठोर दण्डात्मक कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो क्या और कब तक? यदि नहीं, तो कारण सहित स्पष्ट करें।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। थाना चीनौर के अप. क्र. 18/21 की विवेचना जारी है। सेन्ट्रल बैंक ऑफ इंडिया चिनौर से सी.सी.टी.व्ही. फुटेज प्राप्त हो चुके हैं। (ख) फरियादिया के बताये अनुसार दौलत सिंह कुशवाह एवं अन्य पर अपराध दर्ज किया गया। दौलत सिंह कुशवाह के अपराध में शामिल होने अथवा घटना के समय बैंक में होने के संबंध में विवेचना जारी है। विवेचना में एकत्रित साक्ष्य के आधार पर विधि सम्मत कार्यवाही की जावेगी। वर्तमान में विवेचना जारी है। (ग) प्रकरण विवेचना में है तथा साक्ष्य के आधार पर विधिसम्मत कार्यवाही की जाएगी।
दोषी आरक्षक तथा थाना प्रभारी के विरूद्ध कार्यवाही
[गृह]
3. ( क्र. 11 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दिनांक 2/7/21को नाहरसिंह पुत्र श्री सोनेराम यादव द्वारा दिनांक 1/7/21 को ग्राम बनवार में कोविड वैक्सीन लगवाने के दौरान आरक्षक संदीप सिंह जाट एवं आरक्षक अतुल सिंह चौहान द्वारा बिना कारण के मारपीट करना तथा थाना प्रभारी चीनौर द्वारा ₹5000 लेकर ₹200 की रसीद देकर भ्रष्टाचार एवं अपराध किया है? इस बाबत क्या श्री नाहर सिंह एवं अन्य नागरिकों द्वारा पुलिस अधीक्षक ग्वालियर को शिकायत की है? यदि हाँ, तो शिकायती पत्र एवं विडियो सीडी की प्रति (सीडी) दें। (ख) क्या शिकायतकर्ता नाहर सिंह यादव द्वारा वीडियो क्लिप की सीडी एवं पूरे विवरण की लिखित शिकायत की थी? यदि हाँ, तो क्या ऐसे कृत्य करने वाले पुलिस आरक्षकों एवं थाना प्रभारी के विरुद्ध एफ.आई.आर. तथा कोई कठोर दंडात्मक कार्रवाई की गई है या की जा रही है? यदि हाँ, तो क्या और कब? की गई कार्यवाही की जानकारी उपलब्ध करावें? (ग) आरक्षक संदीप सिंह जाट एवं आरक्षक अतुल सिंह चौहान तथा थाना प्रभारी चीनौर श्री दीपक गौतम की 1 जनवरी 2018 से प्रश्न दिनांक तक कहाँ-कहाँ कब-कब पदस्थापना रही है? इनकी इस अवधि में कितनी-कितनी शिकायतें किन-किन व्यक्तियों द्वारा कब-कब की गई है? उन शिकायतों पर क्या-क्या कार्यवाही की गई है? पूर्ण विवरण दें।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) आवेदक नाहर सिंह पुत्र सोनेराम यादव निवासी ग्राम घिरौली थाना पनिहार जिला ग्वालियर द्वारा दिनांक 02.07.2021 को पुलिस अधीक्षक ग्वालियर को शिकायत की गयी है। शिकायत पत्र व वीडियो सीडी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) 1-जी हाँ, पुस्तकालय रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। 2-शिकायत की जाँच अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ग्रामीण ग्वालियर के माध्यम से करायी गयी है। जाँच के आधार पर अनावेदक आरक्षक 2773 संदीप सिंह तत्का. पदस्थापना थाना चीनौर हाल पुलिस लाईन ग्वालियर व आरक्षक 2743 अतुल सिंह चौहान थाना चीनौर को सेवा पुस्तिका में ’’निंदा’’ की सजा दी गयी तथा थाना प्रभारी चीनौर उप निरीक्षक दीपक गौतम को भविष्य के लिये सचेत किया गया। पुलिस अधीक्षक ग्वालियर का आदेश दिनांक 21.7.2021 पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) थाना प्रभारी चीनौर उप निरीक्षक दीपक गौतम, आरक्षक 2773 संदीप जाट तथा आरक्षक 2743 संदीप सिंह चैहान से संबंधित जानकारी पुस्तकालय रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है।
पंधाना जनपद को आदिवासी जनपद घोषित करना
[जनजातीय कार्य]
4. ( क्र. 14 ) श्री राम दांगोरे : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र पंधाना के जनपद पंधाना को कब तक आदिवासी जनपद घोषित किया जाएगा? (ख) नियम 117 के तहत कब तक कार्यवाही होगी?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) आदिवासी जनपद घोषित करने संबंधी प्रावधान नहीं होने से प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) नियम 117 किस विषय से संबंधित है उल्लेख न होने से जानकारी दी जाना संभव नहीं है।
पुलिस चौकी की स्थापना
[गृह]
5. ( क्र.
15 ) श्री
राम दांगोरे : क्या
गृह मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
प्रश्नकर्ता
के विधानसभा
क्षेत्र
पंधाना
अंतर्गत विकासखंड
पंधाना के
ग्राम सिंगोट
के आसपास लगभग
40
से 50
ग्राम आते हैं
एवं विकास खंड
छैगांव माखन
के ग्राम
चिचगोहन के
आसपास भी करीब
40
से 50
ग्राम आते हैं
जिनमें
अधिकांश जनता
अजा, एवं
अजजा वर्ग के
निवास करते
हैं? (ख)
यदि हाँ,
तो इन ग्रामों
में पुलिस
चौकी खोलने
हेतु शासन
द्वारा कब तक
प्रक्रिया
प्रारंभ की
जाएगी?
गृह
मंत्री ( डॉ.
नरोत्तम
मिश्र ) : (क) जी
हाँ। (ख)
ग्राम
चिचगोहन में
नवीन पुलिस
चौकी का प्रस्ताव
निर्धारित
मापदण्डों के
अनुरूप नहीं
होने से
नस्तीबद्ध
किया गया है।
शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन बेचने की जानकारी
[गृह]
6. ( क्र. 17 ) श्री आलोक चतुर्वेदी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में कोविड महामारी की दूसरी लहर के दौरान किन-किन शासकीय / निजी अस्पतालों में कोविड मरीजों को कितने नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन बेचने की खबरे प्रकाश में आई? इंजेक्शनों को किस मूल्य पर बेचा गया? (ख) उपरोक्त शासकीय / निजी अस्पतालों में नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन लगाये जाने के कारण कितने कोविड मरीजों की मृत्यु हुई या उनकी हालत गंभीर हो गई? (ग) उपरोक्त जिले में नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन बेचे जाने के और उनका अस्पतालों में प्रयोग किये जाने पर किन-किन लोगों पर क्या-क्या कार्यवाही की गई?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
जनपद पंचायत गोहद में मनरेगा योजना में अनियमितताओं की जाँच
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
7. ( क्र. 19 ) श्री मेवाराम जाटव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला भिण्ड की जनपद पंचायत गोहद में मनरेगा योजना अंतर्गत वर्ष 2020-21 में कितनी राशि किन कार्यो हेतु आवंटित की गई थी? (ख) क्या उक्त आवंटित राशि से जो कार्य कराये गये हैं, वह मशीनों से कराये हैं तथा राशि में आर्थिक अनियमितताएं की गई हैं तथा जाँच में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत गोहद श्री नवल किशोर पाठक को हटाया गया है? (ग) यदि हाँ, तो क्या उक्त कार्यों की निष्पक्ष जाँच कराकर संबंधितों के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया (संजू भैया) ) : (क) जिला भिण्ड की जनपद पंचायत गोहद में मनरेगा योजना अंतर्गत वर्ष 2020-21 में कराये गये कार्यों पर आवंटित राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट क प्रपत्र-1 पर है। (ख) उक्त आवंटित राशि में से मात्र 2 कार्यों में मशीनों से कार्य कराने की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 पर है। दोनों कार्यों में (1) कच्चानाला का निर्माण कार्य भवरपुरा से डांग छैकुरी में राशि व्यय नहीं की गई है। (2) कच्चानाला निर्माण चितौरा से निबरोल पुल तक कार्य निरस्त कर राशि रू. 1.99 लाख की वसूली की कार्यवाही प्रस्तावित है। प्राप्त शिकायतों के अनुक्रम में श्री नवल किशोर पाठक को मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत के पद से हटाया गया है। (ग) जी हाँ, संबंधितों के विरूद्ध निष्पक्ष जाँच कर 1 माह में जाँच निष्कर्ष अनुसार कार्यवाही की जावेगी।
वाहनों की तेज गति से दुर्घटनाएं होना
[गृह]
8. ( क्र. 20 ) श्री मेवाराम जाटव : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या गोहद विधान सभा क्षेत्र अन्तर्गत गोण खनिज (काली गिट्टी) रेत आदि का वाहनों द्वारा परिवहन किये जाने से एवं पुलिस थानों/चौकी पर चेक किये जाने तथा माफियों द्वारा उन वाहनों से अवैध वसूली किये जाने आदि कारणों से वाहनों की लम्बी कतारे/लाईन से यातायात प्रभावित हो रहा है, जिससे आम नागरिक परेशान हो रहे तथा आये दिन वाद-विवाद होते हैं? (ख) यदि हाँ, तो पुलिस द्वारा अपराधियों के विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की जाती है? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में रेत गिट्टी से भरे वाहन प्रायवेट माफियों द्वारा उनसे अवैध वसूली किये जाने को लेकर वाहन तेज गति से चलने से दुर्घटनाएं हो रही है, कई लोगों की मृत्यु तक हो चुकी है? क्या पुलिस द्वारा इसकी रोकथाम के लिये कार्यवाही की जाती है? यदि हाँ, तो विगत 3 वर्ष में की गई कार्यवाही बतायें? यदि नहीं, तो क्यों?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी नहीं। (ख) प्रश्नांश ‘‘क‘‘ घटित न होने से प्रश्नांश ‘‘ख‘‘ का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। पुलिस द्वारा सड़क दुर्घटनायें रोकने के लिये समय-समय पर यातायात नियमों के संबंध में लोगों को जानकारी दी जाती है। दुर्घटना संभावित स्थलों पर आवश्यक सुधार यथा सांकेतिक बोर्ड, प्रकाश, गति अवरोधक आदि की व्यवस्था की जाती है। लोगों को समय-समय पर यातायात नियमों के पालन करने के संबंध में जागरूक किया जाता है। यातायात सड़क सुरक्षा सप्ताह मनाया जाता है, जिसके माध्यम से आम जनता को यातायात नियमों की जानकारी दी जाती है। यातायात के नियमों का उल्लंघन करने पर वैधानिक कार्यवाही की जाती है। गौण खनिज से भरे वाहनों से होने वाली दुर्घटनाओं की रोकथाम हेतु समय-समय पर चैकिंग लगाई जाकर विगत 03 वर्षों में कार्यवाही कर कुल 55 चालान कर रूपये 1, 53, 000/- का समन शुल्क वसूल किया गया, तथा रेत, गिट्टी से भरे वाहनों की दुर्घटना से मृत्यु होने पर 08 प्रकरण दर्ज कर चालान किये गये हैं।
रेमडेसीवर इंजेक्शन की कालाबाजारी
[गृह]
9. ( क्र. 23 ) श्रीमती कृष्णा गौर : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) माह मार्च 2021 से जून 2021 तक भोपाल, इंदौर, ग्वालियर एवं जबलपुर में रेमडेसीवर इंजेक्शन की कालाबाजारी एवं अवैध व्यापार के कितने प्रकरण दर्ज किये गये? प्रकरण दिनांक, थाने का नाम, आरोपियों के नाम एवं उन पर आरोप पृथक-पृथक बताया जाये। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कितने आरोपियों को गिरफ्तार किया गया? उनकी जानकारी देते हुए प्रकरण की वर्तमान स्थिति बताई जाये। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) वर्णित कितने आरोपियों के विरूद्ध रासुका लगाई गयी है और उनकी वर्तमान स्थिति क्या है?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
सी.आई.डी. प्रकरण की जाँच
[गृह]
10. ( क्र. 28 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्तमान अवधि तक पंजीकृत कितने प्रकरणों की सी.आई.डी. जाँच विगत कितने वर्षों से की जा रही है? जिलावार संख्या बतावें। (ख) क्या रामविलास आ. सुन्दर लाल तिवारी की दिनांक 11/06/2013 को इटारसी के निकट हुई संदेहास्पद परिस्थितियों में हुई मृत्यु की जाँच सी.आई.डी. द्वारा की जा रही है? यदि हाँ, तो कब से? (ग) जाँच कब तक होने की संभावना है? (घ) क्या रामविलास आ. सुन्दरलाल के परिजनों द्वारा सी.आई.डी. जाँच की मांग की गई थी? यदि हाँ, तो कब?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) प्रश्नांश की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ, प्रश्नांश में उल्लेखित घटना से संबंधित शिकायत पत्र की जाँच सी.आई.डी. द्वारा दिनांक 09.10.2020 से की जा रही है। (ग) घटना लगभग 08 वर्ष से अधिक पुराने अकाल मृत्यु प्रकरण से संबंधित है। घटना के संबंध में प्रमाण एकत्रित किया जा रहा है। समय सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) घटना में मृत स्व. राम विलास तिवारी के भांजे श्री सुनील तिवारी द्वारा घटना की जाँच कराये जाने संबंधी पत्र दिनांक 27.07.2021 को पुलिस मुख्यालय में प्राप्त हुआ है।
बहोरीबंद तहसील में व्यवहार न्यायालय की स्थापना
[विधि और विधायी कार्य]
11. ( क्र. 54 ) श्री प्रणय प्रभात पाण्डेय : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कटनी जिले अंतर्गत बहोरीबंद तहसील में व्यवहार न्यायालय (सिविल कोर्ट) प्रारंभ होना पूर्व से प्रस्तावित है तथा इसे शीघ्र प्रारंभ करने का आश्वासन पूर्व में विधानसभा की बैठकों में दिया जा चुका है? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो उल्लेखित न्यायालय प्रारंभ न होने के क्या कारण हैं? इसे किस प्रकार से कब तक प्रारंभ कर दिया जावेगा? (ग) विभाग द्वारा व्यवहार न्यायालय खोलने हेतु क्या नियम प्रक्रिया हैं? क्या शासन स्तर पर कटनी जिले की रीठी तहसील में व्यवहार न्यायालय प्रारंभ करने हेतु कोई सैद्धान्तिक सहमति या कोई योजना पूर्व में प्रस्तावित थी? (घ) प्रश्नांश (ग) यदि हाँ, तो वह किस स्तर पर किन कारणों से लम्बित है? यदि नहीं,, तो क्या शासन रीठी तहसील में व्यवहार न्यायालय प्रारंभ करने हेतु क्या आवश्यक कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो किस प्रकार से कब तक?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। बहोरीबंद जिला कटनी में व्यवहार न्यायाधीश वर्ग-2 का एक नवीन पद स्वीकृत है। (ख) प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश, कटनी के अनुसार बहोरीबंद, जिला कटनी में व्यवहार न्यायाधीश वर्ग-2 का 01 नवीन पद स्वीकृत है। उक्त न्यायालय प्रारंभ करने हेतु आवश्यक मूलभूत सुविधाओं के अंतर्गत जिला कलेक्टर जिला कटनी द्वारा बी.आर.सी. भवन बहोरीबंद को न्यायालय भवन हेतु प्रदाय किया गया है। उक्त भवन को न्यायालय स्वरूप परिवर्तित करने बाबत् पी.डब्लू.डी. विभाग की ओर से कार्य कराया जा रहा है और अभी अपूर्ण है। उक्त कार्य पूर्ण होने पर न्यायालय आरंभ किये जाने पर विचार किया जा सकता है। न्यायालय आरंभ करने हेतु मूलभूत सुविधाएं जैसे- न्यायालीन स्टाफ, प्रस्तुतकार, प्रवर्तन लिपिक, शीघ्र लेखक, साक्ष्य लेखक, आदेशिका लेखक एवं भृत्य के पद स्वीकृत है, परन्तु शासन स्तर से इनकी भर्ती नहीं की गई है। साथ ही न्यायालय के सुचारू रूप से संचालन हेतु नजारत अनुभाग एवं प्रतिलिपि अनुभाग के कर्मचारियों के पद स्वीकृत नहीं हैं और न्यायालय सुरक्षा हेतु चौकीदार का पद स्वीकृत नहीं है। (ग) नवीन न्यायालयों की स्थापना हेतु म.प्र. उच्च न्यायालय की न्यायालय स्थापना नीति/निर्देश जारी किये गये हैं। जी नहीं। (घ) जी हाँ। तहसील रीठी जिला कटनी में व्यवहार न्यायालय स्थापना के नवीन प्रस्ताव प्राप्त होने पर न्यायालय स्थापना संबंधी कार्यवाही की जावेगी।
प्रधानमंत्री आवास योजना से वंचित ग्राम
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
12. ( क्र. 59 ) श्री रामपाल सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जुलाई 2021 की स्थिति में रायसेन जिले में ऐसे कौन-कौन से ग्राम हैं, जिनमें प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के अंतर्गत एक भी आवास स्वीकृत नहीं हुआ तथा क्यों? ग्रामवार कारण बतायें। (ख) उक्त ग्रामों में आवास स्वीकृत हो इस संबंध में प्रमुख सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग तथा मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत रायसेन द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई? पूर्ण विवरण दें। (ग) उक्त ग्रामों में आवास स्वीकृति के संबंध में 1 जनवरी 2021 से प्रश्न दिनांक तक मान. मंत्री जी तथा विभाग के अधिकारियों को रायसेन जिले के किन-किन विधायकों के पत्र कब-कब प्राप्त हुए तथा उन पर क्या-क्या कार्यवाही की गई तथा की गई कार्यवाही से संबंधित विधायकों को कब-कब अवगत कराया? (घ) प्रश्नांश (क) के ग्रामों के हितग्राहियों को कब तक आवास उपलब्ध होंगे? एक निश्चित समयावधि बतायें।
पंचायत मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया (संजू भैया) ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्न (क) के उत्तर में उल्लेखित अस्वीकृति कारण के परिप्रेक्ष्य में कार्यवाही अपेक्षित नहीं। (ग) माननीय विधायक श्री रामपाल सिंह सिलवानी का पत्र दिनांक 22.06.2021 को पत्र प्राप्त हुआ, जिसके संबंध में कार्यवाही पूर्ण कर कार्यालयीन पत्र क्रमांक 9925 एवं 9928 दिनांक 30.07.2021 के माध्यम से अवगत कराया गया। (घ) SECC-2011 की प्राथमिकता सूची में नियमानुसार पात्र हितग्राहियों को आवास प्रदाय किया जाना एक सतत् प्रकिया है। इसमें समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है।
15वां वित्त आयोग से प्राप्त राशि
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
13. ( क्र. 60 ) श्री रामपाल सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला पंचायत रायसेन को 15वां वित्त आयोग की अनुशंसा से कितनी राशि कब-कब प्राप्त हुई? उक्त राशि से क्या-क्या कार्य स्वीकृत किये जा सकते हैं? (ख) जिला पंचायत रायसेन द्वारा जुलाई 2021 की स्थिति में उक्त राशि से क्या-क्या कार्य कितनी-कितनी राशि के कहां-कहां, किन-किन दिनांकों में स्वीकृत किये तथा निर्माण एजेंसी को किन-किन दिनांकों में राशि जारी की गई? राशि जारी करने में विलम्ब का क्या कारण है? (ग) 15वां वित्त आयोग की राशि से कार्य स्वीकृति हेतु माननीय मंत्री जी तथा मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत रायसेन को रायसेन जिले के किन-किन सांसद/विधायकों के पत्र कब-कब प्राप्त हुये? उक्त पत्रों पर क्या-क्या कार्यवाही की गई? (घ) उक्त पत्रों पर की गई कार्यवाही से संबंधित सांसद/विधायकों को कब-कब अवगत कराया? यदि नहीं, तो क्यों? कारण बतायें।
पंचायत मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया (संजू भैया) ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''स'' अनुसार है। ई-ग्राम स्वराज पोर्टल पर तकनीकी समस्या होने के कारण राशि जारी करने में विलंब हुआ है। (ग) एवं (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''द'' अनुसार है।
खेत सड़क/सुदुर ग्राम सड़क योजना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
14. ( क्र. 78 ) श्री मुरली मोरवाल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले में मनरेगा अन्तर्गत खेत सड़क/सुदुर ग्राम सड़क योजना एवं स्टॉप डेम में कितनी राशि वर्ष 2020-2021 में स्वीकृत की गई? सड़कवार, ग्रामवार, स्टॉप डेमवार, स्थानवार राशि सहित सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) बड़नगर विकासखण्ड अन्तर्गत किन-किन खेत सड़क योजना अन्तर्गत एवं स्टॉप डेम हेतु किन-किन गांव में कितनी-कितनी राशि वर्ष 2020-2021 में स्वीकृत की गई है? ग्रामवार राशि सहित सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) जिन सड़कों एवं स्टॉप डेम का कार्य पूर्ण हो चुका है, उनकी गुणवत्ता की जाँच किन-किन अधिकारी द्वारा की गई? कार्य पूर्ण होने का प्रमाण पत्र किन-किन अधिकारी द्वारा जारी किया गया है? सड़कवार, स्टॉप डेमवार सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें। (घ) प्रश्नांश (क) अवधि में मनरेगा/सुदूर ग्राम सड़क निर्माण एवं स्टॉप डेम का निर्माण कितने प्रतिशत मानव श्रम व कितने प्रतिशत मशीनों से किया गया है? मशीनों से श्रम कराने के संबंध में कितनी शिकायतें प्राप्त हुई हैं? इन पर क्या कार्यवाही की गई? सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें।
पंचायत मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया (संजू भैया) ) : (क) उज्जैन जिले में मनरेगा अन्तर्गत खेत सड़क/सुदूर ग्राम सड़क योजना एवं स्टॉप डेम में वर्ष 2020-2021 में राशि रू 1887.50 लाख स्वीकृत की गई। प्रश्न की शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र–1 अनुसार है। (ख) बड़नगर विकासखण्ड अन्तर्गत खेत सड़क योजना अन्तर्गत एवं स्टॉप डेम हेतु वर्ष 2020-2021 में स्वीकृत राशि एवं प्रश्नांश की शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। प्रश्नाधीन अवधि में योजनान्तर्गत स्टॉप डेम निर्माण कार्य स्वीकृत नहीं हुये हैं। (ग) पूर्ण सड़कों एवं स्टॉप डेम की गुणवत्ता की जाँच की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 के कालम 13, 14 व 15 अनुसार है। (घ) मनरेगा योजना से निर्माण कार्यों के क्रियान्वयन में कार्यों पर मजदूरी मद में अकुशल श्रम तथा सामग्री मद में अर्द्धकुशल, कुशल, सामग्री क्रय एवं मशीनों के किराये पर राशि व्यय किया जाना अनुमत है। विभाग के पत्र क्र. 6988/MGNREGS-MP/NR-3/2021 दिनांक 08.02.2021 पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार मनरेगा कार्यों की गुणवत्ता एवं स्थायित्व हेतु मशीनों के उपयोग के दिशा-निर्देश जारी किये गये हैं। प्रश्नाधीन अवधि में पूर्ण कार्यों एवं प्रगतिरत कार्यों पर हुये व्यय में 70.84 प्रतिशत अकुशल श्रम पर एवं 29.16 प्रतिशत कुशल, सामग्री क्रय एवं मशीनों के किराया पर व्यय किया गया है। जिला उज्जैन अंतर्गत अकुशल श्रम को विस्थापित करने वाली मशीनों से कार्य करवाने की शिकायत विभाग के संज्ञान में नहीं है, अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
पी.एम. आवास योजनांतर्गत निर्धारित लक्ष्य
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
15. ( क्र. 80 ) श्री राकेश मावई : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला मुरैना में वर्ष 2020-21 में पी.एम.आवास योजना अंतर्गत कितने आवास ग्रामीण क्षेत्र में बनाये जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया? पंचायतवार, विकासखण्डवार संपूर्ण जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) की अवधि में कितने आवासों को स्वीकृत दी गई और कितने आवास स्वीकृत होने के लिए लंबित हैं? पंचायतवार, विकासखण्डवार जानकारी देवें। (ग) पी.एम. आवास ग्रामीण योजना का लक्ष्य पूरा न होने का कारण क्या है? लक्ष्य पूरा न होने के लिए कौन दोषी है तथा उन पर क्या कार्यवाही की जा रही है?
पंचायत मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया (संजू भैया) ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के पोर्टल pmayg.nic.in पर उपलब्ध है। (ग) SECC-2011 की प्राथमिकता सूची में नियमानुसार पात्र हितग्राहियों द्वारा आवास निर्माण किया जाना एक सतत् प्रकिया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
16. ( क्र. 86 ) श्री ग्यारसी लाल रावत : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सेंधवा विधान सभा क्षेत्र अन्तर्गत ग्राम पंचायत बनिहार, नवलपुरा, झापड़पाड़ला, जामली, धावड़ी (चा), के निवासियों को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है? यदि हाँ, तो क्यों? विधानसभा के अन्तर्गत और कितनी ग्राम पंचायतें हैं जिसमें किसी भी हितग्राही को आज तक प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ नहीं मिला? कारण सहित सूची देवें। (ख) क्या सेंधवा विधान सभा क्षेत्र के अन्तर्गत ग्राम पंचायत बनिहार, नवलपुरा, झापड़पाड़ला, जामली, धावड़ी (चा), के निवासियों को तत्कालीन प्रशासकीय त्रुटियों एवं अधिकारियों के उदासीनता के चलते प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है? क्या शासन इसके लिये कोई पहल करेगा? यदि हाँ, तो समय सीमा बतावें? नहीं तो क्यों? (ग) क्या शासन उपरोक्त ग्राम पंचायतों के निवासियों को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ न मिल पाने के लिये दोषी अधिकारियों, ब्लॉक समन्वयक, उपयंत्री, कलस्टर प्रभारी को चिन्हांकित कर दण्डित करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया (संजू भैया) ) : (क) से (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कृषि विभाग द्वारा उड़द के अमानक बीजों का वितरण
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
17. ( क्र. 99 ) श्री प्रणय प्रभात पाण्डेय : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कृषि-विभाग द्वारा वर्ष 2021-22 की ग्रीष्मकालीन फसल में कटनी जिले के कृषकों को रियायती दर पर ग्रीष्मकालीन उड़द की फसल का बीज वितरित किया गया था? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो उल्लेखित योजनांतर्गत बहोरीबंद विधानसभा क्षेत्र के किन-किन ग्रामों में कुल कितनी-कितनी मात्रा का बीज किस नियम प्रक्रिया के तहत वितरित किया गया? (ग) क्या विभाग द्वारा वितरित उड़द-बीज की कुछ फसल अफलन की स्थिति में रही है तथा शेष फसल में नाममात्र की उपज हुई तथा बोई गई फसल अंकुरण काल के बाद से ही मोजाइक रोग से ग्रसित हो गई, जिसकी रोकथाम हेतु विभाग द्वारा कोई प्रयास नहीं किये गये, न ही कृषकों को उचित सलाह दी गई, जिससे कृषकों को आर्थिक-हानि उठानी पड़ी? यदि हाँ, तो इसके क्या कारण हैं? उल्लेखित बीज की प्रमाणिकता क्या थी तथा कटनी जिले में किस कम्पनी का उक्त बीज किस दर पर कितनी मात्रा में किसकी अनुशंसा पर क्रय किया गया? (घ) प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित कृषकों की आर्थिक-हानि का दोषी कौन है? क्या शासन इसकी जाँच कराकर दाषियों पर कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो किस प्रकार? कब तक? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री कमल पटेल ) : (क) जी हाँ, कटनी जिले में वर्ष 2021-22 की ग्रीष्मकालीन फसल में प्रमाणित उड़द बीज किस्म आई.पी.यू.-02-043 का वितरण सब मिशन ऑन सीड एंड प्लांटिंग मटेरियल अंतर्गत बीजग्राम कार्यक्रम योजना के प्रावधान अनुसार वितरण किया गया है। (ख) उड़द बीज का वितरण ''सब मिशन ऑन सीड एंड प्लांटिंग मटेरियल अंतर्गत बीजग्राम कार्यक्रम'' के योजना के प्रावधान अनुसार किया गया है। बहोरीबंद विधान सभा क्षेत्र में वितरित उड़द बीज की ग्रामवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) सब मिशन ऑन सीड एंड प्लांटिंग मटेरियल अंतर्गत बीजग्राम कार्यक्रम के तहत वितरित उड़द बीज किस्म आई.पी.यू.- 02-043 बीज संघ की सहकारी समिति फीनिक्स बायोसीड्स एण्ड प्रोसेस्ड फूड को-ऑपरेटिव सोसायटी सिहोरा, कुरवाई, जिला विदिशा म.प्र. से 66 क्विंटल प्रमाणित उड़द बीज का प्रदाय आदेश शासन द्वारा निर्धारित दर 8500 रू. प्रति की दर से किया गया है, जो कि MYMV प्रतिरोधी है। इसमें अंकुरण न होने की शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। फसल में येलो मोजेक का प्रकोप वनस्पतिक वृद्धि काल में देखा गया है। यह सफेद मक्खी से फैलने वाला वायरस जनित रोग है। बीज की प्रतिरोधिता मौसमी परिस्थितियों पर निर्भर करती है। इस रोग के प्रकोप से जिले में रोग ग्रसित उड़द फसल में कम फलन देखा गया है। (घ) जाँच उपरांत वस्तु स्थिति से अवगत कराया जाएगा।
अनुसूचित जाति बस्ती विकास योजना
[अनुसूचित जाति कल्याण]
18. ( क्र. 101 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या वर्ष 2018-19 से 2021-22 तक के लिये जबलपुर को राज्य एवं केन्द्रीय शासन की किन-किन योजनान्तर्गत किस-किस मद में कितनी-कितनी राशि आवंटित की गई एवं किन-किन योजनान्तर्गत स्वीकृत विकास एवं निर्माण कार्यों की कितनी-कितनी राशि आवंटित नहीं की गई हैं एवं क्यों? किन-किन योजनान्तर्गत किनती-कितनी राशि व्यय हुई एवं कितनी-कितनी राशि का उपयोग नहीं किया गया एवं क्यों? (ख) म.प्र. शासन द्वारा अनुसूचित जाति बस्ती विकास योजनान्तर्गत पूर्व विधानसभा क्षेत्र जबलपुर के लिए किन-किन कार्यों के लिए कब-कब कितनी-कितनी राशि की प्रशासकीय एवं वित्तीय स्वीकृति दी गई एवं किन-किन कार्यों से सम्बंधित कब-कब किस-किस मद से कितनी-कितनी राशि जारी की गई एवं कितनी-कितनी राशि जारी नहीं की गई हैं एवं क्यों? (ग) प्रश्नांश (ख) में स्वीकृत किन-किन विकास कार्यों हेतु निर्माण एजेन्सी का निर्धारण कब किस स्तर पर किया गया एवं कौन-कौन से कितनी-कितनी राशि के निर्माण कार्यों का निर्माण कब कराया गया? जिला प्रशासन जबलपुर ने किन-किन कार्यों से सम्बंधित भूमि आधिपत्य कब जारी किये हैं एवं किन-किन कार्यों के भूमि आधिपत्य जारी नहीं किये हैं एवं क्यों? सूची दें।
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘अ’ अनुसार है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘ब’ अनुसार है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘स’ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘द’ अनुसार है। (ग) अनुसूचित जाति बस्ती विकास योजना नियम 2018 में विकास कार्यों की निर्माण/कार्य एजेंसियों का निर्धारण जिला कलेक्टर द्वारा किया जाता है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘ई’ अनुसार है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘फ’ अनुसार है।
नाबालिक बच्चों के लापता होने बाबत्
[गृह]
19. ( क्र. 102 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में नाबालिक लड़कियों/बच्चों के लापता व गुमशुदा होने से सम्बंधित कितने मामले पंजीकृत किये गये हैं। इसमें फिरौती व अपहरण से सम्बंधित कितने मामले हैं? कितनी लड़कियों/बच्चों का अपहरण हुआ हैं। अपहरण व हत्या, अपहरण व दुष्कर्म, दुष्कर्म व हत्या तथा आत्म हत्या के कितने - कितने मामले पंजीकृत हैं? वर्ष 2019 - 20 से 2021 - 22 जून 2021 तक की जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) में कितनी लड़कियों को मानव तस्करी व देह व्यापार से मुक्त कराया गया एवं कितने अपराधियों को गिरफ्तार किया गया हैं? (ग) प्रश्नांश (क) में कितनी लड़कियों/बच्चों को बरामद किया गया हैं/कितनी लड़कियों/बच्चों को पड़ोसी किन - किन राज्यों से बरामद किया गया तथा प्रदेश के किन - किन जिलों से बरामद किया हैं/कितने घर वापिस लौटे हैं एवं कितने लापता हैं? (घ) प्रश्नांकित कितने-कितने मामले प्रदेश के किन-किन आदिवासी जिलों में पंजीकृत हैं? अभियान व लाकडाउन के दौरान कितनी लड़कियों/बच्चों को बरामद किया गया हैं?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (घ) जानकारी संकलित की जा रही है।
अनुसूचित जाति विकास योजना हेतु स्वीकृत राशि
[अनुसूचित जाति कल्याण]
20. ( क्र. 110 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) म.प्र. शासन अनुसूचित जाति कल्याण विभाग द्वारा अनुसूचित जाति बस्ती विकास योजना एवं अन्य किन-किन योजनान्तर्गत जिला जबलपुर के लिये कितनी-कितनी राशि के कौन-कौन से स्वीकृत निर्माण एवं विकास कार्य कराये गये है एवं कौन-कौन से कार्य अपूर्ण निर्माणधीन व अप्रारंभ हैं? वर्ष 2018-19 से 2021-22 तक की विधानसभा क्षेत्रवार जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) में स्वीकृत किन-किन निर्माण कार्यों से सम्बंधित भूमि आवंटन अभिलेख पत्र कब जारी किये गये है एवं किन-किन निर्मित निर्माण कार्यों के भूमि आवंटन अभिलेख पत्र कब से किसने जारी नहीं किये हैं एवं क्यों? इस सम्बंध में शासन के क्या निर्देश हैं? (ग) प्रश्नांश (क) में पूर्व विधान सभा क्षेत्र जबलपुर के तहत स्वीकृत कौन-कौन से निर्माण कार्यों व निर्माणधीन कार्यों से संबंधित भूमि आवंटन अभिलेख पत्र जिला प्रशासन जबलपुर द्वारा कब से जारी नहीं किये गये हैं एवं क्यो? क्या शासन इसके लिये दोषी अधिकारी पर कार्यवाही कर भूमि आवंटन अभिलेख पत्र प्रदाय कराना सुनिश्चित करेगा?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘ब’ एवं ‘स’ अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘द’ अनुसार है। कार्यवाही प्रचलन में है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
दोषी अधिकारी की पदोन्नति के संबंध में
[गृह]
21. ( क्र. 118 ) श्री अजय कुमार टंडन : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) माननीय न्यायालय प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश दमोह के न्यायालय में पंजीयन क्रमांक एस टी/ 1300099/ 2011 के निर्णय दिनांक 9 जुलाई2021 के अनुसार तत्कालीन थाना प्रभारी श्री वीरेंद्र बहादुर सिंह को अन्वेषण कार्य में दोषी पाया गया है फिर किस आधार पर दिनांक 12 जुलाई 20 21 को उन्हें पदोन्नति प्रदान की गई है? (ख) क्या गृह मंत्रालय के आदेश क्रमांक/एफ1 1बी/65/21/बी-4/दो, भोपाल दिनांक-12.07.2021 में निरीक्षक संवर्ग से कार्यवाहक उप पुलिस अधीक्षक के उच्च पद पर प्रभार से संबंधित आदेश में क्रमांक 68 पर अंकित श्री वीरेंद्र बहादुर के आदेश को निरस्त कर दिया जाएगा? यदि नहीं, तो क्यों? कारण बतावें। (ग) माननीय न्यायालय में अन्वेषण अधिकारी श्री वीरेन्द्र बहादुर सिंह द्वारा अन्वेषण कार्य फर्जी होने के मामले का दोषी होने के बावजूद पदोन्नति करने वाले अधिकारियों के नाम, पदनाम सहित देवें। इसके लिए शासन इन पर कब तक कार्यवाही करेगा? (घ) ऐसे प्रकरणों की भी जानकारी देवें जो माननीय न्यायालय में लंबित हैं और जिन की पदोन्नति कर दी गई है? इसका कारण भी साथ में देखें।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) यह कहना सही है कि माननीय न्यायालय द्वारा श्री वीरेन्द्र बहादुर सिंह को निर्णय दिनांक 09.07.2021 के अनुसार अन्वेषण कार्य में दोषी पाया गया है। निरीक्षक से उप पुलिस अधीक्षक के उच्चतर पद पर कार्यभार दिये जाने की कार्यवाही जीओपी क्रमांक 149/21 दिनांक 05.05.2021 के अनुसार छानबीन समिति द्वारा दिनांक 18.05.21 को पूर्ण की जा चुकी थी। उसके पश्चात शासन अनुमति दिनांक 12.07.2021 के परिप्रेक्ष्य में पुलिस मुख्यालय के आदेश दिनांक 12.07.2021 द्वारा श्री वीरेन्द्र बहादुर सिंह, निरीक्षक जिला दमोह का कार्यवाहक उप पुलिस अधीक्षक, हटा, दमोह के पद पर पदस्थापना के आदेश जारी किये गये है। (ख) प्रकरण में पुलिस मुख्यालय द्वारा प्राथमिक जाँच संस्थित की दी गई है। प्राथमिक जाँच के तथ्यों के आधार पर नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी। (ग) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जिन निरीक्षकों के विरूद्ध माननीय न्यायालय में प्रकरण लंबित है उन्हें कार्यवाहक उच्चतर पद का प्रभार नहीं दिया गया है।
आर्थिक भ्रष्टाचार के संबंध में
[गृह]
22. ( क्र. 141 ) श्री राजेश कुमार प्रजापति : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न क्रमांक 3025 दिनांक 5/3/2021 के उत्तर में सम्यक सुनवाई उपरांत उचित आदेश पारित किया जा कर निरस्त किया जावेगा लेख किया था? तो क्या उक्त अधिकारी द्वारा आर्थिक भ्रष्टाचार के कारण उक्त आदेश निरस्त नहीं किया था? -यदि नहीं, तो क्यों उक्त आदेश निरस्त नहीं किया था? कारण स्पष्ट करें। (ख) उक्त प्रश्न के उत्तर में यह भी बताया था कि कब्जे धारी का नाम परिवर्तन करने का अधिकार नहीं है तथा उत्तरांश (घ) में उक्त न्यायालय मे उभयपक्षों द्वारा स्वामित्व संबंधी किसी प्रकार के दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किए गए थे? (ग) प्रश्न (क) से (घ) के अनुसार क्या उक्त अधिकारी के विरुद्ध मामला आपराधिक प्रकरण दर्ज करने की परिधि में आता है? यदि हाँ, तो कब तक अपराधिक प्रकरण दर्ज किया जावेगा? यदि नहीं, तो क्यों कारण स्पष्ट करें। (घ) उक्त प्रश्र के उत्तर भाग (ड.) में लेख किया था कि अपर कलेक्टर छतरपुर के विरुद्ध धारा 167 एवं अन्य धाराओं के तहत भादवि की कार्रवाई नहीं की गई थी? तो क्या अपराधिक प्रकरण दर्ज न करने वाले अधिकारी के विरुद्ध शासन कार्रवाई करने के आदेश जारी करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
खेल मैदानों की उपलब्धता और उन्नयन
[खेल एवं युवा कल्याण]
23. ( क्र. 144 ) श्री संदीप श्रीप्रसाद जायसवाल : क्या खेल एवं युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के विधानसभा प्रश्न क्रमांक – 1720, दिनांक – 02/03/2021 के उत्तर में भारत सरकार को खेलो इंडिया के तहत प्रस्ताव भेजे जाने की जानकारी दी गयी थी, यदि हाँ, तो प्रस्ताव की स्वीकृति के लिए विभाग द्वारा अब तक की गयी पहल और कार्यवाही से अवगत कराये। (ख) क्या कटनी जिले में नवीन खेल मैदान के निर्माण अथवा उन्नयन के प्रस्ताव प्रचलन में हैं? यदि हाँ, तो विवरण प्रदान करें। यदि नहीं, तो क्या देश-प्रदेश के मध्य की भौगोलिक स्थिति के मध्य के कटनी जिले में नवीन खेल मैदान निर्माण अथवा उन्नयन की स्वीकृति प्रदान की जाएंगी? (ग) कटनी जिले के शासकीय विद्यालयों में विगत तीन वर्षों में किन-किन खेल प्रतियोगिताओं / कार्यक्रमों का कब-कब और कहाँ-कहाँ आयोजन किया गया? क्या मुडवारा विधानसभा अंतर्गत इन प्रतियोगिताओं के आयोजन का आमंत्रण और जानकारी प्रश्नकर्ता को प्रदाय की गयी? यदि हाँ, तो विवरण बतायें। यदि नहीं, तो कारण बतायें? (घ) कटनी जिले में विद्यालयों सहित खेल प्रतियोगिताओं के आयोजन और खेलों के उन्नयन तथा क्षमता संवर्धन हेतु विगत तीन वर्षों में क्या-क्या कार्य किए गए और कार्यक्रम/प्रतियोगिता आयोजित की गयी? (ङ) प्रश्नांश (घ) कार्यक्रमों/प्रतियोगिताओं के आयोजन हेतु कितनी-कितनी राशि किस मद एवं कार्यों/कार्यक्रमों हेतु कब-कब प्राप्त हुई? प्राप्त राशि किस-किस मद और कार्य/कार्यक्रमों में कितनी-कितनी व्यय की गयी? और इनके क्या लाभ परिलक्षित हुये?
खेल एवं युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जी हाँ, भारत सरकार की खेलो इण्डिया अधोसंरचना योजनान्तर्गत कटनी में स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स के निर्माण के लिये केन्द्रीय सहायता हेतु प्रस्ताव विभागीय पत्र क्र. एफ 2-22/2020/नौ, दिनांक 29.09.2020 द्वारा भारत सरकार, युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय, नई दिल्ली को प्रेषित किए गए थे, इस संदर्भ में भारत सरकार ने पत्र क्र. 23-61/MYAS/MDSD/2021/1140 दिनांक 13.04.2021 द्वारा विभाग से प्रेषित किए गए 23 स्थलों के प्रस्तावों को वापस कर वित्तीय वर्ष 2021-22 में मात्र 2-3 जिलों के प्रस्ताव चाहे गए हैं, भारत सरकार द्वारा वापस किए गए प्रस्तावों में कटनी का प्रस्ताव भी शामिल है। भारत सरकार से राज्यों के सीमित वित्तीय संसाधनों के कारण वित्तीय वर्ष 2021-22 में प्रदेश के 2-3 से अधिक प्रस्तावों पर विचार कर केन्द्रीय सहायता स्वीकृति हेतु अनुरोध किया जा रहा है। (ख) जी हाँ, प्रश्नोत्तर ‘‘क’’ के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। मुड़वारा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत किसी भी प्रतियोगिता का आयोजन नहीं किया गया है, अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) एवं (ड.) जानकारी प्रश्नोत्तर ‘‘ग’’ में दी गई है।
पुलिस विभाग में रिक्त पदों की पूर्ति
[गृह]
24. ( क्र. 149 ) श्री विनय सक्सेना : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. में पुलिस विभाग अंतर्गत कौन-कौन से स्तर के कितने-कितने पद रिक्त हैं? (ख) जबलपुर जिले में जिला पुलिस व यातायात पुलिस अंतर्गत थानेवार कितने-कितने, कौन-कौन से पद स्वीकृत हैं? भरे पद तथा रिक्त पद थानावार बतावें। (ग) पुलिस विभाग अंतर्गत भर्तियाँ कब से लंबित हैं? भर्तियाँ ना होने का क्या कारण हैं? (घ) क्या 4000 कान्स्टेबल की भर्ती हेतु विज्ञप्ति जारी कर आवेदन मंगाए गये थे? यदि हाँ, तो उक्त भर्ती परीक्षा आज दिनांक तक क्यों लंबित है?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) पुलिस विभाग के अंतर्गत रिक्त पदों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र- अ अनुसार। (ख) जबलपुर जिले में जिला पुलिस व यातायात पुलिस अंतर्गत स्वीकृत पदों एवं भरे पद तथा रिक्त पदों की थानावार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार। (ग) पुलिस विभाग में आरक्षक संवर्ग एवं उप निरीक्षक संवर्ग पदों हेतु अंतिम भर्ती परीक्षाएं वर्ष 2017 में आयोजित की गई। भर्ती परीक्षाएं, शासन स्तर पर ही अनुमोदन उपरांत प्रारंभ की जाती है :- 1- उप निरीक्षक संवर्ग की चयन परीक्षा वर्ष 2018 हेतु प्रस्ताव प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड भोपाल को दिनांक 10.08.2018 को भेजा गया। प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड भोपाल द्वारा परीक्षा का आयोजन नहीं किया गया। 2- आरक्षक संवर्ग की चयन परीक्षा वर्ष 2018 हेतु प्रस्ताव प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड भोपाल को दिनांक 30.07.2018 एवं 31.12.2018 को भेजा गया। प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड भोपाल द्वारा परीक्षा का आयोजन नहीं किया गया। 3- आरक्षक संवर्ग की चयन परीक्षा वर्ष 2019 हेतु प्रस्ताव प्रोफेशनल एग्जामिनेशन 12.03.2019 एवं 15.05.2019 को भेजा गया। प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड भोपाल द्वारा परीक्षा का आयोजन नहीं किया गया। 4- आरक्षक संवर्ग की चयन परीक्षा वर्ष 2020-21 हेतु प्रस्ताव प्रोफेशनल एग्जामिनेशन को भेजा गया है। (घ) प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड भोपाल द्वारा परीक्षा हेतु आवेदन जमा कराएं जा चुके है। कोविड महामारी के सुरक्षा मानकों के पालन अनुसार परीक्षा आयोजन बोर्ड द्वारा करायें जाने की प्रक्रिया प्रचलन में हैं।
भारत सरकार द्वारा राशि आवंटन
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
25. ( क्र. 153 ) श्री संजय उइके : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या संविधान के अनुछेद 275 (1) केन्द्रीय सहायता अंतर्गत वर्ष 2018-19 में भारत सरकार द्वारा स्वीकृत गतिविधियों हेतु समर्पित राशि का वित्तीय वर्ष 2021-22 में कार्यपालन यंत्री ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभाग क्र. 1 बालाघाट को 143.90 लाख रु. आवंटन प्रदान किया गया था? (ख) यदि हाँ, तो प्रदाय राशि का आवंटन किन कारणों से वापस लिया गया? (ग) अनुछेद 275 (1) के अंतर्गत स्वीकृत कार्यों की राशि का आवंटन कब तक पुन: किया जावेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया (संजू भैया) ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रश्नांश ‘क’ में उल्लेखित कार्य संविधान के अनुच्छेद 275 (1) अंतर्गत 2018-19 में स्वीकृत राशि रू. 202.00 लाख के विरूद्ध 202.00 लाख जारी की गई थी जो व्यय न होने के कारण एकीकृत आदिवासी विकास परियोजना बैहर द्वारा समर्पित की गई। (ग) एकीकृत आदिवासी विकास परियोजना बैहर द्वारा राशि समर्पित करने के कारण उक्त राशि का उपयोग भारत सरकार द्वारा स्वीकृत अन्य कार्यो में किया गया। भारत सरकार से राशि प्राप्त होने पर शीघ्र ही आवंटन प्रदाय किया जावेगा।
निर्माण/मरम्मत कार्य हेतु निविदा का आमंत्रण
[जनजातीय कार्य]
26. ( क्र. 154 ) श्री संजय उइके : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या कार्यालय कलेक्टर (जनजाति कार्य विभाग) बालाघाट द्वारा वित्तीय वर्ष 2020-21 हेतु विभिन्न निर्माण कार्यों/मरम्मत कार्य बाबत् विस्तृत निविदा आमंत्रित की गयी थी? (ख) यदि हाँ, तो निर्माण कार्यों/मरम्मत कार्यों को कब - कब दिया गया? निविदा आमंत्रण की प्रति, प्रथम एवं द्वितीय निविदा में किन - किन ठेकेदारों द्वारा कितनी - कितनी दर डाली गई? सफल निविदाकार का नाम एवं दर उपलब्ध करावें। (ग) कार्यालय द्वारा किन – किन कार्यों/ मरम्मत कार्यों की कितनी-कितनी राशि की स्वीकृति कब – कब दी गई? ठेकेदारों द्वारा कब- कब अनुबंध किया गया? कार्य कब प्रांरम्भ किया गया एवं वर्तमान में कार्य पूर्ण / अपूर्ण की जानकारी उपलब्ध करावें।
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जी हाँ। (ख) कार्यादेश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। निविदा आमंत्रण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। सफल निविदाकार का नाम एवं दर पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। ठेकेदार द्वारा अनुबंध की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। कार्य प्रारंभ एवं पूर्ण/अपूर्ण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है।
कार्य विभाजन एवं स्थानांतरण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
27. ( क्र. 156 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनुविभागीय अधिकारी ग्रामीण यांत्रिकी सेवा, सहायक यंत्री जनपद पंचायत तथा उपयंत्रियों के कार्य विभाजन एवं स्थानांतरण के संबंध में शासन के क्या-क्या निर्देश हैं? प्रति दें। किसको क्या-क्या अधिकार है। (ख) 01 मार्च 2018 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में जिला सिवनी में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत तथा कार्यपालन यंत्री, यांत्रिकी सेवा द्वारा कार्य विभाजन के नाम पर किन-किन अनुविभागीय अधिकारी ग्रामीण यांत्रिकी सेवा, सहायक यंत्री जनपद पंचायत तथा उपयंत्रियों के स्थानांतरण किये? उनकी प्रति दें। (ग) क्या मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत सिवनी द्वारा कार्यालयीन आदेश क्र 877 दिनांक 05/07/2021 को तकनीकी कार्य सुविधा की द़ृष्टि से ग्रामीण यांत्रिकी सेवा जनपद पंचायत सिवनी में सहायक यंत्री श्री कंछेदीलाल चौधरी अनुविभागीय अधिकारी लखनादौन को अतिरिक्त प्रभार/नवीन प्रभार हेतु आदेशित किया गया है? क्या यह शासन के नियमानुसार है? यदि हाँ, तो कैसे? नहीं तो क्या इस नियम के विरूद्ध पदस्थापना करने वाले अधिकारी पर कोई कार्यवाही प्रस्तावित की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्या कारण है? (घ) क्या प्रश्नांश (ग) के अंतर्गत आदेशित अधिकारी को अतिरिक्त प्रभार / नवीन प्रभार के लिये आदेश करने के पूर्व संबंधित अधिकारी द्वारा जिला कलेक्टर सिवनी से अनुमोदन/अनुशंसा लेना वांछनीय था? यदि हाँ, तो उक्त प्रक्रिया का पालन किया गया? यदि नहीं तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया (संजू भैया) ) : (क) उपसचिव म.प्र. शासन पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के आदेश क्रमांक 5229 दिनांक 20.09.2019 द्वारा अनुविभागीय अधिकारी ग्रामीण यांत्रिकी सेवा, सहायक यंत्री जनपद पंचायत तथा उपयंत्रियों के बीच कार्य विभाजन संबंधी आदेश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अ अनुसार है एवं वर्ष 2019-20 में जारी स्थानांतरण नीति संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। (ख) 01 मार्च 2018 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में जिला सिवनी में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत तथा कार्यपालन यंत्री ग्रामीण यांत्रिकी सेवा द्वारा अनुविभागीय अधिकारी/सहायक यंत्री तथा उपयंत्रियों के किये गये स्थानांतरण/अतिरिक्त प्रभार संबंधी आदेश जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-स अनुसार है। (ग) जी हाँ। जी हाँ। म.प्र. शासन पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के आदेश दिनांक 20.09.2019 (परिशिष्ट-अ के अंतिम पैरा में) द्वारा मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत को आदेश जारी करने हेतु अधिकृत किया गया है। जी हाँ। आदेश शासन के नियमानुसार है। आदेश नियमानुसार होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी नहीं। उत्तरांश ग अनुसार कार्यपालन यंत्री के प्रस्ताव के आधार पर मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत को आदेश जारी करने हेतु अधिकृत किया गया है अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
ग्राम रोजगार सहायकों की नियम विरूद्ध पदस्थापना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
28. ( क्र.
157 ) श्री
दिनेश राय
मुनमुन : क्या
पंचायत
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) सिवनी
विधानसभा
क्षेत्र के
अंतर्गत कितने
रोजगार सहायक
पदस्थ हैं? इनकी
मूल पदस्थापना
कौन से पंचायत
में हुई थी? रोजगार
सहायक का नाम, मूल
पदस्थाना
पंचायत का नाम
जनपदवार
बतावें
रोजगार सहायक
की पदस्थापना
की ग्राम
पंचायत बदली
जा सकती हैं
या स्थानांतरण
नियमानुसार
हो सकता है? (ख)
यदि हाँ, तो
नियमावली की
प्रति देवें
और नहीं तो
विगत 02 वर्षों
में सिवनी
जिले के
अंतर्गत
कितने रोजगार
सहायकों की
पदस्थापना
या स्थानांतरण
या प्रभार
नियुक्त
पंचायत के
अतिरिक्त
अन्य ग्राम
पंचायतों में
की गई है? नाम, मूल
पंचायत एवं
अन्य पदस्थापना
वाली
पंचायतों के
नाम सहित
जानकारी उपलब्ध
करावें। (ग) क्या
यह शासन के
नियमानुसार
है? यदि
हाँ, तो
कैसे नहीं तो
क्या इस नियम
के विरूद्ध
पदस्थापना
करने वाले
अधिकारियों
पर कोई
कार्यवाही
प्रस्तावित
की जायेगी?
हाँ, तो
कब तक, नहीं तो
क्या कारण है? क्या
सभी रोजगार
सहायकों को
उनकी मूल पदस्थापना
वाली ग्राम
पंचायत में
पुन: पदस्थ
किया जायेगा?
पंचायत
मंत्री ( श्री
महेन्द्र
सिंह
सिसौदिया
(संजू भैया) ) : (क)
जी हाँ।
सिवनी
विधानसभा
अतंर्गत जनपद
पंचायत छपारा
के 27
ग्राम
पंचायतों में
ग्राम रोजगार
सहायक पदस्थ
हैं। जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट- अ
अनुसार हैं। जी
नहीं म.प्र.
राज्य
रोजगार
गारंटी
परिषद् के
नियम निर्देश
की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट- ब
अनुसार है। (ख) विधानसभा
क्षेत्र के
ग्राम रोजगार
सहायक की पदस्थापना/स्थानांतरण
की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट -स अनुसार
है। (ग) जी
नहीं। प्रश्नांश
अवधि में स्थानान्तरित
ग्राम रोजगार
सहायकों के स्थानांतरण
निरस्त कर
मूल पदस्थापना
वाली ग्राम
पंचायत में
पदस्थ किया
गया है। जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट-द एवं
'ई' अनुसार
है। संबंधित
अधिकारी को
कारण बताओ
सूचना पत्र जारी
किया गया है।
आदिवासियों की शादी पर जिला प्रशासन द्वारा जबरन रोक
[गृह]
29. ( क्र. 161 ) श्री सुनील उईके : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जुन्नारदेव विधानसभा क्षेत्र के तामिया थाना अंतर्गत मलालढाना में दिनांक 13 मई 2021 को आदिवासी रीत रिवाज से शादी समारोह संपन्न हो रहा था? क्या तामिया के तहसीलदार एवं थाना प्रभारी ने दल बल सहित पहुंचकर इस शादी समारोह में व्यवधान डालकर वर – वधू की शादी नहीं होने दी? (ख) क्या विगत समय से लगातार जिला प्रशासन एवं पुलिस विभाग से इस घटना की जाँच की मांग की जा रही है एवं दोषी अधिकारियों /कर्मचारियों के विरूद्ध कार्यवाही की मांग की जा रही है? (ग) क्या जिले के आदिवासी समाज में इस घटना की जाँच में हीला-हवाली होने से आंदोलन जैसा माहौल चल रहा है? क्या माननीय गृह मंत्री इस घटना की सीबीआई जाँच कराकर दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही करायेंगे? यदि हाँ, तो कब तक?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। जी नहीं। (ख) जी हाँ। (ग) जी नहीं। आवश्यकता नहीं है।
नवीन कृषि उपज मण्डी परिसर विदिशा में भूखण्ड आवंटन
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
30. ( क्र.
167 ) श्री
शशांक श्रीकृष्ण
भार्गव : क्या
किसान कल्याण
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) विदिशा
नवीन कृषि उपज
मण्डी परिसर
मिर्जापुर का
निर्माण
कार्य किस
दिनांक को
पूर्ण हुआ था? उक्त
दिनांक से
नवीन कृषि उपज
मण्डी परिसर
में भूखण्ड
आवंटन नहीं
किये जाने के
कारण सहित जानकारी
दें। (ख)
क्या
मण्डी
प्रांगण
विदिशा में
म.प्र. कृषि उपज
मण्डी नियम 2009
में विहित
प्रावधानों
के अंतर्गत 4
बार भूखण्ड
नीलामी की गई
एवं ऑफसेट
वेल्यु अधिक
होने से
व्यापारियों
ने नीलामी में
भाग नहीं लिया? (ग)
क्या शासन
पुरानी कृषि
उपज मण्डी
परिसर विदिशा
में व्यापारियों
को लीज पर
प्राप्त
भूखण्डों की एवं
नवीन कृषि उपज
मंडी परिसर की
दरों के अंतर
के आधार पर या
पुरानी मंडी
की लीज की तय
सीमा को आधार
मानकर नवीन
मंडी परिसर
विदिशा में
भूखण्ड आंवटन
किये जाने के
संबंध में
कार्यवाही करेगा? यदि
हॉ तो कब तक
नहीं तो क्यों?
किसान
कल्याण
मंत्री ( श्री
कमल पटेल ) : (क) कृषि
उपज मंडी
समिति विदिशा
के नवीन मंडी
प्रांगण
मिर्जापुर
में वर्ष 2018-19 में
निर्माण
कार्य पूर्ण
कराये गये। दो
नग कृषक हट व
दोनों गेटों
पर एसीपी
कार्य
निर्माणधीन
है। जानकारी
संलग्न परिशिष्ट अनुसार
है। कृषि
उपज समिति
द्वारा
भूसंरचना
आवंटन नियम 2009 में
विहित
प्रावधानों
के अंतर्गत 04 अवसरों
पर नीलामी
क्रमश: दिनांक
12/12/2014,
दिनांक 22/01/2015, दिनांक 02/03/2015 एवं 13/10/2016 को
आयोजित की गई
थी, किन्तु
किसी भी व्यापारी
द्वारा आवश्यक
धरोहर राशि
जमा नहीं करायी
गई। नीलामी
प्रक्रिया
में अनाज
तिलहन व्यापार
संघ विदिशा
द्वारा
सामूहिक रूप
से नीलाम किये
जाने वाले
भूखंडों की
ऑफसेट प्राईज
अत्याधिक
होना बतलाते
हुये नीलामी
कार्यवाही में
भाग नहीं लिया
गया। जिससे
आवंटन की
कार्यवाही
संपन्न नहीं
हो सकी। (ख) जी
हाँ। (ग) कृषि
उपज मंडी
समितियों के
भूखंडों/संरचनाओं
के आवंटन के
लिये वर्तमान
में म.प्र.
कृषि उपज मंडी
(भूमि एवं
संरचना का
आवंटन) नियम 2009
प्रभावशील
है। उक्त
नियम 2009, में
नियमों/प्रावधानों
के अंतर्गत
नवीन मंडी
परिसर
मिर्जापुर
में भूखंडों
के आवंटन की कार्यवाही
की जावेगी।
निश्चित
समयावधि बताई
जाना संभव नहीं
है।
मनरेगा के निर्माण कार्यों की जानकारी
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
31. ( क्र.
169 ) श्री
उमाकांत
शर्मा : क्या
पंचायत
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) विदिशा
जिले की जनपद
पंचायत
सिरोंज व
लटेरी की
ग्राम
पंचायतों में 1
अप्रैल 2019 से
प्रश्नांकित
दिनांक तक
मनरेगा योजना
से कितने
हितग्राही
मूलक एवं
सामुदायिक
निर्माण कार्य
स्वीकृत किये
गये हैं? संख्यात्मक
जानकारी
देवें।
कार्यवार, स्वीकृति
राशि, कार्यो
की भौतिक
स्थिति
विकासखण्डवार
संख्यात्मक
जानकारी
उपलब्ध करावें। (ख)
प्रश्नांश
(क) के संदर्भ
मनरेगा योजना
से चेकडेम, स्टापडेम, तालाब
निर्माण के
कितने
कार्यों की
तकनीकी एवं
प्रशासकीय स्वीकृति
जारी की गई
हैं? स्वीकृत
कार्यो की
पूर्ण अपूर्ण
एवं अप्रारंभ
कार्यों की
विकासखण्डवार
जानकारी
उपलबध
करावें। (ग) प्रश्नांश (ख)
के संदर्भ
में वित्तीय
वर्ष 2019-20, 2020-21 एवं 2021-22
में मनरेगा की
मजदूरी एवं
सामग्री का
अनुपात क्या
है एवं कितने
मानव दिवस
सृजित किये
गये हैं? कितनी
मजदूरी एवं
सामग्री का
भुगतान किया
गया है? विकासखण्डवार
जानकारी
उपलब्ध
करावें। (घ)
प्रश्नांश (ख)
के संदर्भ
में क्या
मनरेगा योजना
से ग्राम पंचायतों
में मजदूरी
एवं सामग्री
का अनुपात का उल्लंघन
कर तकनीकी
स्वीकृति एवं
प्रशासकीय
स्वीकृति
जारी की गई
हैं? यदि
हाँ, तो
इसके लिए दोषी
कौन है तथा
दोषियों पर
क्या कार्यवाही
की गई? यदि
नहीं,, तो
क्यों? कब-तक
कार्यवाही की
जावेगी? क्या
मनरेगा योजना
की
गाइडलाइनों
का उल्लंघन
हुआ है? यदि हाँ, तो
बतावें।यदि
नहीं,, तो क्या
इसकी समय सीमा
में जाँच
कराकर दोषी
अधिकारियों/कर्मचारियों
पर कार्यवाही
की जावेगी? (ङ)
क्या
प्रश्नकर्ता
के पत्र
क्रमांक 705
दिनांक27.06.2021 आयुक्त
मध्यप्रदेश
राज्य रोजगार
गारंटी परिषद, पत्र
क्र.706
एवं 707
दिनांक 27.06.2021
कलेक्टर
विदिशा, पत्र
क्र.708
दिनांक 27.08.2021
मुख्य कार्यपालन
अधिकारी जिला
पंचायत
विदिशा, पत्र
क्र.709
एवं 710
मुख्य
कार्यपालन
अधिकारी जनपद
पंचायत सिरोंज
एवं लटेरी को
प्राप्त हुए
हैं? यदि
हाँ, तो
प्रश्नकर्ता
को कब जानकारी
उपलब्ध कराई गई
है? यदि
नहीं,, कराई गई
है तो कब-तक
उपलब्ध करा दी
जावेगी?
