मध्यप्रदेश विधान सभा


प्रश्‍नोत्तर-सूची
जुलाई, 2024 सत्र


मंगलवार, दिनांक 09 जुलाई, 2024


भाग-1
तारांकित प्रश्‍नोत्तर



शासकीय भूमि को निजी दर्ज करने की शिकायतों पर कार्यवाही

[सामान्य प्रशासन]

1. ( *क्र. 2086 ) श्रीमती ललिता यादव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि क) आर्थिक अन्‍वेषण ब्‍यूरो भोपाल को दिनांक 01 जनवरी, 2024 से प्रश्‍न दिनांक तक बेशकीमती करोड़ों की शासकीय भूमियों को बिना सक्षम अधिकारी के आदेश के निजी दर्ज करने के संबंध में शिकायतें कब-कब प्राप्‍त हुई हैं? (ख) क्‍या उक्‍त शिकायतों पर सक्षम अधिकारियों द्वारा कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो कार्यवाही से संबंधित संपूर्ण दस्‍तावेजों की प्रति उपलब्‍ध कराई जाये? यदि नहीं, तो क्‍यों? (ग) क्‍या शासन एवं सक्षम अधिकारी की संज्ञान में आने के उपरांत उक्‍त शिकायती आवेदनों पर कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक, समय-सीमा बताएं? यदि नहीं, तो कारण स्‍पष्‍ट करें?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) अधिकृत - राज्‍य मंत्री (श्रीमती कृष्‍णा गौर) : (क) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) जी हाँ, शिकायत की जांच वर्तमान में सत्‍यापनाधीन है। (ग) शिकायत वर्तमान में सत्‍यापनाधीन है, सत्‍यापन में प्राप्‍त तथ्‍यों व साक्ष्‍यों के आधार पर अग्रिम विधिसम्‍मत कार्यवाही होती है, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

परिशिष्ट - "एक"

दीनदयाल फूड पार्क के रूप में औद्योगिक क्षेत्र को स्वीकृति

[सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्‍यम उद्यम]

2. ( *क्र. 1772 ) श्रीमती छाया गोविन्‍द मोरे : क्या सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्‍यम उद्यम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पंधाना विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत देशगांव में पंडित दीनदयाल फूड पार्क के रूप में औद्योगिक क्षेत्र को स्वीकृति प्रदान की गई है? यदि हाँ, तो कब? (ख) यदि हाँ, तो फूड पार्क कितने एकड़ क्षेत्र में बनेगा और इसकी निर्माण लागत मूल्य क्या होगा और यह कब तक बनकर तैयार हो जायेगा? (ग) पंधाना विधानसभा के छैगांव माखन, बोरगांव बुजुर्ग, सिंगोट एवं गुडीखेड़ा क्षेत्र में लघु उद्योग स्थापना की क्या कोई कार्ययोजना है?

सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्‍यम उद्यम मंत्री ( श्री चेतन्‍य कुमार काश्‍यप ) : (क) जी नहीं। (ख) प्रश्‍नांश '' के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं।

चतुर एसोसिएट्स संचालकों द्वारा प्‍लॉट बेचने में धोखाधड़ी

[गृह]

3. ( *क्र. 2580 ) श्री केशव देसाई : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर जिले में चतुर एसोसिएट्स के संचालकों एवं अन्य के विरूद्ध प्लाट बेचने के नाम पर कितनी राशि की धोखाधड़ी का प्रकरण दर्ज है? (ख) ग्वालियर जिले के पड़ाव थाना एवं अन्य थानों में इनके विरूद्ध कितने प्रकरण कौन सी धाराओं में कब से दर्ज हैं? पुलिस के द्वारा इनकी गिरफ्तारी के क्या प्रयास किये गये? यदि हाँ, तो जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) क्या गिरफ्तारी के लिए किसी टीम का गठन किया गया है? आरोपियों पर इनाम कब घोषित किया गया है? उस टीम ने क्या-क्या वास्तविक प्रयास किये हैं? जानकारी से अवगत करावें। (घ) प्रश्‍न दिनांक तक आरोपियों की अद्यतन स्थिति क्या है? उसके लिए जिम्मेदार लापरवाह अधिकारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) अधिकृत - राज्‍य मंत्री (श्री नरेन्‍द्र शिवाजी पटेल) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ख) से (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है।

कुपोषित एवं अतिकुपोषित बच्‍चों की जानकारी

[महिला एवं बाल विकास]

4. ( *क्र. 447 ) श्रीमती चंदा सुरेन्द्र सिंह गौर : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या खरगापुर विधानसभा सहित टीकमगढ़ जिले में 1293 आंगनवाड़ी केन्‍द्रों पर कुल कितने बच्‍चों की संख्‍या है? केन्‍द्रवार सूची उपलब्‍ध करायें तथा कितने बच्‍चे कुपोषित हैं, कितने अतिकुपोषित हैं? संपूर्ण जानकारी से अवगत कराकर सत्‍यापित प्रतियां उपलब्‍ध करायें। (ख) क्‍या 11.75 लाख रूपये के मान से प्रतिदिन का व्‍यय पूरे जिले में आंगनवाड़ी केन्‍द्रों पर है? यदि हाँ, तो मई माह में कुपोषित बच्‍चे क्‍यों हो रहे हैं? क्‍या शासन की राशि का उपयोग बच्‍चों और माताओं पर नहीं किया जा रहा है और कागजों में शासन की राशि का उपयोग होना दिखाया जा रहा है? धरातल पर बच्‍चों और उनकी माताओं को पौष्टिक आहार एवं नाश्‍ता नहीं दिया जा रहा है, इसलिये टीकमगढ़ जिले के प्रत्‍येक केन्‍द्र की जांच कराई जाये तथा जिम्‍मेदार अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही करायेंगे क्‍या? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्‍यों? कारण स्‍पष्‍ट करें। (ग) कितने कुपोषित बच्‍चों का इलाज जिला चिकित्‍सालय टीकमगढ़ के एन.सी.आर. वार्ड में 14 दिन रखकर वर्ष 2020 से प्रश्‍न दिनांक तक किया गया? कितने कुपोषित बच्‍चों की माताओं को भी बच्‍चों के साथ रखा गया? मजदूरी करने वाली ऐसी कितनी मां होगी, उनको कितनी राशि दी गई? वर्ष 2020 से प्रश्‍न दिनांक तक संपूर्ण जानकारी सूची, दस्‍तावेज, बिल वाउचरों, आदेशों सहित सत्‍यापित जानकारी उपलब्‍ध करायेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्‍यों? कारण स्‍पष्‍ट करें।

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) टीकमगढ़ जिले में खरगापुर विधानसभा सहित 1293 आंगनवाड़ी केन्द्रों में बच्चों की कुल संख्या 90608 है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ख) जी नहीं। माह अप्रैल 2024 की तुलना में माह मई 2024 कुपोषित बच्चों की संख्या कम हुई है। जी नहीं। जी नहीं। जी नहीं। राशि के दुरूपयोग की शिकायत प्राप्त न होने से शेष जानकारी का प्रश्‍न ही नहीं उपस्थित होता। ">(ग) टीकमगढ़ जिले में वर्ष 2020 से प्रश्‍नाधीन अवधि तक जिला चिकित्सालय टीकमगढ़ के एन.आर.सी. वार्ड में 933 बच्चों का ईलाज किया गया। 933 माताओं को भी बच्चों के साथ रखा गया। 933 मजदूरी करने वाली माताओं को स्वास्थ्य विभाग द्वारा राशि रू. 13,33,600/- का भुगतान किया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है।

शिवपुरी जिले में विभाग द्वारा प्रचार-प्रसार पर व्यय

[महिला एवं बाल विकास]

5. ( *क्र. 2385 ) श्री कैलाश कुशवाहा : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या शिवपुरी जिले में जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास शिवपुरी द्वारा वर्ष 2019-20 से 2023-24 तक प्रचार-प्रसार कार्य, आदर्श आंगनवाड़ी केन्द्रों, विभिन्न कार्यक्रमों, सामग्री क्रय हेतु अथवा अन्य किसी कार्य, कार्यक्रमों हेतु कोई राशि भुगतान की गई? यदि हाँ, तो वर्षवार कितनी-कितनी राशि किस-किस को किस कार्य/प्रयोजन हेतु? वर्षवार भुगतान की राशि की जानकारी दें। (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में भुगतान की गई राशि के कार्यों हेतु क्या निविदा आमंत्रित की गई थी अथवा कोटेशन के आधार पर उक्त कार्य कराये गये थे? कार्यादेश किस अधिकारी के हस्तारक्षर से जारी किये गये थे? (ग) क्या प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) में वर्णित कार्यों के परिप्रेक्ष्य में भ्रष्टाचार/अनियमितता की कोई शिकायतें प्राप्त हुई थी अथवा निर्देश प्राप्त हुए थे? यदि हाँ, तो प्राप्त शिकायतों की छायाप्रति संलग्‍न कर जानकारी दें कि उक्त पर क्या कार्यवाही किसके द्वारा किनके प्रति तथा कब की गई? (घ) डी.पी.ओ. शिवपुरी के लिए वर्ष 2019-20 से 2023-24 तक कौन-कौन सी सामग्री, फर्नीचर आदि कहां-कहां से कब-कब कितनी-कितनी मात्रा में प्राप्त हुई? इन्हें किस-किस परियोजना कार्यालय एवं आंगनवाड़ी केन्द्रों को कितना-कितना कब-कब प्रदाय किया गया? /span>

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ख) जी हाँ, मध्यप्रदेश भण्डार क्रय नियम तथा सेवा उपार्जन नियम-2015 (यथा संशोधित-2022) अनुसार निविदा/कोटेशन आमंत्रित की गई थी। कार्यादेश जिला कार्यक्रम अधिकारी, महिला एवं बाल विकास व परियोजना अधिकारी द्वारा जारी किए गये। (ग) जी नहीं, शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है।

खनिपट्टों एवं खनिज उद्योगों की स्वीकृति/संचालन

[खनिज साधन]

6. ( *क्र. 2465 ) श्री धीरेन्द्र बहादुर सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खनिपट्टों एवं खनिज उद्योगों की स्वीकृति/संचालन में कौन-कौन सी अनुमति/अनापत्ति प्रमाण-पत्र आवश्यक हैं? इनके संचालन में लागू नियमों के पालन के निरीक्षण/पर्यवेक्षण के लिए किन-किन पदनामों के शासकीय सेवक दायित्ववान होते हैं? शासकीय सेवकों द्वारा अपने दायित्वों का निर्वहन किस प्रकार किया जाता है? कटनी-जिले में कार्यरत शासकीय सेवकों द्वारा विगत-02 वर्षों में अपने अधिकारिता क्षेत्र में किये गये भ्रमण/दौरा/निरीक्षण कार्यों से अवगत कराइए। (ख) बड़वारा-विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत ग्राम मंगरहटा में अनुज्ञप्तिधारी मेसर्स लक्ष्मी चमड़िया द्वारा किस खनिज के खनिपट्टा और खनिज आधारित उद्योग का कब से वर्तमान में किन-किन खसरा नंबरों के कितने-कितने रकबे में संचालन किया जा रहा है? क्या खनिपट्टा और पल्पलाईजर की स्वीकृति/संचालन हेतु सभी अनापत्ति प्रमाणपत्र और अनुमति प्राप्त की गयी हैं और स्वीकृत खसरों/रकबे में खनन होना पाया गया? (ग) प्रश्‍नांश '''' हाँ, तो विवरण दीजिये, नहीं तो किन दस्तावेजों के अभाव में खनिपट्टा का संचालन किस प्रकार हो रहा है? इस खनिपट्टा को क्या-क्या आवश्यक दस्तावेज़ प्राप्त नहीं हैं तथा क्या स्वीकृत खसरों/रकबे से अन्यत्र खनन होना पाया गया? इस पर क्या कार्यवाही की गयी एवं की जायेगी? (घ) प्रश्‍नांश '''' खनिपट्टा और पल्पलाईजर के संचालन में अनियमितताओं की विगत-05 वर्षों में खनिज एवं संबंधित विभागों के जिला एवं वरिष्‍ठ कार्यालयों को शिकायतें प्राप्त हुई हैं? हाँ, तो कौन-कौन सी? प्राप्त शिकायतों पर कार्यालय/विभागवार की गयी जांच एवं कार्यवाही की जानकारी प्रदत्त कीजिये?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) अधिकृत - राज्‍य मंत्री (श्री दिलीप अहिरवार) : (क) खनिज पट्टों की स्‍वीकृति हेतु वन/राजस्‍व/खनिज एवं ग्राम सभा से अनापत्ति प्राप्‍त होने के उपरांत नियमानुसार खनि रियायत स्‍वीकृत की जाती है। खनि रियायतों के संचालन हेतु मुख्‍य रूप से खनन योजना/स्‍कीम, पर्यावरणीय अनुमति एवं जल-वायु सम्‍मति की आवश्‍यकता होती है। खनि रियायतों का निरीक्षण/पर्यवेक्षण खनिज साधन विभाग के पदस्‍थ अधिकारियों द्वारा किया जाता है। इस कार्यालय में पदस्‍थ शासकीय सेवकों द्वारा विगत 02 वर्षों का प्रस्‍तुत भ्रमण कार्यक्रम पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। शेष भाग का भी प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्‍नांश (ख) में दिये उत्‍तर के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रश्‍नांश (ख) में दिये उत्‍तर के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाये जाने में विलंब

[योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी]

7. ( *क्र. 2428 ) श्री आतिफ आरिफ अकील : क्या उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भोपाल जिले में योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग अंतर्गत बनाए जाने वाले जन्म/मृत्यु प्रमाण पत्र प्राप्त होने में जनता को विलंब हो रहा है? यदि हाँ, तो क्या जिन कर्मचारियों द्वारा जन्म/मृत्यु प्रमाण पत्रों के फॉर्म ऑनलाइन पोर्टल पर चढ़ाये जाते हैं, उनको विधिवत प्रशिक्षण प्राप्त हुआ है? (ख) विगत माह अप्रैल 2024 से प्रश्‍न दिनांक तक जन्म/मृत्यु शाखा नगर निगम भोपाल द्वारा कितने-कितने जन्म/मृत्यु प्रमाण पत्र किस-किस दिनांक को जारी किए गये तथा क्या वर्तमान में जन्म/मृत्यु प्रमाण पत्रों में संशोधन को क्‍यों बंद कर दिया गया है? (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में क्या जन्म/मृत्यु प्रमाण पत्र बनाए जाने में अधिकारी/कर्मचारियों की सांठ-गाँठ से रिश्वतखोरी चरम सीमा पर है तथा क्या 1 वर्ष से अधिक आयु के बच्चों के जन्म प्रमाण पत्र के लिए आदेश की आवश्यकता होती है? यदि हाँ, तो क्यों तथा किसके द्वारा आदेश जारी किये जाते हैं? (घ) क्या जन्म/मृत्यु जारी करने के लिए अधिकारी के मोबाइल पर ओ.टी.पी. भेजा जाता है? यदि हाँ, तो क्या जन्म/मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने की यह प्रक्रिया सही है?

उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जी नहीं। जी हाँ। रजिस्‍ट्रारों/उपरजिस्‍ट्रारों को प्रशिक्षण दिया गया है। (ख) माह अप्रैल 2024 से प्रश्‍न दिनांक तक जन्‍म के 5749 एवं मृत्‍यु के 2191 प्रमाण-पत्र जारी किये गये। जन्‍म-मृत्‍यु पंजीयन का कार्य भारत के महारजिस्‍ट्रार का कार्यालय का पोर्टल होने के कारण राज्‍य शासन स्‍तर पर दिनांकवार जानकारी प्रदाय किया जाना संभव नहीं है। नियमों के अनुरूप संशोधन का कार्य किये जाने से शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। जी हाँ। जन्‍म-मृत्‍यु रजिस्‍ट्रीकरण नियम 1999 के नियम 9 (3) के प्रावधानों के अनुरूप कार्यपालिक मजिस्‍ट्रेट के आदेश से प्रमाण-पत्र जारी किये जाते हैं। (घ) जी हाँ। पोर्टल भारत सरकार द्वारा तैयार कर राज्‍य को कार्य करने हेतु उपलब्‍ध कराया गया है। पोर्टल की प्रक्रियाओं का पालन किया जा रहा है।

नये उद्योग की स्‍थापना

[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]

8. ( *क्र. 1304 ) डॉ. तेजबहादुर सिंह चौहान : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या शासन द्वारा नागदा नगर या अन्‍य खाचरौद ग्रामीण क्षेत्र में किसी उद्योगपति या उद्योग समूह के साथ उद्योग स्‍थापना के लिये इन्‍वेस्‍टर मीट या अन्‍य समय MOU किया गया है? (ख) यदि हाँ, तो इसके परिपालन में कोई कार्यवाही की जा रही है? (ग) क्‍या भविष्‍य में नागदा नगर या खाचरौद नगर या ग्रामीण क्षेत्र में शासन के प्रयास से नये उद्योग स्‍थापित होने की सम्‍भावना है?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) अधिकृत - राज्‍य मंत्री (श्री दिलीप अहिरवार) : (क) जी नहीं। (ख) प्रश्‍नांश (क) के उत्‍तर के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ। शासन द्वारा नागदा नगर या खाचरौद नगर/ग्रामीण क्षेत्र में ही नहीं अपितु समस्‍त प्रदेश में निवेश एवं रोजगार की संभावनाओं में वृद्धि करने के उद्देश्‍य से उद्योग संवर्धन नीति 2014 एवं एम.एस.एम.ई. विकास नीति 2021 लागू की गयी है। उक्‍त नीति के प्रावधान प्रदेश के समस्‍त क्षेत्रों में समान रूप से लागू है। नागदा नगर या खाचरौद नगर या ग्रामीण क्षेत्र में शासन के प्रयास से नये उद्योग स्‍थापित करने हेतु ग्राम-कचनारिया, तहसील-नागदा में 177.030 हेक्‍टेयर अविकसित औद्योगिक भूमि विभाग अंतर्गत उपलब्‍ध है। उल्‍लेखनीय है कि निवेशकों द्वारा उद्योग स्‍थापित करने हेतु भूमि की मांग किये जाने पर नियमानुसार भूमि आवंटित की जाती है।

बालाघाट जिले में संचालित विभागीय योजनाएं

[गृह]

9. ( *क्र. 2424 ) श्रीमती अनुभा मुंजारे : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बालाघाट जिले में वर्तमान पुलिस अधीक्षक की पदस्थापना दिनांक से प्रश्‍न दिनांक तक कौन-कौन से कार्यों के लिये कितनी-कितनी राशि किस योजना के तहत, कब-कब प्राप्त हुई? कार्यवार, मदवार, योजनावार, वर्षवार, विवरण देवें। (ख) क्या उक्त मदवार प्राप्त राशि का व्यय फर्जी कार्य दर्शाकर गबन किया गया है? यदि नहीं, तो क्या इसकी उच्च स्तरीय जाँच, अंकेक्षण टीम से कराकर दोषी अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक? (ग) पुलिस अधीक्षक, बालाघाट के निवास में किस मद से कितनी लागत से कब स्वि‍मिंग पूल का निर्माण कार्य कराया गया है? (घ) बालाघाट जिले में वर्तमान पुलिस अधीक्षक समीर सौरभ की पदस्थापना दिनांक से प्रश्‍न दिनांक तक नक्सलाईट के नाम पर किस-किस मद से किस-किस वर्ष में कितनी-कितनी राशि का आवंटन बालाघाट जिले को दिया गया? उक्त राशि का उपयोग किन-किन कार्यों हेतु किया गया? वर्षवार, मदवार पूर्ण विवरण देवें।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) अधिकृत - राज्‍य मंत्री (श्री नरेन्‍द्र शिवाजी पटेल) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) पुलिस अधीक्षक बालाघाट के निवास में किसी भी मद से स्‍वि‍मिंग पूल का निर्माण कार्य नहीं कराया गया है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है।

जॉन डीरे ट्रैक्टर निर्माण कंपनी में नियुक्तियाँ एवं संचालन नीति

[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]

10. ( *क्र. 2107 ) श्रीमती गायत्री राजे पवार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) देवास में जॉन डीरे ट्रैक्टर निर्माण का प्लांट संचालित किया जा रहा है? प्लांट के संचालन में जारी सभी अनुमतियों की विभागवार संपूर्ण जानकारी की प्रमाणित प्रतियां उपलब्ध करायें। ">(ख) देवास में स्थित जॉन डीरे ट्रैक्टर निर्माण प्लांट में रोजगार नीति‍ के अनुसार कितने स्थानीय व्यक्तियों को रोजगार देना आवश्यक है? यदि रोजगार दिया गया है तो कितने स्थानीय व्यक्तियों को कंपनी में रोजगार प्रदान किया गया है?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) अधिकृत - राज्‍य मंत्री (श्री दिलीप अहिरवार) : (क) देवास में जॉन डीरे ट्रैक्टर निर्माण का प्‍लांट वर्ष 2013 से स्‍थापित है। इकाई द्वारा प्रस्‍तुत आवेदन अनुसार संचालन संबंधी अनुमतियों की प्रतियां पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 1, 2, 3 अनुसार है। (ख) इकाई द्वारा वर्ष 2013 से उत्‍पादन प्रारंभ किया गया है। तत्‍समय लागू उद्योग संवर्धन नीति 2010 (यथा संशोधित) अंतर्गत उद्योग निवेश संवर्धन सहायता का लाभ लेने वाली इकाइयों को उनके द्वारा कुल रोजगार का 50 प्रतिशत रोजगार मध्‍यप्रदेश के स्‍थायी निवासियों को दिये जाने का प्रावधान था। इकाई द्वारा उपलब्‍ध कराई गई जानकारी अनुसार कुल रोजगार का 87 प्रतिशत (860) रोजगार मध्‍यप्रदेश के स्‍थायी निवासियों को प्रदाय किया जा रहा है।

वर्ष 2023-24 में बजट प्रावधान

[वित्त]

11. ( *क्र. 969 ) श्री अम्बरीष शर्मा : क्या उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिंड जिले में म.प्र. शासन के सभी विभागों में वर्ष 2023-24 में कितने बजट का प्रावधान था तथा विभागों द्वारा कितनी राशि व्यय की गई? विभागवार, मदवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) यदि राशि लेप्स हुई है तो इसका कारण क्या था? इसके लिए कौन-कौन अधिकारी जिम्मेदार हैं? उनके नाम, पदनाम सहित बतावें तथा उन पर क्या कार्यवाही की जावेगी?

उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) राज्‍य शासन की योजनाओं में जिलावार बजट प्रावधान नहीं रखा जाता है, अपितु विभाग की मांग पर उपलब्‍ध वित्‍तीय संसाधनों के आधार पर संपूर्ण प्रदेश के लिये आवश्‍यक बजट प्रावधान रखा जाता है। (ख) उत्‍तरांश '''' के प्रकाश में शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता है।

विभाग द्वारा संचालित मध्यान्ह भोजन समूह

[महिला एवं बाल विकास]

12. ( *क्र. 2461 ) श्री दिनेश जैन बोस : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) महिदपुर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत 2021 से प्रश्‍न दिनांक तक शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र में महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा कितने मध्यान्ह भोजन के समूह किसके द्वारा संचालित किये जा रहे हैं? क्या एक ही समूह द्वारा एक से अधिक मध्यान्ह भोजन संचालित किये जा रहे हैं? (ख) क्या शासन द्वारा निर्धारित दैनिक भोजन मेन्यु के आधार पर मध्यान्ह भोजन उपलब्ध किया जा रहा है? संबंधित अधिकारियों द्वारा कब-कब गुणवत्ता की जाँच की गई एवं किस-किस अधिकारी द्वारा की गई? यदि जाँच की गई तो कौन-कौन से मध्यान्ह भोजन समूह द्वारा कमी पाई गई। क्या उन समूहों पर विभाग द्वारा कार्यवाही की गई? यदि कार्यवाही की गई तो जानकारी देवें। (ग) क्या वर्तमान में संचालित मध्यान्ह भोजन समूह शासन के निर्धारित मापदंडों के आधार पर आवंटित किये गये हैं? संचालित मध्यान्ह भोजन समूहों को राशन किस आधार पर दिया जाता है?

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) महिदपुर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत वर्ष 2021 से प्रश्‍न दिनांक तक शहरी क्षेत्रों में शहरी आजीविका मिशन (DAT-NULM) तथा ग्रामीण क्षेत्रों में ग्रामीण आजीविका मिशन (N.R.L.M.) अंतर्गत पंजीकृत 269 स्व-सहायता समूहों द्वारा पूरक पोषण आहार वितरित किया जा रहा है। विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। जी हाँ। (ख) जी हाँ। पूरक पोषण आहार की गुणवत्ता एवं मात्रा की जांच संबंधित क्षेत्र की सेक्टर पर्यवेक्षक एवं परियोजना अधिकारियों द्वारा आंगनवाड़ी केन्द्रों के निरीक्षण/भ्रमण के दौरान की जाती है। शेष प्रश्‍नांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है।

 

आंगनवाड़ी केन्द्रों में सामग्री का प्रदाय

[महिला एवं बाल विकास]

13. ( *क्र. 2404 ) श्री मोहन सिंह राठौर : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) ग्‍वालियर जिले में वर्ष 2020 से प्रश्‍न दिनांक तक आंगनवाड़ी केन्द्रों हेतु क्या-क्या एवं कितनी सामग्री, कितनी-कितनी राशि की किस फर्म से क्रय की गई है? वर्षवार विवरण दें। (ख) क्या प्रश्‍नांश (क) में उल्लेखित सामग्रियां एक ही फर्म से क्रय की जा रही है? यदि हाँ, तो क्यों? क्या प्रदायकर्ता फर्म प्रदाय की जा रही सामग्री का उत्पादन नहीं करती? यदि हाँ, तो क्या सामग्री की गुणवत्ता एवं एकरूपता प्रभावित नहीं होती है? (ग) क्या ग्वालियर जिले में विशेष पिछड़ी जनजाति सहरिया निवास करती है? क्या सहरिया जनजाति के बच्चे अतिकुपोषित होकर कुपोषण के शिकार हो जाते हैं? विभाग की कुपोषण दूर करने की क्या कार्य योजना है? (घ) प्रश्‍नांश (क) में क्रय सामग्री में से ग्वालियर जिले की भितरवार विधान सभा क्षेत्र में क्या-क्या सामग्री प्रदाय की गई है? वर्षवार, आंगनवाड़ी केन्द्रवार जानकारी देवें एवं क्या सामग्री कम दी जा रही है एवं समय पर वितरित भी नहीं की जा रही? यदि हाँ, तो क्यों?

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) 1514 स्मार्ट फोन, कुल राशि रुपये 1,42,90,646/-, मैसर्स पेगासस रिटेल इण्डिया प्रा.लि. इन्दौर से क्रय किया गया। (ख) जी हाँ, केवल स्मार्ट फोन का क्रय किया गया। GeM पोर्टल पर जारी निविदा में प्रथम स्थान पर चयनित फर्म द्वारा सामग्री का प्रदाय किया गया। जी हाँ। जी नहीं। (ग) जी हाँ। जी हाँ। कार्ययोजना की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (घ) 369 स्मार्ट फोन। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। जी नहीं। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

खनि‍ज उत्खनन हेतु अनुमति

[खनिज साधन]

14. ( *क्र. 2438 ) श्रीमती सेना महेश पटेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन के नियम निर्देश के अनुसार पहाड़ों से गिट्टी पत्थर निकालने की अनुमति के पूर्व पर्यावरण एवं वन विभाग से अनुमति लेने के निर्देश हैं? नियम-निर्देश के अनुसार आमजन के आवागमन के प्रमुख मार्ग से 500 मीटर से कम दूरी पर गिट्टी पत्थर खदानें संचालित की जाने की अनुमति प्रदेश शासन या प्रशासन द्वारा दी जा सकती है? अलीराजपुर जिले में आवागमन से कितनी खदानें 500 मीटर या कम की दूरी पर संचालित है तथा अनुमति जारी किये जाने वाले अधिकारी का नाम, पदनाम सहित सत्यापित जानकारी देवें। (ख) जिला अलीराजपुर अंतर्गत वर्ष 2018 से प्रश्‍न दिनांक तक किन-किन व्‍यक्तियों को पहाड़ों से गिट्टी/पत्थर निकालने हेतु स्वीकृति‍ आदेश जारी किये गये थे? (ग) अलीराजपुर जिले में गिट्टी व रेत खदानें 2018 के बाद से प्रश्‍न दिनांक तक अवैध खनन के रूप में चिन्हित की गई है? यदि हाँ, तो इन अवैध उत्खननकर्ता माफिया के खिलाफ खनिज विभाग ने क्या कार्यवाही की है? वर्तमान स्थिति की जानकारी देवें। (घ) प्रश्‍न दिनांक तक अलीराजपुर जिले में आवंटित गिट्टी खदान में किन-किन एजेन्सी पर शासन की वसूली बकाया है? यदि हाँ, तो एजेन्सी के नाम, बकाया राशि एवं एजेन्सी द्वारा बकाया राशि जमा नहीं की गई है तो शासन द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? अगर कार्यवाही नहीं की गई तो क्या कारण हैं?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) अधिकृत - राज्‍य मंत्री (श्री दिलीप अहिरवार) : (क) जी हाँ। मध्‍यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 के नियम अनुसार राष्‍ट्रीय/राज्‍यमार्ग से 100 मीटर, पक्‍की सड़क से 50 मीटर एवं ग्रामीण कच्‍चा रास्‍ता से 10 मीटर छोड़कर स्‍वीकृत किये जाने के प्रावधान हैं। अलीराजपुर जिले में नियमानुसार दूरी पर संचालित खदानों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ख) जिला अलीराजपुर अंतर्गत वर्ष 2018 से 15 व्‍यक्तियों को पहाड़ों से गिट्टी/पत्‍थर निकालने हेतु स्‍वीकृति आदेश जारी किये गये थे। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ग) अलीराजपुर जिले में गिट्टी व रेत खदानें 2018 के बाद से अवैध खनन के रूप में की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है।

प्रश्‍नकर्ता विधायक के विरूद्ध असत्‍य रूप से दर्ज प्रकरण की जानकारी

[गृह]

15. ( *क्र. 2242 ) श्री कमलेश्वर डोडियार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्‍नकर्ता विधायक के विरुद्ध थाना सैलाना में अपराध क्रमांक 80/2024 की प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करने से पूर्व संबंधित शिकायतकर्ता द्वारा पुलिस अधीक्षक रतलाम को क्या आवेदन प्रस्तुत किया था? उसकी छायाप्रति उपलब्ध करावें एवं उक्त आवेदन के आधार पर किस सक्षम अधिकारी द्वारा प्रारंभिक जांच कार्यवाही की जाकर प्रश्‍नकर्ता एवं अन्य के विरुद्ध नामजद रूप से प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कर ली गई? उक्त प्रथम सूचना रिपोर्ट में उल्लेखित तथ्य एवं पुलिस अधीक्षक रतलाम को दी गई शिकायत में लिखे गये तथ्य दोनों कैसे भिन्न हैं? प्रथम सूचना रिपोर्ट एवं पुलिस अधीक्षक जिला रतलाम को प्रस्तुत शिकायत की छायाप्रति उपलब्ध करावें। (ख) क्या प्रश्‍नकर्ता विधायक के विरुद्ध राजनीतिक द्वेष भावना से दर्ज उक्त असत्य आपराधिक प्रकरण क्रमांक 80/2024 की उच्च स्तरीय निष्पक्ष एवं सूक्ष्म जांच विशेष विवेचना दल पुलिस मुख्यालय स्तर पर गठित किए जाने हेतु पुलिस अधीक्षक, डी.आई.जी., आई.जी. रतलाम, पुलिस महानिदेशक पुलिस मुख्यालय भोपाल एवं मुख्यमंत्री मध्यप्रदेश शासन को एवं संबंधित थाना प्रभारी एवं विवेचना अधिकारी को पृथक-पृथक आवेदन पत्र लिखे गये? यदि हाँ, तो प्रत्येक आवेदन पत्र पर क्या-क्या कार्यवाही सक्षम अधिकारी द्वारा की गई? पृथक-पृथक बतावें। यदि नहीं, की गई तो क्यों नहीं की गई। इसके लिए कौन सक्षम अधिकारी एवं विभाग प्रमुख दोषी हैं? (ग) क्या उक्त प्रश्‍नकर्ता के विरुद्ध थाना सैलाना में दर्ज किए गये झूठे अपराध क्रमांक 80/2024 में माननीय विशेष न्यायाधीश एम.पी.एम.एल.ए. कोर्ट इंदौर द्वारा प्रश्‍नकर्ता को अग्रिम जमानत का लाभ दिया गया था, इसके उपरांत भी प्रश्‍नकर्ता विधायक के द्वारा वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को निष्पक्ष एवं सूक्ष्म विवेचना किए जाने हेतु पत्र लिखे गये? यदि हाँ, तो प्रत्येक पत्र पर क्या कार्यवाही की गई? पृथक-पृथक बतावें। (घ) क्या माननीय मुख्यमंत्री महोदय प्रश्‍नकर्ता के विरुद्ध राजनीतिक द्वेषभावना से असत्य प्रकरण दर्ज कराने वाले पर्यवेक्षण अधिकारी/पुलिस अधीक्षक रतलाम एवं संबंधित दोषी थाना प्रभारी एवं विवेचना अधिकारी को निलंबित करते हुए उक्त प्रकरण में निष्पक्ष एवं सूक्ष्म विवेचना हेतु पुलिस मुख्यालय स्तर पर पुलिस अधिनियम 1861 की धारा 3, दंड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 36 एवं धारा 158 के प्रावधानों के अनुरूप पुलिस मुख्यालय स्तर पर विशेष अनुसंधान दल गठित करते हुए अग्रिम विवेचना किए जाने के आदेश जारी करेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? /span>

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) अधिकृत - राज्‍य मंत्री (श्री नरेन्‍द्र शिवाजी पटेल) : (क) जी हाँ। शिकायतकर्ता द्वारा प्रस्तुत आवेदन पत्र की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। एफ.आई.आर. दिनांक 28.02.2024 को थाने में उपस्थित होकर कराई गई। एफ.आई.आर. की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। प्रथम सूचना दिनांक 28.02.2024 एवं दी गई शिकायत में भिन्नता नहीं है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ग) जी हाँ, न्यायालय के प्रकरण क्रमांक 80/2022 में पारित आदेश दिनांक 14.03.2024 में अनावेदक को जमानत दी गई। प्रश्‍न के शेष भाग का उत्तर उत्तरांश '' अनुसार है। (घ) उक्त प्रकरण किसी भी राजनीतिक द्वेषभावना से असत्य दर्ज नहीं किया गया है। प्रकरण सूचनाकर्ता के बताये अनुसार धारा 154 द.प्र.सं. के प्रावधानों के अंतगर्त विधिक रूप से पंजीबद्ध किया गया है। प्रकरण की निष्पक्ष विवेचना की जा रही है, अतः किसी पुलिस अधिकारी/कर्मचारी को निलंबित नहीं किया गया, न ही विशेष अनुसंधान दल के गठन की आवश्यकता है।

आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं स‍हायिकाओं की नियुक्ति

[महिला एवं बाल विकास]

16. ( *क्र. 1031 ) श्री नितेन्‍द्र बृजेन्‍द्र सिंह राठौर : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) महिला बाल विकास विभाग के अंतर्गत आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं स‍हायिकाओं की नियुक्ति के क्‍या नियम हैं? क्‍या पृथ्‍वीपुर विधानसभा में कुछ नियुक्तियों में अनियमितताएं पाई गई हैं? पिछले तीन वर्षों में कितनी नियुक्तियां हुईं एवं कितने आवेदन प्राप्‍त हुये? (ख) यदि फर्जी नियुक्तियां की गई हैं तो दोषी व्‍यक्ति पर क्‍या कार्यवाही की गई? यदि कार्यवाही नहीं की गई तो क्‍यों? क्‍या उक्‍त संबंध में कोई फर्जीवाड़ा नहीं हुआ?

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। जी नहीं। 18 नियुक्तियों हेतु कुल 421 आवेदन प्राप्‍त हुये हैं। (ख) जी नहीं। शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

दूषित पानी को चंबल नदी में बगैर ट्रीट मिलाया जाना

[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]

17. ( *क्र. 1081 ) डॉ. चिंतामणि मालवीय : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नागदा स्थित ग्रासिम उद्योग को चंबल नदी से कितने मीटर क्यूबिक मीटर (एम.सी.एम.) पानी प्रदाय किया जाता है? (ख) ग्रासिम उद्योग से उपयोग कर कितने मीटर क्यूबिक मीटर (एम.सी.एम.) दूषित पानी को चंबल नदी में बगैर ट्रीट किए मिलाया जा रहा है? (ग) ग्रासीम उद्योग द्वारा चंबल नदी पर बने डेम से कितने किलोमीटर की दूरी चंबल नदी में प्रत्यक्ष/अप्रत्यक्ष रूप से मिलाया जा रहा है? (घ) ग्रासिम उद्योग से दूषित जल को बहाने के पहले सरकारी अमले द्वारा जांच की कोई प्रक्रिया प्रचलित हो तो बताएं? (ड.) नागदा से निकलने वाली चंबल नदी कुछ ही दूरी पर आलोट विधान सभा क्षेत्र के बड़े भू-भाग से निकलती है? वहां केवल चंबल नदी ही नहीं बल्कि भूमिगत पानी में भी प्रदूषित पानी मिल रहा है, जिसके कारण लोगों के स्वास्थ्‍य पर बुरा असर पड़ रहा है, असाध्य रोग बढ़ रहे हैं? क्या जल प्रदूषण के लिए ग्रासिम उद्योग पर कठोर दंडात्मक कार्यवाही करेंगे?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) अधिकृत - राज्‍य मंत्री (श्री दिलीप अहिरवार) : (क) कार्यालय, कार्यपालन यंत्री, जल संसाधन संभाग, उज्‍जैन से प्राप्‍त जानकारी के अनुसार नागदा स्थित ग्रासिम उद्योग को अनुबंध के अनुसार चंबल नदी से 15 एम.सी.एम. जल प्रतिवर्ष प्रदाय किया जाता है। (ख) म.प्र. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से प्राप्‍त जानकारी अनुसार ग्रासिम उद्योग द्वारा, म.प्र. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा जारी जल सम्‍मति पत्र में दी गई शून्‍य निस्‍त्राव की शर्त का पालन किया जा रहा है। अत: उद्योग का दूषित जल चंबल नदी में मिलने का प्रश्‍न ही नहीं है। (ग) एवं (घ) प्रश्‍नांश (ख) के उत्‍तर के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ड.) प्रश्‍नांश (ख) के उत्‍तर के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। कार्यालय, खण्‍ड चिकित्‍सा अधिकारी, सिविल हॉस्पिटल, आलोट, जिला-रतलाम से प्राप्‍त जानकारी के अनुसार लोगों के स्‍वास्‍थ्‍य पर बुरा असर पड़ने एवं असाध्‍य रोग्‍य बढ़ने की पुष्टि नहीं होती है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता हैं।

लोकायुक्‍त द्वारा प्रेषित शिकायत

[सामान्य प्रशासन]

18. ( *क्र. 1694 ) कुँवर अभिजीत शाह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि /span>(क) क्या लोकायुक्त मध्य प्रदेश लोकायुक्त भवन, भोपाल ने नगर पालिका टिमरनी के विरूद्ध शिकायतों को क्रमांक 0038/ई/2023 के आधार पर कलेक्टर हरदा, प्रमुख सचिव नगरीय प्रशासन को प्रेषित किया, जिनकी प्रश्‍नांकित दिनांक तक भी जांच कर प्रकरण पंजीबद्ध नहीं किया गया? ">(ख) टिमरनी नगर पालिका से संबंधित किस-किस विषय पर किसकी शिकायत वर्ष 2022-23 वर्ष 2023-24 में प्राप्त हुई? वह किस दिनांक को किसे प्रेषित की गई? किस दिनांक को जांच प्रतिवेदन प्राप्त हुआ? किसने प्रश्‍नांकित दिनांक तक भी जांच प्रतिवेदन लोकायुक्त के समक्ष प्रस्तुत नहीं किया? (ग) कब तक जांच करवाई जाकर टिमरनी नगर पालिका के संबंधितों के विरूद्ध प्रकरण पंजीबद्ध किया जावेगा?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) अधिकृत - राज्‍य मंत्री (श्रीमती कृष्‍णा गौर) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

पुलिस द्वारा रेत माफियाओं पर की गई कार्यवाही

[गृह]

19. ( *क्र. 110 ) श्री देवेन्द्र रामनारायन सखवार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या पुलिस द्वारा अवैध रेत का उत्‍खनन/परिवहन करने वालों पर कार्यवाही करने का प्रावधान है? (ख) क्‍या जिला मुरैना के पुलिस थाना महुआ क्षेत्र से अवैध रेत का परिवहन किया जा रहा है? (ग) पुलिस थाना महुआ द्वारा कितने लोगों पर कार्यवाही की गई? यदि नहीं, की तो ऐसे दोषी अधिकारी/कर्मचारियों पर शासन कार्यवाही कब करेगा?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) अधिकृत - राज्‍य मंत्री (श्री नरेन्‍द्र शिवाजी पटेल) : (क) नहीं, अवैध रेत उत्खनन/परिवहन करने की सूचना प्राप्त होने पर मध्यप्रदेश खनिज (अवैध खनन, परिवहन तथा भण्डारण का निरावरण) नियम, 2022 के नियम 25 के तहत अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) को वैधानिक कार्यवाही हेतु सूचना दी जाती है। (ख) थाना महुआ क्षेत्रांतर्गत में कभी कभी चोरी छिपे अवैध परिवहन किया जाता है, जिस पर सूचना प्राप्त होने पर उचित कार्यवाही की जाती है। (ग) पुलिस थाना महुआ द्वारा अवैध रेत परिवहन/भण्डारण की सूचना राजस्व/वन विभाग से प्राप्त होने पर कुल 03 प्रकरण में 02 ज्ञात एवं 03 अज्ञात आरोपियों पर निम्न अपराध पंजीबद्ध किये गये हैं, जो इस प्रकार है :- 01. अपराध क्रमांक :- 07/22, धारा-379, 414, भा.द.वि. (राजस्व विभाग की सूचना पर अपराध दर्ज किया गया।) का आरोपीगण (1) आशीष पुत्र अभयसिंह कुशवाहा, उम्र 40 साल निवासी जिला ग्वालियर एवं (2) नितिन शर्मा पुत्र बालागोविंद शर्मा, उम्र 32 निवासी बड़ापुरा उसैथ के विरूद्ध पंजीबद्ध किया गया है। प्रकरण में चालान क्रमांक 47/22, दिनांक 27.05.2022 को कता किया है, प्रकरण माननीय न्यायालय में विचाराधीन है। 02. अपराध क्रमांक :- 126/22, धारा-379, 414 भा.द.वि. (राजस्व विभाग की सूचना पर अपराध दर्ज किया गया।) का 01 अज्ञात आरोपी के विरूद्ध पंजीबद्ध किया गया। प्रकरण में खत्मा क्रमांक 01/2022, दिनांक 27.12.2022 कता किया जा चुका है। 03. अपराध क्रमांक 38/23 धारा-379, 414 भा.द.वि. (वन विभाग की सूचना पर अपराध दर्ज किया गया।) का 02 अज्ञात आरोपी के विरूद्ध पंजीबद्ध किया गया। प्रकरण में खात्मा क्रमांक-04/2023, दिनांक 07.07.2023 कता किया जा चुका है। ''चूंकि पुलिस थाना क्षेत्र महुआ में रेत का अवैध परिवहन एवं भण्डारण करने वाले अपराधियों पर वैधानिक कार्यवाही की गई है, अतः किसी अधिकारी/कर्मचारी पर कार्यवाही नहीं की गई।''

बालिका सुरक्षा हेतु मार्शल आर्ट का प्रशिक्षण

[महिला एवं बाल विकास]

20. ( *क्र. 2031 ) श्री राजन मण्‍डलोई : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) महिला एवं बाल विकास विभाग, बड़वानी में वर्ष 2023-24 में एन.जी.ओ. के माध्यम से बालिका सुरक्षा हेतु बालिकाओं को क्या मार्शल आर्ट का प्रशिक्षण दिलाया गया? (ख) यदि प्रशिक्षण दिलाया गया तो कौन से एन.जी.ओ. के माध्यम से प्रशिक्षण दिलाया गया और कहां-कहां प्रशिक्षण दिलाया गया? स्थलवार जानकारी उपलब्ध कराएं। (ग) प्रशिक्षण प्राप्त बालिकाओं की सूची और इसमें कितना व्यय किया गया? बिल वाउचर की छायाप्रति उपलब्‍ध करायें।

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) जी नहीं। (ख) उत्तरांश '' के परिप्रेक्ष्य में जानकारी निरंक है। (ग) उत्तरांश '' एवं '' के परिप्रेक्ष्य में जानकारी निरंक है।

झाबुआ एवं अलीराजपुर जिलांतर्गत संचालित खदानों की जानकारी

[खनिज साधन]

21. ( *क्र. 1843 ) डॉ. विक्रांत भूरिया : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि /span>(क) झाबुआ एवं अलीराजपुर जिले में वर्तमान में गिट्टी एवं पत्थर की कितनी खदानें शासन द्वारा स्वीकृत की गई है? वर्तमान में संचालित हैं एवं बन्द हैं तथा वे कौन सी ग्राम पंचायत में स्थित हैं तथा उसके प्रोपाईटर/समूह, संगठन/फर्म स्वीकृत हैं? संपूर्ण सूची उपलब्ध करावें। (ख) वर्तमान में वर्ष 2020 से 2024 तक संचालित खदानों पर शासन को प्राप्त राजस्व की जानकारी एवं प्रत्येक खदान अनुसार एवं असंचालित खदानों की जानकारी एवं उक्त खदानों से कितना बकाया राजस्व शासन को प्राप्त करना है? (ग) वर्तमान 2024 तक में कितनी खदानों को बकाया का नोटिस दिया गये है तथा उनसे कितना राजस्व बकाया है अथवा दण्ड सहित जमा की जाना है? उसकी सूची उपलब्ध करावें। साथ ही उसके वसूली के सबंध में शासन द्वारा क्या कार्यवाही की गई तथा कब तक उक्त राशि शासन के खजाने में जमा हो जावेगी? (घ) वर्तमान में झाबुआ अलीराजपुर में उपलब्ध विभिन्न खनिज संसाधनों के नाम, उपलब्ध मात्रा, कहां-कहां उपलब्ध हैं? ग्राम पंचायत अनुसार विस्तृत जानकारी दें।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) अधिकृत - राज्‍य मंत्री (श्री दिलीप अहिरवार) : (क) प्रश्‍नांश अनुसार जिला झाबुआ एवं अलीराजपुर में स्‍वीकृत खदानों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। बकाया राशि जमा कराया जाना एक सतत् प्रक्रिया है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) अलीराजपुर एवं झाबुआ जिले में रॉक फॉस्‍फेट मैगनीज, ग्रेनाईट, मार्बल, डोलोमाईट, चूनापत्‍थर, ग्रेनाईट, ऐस्‍बेटास एवं वर्मीक्‍यूलाईट खनिज पाये जाते हैं। वर्ष 2015 से मुख्‍य खनिजों की खदानें नीलामी के माध्‍यम से स्‍वीकृत की जाती है। अलीराजपुर एवं झाबुआ जिले में नीलामी के माध्‍यम से स्‍वीकृत किये गये खनिपट्टे/कंपोजिट लाईसेंस की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है।

शासकीय अधिकारियों/कर्मचारियों की वेतनवृद्धि

[वित्त]

22. ( *क्र. 2626 ) श्री रामनिवास शाह : क्या उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वित्त विभाग ने अपने आदेश क्रमांक एफ 8-1/2024/नियम/चार भोपाल दिनांक 15 मार्च, 2024 द्वारा शासकीय सेवकों की 30 जून, 31 दिसंबर को सेवानिवृत्ति के पश्चात आगामी तिथि पर वेतनवृद्धि की स्वीकृति के संबंध में आदेश जारी किया है? (ख) क्या उक्त आदेश की कंडिका-2 में यह उल्लिखित है कि "माननीय सर्वोच्च न्यायालय एवं उच्च न्यायालयों द्वारा विभिन्न याचिकाओं में पारित निर्णयों के दृष्टिगत समग्र विचार उपरांत एतद द्वारा निर्णय लिया जाता है कि 30 जून एवं 31 दिसंबर को सेवानिवृत्त हुए शासकीय कर्मचारी जिनके प्रकरण न्यायालयीन निर्णय के आधार पर उद्भूत हैं, को सेवानिवृत्ति के समय प्राप्त वेतन में काल्पनिक (नोशनली) वेतनवृद्धि स्वीकृत की जाये। यह काल्पनिक वेतनवृद्धि केवल पेंशन के निर्धारण/पुनरीक्षण की गणना के लिए ही मान्य होगी।" (ग) क्या इसका आशय यह है कि जो सेवानिवृत्त शासकीय कर्मचारी वेतनवृद्धि के संबंध में अपने पक्ष में न्यायालय से निर्णय लेकर आएं केवल उन्हें ही इस आदेश की कंडिका-3 अनुसार प्रशासकीय विभाग स्वयं निर्णय लेकर वेतनवृद्धि स्वीकृत करने के संबंध में आदेश जारी करेंगे। (घ) यदि प्रश्‍नांश (ग) का उत्तर हाँ है तो क्या यह सरकार द्वारा मुकदमेबाजी बढ़ाने तथा सेवानिवृत्त शासकीय कर्मचारियों को वृद्धावस्था में समय, श्रम एवं धन व्यय करने का कारण नहीं है? (ड.) क्या वित्त विभाग संवेदनशील होकर तथा कर्मचारी हितैषी रवैया अपनाते हुए राजस्थान, छत्तीसगढ़ की सरकारों एवं केन्द्र शासन के अनेक विभागों की भांति 30 जून या 31 दिसंबर को सेवानिवृत्त हुए सभी शासकीय कर्मचारियों को वार्षिक वेतनवृद्धि का लाभ दिए जाने हेतु एक सामान्य (कॉमन) आदेश जारी करेगा ताकि कर्मचारियों को व्यक्तिगत रूप से न्यायालय की शरण में न जाना पड़े।

उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) से (ग) जी हाँ। (घ) जी नहीं। (ड.) वर्तमान में तदाशय कोई प्रस्‍ताव विचाराधीन नहीं हैं।

नवगठित जिला मैहर में अधिकारियों/कर्मचारियों की पदस्‍थापना

[सामान्य प्रशासन]

23. ( *क्र. 2171 ) श्री श्रीकान्त चतुर्वेदी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नवगठित जिला मैहर में अन्य जिलों की भांति किन-किन विभागों के नवीन जिला कार्यालय प्रमुखों के पद आवंटित किये जा चुके हैं? पदनामवार, विभागवार जानकारी दी जावे। (ख) प्रश्‍नांश (क) से संबंधित विभागों के कार्यालय प्रमुखों एवं अन्य सहयोगी स्टाफ की पदस्थी कब तक की जावेगी? समयावधि स्पष्ट की जावे तथा विभागवार पदस्‍थ किये जाने की जानकारी भी उपलब्ध करायी जावे। (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) के प्रकाश में क्या नवगठित जिला मैहर में अन्य जिले की भांति सभी विभागों के जिला कार्यालय न खुलने से क्षेत्रीय जन मानस के कार्य प्रभावित होते हैं? यदि हाँ, तो इस संबंध में गम्‍भीरता से कार्यवाही की जावे? यदि नहीं, तो क्‍यों, कारण स्‍पष्‍ट किया जावे।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) अधिकृत - राज्‍य मंत्री (श्रीमती कृष्‍णा गौर) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

आदिवासी समुदाय पर अत्याचार एवं प्रताड़ना की जानकारी

[गृह]

24. ( *क्र. 1407 ) श्रीमती झूमा डॉ. ध्यानसिंह सोलंकी [श्री अजय अर्जुन सिंह] : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि क्‍या सीधी जिले में एक आदिवासी युवक पर पेशाब करने के प्रकरण में माननीय मुख्यमंत्री जी ने चरण धोकर सम्मान किया था? उसके बाद उसके पुनर्वास और रोजगार के लिए क्या-क्या कार्य किए गये हैं? क्या माननीय मुख्यमंत्री जी ने उसी पीड़ित आदिवासी के ही चरण धोए थे या अन्य किसी के? सिंगरौली में एक आदिवासी युवक को विधायक पुत्र के द्वारा गोली मारने का प्रकरण सामने आया था, उसकी वर्तमान में क्या स्थिति है? आदिवासी परिवार को शासन के द्वारा क्या-क्या सहायता पहुँचायी गई है?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) अधिकृत - राज्‍य मंत्री (श्री नरेन्‍द्र शिवाजी पटेल) : जी हाँ। पुनर्वास व रोजगार की जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है। जी हाँ। पीड़ित व्यक्ति के ही चरण धोये थे। जिला सिंगरौली अंतर्गत थाना मोखा में फरियादी सूर्यप्रकाश खैरवार पिता श्री दरोगाराम खैरवार निवासी वार्ड कमांक 7 बूढ़ी माई मंदिर रोड पंजरेह बस्ती मोरवा थाना मोरवा की रिपोर्ट पर अपराध कमांक 534/23 धारा 307 भा.द.वि. बढ़ाने धारा 294, 323, 506,201, 34 भा.द.वि. 25/27 आर्मस एक्ट एवं 3 (2) 5 (अ) एस.सी. एस.टी. एक्ट आरोपी 1. दीपक पनिका उर्फ त्रिभुवन पिता देवशरण पनिका, उम्र 21 वर्ष निवासी बूढ़ी माई मंदिर के पास थाना मोखा 2. विवेकानन्द उर्फ विवेक वैश्य पिता रामलल्लू वैश्य, उम्र 43 वर्ष वार्ड न. 9 मेढौली थाना मोरखा 3. माला रावत पिता रामस्वरूप रावत, उम्र 35 वर्ष निवासी चटका थाना मोरखा 4. रजनीश कौल पिता रामकिशुन कौल, उम्र 28 वर्ष निवासी पुरानी दुद्धीचुआ मेडौली थाना मोखा 5. विकास खडगवंशी पिता रामलल्लू खडगवंशी, उम्र 27 साल निवासी वार्ड क्र. 4 अम्बेडकर नगर थाना मोरखा जिला सिंगरौली 6. संजय उर्फ भोले वैश्य पिता राममिलन वैश्य निवासी सी.एम.एस. कॉलोनी मोरवा के विरूद्ध पंजीबद्ध किया था, प्रकरण में आरोपी संजय उर्फ भोले बैस फरार है, शेष आरोपियों को गिरफ्तार किया जाकर अभियोग पत्र क्रमांक 788/2023, दिनांक 05.11.2023 को तैयार किया जाकर विशेष न्यायाधीश एट्रोसिटी एक्ट सिंगरौली के न्यायालय में प्रस्तुत किया गया है। फरार आरोपी संजय उर्फ भोले बैस के विरूद्ध 173 (8) दं.प्र.सं. के अंतर्गत अनुसंधान किया जा रहा है। कलेक्टर (जनजातीय कार्य विभाग) सिंगरौली द्वारा आदेश अ.जा./ज.जा. निवारण अधिनियम के प्रावधान अनुसार आदेश क्रमांक 2121/जजाकावि/राहत/2024 सिंगरौली दिनाक 22.05.2024 के माध्यम से पीड़ि‍त को 75000/- रूपये की राहत राशि प्रदाय की गई है।

परिशिष्ट - "दो"

जबलपुर आई.टी. पार्क अंतर्गत कंपनियों का संचालन

[विज्ञान और प्रौद्योगिकी]

25. ( *क्र. 2611 ) डॉ. अभिलाष पाण्डेय : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर आई.टी. पार्क में कितनी कंपनियों को प्‍लॉट प्रदान किए गये हैं? क्‍या सभी ने कार्य प्रारंभ कर दिया है, जिन्‍हें प्‍लॉट उपलब्‍ध हो गये हैं, फिर भी कार्य नहीं कर रही हैं, उन पर क्‍या कार्यवाही सुनिश्‍चित की जायेगी? (ख) जबलपुर आई.टी. पार्क में कितनी कंपनियां वर्तमान में कार्यरत हैं? सूची देवें। (ग) जबलपुर आई.टी. पार्क में क्षेत्रीय युवाओं को रोजगार की दिशा में कोई योजना बनाई गई है? यदि हाँ, तो विस्‍तृत जानकारी देवें। (घ) यदि नहीं, तो कब तक क्षेत्रीय युवाओं को रोजगार हेतु योजना बनाकर क्रियान्‍वयन किया जायेगा?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) आई.टी. पार्क जबलपुर में 83 इकाइयों को प्लॉट आवंटित किये गये हैं, इनमें से 24 कं‍पनियों ने कार्य/उत्पादन प्रारंभ कर दिया है, मध्यप्रदेश आई.टी., आई.टी.ई.एस. एवं ई.एस.डी.एम. निवेश संवर्धन नीति के प्रावधानों एवं कंपनियों के साथ निष्पादित लीज डीड अनुसार कार्यवाही की जाती है। (ख) वर्तमान में जबलपुर आई.टी. पार्क में 24 कंपनियां कार्यरत हैं। सूची संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ग) जी हाँ। मध्यप्रदेश आई.टी., आई.टी.ई.एस. एवं ई.एस.डी.एम. निवेश नीति में दिये गये प्रावधानों एवं कंपनियों के साथ निष्पादित लीज डीड के अनुसार रोजगार देने की दिशा में योजना बनाई गई है। योजना अनुसार प्रति एकड़ आई.टी. क्षेत्र में 100, आई.टी.ई.एस. क्षेत्र में 150 एवं ई.एस.डी.एम. क्षेत्र में 50 व्यक्तियों को रोजगार उपलब्ध कराये जाने का प्रावधान है। (घ) प्रश्‍नांश (ग) के उत्‍तर के प्रकाश में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - "तीन"

 



भाग-2

नियम 46 (2) के अंतर्गत अतारांकित प्रश्‍नोत्तर के रुप में परिवर्तित तारांकित प्रश्‍नोत्तर


रेत के अवैध उत्‍खनन के परिवहन पर कार्यवाही

[खनिज साधन]

1. ( क्र. 112 ) श्री देवेन्द्र रामनारायन सखवार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या विधानसभा अम्‍बाह में कोई रेत खदान लीज पर दी गई है? यदि हाँ, तो सूची उपलब्‍ध करावें। (ख) अवैध रेत शासकीय एवं निजी निर्माण कार्यों के लिये कहां से आ रही है? (ग) यदि चंबल नदी से रेत का अवैध उत्‍खनन, परिवहन और भण्‍डारण किया जा रहा है तो इसके लिये खनिज विभाग द्वारा कितने प्रकरण दर्ज किये गये संपूर्ण जानकारी देवें। (घ) प्रश्‍नांश (ग) के संदर्भ में इसके लिये विभाग द्वारा दोषी अधिकारियों/कर्मचारियों पर क्‍या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो कार्यवाही कब तक की जावेगी?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी नहीं। (ख) अवैध रेत शासकीय एवं निजी निर्माण कार्यों के लिये आने की स्थिति संज्ञान में नहीं आयी है। (ग) जिला मुरैना अंतर्गत आने वाली चंबल नदी का संपूर्ण क्षेत्र राष्‍ट्रीय चंबल अभ्‍यारण्‍य घोषित है जो वन मण्‍डलाधिकारी, सामान्‍य वन मण्‍डल, मुरैना के क्षेत्रान्‍तर्गत आता है। चंबल नदी क्षेत्र में अवैध रेत उत्‍खनन, परिवहन एवं भंडारण पर कार्यवाही वन विभाग द्वारा वन अधिनियमों में की जाती है। खनिज विभाग संयुक्‍त कार्यवाहियों में सम्मिलित होकर कार्यवाहियां करता है, जिसमें वन विभाग, पुलिस विभाग, राजस्‍व विभाग एवं परिवहन विभाग शामिल है। ऐसी कार्यवाहियों में प्रकरण वन विभाग द्वारा ही वन अधिनियमों में दर्ज किये जाते हैं। वन मण्‍डलाधिकारी, सामान्‍य वन मण्‍डल, मुरैना द्वारा विगत 03 वर्षों में चंबल नदी से रेत के प्रकरण दर्ज किये गये हैं, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे  परिशिष्‍ट  पर दर्शित है। (घ) वन मण्‍डलाधिकारी, मुरैना से प्राप्‍त जानकारी अनुसार चंबल नदी में अवैध रेत उत्‍खनन/परिवहन के अपराधों पर अधिकारियों/कर्मचारियों द्वारा वन अपराध में प्रकरण दर्ज किये जाते हैं। चंबल नदी रेत के अवैध उत्‍खनन एवं परिवहन में कोई भी अधिकारी एवं कर्मचारी दोषी नहीं पाया गया है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

चोरी की घटनाओं की जानकारी

[गृह]

2. ( क्र. 230 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर जिले के विभिन्‍न थानों के अंतर्गत वर्ष 2023 से प्रश्‍न दिनांक तक कितनी चोरी की घटनाएं हुई? थानावार दर्ज संख्‍या बतावें? (ख) सबसे अधिक चोरी की घटनाओं का क्षेत्र एवं थाने का नाम, संख्‍या सहित बतावें? (ग) कौन-कौन से थानों की कितनी चोरियां पकड़ से बाहर हैं? थानावार संख्‍या बतावें? (घ) प्रश्‍नांश (ग) के अंतर्गत किस तरह चोरी में नियंत्रण करेंगे?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार। (ख) थाना-गढ़ा संख्या 113 (ग) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट में समाहित है। (घ) क्षेत्र में दिन व रात्रि के समय लगातार सघन गश्त करके, सी.सी.टी.व्ही. कैमरे लगाकर, पूर्व के संपत्ति संबंधी अपराधियों को समय-समय पर चैक कर एवं उन पर निगरानी रखकर चोरियों पर नियंत्रण करने का प्रयास किया जा रहा है।

परिशिष्ट - "चार"

औद्योगिक इकाइयों की स्थापना

[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]

3. ( क्र. 584 ) श्री शैलेन्द्र कुमार जैन : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिले समेत बुंदेलखंड (दमोह, टीकमगढ़, पन्ना, छतरपुर और निवाडी़) में औद्योगिक नीति के तहत अभी तक कितनी औद्योगिक इकाइयों की स्थापना की गई? शासन की ओर से औद्योगिक इकाइयों की स्थापना के लिए क्या-क्या प्रावधान किए गए हैं? (ख) सागर के सिद्धगुवां औद्योगिक इकाई क्षेत्र में पिछले 3 वर्षों में कितनी नवीन औद्योगिक इकाइयों की स्थापना हुई और कितनी इकाइयां बंद हो गई हैं? क्या बंद पड़ी हुई औद्योगिक इकाइयों को पुनर्जीवित करने के लिए सरकार द्वारा कोई प्रावधान किए जा रहे हैं? (ग) औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन के तहत सागर जिले समेत बुंदेलखंड (दमोह, टीकमगढ़, पन्ना, छतरपुर और निवाडी़) में आयोजित हुई इंवेस्टर मीट्स में अभी तक कितने औद्योगिक इकाई की स्थापना की गई है और वर्तमान में प्रश्‍न दिनांक तक कितनी औद्योगिक इकाइयां संचालित है? (घ) सिद्धगुवां औद्योगिक क्षेत्र सागर में पानी की समस्या के समाधान हेतु क्या उपाय किये गये है एवं वर्तमान स्थिति क्या है?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) विभाग द्वारा औद्योगिक नीति के तहत स्वयं औद्योगिक इकाइयों की स्थापना नहीं की जाती है अपितु प्रदेश में वृहद श्रेणी की औद्योगिक इकाइयों की स्थापना को प्रोत्साहित करने एवं रोजगार के अवसर को बढ़ावा देने की दृष्टि से उद्योग संवर्धन नीति, 2014 (यथा संशोधित) लागू की गयी है। जिसके अनुसार वृहद श्रेणी की औद्योगिक इकाइयों द्वारा उत्पादन प्रारम्भ करने के पश्‍चात आवेदन प्रस्तुत करने पर पात्र औद्योगिक इकाइयों को नीति अंतर्गत प्रावधानित सुविधा/सहायता प्रदाय की जाती है साथ ही एम.एस.एम.ई. एवं वृहद श्रेणी की औद्योगिक इकाइयों को भूमि आवंटन हेतु म.प्र. राज्‍य औद्योगिक भूमि एवं भवन प्रबंधन नियम 2019 (यथा संशोधित 2022) प्रचलित है। सागर जिले समेत बुंदेलखण्‍ड (दमोह, टीकमगढ़, पन्‍ना, छतरपुर और निवाड़ी) में औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्‍साहन विभाग के अधीन औद्योगिक क्षेत्रों में कुल 321 औद्योगिक इकाइयों की स्‍थापना हुई है, जिसकी जानकारी पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट-अनुसार है  एवं औद्योगिक क्षेत्रों के बाहर 04 वृहद उद्योग की स्‍थापना हुई हैं, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अनुसार है। (ख) सागर के सिद्धगुवां औद्योगिक क्षेत्र में पिछले 3 वर्षों में 15 औद्योगिक इकाई स्‍थापित होकर उत्‍पादन में आयी है, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार है एवं 07 बंद इकाइयों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-4 अनुसार है। उक्‍त बन्‍द औद्योगिक इकाइयों में से 06 इकाई को आवंटित भूमि की लीजडीड अन्‍य औद्योगिक इकाइयों को हस्‍तांतरित की गई है। शासनादेश दिनांक 28.08.2018 द्वारा उद्योग संवर्धन नीति, 2014 (यथा संशोधित) अंतर्गत वृहद श्रेणी की बंद इकाइयों के प्रबंधन परिवर्तन उपरांत पुनर्संचालित करने पर विशेष पैकेज के प्रावधान किये गए है, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अनुसार है। (ग) इन्‍वेस्‍टर मीट के माध्‍यम से विभाग द्वारा प्रदेश में निवेश किये जाने हेतु निवेशकों को प्रोत्‍साहित किया जाता है। तथापि विभाग के अधीन बुन्‍देलखण्‍ड क्षेत्र में औद्योगिक क्षेत्रों में स्‍थापित इकाइयों की जानकारी प्रश्‍न के () भाग अनुसार है। (घ) सिद्धगुवां औद्योगिक क्षेत्र सागर में पानी की समस्‍या के लिये बेबस नदी पर ग्राम डुगासरा तहसील सागर में एनीकट निर्माण कर जल प्रदाय किया जाता है। जल-जीवन मिशन के तहत सानोधा परियोजना-2 से औद्योगिक क्षेत्र सिद्धगुवां में 4 एम.एल.डी. जल प्राप्ति हेतु जल निगम से अनुरोध किया गया है।

प्रदेश में बढ़ते अपराध की जानकारी

[गृह]

4. ( क्र. 592 ) श्री पंकज उपाध्याय : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में दिसम्‍बर 2023 से जून 2024 प्रश्‍न दिनांक तक महिलाओं, अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति पर घटित अपराधों की शीर्षवार सूची जिलेवार, वर्षवार देवे तथा बतावें कि तीन कैटेगरी में किस-किस शीर्ष में 2023 की तुलना में 2024 में कितने प्रतिशत वृद्धि अथवा कमी हुई? (ख) वर्ष 2023 दिसम्‍बर से 2024 जून तक प्रदेश में कुल कितने रेप की घटना हुई, बलात्‍कार, छेड़छाड़ की घटना हुई एवं हत्‍या, मारपीट लूट, चोरी की कितनी घटना हुई। प्रदेश में हुई इन घटनाओं की टेबल फार्म में माह अनुसार जानकारी देवें? कितने प्रतिशत वृद्धि या कमी हुई? प्रश्‍न दिनांक तक कितने आरोपियों को पकड़ लिया गया एवं कितने आरोपी फरार है? कब तक पकड़ लिया जायेगा सम्‍पूर्ण जानकारी देंवे? (ग) वर्ष 2023 से 2024 तक महिलाओं, अनुसूचित जनजाति तथा घटित अपराधों पर शीर्षवार विभिन्‍न न्‍यायालयों में फैसले में सफलता की प्रतिशत क्‍या है वर्षवार शीर्षवार बतावें? (घ) प्रदेश में दिसम्‍बर 2023 से जून 2024 तक कितने पुलिस अधिकारियों एवं सरकारी कर्मचारियों पर ड्यूटी के दौरान अपराधियों द्वारा हमला, हत्‍या, मारपीट, घायल के कितने प्रकरण दर्ज हुये? कितनों को आरोपी बनाया गया और उन पर क्‍या कार्यवाही की गई वर्षवार जिलेवार जानकारी देवें? (ड.) वर्ष 2020 से 2023 तक कितने सनसनीखेज एवं जघन्‍य अपराधों की चिन्हित श्रेणी में लिया गया उसमें कितने प्रकरण महिला बलात्‍कार के चिन्हित प्रकरणों में से कितने प्रकरणों में निर्णय हुये तथा कितनों में आरोप सिद्ध हुये? इनमें सजायाबी का प्रतिशत क्‍या है?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  '' अनुसार। J(ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '' अनुसार(ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  '' अनुसार। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  '' अनुसार। (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  '' अनुसार।

थाना बिरसिंहपुर की शासकीय जमीन की जानकारी

[गृह]

5. ( क्र. 608 ) श्री सुरेन्द्र सिंह गहरवार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) थाना सभापुर पो. बिरसिंहपुर की प्राचीन थाना परिसर की जमीन कितनी थी यह जमीन ब्रिटिश काल के समय से सुरक्षित थी? क्या नया थाना मात्र एक एकड़ में ही बना है? प्राचीन थाने की शेष शासकीय भूमि को तत्कालीन टी.आई. राजेन्द्र मिश्रा की संलिप्तता में सुनियोजित तरीके से भू-माफियाओं को बेच दी गई? यदि नहीं, तो थाने की शेष शासकीय भूमि कहाँ गई। क्या उसे खोज कर बतायेंगे? पूर्ण जानकारी, जमीन के अभिलेखों सहित प्रदान करें? (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार क्या थाने में पदस्थ थानेदार, थाने की सम्पत्ति का मालिक होता है या संरक्षक होता है, यदि वह संरक्षक होता है तो उसे थाने की जमीन को बेचने का अधिकार कहां से मिल गया, थाने की शासकीय भूमि कैसे भूमाफियां के कब्जे में चली गई? (ग) प्रश्‍नांश (क) की थाने की शेष भूमि जो भूमाफियाओं ने कब्जा कर ली वह स्टेट हाइवे 52 से लगी हुई है, जो बाजार क्षेत्र में है जिसकी कीमत रू. 5000 प्रति वर्ग फिट से ज्यादा है, जो करोड़ों की है, ऐसी बेशकीमती शासकीय जमीन को तत्कालीन टी.आई.ने सांठ-गांठ कर भू-माफियाओं के कब्जे में दे दी? शासकीय हित एवं जनहित में कब तक थाने की उस जमीन को थाने को वापस कराया जायेगा, समय-सीमा बतायें? तत्कालीन टी.आई. जिसके द्वारा इस प्रकार का गंभीर अपराध किया गया क्या ऐसे अपराधी के विरूद्ध तत्काल एफ.आई.आर. दर्ज कर उच्च स्तरीय जाँच उपरांत सेवा से पृथक करेंगे? यदि हाँ तो कब तक, यदि नहीं, तो क्यों कारण स्पष्‍ट करें? (घ) भूमाफियाओं के कुचक्र में फंसकर टी.आई. ने अपने घर में ही अपराध कर डाला, क्या उन भूमाफियाओं के विरूद्ध भी कोई कार्यवाही होगी जो पूरे बिरसिंहपुर की नगर पंचायत की जनहित की बेशकीमती जमीनों को कब्जा अति‍क्रमण कर या फर्जी पट्टा बनवाकर बेचे चले जा रहे हैं? क्या उन्हें भी एफ.आई.आर. दर्ज कर जेल भेजा जायेगा? क्या तत्कालीन राजस्व अधिकारियों, कर्मचारियों के विरूद्ध कोई कार्यवाही होगी जिनकी मदद से ऐसी कीमती जमीनों को अनाधिकृत रूप से बेचा जा रहा है तो क्या कार्यवाही करेंगे बतायें?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) प्राचीन काल से पुलिस को कोई भूमि आवंटित होने का अभिलेख उपलब्ध नहीं है। थाना सभापुर रिकार्ड के अनुसार वर्ष 1958-59 के वार्षिक खतौनी अनुसार आराजी क्र. 28 रकवा 2.39 एकड़ में भूमि स्वामी सरकारी दर्ज है। वर्ष 1963-64 खसरा में आराजी क्र. 28 रकवा 2.39 एकड़ एवं कॉलम नं. 3 में कब्जेदार का नाम सरकारी दर्ज है। वर्ष 1969-70 खसरा में आराजी क्रमांक 28 रकवा 2.39 एकड़ एवं कॉलम नं.3 में कब्जेदार का नाम सरकारी दर्ज है। वर्ष 1974-75 पंचशाला खसरा में आराजी क्रमांक 28 रकवा 2.39 एकड़ एवं कॉलम नं. 3 में कब्जेदार का नाम सरकारी दर्ज है तथा कॉलम नं. 18 में संशोधित प्रविष्टि में आबादी रकवा 1.39 एकड़ दर्ज है। वर्ष 1983-84 खसरा में आराजी क्रमांक 28 रकवा 1.39 एकड़ एवं कॉलम नं. 3 में कब्जेदार का नाम म.प्र. सरकार दर्ज है व कॉलम नं.12 में पुलिस थाना व रास्ता दर्ज है। वर्ष 1988-89 खसरा में आराजी क्रमांक 28 रकवा 1.39 एकड़ एवं कॉलम नं. 3 में कब्जेदार का नाम म.प्र. सरकार दर्ज है व कॉलम नं. 12 में पुलिस थाना व रास्ता दर्ज है। वर्ष 1993-94 खसरा में आराजी क्रमांक 28 रकवा 1.39 एकड़ एवं कॉलम नं. 3 में कब्जेदार का नाम म.प्र. सरकार दर्ज है व कॉलम नं. 12 में पुलिस निवास थाना व रास्ता दर्ज है। वर्ष 2004-2005 खसरा में आराजी क्रमांक 28 रकवा 0.563 हेक्टेयर एवं कॉलम नं. 3 में कब्जेदार का नाम शासकीय दर्ज है व कॉलम नं 12 में पुलिस निवास थाना व अंश रास्ता दर्ज है। वर्ष 2008-2009 खसरा में आराजी क्रमांक 28 रकवा 0.563 हेक्टेयर एवं कॉलम नं.3 में कब्जेदार का नाम शासकीय दर्ज है व कॉलम नं 12 में पुलिस निवास थाना व अंश रास्ता दर्ज है। वर्ष 2011-2012 खसरा में आराजी क्रमांक 28 रकवा 0.563 हेक्टेयर एवं कॉलम नं.3 में कब्जेदार का नाम शासकीय दर्ज है व कॉलम नं 12 में पुलिस निवास थाना व अंश रास्ता दर्ज है। वर्ष 2014-2015 खसरा में आराजी क्रमांक 28 रकवा 0.563 हेक्टेयर एवं कॉलम नं.3 में कब्जेदार का नाम शासकीय दर्ज है व कॉलम नं 12 में पुलिस निवास थाना व अंश रास्ता दर्ज है। वर्ष 2016-2017 खसरा में आराजी क्रमांक 28 रकवा 0.563 हेक्टेयर एवं कॉलम नं. 3 में कब्जेदार का नाम शासकीय दर्ज है व कॉलम नं 12 में पुलिस निवास थाना व अंश रास्ता दर्ज है। तहसीलदार बिरसिंहपुर जिला सतना के प्रतिवेदन अनुसार खसरा वर्ष 2024-25 अनुसार आराजी क्रमांक 28 का कुल रकवा 1.39 एकड़ है, जिसमें 0.73 एकड़ में थाना सभापुर संचालित है, तहसीलदार बिरसिंहपुर जिला सतना के प्रतिवेदन अनुसार खसरा वर्ष 2024-25 अनुसार आराजी क्रमांक 28 का कुल रकवा 1.39 एकड़ है, जिसमें 0.73 एकड़ में थाना सभापुर संचालित है, उक्त शासकीय भूमि के अंश भाग 0.12 एकड़ पर 08 व्यक्तियों के द्वारा विगत 25 वर्षों से मकान बनाकर रह रहे है एवं रकवा 0.46 एकड़ में स्टेट हाइवे 52 बिरसिंहपुर जैतवारा मार्ग 50 वर्ष पूर्व से तथा 0.08 एकड़ में आंतरिक मार्ग कस्बा बिरसिंहपुर निर्मित है। निरीक्षक राजेन्द्र मिश्रा, थाना प्रभारी सभापुर के पद पर दिनांक 13.09.2022 से 09.08.2023 तक पदस्थ रहे है, जिससे उनकी संलिप्तता होना नहीं पाया गया है। शेष  जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  अनुसार। (ख) जी हाँ, थानेदार अपनी पदस्थापना के दौरान थाने के अधिपत्य की संपत्ति का संरक्षक होता है, थानेदार को थाने की जमीन बेचने का कोई अधिकार नहीं है। उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश (क) अनुसार प्रश्‍नाधीन भूमि जिसका रकवा वर्तमान अभिलेख के अनुसार 1.39 एकड़ है। उक्त भूमि की भूमिस्वामी पुलिस नहीं है, यह भूमि शासकीय दर्शायी गई है, जिसमें पुलिस को कब्जाधारी के रूप में दर्शाया गया है। जो भूमि पुलिस के कब्जे में है, उसमें थाना भवन बना हुआ है, जिसका कुल रकवा 0.73 एकड़ है। पूर्व से ही चली आ रही 0.73 भूमि पर पुलिस विभाग का आज भी कब्जा है। निरीक्षक राजेन्द्र मिश्रा, थाना प्रभारी सभापुर के पद पर दिनांक 13.09.2022 से 09.08.2023 तक पदस्थ रहे है, जिससे उनकी संलिप्तता होना नहीं पाया गया है। अत: शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं, निरीक्षक राजेन्द्र मिश्रा, थाना प्रभारी सभापुर के पद पर दिनांक 13.09.2022 से 09.08.2023 तक पदस्थ रहे है एवं उनकी कोई संलिप्तता होना नहीं पाया गया है। अत: शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता।

देयकों को रिजेक्‍ट किया जाना

[वित्त]

6. ( क्र. 643 ) सुश्री रामश्री (बहिन रामसिया भारती) राजपूत : क्या उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले में वर्ष 2022 से प्रश्‍न दिनांक तक कोषालय छतरपुर में आहरण अधिकारियों द्वारा जो देयक Online पोर्टल पर पास कर भेजे गये क्‍या उनको दो-दो बार रिजेक्‍ट कर दिये जाते है? (ख) जिले के आहरण अधिकारी अपने पासवर्ड से देयक IFMS सॉफ्टवेयर से Online तैयार कर भेजते हैं फिर किस आधार पर उनको तीन दिन बाद रिजेक्‍ट किया जाता हैं क्‍या इसकी जांच कर कार्यवाही की जावेगी? (ग) क्‍या उक्‍त पोर्टल पर संयुक्‍त संचालक कोष एवं लेखा सागर द्वारा समीक्षा की गई यदि हाँ तो कब नहीं तो क्‍यों?

उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जी नहीं। (ख) आहरण अधिकारी द्वारा अपने पासवर्ड के देयक IFMIS सॉफ्टवेयर से ऑनलाईन तैयार कर कोषालय में भेजे जाते है। देयक पूर्ण एवं शुद्ध होने पर निर्धारित कार्य दिवस में कोषालय द्वारा नियमानुसार पारित किये जाते है तथा अपूर्ण एवं अशुद्ध होने पर संबंधित आहरण एवं संवितरण अधिकारी को निराकरण हेतु वापिस किये जाते है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) IFMIS में पोर्टल पर संयुक्‍त संचालक कोष एवं लेखा स्‍तर पर कोषालय की समीक्षा हेतु पृथक से सीधे तौर पर संयुक्‍त संचालक कोष एवं लेखा को सुविधाएं एक्‍सेस नहीं है। परन्‍तु पोर्टल के डाटा के आधार पर संयुक्‍त संचालक द्वारा वार्षिक कोषालय निरीक्षण वर्ष 2022-23 में दिनांक 18.04.2022 से 20.04.2022 तक एवं 2023-24 में दिनांक 12.02.2024 से 13.02.2024 तक कोषालय छतरपुर का निरीक्षण किया गया है।

किये गये पत्राचार पर कार्यवाही

[गृह]

7. ( क्र. 644 ) सुश्री रामश्री (बहिन रामसिया भारती) राजपूत : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कमिश्‍नर, सागर संभाग सागर को प्रश्‍नकर्ता के पत्र क्र. 72 दिनांक 08/04/2024 को पत्र दिया गया जिसमें बिन्‍दु क्र. 01 से 05 तक की जांच नियमानुसार किये जाने का अनुरोध किया गया? (ख) क्‍या कमिश्‍नर सागर संभाग सागर द्वारा जांच के आदेश किये गये यदि हाँ तो दोषी अधिकारियों के विरूद्ध प्रश्‍न दिनांक तक क्‍या कार्यवाही की गई? (ग) प्रश्‍नकर्ता द्वारा प्रश्‍नांश '''' में अंकित पत्र के साथ संलग्‍न पत्राचार जो किये गये उन पत्रों पर कार्यवाही न करने वाले जिम्‍मेदार अधिकारी जिन्‍होंने गुमराह किया उनके खिलाफ प्रश्‍न दिनांक तक कलेक्‍टर महोदय छतरपुर कार्यवाही करेंगे? (घ) उक्‍त भवन जो पूर्व विधायक को लीज पर दिया गया वह भवन मुझे किरायेनामे पर आवास/कार्यलाय उपयोग हेतु आवंटित किया जावेगा यदि हाँ तो कब नहीं तो क्‍यों?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) :(क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  अनुसार। (ख) कमिश्‍नर, सागर संभाग सागर के पत्र क. 553/चार-2/वि.जा./2024 सागर दिनांक 18.04.2024 से जांचकर निराकरण के निर्देश दिये गये है निर्देशों के पालन में अनुविभागीय अधिकारी बड़ामलहरा से जबाव/प्रतिवेदन लिया जाकर जांच प्रचलन में है। (ग) कार्यवाही प्रचलन में है। कार्यवाही पूर्ण होने पर दोषी पाए जाने वाले अधिकारी के विरूद्ध नियमानुसार वैधानिक कार्यवाही की जाएगी। (घ) मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत बड़ामलहरा द्वारा जनपद पंचायत बड़ामलहरा का अतिरिक्त भवन पूर्व विधायक श्री प्रद्युम्न सिंह लोधी को 10 वर्ष का अनुबंध किया गया है, जिसकी जांच प्रचलन में है। नियमानुसार वैधानिक कार्यवाही की जाएगी।

समग्र आई.डी. नम्बर योजना

[विज्ञान और प्रौद्योगिकी]

8. ( क्र. 694 ) श्रीमती अर्चना चिटनीस : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पंचायतों एवं स्थानीय निकायों में समग्र आई.डी. नम्बर योजना किस वर्ष से तैयार करने हेतु लागू की गई क्या पूर्ण प्रदेश में समस्त नागरिकों के समग्र आई.डी. नम्बर तैयार किये गए है? किन-किन अभिलेखों को तैयार करने में आई.डी.नम्बर की आवश्यकता अनिवार्य होती है? (ख) म.प्र. के बाहर जो छात्र अध्ययनरत हैं, जो नागरिक प्रदेश के बाहर नौकरी आदि की दृष्टि से गए हैं, निवासरत हैं तथा जिन महिलाओं का विवाह प्रदेश के बाहर हुआ है उनके जाति प्रमाण-पत्र तैयार करते समय उनके पास समग्र आई.डी. नम्बर न होने से काफी कठिनाइयों को सामना करना पड़ रहा है? यदि हाँ तो क्या शासन इन नागरिकों को जिनके पास समग्र आई.डी. नम्बर नहीं है, के लिए जाति प्रमाण-पत्र तैयार करने हेतु कोई प्रक्रिया सुनिश्‍िचत करेगा? यदि हाँ तो क्‍या समय-सीमा निश्‍िचत की जाएगी?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) समग्र आई.डी. योजना सामाजिक न्‍याय एवं नि:शक्‍तजन कल्‍याण विभाग के अंतर्गत वर्ष 2014 से लागू की गई है। जी नहीं, प्रदेश में अब तक 10.5 करोड़ समग्र आई.डी. तैयार किये गये है, इसमें से 4.18 करोड़ नागरिकों के समग्र आई.डी. का आधार से सत्‍यापन किया गया है। जाति प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र एवं मूल निवासी प्रमाण पत्र बनाने में समग्र आई.डी. की अनिवार्यता है। (ख) सामान्‍य प्रशासन विभाग से प्राप्‍त जानकारी अनुसार प्रदेश के बाहर के व्‍यक्तियों के समग्र आई.डी.नम्‍बर के बिना, जाति प्रमाण-पत्र जारी किये जाने से संबंधित कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। समय-सीमा निश्‍िचत नहीं की जा सकती।

कुपोषित बच्‍चों को पोषण आहार का प्रदाय

[महिला एवं बाल विकास]

9. ( क्र. 795 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) टीकमगढ़ जिले में महिला बाल विकास विभाग में वर्तमान में कौन-कौन अधिकारी एवं कर्मचारी एवं अन्य कब से कहां-कहां पदस्थ है कृपया सम्पूर्ण जानकारी दे कि वहां के निवासी है। (ख) प्रश्‍नांश (क) के आधार पर बताये कि भारत सरकार एवं प्रदेश सरकार द्वारा जिले में कितनी-कितनी राशि का जनवरी 2021 से प्रश्‍न दिनांक तक पोषण आहार की कितनी-कितनी सामग्री क्रय करके भेजी गयी है इस समयावधि में कितने कुपोषित बच्चे चिन्हित किये गये है और कितने बच्चे ठीक हुये है? इससे संबंधित शासन द्वारा जो पत्र प्राप्त हुये है उनकी छायाप्रतियां प्रदाय करें। (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) के आधार पर बताये कि टीकमगढ़ जिले में कितनी कितनी राशि वेतन भत्ता के रूप में एवं अन्य कार्यों हेतु भेजी गयी है कृपया सम्पूर्ण आदेशों की छायाप्रतियां प्रदाय करें।

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-01 पर है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-02 पर है। टीकमगढ़ जिले में जनवरी, 2021 से जून, 2024 तक कुल 10008 कुपोषित बच्चे चिन्हित किये गये जिनमें से 9389 बच्चे सामान्य श्रेणी में आये। प्राप्त पत्रों की छायाप्रतियां  पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट-03 पर है।J(ग) वेतन भत्तों हेतु ग्लोबल बजट होने से आदेश की आवश्यकता नहीं, वेतन भत्ता मद में व्यय राशि का पत्रक एवं अन्य कार्यों हेतु आवंटन आदेशों की छायाप्रति  पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट- 04 पर है।

जेल अधिकारियों/कर्मचारियों के आवास एवं नवीन जेल का निर्माण

[जेल]

10. ( क्र. 826 ) श्री शैलेन्द्र कुमार जैन : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. की जेलों में इस समय अधिकारियों/कर्मचारियों के कितने आवास उपलब्ध है? क्या यह अधिकारियों/कर्मचारियों की संख्या के अनुपात में पर्याप्त है, यदि नहीं, तो क्या शासन इन्हें बढ़ाये जाने पर विचार करेगा तथा कब तक? (ख) क्या जिला सागर अंतर्गत अधिकारियों/कर्मचारियों के क्वाटर्स जीर्णशीर्ण एवं जर्जर हो गये है, जिससे कभी भी कोई दुर्घटना घटित हो सकती है? यदि हाँ तो क्या इन पुराने भवनों के रिनोवेशन की कोई योजना शासन के समक्ष विचाराधीन है? यदि नहीं, तो इसका क्या कारण है? (ग) क्या सागर जिले में जेल विभाग के अधिकारियों/कर्मचारियों की संख्या के अनुपात से आवास उपलब्ध नहीं होने के कारण अधिकारियों/कर्मचारियों को जेल परिसर के बाहर किराये के भवनों में रहना पड़ रहा है, जबकि शासकीय नियमानुसार जेल अधिकारियों/कर्मचारियों को जेल परिसर में ही रहने का प्रावधान है? यदि हाँ तो क्या शासन नवीन आवास निर्माण करायेगा तथा कब तक? (घ) क्या सागर में नवीन जेल बनाने की कोई योजना प्रचलन में है? यदि हाँ तो प्रश्‍न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई अवगत कराये एवं इसका निर्माण कार्य कब तक शुरू किया जा सकेगा?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) मध्‍यप्रदेश की जेलों में 3200 आवास उपलब्‍ध हैं। जी नहीं। निर्माणाधीन/प्रक्रियाधीन नई जेलों के साथ पर्याप्‍त आवास बनाए जाने के साथ-साथ कार्यरत जेलों में भी आवास गृहों का निर्माण विचाराधीन है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) जिला सागर स्थित जेलों में आवास गृह जीर्ण/span>शीर्ण एवं जर्जर नहीं हैं। आवास गृहों की आवश्‍यक मरम्‍मत की जाती है। प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। उत्‍तरांश (क) में उल्‍लेख किए अनुसार। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) जी हाँ। पुनर्घनत्‍वीकरण योजना में नए जेल निर्माण के डी.पी.आर. लागत राशि रू. 325.00 करोड़ साधिकार समिति द्वारा अनुमोदित किए जा चुके हैं। निविदा की कार्यवाही मध्‍यप्रदेश गृह निर्माण एवं अधोसंरचना विकास मंडल द्वारा की जाना है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

जनसंख्‍या नियंत्रण कानून

[विधि एवं विधायी कार्य]

11. ( क्र. 880 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्‍नकर्ता के प्रश्‍न क. 14 (361) दिनांक 23 दिसम्बर 2022 को प्रश्‍नकर्ता के प्रश्‍नांश (ग) में जनसंख्या नियंत्रण के संबंध में कोई कानून (अधिनियम) बनाया जाना केन्द्र सरकार से ही वांछनीय है। फलस्वरूप विधान सभा आश्‍वासन क्र. 253 को पूर्ण करने में राज्य सरकार को कठिनाई है। (ख) यदि हाँ, तो क्या राज्य सरकार द्वारा जनसंख्या नियंत्रण के संबंध में प्रश्‍नकर्ता द्वारा प्रस्तावित कानून की आवश्यकता एवं उसके प्रावधानों के संबंध में भारत सरकार को अवगत कराया है। यदि हाँ तो किसको, कब एवं क्या? इस संबंध में किए गए पत्राचार की प्रति उपलब्ध कराने का कष्ट करें। (ग) यदि भारत सरकार को अवगत नहीं कराया गया तो इसके क्या कारण है? (घ) जनसंख्या नियंत्रण के संबंध में कानून बनाने का अधिकार (1) भारत सरकार को है (2) राज्‍य सरकार को है (3) या दोनों सरकारों को। जानकारी दें।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। (ग) केन्‍द्र सरकार स्‍वमेव कानून बनाएगी। (घ) दोनों सरकारों को।

परिवार परामर्श केन्‍द्र का संचालन

[गृह]

12. ( क्र. 887 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या प्रदेश में पुलिस विभाग द्वारा वर्ष 2005 से अनुभाग स्तर पर संचालित परिवार परामर्श केन्‍द्र बंद कर दिये गये है? यदि हाँ तो किन कारणों से? (ख) क्‍या उक्‍त केन्द्रों में सदस्यों की नियुक्ति भी पुलिस अधिकारियों द्वारा की गयी थी? (ग) क्या अनुभाग स्तर पर पुलिस थानों में संचालित परिवार परामर्श केन्द्र के कारण अनेक परिवार अलगाव से बच जाते थे? (घ) जनवरी 2020 से जून 2024 तक वर्षवार कितनी शिकायतें नर्मदापुरम जिले के विभिन्न परामर्श केन्द्रों को प्राप्त हुई? (ड.) इनमें से कितने प्रकरणों में दोनों पक्षों में समझौता हुआ? (च) क्या एफ.आई.आर. दर्ज न होने के कारण एवं परामर्श केन्द्र की मध्यस्थता के कारण उक्त समझौते हो सके? (छ) यदि हाँ तो क्या शासन परामर्श केन्द्र पुनः प्रारंभ करेगा? यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं, तो क्‍यों? (ज) मई 2024 में प्रश्‍नकर्ता द्वारा परिवार परामर्श केन्द्र प्रारंभ करने के संबंध में मा. मुख्यमंत्रीजी, मुख्य सचिव महोदय को लिखे गये पत्र पर क्या कार्यवाही की गयी?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) :(क) हाँ, प्रदेश में पुलिस विभाग द्वारा वर्ष 2005 से अनुभाग स्तर पर संचालित परिवार परामर्श केन्द्र बंद कर दिये गये है। महिला बाल विकास विभाग, भारत सरकार के ज्ञाप क्र. 8-24 (5)/2004/स्वाधार (VOL-1) दिनांक 19 दिसम्बर 2014 एवं एफ न.08-44 (1)/2015 स्वाधार दिनांक 11.03.2015 द्वारा परिवार परामर्श केन्द्र/महिला हेल्पलाइन को 01.04.2015 के माध्यम से बंद करने के निर्देश प्राप्त होने पर पुलिस परिवार परामर्श केन्द्र बंद कर दिये गये है। तदुपरान्त भी स्वेच्छा से परामर्शदात्री निःशुल्क परामर्श कर रही थी। जो कि पुनः महिला एवं बाल विकास विभाग के पत्र क्रमांक 1755595/2023/50-2 भोपाल, दिनांक 28.12.2023 के पालन में पुलिस मुख्यालय के पत्र क्रमांक पुमु/महिला सुरक्षा/डब्ल्यु-2/341/2024, दिनांक 20.03.2024 के माध्यम से परिवार परामर्श केन्द्र पूर्णतः बंद कर दिये गये है। वर्तमान में प्रदेश के प्रत्येक पुलिस थाने में महिला हेल्प डेस्क संचालित है। डेस्क द्वारा परामर्श संबंधी प्रकरण प्राप्त होने पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अथवा परियोजना अधिकारी, महिला एवं बाल विकास विभाग को रैफर कर दिये जाते है। (ख) पुलिस परिवार केन्द्रों में सदस्यों की नियुक्ति महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के स्वाधार योजना अन्तर्गत पुलिस अधीक्षक एवं स्वाधार योजना अध्यक्ष के माध्यम से संविदा नियुक्ति की जाती थी। (ग) जी हाँ। (घ) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है। (ड.) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट में समाहित है। (च) जी हाँ। (छ) पुलिस परामर्श केन्द्र, योजना केन्द्र सरकार सहायित योजना थी। इसके प्रारंभ के संबंध में निर्णय केन्द्र शासन द्वारा लिया जा सकेगा। (ज) पत्र का क्रमांक/विस्तृत विवरण न होने से जानकारी दी जाना संभव नहीं है।

परिशिष्ट - "पांच"

परिवहन विभाग में अग्नि दुर्घटनाओं की रोकथाम

[गृह]

13. ( क्र. 914 ) श्री अनिरुध्द (माधव) मारू : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 28 दिसम्बर 2023 को गुना ज़िले में बस और डंपर की दुर्घटना हुई थी? इसमें कितनी जनहानि‍ हुई और कितने व्यक्ति घायल हुएl (ख) क्या बस, कार,डंपर इत्यादि में अग्नि से सुरक्षा हेतु अग्निशामक यन्त्र आवश्यक रूप से रखने हेतु शासन (परिवहन विभाग) द्वारा कोई नियम बनाए गए हैं? यदि हाँ तो उपलब्ध कराए हैं यदि नहीं, तो इस दिशा में शासन द्वारा यात्रियों की सुरक्षा हेतु अग्निशामक यंत्र रखने की बाध्यता हेतु नियम कब तक बना लिये जाएँगे? (ग) क्या इस दुर्घटना से बस में आग लग गई थी और बस में आग बुझाने संबंधित कोई भी अग्निशामक यन्त्र था? यदि हाँ तो किस प्रकार का अग्निशामक यन्‍त्र था यदि नहीं, था तो इस पर परिवहन विभाग ने क्या कोई कार्यवाही की? कार्यवाही का पूर्ण विवरण उपलब्ध करायें l (घ) क्या मोटर व्हीकल एक्ट के अनुसार हल्के वाहन (LMV) भारी वाहन (HMV) व्यावसायिक वाहन (CV) इत्यादि में पोर्टेबल आटोमैटिक/फायर एक्स्टिनगुइशर रखना अनिवार्य है इस हेतु परिवहन विभाग को कोई आदेश जारी किए गए है? आदेश एवं विषय से संबंधित नियम उपलब्ध करायें।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। दुर्घटना में 13 व्यक्तियों की मृत्यु (जनहानि) एवं 18 व्यक्ति घायल हुए। (ख) जी हाँ मध्यप्रदेश मोटरयान नियम, 1994 के नियम 176 के अनुसार मोटर कैब से भिन्न प्रत्येक लोक सेवायान में चालू हालत में विनिर्दिष्ट प्रकार एवं क्षमता का अग्निशामक यंत्र लगाने के प्रावधान किये गये हैं। इसके अतिरिक्त केन्द्रीय मोटरयान नियम, 1989 के नियम 125 (ग) में एम 3 प्रवर्ग की टाईप III बसों में और स्कूल बसों में अग्नि संचेतक और सुरक्षा प्रणाली लगाने हेतु नियम विहित किये गये हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रकरण पुलिस विवेचना में है, परिवहन विभाग द्वारा गुना जिले के तत्कालीन आर.टी.ओ. को निलंबित किया गया है। (घ) मध्यप्रदेश मोटरयान नियम, 1994 के नियम 176 के अनुसार मोटर कैब से भिन्न प्रत्येक लोक सेवायान में चालू हालत में विनिर्दिष्ट प्रकार एवं क्षमता का अग्निशामक यंत्र लगाने के प्रावधान किये गये हैं। इसके अतिरिक्त केन्द्रीय मोटरयान नियम, 1989 के नियम 125 (ग) में एम 3 प्रवर्ग की टाईप III बसों में और स्कूल बसों में अग्नि संचेतक और सुरक्षा प्रणाली लगाने हेतु नियम विहित किये गये हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार

बैतूल जिले में उपलब्ध खनिज की जानकारी

[खनिज साधन]

14. ( क्र. 922 ) डॉ. योगेश पंडाग्रे : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राज्य शासन, भारत सरकार एवं शासकीय उपक्रमों के द्वारा बैतूल जिले में की गई खनिज खोज के दौरान जिले के किस-किस हिस्से में कौन-कौन सा खनिज होने की संभावना व्यक्त की गई है? (ख) खनिज की संभावना व्यक्त किये जाने के बाद व्यापक सर्वे किए जाने के संबंध में राज्‍य शासन ने क्या क्या कार्यवाही की। खनिज विभाग ने अपने किस-किस जियोलॉजिस्ट को खनिज खोज के लिये नियुक्त किया? यदि नहीं, किया हो तो कारण बतावें। (ग) खनिज विभाग ने किस-किस जियोलॉजिस्ट को खनिज खोज के कार्य के लिए नियुक्त करने के बजाय जिला खनिज अधिकारी के पद पर वर्तमान में पदस्थ कर रखा है? (घ) राज्य शासन कब तक बैतूल जिले में किए गए प्रारंभिक सर्वे में पाए गए किस-किस खनिज का कब तक व्यापक सर्वे प्रारंभ करवाएगा?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी  संलग्‍न  परिशिष्‍ट  के प्रपत्र-अ  पर दर्शित है। ">(ख) खान एवं खनिज (विकास एवं विनियमन) अधिनियम, 1957 तथा इसके अधीन निर्मित नियमों के तहत बैतूल जिले में खनिज की संभावना व्‍यक्‍त किये जाने के बाद ऐसे ब्‍लॉक्‍स को समेकित अनुज्ञप्ति हेतु ई-नीलामी की कार्यवाही की गई है तथा जिन ब्‍लॉक्‍स में साधारण एवं प्रारम्भिक गवेषणा हुआ है, ऐसे ब्‍लॉक्‍स को खनिपट्टा हेतु ई-नीलाम किये जाने की कार्यवाही की गई है, जानकारी  संलग्‍न  परिशिष्‍ट  के प्रपत्र-ब  पर दर्शित है। चूंकि बैतूल जिले में सर्वेक्षण उपरांत चिन्हित क्षेत्र को खान एवं खनिज (विकास एवं विनियमन) अधिनियम, 1957 तथा इसके अधीन निर्मित नियमों के तहत नीलामी के द्वारा आवंटित करने हेतु कार्यवाही की गई है तथा आगामी समय में भी यह निरंतर रहेगी, अत: वर्तमान में खनिज खोज हेतु प्रश्‍नाधीन जिले में जियोलॉजिस्‍ट नियुक्‍त किये जाने का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी  संलग्‍न  परिशिष्‍ट  के प्रपत्र-स  पर दर्शित है। /span>(घ) नियमों के प्रावधान के अनुक्रम में आरम्भिक सर्वे के आधार पर पाये गये बेसमेटल, ग्रेफाईट तथा वेनेडियम खनिज की समेकित अनुज्ञप्ति को नीलामी द्वारा आवंटित किये जाने के पश्‍चात संबंधित अनुज्ञप्तिधारी द्वारा व्‍यापक सर्वे किये जाने के प्रावधान हैं, साथ ही प्‍लेटिनम समूह तत्‍व हेतु एक एक्‍सप्‍लोरेशन लायसेंस के लिये दिनांक 11/03/2024 को निविदा जारी की गई है, जिसके अंतर्गत सफल बोलीदार द्वारा व्‍यापक सर्वे किये जाने के प्रावधान हैं।

परिशिष्ट - "छ:"

एफ.आई.आर. नहीं की जाना

[गृह]

15. ( क्र. 941 ) श्री आरिफ मसूद : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या भोपाल थाना शाहजहाँनाबाद में आवेदक अमरदीप घोसरे ने दिनांक 10.04.2023 को थाना प्रभारी शाहजहाँनाबाद को संबोधित करते हुए अज्ञात व्‍यक्ति द्वारा मोबाईल से जाति सूचक शब्‍दों से अपमानित करते हुए गाली गलौंच कर जान से मारने की धमकी देने के संबंध में शिकायती आवेदन दिया था? (ख) प्रश्‍नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में क्‍या उपरोक्‍त मामले में थाना शाहजहाँनाबाद ने अज्ञात व्‍यक्ति के मोबाईल नंबर की सीडीआर निकाली थी? (ग) प्रश्‍नांश (ख) के परिप्रेक्ष्‍य में क्‍या लगभग 1 वर्ष बीत जाने के बाद भी पुलिस द्वारा अज्ञात व्‍यक्तियों के विरूद्ध प्रकरण पंजीबद्ध नहीं किया गया जिससे निराश होकर आवेदक ने दिनांक 16.05.2024 को पुलिस उपायुक्‍त महोदय जोन 03 को शिकायती आवेदन पत्र दिया था? परंतु उस पर भी प्रश्‍न दिनांक तक कोई कार्यवाही नहीं की गई जबकि उपायुक्‍त महोदय ने एफ.आई.आर. करने हेतु मौखिक आदेश भी थाना प्रभारी को दिये थे? (घ) कब तक एफ.आई.आर. की जावेगी?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) :(क) जी हाँ। दिनांक 10.04.2023 को आवेदक अमरदीप घोसरे का आवेदन पत्र प्राप्त हुआ था। (ख) आवेदक के शिकायत आवेदन पत्र में उल्लेखित मोबाईल नंबर 9617994086 का धारक अनावेदक तनवीर कुरैशी पिता स्व. इदरीश कुरैशी उम्र 45 साल निवासी म.नं. 91 नियर रसीदिया स्कूल बरखेड़ी थाना जहाँगीराबाद भोपाल के कथन में उसके द्वारा मोबाईल नम्‍बर स्वयं का होना तथा आवेदक से बात करना स्वीकार होने से सी.डी.आर. की आवश्यकता प्रतीत नहीं हुई। आवेदन पत्र की जांच में किसी संज्ञेय अपराध की घटना नहीं पाये जाने से प्रकरण पंजीबद्ध नहीं किया गया। (ग) प्रश्‍नांश (ख) अनुसार प्रकरण पंजीबद्ध नहीं किया गया। दिनांक 16.05.2024 को पुनः दिये गये आवेदन पत्र में आवेदक द्वारा शिकायत आवेदन पत्र पर कार्यवाही कराने के अनुरोध पर जांच कराई गई। जांच पर थाना हाजा पर एन. सी.आर. क्रमांक-334/24 धारा 507 भा..वि. आरोपी अज्ञात मोबाईल नंबर 9617994086 धारक तनवीर कुरैशी के विरूद्ध पंजीबद्ध कर मामला असंज्ञेय प्रकृति का होने से आवेदक को न्यायालय जाने की सलाह दी गई। (घ) प्रश्‍नांश () अनुसार प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता है।

आबकारी विभाग के अधिकारियों के विरूद्ध जांच

[वाणिज्यिक कर]

16. ( क्र. 970 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या जबलपुर जिले के आबकारी अधिकारियों के विरूद्ध लोकायुक्‍त एवं आर्थिक अपराध शाखा (EOW) के द्वारा प्रकरण पंजीबद्ध किये गये हैं? या जांच चल रही है? (ख) यदि हाँ तो कौन-कौन अधिकारियों के विरूद्ध विभागीय जांच एवं आरोप पत्र जारी किये गये हैं? आज दिनांक तक की कार्यवाही/पत्राचार उपलबध करावें? (ग) क्‍या विभागीय जांच के चलते इन्‍हें नियमानुसार अन्‍यत्र अटैच किया गया है या नहीं? (घ) यदि नहीं, किया गया है तो क्‍यों?

उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जबलपुर जिले में वर्तमान में पदस्‍थ किसी भी आबकारी अधिकारी के विरूद्ध लोकायुक्‍त एवं आर्थिक अपराध शाखा (EOW) के द्वारा प्रकरण पंजीबद्ध नहीं होने से जानकारी निरंक है। (ख) से (घ) उत्‍तरांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

जिला बुरहानपुर हेतु जनभागीदारी योजना हेतु आवंटन

[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]

17. ( क्र. 1073 ) श्रीमती अर्चना चिटनीस : क्या उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग द्वारा जनभागीदारी योजना शासन द्वारा बंद कर दी गई है? यदि नहीं, तो इंदौर संभाग के जिले हेतु कितना जनभागीदारी योजना में मांग संख्या 41, 64 और 60 मद में कितना आवंटन वर्ष 2020-21, 2021-22, 2022-23 में जारी किया गया? जिलेवार जानकारी उपलब्ध कराएं। (ख) क्या विभाग जिला बुरहानपुर हेतु जनभागीदारी योजना में मांग संख्या 41, 64 एवं 60 में कितना आवंटन वित्तीय वर्ष 2023-24 हेतु जारी करेगा? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें।

उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जी नहीं। जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट पर है। (ख) वित्‍तीय वर्ष 2023-24 में बुरहानपुर जिले का प्रस्‍ताव प्राप्‍त नहीं होने से शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - "सात"

सोशल मीडिया पर नकली आई.डी. से ठगी

[गृह]

18. ( क्र. 1138 ) डॉ. चिंतामणि मालवीय : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्‍या सोशल मीडिया फेसबुक पर नकली आई.डी. बनाकर ठगी का गिरोह सक्रि‍य है? (ख) क्‍या पुलिस इस मामले को बहुत हल्के में लेती है? (ग) क्‍या आवेदक द्वारा सी.एम. हेल्पलाईन लगाने पर भी प्रकरण दर्ज नहीं हो रहे हैं। (घ) प्रदेश में इस मामले में कितनी सी.एम. हेल्पलाईन पर कितने प्रकरण दर्ज किए? (ड.) क्या प्रकरण दर्ज नहीं करने वाले पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही करेंगे?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) :(क) जी नहीं। (ख) जी नहीं। वर्ष 2023 से प्रश्‍न दिनांक तक कुल 44 प्रकरण दर्ज हुए हैं। मध्यप्रदेश के समस्त थानों एवं सायबर एवं उच्च तकनीकी अपराध पुलिस थाना भापोल में प्राप्त शिकायतों पर त्वरित संज्ञान लिया जाकर विधि सम्मत कार्यवाही की जाती है। (ग) जी नहीं। समस्त प्रकरणों में विधि सम्मत कार्यवाही की जाती है। (घ) वर्ष 2023 से प्रश्‍न दिनांक तक कुल 21 सीएम हेल्पलाईन दर्ज होने पर 06 प्रकरण पंजीबद्ध किये गये है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ड.) विधि सम्मत कार्यवाही नहीं करने वाले पुलिस अधिकारियों के खिलाफ नियमानुसार कार्यवाही की जाती है।

अवैध खनिज उत्‍खनन

[खनिज साधन]

19. ( क्र. 1216 ) श्री सूर्यप्रकाश मीणा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा से अशोकनगर (विदिशा मेहलुआ खंड) तहसील विदिशा अंतर्गत विधान सभा क्षेत्र शमशाबाद एन.एच. 346 निर्माणाधीन 4 लेन सड़क निर्माण कार्य हेतु खजिन उत्‍खनन की नियमानुसार अनुमति प्रदान की गई? यदि हाँ, तो खनिज उत्‍खनन के स्‍थान सहित अनुमति के विवरण की जानकारी उपलब्‍ध करायें? (ख) क्‍या उक्‍त कार्य में बड़े पैमाने पर अवैध रूप से खनिज उत्‍खनन संबंधित क्षेत्र के अनुविभागीय अधिकारी राजस्‍व, विभागीय अधिकारी एवं क्षेत्र से संबंधित थाना प्रभारी और निर्माणकर्ता विभाग की मिली भगत से उक्‍त कार्य किया जा रहा है? (ग) यदि प्रश्‍नांश (ख) के क्रम में हाँ तो क्‍या शासन दोषी अधिकारी और निर्माणकर्ता एजेंसी के खिलाफ कार्यवाही करेगा? यदि हाँ तो कब तक? नहीं तो क्‍यों?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) विदिशा से अशोकनगर (विदिशा मेहलुआ खंड) तहसील विदिशा अंतर्गत विधान सभा क्षेत्र शमशाबाद एन.एच. 346 निर्माणाधीन 4 लेन सड़क निर्माण कार्य हेतु खजिन उत्‍खनन की नियमानुसार अनुमति प्रदान की गई है, अपितु विदिशा जिले की तहसील विदिशा अंतर्गत उक्‍त सड़क निर्माण कार्य हेतु 08 स्‍थानों पर उक्‍त निर्माण कार्य हेतु नियमानुसार उत्‍खनन की अनुमति जारी की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  पर दर्शित है। (ख) विदिशा की तहसील विदिशा अंतर्गत एन.एच. 346 निर्माणाधीन 4 लेन सड़क निर्माण हेतु नियमानुसार खनिज उत्‍खनन की अनुमति प्राप्‍त कर कार्य किया जा रहा है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्‍नांश (ख) के संदर्भ में प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता है।

शहर की यातायात व्‍यवस्‍था

[गृह]

20. ( क्र. 1230 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) यातायात पुलिस विभाग जबलपुर एवं नगर निगम जबलपुर ने शहर की अराजक यातायात व्‍यवस्‍था सुधार हेतु क्‍या प्रबंध किये हैं तथा इसमें सुधार हेतु क्‍या योजनाएं तैयार की है। इस पर कितनी-कितनी राशि व्‍यय हुई है? वर्ष 2021-22 से 2024-25 तक की जानकारी दें। (ख) प्रश्‍नांश (क) में ऐसे कौन-कौन से प्रमुख स्‍थल, चौराहे आदि है जहां पर हमेशा जाम की स्थिति बनी रहती है। शहर वासियों को घंटों जाम की समस्‍या से जूझना पड़ता हैं। इसमें सुधार करने यातायात को सुगम बनाने हेतु क्‍या उपाय प्रबंध किये गये हैं? (ग) जबलपुर शहर में ऐसे कौन-कौन से प्रमुख ब्‍लैक स्‍पॉट, दुर्घटना स्‍थल, चौराहे हैं जहां पर हमेशा दुर्घटनाएं घटित होती रहती हैं? इन दुर्घटनाओं में कितने व्‍यक्तियों की मृत्‍यु हुई है कितने घायल हुये है। इसमें दो पहिया वाहन चालक एवं नाबालिक बच्‍चों, बच्चियों की मृत्‍यु हई है? (घ) पूर्व विधानसभा क्षेत्र क्रमांक-97 जबलपुर के तहत किन-किन स्‍थलों, चौराहों आदि पर जाम की समस्‍या विद्यमान हैं एवं क्‍यों? यहां पर ट्राफिक सिंग्‍नल न लगाने, चौराहे का विकास न करने तथा यातायात व्‍यवस्‍था में सुधार न करने का क्‍या कारण हैं? क्‍या शासन इसके लिये दोषी अधिकारियों पर कार्यवाही करेगा?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जिला जबलपुर में यातायात प्रबंधन हेतु यातायात पुलिस के 03 थाने संचालित है। इन थानों में तैनात बल के माध्यम से प्रतिदिवस शहर के प्रमुख चौराहों/तिराहों, बाजार क्षेत्र, रेल्वे स्टेशन बूथ, स्कूल लगने एवं छूटने के दौरान यातायात व्यवस्था की जाती है। शहर की यातायात व्यवस्था बनाये रखने हेतु विभिन्न प्रबंधन किये गए/जा रहे हैं।Jजैसे- 1. यातायात पेट्रोलिंग मोबाईल एवं क्रेन मोबाईल के माध्यम से एनाउंसमेंट कर नोपार्किंग/आमरोड पर खड़े वाहनों को हटाया जाता है व उनके विरूद्ध मोटर व्हीकल एक्ट के तहत वैधानिक कार्यवाही की जाती है। 2. शहर में भारी वाहनों के अवैध प्रवेश को रोकने हेतु नोएंट्री पाईंट बनाये गये है। 3. शहर के प्रमुख 05 मार्गों में हेलमेट जोन बनाये गये है, जहां पर दो पहिया वाहन चालकों को हेलमेट एवं चार पहिया वाहन चालक को सीट बेल्ट धारण कर निकलने हेतु प्रोत्साहित किया जा रहा है। 4. आई.टी.एम.एस. सिस्टम के माध्यम से यातायात नियमों का उल्लंघन करने पर ई-चालानी कार्यवाही की जाती है। 5. तेजगति से वाहन चलाने पर इंटरसेप्टर व्हीकल एवं स्पीड राडार गन के माध्यम से चालानी कार्यवाही की जाती है, ताकि तेजगति से होने वाली दुर्घटनाओं को कम किया जा सके। 6. बाजारों की यातायात व्यवस्था हेतु वन-वे व्यवस्था लागू है। 7. शहर के प्रमुख मार्गों, चौराहों/तिराहों से अस्थाई अतिक्रमण को हटाने हेतु कार्ययोजना तैयार कर यातायात पुलिस एवं नगर निगम द्वारा संयुक्त कार्यवाही की जाती है। 8. वाहन चालकों, छात्र-छात्राओं एवं आमजन को यातायात नियमों के प्रति जागरूक करने हेतु यातायात प्रशिक्षण/सेमीनार का आयोजन किया जाता है। 9. यातायात नियमों के प्रचार-प्रसार हेतु 04 स्थानों पर व्ही.एम.एस. स्थापित किये गये है। 10. शहर की यातायात व्यवस्था बनाये रखने हेतु 17 चौराहों/तिराहों में यातायात सिग्नल लगे हुये है, जिससे कि यातायात का सुगम संचालन हो रहा है। इन सिग्नलों में से 05 स्थानों पर यातायात पुलिस द्वारा सिग्नल स्थापित किये गये है। 11. शहर जबलपुर में मदनमहल से दमोह नाका एवं कटंगा से सदर की ओर फ्लाई ओव्हर निर्माणाधीन है, निर्माणोपरांत शहर की यातायात व्यवस्था और भी सुगम हो जावेंगी। वर्तमान में मदनमहल से महानद्दा के हिस्से में फ्लाई ओव्हर से यातायात प्रारंभ किया गया है। इसके अतिरिक्त प्रमुख त्यौहारों, व्ही.आई.पी./व्ही.व्ही.आई.पी. मूवमेंट के दौरान ट्राफिक प्लान बनाकर प्रिंट/इलेक्ट्रानिक मीडिया के माध्यम से प्रचार-प्रसार कर यातायात प्रबंधन का कार्य किया जाता हैं एवं शहर यातायात प्रबंधन हेतु प्राप्त बजट राशि से विभिन्न सामग्री जैसे- यातायात नियमों संबंधी बैनर, पोस्टर, पेम्पलेट्स, सेमीनार हेतु सामग्री, स्टॉपर, हेवी बैरिगेट्स, रिफ्लेक्टर मिरर, डेलीनेटर, रोड स्टड, ट्राफिक सिग्नल, रिफलेक्टर जैकेट, ट्राफिक कोन, प्रोजेक्टर, आदि सामग्री क्रय की गई है। वर्ष 2021-22 में सड़क सुरक्षा कोष 8333 में विभिन्न मदों में कुल 62,56,773/-राशि प्राप्त हुई, जिसमें 49,05,555/-राशि व्यय की गई। वर्ष 2022-23 में सड़क सुरक्षा कोष 8333 में 17,70,000/-राशि प्राप्त हुई, जिसमें 16,09,310/-राशि व्यय की गई तथा बड़े शहरो में यातायात प्रबंधन अंतर्गत मद 7186 में 75,47500/- राशि प्राप्त हुई, जिसमें 7447500/- राशि व्यय की गई। वर्ष 2023-24 एवं 2024-25 में बजट राशि निरंक है। नगर निगम जबलपुर द्वारा यातायात सुगमता के लिये सड़कों में रोड मार्किंग का कार्य कराया गया है। जिस पर राशि रूपये 110.73 लाख का व्यय किया गया। (ख) शहर जबलपुर में ऐसे कोई चौराहे/तिराहे/स्थान नहीं है, जहां हमेशा जाम की स्थिति बनी रहती है और घंटों जाम की समस्या से जूझना पड़ता है। शहर में प्रमुख त्यौहारों/जुलूसों/रैली/धरना प्रदर्शन एवं पीक आवर्स में यातायात का दबाव बढ़ जाने से कुछ समय के लिये यातायात धीमी गति से चलता है, किन्तु घंटों जाम की स्थिति नहीं होती है। यातायात थाना एवं अन्य थानों का बल लगाया जाकर यातायात व्यवस्था बनाई जाती है तथा प्रश्‍नांश (क) के उत्तर अनुसार यातायात प्रबंधन का कार्य किया जाता है। (ग) जानकारी  संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार। (घ) पूर्व विधानसभा क्षेत्र क्रमांक-97 जबलपुर अंतर्गत किसी भी प्रमुख चौराहे/तिराहों पर जाम की समस्या लगातार बनी नहीं रहती है। उक्त क्षेत्र के घमापुर एवं बहोराबाग चौराहा पर समय-समय पर यातायात का दबाव बढ़ने पर कुछ समय के लिये यातायात बाधित होता है। घमापुर चौराहा का क्षेत्र छोटा है एवं स्थाई लेफ्ट टर्न नहीं है, जिससे स्कूल/कोर्ट/ऑफिस जाने वाली बस, कार आदि वाहनों को चौराहे से मुड़ने में समस्या होती है। प्रातः शासकीय कार्यालयों, कोर्ट एवं स्कूलों के लगने एवं बंद होने के समय प्रातः 10.30 से 11.30 बजे, दोपहर में 13.00 से 15.00 बजे एवं शाम को 17.00 से 1900 बजे एवं शाम के समय वाहनों की अत्यधिक भीड़ होने के कारण यातायात धीमा चलता है। घमापुर चौराहे से रद्दी चौकी तरफ जाने पर बाए ओर इलेक्ट्रिक पोल एवं ट्रांसफार्मर होने से यातायात में रूकावट उत्पन्न होती है। बहोराबाग चौराहा छोटा होने एवं लेफ्ट टर्न नहीं होने से, समय-समय पर यातायात का दबाव बढ़ने पर यातायात में रूकावट उत्पन्न होती है। चौराहों में अतिक्रमण होने से भी यातायात में समस्या होती है। घमापुर एवं रद्दी चौकी पर यातायात सिग्नल लगे हुये है। बहोराबाग चौराहे पर यातायात सिग्नल लगाया जाना प्रस्तावित है। इन चौराहों पर अतिरिक्त पुलिस बल लगाया जाकर यातायात व्यवस्था बनाई जा रही है।

परिशिष्ट - "आठ"

पंजीकृत प्रकरणों में कार्यवाही

[सामान्य प्रशासन]

21. ( क्र. 1231 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि /span>(क) विशेष पुलिस स्‍थापना लोकायुक्‍त (इकाई) जबलपुर द्वारा पंजीकृत कितने प्रकरणों में आरोपियों को रिश्‍वत की राशि लेते हुये रंगे हाथ पकड़ा गया हैं। इसमें से कितने प्रकरणों में जांच कार्यवाही पूर्ण कर अभियोजन स्‍वीकृति हेतु भेजे गये। कितने-कितने प्रकरणों में जांच कार्यवाही प्रचलन में है। कितने प्रकरणों में जांच कार्यवाही नहीं की गई है तथा कितने-कितने प्रकरणों को नस्‍तीबद्ध किया गया है?वर्ष 2021-22 से 2024-25 तक की वर्षवार पृथक-पृथक जानकारी दें। (ख) प्रश्‍नांकित कितने प्रकरणों में शासन ने अभियोजन की स्‍वीकृति दी हैं तथा कितने प्रकरणों में अभियोजन की स्‍वीकृति नहीं दी हैं। कितने प्रकरणों में चालान प्रस्‍तुत किया गया और कितने प्रकरणों में चालान नहीं प्रस्‍तुत किया हैं। कितने प्रकरण शासन के विरूद्ध निर्णीत हुये हैं? सूची दें। (ग) प्रश्‍नांश (क) में पंजीकृत अपराध क्र. 80/2022 दिनांक 07/09/2022 को की गई छापे की कार्यवाही में कौन-कौन से कर्मचारी/अधिकारी सम्मिलित थे। छापे की कार्यवाही के दौरान आरोपी के कक्ष में कौन-कौन उपस्थित था और क्‍या आरोपी को रिश्‍वत की राशि लेते हुये रंगे हाथ पकड़ा गया है? यदि नहीं, तो रिश्‍वत की राशि किसके कहने पर किसने कहां से बरामद की है? प्रकरण में जांच कार्यवाही कब किसने की हैं? पंजीकृत अपराध क्र., दिनांक, एफ.आई.आर. क्रमांक, दिनांक, शिकायत पंचनामा एवं प्रेषित रिपोर्ट की छायाप्रति दें।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्टअनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्टके कॉलम 8, 9 एवं 10 अनुसार है। माननीय न्‍यायालय से कोई प्रकरण निर्णित नहीं हुआ है। (ग) अपराध क्रमांक 80/2022 में छापा कार्यवाही नहीं अपितु ट्रेप कार्यवाही की गई है तथा दिनांक 07.09.2022 को नहीं बल्कि दिनांक 19.04.2022 को ट्रेप कार्यवाही की गई है। ट्रेप कार्यवाही उपरांत अपराध क्रमांक 80/2022 दिनांक 20.04.2022 को पंजीबद्ध किया गया है। प्रकरण में आरोपी श्री संजय प्रकाश शर्मा, उपयंत्री (निर्माण शाखा) नगर परिषद् लांजी, जिला बालाघाट के निधन हो जाने की जानकारी विशेष पुलिस स्‍थापना, जबलपुर संभाग के कार्यालय में दिनांक 08.05.2024 को प्राप्‍त होने के कारण, प्रकरण में खात्‍मा प्रतिवेदन माननीय विशेष न्‍यायालय बालाघाट के समक्ष प्रस्‍तुत किए जाने की कार्यवाही की जा रही है।

खनिज संसाधन का अवैध उत्‍खनन

[खनिज साधन]

22. ( क्र. 1283 ) श्री प्रहलाद लोधी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पन्‍ना जिले अंतर्गत रेत, पत्‍थर, गिट्टी एवं मुरम की कितनी खदाने संचालित है? कितनी शासकीय भूमि लीज पर खदान मालिकों को कितने समय के लिये दी गई है? (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में खदानों को कितनी गहराई तक खोदने की स्‍वीकृति शासन द्वारा दी जाती है और तय सीमा से अधिक खोदने पर क्‍या-क्‍या कार्यवाहियां शासन के द्वारा की जाती है और कब तक कितनी खदानों पर कार्यवाहियां की गई? (ग) पन्‍ना जिले के अजयगढ़ क्षेत्र में रेत के अवैध उत्‍खनन की खबरें व्‍यापक पैमाने पर समाचार पत्रों में आती रहती है। क्‍या अजयगढ़ क्षेत्र में व्‍यापक पैमाने पर रेत का अवैध उत्‍खनन हो रहा है। यदि हाँ तो जिला खनिज अधिकारी द्वारा कब-कब और कितनी कार्यवाहियां अवैध उत्‍खनन पर की गई। (घ) प्रश्‍नांश (ग) के संबंध में क्‍या जिला खनिज अधिकारी 5 वर्षों से अधिक समय से जिला पन्‍ना में पदस्‍थ है? यदि हाँ तो इतने समय से पदस्‍थ होने के बावजूद इनका स्‍थानान्‍तरण क्‍यों नहीं किया जा रहा है? जबकि पन्‍ना में रेत का अवैध उत्‍खनन नहीं रूक पा रहा है।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) प्रश्‍नांश अनुसार पन्‍ना जिले में रेत-31, फर्शी पत्‍थर-75, क्रेशर गिट्टी-31, ग्रेनाईट-1 एवं मुरूम-2 खदानें संचालित है। शासकीय भूमि पर स्‍वीकृत खदानों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र-अ  पर दर्शित है। (ख) खदानों की गहराई तक खोदने का नियमों में अधिकतम गहराई के संबंध में उल्‍लेख नहीं है। जबकि म.प्र. गौण खनिज नियम 1996 के नियम 30 (24) के तहत छह मीटर से अधिक गहराई होने पर पट्टेदार, तुरन्‍त महानिदेशक, खान सुरक्षा, आदि को प्रारूप-तेरह में लिखित सूचना देने हेतु प्रावधान है। 06 मीटर से अधिक उत्‍खनन होने पर दो पट्टेदार भागयवंती ग्रेनाईट एण्‍ड स्‍टोन प्रा.लि. द्वारा प्रारूप तेरह में सूचना दी गई है एवं एक खदान में 06 मीटर से अधिक उत्‍खनन होने पर कलेक्‍टर पन्‍ना द्वारा परिहार स्‍टोन क्रेशर प्रो. अवधेश प्रताप सिंह निवासी छतरपुर की पत्‍थर गिट्टी खदान निरस्‍त कर शास्ति अधिरोपित की गई है। खनिज रेत हेतु मध्‍यप्रदेश रेत (खनन, परिवहन, भण्‍डारण तथा व्‍यापार) नियम 2019 के नियम 6 (2) के अनुसार घोषित रेत खदानों में अधिकतम 3 मीटर गहराई या भू-जल स्‍तर, जो भी कम हो, तक रेत खनन अनुमत है। (ग) पन्‍ना जिले के अजयगढ़ क्षेत्र में रेत के अवैध उत्‍खनन के संबंध में समाचार पत्रों एवं सूचना प्राप्‍त होने पर नियमानुसार अवैध उत्‍खननकर्ता पर कार्यवाही की जाती है। खनिज विभाग द्वारा अवैध उत्‍खनन के 08 प्रकरण दर्ज किये गए है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर दर्शित है। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

शासकीय विभागों में पदस्‍थ आउटसोर्सिंग एजेंसी/कम्पनी के कर्मचारी

[सामान्य प्रशासन]

23. ( क्र. 1379 ) श्री ठाकुर दास नागवंशी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के समस्त शासकीय विभागों में आउटसोर्सिंग एजेंसी/कम्पनी के माध्यम से वर्तमान में आउटसोर्स कर्मचारी नियुक्त हैं? (ख) क्या इन कर्मचारियों को शासकीय सुविधायें जैसे प्रतिवर्ष वेतन वृद्धि, स्थानांतरण नीति, मातृत्व अवकाश, पी.एफ. इत्यादि का लाभ प्राप्त हो रहा हैं? (ग) क्या इन आउटसोर्स कर्मचारियों के हित में विभागीय नियमितीकरण का लाभ देने हेतु शासन के अधीन कोई नीति निर्धारित की जा रही हैं?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। (ख) आउटसोर्स कर्मचारी शासकीय सेवकों की श्रेणी में नहीं आते है। (ग) जी नहीं।

संविदा भर्ती की जानकारी

[महिला एवं बाल विकास]

24. ( क्र. 1432 ) श्री रजनीश हरवंश सिंह : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विभाग में संविदा के कितने पद स्वीकृत है कृपया संवर्गवार जानकारी देने का कष्ट करें? (ख) उपरोक्त संविदा पद मंत्री परिषद द्वारा कब-कब स्वीकृत किए गए एवं शासन द्वारा जारी किये गए स्वीकृत आदेश का क्रमांक एवं दिनाँक बतावें। (ग) उपरोक्त स्वीकृतियों संबंधित शासन के आदेशों की प्रति उपलब्ध कराने की कृपा करें?

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) विभाग में संविदा के स्वीकृत पदों की संवर्गवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  '' अनुसार है। (ख) विभाग अंतर्गत मंत्रि-परिषद् द्वारा स्वीकृत किये गए पदों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  '' अनुसार है। (ग) शासन आदेश की प्रतियां  पुस्‍तकालय  में रखे  परिशिष्ट  '' अनुसार है।

अवैध शराब की बि‍क्री करने वालों पर कार्यवाही

[गृह]

25. ( क्र. 1437 ) श्री रजनीश हरवंश सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) केवलारी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत पुलिस विभाग के थाना/चौकी में 3 वर्ष या उससे अधिक वर्ष से एक ही स्थान में कर्मचारी/अधिकारी कार्यरत है यदि हाँ तो इनका स्थानांतरण विभाग द्वारा किया गया है या नहीं, नहीं किया तो क्यों? (ख) विभाग द्वारा कितने सट्टे एवं जुए के केस दर्ज कर मामले बनाए गए? क्यों विभाग द्वारा अवैध शराब पर कार्यवाही की गई? यदि हाँ, तो कितने प्रकरणों पर मामले दर्ज हुए एवं प्रशासन को कितने नुकसान की भरपाई कराई गई? (ग) क्या विभाग द्वारा गाँव-गाँव में अवैध शराब की बि‍क्री करने वालें ठेकेदारों के खिलाफ कोई कार्यवाही की गई, की गई तो क्‍या कार्यवाही की गई और नहीं कि गई तो क्यों नहीं की गई? (घ) क्या विभाग द्वारा गाँव-गाँव अवैध शराब को लेकर जागरूकता अभियान चलाया गया या चलाया जा रहा है? उसका विवरण देवें।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) :(क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-"अ" अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-"ब" अनुसार है। (ग) गाँव-गाँव में अवैध शराब बिक्री करने वाले ठेकेदारों के खिलाफ अभी तक कोई प्रकरण प्रकाश में नहीं आया है। (घ) समय पर गाँव-गाँव जाकर अवैध शराब के संबंध में शराब का सेवन करने से होने वाले नुकसान को लेकर ग्रामीणों में जागरूकता हेतु हाट बाजार, स्कूल, सार्वजनिक स्थानों पर समझाइश दी जाती है।

विधायक निधि के कार्य

[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]

26. ( क्र. 1479 ) श्री बाला बच्चन : क्या उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि /b>(क) राजपुर विधान सभा क्षेत्र के तहत जनपद पंचायत राजपुर एवं ठीकरी में उत्‍तर दिनांक तक कौन-कौन से कार्य, कहाँ-कहाँ पर विधायक निधि की राशि के लंबित है? कार्य नाम, लागत, आहरित राशि, कार्य कितने प्रतिशत लंबित है जानकारी जनपदवार बतावें? कार्य प्रारंभ दिनांक भी देवें। (ख) ऐसे कितने कार्य है जो पूर्ण है लेकिन उनकी पूर्णता सर्टीफिकेट जारी नहीं हुई की जानकारी भी कार्य नाम, स्‍थान नाम सहित जनपदवार देवें। (ग) तय सीमा से विलंबित कार्य कब तक पूर्ण होंगे? कार्यवार जानकारी देवें, इसके जिम्‍मेदारों पर विभाग कब तक कार्यवाही करेगा? यदि नहीं, तो इसका कारण बतावें।

उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  अनुसार है। (ख) सभी पूर्ण कार्यों के पूर्णता प्रमाण पत्र प्राप्‍त होने से शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।(ग) कार्यों के पूर्ण कराये जाने की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के कॉलम 10  में उल्‍लेखित है। अपूर्ण कार्यों को पूर्ण कराये जाने हेतु संबंधित क्रियान्‍वयन एजेंसियों को निर्देशित किया गया है साथ ही नोटिस भी जारी किये गये है।

सट्टा कारोबार पर रोक

[गृह]

27. ( क्र. 1480 ) श्री बाला बच्चन : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्‍न क्र. 1883 दिनांक 16-02-2024 के (ख) उत्तर में वर्णित परिशिष्ट (ब) के पृष्ठ क्रमांक-1 में दिनांक 01-01-23 से 31-01-24 तक थाना अंजड़ जिला-बड़वानी के अंतर्गत जो 69 आरोपी सट्टा प्रकरण में बनाये गये उनके नाम, धारा, प्रकरण क्रमांक सहित देवें। (ख) यह भी बतावें कि उन पर कब-कब क्‍या कार्यवाही की गई नाम, प्रकरण क्रमांक, दिनांक सहित कार्यवाही का विवरण देवें। इसी पृष्‍ठ क्रमांक-1 में उल्‍लेखित अपराध क्रमांक 46/2024,49/2024, 50/2024 की अद्यतन स्थिति देवें। इनमें गिरफ्तारी की गई हो तो प्रकरणवार पृथक-पृथक देवें। (ग) उपरोक्‍तानुसार पृष्ठ क्रमांक 1 में उल्लेखित जिलाबदर प्रकरण में प्रश्‍न दिनांक तक कार्यवाही न कर आरोपियों को संरक्षण देने का कारण स्‍पष्‍ट करें। कब तक जिलाबदर की कार्यवाही होगी? समय-सीमा देवें। प्रश्‍नांश (क) (ख) में वर्णित प्रकरणों में कब तक कठोर कार्यवाही की जाएगी? समय-सीमा देवें। (घ) क्‍या मा. मुख्‍यमंत्री जी जो गृह विभाग के मंत्री भी हैं अंजड़ जिला बड़वानी में चल रहे इस अवैध करोबार को खत्‍म करने के लिए दिशा-निर्देश जारी करेंगे? यदि हां, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्‍यों?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  '' अनुसार(ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  '' /span>के अन्तिम कॉलम में समाहित है तथा शेष भाग की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  '' अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  '' अनुसार(घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  ''अनुसार

लोकायुक्‍त संगठन द्वारा की जा रही जांच

[सामान्य प्रशासन]

28. ( क्र. 1494 ) श्री अजय अर्जुन सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत पांच वर्षों में प्रश्‍न दिनांक तक लोकायुक्त संगठन द्वारा अलग-अलग वर्षों में £2325;ितने-कितने छापे मारे गये? (ख) उपरोक्त में से कितने मामलों में अभी जांच चल रही है और कितने मामलों में जांच पूरी हो गई है? (ग) ऐसे कितने मामले हैं जिनमें जांच तो पूरी हो गई है लेकिन सरकार ने कोर्ट में केस चलाने की मंजूरी नहीं दी? (घ) ऐसे कितने मामले हैं जिनकी जांच एक वर्ष या उससे अधिक अवधि से चल रही है? (ड.) क्या लोकायुक्त संगठन द्वारा उपरोक्त अवधि में किन-किन भ्रष्ट अधिकारियों की सम्पत्ति राजसात की गई? विवरण दें।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) विगत पांच वर्षों में प्रश्‍न दिनांक तक लोकायुक्‍त संगठन द्वारा वर्ष-2019 में 25, वर्ष-2020 में 13, वर्ष-2021 में 19, वर्ष-2022 में 05 वर्ष-2023 में 06 एवं £2357;र्ष-2024 में 01 छापे मारे गये। (ख) वर्ष-2019 के 15, वर्ष-2020 के 12, वर्ष-2021 के 17, वर्ष-2022 के 05, वर्ष-2023 के 06 तथा वर्ष-2024 के 01 प्रकरणों में विवेचना जारी है तथा वर्ष-2019 के 10, वर्ष-2020 के 01, वर्ष-2021 के 02 प्रकरणों की विवेचना पूर्ण हो गई है। (ग) विवेचना पूर्ण प्रकरणों में से अभियोजन स्‍वीकृति हेतु शासन को भेजे गये प्रकरणों में, वर्ष-2019 के 03, वर्ष-2020 के 01, वर्ष-2021 के 02 अभियोजन स्‍वीकृति आदेश अपेक्षित है। (घ) एक वर्ष या उससे अधिक अवधि से विवेचनाधीन प्रकरणों में, वर्ष-2019 के 15, वर्ष-2020 के 12, वर्ष-2021 के 17, वर्ष-2022 के 05, /span>वर्ष-2023 के 06 मामले है। (ड.) उक्‍त अवधि में पंजीबद्ध प्रकरणों में से, माननीय न्‍यायालय से निर्णित संपत्ति राजसात के प्रकरणों की संख्‍या निरंक है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।

दाल मील उद्योग लिमिटेड को प्रदान की गई खनिज अनुमति

[खनिज साधन]

29. ( क्र. 1509 ) श्री इंजीनियर प्रदीप लारिया : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नरयावली विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत सिदगुंवा औद्योगिक क्षेत्र में दाल मील उद्योग/लिमिटेड ने उद्योग स्थापित करने के लिए विभाग से पत्थर खनन करने हेतु कोई अनुमति हेतु कोई आवेदन प्रस्तुत किया था/अनुमति प्रदान की गई है? (ख) प्रश्‍न (क) में विभाग द्वारा उद्योग या लिमिटेड के लिए किन शर्तों पर अनुमति प्रदान की गई थी? (ग) क्या विभाग ने उद्योग या लिमिटेड को पहाड़ खोदने की भी अनुमति प्रदान की थी। यदि नहीं, तो लगातार पहाड़ खनन का कार्य किया जा रहा है तो इसे रोकने के लिए विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? (घ) दाल मील उद्योग/लिमिटेड स्थापित करने में पहाड़ खनन एवं अन्य खनन कार्य से विभाग को कितना राजस्व प्राप्त हुआ है? जानकारी देवें तथा वास्तविक खनन कार्य की जांच किये जाने की कार्यवाही करेगा?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी नहीं। (ख) प्रश्‍नांश (क) में दिये गये उत्‍तर के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। प्रश्‍नाधीन क्षेत्र के संबंध में खनि निरीक्षक द्वारा प्रस्‍तुत जाँच प्रतिवेदन अनुसार प्रश्‍नाधीन उद्योग को ग्राम गुढ़ा तहसील व जिला सागर के खसरा क्रमांक 538 रकबा 14.566 हेक्‍टेयर पर दाल मिल उद्योग स्‍थापित करने हेतु उद्योग विभाग द्वारा अनुमति प्रदान की गई है। उक्‍त फर्म द्वारा उक्‍त स्‍वीकृत क्षेत्र के उबड़-खाबड़ क्षेत्र का समतलीकरण स्‍वीकृत क्षेत्र से निकले मुरूम आदि से किया जा रहा है। मध्‍यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 अनुसार स्‍वयं की भूमि/स्‍वीकृत भूमि से समतलीकरण करने हेतु अनुमति प्राप्‍त किये जाने के कोई प्रावधान नहीं है। (घ) प्रश्‍नांश (ख) में दिये गये उत्‍तर के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

चोरी एवं जुआ-सट्टा प्रकरणों की जानकारी

[गृह]

30. ( क्र. 1510 ) श्री इंजीनियर प्रदीप लारिया : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नरयावली विधानसभा क्षेत्र के थाना मकरोनिया एवं थाना बहेरिया में चोरी की घटना/जुआ-सट्टा/अवैध शराब/मोबाईल चोरी-गुम के कितने प्रकरण वर्ष-2023-24, 2024 से प्रश्‍न दिनांक तक कितने प्रकरण थानों में दर्ज हुए? (ख) प्रश्‍नांश (क) में वर्णित चोरी प्रकरणों में पुलिस द्वारा क्या कार्यवाही की गई तथा कितने प्रकरणों में अपराधियों को गिरफ्तार किया गया। कितने प्रकरणों का निराकरण किया गया? (ग) प्रश्‍नांश (क) में वर्णित जुआ-सट्टा, अवैध शराब एवं थाना अंतर्गत संचालित अवैध अहातों तथा वार्ड/गांव/कस्बों में अवैध शराब बिक्री, जुआ-सट्टा को रोकने के लिए कब-कब विशेष कार्यवाही की गई जानकारी देवें तथा मकरोनिया थाना अंतर्गत हाट बाजार स्थल से कितने मोबाईल चोरी/गुम हो जाने के प्रकरण दर्ज है? (घ) प्रश्‍नांश (ग) में वर्णित प्रकरण एवं चोरी की घटनाएं निरंतर थाना अंतर्गत हो रही हैं, तो इसके लिए कौन जिम्मेदार है। विभाग द्वारा चोरी की घटनाएं रोकने के लिए कोई कार्यवाही करेगा यदि करेगा तो कब तक?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) :(क) जुआ-सट्टा, अवैध शराब एवं मोबाईल चोरी के प्रकरणों की जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट '' अनुसार है। चोरी की घटना की जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट '' अनुसार(ख) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट '' /span>में समाहित है। (ग) जुआ-सट्टा, अवैध शराब, अवैध अहाते एवं मोबाईल चोरी को रोकने के लिए विशेष कार्यवाही का विवरण संलग्‍न परिशिष्ट  '' अनुसार। (घ) जुआ-सट्टा एवं अवैध शराब के विरूद्ध जिला अंतर्गत निरंतर कार्यवाही की जा रही है एवं इस पर अंकुश लगाने के लिए विशेष अभियान चलाये जा रहे है, चोरी की घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए सतत् भ्रमण गश्त कराई जा रही है एवं निगरानी बदमाशों पर चैंकिग कर उन पर निगाह रखी जा रही है। क्षेत्र में चीता मोबाईल से क्षेत्र भ्रमण कराया जा रहा है। पूर्व में संपत्ति संबंधी अपराध घटित करने वाले एवं जेल से रिहा होने वाले अपराधियों की लगातार चैकिंग की जा रही है। महत्वपूर्ण स्थानों पर सी.सी. टी.व्ही. कैमरे लगाये गये है जिनके माध्यम से निगरानी रखी जा रही है। पुलिस द्वारा उक्त अपराधों को रोकने लिए सघन एवं प्रभावी कार्यवाही की गई है।

परिशिष्ट - "नौ"

भैसदेही में रेत एवं गिट्टी खदानों की स्‍वीकृति

[खनिज साधन]

31. ( क्र. 1515 ) श्री महेन्‍द्र केशरसिंह चौहान : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैतूल जिले के अंतर्गत विधानसभा क्षेत्र भैसदेही में वर्ष 2019 से प्रश्‍न दिनांक तक रेत एवं गिट्टी की कितनी खदानें स्वीकृत/आवंटित की गई है? (ख) यदि हाँ, तो किस-किस क्षेत्र में कौन-कौन सी रेत एवं गिट्टी खदानों के लिए कितनी मात्रा घनमीटर का किस-किस व्यक्ति/फर्म को स्वीकृति दी गई है? क्षेत्रवार सूची उपलब्ध करावें? (ग) इन खदानों में वर्ष 2019 से प्रश्‍न दिनांक तक कितनी-कितनी मात्रा में रेत एवं गिट्टी का खनन किया गया तथा रेत एवं गिट्टी कहाँ-कहाँ परिवहन की गई है? खदानवार जानकारी उपलब्ध करावें?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) विधानसभा क्षेत्र में प्रश्‍नाधीन अवधि में रेत खनिज की 01 खदान एवं यांत्रिक क्रिया से गिट्टी निर्माण हेतु पत्‍थर खनिज की 27 उत्‍खनन पट्टा आवंटित किए गए हैं। (ख) प्रश्‍नांश अनुसार रेत खदान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र-अ पर दर्शित है एवं यांत्रिक क्रिया से गिट्टी निर्माण हेतु पत्‍थर खनिज के उत्‍खनन पट्टा की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र-ब  पर दर्शित है। (ग) प्रश्‍नाधीन अवधि में रेत खनिज की उत्‍खनन मात्रा एवं परिवहन की खदानवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र-अ  पर दर्शित है तथा यांत्रिक क्रिया से गिट्टी निर्माण हेतु पत्‍थर खनिज के उत्‍खनन पट्टा की उत्‍खनन मात्रा एवं अद्यतन स्थिति में परिवहन की गई मात्रा की खदानवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र-ब  पर दर्शित है। खनिज परिवहन के गतव्‍य स्‍थल का विवरण केवल अभिवहन पास में दर्ज होता है। इसका विवरण पंजी में संधारण के प्रावधान नियमों में नहीं है।

 

अवैध उत्खनन द्वारा पर्यावरण को हो रहा नुकसान

[खनिज साधन]

32. ( क्र. 1557 ) श्री प्रेमशंकर कुंजीलाल वर्मा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी मालवा विधानसभा क्षेत्र (क्रमांक 136) अंतर्गत रेत एवं पत्थर का उत्खनन किन-किन स्थानों पर किया जा रहा है? (ख) पत्थर एवं रेत उत्खनन हेतु क्या पर्यावरण विभाग की अनुमति आवश्यक है? (ग) यदि हाँ तो कितने-कितने खदानों के क्षेत्रफल की स्वीकृति पर्यावरण विभाग से दी गई है बताने का कष्ट करें? (घ) अवैध उत्खनन द्वारा पर्यावरण एवं राजस्व के नुकसान की पूर्ति के लिए क्या कठोर कार्यवाही की जा रही है?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र-अ  पर दर्शित है। (ख) जी हाँ। (ग)  जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र-अ  पर दर्शित है। (घ) जी हाँ, खनिज एवं राजस्‍व विभाग द्वारा खनिजों के अवैध उत्‍खनन पर सतत् निगरानी रखी जाती है। वित्‍तीय वर्ष 2023-24 एवं 2024-25 में प्रश्‍न दिनांक तक की गई कार्यवाही की  जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र-ब  पर दर्शित है।

औद्योगिक क्षेत्र में प्‍लाट आवंटन

[सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्‍यम उद्यम]

33. ( क्र. 1571 ) श्री हेमन्‍त विजय खण्‍डेलवाल : क्या सूक्ष्‍म,लघु एवं मध्‍यम उद्यम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैतूल विधानसभा क्षेत्र के अन्‍तर्गत बैतूल नगर औद्योगिक क्षेत्र कोसमी में कितने प्‍लाट आवंटन की प्रत्‍याशा में खाली है? (ख) यदि प्‍लाट खाली है तो किन कारणों से अभी तक आवंटन नहीं किया गया है?

सूक्ष्‍म,लघु एवं मध्‍यम उद्यम मंत्री ( श्री चेतन्‍य कुमार काश्‍यप ) : (क) बैतूल विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत औद्योगिक क्षेत्र कोसमी में 45 भू-खण्ड खाली है। (ख) उक्‍त भूखण्‍डों के संबंध में न्‍यायालयीन प्रकरण होने से भूखण्‍डों का आवंटन नहीं किया गया था। अब न्यायालयीन प्रकरण निराकरण होने पर नवीन स्तर से भूखण्ड आवंटन प्रक्रिया प्रारंभ की जावेगी।

आंगनवाड़‍ियों में उपलब्‍ध सुविधायें

[महिला एवं बाल विकास]

34. ( क्र. 1572 ) श्री हेमन्‍त विजय खण्‍डेलवाल : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) बैतूल विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत कुल कितनी आंगनवाड़ी केन्‍द्र हैं एवं कहाँ- कहाँ? (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में क्‍या सभी आंगनवाड़‍ियों में शौचालय है? यदि नहीं, तो ऐसी कौन-कौन सी आंगनवाड़ी है? (ग) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में क्‍या सभी आंगनवाड़‍ियों में बिजली, पीने के पानी की व्‍यवस्‍था एवं बच्‍चों के खेल उपकरण उपलब्‍ध है? यदि नहीं, तो कौन-कौन सी ऐसी आंगनवाड़ी है? (घ) इन आंगनवाड़‍ियों में कब तक उपरोक्‍त सुविधाएं पूर्ण करा ली जाएगी?

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) 409, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट /span>पर है। (ख) जी नहीं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट /span>अनुसार है। (ग) जी नहीं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) आंगनवाड़ी केन्द्रों में विद्युत व्यवस्था, पेयजल व्‍यवस्‍था एवं खेल उपकरण वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर है, अतः समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है।

अपराधियों की गिरफ्तारी

[गृह]

35. ( क्र. 1589 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या थाना देहात, जिला-टीकमगढ़ में अपराध क्रमांक 263/22 धारा 420, 467, 468, 471, 470 भा.द.वि. के अंतर्गत पंजीबद्ध है? (ख) प्रश्‍नांश (क) में वर्णित अपराध में विवेचना कर सभी दोषी व्यक्तियों को अपराधी क्यों नहीं बनाया और न ही उनकी गिरफ्तारी की कोशिश की गई? (ग) क्या वह विक्रय पत्र जिसके आधार पर प्रश्‍नांश (क) में वर्णित अपराध पंजीबद्ध किया गया, पुलिस ने यह तक जांच नहीं की, कि उस विक्रय पत्र पर किसकी फोटो है और उसमें फरियादी रामबाई के दस्तावेज किससे तैयार करवाये? (घ) कब तक प्रश्‍नांश (क) में वर्णित अपराध की सम्पूर्ण विवेचना कर अपराध में संलिप्त सभी अपराधियों को गिरफ्तार कर फरयादियों को न्याय दिलवाया जायेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रश्‍नांश (क) में वर्णित अपराध की एफ.आई.आर. में वर्णित 03 मूल आरोपियों के अतिरिक्त विवेचना में 03 अन्य आरोपियों के नाम उजागर हुये हैं सभी 06 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। (ग) प्रश्‍नांश (क) में वर्णित अपराध की विवेचना में पुलिस द्वारा विक्रय पत्र पर किसकी फोटो है यह अनुसंधान किया है। यह पाया गया कि विक्रय पत्र में संपत्ति स्वामी का नाम रामबाई यादव है किन्तु फोटो सह आरोपियां सियाबाई दांगी निवासी ग्राम बरेठी का है। विवेचना में यह पाया गया कि फरियादिया रामबाई के दस्तावेज (आधार कार्ड आदि) आरोपी दिलीप सिंह, पुष्पेन्द्र सिंह एवं सियाबाई ने मिलकर तैयार करवाये गये। (घ) प्रश्‍नांश "क" में उल्लेखित अपराध की विवेचना पूर्ण की गई है, समस्त आरोपी गिरफ्तार कर जेल भेजे गए है तथा चालान माननीय न्यायालय में प्रस्तुत किया गया है। प्रकरण माननीय न्यायालय में विचाराधीन है।

संगीन अपराधों पर कार्यवाही

[गृह]

36. ( क्र. 1590 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टीकमगढ़ जिले में विगत तीन वर्षों में जमीन में धोखाधड़ी क्रय-विक्रय करने पर कुल कितनी शिकायतें प्राप्‍त हुई, शिकायतवार विवरण दें। (ख) क्‍या शिकायतें साक्ष्‍य सहित प्रस्‍तुत करने पर भी अपराधियों के विरूद्ध प्रकरण दर्ज नहीं किये जा रहे हैं? (ग) क्‍या यह सही है कि चंद्रप्रकाश गिरी, श्रीनगर, ग्राम निवासी थाना देहात टीकमगढ़ के विरूद्ध शिकायतें साक्ष्‍य सहित होने पर भी वर्षों बाद तक कार्यवाही नहीं हुई? इसके क्‍या कारण हैं? (घ) प्रश्‍नांश (ग) में वर्णित व्‍यक्ति का नाम और उस पर आपराधिक प्रकरण दर्ज कर कब तक कार्यवाही कर अवैध विक्रय की गई भूमि घोषित की जायेगी? यदि नहीं, तो क्‍यों?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) टीकमगढ़ जिले में विगत तीन वर्षों में जमीन में धोखाधड़ी कय-विक्रय करने पर कुल 116 शिकायतें प्राप्त हुई है। शिकायतवार सूची  पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट  '' अनुसार। (ख) प्राप्त शिकायतों की जाँच पर आये साक्ष्य के आधार पर आरोपी के विरूद्ध प्रकरण दर्ज किये जाते है। (ग) श्री चंद्र प्रकाश गिरी निवासी ग्राम श्रीनगर के विरूद्ध आवेदक £2358;्री पुष्पेन्द्र सिंह तनय सरदार सिंह निवासी तालदरवाजा द्वारा दिये गये शिकायत पत्र की जांच पुलिस अधीक्षक टीकमगढ़ द्वारा कराई गई। अब तक की जांच पर आये साक्ष्यों के आधार पर अनावेदक चन्द्रप्रकाश गिरी द्वारा बी.पी.एल. कार्ड धारक एवं वृद्धावस्था पेंशन का लाभ लिया गया और इस दौरान दिनांक 09.02.2023 को गिरी ग्रुप ऑफ कम्पनीज प्राईवेट लिमिटेड के डायरेक्टर महेश गिरी गोस्वामी पिता स्व. नाथूराम गिरी गोस्वामी निवासी रोरईया मोहल्ला टीकमगढ़, यशराज गिरी गोस्वामी पिता स्व श्री देवी गिरी निवासी रोरईया मोहल्ला टीकमगढ़ एवं महेश साहू पिता £2360;्व श्री घनश्यामदास साहू निवासी रोरईया मोहल्ला टीकमगढ़ से 62,39,600/- (बासठ लाख उन्तालिस हजार छ: सौ रूपये) की दिनांक 06.06.2023 को महेश प्रसाद साहू निवासी टीकमगढ़ से 35,80,300/- (पैंतीस लाख अस्सी हजार तीन सौ रूपये) कुल 98,19,900/- रूपये की भूमि कय करना पाया गया। आवेदक ने स्वयं जनपद पंचायत में अपना नाम बी.पी.एल. सूची से काटने का आवेदन दिया है। प्रथम दृष्टया आय से अधिक राशि से भूमि क्रय पाये जाने पर जांच हेतु आयकर विभाग को पत्र क्रमांक अनु.अधि.पु./टीकम./शिका.ज./पु.मु.-22/24 दिनांक 02.07.2024 भेजा गया है। (घ) उत्तरांश () /span>के अनुसार।

आंगनवाड़ी केन्‍द्रों की मरम्‍मत हेतु जारी राशि

[महिला एवं बाल विकास]

37. ( क्र. 1591 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या आंगनवाड़ी केन्‍द्रों की मरम्‍मत हेतु संचालनालय महिला बाल विकास म.प्र. द्वारा 1 करोड़ 97 लाख 12 हजार की राशि प्रदान की गई थी? (ख) प्रश्‍नांश (क) में वर्णित राशि ग्राम बरेठी में दो आंगनवाड़ी भवनों की मरम्मत के निविदाधारी व्यक्ति का नाम सहित बिल व्‍हाउचर का विवरण दें? (ग) निविदा की पद्धति व निविदाकार का नाम बतायें? जिन्होंने प्रश्‍नांश (क) में वर्णित का कराया है?

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) जी हाँ। (ख) विवरण  पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्टअनुसार है। (ग) कार्यपालन यंत्री ग्रामीण यांत्रिकी सेवा, टीकमगढ़ से प्राप्‍त जानकारी अनुसार निविदा आमंत्रण संक्षिप्‍त निविदा पद्धति से की गयी है। निविदाकार माँ शारदा कंस्‍ट्रक्‍शन है।

प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना

[महिला एवं बाल विकास]

38. ( क्र. 1595 ) श्री महेश परमार : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या विभाग अंतर्गत संचालित आंगनवाड़ियों के माध्यम से केन्द्र सरकार की प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना संचालित है? यदि हाँ तो, योजना से संबंधित समस्त नियम निर्देश देवें। (ख) प्रश्‍नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में बतावें कि विगत 05 वर्षों में उज्जैन जिले में कितने लाभार्थियों को इसका लाभ दिया गया और उनके खाते में कितनी-कितनी राशि कब-कब प्रदाय की गई और कितनों के खातों में आज दिनांक तक योजना की राशि अंतरित नहीं की गई और क्यों? (ग) प्रश्‍नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में बतावें कि, योजना की राशि लाभार्थी को नहीं मिलने का क्या कारण है? लाभार्थियों को योजना की राशि कब तक दी जावेगी? विगत 05 वर्षों में कितना आवंटन उज्‍जैन जिले में प्रतिवर्ष हुआ और कितनी महिला लाभार्थी लाभान्वित हुई? (घ) शासन की इस योजना का प्रारंभ कब हुआ था प्रश्‍न दिनांक तक प्रतिवर्ष कितनी-कितनी राशि उज्जैन जिले को दी गई थी, प्रतिवर्ष कितनी महिला लाभार्थी लाभान्वित हुई कितनी महिला इस योजना से वंचित रही कारण सहित जवाब देवें।

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) जी हाँ। नियम निर्देश की प्रति  पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट-पर  है। (ख) 66,484 लाभार्थियों को वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-पर है। राशि अंतरित नहीं होने की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3  पर है। (ग) भारत सरकार द्वारा योजनान्तर्गत पूर्व पोर्टल बंद होने के कारण पूर्व पोर्टल में पंजीकृत लाभार्थियों को नवीन पोर्टल पर अंतरित करने के कारण। भुगतान की कार्यवाही निरन्तर की जा रही है। योजना में आवंटन जिलों को प्रदाय नहीं किया जाता हैं। 66,484  महिलायें लाभान्वित। (घ) 01 जनवरी 2017, योजना में आवंटन जिलों को प्रदाय नहीं किया जाता हैं। लाभान्वित की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2  पर है। इस योजना से वंचित रही महिलाओं की जानकारी एवं कारण  पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट-3  अनुसार है।

वन भूमि से खनिजों का अवैध उत्‍खनन

[खनिज साधन]

39. ( क्र. 1628 ) डॉ. राजेन्‍द्र कुमार सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) सतना जिले की प्रिज्‍म-जानसन सीमेंट कंपनी, सतना सीमेंट वर्क्‍स एवं मैहर जिले की भरौली स्थित एम.पी.बिड़ला सीमेंट कंपनी (पूर्व नाम रिलायंस) एवं अल्‍ट्राटेक सीमेंट कंपनी मैहर कीJकिस-किस ग्रामों में, कितने-कितने रकबों पर खनिज पट्टा लाईम स्‍टोन एवं अन्‍य खनिजों का कब से आवंटित है? फैक्‍ट्रीवार/ग्रामवार/रकबेवार जानकारी उपलब्‍ध करायें? माईनिंग लीज (एम.एल) की सभी की जानकारी रकबेवार/ग्रामवार उपलब्‍ध करायें। (ख) अल्‍ट्राटेक सीमेंट मैहर के द्वारा वन विभाग की भूमि पर उत्‍खनन कर लाईम स्‍टोन का लगातार परिवहन किया जा रहा है? वन विभाग द्वारा समय-समय पर की गई कार्यवाही का बिन्‍दुवार विवरण उपलब्‍ध करायें। (ग) खनिज अधिकारी सतना/मैहर एवं खनिज निरीक्षकों सतना/मैहर के द्वारा प्रश्‍नांश (क) में वर्णित सीमेंट कंपनियों के द्वारा अपनी फैक्ट्रियों में आने वाले लेट्राईट/लाईम स्‍टोन/ बॉक्साइट/अन्‍य खनिजों की ओव्‍हर लोड गा‍ड़‍ियों पर अवैध (बिना पिटपास की) परिवहनों पर 01-04-2021 से प्रश्‍नतिथि के दौरान कब व क्‍या कार्यवाही, किस-किस के विरूद्ध की, का विवरण तहसीलवार/प्रकरणवार/वर्षवार/माहवार उपलब्‍ध करायें। (घ) प्रश्‍नांश (क) में वर्णित किस-किस फैक्‍ट्री की कौन-कौन सी खदानों में उत्‍खनन प्रश्‍नतिथ‍ि तक बंद हो चुका है? सूची स्‍थानवार दें। किन-किन खदानों को प्रश्‍नतिथ‍ि तक खुला छोड़कर रखा गया है? उन्‍हें बंद/भरने की कार्यवाही क्‍यों प्रश्‍नतिथि तक नहीं की गई है? कारण दें। बंद/भरने की कार्यवाही कब तक की जायेगी?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क)  जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र-अ  पर दर्शित है। (ख) जी नहीं। प्रश्‍नाधीन कंपनी द्वारा वन भूमि पर कोई उत्‍खनन नहीं किया गया है। अत: प्रश्‍नांश के शेष भाग का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) वांछित  जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र-ब  पर दर्शित है। (घ) प्रश्‍नांश अनुसार किसी भी खनिपट्टा में प्रश्‍नतिथि तक उत्‍खनन कार्य बंद नहीं हुआ है। अत: शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता है।

खनिज पट्टों का नियम विरूद्ध हस्‍तांतरण

[खनिज साधन]

40. ( क्र. 1629 ) डॉ. राजेन्‍द्र कुमार सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) मैहर एवं सतना जिलों में 01.04.2015 से प्रश्‍न तिथि के दौरान किस-किस नाम एवं पते वाले लोगों को/कंपनी/अन्‍य को लाईम स्‍टोन के खनिज पट्टे, किस स्‍थानों पर, किस अराजी क्रमांकों एवं रकबों पर, किस ग्राम में/तहसील में स्‍वीकृत हुये? जारी सभी आदेशों की एक-एक प्रति दें। (ख) क्‍या खनि पट्टों को हस्‍तांतरित/बेचा/स्‍थानांतरित दूसरों को किया जा सकता है अगर हाँ तो नियमों की एक प्रति उपलब्‍ध कराये, अगर नहीं तो क्‍यों कारण दें। (ग) प्रश्‍नांश (क) में वर्णित खनिज पट्टों को किसी अन्‍य को बेचा/हस्‍तां‍तरित/स्‍थानांतरित/अन्‍य स्‍वरूप से दे दिया गया? प्रकरणवार जानकारी दें कि क्‍या उक्‍त हस्‍तांतरण के पूर्व राज्‍य शासन/जिला कलेक्‍टर/अन्‍य सक्षम कार्यालयों से लिखित में पूर्व अनुमति ली गई? जारी सभी हस्‍तान्‍तरित पट्टों की प्रकरणवार जानकारी उपलब्‍ध करायें। (घ) क्‍या कार्यवाही प्रश्‍नांश (क), (ख), (ग) में हुये अवैध हस्‍तान्‍तरण पर राज्‍य शासन प्रकरणवार कब तक एवं क्‍या करेगा? बिन्‍दुवार जानकारी दें। (ड.) इसी तरहत प्रिज्‍म सीमेंट, सतना सीमेंट, अल्‍ट्राटेक मैहर, एम.पी. बिरला सीमेंट सतना एवं एम.पी. बिरला सीमेंट भरोंली, जिला मैहर, ने वर्ष 2015 से प्रश्‍न तिथि तक किस-किस से अपने पक्ष में लीज आवेदन सरेंडर करवाये एवं स्‍वीकृत पट्टे खरीदे/अपने पक्ष में हस्‍तांतरित करवायें।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी  संलग्न  परिशिष्ट  के प्रपत्र-अ  पर दर्शित है। (ख) जी हाँ, खनन पट्टों का अधिसूचित नियम खनिज (परमाणु तथा हाइड्रोकार्बन ऊर्जा खनिजों से भिन्न) रियायत नियम, 2016 के नियम 23 के प्रावधानों के तहत अंतरण किया जा सकता है। (ग) प्रश्‍नांश की जानकारी  संलग्न  परिशिष्ट  के प्रपत्र-ब  अनुसार है। अंतरण में राज्य शासन से पूर्व अनुमति प्राप्त की गई है। (घ) उत्‍तरांश (क), (ख), (ग) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ड.) वर्ष 2015 से प्रश्‍न दिनांक तक प्रिज्य सीमेंट लिमिटेड, अल्ट्राटेक सीमेंट लिमिटेड, एम.पी. बिरला सीमेंट सतना एवं एम.पी. बिरला सीमेंट/भरौली जिला मैहर ने कोई भी लीज आवेदन सरेंडर नहीं कराए है तथा स्वीकृत पट्टे खरीदे/अपने पक्ष में हस्तांतरित नहीं कराया गया है।

परिशिष्ट - "दस"

न्‍यायालय में परिवाद दायर करने के प्रावधान

[खनिज साधन]

41. ( क्र. 1695 ) कुँवर अभिजीत शाह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खनिज विभाग बैतूल द्वारा अपर कलेक्टर बैतूल के समक्ष प्रस्तुत प्रकरण क्रमांक 0004/अ- 67/2022-23 मौजा हरई में विभाग ने कौन-कौन सा दस्तावेज, पंचनामा एवं किस-किस के बयान दर्ज किए, अपर कलेक्टर ने किस दिनांक को किस दस्तावेज एवं पंचनामें को सत्यापित करवाया, किस-किस दिनांक को प्रकरण बनाने वाले एवं प्रकरण में दर्ज बयानों को अपनी उपस्थिति में प्रकरण में दर्ज करवाया। (ख) प्रकरण में भू-स्वामी पतिराम आ. मनोहरीलाल उइके ने किस-किस दिनांक को समझौता करने या प्रशमन करने का आवेदन दिया, पतिराम को किन-किन कारणों से उत्खनन किए गए कितने पत्थर की रायल्टी जमा करवाकर खनिज विभाग ने पत्थर विक्रय एवं परिवहन की अनुमति दी थी। (ग) तालाब निर्माण के दौरान निकले पत्थरों के अवैध खनन का प्रकरण बनाए जाने, प्रशमन एवं समझौता नहीं किए जाने पर भी एम.एम.आर.डी. एक्ट 1957 की धारा 21 एवं 22 के अनुसार प्रश्‍नांकित दिनांक तक भी बैतूल अदालत में प्रकरण प्रस्तुत नहीं करने का क्या कारण है, कब तक प्रकरण अदालत में प्रस्तुत कर दिया जावेगा?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) खनिज विभाग बैतूल द्वारा मौजा हरई में मौका स्‍थल पर संबंधित व्‍यक्तियों की अनुपस्थिति के कारण बगैर किसी का ब्‍यान लिये, मौका पंचनामा एवं छायाचित्र संलग्‍न कर अपर कलेक्‍टर बैतूल के समक्ष प्रकरण क्रमांक 0004/अ-67/2022-23 प्रस्‍तुत किया गया था। अपर कलेक्‍टर द्वारा किसी भी दस्‍तावेज एवं पंचनामें को सत्‍यापित नहीं कराया गया। प्रकरण में उपलब्‍ध दस्‍तावेजों के आधार पर प्रकरण का निराकरण किया गया है। (ख) प्रकरण में भूमि स्‍वामी पतिराम आत्‍मज श्री मनोहरीलाल उइके द्वारा समझौता करने या प्रशमन करने को कोई भी आवेदन कार्यालय कलेक्‍टर (खनि शाखा) जिला बैतूल में प्रस्‍तुत नहीं किया गया। पतिराम द्वारा दिनांक 06/12/2019 को प्रस्‍तुत आवेदन पत्र के निराकरण पर मध्‍यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 के नियम 68 (6) अनुसार तालाब निर्माण से उत्‍खनन किये गये 3000 घनमीटर पत्‍थर की रॉयल्‍टी राशि जमा कराकर कार्यालय कलेक्‍टर (खनि शाखा) जिला बैतूल ने पत्‍थर विक्रय एवं परिवहन की अनुमति 15 दिवस हेतु प्रदान की गई। (ग) तालाब निर्माण के दौरान निकले पत्‍थरों के अवैध खनन का प्रकरण बनाए जाने, प्रशमन एवं समझौता नहीं किए जाने पर मध्‍यप्रदेश खनिज (अवैध खनन, परिवहन तथा भंडारण का निवारण) नियम, 2022 के नियम 18 (1) एवं नियम 18 (6) के अनुसार अर्थदण्‍ड अधिरोपित करने की कार्यवाही की गई है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

मदिरा विक्रय की जानकारी

[वाणिज्यिक कर]

42. ( क्र. 1792 ) डॉ. राजेन्‍द्र पाण्‍डेय : क्या उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रतलाम जिला अंतर्गत शासन/विभाग द्वारा नियमानुसार सम्पूर्ण जिले में देशी एवं विदेशी शराब विक्रय किये जाने हेतु ठेका/टेंडर/अनुबंध किया है? (ख) यदि हाँ तो विकासखंडवार चिन्हित किये गये वर्तमान वर्ष के स्थलों की जानकारी प्रदान करें। साथ ही किन-किन विक्रय स्थलों के संबंध में आमजन प्रताड़ित, परेशान होकर कठिनाई में, ऐसे किन-किन स्थानों से आपत्तियां अथवा धरना, ज्ञापन दिए जाने की कार्यवाहियां हुईं? (ग) जिन-जिन स्थानों पर आम जनता को कठिनाईयां हो रही हैं तथा धरना प्रदर्शन ज्ञापन एवं विरोध किये जाने के बावजूद उन विक्रय स्थलों को नहीं बदला जा रहा है तो इसके क्या कारण है? (घ) रतलाम जिले से लगी अन्य जिलों की सीमाओं से अवैध क्रय, विक्रय, सप्लाय के साथ ही राजस्थान व गुजरात राज्य की सीमाएं भी जिले के समीपस्थ होने से ऐसे स्थानों से अवैध क्रय, विक्रय एवं सप्लाय के नियन्त्रण हेतु क्या-क्या कार्यवाही की गई? कितने प्रकरण पंजीबद्ध हुए, कितनी गिरफ्तारी हुई है?

उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जी हाँ। मध्‍यप्रदेश राजपत्र (असाधारण) क्रमांक 27 दिनांक 08.02.2024 में वर्णित आबकारी नीति के अनुरूप वर्ष 2024-25 के लिये जिला रतलाम की 99 कम्‍पोजिट मदिरा दुकानों का निष्‍पादन किया गया है। (ख) जिला रतलाम से संबंधित वर्तमान वर्ष 2024-25 के विकासखण्‍डवार चिन्हित किये गये स्‍थलों की जानकारी  पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट-एक अनुसार है। जिन विक्रय स्‍थलों के संबंध में आपत्तियां अथवा धरना, ज्ञापन आदि प्राप्‍त होने पर आवश्‍यक कार्यवाहियों की जानकारी  पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट-दो  अनुसार है। (ग) प्रश्‍नांश (ख) अनुसार प्राप्‍त शिकायतों का नियमानुसार निराकरण किया गया है एवं जिला रतलाम की समस्‍त कम्‍पोजिट मदिरा दुकानें मध्‍यप्रदेश राजपत्र (असाधारण) क्रमांक 111 दिनांक 31.03.2023 में प्रकाशित अधिसूचना क्रमांक एफ 3/3/4/0009/2023-Sec-2-05 (CT) (15) दिनांक 31.03.2023 में वर्णित प्रावधानों के अनुरूप संचालित है। (घ) रतलाम जिले से लगी अन्‍य जिलों एवं अन्‍य राज्‍यों के सीमावर्ती क्षेत्र में मदिरा के अवैध क्रय, विक्रय एवं परिवहन के नियंत्रण हेतु निगरानी एवं गश्‍त आबकारी विभाग द्वारा की जा रही है। जिला रतलाम में माह अप्रैल एवं मई, 2024 की अवधि में आबकारी विभाग द्वारा कुल 325 आपराधिक प्रकरणों को पंजीबद्ध किया गया है। जिसमें कुल 240 प्रकरणों में आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है।

जिले की औद्योगिक स्थिति

[सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्‍यम उद्यम]

43. ( क्र. 1793 ) डॉ. राजेन्‍द्र पाण्‍डेय : क्या सूक्ष्‍म,लघु एवं मध्‍यम उद्यम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रतलाम जिला अंतर्गत शासन/विभाग के नियत्रंण में किस-किस स्थान पर कितने हेक्टेयर क्षेत्रफल की भूमि होकर, उन पर कितने प्लाट उद्योगों के है? साथ ही कितनी फैक्ट्रियां होकर, शेष किन-किन स्थानों पर रिक्त भूमि पड़ी है? वर्ष 2019-20 से लेकर प्रश्‍न दिनांक तक की स्थिति बताएं l (ख) उपरोक्तानुसार स्थानों पर उपरोक्त उल्लेखित वर्ष से प्रश्‍न दिनांक तक कितने उद्योग धंधे संचालित होकर कार्यरत है, कितनों ने अपने उद्योग प्रयोजन बार-बार बदलकर अन्य कार्य किये है? (ग) एम.एस.एम.ई. प्रोत्साहन योजना अंतर्गत जिला अंतर्गत विकासखंडवार नए उद्योग धंधे प्रारम्भ किये जाने हेतु प्रस्ताव प्राप्त हुए, कितने उद्योग धंधे नवीन प्रारम्भ हुए, कितने प्रस्ताव लंबित है तो किन कारणों से? (घ) सम्पूर्ण जिले में पांच वर्षों के मध्य भूमि, प्लाट, शेड, फैक्ट्री इत्यादि किसी कार्य प्रयोजन हेतु कतिपय द्वारा आवंटित करवाकर क्या कोई उद्योग धंधे प्रारम्भ किये अथवा लगातार 5 वर्षों के मध्य भी कोई नवीन उद्योग धंधे प्रारम्भ नहीं किये जाकर कब्जेधारी के रूप में स्थापित है तो शासन/विभाग द्वारा समय-समय पर क्या-क्या कार्यवाहियां की गई? क्या परिणाम आये? जांच, परीक्षण, सत्यापन सहित जानकारी दें l

सूक्ष्‍म,लघु एवं मध्‍यम उद्यम मंत्री ( श्री चेतन्‍य कुमार काश्‍यप ) : (क) रतलाम जिले में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विभाग के नियंत्रण की भूमि पर 400 भूखंडों आवंटित किये है। जिसकी जानकारी संलग्न  परिशिष्ट  के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) रतलाम जिले में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विभाग के नियंत्रण की भूमि पर किसी भी इकाई द्वारा अपने उद्योग का औद्योगिक प्रयोजन बदलकर अन्य कार्य नहीं किया जा रहा है। (ग) एम.एस.एम.ई. प्रोत्साहन योजनान्तर्गत नए उद्योग धंधे प्रारंभ किये जाने हेतु प्रस्ताव प्राप्त नहीं किये जाते है। अपितु उद्योग प्रारंभ होने पर योजना अंतर्गत आवेदन करने पर पात्रता अनुसार सहायता प्रदान की जाती हैं। (घ) सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विभाग अंतर्गत विगत पांच वर्षों के मध्‍य 16 आवंटित भूखंडों में से- 04 आवंटित भूखण्डों पर 04 इकाइयां स्थापित होकर कार्यरत है, 08 आवंटित भूखंडों में सर्वोच्च न्यायालय का स्थगन है, 03 प्रकरण समय-सीमा में है तथा 01 प्रकरण में समय-सीमा पूर्ण हो जाने से सूचना पत्र जारी किया गया है। लगातार 5 वर्षों के मध्य कोई आवंटी कब्जेधारी के रूप में स्थापित नहीं है। जिसकी जानकारी संलग्न  परिशिष्ट  के प्रपत्र-2 के अनुसार है।

परिशिष्ट - "ग्यारह"

कर्मचारियों की पदस्‍थी

[महिला एवं बाल विकास]

44. ( क्र. 1822 ) श्री प्रदीप अग्रवाल : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) दतिया जिले एवं तहसीलों में महिला बाल विकास विभाग में कुल कितने पद स्वीकृत हैं एवं इनके विरूद्ध कौन-कौन से अधिकारी/कर्मचारी किस दिनांक से किस-किस पद पर पदस्थ है, इनका मूल पद क्या है तहसीलवार, जानकारी सूची सहित उपलब्ध कराई जावे। (ख) लोकसभा निर्वाचन के दौरान तीन साल से अधिक समय से पदस्थ अधिकारियों के ट्रांसफर करने का जो नियम आया था वह आपके विभाग पर लागू था कि नहीं, यदि हाँ तो उसके अंतर्गत मध्यप्रदेश में किस-किस के कहां-कहां ट्रांसफर किये गये? आदेश की छायाप्रति सहित जानकारी उपलब्ध कराई जावे। (ग) तीन वर्ष से अधिक समय से पदस्थी होने की जानकारी निर्वाचन आयोग को भेजने की जिम्मेदारी जिले में किसकी थी उसका नाम एवं पद सहित उसके द्वारा भेजे जाने वाली जानकारी की छायाप्रति उपलब्ध कराई जावे।

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे गये  परिशिष्‍ट-''(क) '' एवं ''(ख)'' अनुसार है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्‍नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

फर्जी चालान कांड से शासन के राजकोष को हानि

[वाणिज्यिक कर]

45. ( क्र. 1904 ) श्री महेश परमार : क्या उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इंदौर ज़िले में सहायक आयुक्त आबकारी कार्यालय में वर्ष 2015-16 एवं वर्ष 2016-17 में हुए कूटरचित चलान कांड में शासन को कुल कितने करोड़ का राजस्व का नुक़सान हुआ है? उपायुक्त आबकारी उड़नदस्ता इंदौर के जाँच प्रतिवेदन क्रमांक 2193 दिनांक 15/08/17 के आधार पर शासन द्वारा आज तक आपराधिक प्रकरण क्यों दर्ज नहीं करवाया गया? (ख) वर्ष 2015-16 एवं वर्ष 2016-17 में इंदौर ज़िले की कितनी मदिरा दुकानों को इंदौर वेयर हाउस के स्थान पर महु वेयर हाउस से मदिरा आपूर्ति हेतु अनुमति किसके द्वारा और किस आधार पर दी गई थी? ? अधिकांश ऐसी ही दुकानों से फर्जी चालान जमा करवाए गए हैं दोषी के ख़िलाफ़ कब तक कार्यवाही होगी?(ग) केंद्रीय प्रवर्तन निदेशालय द्वारा इन्दौर में हुए घोटाले के संबंध जाँच की जा रहा है आबकारी आयुक्त स्तर से कोई कार्यवाही क्‍यों नहीं किए जाने से ही ईडी के द्वारा जाँच करना सरकार की ज़ीरो टॉलरेंस नीति पर प्रश्‍न चिन्ह लग गया है, दोषी को कब तक कार्यवाही की जावेगी? (घ) उच्च न्यायालय जबलपुर ने याचिका क्रमांक 10781/2022 में अंतिम निर्णय दिनांक 06/12/2023 में यह आदेशित किया कि इंदौर कांड में अधिकारियों और ठेकेदारों की संलिप्तता से इंकार नहीं किया जा सकता है शासन के द्वारा आरोपियों को क्यों बचाया जा रहा है? विभागीय जाँच अधिकारी के द्वारा प्रस्तुत प्रतिवेदन 26/12/23 पर प्रकरण दर्ज किया जाना शासन हित में उचित होगा?

उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) इन्दौर जिले में कतिपय अनुज्ञप्तिधारियों द्वारा कोषालयीन चालानों में कूटरचना एवं हेराफेरी कर शासकीय राजस्व को क्षति पहुँचने संबंधी प्रकरण प्रकाश में आने पर गठित जांच समिति के प्रतिवेदनानुसार रू. 41,65,21,890/- की ड्यूटी कम जमा कराया जाना पाया गया था। जिसमें से कुल राशि 22,16,06,432/- की वसूली की जा चुकी है। उक्‍त प्रकरण में आबकारी आयुक्‍त के आदेश क्रं. 678 दिनांक 27.04.2023 से दिए गये निर्देशों के अनुक्रम में बकाया राशि के संबंध में जिला कार्यालय इन्‍दौर द्वारा गठित समिति के द्वारा संयुक्त प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया, जिसमें पूर्व में गठित जांच समिति द्वारा आंकलित कुल कम जमा राशि रूपये 41,65,21,890/- के स्थान पर पुनर्गणना के आधार पर रूपये 71,58,52,047/- परिगणित की है। उक्त परिगणित राशि का परीक्षण मुख्‍यालय स्‍तर पर वित्त अधिकारियों से कराया जा रहा है। परीक्षण उपरांत वास्‍तविक बकाया राशि की स्थिति स्‍पष्‍ट होगी। उपायुक्त आबकारी उड़नदस्ता इंदौर के जाँच प्रतिवेदन दिनांक 15.08.2017 में उल्‍लेखित अनियमिततांए जांच समिति द्वारा प्रस्‍तुत प्रतिवेदन में दर्शित तथ्‍यों के समरूप ही थी। जांच समिति द्वारा प्रस्‍तुत रिपोर्ट के अनुक्रम में संबंधित अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही किये जाने का प्रस्‍ताव कार्यालय आबकारी आयुक्‍त के पत्र क्रमांक-2 (ब) विजां./56-2017/399 दिनांक 21.08.2017 से शासन को उपलब्‍ध कराया गया, जिसके आधार पर प्रशासकीय विभाग द्वारा संबंधित अधिकारियों को निलंबित किया जाकर, विभागीय जांच संस्थित की गई। विभाग द्वारा जिला इन्‍दौर में कूटरचित चालानों के माध्‍यम से मदिरा प्राप्‍त किये जाने संबंधी प्रकरण में दिनांक 11.08.2017 को थाना रावजी बाजार जिला इन्‍दौर में आपराधिक प्रकरण क्रमांक 0172/2017 भी दर्ज है। जिसमें विवेचना कर पुलिस द्वारा कार्यवाही की जा रही है। (ख) वर्ष /span>2016-17 में इंदौर ज़िले की क्रमश: दो देशी मदिरा दुकानों हातोद एवं गांधीनगर को कार्य सुविधा की दृष्टि से देशी मदिरा संग्रहण मद्य भाण्‍डागार इन्‍दौर के स्‍थान पर देशी मदिरा संग्रहण भाण्‍डागार महू से मदिरा प्रदाय लेने हेतु कार्यालय सहायक आबकारी आयुक्‍त जिला इन्‍दौर के आदेश क्रमांक/आब/ठेका/2016/2287 दिनांक 11.04.2016 से अनुमति प्रदान की गई थी। आबकारी आयुक्‍त के आदेश पृष्‍ठांकन क्रमांक-पी.ए./आ.आ./2017/53 दिनांक 09.08.2017 द्वारा गठित पांच सदस्‍यीय समिति द्वारा प्रस्‍तुत प्रतिवेदन में उल्‍लेखित तथ्‍यों अनुसार ''चालानो की मूल प्रतियों/कोषालय शीट से जिला आबकारी कार्यालय तथा देशी मदिरा मद्य भाण्‍डागारों पर प्रस्‍तुत तथाकथित कूटरचित चालानों के मिलान करने पर जिन मदिरा दुकानों में जमा चालानों के राशियों में अंतर पाया गया है, में देशी मदिरा दुकान हातोद एवं गांधीनगर दुकान सम्मिलित नहीं है। ''अत: अन्‍य कार्यवाही की स्थिति निर्मित नहीं होती है। (ग) प्रवर्तन निदेशालय द्वारा जिला इन्‍दौर के कूटरचित चालान प्रकरण के संबंध में आबकारी आयुक्‍त कार्यालय/सहायक आबकारी आयुक्‍त जिला इंदौर से जानकारी प्राप्‍त किये जाने हेतु पत्राचार किया गया है। उक्‍त प्रकरण संज्ञान में आने पर आबकारी आयुक्‍त कार्यालय के आदेश क्रमांक-पी.ए.आ.आ./2017/53 दिनांक 09 अगस्‍त 2017 से 05 सदस्‍यीय दल गठित किया जाकर, जांच कराई गई। जांच समिति की ओर से प्रतिवेदन प्राप्‍त होने पर संबंधित अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही किये जाने का प्रस्‍ताव आबकारी आयुक्‍त कार्यालय के पत्र दिनांक 21.08.2017 से शासन की ओर भेजा गया। उक्‍त प्रस्‍ताव के आधार पर शासन द्वारा संबंधित विभागीय अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध विभागीय जांच संस्थित की गई है। अत: यह कहना गलत है कि, आबकारी आयुक्‍त स्‍तर से कोई कार्यवाही नहीं की गई है। (घ) रिट पिटीशन क्रमांक 10781/2022 संजीव दुबे विरूद्ध शासन एवं अन्‍य में माननीय उच्‍च न्‍यायालय द्वारा दिनांक 06.12.2023 को निर्णय पारित कर याचिका निरस्‍त की गयी। जिसमें विभागीय जांच पर लगी रोक हटा दी गई है। उक्‍त निर्णय के विरूद्ध श्री संजीव दुबे द्वारा रिव्‍यू पिटीशन क्रमांक 1373/2023 पुन: दायर की गई, जिसमें माननीय न्‍यायालय द्वारा दिनांक 20.12.2023 को निर्णय पारित कर, उक्‍त रिव्‍यू याचिका खारिज करते हुए निर्देशित किया कि, याचिकाकर्ता 10 दिवस के भीतर अपना अभ्‍यावेदन शासन को प्रस्‍तुत करे तथा शासन उक्‍त अभ्‍यावेदन को 30 दिवस में निराकृत करें। उक्‍त अनुक्रम में श्री संजीव कुमार दुबे, सहायक आबकारी आयुक्‍त द्वारा शासन के समक्ष अभ्‍यावेदन प्रस्‍तुत किया गया है। उक्‍त अभ्‍यावेदन का परीक्षण कर अभिमत दिये जाने हेतु कार्यवाही आबकारी आयुक्‍त स्‍तर पर प्रक्रियाधीन है। विभागीय जाँच अधिकारी के द्वारा प्रस्तुत प्रतिवेदन 26/12/23 की प्रति विभाग को प्राप्‍त नहीं हुई है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

खनिज पत्‍थर का अवैध उत्‍खनन

[खनिज साधन]

46. ( क्र. 1910 ) श्री गिरीश गौतम : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला मऊगंज अंतर्गत ग्राम पंचायत हर्रहा, में गिट्टी क्रेशर, का संचालन एवं पत्थर उत्खनन हेतु शासकीय लीज एवं अनुज्ञप्ति दी गयी है? यदि हाँ तो किस-किस खसरा नम्बर में कितने रकबे में तथा किन-किन फर्मों एवं व्यक्तियों को लीज एवं अनुज्ञप्ति दी गयी है? फर्म का नाम प्रोपाइट, व्यक्ति का नाम तथा खसरे एवं रकबे का विवरण देने का कष्ट करें? पत्थर खनन की दी गयी लीज एवं क्रेशर संचालन के लिए दी गयी अनुमति पत्रों की प्रति उपलब्ध कराये। (ख) क्या जिन फर्मों को लीज एवं पत्थर उत्खनन की अनुज्ञप्ति दी गयी है, उनके द्वारा अन्य भूमियों में पत्थर का उत्खनन किया जा रहा है तथा शासन को भारी आर्थिक नुकसान पहुंचाया जा रहा है तथा लाइसेंस की शर्तों के विपरीत किये जा रहे ब्लास्टिंग से गाँव में रहने वाले ग्रामीणों का जन जीवन खतरे में डाल दिया गया है, जिसकी शिकायत ग्राम पंचायत हर्रहा की सरपंच द्वारा कलेक्टर मऊगंज एवं सदस्य सचिव SEIAA एवं SEAC REWA तथा सचिव, खनिज विभाग म.प्र. शासन एवं खनिज अधिकारी रीवा को की गयी? यदि हाँ तो सभी पत्रों की प्रति उपलब्ध करायें तथा इन शिकायतों पर क्या कार्यवाही हुई? किस अधिकारी द्वारा जांच की गयी तथा जांच में क्या शिकायतकर्ता से भी पूछताछ की गयी? सभी जानकारी उपलब्ध कराने का कष्ट करे। (ग) क्या क्रेशर से तैयार गि‌ट्टी का परिवहन बड़े-बड़े ट्रेलर में ओवर लोडिंग कर किया जाता है. जिससे शासन के मद से हर्रहा से सीतापुर की बनाई जा रही सड़कों को नष्ट कर दिया गया है। उक्त ओवर लोडिंग गिट्टी परिवहन करते हाईवा, ट्रेलर, ट्रकों की कब-कब जाँच की गयी? यदि नहीं, तो क्यों नहीं की गयी? यदि की गयी, तो कब-कब किस अधिकारी द्वारा जाँच की गयी जानकारी देने का कष्ट करें। (घ) जिन लीज घारकों द्वारा उनको दिये गये रकबे से अत्यधिक जमीन पर उत्खनन करने तथा लीज की अवधि समाप्त हो जाने के बाद भी उत्खनन जारी रखने की जाँच कराकर कार्यवाही कब तक की जायेगी? बताने का कष्ट करें।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। शासकीय भूमि पर प्रश्‍नाधीन क्षेत्र पर कोई व्‍यापारिक अनुज्ञप्ति स्‍वीकृत नहीं की गई है, स्‍वीकृत यांत्रिक क्रिया से गिट्टी निर्माण हेतु पत्‍थर उत्‍खनन पट्टों के खसरा नंबर, रकबा, फर्म/व्‍यक्तियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र-अ  पर दर्शित है। प्रश्‍नाधीन क्षेत्र पर क्रशर संचालन हेतु अनुमति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र-ब  पर दर्शित है। क्रशर संचालन की अनुमतियों/आदेश की प्रति  पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र-स  पर दर्शित है। (ख) जी नहीं, प्रश्‍नाधीन क्षेत्र पर स्‍वीकृत उत्‍खनन पट्टा धारकों द्वारा अन्‍य भूमियों पर पत्‍थर का उत्‍खनन कर शासन को आर्थिक नुकसान पहुँचाने तथा लाईसेंस की शर्तों के विपरीत ब्‍लॉस्टिंग से गाँव में रहने वाले ग्रामीणों का जन जीवन खतरे में डालने जैसी कोई स्थिति प्रकाश में नहीं आई है। सरपंच ग्राम पंचायत हर्रहा द्वारा कलेक्‍टर मऊगंज एवं खनि अधिकारी रीवा को प्रश्‍नांश अनुसार कुल 02 शिकायतें प्रेषित की गई थी। जिस पर खनि निरीक्षक मऊगंज द्वारा शिकायत की जाँच की गई है। शिकायतों की प्रति एवं जाँच प्रतिवेदनों की प्रति  पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र-द  पर दर्शित है। (ग) प्रश्‍नांश अनुसार ओव्‍हर लोडिंग कर परिवहन किए जाने का कोई प्रकरण प्रकाश में नहीं आया है, अत: सड़क मार्ग से क्षतिग्रस्‍त होने की स्थिति नहीं है। माह मार्च से गिट्टी परिवहन करते हाईवा, ट्रेलर, ट्रकों की जाँच दिनांक 01/03/2024, 02/03/2024, 12/03/2024, 21/03/2024, 02/04/2024, 08/04/2024, 02/05/2024, 30/05/2024, 01/06/2024, 19/06/2024 को खनि निरीक्षक एवं खनिज अमले द्वारा की गई है। (घ) स्‍वीकृत रकबे से अधिक क्षेत्र पर उत्‍खनन पाए जाने की स्थिति में पट्टा शर्तों के उल्‍लंघन पर नियमानुसार कार्यवाही के प्रावधान नियमों में है। पट्टा अवधि समाप्ति उपरांत उत्‍खनन किया जाना, अवैध खनन की श्रेणी में होगा एवं नियमानुसार प्रकरण पंजीबद्ध किए जाने योग्‍य होगा।

रेत खनिज से प्राप्त राशि का अंतरण

[खनिज साधन]

47. ( क्र. 2044 ) श्री संजय उइके : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या खान एवं खनिज (विकास एवं विनियमन) अधिनियम 1957 की धारा 21 (5) के अनुसार रेत खनिज से प्राप्त राशि का अंतरण यदि कोई ग्राम पंचायत द्वारा एक वर्ष में रूपये 25 लाख तक आय प्रदान करने पर ग्राम पंचायत को दी जानी चाहिए? (ख) यदि हाँ, तो बैहर जिला बालाघाट के ग्राम पंचायत लहंगाकन्‍हार को वित्तीय वर्ष 2019 से प्रश्‍न दिनांक तक कितनी-कितनी राशि अन्तरित की गई? नहीं कि गई तो किन कारणों से नहीं किया गया?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी नहीं। (ख) प्रश्‍नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

आंगनवाड़ी केन्द्रों के सुधार

[महिला एवं बाल विकास]

48. ( क्र. 2047 ) श्री ब्रजेन्द्र प्रताप सिंह : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) पन्ना विधानसभा अंतर्गत कितने आंगनवाड़ी केन्द्र है जो जीर्णशीर्ण है अथवा किराये के भवनों पर संचालित हो रहे हैं? (ख) क्या इन आंगनवाड़ी केन्द्रों के सुधार अथवा स्वयं के भवन बनाये जाने हेतु कोई कार्यवाही की जा रही है। यदि हाँ तो बतावें। यदि नहीं, तो क्यों?

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) 17 आंगनवाड़ी केन्‍द्र जीर्णशीर्ण है एवं 150 आंगनवाड़ी केन्‍द्र किराये के भवनों में संचालित है। (ख) जी हाँ। 17 जीर्णशीर्ण आंगनवाड़ी भवनों में से 06 आंगनवाड़ी भवनों की मरम्‍मत का कार्य जारी है। विभागीय भवनविहीन आंगनवाड़ी केन्‍द्रों के लिये भवन निर्माण शासकीय भूमि एवं वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर है। शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

औद्योगिक क्षेत्र में ट्रीटमेंट प्लांट की स्‍थापना

[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]

49. ( क्र. 2073 ) श्री वीरसिंह भूरिया : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्‍नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र के मेघनगर औद्योगिक क्षेत्र में ट्रीटमेंट प्लांट कब तक लगेगा या उसके निर्माण की समय-सीमा क्या है? कृपया बतावें। (ख) क्‍या प्रश्‍नांश (क) वर्णित प्‍लांट के नहीं होने से क्षेत्र के किसानों के कई जानवर मरे हैं और जंगली जानवर एवं राष्ट्रीय पशु-पक्षी भी मरे हैं तथा जहरीले व गंदे पानी से इस क्षेत्र के ग्रामवासियों का जीवन काफी खतरे में है। (ग) क्‍या वर्षों से क्षेत्रवासियों द्वारा जहरीली गैस एवं जहरीला खराब पानी के बहकर नदी नालों में मिलने का विरोध किये जाने के परिप्रेक्ष्‍य में उद्योग महाप्रबंधक एवं उद्योगपतियों व जिला प्रशासन द्वारा ट्रीटमेंट प्‍लांट लगाये जाने का आश्‍वासन दिया जा रहा हैं?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्‍साहन विभाग के अधीनस्‍थ एम.पी.आई.डी.सी.लि. के क्षेत्रांतर्गत स्‍थापित औद्योगिक क्षेत्र मेघनगर में 0.40 MLD क्षमता के CETP का निर्माण कार्य पूर्ण हो गया है। एम.पी.आई.डी.सी. क्षेत्रीय कार्यालय इंदौर द्वारा मध्‍यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को Consent to Operate (CTO) जारी करने हेतु आवेदन किया है। मध्‍यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से CTO प्राप्‍त होने के पश्‍चात CETP संचालन संभावित है। (ख) प्‍लांट के नहीं होने से क्षेत्र के किसानों के जानवर एवं राष्‍ट्रीय पशु-पक्षी के मरने की जानकारी एम.पी.आई.डी.सी. क्षेत्रीय कार्यालय इंदौर को शिकायत प्राप्‍त नहीं हुई है। (ग) औद्योगिक क्षेत्र की आवश्‍यकता के दृष्टिगत एम.पी.आई.डी.सी. द्वारा CTEP का निर्माण किया गया है।

पटवारी परीक्षा में अनियमितता

[सामान्य प्रशासन]

50. ( क्र. 2117 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मार्च- अप्रैल 2023 में हुई पटवारी परीक्षा में जांच के बिंदु क्या थे जांच के लिए गठित आयोग की नियुक्ति आदेश की प्रति देवें तथा बतावें कि जांच रिपोर्ट में क्या पाया गया। (ख) क्या यह सही है कि पटवारी परीक्षा की जांच में इम्परसोनेशन, स्कोरर, रोल नंबर सेटिंग, रोल नंबर जनरेशन, आंसरशीट में गोले बाद में काले करना, कम्‍प्‍यूटर पर आसंरशीट में परिवर्तन करना, निवास से दूर का परीक्षा केन्द्र लेना, कई अभ्यार्थी का निवास का पता समान होना बिंदुओं पर जांच नहीं की गई है यदि‍ हाँ तो बतावें कि जांच में इन बिंदुओं भी शामिल क्यों नहीं किया गया। (ग) पटवारी परीक्षा की लिखित परीक्षा की प्राविण्य सूची के अभ्यार्थी का नाम, निवास का पता, परीक्षा केन्द्र का शहर सहित नाम पता, परीक्षा की दिनांक एवं पाली प्राप्तांक, नार्मलाईजेशन बाद प्राप्तांक, कक्षा 10वीं तथा 12वीं प्राप्तांक प्रतिशत सहित सूची देवें। (घ) प्रश्‍नाधीन पटवारी परीक्षा की आनलाईन प्रक्रिया किस एजेन्सी/कम्पनी द्वारा की गई उसे किस दर से कितनी राशि का भुगतान किया गया, मात्र 12.8 लाख आवेदन तथा 7.78 लाख की परीक्षा 43 दिन की 71 पाली में क्यों आयोजित की गई।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''1'' अनुसार। जांच रिपोर्ट का निष्‍कर्ष है कि विश्‍लेषण एवं विवेचना से यह पाया गया है कि प्रश्‍नाधीन परीक्षा के संबंध में जो शिकायतें की गई हैं वे संपुष्टकारी साक्ष्य पर आधारित नहीं है फलतः सारहीन हैं। अतः प्रश्‍नाधीन परीक्षा एवं परीक्षा परिणामों को प्रश्‍न चिन्हित नहीं किया जा सकता है। (ख) पटवारी भर्ती परीक्षा से संबंधित प्राप्‍त समस्‍त शिकायतों एवं उक्‍त शिकायतों की जांच के दौरान उद्भूत अन्‍य प्रासंगिक बिंदुओं की जांच के लिए मान. उच्‍च न्‍यायालय के सेवानिवृत्‍त न्‍यायाधिपति श्री राजेन्‍द्र कुमार वर्मा को नियुक्‍त किया गया था। अत: प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) पटवारी परीक्षा के लिखित परीक्षा की प्रवीण्य सूची के अभ्यर्थी का नाम, परीक्षा केन्द्र का शहर सहित नाम पता, परीक्षा की दिनांक एवं पाली प्राप्तांक, नॉर्मलाइजेशन बाद प्राप्तांक की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  ''2'' अनुसार (पेनड्राइव) है। आवेदकों का पता, कक्षा 10वीं तथा 12वीं के प्राप्तांक उपलब्ध नहीं हैं। (घ) प्रश्‍नाधीन पटवारी परीक्षा की ऑनलाईन प्रक्रिया एड्यूक्विटी केरियर टेक्नोलॉजीस प्रा.लिमि., कोरामंगाला, बैंगलोर द्वारा की गई। उक्‍त परीक्षा एजेंसी को राशि रूपये- 168/- + 20/- = 188/- की दर से कुल राशि रूपये- 27,77,80,902/- (GST सहित) का भुगतान किया गया हैं। परीक्षा केन्द्र एवं Seat संख्या की उपलब्धता के आधार पर परीक्षा का आयोजन किया गया।

सेमीकंडक्टर इकाइयों को प्रदेश में आमंत्रित करने की नीति

[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]

51. ( क्र. 2120 ) श्री राजेश कुमार शुक्‍ला : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या सरकार को इस बात बात का संज्ञान है की भारत सरकार सेमीकंडक्टर इकाइयों को देश में लाने का प्रयास कर रही है? (ख) सेमीकंडक्टर विनिर्माण परियोजनाओं की इकाई प्रदेश में स्थापित हो सके, इस हेतु प्रदेश सरकार द्वारा किये जा रहे प्रयासों और योजनाओं का ब्यौरा क्या है?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रदेश में वृहद श्रेणी की पात्र विनिर्माण औद्योगिक इकाइयों को मध्‍यप्रदेश निवेश प्रोत्‍साहन योजना, 2014 (यथा संशोधित) अंतर्गत निवेश प्रोत्‍साहन सहायता, अधोसंरचना विकास सहायता, हरित औद्योगिकीकरण सहायता आदि सुविधाएं प्रदान की जाती है जो कि सेमीकंडक्‍टर विनिर्माण परियोजनाओं को भी उपलब्‍ध होगी। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा प्रदत्‍त जानकारी अनुसार सेमीकंडक्‍टर विनिर्माण परियोजनाओं की इकाई की प्रदेश में स्‍थापना हेतु किये प्रयासों और योजनाओं की जानकारी संलग्‍न  परिशिष्‍ट  अनुसार है।

परिशिष्ट - "बारह"

आबकारी विभाग अन्तर्गत जानकारी

[वाणिज्यिक कर]

52. ( क्र. 2123 ) डॉ. विक्रांत भूरिया : क्या उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश के समस्त मदिरा वेयर हाउस एवं आबकारी उपायुक्त उड़नदस्ता संभागीय के अधिकारियों एवं कर्मचारि‍यों कि विगत तीन वर्षों से एक ही स्थान पर पदस्थापना है उसकी सूची उपलब्ध कराई जावे तथा किस कारण से तीन वर्ष पूर्ण होने के बार तबादलें नहीं किये गये है। (ख) झाबुआ अलीराजपुर सम्पूर्ण जिले में 2022-23 एवं 2023-24 में शराब के ठेके निविदा में भाग लेने वाले फर्मों की जानकारी एवं किस फर्म द्वारा ठेका प्राप्त किया गया तथा आरक्षित मूल्य एवं कितने राशि में निविदा मूल्य में ठेका प्राप्त किया।

उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) मध्‍यप्रदेश के समस्‍त मदिरा वेयर हाउस एवं आबकारी उपायुक्‍त उड़नदस्‍ता संभागीय के अधिकारियों एवं कर्मचारियों कि विगत तीन वर्षों से एक ही स्‍थान पर पदस्‍थ है, सूची पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट-एक, दो, तीन, चार, पांच, छ: एवं सात  अनुसार है। सामान्‍य प्रशासन विभाग द्वारा जारी स्‍थानांतरण नीति वर्ष 2022-23 की कंडि‍का 17 एवं 18 में 03 वर्ष से अधिक अवधि से पदस्‍थ अधिकारियों/कर्मचारियों को अनिवार्यत: स्‍थानांतरित किये जाने का उल्‍लेख नहीं होने से कोई कार्यवाही लंबित नहीं है। (ख) झाबुआ अलीराजपुर सम्पूर्ण जिले में 2022-23 एवं 2023-24 में शराब के ठेके निविदा में भाग लेने वाले फर्मों की जानकारी  पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट-आठ एवं नौ  अनुसार है।

फील्‍ड में नियमों के विपरीत पदस्थापना

[वाणिज्यिक कर]

53. ( क्र. 2151 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आबकारी विभाग के किस-किस नाम के जिला आबकारी अधिकारी, सहायक आबकारी आयुक्‍त, उपायुक्‍त आबकारी एवं अपर आयुक्‍त आबकारी अधिकारियों के विरुद्ध विभागीय जाँचें, लोकायुक्त में दर्ज प्रकरण एवं जाँचें, ई.ओ.डब्लू. में दर्ज प्रकरण एवं जाँचें, अन्‍य एजेन्सियों द्वारा जाँचें प्रश्‍नतिथि तक चल रही हैं? नामवार/पदनामवार/जांचवार जानकारी दें? बतायें कि चल रही जाँचों की क्‍या स्थिति है? प्रकरणवार दें। (ख) विभाग के ऐसे कौन-कौन से सहा. जिला आबकारी से लेकर अपर आयुक्त तक के अधिकारी हैं जिनके विरूद्ध पुलिस थानों में आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध है? प्रकरणवार/नामवार/पद‌नामवार/धाराओवार विवरण उपलब्ध करायें। (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) में उल्लेखित अधिकारियों के नाम एवं पदनाम दें जो विभिन्न जाँचों एवं आपराधिक प्रकरणों में संलिप्त है और राज्य शासन ने उन्हें फील्ड में पोस्टिंग दे रखी है? सूची दें कि कब से जाँचें/आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध हैं और कब-कब फील्ड में पोस्टिंग पाई हुई है?

उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) वर्तमान में विभागीय अधिकारियों के विरूद्ध विभागीय जाँच/लोकायुक्त में दर्ज प्रकरण/ई.ओ.डब्लू. में दर्ज प्रकरण संबंधी जानकारी पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट-एक, दो एवं तीन अनुसार है। (ख) विभाग के 01 सहायक जिला आबकारी अधिकारी एवं 01 जिला आबकारी अधिकारी के विरूद्ध पुलिस थाने में आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध है। जिसका विस्‍तृत विवरण पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट-चार  अनुसार है। (ग) प्रश्‍नांश के संबंध में विस्‍तृत विवरण पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट- पांच  अनुसार है।

शासन की रॉयल्‍टी की हानि

[खनिज साधन]

54. ( क्र. 2152 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मऊगंज जिले की हनुमना एवं मऊगंज तहसीलों में किस-किस स्‍थान पर, किस-किस नाम के, किस-किस अराजी क्रमांकों पर, कितने-कितने रकबों पर, किस दिनाकों से स्‍टोन क्रशर लगे हैं एवं प्रश्‍न तिथि तक चल रहे हैं? उक्‍त क्रशरों की माईनिंग लीज कहाँ-कहाँ पर, कितनी-कितनी विभाग से आवंटित है? क्रशरवार जानकारी दें? जानकारी दें कि उक्‍त क्रशरों की प्रतिदिन की उत्‍पादन क्षमता क्‍या-क्‍या है? क्रशरवार जानकारी उपलब्‍ध करायें? किन-किन क्रशरों के पास माईनिंग लीज स्‍वयं की नहीं है। (ख) प्रश्‍नांश (क) में वर्णित स्‍थान के क्रशरों की माईनिंग लीज उन्‍हें कब किसके आदेश पर आवंटित हुई? जारी आदेशों की एक प्रति दें? उक्‍त क्रशरों की लीज के माईनिंग प्‍लान की एक-एक प्रति दें? किस-किस क्रशरों के पास स्‍थायी/अस्‍थायी माईनिंग लीज है? कितनी-कितनी सूची देते हुये बतायें कि प्रत्‍येक लीज धारी ने 01.04.2021 से प्रश्‍नतिथि तक कितनी-कितनी राशि के पिट पास खनिज विभाग से लिये? क्रशरवार सूची दें। बतायें किस-किस क्रशर ने कितने टन माल किस-किस से खरीदा? जिनके पास स्‍वयं की लीज नहीं थी। (ग) अवैध उत्‍खनन के क्‍या-क्‍या प्रकरण 01.04.2020 से प्रश्‍नतिथि तक खनिज विभाग में आये? क्‍या कार्यवाही प्रकरणवार हुई? कार्यवाही न करने के दोषी खनिज अधि‍कारी/खनिज निरीक्षकों को शासन कब-तक निलंबित करेगा? जारी आदेशों की एक प्रति दें।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) प्रश्‍नाधीन तहसीलों में उत्खनिपट्टों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र-अ  पर एवं क्रशर आधारित उत्खनन पट्टों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र-ब  पर दर्शित है। (ख) प्रश्‍नांश अनुसार उत्खनन पट्टा संचालक भौमिकी तथा खनिकर्म मध्यप्रदेश भोपाल, कलेक्टर, खनि अधिकारी/प्रभारी खनि अधिकारी, सहायक खनि अधिकारी के आदेश से आवंटित हुई है। उत्खनन पट्टा स्वीकृति आदेश की प्रति  पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र-स  पर दर्शित है। इन क्रशरों की लीज के माईनिंग प्लान की प्रति  पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र-द पर दर्शित है। क्रशरों के पास स्थायी/अस्थायी माईनिंग लीज की जानकारी एवं पिटपास की राशि की जानकारी  पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र-ब  पर दर्शित है। स्थापित क्रशर धारकों को उत्खनिपट्टा स्वीकृत होने से पत्थर खरीदे जाने का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्‍नाधीन अवधि में पंजीबद्ध किए गए अवैध उत्खनन के प्रकरणों एवं उन पर की गई कार्यवाही का विवरण पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र-ई  पर दर्शित है। अवैध उत्खनन के प्रकरणों में कार्यवाही किए जाने से प्रश्‍नांश के शेष भाग का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

लघु, मध्‍यम व वृहद औद्योगिक इकाइयों की स्‍थापना

[खनिज साधन]

55. ( क्र. 2172 ) श्री श्रीकान्त चतुर्वेदी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना/मैहर जिलान्‍तर्गत स्‍थापित लघु, मध्‍यम एवं वृहद औद्योगिक इकाइयों को स्‍थापना के समय कितनी भूमि/लीज खनिज उत्‍खनन हेतु स्‍वीकृत की गयी थी? प्रत्‍येक उद्योगवार जानकारी, स्‍थानवार स्‍वीकृत रकबेवार आराजी नम्‍बरवार ग्रामवार तहसीलवार पृथक-पृथक रूप से उपलब्‍ध करायी जावे। (ख) प्रश्‍नांश (क) से संबंधित औद्योगिक इकाइयों को भूमि/लीज किस शर्त पर कितने वर्षों के लिये स्‍वीकृत की गयी थी बताते हुए यह स्‍पष्‍ट किया जावे कि शर्तों का उल्‍लंघन करने वाली औद्योगिक इकाइयों द्वारा क्‍या ऐसी भूमि/लीज वापस ली जावेगी यदि हाँ तो कब तक नहीं तो क्‍यों कारण सहित जानकारी दी जावें?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  पर दर्शित है। J(ख) खनि रियायतों की स्‍वीकृति खान एवं खनिज (विकास तथा विनियमन) अधिनियम, 1957, खनिज (परमाणु और हाईड्रोकार्बन ऊर्जा खनिजों से भिन्‍न) रियायत नियम, 2016 एवं मध्‍यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 के प्रावधानों तथा शर्तों के अधीन की जाती है। खनि रियायतों की स्‍वीकृति अवधि  पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट  पर दर्शित है। अधिनियम एवं नियमों के प्रावधानों का उल्‍लंघन पाए जाने पर कार्यवाही किए जाने के प्रावधान है। वर्तमान में लीज वापस लिए जाने जैसी कोई स्थिति नहीं है।

जिला एवं सत्र न्‍यायालय भवन हेतु राशि की स्‍वीकृति

[विधि एवं विधायी कार्य]

56. ( क्र. 2225 ) श्री बिसाहूलाल सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला अनूपपुर अनुसूचित जाति जनजाति बाहुल्य क्षेत्र है तथा वर्ष 2003 में इसका गठन हुआ तथा यहां जिला एवं सत्र न्यायालय का संचालन उक्त समय से पुराने तुलसी महाविद्यालय के जर्जर भवन में संचालित है। 09 अगस्त 2023 में माननीय पूर्व मुख्यमंत्री जी के द्वारा नवीन भवन का निर्माण हेतु घोषणा भी किया जा चुका है। अधिवक्ता संघ के द्वारा भी कई बार धरना प्रदर्शन कर मांग लंबे अर्से से किया जा रहा है? यदि हाँ तो अभी तक किन कारणों से स्वीकृति नहीं जा सकी है? (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार नवीन न्यायालय भवन निर्माण हेतु कई बार जनप्रतिनिधियों के माध्यम से अधिवक्ताओं के द्वारा प्राक्कलन प्रस्तुत किया जा चुका है। क्या जिला अनूपपुर में नवीन न्यायालय भवन का स्वीकृति का कार्य प्रचलन में है? यदि हाँ तो कब तक स्वीकृति की जाएगी यदि नहीं, तो क्यों? (ग) प्रश्‍नांश (क) अनुसार माननीय मुख्यमंत्री जी के घोषणा, अधिवक्ताओं के द्वारा बार-बार धरना प्रदर्शन एवं आंदोलित स्थिति को देखते हुए प्रश्‍नकर्ता द्वारा भी कई बार पत्राचार, याचिका, विधानसभा प्रश्‍न व ध्यानाकर्षण के माध्यम से भी वित्तीय स्वीकृति हेतु बजट में जोड़े जाने के लिए अनुरोध किया गया किन्तु प्रश्‍न दिनांक तक उक्त भवन निर्माण हेतु किन कारणों से राशि स्वीकृति की कार्यवाही नहीं की जा सकी है? जानकारी उपलब्‍ध कराएं। (घ) प्रश्‍नांश (क) और (ख) अनुसार क्या अगामी वित्तीय वर्ष में जिला अनूपपुर में संचालित जिला एवं सत्र न्यायालय जनहित में स्वीकृति की जाएगी यदि हाँ तो कब तक नहीं तो क्यों?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। विभागीय सूचकांक उपलब्‍ध नहीं होने के कारण। (ख) जी हाँ। जी नहीं। विभागीय सूचकांक उपलब्‍ध नहीं होने के कारण। निश्‍िचत समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) विभागीय सूचकांक उपलब्‍ध नहीं होने के कारण। (घ) निश्‍िचत समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

ओरियंट पेपर मिल्‍स एवं सोडा फैक्‍ट्री की जांच

[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]

57. ( क्र. 2226 ) श्री बिसाहूलाल सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि क) भारतीय औद्योगिक नीति क्‍या है? किसी क्षेत्र में उद्योग स्‍थापित किये जाने के क्‍या शर्तें है? शर्तों की प्रति उपलब्‍ध करावें। (ख) जिला शहडोल, अनूपपुर के मध्‍य ओरियंट पेपर मिल्‍स एवं सोडा फैक्‍ट्री की स्‍थापना के समय जिला प्रशासन व कंपनी के मध्‍य क्‍या अनुबंध किया गया था? अनुबंध की छायाप्रति उपलब्‍ध करावें। (ग) क्‍या ओरियंट पेपर मिल्‍स एवं सोडा फैक्‍ट्री के द्वारा किये गये अनुबंधों का पालन कर स्‍थानीय कितने बेरोजगारों को रोजगार प्रति वर्ष दिया जाता है? कंपनी के द्वारा स्‍थानीय लोगों को चिकित्‍सा, स्‍वास्‍थ्‍य, शिक्षा, पेयजल, पक्‍की सड़क, की कितनी सुविधाएं प्रतिवर्ष दी जा रही है? जानकारी उपलब्‍ध करावे। (घ) क्‍या यह सही है कि कंपनी की स्‍थापना होने से कंपनी से निकलने वाले हानिकारक धुंए से वायुमण्‍डल में फैलने से यहां के स्‍थानीय लोगों को दमा, हृदय घात, कैंसर, टी.बी., चर्मरोग जैसे गंभीर बिमारी फैलती है जिसमें कई लोगों की जान भी गयी और कितने अभी भी पीड़‍ित है? पेड़ पौधों की पत्तियों में हानिकारक धुंओं के बैठने से पौधों का विकास रूक जाता है तथा शुद्ध ऑक्‍सीजन नहीं दे पाते है? पर्यावरण अधिकारी के मिलीभगत होने के कारण कंपनियों के धुओं से उपरोक्‍त पर्यावरण एवं समस्‍त जीवों में पड़ने वाले दुष्‍प्रभाव को नजर अंदाज किया जा रहा है? यदि हाँ तो इसके दोषी कौन है तथा उक्‍त समस्‍याओं का निदान कैसे किया जा सकता है? (ड.) प्रश्‍नांश (घ) अनुसार पेपर मिल्‍स व सोडा फैक्‍ट्री में बांस के टुकड़ों, लकड़‍ियों के गठ्ठे को गलाने के लिए जिन कॉस्‍टमेटिक जहरीले कैमिकलों को प्रयोग किया जाता है? जिसके अवशेषों एवं अपशिष्‍ट पदार्थों को सोन नदी में बहा दिया जाता है? जिससे सोन नदी का पानी दूषित है? पानी को पीने से जीव जंतुओं, सिंचाई करने से पेड़ पौधो और भूमि की उर्वरा शक्ति नष्‍ट हो रही है? जिसे रोकने के बारे में कंपनी व पर्यावरण अधिकारी के द्वारा अभी तक क्‍या प्रयास किये जा रहे हैं? जानकारी उपलब्‍ध करावें। (च) प्रश्‍नांश (घ) एवं (ड.) के अनुसार शासन उच्‍च स्‍तरीय दल गठित कर जनहित एवं पर्यावरण व प्रकृति की संरक्षण हेतु जांच कराकर कंपनियों के विरूद्ध कार्यवाही कराएगी? यदि हाँ तो कब तक?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) भारतीय औद्योगिक नीति केन्द्र सरकार से संबंधित है। मध्यप्रदेश में औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग द्वारा वृहद उद्योगों को मध्यप्रदेश में स्थापित किये जाने हेतु प्रोत्साहन दिये जाने के लिये उद्योग संवर्धन नीति-2014 (यथा संशोधित) लागू की गई हैं। नीति अंतर्गत उद्योग स्थापनार्थ किसी प्रकार की शर्तें उल्लेखित नहीं है, अपितु वृहद श्रेणी की औद्योगिक इकाईयों द्वारा उत्पादन प्रारंभ करने के पश्‍चात आवेदन प्रस्तुत करने पर नीति अनुसार वित्तीय सुविधा/सहायता प्रदान करने के प्रावधान हैं। जिसकी प्रति  पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। विभाग अंतर्गत एमपी इण्डस्ट्रीयल डेवलपमेंट कार्पोरेशन लिमिटेड द्वारा संचालित एवं संधारित औद्योगिक क्षेत्रों तथा विभाग के आधिपत्य की अविकसित शासकीय भूमि पर उद्योग स्थापित किये जाने हेतु भूमि आवंटन की कार्यवाही म.प्र.राज्य औद्योगिक भूमि एवं भवन प्रबंधन नियम 2019 (यथा संशोधित 2022) में उल्लेखित प्रावधानों/शर्तों अनुसार की जाती है, जिसकी प्रति पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। शेष प्रश्‍नांश की जानकारी निरंक। (ख) ओरियंट पेपर मिल्स द्वारा प्रदत्त जानकारी के अनुसार संयंत्र लगभग 60 वर्ष पुराना है अतः स्थापना के समय जिला प्रशासन एवं कंपनी के मध्य अनुबंध अनुरेखणीय नहीं है। कंपनी द्वारा प्रदत्त  जानकारी पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार है। (ग) कंपनी द्वारा प्रदत्त जानकारी अनुसार "जी हाँ, कंपनी में अस्थायी एवं स्थायी नियोजन में लगभग 99 प्रतिशत स्थानीय है एवं संस्थान द्वारा स्थानीय लोगों को चिकित्सा, स्वास्थ्य शिक्षा एवं पेयजल की सुविधाएं प्रदान की जाती है।" कंपनी द्वारा प्रदत्त  जानकारी पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट-3 में समाहित है। (घ) पर्यावरण विभाग से प्राप्‍त जानकारी अनुसार जी नहीं। मेसर्स ओरियंट पेपर मिल एवं कॉस्टिक सोडा फैक्‍ट्री उद्योगों द्वारा दूषित जल तथा वायु प्रदूषकों के उपचार हेतु प्रदूषणकारी बिन्‍दुओं पर उक्‍त प्रौद्योगिकी पर आधारित सक्षम उपचार संयंत्र स्‍थापित किये गये है। उद्योगों के कथित प्रदूषण के परिप्रेक्ष्‍य में कार्यालय मुख्‍य चिकित्‍सा एवं स्‍वास्‍थ्‍य अधिकारी, जिला-अनूपपुर के पत्र क्रमांक 1863 दिनांक 21/06/2024 से प्राप्‍त जानकारी अनुसार उक्‍त उद्योगों के आसपास के ग्रामों से असाध्‍य बीमारी या स्‍वास्‍थ्‍य संबंधी शिकायत प्राप्‍त नहीं हुई है। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-4 अनुसार है। कार्यालय उपसंचालक किसान कल्‍याण तथा कृषि विकास जिला अनूपपुर के पत्र क्रमांक 1026 दिनांक 21/06/2024 से प्राप्‍त जानकारी अनुसार उद्योगों के संचालन से समीपस्‍थ कृषि भूमि में प्रतिकूल प्रभाव पड़ने संबंधी शिकायत प्राप्‍त नहीं हुई है। जानकारी पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट-5 अनुसार है। (ड.) पर्यावरण विभाग से प्राप्‍त जानकारी अनुसार पेपर मिल में बांस के टुकडों, लकड़‍ियों के गठ्ठे गलाने के लिए उपयोग किये जाने वाले केमिकलों से उत्‍पन्‍न अवशेषों एवं अपशिष्‍ट पदार्थों को उद्योगों में स्‍थापित आधुनिक उपचार संयंत्र से उपचार किया जाता है व सोन नदी में नहीं बहाया जाता है। सोडा फैक्‍ट्री में बांस के टुकड़ों, लकड़ि‍यों के गठ्ठों का उपयोग नहीं होता है। उद्योग के डाउन स्‍ट्रीम में सोन नदी के बटुरा घाट जरवाही घाट एवं दिया पीपर घाट तथा बाणसागर स्‍थल में विगत 01 वर्ष के क्षेत्रीय प्रयोगशाला मध्‍यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड शहडोल के द्वारा एकत्रित कर विश्‍लेषित किये गये जल नमूनों के गुणवत्ता परिणाम निर्धारित मानकों के अनुसार श्रेणी-ए में निरंतर पाएं जा रहे हैं जिससे परिलक्षित होता है कि सीन नदी के जल में प्रदूषण की स्थिति नहीं है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-6 अनुसार है। कार्यालय उपसंचालक पशुपालन एवं डेयरी विभाग जिला-अनुपपुर के पत्र क्रमांक 1398 दिनांक 21/06/2024 में प्राप्त जानकारी अनुसार नदी का पानी पीने से पशुओं की मृत्यु की शिकायत प्राप्त नहीं है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-7 अनुसार है। कार्यालय उपसंचालक किसान कल्याण तथा कृषि विकास जिला अनूपपुर द्वारा पत्र क्रमांक 1026 दिनांक 21/06/2024 द्वारा अवगत कराया गया है कि उक्त दोनों उद्योगों के संचालन से समीपस्थ कृषि भूमि में प्रतिकूल प्रभाव पड़ने के संबंध में कोई भी शिकायत कार्यालय को आज दिनांक तक प्राप्त नहीं हुई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-5 अनुसार है। कार्यालय मिट्टी परीक्षण प्रयोगशाला शहडोल के पत्र क्रमांक 80 दिनांक 16/02/2024 के द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट के आधार पर यह स्पष्ट नहीं होता है कि उद्योग के कारण कोई प्रभाव मिट्टी पर पड़ा है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-8 अनुसार है। म.प्र. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों के द्वारा समय-समय पर उक्त उद्योगों की नियमित रूप से जाँच की जाती है तथा क्षेत्रीय प्रयोगशाला शहडोल द्वारा प्रतिमाह सोन नदी के जल नमूने चार भिन्न-भिन्न स्थानों पर एकत्रित कर विश्‍लेषित किये जाते है। दोनों उद्योगों के द्वारा उपचारित जल की गुणवत्ता तथा परिवेशीय वायु की गुणवत्ता पर स्वचालित मॉनिटरिंग उपकरणों के द्वारा निगरानी रखी जाती है एवं आवश्‍यकतानुसार प्रदूषण नियंत्रण व्‍यवस्‍था का उन्‍नयन कराया जाता है। (च) प्रश्‍नांश (घ) एवं (ड.) के उत्‍तर के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

दॉयी तट नहर निर्माण

[नर्मदा घाटी विकास]

58. ( क्र. 2275 ) श्री संजय सत्येन्द्र पाठक : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दॉयी तट नहर निर्माण का कार्य कटनी जिले के स्लीमनाबाद तहसील के पास से भूमिगत नहर (अंडरग्राउन्ड कैनाल) का निर्माण अभी तक पूर्ण न होने के कारण विजयराघवगढ़ विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत लाभान्वित होने वाले किसानों को सिंचाई सुविधा नहीं मिल पा रही है? (ख) प्रश्‍नांश (क) यदि हाँ तो उक्त भूमिगत नहर (अंडर ग्राउन्ड कैनाल) का निर्माण कार्य कब तक पूर्ण कराकर विजयराघवगढ़ विधानसभा एवं अन्य जिले के किसानों को सिंचाई की सुविधा उपलब्ध करा दी जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक? (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में कौन-कौन सी निर्माण एजेन्सियां एवं अधिकारी दोषी है? विलंब के लिए दोषियों पर क्या कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्यों?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ(ख) टनल का कार्य रबी सीजन वर्ष 2025-26 तक पूर्ण किया जाना लक्षित है। विजयराघवगढ़ शाखा नहर का निर्माण दिसम्‍बर 2025 तक पूर्ण होने पर प्रश्‍नाधीन क्षेत्रों में सिंचाई सुविधा उपलब्‍ध कराया जाना लक्षित है। (ग) टनल मार्ग में भू-गर्भीय संरचना अतिपरिवर्तनशील होने के कारण कटर हेड के कटिंग टूल का बार-बार क्षतिग्रस्‍त होना जिनके बदलने एवं मरम्‍मत कार्य में समय लगना, सिंक होल का बनना जिनके भरने में समय लगना, साथ ही ग्राउन्‍ड वॉटर का स्‍तर अधिक होने से अत्‍यधिक जल का रिसाव कार्य प्रगति में बाधा बनना एवं कोविड एवं लॉकडाउन के कारण कार्य की प्रगति बाधित होने से निर्माण कार्य में विलंब हुआ है। अत: विलंब के लिये किसी के दोषी न होने से शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

आबकारी अधिकारियों के भ्रष्टाचार की शिकायतों की जांच

[वाणिज्यिक कर]

59. ( क्र. 2286 ) श्री प्रणय प्रभात पांडे : क्या उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जबलपुर जिले के आबकारी अधिकारियों के विरूद्ध भ्रष्टाचार की शिकायतें प्राप्त हुई है? (ख) यदि हाँ तो गत 3 वर्षों में कौन-कौन अधिकारियों के विरूद्ध शिकायतें प्राप्त हुई है? जानकारी दें। (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) के अंतर्गत क्या इन अधिकारियों के विरूद्ध विभागीय जांच संस्थित की गई है? या प्रकरण पंजीबद्ध किया गया? जानकारी उपलब्ध करावें? (घ) क्या जिन अधिकारियों के विरूद्ध जांच चल रही है, उनको हटाया गया? या नहीं?

उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जी, हाँ। (ख) प्रश्‍नांश (क) के अनुक्रम में विगत 03 वर्षों में जिला जबलपुर में पदस्‍थ श्री इंद्रेश तिवारी सहायक जिला आबकारी अधिकारी एवं £2358;्री रविन्द्र मानिकपुरी सहायक आबकारी आयुक्त जिला जबलपुर के विरूद्ध शिकायत प्राप्‍त हुई है, जो  पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट  अनुसार है। (ग) शिकायतों की प्रारम्भिक जांच उपायुक्‍त आबकारी संभागीय उड़नदस्‍ता जबलपुर द्वारा की जा रही है, उपायुक्‍त जबलपुर से प्रतिवेदन प्राप्‍त होने पर निर्णय लिया जा सकेगा। (घ) प्रश्‍नांश (ग) में उल्‍लेखित अनुसार शिकायत की पुष्टि होने के आधार पर आगामी निर्णय लिया जाएगा।

शराब ठेकों में अनियमितता

[वाणिज्यिक कर]

60. ( क्र. 2288 ) श्री कैलाश कुशवाहा : क्या उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में विगत 15 वर्षों में फर्जी/गलत चालान प्रस्तुत कर शराब के ठेके लेने वाले ठेकेदार एवं उक्त चालानों की प्रमाणिकता की जाँच न करने संबंधी धोखाधड़ी आबकारी विभाग में किस-किस जिले में किस-किस वर्ष में हुई तथा इसमें कौन-कौन अधिकारी एवं कर्मचारी प्रथम दृष्‍टया दोषी पाये गये? इनमें से वर्तमान में सेवारत कौन-कौन अधिकारी एवं कर्मचारी कहाँ-कहाँ पदस्थ हैं? उन्हें क्या-क्या प्रभार दिया गया है? पूर्ण विवरण दें। (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में दोषी पाये गये अधिकारियों एवं कर्मचारियों के विरूद्ध क्या-क्या आपराधिक एवं अनुशासनात्मक कार्यवाही की गई? पूर्व विवरण दें। (ग) विभागीय जाँच/चालान घोटाला आपराधिक कार्यों में संलिप्त किन-किन अधिकारियों/कर्मचारियों को जिलों का या डिस्टलरी का या मैदानी पदस्थापना का प्रभार/ पदस्थापना की गई? किस-किस अधिकारी की पद स्थापना कब-कब की गई? पूर्ण विवरण दें। /span>(घ) प्रश्‍नांश (क), (ख) एवं (ग) के परिप्रेक्ष्य में क्या दागी/दोषी जाँच कार्यवाही में संलिप्त अधिकारियों की महत्वपूर्ण पदों पर पदस्थापना/प्रभार शासन के नियमों के विरूद्ध है या नहीं? फिर इन गलत/नियम विरूद्ध पदस्थापना के लिये कौन जिम्मदार है? क्या इन नियम विरूद्ध पद स्थापनाओं को निरस्त किया जावेगा? पूर्ण विवरण दें।

उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जिला इंदौर में वर्ष 2017 में वित्‍तीय वर्ष 2015 से 2017 की अवधि में लायसेंसियों द्वारा कूटरचित चालान प्रस्‍तुत किये जाने संबंधी प्रकरण प्रकाश में आया है। उक्‍त प्रकरण कार्यालय के संज्ञान में आने पर आबकारी आयुक्‍त कार्यालय के आदेश क्रमांक-पी.ए.आ.आ./2017/53 दिनांक 09 अगस्‍त 2017 से 05 सदस्‍यीय दल गठित किया जाकर जाँच कराई गई। जाँच समिति की ओर से प्रतिवेदन प्राप्‍त होने पर संबंधित अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही किये जाने का प्रस्‍ताव आबकारी आयुक्‍त कार्यालय के पत्र क्रमांक-2 (ब) विजां./56-2017/ 399 दिनांक 21.08.2017 से शासन की ओर भेजा गया था। उक्‍त प्रस्‍ताव के आधार पर शासन के आदेश क्रमांक-बी-7 (ए) 20/2017/2/पांच दिनांक 23 जून 2018 से तत्‍कालीन सहायक आबकारी आयुक्‍त जिला इन्‍दौर एवं अन्‍य 07 अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध विभागीय जाँच संस्थित की गई है, जो कि प्रक्रियाधीन है। उक्‍त अधिकारियों/कर्मचारियों की पदस्‍थापना/प्रभार संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-एक अनुसार है। (ख) विभाग द्वारा उक्‍त प्रकरण की जाँच हेतु गठित पांच सदस्‍यीय जाँच दल के प्रतिवेदन के आधार पर प्रथम दृष्‍टया कर्तव्‍यों में लापरवाही बरते जाने संबंधी तथ्‍यों के आधार पर शासन के आदेश क्रमांक-बी-7 (ए) 20/2017/2/पांच दिनांक 23 जून 2018 से तत्‍कालीन सहायक आबकारी आयुक्‍त जिला इन्‍दौर एवं अन्‍य 07 अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध विभागीय जाँच संस्थित की गई है, जो कि प्रक्रियाधीन है। जिसका विस्‍तृत विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-एक अनुसार है। (ग) जिला इन्‍दौर के कूटरचित चालान प्रकरण में जिन अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध विभागीय जाँच की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है, उनकी पदस्‍थापना संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-दो अनुसार है। (घ) शासन द्वारा रिक्‍त पदों एवं प्रशासनिक कार्य सुविधा की दृष्टि से अधिकारियों/कर्मचारियों की पदस्‍थापना की जाती है।

सिविल न्यायालय की स्वीकृति

[विधि एवं विधायी कार्य]

61. ( क्र. 2291 ) श्री सतीश मालवीय : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र 215 घट्टिया में घट्टिया मुख्यालय पर विकासखण्ड स्तरीय कार्यालय संचालित हो रहे हैं किन्तु सिविल न्यायालय नहीं है, क्यों? (ख) क्या सिविल न्यायालय स्वीकृत है? यदि नहीं, तो कब तक होंगे? (ग) क्‍या घट्टिया विधानसभा में 90 प्रतिशत ग्रामीण क्षेत्र के ग्रामीणों/आम जनता को सिविल न्यायालय न होने से अनेक कठिनाओं को सामना करना नहीं पड़ रहा है? क्या शासन इनकी सुविधा पर विचार करेगी? (घ) क्या भवन की उपलब्धता न होने से सिविल न्यायालय संचालित नहीं हो रहा है? यदि हाँ तो कब तक भवन की उपलब्धता होगी?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। मूलभूत सुविधाओं के अंतर्गत जैसे न्‍यायालय भवन, न्‍यायाधीश के आवास एवं अन्‍य सुविधाओं के अभाव के कारण घट्टिया जिला उज्‍जैन में न्‍यायालय संचालित नहीं हो रहा है। (ख) जी हाँ। मध्‍यप्रदेश राजपत्र दिनांक 23 दिसंबर 2022 में प्रकाशित अधिसूचना की जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार घट्टिया, जिला उज्‍जैन में व्‍यवहार न्‍यायाधीश कनिष्‍ठ खण्‍ड का एक नवीन पद स्‍वीकृत है। (ग) जी हाँ। घट्टिया, जिला उज्‍जैन में मूलभूत सुविधाएं उपलब्‍ध होने पर शीघ्र ही सिविल न्‍यायालय संचालित कराया जावेगा। (घ) जी हाँ। निश्चित समयावधि बताई जाना संभव नहीं है।

परिशिष्ट - "तेरह"

गौ-माता की सुरक्षा हेतु कार्यवाही

[गृह]

62. ( क्र. 2305 ) श्री सुरेन्‍द्र सिंह हनी बघेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कुक्षी विधानसभा के थाना डही में गौ-माताओं की सुरक्षा के संबंध में पिछले 10 वर्षों में क्‍या कार्यवाही की गई थी? जानकारी उपलब्ध करवाएं। (ख) क्या इस क्षेत्र में खुलेआम अवैध परिवहन किया जा रहा? हाँ या नहीं? (ग) क्या क्षेत्र की ग्राम पंचायत छाछकुआ से नर्मदा नदी के रास्ते महाराष्ट्र बड़ी मात्रा में गौ-माता को कटाई के लिए ले जाया जाता है? (घ) क्या डही थाना क्षेत्र में पूर्व थाना प्रभारी के द्वारा जो कार्यवाही की गई जिसमें पंचनामा बनाकर ग्राम नवादपुरा की एक निजी गौशाला पर गौ-माता को भेजा गया और वहां के गौशाला के संचालक के द्वारा गौ-माता को बेच दिया गया और कमजोर गौ-माता को अवैध कटाई के लिए बेच दिया? जानकारी दें। (ड.) उक्त गौशाला किस जमीन पर बनाई गई है, शासकीय या निजी? क्या शासन उक्त गौशाला एवं गौ-माता के अवैध परिवहन की जाँच करवाएगा और वास्तविकता को सामने लाएगा? यदि हाँ तो कब तक दोषियों पर क्या कार्यवाही की जाएगी?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) कुक्षी विधानसभा के थाना डही में पिछले 10 वर्षों में £2327;ौ-माताओं की तस्करी के संबंध में कोई अपराध पंजीबद्ध नहीं है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ख) एवं (ग) जी नहीं। (घ) डही थाना में वर्ष 2014 से प्रश्‍न दिनांक तक गौ-माताओं की तस्करी से संबंधित कोई अपराध पंजीबद्ध नहीं हुआ है। गौ-माताओं को नवादपुरा गौशाला भेजने के मामले निरंक है। थाना क्षेत्र में गौ-माता की अवैध कटाई के मामले निरंक है। (ड.) तहसील कुक्षी अंतर्गत ग्राम नवादपुरा में निजी जमीन सर्वे क.39/1/2/3 रकबा 2.000 हे. तथा शासकीय सर्वे क.28/2 रकबा 6.083 हे. में से पैकी रकबा 1.500 हे., पर गौशाला निर्मित होकर संचालित है। प्रश्‍नांश (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्‍न उपस्थित ही नहीं होता है।

एफ.आई.आर. पर कार्यवाही

[गृह]

63. ( क्र. 2306 ) श्री सुरेन्‍द्र सिंह हनी बघेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अली असगर पिता जाकिर हुसैन निवासी चांदनी गली, कुक्षी, जिला धार ने थाना कुक्षी में एफ.आई.आर. दर्ज कराई है कि कुक्षी में उसके चाचा शेख शब्बर पिता इनायत अली निवासी सुसारी खेर खोदरा के घर पर 29 मार्च, 2024 की रात बैडरूम की खिड़की तोड़कर अज्ञात चोरों ने एक लाख साठ हजार रूपये और अन्य कागजात चोरी कर लिए हैं? (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार यदि हाँ तो थाना कुक्षी में दर्ज उपरोक्त एफ.आई.आर. पर क्या पुलिस ने मामले की जाँच की है? यदि हाँ तो क्या कार्यवाही की गई? (ग) प्रश्‍नांश (ख) के अनुसार यदि नहीं, तो इसका क्या कारण है?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। (ख) दर्ज एफ.आई.आर. क्रमांक 214/24 धारा 457, 380 भादवि पर थाना कुक्षी में विवेचना की जा रही है। अज्ञात आरोपी एवं माल मशरूका की पतारसी के प्रयास किये जा रहे हैं। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होती।

स्‍थानीय उद्योगों के विकास हेतु योजना

[सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्‍यम उद्यम]

64. ( क्र. 2314 ) श्री अभय कुमार मिश्रा : क्या सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्‍यम उद्यम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या किसानों के हित में कृषि उत्पाद से संबंधित सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों को प्रोत्साहन प्रदान किये जाने हेतु अब तक प्रदेश में कितनी इकाइयों को सफलतापूर्वक संचालित किया जा रहा है? उनका नाम, संचालित जगह का स्थान एवं उत्पादन की जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार संचालित उद्योगों की स्थापना हेतु सरकार द्वारा प्रदत्त की जाने वाली विद्युत आपूर्ति हेतु दिये जाने वाले विशेष विद्युत 33 kv की लाइन से 275 kv का कनेक्शन हेतु एक न्यूनतम दर लगभग 18 लाख रूपये प्रतिमाह का निर्धारण किया जाता है। इसके बावजूद भी विद्युत विभाग द्वारा विद्युत सप्लाई बाधित रहती है, दूसरी तरफ उद्योगों को स्थापित होने में एक या उससे अधिक वर्ष लग जाते हैं। ऐसी समयावधि में उद्यमी/निवेशक द्वारा विद्युत बिलों का भुगतान उद्योग हेतु जमा पूंजी से करना पड़ता है। क्या सरकार द्वारा निवेश प्रोत्साहन हेतु उद्यमों के बिजली बिलों में शुरू के पांच वर्ष न्यूनतम दर में 50 प्रतिशत छूट प्रदान करने की कार्यवाही करेंगे तो कब तक? बतावें। (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में लघु उद्योग स्थापित किये जाने वाले उद्यमी द्वारा बिचौलियों/आढ़तियों से हटकर सीधे किसानों के उत्पादन को फैक्ट्री में खरीदे जाने बाबत् लग रहे मंडी टैक्स पर शत्-प्रतिशत छूट देकर निवेशक/उद्यमी को गुंजाईश/ सहायता प्रदान की जावेगी ताकि 50 पैसे से लेकर 01 रूपये प्रति किलो किसानों के उत्पाद को अधिक दर पर सीधे खरीद कर बाहर के आढ़तियों से प्रतिस्‍पर्धा कर सके एवं प्रदेश के किसान का उत्पादन स्थानीय स्तर पर ही क्रय किया जा सकेगा, जिससे कृषि आधारित प्रदेश के किसान एक दूसरे के पूरक बनकर स्वावलंबी बन सके, इस बाबत् राज्य सरकार द्वारा क्या नियम व निर्देश जारी किये जावेंगे? यदि हाँ तो कब तक?

सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्‍यम उद्यम मंत्री ( श्री चेतन्‍य कुमार काश्‍यप ) : (क) सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विभाग द्वारा इकाइयों का संचालन नहीं किया जाता है। अपितु सूक्ष्म, लघु और मध्यम श्रेणी के विनिर्माण उद्यमों की स्थापना को प्रोत्साहित करने हेतु मार्गदर्शन, प्रेरणा एवं नियमानुसार सुविधायें उपलब्ध कराई जाती है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ख) ऊर्जा विभाग की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विभाग की म.प्र. एम.एस.एम.ई. विकास नीति 2021 में खाद्य प्रसंस्‍करण इकाइयों के लिए विशेष पैकेज अंतर्गत प्रचलित विद्युत टैरिफ में उच्‍च दाब उपभोक्‍ताओं को नवीन संयोजन प्राप्‍त करने पर रूपये 1 प्रति यूनिट अथवा 20 प्रतिशत की छूट, जो भी कम हो, प्रदान किये जाने का प्रावधान पूर्व से ही है। यह छूट खाद्य प्रसंस्‍करण इकाइयों के लिये उत्‍पादन/व्‍यवसायिक परिचालन की तिथि से 5 वर्ष तक की अवधि के लिये देय है। (ग) मध्यप्रदेश राज्य कृषि विपणन बोर्ड (कृषि एवं किसान कल्याण विभाग) अनुसार राज्य शासन की उद्योग संर्वधन नीति 2014 अंतर्गत राज्य शासन द्वारा मध्यप्रदेश कृषि उपज मंडी अधिनियम 1972 की धारा 69 में प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, विहित शर्तों एवं निबंधनों की पूर्ति करने वाली पात्र खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों को संयत्र एवं मशीनरी में निवेश के 50 प्रतिशत की सीमा तक अथवा राज्य शासन द्वारा जारी आदेश दिनांक से 5 वर्ष की अवधि तक (इसमें से जो भी कम और पहले हो) मंडी फीस के भुगतान से छूट प्रदान की जाती है। इस संबंध में जारी अधिसूचना दिनांक 03 फरवरी 2016 एवं संशोधन अधिसूचनाओं की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विभाग की म.प्र. एम.एस.एम.ई. विकास नीति 2021 में खाद्य प्रसंस्‍करण इकाइयों के लिए विशेष पैकेज अंतर्गत खाद्य प्रसंस्‍करण इकाइयों को संयंत्र एवं मशीनरी में निवेश के अधिकतम 50 प्रतिशत या पांच वर्ष की अवधि (इनमें से जो भी कम हो) के लिये मण्‍डी शुल्‍क से छूट का प्रावधान पूर्व से ही है, (एम.एस.एम.ई. के नवीन वर्गीकरण के फलस्वरूप)। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

जिम्‍मेदारों पर कार्यवाही

[गृह]

65. ( क्र. 2315 ) श्री अभय कुमार मिश्रा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले में गंभीर अपराध गोलीकांड से लेकर शराब की पैकारी एवं कोरेक्स की बिक्री व्यक्तिगत हितपूर्ति कर पुलिस अधीक्षक रीवा द्वारा थाना प्रभारियों के संरक्षण पर कराई जा रही हैं। इस बाबत् प्रश्‍नकर्ता सदस्य द्वारा पत्र क्रमांक 258 दिनांक 26.02.2024 के माध्यम से आंकड़ावार जानकारी चाही गई थी जो अप्राप्त है। यह कृत्य सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश क्रमांक 19-76/2007/1/4/भोपाल दिनांक 12.11.2021 द्वारा दिये गये निर्देशों का पालन न करने एवं समय पर जानकारी न देने पर किन को जिम्मेदार मानकर किस तरह की कार्यवाही प्रस्तावित करेंगे बतावें। अगर नहीं तो क्यों? (ख) प्रश्‍नांश (क) के तारतम्य में जिले में हो रहे मादक पदार्थों की अवैधानिक पैकारी व कोरेक्स की बिक्री को लेकर माननीय मुख्यमंत्री महोदय म.प्र. शासन भोपाल, मुख्य सचिव म.प्र. शासन भोपाल, पुलिस महानिदेशक पुलिस मुख्यालय भोपाल एवं पुलिस अधीक्षक रीवा को पत्र क्रमांक 201 दिनांक 19.02.2024 (20.02.2024), पत्र क्रमांक 323 दिनांक 22.05.2024 को देकर संबंधित थाना प्रभारियों को अन्यत्र हटाते हुये जाँच कराकर कार्यवाही का लेख किया गया था, जिसमें क्रियाशील पैकारों की सूची भी संलग्न थी, जिसका सत्यापन पैकारों के मोबाईल नम्बर व थाना प्रभारियों के माबाईल पर हो रही बातों का सत्यापन कर किया जा सकता है। इस पर क्या कार्यवाही की गई? (ग) प्रश्‍नांश (क), (ख) में उल्लेखित तथ्यों अनुसार कार्यवाहियां नहीं की गई, आवेदन पत्र लंबित रखे गये, जिम्मेदारों को बचाने का प्रयास किया गया, समय पर पत्रों का निराकरण न करने के लिये कौन-कौन जिम्मेदार होंगे? उनके पदनाम के साथ उनके ऊपर किस तरह की कार्यवाही प्रस्तावित करेंगे? बतावें। अगर नहीं तो क्यों?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) माननीय विधायक द्वारा पत्र क्रमांक 258 दिनांक 26.02.2024 के माध्यम से वांछित जानकारी वृहद होने व लोकसभा निर्वाचन कार्य में पुलिस की व्यस्तता होने के कारण तैयार करने में विलंब हुआस वर्तमान में पु.अ. कार्यालय, रीवा के पत्र क्रमांक पु.अ./रीवा/ओएम/बी-717-ए/2024 दिनांक 21.06.2024 के माध्यम से बिंदुवार जानकारी तैयार करायी जाकर माननीय विधायक की ओर भेजी जा चुकी है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हाँ। माननीय विधायक के दोनों विषयों से संबंधित पत्र प्राप्त हुये जिनमें उल्लेखित तथ्यों की जाँच अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, रीवा (देहात) श्री विवेक कुमार लाल के द्वारा की जा रही है। /span>(ग) शेष प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता है।

विभागों में कार्यरत अंशकालीन कर्मचारियों की जानकारी

[सामान्य प्रशासन]

66. ( क्र. 2351 ) श्री सुनील उईके : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या प्रदेश के शासकीय विभागों में कार्यरत अंशकालीन कर्मचारी कार्यरत हैं तथा इन्हें वर्तमान में कितना वेतन मिलता है? अंशकालीन कर्मचारियों के वेतन में वृद्धि कब हुई थी? भविष्य में वेतन वृद्धि का कोई प्रस्ताव है? (ख) ग्राम पंचायतों में कार्यरत पंप ऑपरेटर, चौकीदार, भृत्य, नल चालकों को किस नियम के तहत, कितना वेतन दिया जाता है? पंचायतों में कार्यरत कर्मियों को न्यूनतम वेतन मिलता है या नहीं? क्या शासन के पास इनके वेतन में बढ़ोतरी का प्रस्ताव विचाराधीन है? (ग) म.प्र. में चतुर्थ श्रेणी के पदों पर किस वर्ष से भर्ती नहीं हुई? (घ) क्या तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के पदों पर कार्यरत अस्थाई, अंशकालीन एवं आउटसोर्स कर्मचारियों का कार्यरत विभागों में संविलियन का प्रस्ताव शासन के पास विचाराधीन है?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। शेष की जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ख) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

महिला एवं बाल विकास द्वारा संचालित योजनाएं

[महिला एवं बाल विकास]

67. ( क्र. 2353 ) श्री सुनील उईके : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विधानसभा जुन्‍नारदेव में महिला बाल विकास योजनांतर्गत कौन-कौन सी योजना संचालित है एवं उन योजनाओं पर अभी तक क्‍या-क्‍या कार्य संपादित किये जा चुके हैं? (ख) क्‍या विधानसभा जुन्‍नारदेव में महिला बाल विकास कार्यालय जुन्‍नारदेव क्रं. 1 में वर्तमान में स्‍थाई भृत्‍य का पद रिक्‍त है? यदि हाँ तो उनके स्‍थान पर क्‍या आंगनवाड़ी सहायिकाओं की ड्यूटी साप्‍ताहिक लगाई जाती है? यदि हाँ तो क्‍या यह नियम विरूद्ध नहीं है? (ग) प्रश्‍नांश (ख) अनुसार क्‍या जुन्‍नारदेव क्रं 1 में आंगनवाड़ी सहायिकाओं की साप्‍ताहिक ड्यूटी निरस्‍त करने पर विचार करेंगे? यदि हाँ तो कब तक एवं नियम विरूद्ध आंगनवाड़ी सहायिकाओं की ड्यूटी साप्‍ताहिक लगाई जाने वाले अधिकारियों पर क्‍या कार्यवाही करेंगे? (घ) क्‍या विधानसभा जुन्‍नारदेव में इस वित्‍तीय वर्ष 2024-25 में शेष वार्डों में जहां आंगनवाड़ी केन्‍द्र नहीं है, उन वार्डों एवं ग्रामों में आंगनवाड़ी केन्‍द्र खोलने पर इस बजट सत्र में स्‍वीकृत करने का सुझाव मांगेंगे? (ड.) विधानसभा जुन्‍नारदेव में वर्तमान में कितने आंगनवाड़ी सुपरवाईजर, कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं के पद रिक्‍त है?

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) विधानसभा जुन्नारदेव में महिला बाल विकास अन्तर्गत सक्षम आंगनवाड़ी एवं पोषण 2.0, मिशन वात्सल्य, मिशन शक्ति घटकों की योजनाएं, लाड़ली लक्ष्मी योजना, प्रधानमंत्री मातृ वन्दना योजना, लाड़ली बहना योजना, उषा किरण योजना आदि संचालित है। उपरोक्तानुसार योजनाओं में पात्रता धारी हितग्राहियों को लाभान्वित किया जा रहा है। (ख) जी हाँ। जी नहीं। अतः शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्‍नांश (ख) के परिप्रेक्ष्‍य में शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी नहीं। नवीन आंगनवाड़ी केन्द्रों की स्वीकृति भारत सरकार द्वारा दी जाती है। वर्तमान में भारत सरकार द्वारा नवीन आंगनवाड़ी केन्द्रों की स्वीकृति नहीं दिये जाने से शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ड.) सुपरवाईजर के 03, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के 11 तथा आंगनवाड़ी सहायिकाओं के 13 पद रिक्‍त हैं।

आयरन ओर की संचालित खदानों की जानकारी

[खनिज साधन]

68. ( क्र. 2367 ) श्री नारायण सिंह पट्टा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के किन-किन जिलों में सबसे अधिक आयरन ओर पाया जाता है? इन जिलों में इस हेतु संचालित खदानों की जानकारी खसरा नंबर व खदान संचालक के नाम सहित उपलब्ध कराएं। वर्ष 2019 से प्रश्‍न दिनांक तक इन खदानों उत्‍खन्‍न किये गए आयरन ओर की मात्रा की भी जानकारी प्रदान करें। इनमें से सबसे अच्छा आयरन ओर कहाँ पाया जाता है? (ख) उक्त खदानों से निकाला जाने वाला आयरन ओर कहाँ-कहाँ सप्लाई किया जा रहा है? क्या यह सही है कि ज्यादातर आयरन ओर की सप्लाई छत्तीसगढ़ राज्य में की जा रही है? यदि हाँ तो राज्य को इससे होने वाली आय की जानकारी विगत 5 वर्ष के संबंध में देवें। (ग) क्या यह सही है कि अन्य राज्यों में आयरन ओर सप्लाई करने से लोहे में दो बार जी.एस.टी. और इंटर जी.एस.टी. लग रही है? यदि हाँ तो क्या म.प्र. में औद्योगिक क्षेत्रों में प्लांट लगाकर आयरन ओर से लोहा उत्पादन करने से यह जी.एस.टी. कम लगेगी और स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिलेगा? क्या इस हेतु विभाग द्वारा अन्य विभागों के साथ कोई पहल की गई है? यदि हाँ तो जानकारी देवें। (घ) क्या म.प्र. में इतनी अधिक मात्रा में मिलने वाले आयरन ओर और मंडला जिले में मिलने वाले डोलोमाइट का स्थानीय स्तर में उपयोग कर म.प्र. के औद्योगिक क्षेत्रों में प्लांट लगाकर लोहा उत्पादन करने पर विचार किया जा रहा है? यदि हाँ तो इस संबंध में की गई व की जा रही कार्यवाही से अवगत करावें। यदि नहीं, तो क्या भविष्य में इस हेतु कोई प्रयास किया जायेगा?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) प्रदेश में आयरन ओर जबलपुर, छतरपुर, सागर एवं कटनी में पाया जाता है। संचालित खदानों एवं वर्ष 2019 से उत्‍खनन आयरन ओर की मात्रा की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट पर दर्शित है। उल्‍लेखित जिलों में आयरन ओर औसत Fe 35% से 55% ग्रेड का आयरन ओर पाया जाता है। (ख) प्रदेश की खदानों से निकाला जाने वाला आयरन ओर प्रदेश एवं प्रदेश के बाहर गुजरात, राजस्‍थान, छत्‍तीसगढ़, तेलंगाना, उत्‍तरप्रदेश, महाराष्‍ट्र, पंजाब, हरियाणा, झारखण्‍ड, आन्‍ध्रप्रदेश, बिहार, उड़ीसा एवं कर्नाटक राज्‍यों में सप्‍लाई किया जाता है। यह कहना सही नहीं है कि ज्‍यादातर आयरन ओर की सप्‍लाई छत्‍तीसगढ़ राज्‍य में की जा रही है। राज्‍य को होने वाले राजस्‍व की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट पर दर्शित है। (ग) एवं (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

औद्योगिक इकाइयों की स्‍थापना एवं रोजगार का सृजन

[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]

69. ( क्र. 2368 ) श्री नारायण सिंह पट्टा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. के कटनी जिले में प्रचुर मात्रा में आयरन ओर उपलब्ध है और बीते कई वर्ष से इसका उत्खनन कर यह आयरन ओर छत्तीसगढ़ सहित दूसरे अन्य राज्यों में विक्रय किया जा रहा है? यदि हाँ तो म.प्र. में लोहा उत्पादन संबंधित प्लांट/उद्योग लगाने हेतु अब तक क्या प्रयास किये गए? क्या स्थानीय स्तर में प्लांट/उद्योग लगाए जाने से काफी संख्या में रोजगार उपलब्ध कराया जा सकता है? (ख) बीते वर्षों में हुए इन्वेस्टर मीट में इस संबंधित कोई एग्रीमेंट हुए हैं या कोई प्रस्ताव प्राप्त हुआ है? यदि हाँ तो जानकारी देवें एवं उस पर अब तक क्या कार्यवाही की गई है? (ग) क्या मंडला जिले में मिलने वाले डोलोमाइट को लेकर कोई उद्योग या प्लांट लगाने की कोई पहल की गई है? बीते वर्षों में हुए इन्वेस्टर मीट में इस संबंध में कोई एग्रीमेंट हुए हैं? यदि हाँ तो जानकारी देवें। क्या शासन स्तर से इस हेतु कोई प्रयास किया गया है? यदि हाँ तो जानकारी देवें। (घ) क्या लोहा उत्पादन में आयरन ओर के अतिरिक्त डोलोमाइट एक मुख्य घटक है और दोनों का परिवहन छत्तीसगढ़ सहित अन्य दूसरे राज्य में किया जाता है? यदि हाँ तो क्या शासन स्तर से प्रदेश में ही प्लांट या उद्योग लगाने हेतु कोई पहल की गई है या की जा रही है? जानकारी देवें। क्या केंद्र सरकार को इस हेतु कोई प्रस्ताव भेजा गया है? यदि हाँ तो जानकारी देवें। यदि नहीं, तो क्या कोई प्रस्ताव भेजकर म.प्र. में ही नवीन प्लांट लगाने या उद्योग स्थापित करने हेतु प्रयास किये जायेंगे?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) खनिज साधन विभाग से प्राप्‍त जानकारी अनुसार कटनी जिले में आयरन ओर की 02 खदानें स्‍वीकृत/अनुबंधित है। उक्‍त दोनों खदानें पर्यावरणीय अनुमति आदि के अभाव में विगत कई वर्षों से बंद है। खदानें बंद होने से कटनी जिले की खदानों से खनिज आयरन ओर का उत्‍पादन एवं प्रेषण नहीं हो रहा है। अत: कटनी जिले से आयरन ओर छत्‍तीसगढ़ सहित अन्‍य राज्‍यों में विक्रय करने का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्‍साहन विभाग द्वारा प्रदेश में वृहद श्रेणी की विभिन्‍न सेक्‍टर की औद्योगिक इकाइयों की स्‍थापना को प्रोत्‍साहित करने एवं रोजगार सृजन हेतु वर्तमान में उद्योग संवर्धन नीति, 2014 (यथा संशोधित) लागू की गई है, जो कि कटनी जिले में भी समान रूप से प्रभावशील है। उक्‍त नीति वृहद श्रेणी की पात्र लोहा उत्‍पादन संबंधित प्‍लांट/उद्योग हेतु भी प्रभावशील है। (ख) बीते वर्षों में हुऐ इन्‍वेस्‍टर समिट में लोहा उत्‍पादन संबंधी 12 एम.ओ.यू. (एग्रीमेंट) एवं 9 निवेश प्रस्‍ताव प्राप्‍त हुए। इकाईवार प्रगति की जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) मंडला जिले में डोलोमाइट से संबंधित उद्योग या प्‍लांट लगाने हेतु कोई प्रस्‍ताव विभाग को प्राप्‍त नहीं हुए हैं। बीते वर्षों में आयोजित इन्‍वेस्‍टर मीट में मण्‍डला जिले में डोलोमाइट से संबंधित कोई एग्रीमेंट नहीं हुऐ हैं। औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्‍साहन विभाग द्वारा वृहद उद्योगों को मध्‍यप्रदेश में स्‍थापित किये जाने हेतु प्रोत्‍साहन दिये जाने के लिये उद्योग संवर्धन नीति, 2014 (यथा संशोधित) लागू की गई, उक्‍त नीति वृहद श्रेणी की पात्र डोलोमाइट उत्‍पादन संबंधित प्‍लांट/उद्योग हेतु भी प्रभावशील है। (घ) खनिज विभाग से प्राप्‍त जानकारी अनुसार लोहा उत्‍पादन में आयरन ओर के अतिरिक्‍त डोलोमाइट एक मुख्‍य घटक नहीं है। जिला मण्‍डला अंतर्गत उत्‍पादित खनिज डोलोमाइट का परिवहन मुख्‍यत: भिलाई इस्‍पात संयंत्र भिलाई (छ.ग.) को किया जाता है। इसके अतिरिक्‍त उक्‍त डोलोमाईट झारखण्‍ड, महाराष्‍ट्र तथा ओडिशा राज्‍यों के फेरो एलोएज संयंत्रों (Ferro Alloys Plants) व स्‍पोंज आयरन संयंत्रों (Sponge Iron Plants) में परिवहन किया जाता है। इकाई द्वारा कच्‍चे माल की उपलब्‍धता एवं उत्‍पाद की मांग को दृष्टिगत रखते हुए उद्योगों की स्‍थापना की जाती है। विभाग द्वारा स्‍वयं उद्योग स्‍थापित नहीं किया जाता है, अत: नवीन प्‍लांट लगाने अथवा उद्योग स्‍थापित करने हेतु केन्‍द्र सरकार को कोई प्रस्‍ताव प्रेषित नहीं किया गया है।

परिशिष्ट - "चौदह"

डूब प्रभावितों का पुनर्वास

[नर्मदा घाटी विकास]

70. ( क्र. 2379 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या दिनांक 16-09-2023 को बारिश के चलते ऊपर के बांधों का पानी बिना सूचना के छोड़ने एवं सरदार सरोवर परियोजना के गेट्स बंद रखने से करीबन 150 भरे पूरे गांव डूब गये। 15946 परिवार जिन्हें पूर्व में डूब प्रभावित मानकर मुआवजा राशि और घर प्लाट दिया था, उन्हें 2008 के बाद डूब से बाहर कर पुनर्वास के लाभों से वंचित किया था, वह सभी परिवार के मकान दिनांक 16-09-2023 को डूबकर ध्वस्त हुए, उनके पुनर्वास और म.प्र. शासन के आदेश दिनांक 5 जून से 1 अगस्त 2017 के तहत प्रत्येक डूब प्रभावित परिवार को 5.80 लाख रूपये की अनुदान राशि देने की कार्यवाही कहाँ तक बढ़ी है? (ख) डूब के बाद जो डूब प्रभावित परिवारों के घर ध्वस्त हुये हैं, उन परिवारों के पुनर्वास की क्या व्यवस्था की है? (ग) जिन किसानों की कृषि भूमि 25 प्रतिशत से अधिक डूब प्रभावित हुई है ऐसे पात्र विस्थापितों को जमीन के बदले सुप्रीम कोर्ट का फैसला दिनांक 8/2/2017 के अनुसार 2 हेक्टर जमीन के बदले 60 लाख रूपये मिलने का आदेश हैं। ऐसे विस्थापितों को शिकायत निवारण प्राधिकार के 200 से अधिक आदेश हैं, उन्हें 60 लाख रूपये का भुगतान कब किया जायेगा? (घ) दिनांक 16-09-2023 की डूब के बाद करोंदिया, बोधवाड़ा, तहसील कुक्षी, एकलबारा, शरिकपुरा, तहसील मनावर को असामाजिक इकाई मानकर उनके पुनर्वास की कार्यवाही कितनी आगे बढ़ी है?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) एवं (ख) अति‍वृष्टि के कारण अलीराजपुर, बड़वानी, धार एवं खरगोन जिलों में बाढ़ की स्थिति निर्मित हुई। अतिवृष्टि से प्रश्‍नाधीन मकान प्रभावित हुये। पात्र प्रभावितों को भुगतान किया जा चुका है। जिलाध्‍यक्ष स्‍तर पर राहत राशि राजस्‍व पुस्‍तक परिपत्र 6 (4) के प्रावधान अनुसार प्रदान की गयी है। (ग) जिन किसानों की कृषि भूमि 25 प्रतिशत से अधिक डूब से प्रभावित हुई है, ऐसे 753 विस्‍थापितों को माननीय उच्‍चतम न्‍यायालय के आदेश दिनांक 08.02.2017 के आदेशानुसार राशि रू. 60.00 लाख का भुगतान शिकायत निवारण प्राधिकरण के द्वारा किया जा चुका है। (घ) करोंदिया, बोधवाड़ा एवं एकलबारा के संबंध में कार्यवाही प्रचलन में है।

प्रदेश में पुरानी पेंशन की बहाली

[वित्त]

71. ( क्र. 2390 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या वर्तमान में मध्‍यप्रदेश में शासकीय कर्मचारियों की पुरानी पेंशन बहाली को लेकर कई जगह आंदोलन, हड़ताल, धरना प्रदर्शन किये जा रहे हैं? (ख) यदि हाँ तो प्रदर्शन के माध्‍यम से क्‍या मांगे की जा रही हैं? क्‍या शासन ने आंदोलन कर रहे कर्मचारियों को क्‍या आश्‍वासन दिया? (ग) पुरानी पेंशन किन-किन राज्‍यों में बहाल की गई? नाम बतायें व किन नियमों के तहत उन राज्‍यों में पुरानी पेंशन बहाल की गई है? (घ) वर्तमान में मध्‍यप्रदेश में कितने कर्मचारी पुरानी पेंशन से वंचित है? क्‍या सरकार इन कर्मचारियों के भविष्‍य की चिन्‍ता करेगा? (ड.) क्‍या मध्‍यप्रदेश में पुरानी पेंशन बहाली को लेकर कोई कार्ययोजना तैयार की जा रही है? यदि हाँ तो अवगत करायें। नहीं तो कारण बतायें।

उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) विगत समय कुछ कर्मचारी संगठनों द्वारा विभिन्‍न स्‍थलों पर पुरानी पेंशन की बहाली हेतु मांग पत्र प्रस्‍तुत किये गये हैं। (ख) कर्मचारी संगठनों द्वारा प्रस्‍तुत मांग पत्र में से कुछ मांग पत्रों में पुरानी पेंशन को बहाल करने संबंधी मांग भी सम्मिलित है। (ग) समाचार पत्रों की खबरों के अनुसार राजस्‍थान, छत्तीसगढ़, झारखंड, पंजाब एवं हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा पुरानी पेंशन बहाल करने का निर्णय लिया गया है। यह संबंधित राज्‍यों का विषय है। (घ) संचालक, पेंशन द्वारा प्रस्‍तुत जानकारी अनुसार, म.प्र. में दिनांक 01.01.2005 से वर्तमान तक 5, 00, 824 कर्मचारी एन.पी.एस अंतर्गत पंजीकृत हैं, जिनको एन.पी.एस में प्रावधानुसार लाभ दिया जा रहा है। उक्त कर्मचारी पुरानी पेंशन योजना के अंतर्गत नहीं आते हैं। एन.पी.एस. योजना में कर्मचारियों के भविष्‍य का ध्‍यान रखा गया है, इन्‍हें उपदान, सेवानिवृत्ति पर जमा राशि के आधार पर एकमुश्‍त राशि तथा तत्‍पश्‍चात मासिक एन्‍युटी (पेंशन) भी प्रदाय की जाती है। ड.) मध्‍यप्रदेश में पुरानी पेंशन बहाली को लेकर वर्तमान में कोई प्रस्‍ताव विचाराधीन नहीं है। प्रत्‍येक राज्‍य अपनी प्राथमिकताओं एवं वित्‍तीय संसाधनों की उपलब्‍धता के अनुसार निर्णय लेता है।

कर्मचारियों को समयमान वेतनमान का प्रदाय

[वित्त]

72. ( क्र. 2391 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या लिपिक वर्ग के वेतनमान की विसंगति को दूर करने हेतु शासन स्‍तर पर कमेटी गठित की गई है? यदि हाँ तो विवरण देवें। (ख) क्‍या सचिवालयीन में कर्मचारियों के समान समयमान वेतनमान दिये जाने हेतु प्रस्‍ताव किया गया है? यदि हाँ तो जानकारी देवें। (ग) विगत 15 वर्षों से लिपिक वर्ग निरंतर ज्ञापन, आवेदन एवं अन्‍य माध्‍यमों से मांग करता आ रहा है। प्रकरण का निराकरण कब तक करा दिया जावेगा? समय बतायें। यदि नही, तो क्‍यों? प्रकरण निराकरण में विलंब के क्‍या कारण हैं? प्रकरण किस स्‍तर पर लंबित है? (घ) वर्तमान में मध्‍यप्रदेश में किस-किस विभाग में, किस-किस वर्ग के, कितने-कितने लिपिक कार्यरत हैं? विभागवार, वर्गवार सूची उपलब्‍ध करावें।

उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) राज्‍य शासन द्वारा लिपिक वर्ग के वेतनमान की विसंगति को दूर करने हेतु वर्तमान में कोई विशिष्‍ट समिति गठित नहीं की है। सातवें वेतनमान में प्राप्‍त हो रहे वेतनमानों का विभिन्‍न संवर्गों/सेवाओं की सापेक्षता का परीक्षण कर वेतनमानों में विसंगति के उपाय संबंधी अनुशंसा प्रस्‍तुत करने हेतु राज्‍य शासन की अधिसूचना दिनांक 12.12.2019 से कर्मचारी आयोग का गठन किया गया था, आयोग के कार्यकाल में समय-समय पर वृद्धि की गयी है। कर्मचारी आयोग का कार्यकाल 11 दिसंबर 2023 तक था। (ख) वर्तमान में ऐसा कोई प्रस्‍ताव विचाराधीन नहीं है। (ग) कर्मचारी संगठनों द्वारा विभिन्‍न मांगों हेतु ज्ञापन/आवेदन/ मांग पत्र प्रस्‍तुत करना सतत प्रक्रिया है। राज्‍य शासन अपने वित्‍तीय संसाधनों एवं अन्‍य प्रा‍थमिकता को देखते हुये निर्णय करता है, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

स्व-सहायता समूहों द्वारा पोषण आहार का प्रदाय

[महिला एवं बाल विकास]

73. ( क्र. 2405 ) श्री मोहन सिंह राठौर : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या अधिकांश आंगनवाड़ी केन्द्रों में वही स्व-सहायता समूह पोषण आहार प्रदाय करते हैं जो स्थानीय प्राथमिक/माध्यमिक विद्यालयों में मध्यान्ह भोजन का प्रदाय करते हैं? यदि हाँ तो क्यों? क्या आंगनवाड़ी केन्द्र के बच्चों एवं स्कूल के बच्चों हेतु एक जैसा पोषण आहार एवं मध्यान्ह भोजन तैयार किया जाता है? (ख) प्रश्‍नांश (क) संदर्भ में भितरवार विधानसभा क्षेत्र के आंगनवाड़ी केन्द्रों में वर्ष 2023-24 में पोषण आहार एवं विद्यालयों में मध्यान्ह भोजन प्रदाय करने वाले स्व-सहायता समूहों की आंगनवाड़ी केन्द्रवार एवं स्कूलवार जानकारी उपलब्ध करायें। (ग) क्या आंगनवाड़ी केन्द्रों एवं स्कूलों के बच्चों के आयु समूह अलग-अलग होते हैं एवं भोजन में कैलोरी की मात्रा भी अलग-अलग होती है? यदि हाँ तो प्रश्‍नांश (क) स्थिति में कुपोषण से भोजन गुणवत्तापूर्ण मिल पाता है? (घ) प्रश्‍नांश (क), (ख) एवं (ग) के परिप्रेक्ष्य में क्या आंगनवाड़ी केन्द्रों एवं स्थानीय विद्यालयों में क्रमशः पोषण आहार एवं मध्यान्ह भोजन गुणवत्तापूर्ण एवं आवश्‍यक कैलोरी का है? यदि हाँ तो कब तक?

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) जी हाँ। शासन निर्देशों के अनुसार ग्रामीण क्षेत्रों में अधिकांशतः मध्यान्ह भोजन अन्तर्गत कार्यरत महिला स्व-सहायता समूहों द्वारा ही आंगनवाड़ी केन्द्रों में पूरक पोषण आहार प्रदाय किया जा रहा है। जी नहीं। आंगनवाड़ी केन्द्रों के बच्चों एवं स्कूली बच्चों हेतु शासन द्वारा मेन्‍यू निर्धारित किया गया है जिसके अनुसार पोषण आहार तैयार किया जाता है। इसके अतिरिक्त आंगनवाड़ी केन्द्र के बच्चों को प्रतिदिन निर्धारित मेन्‍यू अनुसार नाश्‍ता वितरित किया जाता है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'''' एवं '''' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '''' एवं '''' अनुसार है। (ग) जी हाँ। जी हाँ। निर्धारित मेन्‍यू अनुसार आंगनवाड़ी केन्द्रों में नाश्‍ता एवं गर्म पका भोजन प्रदाय किया जाता है। (घ) जी हाँ। अतः शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

शासनादेशों एवं नियमों के पालन में जानकारियों का प्रगटीकरण

[सामान्य प्रशासन]

74. ( क्र. 2412 ) श्री संदीप श्रीप्रसाद जायसवाल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन/विभाग द्वारा परिपत्र क्रमांक/span>एफ-11-61/2022/सुअप्र/1-9/765, दिनांक 21/09/2023 से सूचना का अधिकार अधिनियम की धारा-4 के तहत लोक प्राधिकारियों को जानकारियों के स्वतः प्रगटन के निर्देश जारी हैं और पालनार्थ क्या-क्या कार्यवाही किए जाने के निर्देश दिये गए हैं? (ख) प्रश्‍नांश (क) यदि हाँ, तो क्या कटनी जिले के सभी शासकीय कार्यालयों एवं स्थानीय निकायों के लोक प्राधिकारियों द्वारा वर्ष 2023 में जानकारी स्वतः प्रगट की गयी? जानकारियों को अद्यतन किया गया और प्रतिवेदन भेजे गए? यदि हाँ, तो विवरण दीजिये। यदि नहीं तो क्यों एवं किन-किन लोक प्राधिकारियों द्वारा और शासनादेशों का पालन न करने पर इन लोक प्राधिकारियों पर क्या कार्यवाही की जायेगी? (ग) क्या नगरीय निकायों में म.प्र. नगरपालिका (जानकारी का लोक प्रगटीकरण) नियम-2009 लागू है और निकायों को किन जानकारियों का प्रगटीकरण किस प्रकार एवं कब-कब करना होता है? (घ) प्रश्‍नांश (ग) यदि हाँ, तो नगर पालिक निगम कटनी द्वारा विगत 02 वर्षों में क्या-क्या जानकारी कब-कब प्रगट की? यदि नहीं, तो क्यों? जबकि नगर पालिक निगम कटनी के पार्षदों द्वारा इसी विषय पर दिसंबर 2022 से लगातार पत्राचार किया गया और बताइये कि पत्रों के माध्यम से ध्यानाकर्षण कराने के बाद भी नियम का पालन न करने का कौन जिम्मेदार है? इस पर क्या कार्यवाही की जायेगी?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट ¼/span> अनुसार है। (ख) कटनी जिले के सभी शासकीय कार्यालयों एवं स्‍थानीय निकायों के लोक प्राधिकारियों द्वारा वर्ष 2023 में जानकारी स्‍वत: प्रगट करने हेतु कार्यालय कलेक्‍टर सूचना का अधिकार शाखा कटनी के पत्र क्रमांक 778/लो.सू.अधि. कटनी दिनांक 30.10.2023 द्वारा लेख किया गया है, जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशि‍ष्‍ट ¼/span> अनुसार है। कटनी जिले के शासकीय कार्यालयों एवं स्‍थानीय निकायों द्वारा वर्ष 2023 प्रगटन योग्‍य जानकारी जिला कार्यालय कि वेबसाइट पर देखा जा सकता है। उक्‍त जानकारी समय-समय पर सतत प्रक्रिया के रूप में अपलोड/अद्यतन की जा रही है। इस संबंध में कार्यालय कलेक्‍टर सूचना का अधिकार शाखा कटनी के पत्र क्रमांक 10153/लो.सू.अधि. कटनी दिनांक 21.06.2024 द्वारा सभी विभाग प्रमुखों को निर्देशों के पालन हेतु पुन: लेख किया गया है। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट ¼/span> अनुसार है, शेष का प्रश्‍न उ‍पस्थित नही होता। (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट ¼/span> अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट ¼/span> एवं ¼/span> अनुसार है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नही होता ।

विभागों के कार्यों का बाहरी मूल्यांकन

[सामान्य प्रशासन]

75. ( क्र. 2413 ) श्री संदीप श्रीप्रसाद जायसवाल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनसंकल्प-2013 का बिन्दु क्रमांकy क्या है एवं माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा समीक्षा बैठक दिनांक 19/09/2015 से क्या निर्देश दिये गए और शासन/विभाग द्वारा परिपत्र क्रमांक/span>एफ-11-03/2016/1/9, दिनांक 04/02/2016 से विभागों द्वारा किए जा रहे कार्यों के बाहरी मूल्यांकन के क्या निर्देश दिये गए? (ख) क्या प्रश्‍नांश (क) निर्देशों का कटनी जिले के सभी शासकीय विभागों/कार्यालयों एवं स्थानीय निकायों द्वारा पालन किया जा रहा है? यदि हाँ, तो कैसे और विगत 05 वर्षों में विभाग/कार्यालय/निकायवार कार्यों के किए गए बाह्य मूल्यांकन के परिणामों से अवगत कराएं। यदि नहीं तो किन-किन विभागों/कार्यालयों एवं स्थानीय निकायों द्वारा और क्यों? (ग) क्या शासकीय विभागों/कार्यालयों एवं स्थानीय निकायों के लेखा-परीक्षण के बाह्य मूल्यांकन एवं सामाजिक अंकेक्षण का भी प्रावधान है? यदि हाँ, तो किन-किन अधिनियमों/नियमों से? इसके पालन के लिए कौन-कौन प्राधिकारी जिम्मेदार होता है? (घ) प्रश्‍नांश (ग) अनुसार क्या नियमों का कटनी जिले के सभी शासकीय विभागों/कार्यालयों एवं स्थानीय निकायों द्वारा पालन किया जा रहा है? यदि हाँ, तो कैसे और विगत 05 वर्षों में विभाग/कार्यालय/निकायवार कार्यों/लेखा के बाह्य मूल्यांकन एवं सामाजिक अंकेक्षण के परिणामों से अवगत कराएं। यदि नहीं तो किन-किन विभागों/कार्यालयों एवं स्थानीय निकायों द्वारा और क्यों? (ङ) प्रश्‍नांश (क) से (घ) के तहत अधिनियमों/नियमों एवं शासनादेशों/विभागीय निर्देशों के बाद भी बाह्य मूल्यांकन एवं सामाजिक अंकेक्षण न करने के जिम्मेदार प्राधिकारियों पर शासन द्वारा कोई कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो किस प्रकार और कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) से (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

कुपोषण की रोकथाम

[महिला एवं बाल विकास]

76. ( क्र. 2422 ) श्री फुन्‍देलाल सिंह मार्को : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मध्यप्रदेश में कुपोषण की रोकथाम के लिए क्या प्रयास किया जा रहे हैं? (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार प्रदेश के जिलेवार व वर्गवार कुपोषित/अतिकुपोषित बच्चों की जानकारी देवें। (ग) प्रश्‍नांश (क) अनुसार 2021 से प्रश्‍न दिनांक तक कुल कितनी राशि जिलेवार व्यय की गई?

