मध्यप्रदेश विधान सभा
प्रश्नोत्तर-सूची
फरवरी, 2024
सत्र
शुक्रवार, दिनांक 09 फरवरी, 2024
भाग-1
तारांकित
प्रश्नोत्तर
नहरों
का रख-रखाव
[नर्मदा घाटी विकास]
1. ( *क्र. 643 ) श्री सचिन सुभाषचंद्र यादव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र कसरावद में इंदिरा सागर परियोजना एवं औंकारेश्वर परियोजना की माइनर नहरों के माध्यम से किसानों को सिंचाई का पानी उपलब्ध हो रहा है? अगर हाँ तो कितने किसानों के कितने रकबे को सिंचित किया जा रहा है? (ख) क्या वर्ष 2021-22 से प्रश्न दिनांक तक इंदिरा सागर परियोजना एवं औंकारेश्वर परियोजना की मुख्य नहरों एवं माइनर नहरों की साफ सफाई और संधारण किया गया है? अगर हाँ तो किन-किन नहरों पर कितनी-कितनी राशि व्यय की गई है? वर्षवार विवरण दें। (ग) क्या इंदिरा सागर परियोजना एवं औंकारेश्वर परियोजना की ऐसी भी माइनर नहरें हैं, जिनका निर्माण तो कराया गया है, परन्तु निर्माण के दौरान तकनीकी त्रुटि के कारण किसानों को न तो पर्याप्त सिंचाई का पानी मिल रहा, न ही अन्तिम छोर के किसानों को? अगर हाँ तो क्या कार्यवाही की गई? (घ) क्या विधानसभा क्षेत्र कसरावद की इंदिरा सागर परियोजना की रतनपुर माइनर नहर से किसानों को पर्याप्त सिंचाई का पानी मिल रहा है? अगर नहीं तो क्यों? क्या पानी नहीं मिलने की शिकायतें प्राप्त हुई हैं? अगर हाँ तो इन पर क्या कार्यवाही की गई।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) अधिकृत - राज्य मंत्री, नर्मदा घाटी विकास (श्री धर्मेन्द्र भाव सिंह लोधी) : (क) जी हाँ। कुल 17,065 किसानों को 21,211 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई का पानी उपलब्ध कराया जा रहा है। (ख) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) इंदिरा सागर परियोजना एवं ओंकारेश्वर परियोजना की सभी माइनर एवं सब माइनर नहरों के माध्यम से अंतिम छोर के किसानों को सिंचाई हेतु पर्याप्त पानी मिल रहा है। ऐसा कोई भी माइनर नहीं है, जिससे तकनीकी त्रुटि के कारण अंतिम छोर तक पर्याप्त सिंचाई का पानी नहीं मिल रहा हो। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी हाँ। जी नहीं, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
थाने को अपवर्जित किया जाना
[गृह]
2. ( *क्र. 767 ) श्रीमती चंदा सुरेन्द्र सिंह गौर : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. शासन गृह विभाग मंत्रालय वल्लभ भवन के आदेश क्र./01/1770880/2023/वी-3/दो भोपाल, दिनांक 02.01.2024 के अनुसार पुलिस थानों/चौकियों की सीमा निर्धारण किये जाने का प्रावधान है, जिसमें प्रश्नकर्ता के खरगापुर विधान सभा-47 के ग्राम-गुड़ा नज. पाली, मोररमन्ना, मगरई, पाली, फूलपुर, भटगोरा आदि ग्राम थाना खरगापुर से अपवर्जित (बदलकर) थाना जतारा में पूर्व की भाँति किये जाने हेतु ग्रामीणों के आवेदन पत्रों सहित प्रश्नकर्ता के पत्र क्र. 044, दिनांक 04.01.2024 को जिला कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक, टीकमगढ़ को प्रस्ताव पत्र दिया है? क्या वर्णित ग्रामों को थाना जतारा में जोड़े जाने के आदेश जारी करेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) क्या थाना जतारा में इन ग्रामों को जोड़े जाने से आम जनता की सुविधा अनुसार अनुविभागीय कार्यालय के कार्य, न्यायालय के कार्य, जेल के कार्य, स्वास्थ्य विभाग के कार्यों का लाभ आम जनता को प्राप्त होगा? क्योंकि थाना खरगापुर की दूरी अधिक है, जबकि जतारा थाना की दूरी कम है और वर्णित सभी शासकीय कार्यालयों से आम जनता के कार्य रहते हैं, इसलिये आम जनता के हितों को दृष्टिगत रखते हुये थाना खरगापुर से इन ग्रामों को अपवर्जित (बदलकर) थाना जतारा में जोड़े जाने का आदेश जारी कर आम जनता के कार्यों को सुगम कब तक कर दिया जावेगा?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) अधिकृत - राज्य मंत्री, गृह (श्री नरेन्द्र शिवाजी पटेल) : (क) जी हाँ। वर्ष 2021-2022 में सीमाओं के अधिकार क्षेत्र परिवर्तन हेतु प्रस्ताव/सुझाव जनप्रतिनिधियों एवं आमजन से प्राप्त हुए। तत्पश्चात ग्रामवासियों के पंचनामा/सुझाव प्राप्त कर जिला स्तरीय विचारण समिति के विचारण में रखा गया। जनता/जनप्रतिनिधियों की मांग ग्रामवासियों के पंचनामा प्रशासकीय भौगोलिक सुविधा क्षेत्र में गठित अपराधों में कानून व्यवस्था की स्थिति एवं कुशल पुलिस प्रबंधन को दृष्टिगत रखते हुए उक्त ग्रामों को दिनांक 11.05.2022 को थाना खरगापुर में जोड़ा गया। इसके विरूद्ध याचिकाकर्ता श्रीमती आशा सिंह गौर द्वारा म.प्र. राज्य व अन्य के विरूद्ध याचिका क्रमांक 12224/2022 वर्तमान में लंबित होकर मान. उच्च न्यायालय में विचाराधीन है। प्रश्नकर्ता का प्रस्ताव प्राप्त हुआ है। वर्णित ग्रामों को थाना खरगापुर में अपवर्जित कर थाना जतारा में जोड़े जाने के संबंध में मान. उच्च न्यायालय, जबलपुर के निर्णय के उपरान्त ही आवेदन पत्र पर कार्यवाही की जा सकेगी। (ख) उत्तरांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
उद्योगों की स्थापना
[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]
3. ( *क्र. 885 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टीकमगढ़ जिले के जतारा विधानसभा में औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग द्वारा उद्योग खोले जाने बाबत् प्रश्नकर्ता द्वारा कब-कब विधानसभा में प्रश्न किए गए हैं? कृपया सम्पूर्ण जानकारी दें एवं यह भी बताएं कि विभाग द्वारा उद्योग लगाने/खोले जाने हेतु शासन ने क्या-क्या मापदण्ड बनाए हैं? कृपया ऐसे समस्त आदेशों की छायाप्रतियां प्रदाय करें। (ख) प्रश्नांश (क) के आधार पर यह बताएं कि इस विभाग के द्वारा प्रश्न दिनांक तक कोई उद्योग लगा हुआ है कि नहीं? अगर नहीं लगे हैं, तो क्या-क्या कारण हैं? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के आधार पर बताएं कि जनवरी 2020 से प्रश्न दिनांक तक कब-कब, कहां-कहां इन्वेस्टर्स मीट्स हुई हैं और किस-किस कार्य का किस उद्योगपति द्वारा कितनी-कितनी राशि का इन्वेस्ट किया गया है? कहां-कहां के उद्योग लगाने हेतु प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही हो चुकी है और क्या-क्या शेष है? कृपया प्रत्येक की अद्यतन जानकारी से अवगत कराएं। (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (घ) के आधार पर बताएं कि टीकमगढ़ जिले के जतारा विधानसभा क्षेत्र में जहां धसान नदी, सुखनई नदी, सपरार नदी एवं उर नदी बहती है, उत्तर प्रदेश की सीमा से लगे इस क्षेत्र में विभाग द्वारा शासन द्वारा प्रश्न दिनांक तक उद्योग लगाने हेतु क्या-क्या पहल की जा चुकी है? निश्चित समय-सीमा सहित बताएं, कब तक जतारा विधानसभा क्षेत्र में बेरोज़गार को रोज़गार प्रदाय हेतु शासन उद्योग खोलने की स्वीकृति देगा?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) अधिकृत - राज्य मंत्री, औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन (श्री दिलीप अहिरवार) : (क) टीकमगढ़ जिले के जतारा विधानसभा में औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग द्वारा उद्योग खोले जाने बाबत् प्रश्नकर्ता द्वारा प्रश्न क्रमांक 560 (सत्र फरवरी, 2019), 982 (सत्र फरवरी, 2022), 672 (सत्र दिसम्बर, 2022) एवं 2246 (सत्र फरवरी, 2023) विधानसभा में प्रश्न किए गए हैं। उद्योगों की स्थापना उद्यमियों/निवेशकों द्वारा की जाती है तथा राज्य शासन द्वारा नीति अंतर्गत भूमि एवं अन्य सुविधाएं उपलब्ध करायी जाती हैं। (ख) जी नहीं। विधानसभा क्षेत्र जतारा, जिला-टीकमगढ़ में विभाग के अधीन एम.पी. इण्डस्ट्रियल डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड द्वारा कोई औद्योगिक क्षेत्र स्थापित नहीं किया गया है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के आधार पर जनवरी 2020 से प्रश्न दिनांक तक औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग के अंतर्गत इन्वेस्टर मीट का आयोजन नहीं किया गया है। अत: शेष प्रश्नांश की जानकारी निरंक है। (घ) विभाग द्वारा उद्योग स्थापित नहीं किया जाता है, अपितु निवेशकों को औद्योगिक इकाई स्थापित करने हेतु प्रोत्साहित किया जाता है।
आंगनवाड़ी भवनों की स्थिति व योजनाओं का क्रियान्वयन
[महिला एवं बाल विकास]
4. ( *क्र. 898 ) श्री देवेन्द्र पटेल : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) रायसेन जिले में वर्तमान में परियोजनावार कितने आंगनवाड़ी केन्द्र शासकीय भवनों में संचालित हैं? क्या इन आंगनवाड़ी भवनों में स्वच्छ पेयजल व्यवस्था व विद्युत कनेक्शन हैं? किन-किन में हैं, किन-किन में नहीं? पेयजल व्यवस्था व विद्युत व्यवस्था हेतु क्या प्रयास किये जा रहे हैं व कब तक उक्त सुविधायें उपलब्ध करा दी जावेंगी? (ख) रायसेन जिले में बच्चों को कुपोषण मुक्त करने के लिए राष्ट्रीय पोषण मिशन व अन्य विभागीय योजनाओं के अंतर्गत गत दो वर्षों में क्या-क्या प्रयास किये गये? क्या इन प्रयासों के फलस्वरूप जिले में कुपोषित बच्चों की संख्या में कमी हुई है? यदि नहीं, तो क्यों? कुपोषण मुक्ति के लिये जिले में गत दो वर्षों में किस-किस कार्य में कितनी राशि व्यय की गई? (ग) क्या रायसेन जिला मीजल्स मुक्त है? यदि नहीं, तो डी.पी.टी./मीजल्स बूस्टर लगाये जाने हेतु क्या योजना है? इस हेतु क्या कार्यवाही प्रचलित है?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) रायसेन जिले में वर्तमान में परियोजनाओं में 1141 आंगनवाड़ी केन्द्र शासकीय भवनों में संचालित हैं। इन केन्द्रों में स्वच्छ पेयजल व्यवस्था व 419 आंगनवाड़ी भवनों में विद्युत कनेक्शन हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। विद्युत व्यवस्था हेतु विद्युत वितरण कम्पनी से कनेक्शन हेतु निरन्तर प्रयास किये जा रहे हैं। सुविधाएं उपलब्ध कराने के संबंध में निश्चित समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है। (ख) पूरे प्रदेश के अनुरूप रायसेन जिले में भी कुपोषण निवारण हेतु मुख्यमंत्री बाल आरोग्य संवर्द्धन कार्यक्रम (M.M.B.A.S.K.) का क्रियान्वयन किया जा रहा है, साथ ही राष्ट्रीय पोषण मिशन अंतर्गत पोषण माह एवं पोषण पखवाड़े के आयोजन किये गये हैं। जी हाँ। कुपोषण मुक्ति हेतु मुख्यमंत्री बाल आरोग्य संवर्द्धन कार्यक्रम (M.M.B.A.S.K.) अंतर्गत राशि का आवंटन/व्यय नहीं किया गया है। राष्ट्रीय पोषण मिशन अंतर्गत उल्लेखित गतिविधियों हेतु व्यय राशि का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) जी हाँ। रायसेन जिले में डी.पी.टी. मीजल्स टीकाकरण, नियमित टीकाकरण के रूप में किया जाता है एवं समय-समय पर विशेष अभियान चलाकर टीकाकरण किया जाता है।
अवैध रूप से रेत उत्खनन
[खनिज साधन]
5. ( *क्र. 132 ) श्री सुरेश राजे : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला ग्वालियर में किस-किस स्थान की रेत खदानें स्वीकृत हैं? इनमें से किस-किस स्थान की रेत खदान किस ठेकेदार/फर्म को कब से कब तक के लिए कितनी राशि में दी गई? प्रत्येक रेत खदान का सर्वे नंबर एवं रकबा बतावें एवं अनुबंध पश्चात ठेकेदार/फर्म को प्रतिमाह कितनी-कितनी राशि जमा की जानी है? दिनांक 31 जनवरी, 2024 तक प्रत्येक रेत खदान से प्रतिमाह कितनी-कितनी राशि प्राप्त हुई? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या नदी में पनडुब्बी डालकर रेत खनन करने एवं कृषि कार्य हेतु ट्रैक्टर-ट्रॉली से रेत परिवहन का प्रावधान है? यदि नहीं, तो रेत परिवहन कर रहे ट्रक, ट्रैक्टर-ट्रॉली के फिटनेस, बीमा, ड्राईवर लाइसेंस की जांच कब-कब की गयी? वर्ष 2022-23 में प्रश्न दिनांक तक दोषी पाए गए किस व्यक्ति के विरुद्ध क्या कार्यवाही की गई? (ग) जिला ग्वालियर में सिंध नदी से रेत परिवहन ट्रक/डंपर/ट्रैक्टर द्वारा कितना-कितना घन मीटर तथा कितनी-कितनी रॉयल्टी ली जा रही है? नियम आदेश की सत्यापित प्रति सहित बतावें।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) अधिकृत - राज्य मंत्री, खनिज साधन (श्री दिलीप अहिरवार) : (क) प्रश्नांश अनुसार ग्वालियर जिले में रेत खदानों के संबंध में वांछित विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। अनुबंध निष्पादन उपरांत ठेकेदार/फर्म द्वारा प्रतिमाह जमा की जाने वाली राशि का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ख) मध्यप्रदेश रेत (खनन, परिवहन, भण्डारण तथा व्यापार) नियम, 2019 के तहत नदी में पनडुब्बी डालकर रेत खनन करने का नियमों में प्रावधान नहीं है। कृषि कार्य हेतु ट्रैक्टर-ट्रॉली से रेत परिवहन नियमान्तर्गत प्रतिबंधित नहीं है। रेत परिवहन कर रहे ट्रक, ट्रैक्टर-ट्रॉली की फिटनेस, बीमा, ड्रायवर लायसेंस की जांच का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। वर्ष 2022-23 में प्रश्न दिनांक तक दोषी पाए गए व्यक्तियों के विरूद्ध की गई कार्यवाही का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'द' अनुसार है। (ग) प्रश्नांश अनुसार वाहनों के परिवहन क्षमता के अनुरूप ई-खनिज पोर्टल पर वाहनों के पंजीयन अनुसार प्रति घनमीटर रूपए 307.67/- की दर से देय राशि ली जा रही है। मध्यप्रदेश रेत (खनन, परिवहन, भण्डारण तथा व्यापार) नियम, 2019 के नियम 17 (9) की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ई' अनुसार है।
पुलिस विभाग में भर्ती के संबंध में
[गृह]
6. ( *क्र. 4 ) श्री नितेन्द्र बृजेन्द्र सिंह राठौर : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि प्रदेश में कब से एस.आई. के पदों की भर्ती नहीं हुई है? भर्ती नहीं होने के क्या कारण हैं? कब तक उक्त पदों पर भर्ती की जावेगी?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) अधिकृत - राज्य मंत्री, गृह (श्री नरेन्द्र शिवाजी पटेल) : सूबेदार/उप निरीक्षक संवर्ग भर्ती वर्ष 2018 आयोजित कराने हेतु प्रस्ताव पुलिस मुख्यालय के पत्र दिनांक 10.08.2018 के माध्यम से कर्मचारी चयन मण्डल (पी.ई.बी.) भोपाल को भेजा गया था, किंतु पी.ई.बी. भोपाल द्वारा परीक्षा का आयोजन नहीं किया गया। वर्ष 2019 में विधानसभा चुनाव थे एवं वर्ष 2020 व 2021 में कोविड-19 के कारण भर्ती आयोजित नहीं की जा सकी। सूबेदार/उप निरीक्षक संवर्ग की भर्ती हेतु जारी म.प्र. कार्यपालिक (अराजपत्रित) सेवा भर्ती नियम 1997 में संशोधन की कार्यवाही प्रचलन में है।
पुलिस अभिरक्षा में हुई संदिग्ध मृत्यु की निष्पक्ष जाँच
[गृह]
7. ( *क्र. 290 ) श्री दिव्यराज सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रीवा जिले के थाना सिविल लाइन अंतर्गत घटित चोरी की घटना में अभियुक्त के तौर पर राजकली केवट की गिरफ्तारी की गई थी? यदि हाँ, तो पुलिस अभिरक्षा में क्या उक्त आरोपित महिला की मृत्यु हो गई थी? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में पुलिस अभिरक्षा में हुई मृत्यु में चोरी की घटना से पीड़ित दम्पत्ति श्री यशोवर्धन सिंह एवं उनकी पत्नी श्रीमती प्रतीक्षा सिंह को आरोपी बनाने का क्या कारण है? (ग) क्या विषयांकित घटना की जाँच पृथक एजेंसी से कराई जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक जाँच संबंधी आदेश जारी किये जा सकेंगे?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) अधिकृत - राज्य मंत्री, गृह (श्री नरेन्द्र शिवाजी पटेल) : (क) जी हाँ, गिरफ्तारी की गई थी। पुलिस अभिरक्षा में आरोपी महिला राजकली केवट का स्वास्थ खराब होने पर इलाज हेतु अस्पताल ले जाया गया था, जहाँ इलाज के दौरान डाक्टरों द्वारा आरोपी महिला को मृत घोषित कर दिया गया। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) विषयांकित घटना की न्यायिक जांच, न्यायिक दण्डाधिकारी प्रथम श्रेणी, रीवा द्वारा की जा रही है।
आंगनवाड़ी भवन का संचालन
[महिला एवं बाल विकास]
8. ( *क्र. 25 ) श्री कुँवर सिंह टेकाम : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सीधी एवं सिंगरौली जिले के अन्तर्गत विकासखण्ड मझौली, कुसमी, जिला सीधी एवं विकासखण्ड देवसर, जिला सिंगरौली में कितने आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित हैं? नाम सहित जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में संचालित कितने आंगनवाड़ी केन्द्र भवन विहीन एवं कितने पेयजल विहीन हैं? आंगनवाड़ीवार नाम सहित जानकारी उपलब्ध करायें। (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में भवन विहीन आंगनवाड़ी केन्द्रों में भवन का निर्माण कब तक करा दिया जावेगा? (घ) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में पेयजल विहीन आंगनवाड़ी केन्द्रों में हेण्डपम्प उत्खनन कराकर पेयजल कब तक उपलब्ध करायेंगे?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) सीधी जिले के अंतर्गत विकासखण्ड कुसमी में 233 आंगनवाड़ी केन्द्र एवं विकासखण्ड मझौली में 324 आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित हैं एवं सिंगरौली जिले के अन्तर्गत विकासखण्ड देवसर में 490 आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित हैं। नाम सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '1' अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में सीधी जिले के अन्तर्गत विकासखण्ड कुसमी में 06 आंगनवाड़ी केन्द्र एवं विकासखण्ड मझौली में 03 आंगनवाड़ी केन्द्र भवन विहीन हैं। सिंगरौली जिले के अन्तर्गत विकासखण्ड देवसर के 49 भवन विहीन आंगनवाड़ी केन्द्रों के भवन निर्माण की स्वीकृति प्रदान की गई है, जो वर्तमान में निर्माणाधीन हैं। विकासखण्ड मझौली, कुसमी एवं देवसर में कोई भी आंगनवाड़ी केन्द्र पेयजल विहीन नहीं हैं। आंगनवाड़ीवार नाम सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '2' अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में भवन विहीन आंगनवाड़ी केन्द्रों के लिए आंगनवाड़ी भवनों का निर्माण वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर है। अतः समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्रदेश में महिलाओं पर घटित अपराधों की जानकारी
[गृह]
9. ( *क्र. 750 ) श्री पंकज उपाध्याय : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुरैना जिला में महिलाओं के विरूद्ध घटित अपराधों की शीर्षवार सूची वर्ष 2015 से दिसम्बर 2023 तक की वर्षवार, विधान सभावार देवें तथा बतावें कि 2019 की तुलना में 2023 में किस-किस शीर्ष में कितने प्रतिशत वृद्धि तथा कितने प्रतिशत कमी हुई? (ख) जौरा विधानसभा क्षेत्र में कितने थाने हैं? प्रत्येक थाने का क्षेत्र एरिया कितना है तथा कितनी आबादी शामिल है? उक्त थानों में स्वीकृत पद किस-किस प्रकार के कितने हैं तथा नियुक्ति कितनी है तथा खाली पद कितने हैं? दिसम्बर 2023 अनुसार बतावें। (ग) प्रश्नांश (ख) के थानों के अनुसार महिलाओं, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के विरूद्ध घटित अपराधों की शीर्षवार वर्ष 2015 से 2023 तक की जानकारी देवें तथा बतावें कि वर्ष 2019 से 2023 तक प्रतिवर्ष किस-किस शीर्ष में कितने प्रतिशत वृद्धि तथा कमी हुई? (घ) जौरा विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2015 से 2023 तक में महिलाओं, अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति के विरूद्ध घटित अपराधों में शीर्षवार, वर्षवार, थाने अनुसार बतावें कि सजायाबी की दर कितने प्रतिशत है? (ड.) जौरा विधानसभा क्षेत्र में 2018 से दिसम्बर 2023 तक नाबालिग बालक-बालिका तथा महिलाओं के गुम होने के कितने प्रकरण हुए तथा कितने नाबालिग बालक-बालिका तथा महिलाएं दस्तयाब की गईं?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) अधिकृत - राज्य मंत्री, गृह (श्री नरेन्द्र शिवाजी पटेल) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) एवं (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'द' अनुसार है।
डोलोमाइट खदानों का संचालन
[खनिज साधन]
10. ( *क्र. 628 ) श्री नारायण सिंह पट्टा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मण्डला जिला अंतर्गत कौन-कौन सी डोलोमाइट खदानें कब से संचालित हैं? ग्राम का नाम खसरा नंबर सहित खदान मालिक के नाम व संपर्क नम्बरों की जानकारी उपलब्ध करवाएं। वर्ष 2020 के बाद स्वीकृत खदानों की जानकारी भी उपलब्ध करवाएं। (ख) डोलोमाइट उत्खनन हेतु शासन के क्या नियम हैं? नियमों की प्रति उपलब्ध करावें। तत्कालीन मण्डला कलेक्टर श्रीमती स्वाति मीना के कार्यकाल में खदान संचालकों को जुर्माना हेतु नोटिस कब-कब जारी किए गए? नोटिसों की छायाप्रति उपलब्ध करावें। क्या जुर्माना राशि जमा हुई? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) उक्त समस्त खदानों की लीज़ एवं एनवायर्नमेंटल क्लीयरेंस की जानकारी प्रदान करें। सितंबर 2023 से प्रश्न दिनांक तक किन-किन खदानों की एनवायर्नमेंटल क्लीयरेंस की समय-सीमा समाप्त हुई थी? क्या समय-सीमा समाप्त होने के बाद भी खदानों में उत्खनन जारी रहा? क्या खदानों से डोलोमाइट का परिवहन करने वाले वाहन ओवरलोड परिवहन कर रहे हैं? (घ) प्रत्येक खदान में कार्यरत मजदूरों के नाम, नम्बर व किये जाने वाले मजदूरी भुगतान की जानकारी प्रदान करें। क्या सभी मजदूरों का श्रम विभाग में पंजीयन कराया गया है? क्या मजदूरों को शासन द्वारा निर्धारित समस्त सुविधाओं व योजनाओं का लाभ दिलाया जा रहा है?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) अधिकृत - राज्य मंत्री, खनिज साधन (श्री दिलीप अहिरवार) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "अ" अनुसार है। जिला मंडला अंतर्गत वर्ष 2020 के बाद डोलोमाईट खदान स्वीकृत नहीं की गई है। (ख) मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम 1996 अधिसूचित है। शेष भाग की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "ब" अनुसार है। शेष नोटिसों की छायाप्रति एवं उनमें की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "स" अनुसार है। (ग) समस्त खदानों के एनवायर्नमेंटल क्लीयरेंस की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "अ" अनुसार है। सितम्बर 2023 से जिला स्तरीय पर्यावरण समाघात निर्धारण प्राधिकरण (डिया) से प्राप्त पर्यावरणीय अनुमति को स्थगित किया गया था। माननीय सर्वोच्च न्यायालय की सिविल अपील क्रमांक 49608/2023 में पारित आदेश दिनांक 13.12.2023 से ऐसी समस्त खदानों का पुन: संचालन प्रारंभ हो गया है। शेष भाग अनुसार डोलोमाईट खनिज का ओवरलोड परिवहन पाये जाने पर नियमानुसार कार्यवाही की जाती है। (घ) प्रश्नांश अनुसार खदानों में कार्यरत मजदूरों को भारत सरकार श्रम और रोजगार मंत्रालय की अधिसूचना दिनांक 28.07.2017 अनुसार मजदूरी का भुगतान किया जा रहा है। शेष प्रश्नांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "द" एवं "इ" अनुसार है।
थाना अम्बाह एवं पोरसा में अपराधों में वृद्धि
[गृह]
11. ( *क्र. 877 ) श्री देवेन्द्र रामनारायन सखवार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुरैना जिले के थाना अम्बाह एवं पोरसा में वर्तमान में पुलिस अधिकारी एवं कर्मचारी कब-कब से पदस्थ हैं? सभी के नाम एवं पदस्थापना दिनांक सहित सूची दें। (ख) अम्बाह एवं पोरसा थाना क्षेत्र अन्तर्गत विगत तीन माह में कौन-कौन से अपराध पंजीबद्ध किस-किस दिनांक को किये गये हैं? इन पंजीबद्ध अपराधों में से चोरी के कितने मामले पंजीबद्ध हुए? इन पंजीबद्ध मामलों में किन-किन मामलों में चोरी की सामग्री जप्ती की गई है? कृपया सभी प्रकरणों के पंजीबद्ध अपराध क्रमांक सहित सूची दें। (ग) क्या लंबे समय से इन दोनों थानों में पदस्थ पुलिस अधिकारियों की सांठ-गांठ अपराधियों से होने के कारण अपराधों में वृद्धि हो रही है? यदि नहीं, तो ऐसे क्या कारण हैं, जिसके कारण अपराध बढ़ रहे हैं?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) अधिकृत - राज्य मंत्री, गृह (श्री नरेन्द्र शिवाजी पटेल) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) थाना अम्बाह एवं पोरसा में पदस्थ पुलिस अधिकारियों की अपराधियों से सांठ-गांठ नहीं हैं, अतः सांठ-गांठ के कारण अपराधों में वृद्धि होने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। विगत विधानसभा चुनाव 2023 के आलोक में चलाये गये अभियान (अवैध शराब, जुआ, सट्टा आदि) के दौरान पुलिस द्वारा की गई कार्यवाही के कारण अपराधों की कायमी में आंशिक बढोत्तरी हुई है।
सिवनी मालवा विधान सभा क्षेत्र के आंगनवाड़ी केंद्रों की जानकारी
[महिला एवं बाल विकास]
12. ( *क्र. 635 ) श्री प्रेमशंकर कुंजीलाल वर्मा : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विधानसभा क्षेत्र क्र. 136 सिवनी मालवा अंतर्गत कितने आंगनवाड़ी केंद्र संचालित किए जाते हैं? (ख) क्या सभी आंगनवाड़ी केंद्रों के भवन बने हैं? (ग) कितने आंगनवाड़ी केंद्रों के भवन नहीं हैं एवं कब तक बनाए जा सकेंगे? (घ) सिवनी मालवा विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 136 में कितने ग्राम हैं, जहां आंगनवाड़ी केंद्र नहीं हैं?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) विधानसभा क्षेत्र क्र. 136 सिवनी मालवा अंतर्गत कुल 560 आंगनवाड़ी केंद्र संचालित हैं। (ख) जी, नहीं। (ग) 227 आंगनवाड़ी केंद्रों के भवन नहीं हैं। भवन विहीन आंगनवाड़ी केन्द्रों के लिये भवन निर्माण शासकीय भूमि एवं वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर है। समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है। (घ) सिवनी मालवा विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 136 अन्तर्गत ग्राम नगझौर (जनसंख्या-80), मानकपुर (जनसंख्या-124) एवं लोहारिया कलां (जनसंख्या-111) की जनसंख्या केन्द्र खोलने हेतु निर्धारित मापदण्ड से कम होने तथा ग्राम विदारिया एवं धपाडिया वीरान ग्राम होने से इन ग्रामों में आंगनवाड़ी केन्द्र खोलना संभव नहीं है। वर्तमान में भारत सरकार द्वारा नवीन आंगनवाड़ी केन्द्रों की स्वीकृति प्रदान नहीं की जा रही है। अत: जानकारी निरंक है।
सरदार सरोवर परियोजना अंतर्गत डूब प्रभावितों की समस्या
[नर्मदा घाटी विकास]
13. ( *क्र. 647 ) श्री राजन मण्डलोई : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़वानी वि.स. क्षेत्र में सरदार सरोवर परियोजना से डूब प्रभावित लगभग 40 ग्रामों में प्रश्न दिनांक तक पुनर्वास शेष है, इनका पुर्नवास, मुआवजा कब तक प्रदाय कर दिया जाएगा? इनमें कुछ परिवार सोन्दुल एवं बड़वानी पाटी नाका स्थित अस्थाई टीनशेड में वर्तमान में निवासरत हैं, इन्हें भूखंड आवंटन व 5.80 लाख रू. की राशि कब तक दी जाएगी? (ख) सरदार सरोवर परियोजना से प्रभावित ग्राम पिछोड़ी के विस्थापितों को लगभग 22 कि.मी. दूर ग्राम खेड़ी में आवासीय भूखंड आवंटित किए गए हैं, इन्हें करीब ही पुनर्वास स्थल विकसित कर भूखंड कब तक आवंटित किए जायेंगे? (ग) बड़वानी वि.स. क्षेत्र में सरदार सरोवर परियोजना से प्रभावित ग्राम कसरावद, कुण्डिया, पिपरी, सेगांव, सोन्दुल के मकानों का कब तक सर्वेक्षण कर पुनर्वास हेतु मुआवजा व आवासीय भूखंड प्रदान कर दिए जाएंगे? उत्तर दिनांक की स्थिति में उपरोक्तानुसार ग्रामों में इस सर्वेक्षण के फलस्वरूप कितने भूखंड व मुआवजे की राशि निर्धारित हुई, की जानकारी देवें। (घ) उपरोक्त परियोजना में बैक वॉटर लेवल बढ़ने से टापू में परिवर्तित हो चुके ग्राम चिपाखेड़ी के लिए विभाग ने अभी तक एप्रोच रोड क्यों नहीं बनाया? इसके संबंध में विभागीय अधिकारियों ने जो दौरा किया है, उसकी रिपोर्ट की जानकारी देवें। कब तक इस एप्रोच रोड का निर्माण कर दिया जाएगा?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) अधिकृत - राज्य मंत्री, नर्मदा घाटी विकास (श्री धर्मेन्द्र भाव सिंह लोधी) : (क) जी नहीं। टीनशेड ग्राम सौन्दुल में 12 व्यक्तियों को पात्रता होने से प्रत्येक को विशेष पैकेज 5.80 लाख का भुगतान तथा आवासीय भूखण्ड प्रदाय किये गये। शेष 236 व्यक्ति अपात्र थे। वर्तमान में अस्थायी टीनशेड ग्राम सौन्दुल में 42 व्यक्ति निवास कर रहे हैं। इन 42 व्यक्तियों को विशेष पैकेज 5.80 लाख एवं आवासीय भूखण्डों की पात्रता नहीं है। वर्तमान में अस्थायी टीनशेड बड़वानी पाटी नाका में 155 व्यक्ति निवास कर रहे हैं। इन 155 व्यक्तियों को विशेष पैकेज 5.80 लाख एवं आवासीय भूखण्डों की पात्रता नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) ग्राम पिछोडी़ के विस्थापितों का पुनर्वास स्थल लगभग 5 से 22 किलोमीटर दूरी पर है। अधिग्रहित भूमि का कब्जा लेने के पश्चात ग्राम पिछोडी़ के विस्थापितों की समस्या का समाधान हो सकेगा। (ग) ग्राम सौन्दुल में बैक वॉटर लेवल तक सभी मकानों का मुआवजा दिया जा चुका है। कसरावद/कुण्डिया में छः मकान शेष हैं, जिनकी कार्यवाही प्रचलन में है। ग्राम पिपरी के 22 मकानों का सर्वे नहीं करने दिया गया था। इन 22 मकानों के विस्तृत सर्वे की कार्यवाही प्रचलन में है। ग्राम सेगांव में एक मकान का प्रकरण शिकायत निवारण प्राधिकरण में लंबित है। भूखण्ड एवं मुआवजा राशि का निर्धारण स्वीकृति उपरांत ही किया जाना संभव हो सकेगा। (घ) कार्यवाही प्रचलन में है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
भूमि हस्तांतरण
[खनिज साधन]
14. ( *क्र. 46 ) श्री ब्रजेन्द्र प्रताप सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पन्ना जिले में रोजगार हेतु माइनिंग के लिए जंगल विभाग से भूमि लेकर राजस्व में भूमि हस्तांतरण के संबंध में कोई कार्यवाही खनिज विभाग में प्रचलन में है? (ख) यदि हाँ, तो कार्यवाही कब तक में पूर्ण कर ली जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) अधिकृत - राज्य मंत्री, खनिज साधन (श्री दिलीप अहिरवार) : (क) जी हाँ। प्रस्ताव प्राप्त हुआ है। प्राप्त प्रस्ताव में हीरा/फर्शी पत्थर के नवीन क्षेत्रों के चिन्हांकन एवं खनिज क्षेत्र उपलब्ध कराने का प्रस्ताव है। खनिज हीरे हेतु खान एवं खनिज (विकास और विनियमन) अधिनियम, 1957 में संशोधन दिनांक 12.01.2015 के प्रावधानों के अंतर्गत हीरा खनिज का खनिपट्टा नीलामी के माध्यम से किये जाने के प्रावधान है। खनिज फर्शी पत्थर हेतु मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम 1996 के प्रावधानों के तहत प्राप्त आवेदन पत्रों का निराकरण किया जाता है। दोनों ही खनिज क्षेत्रों में वन क्षेत्र होने पर संबंधित सफल बोलीदार अथवा आवेदक को वन संरक्षण अधिनियम 1980 के तहत कार्यवाही की जाना होगा। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
विधायक स्वेच्छानुदान हेतु अनुशंसित नामों में संशोधन
[योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी]
15. ( *क्र. 576 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या उप मुख्यमंत्री, वित्त महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधायक की अनुशंसा से विधायक स्वेच्छानुदान निधि मद से हितग्राहियों को राशि स्वीकृत की जाती है? (ख) यदि हाँ, तो क्या विधायक द्वारा पूर्व में अनुशंसित नाम के स्थान पर अन्य नाम की अनुशंसा करने पर अनुशंसा मान्य की जावेगी? (ग) प्रश्नांश (क) के अंतर्गत क्या अनुशंसित नाम में सुधार हेतु पुन: अनुशंसा मान्य की जावेगी? (घ) प्रश्नांश (ख), (ग) का उत्तर यदि नहीं, है तो क्यों?
