मध्यप्रदेश विधान सभा
प्रश्नोत्तर-सूची
फरवरी-मार्च
2017 सत्र
गुरूवार, दिनांक 09 मार्च 2017
भाग-1
तारांकित
प्रश्नोत्तर
प्रधानमंत्री
फसल बीमा राशि
का वितरण
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
1. ( *क्र. 5397 ) श्री रमेश पटेल : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में बीमा किस तिथि से मान्य किया जाता है? प्रीमियम जमा करने की तिथि या उसके कितने दिन बाद से बीमा मान्य किया जाता है? (ख) इसमें किसान को बीमा पॉलिसी वितरण/रसीद क्यों नहीं दी जाती है? कारण बतावें। (ग) खरीफ मौसम की प्राकृतिक आपदा से हुई क्षति के फलस्वरूप बड़वानी जिलान्तर्गत कितनी बीमा राशि कितने कृषकों को दी गई? शून्य से 100, 100-200, 200-300 रू. की बीमा राशि कितने कृषकों को दी गई? (घ) रबी फसल की जानकारी भी प्रश्नांश (ग) अनुसार देवें। प्रीमियम से कम बीमा राशि देने के लिए दोषी बीमा कंपनियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) प्रधानमंत्री फसल बीमा योजनांतर्गत खरीफ मौसम में ऋणी एवं अऋणी कृषकों के बीमांकन एवं प्रीमियम काटने की अवधि 1 अप्रैल से 16 अगस्त तथा रबी में 15 सितंबर से 15 जनवरी है। प्रीमियम जमा करने की तिथि से ही बीमा मान्य किया जाता है। (ख) योजनांतर्गत अऋणी किसानों को रसीद बैंक द्वारा दी जाती है तथा ऋणी कृषकों के प्रीमियम कटौती की जानकारी बैंक पासबुक में होती है। योजनांतर्गत सभी बीमित कृषकों को पॉलिसी के रूप में फोलियो एवं रसीद देने का कार्य प्रक्रियाधीन है। (ग) खरीफ 2016 मौसम में बड़वानी जिले में प्राकृतिक आपदा से जो नुकसान हुआ है तथा जिला स्तर पर गठित सर्वे समिति द्वारा जिन प्रभावित बीमित क्षेत्र का सर्वे किया है उनके दावों की गणना बीमा कंपनी स्तर पर प्रक्रियाधीन है। (घ) रबी 2016-17 में बड़वानी जिले में प्राकृतिक आपदा से नुकसान की कोई सूचना बीमा कंपनी को प्राप्त नहीं हुई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मन्दसौर जिले को आवंटित राशि
[लोक निर्माण]
2. ( *क्र. 5610 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग द्वारा मन्दसौर जिले में विगत 1 वर्ष में क्या-क्या विकास कार्य करवाए गए? (ख) विगत वर्ष 2016 के मूल बजट में एवं अनुपूरक बजट में मन्दसौर जिले को आवंटित राशि की जानकारी कार्य का नाम एवं राशि विधानसभा क्षेत्रवार बतावें। (ग) विगत एक वर्ष में प्रश्नकर्ता द्वारा माननीय मंत्री जी को दिये गये मांग पत्रों की जानकारी देवें। (घ) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में विकास हेतु वर्ष 2016-17 के मूल बजट एवं अनुपूरक बजट में कौन-कौन से कार्य जोड़े गए थे? नाम बतावें। यदि नहीं, जोड़े गए थे तो इसका कारण बतावें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) बजट/अनुपूरक बजट में जिलेवार आवंटन प्रदाय नहीं किया जाता है। अत: मंदसौर जिले को आवंटित राशि का प्रश्न उपस्थित नहीं होता, शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (घ) श्यामगढ़ सुवासरा परासली मार्ग पर रेल्वे समपार क्र. 46-बी श्यामगढ़ यार्ड (नागदा कोटा सेक्शन कि.मी. 786) के बदले रेल्वे ओव्हर ब्रिज का निर्माण। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
लंबित कार्यों की स्वीकृति
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
3. ( *क्र. 1981 ) श्रीमती उमादेवी लालचंद खटीक : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला दमोह में कृषि मण्डी बोर्ड द्वारा वर्ष 2013-14, 2014-15, 2015-16 में कौन से कार्य, कितनी लागत से कराये गये? कार्य एजेंसी सहित जानकारी उपलब्ध करायें। साथ ही यह बतायें कि कितने कार्य शासन स्तर पर स्वीकृति हेतु लंबित हैं? (ख) लंबित कार्य कब तक स्वीकृत हो जावेंगे?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जिला दमोह में मंडी बोर्ड स्तर से वर्ष 2013-14, 2014-15 एवं 2015-16 में निर्माण कार्यों की जारी प्रशासकीय स्वीकृति के तहत कराये गये कार्यों की प्रश्नगत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। दमोह जिले के अंतर्गत लगभग 65 सड़क निर्माण कार्यों के प्रस्ताव मंडी बोर्ड को प्राप्त हुये थे, जिन्हें मुख्य सचिव, म.प्र. शासन की नोटशीट क्रमांक 340 दिनांक 15.09.16 के निर्देश संदर्भ में मंडी बोर्ड द्वारा मंडी प्रांगण के बाहर भवन या सड़क के कार्य नहीं कराये जायेंगे, अपितु यह कार्य लोक निर्माण विभाग या म.प्र. ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण के माध्यम से कराये जायेंगे, के अनुक्रम में मुख्य कार्यपालन अधिकारी म.प्र. ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण को दिनांक 06.01.17 से आगामी कार्यवाही हेतु प्रेषित किया गया है। इस संबंध में मंडी बोर्ड स्तर पर उल्लेखित सड़क प्रस्तावों की स्वीकृति संबंधी अन्य कोई कार्यवाही लंबित नहीं है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में समय-सीमा बताने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
बीना से देहरी सड़क मार्ग का निर्माण
[लोक निर्माण]
4. ( *क्र. 5260 ) श्री महेश राय : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बीना से देहरी सड़क मार्ग स्वीकृत हो गया है? (ख) यदि हाँ, तो किस विभागीय मद से कार्य स्वीकृत हुआ है। वर्तमान स्थिति से अवगत करायें। (ग) यदि नहीं, है तो क्या शासन के द्वारा देहरी रोड की कार्य योजना प्रस्तावित है? (घ) प्रश्नांश (क) के अनुसार उक्त सड़क निर्माण कार्य के टेण्डर प्रक्रिया की समय-सीमा से अवगत करावें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) प्रश्नांकित मार्ग म.प्र. ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण के अधीन है, प्राप्त उत्तर संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर अनुसार। (ग) एवं (घ) प्रश्नांश (क) के उत्तर अनुसार।
नर्मदा परिक्रमा मार्ग का निर्माण
[लोक निर्माण]
5. ( *क्र. 805 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. के जिलों से निकलने वाली माँ नर्मदा का जो नर्मदा परिक्रमा मार्ग है, क्या वह पूर्ण रूप से डामरीकृत है? (ख) प्रश्नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र खातेगांव से भी माँ नर्मदा निकलती है एवं कर्व दार्शनिक घाट एवं स्थल है, जहां पर हजारों की संख्या में परिक्रमावासी आते हैं एवं रात्रि विश्राम करते हैं, किन्तु घाटों पर उचित व्यवस्था नहीं है, तो क्या शासन इस हेतु कोई ठोस कदम उठायेगा? (ग) क्या शासन द्वारा नर्मदा परिक्रमा मार्ग को नर्मदा के दोनों किनारे-किनारे से बनाये जाने हेतु कोई सर्वे किया गया है? अगर हाँ तो नवीन नर्मदा परिक्रमा मार्ग का निर्माण कार्य कब से शुरू होगा? (घ) अगर शासन द्वारा नये नर्मदा परिक्रमा मार्ग का सर्वे नहीं किया गया है, तो वर्तमान मार्ग पर जो छोटे-छोटे नदी नालों पर पुल-पुलिया नहीं है, उनका निर्माण किये जाने हेतु क्या योजना है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी नहीं। (ख) घाटों की व्यवस्था का कार्य विभाग के कार्य क्षेत्रान्तर्गत नहीं होने से प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। अत: प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जयंतीमाता मंदिर के पहुंच मार्ग पर खारी नदी पर वेंटेड काजवे निर्माण हेतु लागत रू. 92.46 लाख का प्राक्कलन परीक्षणाधीन है, अन्य नालों पर पुल-पुलियाओं की वर्तमान में कोई योजना नहीं है।
रतलाम बांसवाड़ा मार्ग निर्माण में मापदंडों का उल्लंघन
[लोक निर्माण]
6. ( *क्र. 4003 ) श्रीमती संगीता चारेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रतलाम बांसवाड़ा मार्ग पर ग्राम घामनोद बायपास मार्ग के निर्माण में शासन के मापदण्डों के अनुरूप कम से कम टर्न हो, इसके विरूद्ध जाकर अत्यधिक 90 डिग्री से अधिक के अनेक मोड़ निर्मित कर सड़क निर्माण किया गया? विभाग के अधिकारियों द्वारा किन नियमों के अनुसार अन्धे मोड़ की स्वीकृति दी गई? (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में दोषी अधिकारियों के विरूद्ध कोई कार्यवाही होगी? नहीं तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी नहीं। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नवनिर्मित बनियातारा स्टॉप डेम निर्माण की जाँच
[जल संसाधन]
7. ( *क्र. 3881 ) श्री रामप्यारे कुलस्ते : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मण्डला जिले के अंतर्गत बनियातारा सिंचाई डेम की स्वीकृति कब दी गई थी तथा कितनी राशि स्वीकृत की गई थी? उक्त कार्य का निर्माण किस एजेंसी को दिया गया था तथा कब तक कार्य पूर्ण करना था? (ख) क्या डेम निर्माण का कार्य पूर्ण होने के पहले ही स्लूस गेट एवं स्लूस एप्रोच टूट गये हैं, इसके क्या कारण हैं? (ग) डेम निर्माण में जो पिंचिग का कार्य किया गया है, वह पूर्णत: घटिया है, यह पहली बारिश में ही टूट गया है? (घ) क्या डेम निर्माण का कार्य पूर्ण होने के पूर्व डेम फट चुका है तथा बड़ी-बड़ी दरारें आ चुकी हैं, इसके क्या कारण हैं? (ड.) क्या डेम निर्माण के पूर्व डेम की यह स्थिति निर्मित हुई है, उसमें संबंधित अधिकारियों की जिम्मेदारी तय करते हुये कार्यवाही करेंगे?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) परियोजना की प्रशासकीय स्वीकृति दिनांक 29.05.2013 को रू. 909.68 लाख की प्रदान की गई थी। श्री सुशील दत्त पाण्डे खरगोन। दिनांक 30.05.2016। (ख) स्लूस के एप्रोच स्लेब में निर्माण के दौरान आंशिक टूट-फूट हुई थी। जिसे पुनः निर्माण कर सुधार करा लिया गया है। (ग) पिचिंग कार्य गुणवत्ता पूर्ण कराया गया है। बारिश में कोई क्षति नहीं होना प्रतिवेदित है। (घ) एवं (ड.) जी नहीं। बाँध पूर्णतः सुरक्षित एवं सुदृढ़ है। अतः अधिकारियों पर कार्यवाही करने की स्थिति नहीं है।
जावरा शहर में फ्लाई ओवर ब्रिज का निर्माण
[लोक निर्माण]
8. ( *क्र. 5150 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जावरा शहर एवं आस-पास के क्षेत्रों में बढ़ती जनसंख्या एवं बढ़ते वाहनों की संख्या के कारण शहर के मध्य रेलवे फाटक पर 24 घंटे में कई बार फाटक बंद होने से शहर दो भागों में बंट कर रूक सा जाता है? व्यापारिक, शैक्षणिक, स्वास्थ्य एवं आपातकालीन सेवाएं ठप सी हो जाती हैं। (ख) यदि हाँ, तो क्या विगत वर्ष बजट में शासन/विभाग द्वारा उक्त स्थल पर सेतु विभाग द्वारा फ्लाई ओवर ब्रिज निर्माण किये जाने की बजट में स्वीकृति देकर टेंडर काल एवं वर्क आर्डर की प्रक्रिया भी पूर्ण कर ली गई है? (ग) यदि हाँ, तो क्या संबंधित एजेंसी ठेकेदार द्वारा फ्लाई ओवर ब्रिज निर्माण कार्य को प्रारंभ किये जाने हेतु अपना कैंप लगाकर औपचारिकताएं पूर्ण कर प्रारंभिक कार्यों की शुरूआत भी कर दी थी? (घ) यदि हाँ, तो अवगत कराएं कि शहर एवं क्षेत्र की अत्यंत गंभीर समस्या एवं मुख्य आवश्यकता की इस महती एवं महत्वपूर्ण कठिनाई के निराकरण को शीघ्र किये जाने हेतु निर्देशित किए जाने के बाद अब और कौन सी औपचारिकताएं शेष रही हैं? कब पूर्ण होंगी एवं कब तक निर्माण कार्य निरंतर रूप से प्रारंभ किया जा सकेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी नहीं। जी नहीं। (ख) जी हाँ। (ग) जी हाँ। (घ) रेल्वे की आपत्ति, स्थानीय जनता का विरोध एवं निर्माण में आ रहे अतिक्रमण को हटाया जाना शेष है। बाधाओं के निराकरण उपरांत कार्य को निरंतर रूप से किया जा सकेगा, समय-सीमा बतायी जाना संभव नहीं है।
अनुबंध के पश्चात् निविदा दरों में परिवर्तन
[लोक निर्माण]
9. ( *क्र. 2975 ) श्री सूबेदार सिंह रजौधा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक निर्माण विभाग में निविदा में प्राप्त दर को अनुबंध करने के पश्चात दरें परिवर्तित करने का अधिकार किस सक्षम अधिकारी को प्राप्त है? सक्षम अधिकारी का पद नाम बतावें? यदि नहीं, तो स्पष्ट करें कि सक्षम अधिकारी के अलावा ऐसा करना वित्तीय अनियमितता की श्रेणी में आता है या नहीं? (ख) क्या लोक निर्माण विभाग (वि.यां) संभाग ग्वालियर में अनुबंध क्रं. 15/2016-17 में कार्यादेश क्र. 3697/3698, दिनांक 27-06-2016 में अनुबंधित दर से हटकर अन्य दर पर कार्यों का भुगतान किया गया है? यदि हाँ, तो यह नियम संगत है? नियम की प्रति उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (ख) में वर्णित कृत्यों में अनियमितता करने वाले अधिकारी के विरूद्ध जाँच कराई जाकर दण्डात्मक कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो कारण बतावें?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) किसी को नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
एन.एच. 7 मऊगंज में प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क द्वारा निर्मित मार्ग
[लोक निर्माण]
10. ( *क्र. 3486 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या एन.एच. 7 मऊगंज एम.डी.आर. सड़क से मऊगंज घोघम पहुंच मार्ग हनुमना-बहरी सीधी जिला मार्ग को जोड़ने वाले मार्ग की कुल लंबाई 28.30 किलोमीटर है, जिसमें 10 किलो मीटर प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क द्वारा निर्मित मार्ग है? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में क्या इस मार्ग में पड़ने वाले गांवों की जनसंख्या लगभग 25817 है, जो मार्ग पूर्णत: ध्वस्त है? (ग) प्रश्नांश (क) (ख) के प्रकाश में यदि हाँ, तो इस मार्ग को एम.डी.आर. घोषित किये जाने हेतु एवं मार्ग की केटेगिरी 'बी' का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है? जिसमें लिखा है कि पुनर्निर्माण कराना आवागम की दृष्टि से नितांत आवश्यक है? (घ) प्रश्नांश (ग) के प्रकाश में यदि हाँ, तो इसे स्वीकृत कर बजट में राशि आवंटन की जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों? इसे स्वीकृत करने की समय-सीमा बतावें?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ, जी नहीं, आंशिक रूप से ध्वस्त है जो मोटरेबल है। (ग) जी नहीं अपितु विभागीय स्तर पर परीक्षणाधीन है। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होते।
आयातित दलहन पर मण्डी शुल्क की वसूली
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
11. ( *क्र. 5036 ) श्रीमती सरस्वती सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग द्वारा वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक कब-कब प्रदेश के बाहर से आयातित दलहन पर मण्डी शुल्क एवं निराश्रित शुल्क देय था? अवधिवार विवरण दें। (ख) प्रश्नांश (क) की अवधि में अन्तर्राज्यीय जाँच चौकी 'खवासा' से कटनी मण्डी में कितना-कितना दलहन किस फर्म में किस-किस दिनांक को आया? फर्मवार विवरण दें। (ग) प्रश्नांश (ख) में दर्शाये गए विवरण अनुसार क्या कटनी मण्डी की फर्मों द्वारा मण्डी शुल्क एवं निराश्रित शुल्क उसी दर से जमा किया, जिस दर पर बिल जारी है? यदि नहीं, तो मण्डी शुल्क एवं नि:शुल्क की चोरी का आंकलन कब कराया जावेगा। (घ) प्रश्नांश (क), (ख) के परिप्रेक्ष्य में जाँच कराकर दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही कब तक करेंगे?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक प्रदेश के बाहर से आयातित दलहन पर मंडी शुल्क निम्नानुसार अवधि में देय था, दिनांक 20-07-2013 से 22-08-2013 तक, दिनांक 23-08-2015 से 06-01-2016 तक, दिनांक 07-01-2017 से वर्तमान तक तथा प्रदेश के बाहर से आयातित दलहन पर निराश्रित शुल्क समाज कल्याण विभाग मध्यप्रदेश शासन भोपाल की अधिसूचना दिनांक 27-01-2000 अनुसार प्रश्नांश में उल्लेखित अवधि में देय है। (ख) परीक्षण प्रक्रियाधीन है। (ग) प्रश्नांश के सन्दर्भ में जाँच पूर्व से प्रचलित है, जिसमें इस विषय को भी सम्मिलित किया गया है। (घ) दोषिता निर्धारण हेतु परीक्षण प्रचलित है। समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
लेबड़ नयागांव फोर लेन के अपूर्ण कार्य को पूर्ण किया जाना
[लोक निर्माण]
12. ( *क्र. 4561 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लेबड़-नयागांव फोर-लेन पर ट्रकों को खड़े करने के लिए अनुबंध के अनुसार कितने ले-बाय कहाँ-कहाँ रखे जाना प्रस्तावित थे? क्या सभी स्थलों पर ले-बाय बनाये गये हैं, इन ले-बाय में क्या-क्या सुविधाएं कन्सेश्नर को दी जाना अनुबंध के अनुसार प्रस्तावित थी? क्या समस्त प्रस्तावित सुविधाएं वर्तमान में दी जा रही हैं? (ख) प्रश्नांश (क) संदर्भित सभी सेंटर पर पानी, छत, शौचालय, विद्युत कनेक्शन उपलब्ध हैं, इसकी जांच कब-कब, किस-किस MPRDC के या अन्य अधिकारी ने की? अधिकारी के नाम सहित जानकारी देते हुए बतायें कि इस संबंध में कितनी शिकायत किस-किस व्यक्ति/संस्था की विभाग को प्राप्त हुईं, उस पर क्या कार्यवाही की गई? (ग) क्या विधानसभा की सरकारी उपक्रम समिति द्वारा इस मार्ग का निरीक्षण कर उक्त सर्विस सेंटर की कमियों को ठीक कर सुविधा चालू करने के निर्देश अधिकारियों को वर्ष 2016 में दिए? क्या उन पर प्रश्न दिनांक तक अमल हुआ? यदि नहीं, तो क्यों नहीं? (घ) क्या फोरलेन कन्सेश्नर द्वारा उन सम्पूर्ण फोर-लेन पर लगे पौधों का भौतिक सत्यापन (गिनती) करवायी गयी थी? यदि हाँ, तो लेबड़-जावरा तथा जावरा-नयागांव के बीच कितने पौधे लगाए गये, कितने और लगना शेष हैं? क्या इन समस्त पौधों पर मार्किंग या नम्बर प्लेट लगाई गयी है? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) लेबड़-नयागांव फोरलेन मार्ग को दो भागों में विभाजित होकर प्रथम भाग लेबड़-जावरा फोरलेन मार्ग लम्बाई 125 कि.मी. पर अनुबंधानुसार दांयी/बांयी ओर कुल 10 स्थानों मकनी, नागदा, मुलथान, धराड़, अरनियाफंटा पर एवं द्वितीय भाग जावरा-नयागांव फोरलेन मार्ग लम्बाई 127 कि.मी. पर दांयी/बांयी ओर कुल 8 स्थानों परवलिया, मन्दसौर बायपास, चल्दू, मनासा जंक्शन एवं मलखेड़ा जंक्शन पर ट्रक ले-बाय बनाये जाना प्रस्तावित होकर बनाये गये हैं। जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '1' अनुसार है। जी हाँ, अधिकांशतः। (ख) जी हाँ, अधिकांशतः। उक्त मार्ग का निरीक्षण समय-समय पर एम.पी.आर.डी.सी. एवं अन्य अधिकारियों द्वारा लगातार किया गया, जिनमें श्री नरेन्द्र कुमार मुख्य अभियंता, श्री बी.पी. बौरासी महाप्रबंधक, श्री राकेश जैन संभागीय प्रबंधक, श्री मनोज कुमार गुप्ता सहायक महाप्रबंधक इत्यादि द्वारा दिनांक 15.05.2014, दिनांक 14.06.2016, दिनांक 15.11.2016, दिनांक 16.11.2016 आदि दिनांकों में निरीक्षण किया गया। ट्रक ले-बाय पर सुविधाओं की कमियों के संबंध में निगम को कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। अतः शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। निवेशकर्ता को निर्देश जारी किये गये एवं पालन सुनिश्चित करने हेतु कार्यवाही प्रगति पर है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी हाँ। पौधरोपण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। जी नहीं। अनुबंध में मार्किंग या नम्बर प्लेट लगाने का प्रावधान न होने के कारण।
टेकनपुर हर्सी केनाल रोड का लोक निर्माण विभाग में हस्तांतरण
[जल संसाधन]
13. ( *क्र. 4486 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भितरवार विधान सभा क्षेत्र में जल संसाधान विभाग द्वारा 01 अप्रैल, 2015 से प्रश्न दिनांक तक कितनी-कितनी वित्तीय स्वीकृति प्राप्त हुई है? उनमें क्या-क्या निर्माण कार्य किस-किस स्थान पर कराये गये हैं तथा कराये जा रहे हैं? किस ठेकेदार/एजेंसी तथा किस-किस यंत्री के सुपरविज़न में निर्माण कार्य कराये गये हैं? उन निर्माण कार्यों की वर्तमान में भौतिक तथा वित्तीय स्थिति क्या है? निर्माण कार्यों को कब तक पूरा किया जाना था, विलम्ब होने का क्या कारण है? इसके लिये कौन ठेकेदार/एजेन्सी या यंत्री दोषी हैं? सभी निर्माण कार्यों की अलग-अलग जानकारी स्पष्ट करें तथा अधूरे निर्माण कार्यों को कब तक पूरा कर लिया जावेगा? (ख) जल संसाधन विभाग में भितरवार विधान सभा क्षेत्र में कौन-कौन कर्मचारी/अधिकारी पदस्थ हैं? उनका नाम, पद, पदस्थापना, दिनांक, मुख्यालय स्पष्ट करें। (ग) टेकनपुर-हर्सी, केनाल रोड जो पूरी तरह जर्जर हालत में है, क्या जल संसाधन विभाग इस रोड का निर्माण करा रहा है? यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई है या लोक निर्माण विभाग को हस्तांतरण किया जा रहा है तो प्रश्न दिनांक तक हस्तांतरण की क्या-क्या कार्यवाही की गई है। अब कब तक पूरी कार्यवाही कर लोक निर्माण विभाग को हस्तांतरण कर दिया जावेगा? एक निश्चित समय-सीमा स्पष्ट करें।
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ-1'' एवं ''अ-2'' अनुसार है। सभी कार्य समयावधि में पूर्ण किए गए हैं, अथवा प्रगतिरत हैं। अतः विलम्ब होने अथवा किसी के दोषी होने की स्थिति नहीं है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब-1'', ''ब-2'', ''ब-3'' एवं ''ब-4'' अनुसार है। (ग) टेकनपुर-हर्सी केनाल रोड पर भारी वाहनों का आवागमन होने से यह क्षतिग्रस्त हुई है। इस मार्ग को लोक निर्माण विभाग को हस्तांतरण करने हेतु प्रमुख सचिव, म.प्र. शासन, लोक निर्माण विभाग से दिनांक 12.02.2016 को अनुरोध किया गया था। उक्त के परिप्रेक्ष्य में लोक निर्माण विभाग द्वारा मार्ग के निर्माण हेतु जल संसाधन विभाग से रू. 95 करोड़ की मांग की गई है। सड़क निर्माण हेतु धनराशि का प्रावधान परियोजना प्रस्ताव में नहीं रखा जाता है। लोक-निर्माण विभाग को इस तथ्य से अवगत करा दिया गया है। इस विषय में प्राथमिकता पर आगामी कार्यवाही की जाएगी। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
तालाबों/स्टॉपडेमों की स्वीकृति
[जल संसाधन]
14. ( *क्र. 5158 ) श्री रणजीतसिंह गुणवान : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आष्टा विधान सभा क्षेत्र में विगत 5 वर्षों से आष्टा में प्रस्तावित तालाबों/स्टॉपडेमों की एक भी स्वीकृति अभी तक जारी नहीं की गई है? (ख) यदि हाँ, तो क्यों? आष्टा क्षेत्र में कितने तालाबों/स्टॉपडेमों की स्वीकृति शासन स्तर पर लंबित है। (ग) स्वीकृत न होने का क्या कारण है, इसके लिये कौन जिम्मेदार है? (घ) क्या शासन जिम्मेदार अधिकारी पर कार्यवाही करेगा?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (घ) जी नहीं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'', ''ब'' एवं ''स'' अनुसार है। किसी अधिकारी पर कार्यवाही करने की स्थिति नहीं है।
समितियों की मांग/वसूली में भिन्नता
[सहकारिता]
15. ( *क्र. 5469 ) श्रीमती इमरती देवी : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्या. गुना के अन्तर्गत वर्ष 2015-16 से 2016-17 तक बैंक को नाबार्ड/अपेक्स बैंक द्वारा किसानों को ऋण वितरण किये जाने हेतु कितनी-कितनी राशि प्रदाय की गई? वर्षवार जानकारी देवें एवं इस राशि को बैंक द्वारा संबद्ध प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थाओं को कितनी-कितनी राशि प्रदाय की गई? समितिवार तथा वर्षवार जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अन्तर्गत ऋण वितरण के अनुरूप संबंधित सेवा सहकारी समितियों ने कितनी-कितनी राशि की वसूली की, जो मुख्यालय को प्राप्त भी हुई? वर्षवार, शाखावार समितियों के नामवार जानकारी देवें। आज दिनांक में समितियों के बैंक की मांग एवं वसूली की स्थिति समितियों के नामवार, वर्षवार उपलब्ध करावें। आज दिनांक में सभी समितियों की ड्यू-ओव्हरड्यू राशि कितनी है, की जानकारी देवें? (ग) प्रश्नांश बैंक की गुना शाखा में वर्ष 2015-16, 2016-17 अन्तर्गत सेवा समिति तरावटा तथा अन्य समितियों अन्तर्गत किसानों के नाम से फर्जी ऋण वितरण करते हुये, कितनी राशि के गबन का धोखाधड़ी का मामला सामने आया, इसमें कौन-कौन शामिल रहे? नाम पद बतावें। दोषियों से कितनी राशि वसूल की गई, कितनी लेना बाकी है? किन-किन के खिलाफ पुलिस में एफ.आई.आर. कराई गई?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्या., गुना को नाबार्ड से कोई राशि प्राप्त नहीं हुई है, अपेक्स बैंक से प्राप्त राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ख) समितियों द्वारा की गई वसूली की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार तथा समितियों की ड्यू-ओव्हर ड्यू राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। (ग) सेवा समिति तरावटा अंतर्गत किसानों के नाम से फर्जी ऋण वितरण के प्रकरण में राशि रूपये 18,15,000/- फर्जी तरीके से आहरित की गई। प्रकरण में सम्मिलित श्री ओमपाल सिंह परमार, कम्प्यूटर ऑपरेटर तथा श्री राजकुमार शर्मा, समिति प्रबंधक, सेवा सहकारी समिति तरावटा शामिल रहे हैं, दोषियों से राशि रूपये 14,35,000/- की वसूली की जा चुकी है एवं राशि रूपये 3,80,000/- वसूल करना शेष है। उक्त दोनों दोषी कर्मचारियों के विरूद्ध दिनांक 09.11.2016 को थाना सिटी कोतवाली में एफ.आई.आर. दर्ज की गई है। इसके अतिरिक्त अन्य समितियों में उक्त वर्षों में गबन धोखाधड़ी के प्रकरण प्रकाश में नहीं आये हैं।
विधानसभा क्षेत्र पानसेमल में नवीन कार्यों की स्वीकृति
[लोक निर्माण]
16. ( *क्र. 5641 ) श्री दीवानसिंह विट्ठल पटेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र पानसेमल में वित्तीय वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में विभाग के द्वारा कितने कार्य स्वीकृत किये गए हैं? सूची उपलब्ध करावें। स्वीकृत कार्यों में से कितने कार्य प्रारम्भ किये गए हैं तथा कितने अप्रारम्भ हैं? अप्रारम्भ कार्यों का कारण बतावें। (ख) उक्त अवधि में क्षेत्रीय विधायक के द्वारा कोई प्रस्ताव विभाग को दिए गए हैं? यदि हाँ, तो उक्त प्रस्तावों पर क्या कार्यवाही हुई है? (ग) क्या आम जनता की परेशानी को देखते हुए भेजे गए प्रस्तावों पर स्वीकृति प्रदान की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक और नहीं तो कारण बतावें?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'अ-1' अनुसार है। इसके अतिरिक्त म.प्र. सड़क विकास निगम अंतर्गत दो सड़कें आती हैं। (1) सेंधवा-निवाली-खेतिया राजमार्ग क्रमांक-36 (2) राजपुर-निवाली-खेतिया मुख्य जिला मार्ग उक्त दोनों मार्ग स्वीकृत होकर प्रारंभ किये जाकर प्रगतिरत हैं। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। इसके अतिरिक्त एक प्रस्ताव माननीय विधायक महोदय श्री दीवान सिंह जी पटेल विधानसभा क्षेत्र पानसेमल का प्राचार्य पानसेमल को संबोधित पत्र क्रमांक दिनांक 25.02.2016 द्वारा शासकीय महाविद्यालय पानसेमल भवन के निर्माण हेतु नवीन प्रस्ताव चाहा गया। इस संबंध में नवीन महाविद्यालय पानसेमल के निर्माण हेतु प्राचार्य महाविद्यालय पानसेमल द्वारा पूर्ण प्रस्ताव प्राक्कलन राशि 1237.68 लाख का (प्राक्कलन एवं ड्राईंग) सहित उनके पत्र क्रं. 43/2017 पानसेमल दिनांक 21.01.2017 द्वारा अपर संचालक वित्त उच्च शिक्षा मध्यप्रदेश सतपुड़ा भवन भोपाल को स्वीकृति एवं आवंटन हेतु भेजा गया है। स्वीकृति अप्राप्त। म.प्र. सड़क विकास निगम अंतर्गत खेतिया शहर एवं पलसुद शहर में बायपास बनाने के प्रस्ताव मान. विधायक महोदय द्वारा दिनांक 18.01.2016 को पत्र लिखा गया था। अनुबंध में बायपास निर्माण का प्रावधान नहीं होने के कारण यह कार्य करवाया जाना संभव नहीं था, पत्र दिनांक 16.02.2016 एवं पत्र दिनांक 29.07.2016 द्वारा मार्ग के संबंध में सुझाव दिये गये थे, जिसके संबंध में सेंधवा-खेतिया मार्ग के कि.मी. 24 एवं 27 में घाट सुधार के संबंध में उल्लेखित किया गया था, जिसके सुधार का कार्य प्रगतिरत है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है एवं सेंधवा-खेतिया मार्ग के कि.मी. 24 एवं 27 घाट कटिंग करके सुधार कार्य प्रगति पर है, बायपास का कार्य अनुबंध में किया जाना संभव नहीं होने के कारण नहीं किया जा सकता।
निविदाओं की शर्तों में अतिरिक्त परफार्मेंस गांरटी का प्रावधान
[लोक निर्माण]
17. ( *क्र. 5570 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग की निविदाओं की शर्तों में ठेकेदार से परफार्मेंस गारंटी के अलावा अतिरिक्त्ा परफार्मेंस गारंटी लिये जाने के प्रावधान हैं? यदि हाँ, तो इसकी प्रक्रिया तथा शर्तों के संबंध में जानकारी दें? (ख) क्या कार्यपालन यंत्री (वि./यां) संभाग क्रमांक 02 भोपाल ने निविदा क्रमांक 29634 वर्ष 2016-17 में बिना अतिरिक्त परफार्मेंस गांरटी के ठेकेदार से अनुबंध कर लिया? यदि हाँ, तो विभाग संबंधित के विरूद्ध क्या कार्यवाही करेगा? (ग) प्रदेश में वर्ष 2016-17 में ऐसे कितने प्रकरण हैं, जिनमें ठेकेदार द्वारा जमा अतिरिक्त परफार्मेंस गांरटी की राशि से कार्यों की गुणवत्ता सुधारी गई अथवा विषयांकित राशि सीज की गई हो? (घ) क्या शासन अव्यवहारिक दरों पर विषयांकित राशि के प्रयोग की समीक्षा करेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जी हाँ। संबंधित कार्यपालन यंत्री के विरूद्ध आचरण नियमों के अंतर्गत अनुशासनात्मक कार्यवाही प्रचलन में है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) 04 प्रकरणों में अतिरिक्त परफार्मेंस गारंटी के अंतर्गत कार्य की गुणवत्ता न सुधारने के कारण ठेकेदार की जमा राशि सीज की गई है। (घ) जी नहीं।
किसानों को फसल बीमा का लाभ
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
18. ( *क्र. 5013 ) श्री घनश्याम पिरोनियाँ : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2015, 16 में दतिया जिले के किसानों का राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना के तहत बीमा किया गया था। (ख) क्या दतिया जिले के किसानों की फसल सूखे से नष्ट हो गई थी, जिसका सर्वे भी हो चुका है। (ग) क्या दतिया तहसील के किसानों को फसल बीमा का लाभ प्राप्त हो चुका है, किन्तु भाण्डेर तहसील के किसानों को उसका लाभ आज दिनांक तक नहीं मिला है? (घ) यदि प्रश्नांश (क), (ख), (ग) का उत्तर हाँ में है, तो दतिया जिले में कुल कितने किसानों से फसल बीमा योजना के तहत खरीफ एवं रबी फसलों की कितनी बीमित राशि वसूली गई एवं सूखा उपरांत योजनान्तर्गत कितनी-कितनी राशि कितने किसानों को फसल बीमा के रूप में दी गई? तहसीलवार, पटवारी हल्कावार कृषकों की संख्या उपलब्ध कराई जाए। (ड.) भाण्डेर के किसानों को फसल बीमा का लाभ कब तक मिल जावेगा एवं इस योजना का लाभ न मिल पाने के लिए कौन दोषी है?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ग) खरीफ 2015 में दतिया एवं भाण्डेर तहसील में फसल कटाई के आधार पर वास्तविक उपज में कमी नहीं पाई गई है, जिसके कारण राष्ट्रीय कृषि बीमा योजनांतर्गत दावा राशि देय नहीं है। (घ) राष्ट्रीय कृषि बीमा योजनांतर्गत दतिया जिले की खरीफ 2015 बीमित राशि एवं दावा राशि की तहसीलवार, पटवारी हल्कावार कृषकों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 1 अनुसार है एवं रबी 2015-16 की बीमांकन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 2 अनुसार है। रबी 2015-16 की दावा राशि का आंकलन प्रकियाधीन है। (ड.) उत्तरांश (ग) एवं (घ) अनुसार।
उचित मूल्य की दुकान का संचालन
[सहकारिता]
19. ( *क्र. 620 ) श्रीमती झूमा सोलंकी : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आदिम जाति सेवा सहकारी संस्था दौडवां अन्तर्गत ग्राम पंचायत नुरियाखेड़ी में राशन लेने हेतु समस्त उपभोक्ताओं को रामपुरा दुकान जिसकी दूरी 04 कि.मी. तथा रास्ता खराब है जाना पड़ता है तथा उपभोक्ताओं की परेशानी को देखते हुए भीकनगांव अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) द्वारा पूर्व प्रचलित व्यवस्था अनुरूप ग्राम नुरियाखेड़ी शासकीय भवन में वितरण हेतु पत्र जारी किया गया था, जिसकी सहमति ग्राम पंचायत एवं आदिम जाति सेवा सहकारी संस्था दौडवां द्वारा प्रस्ताव पारित कर दी जा चुकी है, जिसका पालन संस्था प्रबंधक द्वारा नहीं किया गया है? (ख) क्या उपभोक्ताओं की सुविधा के लिये ग्राम पंचायत नुरियाखेड़ी से अस्थाई दुकान का संचालन किया जा सकता है? हाँ तो कब तक? यदि नहीं, तो क्या कारण है?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ, जी हाँ। चूंकि नवीन उचित मूल्य दुकानें खोलने के संबंध में मान. उच्च न्यायालय जबलपुर के आदेश अनुसार स्थगन होने से दुकान नहीं खोली जा सकी, इस कारण से संस्था प्रबंधक द्वारा पालन नहीं किया गया। (ख) कलेक्टर जिला खरगोन से प्राप्त जानकारी अनुसार उपभोक्ता हित में ग्राम पंचायत नुरियाखेड़ी से उपभोक्ताओं को अस्थाई रूप से राशन वितरण कराने हेतु संस्था प्रबंधक दौडवां को निर्देशित किया गया है। माह मार्च 2017 से वितरण प्रारंभ किया जावेगा।
कृषि उपज मण्डी समिति अम्बाह में दुकानों की नीलामी
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
20. ( *क्र. 3815 ) एडवोकेट सत्यप्रकाश सखवार : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मण्डी समिति अम्बाह जिला मुरैना द्वारा वर्ष 2012 में करोली माता रोड तरफ कितनी सेन्ड्रीशॉप (दुकानों) की नीलामी बोली किन-किन अधिकारियों की उपस्थिति में किस दिनांक को लगवाई गई थी? (ख) किस-किस बोली धारक को कौन-कौन से नंबर की दुकान कितनी कीमत पर बोली द्वारा आवंटित की गई थी? (ग) क्या तीन अधिकारी बोली लगवाने हेतु नियत किये गये? यदि हाँ, तो उनके नाम पद सहित जानकारी दी जावे? (घ) क्या दो अधिकारियों के बोली से संबंधित प्रोसीडिंग पर तो हस्ताक्षर हैं, तीसरे अधिकारी ने हस्ताक्षर नहीं किये थे? क्या शासन बोलीधारक दुकानदारों को बोली से प्राप्त होने वाली दुकानों को आवंटित कराने की कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक नहीं तो क्यों नहीं?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) कृषि उपज मंडी समिति, अम्बाह में 10 नग सेण्ड्रीशॉप (करोली माता रोड तरफ) की नीलामी दिनांक 03.11.2012 को भारसाधक अधिकारी एवं सचिव कृषि उपज मंडी समिति, अम्बाह की उपस्थिति में की गई थी। (ख) किसी भी बोली धारक को दुकान आवंटित नहीं की गई। (ग) जी नहीं। (घ) जी हाँ। जी नहीं। कृषि उपज मंडी समिति अम्बाह जिला मुरैना में दिनांक 03.11.2012 को सेण्ड्रीशॉप नीलामी की कार्यवाही की गई, जिसमें गठित समिति के सदस्यों का कोरम पूरा नहीं होने से संयुक्त संचालक, आंचलिक कार्यालय ग्वालियर द्वारा मध्यप्रदेश कृषि उपज मंडी (भूमि एवं संरचना का आवंटन) नियम 2009 के नियम 8 (3) अनुसार दिनांक 07.06.2014 को निरस्त की गई।
स्टॉपडेम एवं तालाब का निर्माण
[जल संसाधन]
21. ( *क्र. 4404 ) श्री मेहरबान सिंह रावत : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सबलगढ़ विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत आने वाली सिंचाई विहीन ग्राम पंचायतों में नवीन मध्यम सिंचाई योजना एवं लघु सिंचाई योजना शासन की प्राथमिकता में शामिल है, कार्य पालन यंत्री जल संसाधन सबलगढ़ के पत्र क्रमांक 2037, दिनांक 09/09/2016 के अनुसार शासन को लिखे पत्रानुसार कितने नवीन तालाब स्वीकृत किए गए हैं? (ख) कार्यपालन यंत्री सबलगढ़ के पत्रानुसार कार्यों को जल संसाधन विभाग द्वारा न बनवाते हुए अन्य विभागीय ऐजेंसियों द्वारा बनावाने हेतु क्यों प्रेरित किया गया है? क्या शासन के पास कार्य कराने हेतु आवंटन नहीं है? अन्य विभागों की अनापत्ति लेते हुए उक्त कार्य जल संसाधन विभाग द्वारा कब तक करा दिए जायेंगे? (ग) विधान सभा सबलगढ़ अंतर्गत क्वारी नदी पर रायपुर घाटी के अंतर्गत प्रश्नकर्ता द्वारा शासन से कितने स्टॉपडेम की मांग की गई? संख्या बतावें। उनमें से कितने स्वीकृत कर दिए गए हैं? नामवार संख्या बतावें। स्वीकृत स्टॉपडेमों का कार्य प्रारंभ कब तक कर दिया जाएगा? समयावधि बतावें। (घ) क्या यह सही है कि प्रश्नकर्ता द्वारा दिए गए स्टॉपडेमों एवं तालाबों के प्रस्तावों को कार्यपालन यंत्री सबलगढ़ द्वारा तकनीकी रूप से साध्य नहीं मानकर निरस्त कर दिया जाता है अथवा अन्य ऐजेंसियों के माध्यम से कराने के लिए बाध्य किया जाता है? ऐसे अधिकारी के खिलाफ क्या कार्यवाही प्रस्तावित की जावेगी?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) कार्यपालन यंत्री द्वारा मान. विधायक के पत्र दिनांक 22.04.2016 में उल्लेखित नवीन तालाबों एवं मरम्मत योग्य तालाबों की जानकारी उनके पत्र दिनांक 09.09.2016 से कलेक्टर मुरैना को अवगत कराते हुये मान. सदस्य को अवगत कराया जाना प्रतिवेदित है। तदनुसार माननीय विधायक द्वारा प्रस्तावित कार्य विभागीय तकनीकी एवं वित्तीय मापदण्डों के अनुरूप न होने की जानकारी दी गई है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होते हैं। (ग) सबलगढ़ विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत रामपुर घाटी क्षेत्र में क्वारी नदी पर 03 स्टॉप डेम क्रमशः सालई, रूनधानखालसा एवं बातेरघाट का कार्य पूर्ण करा लिया जाना प्रतिवेदित है। वर्तमान में कोई परियोजना स्वीकृति हेतु विचाराधीन नहीं है। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते हैं। (घ) जी नहीं। उत्तरांश (ख) एवं (ग) अनुसार। अतः किसी अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही करने की स्थिति नहीं है।
कृषि योजनाओं का भौतिक सत्यापन
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
22. ( *क्र. 1494 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. शासन किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग जिला जबलपुर में विभिन्न योजनाओं के सफल क्रियान्वयन के लिए संयुक्त संचालक स्तर से लेकर ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी तक योजनाओं के भौतिक सत्यापन के लिए कोई प्रावधान है? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार संयुक्त संचालक स्तर से लेकर ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी तक भौतिक सत्यापन के लिए संवर्गवार कितना-कितना प्रतिशत लक्ष्य निर्धारित है? (ग) वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक जबलपुर जिले में अब तक संयुक्त संचालक उप संचालक कृषि ने कुल कितने हितग्राहियों का एवं लक्ष्यानुसार कितने प्रतिशत सत्यापन किया है? (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार कितने अधिकारियों ने शासन के निर्देशों का पालन किया और कितने अधिकारियों ने नहीं? क्या आदेशों की अवहेलना करने वाले अधिकारियों के विरूद्ध कोई कार्यवाही प्रस्तावित की जावेगी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ। (ख) संयुक्त संचालक से लेकर ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी तक विभिन्न योजनाओं में भौतिक सत्यापन के निर्धारित लक्ष्य की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 1 अनुसार है। (ग) जबलपुर जिले में वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक संयुक्त संचालक कृषि संभाग जबलपुर द्वारा 78 एवं उप संचालक कृषि जिला जबलपुर द्वारा 208 हितग्राहियों से सम्पर्क कर योजनाओं का सत्यापन लक्ष्यानुसार लगभग 5 प्रतिशत किया है। कृषकों की सूची की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 2 अनुसार है। (घ) शासन के निर्देशों का पालन किया गया है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कैलारस स्थित सहकारी शक्कर कारखाने को प्रारंभ कराया जाना
[सहकारिता]
23. ( *क्र. 4696 ) श्री रामनिवास रावत : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुरैना जिले की कैलारस तहसील स्थित सहकारी शक्कर कारखाना कब से एवं किस कारण से बंद है? (ख) माह जनवरी 2017 की स्थिति में इस कारखाने पर कुल कितनी देनदारियां हैं? उक्त देनदारियों में से कितनी गन्ना उत्पादक किसानों की हैं एवं कितनी कारखाने के अधिकारियों/कर्मचारियों की हैं? उक्त देनदारियों का भुगतान कब तक कर दिया जावेगा? (ग) उक्त कारखाने को अभी तक चालू न किये जाने के क्या कारण हैं? क्या मुख्यमंत्री जी ने दिनांक 28-01-17 को जौरा तहसील के ग्राम रजौधा प्रवास के दौरान उक्त कारखाने को शीघ्र शुरू कराये जाने की घोषणा की है? यदि हाँ, तो उक्त कारखाने को शुरू कराये जाने की शासन की क्या योजना है?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) वर्ष 2008-09 से पर्याप्त गन्ने की उपलब्धता न होने के कारण। (ख) कुल देनदारियां राशि रू. 28,33,80,873.00, गन्ना उत्पादक किसानों की राशि रू. 80,62,636.00, अधिकारियों/कर्मचारियों की राशि रू. 12,11,67,610.00। समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं। (ग) कारखाने के पास वित्तीय संसाधन न होने के कारण। जी हाँ दिनांक 29.01.2017 को। दि मुरैना मंडल सहकारी शक्कर कारखाना मर्यादित कैलारस के संचालन हेतु राष्ट्रीय सहकारी शक्कर कारखाना संघ मर्यादित नई दिल्ली द्वारा तैयार की गई फिजिबिलिटी रिपोर्ट में दिये गये दो विकल्पों के अन्तर्गत पी.पी.पी. मोड पर संचालन हेतु वित्त विभाग से परामर्श कर सहमति बनाये जाने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
बाय-पास सड़क का निर्माण
[लोक निर्माण]
24. ( *क्र. 1083 ) श्रीमती चन्दा सुरेन्द्र सिंह गौर : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या टीकमगढ़ जिला मुख्यालय से छतरपुर मार्ग बल्देवगढ़ नगर के बीच बस्ती से बना हुआ है? जिस मार्ग पर बसों एवं भारी वाहनों, ट्रकों का आना जाना हमेशा बना रहता है। मुख्य मार्ग के किनारे पर हा.से. स्कूल, कन्या हाई स्कूल तथा अस्पताल एवं दुकानें बनी हुई हैं तथा बच्चों को स्कूल जाते समय एवं राहगीरों को घंटों जाम में फंसा रहना पड़ता है और हमेशा दुर्घटनाओं की आशंका बनी रहती है? ऐसी स्थिति को ध्यान में रखते हुये बाय-पास सड़क निर्माण कराये जाने की योजना को कब तक स्वीकृत कर दिया जावेगा? यदि हाँ, तो समयावधि बतायें? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें? (ख) क्या शासन द्वारा उक्त बाय-पास सड़क निर्माण का डी.पी.आर. तैयार करा लिया गया है? यदि हाँ, तो कब बनवाया गया? यदि नहीं, तो क्यों नहीं बनाया गया? कारण स्पष्ट करें। क्या बल्देवगढ़ में बाय-पास सड़क बनाये जाने की शासन के पास कोई योजना है या नहीं? (ग) क्या अनुविभागीय अधिकारी राजस्व या तहसीलदार से अभिमत मांगा गया है? यदि हाँ, तो कब? यदि नहीं, तो क्यों? कारण स्पष्ट करें। क्या अनुविभागीय अधिकारी राजस्व या तहसीलदार से अभिमत मंगाया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक समय-सीमा बतायें? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। जी हाँ। जी हाँ। वर्तमान में सीमित वित्तीय संसाधन होने के कारण स्वीकृति की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) जी हाँ। दिनांक 21.09.2016. प्रश्न उपस्थित नहीं होता। वर्तमान में कोई योजना नहीं है। (ग) जी हाँ। माह सितम्बर-2016 में। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कृषि उपज मंडी निधि से विकास कार्यों हेतु राशि का प्रदाय
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
25. ( *क्र. 3838 ) श्री सुदेश राय : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र 159 सीहोर स्िथत मण्डी सीहोर एवं श्यामपुर मंडियों से मंडी विकास बोर्ड को कितना कर विगत 3 वर्षों में प्रदाय किया गया है? (ख) सीहोर एवं श्यामपुर मण्डी क्षेत्र में मण्डी निधि से कौन-कौन से विकास कार्यों हेतु कितनी-कितनी राशि मंडी बोर्ड द्वारा कब प्रदाय की गई है? वर्ष 2014 से वर्तमान तक मंडियों को दी गई राशि का कार्यवार विवरण प्रदान करें।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) मंडियों से मंडी बोर्ड को कर प्राप्त नहीं होता है, अपितु बोर्ड शुल्क तथा राज्य विपणन विकास निधि प्राप्त होती है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 1 अनुसार है। (ख) मंडी निधि से विकास कार्य के लिये राशि मंडियों द्वारा ही प्रदत्त होती है। बोर्ड स्तर से मंडी निधि का प्रदाय या अंतरण नहीं किया जाता है। मंडी बोर्ड को मंडियों से प्राप्त राज्य विपणन विकास निधि तथा बोर्ड निधि से प्रदाय राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 2 अनुसार है।
भाग-2
नियम 46 (2) के अंतर्गत
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
के रुप में
परिवर्तित
तारांकित
प्रश्नोत्तर
बलराम
तालाब
योजनान्तर्गत
निर्मित
तालाब
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
1. ( क्र. 35 ) श्री हितेन्द्र सिंह ध्यान सिंह सोलंकी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्य प्रदेश में लघु सिंचाई और जल सरंक्षण के लिए बलराम तालाब योजना कब लागू की गई है और वर्ष २०१२ से दिसम्बर २०१६ तक इस योजना के तहत खरगोन जिले में कुल कितने तालाब निर्मित कराये गए हैं? विधान सभा क्षेत्रवार और ग्रामवार जानकारी दी जाय। इन स्वीकृत तालाब में कितने पूरे हुए और कितने अपूर्ण हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार इन तालाबों में कितनी राशि व्यय की गई। विधान सभा क्षेत्रवार और ग्रामवार जानकारी दी जावे। (ग) प्रश्नांश (क) के अनुसार बलराम तालाबों के अपूर्ण रहने के क्या कारण रहे है। अपूर्ण तालाबों की वर्षवार सूची दी जावे। क्या कोई अनियमितता की शिकायत हुई है। यदि है, तो प्राप्त शिकायत पर क्या कार्यवाही की गई।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) प्रदेश में बलराम तालाब योजना 25 मई 2007 से लागू की गई। वर्ष 2012 से दिसंबर 2016 तक इस योजना के तहत खरगौन जिले में कुल 548 बलराम तालाबों का निर्माण कराया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उत्तरांश "क" अनुसार कुल स्वीकृत तालाबों पर राशि रू. 3,89,64,918/- व्यय की गई। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) बलराम तालाब का निर्माण कृषक द्वारा स्वयं किया जाता है, मूल्यांकन पश्चात् अनुदान भुगतान किये जाने की प्रकिया है। कृषकों द्वारा कार्य पूर्ण न किये जाने के कारण तालाब अपूर्ण है वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। प्रश्नांकित अवधि में बलराम तालाबों में अनियमितता संबंधी कोई शिकायत प्राप्त होना प्रतिवेदित नहीं है। अत: कार्यवाही का प्रश्न ही नहीं उठता।
DBT योजना
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
2. ( क्र. 140 ) श्री लखन पटेल : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2014-15 व 2015-16 में बीज ग्राम योजना व बीज उत्पादक समितियाँ संचालित थी? यदि हाँ, तो क्या इसकी 50 % राशि हितग्राही व 50 % राशि शासन द्वारा दी जाना थी? (ख) क्या केन्द्र सरकार द्वारा भुगतान हेतु DBT योजना लागू की गई है? यदि हाँ, तो कब से और म.प्र. में यह योजना कब से लागू की गई है? (ग) डी.बी.टी. योजना लागू होने के पश्चात् प्रदेश के किन-किन जिलों में उप संचालकों (समस्त जिले के) को कितनी-कितनी राशि दी गई व उनके द्वारा कितनी-कितनी राशि किस-किस तारीख को सोसायटी या किसानों को दी गई ? बतावें? (घ) डी.बी.टी. योजना लागू होने के पश्चात् कितनी-कितनी राशि बीज ग्राम योजना के अन्तर्गत कृषकों को अनुदान के रूप में दी जाना थी व वह योजना लागू होने के बाद किन-किन बीज उत्पादक समितियों को दी गई? तारीखवार व समितिवार बताएँ योजना लागू होने के पश्चात् क्या नियम विरूद्ध भुगतान किया गया? यदि हाँ, तो क्या दोषियों के विरूद्ध कोई कार्यवाही की गई ? यदि नहीं, तो कब तक की जावेगी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ। बीज ग्राम योजनांतर्गत अनाज एवं दलहनी/तिलहनी फसलों के बीज वितरण पर प्रति हितग्राही प्रति एकड़ हेतु बीज की कीमत का क्रमश: 50 प्रतिशत एवं 60 प्रतिशत अनुदान का प्रावधान था। (ख) जी हाँ। सबमिशन ऑन सीड एण्ड प्लांटिंग मटेरियल अंतर्गत बीजग्राम कार्यक्रम में भारत सरकार के मार्गदर्शी निर्देश प्रभावशील होने से डीबीटी योजना दिनांक 29 मई 2015 से लागू की गई है। डीबीटी लागू होने संबंधी पत्र की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 एवं 3 अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 एवं ''5'' अनुसार है। डीबीटी योजना बीजग्राम कार्यक्रम में वर्ष 2015-16 से लागू होने के पश्चात् प्रदेश के जिलों में प्रथम दृष्टया नियम विरूद्ध भुगतान होना प्रतीत होता है। अत: समस्त जिलों की प्रारंभिक जाँच हेतु संबंधित संभागीय संयुक्त संचालक किसान कल्याण तथा कृषि विकास को आदेशित किया गया है, गुण-दोष के आधार पर नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी।
कृषि विभाग द्वारा संचालित योजनाएं
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
3. ( क्र. 143 ) श्री लखन पटेल : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कृषि विभाग द्वारा किसानों के हित में कौन-कौन सी योजनाएं चलाई जा रही हैं? योजना का नाम व पात्रता शर्तों सहित जानकारी दें? (ख) दमोह जिले के विधान सभा पथरिया के दोनों विकास खण्ड में वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक कृषि विभाग की किस-किस योजना का क्या-क्या लाभ दिया गया?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
सड़क निर्माण
[लोक निर्माण]
4. ( क्र. 259 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आलोट जिला रतलाम की ताल - खारवाकला - महिदपुर सड़क सिंहस्थ पूर्व से जर्जर हो चुकी है? (ख) यदि हाँ, तो सड़क निर्माण में देरी क्यों हो रही है? जर्जर सड़क के कारण नागरिक किसान सभी पेरशान है,? (ग) उक्त सड़क निर्माण हेतु अब तक की गई कार्यवाही का पूर्ण ब्यौरा दें व सड़क कब तक निर्मित हो जाएगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) आंशिक रूप से। (ख) एवं (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
विधायक निधि से कराये गये कार्य
[लोक निर्माण]
5. ( क्र. 430 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक निर्माण विभाग छतरपुर द्वारा वर्ष 2014-15, 15-16, 16-17 में विधायक निधि से चन्दला विधान सभा क्षेत्र में कौन-कौन से कार्य, कितनी-कितनी राशि के स्वीकृत किये गये उनमें से कितने कार्य पूर्ण हो चुके है कितने शेष है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार सभी निर्माण कार्य किन-किन अधिकारियों ने मूल्यांकन किया गया? (ग) क्या किये गये कार्य तकनीकी मापदण्ड के अनुसार किये गये? (घ) यह कि अपूर्ण कार्य होने के बावजूद भी सी.सी./पूर्णता प्रमाण पत्र जारी किये गये? यदि हाँ, तो दोषी अधिकारी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गयी? यदि नहीं, तो कब तक की जावेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के स्तम्भ-09 में अंकितानुसार है। (ग) जी हाँ। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
जिला मुख्यालय को जोड़ने वाली सड़क निर्माण
[लोक निर्माण]
6. ( क्र. 540 ) श्री जसवंत सिंह हाड़ा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शाजापुर जिले की अकोदिया - देवलाबिहार - लाहोरी बेरछा रोड जोड तक शाजापुर जिला मुख्यालय को जोड़ने वाली MDR सड़क निर्माण किये जाने हेतु कोई योजना अथवा प्रस्ताव शासन के समक्ष विचाराधीन हैं? (ख) यदि हाँ, तो प्रश्नांश (क) में अंकित जिला मुख्यालय को जोड़ने वाली सड़क को स्वीकृति प्रदान किये जाने हेतु शासन द्वारा विचार किया जा रहा है तथा प्रश्नांश (क) में उल्लेखित मार्ग को बजट में सम्मिलित किये जाने हेतु शासन द्वारा कोई प्रावधान किया जाना प्रस्तावित हैं? (ग) यदि विभाग द्वारा प्रश्नांश (क) अंतर्गत जिला मुख्यालय को जोड़ने वाली सड़क के प्रस्ताव भेजे गये हैं तो शासन स्तर पर उक्त प्रस्तावों की स्वीकृति में विलंब किन कारणों से हो रहा है? कब तक शासन इस मार्ग की स्वीकृति प्रदान करेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी नहीं। (ख) जी नहीं, प्रस्ताव परीक्षणाधीन है। (ग) प्रस्ताव परीक्षणाधीन है वर्तमान में वित्तीय संसाधन सीमित होने के कारण निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
किये गये सड़क निर्माण
[लोक निर्माण]
7. ( क्र. 943 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन-जावरा एवं ताल बड़ौद (जावरा-आगर) सड़क निर्माण किस कंपनी ने किस अनुबंध पर किया? (ख) उक्त मार्ग पर स्थापित टोल प्लाजा से अब तक हुई आय का टोलवार ब्यौरा क्या है तथा टोल स्थापना की शर्तें क्या हैं? (ग) क्या जावरा-उज्जैन एवं ताल-बड़ौद सड़क जगह-जगह क्षतिग्रस्त है, पेचवर्क स्तरहीन है, रख-रखाव ठीक नहीं है, विभाग उक्त संबंध में क्या कदम उठा रहा है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) उज्जैन-उन्हेल-घिनौदा-जावरा मार्ग का अनुबंध मेसर्स टॉपवर्थ टोलवेज प्रा.लि. मुम्बई के साथ बी.ओ.टी. योजना अंतर्गत अनुबंध किया एवं आगर-बड़ौद-आलोट-ताल-जावरा मार्ग का निर्माण एडीबी योजना में मेसर्स मोंटीकार्लो कंस्ट्रक्शन प्रा.लि. अहमदाबाद के साथ अनुबंध किया गया। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। टोल स्थापना की शर्तें संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जी नहीं। जी नहीं। जी नहीं। संधारण कार्य निरंतर प्रक्रिया के अंतर्गत किया जा रहा है।
मार्ग निर्माण
[लोक निर्माण]
8. ( क्र. 1033 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या श्योपुर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत प्रेमसर–मूंडला मुख्य जिला मार्ग यातायात एवं कृषि उत्पादन परिवहन की दृष्टि से महत्वपूर्ण मार्ग हैं? (ख) उक्त मार्ग का अधिकांश भाग काली मिट्टी एवं जलग्रहण क्षेत्र से गुजरने के कारण मार्ग की वर्तमान सतह उपयुक्त न होने से बार-बार क्षतिग्रस्त होती है इस कारण उक्त मार्ग को सीमेन्टीकृत किये जाने की आवश्यकता हैं? (ग) क्या वर्तमान में विभाग में मुख्य जिला मार्गों को सीमेन्ट्रीकृत किये जाने की कार्य योजना प्रस्तावित भी हैं? (घ) क्या शासन जनहित के मद्देनजर उक्त मार्ग को प्रस्तावित कार्य योजना में शामिल करने उपरांत मुख्य जिला मार्गों के उन्नयन हेतु शासन की वर्तमान नीति अनुसार उक्त मार्ग निर्माण कार्य को वर्ष 2017–18 के वार्षिक बजट में शामिल करके इसकी डी.पी.आर. तैयार कराकर इसे स्वीकृति प्रदान करेगा? इस संबंध में प्रश्नकर्ता द्वारा वर्ष 2016 में आपको प्रेषित पत्रों पर क्या कार्यवाही की गई, यदि नहीं, तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ, मार्ग की पूर्ण लंबाई 30.53 कि.मी. में से 6.10 कि.मी. लंबाई में सी.सी. मार्ग की आवश्यकता है। (ग) मार्ग की आवश्यकतानुसार सीमेंट्रीकृत/डामरीकृत सतह के निर्माण हेतु प्राक्कलन तैयार किये जाते है। (घ) वर्तमान में वित्तीय संसाधन सीमित होने के कारण स्वीकृति की निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है। प्राक्कलन तैयार किया जा चुका है जो कि परीक्षणाधीन है।
स्टॉप डेम कम रपटा निर्माण
[जल संसाधन]
9. ( क्र. 1034 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या श्योपुर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत ग्राम वर्धा बुजुर्ग व सी.आर.एम.सी. के समीप से गुजर रही वर्धा (अमराल) नदी में हमेशा तीन–चार फिट पानी बहता रहता है, नदी के दोनों ओर दर्जनभर से अधिक ग्राम बसे हैं व ग्रामीणों के खेत भी हैं? (ख) क्या ग्रामीणों को अपने अपने ग्राम से जिला मुख्यालय/अन्यत्र व खेतों पर जाने-आने हेतु हर मौसम में नदी पार करना पड़ती है, मवेशी भी चरने हेतु नदी पार कर आते जाते हैं वर्षाकाल में नदी में उफान आने पर आवागमन बंद हो जाता है नतीजतन ग्रामीणों व मवेशियों को कई समस्याएं आती हैं? (ग) उक्त समस्याओं के समाधान हेतु क्या उक्त कार्य का प्राक्कलन ईई डब्ल्यू.आर.डी. श्योपुर द्वारा मुख्य/प्रमुख अभियंता भोपाल को भेज दिया हैं? यदि नहीं, तो क्या शासन उक्त कार्य का प्रस्ताव प्राक्कलन विभाग से अविलम्ब तैयार करवाकर इसे वर्ष 2017 – 18 के बजट में शामिल कर स्वीकृति प्रदान करेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) जी नहीं। अमरोल नदी पर ग्राम वर्धा बुजुर्ग के समीप स्टॉप डेम कम काजवे निर्माण हेतु स्थल का चयन कर साध्यता ऑनलाईन दर्ज की जाना प्रतिवेदित है। प्रस्ताव परीक्षणाधीन है। शेष प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होते है।
सड़क निर्माण में वृक्षारोपण
[लोक निर्माण]
10. ( क्र. 1212 ) श्रीमती नीना विक्रम वर्मा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नवीन फोरलेन हाईवे के निर्माण हेतु काटे जाने वाले वृक्षों की संख्या का निर्धारण किया जाकर, अनुपातिक नवीन वृक्षारोपण का प्रावधान होता है? यदि हाँ, तो काटे गये वृक्षों की संख्या के कितने प्रतिशत वृक्षों का वृक्षारोपण करने का प्रावधान या शर्त होती है? (ख) क्या वृक्षारोपण हेतु पृथक से भूमि का आवंटन एजेन्सी को किया जाता है? यदि नहीं, तो इतनी अधिक संख्या में वृक्षारोपण कहाँ किया जाता है तथा क्या वृक्षों की देखभाल हेतु एजेन्सी और निर्माता ठेकेदार में से किसका उत्तरदायित्व निर्धारित किये जाने का प्रावधान है? (ग) लेबड-मानपुर फोरलेन हाईवे के निर्माण के समय किस-किस प्रजाति के कितने वृक्ष काटे गये, काटे गये वृक्षों की संख्या से शर्तानुसार/प्रावधानुसार किस-किस प्रजाति के कितने वृक्षों का वृक्षारोपण किया गया? वृक्षारोपण में से कितने वृक्ष फरवरी 2017 की स्थिति में जीवित है तथा वृक्षारोपण का ऑडिट कब-कब किया जाता है? (घ) क्या विभाग कनेर प्रजाति की वनस्पती को वृक्ष की श्रेणी में मानता है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। अनुबंध के प्रावधान एवं जिला कलेक्टर द्वारा जारी पेड़ काटने की अनुमति लागू शर्तों के अनुसार वृक्षारोपण करने का प्रावधान है। काटे गये वृक्षों से 5 से 10 गुना वृक्षों के वृक्षारोपण की शर्तों का प्रावधान होता है। (ख) जी नहीं। मार्ग के दोनों ओर समानान्तर लंबाई में उपलब्ध सड़क सीमा में वृक्षारोपण कराया जाता है। वृक्षों की देखभाल का उत्तरदायित्व अनुबंध अनुसार कन्सेशनायर द्वारा किये जाने का प्रावधान है। (ग) लेबड-मानपुर फोरलेन हाईवे के निर्माण के समय बबुल, नीम, पीपल व अन्य प्रजाति के कुल 189 वृक्ष काटे गये थे। काटे गये वृक्षों की एवज में अनुमति की शर्तानुसार 3,000 नग वृक्षारोपण किया गया तथा इसके अतिरिक्त भी निवेशकर्ता द्वारा समय समय पर वृक्षारोपण किया गया। फरवरी-2017 की स्थिति में कुल किये गये वृक्षारोपण में से 8,203 नग वृक्ष जीवित पाये गये। रोपित वृक्षों की देखभाल एवं रखरखाव अनुबंध की शर्तों के अनुसार निवेशकर्ता द्वारा सतत् रूप से किया जाता है। अनुबंध में वृक्षारोपण के ऑडिट का कोई प्रावधान नहीं है। (घ) कनेर छोटे वृक्ष की श्रेणी में आता है तथा वनस्पतिशास्त्र की परिभाषा अनुसार इसे छोटा वृक्ष/पेड़ माना जा सकता है।
नवीन पुल निर्माण
[लोक निर्माण]
11. ( क्र. 1447 ) श्री प्रताप सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दमोह जिले के जबेरा विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत तेजगढ़-पुरा मार्ग पर गुरैया नदी पर नवीन पुल, तेजगढ़-पुरा मार्ग पर रोजाघाट नाले पर नवीन पुल, खर्राघाट के समीप व्यारमा नदी पर पुल, सिमरी जालमसिंह से बनवार-बम्हौरी माला मार्ग पर स्थित धुनगी नाला पर नवीन पुल, धुनगी नाला से घटेरा मार्ग पर महादेवघाट पर नवीन पुल, तारादेही-कोटखेड़ा मार्ग के मध्य व्यारमा नदी पर निर्मित पुल की दोनों साइडे यथास्थिति निर्माण करने एवं राजघाट से दिनारी मार्ग पर स्थित ग्राम-दसोंदी के समीप नाला पर नवीन पुल आदि निर्मित किये जाने हेतु शासन को अनेक प्रस्ताव भेजे गये थे? क्या विगत कई वर्षों से अनेक ग्राम वर्षा ऋतु में लघु पुल/रपटा निर्मित होने से कई दिनों तक आवागमन अवरूद्ध हो जाता है, फलस्वरूप यात्रियों को काफी कठिनाई का सामना करना पड़ता है? (ख) क्या ग्रामीण यात्रियों की उल्लेखित असुविधा को ध्यान में रखते हुए प्रश्नकर्ता द्वारा सचिव लोक निर्माण विभाग को पत्र क्रमांक 238 दिनांक 11/08/2014 एवं मुख्य अभियंता लोक निर्माण विभाग, सेतु परिक्षेत्र भोपाल के लिए पत्र क्रमांक 21 दिनांक 14/01/2014 से प्राक्कलन/प्रस्ताव तैयार करवाकर आवश्यक स्वीकृति हेतु अनुरोध किया था, किन्तु आज तक प्रश्नांश (क) में उल्लेखित पुलों की स्वीकृति प्राप्त नहीं हुई है? किस स्तर पर उक्त प्रस्ताव किस कारण से लंबित हैं? (ग) क्या चालू बजट सत्र 2017 में कई वर्षों से लंबित उक्त प्रस्तावों को सम्मिलित कर जनहित में आवश्यक स्वीकृति प्रदान की जावेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी नहीं वर्षाऋतु में अधिक वर्षा होने से आंशिक रूप से यातायात प्रभावित होता है, जनता को आवागमन में कठिनाई होती है। (ख) जी हाँ। प्रश्नकर्ता का पत्र दिनांक 14.01.2014 प्राप्त हुआ है। वर्तमान में न तो प्रस्तावित है और न ही स्वीकृत है। प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
कृषि विस्तार प्रशिक्षण केन्द्र
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
12. ( क्र. 1495 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग के अधीन कृषि विस्तार एवं प्रशिक्षण केन्द्रों की स्थापना कृषकों, विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों के प्रशिक्षण हेतु की गई हैं? (ख) यदि हाँ, तो विगत प्रश्नांश (क) तीन वर्षों में अनुसार कृषि विस्तार एवं प्रशिक्षण केन्द्र नरसिंहपुर तथा जबलपुर को किस किस वर्ष कितना कितना बजट प्रशिक्षण हेतु दिया गया है? (ग) क्या प्रशिक्षण केन्द्रों की स्थापना के पश्चात् भी उप संचालकों द्वारा जिला स्तर पर किसान कल्याण तथा कृषि विकास नरसिंहपुर एवं जबलपुर में विभिन्न योजनांतर्गत प्रशिक्षण मद से राशि प्रदाय की जा रही है? कुल प्रावधानित राशि बतावें? (घ) क्या विभाग में विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत होने वाले समस्त प्रशिक्षण, कृषि विस्तार एवं प्रशिक्षण केन्द्रों द्वारा ही कराया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक? निश्चित समय-सीमा बतावें। यदि नहीं, तो क्यों?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (घ) विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत होने वाले समस्त प्रशिक्षण, प्रावधान एवं निर्देश अनुसार, उप संचालक, परियोजना संचालक ''आत्मा'' एवं प्राचार्य, कृषि विस्तार एवं प्रशिक्षण केन्द्रों के द्वारा आयोजित किये जाते है। शेष का प्रश्न नहीं है।
किसानों की बकाया राशि का भुगतान
[सहकारिता]
13. ( क्र. 1529 ) श्रीमती ममता मीना : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या गुना जिले में विगत 05 वर्षों में कृषि एवं सहकारी गन्ना शुगर कारखाना नारायणपुरा तहसील राघौगढ़ में गन्ना खरीदी उपरांत किसानों की कितनी राशि का भुगतान किया जाना शेष है। वर्षवार जानकारी देवें? (ख) उक्त शक्कर कारखाने द्वारा किसानों से वर्षवार किस-किस दर पर गन्ना क्रय किया गया एवं कारखाना द्वारा उत्पादित शक्कर को किस मूल्य पर किसे बेचा गया, स्पष्ट जानकारी दें? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या किसानों को बकाया राशि का भुगतान ब्याज राशि सहित किया जावेगा अथवा नहीं? कृषकों की बकाया राशि का भुगतान किस दिनांक तक कर दिया जावेगा? (घ) प्रश्नांश (क) अनुसार बकाया राशि का भुगतान यथासमय न करने वाले अधिकारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी। की जाने वाली कार्यवाही एवं कार्यवाही की समय-सीमा बतावें?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '1' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (ग) कृषकों को बकाया राशि का भुगतान ब्याज सहित किया जा रहा है, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) बकाया राशि का भुगतान ब्याज सहित किया जा रहा है, अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
श्री रियाज अहमद मण्डी सचिव शिवपुरी को प्रतिनियुक्ति से मूल विभाग में वापसी
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
14. ( क्र. 1530 ) श्रीमती ममता मीना : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मंडी सचिव शिवपुरी के संबंध में प्रश्नकर्ता के परि.अता.प्रश्न संख्या 140 (क्रमांक 1330) दिनांक 5.12.2016 के जवाब में मंडी सचिव शिवपुरी को अनुपयुक्त मानते हुये प्रतिनियुक्ति की प्रक्रिया विचाराधीन बताई गई थी। प्रक्रिया अभी तक पूरी क्यों नहीं हुई? इसको मूल विभाग में वापिस क्यों नहीं किया जा रहा है? कब तक वापिस कर दिया जावेगा। (ख) वर्ष 2016 में सचिव शिवपुरी द्वारा मंडी शिवपुरी की दुकान नीलामी में कार्यपालन यंत्री मंडी बोर्ड से बिना दर निर्धारण कराये दुकान नीलाम कर दी। सचिव के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी? (ग) मंडी सचिव शिवपुरी पर अपराध क्रमांक 112/15 धारा 3,4,5 देह व्यापार अधिनियम के तहत जेल जाने से मंडी बोर्ड की सरकार की छवि खराब हुई है। फिर भी सचिव को मंडी बोर्ड में प्रतिनियुक्ति से बाहर करते हुये मूल विभाग में वापिस क्यों नहीं किया जा रहा है? इसके लिये कौन-कौन अधिकारी दोषी है? (घ) क्या मंडी सचिव शिवपुरी की प्रतिनियुक्ति अवधि अंतिम बार बढ़ाई जाने के बाद उक्त आदेश की अवहेलना करते हुये मार्च 2017 तक तीन वर्ष की अवधि गलत तरीके से बढ़ा दी गई? क्या सचिव की अवधि और भी बढ़ाई जावेगी या मूल विभाग में वापिस किया जावेगा।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) म.प्र. राज्य कृषि विपणन बोर्ड में प्रतिनियुक्ति संबंधी मामलों में निर्णय लेने हेतु गठित समिति की अपरिहार्य कारणों से बैठक नहीं हो सकने से प्रकरण अंतर्गत कार्यवाही अभी विचाराधीन है। उक्त बैठक में प्रकरण अंतर्गत निर्णय होने पर तदानुसार आगामी कार्यवाही की जा सकेगी। इसके लिये समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है। (ख) कार्यपालन यंत्री, म.प्र. राज्य कृषि विपणन बोर्ड, तकनीकी कार्यालय ग्वालियर के पत्र दिनांक 09.03.2016 के द्वारा आफसेट वेल्यू निर्धारित कराने के उपरांत समाचार पत्रों में नीलामी सूचना प्रकाशित कर कृषि उपज मंडी समिति शिवपुरी में सेण्ड्री शॉप की नीलामी की गई है। अत: शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता है। (ग) म.प्र. राज्य कृषि विपणन बोर्ड को सचिव कृषि उपज मंडी समिति शिवपुरी के विरूद्ध प्रश्नागत प्रकरण में दोष प्रमाणित होने संबंधी अभी तक कोई आदेश प्राप्त नहीं होने से उनके विरूद्ध कार्यवाही की स्थिति निर्मित नहीं होती है। अत: शेष का प्रश्न उद्भूत नहीं होता है। (घ) वर्तमान सचिव, कृषि उपज मंडी समिति शिवपुरी की पैतृक संस्था में शाख प्रबंधक के पद पर पदोन्नति उपरांत वेतनमान को दृष्टिगत रखते हुये सचिव-स के पद रिक्त होने की स्थिति में पैतृक संस्था से प्राप्त सहमति अनुसार राज्य मंडी बोर्ड सेवा विनियम 1998 के विनियम 6 (2) के प्रावधान अंतर्गत कार्य की आवश्यकता के आधार पर म.प्र. राज्य कृषि विपणन बोर्ड के आदेश दिनांक 27.06.2014 से प्रतिनियुक्ति अवधि आगामी तीन वर्ष के लिये बढ़ाई गई। इस संबंध में उत्तरांश "क" में वर्णित समिति द्वारा उपयुक्त निर्णय लिया जायेगा, जिसके अनुसार आगामी कार्यवाही की जावेगी।
खरीफ फसल वर्ष 2015 का बीमा क्लेम
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
15. ( क्र. 1617 ) कुँवर हजारीलाल दांगी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले के तहसील खिलचीपुर के अन्तर्गत किन-किन पटवारी हल्कों में किन मापदण्डों के आधार पर राष्ट्रीय कृषि बीमा योजनांतर्गत खरीफ वर्ष 2015 का फसल बीमा की राशि का भुगतान कब-कब किया गया तथा किन-किन पटवारी हल्कों को किस-किस कारण से उक्त योजनांतर्गत फसल बीमा की राशि नहीं मिल सकी हैं? पटवारी सर्वे रिपोर्ट की प्रति सहित बतावें? (ख) क्या उक्त वंचित पटवारी हल्कों में पटवारियों द्वारा गलत सर्वे रिपोर्ट प्रेषित किये जाने से किसानों को बीमा क्लेम प्राप्त नहीं हो सका है तथा क्या प्रश्नकर्ता द्वारा वंचित पटवारी हल्कों को शीघ्र बीमा क्लेम के भुगतान हेतु अपने पत्र दिनांक 02 दिसम्बर, 2016 को माननीय मुख्यमंत्री, माननीय कृषि मंत्री, प्रमुख सचिव किसान कल्याण, प्रबंध संचालक मण्डी बोर्ड को वंचित ग्रामों की सूची सहित अनुरोध किया गया था? यदि हाँ, तो उक्त संबंध में प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) उपरोक्तानुसार क्या शासन उक्त सूची में वर्णित वंचित ग्रामों को बीमा क्लेम की राशि का भुगतान करने की कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) राष्ट्रीय कृषि बीमा योजनांतर्गत खरीफ वर्ष 2015 में राजगढ़ जिले की खिलचीपुर तहसील के समस्त पात्र कृषकों को बैंकों के माध्यम से फसल बीमा की दावा राशि दिनांक 21-11-2016 एवं 15-02-2017 को भुगतान की जा चुकी है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। दावा राशि के भुगतान की गणना प्रक्रिया की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। पटवारियों द्वारा सम्पन्न फसल कटाई प्रयोगों के परिणामों को विभागीय पोर्टल पर दर्ज किया जाता है। खिलचीपुर तहसील की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (ख) जानकारी संकलित की जा रही है। (ग) उत्तरांश ख अनुसार।
पुलिया निर्माण
[लोक निर्माण]
16. ( क्र. 1621 ) कुँवर हजारीलाल दांगी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजगढ़ जिले की विधानसभा क्षेत्र खिलचीपुर के अंतर्गत एम.पी.आर.डी.सी. द्वारा खिलचीपुर से सुसनेर तक सड़क निर्माण कार्य विगत 8-9 वर्ष पूर्व कराया गया था? यदि हाँ, तो क्या उक्त मार्ग पर ग्राम नाईहेड़ा के समीप स्थित स्थानीय पीलियाखाल नाले पर अत्यंत संकीर्ण (दो पाईप वाली) पुलिया होने से वर्षाकाल में ग्राम नाईहेड़ा, टपरियाहेड़ी, मेलखेड़ी एवं जीरापुर के लगभग 75-80 किसानों की लगभग 300 बीघा भूमि जलमग्न हो जाती है, जिससे किसानों को भारी आर्थिक क्षति उठानी पड़ रही है? यदि हाँ, तो क्या शासन उक्त संकीर्ण पुलिया के स्थान पर बड़ी पुलिया का निर्माण करवाएगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) उपरोक्तानुसार क्या शासन वर्ष 2007 से निरंतर पुलिया निर्माण की मांग कर रहे किसानों को राहत एवं सुविधा देने के लिये तत्काल पुलिया निर्माण की स्वीकृति जारी करेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। जलमग्न होने वाली भूमि के रकवे एवं आर्थिक क्षति के संबंध में कोई जानकारी विभाग के पास नहीं है। उक्त मार्ग 14 जून 2016 को राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित हो चुका है। अत: पुलिया निर्माण के संबंध में तिथि बताया जाना संभव नहीं है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) मार्ग राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित हो चुका है एवं मार्ग निर्माण एवं संधारण इत्यादि का उत्तरदायित्व भारत सरकार का है अत: शेष जानकारी देना संभव नहीं है।
बालाघाट जिले के कटंगी विधान सभा क्षेत्र में जर्जर सड़कों का निर्माण
[लोक निर्माण]
17. ( क्र. 1720 ) श्री के.डी. देशमुख : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कटंगी विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत कटोरी से मोहगांव घाट मार्ग लम्बाई 8 किलो मीटर, भौरगढ़ से टेमनी मार्ग लम्बाई 03 किलो मीटर एवं कटोरी से कचेरकनी मार्ग लम्बाई 05 किलो मीटर अत्यन्त ही जर्जर हो चुकी है? (ख) यदि हाँ, तो इन सड़कों का मरम्मतीकरण कब तक कर लिया जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी नहीं। (ख) साधारण मरम्मत कार्य किया जा रहा है।
कृषि उपज मंडी मोहना की मरम्मत
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
18. ( क्र. 1723 ) श्री भारत सिंह कुशवाह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर जिले की मोहना कृषि मंडी कब प्रारंभ की गई? मंडी बोर्ड द्वारा उक्त मंडी के विकास के लिये कब-कब, कितनी-कितनी राशि दी गई वर्षवार एवं कार्यवार बतावें। (ख) क्या मोहना कृषि उपज मंडी में किसानों की फसल खरीदी जा रही है? यदि हाँ, तो वर्ष 2016 में कितनी खरीदी गई? मोहना मंडी में वर्ष 2010 से 2016 तक मंडी शुल्क के रूप में कितनी राशि प्राप्त हुई वर्षवार बतायें। (ग) क्या मोहना मंडी जीर्ण-शीर्ण अवस्था में है? पानी का भराव होता है एवं बाउण्ड्रीवॉल नहीं है? कब तक उक्त मंडी का मरम्मत कार्य कराया जायेगा? क्या मरम्मत कार्य हेतु शीघ्र कार्यवाही करेंगे?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) कृषि उपज मंडी समिति लश्कर की उपमंडी मोहना म.प्र. शासन, कृषि विभाग की अधिसूचना दिनांक 20 मई 1972 से प्रारंभ की गई। मंडी बोर्ड द्वारा दी विकास की राशि की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जी हाँ। कृषि उपज मंडी लश्कर की उपमंडी मोहना में वित्तीय वर्ष अप्रैल 2016 से 31 जनवरी 2017 तक कुल 470 क्विंटल किसानों की कृषि उपज खरीदी की गई। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) जी हाँ। बाउण्ड्रीवॉल, आंतरिक, एप्रोच सड़क एवं कार्यालय भवन कार्यों की बोर्ड निधि से स्वीकृति प्रदान की जाकर निर्माण कार्य प्रारंभ कराये जा रहे है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
चंदेरी राजघाट उद्वहन सिंचाई योजना
[जल संसाधन]
19. ( क्र. 1726 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) चंदेरी राजघाट उद्वहन सिंचाई योजना जिसमें राजघाट बांध का पानी मुंगावली क्षेत्र के साजन महू तालाब में डालने तथा चंदेरी मुंगावली के गांवों में नहरों द्वारा सिंचाई हेतु जो योजना बनी है। वह कितनी धनराशि की योजना है तथा उससे कितनी एकड़ भूमि की किस-किस गांव की सिंचाई होगी? (ख) उक्त योजना का कब तक कार्य प्रारंभ हो जायेगा? (ग) उक्त योजना से इस क्षेत्र के किसानों को सिंचाई का लाभ कब से मिलेगा?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) चंदेरी सूक्ष्म सिंचाई परियोजना की प्रशासकीय स्वीकृति दिनांक 13.01.2016 को रू.389.77 करोड़ की सैच्य क्षेत्र 20,000 हेक्टर के लिये प्रदान की गई है। जिसमें चंदेरी तहसील के 24 ग्रामों की 6,105 हे. तथा मूंगावली तहसील के 53 ग्रामों की 13,895 हे. भूमि में रबी सिंचाई अनुमानित है। निर्माणकर्ता एजेंसी द्वारा विस्तृत सर्वेक्षण के उपरांत ग्रामवार कमाण्ड क्षेत्र का अंतिम निर्धारण हो सकेगा। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) एवं (ग) परियोजना के राईसिंग मेन के मार्ग में आनेवाली 4.2 हे. वन भूमि की स्वीकृति एवं परियोजना की पर्यावरण स्वीकृति प्राप्त होने के पश्चात् कार्य प्रारंभ कराना संभव होगा। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
कृषि उपज मंडी का उन्नयन
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
20. ( क्र. 1869 ) श्री मोती कश्यप : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला कटनी के ग्राम उमरियापान में कृषि उपज मण्डी किसी अवधि से संचालित है? (ख) क्या दिनांक 15-10-2016 को उमरियापान के किसी सार्वजनिक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने प्रश्नांश (क) का कृषि उपज मण्डी के रूप में उन्नयन की घोषणा की है? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) हेतु किसी ग्राम के खसरे-रकबे की भूमि का चयन कर दिया गया है? (घ) प्रश्नांश (ख) को प्रारंभ किये जाने की कार्यवाही किस स्तर पर विचाराधीन है और कब तक कृषि उपज मण्डी प्रारंभ कर दी जावेगी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी नहीं। वर्तमान में कटनी जिले के ग्राम उमरियापान में उपमंडी अधिसूचित है। (ख) एवं (ग) जी हाँ। (घ) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में कलेक्टर जिला कटनी के राजस्व अनुवृत्ति आदेश दिनांक 07.10.2016 से ग्राम बम्हनी के खसरा नंबर 161 रकबा 5.710 हेक्टर शासकीय भूमि चिन्हित की गई है। किंतु उमरियापान उप मंडी को स्वतंत्र मंडी के रूप में उन्नयन के लिये राज्य शासन द्वारा निर्धारित मापदण्ड है यथा 15 एकड़ भूमि, वार्षिक आय 50 लाख एवं थोक व्यापारियों की संख्या 15 तथा मुख्य मंडी से उपमंडी की दूरी 15 किलोमीटर निर्धारित है की पूर्ति नहीं हो पाने के कारण राज्य शासन स्तर पर विचाराधीन है। उप मंडी के विकास हेतु राशि रूपयें 150 लाख बोर्ड निधि से स्वीकृत किये जाकर निर्माण कार्यों की निविदा स्वीकृत की जाकर निर्माण कार्य प्रारंभ करा दिये गये है।
रीवा जिले के क्योटी-कटरा-लालगांव सड़क के फर्जी निर्माण की जाँच एवं कार्यवाही
[लोक निर्माण]
21. ( क्र. 2021 ) श्री गिरीश गौतम : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रीवा जिले में क्योटी-कटरा-लालगांव सड़क के निर्माण की स्वीकृति लोक निर्माण विभाग द्वारा की गयी थी जिसका टेन्डर भी निकाला गया था तथा 17 सितम्बर 2013 को वर्क आर्डर जारी किया गया था? यदि हाँ, तो आर्डर नम्बर क्या है तथा कितने राशि का टेन्डर था तथा किस ठेकेदार का टेन्डर स्वीकृत किया जाकर वर्क आर्डर जारी किया गया था? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में वर्णित सड़क का निर्माण एम.पी.आर.डी.सी. विभाग से स्वीकृत किया गया जिसका कार्य भी पूर्ण हो चुका है? यदि हाँ, तो सड़क निर्माण एम.पी.आर.डी.सी. से कराये जाने का प्रस्ताव कब हुआ और स्वीकृत कब हुई तथा कार्य कब चालू हुआ? (ग) लोक निर्माण विभाग द्वारा प्रश्नांश (क) में वर्णित सड़क निर्माण के टेन्डर की राशि का आहरण कब-कब किया गया तारीख सहित विवरण दें तथा पैसा आहरण के समय इस सड़क के कार्य हेतु उपयंत्री, सहायक यंत्री, अनुविभागीय अधिकारी तथा कार्यपालन यंत्री कौन थे? (घ) क्या प्रश्नांश (क) में वर्णित कार्य का पैसा बिना कार्य के ही पी.डब्ल्यू.डी. द्वारा निकाल लिये जाने की शिकायत पर कोई जाँच की जा रही है? यदि हाँ, तो कौन जाँच कर रहा है? क्या उच्च स्तरीय अधिकारियों से जाँच करायी जायेगी एवं आरोपित अधिकारियों के विरूद्ध तत्काल कार्यवाही की जायेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। (निर्माण की नहीं अपितु मार्ग नवीनीकरण की स्वीकृति थी) जी हाँ। जी हाँ। वर्क आर्डर नं0 4592 दिनांक 17.09.2013 है। टेन्डर राशि रूपये 41.35 लाख का, श्री नीरज द्विवेदी ठेकेदार को वर्क आर्डर जारी किया गया था। (ख) जी हाँ। प्रशासकीय स्वीकृति दिनांक 01.12.2014 को जारी की गई तथा कार्य दिनांक 01.09.2015 को प्रारंभ हुआ। (ग) विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जी हाँ। अधीक्षण यंत्री लो.नि.वि. रीवा मण्डल रीवा। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होते।