पंचायत
मंत्री ( श्री
महेन्द्र
सिंह
सिसौदिया
(संजू भैया) ) : (क)
विदिशा
जिले की जनपद
पंचायत
सिरोंज व
लटेरी की
ग्राम
पंचायतों में 1
अप्रैल 2019 से
प्रश्नांकित
दिनांक तक
मनरेगा योजना
से 3276
हितग्राही
मूलक एवं 3567
सामुदायिक
निर्माण
कार्य स्वीकृत
किये गये हैं।
प्रश्नांश
की शेष
जानकारी पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट-1
अनुसार है। (ख)
प्रश्नांश
‘क’ के
संदर्भ में
मनरेगा योजना
से 272
चेकडेम, 40 स्टापडेम
एवं 83
तालाबों की
तकनीकी एवं
प्रशासकीय स्वीकृति
जारी की गई।
प्रश्नांश
की शेष
जानकारी पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट-2
अनुसार है। (ग)
वांछित
जानकारी पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट-3
अनुसार है। (घ)
ग्रामीण
विकास
मंत्रालय, भारत
सरकार द्वारा
मनरेगा योजना
क्रियान्वयन
हेतु जारी
मास्टर
परिपत्र वर्ष 2020-21
के पैरा 7.1.2 अनुसार
योजना
अंतर्गत
संपादित
कराये जाने वाले
कार्यों में
पूरे वर्ष में
मजदूरी एवं
सामग्री
अनुपात 60 : 40 का
संधारण जिला
स्तर पर किये
जाने का
प्रावधान रखा
गया है। अत: मनरेगा
गाइड लाइन के
उल्लंघन की
स्थिति नहीं
होने से शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होते। (ङ)
प्रश्नकर्ता
के द्वारा
आयुक्त मध्यप्रदेश
राज्य
रोजगार
गारंटी परिषद
को प्रेषित
पत्र क्रमांक 705
दिनांक 27.06.2021 के
द्वारा चाही
गई जानकारी के
संबंध में
पत्र क्रमांक 2003/NR-10/F-672
दिनांक 31.07.2021
द्वारा अवगत
कराया गया है।
प्रश्न में
अंकित अन्य
पत्रों के
संबंध में की
गई कार्यवाही पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट-4
अनुसार है।
प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
32. ( क्र. 170 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विकासखण्ड सिरोंज एवं लटेरी में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना फेस-1, 2 एवं 3 एवं मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना में कौन-कौन सी सड़कों का निर्माण किया गया है? मार्ग का नाम, लंबाई, लागत, वर्ष, कार्य ऐजेन्सी, ठेकेदार के नाम सहित जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में उक्त मार्गों का रिन्यूवल कार्य कब किया गया? मार्ग का नाम, लंबाई, वर्ष, कार्य ऐजेन्सी सहित जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना फेस-3 में कौन-कौन सी सड़कों का निर्माण किया जा रहा है एवं कौन-कौन सी सड़कें स्वीकृत हैं व कौन-कौन सी सड़कें प्रस्तावित हैं? मार्ग के नाम सहित जानकारी देवें। (घ) क्या प्रश्नकर्ता के पत्र क्रमांक 650 एवं 654 दिनांक 14.05.2021 माननीय मंत्री जी, पत्र क्र. 651 एवं 655 दिनांक 14.05.2021 श्रीमान प्रमुख सचिव एवं पत्र क्र. 652 एवं 656 दिनांक 14.05.2021 मुख्य कार्यपालन अधिकारी म.प्र. ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण भोपाल को पत्र प्राप्त हुए हैं? यदि हाँ, तो इन पत्रों पर क्या कार्यवाही की गई? कृत कार्यवाही से अवगत करावें। (ङ) क्या मध्यप्रदेश ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण एवं स्टेट क्वालिटी मॉनिटर द्वारा सिरोंज लटेरी विकासखण्ड की सड़कों के निर्माण की गुणवत्ता जाँच की गई थी? यदि हाँ, तो कब एवं किसके द्वारा? जाँच प्रतिवेदन का विवरण उपलब्ध करावें एवं कृत कार्यवाही से अवगत करावें।
पंचायत मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया (संजू भैया) ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' एवं ''द'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''इ'' अनुसार है। (घ) जी हाँ, प्राप्त पत्र क्र. 649, 653 दिनांक 14.05.2021 (मान. मुख्यमंत्री कार्यालय से) एवं 652, 656 दिनांक 14.05.2021 मुख्य कार्यपालन अधिकारी म.प्र. ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण भोपाल को प्राप्त हुए हैं। प्राप्त पत्रों में उल्लेखित दो मार्गों आनंदपुर से उनारसीकलां व्हाया कालादेव मार्ग एवं सिरोंज-आरोन मार्ग से गरेठा मार्ग की जाँच मुख्य महाप्रबंधक श्री पी.के झंवर तथा एस.क्यू.एम श्री आर.पी खरे से कराई गई है। जाँच प्रतिवेदन पत्रों की प्रति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''फ'' अनुसार है। (ङ) जी हाँ, मुख्य महाप्रबंधक, म.प्र.ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण एवं स्टेट क्वालिटी मॉनिटर, द्वारा सिरोंज लटेरी विकासखण्ड की सड़कों के निर्माण की गुणवत्ता जाँच की गई थी। मुख्य महाप्रबंधक श्री पी.के. झंवर तथा एस.क्यू.एम. श्री आर.पी खरे द्वारा दिनांक 02.07.2021 को जाँच की गई थी। जाँच प्रतिवेदन अनुसार दोनों मार्गों का कार्य निर्धारित मापदण्ड अनुसार किया जा रहा है। जाँच प्रतिवेदन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''फ'' अनुसार है।
सड़कों की मरम्मत हेतु राशि का प्रदाय
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
33. ( क्र. 173 ) श्री राज्यवर्धन सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अधीक्षण यंत्री मध्यप्रदेश राज्य कृषि विपणन बोर्ड भोपाल द्वारा पत्र क्रमांक/निर्माण/ कि.स.नि./मंड़ी बोर्ड/ग्रा.स./2020-21/1630 भोपाल दिनांक 25.01.2021 से मुख्य कार्यपालन अधिकारी मध्यप्रदेश ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण पर्यावास भवन भोपाल को राजगढ़ जिले में किसान सड़क निधि से निर्मित सड़कों की गारंटी अवधि पूर्ण होने से पत्र में उल्लेखित सड़कों की अति आवश्यक रूप से मरम्मत कराये जाने हेतु हस्तांतरित कर प्रस्ताव प्रेषित किया गया था? (ख) यदि हाँ, तो क्या उक्त मार्गों की मरम्मत हेतु बोर्ड द्वारा कोई राशि प्राधिकरण को प्रश्न दिनांक तक प्रदान की गई हैं? यदि हाँ, तो कब एवं यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या उपरोक्तानुसार क्या बोर्ड द्वारा प्राधिकरण को हस्तांतरित सड़कों की मरम्मत हेतु प्रश्न दिनांक तक कोई राशि प्रदाय नहीं किये जाने से किसानों को काफी असुविधा हो रही हैं? यदि हाँ, तो कब तक उक्त मार्गों की मरम्मत हेतु प्राधिकरण को राशि प्रदान की जावेगी अथवा उक्त मार्गों की मरम्मत हेतु क्या कार्यवाही की जावेगी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री कमल पटेल ) : (क) जी हाँ। ग्रामीण सड़कों को हस्तांतरित करने हेतु पत्र प्रेषित किया गया है‚ जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) म.प्र. ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण को प्रदत्त राशि की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) उत्तरांश ''ख'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
मनरेगा योजना अंतर्गत कार्यों की स्वीकृति
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
34. ( क्र. 180 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार जिले की सरदारपुर विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2018-19, 2019-20 एवं 2020-21 में मनरेगा योजना के अंतर्गत कितने तालाब, सुदूर सड़क, गौशाला की स्वीकृति हुई? कौन-कौन से निर्माण कार्य कितनी-कितनी लागत से पूर्ण करवाये गये? कितने कार्य अपूर्ण स्थिति में हैं? ग्रामवार कार्यों की सूची उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार अपूर्ण निर्माण कार्यों की समयावधि क्या थी? कार्य अपूर्ण रहने का क्या कारण हैं? अपूर्ण कार्यों में मजदूरी एवं सामग्री मद में कितनी राशि का भुगतान किया जा चुका है? वर्षवार बताएं। (ग) प्रश्नांश (ख) के आधार पर अपूर्ण कार्य को पूर्ण कराने के लिए प्रश्न दिनांक तक विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई एवं दोषी अधिकारी एवं कर्मचारी पर भी क्या कोई कार्यवाही की गई? यदि नहीं तो क्यों? (घ) प्रत्येक अपूर्ण कार्य कब तक पूर्ण हो जावेंगे? यदि नहीं, तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया (संजू भैया) ) : (क) प्रश्नाधीन अवधि में मनरेगा योजना अंतर्गत कुल 352 तालाब, 97 सुदूर सड़क एवं 10 गौशालायें स्वीकृत की गयी हैं। प्रश्नांश की शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ख) मनरेगा योजना अंतर्गत उत्तरांश ''क'' के निर्माण कार्यों को पूर्ण करने की समयावधि सामान्यत: एक वर्ष रहती है। मनरेगा योजना मांग आधारित होने से कार्यों का पूर्ण होना जाबकार्डधारी परिवारों द्वारा काम की मांग पर तथा सामग्री मद में भारत सरकार से पर्याप्त राशि के सतत् प्रवाह पर निर्भर रहना प्रमुख कारण है। प्रश्नांश की शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। (ग) राज्य स्तर से प्रमुख सचिव व आयुक्त म.प्र. राज्य रोजगार गारंटी परिषद् द्वारा साप्ताहिक वीडियो कान्फ्रेंस के माध्यम से समीक्षा की जाती है। उत्तरांश ''ख'' के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है। (घ) अपूर्ण कार्य वर्षा ऋतु पश्चात सामग्री मद में भारत सरकार से पर्याप्त राशि की उपलब्धता रहने पर मार्च 2022 तक पूर्ण कराया जाना लक्षित है। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है।
नेमावर हत्याकांड में कार्यवाही
[गृह]
35. ( क्र. 182 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नेमावर हत्याकांड कि 17.05.2021 की एफ.आई.आर. की प्रति देवें तथा बतावें कि 42 दिन बाद 27.06.2021 को खुलासा क्यों हुआ? विलंब के कारण सहित इस अवधि में दिनांक अनुसार 17.05.2021 से 27.06.2021 तक की कार्यवाही की जानकारी दें। (ख) क्या दिनांक 19.06.2021 को मुख्य आरोपी सुरेन्द्र को शंका के आधार पर थाने बुलाकर पूछताछ की गई? यदि हाँ, तो उसे क्यों छोड़ दिया गया? (ग) क्या मुख्य आरोपी को 19 जून को स्थानीय जनप्रतिनिधि के कहने पर छोड़ा गया? दिनांक 19.06.2021 के रोजनामचे की प्रति उपलब्ध कराएं। (घ) क्या दिनांक 27 मई, 2021 को नेशनल न्यूज चेनल IND 24 ने प्रमुखता से इस खबर को दिखाया था तथा आरोपियों द्वारा पत्रकार राकेश यादव के खिलाफ ज्ञापन दिया गया था? (ड) यदि हाँ, तो बतावें कि चैनल के पत्रकार से इस संबंध में कोई चर्चा या जानकारी ली गई तथा ज्ञापन देने वाले आरोपियों पर नजर रखने का काम क्यों नहीं किया गया?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एफ.आई.आर. की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। जिला देवास के थाना नेमावर में अप. क्र. 132/21 धारा 363 भादवि दि. 27.05.2021 को पंजीबद्ध किया गया। विवेचना के दौरान पुलिस के द्वारा विभिन्न टीम गठित कर अपराध पर्दाफाश करने का निरन्तर प्रयास किये गये, जिसके परिणाम स्वरूप अंधे हत्या प्रकरण को सुलझाया गया। प्रकरण वर्तमान में न्यायालय में विचाराधीन होने से विवेचना में की गई कार्यवाहियों की जानकारी देना विधिसम्मत नहीं हैं। (ख) एवं (ग) जी नहीं। (घ) निरंक है। आरोपियों द्वारा पत्रकार राकेश यादव के खिलाफ पुलिस को ज्ञापन नहीं दिया गया था। (ड़) जानकारी प्रश्नांश ‘घ’ में समाहित है।
स्थापित उद्योग/परियोजना और घोषित औद्योगिक क्षेत्र
[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]
36. ( क्र. 184 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पांचवीं अनुसूचित क्षेत्रों में उद्योग/परियोजना स्थापित करने, औद्योगिक-क्षेत्र घोषित करने से पूर्व पेसा-अधिनियम 1996, अन्य प्रचलित नियमों के तहत ग्रामसभा की अनुमति ली गई? (ख) यदि हाँ, तो मनावर विधानसभा अंतर्गत प्रश्न दिनांक तक स्थापित/संचालित/रजिस्टर्ड सभी उद्योगों/परियोजनाओं के स्थापना से पूर्व ग्रामसभा से किस-किस प्रकार की अनुमतियां ली गई? उद्योग/परियोजनावार पृथक-पृथक ब्यौरा दें। (ग) यदि नहीं,, तो संविधान के किस अनुच्छेद अथवा किस प्रचलित कानून के नियम/अधिनियम के तहत? प्रति सहित ब्यौरा दें। (घ) प्रश्नांश (क) से (ग) के तारतम्य में धार जिले में कितने उद्योग/परियोजना प्रश्न दिनांक तक कहां-कहां स्थापित/संचालित/रजिस्टर्ड हैं? कहां-कहां कितने औद्योगिक क्षेत्र हैं? उद्योग/परियोजनावार, ग्रामसभा से ली गई अनुमतियों की प्रति सहित ब्यौरा दें। (ड) प्रश्नांश (ख) के उद्योगों/परियोजनाओं द्वारा जनवरी 2017 से प्रश्न दिनांक तक सी.एस.आर. के तहत जमा कराए गए एवं खर्च किए गए राशि का पृथक-पृथक ब्यौरा दें। उक्त उद्योगों-परियोजनाओं के विरुद्ध जनवरी 2017 से प्रश्न दिनांक तक प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा की समस्त कार्यवाहियों की प्रति-सहित पृथक-पृथक ब्यौरा दें। (च) प्रश्नांश (क) से (ग) के तहत बड़वानी, रतलाम, अलीराजपुर, झाबुआ, खरगोन जिले में प्रश्न दिनांक तक स्थापित/संचालित/रजिस्टर्ड उद्योगों/परियोजनाओं एवं औद्योगिक क्षेत्रों का पृथक-पृथक ब्यौरा उपलब्ध कराएं। ग्रामसभा से ली गई समस्त अनुमतियों का विवरण उपलब्ध कराएं। (छ) प्रश्नांश (क) से (ग) एवं (ङ) के संबंध में अनुसूचित क्षेत्रों के प्रशासक महामहिम राज्यपाल से ली गई अनुमतियों का विवरण उपलब्ध कराएं। यदि नहीं, ली गई तो विधिसम्मत कारण बताएं।
औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन मंत्री ( श्री राजवर्धन सिंह प्रेमसिंह दत्तीगांव ) : (क) से (छ) जानकारी संकलित की जा रही है।
धार जिले में ग्राम विकास के कार्य
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
37. ( क्र. 185 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मनावर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कितने ग्राम पंचायतों में संचालित आंगनवाड़ी भवन और पंचायत भवन नहीं हैं? कितने आंगनवाड़ी भवन और पंचायत भवन किराए के मकान में संचालित हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के ग्राम पंचायतों में प्रश्न दिनांक तक भी आंगनवाड़ी भवन और पंचायत भवन नहीं बनाए जाने का क्या कारण है? कब तक आंगनवाड़ी भवन और पंचायत भवन का निर्माण करा दिया जाएगा? (ग) वर्ष 2017-18 से प्रश्न दिनांक तक मनावर विधानसभा क्षेत्र के किन-किन ग्राम-पंचायतों में आंगनवाड़ी भवन और पंचायत भवन बनाने के लिए कब-कब कितनी राशि किस मद से जारी की गई? वर्षवार, ग्रामवार पृथक-पृथक ब्यौरा दें। उक्त आंगनवाड़ी और पंचायत भवन का भौतिक सत्यापन किसके द्वारा किया गया? नाम, पदनाम सहित पृथक-पृथक ब्यौरा दें। (घ) धार जिला अंतर्गत किन-किन कार्यों के लिए कितनी राशि पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग को जनवरी 2017 से प्रश्न-दिनांक तक ट्राईबल सबप्लान के तहत आवंटित की गई? वर्षवार पृथक-पृथक ब्यौरा दें। (ङ) स्वच्छ भारत मिशन के तहत धार जिले के किन-किन ग्रामपंचायतों का चयन किया गया? (च) निसरपुर विकासखंड अंतर्गत ग्राम पंचायत भैंसलाई को स्वच्छ भारत मिशन के तहत कितनी राशि आवंटित की गई? भैंसलाई में प्रश्न-दिनांक तक भी स्वच्छ भारत मिशन के तहत नाली निर्माण, कचरा निष्पादन, जल संरक्षण, वृक्षारोपण इत्यादि के लिए कार्ययोजना तैयार नहीं किए जाने का क्या कारण है? कब तक कार्ययोजना तैयार कर ली जाएगी?
पंचायत मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया (संजू भैया) ) : (क) मनावर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत स्वीकृत 408 आंगनवाड़ी केन्द्रों में से 192 आंगनवाड़ी केन्द्र भवन विहीन है, 59 आंगनवाड़ी केन्द्र किराये के भवनों में एवं 133 अन्य शासकीय भवनों में संचालित है, सभी ग्राम पंचायतों में पंचायत भवन है। कोई भी ग्राम पंचायत किराये के भवन में संचालित नहीं है। (ख) आंगनवाड़ी भवनों का निर्माण एक सतत प्रकिया है, जो कि वित्तीय संसाधनों पर निर्भर करता है, जिसकी समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ’’अ’’ अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ’’ब’’ अनुसार है। (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ’’स’’ अनुसार है। (च) निरसपुर विकासखण्ड की ग्राम पंचायत भैसलाय में वर्ष 2016-17 से 2019-20 तक कुल 307 शौचालयों का निर्माण होकर प्रति शौचालय राशि रूपये 12 हजार के मान से कुल राशि रूपये 36.84 लाख का भुगतान वित्तीय प्रणाली के अनुसार किया गया है। स्वच्छ भारत मिशन के तहत नाली निर्माण, कचरा निष्पादन, जल संरक्षण, वृक्षारोपण इत्यादि के लिये कार्य योजना शासन के निर्देशानुसार 2000 से अधिक जनसंख्या वाले ग्राम हेतु बनाये जाने के निर्देश प्राप्त है जबकि ग्राम पंचायत भैसलाय की जनसंख्या वर्ष 2011 की जनगणना अनुसार 1557 है 20 प्रतिशत वृद्धि करने पर जनसंख्या 1868 होती है। अत: ग्राम भैसलाय को कार्ययोजना तैयार करने हेतु शामिल नहीं किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
खेल अधिकारी द्वारा की गई अनियमितता
[खेल एवं युवा कल्याण]
38. ( क्र. 190 ) श्री मनोज चावला : क्या खेल एवं युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 1113 दिनांक 2/3/2021 के भाग भाग (क) में प्रेषित उत्तर अनुसार कार्यालय प्रमुख/आहरण संवितरण अधिकारी/अधीनस्थ कर्मचारियों के नाम से चेक काट सकता है इसके आदेश की प्रमाणित प्रतिलिपि उपलब्ध कराएं जिसमें इसका स्पष्ट उल्लेख हो l (ख) उल्लेखित प्रश्न में प्रदाय उत्तर अनुसार एक ही फर्म / टेंट हाउस को एक ही दिनांक को बिलों का भुगतान क्यों किया गया? इस हेतु टेंडर प्रक्रिया क्यों नहीं अपनाई गई? क्या इस हेतु वरिष्ठ कार्यालय /अधिकारियों से मार्गदर्शन लिया गया था? यदि हाँ, तो इसकी प्रतिलिपि उपलब्ध कराएं। (ग) विभाग में कार्यरत कई कर्मचारियों / कोच के होते हुए भी केवल एक ही व्यक्ति के नाम पर भुगतान हेतु इतने चेक किसके आदेश / नियम / मार्गदर्शन से काटे गए? प्रमाणित प्रतिलिपि उपलब्ध कराएं।
खेल एवं युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) मध्यप्रदेश बुक ऑफ फायनेंसियल पावर्स 1995 के भाग एक के अनुभाग एक के सरल क्रमांक 3 एवं 5 के तहत् जिला खेल एवं युवक कल्याण अधिकारियों को दिनांक 25.09.2008 से कार्यालय प्रमुख तथा आहरण संवितरण अधिकारी घोषित किया गया था। शासन आदेश की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। कार्यालय प्रमुख तथा आहरण संवितरण अधिकारी को शासकीय धन का वित्तीय नियमों के अधीन आहरण एवं संवितरण करने का दायित्व होता है। (ख) (ग) प्रकरण में संचालनालय के आदेश क्रं. 7608 दिनांक 04.03.2021 द्वारा जाँच समिति गठित कर दी गई है।
प्रदेश में बढ़ते सायबर अपराध
[गृह]
39. ( क्र. 195 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 अप्रैल 2018 से प्रश्न दिनांक तक इंदौर, उज्जैन एवं भोपाल संभाग मे कुल कितने सायबर अपराध के प्रकरण प्रकाश में आये? कितने प्रकरणों का निराकरण कर दिया गया है? शिकायतकर्ता के नाम सहित जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) संदर्भित उक्त संभागों में उक्त अवधि में कितने ऑनलाईन ट्रांजेक्शन की धोखाधड़ी के मामले किस-किस थाने में दर्ज किये गये? उनकी वर्तमान स्थिति क्या है? (ग) उक्त संभाग मे सायबर अपराध/ऑनलाईन ट्रांजेक्शन की धोखाधड़ी को रोकने के लिये वर्तमान में कितने सायबर सेल कहाँ- कहाँ कार्य कर रहे हैं? इनमें कितने प्रशिक्षित एवं कितने अप्रशिक्षित पुलिस कर्मचारी हैं तथा इनमें ऐसे कितने कर्मचारी हैं जिन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर प्रशिक्षण प्राप्त किया है? संपूर्ण कर्मचारियो की सूची उपलब्ध करावें। (घ) उक्त संभाग मे उक्त अवधि में यौन शोषण से संबंधित कितने "ब्लैक मेलिंग" के प्रकरण कहां-कहां प्रकाश में आये? इनमें कितने प्रकरणों में बालिकाओं एवं महिलाओं ने आत्महत्या की या आत्महत्या का प्रयास किया? इस संबंध में कितने अपराधियों को उक्त अवधि में माननीय न्यायालय द्वारा सजा सुनाई गई तथा ऐसे कितने प्रकरण हैं जिनके चालान माननीय न्यायालय में पेश नहीं किये गये हैं? (ड.) उक्त संभाग में उक्त अवधि में सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक सामग्री पोस्ट करने वाले कितने व्यक्तियों के खिलाफ कार्यवाही की गई?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) 01 अप्रैल 2018 से प्रश्न दिनांक तक कुल दर्ज अपराध एवं निराकृत अपराध निम्नानुसार है-
संभाग |
दर्ज अपराध |
चालान |
खात्मा |
खरिजी |
लंबित |
भोपाल संभाग |
453 |
186 |
06 |
00 |
261 |
इन्दौर संभाग |
357 |
162 |
18 |
00 |
177 |
उज्जैन संभाग |
213 |
142 |
08 |
00 |
63 |
योग |
1023 |
490 |
32 |
00 |
501 |
(ख) 01 अप्रैल 2018 से प्रश्न दिनांक तक कुल दर्ज अपराध एवं निराकृत अपराध निम्नानुसार है-
संभाग |
दर्ज अपराध |
चालान |
खात्मा |
खरिजी |
लंबित |
भोपाल संभाग |
290 |
64 |
04 |
00 |
222 |
इन्दौर संभाग |
52 |
14 |
03 |
00 |
35 |
उज्जैन संभाग |
105 |
24 |
12 |
00 |
69 |
योग |
447 |
102 |
19 |
00 |
326 |
(ग) पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) संभाग में उक्त अवधि में ब्लैकमेलिंग के निम्नानुसार प्रकरण दर्ज किये गये है -
संभाग |
दर्ज अपराध |
चालान |
कितने प्रकरणों में बालिका/महिलाओं ने आत्महत्या की |
कितने प्रकरणों में बालिका/महिलाओं ने आत्महत्या का प्रयास किया |
कितने प्रकरणों में न्यायालय द्वारा सजा सुनाई गई |
कितने प्रकरणों में न्यायालय में चालान पेश नहीं किया/लंबित |
भोपाल संभाग |
14 |
10 |
निरंक |
निरंक |
निरंक |
04 |
इन्दौर संभाग |
07 |
06 |
निरंक |
निरंक |
निरंक |
01 |
उज्जैन संभाग |
14 |
14 |
निरंक |
निरंक |
निरंक |
00 |
योग |
35 |
30 |
निरंक |
निरंक |
निरंक |
05 |
(ड) 01 अप्रैल 2018 से प्रश्न दिनांक तक कुल दर्ज अपराध एवं निराकृत अपराध निम्नानुसार है-
संभाग |
दर्ज अपराध |
चालान |
खात्मा |
खरिजी |
लंबित |
भोपाल संभाग |
152 |
93 |
03 |
00 |
56 |
इन्दौर संभाग |
196 |
100 |
07 |
00 |
89 |
उज्जैन संभाग |
138 |
96 |
06 |
00 |
36 |
योग |
486 |
289 |
16 |
00 |
181 |
मंदसौर मे
ऐथेलेटिक
सिंथेटिक
ट्रैक का निर्माण
[खेल एवं युवा कल्याण]
40. ( क्र. 197 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या खेल एवं युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा संचालक खेल एवं युवक कल्याण विभाग टी-टी नगर भोपाल को अपने पत्र क्रं-3/दिनांक-8/2/2018 को मंदसौर शहर मे खेलो इंडिया योजना अंतर्गत 400 मीटर ऐथेलेटिक सिंथेटिक ट्रैक निर्माण हेतु पत्र प्रेषित किया था? यदि हाँ, तो कार्यवाही की वर्तमान स्थिति से अवगत करायें। (ख) क्या खेल युवक कल्याण मंत्रालय भारत सरकार द्वारा प्रदेश में उक्त सिंथेटिक ग्राउंड हेतु स्थल चयन हेतु प्रदेश सरकार को पत्र प्रेषित किये गये थे? यदि हाँ, तो पत्र की प्रतिलिपी देवें। (ग) क्या केन्द्र सरकार द्वारा ऐथेलेटिक सिंथेटिक ट्रैक निर्माण हेतु राशि का आवंटन कर दिया गया है? यदि हाँ, तो क्या मंदसौर का चयन प्रदेश में उक्त सिंथेटिक ग्राउंड हेतु कर लिया गया है? यदि हाँ, तो कब तक 400 मीटर ऐथेलेटिक सिंथेटिक ट्रैक का निर्माण कर दिया जायेगा?
खेल एवं युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जी हाँ। भारत सरकार की खेलो इण्डिया अधोसंरचना योजनान्तर्गत मंदसौर में नवीन सिंथेटिक ऐथेलेटिक ग्राउंड के निर्माण के लिये केन्द्रीय सहायता हेतु प्रस्ताव विभागीय पत्र क्र. एफ 2-22/2020/नौ, दिनांक 29.09.2020 द्वारा भारत सरकार, युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय, नई दिल्ली को प्रेषित किए गए थे, इस संदर्भ में भारत सरकार के पत्र क्र. 23.61/MYAS/MDSD/2021/1140, दिनांक 13.04.2021 द्वारा विभाग से प्रेषित किए गए 23 स्थलों के प्रस्तावों को वापस कर वित्तीय वर्ष 2021-22 में मात्र 2-3 जिलों के प्रस्ताव चाहे गए हैं। भारत सरकार द्वारा वापस किए गए प्रस्तावों में मंदसौर का प्रस्ताव भी शामिल है। (ख) जी नहीं, अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्नोत्तर ‘‘क’’ के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
फसल बीमा राशि का भुगतान
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
41. ( क्र. 199 ) श्री तरबर सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2020 में बण्डा विधानसभा क्षेत्रांतर्गत कृषि विभाग, सहकारिता विभाग एवं राजस्व विभाग के प्रथक-प्रथक अभिलेखानुसार कौन-कौन पटवारी हल्के में कौन-कौन खरीफ फसलों की खेती कितने-कितने रकवा में की गई? कितना उत्पादन हुआ? यह भी बतायें कि किस पटवारी हल्के के कितने कृषकों से कृषि बीमा प्रीमियम की कितनी राशि काटी गई? (ख) प्रश्नांश (क) में दर्शित फसल में बीमा क्लेम हेतु न्यूनतम उत्पादन क्या था? वास्तविक उत्पादन कितना कम या अधिक हुआ? कितनी राशि का बीमा क्लेम बना व वास्तविक भुगतान कब कितना किया गया? कितना भुगतान बकाया है? पटवारी हल्कावार, कृषक संख्यावार, फसलवार बतलायें। (ग) क्या बीमा की क्लेम की पात्रता होते हुये भी बण्डा तहसील के अनेक पटवारी हल्का व शाहगढ़ तहसील क्षेत्र के सभी पटवारी हल्का प्रश्न दिनांक तक फसल बीमा राशि से वंचित हैं? यदि हाँ, तो कौन पटवारी हल्का के कितने किसान कितनी राशि से वंचित है और क्यों? (घ) क्या शासन प्रश्नांश (ग) में दर्शित बीमा क्लेम राशि से वंचित कृषकों को, शेष राशि भुगतान करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री कमल पटेल ) : (क) वर्ष 2020 में बण्डा विधानसभा क्षेत्रांतर्गत अभिलेखानुसार पटवारी हल्कावार खरीफ फसलों की क्षेत्राच्छादन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 1 अनुसार है। पटवारी हल्कावार, फसलवार, कृषक अंश प्रीमियम की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 2 अनुसार है। उत्पादन के आंकड़ों की गणना का कार्य प्रक्रियाधीन है। (ख) उत्पादन आंकड़ें एवं दावा राशि की गणना का कार्य प्रक्रियाधीन है। (ग) उत्तरांश (ख) अनुसार। (घ) समय सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
खेल सामग्री का प्रदाय
[खेल एवं युवा कल्याण]
42. ( क्र. 200 ) श्री संजय शुक्ला : क्या खेल एवं युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मध्यप्रदेश शासन अंतर्गत खेल विभाग द्वारा खेलों को प्रोत्साहन देने हेतु खेल सामग्रियां दी जाती है? यदि हाँ, तो पिछले 6 वर्षों में खेल विभाग द्वारा क्या-क्या सामग्री इन्दौर जिले में दी गई? कितनी-कितनी राशि की सामग्रियां दी गई? विधानसभावार जानकारी देवें? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में खेल सामग्रियां किन-किन माध्यमों से क्रय की जाती हैं? खेल विभाग भोपाल (संचालनालय) द्वारा पिछले 6 वर्षों में सामग्री क्रय करने हेतु कब-कब टेण्डर कराये गये? किन-किन कम्पनीयों/एजेंसियो द्वारा टेण्डर लिये गये? टेण्डर की शर्तें क्या थी? खेल विभाग द्वारा अन्य किन माध्यमों से खेल सामग्री क्रय कर जिलों में दी जाती है? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में खेल विभाग द्वारा जेम पोर्टल आदि के माध्यम से भी सामग्रियां क्रय की जा रही है? (घ) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में किन-किन एजेंसियों से सामग्रियां क्रय की गई? कितनी-कितनी राशि का भुगतान किन-किन फर्मों/एजेंसियों को कब-कब किया गया?
खेल एवं युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जी हाँ। इंदौर जिले के लिये पिछले 6 वर्षों में क्रय खेल सामग्री, राशि आदि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अ अनुसार है। विभाग द्वारा विधानसभावार खेल सामग्री क्रय कर नहीं दी जाती है। (ख) प्रश्नोत्तर ‘‘क’’ में उल्लेखित खेल सामग्री का क्रय ई-निविदा के माध्यम से किया जाता है। संचालनालय द्वारा पिछले 6 वर्षों में खेल सामग्री क्रय हेतु निविदा प्रकाशन, निविदा क्रय एवं निविदा की शर्तों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ब अनुसार है। अन्य किसी माध्यम से विभाग द्वारा खेल सामग्री क्रय नहीं की जाती है। (ग) जी नहीं। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ में ही समाहित है।
पौध रोपणियों में कराये गये कार्य
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
43. ( क्र. 208 ) श्री बाबू जण्डेल : क्या राज्य मंत्री, उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्योपुर जिले में कितनी शासकीय पौध रोपणियां हैं? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार उक्त शासकीय पौध राेपणियों में विगत 7 वर्षों में क्या-क्या कार्य करायें तथा पौध उत्पादन में मजदूरी व किस-किस सामग्री पर कितना-कितना व्यय किया गया? बिल व्हाउचर के विवरण सहित पृथक-पृथक एवं माहवार प्रस्तुत करें। (ग) क्या शासन द्वारा श्योपुर जिले को एक उत्पाद एक जिला के तहत अमरूद की फसल हेतु चयन किया गया है? यदि हाँ, तो कृषकों की अमरूद की फसल पैदा किये जाने हेतु अनुदान की कोई योजना है? अवगत करायें। (घ) श्योपुर जिले के कृषकों को प्रश्नांश (ग) अनुसार अभी तक कितने कृषकों को योजना के तहत कितना-कितना लाभ दिया गया है? यदि नहीं, तो क्यों कारण बतायें।
राज्य मंत्री, उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण ( श्री भारत सिंह कुशवाह ) : (क) जिले में 03 शासकीय पौध रोपणियां हैं। (ख) विगत 07 वर्षों में शासकीय पौध रोपणियों में पौध उत्पादन, मात्र वृक्षों के रख-रखाव एवं विद्यमान संरचनाओं के मरम्मत कार्य कराये गये, जिसपर मजदूरी में रूपये 13750955/- (एक करोड़ सैतिस लाख पचास हजार नो सौ पचपन रूपये मात्र) तथा सामग्री में रूपये 1420168/- (चौदह लाख बीस हजार एक सौ अड़सठ रूपये मात्र)। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 01 के प्रपत्र-1.1 से 1.7 अनुसार है। (ग) जी हाँ। जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 02 अनुसार है। (घ) वर्ष 2020-21 में फल-पौध रोपण योजना के अंतर्गत आवंटन उपलब्ध न होने से किसानों को अमरूद की फसल हेतु कोई लाभ नहीं दिया गया है। वर्ष 2021-22 में फल-पौध रोपण योजनांतर्गत अमरूद की फसल हेतु भौतिक वित्तीय लक्ष्य जिले को आवंटित कर दिये गये हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-03 अनुसार है।
मंडला जिले की जनपद पंचायत घुघरी के शॉपिंग कॉम्पलेक्स की जानकारी
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
44. ( क्र. 213 ) श्री नारायण सिंह पट्टा : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मण्डला जिले की जनपद पंचायत घुघरी अंतर्गत परशुरामी गंगा शॉपिंग कॉम्पलेक्स का निर्माण कब व कितनी लागत से किया गया था? क्या इसके निर्माण के प्राक्कलन में कॉम्पलेक्स परिसर में फर्शीकरण का कार्य किया जना भी सम्मिलित था? यदि हाँ, तो क्या फर्शीकरण का कार्य किया गया है? यदि नहीं, तो क्यों एवं इसके लिए कौन-कौन दोषी है व उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जाएगी? (ख) उपरोक्त शॉपिंग कॉम्पलेक्स में दुकानों की नीलामी कब-कब की गई? नीलामी की क्या प्रक्रिया रही? क्या नीलामी में आरक्षण रोस्टर व नियमों का पालन किया गया? यदि नहीं, तो क्यों? इसके लिए कौन-कौन दोषी है? उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जाएगी? उपरोक्त नीलामी में कौन-कौन सी दुकानें किस-किन बोलीदारों को कितनी-कितनी राशि में प्रदाय की गई? क्या बोलीदारों द्वारा लगाई गई बोली की संपूर्ण राशि जमा कर दी गई है? यदि नहीं, तो किन-किन बोलीदारों ने कब-कब कितनी-कितनी राशि जमा की है व अभी प्रत्येक की कुल कितनी राशि शेष है? संपूर्ण राशि जमा न करवा पाने के क्या कारण हैं? (ग) क्या उपरोक्त दुकानों की नीलामी प्रक्रिया में दोष व गड़बड़ी होने के कारण जिला कलेक्टर द्वारा उक्त नीलामी की प्रक्रिया ही निरस्त कर दी गई है? यदि हाँ, तो क्या उपरोक्त दुकानें संबंधित काबिज दुकानदारों से खाली करवा ली गई हैं? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में क्या कोई न्यायालयीन प्रक्रिया चल रही है? यदि हाँ, तो उस परिप्रेक्ष्य में जनपद पंचायत घुघरी द्वारा कब-कब शासन का पक्ष प्रस्तुत किया गया? मामला लंबित रहने के क्या कारण हैं? क्या कॉम्पलेक्स परिसर में फर्शीकरण कार्य हेतु कोई न्यायालयीन समस्या है? यदि नहीं, तो जनपद पंचायत घुघरी द्वारा इस हेतु राशि प्रावधान किए जाने के बाद भी फर्शीकरण का कार्य क्यों नहीं किया जा रहा है? यह कार्य कब तक पूर्ण करवा लिया जाएगा?
पंचायत मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया (संजू भैया) ) : (क) कार्यालय जिला पंचायत मण्डला के पत्र क्रमांक/जि0पं0/वि.स./2021/970 मण्डला, दिनांक 30 जुलाई 2021 के अनुसार प्रश्नांकित शॉपिंग कॉम्प्लेक्स का निर्माण वर्ष 2002-2003 एवं 2003-2004 में कराया गया था। इस निर्माण कार्य की लागत 42.95 लाख रूपये है। फर्शीकरण कार्य का प्रावधान नहीं किया गया था। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) शॉपिंग कॉम्प्लेक्स में दुकानों की नीलामी दिनांक 21.09.2004, 27.09.2004, 26.07.2005 एवं दिनांक 03.04.2006 को की गई। नीलामी खुली बोली के आधार पर की गई है। कार्यालय जिला पंचायत मण्डला का पत्र क्रमांक/जि0पं0/ वि.स./2021/970 मण्डला, दिनांक 30 जुलाई 2021 के अनुसार नीलामी में आरक्षण रोस्टर व नियमों का पालन नहीं किया गया है, जिसके लिए तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत घुघरी श्री सी.एल. अहिरवार एवं श्री नागेन्द्र यादव उत्तरदायी हैं। जाँच उपरांत दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की जाएगी। दुकानबार बोलीदारों की सूची एवं राशि का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' पर है। बोलीदारों द्वारा बोली की संपूर्ण राशि जमा कर दी गई है। किसी भी बोलीदार की राशि शेष नहीं है। (ग) जी हाँ। न्यायालय कलेक्टर मण्डला द्वारा प्रकरण क्रमांक- 03 (ब-121) 14-15 पारित आदेश दिनांक 25.01.2016 के द्वारा नीलामी की समग्र कार्यवाही निरस्त कर दी गई। संबंधित दुकानदारों द्वारा मा0 उच्च न्यायालय जबलपुर में याचिका क्रमांक डब्ल्यू0पी0 5628/2016 प्रस्तुत किये जाने एवं स्थगन आदेश होने के कारण दुकानें खाली नहीं करवाई गई हैं। (घ) जी हाँ। जनपद पंचायत घुघरी द्वारा दिनांक 13.06.2016 एवं 26.08.2017 को माननीय उच्च न्यायालय में डब्ल्यू.पी. 5628/2016 में शासन की ओर से जवाबदावा प्रस्तुत किया गया है। मामला माननीय उच्च न्यायालय में विचाराधीन है। कॉम्प्लेक्स परिसर के प्राक्कलन में फर्शीकरण कार्य प्रावधानित नहीं होने के कारण नहीं कराया गया। माननीय उच्च न्यायालय द्वारा अंतिम निर्णय पारित होने पर कार्यवाही की जा सकेगी।
मंडला ऑर्गेनिक कृषक प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड की जानकारी
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
45. ( क्र. 214 ) श्री नारायण सिंह पट्टा : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला मंडला अंतर्गत मंडला ऑर्गेनिक कृषक प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड की स्थापना व रजिस्ट्रेशन कब किया गया? कंपनी बनाने के पीछे शासन के क्या उद्देश्य थे? कंपनी के कार्यक्षेत्र में पीजीएस अंतर्गत कितने समूह जोड़े गए? प्रत्येक समूह के अध्यक्ष व सदस्यों के नाम, पता सहित जानकारी उपलब्ध कराएं। (ख) मिड इण्डिया सेल्स कम्पनी से मण्डला ऑर्गेनिक कृषक प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड मण्डला का एग्रीमेण्ट कब एवं किन उद्देश्यों के तहत हुआ था? क्या मिड इण्डिया सेल्स कम्पनी द्वारा मण्डला ऑर्गेनिक कृषक प्रोड्यूसर कम्पनी लिमिटेड अंतर्गत पीजीएस समूहों के कृषकों द्वारा उत्पादित उत्पाद विक्रया किये जा रहे हैं? यदि हाँ, तो मिड इण्डिया सेल्स द्वारा मण्डला ऑर्गेनिक कृषक प्रोड्यूसर कम्पनी लिमिटेड से कब-कब कितनी मात्रा में कौन से उत्पाद खरीदे गये एवं उनका कितना-कितना भुगतान कम्पनी या कृषकों को कब-कब किया गया? (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में क्या मिड इंडिया सेल्स कंपनी के द्वारा मंडला ऑर्गेनिक कृषक प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड के कृषकों के जैविक प्रमाण पत्रों (पीजीएस सर्टिफिकेट) का उपयोग कर वैश्विक स्तर पर एवं देश के विभिन्न महानगरों में उत्पाद विक्रय किए जा रहे हैं? क्या विक्रय उपरांत मिड इंडिया सेल्स संबंधित कृषकों को विक्रय राशि का भुगतान किया गया है? अगर नहीं तो क्या इस राशि का उपयोग मिड इंडिया सेल्स द्वारा स्वयं किया गया? क्या जैविक उत्पाद अंतर्गत रागी, कोकोनट ऑयल का उत्पादन मंडला में किया जा रहा है? यदि हाँ, तो जिले में किन-किन कृषकों के द्वारा कहाँ -कहॉं यह उत्पादन किया जा रहा है? यदि नहीं, तो मिड इंडिया सेल्स द्वारा इनका विक्रय मंडला ऑर्गेनिक कृषक प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड के नाम पर क्यों किया जा रहा है? क्या यह धोखाधड़ी व अपराध की श्रेणी में आता है? क्या इसकी विस्तृत जाँच करवाई जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री कमल पटेल ) : (क) मंडला ऑर्गेनिक कृषक प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड की स्थापना 04/05/2017 को हुई थी। यह एक निजी कंपनी की श्रेणी में आती है तथा कृषक प्रोड्यूसर कंपनी का गठन कंपनी एक्ट के तहतकिसान स्वप्रेरणा से कराते है। मंडला जिलें में कृषकों ने स्वप्रेरणा से कंपनी का गठन किया। शासन/विभाग द्वारा इसकी स्थापना या पंजीयन नहीं कराया गया है। शेष प्रश्न ही उद्भूत नहीं होता। (ख) एवं (ग) शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता।
लेखा सत्यापन संबंधी जानकारी
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
46. ( क्र. 217 ) श्री विजयराघवेन्द्र सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कृषि उपज मंडी समिति कटनी में वर्ष 2017 से प्रश्न दिनांक तक किन-किन फर्मों के किस-किस वर्ष के लेखा सत्यापन किए गए और कितनी-कितनी राशि बकाया पाई गई और कब जमा की गई? पूर्ण विवरण दें तथा बतावें कि किन-किन फर्मों के लेखा सत्यापन किस-किस वर्ष के क्यों शेष है? (ख) क्या 103 फर्मों की मूल नस्तियॉ लेखा सत्यापन की खुर्द-बुर्द करने पर दिनांक 29.10.2014 को कुठला थाना जिला कटनी में पुलिस प्राथमिकी दर्ज होकर चालान माननीय न्यायालय में किस कर्मचारी के विरूद्ध प्रस्तुत किया गया था? (ग) प्रश्नांश (ख) यदि हाँ, तो उक्त कर्मचारी को चालान प्रस्तुत होने पर अभी तक निलंबित क्यों नहीं किया गया? कब करेंगे तथा प्रकरण की वर्तमान स्थिति क्या है? (घ) प्रश्न दिनांक तक मंडी कटनी में थर्ड पार्टी अनुज्ञा सत्यापन एवं जारी करने के कितने प्रकरण प्रकाश में आए हैं? उन फर्मों को जारी नोटिसों की प्रति दें तथा निराकरण की स्थिति बताएं तथा बतावें कि जारी नोटिसों की राशि जमा हो गई या नहीं? (ड.) थर्ड पार्टी अनुज्ञा पत्र सत्यापन किन-किन मंडियों के कितने-कितने शेष हैं और क्यों शेष हैं? कब तक किए जायेंगे? अब तक न करने के क्या कारण हैं।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री कमल पटेल ) : (क) कृषि उपज मंडी समिति कटनी में वर्ष 2017 से प्रश्न दिनांक 15/7/2021 तक फर्मवार के वर्षवार किये गए लेखा सत्यापन, उसमे निर्धारित अवशेष राशि तथा जमा हुई राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 1 अनुसार है। प्रश्नाधीन सत्यापन हेतु लंबित लेखों की वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 2 अनुसार है। लेखा सत्यापन सतत प्रक्रिया होने से लेखों के सत्यापन की कार्यवाही प्रचलित है। (ख) कृषि उपज मंडी समिति कटनी की 103 फर्मों की लेखा सत्यापन की मूल नस्तियां खुर्द-बुर्द करने पर कुठला थाना जिला कटनी में प्रथम सूचना रिपोर्ट दिनांक 29/10/2014 को नहीं अपितु दिनांक 6/7/2016 को श्री आर.पी.खम्परिया सहायक ग्रेड-03 मंडी समिति कटनी के विरुद्ध दर्ज करायी गयी। संबंधित कर्मचारी के विरुद्ध माननीय न्यायलय में चालान प्रस्तुत नहीं हुआ अपितु कुठला थाना द्वारा माननीय न्यायलय में खात्मा क्रमांक 14/2017 दिनांक 14/5/2017 को चाक किया गया है। (ग) माननीय न्यायालय में पुलिस द्वारा चालान प्रस्तुत नहीं करने से श्री आर.पी.खम्परिया सहायक ग्रेड-3 मंडी समिति कटनी को, न्यायालय में चालन प्रस्तुति के आधार पर निलंबित करने के स्थिति निर्मित नहीं हुई है, परन्तु उनके विरुद्ध थाना कुठला में ऍफ़.आई.आर. 0272/16 दर्ज होने के आधार पर मंडी समिति कटनी के आदेश दिनांक 03-03-2017 से निलंबित किया गया था। तदोपरांत मंडी समिति कटनी की बैठक में पारित निर्णय अनुसार मंडी कटनी के आदेश दिनांक 04-04-2018 से श्री खम्परिया सहायक ग्रेड-3 के विरुद्ध प्रश्नागत मामले में विभागीय जाँच संस्थित करते हुए निलंबन से बहाल किया गया। वर्तमान में श्री खम्परिया सहायक ग्रेड-3 के विरुद्ध विभागीय जाँच प्रचलित है। (घ) कृषि उपज मंडी समिति कटनी द्वारा प्रश्न दिनांक तक 1371 थर्ड पार्टी अनुज्ञा पत्र जारी किये गए हैं एवं 5888 थर्ड पार्टी अनुज्ञा पत्र का सत्यापन हुआ है। सम्बंधित फर्मों को जारी नोटिस की प्रतियां की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 3 अनुसार है एवं निराकरण और जमा राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 4 अनुसार है। (ड.) थर्ड पार्टी अनुज्ञा पत्र सत्यापन हेतु शेष की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 5 अनुसार है। थर्ड पार्टी अनुज्ञा पत्र सत्यापन की कार्यवाही सतत् प्रक्रिया होने से थर्ड पार्टी अनुज्ञा पत्र के सत्यापन हेतु समयावधि बताया जाना संभव नहीं है।
कृषकों की कृषि उपज का भुगतान
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
47. ( क्र. 218 ) श्री विजयराघवेन्द्र सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश के हरदा, भोपाल, रायसेन देवास एवं इंदौर जिले की 1 जनवरी 2018 से प्रश्न दिनांक तक किसानों से अनाज खरीदी कर व्यापारियों ने भुगतान नहीं किया है? यदि हाँ, तो किसानों की संख्या, अनाज की कीमत, राशि भुगतान न करने वाली फर्म की जानकारी मंडीवार दें। (ख) प्रश्नांश (क) से संबंधित किसानों की बकाया राशि का भुगतान क्या मंडी बोर्ड एवं मंडी निधि से मंडी बोर्ड द्वारा कराया गया है? यदि हाँ, तो कुल किसान संख्या, बकाया राशि, मंडी निधि/बोर्ड निधि से भुगतान राशि भुगतान का विवरण दिनांक, भुगतान न पाने और पाने वाले किसानों की संख्या, बकाया राशि की जानकारी मंडीवार दें। (ग) क्या प्रश्नांश (ख) अंतर्गत किसानों का भुगतान मंडी अधिनियम के प्रावधान अंतर्गत हुआ? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करते हुए किस प्रावधान से हुआ? (घ) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) के परिप्रेक्ष्य में जिन मंडियों के जिन व्यापारियों से जिन अधिकारियों की मिलीभगत से किसानों का भुगतान कराये बिना अनाज परिवहन की अनुज्ञा दी गई, क्या उन अधिकारियों/कर्मचारियों से मंडी बोर्ड के निर्देश के परिपालन में अब तक वसूल न की गई राशि संबंधित कर्मचारियों/अधिकारियों की चल-अचल संपत्ति से वसूली क्यों नहीं की गई? कब तक की जाएगी? बताएं। (ड.) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) के परिप्रेक्ष्य में जिन व्यापारियों की बकाया राशि का भुगतान मंडी बोर्ड निधि/मंडी निधि से हुआ था, उसमें से प्रश्न दिनांक तक कितनी राशि व्यापारियों से वसूली की गई है? पृथक-पृथक मंडीवार/फर्मवार विवरण दें। यदि नहीं, तो वसूली की प्रश्न दिनांक तक की गई कार्यवाही संबंधी विवरण दें।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री कमल पटेल ) : (क) से (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
बालीवाल अकादमी का संचालन
[खेल एवं युवा कल्याण]
48. ( क्र. 236 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या खेल एवं युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या नरसिंहपुर में बालीवाल अकादमी संचालित है? (ख) बालीवाल अकादमी एवं हास्टल में खिलाडि़यों को क्या-क्या सुविधायें दी जाती हैं? सम्पूर्ण जानकारी दें। (ग) क्या नरसिंहपुर जिले में संचालित आकदमी में उक्त सभी सुविधायें अकादमी के खिलाड़ियों को प्राप्त हैं? यदि नहीं, तो कारण बतावे और उन्हें कब तक उक्त सुविधायें प्राप्त हो जाएगी? (घ) नरसिंहपुर जिले में संचालित बालीवाल अकादमी में प्रशिक्षण हेतु राष्ट्रीय कोच की व्यवस्था की गई है? यदि नहीं, तो कब तक सुविधा प्रदान की जाएगी? (ड.) क्या प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा माननीय मंत्री जी को बालीवाल अकादमी नरसिंहपुर में खिलाड़ियों की सुविधायें हेतु पत्र क्र. JSP/00736/BPL/21 दिनांक 13.07.21 द्वारा ध्यान में लाया गया था? यदि हाँ, तो पत्र संदर्भ में क्या कार्यवाही की गई?
खेल एवं युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जी हाँ। (ख) खिलाड़ियों को निःशुल्क आवास, भोजन, चिकित्सा, शिक्षण, खेल प्रशिक्षण आदि की सुविधायें दी जाती है। (ग) जी हाँ। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी हाँ। व्हालीबॉल अकादमी में प्रशिक्षण हेतु एन.आई.एस प्रशिक्षक श्री शाकीर हुसैन को कार्यालय जिला खेल और युवा कल्याण अधिकारी जिला विदिशा से एवं एन.आई.एस प्रशिक्षक श्री अब्दुल हक खान को कार्यालय जिला खेल और युवा कल्याण अधिकारी जिला सिवनी से संबंद्ध किया गया है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ड.) जी हाँ। जिला खेल और युवा कल्याण अधिकारी जिला नरसिंहपुर से श्री चंदर सिंह का बायोडाटा चाहा गया है। बायोडाटा प्राप्त होने पर नियमानुसार परीक्षण उपरांत आगामी कार्यवाही संभव होगी।
नकली रेमेडीसिवर इंजेक्शन की कालाबाजारी
[गृह]
49. ( क्र. 237 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा सिटी हॉस्पिटल जबलपुर के संचालक व अन्य अप्रत्यक्षों द्वारा कोरोना की लहर में नकली रेमडीसिवर इंजेक्शन की कालाबाजारी व अनियमितताओं के संबंध में राज्य के पुलिस महानिदेशक (पत्र क्रं. JSP/NSP/7496 दिनांक 24.05.21), महानिदेशक आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (पत्र क्रं. JSP/NSP/7492 दिनांक 21.05.21), महानिरीक्षक जबलपुर जोन (पत्र क्रं. JSP/NSP/7429 दिनांक 12.05.21 एवं JSP/NSP/7486 दिनांक 17.05.21) एवं संबंधित प्रकरण के जाँच दल प्रमुख (पत्र क्रं. JSP/NSP/7517 दिनांक 03.06.21 एवं पत्र क्रं. JSP/NSP/7538 दिनांक 16.06.21 आदि को शिकायती पत्र द्वारा अवगत कराया गया था? (ख) यदि हाँ, तो उक्त प्रकरण में क्या कार्यवाही की जा रही है? संपूर्ण विवरण देवें। यदि नहीं, तो कारण दें। (ग) उक्त संदर्भ में किन-किन धाराओं में किस-किस पर प्रकरण दर्ज किया गया है? (घ) उक्त संदर्भ में कार्यवाही एवं विवेचना कब तक पूर्ण कर ली जाएगी? राज्य आर्थिक अपराध ब्यूरो, पुलिस विभाग की पृथक-पृथक जानकारी दें।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। पुलिस महानिरीक्षक जबलपुर को दिया गया शिकायत पत्र क्रं. JSP/NSP/7429 दिनांक 12.05.21 न होकर अपितु क्रं. JSP/NSP/7479 दिनांक 12.05.2021 है। पत्र क्रं. JSP/NSP/7429 दिनांक 12.05.2021 के माध्यम से आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ में शिकायत प्राप्त हुई है जिसे आवक क्रमांक 02 एम पर दर्ज कर दिनांक 27.07.2021 को पुलिस महानिदेशक, मध्यप्रदेश पुलिस मुख्यालय, भोपाल को मूलतः आवश्यक कार्यवाही हेतु प्रेषित किया गया है। (ख) एवं (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट में समाहित है। (घ) प्रकरण विवेचना में है, समय सीमा बताना संभव नहीं है।
शराब जब्ती की जानकारी एवं कार्यवाही
[गृह]
50. ( क्र. 248 ) श्री सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाहा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले में पिछले 3 वर्षों में पुलिस के द्वारा कितने लीटर शराब किस-किस थाना अन्तर्गत जब्त की गयी है? संपूर्ण विवरण थानावार उपलब्ध कराएं। (ख) जब्त की गई शराब का पुलिस विभाग द्वारा क्या किया जाता है? यदि नष्ट किया जाता है तो सतना जिले में किन-किन स्थानों पर किस-किस दिनांक एवं किन-किन अधिकारियों द्वारा शराब को नष्ट करने की कार्यवाही की गई है। (ग) वर्तमान में शराब की कितनी मात्रा पुलिस ज़ब्ती में उपलब्ध है? जब्तशुदा शराब की हेराफेरी में सन 2016 से अब तक जिले के किस-किस थाने के किन पुलिसकर्मी पर आरोप लगे हैं? तथा सम्बंधित पर अब तक क्या कार्यवाही हुई?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) पिछले 03 वर्षों में जिला सतना में पुलिस द्वारा कुल 93188.910 लीटर शराब जब्त की गई है, जिसकी थानावार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जब्त की गई शराब पुलिस द्वारा प्रकरण का चालान माननीय न्यायालय में प्रस्तुत करते समय जमा की जाती है। प्रश्नांकित अवधि में पुलिस द्वारा शराब नष्टीकरण की कार्यवाही नहीं की गई है। (ग) वर्तमान में जिला सतना की विभिन्न थानों में कुल 23530.910 लीटर शराब जब्ती के रूप में उपलब्ध है, जिसकी थानावार जानकारी संलग्न परिशिष्ट में समाहित है। वर्ष 2016 से आज दिनांक तक सतना जिले के किसी भी पुलिस अधिकारी/कर्मचारी पर जब्तशुदा शराब की हेराफेरी के संबंध में आरोप नहीं लगे हैं। अतः कार्यवाही करने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
दादा सुखेन्द्र सिंह स्टेडियम का नवीनीकरण
[खेल एवं युवा कल्याण]
51. ( क्र. 250 ) श्री सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाहा : क्या खेल एवं युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या सतना शहर स्थित दादा सुखेंद्र सिंह स्टेडियम में फुटबाल मैदान तय मानक के अनुरूप बनाया गया है? यदि नहीं,, तो तय मानक अनुसार कब तक पूर्ण कराएँगे। यदि हाँ, तो फुटबाल मैदान के तय मानक क्या हैं? तकनीकी विवरण सहित उपलब्ध करायें। (ख) क्या इस खेल मैदान के कायाकल्प एवं आधुनिकता के लिए सतना स्मार्ट सिटी डेवलपमेन्ट लिमि. को सौंपा जा सकता है, जैसा की अन्य स्मार्ट सिटी के अन्तर्गत आने वाले शहरों में किया गया है? यदि हाँ, तो कब तक, नहीं तो क्यों? (ग) सतना जिले के किस-किस ब्लाक में खेल शिक्षक एवं खेल समन्वयक नियुक्त हैं, नाम पदनाम सहित बतायें। क्या खेल शिक्षक व खेल समन्वयक नियुक्त स्थान पर नियमित जाते हैं व इनकी उपस्थिति का रजिस्टर संधारित है? यदि हाँ, तो उक्त रजिस्टर की उपस्थिति निगरानी किसके द्वारा की जाती है? (घ) जिले के सभी ब्लाकों में पदस्थ खेल शिक्षक/समन्वयक के द्वारा नियुक्ति स्थल अंतर्गत किन-किन ग्रामों के कितने बच्चों को 2015 से अब तक किन-किन खेलों में प्रशिक्षित किया गया? बच्चों के नाम व प्रशिक्षित किए खेल का सम्पूर्ण विवरण सहित जानकारी उपलब्ध करायें। (ड) पाइका प्रोजेक्ट के तहत सतना जिले में कितनी ग्राम पंचायतों में व्यायाम उपकरण स्थापित कराए गए है? पंचायतवार विवरण उपलब्ध कराएं।
खेल एवं युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जी नहीं, स्टेडियम में फुटबाल मैदान बनाये जाने हेतु फर्म मे. सफदर कंस्ट्रक्शन भोपाल को कार्यादेश गया है, कोविड के लॉकडाउन के कारण कार्य प्रारंभ नहीं किया जा सका है, वर्षा ऋतु के पश्चात अक्टूबर माह में कार्य प्रारंभ कर शीघ्र पूर्ण किया जावेगा, जिसकी निश्चित तिथि बतायी जाना संभव नहीं है। फुटबाल खेल मैदान सामान्यतः घास का 105 मीटरx 65 मीटर का होता है। (ख) जी हाँ, कार्यालय स्मार्ट सिटी डेवलपमेंट सतना द्वारा जिला खेल और युवा कल्याण अधिकारी सतना को पत्र क्रमांक 492 दिनांक 23.06.21 द्वारा प्रस्ताव प्रेषित किया गया है, जिला खेल और युवा कल्याण अधिकारी सतना के माध्यम से प्रस्ताव प्राप्त हुआ है, किन्तु प्रस्ताव के संलग्न प्रस्तावित निर्माण कार्यो की ड्राईग डिजाईन प्राप्त नहीं हुई है। स्मार्ट सिटी सतना द्वारा ड्राईग डिजाईन प्राप्त होने के पश्चात अनुमति प्रदान की जावेगी। जिसकी निश्चित समय सीमा बतायी जाना संभव नहीं है। (ग) सतना जिला मुख्यालय एवं विकासखंड में पदस्थ खेल प्रशिक्षक एवं खेल समन्वयक की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 1 अनुसार है। जी हाँ, जिला मुख्यालय में पदस्थ खेल प्रशिक्षक की उपस्थिति पंजी का संधारण व निगरानी जिला खेल और युवा कल्याण अधिकारी द्वारा किया जाता है एवं विकासखंड मुख्यालय में खेल समन्वयक की उपस्थिति पंजी का संधारण व निगरानी संबंधित शासकीय विधालय के प्राचार्य द्वारा किया जाता है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 2 अनुसार है। (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 3 अनुसार है।
संज्ञेय अपराध की श्रेणी में आने वाले अपराध संबंधी
[गृह]
52. ( क्र. 258 ) श्री आरिफ मसूद : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या संज्ञेय अपराध की श्रेणी में आने वाले किसी अपराध में कोई फरियादी ना मिल रहा हो तो पुलिस स्वयं एफ.आई.आर दर्ज कर सकती है? (ख) क्या किसी व्यक्ति या संस्था द्वारा फर्जी/कूट रचित अनुभव प्रमाण पत्र के आधार पर शासन से कोई अनुज्ञप्ति प्राप्त की जाती है तो यह अपराध की श्रेणी में आता है? यदि हॉ तो किस धारा के अंतर्गत अपराध पंजीबद्ध किया जाना चाहिए? (ग) क्या कार्यालय नियंत्रक खाद्य एवं औषधि प्रशासन ने थाना शाहजहॉनाबाद भोपाल को अपने आदेश क्रमांक भोपाल/2020/317 दिनांक 01.10.2020 के जरिए फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र रचित कर मेसर्स मध्यप्रदेश स्टेट कोओपरेटिव जन औषधि मार्किटिंग द्वारा अनुज्ञप्ति प्राप्त करने की सूचना दी थी? यदि हाँ, तो थाना शाहजहॉनाबाद ने किसके विरूद्ध एफ.आई.आर. दर्ज की? यदि एफआईआर दर्ज नहीं की तो क्यों?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। (ख) किसी व्यक्ति अथवा संस्था द्वारा फर्जी/कूटरचित अनुभव प्रमाण पत्र के आधार पर यदि शासन से अनुज्ञप्ति प्राप्त की जाती है, तो अपराध की प्रकृति एवं धाराओं का निर्धारण घटनाक्रम की परिस्थितियों एवं उपलब्ध साक्ष्य के आधार पर किया जा सकेगा। (ग) कार्यालय नियंत्रक खाद्य एवं औषधि प्रशासन ने उल्लेखित पत्र के द्वारा थाना शाहजहांनाबाद को फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र रचित कर अनुज्ञप्ति प्राप्त करने की सूचना नहीं दी थी, अपितु अनुज्ञप्ति निरस्त करने के आदेश की प्रतिलिपि दी थी। थाना शाहजहाँनाबाद में प्रथम सूचना दर्ज करने हेतु पृथक से आवेदन पत्र प्रस्तुत नहीं करने के कारण, संस्था द्वारा माननीय उच्च न्यायालय में दायर याचिका के गतिशील होने के कारण प्रथम सूचना पत्र दर्ज नहीं की गई है।
दोषियों पर कार्यवाही
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
53. ( क्र. 261 ) श्री शरद जुगलाल कोल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शहडोल जिले में वित्तीय वर्ष 2018-19 से प्रश्नांश दिनांक तक में कितने कार्य मनरेगा की राशि स्वीकृत कर ग्राम पंचायतों द्वारा कराये गये जनपदवार संख्यात्मक जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार कराये गये कार्यों में से कितने कार्य पूर्ण हो चुके हैं एवं कितने कार्य अधूरे हैं जो कार्य पूर्ण हो चुके हैं उनमें से कितने कार्यों के पूर्णत: प्रमाण पत्र जारी किये जा चुके हैं एवं कितने शेष है? कब तक जारी किये जावेंगे? (ग) प्रश्नांश (क) के कार्यों का सत्यापन प्रश्नांश (ख) अनुसार पूर्णत: प्रमाण पत्र जारी किये जाने के पूर्व किन सक्षम अधिकारियों द्वारा किया गया का विवरण प्रश्नांश की अवधि अनुसार देवें। अगर कार्य पूर्ण हैं पूर्णत: प्रमाण पत्र जारी नहीं किये जा रहे हैं तो इसके लिये संबंधितों के विरूद्ध क्या कार्यवाही करेंगे? (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार कराये गये कार्यों के प्राक्कलन व तकनीकी स्वीकृति किस वित्तीय वर्ष में जारी की गयी कार्यो की पूर्ण होने की अवधि क्या थी? वर्तमान में कितने कार्य ग्राम पंचायतों के अधूरे हैं? कब तक पूर्ण करा लिये जावेंगे? अगर कार्य पूर्ण नहीं हुये तो इस हेतु किन-किन पर कार्यवाही करेगें? (ड.) प्रश्नांश (क) से (घ) अनुसार संबंधितों द्वारा अपने उत्तरदायित्वों का निर्वहन नहीं किया गया, कार्य गुणवत्ताहीन व मौके पर नहीं कराये गये, फर्जी बिल बाउचर तैयार कर राशि आहरित की गई, जो कार्य सही कराये गये उनके पूर्णता प्रमाण पत्र जारी नहीं किये गये, अपूर्ण व अधूरे कार्य के जारी कर दिये गये, इसके लिये जिम्मेदारों की पहचान कर क्या कार्यवाही करेंगे? अगर नहीं तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया (संजू भैया) ) : (क) शहडोल जिले में प्रश्नांकित अवधि में मनरेगा की राशि से 66862 कार्य स्वीकृत कर कराये जा रहे है। जनपदवार संख्यात्मक जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार हैं। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार कराये गये कार्यों में से 36692 कार्य पूर्ण हो चुके हैं एवं 30170 कार्य अधूरे हैं। समस्त पूर्ण हुये 36692 कार्यों के पूर्णता प्रमाण पत्र जारी किये जा चुके हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांकित पूर्ण हुये 15 लाख लागत तक के कार्यों के पूर्णता प्रमाण पत्र जारी करने के पूर्व सत्यापन सहायक यंत्री जनपद पंचायत द्वारा एवं राशि रू 15 लाख से अधिक लागत व अभिसरण के कार्यों का सत्यापन कार्यपालन यंत्री द्वारा किये गये है। उत्तरांश ‘ख’ के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है। (घ) प्रश्नांकित कार्यों के प्राक्कलन व तकनीकी स्वीकृति, कार्यों की प्रशासकीय स्वीकृतियां के वित्तीय वर्ष 2018-19, 2019-20, 2020-21 व 2021-22 में प्रश्न दिनांक तक की अवधि में जारी की गई है। कार्यों को पूर्ण करने की अवधि पृथक-पृथक रहती है जैसे वृक्षारोपण के कार्यों की 3-5 वर्ष तक तथा अन्य निर्माण कार्यों के पूर्ण करने की अवधि सामान्यत: एक वर्ष की होती है। वर्तमान में ग्राम पंचायतों के 30170 कार्य अधूरे है। जिनमें लगभग 75 प्रतिशत कार्य प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के शामिल है। मनरेगा योजना मांग आधारित होने से कार्यों का पूर्ण होना जॉबकार्डधारी परिवारों द्वारा काम की मांग पर तथा सामग्री मद में भारत सरकार से पर्याप्त राशि के सतत् प्रवाह पर निर्भर है। विगत वर्षों के अपूर्ण कार्यों (वृक्षारोपण को छोड़कर) को 31 मार्च 2022 तक पूर्ण कराया जाना लक्षित है अतएव शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है। (ड.) जी हाँ, माननीय सांसद प्रतिनिधि महोदय की एक शिकायत प्राप्त हुयी है, कार्यवाही प्रचलन में है।
दोषी जिम्मेदारों पर कार्यवाही
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
54. ( क्र. 268 ) श्री शरद जुगलाल कोल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा प्रश्न क्रमांक 567 दिनांक 17.12.2019 एवं विधानसभा प्रश्न क्र. 317 दिनांक 17.03.2020 में दिये गये उत्तर अनुसार संबंधितों के विरूद्ध समय-समय पर लिखे गये पत्रों पर जाँच उपरांत क्या कार्यवाही की गई? कार्यवाही की प्रति देते हुए बतावें। अगर जाँच व कार्यवाही नहीं की गई तो इसके लिये किन-किन को जिम्मेदार मानकर क्या कार्यवाही करेंगे। अगर जाँच पूर्ण हो गई तो जाँच प्रतिवेदन के साथ की गई कार्यवाही की प्रति देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में जिला पंचायत रीवा द्वारा पत्र क्र. 5711/शिकायत/जिला पंचायत/2020/2002 दिनांक 10.02.2020 के माध्यम से अनुविभागीय अधिकारी राजस्व हुजूर रीवा को पत्र लिखकर शिकायत अनुसार कार्यवाही जाँच उपरांत किये जाने के निर्देश जारी किये गये थे? जाँच की प्रति व की गई कार्यवाही बतावें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के तारतम्य में कर्मकार मंडल के तहत पंजीबद्ध श्रमिकों को पुत्रियों की शादी पर मिलने वाला विवाह सहायता से संबंधित जानकारी एडवोकेट मयंकधर द्विवेदी द्वारा सूचना के अधिकार के तहत दिनांक 11.06.2021 को आवेदन जनपद पंचायत रीवा में देकर चाही गई थी लेकिन 30 दिन बीतने के बाद भी जानकारी नहीं दी गई इस पर सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत समय पर जानकारी न देने पर शास्ति अधिरोपित कर आवेदनकर्ता को दिलवायेगें तो कब तक? अगर नहीं तो क्यों? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) अनुसार जाँच कर जाँच प्रतिवेदन समय पर न देने व्यक्तिगत हितपूर्ति कर दोषियों को बचाने व समय पर चाही गई जानकारी न देने व विवाह सहायता के अपात्रों को लाभ देने, पात्रों को वंचित रखने की जाँच कराकर क्या जिम्मेदारों पर कार्यवाही करेगें? अगर नहीं तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया (संजू भैया) ) : (क) जी हाँ। जाँच प्रतिवेदन पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हाँ। अनुविभागीय अधिकारी राजस्व अनुभाग हुजूर जिला रीवा के पत्र क्र 67/स्टेनो/2021 दिनांक 12.01.2021 द्वारा प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में शिकायत के विषय वस्तु पर शिकायत की विस्तृत जाँच पूर्व से होने के कारण, पुन: शिकायत की जाँच नहीं की गई। अनुविभागीय अधिकारी अनुभाग जिला रीवा का प्रतिवेदन पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार। (ग) जी हाँ। श्री मयंकधर द्विवेदी को समयसीमा में जानकारी प्रदाय करने हेतु मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत रीवा के पत्र क्रमांक 316/जनपद/लो.सु.अ./2021 दिनांक 06.07.2021 के द्वारा जानकारी का अवलोकन एवं निर्धारित शुल्क जमा करने के निर्देश दिये गये हैं। पत्र की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''स'' अनुसार। आवेदक द्वारा निर्धारित शुल्क जमा किये जाने के उपरांत जानकारी प्रदाय की जावेगी। (घ) उत्तरांश (क), (ख) एवं (ग) अनुसार जाँच की गई। विवाह सहायता में अपात्रों को लाभ देने तथा पात्रों को वंचित रखने संबंधी प्रकरण संज्ञान में नहीं है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
संकर धान बीज किस्मों की जानकारी
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
55. ( क्र. 277 ) श्री हरि सिंह सप्रे : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग द्वारा राष्ट्रीय कृषि विकास योजना अंतर्गत एस.आर.आई/कम्पोजिट नर्सरी धान प्रोजेक्ट में स्वीकृत जिलों में वर्ष 2018-19 में अधिसूचित संकर बीज की मांग कितने जिले के उप संचालक कृषि ने की? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में प्रदाय किस्मों की जानकारी दें। (ग) उक्त बीजों की शासकीय संस्था की अनुमोदित दर क्या थी? अनुमोदित दर सूची और भारत सरकार द्वारा उक्त किस्मों को जारी गजट नोटिफिकेशन नं. तथा जारी होने की दिनांक सहित जानकारी उपलब्ध करायें।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री कमल पटेल ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
नेमावर में हत्या एवं बलात्कार के दोषियों पर कार्यवाही
[गृह]
56. ( क्र. 278 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) देवास जिले के नेमावर हत्या एवं बलात्कार कांड में अपराध का पर्दाफाश होने में 45 दिन का विलंब क्यों हुआ? इस अवधि के दौरान अपराधियों के द्वारा कितने साक्ष्य नष्ट कर दिये गये? जे.सी.बी. मशीन एवं हत्या में प्रयोग हुये हथियार आदि किस दिनांक को जब्त किये गये? बिन्दुवार जानकारी देवें। (ख) क्या नेमावर कांड का मुख्य तथा सह आरोपीगण सत्ताधारी पार्टी के पदाधिकारी तथा सक्रिय कार्य कर रहे हैं? (ग) क्या पुलिस को प्रारंभ से यह पता था कि आरोपीगण पीड़ित परिवार को दो पहिया वाहन से खेत पर ले गये थे, फिर भी पुलिस के द्वारा उनको गिरफ्तार कर सख्ती से पूछताछ क्यों नहीं की गयी तथा 19/05/21 को पूछताछ हेतु लाकर वापस क्यों छोड़ दिया गया? (घ) क्या प्रकरण को कमजोर बनाया गया तथा जानबूझकर आज दिनांक तक चालान कोर्ट में पेश नहीं किया गया है? (ड.) क्या शासन नेमावर कांड की सी.बी.आई. जाँच करायेगा? यदि नहीं, तो क्यों तथा मृतकों को 1-1 करोड़ का मुआवजा दिया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) देवास पुलिस के द्वारा विभिन्न पुलिस टीम गठित कर अपराध का पर्दाफाश करने का निरन्तर प्रयास किये गये, जिसके परिणाम स्वरूप अंधे हत्या प्रकरण को सुलझाया गया। शेष जानकारी विवेचना से संबंधित होने से देना विधिसम्मत नहीं है। (ख) विवेचना में इस प्रकार के तथ्य नहीं आये हैं। (ग) जी नहीं। पुलिस द्वारा विवेचना में आये साक्ष्यों के आधार पर दिनांक 29.06.21 को घटना का खुलासा हुआ। आरोपीगण को दिनांक 19.05.21 को पूछताछ हेतु लाकर वापस नहीं छोड़ा गया। (घ) जी नहीं। विवेचना पूर्ण कर चालान माननीय विशेष न्यायालय देवास में दिनांक 20.07.21 को प्रस्तुत किया जा चुका है। (ड़) प्रश्नांश ''घ'' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में आवश्यकता प्रतीत नहीं होती है।
भवन विहीन सिविल कोर्ट हेतु भवन निर्माण
[विधि और विधायी कार्य]
57. ( क्र. 280 ) श्री संजय यादव : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बरगी विधान सभा क्षेत्र में सिविल कोर्ट बरगी भवन विहीन है? क्या कोर्ट भवन निर्माण हेतु शासकीय भूमि उपलब्ध हैं? (ख) क्या शासन को भवन विहीन सिविल कोर्ट बरगी के लिए भवन निर्माण की आवश्यकता प्रतीत होती है? यदि हाँ, तो उक्त भवन निर्माण की स्वीकृति कब तक प्रदान की जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों नहीं? क्या माननीय न्यायाधीश एवं आम लोगों को हो रही असुविधा के लिए कौन जिम्मेवार हैं? (ग) क्या विभाग को नवीन न्यायालय भवन निर्माण संबंधी प्राक्कलन प्राप्त हो गया है? यदि हाँ, तो उस पर क्या कार्यवाही प्रचलित है? निर्माण कार्य कब तक प्रांरभ होगा? यदि नहीं, तो प्राक्कलन क्यों नहीं भेजा जा रहा है? (घ) प्रश्नकर्ता द्वारा बरगी सिविल कोर्ट निर्माण एवं स्वीकृति हेतु लिखे गये समस्त पत्रों पर की गई कार्यवाही से अवगत करावें एवं किये गये समस्त पत्राचार/प्रस्ताव/नस्ती का विवरण उपलब्ध कराया जाये।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश, जबलपुर के द्वारा प्रदान की गई जानकारी के अनुसार बरगी में न्यायालय की तत्कालीन व्यवस्था हेतु शासन के द्वारा उपलब्ध कराया गया भवन न्यायालय के संचालन हेतु उपयुक्त नहीं है साथ ही बरगी में नवीन न्यायालय भवन एवं आवासीय भवन के निर्माण हेतु आवंटित भूमि पर अतिक्रमण होने के कारण मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय द्वारा नवीन न्यायालय भवन एवं आवासीय भवनों के निर्माण हेतु उपयुक्त एवं निर्विवाद भूमि आवंटित कराये जाने हेतु निर्देश प्रदान किये गये हैं, के पालन में इस विभाग के पत्र दिनांक 26.02.2021 द्वारा राजस्व विभाग को उक्त निर्माण कार्य हेतु उपयुक्त, पर्याप्त, निर्विवाद भूमि का चयन कर भूमि आवंटित करने हेतु लिखा गया है। (ख) बरगी में नवीन न्यायालय भवन के निर्माण हेतु शासन के द्वारा उपयुक्त/पर्याप्त/निर्विवाद भूमि आवंटित किये जाने के पश्चात ही नवीन न्यायालय भवन निर्माण के संबंध में अग्रिम कार्यवाही की जा सकेगी। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उपयुक्त/पर्याप्त एवं निर्विवाद रिक्त भूमि आवंटित होने के पश्चात बरगी में नवीन न्यायालय भवन निर्माण के संबंध में अग्रिम कार्यवाही किया जाना संभव हो सकेगा। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नकर्ता के पत्र दिनांक 11.06.2019, 10.07.2019, 13.02.2019, 23.12.2019, 05.01.2020 एवं 07.02.2020 इस कार्यालय में प्राप्त हुये जिस पर विभाग द्वारा कार्यवाही करते हुये माननीय उच्च न्यायालय, जबलपुर को पत्र दिनांक 04.07.2019, 26.07.2019, 30.09.2019, 27.01.2020, 30.1.2020 एवं 26.02.2020 द्वारा लिखते हुए प्रतिलिपि प्रश्नकर्ता को भेजते हुए अवगत कराया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है।
भेड़ाघाट वर्ल्ड हेरिटेज घूमने आये विदेशी पर्यटकों की सुरक्षा
[गृह]
58. ( क्र. 281 ) श्री संजय यादव : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र बरगी के अनुभाग शहपुरा क्षेत्र के अंतर्गत थाना शहपुरा, बेलखेड़ा एवं भेड़ाघाट आते है? इन क्षेत्रों की जनता को अनुविभागीय अधिकारी पुलिस (एस.डी.ओ.पी.) से सम्पर्क करने हेतु तहसील पाटन तक जाना पड़ता है? (ख) क्या म.प्र. में अनेक स्थानों पर कार्य की आवश्यकता अनुसार बिना पद स्वीकृत किये केवल पद स्थापना कर सी.एस.पी./(एस.डी.ओ.पी.) कार्यालय संचालित है? यदि हाँ, तो थाना शहपुरा, बेलखेड़ा एवं भेड़ाघाट को सम्मिलित कर कार्य की आवश्यकतानुसार एवं क्षेत्रीयजनों की मांग अनुसार शहपुरा क्षेत्र में अनुविभागीय अधिकारी पुलिस (एस.डी.ओ.पी.) का नवीन कार्यालय खोला जा सकता है? क्या उक्त अनुविभागीय अधिकारी पुलिस कार्यालय खोलने हेतु थाना भेड़ाघाट में पर्याप्त भूमि भी उपलब्ध है? (ग) क्या शासन को भेड़ाघाट वर्ल्ड हेरिटेज घूमने आये विदेशी पर्यटकों हेतु अत्यधिक सुरक्षा की आवश्यकता प्रतीत होती है? इस हेतु भेड़ाघाट में अनुविभागीय अधिकारी पुलिस (एस.डी.ओ.पी.) कार्यालय खोले जाने से सुरक्षा और मजबूत की जा सकती है? (घ) अनुविभागीय अधिकारी पुलिस (एस.डी.ओ.पी.) का नवीन कार्यालय खोलने अभी तक विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? प्रश्नकर्ता द्वारा उक्त प्रस्ताव हेतु किये गये पत्राचारों पर विभाग द्वारा अभी तक क्या-क्या कार्यवाही की गई? उक्त संबंधी समस्त नस्ती/पत्राचार/प्रस्ताव का विवरण उपलब्ध करावें।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। न्यूनतम औसत अपराध तथा क्षेत्रफल को दृष्टिगत रखते हुए एस.डी.ओ.पी. भेड़ाघाट जिला जबलपुर का कार्यालय निर्माण का प्रस्ताव नस्तीबद्ध किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। पर्यटन एवं आम जनता की सुरक्षा हेतु भेड़ाघाट में थाना भेडाघाट संचालित है एवं सुरक्षा के लिए पर्याप्त है। (घ) न्यूनतम औसत अपराध तथा क्षेत्रफल को दृष्टिगत रखते हुए एस.डी.ओ.पी. भेड़ाघाट जिला जबलपुर का कार्यालय निर्माण का प्रस्ताव नस्तीबद्ध किया गया है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
उच्च न्यायालय के निर्देशों की अवहेलना व फर्जी मुकदमा कायम करना
[गृह]
59. ( क्र. 284 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 22 मार्च 2020 से प्रश्न दिनांक तक नागदा मंडी, बिरला ग्राम और खाचरौद थाने में सात साल से कम सजा के अपराधों में उच्चतम न्यायालय के आदेश के पालन में कितने आरोपियों को जमानत का लाभ दिया और किसे नहीं दिया? संपूर्ण जानकारी नाम सहित पृथक-पृथक दें। दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा 41 (2) का लाभ खाचरौद नागदा मण्डी व बिरला ग्राम थाने में किन आरोपियों को दिया और किनको नहीं दिया? नाम सहित संपूर्ण जानकारी पृथक-पृथक दें। (ख) क्या खाचरौद पुलिस थाने पर 18 जून 2021 को सामाजिक कार्यकर्ता बकुलेश जैन को थाना प्रभारी के नेतृत्व में पुलिस दल द्वारा बिना किसी अपराध के थाने पर दोपहर तीन बजकर दस मिनट पर लाकर थाने पर जबरन बैठा दिया? फिर फरियादी को बुलाकर दोपहर 3.44 बजे आवेदन लेकर 3.45 बजे मात्र एक मिनट में प्रकरण क्रं 436/2020-21 दर्ज किया? जबरन थाने लाने पर फरियादी बकुलेश जैन द्वारा अनुविभागीय अधिकारी पुलिस व पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों को आपराधिक प्रकरण दर्ज करने की शिकायत पर की गई? यदि हाँ, तो क्या उसकी जाँच की गई? यदि हाँ, तो जाँच का विवरण दें। (ग) क्या सामाजिक कार्यकर्ता बकुलेश जैन पर बिना साक्ष्य के आई.टी. एक्ट की धारा 67 एवं 67ए लगाई गई एवं बिना सूचना पत्र के धारा 505 (2) लगाई गई? (घ) क्या यूट्यूब चैनल पर चल रहे वीडियो के चित्र उसके निर्माणकर्ता को आरोपी नहीं बनाते हुए उक्त फोटो को शेयर करने वाले गोरधन नागर को धारा 469 आईपीसी में दिनांक 10.07.2021 को खाचरौद पुलिस द्वारा झूठा प्रकरण बनाकर गिरफ्तार किया गया है? यूट्यूब चैनल व उसके निर्माणकर्ता को पुलिस द्वारा आरोपी क्यों नहीं बनाया गया? (ड.) क्या गोरधन नागर की जमानत के बाद पुलिस द्वारा थाने में ही आरोपी को धारा 151 में गिरफ्तार कर सीधा सक्षम न्यायालय में पेश किया? आरोपी को पुलिस ने छोड़ा ही नहीं और पचासजनों के साथ प्रदर्शन का झूठा आरोप लगाकर कार्यवाही की है? क्या इसकी जाँच कराकर दोषी अधिकारी के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। आरोपी बकुलेश जैन को उसके विरूद्ध नामजद पंजीबद्ध अपराध क्र. 436/21 धारा 505 (2), 294 भादवि में दिनांक 19.06.2021 को गिरफ्तार कर माननीय न्यायालय में पेश किया गया। प्रकरण में विधि सम्मत कार्यवाही की गई है। बकुलेश जैन द्वारा प्रस्तुत शिकायत की जाँच की गई, जाँच में शिकायत अप्रमाणित पाई गई। (ग) जी नहीं। उक्त अपराध में विवेचना में प्राप्त साक्ष्य के आधार पर धारा 67, 67-ए का इजाफा किया गया। प्रकरण में विधि सम्मत कार्यवाही की गई है। (घ) जी नहीं। थाने पर आवेदन पत्र प्राप्त होने पर आरोपी गोरधन नागर के विरूद्ध अ.क्र. 485/21 धारा 469 भादवि पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया है। प्रकरण की विवेचना में अन्य की संलिप्तता के संबंध में उपलब्ध साक्ष्य के आधार पर विधि सम्मत कार्यवाही की जायेगी। (ड.) आरोपी द्वारा परिशांति को भंग करने व संज्ञेय अपराध घटित करने की प्रबल संभावना होने के कारण धारा 151 जाफौ में गिरफ्तार किया गया। आरोपी के विरूद्ध वैधानिक कार्यवाही की गई है, किसी अधिकारी का दोष नहीं होने से उनके विरूद्ध कार्यवाही का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
सामाजिक कार्यकर्ता पर कार्यवाही नहीं करना
[गृह]
60. ( क्र. 285 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सामाजिक कार्यकर्ता अभय चौपड़ा द्वारा थाना नागदा में दिनांक 15 जून 2021, 24 जून 2021 एवं वर्ष 2017 में किन आरोपियों के खिलाफ क्या शिकायत की गई थी? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की गई? विवरण दें। (ख) बकुलेश जैन द्वारा दिनांक 25.06.2021 को व गौरव कपूर व मनीष त्रिवेदी द्वारा दिनांक 22 मार्च 2021 को दिये गये शिकायत व शपथ पत्र पर थाना खाचराैद में किस आरोपी के खिलाफ क्या शिकायत की गई थी? यदि हाँ, तो जाँच कर क्या कार्यवाही की गई? विवरण दें। (ग) दिनेश दुबे द्वारा दिनांक 02.06.2020 व जगदीश मालवीय ने दिनांक 19.05.2021 को शपथ पत्र के माध्यम से बिरला ग्राम थाने में किस आरोपी के खिलाफ क्या शिकायत की गई थी? यदि हाँ, तो जाँचकर क्या कार्यवाही की गई? विवरण दें। (घ) पुलिस थाने में आवेदनों का रिकार्ड रखने और वरीयता के आधार पर कार्यवाही करने के शासन द्वारा क्या निर्देश हैं? नागदा मण्डी, बिरलाग्राम और खाचरोद थाने में 1 जनवरी 2021 से प्रश्न दिनांक तक कितने आवेदनों पर तुरन्त कार्यवाही की गई और कितने आवेदनों को पेंडिंग रखा गया? तुरन्त कार्यवाही करने और पेडिंग रखने के शासन के क्या निर्देश हैं?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) (i) जी हाँ। दिनांक 15.06.2021 को सामाजिक कार्यकर्ता अभय चौपड़ा द्वारा पूर्व विधायक श्री दिलीप शेखावत एवं सहयोगीजनों से परिवार की सुरक्षा दिलवाए जाने की शिकायत की गई थी। आवेदन की जाँच थाना प्रभारी नागदा द्वारा की गई। जाँच के दौरान आवेदक द्वारा कोई ठोस साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किये गये है। जाँच पर किसी संज्ञेय अपराध का घटित होना नहीं पाया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ‘ अनुसार। (ii) जी नहीं, दिनांक 24.06.2021 का आवेदन पत्र थाना नागदा में प्राप्त नहीं हुआ है। (iii) इस संबंध में अशोक मालवीय की रिपोर्ट पर अभय चौपड़ा के विरूद्ध अपराध क्रमांक 641/22.09.2017 धारा 3 (1) (एच), 3 (2) (ii) एस.सी./एस.टी. एक्ट पंजीबद्ध कर विवेचना पूर्ण कर न्यायालय में अभियोग पत्र प्रस्तुत किया गया। अतः मामला न्यायालय में विचाराधीन होने से जानकारी दिया जाना विधिसम्मत नहीं है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘अ‘ में समाहित है। (ख) जी हाँ। बकुलैश जैन द्वारा दिनांक 26.06.2021 को अनुविभागीय अधिकारी (पुलिस) खाचरौद को नगर निरीक्षक के. पी. शुक्ला, आरक्षक मुकेश गोयल की शिकायत की थी कि उसे धारा 505, 294, 67, 67-ए का प्रकरण दर्ज कर झूठा गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था। आवेदन पत्र की जाँच अनु. अधिकारी (पुलिस) खाचरौद द्वारा की गई। जाँच में पाया गया कि बकुलेश जैन के विरूद्ध अपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध किये जाने व प्रकरण में बकुलेश जैन को गिरफ्तार किये जाने से क्षुब्ध व नाराज होकर तत्कालीन थाना प्रभारी निरीक्षक श्री के.पी.शुक्ला व अन्य पुलिस कर्मी के विरूद्ध असत्य आधार पर शिकायत की गई है। जाँच में आरोप असत्य व निराधार पाए गए। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ii) जी हाँ, दिनांक 22.03.2021 को आवेदक गौरव कपूर व मनीष त्रिवेदी द्वारा अंकित महेश्वरी, पूर्व विधायक दिलीप शेखावत और पूर्व विधायक जितेन्द्र गेहलोत आदि के विरूद्ध जान से मरवाने एवं सत्ता का उपयोग कर झूठे आरोप में फंसाने से सुरक्षा प्रदान करने बाबत् आवेदन दिया गया था। आवेदन पत्र की जाँच थाना प्रभारी खाचरौद के द्वारा की गई। वास्तव में किसी अपराध घटना का उल्लेख आवेदकों के कथनों मेें नहीं बताया गया। जाँच मेें आवेदन पत्र संभावना के आधार पर देना पाया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘स‘ अनुसार है। (ग) (i) जी हाँ। दिनेश दुबे द्वारा दिनांक 02.06.2020 को आवेदन पत्र मय शपथ पत्र पूर्व विधायक श्री दिलीप शेखावत व उनके साथियों के विरूद्ध स्वंय एवं परिवार की सुरक्षा के संबंध में एवं उसके खिलाफ दर्ज मुकदमों की जाँच के संबंध में प्रस्तुत किया गया था। आवेदन पत्र की जाँच थाना प्रभारी बिरलाग्राम के द्वारा की गई। जाँच में पाया गया कि दिनेश दुबे के विरूद्ध थाना बिरलाग्राम व थाना नागदा पर कुल मिलाकर 06 अपराध पंजीबद्ध हैं, सभी में आरोप पत्र न्यायालय में प्रस्तुत हो चुके हैं। आवेदक का नाम थाना बिरलाग्राम के गुण्डा रजिस्टर में दर्ज है। आवेदक दिनेश दुबे राजनैतिक पार्टी कांग्रेस से संबंधित है। इसलिये अनावेदकों के विरूद्ध राजनैतिक द्वेषतावश बढ़ा-चढ़ाकर आवेदन दिया जाना पाया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार है। (ii) जी नहीं, जगदीश मालवीय ने दि.19.05.21 को थाना बिरलाग्राम पर कोई शिकायत नहीं की है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ई‘ अनुसार है।
प्रदेश में महिलाओं के विरूद्ध अपराध
[गृह]
61. ( क्र. 289 ) श्री जितू पटवारी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2017 से जून 2021 तक महिलाओं की हत्या के कितने प्रकरण दर्ज किये गये? वर्षवार बतावें। (ख) प्रश्नाधीन अवधि में महिलाओं से बलात्कार, गैंगरेप के बाद हत्या के कितने प्रकरण दर्ज हुये? (ग) प्रश्नाधीन अवधि में नाबालिग व बालिग महिलाओं के अपहरण के कितने प्रकरण दर्ज किये गये? (घ) प्रश्नाधीन अवधि में प्रश्नांश (ख) व (ग) के उल्लेखित प्रकरणों में एफ.आई.आर. दर्ज कराने के लिये कितने प्रकरण विभाग के संज्ञान में आये तथा उन पर कितने पुलिस कर्मचारियों पर क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ड.) खण्ड (क) व (ग) में उल्लेखित प्रकरणों में कुल कितने व्यक्तियों को आरोपी बनाया गया तथा उनमें से कितने उत्तर दिनांक तक गिरफ्तारी नहीं हुयी?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) वर्ष 2017 से जून 2021 तक महिलाओं की हत्या के दर्ज प्रकरण वर्षवार निम्नानुसार हैः- वर्ष 2017-549, वर्ष 2018-583, वर्ष 2019-577, वर्ष 2020-633, 01 जनवरी 2021 से 30 जून 2021 तक- 321 (ख) प्रश्नाधीन अवधि में महिलाओं से बलात्कार के कुल 26, 708 प्रकरण तथा गैंगरेप के बाद हत्या के कुल 37 प्रकरण दर्ज हुए। (ग) प्रश्नाधीन अवधि में नाबालिग अपरहण के कुल 27, 827 प्रकरण एवं बालिग महिलाओं के अपहरण के कुल 854 प्रकरण दर्ज हुए। (घ) प्रश्नाधीन अवधि में प्रश्नांश (ख) व (ग) के उल्लेखित प्रकरणों में एफ.आई.आर.दर्ज कराने के लिये कुल 14 प्रकरण विभाग के संज्ञान में आये तथा 02 निरीक्षक व 01 सहायक उप निरीक्षक के विरूद्ध अपराध दर्ज किये एवं 10 निरीक्षक, 09 उप निरीक्षक, 06 सहायक उप निरीक्षक एवं 04 प्रधान आरक्षकों पर विभागीय कार्यवाही की गई। (ड.) खण्ड (क) व (ग) में उल्लेखित प्रकरणों में कुल 16, 038 व्यक्तियों को आरोपी बनाया गया तथा उनमें से कुल 1, 353 आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है।
प्रदेश में किसानों का कर्ज माफी
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
62. ( क्र. 290 ) श्री जितू पटवारी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कमलनाथ सरकार द्वारा घोषित किसान कर्ज माफी योजना में कुल कितने कृषकों का, कुल कितनी राशि का कर्ज माफ किया गया? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित योजना के तहत कुल कितने कृषकों का कुल कितनी राशि का कर्ज माफ होना शेष रह गया? (ग) क्या शासन जिन कृषकों का कर्ज माफ हुआ उनसे राशि वापस वसूल करने की नीति/योजना बना रही है या जो कृषक शेष रह गये हैं, उनको भुगतान करने की नीति/योजना बना रही है? स्पष्ट उत्तर देवें। (घ) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित योजना नियम विरूद्ध थी या नियमानुसार थी तथा क्या शासन शेष किसानों का ऋण माफ करने से किस नियम के तहत इंकार कर सकता है?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री कमल पटेल ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ग) बैंकों से संबंधित जानकारी एकत्रित की जा रही है। (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
मनरेगा के कार्यों का भुगतान
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
63. ( क्र.