उप मुख्यमंत्री, वित्त ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। (ग) जी नहीं। (घ) नियमों में प्रावधान नहीं होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
म.प्र. कर्मचारी चयन भोपाल द्वारा आयोजित परीक्षाओं की जानकारी
[सामान्य प्रशासन]
16. ( *क्र. 439 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. में कर्मचारी चयन मण्डल भोपाल द्वारा दिनांक 01 अप्रैल, 2022 से प्रश्नांकित अवधि तक कौन-कौन सी परीक्षा आयोजित की गई? परीक्षा का नाम, सम्मिलित प्रतियोगियों की संख्या, उत्तीर्ण प्रतियोगियों की संख्या सहित वर्षवार जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश 'क' के संदर्भ में कौन-कौन सी परीक्षाओं का परिणाम घोषित कर दिया गया है तथा कितनी व कौन-कौन सी परीक्षाओं का परिणाम घोषित करना शेष है? परीक्षावार जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश 'क' एवं 'ख' के संदर्भ में दिनांक 01 अप्रैल, 2022 से प्रश्नांकित अवधि तक कौन-कौन सी परीक्षाओं द्वारा किन-किन विभागों को कितने-कितने कर्मचारी चयन किये गये? पदवार, विभागवार एवं वर्षवार जानकारी चयनित कर्मचारियों के नाम सहित जानकारी देवें। (घ) प्रश्नांश 'क' एवं 'ख' के संदर्भ में म.प्र. कर्मचारी चयन मण्डल भोपाल द्वारा आयोजित परीक्षाओं में से कितनी परीक्षाएं निरस्त की गई? परीक्षा निरस्त करने के क्या कारण थे तथा कितनी परीक्षाओं के संबंध में शिकायतें प्राप्त हुई हैं? उन पर क्या-क्या कार्यवाही की गई? क्या-क्या जांच एवं कौन-कौन सी एजेन्सियों द्वारा जांचें की गई? परीक्षाएं निरस्त होने के लिए कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी/जनप्रतिनिधि दोषी हैं? नाम, पदनाम सहित जानकारी देवें। उन पर अभी तक नियमानुसार क्या कार्यवाही की गई? कितनी जांचें लंबित हैं? जांच में विलंब के लिए दोषी कौन है? क्या भविष्य में जांच कराकर कार्यवाही की जावेगी? परीक्षावार जानकारी देवें। (ड.) प्रश्नांश 'क' एवं 'ख' के संदर्भ में इन परीक्षाओं से कितनी राशि प्रतियोगी छात्रों से शुल्क के माध्यम से प्राप्त की गई है? कितनी राशि परीक्षाओं पर व्यय की गई है? कितनी राजस्व सरकार को प्राप्त हुआ?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) अधिकृत - राज्य मंत्री, सामान्य प्रशासन (श्रीमती कृष्णा गौर) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) दिनांक 01 अप्रैल, 2022 से प्रश्नांकित अवधि तक मण्डल द्वारा आयोजित कोई भी परीक्षा निरस्त नहीं की गई है। ग्रुप-2 सबग्रुप-4 पटवारी भर्ती परीक्षा-2022 में आवेदकों से ई-मेल एवं भौतिक रूप से कुल 428 शिकायतें प्राप्त हुईं थीं। शिकायतों के संदर्भ में म.प्र. शासन, सामान्य प्रशासन विभाग का पत्र क्रमांक 1450/1456245/2023/जी.ए.डी./एक/1 भोपाल, दिनांक 19 जुलाई, 2023 के द्वारा जांच हेतु मान. उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीपति श्री राजेन्द्र कुमार वर्मा को नियुक्त किया गया है। जांच प्रतिवेदन दिनांक 30.01.2024 को प्राप्त हो चुका है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ड.) दिनांक 01 अप्रैल, 2022 से प्रश्नांश दिनांक तक शुल्क के रूप में राशि रु. 15728.41 लाख प्राप्त हुई है एवं राशि रु. 15320.59 लाख का व्यय हुआ है। मण्डल को राशि रू. 407.82 लाख का राजस्व प्राप्त हुआ है।
ग्राम रूनाहा में औद्योगिक क्षेत्र विकसित किये जाने हेतु भूमि का आरक्षण
[सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम]
17. ( *क्र. 543 ) श्री विष्णु खत्री : क्या सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैरसिया विधानसभा के ग्राम रूनाहा में जिला उद्योग केन्द्र, भोपाल द्वारा औद्योगिक क्षेत्र विकसित किये जाने हेतु कितनी भूमि आरक्षित की गई है? (ख) विभाग द्वारा औद्योगिक क्षेत्र विकसित किये जाने हेतु क्या कार्य योजना बनाई गई है?
सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री ( श्री चेतन्य कुमार काश्यप ) : (क) जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र द्वारा भूमि आरक्षित नहीं की गई है। (ख) प्रश्नांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
संविदा कर्मचारियों हेतु निर्मित नीति का क्रियान्वयन
[सामान्य प्रशासन]
18. ( *क्र. 484 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को [श्री नारायण सिंह पट्टा] : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या संविदा कर्मचारियों को नियमित कर्मचारियों के समान वेतन, दूसरे सभी लाभ देने, नियमित भर्ती परीक्षा में 50 % आरक्षण देने के लिए बनाई गई नीति को विभागों द्वारा लागू नहीं किया गया है? (ख) क्या संविदा कर्मचारियों के लिए प्रतिवर्ष अनुबंध प्रक्रिया समाप्त होने के बावजूद 6 महीने में अनुबंध तोड़कर संविदा पर काम कर रहे अनेक कर्मचारियों को नौकरी से निकाला जा चुका है? (ग) क्या संविदा कर्मचारियों को अभी तक एन.पी.एस. के दायरे में लेने, बीमा, अनुकंपा नियुक्ति और ग्रेच्युटी का लाभ देने पर भी कोई क्रियान्वयन नहीं हुआ है? (घ) क्या सरकार संविदा कर्मचारियों के लिए बनाई गई नीति को तत्काल लागू करने के लिए कार्यवाही करेगी?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) अधिकृत - राज्य मंत्री, सामान्य प्रशासन (श्रीमती कृष्णा गौर) : (क) जी नहीं। शासन आदेश का पालन किया जा रहा है। (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ग) शासन द्वारा जारी नीति अनुसार विभागों द्वारा कार्यवाही किया जाना एक सतत् प्रक्रिया है। (घ) उत्तरांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सागर स्थित ढाना हवाई पट्टी का उन्नयन
[विमानन]
19. ( *क्र. 348 ) श्री शैलेन्द्र कुमार जैन : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बुन्देलखण्ड अंचल के संभागीय मुख्यालय सागर स्थित ढाना हवाई पट्टी काफी वर्ष पुरानी है, जिसे व्यवहारिक दृष्टि से हवाई अड्डे के रूप में विकसित किये जाने की कोई योजना शासन के समक्ष विचाराधीन है? (ख) यदि हाँ, तो योजनांतर्गत कौन-कौन से घटक शामिल किये गये हैं? (ग) यदि नहीं, तो क्या शासन बुन्देलखण्ड अंचल के सर्वाधिक महत्वपूर्ण शहर संभागीय मुख्यालय सागर स्थित ढाना हवाई पट्टी के उन्नयन कराये जाने हेतु कोई योजना बनायेगा तथा कब तक?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) अधिकृत - राज्य मंत्री, विमानन (श्रीमती प्रतिमा बागरी) : (क) जी हाँ। वर्तमान में योजना प्रचलन में नहीं है। (ख) उत्तरांश 'क' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) कार्यवाही प्रचलन में है। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
लाड़ली बहना योजनान्तर्गत छूटी हुई महिलाओं का पंजीकरण
[महिला एवं बाल विकास]
20. ( *क्र. 596 ) श्रीमती झूमा डॉ. ध्यानसिंह सोलंकी : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि क्या लाड़ली बहना योजनान्तर्गत दिसम्बर 2023 में पात्र महिलाओं की तुलना में जनवरी 2024 में महिलाओं की संख्या कम हुई है? हाँ तो क्या कारण है? नहीं तो कृपया दिसम्बर 2023 में पात्र महिलाओं की संख्या एवं उनके खाते में जारी राशि का विवरण देवें तथा जनवरी 2024 में पात्र महिलाओं की संख्या एवं उनके खाते में जमा की गई राशि का विवरण देवें तथा यह भी बताएं कि शेष रह गई महिलाओं का पंजीयन कब प्रारंभ होगा? क्या 18 वर्ष से 21 वर्ष की महिलाओं को लाड़ली बहना योजना में सम्मिलित किया जायेगा? हाँ तो कब तक तथा नहीं तो क्या कारण हैं?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : जी हाँ, लाड़ली बहना योजनान्तर्गत दिसम्बर 2023 में पात्र महिलाओं की तुलना में जनवरी 2024 में महिलाओं की संख्या कम हुई है, जिसके कारण निम्नानुसार हैं :- (1) 01 जनवरी, 2024 को 60 वर्ष की आयु पूर्ण होने के कारण योजना की पात्रता से बाहर. (2) स्वैच्छिक लाभ परित्याग. (3) समग्र से डिलीट होने के कारण. (4) आधार से समग्र डीलिंक होने के कारण. (5) मृत। शेष रह गई महिलाओं का पंजीयन प्रारंभ किए जाने की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। 18 वर्ष से 21 वर्ष की महिलाओं को लाड़ली बहना योजना में सम्मिलित किए जाने का कोई प्रस्ताव नहीं है तथा इसका कारण योजना अंतर्गत उक्त आयु वर्ग की महिलाओं को लाभान्वित किए जाने का कोई प्रावधान नहीं है।
निर्देश के बावजूद कार्यवाही नहीं किया जाना
[वित्त]
21. ( *क्र. 658 ) श्री आतिफ आरिफ अकील : क्या उप मुख्यमंत्री, वित्त महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश शासन वित्त विभाग द्वारा अपने पत्र क्रमांक-एफ 8-1/2016/नियम/चार भोपाल, दिनांक 22 जुलाई, 2017 को मध्यप्रदेश वेतन पुनरीक्षण नियम 2017 के अंतर्गत वेतन निर्धारण संबंधी विकल्प विभाग में प्रस्तुत किये जाने हेतु निर्देश जारी किये गए थे? (ख) यदि हाँ, तो क्या प्रश्नांश "क" में उल्लेखित निर्देशानुसार स्कूल शिक्षा विभाग सहित अन्य विभागों के कर्मचारियों द्वारा विकल्प प्रस्तुत किये गए हैं? यदि हाँ, तो विकल्प का अनुमोदन कोष एवं लेखा शाखा द्वारा कब-कब से व किन-किन कारणों से नहीं किया जा रहा है? क्या शासन निर्देशों का उल्लंघन करने वालों के विरुद्ध कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो क्या और कब तक और यदि नहीं, तो क्यों?
उप मुख्यमंत्री, वित्त ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जी हाँ। (ख) मध्यप्रदेश शासन, वेतन पुनरीक्षण नियम-2017 एवं वित्त विभाग के परिपत्र दिनांक 22 जुलाई, 2017 के अनुसार शासकीय सेवकों के प्रवर्ग जिन पर उक्त नियम लागू है, को कार्यालय प्रमुख के समक्ष नियत समय-सीमा में विकल्प प्रस्तुत करने हेतु दिशा-निर्देश जारी किये गये हैं। स्कूल शिक्षा विभाग के शासकीय सेवक भी वित्त विभाग के उक्त दिशा-निर्देशों के अंतर्गत हैं। वेतन पुनरीक्षण नियम, 2017 एवं वित्त विभाग के परिपत्र दिनांक 22 जुलाई, 2017 के अनुसार विकल्प प्रस्तुत कर वेतन निर्धारण की स्थिति में निर्धारित प्रक्रिया अनुसार वेतन का अनुमोदन सक्षम अधिकारी स्तर से किया जाता है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
अवैध रेत उत्खनन पर अर्थदण्ड
[खनिज साधन]
22. ( *क्र. 557 ) श्री बिसाहूलाल सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2016-17 में किन-किन रेत तस्करों की पोकलेन मशीन खनिज विभाग द्वारा जब्त की गई थी तथा क्या उस समय चचाई तहसील अनूपपुर के रेत तस्कर के द्वारा अवैध रूप से बिना वैध अधिकार के अवैध उत्खनन किया जा रहा था, जिसमें कितने वाहन उसके वैध अधिकार क्षेत्र के बाहर विभाग द्वारा जप्ती बनाई गई थी? यदि हाँ, तो उस पर क्या-क्या कार्यवाही की गई तथा उससे कितनी राशि वसूल की गई थी? (ख) क्या उक्त तस्कर के द्वारा बिना वैध अधिकार के अवैध उत्खनन किया जिसमें म.प्र. खनिज नियम 1996 के नियम 53 (1) का उल्लंघन करने पर खनिज विभाग द्वारा रूपये 28,31,70,000.00 अर्थदण्ड से कलेक्टर अनूपपुर द्वारा दण्डित किया गया था? तो क्या उसकी वसूली की गई है? यदि हाँ, तो उसकी राशि कब और किस दिनांक को वसूल की गई? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार उपरोक्त अवैध उत्खनन के दौरान पोकलेन मशीन की जप्ती की जाकर मुक्त किस आधार पर की गई तथा वसूली की राशि जमा क्यों नहीं कराई गई? यदि आज तक उक्त वसूली राशि जमा नहीं कराई गई तो विभाग द्वारा आज तक क्या-क्या कार्यवाही की गई? वसूली की राशि अभी तक जमा न होने के दोषी कौन-कौन हैं तथा इनके विरूद्ध अभी तक क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों तथा उनके विरुद्ध कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) अधिकृत - राज्य मंत्री, खनिज साधन (श्री दिलीप अहिरवार) : (क) प्रश्नांश अनुसार अनूपपुर जिले में वर्ष 2016-17 में खनिज विभाग द्वारा पोकलेन मशीन जप्त नहीं की गई थी, अपितु वर्ष 2017-18 में खनिज विभाग द्वारा खनिज रेत के अवैध उत्खनन में 01 पोकलेन मशीन को जप्त कर खनिज रेत के अवैध उत्खनन का प्रकरण दर्ज किया गया था। वैध अधिकार क्षेत्र के बाहर विभाग द्वारा वाहन जप्ती नहीं बनाई गई थी, अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी हाँ। प्रकरण में अवैध उत्खननकर्ता कमलेश सिंह चन्देल निवासी चचाई के विरूद्ध खनिज रेत का अवैध उत्खनन का प्रकरण पंजीबद्ध किया गया है, जिस पर न्यायालय कलेक्टर अनूपपुर द्वारा रूपए 28,31,70,000/- का अर्थदण्ड अधिरोपित किया गया था, जिसकी वसूली नहीं हुई है। (ग) प्रकरण वर्तमान में राजस्व मण्डल मध्यप्रदेश ग्वालियर में पुनरीक्षण के तहत विचाराधीन है। प्रकरण में जप्त पोकलेन मशीन को माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर के समक्ष प्रस्तुत याचिका क्रमांक 3132/2020 में दिनांक 11.02.2020 के आदेश से एक करोड़ रूपए का सुरक्षा बाण्ड भरने पर प्रकरण के निराकरण तक अनावेदक के विरूद्ध प्रपीड़न की कार्यवाही न किए जाने हेतु न्यायालय कलेक्टर जिला अनूपपुर के आदेश दिनांक 11.06.2020 के पालन में श्री कमलेश सिंह चन्देल, निवासी चचाई को दिनांक 12.06.2020 से अभिरक्षा में दी गई है। प्रकरण वर्तमान में राजस्व मण्डल मध्यप्रदेश, ग्वालियर के समक्ष अर्द्ध न्यायिक प्रक्रिया के तहत विचाराधीन है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नीलाम की गई रेत खदान
[खनिज साधन]
23. ( *क्र. 118 ) श्रीमती निर्मला सप्रे : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2018 से 2023 तक सागर जिले की कितनी रेत खदानों की कितनी रेत के लिए कितनी न्यूनतम दर निर्धारित कर नीलामी की गई, किस दर पर किसे स्वीकृति किस दिनांक को दी जाकर अनुबंध किस दिनांक को किया गया? (ख) वर्ष 2023 में की गई अंतिम नीलामी प्रक्रिया में किस-किस ने भाग लिया, उसने ऑनलाइन नीलामी में कितने-कितने मूल्य की बोली लगाई। (ग) वर्ष 2023 में नीलाम की गई किस खदान को किस दिनांक को प्रारंभ कर किस दिनांक से ऑनलाइन पिटपास जारी किए जा रहे उस खदान का किसके द्वारा किस दिनांक को सीमांकन कर किस अक्षांश एवं देशांश पर खदान की सीमा चिन्ह निर्धारित किया? (घ) वर्ष 2023 में नीलाम की गई कौन सी रेत खदान किन कारणों से प्रश्नांकित दिनांक तक भी प्रारंभ नहीं की जा सकी हैं?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) अधिकृत - राज्य मंत्री, खनिज साधन (श्री दिलीप अहिरवार) : (क) प्रश्नांश अनुसार सागर जिले में रेत की खदान वर्ष 2018 से 2023 तक नीलाम नहीं की गई है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) से (घ) प्रश्नांश (क) के उत्तर अनुसार जानकारी निरंक है।
अवैध उत्खनन
[खनिज साधन]
24. ( *क्र. 631 ) श्रीमती अनुभा मुंजारे : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि बालाघाट जिले में रेत ठेकेदारों के द्वारा चिन्हित खदान के अतिरिक्त सैकड़ों एकड़ नदी से अवैध उत्खनन किया जा रहा है, जिसकी पुष्टि जबलपुर संभाग आयुक्त के द्वारा दिनांक 05.01.2024 को की गई कार्यवाही से हो चुकी है, संभाग आयुक्त के द्वारा अलग-अलग थानों में 08 एफ़.आई.आर. एवं 18 वाहनों को जप्त किया है, तो क्या अवैध उत्खनन में लिप्त ठेकेदार के विरुद्ध कोई कार्यवाही एफ.आई.आर. दर्ज की गई जायेगी और यदि की जायेगी तो कब तक? यदि नहीं, की जायेगी तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) अधिकृत - राज्य मंत्री, खनिज साधन (श्री दिलीप अहिरवार) : प्रश्नांश अनुसार बालाघाट जिले में रेत खनिज के अवैध उत्खनन के संबंध में प्राप्त शिकायती क्षेत्रों का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान ग्राम डोंगरिया, ग्राम अंतरी, ग्राम सावरी, ग्राम खैरी में निजी भूमि पर भण्डारित खनिज रेत को जप्त कर भण्डारण स्थल से कुल 16 वाहनों को जप्त किया जाकर तथा ग्राम अंतरी, सावरी, खैरी में निजी भूमि पर अवैध भण्डारित खनिज रेत को जप्त कर 07 एफ़.आई.आर. दर्ज की गई है। आयुक्त जबलपुर संभाग जबलपुर के आदेश क्रमांक 126, दिनांक 05.01.2024 द्वारा शिकायती क्षेत्र का सीमांकन एवं सीमा क्षेत्र से बाहर किये गये अवैध उत्खनन की जांच हेतु अनुभाग स्तर पर जांच दल गठित किया गया। गठित जांच दल से प्रतिवेदन प्राप्त होने एवं पुलिस के तफतीश के उपरांत नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी।
न्यू पेंशन स्कीम (N.P.S.) की जानकारी
[वित्त]
25. ( *क्र. 71 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या उप मुख्यमंत्री, वित्त महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) न्यू पेंशन स्कीम (N.P.S.) शासन/विभाग द्वारा कब से प्रारम्भ की गई है? N.P.S. जब से प्रारम्भ हुई है, मध्यप्रदेश शासन के विभिन्न विभागों में पदस्थ कितने अधिकारियों/कर्मचारियों की कितनी राशि N.P.S. हेतु उनके वेतन से काटकर जमा की गई है? पृथक-पृथक जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) अधिकारियों/कर्मचारियों की N.P.S. हेतु काटी गई राशि को शासन/विभाग द्वारा किन-किन कंपनियों में जमा कराया गया है? जिन कम्पनियों में N.P.S. की राशि जमा कराई गई है, उनमें से कितनी, कौन-कौन सी कम्पनी वर्तमान में चल रही है और कितनी, कौन-कौन सी कम्पनी दिवालिया या बन्द हो गई है? पृथक-पृथक जानकारी उपलब्ध करायें। (ग) न्यू पेंशन स्कीम (N.P.S.) की क्या नियमावली है? नियमावली की छायाप्रति उपलब्ध करायें।
उप मुख्यमंत्री, वित्त ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) मध्यप्रदेश शासन, वित्त विभाग के परिपत्र क्रमांक एफ-9/3/2003/नियम/चार, दिनांक 13.04.2005 द्वारा दिनांक 01 जनवरी, 2005 को या उसके पश्चात् नियुक्त कर्मचारियों हेतु न्यू पेंशन स्कीम (N.P.S.) लागू की गई है। न्यू पेंशन स्कीम प्रारंभ होने के उपरांत म.प्र. शासन के विभिन्न विभागों में पदस्थ कुल 522211 अधिकारियों/कर्मचारियों के वेतन से कर्मचारियों के अंशदान की राशि 18121.80 करोड़ काटी जाकर N.P.S. में जमा की गई है। (ख) अधिकारियों/कर्मचारियों की N.P.S. हेतु काटी गई राशि को शासन/विभाग द्वारा ट्रस्टी बैंक में जमा किया जाता है। इस राशि का निवेश SBI Pension Fund Private ltd., lIC Pension Fund ltd. एवं UTI Retirement Solutions ltd. में पी.एफ.आर.डी.ए. द्वारा निर्धारित प्रतिशत के आधार पर किया जाता है। वर्तमान में SBI Pension Fund Private ltd., lIC Pension Fund ltd. एवं UTI Retirement Solutions ltd. फंड मैनेजर्स हैं एवं कार्यरत हैं। कोई भी कंपनी दिवालिया या बंद नहीं हुई है। (ग) N.P.S. संबंधी राज्य शासन की पृथक से नियमावली नहीं है, प्रश्नाधीन विषय पर राज्य शासन द्वारा समय-समय पर जारी दिशा-निर्देशों की छायाप्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
भाग-2
नियम
46 (2) के
अंतर्गत
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
के रुप में
परिवर्तित
तारांकित प्रश्नोत्तर
जिला
खनिज
प्रतिष्ठान
न्यास
[खनिज साधन]
1. ( क्र. 37 ) श्री जगन्नाथ सिंह रघुवंशी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अशोकनगर जिले के जिला खनिज प्रतिष्ठान न्यास के पंजीयन प्रमाण पत्र की प्रति उपलब्ध कराए एवं जिले में खनन से प्रभावित ग्रामों की सूची एवं अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित ग्रामों की सूची भी उपलब्ध करावेंl (ख) सूची अनुसार वर्ष 2020-21, 2021-22 एवं 2022-23 से किन-किन ग्रामों में कौन-कौन से कार्य वर्तमान में प्रगतिरत हैं प्रगतिरत कार्यों की जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) जिला खनिज प्रतिष्ठान के न्यास मंडल की वर्ष 2020-21,2021-22 एवं 2022-23, में आयोजित बैठकों का कार्यवाही विवरण एवं पालन प्रतिवेदन एवं कार्यपालक समिति का वर्ष 2022 एवं 23 की बैठक का कार्यवाही विवरण एवं पालन प्रतिवेदन देवेंl (घ) वर्ष 2022 एवं 2023 में किन पट्टा धारियों को अभिवहन परिपत्र जारी किया गया है और अब तक कितने प्रतिष्ठानों के द्वारा प्रतिष्ठान को अंशदान का भुगतान कर दिया गया है भुगतान संबंधी और बकाया संबंधी संपूर्ण जानकारी उपलब्ध कराएंl (ड.) प्रधानमंत्री खनिज क्षेत्र कल्याण योजना का क्रियान्वयन जिला खनिज प्रतिष्ठान न्यास के माध्यम से वर्ष 2022 एवं 2023 में प्रगतिरत कार्यों का संपूर्ण विवरण उपलब्ध करावें एवं विभागों के द्वारा खर्च की गई राशि का उपयोगिता प्रमाण पत्र भी देवेंl
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जिला खनिज प्रतिष्ठान न्यास, एक अलाभकारी निकाय है तथा इसका गठन अधिसूचना के माध्यम से शासन द्वारा किया गया है, इस कारण से पंजीयन किया जाना प्रावधानित नहीं है। म.प्र. राजपत्र दिनांक 25/08/2022 में अधिसूचित प्रावधानों के अनुसार राज्य का समस्त भू-भाग खनन प्रभावित क्षेत्र मान्य होगा, इस कारण से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) प्रश्नांश अनुसार वर्ष 2020-21 एवं 2021-22 में प्रगतिरत कार्यों की जानकारी निरंक है। वर्ष 2022-23 में राज्य शासन स्तर से स्वीकृत, प्रगतिरत कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर दर्शित है। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न की जानकारी निरंक है। (घ) वर्ष 2022 एवं 2023 में म.प्र. शासन, खनिज साधन विभाग के ई-खनिज पोर्टल से जारी अभिवहन पास का पट्टाधारी अनुसार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर दर्शित है। वर्ष 2022 में 61 पट्टाधारियों द्वारा जिला खनिज प्रतिष्ठान मद में अंशदान भुगतान किया है एवं वर्ष 2023 में 59 पट्टाधारियों द्वारा जिला खनिज प्रतिष्ठान मद में अंशदान भुगतान किया है। ई-खनिज पोर्टल से जिला खनिज प्रतिष्ठान के अंशदान भुगतान उपरांत ही खनिज अभिवहन पास जारी होता है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ड.) प्रधानमंत्री खनिज क्षेत्र कल्याण योजना का क्रियान्वयन जिला खनिज प्रतिष्ठान न्यास के माध्यम से वर्ष 2022 में प्रगतिरत कार्यों का विवरण निरंक है एवं वर्ष 2023 में प्रगतिरत कार्यों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर दर्शित है। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार कार्य प्रारंभ किए गए हैं अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
रेत खनन कार्य का सीमांकन
[खनिज साधन]
2. ( क्र. 72 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र परासिया के अन्तर्गत खनिज विभाग द्वारा बिजौरीफुल्ला, खैरीचैतू, फुटारा, नवेगांव, जाटाछापर, सिंदरई गुरैयाथर में रेत खनन कार्य हेतु किन-किन ठेकेदारों को कितने-कितने रकबे की खदानों को चिन्हित कर ठेका दिया गया है? ठेकेदारों के नाम, पता व चिन्हित खदानों का रकबा, सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार जिन संबंधित ठेकेदारों को रेत खनन कार्य का ठेका दिया गया है, वर्तमान में उन ठेकेदारों के द्वारा विभाग द्वारा चिन्हित की गई खदानों की सीमा से रेत का परिवहन न करते हुए, अन्यत्र अवैध जगहों/स्थानों से रेत का अवैध परिवहन किया जा रहा है। जिससे शासन को लाखों रूपयों की रॉयल्टी का नुकसान हो रहा है। क्या इसकी उचित जांच कराकर, सीमांकन कार्य कराया जाना उचित प्रतीत नहीं होता है? क्या विभाग के द्वारा उपरोक्त मामले की जांच कराई जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक जांच कराई जायेगी? (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुसार विभाग द्वारा उपरोक्त मामले की जब तक जांच पूरी नहीं होती है, तब तक के लिए रेत खनन कार्य पर क्या रोक लगाई जायेगी?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर दर्शित है। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार रेत खदानों के ठेकेदार ग्रेवेलिया इंटरप्राईजेस प्राईवेट लिमिटेड, ब्रांच ऑफिस लक्ष्मी नगर बेलगांव सौसर जिला पांढुरना द्वारा विभाग द्वारा चिन्हित की गई खदानों की सीमा से रेत का परिवहन न करते हुए अन्यत्र अवैध जगहों/स्थानों से रेत का अवैध परिवहन किये जाने संबंधी कोई प्रकरण प्रकाश में नहीं आये है। तथापि वित्तीय वर्ष 2023-2024 में विभिन्न व्यक्तियों पर अन्यत्र स्थानों से अवैध रेत खनन के 28 प्रकरण एवं अवैध रेत परिवहन के 90 प्रकरण पंजीबद्ध किये जाकर राशि रूपये 71,95,230/- शासनहित में जमा कराई गई है। उपरोक्त अनुसार शेष भाग का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
आंगनवाड़ी केन्द्रों के बच्चों को पोषण आहार का प्रदाय
[महिला एवं बाल विकास]
3. ( क्र. 80 ) श्री कैलाश कुशवाहा : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विधानसभा क्षेत्र पोहरी में आंगनवाड़ी के कुल कितने केन्द्र हैं? उक्त केन्द्रों में से कितने आंगनवाड़ी केंद्र ऐसे हैं जिनमें बिजली का कनेक्शन नहीं है या बिजली सप्लाई बंद है? कितने आंगनवाड़ी केंद्र ऐसे है जिनमें पीने के पानी का इंतजाम नहीं है? जिन आंगनवाड़ी केन्द्रों में बिजली, पानी उपलब्ध नहीं है, उनके लिए कब तक बिजली, पानी का इंतजाम किया जाएगा, समयावधि बताते हुए आंगनवाड़ी केन्द्रवार जानकारी उपलब्ध कराई जावे? (ख) क्या विधानसभा क्षेत्र पोहरी क्षेत्रांतर्गत सभी आंगनवाड़ी केन्द्रों में पोषण आहार का नाश्ता व खाना बच्चों को मिल रहा है? क्या बच्चों के नाश्ते का समय व खाने का समय अलग-अलग है? क्या जाँच के दौरान क्षेत्र में कई जगह नाश्ता/भोजन बच्चों को मिलना नहीं पाया गया है? यदि हाँ, तो जाँच प्रतिवेदन उपलब्ध करावें। (ग) बच्चों को नाश्ता व खाना अलग-अलग देने संबंधी भौतिक सत्यापन की रिपोर्ट उपलब्ध करायी जावे? यदि बच्चों को समय पर नाश्ता व खाना नहीं मिलता है, तो उसके लिए कौन उत्तरदायी है एवं उन पर क्या कार्यवाही की जावेगी? (घ) यदि वर्ष 2022-23 में आंगनवाड़ी केन्द्रों के बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण कराया गया है, यदि हाँ, तो परीक्षण रिपोर्ट उपलब्ध करावें? विधानसभा क्षेत्र पोहरी अंतर्गत वर्ष 2024 में बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण कब-कब किया जावेगा, जानकारी दें।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) विधानसभा क्षेत्र पोहरी में कुल 507 आंगनवाड़ी केन्द्र हैं। उक्त केन्द्रों में से 342 आंगनवाड़ी केंद्रों में बिजली का कनेक्शन नहीं है। बिजली सप्लाई बंद है। जिन केन्द्रों में बिजली कनेक्शन है उनमें बिजली की सप्लाई है। सभी आंगनवाड़ी केंद्रों में पीने के पानी का इंतजाम है। आंगनवाड़ी केन्द्रों में बिजली कनेक्शन एक सतत् प्रक्रिया है, जो कि वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर करता है, जिसकी समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है। बिजली कनेक्शन रहित आंगनवाड़ी केन्द्रों की केन्द्रवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है। (ख) हाँ। हाँ, बच्चों को नाश्ते व खाने का समय अलग-अलग है। जांच के दौरान बच्चों को नाश्ता/भोजन मिलना पाया गया। स्व-सहायता समूहों द्वारा आंगनवाड़ी केन्द्रों पर नाश्ता या भोजन न दिये जाने की स्थिति में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता की रिपोर्ट पर पर्यवेक्षक एवं परियोजना अधिकारी से सत्यापन उपरांत भुगतान में कटौत्रा कर देयक प्रस्तुत किये जाते हैं, तदानुसार भुगतान जिला कार्यक्रम अधिकारी द्वारा किया जाता है। (ग) आंगनवाड़ी केन्द्रों पर बच्चों को नाश्ता व भोजन देने संबंधी भौतिक सत्यापन आंगनवाड़ी कार्यकताओं द्वारा एंड्रोइड मोबाईल से पोषण ट्रैकर एप में ऑनलाईन दर्ज की जाती है। प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (घ) जी हां, वर्ष 2022-23 में आंगनवाड़ी केन्द्रों के बच्चों के कराये गये स्वास्थ्य परीक्षण की रिपोर्ट एवं विधानसभा क्षेत्र पोहरी अन्तर्गत वर्ष 2024 में बच्चों के स्वास्थ्य परीक्षण संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है।
लाड़ली बहना योजना
[महिला एवं बाल विकास]
4. ( क्र. 87 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जिला जबलपुर में कितने आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित हैं? परियोजना सेक्टरवार जानकारी दें। (ख) पूर्व विधानसभा क्षेत्र क्र 97 जबलपुर के तहत कितनी महिलाओं को लाड़ली बहिना योजना के लाभ से लाभांवित किया गया हैं एवं उनके खातों में माह मार्च 2023 से जनवरी 2024 तक माहवार कितनी-कितनी राशि जमा की गई। योजना के तहत कितनी-कितनी महिलाओं ने आवेदन पत्र दिया है। इनमें से कितनी-कितनी पात्र महिलाओं का चयन किया गया। कितने आवेदन पत्र निरस्त किये गये? परियोजना पर्यवेक्षक सेक्टर तथा आंगनवाड़ी केन्द्रवार जानकारी दें। (ग) प्रश्नांकित योजना के तहत लाभांवित महिलाओं की पात्रता का परीक्षण किस स्तर के किस अधिकारी ने किया है? पात्रता परीक्षण हेतु शासन या जिला प्रशासन ने संभाग व जिला स्तर पर कब से किस एजेंसी अथवा कमेटी का गठन किया हैं? (घ) प्रश्नांश (क) में कितनी पात्र महिलाएं योजना के लाभ से वंचित हैं? कितनी पात्र महिलाओं के खाते में कब से कितनी राशि जमा नहीं की गई एवं क्यों? (ड.) प्रश्नांकित योजना के तहत चिंहित कितनी पात्र महिलाएं जिन्हें राष्ट्रीय विधवा पेंशन, परित्यकत्ता पेंशन, कल्याणी पेंशन, सामाजिक सुरक्षा व दिव्यांगजन सुरक्षा पेंशन की प्राप्त राशि 600/- रुपये के मान से काटकर शेष राशि ही उनके खाते में जमा की गई हैं एवं क्यों? इस संबंध में शासन ने कब क्या दिशा निर्देश जारी किये हैं?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) जिला जबलपुर में कुल 2483 आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित हैं? परियोजना सेक्टरवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-01 पर है। (ख) पूर्व विधानसभा क्षेत्र क्र 97 जबलपुर के तहत मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना 2023 के लाभ से लाभांवित महिलाओं के खातों में माह जून 2023 से जनवरी 2024 तक निकायवार माहवार जमा की गई राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-02 पर है । योजना अंतर्गत प्रथम मासिक आर्थिक सहायता राशि का अंतरण माह जून 2023 से होने के कारण माह मार्च 2023 से माह मई 2023 तक योजना अंतर्गत मासिक आर्थिक सहायता राशि का अंतरण निरंक है । पूर्व विधानसभा क्षेत्र क्र 97 जबलपुर अंतर्गत योजना के तहत आवेदन करने वाली महिलाओं तथा इनमें से चयनित पात्र महिलाओं एवं निरस्त किये गये आवेदन पत्र/अपात्र महिलाओं की निकायवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-03 पर है । योजना अंतर्गत महिलाओं का पंजीयन निकायवार होने के कारण उक्त जानकारी परियोजना, पर्यवेक्षक सेक्टर तथा आंगनवाड़ी केन्द्रवार दी जाना संभव नहीं। (ग) प्रश्नांकित योजना के प्रावधानों अंतर्गत आवेदिकाओं से स्व-घोषणा के आधार पर आवेदन का ऑनलाइन पंजीयन किया जाकर इन आवेदनों पर पोर्टल के माध्यम से आम लोगों से आपत्तियां प्राप्त की गयी। पोर्टल पर दर्ज आपत्तियां एवं राज्य स्तर से चिन्हांकित प्रकरणों की पात्रता का परीक्षण योजना के प्रावधानों में उल्लेखित आपत्ति निराकरण समितियों के द्वारा किया गया है, योजना के प्रावधान पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-04 पर है। जिन आवेदनों पर प्राप्त आपत्तियां उक्तानुसार आपत्ति निराकरण समिति द्वारा गलत पाई गई उन आवेदिकाओं को तथा जिन आवेदनों पर किसी भी स्तर पर से कोई भी आपत्ति नही प्राप्त हुई एवं जो स्व घोषणा के आधार पर पात्रता की सभी शर्तें पूर्ण करती थी उन सभी आवेदिकाओं को योजना अंतर्गत पात्र माना गया है। (घ) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में जिला जबलपुर में योजना अंतर्गत मासिक आर्थिक सहायता राशि प्राप्त करने के लाभ से वंचित पात्र महिलाओं के खातों में माहवार कारण सहित जमा नहीं की गई राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-05 पर है। (ड.) प्रश्नांकित योजना के तहत जिला जबलपुर में माह जनवरी 2024 में चिंहित कुल 20,639 पात्र महिलाएं जिन्हें राष्ट्रीय विधवा पेंशन, परित्यकत्ता पेंशन, कल्याणी पेंशन, सामाजिक सुरक्षा व दिव्यांगजन सुरक्षा पेंशन की प्राप्त राशि 600/- रुपया के मान से काटकर शेष राशि ही उनके खाते में जमा की गई है। इस संबंध में शासन के दिशा-निर्देश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट -04 एवं 06 पर है।
महिलाओं पर अत्याचार
[गृह]
5. ( क्र. 88 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर महिलाओं पर अत्याचार, घरेलू हिंसा, यौन शोषण, हत्या व हत्या का प्रयास, अपहरण, दुष्कृत्य, दुष्कृत्य व हत्या, सामूहिक दुष्कृत्य, ब्लैक मेलिंग शादी का झांसा देकर यौन शोषण करने से सम्बंधित कितने-कितने मामलें पंजीकृत किये गये हैं? वर्ष 2020-21 से 2023-24 तक की जबलपुर संभाग व जिलावार, माहवार जानकारी दें। (ख) जबलपुर संभाग में किशोर, नाबालिग युवतियों, छात्राओं व लड़कियों का अपहरण, अपहरण व दुष्कृत्य, हत्या, दुष्कृत्य व हत्या, सामूहिक दुष्कृत्य, ब्लैक मेलिंग, छेड़छाड़, आत्महत्या, यौन शोषण, गुमशुदा (लापता) व मानव तस्करी से सम्बंधित कितने-कितने मामलें पंजीकृत किये गये हैं? जिलावार, माहवार जानकारी दें। (ग) प्रश्नांश (क) में पाक्सो एक्ट व भा.द.वि. की धारा 302, 354 के पंजीकृत कितने प्रकरणों में कितने आरोपियों को गिरफ्तार किया गया एवं कितने आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया गया। कितने लापता हैं? किन-किन मामलों में कितने-कितने आरोपियों को किस-किस प्रकार की सजा सुनाई गई? (घ) प्रश्नांश (क) में पंजीकृत कितने मामलों में कितनी पीड़ित महिलाओं, युवतियों व लड़कियों को अपराधियों के चंगुल से मुक्त कराया गया। कितनी गुमशुदा लापता महिलाओं, युवतियों व लड़कियों का पता लगाकर उन्हें सकुशल घर पहुंचाया गया। कितनी लापता हैं?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'स' अनुसार। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'द' अनुसार।
ग्रामों में अवैध रेत उत्खनन एवं परिवहन
[खनिज साधन]
6. ( क्र. 135 ) श्री कैलाश कुशवाहा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शिवपुरी जिला अंतर्गत वर्ष 2022-23 एवं 2023-24 में कहाँ-कहाँ रेत एवं अन्य खनिज उत्खनन सामग्री की खदानें स्वीकृत है। स्वीकृति आदेश सहित संपूर्ण जानकारी खदानवार उपलब्ध कराये? (ख) प्रश्नांश “क” के क्रम में क्या इन खदानों से नियमानुसार शासन द्वारा निर्धारित दर अनुसार रायल्टी ली जा रही है, यदि हाँ, तो इसकी प्रत्येक खदानवार शासन द्वारा निर्धारित रायल्टी की जानकारी दी जावे? (ग) प्रश्नांश “क” के क्रम में क्या नरवर व करैरा तहसील अंतर्गत ग्राम सीहोर, चिताहरी, सोन्ह एवं अमोलपठा में रेत खदान स्वीकृत है? यदि हाँ, तो आदेश की प्रति उपलब्ध करायी जावें? यदि नहीं तो इन खदानों से किसके आदेश से रेत उत्खनन व परिवहन किया जा रहा है? (घ) यदि नहीं, तो इन खदानों से रेत अवैध उत्खनन एवं परिवहन करने के संबंध में समय-समय पर समाचार पत्रों में शिकायतें प्रकाशित होती रही है, जिनमें खनिज एवं पुलिस विभाग की संलिप्तता दर्शायी जाती रही है? उक्त शिकायतों के क्रम शासन द्वारा खनिज एवं पुलिस विभाग के अधिकारी/कर्मचारियों के विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गयी उसकी जाँच प्रतिवेदन अनुसार विभागवार जानकारी उपलब्ध करायी जावे? क्या अवैध उत्खनन/परिवहन को तत्काल रोका जावेगा यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं तो कारण बतावें?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर दर्शित है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर दर्शित है। (ग) प्रश्नांश “क” के क्रम में नरवर व करैरा तहसील में ग्राम सीहोर, चिताहरी, सोन्ह एवं अमोलपठा में रेत की कोई खदान स्वीकृत नहीं है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। उक्त ग्रामों में रेत खनिज का अवैध उत्खनन एवं परिवहन पाए जाने पर समय-समय पर की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स पर दर्शित है। (घ) अवैध उत्खनन व परिवहन के संबंध में की गई कार्यवाही का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स पर दर्शित है। अवैध उत्खनन एवं परिवहन पर प्रभावी कार्यवाही की गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
कर्ज एवं कर्ज राशि के उपयोग से संचालित योजनाएं
[वित्त]
7. ( क्र. 147 ) श्री महेश परमार : क्या उप मुख्यमंत्री, वित्त महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत 05 वर्षों में राज्य सरकार द्वारा कितनी राशि का कर्ज किन-किन स्त्रोतो से कब-कब लिया है? प्रति उपलब्ध करावें? (ख) विगत 05 वर्षों में राज्य सरकार द्वारा विभिन्न स्त्रोतो से प्राप्त की गई कर्ज की राशि का निवेश किन-किन योजनाओं एवं कार्यों में किया गया है? (ग) विगत 05 वर्षों में लिये गये कर्ज की राशि पर कितना ब्याज एवं कर्ज की राशि का मूलधन राज्य सरकार द्वारा किन-किन स्त्रोतो को कब-कब दिया गया है? रिकार्ड देवें। वर्तमान में राज्य सरकार के इस वित्तीय स्थिति से म.प्र. राज्य के प्रत्येक व्यक्ति पर कितना कर्ज है? (घ) प्रदेश सरकार के पास प्रति व्यक्ति कर्ज कम करने के लिए क्या कार्य योजना है तथा प्रदेश कर्ज मुक्त बनाने के लिए विगत 05 वर्षों में क्या प्रयास किये है? प्रयास की सफलता की मूल्यांकन रिपोर्ट विधानसभा पटल पर रखें। (ड.) क्या यह सही है कि, प्रदेश सरकार बांड गिरवी रखकर भी कर्ज ले रही है? यदि हाँ, तो बतावें कि वह कौन से लक्ष्य है, जिनके कारण सरकार को बांड गिरवी रखकर कर्ज लेना पड़ रहा है? आय से अधिक सरकार द्वारा किये जा रहे खर्च के लिए कौन जिम्मेदार है?