सिंचाई योजनाओं के प्रस्तावों की स्वीकृति
[जल संसाधन]
22. ( क्र. 2074 ) श्री कुंवर सिंह टेकाम : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सीधी/सिंगरौली जिले अंतर्गत मवई नदी डायवर्सन, महान नदी डायवर्सन, अमहोरा डोल मार्ग एवं हट्टा जालपानी निगरी गोपद नदी डायवर्सन सिंचाई योजना प्रस्तावित हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या प्रस्तावित सिंचाई योजनाओं का प्राक्कलन विभाग के पास लंबित है? यदि हाँ, तो लंबित प्रस्तावों को कब तक स्वीकृति प्रदान की जाएगी? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में लघु सिंचाई योजनाओं से संबधित कितने प्रस्ताव विभाग से प्राप्त हुए हैं? जानकारी देवें।
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) सीधी जिले में मवई नदी डायवर्सन, अमोहराडोल बाँध तथा सिंगरौली जिले में गौड़ वृहद सिंचाई परियोजना प्रस्तावित हैं। महान नदी डायवर्सन की कोई योजना नहीं है। (ख) अमोहराडोल परियोजना की प्रशासकीय स्वीकृति दिनांक 25.01.2016 को प्रदान की गई है, जिसका निर्माण कार्य प्रारंभ है। मवई नदी डायवर्सन परियोजना के सर्वेक्षण कार्य पूर्ण कर डी.पी.आर. तैयार किया गया है। परियोजना में संजय टाईगर रिजर्व कोरजोन की 123.67 हेक्टर वन भूमि प्रभावित होने तथा परियोजना की लागत मापदण्ड से अधिक होने के कारण मुख्य अभियंता, बोधी द्वारा वैकल्पिक प्रस्ताव तैयार किये जाने के निर्देश दिये गये हैं। मवई नदी के स्थान पर बनास नदी से जल उद्वहन कर माइक्रो एरिगेशन प्रणाली से सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने के प्रस्ताव का परीक्षण किया जा रहा है। गौड़ वृहद परियोजना का विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन मुख्य अभियंता, बोधी के कार्यालय में परीक्षणाधीन होने के कारण समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (ग) सिंगरौली जिले के अंतर्गत मियार मध्यम सिंचाई परियोजना एवं पाँच लघु सिंचाई परियोजनाओं की साध्यता स्वीकृति क्रमशः दिनांक 12.01.2017 एवं दिनांक 17.11.2016 को दी जाकर डी.पी.आर. बनाने के निर्देश दिये गये हैं।
गांगला से हण्डिया एवं हण्डिया से गुल्लास रोड निर्माण
[लोक निर्माण]
23. ( क्र. 2121 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) हरदा जिले में गांगला से हण्डिया एवं हण्डिया से गुल्लास सड़क विभाग द्वारा कब स्वीकृत की गई हैं? उक्त सड़कों के निर्माण पर कितनी-कितनी राशि व्यय की गई व व्यय होना है। उक्त सड़कों की वर्तमान स्थिति क्या है? ठेकेदार से किये गये अनुबन्ध का विवरण उपलब्ध करावें। (ख) उक्त सड़कों के समय पर कार्य न होने के लिये कौन-कौन दोषी है एवं उन पर क्या कार्यवाही हुई है? यदि सड़कों के निर्माण में ठेकेदार की गलती है तो उस पर क्या कार्यवाही की गई? (ग) उक्त सड़कों का कितना-कितना कार्य हो गया है एवं कितना बाकी है? उसे कब तक पूर्ण कर लिया जावेगा? पुल पुलिया सहित स्पष्ट करें। (घ) हरदा जिले में लोक निर्माण विभाग द्वारा स्वीकृत ऐसे कितने रोड हैं जिनका प्रश्न दिनांक तक कार्य प्रारंभ नहीं किया गया है एवं कार्य अपूर्ण है? कारण सहित सूचि उपलब्ध करावें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्टि के प्रपत्र-1 एवं 2 अनुसार है। (ख) ठेकेदार दोषी है। दोषी ठेकेदार का नाम काली सूची में दर्ज किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजनान्तर्गत प्राप्त प्रस्तावों पर कार्यवाही
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
24. ( क्र. 2122 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) हरदा जिले के विधानसभा क्षेत्र-135 हरदा अन्तर्गत प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजनान्तर्गत कुल कितने व कौन-कौन से प्रस्ताव विभाग को प्राप्त हुये हैं व प्रश्नकर्ता द्वारा कलेक्टर हरदा को लिखे पत्र क्रमांक/1051 दिनांक 26.04.2016 पर क्या कार्यवाही की गई? (ख) क्या विभाग द्वारा उक्त प्राप्त प्रस्तावों के स्थल निरीक्षण कर प्राक्कलन तैयार कर लिये गये हैं? (ग) यदि हाँ, तो किस-किस कार्य को प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजनान्तर्गत शामिल किया गया है व उन पर कितनी-कितनी राशि व्यय होना संभावित है? (घ) हरदा विधानसभा क्षेत्र में प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजनान्तर्गत कब तक चयनित कार्यों का कार्य प्रारंभ कर दिया जावेगा?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) हरदा जिले में विधान सभा क्षेत्र-135 हरदा के लिये प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजनांतर्गत विकासखण्ड हरदा एवं खिरकिया में कुल 71601 कार्यों के प्रस्ताव कृषि विभाग हरदा को प्राप्त हुए थे। माननीय विधायक के पत्र क्रमांक/विधायक हरदा/2014/1051/2016 दिनांक 26.04.2016 के अनुसार 44 प्रस्ताव प्राप्त हुए थे। जिनमें से 41 प्रस्ताव जिला सिंचाई योजना (डी.आई.पी.) में शामिल किये गये शेष 3 प्रस्ताव शामिल नहीं किये गये है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। जिले की डी.आई.पी. को दिनांक 22.12.2016 के राज्य स्तरीय मंजूरी समिति की बैठक में अनुमोदन प्राप्त हो चुका है। (ख) प्राप्त प्रस्ताव प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के ए.आई.बी.पी. घटक से संबंधित होने के कारण उक्त प्रस्तावों पर जल संसाधन विभाग हरदा के द्वारा कार्य किया जाना है। जल संसाधन विभाग से प्राप्त जानकारी अनुसार प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजनांतर्गत विभाग द्वारा डी.आई.पी. में सम्मिलित 41 प्रस्ताव हेतु भौतिक लक्ष्य एवं आवंटन प्राप्त नहीं हुआ है। लक्ष्य प्राप्त होने पर स्थल निरीक्षण कर प्राक्कलन तैयार किये जावेगे। (ग) प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजनांतर्गत शामिल 41 प्रस्ताव हेतु अनुमानित लागत राशि रू. 680 लाख का प्रावधान किया गया है, जो व्यय होना संभावित है। (घ) प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजनांतर्गत जल संसाधन विभाग द्वारा भौतिक एवं वित्तीय लक्ष्य उपलब्ध कराने पर कार्य प्रारंभ किया जा सकेगा।
हाईस्कूल भवन निर्माण
[लोक निर्माण]
25. ( क्र. 2129 ) श्री शान्तिलाल बिलवाल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश के सभी जिलों में पी.आई.यू. द्वारा बनाये जाने वाले भवनों में आंतरिक विद्युतीकरण कार्य किये जाने का प्रावधान है? (ख) यदि हाँ, तो झाबुआ विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत नवनिर्मित हाईस्कूल पिटोल एवं अन्य भवनों में आंतरिक विद्युतीकरण कार्य क्यों नहीं किया गया? (ग) उक्त निर्मित हाईस्कूल भवनों में कक्षाएं संचालित हैं, क्या शासन द्वारा हाईस्कूल भवनों में विद्युतीकरण कार्य की राशि पी.आई.यू. को नहीं दी जाती है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ, कक्षाएँ संचालित है। आंतरिक विद्युतीकरण कार्य हेतु पी.आई.यू. को राशि दी जाती है।
नहरों की मरम्मत/सफाई में गंभीर अनियमितताएं
[जल संसाधन]
26. ( क्र. 2310 ) कुँवर विक्रम सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उर्मिल बाई नहर में वर्ष 2011 से प्रश्न दिनांक तक किन-किन माइनरों में वर्षवार नहरों की सफाई एवं मरम्मत पर कितनी राशि का व्यय किया गया? (ख) मरम्मत एवं सफाई पर विभाग के उपयंत्री/अनुविभागीय अधिकारी द्वारा कितने देयकों को प्रणाणित किया गया? राशि सहित विवरण दें। (ग) विभागीय अधिकारियों द्वारा किन-किन तिथियों में टूर किया गया? टूर प्रोग्राम की वर्षवार प्रमाणित जानकारी दें? (घ) क्या कार्यपालन यंत्री द्वारा धरातल पर कार्य का भौतिक सत्यापन करवाया गया? यदि हाँ, तो कब तक।
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (घ) उर्मिल बायीं नहर उत्तर प्रदेश के अधिपत्य में होने से शेष प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होते हैं।
कृषक प्रशिक्षण में गंभीर अनियमितताएं
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
27. ( क्र. 2312 ) कुँवर विक्रम सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 15-16 से प्रश्न दिनांक तक कृषक प्रशिक्षण हेतु कितना आवंटन जिला छतरपुर में प्राप्त हुआ और कितना व्यय किया गया? (ख) जिले में जिन-जिन विकासखण्डों के कृषकों को प्रशिक्षण दिया गया, उनकी संख्या दें? (ग) प्रशिक्षण किन-किन अवधियों में कहाँ-कहाँ पर आयोजित किये गये तथा कितना-कितना व्यय हुआ? प्रशिक्षणवार व्यय की जानकारी का विवरण दें? (घ) क्या निजी खातों में राशि डालकर दुकानदारों से वाउचर बनवाये गये?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (घ) जी नहीं।
सहकारी अधिनियम 1960 की धारा 58B के तहत् कार्यवाही किये जाना
[सहकारिता]
28. ( क्र. 2316 ) कुँवर विक्रम सिंह : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रबी विपणन वर्ष 14-15 से 16-17 तक समर्थन मूल्य पर उपार्जित एवं भण्डारित मात्रा में पाई गई कमी के संबंध में उपार्जन करने वाली संस्थाओं के विरूद्ध छतरपुर जिले में क्या कार्यवाही की गई? (ख) छतरपुर जिले में वर्ष 14-15 से 16-17 में सहकारी संस्थाओं के गेहूँ उपार्जित केन्द्रों पर उपार्जित गेहूँ की तुलना में कम जमा गेहूँ की राशि वसूली हेतु सहकारी अधिनियम 1960 की धारा 58वी के अंतर्गत प्रकरण दर्ज कराये गये? यदि हाँ, तो कौन-कौन के विरूद्ध? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) में किन-किन अधिकारियों ने परीक्षण किया उनके नाम, पद सहित जानकारी दें?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) रबी विपणन वर्ष 2014-15 से 2016-17 तक समर्थन मूल्य पर उपार्जित एवं भण्डारित मात्रा में पाई गई कमी की राशि संबंधित कर्मचारियों से जमा करा ली गई है, दो केन्द्र प्रभारियों द्वारा राशि जमा न करने के कारण उन्हें निलंबित किया गया है। (ख) जी नहीं, सेवा सहकारी समिति मर्या. टटम में वर्ष 2014-15 एवं सेवा सहकारी समिति मर्या. उजरा में वर्ष 2015-16 की स्टॉक कमी की राशि वसूली के प्रकरण दर्ज कराने हेतु निर्देश दिये गये है। (ग) जानकरी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
सेवा सहकारी समिति चांगोटोला की जाँच
[सहकारिता]
29. ( क्र. 2403 ) डॉ. योगेन्द्र निर्मल : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सेवा सहकारी समिति चांगोटोला पंजीयन क्र. 66/64 की जाँच दिनांक 24/05/2016 को तहसीलदार बालाघाट द्वारा की गयी जाँच में सत्य पाया गया? यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? (ख) क्या दिनांक 12/10/2012 को सेवा सहकारी समिति मर्यादित चांगोटोला पंजीयन क्र0 66/64 द्वारा लिपिक रविशंकर ठाकरे को सेवा से पृथक किया गया था? यदि हाँ, तो लिपिक वर्तमान में कैसे पदस्थ है? (ग) क्या चमारूलाल बाहे सेवा सहकारी समिति के उपाध्यक्ष चांगोटोला द्वारा जनसुनवाई शिकायत संख्या 16030 की गयी थी? यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों? दोषी अधिकारियों/कर्मचारियों के खिलाफ क्या कार्यवाही की जावेगी?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ। तहसीलदार बालाघाट द्वारा शिकायत की जाँच कर जाँच प्रतिवेदन कलेक्टर खाद्य शाखा, बालाघाट को प्रेषित किया गया था, जिसे कलेक्टर खाद्य शाखा, बालाघाट द्वारा पत्र दिनांक 27.05.2016 से उप आयुक्त सहकारिता, बालाघाट को कार्यवाही हेतु प्रेषित किया गया। कार्यालय उप आयुक्त सहकारिता, बालाघाट द्वारा जाँच प्रतिवेदन का परीक्षण किया गया, जाँच प्रतिवेदन में जाँच अधिकारी द्वारा स्पष्ट अभिमत नहीं देने से महाप्रबंधक जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्या., बालाघाट से उप आयुक्त सहकारिता द्वारा स्पष्ट अभिमत चाहा गया, जिसके पालन में महाप्रबंधक जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्या., बालाघाट द्वारा अपने पत्र दिनांक 28.09.2016 से स्पष्ट अभिमत प्रेषित किया गया, जिसके अनुसार शिकायत असत्य पाये जाने से कार्यालय उप आयुक्त सहकारिता, बालाघाट द्वारा दिनांक 29.09.2016 से जिला आपूर्ति अधिकारी, बालाघाट को शिकायत नस्तीबद्ध किये जाने हेतु लिखा गया है। (ख) जी हाँ। न्यायालय उप पंजीयक सहकारी संस्थायें, जिला बालाघाट के आदेश से लिपिक वर्तमान में पदस्थ है। (ग) जी हाँ। शिकायत पर उत्तरांश 'क' अनुसार कार्यवाही की गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्रदेश में बीमा कंपनियों द्वारा किसानों को कम राशि दिया जाना
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
30. ( क्र. 2508 ) श्री जितू पटवारी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में 1 रूपये से लेकर 2000 रूपये का फसल बीमा राशि कितने किसानों को मिली? पटवारी हल्का का नाम, फसल बीमा राशि की इन्दौर, उज्जैन संभाग की जिलावार जानकारी 01.01..2015 से 31.01.2017 अवधि के संदर्भ में देवें? (ख) यह भी बतावें कि उपरोक्त समयावधि में उपरोक्त कृषकों ने कितनी प्रीमियम राशि जमा की? प्रश्नांश (क) अवधि अनुसार देवें? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार तहसीलवार कितरने बीमितऋणी कृषक थे? (घ) फसल बीमा दावा भुगतान की प्रक्रिया की जानकारी देवें?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) से (ग) जानकारी संकलित की जा रही है। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
रेल्वे ओवर ब्रिज निर्माण
[लोक निर्माण]
31. ( क्र. 2592 ) डॉ. कैलाश जाटव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र गोटेगांव अंतर्गत जो बाईपास निर्माणाधीन है उस पर रेल्वे ओवर ब्रिज का निर्माण किया जा रहा है? यदि हाँ, तो इसकी स्वीकृति कब प्रदान की गई एवं इसकी लागत कितनी है? ब्रिज निर्माण की समय-सीमा क्या है? (ख) स्वीकृति के बाद उक्त ब्रिज का निर्माण कब प्रारंभ किया गया एवं इसका निर्माण कब पूर्ण हो जावेगा? समय-सीमा में कार्य पूर्ण न हो पाने पर क्या विभाग इसकी जाँच करवायेगा एवं संबंधित ठेकेदार के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो अवगत करावें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। दिनांक 01.09.2015 एवं लागत रू. 1392.67 लाख। अनुबंध अनुसार 3 जुलाई 2017। (ख) दिनांक 04.01.2016 को कार्यादेश जारी एवं अनुबंधानुसार 3 जुलाई 2017 को पूर्ण किया जाना है। कार्यावधि शेष है, शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नहरों के सुदृढ़ीकरण
[जल संसाधन]
32. ( क्र. 2648 ) श्री रजनीश सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जल संसाधन विभाग द्धवारा नहरो की मजबूती /सुंदृढ़ीकरण कार्य किया जाता है? यदि हाँ, तो विभाग द्वारा वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक केवलारी विधान सभा क्षेत्र में किन-किन नहरों की मजबूती/सुदृढ़ीकरण कार्य किया गया है? उन नहरों का नाम व स्थान स्वीकृत राशि एवं व्यय की गई राशि बतावें? (ख) क्या संजय सरोवर परियोजना के अंतर्गत मुख्य नहर माईनर नहर सब माइनर नहर के सुदृढ़ीकरण (ईआरएस) के लिये रूपये 615.42 करोड़ का परियोजना प्रस्ताव केन्द्रीय जल आयोग भारत सरकार को दिनांक 17 अक्टूबर 2013 को भेजा गया था? (ग) यदि हाँ, तो प्रश्नांश (ख) अनुसार केन्द्रीय जल आयोग भारत सरकार ने इस पर प्रश्न दिनांक तक क्या कार्य किया है? यदि हाँ, तो बतायें, यदि नहीं, तो क्या पुन: शासन केन्द्रीय जल आयोग भारत सरकार को प्रस्ताव भेजेगा?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। (ग) केन्द्रीय जल आयोग द्वारा अपने पत्र दिनांक 19.02.2014, 26.09.2014 एवं 15.05.2015 द्वारा अतिरिक्त जानकारी चाही गई हैं जिनका समाधान किया जा रहा है। गुणदोष के आधार पर आगामी कार्यवाही की जाएगी।
अपर तिलवारा एवं पेंच परिवर्तन सिंचाई योजना
[जल संसाधन]
33. ( क्र. 2649 ) श्री रजनीश सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र केवलारी अंतर्गत अपर तिलवारा सिचांई योजना की वर्तमान स्थिति क्या है? इस योजना को कब स्वीकृत किया गया है? स्वीकृत राशि भी बतायें। (ख) अपर तिलावारा योजना से कितने हेक्टेयर भूमि सिंचित होगी? ग्रामवार विवरण देवें। इस योजना को कब पूर्ण कर किसानों को सिंचाई हेतु पानी देने का लक्ष्य है? क्या समयावधि में यह कार्य पूर्ण कर लिया जावेगा? यदि नहीं, तो क्यों? इसका जिम्मेदार कौन है? (ग) पेंच परिवर्तन सिंचाई योजना (माचागोरा बांध जिला छिंदवाडा) की वर्तमान स्थिति क्या हैं? इस योजना से सिवनी जिले की कितने हेक्टेयर कृषि भूमि लाभांवित होगी? पेंच परिवर्तन योजना को कब स्वीकृत किया गया? इसके लिये कितनी राशि स्वीकृति की गई? (घ) प्रश्नांश (क) एवं प्रश्नांश (ग) अनुसार उक्त दोनों सिंचाई योजना की मांग किस जनप्रतिनिधि द्वारा रखी गई? कब रखी गई? नाम व पद बतावें?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'1' अनुसार है। (ख) परियोजना से कुल 7,950 हे. भूमि सिंचित होगी। ग्रामवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'2' अनुसार है। परियोजना का कार्य जून-2017 तक पूर्ण कर किसानों को सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराया जाना लक्षित है। (ग) पेंच व्यपवर्तन परियोजना के बांध का निर्माण कार्य लगभग 95 प्रतिशत तथा नहर का कार्य लगभग 50 प्रतिशत पूर्ण होना प्रतिवेदित है। परियोजना से सिवनी जिले की लगभग 47,000 हे. कृषि भूमि। लाभांवित होगी परियोजना की स्वीकृति वर्ष 1988 में रू.9160.00 लाख प्रदान की गई थी। इस परियोजना की कुल कमाण्ड क्षेत्र 85,000 हे. की अद्यतन लागत रू.2544.57 करोड़ है। (घ) अपर तिलवारा नहर परियोजना के निर्माण हेतु तत्कालीन म.प्र. विधानसभा उपाध्यक्ष मान. स्व. श्री हरवंश सिंह जी द्वारा पत्र दिनांक 25.03.2010 एवं दिनांक 18.08.2010 द्वारा मांग रखी गई थी। पेंच व्यपवर्तन परियोजना की मांग किसी जन-प्रतिनिधि द्वारा नहीं की जाना प्रतिवेदित है। परियोजना मुख्य अभियंता वृहद परियोजना (अनुसंधान) द्वारा वर्ष 1970 में प्रस्तावित की गई थी।
सहकारी साख संस्थाओं के खाताधारकों को प्रदत्त पासबुक
[सहकारिता]
34. ( क्र. 2722 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के परि.अता. प्रश्न क्रमांक 1677 दिनांक 22 जुलाई 2016 के उत्तरांश (क) के तारतम्य में विधानसभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत सहकारी साख संस्थावार क्रेडिट कार्डधारी शेष कृषकों को पासबुक किन कारणों से उपलब्ध नहीं कराई जा सकी? (ख) विधानसभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत कृषकों को 2016 में प्राप्त बीमा क्लेम का समायोजन खातों में किया गया? यदि हाँ, तो कृषकों के खातों में किए गए समायोजन की सहकारी साख संस्थावार जानकारी देवें? (ग) कृषकों को उपलब्ध कराई गई पासबुक में प्रविष्टि की क्या स्थिति है? कृपया विवरण देवें? (घ) कृषकों शत्-प्रतिशत पासबुक उपलब्ध कराने एवं पासबुक में पूर्ण प्रविष्टि कर पारदर्शितापूर्ण प्रक्रिया से लेनदेन हेतु कोई ठोस कदम उठाये जाकर कार्य पूर्ण किया जावेगा? यदि हाँ, तो क्या व कब तक?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) विधान सभा अतारांकित प्रश्न क्रमांक 1677 दिनांक 22 जुलाई 2016 के उत्तरांश 'क' में 2162 कृषकों को संयुक्त खाते होने तथा गांव से बाहर होने के कारण मुआवजा राशि वितरित नहीं होने से पास बुक नहीं दिये जाने का उल्लेख किया गया था। वर्तमान में शेष सभी 2162 कृषकों को पासबुक उपलब्ध करा दी गई है। (ख) जी हाँ। समितिवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) कृषकों द्वारा समिति में पासबुक प्रस्तुत करने पर तारीख प्रविष्टि की जाती है। (घ) शत्-प्रतिशत कृषकों को पासबुक उपलब्ध करा दी गई है। संस्था से लेनदेन की प्रविष्टि कृषक द्वारा पासबुक संस्था में प्रस्तुत करने पर तारीख पूर्ण की जाती है।
निर्माण कार्यों की जानकारी
[जल संसाधन]
35. ( क्र. 2757 ) श्री रामकिशन पटेल : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला रायसेन की विधानसभा क्षेत्र उदयपुरा में वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक कितने कार्य कितनी-कितनी राशि के किस मद से कब-कब करवाये गये? विकासखण्डवार एवं वर्षवार पूर्ण ब्यौरा देवें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार प्रचलित कार्य में से कितने कार्य पूर्ण हैं? कितने अपूर्ण हैं एवं उक्त कार्य में से किस-किस कार्य के लिये किस-किस को कितनी-कितनी राशि का भुगतान किस दिनांक को चेक/ड्राफ्ट क्रमांक एवं नगद राशि के रूप में किया गया वर्षवार ब्यौरा देवें? (ग) प्रश्नांश (क) में वर्णित कार्यों में से कौन-कौन से कार्य है? जिनके पूर्ण किये बिना अथवा कार्य प्रारंभ किये बिना कार्य से अधिक राशि का भुगतान किया गया? कार्यवार किये गये भुगतान का पूर्ण ब्यौरा देवें? (घ) प्रश्नांश (क) अनुसार स्वीकृत कार्यों में अनियमितता और भ्रष्टाचार की कितनी शिकायतें जिला स्तर पर प्राप्त हुई? शिकायतों का विवरण देते हुये बतावें कि इनमें से किन-किन शिकायतों की जाँच किसके द्वारा कराई गई एवं जाँच के पश्चात् क्या कार्यवाही की गई?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है।
टेम परियोजना से विस्थापित ग्राम
[जल संसाधन]
36. ( क्र. 2836 ) श्री विष्णु खत्री : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैरसिया विधानसभा क्षेत्र के कौन-कौन से ग्राम टेम परियोजना के कारण प्रभावित हो रहे हैं, सूची उपलब्ध करावे? (ख) प्रश्नांश (क) में दर्शित प्रभावित ग्रामों के विस्थापितों की पुनर्बसाहट हेतु विभाग द्वारा क्या कार्ययोजना बनायी गयी है? (ग) इस परियोजना से नजीराबाद क्षेत्र के आसपास के कौन-कौन से ग्राम लाभांवित हो रहे हैं, इस परियोजना के चालू होने पर बैरसिया तहसील के सिंचाई के रकबे में कितनी बढ़ोत्तरी होगी?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) टेम मध्यम परियोजना से ग्राम खेडली एवं माजिदगढ़ पूर्ण रूप से तथा ग्राम कोलूखेड़ी आंशिक रूप से प्रभावित होना प्रतिवेदित हैं। (ख) प्रभावितों के विस्थापन हेतु कार्य योजना बनाने की कार्यवाही प्रचलन में हैं। (ग) परियोजना से नजीराबाद क्षेत्र के ग्राम गनाखेड़ी व आलमपुरा लाभांवित होंगे तथा बैरसिया तहसील के सिंचाई रकबे में 550 हेक्टर की वृद्धि संभावित है।
हितग्राहियों को सब्सिडी का भुगतान
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
37. ( क्र. 2837 ) श्री विष्णु खत्री : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैरसिया विधानसभा क्षेत्रांतर्गत किन-किन हितग्राहियों के वेयरहाउस, पॉली हाउस तथा नेट हाउस शासन की अनुदान योजनान्तर्गत 01 जनवरी 2014 से 31 दिसम्बर 2016 के मध्य कितनी-कितनी राशि के स्वीकृत किये गये हैं? हितग्राहीवार, किस-किस कंपनी द्वारा उपरोक्त हाउसों का निर्माण किया गया है, हितग्राहीवार, कपंनीवार सूची उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) में दर्शित हितग्राहियों को दी जाने वाली सब्सिडी की राशि जारी हो गयी अथवा नहीं? यदि नहीं, तो क्या कारण रहे हैं एवं कब तक सब्सिडी की राशि जारी कर दी जावेगी?
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) बैरसिया विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत प्रश्नाधीन अवधि में वेयर हाउस एवं नेट हाउस के कोई प्रकरण स्वीकृत नहीं है। पॉली हाउस के स्वीकृत प्रकरणों सहित प्रश्नांश के शेष भाग की जानकारी निम्नानुसार है :-
हितग्राही का नाम |
ग्राम |
स्वीकृत अनुदान राशि (लाख में) |
निर्माता कंपनी का नाम |
श्री राहुल/ओ.पी. सक्सेना |
करारिया |
16.88 |
इंडियन ग्रीन हाउस |
श्रीमति उमा कनकने/महेश कनकने |
हिनोती सड़क |
16.88 |
परम ग्रीन हाउस |
श्री महेश कुमार/गोपीलाल |
हिनोती सड़क |
18.70 |
परम ग्रीन हाउस |
श्री प्यार सिंह/भीकम सिंह |
भेसोदा |
18.70 |
सिद्धि विनायक पॉली हाउस पुणे |
श्री धमेन्द्र सक्सेना/के.एन. सक्सेना |
बर्राई |
16.88 |
इंडियन ग्रीन हाउस |
(ख) उत्तरांश (क) के हितग्राही श्री प्यार सिंह/भीकम सिंह के प्रकरण में कार्य अपूर्ण होने के कारण अनुदान की दि्वतीय किस्त रूपये 9.35 लाख जारी नहीं हुई है, जिसके लिए चालू वित्तीय वर्ष में कार्य पूर्ण होने पर 31 मार्च 2017 की समय-सीमा निर्धारित है। शेष प्रकरणों में स्वीकृत अनुदान की राशि भुगतान की जा चुकी है।
पहुँच मार्ग निर्माण
[लोक निर्माण]
38. ( क्र. 2999 ) श्री दिव्यराज सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्राम पंचायत डोल से चिरैया नाला पहुंच मार्ग हेतु विभाग द्वारा सड़क निर्माण कराया जा रहा है? उक्त सड़क मार्ग कब प्रारंभ किया गया था तथा विभाग द्वारा सड़क के निर्माण पूर्णता हेतु कितनी अवधि निर्धारित की गयी थी? (ख) उक्त मार्ग निर्माण के अवरूद्ध होने का क्या कारण है? विभाग द्वारा उक्त अधूरे मार्ग का निर्माण कब तक पूरा किया जा सकेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। दिनांक 19.10.2015। 08 माह। (वर्षाकाल छोड़कर) । (ख) भू-अर्जन की कार्यवाही प्रचलन में होने के कारण। वर्तमान में समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
कृषि विभाग की विभिन्न योजनाएं
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
39. ( क्र. 3137 ) कुमारी निर्मला भूरिया : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में झाबुआ जिले में किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग को विभिन्न योजनाओं में कितना आवंटन प्राप्त हुआ एवं व्यय का विवरण देंवे? (ख) जिले में उक्त अवधि में कितने निर्माण कार्य स्वीकृत किये गये तथा ऐसे कितने कार्य है जिनका निर्माण कार्य प्रश्न दिनांक तक पूर्ण नहीं हुआ है तथा क्या कारण है विवरण देवें? (ग) वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में पेटलाबद विधान सभा क्षेत्र में कितने कृषकों को विभाग की हितग्राही मूलक योजना में लाभांवित किया गया? (घ) पेटलाबद विधान सभा क्षेत्र में विभाग के मैदानी अमले में से किस-किस के विरूद्ध क्या-क्या शिकायतें उक्त अवधि में प्राप्त हुई है तथा उस पर क्या कार्यवाही की गई?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (घ) पेटलावद विधानसभा क्षेत्र में स्वीकृत निर्माण कार्यों अथवा हितग्राही मूलक योजनाओं के संबंध में उक्त अवधि में विभाग के मैदानी अमले के विरूद्ध कोई शिकायतें उक्त अवधि में प्राप्त नहीं हुई है। अपितु मैदानी अमले द्वारा कृषकों के साथ अभद्र व्यवहार एवं वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी द्वारा ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी के साथ अभद्र व्यवहार के कुल 2 शिकायत प्राप्त हुई थी जिस पर की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है।
बलराम ताल योजना, भू-जल संवर्धन योजना, राष्ट्रीय बायोगैस योजना
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
40. ( क्र. 3138 ) कुमारी निर्मला भूरिया : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) झाबुआ जिले में बलराम ताल योजना, भू-जल संवर्धन योजना, राष्ट्रीय बायोगैस योजना अंतर्गत कहाँ-कहाँ, कितने-कितने कार्य करवाये गये विकास खण्डवार जानकारी उपलब्ध करावें वर्ष 2014-15, 2015-16 एवं 2016-17 की जानकारी देवें? (ख) उक्त योजनाओं के अंतर्गत वर्ष 2014-15, 2015-16 एवं 2016-17 में कितनी राशि व्यय कर कितने हितग्राहियों को लाभांवित किया गया है। तथा वर्तमान में इनकी क्या स्थिति है तथा क्या उपयोगिता है? (ग) झाबुआ जिले में वर्ष 2014-15, 2015-16 एवं 2016-17 में कितने नलकूप खनन किये गये है वर्षवार कितने आवेदन प्राप्त हुए कितने मान्य/अमान्य किये गये तथा कितने लंबित है? (घ) झाबुआ जिले में नलकूप खनन हेतु उक्त तीनों वर्षों में कितन-कितना लक्ष्य निर्धारित किया गया था। क्या लक्ष्य अनुसार नलकूप खनन कार्य करवाये गये यदि नहीं, तो क्यों?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-चार अनुसार है।
संचालित विभागीय परियोजनाएं
[जल संसाधन]
41. ( क्र. 3226 ) श्रीमती योगिता नवलसिंग बोरकर : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत जल संसाधन विभाग की कितनी परियोजनायें चल रही हैं? क्या कोई नई परियोजना का सर्वे किया गया है? (ख) क्या भगवंत सागर बांध की गाद निकालने का प्रस्ताव है? यदि हाँ, तो उसका बजट क्या है? यदि नहीं, तो क्यों जबकि उसकी गाद निकालना अति आवश्यक है? ग्राम दीवाल, बड़ौदा के सर्वे किस स्थति में है? (ग) सुक्ता जलाशय का नगर निगम खण्डवा को पेयजल देने का कितने सालों का एग्रीमेंट है व कितना पानी हर साल दिया जाता है? व कब दिया जाता है? (घ) क्या यह पानी नगर निगम खण्डवा पाईप लाईन द्वारा लेती है?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) विधान सभा क्षेत्र पंधाना के अंतर्गत पलासी लघु सिंचाई परियोजना निर्माणाधीन है तथा भाम (राजगढ़) मध्यम सिंचाई परियोजना की स्वीकृति शासनादेश दिनांक 14.09.2016 द्वारा प्रदान की गई है। तीन लघु सिंचाई परियोजनाएं क्रमशः सुक्ता बैराज, भाम बैराज तथा काल्दा नाले पर तालाब के सर्वेक्षण कार्य प्रगति पर है। (ख) जी नहीं। जलाशय के भराव क्षेत्र में गाद (सिल्ट) हटाने से रिसाव की समस्या संभावित होने से गाद निकालना तकनीकी रूप से व्यवहारिक नहीं है। ग्राम दीवाल के समीप पाबई लघु सिंचाई परियोजना एवं बड़ौदा अहिर के समीप उमरदा लघु सिंचाई परियोजनाओं के सर्वे कार्य नर्मदा घाटी विकास विभाग द्वारा किये जाकर डी.पी.आर. तैयार किये गये थे। प्रस्ताव का परीक्षण एवं प्राक्कलन एस.ओ.आर. 2016 की दर पर अद्यतन करने पर दोनों परियोजनाओं की प्रति हेक्टर लागत रू. 03.50 लाख से अधिक होने से परियोजनाएं वित्तीय मापदण्ड पर साध्य नहीं पाई गई। (ग) सुक्ता जलाशय से नगर निगम खण्डवा को उनकी माँग अनुसार प्रतिवर्ष जल प्रदाय किया जाता है। इस वर्ष 11.33 मि.घ.मी. जल आरक्षित किया जाना प्रतिवेदित है। माह फरवरी से वर्षा आगमन तक। (घ) जी नहीं।
सागर जिला में कीटनाशक दवा खाद एवं बीज का लायेसन्स
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
42. ( क्र. 3292 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या खाद, बीज, कीटनाशक दवा के लायसेंस जारी करने हेतु आवेदन लोक सेवा केन्द्र के माध्यम से लेने तथा बने हुए लायसेंस लोक सेवा केन्द्र के माध्यम से ही आवेदकों को देने का प्रावधान किया गया है? यदि हाँ, तो कब से? लोक सेवा केन्द्र सागर में वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में प्रश्न दिनांक तक कितने आवेदन प्राप्त हुए? कितने आपत्ति लगाकर खारिज/लौटाये गये? विभाग ने कुल कितने लायसेंस जारी किये? (ख) वर्ष 2015-16 से दिसम्बर 2016 तक कितने आवेदन प्रश्नांश (क) संदर्भित उप संचालक किसान कल्याण तथा कृषि विकास को विकासखण्ड के माध्यम से एवं सीधे प्राप्त हुए है? विकासखण्डवार संख्या बतायें? (ग) प्रश्नांश (ख) समय में बनाये गये लायसेंस विक्रेताओं को देने के लिए लोक सेवा गांरटी केन्द्रों को कब-कब दिये गये? (घ) क्या प्रश्नांश (ख) समय में बनाये गये लायसेंस आवेदकों को रजिस्ट्री से भेजे गये? उपसंचालक कार्यालय द्वारा आवेदकों को दिये गये लायसेंसों की प्रमाणित प्रति बतायें? क्या संयुक्त संचालक कार्यालय सागर ने लायसेंस आवेदन लोक सेवा केन्द्रों से लेने एवं यही से समय-सीमा में बनाकर आवेदकों को देने की जाँच की है? यदि हाँ, तो कौन दोषी था? यदि नहीं, तो शासन के इतने बड़े लोक हितकारी कानून के क्रियान्वन की जाँच क्यों नहीं की गई?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी, हाँ। लोक सेवा केन्द्र सागर के माध्यम से वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में प्रश्न दिनांक तक प्राप्त आवेदन व अन्य विस्तृत जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) वर्ष 2015-16 से दिसम्बर 2016 तक विकासखण्डों से सीधे 255 आवेदन प्राप्त हुये। विकासखण्डवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) उत्तरांश (ख) के अनुसार आवेदन पत्र सीधे विकासखण्डों द्वारा प्राप्त हुये। अत: लोक सेवा केन्द्र से भेजने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (घ) उत्तरांश (ख) के अनुसार प्राप्त आवेदन अनुसार बनाये गये लायसेंस रजिस्ट्री से नहीं भेजे गये अपितु तैयार किये गये लायसेंस संबंधितों एवं विकासखण्डों के वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी के द्वारा समय पर स्वयं ही कार्यालय से प्राप्त किये गयें। उप संचालक कार्यालय द्वारा आवेदकों को दिये गये लायसेंसों की प्रमाणित प्रतियां एकत्रित की जा रही है। लायसेंस समय पर जारी न किये जाने एवं संबंधितों को उपलब्ध न कराने की कोई भी शिकायत/ अपील कार्यालय संयुक्त संचालक, किसान कल्याण तथा कृषि विकास, संभाग- सागर को प्राप्त नहीं हुई। जिससे पृथक से जाँच करने एवं दोषी पाये जाने का प्रश्न ही नहीं उठता।
श्री राजेन्द्र सूरी साख सहकारी संस्था मर्या. राजगढ़ द्वारा की गई अनियमितता
[सहकारिता]
43. ( क्र. 3377 ) श्री वेलसिंह भूरिया : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या श्री राजेन्द्रसूरी साख सहकारी संस्था मर्या. राजगढ़ जिला धार के संचालक मण्डल द्वारा करोड़ों रूपये की आर्थिक अनियमितताओं के कारण यू.ओ.डब्लू. द्वारा छापा मारा गया था? (ख) क्या संचालक मण्डल के द्वारा स्वयं एवं रिश्तेदारों के नाम पर ऋण लेकर स्वयं ही संचालकों द्वारा डूबत मानकर डूबत खातों में डाल दिया गया जिससे संस्था को भारी आर्थिक क्षति हुई साथ ही कई व्यक्तियों को लाभ पहुंचाने के लिए अपूर्ण दस्तावेजों के आधार पर अपात्र लोगों को ऋण स्वीकृत किया गया है? (ग) यदि हाँ, तो सहकारिता विभाग द्वारा संचालक मण्डल को भंग क्यों नहीं किया गया? शासन कब तक संचालक मण्डल को भंग कर प्रशासक की नियुक्ति करेगा ताकि निष्पक्ष रूप से जाँच हो सकें।
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ। (ख) ई.ओ.डब्ल्यू. इन्दौर द्वारा संस्था के दस्तावेज जब्त किये जाने के पश्चात् जाँच प्रतिवेदन अप्राप्त है। प्रतिवेदन प्राप्त होने के पश्चात् ही स्थिति स्पष्ट हो सकेगी। (ग) उत्तरांश (ख) अनुसार।
जल संसाधन विभाग द्वारा मरम्मत पर व्यय राशि
[जल संसाधन]
44. ( क्र. 3398 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार जिले में व धरमपुरी विधान सभा क्षेत्र में जल संसाधन विभाग द्वारा निर्मित शासकीय आवास गृहों की मरम्मत पर विगत दो वर्षों के दौरान किस-किस आवास गृह पर कितनी-कितनी राशि किन कार्यों पर व्यय की गई है? (ख) दोनों वर्षों में व्यय की गई राशि की आवासवार करवाये गये कार्य सहित जानकारी उपलब्ध करावें?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) धार जिले में शासकीय आवास गृहों की मरम्मत पर विगत 02 वर्षों में किये गये व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। धरमपुरी विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत आवास गृहों के मरम्मत पर विगत 02 वर्षों में कोई राशि व्यय नहीं किया जाना प्रतिवेदित है।
नियम विरूद्ध खाता खोलने वाले शाखा प्रबंधक पर कार्यवाही
[सहकारिता]
45. ( क्र. 3472 ) चौधरी मुकेश सिंह चतुर्वेदी : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परि.अता.प्र.सं. 85 (क्र. 1652) दिनांक 22/07/2016 के तहत विधि विरूद्ध बैठक के प्रस्ताव क्र. 2 के अंतर्गत बैंक खाते के संचालन के लिए हस्ताक्षरों का प्रमाणीकरण होना जरूरी था? संबंधित व्यक्तियों के हस्ताक्षर किस पदनाम/नाम के व्यक्ति ने प्रमाणित किए थे? शाखा प्रबंधक ने उक्त खाते का संचालन किस आधार पर होने दिया? (ख) प्रश्नांश (क) के तहत उक्त खाते का संचालन किस दिनांक तक हुआ? किस दिनांक को बंद किया गया? (ग) प्रश्नांश (क) के तहत दिनांक 22/07/2016 को दिये उत्तर व दिसम्बर 2016 में भोपाल जे.आर. द्वारा उक्त बैठक को विधि विरूद्ध घोषित करने के बाद भी उक्त खाते का संचालन शाखा प्रबंधक ने किस नियम के संचालित होने दिया? (घ) प्रश्नांश (क) व (ग) के तहत विधि विरूद्ध खाता खोलने व खाते का संचालन होने देने के लिए जिम्मेदार खरगोन शाखा प्रबंधक पर प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों? कारण बतायें। नियम बतायें। क्या अब की जायेगी? क्या और कब तक?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ। समिति जामगढ़ के संबंधित व्यक्तियों के हस्ताक्षर प्रभारी शाखा प्रबन्धक श्री प्रदीप द्विवेदी द्वारा हस्ताक्षर प्रमाणित किए गए। प्रभारी शाखा प्रबन्धक द्वारा समिति जामगढ़ के पारित ठहराव/प्रस्ताव के आधार पर खाता संचालित किया गया। (ख) प्रश्नांश "क" के तहत उक्त खाते का संचालन दिनांक 18.04.2016 से दिनांक 29.12.2016 तक हुआ। (ग) प्रश्नांश "क" के तहत संयुक्त पंजीयक सहकारी संस्थाएं भोपाल, संभाग भोपाल द्वारा विधि शून्य संबंधी आदेश बैंक शाखा खरगोन को दिनांक 22.12.2016 को ई-मेल से प्राप्त हुआ। इसके पश्चात् दिनांक 29.12.2016 तक शाखा प्रबन्धक द्वारा तत्समय प्रमाणित हस्ताक्षरकर्ता से खाता संचालन के अंतर्गत खाता संचालित किया गया। (घ) प्रश्नांश "क" एवं "ग" के तहत संयुक्त पंजीयक सहकारी संस्थाएं भोपाल के द्वारा पारित आदेश प्राप्त होने के पश्चात् भी खाता संचालन के लिए बैंक मुख्यालय द्वारा शाखा प्रबन्धक खरगोन के विरूद्ध स्पष्टीकरण बैंक के पत्र क्रमांक/स्था./2016-17/4074, दिनांक 24.2.2017 से जारी किया गया, जिसका उत्तर प्राप्ति पश्चात् नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी।
फसल बीमा के क्रियान्वन
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
46. ( क्र. 3487 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना कृषि कार्य में किसानों के फसल अनुदान की भरपाई करने के लिये बनाया गया था? किन्तु रीवा जिले में इस योजना में अभी 10 फीसदी किसानों ने रबी फसल बीमा को लेकर रूचि नहीं दिखाई? जिले में 4.5 लाख किसान है जिसमें 29 हजार ने खरीफ में बीमा कराया जबकि रबी फसल में बीमा 5 हजार किसानों ने भी नहीं कराया? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में क्या बैंक उन किसानों को बीमा किया हुआ मान रहें है जिनके द्वारा समितियों से या फिर बैंक से खाद्य बीज व खेती के लिये ऋण लिया जिसकी संख्या लगभग 10 हजार होगी? (ग) क्या खरीफ में फसल बीमा कराने वाले लगभग 29 हजार किसानों को 45 करोड़ से अधिक का क्लेम दिलाया गया है? (घ) प्रश्नांश (क) (ख) के प्रकाश में रबी फसल का बीमा में किसानों के रूचि नहीं लेने का कारण बतावें? क्या प्रश्नांश (ग) में प्राप्त किसानों को बीमा राशि मापदण्ड के अनुरूप नहीं है या राशि प्रदान करने में किसानों को छला गया है? क्या प्रधानमंत्री कृषि बीमा में कई त्रुटिया हैं? बीमा नहीं हो पाने के लिये कौन दोषी है? दोषी के खिलाफ कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो क्या? यदि नहीं, की जावेगी तो क्यों?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के प्रमुख उद्देश्य निम्नानुसार है:- अनपेक्षित घटना क्रम के कारण फसल हानि/ क्षति से पीड़ित किसानों को वित्तीय सहायता उपलब्ध कराना। किसानों की आय को सुद्ढ़ करना ताकि वे अपने कृषि कार्य को जारी रख सके। किसानों को नवीन ओर आधुनिक कृषि अभ्यास अपनाने के लिये प्रोत्साहित करना। कृषि कार्य हेतु ऐसा ऋण प्रवाह सुनिश्चित करना जिसे किसानों की उत्पादन जोखिम से सुरक्षा होने के अलावा कृषि क्षेत्र से संबंधित खाद्य सुरक्षा, फसल विविधीकरण, तीव्र विकास ओर प्रतिस्पर्धा का मार्ग प्रशस्त हो। योजना ऋणी कृषकों हेतु अनिवार्य है एवं अऋणी कृषकों हेतु ऐच्छिक है एवं अऋणी कृषकों को फसल बीमा कराने हेतु वृहद रूप में प्रचार प्रसार किया जा रहा है। वर्ष 2010-11 की कृषि संगणना अनुसार रीवा जिले में कुल 283986 कृषक है खरीफ 2016 में रीवा जिले में 30209 कृषकों का फसल बीमा कराया गया है तथा रवी 2016-17 के बीमांकन के संकलन का कार्य प्रकियाधीन है। (ख) योजनांतर्गत फसल बीमा अधिसूचित क्षेत्र की अधिसूचित फसलों जो किसानों द्वारा बोई जाती है एवं कृषक सहकारी समितियों, व्यावसायिक, क्षेत्रीय ग्रामीण एवं सहकारी बैकों से अल्पकालिक फसल ऋण लेते है, उनका बीमा अनिवार्य है एवं अऋणी कृषकों का बीमा स्वैच्छिक है। (ग) प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत खरीफ 2016 के लिये बीमा दावा गणना प्रकियाधीन है। (घ) उत्तरांश क एवं ग अनुसार। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पाली हाउस की व्यवस्था
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
47. ( क्र. 3647 ) श्री रामपाल सिंह : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश शासन द्वारा विपरीत मौसमी सब्जियों के उत्पादन हेतु उद्यानिकी विभाग द्वारा पाली हाउस व्यवस्था कृषकों को उपलब्ध कराये जाने का प्रावधान है। (ख) यदि प्रश्नांश (क) हाँ, तो उक्त योजना शहडोल जिले में लागू की जाकर यहां के कृषकों को लाभान्वित किया जावेगा। यदि हाँ, तो कब तक और नहीं तो क्यों।
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) राज्य शासन की व्यावसायिक उद्यानिकी फसलों की संरक्षित खेती की प्रोत्साहन योजना अंतर्गत पॉली हाउस निर्माण हेतु अनुदान की व्यवस्था है, जिसका लाभ कृषक ले सकते हैं। (ख) उक्त योजना शहडोल जिले में लागू है। वित्तीय वर्ष के दौरान योजना अंतर्गत ऑन-लाईन पंजीयन कर कृषक योजना का लाभ प्रथम आओ प्रथम पाओ के आधार पर ले सकते हैं। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
फसल बीमा की राशि
[सहकारिता]
48. ( क्र. 3648 ) श्री रामपाल सिंह : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शहडोल जिले में खरीफ फसल वर्ष 2015 के नुकसानी के कारण कृषकों को फसल बीमा की राशि मुहैया करायी गई है। (ख) यदि प्रश्नांश (क) हाँ, तो उक्त जिले में प्रत्येक प्राथमिक सहकारी समितियों में कितने-कितनें कृषकों को कितनी फसल बीमा की राशि प्रदान की गई है तथा कितने कृषकों के खाते में राशि जमा की गई है।
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र अनुसार है।
लखनादौन छपारा के माध्य फोरलेन मार्ग का निर्माण
[लोक निर्माण]
49. ( क्र. 3656 ) श्री दिनेश राय (मुनमुन) : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लखनादौन-छपारा के माध्य 9 कि.मी. फोरलेन हाईवे का अपूर्ण निर्माण कार्य किस कंपनी द्वारा किया जा रहा है? निर्माण एजेन्सी के द्वारा किस दिनांक को कार्य प्रारम्भ किया गया है तथा कितनी समयावधि में निर्माण किये जाने का प्रावधान अनुबंध में किया गया है? (ख) उल्लेखित मार्ग के निर्माण में अभी तक कौन-कौन सी, कितनी-सामग्री खनित कर उपयोग में लाई गई? उपयोग में लाई गई सामग्री किस दर से कितनी रायल्टी वसूली गई? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित मार्ग की घटिया एवं धीमे निर्माण की कितनी शिकायतें कब-कब प्राप्त हुई एवं उन पर क्या कार्यवाही की गई? उक्त मार्ग के निर्माण की गुणवत्ता की जाँच एवं निरीक्षण कब-कब किस एजेन्सी द्वारा किया गया एवं उसके निष्कर्ष क्या थे? क्या शासन गुणवत्ता विहीन धीमे घटिया निर्माण कार्य उच्च स्तरीय जाँच कराकर दोषियों पर कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो किस प्रकार से कब तक यदि नहीं, तो क्यों नहीं? (घ) प्रश्नांश (क) 09 कि.मी. मार्ग की गुणवत्ता के संबंध में प्रश्नकर्ता द्वारा भी स्थानीय प्रशासन, राज्य शासन व केन्द्र शासन के संबंधित मंत्री व विभाग को पत्राचार किया है? यदि हाँ, तो उक्त संबंध में शासन प्रशासन द्वारा कौन-कौन सी कार्यवाही की गई, यदि नहीं, तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण से प्राप्त जानकारी संलग्न परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ख) से (घ) उत्तरांश 'क' अनुसार।
किसानों को खाद एवं बीज का वितरण
[सहकारिता]
50. ( क्र. 3657 ) श्री दिनेश राय (मुनमुन) : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र सिवनी अंतर्गत विगत तीन वर्षों में कितना बीज एवं खाद कृषकों को वितरण हेतु साख सहकारी संस्थाओं को आवंटित किया गया था? आवंटित बीज एवं खाद के वितरण हेतु क्या मापदण्ड तय थे? मापदण्ड अनुसार वितरण किया गया या नहीं? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में वितरित खाद एवं बीज की विधानसभा क्षेत्र सिवनी अंतर्गत सहकारी साख संस्थावार सूची उपलब्ध करावें? (ग) नवीन प्रधानमंत्री फसल बीमा योजनान्तर्गत विधान सभा क्षेत्र सिवनी अंतर्गत सहकारी साख संस्थाओं के माध्यम से कितने कृषकों के बीमा किये गये? समितिवार जानकारी देवें? (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र सिवनी अंतर्गत कितनी राशि का क्लेम किया गया था तथा इसके विरूद्ध कितने कृषकों को क्लेम राशि का भुगतान हुआ?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) 22,240.80 क्विंटल बीज एवं 42,767 मे.टन खाद। आवंटित/भंडारित बीज एवं खाद का वितरण कृषकों की स्वीकृत साख सीमा के आधार पर किया जाता है। जी हाँ। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (घ) प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना अंतर्गत सहकारी समितियों द्वारा बीमा क्लेम प्रस्तुत करने का कोई प्रावधान नहीं है। उपज के आंकड़ों के आधार पर योजना के प्रावधान अनुसार बीमा कंपनी द्वारा नुकसान का आंकलन किया जाकर राशि का भुगतान किया जाता है, अभी तक बीमा कंपनी से कृषकों को भुगतान हेतु कोई राशि प्राप्त नहीं हुई है।
कृषि उपज मंडीयों से मंडी विकास बोर्ड को प्रदाय कर का उपयोग
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
51. ( क्र. 3671 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार जिले में स्थित कृषि उपज मंडियों से मंडी विकास बोर्ड को कितना कर विगत तीन वर्षों में प्रदाय किया गया है? (ख) जिले के किस मंडी क्षेत्र में मंडी निधि से कौन-कौन से विकास कार्य हेतु कितनी-कितनी राशि कब प्रदाय की गई वर्ष 2013 से वर्तमान तक जिले को दी गई राशि का कार्यवार विवरण प्रदान करें? (ग) जिले में प्रदाय राशि का कहाँ-कहाँ क्या उपयोग हुआ है?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) मंडियों से मंडी बोर्ड को कर प्राप्त नहीं होता है अपितु बोर्ड शुल्क तथा राज्य विपणन विकास निधि प्राप्त होती है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) मंडी निधि से विकास कार्य के लिये राशि मंडियों द्वारा ही प्रदत्त होती है। बोर्ड स्तर से मंडी निधि का प्रदाय या अंतरण नहीं किया जाता है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
सड़क एवं पुल निर्माण
[लोक निर्माण]
52. ( क्र. 3816 ) एडवोकेट सत्यप्रकाश सखवार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अम्बाह से उसै थघाट रोड व म.प्र. को उ.प्र. से जोड़ने वाली चम्बल नदी पर पुल के निर्माण की गति अत्यंत धीमी है? निर्माण की धीमी गति होने का वास्तविक कारण क्या है वर्षों पूर्व हुए शिलान्यास के बावजूद आज तक कार्य पूर्ण न होने के लिये उत्तरदायी कौन है? उत्तरदायी की पहचान कर उसके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी? (ख) शासन प्रश्नांश (क) में वर्णित दोनों कार्यों को कब तक पूर्ण कराकर क्षेत्र की जनता को राहत दिलायेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) यह सही है कि अम्बाह से उसैदघाट (पिनाहट) मार्ग निर्माण की गति धीमी है। निर्माण की धीमी गति होने का वास्तविक कारण यह है कि पूर्व में इस मार्ग का निर्माण बी.ओ.टी. (एन्यूटी) योजनांतर्गत स्वीकृत होकर प्रारंभ हुआ था परन्तु निर्माण की गति धीमी होने के कारण ठेका निरस्त किया गया था। तदोपरांत निर्माण कार्य ई.पी.सी. योजनान्तर्गत स्वीकृत हुआ एवं पुन: दो मार्ग टेकना-मानपुर जिला श्योपुर एवं अम्बाह पिनाहट मार्ग को सम्मिलित कर पैकेज बनाकर निविदा में आमंत्रित कर निर्माण एजेन्सी का निर्धारण किया गया। निर्माण एजेन्सी द्वारा निर्माण कार्य धीमी गति से किया जा रहा है। ठेकेदार को दिनांक 13.10.2017 तक कार्य पूर्ण करना है। म.प्र. सड़क विकास निगम द्वारा मार्ग निर्धारण समय-सीमा में पूर्ण कराने का प्रयास किया जा रहा है। चंबल नदी पर पुल निर्माण हेतु दिनांक 29.12.2016 को कार्यादेश दिया गया है। पुल निर्माण कार्य प्रगति पर है। इसके लिए कोई उत्तरदायी नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित मार्ग निर्माण कार्य दिनांक 13.10.2017 तक एवं पुल निर्माण कार्य अनुबंधानुसार 30.04.2020 तक पूर्ण किया जाना है।
नवनी साध्यता प्राप्त एवं अन्य बैराजों के निर्माण
[जल संसाधन]
53. ( क्र. 3839 ) श्री सुदेश राय : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीहोर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत साध्यता प्राप्त मगरदा, सोड़ा-वर्री, मोतीपुरा, मुंजखेड़ा, निपानिया खुर्द, छतरी एवं दोराहा त्रिवेणी नवीन साध्यता प्राप्त वैराजों के निर्माण में डी.पी.आर. तैयार होने के उपरान्त उक्त कार्यों की तकनीकी एवं प्रशासकीय स्वीकृति हो गई है अथवा नहीं है? यदि नहीं, तो इसमें विलंब का क्या कारण है तथा कब तक कार्यवाही पूर्ण कर कार्य प्रारंभ करा दिये जावेंगे। (ख) धाट पलासी एवं करंजखेड़ा डेम/बैराज के निर्माण की भी डी.पी.आर. तैयार होने के उपरान्त इनकी प्रशासकीय एवं तकनीकी स्वीकृति हेतु विभागीय स्तर पर क्या कार्यवाही प्रचलित है तथा कार्यवाही उपरांत कार्य कब तक प्रारंभ करा दिया जावेगा है?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) जी नहीं। प्रश्नाधीन 6 परियोजनाओं की डी.पी.आर. प्रमुख अभियंता कार्यालय में तथा त्रिवेणी (दोराहा) बैराज की डी.पी.आर. अधीक्षण यंत्री कार्यालय में परीक्षणाधीन हैं। डी.पी.आर. अंतिम नहीं होने से समय-सीमा बताना संभव नहीं है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
निवास विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत सड़क निर्माण कराया जाना
[लोक निर्माण]
54. ( क्र. 3883 ) श्री रामप्यारे कुलस्ते : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) निवास विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत लोक निर्माण विभाग की सड़कें मुनू से मचला चौगान मोहगांव, सेल से पिपरिया बम्हनी मोहगांव, निवास शहपुरा रोड से बिझौली भीखमपुर गुंदलई, खिन्हा रिपटा से जेबरा बरबटी पथर्री केवलारी करोंदी पडरिया घुघरी समनापुर और छिंदगांव पडरिया गडरा भादारी मनेरी से चरगांव, मोहनियापटपरा से मोहनियाटोला उक्त सड़कों के निर्माण हेतु जनसामान्य की मांग क्षेत्रवासियों के आवगमन की सुविधा मांग अनुसार कई बार मांग की गई है इसके बाद भी सड़कों की स्थिति बहुत खराब है आवागमन में भारी समस्या होती है। (ख) क्या जनसुविधा के ध्यान में रखते हुये अविलंब रोड निर्माण की स्वीकृति प्रदान करेंगे?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
धर्मश्री सागर भोपाल बायपास मार्ग निर्माण
[लोक निर्माण]
55. ( क्र. 3931 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के अतारांकित प्रश्न क्र. 973 दिनांक 29 फरवरी 2016 के उत्तर में बताया गया था कि एकरेखण तकनीकी रूप से उपयुक्त न होने से कार्य में कोई प्रगति नहीं हो पा रही है तो क्या शासन प्रस्तावित परिवर्तित एकरेखण के प्रस्ताव पर विचार कर मार्ग को पूर्ण करायेगा? यदि हाँ, तो इसकी लंबाई एवं लागत कितनी होगी? (ख) प्रश्नाधीन कार्य कब तक पूर्ण कर लिया जायेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। कोई प्रस्ताव तैयार नहीं किया गया। अत: शेष प्रश्नांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
निर्माणाधीन सिंचाई परियोजनाएं
[जल संसाधन]
56. ( क्र. 3939 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीधी जिले में सीधी एवं सिहावल विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत सारो से पोखरा सिंचाई नहर एवं नेबूहा बांध लघु सिंचाई परियोजना के तहत निर्मित कराई गई है? यदि हाँ, तो अभी तक कितना कार्य वर्षवार कराया गया है और कितना व्यय हुआ है? किसानों को सिंचाई हेतु पानी कब तक उपलब्ध हो पायेगा? (ख) प्रश्नांश (क) सिंचाई परियोजना अंतर्गत नहर विस्तार की कोई योजना सरकार के पास है? यदि हाँ, तो किसानों के हित में क्या कार्यवाही की जा रही है? (ग) क्या उक्त नहर से किसानों को सिंचाई बांध की क्षमतानुसार सुविधा उपलब्ध कराई गई? यदि नहीं, तो कब तक पूरी सुविधा कृषकों को मिल पायेगी? समय-सीमा बतावें। (घ) क्या गुलाब सागर महान परियोजना बहरी नहर प्रणाली से 7500 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई हेतु नहरों का निर्माण कार्य स्ट्रक्चर एवं लाईनिंग कार्य सहित स्वीकृत है? यदि हाँ, तो उक्त कार्य कब तक पूर्ण कराया जावेगा? उक्त परियोजना से बहरी क्षेत्र के किसानों को सिंचाई हेतु सरकार के पास कोई कार्य योजना है? यदि हाँ, तो कब तक किसानों को लाभान्वित किया जायेगा?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। सारो जलाशय पर कुल रू.24.88 लाख एवं नेबूहा बाँध पर कुल रू.23.85 लाख किया जाना प्रतिवेदित है। सारो परियोजना से इस वर्ष 255 हे. तथा नेबूहा परियोजना से 175 हे. क्षेत्र में रबी सिंचाई की गई है। (ख) जी नहीं। नहर विस्तार हेतु कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। शेष प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होते हैं। (ग) जी हाँ। सारो परियोजना से इस वर्ष रूपांकित क्षमता 202 हे. के विरूद्ध 255 हे. एवं नेबूहा परियोजना से रूपांकित क्षमता 162 हे. के विरूद्ध 175 हे. में सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराना प्रतिवेदित है। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते हैं। (घ) जी हाँ। महान परियोजना के द्वितीय चरण में बहरी नहर प्रणाली का कार्य स्वीकृत है जिससे 7,500 हे. क्षेत्र में सिंचाई हेतु नहरों के निर्माण कार्य, स्ट्रक्चर एवं लाइनिंग का कार्य किया जाना है। निर्माण कार्य हेतु एजेन्सी का निर्धारण कर अनुबन्ध दिनांक 11.04.2016 को किया गया है। परियोजना का निर्माण कार्य 10.04.2019 तक पूर्ण किया जाना लक्षित है। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते हैं।
स्वीकृत मार्ग का निर्माण
[लोक निर्माण]
57. ( क्र. 3940 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सिहावल ब्लॉक में सुपेला से राजगढ़ रामनगर मार्ग स्वीकृत है किन्तु अभी तक प्रगति शून्य है? कब तक उक्त मार्ग का निर्माण प्रारंभ कराया जायेगा? क्या कार्य निश्चित अवधि में कार्य पूर्ण हो जावेगा? (ख) क्या सीधी एवं सिंगरौली जिले में जनपद पंचायत सिहावल व देवसर में लोक निर्माण विभाग अंतर्गत निर्मित मार्ग अत्यंत जीर्ण एवं आवागमन अवरूद्ध होने की स्थिति में है? 1 बघोर से केराई मार्ग, 2 केसौली छादा से कैमोर पहाड़ पहुंच मार्ग, 3 सुपेला से राजगढ़ पहुंच मार्ग, 4 सिहावल से समरमरा मार्ग, 5 पखडा से जेठुआ मार्ग, 6 पहाड़ी गेदुरहावा तालाब से खाड़ी पहुंच मार्ग, लोक निर्माण विभाग से प्रस्तावित टीएस/एएस स्वीकृति दी गई है? यदि नहीं, तो क्यों? कब तक स्वीकृति दी जावेगी? (ग) सिहावल क्षेत्र के कौन-कौन से मार्ग विभाग में स्वीकृति के अभाव में लंबित है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) प्रश्नाधीन मार्ग स्वीकृत नहीं है अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होते। (ख) जी नहीं आंशिक रूप से खराब है। विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
अनुदान से लाभांवित ड्रिप पाईप हितग्राही सूची
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
58. ( क्र. 3981 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सत्र 2016-17 में प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना अन्तर्गत केन्द्र प्रवर्तित माइक्रोइरीगेशन योजना में ड्रिप संयंत्र की स्थापना हेतु नियम एवं शर्तों की एक प्रति देवें बड़वानी जिले में लाभान्वित हितग्राहियों के प्रकरण का भौतिक सत्यापन संबंधी कलेक्टर कार्यालय एवं उद्यानिकी जिला कार्यालय के मध्य हुए पत्राचार की प्रति देवें? (ख) सत्र 2016-17 में माईक्रोईरिगेशन सिंचाई अंतर्गत ड्रिप पाईप बड़वानी जिले के ठिकरी विकासखण्ड में कुल कितने आनलाईन आवेदन प्राप्त हुए, कितने आवेदन स्वीकृत हुए तथा कितने किन कारणों से अस्वीकृत हुए ग्राम पंचायतवार संख्या बतायें। ठिकरी विकासखण्ड के अनुदान से लाभांवित ड्रिप पाईप हितग्राहियों की संख्या सब्जी रकबा, ड्रिप अनुदान राशि, कृषक अंश राशि सहित सूची देवें।
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) योजना के नियम एवं शर्तों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। लाभांवित हितग्राहियों के प्रकरणों का भौतिक सत्यापन संबंधी कलेक्टर कार्यालय के पत्र की प्रति परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र स एवं द अनुसार है।
खंडवा-इंदौर फोरलेन सड़क निर्माण
[लोक निर्माण]
59. ( क्र. 4017 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विगत 10 वर्षों में खंडवा-इंदौर सड़क मार्ग पर यात्री एवं मालवाहक वाहनों की संख्या में कई गुना वृद्धि हुई है? क्या यातायात बढ़ने से इस मार्ग पर दुर्घटनाओं में भी वृद्धि हुई है? (ख) यदि हाँ, तो क्या यात्रियों की जान-माल की सुरक्षा के लिए खंडवा-इंदौर सड़क मार्ग को फोरलेन किया जाएगा? इसके प्रस्ताव किस स्तर पर स्वीकृति हेतु लंबित है? (ग) यदि नहीं, तो क्या खंडवा-इंदौर सड़क मार्ग को राष्ट्रीय राजमार्ग में शामिल किये जाने का प्रस्ताव शासन के विचाराधीन है? यदि हाँ, तो इसे कब तक स्वीकृति प्राप्त हो सकेगी? (घ) क्या खंडवा-इंदौर मार्ग पर रेल्वे ब्राडगेज के कारण बाधित होने वाले चिन्हित/क्रांसिंग वाले स्थान के सड़क मार्ग पर फ्लाय ओवर ब्रिज की कार्यवाही भी विभाग द्वारा की जा रही है? (ड.) यदि हाँ, तो किन-किन स्थानों पर इनका निर्माण किया जाना है? क्या इनकी स्वीकृति को आगामी बजट में शामिल किया जायेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी नहीं। जी नहीं। (ख) इन्दौर-इच्छापुर मार्ग को दिनांक 07.06.2016 को राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित किया जा चुका है। अत: प्रश्नांकित शेष कार्यवाही भूतल एवं परिवहन मंत्रालय भारत सरकार अंतर्गत प्रकियाधीन है। (ग) उत्तरांश (ख) अनुसार। (घ) जी नहीं। (ड.) उत्तरांश 'घ' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सड़क निर्माण में अनियमितता की जाँच
[लोक निर्माण]
60. ( क्र. 4018 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में लोक निर्माण विभाग द्वारा सड़कों के निर्माण में निर्धारित मापदण्डों को पालन किया जा रहा है? (ख) प्रदेश में विभाग द्वारा कितने-कितने मीटर चौड़ाई वाली सड़कों पर कितने मीटर की साईड पटरी/कालर बनाने के नियम है? (ग) खण्डवा से हरसूद-होशगांबाद जाने वाले मार्ग पर क्या विभाग के इन नियमों का पालन किया गया है? (घ) यदि नहीं, तो क्यों? ऐसे घटियां निर्माण से होने वाली दुर्घटनाओं के लिए संबंधित विभाग दोषी है या संबंधित ठेकेदार? (ड.) क्या इस मार्ग निर्माण में हुई अनियमितता की जाँच की जाएगी? यदि हाँ, तो इसकी दोषी कम्पनियों से नियमानुसार निर्माण कार्य नहीं करने पर अर्थदण्ड की कार्यवाही की जाएगी? यदि हाँ, तो कब तक?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ। (घ) प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ड.) निर्माण में कोई अनियमितता नहीं हुई अत: शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
पुलिया निर्माण
[लोक निर्माण]
61. ( क्र. 4063 ) श्री राजेन्द्र फूलचंद वर्मा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सोनकच्छ विधानसभा क्षेत्र में अभयपुर से जलेरिया, सुरजना से जीवाजीगढ़ से इकलेरा के बीच पुलिया निर्माण की कोई कार्यवाही चल रही है? यदि हाँ, तो किस स्तर पर कार्यवाही प्रचलित है? नहीं तो क्यों नहीं? (ख) उक्त सड़कों तक आने वाली पुलिया में से कौन-कौन सी पुलिया स्वीकृत है तथा कौन कौन सी पुलिया के प्रस्ताव लंबित हैं? (ग) उक्त सड़कों पर कब तक पुलिया निर्माण हो सकेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) विस्तृत जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) एवं (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
देवास बायपास फोरलेन करना
[लोक निर्माण]
62. ( क्र. 4064 ) श्री राजेन्द्र फूलचंद वर्मा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या इंदौर से भोपाल फोरलेन निर्माण के समय देवास बायपास को फोर लाईन नहीं किया गया था? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) क्या यह सही है कि अधिकतर भारी वाहन जो इंदौर से भोपाल चलते हैं वे देवास बायपास से ही होकर जाते है इसलिए क्या देवास बायपास को भी फोरलेन किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक, नहीं तो क्यों नहीं? (ग) जब सिहोर, आष्टा सोनकच्छ व इंदौर के बायपास को फोरलेन किया गया तो देवास बायपास को क्यों नहीं? इसके लिए कौन जिम्मेदार है? क्या दोषियों पर कोई कार्यवाही होगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी नहीं। भोपाल-देवास परियोजना के निर्माण के समय देवास बायपास लो.नि.वि. के अंतर्गत कंसेशन अवधि में था। (ख) जी हाँ। कंसेशनायर के साथ दिनांक 27.02.2017 को अनुबंध संपादित किया जा चुका है। अनुबंधानुसार कंसेशनायर को फायनेंसर क्लोसर हेतु 6 माह की अवधि देय है, तत्पश्चात निर्माण कार्य पूर्ण होने की अवधि 2 वर्ष है। (ग) देवास-बायपास उस समय लो.नि.वि. के अंतर्गत कंसेशन अवधि में था। इसके लिये कोई दोषी नहीं है अत: किसी कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
पनागर विधान सभा अन्तर्गत मार्ग निर्माण
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
63. ( क्र. 4084 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मण्डी बोर्ड भोपाल के द्वारा बोर्ड निधि से ग्राम मटामर से कैलाशधाम तक की सड़क बनाने हेतु प्रशासकीय स्वीकृति प्रबंध संचालक द्वारा दिनांक 13.07.2016 को जारी की गई एवं मुख्य अभियंता द्वारा ई-टेण्डर दिनांक 13.07.2016 को जारी किये गये थे? (ख) क्या मण्डी बोर्ड जबलपुर द्वारा निविदायें प्राप्त कर मुख्य अभियंता भोपाल को दिनांक 17.08.2016 को स्वीकृति हेतु भेजी थी? (ग) क्या उपरोक्त कार्य का भूमिपूजन दिनांक 30.07.2016 को विशाल जनसमुदाय एवं भैया जी सरकार तथा गणमान्य नागरिकों की उपस्थिति में भव्य कार्यक्रम के साथ किया गया? (घ) प्रश्नांश (क) से (ग) तक यदि हाँ, तो उक्त मार्ग का निर्माण प्रश्न दिनांक तक प्रारंभ क्यों नहीं है? क्या मुख्य सचिव म.प्र.शासन भोपाल की नोटशीट दिनांक 15.09.2016 के द्वारा इस सड़क निर्माण पर मान.मुख्यमंत्री जी के निर्देश का संदर्भ देकर रोक लगाई गई है? (ड.) प्रश्नांश (घ) के उत्तर में यदि हाँ, तो मार्ग निर्माण की प्रशासकीय स्वीकृति एवं निविदा आमंत्रित कर भूमि पूजन कार्यक्रम करने के पश्चात् मार्ग निर्माण पर रोक लगाने के क्या कारण है? उक्त मार्ग का निर्माण कब तक प्रारंभ कर दिया जावेगा यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ। किंतु ई-टेण्डर कार्यपालन यंत्री, म.प्र. राज्य कृषि विपणन बोर्ड, तक.संभाग जबलपुर द्वारा जारी किया गया था। (ख) जी हाँ। (ग) जी हाँ, किंतु भूमि पूजन का कार्यक्रम स्थानीय स्तर पर माननीय क्षेत्रीय विधायक जी के माध्यम से आयोजित हुआ था, जो कि मंडी बोर्ड स्तर से नहीं किया गया है। (घ) जी हाँ। (ड.) उत्तरांश (घ) के परिप्रेक्ष्य में शेष जानकारी का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
कन्नौद से बहीरावद मार्ग निर्माण
[लोक निर्माण]
64. ( क्र. 4119 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कन्नौद से बहीराबाद मार्ग जो जीर्ण-शीर्ण अवस्था में है, क्या उक्त सड़क निर्माण हेतु विभाग में कार्यवाही प्रचलित है? (ख) क्या विभाग द्वारा शासन से उक्त मार्ग को बजट में शामिल कर राशि स्वीकृति हेतु कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की गई? जानकारी देवें। यही नहीं तो कारण बतावें? (ग) उक्त सड़क निर्माण हेतु शासन कब तक स्वीकृति प्रदान कर निर्माण कार्य प्रांरभ करेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी नहीं, आंशिक रूप से, जी नहीं। (ख) जी नहीं। प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। वर्तमान में सीमित वित्तीय संसाधन होने से। (ग) वर्तमान में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं।
सड़क निर्माण कार्य को पूर्ण किया जाना
[लोक निर्माण]
65. ( क्र. 4120 ) श्री नथनशाह कवरेती : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र जुन्नारदेव जिला छिंदवाड़ा के दमुआ से बेलनीढाना के बीच सात कि.मी. तक सड़क का निर्माण 2014-15 में (एम.पी.आर.डी.सी.) के तहत किस कम्पनी के द्वारा किया गया था? (ख) क्या कार्य अधूरा छोड़ दिया गया है? यदि हाँ, तो कब तक पूरा कर लिया जायेगा? यदि पूरा कर लिया गया है तो वर्तमान में पूरी सड़क पर गड्ढ़े एवं सड़क जर्जर हालत में है? इसके लिए कौन दोषी है? उनके खिलाफ क्या कार्यवाही की जायेगी? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के प्रकाश में शर्तों के अनुसार तत्काल मरम्मत कार्य कराया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) मे. डी.बी.एल. बैतूल सारणी टोलवेज लि. द्वारा बैतूल सारणी परासिया मार्ग का निर्माण किया गया था। छिंदवाड़ा जिले के दमुआ से बेलनीढाना तक का 4.78 कि.मी. भाग इस मार्ग के एकरेखण में आता है। (ख) जी हाँ। 4.78 कि.मी. लंबाई में टाईगर अभ्यारण्य कोरिडोर में मार्ग निर्माण की अनुमति वन विभाग से प्राप्त नहीं हुई। समय-सीमा बताना संभव नहीं है। जी नहीं। कोई दोषी नहीं है। अत: कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) मार्ग निर्माण के छूटे भाग में आवश्यकतानुसार मरम्मत कार्य तत्काल कराये जाने की कार्यवाही की जा रही है। निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
पुल-पुलिया निर्माण
[लोक निर्माण]
66. ( क्र. 4160 ) श्री अनिल जैन : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र निवाड़ी अंतर्गत ओरछा एवं निवाड़ी तहसील के किन-किन ग्रामों में लोक निर्माण विभाग अन्तर्गत पुलियों के निर्माण के अभाव में बरसात के मौसम में आवागमन अवरूद्ध रहता है? तहसीलवार गांव की संख्या एवं उनके नाम तथा सड़कवार पुलियों की संख्या बताई जावें? (ख) प्रश्नांश (क) स्थानों पर पुलिया निर्माण हेतु विभाग द्वारा क्या कोई कार्ययोजना प्रस्तावित है? यदि हाँ, तो क्या इस कार्य योजना को शासन तक स्वीकृति के लिए भेजा गया है? तिथि सहित बतावें। (ग) क्या विधानसभा क्षेत्र निवाड़ी अंतर्गत ओरछा तहसील में ग्राम जमुनियां से झांसी जाने वाली लिंक रोड तक एवं निवाड़ी तहसील के ग्राम निमचौनी से नौरा जाने वाली सड़क तक पुलिया न होने से आवागमन बरसात में अवरूद्ध हो जाता है? यदि हाँ, तो उक्त दोनों पुलियों के निर्माण में विभाग द्वारा अब तक क्या कार्यवाही की गई है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) कोई नहीं। अत: शेष का प्रश्नांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांकित मार्ग विभाग के अधीन नहीं है। अपितु ओरछा से जमुनिया मार्ग म.प्र. ग्रामीण विकास प्राधिकरण के अधीन है प्राप्त उत्तर संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है एवं निमचैनी से नौरा मार्ग ग्रामीण यांत्रिकी सेवा के अधीन है प्राप्त उत्तर संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
जामनी नदी पर पुल निर्माण
[लोक निर्माण]
67. ( क्र. 4161 ) श्री अनिल जैन : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र निवाड़ी अंतर्गत ओरछा-पृथवीपुर मार्ग पर जामनी एवं बेतवा नदी पर पुलों के निर्माण हेतु विभाग द्वारा इन पुलों के डी.पी.आर. नये सिरे से तैयार कराये गये हैं? यदि हाँ, तो एजेंसी का नाम बताया जावे तथा अद्यतन स्थिति विवरण सहित बतायी जावें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार पुलों की स्वीकृति शासन द्वारा कब तक की जा सकेगी? विलम्ब के कारण सहित बताया जावे कि पुलों का निर्माण कार्य कब तक शुरू हो सकेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी नहीं। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) वर्तमान परिस्थिति में पुलों का निर्माण किस योजना में प्रस्तावित होगा यह बताना संभव नहीं। ऐसी स्थिति में नवीन/पुनरीक्षित पुलों की स्वीकृति का दिनांक बताना संभव नहीं है। प्रश्नांश 'क' में उल्लेखित पुलों का निर्माण कार्य टीकमगढ़ - ओरछा मार्ग के निर्माण कार्य अनुबंध दिनांक 05.11.2011 में शामिल था। किन्तु निर्माण कंपनी द्वारा कार्य न किये जाने के कारण अनुबंध निरस्त किया गया, जिसके फलस्वरूप निर्माण कार्य में विलंब हुआ। निर्माण शुरू करने की निश्चित समयावधि बताना संभव नहीं है।
टोल-टैक्स वसूलने हेतु लागू नियमों/निर्देशों की जानकारी
[लोक निर्माण]
68. ( क्र. 4239 ) श्री रामसिंह यादव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्य प्रदेश में सड़कों एवं पुलों पर टोल-टैक्स वसूल किये जाने के जनवरी, 2017 की स्थिति में कौन-कौन से नियम/निर्देश एवं गाईडलाईन क्या है? इनकी स्वच्छ प्रति संलग्न कर जानकारी दें कि सड़क एवं पुल पर कितनी दूरी पर कितना टोल-टैक्स लगता है? (ख) क्या शिवपुरी जिले में देहरदा-ईसागढ़ मार्ग पर ग्राम अनंतरपुर-पचावली में सिंध नदी पर पुल निर्माणाधीन है? यदि हाँ, तो क्या पुल का निर्माण किए बगैर और पुल पर आवागमन शुरू हुए बगैर टोल-टैक्स वसूला जा रहा है? यदि हाँ, तो किस नियम/कानून के तहत वसूल किया जा रहा है? प्रति संलग्न कर जानकारी दें? (ग) देहरदा-खतौरा-ईसागढ़ मार्ग पर टोल-टैक्स कहाँ-कहाँ पर किस-किस स्थान पर किस बाबत् वसूल किए जाने की अनुमति संबंधित ठेकेदार को दी गई है? इसमें क्या स्थानीय ग्रामवासियों/किसानों आस-पास के ग्रामवासियों/किसानों को टोल-टैक्स में छूट दिये जाने का कोई प्रावधान है? यदि हाँ, तो इसकी प्रति संलग्न कर जानकारी दें कि इसका पालन क्यों नहीं किया जा रहा है? (घ) क्या देहरदा-खतौरा-ईसागढ़ मार्ग का निर्माण अत्यंत घटिया होने से उसमें जानलेवा हजारों गड्ढ़े हो गए हैं तथा ग्राम पचावली, खतौरा, पीरोंठ में सड़क के किनारे नालियों का निर्माण नहीं किया गया है? सिंध नदी पर पुल का निर्माण नहीं हुआ है? यदि हाँ, तो देहरदा-अनंतरपुर के बीच टोल-टैक्स वसूलने की अनुमति क्यों दी गई?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) सड़क एवं पुल पर टोल- टैक्स वसूल करने की अधिसूचना पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ, 'ब' एवं 'स' अनुसार। सड़कों की दूरी के आधार पर टोल टैक्स लगाया जाता है। (ख) जी हाँ। जी हाँ। अनुबंध के प्रावधानों के अनुसार। प्रोविजनल पूर्णता प्रमाण पत्र स्वतंत्र इंजीनियर द्वारा परियोजना की कुल लंबाई 75 प्रतिशत भाग पूर्ण होने पर जारी किया जाता है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार। तद्नुसार टोल वसूल किया जाता है। (ग) अनुबंधानुसार कंसेशनायर को मार्ग के कि.मी. 2 से 3 के मध्य एवं कि.मी. 31 से 32 के मध्य टोल प्लाजा स्थापित करने हेतु अनुमति दी गई थी। जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ई अनुसार। जिसका पालन निवेशकर्ता द्वारा किया जा रहा है। (घ) जी नहीं। जी हाँ। नाली निर्माण कार्य प्रगति पर है। जी हाँ। पुल का निर्माण कार्य प्रगति पर है। अनुबंध दिनांक 19/04/2011 के प्रावधानुसार।
शिवपुरी जिले में नवीन सड़कों का निर्माण
[लोक निर्माण]
69. ( क्र. 4240 ) श्री रामसिंह यादव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कोलारस परगना के अंतर्गत भड़ोता से देहरदागणेश मार्ग पर सिंध नदी पर पुल न होन के कारण वर्षा ऋतु एवं शरद ऋतु में आवागमन बंद हो जाता है? यदि हाँ, तो लोक निर्माण विभाग उक्त मार्ग में सिंध नदी पर पुल निर्माण कब तक कराएगा? (ख) क्या विभागीय मार्ग भड़ोता से देहरदागणेश पर विभाग द्वारा सिंध नदी पर पुल नहीं बनाया गया है। जिससे आवागमन बंद रहता था। तथा क्षेत्रवासियों की मांग पर आवागमन सुचारू करने हेतु आर.ई.एस. विभाग रपटा निर्माण कर आवागमन चालू किया गया है? यदि हाँ, तो वर्षा एवं शरद ऋतु में भी आवागमन चालू रखने हेतु सिंध नदी पर पुल निर्माण कब तक किया जावेगा? (ग) क्या भड़ोता-देहरदागणेश मार्ग पर सिंध नदी पर पुल न होने के कारण एवं वर्षा ऋतु एवं थोडी बहुत बारिश होने पर भी रपटे के ऊपर से पानी बहने लगता है। जिससे क्षेत्रवासियों एवं किसानों को कोलारस आने-जाने के लिए देहरदा, पचावली होते हुए रन्नौद रोड से जाना पड़ता है। जिसकी दूर लगभग 70 कि.मी होती है? इस समस्या के समाधान के लिए शासन उक्त पुल निर्माण कब तक कराएगा? (घ) क्या विभाग प्रदेश के अन्य मार्गों में पड़ने वाली नदियों पर पुल निर्माण हेतु जो उदरता एवं तत्परता दिखाता है। वैसी ही उदारता एवं तत्परता क्या सिंध नदी पर उक्त पुल बनाने में दिखाएगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ, अत्याधिक वर्षा होने पर यातायात प्रभावित होता है। वर्तमान में न तो प्रस्तावित है और न ही स्वीकृत अत: निश्चित तिथि बताना संभव नहीं है। (ख) जी नहीं, मार्ग विभाग के अधीन है, रपटे का निर्माण आर.ई.एस. विभाग द्वारा किया गया है, जी हाँ। प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं, अधिक वर्षा होने पर। प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। जी नहीं, लगभग 10 कि.मी.। प्रश्नांश (क) के उत्तर अनुसार। (घ) वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता अनुसार कार्यवाही की जावेगी।
फसल बीमा की राशि का भुगतान
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
70. ( क्र. 4267 ) श्री गोपालसिंह चौहान (डग्गी राजा) : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2015-16 की खरीफ फसल उड़द, सोयाबीन, हरीमूंग व अन्य फसलें जो अतिवृष्टि एवं सूखे के कारण नष्ट हुई थी क्या उन फसलो की बीमा की राशि सभी जिलो में बांटी गई है? (ख) यदि हाँ, तो चंदेरी विधानसभा को बीमा राशि से वंचित क्यो रखा गया है? जबकि किसानों के क्रेडिट कार्ड से बीमा राशि काटी गई? इसके लिये कौन दोषी है? (ग) क्या किसानों को फसल बीमा की राशि दिलवाई जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो इसमें दोषी अधिकारियों के खिलाफ क्या कार्यवाही की जावेगी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) खरीफ वर्ष 2015 में राष्ट्रीय कृषि बीमा योजनान्तर्गत मूग फसल अधिसूचित नहीं थी, जबकि उड़द फसल सिर्फ जिला अलीराजपुर में अधिसूचित थी। खरीफ वर्ष 2015 के लिये योजनान्तर्गत प्रदेश के सभी जिलों के 2171826 पात्र कृषकों को बीमा राशि रू 4660.99 करोड़ का भुगतान नोडल बैंकों के माध्यम से किया गया। (ख) चंदेरी विधानसभा अन्तर्गत सोयाबीन फसल के लिये 157 पात्र कृषकों को बीमा राशि रूपये 45766 का भुगतान किया गया। जिनकी उपज में योजनानुसार कमी पाई गई। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) उत्तरांश (ख) अनुसार बीमा राशि वितरित की गई। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
खानखेड़ी उद्वहन सिंचाई योजना
[जल संसाधन]
71. ( क्र. 4348 ) श्री कैलाश चावला : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नीमच जिले के मनासा विधानसभा क्षेत्र में खानखेड़ी उद्वहन सिचांई योजना का निर्माण किस वर्ष में प्रारंभ किया गया था? इसमें कितनी राशि व्यय की जाना थी व कितनी राशि व्यय हुई है? कितनी भूमि सिंचित किए जाने का प्रस्ताव था? (ख) स्वीकृति राशि में से कितनी राशि व्यय की जा चुकी है व कितनी राशि शेष है? (ग) क्या खानखेड़ी उद्वहन योजना का कार्य पूर्ण नहीं हुआ है व काफी सामान जो क्रय किया गया था वह साईट पर बिखरा पड़ा हुआ है जिसे काफी लम्बी समयावधि हो चुकी है? विभाग द्वारा योजना पूर्ण करने हेतु क्रय की गई सामग्री का उपयोग करने हेतु क्या कार्यवाही की जा रही है एवं जो सामग्री कार्यस्थल पर बिखरी हुई है उसकी कीमत क्या है?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) खानखेड़ी उद्वहन सिंचाई परियोजना का कार्य जिला पंचायत नीमच द्वारा वर्ष 2000 में प्रारंभ किया गया था। इसमें राशि रू. 509.11 लाख व्यय की जाना थी, जिसके विरूद्ध राशि रू.1508.66 लाख व्यय हुई है। परियोजना से कुल 3350 हे. (खरीफ 1050 हे.+रबी 1610 हे.+ग्रीष्म 690 हे.) भूमि सिंचित की जाना प्रस्तावित थी। (ख) व्यय की गई राशि रू.1508.66 लाख। शेष राशि रू.0.45 लाख। (ग) परियोजना का कार्य पूर्ण हो चुका है। परियोजना के कार्यस्थल पर कोई भी सामग्री नहीं रखी होना प्रतिवेदित है। शेष प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होते हैं।
गंगाबावडी जलाशय योजना
[जल संसाधन]
72. ( क्र. 4349 ) श्री कैलाश चावला : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन संभाग में लैंड बैंक में प्रश्न दिनांक तक कितनी भूमि कहाँ-कहाँ पर उपलब्ध है? (ख) मनासा विधानसभा क्षेत्र की गंगाबावडी जलाशय योजना हेतु वन विभाग की भूमि हस्तांतरण करने हेतु एवं उसके बदले दूसरी भूमि दी जाने हेतु प्रस्ताव जल संसाधन विभाग नीमच/कलेक्टर नीमच द्वारा किस दिनांक को भेजा गया? उक्त प्रस्ताव पर प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई है? (ग) लैण्ड बैंक से भूमि कब तक आवंटित कर दी जावेगी?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) यह जानकारी विभाग द्वारा संधारित नहीं की जाती है। (ख) एवं (ग) कार्यपालन यंत्री, जल संसाधन संभाग, नीमच द्वारा गंगाबावड़ी परियोजना हेतु वन विभाग को भूमि हस्तांतरण करने के संबंध में पत्र भू-अभिलेख अधिकारी, जिला नीमच को दिनांक 02.11.2016 द्वारा लेख करते हुए प्रतिलिपि कलेक्टर जिला-नीमच एवं वन मण्डलाधिकारी, सामान्य वन मंडल, नीमच को प्रेषित किया गया। कलेक्टर जिला-नीमच ने उनके आदेश दिनांक 05.12.2016 द्वारा 36 हे. भूमि हस्तांतरित की गई। वन मण्डलाधिकारी नीमच द्वारा प्रश्नांधीन भूमि पूर्व से आरक्षित वन का हिस्सा होने के संबंध में उनके पत्र दिनांक 16.12.2016 द्वारा विभाग को अवगत कराया गया है। जाँच प्रक्रिया कलेक्टर, नीमच के अधीन होने के कारण भूमि आवंटन के लिए समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