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट-2 अनुसार है। (ग) कुपोषण निवारण हेतु मुख्यमंत्री बाल आरोग्य संवर्धन कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है। अतिकुपोषित बच्चों को राशि रूपए 4 का अतिरिक्त आहार देने का प्रावधान है, जो पोषण आहार के बजट में ही समाहित है। वर्ष 2021 से प्रश्‍न दिनांक तक कुल राशि रूपये 60.82 करोड़ का व्‍यय हुआ है।

परिशिष्ट - "पंद्रह"

राज्य सेवा परीक्षा के लंबित परिणाम

[सामान्य प्रशासन]

77. ( क्र. 2425 ) श्रीमती अनुभा मुंजारे : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश लोक सेवा परीक्षा के वर्ष 2019, 2020, 2021 एवं 52 विभागों के 13% रूके हुए परिणाम कब तक जारी किए जाएंगे? जिसका विद्यार्थी विगत 6 वर्षों से इंतजार कर रहे हैं? (ख) आयोग द्वारा परिणाम क्यों जारी नहीं किए जा रहे हैं? यदि जारी किए जाएंगे तो कब? यदि नहीं, तो क्यों? क्योंकि 20 से 25 हजार बच्चों का भविष्य उससे जुड़ा है? (ग) वर्ष 2018 या उससे पूर्व की यह पद्धति थी कि सफल और असफल विद्यार्थियों की उत्तर पुस्तिका और अंकसूची दिखाई जाती थी किन्तु वर्ष 2019, 2020, 2021 से यह प्रक्रिया को नियमित नहीं किया गया है, जिससे हजारों विद्यार्थियों को अपनी कमी और कमजोरी का आकलन करने में समस्या आ रही है? ">(घ) सफल और असफल विद्यार्थियों की अंकसूची और उत्तर पुस्तिका दिखाने की पद्धति को पुनः प्रारंभ कब किया जाएगा? (ङ) मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय के डबल बेंच के केस नंबर 5596/2024 के आदेश में यह लिखा है कि सभी अभ्यर्थी के नंबर और चयन सूची जारी की जाए किन्तु आयोग द्वारा अभी तक कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाए गए हैं, क्यों?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) ओ.बी.सी. आरक्षण से संबंधित याचिकाओं में माननीय उच्‍च न्‍यायालय के अंतिम निर्णय उपरांत 13 प्रतिशत रूके हुए परिणाम जारी किए जाने की कार्यवाही की जा सकेगी। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ख) उत्‍तरांश '''' अनुसार। (ग) वर्ष 2018 या उससे पूर्व में ओ.बी.सी. आरक्षण का न्‍यालयीन प्रकरण नहीं था, किन्‍तु वर्ष 2019, 2020 एवं 2021 की परीक्षाओं में ओ.बी.सी. आरक्षण का मामला न्‍यायालय में जाने से परीक्षाओं के परिणामों को मुख्‍य भाग-अ एवं प्रावधिक भाग-ब के तहत निकाला जा रहा है। इस प्रक्रिया के माध्‍यम से केवल मुख्‍य भाग-अ का परिणाम घोषित किया जा रहा है एवं प्रावधिक भाग-ब 13 प्रतिशत न्‍यायालय में लंबित होने के कारण घोषित नहीं किए जा रहे हैं। अत: जब तक परीक्षाओं का अंतिम चयन फल घोषित नहीं होता तब तक उत्‍तर पुस्तिका और अंक सूची दिखाई जाना संभव नहीं है। (घ) माननीय उच्‍च न्‍यायालय के निर्णय के पश्‍चात विद्यार्थियों की उत्‍तर पुस्तिका एवं अंकसूची दिखाने की पद्धति को पुन: प्रारंभ किया जा सकता है। (ड.) अन्‍य पिछड़ा वर्ग आरक्षण के माननीय न्‍यायालय में लंबित प्रकरणों के कारण परीक्षाओं के परिणाम जारी किए जाने के संबंध में आयोग की बैठक दिनांक 29.09.2022 में लिये गये निर्णय की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।

लम्बित प्रकरणों का निराकरण

[महिला एवं बाल विकास]

78. ( क्र. 2429 ) श्री आतिफ आरिफ अकील : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या मध्यप्रदेश महिला आयोग में अध्यक्ष पद रिक्त पड़ा हुआ है? यदि हाँ तो मध्यप्रदेश महिला आयोग के इस महत्वपूर्ण पद के रिक्त होने का क्या कारण है? (ख) क्‍या महिला आयोग में अध्यक्ष पद रिक्त होने के कारण विगत 5 वर्षों में हजारों की संख्या में मामले लंबित हैं तथा जिनका निराकरण प्रश्‍न दिनांक तक नहीं किया गया है? यदि हाँ तो इसके लिए कौन-कौन जिम्मेदार है? क्या जिम्मेदारों पर कार्रवाई की जावेगी? यदि हाँ तो कब तक? (ग) प्रश्‍नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में विगत 5 वर्षों से प्रश्‍न दिनांक तक भोपाल जिले में कौन-कौन से मामले £2325;ब-कब से तथा किन-किन कारणों से लंबित पड़े हैं एवं लंबित पड़े हुए मामलों का निराकरण कब तक कर दिया जाएगा? पृथक-पृथक जानकारी उपलब्ध करावें।

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) जी हाँ। माननीय उच्‍च न्‍यायालय जबलपुर में दायर याचिका लंबित होने के कारण। (ख) जी हाँ। प्राप्‍त आवेदनों के निराकरण का अधिकार माननीय आयोग की संयुक्‍त बैंच को है। चूंकि प्रकरण माननीय उच्‍च न्‍यायालय में लंबित हैं। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) वर्षवार/विषयवार प्राप्‍त प्रकरणों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। आयोग के अध्‍यक्ष एवं सदस्‍यों की नियुक्ति संबं‍धी याचिकाएं माननीय उच्‍च न्‍यायालय जबलपुर में लंबित होने के कारण। आयोग के गठन होने के पश्‍चात उक्‍त प्रकरणों का निराकरण किया जाना संभव होगा।

जनसम्‍पर्क विभाग अन्‍तर्गत पत्रकारों को अधिमान्‍यता

[जनसंपर्क]

79. ( क्र. 2432 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनसम्‍पर्क विभाग अन्‍तर्गत क्‍या शासन द्वारा पत्रकारों को अधिमान्‍यता दी जाती है? यदि हाँ तो उसके क्‍या नियम एवं निर्देश हैं? प्रति उपलब्‍ध करावें। (ख) मध्‍यप्रदेश में शासन द्वारा जनसम्‍पर्क विभाग अन्‍तर्गत आज दिनांक तक प्रदेश में कुल कितने अधिमान्‍य पत्रकार हैं? जिलावार संख्‍या बतावें। (ग) जनसम्‍पर्क विभाग अन्‍तर्गत अधिमान्‍य पत्रकारों को शासन द्वारा क्‍या-क्‍या सुविधा उपलब्‍ध कराई जाती हैं? (घ) राजगढ़ जिले में आज दिनांक तक कौन-कौन से अधिमान्‍यता प्राप्‍त पत्रकार है? उनके नाम व पता सहित बतावें त‍था विभाग के पास किसी पत्रकार का आवेदन अधिमान्‍यता के लिये लंबित हैं? यदि हाँ तो उन्‍हें कब तक अधिमान्‍यता दी जावेगी? बतावें।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। राजपत्र में प्रकाशित अधिमान्‍यता नियम की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) मध्‍यप्रदेश में राज्‍य स्‍तरीय/जिला स्‍तरीय एवं तहसील स्‍तरीय अधिमान्‍यता प्राप्‍त पत्रकारों की कुल संख्‍या 4085 है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (ग) जनसंपर्क विभाग द्वारा अधिमान्‍य पत्रकारों की दी जाने वाली सुविधाएं निम्‍नानुसार है:- 1. संचार प्रतिनिधियों की मृत्‍यु होने पर पत्‍नी/पति/नाबालिग संतान को रूपये 4 लाख तक की आर्थिक सहायता एवं स्‍वयं अथवा आश्रितों के उपचार के लिये सामान्‍य बीमारियों में अधिकतम 40 हजार एवं गंभीर बीमारियों के उपचार के लिये अधिकतम रूपये 1.00 लाख तक की आर्थिक सहायता स्‍वीकृत किये जाने का प्रावधान है। 2. मध्‍यप्रदेश के श्रमजीवी पत्रकारों/कैमरामेनों के वाहन/कैमरा आदि क्षतिग्रस्‍त होने पर पत्रकार कल्‍याण कोष से रूपये 50 हजार तक आर्थिक सहायक राशि स्‍वीकृत किये जाने का प्रावधान है। 3. प्रदेश के चयनित वरिष्‍ठ एवं बुजुर्ग पत्रकार जिनकी उम्र 60 वर्ष से अधिक एवं 10 वर्ष की अधिमान्‍यता रही हो को 20 हजार प्रतिमाह के मान से सम्‍मान निधि दिये जाने का प्रावधान है। सम्‍मान निधि प्राप्‍त पत्रकार की मृत्‍यु होने पर आश्रित पत्नि/पति को एकमुश्‍त रूपये 8 लाख की आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। 4. संचार प्रतिनिधियों का क्रमश: रूपये 2 लाख एवं 4 लाख का स्‍वास्‍थ्‍य तथा रूपये 5 लाख एवं रूपये 10 लाख का दुर्घटना समूह बीमा किया जाता है, जिसके तहत अधिमान्‍यता प्राप्‍त पत्रकारों की प्रीमियम राशि का 75%, गैर अधिमान्‍यता प्राप्‍त पत्रकारों की प्रीमियम राशि का 50% एवं 65 वर्ष से अधिक आयु के अधिमान्‍य पत्रकारों के प्रीमियम राशि का संपूर्ण भुगतान शासन द्वारा वहन किया जाता है। 5. संचार प्रतिनिधियों को रूपये 30 लाख तक के आवास ऋण पर पांच प्रतिशत ब्‍याज अनुदान पांच वर्ष तक दिये जाने का प्रावधान है। 6. संचार प्रतिनिधियों को रूपये 30 लाख तक के बेटे/बेटियों के शिक्षा ऋण पर पांच वर्ष तक 5% ब्‍याज अनुदान दिये जाने का प्रावधान है। 7. राष्‍ट्रीय/राज्‍य स्‍तरीय एवं आंचलिक स्‍तर पर पत्रकारिता सम्‍मान दिये जाने का प्रावधान है। 8. मध्‍यप्रदेश के संचार प्रतिनिधियों को पात्रतानुसार राज्‍य/जिला एवं तहसील स्‍तरीय अधिमान्‍यता प्रदान की जाती है। (घ) राजगढ़ जिले में आज दिनांक में राज्‍य/जिला एवं तहसील स्‍तरीय अधिमान्‍यता प्राप्‍त पत्रकारों की कुल संख्‍या 21 है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन अनुसार है। विभाग के पास अधिमान्‍यता के लिये राजगढ़ जिले के लंबित आवेदन-पत्रों की कुल संख्‍या 05 है। नियमानुसार अधिमान्‍यता प्रदान किये जाने की प्रक्रिया प्रचलन में है।

नवीन पुलिस थाने एवं पुलिस चौकी की स्‍थापना

[गृह]

80. ( क्र. 2433 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि क) विभाग द्वारा आज दिनांक को राजगढ़ जिले में कितने पुलिस थाने एवं पुलिस चौकी कहाँ-कहाँ पर हैं? विधानसभावार बतावें। (ख) क्‍या शासन द्वारा राजगढ़ जिले में कोई नवीन पुलिस थाना एवं चौकी खोली जाना प्रस्‍तावित है? यदि हाँ तो कब और कहाँ खोली जावेगी? (ग) राजगढ़ जिले के सभी पुलिस थाना एवं पुलिस चौकियों पर क्‍या पर्याप्‍त पुलिस बल उपलब्‍ध है? यदि हाँ तो किस पुलिस थाना एवं पुलिस चौकी पर शासन द्वारा कितने-कितने पद किस-किस श्रेणी के स्‍वीकृत हैं, उनमें से कौन-कौन, किस-किस पद पर कब से कार्यरत है? (घ) राजगढ़ जिले की उक्‍त पुलिस थाना एवं पुलिस चौकी पर रिक्‍त पदों की पूर्ति कब की जावेगी? बतावें।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) राजगढ़ जिले में 23 पुलिस थाने एवं 13 पुलिस चौकी है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार। (ख) जी नहीं। (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार। (घ) पुलिस थानों/चौकियों में पदों का रिक्‍त होना एवं भरा जाना एक निरन्‍तर चलने वाली प्रक्रिया है। अत: समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

शराब बिक्री के नीति निर्देश

[वाणिज्यिक कर]

81. ( क्र. 2439 ) श्रीमती सेना महेश पटेल : क्या उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आबकारी नीति के अन्तर्गत अलीराजपुर, धार, झाबुआ जिले में तय की गई शासकीय शराब दुकानों पर बिक्री के क्या नीति, निर्देश, आदेश हैं? प्रति देवें। जिलों में शराबों की बिक्री कीमत क्या रखी गई है? (ख) अलीराजपुर, धार, झाबुआ जिलों में 2022 से वर्तमान तक प्रत्येक दुकानों पर प्रति वर्ष कितनी-कितनी बिक्री हेतु टी.पी. के माध्यम से शराब बुलाई गई? (ग) शासकीय दुकानों से अवैध रूप से शराब वाहन में भरकर भेजी जा रही है, उस पर आबकारी विभाग की नजर किस प्रकार से रखी जा रही है और क्या कार्यवाही की जा रही है? शासकीय दुकानों से अवैध शराब परिवहन के कितने प्रकरण दर्ज किये गये एवं ठेकेदारों पर क्या कार्यवाही की गई है?

उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) वर्ष 2024-25 की आबकारी नीति संबंधी मध्‍यप्रदेश राजपत्र (असाधारण) क्रमांक 27 दिनांक 08.02.2024 की कंडिका-31 के तहत मदिरा की फुटकर बिक्री की दुकानों को खोलने का समय प्रात: 8:30 बजे है तथा प्रात: 8:30 बजे से प्रात: 9:30 बजे तक का समय लेखा संधारण के लिए एवं मदिरा विक्रय का समय प्रात 09:30 से रात्रि 11:30 बजे तक निर्धारित है, जो पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-एक अनुसार है। आबकारी नीति के अन्तर्गत जिला अलीराजपुर, धार, झाबुआ की शासकीय शराब दुकानों पर शराब विक्रय की दरें, मध्‍यप्रदेश राजपत्र (असाधारण) क्रमांक 27 दिनांक 08 फरवरी 2024 की कण्डिका क्रमांक-19 के अनुसार शराबों की बिक्री कीमत पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-दो अनुसार है। (ख) जिला अलीराजपुर में 2022 से वर्तमान तक प्रत्येक दुकानों पर प्रति वर्ष में बिक्री हेतु टी.पी. के माध्यम से माह मई 2024 तक कम्‍पोजिट मदिरा दुकानों के लिए परिवहन परमिटों के माध्‍यम से देशी एवं विदेशी मदिरा भाण्‍डागारों से प्राप्‍त की गई। दुकानवार/वर्षवार मदिरा प्राप्‍त करने की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-तीन अनुसार है। जिला धार में 2022 से वर्तमान तक प्रत्येक दुकानों पर प्रति वर्ष में बिक्री हेतु टी.पी. के माध्यम से माह मई 2024 तक कम्‍पोजिट मदिरा दुकानों के लिए परिवहन परमिटों के माध्‍यम से देशी एवं विदेशी मदिरा भाण्‍डागारों से प्राप्‍त की गई। दुकानवार/वर्षवार मदिरा प्राप्‍त करने की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-चार अनुसार है। जिला झाबुआ में 2022 से वर्तमान तक प्रत्येक दुकानों पर प्रति वर्ष में बिक्री हेतु टी.पी. के माध्यम से माह मई 2024 तक कम्‍पोजिट मदिरा दुकानों के लिए परिवहन परमिटों के माध्‍यम से देशी एवं विदेशी मदिरा भाण्‍डागारों से प्राप्‍त की गई। दुकानवार/वर्षवार मदिरा प्राप्‍त करने की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-पांच अनुसार है। (ग) राज्‍य शासन द्वारा मदिरा का निर्माण, प्रदाय ई-आबकारी पोर्टल के माध्‍यम से ऑनलाइन परमिट जारी किया जाता है, जिसके तहत क्‍यू.आर. कोड से मदिरा परिवहन परमिट सत्‍यापन संबंधी जानकारी कोई भी व्‍यक्ति देख सकता है। जिला अलीराजपुर, धार एवं झाबुआ में आबकारी विभाग द्वारा कम्‍पोजिट मदिरा दुकानों पर निगरानी हेतु CCTV कैमरे लगाये गये हैं, जिले में शराब दुकानों से अवैध रूप से मदिरा परिवहन का कोई प्रकरण प्रकाश में नहीं आने से ठेकेदारों के विरूद्ध कोई कार्यवाही नहीं की गयी है।

पेंशनर्स को महंगाई भत्ता एवं महंगाई राहत का प्रदाय

[वित्त]

82. ( क्र. 2444 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश शासन के सेवानिवृत्ति शासकीय सेवकों को पिछले दो वर्षों में किस-किस माह में कितना-कितना महंगाई भत्ता एवं महंगाई राहत कितने प्रतिशत दी गई है? (ख) केंद्र शासन द्वारा विगत दो वर्षों में किस-किस दिनांक से कितना-कितना महंगाई भत्ता एवं महंगाई राहत दी गई है? (ग) क्या मध्यप्रदेश शासन द्वारा भी कर्मचारी एवं पेंशनर्स को केंद्र शासन द्वारा घोषित तिथि से महंगाई राहत एवं महंगाई भत्ता दिया गया है? यदि हाँ तो कब-कब? यदि नहीं, तो रोके जाने का क्या उचित है? (घ) केंद्र शासन द्वारा बड़े प्रदेशों को दो राज्यों में विभाजित किया गया है। इसी क्रम में मध्यप्रदेश से भी छत्तीसगढ़ को भी वर्ष 2000 विभाजित किया गया है। अन्य विवादित प्रदेशों में पेंशनर्स को महंगाई राहत देते समय किसी प्रकार की सहमति नहीं ली जाती है, किंतु मध्यप्रदेश में पेंशनर्स को महंगाई राहत देते समय सहमति लिए जाने का क्या औचित्य है? (ड.) क्या केंद्र शासन द्वारा महंगाई भत्ता एवं महंगाई राहत 50 प्रतिशत जनवरी 2024 से घोषित की गई है? प्रदेश के कर्मचारी एवं पेंशनर्स को 50 प्रतिशत महंगाई भत्ता एवं महंगाई राहत दिए जाने का प्रश्‍न शासन के विचाराधीन है। यदि हाँ तो महंगाई भत्ता एवं महंगाई राहत कब तक दे दी जावेगी?

उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) सातवें वेतनमान के अंतर्गत राज्‍य के कार्मिकों को महंगाई £2349;त्‍ता एवं राज्‍य के पेंशनरों को छत्‍तीसगढ़ शासन की सहमति के आधार पर महंगाई £2352;ाहत का भुगतान पिछले 02 वर्षों में निम्‍नानुसार किया गया है- महंगाई £2349;त्‍ता प्रभावी दिनांक 01.07.2023 दर प्रतिशत 46% महंगाई £2352;ाहत प्रभावी दिनांक 01.03.2024 दर प्रतिशत 46%, महंगाई £2349;त्‍ता प्रभावी दिनांक 01.01.2023 दर प्रतिशत 42% महंगाई £2352;ाहत प्रभावी दिनांक 01.07.2023 दर प्रतिशत 42%, महंगाई £2349;त्‍ता प्रभावी दिनांक 01.08.2022 दर प्रतिशत 34% महंगाई £2352;ाहत प्रभावी दिनांक 01.10.2022 दर प्रतिशत 33%, महंगाई £2349;त्‍ता प्रभावी दिनांक 01.03.2022 दर प्रतिशत 31% महंगाई £2352;ाहत प्रभावी दिनांक 01.08.2022 दर प्रतिशत 28% (ख) केन्‍द्र शासन द्वारा विगत 02 वर्षों में स्‍वीकृत किये गये, महंगाई £2349;त्‍ते एवं महंगाई £2352;ाहत का विवरण निम्‍नानुसार है - महंगाई £2349;त्‍ता प्रभावी दिनांक 01.01.2024 दर प्रतिशत 50% महंगाई £2352;ाहत प्रभावी दिनांक 01.01.2024 दर प्रतिशत 50%, महंगाई £2349;त्‍ता प्रभावी दिनांक 01.07.2023 दर प्रतिशत 46% महंगाई £2352;ाहत प्रभावी दिनांक 01.07.2023 दर प्रतिशत 46%, महंगाई £2349;त्‍ता प्रभावी दिनांक 01.01.2023 दर प्रतिशत 42% महंगाई £2352;ाहत प्रभावी दिनांक 01.01.2023 दर प्रतिशत 42%, महंगाई £2349;त्‍ता प्रभावी दिनांक 01.07.2022 दर प्रतिशत 38% महंगाई £2352;ाहत प्रभावी दिनांक 01.07.2022 दर प्रतिशत 38%, महंगाई £2349;त्‍ता प्रभावी दिनांक 01.01.2022 दर प्रतिशत 34% महंगाई £2352;ाहत प्रभावी दिनांक 01.01.2022 दर प्रतिशत 34% (ग) राज्‍य शासन द्वारा राज्‍य के उपलब्‍ध वित्‍तीय संसाधनों एवं अन्‍य प्राथमिकताओं को दृष्टिगत रखते हुये, राज्‍य के कार्मिकों/पेंशनरों हेतु महंगाई £2349;त्‍ता/महंगाई £2352;ाहत स्‍वीकृत की गयी है। राज्‍य शासन अपने उपलब्‍ध संसाधनों के आधार पर यथा समय उचित निर्णय लेता है। (घ) म.प्र. पुनर्गठन अधिनियम 2000 की धारा 49 के प्रावधानों के अनुसार राज्‍य के पेंशनरों को महंगाई £2352;ाहत के भुगतान हेतु छत्‍तीसगढ़ शासन से सहमति प्राप्‍त की जाती है। (ड.) जी हाँ। राज्‍य शासन अपने उपलब्‍ध संसाधनों के आधार पर यथा समय उचित निर्णय करता है, नीतिगत विषय होने से समय-सीमा से अवगत कराया जाना संभव नहीं है।

धारा 49 (6) विलोपित की जाना

[वित्त]

83. ( क्र. 2445 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2000 में मध्यप्रदेश को छत्तीसगढ़ प्रदेश में विभाजित किया गया है। (ख) पेंशनर्स को भुगतान की व्यवस्था धारा 49 (6) अनुसार निर्धारित की गई है? केन्द्र शासन द्वारा पेंशनर्स को राहत राशि स्वीकृत किये जाने पर, प्रदेश में पेंशनर्स को राहत राशि स्वीकृत किये जाने हेतु उक्त धारा को आधार बनाकर, राहत स्वीकृत नहीं की जाती है व विलम्ब किया जाता है। (ग) धारा 49 (6) विलोपित किये जाने हेतु पेंशनर्स संगठनों द्वारा ज्ञापन दिये जाने पर मुख्यमंत्री को समय-समय पर पत्र प्रेषित किये गये हैं। लगभग 24 वर्ष का समय व्यतीत हो जाने के उपरान्त धारा 49 विलोपित नहीं की गई है। धारा 49 समाप्त करने का प्रकरण क्या शासन स्तर पर प्रचलित है? यदि हाँ तो उक्त धारा कब तक समाप्त करने का निर्णय लिया जावेगा? समय-सीमा बताई जावे। (घ) धारा 49 यदि केन्द्र शासन द्वारा समाप्त की जाना है, तो मध्यप्रदेश शासन द्वारा इस संबंध में कब-कब केन्द्र सरकार को पत्र प्रेषित किये गये? अभिलेख सहित जानकारी दी जावे।

उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। जी नहीं, राज्‍य शासन अपने वित्‍तीय संसाधनों के आधार पर मध्‍यप्रदेश राज्‍य पुनर्गठन अधिनियम 2000 की धारा 49 के दृष्टिगत छत्‍तीसगढ राज्‍य से सहमति के आधार पर राज्‍य के पेंशनरों हेतु महंगाई £2352;ाहत स्‍वीकृत करता है। (ग) विभिन्‍न संगठनों द्वारा ज्ञापन प्रस्‍तुत करना/पत्राचार करना एक सतत प्रक्रिया है। म.प्र. राज्‍य पुनर्गठन अधिनियम 2000 केन्‍द्र सरकार का अधिनियम है, जिसकी धारा 49 के विलोपन के संबंध में शासन स्‍तर पर वर्तमान में कोई प्रस्‍ताव विचाराधीन नहीं है। शेष का प्रश्‍न नहीं उठता। (घ) वर्तमान में तदाशय का प्रस्‍ताव विचाराधीन नहीं हैं।

सोशल मीडिया पर महिलाओं एवं छात्राओं पर बढ़ते ब्लैकमेल के प्रकरण

[गृह]

84. ( क्र. 2448 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्‍नकर्ता विधायक के तारांकित प्रश्‍न क्रमांक 679 दिनांक 09.02.2024 के उत्तर में बताया गया है कि पोर्नोग्राफी के उत्पादन, प्रसारण और संग्रहण एवं दुष्प्रभाव को रोकने के लिए वर्ष 2018 से प्रश्‍न दिनांक तक 3752 जागरूकता कार्यक्रम आयोजित कर 2032125 लाख नागरिकों (विद्यार्थियों, महिलाओं एवं बालिकाओं आदि) को जागरूक किया गया है। क्या इतने शिविर के बावजूद भी प्रतिवर्ष पोर्नोग्राफी दुष्प्रभाव कम हुआ? यदि हाँ तो 1 जनवरी 2018 से प्रश्‍न दिनांक तक प्रतिवर्ष कितने-कितने मामले सामने आये हैं? वर्षवार जानकारी दें। (ख) प्रश्‍नांश (क) संदर्भित 1 जनवरी 2015 से प्रश्‍न दिनांक तक महिलाओं, स्कूल, कॉलेज छात्राओं को ब्लैकमेल करने के कितने मामले सामने आये हैं? प्रदेश के प्रत्येक जिले में कितनी-कितनी एफ.आई.आर. दर्ज हुई है तथा कितनी महिलाओं/छात्राओं ने आत्महत्या की है? (ग) प्रश्‍नांश (क), (ख) संदर्भित प्रदेश में ऐसे प्रकरणों की जाँच एवं कार्यवाही के लिए किस प्रकार की महिला हेल्प डेस्क किन-किन जिलों में एवं कितने एवं कौन-कौन अधिकारी हैं? वर्तमान में ऐसे कितने केस जाँच में या कोर्ट में लंबित हैं? उक्त अवधि में कितने प्रकरणों में कितने आरोपियों को कितनी सजा हुई?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '' अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '' अनुसार। (ग) प्रश्‍नांश (क), (ख) संदर्भित सोशल मीडिया पर महिलाओं एवं छात्राओं पर बढ़ते ब्लैकमेल के प्रकरणों की जाँच एवं कार्यवाही हेतु प्रदेश में कोई महिला हेल्प डेस्क संचालित नहीं है और न ही ऐसे कोई विशेष अधिकारी महिला हेल्प डेस्क में पदस्थ है। प्रदेश के समस्त जिलों में 987 पुलिस थानों में ऊर्जा महिला हेल्प डेस्क संचालित है। जिसमें महिलाओं की समस्त प्रकार की शिकायतों की सुनवाई की जाती है एवं विषय अनुसार संबंधित विभाग को अग्रिम कार्यवाही हेतु शिकायत रेफर कर दी जाती है। वर्तमान में 78 प्रकरण जाँच में है एवं 476 प्रकरण कोर्ट में लंबित है एवं उक्त अवधि में 16 आरोपियों को सजा हुई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '' अनुसार है।

लंबित चिकित्सा देयक का भुगतान

[गृह]

85. ( क्र. 2450 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या श्रीमती मधुकांता बैंस सहायक ग्रेड-03 जिला अभियोजन कार्यालय जिला नीमच द्वारा स्वयं का उपचार राज्य से बाहर कराये जाने के संबंध में महात्मा गांधी चिकित्सा महाविद्यालय इंदौर का पत्र क्र./434/OST/2023 दिनांक 24.03.2023 द्वारा कार्योत्तर स्वीकृति पत्र संचालनालय को प्रेषित किया गया था? यदि हाँ, तो स्वीकृति नहीं प्रदान करने के क्या कारण हैं? (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार संदर्भित श्रीमती बैंस के भुगतान के लिए अधिष्ठाता महात्मा गांधी स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय इंदौर के पत्र क्र./4364/OST/2023 दिनांक 24.03.2023 द्वारा संभाग आयुक्त इंदौर की अध्यक्षता में गठित समिति द्वारा अनुशंसा राशि रूपये 163047/- की स्वीकृति हेतु म.प्र. शासन चिकित्सा शिक्षा विभाग के परिपत्र दिनांक 12.12.2018 के कंडिका क्रं. 05 एवं परिपत्र दिनांक 13.12.2019 के संदर्भ में सहमति प्राप्त करने हेतु प्रकरण क्या शासन स्तर पर लंबित है? यदि हाँ तो किन-किन कारणों से? (ग) प्रश्‍नांश (क), (ख) संदर्भित स्व. श्रीमती मधुकांता बैंस के परिवारजनों को रूपये 163047/- की राशि कब तक उनके खाते में डाल दी जावेगी?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। चिकित्सा शिक्षा विभाग के परिपत्र दिनांक 21/12/2018 की कंडिका 05 एवं परिपत्र दिनांक 13/12/2013 के परिपालन में विभागीय कार्यवाही प्रचलित है। (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

निर्माण कार्यों को बजट में सम्मिलित कर प्रशासकीय स्वीकृति का प्रदाय

[वित्त]

86. ( क्र. 2453 ) श्री सोहनलाल बाल्‍मीक : क्या उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परासिया विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत विभिन्न निर्माण कार्यों को बजट में शामिल कर प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान किए जाने के संबंध में प्रश्‍नकर्ता द्वारा माननीय वित्त मंत्री महोदय जी को पत्र क्र.वि.स./परासिया/127/2024/283, 285, 286, 287, 290, 294, 298, 305, 306, 307, 308, 309, उक्त सभी पत्र दिनांक 22.05.2024 एवं पत्र क्र. 313 दिनांक 27.05.2024 को प्रेषित किए गये हैं, जिन सभी पत्रों में उल्लेखित निर्माण कार्यों को बजट में शामिल कर प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान किए जाने के संबंध में क्या कार्यवाही की गई है? अवगत करायें। (ख) प्रश्‍नांश (क) के अनुसार अगर उक्त पत्रों में उल्लेखित विभिन्न निर्माण कार्यों कों बजट में शामिल कर प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान किए जाने के संबंध में कोई कार्यवाही नहीं की गई है, तो इसका क्या कारण है? विभिन्न निर्माण कार्यों को बजट में शामिल कर कब तक प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान कर दी जायेगी? अवगत करायें। (ग) पिछले बजट सत्र में परासिया विधानसभा क्षेत्र के किन-किन कार्यों को बजट में शामिल कर प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई थी? स्वीकृति पत्र सहित अवगत करायें और अगर परासिया विधानसभा क्षेत्र के किसी भी निर्माण कार्यों को पिछले बजट सत्र में शामिल नहीं किया गया है और न ही प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई है, तो इस प्रकार भेदभाव किए जाने का क्या कारण है?

उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जी हाँ। लोक निर्माण विभाग में नवीन कार्य स्‍वीकृत किये जाने हेतु बजटीय प्रक्रिया के अतिरिक्‍त कोई और विकल्‍प नहीं है। पत्र में उल्‍लेखित विभिन्‍न निर्माण कार्य बजट में सम्मिलित नहीं होने से स्‍वीकृति की कार्यवाही नहीं की जा सकी है। (ख) लोक निर्माण विभाग में नवीन कार्य स्‍वीकृत किये जाने हेतु बजटीय प्रक्रिया के अतिरिक्‍त कोई और विकल्‍प नहीं है। पत्र में उल्‍लेखित विभिन्‍न निर्माण कार्य बजट में सम्मिलित नहीं होने से स्‍वीकृति की कार्यवाही नहीं की जा सकी है। (ग) परासिया विधानसभा क्षेत्र में पिछले बजट वर्ष 2023-24 में कोई भी कार्य बजट में शामिल नहीं किया गया है। अत: शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही

[गृह]

87. ( क्र. 2454 ) श्री सोहनलाल बाल्‍मीक : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परासिया विधानसभा क्षेत्र की ग्राम शिवपुरी लोहांगी नदी रेत खदान में वर्तमान में अवैध रेतखनन माफियाओं द्वारा रेत का अवैध उत्खनन कार्य निरंतर किया जा रहा है। दिनांक 07.06.2024 को रात्रि में अवैध रेत खननकर्ताओं ने ट्रैक्टर वाहन से ग्राम शिवपुरी निवासी समीर की कुचलर हत्या कर दी गई है, जिसमें समीर के परिवारजनों ने रिपोर्ट दर्ज कर अवैध रेत खननकर्ता कमलेश यादव को हत्या का दोषी बताकर उसके विरूद्ध कार्यवाही हेतु पुलिस प्रशासन से मांग की है परन्तु फिर भी अभी तक पुलिस द्वारा दोषियों के विरूद्ध कोई कार्यवाही नहीं की गई है और न ही अवैध रेत के उत्खनन को बन्द कराया गया है। मामले की निष्पक्ष जाँच कर सभी तथ्यों को सामने लाकर कब तक पुलिस प्रशासन द्वारा दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी? (ख) परासिया विधानसभा क्षेत्र में हो रहे अवैध रेत खनन कार्य को बन्द कराये जाने के संबंध में मेरे द्वारा पुलिस प्रशासन एवं खनिज विभाग को निरंतर पत्राचार कर एवं मौखिक रूप से कई बार अवगत कराया जा चुका है, परन्तु अवैध रेत उत्खनन को नहीं रोका जा रहा है। रेत माफियाओं के विरूद्ध कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है, जिससे रेत माफियाओं के हौसले बुलंद हो रहे हैं और दुर्घटनायें बढ़ रही हैं। कब तक प्रशासन द्वारा रेत माफियाओं पर कार्यवाही करते हुए अवैध रेत उत्खनन कार्य को बन्द करा दिया जायेगा?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) परासिया विधानसभा क्षेत्र की ग्राम शिवपुरी लोहांगी नदी रेत खदान में माफियाओं द्वारा निरंतर रेत का अवैध उत्खनन कार्य नहीं किया जा रहा है। यदा-कदा कोई सूचना प्राप्त होने पर अवैध उत्खनन/परिवहन के विरूद्ध वैधानिक कार्यवाही की जाती है। दिनांक 08.06.2024 को ग्राम शिवपुरी में समीर की मृत्यु के संबंध में थाना रावनवाडा में दिनांक 08.06.2024 को मर्ग कमांक 25/2024 धारा 174 जा.फौ कायम कर जाँच में लिया गय था। मर्ग जाँच में एकत्रित भौतिक साक्ष्य, चश्मदीद गवाह, सी.सी.टी.व्ही. फुटेज एवं परिस्थितिजन्य साक्ष्य के आधार पर यह पाया गया कि मृतक समीर घटना दिनांक को अपने दोस्त जुनैद खान, सुनील कहार आदि के साथ ट्रैक्टर ट्रॉली से बटी डेहरिया क घर रात्रि करीब 2:30 बजे रेत डालने जा रहे थे। समीर खान ट्रैक्टर पर बैठा था, नीचे गिरने से आई चोटों से उसकी मृत्यू हो गई। जाँच में एकत्रित साक्ष्य के आधार पर ट्रैक्टर चालक सुनील कहार के खिलाफ थाना रावनवाडा पर अपराध धारा 279 304ए भादवि एवं वाहन मालिक आकाश यदुवंशी के विरूद्ध धारा 4/181, 5/180, 39/192 मो व्ही. एक्ट का अपराध सिद्ध पाये जाने से अपराध कमांक 141/2024 पजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया है। ट्रैक्टर ट्रॉली जब्त की गई है। आरोपियों को गिरफ्तार कर 41 (1) सी.आर.पी.सी. की कार्यवाही की गई है। पुलिस द्वारा दोषियों के विरूद्ध समुचित मामले की निष्पक्ष जाँच कर सभी तथ्यों को सामने लाकर दोषियों के विरूद्ध विधिसम्मत कार्यवाही की गई है। (ख) जी नहीं, कार्यालय कलेक्टर खनिज शाखा जिला छिन्दवाड़ा से प्राप्त प्रतिवेदन अनुसार पुलिस प्रशासन एवं खनिज विभाग द्वारा संयुक्त कार्यवाही की गई है। खनिज नियमाधीन विभिन्न उल्लंघनकर्ताओं के विरूद्ध वित्तीय वर्ष 2023-24 में अवैध रेत के पंजीबद्ध 13 प्रकरण में राशि रू. 929650/- शासन हित में जमा करवायी गई है। परासिया विधानसभा क्षेत्र में विभिन्न स्थानों के निरीक्षण में अवैध रेत के पंजीबद्ध 02 प्रकरण में राशि रू. 63250/- अधिरोपित की जाकर अवैध रेत उत्खनन के संबंध में रोकथाम की कार्यवाही की गई है।

रेत का अवैध उत्खनन

[खनिज साधन]

88. ( क्र. 2455 ) श्री सुरेश राजे : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा डबरा स्थित सिंध नदी की अवैध रेत खदानों से ट्रक, डंपर, ट्रैक्टर-ट्रॉली से बिना रॉयल्टी ओवरलोड रेत भर कर थानों के सामने से परिवहन हो रहा है, जिससे शासन को प्रतिदिन लाखों रूपए के राजस्व की हानि होने से सम्बंधित क्षेत्र का थाना प्रभारी को उत्तरदायी मानकर क्या तत्काल हटाया जायेगा? यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) प्रश्‍नांश (क) के अनुसार सिंध नदी स्थित ग्राम जिग्निया-बारकरी में रेत खदान स्वीकृत नहीं है फिर भी वर्तमान रेत ठेकेदार द्वारा अवैध रूप से सिंध नदी एवं वन क्षेत्र से प्रतिदिन हजारों की संख्या में ट्रक, डंपर, ट्रैक्टर-ट्रॉली में बिना रॉयल्टी किसानों की भू-स्‍वामित्‍व की निजी भूमि में से बल पूर्वक गुंडागर्दी के साथ रास्ता बनाकर ओवरलोड रेत का परिवहन किया जा रहा है। ऐसे गरीब किसानों द्वारा थानों में शिकायत करने पर रेत माफिया द्वारा किसानों पर उल्टा केस दर्ज किया गयाl ऐसे रेत माफियायों के विरुद्ध कार्यवाही तथा थाना प्रभारी के विरुद्ध कब तक कार्यवाही कर हटाया जायेगा? यदि नहीं, तो इनका संरक्षण कौन कर रहा है? क्या अवैध रेत खनन के खिलाफ शासन एवं प्रशासन पूरी तरह कमज़ोर है?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जिला ग्‍वालियर में विधानसभा डबरा स्थित सिंध नदी में 07 रेत खदानें ई-निविदा के माध्‍यम से विधिमान्‍य माइन्‍स डेवलपर कम ऑपरेटर मेसर्स आर.एस.आई. स्‍टोन वर्ल्‍ड प्रायवेट लिमिटेड़ के पक्ष में स्‍वीकृत हैं, जिनमें से 04 खदानें वर्तमान में संचालित हैं। शेष 03 खदानें पर्यावरणीय स्‍वीकृति/सी.टी.ओ. हेतु प्रक्रियाधीन है। रेत खदानों की जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर दर्शित है। रेत से भरे वाहनों का परिवहन वैध खनिज अभिवहन पास के माध्‍यम से किया जा रहा है। अवैध उत्‍खनन, परिवहन तथा भंडारण की जाँच के लिए जिला स्‍तरीय टास्‍क-फोर्स में शामिल विभाग राजस्‍व, खनिज एवं पुलिस के संयुक्‍त दल द्वारा अवैध परिवहन एवं ओवर लोडिंग की रोकथाम की जाती है। कार्यवाही का विवरण संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर दर्शित है। बिना रॉयल्‍टी ओवरलोड वाहनों पर कार्यवाही निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ख) सिंध नदी स्थित ग्राम जिगनिया-बारकरी में कोई रेत खदान स्‍वीकृत नहीं है। अपितु जिला दतिया के ग्राम मरसैनी में स्‍वीकृत रेत खदान से रेत का परिवहन, जिगनिया एवं बारकरी ग्राम होते हुए ग्‍वालियर की ओर होता है। उक्‍त क्षेत्र में समय-समय पर खनिज, राजस्‍व एवं पुलिस विभाग द्वारा संयुक्‍त अभियान चलाकर कार्यवाही की जाती है। विगत समय में कुछ लोगों के द्वारा रेत के ट्रैक्टर तथा डंपर पर फायरिंग कर टायर फोड़ने का मामला प्रकाश में आया था, जिसमें संबंधितों के विरूद्ध थाना गिर्जोर्रा में आपराधिक प्रकरण दर्ज किया जाकर आरोपीगणों को गिरफ्तार किया गया है, जिसका विवरण संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र-स पर दर्शित है। अनुभाग डबरा क्षेत्र में कोई रेत माफिया सक्रिय नहीं है। अवैध रेत उत्‍खनन पर कार्यवाही निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट - "सोलह"

शर्तों का उल्लंघन कर क्रशर का संचालन

[खनिज साधन]

89. ( क्र. 2457 ) श्री सुरेश राजे : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गिट्टी हेतु क्रशर लगाने की किस सक्षम अधिकारी द्वारा अनुमति/स्वीकृति देने हेतु शासन के आदेश/ नियम एवं शर्तें सम्बन्धी नियमावली की प्रति देवें। (ख) विधानसभा डबरा के अंतर्गत गिट्टी हेतु क्रशर किस स्थान पर किस फर्म/व्यक्ति को कब से कब तक संचालित करने की स्वीकृति दी गई? प्रत्येक स्थापित क्रशर स्थान का सर्वे क्रमांक एवं रकबा क्रमांक तथा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से ली गई अनुमति का आदेश क्रमांक सहित पूर्ण जानकारी देवें (ग) प्रश्‍नांश (क) के अनुसार क्या यह सत्य है कि उक्त स्थानों पर संचालित क्रशरों में से किस-किस फर्म की क्रशर का संचालन मुख्य सड़क मार्ग/ग्राम/बस्ती/स्कूल से 500 मीटर के अन्दर सीमा में शर्तों का उल्लंघन कर संचालन होने से इन क्षेत्रों में प्रदूषण फैल रहा है? बस्ती के कई व्यक्ति टी.बी. एवं सांस की बीमारियों से ग्रस्त हैं। ऐसी फर्म के विरुद्ध अभी तक क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों नहीं? कारण बतावें। (घ) संचालित गिट्टी क्रशर स्थान पर पर्यावरण की दृष्टि से पत्थर खदानों में कितने फीट गहराई तक उत्खनन की अनुमति है? आदेश/नियम की प्रति देवें। डबरा के अंतर्गत संचालित खदानों में 75 से 85 फीट गहराई में ब्लास्टिंग कर पत्थर निकाला जा रहा है, इस पर क्या कार्यवाही की गई? नहीं तो क्यों?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी/सदस्य सचिव द्वारा जल (प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण) अधिनियम, 1974 की धारा 25 एवं वायु (प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण) अधिनियम, 1981 की धारा 21 के प्रावधानों के अंतर्गत गिट्टी क्रशर की स्थापना एवं संचालन की सम्मति बोर्ड की मार्गदर्शिका दिनांक 19/02/2004 के अनुसार प्रदूषण नियंत्रण की व्यवस्था करने की शर्तों के साथ दी जाती है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) विधानसभा डबरा के अंतर्गत क्षेत्रीय कार्यालय म.प्र. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा गिट्टी क्रशर को संचालित करने हेतु दी गई सम्मति एवं प्रश्‍नांश में चाही गई अन्य जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) बोर्ड की गाइड-लाइन दिनाँक 19.02.2004 में गिट्टी क्रशर की निकटतम ग्राम/बस्ती स्कूल से न्यूनतम दूरी 500 मीटर एवं नेशनल स्टेट हाइवे से न्यूनतम दूरी 100 मीटर होना उल्लेखित है। मुख्य सड़क मार्ग से दूरी का उल्लेख गाइड-लाइन में नहीं है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ में उल्लेखित गिट्टी क्रशर को बोर्ड द्वारा प्रथम सम्मति जारी किये जाने के समय सभी क्रशर बोर्ड की गाइड-लाइन में उल्लेखित दूरी क्राइटेरिया के अनुसार ही स्थापित हुये हैं। कालांतर में ग्राम चिरपुरा का विस्तार होने से एक क्रशर इकाई मेसर्स ब्रजेश गुप्ता स्टोन क्रशर की ग्राम चिरपुरा के आबादी क्षेत्र से दूरी 500 मीटर से कम रह गई है। इस गिट्टी क्रशर को बोर्ड द्वारा जल (प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण) अधिनियम, 1981 की धारा 31-क के अंतर्गत वायु प्रदूषण फैलाने के कारण क्रशर इकाई बंद करने के निर्देश दिनांक 14/05/2024 को जारी किये गये हैं। निर्देश पत्र पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। चिरपुरा बस्ती के लोगों के टी.बी. एवं श्‍वास संबंधी बीमारी से ग्रस्त होने की स्थिति संज्ञान में नहीं आई है। (घ) जिला ग्वालियर में क्रशर आधारित पत्थर की खदानों में अनुमोदित खनन योजना के साथ अधिसूचित म.प्र. गौण खनिज नियम, 1996 के नियम 30 (24), अधिसूचित खान अधिनियम 1952 तथा धातु उत्पादक खान विनियमन, 1961 के तहत कार्य किया जाना प्रावधानित है। डबरा के संचालित खदानों में 75 से 85 फीट गहराई में पत्थर निकालने के संबंध में खान सुरक्षा महानिदेशालय से अनुमति प्राप्त कर खदानों का संचालन किया जा रहा है।

सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम की योजनाओं की जानकारी

[सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्‍यम उद्यम]

90. ( क्र. 2459 ) डॉ. राजेश सोनकर : क्या सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्‍यम उद्यम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला देवास में सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग से कौन-कौन सी योजनाएं बेरोजगारों को रोजगार देने हेतु वर्तमान में संचालित की जा रही हैं? सभी योजनाओं की जानकारी उपलब्ध करवाने का आग्रह है। (ख) प्रश्‍नांश '''' के संदर्भ में उल्लेखित देवास जिले में विगत 05 वर्षों में सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग के माध्यम से कितने बेरोजगार हितग्राहियों को विभिन्न योजनाओं का लाभ दिया गया है? उन्हें ऋण के रूप में स्वीकृत राशि की जानकारी उपलब्ध करवायें। (ग) वर्तमान में प्रशासकीय विभाग सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग के अंतर्गत बेरोजगार हेतु रोजगार प्राप्त करने संबधित जिला उद्योग केंद्र व अन्य में वित्तीय वर्ष 2018-19 से प्रश्‍न दिनांक तक विभिन्न योजनाओं का लाभ प्राप्त करने के लिए प्रस्तुत किये गये आवेदकों की संख्या, योजना का नाम एवं स्वीकृत व अस्वीकृत प्रकरणों की जानकारी उपलब्ध करावें। (घ) क्या जिला देवास अंतर्गत बेरोजगारों के पलायन को रोकने हेतु एवं रोजगार देने हेतु अधिक से अधिक विभाग एवं अन्य शासकीय विभागों के माध्यम से विशेष शिविरों का आयोजन कराया जावेगा क्या और यदि हाँ तो कब तक?

सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्‍यम उद्यम मंत्री ( श्री चेतन्‍य कुमार काश्‍यप ) : (क) जिला देवास में सूक्ष्‍म, लघु और मध्यम उद्यम विभाग द्वारा स्वरोजगार के लिए राज्य शासन की मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना संचालित है। योजना की जानकारी/दिशा-निर्देश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) प्रश्‍नांश '''' के संदर्भ में देवास जिले में विगत वर्षों में मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना के माध्यम से 1858 हितग्राहियों को लाभ दिया गया है, उन्हें ऋण के रूप में राशि रू. 115.57 करोड़ की ऋण राशि वितरित की गयी है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (घ) देवास जिले में स्वरोजगार के अवसर पैदा करने हेतु एम.एस.एम.ई. विभाग द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं के प्रचार-प्रसार हेतु जिला व्यापार एवं उद्योग केंद्र, देवास द्वारा नियमित रूप से जिला/ब्लॉक स्तर पर जागरूकता शिविरों का आयोजन किया जाता है।

स्वीकृत खदानों की जानकारी

[खनिज साधन]

91. ( क्र. 2462 ) श्री दिनेश जैन बोस : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) महिदपुर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत वर्ष 2022 से प्रश्‍न दिनांक तक कितनी खनिज खदानें स्वीकृत की गई हैं? क्या सभी खनिज खदानें शासन के खनिज नियमों के अंतर्गत स्वीकृत की गई हैं? शासन द्वारा लीज आवंटित करने के लिए क्या नियमावली है? (ख) महिदपुर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत मुरम, गिट्टी, मिट्टी एवं अन्य खनिजों के खनन हेतु किस-किस को कितनी-कितनी समयावधि के लिए लीज स्वीकृत की गई है? ग्राम का नाम, सर्वे नंबर, रकबा, लीज धारक के नाम, मोबाइल नंबर एवं पते सहित सूची देवें। (ग) महिदपुर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत सड़क निर्माण के लिए कहाँ-कहाँ, कितनी-कितनी लीज आवंटित की गई है? सूची देवें। क्या सड़क निर्माण ठेकेदारों द्वारा लीज क्षेत्र से बाहर अवैध खनन किया गया है? यदि हाँ तो क्या विभाग द्वारा कोई कार्यवाही की गई है? यदि की गई तो जानकारी उपलब्ध कराएं। यदि नहीं की गई तो क्यों? कारण बताएं। (घ) लीज स्वीकृत होने के पश्चात कितने लीज धारकों द्वारा खदानें संचालित नहीं करने पर उनके द्वारा सालाना डेड रेंट जमा नहीं किया जाता है? सूची देवें। क्या लीज धारकों द्वारा डेड रेंट नहीं जमा करने पर विभाग द्वारा लीज निरस्त करने का कोई प्रावधान है? यदि है तो उक्त लीज धारकों की लीज कब तक निरस्त कर दी जाएगी?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) प्रश्‍नाधीन विधानसभा क्षेत्र में प्रश्‍नाधीन अवधि में यांत्रिक क्रिया से गिट्टी निर्माण एवं यांत्रिक क्रिया से रेत निर्माण हेतु पत्‍थर खनिज का 01 उत्‍खनिपट्टा स्‍वीकृत किया गया है। जी हाँ। गौण खनिजों के उत्‍खनिपट्टा अधिसूचित नियम मध्‍यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 के प्रावधानों के तहत आवंटित/स्‍वीकृत किए जाते हैं। (ख) प्रश्‍नांश की जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर दर्शित है। (ग) महिदपुर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत सड़क निर्माण के लिए कोई लीज स्‍वीकृत नहीं की गई है। अत: प्रश्‍नांश के शेष भाग का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (घ) लीज स्‍वीकृत होने के पश्‍चात खदानें संचालित नहीं करने एवं सालाना डेड रेंट जमा नहीं करने वाले लीज धारकों की जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर दर्शित है। लीज धारकों द्वारा डेड रेंट जमा न किये जाने से उन्‍हें कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया जाना एवं इसका पालन न किए जाने से लीज निरस्‍त किए जाने की कार्यवाही किए जाने का प्रावधान मध्‍यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 में अधिसूचित है। उक्‍त प्रावधानों के तहत नियमानुसार कार्यवाही की जा सकेगी। अत: समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

परिशिष्ट - "सत्रह"

ए.डी.जे. कोर्ट प्रारंभ किया जाना

[विधि एवं विधायी कार्य]

92. ( क्र. 2468 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीतामऊ ए.डी.जे. कोर्ट प्रारंभ करने हेतु माननीय उच्च न्यायालय द्वारा आवश्यक मूलभूत सुविधाओं के अंतर्गत उपयुक्त एवं पूर्ण सुविधायुक्त न्यायालय भवन न्यायाधीश के निवास हेतु उपयुक्त शासकीय आवास गृह एवं न्यायालय के लिए आवश्यक अमला उपलब्ध कराने के निर्देश दिये थे, उक्त निर्देश के पालन में विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की? (ख) सीतामऊ में ए.डी.जे. कोर्ट प्रारंभ करने एवं आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराने हेतु बजट का प्रावधान प्रश्न‍ दिनांक तक क्यों नहीं किया गया है? (ग) ए.डी.जे. कोर्ट भवन निर्माण का कार्य पूर्ण होने तथा समस्त सुविधाएं उपलब्ध होने के पश्चात भी प्रश्‍न दिनांक तक जनहित में ए.डी.जे. कोर्ट प्रारम्भ क्‍यों किया नहीं गया है? (घ) सदन दिनांक 09.02.2024 को प्रश्‍न क्रमांक 424 के प्राप्त उत्तर में जानकारी एकत्रित होना बताया गया था। क्या उक्त प्रश्‍न की जानकारी एकत्रित कर ली गई है तथा ए.डी.जे. कोर्ट को कब से प्रारम्भ जावेगा? जानकारी देवें।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) माननीय उच्‍च न्‍यायालय द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर विधि एवं विधायी कार्य विभाग भोपाल के पत्र क्रमांक 2207/2022/21-ब (एक), भोपाल दिनांक 20.06.2022 द्वारा 1, 25, 75, 000 की प्रशासकीय एवं वित्‍तीय स्‍वीकृति प्रदान की गई है। चाईल्‍ड फ्रेंडली ए.डी.जे. न्‍यायालय भवन का कार्य पूर्ण हो चुका है एवं आवासीय भवन हेतु भूमि आवंटित की जा चुकी है। (ख) प्रकरण माननीय प्रशासनिक कमेटी के समक्ष प्रस्‍तुत किया जाना प्रस्‍तावित है। (ग) प्रकरण माननीय प्रशासनिक कमेटी के समक्ष प्रस्‍तुत किया जाना प्रस्‍तावित है। (घ) जी हाँ। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

विकासखण्ड में कार्यरत अधिकारी एवं कर्मचारियों की जानकारी

[सामान्य प्रशासन]

93. ( क्र. 2469 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि क) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र के विकासखण्ड सीतामऊ एवं गरोठ में शासन के कौन-कौन से विभाग कार्यरत हैं? (ख) उपरोक्त विभागों में कार्यरत विकासखण्ड स्तरीय अधिकारी एवं विभागों में कार्यरत कर्मचारियों के नाम एवं पद की जानकारी देवें। (ग) प्रश्‍नांश (ख) में उल्लेखित अधिकारी एवं कर्मचारी कितने वर्षों से विकासखण्ड के अंतर्गत विभागों में कब से अपनी सेवाएं दे रहे हैं? नाम, पद, स्थान, वर्ष की जानकारी देवें।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) से (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।

आकांक्षी जिलों के इंडिकेटर की अद्यतन स्थिति

[योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी]

94. ( क्र. 2473 ) श्री राजेश कुमार शुक्‍ला : क्या उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले को आकांक्षी जिला में सूचीबद्ध करने के समय चयनित क्षेत्रों के इंडिकेटर (Indicator) की क्या स्थिति थी? उसी समय देश, प्रदेश में इनकी क्या स्थिति थी? आज की तिथि में इन क्षेत्रों के इंडिकेटर की क्या स्थिति है? (ख) आकांक्षी जिले के अंतर्गत छतरपुर जिले में क्या कार्य किये गए या किए जा रहे हैं या प्रस्तावित है? इन कार्यों के लिए कितनी राशि व्यय की जा चुकी है अथवा प्रस्तावित है? इन कार्यों के करने से हुए सुधारों का ब्‍यौरा क्या है? (ग) चयनित क्षेत्रों के सभी इंडिकेटर शत्-प्रतिशत पाने की क्या कार्ययोजना है?

उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) छतरपुर जिले से प्राप्त संकेतकों के विवरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट -'''' के पृष्ठ क्रमांक 01 से 06 पर एवं म.प्र. राज्य नीति आयोग स्तर पर प्रदेश स्तरीय जिलों के संकलन पृष्ठ संख्या 01 से 244 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'''' के पृष्ठ संख्या 245 से 247 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'''' अनुसार है।

सी.सी.टी.वी. फुटेज की जाँच कर आरोपियों की गिरफ्तारी

[गृह]

95. ( क्र. 2530 ) श्री बाला बच्चन : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 16.05.2024 को थाना राजपुर जिला बड़वानी में चंडिका प्रताप‍ सिंह पिता जय विजेंद्र सिंह राणावत के आवास पर हमले की घटना पर पुलिस द्वारा तत्‍काल एक्‍शन क्यों नहीं लिया गया और पुलिस थाना एस.डी.एम. ऑफिस के बीच मात्र एक पुल की दूरी होने पर भी पुलिस नहीं पहुंची? (ख) सार्वजनिक सी.सी.टी.वी. बंद होने से यह स्‍पष्‍ट है कि हमले की इस घटना में पूर्व नियोजित तरीके से पुलिस की सांठ-गांठ थी तो क्‍या कारण है कि हमले की घटना पर पुलिस राजीनामा करने का दबाव बनाती रही? (ग) चंडिका प्रताप सिंह द्वारा दिनांक 16-05-2024 को पुलिस अधीक्षक बड़वानी को दिए आवेदन पर प्रश्‍न दिनांक तक हुई कार्यवाही के समस्‍त पत्राचार की छायाप्रति देवें। इनके द्वारा सी.सी.टी.वी. फुटेज जो पेन ड्राइव में दिए गए को रिकार्ड में लेकर जाँच का हिस्‍सा क्‍यों नहीं बनाया गया? सी.सी.टी.वी. फुटेज से स्‍पष्‍ट है कि ये हमले का शिकार हुए लेकिन पुलिस द्वारा हमलावरों से मिलीभगत करके इन्‍हें आरोपी बना दिया गया, क्‍यों? (घ) जाँच अधिकारी के पास उपलब्‍ध समस्‍त दस्‍तावेजों की प्रमाणित प्रति देवें। क्‍या मा. मुख्‍यमंत्री (गृह मंत्री) जी पुलिस द्वारा की गई इस अवैध कार्यवाही पर कोई एक्‍शन लेंगे? यदि नहीं, तो क्‍यों? कब तक सी.सी.टी.वी. फुटेज की जाँच कर आरोपियों की गिरफ्तारी होगी?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '' अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '' अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '' अनुसार। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '' अनुसार।

शस्‍त्र लायसेंस बनाये जाने के नियम

[गृह]

96. ( क्र. 2569 ) श्री राजेन्‍द्र भारती : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि क) शासन द्वारा शस्त्र लायसेंस बनाये जाने के क्या-क्‍या नियम/कानून हैं? कृपया नियमों की प्रति उपलब्ध करायें। दतिया जिला में वर्ष 2020 से प्रश्‍न दिनांक तक कितने आवेदनकर्ताओं द्वारा बंदूक/पिस्टन/रिवाल्वर के आवेदन पत्र दिये गये हैं? कृपया वर्षवार आवेदकों के नाम/पता की सूची प्रदाय करें। (ख) क्या शासन द्वारा जिलावार/वर्षवार शस्त्र लायसेंस बनाये जाने की संख्या निर्धारित की जाती है। यदि हाँ तो वर्ष 2020 से नवम्‍बर 2023 तक कलेक्टर एवं शासन द्वारा कितने-कितने शस्त्र लायसेंस बनाये गये हैं? कृपया स्वीकृत लायसेंसधारियों की वर्षवार, थानावार नाम/पता एवं शस्त्र के उल्लेख सहित सूचियां प्रदाय करें। (ग) क्या आवेदकों के शस्त्र लायसेंस बनाये जाने के लिये पुलिस अनुशंसा प्राप्त की जाती है? यदि हाँ तो उक्त आवेदनकर्ताओं के पुलिस द्वारा अनुशंसा/रिपोर्ट लगाई गई है? यदि हाँ तो सभी आवेदकों एवं स्वीकृत लायसेंसधारियों की थानावार आपराधिक रिकॉर्ड की जानकारी प्रेषित करें। (घ) वर्ष 2020 से प्रश्‍न दिनांक तक कितने व्यक्तियों ने शस्त्र लायसेंस के लिये आवेदन प्रस्तुत किये गये हैं और कितने आवेदन निरस्त किये गये? उनके नाम/पता एवं निरस्त करने का कारण सहित जानकारी प्रदाय करें। कृपया थानावार आवेदकों एवं स्वीकृत लायसेंसधारियों का पुलिस रिकॉर्ड प्रस्तुत करें।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '' अनुसार। /span>(ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'बी' अनुसार। (ग) एवं (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'सी' में समाहित है।

सहारा कंपनी के विरूद्ध कानूनी कार्यवाही

[गृह]

97. ( क्र. 2570 ) श्री राजेन्‍द्र भारती : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दतिया जिला में सहारा क्यूसोप सेन्टर लिमिटेड कंपनी के विरुद्ध थाना बड़ौनी में एफ.आई.आर. नं. 184, 185, 186 दिनांक 29/07/2020 पंजीबद्ध किये गये? यदि हाँ तो थाना बड़ौनी के अतिरिक्त दतिया कोतवाली, थाना उनाव, बसई, इंदरगढ़, सेंवढ़ा, भाण्डेर, पण्डोखर, धीरपुरा एवं अन्य थानों में भी प्रकरण दर्ज किये गये। यदि हाँ तो क्या उक्त पंजीबद्ध प्रकरणों में कंपनी के मालिक सुब्रतराय एवं जितेन्द्र मेवा फरोस को आरोपी बनाया गया? यदि हाँ तो क्या प्रकरणों की विवेचना पुलिस द्वारा की गई? यदि हाँ तो विवेचना में क्या जाँच की गई? कृपया जाँच/विवेचना के बिन्दुओं का विस्तृत थानावार अलग-अलग विवरण देते हुए प्रतिवेदन प्रदाय करें। (ख) क्या विभाग द्वारा हजारों लाखों हितग्राहियों की करोड़ों रूपये की राशि बचाने वसूलने के लिए एस.आई.टी. बनाई गई? यदि हाँ तो कृपया विस्तृत विवरण दें। क्या पुलिस द्वारा आरोपियों के विरुद्ध कानूनी कार्यवाही करते हुए गिरफ्तार किया गया? यदि नहीं, तो क्यों? कृपया कारण सहित बतायें कि क्या पुलिस द्वारा न्यायालय में चालान आदि प्रस्तुत कर न्‍यायालयीन कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों? कृपया कारण सहित जानकारी दें। क्या कंपनी से पुलिस द्वारा राशि जप्त की जाकर न्यायालय से राशि वापसी की प्रक्रिया की गई? यदि हाँ तो विवरण दें और नहीं तो क्यों? कृपया कारण सहित बतायें। (ग) क्या कंपनी द्वारा उपभोक्ताओं की जमा राशि ब्याज सहित वापिस की गई? यदि हाँ तो कितने-कितने हितग्राहियों को कितनी-कितनी राशि प्राप्त हो सकी है? कृपया अलग-अलग विवरण देते हुए बतायें कि विवेचना के दौरान कितने-कितने हितग्राहियों द्वारा कुल कितनी राशि कंपनी में जमा की गई? कृपय हितग्राहियों के नाम/पता एवं राशि का विवरण दें। हितग्राहियों की राशि वापस करने की क्‍या कानूनी प्रक्रिया अपनाई है? कृपया जानकारी दें। (घ) दतिया जिला में सहारा कंपनी में कुल कितने उपभोक्ताओं को कितनी-कितनी राशि दिलवाई गई और अभी भी कितने उपभोक्तागण शेष रह गये हैं? कृपया सभी उपभोक्ताओं के नाम/पता एवं राशि‍ के विवरण के साथ जानकारी प्रदाय करें।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '' अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '' अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '' अनुसार। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '' अनुसार।

अपार खनिज भण्‍डार की जानकारी

[खनिज साधन]

98. ( क्र. 2584 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टीकमगढ़ जिले में खनिज संपदा से वर्ष 2018 से प्रश्‍न दिनांक तक वर्षवार कितनी-कितनी राजस्व आय प्राप्त हुई है? कृपया वर्षवार एवं किस प्रकार से प्रतिवर्ष आय हुई, की सम्पूर्ण जानकारी प्रदाय करें। (ख) प्रश्‍नांश (क) के आधार पर बताएं कि जिले में कहाँ-कहाँ अपार खनिज भण्डार है? इसका सर्वे कब-कब हुआ था? क्या रॉक फॉसफेट, आयरन, डायस्पोर/पायरोलाइट एवं हीरा खनिज की मात्रा जिले में अगर है तो कहाँ-कहाँ एवं किस खसरा नं. में कितने-कितने रकबा में एवं किस ग्राम के किस तहसील में है? कृपया सम्पूर्ण जानकारी प्रदाय करें। (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) के आधार पर बताएं कि खनिज पट्टा दिए जाने हेतु वर्तमान में कौन-कौन से नियम हैं? कृपया ऐसे आदेशों एवं नियमों की छायाप्रतियां प्रदाय कर सम्पूर्ण जानकारी प्रदाय करें एवं यह भी बताएं कि टीकमगढ़ जिले की कौन-कौन सी खनिजों के वर्तमान में किस-किस को कब तक के लिए पट्टा प्रदाय है? कृपया ऐसे पट्टाधारी का नाम एवं पूरा पता, खनिज का नाम, खसरा नं, स्वीकृत क्षेत्र हेक्टेयर में, गाम, तहसील एवं विभागीय अमले द्वारा खनिज पट्टा स्थल निरीक्षण समयावधि सहित सम्पूर्ण जानकारी इसके आदेश की छायाप्रतियां सहित प्रदाय करें। (घ) प्रश्‍नांश (क), (ख) एवं (ग) के आधार पर बताएं कि जब टीकमगढ़ जिले में खनिज के अपार भण्डार हैं तो क्या इन खनिजों के आधार पर जिले में किस-किस का वृहद उद्योग औद्योगिक नीति एवं निवेश विभाग द्वारा खोला जा सकता है? विभाग से सहमति लेने क्या प्रस्ताव लंबित है? विभाग कब तक सहमति दे देगा? सम्पूर्ण जानकारी प्रदाय करें।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर दर्शित है। (ख) जिले का विभाग द्वारा वर्ष 1968-1969 एवं 1975-76 में सर्वे किया गया है, जिसमें तहसील टीकमगढ़ के ग्राम खैरा, कारी, नगवारा, क्षेत्र में गड्ढाकरण एवं नालीकरण द्वारा डायस्‍पोर/पायरोलाइट होने की संभावना दर्शाई गई है। सर्वे का कार्य प्राथमिक चिन्‍हांकन के आधार पर किया जाता है। खसरा एवं रकबा से नहीं किया जाता है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) मध्‍यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 अधिसूचित है। टीकमगढ़ जिले में स्‍वीकृत खनि रियायतों एवं खदान क्षेत्र का स्‍थल निरीक्षण प्रतिवेदन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर दर्शित है। (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

अपराधियों की गिरफ्तारी

[गृह]

99. ( क्र. 2585 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि छतरपुर जिले के कोतवाली थाना अंतर्गत सौरा रोड, रघुनंदन विहार कॉलोनी में वर्तमान निवासी श्री रामेश्वर प्रसाद पिता श्री रामचरण चौरसिया के स्वयं के मकान में ताला तोड़कर, बक्से के कब्जे एवं गोदरेज का ताला तोड़कर अज्ञात चोरों द्वारा दिनांक 04.12.2023 से 07.12.2023 के मध्‍य 1.5 लाख नगद एवं 25 लाख का सोने-चांदी के आभूषण व कपड़े चोर चोरी करके ले गए थे, जिसकी कोतवाली छतरपुर में दिनांक 08.12.2023 को एफ.आई.आर. भी की गई थी? (ख) प्रश्‍नांश (क) के आधार पर यह भी बताएं कि लगभग 6 माह बीत जाने के बावजूद भी प्रश्‍न दिनांक तक अज्ञात चोरों का अता-पता नहीं लगा पाई है, क्या-क्या कारण हैं? (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) के आधार पर बताएं कि क्या अज्ञात चोरों की एफ.आई.आर. रिपोर्ट पर पुलिस थाना कोतवाली द्वारा चोर न मिलने के कारण चोरों व अपराधियों को ढूंढना छोड़ दिया है? कृपया यह भी बताएं कि जून 2023 से प्रश्‍न दिनांक तक कोतवाली थाना छतरपुर में कितनी-कितनी और £2325;िस-किस की चोरियों की एफ.आई.आर. कब-कब हुई है और किस-किस की चोरियों का खुलासा होकर कौन-कौन से अपराधियों/चोरों को गिरफ्तार किया जा चुका है और किस-किस की चोरियों का खुलासा नहीं हुआ? कृपया सम्पूर्ण जानकारी दें। (घ) प्रश्‍नांश (क), (ख) एवं (ग) के आधार पर बताएं कि उपरोक्त चोरी का खुलासा करवाकर, अपराधियों को पकड़कर, उनसे कब तक माल जब्त किया जावेगा? निश्चित समय-सीमा सहित बताएं।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) आवेदक रामेश्वर चौरसिया पिता रामचरन चौरसिया उम्र 43 साल नि. रघुनंदन विहार कॉलोनी, सौरा रोड थाना कोतवाली जिला छतरपुर के मकान में दिनांक 04.12.2023 से 07.12.2023 के मध्य सूने घर में चोरी हुई थी, जिसमें 01 लाख 50 हजार रूपये नगद तथा सोने-चांदी के जेवर एवं कपड़े चोरी हुये थे। घटना की लिखित रिपोर्ट पर थाना कोतवाली में अप.कं. 877/2023 धारा 457, 380 भादवि के प्रकरण दिनांक 08.12.2023 को अज्ञात आरोपियों के विरूद्ध पंजीबद्ध किया गया। (ख) अज्ञात आरोपी और चोरी गई संपत्ति की तलाश के हर संभव प्रयास किये जा रहे हैं, विवेचना जारी है। (ग) जी नहीं। अज्ञात आरोपियों और चोरी गई संपत्ति की तलाश जारी है। प्रश्‍नांश के शेष भाग की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। /span>(घ) चोरियां जिसमें खुलासा नहीं हुआ है, इन प्रकरणों की विवेचना जारी है। आरोपी एवं चोरी गये माल का पता लगाने के प्रयास किये जा रहे हैं। विवेचना सतत् प्रक्रिया है। अतः माल जब्त करने की समय-सीमा बताना संभव नहीं है।

सी.एस.आर. नीति का पालन

[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]

100. ( क्र. 2592 ) श्री देवेन्द्र पटेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि क) रायसेन जिले में स्थित कौन-कौन से उद्योग समूह, उपक्रम, कंपनियां सी.एस.आर. (कॉर्पोरेट सोशल रिस्‍पांसिबिलि‍टी) नीति के तहत आते हैं? क्‍या इनके द्वारा भारत सरकार की सी.एस.आर. पॉलिसी का पालन किया जाता है? (ख) प्रश्‍नांश (क) में उल्‍लेखित उद्योगों ने विगत पांच वर्षों में £2325;हाँ-कहाँ किन-किन क्षेत्रों में कितनी राशि व्‍यय कर अपने सामाजिक उत्‍तरदायित्‍व का निर्वहन किया है? वर्षवार, कार्यवार, व्‍यय राशि का विवरण दें व बतावें कि उक्‍त कार्य किन क्षेत्रों में कहाँ किये गये हैं और उनसे किन लोगों को लाभ हुआ है? (ग) प्रदेश सरकार द्वारा सी.एस.आर. की राशि के वास्‍तविक व्‍यय, उसके सदुपयोग और उसके भौतिक सत्‍यापन को लेकर कोई नियम-निर्देश जारी किये हैं, क्‍या? यदि नहीं, तो क्‍यों? कोई कंपनी अपने सी.एस.आर. फंड के व्‍यय में फर्जीवाड़ा या अनियमितता करता है तो इसे रोकने के क्‍या उपाय हैं?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) एवं (ख) कॉर्पोरेट सामाजिक दायित्‍व को निर्वहन के संबंध में भारत सरकार द्वारा अधिसूचित कंपनी अधिनियम, 2013 की धारा 135 के अनुसार किसी वित्‍तीय वर्ष के दौरान पांच सौ करोड़ रूपये या अधिक के शुद्ध मूल्‍य वाली या एक हजार करोड़ रूपये या अधिक के आवर्त वाली या पांच करोड़ रूपये या अधिक के शुद्ध लाभवाली प्रत्‍येक कंपनी द्वारा सी.एस.आर. नीति का पालन किया जाना अनिवार्य है। कंपनी अधिनियम अनुसार उक्‍त कंपनी का बोर्ड यह सुनिश्‍िचत करेगा कि कंपनी प्रत्‍येक वित्‍तीय वर्ष में, ठीक तीन पूर्ववर्ती वित्‍तीय वर्षों के दौरान किए गए कंपनी के औसत शुद्ध लाभों का कम से कम दो प्रतिशत निगमित सामाजिक उत्‍तरदायित्‍व नीति के अनुसरण में खर्च करे। भारत शासन कंपनी अधिनियम में वर्णित सी.एस.आर. (निगमित सामाजिक उत्‍तरदायित्‍व) का पालन कंपनी अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार संबंधित कंपनियों के द्वारा ही किया जाना होता है। कंपनी अधिनियम के प्रावधानों के अंतर्गत सी.एस.आर. के अंतर्गत कार्यों के क्रियान्‍वयन हेतु राज्‍य शासन की भूमिका के संबंध में कोई व्‍यवस्‍था नहीं है। कॉर्पोरेट मामलों का मंत्रालय, भारत सरकार की सी.एस.आर. से संबंधित वेबपोर्टल पर सी.एस.आर. की विस्‍तृत जानकारी प्राप्‍त की जा सकती है। (ग) औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्‍साहन विभाग (पूर्व नाम वाणिज्‍य, उद्योग एवं रोजगार विभाग) के आदेश क्रमांक एफ 20-8/2013/बी-ग्‍यारह, दिनांक 13.10.2017 द्वारा सी.एस.आर. की गतिविधियों को फेसिलिटेशन के संबंध में जारी निर्देश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। सी.एस.आर. के संबंध में अन्‍य गतिविधियों का नियमन भारत शासन कंपनी अधिनियम में वर्णित सी.एस.आर. (निगमित सामाजिक उत्‍तरदायित्‍व) के प्रावधानों के अनुसार होता है।

प्रदेश में गठित आयोगों की अनुसंशाएं

[सामान्य प्रशासन]

101. ( क्र. 2593 ) श्री देवेन्द्र पटेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि क) मध्‍यप्रदेश में वर्ष 2003 के उपरांत किन-किन आयोगों का गठन कब-कब किया जाकर उनका कितना कार्यकाल नि‍र्धारित किया गया था? किन-किन आयोगों के कार्यकाल में वृद्धि की गई? उक्‍त गठित आयोगों में से किसने कब अपना प्रतिवेदन/अनुशंसाएं शासन को सौंपी? (ख) प्रश्‍नांश (क) में उल्‍लेखित आयोगों की अनुशंसाओं/प्रतिवेदनों पर शासन ने क्‍या-क्‍या कार्यवाही की है? विवरण दें। किन आयोगों की अनुशंसाओं पर कार्यवाही अपेक्षित है? (ग) प्रश्‍नांश (क) उल्‍लेखित अवधि में किन आयोगों का कार्यकाल पूर्ण होने पर उनका विघटन कर दिया गया है? किन-किन आयोगों से प्रश्‍न दिनांक तक किसी प्रकार का प्रतिवेदन/अनुशंसाएं अप्राप्‍त हैं? (घ) युवा आयोग, राज्‍य पिछड़ा वर्ग आयोग योग आयोग की अनुसंशायें और उन पर की गई कार्यवाही का विवरण दें।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के कॉलम-8 एवं 9 अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के कॉलम-7 अनुसार जिन आयोगों ने जाँच प्रतिवेदन प्रस्‍तुत कर दिया है, वे विघटित हो गए हैं। दिनांक 09/08/2022 की रात्रि में वन परिक्षेत्र लटेरी (दक्षिण) के ग्राम खट्यापुरा जिला विदिशा में हुई गोलीबारी की घटना के न्‍यायिक जाँच आयोग में कार्यवाही प्रचलित होने से प्रतिवेदन/अनुशंसा अप्राप्‍त। (घ) युवा आयोग, राज्‍य पिछड़ा वर्ग आयोग, योग आयोग का संबंध न्‍यायिक जाँच आयोग से न होने के कारण प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

झूठे अपराधों की जाँच

[गृह]

102. ( क्र. 2596 ) श्री पंकज उपाध्याय : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भिण्ड जिले के थाना लहार में पंजीबद्ध अपराध क्रमांक 43/24 धारा 327, 452, 323, 294, 34 भा.द.वि. एवं अपराध क्रमांक 44/24 धारा 323, 294, 506, 34 भा.द.वि. की घटना असत्य होने के बाद भी श्री दीपक महाते एवं श्री लालजी महाते को थाना प्रभारी लहार ने क्षेत्र के स्थानीय विधायक के दबाव में अभियुक्त बनाया है? यदि नहीं, तो अ.क. 43/24 में घटना स्थल पर लगे सी.सी.टी.व्ही. कैमरे की जाँच श्री दीपक महाते एवं श्री लालजी महाते के द्वारा लिखित आवेदन थाना प्रभारी लहार, अनुविभागीय अधिकारी पुलिस लहार तथा पुलिस अधीक्षक भिण्ड को देने के बाद भी न कराने का कारण बतायें। (ख) दिनांक 1 अक्टूबर 2023 से प्रश्‍न दिनांक तक भिण्ड जिले के किन-किन थानों में धारा 327 में किन-किन के विरुद्ध अपराध पंजीबद्ध किये गये? थानावार विवरण दें।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी नहीं। घटना स्थल पर सार्वजनिक सी.सी.टी.व्ही. कैमरा नहीं है। दीपक महाते, लालजी महाते द्वारा लिखित आवेदन-पत्र के साथ सी.डी. प्रस्तुत की गयी थी, जो अस्पष्ट है। सी.डी. में दिख रहे व्यक्तियों के चहरे स्पष्ट नहीं है। अतः सी.डी. प्रमाणित नहीं पायी गयी। (ख) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार।

परिशिष्ट - "अठारह"

शासकीय राजस्व की क्षति

[वाणिज्यिक कर]

103. ( क्र. 2597 ) श्री पंकज उपाध्याय : क्या उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या इन्दौर जिले में वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में चालानों में हेराफेरी करके 100 करोड़ से ज्यादा की राशि का नुकसान सरकार के खजाने को किया गया है? (ख) यदि हाँ तो सरकार ने इस राशि का नुकसान करने वाले किस-किस ठेकेदार व अधिकारी पर क्या-क्या कार्यवाही की? यदि नहीं, तो कितने का नुकसान सरकार को हुआ है? (ग) प्रश्‍नांश (ख) के संदर्भ में कितनी राशि ठेकेदारों व अधिकारि‍यों से वसूल की गई? ठेकेदारों के नाम व राशि बतायें। (घ) क्या इस घोटाले की सही से जाँच नहीं होने के कारण ED ने इसकी जाँच शुरू की है व जाँच की वर्तमान स्थिति की जानकारी भी उपलब्‍ध करायें।

उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) इन्दौर जिले में कतिपय अनुज्ञप्तिधारियों द्वारा कोषालयीन चालानों में कूटरचना एवं हेराफेरी कर शासकीय राजस्व को क्षति पहुँचने संबंधी प्रकरण प्रकाश में आने पर गठित जाँच समिति के प्रतिवेदनानुसार रू. 41, 65, 21, 890/- की ड्यूटी कम जमा कराया जाना पाया गया था। जिसमें से कुल राशि 22, 16, 06, 432/- की वसूली की जा चुकी है। उक्‍त प्रकरण में आबकारी आयुक्‍त कार्यालय के आदेश दिनांक 27.04.2023 से दिए गये निर्देशों के अनुक्रम में बकाया राशि के संबंध में जिला कार्यालय इन्‍दौर द्वारा गठित समिति के द्वारा संयुक्त प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया है। जिसमें पूर्व में गठित जाँच समिति द्वारा आंकलित कुल कम जमा राशि रूपये 41, 65, 21, 890/- के स्थान पर पुनर्गणना के आधार पर रूपये 71, 58, 52, 047/- परिगणित की है। उक्त परिगणित राशि का परीक्षण मुख्‍यालय स्‍तर पर वित्त अधिकारियों से कराया जा रहा है। परीक्षण उपरांत वास्‍तविक बकाया राशि की स्थिति स्‍पष्‍ट होगी। (ख) विभाग द्वारा जिला इन्‍दौर में कूटरचित चालानों के माध्‍यम से मदिरा प्राप्‍त किये जाने संबंधी तथ्‍य संज्ञान में आने पर संबंधित लायसेंसियों के विरूद्ध दिनांक 11.08.2017 को थाना रावजी बाजार जिला इन्‍दौर में एफ.आई.आर. क्रमांक 0172//2017 दर्ज करवाई गयी है। इसके साथ ही विभाग द्वारा उक्‍त प्रकरण की जाँच हेतु गठित पांच सदस्‍यीय जाँच दल के प्रतिवेदन के आधार पर प्रथम दृष्‍टया कर्तव्‍यों में लापरवाही बरते जाने संबंधी तथ्‍यों के आधार पर शासन आदेश क्रमांक-बी-7 (ए) 20/2017/2/पांच दिनांक 23 जून 2018 से तत्‍कालीन सहायक आबकारी आयुक्‍त जिला इन्‍दौर एवं अन्‍य 07 अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध विभागीय जाँच संस्थित की गई है, जो कि प्रक्रियाधीन है। (ग) प्रश्‍नांश (ख) के संदर्भ में प्रकरण में संबंधित लायसेंसियों द्वारा कूटरचित चालानों के माध्‍यम से कुल कम जमा राशि में से रूपये 22, 16, 06, 432/- की राशि वसूली की जा चुकी है। उपरोक्‍त संबंध में विस्‍तृत विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) केन्‍द्रीय प्रवर्तन निदेशालय द्वारा जिला इन्‍दौर के कूटरचित चालान प्रकरण के संबंध में आबकारी आयुक्‍त कार्यालय/सहायक आबकारी आयुक्‍त कार्यालय जिला इंदौर से जानकारी प्राप्‍त किये जाने हेतु पत्राचार किया गया है। उक्‍त प्रकरण आबकारी आयुक्‍त कार्यालय के संज्ञान में आने पर आबकारी आयुक्‍त कार्यालय के आदेश क्रमांक-पी.ए.आ.आ./2017/53 दिनांक 09 अगस्‍त 2017 से 05 सदस्‍यीय दल गठित किया जाकर, जाँच कराई गई। जाँच समिति की ओर से प्रतिवेदन प्राप्‍त होने पर संबंधित अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही किये जाने का प्रस्‍ताव आबकारी आयुक्‍त कार्यालय के पत्र दिनांक 21.08.2017 से शासन की ओर भेजा गया था। उक्‍त प्रस्‍ताव के आधार पर शासन द्वारा संबंधित विभागीय अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध विभागीय जाँच संस्थित की गई है। अत: यह कहना गलत है कि, घोटाले की सही से जाँच नहीं होने के कारण प्रवर्तन निदेशालय ने इसकी जाँच शुरू की है। वर्तमान में प्रकरण में प्रवर्तन निदेशालय स्‍तर से जाँच की जा रही है, तत्‍संबंधी जानकारी उपलब्‍ध नहीं है।

रायसेन जिले में संचालित शराब की दुकानें

[वाणिज्यिक कर]

104. ( क्र. 2600 ) डॉ. प्रभुराम चौधरी : क्या उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रायसेन जिले में देशी/विदेशी कम्पोजिट कितनी शराब की दुकानें कहाँ-कहाँ संचालित हैं? नामवार/फर्मवार जानकारी देवें। (ख) प्रश्‍नांश (क) में उल्लेखित शराब दुकानों की दूरी मंदिर, धार्मिक स्थल, विद्यालय, महाविद्यालय से निश्चित दूरी तय की गई है? यदि हाँ तो नियम के प्रति देवें। (ग) विगत पाँच वर्षों में सांची विधानसभा अंतर्गत अवैध शराब विक्रय/परिवहन पर आबकारी एवं पुलिस विभाग द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई है? यदि हाँ तो कार्यवाही में जप्त शराब एवं वाहन अधिग्रहित कर प्रकरण पंजीबद्ध किये गये हैं? दिनांकवार, प्रकरणवार, वाहनवार, शराब की मात्रा सहित विस्तृत जानकारी देवें। (घ) प्रश्‍नांश (ग) के अनुसार जप्त वाहनों के राजसात की कार्यवाही कब-कब की गई एवं जप्त शराब का नष्टीकरण कब-कब किया गया? शराब की मात्रा/वाहन क्रमांक सहित जानकारी देवें।

उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) रायसेन जिले में वर्ष 2024-25 में कुल 66 कम्‍पोजिट मदिरा दुकानें संचालित हैं। जिनके लायसेंसियों के नामवार/फर्मवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-एक अनुसार है। (ख) जी हाँ। प्रश्‍नांश (क) में उल्‍लेखित कम्‍पोजिट मदिरा दुकानों से मंदिर/धार्मिक स्थल/विद्यालय/महाविद्यालय की दूरी संबंधी नियम/प्रावधान मध्‍यप्रदेश राजपत्र (असाधारण) क्रमांक 111 दिनांक 31.03.2023 में प्रकाशित अधिसूचना क्रमांक एफ 3/3/4/0009/ 2023-Sec-2-05 (CT) (15) दिनांक 31.03.2023 में वर्णित हैं, उक्‍त नियम की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-दो अनुसार है। (ग) विगत पांच वर्षों में सांची विधानसभा अंतर्गत अवैध शराब विक्रय/ परिवहन पर आबकारी एवं पुलिस विभाग द्वारा मध्‍यप्रदेश आबकारी अधिनियम 1915 की धारा 34 (2) के तहत 47 प्रकरण विधानसभा क्षेत्र सांची-142 अंतर्गत पंजीबद्ध किये गये हैं। जिनमें से 13 प्रकरणों में न्‍यायालय अपर कलेक्‍टर जिला रायसेन द्वारा वाहन एवं मदिरा राजसात किये जाने संबंधी आदेश जारी किये गये हैं। दिनांकवार, प्रकरण, वाहनवार, शराब की मात्रा सहित विस्‍तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-एक अनुसार है। (घ) प्रश्‍नांश (ग) के अनुसार जप्‍त वाहनों के राजसात की कार्यवाही संबंधी कार्यवाही एवं जप्‍त शराब के नष्‍टीकरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-एक अनुसार है।

रेत खनिज का भण्‍डारण

[खनिज साधन]

105. ( क्र. 2601 ) डॉ. प्रभुराम चौधरी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रायसेन जिले में वर्ष 2019 से प्रश्‍न दिनांक तक कुल कितने रेत घाटों की स्वीकृति हुई? प्रत्येक रेत घाटों में कुल कितना रकबा, खसरा नम्बर सहित ग्रामवार, विकासखण्डवार जानकारी देवें। ">(ख) प्रश्‍नांश (क) के संबंध में उक्त अवधि में प्रश्‍न दिनांक तक कितनी-कितनी राशि का कितना खनिज उत्पादित हुआ तथा उक्त अवधि में कितनी रॉयल्टी प्राप्त हुई? माहवार, वर्षवार, स्वीकृत रेत घाटवार जानकारी देवें। (ग) प्रश्‍नांश (क) उल्लेखित रेत खदानों में स्वीकृत रकबे से अलग हटकर रेत उत्खनन एवं रेत के स्टॉक (भण्डारण) अवैध टोकन को लेकर जनता/जनप्रतिनिधि या अन्य के द्वारा कितनी-कितनी शिकायतें किस-किस दिनांक को प्राप्त हुई? प्राप्त शिकायतों में क्या-क्या कार्यवाही की गई? ग्रामवार, विकासखण्डवार जानकारी देवें। (घ) रायसेन जिले में पत्थर, फर्शी, रेत, गिट्टी के भण्डारण का नियम है? यदि हाँ, तो किन-किन को भण्डारण की अनुमति है? नाम, पता सहित जानकारी देवें।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर दर्शित है। (ख) खदानवार उत्‍खनन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब एवं प्रश्‍नांश के शेष भाग की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स पर दर्शित है। (ग) स्‍वीकृत रकबे से अलग हटकर रेत उत्‍खनन की प्राप्‍त शिकायतें एवं शिकायतों पर की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द पर दर्शित है। रेत के स्‍टॉक (भण्‍डारण) अवैध टोकन की कोई शिकायत प्राप्‍त न होने से प्रश्‍नांश की जानकारी निरंक है। (घ) अधिसूचित नियम मध्‍यप्रदेश (अवैध खनन, परिवहन तथा भण्‍डारण का निवारण) नियम, 2022 में गौण खनिज के भण्‍डारण एवं मध्‍यप्रदेश रेत (खनन, परिवहन, भंडारण एवं व्‍यापार) नियम, 2019 में रेत खनिज के भण्‍डारण की अनुमति दिए जाने के प्रावधान है। प्रश्‍नांश के शेष भाग की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ई पर दर्शित है।

जनप्रतिनिधियों के पत्रों पर कार्यवाही

[सामान्य प्रशासन]

106. ( क्र. 2604 ) श्री राजेश कुमार वर्मा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्‍नकर्ता द्वारा कलेक्टर महोदय जिला पन्ना, मुख्य कार्यपालन अधिकारी महोदय जिला पंचायत पन्ना, अनुविभागीय अधिकारी राजस्व गुनौर/पन्ना, तहसीलदार तहसील गुन्नौर/अमानगंज/ देवेन्द्रनगर, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत पन्ना/गुनौर, मुख्य नगर पालिका अधिकारी गुनौर, अमानगंज, ककरहटी, देवेन्द्रनगर जिला पन्ना को कितने पत्र प्रेषित किये गये एवं प्रेषित किये गये पत्रों पर क्या कार्यवाही की गई? जानकारी उपलब्ध करावें। पत्रों पर कार्यवाही कर अवगत न कराने का क्या कारण है? (ख) क्या मध्यप्रदेश शासन सामान्य प्रशासन विभाग मंत्रालय भोपाल के पत्र क्रमांक एफ 19-76/2007/1/4 भोपाल दिनांक 22 मार्च 2011 के अनुक्रम में माननीय संसद सदस्यों/विधायकों से प्राप्त पत्रों हेतु उक्त प्रश्‍नांश (क) में उल्लिखित कार्यालयों में प्रारूप-दो में पंजी संधारित की गई है? यदि हाँ तो प्रति उपलब्ध करावें। यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या मध्यप्रदेश शासन सामान्य प्रशासन विभाग मंत्रालय भोपाल के पत्र क्रमांक एफ 19-76/2007/1/4 भोपाल दिनांक /span>22 मार्च 2011 द्वारा माननीय संसद सदस्यों एवं विधायकों के पत्रों पर कार्यवाही कर अवगत कराने के निर्देश शासन के समस्त विभागों सहित जिला कलेक्टर्स को दिये गये हैं? यदि हाँ तो प्रश्‍नांश (क) में उल्लेखित पत्रों पर कार्यवाही न करने अथवा कार्यवाही से अवगत न कराने के लिये कौन दोषी है? दोषियों पर क्या कार्यवाही की जावेगी?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) प्रश्‍नकर्ता माननीय सदस्‍य द्वारा प्रश्‍न में उल्‍लेखित कार्यालयों को कुल 97 पत्र प्रेषित किये गये। प्रेषित किये गये पत्रों को संबंधित कार्यालय प्रमुख को भेजकर नियमानुसार कार्यवाही कर की गई कार्यवाही से माननीय विधायक महोदय को अवगत कराने हेतु निर्देशित किया गया है। माननीय विधायक महोदय को निरंतर रूप से कार्यवाही पूर्ण होने पर अवगत कराया जा रहा है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '''' अनुसार है। (ख) जी हाँ। संबंधित कार्यालय प्रमुख द्वारा संधारित पंजी की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '''' अनुसार है। (ग) जी हाँ। सभी 97 पत्रों पर कार्यालय प्रमुखों द्वारा कार्यवाही कर माननीय विधायक महोदय को निरंतर अवगत कराया जा रहा है। अत: शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

शराब की दुकानों की मनमानी

[वाणिज्यिक कर]

107. ( क्र. 2612 ) डॉ. अभिलाष पाण्डेय : क्या उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में समस्त शासकीय शराब दुकानों पर शराब विक्रय हेतु रेट/दर तय किए जाने के क्या नियम/नीति है? (ख) प्रायः देखा गया है कि, जबलपुर में मनमाफिक बड़े दामों पर शराब विक्रय किया जा रहा है। क्या इसकी जानकारी विभाग को है? यदि हाँ तो कोई कार्यवाही क्यों नहीं की जा रही है? किसी एक निश्चित शराब का अलग-अलग दुकानों पर अलग-अलग मूल्य होता है तो क्या विभाग समस्त दुकानों हेतु एक समान विक्रय रेट/दर सूची जारी करेगा जिससे कि रेट/दरों में असमानता को समाप्त किया जा सके? (ग) जिला जबलपुर में अनेक शराब दुकान हैं। मुख्य मार्गों पर स्थित हैं क्या मुख्य मार्गों पर शराब दुकान खोले जाने का प्रावधान है? जहां पर यातायात बाधित होने से जाम की स्थिति बनी रहती है एवं अनेक दुकान हैं। शासकीय भूमि पर अस्थाई तौर पर संचालित की जा रही हैं? इन्हें किन के द्वारा अनुमति प्रदान की गई है? (घ) वर्तमान में शराब दुकान खोले जाने हेतु क्या नियम हैं एवं एक शराब दुकान से दूसरी शराब दुकान की न्यूनतम दूरी कितनी होनी चाहिए?

उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) प्रदेश में समस्त कम्‍पोजिट मदिरा दुकानों पर मदिरा का विक्रय हेतु मध्‍यप्रदेश राजपत्र (असाधारण) क्रमांक 27 दिनांक 08 फरवरी 2024 में प्रकाशित आबकारी नीति की कण्डिका-19 के अनुसार देशी एवं विदेशी मदिरा के न्‍यूनतम एवं अधिकतम विक्रय दरों का निर्धारण किया जाता है, जो पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-एक अनुसार है। (ख) जिला जबलपुर में वर्ष 2024-25 में निर्धारित मूल्‍य पर ही मदिरा का विक्रय किया जा रहा है। उक्‍त संबंध में किसी प्रकार की सूचना/शिकायत प्राप्‍त होने पर नियमानुसार कार्यवाही की जाती है। जिला जबलपुर में वर्ष 2024-25 में निर्धारित अधिकतम विक्रय मूल्‍य से अधिक दर पर मदिरा विक्रय के 13 प्रकरण पंजीबद्ध किये जाकर नियमानुसार कार्यवाही की गयी है। उपरोक्‍त के अतिरिक्‍त उपायुक्‍त आबकारी संभागीय उड़नदस्‍ता, जबलपुर द्वारा जबलपुर जिले में आकस्मिक निरीक्षण के दौरान अधिकतम विक्रय मूल्‍य से अधिक मूल्‍य पर मदिरा विक्रय करने पर 05 प्रकरण दर्ज कर नियमानुसार कार्यवाही की जा रही है। किसी एक निश्चित शराब का अलग-अलग दुकानों पर अलग-अलग मूल्‍य होने के संबंध में अवगत कराना चाहेंगे कि मध्‍यप्रदेश राजपत्र (असाधारण) क्रमांक 27 दिनांक 08 फरवरी 2024 में प्रकाशित आबकारी नीति की कण्डिका-20.1 के अनुसार किसी भी मदिरा दुकान का लायसेंसी न्‍यूनतम विक्रय मूल्‍य एवं अधिकतम विक्रय मूल्‍य के बीच की कोई भी राशि पर विक्रय दर के रूप में उपभोक्‍ता से वसूल कर सकता है। विभाग द्वारा शासन के निर्देशानुसार मदिरा के प्रत्‍येक लेबिल/ब्राण्‍ड के लिए न्‍यूनतम विक्रय मूल्‍य एवं अधिकतम विक्रय मूल्‍य दरों का निर्धारण मध्‍यप्रदेश राजपत्र (असाधारण) क्रमांक 27 दिनांक 08 फरवरी 2024 में प्रकाशित आबकारी नीति की कण्डिका-19 की उप कण्डिका-19.1 से 19.5 के अनुरूप किया जाता है। (ग) जिला जबलपुर में समस्‍त कम्‍पोजिट मदिरा दुकानें मध्‍यप्रदेश राजपत्र (असाधारण) क्रमांक 111 दिनांक 31.03.2023 में प्रकाशित अधिसूचना क्रमांक एफ 3/3/4/0009/2023-Sec-2-05 (CT) (15) दिनांक 31.03.2023 में वर्णित प्रावधानों के अंतर्गत आपत्ति रहित स्‍थल पर स्‍थापित/संचालित की जा रही हैं। उपरोक्‍त प्रावधानों के अंतर्गत मध्‍यप्रदेश राजपत्र (असाधारण) क्रमांक 27 दिनांक 08 फरवरी 2024 में प्रकाशित आबकारी नीति की कण्डिका-3.3 अनुसार जिला समिति‍ द्वारा निर्धारित स्‍थान पर नगर निगम/नगरीय निकाय द्वारा मदिरा दुकान के संचालन हेतु दुकान का निर्माण कराकर उपलब्‍ध करायी जाने पर उक्‍त दुकान में मदिरा दुकान खोलने की अनिवार्यता है। (घ) वर्तमान में मदिरा दुकान खोले जाने हेतु मध्‍यप्रदेश राजपत्र (असाधारण) क्रमांक 111 दिनांक 31.03.2023 में प्रकाशित अधिसूचना क्रमांक एफ 3/3/4/0009/2023-Sec-2-05 (CT) (15) दिनांक 31.03.2023 में वर्णित प्रावधानों के अंतर्गत आपत्ति रहित स्‍थल पर स्‍थापित/संचालित किये जाने के प्रावधान पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-दो अनुसार है। एक शराब दुकान से दूसरी शराब दुकान की न्यूनतम दूरी संबंधी कोई प्रावधान नहीं है।

नर्मदा-पार्वती लिं‍क परियोजना

[नर्मदा घाटी विकास]

108. ( क्र. 2615 ) श्री सुदेश राय : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नर्मदा-पार्वती लिंक परियोजना की वर्तमान में प्रगति की क्‍या स्थिति है? (ख) उक्‍त योजना के भूमि पूजन के बाद प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय फेस में किन-किन कार्यों हेतु कितनी-कितनी राशि स्‍वीकृत की गई है तथा स्‍वीकृत राशि में कौन-कौन से कार्य कराये गये तथा कितने शेष कराया जाना है? समय अवधि बतावें। (ग) सीहोर नगर को उक्‍त योजना का लाभ कब से मिलना प्रारंभ हो जावेगा? कृपया समय-सीमा बतावें।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) फेस-1 एवं 2 में वर्तमान में 96 प्रतिशत तथा फेस-3 एवं 4 में वर्तमान में 40 प्रतिशत कार्य संपादित किया जा चुका है। (ख) (1) प्रथम, द्वितीय, तृतीय एवं चतुर्थ चरण के सम्पूर्ण कार्य के लिये 7547.00 करोड़ की राशि स्वीकृत की गई है। प्रथम एवं द्वितीय चरण अंतर्गत स्वीकृत राशि से पम्प हाउस क्र. 01, 02, 03 एवं 04 का कार्य पूर्ण, राईजिंग मेन एवं ग्रेविटी मेन के पाइप बिछाने का 98 प्रतिशत कार्य पूर्ण, बी.पी.टी. क्र. 01 एवं 02 का कार्य पूर्ण, डी.सी. क्र. 01 एवं 02 का कार्य पूर्ण, 20 हेक्टेयर चक में पाइप-लाइन बिछाने का 99 प्रतिशत कार्य पूर्ण, 20 हेक्टेयर चक से 2.5 हेक्टेयर चक तक पाइप-लाइन बिछाने का कार्य 98 प्रतिशत पूर्ण हो चुका है। योजना के स्काडा एवं ओ.एम.एस. बॉक्स लगाने का कार्य शेष है। शेष कार्य को 30 जुलाई 2024 तक पूर्ण करने का लक्ष्य निर्धारित है। (2) फेस-3 एवं 4 योजना के अंतर्गत पम्प हाउस क्र. 05, डी.सी. 01 तथा डी.सी. 02 का निर्माण कार्य 90 प्रतिशत पूर्ण हो चुका है। पम्प हाउस क्र. 01, 02 एवं 04 का 70 प्रतिशत, राईजिंग मेन एवं ग्रेविटी मेन के पाइप बनाने एवं बिछाने का 60 प्रतिशत, 20 हेक्टेयर चक में पाइप-लाइन बिछाने का 47 प्रतिशत, 20 हेक्टेयर चक से 2.5 हेक्टेयर चक तक पाइप-लाइन बिछाने का 88 प्रतिशत कार्य किया जा चुका है। योजनान्तर्गत शेष कार्य को दिसम्बर-2026 तक पूर्ण किया जाना लक्षित है। (ग) जनवरी 2027 तक लक्षित है।

खनिज प्रतिष्ठान मद से स्वीकृत कार्य

[खनिज साधन]

109. ( क्र. 2617 ) श्री सुदेश राय : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खनिज प्रतिष्ठान मद से विभाग अन्तर्गत कौन-कौन से कार्य कराये जाने के क्या-क्या प्रावधान है? बतायें। (ख) जिला सीहोर के विधानसभा क्षेत्र सीहोर अन्तर्गत योजना प्रारम्भ होने से आज दिनांक तक उक्त योजना में मद से कुल कितने कार्य स्वीकृत किये गये हैं? श्रेणी एवं स्थान सहित कार्य की जानकारी बतायें। (ग) स्वीकृत कार्यों में से कुल कितने कार्य पूर्ण कर लिये गए हैं तथा कितने कार्य अपूर्ण हैं? यदि अपूर्ण हैं तो क्यों तथा कब तक पूर्ण करा लिये जावेंगे? समय-सीमा बतावें।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) अधिसूचित मध्‍यप्रदेश जिला खनिज प्रतिष्‍ठान नियम, 2016 के नियम 13 में इस मद से किये जाने वाले कार्य प्रावधानित है। (ख) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट पर दर्शित है। (ग) प्रश्‍नांश (ख) अनुसार स्‍वीकृत किये गये कार्य प्रगतिरत है, जो कि जुलाई 2024 से सितंबर 2024 तक पूर्ण होना संभावित है।

परिशिष्ट - "उन्नीस"

संविदा कर्मचारी को पैकेज का भुगतान

[विज्ञान और प्रौद्योगिकी]

110. ( क्र. 2619 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) एम.पी.एस.ई.डी.सी. अंतर्गत 20 मार्च 2020 से प्रश्‍न दिनांक तक कितने अधिकारी/कर्मचारी को एक वार्षिक अनुबंध के आधार पर संविदा नियुक्ति पैकेज के आधार पर दी गई? वर्षवार नियुक्ति हेतु विज्ञापन, चयन प्रक्रिया, चयन प्रक्रिया में सम्मिलित सदस्यगणों के नाम, पदनाम, कार्यालय का नाम, तकनीकी योग्यता एवं संविदा में पदस्थ अधिकारी/कर्मचारी का नाम, पदनाम, पता, नियुक्ति आदेश, अनुबंध अवधि एवं अनुबंध किन कारणों से किस पैकेज पर कितनी बार बढ़ाया गया, मो.नं., शैक्षणिक योग्यता, अनुभव, पैकेज पूर्व कार्यरत कार्यालय का नाम, पता, वेतन/पैकेज सहित संपूर्ण जानकारी का गौशवारा बनाकर दें। (ख) प्रश्‍नांश (क) अवधि में कौन-कौन भा.प्र.से. एवं रा.प्र.से. के अधिकारी किस-किस पद पर कितनी अवधि के लिये पदस्थ हुये? उनके नाम, पदनाम, शैक्षणिक योग्यता एवं अन्य तकनीकी योग्यता, आई.टी./कम्प्यूटर फील्ड की विशेष योग्यता, पदस्थी कुल अवधि सहित गौशवारा दें। भा.प्र.से. एवं रा.प्र.से. के अधिकारी का वार्षिक वेतनमान (ग्रॉस सेलरी) एवं संविदा अधिकारी/कर्मचारी के कौन से पदों की पैकेज में कितनी अधिक/कम है? गौशवारा दें। (ग) विभाग में टेन, पेन, जी.एस.टी.इन., सी.इन., डीन, श्रम पंजीयन, बैंक खाते, शेयर, इक्विटी, डी.मेट के साथ और कौन-सी अनिवार्य पंजीयन कराना आवश्यक है? सभी सेवाओं के नाम सहित आवेदक का नाम, पदनाम, सेवा की अवधि, रिन्यूवल, फीस, किस-किस सेवा में ऑनलाइन एवं ऑफलाइन जानकारी कब भेजी गई है, संपूर्ण जानकारी का गौशवारा बनाकर बतायें। संपूर्ण जानकारी मुख्यमंत्री की घोषणा क्रमांक बी 1207 के अनुपालन में उपलब्ध कराई जाये।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) 20 मार्च 2020 से आज दिनांक तक कुल 79 कर्मचारियों को एक वार्षिक अनुबंध के आधार पर संविदा पर नियुक्त किया गया है। वर्षवार नियुक्ति हेतु विज्ञापन £2346;ुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। संविदा पर नियुक्ति करने संबंधी विस्तृत चयन प्रक्रिया पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। चयन प्रक्रिया में सम्मिलित सदस्यगणों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। संविदा में पदस्थ कर्मचारियों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। उनके नियुक्ति पत्र पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-5 अनुसार है तथा अनुबंध नवीनीकरण एवं वार्षिक वेतन वृद्धि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-6 अनुसार है। प्रत्येक संविदा कर्मी का जितनी बार परफॉरमेंस मूल्यांकन हुआ है, उसकी सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-7 अनुसार है। संविदा कर्मचारियों का अनुबंध संस्था की एच.आर. नीति के अनुसार परफॉरमेंस मूल्यांकन के आधार पर प्रति वर्ष एक वर्ष की अवधि के लिए किया जाता है। चूँकि नियुक्ति के समय प्रत्येक अभ्यर्थी का पैकेज पृथक रहता है, उनके वार्षिक मूल्यांकन आधार पर देय वेतन वृद्धि भी पृथक-पृथक है। वर्तमान में कार्यरत संविदा कर्मचारियों को दिये जाने वाले वेतन संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-8 अनुसार है। (ख) विभाग में पदस्थ भा.प्र.से एवं रा.प्र.से. के अधिकारियों से संबंधित सामान्य प्रशासन विभाग से प्राप्त जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-9 अनुसार है। विभाग अंतर्गत मध्यप्रदेश राज्य इलेक्ट्रॉनिक्स वि‍कास निगम में विशेष तकनीकी योग्यता के लिए संविदा आधार पर एच.आर. नीति के वेतन पैकेज के अनुरूप नियुक्ति प्रदान की जाती है। संविदा अधिकारियों/कर्मचारियों के वेतन की जानकारी प्रश्‍नांश (ख) में उल्‍लेखित पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-8 में दर्शित है। (ग) जी नहीं, राज्‍य शासन की आई.टी., आई.टी.ई.एस. एवं ई.एस.डी.एम. निवेश प्रोत्‍साहन नीति के तहत वर्तमान में निवेशक कंपनियों का आवेदन के समय ही एक बार पंजीयन किया जाता है। नीति में पंजीयन के रिन्‍यूवल का प्रावधान नहीं है। पंजीकृत इकाइयों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-10 अनुसार है। प्रदेश में दूरसंचार सुविधाओं के विस्‍तार के लिए दूरसंचार अवसंरचनाओं की स्‍थापना संबंधी मध्‍यप्रदेश में दूरसंचार अवसंरचना की स्‍थापना को सुगम बनाने की नीति प्रभावशील है। उक्‍त नीति के तहत भारत सरकार द्वारा पंजीकृत दूरसंचार सेवा प्रदाताओं द्वारा दूरसंरचना अवसंरचना की स्‍थापना के लिए अनुज्ञप्ति प्राप्‍त करने हेतु आवेदन प्रस्‍तुत किये जाते हैं। नीति में अनुज्ञप्ति रिन्‍यूअल का प्रावधान है। दूरसंचार अवसंरचना सेवा प्रदाताओं से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-11 अनुसार है।

प्रकरणों की निष्‍पक्ष जाँच

[गृह]

111. ( क्र. 2620 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कार्यालय पुलिस अधीक्षक गुना शिकायत शाखा में दिनांक 05.06.24 को आबकारी अधिनियम 1915 की धारा 34 (2) में किस जनप्रतिनिधि का शिकायती आवेदन पत्र प्राप्त हुआ है? पत्र में क्या उल्लेख कर क्या संलग्न दस्तावेज में क्या कार्यवाही की मांग की गई? प्रकरणवार बतायें। /span>(ख) प्रश्‍नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में पत्र प्राप्ति दिनांक से प्रश्‍न दिनांक तक क्या कार्यवाही सा.प्र.वि. के आदेश क्रमांक एफ 19-76/2007/1/4 भोपाल दिनांक 22.3.2011 में उल्लेखित पांचों बिन्दुओं एवं परिशिष्टों (1, 2) का पालन सुनिश्‍िचत किया गया है? कब-कब और क्या-क्‍या कार्यवाही सुनिश्‍िचत की गई? कार्यालयीन अभिलेखों/पत्रों/नियमों की प्रति सहित बतायें। (ग) क्या पत्र पर कृत कार्यवाही से अधोहस्ताक्षरकर्ता को संपूर्ण जानकारी उपलब्ध करा दी गई है? यदि नहीं, तो सा.प्र.वि. के आदेश के उल्लंघन पर विभाग में किसकी जिम्मेदारी निर्धारित की गई? बतायें। (घ) क्या प्रश्‍नांश (क) में वर्णित प्रकरणों में जब्त तरल/मादक पदार्थ की उत्पत्ति/प्राप्ति की पहचान सुनिश्‍िचत हो पाई? यह तरल पदार्थ सभी स्थानों में एक निश्चित मात्रा में संग्रहित कैसे किया गया? क्या सभी प्रकरणों में दो कैन का हर प्रकरण में प्राप्त होना रंजिशन कार्यवाही प्रतीत होता है? क्या यह कैन तरल पदार्थ/मादक पदार्थ के साथ निःशुल्क बाजार में प्राप्त होता है? कार्यवाही टीम के पास एकजाई मापन एवं बर्तन की उपलब्धता हर समय होती है? जिन वाहनों का उपयोग कर जब्ती की गई, उसका नम्बर एवं वाहन के प्रकार लेख क्यों नहीं किया गया? संपूर्ण जानकारी दें। (ड.) थाने के स्टॉफ का अन्यत्र स्थानांतरण कर संपूर्ण प्रकरणों की निष्‍पक्ष जाँच कब तक कर ली जायेगी?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) पुलिस अधीक्षक कार्यालय गुना में आवेदक श्री दिग्विजय सिह माननीय संसद सदस्य, राज्यसभा का शिकायती पत्र प्राप्त हुआ। उक्त शिकायती आवेदन पत्र में बंजारा समाज के 05 लोगों के विरूद्ध धारा 34 (2) आबकारी एक्ट के अंतर्गत थाना आरोन पर झूठे प्रकरण दर्ज किये जाने संबंधी तथ्य लेख किये गये हैं। थाना अभिलेख के अवलोकन पर विषयांकित शिकायत पत्र में उल्लेखित आरोपियों के विरूद्ध समय-समय पर अपराध क्रमांक 365/23, 367/23, 328/24, 339/24, 340/24 थाना आरोन में पंजीबद्ध होकर उक्त सभी प्रकरणों में चालान माननीय न्यायालय में पेश किया गया है। (ख) कार्यालय पुलिस अधीक्षक गुना का पत्र क्रमांक पुअ/गुना/शिका./82/2024 दिनांक 19.06.2024 द्वारा कृत कार्यवाही से माननीय संसद सदस्य राज्य सभा श्री दिग्विजय सिंह को अवगत कराया गया। (ग) प्रश्‍नांश (ख) अनुसार, शेष प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता है। (घ) प्रश्‍नांश (क) में वर्णित सभी प्रकरणों में जब्तशुदा अवैध मादक पदार्थ, कच्ची शराब परीक्षण हेतु एफ.एस.एल. ग्वालियर की ओर भेजी गयी है, जाँच रिपोर्ट अप्राप्त है। पुलिस द्वारा समय-समय पर परिस्थिति अनुसार आरोपी के कब्जे से अवैध मादक तरल पदार्थ (देशी हाथ भट्टी की अवैध शराब) जिस मात्रा में प्लास्टिक की कैनो में मिला है, उसे माप उपरांत उन्हीं कैनो में संबंधित आरोपियों से नियमानुसार पारदर्शिता पूर्वक निष्पक्ष वैधानिक कार्यवाही की जाकर जब्ती आदि की कार्यवाही की गयी है। उक्त तरल मादक पदार्थ/कैन बाजार में निःशुल्क प्राप्त नहीं होता है। पुलिस द्वारा किसी भी आरोपी के विरूद्ध रंजिशन कोई कार्यवाही नहीं की गई है तथा कार्यवाही टीम द्वारा पुलिस अनुसंधान किट एवं थाने पर उपलब्ध संसाधनों का नियमानुसार समुचित उपयोग किया गया है। उपरोक्त सभी प्रकरणों में थाना आरोन पुलिस द्वारा प्रायवेट वाहनों का उपयोग कर जब्ती की कार्यवाही की है, दबिश की सफलता हेतु गोपनीयता बनाये रखने की दृष्टि से नंबर एवं वाहनों के प्रकार का उल्लेख नहीं किया गया है। (ड.) पुलिस द्वारा प्रश्‍नांश (क) में वर्णित आरोपियों के विरूद्ध नियमानुसार निष्पक्ष वैधानिक कार्यवाही किये जाने के कारण थाना आरोन पुलिस की कोई त्रुटि या दुर्भावना नहीं पायी गयी है। उक्त सभी प्रकरणों का निराकरण माननीय न्यायालय द्वारा किया जाना शेष है।

सम्‍पत्ति को हड़पने की शिकायत की जाँच

[गृह]

112. ( क्र. 2627 ) श्री हेमंत कटारे : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आवेदक अजमेर सिंह पुत्र स्व. श्री विजय सिंह नरवरिया, निवासी ग्राम पीपरी, थाना बरोही, जिला भिण्ड द्वारा उसके परिवार समग्र आई.डी. में आशीष सिंह द्वारा अपने माता-पिता की मिलीभगत से शैक्षणिक एवं अन्य प्रकार के कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर अपना नाम जोड़कर सम्पत्ति हड़पने का षड़यंत्र करने संबंधी समस्त प्रमाणित दस्तावेजों सहित तथ्यात्मक शिकायत पुलिस अधीक्षक जिला भिण्ड को की गई है? यदि हाँ तो किस दिनांक को? (ख) क्या दस्तावेजी तथ्यों पर आधारित उक्त तथ्यामक शिकायत के संबंध में पुलिस द्वारा आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध किया गया? यदि हाँ तो दर्ज एफ.आई.आर. की प्रति उपलब्ध कराएं यदि नहीं, तो विलम्ब का क्या कारण है? (ग) क्या पुलिस प्रकरण में अपराध पंजीबद्ध करने में टालमटोल कर रही है? यदि नहीं, तो कब तक अपराध पंजीबद्ध कर लिया जायेगा? समय-सीमा बताई जाये।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ, आवेदक अजमेर सिंह पुत्र स्व. श्री विजय सिंह नरवरिया निवासी ग्राम पीपरी थाना बरोही जिला भिण्ड द्वारा सम्पत्ति हड़पने का षड़यंत्र करने संबंधी दिनांक 29.12.2022 को पुलिस अधीक्षक, भिण्ड के समक्ष उपस्थित होकर लेखीय आवेदन पत्र प्रस्तुत किया गया। (ख) जी नहीं, शिकायत की जाँच में किसी संज्ञेय अपराध का घटित होना नहीं पाया गया। अतः अपराध पंजीबद्ध नहीं किया गया। (ग) उत्तरांश (ख) में समाहित है।

शासन के विभिन्‍न विभागों में रिक्‍त पदों की पूर्ति

[सामान्य प्रशासन]

113. ( क्र. 2632 ) श्री उमंग सिंघार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन के विभिन्‍न विभागों में रिक्‍त पड़े पदों की भर्ती हेतु मध्‍यप्रदेश कर्मचारी चयन मण्डल (पी.ई.बी.) एवं अन्य एजेंसी के द्वारा किस-किस पद के विरूद्ध कितने-कितने पदों पर भर्ती हेतु विज्ञापन जारी कर कौन-कौन सी प्रतियोगी परीक्षाएं कब-कब आयोजित करायी गई? वर्ष 2018 से प्रश्‍न दिनांक तक की जानकारी दें। (ख) क्या उक्त सभी प्रतियोगी परीक्षाओं के परिणाम जारी कर दिए गए हैं? यदि नहीं, तो किन-किन विभागों के प्रतियोगी परीक्षाओं के परिणाम किन कारणों से जारी नहीं किये गये? स्पष्ट करें। (ग) उपरोक्त किन प्रतियोगी परीक्षाओं में अनियमितताएं उजागर होने पर उनके परिणाम रोक दिए गए हैं एवं इन अनियमितताओं की जाँच के लिए कोई कमेटी गठित की गई है? यदि हाँ तो उक्त जाँच समिति की रिपोर्ट शासन को कब प्राप्त हुई एवं जाँच रिपोर्ट के आधार पर क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) आयोजित परीक्षाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ग) आयोजित परीक्षाओं में किसी भी प्रतियोगी परीक्षा का परिणाम रोका नहीं गया है। शेष प्रश्‍न उपस्थिति नहीं होता।

समि‍ति के प्रतिवेदन पर कार्यवाही

[सामान्य प्रशासन]

114. ( क्र. 2633 ) श्री उमंग सिंघार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सामाजिक सुरक्षा पेंशन तथा राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना के क्रियान्वयन में हुई अनियमितताओं की जाँच हेतु गठित जैन जाँच आयोग ने अपना अंतिम जाँच प्रतिवेदन राज्य शासन को दिनांक 15.09.2012 को तत्कालीन माननीय मुख्यमंत्री को प्रस्तुत किया था? (ख) यदि हाँ तो उक्त अंतिम जाँच प्रतिवेदन की प्रति उपलब्ध करायें। (ग) क्या उक्त जाँच प्रतिवेदन को विश्लेषण उपरान्त मंत्रि-परिषद् की गठित समिति ने दिनांक 06.07.2013 क्या-क्या सिफारिश की थी एवं मंत्रि-परिषद् समिति का परीक्षण प्रतिवेदन दिनांक 11.07.2013 को सामाजिक न्याय विभाग को भेजा गया? यदि हाँ तो सामाजिक न्याय विभाग से उक्त प्रतिवेदन सामान्य प्रशासन को कब प्राप्त हुआ? (घ) शासन द्वारा उक्त रिपोर्ट विधानसभा के पटल पर पटलित अभी तक नहीं करने के क्या कारण है और कब तक रिपोर्ट पटलित कर दी जायेगी?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। (ख) जाँच प्रतिवेदन पर कार्यवाही प्रचलित होने के कारण जाँच प्रतिवेदन की प्रति उपलब्‍ध कराई जाना संभव नहीं है। (ग) उत्‍तरांश '''' के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (घ) जाँच रिपोर्ट पर कार्यवाही प्रचलित है, अत: समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

 




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भाग-3

अतारांकित प्रश्‍नोत्तर


शासन एवं प्रशासन को लिखे गए पत्रों के प्रति उत्तर

[सामान्य प्रशासन]

1. ( क्र. 37 ) श्रीमती प्रियंका पैंची : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि क्या प्रश्‍नकर्ता द्वारा उच्च शिक्षा विभाग, ऊर्जा विभाग, किसान कल्याण एवं कृषि विकास विभाग, जल संसाधन विभाग, नगरीय विकास एवं आवास, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, लोक निर्माण विभाग, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग, वन विभाग, वित्त विभाग, स्कूल शिक्षा विभाग, सहकारिता विभाग, सहित जिला कलेक्टर गुना, जिला पुलिस अधीक्षक गुना, जिला पंचायत सी.ई.ओ. गुना, अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) चाचौड़ा, जिला शिक्षा अधिकारी गुना को कितने पत्र लिखे? क्या इन पत्रों पर कोई कार्यवाही हुई? यदि हाँ तो क्या और यदि नहीं, तो क्यों? पत्रों की सूची निम्‍न है :-

क्रमांक

जावक क्रमांक

दिनांक

जिनको भेजे गए

1

62/2024

10-01-2024

माननीय मुख्‍यमंत्री जी

2

354/2024

20-05-2024

जिलाधीश, जिला-गुना

3

353/2024

20-05-2024

माननीय उच्‍च शिक्षामंत्री जी

4

242/2024

06-03-2024

माननीय वनमंत्री जी

5

438/2024

22-06-2024

माननीय मुख्‍यमंत्री जी

6

437/2024

22-06-2024

जिलाधीश, जिला-गुना

7

380/2024

06-06-2024

माननीय पंचायत मंत्री

8

381/2024

06-06-2024

माननीय लोक निर्माण विभाग मंत्री जी

9

355/2024

21-05-2024

माननीय लोक निर्माण विभाग मंत्री जी

10

356/2024

21-05-2024

माननीय पंचायत मंत्री

 

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : जानकारी एकत्रित की जा रही है।

अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण के संबंध में

[गृह]

2. ( क्र. 181 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम 1989 के तहत पंजीबद्ध अपराधों की शीर्षवार वर्ष 2014 से 2023 तक की सूची देवें तथा बतावें कि 2014 की तुलना में 2023 में किस-किस शीर्ष में कितने प्रतिशत वृद्धि या कमी क्यों हुई? (ख) क्या अनुसूचित जनजाति वर्ग पर घटित अपराध 2016 में कुल 1885 थे जो 2022 में बढ़कर 3091 हो गये। क्या शासन अनुसूचित जनजाति पर अत्याचार रोकने में बुरी तरह असफल नहीं रहा है। (ग) वर्ष 2016 से 2023 तक तथा जनवरी 2024 से मई 2024 तक अनुसूचित जनजाति के व्यक्तियों द्वारा की गई आत्महत्या सड़क या अन्य दुर्घटना में मृत्यु की वर्षवार, जिलेवार सूची देवें तथा वर्ष 2014 से 2023 तक विभिन्‍न न्यायालयों में आदिवासी महिला से हुए बलात्कार के प्रकरणों में हुए फैसले की सजायाबी की दर बतावें। (घ) वर्ष 2020 से वर्ष 2023 तक कितने प्रकरणों की चिन्हित सनसनीखेज एवं जघन्य अपराध में चिन्हित श्रेणी में लिया गया। इसमें अनुसूचित जनजाति पर हुए अत्याचार के कितने-कितने प्रकरण थे तथा कुल प्रकरण का यह कितने प्रतिशत थे। इनमें से कितने प्रकरणों में दोष सिद्ध हुए तथा सजायाबी की दर क्या है वर्षवार शीर्षवार जानकारी देवें।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '' एवं 'ए-1' अनुसार(ख) यह कहना असत्य है कि अनुसूचित जनजाति वर्ग पर घटित अपराध 2016 में 1885 थे जो वर्ष 2022 में 3091 हो गये है। जबकि वर्ष 2016 में 1995 थे जो वर्ष 2022 में 3330 अपराध पंजीबद्ध हुये है। यह सत्य नहीं है कि शासन अनुसूचित जाति पर अत्याचर रोकने में असफल रही है बल्कि सत्य यह है कि वर्ष 2016 में अनुसूचित जाति एवं जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम में विस्तृत स्तर पर संशोधन हुए है, जिसके माध्यम से अपराध की नई श्रेणियों जोड़ी गई है पूर्व में धारा 3 (1) के अंतर्गत केवल 15 अत्याचार के अपराध की श्रेणियाँ वर्णित थी जबकि संशोधन उपरांत धारा 3 (1) में 29 प्रकार के अत्याचार के अपराधों को वर्णित किया गया है। इसी प्रकार धारा 3 (2) 5 के अंतर्गत आने वाले भा.द.वि. के 32 अपराधों हेतु केवल जाति के संबंध में पूर्व जानकारी ही पर्याप्त है, जातिगत आशय होना आवश्यक नहीं है इस कारण संशोधन उपरांत ऐसे बहुत से कृत्य जो पूर्व में अत्याचार के अपराधों की श्रेणी में नहीं आते थे, वर्तमान में अत्याचार के अपराधों की श्रेणी में आते है यही कारण है कि अधिनियम के अधीन अपराध की संख्या में वृद्धि दर्ज की गई है जो कि संशोधन का प्रभाव प्रथम दृष्टया दर्शित करती है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'बी' एवं 'सी' अनुसार(घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'डी' अनुसार

विधायक निधि से प्रदत्त टेंकरों का भौतिक सत्‍यापन

[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]

3. ( क्र. 243 ) श्री नीरज सिंह ठाकुर : क्या उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बरगी विधानसभा क्षेत्रातंर्गत वर्ष 2013 से 2018 तक किन-किन पंचायतों को विधायक विकास निधि से पेयजल हेतु पानी के टेंकर प्रदाय किये गये है। उक्त टेंकरों की क्या स्थिति है? इन टेंकरों का अंतिम भौतिक सत्यापन किस अधिकारी द्वारा कब किया गया है। (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार उक्त टेंकरों को पंचायत में न रखकर अपने निजी उपयोग में लिये जा रहे हैं। जिससे आम जनमानस को समस्‍याओं का सामना करना पड़ रहा है, जिन पंचायतों/व्यक्तियों के द्वारा निजी कार्यों में सार्वजनिक पेयजल टेंकरों का उपयोग किया जा रहा है उन पर क्या कार्यवाही की जायेगी यह कार्यवाही कब तक होगी?

उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। टेंकरों की भौतिक स्थिति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के कॉलम 5 में उल्‍लेखित है। सत्‍यापनकर्ता अधिकारी एवं सत्‍यापन तिथि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के कॉलम 6 एवं 7 में उल्‍लेखित है। (ख) जी नहीं। जो टेंकर वर्तमान में उपयोग की स्थिति में है, उनका उपयोग सार्वजनिक रूप से किये जाने से शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

बहोरीबंद विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत स्वीकृत खनिज पट्टे

[खनिज साधन]

4. ( क्र. 257 ) श्री प्रणय प्रभात पांडे : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बहोरीबंद विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कहां-कहां किस-किस नाम पर किस गौण खनिज के उत्खनन हेतु कितना रकबा कितने समय के लिये कब-कब स्वीकृत किया गया? उत्खनन पट्टाधारी के नाम, पते, खसरा नम्बर, सहित संपूर्ण सूची देवें। (ख) प्रश्‍नांश (क) में उल्लेखित स्वीकृत खदानों में से कौन-कौन सी वर्तमान समय में क्रियाशील है तथा कौन-कौन सी किन कारणों से कब से बंद है बतलावे, संपूर्ण सूची देवें। (ग) विगत पांच वर्षों में प्रश्‍नांश (क) में उल्लेखित क्षेत्र अंतर्गत कहां-कहां पर स्वीकृत क्षेत्र से अन्‍यत्र अवैध उत्खनन के प्रकरण पंजीबद्ध कर किसके विरूद्ध किसके द्वारा कब-कब क्या कार्यवाही की गई? बतलावें, सूची देवें।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।

नियम विरूद्ध सम्‍पत्तियों को तोड़ा जाना

[विधि एवं विधायी कार्य]

5. ( क्र. 494 ) श्री देवेन्द्र रामनारायन सखवार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या प्रदेश में संगीन अपराध करने वालों को पुलिस द्वारा माननीय न्‍यायालय में चालान प्रस्‍तुत करने अथवा माननीय न्‍यायालय के निर्णय आने के पूर्व ही आरोपियों की अचल सम्‍पत्तियों को तोड़ने का कोई कानून वर्तमान में विद्यमान है? (ख) यदि है तो बतायें? यदि नहीं, तो किस कानून के तहत आरोपियों की सम्‍पत्तियों को बुलडोजर से गिराया जा रहा है? (ग) क्‍या उन सम्‍पत्तियों को राजसात किये जाने के लिए कानून बनाया जायेगा? यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं, तो क्‍यों?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

अवैध उत्खनन के विरूद्ध की कार्यवाही

[खनिज साधन]

6. ( क्र. 571 ) श्री देवेन्‍द्र कुमार जैन : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि J(क) शिवपुरी जिले में विगत 06 माह में रेत, लाल मुरम, पत्थर की फर्सी, गिट्टी, पत्थर खण्डे सहित अन्य कौन-कौन से खनिज साधनों का कहां-कहां अवैध उत्खनन तथा अवैध परिवहन किए जाने संबंधी कुल कितने प्रकरण किन-किन पर कब-कब पंजीबद्ध हुए हैं? खनिज साधनवार व तहसीलवार जानकारी दें? (ख) प्रश्‍नांश (क) के संबंध में उक्त खनिज साधनों का अवैध उत्खनन तथा परिवहन कितनी-कितनी मात्रा में कब-कब किया गया था? तत्समय उसका बाजार मूल्य क्या था? विभाग द्वारा उक्त अवैध उत्खनन एवं अवैध परिवहन करने वाले के विरूद्ध अब तक क्या-क्या कार्यवाही की गई है? पंजीबद्ध किए गए प्रकरणों में अब तक की गई कार्यवाही की अद्यतन जानकारी प्रकरणवार उपलब्ध करावें? जिम्मेदारों द्वारा अवैध उत्खनन एवं इसके परिवहन को रोकने हेतु कब-कब, क्या-क्या कार्यवाही की गई है? (ग) शिवपुरी जिले में रेत खदान, लाल मुरम खदान, गिट्टी, पत्थरफर्सी एवं खण्डों की खदानों सहित अन्य खनिज साधन की कुल कितनी खदानें कहां-कहां, कब से कब तक के लिए स्वीकृत हैं? खदान जिनके नाम स्वीकृत हैं, उन फर्म/व्यक्ति के नाम एवं नीलामी राशि का उल्लेख कर सूची उपलब्ध करावें? जानकारी में स्वीकृत खदानों के सर्वे नंबर एवं क्षेत्रफल, ग्राम व तहसील के नाम तथा स्वीकृति की समयावधि का उल्लेखकर जानकारी प्रदान करें? (घ) प्रश्‍नांश (ग) में उल्लेखित खदानों से अब तक किस-किस खनिज साधन की कितनी-कितनी मात्रा का उत्खनन कर विक्रय किया जा चुका है व विक्रय से खनिजवार कितनी-कितनी राशि प्राप्त हुई?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स पर है।

रेत-खनिज से भरे ओवर लोडेड ट्रकों द्वारा परिवहन

[खनिज साधन]

7. ( क्र. 781 ) श्री निलेश पुसाराम उईके : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि J(क) क्या प्रदेश के जिला-पांढुर्ना मुख्यालय के नगरीय क्षेत्र के मार्गों/स्थानों व जिला-सिवनी मुख्यालय के मार्गों से लोडेड/ओव्हर लोडेड रेत-खनिज का परिवहन वृहद मात्रा में डम्फर/ट्रक/वाहन द्वारा रात-दिन, पर्यावरण/खनिज/परिवहन/यातायात पुलिस विभाग के नियमों की खुलेआम अवहेलना कर किया जा रहा है? यदि हाँ तो क्यों? क्या इस प्रकार नियमों का उल्लंघन कर रेत-खनिज का परिवहन करने वालों के विरुद्ध सभी विभाग के अधिकारियों द्वारा सयुक्त रूप से कोई ठोस कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, तो क्यों और कब की जावेगी? (ख) क्या प्रश्‍नांश (क) में वर्णित जिला-पांढुर्ना मुख्यालय के नगरीय मार्गों/स्थानों से रेत-खनिज का नियम-विरुद्ध तरीके से परिवहन को रोकने हेतु स्थानीय विधायक/जनप्रतिनिधियों/अशासकीय संगठनों ने जिला प्रशासन को लिखित/ मौखिक रूप से कार्यवाही करने हेतु आग्रह किया है? यदि हाँ तो उस पर क्या और कब-कब कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों? क्या की गई कार्यवाही से स्थानीय विधायक को अवगत कराया गया? यदि नहीं, तो क्यों?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी नहीं। अपितु जांच के दौरान खनिज नियमों का उल्‍लंघन कर रेत खनिज के अवैध उत्‍खनन/परिवहन/भण्‍डारण के कुल 15 प्रकरण पंजीबद्ध किये जाकर अर्थदण्‍ड राशि 8,21,509/- जमा कराई गई है। (ख) जी नहीं। शेष भाग का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

भ्रष्‍ट अधिकारियों की जप्‍त संपत्ति का विवरण

[सामान्य प्रशासन]

8. ( क्र. 890 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश सरकार द्वारा भ्रष्ट अधिकारियों की संपत्ति को राजसात करने हेतु कानून बनाया गया है? यदि हाँ तो कब से? (ख) उक्त नियम बनाने के बाद से अभी तक किन-किन अधिकारियों की कितने मूल्य की कौन-कौन सी संपत्ति कब-कब अधिग्रहित की गयी है? नाम, पदनाम सहित जानकारी दें। (ग) अभी तक किन-किन अधिकारियों की कितनी संपत्ति अधिग्रहित की कार्यवाही प्रचलन में है?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। भ्रष्‍ट अधिकारियों की संपत्ति को राजसात करने हेतु मध्‍यप्रदेश विशेष न्‍यायालय अधिनियम, 2011 लागू है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  के कॉलम-7 अनुसार है।

आचार संहिता में जप्‍त राशि

[सामान्य प्रशासन]

9. ( क्र. 891 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि मध्‍यप्रदेश में चुनाव आचार संहिता लागू होने से पूर्व दिनांक 01 जनवरी 2024 के बाद कितनी राशि जप्त की गयी? जिलेवार जानकारी उपलब्‍ध करायें।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : जानकारी एकत्रित की जा रही है।

कर्मचारियों के लंबित पे-फिक्सेशन

[वित्त]

10. ( क्र. 954 ) श्री जगन्‍नाथ सिंह रघुवंशी : क्या उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्‍न दिनांक तक जिला अशोकनगर में समस्त विभागों के कितने कर्मचारियों के पे-फिक्सेशन लंबित है? लंबित पे-फिक्सेशन में से कितने कर्मचारियों के पे-फिक्सेशन को संयुक्त संचालक कोष एवं लेखा द्वारा दो या इससे अधिक बार रिजेक्ट किया गया है? नाम एवं एम्प्लाई कोड सहित जानकारी देवें। (ख) कर्मचारियों के पे-फिक्सेशन को अकारण ही बार-बार रिजेक्ट करने वाले संयुक्त संचालक कोष एवं लेखा ग्वालियर के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही की जायेगी अथवा नहीं यदि हाँ तो कब तक? (ग) पे-फिक्सेशन लंबित होने से कर्मचारियों में व्याप्त रोष को समाप्त करने हेतु क्या वित्त विभाग द्वारा जिला अशोकनगर में कैंप लगाकर लंबित पे-फिक्सेशन का निराकरण किया जायेगा? अथवा नहीं यदि हाँ तो कब तक कार्यवाही की जायेगी?

उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) वर्तमान में 08 प्रकरण लंबित है जिसमें कोई भी प्रकरण 2 या उससे अधिकबार के रिजेक्‍ट श्रेणी का प्रकरण नहीं है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ख) उत्‍तरांश (क) के प्रकाश में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) आयुक्‍त कोष एवं लेखा के पत्र क्रमांक 26, दिनांक 23.05.2023 एवं क्रमांक 32, दिनांक 25.06.2023 के अनुसार पे-फिक्‍सेशन के प्रकरण ऑनलाईन निराकृत किये जाते है। अत: पृथक से कैम्‍प लगाने की प्रासंगिकता नहीं है।

पुलिस कमिश्‍नर प्रणाली का आंकलन

[गृह]

11. ( क्र. 986 ) श्री राकेश शुक्ला : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इंदौर शहर में पुलिस कमिश्‍नर प्रणाली लागू होने से पहले के 12 महीनों में पंजीबद्ध अपराधों की संख्‍या, अपराधों में सजा की संख्‍या? (ख) इंदौर शहर में पुलिस कमिश्‍नर प्रणाली लागू होने के पश्‍चात के 12 महीनों में पंजीबद्ध अपराधों की संख्‍या एवं उनमें दी गई सजा की संख्‍या?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है।

परिशिष्ट - "बीस"

विकास योजनाओं की जानकारी

[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]

12. ( क्र. 1147 ) श्री मोंटू सोलंकी : क्या उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सेंधवा विधानसभा में वर्ष 2020 से लेकर प्रश्‍न दिनांक की अवधि में कौन-कौन से कार्य विभाग के द्वारा संपादित किए गए हैं प्रत्येक कार्य का उपलब्धि सहित विवरण वर्षवार देवें? (ख) विभाग के द्वारा सेंधवा विधानसभा में कौन-कौन से विशेष कार्य वर्ष 2024-25 में प्रस्तावित किए गए हैं प्रस्तावित कार्यों का विस्तृत प्रतिवेदन देवें। (ग) सेंधवा विधानसभा के लिए आदिवासी महिला एवं युवाओं का पलायन रोकने के लिए एफ.सी.आर.ए. फंडिंग, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर से निवेश आमंत्रित करने के लिए क्या जिला योजना से विशेष प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेजा गया या नहीं?
उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  अनुसार है। (ख) विभाग द्वारा कोई भी कार्य प्रस्‍तावित नहीं करने से शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नही।

OFC केबल नेटवर्क

[विज्ञान और प्रौद्योगिकी]

13. ( क्र. 1148 ) श्री मोंटू सोलंकी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सेंधवा विधानसभा के समस्त ग्राम पंचायत और नगरी निकायों को इंटरनेट से जोड़ने के लिए ऑप्टिकल फाइबर केबल नेटवर्क भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत कब से प्रारंभ किया गया और किन-किन कंपनियों को टेंडर दिए गए? टेंडर से संबंधित समस्त अभिलेख देवें। (ख) सेंधवा विधानसभा क्षेत्र में कितने ग्राम पंचायत में कार्य पूर्ण हो चुका है और कितने ग्राम पंचायत में शेष है ग्राम पंचायत के नाम सहित जानकारी देवें? (ग) कम्‍पनियों के द्वारा नियमानुसार वन विभाग, नगर निकाय, एम.पी.आर.डी.सी., हाईवे अथॉरिटी से नियमानुसार अनुमति लेकर खुदाई करने का प्रावधान है? यदि हाँ तो क्या इन कंपनियों के द्वारा ग्राम पंचायत से अनापत्ति प्रमाण पत्र लेकर विहत शुल्क जमा किया गया है या नहीं? यदि हाँ तो सेंधवा विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत कितने ग्राम पंचायतों से अनुमति ली गई है? उनके अनुमति पत्र देवें और कितने ग्राम पंचायत से नहीं ली गई है उन ग्राम पंचायतों की सूची उपलब्ध करवाएं?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) मुख्‍य महाप्रबंधक, भारत संचार निगम लिमिटेड, दूरसंचार भोपाल म.प्र. से प्राप्‍त जानकारी अनुसार सेंधवा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत सेंधवा ब्‍लॉक की समस्‍त ग्राम पंचायतों के लिए अनुमोदित टेंडर के अंतर्गत M/s Pramod Sharma, Contractor, Indore को कार्य दिया गया था। इस कार्य को आरंभ करने हेतु वर्क ऑर्डर दिनांक 11.04.2018 को जारी किया गया। टेंडर से संबंधित टेंडर डॉक्‍यूमेंट, आशय पत्र (LOI) तथा एग्रीमेंट की प्रति  पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अनुसार है। (ख) मुख्‍य महाप्रबंधक, भारत संचार निगम लिमिटेड, दूरसंचार भोपाल म.प्र. अनुसार सेंधवा विधानसभा के सभी 115 गाम पंचायतों (ब्‍लॉक क्‍वाटर्स को मिलाकर) आप्टिकल फाईबर केवल बिछाने का कार्य पूर्ण हो चुका है - ग्राम पंचायतों के नाम  पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) विभाग द्वारा जारी अधिसूचना क्रमांक F 13-14/2012/56 भोपाल दिनांक 02.04.2014 द्वारा भारतनेट (NOFN) परियोजना के अंतर्गत कार्य निष्‍पादन एवं रखरखाव को शासकीय एवं अन्‍य संस्‍थाओं जैसे पीडब्‍ल्‍यूडी/आरईएस/वन/नगर‍ निकायों/ पंचायतों/ सिंचाई/बिजली वितरण एजेंसियों आदि से ''राईट ऑफ वे'' सहित अन्‍य अनुमतियों एवं शुल्‍क की आवश्‍यकता को समाप्‍त किया गया था। अत: किसी भी शुल्‍क का भुगतान बी.एस.एन.एल. द्वारा वांछित नहीं है।

गिट्टी खदान का संचालन

[खनिज साधन]

14. ( क्र. 1149 ) श्री मोंटू सोलंकी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि J(क) MPRDC धुलकोट गोई मार्ग पर कहां-कहां पर गिट्टी खदान संचालित है क्या रोड से 500 मीटर की दूरी पर गिट्टी खदान संचालित है तो गिट्टी खदान किस नियम के तहत् संचालित है क्या इन्हें रोड से 500 मीटर के दायरे में संचालित करने का नियम है? यदि हाँ तो नियम पुस्तिका प्रस्तुत करें यदि नहीं, तो उन गिट्टी खदान संचालकों पर अब तक क्या कार्यवाही की गई? (ख) ग्राम पंचायत में गिट्टी खदान संचालित है तो क्या अनापत्ति प्रमाण पत्र लिया गया है अगर लिया गया है तो ग्राम सभा की उपस्थित हस्ताक्षर की छायाप्रति देवें? (ग) अगर गिट्टी खदान संचालित है तो कितने हेक्‍टेयर जमीन आवंटित की गई है? या लीज पर दी गई है तो किस दिनांक से किस दिनांक तक दी गई है?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) संचालित/स्‍वीकृत खदान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर है। मध्‍यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 के नियम 13 अनुसार राष्‍ट्रीय/ राज्‍यमार्ग से 100 मीटर, पक्‍की सड़क से 50 मीटर एवं ग्रामीण कच्‍चा रास्‍ता से 10 मीटर छोड़कर स्‍वीकृत किये जाने के प्रावधान हैं। मध्‍यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 अधिसूचित है, नियम की प्रति पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र-ब पर है। शेष भाग का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी हाँ। ग्राम सभा की अनापत्तियाँ  पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र-स पर है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर है।

स्‍वरोजगार योजना की जानकारी

[सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्‍यम उद्यम]

15. ( क्र. 1153 ) श्री मोंटू सोलंकी : क्या सूक्ष्‍म,लघु एवं मध्‍यम उद्यम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सेंधवा विधानसभा में शिक्षित बेरोजगार को आर्थिक कल्याण योजना एवं स्वरोजगार हेतु ऋण उपलब्ध करवाने हेतु फरवरी 2021 से प्रश्‍न दिनांक तक स्थिति में कौन-कौन सी योजनायें संचालित है? मापदण्ड एवं शर्तों सहित पूर्ण विवरण दें। (ख) वित्तीय वर्ष 2021-22 से प्रश्‍न दिनांक तक की अवधि में विभाग के किस-किस कार्यालय द्वारा किस-किस बैंकों को किस-किस योजना में ऋण हेतु कितने प्रकरण भेजे गये? (ग) प्रश्‍नांश (ख) के प्रकरणों में से कितने प्रकरणों में किन-किन बैंकों द्वारा ऋण दिया गया तथा कितने प्रकरणों में ऋण क्यों नहीं दिया? (घ) फरवरी 2021 की स्थिति में किस-किस बैंक में कितने प्रकरण लंबित है तथा उनका शीघ्र निराकरण हो इस हेतु विभाग के अधिकारियों ने क्या-क्या कार्यवाही की?

सूक्ष्‍म,लघु एवं मध्‍यम उद्यम मंत्री ( श्री चेतन्‍य कुमार काश्‍यप ) : (क) सेंधवा विधानसभा में शिक्षित बेरोजगारों के स्वरोजगार के लिए प्रश्‍नांश अवधि में राज्य शासन के सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विभाग द्वारा मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना संचालित की जा रही है। मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना के मापदंड/विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र '' अनुसार है। (ख) प्रश्‍नांश '' के सन्दर्भ में जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ग) प्रश्‍नांश (ख) के सन्दर्भ में  जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (घ) प्रश्‍नांश (क) के सन्दर्भ में फरवरी 2021 की स्थिति में योजना संचालित नहीं थी। अतः शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

बाल दुष्‍कर्म की जानकारी

[गृह]

16. ( क्र. 1241 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि J(क) प्रदेश में अबोध बालिकाओं, नाबालिग युवतियों व स्‍कूली छात्राओं के साथ दुष्‍कर्म, सामूहिक दुष्‍कर्म, दुष्‍कर्म एवं हत्‍या, हत्‍या, शादी का भरोसा देकर दुष्‍कर्म, अपहरण, शोषण, प्रताड़ना, गुमशुदा/ लापता होने से संबंधित कितने-कितने मामले पंजीकृत किये गये हैं? इनसे संबंधित कितने-कितने मामलों में कितने-कितने अपराधियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है?6 वर्ष तक, 6 से 10 वर्ष 10 से 14 एवं 14 से 17 वर्ष तक की आयु वर्ग की वर्ष 2021-22 से 2023-24 तक की पृथक-पृथक जानकारी दें। (ख) प्रश्‍नांश (क) में पाक्‍सों एक्‍ट आ.द.वि. की धारा 376 एवं अन्‍य किन-किन धाराओं के तहत पंजीकृत कितने-कितने मामलों में कितने-कितने आरोपियों को मौत की सजा सुनाई गई है। न्‍यायालयों में कितने मामलें लंबित है? (ग) प्रश्‍नांश (क) में बाल दुष्‍कर्म यौन उत्‍पीड़न से पीड़ित कितने बच्‍चों को शासन ने कानूनी सहायता दी है? कितने बच्‍चों का इलाज करवाया है एवं कितने बच्‍चों को कितनी राशि की आर्थिक सहायता दी है? (घ) प्रश्‍नांश (क) में बाल दुष्‍कर्म यौन अपराध के बढ़ते मामलों से प्रभावी ढंग से निपटने उन्‍हें रोकने प्रभावी जांच अभियोजन और पीडि़त के लिए सुरक्षा सुनिश्चित करने तथा उन्‍हें त्‍वरित न्‍याय मिले इस हेतु शासन ने क्‍या उपाय प्रबंध किये है? (ड.) प्रश्‍नांश (क) में अपहरण, गुमशुदा लापता होने से संबंधित पंजीकृत कितने मामलों में कितने बच्‍चों को अपहरणकर्ताओं के चंगुल से मुक्‍त कराया है। कितने बच्‍चों का पता लगाकर उन्‍हें सकुशल घर पहुंचाया है। कितने गुमशुदा, लापता बच्‍चे अज्ञात हैं?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट "अ" अनुसार। J(ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट "ब" अनुसार(घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट "स" अनुसार (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट "द" अनुसार

 

पुलिस एवं न्‍यायिक अभिरक्षा में मृत्‍यु

[गृह]

17. ( क्र. 1242 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि क) प्रदेश में पुलिस एवं न्‍यायिक अभिरक्षा में कितने आरोपियों/बंदियों की मृत्‍यु हुई है। कितने आरोपियों/व्‍यक्तियों की मृत्‍यु पुलिस की प्रताड़ना मारपीट बर्बरता के कारण हुई है तथा कितने आरोपियों तथा व्‍यक्तियों ने पुलिस की प्रताड़ना मार‍पीट बर्बरता भय आदि से त्रस्‍त होकर आत्‍महत्‍या की हैं? वर्ष 2021-22 से 2024-25 तक की जिलावार जानकारी दें। (ख) प्रश्‍नांश (क) में शासन ने किन-किन मामलों की जांच/न्‍यायिक जांच कराई है इसमें श्री अनिल मरावी पिता स्‍व. श्री कोमल मरावी उम्र 33 वर्ष निवासी जमतरा (जबलपुर) की मृत्‍यु एवं अनूपपुर पुलिस थाना कोतमा के तहत ग्राम सिलपुर निवासी एक नाबालिग 16 वर्षीय किशोर द्वारा पुलिस की मारपीट, बर्बरता से त्रस्‍त होकर आत्‍महत्‍या करने की जांच/न्‍यायिक जांच कब किसने कराई है इसमें दोषी किन-किन पुलिस अधिकारियों/कर्मचारियों पर शासन ने कब क्‍या कार्यवाही की है? (ग) शासन ने प्रश्‍नांकित कितने मामलों में मृतकों के परिजनों/आश्रितों को क्षतिपूर्ति की कितनी राशि की आर्थिक सहायता दी है एवं किन मामलों से संबंधित कितनी राशि की आर्थिक सहायता नहीं दी है एवं क्‍यों? बतलावें सूची दें। (घ) शासन ने राष्‍ट्रीय मानव अधिकार आयोग द्वारा जारी परिपत्र/दिशा-निर्देश के तहत पुलिस अभिरक्षा से न्‍यायिक अभिरक्षा में आरोपियों को जेल भेजने के पूर्व कितने मामलों के आरोपियों के पूरे शरीर की जांच शासकीय चिकित्‍सालय में कराई है?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) वर्ष 2021-22 से 2024-25 तक पुलिस अभिरक्षा में 16 तथा न्यायिक अभिरक्षा में 208 व्यक्तियों की मृत्यु हुई। इनमें से 1 व्यक्ति की मृत्यु में पुलिस प्रताड़ना/ मारपीट का कारण सामने आया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '' तथा '' अनुसार(ख) पुलिस एवं न्यायिक अभिरक्षा में मृत्यु के सभी प्रकरणों में न्यायिक जाँच कराई गई है। पुलिस अधीक्षक जबलपुर द्वारा कार्यालय अधीक्षक सुभाषचंद्र बोस केन्द्रीय जेल जबलपुर से प्राप्त जानकारी अनुसार श्री अनिल मरावी पिता स्व.श्री कमल मरावी उम्र 33 वर्ष निवासी जमतरा (जबलपुर) केंद्रीय जेल जबलपुर में विचाराधीन बंदी था, जिसके स्वास्थ्य खराब होने के कारण उपचार के लिये जबलपुर मेडिकल कॉलेज में जेल प्रशासन द्वारा भर्ती कराया गया था, जिसके उपचार के दौरान दिनांक 09.12.2021 को चिकित्सक द्वारा मृत घोषित किया गया। विचाराधीन बंदी की मृत्यु की न्यायिक जांच की गई। न्यायिक जांच में बंदी की मृत्यु प्राकृतिक रूप से बीमारी के कारण होना पाया गया। नाबालिग 16 वर्षीय किशोर निवासी ग्राम सिलपुर थाना कोतमा जिला अनूपपुर की मृत्यु पुलिस अभिरक्षा में नहीं हुई है। इसलिये न्यायिक जाँच नहीं हुई है। किशोर की मृत्यु के संबंध में मर्ग क्रं 26/2024 धारा 174 जा.फौ. कायम कर जांच अनुविभागीय अधिकारी कोतमा द्वारा की जा रही है। विभागीय कार्यवाही की जा रही है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '' तथा '' में समाहित है। (घ) पुलिस अभिरक्षा से न्यायिक अभिरक्षा में भेजने के पूर्व प्रत्येक बंदी की मेडिकल जाँच कराई जाती है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '' अनुसार

 

स्‍वरोजगार योजनाओं की जानकारी

[सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्‍यम उद्यम]

18. ( क्र. 1243 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या सूक्ष्‍म,लघु एवं मध्‍यम उद्यम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में युवाओं को रोजगार प्रदान करने स्‍वरोजगार हेतु राज्‍य प्रशासन एवं केन्‍द्र शासन प्रवर्तित कौन-कौन सी योजनाएं संचालित हैं। स्‍वरोजगार संबंधी किन-किन योजनाओं में ऋण देने बाबत् क्‍या प्रावधान हैं। इनके नियम एवं शर्तें क्‍या हैं? (ख) जिला व्‍यापार एवं उद्योग केन्‍द्र जबलपुर को मुख्‍यमंत्री उद्यम क्रांति योजना एवं प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के तहत कितने-कितने आवेदन पत्र प्राप्‍त हुये? कितने स्‍वीकृत/निरस्‍त किये गये? कितने लम्बित हैं? कितने प्रकरणों में कितनी राशि स्‍वीकृत/प्रस्‍तावित की गई? लक्ष्‍यपूर्ति बतलावें। वर्ष 2020-21 से 2024-25 तक की जानकारी दें। (ग) प्रश्‍नांकित स्‍वीकृत/प्रस्‍तावित कितने-कितने प्रकरण किन-किन बैंकों को भेजे गये? किन-किन बैंकों ने कितने-कितने प्रकरणों में कितनी-कितनी ऋण राशि का वितरण किया? कितने प्रकरण अस्‍वीकृत/निरस्‍त किये? कितने लंबित हैं? किन-किन बैंकों ने निर्धारित लक्ष्‍य पूर्ति नहीं की है? (घ) किन-किन बैंकों ने कितने-कितने प्रकरणों के सिविल खराब हैं? प्रोजेक्‍ट अलाभकारी बताकर अस्‍वीकृत/निरस्‍त किये हैं? जिला प्रशासन ने युवा उद्यमियों को बैंकों से ऋण मिलने में आ रही समस्‍याओं/परेशानियों का निराकरण करने, उन्‍हें ऋण दिलाने में सहयोग/मदद करने हेतु क्‍या व्‍यवस्‍था की है? इस संबंध में शासन के क्‍या दिशा-निर्देश हैं?

सूक्ष्‍म,लघु एवं मध्‍यम उद्यम मंत्री ( श्री चेतन्‍य कुमार काश्‍यप ) : (क) प्रदेश में युवाओं को स्‍वरोजगार प्रदान करने हेतु एम.एस.एम.ई. विभाग द्वारा राज्‍य शासन की मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना तथा केंद्र शासन की प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (PMEGP) योजना संचालित हैं। इन योजनाओं में ऋण देने हेतु प्रावधान तथा नियम एवं शर्तें  पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र '' अनुसार है। जिला प्रशासन द्वारा समय-समय पर बैंकों के साथ आयोजित डी.एल.सी.सी. बैठकों में आवश्यक समन्वय कर बैंकों से ऋण मिलने में आ रही समस्याओं का निराकरण किया जाता है। इस सम्बन्ध में योजनान्तर्गत दिशा निर्देश  पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र '' अनुसार है।

खनिज मद में प्राप्‍त राशि एवं उसका उपयोग

[खनिज साधन]

19. ( क्र. 1284 ) श्री प्रहलाद लोधी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्तमान में प्रदेश में जिला खनिज निधि की कुल कितनी राशि संग्रहित है? (ख) जिला पन्‍ना में वर्ष 2019 से प्रश्‍न दिनांक तक खनिज मद से जिले के रायल्‍टी के नाम पर कितनी राशि प्राप्‍त हुई है? वर्षवार प्राप्‍त राशि की जानकारी उपलब्‍ध कराये? (ग) प्रश्‍नांश (ख) अनुसार पन्‍ना जिले के पवई, गुनौर एवं पन्‍ना विधान सभा क्षेत्र में जनसंख्‍या एवं स्‍थानीय आवश्‍यकता अनुसार कितनी-कितनी राशि के कौन-कौन से निर्माण कार्य उक्‍त निधि में स्‍वीकृत किये गये हैं? कार्य का स्‍वरूप सहित वर्षवार विधान सभा क्षेत्रवार जानकारी उपलब्‍ध कराये? (घ) उक्‍त अवधि में जिले में खनिज प्रतिष्‍ठान मद से कितने प्राथमिक, माध्‍यमिक, उच्‍च माध्‍यमिक भवनों का निर्माण मरम्‍मत एवं रखरखाव पर कितनी राशि व्‍यय की गई? वर्षवार, विधान सभावार जानकारी उपलब्‍ध कराये? (ड.) प्रश्‍नांश (ग) एवं (घ) के संदर्भ में प्रदान की गई राशि से स्‍वीकृत कार्यों की स्थिति क्‍या है? कौन-कौन से कार्य पूर्ण हुये है और कौन-कौन से कार्य अपूर्ण है?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) प्रदेश में खनिज निधि से कोई राशि संग्रहित न‍हीं की जाती है, अपितु जिला खनिज प्रतिष्‍ठान मद अंतर्गत अप्रैल 2024 तक प्राप्‍त राशि रूपये 7284.636 करोड़ संग्रहित है। (ख) जिला खनिज प्रतिष्‍ठान मद में प्राप्‍त राशि का वर्षवार विवरण  पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) विधान सभा क्षेत्रों में जनसंख्‍या एवं स्‍थानीय आवश्‍यकता अनुसार स्‍वीकृति नहीं दी जाती है, अपितु प्रधानमंत्री खनिज कल्‍याण क्षेत्र योजना के अंतर्गत स्‍वीकृत कार्यों की  जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र-ब  में अनुसार है। (घ)  जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।

आदिवासियों की प्रताड़ना और भ्रष्टाचार

[गृह]

20. ( क्र. 1383 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में वर्ष 2004 से मार्च 2024 तक आदिवासियों की प्रताड़ना और भ्रष्टाचार के मामले की संख्‍यात्‍मक जानकारी उपलब्‍ध कराएं। (ख) सीधी जिले में एक आदिवासी युवक पर पेशाब करने के प्रकरण में उसके पुनर्वास और रोजगार के लिये क्या-क्या कार्य किए गए हैं? (ग) क्या माननीय मुख्यमंत्री जी ने सही पीड़ित आदिवासी के ही चरण धोए या अन्य किसी के? (घ) सिंगरौली में एक आदिवासी युवक को विधायक पुत्र के द्वारा गोली मारने का प्रकरण सामने आया था उसकी वर्तमान में क्या स्थिति है आदिवासी परिवार को शासन के द्वारा क्या-क्या सहायता पहुंचायी गई?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट '' अनुसार। (ख) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट '' अनुसार(ग) जी हाँ। पीड़ित व्यक्त्ति के ही चरण धोये थे। (घ) जी हाँ। जिला सिंगरौली अंतर्गत थाना मोखा में फरियादी सूर्यप्रकाश खैरवार पिता श्री दरोगाराम खैरवार निवासी वार्ड कमांक 7 बूडी माई मंदिर रोड पंजरेह बस्ती मोरवा थाना मोखा की रिपोर्ट पर अपराध कमांक 534/23 धारा 307 भा.द.वि. बढ़ाने धारा 294, 323, 506,201, 34 भा.द.वि. 25/27 आर्मस एक्ट एवं 3 (2) 5 (अ) एससी एसटी एक्ट आरोपी 1. दीपक पनिका उर्फ त्रिभुवन पिता देवशरण पनिका उम्र 21 वर्ष निवासी बूड़ी माई मंदिर के पास थाना मोरवा 2. विवेकानन्द उर्फ विवेक वैश्य पिता रामलल्लू वैश्य उम्र 43 वर्ष वार्ड न. 9 मेढौली थाना मोखा 3. माला रावत पिता रामस्वरूप रावत उम्र 35 वर्ष निवासी चटका थाना मोरवा 4. रजनीश कौल पिता रामकिशुन कौल उम्र 28 वर्ष निवासी पुरानी दुद्धीचुआ मेडौली थाना मोरखा 5. विकास खडगवंशी पिता रामलल्लू खडगवंशी उम्र 27 साल निवासी वार्ड क्र. 4 अम्बेडकर नगर थाना मोरखा जिला सिंगरौली 6. संजय उर्फ भोले वैश्य पिता राममिलन वैश्य निवासी सीएमएस कॉलोनी मोरवा के विरूद्ध पंजीबद्ध किया था, प्रकरण में आरोपी संजय उर्फ भोले बैस फरार है, शेष आरोपियों को गिरफ्तार किया जाकर अभियोग पत्र क्रमांक 788/2023 दिनांक 05/11/2023 को तैयार किया जाकर विशेष न्यायाधीश एट्रोसिटी एक्ट सिंगरौली के न्यायालय में प्रस्तुत किया गया है। फरार आरोपी संजय उर्फ भोले बैस के विरूद्ध 173 (8) दं.प्र.सं. के अंतर्गत अनुसंधान किया जा रहा है। कलेक्टर (जनजातीय कार्य विभाग) सिंगरौली द्वारा आदेश अजा/जजा निवारण अधिनियम के प्रावधान अनुसार आदेश क्रमांक 2121/जजाकावि/राहत/2024 सिंगरौली दिनाक 22.05.2024 के माध्यम से पीड़ित को 75000/- रूपये की राहत राशि प्रदाय की गई है।

परिशिष्ट - "इक्कीस"

पत्थर, गिट्टी एवं रेत खदान की जानकारी

[खनिज साधन]

21. ( क्र. 1395 ) श्री भंवर सिंह शेखावत : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र बदनावर अंतर्गत किन-किन लोगों को किस-किस स्थान हेतु किस-किस सर्वे नंबर पर कितने क्षेत्रफल (लम्बाई x चौड़ाई x गहराई = घन मीटर) हेतु तथा कितने समय तक कितनी राशि/रॉयल्टी पर पत्थर, गिट्टी एवं रेत खदान वर्ष 2008-09 से प्रश्‍न दिनांक तक आवंटित/ लीज पर दी गई? (ख) क्या आवंटित स्थल पर से सम्बंधित लीज/पट्टाधारी द्वारा आवंटित स्थल पर आवंटित क्षेत्रफल से अधिक मात्रा में पत्थर, गिट्टी एवं रेत का खनन किया गया है? यदि हाँ तो कितने क्षेत्रफल में और क्यों तथा किसकी अनुमति से किया गया है? (ग) प्रश्‍नांश (ख) के संबंध में आवंटित क्षेत्रफल से अधिक खनन होने की स्थिति में विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? यदि कार्यवाही नहीं की गई तो क्यों? कार्यवाही न होने की स्थिति में कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी दोषी है?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) विधानसभा क्षेत्र बदनावर में क्षेत्रफल (रकबा) के आधार पर खदानें स्‍वीकृत की गई है। जिसकी जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट पर है। मध्‍यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 में (लंबाई X चौड़ाई X गहराई) के आधार पर खदानें स्‍वीकृत किये जाने के कोई प्रावधान नहीं है तथा खनिज रेत की कोई भी खदान विधानसभा क्षेत्र बदनावर में स्‍वीकृत नहीं है। (ख) जी नहीं, ऐसा कोई प्रकरण संज्ञान में नहीं आया है। शेष भाग का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। उत्‍तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट - "बाईस"

शराब दुकानों का संचालन

[वाणिज्यिक कर]

22. ( क्र. 1414 ) श्रीमती प्रियंका पैंची : क्या उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शराब की दुकानों की मंदिर/धार्मिक स्थल/विद्यालय/महाविद्यालय/मुख्य मार्ग से सामान्यतः कितनी दूरी होना चाहिए? शासन की उक्त के संबंध में कोई नीति है? यदि हाँ, तो नियम की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) विधानसभा क्षेत्र चाचौड़ा अंतर्गत कितनी शराब की कितनी दुकानें कहां-कहां संचालित है सूची उपलब्ध कराएं?

उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) शराब की दुकानों की मंदिर/धार्मिक स्थल/ विद्यालय/महाविद्यालय/मुख्य मार्ग से सामान्यतः दूरी संबंधी प्रावधान मध्‍यप्रदेश राजपत्र (असाधारण) क्रमांक 111 दिनांक 31.03.2023 में प्रकाशित अधिसूचना क्रमांक एफ 3/3/4/0009/2023-Sec-2-05 (CT) (15) दिनांक 31.03.2023 वर्णित नियम की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-एक अनुसार है। (ख) विधानसभा क्षेत्र चाचौड़ा अंतर्गत शराब की 14 दुकानें संचालित है। जिसकी सूची  पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट-दो अनुसार है।

आपराधिक घटनाओं की जानकारी

[गृह]

23. ( क्र. 1415 ) श्रीमती प्रियंका पैंची : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला गुना के थाना क्षेत्र कुम्भराज में लगातार आपराधिक घटनाएं चोरी/लूटपाट व डकैती जैसी घटनाएं निरंतर बढ़ रही है। क्या पुलिस प्रशासन द्वारा इन घटनाओं को रोकने के लिए कोई प्रयास किये जा रहे हैं? यदि हाँ तो क्या और नहीं तो कारण बतायें? (ख) कुछ दिनों पूर्व जिला गुना ग्राम झारेडा में बीते दिनों एक घर में लगभग 18,00,000 की डकैती हुई, दूसरी घटना ग्राम उपरी लगभग 6,00,000 रुपये की डकैती, तीसरी घटना नगर कुम्भराज वार्ड क्रमांक 15 गीता नगर कॉलोनी में चोरी, चौथी घटना ग्राम तुलसीखेडी के सरपंच के घर चोरों ने चोरी की घटना, पांचवीं घटना ग्राम तरीपटनी, जामोन्याजागीर, बड़ागाँव सहित झीकनी आदि में एक ही रात में चोरों द्वारा चोरी की घटना, विधायक के पोस्टर पर असामाजिक तत्वों द्वारा खुलेआम गोलियां चलाने की घटना, क्षेत्र में जुआ, सट्टा, गांजे की तस्करी करने वालों पर भी रोक नहीं हैI क्या इन सभी घटनाओं में प्राथमिक रिपोर्ट दर्ज की गई है? यदि हाँ तो कब और यदि नहीं, तो कब तक होगी? (ग) क्या उपरोक्त सभी घटनाओं में प्राथमिक रिपोर्ट दर्ज न करने वाले संबंधित के लिए कार्यवाही का कोई प्रावधान है? यदि हाँ तो क्या?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट '' अनुसार(ख) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट '' अनुसार(ग) सूचनाकर्ता द्वारा बताए गये घटना के क्रम में  जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट '' अनुसार प्राथमिकी दर्ज कर विवेचना की गई है। प्रकरणों में पुलिस द्वारा विधिसम्मत कार्यवाही की गई है, किसी भी अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध कार्यवाही नहीं की गई।

परिशिष्ट - "तेईस"

शासन की योजनाओं का प्रचार-प्रसार

[जनसंपर्क]

24. ( क्र. 1450 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग और माध्यम द्वारा सरकार की योजनाओं का प्रचार-प्रसार किस तरह से किया जाता है? प्रचार-प्रसार का माध्यम की जानकारी देवें। (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में जनसंपर्क और माध्यम में प्रचार-प्रसार के लिए कितनी संस्थाएं किस कार्य के लिए पंजीकृत हैं? उनके नाम व कब से पंजीकृत हैं? (ग) प्रश्‍नांश (ख) के संदर्भ में कितनी इंपेनल्ड संस्थाओं के संबंध में आयकर विभाग व अन्य केंद्रीय व राज्य स्तरीय जांच एजेंसियों, लोकायुक्त ने कब-कब, कितनी बार पत्राचार कर क्या जानकारी मांगी गई? सभी पत्राचारों की छायाप्रति एवं विभाग द्वारा दिए गए जवाब की छायाप्रति उपलब्ध करावें। (घ) प्रश्‍नांश (ग) के संदर्भ में क्या आयकर विभाग व अन्य केंद्रीय व राज्य स्तरीय जांच एजेंसियों व लोकायुक्त द्वारा जनसंपर्क व माध्यम के अधिकारियों/कर्मचारियों के संबंध में भी पत्र लिखकर जानकारी मांगी गई है? यदि हाँ तो उन पत्रों की छायाप्रति व विभाग द्वारा दिए गए जवाब की छायाप्रति उपलब्ध करावें।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) विभाग और माध्‍यम द्वारा प्रिंट, इलेक्‍ट्रॉनिक, डिजिटल मीडिया, दीवार लेखन, आयरन फ्रेम बोर्ड, प्रदर्शनी, प्रचार रथ, फ्लेक्‍स मुद्रण, ऑटो रिक्‍शा के पीछे स्‍टीकर, एलडी फॉम कैलेण्‍डर, फोरेक्‍स शीट तथा वीडियो स्‍पॉट के निर्माण एवं टी.वी. चैनलों, होर्डिंग्‍स, नुक्‍कड नाटक, वेबसाईट आदि। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक, दो एवं तीन अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-चार अनुसार है। (घ) जी नहीं। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

आनंद विभाग में संचालित योजनाएं

[आनंद]

25. ( क्र. 1452 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. में आनंद विभाग का गठन कब हुआ? क्या उद्देश्य हैं? विभाग अंतर्गत कौन-कौन सी योजनाएं सम्मिलित हैं एवं क्या-क्या गतिविधियाँ सम्मिलित हैं? (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में विभाग में विभाग गठन के उपरांत कितना-कितना बजट आवंटित किया गया है? उसके विरूद्ध कितनी राशि का व्यय किया जा चुका है तथा कितनी राशि शेष है? कितनी राशि लेप्स हुई? राशि लेप्स के लिए उत्तरदायी कौन हैं? (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में विभाग अंतर्गत कौन-कौन से कार्य स्वीकृत किये गये हैं? कार्य के नाम, लागत राशि, तकनीकी स्वीकृति, प्रशासकीय स्वीकृति, कार्यादेश, निविदा सहित जानकारी बतावें। (घ) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में प्रदेश स्तर के अल्प विराम एवं आनंद सहयोगी के कितने प्रशिक्षण आयोजित किये गये? प्रशिक्षणवार जानकारी देवें तथा कितने आनंदम सहयोगी बनाये गये? आनंदम सहयोगियों के नाम सहित जानकारी उपलब्ध करावें। (ङ) प्रश्‍नांश (घ) के संदर्भ में जिला स्तर, विकासखण्ड स्तर और ग्राम स्तर पर क्या-क्या गतिविधियां कब-कब आयोजित की गई तथा इसके लिए कितना बजट आवंटित किया गया? कितनी राशि व्यय हुई? क्या भुगतान संबंधी कोई शिकायत प्राप्त हुई? यदि हाँ तो उस पर क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो कब तक की जावेगी तथा प्राप्त शिकायतों का निराकरण कब तक कर दिया जावेगा?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) विभाग का गठन अगस्‍त-2016 में हुआ। विभाग के गठन के उद्देश्‍यों की  जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट -एक अनुसार है। इन उद्देश्‍यों की पूर्ति हेतु अल्‍पविराम, आनंद सभा, आनंदम केन्‍द्र, आनंद शिविर, आनंद क्‍लब, आनंदक, ऑनलाईन कोर्स, आनंद फैलोशिप, हैप्‍पीनेस इंडेक्‍स, आनंद की ओर, आनंद ग्राम, अंतर्राष्‍ट्रीय दिवस कार्यक्रम संचालित किये जाते है। (ख) विभाग को आवंटित, व्‍यय, लैप्‍स एवं शेष राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट -दो अनुसार है। राज्‍य आनंद संस्‍थान ''स्‍वशासी संस्‍थान'' है। व्‍यय उपरांत उपयोगिता प्रमाण पत्र के आधार पर ही राशि का आहरण किया जाता हैं। नया विभाग गठित होने, मितव्‍ययिता निर्देशों के परिप्रेक्ष्‍य में कम आहरण की स्‍वीकृति मिलने, अधिकांश गतिविधियां आनंदक (स्‍वैच्छिक कार्यकर्ता) एवं आनंद क्‍लबों द्वारा आयोजित होने से आवश्‍यकतानुसार ही राशि का आहरण किया गया। अत: शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) आनंद विभाग द्वारा कार्य स्‍वीकृत नहीं किये जाते है अपितु विभाग के गठन के उद्देश्‍यों की पूर्ति हेतु प्रश्‍नांश (क) में उल्‍लेखित कार्यक्रम किये जाते है। शेष प्रश्‍नांश लागू नहीं होता है। (घ) गठन से अब तक प्रदेश स्‍तर के 3266 अल्‍पविराम के कार्यक्रम आयोजित किए गए जिसमें से 25 आनंदम सहयोगी प्रशिक्षण आयोजित किए गए। प्रशिक्षणवार  जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट -तीन एवं परिशिष्‍ट-चार अनुसार है। कुल 1185 आनंदम सहयोगी बनाये गये। आनंदम सहयोगियों की  जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट -पांच  अनुसार है (ड.) प्रश्‍नांश (घ) के संदर्भ में आनंद विभाग का जिला, विकासखंड एवं ग्राम स्‍तर पर कोई अमला नहीं है। संस्‍थान द्वारा जिलों को कोई बजट आवंटित नहीं किया जाता है। संस्‍थान से जुड़े आनंदकों एवं आनंद क्‍लब के द्वारा समय-समय पर स्‍वैच्छिक रूप से स्‍थानीय स्‍तर पर विभिन्‍न कार्यक्रम जैसे- आनंद उत्‍सव, अल्‍पविराम, अंतर्राष्‍ट्रीय दिवस, आनंदम केन्‍द्रों का संचालन तथा अन्‍य सामाजिक गतिविधियां आयोजित की जाती है। अत: शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता हैं।

औद्योगिक इकाइयों में सुविधाएं

[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]

26. ( क्र. 1453 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में स्थापित औद्योगिक इकाइयों को कौन-कौनसी सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही है? आदेशों की छायाप्रति उपलब्ध करावें तथा मध्यप्रदेश के निवासियों को रोजगार देने के क्या नियम हैं? नियम के तहत कितने प्रतिशत व्यक्तियों को रोजगार देने का प्रावधान है? दिनांक 1 जनवरी 2018 से प्रश्‍नांकित अवधि तक कितने व्यक्तियों को रोजगार उपलब्ध करवाया है? (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में क्या मध्यप्रदेश में प्रशिक्षण व्यय प्रतिपूर्ति रोजगार सृजन अनुदान में अनुदान राशि औद्योगिक इकाइयों को दी जाती है या रोजगार प्राप्त करने वाले कर्मचारी को? बतलावें एवं कितनी-कितनी दी जाती है? (ग) मध्यप्रदेश में प्रशिक्षण व्यय प्रतिपूर्ति रोजगार सृजन अनुदान के अंतर्गत दिये गये अनुदान का औद्योगिक इकाई सहित कुल कितनी राशि का अनुदान दिया गया है?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग द्वारा प्रदेश में वृहद श्रेणी की पात्र औद्योगिक इकाइयों द्वारा वाणिज्यिक उत्पादन प्रारंभ करने के पश्चात् सुविधा/ सहायता हेतु आवेदन प्रस्तुत करने पर उद्योग संवर्धन नीति, 2014 (यथा संशोधित) अंतर्गत प्रावधानित सुविधा/सहायता प्रदाय की जा रही है जिसकी प्रति पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग द्वारा उद्योग संवर्धन नीति 2014 (यथा संशोधित) अंतर्गत प्रावधानित वित्तीय तथा अन्य सुविधाओं का लाभ लेने वाली इकाइयों को उनके द्वारा उपलब्ध कराये गये कुल रोजगार का 70 प्रतिशत रोजगार मध्यप्रदेश के स्थाई निवासियों को दिया जाना अनिवार्य किये जाने का प्रावधान किया गया है। उक्त प्रावधान इस परिप्रेक्ष्य में आदेश जारी होने के दिनांक 19.12.2018 के बाद उत्पादन प्रारंभ करने वाली इकाइयों पर प्रभावी होगा। उक्त नियम के परिपालन में दिनांक 19.12.2018 से प्रश्‍नांकित अवधि तक सुविधा/सहायता के परिप्रेक्ष्य में इकाइयों से प्राप्त आवेदन अनुसार इकाइयों द्वारा न्‍यूनतम 70 प्रतिशत मध्यप्रदेश के स्थायी निवासियों को रोजगार प्रदाय किया गया है। सूक्ष्‍म,लघु एवं मध्‍यम उद्यम विभाग से प्राप्‍त जानकारी अनुसार प्रदेश में एम.एस.एम.ई. के समग्र विकास हेतु म.प्र. एम.एस.एम.ई. प्रोत्साहन योजना 2021 संचालित की जा रही है। मध्यप्रदेश में स्थापित सूक्ष्म, लघु और मध्यम श्रेणी की औद्योगिक इकाइयों को उक्त योजना में प्रावधानित सुविधाएं पात्रतानुसार उपलब्ध कराई जा रही है। योजना अंतर्गत वित्तीय सहायता प्राप्‍त उद्योगों में न्‍यूनतम 70 प्रतिशत रोजगार प्रदेश के व्यक्तियों को दिये जाने का प्रावधान है। योजना की प्रति  पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट -2 अनुसार है। (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में शासनादेश दिनांक 09.04.2018 द्वारा परिधान क्षेत्र की वृहद श्रेणी की निर्माण इकाइयों (Garmenting Sector) हेतु विशिष्ट सुविधाएं स्वीकृत की गई है, जिसके अंतर्गत प्रशिक्षण व्यय/रोजगार सृजन पर सहायता औद्योगिक इकाई को प्रदाय किये जाने के प्रावधान की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। उक्त के अतिरिक्त निवेश संवर्धन पर मंत्रि-परिषद समिति (सीसीआईपी) द्वारा कतिपय मेगा श्रेणी की औद्योगिक इकाइयों को स्वीकृत विशिष्ट सहायता अंतर्गत प्रशिक्षण हेतु व्यय की प्रतिपूर्ति सहायता इकाइयों को स्वीकृत की गई है। सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्‍यम उद्यम विभाग से प्राप्‍त जानकारी अनुसार म.प्र.एम.एस.एम.ई. प्रोत्साहन योजना 2021 अंतर्गत फर्नीचर एवं टॉयस् एवं उनसे संबंधि‍त मूल्य श्रृंखला के उत्पादों की विनिर्माण इकाइयों और रेडीमेड गारमेंट एवं मेडअप्स का निर्माण करने वाली एम.एस.एम.ई. इकाई, जिसमें यंत्र-संयंत्र में 10.00 करोड़ रूपये से अधिक का निवेश किया गया हो, को विशेष पैकेज अंतर्गत पात्रतानुसार प्रशिक्षण व्यय प्रतिपूर्ति एवं रोजगार सृजन अनुदान में अनुदान राशि औद्योगिक इकाइयों को दी जाती है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट -3 अनुसार है। (ग) उद्योग संवर्धन नीति अंतर्गत परिधान क्षेत्र की वृहद श्रेणी की निर्माण इकाइयों (Garmenting Sector) हेतु स्वीकृत विशिष्ट सुविधाओं के तहत किसी भी इकाई को कोई अनुदान राशि प्रदाय नहीं की गई है। तथापि निवेश संवर्धन पर मंत्री परिषद समिति (सीसीआईपी) द्वारा कतिपय मेगा श्रेणी की औद्योगिक इकाइयों को स्वीकृत विशिष्ट सहायता अंतर्गत प्रशिक्षण व्यय प्रतिपूर्ति की सहायता राशि का वितरण माहवार नहीं किया जाता है, अपितु क्लेम अवधि (वर्षवार) अनुसार सहायता राशि का वितरण किया गया है, जिसका विवरण पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट-4 अनुसार है। सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्‍यम उद्यम विभाग से प्राप्‍त जानकारी अनुसार प्रश्‍न दिनांक तक प्रशिक्षण व्यय प्रतिपूर्ति एवं रोजगार सृजन अनुदान सहायता किसी भी इकाई को प्रदान नहीं की गई है।

महिला कर्मचारियों के साथ अपमानजनक व्यवहार

[महिला एवं बाल विकास]

27. ( क्र. 1464 ) श्री जगन्‍नाथ सिंह रघुवंशी : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या विभाग में महिलाओं का कार्य स्थल पर लैंगिक-उत्पीड़न (निवारण-प्रतिशत-और-प्रतिरोध) अधिनियम-2013 लागू है, यदि हां तो 36 (12) अधिनियम के पालन में अशोकनगर जिले के अंदर महिला बाल विकास विभाग में आंतरिक परिवाद समिति का गठन किया गया है या नहीं? यदि हाँ तो आई.सी.डी.एस. के जिला-कार्यालय एवं आई.सी.डी.एस. अशोकनगर-ग्रामीण में गठित समिति की सूची देवे, यदि समिति‍ गठित नहीं है तो जिम्मेदार अधिकारी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी और कब तक की जावेगी? (ख) क्या समस्त पर्यवेक्षक आई.सी.डी.एस. अशोकनगर ग्रामीण परियोजना के द्वारा जिला कार्यक्रम अधिकारी आई.सी.डी.एस. अशोकनगर को परियोजना अधिकारी द्वारा प्रताड़ित करने व अमानवीय व्यवहार की शिकायत की गई थी? यदि हाँ तो उक्त शिकायत की प्रति देवें। (ग) शिकायत की प्रति अनुसार आई.सी.डी.एस. अशोकनगर ग्रामीण परियोजना अधिकारी पर समस्त महिला पर्यवेक्षकों को मानसिक-रूप से प्रताड़ित करने एवं अपशब्द बोलने के आरोप लगाए गए हैं या नहीं? (घ) इस प्रश्‍न के माध्यम से मामला राज्य शासन के संज्ञान में आने के पश्चात शिकायत की गंभीरता को देखते हुए क्या राज्य शासन को तत्काल प्रभाव से निलंबित करते हुए विभागीय जांच के आदेश जारी करेगा या नहीं, हाँ तो कब तक नहीं, तो क्यों नहीं?