उप मुख्यमंत्री, वित्त ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) विगत 5 वर्षों में राज्य सरकार द्वारा लिये गये कर्ज की जानकारी भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक द्वारा तैयार किये गये वित्त लेखे वर्ष 2018-19 से वर्ष 2021-22 के खण्ड 2 के Statement No.17 पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 पर उपलब्ध है। वित्तीय वर्ष 2022-23 के वित्त लेखे विधानसभा के पटल पर अभी नहीं रखे गये हैं तथा वर्ष 2023-24 के वित्त लेखे भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक द्वारा अंतिम नहीं किए जाने के कारण शेष अंकेक्षित जानकारी प्रदान की जाना संभव नहीं है। वित्तीय वर्ष 2023-24 के बजट साहित्य के वित्त सचिव के स्मृति पत्र के अनुसार राज्य सरकार पर कर्ज, वर्ष 2022-23 का पुनरीक्षित अनुमान एवं वर्ष 2023-24 का बजट अनुमान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 2 में उपलब्ध है। (ख) राज्य सरकार द्वारा अपने वित्तीय मापदण्डों के अंतर्गत विकासात्मक अधोसंरचना कार्यों हेतु कर्ज प्राप्त किया जाता है। किसी योजना विशेष के लिये कर्ज प्राप्त नहीं किया जाता है। अत: प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) विगत 5 वर्षों में लिये गये कर्ज की राशि पर ब्याज की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 पर उपलब्ध है तथा कर्ज की राशि पर मूलधन भुगतान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 पर उपलब्ध है। राज्य सरकार द्वारा अधोसंरचना विकास हेतु कर्ज लिया जाता है। इसका प्रतिव्यक्ति पर कर्ज से कोई संबंध नहीं है। अत: शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (घ) राज्य शासन द्वारा अपने निर्धारित राजकोषीय मापदण्डों एवं भारत सरकार से प्राप्त स्वीकृति के अंतर्गत ही कर्ज प्राप्त किया जाता है। अत: शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ड.) जी नहीं। शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
कार्मिक, प्रशासनिक सेवा भर्ती नियमों में सुधार
[सामान्य प्रशासन]
8. ( क्र. 149 ) श्री महेश परमार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि, म.प्र. शासन के कार्मिक, प्रशासनिक सुधार एवं प्रशिक्षण विभाग द्वारा भोपाल दिनांक 19 जून 1989 परिपत्र क्र.एफ 3-15/89/9/49 के द्वारा शासकीय अधिकारी एवं कर्मचारियों द्वारा सेवाभर्ती नियमों के प्रकरणो में बहुत अधिक विलंब किये जाने के तथ्य को शासन के ध्यान में लाया गया था? यदि हाँ, तो शासन द्वारा दोषी अधिकारियों के विरूद्ध म.प्र. सिविल सेवा (आचरण) 1965 के नियम 3 के प्रावधान अनुसार प्रत्येक शासकीय सेवक से कर्तव्यपरायण रहने की अपेक्षा कि गई थी तथा प्रकरण में विलंब होने पर अनुशासनात्मक कार्यवाही का प्रावधान था। यदि हाँ, तो बैठक दिनांक तक कितने अधिकारियों पर अनुशासनात्मक कार्यवाही हुई वर्षवार नाम, पद एवं अनुशासनात्मक कार्यवाही का विवरण सहित सूची देवें। (ख) विगत 02 वर्षों में कार्मिक प्रशासनिक सुधार हेतु विभाग द्वारा कितने निर्देश जारी किये गये एवं निर्देशों के उल्लंघन पर क्या कार्यवाहियाँ कि गई? विभाग के निर्देशों एवं परिपत्रों की पुस्तिका की प्रतियाँ वर्षवार देवें। (ग) क्या गोपनीय चरित्रावली सी.आर.चैनल के अनुसार लिखे जाने से पूर्व प्रतिवेदक स्वीकारकर्ता एवं समीक्षा अधिकारी द्वारा संबंधित व्यक्ति की कर्तव्य परायणता का मूल्यांकन कार्मिक एवं प्रशासनिक सुधार के अन्तर्गत किया जाता है? यदि हाँ, तो सी.आर.लिखने के नियम एवं कार्य प्रणाली की जानकारी देवें। (घ) कार्मिक एवं प्रशासनिक सुधार विभाग द्वारा विगत 02 वर्षों में कितने भारतीय प्रशासनिक एवं राज्य प्रशासनिक अधिकारियों के कार्यों की मानिटरिंग की है? निरीक्षण प्रतिवेदन की वर्षवार संकलित रिपोर्ट देवें।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। शेषांश जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-क अनुसार। शेषांश जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ग) जी हाँ। नियम निर्देश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ख अनुसार। (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
विधानसभा क्षेत्र घट्टिया में संचालित जे.के. प्लांट
[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]
9. ( क्र. 153 ) श्री सतीश मालवीय : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र घट्टिया के अन्तर्गत जे. के. सीमेन्ट का जो प्लांट संचालित किया जा रहा है, प्लांट के संचालन में जारी सभी अनुमतियों की विभागवार सम्पूर्ण जानकारी की प्रमाणित प्रतियाँ उपलब्ध करावें। (ख) विधानसभा क्षेत्र घट्टिया में स्थित जे. के. सीमेन्ट द्वारा संचालित प्लांट में कितने स्थानीय व्यक्तियों को रोजगार प्रदान किया गया है? प्लांट के परिसर एवं परिसर के बाहर किए गए वृक्षारोपण की जानकारी मय फोटो सहित उपलब्ध करावें। (ग) प्लांट में सीमेन्ट उत्पादन से निकलने वाली गैस एवं धूल के कण से खराब हो रही किसानों की फसलें एवं दूषित पेयजल के लिये कम्पनी संचालक द्वारा क्या-क्या कदम उठायें जा रहे हैं? क्या कृषकों को खराब फसलों का मुआवजा भी प्रत्येक वर्ष दिया जावेगा? (घ) क्या कम्पनी द्वारा आवागमन हेतु जो सड़कें बनाई गई हैं, वह लोडिंग एवं ट्रॉफिक को ध्यान में रखते हुए बनाई गई हैं? क्या उक्त सड़क मार्ग को फोरलेन बनाया गया है? कम्पनी के वाहनों की आवागमन से हो रही असुविधा के संबंध में कम्पनी की क्या योजना है?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) इकाई मेसर्स जे.के. सीमेंट लिमिटेड ग्राम-माधवगढ़, तहसील-घट्टिया, जिला-उज्जैन से प्राप्त जानकारी अनुसार प्लांट के संचालन में इकाई द्वारा प्राप्त की गई सम्मतियों की विभागवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ख) इकाई मेसर्स जे.के.सीमेंट लिमिटेड ग्राम-माधवगढ़, तहसील-घट्टिया, जिला-उज्जैन से प्राप्त जानकारी अनुसार प्लांट में कुल 241 व्यक्तियों को रोजगार प्रदत्त किया गया है जिसमें से कुल 196 मध्यप्रदेश राज्य के हैं इनमें से उज्जैन के 141 एवं घट्टिया के 70 व्यक्तियों को रोजगार प्रदाय किया गया है। पर्यावरण विभाग से प्राप्त जानकारी अनुसार उद्योग द्वारा उद्योग परिसर में लगभग 1300 वृक्षारोपण किया गया है। उद्योग परिसर के बाहर वृक्षारोपण की जानकारी एवं फोटोग्राफ पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। इकाई द्वारा विभिन्न जगहों पर प्लांटेशन के फोटो की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। (ग) पर्यावरण विभाग से प्राप्त जानकारी अनुसार उद्योग में वायु प्रदूषण नियंत्रण हेतु नियमानुसार बैग हाऊस, डस्ट कलेक्टर सिस्टम, वॉटर स्प्रिंकलिंग सिस्टम, रोड स्वीपिंग मशीन एवं वृक्षारोपण इत्यादि की व्यवस्था की गई है तथा सतत् मॉनिटरिंग हेतु ऑनलाईन निरंतर मॉनिटरिंग सिस्टम की व्यवस्था स्थापित है। उद्योग से वायु प्रदूषण की समस्या नहीं पाई गई है, अत: फसलों के खराब होने का प्रश्न नहीं है। उद्योग की उत्पाद प्रक्रिया से दूषित जल का निस्सारण नहीं होता है व जल प्रदूषण की स्थिति नहीं पाई गई है, अत: फसलों के मुआवजा का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) इकाई मेसर्स जे.के. सीमेंट लिमिटेड, ग्राम-माधवगढ़, तहसील-घट्टिया, जिला-उज्जैन से प्राप्त जानकारी अनुसार कंपनी द्वारा निर्माणाधीन सड़कें मध्यप्रदेश रूरल रोड डेव्हलपमेंट अथॉरिटी द्वारा निर्धारित मापदंडों के अनुसार ही बनायी जा रही है। आवागमन और ट्रैफिक कंट्रोल के लिए कंपनी ने विभिन्न स्थानों पर सिक्युरिटी तैनात कर रखी है ताकि ग्रामीण जन को आवागमन के समय परेशानी न हो और विधिवत आवागमन सुचारू रह सके।
अपराधियों पर कार्यवाही न होना
[सामान्य प्रशासन]
10. ( क्र. 164 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि, राज्य गृह विभाग आर्थिक अपराध ब्यूरों म.प्र. ने अपने पत्र क्रमांक जबल/अप्र./प्रां.जा./क्रं./36651/5-एल/बी/09 भोपाल दिनांक 25.09.09 द्वारा प्रमुख सचिव म.प्र. शासन सहकारिता विभाग को प्रारंभिक जांच में अपराध क्रमांक 36/09 पर पंजीबद्ध होने की सूचना दी थी। (ख) यदि हाँ, तो प्रश्नांश (क) में वर्णित अपराध में आज दिनांक तक क्या कार्यवाही हुई? (ग) क्या प्रश्नांश (क) में वर्णित पत्र में म.प्र. शासन सामान्य प्रशासन विभाग के पत्र दिनांक 04/09/09 के साथ प्राप्त खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग की संक्षेपिका के आधार पर अध्यक्ष एवं प्रबंधक क्रय-विक्रय समिति खरीदी केन्द्र बड़ागांव धसान टीकमगढ़ एवं उक्त 6 (छ:) के विरूद्ध रवि विपणन वर्ष 2009-10 में खरीदी में की गई अनियमितताओं से संबंधित थी। (घ) प्रश्नांश (ग) में वर्णित सभी दोषी समितियों के अध्यक्ष एवं प्रबंधकों के नाम सहित यह भी बतायें कि आज दिनांक तक उनके खिलाफ क्या कार्यवाही की गई है?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। (ख) अपराध विवेचनाधीन है। (ग) जी हाँ। (घ) प्रकरण वर्तमान में विवेचनाधीन है, विवेचना में तथ्यों के आधार पर विधिसम्मत कार्यवाही की जावेगी।
विधायक विकास निधि का दुरूपयोग
[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]
11. ( क्र. 165 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या उप मुख्यमंत्री, वित्त महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या टीकमगढ़ विधायक द्वारा वर्ष 2018 से वर्ष 2023 तक जितनी भी राशि विकास कार्यों हेतु दी गई वह सभी कार्य गुणवत्ताहीन किये गये है? (ख) यदि नहीं तो प्रश्नांश (क) वर्णित कार्यों के नाम मूल्यांकन एवं सत्यापनकर्ता अधिकारी के नाम सहित बताये? (ग) क्या यह सही है कि प्रवेश द्वार निर्माण पर अधिक राशि स्वीकृत की गई है और प्रवेश द्वार गुणवत्ताविहीन है जैसे - बल्देवगढ़ मार्ग पर उर नदी के पास बना प्रवेश द्वार आदि? (घ) प्रश्नांश (क) में वर्णित अवधि में कुल कितने प्रवेश द्वार बनवाये गये विस्तृत विवरण दें?
उप मुख्यमंत्री, वित्त ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जी नहीं। (ख) प्रश्नांश-''क'' में वर्णित कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट– अ अनुसार है। प्रश्न के शेष भाग की जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ग) जी नहीं। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट –ब अनुसार है।
जनसुनवाई एवं उनका निराकरण
[सामान्य प्रशासन]
12. ( क्र. 180 ) श्री प्रहलाद लोधी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आमजन की समस्याओं को त्वरित निराकरण के लिये शासन जिला स्तर पर प्रति मंगलवार जनसुनवाई आयोजित करता है? क्या कलेक्टर स्वंय जनसुनवाई में नहीं बैठते तथा अपने अधिनस्थों अधिकारियों को भेजते है? समस्त विभागों के विभाग प्रमुख भी स्वयं उपस्थित न होकर अपने अधिनस्थों को जनसुनवाई हेतु भेज देते हैं? यदि हाँ, तो क्या शासन इस पर महत्वपूर्ण कार्य के लिये कलेक्टर तथा अन्य समस्त विभाग प्रमुखों को अनिर्वाय रूप से जनसुनवाई में बैठने हेतु निर्देशित करेगा? (ख) क्या जनसुनवाई में आये आवेदनों को सी.एम. हेल्प लाईन पोर्टल में जोड़ने के निर्देश है? यदि हाँ, तो फिर क्यों पन्ना जिले में अपनी रेटिंग सुधारने के लिये आवदनों को पोर्टल पर नहीं जोड़ा जाता है जिससे आमजन को समस्याओं के निराकरण के लिये तथा एक ही समस्या के लिये कई वार जनसुनवाई में जाना पड़ता है? (ग) जनसुनवाई में आये आवेदनों को सी.एम. हेल्प लाईन पोर्टल में जोड़ने हेतु शासन क्या उपाय करेगा तथा इसके लिये दोषियों पर क्या कार्यवाही करेगा?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र क्रमांक एफ 11-29/ 2009/1/9 दिनांक 30 जून, 2009 द्वारा जारी निर्देश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है जिसकी कंडिका 6 अनुसार अपरिहार्य परिस्थितियों में कोई अधिकारी जन सुनवाई में अनुपस्थित रहता है तो उस अवस्था में किसी अन्य सुयोग्य वरिष्ठ अधिकारी को अपने स्थान पर जन सुनवाई करने हेतु नियुक्त करने के निर्देश के संदर्भ में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नही। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
ध्वनि विस्तारक यंत्रों का नियम विरूद्ध प्रयोग
[गृह]
13. ( क्र. 196 ) श्री आरिफ मसूद : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग द्वारा अपने आदेश क्र./एफ 44-02/2015/दो/सी-1 भोपाल दिनांक 13 दिसम्बर 2023 के माध्यम से धार्मिक स्थलों एवं अन्य स्थानों में ध्वनि विस्तारक यंत्रों (लाउडस्पीकर/डी.जे./सम्बोधन प्रणाली) के अनियंत्रित व नियम विरूद्ध प्रयोग पर नियंत्रण/कार्यवाही हेतु दिशा निर्देश जारी किये हैं। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या आदेश के बिंदु क्रमांक 1 के Schedule See rule 3 (1) and 4 (1) Ambient Air Quality Standards in respect of Noise की सारणी में Category of Area/Zone में Religious Places के लिए कोई ऐरिया कोड एवं ध्वनि सीमा (डेसिबल) वर्गीकृत नहीं किया गया है। (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में ध्वनि प्रदूषण (विनियमन और नियंत्रण) नियम 2000 यथासंशोधित एवं उक्त विषय में माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा न्याय दृष्टांत रिट पिटीशन क्रमांक 72/98 In Re: Noise Pollution में पारित दिनांक 18/07/2005 में ध्वनि विस्तारक यंत्रों (लाउड स्पीकर/डी.जे./सम्बोधन प्रणाली) को नियंत्रण करने हेतु आदेश जारी किये गए हैं। (घ) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का हवाला देकर स्थानीय प्रशासन द्वारा धार्मिक स्थलों से ध्वनि विस्तारक यंत्रों को उतरवाया जा रहा है। यदि नहीं तो क्या इस संबंध में विभाग धार्मिक स्थलों पर लगाए जाने वाले लाउड स्पीकरों के संबंध में पृथक से आदेश जारी कर भ्रम की स्थिति को दूर करेंगे यदि नहीं तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ, क्योंकि धार्मिक स्थल सभी Category of Area/Zone में स्थित होते है इसलिये धार्मिक स्थलों के लिये पृथक से एरिया कोड एवं ध्वनि सीमा (डेसिबल) वर्गीकृत नहीं किया गया है। (ग) जी हाँ। (घ) जी नहीं। धार्मिक स्थलों पर ध्वनि विस्तारक यंत्रों की ध्वनि नियंत्रित किये जाने के लिये प्रश्नांश ''क'' में उल्लेखित आदेश के पैरा (4) के क्रम में प्रशासन द्वारा समस्त संबंधित धर्म गुरूओं से संवाद व समन्वय के आधार पर लाउडस्पीकरों को हटवाये जाने के लिये प्रेरित किया गया है तथा स्वप्रेरणा से भी लाउडस्पीकरों को उतारा गया है। निर्धारित ध्वनि सीमा (डेसिबल) का उल्लंघन करने वाले समस्त ध्वनि विस्तारक यंत्रों के संबंध में नियमानुसार कार्यवाही की जा रही है। भ्रम की स्थिति नहीं है।
दोषी अधिकारियों पर कार्यवाही
[महिला एवं बाल विकास]
14. ( क्र. 211 ) श्रीमती ललिता यादव : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या विधान सभा प्रश्न क्रमांक 1189 दिनांक 27/03/2023 के उत्तर में विभाग द्वारा तत्कालीन जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी के द्वारा दैनिक वेतन भोगी चौकीदार की नियम विरूद्ध तथा अधिकारिता क्षेत्र से बाहर दूसरे जिले में नियुक्ति किये जाने के दोषी के खिलाफ कार्यवाही का आश्वासन दिया गया था? यदि हाँ, तो जवाबदार अधिकारी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? आदेश की प्रति दें। (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में यदि जवाबदार के खिलाफ कार्यवाही नहीं की गई है तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (ख) के प्रकाश में जवाबदार अधिकारी के खिलाफ कब तक कार्यवाही की जायेगी?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) जी हाँ। श्री बृजेश त्रिपाठी, तत्कालीन जिला कार्यक्रम अधिकारी, जिला-छतरपुर को विभाग के ज्ञाप क्र.753/1215935/2023/50-1 दिनांक 31.03.2023 द्वारा कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया है, जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में निरंक। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में निरंक।
अवैध उत्खनन पर जुर्माना राशि की वसूली
[खनिज साधन]
15. ( क्र. 212 ) श्रीमती ललिता यादव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले में खनिज उत्खनन की लीज़ के स्थान पर उत्खनन न होने की शिकायतों पर विभाग द्वारा 1 जनवरी 2018 से प्रश्न दिनांक तक किस-किस पर क्या-क्या कार्यवाही की गई? दिनांकवार कार्यवाही दोषी सहित बतायें। (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में अवैध उत्खनन के प्रकरणों में किस-किस पर कितना-कितना जुर्माना किया गया और किस-किस से वसूली की गई है? दिनांकवार जुर्माना राशि सहित पृथक-पृथक बतायें। (ग) प्रश्नांश (ख) के प्रकाश में अगर अवैध उत्खनन पर हुए जुर्माना राशि जमा नहीं की गई है तो लीज की निरस्ती की कार्यवाही की गई अगर नहीं तो क्यों नहीं की गई और इसके लिए कौन-कौन जवाबदार है? (घ) प्रश्नांश (ग) के प्रकाश में जुर्माना वसूल करने के लिए विभाग कब तक कार्यवाही करेगा?
मुख्यमंत्री
( डॉ. मोहन यादव ) :
(क) एवं
(ख) जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट पर
दर्शित
अनुसार है। (ग)
जानकारी
संलग्न परिशिष्ट
पर दर्शित
अनुसार सरल
क्रमांक 9 में अंकित
पट्टेदार
श्री रूचिर
जैन को ग्राम
लखेरी में स्वीकृत
उत्खनिपट्टा
को कलेक्टर
के आदेश
दिनांक 05.06.2023 से
निरस्त किया
गया था, शासन
द्वारा उक्त
आदेश में
दिनांक 29.09.2023 को
स्थगन जारी
किया गया है। (घ)
प्रश्नांश
अनुसार संलग्न
परिशिष्ट
में दो
प्रकरणों में
जुर्माना
राशि जमा कराई
गई है। शेष
प्रकरणों में
सक्षम न्यायालय
से प्रकरणों
का निराकरण
होने के उपरांत
अग्रिम
कार्यवाही की
जा सकेगी।
परिशिष्ट
- "पांच"
शासन पर कर्ज की स्थिति
[वित्त]
16. ( क्र. 269 ) श्री रामनिवास रावत : क्या उप मुख्यमंत्री, वित्त महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 31 मार्च 2018 व 31 मार्च 2019, 31 मार्च 2020, 31 मार्च 2021, 31 मार्च 2022, 31 मार्च 2023, की स्थिति में शासन पर कितना कर्ज था? प्रश्नांकित दिनांक तक शासन पर कितना कर्ज है व 31 मार्च 2024 की स्थिति में कितना कर्ज संभावित है? 31 मार्च 2023 में राज्य शासन पर कर्ज़ राज्य की कुल जी.डी.पी. का कितने प्रतिशत था? (ख) 1 अप्रैल 2020 से प्रश्नांकित दिनांक तक राज्य शासन ने कोई कर्ज लिया है? यदि हाँ, तो कितना, कब-कब व कहाँ-कहाँ से? वित्तीय वर्ष 2020-21 से प्रश्नांकित अवधि तक कितनी-कितनी राशि ऋण किश्तों एवं ऋण ब्याज के रूप में अदा की गई है? कितनी स्थापना एवं पेंशन पर व्यय की है? इस वर्ष कितनी राशि ऋण किश्त व ऋण ब्याज में अदा की जाना है? यह वर्ष 2023-24 के बजट का कितना प्रतिशत है? (ग) मार्च 2020 की स्थिति में प्रदेश के प्रत्येक व्यक्ति पर औसतन कितना कर्ज था एवं मार्च 2024 की स्थिति में कितना संभावित है? क्या राज्य पर बढ़ते हुए कर्ज के कारण/वित्त विभाग द्वारा विभिन्न सरकारी योजनाओं में राशि जारी करने पर रोक लगायी गयी है. यदि हाँ, तो किन-किन योजनाओं पर?
उप मुख्यमंत्री, वित्त ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) 31 मार्च 2018 से 31 मार्च 2022 तक शासन पर कर्ज का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-एक पर उपलब्ध है। 31 मार्च 2023 के वित्त लेखे अभी विधानसभा पटल पर प्रस्तुत नहीं किए गए जाने तथा वित्तीय वर्ष 2023-24 के वित्त लेखे भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक द्वारा अंतिम नहीं किए जाने के कारण अंकेक्षित जानकारी दी जाना संभव नहीं है। वित्तीय वर्ष 2023-24 के बजट साहित्य के वित्त सचिव के स्मृति पत्र के अनुसार राज्य सरकार पर कर्ज, वर्ष 2022-23 का पुनरीक्षित अनुमान एवं वर्ष 2023-24 का बजट अनुमान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 पर उपलब्ध है। वित्तीय वर्ष 2023-24 के बजट साहित्य के साथ प्रकाशित मध्यप्रदेश राजकोषीय उत्तरदायित्व एवं बजट प्रबंधन अधिनियम 2005 के अंतर्गत यथा-अपेक्षित प्रतिवेदन के अनुसार 31 मार्च 2023 की स्थिति में राज्य शासन पर कर्ज राज्य की कुल जी.डी.पी. का 26.3 प्रतिशत रहने का पुनरीक्षित अनुमान है। (ख) जी हाँ। 01 अप्रैल 2020 से 31 मार्च 2022 तक शासन द्वारा लिये गये कर्ज का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-एक पर उपलब्ध है। वित्तीय वर्ष 2022-23 के वित्त लेखे अभी विधानसभा पटल पर प्रस्तुत नहीं किए गए जाने तथा वित्तीय वर्ष 2023-24 के वित्त लेखे भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक द्वारा अंतिम नहीं किये जाने के कारण अंकेक्षित जानकारी दी जाना संभव नहीं है। वित्तीय वर्ष 2020-21 से वर्ष 2021-22 तक लिये गये कर्ज की राशि पर ब्याज भुगतान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 पर उपलब्ध है तथा कर्ज की राशि पर मूलधन भुगतान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-एक पर उपलब्ध है। 31 मार्च 2023 के वित्त लेखे अभी विधानसभा पटल पर प्रस्तुत नहीं किये जाने के कारण तथा वित्तीय वर्ष 2023-24 के वित्त लेखे भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक द्वारा अंतिम नहीं किए जाने के कारण अंकेक्षित जानकारी दी जाना संभव नहीं है। राज्य द्वारा ऋण की राशि का उपयोग अधोसंरचना विकास कार्यों में किया जाता है। अत: शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ग) राज्य शासन द्वारा अपने निर्धारित राजकोषीय मापदण्डों एवं भारत सरकार से प्राप्त स्वीकृति के अंतर्गत ही अधोसंरचना विकास कार्यों हेतु कर्ज लिया जाता है। इसका प्रतिव्यक्ति पर कर्ज से कोई संबंध नहीं है। अत: शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
महिलाओं के साथ दुष्कर्म एवं छेड़छाड़ की घटनाएं
[गृह]
17. ( क्र. 270 ) श्री रामनिवास रावत : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 01 जनवरी 2023 से प्रश्नांकित दिनांक तक की अवधि में ग्वालियर/चंबल संभाग में कितनी महिलाओं के साथ दुष्कर्म, सामूहिक दुष्कर्म, छेड़छाड़ की घटनाएँ घटित हुई? कृपया अ.जा., अ.ज.जा., पिछड़ा वर्ग एवं सामान्य वर्ग तथा वयस्क/अवयस्क महिलाओं सहित जिलेवार जानकारी दें? इनमें से कितनी महिलाओं की हत्या हुई एवं कितनों ने आत्महत्या की? कितने प्रकरण पोस्को एक्ट के तहत दर्ज किये गये? इन घटनाओं के कितने आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है? कितने अभी फरार हैं? कितनों को सजा हुई है? (ख) क्या शासन की उदासीनता के कारण प्रदेश में महिलाओं पर बढ़ते अपराध एवं दुष्कर्म की घटनाओं में लगातार वृद्धि हो रही है? यदि हाँ, तो उक्त अपराधों पर नियंत्रण के लिए शासन द्वारा क्या विशेष प्रयास किये जा रहे हैं? (ग) प्रश्नांश 'क' एवं 'ख' के परिप्रेक्ष्य में दुष्कर्म पीड़िताओं को आर्थिक सहायता प्रदान करने के सम्बन्ध में शासन के क्या नियम एवं निर्देश है एवं अभी तक कितनी पीड़िताओं को कितनी सहायता राशि उपलब्ध कराई गयी है?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) जिलों से प्राप्त एम.ए.सी की मासिक जानकारी के अनुसार वर्ष 2022 की तुलना में वर्ष 2023 में महिला संबंधी अपराधों एवं दुष्कर्म की घटनाओं में 2.4 प्रतिशत प्रदेश में कमी आयी है। नियंत्रण हेतु प्रदेश के सभी स्कूलों/कॉलेजों में संबंधित क्षेत्र के थाना प्रभारियों एवं बीट प्रभारियों के मोबाईल नंबरों की जानकारी चस्पा की गयी है एवं स्कूल तथा कॉलेजों में समय समय पर जागरूकता कार्यक्रम चेतना, अभिमन्यु, सम्मान अभियान चलाये जाते है, जिससे छात्राओं को जागरूक किया जाता है तथा प्रदेश के सभी जिलों में महिला थाना की स्थापना की गई है तथा 950 थानों में महिला हेल्प डेस्क संचालित है। संवेदनशील क्षेत्रों को चिन्हित कर उर्जा महिला डेस्क को 350 दुपहिया वाहन उपलब्ध कराये गये है। जिससे क्षेत्र में सघन पेट्रोलिंग एवं संदिग्धों पर नजर रखी जाती है। प्रदेश में ऑपरेशन एहसास एवं स्वयं सिद्धा के तहत छात्र छात्राओं के आत्मरक्षा का प्रशिक्षण दिया जा रहा है जिलें में महिलाओं एवं बालिकाओं की सुरक्षा हेतु स्कूल कॉलेजो, कोचिंग सेंटरो, धार्मिक स्थलों, पार्क एवं भीड-भाड वाले स्थानों पर निर्भया पुलिस मोबाईल के द्वारा सतत एवं सघन पेट्रोलिंग की जाती है एवं महिला/बालिकाओं की सुरक्षा हेतु स्कूल/कॉलेजों कोचिंग सेंटर तथा तंग गलियों में दुपहिया शाक्ति मोबाईल द्वारा सतत् भ्रमण किया जाता है। बालिकाओं/महिला संबंधी अपराधों के प्रकरण में प्रभावी विवेचना एवं प्रकरणों की न्यायालय में विचारण के दौरान शासन की ओर से मजबूत अभियोजन प़क्ष प्रस्तुत करने हेतु प्रशिक्षण एवं सेमीनार/बेवीनार आयोजित किये जा रहे है। (ग) जानकारी शासन से संबंधित होने से महिला सुरक्षा शाखा पुमु भोपाल के पत्र क्रमांक क्र0/पुमु/अति.म.नि./म.सुरक्षा/डब्ल्यू-11/विससे/05-ए/24 भोपाल दिनांक 20/01/2024 के माध्यम से शासन को पत्र प्रेषित किया गया है।
उद्योग स्थापित किये जाने हेतु स्वीकृति
[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]
18. ( क्र. 285 ) श्री प्रदीप लारिया : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश औद्योगिक विकास निगम लिमिटेड जिला सागर द्वारा वर्ष-2022-23, 2023-24 में कितने उद्योगों को स्थापित किये जाने हेतु स्वीकृति/अनुमति प्रदान की गई? (ख) प्रश्नांश (क) में स्वीकृति/अनुमति प्रदान उद्योगों द्वारा प्रश्न दिनांक तक कार्य प्रारंभ कर दिया है/विभाग से अनुबंध प्रक्रिया/पूर्ण हो चुके है? (ग) प्रश्नांश (क) में स्वीकृत दाल मील उद्योग का कार्य नरयावली वि.क्षे. स्थित सिदगुंवा औद्योगिक क्षेत्र में प्रगतिरत है। उद्योग स्थापित करने वाली कंपनी/लिमिटेड द्वारा अधिक मात्रा में पत्थर खनन कार्य में किया जा रहा है। क्या उक्त खनन कार्य हेतु संबंधित कंपनी द्वारा अनुमति प्राप्त की है? (घ) दाल मील उद्योग/लिमिटेड ने मध्यप्रदेश औद्योगिक विकास निगम लिमिटेड जिला सागर द्वारा अनुमति/अनुबंध किया है तो क्या अनुबंध में क्षेत्र के निवासियों/शिक्षित बेरोजगारों को कितने प्रतिशत रोजगार उपलब्ध कराने का प्रावधान रखा गया है?
मुख्यमंत्री
( डॉ. मोहन यादव ) :
(क) जी
हाँ। विभाग के
अधीन एमपी इण्डस्ट्रीयल
डेव्हलपमेंट
कार्पोरेशन
लिमिटेड
द्वारा सागर
जिले में वर्ष
2022-23 में 12 इकाईयों
को एवं वर्ष 2023-24 में 15
इकाईयों को
उद्योग स्थापना
हेतु भूमि
आवंटित की गई
है, जिसकी
सूची संलग्न
परिशिष्ट-क
पर है। (ख) प्रश्न
दिनांक तक
कार्य
प्रारंभ किये
गये इकाईयों की
सूची संलग्न
परिशिष्ट-ख
पर है। (ग) विभाग
के अधीन
एमपीआईडीसी
द्वारा इकाई
को दाल मिल की
स्थापना
हेतु भूमि
आवंटित की गई
है। उद्योग स्थापना
में इकाई को
विभिन्न
विभागों से
अनुमतियां
प्राप्त
करना होती है।
खनिज साधन
विभाग से
प्राप्त
जानकारी
अनुसार प्रश्नांकित
कंपनी द्वारा
अपने स्वीकृत
उद्योग
क्षेत्र में
पत्थर का खनन
नहीं किया जा
रहा है। उक्त
फर्म द्वारा
स्वीकृत
क्षेत्र के
समतलीकरण से
प्राप्त
मुरम का उपयोग
स्वीकृत
क्षेत्र को समतल
बनाने हेतु
किया जा रहा
है। उक्त
खनिज का कोई
व्यापारिक/वाणिज्यिक
उपयोग नहीं
किया जा रहा है।
अत: किसी भी
प्रकार की
अनुमति का प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (घ) विभाग
एवं मेसर्स
विंग्स
एग्रीकल्चर
प्रा.लि. के
मध्य निष्पादित
भूमि आवंटन
पट्टाभिलेख
में क्षेत्र
के
निवासियों/शिक्षित
बेरोजगारों को
रोजगार उपलब्ध
कराने का
प्रावधान
नहीं है। तथापि
प्रचलित
औद्योगिक
नीति अंतर्गत
प्रावधान
अनुसार
उद्योगों को
वित्तीय
सहायता तभी
प्राप्त
होगी, जब
मध्यप्रदेश
के स्थानीय
निवासियों को 70 प्रतिशत
रोजगार दिया
जाये।
परिशिष्ट
- "छ:"
सिदगुंवा क्षेत्र में पत्थर/मुरम उत्खनन
[खनिज साधन]
19. ( क्र. 286 ) श्री प्रदीप लारिया : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वि.ख. सागर अंतर्गत सिदगुंवा क्षेत्र में खनिज साधन विभाग द्वारा पत्थर/मुरम उत्खनन के लिए वर्ष-2021-22, 2022-23, 2023-24 से प्रश्न दिनांक तक कितनी अनुमति/स्वीकृति विभाग द्वारा प्रदान की गई? (ख) प्रश्नांश (क) में स्वीकृति/अनुमति में पत्थर/मुरम उत्खनन के लिए विभाग द्वारा कितनी भूमि की अनुमति/अनुबंध प्रदान किया गया था? जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (ख) में स्वीकृत अनुमति/अनुबंध पर ही लिमिटेड कंपनियों द्वारा कार्य/उत्खनन किया गया है विभाग द्वारा कब-कब स्थल निरीक्षण किया गया है? विस्तृत जानकारी देवें। यदि नहीं किया गया है तो क्या विभाग द्वारा विशेष दल के गठन उपरांत निरीक्षण किया जाएगा? तो कब तक जानकारी देवें। (घ) प्रश्नांश (ख) में स्वीकृत लिमिटेड कंपनियों द्वारा कार्य/उत्खनन से विभाग को रॉयल्टी/खनिज सम्पदा वर्ष-2021-22, 2022-23, 2023-24 से प्रश्न दिनांक तक राशि प्राप्त हुई?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) विकासखण्ड सागर अंतर्गत सिदगुवां क्षेत्र में प्रश्नांकित अवधि में खनिज पत्थर/मुरम उत्खनन की कोई भी अनुमति/स्वीकृति प्रदान नहीं की गई है। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) एवं (घ) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
विधायक निधि पर GST की वसूली
[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]
20. ( क्र. 303 ) श्री विजय रेवनाथ चौरे : क्या उप मुख्यमंत्री, वित्त महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधायक निधि से क्षेत्र में निर्माण कार्य के लिए दी जाने वाली राशि पर 18% GST वसूल की जाती है? (ख) यदि हाँ, तो क्या जनहित के कार्य में दी जाने वाली राशि पर GST लगाया जाना न्यायसंगत है? (ग) क्या सरकार विधायक निधि की राशि को GST से मुक्त करेगी यदि हाँ, तो कब तक इसे लागू किया जाएगा?