तालाबों की स्वीकृति
[जल संसाधन]
73. ( क्र. 4410 ) श्री मेहरबान सिंह रावत : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर जिले के घाटीगांव तहसील अंतर्गत ग्राम पंचायत पाटई में बंधाह तालाब एवं बड़कागांव पंचायत के खाड़ी नाले के तालाब शासन ने कब-कब, कितनी-कितनी राशि के स्वीकृत किये गये थे? (ख) उनका कार्य क्यों प्रारंभ नहीं किया गया? कब तक कार्य प्रारंभ किया जायेगा। उन तालाबों के संबंध में शासन की क्या मंशा हैं?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) ग्वालियर जिले के घाटीगांव तहसील के अंतर्गत प्रश्नाधीन तालाब जल संसाधन विभाग से संबंधित नहीं होने के कारण जानकारी दी जाना संभव नहीं है। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते हैं।
मृदा का परीक्षण
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
74. ( क्र. 4421 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा मृदा परीक्षण के लिये मशीने उपलब्ध कराई गई हैं यदि हाँ, तो भोपाल संभाग में कहाँ-कहाँ उक्त मशीनों को रखा गया है। (ख) मृदा परीक्षण मशीन के द्वारा विगत एक वर्ष के दौरान भोपाल संभाग में कितने मृदा नमूने लिये गये है जिलावार ब्लॉकवार ब्यौरा दें? (ग) क्या मृदा परीक्षण मशीने से लिये गये नमूनों को रिफरल प्रयोगशाला में भेजे गये हैं। यदि हाँ, तो कितने प्रकरण नमूने प्रयोगशाला भेजे गये हैं ब्यौरे दें। (घ) मृदा परीक्षण मशीन और प्रयोगशाला में जांचे गये नमूनों की संख्या बतावें?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ। भोपाल संभाग के समस्त जिलों में मृदा परीक्षण मशीने उपलब्ध कराई गई है, स्थान की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) मृदा परीक्षण मशीन के द्वारा मृदा नमूने नहीं लिये जाते है। (ग) उत्तरांश "ख" अनुसार रिफरल नमूने प्रयोगशाला में भेजने का प्रश्न ही नहीं उठता। (घ) भोपाल संभाग में जिलेवार मृदा परीक्षण मशीन और प्रयोगशाला में जांचे गये नमूनों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
सहकारी संस्थाओं में नियुक्ति
[सहकारिता]
75. ( क्र. 4422 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा में दिनांक 29/01/2016 को पूछे गये अतारांकित प्रश्न क्र. 3369 में क्या नियुक्ति के पूर्व प्रदेश के प्रमुख समाचार पत्रों में विज्ञापन देकर आमंत्रित किये गये थे। यदि नहीं, तो क्यों। इन नियुक्तियों में पारदर्शिता संबंधी क्या कदम उठाए गए थे। क्या अनियमित नियुक्तियों को निरस्त किया गया है। यदि नहीं, तो क्यों। कब तक इन अनियमित नियुक्तियों को निरस्त कर दिया जाएगा। (ख) संदर्भित प्रश्न के उत्तर में नियोक्ताओं के विरूद्ध कार्यवाही करने के निर्देश दिये गये बताया था तो उसके पालन में अभी तक क्या कार्यवाही हुई। यदि नहीं, तो क्यों एक कब तक कार्यवाही कर ली जावेगी। इन नियुक्तियों के वेतन भत्ते आदि का संस्थाओं पर कितना वार्षिक बोझ जाएगा। (ग) अतारांति प्रश्न क्र. 3369 के उत्तर में प्रपत्र 3 में दर्शाई गई नवीन नियुक्तियों में कौन कौन नियुक्त कर्मचारी संस्था के चेयरमेन या संचालक के रिश्तेदार है। (घ) क्या प्रश्नांश (ग) के रिश्तेदारों की नियुक्ति के कारण इन संचालकों के संचालक पद पर बने रहने की अपात्रता संबंधी कार्यवाही की जावेगी। यदि हाँ, तो कब तक एवं क्या यदि नहीं, तो क्यों ब्यौरा देवें।
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी नहीं। दिनांक 29.07.2016 को पूछे गए अतारांकित प्रश्न क्रमांक 3369 के उत्तर के प्रपत्र-1 में दर्शित कर्मचारियों की नियुक्ति पैक्स कर्मचारी सेवा नियम क्र. 10 के प्रावधानों के अंतर्गत कार्य की आवश्यकता के अनुसार बाह्य श्रोत से सेवा अंतर्गत थी, जिसके लिए समाचार पत्रों में विज्ञापन दिए जाने का नियम नहीं है। इसी प्रकार प्रपत्र-2 में दर्शित संस्थाओं में सेवा नियम लागू नहीं होने से कर्मचारियों की नियुक्ति हेतु समाचार पत्रों में विज्ञापन नहीं दिए गए। जी हाँ। अनियमित नियुक्त व्यक्तियों को उनके कार्य से पृथक कर दिया गया है। (ख) संबंधित नियोक्ताओं को भविष्य के लिए सचेत किया गया, नियुक्तियां निरस्त कर दिए जाने से संबंधित संस्थाओं पर वेतन भत्ते आदि का वार्षिक बोझ नहीं आयेगा। (ग) अतारांकित प्रश्न क्र. 3369 के उत्तर में प्रपत्र-03 में दर्शायें कम्प्यूटर आपरेटर की नियुक्तियां बैंक द्वारा नहीं की गई है। बैंक के सी.बी.एस. होने के उपरांत दिसम्बर, 2011 से ही जिला सहकारी केन्द्रीय बैंकों में सभी बैंकों की प्रत्येक शाखा में 01 डाटा एन्ट्री आपरेटर कलेक्टर रेट पर 89 दिन हेतु रखे जाने की अनुमति आयुक्त सहकारिता एवं पंजीयक सहकारी संस्थाएं, म.प्र. द्वारा, प्रति शाखा 01 डाटा एन्ट्री आपरेटर एमपी.कान से लिए जाने की शर्त पर अनुमति दी गई है। बैंक की कुल 21 शाखायें विदिशा जिले में कार्यरत् है उस आधार पर एमपी.कान से आवश्यकता के आधार पर उक्त प्रपत्र-03 में दर्शाये गए कम्प्यूटर ऑपरेटर रखे गए है। चूंकि नियुक्ति बैंक द्वारा नहीं की गई है इसलिए कर्मचारियों का बैंक संचालक या चेयरमेन से रिश्ता बैंक के दस्तावेजों में संधारित नहीं है। (घ) उत्तरांश ''ग'' के परिप्रेक्ष्य में कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सी.सी.रोड निर्माण की जाँच एवं कार्यवाही
[लोक निर्माण]
76. ( क्र. 4460 ) श्रीमती प्रतिभा सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक निर्माण विभाग संभाग क्रं-2 जबलपुर के अंतर्गत वर्तमान में कौन-कौन से निर्माण कार्य चल रहे है? विकासखंडवार जनकारी दें। (ख) बरगी वि.स. क्षेत्र के अंतर्गत निर्माणधीन ग्राम सहजपुर पौणी सी.सी.मार्ग निर्माण का कितना निर्माण कार्य अब तक हो चुका है? कितना शेष है? उक्त निर्माण कार्य की सीमेन्ट कांक्रीट की गुणवत्ता की जाँच हेतु सेम्पल किस-किस उपयंत्री/सहायक यंत्री द्वारा लिए गये एवं जाँच किस प्रयोगशाला में करायी गयी? रिपोर्ट बतायें। (ग) क्या उपरोक्त निर्माण कार्य में उपयोग की जा रही सीमेन्ट कांक्रीट एम-15 गुणवत्ता की नहीं है? क्या शासन उपरोक्त सी.सी. रोड निर्माण की जाँच सी.टी.ई. से कराकर दोषी अधिकारी/कर्मचारी पर कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' एवं 1 अनुसार है। (ग) जी हाँ, अपितु सीमेंट कांक्रीट एम-40 है, शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
फसल बीमा राशि का भुगतान
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
77. ( क्र. 4487 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर जिले में वर्ष 2014-15, 2015-16 एवं प्रश्न दिनांक तक रबी एवं खरीफ की फसलों को हुई क्षति का आंकलन क्या प्रशासन व बीमा कंपनी द्वारा करा लिया गया है? यदि हाँ, तो उक्त जिले में कुल कितनी राशि फसल बीमा कृषकों को उपलब्ध कराई गई है तथा कराई जानी है। यह राशि कब तक किसानों के खातों में अंतरित की जावेगी। (ख) तहसीलवार कितने-कितने कृषकों को किन-किन फसलों की क्षति में कितनी-कितनी राशि देय हैं क्षति के बाद भी अब तक बीमा राशि किसानों को न दिये जाने के क्या-क्या कारण रहें हैं? (ग) भितरवार तहसील के बीमित कृषकों को कितनी-कितनी राशि कब तक उपलब्ध करा दी गई हैं तथा करा दी जावेगी? पटवारी हल्कावार, कृषक संख्या एवं राशि की जानकारी तीनों वर्षों की उपलब्ध करायें?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) राष्ट्रीय कृषि बीमा योजनांतर्गत ग्वालियर जिले में खरीफ 2014, रबी 2014-15, खरीफ 2015 के दावों का भुगतान पात्र कृषकों को कर दिया गया है जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। रबी 2015-16 के दावा गणना प्रक्रियाधीन है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजनांतर्गत खरीफ 2016 की दावा राशि की गणना प्रक्रियाधीन है। (ख) उत्तरांश (क) अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। खरीफ 2016 एवं रबी 2016-17 के दावों की गणना कार्य प्रक्रियाधीन है।
कार्यों में अनियमितता की जाँच एवं कार्यवाही
[लोक निर्माण]
78. ( क्र. 4508 ) श्री मधु भगत : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पी.आई.यू. लोक निर्माण विभाग जिला बालाघाट में वर्ष 2012-13 से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन से भवन निर्माण कार्य कितनी-कितनी राशि के करवाये गये, नियुक्त कार्य एजेंसी के नाम सहित ब्यौरा देवें। (ख) प्रश्नांश (क) कार्यों में से कौन-कौन से कार्य पूर्ण हैं, कितने अपूर्ण हैं, उक्त कार्यों के लिए किस एजेंसी को कितनी राशि का भुगतान किस माह माध्यम यथा: चेक/ड्राफ्ट क्रमांक एवं नगद राशि के रूप में किया गया? (ग) प्रश्नांश (क) में वर्णित कार्यों में से कौन से कार्य हैं, जिनके पूर्ण किये बिना कार्य से अधिक राशि का भुगतान किया गया? अपूर्ण कार्य होने की स्थिति में संबंधित अधिकारी/कर्मचारियों/कार्य एजेंसी पर क्या अनुशासनात्मक/दण्डात्मक कार्यवाही की गई? (घ) क्या उपरोक्त अधिकतम भवन निर्माण कार्य में घटिया सामग्री का उपयोग कर वित्तीय अनियमितताएं की गई हैं? जनप्रतिनिधि/या अन्य माध्यम से सम्पूर्ण जिले में घटिया निर्माण कार्य की विकासखण्ड स्तर/जिला स्तर/राज्य स्तर पर कितनी शिकायतें प्राप्त हुई तथा शिकायतों पर क्या कार्यवाही कि गई? (ड.) लोक निर्माण विभाग बालाघाट में विगत तीन वर्षों से समस्त प्रकार के कौन-कौन से निर्माण कार्य प्रस्तावित हैं तथा किन-किन कार्यों के प्रस्ताव/प्राक्कलन शासन/वरिष्ठ कार्यालय को भेजे गये हैं, कितने कार्य लंबित पड़े हैं? उक्त कार्यों को कब तक पूर्ण कर लिया जावेगा।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ-2' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ-2' अनुसार है। (ग) अधिक राशि का भुगतान नहीं किया गया। अत: ब्यौरा देने का प्रश्न नहीं उठता। अपूर्ण कार्य की स्थिति में की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ-2' अनुसार है। अत: अधिकारियों पर अनुशासनात्मक कार्यवाही का प्रश्न ही नहीं उठता। (घ) जी नहीं। जनप्रतिनिधियों से कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई अत: कार्यवाही का प्रश्न ही नहीं उठता। (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ', 'अ-1' एवं ''ब'' अनुसार है।
निर्माण कार्यों की जानकारी
[लोक निर्माण]
79. ( क्र. 4509 ) श्री मधु भगत : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सेतु संभाग (ब्रीज कार्पोरेशन) लोक निर्माण विभाग जिला बालाघाट में विगत तीन वर्षों से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन से कार्य कितनी-कितनी राशि के करवाये गये, नियुक्त कार्य एजेंसी के नाम सहित पूर्ण ब्यौरा देवें? । (ख) प्रश्नांश (क) कार्यों में से कौन-कौन से कार्य पूर्ण हैं कितने अपूर्ण हैं, उक्त कार्यों में से वर्षवार कितनी राशि का भुगतान चेक/ड्राफ्ट क्रमांक व नगद राशि के रूप में किया गया वर्षवार भुगतान की गई राशि का ब्यौरा देवें। (ग) प्रश्नांश (क) में वर्णित कार्यों में से कौन-कौन से कार्य हैं जिनके पूर्ण किये बिना कार्य से अधिक राशि का भुगतान किया गया? कार्यवार किये गये भुगतान का पूर्ण ब्यौरा देवें। अपूर्ण कार्य होने की स्थिति में संबंधित कार्य एजेंसी पर क्या दण्डात्मक कार्यवाही की गई? (घ) लोक निर्माण विभाग जिला बालाघाट में विगत तीन वर्षों से कौन-कौन से निर्माण कार्य प्रस्तावित हैं तथा किन-किन कार्यों के प्रस्ताव/प्राक्कलन किस-किस तिथि को शासन/वरिष्ठ कार्यालय को भेजे गये है? कितने कार्य लंबित पडे हैं? उक्त कार्यों को कब तक पूर्ण कर लिया जावेगा।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ग) जी नहीं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' के स्तंभ 8 के अनुसार है। जी नहीं, अनुबंध अवधि शेष है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' एवं 'अ-1' अनुसार है।
निर्वाचित सदस्य हेतु आवास व्यवस्था
[संसदीय कार्य]
80. ( क्र. 4533 ) श्री पुष्पेन्द्र नाथ पाठक : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. विधानसभा के ऐसे सदस्य जिनके पास विधानसभा क्षेत्र मुख्यालय एवं जिला में कोई निवास स्थान नहीं है, के लिए ऐसी व्यवस्था की जा सकती है कि वे अपनी सुविधानुसार अपने लिए शासन के मानदंडों व नियमानुसार भवन अस्थायी रूप से प्राप्त कर सके। (ख) क्या इस दिशा में कोई सकारात्मक कदम सरकार उठायेगी?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी नहीं। (ख) जी नहीं। आवश्यकता प्रतीत नहीं होती।
पर्यटक क्षेत्रों का प्रचार-प्रसार
[जनसंपर्क]
81. ( क्र. 4536 ) श्री पुष्पेन्द्र नाथ पाठक : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बुंदेलखंड क्षेत्र में पर्यटन विकास के लिए अभी तक कितनी प्रचार फिल्म या अन्य प्रचार सामग्री विभाग द्वारा तैयार की गई है? (ख) क्या छतरपुर जिले के जटाशंकर और भीमकुंड प्राकृतिक, रमणीय, धार्मिक महत्व के स्थान है? क्या इन स्थानों के प्रचार–प्रसार के लिए विभाग ने कोई फिल्म या फोटोग्राफ तैयार कराये हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) में वर्णित स्थलों का महत्व बताने हेतु क्या विभाग प्रचार–प्रसार कर सकता है?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) जी नहीं। (ग) पर्यटन विभाग ने ऐसा कोई अनुरोध नहीं किया है।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना विषयक
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
82. ( क्र. 4589 ) श्रीमती शकुन्तला खटीक : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना प्रारंभ से लेकर जनवरी 2017 तक तहसील करैरा व नरवर जिला शिवपुरी में कितने कृषकों का बीमा कराया गया? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में बीमित कृषकों को किन-किन फसलों में बीमा द्वारा देय लाभ दिया गया की जानकारी कृषक की संख्या, फसल का नाम, बीमित राशि, प्रीमियम राशि, सहित दी जावें। (ग) क्या प्रश्नांश (ख) के तहत सभी बीमित कृषकों को बीमा सुविधा उपलब्ध करा दी गई है। यदि नहीं, तो कितने कृषक शेष हैं। उन्हें यह सुविधा कब तक करा दी जावेगी।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) प्रधानमंत्री फसल बीमा योजनांतर्गत खरीफ वर्ष 2016 में शिवपुरी जिले की तहसील करैरा के 4303 एवं तहसील नरवर के 2082 (अनुमानित) कृषकों का एवं रबी वर्ष 2016-17 में तहसील करैरा के 3029 एवं तहसील नरवर के 1186 (अनुमानित) कृषकों को बीमित किया गया है। (ख) खरीफ एवं रबी वर्ष 2016-17 हेतु बीमा दावों की गणना का कार्य प्रक्रियाधीन है। (ग) उत्तरांश (ख) अनुसार।
नियमों के पालन में भारी भ्रष्टाचार
[जल संसाधन]
83. ( क्र. 4599 ) श्री केदारनाथ शुक्ल : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रशासक भू-अर्जन एवं पुनर्वास बाणसागर परियोजना रीवा द्वारा जल संसाधन विभाग पृष्ठ क्र. 47, भोपाल दिनांक 28/09/2010 का पालन करते हुये भूमि एवं अन्य परिसम्पत्तियों का हस्तांतरण संबंधित ग्राम पंचायतों को कर दिया गया है? यदि हाँ, तो अधिकारिता हस्तान्तरण के लिये किस-किस को और कब-कब पत्र लिखा गया। पत्रों के जावक क्रमांक, दिनांक सहित सूची दें। (ख) क्या अधिकारिता हस्तांतरण उपरांत परियोजना द्वारा आवासीय भूखण्डों का आवंटन अनाधिकृत रूप से भारी लेन-देन कर किया गया है। यदि नहीं, तो क्या किसी उच्च न्यायालय द्वारा पुन: अधिकारों को प्राप्त किये जाने का निर्णय पारित किया गया है। यदि हाँ, तो उस आदेश की कॉपी प्रस्तुत करें। यदि नहीं, तो क्यों ऐसे कृत्य के अपराधी कर्मचारियों/अधिकारियों को तुरंत निलंबित कर उच्च स्तरीय जाँच कराई जावेगी। यदि नहीं, तो क्यों। (ग) क्या पात्र व्यक्ति रिश्वत के अभाव में आज भी भूखंडों के साथ ही अन्य देय-स्वत्वों से अभी भी वंचित है। यदि हाँ, तो उन वंचितों की सूची दें। साथ ही आवंटन सूची में एक व्यक्ति के नाम एक से अधिक आवंटित भूखंडों को निरस्त कर आवंटन अधिकारियों के विरूद्ध नियम विरूद्ध आवंटन के लिये उच्च स्तरीय जाँच कराई जावेगी। समय-सीमा बतावें।
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
किसानों को बीमा राशि का भुगतान
[सहकारिता]
84. ( क्र. 4616 ) श्री गिरीश भंडारी : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नरसिंहगढ़ विधान सभा क्षेत्र के ग्राम-फुकलिया खेड़ी ग्राम पंचायत में स्थित प्राथमिक सहकारी समिति किस नम्बर के राजस्व हल्का नम्बर में आती है? राजस्व हल्का नं. सहित जानकारी देवें। (ख) प्रश्न की कंडिका (क) की उपलब्ध जानकारी अनुसार ग्राम-कुकलिया खेड़ी ग्राम पंचायत में स्थित प्राथमिक सहकारी समिति के प्रबंधक द्वारा किसानों की बीमा राशि हेतु उक्त हल्का नम्बर दिया गया था? (ग) प्रश्न की कंडिका (ख) की जानकारी अनुसार प्रश्नांश (क) अनुसार राजस्व हल्का नम्बर अनुसार नहीं है जिससे किसानों को बीमा राशि से वंचित होना पड़ा तो क्या उक्त समिति प्रबंधक के खिलाफ कोई कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो क्या? कब तक? (घ) क्या शासन हल्का नम्बर सही करके किसानों को बीमा राशि आवंटित करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्यों नहीं?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) राजस्व पटवारी हल्का कुकल्याखेड़ी। राजस्व हल्का क्रमांक 08 (ख) जी नहीं, त्रुटिवश पटवारी हल्का नम्बर 08 के स्थान पर 10 लिखा गया था। (ग) जी हाँ। प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्था मर्या., भैसाना के दोषी समिति प्रबंधक श्री बद्रीलाल यादव को समिति प्रबंधक पद के प्रभार से दिनांक 18.02.2017 को हटा दिया गया है तथा कर्मचारी सेवा नियम के प्रावधान अनुसार कार्यवाही हेतु संस्था के अध्यक्ष को दिनांक 14.12.2016 को जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्या., राजगढ़ द्वारा लिखा गया है। (घ) जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्या., राजगढ़ द्वारा कृषकों के घोषणा पत्र संशोधित कर बीमा क्लेम हेतु एग्रीकल्चर इन्श्योरेन्स कम्पनी आफ इण्डिया लिमिटेड, भोपाल को भेजे गये है, बीमा कम्पनी स्तर पर बैंक के आवेदन का परीक्षण कर नियमानुसार कार्यवाही उपरांत पात्रता अनुसार बीमा क्षतिपूर्ति का निर्धारण किया जा सकेगा। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
जिला संघों के अंशदान/अभिदान भुगतान बावत्
[सहकारिता]
85. ( क्र. 4617 ) श्री गिरीश भंडारी : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजगढ़ जिले अन्तर्गत जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक/पैक्स समितिया/अन्य समितियों द्वारा जिला संघों को चन्दा का भुगतान कर दिया गया? यदि हाँ, तो जानकारी देवें? यदि भुगतान नहीं किया गया तो कब तक कर दिया जावेगा? (ख) जिला संघों की जारी नवीन उपविधि के वर्णित उद्देश्यों की पूर्ति हेतु क्या कलेक्टर/डी.आर. द्वारा आवश्यक कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, तो क्यो नहीं? कारण बतावें। (ग) क्या जिला संघों को सहकारी प्रेस के संचालन हेतु अथवा उपविधि के उद्देश्यों की पूर्ति हेतु आवर्तक सहायता उपलब्ध कराई जा सकती है? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) समस्त समितियों द्वारा नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। जिला सहकारी संघ द्वारा वसूली के प्रयास किये जा रहे है, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं। (ख) जी नहीं। जिला सहकारी संघ के उद्देश्यों की पूर्ति हेतु आवश्यक कार्यवाही करने का दायित्व स्वयं संघ का है। (ग) वर्तमान में कोई योजना विचाराधीन नहीं। जिला सहकारी संघ के संचालन का दायित्व जिला सहकारी संघ का स्वयं का होने से।
निजी मंडियों में फल,फूल एवं सब्जियों की खरीदी
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
86. ( क्र. 4693 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मंदसौर, रतलाम, नीमच में 1 जनवरी 2014 के बाद से कितने व्यापारियों को निजी रूप से (मंडी के बाहर) फल-फूल एवं सब्जियां किसान से खरीदते हुए पकड़ा? नाम सहित जानकारी देवें? (ख) क्या विभाग द्वारा मंडी अधिनियम धारा-6 के तहत मंडी के बाहर किसानों से व्यापारियों को निजी मंडी में माल खरीदने का अधिकार दिया है? निजी मंडियों में किसानों से आढ़त एवं अन्य प्रकार के टैक्स लेने पर मंडी अधिकारी कैसे नियंत्रण रखते है? ऐसी कितनी शिकायत किस-किस के द्वारा विभाग को प्राप्त हुई, उस पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? (ग) प्रश्नांश (क) संदर्भित उक्त जिलों में ऐसी कितनी निजी मंडिया कहाँ-कहाँ पर संचालित हैं इनमें कौन से व्यापारी कहाँ-कहाँ पर अपना व्यवसाय कर रहे हैं? (घ) क्या अधिकारियों की मिली भगत से उक्त जिलों में निजी मंडी व्यापारियों का रजिस्ट्रेशन एवं डिपाजिट नहीं होने से व्यापारी किसानों को ऊंचे भाव से बहलाफुसला कर माल तो ले लेते हैं किंतु किसानों की उपज की राशि 1-2 दिन में देने का बोलकर फरार हो जाते हैं, उक्त संभाग में 1 जनवरी 2012 के बाद ऐसे कितने प्रकरण प्रकाश में आये? किसानों को राशि दिलाने के लिए विभाग द्वारा क्या प्रयास किये गये? यदि नहीं, तो क्या धारा 6 के दुष्परिणाम सामने आ रहे है?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) मंडी अधिनियम की धारा 6 में संशोधन किया जाकर, कृषकों की अधिसूचित कृषि उपज-फल एवं सब्जियों (केले को छोड़कर) को मंडी प्रागंण के बाहर क्रय-विक्रय का विकल्प अधिसूचना दिनांक 27.01.12 से दिया गया है अत: शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता। (ख) जी नहीं। कृषकों को अधिसूचित कृषि उपज-फल एवं सब्जियों (केले को छोड़कर) बाहर क्रय-विक्रय का विकल्प दिया गया है। माननीय कृषि मंत्रीजी के माध्यम से एक शिकायत मंडी बोर्ड को प्राप्त हुई थी, जिस पर की गई कार्यवाही संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (क) संदर्भित उक्त जिलों में कोई निजी मंडियाँ संचालित नहीं है, शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता है। (घ) ऐसा एक प्रकरण मंडी समिति खाचरौद क्षेत्रांतर्गत प्रकाश में आया था, जिसमें संबंधित क्रेता व्यापारी द्वारा किसानों का भुगतान नहीं किया गया। संबंधित फर्म के विरूद्ध पुलिस में प्रकरण पंजीबद्ध किया जाकर माननीय न्यायालय अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायालय खाचरौद में प्रकरण विचाराधीन है।
अवैध पदोन्नति
[जल संसाधन]
87. ( क्र. 4765 ) श्री अजय सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या श्री धनराज आकरे, विभागीय कोड नं. 3834 को जल संसाधन विभाग में अनुसूचित जनजाति कीर/मीना/पारघी जाति का होने के कारण दिनांक 03.051989 को विशेष भर्ती अभियान के तहत सहायक यंत्री के पद पर नियुक्त किया गया था? (ख) क्या म.प्र. शासन सा.प्र.वि. के परिपत्र क्र. एफ 7-19/2016/आप्र/एक, भोपाल दि. 02.09.2016 के द्वारा प्रश्नांश (क) में अंकित जाति के व्यक्तियों/शासकीय सेवकों को दि. 08.01.2003 के पश्चात् अनुसूचित जनजाति संवर्ग के आरक्षण का लाभ उनकी नियुक्ति एवं उच्च पद पर पदोन्नति में न किये जाने का आदेश है? (ग) यदि हाँ, तो क्या दि. 08.01.2003 के पश्चात् श्री धनराज आकरे को जल संसाधन विभाग द्वारा दि. 24.01.2003/04.02.2003 को आयोजित विभागीय पदोन्नति समिति की बैठक में चयन क्रम 29 में अनुसूचित जनजाति संवर्ग के नियम विरूद्ध आरक्षण का लाभ देते हुए उन्हें कार्यपालन यंत्री के उच्च पद पर पदोन्नत किया गया है तथा श्री आकरे विभाग में दिनांक 25.03.2003 से लगातार कार्यपालन यंत्री के पद पर कार्यरत हैं?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। (ख) म.प्र. सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र क्रमांक-एफ-7-19/2016/आप्र/एक दिनांक 02 सिंतबर, 2016 की कण्डिका-2 अनुसार राज्य सरकार द्वारा यह निर्णय लिया गया है कि भारत-सरकार की अधिसूचना दिनांक 08.01.2003 के पूर्व तक कीर (भोपाल रायसेन और सीहोर जिलों में), मीना (विदिशा जिले की सिरोंज उपखण्ड में) एवं पारधी (भोपाल, रायसेन और सीहोर जिलों में) जाति के जो व्यक्ति आरक्षण का लाभ प्राप्त कर शासकीय सेवा में प्रवेश पा चुके हैं, उनकी सेवा प्रभावित नहीं होगी किंतु भविष्य में उन्हें अनुसूचित जनजाति का नहीं माना जाएगा और इस तिथि के बाद उन्हें आरक्षण का लाभ भी नहीं दिया जाएगा। (ग) श्री धनराज आकरे को तत्समय प्रचलित नियमानुसार ही कार्यपालन यंत्री के पद पर पदोन्नत किया गया एवं वे दिनांक 25.03.2003 से लगातार कार्यपालन यंत्री के पद पर कार्यरत हैं।
पंधाना रुस्तमपुर मार्ग का मजबूतीकरण एवं उन्नयन कार्य
[लोक निर्माण]
88. ( क्र. 4815 ) श्रीमती योगिता नवलसिंग बोरकर : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधान सभा क्षेत्र पंधाना अंतर्गत 4.70 कि.मी. लागत 163.36 लाख का पंधाना रुस्तमपुर मार्ग का मजबूती करण का उन्नयन कार्य हो चुका है या नहीं? (ख) यदि हाँ, तो क्या वर्तमान में वह गुणवत्ता पूर्ण निर्मित होकर आवागमन के लिए सुविधाजनक है? (ग) यदि नहीं, तो क्या कारण है? (घ) क्या उक्त रोड की विस्तृत जाँच करवायेंगे?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी नहीं। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) निर्माण एजेन्सी द्वारा अनुबंधानुसार निर्माण कार्य पूर्ण नहीं किया गया। निर्माण एजेन्सी द्वारा निर्धारित समयावधि में कार्य नहीं करने के कारण एवं किये गये कार्य का आंशिक हिस्सा गुणवत्तापूर्वक नहीं होने के कारण निर्माण एजेन्सी का अनुबंध धारा-3सी में दिनांक 05.11.2014 में समाप्त कर ठेकेदार के हर्जे-खर्चे पर नवीन निर्माण एजेन्सी 05.05.2016 को तय की गई। (घ) उत्तरांश 'ग' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
छतरपुर जिले के पंजीयक में विरूद्ध कार्यवाही प्रस्ताव
[सहकारिता]
89. ( क्र. 4838 ) श्रीमती रेखा यादव : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले की सेवा सहकारी समिति मउसहानियां के कर्मचारियों के विरूद्ध डिप्टी रजिस्ट्रार के पत्र क्र. 1082, दिनांक 19.06.2013 से दो कर्मचारियों को सेवा से पृथक करने के आदेश जारी किये गये थे? यदि हाँ, तो उस पर प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? संस्था द्वारा क्या उक्त कर्मचारियों को सेवा से पृथक कर हानि से बचाया गया? (ख) उपायुक्त के पत्र क्रमांक 1155, छतरपुर दिनांक 25.07.2015 से प्रश्नांश (क) में सेवा से पृथक करने के आदेश वाले कर्मचारियों को समिति का प्रभार दिये जाने हेतु लेख किया गया है? यदि हाँ, तो उप पंजीयक द्वारा अपने ही आदेश के विरूद्ध भ्रष्टाचार कर सेवा में रखे जाकर पदोन्नति देते हुये समिति प्रबंधक का आदेश पारित किया गया? (ग) क्या ऐसे विरोधाभासी आदेश जारी कर संस्थाओं को लाखों रूपये की क्षति पहुंचाकर अयोग्य कर्मचारियों को प्रभार दिलाया जा रहा है तथा वैद्यनाथन कमेटी की अनुशंसा के उपरान्त उप पंजीयक को सीधे प्रभार देने के अधिकार है? यदि नहीं, तो उसके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जायेगी?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ। सेवा सहकारी संस्था मर्या., मउसहानियां के संचालक मंडल द्वारा उपायुक्त सहकारिता, जिला छतरपुर को संस्था में आवश्यकतानुसार ही कर्मचारी कार्यरत होने का लेख करते हुए दोनो कर्मचारियों की सेवायें समाप्त नहीं की गई। जी नहीं। (ख) जी हाँ। प्रश्नांश की जाँच आदेशित की गई है। शेष जाँच निष्कर्षाधीन है। (ग) उत्तरांश ''ख'' अनुसार जाँच आदेशित की गई है। उपायुक्त सहकारिता को प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थाओं के समिति प्रबंधक का सीधे प्रभार देने के अधिकार नहीं है। शेष जाँच निष्कर्षाधीन है।
छतरपुर जिले के उपपंजीयक के विरूद्ध कार्यवाही प्रस्ताव
[सहकारिता]
90. ( क्र. 4839 ) श्रीमती रेखा यादव : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले के सहकारिता विभाग के डिप्टी रजिस्ट्रार के पत्र क्रं. 1719 दिनांक 23.09.2014 के द्वारा अवैध रूप से नियुक्त किये गये तीन कर्मचारियों को सेवा से पृथक करने के आदेश जारी किये गये थे। क्या प्रश्न दिनांक तक उक्त आदेश का पालन संस्था द्वारा किया गया? यदि हाँ, तो खाद विभाग जिला सहकारी बैंक के प्रमाण पत्र लेकर प्रस्तुत करें? (ख) प्रश्नांश (क) के पालन न कराते हुये डिप्टी रजिस्ट्रार द्वारा संस्था के कर्मचारियों से सुविधा शुल्क लेकर अपने पत्र क्र. 201 दिनांक 09.02.2015 के द्वारा संचालक मण्डल को यह कहकर रोक लगा दी थी कि समिति के कर्मचारियों के आवेदन की सुनवाई पर तीनों कर्मचारियों की सेवा से पृथक करने के आदेश पर रोक लगा दी गई है? (ग) अपने पूर्व के आदेशों में स्वयं अपने ही पत्र द्वारा रोक लगायी जाकर विरोधाभासी आदेशों से संस्था के संचालक मण्डल/समिति प्रबंधक को परेशान किया जाकर उनके विरूद्ध कार्यवाही की गई। ऐसे अधिकारी के विरूद्ध क्या कोई कार्यवाही की जावेगी यदि हाँ, तो कब तक?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। संस्था द्वारा जारी आदेश की छायाप्रतियां तथा टंकण प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उपायुक्त सहकारिता, जिला छतरपुर द्वारा अपने पत्र क्रमांक 201, दिनांक 09.02.2015 के द्वारा सेवा सहकारी समिति मर्यादित, रनगुवां के संचालक मंडल को संस्था के तीनों कर्मचारियों की सेवायें समाप्त करने के आदेश निरस्त करने, संचालक मंडल में पुन: रखकर सुनवाई का अवसर प्रदान करते हुये निर्णय लेने तथा तब तक तीनों कर्मचारियों से पूर्ववत कार्य लिये जाने के संबंध में पत्र लिखा गया है। (ग) प्रश्नांश के तथ्यों के परीक्षण उपरांत प्रथम दृष्टया उप पंजीयक सहकारिता, छतरपुर के दोषी होने के कारण अनुशासनात्मक कार्यवाही की जा रही है।
स्वीकृति उपरांत निर्माण कार्य रोके जाना
[लोक निर्माण]
91. ( क्र. 4856 ) श्री राजेन्द्र मेश्राम : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या देवसर विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत ग्राम हटका में पी.डब्ल्यू.डी. द्वारा ठेकेदार के माध्यम से सड़क निर्माण किया जा रहा है जिसमें कुछ एरिया वन विभाग द्वारा आदिवासियों को जंगल की जमीन पट्टे पर दी गई है? जहां आदिवासी लोग घर बनाकर रह रहे हैं? यदि हाँ, तो क्या सड़क निर्माण का कार्य वन विभाग द्वारा रोक दिया गया है? पी.डब्ल्यू.डी. के ठेकेदार पर कार्यवाही कर उनकी मशीनरी, ट्रेक्टर, जे.सी.बी. पर कार्यवाही की गई है? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, है तो शासकीय स्वीकृति उपरान्त ऐसी सड़क निर्माण की कार्यवाही रोके जाने का क्या औचित्य है? यह कार्यवाही कब निरस्त की जायेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ, जी हाँ, जी हाँ, कार्य रोक दिया गया था। जी हाँ। (ख) संविदाकार द्वारा सड़क निर्माण हेतु वनक्षेत्र से मिट्टी उठाने के कारण वन विभाग द्वारा कार्य रोका गया था। ठेकेदार की जे.सी.बी. एवं ट्रेक्टर की जप्ती की गयी थी। बाद में वन विभाग द्वारा ठेकेदार पर पेनाल्टी लगाकर प्रकरण समाप्त किया गया।
बिना किसी पर्याप्त कारण के ठेका अवधि में बिना दण्ड वृद्धि किये जाने की जाँच
[जल संसाधन]
92. ( क्र. 4890 ) पं. रमेश दुबे : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पेंच वृहद परियोजना के नांदना, हरदुआ वितरण नहर एवं उप वितरक नहरों हेतु किन-किन ग्रामों की कितने व्यक्तियों की कितनी-कितनी भूमि किस अवार्ड आदेश दिनांक के तहत अधिग्रहित की जाकर मुआवजा राशि कब भुगतान की गयी? (ख) उक्त भूमियों का किस भू-अर्जन अधिनियम के तहत अधिग्रहण किया गया है? उक्त भूमियों का कब्जा कब प्राप्त किया गया? प्राप्त करने में अथवा नहर निर्माण में किसानों के द्वारा क्या कोई बाधा उत्पन्न की गयी? यदि हाँ, तो किस-किस ग्राम में किस प्रकार की बाधा उत्पन्न की गयी? (ग) क्या प्रश्नकर्ता के परि.अता. प्रश्न संख्या 119 (क्रमांक 1083) दिनांक 05/12/2016 के उत्तर में जिन कारणों के चलते नहर निर्माण में प्रगति 15 प्रतिशत से कब होना बताया गया है क्या वास्तव में वे कारण तत्समय विद्यमान थे? हार्ड रॉक मटेरियल में कितनी वृद्धि थी? समय पर हार्ड रॉक खुदायी के लिए आवश्यक ब्लास्टिंग मटेरियल तत्समय उपलब्ध नहीं कराने के लिए कौन जिम्मेदार है? (घ) क्या शासन, ठेकेदार द्वारा समयावधि में 15 प्रतिशत से भी कम नहर का निर्माण कराया, बिना किसी उपयुक्त कारण के सक्षम अधिकारियों द्वारा बिना किसी दण्ड के ठेका अविधि में वृद्धि किया जाना, उक्त प्रश्न के उत्तर में जो कारण दर्शाये गये है उन कारणों के विद्यमान नहीं होने पर भी ठेकेदार पर मेहरबानी करना इत्यादि की प्रश्नकर्ता की उपस्थिति में जाँच कराकर ठेकेदार के साथ-साथ सक्षम अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही का आदेश देगा? नहीं तो क्यों?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) भू-अर्जन अधिनियम-2013 के अंतर्गत। भूमियों का कब्जा, मुआवजा वितरण के पश्चात् प्राप्त किया गया है। जी हाँ, ग्राम लुंगसी एवं ग्राम खुटपिपरिया के कृषकों द्वारा बाधा उत्पन्न की गई। ग्राम लुंगसी के कृषकों द्वारा बायीं तट मुख्य नहर के अनुसार स्पेशल पैकेज की माँग को लेकर तथा ग्राम खुटपिपरिया के कृषकों द्वारा ग्राम पलटवाड़ा की दर पर मुआवजा की माँग कर निर्माण में अवरोध उत्पन्न किया जाना प्रतिवेदित है। इसी प्रकार खैरघाट उप वितरक नहर की माईनर क्रं.-17 में ग्राम टाप के कृषकों द्वारा उक्त माईनर स्थगित करने हेतु मान. उच्च न्यायालय जबलपुर में याचिका दायर की गई है। (ग) जी हाँ। निर्माण की प्रगति 18 प्रतिशत कम थी। हार्डराक की मात्रा में लगभग 07 गुना वृद्धि संभावित है। निविदा पूर्व तकनीकी स्वीकृति के समय हार्डराक की मात्रा 49,030 घनमीटर आंकलित थी। ठेकेदार द्वारा, नये स्वीकृत कराये गये एलाइनमेंट के अनुसार खुदाई के दौरान अभी तक लगभग 02 लाख घनमीटर खुदाई की जा चुकी है, जो पूर्ण खुदाई होने पर लगभग 04 लाख घनमीटर तक होना संभावित है। हार्डराक खुदाई के लिये आवश्यक ब्लास्टिंग मटेरियल उपलब्ध कराने का दायित्व संबंधित निर्माण एजेंसी का था। माह नवम्बर-2013 में विधान सभा एवं मई 2014 में लोक सभा चुनाव के साथ पेटलावद की घटना उपरांत ब्लास्टिंग मटेरियल प्राप्ति में अवरोध के कारण खुदाई कार्य प्रभावित होना प्रतिवेदित है। इसके लिये कोई जिम्मेदार नहीं है। (घ) निर्माण की प्रगति 18 प्रतिशत से कम होने के कारण निर्माण एजेंसी का पंजीयन दिनांक 26.08.2015 को 03 वर्ष के लिये निलंबित किया जाना प्रतिवेदित है। उत्तरांश 'ख' एवं 'ग' में वर्णित कारणों से शास्ती का अधिकार सुरक्षित रखते हुये मुख्य अभियंता द्वारा दिनांक 31.05.2017 तक समयवृद्धि स्वीकृत की गई है। अतः ठेकेदार एवं अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही की स्थिति नहीं है। शेष प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होते हैं।
बगदरी जलाशय का गुणवत्ताहीन निर्माण
[जल संसाधन]
93. ( क्र. 4891 ) पं. रमेश दुबे : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विकासखण्ड चौरई जिला छिन्दवाड़ा में निर्मित बगदरी जलाशय का निर्माण कार्य कब प्रारंभ होकर कब पूर्ण हुआ? लागत राशि क्या थी? इस जलाशय से कितनी हेक्टेयर भूमि सिंचित होना था? इस जलाशय का नहर निर्माण कार्य कब प्रारंभ कर कब पूर्ण हुआ? नहर निर्माण में कितनी राशि खर्च हुई? (ख) बगदरी जलाशय से अब तक कितने किसानों की कितनी भूमियों को पानी दिया गया है? कुल कितनी भूमि सिंचित हुई है? (ग) क्या प्रश्नकर्ता के परि.अता. प्रश्न संख्या 115 (क्रमांक 6417), दिनांक 18/03/2016 के उत्तर में यह बताया गया है कि बगदरी जलाशय में आवश्यक सुधार कार्य करा लिया गया है? यदि हाँ, तो इस सुधार कार्य में कुल कितनी राशि खर्च हुई? (घ) क्या प्रश्नकर्ता ने बगदरी जलाशय के गुणवत्ताहीन निर्माण की जाँच, जलाशय के गेट निर्माण में तकनीकी त्रुटि, जलाशय का पानी किसानों के फसलों की सिंचाई हेतु उपयोग में नहीं आने की जाँच कर कार्यवाही के संबंध में दिनांक 17/01/2017 को पत्र क्रमांक 133 माननीय मुख्यमंत्री महोदय, क्रमांक 134 माननीय जल संसाधन मंत्री महोदय क्रमांक 132 कलेक्टर छिन्दवाड़ा एवं पत्र क्रमांक 135 कार्यपालन यंत्री जल संसाधन संभाग छिन्दवाड़ा को प्रेषित किया था? यदि हाँ, तो क्या शासन प्रश्नकर्ता की उपस्थिति में प्रेषित पत्रों पर जाँच का आदेश देगा नहीं तो क्यों?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) बगदरी परियोजना का निर्माण कार्य दिनांक 30.05.2008 को प्रारंभ कर दिनांक 30.06.2012 को पूर्ण किया गया है। परियोजना के निर्माण पर रू.330.94 लाख राशि व्यय की गई। परियोजना की रूपांकित क्षमता 225 हे. रबी एवं 30 हे. खरीफ कुल 255 हे. है। नहर निर्माण कार्य दिनांक 30.05.2008 से प्रारंभ होकर दिनांक 30.06.2012 को पूर्ण किया जाना प्रतिवेदित है। जिस पर रू.34.71 लाख व्यय हुआ है। (ख) वर्ष 2013-14 में 73 कृषकों की 143 हे. वर्ष 2014-15 में 73 कृषकों की 143 हे. वर्ष 2015-16 में 72 कृषकों की 140 हे. तथा वर्ष 2016-17 में 54 कृषकों की 94 हे. में सिंचाई होना प्रतिवेदित है। (ग) जी हाँ। स्लूस गेटों का सुधार कार्य कार्यपालन यंत्री, लाईट मशीनरी एवं विद्युत यांत्रिकी संभाग नरसिंहपुर द्वारा जुलाई 2015 में कराया गया, जिसमें रू. 27,590/- व्यय किया जाना प्रतिवेदित है। (घ) उपलब्ध अभिलेख अनुसार मान. प्रश्नकर्ता द्वारा मान. जल संसाधन मंत्री को संबोधित पत्र क्रं. 134 दिनांक 17.01.2016 प्राप्त हुआ है। शेष पत्र अभिलेखों में प्राप्त होना नहीं पाया गया। प्रमुख अभियंता, जल संसाधन विभाग द्वारा उनके पत्र दिनांक 09.02.2016 को प्राप्त शिकायत की जाँच मा. प्रश्नकर्ता की उपस्थिति में किये जाने हेतु निर्देश दिये गये हैं। अद्यतन स्थिति में स्लूस बैरल के ज्वांईट्स से लीकेज के सुधार का प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। इस सुधार के उपरांत जलहानि में अपेक्षित कमी आ सकेगी।
जल संसाधन विभाग के प्रचीन बैनगंगा संभाग बालाघाटा के तालाबों का सुदृढ़ीकरण
[जल संसाधन]
94. ( क्र. 4959 ) श्री के.डी. देशमुख : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बोरी खेड़ा तालाब, चिटवला बांध तालाब त्राम्बेझरी तालाब, मानेगांव तालाब कुड़वातालाब की कैनाल क्षतिग्रस्त हो गई है जिससे सिंचाई का रकबा कम हो गया है? (ख) यदि हाँ, तो क्या जल संसाधन विभाग सिंचाई का रकबा बढ़ाने हेतु इन तालाबों के केनालों का सुदृढीकरण कार्य करने जा रहा है?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित परियोजनाओं के सुधार/सुदृढ़ीकरण के प्रस्ताव विभागीय स्तर पर परीक्षणाधीन है। प्रस्ताव शासन स्तर पर प्राप्त होने पर गुण-दोष के आधार पर निर्णय लिया जाना संभव होगा।
मार्गों की मरम्मत/पुनःनिर्माण की योजना
[लोक निर्माण]
95. ( क्र. 4962 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत गंज बासौदा से सिरोंज मार्ग एवं गंज बासौदा त्योंदा मार्ग से गंज बासोदा पूर्वी रेल्वे कालोनी रेल्वे फाटक तक के मार्ग का निर्माण किस वर्ष में कितनी लागत से किस ठेकेदार द्वारा किया गया बताये। (ख) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित मार्ग वर्तमान में जर्जर/क्षतिग्रस्त अवस्था में है या नहीं। (ग) उक्त मार्गों की मरम्मत/पुनःनिर्माण की क्या योजना है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। आवागमन योग्य है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। गंज बसौदा से सिरोंज मार्ग का पुन: निर्माण हेतु निविदा म.प्र. सड़क विकास निगम लि. भोपाल द्वारा न्यू डेव्हलपमेंट बैंक परियोजना अंतर्गत आमंत्रित की गई है।
विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत लंबित मुआवजा राशि का भुगतान
[जल संसाधन]
96. ( क्र. 4981 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत 05 वर्षों में विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत कौन-कौन सी परियोजनायें पूर्ण हो चुकी हैं एवं कौन-कौन सी संचालित हैं? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित परियोजनाओं के डूब क्षेत्र से/नहर से कुल कितने कृषक प्रभावित हुये हैं? इनमें से कितने कृषकों को मापदण्ड अनुसार मुआवजा वितरण किया जा चुका हैं? ग्रामवार संख्या उपलब्ध करावें? (ग) कौन-कौन से ग्रामों के कितने-कितने कृषकों का मुआवजा भुगतान वर्तमान तक लंबित हैं एवं किन कारणों से प्रकरणवार पूर्ण विवरण देवें? (घ) किटखेड़ी बांध परियोजना अंतर्गत किन-किन ग्रामों के कितने कृषकों को मुआवजा भुगतान वर्तमान तक नहीं हुआ हैं व किन कारणों से? इस संबंध में कितनी शिकायतें प्राप्त हुई हैं? कितनी शिकायतों का निराकरण किया गया? लंबित मुआवजा भुगतान हेतु क्या कोई प्रभावी कार्यवाही की जाकर शीघ्र भुगतान सुनिश्चित किया जावेगा एवं समीक्षा की जाकर बेवजह विलंब के लिए दोषी कर्मचारियों की जवाबदेही तय की जाकर कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो क्या व कब तक?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) विधानसभा क्षेत्र सुसनेर में विगत 05 वर्षों में 03 परियोजनाओं के निर्माण कार्य पूर्ण किया जाना प्रतिवेदित है तथा 03 परियोजनाएं निर्माणाधीन हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (घ) कीटखेड़ी मध्यम परियोजना अंतर्गत डूब क्षेत्र के ग्राम खेराना में डूब क्षेत्र की पूर्ण जलस्तर भराव की वास्तविक स्थिति पर आंशिक रूप से प्रभावित 41 कृषकों के मुआवजा प्रकरण प्रक्रियाधीन है। उक्त कृषकों का मुआवजा प्रकरण आपसी सहमति क्रय नीति के अंतर्गत भू-अर्जन अधिकारी आगर मालवा को प्रेषित करने की कार्यवाही की जा रही है। नहर के 07 ग्रामों के कुल 22 कृषकों का भू-अर्जन प्रकरण अवार्ड हेतु प्रक्रियाधीन है। 10 शिकायती आवेदन पत्र प्राप्त होना प्रतिवेदित है। शिकायतों का निराकरण कर कार्यवाही की जा रही है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है। विलम्ब के लिए कोई अधिकारी/कर्मचारी दोषी नहीं है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''स'' अनुसार है।
विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत उत्पादित संतरे के व्यवस्थापन
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
97. ( क्र. 4982 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र सुसनेर अन्तर्गत विगत 03 वर्ष में कितने संतरे उत्पादित हुए हैं एवं विभाग द्वारा संतरे उत्पादन को प्रोत्साहन देने हेतु संचालित योजनाओं में विधानसभा क्षेत्र सुसनेर के कितने कृषकों को लाभान्वित किया हैं? तहसीलवार विवरण देवें? अनुदान पर बांस उपलब्ध कराने की कोई योजना हैं? यदि हाँ, तो पृथक से विवरण देवें? (ख) समूचे मध्यप्रदेश में विगत 03 वर्ष में कितने संतरे उत्पादित हुए हैं? जिलेवार विवरण देवें? (ग) क्या जिला आगर एवं शाजापुर अंतर्गत प्रचुर मात्रा में संतरे का उत्पादन हो रहा हैं? यदि हाँ, तो संतरा उत्पादक किसानो को संतरे का उचित मूल्य मिले इस हेतु विभाग की कोई कार्ययोजना हैं? यदि हाँ, तो क्या विवरण देवें? (घ) विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत सुसनेर अंतर्गत संतरा प्रोसेसिंग प्लांट एवं संतरे से जुड़े उद्योग स्थापना हेतु प्रश्नकर्ता द्वार कोई प्रस्ताव प्रेषित किया था या मांग की गई थी? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की गई विवरण देवें? यदि नहीं, तो क्या स्वप्रेरणा से प्रचुर संतरा उत्पादन प्रबंधन हेतु कोई प्रभावी कार्यवाही की जावेगी?
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) विधानसभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत विगत 03 वर्षों में उत्पादित संतरे तथा लाभांवित कृषकों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र- अ अनुसार है। अनुदान पर बांस उपलब्ध कराने की कोई योजना विभाग में संचालित नहीं है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) जी हाँ। संतरा उत्पादक किसानों को उचित मूल्य मिले इस हेतु आगर जिले में कृषक उत्पादक समूह है जिसके द्वारा मालवा फ्रेश के नाम से विपणन किया जा रहा है, समूह के सदस्यों की सहायता हेतु दिल्ली की आजादपुर मण्डी में संतरा विक्रय हेतु आवश्यक सहयोग दिया जा रहा है। प्रदेश में उद्यानिकी उत्पादों के विपणन की व्यवस्था हेतु विशेषज्ञों की सहायता लेने हेतु उन्हें सूचीबद्ध किया गया है। (घ) जी हाँ। खाद्य प्रसंस्करण इकाई की स्थापना राज्य शासन द्वारा नहीं की जाती है। सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए विभाग द्वारा विशिष्ट वित्तीय सहायताओं का प्रावधान किया गया है, जिसका लाभ निजी निवेशक ले सकते है। संतरा आधारित उद्योग स्थापित करने हेतु निजी निवेशकों से प्रस्ताव प्राप्त करने हेतु विज्ञप्ति प्रकाशित की गई किन्तु कोई आवेदन प्राप्त नहीं हुआ।
भाण्डेर विधानसभा की सिंचाई व्यवस्था
[जल संसाधन]
98. ( क्र. 5017 ) श्री घनश्याम पिरोनियाँ : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या हरदई.1, हरदई.2, धनपीपरी माईनर से किसानो को एक बूंद पानी नहीं मिल रहा है? क्या रामगढ़, ततारपुर, अस्टोट माईनर के अंतिम छोर में किसानों को पानी नहीं मिल रहा है? (ख) क्या इन माईनरों के सुधार हेतु प्राक्कलन तैयार कर प्रशासकीय/वित्तीय स्वीकृति हेतु प्रस्ताव लंबित है? क्या इन माईनरों के अतिरिक्त अन्य माईनर/सब माईनरों की स्थिति खराब होने से उनकी मरम्मत की जाना है? भाण्डेर में कई क्षेत्रों में पानी का अभाव है? (ग) क्या उ.प्र. चिरगांव से निकलकर गोदन जाने वाली नहर के लाईनिंग का करोड़ों का ठेका दे दिया गया है? जबकि उक्त नहर जमीन की सतह से नीचे खोदी गई है और कहीं भी अभी लाईनिंग की जरूरत नहीं है। (घ) क्या जब तक भाण्डेर विधानसभा की प्रश्नांश (क),(ख) की माईनरों/सवमाईनरों की मरम्मत का कार्य नहीं हो जाता और चिरगांव गोदन नहर का उच्चस्तरीय समिति द्वारा निरीक्षण एवं भौतिक सत्यापन नहीं हो जाता तब तक इस ठेके को स्थगित रखा जाएगा।
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) धनपीपरी माईनर की आर.डी. 18.250 कि.मी. पर स्थित एक्वाडक्ट के पास अपस्ट्रीम में ग्रामीणों द्वारा रास्ता बनाने एवं नहर के निर्माण में त्रुटि होने से सिंचाई नहीं होना प्रतिवेदित है। रामगढ़, ततारपुर, अस्टोट माईनर के अंतिम छोर तक पानी उपलब्ध करा दिया जाना प्रतिवेदित है। (ख) जी हाँ। धनपीपरी माईनर के लिये रू.173 लाख का विशेष सुधार कार्य का प्राक्कलन प्रमुख अभियंता कार्यालय में परीक्षणाधीन है। रामगढ़ माईनर ततारपुर सब माईनर के सुधार कार्य हेतु प्रस्ताव तैयार किए जा रहे हैं तथा अस्टोट माईनर के सुधार हेतु निविदा की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ग) जी हाँ। तकनीकी रूप से आवश्यक होने से लाईनिंग कार्य प्रस्तावित की जाना प्रतिवेदित है। (घ) जी नहीं। ठेके के कार्य को स्थगित रखा जाना कृषकों के हित में उचित नहीं है। उच्चस्तरीय समिति से भौतिक सत्यापन कराने की स्थिति नहीं है।
पंडित लक्ष्मी नारायण शर्मा कृषि उपज मंडी करोंद भोपाल का निर्माण
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
99. ( क्र. 5020 ) श्री आरिफ अकील : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा पंडित लक्ष्मी नारायण शर्मा कृषि उपज मंडी करोंद भोपाल का निर्माण कार्य कराया गया है? यदि हाँ, तो कब व कितनी भूमि पर किया गया? (ख) शासन द्वारा मण्डी निर्माण हेतु किस-किसके स्वामित्व की कितनी-कितनी भूमि अधिग्रहित की गई और किस-किसको कितनी-कितनी राशि का कब-कब मुआवजा दिया गया? भूमि के स्वामी का नाम, खसरा नम्बर उपलब्ध करावें?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ। 113.86 एकड़ भूमि पर कराये गये निर्माण कार्यों की विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।
BOT एवं ANNUITY के अंतर्गत होने वाले कार्य
[लोक निर्माण]
100. ( क्र. 5028 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में BOT एवं BOT+ANNUITY के अंतर्गत विभिन्न कार्यों का निर्माण हुआ है? (ख) यदि हाँ, तो जबलपुर संभाग में कितने कार्य किन-किन योजनाओं में कितनी-कितनी राशि के स्वीकृत है वर्ष 2012-13 से जिलेवार, विधानसभा क्षेत्रवार वर्षवार विवरण दें। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार स्वीकृत कार्यों में कितने कार्य पूर्ण एवं अपूर्ण/निर्माणाधीन हैं? कौन-कौन से कार्य किस-किस निर्माण एजेंसी (फर्म/ठेकेदार) द्वारा कराये गये है वर्षवार पृथक-पृथक विवरण दें। (घ) प्रश्नांकित कार्यों की गुणवत्ता एवं राशि के दुरूपयोग हेतु प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा पत्र क्रमांक 1308 दिनांक 28.9.16 एवं पत्र 1370 दिनांक 06.10.16 के संदर्भ में क्या कार्यवाही की गई? पत्रवार, कार्यवाहीवार विवरण दें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (घ) प्रश्नांकित पत्र क्रमांक 1308 दिनांक 28.09.2016 अप्राप्त है एवं पत्र क्रमांक 1370 दिनांक 06.10.2016 पर की गई कार्यवाही की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
आत्मा परियोजना अंतर्गत कराये गये कार्य
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
101. ( क्र. 5029 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी जिले में आत्मा परियोजना के अंतर्गत वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक तक कितनी-कितनी राशि बजट में किस-किस कार्य के लिये स्वीकृत की गई है? (ख) प्रश्नांश (क) की राशि में से उक्त परियोजना अंतर्गत कृषक प्रशिक्षण, कृषक पाठशाला, कब-कब, कहाँ-कहाँ, किस-किस की अध्यक्षता में आयोजित की गई? पृथक-पृथक विवरण दें। (ग) प्रश्नांश (ख) के कार्यों हेतु किस-किस दिनांक को कितनी-कितनी राशि अग्रिम किस-किस अधिकारी/कर्मचारी को दी गई? (घ) क्या उक्त राशि का व्यय विकासखंड के वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी अथवा विकासखंड स्तरीय समिति को दिये जाने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो प्रावधान का उल्लंघन कर मनमाने तरीके से बिना आत्मा परियोजना के अध्यक्ष से स्वीकृत कराये बिलों का भुगतान कराया गया है? यदि हाँ, तो पूरे प्रकरण की जाँच उच्च स्तरीय वरिष्ठ अधिकारी से कराई जावेगी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 एवं '3' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 एवं '3' अनुसार है। (घ) जी नहीं। भारत सरकार द्वारा जारी मार्गदर्शी निर्देशों में राशि का व्यय विकासखण्ड के वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी अथवा विकासखण्ड स्तरीय समिति को दिये जाने का प्रावधान नहीं है। शेष का प्रश्न नहीं उठता।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की जानकारी
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
102. ( क्र. 5096 ) श्री महेन्द्र सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना पन्ना जिले में कब से प्रभावशील है? इसके पहले कौन सी फसल बीमा योजना संचालित थी? फसलों की अधिसूचना जारी होने का क्या आधार एवं सिद्धांत है वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक किस ग्राम से कितने क्विंटल धान एवं गेहूँ की फसलों का उपार्जन किया गया? क्या मनमाने तरीके से पटवारियों की फर्जी जानकारी के आधार पर बिना किसी जाँच के फसलों की अधिसूचना जारी की जाती है और कई पटवारी हल्का में नियमानुसार फसल बोई जाने के बाद भी कई फसलों के लिये अधिसूचना से वंचित रह जाते है, जिससे कृषकों को फसल बीमा योजना का लाभ नहीं मिलता है? (ख) ऋणी कृषकों के फसल बीमा योजना के अन्तर्गत बैंकों द्वारा उनके खाते से राशि काटने के क्या नियम है? किस आधार किस फसल का अनुमान लगाकर मौजूदा मौसम में बैंक द्वारा राशि काटी जाती है स्पष्ट करें? (ग) पन्ना जिले में वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक कितने ऋणी एवं अऋणी कृषकों का फसल बीमा किया गया? बैंकवार, पटवारी हल्कावार वर्षवार मौसम खरीफ एवं रबी की ऋणी एवं अऋणी कृषकों की संख्या पृथक-पृथक उपलब्ध करावें? (घ) यदि ऋणी कृषक द्वारा यह फसल ही नहीं बोई गई जो उस पटवारी हल्का के लिये अधिसूचित है तो बैंक द्वारा सकी किस फसल की बीमा किया गया है बतावें तथा राशि काटने का औचित्य स्पष्ट करें?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना पन्ना जिले में खरीफ वर्ष 2016 से प्रभावशील है इसके पूर्व राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना संचालित थी। पिछले वर्ष के फसल विशेष के क्षेत्राच्छादन के आधार पर पटवारी हल्का में 100 हेक्टर या 100 हेक्टर से अधिक संभावित क्षेत्रफल होने पर पटवारी द्वारा प्रस्तावित होने पर अधीक्षक भू-अभिलेख द्वारा जिले के प्रस्ताव को आयुक्त भू-अभिलेख एवं बंदोबस्त ग्वालियर को प्रेषित किये जाते है, तदुपरांत आयुक्त भू-अभिलेख एवं बंदोबस्त ग्वालियर के द्वारा जिले के प्रस्ताव संचालक किसान कल्याण कृषि विकास भोपाल को प्रेषित किये जाते है, तदानुसार शासन द्वारा अधिसूचना जारी की जाती है। फसल उपार्जन फसल बीमा से संबंधित नहीं है। (ख) प्रधानमंत्री फसल बीमा योजनांतर्गत वे सभी कृषक जो अधिसूचित फसल बो रहे है, ओर वित्तीय संस्थनों से अल्पकालिक फसल ऋण ले रहे है, उन कृषकों का फसल बीमा अनिवार्य है। बैकों द्वारा किसान कैडिट कार्ड के माध्यम से अल्पकालिक फसल ऋण लेने वाले कृषकों का अधिसूचित फसलों के ऋणमान एवं घोषित क्षेत्र के आधार पर बीमित राशि से प्रीमियम राशि काटी जाती है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) राज्य सरकार द्वारा जारी अधिसूचना अनुसार अधिसूचित फसलों का ही बीमा किया जाता है, यदि ऋणी कृषक द्वारा पटवारी हल्का में अधिसूचित फसल नहीं बोई गई एवं इसकी सूचना संबंधित बैंक को दी है एवं तदानुसार फसल ऋण लिया है, तो बैंक द्वारा बीमा राशि नहीं काटी जायेगी।
विद्युत सामग्री का क्रय
[लोक निर्माण]
103. ( क्र. 5135 ) श्री अशोक रोहाणी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वि./यां. लोक निर्माण संभाग जबलपुर के तहत विद्युत सामग्री की खरीदी पर कितनी राशि व्यय हुई? कितनी राशि की विद्युत सामग्री का उपयोग नहीं किया गया? कितनी राशि की विद्युत सामग्री बेकार व अनुपयोगी पड़ी है एवं क्यों वर्ष 2013-14 से 2016-17 तक की उपसंभागवार जानकारी दें? (ख) प्रश्नांश (क) में कितनी-कितनी राशि की विद्युत सामग्री गीजर, पंखा, कूलर, एसी. की खरीदी कब-कब कहाँ-कहाँ से की गई? इसका सत्यापन कब किसने किया? (ग) क्या शासन प्रश्नांकित विद्युत सामग्री की खरीदी में की गई वित्तीय अनियमितता राशि का दुरूपयोग व भ्रष्टाचार की जाँच कराकर दोषी अधिकारियों पर कार्यवाही करेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'ब' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) किसी प्रकार की वित्तीय अनियमितता एवं राशि का दुरूपयोग नहीं किया गया है। अत: शेष कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मण्डियों में कृषि उपज के क्रय-विक्रय एवं व्यवस्थाएँ
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
104. ( क्र. 5151 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पर्याप्त वर्षों एवं लगातार विद्युत आपूर्ति के कारण कृषि उत्पादन बढ़ते हुए मण्डियों में कृषि उपज की आवक लगातार बढ़ती चली जा रही है और इस हेतु मण्डियों में उपज के तौल, रख-रखाव एवं मण्डी शुल्क नियमानुसार प्राप्त हो सके, इस हेतु अनेक व्यवस्थाएं की जा रही है? (ख) यदि हाँ, तो बताएं कि वर्ष 2012-13 से लेकर प्रश्न दिनांक तक (1) अरनिया पीथा मण्डी (2) खाचरौद नाका मण्डी (3) पिपलौद मण्डी (4) बडावदा मण्डी (5) रिगंनोद मण्डी (6) ढोढर मण्डी (7) कालूखेड मण्डी एवं सुबेडा क्षेत्र मण्डी क्षेत्रों सहित कृषि उपज क्रय-विक्रय के घोषित अघोषित चिन्हित, परपंरागत स्थानों पर किन-किन फसलों की कितनी आवक हुई? (ग) उपरोक्तानुसार चिन्हित विभिन्न जिलों की आवक का तौल किया गया, तौल करने की क्या व्यवस्था है, साथ ही भुगतान किस प्रकार किया जाकर मण्डी शुल्क किस प्रकार कितना वसूल किया गया? (घ) कृषि उपज को रखे जाने हेतु पर्याप्त शेड, गोडाउन उपलब्ध है अथवा और अधिक आवश्यकताएं है? क्या कृषि उपज आवक (गेट एन्ट्री) एवं जावक (गेट से निकासी) का मिलान कर निर्धारित उपज तौल का एवं प्राप्त मण्डी शुल्क का तौल पर्ची, कांटे इत्यादि से मिलान किया जाता है? बताएं।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ आवक पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) उत्तरांश "ख" के संबंध में जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) कृषि उपज मंडियों में कृषि उपज की आवक का तौल इलेक्ट्रानिक तौल कांटों के माध्यम से मंडी द्वारा अधिकृत अनुज्ञप्तिधारी तुलावटियों द्वारा कराया जाता है, साथ ही किसानों को भुगतान आर.टी.जी.एस./चैक/नगद द्वारा किया जाता है तथा व्यापारियों से मंडी शुल्क की वसूली चैक/नगद द्वारा की जाती है। प्रश्नाधीन अवधि में वर्षवार वसूले गये मंडी शुल्क की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (घ) जी हाँ। खाचरौद नाका मंडी जावरा, अरनियापीथा मंडी प्रांगण, उपमंडी कालूखेडा, उपमंडी बड़ावदा एवं उपमंडी पिपलौदा में पर्याप्त शैड एवं गोडाउन उपलब्ध है। उपमंडी ढोढर एवं रिंगनोद में ओपन प्लेटफार्म उपलब्ध है। अरनियापीथा मंडी एवं उपमंडी पिपलौदा में शेड की आवश्यकता को देखते हुए अतिरिक्त शेड निर्माण कार्य स्वीकृत कराकर कार्यादेश जारी किये जा चुके है। जी हाँ नियमानुसार मिलान किये जाने के निर्देश है।
आंगनवाड़ी भवनों का निर्माण कार्य
[लोक निर्माण]
105. ( क्र. 5159 ) श्री रणजीतसिंह गुणवान : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आष्टा विधान सभा क्षेत्र में पी.आई.यू. द्वारा विगत 5 वर्षों में भी आंगनवाड़ी भवनों का निर्माण पूर्ण नहीं किया गया है? (ख) यदि हाँ, तो क्यों? इसके लिये कौन जिम्मेदार है? (ग) अभी तक कितने भवन तैयार हो गये है तथा महिला बाल विकास विभाग को हस्तांतरित कर दिये गये हैं? (घ) जिन भवनों का कार्य पूर्ण हो गया है क्या वह निर्धारित मापदण्ड अनुसार बने हैं? इसकी जाँच किस अधिकारी द्वारा की गई है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी नहीं। (ख) प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (ग) 53 भवन पूर्ण एवं हस्तांतरित। (घ) जी हाँ। गुणवत्ता की जाँच समय समय पर परियोजना यंत्री, सहायक परियोजना यंत्री, एस.एक्यू.सी. के टीम लीडर एवं संभागीय परियोजना यंत्री द्वारा की गई है।
वसूली के साथ आपराधिक प्रकरण दर्ज कराया जाना
[जल संसाधन]
106. ( क्र. 5173 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बाण सागर बांध परियोजना अंतर्गत सिंचाई हेतु वर्ष 2012 से प्रश्नांश दिनांक तक में रीवा जिला अंतर्गत कितने नहरों के निर्माण हेतु विभाग द्वारा स्वीकृति प्रदान की गई का विवरण देते हुए बतावें कि उनमें से किन-किन कार्यों हेतु निविदाएं कब-कब बुलाई गई? निविदा अनुसार कार्यादेश किस कम्पनी/ठेकेदार/संविदाकार को कब-कब दिये गए? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार नहरों के निर्माण बाबत् कितनी-कितनी राशि स्वीकृत की गई का पृथक-पृथक विवरण देते हुए बतावें उनमें से किन-किन नहरों के निर्माण के लिए संविदाकारों को कितनी-कितनी राशि किन-किन माध्यमों से भुगतान की गई? उनमें से किन नहरों के निर्माण कार्य पूर्ण कर लिये गए तथा किन-किन के कार्य अधूरे है? जिन नहरों के कार्य पूर्ण नहीं हुए उनकी कार्यावधि कितनी बढ़ायी गई? (ग) प्रश्नांश (क) के नहरों के कार्यों की कार्यावधि बढ़ाये जाने से नहरों के निर्माण की कितनी लागत किस-किस नहर की बढ़ी का पृथक-पृथक विवरण देवें? कार्यों के समय पर पूर्ण न होने के लिए कौन-कौन अधिकारी एवं संविदाकार जवाबदार हैं? उनके ऊपर विभाग द्वारा कौन-कौन सी कार्यवाही प्रस्तावित की गई? (घ) प्रश्नांश (क) के नहरों के निर्माण कार्य समय पर पूर्ण न होने के कारण कितने हेक्टेयर जमीन के रकवे की सिंचाई बाधित हो रही है वर्तमान में कितने हेक्टेयर रकबे में सिंचाई रीवा जिले अंतर्गत किन-किन नहरों द्वारा की जा रही है? (ड.) प्रश्नांश (क) के नहरों का निर्माण समय पर पूरा नहीं किया गया, अग्रिम भुगतान संविदाकारों/कम्पनियों को कर दिया गया, कार्यावधि बढ़ाकर संबंधितों को अपरोक्ष रूप से लाभान्वित किया गया, इसके लिये संबंधित अधिकारी एवं कम्पनी/संविदाकारों को नियम विरूद्ध की गई राशि के भुगतान की वसूली अधिकारी/ठेकेदारों/कम्पनियों से करते हुए उनके विरूद्ध धोखाधड़ी का अपराध पंजीबद्ध करायेंगे? हाँ तो कब तक? अगर नहीं तो क्यों?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) स्वीकृत नहरों का, जिनका कार्य निर्धारित समय में पूर्ण नहीं हुआ है, उनके कार्य अवधि बढ़ाये जाने से लागत नहीं बढ़ी है। नहरों का निर्माण कार्य संविदाकारों से अनुबंध में निहित प्रावधान अनुसार समयवृद्धि दी जाकर कार्य कराया जाता है जिससे लागत बढ़ने का प्रश्न ही नहीं है। (घ) निर्माण कार्य अनुबंध में निहित शर्तों के अधीन प्रदान की गई समयवधि में पूर्ण हुयें हैं अथवा पूर्ण कराये जा रहे हैं, जिससे सिंचाई क्षमता बाधित नहीं हुई है। वर्तमान में रीवा जिला अंतर्गत समस्त नहरों से कुल रकबा 50,275 हेक्टर क्षेत्र में सिंचाई हो रही है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ड.) संविदाकारों को अग्रिम भुगतान नहीं किया गया है। उन्हें परोक्ष/अपरोक्ष रूप से लाभ नहीं पहुँचाया जाना प्रतिवेदित है। अतः किसी के विरूद्ध प्रकरण पंजीबद्ध कराने की स्थिति नहीं है।
दोषियों से राशि की वसूली कर आपराधिक प्रकरण दर्ज कराया जाना
[लोक निर्माण]
107. ( क्र. 5174 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा संभाग अंतर्गत लोक निर्माण विभाग की कितनी ऐसी सड़कें हैं जिनमें बाईपास का निर्माण कराया जा चुका है का विवरण देते हुए बतावें कि बाईपास किन-किन कस्बों/शहरों में दिये गए है? उन जगहों में कहाँ से कहाँ तक के आंतरिक सड़कों/मार्गों को छोड़ा गया है? (ख) प्रश्नांश (क) की निर्मित सड़कों/रोडो में किन-किन सड़कों में दृश्यता (विजन) की कमी सड़कों के निर्माण में संबंधित इंजीनियरों की गड़बड़ी से हुई? जबकि सड़क पर 40 से 50 मीटर की दूरी पर विजन क्लीयर होना चाहिये, यदि नियम है तो इसका पालन क्या रोडों के निर्माण किया गया? क्या प्रदेश सहित संभाग में एक्सीडेन्ट इन्हीं कारणों से हो रहे है? यदि हाँ, तो इसके सुधार बाबत् सरकार ने क्या योजना तैयार की है? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में जहां बाईपास का निर्माण हो चुका है, उनकी आंतरिक सड़कों को सुधारने एवं निर्माण की जवाबदारी किन-किन एजेन्सियों पर निहित की गई है? इन आंतरिक सड़कों के सुधार एवं निर्माण बाबत् शासन द्वारा कब-कब, कितनी-कितनी राशि जारी की गई, का विवरण वर्ष 2012 से प्रश्नांश तक का देवें? (घ) प्रश्नांश (क) की सड़कों/रोडों में प्रश्नांश (ख) अनुसार रोडों के निर्माण में नियमों का पालन न करने से हो रहे एक्सीडेंट के लिए कौन-कौन जवाबदार हैं? उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही प्रस्तावित करेंगे एवं प्रश्नांश (ग) अनुसार आंतरिक सड़कों के निर्माण एवं सुधार हेतु प्राप्त राशि का संबंधितों द्वारा उपयोग न कर रोडों का निर्माण मौके पर नहीं कराया गया, बल्कि फर्जी बिल वाउचर के आधार पर राशि आहरित कर ली गई? रोडे आज भी गड्ढों में तब्दील है, आवागमन बाधित है, इसके लिए दोषियों से राशि की वसूली के साथ आपराधिक प्रकरण दर्ज कराते हुए आंतरिक रोडों का निर्माण करायें? हाँ तो कब तक, अगर नहीं तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'अ-1' अनुसार है। (ख) कोई नहीं, निर्माणाधीन सड़क रीवा हनुमना एन.एच. 7 में दृश्यता (विजन) की कमी नहीं है। जी हाँ। जी नहीं, एक्सीडेन्ट होने का कारण विजन की कमी नहीं बल्कि यातायात नियमों का पालन नहीं किया जाना है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (घ) विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार एवं म.प्र. सड़क विकास निगम के अंतर्गत मार्ग निर्माण भारत सरकार सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय द्वारा निर्धारित मापदण्डों के अनुसार किया गया है। प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
निर्माण कार्यों की जानकारी
[लोक निर्माण]
108. ( क्र. 5185 ) श्री ओमकार सिंह मरकाम : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बोना बछरगांव गाड़ासरई मार्ग, डिण्डौरी बायपास मार्ग, रूसा छापामार मार्ग के निर्माण हेतु कितनी राशि स्वीकृत हुआ, कार्य कब प्रारंभ हुआ, पूर्ण कब हुआ, कितना राशि व्यय हुआ? कार्य में कितनी घनमीटर मुरूम लगी? मार्ग निर्माण में कितनी घनमीटर गिट्टी किस-किस साईज की लगी एक घनमीटर गिट्टी में किसकी लंबाई चौड़ाई की सड़क बनती है मार्गवार बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार निर्मित सभी मार्गों की वर्तमान में भौतिक स्थिति क्या है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं ''ब'' अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' में दर्शित है।
सिंचाई विभाग द्वारा स्टाप डेम की स्वीकृति
[जल संसाधन]
109. ( क्र. 5188 ) श्री गोवर्धन उपाध्याय : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिरोंज विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत जनपद पंचायत सिरोंज/लटेरी में विगत 3 वर्षों में सिंचाई विभाग के अंतर्गत कितने स्टॉप डेम की स्वीकृति प्रदान की गई है? किन-किन ग्राम पंचायतों में कितनी-कितनी लागत में स्वीकृति प्रदान की गई है? स्वीकृत कार्यों में से कितने कार्य पूर्ण हुए एवं कितने कार्य अपूर्ण है, अपूर्ण कार्यों को कब तक पूर्ण किया जावेगा वर्षवार जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार स्वीकृत कार्यों में से सभी कार्यों के प्रशासकीय स्वीकृति आदेश जारी हो चुके है? यदि हाँ, तो उनकी लागत क्या-क्या है? स्वीकृत स्टॉप डेम से कैचमेंट एरिया कितने हेक्टेयर क्षेत्रफल में है?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) सिरोंज विधान सभा अंतर्गत जनपद पंचायत सिरोंज/लटेरी में विगत 03 वर्षों में सिंचाई विभाग के अंतर्गत 02 बैराजों की स्वीकृति प्रदान की गई। विगत 03 वर्षों में कोई भी कार्य पूर्ण नहीं हुए है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट '1' अनुसार है। (ख) जी हाँ। विवरण संलग्न परिशिष्ट '1' के कॉलम 05 व 08 में दर्शाया गया है।
नागौद से ऊचेहरा रोड का निर्माण
[लोक निर्माण]
110. ( क्र. 5200 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले के नागौद विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत नागौद से ऊचेहरा रोड जो सड़क विकास निगम के द्वारा निर्मित किया जा रहा है। उक्त कार्य की निविदा किस ठेकेदार द्वारा किस कार्य आदेश से बनायी जा रही है तथा अनुबंध किस दिनांक को किया गया तथा कब तक कार्य पूर्ण करने की कार्य आदेश में सीमा निर्धारित है। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में ठेकेदार द्वारा कितना-कितना, क्या-क्या कार्य, कितनी राशि के किए गए विवरण दें। (ग) यदि उक्त रोड का निर्माण हो रहा है तो उसके लिए निर्माण स्थल में साइड लैब तथा अनुबंध में जिन मशीनों का उपयोग होना दर्शाया गया है क्या उस अनुसार कार्य स्थल पर मशीनें उपलब्ध है या नहीं बताएं। (घ) प्रश्नांश (क) (ख) (ग) के परिप्रेक्ष्य में अनुबंध की किन-किन शर्तों का उल्लघंन किया जा रहा है? क्या शासन द्वारा उच्च स्तरीय जाँच कराकर ठेके को निरस्त किया जायेगा यदि हाँ, तो कब तक नहीं तो क्यों कारण बताएं।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) दिनांक 17.10.2016 को ठेकेदार मे. एस.आर. कन्स्ट्रक्शन दिल्ली से अनुबंध किया गया एवं कार्यादेश क्रमांक 11016/एम.पी.आर.डी.सी./प्रोक्यू./डब्ल्यू.ओ. /उचेहरा बाईपास 295/2016 दिनांक 17.10.2016 में कार्य पूर्ण करने की अवधि 12 माह वर्षाकाल सहित है। (ख) जंगल सफाई एवं सर्वेक्षण का कार्य किया जा रहा है जिसका माप एवं आंकलन अभी तक नहीं किया गया है और न ही कोई भुगतान किया गया है। (ग) विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) किसी का नहीं। जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
भूमि अधिग्रहण न होने से कार्य में देरी के संबंध में
[लोक निर्माण]
111. ( क्र. 5201 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नागौद विधान सभा क्षेत्र के रीछुल से तलैहा मार्ग का एवं तलैहा से सलेहा मार्ग का निर्माण कार्य 75 प्रतिशत पूर्ण होने के बाद भी मार्ग का कुछ भाग पन्ना जिले में होने से भूमि अधिग्रहण न हो पाने के कारण अवरूद्ध है। (ख) यदि प्रश्नांश (क) हां, तो पन्ना कलेक्टर द्वारा अभी तक भूमि अधिग्रहण कर लोक निर्माण विभाग सतना को भूमि क्यों नहीं दी गई? कब तक दे दी जावेगी। (ग) प्रश्नांश (क) के मार्ग की निविदा बिना भूमि अधिग्रहण कराए क्यों की जाकर कार्य आदेश जारी किया गया? अधूरे वेष्ठित निर्माण पर की गई व्यय राशि के लिए कौन उत्तरदायी हैं। (घ) प्रश्नांश (क) (ख) (ग) में परिप्रेक्ष्य में शासन द्वारा उच्च स्तरीय जाँच कराकर रोड का निर्माण कब-तक चालू करा दिया जावेगा बताएं।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी नहीं, मात्र आंशिक रूप से मिट्टी का कार्य किया हैं, जिसका कार्य लागत अनुसार लगभग 4 प्रतिशत का कार्य होता हैं। जी हाँ। (ख) प्रकरण भू-अर्जन अधिकारी जिला पन्ना स्तर पर प्रचलन में है अतः समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (ग) मार्ग निर्माण की स्वीकृति अनुसार पूर्व से प्रचलित कच्चे मार्ग में कार्य हेतु कार्यादेश जारी किया गया, किन्तु कार्य प्रारंभ करने के उपरांत भू-स्वामियों द्वारा निजी भूमि बताकर कार्य नहीं करने दिया गया। किये गये कार्य का भुगतान नहीं किया गया। अतः कोई उत्तरदायी नहीं है। (घ) चूंकि कार्य पर कोई व्यय नहीं हुआ है। अतः किसी भी प्रकार की जाँच की आवश्यकता नहीं है। भू-अर्जन होने के बाद कार्य करवाना संभव होगा। अतः निर्माण कब तक चालू होगा, अभी बताना संभव नहीं।
साइफन का निर्माण
[जल संसाधन]
112. ( क्र. 5223 ) श्री शंकर लाल तिवारी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सतना जिले में धोबहट के पास बाण सागर परियोजना की अपर हेड पूर्वा केनाल में बुर्जुआ नदी पर साइफन का निर्माण 20 करोड़ की लागत से वर्ष 2006 में कराया गया था? क्या इसको बनाते समय इसकी उम्र 80 वर्ष आंकी गयी थी? (ख) क्या उक्त साइफन का निर्माण कराने वाली कन्स्ट्रक्शन कंपनी ने शासन द्वारा स्वीकृत ड्राइंग डिजायन के विपरीत पूरा निर्माण कार्य करा दिया था, जिसके कारण यह साइफन 8 साल में ही ढह गया? (ग) क्या उक्त साइफन के रिनोवेशन के लिए 11.50 करोड़ के वर्क आर्डर शासन द्वारा स्वीकृत किये जा चुके हैं? (घ) उक्त साइफन के गुणवत्ता की जाँच मुख्य तकनीकी परीक्षक म.प्र. से कब तक करा ली जावेगी? जाँच उपरांत इस साइफन निर्माण से जुड़े अधिकारियों एवं ठेकेदारों से शासकीय क्षति की वसूली करते हुए उनके विरूद्ध कब तक आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध कराया जायेगा?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी नहीं। वर्ष जनवरी 2006 में। लागत रू.01.857 करोड़। जी नहीं। (ख) जी नहीं। साइफन का निर्माण ठेकेदार द्वारा सक्षम अधिकारी की स्वीकृत ड्रांइग/डिजाईन के अनुसार संपादित किया जाना प्रतिवेदित है। निर्माण कार्य के पश्चात् विगत वर्षों में साइफन से नहर में जल प्रवाह किया जा रहा था। इस वर्ष जनवरी माह में सायफन के डाऊन स्ट्रीम में दोनों ट्रांजिशन स्ट्रक्चर के मध्य 25 मीटर। इसे ठीक कराकर नहर संचालन पुन: प्रारंभ कर दिया गया है। (ग) जी नहीं। पूरवा मुख्य नहर का सैंच्य क्षेत्र 59,267 हेक्टर से 78,484 हेक्टर बढ़ाये जाने के कारण नहर में बढ़े हुये जल प्रवाह की समुचित निकासी हेतु एक्वाडक्ट, लागत रू.10.49 करोड़ बनाया जाना प्रस्तावित है। प्रस्तावित कार्य की निविदा स्वीकृत की गई है। (घ) जी नहीं। साइफन की जाँच समय-समय पर वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा की गई है। अतः इसकी जाँच मुख्य तकनीकी परीक्षक से कराये जाने की आवश्यकता नहीं है। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते हैं।
बाय-पास मार्ग का निर्माण
[लोक निर्माण]
113. ( क्र. 5224 ) श्री शंकर लाल तिवारी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना रीवा मार्ग, सतना खजुराहो मार्ग, सतना चित्रकूट मार्ग, पन्ना रीवा बाय-पास मार्ग, सतना शहर के अंदर सड़कों में बड़े-बड़े गड्ढे, जर्जर सड़कों का निर्माण कार्य क्यों नहीं कराया जा रहा हैं? (ख) सतना बाय-पास मार्ग का निर्माण कार्य कब से चल रहा है? कब तक पूर्ण कर लिया जायेगा? कितने भूमि स्वामियों को कितना मुआवजा दिया जा चुका है? कितने भूमि स्वामियों का कितना-कितना मुआवजा भुगतान होना शेष है? (ग) उक्त कार्यों में अब तक कितने ठेकेदार बदले जा चुके हैं? इन ठेकेदारों को कितना पार्ट पेमेंट किया गया है? (घ) विभाग इस बाय-पास मार्ग को कब तक पूर्ण करा लेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक-75 में सतना-रीवा मार्ग के कि.मी. 157/8 से 161/8 में केवल चौड़ीकरण का कार्य कराया गया था वर्षा के दिनों में मार्ग के इस भाग में भी क्षति हुई थी किन्तु ठेकेदार द्वारा इसका सुधार कार्य करा दिया गया है। रीवा बायपास मार्ग बी.ओ.टी. योजना अंतर्गत संचालित है इस मार्ग में कोई गड्ढ़े नहीं है। सतना-रीवा, सतना-खजुराहो एवं सतना-चित्रकुट मार्ग का निर्माण अनुबंधानुसार कराया जा रहा है। (ख) दिनांक 13.08.2013 से। निश्चित तिथि बताना संभव नहीं। विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) केवल सतना-चित्रकुट मार्ग का ठेकेदार बदला गया है। पूर्व ठेका बी.ओ.टी. योजना में था जिससे सतना से मझगवां तक का कार्य किया परन्तु उसे कोई भुगतान नहीं किया गया। मझगवां से चित्रकुट मार्ग भाग ई.पी.सी. पद्धति पर निर्माणाधीन है जिसमें ठेकेदार को रूपये 17.82 करोड़ का भुगतान किया जा चुका है। (घ) निश्चित तिथि बताना संभव नहीं।
जलाशय का निर्माण कार्य अतिशीघ्र प्रारंभ किये जाने हेतु
[जल संसाधन]
114. ( क्र. 5233 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या परासिया विधान सभा क्षेत्र के अन्तर्गत ग्राम बालकछार के कौआनाला कछार (ढाना) में जलाशय निर्माण की स्वीकृति शासन के द्वारा लगभग एक वर्ष पूर्व प्रदान की जा चुकी है? परन्तु उपरोक्त जलाशय का निर्माण कार्य विभाग द्वारा अभी तक प्रारंभ नहीं किया गया है? जलाशय निर्माण कार्य प्रारंभ नहीं किये जाने का क्या कारण है? (ख) क्या उपरोक्त जलाशय के निर्माण के संबंध में कुछ ग्रामीणों व किसानों द्वारा आपत्ति दर्ज की गई थी और प्राप्त आपत्तियों पर विभाग द्वारा कोई उचित निराकरण न करते हुए, उपरोक्त जलाशय निर्माण की प्राप्त स्वीकृति को निरस्त कराये जाने हेतु कार्यवाही की जा रही है। (ग) क्या उपरोक्त जलाशय निर्माण हेतु संबंधित एवं आसपास की ग्राम पंचायतों के द्वारा जलाशय निर्माण हेतु विभाग को अनापत्ति प्रमाण पत्र भी प्रदान किये जा चुके हैं परन्तु फिर भी विभाग के द्वारा जलाशय का निर्माण कार्य प्रारंभ क्यों नहीं कराया जा रहा है? उपरोक्त जलाशय का निर्माण कार्य का टेन्डर विभाग द्वारा कब तक लगाते हुए जलाशय निर्माण का कार्य प्रारंभ करवा दिया जायेगा? (घ) उपरोक्त जलाशय के निर्माण कार्य प्रारंभ किए जाने हेतु प्रश्नकर्ता द्वारा कार्यपालन यंत्री, जल संसाधन विभाग, छिन्दवाड़ा को कार्यालयीन पत्र क्र. वि.स./परासिया/127/2017/ 1124 दिनांक 11/02/2017 के माध्यम से अवगत कराया गया है जिस पर विभाग द्वारा अभी तक क्या कार्यवाही की गई है?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी नहीं। परियोजना की साध्यता स्वीकृति दिनांक 16.12.2015 को दी जाकर डी.पी.आर. बनाने के निर्देश दिये गये हैं। जन विरोध के कारण सर्वेक्षण कार्य नहीं हो सका है। शेष प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होते हैं। (ख) जी हाँ। 90 कृषकों द्वारा आपत्ति दर्ज की जाना प्रतिवेदित है। ग्राम पंचायत चारनखापा द्वारा बाँध निर्माण नहीं कराने का निर्णय सर्व सम्मति से पारित कर कार्यपालन यंत्री को पत्र दिनांक 07.01.2016 द्वारा सूचित किया गया है। जी हाँ, निरस्तीकरण प्रस्ताव प्रेषित किया जाना प्रतिवेदित है। (ग) जी नहीं। डूब क्षेत्र के कृषकों द्वारा जन विरोध के कारण सर्वेक्षण कार्य कराना संभव नहीं है। शेष प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होते हैं। (घ) जी हाँ। उत्तरांश 'ग' अनुसार।
कृषकों को बीमा की राशि का प्रदाय
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
115. ( क्र. 5234 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मौसम आधारित फसल बीमा योजना के अंतगत एच.डी.एफ.सी. एग्रो इन्श्योरेंस कंपनी के द्वारा छिन्दवाड़ा जिले के कितने किसानों की खरीफ की फसलें (टमाटर, फूलगोभी, पत्ता गोभी आदि) का बीमा किया गया है? प्रत्येक विधान सभा क्षेत्रवार किसानों की संख्या उपलब्ध करायें। (ख) एच.डी.एफ.सी. एग्रो इन्श्योरेंस कंपनी में कृषकों के द्वारा अपनी फसलों की बीमित राशि का 5 प्रतिशत राशि जमा की गई थी और बाकी 5 प्रतिशत राशि शासन के द्वारा कंपनी में जमा कराना था? क्या यह बीमा की राशि कंपनी के पास जमा करा दी गई है? अगर राशि जमा करा दी गई तो परासिया क्षेत्र के जिन कृषकों की 80 प्रतिशत तक फसलें खराब हुई हैं, उन किसानों को खराब फसलों का कंपनी द्वारा कोई मुआवज़ा (क्लेम) आज तक क्यों प्रदान नहीं किया गया है? मुआवज़ा प्रदान नहीं किए जाने का क्या कारण है? (ग) संपूर्ण छिन्दवाड़ा में एच.डी.एफ.सी. एग्रो इन्श्योरेंस कंपनी द्वारा किसानों की खरीफ की फसलें (टमाटर, फूलगोभी, पत्ता गोभी आदि) का मुआवजा (क्लेम) कब तक कृषकों को प्रदान कर दिया जायेगा?