293 ) श्री
बैजनाथ
कुशवाह : क्या
पंचायत
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) प्रश्न
क्रमांक 1812
दिनांक 09 मार्च 2021
परि.अतारांकित
के भाग (ख) के
उत्तर में
मनरेगा
अंतर्गत
कराये गये
कार्यों की प्राक्कलन
एवं तकनीकी स्वीकृति
की जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट
चार के पृष्ठ
क्रमांक 177
पर उल्लेखित
बताया गया था
तो किये गये
कार्यों की जानकारी
ग्राम पंचायत
व जनपद पंचायत
का नाम/ कार्य
का नाम/
प्रशासकीय स्वीकृति
आदेश
दिनांक/कार्य
पूर्ण करने का
दिनांक/मांग
संख्या अथवा
लेखा शीर्ष
अथवा मद/कार्य
की लागत/वर्तमान
स्थिति की
जानकारी
देवें। (ख) क्या
उपरोक्त वर्णित
कार्य की जाँच
हेतु प्रश्नकर्ता
द्वारा प्रश्न
उत्तर व
संलग्न
जानकारी सहित
माननीय
पंचायत एवं
ग्रामीण मंत्री
महोदय को बजट
सत्र 2021 के
दौरान शिकायत
भी की थी? यदि हाँ, तो
जाँच की
प्रक्रिया से
अवगत करायें।
यदि जाँच नहीं
की गई तो कारण
बतावें।
पंचायत
मंत्री ( श्री
महेन्द्र
सिंह
सिसौदिया (संजू
भैया) ) : (क) प्रश्न
क्रमांक 1812
दिनांक 09 मार्च 2021
परि.अतारांकित
के भाग (ख)
के उत्तर
में उल्लेखित
1223
कार्यों की
वांछित
जानकारी पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट
अनुसार है। (ख)
जानकारी
संकलित की जा
रही है।
वन अधिकार कानून 2006 के दावे
[जनजातीय कार्य]
64. ( क्र. 331 ) श्री ब्रह्मा भलावी : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या जिन ग्रामों की समस्त वन भूमि 1972 में डिनोटीफाईड की गई उन ग्रामों की भूमियों को वन भूमि माना, बताया जाकर जनवरी 2008 से लागू वन अधिकार कानून 2006 के अनुसार बैतूल जिले में दावे मान्य एवं अमान्य किए गए हैं? (ख) बैतूल जिले में कितने राजस्व ग्रामों की भूमि से संबंधित कितने दावे प्राप्त हुए उनमें से कितने दावे मान्य एवं अमान्य किए गए? इनमें से कितने ग्रामों की समस्त भूमि 15 सितम्बर 1972 को राजपत्र में डिनोटीफाईड की गई? विकासखण्डवार बतावें। (ग) वन अधिकार कानून 2006 में डिनोटीफाईड भूमियों को वन भूमि माने जाने का क्या-क्या प्रावधान दिया है? डिनोटीफाईड भूमियों के संबंध में सर्वोच्च अदालत ने सिविल याचिका क्रमांक 202/95 की आई.ए. क्रमांक 2619-2621-2009 में दिनांक 2 सितम्बर 2013 को क्या-क्या आदेश दिया है? (घ) डिनोटीफाईड भूमियों के मान्य, अमान्य दावों को वन अधिकार कानून के तहत की गई कार्यवाही से पृथक किए जाने बाबत् शासन क्या कार्यवाही कब तक कर रहा है?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) अनुसूचित जनजाति और अन्य परम्परागत वन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम 2006, मान्यता नियम 2008 एवं संशोधन नियम 2012 के प्रावधानों के तहत वन अधिकारों को मान्यता प्रदान की जा रही है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा-34 ’’अ’’ के तहत बैतूल जिले के 829 ग्रामों की समस्त वनभूमि के डिनोटिफाईट की अधिसूचना मध्यप्रदेश राजपत्र दिनांक 15 सितम्बर 1972 में प्रकाशित की गई, जिसमें विकासखण्डवार विवरण उल्लेखित नहीं है। (ग) वन अधिकार अधिनियम 2006 की धारा 2 (घ) में दी गई वनभूमि की परिभाषा में डिनोटिफाईड भूमियों के संबंध में पृथक से कोई उल्लेख नहीं है जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। (घ) उत्तरांश ’’क’’ अनुसार।
चालान की कार्यवाही
[गृह]
65. ( क्र. 340 ) श्री देवेन्द्र सिंह पटेल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 जनवरी 2020 से प्रश्न दिनांक तक भोपाल शहर के किस-किस थाने में कितने 4 पहिया एवं 2 पहिया वाहनों के चालान बनाये गये? थानावार संख्या बतायें। (ख) क्या शहर के कुछ स्थानों में बड़ी संख्या में चालानी कार्यवाही हुई तथा कुछ स्थानों में बिल्कुल भी नहीं हुई? यदि हाँ, तो इसका क्या कारण है? (ग) भोपाल शहर के किस-किस थाने में कितने-कितने चैकिंग स्थल हैं? क्या शहर के कुछ स्थानों में चैकिंग स्थल नहीं हैं? यदि हाँ, तो कारण बतायें। (घ) भोपाल शहर के थानों में चैकिंग, चालानी कार्यवाही में भेदभाव की प्रश्नांश (क) की अवधि में मान. मंत्री जी तथा विभाग के अधिकारियों को किन-किन माध्यमों से शिकायतें प्राप्त हुई तथा उन पर क्या-क्या कार्यवाही की गई?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) भोपाल शहर के 04 पहिया वाहन के चालान की संख्या 28161 एवं 02 पहिया वाहनों के चालान की संख्या 113747 है। थानावार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं जिले के समस्त थाने स्थानीय परिस्थितियों के अनुसार चालानी कार्यवाही करते है। (ग) भोपाल जिले में कुल चैकिंग पॉइंट-166 है। थानावार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। जी हाँ, स्थानों की संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुये चैकिंग स्थल थाना प्रभारी द्वारा नियत किये जाते हैं। (घ) जिला भोपाल के वाहन चैकिंग के दौरान किसी भी थाने पर भेदभाव सबंधी शिकायत प्राप्त नहीं हुई है।
मनरेगा अंतर्गत गौ शाला निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
66. ( क्र. 341 ) श्री देवेन्द्र सिंह पटेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वित्तीय वर्ष 2018-19 से फरवरी 2021 तक की अवधि में रायसेन जिले में कहां-कहां मनरेगा अंतर्गत गौशाला स्वीकृत की गई? उनमें से किन-किन गौ-शालाओं का कार्य कब पूर्ण हुआ तथा उक्त गौशालाओं में बिजली तथा पानी की क्या-क्या व्यवस्था है? (ख) जुलाई 2021 की स्थिति में किन-किन गौ-शालाओं का कार्य अपूर्ण तथा आप्रारंभ है तथा क्यों? गौ-शालावार कारण बतायें। उक्त कार्य पूर्ण करवाने हेतु मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ग) क्या उक्त गौ-शालाओं का कार्य सामग्री एवं मजदूरी की राशि का भुगतान न होने के कारण अपूर्ण है? यदि हाँ, तो जुलाई 2021 की स्थिति में किस-किस गौशाला निर्माण एजेंसी को कितनी राशि का भुगतान बकाया है? उक्त राशि भुगतान हेतु विभाग के राज्य स्तर के अधिकारियों द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई? (घ) उक्त गौशालाओं को कितनी-कितनी भूमि कब-कब आवंटित की गई तथा किन-किन गौशालाओं को भूमि आवंटित नहीं की गई तथा क्यों? उनको कब तक भूमि आवंटित की जायेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया (संजू भैया) ) : (क) वित्तीय वर्ष 2018-19 से फरवरी 2021 तक की अवधि में रायसेन जिले में 59 गौशाला स्वीकृत की गई है। इनमें से 16 गौशालाओं का कार्य पूर्ण किया जा चुका है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। उक्त गौशालाओं में बिजली तथा पानी की उपलब्धता की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट – 2 अनुसार है। (ख) जुलाई 2021 में 39 गौशालाओं का कार्य अपूर्ण है तथा 4 कार्य अप्रारंभ है। अपूर्ण एवं अप्रारंभ रहने के कारण जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार है। सीईओ जिला पंचायत द्वारा सभी तकनीकी अमले एवं क्रियान्वयन एजेंसी को कार्य निर्धारित समय-सीमा में कार्य पूर्ण कराने के निर्देश दिये गये हैं। कार्यपालन यंत्री ग्रामीण यांत्रिकी सेवा द्वारा निरन्तर इसकी समीक्षा की जा रही है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (घ) मनरेगा से निर्मित की जाने वाली गौशालाओं को भूमि आवंटन के संबंध में म.प्र.शासन, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग मंत्रालय भोपाल के पत्र क्रमांक 124/348/2019/पं-1/22 भोपाल दिनांक 06.02.2019 के बिन्दु क्रमांक 11 में निर्देश दिये गये हैं। जिसके अनुसार ‘’गौशाला के निर्माण तथा चारागाह के विकास में जो शासकीय भूमि उपयोग होगी, उसका स्वामित्व शासन का ही रहेगा, उसे किसी स्थानीय निकाय को आवंटित करने की आवश्यकता नहीं है। यह भूमि मात्र उक्त प्रयोजन के उपयोग के लिये ग्राम पंचायत को दी जायेगी’’। उक्त निर्देश के पालन अनुसार भूमि आवंटन की कार्यवाही नहीं की गई है।
फूड प्रोसेसिंग यूनिट की स्थापना
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
67. ( क्र. 363 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या राज्य मंत्री, उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर चम्बल संभाग के विभिन्न जिलों में वर्ष 2020-2021 में फूड प्रोसेसिंग यूनिट लगाने हेतु कितने उद्यमियों के आवेदन प्राप्त हुये तथा कितने प्रकरण ऋण स्वीकृति हेतु प्रक्रिया में है? तथा कितनों का ऋण स्वीकृत हो चुका है। जिलावार जानकारी दें। (ख) उक्त जिला में जनवरी 2021 से जुलाई 2021 तक कितने उद्यमियों के ऋण स्वीकृत किये गये हैं? यूनिट के नाम, उद्यमियों के नाम, पता, ऋण की राशि सहित पूर्ण जानकारी दी जावे। (ग) उक्त समय अवधि में कितने ऋण आवेदन विभाग को वापस किये गये? इनके क्या कारण रहे? क्या फूड प्रोसेसिंग यूनिट लगाना काफी जटिल प्रक्रिया है? शासन प्रक्रिया को सरलीकृत कर फूड प्रोसेसिंग यूनिट की संख्या बढ़ायेगा? (घ) क्या शासन द्वारा पूरे प्रदेश में 2024 तक दस हजार पाँच सौ यूनिट स्थापित करने का लक्ष्य रखा है? इसे कैसे पूर्ण किया जा सकेगा?
राज्य मंत्री, उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण ( श्री भारत सिंह कुशवाह ) : (क) कुल 200 आवेदन प्राप्त हुये हैं। 39 प्रकरण बैंक ऋण स्वीकृति की प्रक्रिया में तथा 04 प्रकरण बैंक द्वारा स्वीकृत। जानकारी संलग्न परिशिष्ट-01 अनुसार है। (ख) प्रश्नाधीन अवधि में कुल 04 उद्यमियों के ऋण स्वीकृत किये गये। जानकारी संलग्न परिशिष्ट-02 अनुसार है। (ग) उक्त समयावधि में 08 प्रकरण वापिस किये गये हैं। बिना पर्याप्त जानकारी के आवेदन पोर्टल पर अपलोड किये जाने के कारण। जी नहीं। आवश्यक समन्वय तथा नियमित समीक्षा जिला स्तर पर एवं राज्य स्तर पर निरंतर की जा रही है, जिससे फूड प्रोसेसिंग यूनिट की संख्या बढ़े। (घ) जी हाँ। उत्तरांश ''ग'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
जीरापुर-माचलपुर मार्ग से मैनाखेडी तक मार्ग निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
68. ( क्र. 365 ) श्री प्रियव्रत सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजगढ़ जिले की तहसील जीरापुर के अंतर्गत प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क विकास के अंतर्गत जीरापुर-माचलपुर मार्ग से मैनाखेड़ी तक पैकेज एस.सी.05 में लम्बाई 700 मीटर तक सी.सी. रोड निर्माण कार्य वर्ष 2018-19 में स्वीकृत किया गया था? (ख) अगर हाँ, तो क्या ठेकेदार द्वारा यह कार्य पूर्ण करवा दिया गया है? मौके पर कितने मीटर मार्ग का निर्माण करवाया गया है? यदि कार्य अपूर्ण है तो उसका क्या कारण है?
पंचायत मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया (संजू भैया) ) : (क) जी नहीं। राजगढ़ जिले की तहसील जीरापुर के अंतर्गत म.प्र. ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण द्वारा पंचायत राज संचालनालय से प्राप्त निधि उपरांत जीरापुर माचलपुर मार्ग से मैनाखेड़ी तक पैकेज एम.पी. 30 एक्स सी.-05 के अंतर्गत कुल 400 मीटर सी.सी. पेवमेंट का कार्य वर्ष 2018-19 में स्वीकृत किया गया था। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में स्वीकृति अनुसार 374 मीटर लंबाई में ग्राम के प्रथम बिंदु तक सी.सी. पेवमेंट का कार्य पूर्ण करा दिया गया। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
एस.सी. एवं एस.टी. वर्ग के बेरोजगार युवाओं को स्वरोजगार
[जनजातीय कार्य]
69. ( क्र. 372 ) डॉ. अशोक मर्सकोले : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रदेश के एस.टी. वर्ग के बेरोजगार युवाओं को स्वरोजगार उपलब्ध कराने के लिये वर्तमान में जो योजनाएं संचालित हैं? क्या इन योजनाओं में मार्जिन मनी सहायता या ब्याज अनुदान देने के प्रावधान है? (ख) क्या मण्डला जिले में वर्ष 2015 से वर्तमान तक संचालित स्व-रोजगार योजनाओं के लिये एस.टी. वर्ग के हितग्राहियों को मार्जिन मनी या ब्याज अनुदान की राशि का भुगतान नहीं किया गया है? वर्षवार जानकारी प्रदान करें। (ग) सरकार द्वारा मार्जिन मनी और ब्याज अनुदान नहीं देने के कारण एन.पी.ए. हो रहे अनुसूचित जनजाति के हितग्राहियों को एन.पी.ए. से बचाने के सरकार की कार्ययोजना क्या है?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) प्रदेश के अनुसूचित जनजाति वर्ग के बेरोजगार युवाओं को स्वरोजगार उपलब्ध कराने के लिए म.प्र. आदिवासी वित्त एवं विकास निगम से निम्नानुसार योजनाएं संचालित थीं - 1. मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना एवं कृषक उद्यमी योजना 2. मुख्यमंत्री आर्थिक कल्याण योजना 3. मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना। किन्तु मध्यप्रदेश शासन सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विभाग के परिपत्र क्र 1861/1485/2020/ अ-73 भोपाल दिनांक 18/12/2020 अनुसार उक्त सभी योजनाओं का संचालन स्थगित किया गया है। अतएव वर्तमान में उक्त योजनायें संचालित नहीं है। हाँ, उक्त योजनाओं में हितग्राहियों को मार्जिन मनी सहायता एवं ब्याज अनुदान देने का प्रावधान है। (ख) मध्यप्रदेश आदिवासी वित्त एवं विकास निगम द्वारा प्रदेश के जनजाति वर्ग हेतु संचालित मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना कृषक अद्यमी, मुख्यमंत्री आर्थिक कल्याण योजना एवं मुख्यमंत्री युवा अद्यमी योजनाओं में चूंकि बैंकों द्वारा ऋण उपलब्ध कराया जाता है। अतएव निगम द्वारा केवल मार्जिन मनी एवं ब्याज अनुदान की राशि का भुगतान अधिकृत नोडल बैंकों के माध्यम से किया जाता है। हाँ, मण्डला जिले में वर्ष 2015 से 2020-2021 तक संचालित स्वरोजगार योजनाओं में एस.टी. वर्ग के हितग्राहियों को मार्जिन मनी एवं ब्याज अनुदान राशि का भुगतान नोडल बैंकों से नहीं हो पाया है जिसका वर्षवार विवरण निम्नानुसार है:-
क्र. |
वर्ष |
अप्राप्त मार्जिनमनी रू. में |
अप्राप्त ब्याज अनुदान रू. में |
1 |
2015-2016 |
निरंक |
निरंक |
2 |
2016-2017 |
रू. 2, 89, 800.00 |
रू. 48, 300.00 |
3 |
2017-2018 |
रू. 30, 000.00 |
रू. 5, 000.00 |
4 |
2018-2019 |
रू. 4, 20, 000.00 |
रू. 70, 000.00 |
5 |
2019-2020 |
रू 7, 89, 000.00 |
रू. 1, 31, 500.00 |
6 |
2020-2021 |
निरंक |
निरंक |
कुल योग |
रू. 15, 28, 800.00 |
रू. 2, 54, 800.00 |
(ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध कार्यवाही
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
70. ( क्र. 373 ) डॉ. अशोक मर्सकोले : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2015 से वर्ष 2020 तक मंडला जिले के जनपद स्तर/ग्राम पंचायत के ऐसे कितने अधिकारी/कर्मचारी के प्रकरण हैं जिनमें शासकीय राशि का गबन एवं भ्रष्टाचार करने संबंधी कार्यवाही की गई है? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी दोषी हैं? नामजद (पद) जानकारी एवं इनके खिलाफ क्या कार्यवाही की गई है? (ग) प्रश्नांश (क) ऐसे कितने रोजगार सहायक/सचिव, सब इंजीनियर हैं जो गबन/भ्रष्टाचार के प्रकरण दर्ज होने के बावजूद पुन: इनको वित्तीय प्रभार सौंपा गया है? जनपदवार नामजद जानकारी उपलब्ध करावें।
पंचायत मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया (संजू भैया) ) : (क) मण्डला जिले में वर्ष 2015 से 2020 तक शासकीय राशि गबन एवं भ्रष्टाचार करने के संबंध में जनपद स्तर पर 08 अधिकारी/कर्मचारी तथा ग्राम पंचायत स्तर के 23 कर्मचारियों के प्रकरणों में कार्यवाही की गई है। (ख) जी हाँ। दोषी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ग) उत्तरांश (क) अनुसार गबन/भ्रष्टाचार के प्रकरण दर्ज होने के बाद किसी भी रोजगार सहायक/सचिव, सब इंजीनियर को पुन: वित्तीय प्रभार नहीं सौंपा गया है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
स्टेडियम हेतु जमीन का आवंटन
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
71. ( क्र. 376 ) श्री राम लल्लू वैश्य : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिंगरौली विधान सभा क्षेत्र की तहसील सिंगरौली (ग्रामीण) के सिद्धीकलां पंचायत में खेल-कूद के लिए स्टेडियम निर्माण हेतु जमीन आवंटित की गई है, उसकी प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान हो गई है कि नहीं? यदि नहीं, हुई है तो कब तक होगी? (ख) ग्राम पंचायत सिद्धीकलां के कितने एकड़ जमीन आवंटित की गई है?
पंचायत मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया (संजू भैया) ) : (क) जी हाँ, न्यायालय कलेक्टर जिला सिंगरौली मध्यप्रदेश के आदेश क्रमांक-272 सिंगरौली दिनांक 07.06.2018 द्वारा खेल एवं युवा कल्याण विभाग को शासकीय भूमि आवंटित की गई है। खेल एवं युवा कल्याण विभाग द्वारा स्टेडियम निर्माण हेतु प्रशासकीय स्वीकृति जारी नहीं की गई है। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग अंतर्गत वर्तमान में स्टेडियम निर्माण की कोई योजना संचालित नहीं होने से स्टेडियम निर्माण का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। (ख) खेल एवं युवा कल्याण विभाग को ग्राम पंचायत सिद्धीकलां में 7.36 हेक्टेयर जमीन स्टेडियम निर्माण के लिये आवंटित की गई है।
भोपाल के स्टेशन एरिया अंतर्गत शंकराचार्य नगर कॉलोनी में गुन्डागर्दी पर रोक
[गृह]
72. ( क्र. 377 ) श्री निलेश पुसाराम उईके : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भोपाल जिले के नरेला विधानसभा क्षेत्र स्थित स्टेशन एरिया अंतर्गत शंकराचार्य नगर कॉलोनी में आदतन अपराधियों का रोजाना जमावड़ा लगा रहता है, जिससे वहां आये दिन गुन्डागर्दी हो रही है? (ख) क्या कॉलोनी में महिलाओं/बच्चियों का रास्ते से निकलना मुश्किल (दूभर) हो गया है? आदतन अपराधियों द्वारा भद्दी-भद्दी गालियां देना, अश्लील कमेंट व गन्दे-गन्दे इशारे करना उनकी आदत है? (ग) क्या यह सही है कि प्रश्नांश (क), (ख) के संबंध में शासन/प्रशासन मूक दर्शक बना हुआ है तथा कुछ राजनीतिक एवं शक्तिशाली लोगों द्वारा गुन्डागर्दी करने वालों को संरक्षण दिया जा रहा है? यदि नहीं, तो फिर उक्त लोगों पर शासन द्वारा भी किसी तरह की दण्डात्मक कार्यवाही/सख्ती क्यों नहीं की जाती है? (घ) क्या शासन द्वारा यथाशीघ्र ऐसे आदतन अपराधियों/गुंडा प्रवृत्ति के लोगों पर सख्त से सख्त कार्यवाही की जायेगी? अगर हाँ तो कब तक और नहीं तो क्यों नहीं?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी नहीं। नहीं। (ख) जी नहीं। नहीं। (ग) जी नहीं। थाना स्टेशन बजरिया के आदतन अपराधियों/गुण्डा प्रवृत्ति के लोगों के विरूद्ध निरंतर कार्यवाही की जा रही है। (घ) आदतन अपराधियों एवं गुण्डों के विरूद्ध कानून व्यवस्था बनाये रखने के लिये समय समय पर विधिसम्मत कार्यवाही की जाती है।
प्रदेश में किसानों को प्रमाणिक बीज का प्रदाय
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
73. ( क्र. 378 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में इस वर्ष किसानों को शासन स्तर पर प्रमाणिक बीज क्यों नहीं प्रदान किया गया? इस संदर्भ में विस्तृत जानकारी दें तथा बतावें कि जनवरी 2017 से जून 2021 प्रति कैलेण्डर वर्ष में किन-किन प्रमुख फसलों का कितनी-कितनी मात्रा में बीज किस दर से वितरित किया गया? (ख) TL (Truth full labeled seed) बीज के उत्पादन मानिटरिंग और गुणवत्ता नियंत्रण की प्रक्रिया क्या है? सम्पूर्ण दस्तावेज सहित बतावें। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अवधि में सोयाबीन का टी.एल. बीज उत्पादन करने वाली 10 प्रमुख कम्पनियों के नाम बतावें तथा उत्पादक किसान के नाम, गांव, रकबा, मात्रा, उपार्जन की मात्रा, कृषक भुगतान की राशि और लाट नम्बर की जानकारी देवें। (घ) प्रश्नाधीन अवधि में सोयाबीन का कुल उत्पादन वर्षवार बतावें। क्या उत्पादन घट रहा है? क्या इसके अनुवांशिक शुद्धता और बायोलॉजिकल टेस्ट कर कारण जानने का कोई प्रयास किया गया?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री कमल पटेल ) : (क) प्रदेश में किसानों को विभाग द्वारा म.प्र.राज्य एवं फार्म विकास निगम, म.प्र.राज्य सहकारी बीज उत्पादक विपणन संघ मर्यादित भोपाल से संबंधित सहकारी समितियों, राष्ट्रीय बीज निगम, शासकीय कृषि प्रक्षेत्र एवं अन्य केन्द्रीय बीज उत्पादक संस्थाओं के माध्यम से बीज उपलब्ध कराया जाता है। जनवरी 2017 से जून 2021 तक वर्षवार, फसलवार वितरित कराये गये बीज की दर सहित जानकारी जिलेवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) बीज अधिनियम 1966, बीज नियम 1968 एवं बीज (नियंत्रण) आदेश 1983 के अंतर्गत TL (Truth full labeled seed) उत्पादन, मानिटरिंग और गुणवत्ता नियंत्रण का प्रावधान नहीं है। अत: दस्तावेज उपलब्ध कराने का प्रश्न ही नहीं उठता। (ग) उत्तरांश (क) अनुसार। (घ) प्रश्नाधीन अवधि में सोयाबीन का कुल उत्पादन की वर्षवार, जिलेवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। अनुवांशिक शुद्धता शत्-प्रतिशत बनाये रखने हेतु विश्वविद्यालय द्वारा उत्पादित शुद्ध नाभिकीय/प्रजनक बीज प्रतिवर्ष तैयार किया जाता है। प्रत्येक नाभिकीय/प्रजनक बीज के प्रक्षेत्र हेतु पृथक-पृथक अनुभवी क्रॉप ब्रीडर नियुक्त किये जाते है। जो समय-समय पर फसल का बारीकी से निरीक्षण कर आवश्यक सुझाव की अनुशंसा करते हैं। भौतिक शुद्धता की जाँच हेतु प्रमाणित बीज प्रयोगशालाओं में जाँच की जाती है। उत्पादित बीज की सीड टेस्टिंग करने के पश्चात ही मानक श्रेणी के सफल नाभिकीय/प्रजनक बीज विभिन्न संस्थाओं को उपलब्ध कराया जाता है।
सीधी/रीवा में अवैध नियुक्ति की जाँच
[जनजातीय कार्य]
74. ( क्र. 381 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या आदिवासी विकास सीधी ने आदेश क्र./4710-11 दिनांक 02/02/2002 द्वारा राघवेन्द्र त्रिपाठी को दैनिक मजदूरी से प्रयोगशाला सहायक (विज्ञान शिक्षक) के पद पर नियमित कर शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय चौफाल जिला सीधी से हटाकर शासकीय हाई स्कूल लुरघुटी जिला सीधी में पदस्थ किया गया था? क्या 1997 से उक्त पद पर नियुक्ति/नियमितीकरण करने का अधिकार/नियम सहायक आयुक्त सीधी को था। यदि हाँ, तो नियम की प्रति दें तथा उक्त पद पर नियुक्ति करने का अधिकार जनपद पंचायतों को कब से हुआ है, नियम की प्रति दें। (ख) क्या आदिवासी विकास सीधी ने पत्र क्र./2555 दिनांक 18/01/2003 द्वारा त्रिपाठी का अवैध नियमितीकरण आदेश क्र./ 4710-11 दिनांक 02/02/2002 को निरस्त कर दिया गया था? यदि हाँ, तो क्या दूसरा नियमितीकरण आदेश जारी किया है? यदि हाँ, तो आदेश की प्रति दें। यदि नहीं, तो प्राचार्य शासकीय हाई स्कूल लुरघुटी जिला सीधी में किस आधार पर 18/01/2003 के बाद त्रिपाठी को नियमित कर्मचारी के समान वेतन भुगतान किया गया और 2003 से 2007 तक वेतन वृद्धि स्वीकृत नहीं की? फिर जिला संयोजक रीवा ने किस नियम के तहत 2003 से 2007 तक एक मुश्त वेतन वृद्धि स्वीकृत की? नियम की प्रति दें। क्या अनियमित भुगतान की वसूली की जाकर अवैध नियुक्ति निरस्त की जायेगी? (ग) प्रश्नांश (ख) यदि सही है तो आदिवासी विकास सीधी ने पत्र क्र./1510 दिनांक 11/08/2004 एवं पत्र क्र./5814 दिनांक 26/10/2006 द्वारा त्रिपाठी को नोटिस जारी करने का औचित्य क्या था तथा दोनों पत्रों में पदस्थापना स्थान अलग-अलग क्यों है? अवैध नियुक्ति/नियमितीकरण के संबंध में मैंने पत्र क्र. 351 दिनांक 19/03/2021 द्वारा बिन्दु क्र. 1 से 9 तक अभिलेखों के साथ शिकायत की थी अब तक शिकायत पर क्या कार्यवाही की गई? (घ) क्या त्रिपाठी को माननीय उच्च न्यायालय द्वारा याचिका क्रमांक 3076/2007 में यथास्थिति बनाये रखने हेतु स्थगन दिया गया है, तो क्या 2007 में त्रिपाठी नियमित कर्मचारी था? यदि हाँ, तो क्या माननीय न्यायालय में प्रकरण विचाराधीन होने के कारण सीधी से रीवा स्थानान्तरण एवं पदोन्नति का लाभ दिया जा सकता है? क्या ऐसा नियम है? यदि हाँ, तो नियम की प्रति दें। यदि नहीं, तो उसके दोषी कौन है? दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जायेगी?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जी हाँ। जी नहीं। वर्ष 1997 म.प्र. पंचायत शिक्षा कर्मी (भर्ती एवं सेवा की शर्तें) नियम 1997 पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) जी हाँ। जी नहीं। श्री त्रिपाठी द्वारा नियमितीकरण आदेश निरस्त करने संबंधी आदेश के विरूद्ध माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में प्रस्तुत याचिका क्रमांक/डब्ल्यू.पी. (एस) 1793/2003 में माननीय उच्च न्यायालय द्वारा दिनांक 11.11.2003 को निर्णय पारित तथा याचिका क्रमांक 3076/2007 में माननीय उच्च न्यायालय द्वारा पारित निर्णय के परिप्रेक्ष्य में पूर्ववत् वेतन भुगतान किया गया है। जिला संयोजक रीवा द्वारा सेवा अभिलेख में वेतन वृद्धि रोकने के आदेश नहीं होने के कारण सेवायें प्रमाणीकरण के आधार पर मूलभूत नियम 24 के तहत वेतन वृद्धि स्वीकृत की गई। अनियमित भुगतान एवं अवैध नियुक्ति के संबंध में कार्यवाही मान. न्यायालय के निर्णय के उपरान्त की जा सकेगी। (ग) नियमितीकरण निरस्त करने संबंधी जारी आदेश दिनांक 18.01.2003 के विरूद्ध माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में प्रस्तुत याचिका क्रमांक 1793/2003 में, जिसमें सेवा से पृथक करने की कार्यवाही में विधिवत् प्रक्रिया का पालन न होने का उल्लेख है जिला स्तर पर गठित समिति के परीक्षण के परिपेक्ष्य में श्री त्रिपाठी को पत्र क्रमांक/स्था.सा./ 1510 दिनांक 11.08.2004 द्वारा कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया श्री त्रिपाठी को समक्ष में अपना पक्ष रखने के लिये कार्यालयीन पत्र क्रमांक/5814 दिनांक 26.10.2006 द्वारा दूसरा कारण बताओ सूचना-पत्र जारी किया गया। दोनो सूचना पत्र में पदस्थापना स्थान हाई स्कूल लुरघुटी लिखा जाना चाहिये था, लेकिन पत्र क्रमांक 1510 दिनांक 11.08.2004 में शासकीय हाई स्कूल चौफाल अंकित किया गया। माननीय विधायक का पत्र दिनांक 19.3.2021 कार्यालय में अप्राप्त है। (घ) जी हाँ। श्री त्रिपाठी को पदोन्नति नहीं दी गई है, मात्र सीधी से रीवा स्थानांतरित किया गया है। कर्मचारियों को स्थानांतरण की सुविधा शासन नियमों एवं नीति के अनुसार दी जाती है। तद्नुसार श्री त्रिपाठी का स्वैच्छिक स्थानांतरण सीधी से रीवा किया गया था। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अनूपपुर जिले में स्टॉप डेम/चेक डेम का निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
75. ( क्र. 387 ) श्री सुनील सराफ : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनवरी 2021 से प्रश्न दिनांक तक अनूपपुर जिले में मनरेगा योजना से कितने चेक डेम स्वीकृत किए गए ग्राम पंचायत का नाम, अनुमानित लागत, भुगतान राशि/लंबित राशि सहित बतावें। (ख) एक ही नाले, तालाब या जल स्त्रोत पर बनाये जाने वाले चेक डेम के मध्य कितनी दूरी रखने का प्रावधान है? प्रश्नांश (क) अनुसार अवधि में जितने चेक डेम स्वीकृत किए गए उनके मध्य दूरी की जानकारी स्थान के नाम देवें। (ग) प्रावधान विरूद्ध चेक डेम स्वीकृत करने वाले अधिकारी का नाम, पदनाम देकर बतावें कि इन पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा? प्रश्नांश (क) अनुसार अवधि में स्वीकृत चेक डेम में से कितने मैदानी क्षेत्रों में हैं? बतावें। (घ) इस अवधि के स्वीकृत चेक डेम में प्रश्न दिनांक की स्थिति में कितने में पानी उपलब्ध है? चेक डेमवार, बतावें।
पंचायत मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया (संजू भैया) ) : (क) जनवरी 2021 से प्रश्न दिनांक तक अनूपपुर जिले में मनरेगा योजना से कुल 130 चेक डेम स्वीकृत किए गए। प्रश्नांश की शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ख) एक ही नाले, तालाब या जल स्त्रोत पर बनाये जाने वाले चेक डेम के मध्य की दूरी नदी-नाले के स्लोप व भौगोलिक स्थिति के अनुसार रखने का प्रावधान है। प्रश्नांश की शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट–2 अनुसार है। (ग) उत्तरांश ‘ख’ के परिप्रेक्ष्य में प्रावधान विरूद्ध चेक डेम स्वीकृत किये जाने की स्थिति संज्ञान में नहीं होने से किसी के विरूद्ध कार्यवाही किये जाने का प्रश्न उत्पन्न नहीं होता। मैदानी क्षेत्र में 104 स्टाप डेम स्वीकृत है। (घ) उत्तरांश ‘क’ के सभी कार्य प्रगतिरत श्रेणी में है, यद्यपि वर्तमान में वर्षाकाल के कारण सभी स्थलों पर पानी की उपलब्धता है। चेक डेमवार वांछित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट–2 अनुसार है।
प्रधानमंत्री योजनान्तर्गत लाभान्वित किसानों की संख्या
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
76. ( क्र. 390 ) श्री जजपाल सिंह जज्जी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अशोकनगर वि.स. क्षेत्र में दिनांक 01.04.2020 से 15.07.2021 तक प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना एवं प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना में कितने किसान लाभान्वित हुए? योजनावार, किसान संख्या पृथक-पृथक देवें। ग्राम का नाम भी देवें। (ख) उपरोक्त प्रक्रिया में कितने आवेदन निरस्त किए गए व क्यों? सूची देवें। (ग) किन किसानों को पात्र होने के बावजूद प्रश्न (क) अनुसार योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाया? उनकी सूची ग्रामवार देवें।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री कमल पटेल ) : (क) प्रधानमंत्री फसल बीमा योजनांतर्गत खरीफ 2020 एवं रबी 2020-21 के फसल कटाई प्रयोगों के आंकडों का संकलन कार्य प्रक्रियाधीन है, जिसके आधार पर पात्र कृषकों को दावों का भुगतान किया जावेगा। अशोकनगर विधानसभा क्षेत्र की बीमा आवरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन अंतर्गत लाभान्वित हुये किसानों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजनांतर्गत लाभान्वित हुये किसानों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (ख) राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन एवं प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजनांतर्गत निरस्त आवेदन पत्रों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। (ग) राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन अंतर्गत पात्र होने के बाबजूद योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाया ऐसे कृषकों की ग्रामवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-5 अनुसार है। प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजनांतर्गत पात्र होने के बाबजूद योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाया, ऐसे कृषकों की जानकारी निरंक है।
फसल बीमा राशि का भुगतान
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
77. ( क्र. 391 ) श्री जजपाल सिंह जज्जी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अशोक नगर जिले में वर्ष 2019 की खरीफ फसल का जिले के बैंको द्वारा कितने किसानों की प्रीमियम राशि जमा की गई? तहसीलवार किसान संख्या, बैंक नाम, प्रीमियम राशि सहित देवें। इनमें कितने किसानों की जानकारी प्रधानमंत्री बीमा पोर्टल पर दर्ज की गई? तहसीलवार किसान संख्या देंवे। (ख) क्या कारण है कि प्रीमियम जमा राशि वाले किसानों की संख्या व पोर्टल में दर्ज किसानों की संख्या में अंतर है? (ग) वर्ष 2019 खरीफ फसल के नुकसान में हुए सर्वे में कितने किसानों का नाम दर्ज किया गया व उसके समक्ष कितने किसानों को फसल बीमा राशि का भुगतान हुआ? तहसीलवार पृथक-पृथक देवें। जिन किसानों की फसल बीमा राशि का भुगतान नहीं हुआ है, उनकी जानकारी भी तहसीलवार देकर बतावें कि उन्हें कब तक भुगतान किया जाएगा? (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार जानकारी वर्ष 2020 की खरीफ फसल के संदर्भ में भी देकर बतावें कि लंबित दावों का निपटारा कब तक किया जाएगा?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री कमल पटेल ) : (क) अशोकनगर जिला अंतर्गत खरीफ 2019 में पोर्टल पर दर्ज बीमित कृषकों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत पात्र कृषकों का बीमा संबंधित बैंक के द्वारा उनसे संबंधित वांछित जानकारियों को भारत सरकार के फसल बीमा पोर्टल पर दर्ज कर, उनसे संबंधित कृषक अंश को निर्धारित समयावधि के अंदर संबंधित बीमा कंपनी को प्रेषित की जाती है। बैंकों द्वारा जिन कृषकों की प्रविष्टि पोर्टल पर दर्ज नहीं की जाती ऐसे कृषक पोर्टल पर प्रदर्शित नहीं होते है। (ग) प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत खरीफ 2019 मौसम में व्यक्तिगत सर्वे व निरीक्षण अशोकनगर जिले से संबंधित कुल 442 कृषक आवेदन से संबंधित सूचनायें प्राप्त हुई थी एवं योजना के प्रावधानों के अंतर्गत प्राप्त सूचनाओं में से कुल 324 सूचनाओं की व्यक्तिगत सर्वे/आंकलन हेतु पात्रता स्थापित होने पर उनका सर्वे जिला स्तर पर नियुक्त हानि मूल्यांकन समिति के द्वारा कर उन्हें कुल क्षतिपूर्ति राशि रू. 1225587.43 का भुगतान कर दिया गया है जिसकी तहसीलवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। शेष कृषकों (118) की हानि की सूचनायें योजना के प्रावधानों के अनुसार सर्वेक्षण के लिये पात्र नहीं थी। (घ) खरीफ 2020 के फसल कटाई प्रयोगों के आंकड़ों का संकलन का कार्य प्रचलन में है। फसल कटाई प्रयोगों से प्राप्त औसत उपज के आधार पर पात्र कृषकों को नियमानुसार दावों का भुगतान किया जावेगा।
किसान फसल ऋण माफी योजना के लाभ का प्रदाय
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
78. ( क्र. 392 ) श्री बाला बच्चन : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जय किसान फसल ऋण माफी योजना के द्वितीय व तृतीय चरण की कर्ज माफी के लिए दि. 01-10-2020 से 15-07-2021 तक कितनी बैठकें शासन स्तर पर हुई? कब तक द्वितीय व तृतीय चरण की कर्ज माफी की प्रक्रिया पूर्ण होगी? शासन स्तर पर होने वाली इन बैठकों में सम्मिलितों के नाम, पदनाम सहित देवें। (ख) राजपुर विकासखंड में ऐसे कितने किसान हैं जिनके एक लाख रूपये तक की ऋण माफी की राशि उनके खातों में नहीं पहुँची है? यह राशि कब तक डाली जाएगी? संख्या बताएं। (ग) राजपुर विकासखंड में दो लाख रू. तक की कर्ज माफी के कितने प्रकरण शेष है? किसानों की संख्या बताएं एवं यह राशि कब तक डाली जावेगी? (घ) प्रश्नांश (ख) एवं (ग) अनुसार जानकारी उज्जैन जिले के संबंध में भी तहसीलवार देकर बतावें कि उज्जैन में द्वितीय चरण की राशि उपलब्ध होने के बाद भी कृषकों के खातों में क्यों नहीं डाली जा रही? कब तक यह राशि डाल दी जाएगी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री कमल पटेल ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
पुलिसकर्मियों की कोरोना से हुई मौत की जानकारी
[गृह]
79. ( क्र. 393 ) श्री बाला बच्चन : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में दिनांक 01-04-2020 से 30-06-2021 तक कितने पुलिसकर्मियों की कोरोना से मौत हुई है? उनके नाम, पदनाम, स्थान नाम, जिला नाम सहित माहवार जानकारी देवें। (ख) उपरोक्तानुसार शासन द्वारा घोषित 50 लाख रू. की राशि अभी तक कितने पुलिसकर्मियों के परिजनों को दी जा चुकी है? नाम, स्थान सहित जानकारी देवें। जो प्रकरण लंबित हैं वे कब से हैं और क्यों हैं? कितने प्रकरण अस्वीकृत किए गए हैं और क्यों? (ग) कितने प्रकरणों में अनुकंपा नियुक्ति दी जा चुकी है? उनके नाम, नियुक्ति प्राप्त परिजन के नाम सहित जानकारी देवें। शेष प्रकरणों में कब तक नियुक्ति दी जाएगी? (घ) प्रश्नांश (ख) लंबित राशि कब तक दी जाएगी? क्या शासन अस्वीकृत प्रकरणों पर पुनर्विचार करेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार। (घ) प्रश्नांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
प्रचलित प्रकरण पर कार्यवाही
[गृह]
80. ( क्र. 396 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्र.क्रं. 1218 दिनांक 26.02.2021 के (ग) उत्तर अनुसार कार्यालय अति. पुलिस अधीक्षक, जिला उज्जैन द्वारा श्री हर्ष परासर स्थाई अधिवक्ता म.प्र. शासन को नवलखा बीज कंपनी महिदपुर के प्रकरण में दिनांक 06.12.19 एवं 15.01.21 को दो पत्र लिखे गए थे क्या वहां से कोई जवाबी पत्र उज्जैन कार्यालय को प्राप्त हुए? यदि हाँ, तो इन पत्रों की छायाप्रति देवें। (ख) दिनांक 15.01.21 के पश्चात इस संबंध में कार्यालय अति. पुलिस अधीक्षक द्वारा कोई पत्र व्यवहार किया गया है? यदि हाँ, तो इसकी छायाप्रति देवें। (ग) यदि नहीं, तो कारण बतावें कि इस प्रकरण में विभाग रूचि न लेकर आरोपियों को संरक्षण क्यों प्रदान कर रहा है? दिनांक 19.03.2018 के पश्चात इस प्रकरण में अभी तक तारीख न लगने के जिम्मेदारों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा? (घ) कब तक इस प्रकरण में तारीखें लगाना सुनिश्चित किया जाएगा?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) अति. पुलिस अधीक्षक जिला उज्जैन के कार्यालय से पत्र दिनांक 06.12.2019 एवं 15.01.2021 को माननीय सुप्रीम कोर्ट में म.प्र. शासन के स्थाई अधिवक्ता को लिखे गये थे। इन पत्रों का जवाब कार्यालय अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक जिला उज्जैन को प्राप्त नहीं हुआ। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) दिनांक 15.01.2021 के पश्चात इस संबंध में कार्यालय अति. पुलिस अधीक्षक द्वारा पत्र क्र. 306/2021 दि. 15-02-21, 333/2021 दि. 18-02-21 एवं 281/2021 दि. 01-03-21 तीन पत्र लेख किये गये हैं। इन पत्रों की छायाप्रतियाँ पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अ-1, अ-2 व अ-3 अनुसार है। (ग) प्रकरण में आगामी पेशी दिनांक लगवाने हेतु विभाग द्वारा स्थाई अधिवक्ता माननीय सुप्रीम कोर्ट नई दिल्ली से पत्राचार किया गया है। आरोपियों को संरक्षण प्रदान नहीं किया जा रहा है। पेशी की तारीख माननीय सुप्रीम कोर्ट द्वारा तय की जाती है। इसके लिये किसी अधिकारी को दोषारोपित नहीं किया जा सकता। (घ) प्रकरण में माननीय सुप्रीम कोर्ट की साइट के अनुसार आगामी पेशी दिनांक 06.08.2021 को नियत होने की संभावना दर्शायी है।
नवलखा बीज कंपनी के संबंध में चल रही एस.एल.पी. विषयक
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
81. ( क्र. 397 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्री हर्ष परासर स्थाई अधिवक्ता मध्यप्रदेश शासन माननीय सर्वोच्च न्यायालय परिसर नई दिल्ली को कार्यालय अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक उज्जैन द्वारा दो पत्र दिनांक 06/12/2019 एवं 15/01/2021 को नवलखा बीज कंपनी महिदपुर के संबंध में चल रही एस.एल.पी. क्रमांक 7740/2018 के तारतम्य में भेजे गए थे, जिसका उनके द्वारा कोई जवाब नहीं दिया गया क्यों? इस संबंध में विभाग ने उनसे कोई स्पष्टीकरण क्यों नहीं लिया? (ख) क्या कारण है कि उपरोक्त प्रकरण में सुप्रीम कोर्ट में दिनांक 19/03/2018 के पश्चात आज तक कोई तारीख नहीं लगी? इस संबंध में स्थाई अधिवक्ता की जिम्मेदारी शासन कब तक तय करेगा? (ग) इस प्रकरण में तारीख लगना कब तक सुनिश्चित किया जाएगा?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री कमल पटेल ) : (क) श्री हर्ष परासर स्थाई अधिवक्ता मध्यप्रदेश शासन माननीय सर्वोच्च न्यायालय परिसर नई दिल्ली उक्त दोनों पत्रों का जबाब क्यों नहीं दिया, इस संबंध में पुलिस इकाई उज्जैन में कोई जानकारी नहीं होकर इस संबंध में श्री परासर स्थाई अधिवक्ता से ही पूछा जाना उचित होगा। साथ श्री परासर स्थाई अधिवक्ता से स्पष्टीकरण लेना पुलिस इकाई उज्जैन के क्षेत्राधिकार में नहीं है। इसके अतिरिक्त श्री परासर स्थाई अधिवक्ता के द्वारा पत्र का उत्तर नहीं देने पर पुन: दिनांक 01-03-2021 को पत्र लेख किये गये, जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। उक्त पत्र के क्रम में श्री परासर परिशिष्ट के द्वारा दिनांक 24.03.2021 को पत्र जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। प्रेषित कर लेख किया कि उपरोक्त मामला सुनवाई के लिए लंबित होकर दिनांक 19.03.2018 के बाद सूचीबद्ध नहीं किया गया है। माननीय सर्वोच्च न्यायालय की रजिस्ट्री माननीय न्यायालय के समक्ष अपने नियम, विनियमन और प्रक्रिया के अनुसार मामले को सूचीबद्ध करती है। (ख) उक्त प्रकरण में दिनांक 19.03.2018 के बाद पेशी दिनांक 06.08.2021 नियत हो चुकी है। इस संबंध में इंटरनेट पर माननीय सर्वोच्च न्यायालय की अधिकृत वेब-साईट पर प्रकरण की अद्यतन स्थिति के संबंध में प्रिंट-आउट संलग्न है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (ग) उक्त प्रकरण में दिनांक 19.03.2018 के बाद पेशी दिनांक 06.08.2021 नियत हो चुकी है।
प्रदेश में बलात्कार की घटनायें
[गृह]
82. ( क्र. 402 ) श्री नर्मदा प्रसाद प्रजापति (एन. पी.) : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जून 2020 से जून 2021 तक प्रतिमाह बलात्कार प्रदेश में कितने हुये? प्रदेश के किस-किस जिलें में कितने बलात्कार हुये? सम्पूर्ण जानकारी बतावें। (ख) प्रदेश का ऐसा कौन सा थाना है जहां सबसे ज्यादा बलात्कार की घटनायें दर्ज की गई है? जिलेवार सूची उपलब्ध करायें। आज दिनांक तक कितने दोषियों को सजा मिली है? उसकी अद्यतन जानकारी दें। (ग) प्रदेश के कितने बलात्कार के मामलों में पूर्ण विवेचना कर न्यायालय में चालान पेश किये गये हैंं, उनकी जिलेवार अद्यतन जानकारी दें। किन-किन मामलों में अभी तक कोई कार्यवाही नहीं की गई है और क्यों नहीं की गई? सम्पूर्ण जानकारी दस्तावेज सहित दें। (घ) प्रदेश में बलात्कार के उपरांत कितने मामलों में पीड़ित की निर्मम हत्या की गई है? यदि हाँ, तो जिलेवार अद्यतन जानकारी दें।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जून 2020 से जून 2021 तक प्रदेश में प्रतिमाह हुये बलात्कार की जानकारी जिलेवार पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ‘ अनुसार है। (ख) प्रदेश के इंदौर जिले के लसुडिया थाने में जून 2020 से जून 2021 तक सबसे ज्यादा बलात्कार की घटनायें दर्ज की गई है। जिलेवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब‘ पर उपलब्ध है। जून 2020 से आज दिनांक 20.07.2021 तक बलात्संग के 142 दोषियों को सजा मिली है। (ग) प्रदेश के 5664 बलात्कार के मामलों में पूर्ण विवेचना कर न्यायालय में चालान पेश किया गया है। उनकी जिलेवार अद्यतन जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ‘ में समाहित है। ऐसा कोई मामला नहीं है जिसमें कोई कार्यवाही नहीं हुई है। (घ) प्रदेश में बलात्कार के उपरान्त 31 मामलों में पीड़ित की निर्मम हत्या की गई है। जिलेवार अद्यतन जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ‘ में समाहित है।
भूमि का आवंटन
[गृह]
83. ( क्र. 403 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टीकमगढ़ जिले के ऐसे कौन-कौन से पुलिस थाने एवं चौकिया हैं जिनके स्वयं के भवन नहीं है एवं कर्मचारियों के निवास हेतु आवासीय भवन नहीं हैं? प्रश्न दिनांक तक कहां-कहां के भवनों के निर्माण कार्य अभी पूर्ण हो चुके हैं और पूर्ण होने पर कितनी-कितनी भवन राशि इन पर व्यय हुई है? (ख) प्रश्नांश (क) के आधार पर बतायें कि जिले से विभाग द्वारा ऐसे भवनों के निर्माण हेतु कब-कब, क्या-क्या कार्यवाही की गई है एवं इन भवनों के निर्माण हेतु कहां-कहां, किस-किस खसरा नम्बर की कितनी-कितनी भूमि प्रश्न दिनांक तक आवंटित की जा चुकी है? अगर आवंटित नहीं की गई है तो कब तक आवंटित कर दी जावेगी? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के आधार पर बतायें कि इन सभी के निर्माण हेतु कितनी-कितनी भवन राशि कब तक विभाग द्वारा स्वीकृत की जायेगी? (घ) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) एवं (घ) के आधार पर बतायें कि वर्तमान में पुलिस थाना एवं चौकियां किसके भवन में संचालित हो रही हैं और यहां पदस्थ अधिकारी/कर्मचारी किसके मकान में निवास कर रहे हैं? निश्चित समय सीमा में बतायें कि कब तक पुलिस थाना, चौकियां एवं आवासीय परिसर का निर्माण कार्य प्रारंभ हो जावेगा?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) टीकमगढ़ जिले के 3 थाने (देहात, यातायात एंव महिला) और 3 (चौकी मंजना, जेवर एवं बंधा) जिनके स्वंय के भवन नहीं है। जिले के 7 थाने (देहात, यातायात, महिला, चंदेरा, बम्होरी कलां, बडागांव, खरगापुर और 9 चौकी (मंजना, जेवर, बंधा, कनेरा, देवरदा, देरी, खिरिया, अस्तोन, खजरी जिनके कर्मचारियों के निवास हेतु आवासीय भवन नहीं है। प्रश्न दिनांक तक प्रथम चरण के 60 आवास जुलाई, 2019 लागत राशि 950.52 लाख एवं द्वितीय चरण के 68 आवास फरवरी 2021 लागत राशि रू.1249.16 लाख पूर्ण किये जाकर अधिकारी/कर्मचारियों को आधिपत्य में दिये जा चुके हैं एवं तृतीय चरण के 120 आवास का निर्माण कार्य प्रगतिरत है। जिस हेतु कुल राशि. 2286.48 लाख का बजट आवंटन किया गया है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे गये परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ‘ अनुसार। (ग) निर्माण हेतु कुल राशि रू. 2286.48 लाख बजट आवंटन किया गया है। जिनके पास स्वयं के भवन नहीं है, उनके निर्माण हेतु स्वीकृत राशि की समय-सीमा बताया जाना वर्तमान में संभव नहीं है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे गये परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ब‘‘ एवं ‘‘स‘‘ अनुसार। थाना देहात के भवन निमाण का कार्य प्रगतिरत है एवं टीकमगढ जिले में मुख्यमंत्री पुलिस आवास योजना अंतर्गत मुख्यालय स्तर पर निर्मित किये जा रहे आवासों में तृतीय चरण के 120 आवासगृहों का निर्माण कार्य प्रगतिरत है। शेष भवनों के निमार्ण की समय-सीमा बताया जाना संभव है।
निर्माण कार्यों के दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
84. ( क्र. 407 ) श्रीमती लीना संजय जैन : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता ने जिला विदिशा अंतर्गत जनपद पंचायत बासौदा की ग्राम पंचायत आटासेमर के निर्माण कार्यों की जाँच कराने के संबंध में मान. मुख्यमंत्री एवं अपर मुख्य सचिव, पंचायत, म.प्र. शासन भोपाल को पत्र क्रमांक क्रमश: 293 एवं 291 दिनांक 13.07.2020 के माध्यम से जाँच का आग्रह किया था? (ख) यदि हाँ, तो क्या सी.एम. मॉनिट (ए+) 2066/cms/sms/2020 दिनांक 21.07.20 के परिपालन में C.E.O. जिला पंचायत विदिशा द्वारा पत्र क्र. 1598 (निर्माण) दिनांक 08.12.2020 के माध्यम से दो सदस्यीय एवं जिला स्तरीय जाँच दल गठित कर उक्त निर्माण कार्यों की जाँच करायी गई? यदि हाँ, तो उपरोक्त संयुक्त जाँच दल के प्रतिवेदन अनुसार कौन-कौन लोग दोषी पाये गये? (ग) उपरोक्त दोषियों के विरूद्ध अभी तक क्या-क्या कार्यवाही की गई? यदि अभी तक कोई कार्यवाही नहीं की गई तो स्पष्ट कारण बतावें।
पंचायत मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया (संजू भैया) ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। संयुक्त जाँच दल के प्रतिवेदन अनुसार प्रथम दृष्टया 1. श्री भूपेन्द्र सिंह, प्रधान ग्राम पंचायत आटासेमर, 2. श्री कैलाश राय सचिव, ग्राम पंचायत आटासेमर, 3. मुकेश श्रीवास्तव ग्रा.रो.सहा. ग्राम पंचायत आटासेमर, 4. श्री ऋषि शर्मा तत्कालीन उपयंत्री, जिला शिक्षा केन्द्र बासौदा 5. श्री आर.जी. गोस्वामी, तत्कालीन उपयंत्री, ज.पं. बासौदा 6. श्रीमती पदमिनी मालवीय, उपयंत्री, जनपद पंचायत बासौदा दोषी पाये गये हैं। (ग) दोषियों के विरूद्ध कुल 32 निर्माण कार्यों में से 26 निर्माण कार्यो में अनियमितता पाये जाने से वसूली योग्य राशि रू. 85.60 लाख की वसूली की कार्यवाही हेतु मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत विदिशा के द्वारा पंचायत एवं ग्राम स्वराज अधिनियम 1993 की धारा 92 के तहत प्रकरण क्र. 372 दिनांक 09.11.2020 दर्ज कर उत्तरांश (ख) में अंकित दोषियों को पेशी नियत दिनांक 02.08.2021 हेतु नोटिस क्रमांक/धारा 92/2021/10244 दिनांक 29.07.2021 जारी किया गया। प्रकरण में अधिनियम की धारा 92 के अन्तर्गत न्यायालयीन कार्यवाही प्रचलित है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
दोषियों पर कार्यवाही
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
85. ( क्र. 409 ) श्री नीरज विनोद दीक्षित : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनपद की निधि से जनपद पंचायत की भूमि पर स्थाई निर्माण रोकने या स्थगन देने का अधिकार अनुविभागीय दण्डाधिकारी को भूराजस्व संहिता के किस नियम/धारा के तहत दिया गया है? जनपद की निधि से जनपद पंचायत की भूमि पर स्थाई निर्माण कार्य के स्थगन को हटाने के मामले में किस विहित अधिकारी को अपील सुनने का अधिकार है? (ख) जनपद पंचायत नौगांव जिला छतरपुर के परिसर में जनपद पंचायत की भूमि पर जनपद निधि से हो रहे स्थाई निर्माण को रोकने/स्थगन देने के क्या कारण रहे? इस मामले में विभाग द्वारा निर्माण कार्य आरंभ कराने हेतु कब तक क्या कार्यवाही की जावेगी? (ग) रायसेन जिले में दिनांक 01.04.2020 से प्रश्न दिनांक तक किस-किस पंचायत सचिव को कब-कब, किस-किस आरोप में निलंबित या दंडित किया गया? नाम सहित आदेश व आरोप पत्रों की प्रति दें। क्या इन पंचायत सचिवों को इसके पूर्व भी दंडित या निलंबित किया गया था? यदि हाँ, तो किन आरोपों में? इन्हें किन आधारों पर बहाल किया गया था? बतावें। क्या इन पर अधिरोपित शासकीय राशि/गबन की राशि की वसूली कर ली गई थी? (घ) क्या प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित निलंबित/दंडित पंचायत सचिवों के मामले में बिना आरोप पत्र में उल्लेखित आरोपों के समाधान के व बिना गबन की राशि/अधिरोपित शासकीय राशि वसूले बहाल कर दिया गया? क्या यह बहाली नियमानुसार है? इस हेतु कौन उत्तरदायी है व इन प्रकरणों के मामले में विभाग क्या कार्यवाही करेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया (संजू भैया) ) : (क) जानकारी संकलित की जा रही है। (ख) शिकायतकर्तागण एवं आमजन नगर पालिका क्षेत्र नौगांव एवं अन्य द्वारा, निर्माणाधीन कार्य के संबंध में ग्राम पंचायत को निर्माण एजेंसी नियुक्त कर नगर पालिका क्षेत्रान्तर्गत ई-टेंडरिंग प्रणाली का प्रयोग न करते हुये नियम विरूद्ध तरीके से ठेके पर उक्त निर्माण के विरूद्ध शिकायत, शासकीय संपत्ति भूमि पर संबंधित निकाय से एनओसी प्राप्त किये बिना किये जा रहे निर्माण को प्रारंभिक आदेश बतौर शासकीय भूमि की सुरक्षा एवं संरक्षा, विभागीय ग्राउण्ड में जनपद स्तर पर होने वाले शासकीय आयोजनों एवं आमजन के आवागमन एवं वाहन पार्किंग इत्यादि की सुविधा में बाधा आदि कारण रहे। समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है। दिनांक 01.04.2020 से प्रश्न दिनांक तक निलंबित सचिवों में से पूर्व में भी निलंबित या दण्डित हुए हैं, सचिवों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है। (घ) निलंबित सचिवों को उनको जारी आरोप पत्रों का उत्तर व विभागीय जाँच के उपरांत नियमानुसार बहाल किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