उप मुख्यमंत्री, वित्त ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) वस्तु एवं सेवा कर अधिनियम के अनुरूप कार्यवाही की जाती है। (ख) उत्तरांश ''क'' के संदर्भ में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) उक्त विषय भारत सरकार का विषय होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
स्पेशल इकॉनोमिक ज़ोन सेज में अनियमितता
[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]
21. ( क्र. 304 ) श्री विजय रेवनाथ चौरे : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या छिन्दवाड़ा जिले में सौंसर तहसील के साथनुर क्षेत्र में स्पेशल इकोनोमिक जोन (सेज) बनाने के लिए किसानों से जमीन अधिग्रहित की गई थी? (ख) यदि हाँ, तो स्पेशल इकोनोमिक जोन (सेज) के किसानों से जमीन लिए हुए कितनी अवधि हो चुकी है? (ग) कितने किसानों से अलग अलग कितनी जमीन ली गई तथा ली गई जमीन के लिए कितना-कितना मुआवजा दिया गया? (घ) किसानों से ली गई जमीन के बदले में कितने परिवारों के कितने लोगों को नौकरी दी गई? (ङ) क्या इस जमीन पर प्रश्न दिनांक तक कोई उद्योग स्थापित हुए हैं यदि हाँ, तो विवरण दें तथा यदि नहीं तो इसका क्या कारण है? (च) क्या किसानों से जमीन लेने के पांच वर्ष के भीतर कोई उद्योग स्थापित नहीं होता है तो किसानों से ली गई जमीन उन्हें वापस किया जाना चाहिए? यदि हाँ, तो 15 वर्ष की अवधि होने पर किसानों को उनकी जमीन वापस क्यों नहीं दी गई? (छ) सरकार द्वारा किसानों के हित में निर्णय न लेकर उन्हें परेशान करने का क्या कारण है? क्या जिन व्यापारियों ने सेज के नाम पर ज़मीन ख़रीदी है उन्हें शासन द्वारा स्टैम्प ड्यूटी में छूट दी गई है।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। (ख) भू-अर्जन अधिकारी सौंसर के माध्यम से प्रेषित प्रस्ताव अनुसार, कलेक्टर छिंदवाड़ा के आदेशानुसार, वर्ष 2014 एवं वर्ष 2019 में भूमि का अधिग्रहण किया गया। (ग) तहसील सौंसर के सातनूर क्षेत्र में स्पेशल इकोनॉमिक जोन (सेज) बनाने के लिये वर्ष 2014 में 252 किसानों से कुल भूमि 386.669 हेक्टेयर अधिग्रहित की जाकर मुआवजा राशि 1,02,33,05,127.00 निर्धारित की गई इसी प्रकार वर्ष 2019 में 12 कृषकों से कुल रकबा 13.420 हेक्टेयर अधिग्रहित किया जाकर राशि 5,34,98,805.00 मुआवजा निर्धारित किया गया है। मुआवजा वितरण एवं शेष बकाया राशि की कृषकवार/ग्रामवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 एवं 2 अनुसार है। (घ) स्पेशल इकोनॉमिक जोन (एस.ई.जेड.) में अभी तक किसी प्रकार के उद्योग स्थपित नहीं हो पाये है अत: नौकरी देने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ड.) स्पेशल इकोनॉमिक जोन (एस.ई.जेड.) में अभी तक किसी प्रकार के उद्योग स्थपित नहीं हो पाये है क्योंकि कंपनी को वन विभाग से स्टेज-2 क्लीयरेंस प्राप्त न होने से अधोसंरचना विकास कार्य नहीं किया जा सका है। (च) स्पेशल इकोनॉमिक जोन बनाने के लिए, मेसर्स छिंदवाड़ा प्लस डेव्लपर्स लि. नागपुर को, शासन नियमों के अंतर्गत, भू-अर्जन की कार्यवाही दिनांक 26/10/2019 को पूर्ण हुई है। जिससे 5 वर्ष पूर्ण नहीं होते है। अत: भूमि वापस करने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (छ) राज्य शासन द्वारा किसानों को इस संबंध में किसी प्रकार से परेशान नहीं किया जा रहा है। सेज के लिए जमीन खरीदी में कंपनी को स्टांप ड्यूटी की छूट दी गई है।
भवन विहीन आंगनवाड़ी और मिनी आंगनवाड़ी केन्द्रों की जानकारी
[महिला एवं बाल विकास]
22. ( क्र. 309 ) श्री अमर
सिंह यादव :
क्या महिला
एवं बाल विकास
मंत्री
महोदया यह बताने
की कृपा
करेंगी कि (क) राजगढ़
विधानसभा में
कुल कितनी आंगनवाड़ी
और मिनी आंगनवाड़ी
केन्द्र है
उनके नाम
बतावें। (ख) ऐसी
कितनी आंगनवाड़ी
और मिनी आंगनवाड़ी
केन्द्र है
जिनके पास स्वयं
का भवन नहीं
है। उनके नाम
बतावें। (ग) ऐसी
आंगनवाड़ी और
मिनी आंगनवाड़ी
केन्द्र
जिनके पास स्वयं
का भवन नहीं
है वह वर्तमान
में कहाँ पर
संचालित हो
रही है। यदि किराये
के भवन में
संचालित हो
रही है तो
किसके भवन में
और कितने
किराये पर? (घ) राजगढ़
विधानसभा की
उपरोक्त
भवनविहीन आंगनवाड़ी
और मिनी आंगनवाड़ी
केन्द्रों
को कब तक भवन
उपलब्ध
कराये
जावेगें?
महिला
एवं बाल विकास
मंत्री (
सुश्री
निर्मला
भूरिया ) : (क) राजगढ़
विधानसभा
क्षेत्रान्तर्गत
कुल 386
आंगनवाड़ी
केन्द्र तथा 201 मिनी
आंगनवाड़ी
केन्द्र हैं। जानकारी
पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट
''क'' पर है। (ख) राजगढ़
विधानसभा
क्षेत्रान्तर्गत
कुल 173
आंगनवाड़ी
केन्द्र तथा 191 मिनी
आंगनवाड़ी
केन्द्र ऐसे
है जिनके पास
स्वयं का भवन
नहीं है। जानकारी
पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट
''ख'' पर है। (ग) ऐसे
आंगनवाड़ी
केन्द्र एवं
मिनी
आंगनवाड़ी
केन्द्र जिनका
स्वयं का भवन
नहीं है,
का
संचालन अन्य
शासकीय भवनों
एवं किराये के
भवनों में
किया जा रहा
है। किराये के
भवनों में
संचालित
आंगनवाड़ी
केन्द्रों
एवं मिनी
आंगनवाड़ी
केन्द्रों के
भवन स्वामी का
नाम एवं
किराये की राशि
की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट “ग“ पर है। (घ)
आंगनवाड़ी
केन्द्रों का
भवन निर्माण
वित्तीय
संसाधनों की
उपलब्धता पर
निर्भर है। सीमित
वित्तीय
संसाधन होने
के कारण
समय-सीमा दिया
जाना संभव
नहीं है।
राजगढ़ विधानसभा में लघु एवं मध्यम उद्योगों की स्थापना
[सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम]
23. ( क्र. 311 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या सूक्ष्म,लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजगढ़ विधानसभा में वर्तमान में कोई लघु एवं मध्यम उद्योग संचालित है। (ख) यदि हाँ, तो कौन-कौन से और कहाँ-कहाँ पर कब से संचालित है जानकारी दें। (ग) लघु एवं मध्यम उद्योग खोले जाने हेतु शासन के क्या मापदण्ड है। (घ) क्या राजगढ़ विधानसभा में कोई लघु एवं मध्यम उद्योग खोले जाना प्रस्तावित है यदि हाँ, तो कब और कहाँ पर?
सूक्ष्म,लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री ( श्री चेतन्य कुमार काश्यप ) : (क) भारत सरकार के उद्यम रजिस्ट्रेशन पोर्टल के अनुसार राजगढ़ विधानसभा में एक लघु उद्योग मेसर्स एक्वाटिक पाईप एण्ड टब्यूस प्रा.लि. संचालित है। (ख) मेसर्स एक्वाटिक पाईप एण्ड टब्यूस प्रा.लि. ग्राम मनोहरपुरा तह.राजगढ़ जिला राजगढ़ में संचालित है, जिसमें उपलब्ध दस्तावेज अनुसार दिनांक 17.05.2018 से वाणिज्यिक उत्पादन प्रारंभ हुआ है। (ग) प्रदेश में उद्योग खोले (स्थापित किये) जाने हेतु विभाग द्वारा कोई पूर्व अनुमति नहीं दी जाती है एवं राज्य शासन के मध्यप्रदेश राजपत्र क्रमांक 115 दिनांक 6 अप्रैल 2023 अनुसार औद्योगिक क्षेत्रों में उद्योगों को स्थापना हेतु 3 साल तक किसी अनुमति की आवश्यकता नहीं है। उद्योगों की स्थापना के उपरांत एमएसएमई विकास अधिनियम 2006 यथा संशोधित 01 जून 2020 अनुसार यंत्र-संयंत्र में 10 करोड़ रूपये तक का निवेश और टर्नओवर 50 करोड़ रूपये तक होने पर उन्हें लघु उद्योग तथा यंत्र-संयंत्र में 50 करोड़ रूपये तक का निवेश और 250 करोड़ रूपये तक का टर्नओवर होने पर उन्हें मध्यम उद्योग के रूप में वर्गीकृत किया जाता है। उद्योगों की स्थापना उपरांत पात्रता अनुसार एमएसएमई विकास नीति 2021 अंतर्गत प्रोत्साहन दिए जाने का प्रावधान है। (घ) राजगढ़ विधानसभा में ज्योति एक्सप्लोसिव्स इंडस्ट्रीज प्रा.लि. द्वारा ग्राम दिलावरी, तहसील राजगढ़, जिला राजगढ़ में एक मध्यम उद्योग खोला जाना प्रस्तावित है।
भवन-विहीन आंगनवाड़ी केन्द्रों के भवन की स्वीकृति
[महिला एवं बाल विकास]
24. ( क्र. 332 ) डॉ.
हिरालाल
अलावा : क्या
महिला एवं बाल
विकास मंत्री
महोदया यह बताने
की कृपा
करेंगी कि (क) क्या
मनावर
विधानसभा
क्षेत्र में
सौ से ज्यादा आंगनवाड़ी
केंद्र भवन
विहीन होकर
खुले में या
किराये के
भवनों में
संचालित हैं? (ख) आंगनवाड़ी
का अपना भवन
नहीं होने से
बच्चों को
खुले में बैठना
और गंदगी का
सामना करना
पड़ता है,
क्या
यह सुरक्षा की
दृष्टि से
उचित कहा जा
सकता है?
(ग)
क्या
मध्यम गंभीर
कुपोषित (मोडरेट-कुपोषित)
एवं अति गंभीर
कुपोषित (सीवियर
कुपोषित) तथा
कम वजन के
बच्चों की
संख्या दो
हजार से भी ज्यादा
है? (घ) मनावर
विधानसभा
क्षेत्र के
अधिकतर गांव
जहां 98%
आबादी
आदिवासी है, शादी कम
उम्र में होने
से कुपोषण के
प्रति जागरूकता
का अभाव,
पोषण
आहार समेत
अनेक सरकारी
योजनाओं से
लोग अनभिज्ञ
हैं, शुद्ध
पेयजल और स्वास्थ्य
सेवाओं का
अभाव है,
लोगों
में गरीबी एवं
अशिक्षा है, क्या ऐसे
में भवन-विहीन
आंगनवाड़ियों
को
जल्द-से-जल्द
भवन स्वीकृत
किया जावेगा। यदि
हाँ, तो
कब तक, यदि
नहीं तो क्यों।
(ङ) क्या प्रश्नकर्ता
ने दिनांक 11/01/2023 को माननीय
मुख्यमंत्री, मुख्यसचिव, विभाग को
एवं पूर्व में
भी ईमेल एवं
पत्र द्वारा
अवगत कराया है? यदि हाँ, तो कब-कब, उन पर क्या
कार्यवाही की
गई? (च)
प्रश्नांश (क)
(ख) (ग) (घ) (ङ) के
आलोक में
भवन-विहीन आंगनवाड़ी
का भवन इस बजट
में स्वीकृत
किया जाएगा? यदि हाँ, तो कब, यदि नहीं
तो क्यों।
महिला
एवं बाल विकास
मंत्री (
सुश्री
निर्मला
भूरिया ) : (क) विधानसभा
क्षेत्र
मनावर में कुल
587
आंगनवाड़ी
केन्द्र
संचालित है। 309 आंगनवाड़ी
केन्द्र
विभागीय
भवनों में, 163 आंगनवाड़ी
केन्द्र अन्य
शासकीय भवनों
में तथा 115
आंगनवाड़ी
केन्द्र
किराये के
भवनों में
संचालित है। कोई
भी आंगनवाड़ी
केन्द्र खुले
में संचालित
नहीं है। (ख) उत्तरांश
(क) अनुसार
जानकारी होने
से शेष का कोई
प्रश्न
उपस्थित नहीं।
(ग) जी हाँ। (घ) भवनविहीन
आंगनवाड़ी
केन्द्रों के
लिये भवन निर्माण
शासकीय भूमि
एवं वित्तीय
संसाधनों की
उपलब्धता पर
निर्भर है। समय-सीमा
दिया जाना
संभव नहीं है, अतः शेष का प्रश्न
उपस्थित नहीं होता।
(ड.) प्रश्नांश्ा
में उल्लेखित
पत्र दिनांक 11.01.2023 ई-मेल अथवा
डाक द्वारा
प्राप्त नहीं हुआ
है अतः शेष का प्रश्न
उपस्थित नहीं होता।
(च) प्रश्नांश
(क), (ख), (ग), (घ), (ड.) के आलोक
में भवन विहीन
आंगनवाड़ी
केन्द्रों के
लिये भवन
निर्माण
शासकीय भूमि
एवं वित्तीय
संसाधनों की
उपलब्धता पर निर्भर
है। समय-सीमा
दिया जाना
संभव नहीं है, अतः शेष का प्रश्न
उपस्थित नहीं होता।
अल्ट्राटेक एवं अन्य कंपनियों का ब्यौरा
[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]
25. ( क्र. 333 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मनावर विधानसभा में अल्ट्राटेक कंपनी के लिए जिनकी जमीन ली गई है, उनके परिजनों के कितने सदस्यों को कितने सैलरी पर नौकरी दी गई, वर्तमान में कितने कार्यरत हैं, किन को किन कारणों से नौकरी नहीं दी गई है। (ख) स्थानीय प्राथमिकता के आधार पर मनावर विधानसभा के कौन-कौन लोगों को अल्ट्राटेक में नौकरी दी गई है। प्रति सहित बताएं। (ग) माइनिंग, ट्रांसपोर्टेशन एवं अन्य किन-किन कार्यों के लिए किन मापदंडों पर शासन के किन-किन नियमों के तहत अल्ट्राटेक कंपनी के साथ कौन-कौन कंपनियां/संस्था/व्यक्ति कितनी अवधि तक अनुबंधित हैं। खनन, परिवहन, प्रदूषण, बिमारी से जनजीवन-पर्यावरण-सड़क नुकसान पर किन नियमों के तहत क्या जवाबदेही है, इसकी जांच शासन कब-कब कैसे करती है, विगत एक वर्ष का ब्यौरा देवें। जांच नहीं की जाती है तो क्यों। जांच में जनप्रतिनिधि, विधायक-सांसद को क्यों शामिल नहीं किया जाता। (घ) ट्रांसपोर्ट एजेंसियों को अल्ट्राटेक किस आधार पर प्राथमिकता देती है, ओवरलोड की जांच और कार्यवाही कैसे की जाती है, ब्यौरा देवें। (ङ) विधानसभा के अल्ट्राटेक एवं अन्य कंपनियों/संस्थाओं द्वारा विगत एक वर्ष में सीएसआर के तहत पूंजी/मुनाफे के किस आधार पर कितनी राशि दी गई, राशि कहां-कहां खर्च की गई, वर्षवार पृथक-पृथक ब्यौरा देवें।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) मनावर विधानसभा में अल्ट्राटेक कंपनी के लिए 126 परिवार की भूमि का अधिग्रहण भू-अर्जन अधिनियम 1894 के अंतर्गत अधिग्रहित की गई है। कलेक्टर धार से प्राप्त जानकारी अनुसार कुल प्रभावित 126 परिवारों के रोजगार के संबंध में जानकारी निम्नानुसार है:- (1) 103 प्रभावित परिवारों द्वारा स्वेच्छा से एक मुश्त रोजगार अनुदान 3.00 लाख रूपये के विकल्प का चयन किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (2) 05 प्रभावित परिवारों में से एक व्यक्ति को योग्यतानुसार कंपनी में रोजगार प्रदान किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। (3) 08 प्रभावित परिवारों को तीन बार स्मरण पत्र जारी किये गये, किन्तु पारिवारिक विवाद के चलते उक्त परिवारों में से कोई योग्य व्यक्ति को नामांकित नहीं किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार है। (4) 07 प्रभावित परिवारों का न्यायालय में प्रकरण विचाराधीन है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-4 अनुसार है। (5) 02 प्रभावित परिवार का नामांकित व्यक्ति चिकित्सीय परीक्षण में अयोग्य पाया गया है। योग्य व्यक्ति उपलब्ध कराने हेतु पत्र लिखा गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-5 अनुसार है। (6) 01 प्रभावित परिवार में कोई वारीसान नहीं है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-6 अनुसार है। (ख) स्थानीय प्राथमिकता के आधार पर विधानसभा के 926 लोग संयंत्र में कार्यरत है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-7 अनुसार है। (ग) माईनिंग के कार्यों हेतु शासन The Mining Act 1952, MMDR Act 2023, Mineral Conservation and Development (Amendment) Rules, 2024, The Minerals (Other than Atomic and Hydro Carbons Energy Minerals) Concession Rules, 2016, Metalliferous Mines Regulations, 1961 के नियमों के तहत कार्य किया जाता है। शासन के नियमानुसार खनन, परिवहन, प्रदूषण, बीमारी इत्यादि की जांच संबंधित विभागों द्वारा की जाती है। उक्त संदर्भ में पर्यावरण विभाग द्वारा निम्नानुसार अवगत कराया गया है:- ''पर्यावरण के संबंध में जल प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण अधिनियम 1974, वायु प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण अधिनियम 1974 के प्रावधानों के पालन की जवाबदेही उद्योग की है। प्रदूषण नियंत्रण हेतु उद्योग द्वारा विभिन्न सेक्शन में आवश्यक प्रदूषण नियंत्रण व्यवस्था यथा बैग फिल्टर, ई.एस.पी. डस्ट कलेक्टर, कवर्ड कन्वेयर बेल्ट पानी के छिड़काव की व्यवस्था सहित इत्यादि स्थापित किये गये है। साथ ही दूषित जल उपचार व्यवस्था हेतु 3 एसटीपी क्रमश: 10, 10 एवं 20 केएलडी क्षमता की स्थापना की गई है। उद्योग द्वारा वायु प्रदूषकों के मापन हेतु ऑनलाईन मानिटरिंग सिस्टम स्थापित किये गये है, जिनको केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड तथा म.प्र. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सर्वर से लिंक किया गया है। साथ ही उद्योग द्वारा ऑनलाईन परिणामों का डिसप्ले बोर्ड उद्योग परिसर के मेन गेट पर जनसामान्य के अवलोकन हेतु स्थापित किया गया है। उद्योग द्वारा प्रदूषण नियंत्रण हेतु उद्योग परिसर में एवं खनन क्षेत्र में सघन वृक्षारोपण, सीमेंट उद्योग में 50000, सीतापुरी खदान में 97000, मोहनपुरा खदान में 50000 एवं देवरा-सीतापुरी खदान में 31000 किया गया है। साथ ही खदान क्षेत्रों के मार्गों पर परमानेंट वाटर स्प्रींक्लर, डस्ट सपरेशन हेतु स्थापित किए गए हैं। बोर्ड द्वारा समय-समय पर उद्योग के निरीक्षण/जांच की जाती है। जांच में जनप्रतिनिधि/विधायक-सांसद को शामिल किए जाने का प्रावधान नहीं है। क्षेत्रीय कार्यालय प्रदूषण बोर्ड म.प्र. धार द्वारा विगत एक वर्ष में दिनांक 07/07/2023 एवं 18/03/2023 को उद्योग की जांच की गई। (घ) अल्ट्राटेक कंपनी की आंतरिक पॉलिसी के तहत ट्रांसपोर्टर एजेंसी की नियुक्ति की जाती है। कलेक्टर धार से प्राप्त जानकारी अनुसार ओवरलोड का कोई भी प्रकरण संज्ञान में नहीं है। (ड.) भारत सरकार कंपनी अधिनियम में वर्णित सीएसआर का पालन कंपनी अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार संबंधित कंपनियों के द्वारा ही किया जाना होता है। कंपनी अधिनियम के प्रावधानों के अंतर्गत सीएसआर अंतर्गत कार्यों के क्रियान्वयन हेतु राज्य शासन की भूमिका के संबंध में कोई व्यवस्था नहीं है। अपितु भारत सरकार की सीएसआर से संबंधित National CSR Portal (https://csr.gov.in) वेबपोर्टल पर प्रदेश के विभिन्न जिलों में कंपनियों द्वारा सीएसआर अंतर्गत वर्षवार व्यय की जानकारी प्राप्त की जा सकती है।
आपराधिक प्रकरण दर्ज कराया जाना
[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]
26. ( क्र. 336 ) श्री अभय कुमार मिश्रा : क्या उप मुख्यमंत्री, वित्त महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधायक निधि के माध्यम से ग्राम पंचायत को एजेन्सी बनाकर ग्रेवल मार्ग निर्माण हेतु टुकड़ों में (15 लाख) की सीमा तक पंचायतों को राशि प्रदत्त कर ग्रेवल मार्ग की राशि प्रदत्त की जा सकती है? जब शासन द्वारा भ्रष्टाचार/फर्जी मूल्यांकन को रोके जाने की मंशा वर्षों पूर्व स्थायी तौर पर रोक लगा दी गई थी? (ख) क्या किसी भी मद से ग्रेवल रोड निर्माण हेतु लगायी गई रोक हटा दी गई अथवा जिला प्रशासन के प्रस्ताव पर कुछ विशेष मार्ग हेतु ग्रेवल मार्ग निर्माण के लिये स्वीकृति प्रदान की गई है? यदि हाँ, तो सेमरिया विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत जनपद पंचायत सिरमौर, रीवा एवं रायपुर कर्चुलियान में स्वीकृत मार्गों की सूची उपलब्ध कराएंगे। (ग) यदि हाँ, तो आपके द्वारा उपलब्ध करायी गई सूची में क्या ग्राम पंचायत सांव (60 लाख) पुरैनी (29 लाख), बहुरीबांध (39 लाख), हर्दी (23 लाख), बरहामुड़वार (18 लाख), पुरवा (08 लाख), सतनी (11.50 लाख) का नाम है या नहीं? ग्राम पंचायत को एजेन्सी बनाकर विधायक निधि से लगभग 2.50 करोड़ से अधिक राशि के ग्रेवल रोड कार्य हेतु अनुमोदन कैसे प्रदत्त कर दिया गया एवं पिछले कार्यकाल (2022) के पूर्व एवं पश्चात ग्राम पंचायत के खाते से कुछ चिन्हित वेंडरों के माध्यम से करोड़ों रूपये का आहरण कैसे करा लिया गया एवं पंचायत दर्पण में दिख रहे फर्जी बिल व्हाउचर का सत्यापन नहीं कराया गया? उपरोक्त कार्यों का मूल्यांकन करने वाले उपयंत्री पूर्व से उसी सी.एफ.टी. में पदस्थ है या नहीं? अन्यथा मूल्यांकन करने वाले अज्ञात व्यक्ति का नियुक्ति आदेश उपलब्ध कराएंगे। (घ) मूल्यांकन को सत्यापित करने वाले सहायक यंत्री का नाम बताएं एवं करोड़ों रूपये के फर्जी आहरण हेतु एवं धरातल पर कार्य शून्य होने की स्थिति में दोषी रोजगार सहायक, सचिव एवं संबंधित वेंडर पर क्या कार्यवाही की जावेगी? (ड.) क्या पंचायत पोर्टल पर दिखने वाली मु.का.अ. जनपद पंचायत/जिला पंचायत की जवाबदेही बनती है या नहीं? यदि बनती है तो इनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी एवं वसूली किसके ऊपर प्रस्तावित की जावेगी? अपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध कर कार्यवाही करने की समय-सीमा बताएं।
उप मुख्यमंत्री, वित्त ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जी हाँ। विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र विकास योजना 2013 की मार्गदर्शिका की कंडिका 2.7 में प्रावधानित किया गया है कि, विधायक के परामर्श से ग्राम पंचायत को एजेन्सी बनाकर ग्रेवल मार्ग निर्माण (15 लाख) की सीमा तक ग्रेवल मार्ग की राशि प्रदत्त की जा सकती है। (ख) शासन द्वारा विधायक मद की राशि से ग्रेवल रोड निर्माण में वर्तमान में कोई रोक नहीं है। मान. विधायक से प्राप्त अनुशंसा के अनुक्रम में स्वीकृत प्रदान की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। (ग) जी हाँ। विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र विकास योजना मार्गदर्शिका– 2013 की कण्डिका 2.7 में वर्णित है कि अनुशंसित कार्य की क्रियान्वयन एजेंसी का निर्धारण विधायक के परामर्श से ही किया जावे, इसी आधार पर निर्माण कार्य स्वीकृत कर एजेंसी का निर्धारण किया गया है। मान. विधायक से प्राप्त अनुशंसा के आधार पर तथा शासन द्वारा निर्धारित दिशा निर्देश अनुसार राशि रूपये 250.578 लाख की स्वीकृति प्रदान की गई है, जिसके विरूद्ध पूर्ण निर्माण कार्यों पर वित्तीय वर्ष 2022-23 में 250.00 लाख ही आहरण किया गया है। मध्यप्रदेश पंचायत राज संचालनालय भोपाल द्वारा निर्धारित ग्राम पंचायत स्तर पर सभी प्रकार के भुगतान (आरटीजीएस/एनईएफटी) वेण्डर निर्धारण की कार्यवाही ग्राम पंचायत द्वारा की जाती है। जी नहीं। उपरोक्त कार्यों का मूल्यांकन करने वाले सहायक यंत्री/उपयंत्रियों के सीएफटी पदस्थापना की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट– ब अनुसार है। (घ) सहायक यंत्रियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट – ब अनुसार है। शेष प्रश्न ही उद्भूत नहीं होता। (ड.) शासन के द्वारा निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार अनियमितता पाए जाने पर विधि सम्मत कार्यवाही की जाती है।
म.प्र. सशस्त्र बल की पदोन्नति में भिन्नता
[गृह]
27. ( क्र. 350 ) श्री शैलेन्द्र कुमार जैन : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. सशस्त्र बल एवं पुलिस जिला बल की भर्ती प्रक्रिया समान है? यदि हाँ, तो म.प्र. सशस्त्र बल की पदोन्नति में भिन्नता क्यों है, इसका क्या कारण है? (ख) क्या म.प्र. पुलिस जिला बल में वर्ष 2011 में भर्ती हुये आरक्षकों को पदोन्नत किया जा चुका है, किन्तु म.प्र. सशस्त्र बल में वर्ष 1990 में भर्ती हुये आरक्षकों को अभी तक पदोन्नति नहीं दी गई, इसका क्या करण है? (ग) क्या शासन प्रदेश स्तर पर सशस्त्र बल एवं पुलिस जिला बल में वरिष्ठता के आधार पर पदोन्नति किये जाने पर कोई योजना बनायेगा तथा कब तक? यदि नहीं तो इसका क्या कारण है?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ, म.प्र. सशस्त्र बल एवं जिला पुलिस बल की भर्ती प्रक्रिया समान है। केवल शरीरिक मापदण्ड में भिन्नता है। म.प्र. विस बल में आरक्षक की वरिष्ठता इकाई स्तर पर होती है तथा रिक्त पदों के विरूद्ध पदोन्नति प्रदाय की जाती है। (ख) वर्तमान में पदोन्नति संबंधी प्रकरण माननीय सर्वोच्च न्यायालय में लंबित होने के कारण पदोन्नति प्रक्रिया प्रतिबंधित है। राज्य शासन के आदेशानुसार विभाग अंतर्गत पुलिस रेग्युलेशन के पैरा-272 में संशोधन उपरांत जारी जी.ओ.पी. 148/21 में उल्लेखित प्रावधानों के अनुसार जिला पुलिस बल में रिक्त पदों के विरूद्ध 2011 तक के आरक्षकों को पात्रतानुसार कार्यवाहक प्रधान आरक्षक का प्रभार दिया गया है। विशेष सशस्त्र बल की इकाईयों में प्रधान आरक्षकों के रिक्त पद के आधार पर आरक्षकों की वरिष्ठता/पात्रतानुसार आरक्षक से प्रधान आरक्षक का कार्यवाहक प्रभार दिया जाता है। (ग) वर्तमान में पदोन्नति संबंधी प्रकरण माननीय उच्चतम न्यायालय में विचाराधीन होने से पदोन्नति प्रक्रिया स्थगित है।
केन्ट विधान सभा के अंतर्गत अपराधों की स्थिति
[गृह]
28. ( क्र. 371 ) श्री अशोक ईश्वरदास रोहाणी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) केन्ट विधान सभा जबलपुर में कितने थाने एवं चौकियां है? (ख) क्या इन थानों एवं पुलिस चौकियों में पर्याप्त बल है? (ग) इन थानों एवं चौकियों में अपराधों की संख्या व प्रकार क्या है? (घ) दिसम्बर 2023 तक कितने अपराधियों को पकड़ा गया व क्या कार्यवाही की गयी?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) केन्ट विधानसभा अन्तर्गत 09 थाने व 02 पुलिस चौकियाँ है। (ख) जी हाँ। (ग) अपराधों की संख्या 2867 है। अपराध भा.द.वि. व माईनर एक्ट के है। (घ) दिसम्बर 2023 तक 3158 अपराधियों को पकड़कर विधिवत कार्यवाही की गई।
अपराधिक प्रकरणों को कम किया जाना
[गृह]
29. ( क्र. 372 ) श्रीमती रीती पाठक : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीधी जिले में पुलिस के अमले में स्वीकृत एवं कार्यरत तथा रिक्त पदों की जानकारी तथा रिक्त पदों की पूर्ति कब तक की जावेगी? (ख) विधानसभा क्षेत्र सीधी में पिछले 1 वर्ष में आपराधिक मामलों में अन्य वर्षों की तुलना में कमी हुई है या इजाफा हुआ है और महिलाओं के साथ हो रहे अपराधों को रोकने के लिए जिला पुलिस अधीक्षक के क्या प्रयास रहे हैं और आने वाले समय में महिलाओं एवं बच्चियों के साथ किसी प्रकार का अपराध घटित न हो सके इसके लिए पुलिस प्रशासन की क्या तैयारियां है विस्तृत जानकारी दें। (ग) विधानसभा क्षेत्र सीधी में दो चौकियां ग्राम पंचायत खाम्ह एवं पटेहरा (मुगुल चौराहा के पास) स्थापित किए जाने की मांग की गई है? यदि हाँ, तो स्वीकृत करने में कितना समय लगेगा? समय-सीमा बतावें। (घ) क्या सीधी जिले में डॉग स्क्वाड की टीम उपलब्ध है व सीधी पुलिस विभाग द्वारा मांग किए गए संसाधन, विभाग द्वारा पूरी तरह से उपलब्ध कराए जा रहे हैं? यदि हाँ, तो विवरण दें।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। (ग) जी हाँ। स्वीकृति में लगने वाला समय बताया जाना अथवा समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार है।
ओपन कैंप में कार्यरत कर्मी की मृत्यु की जांच
[गृह]
30. ( क्र. 378 ) श्री धीरेन्द्र बहादुर सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या श्री कृष्णकुमार कुशवाहा द्वारा दिनांक 16.02.2023 को अपने पुत्र स्व रविकांत कुशवाहा की मृत्यु की जांच और थाना बड़वारा के मर्ग क्रमांक 36/22 के संदर्भ में पुलिस अधीक्षक कटनी को आवेदन दिया गया था? हाँ तो आवेदन और मर्ग क्रमांक 36/22 और इस बाबत् जनप्रतिनिधियों के पत्रों पर प्रश्न दिनांक तक की गयी कार्यवाही से अवगत कराइए और जांच पूर्ण न होने का कारण बताइये। (ख) प्रश्नांश ''क'' मृतक रविकांत ओपन कैप मझगवा में किस कंपनी में क्या कार्य हेतु कार्यरत था और क्या इस ओपन कैंप से खाद्यान्न चोरी की विगत 02 वर्षों में कई सूचना/जानकारियां थाना बड़वारा सहित संबन्धित शासकीय विभाग, कार्यालय को दी गयी? हाँ, तो सूचनाओं/जानकारियों पर की गयी जांच एवं कार्यवाहियों से अवगत कराइए। (ग) गो ग्रीन कंपनी से ओपन कैप में क्या कार्य हेतु कांट्रेक्ट था? कंपनी की कार्यावधि में खाद्यान्न की कितनी मात्रा कम होना पायी गयी? खाद्यान्न कम होने के क्या कारण रहें? क्या खाद्यान्न चोरी होना पाया गया और क्या पुलिस एवं संबन्धित विभाग द्वारा इस संबंध में जांच और कार्यवाही की गयी? यदि हाँ, तो जांच के परिणाम और कार्यवाही से अवगत कराइए। (घ) प्रश्नांश ''क'' से ''ग'' के परिप्रेक्ष्य में ओपन कैप से खाद्यान्न के खुर्द-बुर्द होने और इसकी सुरक्षा में कार्यरत कर्मी की संदिग्ध अवस्था में मृत्यु की उच्चस्तरीय समयबद्ध जांच कराई जायेंगी? हाँ तो किस प्रकार और कब तक? नहीं तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'स' अनुसार। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'द' अनुसार।
खनिज उद्योग एवं डीएमएफ के कार्यों की स्वीकृति
[खनिज साधन]
31. ( क्र. 379 ) श्री धीरेन्द्र बहादुर सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी जिले के ग्रामों एवं विकासखंडों में कौन-कौन से खनिज के कितने रकबे में खनि पट्टे कब से स्वीकृत और किन-किन के द्वारा वर्तमान में संचालित हैं? इन खनिपट्टों को किन शर्तों के अध्याधीन स्वीकृत किया गया और क्या पट्टों के संचालन में लागू नियमों/शर्तों का पालन किया जा रहा हैं? हाँ, तो किस प्रकार? नहीं तो क्या कार्यवाही की गयी और की जा रही है? (ख) क्या प्रश्नांश ''क'' खनिपट्टों की स्वीकृति में उद्योगों की स्थापना समाहित हैं और क्या खनिपट्टा धारकों द्वारा नियमानुसार उद्योगों की स्थापना कर स्थानीय नागरिकों को रोजगार दिया गया? हाँ, तो विवरण दीजिये, नहीं तो खनिपट्टावार की गयी कार्यवाही बताइये। (ग) क्या बड़वारा विधानसभा अंतर्गत संचालित खनिपट्टों और उद्योगों में स्थानीय नागरिक नियमानुसार कार्यरत हैं? हाँ, तो कितने प्रतिशत और किस-किस कार्य/रोजगार में? नहीं तो क्यों और इस पर क्या कार्यवाही की जायेगी? (घ) क्या बड़वारा विधानसभा क्षेत्र के युवाओं के तकनीकी शिक्षा में पारंगत न होने से इन्हें स्थानीय उद्योगों में रोजगार प्राप्त नहीं होता? हाँ, तो क्या क्षेत्रांतर्गत शासकीय तकनीकी शिक्षा केन्द्र प्रारम्भ किए जाएँगे? हाँ,तो किस प्रकार और कब तक? यदि नहीं तो क्यों? (ङ) कटनी-जिले में डीएमएफ से वर्ष 2021-22 से कौन-कौन से कार्य किन-किन मांगों/प्रस्तावों/आवश्यकता से किन-किन सक्षम प्राधिकारियों द्वारा प्रस्तावित, अनुमोदित एवं स्वीकृत किए गए? स्वीकृत राशि की उपयोगिता से अवगत कराइए और कार्यों की स्वीकृति किस प्रकार नियमानुसार हैं?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-"अ" अनुसार है। खनिपट्टा खान एवं खनिज (विकास एवं विनियमन) अधिनियम, 1957 एवं उसके अधीन बनाये गये नियमों के परिप्रेक्ष्य में शासन द्वारा स्वीकृत किये गये है। पट्टा क्षेत्रों में समय-सीमा पर नियमों एवं शर्तों का पालन किये जाने हेतु कार्यवाही की जाती है। नियमों/शर्तों का पालन न किये जाने पर कार्यवाही हेतु प्रस्ताव शासन को प्रेषित किये जाते है। शासन द्वारा 42 खनिपट्टा खदानों को निरस्त/लेप्स किया गया है। (ख) प्रश्नांश अनुसार खनिपट्टा स्वीकृति के समय उद्योगों की स्थापना समाहित नहीं है। खनिज आधारित उद्योग स्थापित किये जाने पर स्थानीय नागरिकों को दिये गये रोजगार से संबधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-"ब" पर दर्शित है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्नांश अनुसार बडवारा विधानसभा अंतर्गत संचालित खनिपट्टा और उद्योगों में स्थानीय नागरिकों को दिये गये रोजगार से संबधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-"ब" पर दर्शित अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रश्नांश (ग) में दिये गये उत्तर के परिप्रेक्ष्य में स्थानीय उद्योगों में नागरिकों को रोजगार प्राप्त हो रहा है। शेष प्रश्नांश की विषय-वस्तु विभाग से संबंधित नहीं है। (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-"स" पर दर्शित अनुसार है। जिला खनिज प्रतिष्ठान मद से कार्यों को मध्यप्रदेश जिला खनिज प्रतिष्ठान नियम 2016 यथा संशोधित 2022 एवं 2023 के प्रावधानों अनुसार नियमानुसार स्वीकृत किये गये है।
विधायकों के पत्रों का समय पर निराकरण
[सामान्य प्रशासन]
32. ( क्र. 387 ) श्री बाबू जन्डेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. शासन सामान्य प्रशासन विभाग मंत्रालय वल्लभ भवन भोपाल के पत्र क्र. एफ 19-76/2007/1/4 भोपाल दिनांक 22.3.2011 एवं समय-समय पर जारी अन्य पत्रों/आदेशों में यह स्पष्ट उल्लेख एवं निर्देश है कि विधायकों के पत्रों का समय पर निराकरण करें एवं परिशिष्ट-एक पर पावती एवं परिशिष्ट-दो पर विधायकों से प्राप्त पत्रों का कार्यालयों में रजिस्टर संधारित किये जाने के निर्देश है? (ख) यदि हाँ, तो क्या प्रश्नकर्ता द्वारा विधानसभा क्षेत्र श्योपुर की विभिन्न समस्याओं के समाधान हेतु विधायक जनसम्पर्क कार्यालय से जारी किये गये सैकड़ों कार्यालयीन पत्रों पर श्योपुर जिले के शासकीय खण्डस्तरीय एवं जिला स्तरीय कार्यालय/विभाग प्रमुखों द्वारा नियमानुसार निराकरण कर अवगत कराया गया है? यदि हाँ, तो निराकरण प्रतिवेदन प्रमाणित प्रति उपलब्ध कराऐं? यदि नहीं तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार शेष रहे निराकरण प्रतिवेदन कब तक उपलब्ध करा दिये जावेंगे? (घ) क्या श्योपुर जिले के समस्त शासकीय कार्यालयों में परिशिष्ट दो पर विधायकों से प्राप्त पत्रों का रजिस्टर संधारित किया गया है? यदि हाँ, तो कार्यालयों में संधारित रजिस्टर की प्रमाणित प्रति उपलब्ध कराऐं? यदि नहीं तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। (ख) कुल प्राप्त 91 पत्रों का निराकरण किया गया है। पत्रों के निराकरण प्रतिवेदन की प्रति नियमानुसार भेजकर अवगत कराया जाता है। विभिन्न विभागों से प्राप्त जानकारी एवं प्रतिवेदन प्रति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) संधारित रजिस्टर की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है।
खनिज संपदा से आय
[खनिज साधन]