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) छिंदवाड़ा जिले में 4950 कृषकों ने खरीफ की फसल टमाटर, बैगन, प्याज, मिर्च एवं संतरा हेतु बीमा कराया है। फूलगोभी एवं पत्तागोभी खरीफ मौसम में अधिसूचित नहीं है। प्रश्नांश के शेष भाग की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) कृषकों द्वारा अपना 5 प्रतिशत अंश प्रश्नाधीन बीमा कंपनी को जमा कर दिया गया है। राज्यांश की राशि 5 प्रतिशत जमा नहीं की जानी थी अपितु अनुमोदित फसलवार जिलेवार निविदा दरों में से कृषक अंश घटाने पर शेष राशि का 50 प्रतिशत राज्यांश राशि जमा की जानी है। आंशिक राज्यांश राशि रूपये 7.91 करोड़ का भुगतान बीमा कंपनी को किया जा चुका है। कम्पनी को केन्द्रांश राशि प्राप्त होना शेष हैं। मौसम आधारित फसल बीमा योजना में फसल की वास्तविक क्षति का आंकलन नहीं किया जाता है बल्कि जो मौसम के मापदण्ड यथा तापमान, आद्रता, हवा की गति इत्यादि का मानक से विचलन मापा जाता है और विचलन के आधार पर क्षति की गणना बीमा कंपनी द्वारा की जाती है। बीमा दावे की गणना कार्य पूर्ण होने के उपरांत तथा केन्द्रांश की राशि प्राप्त होने पर बीमा दावा भुगतान की कार्यवाही का प्रावधान है। बीमा दावे की गणना प्रक्रियाधीन होने तथा केन्द्रांश राशि न मिलना दावा/मुआवजा प्रदान न करने का कारण है। (ग) फसल की पॉलिसी अवधि समाप्त होने के पश्चात्, राज्यांश, केन्द्रांश अनुदान राशि प्राप्त होने के 45 दिन के अंदर दावा भुगतान किये जाने की समय-सीमा निर्धारित है।
जल संसाधन विभागीय स्तर पर सिंचाई सुविधा
[जल संसाधन]
116. ( क्र. 5250 ) श्री सचिन यादव : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खरगोन जिले में कृषि क्षेत्रों में सिंचाई सुविधा के विस्तार और कृषि उत्पादन को बढ़ाने के लिये तालाब, पुरानी जल संग्रहण संरचनाओं का सुधार, जीर्णोद्धार एवं जल वितरण एवं भू-जल दोहन के लिए नहरों के निर्माण, नहरों की लाईनिंग, जल वितरण प्रणाली, उद्वहन सिंचाई व मुख्य नहरों से सिंचाई व अन्य कार्यों की योजनाओं के अंतर्गत किस-किस कार्य योजनान्तर्गत प्रस्ताव कब-कब भेजे गए? जनवरी 2017 की स्थिति में कौन-कौन से प्रस्ताव कब-कब स्वीकृत किये गए? कौन-कौन से लंबित है एवं क्यों? स्वीकृति की राशि, निर्माण एजेंसी के नाम सहित बतावें? कौन-कौन से निर्माण स्वीकृति के पश्चात् अभी तक किस कारण से अप्रारंभ? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार कसरावद विधान सभा क्षेत्र में कार्यों की स्थिति क्या है? कितने ग्रामों व क्षेत्रों में सिंचाई सुविधा उपलब्ध है और कितने ग्राम व क्षेत्र सिंचाई सुविधाओं से वंचित है और क्यों? ग्रामवार तत्संबंधी ब्यौरा क्या है? इन ग्रामों में सिंचाई पानी उपलब्ध कराने के लिए क्या कार्ययोजनाएं क्रियान्वित की जा रही है और कब तक इन्हें सिंचाई सुविधाएं उपलब्ध करा दी जायेगी? (ग) जनवरी, 2014 से प्रश्नांकित अवधि में प्रश्नकर्ता द्वारा जिला स्तर, शासन स्तर एवं विभागीय स्तर पर जल संसाधन विभाग को किस-किस कार्य, निर्माण हेतु भेजे गये पत्रों पर की गयी कार्यवाही से अवगत न कराये जाने के क्या कारण है? कौन-कौन से प्रस्ताव स्वीकृत हेतु प्रक्रियाधीन है? कौन-कौन से स्वीकृत हैं? कार्ययोजनान्तर्गत कार्यवार नाम सहित तत्संबंधी ब्यौरा क्या है?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के ''प्रपत्र-अ'' अनुसार है। स्वीकृत कार्य अप्रारंभ की स्थिति में नहीं होना प्रतिवेदित है। (ख) कसरावद विधान सभा क्षेत्र में जल संसाधन संभाग, खरगोन के अधीन 51 लघु सिंचाई परियोजनाएं संचालित हो रही हैं, जिनसे 112 ग्रामों में सिंचाई का लाभ दिया जा रहा है। अम्बकनाला तालाब की नहरों के विस्तारीकरण से 6 ग्रामों में सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराना लक्षित है। विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के ''प्रपत्र-ब'' अनुसार है। इसके अतिरिक्त नर्मदाघाटी विकास विभाग अंतर्गत 2 वृहद एवं 1 मध्यम परियोजना के कमाण्ड में ग्रामों को सिंचाई का लाभ दिया जाना प्रतिवेदित है। वर्तमान में अन्य कोई परियोजना प्रस्तावित नहीं है। (ग) प्रश्नाधीन अवधि में मान. सदस्य से प्राप्त पत्रों पर की गई कार्यवाही की अद्यतन स्थिति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के ''प्रपत्र-स'' अनुसार है।
तालाबों के रख-रखाव व निर्माण कार्य
[जल संसाधन]
117. ( क्र. 5251 ) श्री सचिन यादव : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनवरी 2014 से प्रश्नांकित दिनांक तक धामनोद नाला तालाब, अमर बगवा तालाब, डाबरी तालाब, हिरापुर तालाब, दोमाडा तालाब, बिलिदड तालाब, ढाबा तालाब एवं सादडबन तालाबों के बांध एवं नहर सुधार कार्य किये जाने के लिए खरगोन जिले से किस-किस कार्ययोजनान्तर्गत प्रस्ताव शासन एवं विभागीय स्तर पर भेजे गए? जनवरी 2017 की स्थिति में कौन-कौन से प्रस्ताव स्वीकृत किये गये? (ख) कौन-कौन से लंबित है एवं क्यों? स्वीकृति की राशि निर्माण एजेंसी के नाम सहित बतावें? कौन-कौन से निर्माण स्वीकृति के पश्चात् अभी तक किस कारण से अप्रारंभ है?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) प्रश्न में उल्लेखित तालाबों के बांध/नहर की मरम्मत एवं सुदृढ़ीकरण का कोई प्रस्ताव शासन स्तर पर विचाराधीन नहीं है। वस्तुस्थिति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
सड़क का उन्नयन
[लोक निर्माण]
118. ( क्र. 5261 ) श्री महेश राय : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या धनोरा-बेलई तिगड्डा से ग्राम भानगढ़ तक सड़क मार्ग का क्या उन्नयन करने का प्रावधान है? (ख) यदि नहीं, तो क्यों उक्त सड़क मार्ग पर वेयर हाउस के वाहनों एवं लगभग 30-35 ग्रामों के नागरिकों का आवागमन है? (ग) क्या उक्त सड़क के उन्नयन हेतु विभाग द्वारा पूर्व में सर्वे कराया गया था, तो सड़क निर्माण स्वीकृति में विलंब क्यों हो रहा है? (घ) प्रश्नांश (क) के अनुसार उक्त सड़क निर्माण कार्य कब तक स्वीकृत हो जायेगा।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी नहीं। (ख) जी हाँ। (ग) जी नहीं, प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
समर्थन मूल्य तय किया जाना
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
119. ( क्र. 5283 ) श्री गोविन्द सिंह पटेल : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नरसिंहपुर की गाडरवारा विधान सभा क्षेत्र में तुअर, मसूर, बटरी, चना आदि की जो फसलों की खेती की जाती है, उनका इस वित्तीय वर्ष में क्या समर्थन मूल्य तय किया गया है? बिन्दुवार जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार किसान को समर्थन मूल्य के खरीदी हेतु उचित मूल्य मिले इसके लिए सरकार/विभाग द्वारा क्या व्यवस्थाय की जा रही है? (ग) यदि समर्थन मूल्य पर दलहन फसलों की उचित खरीदी नहीं होती है, तो किसानों को हानि न हो इसके लिए सरकार/विभाग द्वारा कोई व्यवस्था की जाएगी? यदि हाँ, तो क्या? यदि नहीं, हो क्यों?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) नरसिंहपुर जिले की गाडरवारा विधान सभा क्षेत्र में तुअर, मसूर, बटरी, चना आदि फसलों की खेती की जाती है। इस वित्तीय वर्ष में भारत सरकार द्वारा निर्धारित समर्थन मूल्य की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) गाडरवारा विधान सभा क्षेत्र में किसानों को समर्थन मूल्य पर तुअर खरीदी हेतु कृषि उपज मंडी गाडरवारा में एफ.सी.आई. द्वारा खरीदी की जा रही है। (ग) उत्तरांश (ख) अनुसार शेष का प्रश्न नहीं।
पुल निर्माण की स्वीकृति
[लोक निर्माण]
120. ( क्र. 5284 ) श्री गोविन्द सिंह पटेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नरसिंहपुर की गाडरवारा विधान सभा क्षेत्र में अमाड़ा से इमलिया बगलई तक लोक निर्माण विभाग से सड़क स्वीकृत है? यदि हाँ, तो क्या उसका कार्य प्रारंभ हो गया है? (ख) क्या इमलिया के पास जहां से सड़क बननी है वहां से बहने वाली उमर नदी पर पुल बनना स्वीकृत नहीं है? यदि हाँ, तो पुल बनाने हेतु विभाग द्वारा क्या कार्यवाही गई है? (ग) क्या पुल निर्माण हेतु विभाग द्वारा अलग से निविदा आमंत्रित की जाएगी? यदि हाँ, तो कब तक कार्यवाही पूर्ण कर पुल निर्माण किया जाएगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। कार्य प्रगति पर है। (ख) जी हाँ। वर्तमान में कोई कार्यवाही प्रस्तावित नहीं। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
सिंचाई साधनों पर व्यय की गई राशि
[जल संसाधन]
121. ( क्र. 5291 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनूपपुर जिले में जनवरी, 2014-15 एवं 2015-16 में सिंचाई हेतु कितने तालाब, बांध या अन्य साधन थे? इनसे कितनी भूमि सिंचित होती थी? नाम सहित जानकारी प्रदाय करें। (ख) विधान सभा क्षेत्र पुष्पराजगढ़ अनूपपुर में उक्त अवधि तक सिंचाई हेतु कितने तालाब, बांध या अन्य साधन हैं? इनमें से कितनी भूमि सिंचित होती है। नाम सहित जानकारी प्रदाय करें। (ग) विधान सभा क्षेत्र पुष्पराजगढ़ में प्रश्न दिनांक तक सिंचाई हेतु कितनी सिंचाई की परियोजनायें है, जो पूर्ण नहीं हुई है। नाम सहित जानकारी दें एवं प्रश्न दिनांक तक उनमें कितना व्यय हो चुका है? (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के अनुक्रम में उक्त अवधि में सिंचाई उपलब्ध तालाब, बांध या अन्य साधनों में कितनी-कितनी राशि व्यय की गई है?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''स'' अनुसार है। (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के अनुक्रम में प्रश्नाधीन अवधि में परियोजना में किये गये व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ एवं ब' अनुसार है।
किसानों को नल-कूप खनन हेतु अनुदान की स्वीकृति
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
122. ( क्र. 5292 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राज्य पोषित नल-कूप खनन योजना के तहत प्रदेश की सहायता निधि से अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के कृषकों को अनुदान स्वीकृत करने के क्या राज्य शासन के निर्देश हैं? यदि हाँ, तो प्रावधान अथवा निर्देशों की प्रति उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार अनूपपुर जिले में वर्ष 2014-15, 2015-16 एवं प्रश्न दिनांक तक कितने कृषकों को अनुदान स्वीकृत किया गया है? कृषकों की संख्या, स्वीकृत अनुदान, नल-कूप खनन का स्थान सहित विधान सभा क्षेत्रवार जानकारी उपलब्ध करायें। (ग) जिला अनूपपुर के विधान सभा क्षेत्र पुष्पराजगढ़ अंतर्गत विगत दो वर्षों में कितने कृषकों को नल-कूप खनन हेतु अनुदान राशि स्वीकृत की जा चुकी है? संख्या बतायें तथा कितने कृषकों को अनुदान राशि स्वीकृत किया जाना प्रस्तावित है।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ। राज्य पोषित नल-कूप खनन योजना के प्रावधान अथवा निर्देशों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) अनूपपुर जिले में वर्ष 2014-15, 2015-16 एवं प्रश्न दिनांक तक कुल 68 कृषकों को अनुदान राशि रू. 25.39 लाख स्वीकृत कर भुगतान किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (ग) जिला अनूपपुर के विधान सभा क्षेत्र पुष्पराजगढ़ अंतर्गत विगत दो वर्षों में 14 कृषकों को नल-कूप खनन की अनुदान राशि रू. 5.59 लाख स्वीकृत कर भुगतान किया जा चुका है तथा विगत दो वर्षों में कृषकों के नल-कूप खनन का अनुदान भुगतान लंबित नहीं है।
विक्रेता के विरूद्ध कार्यवाही
[सहकारिता]
123. ( क्र. 5302 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सेवा सहकारी संस्था मछण्ड विकासखण्ड रौन (भिण्ड) के तत्कालीन समिति प्रबंधक श्री सुरेन्द्र गौतम ने नियम विरूद्ध अपने भाई श्री अरविन्द गौतम को विक्रेता के पद पर नियुक्त कर लगभग 4 माह की खाद्य सामग्री मिट्टी का तेल आदि की कालाबाजारी किये जाने की शिकायत उपभोक्ताओं द्वारा किये जाने पर जाँच में आरोप सिद्ध पाये जाने पर शिकायतकर्ता के आरोप सिद्ध पाये गये थे? (ख) उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में क्या अनुविभागीय अधिकारी राजस्व लहार ने शाखा प्रबंधक केन्द्रीय सहकारी बैंक शाखा मिहोना को पत्र क्रमांक 1592 दिनांक 01.10.2016 आवश्यक कार्यवाही हेतु पत्र लिखा था? (ग) यदि हाँ, तो उक्त दोषी विक्रेता के विरूद्ध एफ.आई.आर. दर्ज कराकर राशि वसूल न करने के लिए संबंधित दोषी अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ, कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी रौन, जिला भिण्ड द्वारा की गई जाँच में सेवा सहकारी संस्था मछण्ड द्वारा मछण्ड में संचालित उचित मूल्य की दुकान में अनियमितता होना पाया गया। (ख) अनुविभागीय अधिकारी एवं अनुज्ञापन अधिकारी लहार, जिला भिण्ड के आदेश क्रमांक 1592 दिनांक 01.10.2016 द्वारा सेवा सहकारी संस्था मछण्ड द्वारा संचालित उचित मूल्य की दुकान मछण्ड में राशि रू. 27,95,201/- की राशन सामग्री के अपयोजन एवं अन्य अनियमितताओं के आधार पर सेवा सहकारी संस्था अचलपुरा को वितरण व्यवस्था का कार्य सौंपा गया तथा उक्त आदेश की प्रति शाखा प्रबंधक जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक भिण्ड की शाखा मिहोना को आवश्यक कार्यवाही हेतु दी गई। (ग) प्रश्नांश (ख) में अनुविभागीय अधिकारी एवं अनुज्ञापन अधिकारी लहार जिला भिण्ड द्वारा जारी आदेश दिनांक 01.10.2016 में राशि रू. 27,95,201/- का उल्लेख है किन्तु शाखा प्रबंधक जिला सहकारी बैंक मिहोना द्वारा अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) परगना लहार को प्रेषित पत्र क्र. 2016/पी.डी.एस./64 दिनांक 26.10.2016 में राशि रू. 1,47,834/- का उल्लेख है, जो जमा की जा चुकी है। अत: दोनों राशियों में असमानता होने के कारण प्रकरण की जाँच एवं कार्यवाही हेतु कलेक्टर जिला भिण्ड को लेख किया गया है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
कृषि उपज मण्डी में सड़क निर्माण की स्वीकृति
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
124. ( क्र. 5303 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2015-16, 2016-17 में किसान सड़क निधि की राशि से प्रदेश के जबलपुर एवं ग्वालियर चबंल संभाग के किन-किन जिलों की किन-किन मण्डी क्षेत्रान्तर्गत सड़कों निर्माण की स्वकृति दी गई है एवं निर्माण कार्य कराये गये है? (ख) क्या प्रश्नकर्ता ने कृषि उपज मण्डी समिति लहार (भिण्ड) में सड़क निर्माण की स्वीकृति दिये जाने बाबत् पत्र माननीय मंत्री, प्रमुख सचिव एवं आयुक्त मण्डी को वर्ष 2016 में दिया था? यदि हाँ, तो स्वीकृति न देने क्या-क्या कारण है? (ग) कृषि उपज मण्डी समिति लहार तथा आलमपुर में पिछले 3 वर्ष में कौन-कौन से कार्य हेतु किन-किन ठेकेदारों की निविदा स्वीकृत की गई है? स्वीकृत निविदाओं में अभी तक किन-किन ठेकेदारों ने अनुबंध के अनुसार अभी तक कार्य प्रारंभ नहीं किये गये हैं तथा उनके विरूद्ध अनुबंध अनुसार क्या कार्यवाही की गई? स्वीकृत कार्य कब तक पूर्ण कराये जावेंगे। (घ) उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में क्या मिट्टी परीक्षण केन्द्र लहार का निर्माण कार्य किया जाना प्रस्तावित है? यदि हाँ, तो निर्माण कार्य कब तक प्रारंभ किया जावेगा? (ड.) कृषि उपज मण्डी समिति लहार एवं आलमपुर के कौन-कौन से कर्मचारी वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में बिना मण्डी समिति अध्यक्ष की सहमति के किन-किन अन्तर्राज्यीय चौकियों में कितने-कितने समय हेतु पदस्थ किये गये? पूर्ण विवरण दें। (च) उपरोक्त कृषि उपज मण्डी समितियों के चौकियों पर पदस्थी के समय के वेतन भत्ते संबंधित मण्डी समितियों को भुगतान कराया जावेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी नहीं। (ख) जी हाँ। प्राप्त प्रस्ताव में प्रस्तावित कार्यों की स्वीकृति हेतु तकनीकी संभाग मुरैना से प्रथम स्तरीय प्राक्कलन प्राप्त किये गये हैं, जिसमें प्रस्तावित कार्यों की स्वीकृति बोर्ड निधि से चाही गई है, राशि की उपलब्धता के अनुक्रम में स्वीकृति की कार्यवाही की जा सकेगी। अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्नांश (ग) की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (घ) जी हाँ। नवीन मृदा परीक्षण प्रयोगशाला केंद्र लहार का निर्माण कार्य दिनांक 27.09.2015 से प्रांरभ किया जाकर अंतिमीकरण में है। (ड.) म.प्र. राज्य कृषि विपणन बोर्ड, भोपाल द्वारा आदेश क्रमांक बी-6/नियमन/पार्ट-3/नाका/228 दिनांक 04.02.2009 एवं 355 दिनांक 24.02.2009 से दिये गये निर्देशों के पालन में कृषि उपज मंडी समितियों के क्षेत्रातंर्गत स्थित अंतर्राज्यीय सीमा जाँच चौकियों पर निर्वतमान प्रवर्तन व्यवस्था सुदृढ़ करने हेतु प्रशासनिक नियंत्रण हेतु आंचलिक कार्यालय म.प्र. राज्य कृषि विपणन बोर्ड, ग्वालियर द्वारा वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में कृषि उपज मंडी समिति लहार तथा कृषि उपज मंडी समिति आलमपुर के कर्मचारियों की ड्यूटी लगायी गई है, जिसका विवरण जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (च) म.प्र. राज्य कृषि विपणन बोर्ड, भोपाल द्वारा आदेश क्रमांक बी-6/नियमन/पार्ट-3/नाका/228 दिनांक 04.02.2009 एवं 355 दिनांक 24.02.2009 के बिंदु क्रमांक 04 में उल्लेख है कि, अंतर्राज्यीय नाके पर पदस्थ अवधि में कर्मचारी का वेतन आहरण पूर्वानुसार उसी मंडी से किया जाता रहेगा, जिस मंडी में कर्मचारी की मूल पदस्थापना है।
किसानों को फसल बीमा का लाभ
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
125. ( क्र. 5313 ) श्री जितू पटवारी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत चयनित बीमा कम्पनियों को खरीफ एवं रबी फसल के लिए कितनी राशि प्रीमियम के रूप में दी गई पृथक-पृथक कंपनी नाम, राशि, सहित देवें। कृषक अंश, राज्य/केन्द्र अंश सहित देवें। (ख) वर्तमान वर्ष में प्रश्न दिनांक तक खरीफ मौसम में प्राकतिक आपदा के समय कितने किसानों को कितनी फसल बीमा राशि दी गई। कितनी शेष है? जिलेवार बतावें। शून्य से 1000 रू एवं 1000 से 2000 रू. तक बीमा राशि कितने किसानों को स्वीकृत की गई? जिलेवार बतावें। (ग) रबी फसल के संदर्भ में प्रश्नांश (ख) अनुसार जानकारी देवें। प्रश्नांश (ख) व (ग) अनुसार फसल बीमा की लंबित राशि कब तक वितरित कर दी जायेगी? समय-सीमा देवें। (घ) प्रीमियम से कम एवं अत्यल्प बीमा राशि स्वीकृत करने के प्ररकणों में शासन बीमा कंपनियों पर कब तक कार्यवाही करेगी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) राज्य में खरीफ वर्ष 2015 एवं रबी 2015-16 में राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना लागू थी, जिसकी क्रियान्वयन एजेंसी एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कंपनी ऑफ इंडिया लि. थी। उपरोक्त अवधि में बीमांकन की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना राज्य में खरीफ 2016 से प्रारंभ है जिसके बीमांकन की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ख) वर्तमान वर्ष में प्रश्न दिनांक तक खरीफ मौसम में दतिया जिले के 16293 कृषकों को राशि रू. 9.41 करोड़ का अग्रिम दावा भुगतान किया गया है, जिनमें से 1253 कृषकों को शून्य से 1000 रू. एवं 3253 कृषकों को रू. 1000 से 2000 तक दावा राशि का भुगतान किया गया है। खरीफ 2016 हेतु अंतिम दावों की गणना प्रक्रियाधीन है। (ग) रबी वर्ष 2016-17 अंतर्गत दावा राशि का निर्धारण प्रक्रियाधीन है। (घ) योजना अनुसार बीमा दावा राशि की गणना फसल कटाई प्रयोगों से प्राप्त आंकड़ों के आधार पर उपज में हुई कमी के अनुसार की जाती है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सरकारी योजनाओं पर किया गया विज्ञापनों द्वारा प्रचार-प्रसार
[जनसंपर्क]
126. ( क्र. 5314 ) श्री जितू पटवारी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 01/01/2013 से 01/01/2017 तक जनसंपर्क विभाग द्वारा सरकारी योजनाओं के प्रचार-प्रसार पर रेडियो, इन्टरनेट, दूरदर्शन व अन्य टी.वी. चैनलों, डिजीटल सिनेमा, टाकीजों, टेलीकास्ट, फोन, एस.एम.एस., पेपर, विज्ञापन आदि माध्यमों द्वारा करने पर कितनी धन राशि खर्च की वर्षवार व मदवार टेबल फार्म में बताये। (ख) प्रश्नांश (क) अवधि में प्रश्नांश (क) में वर्णित प्रचार माध्यमों में प्रचार हेतु बनाए गये टी.वी. व रेडियो विज्ञापनों, शार्ट फिल्में पेपर के विज्ञपनों की डिजाईन सहित सभी विज्ञापनों के प्रोडक्शन में अलग-अलग कितना खर्च हुआ? जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (क) अवधि में एन.जी.ओ. के माध्यम से प्रचार-प्रसार पर कितना रूपया खर्च हुआ कि जानकारी वर्षवार देवे। (घ) प्रश्नांश (क) की अवधि में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर किये गये विज्ञापनों, राष्ट्रीय स्तर पर किये विज्ञापनों व राज्य स्तर पर किये विज्ञापनों की संख्या, माध्यम व कार्य राशि का टेबल रूप में जानकारी देवें।
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ब-1, प्रपत्र ब-2, प्रपत्र ब-3 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार है।
पथरिया-केरवना मार्ग का निर्माण
[लोक निर्माण]
127. ( क्र. 5321 ) श्री लखन पटेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधान सभा क्षेत्र पथरिया में पथरिया केरबना मार्ग का निर्माण कराया गया है? यदि हाँ, तो निर्माण एजेंसी व लागत क्या थी? (ख) मार्ग पर Crust Design से CRMB की Thick स्टीमेट में कितनी करना तय थी? क्या CRMB की THICK स्टीमेट के अनुसार ली गई है? क्या CRMB की THICK कार्यस्थल पर कम पाई गई व कई कि.मी. में CRMB की लेयर ही नहीं है? यदि हाँ, तो किन कारणों से कम पाई गई या Thickness की कमी की गयी? (ग) क्या पथरिया-केनबना मार्ग के कई रनिंग बिलों में विभाग के सब-इंजीनियर, एस.डी.ओ. बिना हस्ताक्षर के भुगतान किये गये? क्या इस प्रकार भुगतान करने का कोई नियम है, तो बतावें? (घ) क्या पथरिया-केरबना मार्ग का कार्य अपूर्ण होने की स्थिति पर भी फाईनल दिखाया गया व एस.ई. द्वारा पेनल्टी डिसाईड कर भुगतान कर दिया गया तो क्या ऐसे भुगतान करने का कोई नियम है? (ड.) क्या स्टीमेट में निर्धारित क्रस्ट के हिसाब से कार्यस्थल के प्रत्येक कि.मी. की Thickness की जाँच कराई जावे एवं प्रश्नांश (क) से (घ) के परिप्रेक्ष्य में की गई अनियमितताओं के आधार पर क्या जवाबदार अधिकारियों व निर्माण एजेंसी पर कोई कार्यवाही की जावेगी तो कब तक और क्या कार्यवाही की जावेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। निर्माण एजेन्सी मेसर्स श्री जागेश्वर कंस्ट्रक्शन 'अ' श्रेणी ठेकेदार बंगला नं.-1 सदर बाजार सागर लागत रू. 1284.90 लाख थी। (ख) 230 एम.एम. थी। जी नहीं। जी हाँ, जी नहीं। ठेकेदार द्वारा अमानक स्तर का कार्य करने के कारण। (ग) जी हाँ, प्रथम द्वितीय तथा छठवें चल देयक में बिना उपयंत्री एवं अनुविभागीय अधिकारी के हस्ताक्षर के भुगतान हुये है। सुपरवीजन कंसलटेंसी के अनुबंध में प्रावधान था। (घ) जी नहीं। (ड.) जी हाँ, अनियमितता पाई जाने पर संबंधित उपयंत्री एवं अनुविभागीय अधिकारी एवं कार्यपालन यंत्री के विरूद्ध विभागीय जाँच प्रचलन में है तथा निर्माण एजेन्सी का पंजीयन काली सूची में दर्ज किया गया है।
राज्य पोषित नल-कूप खनन योजना
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
128. ( क्र. 5332 ) सुश्री मीना सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राज्य पोषित नल-कूप खनन योजना के तहत प्रदेश की सहायता निधि से अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के कृषकों को अनुदान स्वीकृत करने के क्या राज्य शासन के निर्देश हैं? यदि हाँ, तो प्रावधान अथवा निर्देशों की प्रति उपलब्ध करायें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार उमरिया जिले में वर्ष 2014-15, 2015-16 एवं प्रश्न दिनांक तक कितने कृषकों को अनुदान स्वीकृत किया गया है? कृषकों की संख्या, स्वीकृत अनुदान, नल-कूप खनन का स्थान सहित विधान सभा क्षेत्रवार जानकारी उपलब्ध करायें? (ग) जिला उमरिया के विधान सभा क्षेत्र मानपुर अंतर्गत विगत दो वर्षों में कितने कृषकों को नल-कूप खनन हेतु अनुदान राशि स्वीकृत की जा चुकी है? संख्या बतायें तथा कितने कृषकों को अनुदान राशि स्वीकृत किया जाना प्रस्तावित है?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ। राज्य पोषित नल-कूप खनन योजना के तहत अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के कृषकों के लिये नल-कूप खनन पर 75 प्रतिशत या अधिकतम रू. 25000/- एवं नल-कूप सफल होने पर पम्प प्रतिष्ठापन पर कीमत का 75 प्रतिशत या रू. 15000/- जो भी कम हो, अनुदान देय है। प्रावधान एवं निर्देशों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार उमरिया जिले में वर्ष 2014-15, 2015-16 एवं प्रश्न दिनांक तक 47 कृषकों को राशि रू. 18.35 लाख का अनुदान स्वीकृत कर भुगतान किया गया है। विधान सभा क्षेत्रवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (ग) जिला उमरिया के विधान सभा क्षेत्र मानपुर अंतर्गत विगत दो वर्षों में 31 कृषकों को नल-कूप खनन हेतु राशि रू. 12.40 लाख अनुदान राशि स्वीकृत की जा चुकी है। 37 कृषकों को अनुदान राशि स्वीकृत किया जाना प्रस्तावित है।
सिंचाई साधनों में राशि का व्यय
[जल संसाधन]
129. ( क्र. 5333 ) सुश्री मीना सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उमरिया जिले में जनवरी, 2014-15 एवं 2015-16 में सिंचाई हेतु कितने तालाब, बांध या अन्य साधन थे? इनसे कितनी भूमि सिंचित होती थी? नाम सहित जानकारी प्रदाय करें। (ख) विधान सभा क्षेत्र मानपुर जिला उमरिया में उक्त अवधि तक सिंचाई हेतु कितने तालाब, बांध या अन्य साधन है? इनसे कितनी भूमि सिंचित होती है? नाम सहित जानकारी प्रदान करें। (ग) विधान सभा क्षेत्र मानपुर में प्रश्न दिनांक तक सिंचाई हेतु ऐसी कितनी सिंचाई की परियोजनाएं हैं, जो पूर्ण नहीं हुई है? नाम सहित जानकारी दें एवं प्रश्न दिनांक तक उनमें कितना व्यय हो चुका है? (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के अनुक्रम में उक्त अवधि में सिंचाई उपलब्ध तालाब, बांध या अन्य साधनों में कितनी-कितनी राशि व्यय की गई है?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''स'' अनुसार है। (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के अनुक्रम में प्रश्नाधीन परियोजना में किये गये व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' एवं ''ब'' अनुसार है।
अल्पकालीन कृषि ऋण
[सहकारिता]
130. ( क्र. 5340 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश सरकार द्वारा सहकारी बैंकों से लिये गये खाद एवं बीज खरीद पर कृषकों द्वारा लिये गये अल्पकालिक कृषि ऋणों को तय समय अवधि में वापस जमा करने पर कर्ज की राशि पर 10% छूट प्रदान करने की घोषणा की गई है? यदि हाँ, तो यह योजना कब से किन शर्तों के अधीन, कहाँ-कहाँ पर प्रभावशील है? नियम एवं आदेशों की छायाप्रति देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित छूट योजना अंतर्गत पाटन विधान सभा क्षेत्र के किन-किन सेवा सहकारी समितियों के कृषक कितने पात्रता रखते थे? उल्लेखित योजना अंतर्गत लिये गये खाद-बीज खरीद ऋणों को किस समय-सीमा पर अदा करने पर कृषकों को छूट की पात्रता थी? (ग) यह समय-सीमा में ऋण चुकता करने वाले पाटन विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत किन-किन सेवा सहकारी समितियों के कितने कृषकों को छूट प्रदान की गई? समितिवार सूची देवें एवं यह भी बतलावें की किन-किन सेवा सहकारी समिति के कितने कृषकों को कितनी राशि की छूट किन कारणों से प्रश्न दिनांक तक अप्राप्त है? यह राशि क्या कृषकों के खाते में जमा कराई जावेगी? यदि हाँ, तो किस प्रकार से कब तक? यदि नहीं, तो क्या नहीं? कारण सहित उत्तर देवें।
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ, अल्पकालीन फसल ऋण के वस्तु भाग का 10 प्रतिशत अधिकतम रूपये 10 हजार प्रति कृषक प्रति वर्ष अनुदान दिये जाने का प्रावधान है। योजना रबी 2015-16 से प्रदेश की समस्त प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थाओं से लिये गये अल्पकालीन फसल ऋण पर प्रभावशील है। योजना की शर्तें, नियम तथा आदेश की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों से रबी 2015-16 में लिये गये अल्पावधि फसल ऋण में से नगद ऋण की शत्-प्रतिशत राशि तथा वस्तु ऋण की 90 प्रतिशत राशि की अदायगी ड्यू डेट दिनांक 15 जून 2016 तक किये जाने पर ही कृषकों को अनुदान की पात्रता थी। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। रबी 2015-16 के लिये योजनान्तर्गत सभी पात्र किसानों को अनुदान उपलब्ध करा दिया गया है। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 में उल्लेखित कृषकों द्वारा ड्यू डेट दिनांक 15 जून 2016 तक राशि जमा नहीं करने से अनुदान की पात्रता न होने से लाभ नहीं दिया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होते।
अधिकारियों/ठेकेदारों द्वारा सड़क निर्माण कार्य में व्यवधान
[लोक निर्माण]
131. ( क्र. 5364 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सुमावली विधान सभा क्षेत्र मुरैना की चन्दपुरा-बण्डपुरा सड़क निर्माण की अंतिम निविदा कब एवं किस कंपनी की हुई थी एवं ठेकेदार द्वारा अभी तक कितना कार्य किया गया है? फरवरी 2017 की स्थिति की जानकारी दी जावे। (ख) क्या उक्त मार्ग के निर्माण की घोषणा मा. मुख्यमंत्री द्वारा की गई थी? यदि हाँ, तो कब, कार्य कब प्रारंभ किया, कितनी राशि अभी तक खर्च हो चुकी है? कितने ठेकेदारों द्वारा कार्य किया गया है? तिथि वर्षवार पूर्ण जानकारी दी जावे। (ग) क्या वरिष्ठ अधिकारियों की उदासीनता के कारण यह छोटा मार्ग लम्बे समय बाद भी पूर्ण नहीं हो सका है? तथ्यों सहित पूर्ण जानकारी दी जावे। (घ) शासन उक्त मार्ग को कब तक पूर्ण करा पायेगा? अभी तक किन-किन अधिकारियों, ठेकेदारों द्वारा इस मार्ग के निर्माण में व्यवधान पैदा किया है? उन पर विभाग द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई है? प्रारंभ से अभी तक पूर्ण जानकारी दी जावे।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) सुमावली विधान सभा क्षेत्रांतर्गत चन्द्रपुरा से बण्डपुरा मार्ग निर्माण की रिस्क एण्ड कास्ट पर निविदा दिनांक 11.12.15 को निविदा समिति द्वारा मे. मनीष गुप्ता को स्वीकृत की गई। ठेकेदार द्वारा सम्पादित कार्य की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जी हाँ। दिनांक 18.11.2006 को घोषणा की गई थी। प्रथम एजेन्सी को कार्यादेश दिनांक 20.05.2010 को दिया जाकर कार्य प्रारंभ कराया गया था, शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' के स्तम्भ 28, 12, 14 अनुसार है। (ग) मार्ग निर्माण में विलंब हेतु उत्तरदायी अधिकारी/कर्मचारियों के विरूद्ध की गई कार्यवाही का विवरण तथ्यों सहित पूर्ण जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (घ) मार्ग को जुलाई 2017 तक पूर्ण कराये जाने का लक्ष्य है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' एवं 'स' में दर्शित है।
निर्माणाधीन कार्यों की जानकारी
[लोक निर्माण]
132. ( क्र. 5365 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुरैना एवं जौरा तहसील में कितने सड़क मार्ग निर्माणाधीन होकर कार्य प्रचलन में है? प्रत्येक कार्य की स्वीकृत राशि, ठेकेदारों के नाम, कार्य आदेश जारी होने का दिनांक, कार्यपूर्ण होने के दिनांक सहित जानकारी दी जावे। (ख) क्या उक्त कार्य मुख्य ठेकेदारों द्वारा नहीं कर कमीशन लेकर पेटी ठेकेदारों से कराया जा रहा है, जिससे गुणवत्ता प्रभावित हो रही है, ऐसा क्यों? (ग) क्या करोड़ों की लागत वाले निर्माण में ठेकेदार की स्वयं की प्रयोगशाला, होटमिक्स प्लांट, कंसलटेन्ट यंत्री, बाईव्रेटरी रोल होना चाहिये? यदि जिन ठेकेदारों द्वारा उक्त संसाधन नहीं है तो विभाग उनके खिलाफ क्या कार्यवाही कर रहा है? (घ) उक्त मार्गों के निर्माण में किन-किन ठेकेदारों द्वारा शर्तों का पालन नहीं किया जा रहा है? नाम, सड़क मार्ग का नाम सहित पूर्ण जानकारी दी जावे।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'अ-1' अनुसार है। (ख) जी नहीं। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ, अनुबंध की शर्तों के अनुसार ठेकेदार के विरूद्ध कार्यवाही की जाती है। (घ) कोई नहीं। शेष प्रश्न का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
विज्ञापन में अनियमितता
[जनसंपर्क]
133. ( क्र. 5396 ) श्री रमेश पटेल : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परि.अता. प्र.क्र. 2832 दि. 26.07.16 के (ख) उत्तर में वर्णित उज्जैन के समाचार पत्रों को कुल कितना भुगतान किया गया? (ख) सिंहस्थ के प्रसारित विज्ञापन क्या बिना R.N.I. नंबर की जाँच किए एवं नियमितता प्रमाण-पत्र देखे बिना जारी किए गए? (ग) यदि हाँ, तो उपरोक्त (ग) अनुसार ऐसी अनियमितता करने वाले दोषी अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) राशि रूपये 2,87,83,645/- का भुगतान किया गया। (ख) जी नहीं। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के परिपेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
134. ( क्र. 5400 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रधानमंत्री फसल बीमा के तहत धार जिले में कितने किसानों से कितनी प्रीमियम राशि ली गई? तहसीलवार,कृषक संख्या प्रीमियम राशि सहित देवें। (ख) इस योजना के पूर्व के 2 वर्षों के प्रीमियम की जानकारी भी उपरोक्तानुसार देवें। वितरित/लंबित राशि की जानकारी भी तहसीलवार देवें? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार खरीफ एवं रबी की प्राकृतिक आपदा में कितने किसानों का कितनी बीमा राशि मिली बतावें रू 1 से 200 तक बीमा राशि कितने किसानों को मिली। (घ) जिन किसानों को अब तक बीमा राशि का भुगतान नहीं हुआ उन्हें कब तक भुगतान करा दिया जायेगा?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत धार जिले की खरीफ वर्ष 2016 के बीमांकन की तहसीलवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। रबी 2016-17 के बीमांकन के संकलन का कार्य प्रक्रियाधीन है। (ख) राष्ट्रीय कृषि बीमा योजनांतर्गत वर्ष खरीफ 2014, रबी 2014-15, खरीफ 2015, रबी 2015-16 के बीमा आवरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) खरीफ 2016 एवं रबी 2016-17 हेतु धार जिले की दावा गणना प्रक्रियाधीन है। (घ) उत्तरांश (ग) अनुसार।
बिना T.D.S. काटे भुगतान
[जनसंपर्क]
135. ( क्र. 5401 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिंहस्थ उज्जैन 2016 में कितने विदेशी समाचार पत्र-पत्रिकाओं और चैनलों को कितनी राशि का भुगतान किया गया? उनके नाम, दी गई राशि की जानकारी देवें। (ख) इन्हें भुगतान किस मुद्रा में किया गया? (ग) सिंहस्थ उज्जैन 2016 में जिन पत्र-पत्रिकाओं, चैनलों को भुगतान किया गया, क्या उन्हें बिना T.D.S. काटे भुगतान किया गया? यदि हाँ, तो इसके दोषियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क)
क्रमांक |
समाचार पत्रों के नाम |
राशि (रूपये) |
1. |
गुजरात टाईम्स, यू.एस.ए. |
5,30,145/- |
2. |
पंजाब टाईम्स, यू.के. |
10,73,380/- |
3. |
गुजरात समाचार, यू.के. |
16,51,244/- |
4. |
इंडिया एब्राड, यू.एस.ए. |
37,70,551/- |
(ख) भारतीय मुद्रा में किया गया है। (ग) जी नहीं। टी.डी.एस. काटा जाता है। प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कृषकों को रासायनिक खाद की व्यवस्था
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
136. ( क्र. 5422 ) श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विकासखण्ड अम्बाह एवं मुरैना के लिए रबी 2016-17 हेतु रासायनिक उर्वरक की कितनी मात्रा की मांग निर्धारित की गई थी? उर्वरकबार जानकारी देवें? (ख) मांग के विरूद्ध विकासखण्ड अम्बाह एवं मुरैना में कितना-कितना उर्वरक सहकारी एवं निजी क्षेत्र में उपलब्ध कराया गया? उर्वरकबार जानकारी देवें। (ग) क्या मांग अनुसार सहकारी एवं निजी क्षेत्र में उर्वरक उपलब्ध करवाया गया? यदि नहीं, तो व्यवस्था क्यों नहीं की गई? इस हेतु कौन अधिकारी-कर्मचारी जिम्मेदार है? उनके नाम एवं पद बतावें?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (ग) जी हाँ। मांग अनुसार सहकारी एवं निजी क्षेत्र में उर्वरक उपलब्ध करवाया गया। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
गबन/धोखाधड़ी के प्रकरणों की जाँच
[सहकारिता]
137. ( क्र. 5431 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा जिले की जिन प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों में जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित विदिशा के संवर्ग में ऐसे कर्मचारी जिन पर उसी समिति के खातों में लेनदारी निकल रही है या उसी समिति में उन पर गबन/धोखाधड़ी करने के आरोप हैं? ऐसे बैंक संवर्ग कर्मचारियों को उक्त प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों से कब तक हटाया जावेगा? (ख) कब तक उक्त गबन/धोखाधड़ी के प्रकरणों की जाँच पूर्ण कर कार्यवाही की जावेगी?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) गबन धोखाधड़ी के आरोपी 26 संवर्ग कर्मचारियों में से 14 कर्मचारियों को सेवा से पृथक कर दिया गया है तथा शेष 12 कर्मचारियों को ऐसी समितियों से हटा दिया गया है। (ख) उत्तरांश (क) अनुसार 26 में से 14 कर्मचारियों को सेवा से पृथक कर दिया गया है, शेष 12 कर्मचारियों की संस्थित विभागीय जाँच गतिशील है। विभागीय जाँच प्रतिवेदन प्राप्त होने पर परीक्षण उपरांत नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
संचालकों व पदाधिकारियों के विरुद्ध कार्यवाही
[सहकारिता]
138. ( क्र. 5432 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित विदिशा के संचालकों व पदाधिकारियों एवं उनके परिजनों पर बारह माह से अधिक का कालातीत कितना ऋण बकाया है तथा बारह माह से अधिक के कालातीत ऋणों पर किन-किन पदाधिकारियों व संचालकों द्वारा गारंटी दी गई है? (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर में वर्णित बारह माह से अधिक के कालातीत ऋणों की वसूली के लिए अब तक क्या कार्यवाही की गई है? (ग) प्रश्नांश (क) के उत्तर में वर्णित बारह माह से अधिक के कालातीत ऋणों से संबंधित बैंक पदाधिकारियों व संचालकों पर कानूनी प्रावधानों के अंतर्गत क्या कार्यवाही की जाएगी, यदि की जावेगी तो कब तक?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्या., विदिशा के किसी भी संचालक/पदाधिकारी पर बैंक का कालातीत ऋण बकाया नहीं है और न ही कालातीत बकाया ऋण पर गारंटी दी गई है परन्तु बैंक संचालक की पत्नी श्रीमती सुषमा सोनी पर 12 माह से अधिक अवधि का कालातीत ऋण रूपये 20,52,027/- बकाया है। (ख) उत्तरांश (क) में उल्लेखित बकाया ऋण की वसूली हेतु सतत सम्पर्क कर कालातीत ऋण राशि जमा करने की कार्यवाही की जा रही है। (ग) उत्तरांश ''क'' के अनुसार किसी भी संचालक/पदाधिकारी पर कालातीत बकाया ऋण नहीं होने से कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सड़क मार्ग समस्याओं का निराकरण
[लोक निर्माण]
139. ( क्र. 5444 ) श्री भंवर सिंह शेखावत : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र बदनावर अंतर्गत लेबड़-नयागाँव फोर-लेन मार्ग गुजरता है, जो कि वर्तमान में मौत का रोड कहा जाने लगा है, अधोहस्ताक्षरकर्ता द्वारा पत्र क्रमांक 1288 बदनावर दिनांक 18-11-2016 के माध्यम से लेबड़-नयागाँव फोर-लेन मार्ग की महत्वपूर्ण समस्याओं से अवगत करवाया गया था? (ख) उक्त पत्र के विरुद्ध विभाग दवारा टोल एजेंसी वेस्टर्न एम.पी. इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रायवेट लिमिटेड एस्सेल ग्रुप के विरुद्ध उल्लेखित सड़क मार्ग की समस्याओं के निराकरण बाबत् क्या कार्यवाही की गई अवगत करावें? समस्यों का निराकरण नहीं करवाया जा रहा है तो क्यों? कब तक निराकरण होगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी नहीं। जी हाँ। (ख) कार्यवाही से माननीय विधायक महोदय को पत्र द्वारा दिनांक 21.02.2017 को अवगत करा दिया गया है। समस्याओं का निराकरण एक निरन्तर प्रक्रिया है। जिसके अंतर्गत कार्यवाही की जा रही है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
ठेकेदार के विरुद्ध कार्यवाही
[लोक निर्माण]
140. ( क्र. 5445 ) श्री भंवर सिंह शेखावत : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बदनावर विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत निर्माणाधीन बरखेड़ा-सेमंदा मार्ग जो की निर्माण के साथ ही खराब हो चुका है, क्या गुणवत्तायुक्त मार्ग का निर्माण होगा? स्टेट हाईवे 31 से धमाना-रुनिजा सड़क मार्ग कब स्वीकृत हुआ था? कार्य पूर्ण करने की समय-सीमा कब तक थी? वर्षों पश्चात् भी कार्य अपूर्ण क्यों है?, (ख) क्या वर्तमान ठेकेदार द्वारा पूर्व में भी शासकीय कार्य समय-सीमा में पूर्ण नहीं किये गए? यदि हाँ, तो उल्लेखित मार्ग का ठेका क्यों दिया गया? क्या दोनों मार्ग के ठेकेदार के विरुद्ध कोई कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों? कार्य कब पूर्ण होगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) अतिवृष्टि के कारण पेचेस निर्मित हुए थे, अनुबंधित एजेन्सी से मापदण्ड अनुसार कार्य पुन: गुणवत्तापूर्ण करवाकर ठीक कर दिए हैं, जी हाँ कार्य लगभग दिनांक 15.03.2017 तक पूर्ण होना संभावित है। दिनांक 22.08.2013 को स्वीकृत हुआ अनुबंधित ठेकेदार मेसर्स एस.एस.सी. प्रोजेक्ट द्वारा निर्माण कार्य धीमी गति से करने के कारण ठेका अनुबंध की धारा-3सी में निरस्त किया गया। मेसर्स एस.एस.सी. प्रोजेक्ट की रिस्क एण्ड कास्ट पर यह कार्य मेसर्स टी.आर. त्रेहान को कार्यादेश दिनांक 14.09.2015 द्वारा अवधि 16 माह में पूर्ण करने हेतु जारी किया गया था, अनुबंधानुसार कार्य पूर्ण करने की तिथि 13.02.2017 थी। (ख) जी हाँ ठेकेदार द्वारा प्रस्तुत दर न्यूनतम होने से ठेका दिया गया। अनुबंधित ठेकेदारों के पंजीयन निलंबित किए गए है। (1) मेसर्स ओरियन कंस्ट्रक्शन प्रा.लि. को मुख्य अभियंता के पत्र क्रं. 4974 दिनांक 10.09.2015 द्वारा 1 वर्ष के लिये पंजीयन निलंबन किया। (2) मेसर्स एस.एस.सी. प्रोजेक्ट को मुख्य अभियंता द्वारा 2 वर्ष के लिये पंजीयन निलंबन किया। (3) मेसर्स टी.आर. त्रेहान कंपनी प्रा.लि. को मुख्य अभियंता द्वारा 1 वर्ष के लिये पंजीयन निलंबन किया, जिसके विरूद्ध अनुबंधित ठेकेदार द्वारा रिट पिटीशन क्रं. 591/2017 के द्वारा वाद प्रस्तुत किया गया जो कि माननीय न्यायालय में लंबित है। सेमदा बरखेड़ा मार्ग दिनांक 15.03.2017 को पूर्ण होना संभावित है। स्टेट हाईवे 31 से धमाना रूनिजा मार्ग कार्य दिनांक 31.12.2017 तक पूर्ण होना संभावित है।
विभाग का जीर्ण-क्षीर्ण भवन
[लोक निर्माण]
141. ( क्र. 5456 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्तमान में राजगढ विधान सभा क्षेत्र अन्तर्गत विभाग के कोई भवन अथवा कार्यालय है? (ख) यदि हाँ, तो कौन कौन से और कहाँ कहाँ पर है? बतायें। (ग) उक्त भवन अथवा कार्यालय वर्तमान में किसके उपयोग में आ रहे हैं? (घ) क्या उक्त भवन अथवा कार्यालय अत्यन्त जीर्ण-क्षीर्ण है? यदि हाँ, तो उनका क्या उपयोग किया जावेगा? बतावें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार। वर्तमान स्थिति में इनका उपयोग करना संभव नहीं है।
योजनावार आय-व्यय की जानकारी
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
142. ( क्र. 5463 ) श्री संजय उइके : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बालाघाट जिले को केन्द्र एवं राज्य सरकार की योजनाओं में राशि प्राप्त होती है? (ख) यदि हाँ, तो वित्तीय वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक से कौन-कौन सी योजनाएं संचालित है? योजनाओं में कितनी-कितनी राशि प्राप्त हुई? कितनी-कितनी राशि व्यय की गई? (ग) विभाग द्वारा कृषि महोत्सव, कृषक मेला, कृषक संगोष्ठी, कृषि विज्ञान मेला सह-प्रदर्शनी एवं माननीय मुख्यमंत्री जी के कार्यक्रमों में किस-किस योजना एवं मध्य से कितनी राशि का व्यय किया गया? (घ) योजना एवं मद की राशि अन्य मद, योजना एवं अन्य कार्यों में व्यय हेतु सक्षम प्राधिकारी से अनुमति ली गई या नहीं? यदि ली गई, तो विवरण उपलब्ध करायें? यदि नहीं, ली गई, तो इसके लिए कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी दोषी हैं? उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जायेगी बतावें?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (घ) योजना एवं मद की राशि अन्य मद योजना एवं अन्य कार्यों में व्यय नहीं की गई है। शेष कार्यवाही का प्रश्न नहीं उठता है।
सड़कों का निर्माण एवं मरम्मत कार्य
[लोक निर्माण]
143. ( क्र. 5464 ) श्री संजय उइके : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बालाघाट जिले में वित्तीय वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक किन-किन योजनाओं/मदों में कितनी सड़कों का किन ठेकेदारों द्वारा किस-किस दर पर कब-कब निर्माण कार्य किया गया? लागत सहित प्रशासकीय एवं तकनीकी स्वीकृति की जानकारी देवें। (ख) योजनान्तर्गत निर्मित सड़कों का ठेकेदारों द्वारा किए गए अनुबन्ध की समयावधि में किन-किन सड़कों का मेन्टेनेन्स/मरम्मत कितनी लागत से किया गया? (ग) मरम्मत/मेन्टेनेन्स के कार्य हेतु किन-किन ठेकेदारों की कितनी-कितनी राशि रोकी गई थी? मेन्टेनेन्स/मरम्मत कार्य नहीं करने के कारण कितनी-कितनी राशि की कटौती की गई एवं समयावधि उपरान्त कितने ठेकेदारों को कितनी राशि वापस की गई? (घ) समयावधि में मेन्टेनेन्स/मरम्मत उपरान्त कब-कब किन-किन सड़कों के रिन्युवल के कितनी-कितनी लागत के प्रस्ताव शासन को भेजे गये कौन-कौन सी सड़कों के प्रस्ताव स्वीकृत हुये एवं कब-कब कार्य पूर्ण किया गया या शेष हैं?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'अ-1' अनुसार है। (ख) एवं (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'अ-1' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं ''ब'' अनुसार है।
सहकारिता विभाग में प्राप्त शिकायतों पर कार्यवाही
[सहकारिता]
144. ( क्र. 5470 ) श्रीमती इमरती देवी : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक गुना के महाप्रबंधक श्री आलोक जैन के विरूध श्री राजीव जैन अशोक नगर ने मध्य प्रदेश राज्य सहकारी निर्वाचन प्राधिकारी भोपाल एवं सहकारिता विभाग शासन को कितनी शिकायतें की गई? इन शिकायतों पर क्या कार्यवाही की गई? जाँच के निष्कर्ष प्रतिवेदन देते हुए शिकायतवार जानकारी देवें। (ख) भारत सरकार द्वारा ०८ नवम्बर २०१६ को पुराने १००० एवं ५०० के नोटबंदी लागू की गई, क्या दिनांक १४ नबम्बर २०१६ को जिला सहकारी केन्द्रीय बैंकों में पुराने नोट जमा नहीं के आदेश आर.बी.आई. ने जारी किये थे? जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक गुना अन्तर्गत सभी शाखाओं में ०८ नबम्बर २०१६ से १५ नबम्बर २०१६ के दरम्यान पुराने नोट कुल कितने जमा हुए बतावें। प्रत्येक शाखावार एवं सम्बद्ध सेवा सहकारी समितियों के खातेवार जानकारी देवें।
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जी हाँ। बैंक की शाखावार तथा समितिवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
टोल बूथ बंद कर दिये जाना
[लोक निर्माण]
145. ( क्र. 5479 ) श्री जालम सिंह पटेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पिपरिया-गाडरवारा-करेली-बहारीपार-गोटेगांव-शहपुरा मार्ग के टोल बूथ बंद कर दिऐ गए है? क्यों क्या समय अवधि पूर्ण हो गई है? यदि नहीं, तो किसके आदेश से टोल बूथ बंद किए गए? आदेश की प्रति देंवे। (ख) टोल बूथ बंद हो जाने के कारण मार्ग का मेन्टेनेंस नहीं हो पा रहा है जिससे गड्ढे बन गए हैं। दुर्घटनाएं होने का अंदेशा बना रहता है। क्या मेन्टेनेंस करने के लिए गड्ढे भरने के लिए टेन्डर हुए हैं? (ग) उक्त मार्ग के यदि टेन्डर हुए हैं, तो काम कब तक चालू किया जावेगा? समयावधि बतावें। यदि टेन्डर नहीं हुए है, तो क्यों? (घ) मेन्टेनेंस किस प्रक्रिया के तहत किया जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। जी नहीं। प्रबंध संचालक, एम.पी.आर.डी.सी भोपाल के आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) जी नहीं। जी हाँ। (ग) कार्य दिनांक 26/12/2016 से प्रगति पर है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) संधारण एवं नवीनीकरण प्रक्रिया के अंतर्गत कराया जा रहा है।
किसानों को बीमा राशि का भुगतान
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
146. ( क्र. 5480 ) श्री जालम सिंह पटेल : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नरसिंहपुर जिले के क्रेडिटधारी किसानों का वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में रबी एवं खरीफ की फसलों का बीमा किया गया था? यदि हाँ, तो किस कंपनी द्वारा किया गया? (ख) उक्त कंपनी द्वारा बीमा हेतु कितना प्रीमियम वसूल किया गया? तहसीलवार जानकारी देवें। (ग) क्या प्रभावित किसानों के बीमा के एवज में क्षतिग्रस्त फसलों की क्षतिपूर्ति के भुगतान हेतु प्रकरण लंबित है? यदि हाँ, तो कितने एवं क्यों? कब तक इनका भुगतान किसानों को कर दिया जाएगा?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ। राष्ट्रीय कृषि बीमा योजनांतर्गत नरसिंहपुर जिले में वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में रबी एवं खरीफ मौसम में एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कंपनी ऑफ इंडिया लि. के द्वारा बीमा किया गया था। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) राष्ट्रीय कृषि बीमा योजनांतर्गत मौसम खरीफ 2014, रबी 2014-15, खरीफ 2015 के समस्त दावों का वितरण पात्र कृषकों को कर दिया गया है तथा रबी 2015-16 के दावों की गणना प्रक्रियाधीन है।
पार्वती नदी पर पुल निर्माण कार्य
[लोक निर्माण]
147. ( क्र. 5515 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 330 दिनांक 5 दिसम्बर 2016 के उत्तर में बताया गया था कि विधान सभा क्षेत्र ब्यावरा के अंतर्गत सुठालिया-उकावद मार्ग पर पार्वती नदी पर नवीन पुल निर्माण हेतु डी.पी.आर. तैयार करने की कार्यवाही की जा रही है, तो क्या यह भी सही है कि दिनांक 31 जनवरी 2017 को ब्यावरा नगर में एन.एच.ए.आई. के फोर-लेन भूमि पूजन कार्यक्रम एवं जिला स्तरीय अंत्योदय मेले में माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा, माननीय लोक निर्माण मंत्री जी को उक्त पुल निर्माण की शीघ्र स्वीकृति हेतु आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिये गये हैं? यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक उक्त पुल निर्माण के संबंध में अद्यतन स्थिति क्या है? (ख) उपरोक्तानुसार क्या शासन माननीय मुख्यमंत्री जी के निर्देशों एवं दो जिलों को जोड़ने वाले उक्त महत्वपूर्ण पुल के निर्माण की स्वीकृति प्रदान करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। निर्देश संबंधित कोई भी पत्र इस विभाग को अप्राप्त है, पुल निर्माण हेतु रू. 608.63 लाख की स्वीकृति हेतु स्थायी वित्तीय समिति से अनुमोदित किया गया है। (ख) समिति के द्वारा बजट में सम्मिलित होने पर प्रशासकीय स्वीकृति जारी करने की अनुशंसा की गई है। वर्तमान में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं।
स्टेट हाईवे मार्ग पर पुलों का निर्माण
[लोक निर्माण]
148. ( क्र. 5516 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के परि.अता. प्रश्न क्रमांक 325 दिनांक 5 दिसम्बर 2016 के उत्तर में बताया गया था कि स्टेट हाईवे क्रमांक 14 ब्यावरा से सिरोंज मार्ग के ब्यावरा सुठालिया के मध्य क्रमश: धानियाखेड़ी, गिन्दौरहाट एवं सिलपटी ग्राम के निकट स्थित तीन पुलों के निर्माण हेतु विस्तृत सर्वेक्षण किया जा रहा है? तो क्या प्रश्न दिनांक तक विस्तृत सर्वेक्षण पूर्ण कराया जाकर डी.पी.आर. तैयार करा ली गई है? यदि नहीं, तो विभाग द्वारा धीमी गति से कार्य करने वाले संबंधित अधिकारियों के विरूद्ध प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या प्रश्नकर्ता द्वारा दिनांक 31 जनवरी 2017 ब्यावरा नगर में एन.एच.ए.आई. के फोर-लेन भूमि पूजन कार्यक्रम एवं जिला स्तरीय अंत्योदय मेले में माननीय मुख्यमंत्री जी एवं माननीय विभागीय मंत्री जी को पत्र सौंपकर शीघ्र उक्त पुलों के निर्माण कार्य की मांग की गई थी? यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक उक्त संबंध में क्या कार्यवाही की गई? (ग) उपरोक्तानुसार क्या शासन आवागमन को सुगम बनाये जाने एवं वर्षाकाल में उपरोक्त क्षतिग्रस्त पुलों पर से बाधित आवागमन समस्या के समाधान हेतु पुलों के निर्माण की यथाशीघ्र स्वीकृति प्रदान करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। जी नहीं। प्रश्नाधीन मार्ग नया राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित किया गया है। अत: अधिकारियों के विरूद्ध धीमी गति से कार्य करने के संबंध में कार्यवाही का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ख) इस विभाग को कोई पत्र प्राप्त नहीं। प्रश्नांश (क) के उत्तर अनुसार। (ग) प्रश्नांधीन मार्ग राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित किया जा चुका है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। स्वीकृति की कार्यवाही भारत सरकार सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय नई दिल्ली के द्वारा दी जावेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं।
दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों की समस्याओं का निराकरण
[लोक निर्माण]
149. ( क्र. 5562 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण विभाग छतरपुर द्वारा दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों का नियमितीकरण कर स्थाई कर्मी सूची एकजाई ना बनाकर अलग-अलग उपसंभागों की पृथक-पृथक निकाली गई है, जिसमें भ्रम की स्थिति उत्पन्न हो रही है? (ख) क्या कार्यपालन यंत्री लो.नि.वि. संभाग छतरपुर, पन्ना, टीकमगढ़, द्वारा दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को नियमितीकरण स्थाई कर्मी की जो सूची प्रसारित की गई है, उसमें सन २००० से २००४ तक की सेवा अवधि में पृथक दिखाया गया है? (ग) क्या म.प्र. शासन सामान्य प्रशासन विभाग भोपाल के आदेश क्र. एफ/५-३/२००६/३/एक भोपाल दिनांक ०८/२/२००८ के बिन्दु क्र.२ में आदेशित किया गया है कि प्रथम नियुक्ति दिनांक से पुन: बहाली की सेवा अवधि मिलाकर १० वर्ष की अवधि पूर्ण होती है, तो उसे निरन्तर सेवा मानी जावेगी? (घ) क्या कार्यपालन यंत्री लो.नि.वि. छतरपुर द्वारा प्रान नम्बर आवंटित कराने में लापरवाही से अंशदान की कटौती प्रारम्भ नहीं हुई, जिससे शासन के निर्देशानुसार पेंशन योजना प्रारम्भ नहीं हो सकी? इसके लिये कौन जिम्मेदार है? लापरवाही बरतने वाले अधिकारी के विरूद्ध कब तक कार्यवाही की जावेगी? समय-सीमा बतावें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) एवं (ख) जी नहीं (ग) जी हाँ। (घ) श्रमिकों के ट्रेजरी के ऑन-लाईन साफ्टवेयर में वर्गीकरण के संबंध में दिनांक 21/12/2016 को वित्त विभाग की सहमति प्राप्त होने के उपरांत वर्गीकरण का कार्य प्रक्रियाधीन है। अतः किसी अधिकारी की लापरवाही नहीं है। शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
निविदाओं के निराकरण हेतु गठित निविदा निराकरण समिति
[लोक निर्माण]
150. ( क्र. 5571 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग में खण्ड तथा संभाग स्तर पर निविदाओं के निराकरण हेतु विषयांकित समिति के गठन का प्रावधान है? (ख) यदि हाँ, तो उक्त निविदा निराकरण समिति में कौन-कौन सदस्य होते हैं? पद अनुसार जानकारी दें? (ग) जबलपुर संभाग अन्तर्गत कार्यपालन यंत्रियों द्वारा सत्र 2013-14 से निविदाओं के निराकण हेतु विषयांकित समिति द्वारा लिये गये अनुमोदन का विवरण उपलब्ध करावें? (घ) क्या अधिकारी बिना विषयांकित समिति के अनुमोदन के स्वयं ही टेण्डर पर निर्णय ले रहे हैं? दोषी अधिकारियों पर शासन क्या कार्यवाही करेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। संभाग स्तर पर। (ख) संभाग अंतर्गत निविदा निराकरण समिति में चार सदस्य होते हैं। संभाग का संबंधित कार्यपालन यंत्री अध्यक्ष संबंधित उपसंभाग का अनुविभागीय अधिकारी संबंधित संभागीय लेखा अधिकारी एवं संबंधित वरिष्ठ लेखा लिपिक। परियोजना क्रियान्वयन इकाई के अंतर्गत संभाग स्तर पर सदस्य संभागीय परियोजना यंत्री, परियोजना लेखा अधिकारी संबंधित परियोजना यंत्री एवं सहायक ग्रेड-2 तथा म.प्र. सड़क विकास निगम के अंतर्गत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ-1', 'अ-2', 'अ-3' एवं 'अ-4' अनुसार है। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जल उपभोक्ता संस्थाओं को आवंटन का प्रदाय
[जल संसाधन]
151. ( क्र. 5578 ) श्रीमती शीला त्यागी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुख्य अभियंता गंगा कछार जल संसाधन विभाग रीवा अधीनस्थ काडा (कमाण्ड क्षेत्र विकास) में वित्तीय वर्ष 2012-13 से प्रश्न दिनांक तक जल उपभोक्ता संस्थाओं को कितना आवंटन प्रदान किया गया? संस्थावार जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में उक्त जल उपभोक्ता संस्थाओं द्वारा कितने हेक्टेयर भूमि में सिंचाई की गई तथा 2013 से प्रश्न दिनांक तक कितना राजस्व वसूल किया गया है? संस्थावार सिंचित भूमि का रकबा एवं राजस्व वसूली की राशि की सूची देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में वर्ष 2012-13 से प्रश्न दिनांक तक सिंचाई के अतिरिक्त अन्य किन-किन मदों में कितनी-कितनी राशि व्यय की गई? संस्थावार सूची देवें। (घ) प्रश्नांश (ख) एवं (ग) के संदर्भ में व्यय की गई राशि की लेखा ऑडिट रिपोर्ट में दोषी पाये गये अधिकारियों एवं अन्य जिम्मेदार लोगों के विरूद्ध कौन-सी दण्डात्मक कार्यवाही की गई।
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
सहकारी समितियों की शेष राशि को जमा कराया जाना
[सहकारिता]
152. ( क्र. 5579 ) श्रीमती शीला त्यागी : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परि.अता. प्रश्न क्र.-5209, दिनांक 10-03-2016 के उत्तर में सेवा सहकारी समिति सिरमौर में श्री सरयू प्रसाद, शेष सिंह विक्रेता, समिति चांदी में भोला सिंह, नारायण शरण एवं समिति परासी में उग्रसेन मिश्रा समिति जवा में रमाकांत द्विवेदी भागीरथ प्रसाद भईयालाल समिति प्रबंधक के विरूद्ध राशि वसूली एवं एफ.आई.आर. करने को आदेश दिया गया है तथा परिशिष्ट में अंकित शेष समितियों के दोषी कर्मचारियों, समिति प्रबंधकों के विरूद्ध धारा-64 के कार्यवाही का जवाब दिया गया है। (ख) यदि प्रश्नांश (क) हाँ, तो दिये गये उत्तरों के संदर्भ में किन-किन दोषियों से कितनी-कितनी राशि वसूली की गई तथा किन-किन के उपर अपराध दर्ज कराया गया है? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में जिन दोषियों पर धारा-64 की कार्यवाही का उत्तर दिया गया है, उन प्रकारणों की वर्तमान स्थिति क्या है तथा अब तक संबंधित न्यायालय में क्या कार्यवाही की गई है? (घ) प्रश्नांश (क) के दोषियों से यदि राशि वसूली नहीं हुई तो क्या अपराधिक प्रकरण दर्ज नहीं कराया गया। कार्यवाही न करने के लिए कौन दोषी है। दोषियों पर कब, क्या कार्यवाही करेंगे तथा कब तक राशि वसूल कर अपराध दर्ज करा देंगे?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) अतारांकित प्रश्न क्र. 5209 दिनांक 10.03.2016 के उत्तर में सेवा सहकारी समिति सिरमौर के श्री सरयू प्रसाद, श्री शेष सिंह विक्रेता, समिति चांदी में श्री भोला सिंह, समिति परासी में श्री उग्रसेन मिश्रा, समिति जवां में श्री भागीरथी प्रसाद, श्री भईयालाल समिति प्रबंधक के विरूद्ध राशि वसूली की कार्यवाही की जाने एवं राशि वसूल न होने पर एफ.आई.आर. दर्ज कराने की कार्यवाही का उल्लेख था एवं अन्य दोषी कर्मचारियों, समिति प्रबंधकों के विरूद्ध धारा 64 एवं धारा 68 में वाद दायर करने संबंधी उत्तर दिया गया था। (ख) सेवा सहकारी समिति सिरमोर के श्री सरयू प्रसाद से रू. 40,850/- एवं समिति चांदी के श्री भोला सिंह से रू. 7,540/- की वसूली की गई है। किसी के ऊपर अपराध दर्ज नहीं कराया गया है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जी नहीं। धारा 64 के प्रकरणों के निराकरण एवं न्यायालय के निर्णय के उपरांत शेष कार्रवाई की जा सकेगी। न्यायालयीन प्रकरण होने के कारण समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
निजी भूमि का मुआवजा भुगतान
[लोक निर्माण]
153. ( क्र. 5586 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शाजापुर जिले में अरंडिया-अवंतिपुर बडोदिया से देवगुलर जोड़ मार्ग, पोलायकला से सुन्दरसी मार्ग तथा अरनियाकला से कालापीपल व्हाया अकोदि मार्ग निर्माण में कृषकों की निजी भूमी अधिग्रहित की गयी है? यदि हाँ, तो क्या इन मार्गों पर स्थित ग्रामों के कुछ किसानों के नाम भू-अर्जन प्रस्ताव तैयार करते समय छूट गये है? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित सड़कों में पड़ने वाले ग्रामों के किसानों द्वारा अधिग्रहित भूमि के मुआवजा भुगतान हेतु मांग की गयी है? यदि हाँ, तो किस-किस ग्राम के कितने किसानों के नाम भू-अर्जन सर्वे में छूट गये है? (ग) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित मार्गों के भू-अर्जन प्रस्ताव में छूटे हुए किसानों के मुआवजा भुगतान प्रकरण विभाग द्वारा तैयार किये गये है? यदि हाँ, तो इन किसानों को मुआवजा भुगतान कब तक किया जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। (ख) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
चम्बल नदी पर नवीन बड़ा डेम का निर्माण
[जल संसाधन]
154. ( क्र. 5594 ) श्री दिलीप सिंह शेखावत : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नागदा नगर में ग्रेसीम उद्योग द्वारा वर्षों पूर्व निर्मित 4 छोटे डेमों से नागदा नगर, खाचरोद नगर, रेल्वे एवं ग्रेसीम, केमिकल डिविजन, लेंसेक्स उद्योगों द्वारा जल का उपयोग किया जाता है। वर्तमान में दोनों नगरों में जनसंख्या वृद्धि, रेल्वे एवं उद्योगो में जल की आवश्यकताएं बढ़ने के कारण ग्रीष्मकाल में उद्योग बन्द हो जाते हैं? किसानों को इन डेमों से सिंचाई नहीं करने दी जाती है, जिससे फसलों को भी नुकसान होता है। (ख) यदि हाँ, तो नागदा में चम्बल नदी पर एक बड़ा डेम बनाने की शासन की क्या योजना है? यह डेम कब तक स्वीकृत हो जावेगा?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। नागदा में चंबल नदी पर बड़ा डेम बनाने की कोई योजना विचाराधीन नहीं है। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते हैं।
कुंडेल नदी पर डेम निर्माण
[जल संसाधन]
155. ( क्र. 5595 ) श्री दिलीप सिंह शेखावत : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्राम बरबोदना एवं रिंगनिया के मध्य जल प्रकट हनुमान मंदिर के पास कुंडेल नदी पर स्टॉप डेम निर्माण हेतु माननीय मुख्यमंत्री महोदय ने दिनांक 10.01.16 को खाचरोद प्रवास के दोरान घोषणा की थी। उक्त डेम की प्रक्रिया किस स्तर पर है? (ख) यह योजना कब तक स्वीकृत हो जावेगी?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) जी नहीं। मान. मुख्य मंत्रीजी द्वारा दिनांक 10.01.2016 को खाचरोद में की गई घोषणा क्र. बी-1513 निम्नानुसार है :- ''कुंडेल मडेनी नदी पर स्टॉप डेम का निर्माण कराया जाएगा। ''घोषणा के परिप्रेक्ष्य में कुंडेल मडेनी नदी के मिलन स्थल के नीचे गोठरा माता मंदिर के समीप डोडियाना बैराज की प्रशासकीय स्वीकृति दिनांक 30.03.2016 को रू. 361.30 लाख की 210 हे. के लिए प्रदान की गई है, जिसका निर्माण कार्य प्रारंभ कराया जाना प्रतिवेदित है।
आंतरिक सड़क/मार्ग का निर्माण
[लोक निर्माण]
156. ( क्र. 5630 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन/विभाग द्वारा निर्मित भवनों में आंतरिक सड़क/मार्ग बनाये जाने का प्रावधान होता है? यदि हाँ, तो किस प्रकार, यदि नहीं, तो क्यों? (ख) कटनी जिले में विगत पाँच वर्षों में विभाग/शासन द्वारा किन-किन भवनों का कब-कब निर्माण किया गया एवं वर्तमान में किया जा रहा है और भवनवार बतायें कि किन-किन में आंतरिक सडकों का प्रावधान कर, निर्माण किया गया, किन-किन में नहीं? आंतरिक सड़क निर्मित न होने के कारण भी बतायें? (ग) प्रश्नांश (ख) के तहत भवनों के प्राक्कलन/डी.पी.आर. बनाने, स्वीकृत करते समय आंतरिक सडकों का प्रावधान क्यों नहीं किया गया? क्या आंतरिक सड़क निर्मित ना होने पर भी, भवनों तक सहजता से पहुंचा जा सकता है? यदि हाँ, तो भवनवार बतायें, यदि नहीं, तो इसके लिये कौन जिम्मेदार है एवं क्या कार्यवाही की जायेगी? (घ) कटनी जिले में वर्तमान में कौन-कौन से विभागीय कार्य, नियत माइलस्टोनों से पीछे है एवं अवधि पूर्ण होने के बाद भी, किन कारणों से, कब से अपूर्ण है? क्या इन कार्यों के संविदाकारों द्वारा निर्माण कार्यक्रम निर्धारित समयावधि में जमा किये गये? यदि हाँ, तो विवरण देवें। यदि नहीं, तो क्या कार्यवाही कब-कब की गई?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) हाँ। प्रशासनिक विभाग द्वारा वित्तीय उपलब्धता के आधार पर आवश्यकता अनुसार प्रावधान किया जाता है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ', 'अ-1' अनुसार है। (ग) भवन निर्माण के लिये सीमित राशि उपलब्धता होने के कारण, जी हाँ, भवनों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ', 'अ-1' अनुसार है। जिम्मेदारी का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता, कोई नहीं। (घ) विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब', 'ब-1' तथा 'स' अनुसार है।