योजना की जानकारी
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
86. ( क्र. 410 ) श्री नीरज विनोद दीक्षित : क्या राज्य मंत्री, उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के किन-किन जिलों में पान की खेती होती है? वर्ष 2019 की स्वीकृत बजट अनुदान राशि में से 2021 में कितने जिलों में उच्च तकनीक पान खेती के लिये भौतिक वित्तीय लक्ष्य दिये गये थे? छतरपुर, पन्ना सहित अन्य लक्ष्य आवंटित जिलों में वर्ष 2021 में 31 मार्च के पूर्व पान किसानों ने योजना में कार्य पूर्ण किया, भौतिक सत्यापन कराया, तो कितने किसानों को डीबीटी से अनुदान का भुगतान हुआ? शेष किसानों को कब तक भुगतान किया जावेगा व 35 प्रतिशत को कब तक बढ़ाया जावेगा? (ख) क्या भारत सरकार द्वारा लागू डी.बी.टी. योजना व संचालक उद्यानिकी के पत्र क्रमांक 332 दिनांक 24/11/2016 अनुसार कृषकों को अनुदान राशि का भुगतान उनके खाते में करने के नियम थे? यदि हाँ, तो क्या उद्यानिकी आयुक्त व जिला अधिकारियों द्वारा म.प्र. ट्रेजरी कोड नियम 284 का उल्लंघन करते हुये वर्ष 2019-20 व 2021 में 50 करोड़ अग्रिम आहरण कर एम.पी.एग्रो के खाते में भुगतान किया? यदि हाँ, तो प्रश्नांश (ख) अनुसार अभी तक एम.पी. एग्रो द्वारा कितनी राशि का भुगतान किस-किस कंपनी के खाते में किया गया? यदि नहीं, तो क्यों नहीं? प्राप्त दिनांक तक कितनी राशि कितनी अवधि से एम.पी. एग्रो के खाते में जमा है? प्रश्नांश (ख) अनुसार नियमों का उल्लंघन करने वाले व शासकीय राशि का दुरूपयोग करने वाले जिम्मेदार अधिकारियों के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही प्रस्तावित करेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
राज्य मंत्री, उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण ( श्री भारत सिंह कुशवाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-01 अनुसार है एवं भौतिक वित्तीय लक्ष्य की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-02 अनुसार है। प्रश्नांश में वर्णित जिलों में 31 मार्च 2021 के पूर्व कार्य पूर्ण करने वाले 163 किसान एवं उसके पश्चात कार्य पूर्ण करने वाले 125 किसानों को डीबीटी से अनुदान भुगतान किया गया है। शेष किसानों को अनुदान भुगतान उनके द्वारा कार्य पूर्ण होने की जानकारी प्रस्तुत करने पर नियमानुसार की जा रही है। अनुदान राशि को 35 प्रतिशत से अधिक बढ़ाने संबंधी कार्यवाही प्रचलन में न होने के कारण प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नहीं, भारत सरकार, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय का पत्र दिनांक 27 जुलाई 2016 अनुसार योजनाओं में Cash & Kind के रूप में अनुदान दिये जाने का प्रावधान है। संचालक उद्यानिकी के पत्र दिनांक 24.11.2016 को राज्य शासन द्वारा जारी परिपत्र क्रमांक एफ 6-1/2018/58 दिनांक 25.06.2019 से संशोधित किया गया है। निर्देशों की प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-03 अनुसार है। विभाग के परिपत्र दिनांक 25.06.2019 अनुसार सभी उद्यानिकी योजनाओं का क्रियान्वयन एम.पी. एग्रो के माध्यम से किये जाने के निर्देश है। वर्ष 2019-20 में एम.पी. एग्रो के खाते में राशि हस्तांतरण की गई। एम.पी. एग्रो द्वारा कंपनियों को भुगतान की गई राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-04 अनुसार है। वर्ष 2021 में एम.पी.एग्रो की मांग अनुसार राशि विमुक्त की गई है।
बीज खरीदी एवं वितरण
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
87. ( क्र. 413 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आदिवासी जैविक खेती प्रोत्साहन योजनान्तर्गत (वर्ष 2016-17 एवं 2017-18) संदेहास्पद सिसबानिया रोस्ट्राटा बीज खरीदी-वितरण मामले में सी.बी.आई. भोपाल द्वारा माह जून 2021 में प्रिलिमिनरी इन्क्वायरी दर्ज कर ली गई है? सी.बी.आई. से हुए पत्राचार उपलब्ध करावें। (ख) सेसबानिया रोस्ट्रेटा बीज पर कितनी राशि अनुमानित की गई थी? कितनी राशि का भुगतान हो चुका है? कितनी राशि का भुगतान होना शेष है? (ग) परम्परागत कृषि विकास योजना (पी.के.वी.वाय.) अन्तर्गत भारत सरकार की गाइडलाइन के नॉर्म्स के बिन्दु क्रमांक 2.1.4 में उल्लेखित ग्लिरिसीडिया, सेसबानिया इत्यादि को बदलकर विशिष्टतय: सेसबानिया रोस्ट्रेटा करने के प्रस्तावकों एवं निर्णयकर्ताओं के नाम एवं पद बतावें।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री कमल पटेल ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
नियम विरूद्ध आदेश जारी किये जाना
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
88. ( क्र. 414 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या राज्य मंत्री, उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उद्यान विभाग में विगत 8 माह से आयुक्त उद्यानिकी द्वारा कितने अधिकारी व कर्मचारियों के स्थानांतरण, आरोप पत्र, स्पष्टीकरण, विभागीय जाँच व निलम्बन आदेश जारी किये गये। कृपया आदेश क्रमांक, नाम व पद सहित जानकारी से अवगत करावें। (ख) क्या प्रश्नांश (क) अनुसार आयुक्त उद्यानिकी द्वारा नियम विरूद्ध किये गये आदेश उनके द्वारा स्वयं व शासन स्तर से निरस्त किये गये? यदि हाँ, तो कृपया आदेश क्रमांक, नाम पद सहित बतायें। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार अभी तक नियम विरूद्ध किये गये कितने आदेश निरस्त हेतु शेष है? क्या उन्हें भी निरस्त करेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों नहीं? (घ) प्रश्नांश (ख) अनुसार यदि सही है तो क्या नियम विरूद्ध आदेश जारी करने वाले आयुक्त उद्यानिकी के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही प्रस्तावित की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
राज्य मंत्री, उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण ( श्री भारत सिंह कुशवाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-01 अनुसार है। (ख) जी हाँ। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-02 अनुसार है। (ग) 04 आदेश निरस्त किये गये, यदि भविष्य में नियम विरूद्ध किये गये आदेश संज्ञान में आते हैं, तो उन्हें भी निरस्त किया जावेगा। (घ) विभागीय पत्र क्रमांक 831/1153/2019/58, दिनांक 21.06.2021 द्वारा आयुक्त, सह संचालक उद्यानिकी को निर्देशित किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-03 अनुसार है।
बलात्कार व गुमशुदगी के प्रकरण
[गृह]
89. ( क्र. 417 ) श्री हर्ष यादव : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में दिनांक 01/04/2020 से 30/06/2021 तक बलात्कार व लड़कियों के लापता होने के कितने प्रकरण दर्ज किए गए? जिलावार, माहवार पृथक-पृथक बतावें। (ख) उपरोक्त अवधि में कितनी लड़कियों की बरामदगी हुई? जिलावार माहवार जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार बलात्कार के कितने प्रकरणों में गिरफ्तारी हुई व कितने प्रकरणों में शेष है? जिलावार सूची देवें। शेष प्रकरणों में गिरफ्तारी कब तक होगी? (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार कितने प्रकरणों में चालान प्रस्तुत किए गए हैं? कितने प्रकरणों में लंबित हैं? जिलावार बतावें। लंबित प्रकरणों में चालान प्रस्तुत करने की समय-सीमा देवें।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’अ’’ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र’’अ’’ में समाहित है। (ग) प्रश्नांश ‘क‘ के अनुसार बलात्संग के प्रकरणों में गिरफ्तारी एवं गिरफ्तारी हेतु शेष प्रकरण की जिलेवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’ब’’ अनुसार है। शेष प्रकरणों में आरोपियों की गिरफ्तारी हेतु हर संभव प्रयास किया जा रहे है। (घ) प्रश्नांश ‘ग‘ के अनुसार बलात्संग के प्रकरणों में प्रस्तुत चालान एवं लंबित चालान की जिलेवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’ब’’ में समाहित है। लंबित प्रकरणों में चालान प्रस्तुत करने की समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है।
वित्तीय अनियमितताओं पर कार्यवाही
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
90. ( क्र. 418 ) श्री हर्ष यादव : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रं. 392 तारांकित दिनांक 21.09.2020 के उत्तर में बताया गया है कि वर्ष 2017 से पदस्थ उप संचालक कृषि, अपने मूल पद के अलावा संयुक्त संचालक कृषि, परियोजना संचालक आत्मा के पद पर रहे हैं? क्या प्राचार्य प्रशिक्षण केन्द्र रनगुवां के पद पर भी रहे है? यदि हाँ, तो कब से कब तक? (ख) प्रश्न में संदर्भित अधिकारी को उक्त पदों पर कार्य करते हुए कुल कितनी राशि एजेंसी की मिली? वर्षवार, कार्यालयवार बतायें। राशि किस-किस कार्य पर खर्च की गई? पुताई पर कितनी राशि खर्च की गई? क्या इस कार्य के लिए निविदा निकाली गई? यदि नहीं, तो नियम बतायें एवं पुताई के बिल बतायें। (ग) क्या उक्त अधिकारी ने वाहन किराये पर लेने हेतु निविदा निकाली? कलेक्टर सागर से अनुमोदित ट्रेबलिंग एजेंसी से वाहन नहीं लिए? यदि नहीं, तो कलेक्टर द्वारा अधिसूचित ट्रेवलिंग एजेंसी का आदेश बतायें। क्या विभाग के अधिकारियों के वाहन लेना बताकर पैसा आहरण किया? ट्रेवलिंग एजेंसी छोड़ किराये पर लिए वाहन स्वामियों के नाम, वाहन नंबर, प्रकार बतायें। (घ) क्या कंटनजेंसी राशि खर्च, वित्तीय प्रावधान के अनुरूप है? क्या जाँच की गई? यदि नहीं, तो क्यों? क्या जाँच कर यह पाया गया है कि वाहन शासन प्रावधान अनुसार लिए गये? क्या दोषी पर कार्यवाही होगी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री कमल पटेल ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
थाना नेमावर जिला देवास में पंजीबद्ध अपराध क्र. 132/21 की जाँच एवं कार्यवाही
[गृह]
91. ( क्र. 431 ) श्री पाँचीलाल मेड़ा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला देवास के थाना नेमावर में पंजीबद्ध अपराध क्रमांक 132/21 किस दिनांक को पंजीबद्ध किया था तथा इस अपराध के संबंध में पूर्व में पुलिस को जानकारी कब प्राप्त हुई थी, उसके पश्चात पुलिस द्वारा तत्परता से कार्यवाही क्यों नहीं की गई? (ख) उक्त पंजीबद्ध अपराध किस-किस के विरूद्ध किन-किन धाराओं में पंजीबद्ध किया गया? (ग) उक्त अपराध में किन-किन की हत्या कर उनके शवों को खेत की जमीन में यूरिया एवं नमक डालकर दफन किस दिनांक को किया गया तथा मृतक किस दिनांक से लापता थे? लापता दिनांक से कितने दिनों के बाद उनकी हत्या किस प्रकार से की गई? (घ) उक्त अपराध में किस-किस पुलिस अधिकारी एवं पुलिसकर्मी की लापरवाही व मिलीभगत आरोपियों से जाँच में आई और उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों? (ड.) क्या मृतकों के निकटतम परिजनों को राज्य सरकार की ओर से आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई गई है? यदि हाँ, तो किस-किस को कितनी-कितनी राशि की? यदि नहीं, तो क्यों?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जिला देवास के थाना नेमावर में अप. क्र. 132/21 धारा 363 भादवि दि. 27.05.2021 को पंजीबद्ध किया गया। फरियादी सुश्री भारती पिता मोहनलाल कास्दे नि. बस स्टेण्ड नेमावर जिला देवास की सूचना पर दिनांक17.05.2021 को गुमशुदगी क्र. 15/21दर्ज कर जाँच में ली गई थी। पुलिस के द्वारा विभिन्न पुलिस टीम गठित कर अपराध पर्दाफाश करने का निरन्तर प्रयास किये गये, जिसके परिणाम स्वरूप अंधे हत्या प्रकरण को सुलझाया गया। (ख) उक्त अपराध फरियादिया नीता पति रवि ओसवाल की रिपोर्ट पर अज्ञात के विरूद्ध धारा 363 भादवि में पंजीबद्ध किया गया। (ग) प्रकरण न्यायालय में विचाराधीन होने से जानकारी दी जाना विधिसम्मत नहीं है। (घ) उक्त अपराध में किसी भी पुलिस अधिकारी एवं पुलिसकर्मी की लापरवाही एवं मिलीभगत नहीं पाई गई। अतः किसी के विरूद्ध कार्यवाही करने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ड़) मृतकों के निकटतम परिजनों को कलेक्टर जिला देवास के पत्र दिनांक 01.07.2021 द्वारा राशि 41, 25, 000/- रुपये स्वीकृत की गई है।
थाना कुंभराज में दर्ज प्रकरण में कार्यवाही
[गृह]
92. ( क्र. 434 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दिनांक 09/06/2021 को थाना कुंभराज जिला गुना अंतर्गत अवैध हथियार, असला एवं अवैध वाहन का प्रकरण दर्ज किया गया है? यदि हाँ, तो किन-किन धाराओं में किस-किस के विरूद्ध एवं किसकी शिकायत पर? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या दोषियों को बचाने के उद्देश्य से विवेचना की कार्यवाही लंबित रखी गई है? यदि नहीं, तो संबंधितों से विवेचना उपरांत अन्य कौन-कौन सी धाराओं को कौन-कौन से अपराध हेतु पंजीबद्ध किया गया है? यदि नहीं, तो क्यों? क्या विवेचना में अन्य दोषियों के नाम पृथक से पंजीबद्ध किये गये हैं? यदि हाँ, तो किस-किस के नाम, पता सहित जानकारी दें। (ग) उपरोक्त के परिप्रेक्ष्य में क्या केस डायरी माननीय न्यायालय में पेश की जाकर रिमार्ड मांगी गई थी? यदि हाँ, तो कितने दिवस की एवं उसमें क्या अतिरिक्त साक्ष्य, जानकारी प्राप्त हुई? यदि नहीं, तो क्यों? नामदर्ज अपराधी के पुराने आपराधिक रिकार्ड क्या रहे? (घ) उपरोक्त के तारतम्य में विवेचना में उनके पुराने रिकार्ड देखे बगैर अपराधियों को संरक्षण देने हेतु कौन-कौन अधिकरी/कर्मचारी जिम्मेदार हैं? उनके विरूद्ध क्या कोई कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। दिनांक 09.06.21 को थाना कुम्भराज जिला गुना में अपराध क्रमांक 152/21 धारा 25, 27 आर्म्स एक्ट एवं धारा 41 (6) /177 मोटर व्हीकल एक्ट के तहत आरोपी आशीष साहू पिता ब्रजमोहन साहू निवासी टपरा कालोनी कुम्भराज के विरूद्ध पंजीवद्ध किया गया है। प्रकरण में सूचनाकर्ता उपनिरीक्षक, राम शर्मा, थाना कुम्भराज, जिला गुना थे। (ख) जी नहीं। प्रकरण की विवेचना के दौरान कोई अन्य तथ्य एवं साक्ष्य नहीं पाये जाने से किसी अन्य धारा का अपराध पंजीबद्ध नहीं किया गया। प्रकरण की विवेचना के अन्य दोषियों के नाम पृथक से पंजीबद्ध नहीं किये गये है। (ग) जी नहीं। आरोपी आशीष साहू से विवेचना में साक्ष्य हेतु अन्य कार्यवाही शेष नहीं होने से पुलिस रिमांड नहीं लिया गया।प्रकरण में नामजद आरोपी आशीष साहू के विरूद्ध थाना कुम्भराज में कोई पुराना अपराधिक रिकार्ड नहीं मिला है, किन्तु थाना चाचैड़ा में अपराध क्रमांक 98/19 धारा 224 भादवि पंजीबद्ध है। (घ) प्रकरण में आरोपी आशीष साहू का पुराना अपराधिक रिकार्ड देखा गया है। अपराधियों को संरक्षण नहीं दिया गया है, अतः किसी अधिकारी अथवा कर्मचारी के विरूद्ध कार्यवाही करने का प्रश्न नहीं उठता है।
भारत सरकार से प्राप्त राशि का कार्य बिना स्वीकृति के सौंपा जाना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
93. ( क्र. 435 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वित्तीय वर्ष 2020-21 एवं 2021-22 माह जून 2021 तक विभागान्तर्गत कौन-कौन सी योजनाओं की कितनी-कितनी राशि किस-किस प्रयोजन से कितनी-कितनी अवधि के लिये भारत सरकार द्वारा आवंटित की गई? योजनावार पृथक-पृथक बतायें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में किस-किस योजनाओं का क्रियान्वयन प्रदेश में किस-किस एजेंसी/संस्था/फर्म/स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से कितनी-कितनी राशि का किया गया? पृथक-पृथक बतायें। (ग) उपरोक्त के परिप्रेक्ष्य में मध्यान्ह भोजन की जगह सूखा राशन वितरण की योजना बनाई थी। सूखा राशन वितरण किस एजेन्सी के माध्यम से तथा किसके निर्देश पर किया गया? क्या इस हेतु विभागीय मंत्री जी का अनुमोदन लिया गया हैं। जानकारी देवें। क्या विभागीय मंत्री जी ने मुख्य सचिव, म.प्र. शासन को जाँच कराए जाने हेतु लिखा हैं? यदि हाँ, तो जाँच के क्या निष्कर्ष हैं। जाँच प्रतिवेदन की प्रति दें। (घ) प्रश्नांश (ग) के संबंध में जिस फर्म/ एजेंसी से उपराेक्त कार्य संपादित कराया गया अथवा कराया जा रहा है वह निर्धारित दरों की तुलना में कितना अधिक है? बिना स्वीकृति के कार्य संपादित करने के कारण विभागीय कौन-कौन अधिकारी/ कर्मचारी दोषी है? उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया (संजू भैया) ) : (क) प्रश्नांकित अवधि की योजनावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘अ‘ अनुसार है। (ख) जानकारी संकलित की जा रही है। (ग) जी नहीं। मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम अंतर्गत भारत सरकार के निर्देशानुसार भोजन पकाने की लागत राशि के समतुल्य मान से सूखा राशन (दाल एवं तेल) की आपूर्ति हेतु केन्द्रीय भण्डार को कार्यादेश जारी किए गए एवं मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम अंतर्गत संलग्न क्रियान्वयन एजेन्सियों यथा स्व-सहायता समूहों, शाला प्रबंधन समितियों एवं स्वयंसेवी संस्थाओं के माध्यम से वितरण का कार्य कराया गया। ततसंबंध में माननीय मंत्री जी से अनुमोदन प्राप्त किया गया। जी नहीं माननीय मंत्री जी द्वारा मुख्य सचिव म.प्र. शासन को सूखा राशन (दाल एवं तेल) वितरण के सत्यापन हेतु लेख किया गया न कि जाँच हेतु। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘ब‘ अनुसार है। (घ) आपूर्तिकर्ता एजेन्सी केन्द्रीय भण्डार द्वारा लक्षित शालाओं में दर्ज विद्यार्थियों को निर्धारित दरों में ही सूखा राशन (दाल एवं तेल) उपलब्ध कराया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
आरोपियों के विरूद्ध कार्यवाही
[गृह]
94. ( क्र. 438 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भिण्ड जिले के थाना लहार में पवन राजपूत ड्रायवर द्वारा दिनांक 15 एवं 16 मई 2021 की दरम्यानी रात में अज्ञात लोगों द्वारा उनके साथ मारपीट कर राशि रू. 32000/- एवं मोबाईल (नंबर 939959337) लूटने की शिकायत की थी? यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक पुलिस ने लूटी गई राशि एवं मोबाईल जप्त करने के संबंध में क्या कार्यवाही की गई? क्या पुलिस द्वारा फरियादी का मेडिकल परीक्षण कराया गया था? यदि हाँ, तो मेडिकल रिपोर्ट की छायाप्रति उपलब्ध कराएं। (ख) उक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में क्या श्री रामप्रताप सिंह निवासी ग्राम विजपुरा की रिपोर्ट पर थाना लहार में अपराध क्र. 243/2021 दिनांक 21.05.2021 में आवेदक द्वारा ड्रायवर की कॉल रिकार्डिंग की सी.डी. रिपोर्ट के प्रमाण पुलिस को देने के बाद भी पुलिस द्वारा अपराधियों से सांठगांठ कर अपराधियों को बचाने का प्रयास किया जा रहा है? यदि नहीं, तो अपराधियों को अभी तक गिरफ्तार न करने के क्या कारण है? (ग) क्या अपराध क्र. 243/2021 में फरियादी द्वारा लिखित आवेदन में अपराधी सिंधबाज माहौर के नाम का उल्लेख किया गया था? यदि हाँ, तो अपराधी सिंधबाज का नाम, एफ.आई.आर. में दर्ज न करने के क्या कारण हैं? (घ) क्या अपराध क्र. 243/2021 थाना लहार के अभियुक्त संजीवसिंह पर थाना डीपार जिला दतिया में अपराध क्र. 233/13, 270/13, 274/13, 118/14, 307/16, 1/14 एवं थाना रौन जिला भिण्ड में अपराध क्र. 04/13, 36/13 तथा थाना मिहोना जिला भिण्ड में अपराध क्र. 01/16, 68/17, 03/18, 04/18 तथा थाना लहार जिला भिण्ड में अपराध क्र. 243/21 दर्ज हैं? यदि हाँ, तो उक्त अपराध क्रमांकों एवं इस्तगासा क्र. 87/18 एवं इस्तगासा क्र. 25/20 में किन-किन धाराओं में अपराध पंजीबद्ध हैं? (ड.) क्या अपराध क्र. 321/16 में आरोपी संजीवसिंह को 05 वर्ष की सजा सुनाई गई है? यदि हाँ, तो सजायाफ्ता होने के बाद भी उक्त आरोपी को थाना प्रभारी द्वारा अभी तक गिरफ्तार नहीं किया गया है? यदि हाँ, तो सजायाफ्ता होने के बाद भी गिरफ्तार नहीं किए जाने के लिए जिम्मेदार थाना प्रभारी के विरूद्ध कार्यवाही की जाएगी? यदि नहीं, तो क्यों?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जिला भिण्ड के थाना लहार पर अभिषेक सिंह उर्फ सेंकी द्वारा दिनांक 15 एवं 16 मई 2021 की दरम्यानी रात में अज्ञात लोगों द्वारा उसके साथ मारपीट करने एवं उनके ड्रायवर पवन राजपूत से राशि 16000/- रूपये एंव 02 मोबाईल जिनमें से एक मोबाईल का आईएमईआई नम्बर 351577114587779 लूटने की शिकायत की थी। आवेदक द्वारा प्रस्तुत आवेदन पत्र की जाँच जारी है, जाँच में आए तथ्यों के आधार पर विधिसम्मत कार्यवाही की जावेगी। (ख) फरियादी रामप्रताप सिंह निवासी बिजपुरा की रिपोर्ट पर थाना लहार जिला भिण्ड में दिनांक 21.05.2021 को अपराध क्रमांक 243/21 दर्ज नहीं किया गया है। अपितु यह अपराध दिनांक 31.05.2021 को दर्ज किया गया है। आवेदक द्वारा ड्रायवर की कॉल रिकार्डिंग की सी.डी. थाना लहार पर प्रस्तुत नहीं की है। पुलिस द्वारा अपराधियों से साँठ-गाँठ कर उन्हे बचाने का प्रयास नहीं किया जा रहा है। प्रकरण की विवेचना जारी है। विवेचना में एकत्रित साक्ष्यों के आधार पर विधिसम्मत कार्यवाही की जाएगी। (ग) जी नहीं। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ड.) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
रोजगार सहायक की नियुक्ति में अनियमितता
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
95. ( क्र.
439 ) डॉ.
गोविन्द सिंह
: क्या
पंचायत
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) भिण्ड
जिले की जनपद
पंचायत लहार
जिला भिण्ड की
ग्राम पंचायत
मेहरा
बुजुर्ग के
रोजगार सहायक
श्रीमती
विनीता शर्मा
की नियुक्ति
के संबंध में
मुख्य
कार्यपालन
अधिकारी जिला
पंचायत भिण्ड
को पत्र
क्रमांक /
ज.पं./पंचा.प्रकोष्ठ/2020-21/965
लहार, दिनांक 06/03/2021
में मुख्य
कार्यपालन
अधिकारी जनपद
पंचायत लहार जिला
भिण्ड ने
नियुक्ति को
संदिग्ध
मानकर वरिष्ठ
अधिकारियों
से जाँच कराने
हेतु पत्र
दिया गया था? (ख)
यदि हाँ,
तो उक्त
प्रश्नांश
के
परिप्रेक्ष्य
में किस
अधिकारी से
जाँच कराई गई
एवं जाँच निष्कर्षों
के आधार पर क्या
आपराधिक
प्रकरण
पंजीबद्ध
कराकर
श्रीमती विनीता
शर्मा से वेतन
की वसूली की
जाएगी? यदि
नहीं, तो क्यों?
पंचायत
मंत्री ( श्री
महेन्द्र
सिंह
सिसौदिया
(संजू भैया) ) : (क)
जी हाँ। (ख)
ग्राम
पंचायत
मेहराजबुजुर्ग
जनपद पंचायत लहार
के रोजगार
सहायक
श्रीमती
विनीता शर्मा
की नियुक्ति
से संबंधित
प्रकरण की जाँच
संयुक्त
कलेक्टर
द्वारा की गई।
जाँच के निष्कर्षो
के आधार पर
कलेक्टर के
द्वारा
संबंधित को
नोटिस जारी
किया गया है।
शेषांश के लिए
विधिक
प्रक्रिया के
अनुसार
कार्यवाही की
जावेगी।
जय किसान फसल बीमा योजना का लाभ
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
96. ( क्र. 443 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा संभाग में फसल बीमा योजना के तहत वर्ष 2019 एवं 2020 में कुल किसानों का बीमा हुआ? इसमें कुल कितने किसानों को इस योजना का लाभ मिला एवं कितनी राशि दी गई? तहसीलवार विवरण देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में फसल बीमा हेतु शेष किसानों के ऋण कब तक माफ कर दिये जायेंगे? (ग) किसानों की संख्या एवं राशि का विवरण देवें।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री कमल पटेल ) : (क) रीवा संभाग की वर्ष 2019-20 एवं 2020-21 की तहसीलवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। खरीफ एवं रबी 2020-21 की दावा राशि वितरण प्रक्रियाधीन है। (ख) फसल बीमा हेतु शेष किसानों के ऋण माफ करने संबंधी प्रावधान योजना में नहीं है। (ग) उत्तरांश (ख) अनुसार प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
पुलिस की उदासीनता एवं लापरवाही
[गृह]
97. ( क्र. 458 ) श्री सूबेदार सिंह सिकरवार रजौधा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कैलारस थाने क्षेत्रांतर्गत ग्राम शेखपुर में दिनांक 17.04.2021 को रात्रि राजकुमार त्यागी की दर्दनाक हत्या कर दी गयी। तथा पुलिस को सूचना के उपरांत कोई भी अधिकारी घटना स्थल पर न आने से परिवारजन एवं आम नागरिक आक्रोशित हो गये? कानून व्यवस्था बिगड़ने की स्थिति के मद्देनजर प्रश्नकर्ता द्वारा घटना स्थल से तत्कालीन पुलिस अधीक्षक मुरैना को दूरभाष से अवगत कराने के उपरांत लगभग 3 से 4 घण्टे बाद थाना प्रभारी कैलारस पहुँचे? पुलिस का घटना स्थल पर विलंब से पहुँचने के क्या कारण रहे? (ख) क्या तत्कालीन पुलिस अधीक्षक एवं थाना प्रभारी द्वारा गंभीर घटना पर बरती गई उदासीनता, लापरवाही से कानून व्यवस्था बिगड़ने की स्थिति में पहुँच गई और आक्रोशजनों ने चक्का जाम कर दिया? यदि आक्रोशित भीड़ द्वारा कोई अप्रिय घटना घटित होती तो इसका जिम्मेदार कौन होता? (ग) क्या पुलिस के विलम्ब के कारण पर्याप्त साक्ष्य नहीं मिल पाये जिसका फायदा अज्ञात हत्यारों को मिला और आज दिनांक तक वह चिन्हित नहीं किये जा सके है? यदि हाँ, तो क्यों? यदि नहीं, तो हत्यारों को गिरफ्तार क्यों नहीं किया जा सका है? (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ग) के परिप्रेक्ष्य में दोषी पुलिस अधिकारियों पर कर्तव्यहीनता एवं घटना के प्रति उदासीनता के विरूद्ध कोई जाँच संस्थित की गयी है या की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों? उक्त प्रकरण की अद्यतन जानकारी देते हुए यह भी स्पष्ट करें कि हत्यारों की चिन्हित कर कब तक गिरफ्तार कर लिया जावेगा?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
वन रक्षकों द्वारा निर्दोष महावीर तोमर की हत्या पर कार्यवाही
[गृह]
98. ( क्र. 459 ) श्री सूबेदार सिंह सिकरवार रजौधा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दिनांक 13.06.2021 को मुरैना जिले के थाना नगरा में ग्राम अमोलपुरा निवासी महावीर तोमर पर वन रक्षकों द्वारा गोली चलाकर उनकी हत्या कर दी गई है? किस वन अधिकारी के आदेश से गोली चलाई गई स्पष्ट करें। (ख) क्या निर्दोष महावीर तोमर की हत्या में वरिष्ठ अधिकारियों पर कोई भी कार्यवाही नहीं की गई जबकि छोटे कर्मचारियों वन रक्षकों पर हत्या एवं अन्य धाराओं में प्रकरण दर्ज किया गया है? क्या इस घटना में वरिष्ठ वन अधिकारियों पर कार्यवाही पर प्रकरण दर्ज किया जावेगा? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में जिस वरिष्ठ अधिकारी ने गोली चलाने का वन रक्षकों को आदेश दिया उन पर कब तक हत्या एवं अन्य धाराओं में प्रकरण दर्ज कर लिया जावेगा और घटना में आरोपित वन रक्षकों की गिरफ्तारी कब तक होगी?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। दिनांक 13.06.2021 को जिला मुरैना के थाना नगरा के ग्राम अमोलपुरा में उत्पन्न हुई परिस्थितियों के फलस्वरूप गोली चालन में महावीर तोमर की गोली लगने से हुई हत्या पर अपराध क्रमांक 85/21 धारा 302, 294, 147, 148, 149, ताहि0 का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया, जिसका अनुसंधान जारी है। विवेचना में किसके आदेश से गोली चलाई गई है, इस संबंध में साक्ष्य संकलन किया जा रहा है। (ख) हत्या के संबंध में प्रकरण विवेचनाधीन है। अनुसंधान में एकत्रित साक्ष्यों के आधार पर आरोपियों के विरूद्ध विधिसम्मत कार्यवाही की जावेगी। (ग) प्रकरण विवेचनाधीन है। अनुसंधान में आये साक्ष्यों के आधार पर विधिसम्मत कार्यवाही की जावेगी। प्रकरण में एक आरोपी वनरक्षक प्रमोद सिंह तोमर को गिरफ्तार किया गया है। शेष आरोपियों की गिरफ्तारी के प्रयास जारी है।
जघन्य हत्या काण्ड की जाँच
[गृह]
99. ( क्र. 461 ) श्री सज्जन सिंह वर्मा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या देवास जिले के नेमावर थाना अंतर्गत नेमावर निवासी आदिवासी वर्ग के 05 सदस्यों जिसमें श्रीमती ममता पति मोहनलाल, आयु 45 वर्ष, कु. रूपाली आयु 21 वर्ष, दीपाली आयु 14 वर्ष, पूजा ओसवाल पिता रवि ओसवाल, आयु 15 वर्ष एवं पवन ओसवाल आयु 14 वर्ष जो नेमावर बस स्टैण्ड के पास घर से 13 मई 2021 से लापता थे उन की गुमशुदगी की रिपोर्ट पीड़ित परिवार की लड़की सुश्री भारती के द्वारा दिनांक 17 मई 2021 को नेमावर थाने में दर्ज कराने हेतु आवेदन दिया था? यदि हाँ, तो पुलिस द्वारा क्या कार्यवाही की गई? (ख) क्या दिनांक 19.06.2021 को पुलिस द्वारा शंका के आधार पर संदिग्ध आरोपी श्री सुरेन्द्र राजपूत निवासी नेमावर को पूछताछ हेतु थाने में बुलाकर छोड़ दिया गया एवं दिनांक 27.06.2021 को पुलिस द्वारा सुरेन्द्र राजपूत को पुन: थाने में बुलाकर पूछताछ की गई तो उसने उक्त पाँच लोगों की हत्या कर अपने खेत में 10 फीट गहरे गड्ढे में नमक डालकर दफन करना स्वीकार किया गया तथा पुलिस द्वारा दिनांक 29.06.2021 को आरोपी के खेत में 10 फीट गहरे गड्ढे में उक्त पांचों मृतकों के शव बरामद किए गए? (ग) यदि हो तो क्या आरोपियों ने जिस दुकान से नमक खरीदी उस दुकानदार के बयान पुलिस द्वारा लिए गए? यदि नहीं, तो क्यों तथा उक्त जघन्य हत्याकांड में किन-किन के विरूद्ध किन-किन धाराओं में प्रकरण पंजीबद्ध किया गया? आरोपियों के नाम, पिता का नाम, आयु, पता एवं उनके किन-किन राजनैतिक दलों से संबंध हैं? (घ) क्या आरोपियों के कॉल डिटेल्स निकाले गए एवं आरोपियों द्वारा हत्या में किन-किन हथियारों का प्रयोग किया गया एवं क्या मृतकों की बिसरा रिपोर्ट प्राप्त हो गई? (ड.) क्या प्रश्नकर्ता एवं कांग्रेस पक्ष के विधायकगणों एवं आदिवासी/सामाजिक संगठनों द्वारा उक्त प्रकरण की सी.बी.आई. जाँच कराए जाने की मांग, ज्ञापन देकर की गई है? यदि हाँ, तो क्या सी.बी.आई. जाँच के आदेश दिए गए हैं? यदि नहीं, तो क्यों?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) दिनांक 17.05.2021 को सुश्री भारती के द्वारा जिला देवास के नेमावर थाने में आवेदन पत्र नहीं दिया था अपितु मौखिक रिपोर्ट करने पर गुम ईंसान क्र. 15/21 दर्ज कर जाँच में लिया गया था। सुश्री भारती द्वारा गुमशुदगी रिपोर्ट में दीपाली नहीं अपितु दिव्या नाम लिखाया गया था। स्थानीय पुलिस द्वारा विभिन्न पुलिस टीम भिजवाकर उन्हें खोजने के निरन्तर प्रयास किये गये। बाद में अपहरण की सूचना पर प्रकरण पंजीबद्ध कर विवेचना के दौरान उनकी हत्या का साक्ष्य मिलने पर विधिवत समस्त आरोपियों को गिरफ्तार कर चालान न्यायालय में पेश किया गया। (ख) जी नहीं। दिनांक 29.06.2021 को प्रकरण की विवेचना में साक्ष्य के आधार पर आरोपी सुरेन्द्र राजपूत के खेत में 10 फीट गहरे गडडे में से उक्त पाँचों मृतकों के शव बरामद किये गये। (ग) जी हाँ। दुकानदार के कथन लिये गये। अनुसंधान में आरोपीगण 1.मनोज पिता मांगीलाल जाति कोरकू उम्र 21 साल नि. रेतनाका नेमावर 2.विवेक पिता गोपाल प्रसाद तिवारी उम्र 24 साल नि. खाईपार नेमावर 3.विरेन्द्र उर्फ भूरू पिता लक्ष्मण सिंह राजपूत उम्र 22 साल नि. रेतनाका नेमावर 4.करण पिता गुरूप्रसाद कोरकू उम्र 20 साल नि. रेतनाका नेमावर 5.राजकुमार पिता तेजाराम जाति कीर उम्र 19 साल नि. तुरनाल 6.सुरेन्द्र पिता लक्ष्मण सिंह जाति राजपूत उम्र 24 साल नि. रेतनाका नेमावर 7.राकेश पिता भागीरथ निमाड़े जाति बलाई उम्र 24 साल नि. हीरापुर थाना हण्डिया जिला हरदा। 8. धर्मेन्द्र उर्फ माइकल पिता गबुलाल जाति कोरकू निवासी रेतनाका नेमावर 9.अरविन्द पिता दयाराम जाति कोरकू उम्र 22साल निवासी रेतनाका नेमावर के विरूद्ध धारा 302, 201, 364, 376, 376 (2), 120-बी, 34 भादवि एवं 3 (2) (अ) अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम एवं 66-बी, 66-सी सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम पाक्सो एक्ट की धारा 5-एल/6 का अपराध सिद्ध पाया जाने से चालान माननीय न्यायालय मे पेश किया गया है। आरोपियों का किसी राजनैतिक दल विशेष से संबंध होने के तथ्य नहीं हैं। (घ) जी हाँ, आरोपियों के कॉल डिटेल्स निकाले गये। आरोपियों द्वारा हत्या में लोहे की रॉड, बाँस के डण्डों एवं रस्सी का उपयोग किया गया। मृतकों का विसरा परीक्षण हेतु भेजा गया है, जिनकी जाँच रिपोर्ट प्राप्त होना शेष है। (ड.) जी हाँ, ज्ञापन दिया गया। प्रकरण में विवेचना पूर्ण कर स्थानीय पुलिस द्वारा चालान न्यायालय में दिनांक 20.07.21 को पेश किया जा चुका है। सी.बी.आई. जाँच के आदेश नहीं दिए गये है।
महिलाओं की सुरक्षा
[गृह]
100. ( क्र. 462 ) श्री सज्जन सिंह वर्मा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पुलिस मुख्यालय में उपलब्ध जानकारी के अनुसार माह मार्च 2021 से 15 जुलाई 2021 तक की अवधि में प्रदेश में अबोध बालिकाओं/वयस्क एवं अवयस्क महिलाओं के साथ सामूहिक बलात्कार/बलात्कार एवं उनकी हत्या किए जाने की घटनाएं घटित हुई हैं? जिलेवार अपराधवार योग संख्या सहित प्रतिशत में ब्यौरा दें। (ख) क्या दिनांक 22 जून 2021 को धार जिले के टांडा थानांतर्गत ग्राम पीतलवा में युवतियों को अर्धनग्न कर उनके साथ बर्बरतापूर्वक पिटाई किए जाने, दिनांक 05 जुलाई 2021 को मुरैना जिले के अम्बाह कस्बे में 05 वर्ष की अबोध बालिका का अपहरण कर उसके साथ दुष्कर्म कर उसकी हत्या करने, दिनांक 6-7 जुलाई 2021 को मुरैना जिले के जौरा कस्बे में 06 वर्षीय मासूम बालिका के साथ ज्यादती करने एवं गुना जिले के बजरंगगढ़ थानांतर्गत 03 वर्ष की अबोध बालिका का अपहरण कर उसके साथ दुष्कर्म किए जाने की घटना घटित हुई है? (ग) यदि हाँ, तो उक्त तीनों घटनाओं में किन-किन आरोपियों के विरूद्ध किन-किन धाराओं में कब-कब प्रकरण पंजीबद्ध कर उन्हें गिरफ्तार किया गया? यदि नहीं, तो क्यों?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) पुलिस मुख्यालय में उपलब्ध जानकारी के अनुसार माह मार्च 2021 से 15 जुलाई 2021 तक की अवधि में प्रदेश मे अबोध बालिकाओं/वयस्क एवं अवयस्क महिलाओं के साथ सामूहिक बलात्कार और बलात्कार एवं उनकी हत्या किए जाने की घटित घटनाओं की जिलेवार अपराध वार योग संख्या सहित प्रतिशत पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) दिनांक 22 जून 2021 को धार जिले के टांडा थानान्तर्गत ग्राम पीपलवा में युवतियों के साथ बर्बरता पूर्वक पिटाई किए जाने की घटना हुई है। दिनांक 05 जुलाई 2021 को मुरैना जिले के अम्बाह कस्बे में 05 वर्ष की अबोध बालिका का अपहरण कर उसके साथ दुष्कर्म कर उसकी हत्या करने की घटना हुई है। दिनांक 6-7 जुलाई 2021 को मुरैना जिले के जौरा कस्बे में 06 वर्षीय मासूम बालिका के साथ ज्यादती करने की घटना हुई है। गुना जिले के बजरगढ थानांतर्गत 03 वर्ष की अबोध बालिका का अपहरण कर उसके साथ दुष्कर्म किये जाने की घटना हुई है। (ग) (1) जिला धार थाना टांडा अप0क्र0 - 1972021 धारा - 147, 148, 341, 294, 323, 506, इजाफा धारा 307 भादवि अपराध पंजीयन दिनांक - 26/06/21 आरोपी संख्या -07 नाम आरोपी-1. सुरेश भील 2. पारू भील 3. कालो भील 4. विक्रम भील 5. छीतू भील 6. समतू भील सर्वनिवासी ग्राम पिपलवा 7. हीरालाल बामनिया निवासी भेडिया करचट। गिरफ्तारी दिनांक 26.06.2021 (समस्त आरोपी गण)। (2) (i) जिला मुरैना थाना अम्बाह अप0 क्र0- 551/21 धारा 302, 363, 365, 364, 376, ए, बी 376 (2) (एम) ताहि 3/4 5 एम/6 पॉक्सो एक्ट 11, 13 एम0पी0डी0के0अपराध पंजीयन दिनांक -05.07.2021 आरोपी संख्या - 01नाम अरोपी-अमन उर्फ छोटू तोमर गिरफ्तारी दिनांक -06.07.2021 (ii) जिला मुरैना थाना जौरा अप0 क्र0 -415/21धारा - 376, 377 ताहि 5/6, 3/4 पॉक्सो एक्ट 2012 अपराध पंजीयन दिनांक- 06.07.2021आरोपी संख्या-01नाम आरोपी-विधि विरूद्ध बालक गिरफ्तारी दिनांक 07.07.2021 (3) जिला गुना महिला थाना अप0क्र0 - 02/21धारा -363, 366-ए, 376-एबी भादवि 5 एम/6 पॉक्सो एक्ट अपराध पंजीयन दिनांक - 05.07.2021 आरोपी संख्या -01 नाम आरोपी - आरोपी भोला उर्फ पूरन जिला गुना। गिरफ्तारी दिनांक 05.07.2021।
कार्यों की प्रगति
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
101. ( क्र. 466 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पंचयात एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा मनरेगा योजना से खेल मैदान, सुदूर ग्राम सड़क गौशाला निर्माण मंदिर सरोवर, मंदिर कुंज वृक्षारोपण कार्य, निजी खेत में फलोद्यान, निर्मल नीर एवं खेत तालाब कार्य कराये जा रहे हैं? (ख) यदि हाँ, तो वर्ष 2018-19 से लेकर वर्ष 2020 -21 प्रश्न दिनांक तक जावरा एवं पिपलौदा विकासखंड (जनपद) में कार्यों की स्वीकृतियां कुल कितनी राशि की, की गई? वर्षवार बताऐं। (ग) साथ ही अवगत कराएं कि उपरोक्तानुसार विगत वर्षों में किये गये स्वीकृत कार्य कितने पूर्ण हुए कितने अपूर्ण रहे, उन पर कितनी राशि व्यय हुई? साथ ही उपरोक्त कार्यों का भौतिक सत्यापन कब-कब किस सक्षम अधिकारी की उपस्थिति में किया गया? (घ) बताएँ कि इन कार्यों के साथ उपरोक्त वर्षों में दोनों जनपदों में मनरेगा योजना की राशि के माध्यम से नवीन सामुदायिक तालाब, चेकडेम व कटूंर ट्रेंच की संरचनाओं पर कितनी संख्या में, कितनी राशि से स्वीकृत होकर व्यय हुआ? वर्षवार अवगत कराएं।
पंचायत मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया (संजू भैया) ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रश्नाधीन अवधि में जावरा एवं पिपलोदा विकासखण्ड में राशि रू. 5268.46 लाख से 1876 कार्यों की स्वीकृतियां की गई। प्रश्नांश की शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ग) प्रश्नाधीन अवधि में 333 कार्य पूर्ण, 1543 कार्य अपूर्ण एवं 2716.61 लाख राशि व्यय हुई। व्यय राशि की विस्तृत जानकारी संलग्न परिशिष्ट-2 अनुसार है। कार्यों का भौतिक सत्यापन समय-समय पर उपयंत्री एवं सहायक यंत्री द्वारा किया गया है। (घ) प्रश्नाधीन अवधि में दोनों जनपदों में मनरेगा योजना की राशि से 495 नवीन सामुदायिक तालाब, चेकडेम व कंटूर ट्रेंच की संरचनाओं पर राशि रू. 1664.67 लाख से स्वीकृत होकर व्यय हुआ। वर्षवार एवं कार्यवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट-3 अनुसार है।
संविधान की पांचवीं अनुसूची
[जनजातीय कार्य]
102. ( क्र. 588 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) संविधान की 5वीं अनुसूची में कितनी धारा है? धारा 4 एवं धारा 5 में आदिवासियों से संबंधित किस-किस विषय पर क्या-क्या प्रावधान दिए गए है, धारा 4 के तहत राजपत्र में किस-किस दिनांक को नियम एवं संशोधन अधिसूचित किए गए? प्रति सहित बताएं। (ख) दिनांक 4 सितम्बर 2019 को प्रकाशित अधिसूचना में किस-किस कों मंत्रणा परिषद् का सदस्य बनाया गया उसे किन प्रावधानों के तहत किन-किन कारणों से हटाया जाकर दिनांक 4 दिसम्बर 2020 को किस-किस को मंत्रणा परिषद् का सदस्य अधिसूचित किया गया। (ग) धारा 4 में मंत्रणा परिषद् का अध्यक्ष माननीय मुख्यमंत्री एवं उपाध्यक्ष माननीय जनजातीय कार्य मंत्री को बनाए जाने के संबंध में क्या-क्या प्रावधान किस-किस उपधारा में दिया गया है, मंत्रणा परिषद् में गैर आदिवासियों को शामिल करने का प्रावधान नियम के किस नियम में है? (घ) जनवरी 2017 से प्रश्नांकित दिनांक तक मंत्रणा परिषद् की किस-किस दिनांक को बैठक आयोजित कर कितने प्रस्ताव राज्य मंत्रालय द्वारा पेश किए गए? उक्त प्रस्तावों पर क्या-क्या निर्णय लिया गया?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) संविधान की पांचवी अनुसूची में 07 धाराएं है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ’’अ’’ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ’’ब’’ अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ’’स’’ अनुसार है। (घ) दिनांक 21.03.2018, 09.01.2020 एवं 23.12.2020 को आदिम जाति मंत्रणा परिषद् की बैठक आयोजित की गई। तीनों बैठकों में प्रस्तुत किए गए प्रस्तावों पर हुई चर्चा एवं उस पर लिए गए निर्णय का कार्यवाही विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'द' अनुसार है।
जी.एस.टी. की कटौती कर भुगतान
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
103. ( क्र. 589 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला पंचायत धार, बैतूल, विदिशा, रायसेन एवं इन जिलों की जनपद पंचायतों ने गत एक वर्ष में शासकीय परिपत्र F.No. S.31011/11/2018-ST-I-DoR Government of India Ministry of Finance Department of Revenue New Delhi, Dated the 14th September 2018 के अनुसार जी.एस.टी. फार्म आर-7 में जानकारी विभाग के समक्ष प्रस्तुत नहीं की है। (ख) यदि हाँ, तो जिला पंचायत एवं जनपद पंचायतों को किन-किन को किए जाने वाले भुगतान में किस दर से जी.एस.टी. की कटौती कर जी.एस.टी. फार्म आर.-7 में जानकारी प्रस्तुत करना है। (ग) जी.एस.टी. आर.-7 में जानकारी प्रस्तुत नहीं करने पर विभाग ने किस-किस दिनांक को किस जिला पंचायत एवं किस जनपद पंचायत के विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की है, यदि कार्यवाही नहीं की हो तो उसका कारण बताएं। (घ) विभाग कब तक शासकीय राजस्व की हानि पहुंचानें वालों के विरूद्ध कार्यवाही करेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया (संजू भैया) ) : (क) जिला धार अंतर्गत जिला पंचायत एवं जनपद पंचायत के द्वारा दिनांक 14 सितम्बर, 2018 के परिपत्र अनुसार जी.एस.टी. फार्म-7 में जानकारी सहित प्राप्त कटौत्रा की राशि आनलाईन जमा की गयी हैं। जिला बैतूल, विदिशा, रायसेन की जिला पंचायत एवं जनपद पंचायतों में राशि 2.50 लाख से अधिक की सामग्री क्रय नहीं किये जाने के कारण जी.एस.टी. फार्म-7 जमा नहीं किया गया हैं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट-‘‘अ‘‘ अनुसार हैं। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट-‘‘ब‘‘ अनुसार हैं। (ग) प्रश्नांश ‘‘क‘‘ के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता हैं। (घ) प्रश्नांश ‘‘क‘‘ के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता हैं।
जुर्माने की कार्यवाही
[गृह]
104. ( क्र. 634 ) श्री शशांक श्रीकृष्ण भार्गव : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विदिशा पुलिस एवं स्थानीय राजस्व अधिकारियों द्वारा वर्ष 2020-21 और 2021-22 मे कोरोना काल में बगैर मास्क लगाकर घर से निकलने वालो के खिलाफ व दुकानों को लेकर व्यापारियों के खिलाफ एवं मोटरसाइकिल सहित अन्य वाहनों के कागज चैक करने के नाम पर जुर्माने की कार्यवाही की गई? (ख) यदि हॉ तो कितने नागरिकों के खिलाफ कितनी - कितनी राशि के चालान अथवा अन्य रसीदे जुर्माने के रूप में बनाई गई। क्या शासन स्तर से जुर्माने बनाये जाने के आदेश थे तो आदेश की प्रति उपलब्ध कराये, एवं जुर्माने की राशि किस हेड में जमा कराई गई है, कुल जमा राशि की जानकारी उपलब्ध कराये? व इस राशि का क्या उपयोग किया गया है उसकी जानकारी उपलब्ध कराये?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) पुलिस द्वारा कोरोना काल में बगैर मास्क लगाये पाये गये व्यक्तियों पर राजस्व व स्थानीय प्रशासन के साथ कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी विदिशा के आदेश क्रमांक क्यू-3/एसडब्ल्यू/2021/4137 विदिशा दिनांक 26.03.2021 के पालन में प्रदत्त निर्देशों के परिप्रेक्ष्य में एवं जिला क्राईसेस मैनेजमेंट कमेटी तथा स्थानीय व्यापारिक संगठनों के विचार-विमर्श उपरान्त विदिशा जिले की समस्त राजस्व सीमाओं के लिए दण्ड प्रक्रिया संहिता-1973 की धारा-144 के अंतर्गत संयुक्त कार्यवाही की गई है। आदेश की छायाप्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। कोरोना काल में वाहन चालकों द्वारा यातायात नियमों का उल्लघंन करने पर पुलिस द्वारा वाहन चालकों के विरूद्ध मोटर व्हीकल एक्ट की विभिन्न धाराओं के अंतर्गत कार्यवाही की गई है। (ख) कोरोना काल में बगैर मास्क लगाये पाये गए 19, 092 व्यक्तियों पर चालानी कार्यवाही कर राशि 2421720/- जुर्माना वसूल किया गया। इसी क्रम में मोटर व्हीकल एक्ट के अंतर्गत 19289 चालान बनाये जा कर राशि 3888900/- समन शुल्क वसूल किया गया। बगैर मास्क जुर्माना राशि राजस्व विभाग द्वारा जमा कराई गई है। मोटर व्हीकल एक्ट के अंतर्गत समन शुल्क राशि पूर्व वित्तीय वर्ष 0041-800-0555 में तथा वर्तमान वित्तीय वर्ष 0055-103-9685 हेड में जमा की जाती है। बगैर मास्क जमा राशि रूपये 2421720/- मोटर व्हीकल एक्ट जमा राशि समन शुल्क-रूपये 6888900/-।
कृषि यंत्रों की खरीदी पर सब्सीडी की प्रक्रिया
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
105. ( क्र. 837 ) श्री नर्मदा प्रसाद प्रजापति (एन. पी.) : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश शासन द्वारा राजस्व विभाग के अंतर्गत राज्य के किसानों को कृषि कार्य के उपकरण हेतु कौन-कौन सी योजनाओं के अंतर्गत केन्द्र एवं राज्य सरकार की सब्सीडी योजना संचालित हैं इसके क्या नियम एवं निर्देश हैं इसका लाभ लेने के लिये किसानों को किस-किस श्रेणी में विभाजित किया गया है। श्रेणीवार विवरण दें। इसके लिये किसानों को क्या प्रक्रिया अपनानी होती है? (ख) क्या इसके लिए किसानों को पोर्टल सुविधा के अनुसार ऑनलाईन आवेदन करना होता है। यदि हाँ, तो इसके लिये उन्हें शासन द्वारा किस प्रकार से अवगत कराया जाता हैं इसके लिए उन्हें कितना समय दिया जाता है ताकि वे सुविधानुसार आवेदन कर सके। क्या सुविधाओं का लाभ राज्य स्तर, संभाग स्तर, जिला स्तर एवं विकास खण्ड स्तर पर कोई कोटा निर्धारित किया जाता है। जानकारी दें। इस प्रकार की योजनाएं वर्ष में कितनी बार किसानों के लिये खोली जाती है? (ग) क्या इन योजनाओं के अंतर्गत किसानों को ऑनलाईन आवेदन करना होता है किन्तु किसानों को पूर्व में जानकारी नहीं होने के कारण तथा अशिक्षित होने से इसका लाभ गरीब किसानों को प्राप्त नहीं हो रहा है ऐसे में क्या शासन इन गरीबएवं अशिक्षित किसानों की असुविधा को देखते हुए ऑनलाईन आवेदन के साथ ऑफलाईन कर पर्याप्त समय देने पर विचार करेगा?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री कमल पटेल ) : (क) विभाग द्वारा संचालित केंन्दीय कृषि योजनाएं, ''सब मिशन ऑन एग्रीकल्चर मेकेनाइजेशन (एस.एम.ए.एम.) '', ''राष्ट्रीय कृषि विकास योजना'' एवं ''राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन योजना'' तथा राज्य की ''कृषि यंत्रीकरण के प्रोत्साहन की राज्य योजना'' अंतर्गत किसानों को सामान्य (लघु/सीमान्त/महिला/अन्य) अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जन जाति श्रेणियों मे विभाजित किया गया है। योजनाओं के दिशानिर्देश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अ, ब, स एवं द अनुसार है। (ख) जी हाँ, कृषि यंत्रों तथा उपकरणों पर अनुदान हेतु शासन द्वारा ई-कृषि यंत्र अनुदान पोर्टल संचालित है। जिस पर कृषकों को ऑनलाईन आवेदन प्रस्तुत किया जाना होता है। योजनान्तर्गत लक्ष्यों का प्रदाय पोर्टल पर प्रकाशित किया जाता है। लक्ष्य जारी किये जाने के उपरांत कृषकों को 10 दिवस का समय अपने आवेदन ऑनलाईन प्रस्तुत करने हेतु दिया जाता है। योजनाओं अंतर्गत उपलब्ध बजट राशि को देखते हुए यंत्रों के लक्ष्य राज्य स्तर/ जिलेवार प्रदाय किये जाते हैं। पर्याप्त लक्ष्य उपलब्ध होने पर उनका विभाजन विकासखण्ड स्तर तक भी किया जाता है। इस हेतु कोई कोटा पूर्व से निर्धारित नहीं है। पोर्टल पर लक्ष्यों का प्रदाय सामान्यत: रबी तथा खरीफ फसलों के समय किया जाता है।परन्तु बजट उपलब्धता तथा मांग को देखते हुए वर्ष में आवश्यकतानुसार लक्ष्य प्रसारित किये जाते हैं।प्रदेश के सभी वर्ग एवं क्षेत्र के किसानों के लिये यह सुविधा उपलब्ध है तथा क्षेत्रीय आवश्यकताओं लक्ष्यों को दिया जाता है। (ग) ई-कृषि यंत्र अनुदान पोर्टल पर दिये गये लक्ष्यों अंतर्गत कृषकों से ऑनलाईन आवेदन प्राप्त किये जाते हैं। प्रदेश के सभी कृषकों को आवेदन प्रस्तुत करने का अवसर दिये जाने की दृष्टि से 10 दिवस की अवधि आवेदन प्रस्तुत करने हेतु दी जाती है। इस अवधि में कृषक प्रदेश में विस्तृत रूप से फैले कम्प्यूटर केओस्क नेटवर्क जिसमें एम.पी.ऑनलाईन तथा जन सुविधा केन्द्र के केओस्क शामिल हैं तथा विस्तृत डीलर नेटवर्क के माध्यम से भी अपने आवेदन प्रस्तुत कर सकते हैं। प्रदाय लक्ष्यों के विरूद्ध पर्याप्त संख्या में आवेदन प्रदेश के सभी जिलों तथा सभी श्रेणी में प्राप्त होते हैं। लक्ष्य से अधिक आवेदन प्राप्त होने के कारण प्राथमिकता सूचियों का निर्धारण कम्प्यूटर लॉटरी के माध्यम से किया जाता है। अत: यह कहना उचित नहीं हैं कि गरीब व अशिक्षित किसानों को ऑनलाईन आवेदन में असुविधा हो रही है। भारत सरकार द्वारा अपनी योजनाओं अंतर्गत आवेदन पोर्टल के माध्यम से प्राप्त करने की बाध्यता की गई हैं। ऑनलाईन व्यवस्था लागू होने से योजनाओं में उपकरण वितरण तथा अनुदान प्रदाय में पारदर्शिता बढ़ी है। अत: ऑफलाईन सिस्टम लागू किया जाना संभव नहीं है।
पद पर नियुक्ति
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
106. ( क्र. 841 ) श्री हर्ष यादव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सागर जिला पंचायत सी.ई.ओ. ने आदेश क्र.2904 दिनांक 17.02.2021 से बालिका छात्रावास नरयावली जिला सागर में संविदा सहायक वार्डन के पद पर नियुक्ति की गई क्या प्रश्नकर्ता के ध्यानाकर्षण सूचना क्रं.494 दिनांक 26.02.2021 के संदर्भ में कलेक्टर सागर ने सी.ई.ओ; द्वारा की गई नियुक्ति को अनेक कारणों से अवैध मानकर आदेश क्र.3028 दिनांक 04.03.2021 से निरस्त कर दी। (ख) जब पूरी नियुक्ति प्रक्रिया में सी.ई.ओ. शामिल रहे उनके हस्ताक्षर से नियुक्ति आदेश जारी हुआ, अवैध नियुक्ति कलेक्टर सागर के प्रश्न (क) संदर्भित आदेश से निरस्त हुई, फिर सी.ई.ओ. जिला पंचायत सागर के ऊपर दण्डात्मक कार्यवाही अब तक क्यों नहीं की गई? (ग) क्या प्रश्नकर्ता ने मुख्य सचिव म.प्र. को पत्र क्रमांक 732 दिनांक 04.04.2021 सी.ई.ओ. एवं दोषियों पर दण्डात्मक कार्यवाही हेतु लिखा है? (घ) क्या मुख्य सचिव, म.प्र.शासन ने कार्यवाही हेतु पत्र प्रमुख सचिव सामान्य प्रशासन विभाग को भेजा है? यदि हाँ, तो सी.ई.ओ. एवं अन्य पर क्या दण्डात्मक कार्यवाही होगी? कब तक होगी?