33. ( क्र. 398 ) सुश्री रामश्री (बहिन रामसिया भारती) राजपूत : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले की बड़ामलहरा विधानसभा क्षेत्र में खनिज संपदा से वर्ष 2020 से प्रश्न दिनांक तक कितनी आय प्राप्त हुई? (ख) क्या खनिज संपदा बड़ा मलहरा विधानसभा में अधिक है और सरकार द्वारा सर्वे कराये गये स्थानों पर कौन-कौन सी कम्पनियां कार्य कर रही है? (ग) इन कम्पनियों के कार्यों की मॉनिटरिंग किसके द्वारा की जा रही है और कब-कब की गई? सम्पूर्ण विवरण सहित बतायें।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) छतरपुर जिले की बड़ामलहरा विधानसभा क्षेत्र में खनिज संपदा से वर्ष 2020 से प्रश्न दिनांक तक 18,25,75,112/- राजस्व आय प्राप्त हुई है। (ख) बड़ामलहरा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत सर्वे कराये जाने पर रॉकफास्फेट, आयरन ओर, डायस्पोर/पायरोफिलाइट एवं हीरा खनिज पाये गये है। बड़ामलहरा विधानसभा क्षेत्र में कार्य कर रही कम्पनियों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर दर्शित है। (ग) कार्य प्रारंभ होने पर कम्पनियों के द्वारा संचालित खदानों की केन्द्र एवं राज्य शासन के नियम निर्देशों के तहत शासकीय विभागों द्वारा कार्यों की मॉनिटरिंग की जाती है। शेष प्रश्नांश की जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर दर्शित है।
महिला बाल विकास विभाग के अंतर्गत संचालित योजनाएं
[महिला एवं बाल विकास]
34. ( क्र. 402 ) सुश्री रामश्री (बहिन रामसिया भारती) राजपूत : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) छतरपुर जिले में महिला बाल विकास विभाग के अंतर्गत कितनी योजनाएं संचालित है वर्ष 2022 से प्रश्न दिनांक तक जानकारी दें तथा गाईड-लाईन उपलब्ध करावें। (ख) विभागीय अधिकारियों द्वारा व्यय राशि का भौतिक सत्यापन कब किया विवरण दें? (ग) क्षेत्र में आंगनवाड़ी भर्ती कार्यकर्ता/सहायिका के रिक्त पदों की पूर्ति आबादी के मापदण्डों के तहत वर्ष 2022 से प्रश्न दिनांक तक कब की गई उसकी गाईड-लाईन सहित सम्पूर्ण विवरण उपलब्ध करावें। (घ) क्या कोई शिकायतें भर्ती के संबंध में की गई उसकी जाँच क्या हुई जांच अभिमत सहित विवरण दें।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) महिला बाल विकास अंतर्गत केन्द्र सरकार द्वारा सक्षम आंगनवाड़ी एवं पोषण 2.0, मिशन वात्सल्य एवं मिशन शक्ति अंतर्गत उपघटकीय योजनायें संचालित हैं। राज्य शासन द्वारा पोषित योजनायें - लाड़ली लक्ष्मी योजना, लाड़ली बहना योजना, मुख्यमंत्री बाल आर्शीवाद योजना, मुख्यमंत्री कोविड-19 बाल सेवा योजना, मुख्यमंत्री महिला सशक्तिकरण योजना एवं जाबाली योजना संचालित है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' पर है। (ख) व्यय राशि के भौतिक सत्यापन के प्रावधान न होने से शेष जानकारी का प्रश्न नहीं। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' पर है। (घ) भर्ती के संबंध में कोई शिकायत प्राप्त न होने से शेष जानकारी का प्रश्न नहीं।
रेत खदानों के सीमांकन की कार्यवाही
[खनिज साधन]
35. ( क्र. 405 ) डॉ. योगेश पंडाग्रे : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) हरदा, होशंगाबाद जिले में वर्ष 2023- 24 में किस रेत खदान की पर्यावरणीय अनुमति सिया एवं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने किस दिनांक को दी है? उस खदान को खनिज विभाग ने किस दिनांक से प्रारंभ किया? खदान से पहला पिट पास किस दिनांक को ऑनलाईन जारी किया गया? (ख) किस खदान का सीमांकन किस पटवारी ने किस दिनांक को किया, किस खदान के किस अक्षांश देशांश पर मुनारे का निर्माण किस दिनांक को किया गया एवं किस खदान का सीमांकन किए बिना ही खदान को किस दिनांक से प्रारंभ किया? (ग) खदान का सीमांकन किए बिना, मुनारो का निर्माण किए बिना ही खदान से खनन प्रारम्भ करने का क्या कारण है इसके लिए शासन किस-किस को जिम्मेदार मानता है? (घ) खदान का कब तक सीमांकन करवाकर मुनारों का निर्माण करवाया जावेगा?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) नर्मदापुरम (होशंगाबाद) जिले में वर्ष 2023-24 में प्रश्नांश अनुसार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर दर्शित है। हरदा जिले की रेत खदान समूह में वर्ष 2023-24 में किसी भी खदान की समस्त वैधानिक स्वीकृति प्राप्त नहीं हुई है, इस कारण से कोई खदान संचालित नहीं है और न ही ऑनलाइन अभिवहन पास जारी हुआ है। (ख) पूर्व से सीमांकित तथा घोषित खदानों को ही ई-निविदा/नीलामी में रखा जाता है। हरदा एवं नर्मदापुरम जिले में भी पूर्व से सीमांकित तथा घोषित खदानों को ही पूर्व से अधिसूचित म.प्र. गौण खनिज नियम, 1996 के नियम 8 तथा मध्यप्रदेश रेत (खनन, परिवहन, भण्डारण एवं व्यापार) नियम 2019 के नियम 5 के तहत सीमांकित एवं घोषित किए जाने के उपरांत ही ई-निविदा सह नीलामी प्रक्रिया में रखा गया है। पूर्व से सीमांकित खदानों को प्रारंभ किए जाने के पूर्व विभागीय खनिज सर्वेयर द्वारा खदानों के माइनिंग प्लान में उल्लेखित अक्षांश एवं देशांश के आधार पर मुनारों का संधारण कराए जाने के उपरांत खदानों को प्रारंभ किया जाता है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर दर्शित है। (ग) एवं (घ) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के संदर्भ में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
विभाग द्वारा जारी आदेश
[खनिज साधन]
36. ( क्र. 407 ) डॉ. योगेश पंडाग्रे : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सामान्य प्रशासन विभाग के द्वारा वनो से दूरी के आधार पर खनिज खदानों की स्वीकृति एवं रोक से संबंधित किस-किस दिनांक को आदेश जारी किए, किस दिनांक के आदेश में किस दिनांक को क्या-क्या संशोधन किए, वर्तमान में क्या प्रावधान लागू हैं? (ख) वनो से 50 मीटर एवं 250 मीटर की दूरी तक मुख्य खनिज एवं गौण खनिज की खदानों पर रोक किस कानून की किस धारा में किए गए किस उल्लेख के तहत लगाई गई? रोक लगाने का कौन-कौन सा वैज्ञानिक कारण एवं कौन सा पर्यावरणीय कारण रहा है? (ग) 250 मीटर तक की रोक को पूर्ववत 50 मीटर तक की किए जाने के संबंध में राज्य मंत्रालय ने क्या-क्या विचार किया है? इस बावत प्रस्ताव वर्तमान में किस स्तर पर किन कारणों से लम्बित है? (घ) 250 मीटर की रोक को 50 मीटर तक का किए जाने से संबधित आदेश कब तक विभाग जारी करेगा?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा आदेश क्रमांक एफ-19-71/2012/1/4 भोपाल, दिनांक 31 जुलाई, 2012 से वन क्षेत्र में अवैध उत्खनन पर नियंत्रण की दृष्टि से खनिपट्टा स्वीकृति की अनुशंसा किए जाने हेतु संभाग स्तर पर समिति गठित किए जाने का आदेश जारी किया गया है। वर्तमान में प्रभावशील आदेश की प्रति संलग्न परिशिष्ट पर दर्शित है। (ख) प्रश्नांश अनुसार वनों से 50 मीटर से 250 मीटर की दूरी के संबंध में स्वीकृति रोकने संबंधी नियमान्तर्गत प्रावधान नहीं हैं। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) एवं (घ) प्रश्नांश (ख) के उत्तर अनुसार प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सुवासरा विधानसभा में उद्योगों के लिए आरक्षित भूमि
[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]
37. ( क्र. 423 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उद्योग विभाग द्वारा सुवासरा विधानसभा में कहां-कहां, कितनी-कितनी भूमि उद्योग हेतु आवंटित की गई है? (ख) आवंटित की गई भूमि को राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज किया गया है या नहीं अगर दर्ज किया गया है तो प्रतिलिपि उपलब्ध करावें? (ग) आवंटित भूमि को आरक्षित चिन्हित कर सीमांकन कर उद्योग विभाग को सुपुर्द की गई है या नहीं? (घ) उक्त भूमि पर विकास हेतु विभाग द्वारा सुविधाओं (बिजली, पानी, सड़क इत्यादि) हेतु कितनी राशि स्वीकृत की गई है या योजना बनाई गई है या नहीं?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) विभाग के अधीन एमपी इण्डस्ट्रियल डेव्हलपमेंट कार्पोरेशन लिमिटेड द्वारा सुवासरा विधानसभा में आज दिनांक तक किसी उद्योग को भूमि आवंटित नहीं की गई है। (ख) औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग को ग्राम-सेमलीकांकड में 80.26 हेक्टेयर, ग्राम-बसई में लगभग 178.83 हेक्टेयर भूमि, ग्राम-हरिपुरा में 24.90 हेक्टेयर एवं ग्राम-देवपुरा नागर में लगभग 60.643 हेक्टेयर भूमि राजस्व विभाग द्वारा औद्योगिक प्रयोजन हेतु हस्तांतरित की गई है। उपरोक्त हस्तांतरित भूमि वर्तमान में राजस्व रिकार्ड में औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग का नाम दर्ज नहीं है। दर्ज कराने की कार्यवाही प्रचलन में है। (ग) ग्राम-सेमलीकांकड की 80.26 हेक्टेयर भूमि का राजस्व विभाग द्वारा सीमांकन कर दिया गया है एवं शेष भूमियों पर सीमांकन की कार्यवाही प्रचलन में है। (घ) उक्त भूमि के विकास हेतु कोई राशि स्वीकृत नहीं की गई है।
सीतामऊ में ए.डी.जे. कोर्ट प्रारम्भ किया जाना
[विधि एवं विधायी कार्य]
38. ( क्र. 424 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीतामऊ ए.डी.जे. कोर्ट प्रारंभ करने हेतु माननीय उच्च न्यायालय द्वारा आवश्यक मूलभूत सुविधाओं के अंतर्गत उपयुक्त एवं पूर्ण सुविधायुक्त न्यायालय भवन न्यायाधीश के निवास हेतु उपयुक्त शासकीय आवास गृह एवं न्यायालय के लिए आवश्यक अमला उपलब्ध कराने के निर्देश दिये थे, उक्त निर्देश के पालन में विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की? (ख) सीतामऊ में ए.डी.जे. कोर्ट प्रारंभ करने एवं आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराने हेतु बजट का प्रावधान प्रश्न दिनांक तक क्यो नहीं किया गया है? (ग) ए.डी.जे. कोर्ट भवन निर्माण का कार्य पूर्ण होने तथा समस्त सुविधाऐं उपलब्ध होने के पश्चात भी प्रश्न दिनांक तक जनहित में ए.डी.जे. कोर्ट प्रारम्भ किया नहीं गया है? (घ) ए.डी.जे. कोर्ट को कब से प्रारम्भ जावेंगा?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
आंगनवाड़ी केन्द्र में विद्युत एवं पेयजल व्यवस्था
[महिला एवं बाल विकास]
39. ( क्र. 430 ) श्री संजय सत्येन्द्र पाठक : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विधानसभा क्षेत्र विजयराघवगढ़ क्षेत्रांतर्गत किन-किन आंगनवाड़ी केन्द्रों का विद्युतीकरण कार्य के साथ-साथ पेय जल व्यवस्था हेतु खनन कार्य कराये गये? अभी तक कितने आंगनवाड़ी केन्द्र का विद्युतीकरण कार्य तथा पेय जल व्यवस्था नहीं की गयी? शासन के निर्देशों के बाद भी कार्यवाही नहीं करने के लिए कौन दोषी है? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या यह सही है कि पानी की टंकी आंगनवाड़ी केन्द्र में लगायी गयी है किन्तु उसमें पानी नहीं पहुँच पा रहा है? इसी तरह से विद्युत मीटर लगाये गये है किन्तु विद्युत प्रवाह नहीं हो रहा है? ऐसे कितने आंगनवाड़ी केन्द्र हैं? इन कमियों को कब तक पूर्ण किया जायेगा? यदि नहीं तो क्यों?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) विधानसभा क्षेत्र विजयराघवगढ़ क्षेत्रांतर्गत 410 आंगनवाड़ी केन्द्रों में से 274 विभागीय आंगनवाड़ी भवनों में विद्युतीकरण कार्य कराये जाने हेतु मध्यप्रदेश पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी जबलपुर को राशि प्रदाय की गयी है। जिनमें से 167 केन्द्रों में विद्युतीकरण कार्य पूर्ण हो चुका है एवं 107 केन्द्रों में विद्युतीकरण कार्य प्रगतिरत है। पेयजल हेतु खनन कार्य विभाग द्वारा नहीं कराया जाता है। सभी आंगनवाड़ी केन्द्रों में पेयजल व्यवस्था है। अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जल जीवन मिशन अन्तर्गत लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा 43 आंगनवाड़ी केन्द्रों में पानी की टंकी लगाई गई है, जिनमें पानी अभी नहीं पहुंच रहा है। विद्युतीकरण कार्य किये जाने वाले 274 आंगनवाड़ी केन्द्रों में से 167 आंगनवाड़ी केन्द्रों में विद्युत कनेक्शन करवाया जाकर विद्युत प्रवाह चालू है। शेष 107 आंगनवाड़ी केन्द्रों में विद्युतीकरण की कार्यवाही मध्यप्रदेश पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी जबलपुर द्वारा प्रगतिरत है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
खतरनाक अपराधियों पर कार्यवाही
[गृह]
40. ( क्र. 434 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले थाना क्षेत्रों में दिनांक 01.01.2022 से प्रश्न दिनांक के दौरान किस-किस नाम के जेबकट/अड़ीबाज/निगरानी बदमाश/जिला बदर को सूची में रखा गया? थानावार/अपराधवार/सूचीनाम एवं पतेवार उपलब्ध कराये? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित समयानुसार एवं थाना क्षेत्रों में किस-किस नाम के पते वाले अपराधी के द्वारा 5 या उससे अधिक गंभीर अपराध किये गये जिससे उसे जिला बदर करना चाहिए था? जिला बदर की कार्यवाही किस-किस थाना क्षेत्रों में किस-किस नाम/पते वाले आरोपी की प्रचलित है अथवा कर दी गई है? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित समयानुसार एवं थाना क्षेत्रों में धोखाधड़ी/लूट/हत्या/हत्या के प्रयास/चेन लूटने/बलात्कार/महिला को छोड़ने/मारपीट/अड़ीबाजी/जुयें/सट्टे/आत्महत्या/नाबालिक एवं बालिग महिला के साथ विभिन्न अपराधों के प्रकरण कायम हुये? (घ) प्रश्नतिथि तक सिवनी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत आने वाले क्षेत्रों में दिनांक 01.01.2022 से प्रश्न दिनांक के दौरान किन-किन अपराध क्रमांकों एवं धाराओं के प्रकरण लंबित है? प्रकरणों के लंबित होने का कारण क्या है? लंबित होने के कारण किस नाम/पदनाम को शासन दोषी मानता है? उन पर कब व क्या कार्यवाही की जायेगी?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'स' अनुसार। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'द' अनुसार।
खनन के लिए वितरित किये गये लीज/पट्टे की जानकारी
[खनिज साधन]
41. ( क्र. 497 ) श्री दिनेश जैन बोस : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) महिदपुर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत 2019 से प्रश्न दिनांक तक नेशनल हाईवे, एम.पी.आर.डी.सी., पी.डब्लू.डी, पी.एम.जी.एस.वाय, रेल्वे ब्रिज ओर अन्य को खनन के लिए दिये गये लीज/पट्टे की जानकारी सर्वे नं, अवधि, क्षमता, अनुबंध, शर्तों सहित देवें। (ख) इनके द्वारा खनन की गई मुरम, मिट्टी, रेत व अन्य खनिज पदार्थ की मात्रा एवं लीज का विवरण आदि की जानकारी माहवार देवें। (ग) महिदपुर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत नदी से रेत निकालने के लिए दिये लीज/पट्टे का विवरण देवें। (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ख) में दिए गए लीज एवं पट्टे के निरीक्षण में क्या-क्या कमियां पाई गई हैं? यदि हाँ, तो अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा उन पर क्या कार्यवाही की गई?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) प्रश्नाधीन अवधि तक नेशनल हाईवे, एम.पी.आर.डी.सी., पी.डब्लू.डी, पी.एम.जी.एस.वाय, रेल्वे ब्रिज ओर अन्य को खनन के लिए दिये गये लीज/पट्टे स्वीकृत नहीं किये गये हैं। अत: प्रश्नांश के शेष भाग का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर दर्शित है। (घ) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। प्रश्नांश (ग) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में रेत खनिज की खदानें अकार्यशील होने से निरीक्षण नहीं किया गया है। अत: प्रश्नांश के शेष भाग का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
शुगर मिल की भूमि पर उद्योगों की स्थापना
[सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम]
42. ( क्र. 498 ) श्री दिनेश जैन बोस : क्या सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग द्वारा महिदपुर रोड स्थित शुगर मिल की भूमि पर उद्योगों की स्थापना हेतु क्या-क्या तैयारियां पूर्ण कर ली गई हैं। (ख) औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने हेतु कौन-कौन से निर्माण कार्य हो गये हैं? किस ठेकेदार/फर्म/कंपनी द्वारा कितनी-कितनी लागत के किए जा रहे हैं? अनुबंध की प्रति शर्तों सहित देवें। (ग) औद्योगिक परिसर विकसित होने के पश्चात यहां पर कौन-कौन से उद्योग स्थापित किए जाएंगे? उद्योग स्थापित करने के इच्छुक लोगों को किस प्रक्रिया के तहत भूखंड क्रय करने का मौका दिया जाएगा? (घ) औद्योगिक परिसर पूर्ण रूप से तैयार होने और उद्योग स्थापना का कार्य कब तक पूर्ण हो जाएगा? (ड.) क्या उद्योग स्थापना हेतु स्थानीय लोगों को प्राथमिकता दी जाएगी?
सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री ( श्री चेतन्य कुमार काश्यप ) : (क) महिदपुर रोड स्थित शुगर मिल्स की भूमि पर विभाग द्वारा औद्योगिक क्षेत्र का निर्माण कराया जा रहा है। (ख) वर्तमान में कोई भी निर्माण कार्य पूर्ण नहीं हुआ है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1, 2 एवं 3 अनुसार है। (ग) यह बहुउत्पाद औद्योगिक क्षेत्र है। औद्योगिक क्षेत्र विकसित होने के पश्चात औद्योगिक क्षेत्र में पात्र औद्योगिक इकाईयां स्थापित होंगी। उद्योग स्थापित करने के इच्छुक लोगों को म.प्र. एम.एस.एम.ई. को औद्योगिक भूमि तथा भवन आवंटन एवं प्रबंधन नियम 2021 के अनुसार ऑनलाइन आवंटन पद्धति से प्रथम आओ प्रथम पाओ सिद्धांत से भूखंडों का आवंटन किया जाता है। (घ) सड़क निर्माण के ठेकेदार द्वारा माननीय उच्च न्यायालय खण्डपीठ इंदौर में दायर प्रकरण विचाराधीन है। अतः समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ड.) भूखण्डों का आंवटन म.प्र. एम.एस.एम.ई. को औद्योगिक भूमि तथा भवन आवंटन एवं प्रबंधन नियम 2021 के अनुसार ऑनलाइन आवंटन पद्धति से प्रथम आओ प्रथम पाओ सिद्धांत से किया जाता है, जिसमें स्थानीय उद्यमी भी पात्र हैं।
लघु, सूक्ष्म एवं मध्यम उद्योग की स्थापना एवं अनुदान
[सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम]
43. ( क्र. 503 ) श्री हेमंत कटारे : क्या सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के भोपाल संभाग के अन्तर्गत वित्त वर्ष 2021-22 एवं 2022-23 में कितने लघु, सूक्ष्म एवं मध्यम उद्योगों की स्थापना की गई? जिला एवं क्षेत्रवार सूची उपलब्ध करावें। (ख) उक्त अवधि में स्वीकृत एवं संचालित औद्योगिक इकाइयों को प्रोत्साहन स्वरूप दी जाने वाली अनुदान सहायता किन-किन उद्योगों हेतु कितनी राशि स्वीकृत एवं भुगतान की गई? (ग) क्या प्रश्नांश (क) वर्णित वित्त वर्षों में स्वीकृत एवं संचालित औद्योगिक इकाइयों को वित्त वर्ष 2023-24 में अनुदान सहायता जिस हेड (मद) में उपलब्ध कराई जाना है उसे विभाग ने समाप्त कर दिया है? यदि हाँ, तो अब किस मद से संचालित औद्योगिक इकाइयों को स्वीकृत अनुदान राशि जो पूर्व के वित्त वर्षों में देय हैं, कब तक भुगतान की जावेगी और विलम्ब होने पर क्या राज्य सरकार इनको बैंक ऋण ब्याज में मदद करेगी?
सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री ( श्री चेतन्य कुमार काश्यप ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) जी नहीं। म.प्र. एम.एस.एम.ई. प्रोत्साहन योजना अंतर्गत औद्योगिक इकाइयों को जिस हेड (मद) से अनुदान सहायता उपलब्ध कराई जाना है, उसमें बजट हेतु अनुपूरक बजट अंतर्गत मांग की गई है। बजट आवंटन प्राप्त होने पर उपलब्ध बजट के आधार पर राशि उपलब्ध कराई जा सकेगी। म.प्र. एम.एस.एम.ई. प्रोत्साहन योजना में प्रावधानित स्वीकृत सुविधाओं के वितरण में विलम्ब होने पर बैंक ऋण ब्याज में मदद का प्रावधान नहीं है।
थाना कोतवाली में दर्ज अपराध क्रमांक 346/16 की जानकारी
[गृह]
44. ( क्र. 511 ) श्री राजेन्द्र भारती : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या थाना कोतवाली दतिया में प्रकरण क्रमांक 346/16 अंतर्गत स्वास्थ्य विभाग में हुई फर्जी नियुक्तियों और यूनिक कोड से वेतन आहरण बाबत् पंजीबद्ध किया जाकर विवेचना में लिया गया? यदि हाँ, तो विवेचना में दतिया जिला सहित अन्य कितने जिलों में इस प्रकार के मामले पकड़ में आए। कृपया जिलावार कर्मचारीगणों के नाम/पता/पद सहित वेतन राशि का विवरण दें। (ख) क्या विवेचना के दौरान दतिया जिला अस्पताल सहित अन्य जिलों में पदस्थ रहे मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ही मुख्य रूप से जिम्मेदार रहे हैं? यदि हाँ, तो क्या सी.एम.एच.ओ./स्थापना लिपिक/कोषालय अधिकारी एवं डाटाबेस लिपिक की सांठगांठ होकर मुख्य रूप से संदिग्ध भूमिका रही है? यदि हाँ, तो पुलिस द्वारा उक्त संबंधितों को गिरफ्तार कर कानूनी कार्यवाही की गई? यदि नहीं तो क्यों? कृपया कारण सहित बतायें कि दोषियों को गिरफ्तार कर कब तक कानूनी कार्यवाही की जायेगी? (ग) पुलिस द्वारा की गई कानूनी कार्यवाही वर्तमान में किस स्तर पर प्रचलित है? क्या जांच/विवेचना पूर्ण हो चुकी है? यदि नहीं तो क्यों? कृपया कारण सहित कोतवाली दतिया के प्राप्त दस्तावेज एवं जांच रिपोर्ट दिनांक 24/04/2017, 18/11/2016, 3/12/2016 और 3/4/2017 की प्रतियां उपलब्ध करायें। (घ) क्या प्रकरण की गंभीरता (प्रदेश स्तरीय) को देखते हुए संपूर्ण प्रकरण की जांच सी.बी.आई./एस.आई.टी. से कराई जायेगी? यदि नहीं तो क्यों और यदि हाँ, तो कब तक?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ, स्वास्थ्य विभाग में फर्जी नियुक्तियों के संदर्भ में अन्य जिलों में पंजीबद्ध अपराधों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ख) मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य एवं अन्य की भूमिका के संबंध में विवेचना जारी है। आरोपी सुनील कुमार रायकवार, पद-कोषालय लिपिक की अपराध में संलिप्ता पाये जाने पर दिनांक 10/10/2016 को गिरफ्तार किया जाकर माननीय न्यायालय दतिया में पेश किया गया था, जो वर्तमान में माननीय न्यायालय के आदेश से जमानत पर है। (ग) वर्तमान में प्रकरण की विवेचना जारी है। थाना कोतवाली जिला दतिया से प्राप्त दस्तावेज एवं जांच रिपोर्ट दिनांक 24/04/2017, 18/11/2016, 03/12/2016 प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार एवं जांच रिपोर्ट दिनांक 03.04.2017 अप्राप्त है। (घ) प्रकरण विवेचना हेतु दिसम्बर 2017 में आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (EOW) को हस्तांतरित किया गया है, अतः प्रकरण की जाच सी.बी.आई./एस.आई.टी. से कराये जाने की आवश्यकता नहीं है।
अजयगढ़ में ए.डी.जे. कोर्ट की स्थापना
[विधि एवं विधायी कार्य]
45. ( क्र. 539 ) श्री ब्रजेन्द्र प्रताप सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पन्ना जिले के अजयगढ़ एवं धरमपुर क्षेत्र के जिला अपर न्यायाधीश क्षेत्राधिकार के कितने प्रकरण जिला मुख्यालय में लंबित हैं? क्या इन प्रकरणों की पैरवी हेतु संबंधितों को धरमपुर एवं अजयगढ़ से कई कि.मी. दूर पन्ना आना पड़ता है? क्या अजयगढ़ में ए.डी.जे. कोर्ट निर्मित है? (ख) यदि हाँ तो क्या पन्ना विधानसभा की तहसील अजयगढ़ के अधिवक्ताओं एवं क्षेत्रवासियों द्वारा अजयगढ़ में लम्बे समय से कलेक्टर के माध्यम से ए.डी.जे. कोर्ट खोले जाने की मांग लिखित ज्ञापन/पत्र देकर की गई है? यदि हाँ, तो उस पर क्या कार्यवाही की गई? जानकारी दें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में जनहित को देखते हुये क्या तहसील अजयगढ़ में ए.डी.जे. कोर्ट खोला जावेगा? यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
जिला अनूपपुर में रेत की तस्करी
[खनिज साधन]
46. ( क्र. 558 ) श्री बिसाहूलाल सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला अनूपपुर में कितने रेत खदान वर्तमान में संचालित हैं तथा किन-किन रेत खदानों को किन-किन ठेकेदारों को लीज पर आवंटित किया गया है? रेत उत्खनन, परिवहन एवं रेत खदान आवंटित किये जाने की नियमावली उपलब्ध करावें। (ख) क्या जिले की समस्त नदियों में रेत की खदानें संचालित नहीं हैं किन्तु रेत तस्करों के द्वारा दिन-रात अवैध रूप से रेत तस्करी की जाती है? यदि हाँ, तो जिले के किन-किन नदियों में रेत खदान संचालित हैं, जिनमें रेत परिवहन का कार्य चल रहा है तथा जिले में अवैध रूप से रेत परिवहन करने वाले रेत तस्करों के खिलाफ रेत चोरी रोकने हेतु जिला प्रशासन की क्या योजना है तथा रेत तस्करों के खिलाफ प्रशासन के द्वारा क्या कार्यवाही की जायेगी? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार जिले की जिन नदियों में रेत की खदानें घोषित नहीं है उनमें भी रेत ठेकेदारों के द्वारा ग्रामीणों को रेत लाने से परेशान किया जाता है। शासन द्वारा शासकीय कार्यों, प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजनाओं के लिए गरीबों के द्वारा स्थानीय स्तर से रेत लाने पर ठेकेदारों के द्वारा डराया, धमकाया जाता है, उनके खिलाफ प्रशासन के द्वारा क्या योजना बनाई गई है?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जिला अनूपपुर में वर्तमान में स्वीकृत सहित संचालित 06 रेत खदानों की सूची संलग्न परिशिष्ट पर दर्शित है। जिला अनूपपुर की रेत खदान समूह से रेत खनन, परिवहन, भण्डारण एवं विक्रय करने हेतु ई-निविदा सह नीलामी के माध्यम से चयनित एम.डी.ओ. (माइन डेवलपर कम ऑपरेटर) श्री अमन सेठी, निवासी उद्योग विहार, गुरूग्राम, हरियाणा को आवंटित किया गया है। रेत उत्खनन, परिवहन एवं रेत खदान आवंटित किए जाने की नियमावली पूर्व से अधिसूचित, मध्यप्रदेश रेत (खनन, परिवहन, भण्डारण एवं व्यापार) नियम 2019 है। (ख) जी नहीं, जिले की समस्त नदियों में रेत खदानें स्वीकृत होकर वर्तमान आवश्यक औपचारिकताएं पूर्ण होने के उपरांत 06 रेत खदानें संचालित हैं, विवरण संलग्न परिशिष्ट पर दर्शित है। यह कहना सही नहीं है कि रेत तस्करों के द्वारा दिन-रात रेत की अवैध रूप से तस्करी की जाती है। जिले में रेत खनिज के अवैध उत्खनन, परिवहन एवं भण्डारण की रोकथाम हेतु वन, राजस्व, पुलिस, परिवहन एवं खनिज विभाग द्वारा गठित टास्क फोर्स द्वारा संयुक्त निरीक्षण/जांच कर नियमानुसार निरंतर कार्यवाही की जाती है। (ग) जिले की सभी नदियों में रेत की खदान स्वीकृत होकर 06 रेत खदानें संचालित हैं। रेत ठेकेदारों के द्वारा ग्रामीणों को रेत लाने से परेशान करने जैसी स्थिति प्रकाश में नहीं आई है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
मापदण्ड अनुसार आंगनवाड़ी केन्द्रों की स्थापना
[महिला एवं बाल विकास]
47. ( क्र. 577 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या नगर निगम क्षेत्र में एक हजार की जनसंख्या पर एक आंगनवाड़ी केन्द्र खोलने का नियम है? (ख) क्या यह भी सही है कि नगर निगम वार्ड 73, 74 एवं 77 में क्रमश: 6, 6 एवं 11 केन्द्र चल रहे हैं जबकि 18, 15 एवं 20 आंगनवाड़ी केन्द्र होना चाहिये? (ग) यदि हाँ, तो क्या शेष आंगनवाड़ी केन्द्र खोले जायेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्यों?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) जी नहीं। भारत सरकार द्वारा निर्धारित जनसंख्या मापदण्डों के अनुसार ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में 400 से 800 की जनसंख्या पर 01 आंगनवाड़ी केन्द्र तथा इसके पश्चात प्रत्येक 800 की आबादी पर 01 आंगनवाड़ी केन्द्र खोले जाने का प्रावधान है। (ख) जी हाँ, आंगनवाड़ी केन्द्र संचालन की स्वीकृति भारत सरकार द्वारा दी जाती है। वर्तमान में भारत सरकार द्वारा नवीन आंगनवाड़ी केन्द्र/मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र खोलने की स्वीकृति प्रदान नहीं की जा रही है। अतः शेष का प्रश्न नहीं। (ग) जानकारी उत्तरांश (ख) अनुसार होने से शेष का प्रश्न ही नहीं।
लंबित भर्ती परीक्षा के परिणाम
[सामान्य प्रशासन]
48. ( क्र. 582 ) श्री विपीन जैन : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2022 से प्रश्न दिनांक तक प्रदेश में किस-किस विभाग की कितनी भर्ती परीक्षाएं कितने अंतराल में आयोजित की गई हैं? पद सहित जानकारी देवें। (ख) प्रश्न अंश में उल्लेखित कितनी भर्ती परीक्षाओं के परिणाम घोषित करना लंबित है? परिणाम लंबित के क्या कारण हैं? समय-सीमा में परिणाम घोषित करने हेतु शासन की क्या योजना है? परिणाम कब तक जारी कर प्रक्रिया पूर्ण कर ली जाएगी? (ग) प्रदेश में भर्ती विज्ञापन, प्रवेश पत्र, परीक्षा, परीक्षा परिणाम, साक्षात्कार एवं नियुक्ति में इतना लंबा अंतराल रहने के क्या कारण हैं? इसके लिए केंद्र की अन्य परीक्षाओं की तरह समय-सीमा क्यों निर्धारित नहीं की जाती है? (घ) परीक्षा में पारदर्शिता, विश्वसनीयता, समय-सीमा में आयोजन, परीक्षा चयन एजेंसी हेतु कोई समिति गठित की गई है? यदि हाँ, तो उसकी जानकारी देवें। (ड.) प्रदेश के विभिन्न विभागों में नियमित अंतराल में परीक्षाएं आयोजित करने हेतु विभागों द्वारा भर्ती परीक्षा के कैलेंडर बनाये गए हैं? यदि हाँ, तो विवरण देवें।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग एवं मध्यप्रदेश कर्मचारी चयन मण्डल द्वारा वर्ष 2022 से प्रश्न दिनांक तक आयोजित भर्ती परीक्षाओं की पद सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है (ख) मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित समस्त लिखित परीक्षाओं के परिणाम जारी किये जा चुके हैं। मध्यप्रदेश कर्मचारी चयन मण्डल द्वारा आयोजित जिन भर्ती परीक्षाओं के परिणाम घोषित नहीं किये गये हैं की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। मण्डल द्वारा परिणाम तैयार किया जा रहा है जो प्रक्रियाधीन है और यथाशीघ्र जारी किया जायेगा। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) अधिकांश परीक्षाओं में विलंब नहीं होता है। शेष में विलंब का कारण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार है। (घ) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''द'' अनुसार। (ड.) प्रदेश में सीधी भर्ती के पदों पर मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग एवं मध्यप्रदेश कर्मचारी चयन मण्डल द्वारा परीक्षा आयोजित की जाती है। ऐसी स्थिति में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सिंचाई परियोजना को समयावधि में पूर्ण किया जाना
[नर्मदा घाटी विकास]
49. ( क्र. 597 ) श्रीमती झूमा डॉ. ध्यानसिंह सोलंकी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि भीकनगाँव विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत बिंजलवाड़ा उद्वहन सिंचाई परियोजना कब स्वीकृत की गई थी तथा इसके पूर्ण होने की समयावधि क्या थी? क्या निर्धारित समयावधि में कार्य पूर्ण हो गया है? नहीं तो क्या कारण है तथा इसके लिए कौन दोषी है तथा दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जायेगी? क्या वर्तमान में उक्त परियोजना का कार्य पूर्ण हो गया है? नहीं तो कब तक किसानों को सिंचाई हेतु पानी उपलब्ध होगा? कृपया समयावधि बतायें तथा झिरन्या माईक्रो उद्वहन सिंचाई परियोजना का कार्य पूर्ण होने की समय-सीमा क्या है? क्या निर्धारित समयावधि में कार्य पूर्ण हो जायेगा तथा झिरन्या जनपद क्षेत्रान्तर्गत छूटे हुए ग्राम मुण्डीया, चिरीया, दामखेड़ा, नरवट एवं अन्य को परियोजना में सम्मिलित किया जायेगा? हाँ तो कब तक तथा नहीं तो क्या कारण है?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : दिनांक 26.02.2018 को। अनुबंध अनुसार दिनांक 19.10.2021 तक। पर्यावरणीय स्वीकृति एवं भू-अर्जन में विलम्ब, वन भूमि प्राप्त होने में विलंब, कोविड-19 की प्रथम एवं द्वितीय लहर के कारण निर्धारित समयावधि में कार्य पूर्ण नहीं हो सका। अत: उक्त कारणों से कोई दोषी नहीं हैं। इस परियोजना से वर्तमान में 2400 हेक्टयेर क्षेत्र में पम्प हाउस क्र. 01 से सिंचाई हेतु जल उपलब्ध कराया जा रहा है। वर्तमान में परियोजना का कार्य लगभग 85% पूर्ण हो चुका है। शेष कार्य दिनांक 30.06.2024 तक पूर्ण किया जाना लक्षित है। झिरन्या माईक्रो उद्वहन सिंचाई परियोजना का कार्य पूर्ण करने हेतु दिनांक 03.01.2029 तक 72 माह निर्धारित है। परियोजना हेतु सीमित विद्युत उपलब्धता 46.34 मेगावाट होने से ग्राम मुण्डीया, चिरीया, दामखेड़ा, नरवट में 23 मीटर का रेसिडुअल हेड प्राप्त न होने से उक्त ग्रामों को सम्मिलित नहीं किया गया है।
थाने का उन्नय एवं पुलिस चौकी की स्थापना
[गृह]