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) जी हाँ। आई.सी.डी.एस. के जिला कार्यालय एवं आई.सी.डी.एस. अशोक नगर ग्रामीण में आंतरिक परिवाद समिति का गठन हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 01 एवं 02 पर है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी हाँ। शिकायत की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट- 3 पर है। (ग) जी हाँ। (घ) शिकायत की जांच की जा रही है।

रेत खदानों में खनन के पूर्व पर्यावरण अनुमति

[खनिज साधन]

28. ( क्र. 1487 ) श्री नीरज सिंह ठाकुर : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रेत खदानों में खनन के पूर्व पर्यावरण अनुमति के क्या नियम हैं? जबलपुर संभाग कितनी रेत खदानों को कितने घन मीटर रेत खनन की अनुमति प्रदान की गई? रेत खदानवार कितनी-कितनी अवधि के लिये दी गयी है? वर्ष 2024 की स्थिति में बतायें? (ख) उक्त अनुमति प्रदान की गई रेत खदानों में से कितनी खदानों में पर्यावरण की अनुमति है? कितनी खदानों में नही? किन-किन खदानों में?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) रेत खदानों में खनन अनुमति के पूर्व पर्यावरण अनुमति हेतु प्रावधान वन एवं पर्यावरण मंत्रालय भारत सरकार की अधिसूचना क्रमांक S.O. 1533 (E) नई दिल्‍ली दिनांक 14/09/2006 में अधिसूचित हैं। मध्‍यप्रदेश राज्‍य खनिज निगम द्वारा मध्‍यप्रदेश रेत (खनन, परिवहन, भण्‍डारण तथा व्‍यापार) नियम, 2019 के प्रावधानों के अंतर्गत रेत खदानों में उत्‍खनन एवं विक्रय हेतु ई-निविदा सह नीलामी के माध्‍यम से माईन डेवलपर कम ऑपरेटर का चयन समूहवार किया जाता है। वर्ष 2024 की स्थिति में जबलपुर संभाग में ई-निविदा सह नीलामी में सम्मिलित खदानों का विवरण  पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जबलपुर संभाग में पर्यावरण स्‍वीकृति प्राप्‍त खदानों का विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'' अनुसार है। जिन रेत खदानों में पर्यावरणीय स्‍वीकृति प्राप्‍त नहीं है, की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र-स पर है।

रेत खदानों में खनन अनुमति के पूर्व जन-सुनवाई

[खनिज साधन]

29. ( क्र. 1488 ) श्री नीरज सिंह ठाकुर : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रेत खदानों में खनन अनुमति के पूर्व जन-सुनवाई के क्या नियम हैं? उक्त जन-सुनवाई हेतु प्रत्येक सुनवाई में व्यय हेतु कितना बजट निर्धारित किया गया है? (ख) जबलपुर संभाग में विगत 5 वर्षों रेत खदानों के खनन हेतु कितनी जन-सुनवाई खदानवार ग्राम कहां-कहां, किस-किस अधिकारी द्वारा कब-कब की गई? उक्त सुनवाई में कितनी संख्या में आम-जन उपस्थित हुये? (ग) संभाग में की गई उपरोक्त जन-सुनवाई में विगत 5 वर्षों में आम सूचना प्रकाशन, समाचार पत्रों में प्रकाशन, पंडाल, बैठक, व्यवस्था, स्वागत आदि पर सुनवाईवार कितना-कितना व्यय किया गया?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) रेत खदानों में खनन अनुमति के पूर्व पर्यावरण स्‍वीकृति हेतु जन-सुनवाई संबंधी नियम वन एवं पर्यावरण मंत्रालय भारत सरकार की अधिसूचना क्रमांक S.O. 1533 (E) नई दिल्‍ली दिनांक 14/09/2006 में अधिसूचित हैं। मध्‍यप्रदेश राज्‍य खनिज निगम द्वारा प्रत्‍येक रेत खदान की जन-सुनवाई हेतु राशि रूपये 60 हजार का बजट निर्धारित किया गया है। (ख) मध्‍यप्रदेश रेत (खनन, परिवहन, भण्‍डारण तथा व्‍यापार) नियम, 2019 के प्रावधानों के अंतर्गत जबलपुर संभाग सहित प्रदेश की समस्‍त घोषित रेत खदानें मध्‍यप्रदेश राज्‍य खनिज निगम को उत्‍खनिपट्टे पर 10 वर्ष हेतु आवंटित की गई हैं। तदुपरांत संपादित जन-सुनवाई बावत् वांछित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट पर है। (ग) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट उत्‍तरांश (ख) अनुसार है।

अधिकारी/कर्मचारी द्वारा की गई अनियमितता

[खनिज साधन]

30. ( क्र. 1489 ) श्री नीरज सिंह ठाकुर : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि J(क) जबलपुर संभाग में खनिज साधन विभाग/नियम में ऐसे कितने अधिकारी/कर्मचारी हैं, जिनके विरूद्ध आर्थिक अनियमितता/कर्तव्य में लापरवाही एवं अन्य अनियमितता की विभागीय जाँच अन्य एजेंसियों द्वारा जांच लम्बित है या उक्त जाँच में दोषी पाये गये हों? (ख) उपरोक्त में से किन-किन अधिकारी/कर्मचारी को कहाँ-कहाँ, किन-किन पदों पर मैदानी एवं अन्य स्थानों पर पदस्थापना दी गयी है? अधिकारी/कर्मचारीवार जानकारी जून 2024 की स्थिति में दें।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) लोकायुक्‍त एवं आर्थिक अपराध प्रकोष्‍ठ में प्रचलित प्रकरण की  जानकारी संलग्‍न  परिशिष्‍ट  अनुसार है। प्रश्‍नाधीन संभाग में अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध कोई विभागीय जाँच लंबित नहीं है। (ख) जानकारी संलग्‍न  परिशिष्‍ट  अनुसार है।

परिशिष्ट - "चौबीस"

विद्युत/यांत्रिकी संभाग क्रमांक-2 के द्वारा कराये गये कार्य

[नर्मदा घाटी विकास]

31. ( क्र. 1490 ) श्री नीरज सिंह ठाकुर : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विद्युत/यांत्रिकी संभाग क्रमांक-2 बरगी नगर के अंतर्गत आने वाली दाँयी तट नहर, बाँयी तट नहर गेटों एवं स्लूस गेटों के सुधार कार्य, रख-रखाव के कितने कार्य विगत 3 वर्षों में कितना-कितनी राशि के किन-किन फर्मों से कराये गये? कार्यवार, वर्षवार जानकारी दें। उक्त कार्यों का सत्यापन किन-किन अधिकारी/कर्मचारी द्वारा किया गया? (ख) रानी अवंती बाई सागर बाँध की गैलरी के रख-रखाव, पाइप लाइनों एवं विद्युत मोटरों के रख-रखाव, सुधार मोटर बाइंडिंग आदि समस्त कार्यों, पर कार्यवार, वर्षवार व्यय की 3 वर्षों की जानकारी दें।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट-'''' एवं '''' अनुसार है।

परिशिष्ट - "पच्चीस"

रीवा संभाग में पदस्‍थ उप पुलिस अधीक्षक की जानकारी

[गृह]

32. ( क्र. 1498 ) श्री अजय अर्जुन सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विशेष पुलिस स्थापना लोकायुक्त कार्यालय रीवा संभाग रीवा में पदस्थ कौन से उप पुलिस अधीक्षक जो कि मूल रूप से विशेष सशस्त्र बल (SAF) के प्लाटून कमाण्डर से भर्ती है को प्रमोशन के द्वारा कम्पनी कमाण्डर एवं उसके बाद सहायक सेनानी में पदोन्नति हुये हैं उन्हें क्या प्रथम सूचना पत्र लेख करने एवं अपराधों की विवेचना करने का अधिकार है? यदि अधिकार है तो पुलिस रेगुलेशन के किस पैरा के मुताबिक एवं कानून के किस धारा के मुताबिक इन्हें विवेचना करने एवं प्रथम सूचना पत्र लेख करने का अधिकार है? (ख) इन्हें भर्ती दिनांक से जिसे पुलिस प्रशिक्षण विद्यालय/महाविद्यालय में भारतीय दण्ड संहिता, दण्ड प्रक्रिया संहिता, भारतीय साक्ष्य अधिनियम एवं भ्रष्टाचार अधिनियम का बेसिक प्रशिक्षण प्रदान किया गया हो और परीक्षा ली गई हो, दो परीक्षा परिणाम की सत्यापित छायाप्रति उपलब्ध कराई जाये एवं कब से कब तक उक्त ट्रेनिंग की, बताने का कष्ट करें। तत्सम्बन्धी सत्यापित दस्तावेज उपलब्ध कराने की कृपा की जाये? (ग) यदि इन्हें लोकायुक्त संगठन में कोई कानून का व विवेचना सम्बन्धी प्रशिक्षण दिया गया हो तो वह प्रशिक्षण कितने दिनांक का किस ट्रेनिंग सेन्टर में व कितने दिनांक का दिया गया है तथा उस समय जो प्रशिक्षण दिया गया उसके परिणाम से अवगत कराया जाये एवं तत्सम्बंधी दस्तावेज की सत्यापित छायाप्रति उपलब्ध कराई जाय एवं उक्त समय के ट्रेनिंग शेड्यूल की कॉपी उपलब्ध कराई जाये।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) विशेष पुलिस स्थापना लोकायुक्त कार्यालय, रीवा संभाग में पदस्थ श्री प्रवीण सिंह परिहार एवं श्री राजेश खेड़े, विशेष सशस्त्र बल के प्लाटून कमाण्डर से भर्ती होकर पदोन्नत हुये है। विशेष पुलिस स्थापना के अधिकारी सदस्यों को, लोकायुक्त एवं उप लोकायुक्त अधिनियम 1981, म.प्र. विशेष पुलिस स्थापना अधिनियम 1947 की धारा-2 (2), (3) एवं धारा-3 के अंतर्गत विवेचना करने का अधिकार है, जिनका उपयोग वे भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988, संशोधित-2018 एवं म.प्र. विशेष पुलिस स्थापना अधिनियम 1947 के अंतर्गत कार्यवाही करते है। (ख) विशेष पुलिस स्थापना लोकायुक्त कार्यालय, रीवा संभाग रीवा में पदस्थ श्री प्रवीण सिंह परिहार एवं श्री राजेश खेड़े, उप पुलिस अधीक्षक द्वारा प्राप्त प्रशिक्षण की जानकारी  संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) विशेष पुलिस स्थापना (लोकायुक्त संगठन) में श्री प्रवीण सिंह परिहार एवं श्री राजेश खेड़े को संलग्न  परिशिष्ट के क्रमशः सरल क. 11 एवं 08 पर उल्लेख अनुसार भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 एवं संशोधित 2018 के अंतर्गत प्रशिक्षण दिया गया है। प्रशिक्षण में परीक्षा का आयोजन नहीं किया जाता है, अतः परिणाम की प्रति उपलब्ध कराया जाना संभव नहीं है।

परिशिष्ट - "छब्बीस"

प्रतिनियुक्ति पर पदस्‍थ अधिकारियों की जानकारी

[सामान्य प्रशासन]

33. ( क्र. 1500 ) श्री अजय अर्जुन सिंह [श्री दिनेश गुर्जर] : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि मंत्रालयों में डेपुटेशन पर विभागीय अधिकारी पदस्थ किए जाने का नियम है? (ख) क्या यह भी सही है कि म.प्र. सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा पत्र क्रमांक 1789/2159/2006/1-7/स्थापना दिनांक 4.7.06 से निर्देश जारी किए है कि मंत्रालय में पदस्थ विभागीय अधिकारियों को स्थापना संबंधी कार्य न दिए जाए। (ग) यदि हां, तो कौन-कौन से विभाग में कितने अधिकारी पदस्थ है और किस-किस अधिकारी को तकनीकी कार्य के साथ-साथ स्थापना का कार्य दिया गया? (घ) क्या वन विभाग मंत्रालय में पदस्थ आई.एफ.एस. को स्थापना के कार्य दिए गए है? यदि हां, तो क्या जी.ए.डी. के आदेश का उल्लंघन नहीं है और ऐसे अफसर के खिलाफ क्या कार्यवाई हुई?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) मंत्रालय में अन्‍य सेवा के लिए स्‍वीकृत पदों के‍ विरूद्ध विभागीय अधिकारियों को पदस्‍थ किया जाता है। (ख) जी हाँ। (ग) जी हाँ। जानकारी संलग्‍न  परिशिष्‍ट  अनुसार है। वन विभाग में स्‍थापना का कार्य भारतीय प्रशा‍सनिक सेवा के उप सचिव को आवंटित है जिनकी नस्तियां सचिव (भारतीय वन सेवा) के माध्‍यम से उच्‍च स्‍तर पर प्रस्‍तुत की जाती है। (घ) विभाग में स्‍थापना का कार्य भारतीय प्रशासनिक सेवा के उप सचिव को आवंटित है जिनकी नस्तियां सचिव (भारतीय वन सेवा) के माध्‍यम से उच्‍च स्‍तर पर प्रस्‍तुत की जाती है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - "सत्ताईस"

बैतूल जिले से पशुओं का अवैध परिवहन

[गृह]

34. ( क्र. 1520 ) श्री महेन्‍द्र केशरसिंह चौहान : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बैतूल जिले में भैंसदेही विधानसभा के रास्ते से होते हुये महाराष्ट्र की ओर अवैध रूप से पालतू पशुओं का परिवहन किया जाता है? (ख) यदि हाँ तो क्‍या गत 2 वर्ष में विभाग द्वारा अवैध परिवहन करने वालो के विरूद्ध कोई कार्यवाही की गई है? (ग) क्या विभाग द्वारा अवैध परिवहन रोके जाने की कोई योजना है? यदि हाँ तो बतावें।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। (ख) वर्ष 2022 में 61 प्रकरण में 99 आरोपियों को गिरफ्तार कर, माननीय न्यायालय में प्रस्तुत किया गया, जिसमें 663 पशुओं को गौशाला में सुरक्षा हेतु भिजवाया गया। वर्ष 2023 में 92 प्रकरण में 160 आरोपियों को गिरफ्तार कर माननीय न्यायालय में प्रस्तुत किया गया, जिसमें 1414 पशुओं को गौशाला में सुरक्षा हेतु भिजवाया गया है। (ग) जी नहीं। अवैध परिवहन रोके जाने के संबंध में जिले में आसूचना संकलन के माध्यम एवं अवैध रूप से पालतू पशुओं के परिवहन रोके जाने हेतु प्रतिदिन चैकिंग करने व अवैध परिवहन करते पाये जाने पर त्वरित वैधानिक कार्यवाही की जाती है।

 

नवीन न्‍यायालय भवन निर्माण

[विधि एवं विधायी कार्य]

35. ( क्र. 1521 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि J(क) देवास जिले के कन्‍नौद स्थित न्‍यायालय भवन पुराना होकर वर्तमान में छह न्‍यायालय यहां पर कार्यरत है, पक्षकारों की अत्‍यधिक भीड़ होने के कारण जगह की कमी होने एवं वाहन पार्किंग की जगह नहीं होने से नागरिकों को असुविधा उत्‍पन्‍न होती है। (ख) वर्तमान न्‍यायालय भवन को क्षतिग्रस्‍त होने पर कई बार मरम्‍मत का कार्य करवाया जा चुका है किंतु हर वर्ष बारिश के मौसम में भवन में जगह-जगह जल रिसाव की स्थिति बनती है। (ग) क्‍या विभाग के द्वारा नगर कन्‍नौद के आष्‍टा रोड बायपास पर नवीन भवन निर्माण हेतु किसी भूमि का चयन किया गया है, यदि हाँ तो क्‍या उक्‍त भूमि का स्‍वामित्‍व विभाग को मिल चुका है। (घ) क्‍या आगामी समय में नगर कन्‍नौद में नवीन न्‍यायालय भवन निर्माण प्रस्‍तावित है यदि हाँ तो कब तक नवीन भवन निर्माण हो सकेगा?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। जी नहीं। (ख) जी हाँ। (ग) जी हाँ। भूमि का आवंटन हो चुका है। (घ) जी हाँ। निश्चित समय-सीमा बतलाया जाना संभव नहीं है।

रेत का अत्‍यधिक खनन होने के कारण पर्यावरण को क्षति

[खनिज साधन]

36. ( क्र. 1522 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. में जन आस्‍था का केंद्र माँ नर्मदा नदी में देवास जिला के अंतर्गत कितने स्‍थानों पर रेत खनन कि अनुज्ञा प्रदान की गई है? वर्ष 2020 से स्‍थानों का प्रतिवर्ष खनन कि जाने वाली रेत की मात्रा खदानवार बतायें। (ख) देवास जिले में विभाग को नर्मदा नदी में कुल कितने स्‍थानों पर अवैध उत्‍खनन की शिकायत वर्ष 2020 से प्रश्‍नांश दिनांक तक मिली एवं कितनी अवैध खदानों पर कार्यवाही विभाग द्वारा की गई? स्‍थानों के नाम बतायें। (ग) क्‍या नर्मदा नदी में से लगातार अत्‍यधिक उत्‍खनन के कारण नर्मदा नदी के जल की शुद्धता कम हुई है? साथ ही पानी में पाये जाने वाले कई सुक्ष्‍म जीव मछली, सीप, शंख, घोंघा विलुप्‍त हो चुके हैं। (घ) क्‍या विभाग समय-समय पर नर्मदा नदी के जल एवं पर्यावरण कि स्थिति की जांच कराता है? यदि हाँ तो वर्ष 2023-24 में क्‍या तथ्‍य आये हैं?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) वर्तमान में देवास जिले की रेत खदानों की जानकारी  संलग्‍न  परिशिष्‍ट  के प्रपत्र-अ पर है। उक्‍त खदानों में खनन हेतु वैधानिक अनुमति प्रक्रियाधीन है। /span>(ख) जानकारी का विवरण संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र-ब पर है। (ग) जानकारी प्रकाश में नहीं आयी है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी नहीं। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट - "अट्ठाईस"

जेलों में निरूद्ध बंदियों के उपचार की व्‍यवस्‍था

[जेल]

37. ( क्र. 1525 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्‍यप्रदेश में विभिन्‍न अपराध में कारावास से दंडित बंदियों को रखने के लिये कुल कितनी जेले कार्यरत है इनकी कितनी श्रेणियां है म.प्र. की जेलों में प्रतिफल कितने बंदियों की रखने की क्षमता है एवं उनमें क्षमता से कितने अधिक कैदी रखे जा रहे है इन्‍दौर और उज्‍जैन संभाग की जेलों में तय संख्‍या बताएं इन्‍दौर और उज्‍जैन संभाग कि जेलों में तय संख्‍या से कितने अधिक बंदी रखे जा रहे है, प्रत्‍येक जेलवार संख्‍या बतावें। (ख) जेलों में निरूद्ध बंदियों की गंभीर बीमारी के संबंध में जेल प्रशासन के पास ब्‍लड प्रेशर, डायबिटीज की जॉंच की त्‍वरित रूप से क्‍या व्‍यवस्‍था है? (ग) क्‍या जेल में बंद कैदियों को गंभीर रूप से बीमार हाने पर तुरंत उपचार नहीं मिल पाता है अस्‍पताल तक लाने ले जाने में औपचारिकताएं पूरी करने के कारण अत्‍यधिक विलंब हो जाता है। (घ) क्‍या विभाग जेल के किसी कर्मचारी/प्रहरी को प्राथमिक उपचार एवं जांच कराने का प्रशिक्षण दिलाने पर विचार कर रहा है यदि हाँ तो कब तक प्रकिया चालू हो सकेगी?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) मध्‍यप्रदेश में कुल 133 जेलें कार्यरत है, जिसमें केन्‍द्रीय जेल-11, जिला जेल -41, सब जेल-73 तथा 08 ओपन जेल है। मध्‍यप्रदेश की जेलों की बंदी आवास क्षमता 30484 है, बंदी आवास क्षमता से अधिक परिरूद्ध बंदियों की संख्‍या 14333 है। इन्‍दौर और उज्‍जैन संभाग की जेलों की बंदी आवास क्षमता एवं आवास क्षमता से अधिक परिरूद्ध बंदियों की  संख्‍या संलग्‍न  परिशिष्‍ट  अनुसार है। (ख) प्रदेश की केन्‍द्रीय एवं जिला जेलों में चिकित्‍सक एवं पैरा‍मेडिकल स्‍टॉफ के पद स्‍वीकृत है। इन पदों पर अधिकांशत: चिकित्‍सक/पैरामेडिकल स्‍टॉफ पदस्‍थ है। इन चिकित्‍सकों/पैरामेडिकल स्‍टॉफ को ब्‍लड प्रेशर एवं डायबिटीज की जांच से संबंधित प्रचलित उपकरण उपलब्‍ध कराए गए हैं। केन्‍द्रीय एवं जिला जेलों में ब्‍लड प्रेशर एवं डायबिटीज की त्‍वरित जांच की व्‍यवस्‍था उपलब्‍ध कराई जा रही है। सब जेलों में पैरामेडिकल स्‍टॉफ स्‍वीकृत है, जिन जेलों में पैरामेडिकल स्‍टॉफ पदस्‍थ है वहां पर ब्‍लड प्रेशर/डायबिटीज की जांच की व्‍यवस्‍था है। (ग) जी नहीं। जेलों में बंद कैदियों के गम्‍भीर रूप से बीमार होने पर बंदियों को तुरंत उपचार की सुविधा उपलब्‍ध कराई जाती है। (घ) कर्मचारी/प्रहरियों को प्राथमिक उपचार एवं जांच कराने का प्रशिक्षण समय/span>समय पर दिया जाता है।

परिशिष्ट - "उनतीस"

औद्योगिक क्षेत्र साततलाई पर नवीन उद्योग स्‍थापना

[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]

38. ( क्र. 1526 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) देवास जिले में राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित नेमावर पर्यटन नगरी से लगा क्षेत्र साततलाई कौन से वर्ष में औद्योगिक क्षेत्र के रूप में अधिसूचित किया गया है एवं इसके विकास पर कितना खर्चा विभाग द्वारा किया गया है? (ख) क्‍या निर्माण के इतने वर्ष उपरान्‍त एवं समस्‍त मूलभूत सुविधाएं प्रदान करने के बाद भी यहां उद्योग स्‍थापित नहीं हो सके है? (ग) वर्तमान में यहां पर उद्योगों की स्‍थापना के लिये विभाग किस कार्य योजना पर काम कर रहा है क्‍या इस क्षेत्र का नाम परिवर्तन कर नेमावर किया जा रहा है? (घ) क्‍या कंपनियों से एग्रीमेंट करते समय स्‍थानीय बेराजगारों को रोजगार प्रदान करने का प्रावधान रखा गया है?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) देवास जिले में औद्योगिक क्षेत्र नेमावर को तत्‍कालीन वाणिज्‍य, उद्योग एवं रोजगार विभाग (वर्तमान औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्‍साहन विभाग) म.प्र., शासन भोपाल के आदेश क्रं. एफ-11-05/2010/बी-ग्‍यारह, दिनांक 21.09.2017 से अधिसूचित किया गया है। विभाग द्वारा उक्‍त औद्योगिक क्षेत्र के अधोसंरचना विकास कार्य में राशि रू. 18.33 करोड़ का व्‍यय किया गया है। (ख) विकसित औद्योगिक क्षेत्र नेमावर में उद्यमियों को 05 भूखण्‍डों का आवंटन किया गया है, जिसमें 01 उद्योग उत्‍पादनरत है एवं 02 भूखण्‍डों पर उद्योग निर्माणाधीन है। (ग) वर्तमान में उद्योगों की स्‍थापना के लिये विभाग द्वारा उद्यमियों से ऑनलाईन इन्‍वेस्‍ट पोर्टल के माध्‍यम से आवेदन प्राप्‍त कर  ''प्रथम आओ प्रथम पाओ'' के आधार पर भूखण्‍ड आवंटन की कार्यवाही की जाती है। इस क्षेत्र का नाम औद्योगिक क्षेत्र नेमावर पूर्व से ही अधिसूचित है। (घ) कंपनियों से एग्रीमेंट नहीं किया जाता है, अपितु प्रदेश में निवेशकों को आकर्षित करने एवं रोजगार के अवसरों को बढ़ावा देने के उद्देश्‍य से उद्योग संवर्धन नीति 2014 (यथा संशोधित) अंतर्गत प्रावधानित वित्‍तीय तथा अन्‍य सुविधाओं का लाभ लेने वाली वृहद श्रेणी की औद्योगिक इकाइयों को उनके द्वारा उपलब्‍ध कराये गये कुल रोजगार का 70 प्रतिशत रोजगार मध्‍यप्रदेश के स्‍थाई निवासियों को दिया जाना अनिवार्य किये जाने का प्रावधान किया गया है। उक्‍त प्रावधान के परिप्रेक्ष्‍य में विभागीय आदेश जारी होने के दिनांक 19.12.2018 के बाद उत्‍पादन प्रारंभ करने वाली वृहद श्रेणी की औद्योगिक इकाइयों पर लागू हैं।

खदान नीलामी की रॉयल्टी राशि शासकीय खजाने में जमा करना

[खनिज साधन]

39. ( क्र. 1570 ) श्री भंवर सिंह शेखावत : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र बदनावर अंतर्गत शासन द्वारा लीज/पट्टे पर दी गई पत्थर, गिट्टी एवं रेत खदान (समस्त खदान) की वर्ष 2019-20 से प्रश्‍न दिनांक तक नियमानुसार रॉयल्टी राशि‍ शासकीय खजानें में जमा है? यदि हाँ तो कितनी-कितनी राशि जमा है? (ख) प्रश्‍नांश (क) के सन्दर्भ में यदि नियमानुसार राशि शासकीय खजाने में जमा नहीं है तो क्यों? 2019-20 से प्रश्‍न दिनांक तक किस-किस व्यक्ति/फर्म पर कितनी-कितनी राशि कब से बकाया है? व्यक्ति/फर्मवार जानकारी कृपया उपलब्‍ध करावें। (ग) प्रश्‍नांश (ख) के सन्दर्भ में खदान रॉयल्टी की नियमानुसार राशि शासकीय खजाने में जमा न होने की स्थिति में कौन-कौन अधिकारी कर्मचारी उत्तरदायी है तथा विभाग द्वारा उनके विरुद्ध क्या कार्यवाही की गई?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) प्रश्‍नांश अनुसार वर्ष 2019-20 से प्रश्‍न दिनांक तक जमा रायल्‍टी राशि की  जानकारी संलग्‍न  परिशिष्‍ट  पर है। बदनावर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कोई भी रेत खदान स्‍वीकृत नहीं है। (ख) एवं (ग) जानकारी उत्‍तरांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट - "तीस"

जनभागीदारी योजना की जानकारी

[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]

40. ( क्र. 1576 ) श्री हेमन्‍त विजय खण्‍डेलवाल : क्या उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या प्रदेश में पूर्व से संचालित शासन की जनभागीदारी योजना बंद कर दी गई है? (ख) यदि हाँ, तो इसके क्‍या कारण हैं? (ग) क्‍या शासन इस योजना को पुन: प्रारंभ कर वित्‍तीय वर्ष 2024-25 में जिलों को बजट आवंटित करेगी? जिससे जनभागीदारी को सम्मिलित कर ग्रामीण क्षेत्रों में विकास कार्य हो सके।

उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जी नहीं। (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) लेखानुदान में प्राप्‍त राशि के आधार पर जिले को राशि आवंटित किये जाने से शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

जेल के स्‍थानान्‍तरण से रिक्‍त भूमि नगर पालिका को दिया जाना

[जेल]

41. ( क्र. 1579 ) श्री हेमन्‍त विजय खण्‍डेलवाल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या बैतूल नगर में स्थित जेल को नगर की सीमा में नगर से बाहर स्‍थानान्‍तरित किया जा रहा है? (ख) यदि हाँ तो जेल की रिक्‍त भूमि नगर की आवश्‍यकता को देखते हुए नगर पालिका बैतूल को आवंटित की जा रही है? (ग) यदि नहीं, तो इसके क्‍या कारण है?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। (ग) उत्‍तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

अवैधानिक रूप से खनि पट्टों को हस्‍तान्‍तरित किया जाना

[खनिज साधन]

42. ( क्र. 1638 ) डॉ. राजेन्‍द्र कुमार सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले में 01.04.2006 से 31.03.2015 के दौरान लाईम स्‍टोन के खनिज पट्टा किस-किस तहसील में, किस-किस नाम एवं पते वालों को, किस अराजी क्रमांकों एवं कितने रकबे में स्‍वीकृत हुये? जारी सभी आदेशों की एक-एक प्रति दें। (ख) प्रश्‍नांश (क) में वर्णित खनिज पट्टों में से कौन-कौन से स्‍थानों के, किस-किस नाम एवं पते वाले लोगों के, किस-किस अराजी क्रमांकों एवं कितने रकबे वाले खनिज पट्टों को हस्‍तान्‍तरित/स्‍थानान्‍तरित/बेचा जाना/अनुबंध के तहत दिया गया? किस-किस को दिया गया? प्रकरणवार/ग्रामवार/खनिज पट्टावार/वर्षवार/रकबोंवार जानकारी दें। (ग) एक बार लीज होने के बाद खनिज साधन विभाग के किन नियमों के तहत खनि पट्टा बेचा/लीज पर/ हस्‍तांतरित/स्‍थानान्‍तरित किया जा सकता है इसकी बिन्‍दुवार जानकारी दें। (घ) मैहर तहसील के ग्राम लटा गांव एवं ग्राम जुडा में संकठा द्विवेदी कमलेन्‍द्र सिंह कमलू अनोद जायसवाल एवं तुलसी दास तिवारी को खनिज पट्टा स्‍वीकृत था जिसे जे.पी. की संजीवनी सीमेंट को 2010 से 2013 के बीच बेच दी, हस्‍तांतरित करवा दी बाद में यह लीज अल्‍ट्रा टेक के नाम हस्‍तांतरित हो गई। क्‍या अल्‍ट्रा टेक सीमेंट लिमिटेड देवमऊ, दलदल, तहसील रामपुर बाघेलान, जिला सतना को वर्ष 2013 से 2015 के बीच ए.वी.एस. मिनरल ने एवं अन्‍य के द्वारा अपना आवेदन उक्‍त कंपनी के पक्ष में सरेंडर किया? क्‍या उक्‍त हस्‍तांतरित/बेची गई लीजे खनिज नियमों के विपरीत थी कितनी-कितनी राशि इन लीज हस्‍तांतरण/लीज सरेंडर में ए.वी.एस. मिनरल एवं अन्‍य के द्वारा प्राप्‍त की गई का विवरण राशिवार, वर्षवार, फर्मवार, नामवार उपलब्‍ध करायें।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र-ब पर है। (ग) अधिसूचित नियम खनिज (परमाणु तथा हाइड्रोकार्बन ऊर्जा खनिजों से भिन्न) रियायत नियम, 2016 के नियम 23 के प्रावधानों के तहत खनन पट्टों के अंतरण के प्रावधान है। (घ) ग्राम लटागांव में प्रश्‍न में उल्लेखित व्यक्तियों के नाम से कोई लीज स्वीकृत नहीं है तथा ग्राम जूरा में प्रश्‍न में उल्लेखित व्यक्तियों में से मात्र तुलसी दास तिवारी के पक्ष में खनन पट्टा स्वीकृत रहा है, जो मध्यप्रदेश शासन खनिज साधन विभाग के आदेश क्रमांक एफ 3-47/2008/12/1 दिनांक 29/12/2009 से मेसर्स आर.पी.जे. मिनरल्स प्रा.लि. नई दिल्ली को अंतरित की गई है। वर्तमान में उक्त खनन पट्टा आर.पी.जे. मिनरल्स प्रा.लि. के नाम पर स्वीकृत है तथा अल्ट्राटेक सीमेंट को अंतरित नहीं की गई है। देवमऊ दलदल तहसील रामपुर बघेलान जिला सतना में मेसर्स अल्ट्राटेक सीमेंट लिमिटेड को कोई खनन पट्टा स्वीकृत नहीं है। अतः शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

करोड़ों रूपयों की राशि की वसूली नहीं किया जाना

[वाणिज्यिक कर]

43. ( क्र. 1639 ) डॉ. राजेन्‍द्र कुमार सिंह : क्या उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सहायक आबकारी आयुक्‍त इंदौर कार्यालय में हुए कूट रचित बैंक चालान प्रकरण में प्रवर्तन निदेशालय (E.D.) के द्वारा आबकारी आयुक्‍त ग्‍वालियर एवं उपायुक्‍त आबकारी इंदौर को पत्र क्रमांक (फाइल नम्‍बर) 11109/11111, दिनांक 06-05-2024 या अन्‍य पत्र भेजकर जानकारी मांगी गई है। क्‍या उक्‍त गबन की रकम 70 करोड़ से भी ज्‍यादा पहुंच गई है? (ख) प्रदेश के किन-किन जिलों में प्रश्‍न तिथि तक किस नाम एवं पते वाले वर्तमान एवं पूर्व लायसेंसियों से/व्‍यक्तियों/फर्मों से कितनी-कितनी राशि वसूली जाना कब से शेष है? (ग) वसूली न करने वाले किस नाम/पदनामों के विरूद्ध शासन कब तक निलंबन की कार्यवाही करेगा? प्रकरणवार, बिन्‍दुवार विवरण दें।

उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जी हाँ। सहायक आबकारी आयुक्‍त कार्यालय जिला इन्‍दौर में हुए कूटरचित बैंक चालान प्रकरण में प्रवर्तन निदेशालय, वित्‍त मंत्रालय/राजस्‍व विभाग भारत सरकार, इन्‍दौर (म.प्र.) द्वारा पत्र क्रमांक File No: T-1/19/INSZO/2024/11109 दिनांक 06.05.2024 के माध्‍यम से आबकारी आयुक्‍त कार्यालय एवं पत्र क्रमांक File No: T-1/19/ INSZO/ 2024/11155 दिनांक 21.05.2024 से सहायक आबकारी आयुक्‍त कार्यालय जिला इंदौर से जानकारी प्राप्‍त किये जाने हेतु पत्राचार किया गया है। इंदौर में सहायक आबकारी आयुक्त कार्यालय में कूट रचना कर बने बैंक चालानों वाले प्रकरण में आबकारी आयुक्‍त कार्यालय के आदेश क्रमांक·8 दिनांक 27.04.2023 से दिए गये निर्देशों के अनुक्रम में बकाया राशि के संबंध में जिला कार्यालय इन्‍दौर के आदेश/क्र/आब/ठेका/2023/2731 दिनांक 19.05.2023 से गठित समिति के द्वारा दिनांक 06.07.2023 को संयुक्त प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया है। जिसमें पूर्व में गठित जांच समिति द्वारा आंकलित कुल कम जमा राशि रूपये 41,65,21,890/- के स्थान पर पुनर्गणना के आधार पर रूपये 71,58,52,047/- परिगणित की है। उक्त परिगणित राशि का परीक्षण मुख्‍यालय स्‍तर पर वित्त अधिकारियों से कराया जा रहा है। परीक्षण उपरांत वास्‍तविक बकाया राशि की स्थिति स्‍पष्‍ट होगी। (ख) प्रदेश में जिन लायसेंसियों/व्‍यक्तियों/फर्मों से बकाया वसूली की जाना है, से संबंधित जानकारी पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट एक, दो, तीन, चार, पांच, छ: एवं सात अनुसार है। (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

आरक्षक से लेकर निरीक्षक स्‍तर के अधिकारियों की पदोन्‍नति

[गृह]

44. ( क्र. 1658 ) श्री आरिफ मसूद : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश पुलिस विभाग में आरक्षक से लेकर निरीक्षक स्तर के अधिकारि‍यों की स्थाई पदोन्‍नति बंद है यदि हाँ तो कब से बंद है और क्यों? (ख) प्रश्‍नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या स्थाई पदोन्‍नति बंद होने के कारण कार्यवाहक पदों पर पदोन्‍नति दी जा रही है यदि हाँ तो कब से दी जा रही है तथा भोपाल जिले में कितने आरक्षक, प्रधान आरक्षक, सहायक उपनिरीक्षक, उप निरीक्षक तथा निरीक्षकों को प्रश्‍न दिनांक तक कार्यवाहक पद पर पदोन्‍नति दी जा चुकी है? (ग) प्रश्‍नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में क्या कार्यवाहक पद पर पदोन्‍नति पाने वाले अधिकारी/कर्मचारि‍यों को वेतन में कोई लाभ नहीं होता है तथा कार्यवाहक पद पर केवल एक ही बार पदोन्नति‍ दी जा सकेगी? (घ) प्रश्‍नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में आरक्षक से लेकर निरीक्षक स्तर के अधिकारि‍यों को कब तक स्थाई पदोन्‍नति दी जाएगी, क्या इस संबंध में विभागीय स्तर पर कोई कार्यवाही प्रचलन में है या नहीं जानकारी उपलब्ध करावें।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। वर्तमान में पदोन्‍नति संबंधी प्रकरण माननीय सर्वोच्‍च न्‍यायालय में लंबित होने के कारण पदोन्‍नति प्रक्रिया प्रतिबंधित है। (ख) जी हाँ। जी.ओ.पी. 148/2021 जारी दिनांक 10.02.2021 से ''उच्‍च पद का प्रभार'' देने की कार्यवाही की जा रही है। जिला भोपाल में कार्यवाहक प्रभार निम्‍नानुसार दिया गया है - 1- आरक्षक से कार्यवाहक प्रधान आरक्षक का प्रभार- 1096 2- प्रधान आरक्षक से कार्यवाहक सहायक उप निरीक्षक का प्रभार-6893- सहायक उप निरीक्षक से कार्यवाहक उप निरीक्षक का प्रभार- 252 4- उप निरीक्षक से कार्यवाहक निरीक्षक का प्रभार- 58 5- निरीक्षक से कार्यवाहक उप पुलिस अधीक्षक का प्रभार- 20 (ग) जी हाँ। जी हाँ। (घ) जानकारी उत्‍तरांश (क) में समाहित है।

धार्मिक स्‍थलों पर लगे लाउड स्‍पीकरों पर प्रतिबंध

[गृह]

45. ( क्र. 1659 ) श्री आरिफ मसूद : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि क्‍या यह सही है कि विभाग द्वारा सम्‍पूर्ण मध्‍यप्रदेश में धार्मिक स्‍थलों पर लगे लाउड स्‍पीकरों को प्रतिबंध किया गया है? यदि हां, तो आदेश सहित जानकारी उपलब्‍ध करावें।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : जी नहीं। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

मोरन्‍ड गजाल बांध परियोजना

[नर्मदा घाटी विकास]

46. ( क्र. 1705 ) कुँवर अभिजीत शाह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्‍नकर्ता के विधानसभा में प्रस्तावित मोरन्ड, गजाल सिंचाई परियोजना में कितनी भूस्वामी हक की भूमि, कितनी राजस्व ग्रामों की दखल रहित भूमि, कितनी आरक्षित वन भूमि एवं कितनी संरक्षित वन भूमि डूब क्षेत्र के लिए प्रस्तावित की गई? (ख) ग्राम के प्रभावित होने वाले भूस्वामी किसानों, शासकीय पट्टेधारियों, वन अधिकार पत्र धारकों एवं शासकीय भूमि पर काबिजों के पुनर्वास एवं पुनर्व्‍यवस्थापन के संबंध में विभाग ने क्या-क्या योजना प्रस्तावित की है, विभाग ने नर्मदा नदी की परियोजनाओं के लिए पुनर्वास एवं पुनर्व्‍यवस्थापन की क्या नीति अपनाई है? प्रति सहित बतावें। (ग) वन संरक्षण कानून 1980 के दायरे में आने वाली भूमियों की किन-किन स्वीकृतियों को प्राप्त कर गैर वनभूमि पर परियोजना के निर्माण की कार्यवाही प्रारम्भ की जा सकती है, इस संबंध में विभाग की क्या-क्या नीति है?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) 533.281 हेक्‍टेयर निजी भूमि, 253.651 हेक्‍टेयर शासकीय भूमि, 108.906 हेक्‍टेयर वन पट्टा भूमि तथा 2250.05 हेक्‍टेयर वन भूमि प्रभावित हो रही है। (ख) भू-अर्जन एवं पुनर्वास अधिनियम 2013 के अनुसार विस्‍थापितों को प्रदेय भूमि एवं सम्‍पति का मुआवजा पहली अनुसूची, दूसरी अनुसूची (पुनर्वासन और पुनर्व्‍यवस्‍थापन के तत्‍व) तथा तीसरी अनुसूची (अवसंरचनात्‍मक सुविधाओं का विवरण) के अनुसार लाभ दिये जावेंगे। विभाग में नर्मदा नदी की परियोजनाओं के लिये भूमि अर्जन, पुनर्वासन और पुनर्व्‍यवस्‍थापन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता का अधिकार अधिनियम 2013 के अनुसार भू-अर्जन, विस्‍थापन किया जावेगा। प्रतियां  पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) डूब में प्रभावित होने वाली वनभूमि के लिये परियोजना का वन भूमि व्‍यपवर्तन प्रस्‍ताव पर्यावरण, वन तथा जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, भारत सरकार को प्रेषित किया गया है।

औद्योगिक क्षेत्र घोषित होने के बाद कार्य प्रारंभ नहीं होना

[सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्‍यम उद्यम]

47. ( क्र. 1760 ) श्री गोपाल सिंह इंजीनियर : क्या सूक्ष्‍म,लघु एवं मध्‍यम उद्यम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आष्‍टा विधानसभा क्षेत्र के पगारिया राम में माननीय मुख्‍यमंत्री जी की घोषणा उपरांत औद्योगिक क्षेत्र घोषित होने के 10 वर्ष उपरांत भी सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्‍यम उद्यम विभाग द्वारा उद्योग लगाने की कार्यवाही क्‍यों नहीं की गई? (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में सीमांकन के बाद भी कार्य प्रारंभ क्‍यों नहीं किया गया? (ग) औद्योगिक‍ क्षेत्र विकसित नहीं होने के कारण युवा उद्यमियों को अपना स्‍वरोजगार प्रारंभ करने में आ रही कठिनाइयों को देखते हुए विभाग द्वारा सूक्ष्‍म, लघु उद्योग की स्‍थापना हेतु कार्यवाही कब तक की जावेगी?

सूक्ष्‍म,लघु एवं मध्‍यम उद्यम मंत्री ( श्री चेतन्‍य कुमार काश्‍यप ) : (क) सूक्ष्‍म लघु एवं मध्‍यम उद्यम विभाग द्वारा उद्योग लगाने की कार्यवाही नहीं की जाती है। अपितु उद्योग स्थापित करने वाले उद्यमियों को मार्गदर्शन एवं सहायता प्रदान की जाती है। (ख) उत्‍तरांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न ही नहीं उपस्थित होता है। (ग) पगारिया राम में औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने का प्रस्ताव प्राप्त हुआ है, जिसके औद्योगिक व्यवहार्यता का परीक्षण उपरांत निर्णय लिया जा सकेगा।

 

 

छैगांव माखन उद्वहन नहर सिंचाई परियोजना

[नर्मदा घाटी विकास]

48. ( क्र. 1774 ) श्रीमती छाया गोविन्‍द मोरे : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छैगांव माखन उद्वहन नहर सिंचाई परियोजना को प्रशासकीय स्वीकृति कब प्रदान की गई थी? इस परियोजना से कितने गांवों की कुल कितने हेक्टेयर कृषि भूमि सिंचित हो रही है? परियोजना में कितने गांव का कितना हेक्टेयर रकबे को सिंचित करना शेष है? उन गांवों को कब तक परियोजना से जोड़ा जाएगा? (ख) क्या परियोजना का निर्माण कार्य पूर्ण होकर संबंधित निर्माण कार्य एजेंसी/ कंपनी को विभाग द्वारा पूर्णता प्रमाण पत्र दे दिया गया है? (ग) कार्य पूर्ण होने के पश्चात् कौन परियोजना का रख-रखाव कार्य संभालेगा और कितने वर्षों तक? (घ) ग्रीष्मकालीन रबी एवं खरीफ की फसलों की सिंचाई हेतु परियोजना से पानी छोड़ने की कोई समय अवधी निश्चित की गई है क्या? यदि हाँ तो कब-कब, और कैसे?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) दिनांक 31.06.2016 को। परियोजना से 73 ग्रामों की कुल 35,000 हेक्‍टेयर भूमि सिंचित हो रही है। इस परियोजना में सम्मिलित किसी भी ग्राम का कोई भी रकबा सिंचित होना शेष नहीं है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हाँ। (ग) अनुबंध अनुसार एजेंसी मेसर्स लार्सन टूब्रो लिमिटेड चेन्‍नई द्वारा पूर्णता दिनांक से 2 वर्षों तक संचालन एवं संधारण का कार्य किया जाना प्रस्‍तावित है। (घ) परियोजना केवल रबी सिंचाई हेतु स्‍वीकृत है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

विभिन्न विभागीय कार्यों की जानकारी

[महिला एवं बाल विकास]

49. ( क्र. 1794 ) डॉ. राजेन्‍द्र पाण्‍डेय : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) रतलाम जिला अंतर्गत विकासखंडवार वर्ष 2015-16 से लेकर प्रश्‍न दिनांक तक कितनी लाड़ली लक्ष्मी बेटियों एवं कितनी लाड़ली बहना का पंजीयन होकर लाभान्वित हो रही है? कितने प्रस्ताव कतिपय कारणों से लंबित रहे तो इस हेतु कार्यवाही की गई। (ख) बाल आशीर्वाद योजना, स्पांसरशि‍प योजना, अटल बाल उपचार योजना व परित्यक्ता योजना अंतर्गत विकासखंडवार प्रश्‍नांश (क) में उल्लेखित वर्षों में कितने-कितने पंजीयन होकर लाभान्वित हो रहे हे? कितने किन कारणों से लंबित होकर विचाराधीन है? वर्षवार बताएंl (ग) विकासखंडवार पोष्टिक आहार योजना का क्रियान्वयन किस एजेंसी अथवा किस स्व-सहायता समूह द्वारा संचालित किया जा रहा है? वर्षवार इस हेतु कितना बजट स्वीकृत होकर विकासखंडवार, एजेंसीवार कितना व्यय हुआ? (घ) जिला रतलाम अंतर्गत जावरा नगर में संचालित वन स्टॉप सेंटर के भवन निर्माण की स्वीकृति बजट में सम्मिलित कर कब तक प्रदान की जा सकेगी?

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '' पर है। पोर्टल पर दर्ज समस्‍त पात्र प्रकरणों को स्‍वीकृत होने से शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं। (ख) बाल आशीर्वाद योजना एवं स्‍पांसरशिप योजना की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '' पर है, अटल बाल उपचार योजना एवं परित्‍यक्‍ता योजना का क्रियान्‍वयन विभाग द्वारा नहीं किया जाता है। (ग) रतलाम जिले के टेक होम राशन म.प्र. राज्य ग्रामीण आजीविका फोरम के महिला आजीविका औद्योगिक सहकारी संस्था मर्यादित देवास संयंत्र द्वारा प्रदाय किया जाता है। (घ) भवन निर्माण की स्‍वीकृति भारत सरकार द्वारा दी गई है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं।

विभागीय कार्य की जानकारी

[वाणिज्यिक कर]

50. ( क्र. 1795 ) डॉ. राजेन्‍द्र पाण्‍डेय : क्या उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रतलाम जिला अंतर्गत वर्ष 2019 से लेकर प्रश्‍न दिनांक तक शासन/विभाग द्वारा कितना मुद्रांक शुल्क, स्टॉम्प ड्यूटी के रूप में प्राप्त किया? वर्षवार जानकारी देंl (ख) प्राप्त मुद्रांक शुल्क जमा राजस्व राशि का नियमानुसार रतलाम जिले के विकासखंडवार उन्नति एवं प्रगति अथवा अन्य प्रयोजन हेतु क्या किसी विभाग को किसी कार्य विशेष हेतु प्रदान की गई है तो वर्षवार जानकारी दें? (ग) उपरोक्त उल्लेखित वर्षों के अंतर्गत अनुसूचित जनजाति वर्ग के भूमि विक्रेताओं ने कितने विक्रय पत्र अथवा बंधक पत्र या अनुबंध कर पंजीयन हेतु किसी प्रकार का कोई विक्रय पत्र सम्पादित किया तो वर्षवार अवगत कराए? (घ) उपरोक्तानुसार प्रश्‍न में धारा 165 (6) के त‍हत दी जाने वाली अनुमति के बगैर कितनी भूमियों की रजिस्‍ट्री की गई? यदि अनुमति लेकर रजिस्ट्रियां की गई तो, कितनी? दोनों स्थितियों में हुई अनियमितता की जांच की जाकर क्‍या कार्यवाही हुई?

उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '' अनुसार है। (ख) पंजीयन विभाग द्वारा मध्‍यप्रदेश पंचायत अधिनियम 1993 के अंतर्गत लगाये गये अतिरिक्‍त शुल्‍क (जनपद पंचायत शुल्‍क) व म.प्र. उपकर अधिनियम 1982 अंतर्गत अचल संपत्ति के अंतरण पर उपकर तथा मध्‍यप्रदेश नगर पालिक निगम अधिनियम 1956 मध्‍यप्रदेश नगर पालिका अधिनियम 1961 के अंतर्गत अतिरिक्‍त शुल्‍क (नगरीय ड्यूटी) स्‍टॉम्‍प ड्यूटी के रूप में केवल संग्रहित किया जाता है तथा संग्रहित राशि की जानकारी संबंधित विभागों को भेजी जाती है। वर्ष 2019 से प्रश्‍न दिनांक तक रतलाम जिले हेतु संग्रहित राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '' अनुसार है। (ग) रतलाम जिला अंतर्गत वर्ष 2019 से लेकर प्रश्‍न दिनांक तक अनुसूचित जनजाति वर्ग के भूमि विक्रेताओं द्वारा कराये गये पंजीबद्ध दस्‍तावेजों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '' अनुसार है। (घ) धारा 165 (6) के तहत अनुमति लेकर की गई रजिस्ट्रियों तथा बिना अनुमति से की गई रजिस्ट्रियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '' अनुसार है। उक्‍त संदर्भ में पंजीयन विभाग के अधिकारियों/कर्मचारियों द्वारा अनियमितता संबंधी रतलाम जिले का कोई जांच प्रकरण इस विभाग में संज्ञान में नहीं आया। अत: जानकारी निरंक है।

आंगनवाड़ी भवन निर्माण की स्वीकृति

[महिला एवं बाल विकास]

51. ( क्र. 1905 ) श्री सोहनलाल बाल्‍मीक : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) परासिया विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत परियोजना 01 एवं परियोजना 02 परासिया के अन्तर्गत स्थित विभिन्न ग्राम/ग्राम पंचायतों में छोटे-छोटे बच्चों व महिला हितग्राहियों की सुविधा हेतु भवन विहीन आंगनवाड़ी केन्द्रों हेतु आंगनवाड़ी भवन निर्माण कार्य की स्वीकृति प्रदान किये जाने के संबंध में प्रश्‍नकर्ता द्वारा महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया जी को अनुस्मरण-01 पत्र क्र.वि.स./परासिया/127/2024/314 दि. 27.05.2024 प्रेषित किया गया है, जिस पत्र पर अभी तक आंगनवाड़ी भवन निर्माण कार्य की स्वीकृति हेतु क्या-क्या कार्यवाही की गई है? (ख) उपरोक्त प्रेषित पत्र पर उल्लेखित परासिया विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत विभिन्न ग्राम/ग्राम पंचायतों में भवन विहीन आंगनवाड़ी केन्द्र हेतु कब तक आवश्यक कार्यवाही करते हुए आंगनवाड़ी भवन निर्माण कार्य की स्वीकृति प्रदान कर दी जायेगी?

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) जी हाँ। आंगनवाड़ी भवनों का निर्माण शासकीय भूमि की उपलब्‍धता एवं वित्‍तीय संसाधन पर निर्भर है। (ख) विभागीय भवन विहीन आंगनवाड़ी केन्‍द्रों के लिये भवन निर्माण शासकीय भूमि एवं वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर है। अत: समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है।

पैनाल्‍टी का उपयोग एवं अमले की जानकारी

[खनिज साधन]

52. ( क्र. 1927 ) श्री कामाख्या प्रताप सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले अंतर्गत खनिज पर विभाग द्वारा पिछले 5 वर्ष में कितनी राशि पैनाल्‍टी के रूप में प्राप्‍त हुई? उक्‍त पैनॉल्‍टी राशि का उपयोग किस शासकीय मद के उपयोग में लिया गया है? (ख) जिले में खनिज विभाग में कौन-कौन अधिकारी कर्मचारी कार्यरत है? 03 वर्ष से अधिक पदस्‍थ अधिकारियों/कर्मचारियों की जानकारी उपलब्‍ध कराई जा सकती है? (ग) जिले में खनिज विभाग में किस पद के कितने पद रिक्‍त है? उक्‍त रिक्‍त पदों को कब तक भरे जावेंगे?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) खनिज पर विभाग द्वारा पैनॉल्‍टी किये जाने के नियमों में कोई प्रावधान नहीं है, अपितु जिला छतरपुर अंतर्गत विभाग द्वारा पिछले 05 वर्षों में राशि रूपये 14,07,41,741/- पेनाल्‍टी के रूप से प्राप्‍त हुई है। राशि का उपयोग मध्‍यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 के अनुसार वित्‍त विभाग के माध्‍यम से पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग को उपलब्‍ध कराई जाती है। (ख) जिले में खनिज विभाग में कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी कार्यरत हैं, की जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र-अ पर है। 03 वर्ष से अधिक पदस्‍थ अधिकारियों/कर्मचारियों की जानकारी  संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र-ब पर है। (ग) जानकारी संलग्‍न  परिशिष्‍ट के प्रपत्र-स पर है।

परिशिष्ट - "इकतीस"

विशेष केन्द्रीय सहायता मद की राशि

[गृह]

53. ( क्र. 2045 ) श्री संजय उइके : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या‍ केन्द्र सरकार द्वारा नक्‍सल प्रभावित क्षेत्रों के अधोसंरचना/रोजगार मूलक कार्यों के लिए विशेष केन्द्रीय सहायता मद की राशि विभाग को प्राप्त होती है? (ख) यदि हाँ तो वित्तीय वर्ष 2021-22 से प्रश्‍न दिनांक तक कितनी-कितनी राशि कब-कब प्राप्त हुई? प्राप्त राशि का आवंटन कितना-कितना, किन-किन जिलों में किया गया? (ग) केन्द्र सरकार द्वारा आवंटित विशेष केन्द्रीय सहायता की राशि के व्यय हेतु जारी केन्‍द्र एवं राज्य सरकार के आदेश एवं निर्देश की प्रति उपलब्‍ध करावें?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'' अनुसार।

आदेशों में संशोधन तथा लंबित फाइलों का निराकरण

[सामान्य प्रशासन]

54. ( क्र. 2095 ) सुश्री रामश्री (बहिन रामसिया भारती) राजपूत : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला छतरपुर में शासकीय सेवा के दौरान दिवंगत हुए किस-किस कर्मचारी के आश्रितों को अनुकम्‍पा नियुक्ति दिये जाने के आवेदन विचाराधीन हैं? (ख) उपरोक्‍त आवेदन किस-किस दिनांक को विभाग से प्रस्‍तुत किये गये थे तथा कितने समय से लंबित हैं? (ग) क्‍या अनुकम्‍पा नियुक्ति तृतीय श्रेणी प्रा.शि./लिपिक के लिए जो पात्रता के आदेश किये गये, उनका क्‍या पूर्व की भॉति सरलीकरण किया जावेगा? (घ) यदि नहीं, तो क्‍यों?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्‍न  परिशिष्‍ट  अनुसार(ग) तृतीय श्रेणी प्राथमिक शिक्षक/लिपिक के लिये अनुकंपा नियुक्ति के निर्देश में सरलीकरण विभागीय परिपत्र दिनांक 01/02/2023 एवं दिनांक 27/03/2023 द्वारा किया गया है। (घ) उत्‍तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट - "बत्तीस"

कर्जभार की जानकारी

[वित्त]

55. ( क्र. 2096 ) सुश्री रामश्री (बहिन रामसिया भारती) राजपूत : क्या उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पिछले वित्‍त वर्ष और चालू वित्‍त वर्ष में राज्‍य सरकार द्वारा किस-किस दिनांक को किस-किस से कितना-कितना कर्ज लिया गया? (ख) प्रश्‍न दिनांक तक राज्‍य सरकार पर कुल कितना कर्जभार है? (ग) प्रश्‍न दिनांक तक प्रश्‍नांश (ख) के आधार पर प्रदेश में प्रति व्‍यक्ति पर कितना कर्ज है? (घ) क्‍या राज्‍य सरकार द्वारा कर्ज लेने की कोई सीमा निर्धारित है? यदि हाँ तो विवरण दें।

उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) वित्‍तीय वर्ष 2023-24 के वित्‍त लेखे विधानसभा के पटल पर अभी नहीं रखे गये हैं तथा वर्ष 2023-24 के वित्‍त लेखे भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक द्वारा अंतिम नहीं किए जाने के कारण अंकेक्षित जानकारी प्रदान की जाना संभव नहीं है। तथापि वित्‍तीय वर्ष 2023-24 के बजट साहित्‍य के वित्‍त सचिव के स्‍मृति पत्र के अनुसार राज्‍य सरकार पर कर्ज की वर्ष 2023-24 का बजट अनुमान की जानकारी  संलग्‍न परिशिष्ट-1  अनुसार है। (ख) वित्‍तीय वर्ष 2024-25 के वित्‍त लेखे भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक द्वारा अंतिम नहीं किये गये है तथा वित्‍तीय वर्ष 2024-25 का बजट अनुमान भी विधान सभा के पटल पर अभी नहीं रखा गया है अतएव जानकारी दी जाना संभव नहीं है। (ग) राज्‍य शासन द्वारा अपने निर्धारित राजकोषीय मापदण्‍डों एवं भारत सरकार से प्राप्‍त स्‍वीकृति के अंतर्गत ही अधोसंरचना विकास कार्यों हेतु कर्ज लिया जाता है। इसका प्रति व्‍यक्ति पर कर्ज से कोई संबंध नहीं है। (घ) जी हाँ। 15 वें वित्‍त आयोग की अनुशंसा तथा केन्‍द्र के अनुमोदन अनुसार कर्ज लेने की सीमा निर्धारित होती है। वित्‍तीय वर्ष 2023-24 के बजट अनुमान के साथ प्रकाशित मध्‍यप्रदेश राजकोषीय उत्‍तरदायित्‍व एवं बजट प्रबंधन अधिनियम, 2005 के अंतर्गत यथा-अपेक्षित में उल्‍लेखित राजकोषीय सूचक की तालिका के बिंदु-2 अनुसार विवरण  संलग्‍न परिशिष्ट-2 में उपलब्‍ध है।

परिशिष्ट - "तैंतीस"

अनुसूचित जनजाति पर अत्याचार

[गृह]

56. ( क्र. 2118 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम 1989 की धारा 21 (2) 7 के प्रावधान अनुसार एवं 2017 से 2024 तक प्रतिवर्ष किस-किस जिले के किस-किस थाने के कितने क्षेत्रों की सूची बनाई गयी प्रत्येक क्षेत्र को जोड़ने के पंजीबद्ध अपराध की संख्या धारा सहित शीर्ष सहित बतावें तथा यह सही है कि 2017 में ऐसे 46 क्षेत्र 2021 में बढ़कर 69 क्षेत्र हो गये। (ख) प्रश्‍नांश (क) में जिन क्षेत्रों को सूची में किस वर्ष में जोड़ा गया उसके बाद के वर्षों में उस क्षेत्र में पजीबंद्ध अपराध की शीर्ष अनुसार धारा अनुसार जानकारी दें तथा बतावें कि उस क्षेत्र, किस-किस क्षेत्र को सूची में शामि‍ल करने के बाद वहां किस शीर्ष के अपराध में कितनी कमी या वृद्धि हुई। (ग) अनुसूचित जनजाति पर अत्याचार के पंजीबद्ध अपराधों की शीर्षवार, धारा अनुसार वर्ष 2014 से 2023 तथा मई 2024 तक की सूची देवें तथा बतावें की इनमें से कितने अपराध को जघन्य, सनसनीखेज तथा जघन्य अपराध की श्रेणी में शामि‍ल किया गया। (घ) क्या यह सही है कि अनुसूचित जनजाति वर्ष 2016 में कुल 5025 अत्याचार के प्रकरण 2022 में बढ़कर 8293 हो गये तथा महिलाओं से बलात्कार प्रकरण 474 से बढ़कर 593 हो गये, यदि हाँ तो बतावें कि क्या शासन अनुसूचित जनजाति पर अत्याचार रोकने में असफल रहा है?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

राजीव गांधी सिविक सेन्टर की जानकारी

[वाणिज्यिक कर]

57. ( क्र. 2119 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर निगम रतलाम द्वारा योजना क्र. 71 राजीव गांधी सिविक सेन्टर के जनवरी 2023 से मई 2024 तक कराई गई रजिस्ट्री के विक्रेता का नाम, क्रेता का नाम, पिता का नाम, पता, प्लाट नंबर, क्षेत्रफल, रजिस्ट्री कराने की दिनांक, लगाये गये स्टाम्प की कीमत, प्लाट की कीमत, कलेक्टर गाईड लाईन अनुसार रजिस्ट्री दिनांक को प्लाट की कीमत सहित सूची देवें। (ख) क्या यह सही है कि प्रश्‍नांश (क) में उल्लेखित अवधि में 36 से अधिक रजिस्ट्री कराई गई है तथा कितने प्लाट में क्रेता ने रजिस्ट्री दिनांक को ही या तीन-चार दिन बाद पुनः दूसरे को रजिस्ट्री करवा दी उनकी सूची देवें तथा बतावे कि पहले की गई रजिस्ट्री में स्टाम्प राशि क्या थी तथा बाद में की गई रजिस्ट्री में स्टाम्प राशि क्या थीं? (ग) प्रश्‍नांश (क) में उल्लेखित रजिस्ट्री की प्रति समस्त संबंधित दस्तावेज सहित देवें तथा बतावे कि उक्त संदर्भ में लोकायुक्त द्वारा कोई जांच प्रक्रियाधीन है तो उसकी जानकारी देवें। (घ) राजीव गांधी सिविक सेन्टर स्कीम नंबर 71, रतलाम के भूखण्ड क्रमांक 33 की रजिस्ट्री अशोक कुमार लुनिया के नाम किस दिनांक को की गई उस रजिस्ट्री की प्रति देवें।

उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अनुसार है। (ख) जी हाँ, शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अनुसार है। लोकायुक्‍त उज्‍जैन द्वारा जांच में प्रकरण क्रमांक 76/2024 दर्ज किया गया, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '' अनुसार है। (घ) राजीव गांधी सिविक सेंटर स्‍कीम नं. 71, रतलाम के भूखंड क्रमांक 33ए का पट्टा विलेख श्री अशोक कुमार लुनिया के नाम दिनांक 24/10/2011 को पंजीबद्ध किया गया। विलेख की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट  '' अनुसार है।

स्टार्टअप उद्यमियों को सहायता

[सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्‍यम उद्यम]

58. ( क्र. 2121 ) श्री राजेश कुमार शुक्‍ला : क्या सूक्ष्‍म,लघु एवं मध्‍यम उद्यम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भारत सरकार द्वारा प्रदत्त स्टार्टअप रैंकिंग फ़्रेमवर्क की विभिन्न श्रेणी में प्रदेश की रैंकिंग क्या रही। सभी श्रेणी में टॉप में पहुंचने के लिए सरकार ने क्या प्रयास किये। (ख) छतरपुर जिले में कितने स्टार्टअप बिज़नेस अभी तक शुरू हुए है? इन्हें क्या सरकारी मदद दी गई? कितने बिज़नेस बंद हो चुके इन्हें प्रारंभ करने के लिए क्या प्रयास किये गए। सभी की जानकारी प्रदाय करें। (ग) विगत 5 वर्षों में जिले में कितने सरकारी, अर्द्धसरकारी, निकाय, सार्वजनिक क्षेत्र आदि विभागों ने कितनी रूपये की क्या सामग्री इन स्टार्टअप उद्यमियों से खरीदी। इनमें से कितने राशि की सामग्री छतरपुर जिले के कितने उद्यमियों से खरीद की गई।

सूक्ष्‍म,लघु एवं मध्‍यम उद्यम मंत्री ( श्री चेतन्‍य कुमार काश्‍यप ) : (क) भारत सरकार द्वारा जारी की गयी वर्ष 2022 की राज्यों की स्टार्टअप रैंकिंग अंतर्गत मध्यप्रदेश को तृतीय श्रेणी "लीडर" में रखा गया है। मध्यप्रदेश शासन द्वारा राज्य में नवाचार और उद्यमिता को प्रोत्साहित करने के लिए मध्यप्रदेश स्टार्टअप नीति 2022 लागू की है, जिसमें सेवा आधारित एवं उत्पाद आधारित स्टार्टअप के लिए वित्तीय सहायता का प्रावधान किया गया है। इसके अंतर्गत स्टार्टअप नीति में संशोधन कर अधिक प्रभावी बनाया जा रहा है एवं स्टार्टअप को सहायता एवं सुविधा प्रदान की जा रही है। नीति अंतर्गत इनक्यूबेटर्स के लिए भी सहायता का प्रावधान किया गया है। स्टार्टअप की सहायता के लिए भोपाल शहर में मध्यप्रदेश स्टार्टअप सेंटर की स्थापना की गयी है। स्टार्टअप के लिए पृथक से समर्पित स्टार्टअप पोर्टल बनाया गया है, जिसे स्टार्टअप इंडिया के पोर्टल से एकीकृत किया गया है। स्टार्टअप को निवेश उपलब्ध कराने के लिए अल्टरनेटिव इन्वेस्टमेंट फण्ड का एमपेनेल्मेंट किया गया है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) विभाग स्तर पर स्टार्टअप से शासकीय क्रय सम्बंधित जानकारी संकलित नहीं की जाती है।

परिशिष्ट - "चौंतीस"

अवैध शराब परिवहन की जानकारी

[गृह]

59. ( क्र. 2124 ) डॉ. विक्रांत भूरिया : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) झाबुआ एवं अलीराजपुर जिले में वर्ष 2022-23 एवं 2023-24 में अवैध परिवहन कितने प्रकरण बनाये गये तथा कितने वाहन जप्त किये गये तथा क्‍या उक्त प्रकरणों में वेयर हाउस इन्दौर से बैच नंबर एवं निर्माण तिथि का मिलान किया गया है अथवा नहीं। विस्तृत जानकारी प्रदान की जावे। (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में प्रश्‍न दिनांक तक की गई कार्यवाही, जिनके नामजद प्रकरण बनाए गए है उनकी सम्‍पूर्ण जानकारी उपलब्‍ध कराए तथा यह भी जानकारी दें कि शराब ठेकेदारों या मेनेजरों को भी आरोपी नामजद किया गया है यदि हाँ तो नामवार जानकारी यदि नहीं, तो क्‍यों नहीं? (ग) लोकसभा निर्वाचन 2024 के आदर्श आचार संहिता के चलते झाबुआ एवं अलीराजपुर जिले में अवैध शराब के परिवहन एवं अवैध भण्डार पर की गयी कार्यवाही की नाम पते सहित कीमत सहित कितने आरोपी नामजद किये गये उन पर क्या कार्यवाही की गयी की जानकारी दें।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '' अनुसार(ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '' अनुसार

लाड़ली बहना योजना

[महिला एवं बाल विकास]

60. ( क्र. 2125 ) डॉ. विक्रांत भूरिया : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) झाबुआ जिले में लाड़ली बहना योजनान्तर्गत लाभार्थी महिलाओं की नामजद ग्रामवार जानकारी प्रदाय की जावे। (ख) मध्यप्रदेश में वर्तमान में लाड़ली बहना योजना अन्तर्गत लाभार्थी महिलाओं की संख्या वर्तमान में कितनी है तथा योजना प्रारंभ होने के समय कितनी संख्या थी? संख्या बढ़ी अथवा कम हुई हो तो कारण से अवगत करावें। उक्त जानकारी जिलेवार अवगत करावें। (ग) मध्यप्रदेश में वर्तमान में लाड़ली बहना योजना अन्तर्गत लाभार्थी महिलाओं को आज दिनांक तक दी गई राशि किस मद से दी गई है? यदि अन्य मद से खर्च की गई है तो उक्त मद में कब तक समायोजन की जावेगी, साथ ही कितनी-कितनी राशि जिलेवार डाटा प्रदाय किया जावे।

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) जानकारी अत्यधिक विस्तृत होने के कारण  पुस्‍तकालय  में रखे पेन ड्राइव में परिशिष्ट- 01र है। (ख) ''मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना 2023'' अंतर्गत दिनांक 25 जून 2024 की स्थिति में लाभार्थी महिलाओं की संख्या 1,29,15,688 है। योजना प्रारम्भ के समय संख्या 1,25,06,186 थी। योजना अन्तर्गत नवीन पंजीयन कराये जाने के कारण हितग्राही संख्या में वृद्धि हुई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- 02 पर है। (ग) योजनान्तर्गत लाभार्थी महिलाओं को राशि का भुगतान योजना क्रमांक-1130 ''मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना 2023'' की 42-सहायक अनुदान, 006-आर्थिक सहायता मद से किया गया है। अन्य मद से राशि खर्च नहीं किये जाने के कारण शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

 

लोक सेवा केन्‍द्रों की जानकारी

[लोक सेवा प्रबन्धन]

61. ( क्र. 2126 ) श्री प्रणय प्रभात पांडे : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि J(क) कटनी जिले में कितने लोक सेवा केंद्र और कितने उप लोक सेवा केंद्र कहां-कहां संचालित है तथा शासन द्वारा कितने लोक सेवा केन्‍द्रों को भवन निर्माण हेतु स्वीकृति प्रदाय की गई है और कितनों का निर्माण हो गया है एवं कितने शेष हैं बतलावें। (ख) प्रश्‍नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में उप लोक सेवा केंद्र में आधार केंद्र की सेवा प्रदाय करने हेतु प्रश्‍नकर्ता के पत्र क्रमांक बी 94/03/289 दिनांक 15/3/2024 के परिप्रेक्ष्‍य में क्या कार्यवाही की गई है अवगत करावें। (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में कितने उप लोक सेवा केंद्र में आधार की सेवा प्रारंभ हो गई है यदि नहीं, हुई तो क्यों और कब तक सेवा प्रारंभ की जावेगी? बतलावें। (घ) बहोरीबंद विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कहां-कहां उप लोक सेवा केंद्र संचालित हैं तथा उनके द्वारा कौन-कौन सी सेवाएं प्रदान की जा रही हैं शेष सेवाएं किस प्रकार से कब तक प्रारंभ होगी?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) कटनी जिले में 09 लोक सेवा केन्‍द्र एवं 18 उप लोक सेवा केन्‍द्र संचालित है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। शासन स्‍तर से 07 लोक सेवा केन्‍द्रों के भवन निर्माण की स्‍वीकृति प्रदाय की जाकर लोक सेवा केन्‍द्रों के भवनों का निर्माण कार्य पूर्ण होकर संचालित है एवं 02 लोक सेवा केन्‍द्र के भवन निर्माण शेष है। (ख) प्रश्‍नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में उप लोक सेवा केन्‍द्र में आधार केन्‍द्र की सेवा प्रदाय करने हेतु माननीय विधायक महोदय के पत्र क्र. बी 94/03/289 दिनांक 25/03/2024 को कलेक्‍टर कटनी द्वारा लोक सेवा प्रबंधन विभाग को कार्यालयीन पत्र क्रमांक 7554/लोसेप्र/2024 कटनी दिनांक 24/05/2024 के माध्‍यम से प्रेषित किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। उप लोक सेवा केन्‍द्रों पर आधार सेंटर (आधार कार्ड बनवाने एवं अपडेशन) के रूप में संचालित किए जाने हेतु लोक सेवा प्रबंधन विभाग के पत्र क्रमांक 252/2024/लोसेप्र/61-1 दिनांक 12/06/2024 के माध्‍यम से समस्‍त कलेक्‍टर को निर्देश प्रसारित किए गए हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-स अनुसार है। (ग) उप लोक सेवा केन्‍द्रों पर आधार सेंटर (आधार कार्ड बनवाने एवं अपडेशन) के रूप में संचालित किए जाने हेतु लोक सेवा प्रबंधन विभाग के पत्र क्रमांक 252/2024/लोसेप्र/61-1 दिनांक 12/06/2024 के माध्‍यम से समस्‍त कलेक्‍टर को निर्देश प्रसारित किए गए हैं। एक सतत प्रक्रिया के अनुसार इस संबंध में जिलों से प्रस्‍ताव प्राप्‍त होने के पश्‍चात परीक्षण उपरांत आधार केन्‍द्र खोले जाने की कार्यवाही की जाएगी। (घ) बहोरीबंद विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत तहसील बहोरीबंद में बाकल, तहसील रीठी अंतर्गत-बिलहरी, बड़गांव, तहसील स्‍लीमनाबाद अंतर्गत-कौडिया, तेवरी इस प्रकार कुल 05 उप लोक सेवा केन्‍द्र संचालित है। उप लोक सेवा केन्‍द्रों द्वारा एमपी ई-डिस्ट्रिक्‍ट पोर्टल के माध्‍यम से कुल 342 सेवाएं प्रदाय की जा रही हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-द अनुसार है।

न्‍यायालय निर्णय का पालन

[नर्मदा घाटी विकास]

62. ( क्र. 2146 ) श्री फूलसिंह बरैया : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या शिकायत निवारण प्राधिकरण इन्‍दौर खण्‍डपीठ क्र.5 के अध्‍यक्ष ने ग्राम एकलबारा मनावर जिला धार के प्रकरण क्रमांक 321/2009 आदेश दिनांक 04.01.2016 में अपीलार्थी के दोनों पुत्रों को, कृषि भूमि व रहवासी प्‍लाट की राशि दावा उत्‍पन्‍न दिनांक से साधारण ब्‍याज सहित बैंक खाते में भुगतान करने के आदेश दिये हैं? (ख) क्‍या 02 हेक्‍टेयर कृषि भूमि व एक प्‍लाट की राशि कलेक्‍टर गाइड लाइन अनुसार प्रत्‍येक के बैंक खाते में जमा की जावेगी? (ग) उक्‍त राशि जमा नहीं करने हेतु दोषी अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी? क्‍या नियमानुसार साधारण ब्‍याज के रूप में भुगतान की राशि, संबंधित अधिकारी के वेतन से वसूल की जावेगी?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

क्रेशरों द्वारा वाणिज्यकर की चोरी

[वाणिज्यिक कर]

63. ( क्र. 2158 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मऊगंज जिले में हनुमना एवं मऊगंज तहसीलों में स्थित स्टोन क्रेशरों के द्वारा 01-04-2020 से प्रश्‍नतिथि‍ तक कितनी-कितनी स्टेट/सेंट्रल जी.एस.टी. जमा की? क्रेशरवार बतायें कि किस-किस स्टोन क्रेशर ने जी.एस.टी. क्रमांक नहीं लिया है? सूची दें? (ख) प्रश्‍नांश (क) में वर्णित स्टोन क्रेशरों के द्वारा जितना पिटपास खनिज विभाग से पत्थर उत्खनन करने निकलवाया जाता है उतनी मात्रा में गि‌ट्टी का उत्पादन कर बेचते समय जी.एस.टी. सहित बिल काटे का क्‍या जी.एस.टी. विभाग ने मिलान किया? सभी क्रेशरों के द्वारा काटे गये बिलों की एक-एक प्रति उपलब्ध कराये जिसमें उन्होंने बिल में जी.एस.टी. राशि का भी उल्लेख किया? क्‍या कच्चे बिल से माल बेचा जा रहा है? (ग) जी.एस.टी. विभाग के कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी राज्य शासन की ओर से मऊगंज जिले के चार्ज में हैं? नाम/पदनाम देते हुये बतायें कि स्टोन क्रेशरों के द्वारा कच्चे बिलों से बेचे जा रहे माल पर प्रश्‍नांश (क) में वर्णित समयानु‌सार कब, क्या कार्यवाही किसके-किसके खिलाफ की? प्रकरणवार दें? शासन क्रेशरों से सांठगांठ करने वाले जी.एस.टी. विभाग के किन-किन अधिकारियों को चिन्हित कर राज्य शासन उन्हें निलंबित कर विभागीय जांच संस्थित करेगा। सू‌ची दें।

उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) मऊगंज जिले में हनुमना एवं मऊगंज तहसीलों में स्थित 8 स्‍टोन क्रेशरों के द्वारा 01.04.2020 से प्रश्‍नतिथि तक 16.01 करोड़ रू. स्‍टेट/सेंट्रल/ आईजी.एस.टी. की राशि नगद एवं आई.टी.सी. रिवर्सल के माध्‍यम से जमा की गई है। इन 8 स्‍टोन क्रेशर के द्वारा जी.एस.टी. पंजीयन लिया गया है। (ख) जी.एस.टी. अंतर्गत विवरण पत्र ऑनलाईन प्रस्‍तुत किये जाते हैं। विवरण पत्रों में खनिज विभाग द्वारा जारी पिटपास अनुसार उत्‍खनित मात्रा अनुसार गिट्टी का उत्‍पादन व उसके अनुरूप विक्रय दर्शाये जाने संबंधी कोई प्रावधान नहीं है। विभाग में स्‍टोन क्रेशरों के द्वारा काटे जा रहे बिलों का संधारण नहीं किया जाता है। कच्‍चे बिल से माल बेचने संबंधी जानकारी विभाग के संज्ञान में नहीं है। (ग) कार्यालय वाणिज्यिक कर अधिकारी, रीवा वृत्त (मऊगंज जिला) में पदस्थ अधिकारियों एवं कर्मचारियों के नाम एवं पदनाम निम्नानुसार हैः-

 

 

अ.क्र.

नाम

पदनाम

  1.  

श्रीमती संगीता गुप्ता

सहायक आयुक्त

  1.  

श्रीमती मीनाक्षी पाण्डेय

वाणिज्यिक कर अधिकारी

  1.  

श्री पीयूष तिवारी

सहायक वाणिज्यिक कर अधिकारी

  1.  

श्री विकास सिंह बघेल

वाणिज्यिक कर निरीक्षक

  1.  

श्री प्रसुन्न कुमार मिश्रा

वाणिज्यिक कर निरीक्षक

  1.  

सुश्री अमृता त्रिपाठी

वाणिज्यिक कर निरीक्षक

  1.  

सुश्री अंकिता द्विवेदी

वाणिज्यिक कर निरीक्षक

  1.  

श्री उमेश साकेत

वाणिज्यिक कर निरीक्षक

  1.  

श्री सचिन कुमार पटेल

वाणिज्यिक कर निरीक्षक

  1.  

श्री नरेश कुमार पाल

कराधान सहायक

  1.  

श्री सचिन कुमार जायसवाल

कराधान सहायक

  1.  

श्री वीरेश कुमार पटेल

कराधान सहायक

  1.  

श्री वैदेही शरण व्‍यास

सहायक ग्रेड-2

  1.  

श्री गजेन्‍द्र कुमार मिश्रा

आई टी ऑपरेटर

  1.  

श्री ऋषिकेश मिश्रा

सहायक ग्रेड-3

  1.  

श्री आलेश कुमार त्रिपाठी

सहायक ग्रेड-3

  1.  

श्री अभिषेक कुमार पाठक

सहायक ग्रेड-3

  1.  

डॉ. प्रभात तिवारी

सहायक ग्रेड-3

  1.  

श्री विवेक गौतम

सहायक ग्रेड-3

  1.  

श्री विजय शंकर शुक्‍ला

सहायक ग्रेड-3

  1.  

श्री नरेन्‍द्र कुमार मिश्रा

सहायक ग्रेड-3

  1.  

श्री अवधेश कुमार भगत

सहायक ग्रेड-3

  1.  

श्री रविराज पटेल

सहायक ग्रेड-3

  1.  

श्री बृजवासी पटेल

भृत्‍य

  1.  

श्री प्रेमलाल गुप्‍ता

भृत्‍य

स्‍टोन क्रेशरों से सांठ-गांठ करने संबंधी कोई जानकारी विभाग के संज्ञान में नहीं है। अत: किसी अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही का प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता है।

भ्रष्टाचारी अधिकारियों पर शासन द्वारा कार्यवाही

[वाणिज्यिक कर]

64. ( क्र. 2159 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 01-04-2020 से प्रश्न‌ तिथि के दौरान प्रदेश में किस-किस स्थान पर अवैधानिक रूप से मदिरा परिवहन, मदिरा तस्करी करने के प्रकरण विभाग की जानकारी में पहले आये कि पुलिस ने कार्यवाही की तो विभाग को पता चला? जानकारी प्रकरणवार उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्‍नांश (क) में पकड़ी गई मदिरा को निर्माण करने वाली डिस्टलरीज़ की नाम, प्रकरण क्रमांक, जप्त मदिरा की वैल्यू, दिनांक, आरोपियों के नाम, किस नाम/पदनाम के कार्यक्षेत्र में पकड़ी गई का प्रकरणवार विवरण दें। प्रश्‍न तिथि तक प्रकरणवार हुई कार्यवाही का विवरण दें। (ग) परमिट की अवधि खत्म हो जाने या मदिरा परिवहन किये जाने के किन नियमों के उल्लंघन के कारण पुलिस ने पकड़ा? कारण प्रकरणवार दें। आबकारी विभाग के किस नाम/पदनाम के अधिकारी/कर्मचारी इस अवैध प्रकरण में संलिप्त पाये गये? सूची दें। (घ) राज्‍य शासन कब तक पूरे प्रदेश में फर्जी एफ.डी.आर./बैंक गारण्टी लगाने एवं बैंक चालानों में कूट रचना करने वाले लाइसेंसियों एवं उन्हें संरक्षण देने वाले आबकारी अधिकारियों को अमानत में खयानत का दोषी पाकर सेवा से बरखास्त करेगा? अगर नहीं तो क्यों? कारण दें।

उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) दिनांक 01-04-2020 से प्रश्न‌ तिथि के दौरान प्रदेश में अवैधानिक रूप से मदिरा परिवहन, मदिरा तस्करी में पहले पुलिस के संज्ञान में आने के पश्चात् आबकारी विभाग द्वारा प्रकरण बनाये जाने का कोई प्रकरण प्रकाश में नहीं आने से जानकारी निरंक है। आबकारी विभाग अथवा पुलिस विभाग में से जिस विभाग को अवैध मदिरा परिवहन/ तस्करी के संबंध में सूचना प्राप्त होती है, वह तत्काल नियमानुसार कार्यवाही करते हैं। पुलिस एवं आबकारी विभाग इस प्रकार की कार्यवाही करने के लिये स्वतंत्र/सक्षम है। इन दोनों विभागों की आपस में कोई Overlapping नहीं है। (ख) प्रश्‍नांश (क) की जानकारी के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) उपायुक्‍त आबकारी, संभागीय उडनदस्‍ता सागर के पत्र क्रमांक/आब/वि.स./2024/ 449 दिनांक 24.06.2024 में वर्णित अनुसार छतरपुर जिले के अन्तर्गत मेसर्स सोम डिस्टलरीज एवं ब्रेवरीज लिमिटेड, रोजराचक, जिला रायसेन द्वारा परिवहन परमिट क्रमांक T/SOMD/FWH/FL/2022-23/184828 दिनांक 30.03.2023 से 1600 पेटी पॉवरी 10000 सुपर स्ट्रांग बीयर का प्रेषण विदेशी मदिरा भाण्डागार छतरपुर को वैद्य तरीके से किया गया। उक्त परमिट की समयावधि समाप्त होने पर थाना कोतवाली छतरपुर द्वारा प्रकरण क्रमांक 193/23 दिनांक 31.03.2023 को पंजीबद्ध किया गया था। उक्त प्रकरण में जप्तशुदा मदिरा एवं वाहन को कलेक्टर जिला छतरपुर द्वारा विधिवत सुनवाई उपरांत मुक्त किया गया। उक्त प्रकरण में वैद्य मदिरा का वैद्य परिवहन परमिट द्वारा वैद्य तरीके से मदिरा का परिवहन किये जाने से आबकारी विभाग से संबंधित किसी भी अधिकारी/कर्मचारी की संलिप्तता पाई जाने संबंधी जानकारी निरंक है। इसी प्रकार उपायुक्‍त आबकारी, संभागीय उडनदस्‍ता, इंदौर के प्रतिवेदन अनुसार जिला खरगोन में स्‍थापित इकाई मेसर्स एसोसिएटेड अल्कोहल्स एण्ड ब्रेवरीज लि. खोडीग्राम बड़वाह जिला खरगोन द्वारा तीन परमिटों से वैध मदिरा का परिवहन करते समय, समयावधि समाप्त होने पर पुलिस थाना साईखेड़ा, बैतूल एवं झाबुआ ने प्रकरण पंजीबद्ध किये है। उक्त प्रकरणों में वैध मदिरा का, वैध परिवहन परमिट द्वारा, वैध तरीके से परिवहन किये जाने से आबकारी विभाग से संबंधित किसी भी अधिकारी/कर्मचारी की संलिप्तता पाई जाने संबंधी जानकारी निरंक है। (घ) पूरे प्रदेश में फर्जी एफ.डी.आर./बैंक गारंटी लगाने वाले एवं बैंक चालानों में कूटरचना करने वाले लाइसेंसियों के विरूद्ध एफ.आई.आर. दर्ज करवाई गई है, जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-एक अनुसार है। उक्‍त प्रकरणों में विभागीय अधिकारियों की प्रथम दृष्‍टयता अपने कर्तव्‍यों एवं दायित्‍वों में लापरवाही परिलक्षित होने पर, संबंधित अधिकारियों के विरूद्ध नियमानुसार अनुशासनात्‍मक कार्यवाही कर विभागीय जांच की कार्यवाही संस्थित की गई है। जांचकर्ता अधिकारी की ओर से प्रस्‍तुत प्रतिवेदन में उभरे गुण-दोष के आधार पर आगामी निर्णय लिया जा सकेगा। विस्‍तृत जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-दो अनुसार है।

पुलिस अधिकारियों एवं अन्‍य कर्मचारियों की पदस्‍थी

[गृह]

65. ( क्र. 2176 ) श्री श्रीकान्त चतुर्वेदी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि /span>(क) नवगठित जिला मैहर में पुलिस अधीक्षक कार्यालय, कोतवाली, थानों, पुलिस चौकियों में कौन-कौन से पद कितने-कितने स्‍वीकृत है? प्रत्‍येक थानावार, एस.डी.ओ.पी. कार्यालय सहित जानकारी पृथक-पृथक दी जावें। (ख) प्रश्‍नांश (क) में आये पदों के विरूद्ध क्‍या अधिकारी एवं सहकर्मी पदस्‍थ किये गये है? यदि हां, तो ऐसे पदस्‍थ अधिकारी एवं कर्मचारियों के पदनाम सहित जानकारी दी जावें। यदि नहीं, तो रिक्‍त पदों के विरूद्ध पुलिस कर्मियों एवं अधिकारियों की पदस्‍थी कब-तक की जावेगी? समयावधि बतायी जावें। (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) के प्रकाश में क्‍या यह सही है कि मैहर क्षेत्र जहां एक तरफ धार्मिक नगरी है, वहीं दूसरी तरफ औद्योगिक क्षेत्र भी है, जिससे यहां समुचित सुरक्षा व्‍यवस्‍था की दृष्टि से पर्याप्‍त पुलिस बल का होना आवश्‍यक है? यदि हाँ तो क्‍या निकट भविष्‍य में पर्याप्‍त पुलिस बल उपलब्‍ध कराये जाने की व्‍यवस्‍था कराई जायें।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) नवगठित जिला मैहर में पुलिस अधीक्षक कार्यालय, कोतवाली, थानों, पुलिस चौकियों में स्‍वीकृत रिक्‍त पदों की संवर्गवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- '''' अनुसार है। (ख) जी हां। पदस्‍थ अधिकारी/कर्मचारी की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- '''' अनुसार है। पद रिक्‍त होने एवं नवीन भर्ती के माध्‍यम से उन्‍हें भरा जाना एक निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है। अत: समय सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) जी हां। नव गठित जिला मैहर के लिए नवीन पद स्‍वीकृत किये जाने के प्रस्‍ताव पर कार्यवाही प्रक्रियाधीन है

 

 

उद्योगों एवं कंपनियों में स्‍थानीय बेरोजगारों को रोजगार

[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]

66. ( क्र. 2227 ) श्री बिसाहूलाल सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) संभाग शहडोल में कौन-कौन से कंपनी/उद्योग कहाँ-कहाँ संचालित हैं? जानकारी उपलब्ध करावें। क्या संभाग में स्थापित कंपनियों/उद्योगों के द्वारा पर्यावरण अधिनियम का पालन किया जा रहा है? यदि हाँ तो किन-किन कंपनियों में और यदि नहीं, तो क्यों? जानकारी उपलब्ध करावें। ">(ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार शासन के द्वारा औद्योगिक नीति का पालन किया जा रहा है? यदि हाँ तो उद्योग स्थापित करने के पूर्व किये गये अनुबंधों का पालन किया जा रहा है? यदि हाँ, तो जानकारी उपलब्ध करावें। यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या यह सही है कि संभाग में संचालित उद्योगों को संचालित करने के लिए विभिन्न कंपनियाँ ठेके में कार्य कर रहे है और कंपनियों द्वारा अपने साथ प्रदेश के बाहर के कर्मचारियों को काम पर रखा जा रहा है, जबकि संभाग के अंदर स्थानीय शिक्षित बेरोजगार प्रशिक्षित योग्य नव युवकों की संख्या यहाँ पर्याप्‍त होने के बावजूद भी रोजगार/नौकरी नहीं दिया जा रहा है? यदि हाँ, तो क्या शासन द्वारा स्थानीय बेरोजगार नव युवकों को रोजगार दिलाएगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) क्या यह सही है कि जिला शहडोल एवं अनूपपुर के मध्य ढोलू कन्‍स्‍ट्रक्शन कंपनी खांडा रामपुर में संचालित है उसके द्वारा स्थानीय बेरोजगारों को रोजगार न देते हुए बाहरी लोगों को रोजगार दिया गया है? यदि हाँ, तो क्या शासन द्वारा उक्त कंपनी में स्थानीय बेरोजगारों को स्थानीय विधायकों/सांसद के अनुसार रोजगार उपलब्ध कराएगी? यदि नहीं, तो क्यों? (ड.) प्रश्‍नांश (ग) (घ) अनुसार संभाग में स्थापित समस्त कंपनियों में कार्यरत बाहरी कर्मचारियों को हटाते हुए स्थानीय योग्य प्रशिक्षित/शिक्षित बेरोजगारों को रोजगार दिलाए जाएंगे? यदि हाँ, तो कब तक? समय सीमा बताएं। यदि नहीं, तो क्यों?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्‍साहन विभाग के अधीनस्‍थ एमपीआईडीसी अंतर्गत शहडोल संभाग में संचालित कंपनियों/उद्योगों की सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्‍यम उद्यम विभाग से प्राप्‍त जानकारी अनुसार शहडोल संभाग में संचालित उद्योगों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। पर्यावरण विभाग से प्राप्‍त जानकारी अनुसार संभाग में स्‍थापित कंपनियों/उद्योगों के द्वारा पर्यावरण अधिनियम का पालन किये जाने की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-स अनुसार है। (ख) विभाग की उद्योग संवर्धन नीति 2014 (यथा संशोधित) अंतर्गत प्रावधानित सुविधाएँ पात्र इकाइयों को प्रदान करने हेतु नीति के प्रावधानों का पालन किया जा रहा है। शासन द्वारा प्रदेश में निवेश को आकर्षित करने एवं रोजगार के अवसरो को बढ़ाने हेतु औद्योगिक नीति/नियम जारी किये जाते है, जिसका पालन औद्योगिक इकाइयों द्वारा किया जाना होता है। विभागीय क्षेत्रांतर्गत स्‍थापित औद्योगिक इकाइयों द्वारा पालन नहीं किये जाने पर विभागीय नियम/नीति अनुसार कार्यवाही की जाती है। सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्‍यम उद्यम विभाग से प्राप्‍त जानकारी अनुसार प्रचलित एमएसएमई विकास नीति 2021 अंतर्गत प्रावधानित सुविधाएँ पात्र इकाइयों को प्रदान करने हेतु नीति के प्रावधानों का पालन किया जा रहा है। विभाग द्वारा उद्योग स्थापित करने के पूर्व उद्योगों से किसी प्रकार का अनुबंध नहीं किया जाता है। (ग) प्रदेश में वृहद श्रेणी की औद्योगिक इकाइयों को प्रोत्साहित करने एवं रोजगार के अवसरों को बढ़ावा देने के दृष्टिगत उद्योग संवर्धन नीति, 2014 (यथा संशोधित) लागू है, जो संपूर्ण प्रदेश में प्रभावशील है। उक्त नीति अंतर्गत प्रावधानित वित्तीय तथा अन्य सुविधाओं का लाभ लेने वाली वृहद श्रेणी की पात्र औद्योगिक इकाइयों को उनके द्वारा उपलब्ध कराये गए कुल रोजगार का 70 प्रतिशत रोजगार मध्यप्रदेश के स्थायी निवासियों को दिया जाना अनिवार्य किये जाने का प्रावधान शासनादेश दिनांक 19.12.2018 द्वारा किया गया है। उक्‍त प्रावधान के परिप्रेक्ष्‍य में विभागीय आदेश जारी होने के दिनांक 19.12.2018 के बाद उत्‍पादन प्रारंभ करने वाली वृहद श्रेणी की औद्योगिक इकाइयों पर लागू हैं। सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्‍यम उद्यम विभाग से प्राप्‍त जानकारी अनुसार विभाग की प्रचलित एमएसएमई विकास नीति 2021 अंतर्गत प्रावधानित सुविधाओं की स्वीकृति हेतु इकाइयों द्वारा नियोजित कुल रोज़गार में से 70 प्रतिशत रोज़गार मध्यप्रदेश के निवासियों को प्रदान किये जाने का प्रावधान किया गया है। (घ) विभाग अंतर्गत एमपीआईडीसी एवं सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्‍यम उद्यम विभाग द्वारा ढोलू कन्स्ट्रक्शन कंपनी खांडा रामपुर को सुविधा/सहायता नहीं दी गई है। अतः शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ड.) प्रश्‍नांश (ग) एवं (घ) के उत्‍तर के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

खनिज प्रतिष्‍ठान की मद से राशि की स्‍वीकृति

[खनिज साधन]

67. ( क्र. 2228 ) श्री बिसाहूलाल सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनूपपुर जिला अंतर्गत खनिज मद प्रतिष्‍ठान मद से वित्‍तीय वर्ष 2023-24 में आदिम जाति कल्‍याण विभाग को विभिन्‍न कार्यों के लिए कितनी राशि स्‍वीकृत की गई? प्रत्‍येक कार्य का स्‍वीकृत आदेश की प्रति उपलब्‍ध करावें। (ख) क्‍या खनिज मद प्रतिष्‍ठान मद से स्‍वीकृत विभिन्‍न निर्माण कार्यों के लिए ई-निविदा आमंत्रित की गई है? यदि हाँ तो प्रत्‍येक कार्यों के न्‍यूनतम निविदा दर, निविदाकार का नाम तथा निविदा प्रकाशन किन-किन समाचार पत्रों में किया गया? उनकी प्रति उपलब्‍ध कराते हुए जानकारी देंवे। (ग) क्‍या खनिज मद प्रतिष्‍ठान मद से स्‍वीकृत कार्यों में अनेक कार्य बिना निविदा के विद्यालयों में गठित एस.एम.डी.सी. के माध्‍यम से कराये गये है? यदि हाँ तो प्रत्‍येक अलग-अलग कार्यों का नाम, निर्माण कार्य की लागत, विवरण उपलब्‍ध कराये (घ) प्रश्‍नांश (ख) एवं (ग) अनुसार ई-निविदा एवं मनमाने ढंग से एस.एम.डी.सी. को स्‍वीकृत कार्यों में लागत अनुसार तुलनात्‍मक पत्रक में जानकारी देते हुए बताये कि ई-निविदा एवं एस.एम.डी.सी. के कार्यों में कितनी राशि सी.एस.आर. के अनुसार कितनी राशि का अंतर आया? (ड.) क्‍या मध्‍यप्रदेश शासन, खनिज साधन विभाग मंत्रालय के पत्र क्रमांक एफ 12-2/2022/12/1/पार्ट भोपाल, दिनांक 08.06.2022 के आदेश की प्रति उपलब्‍ध कराते हुए बताये कि आदिम जाति कल्‍याण विभाग अनूपपुर ने खनिज साधन विभाग के आदेश का पालन किया है? यदि नहीं, तो क्‍यों तथा विभाग की स्‍वेच्‍छाचारिता से निविदा एवं बिना निविदा स्‍वीकृति कार्यों में कितने रूपये की आर्थिक क्षति शासन को हुई है?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) अनूपपुर जिला अंतर्गत खनिज मद प्रतिष्‍ठान मद से वित्‍तीय वर्ष 2023-24 में आदिम जाति कल्‍याण विभाग को विभिन्‍न कार्यों के लिए 1325.67 लाख की राशि स्‍वीकृत की गई है। स्‍वीकृत आदेश की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) जी हाँ। एस.एम.डी.सी. के माध्‍यम से कराये गये निर्माण कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (घ) प्रत्‍येक निविदा की दर भिन्‍न-भिन्‍न होता है। अत: एस.एम.डी.सी. एवं ई-निविदा का तुलनात्‍मक पत्रक दिया जाना संभव नहीं है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ड.) मध्‍यप्रदेश शासन, खनिज साधन विभाग, मंत्रालय के पत्र क्रमांक एफ 12-2/2022/12/1/पार्ट भोपाल, दिनांक 08/06/2022 के आदेश की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार है। भारत सरकार मानव संसाधन विकास मंत्रालय स्‍कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग शास्‍त्री भवन नई दिल्‍ली के वित्‍तीय शक्तियों में संशोधन किया गया है जिसकी कंडिका के पैरा क्रमांक 4.3.2 (बी) में 30 लाख तक के कार्य एस.एम.डी.सी. द्वारा कराये जाने के प्रावधान के तहत नवीन प्रयोगशाला/ पुस्‍तकालय/अतिरिक्‍त कक्ष के निर्माण हेतु जिला खनिज प्रतिष्‍ठान न्‍यास के पदेन अध्‍यक्ष कलेक्‍टर के अनुमोदन उपरांत एस.एम.डी.सी. को कार्य एजेंसी निर्धारित किया गया है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

थाना टी.टी. नगर में दर्ज प्रकरण की जानकारी

[गृह]

68. ( क्र. 2244 ) श्री कमलेश्वर डोडियार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि /span>(क) जिला भोपाल अंतर्गत थाना टी.टी. नगर में पंजीबद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट क्रमांक 0811/2019 आईपीसी की धारा 457, 380, दिनांक 05.09.2019 में 10 लाख रुपए से अधिक की चोरी की घटना में कौन-कौन नामजद आरोपी प्रथम सूचना रिपोर्ट में दर्ज किया गया था? उनका नाम, पता सहित बतावें एवं उक्त अपराध की निष्पक्ष एवं सूक्ष्म विवेचना हेतु तत्कालीन डीआईजी रेंज शहर भोपाल द्वारा कौन-कौन से आदेश से विशेष अनुसंधान दल का गठन एवं पुनर्गठन संशोधित आदेशों से किया है? उक्त समस्त विशेष अनुसंधान दल के आदेशों की छायाप्रतियां उपलब्ध करावें। उक्त विशेष अनुसंधान दल मध्यप्रदेश पुलिस मेन्युअल के किस नियम एवं सीआरपीसी की किस धारा के अंतर्गत गठित एवं पुनर्गठित किए गए थे? पूर्णतः स्पष्ट धाराओं सहित संपूर्ण जानकारी देवें। (ख) प्रश्‍नांश (क) में उल्लेखित गठित विशेष अनुसंधान दल में उक्त अपराध की जांच एवं विवेचना में कौन-कौन से अधिकारी शामिल थे, उनके नाम-पदनाम, वर्तमान पद स्थापना एवं उनके द्वारा उक्त अपराध की विवेचना में कौन-कौन के कथन सीआरपीसी 161 में लिए गए बतावें एवं उक्त प्रकरण के नामजद चोरी के आरोपियों को गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया एवं बिना नामजद आरोपी की गिरफ्तारी के उक्त प्रकरण में अपूर्ण विवेचना एवं दोषपूर्ण अनुसंधान के आधार पर खारिजी क्यों लगा दी गई। जबकि चोरी के घटना स्थल पर आने-जाने वाले रिश्तेदारों एवं बहनों श्रीमती उमा लोहिया एवं श्रीमती चंचल मयूर अग्रवाल एवं उनके पतियों एवं घरेलु नौकरों तथा किरायेदार से कोई पूछताछ क्यों नहीं की गई, कारण बतायें। इसके लिए कौन दोषी है? बतायें। (ग) क्या यह सत्य है कि उक्त प्रथम सूचना रिपोर्ट के मूल फरियादी डॉ. सिद्धार्थ गुप्ता द्वारा दिनांक 10.7.2019 से प्रश्‍न दिनांक तक की अवधि में लगभग 200 से अधिक आवेदन पत्र संबंधित तत्कालीन थाना प्रभारी, पुलिस अधीक्षक, डीआईजी रेंज शहर भोपाल, आईजी भोपाल पुलिस महानिदेशक, एडीजी सीआईडी, प्रमुख सचिव गृह, मुख्यमंत्री, मुख्यमंत्री को कई प्रार्थना पत्र लिखकर उक्त प्रकरण की निष्पक्ष एवं सूक्ष्म विवेचना हेतु पुलिस मुख्यालय स्तर पर पुलिस अधिनियम 1861 की धारा (3) एवं दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 36 एवं 158 के प्रावधानों के अनुरूप पुलिस मुख्यालय स्तर पर विशेष अनुसंधान दल के गठन की मांग की गई। यदि हाँ तो मूल फरियादी द्वारा लिखे गए प्रत्येक आवेदन पत्रों पर प्रश्‍न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? बतावें। (घ) क्या माननीय मंत्री महोदय उक्त प्रकरण में निष्पक्ष एवं सूक्ष्म विवेचना हेतु पुलिस मुख्यालय स्तर पर पुलिस अधिनियम 1861 की धारा (3), दंड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 36 एवं धारा 158 के प्रावधानों के अनुरूप पुलिस मुख्यालय स्तर पर विशेष अनुसंधान दल गठित करते हुए सीआरपीसी 1973 की धारा 173 (8) में अग्रिम विवेचना किए जाने के आदेश जारी करेंगे और उक्त प्रकरण में चोरी की घटना का खुलासा करते हुए नामजद आरोपी सहित सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर माननीय न्यायालय के समक्ष अभियोग पत्र प्रस्तुत करने के आदेश देंगे। यदि हां, तो कब तक, निश्चित समयावधि बतावें। यदि नहीं, तो क्‍यों नहीं?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'' अनुसार ">(ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'' अनुसार(ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'' अनुसार(घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'' अनुसार।

स्‍वीकृत देशी, विदेशी मदिरा दुकानों की जानकारी

[वाणिज्यिक कर]

69. ( क्र. 2245 ) श्री कमलेश्वर डोडियार : क्या उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश के जिला रतलाम, झाबुआ, अलीराजपुर में कुल कितनी देशी-विदेशी मदिरा दुकानें आबकारी विभाग द्वारा स्वीकृत की गई हैं, जो वर्तमान में संचालित उक्त स्वीकृत दुकानों का स्थान, दुकान संचालक के लाइसेंसधारी का नाम एवं उक्त स्वीकृत दुकानों में कार्यरत ठेकेदार के कर्मचारियों के नाम, पते, आधार क्रमांक एवं उक्त दुकानों में शराब कारोबार में लगे दुपहिया एवं चार पहिया वाहनों के नंबरों की जानकारी पृथक-पृथक जिलेवार उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्‍नांश (क) में उल्लेखित स्वीकृत दुकानों के स्थानों के अतिरिक्त संबंधित ठेकेदार को गांव-गांव में एवं होटल, रेस्टोरेंट व ढांबों पर जो देशी-विदेशी शराब बेचने की अनुमति संबंधित विभागीय अधिकारी द्वारा डायरी के माध्यम से या उप दुकानों के माध्यम से दी गई है। उसकी संपूर्ण सूची जिलेवार पृथक-पृथक उपलब्ध करावें। (ग) क्या प्रश्‍नकर्ता विधायक द्वारा मई एवं जून 2024 में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री, पुलिस महानिदेशक पुलिस मुख्यालय भोपाल एवं विभागीय प्रमुख सचिव, आबकारी आयुक्त को उनके विभागीय ई-मेल आईडी पर पत्र भेजकर जिला रतलाम के 221, सैलाना विधानसभा क्षेत्र में अवैध रूप से पुलिस अधीक्षक रतलाम एवं स्थानीय थाना पुलिस तथा आबकारी विभाग के अधिकारी-कर्मचारियों की मिलीभगत से स्वीकृत ठेकों एवं दुकानों के अतिरिक्त गांव-गांव बेची जा रही अवैध शराब पर रोक लगाने हेतु मय 373 अवैध शराब विक्रेताओं की सूची सहित शिकायत की है? यदि हाँ तो उक्त शिकायत पर सदन में उत्तर देने के दिनांक तक विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? कब तक संपूर्ण सैलाना विधानसभा क्षेत्र में अवैध शराब बिक्री पर पूर्णतः प्रतिबंध लगाने हेतु ठोस कानूनी कार्यवाही की जावेगी? निश्चित समयावधि बतावें। (घ) क्या प्रश्‍नांश (क) में उल्लेखित जिलों सहित प्रश्‍नकर्ता के सैलाना विधानसभा क्षेत्र में गांव-गांव बिक रही अवैध शराब पर प्रतिबंध लगाने हेतु संबंधित शराब ठेकेदारों के ठेकों को निरस्त कर उनकी जमा राशि राजसात करते हुए विभागीय रूप से उक्त शराब दुकान के ठेके चलाने के आदेश जारी करेंगे? यदि हाँ तो कब तक? निश्चित समयावधि बतावें, यदि नहीं, तो क्‍यों नहीं?

उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) (1) जिला रतलाम में कुल 99 कम्‍पोजिट मदिरा दुकानें स्‍वीकृति होकर संचालित है। वर्तमान में संचालित दुकानों स्‍थान, लायसेंसी, कर्मचारियों के नाम, पते, आधार क्रमांक आदि की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-एकअनुसार है। (2) जिला झाबुआ में कुल 33 कम्‍पोजिट मदिरा दुकानें स्‍वीकृति होकर संचालित है। वर्तमान में संचालित दुकानों स्‍थान, लायसेंसी, कर्मचारियों के नाम, पते, आधार क्रमांक आदि की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-दो अनुसार है। (3) जिला अलीराजपुर में कुल 19 कम्‍पोजिट मदिरा दुकानें स्‍वीकृति होकर संचालित है। वर्तमान में संचालित दुकानों स्‍थान, लायसेंसी, कर्मचारियों के नाम, पते, आधार क्रमांक आदि की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-तीन अनुसार है। शराब कारोबार में लगे दो पहिया एवं चार पहिया वाहनों की जानकारी रखने संबंधी प्रावधान न होने से उक्‍त जानकारी जिला कार्यालय में संधारित नहीं की जाती है। मध्‍यप्रदेश राजपत्र (असाधारण) क्रमांक 27 दिनांक 08.02.2024 में प्रकाशित आबकारी नीति में भी ऐसा कोई प्रावधान नहीं है। (ख) प्रश्‍नांश (क) में उल्‍लेखित स्‍वीकृत दुकानों के स्‍थानों के अतिरिक्‍त संबंधित ठेकेदार को गांव-गांव में एवं होटल, रेस्‍टोरेंट व ढाबों पर देशी/विदेशी शराब बेचने की अनुमति किसी भी संबंधित विभागीय अधिकारी द्वारा संबंधित ठेकेदारों को नहीं दी गयी है। शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ। मई एवं जून 2024 में जिला रतलाम के 221 सैलाना विधान सभा क्षेत्र में पुलिस अधीक्षक, रतलाम एवं स्‍थानीय थाना पुलिस तथा आबकारी विभाग के अधिकारी/कर्मचारियों की मिलीभगत से स्‍वीकृत ठेकों एवं दुकानों के अतिरिक्‍त गांव-गांव में 373 अवैध शराब विक्रेताओं की सूची सहित अवैध शराब बेचने संबंधी शिकायत की गई है। उक्‍त संबंध में सहायक आबकारी आयुक्‍त, जिला रतलाम द्वारा उल्‍लेखित किया गया है कि आबकारी विभाग के अधिकारी/कर्मचारियों की मिलीभगत से स्‍वीकृत ठेकों एवं दुकानों के अतिरिक्‍त गांव-गांव में 373 अवैध शराब विक्रेताओं की सूची सहित अवैध शराब बेचने संबंधी शिकायत की गई है। उक्‍त शिकायत में उल्‍लेखित स्‍थानों पर आबकारी वृत्‍त सैलाना के कार्यपालिक स्‍टाफ द्वारा लगातार दबिश दी जा रही है। जिसमें कुल 54 स्‍थानों पर तलाशी की कार्यवाही की जाकर कुल 34 न्‍यायालयीन प्रकरण पंजीबद्ध किये गये है, जिसमें कुल 34 व्‍यक्ति गिरफ्तार किये गये है एवं कुल 257.52 बल्‍क लीटर मदिरा जप्‍त की गई है। जिनका अनुमानित मूल्‍य लगभग रूपये 94460/- है। सैलाना विधान सभा क्षेत्र अन्‍तर्गत जिला रतलाम के आबकारी वृत्‍त सैलाना में अवैध शराब विक्रय पर नियंत्रण हेतु नियमित गश्‍त एवं उपलंभन कार्य किया जा रहा है। (घ) सैलाना विधान सभा क्षेत्र में वृत्‍त प्रभारी द्वारा सैलाना में गांव में बिक रही अवैध शराब पर प्रतिबंध लगाने हेतु नियमति उपलंभन कार्य किया जाकर नियमानुसार वैधानिक कार्यवाही की जाती है। अवैध मदिरा विक्रय में शराब ठेकेदार की संलिप्‍तता संबंधी कोई प्रकरण प्रकाश में नहीं आया है।

 

 

 

पुलिस चौकी की स्‍थापना

[गृह]

70. ( क्र. 2250 ) श्री बृज बिहारी पटैरिया : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि /span>(क) सागर जिले के अंतर्गत प्रश्‍नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र देवरी के केसली विकासखण्ड की ग्राम पंचायत देवरी नाहरमऊ (नन्‍ही देवरी) व आसपास का क्षेत्र जो वर्तमान में टड़ा पुलिस चौकी के अंतर्गत आता है। उक्त क्षेत्र की थाना गौरझामर, केसली व पुलिस चौकी से दूरी लगभग 18 कि.मी. है। दूरी अधिक होने के कारण इस क्षेत्र में आपराधिक घटनाएं लगातार घटित होती रहती है। यहाँ पुलिस चौकी बनाया जाना नितांत आवश्यक है। क्या देवरी नाहरमऊ (नन्हीदेवरी) में पुलिस चौकी स्वीकृत/स्थापित करने का कोई प्रस्ताव शासन स्तर पर लंबित है? (ख) यदि हाँ तो वहाँ पुलिस चौकी कब तक स्थापित/स्वीकृत कर दी जाएगी? (ग) यदि नहीं, तो इस संबंध में शासन की क्या योजना/मंशा है?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) नाहरमऊ (नन्ही देवरी) में सामान्य अपराधिक घटनांए घटित होती है। देवरी नाहरमऊ (नन्ही देवरी) में पुलिस चौकी स्वीकृत/स्थापित करने का कोई प्रस्ताव लंबित नहीं है। (ख) प्रश्‍नांश (क) के उत्‍तर के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) भविष्य की आवश्‍यकताओं के परिप्रेक्ष्य में नियमानुसार निर्णय लिया जावेगा।

टड़ा पुलिस चौकी का पुलिस थाने में उन्‍नयन

[गृह]

71. ( क्र. 2251 ) श्री बृज बिहारी पटैरिया : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि /span>(क) सागर जिले के अंतर्गत प्रश्‍नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र देवरी के विकासखण्‍ड केसली का ग्राम टड़ा जो सागर, नरसिंहपुर व रायसेन जिले की सीमाओं से लगा हुआ है। सागर जिले का अंतिम छोर का क्षेत्र है। यहां वर्तमान में केवल पुलिस चौकी संचालित/स्‍थापित है। तीनों जिलों की सीमा पर होने व क्षेत्र बड़ा होने के कारण इस क्षेत्र में आपराधिक गतिविधियां सतत् होती रहती है? क्‍या उक्‍त बड़े क्षेत्र में कानून व्‍यवस्‍था व सुरक्षा की दृष्टि से टड़ा में पुलिस थाना स्‍वीकृत करने का कोई प्रस्‍ताव शासन स्‍तर पर लंबित है? (ख) यदि हाँ तो टड़ा में कब तक पुलिस थाना स्‍वीकृत कर दिया जायेगा? (ग) यदि नहीं, तो इस संबंध में शासन की क्‍या योजना/मंशा है?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) टड़ा क्षेत्र में सामान्य अपराधिक घटना घटित होती रहती है, जिनको टड़ा चौकी से नियंत्रित कर लिया जाता है, किन्तु इतनी बडी घटनांए नहीं होती कि टड़ा चौकी का थाने में उन्नयन किया जाए। टड़ा में पुलिस थाना स्वीकृत करने का कोई प्रस्ताव लंबित नहीं है। (ख) प्रश्‍नांश (क) के उत्‍तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) भविष्य की आवश्‍यकताओं के परिप्रेक्ष्य में नियमानुसार निर्णय लिया जावेगा।

 

 

 

पुलिस चौकी की स्‍थापना/स्‍वीकृति

[गृह]

72. ( क्र. 2252 ) श्री बृज बिहारी पटैरिया : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या सागर जिले अंतर्गत प्रश्‍नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र देवरी के केसली थाना क्षेत्र में 145 ग्राम आते हैं, जो पुलिस थाने की नियंत्रण क्षमता से अधिक है? इसी थाना क्षेत्र में लगभग 18 कि.मी. की दूरी पर जंगल से लगा हुआ एवं नरसिंह‌पुर जिले की सीमा से लगा हुआ ग्राम सहजपुर व आसपास का क्षेत्र है, जिसकी थाने से दूरी अधिक होने के कारण आपराधिक गतिविधियां/घटनायें लगातार घटित होती रहती हैं। (ख) क्‍या उक्‍त घटनाओं को दृष्टिगत रखते हुये सहजपुर में पुलिस चौकी स्‍थापित/स्‍वीकृत करने का कोई प्रस्‍ताव शासन स्‍तर पर लंबित है? (ग) यदि हाँ तो सहजपुर में पुलिस चौकी कब तक स्‍वीकृत/‍ स्‍थापित हो जायेगी? (घ) यदि नहीं, तो उक्त संबंध में शासन की क्या योजना/मंशा है?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) केसली थाना क्षेत्र में 119 ग्राम आते है। थाना केसली अंतर्गत एक चौकी टड़ा संचालित होती है, जिसमें थाना क्षेत्र के 119 ग्रामों में से 29 ग्राम आते है। सहजपुर क्षेत्र में सामान्य अपराधिक घटनाएं घटित होती रहती है, किन्तु इतनी घटनाएं नहीं होती कि सहजपुर में पुलिस चौकी स्थापित की जाए। (ख) सहजपुर में पुलिस चौकी स्वीकृत/स्थापित करने का कोई प्रस्ताव लंबित नहीं है। (ग) प्रश्‍नांश (ख) के उत्‍तर के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (घ) भविष्य की आवश्‍यकताओं के परिप्रेक्ष्य में नियमानुसार निर्णय लिया जावेगा।

सर्विस प्रोवाइडर द्वारा अनियमितता

[वाणिज्यिक कर]

73. ( क्र. 2265 ) श्री निलेश पुसाराम उईके : क्या उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश के जिला पांढुर्ना, छिंदवाड़ा व सिवनी में सर्विस प्रोवाइडर (स्टाम्प ब्रिक्री व लेखन कार्य) के द्वारा अनियमितता के संबंध में स्थानीय जनप्रतिनिधियों व अन्य सामाजिक/ मजदूर संघो द्वारा शासन/विभाग को कोई शिकायत की गई है? यदि हाँ, तो वह क्या है और उसमें क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों और कब तक की जावेगी? (ख) क्या प्रदेश के जिला-सिवनी, जबलपुर व छतरपुर में पदस्थ आबकारी उपनिरीक्षक, सहायक जिला आबकारी अधिकारी एक ही जिले में 6-7 वर्ष से अधिक अवधि से पदस्थ है? यदि हाँ तो उनके नाम व पदस्थापना अवधि की जानकारी परि‍वीक्षा अवधि सहित देवें? क्या इन्हें एक ही जिलों में इतनी अधिक अवधि तक पदस्थ रखा जा सकता है? यदि नहीं, तो इन्हें कब तक अन्यत्र जिले में पदस्थ किया जावेगा?

उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) सिवनी जिले में सर्विस प्रोवाइडर (स्‍टाम्‍प बिक्री व लेखन कार्य) के द्वारा अनियमितता के संबंध में भारतीय मजदूर संघ ने सेवा प्रदाताओं के संबंध में शिकायत की गई। जिला पंजीयक सिवनी द्वारा समस्‍त सेवा प्रदाताओं को निर्धारित विक्रय करने, लिखाई की दरें प्रदर्शित करने वाले बोर्ड लगाने एवं आदेश की अवहेलना करने पर लायसेंस निलंबित किये जाने के निर्देश दिये गये। जिला पांढुर्णा व छिंदवाडा में सर्विस प्रोवाइडर के विरूद्ध शिकायत अप्राप्‍त है। अतएव जानकारी निरंक है। विभाग द्वारा भी प्रदेश स्‍तर पर समस्‍त जिला पंजीयकों को इस संबंध में निर्देश जारी किये गये है। (ख) जिला सिवनी जबलपुर व छतरपुर में 6-7 वर्ष से अधिक अवधि से पदस्‍थ सहायक जिला आबकारी अधिकारी/आबकारी उपनिरीक्षकों की सूची जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट पर है। प्रशासकीय आवश्‍यकता अनुसार स्‍थानांतरण किये जाते है।

परिशिष्ट - "पैंतीस"

सहायक जिला आबकारी अधिकारियों की जानकारी

[वाणिज्यिक कर]

74. ( क्र. 2266 ) श्री निलेश पुसाराम उईके : क्या उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश के जिला सिवनी, जबलपुर व छतरपुर में जिलों में पदस्थ आबकारी उपनिरीक्षक व सहायक जिला आबकारी अधिकारियों को अन्यत्र जिला स्थानांतरित करने हेतु स्थानीय जनप्रतिनिधियों व संघठनो द्वारा शासन/विभाग को कोई पत्र लिखा गया हैं? यदि हाँ तो उसकी जानकारी देवें। क्या शासन/विभाग द्वारा इस पर कोई कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो कब तक कि जावेंगी? (ख) क्या प्रश्‍नांश (क) में वर्णित जिलों में पदस्थ अधिकारियों को इसके पूर्व उसी जिले में लगभग 10-15 वर्षों तक पदस्थ रहने व अन्य शिकायतों के कारण अन्यत्र जिला स्थानांतरित किया गया था? यदि हाँ तो कब व उन्हें पुनः उसी जिले में पदस्थ करने का क्या कारण है? क्या यह शासन की स्थानांतरण नीति के अनुकूल हैं? यदि नहीं, तो उन्हें कब तक अन्यत्र जिला स्थानांतरित किया जावेगा? क्या उक्त जिलों में पदस्थ अधिकारियों का गृह जिला भी वही है? यदि हाँ तो क्या उन्हें गृह जिले में पदस्थ किया जा सकता है? यदि नहीं, तो कब तक अन्यत्र जिला पदस्थ किया जावेगा?

उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

शासकीय अनुदान में भ्रष्टाचार

[महिला एवं बाल विकास]

75. ( क्र. 2284 ) श्री चन्‍द्रशेखर देशमुख : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मुलताई विधानसभा की 134 ग्राम पंचायत एवं नगर पालिका क्षेत्र में कुल कितनी आंगनवाड़ियां संचालित है, इन आंगनवाड़ियों में विगत 3 वर्षों की धात्री महिलाओं एवं शिशुओं की दर्ज संख्या का विवरण उपलब्ध कराया जावें? (ख) प्रश्‍नांश (क) में दर्ज संख्या के विपरीत माहवार वास्तविक उपस्थिति का सत्यापन क्या किसी अधिकारी कर्मचारी अथवा जनप्रतिनिधि द्वारा किए जाने के नियम है? यदि नहीं, तो क्या विभाग ऐसे निर्देश जारी करेगा की आंगनवाड़ी में दर्ज संख्या के विपरीत वास्तविक उपस्थिति का माहवार सत्यापन किया जा सके? (ग) मुलताई विधानसभा में संचालित आंगनवाड़ियों में शासन द्वारा धात्री महिलाओं एवं शिशुओं के स्वास्थ्य हेतु कौन-कौन सी योजनाएं चालू है, इन योजनाओं में प्रति हितग्राही कितनी-कितनी मात्रा में क्या-क्या लाभ प्रदाय किए जाने के नियम है? (घ) प्रश्‍नांश (ग) में विगत 5 वर्षों की आंगनवाड़ीवार वितरित पोषण आहार की जानकारी उपलब्ध कराई जावें।

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) मुलताई विधानसभा की 134 ग्राम पंचायत क्षेत्र में 316 आंगनवाड़ी केन्द्र एवं नगर पालिका क्षेत्र में 16 आंगनवाड़ी केन्द्र, इस प्रकार कुल 332 आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित है। जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट-''एक'' पर है। (ख) आंगनवाड़ी में दर्ज संख्या के अनुसार वास्तविक उपस्थिति का माहवार सत्यापन पर्यवेक्षक एवं परियोजना अधिकारी द्वारा भ्रमण के दौरान किया जाता है। अतः शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट-दो पर है। (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

परिशिष्ट - "छत्‍तीस"

जेल में कैदियों पर व्‍यय

[जेल]

76. ( क्र. 2285 ) श्री चन्‍द्रशेखर देशमुख : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि क) मुलताई जेल की कैदियों की क्षमता क्या है, क्या क्षमता से अधिक कैदी है? तो संख्या बतावें। (ख) कैदि‍यों को दिये जाने वाले भोजन पर प्रतिदिन कितना खर्च होता है? जानकारी देवें। /span>(ग) कैदि‍यों के स्वास्थ्‍य परीक्षण कब-कब किया जाता है? जानकारी देवें। (घ) जेल में कितने कर्मचारी एवं अधिकारी कार्यरत है? जानकारी देवें।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) मुलताई जेल की क्षमता 110 कैदियों की है। जी नहीं, दिनांक 20.06.2024 को 108 कैदी परिरूद्ध हैं। (ख) कैदियों के भोजन पर प्रति कैदी प्रतिदिन लगभग रू. 53/- खर्च होता है। (ग) कैदियों के जेल प्रवेश के दौरान स्‍वास्‍थ्‍य परीक्षण एवं आवश्‍यक जांच कराई जाती है। प्रत्‍येक माह में सामुदायिक स्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्र के माध्‍यम से स्‍वास्‍थ्‍य कैम्‍प आयोजित किया जाता है। जेल पर पदस्‍थ अंशकालीन चिकित्‍सक द्वारा माह में 10 बार जेल विजिट कर बंदियों का उपचार किया जाता है। (घ) सब जेल मुलताई में 01 अधिकारी एवं 22 कर्मचारी कार्यरत हैं।

आंगनवाड़ि‍यों में पोषण आहार वितरण

[महिला एवं बाल विकास]

77. ( क्र. 2287 ) श्री प्रदीप अग्रवाल : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) दतिया जिले की आंगनवाड़ियों में पोषण आहार वितरण का कार्य वर्ष 2021-22 से प्रश्‍न दिनांक तक किन-किन समूहों को किस दिनांक से दिया गया है? विकासखण्डवार, आंगनवाड़ीवार जानकारी समूह का नाम सहित जानकारी उपलब्ध कराई जावे। (ख) जिन समूहों को पोषण आहार का कार्य दिया गया है उसकी क्या सेवा शर्तें है, अनुबंध की छायाप्रति सहित जानकारी उपलब्ध कराई जावे। (ग) पोषण आहार वितरण की जांच/निरीक्षण हेतु कौन-कौन अधिकारी अधिकृत है, क्या कभी जांच या निरीक्षण किये गये, क्या निरीक्षण के दौरान अनियमितताएं पाई गई है, क्या कभी इन समूहों पर कोई जुर्माना या अन्य कोई कार्यवाही की गई है? यदि हाँ तो निरीक्षणकर्ता अधिकारियों के नाम, पद और उनके द्वारा दिये गये निरीक्षण प्रतिवेदनों की छायाप्रति के साथ जुर्माना अथवा की गई कार्यवाही की जानकारी उपलब्ध कराई जावे। (घ) क्या एक ही समूह को अधिकांश आंगनवाड़ियों को पोषण आहार वितरण के कार्य विभाग के अधिकारियों द्वारा दिये गये है? जिससे उन व्यक्तियों/समूहों के साथ विभाग के अधिकारियों की संलिप्तिता प्रतीत होती है, यदि नहीं, तो जांच कराई जावे।

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) दतिया जिले के अन्तर्गत आंगनवाड़ि‍यों में पोषण आहार वितरण का कार्य पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-'''' पर है। दर्शित स्व-सहायता समूहों द्वारा अनुबंध दिनांक से किया जा रहा है। विकासखण्‍डवार, आंगनवाड़ीवार समूहों की संख्या एवं आंगनवाड़ी केन्द्रों की संख्या की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'' एवं '' पर है। (ग) पोषण आहार वितरण की जांच/ निरीक्षण के लिये विभागीय अधिकारी-जिला कार्यक्रम अधिकारी, परियोजना अधिकारी एवं सेक्टर पर्यवेक्षक अधिकृत है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-द पर है। (घ) जी हां। जी नहीं। अतः शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

नर्मदा घाटी परियोजना से सिंचाई हेतु पानी

[नर्मदा घाटी विकास]

78. ( क्र. 2293 ) श्री सतीश मालवीय : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि क) उज्जैन जिले की घट्टिया विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत नर्मदा घाटी परियोजना के अन्तर्गत (नर्मदा-गंभीर-मालवा योजना) में क्षेत्र के किसानों को खेतों में सिंचाई हेतु किन-किन ग्रामों में पानी पहुँचाया गया है? सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में जिन ग्रामों में किसानों की खेतों में सिंचाई हेतु नहीं पहुंचा है? उन ग्रामों में कब तक पानी पहुँचाया जावेगा? सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) घट्टिया विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत नर्मदा घाटी परियोजना के अन्तर्गत, कौन-कौन सी योजनाएं संचालित हो रही हैं? सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट-'''' अनुसार है। नर्मदा-मालवा-गंभीर लिंक योजना से शेष बचे ग्रामों में सिंचाई हेतु जल उपलब्‍ध कराया जाना प्रस्‍तावित नहीं है। (ग) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट-'''' एवं '''' अनुसार है।

परिशिष्ट - "सैंतीस"

संविलियन की प्रक्रिया

[सामान्य प्रशासन]

79. ( क्र. 2307 ) श्री सुरेन्‍द्र सिंह हनी बघेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा संविलियन की प्रक्रिया के लिए जारी दिशा-निर्देश एवं प्रक्रिया की सत्यापित छायाप्रति प्रदान करने का कष्ट करें। (ख) संविलियन का कार्य किसके कार्यक्षेत्र में आता है? सामान्य प्रशासन विभाग अथवा किसी अन्य विभाग के तहत? (ग) क्या जिस कर्मचारी का किसी भी विभाग में प्रथम नियुक्ति आदेश जारी न हुआ हो तो उस कर्मचारी का किसी भी विभाग, संस्था या एस.पी.वी. में किसी भी पद पर संविलियन किया जा सकता है? हाँ अथवा नहीं। यदि हाँ तो किस प्रक्रिया के तहत।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) सार्वजनिक उपक्रम के कर्मचारियों के संबंध में जारी परिपत्र क्रमांक सी-3/4/2008/3/एक, दिनांक 11 फरवरी, 2008 पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार(ख) एवं (ग) प्रश्‍नांश (क) के उत्‍तर के प्रकाश में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

प्रथम सूचना रिपोर्ट पर कार्यवाही

[गृह]

80. ( क्र. 2308 ) श्री सुरेन्‍द्र सिंह हनी बघेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रथम सूचना रिपोर्ट नं. 0162 थाना एम.पी. नगर भोपाल शहरी वर्ष 2022 में दिनांक 01/12/2023 से प्रश्‍न दिनांक तक जो कार्यवाही की गई का पूर्ण विवरण मय दस्तावेज प्रदाय करें। प्रथम सूचना रिपोर्ट कौन सी धारा के तहत पंजीबद्ध की गई? कौन से अधिनियम एवं धाराओं के तहत अपराध हुआ? इन धाराओं के तहत क्या कार्यवाही होनी थी? क्या कार्यवाही की गई और कब कार्यवाही की गई? मय दस्तावेज जानकारी प्रदान करें। (ख) उपरोक्त (क) के तहत 01/12/2023 से 01/06/2024 तक शिकायतकर्ता द्वारा दिए गए बयान, दस्तावेज एवं पत्राचार, ईमेल की छायाप्रति प्रदान करें। आरोपियों के नाम एवं उनके द्वारा दिए गए बयान की छायाप्रति प्रदान करें। जांच अधिकारी का नाम एवं पद बताएं। यदि जांच पूर्ण हो चुकी है तो डी.पी.ओ. एवं वरिष्‍ठ अधिकारियों के लिखित अभिमत, जांच रिपोर्ट की छायाप्रति प्रदान करें। (ग) थाना हनुमानगंज भोपाल में प्राप्त पत्र दिनांक 11/04/2023 विषयः लोक सूचना अधिकारी आर.के. सक्सेना, सहायक लोक सूचना अधिकारी रोहित यादव, सहायक एकाउंटेंट राकेश कुमार वर्मा, मोहित दुबे सी.ई.ओ. चलो मोबिलिटी प्राइवेट लिमि. मेसर्स जॉपहॉप टेक्नोलॉजी प्रा.लि. तथा हर्ष एलजीपुरिया हेड चलो मोबिलिटी भोपाल के विरूद्ध उनके द्वारा एन.आई.टी. 78 में की गई धोखाधड़ी कूटरचित दस्तावेज का निर्मित करना तथा भ्रष्टाचार से संबंधित रिपोर्ट दर्ज करने बाबत्। श्रीमान थाना प्रभारी महोदय, पुलिस थाना हनुमानगंज, भोपाल शहरी वर्ष 2023 में दिनांक 01/01/2024 से 01/06/2024 तक इस पत्र पर जो कार्यवाही की गई, का पूर्ण विवरण मय दस्तावेज प्रदाय करें। (घ) उपरोक्त (ग) अनुसार शिकायतकर्ता द्वारा दिए गए बयान की छायाप्रति प्रदान करें। आरोपियों के नाम एवं उनके द्वारा दिए गए बयान की छायाप्रति प्रदान करें। क्या प्रथम सूचना रिपोर्ट पंजीबद्ध की गई अथवा नहीं? यदि हाँ तो प्रथम सूचना रिपोर्ट की छायाप्रति प्रदान करें। यदि प्रथम सूचना रिपोर्ट पंजीबद्ध नहीं की गई है तो कब तक होगी? समय अवधि बताएं। यदि जांच पूर्ण हो चुकी है तो जांच रिपोर्ट प्रदाय करें।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'' अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'' अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'' अनुसार। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'' अनुसार।

आउटसोर्स कर्मचारियों की जानकारी

[सामान्य प्रशासन]

81. ( क्र. 2352 ) श्री सुनील उईके : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश के समस्त शासकीय विभागों में आउटसोर्सिंग एजेंसी/कम्पनी के माध्यम से वर्तमान में आउटसोर्स कर्मचारी नियुक्त हैं? (ख) क्या इन कर्मचारियों के लिए समान कार्य समान वेतन सहित अन्य श्रम कानून के तहत शासकीय सुविधाओं जैसे प्रतिवर्ष वेतनवृद्धि, मातृत्व अवकाश, स्‍थानांतरण नीति, जीवन बीमा, पीएफ इत्यादि का लाभ प्राप्त हो रहा है? (ग) क्या आउटसोर्स कर्मचारियों के हित में इन्हें विभागीय नियमितीकरण का लाभ देने हेतु शासन के अधीन कोई नीति निर्धारित की जा रही है?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। (ख) आउटसोर्स कर्मचारी शासकीय सेवकों की श्रेणी में नहीं आते है। (ग) जी नहीं।

अ.ज.जा. एवं अ.जा. के विरूद्ध आपराधिक मामले

[गृह]

82. ( क्र. 2354 ) श्री सुनील उईके : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोकसभा क्षेत्र छिन्‍दवाड़ा में विगत दो वर्ष में अनुसूचित जनजाति एवं अनुसूचित जाति वर्ग के विरूद्ध कितने अपराध पंजीबद्ध किये गये है? (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ अनुसार विगत दो वर्ष में पंजीकृत अपराधों में न्‍यायालय में कितने चालान प्रस्‍तुत किये गये है एवं इन प्रकरणों में क्‍या कार्यवाही की गई है? (ग) वर्ष 2014 में ग्राम गुलसी विकासखण्‍ड बिछुआ में निहत्‍थे आदिवासियों पर 22 सितम्‍बर, 2014 को गोली कांड में किन-किन अपराधियों पर क्‍या कार्यवाही हुई? (घ) छिन्‍दवाड़ा जिले में विगत दो वर्षों में कितनी आदिवासी महिलाओं के बलत्‍कार के मामलों में कितने प्रकरण दर्ज हुये है एवं उन अपराधियों पर क्‍या कार्यवाही की गई है एवं कितना मुआवजा दिया गया है?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) लोक सभा क्षेत्र छिन्दवाड़ा में विगत दो वर्षों में अनुसूचित जनजाति एवं अनुसूचित जाति वर्ग के विरूद्ध वर्ष 2022 में 4515 एवं वर्ष 2023 में 4851 अपराध पंजीबद्ध है। (ख) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट-'' अनुसार(ग) वर्ष 2014 में ग्राम गुलसी विकासखण्ड बिछुआ में 22 सितम्बर 2014 को अज्ञात वन कर्मियों पर थाना बिछुआ में अप.क. 237/14 धारा 147, 148,149,302 भादवि का प्रकरण पंजीबद्ध किया गया था। घटना की गंभीरता को देखते हुए जिला कलेक्टर द्वारा एडीएम को जाँच अधिकारी नियुक्त कर मजिस्ट्रियल जाँच हेतु आदेशित किया था। मजिस्ट्रियल जाँच उपरांत शासन द्वारा प्रकरण में जो अनुशंसाएँ की गई थी, उसके संबंध में 5 लोगों की मंत्री परिषद द्वारा की गई अनुशंसा को राज्य शासन द्वारा अनुमोदित किया गया। पाँच सदस्यीय टीम ने उपरोक्त घटना के संबंध में माना कि वन कर्मियों द्वारा उनके सदभावना पूर्ण कर्तव्य के दौरान घटना घटित हुई है जिसके लिये भादवि की धारा 197 के अंतर्गत इस प्रकरण के समस्त वन अधिकारी एवं कर्मचारियों को संरक्षण दिया जाना उचित होगा तथा एफ.आई.आर. निरस्त करने हेतु अनुशंसा की गई। एफ.आई.आर. निरस्त करने हेतु खात्मा क. 24/19 तैयार कर दिनांक 13.09.23 को डायरी माननीय न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी सौसर, जिला छिन्दवाड़ा की न्यायालय में पेश की गई। प्रकरण की फरियादी साक्षी बंडू, सीलू ने न्यायालय में प्रस्तुत होकर खात्मा स्वीकृति के संबंध में अपनी सहमति भी दी थी लेकिन प्रकरण के एक स्वतंत्र पक्ष द्वारा अन्वेषण के संबंध में लिखित आपत्ति माननीय न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत करने पर माननीय न्यायालय द्वारा पुनः अन्वेषण करने के निर्देश के साथ खात्मा डायरी आरक्षी केन्द्र बिन्छुआ को वापस की गई है। (घ) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट-'' अनुसार

परिशिष्ट - "अड़तीस"

 

औद्योगिक क्षेत्र में आवंटित किये गए भूखंडो की जानकारी

[सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्‍यम उद्यम]

83. ( क्र. 2358 ) डॉ. तेजबहादुर सिंह चौहान : क्या सूक्ष्‍म,लघु एवं मध्‍यम उद्यम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्राम फर्नाखेदी खाचरोद के औद्योगिक क्षेत्र में कितने लोगो को भू-खंड आवंटित किये गए है एवं कितने भू-खण्ड शेष है? सूची सहित जानकारी दें। (ख) इन भू-खंडों पर आवंटन की प्रक्रिया क्या अपनाई गयी, क्या प्रक्रिया पारदर्शी थी? (ग) भू-खण्ड लेने वाले व्यक्ति को न्यूनतम कितने समय में अपना लघु उद्योग स्थापित करना आवश्यक है? क्या उद्योग स्थापित नहीं करने पर इनके भू-खण्ड निरस्त कर अन्य लोगो को आवंटित किये जाएगे? ">(घ) उद्योग स्थापित न करने वाले वे लोग जो भू-खण्ड को विक्रय व्यावसायिक दृष्टि से करेंगे क्या इनके खिलाफ शासन की कार्यवाही का प्रावधान है यदि हाँ तो क्या कार्यवाही की जाएगी?

सूक्ष्‍म,लघु एवं मध्‍यम उद्यम मंत्री ( श्री चेतन्‍य कुमार काश्‍यप ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) भूखण्‍डों के आवंटन हेतु मध्‍यप्रदेश एमएसएमई को औद्योगिक भूमि तथा भवन आवंटन एवं प्रबंधन नियम 2021 अनुसार प्रथम आओ प्रथम पाओ पद्धति से इलेक्‍ट्रॉनिक पोर्टल के माध्‍यम से आवंटन प्रक्रिया अपनाई गई है। भूखण्‍ड आवंटन से पूर्व 2 दैनिक समाचार पत्रों में विज्ञप्ति का प्रकाशन किया गया है। आवंटन की प्रक्रिया पूर्णत: पारदर्शी थी। (ग) मध्‍यप्रदेश एमएसएमई को औद्योगिक भूमि तथा भवन आवंटन एवं प्रबंधन नियम 2021 अनुसार भूखण्‍ड लेने वाले व्‍यक्तियों को 2 वर्ष में लघु उद्योग स्‍थापित करना आवश्‍यक है। चूंकि भूमि के आवंटन पश्‍चात समय-सीमा पूर्ण नहीं हुई है। अत: शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (घ) मध्‍यप्रदेश एमएसएमई को औद्योगिक भूमि तथा भवन आवंटन एवं प्रबंधन नियम 2021 अनुसार लीजगृहिता द्वारा लीजहोल्‍ड भूखण्‍ड का विक्रय नहीं किया जा सकता है। अत: शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

हालोन बांध एवं नहरों के निर्माण हेतु अनुबंधित फर्म पर शास्ति

[नर्मदा घाटी विकास]

84. ( क्र. 2369 ) श्री नारायण सिंह पट्टा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या हालोन नदी पर बनाये जा रहे बांध एवं नहरों के निर्माण हेतु 29/10/2021 को अनुबंधित फर्म से अनुबंध समाप्त कर 24.56 करोड़ की शास्ति लगाई जाकर राशि वसूल कर शासकीय कोष में जमा किया गया है? इसके पूर्व उक्त फर्म को कुल कितना भुगतान विभाग द्वारा किया गया है? फर्म से अनुबंध समाप्त करने के बाद कुल कितनी राशि का कार्य शेष रह गया है? शेष कार्य हेतु निविदा उपरांत किस फर्म को कार्य दिया गया है? अनुबंधित कार्य की क्या लागत है? कार्य की समय-सीमा क्या है? वर्तमान में कार्य की प्रगति से अवगत करावें। (ख) उक्त नहरों के निर्माण हेतु कहाँ-कहाँ कितना कार्य प्रस्तावित है? कार्यादेश के बाद से फर्म द्वारा अब तक कितना कार्य किया गया है? इस हेतु फर्म को अब तक कितना भुगतान किया गया है? शेष कार्य कितनी समय-सीमा में पूर्ण कर लिया जायेगा? (ग) उपरोक्त कार्यों की गुणवत्ता जाँच कब-कब, किन-किन के द्वारा की गई है? विस्तृत जानकारी देवें। क्या यह सही है कि नहरों के निर्माण में गुणवत्ता का ध्यान न रखते हुए गड़बड़ी की जा रही है? क्या इसकी जाँच की जाएगी?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हां। राशि रू. 177.46 करोड़ का। राशि रू. 150.70 करोड़ का। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'''' अनुसार है। (ख) जिला मंडला, विधानसभा क्षेत्र बिछिया व निवास के अंतर्गत कुल 46 ग्रामों की कुल 13,040 हेक्‍टेयर भूमि में सिंचाई किया जाना प्रस्‍तावित है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'''' अनुसार है। (ग) कार्यपालन यंत्री, गुणवत्‍ता नियंत्रण संभाग क्रमांक-29, बरगी हिल्‍स, जबलपुर द्वारा। गुणवत्ता परिणाम पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-'''' अनुसार है। जी नहीं। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

प्रस्‍तावित विकास कार्यों की जानकारी

[गृह]

85. ( क्र. 2370 ) श्री नारायण सिंह पट्टा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के कितने ग्राम नक्सली गतिविधियों के लिए संवेदनशील हैं? जिलेवार ग्रामों के नाम उपलब्ध करावें। इन ग्रामों के विकास के लिए विभाग द्वारा अब तक क्या-क्या प्रयास किये गए हैं? क्या इन ग्रामों में विकास कार्यों हेतु विभाग द्वारा अन्य विभागों को प्रस्ताव दिए गए हैं? यदि हाँ तो प्रस्तावों की प्रति उपलब्ध करावें। इनमें से कौन-कौन से कार्य करवाये गए हैं? (ख) मंडला जिले के संवेदनशील ग्रामों में विगत 10 वर्ष में किन-किन ग्रामों में कब-कब नक्सली घटनायें हुई हैं? इन घटनाओं में कितने नक्सली मारे गए हैं? कितने पुलिसकर्मी सुरक्षा कर्मी घायल या मृत हुए हैं? (ग) प्रश्‍नांश (ख) में उल्लेखित ग्रामों में विकास कार्य के लिए विभाग द्वारा कौन-कौन से विकास कार्य प्रस्तावित किये गए हैं? विभाग द्वारा कितनी राशि इन कार्यों हेतु प्रदाय की गई है? इन ग्रामों में और कौन-कौन से आवश्यक कार्य हैं जो किये जाने महत्वपूर्ण हैं? इनके लिए विभाग द्वारा क्या प्रयास किये जा रहे हैं?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) प्रदेश के 661 ग्राम नक्सली गतिविधियों के लिए संवेदनशील हैं। जिलेवार ग्रामों के नाम  की जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट-क अनुसार। जी नहीं। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ख) विगत 10 वर्षों में मण्डला जिले में कुल 15 नक्सल संबंधी घटनाए हुई है। ग्रामवार सूची जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट-ख अनुसार। पुलिस-नक्सल मुठभेड़ की घटनाओं में 02 नक्सल मारे गए हैं। जिले में पुलिसकर्मी/सुरक्षाकर्मी घायल अथवा मृत नहीं हुए हैं। (ग) प्रश्‍नांश (ख) में उल्लेखित ग्रामों में विकास कार्य के लिए पुलिस विभाग द्वारा कोई प्रस्ताव अन्य विभाग को नहीं भेजा गया है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट - "उनतालीस"

मैगनीज इंडिया लि. द्वारा सी.एस.आर. फंड का उपयोग

[खनिज साधन]

86. ( क्र. 2376 ) श्री मधु भाऊ भगत : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) समस्त बालाघाट जिले में चल रही मैगनीज इंडिया लिमिटेड द्वारा वर्ष 2020 से CSR फंड का उपयोग कहां-कहां किया गया और किस-किस कार्यों के लिए किया गया? क्या मैगनीज इंडिया लिमिटेड द्वारा जिन ग्रामों को अडोप/गोद लिया गया है? उन्हें CSR फंड का लाभ मिला है? यदि हाँ तो समस्त कार्यों की जानकारी एवं निविदा, कार्य आदेश की प्रतियां बताएं। यदि नहीं, तो क्यों? ">(ख) क्या बालाघाट जिले में चल रही मैगनीज इंडिया लिमिटेड भरवेली, उकवा खान में मैगनीज इंडिया लिमिटेड द्वारा टेंडर के माध्यम से जिन प्राइवेट कंपनियों को कार्य दिया जा रहा है उन प्राइवेट कंपनियों की जानकारी एवं वर्ष 2020 से उनके द्वारा प्रतिवर्ष कितने नए ठेका श्रमिक भर्ती हुए हैं एवं कितने ठेका श्रमिक पुराने हैं? क्या यह सभी ठेका श्रमिकों का प्राइवेट कंपनियों द्वारा दिए जाने वाले भुगतान एवं पी.एफ. फंड समय-समय पर काटा जा रहा है? यदि हाँ तो समस्त श्रमिकों की जानकारी एवं उनके द्वारा दिए गए भुगतान एवं काटे गए पी.एफ.फंड की जानकारी उपलब्‍ध करावें। (ग) क्या जिले में चल रही उकवा मॉयल के आसपास निवास कर रहे ग्रामों का जलस्तर गिर रहा है? यदि हाँ तो मॉयल द्वारा ग्रामीणों के लिए क्या-क्या सुविधा उपलब्ध करवाई गई है? यदि नहीं, तो क्यों? समस्त कार्यों की जानकारि‍यां निविदाये, कार्य आदेश की प्रतियां सहित बताएं

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) समस्‍त बालाघाट जिले में चल रही मैगनीज इंडिया लिमिटेड़ द्वारा CSR फंड का उपयोग एवं किये गये कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। अभी तक कंपनी ने बालाघाट जिले के किसी भी गांव को गोद नहीं लिया है, लेकिन कंपनी स्‍थानीय क्षेत्रों को प्राथमिकता दे रही है जिसमें CSR फंड का उपयोग किया जाता है। शेष प्रश्‍नांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ख) प्रश्‍नांश अनुसार काटे गए पी.एफ. फंड एवं प्रतियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (ग) जी नहीं। ऐसा कोई अध्‍ययन नहीं किया गया है। अपितु मॉयल द्वारा ग्रामीणों के लिए जो सुविधायें दी गयी हैं कि जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार है।

विस्‍थापितों को पुनर्वास

[नर्मदा घाटी विकास]

87. ( क्र. 2380 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि क) विधवा महिला खातेदारों को और नाबालिग पुत्र-पुत्रियों को पात्रता अनुसार 2 हेक्टेयर जमीन के बदले सुप्रीम कोर्ट के फैसला दिनांक 8/2/2017 के अनुसार 60 लाख रुपये मिलना है, नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण ने उनके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील कर उनके प्रकरणों को अटकाकर रखा है। प्रकरण वापस लेकर उनको 60 लाख रुपये का भुगतान कब तक किया जाएगा? (ख) जिन किसानों को फर्जी रजिस्ट्री में फंसाया गया है पात्र विस्थापितों को सुप्रीम कोर्ट के फैसला अनुसार 15 लाख रुपये मिलना है ऐसे पात्र विस्थापितों को जो 15 लाख रुपए भुगतान शेष रहा है उन्हें कब तक भुगतान किया जाएगा? (ग) जिन विस्थापितों को 2019 में जब सरदार सरोवर परियोजना के बांध में 138.68 मीटर तक पानी भरा गया तब मूल गांवों में निवासरत डूब प्राभावितों को जबरन शासन ने बाहर निकालकर टिन शेड में रखे है उनमें जो पात्र विस्थापित परिवारों को पात्रता अनुसार मध्यप्रदेश शासन के 05-06-2017 के आदेश के तहत 5.80 लाख रुपये की अनुदान राशि मिलने की आदेश है। उनको पिछले 3 साल से टिन शेड में रखा है उनका निराकरण कर भुगतान कब किया जायेगा? (घ) पुनर्वास स्थलों में ट्रिब्यूनल अवार्ड और मध्य प्रदेश पुनर्वास नीति के अनुसार मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने की नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण जिम्मेदारी है। पुनर्वास स्थलों पर सुविधाएं उपलब्ध कराने बाबत् कब तक कार्यवाही की जाएगी?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) प्रकरण माननीय उच्‍चतम न्‍यायालय के विचाराधीन है। अत: समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) पात्र 1298 विस्‍थापितों को भुगतान किया जा चुका है। शेष पात्र विस्‍थापित शिकायत निवारण प्राधिकरण के समक्ष उपस्थित होकर भुगतान प्राप्‍त कर सकते हैं। (ग) सभी पात्र पाए गये 452 विस्‍थापितों को पैकेज का लाभ दिया जा चुका है। शेष 1425 विस्‍थापित अपात्र होने से पैकेज का लाभ दिया जाना संभव नहीं है। (घ) जी हां। उपलब्‍ध है, शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

सरदार सरोवर परियोजना के प्रभावितों का पुनर्वास

[नर्मदा घाटी विकास]

88. ( क्र. 2381 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि क) सरदार सरोवर परियोजना से डूब प्रभावित परिवार जिन्हें पूर्व में बैक वाटर लेवल के आधार पर डूब प्रभावित मानकर उनकी संपत्ति अधिग्रहित कर उनको पुनर्वास स्थल पर भूखंड भी आवंटित किये है, बाद में बैक वाटर लेवल बदलकर उन्हें डूब से बाहर किया, ऐसे 15946 परिवारों को पुनर्वास के लाभों से वंचित किया है। उन्हें पुनर्वास के सभी लाभ दिए जाये या इनकी संपत्ति का डीनोटिफिकेशन याने भूअर्जन रद्द कर उनकी संपत्ति उनके नाम की जाए। (ख) ग्राम एकलबारा तहसील मनवार के 16 मकानों का नजीरिया सर्वे होकर अवार्ड पारित कर दिया था पूर्व में लेकिन पूरे गांव को मुआवजा दिया जा चुका है केवल यह 16 मकान ही छूटे है जिनका सर्वे कर नये कानून अनुसार मुआवजा कब तक दिया जाएगा? यह कि इस गांव की सभी सुविधाएं बंद कर दी है केवल बिजली के अलावा स्कूल, राशन, पंचायत भवन सब पुनर्वास स्थल में शिफ्ट कर दिया है इसलिये इसे सामाजिक इकाई मानते हुए इनका भी ट्रिब्यूनल अवार्ड और पुनर्वास नीति अनुसार पुनर्वास होना जरूरी है। (ग) धार जिले के 9 गांव, बड़वानी जिले के 13 गाँव सरदार सरोवर से टापू बन रहे है। उनके पुनर्वास की कार्यवाही क्या हुई है?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) प्रश्‍नाधीन परिवार पुनरीक्षित बैक वाटर लेवल के पूर्व के हैं एवं इन्‍हें पुनर्वास लाभ प्रदान किये जा चुके हैं। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ख) एवं (ग) कार्यवाही प्रचलन में है।

प्रदेश के बुनकरों/कत्तिनों/उद्यमियों हेतु वस्त्र प्रदाय योजना

[कुटीर एवं ग्रामोद्योग]

89. ( क्र. 2387 ) श्री कैलाश कुशवाहा : क्या राज्‍य मंत्री (स्वत्रंत प्रभार), कुटीर एवं ग्रामोद्योग महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राज्य शासन द्वारा प्रदेश के बुनकरों/कत्तिनों/उद्यमियों को वर्ष भर रोजगार प्रदान करने हेतु शासकीय वस्त्र प्रदाय योजना लागू की गई है? यदि हाँ तो वर्ष 2019-20, 2020-21, 2021-22, 2022-23 एवं वर्ष 2023-24 में म.प्र. खादी बोर्ड को किस-किस विभाग से कुल कितनी-कितनी राशि के वस्त्रों के प्रदाय आदेश प्राप्त हुये? (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में प्राप्त शासकीय वस्त्र प्रदाय आदेशों के लिये प्रदाय किये जाने वाले वस्त्रों का प्रदाय, प्रदेश की किन-किन इकाइयों से, स्व-सहायता समूहों से, उद्यमियों से या अन्य किससे कराया गया? कृपया वर्षवार इकाईवार (जिले के नाम सहित) उत्पादित/क्रय किये गये वस्त्रों का राशि में ब्यौरा दें। (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) के अनुसार प्राप्त शासकीय वस्त्र प्रदाय आदेशों की सप्लाई से खादी बोर्ड को वर्षवार कितना लाभांश प्राप्त हुआ तथा लाभांश की राशि का क्या उपयोग कहां एवं कितना किया गया?

राज्‍य मंत्री (स्वत्रंत प्रभार), कुटीर एवं ग्रामोद्योग ( श्री दिलीप जायसवाल ) : (क) जी हाँ। वर्ष 2019-20 से 2023-24 तक म.प्र. खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड को क्रमशः कुल राशि रु. 547.33 लाख, 620.11 लाख, 264.22 लाख, 496.17 लाख एवं 266.70 लाख के वस्त्रों के प्रदाय आदेश प्राप्त हुए। विभागवार विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'' अनुसार है। (ख) म.प्र. खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड द्वारा संचालित विभागीय उत्पादन केन्द्रों से वस्त्र उत्पादन कर शासकीय विभागों में प्रदाय किया गया है उक्त अवधि में विभागीय उत्पादन केन्द्रों से वस्त्र उत्पादन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'' अनुसार है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) खादी और ग्रामोद्योग आयोग, भारत सरकार द्वारा निर्धारित खादी वस्त्रों की लागत में लाभांश का प्रावधान नहीं है।

अधिकारियों के विरूद्ध की गई कार्यवाही

[कुटीर एवं ग्रामोद्योग]

90. ( क्र. 2388 ) श्री कैलाश कुशवाहा : क्या राज्‍य मंत्री (स्वत्रंत प्रभार), कुटीर एवं ग्रामोद्योग महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्‍न क्रमांक 1158 दिनांक 12/08/2021 के प्रश्‍नांश (ख) में यह जानकारी दी गयी थी कि वर्ष 2015-16 से वर्ष 2020-21 तक करोड़ों रूपये की गलत स्वीकृतियां जारी की गई थी तथा उक्त 1158 के प्रश्‍नांश (ग) में यह उत्तर दिया गया था कि गलत स्वीकृतियां जारी करने वाले अधिकारियों के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी? (ख) प्रश्‍नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में इकजाई रूप से यह बताये कि किस-किस अधिकारी ने (नाम एवं पद) सहित वर्षवार 2015-16 से 2020-21 तक कुल कितनी-कितनी राशि की गलत स्वीकृतियां जारी की गई? (ग) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में यह बताये कि 3 वर्षों में गलत स्वीकृतियां जारी कर शासन के नियमों के विरूद्ध कार्य करने वाले किस-किस अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही की गई यदि नहीं, की तो उसके लिये कौन जिम्मेदार है?

राज्‍य मंत्री (स्वत्रंत प्रभार), कुटीर एवं ग्रामोद्योग ( श्री दिलीप जायसवाल ) : (क) जी हां। (ख) प्रश्‍न क्रमांक 1158 दिनांक 12/8/2021 के प्रश्‍नांश के (ग) एवं (ख) के संबंध में रेशम संचालनालय के आदेश क्रमांक 1809 दिनांक 30/9/2021 के माध्‍यम से तीन सदस्‍यीय समिति का गठन कर जांच करवाई गई है। जांच प्रतिवेदन में किसी प्रकार का निष्‍कर्ष नहीं है और न ही कोई टिप्‍पणी है। अत: प्रश्‍नांश (क) में उल्‍लेखित अवधि की स्‍वीकृतियों के संबंध में वरिष्‍ठ अधिकारियों की समिति गठित कर पुन: जांच करवाई जाकर प्रतिवेदन प्राप्‍त किया जाएगा। (ग) उत्‍तरांश (ख) की कार्यवाही पश्‍चात् दोषी अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही की जा सकेगी।

लाडली बहना योजना की जानकारी

[महिला एवं बाल विकास]

91. ( क्र. 2392 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) राज्‍य में लाडली बहना योजना के तहत पंजीयन का कार्य किस दिनांक से प्रारंभ किया गया, पात्रता हेतु कौन-कौन सा मापदण्‍ड निर्धारित किये थे? प्रति सहित बतावें। (ख) जिला सिवनी अन्‍तर्गत योजना के तहत कुल पंजीयन हुये उनमें से कितनी बहनों को पात्र पाया गया, कितनी बहनो को किस कारण से अपात्र पाया गया? शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र की अलग-अलग जानकारी दें। (ग) लाडली बहना योजना के लिये कितना बजट आवंटन उपलब्‍ध है, पात्र बहनों को जून 2024 तक कितनी राशि का भुगतान हुआ? जिला सिवनी अंतर्गत शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों की अलग-अलग जून 2024 की स्थिति में भुगतान सूची नामवार, पतावार उपलब्‍ध करावें।

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) योजना अंतर्गत दिनांक 25 मार्च, 2023 से पंजीयन प्रारंभ किया गया। पात्रता हेतु निर्धारित मापदण्ड पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-01 एवं 02 पर है। (ख) जिला सिवनी में योजनान्तर्गत कुल 2,81,209 महिला आवेदिकाओं द्वारा पंजीयन कराया गया, जिनमें से कुल 2,80,824 महिलाओं को पात्र पाया गया। निर्धारित शर्तों की पूर्ति नहीं करने के कारण 385 महिला आवेदिकाओं को अपात्र पाया गया। शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-03 एवं 04 पर है। (ग) दिनांक 27 जून, 2024 की स्थिति में राशि रूपये 16,78,46,07,300/- का बजट आवंटन उपलब्ध है। योजना प्रारम्भ से माह जून 2024 तक कुल राशि रूपये 1,94,52,78,39,300/- का भुगतान किया गया। जानकारी अत्यधिक विस्तृत होने के कारण पुस्‍तकालय में रखे पेनड्राइव में परिशिष्ट- 05 एवं 06 पर है।

आउटसोर्स कर्मचारियों की जानकारी

[सामान्य प्रशासन]

92. ( क्र. 2396 ) श्री रजनीश हरवंश सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि क) क्‍या प्रदेश में विभागों में आउटसोर्स से कर्मचारी कार्य कर रहे हैं? क्‍या इन्‍हें एजेंसियों के माध्‍यम से अनुबंध में रखा गया है? (ख) क्‍या इन आउटसोर्स कर्मचारियों को प्रत्‍येक माह को समय पर पारिश्रमिक भुगतान करने हेतु आवंटन उपलब्‍ध कराया जाता है या नहीं? यदि नहीं, तो क्‍यों? कारण बतावें। (ग) क्‍या आउटसोर्स कर्मचारियों को पारिश्रमिक देने वाली एजेंसी शासन से प्राप्‍त प्रति कर्मचारी को मिलने वाली पारिश्रमिक 50 से 75 प्रतिशत ही भुगतान करती है, तो शासन द्वारा इस बात की पुष्टि कैसे की जाती है कि एजेंसी द्वारा संबंधित कर्मचारियों को सही पारिश्रमिक का भुगतान किया गया है? यदि नहीं, तो क्‍यों नहीं? (घ) क्‍या शासन द्वारा इन्‍हें विभाग में अंडर टे्किंग में लेकर सीधे भुगतान करने हेतु किसी प्रकार का आदेश जारी किया गया है? यदि हुआ है तो उस पर क्‍या कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, तो क्‍यों नहीं? (ड.) क्‍या सिवनी जिला अंतर्गत विभागों में आउटसोर्स कर्मचारी हैं क्‍या इन्‍हें वर्ष 2022 से आज तक क्‍या प्रत्‍येक माह नियमित भुगतान हुआ है या नहीं? यदि नहीं, तो क्‍यों?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हां। (ख) एवं (ग) उपलब्‍ध आवंटन के आधार पर भुगतान किया जाता है। (घ) जी नहीं। ऐसा कोई आदेश जारी नहीं किया गया है। (ड.) जी हां। उपलब्‍ध आवंटन के आधार पर भुगतान किया जाता है।

 

 

खनिज संसाधनों की उपलब्धता

[खनिज साधन]

93. ( क्र. 2406 ) श्री मोहन सिंह राठौर : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि क) क्या प्रदेश में खनिज सम्पदा भरपुर मात्रा में है? यदि हाँ तो ग्वालियर जिले में कौन-कौन से खनिज उपलब्ध है? खनिज सम्पदा का पिछला सर्वे किस वर्ष हुआ था? विकासखण्डवार खनिजों की उपलब्धता बताएं। (ख) क्या विभाग ग्वालियर जिले में खनिजों की उपलब्धता हेतु पुनः सर्वे कराकर खनिजवार स्थान चिन्हांकित करेगा यदि हाँ तो कब तक? समय-सीमा बताएं। (ग) क्या ग्वालियर जिले में लोह अयस्क उपलब्ध है? यदि हाँ तो कहां-कहां? लोह अयस्क का खनन/खदान किस-किस स्थान पर चिन्हाकित होकर चल रही है? कहां-कहां बन्द है? कारण सहित स्पष्ट करें।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) खनिज संपदा की दृष्टि से प्रदेश देश के आठ संपन्‍न राज्‍यों में से एक है। प्रदेश में प्रमुख रूप से 08 प्रकार के मुख्‍य खनिजों का उत्‍पादन वर्तमान में किया जा रहा है। हीरा उत्‍पादन में प्रदेश को देश में एकाधिकार प्राप्‍त होने के साथ मैंगनीज तथा ताम्र अयस्‍क उत्‍पादन में देश में प्रथम, रॉक फॉस्‍फेट उत्‍पादन में द्वितीय एवं कोयला तथा चूनापत्‍थर उत्‍पादन में प्रदेश का स्‍थान देश में तृतीय है। ग्‍वालियर जिले में लौह अयस्‍क, लेटेराईट, रेड ओकर, क्‍वार्टज, फर्शी पत्‍थर, सेण्‍ड स्‍टोन, ग्रेनाईट, डोलेराईट एवं बालू खनिज उपलब्‍ध है। खनिज संपदा का पिछला वर्ष 2022-23, 2020-22, 2016-17, 2012-13, 2010-2011, 2001-2002, 2000-2001, 1986-87, 1984-85, 1980-81 एवं 1977-78 में प्राप्‍त हुआ था। शेष प्रश्‍नांश की जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) ग्‍वालियर जिले में खनिजों की उपलब्‍धता हेतु वर्तमान में सर्वेक्षण किये जाने का प्रस्‍ताव नहीं है। (ग) जी हाँ। जिले के घाटीगांव विकासखण्‍ड में लौह अयस्‍क उपलब्‍ध है। शेष प्रश्‍नांश की जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।

परिशिष्ट - "चालीस"

सड़क सुरक्षा समिति की अनुशंसाओं का क्रियान्वयन

[गृह]

94. ( क्र. 2414 ) श्री संदीप श्रीप्रसाद जायसवाल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सड़क सुरक्षा समितियों के क्या कार्य हैं? समिति में लिए गए निर्णयों के पालन/ क्रियान्वयन की ज़िम्मेदारी किस विभाग/कार्यालय की होती हैं और निर्णयों का पालन/ क्रियान्वयन किस प्रकार किया एवं कराया जाता हैं? (ख) कटनी जिले में विगत-03 वर्षों में सड़क सुरक्षा समिति की कितनी बैठकों का आयोजन कब-कब किया गया? बैठकों में कौन-कौन सम्मलित हुये? क्या-क्या निर्णय लिए गए और निर्णयों के पालनार्थ किस-किस कार्यालय/विभाग द्वारा प्रश्‍न दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गयी? (ग) मध्यप्रदेश आउटडोर विज्ञापन मीडिया नियम-2017 के अंतर्गत नगरीय क्षेत्रों में विज्ञापन पट्ट/होर्डिंग एवं गैन्ट्री/यूनिपोल लगाए जाने और इनसे यातायात में अवरोध उत्पन्न न होने देने के क्या नियम हैं? कटनी नगर में ओएमडी लगाए जाने के कौन-कौन से स्थल/स्थान/भवन अधिसूचित/चिन्हित हैं और किन-किन स्थानों पर अधिकृत ओएमडी लगे हैं? (घ) प्रश्‍नांश (ग) ओएमडी लगाये जाने के पूर्व नियमानुसार परीक्षण और अनुज्ञा ली गयी? हाँ, तो विवरण दीजिये, नहीं तो क्यों? कारण बताइये, अनधिकृत/अवैध ओएमडी पर नियम-22 के अधीन विगत 02 वर्षों में कितनी-कितनी राशि की शास्ति किस-किस पर कब-कब अधिरोपित की गयी और कितनी राशि वसूली गयी? (ङ) प्रश्‍नांश (क) से (घ) के तहत सड़क सुरक्षा समिति के निर्णयों के पूर्णतया पालन एवं यातायात में अवरोध उत्पन्न करने वाले अनाधिकृत/अवैध ओएमडी को हटाने तथा सुचारु/सुगम यातायात की क्या कार्ययोजना हैं? इसके लिए क्या-क्या कार्यवाही अब तक की गयी और आगामी समय में क्या कार्यवाही किस प्रकार की जायेंगी?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जिले में घटित सड़क दुर्घटनाओं की समीक्षा, राज्य सड़क सुरक्षा समिति के क्रियान्वयन एवं इसके अंतर्गत निर्धारित लक्ष्यों की समीक्षा, सड़क दुर्घटना के कारणों को पहचानना एवं उसका अध्ययन आदि। उक्त समिति में लिए गए निर्णयों का पालन कराने की जिम्मेदारी कलेक्टर की होती है, कलेक्टर महोदय द्वारा आयोजित बैठक दिनांक का कार्यवाही विवरण मिनिट्स जारी कर संबंधित विभाग/कार्यालयों को पालन करने हेतु आदेशित किया जाता है। जिस पर संबंधित विभाग/कार्यालय द्वारा सड़क सुरक्षा समिति में लिए निर्णयों का पालन किया जाता है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार(ग) से (ङ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

साइबर क्राइम और लोक सेवाओं की गारंटी

[गृह]

95. ( क्र. 2415 ) श्री संदीप श्रीप्रसाद जायसवाल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक सेवाओं के प्रदाय की गारंटी अधिनियम अंतर्गत गृह विभाग की कौन-कौन सी सेवाएं अधिसूचित हैं तथा https://mpedistrict.gov.in पोर्टल में सेवा प्राप्त करने के परिपत्र किस स्थान पर अपलोड हैं? (ख) प्रश्‍नांश (क) अधिसूचित सेवा क्रमांक - 11.11 मोबाइल एवं अन्य सामग्री गुम होने की सूचना की पावती लोक सेवा केन्द्रों से किस प्रकार प्राप्त कर सकते हैं और कटनी जिले में जनवरी 2022 से प्रश्‍न दिनांक तक इस विषय पर कितने आवेदन प्राप्त हुये और कितने आवेदनों पर सेवाएं प्रदाय की गयी और शिकायतों का निराकरन किया गया? थानावार बताइये (ग) प्रश्‍नांश (ख) के तहत कटनी जिले में जनवरी 2022 से प्रश्‍न दिनांक तक साइबर क्राइम जैसे OTP एवं अन्य तरीके से बैंक खातों से राशि स्थानांतरित कर लेने और मोबाइल गुम होने की कितनी-कितनी शिकायते प्राप्त हुई? कितनी शिकायतों का निराकरन किया गया एवं कितनी शिकायतों का निराकरन किया जाना शेष हैं? थानावार बताइये (घ) प्रश्‍नांश (क) से (ग) के परिप्रेक्ष्य में साइबर क्राइम से निपटने और नागरिकों को जागरूक करने के लिए शासन/विभाग द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की जाती हैं? क्या इस विषय को शिक्षा के पाठ्यक्रम में सम्मिलित किया जायेगा? यदि हाँ, तो किस प्रकार और कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) लोक सेवाओं के प्रदाय की गारंटी अधिनियम, 2010 अंतर्गत गृह विभाग की अधिसूचित सेवाएं जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-"अ" अनुसार https://mpedistrict gov.in पोर्टल द्वारा प्रदाय की जा रही सेवाओं से संबंधित परिपत्र पोर्टल के मुख्य पृष्ठ के "सेवाओं के परिपत्र" विकल्प अंतर्गत अपलोड हैं। (ख) अधिसूचित सेवा क्र. 11.11- "मोबाइल एवं अन्य सामग्री गुम होने की सूचना की पावती" सेवा वर्तमान में म.प्र. पुलिस के सिटीजन पोर्टल https://www.citizen.mppolice.gov.in/द्वारा ऑनलाइन प्रदाय की जा रही है। उक्त सेवा लोक सेवा केंद्रों के माध्यम से प्रदाय करने हेतु एम.पी. ई-डिस्ट्रिक्ट पोर्टल एवं म.प्र. पुलिस के ई-गवर्नेस पोर्टल के इंटीग्रेशन की प्रक्रिया विचाराधीन है। प्रक्रिया पूर्ण होने के उपरांत, लोक सेवा केन्द्रों पर आवेदन दिया जाकर उक्त सेवा प्राप्त की जा सकती है। कटनी जिले में 01 जनवरी 2022 से प्रश्‍न दिनांक तक आलोच्य विषय पर म.प्र. पुलिस के ई-गवर्नेस पोर्टल पर प्राप्त आवेदनों की जानकारी, आवेदनों पर प्रदाय की गई सेवा एवं निराकरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-"ब" अनुसार(ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'''' अनुसार(घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-"द" अनुसार।

आंगनवाड़ी केंद्र प्रारंभ किया जाना

[महिला एवं बाल विकास]

96. ( क्र. 2421 ) श्री फुन्‍देलाल सिंह मार्को : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) महिला एवं बाल विकास विभाग जिला उमरिया, शहडोल, अनूपपुर में विभिन्न विभागीय परियोजनाओं में वर्ष 2020-21 से प्रश्‍न दिनांक तक जिलावार कितने आंगनवाड़ी/ मिनी आंगनवाड़ी खोलने के आवेदन पत्र प्राप्त हुए हैं? (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार प्राप्त प्रस्ताव में से कितने प्रस्तावों पर कार्यवाही की गई है? (ग) यदि हाँ तो कब तक आंगनवाड़ी/मिनी आंगनवाड़ी केंद्र प्रारंभ किए जाएंगे? यदि नहीं, तो क्यों?

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) जानकारी  संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) शहडोल जिले में 23 एवं अनूपपुर जिले में 01 आंगनवाड़ी केन्द्र स्वीकृत। (ग) नवीन आंगनवाड़ी केन्द्रों के खोलने की स्वीकृति भारत सरकार, महिला एवं बाल विकास, मंत्रालय द्वारा दी जाती है। समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है।

परिशिष्ट - "इकतालीस"

पुलिस आवास एवं भवनों का निर्माण

[गृह]

97. ( क्र. 2423 ) श्री फुन्‍देलाल सिंह मार्को : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पुष्पराजगढ़ विधानसभा अंतर्गत पुलिस थाना राजेंद्रगढ़, करनपठार एवं पुलिस चौकी सरई, वेंकटनगर में भवन एवं कर्मचारियों के लिए निवास भवन निर्माण हेतु प्रश्‍न दिनांक तक शासन द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई है? (ख) प्रश्‍न दिनांक तक विधानसभा में पुलिस बल के कितने-कितने स्वीकृत पद एवं भरे पदों तथा रिक्त पदों की जानकारी देवें? (ग) रिक्त पदों को शासन द्वारा कब तक भरा जाएगा? (घ) भवन विहीन पुलिस चौकियों एवं कर्मचारी आवासों हेतु कितनी-कितनी धन राशि कब-कब स्वीकृत हुई तथा निर्माण कार्य कब तक प्रारंभ कर दिया जाएगा?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) पुलिस थाना राजेन्द्रगढ एवं करनपठार स्वयं के भवन में संचालित है उक्त थाना में क्रमशः 14 एवं 10 आवास गृह उपलब्ध है। चौकी सरई के भवन निर्माण हेतु भूमि का आवंटन किया जा चुका है तथा चौकी वेंकटनगर शासन द्वारा स्वीकृत नहीं है। मुख्यमंत्री पुलिस आवास योजना अंतर्गत जिला स्तर पर 120 आवासों का निर्माण कराया गया है। (ख) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है (ग) पद रिक्त होना एवं भरा जाना एक निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है। अतः समय सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) पुलिस चौकी सरई के निर्माण हेतु भूमि आवंटित की गई है। नए प्रशासनिक भवनों का निर्माण हेतु आगामी समय में बजट की उपलब्धता अनुसार चौकी भवन का निर्माण की कार्यवाही की जाएगी। जिला स्तर पर 120 आवासों का निर्माण दिनांक 28.10.2020 को पूर्ण किया गया।

परिशिष्ट - "बयालीस"

खनिज विभाग अंतर्गत किये जा रहे निर्माण कार्य

[खनिज साधन]

98. ( क्र. 2426 ) श्रीमती अनुभा मुंजारे : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2018 (1 दिसंबर, 2018) से 30 अक्टूबर, 2023 तक प्रश्‍नकर्ता विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत ग्रामीण एवं बालाघाट नगर पालिका में खनिज मद से कौन-कौन से कार्य, किस-किस निविदाकर द्वारा कराये गये हैं? समस्त कार्यों के भुगतान बिल वाउचरों सहित प्रतियाँ उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार निर्माण कार्य किस-किस एजेंसी द्वारा कितनी-कितनी राशि के कार्य किये गये बतावें? (ग) वर्तमान में कराये जा रहे निर्माण कार्यों की भौतिक स्थिति क्या है? कार्य गुणवत्ताहीन होने पर निविदाकार पर क्या कार्यवाही होगी? साथ ही समयावधि भी बतावें (घ) वर्तमान में कौन-कौन से कार्य शेष है तथा भुगतान की क्या स्थिति है शेष भुगतान एवं किये जा चुके भुगतान की जानकारी उपलब्‍ध कराएं। (ङ) खनिज विभाग जिला बालाघाट में विगत 6 माह में किस-किस जनप्रतिनिधि के कौन-कौन से पत्र प्राप्त हुए समस्त पत्रों की प्रति बतावे एवं कौन-कौन सी जानकारी चाही गई थी? आपके विभाग के द्वारा कौन-कौन सी जानकारी समय-सीमा में जनप्रतिनिधियों को प्रदान की गई? कौन-कौन सी जानकारी प्रश्‍न दिनांक तक प्रदाय नहीं की गई? विस्तृत ब्यौरा प्रदान करें

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। भुगतान बिल, बाउचरों की प्रतियाँ पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ख) प्रश्‍नांश (क) में दिये गये उत्‍तर के पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) प्रश्‍नांश (ख) में दिये गये उत्‍तर के पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। कार्य गुणवत्‍ताहीन पाये जाने पर क्रियान्‍वयन एजेंसी से संबंधित निविदाकार पर शासन के नियमानुसार समयावधि पर कार्यवाही कर राशि वसूली की जावेगी। (घ) प्रश्‍नांश (ग) में दिये गये उत्‍तर के पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। शेष प्रश्‍नांश अनुसार प्राप्‍त पत्रों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार है।

अपराधों के विरूद्ध कार्यवाही

[गृह]

99. ( क्र. 2427 ) श्रीमती अनुभा मुंजारे : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बालाघाट जिले के अंतर्गत वर्तमान पुलिस अधीक्षक की पदस्थापना दिनांक से प्रश्‍न दिनांक तक किन-किन पुलिस थाना/चौकियों में लोगों के द्वारा चोरी की प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराई गई हैं? कितने चोरी के प्रकरणों में पुलिस के द्वारा अपराधियों को पकड़ कर उनसे चोरी की क्या-क्या वस्तुएँ-सोना, चाँदी, रूपये, पैसे बरामद कर न्यायालय में प्रस्तुत किया गया हैं? वर्षवार, पुलिस थानावार जानकारी देवें। (ख) बालाघाट के पुलिस अधीक्षक को अध्यक्ष, गढ़वाल सामाजिक संगठन हीरापुर का शिकायती पत्र कब प्राप्त हुआ? क्या शिकायत पत्र की बिन्दुवार जाँच करा ली गई हैं? यदि हाँ तो कब? (ग) क्या अनावेदकों को जांच उपरांत दोषी होना पाया गया? यदि हाँ तो दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों? कब तक कार्यवाही की जावेगी? जांच का बिन्दुवार पूर्ण विवरण देवें।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'' अनुसार(ख) आवेदक सुनिल बहिरे अध्यक्ष गढ़वाल सामाजिक संगठन, हीरापुर का आवेदन-पत्र दिनांक 05.08.2023 को पुलिस अधीक्षक कार्यालय में प्राप्त हुआ था। आवेदन जांच हेतु थाना प्रभारी भरवेली की ओर प्रेषित किया गया था। बिन्दुवार जांच करा ली गयी है। थाना प्रभारी भरवेली के पत्र दिनांक 23.05.2024 के द्वारा जांच प्रतिवेदन प्राप्त हुआ है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'' अनुसार है।

प्रदेश में कुपोषित बच्चों का पोषण आहार

[महिला एवं बाल विकास]

100. ( क्र. 2430 ) श्री आतिफ आरिफ अकील : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रदेश में विगत 5 वर्षों से प्रश्‍न दिनांक तक किन-किन जिलों में अति कुपोषित बच्चों की संख्या कितनी है? अति कुपोषित बच्चों को पोषण आहार के रूप में सरकार द्वारा प्रतिदिन कितनी राशि दी जाती है? (ख) क्या शासन द्वारा कुपोषित तथा अतिकुपोषित बच्चों को उचित गुणवत्ता वाला पोषण आहार वितरित किया जा रहा है? यदि हाँ तो पोषण आहार के रूप में क्या-क्या वितरण किया जा रहा है? (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में उचित गुणवत्ता वाला भोजन मिलने के उपरांत भी दिन प्रतिदिन कुपोषित/अतिकुपोषित बच्चों की हालत बद से बदतर क्यों हो जाती है? कुपोषित/अतिकुपोशित बच्चों की ऐसी हालत के लिए कौन-कौन जिम्मेदार है? क्या जिम्मेदारों पर कार्रवाई की जावेगी? यदि हाँ तो कब तक?

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट-1 अनुसार है। अति कुपोषित बच्चों के लिए थर्ड मील का प्रावधान है और इस हेतु प्रति हितग्राही प्रतिदिन पोषण आहार हेतु प्रावधानित राशि रूपये 8/- के अतिरिक्त, राशि रूपये 4/- का प्रावधान सरकार द्वारा किया गया है। (ख) जी हाँ। वितरित किये जा रहे पोषण आहार की जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट-2 अनुसार है। (ग) जी नहीं। कुपोषण में लगातार कमी परिलक्षित हो रही है। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे के जारी आंकड़ों के अनुसार NFHS-4 में कुपोषित बच्चों (MAM) की दर 16.6 प्रतिशत से कम होकर NFHS-5 में 12.5 प्रतिशत हुई है। इसी प्रकार NFHS-4 में अति कुपोषित बच्चों (SAM) की दर 9.2 प्रतिशत से कम होकर NFHS-5 में 6.5 प्रतिशत हुई है। अतः शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - "तैंतालीस"

जेल में पदों की जानकारी

[जेल]

101. ( क्र. 2434 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग द्वारा राजगढ़ जिला जेल में कितने पद किस-किस श्रेणी के स्‍वीकृत है? पदवार संख्‍या बतावें। (ख) उक्‍त स्‍वीकृत पदों में से राजगढ़ जिला जेल में कौन-कौन कर्मचारी कब से किस पद पर कार्यरत है? उनके नाम, पदनाम, पदस्‍थापना, दिनांक सहित बतावें। (ग) उक्‍त स्‍वीकृत पदों में से जिला जेल राजगढ़ में कितने पद रिक्‍त है? पदवार संख्‍या बतावें तथा रिक्‍त पदों की पूर्ति शासन द्वारा कब की जावेगी? (घ) राजगढ़ जिला जेल में कार्यरत कर्मचारियों के लिये क्‍या पर्याप्‍त शासकीय आवास उपलब्‍ध है? यदि हां तो उक्‍त आवासों का निर्माण विभाग द्वारा कब करवाया गया था तथा आज उनकी क्‍या स्थिति है? यदि जीर्ण क्षीर्ण है तो नवीन आवास कब तक बनवायें जावेंगे?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र-"अ" अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र-"ब" अनुसार है। (ग) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍टके प्रपत्र-"अ" के कॉलम 06 के अनुसार कुल स्‍वीकृत 52 पदों में से 12 पद रिक्‍त है। रिक्‍त पदों की पूर्ति भविष्‍य में की जाएगी। समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है। (घ) जी नहीं, 20 आवासों की कमी है। 16 आवास वर्ष 1905, 05 आवास 1993 एवं 10 आवास 2005 में निर्मित हुए हैं। पुराने आवास मरम्‍मत योग्‍य है। पुनर्घनत्‍वीकरण योजना में नई जेल के साथ पर्याप्‍त आवास निर्मित किया जाना विचाराधीन है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

परिशिष्ट - "चौवालीस"

लोक सेवा केन्‍द्रों का संचालन

[लोक सेवा प्रबन्धन]

102. ( क्र. 2435 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि ">(क) राजगढ़ जिले में लोक सेवा केन्‍द्र कहां-कहां पर संचालित है? नाम सहित बतावें। (ख) उक्‍त लोक सेवा केन्‍द्रों का संचालन किसके द्वारा कब से किया जा रहा है? नाम, स्‍थान व दिनांक सहित बतावें। (ग) लोक सेवा केन्‍द्रों के संचालन किये जाने हेतु शासन के क्‍या नियम व निर्देश है? नियम की प्रति उपलब्‍ध करावें। (घ) उक्‍त लोक सेवा केन्‍द्रों के संचालन हेतु क्‍या निविदा आमंत्रित की जाती है? यदि हां तो निविदा कब आमंत्रित की गई थी? उनमें किन-किन फर्मों ने आवेदन किया था उनकी दरें क्‍या-क्‍या प्राप्‍त हुई थी अभी जो केन्‍द्रों का संचालन कर रहे है उनकी दरें क्‍या थी?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) राजगढ़ जिले में संचालित लोक सेवा केन्‍द्रों के नाम एवं स्‍थान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट/span>अ अनुसार है। (ख) राजगढ़ जिले में संचालित लोक सेवा केन्‍द्रों के संचालक का नाम, स्‍थान व दिनांक की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट/span>ब अनुसार है। (ग) लोक सेवा केन्‍द्रों के संचालन हेतु नियम की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट/span>स अनुसार है। (घ) लोक सेवा केन्‍द्रों के संचालन हेतु निविदा आमंत्रित की जाती है। जिले में संचालित 09 लोक सेवा केन्‍द्रों में से 08 लोक सेवा केन्‍द्रों के लिए निविदा दिनांक 21/06/2023 को आमंत्रित की गई थी एवं 01 लोक सेवा केन्‍द्र के लिए निविदा दिनांक 24/08/2020 को आमंत्रित की गई थी। निविदा में प्राप्‍त फर्मों की सूची एवं अभी जो केन्‍द्रों का संचालन कर रहे हैं उनकी दरें पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट/span>द अनुसार है।

तेजाजी नगर थाने के सी.सी.कैमरे का रिकार्ड

[गृह]

103. ( क्र. 2436 ) श्रीमती सेना महेश पटेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या इन्दौर जिले के सभी थानों में सी.सी. कैमरे लगाये गये है? (ख) यदि हाँ तो इन्दौर के तेजाजी नगर थाने में सी.सी. कैमर कितने एवं कहां-कहां पर लगाये गये है? (ग) प्रश्‍नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में दिनांक 01 जून, 2024 से 07 जून, 2024 की अवधि में तेजाजी नगर थाने में लगे सभी कैमरे के फुटेज पेन-ड्राइव में देवें।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। (ख) इन्दौर के तेजाजी नगर थाने में कुल 13 सी.सी.टी.व्ही. कैमरे- थाने के मुख्य द्वार पर, थाना बिल्डिंग के प्रवेश द्वार पर, ड्यूटी ऑफिसर कक्ष/ लावी में, एचसीएम/लॉकअप का बाहरी क्षेत्र में, थाना प्रभारी कक्ष में, थाने का लॉकअप क्र.1 में, थाने का लॉकअप क्र.2 में, कम्प्यूटर कक्ष में, विवेचक कक्ष में, प्रथम मंजिल चढाव पर, थाना बिल्डिंग के बाई ओर, थाना बिल्डिंग के दाहिनी ओर एवं थाना बिल्डिंग के पीछे लगाये गये हैं। (ग) थाने में महिला संबंधी अपराधों में पीड़िता की पहचान का प्रकटीकरण विधि संगत नहीं होने, थाने में आने जाने वाले मुखबिरों की जानकारी गुप्त रखने, थाने की विशिष्ट सुरक्षा कार्यप्रणाली की गोपनीयता बनाए रखने, अपराध अनुसंधान के साक्षियों की पहचान गोपनीय रखने, आदि कारणों से थाने के सी.सी.टी.व्ही. फुटेज को सार्वजनिक नहीं किया जा सकता। इस कारण फुटेज दिया जाना संभव नहीं है।

आबकारी अधिनियम के अंतर्गत पंजीबद्ध प्रकरण

[गृह]

104. ( क्र. 2437 ) श्रीमती सेना महेश पटेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला अलीराजपुर, झाबुआ एवं धार जो कि आदिवासी बाहुल्य जिला क्षेत्र है में 01 अप्रैल, 2022 से वर्तमान तक की अवधि में आबकारी अधिनियम की धारा 34 (2) अन्तर्गत कितने-कितने प्रकरण पंजीबद्व किये गये है? पंजीबद्व इन प्रकरणों में कितने प्रकरणों में चालान माननीय न्यायालय में प्रेषित किये गये है? जिलेवार पृथक-पृथक जानकारी देवें। (ख) प्रश्‍नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में किन- किन जिलों में धारा 34 (2) के तहत पंजीबद्ध किये गये है? वे आरोपी किस-किस समुदाय/जाति/वर्ग के है? जिलेवार, जातिवार संख्या देवें। (ग) क्या जिला अलीराजपुर, झाबुआ एवं धार जो कि आदिवासी बाहुल्य जिला क्षेत्र है में एक जाति विषेश वर्ग के लोगों के विरूद्ध षडयंत्र के तहत शराब माफिया के इशारे पर धारा 34 (2) के प्रकरण पंजीबद्ध किये जाते है? यदि नहीं, तो क्या सम्पूर्ण मामले की शासन जांच करायेगा? यदि हाँ तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट-'' अनुसार। (ख) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट-'' अनुसार(ग) आदिवासी बाहुल्य जिलों में एक जाति विशेष वर्ग के लोगों के विरूद्ध षड़यंत्र के तहत शराब माफिया के इशारे पर धारा 34 (2) आब.अधि. के प्रकरण पंजीबद्ध नहीं किये जाते हैं इसलिए शासन से जाँच कराने की आवश्यकता नहीं है।

परिशिष्ट - "पैंतालीस"

लंबित प्रकरणों की स्वीकृतियां

[महिला एवं बाल विकास]

105. ( क्र. 2440 ) श्री विपीन जैन : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विभाग अंतर्गत कौन-कौन सी योजनाएं, कब-कब से संचालित है? संपूर्ण संचालित योजनाओं की जानकारी/नियमावली सहित उपलब्ध कराये। (ख) क्या विभाग द्वारा जनउपयोगी मुख्यमंत्री बाल आशीर्वाद योजना (स्पॉन्सरशिप योजना) संचालित की जाकर माता-पिता, माता या पिता की मृत्यु उपरांत उनके बच्चे को आर्थिक सहायता प्रदाय की जा रही है? (ग) यदि हाँ तो मन्दसौर जिले अंतर्गत कितने हितग्राही इस योजना का लाभ ले रहे हैं? तहसीलवार संख्या बताएं। क्या उनके खातों में प्रतिमाह राशि जारी की जा रही है यदि नहीं, तो कब से राशि शेष हैं? (घ) मन्दसौर जिले अंतर्गत कितने प्रकरण इस योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए लंबित हैं? तहसीलवार लंबित प्रकरणों की सूची देवें बताएं उक्त प्रकरण कब तक स्वीकृत किए जाकर हितग्राहियों को उनका लाभ प्रदाय कर दिया जाएगा? (ड.) क्या योजना का लाभ लेने हेतु आवेदन उपरांत उसको स्वीकृत किया जाकर लाभ प्रदाय किए जाने की समय सीमा है? क्या आवेदन उपरांत लंबा समय बीत जाने के बाद भी हितग्राहियों को इसका लाभ प्राप्त नहीं हो रहा है?