पंचायत मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया (संजू भैया) ) : (क) जी हाँ, जी हाँ। (ख) म.प्र. शासन, सामान्य प्रशासन विभाग मंत्रालय, वल्लभ भवन भोपाल के पत्र क्र.1385/ 1306 /2021/दो/एक, दिनांक 10.06.2021 के अनुक्रम में प्रकरण की जाँच कमिश्नर, सागर संभाग, सागर में प्रचलन में है। (ग) जी हाँ। (घ) जी नहीं। मुख्य सचिव कार्यालय से पत्र क्रमांक मु.स./जन/सीपी/3653/, दिनांक 03.05.2021 द्वारा प्रमुख सचिव, स्कूल शिक्षा विभाग को आवश्यक कर्यावाही हेतु भेजा है। प्रश्नांश (ख) में उल्लेखानुसार कमिश्नर, सागर संभाग, सागर में जाँच की कार्यवाही प्रचलित है।
कोरोना योद्धा पुलिस कर्मियों की मृत्यु उपरांत आर्थिक सहायता दी जाना
[गृह]
107. ( क्र. 877 ) श्री सज्जन सिंह वर्मा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कोविड 19 महामारी से प्रथम लहर एवं द्वितीय लहर में कितने-कितने पुलिस अधिकारी कर्मचारियों की मृत्यु हुई है? इन कर्मचारियों के किन-किन आश्रितों को अनुकम्पा नियुक्ति एवं आर्थिक सहायता कितनी-कितनी राशि की दी गई है? यदि नहीं, दी गई है, जिलेवार नामवार सूची दें। (ख) क्या उक्त कोरोना योद्धाओं को मृत्यु उपरांत राज्य सरकार द्वारा घोषित राशि 50-50 लाख रूपये नहीं दिये गये हैं? यदि हाँ, तो किन कारणों से? इनके परिजनों को कब तक घोषित राशि कब तक दी जायेगी? यदि नहीं, तो क्यों?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जिलों की पुलिस इकाईयों से प्राप्त जानकारी के अनुसार दिनांक 01.04.2020 से 30.06.2021 तक की अवधि में कोविड-19 महामारी से 73 पुलिस अधिकारी एवं 83 कर्मचारियों की मृत्यु हुई हैं। इन कर्मचारियों के आश्रितों को अनुकंपा नियुक्ति संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं आर्थिक सहायता संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार हैं। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार हैं। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं हैं।
भाग-3
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
प्रधानमंत्री/मुख्यमंत्री
ग्राम सडक
योजना में
प्रस्तावित
सड़क मार्ग
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
1. ( क्र. 12 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रधानमंत्री/मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना में ग्वालियर जिले में 1 जनवरी 2018 से प्रश्न दिनांक तक किस-किस विकास खण्ड में किस-किस रोड के नवीन प्रस्ताव तथा पुरानी रोडों के उन्नयन या मेन्टीनेन्स के लिये प्रस्ताव कब-कब भेजे गये है? पत्रों की प्रतिया दें। भेजे गये प्रस्तावों की प्रश्न दिनांक की स्थिति में स्वीकृति की क्या स्थिति है? क्या सिमरियाटाँका से ए.वी. रोड तक जो अति महत्वपूर्ण रोड है वह खराब हालत में है तथा रोड़ की चौड़ाई कम है, तथा रोड़ बहुत ऊँचा एवं ढलानदार है जिस पर आये दिन दुर्घटनायें होती है इसको चौड़ा कर तथा ढलानों एवं उँचाई को समतल कर नवीन निर्माण कराया जावेगा? यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं तो कारण बतावें। (ख) ग्वालियर जिले में 1 अप्रैल 2018 से प्रश्न दिनांक तक प्रधानमंत्री/मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के अन्तर्गत कौन-कौन सी रोडों की स्वीकृति प्राप्त हुई थी? रोड का नाम, विकासखण्ड का नाम, किस स्थान से किस स्थान तक कितनी राशि से किस दर पर रोड स्वीकृत हुई है? रोड का निर्माण कार्य किस ठेकेदार/ऐजेन्सी द्वारा किस दिनांक से प्रारम्भ कराया गया था? किस-किस अधिकारी/यंत्री के सुपरवीजन में कार्य कराया गया था तथा कराया जा रहा है? प्रश्न दिनांक में उनकी भौतिक तथा वित्तीय स्थिति क्या है?
पंचायत मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया (संजू भैया) ) : (क) प्रधानमंत्री/मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना में ग्वालियर जिले में 1 जनवरी 2018 से प्रश्न दिनांक तक विकासखण्डवार नवीन प्रस्ताव/ स्वीकृति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है एवं उन्नयन/मेंटनेंस की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। ए.बी. रोड से सिमरिया टांका मार्ग पॉंच वर्ष के पश्चात् संधारण अवधि में पैकेज क्रमांक एमपी14एमटीएन019 के अंतर्गत आता है। मार्ग के संधारण की स्थिति संतोषजनक है। सम्पूर्ण मार्ग लम्बाई में वन क्षेत्र से होकर गुजरता है। वन विभाग से मार्ग निर्माण की अनुमति अनुसार 3 मीटर चौड़ाई में डामरीकृत मार्ग निर्मित किया गया। वर्तमान में मार्ग को चौड़ा करने तथा ढलानों एवं ऊंचाई को समतल कर नवीन निर्माण का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं हैं। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है।
मध्यप्रदेश राजपत्र कमांक 299 अनुसार नियुक्ति
[जनजातीय कार्य]
2. ( क्र. 13 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मध्यप्रदेश राजपत्र के प्राधिकार से प्रकाशित कमांक 299,भोपाल, गुरुवार दिनांक 31 मई 2018 सामान्य प्रशासन विभाग मंत्रालय वल्लव भवन, भोपाल के संशोधन 4-ख आदिम जनजातियों के किसी विशेष उपबंध जो मध्यप्रदेश के राज्यपाल के नाम से आदेशानुसार है, उसकी प्रति दें। (ख) प्रश्नांश (क) के आदेशानुसार आदेश दिनांक से प्रश्न दिनांक तक मध्यप्रदेश के किस-किस जिले में कितने पदों पर कितने अवेदकों को भर्ती प्रक्रिया को अपनाये बिना नियुक्त किया गया है? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) के अनुसार आदेश दिनांक से प्रश्न दिनांक तक ग्वालियर, शिवपुरी, गुना, श्योपुर, मुरैना में कोई नियुक्ति की है? यदि हाँ तो आवेदक का नाम,जाति, किस पद पर, नियुक्ति दी है? आदेश क्रमांक दिनांक बताएं। यदि कोई नियुक्ति आदेश दिनांक से प्रश्न दिनांक तक नहीं दी गई है तो उक्त आदेश का क्या उद्देश्य था? स्पष्ट करें। क्या अब उक्त आदेश के पालन में नियुक्ति दी जावेगी? यदि हां तो कब से? यदि नहीं तो क्यों? (घ) ग्वालियर जिले में उक्त आदेश के संदर्भ में कितने आवेदकों द्वारा किस-किस पद हेतु आवेदन किया है? इन आवेदनों पर प्रश्न दिनांक तक क्या- कार्यवाही की गई है?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) संलग्न परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार जनजातीय कार्य विभाग अंतर्गत बालाघाट जिले में 27 एवं शहडोल जिले में 04 नियुक्तियां की गईं। (ग) ''जी नही''। विभाग अंतर्गत उपयुक्त संवर्ग का पद रिक्त न होने एवं पात्रता अनुसार आवेदन प्राप्त न होने के कारण नियुक्ति नही दी गई। पद रिक्त होने पर एवं पात्रता अनुसार आवेदन प्राप्त होने पर नियुक्ति प्रदान की जा सकेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों हेतु 93 एवं सहायक ग्रेड-3 हेतु 21 आवेदकों द्वारा आवेदन प्रस्तुत किया गया था। नियुक्ति की प्रक्रिया स्थगित कर दी गई है। पुन: आवेदन बुलाये जाने की कार्यवाही प्रचलन में है।
विकासखंड मुख्यालय छैगांव माखन को औद्योगिक क्षेत्र घोषित किया जाना
[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]
3. ( क्र. 16 ) श्री राम दांगोरे : क्या औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र पंधाना के विकासखंड मुख्यालय छैगांव माखन जो कि स्टेट हाईवे क्रमांक 27 पर स्थित है, में शासन की करीब 150-200 एकड़ भूमि उपलब्ध है? यदि हां तो इसमें औद्योगिक क्षेत्र बनाने हेतु शासन की क्या योजना है? (ख) औद्योगिक क्षेत्र घोषित करने के लिए कब तक प्रक्रिया प्रारंभ हो जाएगी?
औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन मंत्री ( श्री राजवर्धन सिंह प्रेमसिंह दत्तीगांव ) : (क) वर्तमान में प्रश्नाधीन भूमि पर औद्योगिक क्षेत्र बनाने की योजना विचाराधीन नहीं है। निवेशकों की मांग एवं भूमि की उपलब्धता होने पर औद्योगिक क्षेत्र बनाने हेतु योजना तैयार की जा सकेगी। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में लागू नहीं।
गोहद विधानसभा क्षेत्र में अनुसूचित बस्ती विकास मद से कराये गये कार्य
[अनुसूचित जाति कल्याण]
4. ( क्र. 21 ) श्री मेवाराम जाटव : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) भिण्ड जिले की गोहद विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत वर्ष 2020 से वर्ष 2021 में प्रश्न दिनांक तक अनुसूचित बस्ती विकास मद में कौन-कौन से कार्य कितनी-कितनी राशि के स्वीकृत किए एवं इस हेतु किनके द्वारा अनुशंसा की गई है? (ख) क्या स्थानीय विधायक की अनुशंसा के बिना ही मनमाने तरीके से कार्य स्वीकृत किये जाकर कार्यों का भौतिक सत्यापन कराये बिना ही भुगतान किया है एवं किया जा रहा है? यदि हां, तो क्या इसकी उच्च स्तरीय जांच कराकर सम्बंधित दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी? यदि हां, तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ एवं परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार है। (ख) उपरोक्त कार्यों हेतु दिनांक 13.03.2021 को सहमति दी गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘स’ अनुसार है। निर्माण एजेंसी के द्वारा नियमानुसार कार्य कराये जाते हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
लव जिहाद एवं जबरिया धर्म परिवर्तन के दर्ज मामले
[गृह]
5. ( क्र. 25 ) श्रीमती कृष्णा गौर : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में माह मार्च 2021 से प्रश्न दिनांक तक लव जिहाद एवं जबरिया धर्म परिवर्तन कितने प्रकरण दर्ज किये गये? जिलेवार, प्रकरणवार जानकारी दी जावे। (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित प्रकरणों में से कितने आरोपियों को गिरफ्तार किया गया उनमें से कितने जमानत पर छूटे हैं और कितने अभी जेल में अवरूद्ध है?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) मध्यप्रदेश में माह मार्च 2021 से प्रश्न दिनांक तक लव जिहाद एवं जबरिया धर्म परिवर्तन के 28 प्रकरण दर्ज किए गए हैं, जिलेवार प्रकरणवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) प्रकरण में कुल 37 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया, उनमें से 06 जमानत पर छूटे हैं एवं 31 आरोपीगण जेल में निरूद्ध है।
किसानों को गुणवत्ताहीन बीज का प्रदाय
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
6. ( क्र. 47 ) श्री महेश परमार : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन ज़िले में बीज निगम से खरीफ 2021 की फसल के लिए किसानों द्वारा खरीदे गए बीज गुणवत्ताहीन पाये जाने के लिए कौन कौन अधिकारी दोषी हैं? ज़िले में कुल कितनी शिकायतें बीज के अमानक और असफल होने की प्राप्त हुई हैं? उनकी प्रतियाँ देवें। (ख) किसानों की शिकायतों पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाहियाँ की गयी है? क्रय बीजों के असफल होने से किसानों को पहुंचे नुकसान की भरपाई के लिए सरकार क्या उपाय कर रही है? (ग) मध्यप्रदेश राज्य बीज उत्पादन एवं विपणन संघ, राज्य बीज एवं फार्म विकास निगम, कृषि परिक्षेत्र से संबन्धित समितियों द्वारा किसानों को दिये जाने वाले बीज की गुणवत्ता की जांच एवं परीक्षण वितरण पूर्व किस किसके द्वारा कब कब किया गया था? बीजों की गुणवत्ता की परीक्षण एवं जांच रिपोर्ट की सत्यापति रिपोर्ट देवें। (घ) उज्जैन ज़िले में कितनी बीज की उपलब्धता थी और आवश्यकता के हिसाब से कितने बीज खरीदे गए थे? बीजों के आवंटन से पूर्व किसानों के हित में विभाग द्वारा कौन-कौन सी कार्यवाहियाँ की गयी तथा उज्जैन ज़िले में कितने किसानों की फसल बीज के अमानक और गुणवत्ताहीन होने के चलते नष्ट हुई? उक्त सभी बिन्दुओं के आधार पर क्या विभाग दोषी अधिकारियों पर कार्यवाही करेगा? किसानों को नुकसान की भरपाई कब तक कर दी जाएगी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री कमल पटेल ) : (क) उज्जैन जिले में बीज प्रक्रिया केन्द्र उज्जैन में केवल बीज प्रमाणीकरण संस्था द्वारा उच्च गुणवत्ता युक्त प्रमाणित बीज वितरित किया गया है। शेष प्रश्न ही नहीं उठता। 13 कृषकों की शिकायतें प्राप्त हुई, जिनकी प्रतियॉ संलग्न है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) प्रक्रिया प्रभारी उज्जैन द्वारा कृषकों के फसल की प्राथमिक जांच निर्धारित कमेटी द्वारा की गई। जांच प्रतिवेदन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। जांच प्रतिवेदन अनुसार शिकायती कृषकों द्वारा कम नमी मे बीज की बोनी की गई जिससे अंकुरण प्रभावित होना स्वाभाविक है। शिकायतकर्ता 13 कृषकों के अतिरिक्त अन्य कृषकों जिन्हें शिकायती लॉट का शेष बीज प्रदाय किया गया है। उनकी कोई शिकायत नहीं है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (ग) विभाग द्वारा बीज की गुणवत्ता की जांच एवं परीक्षण हेतु बीज निरीक्षकों के द्वारा नमूने लिये जाते है जिन्हें परीक्षण हेतु प्रयोगशाला को भेजा गया। खरीफ 2021 में भेजे गये नमूनों का विवरण मय परीक्षण जांच रिपोर्ट की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। (घ) जिले में खरीफ 2021 हेतु कुल 112941 क्विंटल बीज की उपलब्धता थी। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-5 अनुसार है। विभाग द्वारा बीज नहीं खरीदे गये। विभाग द्वाराकिसानों के हित में बीज की गुणवत्ता की जांच एवं परीक्षण हेतु बीज निरीक्षकों के द्वारा नमूनें लिये जाते है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। फसल नष्ट होने संबंधी किसी भी प्रकार की शिकायत विभाग को प्राप्त होना नहीं पाया गया। अत: अधिकारियों पर कार्यवाही एवं किसानों को नुकसान की भरपाई का प्रश्न ही नहीं उठता।
नेमावर हत्याकाण्ड की निष्पक्ष एवं सीबीआई जांच
[गृह]
7. ( क्र. 49 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नेमावर हत्याकांड में पांच आदिवासी के गुम होने की जानकारी पुलिस मुख्यालय भोपाल को किस दिनांक को प्राप्त हुई तथा उसके बाद क्या-क्या कार्यवाही की गई। (ख) क्या पांच परिवार के सदस्यों को 13.05.2021 को आरोपीगण द्वारा अपहरण किये जाने की रिपोर्ट 17.05.2021 को परिवार की लड़की भारती द्वारा लिखवाये जाने पर थानेदार द्वारा डाट कर गुमशुदगी की रिपोर्ट लिखवाई तथा कहने के बाद भी आरोपीयों के नाम नही लिखे। (ग) क्या नेमावर कांड में भाजपा विधायक आशीष शर्मा तथा थानेदार के मोबाईल की कॉल डीटेल्स निकाली गई है या नहीं? यदि नहीं तो क्यों तथा पुलिस ने रोजनामचे में यह दर्ज किया या नही कि मुख्य आरोपी भाजपा का पदाधिकारी तथा सक्रिय कार्यकर्ता है? (घ) क्या पोस्टमार्टम रिपोर्ट मे तीनो आदिवासी बालिकाओं की बलात्कार और हत्या होना पाया गया है तथा क्या 30 जून 2021 तथा 01 जुलाई 2021 को हुई पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हत्या बारह दिन पहले होने का उल्लेख किया गया है? (ड.) क्या इस प्रकरण की सीबीआई जांच करवाई जावेगी?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) दिनांक 17.05.2021 को पुलिस मुख्यालय को सी.सी.टी.एन.एस. के माध्यम से ज्ञात हुई। मामला न्यायालय में विचाराधीन होने से जानकारी दी जाना विधिसम्मत नहीं है। (ख) जी नहीं। (ग) जी नहीं। अन्वेषण के दौरान आवश्यक कॉल डिटेल ही प्राप्त की गई। (घ) मामला न्यायालय में विचाराधीन होने से जानकारी दी जाना विधिसम्मत नहीं है। (ड.) आवश्यकता प्रतीत नहीं होती।
नेमावर हत्याकाण्ड की जांच
[गृह]
8. ( क्र. 50 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नेमावर हत्यांकाड के सन्दर्भ में 17 मई 2021 से 30 जून 2021 तक पुलिस रोजनामचे में दर्ज किये गये पेपर्स की प्रति देवें तथा बतावें कि 17 मई 21 को एफआईआर दर्ज करने के बाद पुलिस को तफतीश में इस बात की जानकारी किस दिनांक को हुई कि आरोपीगण आदिवासी परिवार के दो सदस्यों को दो पहिया वाहन पर बिठाकर 13 मई 2021 को ले गये थे? (ख) जिस खेत में जमीन में लाश गाड़ना पाया गया उस खेत के मालिक को सह आरोपी बनाया गया या नहीं? यदि नहीं तो क्यों? (ग) पोस्टमार्टम रिपोर्ट किस अस्पताल में किस दिनांक के कितनी बजे तक किन-किन डाक्टरों की पैनल द्वारा की गई? उस पैनल में आदिवासी महिला डॉक्टर तथा आदिवासी पुरूष डॉक्टर कितने-कितने थे? पोस्टमार्टम के रिपोर्ट की प्रति देवें। (घ) नेमावर हत्याकाण्ड में पुलिस को मृतका तथा आरोपी के प्रेम प्रसंग की जानकारी किस दिनांक को हुई? पुलिस ने आरोपियों पर निगरानी किस दिनांक से प्रारम्भ की तथा एस.पी. ने किस दिनांक को थाने पर आकर इस प्रकरण के अपडेट लिये?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) प्रकरण माननीय न्यायालय में विचाराधीन होने से प्रकरण की विवेचना से संबंधित अभिलेख रोजनामचे की प्रतियाँ दी जाना विधि सम्मत नहीं हैं। प्रकरण के अनुसंधान में आरोपीगण द्वारा आदिवासी परिवार के दो सदस्यों को दोपहिया वाहन पर बिठाकर 13 मई 2021 को ले जाने के तथ्य विवेचना में नहीं आये हैं। (ख) जिस स्थान पर मृतकों के शव गाड़े गये थे वह जमीन हुकुम सिंह पिता चंदन सिंह निवासी. ग्राम नेमावर के नाम पर दर्ज है। यह खेत आरोपी सुरेन्द्र सिंह उपयोग कर रहा था। हुकुम सिंह के नाती आरोपी सुरेन्द्र सिंह को आरोपी बनाया गया है। (ग) मृतकों का पोस्टमार्टम एमजीएम मेडीकल कॉलेज इंदौर में दिनांक 30.06.2021 को किया गया। इस पैनल में एक महिला डॉक्टर एवं चार पुरूष डॉक्टर हैं। पैनल का निर्धारण जाति के आधार पर नहीं किया जाता है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट की प्रतियाँ पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) अपराध पंजीबद्ध होने के पश्चात सतत् एवं निरंतर विवेचना की गई। निरतंर विवेचना किये जाने के फलस्वरूप दिनांक 29.06.2021 को अंधी हत्या का खुलासा हुआ एवं आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। पुलिस अधीक्षक द्वारा थाने पर आकर प्रकरण के अपडेट दिनांक 27.05.2021 को लिये गये तथा उनके द्वारा निरंतर मार्गदर्शन प्रदान किया गया है।
पहुँच मार्गों का निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
9. ( क्र.
53 ) श्री
आलोक
चतुर्वेदी : क्या
पंचायत
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क)
विधानसभा
क्षेत्र
छतरपुर
अंतर्गत
कौन-कौन से
गांव,
मजरा, टोले
प्रश्न
दिनांक तक एकल
संपर्कता के पहुँचमार्ग
विहीन है? इन
पहुंच मार्ग
को कब तक मुख्यमंत्री/प्रधानमंत्री
ग्राम सड़क
योजनान्तर्गत
पूर्ण कर लिया
जायेगा? (ख) विधानसभा
क्षेत्र
छतरपुर में
मुख्यमंत्री
ग्राम सड़क
योजना
अंतर्गत
निर्मित
ग्रेवल सड़कों
में से
कौन-कौन सी
सडकों का
डामरीकरण कार्य
कब पूर्ण हो
चुका है? कौन-कौन सी
सड़कों का
डामरीकरण शेष
है? शेष
रहने का क्या
करण है? कब तक कार्य
पूर्ण हो
जाएगा? (ग) प्रधानमंत्री
ग्रामीण सड़क
योजना से
किन-किन सड़कों
का निर्माण इस
वर्ष एवं
आगामी वर्षों
में किया जाना
प्रस्तावित
है? इस
मार्ग से
कौन-कौन से
गांव आपस में
सड़क मार्ग से
जुड़ सकेंगे?
पंचायत
मंत्री ( श्री
महेन्द्र
सिंह
सिसौदिया (संजू
भैया) ) : (क) विधानसभा
क्षेत्र
छतरपुर
अंतर्गत एकल
संपर्कता
विहीन
ग्रामों की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र ''अ'' अनुसार है
एवं एकल
संपर्कता
विहीन मजरा, टोले
की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।मुख्यमंत्री/प्रधानमंत्री
ग्राम सड़क
योजनान्तर्गत
ग्रामों को
जोडने की
जानकारी
प्रपत्र ''अ'' के कॉलम
क्रमांक 4 पर
अंकित है एवं
मजरा,
टोले जोडे
जाने का कोई
प्रावधान
नहीं है।
(ख) विधानसभा
क्षेत्र
छतरपुर
अंतर्गत मुख्यमंत्री
ग्राम सडक
योजना से
निर्मित
नौगांव ईशानगर
से लक्ष्मनपुरा,विक्रमपुर
रोड से श्यामरीपुरवा
एवं हमा से
मारगुवां
मार्गो का
डामरीकरण का
कार्य म.प्र.
ग्राम
संपर्कता
कार्यक्रम (एमपीआरसीपी)
अंतगर्त
दिनांक 21-07-2020 को
पूर्ण किया जा
चुका है।
म.प्र. ग्राम
संपर्कता
कार्यक्रम (एमपीआरसीपी)
के
मापदंडानुसार
टी-09
से
रसुईयाठाकुरन
एवं पराचौकी
ईशानगर रोड से
परा मार्गो की
स्वीकृति
प्रक्रियाधीन
है। अत: कार्य
पूर्णता की
समय-सीमा
बताया जाना
संभव नहीं है (ग)
जानकारी पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र ''स'' अनुसार है।
लोक अभियोजन के प्रकरणों की स्वीकृति
[विधि और विधायी कार्य]
10. ( क्र. 55 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भ्रष्टाचार से जुड़े अधिकारियों के विरूद्ध लोक अभियोजन की स्वीकृति उपरांत ही आगामी कार्यवाही की जाती है? (ख) यदि हाँ तो विधि एवं विधायी कार्य विभाग में लोक अभियोजन के कितने प्रकरणों में स्वीकृति दी गई है? कितने लंबित हैं? गत 3 वर्षों की जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) के अंतर्गत कितने लंबित प्रकरणों में अधिकारी सेवानिवृत्त हो चुके हैं?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
अनुसूचित जाति मद में प्राप्त राशि
[अनुसूचित जाति कल्याण]
11. ( क्र. 57 ) श्री संजीव सिंह : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) भिण्ड जिले में 1 जनवरी 2017 से प्रश्न दिनांक तक वर्षवार कितनी-कितनी राशि अनुसूचित जाति बस्ती में सी.सी. रोड या अन्य कार्य हेतु प्राप्त हुई? उक्त राशि का आवंटन किस-किस ग्राम पंचायतों में किया? पंचायतवार बताएं। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या अनुसूचित जाति बस्ती हेतु स्वीकृत कार्य पूर्ण/अपूर्ण कहां-कहां पर हैं? कार्यवार/राशिवार बताएं। उक्त कार्यों की स्वीकृति पूर्व क्या नियम हैं?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘अ’ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘ब’ अनुसार है। योजना नियम की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘स’ अनुसार है।
राज्य सरकार एवं भारत सरकार की संचालित योजनाएं
[जनजातीय कार्य]
12. ( क्र. 68 ) श्री रामपाल सिंह : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) अनुसूचित जनजाति वर्ग के कल्याण के लिये भारत सरकार तथा राज्य सरकार द्वारा कौन-कौन सी योजनाएं संचालित की जा रही हैं? पात्रता की शर्तों सहित पूर्ण विवरण दें। (ख) वर्ष 2018-19 से जुलाई 2021 तक की अवधि में किस-किस योजना में कितनी-कितनी राशि रायसेन जिले को प्राप्त हुई? उक्त राशि से क्या-क्या कार्य कहां-कहां करवाये गये तथा कितने हितग्राहियों को लाभ मिला? (ग) कौन-कौन से कार्य कब-कब पूर्ण हुये तथा उनका मूल्यांकन कब किस अधिकारी ने किया? कौन-कौन से कार्य अपूर्ण तथा अप्रारंभ हैं तथा क्यों? उक्त कार्य कब तक पूर्ण होंगे? (घ) क्या शैक्षणिक सत्र 2018-19 से जुलाई 2021 तक की अवधि में उक्त वर्गों के छात्रों को छात्रवृत्ति का भुगतान क्यों नहीं हुआ? कब तक भुगतान होगा? इस हेतु विभाग के अधिकारियों को रायसेन जिले के किन-किन विधायकों के कब-कब पत्र प्राप्त हुये तथा उन पर क्या-क्या कार्यवाही की गई?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) वर्ष 2018-19 से जुलाई 2021 तक की अवधि में रायसेन जिले को योजनावार प्राप्त राशि किये गये कार्यों एवं लाभांवित हितग्राहियों के विवरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''द'' अनुसार है।
15वें वित्त आयोग से प्राप्त राशि
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
13. ( क्र. 93 ) श्री ग्यारसी लाल रावत : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भारत सरकार के पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग से 15वें वित्त आयोग की अनुशंसा के परिप्रेक्ष्य में मध्यप्रदेश के बड़वानी जिले की सेंधवा विधान सभा को विगत वर्षों एवं वर्ष 2021-22 में कितनी राशि प्राप्त हुई है तथा उसमें से कितनी-कितनी राशि व्यय की गई है? वर्षवार, विधानसभावार, ग्राम पंचायतवार विवरण दें। (ख) 15वें वित्त आयोग में स्वीकृत कार्यों में से सेंधवा विधानसभा क्षेत्र में कितने कार्य प्रारंभ किये जा चुके हैं तथा कितने कार्य प्रारंभ नहीं किए गए? प्रश्न दिनांक तक की जानकारी दें।
पंचायत मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया (संजू भैया) ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र - ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- ''ब'' अनुसार है।
आर्थिक अपराध में लिप्त पंचायत सचिव सरपंच पर कार्यवाही
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
14. ( क्र. 100 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मन्दसौर जिले में 1 जनवरी 2015 के पश्चात कितने सरपंच,सचिव एवं अन्य पंचायत जनप्रतिनिधि पर आर्थिक अपराध के प्रकरण कहाँ-कहाँ,कब-कब दर्ज किए गए? उनकी वर्तमान स्थिति क्या है? (ख) प्रश्नांश (क) संदर्भित कितने प्रकरणों में माननीय न्यायालय एवं प्रशासन ने किन-किन सरपंचों को कहाँ-कहाँ पद से कब-कब पदमुक्त किया तथा कहाँ-कहाँ पद मुक्त करने के आदेश के पश्चात भी कितने सरपंच कहाँ-कहाँ पद पर कार्य करते रहे? इसकी कितनी शिक़ायत कहाँ-कहाँ,कब-कब किस-किस व्यक्ति द्वारा की गई? उस पर उच्च अधिकारियों ने क्या क्या कार्यवाही की? तिथिवार जानकारी देवें। (ग) क्या उक्त प्रकरणों में एसे कई गंभीर प्रकरण हैं जिनकी प्रशासन द्वारा जांच में दोषी पाए जाने के बाद भी विभाग द्वारा चालान मा.न्यायालय में पेश नही किये गये? यदि नहीं तो कितने प्रकरणों में अपराधियों को सजा हुई? प्रकरणवार जानकारी उक्त अवधि की देवें।
पंचायत मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया (संजू भैया) ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है।
पीड़ित दलितों को आर्थिक सहायता
[अनुसूचित जाति कल्याण]
15. ( क्र. 103 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) आदिम जाति कल्याण विभाग जिला जबलपुर को शासन ने एस.सी./एस.टी. एक्ट के तहत आपराधिक घटनाओं में पीड़ित दलितों को आर्थिक सहायता देने हेतु कितनी राशि आवंटित की है? कितने पीड़ित दलितों को कितनी आर्थिक सहायता राशि स्वीकृत की गई तथा कितने पीड़ितों को कितनी राशि की सहायता दी गई हैं? कितने स्वीकृत प्रकरणों में कितनी राशि की सहायता नहीं दी गई हैं एवं क्यों? वर्ष 2018 - 19 से 2021 - 22 तक की जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) में एस.सी./एस.टी. एक्ट के तहत पुलिस थानों में किन-किन धाराओं में दलित उत्पीड़न के कितने-कितने प्रकरण पंजीकृत किये गये हैं? इनमें जातिगत अपमान व मारपीट के कितने मामले हैं? अजाक थानों द्वारा आर्थिक सहयता हेतु कितने प्रकरण भेजे गये? कितने प्रकरणों मे दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किये गये हैं एवं क्यों? कितने प्रकरण विवेचना में हैं तथा कितने प्रकरणों में न्यायालय में चालान प्रस्तुत किये गये हैं? (ग) प्रश्नांश (क) अजाक थानों द्वारा दलित पीड़ितों को आर्थिक सहायता देने हेतु कितने-कितने प्रकरण भेजे गये हैं? कितने प्रकरणों में कितनी आर्थिक सहायता स्वीकृत की गई? कितने प्रकरण अस्वीकृत किये गये? कितने प्रकरणों में कितनी राशि दी गई? कितने प्रकरण लम्बित हैं एवं क्यों? वर्षवार पृथक - पृथक जानकारी दें।
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) योजना अंतर्गत बजट ग्लोबल है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘अ’ अनुसार है। प्रश्नांश अवधि में स्वीकृत प्रकरणों का भुगतान लंबित नहीं होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘ब’ अनुसार है। (ग) जानकारी प्रश्नांश ‘क’ में उल्लेखित परिशिष्ट अनुसार है।
सोलेशियम फंड में आवंटित राशि
[गृह]
16. ( क्र. 104 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन ने अज्ञात वाहनों की टक्कर से घायल और मरने वालों के परिजन को आर्थिक सहायता देने हेतु पुलिस विभाग जिला जबलपुर को सोलेशियम फंड में कितनी राशि आंवटित की हैं? कितने- कितने घायल व मृतकों के परिजनों को कितनी - कितनी राशि की आर्थिक सहायता दी गई हैं? कितनी राशि का वितरण नहीं किया गया एवं क्यों? वर्ष 2018 - 19 से 2021 - 22 तक की जानकारी दें। (ख) जबलपुर जिले में वाहन सड़क दुर्घटनाओं में कितने व्यक्तियों की मृत्यु हुई, कितने गंभीर रूप से घायल हुये हैं? इसमें अज्ञात वाहनों की टक्कर से कितने (-कितने व्यक्तियों की मृत्यु हुई एवं कितने गंभीर रूप से घायल हुये हैं? (ग) प्रश्नांश (क) में अज्ञात वाहनों की टक्कर से मरने व गंभीर रूप से घायल होने से सम्बंधित पुलिस थानों में कितने-कितने मामले पंजीकृत किये गये हैं? इनमें से कितने मामलों में अज्ञात वाहन व वाहन चालकों की खोज नहीं हुई हैं? कितने मामलों में पीड़ितों के परिजनों को किनती राशि की आर्थिक सहायता दी गई हैं? पंजीकृत कितने प्रकरणों में चालान प्रस्तुत किया गया? कितने प्रकरण विवेचना में हैं? कितने प्रकरणों की फाइल बंद की गई हैं?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ‘ अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब‘ एवं ‘स‘ अनुसार है। (ग) जानकारी परिशिष्ट ‘अ‘ के कॉलम नं. 3 एवं ‘स‘ अनुसार है।
जय किसान फसल ऋण माफी के संबंध में
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
17. ( क्र. 124 ) श्री अजय कुमार टंडन : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दमोह जिले में जय किसान फसल ऋण माफी योजना के तहत ₹100000 प्रथम क़िस्त एवं द्वितीय किस्त में 2 लाख रुपये के लिए कितने किसानों का ऋण माफ होना शेष रह गया है। (ख) उपरोक्तानुसार किसानों की संख्या तहसीलवार देवें। (ग) यह ऋण कब तक माफ कर दिए जाएंगे? (घ) कालातीत ऋण छूटे हुए किसान का ऋण कब तक माफ किया जाएगा? छूटे हुये किसानों की संख्या तहसीलवार देवें।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री कमल पटेल ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ग) समयावधि बताना संभव नहीं। (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
नकली रेमडेसिवर इंजेक्शन का विक्रय
[गृह]
18. ( क्र. 128 ) श्री मुकेश रावत (पटेल) : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के कितने जिले में कोविड महामारी की दूसरी लहर के दौरान किन शासकीय/निजी अस्पतालों में कोविड मरीजों को कितने कितने नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन किस मूल्य पर बेचे गए की जानकारी विभाग के संज्ञान में है। (ख) उपरोक्त शासकीय/निजी अस्पतालों में नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन लगाये जाने के कारण कितने कितने कोविड मरीजों की मृत्यु हुई या उनकी हालत गंभीर हो गई? (ग) उपरोक्त जिले में नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन बेचे जाने के जाने और उनका अस्पतालों में प्रयोग किये जाने पर किन किन लोगों पर क्या क्या कार्यवाही की गई?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
न्यायालय में चालान पेश करने के संबंध में
[गृह]
19. ( क्र. 142 ) श्री राजेश कुमार प्रजापति : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक3024 दिनांक5/3/2021को माननीय मंत्री जी द्वारा उत्तर दिया था कि खोवा एवम मिठाई रोहित जैन की फर्म के लिए रिक्शा वाले अशोक चौरसिया द्वारा बस से उतारी गई थी? तो उक्त मिठाई किस उपयोग हेतु बस से उतारी जा रही थी? (ख) उक्त प्रश्न (क) उत्तर में लेख किया था कि थाना सिटी कोतवाली छतरपुर में सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं, जांच गतिशील होने से जानकारी देना विधिसम्मत नहीं है? (ग) प्रश्न (ख) के अनुसार यदि हां तो क्या उक्त जांच को पूर्ण कर लिया गया है? यदि हां तो वीडियो फुटेज उपलब्ध कराई जाए।यदि नहीं तो क्यों कारण स्पष्ट करें। (घ) उक्त प्रश्न के उत्तर में लेख किया था कि आरोपी रोहित जैन को दिनांक 17/1/2021 को गिरफ्तार किया गया था? तो उक्त आरोपी को दिनांक 15/1/2021 से 17/1/21 तक की गिरफ्तारी समय पूर्व तक थाने में ही बैठाया गया था? यदि हां तो कारण स्पष्ट करें। (ड.) उक्त प्रकरण के संबंध में किन किन व्यक्तियों से 15/1/2021को पूछताछ हेतु थाने में बुलाया था? नामवार सूची उपलब्ध कराएं। (च) क्या उक्त प्रकरण के संबंध में सक्षम न्यायालय में चालान पेश कर दिया गया है? यदि नहीं तो क्यों कारण स्पष्ट करें।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। उक्त मिठाई विक्रय के लिये उतारी जा रही थी। (ख) जी नहीं यह बात प्रश्नांश ‘‘क‘‘ के उत्तर में नहीं लिखी गयी है अपितु, उक्त प्रश्न के प्रश्नांश ‘‘ख‘‘ के उत्तर में लिखा गया था। (ग) जी नहीं, जाँच जारी है। (घ) जी हाँ। आरोपी को 17.01.2021 को गिरफ्तार किया गया था। जी नहीं, आरोपी रोहित जैन को दिनांक 15.01.2021 से 17.01.2021 तक थाने में नहीं बैठाया गया था। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ड.) प्रकरण की विवेचना जारी है, अतः इससे संबंधित जानकारी दिया जाना विधि सम्मत नहीं है। (च) प्रकरण में चालान पेश नहीं किया गया है। खाद्य विभाग से जप्त शुदा माल के संबंध में परीक्षण रिपोर्ट आपेक्षित होने से प्रकरण विवेचना में है।
किसानों पर दर्ज आपराधिक प्रकरण
[गृह]
20. ( क्र. 143 ) श्री राजेश कुमार प्रजापति : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला छतरपुर के किन-किन थानों में वर्ष 2021 में जुलाई, 2021 तक किस-किस के आदेश से किन-किन किसानों का गेहूं जप्त कर खरीदी केंद्र प्रभारी एवं किसानों पर किन-किन धाराओं के तहत अपराधिक प्रकरण दर्ज किए गए हैं?सूची उपलब्ध कराएं।अपराधिक प्रकरण दर्ज कराने वाले अधिकारी का मूलपद एवं नाम बताएं। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार क्या उक्त गेहूं की जप्ती एवं अपराधिक प्रकरण शासन की उपार्जन नीति वर्ष 2021-22 के नियम के तहत किए गए हैं? यदि हां तो नियम की प्रति उपलब्ध कराएं। (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुसार यदि नहीं तो किसानों का गेहूं क्यों जप्त किया गया एवं केंद्र प्रभारी एवं किसानों पर अपराधिक प्रकरण दर्ज किए जाने कारण स्पष्ट करें। (घ) क्या उक्त आपराधिक प्रकरण दर्ज एवं किसानों का गेहूं जप्त करने वाले अधिकारियों द्वारा पद एवं शक्ति का दुरुपयोग करने पर उनके विरूद्ध आपराधिक प्रकरण दर्ज करने के आदेश जारी किए गए थे? यदि हां तो कब? यदि नहीं तो क्यों? (ड.) प्रश्नांश (घ) के अनुसार यदि हां नहीं तो कब तक प्रकरण दर्ज कर लिया जावेगा? यदि नहीं तो कारण स्पष्ट करें।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) गेहूं की जब्ती तथा आपराधिक प्रकरण भारतीय दण्ड विधान के प्रावधानों के अंतर्गत किये गये हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश ‘‘ख‘‘ के उत्तर समाहित है। (घ) उक्त प्रकरणों को दर्ज कराने वाले अधिकारियों के विरूद्ध उनके द्वारा पद एवं शक्ति का दुरूपयोग करने के तथ्य विवेचना में नहीं आये है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ड.) प्रश्नांश ‘‘घ‘‘ के उत्तर में समाहित है।
शासन द्वारा किसान कल्याण की योजनाओं का क्रियान्वन और कार्यवाही
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
21. ( क्र. 146 ) श्री संदीप श्रीप्रसाद जायसवाल : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भारत-सरकार द्वारा आदिवासी वर्ग के किसानों को जैविक खेती हेतु वर्ष 2016-17 में प्रदत राशि के उपयोग के निर्देशों/नियमों का उल्लंघन और नियमों में मनमर्जी से बदलाव किए गए हैं?यदि हाँ, तो क्या उल्लंघन होना पाया गया, एवं इसके लिए कौन जिम्मेदार हैं? तथा किन-किन शासकीय सेवकों द्वारा मार्गदर्शी निर्देशों में क्या बदलाव, किस अधिकारिता से किए गए? (ख) मध्यप्रदेश के जिलों में भारत-सरकार एवं मप्र-शासन की कौन-कौन सी योजनायें वर्तमान में कब से प्रचलन में हैं और क्या प्रचलित योजनाओं का विगत तीन वर्षों में तृतीय पक्ष से परीक्षण कराया गया? यदि हाँ, तो कब-कब एवं किस प्रकार? तथा क्या प्रतिवेदन दिये गए और क्या परिणाम रहें?यदि नहीं तो क्यों?वर्षवार जिलावार बताये? (ग) प्रश्नांश (क) से (ग) के परिप्रेक्ष्य में क्या योजनाओं के क्रियान्वन में अनियमितताओं की वर्तमान में जांच और कार्यवाही लंबे समय से लंबित हैं?यदि हाँ,तो कौन-कौन सी एवं क्यों? प्रकरणवार बताएं, जबकि दस्तावेजी साक्ष्य के तौर पर भी यह अनियमिततायें सिद्ध और ज्ञात हैं, यदि नहीं तो कैसे?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री कमल पटेल ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
विभागीय निर्माण कार्यों में अनियमितता पर कार्यवाही
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
22. ( क्र. 147 ) श्री संदीप श्रीप्रसाद जायसवाल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी-मुडवारा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत किन-किन स्थानों पर कहाँ से कहाँ तक सड़कों का कितनी-कितनी लागत से कब-कब निर्माण किया गया हैं? वर्तमान में सड़कवार स्थिति से भी अवगत करायें। (ख) क्या प्रश्नांश (क) सड़कों पर परफार्मेंस गारंटी नियम लागू हैं? यदि हाँ,तो यह नियम क्या हैं? यदि नहीं तो क्यों और क्या इन सड़कों की मरम्मत कराई गयी? यदि हाँ, तो कितनी-कितनी लागत से क्या-क्या कार्य कब-कब किए गए?
पंचायत मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया (संजू भैया) ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जी हाँ। नियम की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है, मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना अंतर्गत परफारर्मेन्स एण्ड डिफेक्ट लायबिलिटी की गारंटी अवधि में संविदाकार द्वारा स्वयं के व्यय पर मरम्मत कार्य किया जाता है अत: मरम्मत कार्य पर कोई व्यय न होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जवाहर लाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय अंतर्गत संचालित मिशन
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
23. ( क्र. 150 ) श्री विनय सक्सेना : क्या राज्य मंत्री, उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जवाहर लाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय अंतर्गत संचालित मिशन, MIDH के क्या उद्देश्य हैं तथा इससे विश्वविद्यालय को क्या-क्या लाभ है? (ख) वर्ष 2018-19 में उक्त मिशन के अंतर्गत कौन-कौन सी फसलें उत्पादन की गयी? अदरक और हल्दी की बोई गई किस्मों के नाम व बीज /कंद का प्रकार व उत्पादित अदरक व हल्दी बीज या कंद की मात्रा भी बतावें। (ग) कब-कब, कितने डेमोन्सट्रेशन लिये गये? (घ) विश्वविद्यालय द्वारा कब-कब, कितना-कितना बीज, कंद किन-किन किसानों को बाँटा गया? (ङ) विश्वविद्यालय को अदरक, हल्दी बीज/कंद से वर्ष 2018,2019 में कितनी राशि प्राप्त हुई? (च) उक्त मिशन या योजना के प्रिंसिपल इन्वेस्टिगेटर का नाम तथा आज दिनांक तक उक्त प्रोजेक्ट से अर्जित उपलब्धियां बतावें।
राज्य मंत्री, उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण ( श्री भारत सिंह कुशवाह ) : (क) MIDH के उद्देश्य:-1. मसाले फसलों के रोपण सामग्रियों का उत्पादन एवं वितरण। 2. मसाले फसलों और सुगंधित पौधों के लिये पौध शालाओं की स्थापना। 3. बीज संसाधन एवं भण्डारण इन्फ्रास्ट्रक्चर की स्थापना। 4. मुख्य प्रदर्शन के जरिये प्रौद्योगिकी प्रसार। 5. मसाले फसलों और सुगंधित पौधों के विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठियों/कार्यशालाओं/प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन। 6. MIDH के लाभ:- इससे विश्वविद्यालय एवं सुगंधित पौधों के रोपण सामग्री का उत्पादन, वितरण, बीज संसाधन एवं भण्डारण अधोसंरचना की स्थापना एवं मसाला फसलों का क्षेत्र एवं प्रौद्योगिकी प्रसार के लिये उपयुक्त है। प्रौद्योगिकी प्रसार के लिये राष्ट्रीय संगोष्ठियों/कार्यशालाओं/कृषक प्रशिक्षण कार्यक्रमों के आयोजन में यह परियोजना लाभ-दायक है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-01 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-02 अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-03 अनुसार है। (ड़) वर्ष 2018-19 में रूपये 35750/- की राशि प्राप्त हुई। (च) जानकारी निम्नानुसार है:- 1. डॉ. ए.के. नायडू (2015-2018) 2. डॉ0 बृजपाल बिसेन जुलाई 2018-2020 तक 3. डॉ. (श्रीमती) रजनी शर्मा सहायक प्राध्यापक (उद्यानिकी) फरवरी 2020 से (वर्तमान) MIDH की उपलब्धियॉ वर्ष 2001-02 से 2020-21 तक जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-04 अनुसार है।
शासकीय कार्यों में फर्जी प्रमाण पत्र उपयोग करने के मामलों में कार्यवाही
[गृह]
24. ( क्र. 151 ) श्री विनय सक्सेना : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भोपाल क्राईम ब्रांच द्वारा एक निर्माण ठेकेदार के विरुद्ध अपराध दर्ज किया गया है जिसके द्वारा फर्जी बैंक गारंटी प्रस्तुत कर आई.टी.आई. कॉलेज भवन निर्माण का ठेका प्राप्त किया गया? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में यदि हाँ, तो उक्त मामले में शासन द्वारा क्या कार्यवाही की जाएगी? (ग) शासकीय ठेकों में बैंक गारंटी के सत्यापन के क्या नियम हैं? उक्त मामले में सत्यापन किसके द्वारा किया गया? उस पर क्या कार्यवाही की जाएगी? (घ) विगत 3 वर्ष में सरकारी कार्यों में फर्जी अहर्ता प्रमाण पत्र,बैंक गारंटी/एफडीआर उपयोग संबंधित कितने मामले दर्ज किये गये हैं?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। निर्माण ठेकेदार द्वारा आईटीआई भवन निर्माण के लिये पूर्व से प्राप्त ठेके में फर्जी परफार्मेंस बैंक गारंटी प्रस्तुत करने के आरोप पर अपराध कायम किया गया, न कि फर्जी बैंक गारंटी प्रस्तुत करने पर। (ख) पुलिस द्वारा प्रकरण पंजीबद्ध कर विवेचना की जा रही है। (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है। (घ) थाना क्राईम ब्रांच भोपाल में विगत 03 वर्षो में फर्जी अहर्ता प्रमाण पत्र,बैंक गारंटी/एफडीआर उपयोग संबंधित एक अपराध पंजीबद्ध किया गया है।
तालाबों का जीर्णोद्धार
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
25. ( क्र.
152 ) श्री
संजय उइके : क्या
पंचायत
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
ग्रामीण
यांत्रिकी
सेवा संभाग
क्र. 1
बालाघाट
द्वारा जनपद
पंचायत बिरसा
क्षेत्रांतर्गत
बखारीकोना
तालाब
जीर्णोद्धार
कार्य
स्वीकृत किया
गया था? (ख) यदि
हां तो कब एवं
किस योजना से
स्वीकृत किया
गया? स्वीकृत
आदेश की प्रति
एवं निविदा का
दिनांक, स्वीकृत
निविदा के
कार्य
प्रारंभ होने
का दिनांक
बतावें। (ग) क्या
कार्य
प्रारम्भ
होने के
उपरांत कार्य
बंद कर दिया
गया है? यदि हां तो
किन कारणों से
कार्य बंद कर
दिया गया है? (घ) तालाब
जीर्णोद्धार
कार्य कब तक
पूर्ण कर लिया
जावेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया (संजू भैया) ) : (क) जी हां। ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभाग क्रमांक 01 बालाघाट के जनपद पंचायत बिरसा क्षेत्रांतर्गत बखारीकोना में नवीन तालाब निर्माण कार्य स्वीकृत किया गया था। (ख) बखारीकोना तालाब निर्माण, मुख्यमंत्री ग्राम सरोवर योजनांतर्गत दिनांक 30.05.18 को स्वीकृत किया गया। स्वीकृति आदेश की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। निविदा दिनांक 16.08.18 को आमंत्रित की जाकर दिनांक 01.09.18 को स्वीकृत की गई तथा तालाब निर्माण कार्य दिनांक 01.10.18 को प्रारंभ किया गया। (ग) जी हां। तालाब निर्माण कार्य प्रारंभ होने के उपरांत वन विभाग द्वारा रोक लगाने से कार्य बंद किया गया था। वन परिक्षेत्र अधिकारी एवं ग्रामीण यांत्रिकी सेवा के अमले द्वारा ग्रामीणों की उपस्थिति में स्थल का संयुक्त निरीक्षण किया गया। निरीक्षण में कार्य स्थल राजस्व भूमि में पाया गया। अत: कार्य पुन: दिनांक 22.05.19 को प्रारंभ किया गया। आवंटन अप्राप्त होने से एवं वेश्विक महामारी (कोरोना) के कारण कार्य यथा स्थिति बंद है। (घ) तालाब निर्माण कार्य जून 2022 तक पूर्ण कराने का लक्ष्य है।
वरिष्ठ उद्यान विकास अधिकारी के पद पर पदस्थापना
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
26. ( क्र. 155 ) श्री संजय उइके : क्या राज्य मंत्री, उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में वर्ष 2014 के पूर्व से कितने उद्यान विकास अधिकारी हैं, जिनके पास वरिष्ठ उद्यान विकास अधिकारी के पद का प्रभार है? (ख) उद्यानिकी विभाग में वर्ष 2016 में कितने उद्यान विकास अधिकारी हैं, जिन्हें डी.पी.सी. में वरिष्ठ उद्यान विकास अधिकारी के पद के उपयुक्त मानकर विभाग द्वारा मार्च 2016 में अनुमोदन किया गया है? (ग) यदि 2016 की डी.पी.सी. निरस्त नही की गई है, तो वरिष्ठ उद्यान विकास अधिकारी के पद पर कब तक पद स्थापना की जावेगी? (घ) जिन उद्यान विकास अधिकारियों को वरिष्ठ उद्यान विकास अधिकारी का प्रभार दिया गया, उनकी पदस्थापना में रूकावट किन कारणों से की जा रही है?
राज्य मंत्री, उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण ( श्री भारत सिंह कुशवाह ) : (क) वर्ष 2014 के पूर्व 373 उद्यान विकास अधिकारी कार्यरत थे, कार्य व्यवस्था अंतर्गत संभागीय/जिला कार्यालयों द्वारा स्थानीय व्यवस्था के तहत 74 उद्यान विकास अधिकारियों को वरिष्ठ उद्यान विकास अधिकारी का प्रभार है। (ख) वर्ष 2016 में कुल 369 उद्यान विकास अधिकारी कार्यरत थे, जिनमें से वर्गवार उपयुक्त पाये गये 238 उद्यान विकास अधिकारियों को पात्र पाया गया है। (ग) विभाग के पत्र दिनांक 18.09.2020 अनुसार प्रश्नाधीन डीपीसी निरस्त कर दी गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नांश ''ग'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विभागीय योजनाओं का क्रियान्वयन
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
27. ( क्र. 158 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या राज्य मंत्री, उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उद्यानिकी विभाग सिवनी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कौन-कौन सी योजना संचालित की जा रही है? (ख) वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक तक सिवनी विधानसभा क्षेत्र के किन-किन गांव में कितने कृषकों को उद्यानिकी हेतु प्रोत्साहित किया है, प्रशिक्षण दिया है? कृषक संख्या, गांव का नाम, प्रशिक्षण का स्थान, दिनांक सहित पृथक-पृथक वर्षवार सम्पूर्ण विवरण दें। (ग) जिले में संचालित उद्यानिकी विभाग (नर्सरी) में कहॉं-कहॉं पर कौन-कौन से पौधे तैयार किये जाते हैं? वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक तक किस-किस नर्सरी में कितने-कितने पौधे तैयार कर दिये गये हैं? कितने किसानों को कौन-कौन से पौधे वितरित किये गये? पौधे के नाम, संख्या सहित पृथक-पृथक विवरण वर्षवार दें। (घ) क्या क्षेत्र के किसानों के लिये शासन उद्यानिकी विभाग 1000 से 500 मेट्रिक टन क्षमता के कोल्ड स्टोरेज बनाने की कोई योजना संचालित हो रही है? यदि हाँ, तो कोल्ड स्टोरेज बनाने के इच्छुक किन-किन किसानों से आवेदन प्राप्त किये हैं? उन पर क्या कार्यवाही की गई है? नहीं तो क्यों?
राज्य मंत्री, उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण ( श्री भारत सिंह कुशवाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-01 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-02 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-03 एवं 04 अनुसार है। (घ) जी हाँ। कोल्ड स्टोरेज बनाने के इच्छुक कृषकों के द्वारा दिये गये ऑनलाईन आवेदन की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 05 अनुसार है। अग्रिम कार्यवाही हेतु आवेदकों से योजनांतर्गत आवश्यक दस्तावेज चाहे गये थे। किसी भी आवेदक द्वारा दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराये गये हैं।
सिवनी जिलांतर्गत निर्मित गौशालाएं
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
28. ( क्र. 159 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 01 जनवरी 2019 से प्रश्नांकित अवधि तक मनरेगा योजनान्तर्गत सिवनी जिले में किन-किन ग्राम पंचायतों में कितनी गौशालाएं स्वीकृत की गई हैं? इनमें से कितनी पूर्ण / अपूर्ण / अप्रांरभ हैं? इन गौशालाओं में से कितनी गौशालाऐं संचालित हो रही हैं? कितनी गौशालाओं के शेड अपूर्ण है? कितनी राशि का भुगतान किया जा चुका हैं? गौशालाओं के नाम सहित जनपद पंचायतवार जानकारी उलपब्ध करावें एवं गौशाला स्वीकृति व निरस्त के क्या नियम एवं निर्देश हैं? छायाप्रति उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में सिवनी विधानसभा क्षेत्र में कौन-कौन सी गौशालाएँ पूर्ण हो गई हैं एवं कितना भुगतान सामग्री मद में किया गया है? गौशालावार जानकारी उपलब्ध करावें। कितनी गौशालाएँ अपूर्ण हैं और कितनी गौशालाएँ अप्रांरभ हैं? उक्त कार्य पूर्ण करवाने हेतु मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत सिवनी द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई? गौशालाएँ कब तक पूर्ण करके गौशालाएँ संचालित की जावेगी? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में सिवनी जिले में गौशाला संचालन हेतु गौवंश के लिये चारे, भूसे (भरण-पोषण) हेतु कितनी-कितनी राशि शासन द्वारा उपलब्ध कराई गई है? गौशालावार, जनपद पंचायतवार जानकारी उपलब्ध करावें।
पंचायत मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया (संजू भैया) ) : (क) 01 जनवरी 2019 से प्रश्नांकित अवधि तक मनरेगा योजनान्तर्गत सिवनी जिले में कुल 48 गौशालाएं स्वीकृत हुई। जिसमें वर्तमान तक 12 गौशालाएं पूर्ण तथा 34 अपूर्ण हैं। इनमें से कुल 12 गौशाला संचालित हो रही हैं। 28 गौशालाओं में शेड अपूर्ण है। समस्त गौशालाओं में वर्तमान तक राशि रू. 824.34 लाख का भुगतान हो चुका हैं। संपूर्ण जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। मध्यप्रदेश शासन, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, भोपाल के पत्र क्रमांक/124/ 348/2019/पं.-1/22 भोपाल दिनांक 06.02.2019 के अनुसार गौशाला स्वीकृत किए जाने का प्रावधान है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। गौशाला निरस्तीकरण के संबंध में विभाग द्वारा कोई नियम/निर्देश जारी नहीं किये गये है। (ख) उत्तरांश (क) के संदर्भ में सिवनी विधानसभा क्षेत्र में 02 गौशालाएँ पूर्ण हो गई हैं एवं सामग्री मद में वर्तमान तक 107.48 लाख का भुगतान किया गया है। 05 गौशाला अपूर्ण हैं जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार है। मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत सिवनी द्वारा प्रति सप्ताह समीक्षा बैठक/Zoom वीडियो कान्फ्रेंसिंग के द्वारा गौशालाओं को पूर्ण कराने हेतु निर्देश दिए गए। अपूर्ण गौशालाओं को 31 मार्च 2022 तक पूर्ण कराया जाना लक्षित है। (ग) उत्तरांश (ख) के संदर्भ में सिवनी जिले में गौशाला संचालन हेतु वर्तमान तक 12 गौशालाओं में राशि 11,88,240 रू. उपलब्ध करायी गयी है। गौशालावार, जनपद पंचायतवार जानकारी उत्तरांश ‘क’ के परिशिष्ट-1 अनुसार है।
मनरेगा कार्यों की भौतिक, आर्थिक प्रगति
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
29. ( क्र. 163 ) श्री सुनील उईके : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जुन्नारदेव विधानसभा क्षेत्र में विगत 3 वर्षों में मनरेगा से पंचायतवार स्वीकृत सामुदायिक कार्यों एवं उसकी वर्तमान में व्यय की जानकारी एवं निर्मित संरचनाओं की वर्तमान स्थिति पूर्ण/अपूर्ण अप्रारंभ की पंचायतवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) विधानसभा क्षेत्र जुन्नारदेव में मनरेगा योजना से कुल स्वीकृत तालाब, स्टाप डेम एवं अन्य सामुदायिक जल की संरचनाओं की स्वीकृत की राशि एवं व्यय की जानकारी एवं वर्तमान में कितनी संरचनाऍं भुगतान के अभाव में लंबित हैं? (ग) मनरेगा मद से जुन्नारदेव विधानसभा में कहाँ- कहाँ ग्राम सड़कें स्वीकृत हुई हैं एवं वर्तमान में कहाँ-कहाँ निर्माणाधीन हैं? क्या संपूर्ण विधानसभा क्षेत्र के मोहल्लें में ग्रामीण सड़क बनाने हेतु क्या कार्य योजना हैं? प्राक्कलन बनाकर कब तक स्वीकृत कराये जायेंगे?
पंचायत मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया (संजू भैया) ) : (क) जिला छिंदवाड़ा की विधानसभा क्षेत्र जुन्नारदेव के अंतर्गत जनपद पंचायत तामिया एवं जामई में मनरेगा योजना अंतर्गत कुल 8920 सामुदायिक कार्य स्वीकृत किये गये है। स्वीकृत सामुदायिक कार्यों पर वर्तमान समय तक कुल राशि रू. 10676.67 लाख व्यय की गई है स्वीकृत सामुदायिक कार्यों में से 3733 कार्य पूर्ण किये गये तथा 5187 सामुदायिक कार्य प्रगतिरत है। ग्राम पंचायतवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ख) छिंदवाड़ा जिले की विधानसभा क्षेत्र जुन्नारदेव के अंतर्गत जनपद पंचायत तामिया एवं जामई में मनरेगा योजना अंतर्गत कुल 573 तालाब, स्टाप डेम एवं अन्य सामुदायिक जल संरचनाओं के कार्य राशि रू. 8664.07 लाख के स्वीकृत किये गये है। वर्तमान समय तक स्वीकृत कार्यों पर कुल राशि रू. 5315.38 लाख व्यय किया गया है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। वर्तमान में कोई भी संरचनाऍं भुगतान के अभाव में लंबित नहीं हैं। (ग) मनरेगा मद से विधानसभा क्षेत्र जुन्नारदेव अंतर्गत 21 ग्राम पंचायतों में स्वीकृत एवं निर्माणाधीन ग्रेवल सड़को की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार है। मनरेगा योजनांतर्गत कार्यों का चयन त्रिस्तरीय पंचायतीराज संस्थाओं द्वारा किये जाने का प्रावधान होने के कारण राज्य स्तर से विधानसभा क्षेत्र के मोहल्ले में ग्रामीण सड़क बनाने हेतु राज्य स्तर से समय-सीमा निर्धारित नहीं की जा सकती।
मनरेगा की राशि से स्वीकृत निर्माण कार्य
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
30. ( क्र. 165 ) श्री शशांक श्रीकृष्ण भार्गव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला विदिशा अंतर्गत विदिशा एवं ग्यारसपुर जनपद पंचायत अंतर्गत 2020-21 एवं 2021-22 में मनरेगा की राशि से कितने ग्रेवल सड़क निर्माण कार्य स्वीकृत किये गये? जनपद पंचायतवार, ग्राम पंचायतवार स्वीकृत कार्यों की जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नकर्ता द्वारा प्रश्नांश (क) के क्रम में क्षेत्र मे कितने ग्रेवल सड़क निर्माण कार्य स्वीकृति हेतु प्रस्तावित किये गये? उक्त में से कितने स्वीकृत किये गये एवं कितने स्वीकृत किये जाना शेष हैं? शेष ग्रेवल सड़क निर्माण कार्य कब तक स्वीकृत किये जायेंगे? (ग) क्या शासन द्वारा प्रत्येक ग्राम पंचायत में ग्रेवल सड़क निर्माण कार्य स्वीकृत किये जाने के निर्देश हैं? यदि हॉं तो कितने कि.मी. सड़क निर्माण कार्य एक ग्राम पंचायत को स्वीकृत किये जाने का प्रावधान है?
पंचायत मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया (संजू भैया) ) : (क) वर्ष 2020-21 एवं 2021-22 में मनरेगा अंतर्गत जनपद पंचायत विदिशा में 52 एवं जनपद पंचायत ग्यारसपुर में 07 ग्रेवल सड़क के कार्य स्वीकृत किये गये हैं। जनपद पंचायतवार, ग्राम पंचायतवार स्वीकृत कार्यों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) के क्रम में जनपद पंचायत विदिशा में कुल 18 एवं जनपद पंचायत ग्यारसपुर में 04 ग्रेवल सड़क प्रस्तावित किये गये। उक्त में से जनपद पंचायत विदिशा के 02 ग्रेवल सड़क स्वीकृत किये गये हैं। शेष ग्रेवल सड़क के प्रस्ताव की स्वीकृति की कार्यवाही प्रचलन में है। (ग) जी नहीं, निस्तार पत्रक/वाजिब-उज-अर्ज में अंकित मार्गों को मनरेगा के प्रावधानों के अनुरूप त्रिस्तरीय पंचायतराज संस्थाओं द्वारा नियमानुसार अनुमोदन किया जाकर कार्यों को शेल्फ ऑफ प्रोजेक्ट एवं ग्राम पंचायत की वार्षिक कार्य योजना में शामिल किये जाने के निर्देश हैं। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है।
किसान कर्ज माफी
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
31. ( क्र. 168 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या 17 दिसम्बर 2018 को तत्कालीन मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ जी ने मुख्यमंत्री पद की शपथ लेते ही म.प्र. के किसानों का दो लाख रूपये तक का कृषि ऋण माफ करने के आदेश की फाइल पर हस्ताक्षर किये थे? यदि हां तो आदेश की छायाप्रति प्रति उपलब्ध करावें एवं कितने किसानों की कितनी राशि माफ की गई है? (ख) प्रश्नांश (क) और ख के संदर्भ में दिनांक 17 दिसम्बर 2018 से प्रश्नांकित अवधि तक विदिशा में कितने किसानों का कर्ज माफ किया गया है? विकासखण्डवार संख्या देवें। (ग) विदिशा जिले में फसल ऋण माफी योजना हेतु बैंकों को कुल कितनी राशि दी गई है? विकासखण्डवार, स्पष्ट जानकारी देवें। (घ) क्या 18 माह में भी कुछ किसानों का फसल ऋण माफ नहीं किया गया? इसके कारण कितने किसान डिफाल्टर हुए हैं? विदिशा जिले के डिफाल्टर (ओवरड्यू) किसानों की तहसीलवार संख्या उपलब्ध करावें। (ड.) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या तत्कालीन सरकार की गलत घोषणा के कारण ओवरड्यू हुये कृषकों के लिए सरकार द्वारा ऋण पर लिये गये ब्याज माफी की योजना है? यदि हां तो बतलावें।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री कमल पटेल ) : (क) से (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण की जानकारी
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
32. ( क्र. 171 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा जिले के विकासखण्ड सिरोंज एवं लटेरी में प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के कितने आवास स्वीकृत किये गये हैं? हितग्राहीवार एवं ग्राम पंचायतवार सूची उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में कितने आवास पूर्ण किये गये हैं? कितने अपूर्ण हैं? कितने अप्रारंभ हैं? प्रथम, द्वितीय, तृतीय, चर्तुथ किश्त किन-किन हितग्राहियों को राशि का भुगतान किया गया है? कितने हितग्राहियों को राशि का भुगतान होना शेष है? हितग्राहीवार ग्राम पंचायत एवं विकासखण्डवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश ( (क) के संदर्भ में क्या प्रधानमंत्री आवास योजना की मजदूरी भुगतान संबंधी नई प्रक्रिया पोर्टल पर लागू होने के कारण निश्चित समय सीमा में मानव दिवस समाप्त हो जाते हैं एवं मजदूरी का भुगतान नहीं हो पाता है? यदि हां तो हितग्राहीवार समाप्त हुये मानव दिवसों की जानकारी ग्राम पंचायतवार उपलब्ध करावें जिन्हें मजदूरी का भुगतान नहीं हो सका है? इसके लिए दोषी कौन है? दोषियों पर क्या कार्यवाही की गई? समाप्त हुए मानव दिवसों का भुगतान कब तक कर दिया जावेगा? (घ) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में आवास प्लस एप्प के माध्यम से कितने परिवारों के नाम जोड़े गये हैं? हितग्राही के नाम सहित ग्राम पंचायतवार जानकारी देवें। (ङ) प्रधानमंत्री आवास ग्रामीण की विकासखण्ड सिरोंज एवं लटेरी में किन-किन हितग्राहियों की मनरेगा मजदूरी की राशि का भुगतान नहीं किया गया है? ग्राम पंचायतवार जानकारी उपलब्ध करावें एवं कब तक भुगतान कर दिया जावेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया (संजू भैया) ) : (क) एवं (ख) जानकारी प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के पोर्टल pmayg.nic.in पर उपलब्ध है। (ग) जी हाँ। भारत सरकार द्वारा उपरोक्त प्रक्रिया योजना के पोर्टल पर लागू की गई है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है (ड) प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण में आवास निर्माण के साथ-साथ मजदूरी भुगतान सतत प्रकिया है। जानकारी प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के पोर्टलpmayg.nic.inपर उपलब्ध है।
मृदा परीक्षण प्रयोगशाला प्रारंभ किया जाना
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
33. ( क्र. 174 ) श्री राज्यवर्धन सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्र. 1798 दिनांक 15.7.2019 के उत्तर में बताया गया था कि मृदा परीक्षण प्रयोगशाला में आवश्यक संसाधन एवं उपकरण तथा अमले की व्यवस्था होते ही प्रयोगशाला प्रारंभ की जा सकेगी? यदि हां तो क्या प्रश्न दिनांक तक उक्त प्रयोगशाला प्रारंभ कर दी गई हैं? यदि हां तो कब? यदि नहीं तो क्यों? (ख) उपरोक्तानुसार किसानों की सुविधा के दृष्टिगत कब तक उक्त मृदा परीक्षण प्रयोगशाला को संपूर्ण सुविधाओं सहित प्रारंभ कर दिया जायेगा?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री कमल पटेल ) : (क) जी हां।नवीन मिटटी परीक्षण प्रयोगशाला नरसिंहगढ़ में मृदा नमूना विश्लेषण हेतु एटोमिक एब्जोपर्सन स्पेक्ट्रोफोटोमीटर यंत्र की स्थापना की जा चुकी है,शेष अन्य प्रयोगशाला यंत्रों के उपार्जन की कार्यवाही हेतु म.प्र. लघु उद्योग निगम को नोडल एजेंसी बनाया गया है,जिसके माध्यम से प्रयोगशाला यंत्रों के उपार्जन की कार्यवाही प्रक्रिया में है।वर्तमान में नवीन मिटटी परीक्षण प्रयोगशाला नरसिंहगढ़ आरंभ नहीं हो सकी है।नवीन मिटटी परीक्षण प्रयोगशाला, नरसिंहगढ़ में आवश्यक संसाधन एवं प्रयोगशाला उपकरणों तथा अमले की व्यवस्था होते ही प्रारंभ की जा सकेगी। (ख) नवीन मिटटी परीक्षण प्रयोगशाला नरसिंहगढ़ में आवश्यक संसाधन एवं प्रयोगशाला उपकरण तथा अमले की व्यवस्था होते ही संपूर्ण सुविधाओं सहित प्रयोगशाला प्रारंभ की जा सकेगी।
बालिका गुमशुदगी के दर्ज प्रकरणों पर कार्यवाही
[गृह]
34. ( क्र.