50. ( क्र. 604 ) श्री प्रणय प्रभात पांडे : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा बहोरीबंद विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत पुलिस चौकी बिलहरी का पूर्ण थाने में उन्नयन तथा ग्राम बड़गांव, बचैया तथा कुआं में नवीन पुलिस चौकी की स्थापना के प्रस्ताव प्रेषित है? (ख) प्रश्नांश "क" के उत्तर में यदि हाँ, तो शासन द्वारा इन पर क्या कार्रवाई की जा रही है? क्या विभाग जन सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस चौकी बिलहरी का थाने में उन्नयन तथा ग्राम बड़गांव, बचैया तथा कुआं में नवीन पुलिस चौकी की स्थापना करेगा? (ग) प्रश्नांश "ख" के उत्तर में यदि हाँ, तो किस प्रकार से कब तक? यदि नहीं तो क्यों? (घ) पुलिस थाना सीमा परिसीमन अंतर्गत बहोरीबंद विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत कौन-कौन से प्रस्ताव प्राप्त हुए तथा प्राप्त प्रस्तावों पर क्या कार्रवाई की जा रही है? सूची देवें।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। (ख) चौकी बिलहरी का थाने में उन्नयन का प्रस्ताव एवं बडगांव में नवीन चौकी का प्रस्ताव भादवि अपराधों का औसत, आबादी निर्धारित मापदण्ड के अनुरूप न होने से दोनों प्रस्ताव अमान्य किये गये। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश ''ख'' अनुसार। (घ) पुलिस थाना सीमा परिसीमन अंतर्गत बहोरीबंद विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत के लिए 15 गांव के प्रस्ताव प्राप्त हुए जिसमें से 13 स्वीकृत एवं 02 अस्वीकृत किए गए। स्वीकृत प्रस्ताव को परिसीमन की कार्यवाही पूर्ण कर दिनांक 15.01.2024 को अधिसूचना जारी की गई। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
सिविल कोर्ट की स्थापना
[विधि एवं विधायी कार्य]
51. ( क्र. 605 ) श्री प्रणय प्रभात पांडे : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या तहसील मुख्यालय बहोरीबंद जिला कटनी में व्यवहार न्यायालय (सिविल कोर्ट) खोलने का प्रस्ताव पूर्व से विचाराधीन था? क्या इसे शीघ्र स्थापित करने के संबंध में प्रश्नकर्ता के विधानसभा में पूछे गए तारांकित प्रश्न के उत्तर में आश्वासन भी दिया गया था? (ख) यदि हाँ, तो इस संबंध में किसके द्वारा क्या कार्यवाही की गई? पत्राचार की छायाप्रति देवें। (ग) क्या शासन प्रश्नांश "क" में उल्लेखित सिविल कोर्ट की स्थापना करेगा? यदि हाँ, तो किस प्रकार से एवं कब तक? यदि नहीं तो क्यों नहीं?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
नवीन उद्योगों के प्रस्ताव
[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]
52. ( क्र. 608 ) श्री अनिल जैन : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला निवाड़ी में उद्योग विभाग को नवीन उद्योगों के संचालन हेतु कुल कितने प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं? उनमें क्या कार्यवाही की गई है? प्रस्ताव वर्तमान में किस स्तर पर लंबित हैं? कारण सहित बतावें। (ख) जिला निवाड़ी अंतर्गत शासकीय भूमि, निजी भूमि एवं उद्योग विभाग द्वारा आवंटित भूमि पर संचालित उद्योगों की सम्पूर्ण जानकारी (फर्म एवं मालिक का नाम, संचालित गतिविधि, स्थापना वर्ष आदि) देवें। (ग) विभाग द्वारा आवंटित भूमि जिन पर उद्योग प्रारंभ नहीं हुए हैं। उनके भूमि स्वामियों की जानकारी, प्लाट प्रदाय की तिथि तथा समयावधि उपरांत भी उद्योग प्रारंभ न किए जाने पर विभाग द्वारा की गई कार्यवाही की जानकारी उपलब्ध करावें। (घ) औद्योगिक क्षेत्र निवाड़ी भाटा में प्लाट आवंटन हेतु पहले आओ पहले पाओ आधार पर प्लाट आवंटन की प्रक्रिया में गड़बड़ी की शिकायत राज्य/जिला स्तर पर होने के बाद भी उनके निरस्तीकरण की कार्यवाही के आश्वासन उपरांत भी कार्यवाही न की जाकर प्लाट आवंटित किए गए? क्या इनका निरस्तीकरण कर जवाबदेह के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी? (ड.) प्रश्नांश (ग) अनुसार ऐसे प्लाट जो कई वर्षों से रिक्त हैं, क्या इन प्लाटों का निरस्तीकरण किया जाकर फिर से नियमानुसार प्रक्रिया के तहत प्लाट आवंटित किए जायेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जिला निवाड़ी में औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग के अंतर्गत विगत 05 वर्ष से प्रश्न दिनांक तक कुल 42 निवेश आशय प्रस्ताव प्राप्त हुए है एवं उनमें की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग से प्राप्त जानकारी अनुसार निवाड़ी जिले में विभाग के प्रशासकीय नियंत्रण वाले औद्योगिक क्षेत्रों में ऑनलाइन आवंटन प्रक्रिया से 'प्रथम आओ, प्रथम पाओ' सिद्धांत से कुल 09 रिक्त भू-खण्डों हेतु कुल 21 आवेदन प्राप्त हुये थे, जिनमें से 06 भू-खण्डों का आवंटन 06 आवंटियों को किया गया है। शेष 15 आवेदन नियमानुसार निरस्त किये गये हैं। वर्तमान में कार्यालय स्तर पर नियमानुसार प्राप्त कोई भी आवेदन लंबित नहीं है। (ख) औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग अंतर्गत जिला-निवाड़ी क्षेत्रांतर्गत शासकीय भूमि एवं निजी भूमि पर संचालित उद्योगों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग से प्राप्त जानकारी अनुसार जिला निवाड़ी अंतर्गत सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग के आधिपत्य के औद्योगिक क्षेत्रों में आवंटित भूमि (औद्योगिक क्षेत्र-निवाड़ी भाटा) पर संचालित उद्योगों की जानकारी (फर्म एवं मालिक का नाम, संचालित गतिविधि, स्थापना वर्ष आदि) की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार है। (ग) औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग द्वारा जिला-निवाड़ी क्षेत्रांतर्गत आवंटित भूमि जिन पर उद्योग प्रारंभ नहीं हुए हैं, की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-4 अनुसार है। सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग से प्राप्त जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-5 अनुसार है। (घ) औद्योगिक क्षेत्र निवाड़ी भाटा औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग के क्षेत्राधिकार में नहीं है एवं भूमि आवंटन के संबंध में निगम को कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग से प्राप्त जानकारी अनुसार औद्योगिक क्षेत्र निवाड़ी भाटा में प्लाट आवंटन विहित ऑनलाइन प्रक्रिया अनुसार 'पहले आओ पहले पाओ' के आधार पर ही किए गए हैं। अत: शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ड.) औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग के अधीन एम.पी.आई.डी.सी. द्वारा आवंटित ऐसे प्लाट जो रिक्त हैं, उनको प्रचलित म.प्र. राज्य औद्योगिक भूमि एवं भवन प्रबंधन नियमानुसार प्रदत्त समयावधि पश्चात 60 दिवसीय सूचना पत्र जारी कर निरस्तीकरण की कार्यवाही कर पुन: आवंटन की कार्यवाही नियमानुसार की जा रही है, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-4 अनुसार है। सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग से प्राप्त जानकारी अनुसार 02 इकाइयों को कारण बताओ सूचना पत्र जारी किए गए हैं, जिन पर प्रचलित नियमानुसार निर्णय लिया जायेगा।
जेल में कैदियों को प्रदत्त सामग्री
[जेल]
53. ( क्र. 609 ) श्री अनिल जैन : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) निवाड़ी जिले में स्थित उपजेल निवाड़ी में कितने कैदियों को रखने की क्षमता है? वर्ष 2019 से प्रश्न दिनांक की स्थिति में उपजेल निवाड़ी में कितने-कितने कैदी रखे गये हैं? पूर्ण विवरण देवें। वर्तमान में जेल में बंद कैदियों को प्रतिदिन दिये जाने वाले दैनिक कार्य उपयोगी वस्तुओं एवं भोजन की सूची उपलब्ध करायें। इसमें उपवास एवं रोजे होने पर दिये जाने वाले व्यंजन की जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) की अवधि में निवाड़ी जिले की उपजेल निवाड़ी में कैदियों के दैनिक उपयोग, भोजन आदि का कितना-कितना भुगतान किस-किस ठेकेदार/फर्म/व्यक्ति को किया गया? वर्षवार जानकारी देवें। क्या उपरोक्त भुगतान नियमानुसार किया गया है? (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में उक्त भुगतानों का भौतिक सत्यापन किस सक्षम अधिकारी द्वारा किया गया है? जानकारी दें।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) निवाड़ी जिले में स्थित उप जेल निवाड़ी में 50 कैदियों को रखे जाने की क्षमता है। वर्ष 2019 से प्रश्न दिनांक तक की स्थिती में निवाड़ी जेल में परिरूद्ध कैदियों की संख्या:- (31 दिसम्बर की स्थिति में)
क्र. |
वर्ष |
दंडित बंदी |
विचाराधीन बंदी |
अन्य बंदी |
योग |
|||
पुरूष |
महिला |
पुरूष |
महिला |
पुरूष |
महिला |
|||
1 |
2019 |
11 |
00 |
52 |
00 |
01 |
00 |
64 |
2 |
2020 |
05 |
00 |
103 |
00 |
00 |
00 |
108 |
3 |
2021 |
03 |
00 |
105 |
00 |
00 |
00 |
108 |
4 |
2022 |
38 |
00 |
87 |
00 |
00 |
00 |
125 |
5 |
2023 |
29 |
00 |
56 |
00 |
00 |
00 |
85 |
6 |
19 जनवरी, 2024 की स्थिति में |
33 |
00 |
50 |
00 |
00 |
00 |
83 |
वर्तमान में जेल में बंद कैदियों को प्रतिदिन दिए जाने वाले दैनिक कार्य वस्तुएं एवं भोजन की सूची तथा उपवास एवं रोजे होने पर दिए जाने वाले व्यंजन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। (ख) वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। उपरोक्त भुगतान जेल के प्रभारी अधिकारी एवं जेल के आहरण एवं संवितरण अधिकारी द्वारा जांच उपरांत किया गया। (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में उक्त भुगतानों का भौतिक सत्यापन आहरण एवं संवितरण अधिकारी द्वारा किया गया है।
आंगनवाड़ी केन्द्रों में कार्यकर्ताओं/सहायिकाओं की नियुक्ति
[महिला एवं बाल विकास]
54. ( क्र. 612 ) श्री राजेश कुमार वर्मा : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) पन्ना जिले में वर्ष 2021-22 से प्रश्न दिनांक तक कितने आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं/सहायिकाओं की नियुक्ति हेतु विज्ञापन जारी किये गये तथा उनमें से कितनों की नियुक्ति की गई? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसरण में की गई नियुक्तियों में कितनी शिकायतें प्राप्त हुई तथा उनमें से कितनों का निराकरण कर दिया गया है तथा कितनी शिकायतें लंबित हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुसार इन शिकायतों का आंगनवाड़ी केन्द्रवार विवरण प्रस्तुत करते हुये कृपया बतायें कि किन-किन पर भ्रष्टाचार से संबंधित शिकायतें की गई थीं? (घ) प्रश्नांश (क) के अंतर्गत क्या भर्ती प्रक्रिया में की गई शिकायतों की जांच की गई है? यदि हाँ, तो प्रत्येक का जांच प्रतिवेदन की प्रतियां उपलब्ध करावें। यदि नहीं, तो जांच लंबित होने का कारण बताएं।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) पन्ना जिले में वर्ष 2021-22 से प्रश्न दिनांक तक जारी विज्ञप्ति के अनुक्रम में की गई नियुक्तियों की जानकारी निम्नवत् है:- आ.वा. कार्यकर्ता/सहायिकाओं की नियुक्ति हेतु जारी विज्ञापन में पदों की संख्या जारी विज्ञापन के अनुक्रम में की गई नियुक्तियां की संख्या आ.वा. कार्यकर्ता/आ.वा. सहायिका/आ.वा. कार्यकर्ता/आ.वा. सहायिका 41 64 34 47 (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तरांश में की गई नियुक्तियों में शिकायतें प्राप्त नहीं होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) एवं (घ) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। भ्रष्टाचार संबंधी शिकायतें प्राप्त नहीं हुई है।
आम जनता हेतु रेत के विक्रय मूल्य पर नियंत्रण
[खनिज साधन]
55. ( क्र. 632 ) श्रीमती अनुभा मुंजारे : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि बालाघाट जिला खनिज संपदा से परिपूर्ण होने के बावजूद भी इसका लाभ बालाघाट जिले के लोगों को नहीं मिल पा रहा है। बालाघाट शहर से निकट 3-4 किलोमीटर की दूरी पर कई स्वीकृत रेत खदानें होने के बावजूद भी बालाघाट शहर एवं आसपास के लोगों को ₹4500 से ₹5000 प्रति ट्रैक्टर रेत मिल रही है तो क्या आम जनता को आर्थिक रूप से राहत पहुँचाने हेतु रेत के दामों में कोई कमी की जाएगी या नहीं?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : जी नहीं। ऐसा कोई तथ्य प्रकाश में नहीं आया है। मध्यप्रदेश रेत (खनन, परिवहन, भंडारण एवं व्यापार) नियम, 2019 के प्रावधानों अंतर्गत रेत खदानों के समूह बालाघाट में सम्मिलित खदानों को ई-निविदा सह नीलामी के माध्यम से चयनित निविदाकार द्वारा संचालित किया जा रहा है। खनिजों के विक्रय मूल्य को नियंत्रित किये जाने के प्रावधान खनिज नियमों में नहीं है। शेष भाग का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
मोरंड गंजाल सिंचाई परियोजना
[नर्मदा घाटी विकास]
56. ( क्र. 636 ) श्री प्रेमशंकर कुंजीलाल वर्मा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण के अंतर्गत मोरंड गंजाल सिंचाई परियोजना के लिए कितनी राशि स्वीकृत की गई? (ख) इस परियोजना में कितना रकबा सिंचित होगा? (ग) इस परियोजना के अंतर्गत किस-किस विधानसभा क्षेत्र का कितना-कितना रकबा एवं कितने गांव डूब क्षेत्र में आ रहे हैं? (घ) डूब क्षेत्र में आने वाले लोगों की पुनर्वास की क्या व्यवस्था की गई है?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) राशि रू. 3517.80 करोड़ की प्रशासकीय स्वीकृति प्राप्त है। (ख) कुल 64, 111 हेक्टेयर का रकबा सिंचित होगा। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) इन ग्रामों से प्रभावित लोगों को ग्राम लोखरतलाई, तहसील सिवनी मालवा, जिला नर्मदापुरम एवं ग्राम बघवाड़, तहसील टिमरनी, जिला हरदा में विस्थापन हेतु भूमि का चयन किया गया है। विस्थापितों को भू-अर्जन, पुनर्वासन और पुनर्व्यवस्थापन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता का अधिकार अधिनियम-2013 के अंतर्गत निहित प्रावधानों के अनुसार लाभ एवं सुविधाएं प्रदान की जावेगी।
लाड़ली लक्ष्मी एवं लाड़ली बहना योजना के हितग्राहियों की जानकारी
[महिला एवं बाल विकास]
57. ( क्र. 639 ) श्री सुनील उईके : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रदेश में लाड़ली लक्ष्मी योजना के लागू होने के दिनांक से आज तक जुन्नारदेव विधानसभा एवं जिला छिन्दवाड़ा एवं पाण्ढुर्ना में वर्षवार कितनी-कितनी लाड़ली लक्ष्मी को योजना का लाभ मिला है एवं योजना प्रारंभ से आज दिनांक तक कितनी-कितनी राशि वर्षवार, विकासखण्डवार खातों में डाली गई है? (ख) क्या सरकार संकल्प पत्र में किये गये लाड़ली बहना योजना की राशि रूपये 3000 हजार मासिक देने के वादे को पूरा करेगी? यदि हाँ, तो कब तक? (ग) क्या यह सही है कि लाड़ली बहना योजना से महिलाओं के नाम निरस्त किए जा रहे हैं? क्या सरकार लाड़ली बहना योजना को बंद करने पर विचार कर रही है? (घ) प्रदेश में लाड़ली बहना योजना की पात्र हितग्राहियों को मिलने वाली सुविधा की जानकारी प्रदान करें।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ', 'ब' एवं 'स' अनुसार है एवं योजना प्रारंभ से आज दिनांक तक वर्षवार, विकासखण्डवार खातों में डाली गई राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'द' अनुसार है। (ख) संकल्प पत्र में इस प्रकार का कोई वादा नहीं है। उत्तरांश 'ख' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। (घ) प्रदेश में मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना 2023 के पात्र हितग्राहियों को निम्नानुसार मासिक आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है – 1. प्रत्येक पात्र महिला को उसकी पात्रता अवधि में 1, 250/- रूपये प्रतिमाह के मान से राशि का भुगतान महिला के स्वयं के आधार लिंक डी.बी.टी. इनेबल्ड बैंक खाते में किया जाता है। 2. किसी परिवार की 60 वर्ष से कम आयु की योजना अंतर्गत पंजीकृत पात्र महिला हितग्राही को सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना अथवा अन्य किसी योजना में प्रतिमाह 1, 250/- रूपये से कम राशि प्राप्त हो रही हो तो उन्हें उतनी अतिरिक्त राशि इस योजना में स्वीकृत की जाती है, जिससे उसे कुल 1, 250/- रूपये की राशि प्राप्त हो सके।
उद्वहन सिंचाई योजना से पानी का प्रदाय
[नर्मदा घाटी विकास]
58. ( क्र. 644 ) श्री सचिन सुभाषचंद्र यादव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बलकवाडा, चोण्डी-अन्दड, अम्बा-रोडिया, पिपरी और बिंजलवाड़ा उद्वहन सिंचाई योजनाओं से किसानों को सिंचाई का पानी कब तक उपलब्ध होगा? (ख) क्या कसरावद विधानसभा क्षेत्र के ग्राम सुर्वा, भोपाडा और मालखेडा के अधिकतर कृषि रकबे को बिस्टान उद्वहन सिंचाई योजना का कमांड क्षेत्र मानकर बिंजलवाड़ा उद्वहन सिंचाई योजना में शामिल नहीं किया है? अगर हाँ तो कृषि रकबा सिंचाई से वंचित है। इसी प्रकार क्या बलकवाडा, चोण्डी अन्दड, रोडिया-अम्बा, पिपरी और बिंजलवाड़ा उद्वहन सिंचाई योजनाओं के एक दूसरे योजना का कमांड क्षेत्र मानकर छोड़ दिया है? यदि हाँ, तो विवरण दें। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार प्रश्नकर्ता द्वारा इन ग्रामों के छूटे कृषि रकबे को शामिल करने हेतु कब-कब पत्राचार किया गया? उन पर क्या कार्यवाही की गई? (घ) इंदिरा सागर परियोजना की नहरों से आवागमन की दृष्टि से नाली निर्माण ग्राम थुवाखेड़ी और ग्राम नागरला पुलिया निर्माण की कोई योजना बनाई गई है? यदि हाँ, तो कब तक स्वीकृति प्रदान की जावेगी? नहीं तो कारण दें।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) प्रश्नाधीन परियोजनाओं से वर्ष 2024-25 में रबी सिंचाई हेतु संपूर्ण कमाण्ड क्षेत्र में पानी उपलब्ध कराया जाना लक्षित है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) माननीय विधायक से पत्र क्रमांक 477/नि.सह., दिनांक 27.08.2021 प्राप्त हुआ जिसका उत्तर कार्यपालन यंत्री, नर्मदा विकास संभाग क्रमांक-18, खरगोन के पत्र क्रमांक 3163/कार्य/म.सा.वि./2021 खरगोन, दिनांक 12.10.2021 द्वारा दिया जा चुका है। (घ) इंदिरा सागर परियोजना की नहरों के अंतर्गत ग्राम नागरला के ग्रामीणों की मांग अनुसार पाइप-पुलिया का निर्माण किया जा चुका है। ग्राम थुवाखेडी में आवागमन मार्ग पर पुलिया निर्माण की कोई योजना नहीं है। अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
किसानों को मुआवजे का प्रदाय
[नर्मदा घाटी विकास]
59. ( क्र. 648 ) श्री राजन मण्डलोई : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़वानी वि.स. क्षेत्र में नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण के द्वारा बैकवॉटर लेवल से बाहर के कितने पहुंच मार्ग बनाए गए थे? ग्रामवार, नामवार, लंबाई सहित जानकारी दें। क्या कारण है कि इससे संबंधित किसान अभी तक मुआवजे से वंचित हैं? इनकी सूची भी देवें। दिनांक की स्थिति में कितने पहुंच मार्ग डूब में है, कितने बाहर हैं की जानकारी ग्रामवार देवें। (ख) दिनांक 16, 17, 18 सितंबर 2023 को सरदार सरोवर परियोजना के बैकवॉटर से बड़वानी वि.स. क्षेत्र के कितने ग्राम प्रभावित हुए? उनकी सूची देवें। क्या कारण है कि इन्हें आर.बी.सी. 4, 6 के तहत उचित मुआवजा राशि प्रदान नहीं की गई? कब तक यह राशि प्रदान कर दी जाएगी? (ग) भू-अर्जन एवं पुनर्वास अधिकारी बड़वानी की पदस्थापना पर प्रभारी व्यवस्था विगत कई वर्षों से की जाती रही है, इस पर कब तक नियमित पदपूर्ति होगी? समय-सीमा देवें।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''स'' अनुसार है। (ग) नर्मदा घाटी विकास विभाग का स्वयं का कोई कैडर नहीं होने से अधिकारियों/कर्मचारियों की सेवाएं संबंधित विभागों से प्रतिनियुक्ति पर प्राप्त की जाती हैं। संबंधित विभाग से प्रतिनियुक्ति पर सेवाएं प्राप्त होने पर नियमित पदस्थापना संभव है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
प्रदेश में घटित अपराधों पर हुई कार्यवाही की जानकारी
[गृह]
60. ( क्र. 653 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 17 दिसंबर 2018 से प्रश्नांकित अवधि तक भोपाल संभाग में हत्या, चोरी, लूट-पाट, डकैती, आत्महत्या, किसान आत्महत्या, महिलाओं पर अत्याचार एवं बलात्कार, नाबालिग बालिकाओं के साथ दुष्कर्म, मारपीट, अपहरण, नकबजनी, फिरौती आदि की कुल कितनी घटनायें एवं अपराध घटित हुए हैं तथा कितने प्रकरण दर्ज हुए हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में प्रदेश में कितने अल्पव्यस्क बच्चे (बालक/बालिकायें) एवं व्यस्क महिलाएं, पुरूष गुमशुदा हुए हैं? इनमें से कितने बच्चों का अपहरण, फिरौती प्रकरण एवं कितने बच्चों की चोरी के प्रकरण दर्ज हुए हैं? इन गुमशुदा हुए बच्चों, महिलाओं का पता लगाने हेतु किन-किन आवेदकों द्वारा पुलिस को कब-कब आवेदन दिये एवं पुलिस द्वारा प्रकरण अपने संज्ञान में लेते हुए कितने बच्चों की तलाश हेतु कार्यवाही की है? गुमशुदा बालक/बालिका, व्यस्क महिला एवं पुरूष की जानकारी जिलेवार देवें। (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में भोपाल संभाग में अपहरित बालक-बालिका, महिलाओं की संख्या जो बरामद नहीं हुए तथा जिनकी जांच लंबित है, बतावें। उक्त प्रकरणों में कितने पुलिस के अधिकारी/कर्मचारी/थाना प्रभारी, एस.डी.ओ.पी. एवं एस.पी. के विरूद्ध शिकायतें की गई? उन पर क्या कार्यवाही की गई? यदि कार्यवाही नहीं की गई तो कब तक की जावेगी? कितने अपहरित बालिका, महिलाओं के प्रकरणों में चालान पेश किया गया? कितने प्रकरण की जांच लंबित है? कितने आरोपी फरार हैं तथा कितने अपराध कायम होने के बाद निरस्त किये गये हैं? बतावें। (घ) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में उक्त प्रकरणों पर पुलिस द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई है एवं कितने अपराधियों को गिरफ्तार किया गया है? कितने आरोपियों पर विवेचना जारी है एवं कितने आवेदन एवं प्रकरण लंबित हैं? (ङ) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में वर्ष 2013 से ऐसे कितने प्रकरण हैं, जो पुलिस द्वारा नाबालिग बालिकाओं के साथ बलात्कार के प्रकरण पंजीबद्ध किये हैं? कितने प्रकरणों में चालान पेश किया गया? कितने प्रकरणों में चालान पेश होने शेष है तथा चालान पेश कब-तक कर दिया जावेगा? कितने अपराधी न्यायालय से दण्डमुक्त हो गये हैं? क्या दण्डमुक्त हुए अपराधियों के विरूद्ध अपील की गई? यदि हाँ, तो बतावें तथा कितने प्रकरणों में अपराधी जिला न्यायालय एवं हाईकोर्ट से बरी हुए हैं? यदि वह बरी हुए हैं तो उनके विरूद्ध झूठा अपराध पंजीबद्ध करने के लिए कितने थाना प्रभारी, एस.डी.ओ.पी. आदि पर कार्यवाही की गई? थानावार जानकारी देवें।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'स' अनुसार। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'द' अनुसार। (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ई' अनुसार।
प्रदेश में पुलिस बल की जानकारी
[गृह]
61. ( क्र. 659 ) डॉ. विक्रांत भूरिया : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में पुलिस विभाग में वर्ग 3 के कुल कितने पुलिसकर्मी कार्यरत हैं? जिलेवार पदों के अनुसार कुल संख्या का विवरण क्या है? (ख) क्या प्रदेश में अपराध पर अंकुश लगाने हेतु जिलों में पुलिस बल पर्याप्त है? यदि नहीं तो कितने बल की भर्ती की प्रक्रिया प्रस्तावित है और कितनी भर्ती लंबित है? (ग) लंबित भर्तीयों को कब तक पूरा करने का लक्ष्य शासन द्वारा तय किया गया है?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) विभाग में उपलब्ध बल को जिलों में रिक्तियों को दृष्टिगत रखते हुये समानुपात में आवश्यकतानुसार पदस्थ किया गया है। विशेष कानून व्यवस्था की स्थितियों में नजदीकी थानों एवं पुलिस लाईन में उपलब्ध रिजर्व बल को बुलाकर कार्य का संपादन किया जाता है। विभाग अंतर्गत आरक्षक (जी.डी.) एवं आरक्षक (रेडियो) के 7411 पदों हेतु कर्मचारी चयन मण्डल, भोपाल द्वारा परीक्षा आयोजित कराई जा चुकी है। परीक्षा परिणाम कर्मचारी चयन मण्डल, भोपाल द्वारा जारी किया जाना शेष है। (ग) भर्ती प्रक्रिया जो एक निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
नर्मदा जल लाने की घोषणा
[नर्मदा घाटी विकास]
62. ( क्र. 661 ) डॉ. विक्रांत भूरिया : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) झाबुआ विधानसभा के राणापुर नगर पंचायत क्षेत्र में नर्मदा नदी के जल को लाने की घोषणा मुख्यमंत्री जी द्वारा पूर्व में कई बार की गई है, इसको लेकर अब तक क्या कार्ययोजना तैयार की गई है? (ख) अगर हाँ तो नर्मदा का जल राणापुर पहुंचाने का कार्य कब तक पूरा किया जाएगा? यदि नहीं तो क्यों नहीं?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) एवं (ख) झाबुआ विधानसभा के राणापुर नगर पंचायत क्षेत्र में नर्मदा जल को लाने की घोषणा माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा नहीं किया जाना पाया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
घोषणाओं का क्रियान्वयन
[सामान्य प्रशासन]
63. ( क्र. 663 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुख्यमंत्री द्वारा धार जिले के लिये पिछले 5 वर्षों में कौन-कौन सी घोषणाएं कब-कब और कहाँ-कहाँ की गई? वर्षवार, घोषणावार, विभागवार, दिनांकवार ब्योरा दें। उक्त योजनाओं की लागत का भी ब्यौरा दें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार उक्त घोषणाओं की वर्तमान स्थिति क्या है? कितनी पूर्ण हुईं, कितनी पर कार्य प्रगति पर है? (ग) मुख्यमंत्री की घोषणाओं के ऐसे कितने कार्य हैं जो तकनीकी स्वीकृति और बजट अभाव के कारण विलंबित हैं? प्रकरणवार ब्यौरा दें।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' में तकनीकी स्वीकृति और बजट के अभाव के 05 कार्य सूचीबद्ध हैं। सी 0632, सी 2662, सी 2661, सी 2658 में बजट प्रस्तावित नहीं है। घोषणा क्रमांक सी 2077, सी 2658 में रूपये राशि 6715.42 लाख का प्राक्कलन तैयार किया गया है।
मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना
[महिला एवं बाल विकास]
64. ( क्र. 664 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 10 जून 2023 को जबलपुर के गैरिसन मैदान में आयोजित राज्य स्तरीय लाड़ली बहना सम्मेलन में यह घोषणा की थी कि लाड़ली बहना को प्रतिमाह मिल रहे रूपये 1000/- को पैसे इंतजाम होने पर बढ़ाकर रूपये 1250/- और इस प्रकार यदि इंतजाम होने पर हर बार 250/- बढ़ाकर रूपये 3000/- तक कर देंगे? (ख) क्या यह सही है कि शासकीय दस्तावेजों में घोषणा क्र. ब 2393 में लिखा कि राशि आगामी वर्षों में रूपये 3000/- तक कर दी जायेगी? (ग) प्रश्नांश (क) तथा (ख) का उत्तर यदि हाँ, तो बतावें कि शासकीय दस्तावेज में घोषणा क्र. ब 2393 की भाषा को घोषणा अनुसार न लिखकर परिवर्तित भाषा में किस आधार पर लिखा गया? ब 2393 संबंधी समस्त दस्तावेज की प्रति उपलब्ध करावें। (घ) माननीय मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा जबलपुर में 10 जून 2023 को की गई घोषणा की भाषा का उल्लेख कर पूरे भाषण की प्रति उपलब्ध करावें तथा बतावें कि उक्त घोषणा अनुसार रूपये 3000/- किस वर्ष के किस माह से लाड़ली बहना को मिलना प्रारम्भ हो जायेंगे? (ड.) अक्टूबर 2023 में रूपये 250/- की बढ़ोत्तरी करने में घोषणा अनुसार पैसे का इंतजाम कैसे किया गया? जानकारी दें।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) जी नहीं, घोषणा पूर्णत: प्रश्नांश अनुसार नहीं थी (ख) जी हाँ। (ग) घोषणा की भाषा घोषणा अनुसार ही है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) तत्कालीन माननीय मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान जी द्वारा जबलपुर में 10 जून 2023 को दिया गया भाषण Public Domain में उपलब्ध है जिसकी लिंक निम्नानुसार है:- https://webcast.gov.in/events/MjA4NA--/session/NDkwMw-- उक्त घोषणा अनुसार लाड़ली बहनों को रूपये 3000/- दिये जाने की समय-सीमा बताया जाना सम्भव नहीं। (ड.) योजना के संचालन हेतु वित्तीय वर्ष 2023-24 के बजट में माह फरवरी तक के लिये प्रावधान किया गया है। मार्च माह के लिये बजट की मांग Supplementary Budget में की जा रही है।
बहु उत्पाद औद्योगिक केंद्र की जानकारी
[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]
65. ( क्र. 675 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जावरा शुगर मिल परिसर अंतर्गत बहु उत्पाद औद्योगिक क्षेत्र विकसित किया जा रहा है तो इस कार्य हेतु किस एजेंसी के माध्यम से कार्य किया जा रहा है, कार्य कब प्रारम्भ हुआ, कितना पूर्ण एवं कुल कितनी लागत स्वीकृत होकर कितना व्यय हुआ? (ख) क्या उद्यमियों ने नवीन उद्योग धंधे प्रारम्भ करने हेतु आवेदन जमा कर नियमानुसार राशि भी जमा की? उन्हें प्लाट आवंटित किये गये तो इनमें से कितनों ने अपने आवेदन पुनः वापस लिए? कितने शेष रहे एवं रेल्वे भूमि अधिग्रहण से प्रभावित उद्यमियों को आवंटित प्लाट जो कि रेल्वे भूमि में चले गये, उन्हें किस प्रक्रिया से पुनः प्लाट दिए जायेंगे? (ग) क्या बहु उत्पाद केंद्र के मुख्य द्वार के पास ही रेल्वे अंडर ब्रिज भविष्य में निर्मित होगा एवं फ्लाई ओवर ब्रिज दूर बना हुआ हैं, तो बहु उत्पाद केंद्र के बड़े वाहनों का आवागमन क्या पीछे ग्राम लुहारी स्थित रेल्वे फ्लाई ओवर ब्रिज बनाकर अथवा पॉलिटेक्निक कॉलेज की ओर उज्जैन टू लेन सड़क मार्ग से मिलाकर किया जाएगा अथवा मिल परिसर के पीछे विश्राम गृह की ओर फ्लाई ओवर ब्रिज बनाकर किया जाएगा? (घ) क्या बहु उत्पाद औद्योगिक क्षेत्र में पर्याप्त पानी की व्यवस्था क्या नगरीय निकाय की अमृत योजना या माही जल प्रदाय योजना से जोड़कर की जायेगी?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। इस कार्य हेतु मेसर्स हाईवे इन्फ्रास्ट्रक्चर लि., इंदौर के माध्यम से कार्य दिनांक 26/02/2021 को प्रारंभ किया गया है, जिसमें सड़क, स्टार्म वॉटर लाईन, सीवर लाईन, जल प्रदाय लाईन, पानी की टंकी, सम्पवेल एवं एस.टी.पी. का निर्माण कार्य पूर्ण कर लिया गया है एवं कार्य की स्वीकृत लागत राशि रू. 41.00 करोड़ है एवं अद्यतन व्यय राशि रू. 6.70 करोड़ है। (ख) औद्योगिक क्षेत्र जावरा में उद्योग स्थापित करने हेतु 221 उद्यमियों द्वारा ऑनलाइन आवेदन प्रस्तुत किए गए। इनमें से 82 उद्यमियों द्वारा अपने आवेदन पोर्टल पर स्वयं निरस्त किए गए तथा 127 उद्यमियों द्वारा निर्धारित समयावधि में आशय पत्र के शर्तों की पूर्ति नहीं किए जाने से उनके आवेदन पोर्टल पर स्वत: निरस्त हो चुके हैं। शेष 12 उद्यमियों को भूमि आवंटन आदेश जारी हो चुके हैं। रेल्वे भूमि अधिग्रहण से प्रभावित उद्यमियों को आवंटित भूखण्ड जो कि रेल्वे भूमि में चले गये हैं, उनके द्वारा अन्य भूखण्ड का चयन कर आवेदन प्रस्तुत किए जाने पर भूखण्ड उपलब्धता के आधार पर भूखण्ड का आवंटन किया जाएगा। (ग) इस औद्योगिक पार्क में पहुंच मार्ग हेतु शुगर मिल परिसर में निर्मित एस.टी.पी. से पहाड़िया रोड तक 2 लेन सीमेंट सड़क का निर्माण किया जावेगा। (घ) औद्योगिक क्षेत्र में पर्याप्त पानी की व्यवस्था हेतु नगरीय निकाय तथा माही जल परियोजना के अधिकारियों से संपर्क कर योजना के लिए जल आपूर्ति की अनुमति प्राप्त करने का प्रयास किया जा रहा है।
पुलिस थाना व चौकी का पुनर्निर्धारण
[गृह]
66. ( क्र. 676 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन/प्रशासन द्वारा पुलिस थाना व चौकी क्षेत्र का पुनर्निर्धारण किया जाकर नवीन थाने एवं चौकियां खोली जाने की कार्ययोजना पर विचार किया जा रहा है? (ख) यदि हाँ, तो क्या जावरा नगर, पिपलोदा नगर, जावरा तहसील एवं पिपलोदा तहसील अंतर्गत विगत वर्षों से विशिष्ट चिन्हित स्थानों पर नवीन थाने एवं नवीन चौकियां बनाए जाने की मांग की जाती रही है? (ग) यदि हाँ, तो क्या जावरा नगर केंद्र स्थान पर महिला पुलिस थाना एवं नगरीय क्षेत्र में खाचरोद नाका तथा जावरा तहसील अंतर्गत अरनिया पीथा मंडी में नवीन चौकी तथा ढोढर में नवीन थाना स्वीकृत किये जाने एवं पिपलोदा तहसील अंतर्गत ग्राम आम्बा एवं ग्राम हसनपालिया में नवीन चौकी को प्रारम्भ किये जाने की अत्यंत आवश्यकता है? (घ) यदि हाँ, तो उपरोक्तानुसार चिन्हित स्थलों का परीक्षण करवाकर क्षेत्रीय जन आवश्यकता के जन कार्यों एवं भौगोलिक दृष्टि से न्यायोचित मांग व आवश्यकता की पूर्ति कब तक की जा सकेगी?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। थाना व चौकी क्षेत्र का पुनर्निर्धारण किया जा रहा है। वर्तमान में थाना एवं चौकी खोले जाने की कोई कार्ययोजना विचाराधीन नहीं है। (ख) जी हाँ। (ग) जी नहीं। जिले में पूर्व से महिला थाना संचालित होने से वर्तमान में एक अन्य नवीन महिला थाना की आवश्यकता नहीं है। खाचरोद नाका एवं अरनिया पीथा मंडी में नवीन पुलिस चौकी का प्रस्ताव निर्धारित मापदण्ड के अनुरूप नहीं है। नवीन पुलिस थानें स्वीकृत करने संबंधी प्रस्ताव वर्तमान में शासन स्तर पर प्राप्त नहीं हुए है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) चिन्हित स्थलों पर जन आवश्यकता की पूर्ति संबंधित थानों में पूर्व से ही उपलब्ध संसाधनों से की जा रही है। ग्राम अम्बा एवं ग्राम हसनपालिया में नवीन चौकी का प्रस्ताव प्राप्त होने पर कार्यवाही की जावेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