जैविक खेती प्रोत्साहन
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
157. ( क्र. 5631 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कटनी जिले में जैविक खेती को प्रोत्साहन हेतु विभाग द्वारा प्रयास किये गये है? यदि हाँ, तो विगत 03 वर्षों में जैविक खेती के प्रोत्सहन/उन्नयन हेतु जिले में कौन-कौन से घटक संचालित किये हैं? योजनाओं का क्रियान्वयन किस प्रकार किया जाता है? (ख) प्रश्नांश (क) कटनी जिले में जैविक खेती संबंधी कार्यों हेतु वर्ष-2014-15 से प्रश्ने दिनांक तक कितनी राशि प्राप्त हुई और व्यय किया गया? (ग) प्रश्नांश (ख) अंतर्गत कितने किसानों को लाभान्वित किया गया? (घ) जैविक खेती प्रोत्साहन योजना के प्रचार/प्रसार हेतु विभाग/शासन के क्या-क्या निर्देश हैं? इनका किस प्रकार क्रियान्वयन एवं क्या-क्या कार्य किये जाते हैं? वर्ष 2014-15 से कटनी जिले में योजनाओं के प्रचार-प्रसार हेतु क्या-क्या कार्य किये गये और कितना व्यय किया गया? कार्यवार, वर्षवार विवरण देवें। (ड.) कटनी जिले में कृषकों को जागरूक करने/योजनाओं की जानकारी प्रदाय करने का कार्य, किन-किन शासकीय सेवकों द्वारा किया जाता है? जनवरी-2016 से प्रश्न दिनांक तक विभागीय अधिकारियों द्वारा कितने दौरे किये गये तथा कितने किसानों से सम्पर्क किया गया?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ, कटनी जिले में आर्गनिक फार्म फील्ड स्कूल, राज्य के बाहर कृषक भ्रमण/प्रशिक्षण, राज्य के अंदर कृषक भ्रमण/प्रशिक्षण एवं दिवसीय कृषक प्रशिक्षण वर्मी कम्पोस्टिंग, जैविक कीटनाशक वितरण एवं जैविक हार्मोन्स का वितरण के कार्य संचालित किये गये हैं। योजना के मार्गदर्शी निर्देशानुसार योजना का क्रियान्वयन किया जाता है। (ख) कटनी जिले में जैविक खेती संबंधी कार्यों हेतु वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक प्राप्त राशि एवं व्यय की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (ख) अंतर्गत 6,906 लाभान्वित कृषकों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (घ) जैविक खेती प्रोत्साहन योजना के प्रचार-प्रसार हेतु शासन के निर्देशानुसार आर्गनिक फार्म फील्ड स्कूल, राज्य के बाहर कृषक भ्रमण/प्रशिक्षण, राज्य के अंदर कृषक भ्रमण/प्रशिक्षण, एक दिवसीय कृषक प्रशिक्षण कराये गये है। कार्यवार वर्षवार व्यय की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन अनुसार है। (ड.) कटनी जिले में कृषकों को जागरूक करने एवं योजना की जानकारी प्रदाय करने का कार्य समस्त मैदानी अमले (उप संचालक कृषि, सहायक संचालक कृषि, अनुविभागीय कृषि अधिकारी वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी एवं ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी) द्वारा किया जाता है। माह जनवरी 2016 से प्रश्न दिनांक तक सभी मैदानी अमले द्वारा 80 दौरों के माध्यम से 1875 कृषकों से सम्पर्क किया गया।
भाग-3
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
गुना जिले
में दी गई
बीमा राशि
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
1. ( क्र. 49 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या गुना जिले में गत वर्ष रूपये 70 करोड़ बीमा राशि दी गई है तथा किसानों को रूपये 164 करोड़ का मुआवजा मिला है तथा अशोकनगर में सिर्फ 43000 रूपये का बीमा व 1 करोड़ 45 लाख रूपये ही मुआवजा मिला है? (ख) क्या अशोक नगर को इतना कम बीमा व मुआवजा मिलने का कारण यह है कि अधिकारियों ने गुना की तरह से ठीक से आंकलन कर समय पर नहीं भेजा? (ग) यदि हाँ, तो इस हेतु दोषी कौन-कौन है व उन पर क्या कार्यवाही कब तक की जाएगी तथा किसानों को हुई इस हानि पर स्पेशल पैकेज राहत राशि देने पर विचार करेंगे?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) खरीफ वर्ष 2015 में राष्ट्रीय कृषि बीमा योजनांतर्गत गुना जिले में राशि रू. 71,97,65,085, (इकहत्तर करोड़ सत्यानवे लाख पैसठ हजार पचासी रूपये) की दावा राशि भुगतान की गई तथा जिला अशोकनगर में रू. 45,766 (पैंतालीस हजार सात सौ छियासठ) की दावा राशि प्रदान की गई। गुना जिले में राजस्व पुस्तिका 6-4 के प्रावधान अनुसार राहत राशि रू 162.04 करोड़ वितरित की गई। अशोक नगर जिले में राहत राशि रू 1.45 करोड़ वितरित की गई। (ख) जी नहीं, अशोक नगर जिले में नियमानुसार आंकलन कर समय पर भेजा गया है। (ग) उत्तरांश (ख) अनुसार। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में स्पेशल पैकेज राहत राशि देने का प्रावधान नहीं है। शेष प्रश्न नहीं उठता।
गुणवत्ताविहीन मार्ग निर्माण
[लोक निर्माण]
2. ( क्र. 222 ) श्री चम्पालाल देवड़ा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) देवास जिले के बागली विधान सभा क्षेत्र में सत्र 2015-16, 2016-17 में कुल कितने मार्ग स्वीकृत किये गये हैं, प्रत्येक मार्ग पर कितनी-कितनी राशि स्वीकृत की गई है, प्रत्येक मार्ग का कार्य प्रारंभ दिनांक कार्य पूर्णता दिनांक क्या है, पृथक-पृथक जानकारी देवें? (ख) प्रश्नांकित (क) मार्गों में से (1) सबलगढ़ फोट से कनाड तक मार्ग पर जो निर्माणाधीन है, उस पर कितने किलोमीटर का डामरीकरण किया गया है? क्या निर्माणाधीन डामरीकरण उखड़ने लगा है? क्या मार्ग पर उपयोग किये जाने वाली सामग्री डामर, गिट्टी गुणवत्ताविहीन है? अगर हाँ, तो जिम्मेदार एजेंसी द्वारा प्रश्नांकित दिनांक तक कब-कब किन-किन अधिकारियों ने कार्य का भौतिक निरीक्षण किया गया है? निरीक्षण में स्थल पर क्या पाया? (ग) प्रश्नांकित (क) मार्गों से (2) नाचनबोर से नाचनबोर घाट मार्ग पर जो कार्य किया गया है वह अभी से उखड़ने लगा है, अमानक स्तर की गिट्टी, सीमेन्ट कार्य में लगाई जा रही है, अगर यह सच है तो जिम्मेदार कौन है? जिम्मेदारों के खिलाफ क्या कार्यवाही की जावेगी? निर्माणाधीन कार्य गुणवत्तापूर्ण कब तक पूर्ण होगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) विस्तृत जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) जी नहीं। घाट सेक्शन में 3100 मीटर में 40 मीटर लंबाई में कुछ स्थान पर मोड पर बी.एम. क्षतिग्रस्त हुआ है। मानक स्तर की सामग्री उपयोग में ली है। कोई जिम्मेदार नहीं। कार्यवाही का प्रश्न नहीं। अप्रैल 2017।
सिंचाई योजना की स्वीकृति
[जल संसाधन]
3. ( क्र. 372 ) प्रो. संजीव छोटेलाल उइके : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा प्रस्तावित मण्डला विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत थांवर परियोजना से सिंचाई का रकबा बढ़ाने पठार क्षेत्र में कार्ययोजना तैयार कर ली गई है? क्या उक्त कार्ययोजना हेतु प्राक्कलन तैयार हो गया है? यदि हाँ, तो प्राक्कलन कितने राशि का है? सिंचाई योजना कब तक स्वीकृत हो जावेगी? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित परियोजना अंतर्गत विकासखण्ड नैनपुर के ग्राम पंचायत जामगांव, ईश्वरपुर, रमपुरी, भालीवाड़ा एवं अन्य क्षेत्रों में सिंचाई हेतु सिंचाई योजना का प्राक्कलन तैयार कर लिया गया है? यदि हाँ, तो प्राक्कलन कितनी राशि का है? यदि नहीं, तो कब तक तैयार कर लिया जावेगा? किसानों के हितार्थ सिंचाई योजना कब तक स्वीकृत हो जावेगी? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित थांवर परियोजना के दांयी तट नहर ग्राम पंचायत भरबेली, पोटिया, पिपरिया, पुत्तर्रा एवं अन्य पंचायतों को क्या विभागीय कार्ययोजना में शामिल कर लिया गया है? यदि हाँ, तो क्या सर्वे कार्य हो चुका है एवं क्या प्राक्कलन तैयार कर लिया गया है? यदि नहीं, तो कब तक कर लिया जावेगा?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। रू.226.13 करोड़। प्रस्ताव मुख्य अभियंता (बोधी) के स्तर पर परीक्षणाधीन है। अत: स्वीकृति की समय-सीमा बतलाया जाना संभव नहीं है। (ग) जी हाँ। जी हाँ। प्राक्कलन संभाग स्तर पर रचनाधीन है।
बलराम तालाब हेतु अनुदान
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
4. ( क्र. 373 ) प्रो. संजीव छोटेलाल उइके : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मण्डला विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत विगत 2013-2016 (तीन वर्षों) में कितने बलराम तालाब कृषकों द्वारा बनाये गये हैं? ग्रामवार, हितग्राही की संख्यावार जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित बलराम तालाबों को क्या शासन की योजनानुसार अनुदान का लाभ दे दिया गया है? यदि हाँ, तो हितग्राहियों की संख्या उपलब्ध करायें? यदि नहीं, तो ऐसे हितग्राहियों की सूची बतायें एवं उन्हें अनुदान न दिये जाने के क्या कारण हैं? (ग) इन हितग्राहियों को अनुदान कब तक प्रदान कर दिया जावेगा और इस लापरवाही के जिम्मेवारों पर क्या कार्यवाही की जावेगी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) प्रश्नांकित अवधि में मण्डला विधानसभा क्षेत्र में कुल 87 बलराम तालाब कृषकों द्वारा बनाये गये है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) जी हाँ। वर्ष 2015-16 में वितरित 75 अनुदान प्रकरणों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। दिनांक 26.03.2016 को शासन स्तर से आहरण पर प्रतिबंध लगने के कारण 12 हितग्राहियों के प्रकरणों का भुगतान नहीं हो सका था, जिनका भुगतान वर्ष 2016-17 में कर दिया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन अनुसार है। (ग) उत्तरांश (ख) अनुसार समस्त कृषकों को अनुदान भुगतान कर दिया गया है। अत: कार्यवाही का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
सड़कों की मरम्मत
[लोक निर्माण]
5. ( क्र. 431 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक निर्माण विभाग छतरपुर अंतर्गत चन्दला विधान सभा क्षेत्र में कितने रोड/सड़कों वार्षिक मरम्मत के अंतर्गत आते हैं। उन पर कितने सड़कों की मरम्मत की गई वर्ष 2014-15, 15-16, 16-17 का विस्तृत ब्यौरा देवें। (ख) खराब/क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत कब तक पूर्ण कर ली जावेगी? (ग) क्या चन्दला क्षेत्र की पुराने/नई सड़कों की स्थिति दयनीय है? उनको कब तक सुधारा जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के स्तम्भ के 11 में अंकित अनुसार है। (ग) जी नहीं। शेष उत्तरांश (ख) अनुसार।
आवदा बांध व दीवार की मरम्मत
[जल संसाधन]
6. ( क्र. 1059 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्योपुर जिले में संचालित जल संसाधन विभाग को आवदा बांध की मरम्मत/ रखरखाव हेतु वर्ष 2011-12 से 2016-17 तक कितनी राशि प्रदाय की, में से कितनी-कितनी राशि से क्या-क्या कार्य कराये जानकारी वर्ष/कार्यवार, बतावें? (ख) क्या उक्त अवधि में ई.ई. जल संसाधन श्योपुर द्वारा मरम्मत/रखरखाव कार्य का प्रस्ताव विभाग/शासन को भेजा हैं? यदि हाँ, तो कितनी राशि का भेजा, यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या दशक से भी अधिक समय से उक्त बांध व उसकी दीवार की मरम्मत का कार्य नहीं कराया गया, इस कारण दीवार से हमेशा अत्यधिक पानी का रिसाव होने के कारण बांध व दीवार क्षतिग्रस्त होने लगी है? (घ) क्या उक्त बांध से जिले की लगभग 9 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में प्रतिवर्ष सिंचाई होती है ग्रामीणों मवेशियों व जंगली जानवरों के पेयजल का एक स्त्रोत भी है? यदि हाँ, तो क्या शासन उक्त बांध की मरम्मत/रखरखाव का प्रस्ताव तैयार करवाकर प्रस्तावानुसार राशि विभाग को प्रदाय कर मरम्मत कार्य शीघ्र करवाएगा, यदि नहीं, तो क्यों?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। बांध पूर्णत: ठीक एवं सुरक्षित है। (घ) जी हाँ। वर्तमान में बांध सुरक्षित होने से इसके मरम्मत/रख-रखाव प्रस्ताव तैयार करने की स्थिति नहीं है।
कालोनियों एवं निरीक्षण गृहों का रख-रखाव
[जल संसाधन]
7. ( क्र. 1060 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्योपुर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत जल संसाधन विभाग हासिलपुर व ढोटी चम्बल कॉलोनी में कितने-कितने भवन हैं, किन-किन को आवंटित हैं तथा निरीक्षण भवन हलगावडा व हासिलपुर में जनवरी 2014 से वर्तमान तक कौन-कौन अधिकारी ठहरे? हैवी मशीनरी टीनशेड की भूमि किस उपयोग में आ रही है? (ख) क्या विभागीय उदासीनता तथा रखरखाव के अभाव में उक्त कॉलोनी के अधिकांश भवन एवं निरीक्षण/कार्यालयीन भवनों सहित हैवी मशीनरी टीनशेड वाली बेशकीमती भूमि भी वर्षों से अनुपयोगी पड़ी है और अतिक्रमण की चपेट में है? (ग) क्या अनुपयोगी पड़े उक्त कॉलोनियों एवं निरीक्षण एवं कार्यालयीन भवनों को क्षेत्रीय ग्राम पंचायतों को तथा टीनशेड वाली भूमि को नगर पालिका श्योपुर को नियमानुसार हस्तांतरित कर दिया जावे तो उनका रखरखाव ठीक से होगा तथा अतिक्रमण भी रूक जावेगा? (घ) क्या शासन उक्त सम्पत्तियों के अधिकांश भू भाग पर हो चुके अतिक्रमण की जाँच एवं दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही करेगा तथा उक्त सम्पत्तियों को नियमानुसार क्षेत्रीय ग्राम पंचायतों व नगर पालिका श्योपुर को हस्तांतरित करने पर विचार करेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। निरीक्षण भवन हलगांवडा का उपयोग निरीक्षणकर्ताओं द्वारा नहीं किया गया है लेकिन हासिलपुर स्थित निरीक्षण भवन में जनवरी 2014 से प्रश्न दिनांक तक प्रवास पर आने वाले सभी अधिकारी ठहरते हैं। हैवी मशीनरी टीनशेड अनुपयोगी होने से कंडम्नेशन बोर्ड के अनुमोदन उपरांत मुख्य अभियंता, वि./यां. जल संसाधन विभाग भोपाल के आदेश दिनांक 24.04.2012 द्वारा अपलेखित किया गया है। तद्नुसार टीनशेड की भूमि का वर्तमान में कोई उपयोग नहीं हो रहा है। (ख) जी नहीं। आवश्यकतानुसार मरम्मत कराई जाती है। कहीं भी अतिक्रमण की स्थिति प्रतिवेदित नहीं है। (ग) कोई भी निरीक्षण भवन व कॉलोनी अनुपयोगी नहीं है। हैवी मशीनरी टीनशेड वाली भूमि कलेक्टर, श्योपुर को हस्तांतरित करने का प्रस्ताव अवश्य विचाराधीन है। (घ) किसी भी शासकीय संपत्तियों पर अतिक्रमण नहीं है। अत: दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
रेल्वे स्टेशन सरकनपुर तथा रेल्वे स्टेशन खरगापुर से चंदपुरा तक सड़क निर्माण
[लोक निर्माण]
8. ( क्र. 1090 ) श्रीमती चन्दा सुरेन्द्र सिंह गौर : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या खरगापुर विधान सभा क्षेत्र में नवीन रेल्वे लाईन प्रारंभ होने पर ग्राम सरकनपुर में रेल्वे स्टेशन से ग्राम सरकनपुर तक यात्रियों को आने-जाने हेतु ऊबड़-खाबड़ रास्ता है और खराब रास्ता होने के कारण आम राहगीर रेल यात्रा करने हेतु कठिनाई उठा रहे हैं इसी तरह खरगापुर रेल्वे स्टेशन से ग्राम चंदपुरा तक जाने के लिये भी बहुत खराब रास्ता है, पैदल चलना भी कठिन है इसलिए आम जनता रेल यात्रा करने में परेशानी उठा रही हैं? क्या सरकनपुर ग्राम से रेल्वे स्टेशन तक एवं खरगापुर रेल्वे स्टेशन से चंदपुरा तक सड़क निर्माण करायेंगे? यदि हाँ, तो समयावधि बतायें? यदि नहीं, तो? कारण स्पष्ट करें। (ख) क्या इन सड़कों का निर्माण किसी योजना में शामिल ना होने के कारण आगामी किसी योजना के तहत निर्माण करायेंगे? यदि हाँ, तो समयावधि बतायें? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। किसी भी योजना में स्वीकृत नहीं। प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। वर्तमान में सीमित वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता के कारण किसी भी प्रकार की कार्यवाही संभव नहीं। (ख) उत्तरांश 'क' अनुसार।
खरगापुर विधान सभा की सड़कों का निर्माण
[लोक निर्माण]
9. ( क्र. 1091 ) श्रीमती चन्दा सुरेन्द्र सिंह गौर : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या खरगापुर विधान सभा क्षेत्र में आवागमन हेतु सड़कों का अभाव है और (1) गुजरायतन से वनपुरा (2) मलगुंवा से सरकर (3) रमपुरा मुख्य सड़क से सौरंया होकर दोनपटार होकर मुख्य सड़क फुटेर धर्मपुरा तक (4) देरी मुख्य सड़क से चक्रमाधौ सिंह तक (5) खुमानगंज से कोटरा खेरा तक (6) चौबारा से देवपुर मुख्य मार्ग तक आदि सड़कों के नहीं होने से ग्रामीणों को आने जाने में भारी मुसीबत का सामना करना पड़ता हैं तथा स्कूल छात्र-छात्राओं को तथा बीमार व्यक्तियों को इलाज हेतु जाने में भारी कठिनाई होती है? क्या वर्णित सड़कों के निर्माण हेतु स्वीकृति प्रदाय करेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें। (ख) क्या उक्त सड़कों के निर्माण कराये जाने हेतु शासन द्वारा कोई योजना बनाई गई है तो उक्त योजना अनुसार वर्णित सड़कों का निर्माण कब तक प्रारंभ हो जायेगा तथा किस योजना के तहत निर्माण कार्य कराया जायेगा? यदि हाँ, तो योजना के नाम सहित समयावधि बतायें। यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें। (ग) क्या खरगापुर विधान सभा में इन सड़कों का निर्माण कराया जाना है या नहीं तथा निर्माण कराया जाना है तो कब तक कराया जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी नहीं, जी नहीं, प्रश्न उपस्थित नहीं होता। सीमित वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता के कारण कोई भी कार्यवाही संभव नहीं। (ख) एवं (ग) उत्तरांश 'क' अनुसार।
जिला मुख्यालय पर सर्किट हाऊस का निर्माण
[लोक निर्माण]
10. ( क्र. 1328 ) श्री अरूण भीमावद : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों पर सर्किट हाऊस निर्माण किये जाने की कार्ययोजना है? (ख) जिला शाजापुर राष्ट्रीय राज्य मार्ग क्र. 3 (ए.बी. रोड) पर स्थित होने के उपरांत भी सर्किट हाऊस की सुविधा से अभी तक क्यों वंचित है? (ग) शासन स्तर पर जिला शाजापुर मुख्यालय पर सर्किट हाऊस निर्माण करने हेतु कार्ययोजना लंबित है? (घ) यदि हाँ, तो कब तक सर्किट हाऊस के निर्माण की प्रशासनिक स्वीकृति होगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी नहीं, अपितु उपलब्ध संसाधनों अनुसार प्रयास किया जा रहा है। (ख) वित्तीय संसाधनों के उपलब्ध होने पर सर्किट हाउस का निर्माण किया जावेगा। (ग) जी हाँ, शाजापुर जिला मुख्यालय पर 6 सूट्स सर्किट हाउस भवन निर्माण कार्य का प्रस्ताव तैयार किया गया है। वित्तीय संसाधनों की उपलब्धतानुसार स्वीकृति हेतु विचार किया जा सकेगा। (घ) तिथि बताना संभव नहीं।
शाजापुर व्हाया बिजाना-चौमा मार्ग का निर्माण
[लोक निर्माण]
11. ( क्र. 1329 ) श्री अरूण भीमावद : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला मुख्यालय शाजापुर व्हाया सतगांव-बिजाना से चौमा कुल लंबाई 29.1 कि.मी. का दोहरीकरण हेतु प्रस्ताव शासन स्तर लंबित है? (ख) क्या उक्त मार्ग का दोहरीकरण उन्नयन हेतु प्रस्ताव शासन स्तर पर लंबित है? (ग) यदि हाँ, तो उक्त मार्ग की प्रशासनिक स्वीकृति कब तक होगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी नहीं। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर अनुसार। (ग) प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
चीलर बांध (शाजापुर) में वर्षाकाल का व्यर्थ पानी का संग्रहण
[जल संसाधन]
12. ( क्र. 1331 ) श्री अरूण भीमावद : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. सरकार द्वारा वर्षाकाल का व्यर्थ बहने वाला पानी को रोककर सिंचाई एवं पेयजल के लिए उपयोग में लाने हेतु कोई कार्य योजना प्रस्तावित है? (ख) यदि है तो जिला मुख्यालय शाजापुर में निर्मित चीलर बांध में प्रश्नांश (क) के अनुसार कार्य योजना क्रियान्वित है? (ग) यदि कार्य योजना क्रियान्वित है तो वर्षाकाल का व्यर्थ पानी चीलर बांध में लाने हेतु शासन द्वारा स्वीकृति कब तक होगी?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) विभाग द्वारा वर्षाकाल में बहने वाले पानी को रोककर सिंचाई हेतु बांधों का निर्माण किया जाता है तथा योजनानुसार बांध से पेयजल हेतु पानी का आवंटन किया जाता है। (ख) एवं (ग) जी नहीं। चीलर बांध से लगभग 15 कि.मी. दूर बहने वाली कालीसिंध नदी अथवा 05 कि.मी. दूर बहने वाली लखुंदर नदी में बहने वाले पानी को चीलर बांध में भरने के लिए कार्ययोजनाओं का तकनीकी परीक्षण किए जाने पर योजना तकनीकी एवं वित्तीय मापदण्डों पर साध्य नहीं पाई गई। कोई योजना प्रस्तावित/विचाराधीन होने से शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होते हैं।
स्वीकृत कार्यों को पूर्ण किया जाना
[लोक निर्माण]
13. ( क्र. 1461 ) श्री प्रताप सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दमोह जिले में विगत 05 वर्षों में कितने ठेकेदारों ने निर्माण कार्य से संबंधित अनुबंध निष्पादित कराये जाने के बावजूद भी स्वीकृत कार्य पूर्ण नहीं किया है? कार्य का नाम, स्थान, स्वीकृति दिनांक, लागत राशि एवं ठेकेदार के नाम, पता सहित जानकारी देवें? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में स्वीकृत कार्यों की निविदा पुन: आमंत्रित की गई है? यदि हाँ, तो कौन-कौन से निर्माण कार्यों की? (ग) यदि हाँ, तो पूर्व ठेकेदारों की अनुबंधित लागत एवं नवीन निविदा की कितनी राशि का अंतर आया है? इस अंतर की राशि से शासन को कितना नुकसान हुआ है, कार्य सहित अलग-अलग विवरण देवें? (घ) क्या शासकीय अंतर की राशि के नुकसान की भरपाई पूर्व के ठेकेदारों से की गई है? यदि नहीं, तो इसका क्या कारण है, इसके लिए कौन अधिकारी जिम्मेदार है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ', 'अ-1' एवं 'अ-2' अनुसार है। (ख) जी हाँ। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब', 'ब-1' एवं 'ब-2' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब', 'ब-1' एवं 'ब-2' अनुसार है। (घ) उत्तरांश 'ग' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
राज्य मार्ग बनाने हेतु स्वीकृत प्रस्ताव
[लोक निर्माण]
14. ( क्र. 1462 ) श्री प्रताप सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दमोह जिले के जबेरा विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत तेन्दूखेड़ा विकासखंड के तारादेही से महराजपुर-देवरी मार्ग राज्य मार्ग बनाये जाने हेतु प्रस्ताव स्वीकृत किया गया है? यदि हाँ, तो कृपया प्रशासनिक स्वीकृति की प्रति उपलब्ध करावें? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में वर्णित निर्माणाधीन मार्ग में तारादेही से 07 किमी. तक नौरादेही अभ्यारण्य सेंचुरी ऐरिया में आता है, की एन.ओ.सी. भारत शासन स्तर पर प्राप्त हो चुकी है? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित राज्य मार्ग का निर्माण कब तक प्रारंभ कर दिया जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हाँ। प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्य प्राणी) म.प्र. भोपाल द्वारा अनुमति प्रदान की गई है। (ग) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
जबलपुर जिले में कीट विशेषज्ञों की नियुक्ति
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
15. ( क्र. 1496 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग में जिला स्तर पर सहायक संचालक के विषयवार कुल कितने पद स्वीकृत हैं? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार विषयवार सहायक संचालकों की जिला जबलपुर में कितनी पदस्थापनायें की गई हैं? विवरण देवें? (ग) खरीफ एवं रबी मौसम में कृषकों को कीट व्याधि से होने वाली भारी क्षति के लिए जिला स्तर पर कीट विशेषज्ञों की व्यवस्था किस-किस जिले में है? (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार कीट व्याधि से कृषकों को होने वाली भारी क्षति के लिए इन विषय के विशेषज्ञों की नियुक्ति पर शासन विचार करेगा? यदि हाँ, तो कब तब और नहीं तो क्यों?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (ग) कीट विशेषज्ञ की व्यवस्था केवल जबलपुर जिले में है। प्रदेश के अन्य जिलों में खरीफ एवं रबी फसलों में कीट व्याधि से होने वाली क्षति/नुकसान के लिये जिला स्तर पर सहायक संचालक के साथ-साथ कृषि विज्ञान केन्द्र के कृषि वैज्ञानिक/विशेषज्ञ उपलब्ध है, जिनके द्वारा समय-समय पर कृषकों को तकनीकी जानकारी दी जाती है। (घ) प्रश्नांश (ग) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
कृषि अभियांत्रिकी महाविद्यालय में अधिष्ठाता के रिक्त पद की पूर्ति
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
16. ( क्र. 1497 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जवाहर लाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय जबलपुर के अधीन कृषि अभियांत्रिकी महाविद्यालय में अधिष्ठाता का पद स्वीकृत है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार उक्त पद कब से रिक्त है? यदि रिक्त है तो रिक्त रहने का क्या कारण है? उक्त पद की पूर्ति हेतु विश्वविद्यालय ने क्या कोई कार्यवाही की है? यदि की है तो पूर्ण विवरण बतावें? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार क्या रिक्त पद की पूर्ति न करने के लिए दोषी अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 1 अनुसार है। (ख) दिनांक 25.09.2013 से पद रिक्त है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 2 अनुसार है। विश्वविद्यालय द्वारा की गई कार्यवाही जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 3, 4 एवं 5 अनुसार है। (ग) पद की पूर्ति हेतु विश्वविद्यालय स्तर पर कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
प्रदेश के हाईकोर्ट व अन्य कोर्टों में लंबित प्रकरण
[विधि और विधायी कार्य]
17. ( क्र. 1728 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे किप्रदेश के हाईकोर्ट की ग्वालियर एवं इन्दौर संभाग में जिला सत्र न्यायाधीश, ए.डी.जे., सी.जे.ए. व तहसील स्तर के विभिन्न न्यायालयों में कितने-कितने प्रकरण किस-किस न्यायालय में कब से पेंडिंग है? पिछले 3 वर्ष की वर्षवार जानकारी दें प्रकरणों की पेंडेन्सी कम से कम रहे इस हेतु शासन क्या प्रयास कर रहा है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय के अधीनस्थ जिला न्यायालयों की वर्ष 2014 से वर्ष 2016 तक के इंदौर एवं ग्वालियर संभाग के लंबित प्रकरणों की वर्षवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार।
पंजीकृत ड्रिप निर्माणकर्ता कंपनियों की सूची
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
18. ( क्र. 1830 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उद्यानिकी विभाग के हितग्राहियों हेतु पंजीकृत ड्रिप एवं इरीगेशन निर्माणकर्ता कंपनियों की सूची उनके नाम, पता, पंजीयन क्रमांक, दिनांक, पंजीकृत अवधि सहित विगत 3 वर्षों की सूची देवें। पंजीयन किन शर्तों पर प्रदान किया जाता है तथा पंजीयन प्रक्रिया की विभागीय नियमावली देवें। (ख) वर्तमान में खरगोन जिले की पंजीकृत कंपनियों के पंजीयन हेतु आवेदन तथा उनसे हुए पत्राचार की प्रतियां देवें। ड्रिप के विभागीय मानक क्या है, खरगोन जिले की कंपनियों ने इससे संबंधित कब-कब टेस्ट कराये गये तथा इनके परिणाम क्या रहे? प्रति देवें। (ग) विभागीय वेबसाईट पर पंजीकृत कंपनियों की सूची किस अधिकारी/कर्मचारी द्वारा चेक कर प्रदर्शन हेतु भेजा गया? क्या कई कंपनियों के पंजीयन क्रमांक एक ही जैसे हैं? कारण सहित बतायें। में.केप्टन पॉलीप्लास्ट लि. की पंजीयन अवधि 2015 तक ही प्रदर्शित हो रही है? यदि हाँ, तो यह नाम जनवरी 2017 में भी क्यों वेबसाईट पर दिखाई दे रहा है? (घ) में.पारस ड्रिप ईरीगेशन के पंजीयन प्रमाणपत्र की प्रति देवें, यह पंजीयन विभागीय वेबसाईट पर प्रदर्शन हेतु कब किस माध्यम से प्रेषित किया गया था, दिनांक व समय सहित बतायें। क्या यह कंपनी दिनांक 16 जनवरी 2017 को सुबह 9 बजे विभागीय वेबसाईट पर प्रदर्शित हो रही थी। यदि हाँ, तो कारण बतायें।
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) विभाग के अंतर्गत ड्रिप/ स्प्रिंकलर पंजीकृत निर्माता कंपनियों की विगत 3 वर्षों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। पंजीयन का नियम एवं शर्तें पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। पंजीयन की प्रक्रिया में किसी कंपनी का पंजीयन करने से पूर्व उसके कारखानें का भौतिक निरीक्षण इस हेतु गठित तकनीकी समिति द्वारा किया जाता है। समिति से प्राप्त रिपोर्ट के आधार पर नियम एवं शर्तों के अनुसार कंपनी का पंजीयन किया जाता है। (ख) वर्तमान में खरगोन जिले में मेसर्स लक्ष्य एग्रो इण्डस्ट्रीज एवं मेसर्स एग्रोलीडर पाईप्स एण्ड प्रोडक्टस प्रायवेट लिमिटेड पंजीकृत कंपनियाँ है। उक्त कंपनियों के आवेदन और पत्राचार पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। विभागीय मानक की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार है। खरगोन जिले की पंजीकृत कंपनियों द्वारा कोई टेस्ट रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं की गई है। विभाग ने इन कंपनियों द्वारा स्थापित संयंत्रों की कराई गई जाँच की रिपोर्ट पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ई अनुसार है। (ग) विभागीय वेबसाईट पर पंजीकृत कंपनियों की सूची संचालनालय उद्यानिकी एवं प्रक्षेत्र वानिकी के अधिकारियों के परीक्षण उपरांत सहायक प्रोग्रामर एवं लेखापाल द्वारा अपलोड की गई है। यह सही है कि कई पंजीकृत कंपनियों के पंजीयन क्रमांक एक ही है क्योंकि जिन कंपनियों का पंजीयन एक ही पत्र के द्वारा किया जाता है उनकी पंजीयन क्रमांक एवं दिनांक एक ही रहते हैं। विभागीय वेबसाईट पर मेसर्स केप्टन पॉलीप्लास्ट लिमिटेड की पंजीयन अवधि 2014-2015 प्रदर्शित हो रही थी। वेबसाईट में सुधार कार्य होने के कारण उक्त पंजीयन सूची विलोपित हो गई थी। वेबसाईट में सुधार उपरांत पुन: सूची अपलोड की गई जिसमें पंजीयन अवधि 2014-15 से 2016-17 होने के कारण जनवरी 2017 में भी वेबसाईट पर प्रदर्शित हो रही है। (घ) मेसर्स पारस ड्रिप इरीगेशन के पंजीयन प्रमाण पत्र की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-फ अनुसार है। विभागीय वेबसाईट पर यह सूची कंपनी के पंजीयन नवीनीकरण दिनांक 22.07.2016 के उपरांत संचालनालय उद्यानिकी एवं प्रक्षेत्र वानिकी द्वारा अपलोड की गई है। उक्त कंपनी विभागीय वेबसाईट पर प्रश्नांकित दिनांक को प्रदर्शित हो रही थी क्योंकि कंपनी की पंजीयन अवधि वर्ष 2014-15 से 2016-17 तक है।
नर्सरी फार्महाउस में दैनिक कर्मचारियों की जानकारी
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
19. ( क्र. 1857 ) श्री प्रदीप अग्रवाल : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दतिया जिले में उद्यान विभाग से संचालित नर्सरी, फार्महाउसवार संस्थाओं में दैनिक मजदूर रखे जाने के क्या नियम हैं? नियम की छायाप्रति उपलब्ध कराई जावे? (ख) क्या अधिकारी कर्मचारी अपने परिवार के सदस्य जैसे भाई भतीजे, भांजे को रख सकते हैं? यदि नहीं, तो इन संस्थाओं में जो मजदूर नियुक्त किये गये हैं, वे किसी अधिकारी कर्मचारी के रिश्तेदार नहीं है? यदि नहीं, है तो क्या जाँच कराई जावेगी? (ग) यदि है, तो इसके लिये कौन-कौन दोषी है? उनके खिलाफ क्या कार्यवाही की जावेगी?
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) दतिया जिले सहित विभाग की नर्सरियों/फार्म हाउस में कार्य की आवश्यकता अनुसार मजदूरों को कार्य पर रखा जाता है। मजदूर रखने का कोई नियम नहीं है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) इस हेतु कोई नियम नहीं बनाये गये हैं। नर्सरियों/फार्म हाउस में मजदूर नियुक्त नहीं किये जाते बल्कि कार्य पर रखे जाते हैं। नर्सरियों में जो मजदूर कार्य पर रखे गये हैं वह किसी अधिकारी/कर्मचारी के रिश्तेदार हो, ऐसी जानकारी नहीं है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश (ख) अनुसार स्थिति निर्मित नहीं होने से कोई अधिकारी/कर्मचारी दोषी नहीं है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्रश्नकर्ता के पत्रों पर कार्यवाही
[सहकारिता]
20. ( क्र. 1876 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि प्रश्नकर्ता ने पिछले 2 वर्ष में सहकारिता मंत्री, प्रमुख सचिव सहकारिता, अध्यक्ष जिला सहकारी बैंक गुना व अशोकनगर तथा उपपंजीयक सहकारिता गुना व अशोकनगर को किस-किस समस्या पर किस-किस दिनांक को किस-किस विषय पर पत्र लिखे, इसका विवरण देते हुए बताए कि उन पर क्या कार्यवाही हुई?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : जानकारी एकत्रित की जा रही है।
प्रस्तावित एवं स्वीकृत कार्य
[जल संसाधन]
21. ( क्र. 1926 ) श्री प्रहलाद भारती : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पोहरी विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत जल संसाधन विभाग द्वारा जनवरी 2009 से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन से कार्य प्रस्तावित किये गये हैं व उनमें से कौन-कौन से कार्य स्वीकृत किये गये हैं, जानकारी वर्षवार, कार्यवार, विकासखण्डवार पृथक-पृथक उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार स्वीकृत कार्यों में से कौन-कौन से कार्य पूर्ण हो चुके हैं व कौन-कौन से कार्य किस-किस कारण से अपूर्ण हैं? उनकी अद्यतन स्थिति से अवगत कराते हुये जानकारी कार्यवार वर्षवार, स्थानवार, विकासखण्डवार पृथक-पृथक उपलब्ध करावें?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
लोक निर्माण विभाग व पी.आई.यू. द्वारा कराये गये कार्य
[लोक निर्माण]
22. ( क्र. 1927 ) श्री प्रहलाद भारती : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पोहरी विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत जनवरी 2009 से प्रश्न दिनांक तक लोक निर्माण विभाग व पी.आई.यू. द्वारा कौन-कौन से विकास कार्य स्वीकृत किये गये? स्वीकृत कार्यों की लागत क्या थी? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार स्वीकृत कार्यों में से कौन-कौन से कार्य पूर्ण किये जा चुके हैं व कौन-कौन से कार्य अपूर्ण हैं व उसके क्या कारण है? अपूर्ण कार्य कब तक पूर्ण कर लिये जावेंगे?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ', 'अ'-1 'अ'-2 एवं ''ब'' अनुसार है।
हायर सेकेण्डरी स्कूल भवन निर्माण
[लोक निर्माण]
23. ( क्र. 1937 ) श्री दिनेश कुमार अहिरवार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शास. कन्या हायर सेकेण्डरी लिधौरा जिला टीकमगढ़ में नवीन भवन निर्माण कब स्वीकृत किया गया? (ख) क्या भवन निर्माण का कार्य लोक निर्माण विभाग (पी.आई.यू.) द्वारा कराया जा रहा है, कई वर्षों से निर्माण कार्य चल रहा है? (ग) शास. कन्या हायर सेकेण्डरी लिधौरा की छात्राओं को कब तक नवीन भवन बैठनें के लिए मिलेगा? (घ) ठेकेदार और पी.आई.यू. के कर्मचारियों की लापरवाही से निर्माण कार्य समय पर पूरा नहीं हो सका? निर्माण कार्य पूर्ण नहीं होने की जवाबदेही किसकी है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) स्वीकृति मार्च 2013 में प्राप्त हुई। (ख) जी हाँ। कार्य प्रगति पर है। (ग) भवन का निर्माण कार्य अगस्त 2017 तक पूर्ण कर संबंधित विभाग को हस्तांतरण कर दिया जावेगा। (घ) निर्माण कार्य समय-सीमा में पूर्ण नहीं करने के लिए मूल ठेकेदार जिम्मेदार है, जिसके लिए उसका अनुबंध निरस्त कर ठेकेदार का पंजीयन निलंबित कर दिया गया है तथा ठेकेदार के हर्जे-खर्चे पर अन्य एजेन्सी निर्धारित कर कार्य पूर्ण कराया जा रहा है।
ड्रिप सिंचाई योजना
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
24. ( क्र. 1952 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन संभाग में जनवरी २०१४ से दिसम्बर २०१६ तक ड्रिप सिंचाई योजनांतर्गत कितने-कितने प्रकरण स्वीकृत किये गये? जिलेवार-तहसील ब्यौरा दें . (ख) प्रश्नांश (क) में कितने एवं किस-किस प्रकरण में कितना-कितना अनुदान स्वीकृत हुआ? (ग) रतलाम जिले के आलोट क्षेत्र के कितने प्रकरण अब तक स्वीकृति हेतु लंबित हैं तथा वर्ष २०१७ का लक्ष्य क्या है?
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) उज्जैन संभाग में प्रश्नाधीन अवधि में ड्रिप सिंचाई के स्वीकृत प्रकरणों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना अंतर्गत विभाग में ड्रिप एवं स्प्रिंकलर के प्रकरण स्वीकृत होते है। प्रश्नाधीन अवधि में ड्रिप के 26148 प्रकरणों में 25949 कृषकों को राशि रूपये 24189.19 लाख का अनुदान स्वीकृत हुआ। स्प्रिंकलर के 1331 प्रकरणों में 631 कृषकों को राशि रूपये 131.50 लाख का अनुदान स्वीकृत हुआ। (ग) रतलाम जिले में आलोट क्षेत्र में स्वीकृति हेतु कोई प्रकरण लंबित नहीं है। लक्ष्य जिलेवार दिया जाता है। रतलाम जिले को वर्ष 2016-17 में न्यूनतम 400 हेक्टेयर के लक्ष्य दिये हैं शेष लक्ष्य पूल से प्राप्त करने का प्रावधान रखा गया है।
राज्यपोषित नलकूप खनन योजना.
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
25. ( क्र. 1953 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति क्षेत्रों के कृषकों के लिए राज्य पोषित नलकूप खनन योजना अंतर्गत शासन की सहायता निधि से अनुदान स्वीकृति के क्या प्रावधान हैं? पूर्ण ब्यौरा दें. (ख) रतलाम जिले एवं विशेषकर आलोट क्षेत्र में वर्ष २०१३ से दिसंबर २०१६ तक कितने एवं कौन-कौन से प्रकरण स्वीकृत किये तथा कितने व किन-किन किसानों को नलकूप खनन अनुदान स्वीकृत किये? (ग) वर्ष २०१७ का आलोट सहित रतलाम जिले का लक्ष्य क्या है?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति क्षेत्रों के कृषकों के लिये राज्य पोषित नलकूप खनन योजना अंतर्गत खनन पर 75 प्रतिशत या अधिकतम रू. 25000/- एवं नलकूप सफल होने पर पंप प्रतिष्ठापन पर कीमत का 75 प्रतिशत या रू. 15000/- जो भी कम हो, अनुदान देय है। (ख) रतलाम जिले एवं विशेषकर आलोट क्षेत्र में वर्ष 2013 से दिसंबर 2016 तक विकासखंड बाजना में अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के कृषकों को अनुदान दिया गया है। विस्तृत जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। आलोट क्षेत्र अतिदोहित होने के कारण नलकूप खनन के लक्ष्य नहीं दिये गये है और न ही प्रकरण प्राप्त हुए है। (ग) वर्ष 2016-17 में रतलाम जिले को कुल 13 अनुसूचित जाति के लक्ष्य दिये गये है। अतिदोहित होने के कारण आलोट क्षेत्र को लक्ष्य नहीं दिये गये है।
जलाशयों के डूब क्षेत्र में कृषि की अनुमति
[जल संसाधन]
26. ( क्र. 2167 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिंचाई जलाशयों के डूब क्षेत्र की खाली हुई भूमि पर कृषि कार्य की अनुमति दिये जाने के संबंध में क्या प्रावधान हैं? अनुमति के बदले किस दर से राशि की वसूली के वर्तमान में क्या प्रावधान प्रचलित हैं? (ख) बैतूल एवं हरदा जिले में वर्ष 2014 एवं वर्ष 2015 में किस जलाशय की डूब क्षेत्र की कितनी भूमि पर कितने किसानों को कृषि की अनुमति दी गई? इसके बदले विभाग को कितनी राशि प्राप्त हुई, कितनी राशि किसानों से प्राप्त किया जाना शेष है? (ग) वर्ष 2016 के लिये किस जलाशय के डूब क्षेत्र की कितनी जमीन कितने किसानों को कृषि कार्य के लिये दी गई, इनसे कितनी राशि प्राप्त हो चुकी हैं, कितनी राशि प्राप्त होना शेष है? (घ) डूब क्षेत्र की भूमि पर विभाग की अनुमति के बिना कृषि किए जाने पर संबंधित अमीन, टाईम कीपर, सब-इंजीनियर, एस.डी.ओ. के विरूद्ध किन-किन कार्यवाहियों के क्या-क्या प्रावधान हैं?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) विभाग के सिंचाई जलाशयों की डूब क्षेत्र की खाली हुई भूमि पर कृषि कार्य की अनुमति मध्यप्रदेश सिंचाई अधिनियम-1931 की धारा-64 के अधीन पुनरीक्षित कार्यकारी अनुदेश के निर्देशानुसार प्रावधान है। अनुमति के बदले जिला जल उपयोगिता समिति द्वारा अनुमोदित दर से राशि वसूली का वर्तमान में प्रावधान है। (ख) एवं (ग) हरदा जिले में वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में डूब क्षेत्र से खाली हुई भूमि कृषि कार्य हेतु किसानों को नहीं दी गई। बैतूल जिले में वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में दी गई अनुमति, प्राप्त राशि एवं शेष राशि का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''1'', ''2'', ''3'' एवं ''4'' अनुसार है। (घ) म.प्र. सिविल सेवा (वर्गीकरण नियंत्रण एवं अपील) नियम-1986 के अंतर्गत अनुशासनिक कार्यवाही किए जाने का प्रावधान है।
पारसडोह जलाशय हेतु अर्जन
[जल संसाधन]
27. ( क्र. 2168 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैतूल जिले में पारसडोह जलाशय के लिये किस एजेन्सी को किस दिनांक को कार्य आदेश जारी किया? एजेन्सी ने प्रश्नांकित दिनांक तक क्या क्या कार्यवाही की, किस-किस दिनांक को किस ग्राम के कितने किसानों की निजी भूमि विभाग ने क्रय कर कितना मूल्य एवं कितना पुनर्वास अनुदान और कितना तोषण का भुगतान किया? पृथक-पृथक बतावें। (ख) भूमि अर्जन, पुनर्वास एवं पुनर्व्यवस्थापन में उचित प्रतिकर एवं पारदर्शिता के अधिकार कानून 2013 के अध्याय-2 धारा 3 से 9 तक में क्या प्रावधान दिया है? इनका पालन किये बिना ही भूमि क्रय करने, निर्माण प्रारंभ करने का क्या-क्या कारण रहा है? ऐसा किस धारा में दिए प्रावधान के अनुसार किया गया है? (ग) अधिनियम की किस धारा के अनुसार किसानों को तोषण एवं पुनर्व्यवस्थापन अनुदान से वंचित किया, अधिनियम की धारा 85 एवं 87 में क्या प्रावधान दिया गया है? (घ) अधिनियम के अध्याय 2 धारा 3 से 9 तक में दिये प्रावधानों का पालन किये जाने के संबंध में विभाग क्या कार्यवाही कर रहा है? कब तक करेगा?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) मेसर्स करण डेवलपमेंट सर्विसेज प्रा.लि. ग्वालियर (म.प्र.) को दिनांक 07/10/2016 को कार्यादेश जारी किया गया। एजेन्सी द्वारा प्रश्नांकित तिथि तक किये गये कार्य का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। पारसडोह मध्यम उद्वहन सिंचाई परियोजना के निर्माण कार्य के लिए आवश्यक निजी भूमि का क्रय कृषकों से आपसी सहमति से भूमि क्रय नीति के अंतर्गत क्रमश: किया जा रहा है, जिसका तिथिवार, ग्रामवार भूमि क्रय एवं भुगतान का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। (ख) भूमि अर्जन, पुनर्वास एवं पुनर्व्यवस्थापन में उचित प्रतिकर एवं पारदर्शिता के अधिकार कानून 2013 के अध्याय-2, धारा-3 से 9 तक में प्रावधानों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''स'' अनुसार है। म.प्र.शासन राजस्व विभाग भोपाल के परिपत्र क्र.एफ-12-2/2014/सात/21 दिनांक 12/11/2014 द्वारा जारी परिपत्र के तहत् आपसी सहमति से भूमि क्रय करने संबंधित आदेश का पालन करते हुए भूमि स्वामी की विधिवत् सहमति लेते हुए कलेक्टर बैतूल के आदेशानुसार भूमि क्रय किये जाने के आदेश दिये जाने पर भूमि की रजिस्ट्री निष्पादित की गई है। म.प्र.राजस्व विभाग द्वारा जारी परिपत्र के तहत् प्रक्रिया का पालन करते हुए रजिस्ट्री होने से निर्माण कार्य की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। वर्तमान में कृषकों की लगभग 60 प्रतिशत रजिस्ट्री होने से निर्माण कार्य प्रारंभ करने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। अतः निर्माण कार्य हेतु उपलब्ध शासकीय भूमि एवं क्रय की गई भूमि पर ठेकेदार प्रारंभिक तौर के कार्य जैसे सर्वेक्षण, अनुसंधान, डिजाईन-ड्राईंग, श्रमिकों के लिये मूलभूत सुविधाएं तथा निर्माण कार्य स्थल पर निर्माण कार्य हेतु आवश्यक सामग्रियों की सहज उपलब्धता हेतु मशीनरी स्थापित करने की कार्यवाही कर सके, इस उद्देश्य से शासकीय एवं कार्यहित में कार्यादेश जारी किया गया। पर्यावरण आंकलन प्रभाव निकासी (Environment Clearance) के लिये WAPCOS Agency द्वारा दिनांक 06/06/2016 को अनुबंध किया गया। एजेंसी द्वारा दिनांक 24/02/2017 को Executive Summary in Hindi & English, EIA and EMP Report प्रस्तुत की गई जिसे जन-सुनवाई हेतु म.प्र. प्रदूषण नियंत्रण मंडल भोपाल के क्षेत्रीय अधिकारी (R.O.) को दिनांक 25/02/2017 को रिपोर्ट प्रस्तुत की गई है। (ग) आपसी सहमति से क्रय की स्थिति में तोषण राशि देय नहीं है। अपितु इसके समतुल्य पुनर्वास अनुदान देय है जिसका भुगतान किया जा रहा है। म.प्र.राजस्व विभाग द्वारा जारी आपसी क्रय नीति के तहत् जिन भूमि स्वामी द्वारा भूमि विक्रय की सहमति दी गई, उनकी सहमति के आधार पर कलेक्टर बैतूल के आदेशासनुसार भूमि क्रय की गई है। जिन भूमि स्वामियों की सहमति प्राप्त नहीं हुई उनके अर्जन की कार्यवाही विधि के प्रावधानानुसार पृथक से की जा रही है। अधिनियम की धारा-85 एवं 87 पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''द'' अनुसार है। (घ) विभाग द्वारा विधि के प्रावधानों के अनुसार ही कार्यवाही की जा रही है, अत: शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
सड़कों की गुणवत्ता परीक्षण
[लोक निर्माण]
28. ( क्र. 2352 ) कुँवर विक्रम सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले में वर्ष 13 से प्रश्न दिनांक तक सड़कों की गुणवत्ता की कमी के साथ अन्य क्या कमियां पाई गई? क्या शासन एवं अनुबंध की शर्तों के अनुसार कार्य मौके पर होना पाया गया? (ख) यदि हाँ, तो विभागीय अधिकारियों की परीक्षण रिपोर्ट के आधार पर रोडो पर अनुबंध के मुताबिक पाई गई कमियों के लिए कितने ठेकेदारों के भुगतान रोके गये? (ग) रोडो की गुणवत्ता खराब होने पर किन-किन को नोटिस दिये गये, उनका विवरण दें? दोषी व्यक्तियों के विरूद्ध अन्य क्या-क्या कार्यवाहियाँ की गई?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) कोई नहीं। जो अन्य कमियाँ पाई गई उन्हें संबंधित एजेन्सी से ठीक कराये जाने के पश्चात् ही देयकों का भुगतान किये गये। जी हाँ। (ख) उत्तरांश 'क' अनुसार। (ग) ऐसी परिस्थितियां निर्मित न होने के कारण नोटिस जारी नहीं किये गये। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
शासकीय योजनाओं से संबंधित कार्यों पर व्यय
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
29. ( क्र. 2468 ) श्री रामकिशन पटेल : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला रायसेन में कृषि विभाग द्वारा एन.जी.ओ. को प्रदर्शन कृषि एवं सम्बद्ध विभाग प्रशिक्षण भ्रमण खेत पाठशाला क्षमता विकास प्रशिक्षण सीड मनी, कृषक संगोष्ठी सोलर कम्पोस्टिंग के कार्य वर्ष 2012 से प्रश्न दिनांक तक किस मापदण्डानुसार दिये गये? (ख) जिलेवार व्यय की गई राशि का विवरण मदवार योजनावार उपलब्ध करावें? (ग) उक्त संस्थाओं को किन-किन तिथियों में भुगतान किया गया? उप संचालक द्वारा भौतिक सत्यापन कराया गया? (घ) यदि हाँ, तो विवरण दें?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) भारत सरकार द्वारा विस्तार सुधार कार्यक्रम ''आत्मा'' हेतु जारी मार्गदर्शी निर्देश जून 2010 एवं वर्ष 2014 एवं भारत सरकार द्वारा जारी निर्देश एवं कास्ट नार्मस केफेटेरिया के अंतर्गत तथा राज्य विस्तार कार्य योजना में आवंटित लक्ष्यों के अनुरूप प्रशिक्षण, भ्रमण, खेत पाठशाला, क्षमता विकास प्रशिक्षण एवं प्रदर्शन (कृषि एवं संबद्ध विभाग) के लक्ष्य जारी किये गये। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 1 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 2 अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 3 अनुसार है।
केवलारी विधानसभा अंतर्गत पुल निर्माण
[लोक निर्माण]
30. ( क्र. 2650 ) श्री रजनीश सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सिवनी जिले के विधानसभा क्षेत्र केवलारी अंतर्गत पांडिया छपारा से पर्यटक स्थल ढूटी केंप मार्ग पर धनई नदी पर, ग्रामगुनारिया से नैनपुर (मंडला) मार्ग पर एवं कान्हीवाड़ा से कलारवाड़ी मार्ग पर सागर नदी पर पुल नहीं होने से क्षेत्रवासियों को आवागमन में भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है तथा वर्षाकाल में उक्त मार्गों से आवागमन पूर्णत: बंद हो जाता है? यदि हाँ, तो क्या शासन द्वारा प्रश्न दिनांक तक उक्त स्थानों पर पुल निर्माण हेतु कोई कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो बतावे यदि नहीं, तो क्यों? (ख) यदि नहीं, तो प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या शासन उक्त महत्वपूर्ण पुलों को निर्माण कराये जाने हेतु आगामी बजट में शामिल करेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी नहीं। जी नहीं। वर्तमान में न प्रस्तावित और न ही स्वीकृत है। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर अनुसार।
केवलारी विधान सभा क्षेत्र में निर्माणाधीन सड़कें
[लोक निर्माण]
31. ( क्र. 2651 ) श्री रजनीश सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिले की केवलारी विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत लोक निर्माण विभाग की कितनी सड़कें निर्माणाधीन हैं एवं कितनी अपूर्ण हैं? (ख) ऐसी कितनी सड़कें हैं जो विभाग तीन वर्ष में भी पूर्ण नहीं कर पाया है? पूर्ण ना होने के क्या कारण हैं? इसके लिए कौन जिम्मेदार हैं। (ग) क्या पांडिया छपारा से जेवतारा मार्ग के डामरीकरण हेतु कई वर्षों से मांग की जा रही हैं? यदि हाँ, तो इस मार्ग डामरीकरण न होने के क्या कारण हैं? (घ) क्या केवलारी से कंजई मार्ग (उगली बायपास) मार्ग बनाने हेतु विभाग के पास कोई प्रस्ताव लंबित हैं? यदि नहीं, तो क्या इसे अगामी बजट में शामिल करनिर्माण कार्य कराया जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) विस्तृत जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' के कालम 7 अनुसार है। (ग) जी हाँ। मजबूतीकरण सहित डामरीकरण कार्य हेतु प्राक्कलन तैयार किया गया है। वर्तमान में सीमित वित्तीय संसाधन होने से स्वीकृति प्रदान करने में कठिनाई है। (घ) जी नहीं। प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
निर्माण कार्यों की जानकारी
[लोक निर्माण]
32. ( क्र. 2756 ) श्री रामकिशन पटेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला रायसेन की विधानसभा क्षेत्र उदयपुरा में वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक कितने कार्य कितनी-कितनी राशि के किस मद से कब-कब करवाये गये? विकासखण्डवार एवं वर्षवार पूर्ण ब्यौरा देवें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार प्रचलित कार्य में से कितने कार्य पूर्ण हैं? कितने अपूर्ण हैं एवं उक्त कराए गए कार्यों के लिए कितनी-राशि का भुगतान किया गया तथा भुगतान चेक/ड्राफ्ट क्रमांक एवं नगद राशि किस रूप में किया गया? (ग) प्रश्नांश (क) में वर्णित कार्यों में से कौन-कौन से कार्य हैं? जिनके पूर्ण किये बिना अथवा कार्य प्रारंभ किये बिना कार्य से कितनी अधिक राशि का भुगतान किया गया? (घ) प्रश्नांश (क) अनुसार स्वीकृत कार्यों में अनियमितता और भ्रष्टाचार की कितनी शिकायतें जिला स्तर पर प्राप्त हुई? शिकायतों का विवरण देते हुये बतावें कि इनमें से किन-किन शिकायतों की जाँच किसके द्वारा कराई गई एवं जाँच के पश्चात् क्या कार्यवाही की गई?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ', 'अ-1' एवं 'अ-2' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ', 'अ-2' एवं ''ब'' अनुसार है। (ग) इस प्रकार के कोई कार्य नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जिला स्तर पर उक्त कार्यों की कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सहकारी संस्थाओं की साधारण सभा द्वारा पारित निर्णय का परिपालन
[सहकारिता]
33. ( क्र. 2849 ) श्री सुरेन्द्रनाथ सिंह : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सहकारी संस्थाओं की साधारण सभा द्वारा पारित निर्णय को अध्यक्ष या एम.डी. द्वारा बदलवाकर जारी किया जा सकता है? यदि नहीं, तो इस प्रकार का निर्णय परिवर्तन करने वाले पदाधिकारियों/अधिकारियों के विरूद्ध कोई कार्यवाही की गई है? विगत वर्षों में किसी ने इस प्रकार की शिकायत की है और शिकायत के विरूद्ध कोई कार्यवाही की गई है या नहीं? अगर निर्णय परिवर्तन किया जा सकता है तो उसकी क्या प्रक्रिया है? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में पंजीयक या संयुक्त पंजीयक भोपाल संभाग भोपाल के समक्ष भोपाल को-ऑपरेटिव सेन्ट्रल बैंक की साधारण सभा दि. 23.09.2016 के संबंध में क्या कोई शिकायत प्राप्त हुई है? उस पर क्या कार्यवाही की गई? (ग) प्रश्नांश (ख) अंतर्गत उपरोक्तानुसार क्या शिकायत संचालक मंडल के समक्ष रखी जाना चाहिए? यदि हाँ, तो क्यों नहीं रखी गई? यदि नहीं, रखी गई तो इसके लिये कौन-कौन दोषी हैं और उनके विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी और की जावेगी तो कब तक? (घ) प्रश्नांश (ग) में भोपाल को-ऑपरेटिव सेन्ट्रल बैंक के संचालकों द्वारा पंजीयक/अध्यक्ष/एम.डी. को कब-कब शिकायतें प्राप्त हुई? शिकायतों में दोषी पर क्या कार्यवाही की गई यदि नहीं, तो क्यो और हाँ तो कब तक की जायेगी?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी नहीं, भोपाल को-आपरेटिव सेन्ट्रल बैंक लिमिटेड भोपाल से प्राप्त जानकारी अनुसार अध्यक्ष या एम.डी. द्वारा बैंक की वार्षिक आमसभा का निर्णय नहीं बदले जाने के कारण कोई कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। बैंक के संबंध में संयुक्त आयुक्त सहकारिता भोपाल संभाग को एक शिकायत प्राप्त हुई है जिसकी जाँच कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। आमसभा के निर्णय परिवर्तन के संबंध में सहकारी अधिनियम एवं नियम में कोई प्रावधान/प्रक्रिया नहीं है। (ख) जी हाँ, संयुक्त आयुक्त सहकारिता भोपाल संभाग को एक शिकायत प्राप्त हुई है जिसकी जाँच कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ग) पंजीयक या संयुक्त पंजीयक को की गई शिकायत संचालक मंडल के समक्ष रखे जाने के संबंध में बैंक स्वयं निर्णय ले सकता है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होते। (घ) भोपाल को-आपरेटिव सेन्ट्रल बैंक के संचालकों द्वारा की गई शिकायत पंजीयक को प्राप्त नहीं हुई। बैंक से प्राप्त जानकारी अनुसार बैंक के संचालकों द्वारा पत्र दिनांक 16.09.2016 से बैंक के अध्यक्ष को शिकायत प्रस्तुत की गई थी, जिसका उत्तर बैंक के अध्यक्ष के पत्र दिनांक 08.11.2016 से दिया गया, इसके अतिरिक्त बैंक के संचालक श्री संतोष मीना द्वारा बैंक के अध्यक्ष से पत्र दिनांक 17.11.2016, पत्र दिनांक 28.11.2016 एवं पत्र दिनांक 30.11.2016 से विभिन्न बिन्दुओं पर जवाब चाहा गया है। उक्त पत्राचार बैंक के अध्यक्ष तथा संचालकों के मध्य हुआ है। विभाग को इस संबंध में उत्तरांश 'ख' अनुसार एक शिकायत प्राप्त हुई है, जिसकी जाँच प्रक्रियाधीन है। शेष जाँच निष्कर्षाधीन।
शासकीय भवनों का निर्माण
[लोक निर्माण]
34. ( क्र. 3000 ) श्री दिव्यराज सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग द्वारा शासकीय भवनों का निर्माण विधिवत प्राक्कलन एवं तकनीकी स्वीकृति के उपरांत कराया जाता है, किन्तु ऐसे भवनों की गुणवत्ता पर ध्यान नहीं दिया जाता जिस कारण भवन अल्प समय में जर्जर स्थिति में पहुंच जाते है? क्या ऐसे भवनों के निर्माण उपरांत ठेकेदार से उक्त भवन की गारंटी ली जाती है अथवा नहीं? (ख) विभाग द्वारा क्या भवनों की आयु निर्धारित की जाती है अथवा नहीं? यदि भवन निर्धारित समय-सीमा से पहले खराब हो जाते है तो विभाग द्वारा सम्बंधित ठेकेदार के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जाती है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। जी नहीं। जी हाँ। (ख) जी नहीं, अपितु सामान्यत: 50 से 75 वर्ष मानी जाती है। परफारमेंस गारंटी अवधि के अन्दर भवन खराब होने पर अनुबंध के प्रावधानुसार ठेकेदार के हर्जे-खर्चे पर सुधार कार्य ठेकेदार स्वयं के द्वारा किया जाता है। अन्यथा किसी अन्य एजेन्सी से करा लिया जाता है।
भौतिक सत्यापन संबंधी नियमावली
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
35. ( क्र. 3003 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला खरगोन कलेक्टर की अध्यक्षता में वर्ष 2014-15,2015-16 एवं 2016-17 में सम्पन्न जिला स्तरीय कृषि समिति या उद्यानिकी संबंधी समिति की बैठकों की सूची दिनांकवार देवें इन बैठकों के कार्यवृत्त की प्रति देवें। इन बैठकों में उपस्थित सदस्यों की सूची देवें। (ख) कृषि विभागीय हितग्राही एवं उद्यानिकी विभागीय हितग्राही मूलक योजनाओं में चयनित हितग्राहियों की सूची का अनुमोदन, स्वीकृति संबंधी कार्य किन-किन बैठकों में किया गया। हितग्राही संख्या योजनावार देवें। दिनांक 17 अगस्त 2016 की बैठक की प्रोसेडिंग की प्रति देवें। (ग) उक्त हितग्राहियों के भौतिक सत्यापन संबंधी नियमावली की प्रति भेजे।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जिला कलेक्टर खरगोन की अध्यक्षता में वर्ष 2014-15, 2015'16 एवं 2016-17 में दिनांकवार सम्पन्न जिला स्तरीय कृषि एवं उद्यानिकी समिति की बैठकों एवं उपस्थित सदस्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 1 एवं 2 अनुसार है। (ख) कृषि विभाग की जिला स्तरीय कृषि समिति में योजनावार हितग्राही की संख्या का अनुमोदन पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 3 अनुसार है एवं उद्यानिकी विभाग अंतर्गत हितग्राही मूलक योजनाओं में प्राप्त भौतिक एवं वित्तीय लक्ष्यों का अनुमोदन बैठकों में प्राप्त किया जाता है। जिसकी कार्यवृत्त (प्रोसेडिंग) की प्रति एवं दिनांक 17.08.2016 की बैठक की प्रोसेडिंग पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। (ग) हितग्राहियों की भौतिक सत्यापन हेतु जारी अंतिम निर्देश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
इंदौर-इच्छापुर मार्ग निर्माण
[लोक निर्माण]
36. ( क्र. 3061 ) श्री हितेन्द्र सिंह ध्यान सिंह सोलंकी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या इंदौर से इच्छापुर राज मार्ग को बी.ओ.टी. के अंतर्गत 15 वर्षों के लिए दिया गया है? यदि हाँ, तो इस राज मार्ग की ठेका अवधि कब खत्म हो रही है? ठेकेदार द्वारा ठेका अवधि समाप्त होने के पूर्व निविदा अनुसार यातायात सुगम बनाये रखने के लिए क्या-क्या कार्यवाही करना होगी। (ख) क्या विगत एक वर्ष में प्रश्नकर्ता द्वारा समय-समय पर उक्त मार्ग पर निविदा की शर्तों अनुसार उचित मरम्मत आदि न करने घटिया मरम्मत करने के संबंध में पत्र जारी किये हैं? प्राप्त पत्रों पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? क्या ग्राम नावघाट खेड़ी में पेट्रोल पंप से पास पुलिया बनाये जाने के लिए बार-बार पत्र लिखने पर भी कार्यवाही न करने के क्या कारण रहे हैं जबकि वे पुलिया कभी भी टूट सकती है? (ग) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित मार्ग के फोरलेन में उन्नयन हेतु शासन स्तर पर प्रक्रिया चल रही है? यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक उन्नयन में क्या प्रगति हुई? कब तक डी.पी.आर. तैयार होकर निविदा जारी हो जावेगी, कौन-कौन से ग्रामों से बाईपास होंगे एवं कहाँ-कहाँ ब्रिज आदि बनेंगे सम्पूर्ण जानकारी दी जावे।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। ठेका मध्यरात्रि दिनांक 18.02.2017 को समाप्त हो चुका है। कंसेशनायर द्वारा ठेका अवधि समाप्त होने के पूर्व यातायात सुगम बनाये रखने हेतु रखरखाव का कार्य पूर्ण कर दिया गया है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। निगम द्वारा प्रश्नकर्ता माननीय विधायक के पत्रों के आधार पर निवेशकर्ता से आवश्यकतानुसार मरम्मत एवं रखरखाव कार्य कराया गया। ग्राम नावघाट खेड़ी में पट्रोल पंप के पास पुलिया का संधारण कार्य करवा दिया गया है। पुलिया की स्थिति अच्छी है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अवंति सूत मिल के कर्मचारियों के आवास गृहों का पंजीयन
[सहकारिता]
37. ( क्र. 3062 ) श्री हितेन्द्र सिंह ध्यान सिंह सोलंकी : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़वाहा विधान सभा के नगर सनावद में सहकारिता अंतर्गत संचालित अवंती सूत मिल को लीज पर देने के पूर्व अर्थात २००३ के पूर्व कितने सूत मिल कर्मचारीगण मिल परिसर में निर्मित आवास गृहों में निवासरत थे। (ख) क्या प्रश्नांश (क) के अनुसार इन कर्मचारियों को मिल लीज पर देने के पूर्व क्या इन कर्मचारियों द्वारा धारित आवास गृहों को हेतु गाइड लाइन अनुसार विक्रय हेतु कोई राशि जमा कराई गई थी। (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुसार यदि हाँ, तो कर्मचारियों से उन्हें आवंटित आवास गृहों को विक्रय हेतु राशि जमा करने के बाद भी उन्हें आवास का पंजीयन न करने के क्या कारण रहे हैं? जब की धारितों ने गाइड लाइन अनुसार कुछ राशि जमा कर दी गई है, उन्होंने नगर पालिका में भी राशि जमा कराई है, यदि हाँ, तो कितनी किस मद में कराई है? कब तक पंजीयन हो जावेगा।
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) अवंति सूत मिल सनावद, के 65 कर्मचारी/श्रमिकों को मिल परिसर में आवासीय मकान आवंटित किये गये थे, 62 कर्मचारी वर्तमान में निवासरत है। (ख) जी हाँ। (ग) आवास गृह विक्रय करने के संबंध में कर्मचारी/श्रमिकों से राशि इस शर्त के साथ जमा की गई थी कि अंतिम निर्णय निगम के संचालक मंडल/राज्य शासन का होगा, जिसकी सूचना मिल के सूचना पटल पर चस्पा की गई थी। संचालक मंडल की बैठक क्रमांक-146वीं दिनांक 03-04-2002 में निर्णय लिया गया कि प्रकरण को अनुमति हेतु राज्य शासन को प्रेषित किया जाये। राज्य शासन द्वारा दिनांक 13-06-2004 को मिल की परिसंपत्तियों को विक्रय करने का निर्णय लिया गया। तत्पश्चात् अवंति मिल वर्कर्स सोसायटी सनावद को सम्पत्तियां जैसे - प्लाट, मशीनरी, फैक्टरी एवं आवासीय मकान का विक्रय कर दिनांक 02-04-2007 को सौंप दी गई। विक्रय के आधार पर उक्त आवासीय मकानों का पंजीयन सोसायटी के पक्ष में हो चुका है। कर्मचारी/श्रमिकों के पक्ष में आवासीय मकानों का पंजीयन कराना संभव नहीं है।
ठेकेदार अधिकारियों की मिलीभगत से शासन की राशि का दोहन
[लोक निर्माण]
38. ( क्र. 3368 ) श्री आरिफ अकील : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्य प्रदेश सड़क विकास निगम द्वारा प्रदेश की सड़कों के निर्माण हेतु निविदा आमंत्रित किए जाने के पश्चात् समय-सीमा में कार्य पूर्ण नहीं होने की दशा में राशि व समय में वृद्धि किये जाने के मामले वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक की स्थिति में उजागर हुए है? (ख) यदि हाँ, तो 10 लाख से अधिक राशि के कौन-कौन से मार्गों/पुल के निर्माण हेतु निविदा आमंत्रित किए जाने के पश्चात् पुन: निर्धारित राशि में वृद्धि की गई, मार्ग पुल का नाम ठेकेदार का नाम वर्षवार यह अवगत करावें कि निविदा में कार्य की कितनी राशि का उल्लेख किया गया था और पुन: कितनी राशि की वृद्धि की गई तथा पुनरीक्षित किए जाने के क्या कारण हैं? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के परिप्रेक्ष्य में क्या जिन ठेकेदारों द्वारा निर्धारित समय-सीमा में कार्यपूर्ण नहीं करने के कारण कार्य की राशि में वृद्धि किया जाना यानि संबंधित अधिकारियों की लापरवाही एवं मिलीभगत के चलते शासन को वित्तीय हानि पहुंचाने वालों के विरूद्ध शासन द्वारा प्रश्न दिनांक की स्थिति में क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट में उल्लेखित कार्यों में परिलक्षित वृद्धि हेतु शासन से/सक्षम अधिकारी से स्वीकृति/अनुमोदन प्राप्त किया गया है। अतः शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
संपूर्ण जानकारी प्रदाय करना
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
39. ( क्र. 3493 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश सरकार आनलाईन आवेदन पर पाली हाउस पैक नेट हाउस प्याज भण्डार जैसी योजनाओं को अनुदान प्रदान कर संचालित कर रही है? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में यदि हाँ, तो पूरे प्रदेश में वर्ष 2015-16 एवं वर्ष 2016-17 में प्रत्येक जिले को कितना-कितना लक्ष्य वर्गवार प्राप्त हुआ प्रश्नांश (क) की योजनाओं की पृथक-पृथक जानकारी देवें? लक्ष्य के विरूद्ध कितना-कितना आवंटन प्राप्त हुआ योजनाओं की पृथक-पृथक जानकारी वर्गवार उपलब्ध करावें? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के प्रकाश में रीवा जिले में क्रमवार प्राप्त आवेदकों की संख्या वर्गवार विकासखण्डवार योजनावार विवरण देवें? प्राप्त कार्यदेश कब-कब विभिन्न योजनाओं का जारी किया गया? प्राप्त कार्यादेश उपरांत विभिन्न योजनाओं के हितग्राहियों द्वारा निर्माण कार्य कराया गया? प्रत्येक योजना का प्रश्न दिनांक तक की स्थिति का (पूर्ण, अपूर्ण, स्थित) का विवरण उपलब्ध करावें? (घ) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) के प्रकाश में विभिन्न योजनाओं के लिये जारी अनुदान राशि के भुगतान का विवरण राशि जारी दिनांक पृथक-पृथक उपलब्ध करावें?