178 ) श्रीमती
झूमा डॉ.
ध्यानसिंह
सोलंकी : क्या
गृह मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) खरगोन
जिले अन्तर्गत
जनवरी 2019 से बालिका
गुमशुदगी के
कुल कितने
प्रकरण समस्त
थानों में
दर्ज हैं? दर्ज
प्रकरणों की
जानकारी नाम
एवं दिनांक सहित
उपलब्ध
करावें।
(ख) उक्त दर्ज
प्रकरणों में
प्रश्न
दिनांक तक पुलिस
द्वारा क्या
कार्यवाही की
गई है?
वर्तमान तक
कुल कितने
गुमशुदगी के
प्रकरण थानों
में लंबित हैं? लंबित
प्रकरणों की
जानकारी नाम, दिनांक
सहित उपलब्ध
करावे तथा
लंबित रहने का
क्या कारण है? (ग) कुल
कितने
प्रकरणों का
निराकरण किया
गया है? निराकरण
किये गये
प्रकरणों की
जानकारी नाम एवं
दिनांक सहित
उपलब्ध
करावें। (घ) क्या
उक्त दर्ज
प्रकरणों के
निराकरण में
पुलिस द्वारा
लापरवाही की
जा रही है? यदि
हां तो क्या
कोई
कार्यवाही
प्रस्तावित की
जायेगी? नहीं तो
दर्ज
प्रकरणों का
निराकरण कब तक
किया जायेगा?
गृह मंत्री (
डॉ. नरोत्तम
मिश्र ) : (क) खरगौन
जिले में 01
जनवरी 2019 से प्रश्न
दिनांक 20 जुलाई 2021 तक
बालिका
गुमशुदगी के
कुल 525
प्रकरण समस्त
थानों में
दर्ज हुए है।
दर्ज प्रकरणों
की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे गये
परिशिष्ट ‘‘अ‘‘, ‘‘ब‘‘ एवं
‘‘स‘‘ अनुसार है।
(ख) दर्ज
प्रकरणों में
प्रश्न
दिनांक तक
पुलिस द्वारा 436
प्रकरणों का
निराकरण किया
गया। वर्तमान
में 89
गुमशुदगी के
प्रकरण थानों
में लंबित है, लंबित
प्रकरणों की
जानकारी
दिनांक तथा
लंबित रहने के
क्या कारण है, जानकारी पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र ‘‘ब‘‘ एवं
‘‘स‘‘ अनुसार है।
(ग) कुल 436 प्रकरणों
का निराकरण
किया गया है।
निराकरण किये
गये प्रकरणों
की जानकारी
दिनांक सहित जानकारी पुस्तकालय
में रखे गये
परिशिष्ट के
प्रपत्र ‘‘स‘‘ अनुसार है।
(घ) उक्त दर्ज
प्रकरणों के
निराकरण में
पुलिस द्वारा
लापरवाही नही
की गयी है।
दर्ज प्रकरण
की विवेचना
शीघ्र पूर्ण
कर निराकरण
किया जायेगा।
अनुसुचित जनजाति बस्ती विकास मद, विशेष केन्द्रीय सहायता मद, 275 (1) अन्तर्गत प्राप्त राशि
[जनजातीय कार्य]
35. ( क्र. 179 ) श्रीमती झूमा डॉ. ध्यानसिंह सोलंकी : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जिला खरगोन अन्तर्गत वर्ष 2020-21 में अनुसुचित जनजाति बस्ती विकास मद, विशेष केन्द्रीय सहायता मद, 275 (1) अन्तर्गत कुल कितनी राशि का आवंटन प्राप्त हुआ है? योजनावार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) क्या उक्त प्राप्त राशि का जिले अन्तर्गत विकासखण्डों में नियमानुसार जनसंख्या एवं क्षेत्रफल अनुसार राशि आवंटन किया गया है? (ग) यदि हां तो विकासखण्डवार जनसंख्या, क्षेत्रफल एवं प्रदाय राशि का विवरण प्रदाय करें। नहीं तो क्यों नहीं किया? कारण बताएं। (घ) क्या जिला खरगोन में वर्ष 2020-21 अन्तर्गत प्रश्न दिनांक तक विशेष केन्द्रीय सहायता मद एवं 275 (1) अन्तर्गत राशि अप्राप्त है? यदि हां तो क्या कारण है? नहीं तो किस दिनांक को कितनी राशि प्रदाय की गई है?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जिला खरगौन अंतर्गत वर्ष 2020-21 में अनुसूचित जनजाति बस्ती विकास मद, विशेष केन्द्रीय सहायता मद 275- (1) अंतर्गत प्राप्त राशि का विवरण परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) ''जी नहीं''। अनुसूचित जनजाति बस्ती विकास एवं विद्युतीकरण योजना नियम 2018 में विकास खण्ड की जनसंख्या एवं क्षेत्रफल अनुसार राशि आवंटित किये जाने का प्रावधान नहीं है। (ग) प्रश्नांश ''ख'' के संबंध में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) ''जी नहीं''। प्रश्नांश का शेष भाग उपस्थित नहीं होता। प्रदाय राशि का विवरण परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है।
कृषकों की आय बढ़ाने की योजना
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
36. ( क्र. 181 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रं. 29 दिनांक 23.02.2021 एवं प्रश्न क्रं.102 दिनांक 09.03.2021 की जानकारी एकत्रित कर ली गई हो तो उत्तर देवें। (ख) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रं. 2181 दिनांक18.03.2021 के सन्दर्भ में बताएं कि विभाग द्वारा कृषकों की आय की जानकारी एकत्रित न कर उनकी आय दो गुना कैसे की जायेगी तथा मांगने पर भी खंण्ड “क” की जानकारी न देकर मात्र पब्लिक डोमेन का उल्लेख करना क्या विधानसभा की अवमानना नही है खण्ड “ख” का उत्तर दिलाया जाय। (ग) कृषकों की वार्षिक आय संबंधित जानकारी कहां से प्राप्त हो सकेगी तथा क्या कृषकों की वार्षिक आय दो गुना करने का प्रयास किया जा रहा है? यदि हाँ तो किस वर्ष में लक्ष्य को प्राप्त किया गया?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री कमल पटेल ) : (क) जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ख) किसानों की आय की जानकारी विभाग द्वारा एकत्रित नहीं की जाती है। अत: जानकारी दिया जाना संभव नहीं है। विधानसभा की अवमानना का प्रश्न ही नही उठता। (ग) किसानों की आय की जानकारी किसान कल्याण तथा कृषि विभाग द्वारा संग्रहित नहीं की जाती है। किसानों की फसलों के उत्पादन तथा उत्पादकता को बढानें के लिये विभाग द्वारा विभिन्न योजनाऐं संचालित की जाती है। उत्पादन वृद्धि के लिए तकनीकी सलाह भी प्रदान की जाती है। इसके साथ ही किसानों की आय दोगुनी किये जाने के आधार स्तम्भ तय किये हैं जैसे- कृषि का विविधीकरण, कृषि यंत्रीकरण को प्रोत्साहन, उन्नत बीजों का प्रसार, मृदा स्वास्थ्य प्रबंधन, कृषि तकनीकी विस्तार के नये आयाम, फार्मर प्रोड्यूसर कंपनियों का गठन, जैविक खेती का प्रसार,कृषि क्षेत्र में आपदा प्रबंधन, कृषि उत्पादन भण्डार सुविधाओं का विस्तार तथा संस्थागत ढांचे का गठन। उपरोक्तानुसार किसानों की आय दोगुनी किये जाने के समग्र प्रयासों के साथ सम्बद्ध विभागों जैसे उद्यानिकी, पशुपालन, मत्स्य पालन, रेशम कीट पालन, सामाजिक वानिकी की भूमिका भी सहायक है। उपरोक्त सभी विभागें के सम्यक प्रयासों का उद्देश्य कृषकों की आय में वृद्धि है।
नेमावर हत्याकांड की सी.बी.आई. जांच
[गृह]
37. ( क्र. 183 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नेमावर हत्याकांड में हत्या के उपयोग में लाये गये हथियार, साधन, सामग्री तथा गड्ढ़ा खोदने वाली जे.सी.बी. मशीन को किस किस दिनांक को जब्ती में लिया गया तथा कोर्ट में चालान किस दिनांक को पेश किया गया? आरोपियो के खिलाफ दर्ज एफ.आई.आर. एवं चालान की प्रति देवें। (ख) मुख्य आरोपी सुरेन्द्र की मोबाईल फोन की कॉल डीटेल किस दिनांक से किस दिनांक तक की किस दिनांक को प्राप्त हुई है? क्या उपरोक्त अवधि की काल डीटेल में स्थानीय जनप्रतिनिधियों से, अधिकारियों से एवं थाना प्रभारी से बात करना पाया गया है? (ग) क्या दिनांक 19 जून 2021 को मुख्य आरोपी को पूछताछ के लिये लाया गया था? क्या आरोपी ने अपने स्वयं के मोबाईल से थाना प्रभारी की स्थानीय जनप्रतिनिधी से बात करवाई थी और उसे छोड दिया गया, तो किन कारणों से छोडा गया? (घ) क्या सरकार द्वारा इस हत्याकांड की सी.बी.आई. जांच करवाई जावेगी?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) मान. विशेष न्यायालय में चालान दिनांक 20.07.2021 को पेश किया गया। एफ.आई.आर. की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। प्रकरण माननीय न्यायालय में विचाराधीन होने से चालान की प्रति दी जाना विधि सम्मत नहीं है। (ख) प्रकरण माननीय न्यायालय में विचाराधीन होने से विवेचना से संबंधित अभिलेख कॉल डिटेल के संबंध में जानकारी दी जाना विधि सम्मत नहीं हैं। (ग) जी नहीं। दिनांक 19 जून 2021 को मुख्य आरोपी को पूछताछ के लिये नहीं लाया गया था। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी नहीं। इसकी आवश्यकता प्रतीत नहीं होती।
ट्राईबल सबप्लान एवं बस्ती विकास की राशि
[जनजातीय कार्य]
38. ( क्र. 186 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या वित्त वर्ष 2020-21 और 2021-22 के ट्राईबल सबप्लान एवं बस्ती विकास योजना की राशि प्रश्न-दिनांक तक भी जारी नहीं गई है? यदि हां तो राशि जारी नहीं किए जाने के विधिसम्मत कारण बताएं। यदि नहीं, तो जारी की गई राशि की प्रति-सहित पृथक-पृथक ब्यौरा दें। (ख) धार जिले में वित्तवर्ष 2020-21 और 2021-22 के ट्राईबल सबप्लान एवं बस्ती विकास योजना की कितनी राशि जारी की गई है? कितनी राशि मनावर विधानसभा क्षेत्र के लिए जारी की गई? किन-किन मदों में खर्च की गई? वर्षवार, योजनावार पृथक-पृथक ब्यौरा दें। (ग) प्रदेश में वित्त वर्ष 2021-22 के लिए ट्राईबल सबप्लान के तहत कुल कितनी राशि आवंटित की गई है? उक्त राशि राज्य के बजट का कितना प्रतिशत है। केंद्र से कितनी राशि ट्राईबल सबप्लान के तहत राज्य को प्राप्त हुई? आवंटित राशि एवं खर्च राशि का पृथक-पृथक ब्यौरा दें।
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
योजनांतर्गत रोजगार
[तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोज़गार]
39. ( क्र. 187 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या खेल एवं युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) धार जिले के मनावर, कुक्षी, धरमपुरी विधानसभा अंतर्गत में ग्रामीण क्षेत्र के कितने बेरोजगार युवाओं को कौशल विकास, स्वरोजगार एवं अन्य योजनाओं के तहत स्थानीय स्तर पर रोजगार देने का लक्ष्य वित्तवर्ष 2018-19, 2019-20, 2020-21, 2021-2022 रखा गया? इस अवधि में कितने बेरोजगारों को रोजगार दिया गया? वर्षवार पृथक-पृथक ब्यौरा दें। यदि लक्ष्य-आधारित रोजगार नहीं दिया गया तो कारण बताएं। (ख) प्रश्नांश (क) के विधानसभा क्षेत्र को बेरोजगार-मुक्त बनाने के लिए सरकार ने क्या लक्ष्य निर्धारित किया है? तत्संबंधी ब्यौरा दें। यदि लक्ष्य निर्धारित नहीं किया है तो कारण बताएं। (ग) प्रश्न दिनांक तक प्रदेश में कितने लोग बेरोजगार हैं? उक्त बेरोजगारों में कितनी संख्या एसटी वर्ग, एससी वर्ग, ओबीसी वर्ग और सामान्य वर्ग की है? वर्गवार ब्यौरा दें। (घ) क्या बेरोजगारी प्रदेश के विकास में बाधक है? प्रदेश में बेरोजगारी के लिए किसकी जवाबदेही तय की गई है? प्रदेश को बेरोजगार-मुक्त बनाने के लिए क्या लक्ष्य निर्धारित किया गया है? तत्संबंधी ब्यौरा दें।
खेल एवं युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जानकारी विधानसभावार न होकर जिलेवार संधारित होती है। प्रत्येक जिले में रोज़गार मेले का आयोजन किया जाता है। जिला धार की वर्षवार उपलब्धि निम्नानुसार है:-
वर्ष |
निजी क्षेत्र में नियुक्ति हेतु चयनित आवेदकों की संख्या |
2018-19 |
3591 |
2019-20 |
00 |
2020-21 |
4484 |
2021-22 (जून 2021 तक) |
144 |
धार जिले में कौशल विकास योजना अंतर्गत बेरोज़गार युवाओं को प्रशिक्षित एवं नियोजित किया गया। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) निजी क्षेत्र में रोज़गार उपलब्ध कराने रोज़गार मेलों का आयोजन किया जा रहा है। प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना-3.0 राज्य कम्पोनेंट अंतर्गत 120 का लक्ष्य आवंटित किया गया है तथा प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना-3.0 केन्द्र कम्पोनेंट अंतर्गत कोविड Frontline worker हेतु कस्टमाइस क्रेश कोर्स के तहत जिला धार को 84 का लक्ष्य आवंटित किया गया है। (ग) प्रदेश में एम.पी.रोज़गार पोर्टल पर दर्ज आवेदकों की संख्या 33,05,461 है, जिसमें एसटी वर्ग के 4,06,358 एससी वर्ग के 5,45,276 ओबीसी वर्ग के 13,28,419 तथा सामान्य वर्ग के 10,25,408 आवेदक पंजीकृत है। (घ) प्रदेश में रोज़गार उपलब्ध करवाने हेतु रोज़गार मेलों का आयोजन तथा बेरोज़गार युवाओं को कौशल विकास योजना अन्तर्गत प्रशिक्षित एवं नियोजित किया जा रहा है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अनुसूचित जाति बस्ती विकास योजनान्तर्गत
[अनुसूचित जाति कल्याण]
40. ( क्र. 189 ) श्री मनोज चावला : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रश्न कर्ता के प्रश्न क्र. 2550 दिनांक 8/3/21 के बिंदु (क) अनुसार दिनांक 19/02/19 को अनुमोदन होने के बाद भी कोषालय से राशि आहरण नहीं होना बताया गया है लंबी अवधि बीतने के बाद भी राशि आहरित नहीं होने का क्या कारण रहा है? (ख) इसके संबंध में विभाग द्वारा क्या जिला कलेक्टर/कोषालय अधिकारी से पत्राचार किया गया? यदि हां तो इसकी प्रतिलिपि देवें और नहीं तो क्यों? क्या जिला कलेक्टर रतलाम द्वारा निर्धारित अवधि में इसकी समीक्षा की गई? क्या राशि जारी नहीं करने पर कोई नोटिस दिया गया? यदि हां तो उसका विवरण देवें और नहीं तो क्यों? (ग) क्या विभाग द्वारा पुनः राशि का भुगतान कर दिया गया है? यदि हां तो कितना और यदि शेष है तो कब तक कर दिया जाएगा? (घ) योजना अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2018-19 में प्राप्त आवंटन में से केवल 33.04 लाख खर्च किया गया जबकि 54.48 लाख की राशि समर्पित कर दी गई? इसका क्या कारण रहा? (ड.) क्या राशि समर्पित और लेप्स हो जाना विभागीय अधिकारियों और कर्मचारियों की लापरवाही है? क्या इससे अनु.जाति के गरीब वर्ग के किसानों को शासन का लाभ लापरवाही व उदासीनता के कारण नहीं मिला है? क्या शासन लापरवाह अधिकारियों/कर्मचारियों के विरुद्ध कोई कठोर कार्रवाई करेगा? यदि हां तो कब तक?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जिला कोषालय में देयक का आहरण नहीं होने एवं वित्तीय वर्ष की समाप्ति के कारण राशि समर्पित की गई। (ख) जी नहीं। आई.एफ.एम.आई.एस. सर्वर में देयक जनरेट नहीं होने से राशि समर्पित की गई। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) राशि रू. 53.71 लाख के विरूद्ध राशि रूपये 35.00 लाख की स्वीकृति जिला स्तर से प्रदाय की गई है। शेष राशि रूपये 18.70 लाख की स्वीकृति जिला स्तर से आवंटन की उपलब्धता पर नियमानुसार संभव होगी। समय सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) शेष रहे कार्यों की स्वीकृति वित्तीय वर्ष 2018-19 में नियमानुसार संभव न हो पाने से राशि समर्पित की गई। (ड.) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जय किसान कर्ज माफी योजना
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
41. ( क्र. 191 ) श्री मनोज चावला : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पूर्व कमलनाथ सरकार की जय किसान फसल ऋण माफी योजना के तहत रतलाम जिले में 50 हजार तक, 50 हजार से एक लाख तक, एक लाख से 1.50 लाख तक कर्ज माफी हेतु कितने कितने किसान पात्र पाए गए कितनों को राशि दी गई? तहसीलवार संख्या बताएं। (ख) क्या सभी पात्र किसानों को राशि का भुगतान कर दिया गया है? यदि नहीं तो शेष किसानों की संख्या बताएं और इन्हें कब तक राशि का भुगतान कर दिया जाएगा? (ग) क्या किसानों को बैंकों की ऋण मुक्ति के लिए शासन की कोई योजना हैं? यदि हां तो योजना का लाभ किसानों को कब तक मिल पाएगा?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री कमल पटेल ) : (क) से (ग) जानकारी बैंकों से संबंधित है, जो एकत्रित की जा रही है।
इंदौर एवं उज्जैन संभाग में कृषि मंडियों में पदस्थ कर्मचारी
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
42. ( क्र. 196 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इंदौर एवं उज्जैन संभाग में वर्तमान में कृषि उपज मंडियों में ऐसे कितने कर्मचारी हैं जो एक ही मंडी में एक ही पद पर लगभग ५ वर्षों से अधिक समय से कार्य कर रहे हैं इनके स्थानान्तरण की शासन की क्या नीति है? (ख) प्रश्नांश (क) संदर्भित ५ वर्षों से अधिक समय वाले कर्मचारियों के खिलाफ कब-कब कितनी-कितनी शिकायतें किस-किस व्यक्ति द्वारा कहां-कहां की गई? उस पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? इनमें ऐसे कितने कर्मचारी हैं जिन्हें शासन स्तर पर दो बार से अधिक दोषी पाये जाने के बाद भी उसी मंडी में उसी पद पर कार्य करने का पुन' मौका दिया? १ जनवरी २०१७ के पश्चात की जानकारी देवें। (ग) उक्त संभाग में कृषि उपज मंडियों में कितने स्थाई, अस्थाई एवं अनुबंध वाले कर्मचारी कार्यरत हैं? मंडीवार जानकारी देवें।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री कमल पटेल ) : (क) इन्दौर एवं उज्जैन संभाग के अन्तर्गत की कृषि उपज मंडियों में कुल 1252 नियमित कर्मचारी एक ही मंडी में एक ही पद पर लगभग 05 वर्षो से अधिक समय से कार्य कर रहे है। मंडी समिति एवं मंडी बोर्ड स्वतंत्र/निगमित निकाय है, अत: शासन की स्थानांतरण नीति लागू नही होने से शेष का प्रश्न उदभुत नही होता। (ख) उत्तरांश (क) अन्तर्गत 01 जनवरी 2017 के पश्चात् 05 वर्षो से अधिक समय से पदस्थ कर्मचारियों के सबंध में प्राप्त शिकायत एवं उस पर की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ग) इन्दौर एवं उज्जैन संभाग के अन्तर्गत कृषि उपज मंडियों में 73 स्थाई 10 अस्थाई एवं आउटसोर्स से अनुबंध पर 457 कर्मचारी कार्यरत है। मंडीवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है।
बेरोजगार युवाओं के रोजगार हेतु शासन की योजना
[तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोज़गार]
43. ( क्र. 202 ) श्री मुरली मोरवाल : क्या खेल एवं युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) उज्जैन जिले के बड़नगर विधानसभा में पिछले 5 वर्षों में बेरोजगार युवाओं को रोजगार दिलाने के लिए सरकार द्वारा कौन-कौन से कार्य किये गए हैं? यदि नहीं तो क्यों नहीं? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या सरकार ने बड़नगर तहसील में रोजगार के लिए कोई योजना बनाई है? क्या किसी उद्योग के लिए शासन ने विगत 10 वर्ष में कितनी भूमि आवंटित की है? अगर की गई हो तो सूची उपलब्ध कराई जावे। (ग) पिछले 5 वर्षो में सरकार द्वारा बड़नगर तहसील में बेरोजगारी पर कोई सर्वे किया गया है? अगर नहीं तो क्या करने की आवश्यकता नहीं है? बेरोजगारी पर डाटा उपलब्ध कराया जावे। (घ) क्या बेरोजगारी खत्म करने के लिए शासन द्वारा कोई योजना बनाई गई है? अगर नहीं तो कब तक बनेगी?
खेल एवं युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) (1) उज्जैन जिले के बड़नगर विधानसभा में रोज़गार मेला के माध्यम से 124 का प्राथमिक चयन एवं 40 को नियुक्ति पत्र प्रदान किये गये। (2) विधानसभावार जानकारी संधारित नहीं की जाती है, अपितु उज्जैन जिले में पिछले 05 वर्षों में बेरोजगार युवक व युवतियों को रोज़गार दिलाने के लिये प्रदान किये गये कौशल विकास प्रशिक्षण की जानकारी निम्नानुसार है:-
जिला नाम |
वित्तीय वर्ष |
रोज़गार मूलक योजना |
लक्ष्य आवंटन |
प्रशिक्षित |
प्रमाणित |
प्रतिवेदित नियोजित |
उज्जैन |
2017-18 |
प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना-2.0 |
1130 |
00 |
00 |
00 |
2018-19 |
मुख्यमंत्री कौशल संवर्धन, कौशल्या योजना |
1360 |
1010 |
800 |
25 |
|
प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना-2.0 |
00 |
1098 |
858 |
00 |
||
2019-20 |
प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना-2.0 |
720 |
00 |
00 |
00 |
|
मुख्यमंत्री कौशल संवर्धन, कौशल्या योजना |
- |
832 |
631 |
256 |
||
युवा स्वाभिमान योजना |
1151 |
478 |
365 |
21 |
||
2020-21 |
युवा स्वाभिमान योजना |
- |
- |
329 |
00 |
|
प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना-2.0 |
00 |
129 |
82 |
00 |
||
मुख्यमंत्री कौशल संवर्धन, कौशल्या योजना |
- |
- |
72 |
- |
||
योग :- |
4361 |
3547 |
3137 |
302 |
(3) उज्जैन जिले के बड़नगर विधानसभा में बेरोज़गारों को स्वरोज़गार देने के लिये राज्य शासन द्वारा मुख्यमंत्री स्वरोज़गार योजना एवं मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना का वर्ष मार्च 2020 तक संचालन किया गया, जिसमें निम्नानुसार प्रतिवर्ष बैंक के माध्यम से ऋण देकर उद्योग/सेवा/ व्यवसाय की स्थापना कराई गई:-
वर्ष |
संख्या |
राशि (लाख रूपये में) |
2016-17 |
62 |
187.21 |
2017-18 |
24 |
93.60 |
2018-19 |
88 |
213.89 |
2019-20 |
78 |
202.33 |
कुल:- |
252 |
697.03 |
(ख) रोज़गार मेला योजना का संचालन किया जाता है, जिसमें सभी क्षेत्र के आवेदक शामिल होते है। उज्जैन जिले में भी प्रधानमंत्री कौशल विकाय योजना, मुख्यमंत्री कौशल संवर्धन योजना, कौशल्या योजना और युवा स्वाभिमान योजना संचालित की गई है। विगत 10 वर्षों में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विभाग द्वारा औद्योगिक क्षेत्र बड़नगर में किसी भी उद्योग को भूमि आवंटित नहीं की है। (ग) बेरोज़गारों के सर्व का कोई प्रावधान नहीं है। रोज़गार पोर्टल पर बड़नगर तहसील में दर्ज आवेदकों की संख्या 3741 है। (घ) रोज़गार मेला योजना का संचालन किया जाता है, जिसमें सभी क्षेत्र के आवेदक शामिल होते है। उज्जैन जिले में भी प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना, मुख्यमंत्री कौशल संवर्धन योजना, कौशल्या योजना और युवा स्वाभिमान योजना संचालित की गई है। सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विभाग द्वारा एमएसएमई प्रोत्साहन योजना संचालित है, जिसमें वित्तीय सहायता प्राप्त ईकाईयों द्वारा स्थानीय लोगों को रोज़गार दिये जाने का प्रावधान है।
बड़नगर विधानसभा क्षेत्र में पुलिस चौकी की स्थापना
[गृह]
44. ( क्र. 203 ) श्री मुरली मोरवाल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बड़नगर विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत ग्राम लौहाना एवं ग्राम खरसोदकलां की पुलिस थाने से दूरी लगभग 20 कि.मी. है, तहसील के सबसे अधिक जनसंख्या वाले इन ग्रामों में ग्रामीण जनों द्वारा पुलिस चौकी स्थापना करने की मांग कई वर्षों से की जा रही है? (ख) प्रश्नकर्ता द्वारा पुलिस चौकी स्थापना करने के संबंध में पत्र क्र. 552 दिनांक 18.07.2019 के द्वारा प्रस्ताव शासन को भेजे थे जिन पर क्या कार्यवाही की गई है? (ग) प्रश्नांश (क) के संबंध में पुलिस चौकी लौहाना एवं खरसोदकलां में खोले जाने के प्रस्ताव शासन के किस स्तर पर लंबित है तथा कब तक पुलिस चौकी की स्थापना कर दी जावेगी?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) ग्राम लोहाना की थाने से दूरी 20 किमी एवं ग्राम खरसोद कलां की थाने से दूरी 12 किमी है। जी नहीं। (ख) ग्राम लोहाना एवं ग्राम खरसोद कलां में नवीन पुलिस चौकी की स्थापना तथा बलवृद्धि के प्रस्ताव पर कार्यवाही की जा रही है। (ग) कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
जेलों में स्वीकृत पद, प्राप्त बजट एवं निरूद्ध बंदियों से संबंधित जानकारी
[जेल]
45. ( क्र. 204 ) श्री सूबेदार सिंह सिकरवार रजौधा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुरैना जिले में स्थित जिला जेल एवं उप जेल में स्वीकृत पदों की संख्या एवं इसके विरूद्ध पदस्थ अधिकारी/कर्मचारियों की पदवार/नामवार अवधि सहित एवं उक्त जेलों में सजायाफ्ता एवं न्यायिक अभिरक्षा में बंद बंदियों को जेल प्रशासन द्वारा दी जाने वाली सुविधायें (आहार सहित) की जानकारी उपलब्ध कराई जावे? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित जेलों में वर्ष 2016 से प्रश्न दिनांक तक विभाग/शासन द्वारा प्रदत्त बजट एवं उस बजट के विरूद्ध व्यय की गई राशि का कार्यवार विवरण सहित एवं उक्त अवधि में जेलों में निरूद्ध बंदियों को जेल प्रशासन द्वारा दिए जाने वाले भोजन/आहार की गुणवत्ता/मात्रा से संबंधित की गई कितनी शिकायतें प्राप्त हुई है? यदि हां तो जांचकर्ता का नाम पदनाम एवं जांच प्रतिवेदन से अवगत करावें। (ग) प्रश्नांश (ख) वर्णित समयावधि में जिला प्रशासन के अधिकारियों/विभाग के अधिकारियों द्वारा कब-कब निरीक्षण किया गया? निरीक्षण से सम्बंधित कार्यवाही की जानकारी जिले की समस्त जेल, उपजेल की पृथक-पृथक उपलब्ध करावें।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) मुरैना जिले में स्थित जिला जेल मुरैना, सब जेल अम्बाह/जौरा/सबलगढ़ में स्वीकृत पदों की संख्या एवं इन पदों पर पदस्थ अधिकारी/कर्मचारियों की पदवार/नामवार पदस्थी दिनांक सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''क'' अनुसार है एवं मुरैना जिले में स्थित जेलों में सजायाफ्ता एवं न्यायिक अभिरक्षा में परिरूद्ध बंदियों को शासन द्वारा दी जाने वाली सुविधाएं (आहार सहित) से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ख'' अनुसार है। (ख) प्रश्नांश- (क) में वर्णित जेलों में वर्ष 2016 से प्रश्न दिनांक तक विभाग/शासन द्वारा प्रदत्त बजट एवं उस बजट के विरूद्ध व्यय की गई राशि कार्यवार/मदवार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ग'' अनुसार है। वर्ष 2016 से इन जेलों में निरूद्ध बंदियों को शासन द्वारा दिये जाने वाले भोजन/आहार की गुणवत्ता/मात्रा से संबंधित प्राप्त शिकायत कार्यालय में पाया जाना नहीं पाया गया। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) वर्ष 2016 से जिला प्रशासन अधिकारियों/विभागीय अधिकारियों द्वारा किये गए निरीक्षण एवं की गई कार्यवाही की जानकारी जेलवार पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''घ'' अनुसार है।
बी.एम.एच.आर.सी. में महिला के साथ अस्पताल कर्मी द्वारा दुष्कर्म
[गृह]
46. ( क्र. 211 ) श्री आरिफ अक़ील : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बी.एम.एच.आर.सी. में कोरोना का ईलाज कराने गई महिला के साथ अस्पताल के कर्मचारी द्वारा बलात्कार जैसे संदिग्ध अपराध की घटना घटित हुई है? (ख) यदि हां तो प्रदेश की राजधानी में अस्पताल कर्मी द्वारा किये गये इस कृत्य पर किस-किस धारा अन्तर्गत प्रकरण पंजीबद्ध किया गया तथा प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? (ग) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में पीडि़त महिला की ईलाज के दौरान मृत्यु हो जाने के लिये अस्पताल कर्मी के अतिरिक्त अन्य कौन-कौन जिम्मेदार है? क्या दोषियों पर कोई कार्यवाही की जावेगी? यदि हां तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) हाँ। (ख) घटना पर जिला भोपाल के थाना निशातपुरा में अपराध क्रमांक 357/21 धारा 376 भादवि का अपराध पंजीबद्ध कर अनुसंधान के दौरान धारा 354,376 (2) (ड) भा.द.वि. का इजाफा कर आरोपी अस्पतालकर्मी को दिनांक 07.04.2021 का गिरफ्तार कर प्रकरण में अनुसंधान के उपरांत चालान क्रमांक 307/21 दिनांक 17.05.21 को तैयार कर माननीय न्यायालय श्री नितेन्द्र सिंह तोमर जे.एम.एफ.सी. भोपाल के न्यायालय में आर.टी.नं.- 609997/21 पर दिनांक 20.05.21 को पेश किया गया है। जो वर्तमान में माननीय न्यायालय में विचाराधीन है। (ग) प्रकरण में आरोपी अस्पतालकर्मी के अतिरिक्त अन्य कोई कर्मचारी की संलिप्तता नहीं पायी गई है।
दिवंगत शिक्षकों के परिजनों को अनुकम्पा नियुक्ति
[जनजातीय कार्य]
47. ( क्र. 215 ) श्री नारायण सिंह पट्टा : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा प्रयोगशाला सहायक के पद पर अनुकम्पा नियुक्ति देने हेतु नियमों में शिथिलीकरण किया गया है? यदि हां तो क्या जनजातीय कार्य विभाग के विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों के दिवंगत होने पर आश्रित परिवार को प्रयोगशाला सहायक के पद पर अनुकम्पा नियुक्ति देने हेतु विभाग द्वारा आदेश जारी किया गया है? यदि नहीं तो क्यों? (ख) क्या जनजातीय कार्य विभाग द्वारा आदेश जारी नहीं होने के बावजूद उमरिया जिले के जनजातीय कार्य विभाग के शिक्षक के दिवंगत होने पर उसके आश्रित को प्रयोगशाला सहायक के पद पर अनुकम्पा नियुक्ति प्रदाय की गई है? क्या उक्त अनुकम्पा नियुक्ति का आदेश मुख्यमंत्री जी के द्वारा वितरण किया गया है? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में हां है तो अन्य जिलों में दिवंगत हुए शिक्षकों के आश्रितों को अभी तक प्रयोगशाला सहायक के पद पर अनुकम्पा नियुक्ति देने की कार्यवाही क्यों नहीं की गई है? (घ) जनजातीय कार्य विभाग अंतर्गत शासकीय शिक्षक के दिवंगत होने पर किन-किन पदों पर अनुकम्पा नियुक्ति दिए जाने का प्रावधान है? क्या शिक्षकों के दिवंगत होने पर प्राथमिक शिक्षक के पद पर अनुकम्पा नियुक्ति दिए जाने का प्रावधान है? 15 मार्च 2021 से 30 मई 2021 की अवधि में मण्डला जिले में कितने शिक्षकों की मृत्यु हुई? नाम, पता, मृत्यु दिनांक सहित जानकारी उपलब्ध कराएं। इन दिवंगत शिक्षकों के परिजनों में से कितनों के द्वारा अनुकम्पा नियुक्ति हेतु आवेदन किये जा चुके हैं एवं उनमें से कितनों को अनुकम्पा नियुक्ति प्रदान की जा चुकी है? जिन प्रकरणों में अनुकम्पा नियुक्ित नहीं दी जा सकी है, उसके कारण सहित प्रकरणवार जानकारी देवें।
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जी हाँ। जी नहीं। जनजातीय कार्य विभाग के विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों के दिवंगत होने पर आश्रित परिवार को प्रयोगशाला सहायक के पद पर अनुकम्पा नियुक्ति देने का प्रकरण अभिमत हेतु सा.प्र.वि. को प्रेषित किया गया है (ख) जी हाँ। (ग) स्कूल शिक्षा विभाग के पत्र दिनांक 01/02/2021 द्वारा प्राथमिक शिक्षक एवं प्रयोगशाला शिक्षक जिनका ग्रेड-पे छटा वेतनमान में रूपये 5200- 20200+2400 ग्रेड पे निर्धारित है जबकि सा.प्र.वि. के परिपत्र दिनांक 20/09/2014 की कंडिका 5.1 अनुसार सहायक ग्रेड 3 तथा समकक्ष पद संविदा शाला शिक्षक रूपये 5200-20200+ 2100 ग्रेड पे तक वेतनमान वाले अन्य कार्यपालिक पदों पर अनुकंपा नियुक्ति दिये जाने के निर्देश है। उक्त विसंगति के मुददे पर सामान्य प्रशासन विभाग से अभिमत मांगा गया है उनके अभिमतानुरूप कार्यवाही की जावेगी। (घ) सामान्य प्रशासन विभाग के पत्र दिनांक 29/09/2014 की कंडिका 5.1 अनुसार अभ्यार्थी द्वारा धारित योग्यता एवं अर्हता के आधार पर नियुक्ति सीधी भर्ती के रिक्त निम्नतर पद पर दी जावेगी। जी नहीं। 17 शिक्षकों की मृत्यु हुई है, संलग्न परिशिष्ट-''अ'' पर है। 17 आवेदन किये जा चुके हैं। 02 प्रकरणों में अनुकम्पा नियुक्ति दी जा चुकी है। 13 प्रकरण विचाराधीन हैं। 02 प्रकरण में पात्रता नही है, संलग्न परिशिष्ट-''अ'' पर है।
मण्डला जिले की तहसील बिछिया में श्रृंखला सेशन न्यायालय की स्थापना
[विधि और विधायी कार्य]
48. ( क्र. 216 ) श्री नारायण सिंह पट्टा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्तमान में मण्डला जिले की किन-किन तहसील मुख्यालय में श्रृंखला सेशन न्यायालय की बैठकें आयोजित की जा रही है? इन तहसीलों में श्रृंखला सेशन न्यायालय की बैठकें प्रांरभ किये जाने के क्या आधार/मापदंड रहें? क्या तहसील क्षेत्रों की भौगोलिक स्थिति व जिला न्यायालय में तहसील मुख्यालय व ग्रामों की दूरी इन आधारों/मापदंडों में शामिल हैं? यदि हां तो मण्डला जिले की तहसील बिछिया जिसके तहसील मुख्यालय की जिला मुख्यालय से दूरी 50 किमी व तहसील अंतर्गत ग्रामों की दूरी 100 से 150 किमी होने के बाद भी तहसील बिछिया में श्रृंखला सेशन न्यायालय की बैठकें आयोजित नहीं किये जाने के क्या कारण हैं? (ख) क्या तहसील बिछिया अंतर्गत थाना मवई, थाना मोतीनाला व थाना बिछिया के सेशन विचारण स्तर के मामलों की सुनवाई वर्तमान में जिला मुख्यालय मंडला में की जा रही है? अगर हां तो क्या इन थानों से संबंधित ग्रामों के नागरिकों को 100 से 150 किमी दूरी तय करके जिला मुख्यालय आना पड़ता है? जब जिले के अन्य तहसील मुख्यालयों श्रृंखला सेशन न्यायालय की बैठकें आयोजित की जा रही हैं तो तहसील मुख्यालय बिछिया में श्रृंखला न्यायालय की बैठकें आयोजित करने में क्या दिक्कतें हैं? (ग) क्या राज्य सरकार दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 7 (3) के अनुसार जिले के उपखंडों में सेशन न्यायालय की स्थापना करने में सक्षम है? यदि हां तो क्या इसके तहत सस्ते व सुलभ न्याय की मंशा अनुरूप मंडला जिले की तहसील बिछिया मुख्यालय में श्रृंखला सेशन न्यायालय खोला जा सकता है? यदि हां तो इसमें कब तक कार्यवाही की जाएगी और तहसील मुख्यालय बिछिया में श्रृंखला सेशन न्यायालय कब से प्रारंभ कर दिया जाएगा?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) वर्तमान में मण्डला जिले की तहसील मुख्यालय निवास एवं तहसील मुख्यालय नैनपुर में जिला एवं अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश की श्रृंखला न्यायालय की बैठकें आयोजित की जा रही है। म.प्र. उच्च न्यायालय, जबलपुर द्वारा नवीन न्यायालयों की स्थापना हेतु तैयार की गई न्यायालय स्थापना नीति-2014 के अंतर्गत पाॅलिसी/गाईडलाईन/स्कीम में निर्धारित किये गये मापदण्डों यथा-जिला/तहसील मुख्यालय से दूरी, लंबित प्रकरणों की संख्या तथा उपलब्ध मूलभूत सुविधाओं आदि मापदण्डों के अनुक्रम में जिला एवं अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश की श्रृंखला/नियमित न्यायालय के संचालन पर विचार किया जाता है। नहीं, नवीन न्यायालय स्थापित किये जाने वाले तहसील मुख्यालय से जिला/तहसील मुख्यालय की दूरी, प्रकरणों की संख्या एवं मूलभूत सुविधाओं आदि मापदण्ड निर्धारित किये गये है। तहसील मुख्यालय भुआबिछिया, जिला मण्डला में व्यवहार न्यायाधीश वर्ग-2 की नियमित न्यायालय संचालित है तथा वर्तमान में तहसील मुख्यालय बिछिया में श्रृंखला सेशन न्यायालय के संचालन से संबंधित कोई भी नवीन प्रस्ताव लंबित नहीं हैं। (ख) जी हाँ, प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश, मण्डला से प्राप्त जानकारी के अनुसार तहसील बिछिया अंतर्गत थाना मवई, थाना मोतीनाला व थाना बिछिया के सेशन विचारण स्तर के मामलों की सुनवाई वर्तमान में जिला मुख्यालय मंडला में की जा रही है। प्रधान, जिला एवं सत्र न्यायाधीश, मण्डला के अनुसार तहसील भुआबिछिया के अंतर्गत थाना बिछिया की दूरी गूगल मेप के अनुसार 45 कि.मी., थाना मोतीनाला की दूरी 69 कि.मी. एवं थाना मवई की दूरी 106 कि.मी. के लगभग है। इस सभी थानों के ग्रामवासी जिला मुख्यालय मण्डला में आते है, उपरोक्त थानों से मण्डला आने के लिए सड़क मार्ग अच्छा होने एवं आवागमन के पर्याप्त साधन होने के कारण समय बहुत कम लगता है। प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश, मण्डला से प्राप्त जानकारी के अनुसार तहसील भुआबिछिया में जिला एवं अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश की श्रृंखला न्यायालय के संचालन हेतु सर्वसुविधायुक्त न्यायालय कक्ष तथा आवासीय भवन एवं अन्य मूलभूत सुविधाओं का अभाव है। (ग) दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा 7 (3) के अनुसार ‘‘राज्य सरकार उच्च न्यायालय से परामर्श के पश्चात् किसी जिले को उपखंडों में विभाजित कर सकती है और ऐसे उपखंडों की सीमाओं या संख्या में परिवर्तन कर सकती है।’’ जी हां। तहसील मुख्यालय भुआबिछिया जिला मण्डला में श्रृंखला न्यायालय प्रारंभ किये जाने के संबंध में जनप्रतिनिधियों द्वारा नवीन प्रस्ताव प्राप्त होने पर श्रृंखला न्यायालय प्रारंभ करने पर विचार किया जा सकेगा।
सरपंचों एवं सचिवों द्वारा गबन की गई राशि
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
49. ( क्र. 225 ) श्री विजयराघवेन्द्र सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत पांच वर्षों में कटनी जिले के सरपंचों एवं सचिवों एवं अन्य अधिकारियों के द्वारा बिना कार्य के शासकीय राशि के गबन के कितने प्रकरण प्रकाश में आये? जिले का नाम, ग्राम पंचायत का नाम, गबन की राशि, गबनकर्ता सरपंच एवं सचिव का नाम सहित पूर्ण विवरण दें। (ख) प्रश्नांश (क) के गबन कर्ताओं को क्या राशि जमा करने का नोटिस दिया गया है। यदि हां तो पत्र क्रमांक, दिनांक, गबनकर्ता का नाम, पद, गबन राशि एवं जमा राशि करने की समयावधि सहित पूर्ण विवरण दें। (ग) प्रश्नांश (ख) से संबंधित गबन कर्ताओं द्वारा कब -कब कितनी राशि जमा की गई, कितनी राशि बकाया है? व्यक्तिवार पृथक-पृथक विवरण दें। (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के परिप्रेक्ष्य में सरपंचों एवं सचिवों द्वारा बिना कार्य कराये शासकीय धन के गबन प्रमाणित होने पर क्या मात्र वसूली की कार्यवाही की जावेगी या उनके विरूद्ध पुलिस थाने में एफ.आई.आर. दर्ज कराई जावेगी एवं अनुशासनात्मक कार्यवाही भी की जावेगी? यदि हां तो कब तक नहीं तो कारण बताएं। अभी तक क्या कार्यवाही की गई है, पृथक-पृथक विवरण दें। (ड.) कार्यालय जिला पंचायत कटनी के पत्र क्रमांक 2826/शिका/2021 दिनांक 13/05/2021 से श्री सहायम चक्रवर्ती सचिव ग्राम पंचायत धरवारा, जनपद पंचायत ढीमरखेड़ा को कारणदर्शी सूचना पत्र प्रश्नकर्ता सदस्य के पत्र क्रमांक 914 दिनांक 13/03/2021 के परिप्रेक्ष्य में जारी किया गया था उस पर अंतिम कार्यवाही क्या की गई? यदि नहीं की गई तो कब की जाएगी और अब तक न करने के लिए कौन दोषी है?
पंचायत मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया (संजू भैया) ) : (क) जिला पंचायत कटनी से प्राप्त सरपंच एवं सचिव संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। अन्य अधिकारियों से संबंधित जानकारी संकलित की जा रही है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) सरपंचो एवं सचिवों द्वारा बिना कार्य कराये शासकीय धन के गबन प्रमाणित होने पर मात्र वसूली की कार्यवाही न की जाकर संबंधितों के विरूद्ध म0प्र0 पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम, 1993 की धारा 40, 88, 89 एवं धारा 92 में दिये गये प्रावधानों के अनुसार कार्यवाही के अतिरिक्त प्रकरण की गंभीरता अनुसार विभिन्न प्रकार की अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाकर 02 सचिव को पदच्युत, 05 सचिव को निलंबित एवं 01 रोजगार सहायक की सेवा समाप्त की गई है एवं शेष के संबंध में कार्यवाही प्रचलन में है। ग्राम पंचायत परसवारा जनपद पंचायत विजयराघवढ के सरपंच एवं सचिव के विरूद्ध पुलिस थाना विजयराघवगढ़ में एफ0आई0आर0 क्रमांक 0411 दिनांक 15.12.2020 को एवं ग्राम पंचायत बम्हौरी जनपद पंचायत बडवारा के सरपंच एवं सचिव के विरूद्ध पुलिस थाना बरही में एफ0आई0आर0 क्रमांक 0612 दिनांक 26.12.2020 को दर्ज कराई गई है। विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ड.) मा0 विधायक महोदय के पत्र क्रमांक 914 दिनांक 13.03.2021 जो कि कार्यालय में दिनांक 17.03.2021 को प्राप्त हुआ, के परिपालन में कार्यालयीन पत्र क्रमांक 2214/ज.प्र./ जि.पं./ 2021 दिनांक 27.03.2021 के द्वारा परियोजना अधिकारी मनरेगा को जांच करने हेतु आदेशित किया गया था। तत्कालीन परियोजना अधिकारी मनरेगा का स्थानान्तरण हो जाने के कारण उक्त जांच मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत को अंतरित की गई है। जांच प्रतिवेदन के परीक्षण उपरांत प्रथम दृष्टया सचिव एवं रोजगार सहायक दोषी पाये जाने पर संबंधित सचिव को कारण बताओ सूचना पत्र क्रमांक 2826/शिका0/2021 दिनांक 13.05.2021 जारी किया गय। जिसका जवाब संबंधित द्वारा दिनांक 08.06.2021 को प्रस्तुत किया, जिसके उपरांत प्रस्तुत प्रतिवाद का परिशीलन किया जाकर समाधान कारक नहीं पाये जाने के कारण वसूली योग्य राशि की गणना किये जाने हेतु कार्यालयीन पत्र क्रमांक 3713/शि0/2021 कटनी दिनांक 29.06.2021 के द्वारा मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत ढीमरखेडा को 03 दिवस की अवधि में वसूली पत्रक उपलब्ध कराने हेतु निर्देशित किया गया था, तदोपरांत मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत ढीमरखेडा द्वारा पत्र क्रमांक 421/शि0/ल0पं0/2021 ढीमरखेडा दिनांक 20.07.2021 के द्वारा गणना कर संबंधित सचिव/रोजगार सहायक से कुल राशि रूपये 127009/- (रूपये एक लाख सत्ताईस हजार नौ रूपये) वसूल किया जाना प्रतिवेदित है। प्रस्तुत प्रतिवेदन अनुसार पंचायत राज अधिनियम, 1993 की धारा 89 के तहत अग्रिम कार्यवाही हेतु प्रस्ताव कार्यालयीन पत्र क्रमांक 4141/पं0सेल0/स्था0/2021 कटनी दिनांक 22.07.2021 द्वारा विहित प्राधिकारी कलेक्टर जिला कटनी की ओर प्रेषित किया गया। इसके अतिरिक्त संबंधित ग्राम पंचायत सचिव श्री रामसहाय चक्रवर्ती को उक्तानुसार अनियमितता के कारण कार्यालयीन आदेश क्रमांक 4139/पं0सेल/स्था0/2021 कटनी, दिनांक 22.07.2021 के द्वारा निलंबित किया गया है। संबंधित के विरूद्ध विभागीय जांच संस्थित किये जाने हेतु आरोप पत्र आदि जारी किये जाने संबंधी कार्यवाही प्रचलन में है।
जांच प्रतिवेदन पर कार्यवाही
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
50. ( क्र. 226 ) श्री विजयराघवेन्द्र सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 02.03.2021 में मुद्रित प्रश्न क्रमांक 2234 के प्रश्नांश (क) के उत्तर में जी हाँ तथा (ङ) में शिकायत की जांच हेतु जिला पंचायत सतना के पत्र क्रमांक 4954 दिनांक 15.02.2021 द्वारा 03 सदस्यीय जिला स्तरीय जांच दल गठित कर 15 दिवस में जांच प्रतिवेदन चाहा गया है, प्रतिवेदन प्राप्त होने पर गुण-दोष के आधार पर नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी, उत्तर दिया गया था तो जांच प्रतिवेदन की प्रति उपलब्ध कराते हुए बताएं की प्रतिवेदन अनुसार अब तक क्या कार्यवाही की गई है? यदि नहीं की गई तो कब तक की जावेगी और अब तक कार्यवाही न करने के लिए कौन उत्तरदायी है? (ख) प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा प्रमुख सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास भोपाल को पत्र क्रमांक 923 दिनांक 24.03.2021 एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत सतना को 24.03.2021 का पत्र दिनांक 03.04.2021 को ग्रामीणजनों द्वारा ग्राम पंचायत खांच विकासखण्ड मझगवां में वर्ष 2015 से 2020 तक की अवधि में 98 लाख रूपये के निर्माण कार्यों की जांच कराए जाने हेतु लिखे गए पत्रों पर प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? (ग) वर्ष 2016-17 में ग्राम पंचायत खांच विकास खण्ड मझगवां जिला सतना के ग्राम मौदहा के पुराने तालाब के फर्जी गहरीकरण की शिकायत मान.मुख्यमंत्री को दिनांक 08.07.2019 एवं मुख्य सचिव को दिनांक 29.05.2019 को ग्रामीण एवं ग्रामीणजनों द्वारा की गई थी? यदि हां तो उक्त शिकायतों पर की गई कार्यवाही एवं जांच प्रतिवेदन की प्रति उपलब्ध करावें।
पंचायत मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया (संजू भैया) ) : (क) जी हाँ। जांच प्रतिवेदन की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। जांच प्रतिवेदन अनुसार ग्राम पंचायत खांच के कार्यों में अनियमितता नहीं पाये जाने से कोई कार्यवाही नही की गई है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ख) माननीय प्रश्नकर्ता सदस्य महोदय के पत्र क्र. 923 दिनांक 24.03.2021 जिला पंचायत सतना में प्राप्त होने के पूर्व ही ग्राम पंचायत खांच के निर्माण कार्यों की उत्तरांश (क) के अनुसार जांच करा लिये जाने से उक्त पत्र क्रमांक 923 दिनांक 24.03.2021 के संबंध में कोई कार्यवाही नहीं की गई। (ग) ग्राम पंचायत खांच के ग्रामीणजनों द्वारा शिकायत माननीय मुख्यमंत्री जी को दिनांक 08.07.20219 एवं मुख्य सचिव महोदय को शिकायत दिनांक 29.05.2019 की न होकर अपितु दिनांक 29.05.2018 को की गई थी। प्राप्त शिकायत की जांच कार्यपालन यंत्री, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा सतना से कराई गई थी। जांच प्रतिवेदन अनुसार आरोप प्रमाणित नहीं पाये जाने पर कोई कार्यवाही नही की गई। जांच प्रतिवेदन की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है।
दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही
[गृह]
51. ( क्र. 234 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पुलिस थाना सिविल लाईन मुरैना में दिनांक 17/03/2021 को अपराध क्रमांक 0120 धारा 363, 343, 34, 376 डी, 376 (2) (N) पंजीबद्ध किया गया था? कितने लोग अपराध में दर्ज हुये? उनके नाम, पते सहित जानकारी दी जावे। (ख) उक्त अपराध में जुलाई 2021 तक कितने लोगों को गिरफ्तार किया गया? यदि गिरफ्तारी नहीं हुई है तो उसके क्या कारण हैं? विवेचना की दिनांकवार कार्यवाही की जानकारी दी जावे। (ग) क्या महिला उत्पीड़न के अपराध में पुलिस की धीमी कार्यवाही से पुलिस की उदासीनता प्रदर्शित हो रही है? जघन्य अपराध की इस कार्यवाही में कौन दोषी है? उसके खिलाफ वरिष्ठ अधिकारी क्या कार्यवाही करेंगे? यदि हां तो कब तक? (घ) क्या इस अपराध के शिकायतकर्ता द्वारा पूर्व में भी अन्य रिपोर्ट दर्ज करायी गई थी? कब-कब कौन से अपराध पंजीबद्ध किये गये? उन पर अभी तक क्या कार्यवाही की गई? पूर्ण जानकारी दिनांक सहित दी जावे।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। जिला मुरैना थाना सिविल लाईन में दिनांक 17.03.2021 को अपराध क्र. 120/21 धारा 363, 343, 376 डी, 376 (2) (एन) , 34 भादवि पंजीबद्ध किया गया। 09 लोग अपराध में दर्ज हुए। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उक्त अपराध में दिनांक 20.07.21 तक आरोपी गिरफ्तार नहीं हुए है। आरोपियों के फरार होने से गिरफ्तारी नहीं हुई है। माननीय न्यायालय से धारा 82 दण्ड प्रक्रिया संहिता के तहत आरोपीगणों की गिरफ्तारी हेतु उदघोषणा जारी कराई गई है। दिनांक 18.08.21 को न्यायालय में हाजिर होने की अपेक्षित तिथि पश्चात धारा 83 जा.फौ के तहत कुर्की की कार्यवाही कराई जाएगी। आरोपीगणों के विरूद्ध पुलिस अधीक्षक मुरैना द्वारा आदेश क्र पुअ/मुरैना/अअवि/एडी/38/21 दिनांक 06.07.21 से सभी 09 आरोपियों पर 1000-1000रू/- का ईनाम घोषित किया गया है। गिरफ्तारी के सार्थक प्रयास किये जा रहे है। प्रश्न के अंश भाग ‘‘विवेचना की दिनांकवार कार्यवाही की जानकारी दी जावे,‘‘ के संबंध में लेख है कि प्रकरण विवेचनाधीन होने से विवेचना की दिनांकवार कार्यवाही की जानकारी प्रदाय की जाना विधिसम्मत् नहीं है। (ग) यह कहना सही नहीं है कि महिला उत्पीड़न के अपराध में पुलिस की धीमी कार्यवाही से पुलिस की उदासीनता प्रदर्शित हो रही है। इस प्रकरण की निरंतर विवेचना की जा रही है प्रकरण में आरोपीगण पीडि़ता के परिवार के जेठ देवर, भतीजे, रिश्तेदार आदि हैं, जिससे प्रत्येक पहलू पर विस्तृत विवेचना की जा रही है।प्रकरण की विवेचना में कोई पुलिस अधिकारी दोषी नहीं है। (घ) शिकायत कर्ता द्वारा थाना सिविल लाईन, जिला मुरैना मे पूर्व मे रिपोर्ट नही की गई।
संदिग्ध व्यक्ति की मृत्यु के संबंध में
[गृह]
52. ( क्र. 235 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मई 2015 में थाना पडाव क्षेत्र ग्वालियर के पडाव स्थिति हनुमान मंदिर पर रेन बसेरा में नेपाली युवक का मृत शरीर पाया गया था? इसे पुलिस द्वारा कब जब्ति में लिया गया था? उसके बाद क्या कार्यवाही की गई थी? (ख) क्या उक्त युवक के जेब में पहचान पत्र भी बरामद हुआ था? उक्त पहचान पत्र किस जांच अधिकारी ने जब्त किया था? क्या उसे केस डायरी में लिखित कर संलग्न किया गया था? उसकी दिनांक सहित पूर्ण जानकारी दी जावें। युवक का नाम पता क्या था? (ग) क्या पुलिस द्वारा अज्ञात लाश के लिए पोस्टर भी छपवाये? गजट नोटीफिकेशन भी करवाया गया था? उक्त प्रकरण में ऐसी चूक कैसे हुई पहचान पत्र जब्त होने के बाद इस प्रकार की कार्यवाही क्यों की गई? विवेचना की दिनांक सहित पूर्ण जानकारी दी जावें। (घ) उक्त केस डायरी 26/04/2020 तक कितने विवेचना अधिकारी एवं सुपरविजन अधिकारियों द्वारा मार्ग की जांच की इस प्रक्रिया में पुलिस विवेचना में कौन-कौन दोषी रहे?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। पुलिस द्वारा दिनांक 29.05.2015 को मर्ग क्रमांक 17/15 धारा 174 जा0फौ0 कायम कर मर्ग जांच की गयी। (ख) जी हाँ। जांचकर्ता सउनि हजूरीलाल शर्मा ने दिनांक 29.05.2015 को पहचान पत्र जप्त कर केस डायरी में संलग्न किया था। पहचान पत्र में युवक का नाम कल्लू डेगौरा पिता भागोराम डेगौरा, निवासी सेती अंचल कैलाली, जिल्ला भजनी नगर ग्राम पंचायत 04 नंबर बड़ा, हालको, वतन नेपाल लेख था। (ग) जी हाँ। पहचान पत्र में युवक की फोटो पुरानी थी एवं फोटो में युवक कम उम्र का प्रतीत होता था। पहचान पत्र के फोटो व मृतक के चेहरे मे भिन्नता थी एवं पहचान पत्र विदेशी नागरिक का होने से पहचान को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से पेम्पलेट छपवाकर, गजट नोटिफिकेसन करवाया गया था। (घ) मर्ग जाँच में 26.04.2021 तक जाँच अधिकारी एवं सुपरविजन अधिकारियों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। मर्ग जाँच के दौरान पहचान पत्र प्राप्त पते पर मृत्यु की सूचना देने के संबंध में प्रयास नहीं करने का दोषी पाये जाने पर जाँचकर्ता सउनि हजूरीलाल शर्मा को दण्डित किया है।
खेल स्टेडियम के संबंध में
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
53. ( क्र. 238 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग द्वारा जिला नरसिंहपुर, दमोह में कितने खेल स्टेडियम किस-किस वर्ष में कितनी-कितनी राशि से निर्माण करवाये गये हैं? (ख) कितने स्टेडियम में निर्माण पूर्ण हो चुके हैं, कितने के निर्माण शेष हैं एवं कितने अधूरे हैं? (ग) स्टेडियम का रखरखाव एवं संचालन किसके द्वारा किया जाता है? (घ) किन-किन स्टेडियम में चौकीदार नियुक्त हैं? किन-किन स्टेडियम में संचालनकर्ता हैं? यदि हां तो संपूर्ण जानकारी दें। यदि नहीं तो कब तक नियुक्त किये जावेंगे? (ड.) किस-किस स्टेडियम में घास लगना शेष है एवं कितने स्टेडियम में घास लगा दी गई है?
पंचायत मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया (संजू भैया) ) : (क) विभाग द्वारा नरसिंहपुर जिलें में 04 तथा दमोह जिले में 04 ग्रामीण खेलकूद मैदान (स्टेडियम) प्रति खेल स्टेडियम लागत राशि रूपये 80.00 लाख के वर्ष 2015-16 में स्वीकृत किये गये थे। (ख) उत्तरांश ’क’ अनुसार सभी खेल स्टेडियम का कार्य पूर्ण हो चुका है। (ग) खेल स्टेडियम का रखरखाव व संचालन संबंधित ग्राम पंचायत द्वारा किया जाता है। (घ) किसी भी खेल स्टेडियम में चौकीदार नियुक्त नहीं है। खेल स्टेडियम का संचालन संबंधित ग्राम पंचायत द्वारा किया जाता है। खेल स्टेडियम में चौकीदार नियुक्त करने संबंधी कोई प्रावधान नहीं है। (ड.) खेल स्टेडियम में घास लगाने का कोई प्रावधान नहीं है।
भोपाल नगर में स्थापित पुलिस चौकी के संबंध में
[गृह]
54. ( क्र.
242 ) श्री
पी.सी. शर्मा : क्या
गृह मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) भोपाल
जिले में
कितनी पुलिस
चौकी
कहां-कहां स्थापित
हैं एवं उन पर
कितने-कितने
पुरूष एवं महिला
बल तैनात हैं? पुलिस
चौकियों की
सूची
प्रभारियों
के नाम व मोबाईल
नं. सहित
उपलब्ध
करायें।
(ख) क्या
पुलिस
चौकियों पर
तैनात पुलिस
बल के लिए पृथक-पृथक
शौचालय एवं
पेयजल की व्यवस्था
है और यदि
नहीं है तो कब
तक कराई
जायेगी और यदि
नहीं तो क्यों? (ग) भोपाल
जिले की
जनसंख्या के
आधार पर क्या
भोपाल नगर
निगम सीमा में
पुलिस
चौकियों की पर्याप्त
व्यवस्था
है? यदि
नहीं तो कब तक
नवीन चौकियों
की स्थापना
की जायेगी और
यदि नहीं की
जायेगी तो क्यों?
गृह मंत्री (
डॉ. नरोत्तम
मिश्र ) : (क) भोपाल
जिले में 28
पुलिस चौकियॉ
स्थापित है।
उनका स्थान, पुरूष/महिला
बल की तैनाती, चौकियों
के
प्रभारियों
के नाम व
मोबाइल नंम्बर
की जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट
अनुसार है। (ख) 15
पुलिस
चौकियों पर
शौचालय एवं
पेयजल की
व्यवस्था है, शेष 13
पुलिस
चौकियों की
भूमि एवं भवन
उपलब्ध नही होने
से शौचालय एवं
पेयजल की
सुविधा उपलब्ध
नही है।
समय-सीमा बताई
जाना संभव नही
है। (ग) जी
हां। शेष
प्रश्न
उपस्थित नही
होता।
विभागीय योजनाओं का लाभ न देने वालों पर कार्यवाही
[जनजातीय कार्य]
55. ( क्र. 269 ) श्री शरद जुगलाल कोल : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विभाग द्वारा अनुसूचित जाति जनजाति क्षेत्र के लोगों के विकास बावत शासन द्वारा कौन-कौन सी योजनाएं संचालित की जा रही हैं? यह भी बतावें कि ब्यौहारी विधानसभा क्षेत्र में अनुसूचित जाति जनजाति क्षेत्र में विकास हेतु वर्ष 2016 से प्रश्नांश दिनांक तक के दौरान कितनी-कितनी राशि शासन द्वारा प्रदान की गई,वर्षवार विवरण देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार प्राप्त राशि का कहां-कहां, किन-किन विकास कार्यों में उपयोग किया गया। (ग) प्रश्नांश के अनुसार प्राप्त राशि का प्रश्नांश (ख) अनुसार उपयोग कर विकास कार्य नहीं कराये गये राशि का बंदर बांट कर व्यक्तिगत हित पूर्ति संबंधितों द्वारा की गई इसके लिए जिम्मेदारों की पहचान कर क्या कार्यवाही करेंगे? अगर नहीं तो क्यों?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। (ग) जांच कार्यवाही प्रचलन में है। जांच प्रतिवेदन अनुसार कार्यवाही की जाएगी।
शासन के आदेशों का पालन न करने वालों पर कार्यवाही
[गृह]
56. ( क्र. 270 ) श्री शरद जुगलाल कोल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला शहडोल में संचालित थानों एवं चौकियों में कितने पद किन-किन अधिकारियों एवं कर्मचारियों/सिपाहियों के स्वीकृत हैं, पदवार स्वीकृत पदों की जानकारी देते हुये बतावें की इनमें से कितने रिक्त हैं एवं कितने भरे हुये है? (ख) प्रश्नांश (क) के स्वीकृति पदों अनुसार पदस्थ अधिकारियों एवं कर्मचारियो/ सिपाहियों में से कितने वर्षों से एक ही स्थान पर पदस्थ हैं, का विवरण देते हुये बतावें कि इनकी पदस्थापना की अवधि कितने वर्ष हो चुकी है? शासन की मंशा अनुसार इनको कितनी अवधि तक एक जगह पर पदस्थ रखे जाने बाबत निर्देश है? (ग) प्रश्नांश (क) के अधिकारियों/ कर्मचारियों/ सिपाहियों को एक ही जगह पर कई वर्षों से पदस्थ कर कार्य लिया जा रहा है तो क्यों, इनको कब तक दूसरे जगह पर हटाने की कार्यवाही की जावेगी? अगर नहीं तो क्यों?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार। (ख) अधिकारियों/ कर्मचारियों की पदस्थापना संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार। पुलिस मुख्यालय द्वारा किसी एक थाने में किसी भी एक पद पर पदस्थापना सामान्यत: 04 वर्ष तथा अधिकतम 05 वर्ष से अधिक नहीं हो, के निर्देश दिये गये है। (ग) प्रश्नांश- ''क'' के परिप्रेक्ष्य में जिला शहडोल अंतर्गत किसी भी अधिकारी/कर्मचारियों को किसी एक थाने में किसी भी एक पद पर 04 वर्ष से अधिक अवधि नहीं हुई है, शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
प्रदेश में महिला अपराधों की बढ़ोत्तरी
[गृह]
57. ( क्र. 279 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में महिलाओं तथा बालिकाओं से बलात्कार तथा सामूहिक बलात्कार तथा हत्या की जनवरी 2018 से जून 2021 तक जिलेवार माह अनुसार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नाधीन अवधि में युवतियों किशोरियों तथा बालिकाओं के अपहरण तथा भागने के प्रकरणों की माह अनुसार प्रदेश के जिलेवार जानकारी उपलब्ध करावें तथा बतावें कि इस अवधि के दौरान अपराधों की कुल संख्या क्या है? (ग) वर्ष 2015 से 2021 तक अप्रैल से जून माह में महिलाओं पर विभिन्न घटनाओं में कितने-कितने प्रकरण दर्ज किये गये? सूची देवें तथा बतावें कि वर्ष 2015 से 2021 तिमाही में किस-किस धारा में प्रकरणों पर कितने प्रतिशत की कमी या वृद्धि हुई? (घ) प्रश्नाधीन (क) की अवधि में महिलाओं की हत्या बलात्कार सामूहिक बलात्कार तथा अपहरणों में कुल कितने आरोपी बनाये गये तथा उनमें से कितने आज दिनांक तक गिरफ्तार नहीं हो पाये? कारण बतावें। (ड.) प्रश्नांश (घ) में उल्लेखित अपराध में प्रकरणों में पिछले 10 वर्षों में न्यायालयीन फैसले होने की अपराध अनुसार औसत अवधि तथा प्रकरणों में सफलता का प्रतिशत भी बतावें।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) प्रदेश में महिलाओं तथा बालिकाओं से बलात्कार तथा सामूहिक बलात्कार तथा हत्या की जनवरी 2018 से जून 2021 तक जिलेवार, माह अनुसार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’अ’’ अनुसार है। (ख) प्रश्नाधीन अवधि में युवतियों, किशोरियों तथा बालिकाओं के अपहरण तथा भागने के प्रकरणों की माह अनुसार प्रदेश के जिलेवार जानकारी तथा इस अवधि के दौरान अपराधों की कुल संख्या पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब‘ अनुसार है। (ग) वर्ष 2015 से 2021 तक अप्रैल से जून माह में महिलाओं पर विभिन्न घटनाओं के कुल दर्ज प्रकरणों तथा वर्ष 2015 से 2021 तिमाही में किस-किस धारा में प्रकरणों पर कितने प्रतिशत की कमी या वृद्धि हुई की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘स‘ अनुसार है। (घ) प्रश्नाधीन (क) की अवधि में महिलाओं की हत्या, बलात्कार, सामूहिक बलात्कार, अपहरणों में कुल 38,754 आरोपी बनाए गए तथा उनमें से कुल 3,455 आरोपी आज दिनांक तक गिरफ्तार नहीं हो पाए, कारण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘‘अ‘‘ एवं ‘‘ब‘‘ में समाहित है। (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
मण्डियों का सुचारू रूप से संचालन
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
58. ( क्र. 282 ) श्री संजय यादव : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बरगी विधान सभा क्षेत्र अन्तर्गत आने वाली जनपद पंचायत शहपुरा में स्थित शहपुरा मण्डी एवं ग्राम बड़खेड़ा (सहजपुर) में स्थित हरा मटर मंडी का निर्माण पूर्ण हो चुका है? (ख) क्या सहजपुर हरा मटर मंडी, मंडी प्रांगण में न लग कर अन्य दूरस्थ स्थान पर संचालित की जा रही है? यदि हां तो क्यों किसके आदेश पर? यदि नहीं तो मंडी निर्माण पूर्ण होने से आज दिनांक तक कितना हरा मटर का व्यापार मंडी प्रांगण हुआ? (ग) क्या शहपुरा कृषि उपज मंडी में मंडी निर्माण होने पर भी व्यापार सुचारू रूप से संचालन नहीं हो पा रहा है? निर्धारित मंडी प्रांगण में कृषि व्यापार क्यों नहीं हो पा रहा? कारण बताएं। (घ) उपरोक्त दोनों मण्डियों का व्यापार अन्य स्थानों पर किये जाने से शासन को राजस्व की हानी हो रही है? यदि हां तो आज दिनांक तक किन-किन पर कार्यवाही की गई? यदि नहीं तो क्यों नहीं?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री कमल पटेल ) : (क) जी हाँ।मुख्य मंडी शहपुरा एवं उप मंडी बडखेड़ा (सहजपुर) प्रांगण में मूलभूत निर्मित संरचनाओं की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र अ एवं ब अनुसार है। (ख) जी हाँ।उपमंडी प्रांगण बडखेड़ा (सहजपुर) का पहुंच मार्ग संकीर्ण होने से ट्रैक्टर ट्राली,ट्रक या अन्य बड़े वाहनों की आवागमन की कठिनाई और पहुंच मार्ग चौडीकरण का कार्य प्रगतिरत होने से कृषकों की सुविधा, व्यापारियों की मांग, जन प्रतिनिधि की अनुशंसा और राजस्व अधिकारी की अनुमति से लगभग 03 किलोमीटर की दूरी पर मुख्य सड़क मार्ग से लगी हुई भूमि पर मंडी प्रशासन शहपुरा भिटौनी के नियंत्रण में हरे मटर का क्रय विक्रय किया जा रहा है जिसमें मंडी प्रशासन द्वारा कृषकों के हरे मटर के विक्रय मूल्य का भुगतान सुनिश्चित करने के साथ ही अनुज्ञप्ति धारी व्यापारियों से मंडी फीस प्राप्त की गयी है। उप मंडी बडखेड़ा (सहजपुर) में पहुंच मार्ग का चौडीकरण कार्य प्रगतिरत होने से वहां अधिसूचित कृषि उपजों/हरा मटर का आरम्भ नहीं हुआ है। (ग) जी नहीं।कृषि उपज मंडी समिति शहपुरा भिटौनी में नियमित रूप से अधिसूचित कृषि उपज का क्रय एवं विक्रय संचालित हो रहा है।अतः शेष का प्रश्न उद्भूत नहीं होता है। (घ) जी नहीं। कृषि उपज मंडी समिति शहपुरा भिटौनी में नियमित रूप से अधिसूचित कृषि उपज का क्रय एवं विक्रय संचालित होकर नियमानुसार मंडी फ़ीस प्राप्त की जा रही है। उपमंडी प्रांगण बडखेड़ा (सहजपुर) के पहुच मार्ग के चौडीकरण का कार्य प्रगतिरत होने से मुख्य सड़क मार्ग के निकटवर्ती स्थान पर मंडी प्रशासन के नियंत्रण में हरे मटर का क्रय विक्रय संपादन हो रहा है जिसमें कृषकों के हरे मटर की विक्रय मूल्य का भुगतान सुनिश्चित करने के साथ ही अनुज्ञप्तिधारी व्यापारियों से मंडी फीस प्राप्त की गयी है। शेष का प्रश्न उद्भूत नहीं होता है।
तालाबों का निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
59. ( क्र. 283 ) श्री संजय यादव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गत 3 वर्षों में बरगी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत जनपद पंचायत जबलपुर एवं जनपद पंचायत शहपुरा में सिंचाई संसाधनों अथवा पशुओं के निस्तार हेतु कितने तालाबों का निर्माण विभाग अन्तर्गत संचालित मनरेगा योजना से करवाया गया एवं वर्तमान में कितने निर्माण स्वीकृत हैं व निर्माणाधीन कितने हैं? (ख) उक्त तालाबों के निर्माण कार्य कितनी-कितनी राशि से करवाया गया है? निर्मित हुये तालाबों के रख-रखाव हेतु क्या व्यवस्था बनाई हैं? ग्रामीण क्षेत्रों में निर्मित निर्माणाधीन तालाब निर्माण के क्या मापदण्ड हैं? (ग) उक्त तालाबों के निर्माण करने वाली एजेंसी के द्वारा क्या गुणवत्तापूर्ण तालाबों का निर्माण करवाया गया है उक्त निर्माण कार्यो का निरीक्षण किस अधिकारी द्वारा किया गया? (घ) क्या तालाब निर्माण में लगी एजेंसी प्रमुख द्वारा क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों से भी किसी प्रकार की सलाह/ राय लेकर तालाब निर्माण करवाया गया है? यदि नहीं तो क्या तालाब निर्माण करने वाली निर्माण एजेंसी को क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों से संपर्क करने एवं राय लेने की बाध्यता नहीं है? यदि बाध्यता है, तो जनपद पंचायत जबलपुर एवं जनपद पंचायत शहपुरा में तालाब निर्माण करने वाली एजेंसी द्वारा अभी तक क्यों नहीं संपर्क किया गया है?