चाइल्ड पोर्नोग्राफी रोकने हेतु शासन के प्रयास
[गृह]
67. ( क्र. 679 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में पोर्नोग्राफी के उत्पादन, प्रसारण और संग्रहण को लेकर मामले दर्ज हुए हैं? यदि हाँ, तो जिलेवार जानकारी देवें। (ख) क्या लोगों को चाइल्ड पोर्नोग्राफी देखने, अपलोड करने और प्रसारण करने से रोकने के लिए सरकार ने जागरूकता हेतु प्रयास किए हैं? यदि हाँ, तो जानकारी देवें। (ग) 1 जनवरी 2018 के पश्चात लोगों को पोर्नोग्राफी के दुष्प्रभाव से बचाने के लिए सरकार ने क्या योजनाएं बनाई? इन योजनाओं के क्रियान्वयन का जिलेवार जानकारी देवें। (घ) प्रदेश में पोर्नोग्राफी फैलाने वाली वेबसाइट्स पर सरकार ने प्रतिबंध लगाने हेतु क्या कोई प्रयास किए हैं? क्या उक्त अवधि में google पर अपलोडेड चाइल्ड पोर्न वेबसाइट्स को सर्च करके समस्त आई.एस.पी. को धारा 79 (3) B IT ACT 2000 (amend.2008) का नोटिस प्रेषित किया है? यदि हाँ, तो किन-किन को? सूची देवें।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार। (ख) सायबर अपराधों के प्रति जागरूकता हेतु समग्र रूप से जागरूकता अभियान/कार्यक्रम सार्वजनिक स्थल/शासकीय एवं अशासकीय कार्यालयों/शैक्षणिक संस्थानों विशेषतः कन्या महाविद्यालय एवं विद्यालयों में संचालित किये जा रहे हैं, जिनमें महिलाओं तथा बच्चों के प्रति होने वाले समस्त प्रकार के सायबर अपराध की रोकथाम संबंधी जानकारी अभिन्न एवं महत्वपूर्ण हिस्सा है। वर्ष 2018 से वर्तमान तक कुल 3752 सायबर जागरूता कार्यक्रम आयोजित कर 2032125 लाख नागरिकों (विद्यार्थियों, महिलाओं एवं बालिकाओं, वरिष्ठ नागरिकों आदि) को सायबर अपराधों के प्रति जागरूक किया गया है एवं वर्ष 2018 से वर्तमान तक कुल 278 सायबर ट्रेनिंग प्रोग्राम आयोजित कर कुल 29696 पुलिस अधिकारी/कर्मचारियों को प्रशिक्षण प्रदाय किया गया। राज्य सायबर पुलिस मध्यप्रदेश द्वारा ग्रामीण स्तर तक सायबर जागरूकता के प्रचार-प्रसार हेतु 73000 सायबर जागरूकता संबंधी पंपलेट छपवाए गए, जिन्हें जिला पंचायत एवं जिला पुलिस बल इकाइयों के माध्यम से म.प्र. की समस्त पंचायतों तक वितरित किया जा रहा है। वितरण कार्य वर्तमान में सतत् रूप से जारी है। इसके अलावा अन्य जिलों द्वारा भी सायबर अपराधों चाइल्ड पोर्नोग्राफी एवं अन्य के लिए जागरूकता के लिये ऑपरेशन ''एहसास'' व ऑपरेशन ''अभिमन्य'' चलाया जा रहा है। (ग) चाइल्ड पोर्नोग्राफी के दुष्प्रभाव से बचने हेतु Awareness Campaign चलाये जाते हैं जिसमें शिकायत शाखा के अधिकारी/कर्मचारियों द्वारा नवीन तकनीकों तथा कानूनी प्रावधानों के संबंध में जानकारी दी जाती है। चाइल्ड पोर्नोग्राफी संबंधी रिपोर्ट करने हेतु भारत सरकार द्वारा मिनिस्ट्री ऑफ होम अफेयर्स (MHA), I4C Scheme (Indian Cyber Crime Coordination Center) के अंतर्गत National Cyber Crime Reporting Portal (www.cybercrime.gov.in/www.cyberpolice.nic.in) दिनांक 30.08.2019 को लांच किया गया है। उक्त पोर्टल के अंतर्गत CPRGR (Child Pronography/Rape/GangRape) कैटेगिरी संबंधी शिकायतों पर निर्धारित एस.ओ.पी. अनुसार त्वरित कार्यवाही करने हेतु तत्काल संबंधित पुलिस यूनिट को प्रेषित कर दिया जाता है। Cyber Crime Prevention against Women & Child (CCPWC) भारत सरकार की योजना के अंतर्गत राज्य सायबर पुलिस मध्यप्रदेश द्वारा कुल 1726 पुलिस अधिकारियों, 319 लोक अभियोजन अधिकारियों तथा 129 न्यायिक अधिकारियों को बच्चों एवं महिलाओं के विरूद्ध घटित होने वाले सायबर अपराधों के अनुसंधान एवं फॉरेंसिक से संबंधित प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रशिक्षित किया गया। (घ) भारत के राजपत्र में प्रकाशित अधिसूचना संख्या 2 (1)/2017-कार्मिक-I (पार्ट) के अतिक्रमण में और सूचना प्रौद्योगिकी (जनसाधारण द्वारा सूचना के अभिगम के अवरोधन के लिए कार्य विधि और सुरक्षा उपाय) नियमावली 2009 के नियम 3 के साथ पठित सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम 2000 की धारा 69क द्वारा प्रदत्त शाक्तियों का प्रयोग करते हुये केन्द्र सरकार द्वारा संयुक्त सचिव, इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, भारत सरकार स्तर के अधिकारी के रूप में प्राधिकृत और पदनामित किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार। राज्य सायबर पुलिस मुख्यालय एवं थाना स्तर पर प्राप्त शिकायतों एवं दर्ज अपराधों की जांच एवं विवेचना के दौरान चाइल्ड पोर्न एवं अन्य आपत्तिजनक कंटेन्ट के संबंध में धारा 79 (3) B IT ACT 2000 के अंतर्गत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार।
बेनामी शिकायतों पर नियम विरूद्ध कार्यवाही
[सामान्य प्रशासन]
68. ( क्र. 680 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन संभाग के विभिन्न विभागों में 1 जनवरी 2018 के पश्चात कितनी बेनाम शिकायतें किस-किस के खिलाफ विभाग को प्राप्त हुई? विभाग द्वारा उन पर क्या कार्यवाही की गयी है? (ख) क्या शासन द्वारा स्पष्ट निर्देशों के बावजूद भी विभाग बेनाम शिकायतों की जांच कर रहे हैं और जांच के नाम पर अधिकारियों/कर्मचारियों को परेशान कर रहे हैं? यदि हाँ, तो किन नियमों के तहत जांच की जाती है? सामान्य प्रशासन द्वारा बेनाम शिकायतों के सम्बन्ध में जारी नियमों की प्रतिलिपि देवें। (ग) 1 जनवरी 2020 के पश्चात नीमच, मंदसौर जिलों में विभिन्न विभागों में कुल कितनी शिकायतें किस-किस विभाग को प्राप्त हुई? इनमें कितनी शिकायत किस-किस के खिलाफ किस-किस व्यक्ति ने कहाँ-कहाँ की तथा कितनी शिकायतें बेनामी बिना मोबाइल नंबर की प्राप्त हुई? उन पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गयी?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
आगंनवाड़ी केन्द्रों की जानकारी
[महिला एवं बाल विकास]
69. ( क्र. 684 ) श्री बाबू जन्डेल : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) श्योपुर विधानसभा में कितने आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित हैं? इनमें से कितने भवन विहीन हैं? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार संचालित आंगनवाड़ी केन्द्रों में बालक एवं बालिकाओं की संख्या कितनी हैं? आंगनवाड़ी केन्द्रवार बताएं। (ग) संचालित आंगनवाड़ी केन्द्रों में क्या पर्याप्त पेयजल व्यवस्था है? यदि नहीं तो कौन-कौन से केन्द्रों पर? नामवार जानकारी उपलब्ध करावें।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) श्योपुर विधानसभा में 518 आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित हैं, इनमें से 154 आंगनवाड़ी केन्द्र भवन विहीन हैं। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार संचालित आंगनवाड़ी केन्द्रों में बालकों एवं बालिकाओं की संख्या की आंगनवाड़ी केन्द्रवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) श्योपुर विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत संचालित समस्त आंगनवाड़ी केन्द्रों में पर्याप्त पेयजल व्यवस्था है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विकास कार्यों की जानकारी
[योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी]
70. ( क्र. 689 ) श्री सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाहा : क्या उप मुख्यमंत्री, वित्त महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले में विगत 05 वर्षों में विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र विकास योजना के तहत स्वीकृत कार्यों की राशिवार जानकारी दें। (ख) सतना जिले में विगत 05 वर्षों में सांसद मद से विभाग को प्राप्त राशि किन-किन विकास/निर्माण कार्य में खर्च की गई है? वर्षवार राशि एवं निर्माण एजेन्सी सहित जानकारी दें।
उप मुख्यमंत्री, वित्त ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। (ख) राज्य शासन का विषय न होने से जानकारी दी जाना संभव नहीं है।
भ्रष्ट अधिकारी पर कार्यवाही
[सामान्य प्रशासन]
71. ( क्र. 691 ) श्री सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाहा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजेश खेड़े, सहायक सेनानी, सशक्त पुलिस बल से नियुक्त जिनकी प्रतिनियुक्ति विशेष पुलिस स्थापना लोकायुक्त संगठन में डी.एस.पी. है, जो नियम विरुद्ध विवेचना अधिकारी बनकर शासन के प्रति निष्ठावान अधिकारियों से अवैध मासिक वसूली करते हैं और जो भी अधिकारी/कर्मचारी इनको अवैध महीना वसूली नहीं पहुंचाता उन पर बेईमानी पूर्वक षड़यंत्र बनाकर फर्जी प्रकरण बनाए जाते हैं? क्या उपरोक्त अधिकारी को लोकायुक्त प्रकरण में विवेचना करने का अधिकार है? यदि हाँ, तो नियम की प्रति दें। क्या इन्होंने विवेचना करने का शासन से कोई प्रशिक्षण या विभागीय परीक्षा पास की है? यदि हाँ, तो प्रति दें। (ख) उपरोक्त अधिकारी के विरुद्ध पदस्थापना दिनांक से आज दिनांक तक लोकायुक्त संगठन को कितनी शिकायतें प्राप्त हुई हैं? उन शिकायतों पर क्या-क्या कार्यवाही की गई? किन-किन अधिकारियों ने कार्यवाही की? मूल नस्ती की प्रति दें और अगर कार्यवाही नहीं की तो क्यों? यदि की जाएगी तो कब तक? समय और नियम बताएं। (ग) यह कि पूर्व में प्र.क्र. 3376 दिनांक 27/03/2023 एवं प्र.क्र 2793 दिनांक 27/03/2023 द्वारा सदन से जानकारी चाही गई, जिसके उत्तर में 'उपरोक्त प्रश्नों की जानकारी एकत्रित की जा रही है' का उल्लेख किया गया, किंतु 10 माह से अधिक समय व्यतीत हो जाने के बाद भी आज दिनांक तक चाही गई जानकारी उपलब्ध नहीं कराई गई और न ही संबंधित भ्रष्ट अधिकारी के विरुद्ध कोई कार्रवाई की गई, क्यों?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
सम्प्रेक्षण गृह किशोर न्याय बोर्ड का संचालन
[महिला एवं बाल विकास]
72. ( क्र. 694 ) श्री भैरो सिंह बापू : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मध्यप्रदेश शासन अंतर्गत महिला एवं बाल विकास विभाग के द्वारा सम्प्रेक्षण गृह किशोर न्याय बोर्ड प्रदेश में कहाँ-कहाँ संचालित किया जा रहे हैं? (ख) सम्प्रेक्षण गृह में 18 वर्ष से कम उम्र के बालक-बालिकाओं के लिए क्या व्यवस्था की जाती है? उनके सुधार के लिए क्या प्रयास किए जाते हैं? खान-पान आदि पर कितनी राशि व्यय की जाती है? दिए जा रहे भोजन में क्या विशेषज्ञों से मार्गदर्शन लिया जा रहा है? (ग) क्या भोपाल के परवलिया क्षेत्र में आंचल मिशनरी संस्था द्वारा संचालित बालिका छात्रावास किन नियमों के द्वारा चलाया जा रहा था? क्या यह छात्रावास शासन द्वारा मान्यता प्राप्त था? उक्त छात्रावास में कहाँ-कहाँ से फंडिंग होती थी? राष्ट्रीय बाल आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो द्वारा निरीक्षण करने पर कितनी बालिकाएं गायब पाई गई थीं? उक्त बालिका गृह कितने वर्षों से संचालित हो रहा था? क्या उक्त संस्था द्वारा धर्मांतरण की गतिविधियां संचालित की जा रही थीं? (घ) प्रदेश में कौन-कौन सी एन.जी.ओ. बाल भिक्षावृत्ति रोकने, बाल मजदूरी व बाल पुनरक्षण व सुधार हेतु प्रदेश में शासन के साथ व अन्य तरह से कार्य कर रही है? शासन द्वारा विगत 5 वर्षों में कितने एन.जी.ओ. को राशि दी गई? एन.जी.ओ द्वारा क्या क्या कार्य किये गये?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) प्रदेश के 18 जिलों यथा भोपाल, विदिशा, बैतूल, इंदौर, झाबुआ, खण्डवा, उज्जैन, रतलाम, जबलपुर, नरसिंहपुर, सिवनी, सागर, छतरपुर, रीवा, ग्वालियर, गुना, मुरैना एवं शहडोल में सम्प्रेक्षण गृह एवं 51 जिलों में किशोर न्याय बोर्ड संचालित हैं। (ख) किशोर न्याय अधिनियम 2015 (संशोधित 2021) एवं किशोर न्याय आदर्श संशोधन नियम 2022 (मूल नियम 2016) के प्रावधानों के तहत सम्प्रेक्षण गृह में निवासरत विधि का उल्लंघन करने वाले बालक/बालिका को प्रकरण के निराकरण होने तक अधिनियम में दिए गए प्रावधान अनुसार संरक्षण, शिक्षण-प्रशिक्षण, भरण पोषण, सुरक्षा एवं चिकित्सा आदि सुविधाएं प्रदान की जाती हैं। गृह में रहने वाले बालकों के सुधार हेतु बच्चों एवं परिवार को मनोवैज्ञानिक एवं विधि परामर्श, नशा मुक्ति, उपचार सेवायें, व्यावासयिक प्रशिक्षण प्रदाय किया जाता है। मिशन वात्सल्य योजना के प्रावधान अनुसार गृह में निवासरत बालक-बालिकाओं के खान-पान आदि हेतु प्रतिमाह राशि रू. 3000/- प्रति बालक-बालिका के मान से व्यय की जा रही है। जी नहीं, किशोर न्याय आदर्श संशोधन नियम 2022 (मूल नियम 2016) के नियम 33 में प्रावधानित पोषण और आहार मानक अनुसार बच्चों को भोजन प्रदाय किया जाता है। (ग) भोपाल के परवलिया क्षेत्र में आंचल मिशनरी संस्था द्वारा बालिका छात्रावास का संचालन नियमानुसार नहीं हो रहा था। जी नहीं। प्रश्नांश के प्रथम भाग के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। राष्ट्रीय बाल आयोग के अध्यक्ष श्री प्रियंक कानूनगो के निरीक्षण के समय संस्था में उपलब्ध नहीं होने वाली बालिकायें अपने परिवार में माता पिता के पास थीं। कोई भी बालिका गायब नहीं थी। संस्था वर्ष 2020 से संचालित की जा रही थी। संस्था के विरूद्ध आपराधिक प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज की गयी है, जिसमें धर्मांतरण की धारा भी जोड़ी गई है। (घ) देखरेख और संरक्षण के जरूरतमंद बालकों के पुनरक्षण हेतु प्रदेश में एन.जी.ओ. द्वारा बाल देखरेख संस्थायें यथा बालगृह, शिशुगृह एवं खुला आश्रय गृह का संचालन किया जा रहा है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। शासन द्वारा विगत पांच वर्षों में 80 एन.जी.ओ. को राशि दी गई है। एन.जी.ओ. द्वारा किशोर न्याय अधिनियम 2015 एवं आदर्श संशोधन नियम 2022 (मूल नियम 2016) के प्रावधानों के तहत गृह के बच्चों को संरक्षण, शिक्षण, प्रशिक्षण, भरण-पोषण, सुरक्षा, चिकित्सा एवं पुनर्वास के कार्य किये जा रहे हैं।
आंगनवाड़ी केन्द्रों की स्थिति
[महिला एवं बाल विकास]
73. ( क्र. 695 ) श्री भैरो सिंह बापू : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जिला आगर-मालवा में शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में कितने-कितने आंगनवाड़ी केंद्र संचालित हैं एवं कितने-कितने आंगनवाड़ी केंद्र स्वयं के भवनों तथा किराए के भवनों में संचालित हैं? भवनों के किराए पर कितनी राशि व्यय हुई? वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक तक माहवार जानकारी देवें। (ख) सुसनेर विधानसभा क्षेत्र में संचालित कितने आंगनवाड़ी केंद्रों में बच्चों को खेलने के लिए खुला मैदान मनोरंजन के साधन शुद्ध पेयजल की व्यवस्था, अन्य बुनियादी सुविधाएं व वजन नापने की मशीन है अथवा कितनों में नहीं है? (ग) विधानसभा क्षेत्र सुसनेर में कितने आंगनवाड़ी केन्द्रों का भवन निर्माण कितनी राशि में कराया गया? कितने केंद्रों के भवनों का निर्माण करना स्वीकृत व प्रस्तावित है? इसके लिए कितनी राशि का प्रावधान किया गया है? कितने स्वीकृत भवनों का निर्माण कब से नहीं कराया गया एवं क्यों? इनके लिए कब कितनी राशि स्वीकृत की गई? (घ) जिला आगर-मालवा में आंगनवाड़ी केन्द्रों में पोषण आहार किस एजेंसी द्वारा सप्लाय किया जाता है तथा किन-किन केन्द्रों पर आंगनवाड़ी केन्द्रवार प्रतिमाह कितना पोषण आहार प्रदाय किया जा रहा है? सम्पूर्ण जानकारी देवें।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) जिला आगर-मालवा अन्तर्गत 134 आंगनवाड़ी केन्द्र शहरी एवं 619 आंगनवाड़ी केन्द्र ग्रामीण क्षेत्रों में संचालित हैं। 305 आंगनवाड़ी केन्द्र स्वंय के भवनों (विभागीय भवनों) में, 183 आंगनवाड़ी केन्द्र किराये के भवनों में तथा 265 आंगनवाड़ी केन्द्र अन्य शासकीय भवनों में संचालित हो रहे हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। भवनों के किराये पर व्यय की राशि से संबधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स''' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''द''' अनुसार है। भवन विहीन आंगनवाड़ी केन्द्रों के लिये भवन निर्माण शासकीय भूमि एवं वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर है। समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है, अतः शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जिला आगर-मालवा अन्तर्गत संचालित आंगनवाड़ी केन्द्रों में 06 माह से 3 वर्ष तक बच्चों, गर्भवती एवं धात्री माताओं को टेक होम राशन का प्रदाय म.प्र. राज्य आजीविका फोरम के अधीन महिला आजीविका औद्योगिक सह. संस्था मर्यादित देवास के माध्यम से तथा 03-06 वर्ष के बच्चों को सांझा चूल्हा अन्तर्गत नाश्ता एवं भोजन का प्रदाय ग्रामीण महिला स्व-सहायता समूहों द्वारा किया जाता है। आंगनवाड़ी केन्द्रों में हितग्राहियों को निर्धारित रेसिपी एवं मीनू अनुसार पोषण आहार का प्रदाय किया जा रहा है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''य'' अनुसार है।
विस्थापित परिवारों की जानकारी
[खनिज साधन]
74. ( क्र. 698 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला अनूपपुर के रामपुर (खाड़ा) ओपन कास्ट कोयला खदान कब से प्रारंभ है एवं कितने हेक्टेयर क्षेत्रफल में खनन किया जाना प्रस्तावित है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार कितने हेक्टेयर शासकीय भूमि दी गई तथा कितने हेक्टेयर निजी भूमि स्वामियों से ली गई है? पृथक-पृथक जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार निजी भूमि मालिकों में कितने आदिवासी समाज की भूमि अधिग्रहित की गई? उनकी सूची देवें तथा विस्थापित किए गए परिवारों की जानकारी देवें। (घ) प्रश्नांश (ग) के संबंध में विस्थापित परिवारों को कहाँ व्यवस्थित किया गया? अद्यतन जानकारी देवें।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जिला अनूपपुर के रामपुर (खाड़ा) ओपन कास्ट कोयला खदान पर कार्य दिनांक 21/10/2022 से प्रारंभ है। उक्त परियोजना अंतर्गत ग्राम खाड़ा की कुल 131.275 हेक्टेयर भूमि पर खनन कार्य न किया जाकर बाह्य डम्पिंग तथा अधोसंरचना निर्माण कार्य किया जा रहा है। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार 20.103 हेक्टेयर शासकीय भूमि दी गई है तथा 111.17 हेक्टेयर निजी भूमि स्वामियों से ली गयी है, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट पर दर्शित है। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार कुल 66 अनुसूचित जनजाति के भूमि स्वामियों की भूमि अधिग्रहित की गई है जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट पर दर्शित है। (घ) ग्राम रामपुर (खाड़ा) के पुनर्वास हेतु चिन्हित समस्त परिवारों द्वारा विस्थापन बाबत् भूखण्ड के बदले मुआवजा राशि का विकल्प चयन किया गया है। समस्त 92 मकानों का पूर्ण मुआवजा वितरित किया जा चुका है जिनमें से अद्यतन स्थिति में 14 परिवारों द्वारा मकान खाली कर दिया गया है।
सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम द्वारा संचालित योजनाएं
[सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम]
75. ( क्र. 700 ) श्री माधव सिंह (मधु गेहलोत) : क्या सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन संभाग एवं जिला आगर-मालवा अन्तर्गत सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम द्वारा क्या-क्या योजनाएं संचालित की जा रही हैं? प्रश्न दिनांक तक जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार योजनाओं के प्रोत्साहन हेतु उद्यमियों के कितने शिविर कहाँ-कहाँ कब-कब लगाए गए हैं? इनमें कितने उद्यमियों ने हिस्सा लिया? तिथि सहित स्थान की पूर्ण जानकारी देवें। (ग) जनवरी 2024 की स्थिति में कितने उद्यमियों द्वारा पंजीयन कराये जा चुके हैं? उनकी संख्या, पंजीकृत उद्यमियों के यूनिक नाम सहित उज्जैन संभाग की जिलेवार जानकारी देवें। (घ) क्या उद्यमियों को विभाग द्वारा प्रशिक्षण दिया जाता है? यदि हाँ, तो वर्तमान में कितने लोगों को किन-किन व्यवसाय एवं उद्योगों के लिये प्रशिक्षण दिया गया?
सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री ( श्री चेतन्य कुमार काश्यप ) : (क) सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग द्वारा उज्जैन संभाग एवं जिला आगर मालवा अंतर्गत निम्नलिखित योजनाएं संचालित है :- 1. मुख्यमंत्री उद्यम क्रान्ति योजना 2. म.प्र. एम.एस.एम.ई. प्रोत्साहन योजना 2021 3. म.प्र. स्टार्ट-अप नीति एवं कार्यान्वयन योजना 2022 (ख) जिलेवार आयोजित शिविरों का विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग, म.प्र शासन द्वारा उद्यम पंजीयन नहीं कराया जाता है। (घ) विभाग द्वारा उद्यमियों को वर्तमान में कोई प्रशिक्षण नहीं दिया जाता है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
दर्ज प्रकरणों की जानकारी
[गृह]
76. ( क्र. 704 ) श्री विपीन जैन : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत 10 वर्षों में मंदसौर जिले में असत्य एन.डी.पी.एस. केस दर्ज किए जाने/अवैध वसूली को लेकर कितनी शिकायतें/आवेदन/ज्ञापन प्राप्त हुए हैं? वर्षवार जानकारी देवें। (ख) क्या फर्जी एन.डी.पी.एस. मुकदमे की कार्यवाही को लेकर अन्य राज्यों की पुलिस एवं राज्य पुलिस द्वारा पुलिस कर्मियों एवं अन्य कर्मचारियों पर प्रकरण दर्ज किए गए हैं? (ग) यदि हाँ, तो विगत 10 वर्षों में कितने प्रकरण किस-किस मामले में किस स्तर के पुलिस कर्मियों, अधिकारियों और अन्य कर्मचारियों पर पंजीबद्ध किये गए हैं? विभागीय सूची देवें। (घ) क्या मध्यप्रदेश शासन पूर्व की तरह डोडा चूरा खरीदी स्वयं करेगी एवं एन.डी.पी.एस. एक्ट से डोडा चूरा को मुक्त करेगी एवं अफीम की वाणिज्यिक मात्रा में वृद्धि का भी प्रस्ताव है? (ड.) मंदसौर में मादक पादर्थों के लेनदेन सम्बंधी शिकायतों पर कर्मचारियों के विरूद्ध विभाग द्वारा की गयी कार्यवाही का विवरण देवें।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) विगत 10 वर्षों में 146 शिकायतें प्राप्त हुई है। वर्षवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट-'अ' अनुसार है। (ख) जी हाँ। फर्जी एन.डी.पी.एस. मुकदमे की कार्यवाही को लेकर अन्य राज्यों की पुलिस एवं राज्य पुलिस द्वारा पुलिस कर्मियों एवं अन्य कर्मचारियों पर प्रकरण दर्ज किये गये हैं। (ग) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। (घ) प्रश्नांश के संबंध में शासन स्तर पर वर्तमान में ऐसा कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। (ड.) जानकारी निरंक है।
जेल भवन का निर्माण
[जेल]
77. ( क्र. 705 ) डॉ. प्रभुराम चौधरी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सांची विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत गैरतगंज ब्लाक के ग्राम चादौनीगंज में जेल भवन बनाया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) में यदि हाँ, तो कब बनाया गया एवं क्या उसका उपयोग किया जा रहा है? यदि नहीं तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। (ख) वर्ष 1993-94 में। भवन में आवश्यक कार्यों को पूर्ण कर भवन का उपयोग किया जाना प्रस्तावित है।
आंगनवाड़ी केन्द्रों के भवन की जानकारी
[महिला एवं बाल विकास]
78. ( क्र. 706 ) डॉ. प्रभुराम चौधरी : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विभाग द्वारा जिला रायसेन अंतर्गत कितने नवीन आंगनवाड़ी भवन स्वीकृत किये गये हैं? नाम सहित विकासखण्डवार जानकारी देवें। (ख) सांची विधानसभा क्षेत्रांतर्गत विकासखण्ड सांची एवं गैरतगंज के ग्रामों में संचालित कितने आंगनवाड़ी केन्द्र वर्तमान में भवन न होने से किराये के भवनों में संचालित किये जा रहे है? केन्द्रवार जानकारी देवें। (ग) सांची विधानसभा क्षेत्रातर्गत कितने आंगनवाड़ी केन्द्रों को नवीन भवनों की स्वीकृति हेतु जनप्रतिनिधियों द्वारा अनुशंसा की गयी है, जो स्वीकृति हेतु लंबित है? नामवार जानकारी देवें। (घ) नवीन भवनों की स्वीकृति में विलंब का कारण तथा कब तक विभाग द्वारा स्वीकृति प्रदाय की जायेगी?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) महिला एवं बाल विकास, जिला रायसेन अंतर्गत विगत 5 वर्षों में नवीन आंगनवाड़ी भवन स्वीकृति की नाम सहित, विकासखण्डवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है। (ख) सांची विधानसभा क्षेत्रांतर्गत विकासखण्ड सांची एवं विकासखण्ड गैरतगंज के ग्रामों में किराये के भवनों में संचालित आंगनवाड़ी केन्द्रों की केन्द्रवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब''अनुसार है। (ग) सांची विधानसभा क्षेत्रातर्गत नवीन भवनों की स्वीकृति हेतु जनप्रतिनिधियों द्वारा अनुशंसा किये गये आंगनवाड़ी केन्द्रों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''स'' अनुसार है। (घ) भवन विहीन आंगनवाड़ी केन्द्रों के लिये भवन निर्माण शासकीय भूमि एवं वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर है। समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है।
पुलिस चौकी, पुलिस थाना, जिला जेल एवं सर्किल जेल का निर्माण
[गृह]
79. ( क्र. 721 ) श्री रजनीश हरवंश सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वित्तीय वर्ष 2017-18 से प्रश्न दिनांक तक जबलपुर संभाग अंतर्गत कितनी पुलिस चौकी, पुलिस थाना, जिला जेल एवं सर्किल जेल स्वीकृत किये गये हैं? वर्षवार जानकारी देवें। प्रदेश में गृह विभाग के अंतर्गत सिवनी जिले में कितनी पदपूर्ति की गई है एवं कितने पद गृह विभाग में किस-किस केडर के रिक्त हैं? जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में कितनी पुलिस चौकी, पुलिस थाना, जिला जेल एवं सर्किल जेल निर्माण हेतु कितनी राशि स्वीकृत की गई है? जानकारी देंवे। (ग) विभाग अंतर्गत केंद्र द्वारा वर्ष 2017-18 में राज्य शासन का गृह विभाग को प्राप्त आवंटन एवं व्यय राशि का वर्षवार विवरण देवें।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
नियम विरूद्ध अवैध रेत का खनन
[खनिज साधन]
80. ( क्र. 722 ) श्री रजनीश हरवंश सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र केवलारी में कितने स्थानों पर बिना लीज के नियम विरूद्ध अवैध रेत खनन का कार्य किया जा रहा है? (ख) विधानसभा क्षेत्र केवलारी में नियम विरूद्ध रेत खनन कार्य किए जाने पर शासन द्वारा दण्ड दिए जाने की क्या प्रक्रिया है? (ग) विधानसभा क्षेत्र केवलारी में क्या रेत खनन करने वाले रेत माफियाओं के खिलाफ तत्काल रोक लगाई जायेगी? (घ) क्या शासन इस बात की जांच करायेगा कि विभाग में विषयांकित आदेश का पालन न करके ठेकेदारों को करोड़ों रूपये का लाभ दिलाया गया तथा लाभ दिलाने के लिए अनियमितता की गई?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) विधानसभा क्षेत्र केवलारी अंतर्गत बिना लीज के नियम विरूद्ध कोई रेत खनन का कार्य नहीं किया जा रहा है। पूर्व में 01 स्थान ग्राम खुरसुरा-खुरसीपार में अवैध रेत खनन कार्य किये जाने के फलस्वरूप उत्खननकर्ता श्री श्याम किशोर गजभिये के विरूद्ध प्रकरण दर्ज किया गया। जिसमें नियमानुसार अर्थदण्ड राशि 7, 50, 000.00 रूपये जमा कराया जाकर निराकरण किया गया है। (ख) नियम विरूद्ध रेत खनन कार्य किये जाने पर मध्यप्रदेश खनिज (अवैध खनन, परिवहन एवं भण्डारण का निवारण) नियम-2022 के तहत कार्यवाही की प्रक्रिया है। (ग) विधानसभा क्षेत्र केवलारी में अवैध उत्खनन, भण्डारण एवं परिवहन की खनिज एवं राजस्व अमले द्वारा सतत् निगरानी रखी जा रही है। (घ) ठेकेदार को लाभ देने या अनियमितता जैसी कोई स्थिति न होने से प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
प्रकरण क्र. 587/23 की जानकारी
[गृह]
81. ( क्र. 735 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या थाना माखननगर जिला नर्मदापुरम् में दि. 02.12.2023 को दर्ज प्रकरण क्र. 587/23 धारा 294, 307, 302, 34 में घटना के आरोपियों में ज्ञानसिंह/देवीराम कीर निवासी जासलपुर का भी उल्लेख है? यदि हाँ, तो बतावें कि दर्ज प्रकरण अनुसार घटना का समय क्या है? (ख) क्या घटना के समय आरोपी ज्ञान सिंह घटना दि. 02.12.2023 को सांय 4:30 से 8:00 बजे तक कविता ट्रेडर्स, इतवारा बाजार, नर्मदापुरम् में परिजनों के साथ खरीददारी करते मौजूद था, जिसके सी.सी.टी.वी. फुटेज भी मौजूद हैं? (ग) क्या ज्ञान सिंह के घटना के समय कविता ट्रेडर्स, नर्मदापुरम में होने के संबंध में रामसिंह आ. देवीराम कीर निवासी जासलपुर द्वारा पेन ड्राइव के साथ नर्मदापुरम् के कलेक्टर पुलिस अधीक्षक एवं पुलिस महानिरीक्षक को आवेदन पत्र देकर जाँच कराने का आग्रह किया था? यदि हाँ, तो क्या जाँच की गयी? जाँच में प्राप्त तथ्यों की जानकारी दें। यदि नहीं तो क्यों? (घ) क्या प्रश्नांश (ख) एवं (ग) से स्पष्ट है कि घटना के समय ज्ञानसिंह कविता ट्रेडर्स, नर्मदापुरम् में था। (ड.) यदि हाँ, तो क्या आरोपियों में से ज्ञान सिंह का नाम हटाया जावेगा? (च) क्या आर.टी.आई. के तहत माँगी गयी ज्ञानसिंह/देवीराम की फोटो एवं मोबाईल नं. 9340310569 की लोकेशन की जानकारी दे दी गयी है?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ, विस्तृत जानकारी संलग्न परिशिष्ट 'अ' अनुसार। (ख) जी नहीं। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट 'ब' अनुसार। (घ) एवं (ड.) जी नहीं। (च) जानकारी संलग्न परिशिष्ट 'स' अनुसार।
प्रकरण की उच्च स्तरीय जांच
[गृह]
82. ( क्र. 736 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रामविलास आत्मज सुन्दरलाल तिवारी की दिनांक 12.06.2013 को इटारसी के निकट हुई संदेहास्पद मृत्यु के संबंध में उनके भांजे श्री सुनील तिवारी द्वारा पुलिस मुख्यालय को प्रकरण की उच्च स्तरीय जांच किये जाने हेतु शिकायत की गयी जो दिनांक 27.07.2021 को प्राप्त हुई थी। (ख) क्या उक्त जांच पूरी हो गयी है? यदि नहीं तो कब तक पूरी होने की संभावना है?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) रामविलास पुत्र सुंदरलाल तिवारी की मृत्यु दिनांक 11.06.2013 को इटारसी के निकट हुई थी। उनके भांजे श्री सुनील तिवारी द्वारा पुलिस मुख्यालय में प्रकरण की उच्च स्तरीय जांच किये जाने हेतु शिकायत दिनांक 27.07.2021 को प्रस्तुत की थी। (ख) जी नहीं, जांच जारी है। घटना लगभग दस वर्ष से अधिक पुराने अकाल मृत्यु से संबंधित है। घटना के संबंध में साक्ष्य एकत्रित किया जा रहा है, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं हैं।
जब्त गांजे पर की गई कार्यवाही की जानकारी
[वाणिज्यिक कर]
83. ( क्र. 746 ) डॉ. चिंतामणि मालवीय : क्या उप मुख्यमंत्री, वित्त महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2021 में 26 जनवरी को तराना (उज्जैन) में 1376 किलो गांजा पकड़ा गया था? (ख) जब्त गाँजा कहाँ है और एक प्रकरण में कितने आरोपियों को गिरफ्तार किया गया? (ग) जिन वाहनों में गाँजा पकड़ा गया वो कहाँ है? वाहन क्रमांक, वाहन मालिकवार जानकारी उपलब्ध करवायें एवं उन पर आज दिनांक तक क्या कायवाही की गई? नहीं की गई तो क्यों?
उप मुख्यमंत्री, वित्त ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) प्रश्नांश का संबंध राज्य सरकार से न होकर भारत सरकार, गृह मंत्रालय स्वापक नियंत्रण ब्यूरो क्षेत्रीय इकाई इन्दौर से संबंधित है। अत: उत्तर दिया जाना संभव नहीं है। (ख) एवं (ग) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
आसवनी प्रदाय हेतु आवंटित जिले
[वाणिज्यिक कर]
84. ( क्र. 747 ) डॉ. चिंतामणि मालवीय : क्या उप मुख्यमंत्री, वित्त महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में वर्ष 2023-2024 में आसवनी प्रदाय हेतु आवंटित जिलों में शासन द्वारा किस दिनांक तक मदिरा प्रदाय की अनुमति दी गई है? (ख) वर्ष 2023-24 में 10 लीटर ओ.पी. बनाने में कितना ग्रेन इस्तेमाल होता है, जिसमें स्टार्च का प्रतिशत क्या होता है? इसमें कितनी लागत आती है? (ग) वर्ष 2023-24 में आसवनी द्वारा प्रयुक्त बोतलों, कार्टून, ढक्कन, लेबल का स्तर क्या है और शासन द्वारा क्या मानक स्थापित किये गये हैं? दोनों का पूरा विवरण अलग-अलग देवें। (घ) आसवनी द्वारा भराई की लागत क्या आती है और किस दर से फुटकर ठेकेदार और शासन को दिया जाता है?