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) विभाग द्वारा संचालित योजनाएं, योजनाओं के संचालन प्रारंभ होने की प्रारंभ तिथि तथा योजनाओं की जानकारी/नियमावली सहित पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-01 पर है। (ख) जी हाँ, मुख्‍यमंत्री बाल आशीर्वाद योजना (स्‍पॉन्‍सरशिप योजना) अंतर्गत माता एवं पिता (दोनों) की मृत्‍यु उपरांत, बच्‍चे को आर्थिक सहायता प्रदाय की जा रही है। (ग) मन्दसौर जिला अंतर्गत 57 हितग्राही इस योजना का लाभ ले रहे है। तहसीलवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-02 पर है। जी हाँ, हितग्राहियों के खातों में प्रतिमाह राशि जारी की जा रही है। माह मार्च 2024 से राशि शेष है। (घ) मंदसौर जिले अंतर्गत 09 प्रकरण इस योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए लंबित हैं, जिनमें से 03 प्रकरण मल्हारगढ़ तहसील, 04 प्रकरण सीतामऊ तहसील एवं 02 प्रकरण शामगढ़ तहसील के हैं। प्रकरणों की स्‍वीकृति की कार्यवाही प्रचलन में है, शेष का प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता। (ड.) योजना का लाभ देने हेतु समय सीमा निर्धारित नहीं है। शेष का प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता।

नवीन जेल, उपजेल का निर्माण

[जेल]

106. ( क्र. 2441 ) श्री विपीन जैन : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मंदसौर जिला जेल में क्षमता से अधिक कैदी है यदि हाँ तो आवश्यक व्यवस्थाओं हेतु क्या प्रयास किये जा रहे है? (ख) क्या मंदसौर में नवीन जेल, उप जेल बनना प्रस्तावित है? यदि हाँ तो बताएं कि इस संबंध में अभी तक विभाग द्वारा क्या-क्या कार्यवाहियां की गई है? (ग) नवीन जेल, उप जेल जिले में कहां पर बनना प्रस्तावित है? कब तक इसकी स्वीकृति की जाकर नवीन जेल का निर्माण कर दिया जाएगा?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हां, पुनर्घनत्‍वीकरण योजना अंतर्गत नई जेल का निर्माण प्रक्रियाधीन है। () मन्‍दसौर में संजीत रोड, ग्राम भूकी में कलेक्‍टर, मंदसौर द्वारा 15.85 हेक्‍टेयर भूमि आवंटित की है। नवीन जिला जेल का प्राथमिक परियोजना प्रतिवेदन साधिकार समिति से अनुमोदित है। कार्य के विस्‍तृत परियोजना प्रतिवेदन साधिकार समिति को प्रेषित किए जाने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ग) उत्‍तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्‍य में ग्राम भूकी, तहसील मन्‍दसौर में कार्य के विस्‍तृत परियोजना प्रतिवेदन एवं तत्‍पश्‍चात निविदा साधिकार समिति से अनुमोदित होने पर निर्माण किया जाएगा। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

जिला खनिज मद से किए गए निर्माण कार्य

[खनिज साधन]

107. ( क्र. 2443 ) श्री विपीन जैन : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2022-23, 2023-24 अंतर्गत मंदसौर जिला खनिज विभाग को कितनी आय/राजस्व प्राप्त हुई है? ">(ख) क्या जिला खनिज मद से विकास/निर्माण के कार्य किए जाते हैं यदि हाँ तो इस संबंध में शासन, प्रशासन के क्या दिशा-निर्देश है? उसका विवरण देवें। (ग) प्रश्‍न अवधि में मंदसौर जिले में जिला खनिज मद से कौन-कौन से निर्माण और विकास के कार्य, कहां-कहां, कितनी राशि के किए गए हैं? उसकी सूची देवें। (घ) प्रश्‍नांश अंतर्गत जिला खनिज मद से किए गए निर्माण कार्य में से कितने निर्माण कार्य पूर्ण हो चुके हैं और कितने अपूर्ण है? (ड.) उक्त स्वीकृत हुए निर्माण कार्य किन-किन जनप्रतिनिधियों और विभाग प्रमुख की अनुशंसा से हुए हैं?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) खनिज शाखा, जिला मंदसौर को वित्‍तीय वर्ष 2022-23 में राशि 1462.28 लाख रूपये एवं वित्‍तीय वर्ष 2023-24 में राशि 1630.44 लाख रूपये का राजस्‍व प्राप्‍त हुआ है। (ख) हाँ, मध्‍यप्रदेश राजपत्र खनिज साधन विभाग दिनांक 28 जुलाई 2016 के नियम 13 अनुसार शीर्षों के अधीन कार्य किय जाते हैं, प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) प्रश्‍न अवधि में मंदसौर जिले में जिला खनिज मद से निर्माण और विकास के स्‍वीकृत कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (घ) प्रश्‍नांश अंतर्गत जिला खनिज मद से स्‍वीकृत किये गये निर्माण कार्य वर्तमान में निर्माणाधीन हैं। (ड.) मध्‍यप्रदेश जिला खनिज प्रतिष्‍ठान नियम, 2016 यथा संशोधित अंतर्गत गठित समिति जिला खनिज प्रतिष्‍ठान, न्‍यास मण्‍डल में वर्णित अध्‍यक्ष, सदस्‍य सचिव एवं सदस्‍यों की अनुशंसा पर निर्माण कार्यों की स्‍वीकृति जिले की आवश्‍यकता व डी.एम.एफ. के मापदण्‍डों के अंतर्गत प्रदान की गई है।

गुमनाम एवं आधारहीन झूठी शिकायतों को नस्तिबद्ध

[सामान्य प्रशासन]

108. ( क्र. 2449 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या गुमनाम एवं आधारहीन झूठी शिकायतों को नस्तिबद्ध करने हेतु प्रमुख सचिव म.प्र.शासन सामान्य प्रशासन विभाग भोपाल ने दिनांक 02.05.024 को अपने पत्र क्रं.एफ 11-40/2014/1/9 के तहत समस्त विभागों को निर्देशित किया था? यदि हां तो इस पत्र के आधार पर उज्‍जैन संभाग में किन-किन जिलों में कितनी-कितनी गुमनाम शिकायतो को नस्तीबद्ध किया है? (ख) क्या गरोठ की शा.उत्कृष्ट कन्या छात्रावास के खिलाफ 2020 में मंदसौर कलेक्टर को किसी गुमनाम व्यक्ति ने शिकायत की थी? जिसको लेकर विभाग द्वारा जांच की गई है, यदि विभाग को शिकायतकर्ता की जानकारी मिली है तो उसके नाम एवं उसके द्वारा दिये गये तथ्यों सहित जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्‍नांश (ख) संदर्भित उक्त अधीक्षि‍का की गुमनाम शिकायत पर की जा रही कार्यवाही को उक्त शासन के नवीन पत्र के पश्चात कब तक नस्तिबद्ध कर दिया जावेगा? समय सीमा बताएं।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हां। नीमच जिले में एक शिकायत को नस्‍तीबद्ध किया है। (ख) जी हां। शा. उत्‍कृष्‍ट कन्‍या छात्रावास गरोठ हेतु गुमनाम शिकयत प्राप्‍त हुई थी, किन्‍तु उक्‍त छात्रावास अधीक्षिका की वर्तमान में प्रचलित विभागीय जांच मुख्‍य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत मंदसौर के आदेश दिनांक 10.02.2020 द्वारा गठित निरीक्षण दल के निरीक्षण प्रतिवेदन में प्राप्‍त अनियमितताओं के आधार पर प्रारंभ की गई है। (ग) प्रश्‍नांश (ख) के संदर्भ में अधीक्षिका, शा. उत्‍कृष्‍ट कन्‍या छात्रावास गरोठ के विरूद्ध प्राप्‍त गुमनाम शिकायत के आधार पर कोई कार्यवाही प्रचलन में नहीं हैं।

धानका एवं धनका जाति के संबंध में

[सामान्य प्रशासन]

109. ( क्र. 2451 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में सामान्य प्रशासन विभाग के अंतर्गत अनुसूचित जनजाति में धानका एवं धनका जाति में क्या कोई मुख्य भेद है? यदि हां तो अवगत करावें। क्या यह भी सही है कि दोनों जातियों की अंग्रेजी वर्णमाला DHANKA है। यदि हां तो धानका को धनका न मानने के क्या कारण हैं? (ख) प्रश्‍नांश (क) संदर्भित उज्जैन संभाग में विभिन्न जिला कलेक्टर कार्यालयों में विभिन्न शिकायतों के माध्यम से कितने-कितने प्रकरण ऐसे आए है? जिनमें धानका जाति को अनुसूचित जनजाति का नहीं माना गया है? ऐसे प्रकरणों की सूची, शिकायतकर्ता के नाम, निराकरण अधिकारी का नाम सहित उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्‍नांश (क), (ख) संदर्भित क्या यह सही है 1950 महामहिम राष्ट्रपति गजट नोटिफिकेशन के अंतर्गत राजस्थान, म.प्र., गुजरात में धानका जाति को अनुसूचित जनजाति में माना गया था? यदि हां तो वर्तमान में किस राजपत्र के तहत धानका जाति को अनुसूचित जनजाति में नहीं माना जा रहा है राजपत्र की प्रतिलिपि देवें। (घ) क्या म.प्र. शासन की अधिकृत अनुसूचित जाति जनजाति की सूची में क्र.35 पर जाति धनका अंकित है किंतु अंग्रेजी में उसे धानका बताया गया है? जाति को लेकर ये भेद क्यों?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

 

 

 

विभागों के कार्यों की जानकारी

[आनंद]

110. ( क्र. 2452 ) श्री सोहनलाल बाल्‍मीक : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छिन्दवाड़ा जिले के अन्तर्गत आनन्द विभाग को वित्तीय वर्ष 2018-19 से वित्तीय वर्ष 2023-24 तक कितनी राशि का आवंटन प्राप्त हुआ है? जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्‍नांश (क) के अनुसार उल्लेखित वित्तीय वर्षों में प्राप्त राशि का उपयोग किन-किन कार्यों के लिये किन-किन के द्वारा किया गया है? प्रत्येक विधानसभावार वर्षवार पृथक-पृथक जानकारी उपलब्ध करायें। (ग) आनन्द विभाग के माध्यम से कौन-कौन से कार्य कराये जाते हैं और कौन-कौन से कार्यों को कराये जाने का प्रावधान है? दिशा-निर्देशों सहित जानकारी उपलब्ध करायें।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) छिंदवाड़ा जिले के अंतर्गत आनंद विभाग को वित्‍तीय वर्ष 2018-19 से वित्‍तीय वर्ष 2023-24 तक प्राप्‍त आवंटन की जानकारी निरंक है। (ख) प्रश्‍नांश (क) के उत्‍तर के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) विभाग के गठन के उद्देश्यों की पूर्ति हेतु आनंदक, अल्‍पविराम, आनंद सभा, आनंद की ओर, आनंदम केन्‍द्र, आनंद ग्राम एवं आनंद बस्‍ती, आनंद कैलेण्‍डर, आनंद क्‍लब, आनंद शिविर, आनंद रिसर्च फैलोशिप, हैप्‍पीनेस इंडेक्‍स, ऑनलाईन वीडियो कोर्स, अंर्तराष्‍टीय दिवस जैसे कार्यक्रम संचालित किये जाते है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।

खदानों का संचालन

[खनिज साधन]

111. ( क्र. 2456 ) श्री सुरेश राजे : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा डबरा के अंतर्गत वर्तमान में खंडा, बोल्डर, मुरम, गिट्टी एवं रेत की खदाने किस स्थान पर किस दिनांक से स्वीकृत एवं संचालित हैं? क्या यह खदाने स्वीकृति पूर्व संबंधित क्षेत्र की नगरीय निकाय/पंचायत की ग्रामसभा की सहमति‍ से ली गई? यदि हाँ तो प्रत्येक का ठहराव प्रस्ताव की छायाप्रति देवें, यदि सहमति नहीं ली गई तो किस शासन आदेश/नियम के द्वारा स्वीकृत की गई? नियम/आदेश की प्रति के साथ जानकारी देवें। (ख) प्रश्‍नांश (क) के अनुसार स्वीकृत खदान किस स्थान की किस फर्म/ठेकेदार को कब से कब के लिए कितनी राशि में पट्टा दिया गया? प्रत्येक खदान का स्थान सर्वे क्रमांक एवं रकबा क्रमांक सहित बतावें तथा अनुबंध पश्चात 31 मई, 2024 तक प्रत्येक खदान की कितनी राशि प्राप्त हुई? कितनी राशि‍ वसूली हेतु शेष है? वसूली हेतु क्या प्रयास किये गए? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) जिला ग्वालियर में वर्ष 2021-22 से 2024-25 में किस-किस प्रकार का खनिज का भण्डारण एवं विक्रय हेतु किस-किस निजी वेंडरों/फर्म/ठेकेदार का पंजीयन कब से कब तक के लिए किस सक्षम अधिकारी द्वारा दिया गया? प्रत्येक का जीएसटी नंबर सहित बतावें।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) विधानसभा डबरा अंतर्गत वर्तमान में खनिज खंडा, बोल्‍डर, मुरम, गिट्टी एवं रेत की स्‍वीकृत खदानों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। शेष प्रश्‍नांश अनुसार उल्‍लेखित ग्राम बिलौआ के सर्वे क्रमांक 3717, 3921, 3624 पर स्‍वीकृत खदानें पूर्व की होने से उक्‍त खदानों को अनुविभागीय अधिकारी (राजस्‍व) की अनुशंसा के आधार पर स्‍वीकृति की कार्यवाही की गई है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। उपरोक्‍त सर्वे क्रमांक के अतिरिक्‍त अन्‍य सर्वे क्रमांकों के संबंध में ठहराव प्रस्‍ताव की छायाप्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ख) प्रश्‍नांश (क) में दिये गये उत्‍तर के पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। वसूली की कार्यवाही की जा रही है। (ग) प्रश्‍नांश अनुसार जिले में स्‍वीकृत भण्‍डारण अनुज्ञप्ति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है।

नवीन संविदा नीति‍ की जानकारी

[सामान्य प्रशासन]

112. ( क्र. 2458 ) डॉ. राजेश सोनकर : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. शासन द्वारा 22 जुलाई, 2023 को लागू नवीन संविदा नीति‍ के अनुसार सभी म.प्र. के संविदा कर्मचारि‍यो को उनके पद के अनुसार समकक्षता निर्धारित कर ग्रेड पे निर्धारण कि बात कही गई थी? इसका पालन किस-किस विभाग ने किया है? (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में यदि कोई कर्मचारी अपने समकक्षता से संतुष्ट नहीं थे, तो उनके द्वारा लगाई गई आपत्तियों का निराकरण समक्ष समिति (जिसमें म.प्र. शासन के प्रमुख सचिव अध्यक्षता कर रहे थे) उक्त संविदा कर्मचारि‍यों की ग्रेड पे से संबंधित आपत्तियों का निराकरण कहां हुआ है तथा यह कब तक पूरा हो जाएगा? ">(ग) साथ ही म.प्र. के समस्त विभागों में संविदा कर्मचारि‍यों का वेतन समय से (माह की 1 तारीख से 5 तारीख तक) प्रदान किया जा रहा है या नहीं? यदि नहीं, तो शासन के पास इसके लिए कोई नीति प्रस्तावित है क्या?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) मध्‍यप्रदेश शासन के विभागों में संविदा पर नियुक्‍त कर्मचारियों के समकक्षता के अनुसार ग्रेड-पे का निर्धारण किया गया है। विभाग के अन्‍तर्गत आने वाले निगम/मण्‍डल/सार्वजनक उपक्रम/स्‍थानीय निकाय/आयोग/विकास प्राधिकरण/बोर्ड/परिषद/संस्‍थाएं इन दिशा-निर्देशों को अपने संविदा कार्मिकों के लिए लागू करने के संबंध में अपने स्‍तर पर समुचित निर्णय लेने के लिए सक्षम होंगे। शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्‍नांश (क) /span>के उत्‍तर के सन्‍दर्भ में उल्‍लेखित समिति द्वारा लिए गए निर्णय के पुनर्विलोकन हेतु निर्देश है। समिति द्वारा लिये गये निर्णय संबंधित संस्‍था पर बंधनकारी है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) विभाग की जानकारी में ऐसा कोई प्रस्‍ताव लम्बित नहीं है, जिससे संविदा कर्मचारियों को वेतन प्रदान नहीं किया जा रहा है।

उद्योगिक एवं निवेश प्रोत्साहन में रोजगार

[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]

113. ( क्र. 2460 ) डॉ. राजेश सोनकर : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. में संचालित उद्योगों में स्थानीय व्यक्तियों को रोजगार दिये जाने के संदर्भ में क्या-क्या नियम है? नियमों की प्रति उपलब्ध कराने का आग्रह है। (ख) क्या उज्जैन संभाग अंतर्गत जिला देवास में संचालित उद्योगों द्वारा प्रश्‍नांश (क) की जानकारी अनुसार स्थानीय लोगों को रोजगार उपलब्ध करवाया जा रहा है? यदि हां तो 01 जनवरी, 2019 से प्रश्‍न दिनांक तक कितने लोगों को उद्योगों द्वारा रोजगार उपलब्ध करवाया गया है? उद्योगवार जानकारी प्रदान करने का आग्रह है। (ग) यदि उद्योगों द्वारा स्थानीय लोगों को रोजगार नहीं दिया जा रहा है तो इस संबंध में स्थानीय उद्योगों पर क्या कार्यवाही करने का नियम है? नियमों की प्रति उपलब्ध करवाने का आग्रह है।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्‍साहन विभाग द्वारा उद्योग संवर्धन नीति 2014 (यथा संशोधित) अंतर्गत प्रावधानित वित्‍तीय तथा अन्‍य सुविधाओं का लाभ लेने वाली वृहद श्रेणी की इकाइयों को उनके द्वारा उपलब्‍ध कराये गये कुल रोजगार का 70 प्रतिशत रोजगार मध्‍यप्रदेश के स्‍थाई निवासियों को दिया जाना अनिवार्य किये जाने का प्रावधान किया गया है। उक्‍त प्रावधान इस परिप्रेक्ष्‍य में आदेश जारी होने के दिनांक 19.12.2018 के बाद उत्‍पादन प्रारंभ करने वाली इकाइयों पर लागू है। आदेश की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार हैं। सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्‍यम उद्यम विभाग से प्राप्‍त जानकारी अनुसार सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्‍यम उद्यम विभाग द्वारा एमएसएमई प्रोत्‍साहन योजना 2021 अंतर्गत वित्‍तीय सहायता प्राप्‍त उद्योगों में न्‍यूनतम 70 प्रतिशत रोजगार म.प्र. के स्‍थायी निवासियों को दिये जाने का प्रावधान है। योजना की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में उद्योग संवर्धन नीति 2014 (यथा संशोधित) अंतर्गत सुविधा/सहायता हेतु इकाइयों से प्राप्‍त आवेदनों एवं विभागीय क्षेत्रांतर्गत स्‍थापित अन्‍य औद्योगिक इकाइयों द्वारा देवास जिले में 01 जनवरी 2019 से प्रश्‍न दिनांक तक मध्‍यप्रदेश के कुल 4520 लोगों को रोजगार उपलब्‍ध कराया गया है, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार है। सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्‍यम उद्यम विभाग से प्राप्‍त जानकारी अनुसार उद्योगवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-4 अनुसार है। (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) में उल्‍लेखित नियम अनुसार इकाइयों द्वारा 70 प्रतिशत रोजगार म.प्र. के स्‍थाई निवासियों को उपलब्‍ध नहीं कराने पर इकाई अनुदान/सहायता हेतु अपात्र होगी।

अर्धशहरीय औद्योगिक संस्थान द्वारा आवंटित भूखंड

[सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्‍यम उद्यम]

114. ( क्र. 2463 ) श्री दिनेश जैन बोस : क्या सूक्ष्‍म,लघु एवं मध्‍यम उद्यम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) महिदपुर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत अर्धशहरीय औद्योगिक क्षेत्र संस्थान महिदपुर में किस-किस को कितनी-कितनी स्क्वायर फीट भूमि आवंटित की गई है? भूमि धारक का नाम, भूखंड क्रमांक, पता, मोबाइल नंबर सहित सूची देवें। (ख) अर्धशहरीय औद्योगिक क्षेत्र संस्थान द्वारा भूमि धारकों को कितनी समयावधि के लिए एवं कब से लीज आवंटित की गई है? लीज आवंटन में शासन की क्या-क्या नियम एवं शर्तें थीं? (ग) अर्धशहरीय औद्योगिक क्षेत्र संस्थान महिदपुर में विभाग द्वारा आवंटित किए गए भूखंडों के अलावा कितनी भूमि औद्योगिक क्षेत्र संस्थान की शेष बची है? क्या शेष बची भूमि पर किसी अन्य के द्वारा अतिक्रमण किया गया है? यदि किया गया है तो कब तक उक्त भूमि को अतिक्रमण मुक्त किया जाएगा? (घ) क्या विभाग द्वारा आवंटित की गई भूमि के अतिरिक्त भूमिधारकों द्वारा अवैध निर्माण किया गया है? क्या विभाग द्वारा समय-समय पर उक्त भूखंडों का सीमांकन किया गया? यदि किया गया तो कितने भूमि धारकों का अवैध निर्माण पाया गया?

सूक्ष्‍म,लघु एवं मध्‍यम उद्यम मंत्री ( श्री चेतन्‍य कुमार काश्‍यप ) : (क) जानकारी पुस्‍तकालय रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) तत्‍समय प्रचलित नियमों के तहत लीज अवधि 99/30 वर्षों के प्रावधान के तहत आवंटित की गई। जिस पर तत्‍समय प्रचलित नियमानुसार नियम व शर्ते लागू होती है। (ग) वर्तमान में भूखण्‍ड आवंटन हेतु भूमि रिक्‍त नहीं है एवं शेष भूमि पर किसी प्रकार का अतिक्रमण नहीं है। (घ) एक इकाई द्वारा अवैध निर्माण किया गया जिसके विरूद्ध निरस्‍तीकरण की कार्यवाही की गई, वर्तमान में उक्‍त इकाई द्वारा माननीय उच्‍च न्‍यायालय खण्‍डपीठ इंदौर में निरस्‍तीकरण के विरूद्ध वाद प्रस्‍तुत कर स्‍थगन आदेश प्राप्‍त किया गया है। प्रकरण माननीय न्‍यायालय में विचाराधीन है।

आंगनवाड़ी केन्द्रों का संचालन

[महिला एवं बाल विकास]

115. ( क्र. 2464 ) श्री धीरेन्द्र बहादुर सिंह : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) बड़वारा विधानसभा में विभाग द्वारा किन-किन योजनाओं/कार्यक्रमों का संचालन वर्तमान में किया जा रहा हैं और विभागीय मान्यता/सहायता प्राप्त कौन-कौन से केंद्र किस हेतु किन-किन संस्थाओं द्वारा कब से कहाँ-कहाँ वर्तमान में संचालित हैं? केंद्रवार क्या-क्या सुविधाएं उपलब्ध हैं और विभाग द्वारा विगत 03 वर्षों में संस्था/वर्षवार कितनी अनुदान/सहायता राशि? किस हेतु? कब-कब प्रदाय की गयी? (ख) बड़वारा विधानसभा अंतर्गत कितनी और किन-किन ग्रामों में आंगनवाड़ी केंद्र संचालित हैं? कितनी और कौन-कौन से केंद्र स्वयं के भवन में और कितनी और कौन-कौन सी आंगनवाड़ी अन्य भवनों अथवा किराए के भवनों से संचालित हैं? (ग) प्रश्‍नांश (ख) आंगनवाड़ी केन्द्रवार क्या-क्या सुविधा और संसाधन वर्तमान में उपलब्ध हैं और विगत 03 वर्षों में आंगनवाड़ी केन्द्रों को क्या-क्या सामग्री और क्या-क्या कार्य हेतु कितनी-कितनी राशि केंद्रवार कब-कब प्रदाय की गयी? प्रदाय की गयी सामग्री/राशि से क्या लाभ परिलक्षित हुये? (घ) प्रश्‍नांश (ख) भवनविहीन आंगनवाड़ियों के भवनों के निर्माण हेतु विगत-05 वर्षों में क्या-क्या प्रयास किस-किस के द्वारा किए गए और प्रश्‍नाधीन अवधि में कितनी और कौन-कौन आंगनवाड़ी केन्द्रों के भवनों का निर्माण कब-कब किया गया? (ङ) आंगनवाड़ी केन्द्रों को और अधिक सुविधा/संसाधनयुक्त बनाने की शासन/विभाग की क्या योजना हैं और क्या बड़वारा विधानसभा अंतर्गत भवनविहीन आंगनवाड़ी केन्द्रों हेतु शासकीय भवनों का निर्माण किया जायेंगा? यदि हाँ, तो किस प्रकार और कब तक यदि नहीं, तो क्यों?

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 पर है। निरंक, शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 पर है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। बच्चों के पोषण स्तर की नियमित मॉनि‍टरिंग हितग्राहियों को बेहतर सुविधायें तथा आंगनवाड़ी केन्द्र के डिजिटल रिकार्ड संधारण की सुविधा। (घ) 13 भवन मनरेगा, 04 भवन 15वां वित्त आयोग एवं 01 भवन प्रधानमंत्री जनमन योजना अंतर्गत स्वीकृत। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 पर है। (ङ) भारत सरकार द्वारा चिन्हित आंगनवाड़ी केन्द्रों को सक्षम आंगनवाड़ी केन्द्र में उन्नयन किये जाने हेतु संसाधनयुक्त किया जा रहा है। आंगनवाड़ी भवनों का निर्माण वित्तीय संसाधनों तथा शासकीय भूमि की उपलब्धता पर निर्भर है। अतः समय-सीमा दिया जाना संभव नही। शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

सरकारी भर्ती प्रक्रिया में नॉर्मलाइजेशन पर परीक्षा परिणाम

[सामान्य प्रशासन]

116. ( क्र. 2467 ) श्री महेश परमार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कर्मचारी चयन मंडल एवं लोक सेवा आयोग के द्वारा 83-13% के आधार पर परीक्षा परिणाम जारी किये जा रहे है? यदि हाँ तो माननीय उच्च न्यायालय की प्रति उपलब्ध कराते हुए, बतावें कि इस प्रक्रिया का पालन किसी विषेष भर्ती या सभी भर्तियों के लिए लागू किया गया है? (ख) क्या पटवारी भर्ती परीक्षा 2023 के विवादीत परीक्षा परिणाम को लेकर जांच समितियां बनाई गई थी? यदि हाँ तो जांच समिति की रिपोर्ट सार्वजनिक क्यों नहीं की गई? रिपोर्ट विधानसभा पटल पर रखे। (ग) नॉर्मलाइजेशन के भर्ती नियम क्या है? प्रति देते हुए बताएं क्या प्रश्‍नांश (ख) के संबंध में यदि जांच प्रचलित है तो नियुक्ति आदेश कैसे जारी किये गये? इसके लिए कौन जिम्मेदार है?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नहीं। जांच हेतु मान. उच्‍च न्‍यायालय के सेवानिवृत्‍त न्‍यायाधिपति श्री राजेन्‍द्र कुमार वर्मा को नियुक्‍त किया गया था। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) मध्‍यप्रदेश लोक सेवा आयोग में नॉर्मलाइजेशन का कोई प्रावधान नहीं है। मध्‍यप्रदेश कर्मचारी चयन मण्‍डल में नॉर्मलाइजेशन के संबंध में जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है। जांच लंबित न होने से शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - "छियालीस"

शासन से प्राप्‍त आवंटन

[महिला एवं बाल विकास]

117. ( क्र. 2472 ) श्री अनिल जैन : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) निवाड़ी विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत वर्ष 2021-22 से प्रश्‍न दिनांक तक शासन से विभाग को किस-किस मद में किस-किस कार्य हेतु क्या-क्या आवंटन प्राप्त हुआ? शासन से प्राप्त आवंटनों की वर्षवार, माहवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) क्या प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में शासन से प्राप्त आवंटन के व्यय हेतु निविदा पद्धति का पालन किया गया है, यदि हाँ तो उक्त आवंटन से क्या-क्या व्यय, किस-किस कार्य में किस-किस आंगनवाड़ी केन्द्र पर किया गया तथा उक्त आवंटन से क्या-क्या सामग्री क्रय की गई तथा क्रय की गई सामग्री का विवरण, भुगतानकर्ता अधिकारी, फर्म का नाम, निविदा पद्धति सहित संपूर्ण जानकारी ब्लॉकवार देवें? (ग) प्रश्‍नांश (ख) के संदर्भ में फर्मों को भुगतान किये गये देयकों का सत्यापन किस अधिकारी द्वारा कराया गया?

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट-अ अनुसार(ख) जी हाँ। जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट-ब अनुसार(ग) परियोजना अधिकारी।

परिशिष्ट - "सैंतालीस"

 

''राज्य आनन्द संस्थान'' के अन्तर्गत गतिविधियों/कार्यक्रमों

[आनंद]

118. ( क्र. 2476 ) श्री सतीश मालवीय : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ''आनन्द'' विभाग के अन्तर्गत शासन के द्वारा कौन-कौन सी गतिविधियां कराई जाती है? उज्जैन जिले में ''राज्य आनन्द संस्थान'' के अन्तर्गत वर्ष 2022-23 एवं 2023-2024 में कब-कब और कहां-कहां आयोजित किए गए? गतिविधियों/कार्यक्रमों का आयोजित करने हेतु शासन स्तर से कितनी राशि प्राप्त हुई? राशि का व्यय किस रूप में किया गया? सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें (ख) घट्टिया विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत ''राज्य आनन्द संस्थान'' के अन्तर्गत वर्ष 2022-23 एवं 2023-2024 में आयोजित सम्मेलन में कौन-कौन सी गतिविधियां कराई गई? गतिविधियों/कार्यक्रमों का आयोजित करने हेतु शासन स्तर से कितनी राशि प्राप्त हुई? राशि का व्यय किस रूप में किया गया?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) आनंद विभाग के अंतर्गत राज्‍य आनंद संस्‍थान द्वारा की जाने वाली गतिविधियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'' अनुसार हैं। उज्‍जैन जिले में आयोजित कार्यक्रमों/गतिविधियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'' अनुसार हैं(ख) घट्टिया विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत संस्‍थान द्वारा वर्ष 2022-23 एवं 2023-24 में कोई सम्‍मेलन नहीं कराया गया। अत: शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता हैं।

कर की चोरी

[वाणिज्यिक कर]

119. ( क्र. 2499 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या टीकमगढ़ जिले में कंस्‍ट्रक्‍शन कम्‍पनियों के द्वारा करोड़ों रूपयों की कर चोरी की जा रही है और विभाग द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है यदि नहीं, तो? (ख) क्‍या ई.ओ.डब्‍ल्‍यू. विभाग म.प्र. ने अपने पत्र क्रमांक अपराध/सागर/अ.क्र. 05 एम. 06 एम/2024 भोपाल दिनांक 05.06.2024 के द्वारा प्रमुख सचिव वाणिज्‍य कर को पत्र लिखकर कार्यवाही हेतु आग्रह किया? ">(ग) यदि हाँ तो प्रश्‍नांश (ख) में वर्णित पत्र पर विभाग द्वारा क्‍या कार्यवाही की गई विस्‍तृत जानकारी दें। (घ) क्‍या श्री चन्‍द्रप्रकाश गिरी निवासी, श्रीनगर ने करोड़ों रूपये भू‍मि क्रय की जबकि वह स्‍वयं गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन वाली सूची में है। शिकायत के बाद भी कार्यवाही न होने के लिये कौन दोषी? क्‍या उसके विरूद्ध कार्यवाही होगी?

उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) टीकमगढ़ जिले में कंस्‍ट्रक्‍शन फर्मों पर विभाग द्वारा धारा 67 एवं 70 के अंतर्गत 18 फर्मों पर प्रवर्तन की कार्यवाही कर राशि रूपये 7087.98 लाख की मांग प्रस्‍तावित की गई एवं राशि रू. 1827.48 लाख जमा करायी गयी है। (ख) उक्‍त पत्र विभाग में आज दिनांक तक प्राप्‍त नहीं है। (ग) प्रश्‍नांश (ख) के संदर्भ में जानकारी निरंक। (घ) श्री चन्‍द्रप्रकाश गिरी निवासी श्रीनगर से संबंधित कोई शिकायत विभाग में प्राप्‍त नहीं हुई है।

 

 

तदर्थ रूप से नियुक्‍त कर्मचारी की सेवानिवृति उपरांत पेंशन की गणना

[वित्त]

120. ( क्र. 2523 ) श्री विवेक विक्की पटेल : क्या उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. शासन सा.प्र.वि. द्वारा तदर्थ रूप में नियुक्त शासकीय कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति उपरांत पेंशन की गणना हेतु कोई नियम जारी किये गये हैं? यदि हाँ तो नियम की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) क्या यह सही है कि पेंशन कार्यालय भोपाल ने तदर्थ रूप से नियुक्त शासकीय कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति उपरांत उनकी सेवा पुस्तिका का सूक्ष्मता से परीक्षण न कर, सेवानिवृत्त कर्मचारियों को उनकी पेंशन में तदर्थ काल की गणना गलत कर पिछले दो वर्षों में पीपीओ जारी किये गये है? यदि हां, तो विवरण देवें। (ग) क्या वित्त विभाग उच्च स्तरीय समिति‍ गठित कर इसकी जाँच करवायेगा? हाँ या नहीं? (घ) क्या इस संबंध में दोषी अधिकारियों के विरुद्ध कोई कार्यवाही की जावेगी? हाँ या नहीं?

उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) म.प्र. शासन, सामान्‍य प्रशासन विभाग द्वारा प्रस्‍तुत जानकारी अनुसार तदर्थ रूप से नियुक्‍त शासकीय कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति उपरांत पेंशन की गणना हेतु कोई नियम जारी नहीं किये गये हैं। शेष का प्रश्‍न ही नहीं उठता। (ख) वित्‍त विभाग द्वारा जारी म.प्र. सिविल सेवा पेंशन नियम 1976 के नियम-15 (A) में वर्णित प्रावधानों अंतर्गत पेंशन स्‍वीकृतकर्ता अधिकारी (विभाग/संबंधित कार्यालय) द्वारा स्‍वीकृत प्रकरणों में पेंशन कार्यालय, भोपाल द्वारा नियमानुसार पेंशन प्राधिकृत की जाती है। शेष का प्रश्‍न ही नहीं उठता। (ग) एवं (घ) उत्‍तरांश (क) एवं (ख) के उत्‍तर के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता है।

राजपुर जिला बड़वानी में दर्ज एफ.आई.आर. की जानकारी

[गृह]

121. ( क्र. 2531 ) श्री बाला बच्चन : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) थाना राजपुर जिला बड़वानी में दर्ज F.I.R. क्रमांक 0254 दिनांक 17-05-2024 में उल्‍लेखित कैलाश पिता मंशाराम अवास्या की मेडिकल जांच कब की गई? अस्‍पताल की प्रवेश रसीद, पदस्‍थ डॉक्‍टर नाम सहित जांच रिपोर्ट की प्रमाणित प्रति देवें। (ख) कैलाश पिता मंशाराम अवास्या के साथ कथित मारपीट के गवाहों के नाम, पता, मोबाईल नं., सार्वजनिक C.C.T.V. फुटेज की पेन ड्राइव सहित देवें? कैलाश अवास्‍था की दिनांक 16-05-2024 प्रात: 6 बजे से 9 बजे तक की मोबाईल लोकेशन की जांच किए बिना किस आधार पर उसकी शिकायत पर कायमी कर ली गई? इस समय की मोबाईल लोकेशन का वर्णन करें और उसे जांच में शामिल करने की कार्यवाही कब तक की जाएगी? (ग) कैलाश अवास्या के बयान की प्रमाणित प्रति भी देवें क्‍या कारण है पुलिस ने बैगर मेडिकल जांच कराये बगैर मोबाइल लोकेशन की पुष्टि किए F.I.R. की? ऐसा करने वाले अधिकारियों पर विभाग कब तक कार्यवाही करेगा? यदि नहीं, तो क्‍यों?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) कैलाश पिता मंशाराम अवास्या की मेडिकल जाँच दिनांक 16.05.2024 समय 1.14 बजे ओपीडी नं0 27148 पर चिकित्सक श्री यश बड़ोले मेडिकल आफि‍सर शासकीय अस्पताल राजपुर द्वारा किया गया है। प्रकरण की विवेचना जारी है, अतः मेडिकल जाँच रिपोर्ट की प्रति प्रदाय किया जाना विधिसम्मत नहीं होगा। (ख) कैलाश पिता मंशाराम अवास्या के साथ कथित मारपीट के गवाहों के नाम, पता, मोबाईल नम्बर आदि की जानकारी प्रकरण विवेचना में होने से प्रदाय किया जाना विधिसम्मत नहीं होगा। घटना स्थल पर सार्वजनिक सी.सी.टी.व्ही. कैमरे नहीं लगे हैं। कैलाश अवास्या की दिनांक 16.05.2024 प्रातः 6.00 बजे से 9.00 बजे तक की मोबाईल लोकेशन प्राप्त की जा रही है। रिपोर्ट प्राप्त होने पर आगामी कार्यवाही की जावेगी। फरियादी सुदीप बर्मन द्वारा दर्ज कराई गई, संज्ञेय अपराध की सूचना व फरियादी सुदीप बर्मन, कपिल बर्मन, कैलाश अवास्या की मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर अपराध की कायमी की गई है। /span>(ग) फरियादी सुदीप बर्मन द्वारा दर्ज कराई गई संज्ञेय अपराध की सूचना व फरियादी सुदीप बर्मन, कपिल बर्मन, कैलाश अवास्या की मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर अपराध की कायमी की गई है। प्रकरण विवेचना में होने से बयान की प्रति दिया जाना विधिसम्मत नहीं होगा। शेष प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता।

नहरों में जल प्रदाय

[नर्मदा घाटी विकास]

122. ( क्र. 2536 ) श्री बाला बच्चन : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजपुर विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत लोअर गोई परियोजना के तहत ग्राम बासवी, कुसमरी, लिंगवा, पिपरी बुजुर्ग में नहर का पानी क्‍यों नहीं छोड़ा जा रहा? कारण बतावें। (ख) कब तक उपरोक्‍त ग्रामों में पानी छोड़ा जाएगा? समय-सीमा बतावें। पानी प्रदाय अवरोध करने वाले अधिकारियों के नाम, पदनाम देकर बतावें कि इसके लिए विभाग उन पर कब तक कार्यवाही करेगा? (ग) राजपुर विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत इंदिरा सागर परियोजना के तहत चिचली, चौनपुरा, टिटगारिया, गवला, विश्‍वनाथ खेड़ा ग्रामों में माइनर नहरों में जल आपूर्ति नहीं हो रही है इसे कब तक सुनिश्चित किया जाएगा? समय-सीमा देवें। यदि नहीं, तो क्‍यों?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) ग्राम बासवी के कमाण्‍ड क्षेत्र में नहरों से जल प्रवाह किया जा रहा है। शेष ग्राम कुसमरी, लिंगवा, पीपरी बुजुर्ग में नहरों का निर्माण कार्य प्रगति पर है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ख) नहरों का निर्माण कार्य पूर्ण करने की समय-सीमा 30 जून 2025 लक्षित है। अधिकारियों के द्वारा पानी प्रदाय में अवरोध नहीं किया जा रहा है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) ग्राम टिटगारिया एवं विश्‍वनाथ खेडा़ में जल आपूर्ति की जा रही है तथा ग्राम चिचली, चैनपुरा एवं गवला नहर के अंतिम छोर पर स्थित हैं, इन ग्रामों की नहरों में गाद एवं झाडी़-झंकड़ के कारण जल आपूर्ति नहीं हो पा रही है। अत: आगामी रबी सीजन में निराकरण कर पानी की आपूर्ति की जाना लक्षित है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

आपराधिक रिकार्ड की जानकारी

[गृह]

123. ( क्र. 2575 ) श्री राजेन्‍द्र भारती : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2013 से प्रश्‍न दिनांक तक दतिया जिला में कुल कितने अपराध घटित हुए हैं? कृपया थानावार, वर्षवार घटित/पंजीबद्ध अपराधों की अलग-अलग श्रेणीवार जानकारी प्रदाय करें। क्या अपराधों में आर्म्स एक्ट की धारा 25-27, आबकारी एक्ट की धारा 34 एवं 34 (2) एवं आई.पी.सी. की धारा 327 भी पंजीबद्ध किये गये? यदि हाँ तो थानावार, वर्षवार आरोपियों के नाम/पता सहित विवरण दें। /span>(ख) क्या पुलिस द्वारा जप्त शराब एवं अवैध शस्त्रों का भौतिक सत्यापन किये जाने का नियम है? यदि हाँ तो कृपया किस अधिकारी द्वारा सत्यापन किया गया? कृपया थानावार सत्यापित करने वाले अधिकारियों के नाम/पते बतायें। (ग) प्रश्‍नांश (क) में पंजीबद्ध प्रकरणों में कितने चालान पुलिस द्वारा न्यायालयों में प्रस्तुत किये जा चुके हैं? कृपया प्रकरणों की कुल संख्या एवं न्यायालय में चालान प्रस्तुत किये गये प्रकरणों की संख्या का विवरण वर्षवार, थानावार प्रस्तुत करें। (घ) उक्त पंजीबद्ध प्रकरणों में से पुलिस द्वारा कितने प्रकरणों में एफ.आर एवं ई.आर. लगाई गई? कृपया वर्षवार, थानावार अपराधों की जानकारी दें।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

अनुसूचित जाति/जन‍जाति के थाना प्रभारी बनाये जाना

[गृह]

124. ( क्र. 2576 ) श्री राजेन्‍द्र भारती : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि क) ग्वालियर चम्बल जोन में कौन-कौन से थाने है? थानों का नाम एवं थाना प्रभारी का नम्बर क्या है? कृपया जानकारी प्रदाय करें। (ख) ग्वालियर चम्बल जोन में पदस्थ अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के उपनिरीक्षक/निरीक्षक के नाम एवं जिला का नाम क्या है? (ग) अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के निरीक्षक/उपनिरीक्षकों को किन-किन थानों में थाना प्रभारी बनाया गया है तथा थानावार एवं जिला का नाम का उल्लेख करें। यदि नहीं, बनाया गया तो क्यों? ">(घ) क्या यह बात सही है कि अनुसूचित जाति/जनजाति के कर्मचारियों के साथ भेदभाव किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'''' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'''' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- '''' अनुसार है। (घ) जी नहीं।

पत्‍थर एवं गिट्टी खदानों का संचालन

[खनिज साधन]

125. ( क्र. 2582 ) श्री केशव देसाई : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्‍ड जिले की गोहद विधानसभा क्षेत्र में कितनी पत्‍थर एवं गिट्टी की खदान कहाँ-कहाँ संचालित है? क्‍या उक्‍त खदानें शासन के मापदण्‍ड अनुसार संचालित हो रही है? यदि नहीं, हो रही है तो उनके खिलाफ कार्यवाही की जावेगी, यदि नहीं, की जाएगी तो कारण बताएं? खदान संचालन हेतु शासन मापदण्‍डों/नियमों की छायाप्रति उपलब्‍ध करावें। (ख) गोहद विधानसभा क्षेत्र के ग्राम डांग में 01.01.2014 से आज दिनांक तक किस-किस को खनन करने हेतु पट्टा दिया व कितने रकबा दिया है? उनके द्वारा जहाँ खनन कर जगह से पत्‍थर निकालकर गहरे गड्ढे कर दिये गये हैं, क्‍या उन गड्ढों को भर दिया गया है, यदि नहीं, भरे गये हैं तो क्‍यों नहीं भराये गये हैं? इनके खिलाफ क्‍या कार्यवाही की गई है यदि नहीं, तो क्‍यों? क्‍या कार्यवाही नहीं करने वाले सक्षम अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही होगी? यदि नहीं, तो क्‍यों? उक्‍त गड्ढों में बरसात का पानी भर जाने से लोगों की डूब जाने से मृत्‍यु होती है, इसके लिए कौन जिम्‍मेदार है?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) भिण्‍ड जिले में गोहद विधानसभा क्षेत्र में संचालित पत्‍थर एवं गिट्टी की खदानों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। उक्‍त खदानें शासन के मापदण्‍ड अनुसार संचालित हो रही हैं। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। खदान संचालन हेतु शासन मापदण्‍ड/नियम म.प्र. गौण खनिज नियम, 1996 में पूर्व से अधिसूचित हैं। (ख) गोहद विधानसभा क्षेत्र के ग्राम डंग में 01/01/2014 से आज दिनांक तक खनन हेतु दिये गये उत्‍खनिपट्टा का विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। पूर्व से अधिसूचित म.प्र. गौण खनिज नियम, 1996 में खान बंद करने की योजना प्रावधानित है। वर्तमान में उक्‍त समस्‍त खदानें संचालित हैं। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

संचालित खदानों एवं ओवर लोड वाहनों का परिचालन

[खनिज साधन]

126. ( क्र. 2583 ) श्री केशव देसाई : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या गोहद विधानसभा में संचालित खदानों में मालिकों द्वारा अपनी स्वीकृत जगह निश्चित कर कोई चिन्ह लगाया गया है, जिससे पता चल सके की खदान कहां तक स्वीकृत है? (ख) गोहद से चौराहा तक बनी फोरलेन रोड मात्र 15 टन गिट्टी भरकर ट्रक सहित क्षमता है, लेकिन ट्रक एवं डम्फर द्वारा इस रोड पर लगातार 70 से 80 टन माल निकालकर रोड को क्षतिग्रस्त की जा रही है, उक्त ओवरलोड वाहनों के खिलाफ कार्यवाही की जावेगी, यदि नहीं, तो कारण बतायें।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रश्‍नांश अनुसार ओवरलोड वाहनों पर प्रकरण पंजीबद्ध किया जाकर कार्यवाही की गयी है, जिसका विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

पलेरा एवं लिधौराखास में उप कोषालय खोले जाना

[वित्त]

127. ( क्र. 2586 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टीकमगढ़ जिले में कितने जिला कोषालय एवं उप-कोषालय कहां-कहां, कब से संचालित है? वर्तमान में कौन-कौन अधिकारी, कर्मचारी एवं अन्य के पद सृजित हैं? यहां पर कौन-कौन कब से पदस्थ है? (ख) प्रश्‍नांश (क) के आधार पर बताएं कि जिले में कोषालय एवं उप-कोषालय नवीन खोले जाने हेतु विभाग/शासन ने क्या-क्या नियम बनाए हैं? कृपया ऐसे नियमों एवं आर्डरों की छायाप्रतियां प्रदाय करें। (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) के आधार पर बताएं कि जनता की मांग जो वर्षों से चल रही है कि जिले के नगर पलेरा एवं लिधौराखास में उप-कोषालय खोले जाने हेतु क्या-क्या अर्हताएं पूर्ण हो चुकी हैं? कृपया सम्पूर्ण जानकारी देते हुए निश्चित समय-सीमा सहित बताएं कि कब तक तहसील पलेरा एवं लिधौराखास में उप-कोषालय खोल दिए जायेंगे?

उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) कार्यालय जिला कोषालय टीकमगढ़ में संधारित अभिलेखानुसार म.प्र. राज्‍य की स्‍थापना वर्ष से जिला कोषालय संचालित हैं। वर्तमान में जिले में कोई भी उपकोषालय संचालित नहीं हैं। वर्तमान में जिला कोषालय में सृजित एवं सृजित पदों के विरूद्ध पदस्‍थ अधिकारियों/कर्मचारियों की जानकारी पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्‍ट-1 अनुसार है। (ख) कोषालय खोले जाने संबंधी आदेश/निर्देश  पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-2 अनुसार एवं वर्तमान में समस्‍त कोषालय बंद किये जा चुके है। आदेश पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-3 अनुसार है। (ग) वर्तमान में कोषालयीन कम्‍प्‍यूटरीकृत परियोजना (IFMIS) के अंतर्गत समस्‍त कोषालयीन संव्‍यवहार (देयकों का प्रस्‍तुतीकरण एवं भुगतान) ऑनलाईन जिला कोषालय में प्रस्‍तुत होते है जिससे कार्यवाही अविलम्‍ब होती है। अत: उपकोषालय संचालन की कोई उपयोगिता नहीं है। वर्तमान में प्रदेश के समस्‍त उपकोषालय बंद किये जा चुके है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

जतारा उप जेल की समस्‍याओं का निराकरण

[जेल]

128. ( क्र. 2587 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि टीकमगढ़ जिले की उप जेल जतारा में स्थित समस्याओं के निदान हेतु प्रश्‍नकर्ता द्वारा प्रश्‍न क्र. 887, दिनांक 09 फरवरी 2024 किया गया था? (ख) प्रश्‍नांश (क) के आधार पर बताएं कि जिसके उत्तर (ग) में जब बताया गया था कि स्वीकृत राशि के विरूद्ध अतिरिक्त राशि की मांग का वर्तमान में कोई प्रस्ताव नहीं आया है तब लोक निर्माण विभाग एवं लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग से एवं उप-जेल जतारा द्वारा कब तक समस्याओं के निदान हेतु अन्य सम्पूर्ण समस्याओं के निदान हेतु प्रस्ताव, एस्टीमेट एवं टी. एस. करवाकर विभाग में शासन के समक्ष राशि की मांग हेतु प्रस्ताव भेजा जावेगा तो कब तक? प्रश्‍न दिनांक तक उपरोक्त कार्यवाही न किए जाने के क्या-क्या कारण है? स्पष्ट बताएं, निश्चित सीमा सहित बताएं कब तक प्रस्ताव सम्पूर्ण फाईल सहित विभाग में भेज दिए जावेंगे? (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) के आधार पर बताएं कि क्या उप-जेल जतारा के कैदियों को क्या पेयजल हेतु पानी की पूर्ति की जाने लगी है एवं क्या उप-जेल जतारा के चारों ओर बाउंड्रीवॉल का निर्माण एवं अन्य समस्याओं का निदान हो चुका है? अन्य समस्याएं उप जेल जतारा में क्या-क्या है? (घ) प्रश्‍नांश (क), (ख) एवं (ग) के आधार पर बताएं कि उप-जेल जतारा की समस्याओं के निराकरण हेतु विभाग प्रस्ताव अनुसार और राशि स्वीकृत करेगा तो कितनी-कितनी और कब तक?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। (ख) लोक निर्माण विभाग ने कोई अतिरिक्‍त राशि नहीं मांगी है। लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी विभाग को स्‍वीकृत राशि रूपये 11.84 लाख में से रूपये 0.70 लाख ही नलकूप खनन पर व्‍यय की है, नलकूप असफल रहने से शेष राशि उपयोग नहीं की गई। पुनरीक्षित प्राक्‍कलन रूपये 14.71 लाख लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी विभाग से प्राप्‍त कर स्‍वीकृति की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी विभाग को निर्देश दिए गये हैं। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी विभाग को पेयजल की व्‍यवस्‍था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए जा रहे हैं। जेल में पेयजल आपूर्ति बावड़ी से की जा रही है। जेल परिसर में पूर्व में खोदे गए 05 बोर असफल रहे हैं। जेल में बाउण्‍ड्रीवॉल का कार्य 180 मीटर लम्‍बाई तक हो चुका है, शेष कार्य प्रगति पर है तथा वेटिंग शेड का कार्य पूर्ण हो चुका है। (घ) समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

रेत खदानों में अवैध उत्‍खनन

[खनिज साधन]

129. ( क्र. 2589 ) श्री रजनीश हरवंश सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या प्रश्‍नकर्ता विधायक ने मान. मुख्‍यमंत्री जी को जबलपुर जिले में दिनांक 03/01/2024 को जबलपुर जिले में आयोजित समीक्षा बैठक में सिवनी जिले की खुर्शीपार माल, सकरी, अरंडिया रेत खदानों से अवैध उत्‍खनन किए जाने का शिकायत पत्र दिया था? यदि तो इस पत्र में उल्‍लेखित बिन्‍दुओं के संबंध में क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, तो क्‍यों? (ख) प्रश्‍नांश (क) के प्रकाश में रेत उत्‍खनन का ठेका जिस कंपनी को दिया गया उनके द्वारा नियत रायल्‍टी का भुगतान समयावधि में किया जा रहा वर्ष 2023 से 2024 तक की जानकारी देवें।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। शिकायत पत्र में उल्‍लेखित बिन्‍दुओं के संबंध में सहायक खनि अधिकारी के प्रतिवेदन दिनांक 06.02.2024 अनुसार तहसील केवलारी के अंतर्गत ग्राम खुर्शीपार माल, सकरी, अरंडिया के खसरा क्रमांक 671, 01 एवं 507 रकबा 21.000 हेक्‍टेयर क्षेत्र पर जिला समूह में रेत खदान स्‍वीकृत है। वैधानिक अनुमतियाँ प्राप्‍त नहीं होने के कारण खदान शिथिल थी। जाँच के दौरान स्‍वीकृत क्षेत्र से लगे हुये क्षेत्र पर पूर्व से उत्‍खनन किये हुये गढ्ढे पाये गये तथा कुछ दूरी पर 01 पोकलेन मशीन खड़ी पाई जाने पर उक्‍त क्षेत्र का माप कर अवैध उत्‍खनन का प्रकरण दर्ज कर राशि रूपये 7,50,000/- का अर्थदण्‍ड अधिरोपित किया जाकर खनिज मद में जमा कराया गया। (ख) जानकारी  संलग्‍न  परिशिष्‍ट  अनुसार है।

परिशिष्ट - "अड़तालीस"

लोकायुक्‍त संगठन में पदस्‍थापना अवधि

[सामान्य प्रशासन]

130. ( क्र. 2594 ) श्री देवेन्द्र पटेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में विशेष पुलिस स्‍थापना लोकायुक्‍त संगठन में प्रतिनियुक्ति पर पदस्‍थ रहने की क्‍या अवधि निर्धारित है? इस अवधि को किन नियम-निर्देशों के तहत व किन सक्षम अनुमतियों से कितनी अवधि तक बढ़ाया जा सकता है? विवरण दें। (ख) प्रदेश में लोकायुक्‍त संगठन में आरक्षक से लेकर वरिष्‍ठ अधिकारियों तक की किस की पदस्‍थापना अवधि चार वर्ष से अधिक की हो गई है? इनमें से किन-किन की अवधि सक्षम अनुमतियां लेकर बढ़ाई गई है? (ग) क्‍या लम्‍बे समय से एक ही संगठन में एक ही कार्य में पदस्‍थ रहने से कर्मचारी/अधिकारी की कार्य प्रणाली प्रभावित होती है और अनियमितताओं की संभावना बढ़ जाती है? (घ) लोकायुक्‍त संगठन कब तक पदस्‍थापना व प्रतिनियुक्ति के मामले में अपने व सामान्‍य प्रशासन विभाग के जारी दिशा-निर्देशों का पालन सुनिश्चित करेगा? यदि नहीं, तो क्‍यों?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार(ख) प्रदेश में विशेष पुलिस स्‍थापना, लोकायुक्‍त संगठन में आरक्षक से लेकर वरिष्‍ठ अधिकारियों तक कुल 179 अधिकारियों की पदस्‍थापना अवधि चार वर्ष से अधिक हो गई है। शेष प्रश्‍नांश की जानकारी निरंक है। (ग) विशेष पुलिस स्‍थापना में वरिष्‍ठ स्‍तर से निरंतर कार्य की समीक्षा एवं पर्यवेक्षण किया जाता है। (घ) विशेष पुलिस स्‍थापना, लोकायुक्‍त संगठन म.प्र. में सामान्‍य प्रशासन विभाग के जारी दिशा-निर्देशों का पालन किया जा रहा है।

परिशिष्ट - "उन्चास"

कर्मचारियों के वेतन विसंगति दूर करने हेतु प्राप्‍त प्रस्‍ताव

[वित्त]

131. ( क्र. 2595 ) श्री देवेन्द्र पटेल : क्या उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के कर्मचारियों के वेतन विसंगति दूर करने हेतु विगत 05 वर्षों में शासन स्‍तर पर विभिन्‍न विभागों से कौन-कौन से प्रस्‍ताव प्राप्‍त हुये तथा उन प्रस्‍तावों पर शासन द्वारा क्‍या कार्यवाही की गई? (ख) क्‍या शासन द्वारा गठित सिंघल कर्मचारी आयोग द्वारा कर्मचारियों के वेतन विसंगति दूर करने हेतु शासन को रिपोर्ट प्रस्‍तुत कर दी गई है? (ग) प्रश्‍नांश (ख) यदि हाँ तो उल्‍लेखित रिपोर्ट में अग्रिम कार्यवाही किये जाने की क्‍या योजना है? जिससे कर्मचारियों के वेतन विसंगति दूर की जा सके यदि कार्ययोजना है तो किस प्रकार से कब तक विसंगति दूर कर दी जावेगी?

उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) कर्मचारियों की वेतन विसंगति को दूर करने के दृष्टिगत राज्‍य शासन द्वारा कर्मचारी आयोग का गठन किया गया है। विभिन्‍न विभागों से वेतन विसंगति से संबंधित मांगों/प्रस्‍तावों पर कर्मचारी आयोग द्वारा परीक्षण किया जाकर प्रतिवेदन प्रस्‍तुत किया गया है। (ख) राज्‍य शासन द्वारा सिंघल कर्मचारी आयोग नाम से कोई आयोग गठित नहीं किया है, अत: तदाशय का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) उपरोक्‍त (ख) के अनुक्रम में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

बढ़ते अपराधों की जानकारी

[गृह]

132. ( क्र. 2598 ) श्री पंकज उपाध्याय : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुरैना जिले के समस्त पुलिस थानों का प्रश्‍न दिनांक से 1 वर्ष पूर्व में घटित अपराधों का संपूर्ण विवरण देवें। इस अवधि में किस-किस थाना क्षेत्र के अंतर्गत सबसे ज्यादा हत्या, बलात्कार, चोरी एवं लूट की घटनाएं घटित हुई हैं? दर्ज अपराधों में से कितने अपराधों में आरोपी पकड़े गए, कितने फरार है एवं कितनों को सजा हुई? (ख) थाना चंबल चिन्नौनी अपराध क्रमांक 22/16 में FIR लगाई गई है? यदि लगाई गई है तो किस आधार पर लगाई गई है? इस मामले में रिकन्‍स्ट्रक्शन हेतु कोई आवेदन दिया गया था? अगर हाँ तो उसकी स्थिति क्या है? (ग) मुरैना जिले में पिछले 1 वर्षों में कितने प्रतिशत अपराध बढ़े हैं एवं कमी आयी है? माह अनुसार जानकारी देवें एवं जिन थानों के अन्तर्गत अपराध ज्यादा बढ़े हैं, सरकार अपराध कम करने के लिए क्या कार्यवाही कर रही है?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '' अनुसार। (ख) थाना चंबल चिन्नौनी के अपराध क्रमांक 22/16 में विवेचना के दौरान उपलब्ध साक्ष्य चालानी योग्य नहीं पाये जाने से एफ.आर. क्रमांक-04/2022, दिनांक 03.12.2022 कता की जाकर माननीय न्यायालय के प्रकरण क्रमांक-217/2022 पर पेश किया गया जो विचाराधीन है, प्रकरण में अग्रिम सुनवाई हेतु दिनांक 27.07.2024 नियत की गई है। प्रकरण माननीय न्यायालय में विचाराधीन है। इस मामले में रिइन्वेस्टीगेशन हेतु कोई आवेदन प्राप्त नहीं हुआ है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '' अनुसार। जिलें में अपराधों की रोकथाम करने के लिये प्रतिबंधात्मक कार्यवाही एवं जिला बदर की कार्यवाही कर ज्यादा से ज्यादा आरोपियों को बाउण्डओवर कराया जाता है इसके साथ ही समय-समय पर अभियान चलाये जाकर आरोपियों की धरपकड़ की जाती है एवं जिन थानों पर अपराध बढ़े है उन्हें चिन्हित कर रात्रि गश्त पाइंट एवं लगातार पुलिस पेट्रोलिंग की जाती है जिससे जिले के भीतर आपराधिक गतिविधियों पर अंकुश लगाया जाकर अपराधों की रोकथाम की जा सके।

औद्योगिक क्षेत्र में निवेश की जानकारी

[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]

133. ( क्र. 2602 ) डॉ. प्रभुराम चौधरी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत पाँच वर्षों में रायसेन जिला अंतर्गत औद्योगिक क्षेत्र में कितना निवेश हुआ है एवं किस उद्योगपति द्वारा निवेश किया गया है? सूची उपलब्ध करावें। (ख) रायसेन में निवेश का उपयोग कर कितने उद्योग खोले गये एवं वर्तमान में कितने उद्योग संचालित है? सूची उपलब्ध करावें। (ग) क्या राज्य सरकार द्वारा रायसेन जिले को औद्योगिक क्षेत्र घोषित किया है? यदि हाँ तो वर्तमान में कौन-कौन से उद्योग लगाने हेतु किन-किन स्थानों को चिन्हित किया है?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) विगत पांच वर्षों में रायसेन जिला अंतर्गत एमपी इण्‍डस्‍ट्रीयल डेवलपमेंट कार्पोरेशन लिमिटेड द्वारा सं‍धारित औद्योगिक क्षेत्र मण्‍डीदीप में, प्‍लास्टिक पार्क तामोट में एवं उक्‍त के अतिरिक्‍त औद्योगिक क्षेत्र के बाहर इकाईयों द्वारा किये गये निवेश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट/span> अनुसार है। सूक्ष्‍म,लघु एवं मध्‍यम उद्यम विभाग से प्राप्‍त जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। (ख) रायसेन में विभाग के अधीन औद्योगिक क्षेत्र मण्‍डीदीप एवं प्‍लास्टिक पार्क तामोट में निवेश कर खोले गये संचालित उद्योगों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-स अनुसार है। सूक्ष्‍म,लघु एवं मध्‍यम उद्यम विभाग से प्राप्‍त जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-ब में समाहित है। (ग) राज्‍य सरकार द्वारा सम्‍पूर्ण रायसेन जिले को औद्योगिक क्षेत्र घोषित नहीं किया गया है, अपितु रायसेन जिले में औद्योगिक क्षेत्र-मण्‍डीदीप, मल्‍टी प्रोडक्‍ट उद्योग हेतु तथा प्‍लास्टिक पार्क-तामोट, प्‍लास्टिक प्रोडक्‍ट उद्योग हेतु स्‍थापित कर अधिसूचित किये गये है।

कुटीर एवं ग्रामोद्योग स्‍वरोजगार की जानकारी

[कुटीर एवं ग्रामोद्योग]

134. ( क्र. 2603 ) डॉ. प्रभुराम चौधरी : क्या राज्‍य मंत्री (स्वत्रंत प्रभार), कुटीर एवं ग्रामोद्योग महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रायसेन जिले में कुटीर एवं ग्राम उद्योग विभाग द्वारा 01 मार्च 2020 से 30 अप्रैल 2023 तक स्‍वरोजगार संबंधी कितने प्रकरण स्‍वीकृत किये गये? यदि हाँ तो हितग्रा‍हीवार नाम, पता, बैंक ऋण राशि, अनुदान राशि, विधानसभावार जानकारी देवें। (ख) विभाग द्वारा उपरोक्‍त अवधि में कितनी राशि किन-किन कार्यों में व्‍यय की गई? फर्म/व्‍यक्ति का नाम, भुगतान राशि सहित जानकारी देवें। (ग) सांची विधानसभा अंतर्गत कुटीर एवं ग्रामोद्योग विभाग द्वारा स्‍वरोजगार हेतु आगामी वर्ष में क्‍या योजना है? विस्‍तृत जानकारी देवें।

राज्‍य मंत्री (स्वत्रंत प्रभार), कुटीर एवं ग्रामोद्योग ( श्री दिलीप जायसवाल ) : (क) रायसेन जिले में कुटीर एवं ग्राम उद्योग विभाग द्वारा 01 मार्च 2020 से 30 अप्रैल 2023 तक प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम अंतर्गत 123 तथा रेशम विकास योजना अंतर्गत 01 कुल 124 स्‍वरोजगार संबंधी प्रकरण स्वीकृत किये गए है। हितग्रा‍हीवार नाम, पता, बैंक ऋण राशि, अनुदान राशि विधानसभावार  जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम में बैंकों के माध्यम से ऋण कुल राशि रु. 9.81 करोड़ एवं अनुदान कुल राशि रु. 3.19 करोड़ तथा रेशम विकास योजना अंतर्गत कुल अनुदान राशि रु. 20.78 लाख का व्यय किया गया है। भुगतान की गई राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है(ग) विभाग में संचालित सभी योजनाएं साँची विधानसभा में भी लागू हैं।

सेवानिवृत्‍तों को वार्षिक वेतन वृद्धि का लाभ

[वित्त]

135. ( क्र. 2606 ) श्री उमंग सिंघार : क्या उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि वित्त विभाग ने अपने आदेश क्रमांक एफ 8-1/2024/नियम/चार भोपाल दिनांक 15 मार्च, 2024 द्वारा शासकीय सेवकों की 30 जून/31 दिसम्बर को सेवानिवृत्ति के पश्चात आगामी तिथि पर वेतनवृद्धि की स्वीकृति के संबंध में आदेश जारी किया है? (ख) क्या यह सही है कि उक्त आदेश की कंडिका-2 में यह उल्लेखित है कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय एवं उच्च न्यायालयों द्वारा विभिन्न याचिकाओं में पारित निर्णयों के दृष्टिगत समग्र विचार उपरांत एतद द्वारा निर्णय लिया जाता है कि 30 जून एवं 31 दिसम्बर को सेवानिवृत्त हुए शासकीय कर्मचारी जिनके प्रकरण न्यायालयीन निर्णय के आधार पर उद्भूत हैं, को सेवानिवृत्ति के समय प्राप्त वेतन में काल्पनिक (नोशनली) वेतनवृद्धि स्वीकृत की जाये? यह काल्पनिक वेतनवृद्धि केवल पेंशन के निर्धारण/पुनरीक्षण की गणना के लिये ही मान्य होगी? (ग) क्या इसका आशय यह है कि जो सेवानिवृत्त शासकीय कर्मचारी वेतनवृद्धि के संबंध में अपने पक्ष में न्यायालय से निर्णय लेकर आएं, केवल उन्हें ही इस आदेश की कंडिका-3 अनुसार प्रशासकीय विभाग स्वयं निर्णय लेकर वेतनवृद्धि स्वीकृत करने के संबंध में आदेश जारी करेंगे? (घ) क्या जिस प्रकार से राजस्थान, छत्तीसगढ़ की राज्य सरकारों एवं केन्द्र सरकार के अनेकों विभागों के अधिकारियों/कर्मचारियों को उक्त वेतन वृद्धि का लाभ दिया गया है, उसी तरह लाभ राज्य के अधिकारियों/कर्मचारियों को दिया जायेगा? यदि हां, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्‍यों?

उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) से (ग) जी हाँ। (घ) वर्तमान में तदाशय कोई प्रस्‍ताव विचाराधीन नहीं हैं।

 

 

 

रेत का परिव‍हन

[खनिज साधन]

136. ( क्र. 2609 ) श्री शरद जुगलाल कोल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शहडोल व रीवा जिले में रेत परिवहऩ कर रहे वाहनों पर टी.पी. के बाद भी अर्थदण्ड अधिरोपित करने की कार्यवाहियां पुलिस व परिवहन विभाग द्वारा किया जा रहा है, जबकि खनिज विभाग द्वारा रेत की माप क्यूबिक मीटर में करके पास कर अनुमति रेत परिवहन बावत दी जाती है लेकिन इसके विपरीत राजस्व परिवहन विभाग द्वारा उन्ही वाहनों पारि के कांटे के द्वारा वजन कराकर रेत की मात्रा ज्यादा बताकर अर्थ दण्ड लगाया जा रहा है क्यों? इस पर क्या निर्देश कब जारी करेंगे? बतावें अगर नहीं तो क्यों? (ख) प्रश्‍नांश (क) में उल्लेखित तथ्यों अनुसार खनिज विभाग, राजस्व, पुलिस, परिवहन विभाग को एक ही मापदण्ड अनुसार बालू/रेत के माप बावत निर्देश देंगे जिससे माप बावत अलग-अलग प्रक्रिया के कारण निर्दोश वाहन मालिक दण्डित हो रहे है। (ग) प्रश्‍नांश (क) के तारतम्य में कार्यालय अनुविभागीय अधिकारी राजस्व ब्यौहारी द्वारा पत्र क्र. 982, दिनांक 14.08.2017 एवं 18. 08.2017 के द्वारा 7 वाहनों पर मनमानी अर्थ दण्ड अधिरोपित कर वाहन मालिकों टी.पी. के बाद भी परेशान किया गया इसी तरह वर्तमान में भी किया जा रहा है। इसके रोक बावत क्या निर्देश देंगे बतावें। (घ) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) अनुसार बालू/रेत के माप बावत अपनाई जा रही भिन्न विधियों में एकरूपता बावत क्या निर्देश देंगे जिससे वैधानिक रूप से बालू/रेत के परिवहनकर्ता वाहन मालिकों को दण्डित नहीं होना पड़े। प्रश्‍नांश (ग) अनुसार अधिरोपित दण्ड से बचाने बावत निर्देश देने के साथ संबंधित वाहन मालिकों को परेशान कर रहे उन पर कार्यवाही बावत क्या निर्देश देंगे बतावें। नहीं तो क्यों।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी नहीं। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ख) विभाग द्वारा पूर्व में म.प्र. शासन, खनिज साधन विभाग के निर्देश क्रमांक 286/आर-2723/2019/12/1 दिनांक 07/01/2020 से जारी किया गया है। जारी निर्देश की प्रति  पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ  अनुसार है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) अनुविभागीय अधिकारी राजस्‍व ब्‍यौहारी के पत्र क्रमांक 982 दिनांक 14/08/2017 एवं 18/08/2017 के द्वारा प्रश्‍नांश क) के अनुसार वाहनों पर कार्यवाही नहीं की गई है। अनुविभागीय अधिकारी राजस्‍व ब्‍यौहारी के द्वारा प्रस्‍तुत जबाव दिनांक 29/06/2024 की प्रति  पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब  अनुसार है। प्रश्‍नांश के संबंध में म.प्र. शासन, खनिज साधन विभाग द्वारा क्रमांक 2919/पी.एस.एम.आर.डी./2024 दिनांक 24/05/2024 से निर्देश जारी किये गये हैं। जिसकी प्रति पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। अत: पुन: निर्देश जारी करने का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रदेश में बालू/रेत के माप बावत विभिन्‍न विधियाँ नहीं अपनाई जा रही हैं। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। प्रश्‍नांश (ख) के संबंध में कार्य आवंटन नियम अनुसार खनिज विभाग के संबंध में निर्देश जारी करने की अधिकारिता खनिज साधन विभाग को है। तत्‍संबंध में विभाग द्वारा निर्देश पूर्व में जारी किये गये हैं। अत: पृथक से निर्देश जारी करने की आवश्‍यकता नहीं है।

 

 

पत्रों पर कार्यवाही न करने वाले दोषियों पर कार्यवाही

[सामान्य प्रशासन]

137. ( क्र. 2610 ) श्री शरद जुगलाल कोल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्‍नकर्ता सदस्य द्वारा समय-समय पर शहडोल जिले के आयुक्‍त राजस्व कलेक्टर शहडोल, अनुविभागीय राजस्व पुलिस अधीक्षक शहडोल, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत शहडोल, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत खनिज वन एवं अन्य विभागों को भी पत्र पिछले 4 माह के लिखे गये उन पत्रों पर की गई कार्यवाही का विवरण विभागवार देवें। (ख) क्या सामान्य प्रशासन द्वारा माननीय सांसदों, विधायकों के पत्रों पर समय से कार्यवाही के निर्देश है निर्देश की प्रति देते हुये बताएं कि निर्देश का पालन संबंधितों द्वारा पत्रों पर कार्यवाही समय पर कर अवगत नहीं कराया गया क्यों? (ग) प्रश्‍नांश (क) अनुसार संबंधित विभागों को लिखे गये पत्रों पर समय पर कार्यवाही नहीं की गई तो इसके लिये कौन-कौन जिम्मेदार है? जिम्मेदारों/अधिकारियों/ कर्मचारियों पर क्या कार्यवाही के निर्देश देंगे? बतावें।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'''' अनुसार है। (ख) जी हाँ। निर्देश की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-'''' अनुसार है। शेष जानकारी प्रश्‍नांश (क) के उत्‍तर में उल्‍लेखित पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-'''' अनुसार है। (ग) जानकारी प्रश्‍नांश (क) के उत्‍तर में उल्‍लेखित पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-'''' अनुसार है।

बरसात के मौसम में दुर्घटनाओं से बचाव

[गृह]

138. ( क्र. 2614 ) डॉ. अभिलाष पाण्डेय : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आगामी बरसात के मौसम में अतिवृष्टि एवं बाढ़ आदि से बचाव हेतु विभाग की क्या योजना/ तैयारी है? विस्तृत जानकारी देवें। (ख) प्रत्येक वर्ष नदी, नालों में अनेक मासूम लोग बह जाते हैं, इन जिंदगियों को बचाने हेतु इस वर्ष समस्त दुर्घटना संभावित क्षेत्रों में क्या विभाग बल तैनात कर घटनाओं पर अंकुश लगाने की दिशा में कार्य करेगा?

/span>मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) विभाग द्वारा समस्त जिला प्राधिकारियों को बाढ़/अतिवृष्टि से जन सामान्य के बचाव हेतु आवश्यक पूर्व तैयारी हेतु दिनांक 15.06.2024 को विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किये गये। सभी विभाग प्रमुखों को बाढ़ से बचाव हेतु आवश्यक दिशा-निर्देश एवं दायित्व सौंपे गए हैं। बाढ़ के दौरान किसी भी आपात स्थिति में तत्पर राहत, खोज एवं बचाव आपरेशन को सम्पन्न करने हेतु राज्य जिला एवं तहसील स्तर पर इंसिडेंट रिस्‍पांस टीम तथा बाढ़, खोज एवं बचाव हेतु टास्क फोर्स का गठन किया गय है। बाढ़ में किसी भी स्थिति के दौरान राहत खोज एवं बचाव कार्यों के समन्वय हेतु राज्य स्तर पर स्टेट कंट्रोल रूम तथा जिलों में जिला कमाण्ड एवं कंट्रोल रूम चौबीस घंटे सातों दिन कार्यरत है। बाढ़ तथा अन्य प्राकृतिक आपदाओं के दौरान प्रभावशाली चेतावनी प्रसारण व्यवस्था स्थापित करने हेतु आवश्यक निर्देश दिए गए हैं। (ख) दुर्घटना संभावित क्षेत्रों में चेतावनी बोर्ड तथा बैरियर लगाने एवं जन सामान्य हेतु अलर्ट जारी करने के निर्देश समस्त जिला प्राधिकरणों को दिया गया है। एमपीएसडीईआरएफ द्वारा प्रदेश के समस्त बाढ़ संवेदनशील क्षेत्रों डीआरसी स्थापित की गई है तथा क्विक रिस्पोंस टीम की तैनाती की गई है। राष्ट्रीय आपदा मोचन बल द्वारा 03 अतिरिक्त टुकड़ियों को क्रमशः भोपाल, जबलपुर तथा ग्वालियर में प्री-पोजिशनिंग किया गया है। किसी भी आपात स्थिति में सहायता प्रदान करने हेतु भारतीय सेना तथा एयर फोर्स से समन्वय कर लिया गया है।

जनप्रतिनिधियों के पत्रों पर कार्यवाही

[सामान्य प्रशासन]

139. ( क्र. 2621 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि क) 20 मार्च, 2020 से प्रश्‍न दिनांक तक अद्योहस्ताक्षरकर्ता एवं मा. विधानसभा सदस्यों, मंत्रियों, सांसदों के कितने पत्र कलेक्टर गुना, सीईओ, जिला पंचायत एवं पुलिस अधीक्षक जिला गुना को प्रेषित किये गये? कार्यालयवार वर्षवार मा.सदस्य का नाम, पदनाम, पत्र दिनांक सहित गौशवारा बनाकर प्रतियों सहित बतायें। (ख) प्रश्‍नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में पत्र प्राप्ति से प्रश्‍न दिनांक तक क्या कार्यवाही सा.प्र.वि. के आदेश क्रमांक एफ 19-76/2007/1/4 भोपाल दिनांक 22.03.2011 में उल्लेखित पांचों बिन्दुओं एवं परिशिष्टों (1, 2) का पालन सुनिश्चित किया गया है? कब-कब और क्या-क्‍या कार्यवाही सुनिश्चित की गई? कार्यालयीन अभिलेखों/पत्रों/नियमों की प्रति सहित बतायें। (ग) क्या पत्र पर कृत कार्यवाही से अद्योहस्ताक्षरकर्ता एवं मा. जनप्रतिनिधियों को संपूर्ण जानकारी उपलब्ध करा दी गई है? यदि नहीं, तो सा.प्र.वि. के आदेश के उल्लंघन पर विभाग में किसकी जिम्मेदारी निर्धारित की गई? बताये।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  अनुसार है। /span>(ख) संबंधित विभागों के द्वारा पत्रों पर की गई कार्यवाही से प्रश्‍नकर्ता माननीय विधायक महोदय एवं माननीय जनप्रतिनिधियों को अवगत कराया जाता है। (ग) संबंधित विभागों के द्वारा कृत कार्यवाही से प्रश्‍नकर्ता माननीय विधायक महोदय एवं माननीय जनप्रतिनिधियों को जानकारी उपलब्‍ध कराई जाती है। शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

सचिवालयीन स्‍टेनोटायपिस्‍ट के विशेष वेतन में वृद्धि

[सामान्य प्रशासन]

140. ( क्र. 2622 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि क) वर्ष 2013 से प्रश्‍न दिनांक तक प्रदेश के सचिवालयों में स्टेनोटायपिस्ट के कुल कितने पद स्वीकृत है? कुल पदों के विरूद्ध कितने पद भरे हुये है? कितने पद कब से किन कारणों से रिक्त है? स्टेनोटायपिस्ट क्या-क्या कार्य संपादित करते है? अद्यतन स्थिति में क्या वेतन निर्धारित है? सचिवालयवार गौशवारा बनाकर बताये। (ख) प्रश्‍नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में स्टेनोटायपिस्ट को वेतन के साथ मिलने वाला विशेष वेतन 125/- किस दिनांक से स्वीकृत किया गया है? आदेश की प्रति दें। यह विशेष वेतन किस आधार पर निर्धारित किया गया है? विशेष वेतन को पुनरीक्षित किये जाने की क्या प्रक्रिया है? यदि पुनरीक्षित करने की प्रक्रिया है या कोई आधार पूर्व से निर्धारित है तो उस प्रक्रिया आधार से वर्तमान मंहगाई को दृष्टिगत रखते हुये इसे कब तक बढ़ाया जायेगा? बतायें। यदि नहीं, तो कारण सहित क्यों? (ग) उपरोक्त अवधि में क्या स्टेनोटायपिस्ट को योग्यता के आधार पर प्रमोशन देने का प्रावधान है? यदि हाँ तो उसके क्या नियम है? प्रश्‍न दिनांक तक कितने स्टेनोटायपिस्ट को योग्यता के आधार पर कब प्रमोशन दिया एवं शेष को कब तक योग्यता के आधार पर प्रमोशन दिये जायेंगे? यद्यपि लंबित है तो कारण सहित बताये और कब तक प्रमोशन दिये जायेगें? निश्चित समय-सीमा बतायें। (घ) उपरोक्त के संबंध में सचिवालय स्तर पर, सीएम समाधान अथवा अन्य किसी माध्यम से आवेदन, ज्ञापन, पत्र, अनुशंसा विभाग को प्राप्त हुई है? यदि हाँ तो कब और किसके द्वारा पत्र की प्रति सहित बतायें।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) प्रश्‍नाधीन अवधि में स्‍टेनोटायपिस्‍ट के कुल 58 पद स्‍वीकृत है। वर्तमान में 42 पद भरे हुये है। 16 पद सेवानिवृत्ति, मृत्‍यु, त्‍यागपत्र आदि कारणों से रिक्‍त है। स्‍टेनोटायपिस्‍ट टंकण, आलेख आदि कार्य सम्‍पादित करते है। सातवें वेतनमान में वेतन रूपये 19500-62000 निर्धारित है। (ख) विशेष वेतन रूपये-125/- स्‍वीकृति संबंधी आदेश दिनांक 06/03/1997 की प्रति संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। विशेष वेतन वित्‍त विभाग द्वारा मध्‍यप्रदेश वेतन पुनरीक्षण नियम-1990 के उपाबंध दो के भाग (क) अनुक्रमांक-1 के आधार पर निर्धारित किया गया है। विशेष वेतन पुनरीक्षण के संबंध में वित्‍त विभाग द्वारा निर्णय/कार्यवाही की जाती है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) एवं (घ) मध्‍यप्रदेश पदोन्‍नति नियम 2002 के अंतर्गत प्रश्‍नाधीन अवधि से अप्रैल 2016 तक 4 स्‍टेनोटायपिस्‍ट के पदोन्‍नति आदेश जारी किये गये है। वर्तमान में पदोन्‍नति संबंधी मामला न्‍यायालय में विचाराधीन है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

परिशिष्ट - "पचास"

निविदाओं के माध्यम से कराये गये कार्य

[नर्मदा घाटी विकास]

141. ( क्र. 2629 ) श्री हेमंत कटारे : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण अंतर्गत वित्त वर्ष 2020-21, 2021-22, 2022-23 एवं 2023-24 में विभाग द्वारा किन-किन कार्यों हेतु रूपये 500 करोड़ एवं उससे अधिक राशि की कितनी निविदाएं आमंत्रित की गई? (ख) प्रश्‍नांश (क) वर्णित अवधि में रूपये 500 करोड़ एवं उससे अधिक राशि आमंत्रित की गई। प्रत्येक निविदा से संबंधित कार्य, निविदा की राशि, निविदा दिनांक, निविदा स्वीकृत दिनांक, अनुबंध दिनांक सहित अनुबंध की वास्तविक राशि की जानकारी दी जाये। (ग) रूपये 500 करोड़ एवं उससे अधिक राशि आमंत्रित की गई। प्रत्येक निविदा में भाग लेने वाली सभी फर्मों की जानकारी जिसमें न्यूनतम दर से उच्चतम दर पर क्र. 1, 2 एवं 3 पर कौन सी फर्म रही, उनके नाम, पता सहित सूची उपलब्ध करायी जाये। (घ) क्या उपरोक्त आमंत्रित समस्त निविदाओं में ऐसी निविदाएं भी हैं जिनमें निविदा के समय निर्धारित राशि को रिवाईज करते कार्य की राशि बढ़ाकर भुगतान किया गया? यदि हाँ तो आलोच्य अवधि की रिवाईज होने वाली ऐसी समस्त निविदाओं की जानकारी जिसमें निविदा के समय राशि, निविदा दिनांक, निविदा स्वीकृत दिनांक, अनुबंध दिनांक सहित अनुबंध की वास्तविक राशि, की जानकारी दी जाये। (ड.) निविदा अनुबंध में कार्य पूर्णतः दिनांक को कितनी बार और किन-किन परिस्थितियों में एक्सटेंशन देने का नियम है? कृपया विवरण/नियम उपलब्ध कराने का कष्‍ट करें।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) से /span>(ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'''' एवं  '''' अनुसार है। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ड.) कार्य की आवश्‍यकता अनुसार, कार्य के अनुबंध के प्रावधान अनुसार समयावृद्धि दी जाती है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'''' अनुसार है।

जय लोक पार्टी को शासकीय आवास आवंटन

[गृह]

142. ( क्र. 2631 ) श्री दिनेश गुर्जर : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राज्‍य शासन द्वारा अनेक राजनैतिक दलों को राजधानी भोपाल में जनकल्‍याणकारी कार्य/कार्यालय कार्य हेतु कितने शासकीय आवास आवंटित किये गये हैं? आवंटन के क्‍या नियम है? (ख) यह कि जय लोक पार्टी ने राष्‍ट्रीय कार्यालय/जनकल्‍याणकारी कार्य हेतु शासकीय आवास हेतु आवेदन मय समस्‍त दस्‍तावेजों के साथ दिया था, परन्‍तु प्रश्‍न दिनांक तक उक्‍त पार्टी को शासकीय आवास क्‍यों आवंटित नहीं हो पाया है? कारण बताएं। (ग) प्रश्‍नांश (ख) के संदर्भ में जय लोक पार्टी द्वारा उपरोक्‍त संबंध में दायर याचिका के विरूद्ध दिनांक 22.08.2023 को माननीय म.प्र. उच्‍च न्‍यायालय जबलपुर द्वारा 30 दिवस की समयावधि निर्धारित कर जय लोक पार्टी को कार्यालय हेतु आवास आवंटन का स्‍पष्‍ट आदेश दिया था तत्‍पश्‍चात् भी राज्‍य शासन द्वारा कार्यालय उपयोग हेतु आवास आवंटित नहीं किया गया है? कारण सहित बतायें। (घ) प्रश्‍नांश (ख) के संदर्भ में कौन-कौन अधिकारी जिम्‍मेदार है तथा उनके विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की गई बताएं तथा कब तक आवास आवंटित किया जावेगा?

/span>मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार (ख) जय लोक पार्टी राष्ट्रीय पार्टी अथवा राज्य पार्टी की सूची में शामिल नहीं होने तथा गैर मान्यता प्राप्त राजनैतिक दल होने के कारण शासकीय आवास आवंटित नहीं किया गया है। (ग) एवं (घ) शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - "इक्यावन"

लाड़ली लक्ष्‍मी योजना की राशि का अन्‍य मद में उपयोग

[महिला एवं बाल विकास]

143. ( क्र. 2634 ) श्री उमंग सिंघार : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) लाड़ली लक्ष्मी योजना के प्रारंभ दिनांक से 10 जून 2024 तक की अवधि में किस वर्ष में कितनी-कितनी राशि का बजट आवंटन किया एवं लाड़ली लक्ष्मी कोष में कितनी राशि जमा है तथा कितने हितग्राहियों का पंजीयन किया गया और लाड़ली लक्ष्मी कोष के विरूद्ध कितनी राशि के आश्वासन पत्र हितग्राहियों को बांटे गये है? कृपया वित्तीय वर्षवार जानकारी दें? (ख) क्या लाड़ली लक्ष्मी निधि में जमा राशि का उपयोग किसी अन्य मद किया है? यदि हाँ तो कितनी राशि का उपयोग किया गया? (ग) क्या म.प्र. लाड़ली लक्ष्मी (बालिका प्रोत्साहन) अधिनियम के तहत कक्षा 6वीं, 9वीं, 11वीं, 12वीं एवं 12वीं के पश्चात् स्नातक या व्यावसायिक पाठ्यक्रम में प्रवेश लेने के समय पर प्रति हितग्राही को कितनी-कितनी राशि दिए जाने के प्रावधान है? (घ) प्रश्‍नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में माह अक्टूबर 2022 से 10 जून, 2024 की अवधि में कितनी-कितनी राशि हितग्राहियों को प्रवेश लेने के समय दी गई है? इस राशि की व्यवस्था किस-किस मद से की गई? कृपया वर्षवार बतायें।

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) लाड़ली लक्ष्‍मी योजना के प्रारंभ वर्ष 2007 से 10 जून 2024 तक की अवधि में बजट आवंटन वित्‍तीय वर्षवार पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट "अ" पर है, लाडली लक्ष्‍मी कोष में जमा राशि का विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-"ब" पर एवं हितग्राहियों के पंजीयन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-"स" पर है I लाड़ली लक्ष्मी योजना कोष के विरुद्ध आश्वासन प्रमाण-पत्र दिए जाने का प्रावधान नहीं हैI शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता I (ख) वित्‍त विभाग से जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ग) म.प्र. लाड़ली लक्ष्मी (बालिका प्रोत्साहन) अधिनियम के तहत कक्षा 6वीं,9वीं, 11वीं, 12वीं क्रमश: राशि रू. 2000, 4000, 6000, 6000 एवं 12वीं के पश्चात स्नातक या व्यावसायिक पाठ्यक्रम में प्रवेश लेने के समय पर प्रति हितग्राही प्रथम किश्‍त के रूप में 12,500/- तथा पाठ्यक्रम के अंतिम वर्ष में द्वितीय किश्‍त के रूप में 12,500/- देय होगी कुल 25,000/- राशि दिए जाने का प्रावधान हैI (घ) प्रश्‍नांश (ग) के परिप्रेक्ष्‍य में माह अक्टूबर 2022 से 10 जून 2024 की अवधि में राशि का विवरण वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-"द" पर हैI इस राशि की व्यवस्था छात्रवृत्ति हेतु 55-2235-02-103-0101-5067-41-002 एवं बालिका प्रोत्साहन 55-2235-02-103-0101-5067-42-006 मद से की गई है I

जुन्‍नारदेव मुख्‍यालय से कोषालयीन कार्य का संचालन

[वित्त]

144. ( क्र. 2636 ) श्री सुनील उईके : क्या उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जुन्‍नारदेव विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत जुन्‍नारदेव एवं तामिया अनुसूचित जनजाति विकासखण्‍ड का क्षेत्र आता है। वर्तमान में तामिया विकासखण्‍ड के धनराशि का आहरण कोषालय का कार्य संचालन परासिया एवं छिन्‍दवाड़ा विधानसभा कोषालय से हो रहा है। जुन्‍नारदेव विधानसभा के मुख्‍यालय पर कोषालय की व्‍यवस्‍था है, क्‍या तामिया क्षेत्र के नागरिकों एवं अधिकारी, कर्मचारियों द्वारा प्रश्‍नकर्ता के प्रवास के दौरान की गई मांग एवं सुविधा को देखते हुये कोषालय के कार्य का संचालन जुन्‍नारदेव विकासखण्‍ड मुख्‍यालय पर कोषालय से संचालित करवाने पर विचार करेगें? यदि हाँ तो कब तक? (ख) नागरिकों की सुविधा के लिये पूर्व से जुन्‍नारदेव मुख्‍यालय पर एसडीएम कार्यालय, उप-जिलाधीश न्‍यायालय, अनुविभागीय अधिकारी (पुलिस), सिविल न्‍यायालय में तामिया क्षेत्र के नागरिकों को इन विभागों के शासकीय कार्यों के लिए जुन्‍नारदेव आना पड़ता है। क्‍या नागरिकों की सुविधा की दृष्टि से जुन्‍नारदेव मुख्‍यालय से ही कोषालयीन कार्य का संचालन करने का कष्‍ट करेंगे?

उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) छिन्‍दवाड़ा जिले अंतर्गत जिला मुख्‍यालय स्‍तर पर जिला कोषालय संचालित है। वर्तमान में कोषालयीन कम्‍प्‍यूटरीकृत परियोजना (IFMIS) के अंतर्गत डीडीओ स्‍तर से समस्‍त कोषालयीन संव्‍यवहार जिला कोषालय से ऑनलाईन होते है। वर्तमान में विकासखण्‍ड मुख्‍यालय पर कोषालय संचालन हेतु योजना नहीं है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नहीं। कोषालयीन कम्‍प्‍यूटरीकृत परियोजना (IFMIS) के अंतर्गत डीडीओ स्‍तर से समस्‍त कोषालयीन संव्‍यवहार जिला कोषालय से ऑनलाईन होने से कोषालयीन कार्य का संचालन जुन्‍नारदेव से किये जाने की आवश्‍यकयता परिलक्षित नहीं होती।

मूल निवासी प्रमाण पत्र

[सामान्य प्रशासन]

145. ( क्र. 2847 ) श्री फूलसिंह बरैया : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. में मूल निवासी होने की क्या शर्त है? म.प्र. में मूल निवासी किसे माना जाता है क्‍या म.प्र. मूल निवासी प्रमाण पत्र बनाना बंद हो गये है? यदि हाँ तो इसके स्थान पर कौन सा प्रमाण-पत्र बनना शुरू हुआ है क्या शासकीय नौकरियों में म.प्र. के मूल निवासियों को ही समस्त प्रकार के आरक्षण देय है। म.प्र. के मूल निवासी व्यक्ति एवं म.प्र. के स्थानीय निवासी की पहचान किस प्रमाण पत्र के आधार पर की जा सकती है? क्या दोनों में अंतर है यदि हाँ तो जानकारी में स्पष्ट करें। (ख) क्या म.प्र. में. स्थानीय निवास प्रमाण पत्र बन रहे है? यदि हाँ तो स्थानीय प्रमाण पत्र बनने की क्या शर्त है? क्या म.प्र. में स्थानीय निवास प्रमाण पत्र के आधार पर म.प्र. में आरक्षण प्रदाय किया जाता है यदि हाँ तो क्या म.प्र. के बाहर से महिला/पुरूष को स्थानीय निवास प्रमाण पत्र के आधार पर वर्गों (सामान्य/एस.सी./एस.टी./ओ.बी.सी./ई.डब्यू.एस./महिला एवं अन्य) को आरक्षण प्रदाय है यदि हाँ तो राज्य से बाहर की शैक्षणिक आर्हता प्राप्त/अन्य राज्य की मूल निवासी व म.प्र. में वैवाहिक स्थिति की महिला अभ्यर्थी को म.प्र. का स्थानीय निवासी प्रमाण पत्र के आधार पर शासकीय नौकरियों में म.प्र. में किस-किस को आरक्षण प्रदाय किया गया है। (ग) क्या ई.डब्यू.एस. आरक्षण म.प्र. के मूल निवासियों को ही देय है? यदि हाँ तो क्या यह आरक्षण एस.सी./एस.टी./ओ.बी.सी./महिला आरक्षण की तरह ही पैतृत्व ही दिया जाता है यदि हाँ तो फिर ई.डब्यू.एस. आरक्षण पति के आधार पर महिलाओं को महिला/ई.डब्यू.एस./अन्य आरक्षण क्यों प्रदाय किया गया? क्या शासन पति के जाति प्रमाण पत्र के आधार पर महिलाओं को एस.सी./ एस.टी./ओ.बी.सी. आरक्षण प्रदाय करेगा? जानकारी उपलब्ध करावें।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) इस विभाग के परिपत्र दिनांक 29 जून, 2013 में स्‍थानीय निवासी की पात्रता के लिये उल्‍लेखित मापदण्‍डों में से किसी एक की पूर्ति की जाना आवश्‍यक होगी। स्‍थानीय निवासी प्रमाण-पत्र बनाए जा रहे हैं। शासकीय नौकरियों में मध्‍यप्रदेश के स्‍थानीय निवासियों को नियमानुसार आरक्षण देय है। मूल निवासी एवं स्‍थानीय निवासी प्रमाण-पत्र में कोई अन्‍तर नहीं है। (ख) जी हाँ। उत्‍तरांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में शेषांश प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) विभागीय निर्देश दिनांक 02 जुलाई, 2019 की कंडिका-2 अनुसार मध्‍यप्रदेश राज्‍य के आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ई.डब्‍ल्‍यू.एस.) को 10 प्रतिशत आरक्षण दिया गया है। जी नहीं। पति के जाति प्रमाण-पत्र के आधार पर महिलाओं को एस.सी./एस.टी./ओ.बी.सी. का आरक्षण दिये जाने का कोई प्रावधान नहीं है। शेषांश प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।