पंचायत मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया (संजू भैया) ) : (क) जनपद पंचायत जबलपुर/शहपुरा बरगी विधानसभा क्षेत्रांतर्गत जनपद पंचायत जबलपुर/ शहपुरा में सिंचाई संसाधनों अथवा पशुओं के निस्तार हेतु कुल 61 तालाब स्वीकृत किये गये हैं, जिनमें से 60 तालाब निर्माणाधीन एवं 1 तालाब पूर्ण है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ख) वांछित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। मनरेगा के अनुमत कार्यों के रखरखाव हेतु विभाग का पत्र क्र. 5656/MGNREGS-MP/NR-3/2020 भोपाल दिनांक 31.12.2020 के संबंध में जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। तालाबों के निर्माण हेतु मापदण्ड विकास आयुक्त कार्यालय के पत्र क्र. 1833/म.गा.नरेगा/2017 भोपाल दिनांक 28.04.2017 एवं विभाग के पत्र क्र. 5654/MGNREGS-MP/NR-3/2020 भोपाल दिनांक 31.12.2020 के संबंध में जानकारी क्रमश: पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 व परिशिष्ट- 4 अनुसार है। (ग) उक्त तालाबो का निर्माण क्रियान्वयन एजेंसी ग्राम पंचायत द्वारा कराया गया है। उक्त तालाबों में निर्माण कार्यों का निरीक्षण संबंधित उपयंत्री एवं सहायक यंत्री के द्वारा समय-समय पर किया गया है। (घ) मनरेगा योजना में कार्यों का चयन त्रिस्तरीय पंचायतीराज संस्थाओं के अनुमोदन उपरांत ही किये जाने का प्रावधान है। अतएव पंचायतीराज संस्थाओं के जनप्रतिनिधियों की सहभागिता होने से शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है।
सोयाबीन के सेम्पल फेल कराने पर कार्यवाही
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
60. ( क्र. 287 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन तथा इंदौर जिले के सोयाबीन बीज उत्पादन करने वाली फर्म एवं सोसायटियों द्वारा वर्ष 2018-19, 2019-20, 2020-21 में कितना सोयाबीन बीज का उत्पादन किया तथा कितना किसानों को देने हेतु सेवा सहकारी संस्थाओं को, शासन को प्रदान किया गया? वर्षवार, संस्थावार, विवरण दें। (ख) वर्ष 2020-21 में कितनी सोयाबीन बीज पैदा करने वाली संस्थाओं के संचालकों ने बीज प्रमाणीकरण संस्था के अधिकारी से सांठगांठ कर बीज के सेम्पल फेल कराए हैं? उज्जैन व इंदौर में कुल कितने क्विंटल के सेम्पल फेल हुए हैं? विवरण दें। (ग) क्या उज्जैन जिले में 30 हजार क्विंटल सोयाबीन बीज के सेम्पल फेल हुए थे? उन्हें उच्चे दामों में मार्केट में बेच दिया गया? शिकायत होने पर 2000 क्विंटल सोयाबीन बीज को ठीक बताया गया तथा 28000 क्विंटल बीज पुन: फेल बता दिया गया? यदि हां, तो विवरण दें। (घ) क्या शासन सोयाबीन बीज के सेम्पल फेल करने के घोटाले की जांच कर दोषी अधिकारियों व संस्था के विरूद्ध कार्यवाही करेगा? क्या उज्जैन जिले के प्रभारी मंत्री जगदीश देवड़ा जी द्वारा भी जांच के आदेश प्रदान किए गए हैं? यदि हां, तो जांच किस अधिकारी द्वारा की जा रही है?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री कमल पटेल ) : (क) 1.उज्जैन जिले में सोयाबीन बीज उत्पादन करने वाली फर्म एवं सोसायटियों द्वारा वर्ष 2018-19 में 117143.28 क्विं. वर्ष 2019-20 में 63091.00 क्विं. एवं वर्ष 2020-21 में 108233.62 क्विं. सोयाबीन बीज का उत्पादन किया गया, जिसकी फर्म एवं सोसयटीवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 1 अनुसार है।2.इंदौर जिले में सोयाबीन बीज उत्पादन करने वाली फर्म एवं सोसायटियों द्वारा वर्ष 2018-19 में 397297.55 क्विं. वर्ष 2019-20 में 220538.89 क्विं.एवं वर्ष 2020-21 में 120490.24 क्विं. सोयाबीन बीज का उत्पादन किया गया, जिसकी फर्म एवं सोसयटीवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 2 अनुसार है किसानों को देने हेतु सेवा सहकारी संस्थाओं को तथा शासन (विभाग) को प्रदाय किये गये बीज का वर्षवार, संस्थावार, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 3 अनुसार है (ख) बीज प्रमाणीकरण संस्था की कार्य प्रणाली के प्रावधान-15 के अनुसार सेम्पल लिये जाकर, पहले प्रधान कार्यालय भेजे जाते है। प्रधान कार्यालय द्वारा इन पर गोपनीय कोड नंबर अंकित किया जाकर बीज परीक्षण प्रयोगशालाओं को परीक्षण हेतु भेजे जाते है। परीक्षण उपरान्त गोपनीय कोड नंबर को डिकोड कर बीज परीक्षण परिणाम संबंधितों को जारी किये जाते है। अत: वर्ष 2020-21 में सोयाबीन बीज पैदा करने वाली संस्थाओं के संचालकों द्वारा बीज प्रमाणीकरण संस्था के अधिकारियों से कोई सांठ-गांठ कर बीज के सेम्पल फेल कराने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। उज्जैन एवं इंदौर जिलों में वर्ष 2020-21 में क्रमश: 14849.33 क्विंटल एवं 10894.57 क्विंटल मात्रा के सेम्पल फेल हुये है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 4 अनुसार है। (ग) उज्जैन जिले में वर्ष 2020-21 में वस्तुत: सोयाबीन के 14849.33 क्विं. मात्रा के नमूने फेल हुए थे। अत: 30 हजार क्विं. सोयाबीन बीज के सेम्पल फेल नहीं हुए थे। पुन: प्रक्रिया/पुन: परीक्षण में कुल 9976.71 क्विं. सोयाबीन का पुन: परीक्षण कराया गया एवं पुन: परीक्षण में 4772.56 क्विं. मात्रा मानक अनुरूप पाई गई तथा 5204.15 क्विं. मात्रा अमानक पाई गई। यह सही नही है कि 2000 क्विं. सोयाबीन बीज को ठीक बताया तथा 28000 क्विं. बीज को पुन: फेल बता दिया गया। (घ) उत्तरांश क, ख, एवं ग के प्रकाश में मध्यप्रदेश राज्य बीज प्रमाणीकरण संस्था स्तर पर सोयाबीन बीज के सेम्पल फेल करने की कोई अनियमित्ताएं नहीं पाई गई है। अत: जांच कर दोषी अधिकारियों एवं संस्था के विरूद्ध कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। जी हां। उज्जैन जिले में कलेक्टर जिला उज्जैन व्दारा जांच दल का गठन किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 5 अनुसार है।
विधायक निधि के स्वीकृत कार्य
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
61. ( क्र. 288 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा नागदा- खाचरौद में विधायक निधि वर्ष 2018-19 से 15/07/2021 तक किन-किन कार्यों की कितनी-कितनी राशि की अनुशंसा की गई? उसमें से कितने कार्य पूर्ण हो गए? कितने कार्य अपूर्ण हैं? कितने कार्य अप्रारंभ हैं? कार्य व वर्षवार, राशि सहित पृथक-पृथक विवरण दें। (ख) विधानसभा प्रश्न न. क्रमांक 5061 दिनांक 18/03/2021 के प्रश्न के उत्तर में जानकारी संकलित की जा रही है बताया गया था यदि जानकारी संकलित कर ली गई है तो प्रश्नवार पृथक-पृथक उत्तर दें। (ग) विधानसभा प्रश्न क्रमांक 3992 दिनांक 09/03/2021 के उत्तर में बताया गया कि खामरिया पुल की डीपीआर तैयार करने की कार्यवाही की जा रही है तो क्या डीपीआर बनाकर शासन द्वारा भारत सरकार को प्रेषित कर दी गई है? यदि हां तो पुल की लागत सहित सम्पूर्ण विवरण दें। (घ) प्रधानमंत्री सड़क कनवास से उंचाहेडा पैकेज क्रमांक एम.पी. 43/09 : 3.95 कि.मी के अंतर्गत उंचाहेड़ा गांव को दो भागों में बटाने वाली कुडेल नदी पर पुल निर्माण हेतु क्या डीपीआर बना ली गई है? यदि हां तो डीपीआर की स्वीकृति हेतु शासन क्या कार्यवाही कर रहा है? (ड) क्या प्रश्नकर्ता ने पत्र क्रमांक 3797 दिनांक 02/06/2021 एवं स्मरण पत्र क्रमांक 3836 दिनांक 20/06/2021 के द्वारा सी.ई.ओ. जनपद पंचायत खाचरोद को 01 मार्च 2021 से 21 जून 2021 के मध्य हुई व्यक्तियों की मृत्यु की जानकारी ग्राम पंचायतवार मांगी गई थी? यदि हां तो जानकारी उपलब्ध क्यों नहीं कराई गई ? जानकारी कब तक उपलब्ध करा दी जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया (संजू भैया) ) : (क) विधान सभा नागदा-खाचरौद में विधायक निधि से वर्ष 2018-19 से 15.07.2021 तक अनुशंसित कार्य/अनुशंसित राशि जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है। शेष जानकारी निम्नानुसार है :-
क्रमांक |
वर्ष |
अनुशंसित कार्य |
अनुशंसित राशि लाख में |
पूर्ण कार्य |
प्रगतिरत कार्य |
अप्रारंभ कार्य |
1 |
2018-19 |
64 |
47.92 |
64 |
0 |
0 |
2 |
2019-20 |
102 |
64.02 |
09 |
81 |
12 |
3 |
2020-21 |
21 |
45.67 |
0 |
19 |
02 |
4 |
2021-22 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
(ख) विधान सभा प्रश्न क्रमांक 5061 दिनांक 18.03.2021 का उत्तर पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है। (ग) खामरिया पुल की डीपीआर प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना-3 के अंतर्गत पैकेज क्रमांक एम.पी. -43701 के मार्ग खाचरौद-बडनगर रोड से चिरोला-खामरिया-बडागांव-संडावदा फंदा के चैनेल क्रमांक 7070 मी. पर बागेडी नदी पर ग्राम खामरिया पुल लम्बाई 72 मी. का निर्माण किये जाने हेतु तैयार की जा रही है। जिसका Topographical एवं Geotech survey का कार्य पूर्ण हो चुका है, प्राक्कलन आदि का कार्य प्रगति पर है। पूर्ण होते ही स्वीकृति हेतु मुख्यालय प्रेषित की जावेगी। पुल की लागत का विवरण डी.पी.आर. तैयार होने के उपरांत ही दिया जाना सम्भव होगा। (घ) वर्तमान में छूटे हुए पुलों के निर्माण हेतु प्राधिकरण को किसी भी योजनान्तर्गत बजट आवंटन न होने के कारण प्रश्नाधीन स्थल ऊँचाहेडा गांव में कुण्डेल नदी पर पुल का निर्माण किया जाना संभव नहीं है। (ड.) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- ''स'' अनुसार है।
प्रदेश के मण्डियों में खरीदी की जानकारी
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
62. ( क्र.
291 ) श्री
जितू पटवारी : क्या
किसान कल्याण
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) प्रदेश
में मंडियों
से बाहर कृषि
उत्पाद
खरीदने की
अनुमति किस
वर्ष से है
तथा 2014-15 से
2020-21
तक मंडी के
बाहर खरीदी
गयी मात्रा
में खरीदी गयी
मात्रा का
कितना
प्रतिशत है? (ख)
मंडी के
बाहर खरीदे
कृषि उत्पाद
पर अनुज्ञा
जारी करना, मंडी
टैक्स की
वसूली की क्या
प्रक्रिया है
तथा उसकी
प्रमाणिकता
किस तरह तय की
जाती है कि व्यापारी
ने जो मात्रा
बताई है वह
सही है? (ग) केन्द्र
शासन द्वारा
पारित तीनों
कृषि कानून को
क्या
म.प्र.शासन
अपने राज्य
में लागू
करेगा? यदि हां तो
उन कानूनों से
वर्तमान कृषि
उत्पाद के
विक्रय की
प्रक्रिया
में क्या
परिवर्तन
होगा?
(घ) प्रश्नांश
(ग) में उल्लेखित
कानून लागू
होने के बाद
शासन सभी
केटेगरी की
मंडियों को
चालू रखेगा? यदि
हां तो इस
संदर्भ में
कोई कानून
पारित कर ऐसा
अध्यादेश
जारी किया
जायेगा? (ड.) क्या
शासन एम.एस.पी.
याने मिनीमम
सपोर्ट
प्राइज का
नियम लागू
करने के पक्ष
में है या नहीं?
किसान
कल्याण
मंत्री ( श्री
कमल पटेल ) : (क) मंडियों
के बाहर कृषि
उत्पाद
खरीदने की
अनुमति सौदा
पत्रक के
माध्यम से
वर्ष 2000
से तथा
अनुज्ञप्ति
प्राप्त क्रय
केन्द्रों पर
वर्ष 2003
से है।
प्रश्नागत जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट के
प्रपत्र 1
एवं 2
अनुसार है। (ख)
मंडी के बाहर
सौदा पत्रक के
माध्यम से
खरीदी होने पर
मंडी सचिव
द्वारा सौदा
पत्रक जारी
किया जाता है
जिस पर दर्ज
भाव एवं तौल
पर्ची पर दर्ज
वास्तविक वजन
के अनुसार
विक्रय उपज का
के आधार पर
बिक्री
प्रमाणक जारी
किया जाता है
जो समस्त मंडी
अभिलेख हैं इन
अभिलेखों के
आधार पर
व्यापारी का
स्टॉक प्रमाणित
होता है एवं
उसी स्टॉक के
मूल्य अनुसार
मंडी शुल्क
प्राप्त किया
जाता है तथा
अनुज्ञा जारी
होते हैं इसी
प्रकार क्रय
केंद्र पर भी
पदस्थ मंडी
कर्मचारी
द्वारा सौदा
पत्रक जारी किये
जाते हैं एवं
आगे की
सम्पूर्ण
प्रक्रिया
उपरोक्तानुसार
होती है
उपरोक्त
प्रक्रिया के
अंतर्गत जारी
किये वाले
मंडी
दस्तावेजों, व्यापारी
की घोषणा, दस्तावेजों
का सत्यापन
एवं अधिसूचित
कृषि उपजों के
व्यापार की
सतत निगरानी
से प्रमाणिकता
तय की जाती
है। (ग) वर्तमान
में माननीय
उच्चतम न्यायालय
द्वारा दिनांक
12
जनवरी 2021 से तीन कृषि
कानून के
क्रियान्वयन
पर रोक लगाए
जाने के कारण
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (घ) भाग
'ग' में
उल्लेखित
परिस्थिति के
कारण प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (ड) भाग 'ग' में
उल्लेखित
परिस्थिति के
कारण प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
नेमावर हत्या कांड की जानकारी
[गृह]
63. ( क्र. 292 ) श्री जितू पटवारी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नेमावर हत्या कांड पर प्रथम रिपोर्ट तथा अपराध का खुलासा होने के 45 दिन के विलंब की अवधि में पुलिस मुख्यालय एवं अधीक्षक कार्यालय देवास द्वारा किये गये पत्र व्यवहार की प्रति देवें तथा बतावें कि पुलिस मुख्यालय को 5 आदिवासी के अपहरण/गुम होने की जानकारी किस दिनांक को कैसे प्राप्त हुई? (ख) क्या प्रश्नाधीन कांड में 45 दिन का विलंब स्वाभाविक था या लापरवाही थी तथा उस संदर्भ में विलंब के कारणों की जांच हेतु कोई कार्यवाही की गई या नहीं? की गई तो उसकी रिपोर्ट की प्रति देवें। यदि नहीं तो क्यों? (ग) क्या पुलिस के यह संज्ञान में है कि नेमावर हत्याकांड के आरोपी भाजपा के पदाधिकारी तथा सक्रिय कार्यकर्ता रहे तथा उनके सोशल मीडिया में आरोपीगण के भाजपा के नेताओं, मंत्रियों तथा विधायकों के साथ फोटो हैं? पुलिस ने चालान में तथा एफ.आई.आर. में इनका जिक्र क्यों नहीं किया? एफ.आई.आर. तथा चालान की प्रति देवें। (घ) नेमावर प्रकरण में लापरवाही के लिये किस-किस पुलिस अधिकारी, कर्मचारी पर क्या-क्या कार्यवाही की गई तथा प्रकरण का जांच अधिकारी तथा संबंधित थाने का थानेदार वही है जो विलंब हेतु जिम्मेदार है? (ड.) क्या शासन मृतक को एक-एक करोड़ का मुआवजा तथा दोनों प्रभावित परिवारों को दो-दो हेक्टेयर जमीन तथा एक को नौकरी देगा?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) विवेचना में विलंब नहीं हुआ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। गुमशुदगी क्र. 15/21 दिनांक 17.05.21 के संबंध में पुलिस मुख्यालय को सी.सी.टी.एन.एस. के माध्यम से ज्ञात हुई है। (ख) प्रकरण की विवेचना में स्वाभाविक समय लगा, विलंब नहीं हुआ है किसी की लापरवाही नहीं पाई गई। अतः कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। अनुसंधान में ऐसे कोई तथ्य नहीं आये हैं। एफ.आई.आर की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। प्रकरण न्यायालय में विचाराधीन होने से चालान की प्रति दी जाना विधिसम्मत नहीं है। (घ) जी नहीं। किसी पुलिस अधिकारी एवं कर्मचारी की लापरवाही नहीं पाई गई। अतः कार्यवाही का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। अनुसंधान अधिकारी थाने का थानेदार ना होकर अनुविभागीय अधिकारी (पुलिस) अनुभाग सोनकच्छ जिला देवास हैं। (ड.) जी नहीं।
OBC की जातिगत जनगणना
[गृह]
64. ( क्र. 294 ) श्री बैजनाथ कुशवाह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न क्रमांक 255 दिनांक 08/12/2020 तारांकित के उत्तर भाग (क) में जी हां आवश्यक कार्यवाही हेतु भारत सरकार को भेजा जा चुका है। उत्तर दिया गया था तो भारत सरकार द्वारा की गई कार्यवाही के प्रतिवेदन से अवगत करावें? (ख) विभाग द्वारा भारत सरकार को भेजे पत्र की प्रति भी उपलब्ध करावें।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) भारत के महारजिस्ट्रार एवं जनगणना आयुक्त, नई दिल्ली के पत्र दिनांक 05/02/2021 (संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ’अ’) द्वारा प्रतिवेदनों के परिपेक्ष्य में निम्नलिखित से अवगत कराया है- i) The office of the Registrar General & Census Commissioner, India in the Ministry of Home Affairs is conducting decennial population Census since 1951 in the country. The Union of India after independence has decided as a matter of policy to stop caste wise population enumeration other than the notified Scheduled Castes and the Scheduled Tribes. Therefore, any caste including those coming under Other Backward Classes (OBCs) has never been enumerated in any of the Censuses since 1951. ii) In Census, only the castes and tribes which are notified as Scheduled Castes/Scheduled Tribes as per the "Presidential Notifications" viz., The Constitution (Scheduled Castes) Order, 1950 and The Constitution (Scheduled Tribes) Order, 1950, as amended from time to time, are enumerated. iii) The "Census Schedule" 2) is designed in consultation with all stakeholders including the Central Ministries. The Government of India has not taken any decision so far conducting OBCs enumeration in the ensuing Census. (ख) विभागीय पत्र दिनांक 13/01/2021 (संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ’ब’) के परिप्रेक्ष्य में जनगणना कार्य निदेशालय, मध्यप्रदेश के पत्र दिनांक 20/01/2021 (संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ’स’) द्वारा भारत के महारजिस्ट्रार एवं जनगणना आयुक्त, नई दिल्ली को प्रेषित पत्र छायाप्रति संलग्न है।
गौण खनिज से प्राप्त राजस्व एवं अंतरण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
65. ( क्र. 304 ) श्री बैजनाथ कुशवाह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) योजना क्रमांक 6299 ग्रामीण क्षेत्रों को गौण खनिज से प्राप्त राजस्व का पंचायतों को अंतरण हेतु विभाग द्वारा क्या कोई नीति/निर्देश/प्रचलन में हैं? यदि हां तो उनकी प्रति दी जावे। (ख) वर्ष 2017-18 से जुलाई 2021 तक विधान सभा क्षेत्र क्रमांक 03 सबलगढ़ में गौण खनिज से कितना राजस्व प्राप्त हुआ व इस हेतु किन-किन ग्राम पंचायतों में अंतरण किया गया की जानकारी जनपद एवं ग्राम पंचायत का नाम/प्राप्त राशि/कार्य का विवरण/वर्ष दिनांक/मांग संख्या/लेखा शीघ्र आदि से अवगत करावें।
पंचायत मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया (संजू भैया) ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट-‘‘अ‘‘ अनुसार हैं। (ख) वर्ष 2017-18 से जुलाई 2021 तक विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 03 सबलगढ़ में गौण खनिज से राशि रूपये 4538014/- प्राप्त हुयी हैं। ग्राम पंचायतों में किसी भी कार्य हेतु गौण खनिज मद की राशि का अंतरण नहीं किया गया हैं। गौण खनिज मद अंतर्गत म.प्र.शासन, वित्त विभाग के माध्यम से पंचायत विभाग को बजटीय व्यवस्था के अंतर्गत आवंटन प्राप्त होता हैं। योजनान्तर्गत विभाग को प्राप्त राशि का उपयोग ग्राम पंचायत सचिवों तथा पंचायत पदाधिकारियों के वेतन भत्तों तथा मानदेय की प्रतिपूर्ति हेतु किया जा रहा हैं।
युवक-युवतियों को रोजगार का प्रदाय
[खेल एवं युवा कल्याण]
66. ( क्र. 305 ) श्री बैजनाथ कुशवाह : क्या खेल एवं युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या मध्यप्रदेश शासन द्वारा युवक युवतियाें को रोजगार प्रदाय हेतु क्या कोई नियम प्रचलन में है? यदि है, तो नियमों की प्रति दी जावे। (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में विगत 04 वर्ष में जिला मुरैना में खेल युवा कल्याण विभाग द्वारा कितने युवक-युवतियों को रोजगार दिया गया की जानकारी में रोजगार प्रदायकर्ता का नाम पता, विभाग, अर्द्धशासकीय/शासकीय विभाग वर्ष दिनांक स्थान आदि सहित दी जावें।
खेल एवं युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) रोजगार संचालनालय द्वारा जॉब फेयर योजना संचालित है। योजना की प्रति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। खेल और युवा कल्याण विभाग द्वारा युवाओं को रोजगार हेतु रोजागारोन्मुखी पाठ्यक्रम संचालित किये जाते है, जिसके तह्त आई.सी.आई.सी.आई. के सहयोग से इंदौर में वोकेशनल स्कील डेवलपमेंट प्रोग्राम, व्ही.एल.सी.सी. के सहयोग से ग्वालियर, इंदौर व भोपाल में डिप्लोमा इन कॉस्मेटोलॉजी, आयशर वोल्वो के सहयोग से शिवपुरी में आटोमोटिव स्कील प्रोग्राम व इंडसइंड बैंक के सहयोग से बैकिंग स्कील प्रोग्राम, गोल्ड जिम के सहयोग से एडवांस फिटनेस ट्रेनर प्रशिक्षण कार्यक्रम टी.टी.नगर स्टेडियम भोपाल में संचालित किये जा रहे है। इसके अलावा प्रदेश के युवाओं को सशस्त्र बल एवं अर्द्ध सैनिक बलों में भर्ती हेतु शारीरिक प्रशिक्षण कार्यक्रम भोपाल व शिवपुरी में संचालित किया जा रहा हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) प्रश्नोत्तर ‘‘क‘‘ के संदर्भ में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
दावेदारों की बेदखली
[जनजातीय कार्य]
67. ( क्र. 338 ) श्री ब्रह्मा भलावी : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जनवरी 2008 से लागू वन अधिकार कानून 2006 के तहत व्यक्तिगत दावा अमान्य किया जाकर दावेदार को भूमि से बेदखल करने का अधिकार या छूट राज्य शासन, भारत शासन एवं सर्वोच्च अदालत ने किस दिनांक को जारी आदेश में वन विभाग या राजस्व विभाग को प्रदान किये हैं? (ख) बैतूल जिले के रैय्यतवारी ग्राम भोगईखापा के किस आदिवासी ने किस खसरा क्रमांक के कितने रकबे का दावा किया? उसे किन-किन कारणों से अमान्य किया उसमें से किस-किस दावेदार को दिनांक 21 जून 2021 को किन कारणों से किस-किस के द्वारा बेदखल किया गया? इसकी जिला स्तरीय वनाधिकार समिति ने किस दिनांक को अनुमति प्रदान की? (ग) जिला स्तरीय वनाधिकार समिति, उपखण्ड स्तरीय वनाधिकार समिति, ग्रामसभा ने 21 जून 2021 को महेश आत्मज नंदा आदिवासी को बेदखल किये जाने के संबंध में किस-किस दिनांक की बैठक में क्या-क्या निर्णय लिया, वन विभाग की किस-किस कार्यवाही की पुष्टि की गई या सहमति व्यक्त की गई? (घ) वन विभाग द्वारा की गई बेदखली की कार्यवाही पर विचार करने के संबंध में जिला स्तरीय एवं उपखण्ड स्तरीय समिति कब तक बैठक करेगी?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेश दिनांक 13.02.2019 एवं दिनांक 28.02.2019 की प्रति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट - 'अ' एवं 'ब' अनुसार है। वन अधिकार अधिनियम 2006 के तहत निरस्त / अमान्य किये गये दावेदारों को वनभूमि से बेदखल न किये जाने के संबंध में संचालनालय आदिम जाति क्षेत्रीय विकास योजनाये भोपाल के पत्र क्रमांक / 352 दिनांक 01 /05/2019 जिलों को पत्र जारी किया गया पत्र की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'स' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'द' अनुसार है। (ग) किसी भी बैठक में निर्णय नहीं लिया गया है एवं किसी प्रकार की सहमति व्यक्त नहीं की गई। (घ) उत्तरांश ’’ग’’ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
वनाधिकार कानून के दावे
[जनजातीय कार्य]
68. ( क्र. 339 ) श्री ब्रह्मा भलावी : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जनवरी 2008 से लागू वन अधिकार कानून 2006 के दावेदारों के संबंध में माननीय सर्वोच्च अदालत ने सिविल याचिका क्रमांक 109/2008 में जनवरी 2019 से प्रश्नांकित दिनांक तक किस-किस दिनांक को क्या आदेश दिए हैं? उन आदेशों का पालन किए जाने के संबंध में राज्य मंत्रालय भोपाल ने किस-किस दिनांक को पत्र, परिपत्र, आदेश, निर्देश जारी किए? प्रति सहित बतावें। (ख) बैतूल जिले के घोड़ाडोंगरी ब्लॉक के ग्राम भोगईखापा, कटंगी, सिवनपाट, डुल्हारा, सालीवाड़ा के किस दावेदार ने किस खसरा नंबर के कितने रकबे का दावा प्रस्तुत किया उस दावे के संबंध में ग्रामसभा ने किस दिनांक को प्रस्ताव लेकर दावा मान्य किया या अमान्य किया, दावा अमान्य करने का क्या कारण ग्रामसभा ने बताया? (ग) किस दावेदार का दावा उपखण्ड स्तरीय समिति ने किन कारणों से अमान्य किया, जिला स्तरीय समिति ने किन कारणों से अमान्य किया, किस समिति ने किस दावेदार को भूमि से बेदखल करने का किस दिनांक को निर्णय लिया? (घ) ग्राम भोगईखापा के दावेदार महेश आनन्दा को दावा की गई भूमि से दिनांक 21 जून 2021 को किसके आदेश से बेदखल किया गया? आदेश की प्रति सहित बतावें।
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने याचिका क्रमांक 109/2008 में जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक दिये गये आदेश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। राज्य स्तर से जारी किये गये पत्र-निर्देश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। (ख) एवं (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'स' अनुसार है। (घ) उत्तरांश ’’ख’’ एवं ’’ग’’ अनुसार।
मुख्यमंत्री कृषक जीवन कल्याण योजना
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
69. ( क्र. 348 ) श्री देवेन्द्र सिंह पटेल : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जुलाई 2021 की स्थिति में रायसेन जिले में मुख्यमंत्री कृषक जीवन कल्याण योजना के अंतर्गत कितने आवेदन पत्र किस स्तर पर कब से एवं क्यों लंबित हैं? प्रकरणों के निराकरण हेतु विभाग द्वारा क्या कोई समय-सीमा निर्धारित की गई है? (ख) लंबित प्रकरणों का कब तक निराकरण होगा? विलम्ब के लिए कौन-कौन अधिकारी जवाबदार हैं? (ग) प्रकरण स्वीकृति उपरांत राशि भुगतान के संबंध में क्या-क्या निर्देश हैं? उनकी प्रति दें। (घ) राशि भुगतान के लिए किन-किन के प्रकरण कब से किस स्तर पर क्यों लंबित हैं? कब तक राशि का भुगतान होगा?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री कमल पटेल ) : (क) प्रश्नाधीन अवधि में रायसेन जिले के अन्तर्गत मुख्यमंत्री कृषक जीवन कल्याण योजना के अन्तर्गत राशि भुगतान के लिए कोई प्रकरण संबंधित जिला कलेक्टर कार्यालय में लंबित नहीं है। म0प्र0 किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग द्वारा जारी परिपत्र क्रमांक/डी—15—7/15/14—3 दिनांक 01.04.2015 अनुसार योजना के नियम/प्रावधान के अंतर्गत हितग्राहियों से प्राप्त आवेदन को स्वीकृत कर भुगतान करने के पूर्ण अधिकार जिला कलेक्टर को प्रदत्त होने से प्राप्त प्रकरणों को 07 दिवस की समय—सीमा में जांच उपरांत स्वीकृत करने एवं 15 दिवस की समयावधि में हितग्राही को सहायता राशि भुगतान किये जाने का प्रावधान स्थापित किया गया है। (ख) प्रश्नांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उद्भूत नहीं होता। (ग) परिपत्र की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) रायसेन जिले में 01 प्रकरण श्रीमति सुनीता बाई पत्नी स्वर्गीय श्री सुरेश निवासी ग्राम अमगवा तहसील सिलवानी को जिला कलेक्टर रायसेन द्वारा सहायता राशि दिनांक 29.07.2021 को स्वीकृत किया गया जिसके भुगतान हेतु मंडी बोर्ड आचंलिक कार्यालय भोपाल द्वारा जिला कलेक्टर रायसेन के खाते में आर.टी.जी.एस. हेतु चेक क्रमांक—064552 दिनांक 30.07.2021 द्वारा राशि रूपये 4.00 लाख जमा करा दी गयी है।
अपूर्ण तथा अप्रारंभ कार्य
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
70. ( क्र. 349 ) श्री देवेन्द्र सिंह पटेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जुलाई 2021 की स्थिति में रायसेन जिले में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना एवं मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना में स्वीकृत किन-किन सड़कों तथा पुलों का कार्य अपूर्ण तथा अप्रारंभ है? अनुबंध अनुसार उक्त कार्य कब तक पूर्ण होना था? उक्त कार्यों को पूर्ण करवाने के लिए विभाग के अधिकारियों द्वारा क्या-क्या कार्यवाही/ प्रयास किये गये? (ख) प्रश्नांश (क) की किन-किन सड़कों/पुल निर्माण में वन भूमि का व्यवधान है? उक्त प्रकरण किस स्तर पर कब से क्यों लंबित है? इनके निराकरण हेतु विभाग के किन-किन अधिकारियों ने कहां-कहां पत्र व्यवहार किया तथा वनभूमि की अनुमति हेतु ऑनलाईन आवेदन कब किया? (ग) रायसेन जिले में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना एवं मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना में पात्र किन-किन ग्रामों में सड़कें स्वीकृत नहीं हुई तथा क्यों? ग्रामवार कारण बतायें तथा कब तक सड़कें स्वीकृत होगी। (घ) रायसेन जिले में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना एवं मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना से सड़क/पुल स्वीकृति तथा अन्य समस्याओं के निराकरण हेतु 1 जनवरी 2021 से प्रश्न दिनांक तक मान. मुख्यमंत्री जी, मान. मंत्री जी तथा विभाग के अधिकारियों को रायसेन जिले के किन-किन विधायकों के पत्र कब-कब प्राप्त हुए तथा उन पर आज दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई?
पंचायत मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया (संजू भैया) ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' एवं 'ब' अनुसार है। (ख) प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना अंतर्गत प्रश्नांश (क) के अनुसार वर्तमान में स्वीकृत सड़को/पुल निर्माण में वन भूमि का व्यवधान संबंधी कोई भी प्रकरण लंबित नहीं है तथा मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना सड़कों/पुल निर्माण में वन भूमि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है। (ग) रायसेन जिले में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत वन एवं अभ्यारण्य में आने वाले 06 पात्र ग्रामों को छोड़कर शेष सभी पात्र ग्रामों को मार्ग/पुलों से जोड़ा जा चुका है। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना अंतर्गत छूटे हुये ग्रामों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'द' तथा मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना में छूटे हुये पात्र ग्रामों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'इ' अनुसार है। (घ) रायसेन जिले में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना एवं मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना में स्वीकृत तथा अन्य समस्याओं के लिए विधायकों द्वारा प्राप्त पत्रों पर की गई कार्यवाही जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'प' एवं 'फ' अनुसार है।
इंदौर में संचालित कोचिंग संस्थान
[तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोज़गार]
71. ( क्र. 359 ) श्री मनोज चावला : क्या खेल एवं युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) इंदौर में आईआईटी एनआईआईटी परीक्षाओं के छात्र छात्राओं को तैयारी करवाने की कितनी संस्थाएं कार्यरत हैं? सूची उपलब्ध कराएं। (ख) इन कोचिंग संस्थाओं को नियंत्रित करने की कोई नीति यदि है तो उसकी प्रतिलिपि उपलब्ध कराएं और यदि नहीं है तो क्या शासन कोचिंग इंडस्ट्री को नियंत्रित करने हेतु कोई नीति बनाएगा? (ग) उक्त कोचिंग संस्थाओं की फीस को किस प्रकार नियंत्रित किया जाता है? (घ) क्या कल्पवृक्ष कोचिंग गीता भवन इंदौर द्वारा छात्र-छात्राओं से एकमुश्त एडवांस फीस वसूली हेतु दबाव बनाया जा रहा है एवं कोरोना काल में कक्षाएं न लगने के बावजूद वसूली गई लाखों रुपए की फीस ना तो वापस की जा रही है और ना ही कम की जा रही है इस संबंध में शासन का क्या पक्ष है? स्पष्ट करें। कोरोना गाइडलाइन के पालन के संबंध में इस संस्था का कितनी बार और किस प्रकार का अवलोकन करवाया गया है?
खेल एवं युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
ग्राम पंचायतों की वित्तीय अनियमितताओं के संबंध में
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
72. ( क्र. 368 ) श्री प्रियव्रत सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजगढ़ जिले के विकासखण्ड खिलचीपुर की ग्राम पंचायतें नाटाराम, रनारा, धुँआखेड़ी एवं गुनाखेड़ी में मनरेगा के अंतर्गत कार्य स्वीकृत किये गये? यदि हां तो कौन से कार्य कितने लागत के स्वीकृत किए गये? वर्ष 2016 -2017 सें 2020-21 तक के दरमियान में किये गये कार्यो की सूची उपलब्ध कराएं व कार्यो की क्या स्थिति हैं,वह स्पष्ट करें। (ख) क्या राजगढ़ जिले के वि.ख. खिलचीपुर की ग्राम पंचायतें नाटाराम, रनारा, धुँआखेड़ी एवं गुनाखेड़ी में ग्रामवासियों एवं प्रश्नकर्ता द्वारा पत्राचार के माध्यम से सरपंच/सचिव द्वारा की गई वित्तीय अनियमितताओं की शिकायत में कपिलधारा कूप, खेल मैदान संबंधित कार्य, सुदूर सड़क कार्य ग्राम पंचायतों में विभिन्न स्थलों पर कराये गये सी.सी. रोड निर्माण कार्य, मनरेगा में मशीनरी से कराये गये कार्य व प्रधानमंत्री आवास योजना में हेराफेरी करने संबंधी शिकायतें की गई थीं? (ग) अगर हां, तो विभिन्न पंचायतों में विभाग द्वारा किस स्तर पर कार्यवाही की गई? क्या इस हेतु जांच दल गठित कर जांच की गई? जांच में क्या-क्या अनियमितताएं पाई गई? सरपंच/सचिव द्वारा की गई अनियमितताओं के विरूद्ध एवं वसूली हेतु क्या कार्यवाही की जा रही है? ग्राम पंचायतवार बतावें।
पंचायत मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया (संजू भैया) ) : (क) जी हॉ, प्रश्नांश की शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट -1 अनुसार है। (ख) जी हॉ। (ग) ग्राम पंचायत नाटाराम, रनारा, धुऑखेड़ी एवं गुनाखेड़ी के संबंध में प्राप्त शिकायत पर की गयी कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है।
खिलचीपुर में स्टेडियम निर्माण
[खेल एवं युवा कल्याण]
73. ( क्र. 369 ) श्री प्रियव्रत सिंह : क्या खेल एवं युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या खेल एवं युवा कल्याण विभाग राजगढ़ द्वारा खिलचीपुर खेल मैदान में स्टेडियम निर्माण का प्रस्ताव तथा भूमि संबंधी समस्त अनुमोदन के साथ अग्रिम कार्यवाही हेतु संचालक खेल एवं युवा कल्याण विभाग भोपाल को भेजा गया? (ख) यदि हां, तो इस पर विभाग द्वारा प्रस्ताव पर स्वीकृति हेतु क्या कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, तो स्वीकृति हेतु कब तक कार्यवाही की जाएगी?
खेल एवं युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जी नहीं। (ख) प्रश्नांश ‘‘क’’ के संदर्भ में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
TSP हेतु आवंटित बजट राशि एवं TAC की मीटिंग का आयोजन
[जनजातीय कार्य]
74. ( क्र. 374 ) डॉ. अशोक मर्सकोले : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक तक केन्द्र सरकार से मध्यप्रदेश शासन को कितनी (राशि) संविधान के अनुच्छेद 275 (1) हेतु प्राप्त हुई है? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हां तो अभी तक कितनी राशि व्यय की गयी है? वर्षवार जानकारी प्रदान करें। (ग) वर्ष 2018से अभी तक TAC की कितनी बैठकें आहूत की गई हैं? कितनी बैठकें/मीटिंग हुई तथा महामहिम राज्यपाल महोदय, म.प्र. को TAC की बैठक की जानकारी एवं क्या निष्कर्ष रिपोर्ट भेजी गई है?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है।
परम्परागत कृषि विकास योजनाओं का क्रियान्वयन
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
75. ( क्र. 375 ) डॉ. अशोक मर्सकोले : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मण्डला एवं डिंडौरी जिले में परम्परागत कृषि विकास योजनाएं कब से लागू की गई है? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हां, तो कितने कृषकों को कौन-कौन से लाभ से लाभांवित किया गया है। जिलेवार एवं घटकवार स्वीकृत राशि सहित जानकारी प्रदान करें। (ग) प्रश्नांश (क) यदि हां, तो परम्परागत कृषि विकास योजना संचालित करने हेतु क्या कार्य योजना तैयार की गई है तथा किन-किन क्षेत्रों का चिन्हांकन किया गया है?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री कमल पटेल ) : (क) मंडला एवं डिंडौरी जिलें में परंपरागत कृषि विकास योजना वर्ष 2015-16 से लागू की गई है। (ख) जी हां। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 1 अनुसार है। (ग) जी हॉ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 2 अनुसार है।
किसानों की वार्षिक आय न बढ़ना
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
76. ( क्र. 379 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कृषकों की वर्ष 2014 - 2015 से 2020-2021 तक वार्षिक आय क्या है? (ख) क्या शासन वर्ष 2014-2015 से कृषकों की वार्षिक आय दोगुनी करने का प्रयास कर रहा है? (ग) क्या मुख्यमंत्री जी ने कृषकों की वार्षिक आय दोगुनी करने की घोषणा की थी? यदि हां तो वह किस वर्ष में की थी? (घ) क्या शासन अभी भी कृषकों की आय दोगुनी करने को कृत संकल्पित है? यदि हां तो किस अवधि/वर्ष में यह दोगुना होना किस वर्ष की तुलना में प्रस्तावित है?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री कमल पटेल ) : (क) विभाग में कृषकों की वार्षिक आय संधारित नहीं की जाती है। (ख) जी हां। किसानों की आय की जानकारी किसान कल्याण तथा कृषि विभाग द्वारा संग्रहित नहीं की जाती है।किसानों की भूमि (जोत के आकार) (Land Holding Size) के आधार पर विभिन्न योजनाऐं विभाग द्वारा संचालित की जाती है। उत्पादन वृद्धि के लिए तकनीकी सलाह भी प्रदान की जाती है। इसके साथ ही किसानों की आय दोगुनी किये जाने के आधार स्तम्भ तय किये हैं जैसे-कृषि का विविधीकरण,कृषि यंत्रीकरण को प्रोत्साहन,उन्नत बीजों का प्रसार, मृदा स्वास्थ्य प्रबंधन,कृषि तकनीकी विस्तार के नये आयाम,फार्मर प्रोड्यूसर कंपनियों का गठन, जैविक खेती का प्रसार,कृषि क्षेत्र में आपदा प्रबंधन,कृषि उत्पादन भण्डार सुविधाओं का विस्तार तथा संस्थागत ढांचे का गठन। उपरोक्तानुसार किसानों की आय दोगुनी किये जाने के समग्र प्रयासों के साथ सम्बद्ध विभागों जैसे उद्यानिकी,पशुपालन,मत्स्य पालन,रेशम कीट पालन,सामाजिक वानिकी की भूमिका भी सहायक है। उपरोक्त सभी विभागें के सम्यक प्रयासों का उद्देश्य कृषकों की आय में वृद्धि है। (ग) कृषकों की आय दोगुनी करने के लिए माननीय प्रधानमंत्री जी द्वारा 18 फरवरी 2016 को समस्त राज्यों को दिये गये संकल्प के तहत मध्यप्रदेश शासन संकल्प की पूर्ति के लिए समर्पित एवं कटिबद्ध है। (घ) जी हां। समयावधि बताना संभव नहीं है।
अवैध नियुक्ति के संबंध में
[जनजातीय कार्य]
77. ( क्र. 385 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या प्रमुख सचिव अनुसूचित जाति, जनजाति कल्याण विभाग मध्यप्रदेश शासन भोपाल का तत्कालीन कलेक्टर बड़वानी द्वारा पत्र क्रमांक/5493/आदिम/सा.स्था./2017 बड़वानी दिनांक 20/07/2017 द्वारा दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों की अनियमित नियुक्ति के संबंध में अवगत कराया गया था? यदि हां तो पत्र की प्रति उपलब्ध कराते हुए अवगत कराये कि प्रमुख सचिव आदिम जाति द्वारा अब तक किन-किन पत्र क्रमांकों एवं दिनांकों से क्या कार्यवाही की गई ? उक्त सभी पत्रों की एक-एक प्रति उपलब्ध करावें। (ख) क्या सहायक आयुक्त आदिवासी विकास बड़वानी द्वारा वर्ष 2008 से 2017 तक दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों के पद पर चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की अवैध एवं अनियमित नियुक्ति की गई है? यदि हां तो उक्त वर्षों में कितनी अवैध नियुक्तियां की गई? वर्षवार, नामवार, संस्थावार कर्मचारियों की सूची उपलब्ध करावें। क्या सहायक आयुक्त गणेश भावर एवं अन्य का नाम अवैध नियुक्तिकर्ता मानकर तत्कालीन कलेक्टर बड़वानी द्वारा कार्यवाही करने हेतु लिखा गया? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) में वर्णित अवैध नियुक्ति प्रकरण में प्रश्न दिनांक तक विभाग द्वारा क्या-क्या जांच किसी नाम, पदनाम, पदस्थापना वाले अधिकारियों से कराई गई है? विवरण दें। यदि जांच नहीं कराई गई है तो कारण सहित स्पष्ट करें।
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जी हाँ, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '' अ'' अनुसार है। (ख) जी हॉ, अनियमित नियुक्तियां की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '' ब'' अनुसार है। जी हां (ग) कलेक्टर द्वारा जांच की जा चुकी है। कलेक्टर बड़वानी से नियुक्तियों में लिप्त अधिकारी कर्मचारियों के विरूद्ध आरोप पत्र चाहा गया है।
अनूपपुर जिले के लिये स्वीकृत राशि
[जनजातीय कार्य]
78. ( क्र. 389 ) श्री सुनील सराफ : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) अनूपपुर जिले में दिनांक 01.04.2020 से 30.06.2021 तक कितनी राशि के कार्य कहां-कहां स्वीकृत हुये एवं कितनी राशि की सामग्री सप्लाई की गई? विधान सभावार कार्य का नाम, सामग्री का नाम, राशि सहित बतावें। (ख) स्वीकृत कार्यों की अद्यतन स्थिति भुगतान राशि, लंबित राशि सहित विधानसभावार देवें। (ग) जो सामग्री सप्लाई की गई उसके बिलों का विवरण विधानसभावार देवें।
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) अनूपपुर जिले में दिनांक 01.04.2020 से 30.06.2021 तक स्वीकृत कार्यों के विवरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' एवं परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। भारत सरकार से स्वीकृत प्राप्त योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'स' अनुसार है। परिशिष्ट 'स' में उल्लेखित योजनाओं की राशि प्राप्त न होने के कारण राशि आवंटित नही की जा सकी, जिससे शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) बस्ती विकास से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है एवं भारत सरकार द्वारा स्वीकृत योजनाओं के संदर्भ में प्रश्न उपस्थित नही होता। (ग) बस्ती विकास योजना की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है एवं भारत सरकार द्वारा स्वीकृत योजनाओं के संदर्भ में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पूर्व विधान सभा सदस्यों को शासकीय आवास आवंटन के नियम
[गृह]
79. ( क्र.
394 ) श्री
बाला बच्चन : क्या
गृह मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) पंद्रहवी
विधान सभा के
कितने पूर्व
सदस्य
वर्तमान में
भोपाल में किन
शासकीय
आवासों में
किस नियम के
तहत रह रहे
हैं? नियम
की छायाप्रति
देवें। (ख) क्या
इन्हें आवास
रिक्त करने
संबंधी कोई
नोटिस दिए गए
हैं? यदि
हां तो नोटिस
की छायाप्रति
देवें। इसका पूर्व
सदस्यों
द्वारा कोई
जवाब दिया है? यदि
हां तो उसकी
छायाप्रति
देवें। (ग) ये
आवास कब तक
रिक्त करा
लिये जाएंगे? यदि
नहीं तो क्यों?
गृह मंत्री (
डॉ. नरोत्तम
मिश्र ) : (क) से (ग) जानकारी
एकत्रित की जा
रही है।
ग्राम पंचायतों द्वारा मृत्यु प्रमाण पत्र का प्रदाय
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
80. ( क्र. 395 ) श्री बाला बच्चन : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़वानी जिले में दिनांक 01.03.2021 से 30.06.2021 तक ग्राम पंचायतों द्वारा कितने मृत्यु प्रमाण पत्र जारी किये गए? ग्राम पंचायतवार संख्या, विधान सभावार, माहवार देवें। (ख) प्रत्येक मृत्यु प्रमाण पत्र की प्रमाणित प्रति विधानसभावार देवें। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार अवधि में ग्राम पंचायत क्षेत्रों के अंतर्गत आने वाले शमशानों में कितने शवदाह हुए, की जानकारी ग्रामवार, संख्या सहित विधानसभावार देवें।
पंचायत मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया (संजू भैया) ) : (क) से (ग) जानकारी संकलित की जा रही है।
हितग्राहियों को योजनाओं का लाभ
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
81. ( क्र.
398 ) श्री
बहादुर सिंह
चौहान : क्या
राज्य मंत्री, उद्यानिकी
तथा खाद्य
प्रसंस्करण
महोदय यह बताने
की कृपा
करेंगे कि (क) उज्जैन
जिले में
दिनांक 01-01-19 से 30-06-21 तक
कितनी
योजनाओं के
ऐसे कितने
हितग्राही हैं
जिन्हें
अनुदान राशि
पूरी नहीं
मिली?
विधानसभावार, वर्षवार
बतावें। (ख) इन्हें
कब तक उपरोक्त
राशि प्रदान
कर दी जाएगी? (ग) जिन
प्रकरणों में
अनुदान राशि
लंबित रहने को
एक वर्ष से
अधिक समय हो
गया है उनकी
सूची कारण
सहित प्रकरणवार
देवें। (घ) प्रश्नांश
(ग) अनुसार
राशि लंबित
रहने के जिम्मेदार
अधिकारियों
पर शासन कब तक
कार्यवाही करेगा?
राज्य
मंत्री, उद्यानिकी
तथा खाद्य
प्रसंस्करण (
श्री भारत
सिंह कुशवाह ) : (क) ऐसा
कोई भी
हितग्राही
नहीं है जिनको
अनुदान राशि
पूरी नहीं
मिली है। (ख) से
(घ) उत्तरांश
''क'' के
परिप्रेक्ष्य
में प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना से सड़कों की स्वीकृति
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
82. ( क्र. 405 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टीकमगढ़ जिले के जतारा एवं पलेरा विकासखंडों में प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के अंतर्गत योजना की स्वीकृति दिनांक से प्रश्न दिनांक तक किस-किस ठेकेदार द्वारा कौन-कौन सी सड़कों का निर्माण कितनी लम्बाई एवं चौड़ाई का कितनी-कितनी राशि व्यय कर निर्माण कराया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) के आधार पर बतायें कि अभी कौन-कौन सी सड़कों का निर्माण कार्य प्रगति पर है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के आधार पर बतायें कि जिले के विभाग में अभी कौन-कौन सी सड़कों के निर्माण हेतु प्रस्ताव लंबित रखे हैं? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के आधार पर बतायें कि प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र जतारा अ.जा. क्षेत्र की महेबा चक- 1,2,3, एवं 4 की 3 सडकों के साथ-साथ बम्हौरी आवदा से थर मार्ग, पैतपुरा पुल से बिजरौठा की सड़कों के निर्माण स्वीकृति हेतु विभाग द्वारा क्या-क्या कार्यवाही प्रश्न दिनांक तक की जा चुकी है ? इन सड़कों के निर्माण पर कितनी-कितनी राशि व्यय की जायेगी एवं यह कब तक स्वीकृति होगी?
पंचायत मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया (संजू भैया) ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ब अनुसार है। (ग) राष्ट्रीय ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण द्वारा स्वीकृत कोरनेटवर्क तथा वर्तमान में प्रचलित दिशा निर्देशों के अनुसार वर्तमान तक प्राप्त स्वीकृति के समस्त मार्गों पर कार्य चल रहा है। कोई प्रस्ताव लंबित नहीं है। (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के अनुसार ग्राम महेबा चक 1,2,3,4 एवं ग्राम बम्हौरी आवदा, ग्राम थर, ग्राम पैतपुरा तथा ग्राम बिजरौठा को प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत मार्ग निर्माण उपरांत एकल संपर्कता प्रदाय है। प्रश्नांश (घ) में उल्लेखित मार्ग दोहरी संपर्कता अंतर्गत होने के कारण प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के दिशा निर्देशों के अनुसार निर्माण किया जाना संभव नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
छात्रवृत्ति योजना का प्रचार-प्रसार
[जनजातीय कार्य]
83. ( क्र. 406 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रदेश में जनजाति कार्य विभाग द्वारा विदेशों में उच्च शिक्षा प्राप्त करने हेतु छात्रवृत्ति योजना की स्वीकृति दिनांक से प्रश्न दिनांक तक उपरोक्त योजना के प्रचार-प्रसार पर कितनी-कितनी राशि, कब-कब व्यय की गई है? (ख) प्रश्नांश (क) के आधार पर बतायें कि इस योजना के माध्यम से इसमें बच्चों को विदेश भेजने का लक्ष्य क्या था और योजना की स्वीकृति दिनांक से प्रश्न दिनांक तक कितने-कितने छात्र/छात्रायें विदेशों में अध्ययन करने के लिये गये हैं? प्रत्येक पर कितनी राशि व्यय हुई? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के आधार पर बतायें कि इस योजना पर जो लक्ष्य बच्चों को विदेश पढ़ने प्रतिवर्ष का दिया गया था क्या वह पूरा हो रहा है? अगर हां तो लक्ष्य कितना था और कितने बच्चे प्रतिवर्ष भेजे गये हैं? यह भी बतायें कि ऐसे बच्चे जो अध्ययन करके वापिस आये हैं उन्हें विदेश या देश में रोजगार मिला है तो क्या-क्या और नहीं तो क्यों?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) निरंक (ख)
क्र. |
विदेश अध्ययन छात्रवृत्ति योजना का वर्ष |
लक्ष्य (प्रतिवर्ष) |
विदेश भेजे गये विद्यार्थियों की संख्या |
व्यय राशि |
|
|
वर्ष से |
वर्ष तक |
|
|
|
1 |
2003-04 |
2004-05 |
05 छात्र |
01 |
12,94,655/- |
2 |
2005-06 |
2012-13 |
10 छात्र |
15 |
23,339,765/- |
3 |
2013-14 |
2020-21 |
50 छात्र |
26 |
74,988,956/- |
|
|
|
कुल |
42 छात्र |
99623376/- |
प्रति छात्र पर व्यय की गई राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है। (ग) जी नहीं। प्रश्नांश (ख) के उत्तर अनुसार। प्रतिवर्ष विदेश गये बच्चों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है। अध्ययन पश्चात विद्यार्थियों के रोजगार की जानकारी संकलित नहीं की गई है।
बिना अनुमति के वीडियो रिकार्डिंग करने वालो के विरूद्ध कार्यवाही
[गृह]
84. ( क्र. 411 ) श्री नीरज विनोद दीक्षित, श्री सुनील सराफ : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कार्यालय कलेक्टर, जिला बड़वानी के पत्र क्र./शिका/ स्थानीय-219/ 2020/644 दिनांक 22.01.2021 द्वारा पुलिस अधीक्षक, जिला बड़वानी को डाइट बड़वानी में चोरी छिपे वीडियो रिकार्डिंग करने वालों के विरूद्ध कार्यवाही करने हेतु निर्देशित किया गया था? यदि हां तो पत्र के साथ संलग्न समस्त सहपत्रों की प्रतिलिपि उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित विषयवस्तु के आधार पर डाइट प्राचार्य की बिना अनुमति शासकीय कार्यालय में चोरी छिपे वीडियो रिकार्डिंग करने वाले व्यक्ति एवं उनका साथ देने वाले सहयोगिता का नाम बतावें एवं वीडियो रिकार्डिंग का मूल उपकरण जब्त हुआ अथवा नहीं? यदि हॉ तो उपकरण की फोरेन्सिक जांच हो चुकी है या नहीं, वर्तमान में उपकरण किसकी अभिरक्षा में है? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित विषयवस्तु के आधार पर डाइट बड़वानी की चोरी छिपे वीडियों रिकार्डिंग करने वाले एवं उनका साथ देने वालों के विरूद्ध एफ.आई.आर. दर्ज कर ली गई है या नहीं? यदि हाँ तो एफ.आई.आर. की छायाप्रति देवें। यदि नहीं तो कब तक एफ.आई.आर. दर्ज कर ली जावेगी? (घ) दिसम्बर 2020 में आरटीओ बड़वानी के द्वारा प्राप्त शिकायत में कार्यालय में घुसकर वीडियोग्राफी करने एवं शासकीय कार्य में बाधा पहुंचाने की शिकायत प्राप्त हुई थी? यदि हां तो शिकायत के कितने दिनों के भीतर अपराध पंजीबद्ध कर लिया गया था? एफ.आई.आर. की छायाप्रति देवें। (ड.) क्या ऐसे शिक्षण संस्थान जहॉ पर बालिकाऍ अध्ययनरत हैं एवं महिला स्टॉफ कार्यरत हो उस संस्थान के अवैध रूप से और कितने वीडियो आरोपियों के द्वारा बनाए गए हैं? क्या उन समस्त वीडियो को भी जब्त कर प्रश्नांश (घ) की भांति ही कार्यवाही करेगा या नहीं? यदि हॉ तो कब तक? नहीं तो क्यों नहीं?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) प्रश्नांश में उल्लेखित पत्र द्वारा जिला बड़वानी की डाइट में चोरी छिपे वीडियो रिकार्डिग करने वाले के विरूद्ध कार्यवाही करने का निर्देश नहीं दिया गया, अपितु, पत्र नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही हेतु प्रेषित किया गया है। पत्र एवं सहपत्रों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ‘ अनुसार है। (ख) प्रकरण विवेचनाधीन होने के कारण जानकारी देना विधि सम्मत नहीं है। (ग) जी हाँ, प्रकरण अज्ञात आरोपी के विरूद्ध दर्ज किया गया है। चोरी-छिपे वीडियों करने वाले, उनका साथ देने वाले के संबंध में विवेचना जारी है विवेचना में एकत्रित साक्ष्य के आधार पर विधि सम्मत कार्यवाही की जावेगी। एफ.आई.आर. की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब‘ अनुसार है। (घ) कार्यालय में ऐसी शिकायत प्राप्त होना नहीं पाया गया। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ड.) जानकारी निरंक है।
राहत राशि का प्रदाय
[अनुसूचित जाति कल्याण]
85. ( क्र.
412 ) श्री
नीरज विनोद
दीक्षित : क्या
जनजातीय
कार्य मंत्री
महोदया यह
बताने की कृपा
करेंगी कि (क) एस.सी., एस.टी.
एक्ट के
प्रकरणों में
हत्या होने
पर पत्नी या
वारिसों को
कितनी राहत
राशि मिलती है
और कितने
चरणों में दी
जा सकती है? (ख) क्या
पूरी राशि एक
साथ दिया जाना
नियम विरूद्ध
है? यदि
नहीं तो किस
नियम से दी जा
सकती है? (ग) वर्ष
2016
से 2021
तक छतरपुर
जिले में
कितने मामलों
में 100
प्रतिशत राशि
एक साथ घटना
के 7
दिन के भीतर
दी गई?
उनकी सूची
दें। (घ) बहादुरपुर
थाने,
जिला
अशोकनगर के
प्रकरण
क्रमांक 108/20
में मृतक की
पत्नी को
किस-किस
दिनांक में
कितनी-कितनी
राशि दी गई व
घटना के कितने
दिन में 100 प्रतिशत
राशि दी गई? नियम
विरूद्ध राशि
देने वालों के
विरूद्ध क्या
कार्यवाही
होगी या
प्रदेश में
सभी को समान
रूप से 100 प्रतिशत
राशि एक बार
में मिले, इसके
लिये क्या
प्रयास किया
जायेगा?