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है।
गुढ़ मऊगंज उद्ववहन सिंचाई परियोजना की जानकारी
[जल संसाधन]
40. ( क्र. 3494 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बाणसागर अंतर्राज्यीय बहुउद्देश्यीय वृहद परियोजना के अंतर्गत प्रस्तावित गुढ़-मऊगंज उद्ववहन सिंचाई परियोजना को माननीय मुख्यमंत्री जी 21 जून 2007 को गुढ़ में आयोजित आम सभा में कार्य प्रारंभ किये जाने की घोषणा की गई थी यदि हाँ, तो इससे 198 ग्रामों की कुल 19723 हेक्टेयर कृषि भूमि में सिंचाई किया जाना प्रस्तावित था? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में यदि हाँ, तो क्या विधानसभा क्षेत्र मऊगंज 71 में कुल 2330 हेक्टेयर रकबे को सिंचित करने का प्रस्ताव था? (ग) प्रश्नांश (ख) के प्रकाश में यदि हाँ, तो सिंचित रकबे में कौन-कौन से गांव शामिल किये गये थे? नाम एवं सिंचित रकबा की पृथक-पृथक नाम बतावें? प्रश्नांश (क) (ख) के प्रकाश में प्रश्न दिनांक तक प्रस्तावित योजना में संशोधन किया गया है? यदि हाँ, तो संशोधन का विस्तृत विवरण देवें? (घ) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) के प्रकाश में विधानसभा क्षेत्र मऊगंज 71 में पानी सिंचाई हेतु कब तक उपलब्ध कराया जावेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। (ख) एवं (ग) सिंचित क्षेत्र के गांव एवं रकबे की संक्षिप्त जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। विस्तृत जानकारी संकलित की जा रही है। (घ) वर्तमान में निर्माणाधीन गुढ़ मऊगंज उद्वहन सिंचाई परियोजना से 71, मऊगंज विधानसभा क्षेत्र में सिंचाई सुविधा उपलब्ध नहीं होगी, लेकिन बहुती उच्च नहर से निकलने वाली नईगढ़ी दबाव सिंचाई योजना से मऊगंज विधानसभा क्षेत्र के 19 गांवों के 1570 हे. क्षेत्र में सिंचाई सुविधा उपलब्ध होगी। गांवों की सूची संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है।
कार्यपालन यंत्री को कितने जाँच प्रतिवेदन प्राप्त हुए
[जल संसाधन]
41. ( क्र. 3545 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2012 से 2016 तक खरगोन जिले में कार्यपालन यंत्री को कितने जाँच प्रतिवेदन प्राप्त हुए। प्रकरणवार विषय सहित सूची देवें। (ख) वर्ष 2012 से 2016 तक खरगोन जिले में कितने कर्मचारी निलंबित किय गये/हुए, कितने बहाल हुए, कितने बहाली हेतु लंबित हैं। (ग) वर्ष 2012 से 2016 तक खरगोन जिले में कितने कर्मचारियों को शिकायत या कार्य में लापरवाही के आधार पर अन्यत्र स्थानांतरित/अस्थाई तौर पर अन्य स्थान पर कार्यभार दिया गया है।
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) निरंक। (ख) एक कर्मचारी को निलंबित किया गया, उसे बहाल किया जा चुका है। (ग) एक उपयंत्री को लोकायुक्त प्रकरण पंजीबद्ध होने से स्थानांतरित कर दिनांक 19.01.2015 को स्थानांतरित स्थान हेतु भारमुक्त किया गया।
उपसंचालक को प्राप्त जाँच प्रतिवेदन
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
42. ( क्र. 3546 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2012 से 2016 तक खरगोन जिले में उपसंचालक कार्यालय को कितने जाँच प्रतिवेदन प्राप्त हुए। प्रकरणवार विषय सहित सुची देवे। (ख) वर्ष 2012 से 2016 तक खरगोन जिले में कर्मचारी निलंबित किये गये/हुए, कितने बहाल हुए, कितने बहाली हेतु लंबित है। (ग) वर्ष 2012 से 2016 तक खरगोन जिले में कितने कर्मचारियों को शिकायत या कार्य में लापरवाही के आधार पर अन्यत्र स्थानांतरित/अस्थाई तौर पर अन्य स्थान पर कार्यभार दिया गया है।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) वर्ष 2012 से 2016 तक खरगोन जिले में दो जाँच प्रतिवेदन प्राप्त हुये है। (1) श्री राजू अहिरे, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी को वर्ष 2014-15 में शासकीय कार्य में लापरवाही बतरने पर निलंबित किया गया। (2) श्री जी.सी. वर्मा वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी झिरन्या को वर्ष 2012-16 में शासकीय कार्य में लापरवाही बरतने पर निलंबित किया गया। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) वर्ष 2012 से 2016 तक खरगोन जिले में शिकायत या कार्य में लापरवाही के आधार पर किसी कर्मचारी को अन्यत्र स्थानांतरित नहीं किया गया है।
मण्डियों के आर.आर.सी. प्रकरणों जानकारी बाबत्
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
43. ( क्र. 3552 ) श्रीमती शीला त्यागी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा, जबलपुर एवं भोपाल मण्डियों द्वारा जारी आर.आर.सी. प्रकरणों को मण्डी बोर्ड द्वारा अपील में निरस्त कर प्रकरण पुन: परिक्षण हेतु पुन: मण्डियों को वापस किया गया है, यदि हाँ, तो तीनों संभाग अन्तर्गत वर्ष 2011 से 2016 तक कितने आर.आर.सी. निरस्त कर पुन: परिक्षण हेतु कब-कब प्रकरण वापस किये गये वर्षवार, मण्डीवार, व्यापारीवार, राशि सहित जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या पुन: परिक्षण किया। यदि हाँ, तो कितनी-कितनी राशि निकाली जाकर वसूली की गई, यदि नहीं, तो क्यो वर्षवार, मण्डीवार, व्यापारीवार जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं ''ख'' के संदर्भ में पुन: परीक्षण कराकर बकाया राशि की वसूली न करने के लिए कौन जिम्मेदार है दोषी के विरूद्ध कौन सी दण्डात्मक कार्यवाही कब तक की जावेगी।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ, रीवा संभाग की मंडी समिति रीवा एवं चाकघाट, (क) जबलपुर संभाग की मंडी समिति गोटेगांव एवं भोपाल संभाग की मंडी समिति भोपाल के द्वारा जारी आर.आर.सी. प्रकरणें को निरस्त कर, न्यायालय अपर संचालक मंडी बोर्ड द्वारा पुन: परीक्षण हेतु संबंधित मंडी समिति को वापिस किये गये। वर्षवार, मंडीवार, व्यापारीवार, राशि सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। संबंधित मंडी समिति द्वारा की गई पुन: परीक्षण की कार्यवाही जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्रश्नांश "क" एवं "ख" के परिप्रेक्ष्य में जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अमानक उर्वरक नमुनों पर कार्यवाही
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
44. ( क्र. 3594 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्तमान में प्रदेश के किन-किन जिलों में रासायनिक उर्वरक यूरिया सिंगल सुपर फास्फेट डी.ए.पी. एवं एम.ओ.पी. उत्पादन के कारखाने स्थापित हैं तथा इनके द्वारा वित्तीय वर्ष 2015-16, 2016-17 में प्रश्न दिनांक तक कितने मे.टन रसायनिक उर्वरक उत्पादित किया गया? (ख) प्रश्नांश (क) में उत्पादित उर्वरक के कितने नमूने संबंधित उत्पादन इकाई स्थल से लिये गये तथा उनमें से कितने नमूने अमानक स्तर के पाये गये? (ग) क्या अमानक पाये गये उर्वरक नमूनों के विरूद्ध उर्वरक (नियंत्रण) आदेश 1985/आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 के प्रावधान अनुसार संबंधित निर्माताओं के विरूद्ध कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो तत्संबंधी ब्यौरा दें?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) वर्ष 2015-16, 2016-17 में रासायनिक उर्वरक यूरिया एवं सिंगल सुपर फास्फेट के उत्पादन करने वाले कारखानों द्वारा उत्पादित रासायनिक उर्वरकों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। डी.ए.पी. एवं एम.ओ.पी. का उत्पादन करने वाला कोई भी कारखाना म.प्र. में स्थापित नहीं है। (ख) उत्पादन इकाई स्थल से लिए गये उर्वरक नमूने एवं अमानक स्तर के पाये गये नमूने की वर्ष 2015-16 की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार एवं वर्ष 2016-17 की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन अनुसार है। (ग) अमानक पाये गये उर्वरक नमूनों से संबंधित निर्माताओं के विरूद्ध की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-चार अनुसार है।
प्राथमिक सहकारी समिति के संचालन
[सहकारिता]
45. ( क्र. 3649 ) श्री रामपाल सिंह : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शहडोल जिले के जनपद पंचायत जयसिंहनगर अंतर्गत किसानों को खाद बीज उपलब्धता हेतु ग्राम उफरी में प्राथमिक सहकारी समिति का संचालन किया जा रहा है। (ख) यदि प्रश्नांश (क) हाँ तो उक्त संस्था से किसानों को खाद-बीज उपलब्ध कराये जानें के साथ ही ऋण प्रकरण तैयार कराने की व्यवस्था की गई है। (ग) यदि हाँ, तो उक्त संस्था कब से संचालित की गई है। संबंधित संस्था में कितने कर्मचारी किस-किस पद पर हैं। यदि ऋण सुविधा उक्त संस्था से प्रदाय नहीं की जा रही है तो क्यों और कब तक प्रदाय की जावेगी।
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्था मर्या., टिहकी द्वारा किसानों को खाद एवं बीज उपलब्ध कराने हेतु ग्राम उफरी में उपकेन्द्र का संचालन किया जा रहा है। (ख) जी नहीं, केवल खाद एवं बीज उपलब्ध कराया जा रहा है। (ग) उत्तरांश ''ख'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। उपकेन्द्र उफरी में एक कर्मचारी विक्रेता के पद पर पदस्थ है। उपकेन्द्र उफरी में ऋण सुविधा प्रदाय नहीं की जा रही है, क्योंकि प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्था का मुख्यालय ग्राम उफरी में नहीं है। ग्राम टिहकी से ऋण सुविधा उपलब्ध करायी जा रही है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
वाणसागर परियोजना पानी के सिंचाई का उपयोग
[जल संसाधन]
46. ( क्र. 3650 ) श्री रामपाल सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शहडोल जिले के ब्यौहारी तहसील अंतर्गत उप तहसील पपौंध क्षेत्र के कई ग्रामों में वाणसागर परियोजना के पानी का पर्याप्त भराव है और उक्त उप तहसील के ग्रामों में पानी सिंचाई हेतु उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। (ख) यदि प्रश्नांश 'क' हाँ तो शासन द्वारा लिफ्ट या अन्यान्य माध्यम से उक्त क्षेत्र में सिंचाई व्यवस्था हेतु पानी उपलब्ध कराये जानें का प्रावधान किया जावेगा। यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों।
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। जी नहीं, हिरवार एवं उमरगढ़ लघु सिंचाई योजना से उप तहसील पपौंध के ग्रामों में सिंचाई हेतु जल उपलब्ध कराया जा रहा है। (ख) बाणसागर परियोजना के डूब क्षेत्र से तहसील ब्यौहारी के ग्रामों में सिंचाई हेतु हिरवार सूक्ष्म सिंचाई परियोजना का सर्वेक्षण कार्य पूर्ण हो चुका है, डी.पी.आर. रचनाधीन है। परियोजना की अनुमानित लागत 114.71 करोड़ तथा प्रस्तावित सिंचाई क्षमता 7,000 हे. है।
ब्लैक लिस्टेड ठेकेदारों की जाँच
[लोक निर्माण]
47. ( क्र. 3658 ) श्री दिनेश राय (मुनमुन) : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर संभाग में लोक निर्माण विभाग द्वारा वर्ष 2011 से प्रश्न दिनांक तक कितने एवं कौन-कौन से ठेकेदारों/कंपनियों को ब्लैक लिस्टेड किया गया है, जिलेवार ब्यौरा दें? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में इन जिलों में कितने ब्लैक लिस्टेड ठेकेदारों को संभाग अंतर्गत व अन्य स्थानों पर किन-किन उच्च अधिकारियों ने बहाल कर करोड़ों रूपयों के कार्य आवंटित कर दिये? पूर्ण ब्यौरा दें एवं किस आधार पर ब्लैक लिस्टेड ठेकेदारों को परिक्षेत्र बदलकर कार्य आवंटित किये, कारण सहित ब्यौरा दें? (ग) क्या सरकार ने उक्त ''क'' एवं ''ख'' के मामलों की जाँच करवायी है? यदि हाँ, तो कब? की गई कार्यवाही का ब्यौरा दें एवं यदि नहीं, तो इन गंभीर मामलों में भ्रष्ट अधिकारियों पर कार्यवाही क्यों नहीं की गई?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) लोक निर्माण विभाग में जिलेवार ठेकेदारों/कंपनियों को ब्लैक लिस्टेड किये गये लोगों की सूची संधारित नहीं की जाती है। आनलाईन में अभी तक ब्लैक लिस्टेड किये गये ठेकेदारों की वर्तमान में संख्या 129 है, जिसे उन्हें website - pwd.mponline.gov.in पर ठेकेदारों की आई.डी. डालकर देखा जा सकता है। परियोजना क्रियान्वयन इकाई लो.नि.वि. के अंतर्गत विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) ब्लैक लिस्टेड ठेकेदारों को टेण्डर डालने की पात्रता नहीं होती है। अत: उनको कार्य आवंटन किया जाना संभव नहीं है। अस्तु ब्लैक लिस्टिंग से बहाल होने पर ठेकेदार किसी भी परिक्षेत्र अथवा किसी भी विभाग में ठेका लेने के लिये पात्र हो जाते है। (ग) ब्लैक लिस्टिंग से बहाल होने के उपरांत किसी भी ठेकेदार द्वारा किसी भी शासकीय विभाग में कार्य किया जा सकता है। अत: जाँच का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है एवं कार्यवाही का भी प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
पंजीकृत दूकानों से कृषि यंत्र खरीदी
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
48. ( क्र. 3673 ) श्री दिनेश राय (मुनमुन) : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग द्वारा कृषि यंत्रों पर कितना-कितना अनुदान दिया जा रहा है। क्या कृषि विभाग से पंजीकृत संस्था/दुकान से ही कृषि यंत्रों को खरीदने के लिये कृषकों को बाध्य किया जा रहा है? (ख) क्या कृषि विभाग द्वारा पंजीकृत दुकानों से खरीदने पर कृषक को महंगे दर पर कृषि यंत्र मिल रहे है, जिससे उसको शासकीय अनुदान का लाभ नहीं मिल पा रहा है, जबकि खुले मार्केट में उन्ही कृषि यंत्रों की कीमत काफी कम है तथा अनुदान का अधिक लाभ किसानों को मिल सकता है? (ग) यदि प्रश्नांश (क) एवं (ख) सही है तो सरकार कब तक बाजार दर एवं पंजीकृत दुकानों की दरों का पुनरीक्षण कराकर पंजीकृत दुकानों से कृषि यंत्रों की खरीदी की बाध्यता को समाप्त कर देगी? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) कृषि यंत्रों की खरीदी के लिये किसानों से अनावश्यक कागजी कार्यवाही कराई जाती है, जिससे कृषकों के समय व पैसे की बर्बादी हो रही है? इसलिये कब तक प्रक्रिया सरल बना दी जायेगी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) विभाग द्वारा कृषि यंत्रों पर दिये जाने वाले अनुदान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। भारत सरकार के दिशा-निर्देशों में केवल भारत सरकार के अधिकृत संस्थाओं से टेस्टेड कृषि यंत्रों पर ही अनुदान देने का प्रावधान है। अत: उक्त निर्देशों के परिपालन में विभाग द्वारा टेस्टेड यंत्रों के निर्माताओं का पंजीयन किया जाता है। कृषकों द्वारा पंजीकृत निर्माताओं के डीलरों म.प्र. राज्य कृषि उद्योग विकास निगम तथा म.प्र. राज्य सहकारी विपणन संघ में से किसी से भी कृषि यंत्रों का क्रय किया जा सकता है। (ख) जी नहीं। शासन द्वारा कृषि यंत्रों की दरों का निर्धारण नहीं किया जाता है कृषक द्वारा मोल-भाव कर यंत्रों का क्रय किया जाता है। अत: कृषि यंत्रों की कीमत का अधिक होने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। पात्र कृषकों को अनुदान का लाभ मिल रहा है। कृषक विभिन्न निर्माताओं के पंजीकृत अधिकृत विक्रेताओं से यंत्रों पर मोल-भाव कर क्रय उपरांत अनुदान का लाभ ले रहे है। (ग) जी नहीं। यंत्रों की गुणवत्ता को प्रमुखता दी गई है दरों पर शासन द्वारा नियंत्रण नहीं किया जाता है। (घ) विभाग द्वारा वर्ष 2015-16 से ही कृषि यंत्रों के आवेदन हेतु आनलाईन व्यवस्था लागू की गई है। जो कि सरल प्रक्रिया है।
सहकारिता विभाग में प्राप्त शिकायतों पर कार्यवाही
[सहकारिता]
49. ( क्र. 3763 ) श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 आज दिनांक तक सहकारिता विभाग एवं शासन को अशोकनगर के किन-किन अधिकारी कर्मचारी के विरूद्ध जो भी शिकायतें प्राप्त हुई है? उन शिकायतकर्ताओं के नाम शिकायत दिनांक तथा शिकायतों पर की गई कार्यवाही तथा जाँच के निष्कर्ष की शिकायतवार नामवार जानकारी विस्तार से देवें। (ख) जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक गुना के महाप्रबंधक आलोक जैन के विरूद्ध राजीव जैन अशोकनगर ने म.प्र. राज्य सहकारी निर्वाचन प्राधिकारी भोपाल एवं सहकारिता विभाग शासन को कितनी शिकायतें की गई? इन शिकायतों पर क्या कार्यवाही की गई? जाँच के निष्कर्ष प्रतिवेदन देते हुये शिकायतवार जानकारी देवें। (ग) जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक गुना में विपणन सहकारी संस्था ईसागढ़ ने सदस्यता हेतु आवेदन कब दिया बतायें एवं शेयर की राशि कितनी एवं कब जमा की बतायें। बैंक की उपविधियों एवं सहकारी कानून 1960 की धारा 19 के तहत क्या इस सहकारी संस्था को सदस्यता प्राप्त हो गयी है? यदि नहीं, हुई तो क्या कारण है एवं कौन दोषी है? इस सहकारी संस्था को सदस्यता की सूचना कब प्रदान की जायेगी।
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
सहकारिता विभाग में प्राप्त शिकायतों पर कार्यवाही
[सहकारिता]
50. ( क्र. 3764 ) श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भारत सरकार द्वारा 8 नवम्बर 2016 को पुराने 1000 एवं 500 के नोटबंदी लागू की गई? क्या यह सही है? (ख) दिनांक 14 नवम्बर 2016 को जिला सहकारी केन्द्रीय बैंकों में पुराने नोट जमा नहीं करने के आदेश आर.बी.आई. ने जारी किये थे? यदि हाँ, तो आदेश की प्रति देवें। (ग) जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक गुना अंतर्गत की सभी शाखाओं में 8 नवम्बर 2016 से 15 नवम्बर 2016 के दरम्यान पुराने नोट कुल कितने जमा हुये बतायें।
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। (ख) जी हाँ। आदेश की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) रूपये 500 के 3,14,099 तथा रूपये 1000 के 58,517 पुराने नोट जमा किये गये।
जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक गुना को माली हालात में पहुँचाने के संबंध में
[सहकारिता]
51. ( क्र. 3765 ) श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक गुना अंतर्गत वर्ष 2014-15 से वर्ष 2016-17 तक बैंक ने किन-किन सहकारी संस्थाओं से कितनी-कितनी मात्रा में किस दर से सोयाबीन, गेहूँ, चना बीज क्रय किया वर्षवार जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार बैंक ने उक्त बीज अपनी किस-किस सेवा सहकारी समिति को कितनी-कितनी मात्रा में प्रदाय किया? संस्थावार वर्षवार जानकारी देवें। क्या उपरोक्त तीन वर्षों में प्राप्त क्रय बीज में कुछ बीज किसानों ने अमानक पाया? हाँ, तो अमानक बीज की मात्रा बतायें। यदि नहीं, तो इस अमानक बीज प्रदाय किये जाने के कारण कितने किसानों ने उपभोक्ता फोरम पर प्रकरण दर्ज कराये है? ऐसे किसानों के नामवार जानकारी देवें। (ग) क्या प्रश्नांश अंतर्गत बीज क्रय करने एवं अमानक बीज का भुगतान करने की प्रक्रिया में महाप्रबंधक आलोक जैन की भूमिका दोषपूर्ण एवं संदिग्ध रही है तो इनके खिलाफ विभाग कोई कार्यवाही कर रहा है? क्या बतायें बैंक द्वारा क्रय किये उपरोक्त बीज को प्राप्त करने के लिये सेवा समितियों द्वारा मांग पत्र दिये गये थे? यदि हाँ, तो वर्षवार समितियों के नामवार, मात्रावार जानकारी देवें। यदि मांगपत्र नहीं दिये तो इनका बीज क्रय किये जाने का क्या कारण रहा। (घ) प्रश्नांश बैंक में आज दिनांक तक गबन एवं धोखाधड़ी के कितने प्रकरण लंबित है उनमें से कितने प्रकरणों में एफ.आई.आर. होकर बैंक को सूचना मिली है इन एफ.आई.आर. की प्रतियां देवें। (ड.) दर्ज प्रकरणों में से पुलिस ने कितनों के चालान न्यायालय में पेश कर दिये हैं? कितनों के नहीं दोषियों के नामवार, संस्थावार, अपराधवार जानकारी देवें। सभी प्रकरणों में चालान पेश नहीं होने का कारण बतायें। इनके पीछे कौन दोषी है? शेष प्रकरणों में चालान कब तक पेश कर दिये जायेंगे।
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्या. गुना के माध्यम से जिले की प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थाओं के द्वारा बीज क्रय किया गया है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 1 अनुसार है, क्रय दरों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 2 अनुसार है। (ख) उत्तरांश 'क' के पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 1 अनुसार, संस्थाओं द्वारा क्रय बीज में से खरीफ 2015 में कृषि विभाग द्वारा सोयाबीन बीज किस्म जे.एस. 95-60 मात्रा 62.10 क्वि. अमानक पाया गया, 06 किसानों द्वारा उपभोक्ता फोरम में प्रकरण दर्ज कराये गये, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 3 अनुसार है। (ग) प्रश्नांश में उल्लेखित तथ्यों के संबंध में प्राप्त शिकायत की जाँच म.प्र. राज्य सहकारी बैंक स्तर पर कराई जा रही है, जाँच निष्कर्षों के आधार पर कार्रवाई की जावेगी। संस्थाओं से प्राप्त मांग पत्र की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 4 अनुसार है। कार्रवाई जांचाधीन है। (घ) बैंक से संबद्ध सेवा समितियों के गबन धोखाधड़ी के 86 प्रकरण लंबित है, उनमें से 23 प्रकरण में 25 गबनकर्ताओं के विरूद्ध एफ.आई.आर. दर्ज की जानकारी एवं उनकी प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-5 अनुसार है। (ड.) 13 प्रकरणों में चालान प्रस्तुत है 10 में नहीं, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-5 अनुसार है, 10 प्रकरण पुलिस की विवेचना में है, कोई दोषी नहीं है, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
लोक निर्माण विभाग द्वारा पूर्ण एवं अपूर्ण सड़कों की समय पर मरम्मत
[लोक निर्माण]
52. ( क्र. 3770 ) श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या गुना जिले में गत 5 वर्षों से विभाग द्वारा केन्द्र एवं राज्य निधि से जो सड़कें स्वीकृत हुई थी उनका निर्माण पूर्ण हो चुका है? यदि हाँ, तो वर्तमान में वह क्षतिग्रस्त है या नहीं विवरण दें। (ख) क्या गत 5 वर्षों में विभाग द्वारा गुना जिले में केन्द्र एवं राज्य शासन को नवीन सड़कें निर्माण हेतु स्वीकृति हेतु प्रस्तावित की है तो उनकी विभाग स्वीकृति कब तक करेगा? (ग) यदि प्रश्नांश (क) एवं (ख) में वर्णित तथ्यों अनुसार कोई सड़कें अपूर्ण एवं क्षतिग्रस्त है तो उनको पूर्ण कब तक करायेंगे? (घ) यदि प्रश्नांश (क), (ख) (ग) में वर्णित तथ्यों के संबंध में विभाग द्वारा स्वीकृत एवं संचालित सड़कों के निर्माण एवं मरम्मत कराये तथा स्वीकृति देने की घोषित समय-सीमा में कौन से निर्माण एवं सड़कें पेंडिंग है कब तक पूर्ण होगी कारण सहित विवरण दें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'अ-1' अनुसार है। (ख) उत्तरांश 'क' अनुसार। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'अ-1' के स्तम्भ 18 में अंकितनुसार है। (घ) स्वीकृति एवं संचालित सड़कों के निर्माण की समय-सीमा की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'अ-1' अनुसार है एवं शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
अशोकनगर रेल्वे क्रॉसिंग फाटक पद अंडर ब्रिज बनाया जाना
[लोक निर्माण]
53. ( क्र. 3798 ) श्री गोपीलाल जाटव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अशोकनगर के मध्य स्थित रेल्वे क्रॉसिंग फाटक के कारण नगर का जन-जीवन बाधित होकर अस्त-व्यस्त रहता है, यदि हाँ, तो क्या इस समस्या के निराकरण हेतु रेल्वे क्रॉसिंग पर अंडर ब्रिज बनाये जाने हेतु राज्य शासन द्वारा कोई योजना बनाई जा रही है? (ख) यदि हाँ, तो कब तक यह कार्यवाही की जावेगी बतावें। (ग) यदि नहीं, तो क्या राज्य शासन अशोकनगर की जनता जिसमें रोगी एवं विकलांगों की प्रमुख समस्या और उनकी आवश्यकताओं को देखते हुऐ इसके निराकरण हेतु अंडर ब्रिज बनाये जाने की कोई कार्यवाही करेगा? (घ) यदि हाँ, तो कब तक और यदि न तो क्यों नहीं।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी नहीं। जी नहीं। (ख) प्रश्नाधीन 'क' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। (घ) प्रश्नांश 'ग' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। अशोकनगर शहर के मध्य स्थित रेल्वे फाटक के पास सड़क ऊपरी पुल (एफ.ओ.बी.) निर्मित किया जा चुका है।
सड़क निर्माण
[लोक निर्माण]
54. ( क्र. 3799 ) श्री गोपीलाल जाटव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अशोकनगर विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत ग्राम बामोरीताल को ककरूआ राय मार्ग से एवं ग्राम शहबाजपुर को कचनार रोड मुख्य मार्ग से जोड़ा जायेगा? (ख) यदि हाँ, तो कब तक, यदि नहीं, तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में उक्त ग्रामों को प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत जोड़ने की कोई कार्यवाही प्रचलन में है? यदि हाँ, तो कब तक मुख्य मार्ग से जोड़ दिया जायेगा? (घ) क्या अशोक नगर के मगरदा चौराहा वाले मार्ग को अशोक नगर शहर के अंदर की ओर आने वाले मार्ग से जोड़ा जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी नहीं। (ख) वर्तमान में वित्तीय संसाधन सीमित होने के कारण किसी भी प्रकार की कार्यवाही संभव नहीं। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) प्रश्नाधीन मार्ग लोक निर्माण विभाग के अधीन नहीं है। अपितु नगर पालिका परिषद के अधीन है।
स्टॉपडेम एवं पुल निर्माण
[लोक निर्माण]
55. ( क्र. 3800 ) श्री गोपीलाल जाटव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अशोक नगर के तुलसी सरोवर पार्क से ग्राम आंवरी की ओर जाने वाले मार्ग के बीच स्थित तालाब होने से उस पर स्टॉपडेम एवं पुल निर्माण किये जाने का कोई प्रस्ताव शासन को भेजा गया है? (ख) यदि हाँ, तो शासन स्तर पर इस हेतु क्या कार्यवाही की जा रही है? (ग) यदि नहीं, तो क्या विभाग उक्त मार्ग पर जनता की सुविधा एवं आवश्यकता को देखते हुए स्टॉपडेम एवं पुल निर्माण किये जाने का प्रस्ताव शासन को भेजेगा? (घ) यदि हाँ, तो उक्त प्रस्ताव कब तक शासन को भेज दिया जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) प्रश्नाधीन मार्ग म.प्र. ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण के अधीन है। प्राप्त उत्तर संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर अनुसार। (ग) एवं (घ) प्रश्नांश (क) के उत्तर अनुसार।
सड़क मरम्मत
[लोक निर्माण]
56. ( क्र. 3801 ) श्री गोपीलाल जाटव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत वित्तीय वर्ष से प्रश्न दिनांक तक अशोक नगर विधान सभा क्षेत्र में स्थित किन-किन सड़कों को सुधारने अथवा मरम्मत किये जाने के लिये प्रस्ताव शासन को भेजे गये है वर्षवार, दिनांकवार प्रेषित प्रस्तावों की जानकारी सड़कों के नाम, प्रस्तावित कार्य, अनुमानित लागत बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार प्रेषित प्रस्तावों में से किन-किन सड़कों की स्वीकृतियां प्राप्त हो गई है? (ग) जिन सड़कों की स्वीकृति आज दिनांक तक अप्राप्त हैं वह किस स्तर पर लंबित है? कारण सहित बतावें। (घ) स्वीकृत सड़कों का कार्य कब तक पूर्ण कर लिया जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) विगत वित्तीय वर्ष 2015-16 एवं वर्तमान वित्तीय वर्ष 2016-17 में अशोक नगर विधानसभा क्षेत्र में कोई भी मार्ग के सुधारने अथवा मरम्मत किये जाने का प्रस्ताव शासन को प्रेषित नहीं किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) से (घ) प्रश्नांश (क) अनुसार प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नोटरी रहित जिलों में नोटरी नियुक्त करना
[विधि और विधायी कार्य]
57. ( क्र. 3822 ) एडवोकेट सत्यप्रकाश सखवार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्तमान में म.प्र. में कितने जिलों में नोटरी नियुक्त हैं तथा कितने जिलों में नोटरी नियुक्त नहीं हैं? नोटरी रहित जिलों में नोटरी नियुक्त न करने का कारण क्या रहा है? (ख) क्या 27 जुलाई 2016 के परि.अतारांकित प्रश्न संख्या 57 (क्र.2462) के उत्तर में 29 जिलों में नोटरी नियुक्ति की प्रक्रिया पूर्ण की जा चुकी है। शेष में नोटरी नियुक्ति की प्रक्रिया चल रही है बताया है तो शासन ने नोटरी रहित जिलों एवं तहसीलों में नोटरी की नियुक्ति के संबंध में अब तक क्या कार्यवाही की है? यदि कोई कार्यवाही नहीं की गई हो तो कार्यवाही न करने का कारण क्या रहा है? (ग) नोटरी रहित जिलों एवं तहसीलों में कब तक नोटरी नियुक्त कर लिये जावेंगे?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) प्रदेश के सभी 51 जिलों में वर्तमान में नोटरी नियुक्त है, नवीन नियुक्ति की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है, रिक्त पदों के विरूद्ध संबंधित जिला एवं सत्र न्यायाधीश से अधिवक्ताओं का पैनल अप्राप्त है। (ख) जी हाँ। 29 जिलों में नियुक्ति की कार्यवाही पूर्ण की जा चुकी है। किन्तु नवीन आवंटित पदों पर सभी जिलों से पैनल बुलाए जाने की कार्यवाही गतिशील है। रिक्त पदों के संबंध में संबंधित जिला एवं सत्र न्यायाधीशों से अधिवक्ताओं का पैनल अप्राप्त है। (ग) कार्यवाही प्रक्रियाधीन है निश्चित समयावधि बताया जाना सम्भव नहीं है।
पंजीकृत दुकानों से कृषि यंत्र खरीदी की बाध्यता समाप्त करना
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
58. ( क्र. 3840 ) श्री सुदेश राय : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग द्वारा कृषि यंत्रों पर कितना-कितना अनुदान दिया जा रहा है? क्या कृषि विभाग द्वारा पंजीकृत संस्था/दुकान से ही कृषि यंत्रों को खरीदने के लिये कृषकों को बाध्य किया जा रहा है? (ख) क्या कृषि विभाग द्वारा पंजीकृत दुकानों से खरीदने पर कृषक को महंगे दर पर कृषि यंत्र मिल रहे है, जिससे उसको शासकीय अनुदान का लाभ नहीं मिल पा रहा है, जबकि खुले, मार्केट में उन्ही कृषि यंत्रों की कीमत काफी कम है तथा अनुदान का अधिक लाभ किसानों को मिल सकता है? (ग) यदि प्रश्नांश (क) एवं (ख) सही है तो सरकार कब तक बाजार दर एवं पंजीकृत दुकानों की दरों का पुनरीक्षण कराकर पंजीकृत दुकानों से कृषि यंत्रों की खरीदी की बाध्यता को समाप्त कर देगी? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) कृषि यंत्रों की खरीदी के लिये किसानों से अनावश्यक कागजी कार्यवाही कराई जाती है, जिससे कृषकों के समय और पैसे की बर्बादी हो रही है? इसलिये कब तक प्रक्रिया सरल बना दी जायेगी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) विभाग द्वारा कृषि यंत्रों पर दिये जाने वाले अनुदान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। भारत सरकार के दिशा-निर्देशों में केवल भारत सरकार के अधिकृत संस्थाओं से टेस्टेड कृषि यंत्रों पर ही अनुदान देने का प्रावधान है। अत: उक्त निर्देशों के परिपालन में विभाग द्वारा टेस्टेड यंत्रों के निर्माताओं का पंजीयन किया जाता है। कृषकों द्वारा पंजीकृत निर्माताओं के डीलरों म.प्र. राज्य कृषि उद्योग विकास निगम तथा म.प्र. राज्य सहकारी विपणन संघ में से किसी से भी कृषि यंत्रों का क्रय किया जा सकता है। (ख) जी नहीं। शासन द्वारा कृषि यंत्रों की दरों का निर्धारण नहीं किया जाता है कृषक द्वारा मोल-भाव कर यंत्रों का क्रय किया जाता है। अत: कृषि यंत्रों की कीमत का अधिक होने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। पात्र कृषकों को अनुदान का लाभ मिल रहा है। कृषक विभिन्न निर्माताओं के पंजीकृत अधिकृत विक्रेताओं से यंत्रों पर मोल-भाव कर क्रय उपरांत अनुदान का लाभ ले रहे है। (ग) जी नहीं। यंत्रों की गुणवत्ता को प्रमुखता दी गई है दरों पर शासन द्वारा नियंत्रण नहीं किया जाता है। (घ) विभाग द्वारा वर्ष 2015-16 से ही कृषि यंत्रों के आवेदन हेतु आनलाईन व्यवस्था लागू की गई है। जो कि सरल प्रक्रिया है।
तालाब एवं नहरों की मरम्मत
[जल संसाधन]
59. ( क्र. 3848 ) श्री सुदेश राय : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र सीहोर के अंतर्गत वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक किन-किन तालाब एवं नहरों की मरम्मत हेतु कितना-कितना आवंटन विभाग को प्राप्त हुआ है? पृथक-पृथक विवरण देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में प्राप्त आवंटन से किन-किन तालाब का गहरीकरण एवं नहरों की मरम्मत के कार्य कराये गये हैं? कार्य की श्रेणी, उस पर किये गये व्यय की स्थान सहित विस्तृत जानकारी देवें।
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक चाही गई जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
लोक निर्माण विभाग की सड़कों के निर्माण
[लोक निर्माण]
60. ( क्र. 3872 ) श्री मुकेश नायक : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पन्ना जिले के पवई विधानसभा क्षेत्र में कहाँ तक की कौन-कौन सी सड़कें लोक निर्माण विभाग के अंतर्गत आती है? उक्त सड़कों की लंबाई सहित ब्यौरा दें? (ख) विगत 5 वर्षों में प्रश्नाधीन सड़कों का निर्माण कब-कब, किन-किन वर्षों में कराया गया है? सड़कवार जानकारी उपलब्ध करावें? (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्नाधीन निर्मित कराई गई सड़कों की लंबाई परफार्मेंस गारंटी समाप्त होने के बाद उक्त सड़कों के खराब हो जाने के कारण उनके निर्माण हेतु प्रस्ताव वरिष्ठ अधिकारियों के समक्ष भेजे गये? यदि हाँ, तो कब-कब भेजे गये बताये एवं प्राप्त प्रस्तावों पर क्या कार्यवाही की गई है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'अ-1' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ-1' एवं ''ब'' अनुसार है। (ग) जी हाँ 4 मार्गों की परफॉरमेंस गारंटी अवधि समाप्त होने के बाद 3 मार्गों की स्थिति अच्छी है एवं एक मार्ग को वर्ष 2016-17 के वार्षिक मरम्मत कार्यक्रम में सम्मिलित कर नवीनीकरण का कार्य प्रगति पर है।
उपमंडियों में कृषि उपज का क्रय-विक्रय
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
61. ( क्र. 3873 ) श्री मुकेश नायक : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पन्ना जिले की विधानसभा क्षेत्र पवई अंतर्गत कितने कृषकों की सुविधा हेतु कितनी उपमंडिया कार्यरत है? (ख) उक्त उपमंडियों के क्रय-विक्रय एवं कार्य व्यवस्था हेतु किन-किन अधिकारियों/कर्मचारियों को कार्य सौंप रखा है? (ग) उक्त उपमंडियों के अंतर्गत कितने गांव संलग्न होकर, कितने कृषकों की कितनी, कौन-कौन सी उपज आती है, सूचीवार जानकारी उपलब्ध करावें? (घ) उपरोक्त मंडियों के अंतर्गत कितने व्यापारी/लायसेंसी होकर व्यवसाय कर रहे है, नाम, पदनाम सहित जानकारी उपलब्ध करावें?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) विधान सभा क्षेत्र पवई अंतर्गत कृषि उपज मंडी समिति सिमरिया में कृषकों की सुविधा हेतु उपमंडी रैपुरा म.प्र. शासन, किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग की अधिसूचना दिनांक 13.12.2011 से अधिसूचित है। (ख) उत्तरांश "क" के परिप्रेक्ष्य में उपमंडी रैपुरा में क्रय-विक्रय व्यवस्था हेतु एक सहायक उपनिरीक्षक पदस्थ किया गया है। (ग) उपमंडी के अंतर्गत ग्रामवार एवं जिन्सवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'ब' अनुसार है। (घ) व्यापारियों की सूची जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है।
कृषि महोत्सव में पंजीकृत किसान
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
62. ( क्र. 3874 ) श्री मुकेश नायक : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पन्ना जिले में सम्पन्न कृषि महोत्सव 2014 में कुल कितने किसान पंजीकृत हुये? (ख) कुल कितने किसान इस महोत्सव में लाभांवित हुये, विकासखण्डवार जानकारी उपलब्ध करावें? (ग) जिले में कुल कितना व्यय हुआ एवं कितने बिलों का भुगतान लंबित है?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) पन्ना जिले में वर्ष 2014 में संपन्न कृषि महोत्सव में कुल 210597 कृषक पंजीकृत हुए। (ख) पन्ना जिले में वर्ष 2014 में संपन्न कृषि महोत्सव में विकासखण्ड पन्ना में 33244, विकासखण्ड गुनौर में 39759, विकासखण्ड पवई में 38385, विकासखण्ड शाहनगर में 33149 एवं विकासखण्ड अजयगढ़ में 40940 कुल 185477 कृषक लाभान्वित हुए। लाभान्वित कृषकों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) राशि रूपये 5443160/- व्यय किया गया। भुगतान हेतु कोई भी बिल लंबित नहीं है।
सोन नदी में पुल निर्माण
[लोक निर्माण]
63. ( क्र. 3942 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सिहावल से नकझर पहुंच मार्ग सोन नदी में पुल का निर्माण माननीय मुख्यमंत्री महोदय द्वारा 2012-13 में शिलान्यास किया गया था, किन्तु आज दिनांक तक कार्य प्रारंभ नहीं हुआ है? स्पष्टीकरण देवें। यदि हाँ, तो उक्त कार्य कब तक प्रारंभ किया जाकर पूर्ण कराया जावेगा? (ख) वारपान से भैसाहुन (बनाकुण्ड) गोपद नदी पर स्वीकृत उच्च स्तरीय पुल निर्माण स्वीकृत है? यदि हाँ, तो लागत राशि का विवरण? आज दिनांक तक कार्य प्रारंभ नहीं कराया जाने का कारण दें? यदि हाँ, तो कब तक कार्य प्रारंभ कराया जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ, जी हाँ। प्रधान मुख्य वन संरक्षक वन्यप्राणी मध्यप्रदेश से अनुमति नहीं मिलने के कारण। अनुमति के अभाव में। वर्तमान में निश्चित तिथि बताना संभव नहीं है। (ख) जी हाँ। लागत रू. 1166.96 लाख। प्रथम निविदा दिनांक 16.01.2017 को आमंत्रित की गई कोई संविदाकार द्वारा भाग नहीं लिया, दूसरी बार निविदा दिनांक 06.02.2017 को आमंत्रित की गई है कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। वर्तमान में निश्चित तिथि बताना संभव नहीं है।
निर्माण कार्य
[लोक निर्माण]
64. ( क्र. 4006 ) श्रीमती संगीता चारेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक निर्माण विभाग के सैलाना जिला रतलाम (उपसंभाग) को वित्तीय वर्ष 2014-2015 से प्रश्न दिनांक तक कितनी-कितनी राशि विभाग द्वारा किस-किस मद के लिए वर्षवार/मदवार आवंटित की गई? (ख) प्रश्नांश ने उल्लेखित समयानुसार एवं उप संभाग द्वारा कितनी-कितनी राशि के किस-किस एजेंसी से क्या-क्या निर्माण कार्य कराये गये वस्तुओं की खरीदी पर कितनी राशि व्यय की गई वर्षवार जानकारी दें। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित समयानुसार एवं उपसंभाग द्वारा कितनी सड़कों का निर्माण कार्य कराया गया है? ऐसी कितनी सड़कें हैं जिनका निर्माण कार्य पीजी के आधार पर कराया गया?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
जनप्रतिनिधियों के जनसम्पर्क अधिकारी नियुक्त करना
[जनसंपर्क]
65. ( क्र. 4035 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जनसम्पर्क विभाग में प्रदेश के लोकसभा/विधानसभा सदस्यों के कार्यों को आम जनता तक पहुंचाने के लिए जनसम्पर्क अधिकारी नियुक्त किये जाने का कोई प्रावधान है? (ख) यदि नहीं, तो क्या शासन स्तर पर इस संबंध में कोई प्रस्ताव विचाराधीन है? यदि नहीं, तो क्या ऐसे प्रस्ताव की आवश्यकता है? (ग) क्या वर्तमान में मीडिया के विभिन्न माध्यम एवं संचार सुविधाएं अत्यन्त तेज होने से विधानसभा/संसद सदस्यों द्वारा इनकी आवश्कयता महसूस की जा रही है ताकि शासन की विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं, विकास कार्यों को त्वरित रूप से आम जनता तक पहुंचाया जा सकें? (घ) क्या इस सकारात्मक पहल पर जनसंपर्क विभाग गंभीरतापूर्वक विचार करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) जी नहीं। (ग) शासन की विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं विकास कार्यों का प्रचार-प्रसार विभाग द्वारा निरन्तर किया जा रहा है। (घ) प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
प्रधानमंत्री सिंचाई योजना का क्रियान्वयन
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
66. ( क्र. 4036 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खण्डवा जिले में प्रधानमंत्री सिंचाई परियोजनान्तर्गत किन-किन योजनाओं की स्वीकृति प्रदान की गई है? विधानसभा क्षेत्रवार जानकारी प्रदान करें? (ख) इन स्वीकृत परियोजनाओं में किन-किन ग्रामों की कितनी भूमि सिंचित होगी? योजनावार सिंचित रकबा बताया जायें? (ग) विभाग द्वारा इन परियोजनाओं का कार्य कब तक आरंभ किया जाएगा? क्या इसकी कोई समय-सीमा निर्धारित है? यदि हाँ, बतायें? (घ) खण्डवा विधानसभा के असिंचित क्षेत्र को सिंचित किये जाने के नवीन प्रस्ताव क्या हैं इन्हें कब तक स्वीकृत किया जा सकेगा?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) कार्यपालन यंत्री जल संसाधन संभाग खण्डवा से प्राप्त जानकारी अनुसार जिले में प्रधानमंत्री सिंचाई परियोजनांतर्गत प्रस्तावित भाम (राजगढ़) मध्यम परियोजना एवं पलासी लघु सिंचाई योजना पंधाना विधान सभा क्षेत्र की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) स्वीकृत परियोजनाओं की योजनावार एवं ग्रामवार सिंचित भूमि रकबा की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (ग) स्वीकृत योजनाओं में पलासी लघु सिंचाई योजना का कार्य दिनांक 07.11.2016 को अनुबंध कर प्रारंभ कर दिया गया है। तथा भाम (राजगढ) मध्यम परियोजना के शीर्ष कार्य की निविदा आमंत्रण की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (घ) खण्डवा विधानसभा के असिंचित क्षेत्र को सिंचित किये जाने के लिये जल संसाधन विभाग खंडवा द्वारा नवीन 3 लघु सिंचाई योजनाएं क्रमश: आबना, बलदी एवं धरमपुरी बैराज के डी.पी.आर. प्रमुख अभियंता कार्यालय भोपाल में कार्यपालन यंत्री जल संसाधन संभाग खण्डवा द्वारा प्रशासकीय स्वीकृति हेतु प्रेषित किये गये है। कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
स्टॉपडेम निर्माण
[जल संसाधन]
67. ( क्र. 4065 ) श्री राजेन्द्र फूलचंद वर्मा : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सत्र 2015-16 व 2016-17 से विधानसभा क्षेत्र सोनकच्छ में कितने स्टॉपडेम कहाँ-कहाँ पर स्वीकृत हुए है? (ख) उक्त स्वीकृत स्टॉपडेम के निर्माण कार्यों की क्या स्थिति है? किन-किन स्टॉपडेम का निर्माण पूर्ण हो चुका है तथा कौन-कौन से स्टॉपडेम निर्माणाधीन हैं? (ग) निर्माणाधीन स्टॉपडेम का निर्माण कार्य कब तक पूर्ण हो जाएगा? क्या ऐसे स्टॉपडेम भी सामने आए हैं जिनका निर्माण कार्य पूर्ण होने के बाद वर्षा के पानी को स्टाप डेम नहीं रोक पाए तथा स्टाप डेम टूटने लगे हैं यदि हाँ, तो कौन-कौन से स्टॉपडेम है तथा ऐसे स्तरहीन स्टॉपडेम निर्माण हेतु दोषियों पर क्या कार्यवाही की गई?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (ग) सत्र 2015-16 व 2016-17 में विधान सभा क्षेत्रांतर्गत स्वीकृत 05 स्टॉपडेम की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। सत्र 2015-16 में निर्मित चांदाखेड़ी बैराज में वर्षाकाल के दौरान एक जल द्वार के फ्रेम में पेड़ आ जाने के कारण जल द्वार क्षतिग्रस्त होना प्रतिवेदित है। सत्र 2016-17 में शतप्रतिश 160 हे. क्षेत्र में रबी सिंचाई की गई। स्टॉपडेम का पानी कम होने पर क्षतिग्रस्त फ्रेम को ठीक करा दिया गया है। स्टॉपडेम निर्माण में कोई टूट-फूट नहीं है और न ही स्तरहीन कार्य परिलक्षित है। अत: किसी अधिकारी/कर्मचारी के दोषी होने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सड़क निर्माण
[लोक निर्माण]
68. ( क्र. 4066 ) श्री राजेन्द्र फूलचंद वर्मा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सोनकच्छ विधानसभा क्षेत्र में पीपलरांवा से टांडा उमरोद, भौरासा से टोंकखुर्द, टोंकखुर्द से इकलेरा, टोंकखुर्द से अमोना, सोनकच्छ से बैराखेड़ी पुष्पगिरी से चौबाराधीरा तक सड़क निर्माण की कोई कार्यवाही चल रही है? यदि हाँ, तो किस स्तर पर कार्यवाही प्रचलित है? नहीं तो क्यों नहीं? (ख) उक्त सड़कों में से कौन-कौन सी सड़क स्वीकृत है तथा कौन-कौन सी सड़क के प्रस्ताव लंबित है? (ग) क्षेत्रवासियों को कब तक उक्त सड़कों का लाभ मिल सकेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
धार जिले की गंधवानी विधानसभा अंतर्गत सर्वेक्षित योजनाएं
[जल संसाधन]
69. ( क्र. 4101 ) श्री उमंग सिंघार : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार जिले की गंधवानी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कितनी सर्वेक्षित योजनाएं हैं जिनका सर्वेक्षण पूर्ण हो चुका है? इनमें से कितनी योजनाएं साध्य हैं? इन साध्य योजनाओं को स्वीकृत कर निर्माण कार्य प्रारंभ कब तक होगा? (ख) गंधवानी विधानसभा क्षेत्र में कौन-कौन से सिंचाई तालाब स्वीकृति हेतु शासन स्तर पर लंबित है? योजना का नाम, लागत राशि कब से लंबित है, जानकारी देवें? स्वीकृत सिंचाई तालाबों की निविदाएं कब तक आमंत्रित की जावेगी?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) विधान सभा क्षेत्रांतर्गत साध्यता प्राप्त 02 योजनाएं क्रमश: गूंगीदेवी तालाब व कुण्डीयानाला क्रमांक-1 का सर्वेक्षण पूर्ण हो चुका हैं। डी.पी.आर. रचनाधीन होने के कारण प्रशासकीय स्वीकृति की स्थिति नहीं होने से समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। साध्यता प्राप्त भवर छेवड़ा (उकाला) तालाब परियोजना का सर्वेक्षण प्रभावित ग्रामीणों के विरोध के कारण नहीं किया जा सका है। (ख) शासन स्तर पर कोई योजना लंबित नहीं है। बलकुण्डा तालाब की निविदा आमंत्रित की जा चुकी है तथा कुण्डियानाला डूब क्षेत्र से प्रभावित वनभूमि हेतु वैकल्पिक भूमि के चयन की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है जिसके पूर्ण होने पर निविदा आमंत्रण की कार्यवाही की जा सकेगी। दिनांक 24.06.2003 को स्वीकृत आमाघाटा तालाब परियोजना का विरोध डूब क्षेत्र के कृषकों के जन विरोध के कारण कार्य प्रारंभ नहीं किया जा सका। अद्यतन स्थिति में परियोजना साध्य नहीं पाई गई है।
सरदारपुर बाग (एस.एच.35) एवं मनावर मांगोद मार्ग निर्माण
[लोक निर्माण]
70. ( क्र. 4102 ) श्री उमंग सिंघार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सरदारपुर बाग (एस.एच. 35) एवं मनावर मांगोद (एच.एस. 38) मार्गों के निर्माण कार्य के ठेकेदार का नाम एवं कार्य का अनुबंध क्रमांक तथ कार्यादेश का दिनांक एवं अनुबंध पत्र अनुसार कार्य पूर्ण करने की दिनांक बतावें? (ख) प्रश्नांकित दिनांक तक दोनों मार्गों पर कार्य क्या प्रगतिरत है या कार्य पूर्ण कर दिया गया है? यदि कार्य पूर्ण कर दिया गया हो तो कार्य पूर्णता की दिनांक क्या है तथा दोनों मार्गों की स्वीकृति राशि कितनी–कितनी है? (ग) सरदारपुर बाग मार्ग पर ग्राम बाग में कितने मीटर लम्बाई में सी.सी. रोड बनाई गई है? कार्य की डी.पी.आर. एवं अनुबंधन में ग्राम बाग में सी.सी. रोड के दोनों ओर नालियां बनाने का प्रावधान है या नहीं? अगर नालियां दोनों ओर बानाना है तो नालियों का कार्य किस दिनांक तक कर दिया जावेगा? यदि नहीं, बनाना है तो क्या कार्य अपूर्ण माना जावेगा एवं इसके लिये विभाग तथा कार्य एजेन्सी में से कौन दोषी है? विभाग किस अधिकारी एवं निर्माण एजेन्सी पर कार्यवाही कर रहा है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) सरदारपुर-बाग एवं मनावर-मांगोद मार्ग का निर्माण अनुबंध क्रमांक 63/2013 दिनांक 28.11.2013 द्वारा ठेकेदार मेसर्स के.सी.सी. बिल्डकान प्रा.लि. शिवालय कंसट्रक्शन कम्पनी (जे.वी.) गुड़गांव (हरियाणा) से किया जा कर 21 माह में कार्य पूर्ण करने हेतु कार्यादेश जारी किये गये है उक्त कार्य दिनांक 25.04.2016 को पूर्ण किया गया है। (ख) कार्य पूर्ण कर दिया गया है। कार्य पूर्णता की दिनांक 25.04.2016 है मनावर-मागोद की प्रशासकीय स्वीकृति 84.17 करोड़ एवं सरदारपुर-राजगढ़ बाग मार्ग की 94.72 करोड़ है। (ग) सरदारपुर बाग मार्ग पर ग्राम बाग में 11.80 मीटर लंबाई में सी.सी. रोड बनाई गई है। अनुबंधानुसार ग्राम बाग में सी.सी. रोड के दोनों ओर नालिया बनाने का प्रावधान है। माननीय उच्च न्यायालय में प्रकरण विचाराधीन होने एवं भूमि उपलब्ध न होने के कारण नाली नहीं बनाई जा सकी। निर्माण की समय-सीमा समाप्त हो जाने के कारण निर्माण हेतु ठेकेदार से किया गया अनुबंध बंद कर दिया गया है। नालियों के निर्माण की समय-सीमा बताना संभव नहीं। जी नहीं। विभाग अथवा एजेन्सी दोषी नहीं है, अतः कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सहकारी संस्थाओं की स्वायत्ता
[सहकारिता]
71. ( क्र. 4145 ) श्री सुरेन्द्रनाथ सिंह : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आयुक्त एवं पंजीयक सहकारी संस्थाएं मध्यप्रदेश द्वारा वित्त विभाग से एकल नस्ती दिनांक 21/05/2015 के माध्यम से कर्मचारियों को छठा वेतनमान हेतु प्रमुख सचिव, सहकारिता से क्र.एकल/के/15/398 दिनांक 03/01/2015 के माध्यम से अभिमत मांगा गया था? यदि हाँ, तो अभिमत का मूल विवरण उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में यदि पंजीयक को स्वतंत्र रूप से नियामक अधिकार अधिनियमों के स्तर के प्राप्त हैं तो कर्मचारियों के वेतनमान, नियुक्ति, पदस्थापना आदि अन्य प्रशासकीय निर्णय हेतु कितनी बार पंजीयक द्वारा इस प्रकार के निर्णय हेतु शासन को एकल नस्ती या अभिमत हेतु प्रकरण भेजे गये हैं। विगत तीन वर्षों की जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) अंतर्गत जिन केन्द्रीय और अपेक्स सहकारी बैंक/संस्थाओं में शासन का अंश नहीं है तो क्या वह स्वशासी निकाय हैं? यदि हाँ, तो इन संस्थाओं में एम.डी./सी.ई.ओ.. की नियुक्ति किस आधार पर की जाती है? नियमावली, प्रशासकीय एवं वित्तीय अधिकारों की शक्तियों का विवरण देवें? (घ) प्रश्नांश (ग) में क्या सहकारी संस्थाओं में एम.डी./सी.ई.ओ. के लिये डी.आर., जे.आर. के कितने कितने और किन-किन स्थानों के पद सृजित किये हैं, उन पर पदस्थ अधिकारियों की सूची उपलब्ध करावें?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी नहीं। (ख) निरंक। (ग) सभी सहकारी संस्थाएं निगमित निकाय हैं, मध्यप्रदेश सहकारी सोसायटी अधिनियम 1960 की धारा 49-इ, धारा 54 तथा संस्थाओं के सेवा नियम/उपविधि के प्रावधान अनुसार प्रबंध संचालक, मुख्य कार्यपालन अधिकारी की नियुक्ति की जाती है। (घ) पद सृजित नहीं किए गए हैं, संस्थाओं के सेवानियम/ उपविधि के प्रावधान अनुसार संस्थाओं की मांग पर पदस्थी की जाती है, शेष प्रश्न उपस्थिति नहीं होता।
किसानों को शून्य ब्याज दर पर ऋण
[सहकारिता]
72. ( क्र. 4156 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में वर्ष 2010 से जनवरी 2017 तक कितने किसानों को शून्य ब्याज दर पर ऋण दिया गया है? कृपया जिलेवार एवं वर्षवार जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अवधि में जो किसान समय पर ऋण वापस नहीं कर सकें? उन किसानों से किस ब्याज दर से ऋण वसूला गया? जनवरी 2017 तक कितने किसान ऋणग्रस्त हैं? (ग) प्रदेश में 2013-14, 2014-15,2015-16 से जनवरी 2017 तक ऋणग्रस्त कितने किसानों से राशि वसूलने के लिये किस-किस जिले में आर.आर.सी. के तहत वसूली के प्रकरण राजस्व न्यायालय में दर्ज किये गये है? (घ) प्रश्नांश (ग) वर्णित अवधि में अब तक कितने किसानों से आर.आर.सी. के माध्यम से राशि वसूल की गई है वर्षवार तथा जिलेवार जानकारी दें।
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) मध्यप्रदेश में वर्ष 2012-13 से शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर फसल ऋण वितरण योजना प्रारंभ हुई। वर्ष 2012-13 से वर्ष 2015-16 तक शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर वितरित फसल ऋण की वर्षवार जिलेवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 1 से 4 अनुसार है। वर्ष 2016-17 में खरीफ 2016 की ड्यू डेट 28 मार्च 2017 तथा रबी 2016-17 की ड्यू डेट 15 जून होने के कारण, ड्यू डेट के पश्चात् ही लाभांवित कृषकों की संख्या की जानकारी उपलब्ध करायी जा सकती है। (ख) समय पर ऋण नहीं चुकाने वाले किसानों से प्रभारित ब्याज दर की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 5 अनुसार है। जनवरी 2017 पर ऋणग्रस्त कृषकों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 5 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 6 अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 6 अनुसार है।
राष्ट्रीय फसल बीमा योजना 2015
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
73. ( क्र. 4172 ) श्री अनिल जैन : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना 2015 में ऋणी किसानों को फसल बीमा की दावा राशि बीमा कम्पनी द्वारा बैंकों को उपलब्ध किये जाने का प्रावधान है तथा संबंधित बैंक द्वारा हितग्राहियों के खातों में भुगतान की प्रक्रिया निर्धारित है? यदि हाँ, तो जिला टीकमगढ़ में खरीफ वर्ष 2015 के फसल बीमा की कितनी-कितनी दावा राशि किन-किन बैंकों को कब-कब उपलब्ध करायी गयी, बैंक शाखावार जानकारी देवें? (ख) क्या टीकमगढ़ जिले की प्रश्नगत बैंक शाखाओं द्वारा हितग्राहियों के खाते में फसल बीमा की दावा राशि का भुगतान कर दिया गया है? यदि हाँ, तहसील निवाड़ी की बैंक शाखाओं द्वारा प्राप्त भुगतान की गई एवं शेष राशि की जानकारी लाभान्वित हितग्राही संख्या सहित देवें? (ग) फसल बीमा दावा राशि खातों में भुगतान पश्चात् बैंकों द्वारा फसल बीमा कम्पनी को भुगतान का प्रमाणपत्र जारी किये जाने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो बतायें कि किन-किन बैंक शाखाओं द्वारा प्रमाणपत्र कब जारी किया जा चुका है? (घ) फसल बीमा दावा राशि के लाभान्वित हितग्राहियों की सॉफ्ट कॉपी क्या बीमा कम्पनी को भेजी जा चुकी है और हार्डकॉपी किसानों के अवलोकनार्थ कहाँ पर उपलब्ध करायी गयी है?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) राष्ट्रीय कृषि बीमा योजनांतर्गत फसल बीमा बैंकों के माध्यम से किया जाता है, जिसमें बैंक अधिसूचित क्षेत्र की फसल के पटवारी हल्कावार इकजाई घोषणापत्र प्रेषित करता है और दावों का भुगतान भी बैंकों को उसी माध्यम से किया जाता है। दावों का भुगतान बैंकों द्वारा हितग्राहियों के खाते में किया जाता है। खरीफ 2015 के फसल बीमा की दावा राशि की बैंकवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) राष्ट्रीय कृषि बीमा योजनांतर्गत खरीफ 2015 के टीकमगढ़ जिले में दावों का भुगतान दिनांक 21 नवंबर 2016 एवं 15 फरवरी 2017 को पात्र कृषकों को कर दिया गया है। निवाड़ी तहसील की बैंकवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) फसल बीमा दावा राशि खातों में भुगतान के पश्चात् बैंकों उपयोगिता प्रमाण पत्र एवं दावा उन्मोचन प्रमाण पत्र बीमा कंपनी को प्रेषित किया जाता है। भुगतान का प्रमाण पत्र मध्यांचल ग्रामीण बैक शाखा ओरछा द्वारा दिया गया है, शेष बैंकों के प्रमाण पत्र बीमा कम्पनी को प्राप्त होनो शेष है, जो एकत्रित की जा रही है। (घ) फसल बीमा राशि के लाभान्वित हितग्राहियों की सूची बैंक के पास होती है, जिसे बैंक के सूचना पटल पर उपलब्ध कराते हैं।
सड़क निर्माण
[लोक निर्माण]
74. ( क्र. 4174 ) श्री अनिल जैन : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र निवाड़ी अंतर्गत मुड़ारा से सेंदरी सी.सी. मार्ग का निर्माण विभाग के द्वारा कराया जा रहा है? यदि हाँ, तो सड़क की वास्तविक लंबाई एवं लागत राशि बतायी जाये? (ख) क्या जनहित को देखते हुए किसी परियोजना के मुख्य प्राक्कलन में 10 प्रतिशत अथवा अधिक का पूरक प्राक्कलन बढ़ाने की शक्तियां प्राप्त हैं? यदि हाँ, तो सक्षम अधिकारी का विवरण पूरक प्राक्कलन की प्रतिशत सीमा सहित बताया जावें? (ग) क्या मुड़ारा से सेंदरी सड़क से कुछ मीटर की दूरी पर स्थित ऐतिहासिक दुर्ग गढ़कुण्डार किला तक पहुंचने के लिए उपर्युक्त सड़क अभी तक निर्मित नहीं हुई है? इसकी अनुमानित दूरी एवं सी.सी. सड़क की लागत राशि भी बतायी जावें? (घ) क्या प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित सड़क के पूरक प्राक्कलन को प्रश्नगत मुख्य सड़क के प्राक्कलन में जोड़ा जा सकता है? यदि हाँ, तो शासन द्वारा कब तक इसकी स्वीकृति दी जा सकेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। लंबाई 22.40 कि.मी. एवं लागत राशि रू. 5700.00 लाख। (ख) विभागीय कार्य नियमावली के अनुसार प्रशासकीय स्वीकृति से 10 प्रतिशत से अधिक व्यय होने पर सक्षम अधिकारी से पुनरीक्षित स्वीकृति प्राप्त की जाती है। कार्य की तकनीकी स्वीकृति प्रदान करने वाले अधिकारी को 10 प्रतिशत तक पूरक प्राक्कलन एवं उसके अधिक होने पर शासन को अधिकार है जिसकी कोई सीमा नियत नहीं है। (ग) जी हाँ। लगभग 1.20 कि.मी. एवं लागत रू. 146.50 लाख। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नवीन सड़क मार्ग की स्वीकृति
[लोक निर्माण]
75. ( क्र. 4251 ) श्री रामसिंह यादव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन कोलारस विधानसभा क्षेत्र एवं तहसील के ग्राम डेहरवारा से कुशयारा विधानसभा क्षेत्र एवं तहसील शिवपुरी को जोड़ने के लिए 04 कि.मी. नवीन सड़क का सर्वे कराकर स्वीकृति प्रदान करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) क्या ग्राम डेहरवारा में स्वीकृत औद्योगिक क्षेत्र को शिवपुरी एवं पोहरी व श्योपुर से सीधे जोड़ने के लिए उक्त सड़क मार्ग शासन अविलंब स्वीकृत करेगा? (ग) क्या शासन कोलारस विधानसभा एवं तहसील के ग्राम पाड़ोदा के ग्राम सालौदा विधानसभा क्षेत्र पोहरी से जोड़ने के लिए 05 कि.मी. नवीन सड़क का सर्वे कराकर स्वीकृति प्रदान करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) क्या उक्त दोनों नवीन मार्ग बन जाने से क्षेत्रीय जनता को व्यापक लाभ होगा एवं सुदूर सम्पर्क बढ़ेगा? जैसे झांसी-कोटा मार्ग शिवपुरी-श्योपुर मार्ग से यू-टाईप के बजाए सीधे एच-टाईप में जुड़ जाएगा? जिसे ध्यान में रखते हुए क्या शासन यथाशीघ्र इन नवीन मार्गों की स्वीकृति प्रदान करेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) प्रश्नांकित मार्ग विभाग की पुस्तिका पर अंकित नहीं है। अत: शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्नांकित मार्ग विभाग की पुस्तिका पर अंकित नहीं है। अत: शेष प्रश्नांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सड़कों पर डामरीकरण एवं पुल/पुलिया निर्माण
[लोक निर्माण]
76. ( क्र. 4252 ) श्री रामसिंह यादव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कोलारस विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत जनवरी 2017 की स्थिति में किन-किन मार्गों पर कहाँ-कहाँ पर कितने डामरीकरण एवं पुल/पुलिया निर्माण की आवश्यकता है? (ख) कोलारस विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत जनवरी 2017 की स्थिति में विभागीय सड़कें कौन-कौन सी कहाँ-कहाँ की कितनी लंबाई की है? इन्हें आगे कहाँ तक बढ़ाया जा सकता है, जिससे आवागमन सुगम हो? (ग) कोलारस विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत विभागीय मार्गों पर जर्जर पुल/पुलिया कौन सी हैं? जिन्हें अविलंब बनाए जाने की आवश्यकता है? यदि उक्त जर्जर पुल-पुलिया अविलंब नहीं बनाए गए तो आवागमन तो अवरूद्ध नहीं होगा? (घ) क्या कोलारस विधानसभा क्षेत्र में नवीन विभागीय मार्ग बनाया जाना प्रस्तावित है? यदि हाँ, तो वह मार्ग कौन से है? इनको कब तक स्वीकृत किए जाने की संभावना है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार इसके अतिरिक्त देहरदा-ईशागढ़ मार्ग पर कि.मी. 6 में स्थित सिंध नदी पर पुल निर्माण की आवश्यकता है, जो प्रगतिरत है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ-1' एवं ''ब'' अनुसार है। कोलारस विधानसभा क्षेत्र में लोक निर्माण विभाग के सभी मार्ग एक गांव /शहर से दूसरे गांव/शहर को जोड़ते है, शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) कोलारस विधानसभा क्षेत्र में विभागीय किसी भी मार्ग पर जर्जर पुल/पुलिया नहीं है। कोलारस विधानसभा क्षेत्र में म.प्र. सड़क विकास निगम के अंतर्गत केवल देहरदा-ईशागढ़ मार्ग के कि.मी. 6 में सिंध नदी पर स्थित पुराना पुल कमजोर स्थिति में है, जिसका नया पुल निर्माण प्रगति पर है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
रिक्त पदों की जानकारी एवं पदोन्नति
[जल संसाधन]
77. ( क्र. 4272 ) श्री गोपालसिंह चौहान (डग्गी राजा) : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जल संसाधन विभाग भोपाल अंतर्गत अनुसंधान संरचना (गुण नियंत्रण) के अंतर्गत वाहन निरीक्षक के कितने पद रिक्त हैं? (ख) प्रयोगशाला तकनीशियन से वाहन निरीक्षक के पद पर कब तक पदोन्नति कर दी जाती है?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जल संसाधन विभाग के अंतर्गत वाहन निरीक्षक नाम से कोई पद स्वीकृत नहीं है। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
अम्बाह तहसील में नोटरी की नियुक्ति
[विधि और विधायी कार्य]
78. ( क्र. 4403 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मुरैना जिले की अम्बाह तहसील की नोटरी की नियुक्ति हेतु प्रक्रिया वर्ष 2015, 2016 से लम्बित पड़ी है, क्यों? (ख) क्या उक्त नोटरी नियुक्ति नहीं होने से आम जनता को परेशानी हो रही है? (ग) क्या शासन अम्बाह में नोटरी की नियुक्ति करने पर विचार करेगा? यदि हाँ, तो ये नियुक्तियां कब तक कर दी जावेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। रिक्त पदों पर नियुक्ति की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ख) जी नहीं। (ग) जी हाँ। नियुक्ति की कार्यवाही विचाराधीन है। निर्धारित समय-सीमा बताया जाना सम्भव नहीं है।
सहकारी संस्थाओं में नियुक्ति
[सहकारिता]
79. ( क्र. 4429 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अतारांकित प्रश्न सं. 148 (क्र. 3369) के उत्तर में दर्शाये गए प्रपत्र-1 में जिले की केवल 68 प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों में नियुक्तियों का उल्लेख है, बकाया प्रत्येक प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति में की गई नियुक्तियों का ब्यौरा देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर में बताएं अनुसार क्या नियम विरूद्ध रखे गए सभी कर्मचारियों को पद से पृथक कर दिया गया है? जो पृथक करने से रह गए है, उनको कब तक पृथक कर दिया जावेगा? नियम विरूद्ध की गई नियुक्तियों के नियोक्ताओं के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, तो कब तक कर दी जावेगी? (ग) विदिशा जिले की समस्त प्रकार की सहकारी समितियों के निर्वाचन संबंधी प्रत्येक समिति/बैंक की कितनी/कितनी अपीलें किस स्तर पर लंबित हैं? लंबित होने के कारणों का ब्यौरा देवें। क्या इन अपीलों के शीघ्र निराकरण हेतु निर्देश जारी किए जावेंगे? उपरोक्त अपीलें कब तक निराकृत कर दी जायेगी?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मर्यादित विदिशा द्वारा प्रेषित जानकारी अनुसार अतारांकित प्रश्न क्र.148 (क्र.3369) के उत्तर में दर्शाये गए प्रपत्र-1 में प्रश्न अनुसार 01.04.2014 से प्रश्न दिनांक तक बैंक से सम्बद्ध 154 प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों में से प्रपत्र-1 में दर्शाई गई प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों में ही नियुक्ति की गई थी, शेष प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों में उपरोक्त अवधि में कोई नियुक्ति नहीं की गई हैं। (ख) जी हाँ, संबंधित नियोक्ताओं को पत्र क्र.वि.सभा/2016/1240 दिनांक 07.12.2016 द्वारा भविष्य के लिए सचेत किया गया। (ग) विदिशा जिले की समस्त प्रकार की सहकारी समितियों की निर्वाचन संबंधी मध्यप्रदेश सहकारी सोसायटी अधिनियम 1960 की धारा 78 में कोई अपील संयुक्त पंजीयक सहकारी संस्थाएं, भोपाल संभाग अथवा संयुक्त पंजीयक सहकारी संस्थाएं (न्यायिक) भोपाल संभाग के समक्ष विचाराधीन नहीं है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
लोक निर्माण विभाग में चीफ इंजीनियरों की सेवावृद्धि
[लोक निर्माण]
80. ( क्र. 4430 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या लोक निर्माण विभाग में पदस्थ इंजीनियरों और चीफ इंजीनियरों की सेवावृद्धि दिए जाने का कोई नियम है? यदि हाँ, तो किन-किन स्थितियों में सेवावृद्धि प्रदान की जाती है? नियमों का पूर्ण ब्यौरा दें। (ख) क्या शासन द्वारा विगत 3 वर्ष के दौरान लो.नि.वि. में पदस्थ इंजीनियरों/चीफ इंजीनियरों की सेवावृद्धि दी गई है। वर्षवार, विभागवार ब्यौरा दें। (ग) क्या लोक निर्माण विभाग की पी.आई.यू. परिक्षेत्र इंदौर में पदस्थ चीफ इंजीनियर को 2 वर्ष की सेवावृद्धि का प्रस्ताव है? यदि हाँ, तो किन कारणों से सेवावृद्धि दी जा रहा है। नियमों एवं सेवावृद्धि की अनुशंसा संबंधी पूर्ण ब्यौरा दें। (घ) क्या उक्त चीफ इंजीनियर के धार जिले में पदस्थी के दौरान किसी प्रकार गड़बड़ी के मामले सामने आए हैं? यदि हाँ, तो जाँच हुई या नहीं? यदि नहीं, तो क्यों? यदि हाँ, तो क्या कार्रवाई की गई प्रकरणवार पूर्ण विवरण दें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) से (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शहपुरा रेस्ट हाऊस को हैण्ड ओवर करना
[लोक निर्माण]
81. ( क्र. 4472 ) श्रीमती प्रतिभा सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर जिले के शहपुरा में निर्मित लोक निर्माण विभाग के रेस्ट हाऊस के निर्माण में अब तक आयटमवार, मदवार कितना-कितना भुगतान किया गया? रेस्ट हाऊस को अब तक हैण्डओवर क्यों नहीं किया जा सका? (ख) उपरोक्त रेस्ट हाऊस भवन बाऊंड्री आदि में आयी क्रेक्स का कारण क्या है? नये बने उक्त रेस्ट हाऊस भवन का सुधार कर कब तक हैण्डओवर कब तक किया जावेगा। (ग) उपरोक्त शहपुरा रेस्ट हाऊस हेतु फर्नीचर एवं गृह सज्जा की सामग्री किन-किन विक्रेताओं से किस दर पर क्रय की गई? सामग्रीवार, दर, संख्या, मेक सहित विवरण दें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) आयटम/मद व्यय की जानकारी निम्नानुसार हैं - सिविल कार्य - 6923943.00, विद्युत कार्य - 187006.00, फर्नीचर कार्य - 664915.00 कुल - 7775864.00। लोक निर्माण विभाग को आधिपत्य में सौंपने का प्रस्ताव निर्धारित प्रारूप में दिनांक 04.03.2015 को लोक निर्माण विभाग संभाग क्र.02 जबलपुर को प्रेषित। (ख) बाउण्ड्रीवॉल में क्रेक सिंकेज के कारण आये हैं। जिसका सुधार कार्य ठेकेदार की जोखिम एवं लागत के खर्चे से कराया जा रहा है। शेष उत्तरांश 'क' अनुसार। (ग) सामग्री एल.यू.एन. से क्रय की जा रही है। विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
बैन गंगा पुल का निर्माण
[लोक निर्माण]
82. ( क्र. 4473 ) श्रीमती प्रतिभा सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जबलपुर जिले में भेड़ाघाट मार्ग पर स्थित बैनगंगा पुल के निर्माण की निर्धारित समय-सीमा कितनी बार समाप्त हो चुकी है परन्तु उक्त पुल का निर्माण कार्य अब तक पूर्ण नहीं हुआ है? (ख) उपरोक्त वैनगंगा पुल का कितना निर्माण कार्य हुआ है, कितना शेष है? निर्माण कार्य में विलम्ब का कारण क्या है? उक्त निर्माण कार्य कब तक पूर्ण होगा।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) एक बार, जी हाँ। (ख) 90 प्रतिशत पूर्ण, 10 प्रतिशत शेष है। ठेकेदार द्वारा धीमी गति से कार्य करने के कारण मार्च 2017 में पूर्ण करने का लक्ष्य है।
भूमि संरक्षण अधिकारी ग्वालियर द्वारा कराये गये निर्माण कार्य
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
83. ( क्र. 4496 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 अप्रैल, 2015 से प्रश्न दिनांक तक सहायक भूमि संरक्षण कार्यालय ग्वालियर द्वारा कौन-कौन से निर्माण कार्य, कितनी-कितनी वित्तीय स्वीकृति से किस-किस स्थान पर किस-किस ठेकेदार/एजेन्सी या विभाग के कौन-कौन कर्मचारी/अधिकारी के सुपरवीजन में कराये गये है तथा कराये जा रहे है वर्तमान में उन कार्यों की भौतिक तथा वित्तीय स्थिति क्या है स्पष्ट करें। उक्त निर्माण कार्यों में किस-किस निर्माण कार्यों की गुणवत्ता संबंधी शिकायतें किन-किन शिकायतकर्ताओं द्वारा की गई थी उन शिकायतों में क्या कार्यवाही की गई स्पष्ट करें। (ख) सहायक भूमि संरक्षण अधिकारी कार्यालय ग्वालियर में एवं संबंधित मैदानी अमला कौन-कौन पदस्थ है, उसका नाम, पद, पदस्थापना दिनांक मुख्यालय की जानकारी देवें।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) प्रश्नावधि में सहायक भूमि संरक्षण अधिकारी ग्वालियर द्वारा कराये गये निर्माण कार्य की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। कार्यों की गुणवत्ता संबंधी कोई शिकायत प्राप्त होना प्रतिवेदित नहीं हुई, कार्यवाही का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है।
कृषि सामग्री की खरीदी हेतु ऋण उपलब्ध कराया जाना
[सहकारिता]
84. ( क्र. 4497 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कृषि सामग्री के लिए प्रदेश में कृषकों को खाद, बीज और अन्य जरूरी सामग्री खरीदने के लिए शून्य प्रतिशत ब्याज की दर से सहकारी ऋण उपलब्ध कराये जाने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो प्रावधान की प्रति उपलब्ध करायें? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित प्रावधान अनुसार वर्ष 2014-15, 2015-16 एवं प्रश्न दिनांक तक ग्वालियर जिले में किस-किस प्राथमिक साख सहकारी समिति के सदस्यों को उक्त योजना का लाभ दिया गया है? लाभान्वित कृषकों की संख्यात्मक जानकारी सहकारी समितिवार उपलब्ध करावें। (ग) वर्ष 2015-16 में एवं प्रश्न दिनांक तक भितरवार विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत किस-किस सहकारी समिति के कितने सदस्यों को ऋण दिया गया है या दिया जाना प्रस्तावित है?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ। छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है।
निर्माण कार्यों में वित्तीय अनियमितता की जाँच
[जल संसाधन]
85. ( क्र. 4520 ) श्री मधु भगत : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वरिष्ठ भू-जलविद जल संसाधन विभाग जिला बालाघाट में वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन से कार्य कितनी-कितनी राशि के किस-किस मद से कब-कब करवाये गये? नियुक्त कार्य एजेंसी के नाम सहित विकासखण्डवार एवं वर्षवार पूर्ण ब्यौरा देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार कार्य में से कौन-कौन से कार्य पूर्ण हैं कितने अपूर्ण हैं, उक्त कार्य में से किस-किस कार्य के लिये किस-किस कार्य एजेंसी को कितनी-कितनी राशि का भुगतान किस दिनांक को चेक/ड्राफ्ट क्रमांक एवं नगद के रूप में किया गया वर्षवार कार्यवार भुगतान की गई राशि का पूर्ण ब्यौरा देवें। (ग) प्रश्नांश (क) में वर्णित कार्यों में से कौन-कौन से कार्य हैं जिनके पूर्ण किये बिना कार्य से अधिक राशि का भुगतान किया गया? कार्यवार किये गये भुगतान का पूर्ण ब्यौरा देवें। अपूर्ण कार्य होने की स्थिति में संबंधित कार्य एजेंसी पर क्या दण्डात्मक कार्यवाही की गई। (घ) प्रश्नांश (क) अनुसार स्वीकृत कार्यों में से अनियमितता और भ्रष्टाचार की कितनी शिकायतें जिला एवं राज्य स्तर पर प्राप्त हुई, शिकायतों का विवरण देते हुये बतायें कि इनमे से किन-किन शिकायतों की जाँच किसके द्वारा की गई एवं जाँच पश्चात् क्या कार्यवाही की गई?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (घ) भू-जल विद जल संसाधन विभाग बालाघाट में वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक कोई कार्य नहीं कराया जाना प्रतिवेदित है। अत: शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होते है।
निर्माण कार्यों में अनियमितता की जाँच एवं कार्यवाही
[जल संसाधन]
86. ( क्र. 4521 ) श्री मधु भगत : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कार्यपालन यंत्री, सर्वेक्षण, जल संसाधन विभाग जिला बालाघाट में वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन से कार्य कितनी-कितनी राशि के किस-किस मद से कब-कब करवाये गये? नियुक्त कार्य एजेंसी के नाम सहित विकासखण्डवार एवं वर्षवार पूर्ण ब्यौरा देवे। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार कौन-कौन से कार्य पूर्ण हैं कितने अपूर्ण है, उक्त कार्य में से किस-किस कार्य के लिये किस-किस कार्य एजेंसी को कितनी-कितनी राशि का भुगतान किस दिनांक को चेक/ड्राफ्ट क्रमांक एवं नगद राशि के रूप में किया गया वर्षवार कार्यवार भुगतान की गई राशि का पूर्ण ब्यौरा देवे। (ग) प्रश्नांश (क) में वर्णित कार्यों में से कौन-कौन से कार्य हैं जिनके पूर्ण किये बिना कार्य से अधिक राशि का भुगतान किया गया? कार्यवार किये गये भुगतान का पूर्ण ब्यौरा देवे। अपूर्ण कार्य होने की स्थिति में संबंधित कार्य एजेंसी पर क्या दण्डात्मक कार्यवाही की गई।
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। भण्डारखोह जलाशय का कार्य अपूर्ण होने की स्थिति में कार्य एजेंसी का अनुबंध विखण्डित कर अन्य एजेंसी से कराया जा रहा है। किसी भी कार्य में दण्डात्मक कार्यवाही की स्थिति नहीं है।
नागदा- मडियादेव मार्ग
[लोक निर्माण]
87. ( क्र. 4534 ) श्री पुष्पेन्द्र नाथ पाठक : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले को दमोह जिले से जोड़नी वाली सड़क नगदा से मडियादेव कुल कितने कि.मी. की है? (ख) उक्त मार्ग में से कितना रास्ता निर्माण योग्य है? कुल कितना मार्ग एवं पुलिया निर्माण होने से सुगम बारहमासी मार्ग बन सकता है? (ग) क्या विभाग इस मार्ग का डी.पी.आर. तैयार करवाकर मार्ग निर्माण का कार्य करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) लंबाई 16.30 कि.मी. है। (ख) सुगम यातायात हेतु 2.60 कि.मी. मार्ग एवं 06 नग पुलियाँ निर्माण करना होगा। (ग) जी नहीं, मार्ग वर्तमान में प्रस्तावित नहीं है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
जिला सहकारी बैंक शाखा बिजावर की जानकारी
[सहकारिता]
88. ( क्र. 4535 ) श्री पुष्पेन्द्र नाथ पाठक : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला सहकारी बैंक शाखा बिजावर में मैनेजर एवं अन्य स्टाफ में कौन–कौन कब से पदस्थ हैं? नाम एवं पदनाम सहित जानकारी प्रदाय करें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार शाखा बिजावर से कितनी सहकारी समितियां संबंधित हैं? सभी संबद्ध सहकारी इकाइयों के संचालक मंडल की जानकारी देवें एवं सार्वजानिक वितरण प्रणाली अंतर्गत कितनी ग्राम पंचायतों की दुकानें किस–किस समिति से संचालित हैं? (ग) शाखा बिजावर में कितनी चल–अचल संपत्ति है? (घ) जिला सहकारी बैंक शाखा बिजावर में क्या कोई भवन विस्तार निर्माण कार्य चल रहा है? क्या निर्माण हो रहा है? निर्माण कार्य के लिए राशि का क्या प्रबंध किया गया है? निर्माणाधीन संरचनायें क्या हैं? इनका सहकारी बैंक क्या उपयोग करेगा? किन नियम शर्तों पर उपयोगिता का निर्धारण किया जायेगा?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित, छतरपुर की शाखा बिजावर में श्री आनंदमोहन खरे, शाखा प्रबंधक दिनांक 31.03.2011 से, श्री संतोष कुमार तिवारी, लेखापाल दिनांक 22.04.2015 से तथा श्री चांद खां भृत्य, दिनांक 07.12.1994 से पदस्थ है। (ख) 14 समितियां। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होते है।
नोटरी के रिक्त पदों पर नियुक्ति
[विधि और विधायी कार्य]
89. ( क्र. 4549 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) माननीय न्यायालय सारंगपुर जिला राजगढ़ में नोटरी के कितने पद रिक्त हैं? इन पदों की नियुक्ति हेतु कितने आवेदन विगत एक वर्ष में शासन को प्राप्त हुए हैं? (ख) प्राप्त आवेदनों पर नोटरी की नियुक्ति हेतु प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई है एवं इन आवश्यक पदों पर कब तक नियुक्ति कर दी जावेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) तहसील सारंगपुर, जिला राजगढ़ में नोटरी के कुल 02 पद रिक्त है। जिसके संबंध में जिला एवं सत्र न्यायाधीश, राजगढ़ से अधिवक्ताओं का पैनल अप्राप्त है। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के अनुक्रम में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना से संबंधित
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
90. ( क्र. 4597 ) श्रीमती शकुन्तला खटीक : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के क्या उद्देश्य होकर उनकी पूर्ति हेतु शासन की क्या नीति प्रचलन में है? (ख) प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना प्रारंभ से जनवरी 2017 तक मध्यप्रदेश शासन द्वारा योजना से संबंधित कितनी राशि आवंटित की गई जिसमें जिला शिवपुरी को कितनी दी गई। (ग) प्रश्नांश (ख) में प्राप्त राशि में से विधानसभा क्षेत्र 23 करैरा जिला शिवपुरी को कितनी राशि प्रदाय की जाकर योजना से संबंधित क्या-क्या गतिविधियां की गई। जानकारी कार्यविवरण, कार्यस्थल का नाम, देयक राशि, आदि सहित दी जावे।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना का उदेद्श्य, प्रदेश में ग्राम स्तर तक सिंचाई क्षेत्र निवेश को बढ़ाकर हर खेत को पानी पहुंचाना तथा उपलब्ध जल का उचित प्रबंध कर ''पर ड्राप मोर क्राप'' के लक्ष्य पूर्ति हेतु योजना का क्रियान्वयन भारत सरकार/शासन की गाईडलाईन अनुसार विभागवार घटकों में लक्ष्य अनुसार कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ख) प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना प्रारंभ से जनवरी 2017 तक मध्यप्रदेश शासन किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग द्वारा योजना से संबंधित ''पर ड्राप मोर क्राप'' घटक के माइक्रोइरीगेशन उप घटक में राशि रूपये 3958.17 लाख आवंटित की गई जिसमें जिला शिवपुरी को वर्ष 2015-16 में राशि रू. 6.53 लाख एवं वर्ष 2016-17 में राशि रू. 118.17 लाख कुल राशि रू. 124.70 लाख का आवंटन प्रदाय किया गया है। कार्यालय जल संसाधन एवं ग्रामीण विकास विभाग जिला शिवपुरी द्वारा दी गई जानकारी अनुसार ए.आई.बी.पी., हर खेत को पानी एवं आई.डब्ल्यू.एम.पी. घटक में आवंटन निरंक है। इसके अतिरिक्त वर्ष 2015-16 जिले की डी.आई.पी. तैयार करने हेतु राशि रू. 10.00 लाख का आवंटन प्रदाय किया गया था जिसमें से डी.आई.पी. बनाने के लिये राशि रू. 0.43 लाख व्यय किये जा चुके है। शेष राशि रू. 9.57 लाख जिले में उपलब्ध है। (ग) प्रश्नांश (ख) में जिला शिवपुरी को प्रदाय राशि में ही विधान सभा क्षेत्र 23 करैरा जिला शिवपुरी की राशि भी समाहित है एवं योजना से संबंधित गतिविधियां प्रक्रियाधीन है।
जिला संघों के पुनरूद्धार हेतु योजना
[सहकारिता]
91. ( क्र. 4620 ) श्री गिरीश भंडारी : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में पैक्स संस्थाओं को आर्थिक सुदृढ़ करने हेतु क्या प्रयास किये गये है? जिला संघों के पुनरूद्धार हेतु कोई योजना बनाई जावेगी? यदि हाँ, तो क्यों? कब तक? (ख) क्या शासन राज्य/जिला संघों को बन्द करना चाहती हैं? यदि हाँ, तो क्यों? (ग) क्या राज्य/जिला संघों को पंजीयक भोपाल के द्वारा ई-कॉआपरेटिव की नोडल एजेंसी बनाया जाकर सहकारी समितियों के ऑनलाईन का कार्य देकर पुन: सहकारी धारा से जोड़ा जा सकता है?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) पैक्स संस्थाओं की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ करने हेतु, समय पर ब्याज अनुदान दिया जाता है, प्रबंधकीय अनुदान दिया जाता है, व्यवसाय वृद्धि हेतु सदस्यता अभियान चलाया जा रहा है, पैक्स समितियों में बहुउद्देशीय सेवा केन्द्रों का गठन किया गया है। वर्तमान में विचाराधीन नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) राज्य/जिला संघ के तकनीकी रूप से सक्षम नहीं होने के कारण उपरोक्त कार्य नहीं दिया जा सकता है।
जिला संघों के आवेदन पर कार्यवाही
[सहकारिता]
92. ( क्र. 4621 ) श्री गिरीश भंडारी : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत 3 वर्षों में जिला राजगढ़ अन्तर्गत जिला सहकारी संघों के द्वारा कितने आवेदन उद्देश्यों अनुरूप कार्य प्राप्ति हेतु कलेक्टर/उपपंजीयक/मार्कफेड/खाद्य विभाग को दिये गये? (ख) प्रश्न की कंडिका (क) की उपलब्ध जानकारी अनुसार उद्देश्यों की पूर्ति हेतु दिये गये आवेदनों पर उक्त विभागों द्वारा क्या कार्यवाही की गई? क्या कार्य प्राप्ति में जिला संघों को वरीयता दी गई है? यदि नहीं, तो क्यों नहीं? (ग) क्या जिला संघों के उद्देश्यों की पूर्ति हेतु उप/संयुक्त पंजीयक की अध्यक्षता में कमेटी गठित कर आवश्यक कार्यवाही की जावेगी?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जिला सहकारी संघ मर्यादित राजगढ़ से प्राप्त जानकारी अनुसार उनके द्वारा विगत 03 वर्षों में कोई आवेदन उद्देश्यों अनुरूप कार्य प्राप्ति हेतु कलेक्टर/उप पंजीयक/मार्कफेड/खाद्य विभाग को नहीं दिये गये है। (ख) आवेदन प्राप्त नहीं होने से कार्यवाही का प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है। (ग) वर्तमान में ऐसा कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।
फसल बीमा राशि का भुगतान
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
93. ( क्र. 4687 ) श्री संजय शाह मकड़ाई : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राज्य शासन द्वारा सभी कृषकों को फसल नुकसानी हेतु बीमा प्रदान किया है? यदि हाँ, तो हरदा जिले की पृथक-पृथक तहसीलों में कितनी राशि फसल बीमा की वितरित की गई? (ख) क्या क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक शाखा चारूवा, हण्डिया, सिराली, जिला हरदा द्वारा कृषकों से वर्ष 2015 फसल बीमा हेतु प्रीमियम जमा होने के बाद भी फसल बीमा का लाभ प्राप्त नहीं हुआ है? यदि हाँ, तो इसमें दोषी कौन-कौन हैं व दोषियों के विरूद्ध शासन द्वारा क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्या कार्यवाही की जावेगी? (ग) यदि हाँ, तो उक्त कृषकों को बीमा की राशि कब तक प्राप्त हो जायेगी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) राष्ट्रीय कृषि बीमा योजनांतर्गत खरीफ 2015 में दावों का वितरण योजनानुसार पात्र किसानों को कर दिया है। खरीफ 2015 में हरदा जिले की तहसीलवार बीमांकन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 1 अनुसार है। (ख) राष्ट्रीय कृषि बीमा योजनांतर्गत खरीफ 2015 के हरदा जिले में क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक, हरदा नोडल बैंक है जिसके माध्यम से घोषणा पत्र प्राप्त होते हैं, दावों का भुगतान भी उसी माध्यम से कर दिया गया है। वितरित दावों की बैंकवार तहसीलवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 2 अनुसार है। (ग) उत्तरांश (ख) अनुसार।
किसानों को गेहूँ/चने के वितरण
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
94. ( क्र. 4688 ) श्री संजय शाह मकड़ाई : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) हरदा जिले में रबी वर्ष 2016-2017 में चने का बीज कितनी मात्रा में प्राप्त हुआ, किन समितियों को कितनी मात्रा में बीज आवंटित किया गया? विभाग द्वारा कृषकों को कितनी मात्रा में वितरण किया गया? शेष बचे बीज की विस्तृत जानकारी देवें? क्या शेष बचे बीज में कीड़े लग रहे हैं? यदि हाँ, तो शेष बचे बीजों में कीड़े लगने का जवाबदार कौन हैं? जवाबदारों पर क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो कब तक क्या कार्यवाही की जावेगी? (ख) क्या विभाग को बीज से संबंधित किसी भी प्रकार की कोई शिकायत प्राप्त हुई? यदि हाँ, तो विभाग द्वारा कब-कब, किस-किस प्रकार की कार्यवाही की गई है? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में विभाग को उक्त बीज के भुगतान हेतु कितनी राशि किस योजना में प्राप्त हुई है? कौन सी समितियों, फर्म, संस्थाओं से उक्त बीज क्रय किया गया है? कौन सी समितियों, फर्म, संस्थाओं को किस-किस योजना से कितनी राशि का भुगतान कब-कब किया गया?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) हरदा जिले में रबी वर्ष 2016-17 में चना बीज मात्रा 976.20 क्विंटल प्राप्त हुआ, जिसको किसी भी समितियों को आवंटित नहीं किया गया। विभाग द्वारा कुल 844.40 क्विंटल का वितरण कृषकों को किया गया। रबी फसल चना की बुवाई पूर्ण होने के पश्चात् शेष बीज मात्रा 131.80 क्विंटल को बीज प्रदायक संस्थाओं को वापिस किया गया। अत: शेष बचे बीज में कीड़े लगने संबंधी समस्या का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नहीं। (ग) जिला हरदा को उक्त चना बीज के भुगतान हेतु राशि रूपये 142.55 लाख प्राप्त हुई। शेष प्रश्नांश की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
सड़कों के निर्माण से पूर्व सर्वेक्षण अनुसार कार्य कराया जाना
[लोक निर्माण]
95. ( क्र. 4698 ) श्री रामनिवास रावत : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में सड़कों के निर्माण से पूर्व जियोलॉजिकल सर्वे पर्यावरणीय अध्ययन सर्वेक्षण, समरेखण, अभियांत्रिकी/इंजीनियरिंग और आपदा प्रबंधन की दृष्टि से उचित सर्वे कार्य नियमानुसार कराया जाता है? (ख) यदि हाँ, तो क्या मुरैना जिले में सबलगढ़ से अटार तक बनाई जा रही सड़क में उपरोक्त शर्तों का पालन किया गया है? यदि हाँ, तो उक्त सर्वे रिपोर्ट प्रस्तुत करें। यदि नहीं, तो क्या सम्बंधित निर्माण एजेंसी एवं अधिकारियों के विरुद्ध कार्यवाही की जाकर सड़क गुणवत्तापूर्ण बनाई जावेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। परियोजना उपर्युक्तता प्रतिवदेन पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अनुबंधों की शर्तों का उल्लंघन कर टोल वसूली
[लोक निर्माण]
96. ( क्र. 4699 ) श्री रामनिवास रावत : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रतलाम से दानपुर (बाँसवाड़ा मार्ग) टू लेन मार्ग की वर्ष 2015 तथा वर्ष 2016 में कौन-कौन सी मेजर एवं माइनर पुलिया किस दिनांक को क्षतिग्रस्त हुई तथा इस कारण किस-किस दिनांक को टोल वसूली बंद रही तथा मार्ग परिवर्तित किया गया? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित पुलिया की सम्पूर्ण मरम्मत किस दिनांक तक पूर्ण हुई? क्या पुलिया क्षतिग्रस्त रहने के दौरान भी टोल वसूला गया? यदि हाँ, तो किसके निर्देश से तथा अनुबंध की किस शर्त के आधार पर कितनी राशि का टोल वसूला गया? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित टू लेन मार्ग के संबंध में शासन (विभाग) तथा कन्सेशनर के बीच हुए अनुबंध किन-किन शर्तों पर किया गया था? शर्तों का उल्लंघन कर अवैध टोल वसूली करने वाली टोल एजेंसी के विरुद्ध क्या कार्यवाही की गई? (घ) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित पुलिया के क्षतिग्रस्त होने की क्या जाँच कराई गई है? यदि हाँ, तो जाँच के निष्कर्ष क्या रहे और उसके आधार पर क्या कार्यवाही की गई?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) रतलाम से दानपुर (बांसवाड़ा मार्ग) टू लेन मार्ग की वर्ष 2015 तथा वर्ष 2016 के दौरान कोई मेजर एवं माईनल पुल/पुलिया में क्षति नहीं हुई थी, अपितु वर्ष 2015 में कि.मी. चै. 26 + 400 पर स्थिर माइनर पुल के पहुंच मार्ग दिनांक 25 जुलाई 2015 को रात्रि में एवं वर्ष 2016 में कि.मी. चै 35 +300 पर स्थित मेजर पहुंच मार्ग दिनांक 03/08/2016 को क्षतिग्रस्त हुए थे। मार्ग अवरूद्ध होने के कारण दिनांक 25 जुलाई 2015 रात्रि से दिनांक 28 जुलाई 2015 शाम 6.00 बजे तक टोल वसूली बंद रही। इस दौरान अतिवृष्टि के कारण परिवर्तित मार्ग बनाना संभव नहीं था। (ख) कि.मी. चै. 26 + 400 पर स्थित माइनर पुल के पहुंच मार्ग की दिनांक 28/07/2015 को शाम 6.00 बजे तक मरम्मत कर यातायात पुनः बहाल कर दिया गया एवं संपूर्ण डामर से मरम्मत कार्य दिनांक 21/22 अगस्त को पूर्ण किया गया। कि.मी. चै. 35 + 300 पर स्थित मेजर पुल के क्षतिग्रस्त पहुंच मार्ग पर यातायात एकांगी मार्ग से सुचारू रूप से संचालित होता रहा एवं मरम्मत 1 दिवस में पूर्ण की गई तथा संपूर्ण डामर से मरम्मत 15 दिवस में पूर्ण की गई। निवेशकर्ता द्वारा अनुबंधानुसार टोल राशि वसूली गई। जी नहीं। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) निवेशकर्ता कंपनी के साथ किये गये अनुबंध में रतलाम-सैलाना-बांसवाड़ा, लंबाई 43.58 कि.मी. का निर्माण बी.ओ.टी. (टोल + एन्यूटी) योजना में किया गया है। कंसेशन अनुबंधानुसार कंसेशन अवधि 15 वर्ष जो अपांइन्टेड डेट से प्रारंभ है। संपूर्ण कंसेशन अवधि के दौरान मार्ग के निर्माण एवं संधारण का दायित्व निवेशकर्ता कंपनी का है। निवेशकर्ता कंपनी द्वारा टोल वसूली कंसेशन अनुबंध की शर्तों अनुसार ली गई है। अतः कार्यवाही का कोई प्रश्न नहीं है। (घ) जी हाँ। जाँच के निष्कर्ष अनुसार पुल/पुलियों की एप्रोचेस में क्षति अतिवर्षा के कारण हुई थी। कंसेशनायर द्वारा क्षतिग्रस्त पुल/पुलिया में पहुंच मार्ग की मरम्मत कर सुधार किया गया।
प्रो. वैद्यनाथ कमेटी की सिफारिश पर कार्यवाही
[सहकारिता]
97. ( क्र. 4766 ) श्री अजय सिंह : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रो. वैद्यनाथ कमेटी की सिफारिश के बाद केन्द्रीय सहकारी बैंक एवं जिला सहकारी बैंकों और सेवा सहकारी समितियों को कर्ज से उबारने व उनकी दशा सुधारने के लिए कितनी राशि और कब दी थी? (ख) प्रदेश की प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कितनी जिला सहकारी केन्द्रीय बैंकें दिनांक 31.03.2016 की स्थिति पर कितने घाटे में चल रही है? ? (ग) क्या जिला सहकारी बैंकों के कर्मचारी और सहकारी समितियों के प्रबंधकों ने भ्रष्टाचार, गबन कर बैंकों और समितियों को फिर से घाटे में पहुंचा दिया है? यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक ऐसे लोगों पर क्या-क्या कार्यवाही की गयी है? यदि नहीं, तो कारण दें।
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) प्रो. वैद्यनाथन कमेटी की सिफारिश के बाद जिला सहकारी बैंकों को भारत सरकार से कोई राशि प्राप्त नहीं हुई, राज्य सरकार द्वारा राशि रू. 4829.29 लाख जारी की गई। सेवा सहकारी समितियों को भारत सरकार द्वारा राशि 98509.53 लाख एवं राज्य सरकार द्वारा राशि रू. 11381.49 लाख कर्ज से उबारने व उनकी दशा सुधारने के लिए जारी की गई। इस प्रकार भारत सरकार से कुल राशि रू. 98509.53 लाख एवं राज्य सरकार से राशि रू. 16210.78 लाख कुल राशि रू. 114720.31 लाख जारी की गई। (ख) दिनांक 31.03.2016 की स्थिति पर प्रदेश की 5 जिला सहकारी बैंक राशि रू. 7465.20 लाख की वार्षिक हानि में तथा 4 जिला सहकारी बैंक राशि रू. 11331.58 लाख की संचित हानि में चल रही है। (ग) जिला सहकारी बैंकों एवं उससे संबद्ध प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों में घाटे का एकमात्र कारण गबन धोखाधड़ी ही नहीं है, अन्य कारणों से भी संस्थाएं घाटे में आ जाती है। बैंक एवं समितियों में हुये भ्रष्टाचार/गबन धोखाधड़ी के प्रकरण प्रकाश में आते ही यथासंभव सभी वैधानिक कार्यवाही की जाती है, जिनमें आपराधिक कार्यवाही वसूली की कार्यवाही, अनुशासनात्मक कार्यवाही है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सीधी जिले में कराये गये कार्य
[लोक निर्माण]
98. ( क्र. 4780 ) श्री अजय सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अप्रैल 2014 से प्रश्न दिनांक तक 2 लाख रूपये से ज्यादा राशि के सीधी जिले में क्या-क्या कार्य, किस-किस स्थान पर, किये गये? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित जिले में उक्त समयानुसार मेन्टेनेंस पर कितनी राशि, व्यय की गयी? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) में उल्लेखित कार्यों में से कितनों को कितनी-कितनी राशि का भुगतान किस-किस रूप में किया गया? (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ख) में उल्लेखित स्थानों एवं समयानुसार उक्त सभी कार्यों का गुणवत्ता एवं उपयोगिता प्रमाण-पत्रों को किस-किस नाम/पदनाम द्वारा जारी किया गया?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं ''स'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'द' अनुसार है। (ग) एवं (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ', 'ब', 'स' एवं 'द' अनुसार है।
मण्डी शुल्क से आय
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
99. ( क्र. 4819 ) श्री संजय उइके : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वित्तीय वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक प्रदेश में जबलपुर संभाग की कृषि उपज मण्डी समितियों द्वारा कितनी मण्डी शुल्क की आय प्राप्त की गई मण्डी शुल्क की आय में से राज्य कृषि विपणन बोर्ड भोपाल को राज्य विपणन विकास निधि में जबलपुर संभाग की मण्डियों द्वारा कितनी-कितनी राशि भेजी गई? (ख) प्रश्नांश (क) अवधि में राज्य मण्डी बोर्ड द्वारा राज्य विपणन विकास निधि से जबलपुर संभाग की मण्डी समितियों को कितने-कितने कार्य, कितनी-कितनी राशि के अनुदान के रूप में स्वीकृत किए गए और राज्य मण्डी बोर्ड द्वारा प्रत्येक वर्ष में राज्य विपणन विकास निधि में प्राप्त राशि जबलपुर संभाग की मण्डी समितियों में कहाँ-कहाँ कितनी-कितनी किन-किन कार्यों में व्यय की? (ग) प्रश्नांश (क) अवधि में किसान सड़क निधि एवं अधोसंरचना विकास निधि से जबलपुर संभाग को जिलेवार कितनी-कितनी राशि दी गई एवं बालाघाट जिले को प्राप्त किसान सड़क निधि एवं अधोसरंचना विकास निधि की राशि से कहाँ-कहाँ कितना-कितना व्यय किन-किन कार्य पर किया गया बतावें?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) वित्तीय वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक जबलपुर संभाग की 35 कृषि उपज मंडी समितियों द्वारा मंडी शुल्क के रूप में राशि रूपये 27336.11 लाख प्राप्त किये गए हैं, जिसमें से मंडियों द्वारा म.प्र. राज्य कृषि विपणन बोर्ड, भोपाल को राज्य विपणन विकास निधि में बोर्ड शुल्क के रूप में राशि रू.3104.92 लाख तथा किसान सड़क निधि, कृषि अनुसंधान एवं अधोसंरचना विकास निधि, गौ-संर्वधन एवं कृषक कल्याण राशि में रूपये 19868.42 लाख भेजे गये हैं। (ख) वित्तीय वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक राज्य विपणन विकास निधि के तहत कृषि अनुसंधान एवं अधोसंरचना विकास निधि के अनुदान से जबलपुर संभाग के अंतर्गत 11 मंडी/उपमंडी प्रागंणों हेतु 31 अधोसंरचना संबंधी निर्माण कार्य कुल लागत राशि रू. 1902.33 लाख के स्वीकृत किये गये है जिन पर लगभग राशि रू.791.83 लाख व्यय की गई है, जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। तथा राज्य विपणन विकास निधि के तहत बोर्ड निधि से 20 मंडी/उपमंडी प्रागंणों हेतु 65 अधोसंरचना संबंधी निर्माण कार्य कुल लागत राशि रू. 1520.09 लाख के स्वीकृत किये गये है, जिन पर लगभग राशि रूपये 275.00 लाख व्यय की गई है, जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) वित्तीय वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक जबलपुर संभाग के 08 जिलों में किसान सड़क निधि से विभिन्न प्रकार के 75 कार्य लागत राशि रू. 5285.80 लाख के स्वीकृत किये गये है जिन पर लगभग राशि रू. 3699.11 लाख व्यय की गई है तथा 05 जिलों क्रमश: जबलपुर, नरसिंहपुर, कटनी, बालाघाट एवं छिंदवाड़ा में बोर्ड निधि से 57 कार्य लागत राशि रू. 9551.67 लाख के स्वीकृत किये गये है, जिन पर लगभग राशि रू. 4970.09 लाख व्यय की गई, जिसमें उल्लेखित निधियों से बालाघाट जिले में विभिन्न प्रकार के 62 कार्य लागत राशि रू. 8818.00 लाख के स्वीकृत है, जिन पर लगभग राशि रू. 4768.00 लाख व्यय की गई है।
आदिवासी उपयोजना क्षेत्र निधि व्यय की जानकारी
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
100. ( क्र. 4821 ) श्री संजय उइके : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आदिवासी उपयोजना क्षेत्र माँग संख्या 41 व 52 में उपयोजना क्षेत्र के विकास हेतु विभाग को राशि प्राप्त होती है? (ख) हाँ, तो वित्तिय वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक कितनी-कितनी राशि माँग संख्यावार प्राप्त हुई एवं कितनी-कितनी राशि जिलों को आवंटित की गयी? (ग) बालाघाट जिले को आवंटित राशि में से कितनी-कितनी राशि कहाँ-कहाँ, किन-किन कार्यों में वित्तिय वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक व्यय की गयी योजनावार/मदवार विकासखण्डवार बतावें? (घ) आदिवासी उपयोजना क्षेत्र माँग संख्या 41 व 52 में प्राप्त राशि को जिलेवार आवंटित करने का क्या मापदण्ड है?
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रश्नाधीन अवधि में प्राप्त राशि की जानकारी निम्नानुसार है :-
वर्ष |
मदवार राशि (रूपये लाख में) |
|
41 |
52 |
|
2014-15 |
8248.91 |
495.94 |
2015-16 |
7552.06 |
377.00 |
2016-17 |
16419.422 |
440.595 |
जिलेवार आवंटित राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (घ) राज्य योजना आयोग द्वारा योजनावार राशियों का वार्षिक अनुमोदन प्रदान किया जाता है। ग्राम पंचायत एवं विकासखण्ड स्तर से संकलित कार्यक्रम के आधार पर जिलों द्वारा प्रस्तुत प्रस्ताव अनुसार अनुमोदित राशि का आवंटन किया जाता है। कुछ राशि राज्य स्तर पर पूल में रखी जाती है। जिले द्वारा आवंटित राशि का पूर्ण उपयोग कर लेने पर अतिरिक्त मांग आने पर पूल से राशि उपलब्ध कराई जाती है।
प्रशासक नियुक्ति संबंधी
[सहकारिता]
101. ( क्र. 4846 ) श्रीमती रेखा यादव : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. राज्य के सहकारिता विभाग में दिये गये नियम एवं निर्देशों के अनुसार विपणन सहकारी समितियों में कौन-कौन पदेन अधिकारी को प्रशासक बनाया जा सकता है? उल्लेख करें। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार उक्त कार्यालय उप पंजीयक सहकारी संस्थायें जिला छतरपुर द्वारा दिनांक 2.2.2013 से प्रश्न दिनांक तक कब-कब किस अधिकारी को प्रशासक बनाया गया था? उल्लेख करें। (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुसार क्या उक्त अधिकारी द्वारा सहकारिता विभाग के नियम निर्देशों के तहत ही प्रशासक बनाया गया था? हां या नहीं? यदि हाँ, तो उक्त नियम निर्देशों की प्रतियां उपलब्ध करायें? (घ) प्रश्नांश (ग) के अनुसार यदि नहीं, तो कारण सहित बतायें। क्या शासन विधि सम्मत कार्यवाही न करने वाले अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही करने के आदेश जारी करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? समय-सीमा बतायें।
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) मध्यप्रदेश सहकारी सोसायटी अधिनियम 1960 की धारा 2 के खंड (क-दो) के अनुसार तृतीय श्रेणी कार्यपालक से अनिम्न श्रेणी का कोई शासकीय सेवक को प्रशासक नियुक्त करने का प्रावधान दिनांक 13 अप्रैल 2015 से है, इसके पूर्व शासकीय सेवक को प्रशासक नियुक्त करने का विशिष्ट प्रावधान नहीं था। विपणन सहकारी समितियों के लिए पृथक से कोई प्रावधान नहीं है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ग) दो विपणन सहकारी संस्थाओं में दिनांक 13 अप्रैल 2015 के पूर्व से ही जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक के कर्मचारी प्रशासक नियुक्त थे, दोनों संस्थाओं में शासकीय कर्मचारियों को प्रशासक नियुक्त कर दिया गया है। मध्यप्रदेश सहकारी सोसायटी अधिनियम 1960 की धारा 2 के खण्ड (क-दो) के प्रावधान की प्रति परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (घ) प्रश्नांश "ग" के परिप्रेक्ष्य में कार्यवाही की आवश्यकता नहीं है।
शिकायत एवं जाँच
[सहकारिता]
102. ( क्र. 4847 ) श्रीमती रेखा यादव : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कार्यालय उप पंजीयक सहकारी संस्थायें जिला छतरपुर को बजरंग प्राथमिक उपभोक्ता सहकारी भंडार मर्यादित घुवारा की फर्जी कार्यकारिणी एवं मृत व्यक्ति को संचालक बनाये जाने की शिकायत एवं अपील की गई थी? हां या नहीं? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार यदि हाँ, तो क्या उक्त शिकायत एवं अपील पर कार्यवाही की गई थी? हां या नहीं? यदि हाँ, तो कार्यवाही से संबंधित विवरण उपलब्ध करायें। (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुसार यदि नहीं, तो क्यों? कारण सहित बतायें? क्या शासन दोषी अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही करने के आदेश जारी करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ, बजरंग प्राथमिक सहकारी उपभोक्ता भण्डार मर्यादित धुवारा के फर्जी निर्वाचन के संबंध में श्री राजेश खटीक द्वारा मध्यप्रदेश सहकारी सोसायटी अधिनियम 1960 की धारा 64 (2) (पाँच) के अंतर्गत न्यायालय उप पंजीयक सहकारी संस्थाएं छतरपुर के समक्ष निर्वाचन विवाद प्रस्तुत किया गया था इस संबंध में शिकायत प्राप्त नहीं हुई थी। (ख) जी हाँ, कार्यवाही प्रारंभ की गई थी परन्तु आवेदक द्वारा दिनांक 21.02.2013 को प्रकरण वापिस लेने से प्रकरण समाप्त किया गया था, कार्यवाही से संबंधित विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) उत्तरांश "क" की जानकारी अनुसार जाँच कर जिम्मेदारी निर्धारण की कार्यवाही की जावेगी।
लेबड़ अहमदाबाद फोर-लेन सड़क में विलंब
[लोक निर्माण]
103. ( क्र. 4950 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इंदौर-धार-अहमदाबाद फोरलेन सड़क निर्माण को किस योजना अंतर्गत किस कन्सेश्नर (कम्पनी) ने कब प्रारम्भ किया, इस सड़क निर्माण को कब पूर्ण करने का अनुबंध कम्पनी से किया गया तथा क्या निर्माण कार्य अनुबंध सीमा में पूर्ण हो गया है यदि नहीं, तो निर्माण कम्पनी के खिलाफ विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई तथा समस्त अनुबंधों की विवरण उपलब्ध कराये? (ख) प्रश्न दिनांक तक इस सड़क मार्ग की कितनी छोटी बड़ी पुलिया का निर्माण हो गया है कितनी अभी शेष है तथा कितने किलोमीटर सड़क का निर्माण शेष है? सम्पूर्ण सड़क कब तक पूर्ण हो जाएगी? (ग) विगत दो वर्षों में सड़क निर्माण की देरी एवं अन्य किस-किस तरह की, कब-कब, किस-किस व्यक्ति एवं जनप्रतिनिधि ने कहाँ-कहाँ शिकायत एवं आन्दोलन किये? उस पर क्या कार्यवाही की गई? (घ) सड़क निर्माण कम्पनी ने कहाँ-कहाँ से, कितनी-कितनी प्रयोग में आने वाली गिट्टी मुरम को लेकर राजस्व रायल्टी कहाँ-कहाँ, किस-किस कार्यालय में, कितनी-कितनी जमा कराई?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) प्रश्नांकित मार्ग विभाग के कार्यक्षेत्र अंतर्गत नहीं है, अपितु भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अधीन है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) से (घ) प्रश्नांश (क) के उत्तर अनुसार।
बालाघाट जिले में राजीव सागर परियोजना के पानी के संबंध में
[जल संसाधन]
104. ( क्र.
4960 ) श्री
के.डी. देशमुख :
क्या जल
संसाधन
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
राजीव सागर
परियोजना
कुड़वा जिला
बालाघाटा से
भोन्डकी, गोरेघाट, गरीनोडी, तृतोड़ा, सावरगांव
गांव का रकबा
सिंचाई से
वंचित है? (ख) यदि
हाँ,
तो क्या इन
गांवों से असिंचित
रकबा को
सिंचित करने
सर्वे कराया
जावेगा? (ग) यदि
हाँ,
तो कब तक
निश्चित तिथि
बताये जावे?
जल संसाधन
मंत्री ( डॉ.
नरोत्तम
मिश्र ) : (क) से
(ग) ग्राम
हथौड़ा एवं
गोरेघाट का
रकबा कमाण्ड
क्षेत्र में
होने से
सिंचित है
किंतु ग्राम गर्राबोड़ी
एवं सांवर
गांव का रकबा
राजीव सागर
परियोजना के
कमाण्ड
क्षेत्र से
ऊँचाई पर होने
से तथा ग्राम
भोण्डकी में
नहर निर्माण
हेतु
संरक्षित वन
क्षेत्र में
वन विभाग की स्वीकृति
न होने से
सिंचाई से
वंचित है। शेष
प्रश्नांश
उपस्थित नहीं
होते हैं।
पुल/पुलिया से टोल टैक्स वसूली
[लोक निर्माण]
105. ( क्र. 4964 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा जिले में किन-किन पुल/पुलिया निर्माण उपरान्त वर्तमान में टोल टैक्स वसूली कितने वर्ष के लिए किस दर पर किस-किस ठेकेदार को प्रावधानिक किया गया? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित पुल/पुलिया से टोल टैक्स की कितनी राशि प्रश्नांश दिनांक तक वसूल की गयी है वर्षवार जानकारी उपलब्ध करावे। (ग) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित पुल/पुलिया से टोल टैक्स की समय-सीमा समाप्त हो गयी है तो किसके आदेश/ निर्देश से अवैध वसूली जारी है एवं आगे कब तक वसूली जारी रहेगी। इसके लिए कौन अधिकारी दोषी है दोषी पर क्या कार्यवाही की जा रही है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) विदिशा जिले में वर्तमान में बर्रीघाट बेतवा पुल पर टोल टेक्स वसूली का ठेका रू. 25,23,200/- प्रतिवर्ष में 01/04/2016 से 31/03/2017 तक दिया गया है। (ख) रू. 1,21,55,111/-। वर्षवार जानकारी निम्नानुसार हैः- (1) वित्तीय वर्ष 2002-03 में रू. 60,523/- (2) वित्तीय वर्ष 2003-04 में रू. 3,78,093/- (3) वित्तीय वर्ष 2004-05 में रू. 7,61,980/- (4) वित्तीय वर्ष 2005-06 में रू. 3,75,166/- (5) वित्तीय वर्ष 2006-07 में रू. 8,06,000/- (6) वित्तीय वर्ष 2007-08 में रू. 2,82,745/- (7) वित्तीय वर्ष 2008-09 में रू. 5,19,604/- (8) वित्तीय वर्ष 2009-10 में रू. 9,51,000/- (9) वित्तीय वर्ष 2010-11 में रू. 10,65,000/- (10) वित्तीय वर्ष 2011-12 में रू. 11,91,000/- (11) वित्तीय वर्ष 2012-13 में रू. 9,51,000/- (12) वित्तीय वर्ष 2013-14 में रू. 10,47,000/- (13) वित्तीय वर्ष 2014-15 में रू. 11,60,000/- (14) वित्तीय वर्ष 2015-16 में रू. 13,12,000/- (15) वित्तीय वर्ष 2016-17 में रू. 12,94,000/- (ग) जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। दिनांक 31/03/2017 तक। प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
उद्यानिकी महाविद्यालय की स्थापना
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
106. ( क्र. 4983 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्तमान में प्रदेश में कुल कितने उद्यानिकी महाविद्यालय संचालित हैं? सूची उपलब्ध करावे? (ख) नवीन उद्यानिकी महाविद्यालय प्रारम्भ करने के संबंध में क्या नीति एवं मापदण्ड निर्धारित हैं? (ग) विगत वर्षों में प्रश्नकर्ता द्वारा या अन्य माध्यम से जिला आगर अंतर्गत उद्यानिकी महाविद्यालय प्रारम्भ करने संबंधी कोई प्रस्ताव प्राप्त हुआ था या मांग की गई थी? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की गई? (घ) क्या स्व-प्रेरणा से विधानसभा क्षेत्र सुसनेर में उद्यानिकी फसलों की खेती को बढ़ावा देने हेतु उद्यानिकी महाविद्यालय प्रारम्भ करने हेतु विचार कर प्रभावी कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) वर्तमान में राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय, ग्वालियर के अंतर्गत एक उद्यानिकी महाविद्यालय मंदसौर में है, जो कि प्रदेश का एक मात्र उद्यानिकी महाविद्यालय है। (ख) नवीन उद्यानिकी महाविद्यालय प्रारंभ किये जाने हेतु भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली की पंचम अधिष्ठाता समिति की सिफारिशों के तहत निर्धारित मापदण्डों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जिला आगर अंतर्गत उद्यानिकी महाविद्यालय प्रारंभ करने संबंधी कोई प्रस्ताव/मांग पत्र प्राप्त नहीं हुआ। शेष प्रश्न ही नहीं। (घ) विधानसभा क्षेत्र सुसनेर में उद्यानिकी महाविद्यालय प्रारम्भ करने का प्रस्ताव विभाग में विचाराधीन नहीं है।
आर.डी.सी. के अधीन मार्ग रिनोवेशन के कार्य
[लोक निर्माण]
107. ( क्र. 4984 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन संभाग अंतर्गत कौन-कौन से मार्ग आर.डी.सी. के अधीन हैं एवं इनके संधारण एवं उन्नयनीकरण के लिये क्या दिशा-निर्देश एवं मापदण्ड निर्धारित हैं? (ख) प्रश्नकर्ता द्वारा या कलेक्टर आगर मालवा द्वारा किन-किन मार्गों के रिनोवेशन/उन्नयनीकरण के प्रस्ताव विगत 02 वर्षों में प्रेषित किये गये हैं या मांग की गई हैं? इन पर क्या कार्यवाही की गई विवरण देवे? (ग) विधानसभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत सुसनेर - डग मार्ग के उन्नयनीकरण की मांग प्रश्नकर्ता द्वारा की गई थी? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की गई? (घ) प्रश्नांश (ग) का उत्तर यदि नहीं, हैं तो क्या स्वप्रेरणा से मार्ग के समग्र उपयोग एवं यातायात सुव्यवस्थापन को दृष्टिगत रखते हुए स्वप्रेरणा से सुसनेर - डग मार्ग का रिनोवेशन या उन्नयनीकरण कार्य किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) उज्जैन संभाग अन्तर्गत म.प्र. सड़क विकास निगम के अधीन मार्गों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। बी.ओ.टी. मार्गों के संधारण एवं उन्नयनीकरण कंसेशन अवधि तक निवेशकर्ता कम्पनी के द्वारा किया जाता है एवं अन्य योजनाओं में निर्मित मार्गों का संधारण एवं उन्नयनीकरण भूतल परिवहन मंत्रालय के मापदण्डों अनुसार म.प्र.स.वि.नि. द्वारा पृथक से एजेन्सी नियुक्त की जाकर किया जाता है। (ख) प्रश्नकर्ता द्वारा उज्जैन-झालावाड़ मार्ग पर स्थित सुसनेर एवं सोयतकला में 4 लेन सीमेन्ट कांक्रीट का कार्य किये जाने हेतु प्रस्तावित किया गया है। उक्त प्रस्ताव प्रक्रियाधीन था, किन्तु मार्ग को राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित किया जा चुका है एवं म.प्र.स.वि.नि. द्वारा फोरलेन निर्माण के लिये तैयार की गई फिजिबिलिटि रिपोर्ट राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को सौंपी जा चुकी है। (ग) जी हाँ। सुसनेर-डग मार्ग एस.एच.-14 का भाग होकर नवीन राष्ट्रीय राजमार्ग क्र. 752-बी घोषित हुआ है, जिसकी फिजिबिलिटि रिपोर्ट सड़क विकास निगम द्वारा तैयार की जा रही है। (घ) प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
प्राथ. कृषि साख सहकारी संस्था बाबत्
[सहकारिता]
108. ( क्र. 5005 ) श्री घनश्याम पिरोनियॉं : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दतिया जिले कि प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्था गोंधारी तहसील बडोनी जिला दतिया का पंजीयन कब हुआ तथा इसके प्रवर्तक सदस्य कौन थे? सूची देवें। (ख) उक्त संस्था द्वारा निर्वाचन हेतु कब आवेदन किया, उसके साथ प्रस्तुत सदस्य सूची में प्रवर्तक सदस्य शामिल थे? क्या उक्त सूची निर्वाचन हेतु वैध थी? (ग) संस्था का निर्वाचन प्राधिकरण द्वारा किन सदस्यों की सूची से कराया? क्या उक्त सूची में प्रवर्तक सदस्य थे? सूची में शामिल व्यक्ति संस्था के सदस्य है, क्या उक्त सूची निर्वाचन हेतु वैध थी? यदि नहीं, तो दोषी अधिकारियों एवं कर्मचारियों के खिलाफ क्या कार्यवाही की गई? (घ) क्या उक्त संस्था का निर्वाचन फर्जी सदस्यों से कराने बाबत् विभाग के मुख्यालय, संभागीय एवं जिले के कार्यालयों में तथा निर्वाचन प्राधिकरण को शिकायतें प्राप्त हुई यदि हाँ, तो उन पर क्या कार्यवाही की गई?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) दिनांक 23.03.2015, संस्था के पंजीयन हेतु आवेदन पत्र पर हस्ताक्षरकर्ता प्रवर्तक सदस्य थे। सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) दिनांक 09.06.2015, जी हाँ सदस्यता सूची में सभी 101 प्रवर्तक सदस्य सम्मिलित थे। जी हाँ। (ग) सहायक आयुक्त सहकारिता दतिया द्वारा प्रथमत: दिनांक 12.02.2016 को 101 प्रवर्तक सदस्यों एवं पुन: दिनांक 17.03.2016 को 11 प्रवर्तक सदस्यों सहित कुल 110 व्यक्तियों की सूची संस्था के निर्वाचन हेतु म.प्र. राज्य सहकारी निर्वाचन प्राधिकारी को प्रेषित की गई। निर्वाचन प्राधिकारी द्वारा दिनांक 17.03.2016 की सूची के आधार पर निर्वाचन प्रक्रिया संचालक मण्डल के सदस्यों के निर्वाचन तक कराई गई। अध्यक्ष/उपाध्यक्ष एवं प्रतिनिधियों का निर्वाचन दिनांक 25.05.2016 को स्थगित किया गया है। जी हाँ, मात्र 11 प्रवर्तक सदस्य शामिल थे, 99 व्यक्ति संस्था के सदस्य नहीं थे। सदस्यता सूची तथा निर्वाचन के संबंध में शिकायतें प्राप्त होने पर म.प्र. राज्य सहकारी निर्वाचन प्राधिकारी द्वारा कलेक्टर जिला दतिया को दिनांक 11.08.2016 को जाँच हेतु दी गई है। जाँच के निष्कर्ष के आधार पर कार्यवाही की जाएगी। (घ) जी हाँ उत्तरांश (ग) अनुसार।
आत्मा योजना द्वारा प्रशिक्षण एवं प्रदर्शन बीज
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
109. ( क्र. 5018 ) श्री घनश्याम पिरोनियॉं : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आत्मा योजना दतिया द्वारा समय-समय पर किसानों को जिले में प्रशिक्षण एवं राज्य में तथा राज्य के बाहर भ्रमण पर भेजा जाता है। क्या जिले में प्रदर्शन बीज आदि उपलब्ध कराया जाता है? (ख) यदि हाँ, तो 1 जनवरी 2014 से प्रश्न दिनांक तक दतिया जिले के किन-किन कृषकों को जिले में, राज्य में तथा राज्य के बाहर प्रशिक्षण पर भेजा गया उनके नाम पते सहित तथा प्रशिक्षण/भ्रमण पर होने वाले व्यय की राशि उपलब्ध कराई जाए। तथा किन-किन ग्रामों में कितने किसानों को प्रदर्शन बीज आदि सामग्री उपलब्ध कराई गई? (ग) क्या आत्मा योजना के अधि.कर्म. का मुख्यालय सेवढ़ा भाण्डेर में है यदि हाँ, तो वहां कौन-कौन कहाँ पदस्थ है और उनके बैठनें का कार्यालय कहाँ है? (घ) क्या भाण्डेर सेवढ़ा में पदस्थ अमला अधिकांश मुख्यालय पर नहीं रहता है और न ही उनके बैठनें का कार्यालय निश्चित है। क्या कार्यालय स्थान सुनिश्चित कराया जाएगा।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ। (ख) जिले की संकलित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 1 अनुसार, प्रशिक्षण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 2 अनुसार, राज्य के अन्दर कृषक भ्रमण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 3 अनुसार, राज्य के बाहर कृषक भ्रमण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 4 अनुसार तथा फसल प्रदर्शन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 5 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 6 अनुसार है। (घ) जी नहीं। योजना अन्तर्गत विकासखण्ड स्तर पर पृथक से कार्यालय का प्रावधान नहीं है, भाण्डेर, सेवढ़ा में पदस्थ अमला वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी कार्यालय में बैठकर एवं क्षेत्र भ्रमण कर लक्ष्य पूर्ति की जा रही है।
जांचें/शिकायतें लम्बित रखा जाना
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
110. ( क्र. 5022 ) श्री आरिफ अकील : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पं. लक्ष्मी नारायण शर्मा कृषि उपज मण्डी समिति करोंद भोपाल के सचिव श्री योगेश नागले व अन्य की मिलीभगत से मण्डी में करोड़ों रूपये की अवैध वसूली भ्रष्टाचार तथा दूसरे प्रदेशों से आने वाली सब्जियों को मण्डी गेट पर कर्मचारियों द्वारा कम आवक लिखी जाती है जैसे आलू की 451 के स्थान पर 220 कट्टे तथा टमाटर के 720 के स्थान पर 150 क्रेट आवक लिखी गई इसी प्रकार वर्ष 2014 में निलाम प्लाटों की हेराफेरी करने के संबंध में मण्डी बोर्ड के निर्वाचित सदस्य द्वारा माननीय मुख्यमंत्री महापौर भोपाल, मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव कृषि, कलेक्टर भोपाल लोकायुक्त, ई.ओ.डब्ल्यू., प्रबंध संचालक कृषि आदि को शिकायत माह सितम्बर-दिसम्बर 2016 को शपथ पत्र के माध्यम से की गई है? (ख) यदि हाँ, तो क्या यह भी सही है कि पं.लक्ष्मी नारायण शर्मा कृषि उपज मण्डी समिति करोंद भोपाल के सचिव श्री योगेश नागले द्वारा भ्रष्टाचार व अवैध कृत्य करने के मामलों लिप्त पाए जाने के कारण पूर्व में 2 बार निलम्बित किया जा चुका है? यदि हाँ, तो पुनरावृत्ति को दृष्टिगत रखते हुये प्रश्नांश (क) में उल्लेखित शिकायतों के आधार पर प्रश्न दिनांक की स्थिति में कार्यवाही नहीं करने के क्या कारण हैं तथा कार्यवाही करने की अपेक्षा शिकायतों को लम्बित रखने के लिए कौन-कौन जिम्मेदार है उनके नाम व पद सहित यह अवगत करावें कि कब तक कार्यवाही की जावेगी यदि नहीं, तो क्या कारण सहित बतावें?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी नहीं, मंडी बोर्ड के किसी निर्वाचित सदस्य द्वारा उक्त शिकायत नहीं की गई है, अपितु कृषि उपज मंडी समिति, भोपाल के निर्वाचित हम्माल-तुलावटी सदस्य द्वारा की गई प्रश्नाधीन शिकायत राज्य शासन में विभिन्न स्तरों पर प्राप्त हुई है। (ख) वर्ष 2005 में श्री योगेश नागले, सचिव, को प्रशिक्षण में भाग नहीं लेने के लिये निलंबित किया गया था, जिसमें उनका पक्ष सुनने के पश्चात् भविष्य में ऐसे कृत्य की पुनरावृत्ति न करने की चेतावनी देते हुए प्रकरण समाप्त किया गया। इसके पश्चात् वर्ष 2009 में श्री नागले, सचिव को प्रशासनिक एवं आर्थिक अनियमितता के लिये निलंबित किया गया था, जिसकी विभागीय जाँच में आरोप प्रमाणित नहीं पाये जाने से दोषमुक्त किया गया। प्रश्नांश "क" में उल्लेखित शिकायत की म.प्र. राज्य कृषि विपणन बोर्ड के स्तर पर वरिष्ठ अधिकारी से जाँच कराई जा रही है। इसका जाँच प्रतिवेदन प्राप्त होने पर गुण दोष के आधार पर कार्यवाही की जावेगी, जिसके लिये समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है। उक्त प्रकरण में तत्परता से कार्यवाही की जाने से शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता है।
राशि उपलब्ध होने के बावजूद चिकित्सीय उपकरणों की मरम्मत
[भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुर्नवास]
111. ( क्र. 5023 ) श्री आरिफ अकील : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भोपाल के गैस राहत अस्पतालों में स्थापित चिकित्सीय उपकरण विगत कई वर्षों से खराब है? यदि हाँ, तो किस-किस अस्पताल में कौन-कौन सी मशीने कब-कब से खराब है तथा उन्हें सुधारने हेतु प्रबंधन द्वारा कब-कब क्या-क्या कार्यवाही की गई अस्पतालवार बतावें? (ख) क्या माननीय उच्चतम न्यायालय एवं केन्द्र सरकार द्वारा भोपाल के गैस राहत अस्पतालों एवं गैस पीडि़तों की चिकित्सीय जाँच हेतु उपकरणों का क्रय एवं मरम्मत किए जाने हेतु राशि उपलब्ध कराई गई है यदि हाँ, तो वर्ष 2009 से प्रश्न दिनांक की स्थिति में कब-कब व कितनी-कितनी राशि उपलब्ध कराई गई और प्राप्त राशि का उपयोग किस-किस कार्य में किया गया बतावें? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के परिप्रेक्ष्य में यह अवगत करावें कि चिकित्सीय उपकरणों का तत्समय मरम्मत नहीं कराने वाले संबंधितों के विरूद्ध शासन द्वारा क्या तथा कब तक कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक और यदि नहीं, तो क्यों कारण सहित बतावें?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ। चिकित्सालयवार खराब उपकरणों की सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार है तथा उपकरणों के सुधार के संबंध में उक्त परिशिष्ट में स्थिति स्पष्ट की गई है। (ख) जी हाँ। केन्द्र सरकार द्वारा वित्तीय वर्ष 2010-11 में उपकरणों के क्रय तथा उन्नयन हेतु राशि रूपए 28.22करोड़ स्वीकृत की गई है जिसमें 75प्रतिशत केन्द्र तथा 25 प्रतिशत राज्य सरकार का अंशदान सम्मिलित है। प्राप्त राशि का व्यय उपकरण क्रय मद में किया गया है। (ग) स्थिति उत्तरांश 'क' एवं 'ख' में स्पष्ट की गई है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मार्ग निर्माण के संबंध में
[लोक निर्माण]
112. ( क्र. 5032 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कटनी जिले में चाका से विजयराघवगढ़ बरही, स्लीमनाबाद से पान उमरिया ढीमरखेड़ा एवं कटनी से शहडोल मार्ग का निर्माण कराया गया है? (ख) यदि हाँ, तो क्या कटनी जिले के उक्त मार्गों का निर्माण गुणवत्ता विहिन तरीके से कराया गया? प्रश्नांश के कार्यों में कितना-कितना जी.एस.बी. एवं डब्ल्यू.एम.एम. तथा डामरीकरण हुआ? पृथक-पृथक विवरण दें। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार निर्माणाधीन कार्यों में प्रयुक्त गिट्टी एवं रेत की मात्रा कितनी उपयोग हुई और कितनी रायल्टी जमा की गई? (घ) प्रश्नांश (क) से (ग) तक उल्लेखित कार्यों के निर्माण में क्या अनियमितता की शिकायतें प्राप्त हुई है? यदि हाँ, तो अनियमितताओं की जाँच कब किसके द्वारा कराई जावेगी? समयावधि बताएं। क्या शासन के पैसे का अपव्यय रोका जाकर संबंधित को दंडित किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब? यदि नहीं, तो क्यों? (ड.) प्रश्नकर्ता सदस्य के पत्र क्रमांक 1829 दिनांक 31.12.2016 के संदर्भ में क्या कार्यवाही की गई? तिथिवार, कार्यवाहीवार विवरण दें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जी हाँ। कार्य पर स्वतंत्र नियुक्त आथॉरटी इंजीनियर एवं सुपरविजन कंसलटेंट से जाँच करवाई गई, जिसमें कार्य गुणवत्तापूर्वक पाया गया। अत: शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (ड.) मान. विधायक का पत्र दिनांक 31.12.2016 परीक्षणाधीन है।
योजना मदवार प्राप्त एवं व्यय राशि
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
113. ( क्र. 5069 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिंहावल,सीधी जिले हेतु वर्ष 2016-17 में शासन द्वारा योजनावार, मदवार विभिन्न प्रकार के प्रशिक्षण व भ्रमण हेतु प्रदाय भौतिक एवं वित्तीय लक्ष्य का उपसंचालक कृषि द्वारा जिला स्तर पर विभाजन किया जाकर मदवार कब-कब कितनी-कितनी राशि प्रदाय की गयी है? अधिकारी कर्मचारीवार पदनाम बतावें तथा उनके आयोजन की प्रक्रिया बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार प्रदाय राशि का प्राप्तकर्ता अधिकारी द्वारा किस मापदण्ड से राशि का व्यय कर प्रशिक्षण व भ्रमण कार्यक्रम सम्पन्न कराया गया हैं? उसके लाभान्वित हितग्राहियों की संख्या बतावें? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) अनुसार प्रशिक्षण व भ्रमण के आयोजन में शासनादेश का पालन नहीं किया गया? संबंधित अधिकारी/कर्मचारी द्वारा राशि का दुरूपयोग किया गया है जिससे शासन की मंशानुसार किसान हितग्राही लाभ से वचित हैं? (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार क्या शासन द्वारा जिले के जवाबदेह अधिकारी के विरूद्ध कठोर कदम उठाकर दण्डवत कार्यवाही कर जिले के बाहर हटाकर स्वतंत्र जाँच करायी जायेगी यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों बतावें?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 1 अनुसार है। प्रशिक्षण एवं भ्रमण के आयोजन की प्रक्रिया योजनाओं के दिशा-निर्देश के अनुरूप नियमानुसार किया जाता है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 2 अनुसार है। (ग) जी नहीं। (घ) शेष का प्रश्न ही नहीं उठता है।
बांधों के निर्माण में भूमि अधिग्रहण की जानकारी
[जल संसाधन]
114. ( क्र. 5113 ) श्री महेन्द्र सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत 5 वर्षों में पन्ना जिले में कितने बांधों का निर्माण किया गया है? इन बांधों के लिए कितनी शासकीय एवं कितनी निजी भूमि का अधिग्रहण किया गया? ग्रामवार, तहसीलवार, बांधवार बतावें। (ख) कितनी भूमि को सिंचित मानकर मुआवजा दिया गया एवं कितनी भूमि को असिंचित मानकर मुआवजा दिया गया? (ग) सिंचित भूमि की परिभाषा क्या है? क्या भू-अभिलेखों में परिभाषित सिंचित भूमि को सिंचित नहीं माना गया है? क्या भू-अर्जन में जिस आधार पर भूमियों को असिंचित माना गया है उसी आधार पर रजिस्ट्री करवाने में भूमि को असिंचित माना जावेगा? (घ) जिस भूमि को भू-अर्जन में असिंचित माना गया है उसी भूमि के अंश भाग की रजिस्ट्री करवाने में सिंचित की स्टाम्प ड्यूटी शासन द्वारा ली जा रही है इसका क्या कारण है?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) 53 परियोजनाओं का निर्माण कार्य पूर्ण किया गया तथा 25 परियोजनाओं का निर्माण प्रगति पर है। पूर्ण की गई परियोजनाओं के लिए 428.52 हे. शासकीय भूमि, 1146.42 हे. निजी भूमि तथा निर्माणाधीन परियोजनाओं के लिए 1402.78 हे. शासकीय भूमि, 3347.70 हे. निजी भूमि का अधिग्रहण किया गया। विस्तृत विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''क'' अनुसार है। (ख) 1891.62 हे. सिंचित एवं 2603.24 हे. असिंचित भूमि का मुआवजा दिया गया। विस्तृत विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''क'' में दर्शित है। (ग) एवं (घ) भू-अर्जन भुगतान हेतु सिंचित व असिंचित रकबों के निर्धारण हेतु विभागीय परिपत्र दिनांक 22.11.2014 द्वारा परिभाषित किया गया है। विस्तृत विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ख'' अनुसार है। मा. न्यायालय भू-अर्जन अधिकारी द्वारा पारित अवार्ड के अनुसार मुआवजा भुगतान किया जाता है। अधिग्रहित भूमि की रजिस्ट्री पर स्टॉम्प ड्यूटी का व्यय विभाग द्वारा किया जाता है। गैर अधिग्रहित भूमि की रजिस्ट्री करवाने में स्टॉम्प डियूटी का निर्धारण विभाग की सक्षमता से परे होने के कारण शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते हैं।
भूखंडों का आवंटन
[सहकारिता]
115. ( क्र. 5140 ) श्री अशोक रोहाणी : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) स्वल्प आय हितैषी गृह निर्माण सहकारी समिति मर्यादित जबलपुर (पंजीयन क्रं.-34) के कुल सदस्य कितने हैं? इनमें से कितने सदस्यों को वरिष्ठता क्रम के अनुसार भूखंडों का आवंटन नहीं किया गया है एवं क्यों? इस संबंध में उपपंजीयक सहकारी संस्थाएं जबलपुर ने प्राप्त शिकायतों पर कब क्या कार्यवाही की है वर्ष 2012-13 से 2016-17 तक की जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) में म.प्र. सहकारी सोसायटी अधिनियम 1960 में दिये गये प्रावधानों के विपरीत समिति के पूर्व अध्यक्ष रमाकांत जायसवाल ने स्वयं के नाम से एवं परिवार के अन्य किन-किन सदस्यों के नाम से किस-किस साइज के कितने-कितने भूखंडों का आवंटन कर कब रजिस्ट्री कराई है? इन्हें समिति का सदस्य कब बनाया गया तथा किन सदस्यों को नियम विरूद्ध भूखंड आवंटित किये है? इसकी जाँच कब किसने की है? बतलावें। (ग) उपपंजीयक सहकारी संस्थाएं जबलपुर का पत्र क्रं./विधि/2016/1141 जबलपुर दिनांक 22.4.16 के संदर्भ में रमा जायसवाल पूर्व अध्यक्ष के विरूद्ध शासन ने कब क्या कार्यवाही की है? यदि नहीं, तो क्यों?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) कुल 215 सदस्य। जाँच कराई जा रही है, शेष जाँच निष्कर्षाधीन। उप पंजीयक सहकारी संस्थाएं, जिला जबलपुर ने प्राप्त शिकायतों के जाँच निष्कर्षों के आधार पर संस्था के तत्कालीन अध्यक्ष एवं संचालक मण्डल को मध्यप्रदेश सहकारी सोसायटी अधिनियम 1960 की धारा 76 (2) के अन्तर्गत दिनांक 18.11.2016 को कारण बताओं सूचना पत्र जारी किया गया है, कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। प्राप्त शिकायतों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) मध्यप्रदेश सहकारी सोसायटी अधिनियम 1960 में दिये गये प्रावधानों के विपरीत नहीं अपितु तत्समय प्रचलित संस्था की उपविधि क्रमांक 5 (ब) में वर्णित प्रावधानों के विपरीत सदस्यता प्राप्त कर श्री रमाकान्त जायसवाल ने स्वयं को 2400 वर्गफीट का भूखण्ड एवं 700 वर्गफीट का अतिरिक्त भूखण्ड आवंटन कर, रजिस्ट्री क्रमशः दिनांक 24.10.2012 एवं 04.04.2014 को कराई गई है, पुत्र श्री सुमित जायसवाल को 2400 वर्गफीट का भूखण्ड आवंटन कर दिनांक 01.10.2012 को रजिस्ट्री कराई गई है, श्री रमाकान्त जायसवाल को दिनांक 26.02.2002 एवं पुत्र श्री सुमित जायसवाल को दिनांक 28.12.2000 को समिति का सदस्य बनाया गया है। नियम विरूद्ध भूखण्ड आवंटन की जाँच कराई जा रही है। (ग) दिनांक 22.02.2017 को संस्था की सदस्यता से निष्कासित किया गया है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
स्वल्प आय हितैषी गृह निर्माण सहकारी समिति मर्यादित के अध्यक्ष का चुनाव
[सहकारिता]
116. ( क्र. 5141 ) श्री अशोक रोहाणी : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. सहकारी सोसायटी अधिनियम 1960 की धारा 49 (7) ख में संचालक मण्डल के कार्यकाल के संबंध में क्या प्रावधान हैं? (ख) स्वल्प आय हितैषी गृह निर्माण सहकारी समिति मर्या. जबलपुर पं.क्र.34 के अध्यक्ष पद पर रमाकांत जायसवाल कब से कब तक पदस्थ रहे हैं? इनका चुनाव कब हुआ था और कार्यकाल कब पूर्ण हुआ? (ग) क्या प्रश्नांकित अध्यक्ष का कार्यकाल दिनांक 14.9.13 को पूर्ण हो गया था? यदि हाँ, तो दिनांक 17.6.15 तक अध्यक्ष पद पर किन नियमों के तहत कार्यरत रहे हैं? शासन ने इनके विरूद्ध कब क्या कार्यवाही की है? (घ) प्रश्नांकित अध्यक्ष ने दिनांक 14.9.13 से 17.6.15 तक की अवधि में अवैधानिक रूप से कितने नये सदस्य बनाये और कितने सदस्यों को भूखण्डों का आवंटन कर रजिस्ट्री की है? क्या शासन इसकी जाँच कराकर दोषी अध्यक्ष पर कार्यवाही करेगा?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) संचालक मंडल के कार्यकाल के 05 वर्ष पूर्ण हो जाने पर, संचालक मंडल के सदस्यों के पद ऐसे दिन से स्वतः रिक्त हो गये समझे जाएंगे और रजिस्ट्रार या उसके द्वारा नियुक्त किया गया प्रशासक प्रभार ग्रहण कर लेगा और छह मास की कालावाधि के भीतर संचालक मंडल के सदस्यों का निर्वाचन करवाएगा। (ख) दिनांक 17.06.2012 से 16.06.2015 तक। दिनांक 17.06.2012 को, दिनांक 07.11.2013 को पूर्ण हुआ था। (ग) जी नहीं। अपितु 07.11.2013 को कार्यकाल पूर्ण हुआ। दिनांक 16.06.2015 तक, मध्यप्रदेश सहकारी सोसायटी अधिनियम 1960 में दिनांक 13.02.2013 को हुए संशोधन से अधिनियम की धारा 49 (8) (2) विलोपित हो जाने से। श्री रमाकान्त जायसवाल को मध्यप्रदेश सहकारी सोसायटी अधिनियम 1960 की धारा 19 (सी) (2) के अंतर्गत दिनांक 22.02.2017 से संस्था की सदस्यता से निष्कासित किया गया है साथ ही अधिनियम की धारा 76 (2) के अंतर्गत तत्कालीन पूर्व अध्यक्ष एवं संचालकों को कारण बताओ सूचना पत्र दिनांक 18.11.2016 को जारी किये गये है, कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (घ) अवैधानिक रूप से 24 सदस्य बनाये गये एवं 15 सदस्यों को भूखण्डों का आवंटन कर रजिस्ट्री की गई। जाँच कराई गई, जाँच प्रतिवेदन के निष्कर्षानुसार मध्यप्रदेश सहकारी सोसायटी अधिनियम 1960 की धारा 76 के तहत दोषी अध्यक्ष के विरूद्ध कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
खाद, बीज, कृषि दवाइयां, कृषि औजार एवं उपकरण
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
117. ( क्र. 5154 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रतलाम जिले में अत्यधिक कृषि भूमि होकर हजारों परिवार कृषि कार्यों पर आधारित होकर खाद, बीज एवं कृषि दवाइयों के क्रय विक्रय के कार्यों में संलग्न होकर आवश्यकताओं की पूर्ति करने में लगे हुये हैं। (ख) यदि हाँ, तो बताएं कि शासकीय/ आशासकीय प्रकार के माध्यमों से रतलाम जिले में कितने व्यक्ति पंजीकृत है? क्या इन्हें सूचीबद्ध किया गया है और यह जानकारी में है? (ग) यदि हाँ, तो शासन/विभाग द्वारा चिहिन्त किये गये उपरोक्तानुसार कार्यों को किये जाने वालों को संधारित सूची से वर्ष 2014-15 से लेकर प्रश्न दिनांक तक की स्थिति से अवगत कराये तथा तत्संबंधी कृषि उपभोक्ताओं से किस-किस प्रकार की शिकायतें उपरोक्त अवधि में प्राप्त होकर उनके संबंध में क्या-क्या कार्यवाही की गई? (घ) उपरोक्तानुसार उल्लेखित कार्यों को किये जाने हेतु पंजीयन किया जाता है, तो इस प्रकार के पंजीकृत संस्थान कितने हैं? क्या गुणवत्ता नियंत्रण हेतु समय-समय पर जाँच की जाती है? यदि हाँ, तो गुणवत्ताहीन सामग्री विक्रेताओं पर क्या कार्यवाही हुई बतायें?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ। (ख) रतलाम जिले में 2 शासकीय एवं अशासकीय (खाद, बीज एवं कीटनाशक) के 763 संस्थाएं पंजीकृत हैं, इन्हें सूचीबद्ध किया गया है। जी हाँ और यह जानकारी में है। (ग) रासायनिक उर्वरक विक्रेताओं की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। बीज विक्रेताओं की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। पौध संरक्षण औषधि विक्रेताओं की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। कृषि उपभोक्ताओं से 14 शिकायतें प्राप्त हुई, जिसकी जाँच करवाकर विभाग द्वारा कार्यवाही की गई है। विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। (घ) जिले में उपरोक्तानुसार उल्लेखित कार्यों को किये जाने हेतु खाद के 378, बीज के 141 एवं कीटनाशक के 244 पंजीकृत संस्थाए हैं। गुणवत्ता नियंत्रण हेतु जाँच की जाती है, उर्वरक की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-5 अनुसार, बीज की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-6 अनुसार एवं पौध संरक्षण औषधि के नमूनों का विवरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-7 अनुसार है।
उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण के कार्यों व सब्सिडी
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
118. ( क्र. 5155 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2014-15 से लेकर प्रश्न दिनांक तक शासन/विभाग द्वारा केन्द्र/राज्य प्रवर्तित किन-किन योजनाओं के माध्यम से उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में रतलाम जिले में क्या-क्या कार्य किया गया? विकासखण्डवार वर्षवार जानकारी दें। (ख) जिले भर में कौन-कौन सी उद्यानिकी फसलें कृषकों द्वारा ली जा रही है तथा खाद्य प्रसंस्करण के क्या कार्य शासन द्वारा किये जा रहे हैं? (ग) शासन/विभाग द्वारा केन्द्र/राज्य प्रवर्तित योजनाओं के माध्यम से इस हेतु उद्यायनिकी यंत्र ड्रिप पाईप, स्प्रिंकलर, पॉली हाउस, प्याज भंडारण पर कितनी-कितनी सब्सिडी प्रश्नांश (क) की अवधि में दी गई? (घ) उपरोक्त वर्षों में उल्लेखित योजनाओं को क्रियान्वित किये जाने हेतु कितना-कितना बजट प्राप्त होकर कितना-कितना व्यय हुआ कितनी-कितनी सब्सिडी किन-किन कार्यों पर दी गई?
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) रतलाम जिले में उद्यानिकी संबंधी राज्य/केन्द्र प्रवर्तित योजनाओं का क्रियान्वयन विभाग द्वारा तथा खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में निजी निवेशकों द्वारा कार्य किये जा रहे हैं। विभाग द्वारा किये जा रहे कार्यों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में निजी निवेशकों द्वारा किये गये कार्यों की जानकारी विभाग में संधारित नहीं है। (ख) रतलाम जिले में मुख्य रूप से फलों में अंगूर, नींबू, अनार, अमरूद, स्ट्रॉबेरी, बेर, संतरा सब्जियों में टमाटर, आलू, प्याज, कद्दू, भिण्डी एवं गोभी वर्गीय फसलें, मसालों में लहसुन, मिर्च, हल्दी, अदरक, मैथी तथा औषधीय फसलों में ईसबगोल, तुलसी अश्वगंधा, कालमेघ आदि फसलों की खेती कृषकों द्वारा ली जा रही है। शासन द्वारा खाद्य प्रसंस्करण के कोई कार्य नहीं लिए जा रहे हैं, अपितु शासन द्वारा खाद्य प्रसंस्करण को बढ़ावा देने के लिए विशिष्ट वित्तीय सहायताएं स्वीकृत की गई हैं, जिसका लाभ निजी निवेशक ले सकते हैं। (ग) केन्द्र एवं राज्य पोषित योजनान्तर्गत प्रश्नाधीन अवधि में दी गई सब्सिडी का विवरण निम्नानुसार है :-
क्र. |
विवरण |
अनुदान राशि (लाख में) |
||
2014-15 |
2015-16 |
2016-17 |
||
1. |
यंत्रीकरण |
8.414 |
8.805 |
5.090 |
2. |
ड्रिप/स्प्रिंकलर |
104.55 |
152.00 |
0.00 |
3. |
पॉली हाउस |
217.81 |
47.40 |
0.00 |
4. |
प्याज भण्डार गृह |
0.00 |
33.25 |
178.50 |
(घ) जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-ब
अनुसार
है।
निर्धारित मापदण्डानुसार सड़कों का निर्माण
[लोक निर्माण]
119. ( क्र. 5163 ) श्री रणजीतसिंह गुणवान : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग द्वारा आष्टा विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2013 से दिसम्बर 16 तक कितनी सड़कों का निर्माण किया गया? (ख) स्वीकृत सड़कों के विरूद्ध कितनी सड़कें पूर्ण हो गई हैं तथा कितनी अपूर्ण हैं? (ग) क्या जिन सड़कों को निर्माण किया गया है वह निर्धारित मापदण्ड अनुसार नहीं पाई गई? (घ) क्या शासन इन सड़कों के निर्माण की उच्च स्तरीय जाँच करवायेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार एवं म.प्र. सड़क विकास निगम अंतर्गत आष्टा शहर में सीमेंट कांक्रीट फोर-लेन लंबाई 2.10 कि.मी. का निर्माण किया गया है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार एवं म.प्र. सड़क विकास निगम अंतर्गत स्वीकृत सड़क पूर्ण हो गई है। (ग) जी नहीं। निर्धारित मापदण्डानुसार ही कराया गया है। (घ) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
मरम्मत कार्यों में राशि का व्यय
[लोक निर्माण]
120. ( क्र. 5164 ) श्री रणजीतसिंह गुणवान : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक निर्माण विभाग उपसंभाग आष्टा जिला सीहोर में विगत वर्ष 2013 से दिसम्बर 2016 तक कितनी-कितनी राशि मरम्मत कार्यों के लिये दी गई? (ख) मरम्मत राशि कौन-कौन से कार्य हेतु किसे भुगतान की गई? वर्षवार जानकारी देवें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही
[सहकारिता]
121. ( क्र. 5177 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा संभाग में जिला सहकारी बैंकों से संबद्ध सेवा सहकारी समितियों के ऋण वितरण के लक्ष्य रबी एवं खरीफ सीजन के शासन द्वारा निहित किये गये थे? यदि हाँ, तो जिलेवार वर्ष 2012 से प्रश्नांश तक का वर्षवार विवरण देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में ऋण वितरण के लक्ष्य अनुसार जिलों के सेवा सहकारी समितियों द्वारा कितने किसानों को नगद, खाद, बीज के रूप में ऋण उपलब्ध कराये गये। क्या शासन द्वारा ऋण देने के लक्ष्य को पिछले वर्षों की तुलना में कमी की गई है, अगर की गई तो क्यों,। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार ऋण के वितरण का लक्ष्य पूर्ण नहीं हुआ और किसानों को उनकी मांग अनुसार नगद राशि ऋण के रूप में नहीं प्रदान किये गये, लक्ष्य की पूर्ति नहीं हो सकी इसके लिए कौन-कौन जबावदार हैं? जबावदार अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही करेंगे?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) रीवा संभाग में जिला सहकारी बैंकों से संबद्ध सेवा सहकारी समितियों के लक्ष्य रबी एवं खरीफ सीजन के शासन द्वारा निर्धारित नहीं किये गये थे। अपेक्स बैंक द्वारा जिला सहकारी केन्द्रीय बैंकों को ऋण वितरण के लक्ष्य दिये गये थे। वर्षवार विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) रीवा संभाग में सेवा सहकारी समितियों द्वारा वर्ष 2012-13 में 1,37,639 कृषक वर्ष 2013-14 में 1,96,734 कृषक वर्ष 2014-15 में 1,46,759 कृषक वर्ष 2015-16 में 1,03,999 कृषक तथा वर्ष 2016-17 में 78,284 कृषकों को नगद, खाद, बीज के रूप में ऋण उपलब्ध कराया गया। उत्तरांश (क)अनुसार शासन द्वारा लक्ष्य निर्धारित नहीं किये गये हैं, अपेक्स बैंक द्वारा गत वर्ष के ऋण वितरण के आधार पर आगामी वर्ष के लक्ष्य निर्धारित किये जाते हैं। (ग) रीवा संभाग में जिला सहकारी केन्द्रीय बैंकों द्वारा बैंक की वित्तीय तरलता को दृष्टिगत रखते हुये कृषकों को ऋण वितरण किया गया इसके लिये कोई भी कर्मचारी उत्तरदायी नहीं है, इसलिये उनके विरूद्ध कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
फर्जी भुगतान के संबंध में
[सहकारिता]
122. ( क्र. 5205 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या संयुक्त आयुक्त सहकारी संस्थाएं रीवा संभाग रीवा द्वारा पत्र क्रमांक 872 दिनांक 27.07.2016 के द्वारा मृतक के मृत्यु उपरांत जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक सतना शाखा सिंहपुर स्थित अमानत खाते से फर्जी भुगतान के कारण एफ.आई.आर. दर्ज कराने के निर्देश दिए गए थे? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में फर्जी भुगतानकर्ता शाखा सिंहपुर के शाखा प्रबंधक के पद पर श्री पुष्पराज सिंह पदस्थ थे? (ग) क्या शाखा सिंहपुर से 10 समितियां संबद्ध हैं तथा शाखा नागौद से 17 समितियां संबद्ध हैं? (घ) क्या जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक सतना के आदेश क्रमांक/स्थापना/ 16/1859 सतना दिनांक 23.09.2016 द्वारा बैंक अध्यक्ष द्वारा आदेशित आदेश से आरोपी शाखा प्रबंधक श्री पुष्पराज सिंह के विरूद्ध एफ.आई.आर. न दर्ज कराई जाकर बड़ी शाखा नागौद के शाखा प्रबंधक के पद पर पदस्थ किया गया है? (ड.) उपरोक्त प्रश्नांश (घ) के कृत्य के लिए जवाबदार बैंक अध्यक्ष के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी और कब तक?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) जी हाँ। (घ) जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्या., सतना के आदेश दिनांक 23.09.2016 से श्री पुष्पराज शाखा प्रबंधक सिंहपुर को शाखा नागौद में पदस्थ किया गया था तथा बैंक के आदेश दिनांक 17.02.2017 से शाखा सेमरिया चौक पदस्थ किया गया है। शाखा प्रबंधक सिंहपुर द्वारा श्री पुष्पराज सिंह के विरूद्ध पुलिस थाना सिंहपुर में अपराध पंजीबद्ध करने हेतु दिये गये आवेदन के संबंध में पुलिस थाना सिंहपुर द्वारा दिनांक 23.01.2017 को अवगत कराया गया है कि प्रकरण में किसी भी प्रकार का संज्ञेय अपराध घटित होना नहीं पाया गया। (ड.) उत्तरांश (घ) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अध्यक्ष पद से निष्कासित करना
[सहकारिता]
123. ( क्र. 5206 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों का सदस्य बनाने के लिए संस्था की उपविधि की कंडिका-2 (i) में संस्था के कार्यक्षेत्र का स्थाई निवासी होने का प्रावधान है? (ख) यदि हाँ, तो क्या प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति भुमकहर जिला सतना द्वारा श्री रत्नाकर चतुर्वेदी आत्मज कमलाकार चतुर्वेदी को समिति भुमकहर के कार्यक्षेत्र के बाहर मुक्तियारगंज सतना का मतदाता परिचय पत्र क्रमांक YRT0954958 एवं समग्र आई.डी. क्रमांक 1015157030 का स्थाई निवासी होने के बाद भी सदस्य बनाया गया? (ग) यदि संस्था भुमकहर द्वारा अवैधानिक रूप से श्री रत्नाकर चतुर्वेदी को सदस्य बनाया गया है, तो क्या उनकी सदस्यता समाप्त की जाकर समिति भुमकहर के सदस्य होने के फलस्वरूप उनके द्वारा संस्था भुमकहर की ओर से जिला सहकारी बैंक सतना के बैंक प्रतिनिधित, जिला बैंक सतना के संचालक एवं अध्यक्ष के पद से पृथक किया जावेगा? (घ) यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्था की उपविधि क्रमांक 5 (2) (i) के अनुसार संस्था का सदस्य बनने हेतु संस्था के कार्यक्षेत्र का स्थायी निवासी होने का प्रावधान है। (ख) प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति मर्या., भूमकहर, जिला सतना द्वारा श्री रत्नाकर चतुर्वेदी आत्मज श्री कमलाकर चतुर्वेदी मतदाता परिचय पत्र क्रमांक YRT0954958 तथा समग्र आई.डी. क्रमांक 105157030 सतना वार्ड क्रमांक 5 को सदस्य बनाया गया है। (ग) प्रकरण न्यायालय उप पंजीयक सहकारी संस्थायें, जिला सतना में विचाराधीन है। कार्यवाही न्यायालय निर्णय के अधीन। (घ) उत्तरांश (ग) अनुसार। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
सहकारी संस्थाओं में प्रभारी अधिकारी द्वारा प्रस्ताव अनुमोदन
[सहकारिता]
124. ( क्र. 5211 ) श्री के. के. श्रीवास्तव : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टीकमगढ़ जिले में ऐसी कितनी सहकारी संस्थाएं हैं, जिनमें प्रभारी अधिकारी नियुक्त हैं? सूचीवार जानकारी से अवगत करावें। (ख) सहकारी संस्थाओं द्वारा जो प्रस्ताव पारित किये जाते हैं, उनमें प्रभारी अधिकारी से अनुमोदन कराया जाता है कि नहीं और नहीं तो क्यों? (ग) अभी तक ऐसी सहकारी संस्था जहां प्रभारी अधिकारी नियुक्त है, उनमें कितने प्रस्ताव पारित हुये और उन प्रस्ताव पर अधिकारी से अनुमोदन लिया गया कि नहीं? (घ) जिन प्रस्तावों पर अनुमोदन नहीं लिया गया, क्या उन दोषी कर्मचारी के खिलाफ कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो अवगत करावें।
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) टीकमगढ जिले में 274 सहकारी संस्थाओं में प्रभारी अधिकारी/प्रशासक नियुक्त हैं। सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) 498 प्रस्ताव पारित हुए हैं, जिनमें प्रभारी अधिकारी/प्रशासक से अनुमोदन लिया गया है। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उत्पन्न नहीं होता।
नोटरी पदस्थापना के संबंध में
[विधि और विधायी कार्य]
125. ( क्र. 5212 ) श्री के. के. श्रीवास्तव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टीकमगढ़ जिले में कितने पद नोटरी हेतु स्वीकृत है? (ख) वर्तमान में कितने नोटरी कार्यरत हैं एवं शेष नोटरी की नियुक्ति कब तक पूर्ण करा ली जावेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जिला टीकमगढ़ में कुल 55 नोटरी पद स्वीकृत हैं। (ख) वर्तमान में जिला टीकमगढ़ में 28 नोटरी कार्यरत हैं, शेष पदों पर नियुक्ति की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। रिक्त पदों पर नियुक्ति के संबंध में जिला एवं सत्र न्यायाधीश से अधिवक्ताओं का पैनल प्राप्त होने के उपरांत कार्यवाही की जावेगी।
ओव्हर ब्रिज का निर्माण कार्य
[लोक निर्माण]
126. ( क्र. 5230 ) श्री शंकर लाल तिवारी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सतना के इकलौता रेल्वे ओव्हर ब्रिज ओव्हर एज एवं अत्यंत जर्जर हो चुका है? क्या इस ओव्हर ब्रिज के टूटने पर पन्ना से रीवा मार्ग अवरूद्ध हो जायेगा? यह ओव्हर ब्रिज कब बना था तथा इसकी अधिकतम उपयोग की अवधि क्या थी? (ख) क्या इस ओव्हर ब्रिज के नीचे गरीबों ने अपनी झोपड़ पट्टी बना ली है तथा कई बार ट्रक गिरने के हादसे हुए हैं तथा जान माल का खतरा हुआ है? इसके बाद भी प्रशासन अभी तक यहां से झुग्गियों क्यों नहीं हटा पाया है? (ग) लोक निर्माण विभाग ने वर्ष 2010 से प्रश्न दिनांक तक इस ओव्हर ब्रिज की रिपेयरिंग में वर्षवार कितनी धनराशि खर्च की है? बतायें। (घ) क्या विभाग के पास नया ओव्हर ब्रिज बनाने का प्रस्ताव लंबित है? यदि हाँ, तो स्थल बतायें। यह भी बतायें नया ओव्हर ब्रिज कब तक पूर्ण कर लिया जायेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी नहीं, आंशिक क्षतिग्रस्त, मरम्मत योग्य। जी हाँ। 1972। आर.सी.सी. स्ट्रेक्चर उपयोग की अवधि लगभग 50 वर्ष। (ख) जी हाँ। जी नहीं। नगर निगम सतना के सहयोग से से झुग्गियां हटाने हेतु जिला प्रशासन सतना कार्यवाही कर रहा है। (ग) मरम्मत हेतु कोई व्यय नहीं किया गया है। (घ) जी हाँ। मुक्तियारगंज सतना। वर्तमान में निश्चित तिथि बताना संभव नहीं है।
प्राप्त आवंटन एवं किये गये व्यय की जानकारी
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
127. ( क्र. 5245 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छिन्दवाड़ा जिले के अंतर्गत उद्यानिकी विभाग में वर्ष 2014-15, 2015-16 एवं 2016-17 में किन-किन कार्यों हेतु कितना-कितना आवंटन प्राप्त हुआ है तथा किस-किस कार्य पर कितना व्यय किया गया है? उपरोक्त वर्षवार जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) उद्यानिकी विभाग के अंतर्गत कौन-कौन सी योजनायें शासन द्वारा संचालित की जा रही हैं और इन योजनांतर्गत किसानों को कितना-कितना अनुदान दिया जाता है? (ग) प्रश्नांश (क) के अनुसार उल्लेखित वर्षों में छिन्दवाड़ा जिले में प्रश्न दिनांक तक किस-किस योजनान्तर्गत कितने किसानों अथवा हितग्राहियों को योजनावार कितना-कितना अनुदान प्रदान किया गया है? (घ) प्रश्नांश (क) के अनुसार उल्लेखित वर्षों में छिन्दवाड़ा जिले में किस-किस कंपनी से क्या-क्या सामग्री किन-किन मूल्यों पर क्रय की गई?
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) छिंदवाड़ा जिले की प्रश्नाधीन वर्षों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (घ) प्रश्नांश (क) के अनुसार उल्लेखित वर्षों में छिंदवाड़ा जिले में विभाग द्वारा किसी भी कंपनी से कोई भी सामग्री क्रय नहीं की गई है। विभाग की नोडल ऐजेंसी एम.पी.एग्रो से क्रय की गई सामग्री की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है।
कृषि सिंचाई योजनान्तर्गत प्रदान किये जा रहे अनुदान
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
128. ( क्र. 5246 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजनान्तर्गत उद्यानिकी विभाग के माध्यम से ड्रिप/स्प्रिंकलर सिंचाई संयंत्र में अनुदान दिया जाता है। यह अनुदान शासन द्वारा अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के बड़े कृषकों को 55 प्रतिशत व लघु सीमान्त कृषक सामान्य 65 प्रतिशत व अ.जा. एवं अ.ज.जा. के लघु सीमान्त कृषकों को 70 प्रतिशत अनुदान दिया जाता है? (ख) क्या प्रति हेक्टेयर ड्रिप संयंत्र लगाने पर कृषक को लगभग 1.30 लाख रूपये की लागत लगती है। जिसमें कृषक को यूनिट लागत 1.00 लाख रूपये पर शासन द्वारा अनुदान दिया जाता है जबकि कृषक को कृषक अंश के रूप में 65,000 रूपये जमा करना पड़ता है? (ग) क्या यह सही है कि ड्रिप/स्प्रिंकलर जो किसानों को अनुदान पर दिये जा रहे हैं। उनके रेट एम.पी. एग्रो व कम्पनियों के द्वारा तय किय जाते हैं? क्या यह रेट विभाग के द्वारा या शासन के द्वारा तय करते हुए किसानों को अनुदान दिया जा सकता है?
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) जी हाँ। प्रश्नांश में उल्लेखित अनुदान व्यवस्था डी.पी.ए.पी. के 28 जिलों में लागू है। (ख) जी नहीं, अपितु 1.2 मीटर से कम फसल अंतराल पर प्रति हेक्टेयर ड्रिप की इकाई लागत रूपये 1.00 लाख है, जिस पर योजना के प्रावधान अनुसार अनुदान दिया जाता है। लागत की शेष राशि कृषक को कृषक अंश के रूप में जमा करनी होती है। (ग) किसानों को अनुदान पर दिये जा रहे ड्रिप/स्प्रिंकलर की दरें संबंधित कम्पनी द्वारा तय की जाती है, एम.पी. एग्रो द्वारा तय नहीं की जाती। शासन द्वारा अनुदान की गणना हेतु इकाई लागत निर्धारित कर कृषकों की श्रेणी अनुसार अनुदान सीमा अनुसार की गई है। शासन द्वारा रेट निर्धारण का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।
किसानों से ऋण वसूली की तारीख में बढ़ोत्तरी करना
[सहकारिता]
129. ( क्र. 5256 ) श्री सचिन यादव : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश में नोटबंदी से रबी सीजन की बुआई किसान द्वारा ठीक समय पर नहीं कर पाने एवं बेमौसम बारिश और ओला वृष्टि एवं किसान की आर्थिक स्थिति काफी खराब होने से राज्य सरकार ने किसानों द्वारा सहकारी बैंकों से लिए गए कर्ज की वसूली कब तक स्थगित कर रखी है? (ख) क्या उक्त वसूली के समय में कटौती की गई है? हाँ तो क्यों? कारणों का तत्संबंधी ब्यौरा क्या है? क्या किसानों से ऋण वसूली की तारीख में बढ़ोत्तरी की जायेगी? हाँ तो बतायें, नहीं तो क्यों? (ग) क्या 08 नवम्बर 2016 के उपरांत मध्यप्रदेश राज्य सहकारी बैंकों की अर्थव्यवस्था प्रभावित हुई है, हाँ तो तदुपरांत राज्य सरकार द्वारा केन्द्र सरकार से किस-किस प्रकार की मांग एवं सुझाव दिये गये? तत्संबंधी ब्यौरा दें।
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी नहीं, ऋण वसूली स्थगित नहीं की गई। (ख) जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। जी नहीं, रबी सीजन में वितरित ऋण की वसूली की तारीख बढ़ोत्तरी नहीं की गई है, परन्तु खरीफ 2016 सीजन में वितरित ऋण की वसूली की देय तिथि 28 फरवरी, 2017 से बढ़ाकर 28 मार्च, 2017 कर दी गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होते।
वृहद/मध्यम/लघु सिंचाई परियोजनायें
[जल संसाधन]
130. ( क्र. 5257 ) श्री सचिन यादव : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कसरावद विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत कितनी वृहद/मध्यम/लघु सिंचाई परियोजनायें संचालित हैं? नाम सहित जानकारी दें। क्या कोई नई सिंचाई परियोजना स्थापित करने के संबंध में प्रस्ताव है? हाँ तो प्रस्तावित परियोजनायें कब तक पूर्ण कर ली जायेगी? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में पूर्व से संचालित सिंचाई परियोजनाओं की नहरें क्या क्षतिग्रस्त/कच्ची है? हाँ तो इनके मरम्मत के लिए कितनी राशि स्वीकृत की गई? जलाशयवार जानकारी दें। नहीं तो कब तक राशि स्वीकृत की जायेगी? (ग) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्षतिग्रस्त कच्ची नहरों को पक्की नहरों (लाइनिंग) में परिवर्तन करने के लिए क्या कोई योजनाएं बनाई गई है? हाँ तो प्रस्तावित योजना कब तक पूर्ण कर ली जायेगी? (घ) उक्त प्रश्नांशों के परिप्रेक्ष्य में प्रश्नकर्ता द्वारा जल संसाधन विभाग को प्राप्त पत्रों पर की गई कार्यवाही से अवगत नहीं कराये जाने के तत्संबंधी कारण क्या है?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) विधान सभा क्षेत्रांतर्गत जल संसाधन विभाग द्वारा 51 लघु सिंचाई परियोजनाएं निर्मित हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'1' अनुसार है। वर्तमान में किसी नई परियोजना का प्रस्ताव विभाग स्तर पर विचाराधीन नहीं हैं। अत: शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होते है। (ख) निर्मित 51 परियोजनाओं में 38 परियोजनाओं की नहरें कच्ची है। 04 परियोजनाओं की नहरों के सुधार हेतु आर.आर.आर. मद में कुल रू. 2637.82 लाख की स्वीकृति दी जाकर कार्य पूर्ण कराया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'2' अनुसार है। (ग) वर्तमान आवश्यकतानुसार 11 परियोजनाओं के बांध एवं नहरों के मरम्मत तथा नहर लाइनिंग कार्य के प्रस्ताव मैदानी स्तर पर रचनाधीन है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'3' अनुसार है। प्रस्ताव रचनाधीन होने से समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) मा. प्रश्नकर्ता विधायक से विभाग को प्राप्त पत्रों पर उन्हें अवगत कराया गया है। विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''4'' अनुसार है। अत: शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होते हैं।
विभागीय योजनाओं के प्रचार-प्रसार पर व्यय राशि
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
131. ( क्र. 5259 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला गुना की योजनाओं के प्रचार-प्रसार वर्ष 2011-2012 से लेकर 2016-17 में जनवरी 2017 तक कितनी राशि व्यय की गई? वर्षवार बतायें। (ख) उक्त अवधि में प्रचार-प्रसार का काम किस-किस एजेंसी से कराया गया है? म.प्र. माध्यम ने विभागीय योजनाओं का प्रचार-प्रसार/विज्ञापन आदि कौन-कौन एजेंसी से कराया और उन्हें वषर्वार कितनी राशि का भुगतान किया गया? (ग) वर्ष 2015-16 और 2016-17 में कृषि महोत्सव के दौरान जिला गुना में कितनी प्रचार सामग्री गई उस पर कितनी राशि व्यय की गई? जिला गुना में प्रचार सामग्री किसानों को वितरित कर दी गई है? यदि नहीं, तो कौन दोषी हैं?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) 1- जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। 2- म.प्र. माध्यम द्वारा वषर्वार एजेंसीवार भुगतान की गई जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2अ अनुसार है। (ग) वर्ष 2015-16 में कृषि महोत्सव आयोजन हेतु व्यय किया गया। किन्तु वर्ष 2016-17 में कृषि महोत्सव का आयोजन नहीं किया गया, किन्तु ग्राम उदय से भारत उदय अंतर्गत मास मीडिया अभियान में प्रचार-प्रसार कार्य पर व्यय किया गया। वर्षवार व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। जिले में प्रचार-प्रसार सामग्री का शत्-प्रतिशत वितरण किया गया। अत: शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
मिट्टी की जाँच
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
132. ( क्र. 5290 ) श्री गोविन्द सिंह पटेल : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नरसिंहपुर जिले की गाडरवारा विधान सभा क्षेत्र में मिट्टी परीक्षण हेतु क्या व्यवस्था विभाग द्वारा की गई है? विगत 2013 से प्रश्न दिनांक तक कितने नमूने मिट्टी परीक्षण हेतु लिये गये हैं? उनमें कितने किसानों को रिपोर्ट दे दी गई है एवं कितने किसान बाकी है? (ख) क्या शत्-प्रतिशत किसानों का मिट्टी परीक्षण हो इस हेतु विभाग की क्या व्यवस्था है। क्या विकासखण्ड स्तर पर मिट्टी परीक्षण केन्द्र खोले जावेंगे?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) नरसिंहपुर जिले में मिट्टी परीक्षण हेतु एक विभागीय मिट्टी परीक्षण प्रयोगशाला स्थापित है। एक विभागीय प्रयोगशाला एवं 26 मिनी लैब (मृदा परीक्षक) द्वारा मृदा नमूनों का विश्लेषण किया जा कर मृदा स्वास्थ्य कार्ड जारी किये जा रहे है। विगत 2013 से लिये गये मिट्टी नमूने एवं कृषकों को प्रदाय स्वाईल हैल्थ कार्ड एवं वितरण हेतु शेष मृदा स्वास्थ्य कार्ड की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) समस्त कृषकों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड उपलब्ध कराये जाने हेतु जिले में ग्रिड आधारित नमूनें लेकर विभागीय प्रयोगशाला, 26 मिनी लैब (मृदा परीक्षक) एवं कृषि विज्ञान केंद्र के माध्यम से मृदा नमूनों के विश्लेषण की व्यवस्था की गई है। विकासखंड स्तर पर मिट्टी परीक्षण की सुविधा कृषकों को उपलब्ध कराने हेतु शासन द्वारा विकासखंड स्तर नवीन मिट्टी परीक्षण मिट्टी प्रयोगशाला स्थापित किया जाना प्रक्रियाधीन है।
प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना में स्वीकृति
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
133. ( क्र. 5293 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना क्या है? इस योजना में लाभ लेने हेतु कौन पात्रता रखता है। क्या इस योजना के कोई नियम या प्रावधान बनाये गये हैं। यदि हाँ, तो नियम या प्रावधानों की जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) क्या अनूपपुर जिले में प्रधान मंत्री कृषि सिंचाई योजना की कार्य योजना बनाई गई है? यदि हाँ, तो कार्य योजना शासन को स्वीकृति हेतु कब भेजी गई है। कार्ययोजना की जानकारी उपलब्ध करायें। (ग) क्या पुष्पराजगढ़ विधान सभा क्षेत्र में नवीन तालाबों के निर्माण के प्रस्ताव विभागीय कार्य योजना अथवा प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना में सम्मिलित किये गये है? यदि हाँ, तो कौन-कौन से प्रस्ताव किस योजना में सम्मिलित किये गये हैं? प्रस्ताव शासन को स्वीकृति हेतु कब प्रस्तुत किये गये? (घ) विगत दो वर्षों में क्या पुष्पराजगढ विधान सभा क्षेत्र में तालाबों के रख-रखाव, गहरीकरण, जीर्णोद्धार एवं सुदृढ़ीकरण एवं नहरों के निर्माण की स्वीकृति के कितने प्रस्ताव, प्रश्नकर्ता द्वारा दिये गये है। प्रस्तावों में कब, क्या कार्यवाही की गई है?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना का उद्देश्य, प्रदेश में ग्राम स्तर तक सिंचाई क्षेत्र निवेश को बढ़ाकर हर खेत को पानी पहुँचाना तथा उपलब्ध जल का उचित प्रबंध कर "पर ड्रॉप मोर क्रॉप के लक्ष्य को प्राप्त करना है। इस योजना का लाभ लेने हेतु समस्त वर्ग एवं श्रेणी के कृषक पात्र है। योजना के संबंध में भारत सरकार द्वारा जारी गाईड-लाईन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) जी हाँ। अनूपपुर जिले की प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना की कार्य योजना (डी.आई.पी.) दिनांक 02.05.2016 को संचालनालय को प्राप्त हो चुकी है एवं दिनांक 22.12.2016 को राज्य स्तरीय मंजूरी समिति की बैठक में डी.आई.पी. का अनुमोदन किया जा चुका है। कार्य योजना (स्ट्रेजिक प्लॉन) की प्रति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (ग) पुष्पराजगढ़ विधान सभा क्षेत्र में तालाब, जलाशय, फार्म पॉण्ड, चैक डेम, अरदन चैक डेम, स्टॉप डेम, नाला बंधान आदि जल संरचनाओं के प्रस्ताव प्रधानमंत्री सिंचाई योजना अंतर्गत जिले की डी.आई.पी. में सम्मिलित कर उप संचालक कृषि के माध्यम से प्रस्ताव संचालनालय को दिनांक 02.05.2016 को प्रस्तुत किये गये है। दिनांक 22.12.16 को राज्य स्तरीय मंजूरी समिति की बैठक में डी.आई.पी. का अनुमोदन किया जा चुका है। (घ) पुष्पराजगढ़ विधान सभा क्षेत्र हेतु कार्यालय उप संचालक, किसान कल्याण तथा कृषि विकास जिला अनूपपुर को कोई भी प्रस्ताव प्रश्नकर्ता के द्वारा प्रतिवेदित होना नहीं पाया गया। शेष का प्रश्न ही नहीं उठता।
तालाब एवं नहर का निर्माण
[जल संसाधन]
134. ( क्र. 5294 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत 5 वर्ष में क्या अनूपपुर जिले के अंतर्गत पुष्पराजगढ़ विधान सभा क्षेत्र में जल संसाधन विभाग द्वारा किसानों को सिंचाई की सुविधा उपलब्ध कराने हेतु तालाबों का निर्माण किया गया है। यदि हाँ, तो कितने तालाब कितनी लागत से बनाये गये हैं। तालाबवार जानकारी दें। (ख) पुष्पराजगढ़ विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत जो तालाब सिंचाई हेतु बनाये गये हैं उन तालाबों से सिंचाई हेतु कितनी नहरों का कार्य पूर्ण कर लिया गया है और कितनी निर्माणाधीन हैं। जिन नहरों का निर्माण कार्य पूर्ण कर लिया गया है उनमें से कितना रकबा सिंचाई हो सकेगा। ग्रामवार एवं तालबावार बतायें। (ग) क्या जो तालाब पुष्पराजगढ़ विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत बनाये गये हैं उनका निर्माण तकनीकी आधार एवं गुणवत्ता के अनुसार किया गया है।
जल संसाधन
मंत्री ( डॉ.
नरोत्तम
मिश्र ) : (क) एवं
(ख) जी हाँ। विवरण
संलग्न परिशिष्ट
अनुसार है। (ग)
जी हाँ।
नियम विरूद्ध पदोन्नति की जाना
[सहकारिता]
135. ( क्र. 5305 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित भिण्ड के तत्कालीन प्रभारी महाप्रबंधक श्री मेवाराम सगर के कार्यकाल में किन-किन कर्मचारियों की पदोन्नति किस-किस पद पर की गई? (ख) क्या प्रभारी महाप्रबंधक श्री मेवाराम सगर की उक्त कार्यकाल में पदोन्नति की गई थी? यदि हाँ, तो किसके आदेश से किन नियमों के तहत की गई थी? (ग) उपरोक्त प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में की गई पदोन्नतियां नियमानुकूल है? यदि नहीं, तो उक्त पदोन्नति के आदेश निरस्त कर संबंधित दोषी के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में क्या ऋण मुक्ति एवं ऋण माफी घोटाले में दण्डित किये गये अधिकारियों/कर्मचारियों को पदोन्नति दी गई है? यदि हाँ, तो उनके नाम एवं पद सहित बतायें? नियम विरूद्ध पदोन्नति किये गये अधिकारियों/कर्मचारियों की पदोन्नति कब तक निरस्त की जावेगी? (ड.) उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में क्या उक्त पदोन्नत किये गये कर्मचारियों द्वारा पदोन्नति की निर्धारित अर्हतायें पूरी करते थे? यदि नहीं, तो किस आधार पर पदोन्नति की गई? (च) क्या नियमानुसर निर्धारित पदोन्नति कमेटी का गठन किया गया था? यदि हाँ, तो शासन के कौन से प्रतिनिधि ने बैठक में भाग लिया उसका नाम एवं पद सहित बतायें?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जी हाँ। जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्या. भिंड के स्टॉफ उप समिति की बैठक दिनांक 24.1.2015 में लिये गये निर्णय के परिपालन में की गई। (ग) पदोन्नतियों के संबंध में जाँच आदेशित की गई है। शेष जाँच निष्कर्षाधीन। (घ) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। उत्तारांश (ग) अनुसार। (ड.) उत्तरांश (ग) अनुसार जाँच आदेशित की गई है। शेष जाँच निष्कर्षाधीन। (च) कर्मचारी सेवा नियम के प्रावधान अनुसार पृथक से पदोन्नति कमेटी के गठन की आवश्यकता नहीं है। बैंक की स्टॉफ उप समिति द्वारा पदोन्नति किये जाने का प्रावधान है। बैंक की स्टॉफ उप समिति की बैठक दिनांक 24.01.2015 में शासन के प्रतिनिधि द्वारा भाग नहीं लिया गया।
लंबित जाँचों का निराकरण समय-सीमा में किया जाना
[सहकारिता]
136. ( क्र. 5306 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड जिले में कौन-कौन सी सेवा सहकारी संस्थाएं घाटे में चल रही है एवं कौन-कौन सी लाभ में चल रही है तथा किन-किन संस्था द्वारा बचत बैंक संचालित किया जा रहा है? (ख) भिण्ड जिले में केन्द्रीय सहकारी बैंक एवं सेवा सहकारी संस्थाओं में किन-किन कर्मचारियों पर कितनी-कितनी राशि कब-कब से बकाया है, बकाया राशि की वसूली हेतु किन-किन कर्मचारियों के विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गयी है एवं राशि वसूली न करने के क्या कारण है और बकाया राशि कब तक वसूल की जावेगी? (ग) उपायुक्त सहकारी संस्थायें भिण्ड एवं संयुक्त आयुक्त सहकारी संस्थायें मुरैना के कार्यालयों में भिण्ड जिले के गबन एवं धोखाधड़ी के किस-किस संस्थाओं के किन-किन कर्मचारियों के विरूद्ध कौन-कौन से प्रकरण कब-कब से विचाराधीन है एवं कौन-कौन सी जाँच संस्थित है तथा जाँच अधिकारी कौन-कौन है? (घ) प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में क्या उक्त प्रकरणों को जानबूझकर लंबे समय से विचाराधीन रखकर आरोपियों को सरंक्षण दिया जा रहा है? यदि नहीं, तो म.प्र. शासन, सामान्य प्रशासन विभाग के आदेशानुसार लंबित प्रकरणों का समय-सीमा में निराकरण कर जाँच निष्कर्षों के आधार पर दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) घाटे में चल रही, लाभ में चल रही तथा बचत बैंक संचालित करने वाली प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थाओं की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1, 2 तथा 3 अनुसार है। (ख) जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्या., भिण्ड तथा उससे संबद्ध प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 एवं 5 अनुसार है। बकाया राशि की वसूली हेतु सहकारी अधिनियम की धारा 64 में प्रकरण लगाये गये है तथा राजस्व विभाग एवं बैंक द्वारा संबंधित को नोटिस जारी कर वसूली की कार्यवाही की जा रही है। वर्तमान तक दो प्रकरणों में रूपये 5.30 लाख की वसूली की गई है। वसूली की कार्यवाही निरंतर की जा रही है। (ग) न्यायालय उप पंजीयक सहकारी संस्थायें, भिण्ड के समक्ष गबन धोखाधड़ी के लंबित प्रकरणों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-6 अनुसार है। न्यायालय संयुक्त आयुक्त सहकारी संस्थायें, मुरैना के समक्ष गबन धोखाधड़ी से संबंधित कोई प्रकरण विचाराधीन नहीं है। गबन धोखाधड़ी प्रकरण की कोई जाँच संस्थित नहीं होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं, आरोपियों के विरूद्ध की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 एवं 5 अनुसार है। उत्तरांश (ग) अनुसार सहकारी अधिनियम की धारा 64 के अंतर्गत वसूली हेतु न्यायालयीन प्रकरण लम्बित है, कोई जाँच लम्बित नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मसाला क्षेत्र विस्तार, भुगतान एवं अनुदान
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
137. ( क्र. 5317 ) श्री जितू पटवारी : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इंदौर उज्जैन संभाग में मसाला क्षेत्र विस्तार (राज्य योजना) के तहत घटक लहसुन के लिये पिछले वर्ष कितने किसानों ने आवेदन प्रस्तुत किया कितनी हेक्टर भूमि के लिये आशय पत्र कितनी राशि के जारी किये गये? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित सूची में से कितने किसान ने किस निर्माता कंपनी से कितनी मात्रा किस दर से किस क्वालिटी का लहसुन बीज खरीदा तथा उन्हें कितनी अनुदान राशि प्रदान की गई? अनुदान राशि का भुगतान नगद किया गया या चैक से भुगतान किया गया? (ग) क्या यह सही है कि रतलाम में ग्राम मधूरी के किसानों को उद्यानिकी विभाग के अधिकारियों ने राष्ट्रीय बागवानी अनुसंधान केन्द्र इंदौर में G 282 लहसुन बीज 13000 रू. प्रति किलो के भाव से खरीदने हेतु निर्देश दिया तथा उस पर 50 प्रतिशत अनुदान देने का कहा? यदि हाँ, तो बतावें कि फिर किसानों को 18000 रू. किलो का बिल कैसे मिला तथा 50 प्रतिशत अनुदान के स्थान पर 27.77 प्रतिशत शीडस असिसटेन्स क्यों दिया गया? (घ) क्या यह सही है कि प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित आशय पत्र दिनांक 18.10.2016 का है तथा राष्ट्रीय बागवानी नासिक का बिल दिनांक 06.10.2016 का है, यदि हाँ, तो बताएं कि यह कैसे संभव है तथा किसानों को 13000 के भाव से लहसुन तथा 50 प्रतिशत अनुदान मिलेगा या नहीं?