जनजातीय
कार्य मंत्री
( सुश्री मीना
सिंह माण्डवे
) : (क) योजना
नियम 2016
में प्रावधान
अनुसार हत्या
के प्रकरणों
में पीडित के
आश्रितों को
दो चरणों में
राशि कुल राशि
रू. 08.25
लाख दी जाती
है। प्रथम चरण
में शव
परीक्षण के
पश्चात 50
प्रतिशत एवं
न्यायालय
में चालान
प्रस्तुत
होने पर शेष 50
प्रतिशत राशि
का भुगतान
किया जाता है।
(ख) जी हां। शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (ग) वर्ष
2016
से 2021
तक छतरपुर
जिले में किसी
भी मामले में 100
प्रतिशत राशि
एक साथ घटना
के 7
दिन के भीतर
नहीं दी गई। (घ) कार्यालय
कलेक्टर, आदिम
जाति कल्याण
विभाग, जिला
अशोकनगर के
आदेश दिनांक 30.05.2020
द्वारा
प्रकरण
क्रमांक 108/20
में मृतक की
पत्नी को
राशि रू. 8.25 लाख की
स्वीकृति
जारी की गई।
यह राशि घटना
घटित होने के 05 दिन
पश्चात
भुगतान की गई।
प्रकरण में
नियम विरूद्ध
भुगतान की
कार्यवाही के
संबंध में
जिला संयोजक, अशोकनगर
को स्पष्टीकरण
जारी किया गया
है। अत: शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
कुर्की की कार्यवाही के संबंध में
[गृह]
86. ( क्र. 415 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अशोकनगर जिले के बहादुरपुर थाने में 2010 से 2021 तक के कितने 307 के इजाफा 302 के मामले हुये और कितनों में 8 दिन में आरोपियों पर 30 हजार तक इनाम किया गया? कितने मामलों में 15 दिन के अंदर उद्घोषणा न्यायालय से करा के कुर्की की कार्यवाही की गई? अशोकनगर जिले में आज दिनांक में कितने 302 के आरोपी फरार हैं और उन्हें फरारी का कितना टाइम हो गया? उनमें से कितनों पर कुर्की की कार्यवाही की गई और बाकी पर कब तक होगी? सारी जानकारी प्रकरण नंबर सहित उपलब्ध करायें। (ख) अशोकनगर जिले में 2010 से 2021 में कितनी 307 ओर 302 की प्राथमिकी हुई जिनमें ज्ञात अज्ञात आरोपी की संख्या कम थी किन्तु आरोपियों के 27 के कथन पर से जिनके न्यायालय के चालान में आरोपियों की संख्या बढ़ाते हुये पेश किया गया और कितने 302 के प्रकरण में फरयादी अज्ञात आरोपियों को शिनाख्त में नहीं पहचान पाया और कितने मामले हैं जिनमें आरोपियों की दूसरी शिनाख्त करवाई गई? पिछले 10 वर्ष में सभी के प्रकरण नंबर सहित जानकारी दें। (ग) अशोकनगर के बहादुरपुर थाने के प्रकरण क्रमांक 108/20 में गवाह सुजान आदिवासी के मृतक का मर्ग इंटिमेशन 28/05/2020 का हैं किन्तु न्यायालय चालान में 27/05/2020 के इजाफा 302 के बाद कथन लेख किये गए हैं, सभी के प्रकरण नंबर सहित जानकारी दें। (घ) बटालियन 26 गुना डी कंपनी से आर.63 सुधीर मिश्रा और आर. 744 गिरिराज यादव की 23/05/2020 से 29/05/2020 तक कहां-कहां, किस-किस तारीख में किसके यहां गनमेन में ड्यूटी रही और किस प्रभावी आदेश क्रमांक पर गिर्राज यादव को पुलिस मुख्यालय ने 26/03/2020 को अतिरिक्त सुरक्षा गार्ड देने से मना कर दिया था? तो 26/05/2020 को गिर्राज पर हमले के समय गिर्राज की सुरक्षा में 2 गनमेन थे उसे अतिरिक्त गार्ड के रूप में आर. 744 गिरिराज 24/05/2020 से दिया गया था? पुलिस मुख्यालय के आदेश के विपरीत जाने का क्या कारण था? क्या पुलिस को हमले की आशंका की जानकारी पहले से मिल गई आर. 63 सुधीर मिश्रा ने कंपनी कमाण्डर को 27/05/2020 को गिर्राज पर हमले की सूचना दी और 09/06/2020 को न्यायालय चंदेरी में हमले की जानकारी न होना बताया गया, 2 अलग सूचना विभाग या न्यायालय में कही एक बार झूठ बोलने पर से विभाग ने अब तक सुधीर के विरूद्ध क्या कार्यवाही की नहीं की तो कब विभाग कार्यवाही करेगा?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
भू-माफिया, खनिज माफिया एवं शासकीय जमीनों पर की गई कार्यवाही
[गृह]
87. ( क्र. 416 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माननीय मुख्यमंत्री महोदय ने भू-माफिया, खनिज माफिया एवं शासकीय जमीनों को कूट रचित दस्तावेज तैयार कर निजी स्वत्व में दर्ज कराने वालों के खिलाफ सख्त कार्यवाही करने के निर्देश दिये है? यदि हां तो पुलिस अधीक्षक सतना के पत्र क्रमांक 23 दिनांक 18/07/2019 के माध्यम से जांच कर कार्यवाही के निर्देश दिये थे? शिकायतकर्ता ने शिकायत के साथ प्रमाणित दस्तावेज लगाये हैं इसके बावजूद थाना प्रभारी कोलगवां एवं चौकी प्रभारी बाबूपुर ने प्रश्न दिनांक तक एफ.आई.आर. दर्ज नहीं की है? कारण सहित बतायें। तत्कालीन चौकी प्रभारी ने दिनांक 04/9/2017, 06/09/2017, 12/08/2017, 08/08/2017 को खनिज माफिया एवं भू-माफिया को नोटिस जारी की थी तथा अनुविभागीय अधिकारी रघुराजनगर एवं खनिज अधिकारी सतना को दिनांक 14/08/2017 को जानकारी हेतु पत्र जारी किया था? (ख) क्या थाना कोलगवां में अपराध क्रमांक 168/16 थाना सिटी कोतवाली में अपराध क्रमांक 169/17 दर्ज है? उक्त संबंध में तारांकित प्रश्न क्रमांक 762 दिनांक 06/03/2017 में उत्तर दिया गया था कि अपराध अनुसंधान के सहायक पुलिस महानिरीक्षक ने पत्र क्रमांक 198 दिनांक 15/02/2017 को पुलिस अधीक्षक सतना को पत्र जारी कर (क) से (घ) तक की जानकारी मांगी थी तीन वर्ष होने के बाद मात्र 16 कृषकों में से 3 कृषकों की आराजी पर अपराध दर्ज हुआ है ईश्वर प्रताप सिंह की आराजी की जांच होने के बावजूद प्रश्न दिनांक तक अपराध दर्ज नहीं किया गया है? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) अगर सही है तो कब तक उक्त मामलों पर एफ.आई.आर. दर्ज कर दी जायेगी? नहीं की जायेगी तो बिन्दुवार कारण सहित बतायें। पुलिस अधीक्षक सतना स्वयं उक्त दोनों बिन्दुओं का अनुसरण करेगें तो थाना प्रभारी एवं चौकी प्रभारी की लापरवाही पर क्या कार्यवाही करेंगे?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। जी हाँ, शिकायतकर्ता ने शिकायत के साथ जो दस्तावेज लगाये है उसके संबंध में अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) रघुराज नगर सतना एवं खनिज अधिकारी सतना से प्रकरण से संबंधित अभिलेख चाहे गए है, जो प्राप्त होने पर विधि अनुरूप कार्यवाही की जावेगी। (ख) जी हाँ। इस संबंध में पंजीबद्ध अपराध क्रमांक 169/2017, 173 (8) द.प्र.स. के अन्तर्गत अनुसंधान में है। (ग) जी हाँ। रामस्थान मौजा की शासकीय आराजी में कूटरचित दस्तावेंज एवं खुर्द-बुर्द कर निजी स्वत्व में लेने संबंधी विषय पर थाना कोलगवां में अपराध 168/16 एवं थाना कोतवाली जिला सतना में अपराध क्रमांक 169/17 दर्ज है। दोनों प्रकरणों में विवेचना जारी है। प्रकरण में वांछित अभिलेख विभागों से उपलब्ध होने पर परीक्षण उपरांत विधि अनुरूप कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी।
सागर जिले में मनरेगा के कार्य मशीनों से कराये जाना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
88. ( क्र. 419 ) श्री हर्ष यादव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिले में अप्रैल 2020 से प्रश्न दिनांक तक मनरेगा पर कितनी राशि व्यय की गई? कितने मजदूरों को कितनी राशि दी गई? विकासखण्डवार मजदूरों की संख्या व राशि बतायें। (ख) मनरेगा के कौन-कौन से काम मशीन से कराये जाने थे? कौन से काम मजदूरों से होने थे? (ग) क्या जिले में लॉकडाउन सहित पूरे समय अधिकांश कार्य मशीनों से हुआ? मजदूरों के फर्जी नाम दर्ज कर राशि आहरण की गई? यदि नहीं तो जिला पंचायत सी.ई.ओ. ने क्या कार्यों को मौके पर देखा? (घ) क्या कार्यस्थल पर प्राक्कलन अनुसार कार्य के सूचना फलक नहीं लगाये गये थे? कार्य प्राक्कलन अनुसार नहीं था और न ही है? जिला पंचायत सी.ई.ओ. की मिली भगत से राशि का भ्रष्टाचार हुआ है? क्या इसकी जांच कराई जावेगी? यदि नहीं तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया (संजू भैया) ) : (क) सागर जिले में अप्रैल 2020 से प्रश्न दिनांक तक कुल 32381.22 लाख रूपये व्यय हुए। जिसमें 20512.64 लाख रूपये मजदूरी पर व्यय एवं 11868.57 लाख रूपये सामग्री पर व्यय है। जिले में 334702 मजदूरों को 20512.64 लाख रूपये मजदूरी व्यय दिये गये। विकासखण्डवार मजदूरों की संख्या व राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘अ’ अनुसार है। (ख) मध्यप्रदेश शासन, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, भोपाल द्वारा जारी पत्र क्रमांक 6988/MGNREGS-MP/NR-3/2021 भोपाल दिनांक 08.02.2021 द्वारा दिये गये निर्देशों में वर्णित है कि Annual Master Circular (AmzC) 2020-21 के अध्याय 7 के पैरा 7.1.3 Use of Machines के अनुसार मनरेगा कार्यों में मशीनों के उपयोग के संबंध में ”As far as praclicable, works executed by the programme implementing agancies shall be performed by using manual labour and no labour displacing machines shall be used.” However there may be activities in executing works which cannot be carried out by manual labour, where use of machine may becomeessential for maintaing the quality and durability of works. लेख किया गया है। उपरोक्तानुसार परिपालन सुनिश्चित किया गया है। पत्र की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘ब’ अनुसार है। (ग) जिले में लॉकडाउन सहित पूरे समय अधिकांश कार्य मशीनों से नहीं हुआ। मजदूरों के फर्जी नाम दर्ज कर राशि आहरण नहीं की गई। मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत द्वारा जिले की जनपद पंचायत/ग्राम पंचायतों में भ्रमण करके कार्यों की स्थिति और प्रगति की लगातार समीक्षा की गई है। (घ) कार्यस्थल पर प्राक्कलन अनुसार सूचना फलक लगाये गये हैं। कार्य प्राक्कलन अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
फसल बीमा योजना में व्याप्त अनियमितता
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
89. ( क्र. 420 ) श्री हर्ष यादव : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में हल्का स्तर पर अधिसूचित फसलों के लिए बीमा क्लेम के लिए न्यूनतम कितने रकबे का निर्धारण किया गया है? इसका सर्वे कार्य एवं फसलों की मौजूदगी संबंधी सत्यापन किन-किन विभागों द्वारा किया जाता है? (ख) क्या प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में हल्का स्तर पर मुख्य फसलों को अधिसूचित किए जाने हेतु न्यूनतम रकबा संबंधी प्रावधान बनाये गये हैं? यदि हां तो रकबा निर्धारण एवं फसल के चयन संबंधी प्रक्रिया क्या है एवं यह किन-किन विभागों के अधिकारियों द्वारा कब पूरी की जाती है? (ग) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में क्या फसलों के अधिसूचना प्रकाशन में त्रुटि या संलग्न अमले की लापरवाही के कारण फसल अधिसूचना से वंचित कृषकों को राहत देने संबंधी प्रावधान किये गये हैं? यदि हां तो वह क्या प्रावधान हैं? यदि नहीं तो क्यों नहीं किए गये? (घ) प्रश्नांश (ख) के प्रकाश में क्या खरीफ 2020 में सागर जिले की देवरी तहसील के सोयाबीन, धान एवं मक्का उत्पादक पटवारी हल्का 22 कंजेरा, 23 मुआर खास, 25 रायखेड़ा, 30 धुलतरा, 33 झुनकू, 34 समनापुर, 35 बिछुआभवतरा, 45 सिमरिया हर्राखेड़ा, 47 मोकला, 48 कुसमी, 50 पहला, 52 सुना, 57 बारहा, 58 समनापुर शाहजू, 59 खकरिया, 62 डोभी, 63 पथरिया दुबे, 64 रसेना, 65 सुना, 66 मढ़पिपरिया, 67 तीतरपानी, 71 देवरी एवं 01 मढ़खेरा में कोई भी फसल अधिसूचित नहीं हुई, जिसके कारण किसानों को फसलों की शत-प्रतिशत नुकसानी के बाद भी योजना का कोई लाभ नहीं मिल सका? क्या किसानों से जुड़े इस गंभीर मामले की जांच करवाकर वंचित किसानों को बीमा लाभ/प्रीमियम वापसी या राहत राशि प्रदान करवायेंगे एवं मामले में लापरवाहों के विरूद्ध कार्यवाही होगी? यदि हां तो समस्त कार्यवाही कब तक होगी? यदि नहीं होगी तो किन कारणों से नहीं होगी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री कमल पटेल ) : (क) प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में हल्का स्तर पर अधिसूचित फसलों के लिये बीमा क्लेम हेतु न्यूनतम 100 हेक्टेयर रकबे का निर्धारण किया गया है। इसका सर्वे कार्य एवं फसलों की मौजूदगी संबंधी सत्यापन राजस्व विभाग द्वारा किया जाता है। (ख) जी हॉ।प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में हल्का स्तर पर मुख्य फसलों को अधिसूचित किये जाने हेतु न्यूनतम रकबा संबंधी प्रावधान बनाये गये हैं।न्यूनतम रकबे का निर्धारण तथा फसल चयन राजस्व विभाग से प्राप्त जानकारी के आधार पर किया जाता है। जिला कलेक्टर द्वारा जिला स्तर, तहसील स्तर एवं पटवारी हल्का स्तर पर अधिसूचित की जाने वाली फसलों का प्रस्ताव आयुक्त, भू-अभिलेख एवं बंदोबस्त को भेजा जाता है एवं आयुक्त, भू-अभिलेख एवं बंदोबस्त द्वारा प्रेषित जानकारी के आधार पर किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग द्वारा खरीफ एवं रबी मौसम के पूर्व अधिसूचना राजपत्र में जारी की जाती है। (ग) पूर्व वर्ष के बोये गये रकबे के आधार पर फसल मौसम के पूर्व अधिसूचित की जाने वाली फसलों की सूची आयुक्त, भू-अभिलेख एवं बंदोबस्त के प्रस्ताव अनुसार राजपत्र में जारी की जाती है। बीमांकन की अंतिम तिथि के पूर्व संशोधन जारी किया जा सकता है।गैर अधिसूचित फसलों के लिये प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में कोई प्रावधान नहीं है। (घ) उत्तरांश (ख) अनुसार आयुक्त, भू-अभिलेख एवं बंदोबस्त ग्वालियर से प्राप्त सूची अनुसार पटवारी हल्का 30 धुलतरा में मक्का, 48 कुसमी में सोयाबीन एवं 1 मडखेरा में सोयाबीन फसल राजपत्र में अधिसूचित की गई है तथा प्रश्नांश (घ) में उल्लेखित शेष पटवारी हल्कों में कोई फसल सम्मिलित नहीं होने से राजपत्र में अधिसूचित नहीं की गई है। आयुक्त, भू-अभिलेख एवं बंदोबस्त ग्वालियर से प्राप्त सूची एवं राजपत्र की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में गैर अधिसूचित फसलों हेतु कोई प्रावधान नहीं है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
उद्यानिकी आयुक्त की प्रतिनियुक्ति समाप्त की जाना
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
90. ( क्र. 424 ) श्री राकेश मावई : क्या राज्य मंत्री, उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भारत सरकार की गाइड लाइन अनुसार उद्यानिकी विभाग में केन्द्र सरकार की विभिन्न योजनाओं की राशि डी.बी.टी. के अंतर्गत हितग्राही किसानों के खातों में सीधे ट्रांसफर की जाती है? यदि हां, तो वित्तीय वर्ष 2020-21 की समाप्ति पर मार्च 2021 में उद्यानिकी संचालनालय भोपाल ने प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के 15 करोड़, नेशनल होर्टीकल्चर मिशन के 18 करोड़ राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के 3.5 करोड़ एवं राष्ट्रीय औषधी पौध रोपण योजना के 4 करोड़ रूपये कुल राशि लगभग 40 करोड़, रूपये एम.पी.ट्रेजरी कोड नियम 284 का उल्लंघन करते हुये एम.पी.एग्रो के खाते में क्यों और कैसे ट्रांसफर की गई? इसके लिये कौन-कौन अधिकारी/ कर्मचारी दोषी है। उनके नाम, पदनाम सहित सम्पूर्ण जानकारी देवें। (ख) क्या एम.पी.एग्रो वित्तीय वर्ष 2019-20 का उद्यानिकी संचालनालय से प्राप्त 25 करोड़ रूपये अब तक खर्च नहीं कर पाया? यदि हां, तो फिर वर्ष 2020-21 की लगभग 40 करोड़ रूपये नियम विरूद्ध क्यों ट्रांसफर किये गये? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार नियम विरूद्ध राशि ट्रांसफर करने पर कितनी शिकायतें किस किसके द्वारा कब-कब और कहां-कहां की गयी, तथा उन शिकायतों पर क्या -क्या कार्यवाही हुई और उसमें कौन दोषी पाया गया? शिकायतों की प्रतियों सहित सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करायें। (घ) प्रश्नांश (क) अनुसार किये गये भ्रष्टाचार के दोषी आयुक्त उद्यानिकी श्री मनोज कुमार अग्रवाल की प्रतिनियुक्ति समाप्त कर उनके मूल विभाग में कब तक भेजा जायेगा?
राज्य मंत्री, उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण ( श्री भारत सिंह कुशवाह ) : (क) जी नहीं। भारत सरकार का पत्र दिनांक 27.07.2016 अनुसार Cash & Kind के रूप में दिये जाने का प्रावधान है। वित्तीय वर्ष 2020-21 में एम.पी. एग्रो (जिसे शासन द्वारा उद्यानिकी विभाग की क्रियान्वयन ऐजेन्सी नियुक्त की गई है) के मांग पत्र अनुसार राशि हस्तांतरित की गई। (ख) उत्तरांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में कृषकों के आवेदन पर प्रदाय कार्यादेशों के विरूद्ध व्यय के भुगतान एम.पी. एग्रो द्वारा किया जा रहा है। (ग) श्री महेश प्रताप सिंह बुंदेला, से इस विषय में शिकायत प्राप्त हुई, शिकायतों का संबंध एम.पी. एग्रो से होने के कारण एम.पी. एग्रो. से पत्र दिनांक 12.01.2021 एवं 17.03.2021 से प्रतिवेदन चाहा गया है। प्रतिवेदन प्राप्त होने पर नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-01 अनुसार है। (घ) प्रश्नांश ''ग'' में उल्लेखित शिकायत की जांच, प्रतिवेदन एम.पी. एग्रो से प्राप्त होने पर आगामी कार्यवाही की जावेगी।
कृषि महाविद्यालय गंजबासोदा एवं टीकमगढ़ के स्टॉफ को स्थानांतरण विकल्प का लाभ
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
91. ( क्र. 425 ) श्री राकेश मावई : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दिनांक 19 अगस्त 2008 में जवाहर लाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय जबलपुर का विभाजन कर राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्विद्यालय ग्वालियर की स्थापना की गई थी और जवाहरलाल नेहरू कृषि विद्यालय जबलपुर ने सभी अधिकारी/ कर्मचारियों से विकल्प के आधार पर कृ.वि.वि. ग्वालियर जाने हेतु स्थानान्तरण आवेदन मांगे गये और उन सभी आवेदन करने वाले अधिकारी/कर्मचारियों का स्थानान्तरण भी विकल्प के आधार पर ग्वालियर कृषि वि.वि. अंतर्गत कर दिया गया? यदि हां तो कृषि विश्वविद्यालय गंजबासोदा एवं टीकमगढ़ के अधिकारी/ कर्मचारियों को स्थानान्तरण के लिये विकल्प का आधार क्यों नहीं दिया गया? कारण सहित जानकारी देवें। (ख) क्या जवाहरलाल नेहरू कृषि वि.वि. जबलपुर क्षेत्रान्तर्गत आने वाले कृषि महाविद्यालय गंजबासोदा एवं टीकमगढ़ के अधिकारी/कर्मचारियों को स्थानान्तरण के लिये विकल्प का लाभ नहीं देना उनके मूलभूत अधिकारों का हनन नहीं है? यदि हां तो गंजबासोदा एवं टीकमगढ़ के अधिकारी/कर्मचारियों को स्थानान्तरण के लिये विकल्प का लाभ कब तक दिया जायेगा?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री कमल पटेल ) : (क) जी हां, दिनांक 19 अगस्त 2008 में जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय, जबलपुर का विभाजन कर राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय, ग्वालियर की स्थापना की गई थी एवं जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय, जबलपुर के अधिकारियों/कर्मचारियों को राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय, ग्वालियर में स्थानांतरण का विकल्प की सुविधा के संबंध में अधिसूचना दिनांक 04.05.2010 जारी की गई। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 1 अनुसार है।मध्यप्रदेश राजपत्र दिनांक 19.08.2008 को प्रकाशित राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय, ग्वालियर अध्यादेश की धारा 57 (2) (तीन) की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 2 अनुसार है। के प्रावधान अनुसार उद्यानिकी महाविद्यालय मंदसौर, कृषि महाविद्यालय, टीकमगढ़ और गंजबासौदा तथा पशु चिकित्सा विज्ञान और पशुपालन महाविद्यालय रीवा के कर्मचारियों को छोडकर स्थानांतरण विकल्प की सुविधा हेतु उल्लेखित है। तदानुसार कार्यवाही की गई है। (ख) कृषि महाविद्यालय गंजबासौदा और टीकमगढ के अधिकारी/कर्मचारियों को स्थानांतरण के लिए विकल्प के परिप्रेक्ष्य में उत्तर प्रश्नांश (क) के अनुसार है।
एकलव्य खेल अलंकरण से सम्मानित न किया जाना
[खेल एवं युवा कल्याण]
92. ( क्र. 432 ) श्री पाँचीलाल मेड़ा : क्या खेल एवं युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या एकलव्य खेल अलंकरण हेतु विभाग द्वारा पात्र खिलाड़ियों से खेल प्रमाण पत्रों के साथ वर्ष 2019 में आवेदन पत्र प्राप्त किये गये हैं? (ख) यदि हां तो इंदौर एवं उज्जैन संभाग के किन-किन खिलाड़ियों ने किस खेल के प्रमाण पत्रों के साथ आवेदन ऑनलाईन/ऑफलाईन जमा कराये थे? इनमें से किस-किस खिलाड़ियों का चयन ''एकलव्य खेल अलंकरण'' हेतु किया गया एवं प्रश्न दिनांक तक किस-किस खिलाड़ियों को एकलव्य खेल अलंकरण से सम्मानित किया गया है? यदि नहीं तो क्यों और कब तक सम्मानित किया जायेगा? (ग) उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में एकलव्य खेल अलंकरण हेतु खिलाड़ियों के चयन हेतु क्या-क्या मापदण्ड/दिशा निर्देश हैं?
खेल एवं युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जी हां। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। परिशिष्ट-अ में से वर्ष 2019 के एकलव्य पुरस्कार हेतु चयनित खिलाड़ियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। चयनित खिलाड़ियों को दिनांक 28 दिसम्बर 2020 को आयोजित खेल अलंकरण समारोह में सम्मानित किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नही होता है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है।
प्रश्नों की पूर्ण जानकारी का प्रदाय
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
93. ( क्र. 433 ) श्री पाँचीलाल मेड़ा : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश की ए-ग्रेड की मंडियों में की गई अार्थिक अनियमितताओं की प्राप्त शिकायतों की जांच के संबंध में प्रश्नकर्ता द्वारा दिनांक 02 मार्च 2021 को प्रश्न क्रमांक 2425 लगाया गया था, जिसके उत्तर में विभाग द्वारा (क) से (घ) तक जानकारी एकत्रित करने की जानकारी दी गई थी और लगभग कृषि विभाग के अधिकांश प्रश्नों में ''जानकारी एकत्रित की जा रही है'' उत्तर दिया गया था? (ख) यदि हां तो किसान हितैषी सरकार किसानों से संबंधित प्रश्नों के उत्तर दिए जाने से क्यों परहेज कर रही है? स्पष्ट करें। (ग) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 2425 उत्तर दिनांक 2 मार्च 2021 की कंडिका (क) से (घ) तक की जानकारी एकत्रित कर ली गई है? यदि हां तो कंडिकावार उत्तर दें। यदि नहीं तो समय सीमा में उत्तर न देने के लिए कौन उत्तरदायी है और उनके खिलाफ क्या कार्यवाही की जाएगी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री कमल पटेल ) : (क) जी हाँ, उक्त तारांकित प्रश्न क्रमांक 2425 का तत्समय ''जानकारी एकत्रित की जा रही'' उत्तर दिया गया था। दिनांक 02 मार्च 2021 को प्रश्न क्रमांक 2425 का म0प्र0 राज्य कृषि विपणन बोर्ड से प्राप्त उत्तर पर प्रशासकीय अनुमोदन प्राप्त किया गया है। जिसको विधानसभा को प्रेषित किया जाना है, उक्त मूल प्रश्न क्रमांक 2425 के उत्तर की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) विभाग द्वारा यथासंभव प्रश्नों का उत्तर दिया गया है, शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता है। (ग) प्रश्नांश ''क'' के उत्तरांश अनुसार, शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता है।
कोरोना महामारी के कार्यों में अनियमितताएं
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
94. ( क्र. 436 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भोपाल, गुना, अशोक नगर, शिवपुरी, राजगढ़, विदिशा एवं ग्वालियर जिलों के ग्रामों, ग्राम पंचायत अथवा ग्रामीण अंचलों में मार्च 2021 से प्रश्न दिनांक तक कोविड रोकथाम (कोविड जांच-आर.टी.पी.सी.आर./रेपिड ऐन्टीजन), वैक्सिनेशन, दवाइयों का वितरण, मास्क, सेनेटाईजर, पी.पी.ई. किट) अप्रवासी/प्रवासी श्रमिकों इत्यादि) के लिये कार्यवाहियां की गई है? यदि हां तो किस-किस आदेश से, कितनी-कितनी अवधि के लिये, किस-किस दर पर, कितनी-कितनी संख्या में खरीदी कर उपलब्ध कराई गई, की सम्पूर्ण जानकारी का गौशवारा बनाकर पृथक-पृथक जिलेवार, कार्यवार बतायें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या कोरोना पीड़ित होने पर ग्रामों, ग्राम पंचायतों से मरीजों की चिकित्सालयों अथवा होम क्वारन्टीन किया गया, जिसकी जानकारी सचिवों ने ब्लॉक स्तर पर एवं ब्लॉक स्तर से जिला स्तर पर प्रस्तुत की गई है एवं कोविड मरीजों की मृत्यु हुई? यदि हां तो जिलेवार पृथक-पृथक बतायें। (ग) कोविड (कोरोना) माहमारी की रोकथाम के लिये नि:शुल्क दवाइयों की किट का वितरण ग्राम पंचायतों के माध्यम से किया गया है? यदि हां तो किस-किस ग्रामों एवं ग्राम पंचायतों को उनकी जनसंख्या के मान से कितनी-कितनी किट उपलब्ध कराई? ग्राम एवं ग्राम पंचायतवार बतायें। (घ) उपरोक्त के संबंध में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग में कार्यरत अधिकारियों/कर्मचारियों/स्थाईकर्मी/अस्थाईकर्मी या अन्य संबद्ध कर्मचारियों का सामूहिक बीमा कराया गया है? यदि हां तो बतायें। यदि नहीं तो क्यों? पंचायतों द्वारा जारी किये गये मृत्यु प्रमाण पत्रों की छायाप्रति संलग्न करें। (ड.) उपरोक्त के संबंध में मास्क की खरीदी किस-किस फर्म/स्वसहायता समूहों से किस-किस दर पर कितनी-कितनी मात्रा में की गई? ग्राम एवं ग्राम पंचायत के नाम, राशि एवं बिलों को विवरण सहित प्रस्तुत करें। साथ ही पी.पी.ई.किट, सेनेटाईजर, मास्क के बगैर कार्य करने पर कार्यरत समस्त कर्मचारियों जो कोविड बीमारी से ग्रसित हुये अथवा उनकी मृत्यु होने पर उन्हें क्या-क्या सहायता दी गई? यदि नहीं तो क्यों? सहायता उपलब्ध नहीं होने की स्थिति में संबंधितों के विरूद्ध कब तक, क्या कार्यवाही की जायेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया (संजू भैया) ) : (क) से (ड.) जानकारी संकलित की जा रही है।
कोविड महामारी में दर्ज प्रकरणों की अद्यतन स्थिति
[गृह]
95. ( क्र. 437 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल, इंदौर, जबलपुर, उज्जैन एवं ग्वालियर जिले में मार्च 2021 से प्रश्न दिनांक तक कहां-कहां, किस-किस के विरूद्ध किस-किस धाराओं में नकली रेमडीसिवर इंजेक्शन अथवा कोविड से संबंधी नकली दवाओं, मेडिकल उपकरणों एवं अन्य अत्यावश्यक सेवाओं के अंतर्गत प्रकरण दर्ज किए गए हैं? पृथक-पृथक बतायें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में कितनी शिकायतें अथवा आवेदन प्राप्त हुए हैं? उन पर कब-कब, क्या-क्या कार्यवाही, किस-किस के विरूद्ध किस-किस धाराओं में की गई? पृथक-पृथक बतायें। (ग) उपरोक्त के संबंध में किस-किस शासकीय अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध प्रकरण पंजीबद्ध किया गया है? उनके नाम, पदनाम, पता सहित बतायें। (घ) उपरोक्त के संबंध में कितने प्रकरणों पर कार्यवाही लंबित है? किस स्तर पर किन कारणों से किस-किस के विरूद्ध एवं कब तक कार्यवाही कर ली जायेगी?। (ड.) उपरोक्त अपराध में अंतर्राज्यीय गिरोज के माध्यम से सक्रियता निभाई गई है? यदि हां तो कौन-कौन सी फर्म, किस-किस राज्य के कितने-कितने, अपराधी किस-किस संलिप्तता में संलग्न है? पृथक-पृथक बतायें। नकली दवाओं एवं उपकरणों के उपयोग के कारण कितने लोग जान गवां चुके हैं? उनके नाम, पते भी बतायें।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’अ’’ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’ब’’ अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ’’अ’’में समाहित है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ’’अ’’ में समाहित है, विवेचनाधीन प्रकरणों में समयावधि बताना संभव नहीं है। जाँच में लंबित शिकायतों का निराकरण आये तथ्यों के आधार पर विधि अनुसार किया जायेगा। (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र’’स’’अनुसार है। शेष भाग की जानकारी एकत्रित की जा रही है।
आरोपियों के विरूद्ध पुलिस द्वारा कार्यवाही नहीं किया जाना
[गृह]
96. ( क्र. 440 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के परिवर्तित तारांकित प्रश्न क्रमांक 245 दिनांक 28 दिसम्बर 2020 के उत्तर में थाना लहार जिला भिण्ड के अपराध क्र. 83/20 के अभियुक्तों द्वारा लूटी गई सीमेंट एवं सरिया का बरामदगी नहीं होना बताया था? तो क्या पुलिस द्वारा आरोपियों के साथ मिलीभगत कर उनसे सामग्री की बरामदगी न कर उन्हें बचाया जा रहा है? यदि नहीं तो क्या उक्त संबंध में वरिष्ठ अधिकारी से जांच कराई जाकर जांच निष्कर्षों के आधार पर आरोपियों के विरूद्ध कार्यवाही कर, लूटी गई सामग्री जप्त की जाएगी? यदि नहीं तो क्यों? (ख) क्या थाना दबोह जिला भिण्ड में पंजीबद्ध अपराध क्रमांक 38/20 में भी पुलिस द्वारा आरोपियों के विरूद्ध कार्यवाही न कर उन्हें बचाया जा रहा है? यदि हां तो क्या इसकी जांच किसी वरिष्ठ अधिकारी से कराई जाकर दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की जाएगी? यदि नहीं तो क्यों?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। पुलिस द्वारा आरोपियों के साथ मिली भगत कर आरोपीगण को बचाया नहीं गया है। चूंकि प्रकरण की विवेचना में प्राप्त साक्ष्य के आधार पर सीमेन्ट एवं सरिया को लूटा जाना नहीं पाया गया, अतः वरिष्ठ अधिकारी से जांच कराये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी नहीं। प्रकरण की विवेचना में आये तथ्यों के आधार पर अपराध का घटित होना नहीं पाया जाने से प्रकरण में खात्मा दिनाँक 14.03.21 को भेजा गया है, अतः जाँच वरिष्ठ अधिकारी से कराई जाकर दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही करने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नवीन पिस्टल/ रिवाल्वर शस्त्र लायसेंस/फौती लायसेंस/ शस्त्र लायसेंस नामांतरण
[गृह]
97. ( क्र.
441 ) डॉ.
गोविन्द सिंह
: क्या
गृह मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) आयुक्त
चंबल संभाग
मुरैना एवं
आयुक्त ग्वालियर
संभाग ग्वालियर
द्वारा जनवरी 2020 से
प्रश्न
दिनांक तक
नवीन पिस्टल/रिवाल्वर
शस्त्र
लायसेंस/फौती
लायसेंस/शस्त्र
लायसेंस
नामांतरण के
कितने प्रकरण
अनुशंसा सहित
म.प्र. शासन
गृह (पुलिस
विभाग) को
किस-किस पत्र
क्रमांक से
प्रेषित किए
गए? आवेदकों
के नाम पता
सहित विवरण
दें। (ख) उक्त
प्रश्नांश
के
परिप्रेक्ष्य
में किन-किन
प्रकरणों का
निराकरण कर
आदेश जारी किए
गए एवं कितने
प्रकरण किन कारणों
से लंबित हैं? लंबित
प्रकरणों की
जानकारी नाम
पता सहित बताएं
एवं लंबित
प्रकरणों का
निराकरण कब तक
किया जाएगा?
गृह मंत्री (
डॉ. नरोत्तम
मिश्र ) : (क) एवं (ख)
जानकारी
संकलित की जा
रही है।
कोविड-19 से प्रभावित मृतकों की जानकारी
[गृह]
98. ( क्र. 445 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला सीधी, सिंगरौली जिले सहित म.प्र. में कोविड महामारी की दूसरी लहर के दौरान थाना क्षेत्रवार किन शासकीय, निजी अस्पतालों में कोविड मरीजों को कितने-कितने नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन किस मूल्य पर बेचे गए? उपरोक्त शासकीय, निजी अस्पतालों में नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन लगाये जाने के कारण कितने-कितने कोविड मरीजों की मृत्यु हुई या उनकी हालत गंभीर हो गई? (ख) उपरोक्त जिले में नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन बेचे जाने और उनका अस्पतालों में प्रयोग किये जाने पर किन-किन लोगों पर क्या-क्या कार्यवाही की गई?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) जानकारी संकलित की जा रही है।
स्टेडियम/मिनी स्टेडियम निर्माण रेनोवेशन
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
99. ( क्र. 446 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र सिहावल में ग्राम हटवाखास, पोखरा में स्टेडियम निर्माण हेतु ग्रामीणजनों द्वारा मांग की जाती रही है, कब तक स्टेडियम निर्माण की स्वीकृत प्रदान की जावेगी? (ख) मिनी स्टेडियम सिहावल में प्रतिवर्ष बॉलीवाल, कबड्डी एवं 15 अगस्त तथा 26 जनवरी के अवसर पर सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है, उक्त मिनी स्टेडियम का रेनोवेशन कराया जाना नितांत आवश्यक है। कब तक रेनोवेशन कार्य की स्वीकृति प्रदान की जावेगी? (ग) सिहावल मुख्यालय में खेलों के प्रशिक्षण हेतु आवासीय स्थल निर्माण की मांग बहुत दिनों से की जा रही है जिससे क्षेत्रीय युवाओं का विभिन्न खेलों में पारंगत होने एवं तकनीकी रूप से सक्षम होने हेतु आवश्यक है, कब तक उक्त कार्य की स्वीकृति जारी की जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया (संजू भैया) ) : (क) पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग अंतर्गत स्टेडियम निर्माण की वर्तमान में कोई योजना संचालित नहीं होने से प्रश्नाधीन ग्रामों में स्टेडियम निर्माण का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। (ख) मिनी स्टेडियम सिहावल का निर्माण वर्ष 1999-2000 में विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र विकास योजना के तहत कराया गया था, बजट के अभाव में ग्राम पंचायत मिनी स्टेडियम के रिनोवेशन का कार्य कराने में सक्षम नहीं है। माननीय प्रश्नकर्ता विधायक द्वारा विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र विकास योजना की निधि से अनुशंसा की जाने पर कलेक्टर (योजना एवं सांख्यिकी) द्वारा मिनी स्टेडियम सिहावल के रिनोवेशन कार्य की स्वीकृति की जा सकेगी। (ग) खेलों के प्रशिक्षण हेतु आवासीय स्थल निर्माण संबंधी पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग में कोई योजना संचालित नहीं होने से उक्त कार्य स्वीकृत नहीं किया जा सकता है।
राजगढ़ जिला मुख्यालय पर खेल सुविधायें
[खेल एवं युवा कल्याण]
100. ( क्र. 451 ) श्री बापूसिंह तंवर : क्या खेल एवं युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या राजगढ़ जिला मुख्यालय पर शासकीय महाविद्यालय के निकट स्टेडियम निर्मित है? (ख) यदि हां तो उक्त स्टेडियम में कौन-कौन सी खेल प्रतियोगिताएं कराने की सुविधा है? खेल प्रतियोगिताओं का नाम दर्शाते हुये दिनांक 01 अप्रैल 2018 से प्रश्न दिनांक तक हुई खेल प्रतियोगिताओं का नाम बताएं। (ग) क्या उक्त स्टेडियम में राष्ट्रीय व अन्तर्राष्ट्रीय खेल प्रतियोगिताएं कराने की सुविधा है? यदि हां तो कौन-कौन सी प्रतियोगिताएं राष्ट्रीय व अन्तर्राष्ट्रीय स्तरीय कराई जा सकती है? (घ) यदि प्रश्न की कंडिका (ग) का उत्तर नहीं है तो क्या शासन उक्त स्टेडियम को राष्ट्रीय तथा अन्तर्राष्ट्रीय खेल प्रतियोगिताएं हेतु उन्नयन करेगा? हां तो कब तक? नहीं तो क्यों नहीं?
खेल एवं युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जी हाँ। (ख) स्टेडियम में फुटबॉल, एथलेटिक्स, क्रिकेट, कबड्डी आदि खेलों की सुविधायें उपलब्ध हैं। स्टेडियम परिसर में विभाग द्वारा 01 अप्रैल 2018 से प्रश्न दिनांक तक मुख्यमंत्री कप खेल प्रतियोगिता 2018-19 एवं गुरूनानक देवजी प्रांतीय ओलंपिक खेल प्रतियोगिता 2019-20 का आयोजन किया गया है। (ग) स्टेडियम में राष्ट्रीय स्तर की खेल प्रतियोगिताएं आयोजित कराने की सुविधायें उपलब्ध हैं, स्टेडियम में अंतर्राष्ट्रीय स्तर की खेल प्रतियोगिताएं आयोजित नहीं की जा सकती हैं। (घ) शासन के सीमित वित्तीय संसाधनों को दृष्टिगत रखते हुए राजगढ़ में अंतर्राष्ट्रीय स्तर की खेल प्रतियोगिताओं के लिये स्टेडियम का उन्नयन किया जाना संभव नहीं हैं।
उन्नत बीजों के मिनी किट का प्रदाय
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
101. ( क्र. 453 ) श्री बापूसिंह तंवर : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में किसानों को उच्च स्तर के बीज नि:शुल्क मिनी किट के रूप में प्रदाय कराने की कोई योजना पूर्व में शासन द्वारा संचालित थी? (ख) यदि हां तो क्या उक्त योजना वर्तमान समय में भी संचालित है? यदि हां तो राजगढ़ विधानसभा क्षेत्र में कितने किसानों को कितने मिनी किट वितरण किये गये? बीजों का नाम दर्शाते हुए? सूची उपलब्ध करावायें। (ग) यदि नहीं तो क्या शासन उक्त योजना पुन: प्रारंभ करेगा? हां तो कब तक? नहीं तो क्यों नहीं?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री कमल पटेल ) : (क) जी हाँ।बीज मिनिकिट वितरण योजना भारत सरकार द्वारा संचालित की जाती है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) शेष प्रश्न उपस्थित ही नहीं होता।
किसानों को उद्यानिकी संबंधी जानकारी का प्रदाय
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
102. ( क्र. 454 ) श्री बापूसिंह तंवर : क्या राज्य मंत्री, उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजगढ़ जिला मुख्यालय पर भारत सरकार द्वारा कृषि विज्ञान केन्द्र स्थापित है? यदि हां, तो कृषि विज्ञान केन्द्र से किसानों को क्या-क्या जानकारी खेती, बागवानी, उद्यानिकी के संबंध में दी जाती है? (ख) क्या शासन कृषि विज्ञान केन्द्र अथवा अन्य किसी माध्यम से किसानों को उन्नयन कृषि/बागवानी/फल उद्यान/सब्जी उत्पादन के बारे में जानकारी बाबत् सेमीनार/ कार्यशाला आयोजित करेगा? यदि हां, तो राजगढ़ विधानसभा क्षेत्र में उक्त कार्यशाला/सेमीनार कब-कब आयोजित किये जावेंगे? (ग) यदि प्रश्न की कंडिका (ख) का उत्तर नहीं है तो क्या शासन ऐसी कार्यशाला आयोजित करेगा? यदि हां, तो कब तक? नहीं तो क्यों नहीं?
राज्य मंत्री, उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण ( श्री भारत सिंह कुशवाह ) : (क) जी हाँ। कृषि विज्ञान केन्द्र द्वारा राजगढ़ जिले के कृषकों को कृषि बागवानी/फलोद्यान/सब्जी उत्पादन के बारे में उन्नत तकनीकी से संबंधित जानकारी दी जाती है। (ख) जी हाँ। राजगढ़ विधानसभा क्षेत्र के कृषकों को बागवानी/फलोद्यान/सब्जी उत्पादन की तकनीकी जानकारी हेतु माह सितम्बर 2021 में कार्यशाला आयोजित की जायेगी। (ग) प्रश्नांश ''ख'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
शासन की औद्योगिक नीति
[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]
103. ( क्र. 457 ) श्री बापूसिंह तंवर : क्या औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन की वर्तमान औद्योगिक नीति के अन्तर्गत जिस क्षेत्र में उद्योग स्थापित किया जा रहा है? वहां स्थानीय स्तर पर क्या-क्या होना चाहिये? (ख) प्रश्न की कंडिका (क) अनुसार राजगढ़ विधान सभा क्षेत्र में नवीन कुटीर उद्योग/लघु उद्योग/मध्यम उद्योग/बड़ा उद्योग स्थापित करने बाबत् शासन की नीति अनुसार समुचित सुविधाएं हैं? (ग) यदि प्रश्न की कंडिका (ख) का उत्तर यदि हां है तो शासन राजगढ़ में नवीन उद्योग स्थापित करने बाबत् उद्योगपतियों तथा निवेशकों को आमंत्रित करेगा?
औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन मंत्री ( श्री राजवर्धन सिंह प्रेमसिंह दत्तीगांव ) : (क) निवेशकों द्वारा औद्योगिक इकाइयों की स्थापना हेतु भूमि एवं आवश्यक अधोसंरचना जैसे- परिवहन के साधन, विद्युत पानी एवं उद्योग अनुसार कुशल श्रमिकों एवं कच्चामाल की उपलब्धता एवं औद्योगिक नीति के दृष्टिगत निर्णय लिया जाता है। (ख) जी हाँ, औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग द्वारा मध्यप्रदेश में रोजगार के अवसरों को बढ़ावा देने एवं वृहद श्रेणी की औद्योगिक इकाइयों तथा निवेश परियोजनाओं को प्रोत्साहित करने हेतु उद्योग संवर्धन नीति 2014 (यथा संशोधित 2020) लागू की गई है, जो सम्पूर्ण राज्य में प्रभावशील है। उक्त नीति में प्रावधानित सुविधायें सभी पात्र वृहद श्रेणी की औद्योगिक तथा निवेश परियोजनाओं पर समान रूप से लागू होती है। सूक्ष्म,लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग के संदर्भ में मध्यप्रदेश एमएसएमई विकास नीति 2019 अंतर्गत प्रावधानित सुविधाएं पात्र इकाइयों को लागू होती है। (ग) राजगढ़ जिले में ही नहीं अपितु सम्पूर्ण मध्यप्रदेश में औद्योगिक इकाइयों तथा निवेश परियोजनाओं को आकर्षित करने हेतु विभाग निरन्तर प्रयासरत है।
अवैध नियुक्तियों पर कार्यवाही
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
104. ( क्र. 460 ) श्री सूबेदार सिंह सिकरवार रजौधा : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत 10 वर्षों में जिला मुरैना में विभाग में ऐसे कितने कर्मचारी पदस्थ हैं जो अनुकम्पा नियुक्ति के नियम के तहत नियुक्त किये गये हैं? समस्त कर्मचारियों की नियुक्ति दिनांक एवं नियुक्ति आदेशों का विवरण उपलब्ध कराते हुये अनुकम्पा नियुक्ति की नियम, शर्तों की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) ऐसे कितने कर्मचारी हैं जिनकी नियुक्ति संदेहास्पद है एवं शिकायतों की जांच संचालनालय स्तर पर प्रचलन में है? यदि जांच प्रचलन में हो तो जांच की अद्यतन स्थिति से अवगत करावें। (ग) क्या अनुकम्पा नियुक्ति नियमानुसार दिवंगत शासकीय सेवक के परिवार में यदि कोई सदस्य पूर्व से शासकीय सेवा में है तो अन्य सदस्य को अनुकम्पा नियुक्ति नहीं दी जा सकती है? यदि हां तो जिले में इस नियम के विपरीत कितने कर्मचारी अनुकम्पा नियुक्ति का अवैध लाभ ले रहे हैं और उन्हें कब तक सेवामुक्त कर वेतन वसूली की जावेगी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री कमल पटेल ) : (क) जिला मुरैना में कर्मचारियों की अनुकम्पा नियुक्ति दिनांक एवं नियुक्ति आदेशों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। अनुकम्पा नियुक्ति के नियम शर्तों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ख) मुरैना जिले में केवल एक कर्मचारी श्री सतेन्द्र कुमार शर्मा,सहायक ग्रेड-3 की नियुक्ति संदेहास्पद होने से जांच संस्थित की गयी जिस पर कार्यवाही प्रचलन में है। (ग) जी हां,सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र दिनांक 18.08.2008 की कंण्डिका क्रमांक 4.1 दिवगंत शासकीय सेवक के परिवार का कोई भी अनुकंपा नियुक्ति का पात्र सदस्य यदि पूर्व से शासकीय सेवा अथवा निगम, मण्डल, परिषद, आयोग आदि में नियोजित हों तो अनुकम्पा नियुक्ति के लिये अपात्र हैं।जी नहीं, इस संबंध में मात्र एक प्रकरण श्री सतेन्द्र कुमार शर्मा, सहायक ग्रेड-3 प्रकाश में आया है। जिस पर कार्यवाही जारी है, शीघ्र नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी।
पी.ई.बी. द्वारा परीक्षा लिए जाने में अनियमितताएं
[तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोज़गार]
105. ( क्र. 464 ) श्री सज्जन सिंह वर्मा : क्या खेल एवं युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या दिनांक 10 एवं 11 फरवरी 2021 को एम.पी. पीईबी द्वारा ली गई ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी और कृषि विकास अधिकारी की परीक्षा ली गई थी? यदि हां तो किस कंपनी द्वारा परीक्षा ली गई थी? (ख) क्या उपरोक्त परीक्षा में अनियमितताएं किये जाने की शिकायतें प्राप्त हुई है? यदि हां तो क्या जांच कराई है? यदि हां तो जांच निष्कर्ष के आधार पर क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं तो क्यों?
खेल एवं युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जी हाँ। परीक्षा NSEIT कम्पनी द्वारा आयोजित करवाई गई थी। (ख) जी हॉ। प्रश्नागत परीक्षा के संबंध में प्राप्त शिकायतों के परिप्रेक्ष्य में दिनांक 10.02.2021 एवं 11.02.2021 को आयोजित परीक्षा से संबंधित समस्त डाटा, सी.सी.टी.व्ही. फुटेज तथा सर्वर लॉग डिटेल की जांच हेतु पीईबी द्वारा एम.पी.एस.ई.डी.सी. से सहयोग प्राप्त किया गया था, जिनके द्वारा प्रस्तुत जांच प्रतिवेदन के परीक्षण उपरांत पी.ई.बी. द्वारा उक्त परीक्षा परिणाम घोषणा के संबंध में निर्णय लिया जावेगा।
जावरा में इंजीनियरिंग कॉलेज की स्थापना
[तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोज़गार]
106. ( क्र. 468 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या खेल एवं युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या प्रारंभ से रतलाम अंतर्गत जावरा नगर एकमात्र पिपलौदा, बडावदा, ताल, आलोट का केन्द्र होकर संपूर्ण क्षेत्र की आठ से दस लाख जनसंख्या का जनकार्यों का प्रमुख केन्द्र है? (ख) यदि हां तो उल्लेखित आबादी के बहुसंख्यक छात्र-छात्राओं का शैक्षणिक गतिविधियां भी प्रमुखता से जावरा नगर पर ही निर्भर रहती हैं? (ग) यदि हां तो उपरोक्त उल्लेखित तीनों विकासखण्डों में एक भी स्थान पर तकनीकी उच्च शिक्षा अध्ययन-अध्यापन हेतु कोई निकट महाविद्यालय नहीं होने से छात्र-छात्राओं को काफी दूर जाना पड़ता है? (घ) यदि हां तो उपरोक्त तीनों विकासखण्डों का केन्द्र होने से जावरा नगर पॉलीटेक्निक कॉलेज जावरा में कॉलेज परिसर में पर्याप्त रिक्त भूमि स्वाभाविक रूप से है तथा विगत कई वर्षों से इंजीनियरिंग कॉलेज प्रारंभ किये जाने की मांग छात्र-छात्राएं लगातार कर रहे हैं। अतएव शासन/विभाग जावरा नगर में इंजीनियरिंग कॉलेज प्रारंभ किये जाने हेतु कब स्वीकृति देगा?
खेल एवं युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) एवं (ख) रतलाम अन्तर्गत जावरा नगर शैक्षणिक गतिविधियों का भी प्रमुख केन्द्र है। (ग) जावरा क्षेत्र की 100 कि.मी. की परिधि में वर्तमान में शासकीय/निजी क्षेत्र के 10 महाविद्यालय संचालित है, जिससे क्षेत्र के विद्यार्थियों को बी.ई. पाठ्यक्रम में अध्यापन हेतु पर्याप्त अवसर उपलब्ध है। (घ) वर्तमान में जावरा में इंजीनियरिंग महाविद्यालय प्रारंभ करने की कोई योजना नहीं है।
प्रदेश में नये कृषि कानून लागू होने मण्डीयों की आय में गिरावट
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
107. ( क्र. 481 ) श्री सज्जन सिंह वर्मा : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश की कृषि उपज मंडियों में नये कृषि कानून लागू होने से कृषि उपज मंडियों की आय में कितने-कितने प्रतिशत वृद्धि हुई? वर्षवार बतायें। (ख) क्या उक्त नये कानून लागू होने के बाद से प्रदेश की मंडियों की आय में कमी हुई है, जिसके कारण कृषि मंडियों पर आधारित हम्माल मजदूर आदि की आय में भी कमी आयी है तथा बेरोजगारी की स्थिति भी उत्पन्न हो गयी है? (ग) यदि हां तो मंडी की आय बढ़ाने के लिए राज्य सरकार द्वारा लागू नये कृषि कानून को निरस्त करने हेतु प्रस्ताव केन्द्र सरकार काे किसानों के हित में भेजा जायेगा? यदि हां तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री कमल पटेल ) : (क) नये केन्द्रीय कृषि कानून के क्रियान्वयन पर माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिनांक 12 जनवरी 2021 को रोक लगाईं गई है शेष प्रश्न उदभूत नहीं होता। (ख) प्रश्नांश 'क' के उत्तर अनुसार प्रश्न उदभूत नहीं होता। (ग) प्रश्नांश 'क' के उत्तर अनुसार प्रश्न उदभूत नहीं होता।
अपराधियों की गिरफ्तारी न होना
[गृह]
108. ( क्र. 482 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधान सभा तारांकित प्रश्न क्रमांक 6296 दिनांक 23/03/2021 के उत्तर में आरोपियों के फरार होने की जानकारी देते हुए गिरफ्तार किये जाने के प्रयास जारी रहने संबंधी जानकारी दी गई है। (ख) यदि हां तो आरोपियों की गिरफ्तारी हेतु कब-कब, क्या-क्या प्रयास किये गये, कहां-कहां, कब-कब गिरफ्तारी हेतु दल भेजे गये एवं उसके क्या परिणाम रहे। प्रकरणवार, दिनांकवार जानकारी दें। (ग) क्या प्रश्नांश (क) में वर्णित प्रश्न के उत्तर के परिशिष्ट ''ब'' अनुसार अपराध क्रमांक 8/2021 में आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है यदि हां तो किन-किन आरोपियों की कहां-कहां से कब-कब गिरफ्तारी हुई एवं प्रकरण की अद्यतन स्थिति क्या है। (घ) प्रश्नांश (क) में वर्णित प्रश्न में प्रकरणवार उल्लेखित आरोपियों की गिरफ्तारी कब तक हो जावेगी। गिरफ्तारी में विलम्ब के क्या कारण है, क्या विभाग की अकर्मण्यता के कारण अभी तक आरोपी फरार हैं यदि नहीं तो अभी तक गिरफ्तारी न होने का क्या कारण हैं?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ। जानकारी परिशिष्ट में समाहित है। (घ) परिशिष्ट में उल्लेखित फरार आरोपियों के संबंध में विवेचना जारी है। फरार आरोपियों की गिरफ्तारी हेतु निरन्तर प्रयास किए जा रहे है।
अधिकारी/कर्मचारियों को उच्च पदों का प्रभार
[गृह]
109. ( क्र. 536 ) श्री संजय शुक्ला : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश के अधीन गृह विभाग द्वारा पुलिस अधिकारी/कर्मचारियों को विभागीय आदेशानुसार प्रमोशन देकर उच्च पद का प्रभार दिया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या मध्यप्रदेश शासन अन्तर्गत आने वाले अन्य सभी विभागों में इस तरह से प्रमोशन देकर उच्च पद का प्रभार दिया जायेगा? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में यदि हॉं तो सभी शासकीय एवं अर्धशासकीय विभागों में कार्यरत अधिकारी/कर्मचारियों को कब तक प्रमोशन दिया जाकर उच्च पद का प्रभार दिया जायेगा? यदि नहीं तो क्यो नही? क्या अन्य शासकीय एवं अर्धशासकीय विभागों में कार्यरत् अधिकारी/कर्मचारी मध्यप्रदेश शासन के अधीन नही है?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी नहीं। प्रमोशन देकर उच्च पद का प्रभार नहीं दिया गया है। (ख) उत्तरांश (क) के क्रम में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) उत्तरांश (क) के क्रम में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
पत्रों पर कार्यवाही
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
110. ( क्र. 590 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गत एक वर्ष में जिला पंचायत बैतूल एवं जिले की समस्त जनपद पंचायतों को श्री राजेश ओझा शंकर नगर भग्गूढाना बैतूल द्वारा किस-किस विषय पर प्रेषित पत्र, आवेदन पत्र, सूचना पत्र, शपथ पत्र किस दिनांक को प्राप्त हुआ उस पर किस दिनांक को क्या-क्या कार्यवाही की गई। (ख) प्रयोगशाला से हार्डस्वाई एवं कॉटन स्वाई की टेस्ट रिपोर्ट बनवाने, काम्पेक्शन की टेस्ट रिपोर्ट बनवाने की छूट और जी.एस.टी. की कटौती किए जाने या नहीं किए जाने की छूट किस आदेश क्रमांक दिनांक से किस-किस को प्रदान की गई हैं, प्रति सहित बताएं। (ग) टेस्ट रिपोर्ट एवं जी.एस.टी. कटौती से संबंधित राजेश ओझा द्वारा प्रस्तुत पत्र, शपथ पत्र, आवेदन पत्र एवं सूचना पत्र पर जिला पंचायत बैतूल ने किस-किस के विरूद्ध किस-किस दिनांक को क्या-क्या कार्यवाही की, यदि प्रश्नांकित दिनांक तक भी वैधानिक कार्यवाही नहीं की हो तो उसका कारण बताएं। (घ) जिला पंचायत कब तक किस-किस के विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही करेगा।
पंचायत मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया (संजू भैया) ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार है। (ख) आयुक्त म.प्र. रोजगार गारंटी परिषद भोपाल के पत्र क्र.3818/एमपीएनआरईजीए-एमपी/एनआर-3/2020 भोपाल दिनांक 11/11/2020 के अनुसार राशि रू. 5.00 लाख तक के निर्माण कार्यो में गुणवत्ता नियंत्रण हेतु निर्माण सामग्री के परीक्षण की अनिवार्यता नहीं है तथा विभागीय मान. मंत्री महोदय द्वारा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग दिनांक 22/02/2017 के अनुक्रम में विकास आयुक्त, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, म.प्र. द्वारा दिनांक 01.09.2017 को जारी कार्यवाही के बिंदु क्रमांक 03 के अनुसार पंचायत राज संस्थायें शासन का अंग होकर शासन की परिभाषा में आती है। अत: उनके द्वारा कराये गये भुगतान के लिये जीएसटी नही लगता है। ग्राम पंचायतों के देयको में जीएसटी कॉलम में शून्य राशि दर्शाई जाए। पत्रों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार है। (ग) राशि रू. 5.00 लाख से अधिक लागत के कार्यो की टेस्ट रिपोर्ट निर्माण एजेंसी ग्राम पंचायत द्वारा करायी जा रही है। जीएसटी की कटौती के संबंध में प्रश्नांश ‘ख’ में उत्तर संलग्न है। प्राप्त आवेदनों पर शासन से प्राप्त दिशा निर्देशों के अनुरूप ही कार्यवाही की गई है अत: किसी के भी विरूद्ध वैधानिक कार्यवाही का प्रश्न ही उपस्थित नही होता। (घ) प्रश्नांश ‘ख’ एवं ‘ग’ के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होता।
जीर्ण-शीर्ण स्टाप डेमों के दुरुस्तीकरण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
111. ( क्र. 608 ) श्री रवि रमेशचन्द्र जोशी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खरगोन विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत कितने स्टॉप डेम है एवं किस ग्राम पंचायत क्षेत्र के अंतर्गत आते हैं नाम की सूची देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार ऐसे कौन-कौन सी ग्राम पंचायतें हैं जहां के स्टॉप डेम जीर्ण-शीर्ण अवस्था में है, ऐसी ग्राम पंचायतों के नाम की सूची दें तथा जीर्ण-शीर्ण अवस्था वाले स्टॉप डेमों को शासन या विभाग द्वारा कब तक दुरुस्त करवाया जाएगा। (ग) क्या शासकीय विभाग द्वारा जीर्ण-शीर्ण स्टॉफ डेमों के दुरुस्तीकरण हेतु वर्ष 2018 से वर्ष 2021 में कोई राशि जारी की गई थी अगर हां तो किस वर्ष में कितनी राशि जारी की गई थी?
पंचायत मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया (संजू भैया) ) : (क) खरगोन विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत 81 स्टापडेम है, ग्राम पंचायतवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) अनुसार 20 ग्राम पंचायत है, जहां के स्टापडेम जीर्ण-शीर्ण अवस्था में है। ग्राम पंचायतवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। शासन से प्राप्त निर्देशानुसार बीपीडीपी/डीपीडीपी में शामिल किया जाकर शासन से आवंटन प्राप्त होने की दशा में संबंधित विभागों द्वारा दुरूस्तीकरण का कार्य किया जावेगा। (ग) उतरांश ‘ख’ के परिप्रेक्ष्य में शेष कार्यों हेतु प्रश्न उत्पन्न नहीं होता।
नवीन औद्योगिक क्षेत्र जम्बार बागरी में भूखण्ड आवंटन
[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]
112. ( क्र. 631 ) श्री शशांक श्रीकृष्ण भार्गव : क्या औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा शहर से लगभग 10 कि.मी.दूर ग्राम जम्बार बागरी में स्वीकृत नवीन उद्योग परिसर किस वर्ष पूर्ण हुआ? (ख) क्या नवीन उद्योग परिसर के बनने के काफी समय बाद भी जमीन के रेट अधिक होने की वजह से नवीन उद्योगों की स्थापना हेतु उद्योगपति भूखण्ड लेने में रूची नहीं ले रहे हैं जिसके कारण उद्योग नहीं लग पा रहे? (ग) क्या शासन नवीन उद्योग परिसर ग्राम जंबार बागरी में पुराने उद्योग क्षेत्र पीतल मिल में दिये गये भूखण्डों की दरों के मान से नवीन परिसर में भूखण्ड आवंटन की कार्यवाही करेगा? यदि हॉं तो कब तक? नहीं तो क्यों? (घ) क्या शासन औद्योगिक क्षेत्र में 500 वर्ग मीटर से कम की स्थिति में भी भूखण्ड बंटवारे का प्रावधान किये जाने के संबंध में विचार करेगा? यदि हॉं तो कब तक एवं इस संबंध में आदेश जारी किये जायेंगे? नहीं तो क्यों?
औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन मंत्री ( श्री राजवर्धन सिंह प्रेमसिंह दत्तीगांव ) : (क) विदिशा शहर से लगभग 10 कि.मी. दूर ग्राम जम्बार बागरी में स्वीकृत औद्योगिक क्षेत्र का विकास कार्य नवम्बर 2015 में पूर्ण हुआ एवं दिनांक 27/11/2015 को औद्योगिक क्षेत्र अधिसूचित किया गया। (ख) जी नहीं,अपितु औद्योगिक क्षेत्र में कुल 11 भूखण्ड आवंटित किये गये है। (ग) जी नहीं, औद्योगिक क्षेत्र के विकास हेतु मूलभूत सुविधायें जैसे- सड़क, नाली, जल प्रदाय व्यवस्था, विद्युत व्यवस्था आदि हेतु निगम द्वारा ऋण लिया गया है एवं अधोसंरचना विकास हेतु राशि व्यय की गई है। तद्नुसार भूखण्ड आवंटन की दरें तय की गयी है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं, मध्यप्रदेश राज्य औद्योगिक भूमि एवं भवन प्रबंधन नियम, 2019 की कंडिका क्रमांक 21 के अनुसार विभाजन उपरांत बने भूखण्डों का क्षेत्रफल न्यूनतम 500 वर्गमीटर से कम न रखने का प्रावधान है।शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सिंचाई के संसाधनों की उपलब्धता
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
113. ( क्र. 642 ) श्री संदीप श्रीप्रसाद जायसवाल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में खेतों में सिंचाई हेतु पानी की उपलब्धता की कौन-कौन सी योजना वर्तमान में कब से प्रचलन में हैं और हितग्राहियों/कृषकों को योजना का लाभ किस प्रकार किस प्रक्रिया से दिया जाता हैं? (ख) प्रश्नांश (क) कटनी जिले में वर्ष 2018-19 से प्रश्न दिनांक तक किन-किन योजनाओं के तहत कितनी-कितनी लागत के तालाब और खेत तालाबों का किन सक्षम प्राधिकारियों द्वारा निर्माण स्वीकृत किया गया? तालाब और खेत तालाब किन एजेंसियों द्वारा कहाँ-कहाँ एवं कब-कब किया गया? (ग) प्रश्नांश (ख) निर्मित तालाबों/खेत तालाबों के निर्माण को किन तकनीकी अधिकारियों द्वारा उपयोगी माना गया तथा इनके निर्माण से कितनी भूमि की सिंचाई आंकलित की गयी थी और वर्तमान में कितनी भूमि सिंचित हो रही हैं? (घ) प्रश्नांश (ख) तालाबों/खेत तालाबों के कार्यों का निरीक्षण/भौतिक सत्यापन और कार्यों की माप एवं माप का सत्यापन तथा भुगतान की कार्यवाही किन-किन शासकीय सेवकों द्वारा की गयी और कार्यवार संबंधित दस्तावेज़ का उपलब्ध कराये। (ङ) क्या कटनी जिले में तालाब और खेत-तालाब निर्माण में अनियमितताओं की कई शिकायतें कटनी-जिले की जनपद-पंचायतों एवं जिला पंचायत/विभाग/शासन को विगत-02 वर्षों में प्राप्त हुई हैं?यदि हाँ,तो शिकायतों की किन-किन जांचकर्ता अधिकारियों द्वारा कब-कब जांच की गयी? जांच प्रतिवेदन किस सक्षम प्राधिकारी को कब प्रस्तुत किए गये? जांच प्रतिवेदनों पर प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गयी?
पंचायत मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया (संजू भैया) ) : (क) कटनी जिले में महात्मा गांधी नरेगा योजना वर्ष 2007-08 से प्रभावी है, जिसके तहत खेतों में सिंचाई के लिये पानी की व्यवस्था हेतु वर्तमान में नवीन सामुदायिक तालाब निर्माण कार्य, कपिलधारा कूप निर्माण, खेत तालाब निर्माण कार्य कराये जाते है। महात्मा गांधी नरेगा अंतर्गत सिंचाई सुविधा हेतु हितग्राहियों/कृषकों को म.प्र. शासन, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के पत्र क्रमांक/1266/MGNREGS-MP/NR-3/2019 दिनांक 31/05/2019 तथा पत्र क्रमांक / 1445/ MGNREGS-MP/NR-3/2019 दिनांक 31/05/2019 में दिये गए निर्देशों के अनुक्रम में कपिलधारा उपयोजना के तहत कूप निर्माण तथा खेत तालाब निर्माण से लक्षित वर्गों के हितग्राहियों/कृषकों को लाभान्वित किया जाता है। प्रश्नांश की शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट -1 एवं परिशिष्ट-2 अनुसार है। (ख) प्रश्नांकित अवधि में जिले मे मनरेगा के तहत कुल 307 तालाब निर्माण कार्य एवं 501 खेत तालाब निर्माण कार्य स्वीकृत कर प्रारंभ कराये गये है। प्रश्नांकित अवधि में स्वीकृत कर प्रारंभ कराये गये कार्यों एवं क्रियान्वयन एजेंसी की जानकारी पृथक से पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- 3 अनुसार है। (ग) मनरेगा के तहत तालाब निर्माण कार्यों/खेत तालाब निर्माण कार्यों की उपयोगिता, तकनीकी साध्यता, गुणवत्ता एवं निरीक्षण एवं कार्य पूर्णता प्रमाण पत्र जारी किये जाने हेतु सहायक यंत्री, जनपद पंचायत को शासन स्तर से अधिकृत किया गया है, जिसके अनुक्रम में सहायक यांत्रियों द्वारा परीक्षण कर कार्य पूर्णता प्रमाण पत्र जारी किये गये है। प्रश्नांकित तालाब निर्माण कार्य प्रमुख रूप से आमजनों के निस्तार प्रयोजन हेतु स्वीकृत किये गये है, जबकि खेत तालाबों का निर्माण सिंचाई सुविधा विकास हेतु किया जा रहा है। उक्त कार्यों से लगभग 750 हेक्टेयर भूमि पर सिंचाई होना अनुमानित किया गया है। कार्य पूर्णता उपरांत सिंचाई क्षमता का आंकलन विभाग द्वारा नहीं किया जाता है। उक्त के संबंध में शासन स्तर से कोई स्पष्ट निर्देश न होने से वर्तमान में कितनी भूमि सिंचित हो रही है, इसका पृथक से कोई आंकलन नहीं किया गया है। (घ) प्रश्नांकित तालाबों/ खेत तालाबों के कार्यों के निरीक्षण/ भौतिक सत्यापन जनपद पंचायतों मे पदस्थ सहायक यंत्रियों द्वारा किया गया है। इसी प्रकार कार्यों की माप संबंधित क्षेत्रीय उपयंत्री द्वारा एवं माप का सत्यापन संबंधित सहायक यंत्री द्वारा किया गया है। वर्तमान में मनरेगा के तहत ईएफएमएस प्रणाली से भुगतान व्यवस्था होने के कारण सहायक लेखाधिकारी (प्रथम सिग्नेटरी) तथा मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत (द्वतीय सिग्नेटरी) द्वारा भुगतान की कार्यवाही की गई है। (ड.) महात्मा गांधी नरेगा अंतर्गत प्रश्नांकित कार्यों में प्रश्नांकित अवधि में प्राप्त शिकायतों एवं उन पर की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट– 4 अनुसार है।
दोषी अधिकारी की विरूद्ध कार्यवाही
[जनजातीय कार्य]
114. ( क्र. 895 ) श्री नीरज विनोद दीक्षित : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) अनाधिकृत रूप से बैंक खाते खोलकर शासकीय धनराशि जमा कराने पर रोक लगाने संबंधी वित्त विभाग के परिपत्र क्रमांक एफ 11-1/2009/नियम/चार, दिनांक 10 फरवरी 2009 का सतत् रूप से क्या पालन हो रहा है? (ख) वित्त विभाग के निर्देश का उल्लंघन कर जनजातीय कार्य विभाग के अंतर्गत आदिवासी परियोजनाओं और विशेष पिछड़ी जनजाति अभिकरणों के बैंक खाते 28 फरवरी 2009 तक बंद नहीं करने का दोषी कौन-कौन है? नाम एवं पद बतावें? (ग) किस परियोजना/ अभिकरण के बैंक खाते में कितनी-कितनी राशि जमा है? (घ) बैंक खातों में जमा उक्त राशियां नियमानुसार शासकीय कोष में कब तक जमा करवा दी जाएगी? यदि नहीं तो क्या विशेष अनुमति दी गई है?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
वन भूमि पर काबिज लोगों को पट्टा प्रदान करने के संबंध में
[जनजातीय कार्य]
115. ( क्र. 1023 ) श्री अजय कुमार टंडन : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) दमोह जिले में वन भूमि पर विगत 20 वर्षों या उससे अधिक समय से काबिज लोगों को पट्टे कब तक दिए जाएंगे? (ख) इस संबंध में विगत 3 वर्षों में दमोह जिले से भोपाल शासन स्तर के लिए हुए पत्राचार का विवरण देवें।
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) दमोह जिले में कुल 3396 व्यक्तिगत एवं 292 सामुदायिक वन अधिकार हक प्रमाण पत्र प्रदान किये गये है। पूर्व के निरस्त दावों के पुनः परीक्षण की प्रक्रिया प्रचलित है। वन अधिकार अधिनियम 2006 की प्रक्रिया अर्द्ध न्यायिक स्वरूप की होने से समयसीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट 'अ' अनुसार है।
पी.एम. आवास योजना ग्रामीण के संबंध में
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
116. ( क्र. 1119 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीधी, सिंगरौली जिले सहित म.प्र. में वर्ष 2020-21 में पी.एम. आवास योजना के अन्तर्गत आवास योजना ग्रामीण में कितने आवास बनाये जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था? इस अवधि में कितने आवासों के लिए स्वीकृति दी गई और कितने आवास स्वीकृत होने से रह गये? इस योजना के लक्ष्य के पूरा न हो पाने का क्या कारण है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में शेष लक्ष्य की पूर्ति कब तक की जावेगी समय-सीमा बतायें? (ग) सीधी सिंगरौली जिले में आज दिनांक तक कितने आवास अपूर्ण हैं, किस कारण से अपूर्ण है? अपूर्ण आवासों को कब तक पूर्ण कराये जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है? (घ) आवास हेतु प्रतीक्षा सूची अनुसार अभी कितने लोगों के नाम हैं? इन्हें कब तक आवास दिये जाने का लक्ष्य रखा गया है? नवीन लक्ष्य कब तक जारी किया जावेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया (संजू भैया) ) : (क) प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण में वर्ष 2020-21 का सीधी,सिंगरौली तथा मध्यप्रदेश का लक्ष्य क्रमश: 22043,24602 तथा 625000 है। शेष जानकारी प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के पोर्टलpmayg.nic.inपर उपलब्ध है। आवास निर्माण एक सतत प्रकिया है। (ख) आवास निर्माण एक सतत प्रकिया है। समय बताया जाना संभव नहीं है। (ग) अपूर्ण आवासों की जानकारी प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के पोर्टल pmayg.nic.in पर उपलब्ध है। आवास निर्माण सतत प्रकिया है तथा विभिन्न चरणों में आवास निर्माण का कार्य प्रगतिरत है। (घ) जानकारी प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के पोर्टल pmayg.nic.in पर उपलब्ध है। नवीन लक्ष्य हितग्राहियों के पंजीयन हेतु जिलों को प्रदत किया जा चुका है।