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) वर्ष 2015-16 में मसाला क्षेत्र विस्तार की राज्य योजना अंतर्गत लहसुन के लिए किसानों से इन्दौर संभाग में 240 आवेदन 155.75 हेक्टेयर तथा उज्जैन संभाग में 568 आवेदन 236.58 हेक्टेयर क्षेत्र के लिए प्राप्त हुए। उक्त वर्ष में आशय पत्र जारी करने का प्रावधान नहीं होने से आशय पत्र जारी नहीं किये गये। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। अनुदान राशि का भुगतान आर.टी.जी.एस. एवं कोषालय के माध्यम से ई-पेमेंट द्वारा किया गया। (ग) अधिकारियों द्वारा प्रश्नांश में उल्लेखित कोई निर्देश नहीं दिया है। कृषकों द्वारा राष्ट्रीय बागवानी अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान इन्दौर से रूपये 18,000/- प्रति क्विंटल की दर से लहसुन बीज क्रय कर देयक प्रस्तुत किये गये जिसमें प्रतिष्ठान द्वारा रूपये 5,000/- प्रति क्विंटल की दर से एकीकृत बागवानी विकास मिशन योजना अंतर्गत अनुदान सहायता प्रदान कर रूपये 13,000/- प्रति क्विंटल की दर से लहसुन बीज की राशि भुगतान किया जाना पाया गया। किसानों को जो अनुदान मिला है वह एकीकृत बागवानी विकास मिशन के प्रावधानों के तहत मिला है। चूंकि एक बार अनुदान मिल चुका है, अत: विभागीय मसाला क्षेत्र विस्तार की राज्य योजना के तहत 50 प्रतिशत अनुदान की पात्रता नहीं है। (घ) जी हाँ। आशय पत्र दिनांक 13.10.2016 से 18.10.2016 के मध्य जारी किये गये तथा राष्ट्रीय बागवानी अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान इन्दौर का बिल दिनांक 06.10.2016 को है। लहसुन बीज बुआई का उपयुक्त समय सितम्बर से अक्टूबर माह होता है जिसके कारण कृषकों द्वारा स्वेच्छा से लहसुन बीज का क्रय आशय पत्र जारी करने से पूर्व ही कर लिया है। अत: उत्तरांश (ग) अनुसार 50 प्रतिशत अनुदान दिया जाना संभव नहीं है।
स्कूल शिक्षा के भवन निर्माण एवं भवन सामग्री का उपयोग
[लोक निर्माण]
138. ( क्र. 5318 ) श्री जितू पटवारी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या केन्द्र सरकार की योजना अनुसार स्कूल शिक्षा विभाग अंतर्गत सम्पूर्ण प्रदेश में 201 स्थानों पर शासकीय मॉडल उ.मा. विद्यालयों के भवनों का निर्माण पी.डब्ल्यू.डी. विभाग द्वारा किया गया है? (ख) क्या विद्यालय भवन निर्माण एवं भवनों में लगने वाली समस्त सामग्री हेतु ड्रॉइंग डिजाईन, नक्शा एवं वर्क स्पेसीफिकेशन की प्रति राज्य सरकार द्वारा विभाग को उपलब्ध करवाई जाकर उसी के अनुरूप निर्माण कार्य एवं सामग्री लगाई जाना थी? (ग) यदि प्रश्नांश (क) एवं (ख) का उत्तर हाँ है, तो विभाग द्वारा इन्दौर ब्लॉक में निर्मित विद्यालय का निर्माण एवं भवन में लगाये गये विद्युत उपकरण तथा अन्य सामग्री राज्य शासन द्वारा प्रदत्त ड्रॉइंग डिजाईन एवं वर्क स्पेसीफिकेशन के अनुसार क्यों नहीं लगाई गई है? (घ) विद्युत उपकरण एवं अन्य सामग्री ड्रॉइंग डिजाईन एवं वर्क स्पेसीफिकेशन के अनुसार नहीं लगाने की शिकायत मिलने के बाद विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) ड्रॉइंग डिजाइन एवं स्पेसिफिकेश्न इत्यादि राज्य शासन द्वारा नहीं अपितु मुख्य वास्तुविद लोक निर्माण विभाग भोपाल द्वारा उपलब्ध कराई है। तदानुसार कार्य कराया जाता है। (ग) भवन की आवश्यकता अनुसार अनुबंध के प्रावधान एवं स्पेसिफिकेश्न अनुसार विधुत उपकरण एवं अन्य सामग्री लगाई गई है। (घ) प्राप्त शिकायत की जाँच प्रचलन में है। शेष प्रश्न उत्पन्न ही नहीं होता है।
सिंचाई सुविधा हेतु तालाबों का निर्माण
[जल संसाधन]
139. ( क्र. 5338 ) सुश्री मीना सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या उमरिया जिले के अंतर्गत मानपुर विधानसभा क्षेत्र में जल संसाधन विभाग द्वारा किसानों को सिंचाई की सुविधा उपलब्ध कराने हेतु तालाबों का निर्माण किया गया है? यदि हाँ, तो विगत 5 वर्षों में कितने तालाब किस मद से कब-कब और कितनी लागत से बनाये गये हैं? तालाबवार जानकारी दें। (ख) जिला उमरिया के मानपुर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत जो तालाब सिंचाई हेतु बनाये गये हैं, उन तालाबों से सिंचाई हेतु कितनी नहरों का कार्य पूर्ण कर लिया गया है और कितनी निर्माणाधीन है, जिन नहरों का निर्माण कार्य पूर्ण कर लिया गया है? उनमें से कितना रकबा सिंचित हो सकेगा? ग्रामवार एवं तालाबवार जानकारी उपलब्ध करायें? (ग) जो तालाब उमरिया के मानपुर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत बनाये गये हैं, उनका निर्माण तकनीकी आधार एवं गुणवत्ता के अनुसार किया गया है?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (ख) जी हाँ। विगत 05 वर्षों में 03 तालाबों/ व्यपवर्तन सिंचाई योजनाओं का निर्माण किया गया। नहरों का निर्माण शत्-प्रतिशत पूर्ण हो चुका है, जिनसे 2,123 हे. क्षेत्र में सिंचाई रूपांकित है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। (ग) जी हाँ। विधान सभा क्षेत्रांतर्गत भदार व्यपवर्तन योजना की नहरों से कृषकों को कम पानी मिलने बाबत् शिकायत पर मुख्य अभियंता, गंगा-कछार रीवा द्वारा स्थल निरीक्षण दिनांक 21.02.2017 को किया गया था एवं तदानुसार मुख्य अभियंता के पत्र दिनांक 25.02.2017 के निरीक्षण टीप में नहर में आवश्यक कार्य करने हेतु कार्यपालन यंत्री को निर्देशित किया गया था। कार्यपालन यंत्री द्वारा आवश्यक सुधार कार्य कराया जाना प्रतिवेदित है। निरीक्षण प्रतिवेदन पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के नियम-प्रावधान
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
140. ( क्र. 5339 ) सुश्री मीना सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना क्या है? इस योजना में लाभ लेने हेतु कौन पात्रता रखता है? क्या इस योजना के कोई नियम या प्रावधान बनाये गये है? यदि हाँ, तो नियम या प्रावधानों की प्रति उपलब्ध करायें? (ख) क्या उमरिया जिले में प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना की कार्य योजना बनाई गई है? यदि हाँ, तो कार्य योजना शासन को स्वीकृति हेतु कब भेजी गई है? कार्ययोजना की जानकारी उपलब्ध करायें? (ग) क्या उमरिया जिले के मानपुर विधान सभा क्षेत्र में नवीन तालाबों के निर्माण के प्रस्ताव विभागीय कार्य योजना अथवा प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना में सम्मिलित किये गये हैं? यदि हाँ, तो कौन-कौन से प्रस्ताव किस योजना में सम्मिलित किये गये हैं? प्रस्ताव शासन को स्वीकृति हेतु कब प्रस्तुत किये गये? (घ) क्या उमरिया जिले के मानपुर विधान सभा क्षेत्र में तालाबों के रख-रखाव, गहरीकरण, जीर्णोद्धार एवं सुदृढ़ीकरण एवं नहरों के निर्माण की स्वीकृति के कितने प्रस्ताव, कब-कब प्रश्नकर्ता द्वारा दिये गये हैं? प्रस्तावों में कब-कब और क्या कार्यवाही की गई है?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना का उदेद्श्य, प्रदेश में ग्राम स्तर तक सिंचाई क्षेत्र निवेश को बढ़ाकर हर खेत को पानी पहुँचाना तथा उपलब्ध जल का उचित प्रबंध कर ''पर ड्राप मोर क्राप'' के लक्ष्य को प्राप्त करना है। योजनांतर्गत समस्त वर्ग के किसान लाभ लेने हेतु प्रात्र है। योजना का क्रियान्वयन हेतु भारत सरकार के नियम/प्रावधान की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) जी हाँ। जिला सिंचाई योजना (डी.आई.पी.) तैयार कर दिनांक 6.5.2016 को संचालनालय भोपाल को प्राप्त हो चुकी है। जिसे दिनांक 22.12.2016 को राज्य स्तरीय मंजूरी समिति की बैठक में अनुमोदन प्राप्त किया जा चुका है। कार्य योजना की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (ग) जी हाँ। उमरिया जिले के मानपुर विधान सभा क्षेत्र में नवीन तालाबों के निर्माण के प्रस्ताव प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना की (डी.आई.पी.) में सम्मिलित कर दिनांक 6.05.2016 उप संचालक कृषि के माध्यम से संचालनालय भोपाल को प्राप्त हो चुकी है। दिनांक 22.12.2016 को राज्य स्तरीय मंजूरी समिति की बैठक में अनुमोदन प्राप्त किया जा चुका है। सम्मिलित कार्यों की सूची की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन अनुसार है। (घ) उमरिया जिले के मानपुर विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत प्रश्नकर्ता द्वारा दिये गये प्रस्तावों को डी.आई.पी. में सम्मिलित कर लिये गये हैं। प्रस्तावों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-चार अनुसार है।
मंडी निधि से कराये गये निर्माण कार्य
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
141. ( क्र. 5343 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर जिला अंतर्गत कहाँ-कहाँ पर कृषि उपज मंडी संचालित है एवं जिले की किस-किस मंडी में वित्त वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक मंडी निधि से कौन-कौन से विकास कार्य कितनी लागत से कराये गये, इन निर्माण कार्यों का भौतिक सत्यापन कब किसने किया तथा इन निर्माण कार्यों की वर्तमान समय में अद्यतन स्थिति क्या है? कितने निर्माण कार्य पूर्ण कितने किन कारणों से अपूर्ण है? बतलावें, सूची देवें। (ख) मंडी निधि से वित्त वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक जबलपुर जिला अंतर्गत किन-किन विधान सभा क्षेत्रों में कितनी लागत से कौन-कौन से निर्माण कार्य प्रस्तावित थे तथा कौन-कौन से कितनी लागत के निर्माण पूर्ण हुये, कितने किन कारणों से अपूर्ण है? बतलावें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में क्या मंडी निधि की राशि के उपयोग हेतु क्षेत्रीय विधायक की सहमति या अनुशंसा ली जाती है? यदि हाँ, तो पाटन विधान सभा अंतर्गत कौन-कौन से कार्य विधायक की सहमति से किये गये है? यदि नहीं, तो क्या शासन इन कार्यों हेतु विधायकों की सहमति या अनुशंसा लेने का नियम बनावेगा?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जबलपुर जिले के अंतर्गत कृषि उपज मंडी समिति जबलपुर, सिहोरा, शाहपुरा भिटौनी एवं पाटन संचालित है। वित्तीय वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक मंडी समिति निधि से विकास कार्यों की मंडीवार विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) वित्तीय वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक मंडी समिति निधि से जबलपुर जिले के अंतर्गत संचालित मंडियों के अतिरिक्त किसी भी विधानसभा क्षेत्रों में निर्माण कार्य नहीं कराये गये है तथा न ही कोई कार्य प्रस्तावित है। अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं, कृषि उपज मंडी अधिनियम -1972 यथा संशोधित की धारा -11 (1) (घ) के प्रावधान के तहत अन्य का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
मुख्यमंत्री कृषक जीवन कल्याण योजना
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
142. ( क्र. 5344 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कृषि संबंधी या मंडी संबंधी कौन-कौन से कार्य करते समय खेतिहर मजदूर एवं कृषक की आकस्मिक मृत्यु होने पर शासन द्वारा किस नियम के तहत किसको कितना मुआवज़ा देने का प्रावधान है? नियम की छायाप्रति देवें। (ख) वित्त वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक पाटन विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत कहाँ-कहाँ के कितने कृषकों एवं खेतिहर मजदूरों की आकस्मिक मृत्यु हुई एवं प्रश्नांश (क) में उल्लेखित नियमों के तहत इनमें से कितनों को कितनी सहायता राशि प्रदान की कई तथा कितने प्रकरणों में किन कारणों से प्रश्न दिनांक तक सहायता राशि प्रदान नहीं की गई? (ग) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित नियमों के तहत कृषि कार्य करते समय खेत में सर्पदंश की वजह से कृषक या कृषि मजदूर की मृत्यु होने पर मुआवज़ा राशि प्रदान करने का प्रावधान है? उत्तर में यदि हाँ, तो कितना यदि नहीं, तो क्या शासन इन नियमों में संशोधन कर कृषि कार्य करते समय सर्पदंश से मृत्यु होने पर समान मुआवज़ा देने का नियम बनाएगा? यदि हाँ, तो किस प्रकार से कब तक यदि नहीं, तो क्यों नहीं? बतलावें।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) मुख्यमंत्री कृषक जीवन कल्याण योजना 2008 अंतर्गत राशि रूपयें 4.00 लाख की क्षतिपूर्ति सहायता देने का प्रावधान है। नियम की छायाप्रति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) में उल्लेखित नियमों के अंतर्गत क्षतिपूर्ति सहायता राशि के विवरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) उत्तरांश (क) में उल्लेखित नियमों के तहत सर्पदंश की वजह से मृत्यु होने पर सहायता राशि प्रदान करने का प्रावधान नहीं है। अपितु राजस्व विभाग के परिपत्र दिनांक 05.12.16 द्वारा राजस्व पुस्तक परिपत्र खण्ड छ: क्रमांक 4 के अंतर्गत राशि रू. 4 लाख आर्थिक अनुदान सहायता का प्रावधान है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है।
सहायक ग्रेड-3 के कर्मचारियों की पदोन्नति
[जल संसाधन]
143. ( क्र. 5351 ) श्री अंचल सोनकर : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुख्य अभियंता बैन गंगा कछार सिवनी के अंतर्गत सहायक ग्रेड-3 के ऐसे कितने कर्मचारी है, जिन्होंने विभागीय परीक्षा के 6 विषयों में योग्यता हासिल कर ली है? सूची देवें। क्या विभागीय परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले कर्मचारियों को विभाग द्वारा क्या कोई अतिरिक्त लाभ प्रदाय किया जाता है? यदि हाँ, तो क्या-क्या बतावें? (ख) प्रश्नांश (क) में विभागीय परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले कर्मचारियों को क्या शासन पदोन्नति का लाभ प्रदान करती है? यदि हाँ, तो मुख्य अभियंता बैन गंगा कछार सिवनी में कितने सहायक ग्रेड-3 के कर्मचारियों को पदोन्नति का लाभ प्रदान किया गया, कितने पदोन्नति के लाभ से वंचित है? क्यों कारण सहित सूची देवें। (ग) प्रश्नांश (क) सहायक ग्रेड-3 वर्ग के कर्मचारियों के पदोन्नति के क्या नियम है, कितने वर्षों की सेवा उपरांत इन्हें पदोन्नति प्रदाय करने का नियम है? मुख्य अभियंता बैन गंगा कछार सिवनी में कितने वर्षों से विभागीय पदोन्नति समिति की बैठक का आयोजन नहीं हुआ है? तिथि बतावें। क्या शासन विभागीय पदोन्नति समिति की बैठक का आयोजन कर 20 वर्षों से अधिक समय से एक ही पद पर सेवा प्रदान करने वाले सहायक ग्रेड-3 के कर्मचारियों को पदोन्नति प्रदान करेगा? यदि हाँ, तो कब तक समय-सीमा बतावें?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। जी नहीं। (ख) एवं (ग) जी हाँ। मुख्य अभियंता, बैनगंगा-कछार, सिवनी की संरचना के अधीन वर्ष 2010 से 2013 की अवधि में सहायक ग्रेड-3 से सहायक ग्रेड-2 में पदोन्नत कर्मचारियों की संख्या 65 है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। सहायक ग्रेड-2 के पद की उपलब्धता के आधार पर किसी भी पात्र सहायक ग्रेड-3 कर्मचारी को पदोन्नति से वंचित नहीं किया गया है। सेवा भर्ती नियम पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''स'' अनुसार है। मुख्य अभियंता बैन-गंगा कछार, सिवनी के अंतर्गत दिनांक 10.01.2013 को पदोन्नति समिति की बैठक आयोजित की गई थी। मा. उच्च न्यायालय, म.प्र. जबलपुर द्वारा पारित आदेश दिनांक 30.04.2016 द्वारा म.प्र. लोक सेवा (पदोन्नति) नियम, 2002 में पदोन्नति में आरक्षण का प्रावधान खारिज किया गया है। प्रकरण उच्चतम न्यायालय में प्रक्रियाधीन होने से पदोन्नति प्रक्रिया वर्तमान में बाधित है।
अधिकारियों का गृह जिले में पदस्थीकरण
[जल संसाधन]
144. ( क्र. 5353 ) श्री अंचल सोनकर : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जल संसाधन विभाग के अंतर्गत ऐसे कितने अधीक्षण यंत्री, कार्यपालन यंत्री एवं सहायक यंत्री हैं जो तीन वर्षों से अधिक समय से एक ही स्थान पर पदस्थ हैं? सूची देवें। क्या यह भी सत्य है कि विभाग में अनेकों ऐसे अधिकारी हैं जो वर्षों से गृह जिले में पदस्थ हैं अथवा संलग्नीकरण के तहत गृह जिले में पदस्थ रहने का रास्ता अपनाये हुये? जिलेवार सूची देवें। (ख) क्या यह सत्य है कि प्रथम श्रेणी के अधिकारियों को एक ही स्थान पर तीन वर्षों से अधिक समय पर पदस्थ नहीं किया जा सकता एवं उन्हें पदस्थीकरण के दौरान गृह जिले से अन्यत्र जिले में पदस्थ किया जाता है? यदि हाँ, तो ऐसे कितने अधिकारियों को किस नियम से तहत गृह जिले में पदस्थ किया गया है? यह भी बतावें क्या इनका स्थानांतरण गृह जिले से अन्यत्र किया जावेगा, तो कब तक? (ग) क्या प्रथम श्रेणी के अधिकारियों को गृह जिले में पदस्थीकरण के दौरान मैदानी कार्य प्रभावित होता है एवं कार्य के प्रति उदासीनता रहती है?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) ऐसा कोई प्रकरण संज्ञान में नहीं आया है।
ब्लैक लिस्टेड ठेकेदारों की जाँच
[लोक निर्माण]
145. ( क्र. 5360 ) श्री मानवेन्द्र सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर, रीवा एवं शहडोल संभाग में लोक निर्माण विभाग द्वारा वर्ष 1 जनवरी 2013 से प्रश्न दिनांक तक कितने एवं कौन-कौन से ठेकेदारों/कंपनियों को ब्लैक लिस्टेड किया गया है? जिलेवार ब्यौरा देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में इन जिलों में कितने ब्लैक लिस्टेड ठेकेदारों को राजधानी परिक्षेत्र व अन्य स्थानों पर किन-किन उच्च अधिकारियों ने बहाल कर करोड़ों रूपये के कार्य आवंटित कर दिये? पूर्ण ब्यौरा दें एवं किस आधार पर ब्लैक लिस्टेड ठेकेदारों को परिक्षेत्र बदलकर कार्य आवंटित किये कारण सहित ब्यौरा दें? (ग) क्या सरकार ने (क) एवं (ख) के मामलों में जाँच करवायी? यदि हाँ, तो कब? की गई कार्यवाही का ब्यौरा दें एवं यदि नहीं, तो इन गंभीर मामलों में अधिकारियों पर कार्यवाही क्यों नहीं की गई?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) लोक निर्माण विभाग में जिलेवार ठेकेदार/कंपनियों को ब्लेक लिस्टेड किये गये लोगों की सूची संधारित नहीं की जाती है। ऑन-लाईन में अभी तक ब्लैक लिस्टेड किये गये ठेकेदारों की वर्तमान में संख्या 129 है, जिसे उन्हें website - pwd.mponline.gov.in पर ठेकेदारों की आई.डी. डालकर देखा जा सकता है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) ब्लैक लिस्टेड ठेकेदारों को टेण्डर डालने की पात्रता नहीं होती है। अत: उनको कार्य आवंटन किया जाना संभव नहीं है। अस्तु ब्लैक लिस्टिंग से बहाल होने पर ठेकेदार किसी भी परिक्षेत्र अथवा किसी भी विभाग में ठेका लेने के लिये पात्र हो जाते है। (ग) ब्लैक लिस्टिंग से बहाल होने के उपरांत किसी भी ठेकेदार द्वारा किसी भी शासकीय विभाग में कार्य किया जा सकता है। अत: जाँच का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है एवं कार्यवाही का भी प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
किसानों को नलकूप खनन हेतु अनुदान की स्वीकृति
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
146. ( क्र. 5361 ) श्री मानवेन्द्र सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राज्य पोषित नलकूप खनन योजना के तहत प्रदेश की सहायता निधि से अनुसूचित जाति/ जनजाति के कृषकों को अनुदान स्वीकृत करने का प्रावधान है? प्रावधान/निर्देशों की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार जिला छतरपुर में वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक में कितने कृषकों के अनुदान स्वीकृत किये गये है? कृषकों की संख्या, स्वीकृत अनुदान, नलकूप खनन, स्थान सहित तहसीलवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) जनपद पंचायत नौगाँव, लवकुशनगर, गौरिहार अंतर्गत वर्ष 2016-17 में कितने कृषकों को नलकूप खनन हेतु अनुदान राशि स्वीकृत किया जाना प्रस्तावित है?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ। राज्य पोषित नलकूप खनन योजना के तहत अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के कृषकों को अनुदान स्वीकृत करने का प्रावधान है। प्रावधान/निर्देशों की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार छतरपुर जिले में वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक अनुदान स्वीकृत किये गये कृषकों की संख्या, स्वीकृत अनुदान, नलकूप खनन के स्थान सहित तहसीलवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (ग) सेंट्रल ग्राउण्ड वाटर बोर्ड भोपाल द्वारा छतरपुर जिले की 5 जनपद पंचायतों - छतरपुर, नौगाँव, राजनगर, बड़ामलहरा, बक्सवाहा को सेमी क्रिटीकल श्रेणी में घोषित किया गया है। अत: नलकूप खनन योजना उपरोक्त जनपदों में लागू नहीं है। आदेश की प्रति जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन अनुसार है। वर्ष 2016-17 में जिले द्वारा जनपद पंचायत लवकुशनगर को 12 एवं जनपद पंचायत गौरिहार को 10 नलकूप खनन के लक्ष्य प्रस्तावित किये गये है।
मुख्यमंत्री युवा इंजीनियर कांट्रेक्टर योजना में प्रशिक्षण
[लोक निर्माण]
147. ( क्र. 5372 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) चम्बल संभाग में वर्ष 2015-16 में मुख्यमंत्री युवा इंजीनियर कांट्रेक्टर योजना के अंतर्गत कितने डिग्रीधारी इंजीनियरों को प्रशिक्षण दिया गया है? जिलावार संख्या वर्ष सहित जानकारी दी जावे। (ख) उक्त योजना के अंतर्गत संभाग में कितने स्नातक इंजीनियर को कार्य दिये गये हैं? (ग) क्या उक्त योजना में कार्य देने में अधिकारियों द्वारा रूची नहीं लेने के कारण स्नातक इंजीनियरों को कार्य नहीं मिल पा रहे हैं? इस योजना के परिपालन हेतु अधिकारियों को सख्त निर्देश जारी किये जावेंगे?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) प्रश्नांकित वर्ष में चंबल संभाग में 03 स्नातक इंजीनियरों का योजनांतर्गत चयन हुआ था, परंतु प्रशिक्षण में वे अनुपस्थित रहे। (ख) चंबल संभाग में 01 युवा इंजीनियर ठेकेदार को चार कार्य आवंटित हुए है। (ग) जी नहीं। पूर्व से निर्देश जारी है, अतः आवश्यकता नहीं है।
फसल ऋण वसूली में मनमानी
[सहकारिता]
148. ( क्र. 5384 ) श्री बाला बच्चन : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कारण है कि सहकारी बैंकों के फसल ऋण वसूली की तिथि 28 मार्च के स्थान पर 28 फरवरी कर दी गई है? कारण बताते हुए इस आदेश की छायाप्रति देवें। (ख) इस तिथि परिवर्तन के समस्त पत्राचार का विवरण देवें। पहले किसान द्वारा जमा ऋण राशि रिन्यूअल करके नवीन ऋण के रूप में उतनी ही राशि दी जाती थी लेकिन नवीन आदेश के तहत खरीफ एवं रबी की ऋण राशि पृथक-पृथक दी जायेगी ऐसा क्यों? कारण बतावें। (ग) क्या 28 फरवरी की सीमा तक जमा ऋण राशि का रिन्यूअल 1 अप्रैल के बाद होगा? यदि हाँ, तो तुरंत रिन्यूअल क्यों नहीं होगा? (घ) प्रश्नांश (क) अनुसार आदेश को कब तक वापस लेकर वसूली पूर्ववत् की जायेगी? यदि नहीं, तो क्यों? प्रश्नांश (ख) के आदेश कब तक वापस होकर पूर्ववत् व्यवस्था बनेगी?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) फसल ऋण वितरण कृषकों को फसल उत्पादन हेतु दिया जाता है तथा वसूली की तिथि फसल की कटाई उपरांत बाजार में आने की अवधि के आधार पर तय की जाती है, खरीफ मौसम की ड्यू डेट खरीफ फसल के बाजार में आने के आधार पर 28 मार्च के स्थान 28 फरवरी की गई थी। दिनांक 23.02.2017 को खरीफ फसल ऋण की ड्यू डेट 28 मार्च, 2017 की गई है। दोनों निर्देश की छायाप्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) अनुसार। किसान द्वारा सम्पूर्ण राशि जमा करने पर ऋण का रिन्यूअल नहीं कराया जाता है, बल्कि पात्रता अनुसार कृषक को नवीन ऋण उपलब्ध कराया जाता है। उत्तरांश (क) अनुसार फसल ऋण फसल उत्पादन हेतु दिया जाता है, इस कारण से खरीफ एवं रबी फसल हेतु पृथक-पृथक पात्रता अनुसार ऋण वितरण किया जाता है। (ग) जी नहीं, मौसम अनुसार वितरित ऋण राशि की वसूली देय तिथि पर जमा होने के पश्चात नवीन ऋण वितरण किया जाता है। (घ) दिनांक 23.02.2017 को खरीफ सीजन हेतु वितरित ऋण की देय तिथि 28 मार्च, 2017 कर दी गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
राशि का व्यय एवं फर्मों से संधारण
[लोक निर्माण]
149. ( क्र. 5386 ) श्री बाला बच्चन : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ठीकरी-बड़वानी मार्ग जो अत्यंत जर्जर अवस्था में है, कब तक नवीन मार्ग स्वीकृत किया जाएगा? समय-सीमा देवें। (ख) शाजापुर से ऊँची मार्ग व्हाया तालाब मार्ग कब तक स्वीकृत कर दिया जायेगा? (ग) ठीकरी बड़वानी मार्ग के संधारण पर दि. 01.01.14 से 31.01.17 तक कितनी राशि कब-कब व्यय की गई? किन फर्मों से संधारण कराया गया?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी नहीं। उक्त मार्ग राष्ट्रीय राज्य मार्ग घोषित हो चुका है 15 मार्च 2017 तक डी.पी.आर. तैयार होने की संभावना है, उसके पश्चात् स्वीकृति हेतु भारत सरकार नई दिल्ली को प्राक्कलन प्रेषित किया जावेगा। (ख) विभाग से संबंधित नहीं। (ग) ठीकरी से अंजड तक का भाग विभाग द्वारा संधारित किया गया विस्तृत जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'अ-1' अनुसार है।
राष्ट्रीय बागवानी मिशन के कार्य
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
150. ( क्र. 5391 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) महिदपुर वि.स. क्षेत्र में राष्ट्रीय बागवानी मिशन के तहत दि. 01.01.16 से 31.01.17 तक कितने प्रकरण किन कार्यों के लिए स्वीकृत किए गए? कार्य नाम, हितग्राही संख्या सहित देवें। (ख) कितने कार्य पूर्ण हैं? कितने अपूर्ण हैं? अपूर्ण कार्य कब तक पूर्ण होंगे? (ग) कितने प्रकरणों में भुगतान शेष है? यह कब तक कर दिया जायेगा?
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) महिदपुर विधानसभा क्षेत्र में प्रश्नाधीन अवधि में राष्ट्रीय बागवानी मिशन के तहत कराये गये कार्य की जानकारी निम्नानुसार है :-
कार्य का प्रकार |
स्वीकृत प्रकरण |
हितग्राही संख्या |
सब्जी क्षेत्र विस्तार |
620 |
620 |
मसाला क्षेत्र विस्तार |
157 |
157 |
वर्मी कम्पोस्ट यूनिट (HDPE BAG) |
25 |
25 |
प्लास्टिक मल्चिंग |
8 |
8 |
पैक हाउस |
1 |
1 |
(ख)
स्वीकृत
किये गये समस्त
कार्य पूर्ण
हो चुके हैं, कोई
भी कार्य
अपूर्ण नहीं
है। अत: शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (ग) किसी
भी प्रकरण का
भुगतान शेष
नहीं है। अत:
शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है।
बलराम तालाब में भ्रष्टाचार
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
151. ( क्र. 5393 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अता. प्र.क्र. 3699 दि. 29.07.16 के (क) उत्तर में वर्णित उपसंचालक, किसान कल्याण तथा कृषि विकास उज्जैन के प्रकरण में अद्यतन स्थिति बतावें। (ख) संयुक्त संचालक द्वारा गठित जाँच कमेटी ने क्या जाँच पूर्ण कर ली है? यदि हाँ, तो जाँच प्रतिवेदन का विवरण देवें। इस पर की गई कार्यवाही के विषय में भी बतावें। (ग) यदि नहीं, तो कब तक जाँच पूर्ण कर ली जावेगी? (घ) संदर्भित प्रश्न के (ग) उत्तर में वर्णित अधूरे बलराम तालाब कब तक पूर्ण कर लिए जाएंगे?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) अतारांकित प्रश्न क्रमांक 3699 दिनांक 29.7.2016 के (क) उत्तर में श्री अश्वनी कुमार झारिया, सहायक भूमि संरक्षण अधिकारी महिदपुर के प्रकरण में संयुक्त संचालक, किसान कल्याण तथा कृषि विकास उज्जैन संभाग को जाँच अधिकारी नियुक्त किया गया था। जाँच अधिकारी द्वारा जाँच पूर्ण कर ली गई है। (ख) जी हाँ। श्री अश्वनी कुमार झारिया, सहायक भूमि संरक्षण अधिकारी महिदपुर अनियमित आहरण के दोषी पाये गये हैं। इसके लिये श्री झारिया के आरोप पत्र तैयार किये गये हैं। कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ग) उत्तरांश (ख) अनुसार। (घ) संदर्भित अतारांकित प्रश्न क्रमांक 3699 के उत्तर (ग) में वर्णित कुल 23 बलराम तालाबों में से 7 हितग्राहियों के बलराम ताल पूर्ण कर लिये हैं जिन्हें द्वितीय किश्त का भुगतान कर दिया गया है। 6 हितग्राहियों ने आगे कार्य पूर्ण करने में असमर्थता व्यक्त की है एवं शेष 10 हितग्राहियों को बलराम ताल 20 मार्च 2017 तक पूर्ण करने की सूचना दी गई हैं। कार्य पूर्ण किये जाने के पश्चात् नियमानुसार मूल्यांकन उपरांत अनुदान राशि की द्वितीय किश्त का भुगतान डी.बी.टी. द्वारा कर दिया जावेगा।
विज्ञापन के नियम
[जनसंपर्क]
152. ( क्र. 5398 ) श्री कमलेश शाह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनसम्पर्क विभाग द्वारा साप्ताहिक, पाक्षिक, मासिक, त्रैमासिक पत्रिकाओं को नियमित रूप से विज्ञापन देने के लिए क्या नियम है? (ख) जनसम्पर्क विभाग द्वारा 1 जनवरी 2015 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में जिन साप्ताहिक, पाक्षिक, मासिक, त्रैमासिक पत्रों-पत्रिकाओं को नियमित विज्ञापन की सूची में शामिल किया गया। उनके नाम, संपादक, प्रकाशक के नाम पते सहित जानकारी उपलब्ध करायें। (ग) जनसम्पर्क विभाग द्वारा 1 जनवरी 2015 से प्रश्न दिनांक तक 49 हजार से ज्यादा राशि के विज्ञापन जिन स्मारिकाओं को जारी किये गये उन स्मारिकाओं के नाम, उपलब्ध करायें।
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) विज्ञापन नीति के अनुसार साप्ताहिक, पाक्षिक, मासिक, त्रैमासिक पत्रों-पत्रिकाओं को विज्ञापन दिये जाते है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।
होर्डिंग्स फर्मों को राशि का भुगतान
[जनसंपर्क]
153. ( क्र. 5399 ) श्री कमलेश शाह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परि.अता.प्र.क्र. 2832 दि. 26.07.16 में उल्लेखित होर्डिंग्स फर्मों को कितनी राशि का भुगतान किया गया? फर्म नाम, राशि सहित बतावें? इनके T.D.S. कटौत्रा की जानकारी भी देवें? (ख) प्रश्नांश (क) प्रश्न में जिन 150 मेगजीन को विज्ञापन देना दर्शाया उनके नाम, भुगतान राशि सहित देवें। (ग) इनके आर.ओ. पत्रक एवं T.D.S. कटौत्रा की जानकारी भी देवें। (घ) बिना T.D.S. कटौत्रा करे भुगतान करने वाले अधिकारियों के नाम, पदनाम सहित देवें।
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) इनके आर.ओ. पत्रक जारी किए गए एवं टी.डी.एस. काटा गया। (घ) प्रश्नांश (ग) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
तालाब एवं बैराज निर्माण
[जल संसाधन]
154. ( क्र. 5404 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के पत्र क्र.DN/398/MLA/KUKSHI/2016 दि. 04.06.2016 पर प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? विवरण देवें। (ख) क्या विभाग ने पत्र में उल्लेखित तालाब एवं बैराज निर्माण के लिए कोई कार्यवाही की है? यदि हाँ, तो विवरण देवे। (ग) यदि नहीं, तो कब तक स्वीकृति प्रदान की जावेगी?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (ग) मा. विधायक जी द्वारा उल्लेखित पत्र विभाग में प्राप्त होना नहीं पाये जाने से शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होते हैं।
जीर्ण-शीर्ण मार्ग
[लोक निर्माण]
155. ( क्र. 5413 ) श्रीमती पारूल साहू केशरी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या लोक निर्माण विभाग सागर को सुरखी विधान सभा क्षेत्र के कौन-कौन से और कहाँ-कहाँ के अत्यंत जर्जर एवं जीर्ण-शीर्ण मार्ग हैं, जिन्हें विभाग ने इस हेतु चिन्हित कर रखा है? इन मार्गों के सुधार अथवा निर्माण की कोई योजना विभाग के पास है? यदि हाँ, तो क्या? कब तक सुधार हो जावेगा? (ख) सुरखी विधान सभा क्षेत्र में 1 अप्रैल 2015 से प्रश्न दिनांक तक पी.डब्ल्यू.डी. विभाग अंतर्गत स्वीकृत किये गये किन-किन सड़क मार्गों के निर्माण हेतु टेंडर जारी किये जाकर ठेकेदार से अनुबंध किया जा चुका है? कार्य पूर्ण होने की क्या तिथि निर्धारित की गयी है? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार स्वीकृत शेष सड़क मार्गों के टेंडर कब तक लगा दिये जावेंगे?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) एवं (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण विभाग द्वारा स्वीकृत/पूर्ण कार्य
[लोक निर्माण]
156. ( क्र. 5420 ) पं. रमाकान्त तिवारी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण विभाग रीवा के कार्यादेश क्रमांक 4592, दिनांक 17.09.2013 द्वारा क्योटी-लालगाँव-कटरा मार्ग की स्वीकृति की गई थी, कार्यादेश की प्रति निविदाकार का नाम एवं कार्यादेश में कार्यपूर्णता अवधि क्या थी? (ख) क्या कार्यादेश में नियत कार्य पूर्णता अवधि में निविदाकार द्वारा संबंधित मार्ग में कोई कार्य नहीं किया था? (ग) यदि हाँ, तो मार्ग का कार्य एम.पी.आर.डी.सी. से कराये जाने के बाद 2016 में 2013 के कार्यादेश पर भुगतान क्यों किया गया? कारण बतायें। निविदाकार के जिन फर्जी देयकों का भुगतान किया गया है, उनका विवरण देवें? (घ) उपरोक्त फर्जी देयकों से किये गये भुगतान में क्या घोर भ्रष्टाचार हुआ है? यदि हाँ, तो इसमें कौन-कौन दोषी है? इनके विरूद्ध क्या कार्यवाही करेंगे?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। कार्यादेश की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। निविदाकार श्री नीरज द्विवेदी। कार्य पूर्णत: अवधि 2 माह (17.11.2013 तक) थी। (ख) जी हाँ। (ग) विभाग द्वारा दिनांक 21.09.14 को कार्य पूर्ण किया एवं विभागीय औपचारिकताओं के बाद दिनांक 19.07.2016 को भुगतान किया गया है। जाँच प्रचलन में होने से अभी बताना संभव नहीं। (घ) जाँच प्रचलन में होने से अभी बताया जाना संभव नहीं।
लोक निर्माण विभाग में कार्यरत उपयंत्रियों का सेवाकाल
[लोक निर्माण]
157. ( क्र. 5426 ) श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक निर्माण विभाग में वर्ष 2015 व 2016 में 10 वर्ष, 20 वर्ष व 28 वर्ष की सेवा कितने-कितने उपयंत्रियों ने पूर्ण की है? उनके नाम, दिनांक सहित विवरण देवें कि प्रश्न दिनांक तक इनके गोपनीय प्रतिवेदन प्राप्त हो चुके हैं या नहीं? (ख) इनमें से कितने उपयंत्रियों को समयमान वेतनमान दे दिया गया है तथा किन-किन उपयंत्रियों को समयमान वेतनमान नहीं दिया गया है? कारण सहित बतावें। (ग) जिन उपयंत्रियों के गोपनीय प्रतिवेदन विभाग को प्राप्त हो चुके हैं तथा समयमान वेतनमान की पात्रता प्राप्त कर चुके हैं, उनके आदेश न निकालने के लिये कौन-कौन दोषी हैं, नाम व पद सहित बतावें? (घ) समयमान वेतनमान कितने समय में जारी होने के विभाग/ सामान्य प्रशासन विभाग/वित्त विभाग के नियम है, प्रतिलिपि देते हुये बतावें कि विभाग द्वारा इन नियमों का पालन किया है या नहीं?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) प्रक्रिया प्रचलन में है। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब एवं 'स' अनुसार है। जी हाँ।
पट्टा वितरण में अनियमितता
[जल संसाधन]
158. ( क्र. 5435 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आयुक्त बाणसागर परियोजना के आदेश क्र.12/ दिनांक 15/11/2012 द्वारा अपर मुख्य सचिव म.प्र. शासन, जल संसाधन विभाग भोपाल के आदेश पृ.क्र.47 दिनांक 28/09/2010 के परिपालन में 14/10/2010 के बाद से सरपंचों को पट्टा वितरण के निर्देश जारी किये गए थे? (ख) यदि हाँ, तो 14/10/2010 के बाद से आज दिनांक तक बाणसागर परियोजना द्वारा कितने पात्र विस्थापितों को आवासीय भू-खण्ड उपलब्ध कराये गए? (ग) क्या आदर्श ग्राम न्यू रामनगर में एक व्यक्ति को दो से तीन पट्टे दिए गए हैं जबकि शासन के स्पष्ट निर्देश हैं कि एक विस्थापित व्यक्ति को एक ही पट्टा का आवंटन होगा, परन्तु विभाग के यूनिट क्र.6 के भू-अर्जन अधिकारी अभयलाल मिश्रा/हरीश त्रिवेदी लेखापाल द्वारा ऐसे सैकड़ों लोगों से मोटी रकम ले कर दो से तीन पट्टे दे दिए गए, नाम सहित जानकारी देवें। (घ) क्या दिनांक 14/10/2010 के बाद प्रश्नांश (क) में वर्णित आदेश के तहत सभी परिसंपत्तियां प्लाट आवंटन सहित ग्राम पंचायतों को सौंप दी गई थी? यदि हाँ, तो किस आदेश के तहत तथा उक्त आदेश के बाद क्या प्लाट आवंटित किये गए? क्या हरीश त्रिवेदी लेखापाल प्लाट आवंटन के प्रभारी हैं? क्या इनके विरुद्ध गंभीर शिकायतें कई बार होने के बाद भी अभी तक कार्यवाही क्यों नहीं की गई और न ही किसी तरह की जाँच कराई गई? जाँच कराकर दोषियों के विरुद्ध कब तक कार्यवाही की जावेगी?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (ग) जी हाँ। विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। जी नहीं। अत: शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होते हैं। (घ) जी हाँ। दिनांक 15.11.2012 के उपरांत प्रशासक, भू-अर्जन एवं पुनर्वास अथवा इनके अधीनस्थ भू-अर्जन अधिकारियों द्वारा प्लॉट आवंटन नहीं किया गया है। अत: शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होते हैं।
समर्थन मूल्य पर किसानों से धान/गेहूँ खरीदी
[सहकारिता]
159. ( क्र. 5436 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सतना जिले की विकास खण्ड अमरपाटन अंतर्गत जिला केन्द्रीय सहकारी बैंक के अधीनस्थ सेवा सहकारी समिति मर्यादित देवरी द्वारा वर्ष 2015-16 में समर्थन मूल्य पर धान/गेहूँ की खरीदी पंजीकृत किसानों से की गई थी? (ख) यदि हाँ, तो क्या समिति प्रबंधक द्वारा 15 किसानों की राशि का आहरण संस्था के खाते से कर लिए जाने के बावजूद संबंधित 15 किसानों में से दो किसानों को पूरा भुगतान कर दिया गया किन्तु 13 अन्य किसानों को लगभग रूपये 11,35000 का भुगतान नहीं किया गया क्यों? क्या संबंधित पीड़ित किसानों द्वारा सी.एम. हेल्प लाइन के साथ कलेक्टर सतना से शिकायत करने के बावजूद आज दिनांक तक भुगतान न करने के क्या कारण हैं? (ग) क्या उक्त किसानों की परेशानियों को लेकर भारतीय किसान यूनियन द्वारा जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक के महाप्रबंधक और प्रभारी उपायुक्त सहकारी संस्थाएं एस.एम. त्रिपाठी को ज्ञापन सौंपा गया है? यदि हाँ, तो दोषी सेवा सहकारी समिति मार्यादित देवरी के प्रबंधक को कब तक निलंबित करते हुए पीड़ित किसानों की बकाया राशि का भुगतान करा दिया जाएगा? यदि हाँ, तो कब तक? समय-सीमा बताएँ।
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ। (ख) सेवा सहकारी समिति मर्यादित देवरी के तत्कालीन सहायक समिति प्रबंधक रामलोटन तिवारी द्वारा बैंक शाखा अमरपाटन से समर्थन मूल्य गेहूँ की राशि रूपये 11,35,000.00 का कैश क्रेडिट गेहूँ से आहरण कर गबन कर लिये जाने के कारण। उक्तानुसार। (ग) जी नहीं वरन् संस्था के तत्कालीन प्रशासक द्वारा गबन, गड़बडि़यों एवं वित्तीय अनियमितताओं के कारण आदेश क्रमांक 2016/06 दिनांक 22.11.2016 से सहायक प्रबंधक रामलोटन तिवारी को निलंबित किया गया है, किसानों की बकाया राशि का भुगतान शीघ्र करा दिया जायेगा।
ग्राम बीज योजना की जानकारी
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
160. ( क्र. 5449 ) श्री चन्द्रशेखर देशमुख : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला बैतूल में सब मिशन ऑन सीड एण्ड प्लांटिंग मटेरियल अंतर्गत बीज ग्राम योजना कब से संचालित है? विकासखण्ड मुलताई में विगत तीन वर्षों में कितने बीजग्राम चयनित किये गये? इन ग्रामों में कितना-कितना बीज वितरण किया गया? राशि के साथ ग्रामवार एवं वर्षवार बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार दिये गये बीजग्रामों में कौन-कौन से बीज किस-किस समिति/फर्म का वितरित किया गया? फर्म/समिति का नाम व पता दें। (ग) उक्त बीजग्राम योजना में इन बीजों पर कितना-कितना अनुदान शासन द्वारा दिया जाता है? प्रश्नांश (ख) के अनुसार वितरित बीज परीक्षण किया गया था? यदि हाँ, तो परीक्षण संस्थान का नाम बतायें? (घ) प्रश्नांश (ग) के अनुसार यदि बीजों का परीक्षण किया गया था तो गुणवत्ता विहिन एवं मिश्रित बीज किसानों को उक्त ग्रामो में कैसे वितरित किये गये? कारण स्पष्ट करें। इस तरह गुणवत्ता विहिन एवं मिश्रित बीज किसानों को वितरित करने वाली समिति/फर्मों के विरुद्ध शासन द्वारा कब तक कार्यवाही की जायेगी? इन समिति/फर्मों पर कार्यवाही न करने वाले अधिकारियों के विरुद्ध शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जिला बैतूल में सब मिशन ऑन सीड एण्ड प्लांटिंग मटेरियल अंतर्गत बीज ग्राम कार्यक्रम वर्ष 2014-15 से संचालित हैं। विकासखंड मुलताई में विगत तीन वर्षों में चयनित एवं बीज वितरण संबंधी ग्रामवार एवं वर्षवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) बीज ग्राम योजनांतर्गत अनाज एवं दलहनी/तिलहनी फसलों के बीज वितरण पर प्रति हितग्राही प्रति एकड़ हेतु बीज की कीमत का क्रमश: 50 प्रतिशत एवं 60 प्रतिशत अनुदान का प्रावधान था। बीज परीक्षण एवं परीक्षण संस्थान संबंधी जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) प्रश्नांश (ग) के अनुसार बीजग्राम योजनान्तर्गत वितरित बीज के गुणवत्ता विहीन एवं मिश्रित बीज के संबंध में किसानों द्वारा कोई शिकायत प्राप्त होना प्रतिवेदित नहीं हुई। अत: समिति/फर्म एवं अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही करने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
लघु, मध्यम एवं वृहद सिंचाई परियोजना का सर्वेक्षण
[जल संसाधन]
161. ( क्र. 5459 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धरमपुरी विधानसभा क्षेत्र में विगत तीन वर्षों में लघु, मध्यम एवं वृहद सिंचाई परियोजना की विभाग द्वारा कराये गये, सर्वेक्षण में कौन-कौन सी योजनाऐं साध्य पाई गई हैं? (ख) साध्य परियोजना में किन-किन को बजट आवंटित किया गया एवं किन-किन योजनाओं में कार्य प्रारंभ कर दिया गया है? वर्तमान में कार्य की क्या स्थिति है? कार्यपूर्ण योजनाओं से कितने हेक्टेयर कृषि भूमि सिंचित हो रही है? परियोजनावार जानकारी उपलब्ध करावें?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) विधान सभा क्षेत्रांतर्गत विगत 03 वर्षों में 01 मध्यम एवं 01 लघु सिंचाई परियोजना क्रमश: कारम मध्यम तथा दुर्गापुरा तालाब साध्य पाई गई। (ख) दुर्गापुरा तालाब परियोजना के लिए बजट आवंटित किया गया है, निर्माण हेतु एजेंसी निर्धारित हैं, कार्य प्रारंभ नहीं किया गया है। कारम मध्यम परियोजना के लिए आवंटन उपलब्ध है। डूब में आ रही वनभूमि के निराकरण पश्चात् निविदा आमंत्रित की जा सकेगी। कार्य पूर्ण योजनाओं से 6,671 हे. भूमि सिंचित हो रही है। परियोजनावार विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
सडकों का पुनः डामरीकरण कार्य
[लोक निर्माण]
162. ( क्र. 5460 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धरमपुरी विधानसभा क्षेत्र में लोक निर्माण विभाग एवं म.प्र. सड़क विकास निगम की कौन-कौन सी एवं कुल कितनी सडकें हैं? जानकारी पृथक-पृथक सूची सहित उपलब्ध कराई जावे। (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित सड़कों पर 01 अपैल 13 से प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्य, कितनी-कितनी राशि से, किन-किन निर्माण एजेंसियों द्वारा कराये गये? (ग) वर्तमान में किन-किन सडकों के पुनः डामरीकरण या अन्य कार्यों के लिये टेण्डर किये जा चुके हैं? निर्माण एजेंसी के नाम सहित लागत राशि, कार्य के विवरण सहित जानकारी उपलब्ध करावे। (घ) क्या, ब्राहम्णपुरी से धानी, चंदावड से धामनोद, सुन्दे्रल से धामनोद, धेगदा से भवानिया बुजुर्ग, रोड के पुनः डामरीकरण के लिये टेण्डर हुए है? यदि हाँ, तो विवरण सहित जानकारी उपलब्ध करावें? यदि नहीं, तो कब तक इन रोडों का पुनः डामरीकरण करवाया जावेगा? समयावधि बतावें?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ', 'अ-2' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ-1', 'ब-1' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' एवं 'ब-1' अनुसार है। (घ) ब्राहम्णपुरी से धानी (होटल प्लाश) मार्ग पेगदा से भुवानिया बुजर्ग मार्ग पी.एम.जी.एस.वाई. से संबंधित है। प्राप्त जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। चंदावड से धामनोद मार्ग एवं सुन्द्रेल से धामनोद मार्ग की कोई निविदा आमंत्रित नहीं की गई है, शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
उद्यानिकी विभाग द्वारा संचालित केन्द्र
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
163. ( क्र. 5481 ) श्री जालम सिंह पटेल : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नरसिंहपुर जिले में उद्यानिकी विभाग द्वारा कौन-कौन से केन्द्र संचालित किये जा रहे हैं? (ख) विगत 2 वर्ष में कितने किसानों को विभाग द्वारा किस-किस योजना के तहत लाभ दिया गया है? (ग) विगत 2 वर्ष में नरसिंहपुर जिले में कितने पाली हाउस एवं अन्य योजना का लाभ दिया गया है? (घ) उक्त योजना से कितने किसान लाभान्वित हुए है? विधान सभावार जानकारी प्रदान करें।
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) एवं (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है।
शून्य प्रतिशत ब्याज का लाभ
[सहकारिता]
164. ( क्र. 5495 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला राजगढ़ की जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक की सहकारी समितियों के माध्यम से वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक कितने किसानों को शून्य प्रतिशत ब्याज का लाभ एवं 10 प्रतिशत का लाभ प्रदाय किया गया? समितिवार लाभान्वित किये गये किसानों की संख्यात्मक जानकारी से अवगत करावें। (ख) प्रश्नांश (क) अंतर्गत प्रश्न दिनांक तक कितने किसान शेष रहे? लाभ नहीं लेने का कारण स्पष्ट करें। लाभ लेने की अवधि क्या है?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) वर्ष 2015-16 की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है तथा वर्ष 2016-17 में खरीफ 2016 की ड्यू डेट 28 मार्च तथा रबी 2016-17 की ड्यू डेट 15 जून होने से लाभान्वित किसानों की जानकारी दी जाना संभव नहीं। (ख) वर्ष 2015-16 की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है तथा वर्ष 2016-17 में खरीफ 2016 की ड्यू डेट 28 मार्च तथा रबी 2016-17 की ड्यू डेट 15 जून होने से योजना के लाभ हेतु शेष रहे किसानों की जानकारी दी जाना संभव नहीं। अल्पावधि फसल ऋण की अदायगी ड्यू डेट तक नहीं करने के कारण योजनाओं का लाभ नहीं दिया गया है। लाभ लेने हेतु कृषकों द्वारा लिये गये फसल ऋण की अदायगी ड्यू डेट के पूर्व किया जाना आवश्यक है।
रेस्ट हाउस में अतिरिक्त सूट निर्माण
[लोक निर्माण]
165. ( क्र. 5517 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 3328 दिनांक 29 फरवरी 2016 के उत्तर में बताया गया था कि ब्यावरा रेस्ट हाउस के द्वितीय तल पर अतिरिक्त सूट निर्माण हेतु मान. उच्च न्यायालय के न्यायालय इन्दौर, ग्वालियर, मान. विधायक एवं कलेक्टर राजगढ़ के निर्देश पर प्राक्कलन कार्यपालन यंत्री राजगढ़ द्वारा प्रस्तुत किया गया। प्रस्ताव वर्तमान में परीक्षणाधीन है? क्या प्रश्नकर्ता द्वारा दिनांक 31 जनवरी 2017 को ब्यावरा नगर में एन.एच.ए.आई. के फोर-लेन भूमि पूजन कार्यक्रम एवं जिला स्तरीय अंत्योदय मेले में माननीय मुख्यमंत्री जी, माननीय लोक निर्माण मंत्री जी को पत्र सौंपकर शीघ्र अतिरिक्त सूट निर्माण कार्य की मांग की गई है? यदि हाँ, तो उक्त संबंध में प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? (ख) उपरोक्तानुसार क्या शासन ब्यावरा रेस्ट हाउस के द्वितीय तल पर अतिरिक्त सूट निर्माण कार्य की स्वीकृति प्रदान करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। प्रस्ताव परीक्षणाधीन है। (ख) प्रस्ताव परीक्षणाधीन है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं।
प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति द्वारा की गई अनियमितता पर कार्यवाही
[सहकारिता]
166. ( क्र. 5518 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले की विधानसभा क्षेत्र ब्यावरा के अंतर्गत वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक किस-किस प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति के विरूद्ध क्या शिकायतें, किस स्तर पर प्राप्त हुईं? प्रश्न दिनांक तक प्राप्त शिकायतों पर कब-कब, क्या-क्या कार्यवाही किन-किन के द्वारा की गई? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में कौन-कौन सी शिकायतें सत्य पायी जाने पर किन-किन समिति प्रबंधकों के विरूद्ध क्या कार्यवाही प्रश्न दिनांक तक की गई? (ग) क्या प्राथमिक कृषि सहकारी साख समिति गांगाहोनी के समिति प्रबंधक के विरूद्ध ग्राम खेजड़ा महाराजा के कृषक मोतीलाल-गोपीलाल एवं ग्राम नांदनपुर के कृषक मोरसिंह-करणसिंह द्वारा माह जनवरी एवं फरवरी 2017 में कलेक्टर राजगढ़ एवं उपपंजीयक सहकारिता को शिकायत की गई कि संस्थाओं के वर्षों पूर्व खाते बंद हो जाने के बाद भी समिति प्रबंधक द्वारा उनके नाम से फर्जी तरीके से अंगूठे, हस्ताक्षर कर खाद बीज की निकासी की जा रही है? यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक कृषकों की शिकायतों पर क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो कब तक? समिति प्रबंधक के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ, शिकायतकर्ता श्री मोतीलाल पिता श्री गोपीलाल निवासी खेजड़ा महाराजा के पुत्र श्री देवी सिंह द्वारा की गई शिकायत सत्य पाई गई। प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्था मर्या., गंगाहोनी के प्रभारी संस्था प्रबंधक श्री हरिगिर गोस्वामी के विरूद्ध कार्यवाही हेतु उपायुक्त सहकारिता जिला राजगढ़ द्वारा जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्या., राजगढ़ को लिखा गया है। श्री मौर्य सिंह, पिता करण सिंह निवासी नादंनपुरा की शिकायत की जाँच करायी। जाँच उपरांत शिकायतकर्ता के संतुष्ट होने पर शिकायत नस्तीबद्ध की गई।
रोड निर्माण की प्रशासकीय स्वीकृति
[लोक निर्माण]
167. ( क्र. 5539 ) श्री कैलाश चावला : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत 5 वर्षों में नीमच जिले के रोड़ निमार्ण के कितने प्राक्कलन विभिन्न स्तर पर स्वीकृति हेतु भेजे गए हैं। उनमें से कितनों को तकनीकी स्वीकृति दी गई है और उनमें से कितनों की प्रशासकीय स्वीकृति दी गई है? (ख) इनमें से कितने प्रस्ताव ऐसे हैं जो मुख्यमंत्री जी की घोषणाओं में सम्मिलित है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) 47 प्रस्ताव। 47 प्रस्ताव। 25 प्रस्ताव। (ख) केवल 01 प्रस्ताव।
सूक्ष्म सिंचाई परियोजना
[जल संसाधन]
168. ( क्र. 5540 ) श्री कैलाश चावला : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गांधी सागर बांध से मनासा-नीमच विधानसभा क्षेत्र के माइक्रो इरीगेशन स्कीम का सर्वे कर जिला स्तर से मुख्य अभियंता, नर्मदा ताप्ती कछार इंदौर की ओर कब भेजा गया? (ख) उसकी तकनीकी स्वीकृति कब प्रदान की गई। इस योजना से कितने क्षेत्र की सिंचाई प्रस्तावित है। योजना कब तक स्वीकृत की जावेगी?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) गांधी सागर बांध से टोपोशीट के अध्ययन के आधार पर रामपुरा-मनासा सूक्ष्म सिंचाई परियोजना का डी.पी.आर. अधीक्षण यंत्री द्वारा दिनांक 25.11.2016 को मुख्य अभियंता, नर्मदा ताप्ती कछार, इंदौर की ओर भेजा गया। (ख) योजना की तकनीकी स्वीकृति प्रदान नहीं की गई है। योजना की प्रथम स्तरीय डी.पी.आर. का परीक्षण मुख्य अभियंता, बोधी द्वारा किया जा रहा है। योजना से क्षेत्र की 40,000 हे. भूमि में सिंचाई प्रस्तावित है। डी.पी.आर. का परीक्षण पूर्ण न होने से स्वीकृति की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
जलाशय की नहरों में लाइनिंग कार्य
[जल संसाधन]
169. ( क्र. 5572 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सर्वे संभाग बालाघाट द्वारा विषयांकित खराडी जलाशय से सिंचाई हेतु बनी नहरों पर लाइनिंग का प्रस्ताव विभाग को भेजा है? राशि तथा प्राक्कलन भेजने की तिथी अनुसार जानकारी दें? (ख) उक्त प्राक्कलन अधीक्षण यंत्री जल संसाधन मण्डल बालाघाट में कब से लंबित है? क्या यह प्राक्कलन प्रमुख अभियंता कार्यालय भोपाल को प्राप्त हो चुका है? (ग) विषयांकित जलाशय के द्वारा सिंचित की जाने वाले खेतों में विशेषकर टेल पोरसन में सिंचाई में होने वाली असुविधा को देखते हुए लाइनिंग के कार्य को कब तक स्वीकृत कर दिया जायेगा?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी नहीं। कार्यपालन यंत्री द्वारा रू.1160.20 लाख का प्राक्कलन दिनांक 22.09.2015 को अधीक्षण यंत्री, जल संसाधन मण्डल, बालाघाट को भेजा गया। (ख) अधीक्षण यंत्री द्वारा दिनांक 07.11.2015 को प्राक्कलन में पाई गई त्रुटियों का निराकरण करने एवं नवीन एकीकृत दर सूची पर तैयार करने हेतु पुन: कार्यपालन यंत्री को वापिस किया गया। जी नहीं। (ग) प्राक्कलन संभाग स्तर पर रचनाधीन होने से स्वीकृति की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
गेहूँ तथा चने का उत्पादन
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
170. ( क्र. 5573 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बालाघाट जिले में विगत पाँच वर्षों में रबी के सीजन में उत्पादित गेहूँ तथा चने के उत्पादन की जानकारी वर्षवार, विकासखण्ड अनुसार उपलब्ध करावें। (ख) विगत तीन वर्षों में बालाघाट जिले के कृषकों द्वारा सहकारी सोसायटियों से गेहूँ तथा चने के बीज क्रय करने संबंधी जानकारी वर्तमान वर्ष सहित विकासखण्ड अनुसार उपलब्ध करावें। (ग) क्या बालाघाट जिले की मिट्टी रबी में गेहूँ तथा चने के लिए उपयुक्त नहीं होने के बावजूद कृषकों को रबी में गेहूँ तथा चना लगाने हेतु प्रोत्साहित किया जाता है जबकि जिले में किसान केवल अपनी निजी आवश्यकता के अनुसार ही गेहूँ तथा चने की खेती करता है?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) बालाघाट जिले में विगत पाँच वर्षों में रबी के सीजन में उत्पादित गेहूँ एवं चना के उत्पादन की जानकारी वर्षवार विकासखण्डवार गेहूँ उत्पादन की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है एवं चना उत्पादन की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (ख) बालाघाट जिले में जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित बालाघाट से सहकारी समितियों द्वारा विगत् तीन वर्षों में कृषकों को गेहूँ एवं चना बीज का वितरण किया गया है, जिसकी जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन अनुसार है। (ग) बालाघाट जिले की मिट्टी गेहूँ एवं चना के लिये उपयुक्त है।
समिति प्रबंधकों के विरूद्ध कार्यवाही
[सहकारिता]
171. ( क्र. 5580 ) श्रीमती शीला त्यागी : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले के सेवा सहकारी समिति कोनीकला, रायपुर सोनौरी, चाकघाट, सिरमौर, सोहरवा, सगरा, गंगेव, मनगवां एवं कंदैला में वर्ष 2012 से प्रश्न दिनांक तक कितने कृषकों को कितना-कितना कृषि ऋण, रवि एवं खरीफ फसल के लिए दिया गया है? (ख) यदि प्रश्नांश (क) के संदर्भ में देय कृषि ऋण पर शासन द्वारा निर्धारित अंश पूंजी जमा नहीं कराई गई अथवा पात्रता से कम भूमि पर अधिक ऋण दिया गया है, तो कौन-कौन दोषी है? उन पर कब क्या कार्यवाही की जावेगी? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में नियम विरूद्ध कृषि ऋण वितरण में क्या अध्यक्ष, समिति प्रबंधक, शाखा प्रबंधक एवं सुपरवाईजर दोषी हैं? यदि हाँ, तों क्या दोषियों से अंश पूंजी की राशि जमा करायेंगे? यदि हाँ, तो कितनी राशि जमा कराई जावेगी? समितिवार, अधिकारीवार, अंश पूंजी की राशि अंकित कर सूची देवें। (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में कृषकों द्वारा देय ऋण राशि पर अंश पूंजी के अनुपात में राशि जमा कराकर दोषी अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध दण्डात्मक कार्यवाही करते हुये कब तक एफ.आई.आर. दर्ज करा दी जावेगी?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) संबंधित समितियों द्वारा कृषि ऋण के अनुपात में अंशपूंजी जमा करायी गई है। पात्रता से कम भूमि पर अधिक ऋण दिये जाने का कोई प्रकरण प्रकाश में नहीं आया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होते। (ग) एवं (घ) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जल बहाव द्वारा लोनी बांध को जोड़ना
[जल संसाधन]
172. ( क्र. 5581 ) श्रीमती शीला त्यागी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले के बाणसगर परियोजना के टोन्स हाईडल प्रोजेक्ट सिरमौर के विद्युत उत्पादन पश्चात् जल बहाव बाणसागर परियोजना द्वारा लोनी बांध सूती से जोड़ने का प्रस्ताव कब स्वीकृत किया गया है। स्वीकृत प्रस्ताव एवं परियोजना के डी.पी.आर. की प्रति देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में उक्त परियोजना में कितने गाँव लाभान्वित करने हेतु सम्मिलित किये गये हैं? अर्जित की जाने वाली भूमि का मुआवजा क्या वितरित किया जा चुका है? यदि हाँ, तो ग्रामवार, कृषक संख्यावार जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में कितने गाँव सिंचित करने के लिए प्रस्तावित हैं, प्रस्तावित क्षेत्रफल की जानकारी हेक्टेयरवार, ग्रामवार सूची देवें। (घ) प्रश्नांश (क) (ख) एवं (ग) के संदर्भ में कार्य क्या समय-सीमा एवं डी.पी.आर. के अनुसार पूर्ण नहीं किया गया है? यदि हाँ, तो इसके लिए कौन जिम्मेदार है? वर्तमान में उक्त परियोजना की क्या स्थिति है? जिम्मेदार दोषी अधिकारियों के विरूद्ध कब, क्या दण्डात्मक कार्यवाही की जावेगी।
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (घ) टोन्स हाईडल प्रोजेक्ट सिरमौर के विद्युत उत्पादन पश्चात् जल बहाव द्वारा लोनी बांध (सूती) को जोड़ने का कोई प्रस्ताव स्वीकृत नहीं हुआ है। अत: शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होते हैं।
राज्य मार्ग पर टोल टैक्स
[लोक निर्माण]
173. ( क्र. 5587 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राज्य मार्ग-41 के आष्टा से पचोर के बीच में टोल लगाया गया है? यदि हाँ, तो किस दिनांक से किन-किन स्थानों पर? गजट नोटिफिकेशन की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित राज्य मार्ग पर कंपनी को टोल वसूली सड़क मरम्मत के बाद प्रारंभ करना थी या पहले? क्या कंपनी के साथ विभाग का अनुबंध हुआ है? यदि हाँ, तो प्रति उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित राज्य मार्गों पर टोल टैक्स लगाने पर कंपनी द्वारा मार्ग पर अनुबंध अनुसार क्या-क्या मरम्मत कार्य कराये गए? इन कार्यों का निरीक्षण सक्षम अधिकारी द्वारा कब किया गया?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। सी.ओ.डी. दिनांक 07.11.2016 से पचोर से शुजालपुर के बीच। कि.मी. 14+855 एवं शुजालपुर से आष्टा के बीच में कि.मी. 80+375 पर लगाया गया है। गजट नोटिफिकेशन की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''क'' अनुसार है। (ख) प्रश्नांक (क) में उल्लेखित राजमार्ग पर कम्पनी को सी.ओ.डी. दिनांक से मरम्मत के साथ टोल वसूली का प्रावधान है। जी हाँ। अनुबन्ध की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ख'' अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित पचौर-आष्टा मार्ग लम्बाई 80.00 कि.मी. में से 64.00 कि.मी. मार्ग में पेंच रिपेयर कार्य कर दिया गया है, शेष 16.00 कि.मी. में कार्य प्रगतिरत है। पचौर-आष्टा ओ.एम.टी. मार्ग का निरीक्षण सहायक महाप्रबंधक, म.प्र. सड़क विकास निगम, शुजालपुर द्वारा निम्नानुसार दिनांक में किया गया हैः- 01.11.2016, 04.11.2016, 11.11.2016, 12.11.2016, 16.11.2016, 17.11.2016, 01.12.2016, 02.12.2016, 13.12.2016, 16.12.2016, 17.12.2016, 29.12.2016, 12.01.2017,13.01.2017, 27.01.2017, 04.02.2017 एवं 08.02.2017.
सब्जी मंडियों में आढ़त प्रथा
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
174. ( क्र. 5589 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में किस-किस कृषि उपज मंडी समितियों द्वारा सब्जी मंडिया संचालित की जा रही हैं? इनमें मंडी शुल्क कितना प्रतिशत लिया जाता है? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित सब्जी मंडिया क्या मध्यप्रदेश मंडी अधिनियम के अंतर्गत ही संचालित होती है? यदि हाँ, तो मंडी अधिनियम में आढ़त प्रथा कब से बंद है? (ग) क्या सब्जी मंडियों में आज भी आढ़त प्रथा चल रही है? यदि हाँ, तो किन-किन सब्जी मंडियों में? किस नियम के तहत।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। प्रदेश की कृषि उपज मंडी समितियों के मंडी प्रागंण में मंडी अधिनियम,1972 में अधिसूचित सब्जी के क्रय-विक्रय पर क्रेता व्यापारी से प्रत्येक सौ रूपये पर दो रूपये के मान से मंडी फीस ली जाती है। (ख) जी हाँ। मंडी अधिनियम के तहत फल सब्जी को छोड़कर दिनांक 21.07.1986 से आढ़त बंद है। किंतु मण्डियों में फल-सब्जी विपणन के लिये लागू उपविधि सन् 2000 की कंडिका 5 की उपकंडिका 4 के अनुसार फल अथवा सब्जी के क्रय विक्रय पर कमीशन एजेंट द्वारा फल सब्जी के विक्रय मूल्य का दो प्रतिशत की दर से कमीशन नियोक्ता व्यापारी से प्राप्त किया जावेगा। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता है।
प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजनांतर्गत कार्यों का अनुमोदन
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
175. ( क्र. 5596 ) श्री दिलीप सिंह शेखावत : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले में प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के अर्न्तगत कितने कार्यों का अनुमोदन जिला योजना समिति के द्वारा किया गया है। इसमें प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र नागदा-खाचरौद के अर्न्तगत कितनी सिंचाई योजनाओं को सम्मिलित किया गया है? (ख) कार्य के नाम व स्थान सहित जानकारी उपलब्ध करावें। यदि योजना नहीं बनी है, तो क्यों? योजना कब तक बना ली जावेगी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजनांतर्गत उज्जैन जिले के विभिन्न संबंधित विभागों के 673706 कार्यों का अनुमोदन माननीय प्रभारी मंत्री जी से प्राप्त हो चुका है। जिला योजना समिति से अनुमोदन प्राप्त होने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। विधानसभा क्षेत्र नागदा-खाचरौद के अंतर्गत 7 सिंचाई योजनाओं को जिले की डी.आई.पी. में सम्मिलित किया गया है। (ख) जिले की योजना (डी.आई.पी.) तैयार की जा चुकी है। कार्यों के नाम व स्थान सहित जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
श्रृंखलाबद्ध स्टॉप डेम का निर्माण
[जल संसाधन]
176. ( क्र. 5597 ) श्री दिलीप सिंह शेखावत : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बागेडी नदी पर श्रृंखला बद्ध स्टॉप डेम निर्माण हेतु माननीय मुख्यमंत्री महोदय ने दिनांक 26.04.15 को ग्राम बुरानाबाद में प्रवास के दौरान घोषणा की थी, की बागेडी नदी पर ग्राम पाडसुतिया एवं भिकमपुर में श्रृंखला बद्ध स्टॉप डेम का निर्माण शीघ्र ही कराया जावेगा, क्या इसके पालन में विभाग द्वारा कार्यवाही प्रारम्भ कर दी गयी थी। (ख) उक्त स्टॉप डेमों के निर्माण की वर्तमान में क्या स्थिती है? ये कब तक स्वीकृत हो जावेंगे?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। पाडसुतिया एवं भीकमपुर बैराज की साध्यता स्वीकृति आदेश दिनांक 08.12.2016 को निर्गत किए गये। दोनों परियोजनाओं का सर्वेक्षण कार्य पूर्ण होकर डी.पी.आर. रचनाधीन होने से स्वीकृति की समय-सीमा बतलाया जाना संभव नहीं है।
लोक निर्माण विभाग के अधीन शासकीय भवन की जानकारी
[लोक निर्माण]
177. ( क्र. 5605 ) श्री मुकेश पण्ड्या : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़नगर विधानसभा में ऐसे कितने शासकीय भवन हैं, जो लोक निर्माण विभाग के अधीन हैं? (ख) इनमें से ऐसे कितने भवन हैं जो जीर्ण-शीर्ण अवस्था में है? (ग) ऐसे भवनों के सुधार कार्य और पुर्नः निर्माण की क्या प्रक्रिया है तथा ऐसे जीर्ण-शीर्ण भवनों के लिये विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) 142 शासकीय भवन है। (ख) 01 भवन। (ग) भवन सुधार योग्य नहीं है। अत: कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है।
तालाबों की जमीन पर अतिक्रमण
[जल संसाधन]
178. ( क्र. 5607 ) श्री मुकेश पण्ड्या : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़नगर विधानसभा क्षेत्र में कितने तालाब हैं? इनमें से कितने तालाब शासकीय तथा कितने निजी हैं? (बलराम तालाब को जोड़कर) (ख) शासकीय तालाबों में ऐसे कितने तालाब हैं जो जीर्ण-शीर्ण हो चुके हैं और अब उनमें बरसात का पानी का रूकाव नहीं के बराबर होता है? (ग) ऐसे कितने तालाब हैं जिनकी जमीन पर अतिक्रमण कर लोगों के द्वारा निजी उपयोग किया जा रहा है तथा इस संदर्भ में शासन क्या कार्यवाही कर रहा है?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) विधान सभा क्षेत्रांतर्गत कुल 213 तालाब हैं, इनमें से 134 शासकीय तालाब एवं 79 (बलराम तालाब सहित) तालाब निजी हैं। (ख) शासकीय तालाबों में से 27 तालाब जीर्ण-शीर्ण हो चुके हैं, जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) किसी भी तालाब की जमीन पर अतिक्रमण कर लोगों द्वारा निजी उपयोग नहीं किया जा रहा है। अत: शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
सड़कों की स्वीकृति के प्रस्ताव
[लोक निर्माण]
179. ( क्र. 5608 ) श्री मुकेश पण्ड्या : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पिछले 3 वर्षों में बड़नगर विधानसभा क्षेत्र की कितनी सड़कों की स्वीकृति के प्रस्ताव विभाग को प्राप्त हुए है? (ख) इन प्रस्तावों पर अभी तक क्या कार्यवाही की गई है? कितने प्रस्ताव शासन द्वारा मंजूर किये गये है? कितने शेष हैं? (ग) जो प्रस्ताव शेष हैं, उन पर कब तक कार्यवाही पूर्ण करके उन मार्गों के निर्माण की स्वीकृति प्रदान की जावेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) 12 प्रस्ताव। (ख) 02 प्रस्ताव स्वीकृत। (1) बडनगर-सुन्दराबाद खरसौदकला-उन्हेल मार्ग एवं सुन्दराबाद-रूनीजा-खाचरौद एवं (2) रूनीजा से सतरूण्डा मार्ग स्वीकृत है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
ड्रिप इरिगेशन योजना की जानकारी
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
180. ( क्र. 5609 ) श्री मुकेश पण्ड्या : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग द्वारा ड्रिप इरिगेशन के संदर्भ में अनुदान दिया जाता है? यदि हाँ, तो कितना अनुदान प्रदान किया जाता है? (ख) पिछले 3 वर्षों में बड़नगर विधानसभा क्षेत्र के कितने कृषकों को ड्रिप इरिगेशन योजना के अंतर्गत अनुदान प्रदान किया गया है? ग्रामवार कृषक संख्या की जानकारी प्रदान करें। (ग) प्रश्नांश (ख) अवधि में ऐसे कितने कृषक हैं जिन्होंने इस योजना में अनुदान का लाभ लेने के लिये आवेदन दिया है?
ज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) जी हाँ। प्रश्नांश के शेष भाग की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) पिछले तीन वर्षों में बड़नगर विधानसभा क्षेत्र में कृषकों को ड्रिप इरिगेशन योजना अंतर्गत अनुदान प्रदाय की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) जानकारी उत्तरांश (ख) के संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।
कृषक प्रशिक्षण प्रदर्शनी मेला एवं प्रचार-प्रसार की संख्या
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
181. ( क्र. 5612 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मन्दसौर जिले में विभाग द्वारा विगत 3 वर्षों में कृषक प्रशिक्षण प्रदर्शनी मेला एवं प्रचार-प्रसार की संख्या की जानकारी विधानसभा क्षेत्रवार देवें (ख) मंदसौर जिले में उद्यानिकी विभाग द्वारा विगत 3 वर्षों में कृषकों के हित में करवाये गये आयोजनों/कार्यक्रमों में कौन-कौन से विधायक को आमंत्रण देकर आयोजन करवाये गये? कार्यक्रमों के स्थल का नाम, विधायकों के नाम वर्षवार बतावें।(ग) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में किन-किन विधायकों की उपस्थिति में किसानों को विभाग द्वारा विगत 3 वर्षों में बीज, दवा, ड्रिप/स्प्रिंकलर वितरण का कार्यक्रम रखा गया? क्या इस हेतु विधायक को सूचना दी गई? यदि हाँ, तो उपस्थिति की जानकारी देवें?
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) मंदसौर जिले में वर्ष 2014-15 एवं 2016-17 में माननीय विधायकगण को आमंत्रण देकर कोई कार्यक्रम आयोजित नहीं किया गया। वर्ष 2015-16 में गरोठ विधानसभा क्षेत्र के ग्राम मेलखेड़ा एवं ग्राम ओसरना में कुल 02 कृषक प्रशिक्षण आयोजित किये गये जिसमें श्री चन्दर सिंह सिसौदिया माननीय विधायक गरोठ को आमंत्रित किया गया। (ग) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में विगत 3 वर्षों में प्रश्नाधीन कार्यक्रम किसी विधायक की उपस्थिति में नहीं कराया गया। इस हेतु माननीय विधायक को सूचना नहीं भेजी गई जो दिशा-निर्देशों के विपरित है। अत: तत्कालीन जिम्मेदार अधिकारी को कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया जा रहा है।
उद्यानिकी की जानकारी एवं जनप्रतिनिधियों को आमंत्रण
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
182. ( क्र. 5613 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में पैदा होने वाले फल, सब्जियां, मसाला, पुष्प, औषधि के नाम की जानकारी देवें। (ख) मन्दसौर जिले में सबसे अधिक किस क्षेत्र में क्या-क्या उपरोक्त उद्यानिकी पैदा की जाती है? क्षेत्रवार जानकारी देवें। (ग) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में कितने कृषकों को फल, सब्जियां, मसाला, पुष्प, औषधि को बढ़ावा देने के लिए विभाग द्वारा विगत 3 वर्षों में क्या-क्या सुविधा, अनुदान, नि:शुल्क सामग्री उपलब्ध करवाई गई हैं? वर्षवार जानकारी देवें। (घ) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में स्थित उद्यानिकी विभाग शामगढ़ द्वारा विगत 3 वर्षों में कृषि हेतु कितने सार्वजनिक आयोजन किये गये एवं उसमें कितनों में क्षेत्रीय विधायक को आमंत्रित कर कार्यक्रम किये गये?
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (घ) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र के विकासखण्ड गरोठ स्थित शासकीय पौध शाला शामगढ़ में विगत 03 वर्षों में एक बार वर्ष 2014-15 में उद्यानिकी मेला प्रदर्शनी का आयोजन किया गया जिसमें माननीय क्षेत्रीय विधायक को आमंत्रित नहीं किया गया था। वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में कोई सार्वजनिक कार्यक्रम नहीं किया गया है।
आत्मा परियोजना के कार्य एवं मूल्यांकन
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
183. ( क्र. 5626 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी जिले में वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक आत्मा परियोजना के तहत वर्षवार कितनी-कितनी राशि, क्या-क्या कार्य हेतु प्राप्त हुई और परियोजना के क्या-क्या कार्य, किये गये एवं कितनी-कितनी राशि, किस-किस कार्य में व्यय की गई? (ख) प्रश्नांश (क) परियोजना के तहत, कहाँ-कहाँ कितने प्रशिक्षण शिविर लगाये गये कार्यक्रम किये गये? कितने कृषकों शासकीय सेवकों को कब-कब एवं कहाँ-कहाँ भ्रमण हेतु भेजा गया? किस-किस मद में कितना-कितना व्यय किया गया? प्रशिक्षण/भ्रमणवार बतायें। (ग) प्रश्नांश (क) परियोजना के तहत कितने किसानों को क्या-क्या सामग्री प्रदान की गई? सामग्री किन प्रतिष्ठानों/संस्थाओं से किस मूल्य पर क्रय की गई? (घ) क्या विभागीय योजनाओं/कार्यक्रमों के मूल्यांकन के विभागीय निर्देश जारी हैं? यदि हाँ, तो क्या? निर्देशों के पालन में कटनी जिले में संचालित योजनाओं/कार्यक्रमों के मूल्यांकन प्रतिवेदन बनाए गए? (ड.) क्या सामान्य प्रशासन विभाग मंत्रालय के पत्र क्रमांक-एफ-II-03/2016/1/9 दिनांक-04/02/2016 के पालन में कटनी जिले में संचालित विभागीय योजनाओं/कार्यक्रमों का बाहरी मूल्यांकन कराया गया? यदि हाँ, तो कब एवं कैसे और क्या परिणाम रहे? बतायें। यदि नहीं, तो क्यों? शासनादेशों के पालन न करने पर क्या कार्यवाही की जायेगी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 एवं 3 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। (घ) जी हाँ। आत्मा योजना अन्तर्गत भारत सरकार द्वारा जारी मार्गदर्शी निर्देशों में थर्ड पार्टी मूल्यांकन का प्रावधान है। प्रावधान अनुरूप नाबार्ड की नाबार्ड कंसल्टेंसी सर्विसेज प्रायवेट लिमिटेड (नेबकॉन) से कटनी जिले में वर्ष 2014-15 में आयोजित गतिविधियों का मूल्यांकन किया गया है। (ड.) प्रश्नांश (घ) के उत्तर अनुसार मूल्यांकन किया गया। अत: पृथक से मूल्यांकन नहीं कराया गया। शेष का प्रश्न नहीं उठता।
विभागीय योजनाओं का क्रियान्वयन एवं प्रभाव
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
184. ( क्र. 5629 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी जिले में राष्ट्रीय उद्यानिकी मिशन एवं अन्य योजनाओं के तहत वर्ष 2014-15 से कितना-कितना भौतिक/वित्तीय, लक्ष्य/आवंटन, किस-किस योजना/कार्य के लिये वर्षवार प्राप्त हुआ और प्राप्त आवंटन से कितने कृषक/हितग्राही को किस प्रकार लाभान्वित किया गया? (ख) प्रश्नांश (क) के तहत लाभान्वित कृषकों/हितग्राहियों का चयन किस प्रकार किया गया एवं योजना से लाभान्वित होने का सत्यापन किन-किन शासकीय सेवकों द्वारा किया गया? शासकीय सेवक का नाम/पदनाम सहित बतायें? (ग) प्रश्नांश (क) के तहत योजनांतर्गत कितना भुगतान/अनुदान कितने हितग्राहियों को किस प्रकार नगद/चैक/आर.टी.जी.एस. से किन-किन कार्यों/योजनाओं हेतु दिया गया और कितनी-कितनी राशि/मूल्य की क्या सामग्री/कितने कृषकों/हितग्राहियों को प्रदाय की गयी? (घ) प्रश्नांश (क) से (ग) कटनी जिले में व्यय की गई राशि के अनुपात में उद्यानिकी के रकबे में कितनी बढ़ोत्तरी हुई? कृषकों/हितग्राहियों को कितना लाभ हुआ? क्या यह निर्धारित मानकों के अनुरूप है? यदि हाँ, तो कैसे? विवरण देवें। यदि नहीं, तो क्यों? कारण बतायें।
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) लाभांवित हितग्राहियों का चयन ऑन-लाईन प्रक्रिया के तहत पहले आओ पहले पाओ के आधार पर किया गया। उद्यानिकी फसल क्षेत्र विस्तार योजनाओं में संबंधित वरिष्ठ उद्यान विकास अधिकारी द्वारा, यंत्रीकरण योजना में संयुक्त संचालक उद्यान, उप संचालक उद्यान, उप संचालक कृषि, वैज्ञानिक कृषि विज्ञान केन्द्र एवं संबंधित वरिष्ठ उद्यान विकास अधिकारी की संयुक्त समिति द्वारा और प्याज भण्डार गृह निर्माण योजना/माईक्रो इरीगेशन योजना में उप संचालक उद्यान वरिष्ठ उद्यान विकास अधिकारी, ग्रामीण उद्यान विस्तार अधिकारी एवं ग्राम पंचायत के सरपंच/पंच के समक्ष भौतिक सत्यापन किया गया। स्वीकृत प्रकरणों में भौतिक सत्यापन के जरिये लाभ पहुँचाने की पुष्टि की गई है। प्रश्नांश के शेष भाग की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (घ) वर्ष 2014-15 से 2016-17 तक व्यय राशि रूपये 224.60 लाख से विभिन्न उद्यानिकी फसलों में 1523.53 हेक्टेयर रकबे में क्षेत्र विस्तार हुआ। शेष व्यय अधोसंरचना एवं मानव संसाधन विकास के लिए किया गया है। हितग्राहियों को नवीन प्रजाति के रोपण, नवीन तकनीक अपनाने एवं यंत्रीकरण से गुणात्मक लाभ हुआ है। कृषकों को हुए संख्यात्मक लाभ की जानकारी विभाग संधारित नहीं करता है। अत: प्रश्नांश के शेष भाग की जानकारी देना संभव नहीं है।
निजी मंडियों में धान की खरीदी
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
185. ( क्र. 5633 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मंदसौर, रतलाम, नीमच जिले में कितने-कितने स्थानों पर निजी मंडिया संचालित हैं? क्या इन मंडियों को मंडी अधिनियम की धारा-6 के तहत फल, फ्रूट मंडियों की तरह किसानो से उपज, निजी मंडियों में खरीदने की छूट व्यापरियों को लायसेंस देकर दी है? यदि हाँ, तो किस नियम से? यदि नहीं, तो उक्त जिलो में दिनांक 1 जनवरी 2014 के बाद कहाँ-कहाँ मंडी अधिकारियों ने छापे मारकर क्या-क्या कार्यवाही, किस-किस के खिलाफ की? (ख) क्या प्रश्नांश (क) सन्दर्भित उक्त जिलों में निजी मंडी व्यापारी एवं अधिकारियों की मिलीभगत से कृषकों की उपज के भाव ज्यादा बताकर निजी रूप से कृषकों का माल खरीद कर, कृषकों से धोखाधड़ी कर, फसल का भुगतान 7 दिन बाद का चैक देकर करने का आश्वसन देते हैं तथा बाद में सभी चैक बाउंस हो रहे हैं? ऐसे कृषकों को धोखाधड़ी से बचाने के लिए विभाग द्वारा क्या प्रयास किये जा रहे हैं? यदि नहीं, क्यों? (ग) क्या उक्त जिलो की सभी शासकीय मंडियों में व्यापारियों द्वारा कृषकों को दिए जाने वाले चैक भारी संख्या में बाउंस होने को देखते हुए क्या एसे व्यापारियों के लायसेंस निरस्त कर, भविष्य में भी लायसेंस न देने की कार्यवाही व्यापारियों पर की जाएगी? यदि हाँ, तो कब तक?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) प्रश्नाधीन स्थानों पर कोई निजी मंडियां संचालित नहीं है। अत: शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता है। किंतु म.प्र. कृषि उपज मंडी अधिनियम, 1972 की धारा 6 में संशोधन किया जाकर कृषकों की अधिसूचित कृषि उपज-फल एवं सब्ज़ियों (केले को छोड़कर) को, मंडी प्रांगण के बाहर क्रय-विक्रय का विकल्प दिया गया है। मंडी अधिनियम में किया गया उक्त संशोधन म.प्र. राजपत्र (असाधारण) दिनांक 27 जनवरी 2012 में प्रकाशित हुआ है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उद्भूत नहीं होता है। (ग) उक्त जिलों की कृषि उपज मंडी समितियों में व्यापारियों द्वारा कृषकों से क्रय की गई कृषि उपज के भुगतान के रूप में दिये गये चैक बाउंस होना प्रतिवेदित नहीं है। शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता है।