उप मुख्यमंत्री, वित्त ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) मध्यप्रदेश में वर्ष 2023-2024 में प्रदाय संविदाकार आसवकों को आवंटित जिलों में प्रदाय हेतु शासन द्वारा 31 मार्च 2024 तक मदिरा प्रदाय की अनुमति दी गई है। (ख) 10 लीटर ओ.पी. पृथक-पृथक तेजी की हो सकती है। अनाज की किस्म तथा गुणवत्ता के अनुसार स्टार्च का प्रतिशत पृथक-पृथक होता है, इसलिये इस प्रश्न का मानक उत्तर देना संभव नहीं है। (ग) वर्ष 2023-24 में आसवनी के अंतर्गत स्प्रिट का विनिर्माण एवं प्रदाय होता है, स्प्रिट के प्रदाय हेतु बोतलों, कार्टून, ढक्कन, लेबल का प्रयोग नहीं किया जाता है। (घ) आसवनी के अंतर्गत स्प्रिट का विनिर्माण एवं प्रदाय होता है, आसवनी लायसेंस के अंतर्गत किसी भी प्रकार की भराई का कार्य नहीं किया जाता है।
प्रथम सूचना रिपोर्ट पर कार्यवाही
[गृह]
85. ( क्र. 754 ) श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रथम सूचना रिपोर्ट नं. 0162, थाना एम.पी. नगर, भोपाल शहरी वर्ष 2022 में दिनांक 02/04/2022 से प्रश्न दिनांक तक जो कार्यवाही की गई का पूर्ण विवरण मय दस्तावेज प्रदाय करें। प्रथम सूचना रिपोर्ट कौन सी धारा के तहत पंजीबद्ध की गई? कौन से अधिनियम एवं धाराओं के तहत अपराध हुआ? इन धाराओं के तहत क्या कार्यवाही होनी थी? क्या कार्यवाही की गई और कब कार्यवाही की गई का गौशवारा बनाकर विवरण प्रदान करें। प्रथम सूचना रिपोर्ट की छायाप्रति प्रदान करें। (ख) प्रश्नांश (क) के तहत शिकायतकर्ता का नाम, शिकायतकर्ता द्वारा दिए गए बयान, दस्तावेज एवं पत्राचार, ई-मेल की छायाप्रति प्रदान करें। आरोपियों के नाम एवं उनके द्वारा दिए गए बयान की छायाप्रति प्रदान करें। यदि प्रथम सूचना रिपोर्ट प्रचलन में है तो कब तक पूर्ण होगी? समय अवधि बताएं। जांच अधिकारी का नाम एवं पद बताएं। यदि जांच पूर्ण हो चुकी है तो जांच रिपोर्ट की छायाप्रति प्रदान करें। (ग) थाना हनुमानगंज भोपाल में प्राप्त पत्र दिनांक 11/04/2023 विषयः लोक सूचना अधिकारी आर.के. सक्सेना, सहायक लोक सूचना अधिकारी रोहित यादव, सहायक एकाउंटेंट राकेश कुमार वर्मा, मोहित दुबे सी.ई.ओ. चलो मोबिलिटी प्राइवेट लिमि. मेसर्स जॉपहॉप टेक्नोलॉजी प्रा.लि. तथा हर्ष एलजीपुरिया हेड चलो मोबिलिटी भोपाल के विरूद्ध उनके द्वारा एन.आई.टी. 78 में की गई धोखाधड़ी कूटरचित दस्तावेज का निर्मित करना तथा भ्रष्टाचार से संबंधित रिपोर्ट दर्ज करने बाबत्। श्रीमान थाना प्रभारी महोदय, पुलिस थाना हनुमानगंज, भोपाल शहरी वर्ष 2023 में दिनांक 11/04/2023 से प्रश्न दिनांक तक इस पत्र पर जो कार्यवाही की गई, का पूर्ण विवरण प्रदाय करें। (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार शिकायतकर्ता द्वारा दिए गए बयान की छायाप्रति प्रदान करें। आरोपियों के नाम एवं उनके द्वारा दिए गए बयान की छायाप्रति प्रदान करें। क्या प्रथम सूचना रिपोर्ट पंजीबद्ध की गई? हाँ अथवा नहीं? यदि हाँ, तो प्रथम सूचना रिपोर्ट की छायाप्रति प्रदान करें। यदि प्रथम सूचना रिपोर्ट पंजीबद्ध नहीं की गई है तो कब तक होगी? समय अवधि बताएं। यदि जांच पूर्ण हो चुकी है तो जांच रिपोर्ट प्रदाय करें।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'स' अनुसार। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'द' अनुसार।
fufu नियम विरूद्ध क्रेशर संचालन
[खनिज साधन]
86. ( क्र. 768 ) श्रीमती चंदा सुरेन्द्र सिंह गौर : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खरगापुर विधानसभा के ग्राम फुटेर चक्र-2 में स्थित रामहर्षण स्टोन क्रेशर शिवनगर पर संचालित है जिसकी लीज खसरा क्र. 428 रकबा 04 हेक्टेयर है परंतु क्रेशर संचालक द्वारा अपनी लीज प्राप्त जगह पर कोई मुनारे या चिन्ह या फेंसिंग आदि नहीं करके पूरी पहाड़ी-12,909 हेक्टेयर भूमि पर अवैध कब्जा कर गिट्टी बनाने एवं वोल्डर पत्थर निकालकर शासन को लगभग 10-12 वर्षों से राजस्व की हानि दी जा रही है तथा डस्ट के लिये पानी का छिड़काव आदि नहीं किया जा रहा है और प्रदूषण फैलाकर पास में रहने वाले व्यक्तियों एवं फसलों पर बुरा असर पड़ रहा है जिसकी शिकायते कई बार की गई परंतु आज दिनांक तक कोई कार्यवाही नहीं होती है क्या उक्त क्रेशर की जांच करायेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों? (ख) प्रदूषण विभाग सागर द्वारा किस संयंत्र को देखकर अनुमति दी है अनुमति ली गई या नहीं इसलिये लीज पट्टा, खसरा जितने हेक्टेयर की अनुमति दी गई कब से उक्त क्रेशर संचालित है? (ग) क्या यह भी सच है कि प्रदूषण को कम करने हेतु पेड़-पौधे नहीं लगाये गये तथा आसपास के रहवासियों के जीवन पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है तथा डस्ट के उड़ने से आसपास के खेतो की फसलें खराब हो जाती है? यदि इसी प्रकार से क्रेशर संचालित है तो उक्त क्रेशर को अतिशीघ्र बंद किये जाने के आदेश जारी करेगें? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों? (घ) क्या यह भी सच है कि 10-12 वर्षों से उक्त क्रेशर संचालक 12,909 पर यदि कब्जा किये है तो कितने रूपयों की राजस्व हानि हुई? संपूर्ण वसूल करायेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) ग्राम शिवनगर पंचायत फुटेर चक्र-2 तहसील खरगापुर में खसरा क्र. 428 रकबा 4.000 हेक्टेयर क्षेत्र में पट्टाधारी श्री दुर्गा प्रसाद दीक्षित को 10 वर्ष की अवधि हेतु पत्थर क्रेशर उत्खनिपट्टा स्वीकृत है। स्वीकृत पट्टा क्षेत्र की राजस्व तथा खनिज विभाग द्वारा समय-समय पर जांच की गयी जिसमें पट्टेधारी द्वारा स्वीकृत पट्टा क्षेत्र में मुनारे/सीमा चिन्ह स्थापित पाये गये। पट्टेधारी द्वारा पट्टा क्षेत्र के बाहर अवैध कब्जा होना नहीं पाया गया। समय-समय पर पट्टेधारी के द्वारा नियमानुसार मृतकर/रॉयल्टी का भुगतान किया गया है। राजस्व की हानि नहीं हुई है। क्षेत्रीय कार्यालय म.प्र. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड सागर के द्वारा अपने पत्र क्रमांक 111 दिनांक 30.01.2024 से जानकारी प्रदाय की गयी है कि श्री राम हर्षण स्टोन क्रेशर खसरा नम्बर 422/3 ग्राम खेरा, तहसील खरगापुर जिला टीकमगढ़ पर संचालित है। उद्योग द्वारा डस्ट के नियंत्रण हेतु पानी का छिड़काव की व्यवस्था है, आसपास में रहने वाले व्यक्तियों एवं फसलों पर बुरा प्रभाव पड़ने की शिकायत इस कार्यालय में दर्ज नहीं हुई है। (ख) ग्राम शिवनगर पंचायत फुटेर चक्र-2 तहसील खरगापुर के खसरा क्र. 428 रकबा 4.000 हेक्टेयर क्षेत्र में क्षेत्रीय कार्यालय म.प्र. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड सागर के द्वारा अपने पत्र क्रमांक 111 दिनांक 30.01.2024 से लेख किया है कि उद्योग को सशर्त सम्मति दी गयी है। सम्मति 04.02.2024 तक वैध है। उद्योग कार्यालय रिकार्ड अनुसार 27.03.2017 से संचालित है। उद्योग द्वारा प्रदूषण नियंत्रण हेतु आवश्यक व्यवस्थायें की गयी है। (ग) क्षेत्रीय कार्यालय म.प्र. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड सागर के द्वारा अपने पत्र क्रमांक 111 दिनांक 30.01.2024 से जानकारी प्रदाय की गयी है कि उद्योग द्वारा वृक्षारोपण किया गया है। आसपास के रहवासियों के जीवन पर विपरीत प्रभाव पड़ने तथा आसपास की खेती फसले खराब होने विषयक कोई शिकायत इस कार्यालय में दर्ज नहीं है एवं क्रेशर संचालक द्वारा उद्योग परिसर में आवश्यक प्रदूषण नियंत्रण व्यवस्थायें की गयी है। (घ) जी नहीं। शेष भाग का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
अवैध करोबार बंद कराया जाना
[गृह]
87. ( क्र. 774 ) श्री बाला बच्चन : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अंजड़ जिला- बड़वानी में चल रहे सट्टे के कारोबार को बंद कराने संबंधी कितने पत्र पुलिस महानिदेशक भोपाल एवं ए.डी.जी. शिकायत शाखा भोपाल को माह जनवरी 2024 में प्राप्त हुए? इन पत्रों की छायाप्रति भी देवें। (ख) उपरोक्त प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अधिकारियों द्वारा इस संबंध में किए समस्त पत्राचारों की प्रतियाँ पृथक-पृथक देवें। (ग) इस संबंध में की गई जाँच के प्रतिवेदन भी पृथक-पृथक उपलब्ध कराएँ। यदि जाँच नहीं कराई गई तो उसका कारण भी स्पष्ट करें। (घ) क्या अंजड़ जिला बड़वानी में इस अवैध कारोबार को बंद करने के लिए कोई आदेश जारी करेंगे व यह कार्य करने वालों पर कड़ी कार्यवाही करेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं तो इसे संरक्षण देने वाले अधिकारियों के नाम, पदनाम बतावें व इसका कारण स्पष्ट करें।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार। (ग) आवेदक श्री नरेन्द्र वाडिया निवासी इन्दौर द्वारा पुलिस मुख्यालय को प्रस्तुत एक शिकायत पत्र पुलिस मुख्यालय के पत्र क्रमांक पुमु/शिका/इ/04/एफ-03/1638/24 दिनांक 23.01.2024 को ई-मेल के माध्यम से इस कार्यालय को प्राप्त हुआ है, जिसमें 15 दिवस में जांच कर प्रतिवेदन भिजवाने हेतु निर्देशित किया गया है। उक्त शिकायत में उल्लेखित तथ्यों की जांच अनुविभागीय अधिकारी (पुलिस) से करायी जा रही है। जांच पूर्ण होने पर जांच निष्कर्ष प्रतिवेदन पृथक से प्रस्तुत किया जायेगा। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'स' अनुसार।
उपलब्ध व्यवस्थाओं की जानकारी
[गृह]
88. ( क्र. 784 ) श्री ओमकार सिंह मरकाम : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि क्या डिण्डौरी जिला में पर्याप्त पुलिस बल, उपयुक्त सभी थाना भवन, सभी पुलिस जवानों के लिये उपयुक्त आवासीय व्यवस्था है अगर हाँ तो बतावें कि सभी थाना एवं चौकियों में पर्याप्त जवानों की पदस्थापना क्यों नहीं है? करंजिया बनाम समनापुर में उपयुक्त थाना भवन क्यों नहीं है तथा करंजिया बनाम समनापुर गाड़ासरई में जवानों के लिये उपयुक्त आवासीय व्यवस्था क्यों नहीं है? अगर नहीं तो पर्याप्त जवान, उपयुक्त थाना, भवन, उपयुक्त आवासीय व्यवस्था नहीं होने के क्या कारण है? इसके लिए कौन जिम्मेदार है? कब तक सभी व्यवस्थाएं हो जायेगी?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : जिला डिण्डोरी में पुलिस विभाग अंतर्गत कुल स्वीकृत बल 707, कुल उपलब्ध बल 515 एवं कुल रिक्त पद 192 हैं। विभाग अंतर्गत बल की उपलब्धता के समानुपात में आवश्यकतानुसार जिले में बल की पदस्थापना की जाती है। विभाग में पदों का रिक्त होना एवं भरना एक निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है। सभी थानों के लिए थाना भवन उपलब्ध हैं। मुख्यमंत्री पुलिस आवास योजनांतर्गत डिण्डोरी जिले के लिए 68 आवास स्वीकृत हैं। वर्तमान में योजना के तीन चरणों के 11500 आवासों का निर्माण कार्य प्रक्रियाधीन है, जिनका निर्माण कार्य पूर्ण होने के पश्चात ही डिण्डौरी जिले में स्वीकृत 68 आवासों के निर्माण की कार्यवाही प्रारंभ की जा सकेगी। थाना करंजिया एवं थाना समनापुर में थाना भवन उपलब्ध है तथा आवासीय भवन भी उपलब्ध है। जिले में अवासीय व्यवस्था थानावार न होकर संपूर्ण जिले की आवश्यकता अनुसार की जाती है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पदोन्नति से वंचित शासकीय सेवक
[सामान्य प्रशासन]
89. ( क्र. 829 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2016 के पश्चात् प्रदेश के सचिवालयों में कितने-कितने अधि./कर्म. बिना पदोन्नति के सेवानिवृत्त हुए? सचिवालयवार, वर्षवार, श्रेणीवार पृथक-पृथक गौशवारा बनाकर बताये। (ख) क्या माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा राज्य सरकार को पदोन्नति के मामलें में स्वविवेक से निर्णय लेने हेतु निर्देशित किया है, उसके परिपालन में मध्यप्रदेश शासन द्वारा क्या निर्णय लिया गया है? (ग) राज्य सरकार के कर्मचारियों को वरिष्ठता के आधार पर पदोन्नति क्यों नहीं दी जा रही है? देश के अन्य राज्यों की भांति मध्यप्रदेश में पदोन्नति देने में क्या कठिनाई है? (घ) पूर्व सरकार में पदोन्नति के संबंध में गठित समिति द्वारा कितनी बैठकें की गई? उन बैठकों का क्या निष्कर्ष निकला? बैठक किस दिनांक को, कहां पर, किस-किस विभाग के कौन-कौन से सदस्य इसमें शामिल हुये उनके नाम, पदनाम, प्रतिनिधि की जानकारी, एजेण्डा, मीनिट्स सहित संपूर्ण जानकारी की छायाप्रति सहित गौशवारा बनाकर बतायें। (ड.) क्या राज्य सरकार में पदोन्नति हेतु कोई प्रस्ताव विचाराधीन है? यदि है तो उक्त प्रस्ताव पर कब तक निर्णय लिया जायेगा? (च) राज्य सरकार के अधि./कर्म. को राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों की भांति पदोन्नति दिये जाने में क्या कठिनाई है? क्या विधि विभाग एवं भोपाल के एक सचिवालय में कार्यरत कर्मचारियों को पदोन्नति दी गई है? यदि हाँ, तो किस आधार पर स्पष्ट करें।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ख) प्रकरण माननीय सर्वोच्च न्यायालय में विचाराधीन है। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ड.) जी हाँ। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (च) राज्य सरकार के अधिकारी/कर्मचारी एवं राज्य प्रशासनिक सेवा अधिकारियों के भर्ती नियम पृथक होने से पदोन्नति में कठिनाई है। विधि विभाग के अधीनस्थ मध्यप्रदेश माध्यस्थम अधिकरण में कार्यरत कर्मचारी की पदोन्नति उनके भर्ती नियम के अनुरूप की गई है।
शराब दुकान की मानक स्थल से तय दूरी पर होने की जानकारी
[वाणिज्यिक कर]
90. ( क्र. 833 ) श्री भगवानदास सबनानी : क्या उप मुख्यमंत्री, वित्त महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शराब दुकानों की कितनी दूरी मंदिर/धार्मिक स्थल/विद्यालय/महाविद्यालय से सामान्यत: होना चाहिए? शासन की उक्त के संबंध में कोई नीति है? यदि हाँ, तो नियम की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) विधानसभा क्षेत्र भोपाल दक्षिण-पश्चिम में स्थित महारानी लक्ष्मीबाई महाविद्यालय के पास बनी शराब की दुकान की दूरी कितनी है? (ग) यदि प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित दुकान की दूरी मानक स्तर की नहीं है तो शराब की दुकान कब तक हट जायेगी?
उप मुख्यमंत्री, वित्त ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) कोई भी मदिरा दुकान, किसी धार्मिक संस्था (मध्यप्रदेश पब्लिक ट्रस्ट एक्ट, 1951 या रजिस्ट्रीकृत किसी लोक न्यास द्वारा प्रबंधित) तथा मान्यता प्राप्त माध्यमिक विद्यालय, उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, महाविद्यालय तथा कन्याओं के शासकीय छात्रावास से 100 मीटर से अधिक दूर होना प्रावधानित है। नियम की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) विधान सभा क्षेत्र भोपाल दक्षिण-पश्चिम में स्थित महारानी लक्ष्मीबाई महाविद्यालय के पास बनी शराब की दुकान की दूरी महारानी लक्ष्मीबाई महाविद्यालय से लगभग 200 मीटर है। (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित दुकान की दूरी मानक स्तर की होने से वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए नियमानुसार स्थापित होकर संचालित है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
रॉयल्टी लिये जाने में अनियमितता एवं राजस्व का नुकसान
[खनिज साधन]
91. ( क्र. 840 ) श्री अभय कुमार मिश्रा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2021-22 से प्रश्नांश दिनांक तक संपूर्ण रीवा जिले में लोक निर्माण विभाग अन्तर्गत नवीन सड़क पुल इत्यादि के निर्माण हेतु उपयोग की जाने वाली सामग्री की प्राप्ति हेतु स्वीकृत माईनर मिनरल खदानों का ब्यौरा सूची के साथ बताएंगे एवं वर्ष 2021-22 से प्रश्नांश दिनांक तक उक्त क्वारी लीज से प्राप्त रॉयल्टी की राशि एवं तदनुसार में उत्खनित खनिज की मात्रा क्या मानी जावेगी एवं क्या आपके द्वारा अनापत्ति प्रमाण पत्र प्रदत्त किया गया है? (ख) क्या मेजर मिनरल (लाइम स्टोन) का उपयोग सिविल निर्माण कार्य जैसे सड़क, पुल, भवन इत्यादि में किया जा सकता है यदि हाँ, तो क्या उत्खनन राष्ट्रीय क्षति के नियम विरुद्ध है या नहीं एवं उसकी रॉयल्टी की दर से प्रश्नांश (क) अनुरूप कुल रॉयल्टी की वसूली राशि क्या होनी चाहिये? (ग) शासकीय निर्माण विभाग की माप पुस्तिका में दर्ज माप दिनांक से पूर्व निर्माण विभाग को ठेकेदार से प्राप्त की गई टी.पी. (वैध खनन के अनुसार) एवं मेजरमेन्ट दिनांक के पश्चात रॉयल्टी के नाम पर माप पुस्तिका में रोकी गई राशि अथवा माप दिनांक के पश्चात दिवसों में प्राप्त की गई रॉयल्टी टी. पी. जो अवैध उत्खनन की श्रेणी में आता है। (घ) खनिज विभाग द्वारा प्रदत्त अनापत्ति प्रमाण पत्र में खनिज नियमों के अनुरूप रॉयल्टी का 10 गुना अथवा बाजार मूल्य में जो अधिक हो प्राप्त किया गया है या नहीं? यदि नहीं तो इसकी वसूली किसके द्वारा कब की जावेगी एवं संलिप्त अधिकारियों/ कर्मचारियों एवं खनिज अधिकारियों विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी? (ड.) यदि सामग्री रीवा जिले से बाहर की बताई जाती है तो रॉयल्टी क्लियरेंस हेतु टी.पी. पेपर रीवा जिले के खनिज विभाग में क्यों सम्मिलित किये गये एवं अनापत्ति प्रमाण पत्र रीवा के खनिज विभाग द्वारा क्यों जारी किये गये? रॉयल्टी के नाम पर कुल राजस्व कितना प्राप्त हुआ क्या वह नियमानुसार निर्माण कार्य में उपयोगित खनिज सामग्री के अनुपात में है या नहीं? इसके लिये शासन एवं प्रशासन द्वारा क्या कार्यवाही की जावेगी एवं कब तक? अगर नहीं तो क्यों नहीं?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) लोक निर्माण विभाग के कार्यों हेतु कोई क्वारी लीज स्वीकृत नहीं की गई है। लोक निर्माण विभाग सड़क निर्माण कार्य में उपयोग किये गये मटेरियल सीधे प्राप्त नहीं करता है, बल्कि संविदाकारों के माध्यम से देयक के साथ रॉयल्टी चुकता प्रमाण पत्र लिया जाता है। अत: खदानों की सूची का ब्यौरा बताये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। खनिज साधन विभाग के परिपत्र क्रमांक एफ 14-10/2018/12/1 दिनांक 15.03.2018 अनुसार शासकीय निर्माण विभागों के ठेकेदारों द्वारा उपयोग में लाये गये खनिज पर आनलाईन रॉयल्टी चुकता प्रमाण पत्र प्राप्त किये जाते है। अत: रॉयल्टी जमा होना अथवा अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी किये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी नहीं। अत: प्रश्नांश के शेष भाग का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। रॉयल्टी की दरें अधिसूचित है। (ग) माप पुस्तिका में केवल निर्माण कार्यों में उपयोग की गई खनिज की मात्रा के अनुरूप निर्माण कार्यों की माप दर्ज की जाती है। रोकी गई राशि अथवा रॉयल्टी का कोई विवरण दर्ज नहीं किया जाता है। अत: प्रश्नांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ड.) खनिज साधन विभाग के परिपत्र क्रमांक एफ 14-10/2018/12/1 दिनांक 15.03.2018 अनुसार शासकीय निर्माण विभागों के ठेकेदारों द्वारा उपयोग में लाये गये खनिज पर आनलाईन रॉयल्टी चुकता प्रमाण पत्र ठेकेदार द्वारा स्वयं प्राप्त किये जा सकते है एवं निर्माण कार्य में लगने वाले क्रय किये गये गौण खनिज की रॉयल्टी के भुगतान की पुष्टि संबंधित बिल भुगतान करनें वाले अधिकारी द्वारा एवं संबंधित विभाग द्वारा किये जाने के निर्देश है। रीवा जिले में खनिज विभाग द्वारा पृथक से अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी किये जाने का प्रकरण प्रकाश में नहीं आया है। रीवा जिले में गौण खनिज से वर्ष 2021-22 में रूपये 65,07,14,770/-, वर्ष 2022-23 में रूपये 49,44,30,682/- एवं वर्ष 2023-24 में माह दिसम्बर 2023 तक रूपये 29,99,00,000/- खनिज राजस्व प्राप्त हुआ है। अत: प्रश्नांश के शेष भाग का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
पत्रों पर समय से कार्यवाही नहीं किया जाना
[सामान्य प्रशासन]
92. ( क्र. 842 ) श्री अभय कुमार मिश्रा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा सामान्य प्रशासन विभाग, मंत्रालय भोपाल के पत्र क्रमांक/19-76/2007/1/4 दिनांक 12.11.2021 के परिपालन में विधायक को प्रदत्त अधिकार अंतर्गत जनहित में संबंधित किये गये पत्राचार एवं विभाग से प्राप्त पावती दिनांक 08.01.2024 मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत रीवा दिनांक 08.01.2024 संयोजक आदिम जाति कल्याण विभाग रीवा, पत्र क्रमांक/86 दिनांक 08.01.2024 मु.का.अ. जि.प., क्रमांक/85 दिनांक 06.01.2024, अनुविभागीय अधिकारी सिरमौर क्रमांक/69 दिनांक 04.01.2024, पुलिस अधीक्षक रीवा क्रमांक/67 दिनांक 04.01.2024, मु.का.अ. जि.प. अधीक्षण अभियंता एम.पी.ई.बी. रीवा, पत्र क्रमांक/58 एवं 52 पावती दिनांक 01.01.2024, अपर कलेक्टर रीवा, पत्र क्रमांक/51 पावती दिनांक 01.01.2024, कलेक्टर रीवा, पत्र क्रमांक/50 पावती दिनांक 01.01.2024, मु.का.अ. जि.पं. पत्र क्रमांक/49 पावती दिनांक 01.01.2024, कलेक्टर जिला रीवा, पत्र क्रमांक/48 पावती दिनांक 01.01.2024, आयुक्त, रीवा संभाग रीवा, पत्र क्रमांक/46 पावती दिनांक 08.01.2024, कार्यपालन यंत्री पी.एच.ई. रीवा, पत्र क्रमांक/42 पावती दिनांक 29.12.2023, खनिज निरीक्षक रीवा, पत्र क्रमांक/40 पावती दिनांक 26.12.2023, कलेक्टर रीवा पत्र क्रमांक/26 पावती दिनांक 26.12.2023, कलेक्टर रीवा पत्र क्रमांक/24 पावती दिनांक 27.12.2023, पुलिस अधीक्षक रीवा, पत्र क्रमांक/14 एवं 15 पावती दिनांक 22.12. 2023। दिये गये पत्रों पर क्या कार्यवाही की गई? की गई कार्यवाही की प्रति देते हुये बताये। जिनमें की गई कृत कार्यवाही की जानकारी अप्राप्त है, क्यों? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार रीवा जिले में संचालित संभागीय एवं जिला स्तरीय शासकीय कार्यालयों में दिये गये पत्रों पर कार्यवाही नहीं की गई। आज भी पत्र पर कार्यवाही लंबित है। इसी तरह प्रश्नांश (ख) अनुसार दिये गये पत्रों पर समय-सीमा के अंदर कार्यवाही कर कृत कार्यवाही से अवगत न कराने के लिये जिम्मेदारों को पहचान कर किस तरह की कार्यवाही प्रस्तावित करेंगे? अगर नहीं तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
स्वीकृत रकबे से अधिक उत्खनन की जानकारी
[खनिज साधन]
93. ( क्र. 864 ) श्री मधु भाऊ भगत : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बालाघाट जिले में वर्ष 2019 से प्रश्न दिनांक तक कुल कितने रेत घाटों की स्वीकृति हुई? प्रत्येक रेत घाटों में कुल कितना रकबा खसरा नंबर सहित ग्रामवार, विकासखण्डवार जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित रेत खदानों में उक्त अवधि से लेकर प्रश्न दिनांक तक अवैध उत्खनन स्वीकृत रकबे से अलग हटकर रेत उत्खनन एवं रेत के स्टॉक (भण्डारण) अवैध टोकन को लेकर जनता/जनप्रतिनिधि या अन्य के द्वारा कितनी-कितनी शिकायतें किस-किस दिनांक को प्राप्त हुई? उक्त शिकायतों पर किस-किस के खिलाफ क्या-क्या कार्यवाही की गई? ग्रामवार, विकासखण्डवार, तिथिवार जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित जिले में उक्त अवधि में किस-किस दिनांक से प्रश्न दिनांक तक कितनी-कितनी राशि का कितना खनिज उत्पादित हुआ तथा उक्त अवधि में कितनी रॉयल्टी किस-किस दिनांक को प्राप्त हुई? तिथिवार, वर्षवार स्वीकृत रेतघाटवार जानकारी देवें। (घ) उत्पादित खनिज से प्राप्त रॉयल्टी की राशि किस-किस दिनांक को किस-किस मद/हेड में स्थानांतरित की गई?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-"अ" पर है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-"ब" पर है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-"स" पर है। (घ) प्राप्त रॉयल्टी राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-"द" पर है। उत्पादित खनिज से प्राप्त रॉयल्टी की राशि समय-समय पर विभाग के अलौह खनन तथा धातुकर्म उद्योग शीर्ष 0853-00-102-0278 में समय-समय पर स्थानांतरित की जाती है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ई'' पर है।
रेत घाटों में अनियमितता
[खनिज साधन]
94. ( क्र. 865 ) श्री मधु भाऊ भगत : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बालाघाट जिले में रेत भण्डारण के कितने केन्द्र स्वीकृत हैं? भण्डारण केन्द्र में भण्डारित रेत की मात्रा बतायें? क्या यह सही है कि भण्डारण केन्द्र में स्वीकृत मानक मात्रा से अधिक रेत भण्डारित करने की शिकायत जिला/राज्य शासन स्तर पर स्थानीय नागरिक/जनप्रतिनिधि द्वारा प्राप्त हुई, उक्त शिकायतों पर शासन द्वारा क्या क्या कार्यवाही हुई? विवरण दें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित रेत भण्डारण केन्द्र के नक्शा खसरा एवं साइन बोर्ड की फोटो उपलब्ध करावें? साथ ही यह बताये कि उक्त भण्डारण केन्द्र में भूमि स्वामी या शासकीय भूमि या अन्य प्रकार की भूमि का उपयोग किये जाने हेतु सहमति बतावें? (ग) उपरोक्त प्रश्नांश में उल्लेखित जब्त की गई रेत की भण्डारण में अवैध रेत की नीलामी किये जाने में समस्त कार्यवाही के दस्तावेजों की प्रति उपलब्ध करावें। साथ ही पंचनामा तथा समाचार पत्रों में नीलामी के विज्ञापनों का ब्यौरा भी देवें। (घ) क्या यह सही है कि अवैध रेत भण्डारण की नीलामी नहीं की गई? यदि हाँ, तो कौन-कौन अधिकारी जिम्मेदार है? उन पर क्या कार्यवाही की जावेगी? यदि नहीं तो क्यों? (ड.) क्या यह भी सही है कि अवैध रेत भण्डारण की रेत संबंधित ठेकेदार को ही दे दी गई? यदि हाँ, तो आदेश की प्रति बतायें।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जिला अंतर्गत वर्तमान समय में खनिज रेत के भण्डारण अनुज्ञप्ति स्वीकृत नहीं है। भण्डारण अनुज्ञप्ति स्वीकृत नहीं होने से भण्डारित खनिज रेत मात्रा की जानकारी निरंक है। भण्डारण अनुज्ञप्ति क्षेत्र में स्वीकृत मानक मात्रा से अधिक रेत भण्डारित करने की शिकायत जिला/राज्य शासन स्तर पर स्थानीय/जनप्रतिनिधि द्वारा प्राप्त नहीं होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी हाँ। मध्यप्रदेश शासन खनिज साधन विभाग मंत्रालय के पत्र क्रमांक 1950/865/2020/12/1 भोपाल दिनांक 26.05.2020 के बिन्दु क्रमांक III के प्रावधान अनुसार निवर्तन किये जाने से शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ड.) जी हाँ। आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट पर दर्शित है।
औद्योगिक क्षेत्र में सड़कों का निर्माण
[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]
95. ( क्र. 869 ) श्री सुरेन्द्र पटवा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) औद्योगिक क्षेत्र मंडीदीप में सड़कों का निर्माण किये जाने का क्या कोई प्रस्ताव विचाराधीन है? कब से? (ख) क्या प्रश्न क्रमांक के संबंध में टेंडर प्रक्रिया अपनाई गई है यदि हाँ, तो कार्यवाही किस स्तर पर लंबित है? (ग) कब तक औद्योगिक क्षेत्र मंडीदीप में सड़कों की मरम्मत नवीनीकरण कार्य पूर्ण कर दिया जायेगा?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी नहीं। यद्यपि औद्योगिक क्षेत्र के उन्नयन कार्य हेतु दिनांक 09/06/2023 को कार्य की प्रशासकीय स्वीकृति जारी की जा चुकी हैं। (ख) जी हाँ। एजेंसी तय कर उन्नयन कार्य प्रारंभ किया जा चुका है। (ग) उन्नयन कार्य अप्रैल 2025 तक कार्य पूर्ण किया जाना लक्षित है।
एम.एस.एस.ई. प्रोत्साहन योजना
[सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम]
96. ( क्र. 874 ) श्री सुरेन्द्र पटवा : क्या सूक्ष्म,लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत तीन वर्षों में औद्योगिक क्षेत्र मंडीदीप तथा आसपास स्थित कुल कितनी इकाई स्थापित हुई है। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार कितनी एम.एस.एमई. योजनांतर्गत वर्ष 2023-24 में इकाइयों को प्रथम सब्सिडी मिल चुकी है तथा कितनी इकाइयों को नहीं मिली है? (ग) क्या जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र मंडीदीप जिला रायसेन ने 14/09/2023 को रूपये 21 करोड़ 86 लाख 82 हजार 934 रूपये थी मांग अनुदान वितरण हेतु उद्योग आयुक्त से की है यदि हाँ, तो क्या राशि उपलब्ध करा दी गई हैं, यदि नहीं तो क्यों? (घ) क्या शासन उद्योगों को राहत देने की दृष्टि से शीघ्र अनुदान राशि प्रदान करेगा, कब तक राशि उपलब्ध करा दी जायेगी।
सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री ( श्री चेतन्य कुमार काश्यप ) : (क) औद्योगिकी नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग अनुसार विगत तीन वर्षों में विभाग के अधीन एमपी इण्डस्ट्रियल डेव्हलपमेंट कार्पोरेशन लिमिटेड के क्षेत्रांतर्गत औद्योगिक क्षेत्र मण्डीदीप (जिला रायसेन) एवं मंडीदीप के समीप स्थित प्लास्टिक पार्क तामोट में कुल 104 इकाईयां स्थापित हुई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) वर्ष 2023-24 में एम.एस.एम.ई. प्रोत्साहन योजनांतर्गत स्वीकृत एवं वितरित सब्सिडी की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) जी हाँ। बजट आवंटन की मांग की गई है। (घ) बजट आवंटन हेतु अनुपूरक बजट अंतर्गत मांग की गई है। बजट आवंटन प्राप्त होने पर उपलब्ध बजट के आधार पर राशि उपलब्ध कराई जा सकेगी।
प्रदेश में देशी-विदेशी निवेश
[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]
97. ( क्र. 880 ) श्री देवेन्द्र पटेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक प्रदेश में देशी-विदेशी निवेश को आकर्षित करने हेतु कब-कब, कहां-कहां विभिन्न आयोजन हुए? इनका विवरण दें व बतावें कि इनमें कितने निवेशकों द्वारा प्रदेश सरकार से कितनी राशि के निवेश के एम.ओ.यू. हस्ताक्षरित किये गये? इन एम.ओ.यू. में से प्रश्न दिनांक तक वास्तविक रूप से किये गए निवेश की स्थिति क्या है? वर्षवार प्राप्त निवेश की जानकारी दें। (ख) क्या प्रदेश सरकार द्वारा निवेश आकर्षण हेतु किये गए भव्य आयोजनों व भारी व्यय के बावजूद भी निवेश को लेकर अपेक्षित परिणाम प्राप्त नहीं हुए हैं, क्यों? (ग) प्रदेश में देशी-विदेशी निवेश को आकर्षित करने व प्रदेश में वास्तविक निवेश लाने हेतु विभाग क्या प्रयास करेगा? क्या पर्यटन क्षेत्र में निवेश को प्राथमिकता में रखकर प्रयास होंगे ताकि सार्थक परिणाम प्राप्त हो सकें।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक प्रदेश में देशी-विदेशी निवेश को आकर्षित करने के उद्देश्य से औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग अंतर्गत आयोजित कार्यक्रमों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। उक्त आयोजन में निवेशकों द्वारा प्रदेश सरकार से निवेश हेतु एम.ओ.यू. हस्ताक्षरित नहीं किए गए, अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नहीं, वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक विभाग के अधीन औद्योगिक क्षेत्रों एवं औद्योगिक क्षेत्रों के बाहर 118 वृहद इकाईयां स्थापित हुई है जिनमें राशि रू. 2652604.7 लाख का निवेश प्राप्त हुआ है एवं 51,122 व्यक्तियों को रोजगार प्राप्त हुआ है, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। (ग) प्रदेश में देशी-विदेशी निवेश को आकर्षित करने व प्रदेश में वास्तविक निवेश लाने हेतु विभाग विभिन्न जगहों पर रोड शो, राउण्ड टेबल मीटिंग, इन्वेस्टर मीट, वर्चुअल मीटिंग्स व ग्लोबल इन्वेस्टर समिट का आयोजन करता है। इसके साथ ही विभाग अन्य जगहों पर आयोजित एक्जीबिशन एवं इवेन्ट में भागीदारी कर स्टॉल स्थापित करते हैं जिससे कि निवेशकों से संपर्क स्थापित किया जाता है। उक्त आयोजनों में पर्यटन सहित विभिन्न सेक्टर के निवेश को आकर्षित करने हेतु प्रयास किए जाते है।
नागदा स्थित कारखानों में गैस रिसाव की घटना
[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]
98. ( क्र. 884 ) श्री सतीश मालवीय : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले के नागदा में स्थित ग्रेसिम इंडस्ट्रीज के उत्पादन की प्रक्रिया में कितने लीटर पानी का उपयोग प्रतिदिन का होता है तथा पानी की आपूर्ति किन-किन संसाधनों के साथ की जाती है? (ख) क्या फैक्ट्री में लगने वाला पानी पिपलौदा बागल बांध से भी प्राप्त किया जाता है यदि हाँ, तो इस बांध से प्रतिवर्ष कितना लीटर पानी प्राप्त किया जाता है उक्त पानी को प्राप्त किए जाने को लेकर इंडस्ट्रीज को किस विभाग की अनुमति प्राप्त है संबंधित विभाग की अनुमति प्राप्त किए जाने का स्वीकृति पत्र तथा विभाग का एवं इंडस्ट्रीज का कोई अनुबंध पत्र है तो उसकी जानकारी देवें? (ग) 31 मार्च 2020 तक की स्थिति में ग्रेसिम इंडस्ट्रीज में कार्यरत श्रमिकों की कुल संख्या कितनी थी? फैक्ट्री में कार्यरत ईएसआई ठेकेदार कुल कितने हैं उनके नाम एवं पते बतावें? (घ) नागदा शहर में कुल स्थापित उद्योगों की संख्या उन उद्योगों के नाम तथा उनके द्वारा किए जाने वाले उत्पादन का नाम तथा इन उद्योगों से निकलने वाली गैसों का नाम बतावें? (ड.) नागदा ग्रेसिम इंडस्ट्रीज में पिछले तीन वर्षों में कब-कब गैस रिसाव की घटना घटी तथा घटना में कितने श्रमिक घायल, गंभीर घायल या मृत हुए उन श्रमिकों के नाम देवें। ऐसी रिसाव की घटनाओं के क्या कारण रहे तथा घटना की पुनरावृत्ति ना हो इसके लिए फैक्ट्री के प्रबंधन ने कब-कब क्या-क्या उपाय किए?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) उज्जैन जिले के नागदा में स्थित ग्रेसिम इण्डस्ट्रीज के उत्पादन की प्रक्रिया में लगने वाले पानी की आपूर्ति विभाग के द्वारा नहीं की जाती है। इकाई से प्राप्त जानकारी अनुसार ग्रेसिम इण्डस्ट्रीज लिमिटेड में उत्पादन की प्रक्रिया के दौरान प्रतिदिन औसतन 21200 किलो लीटर पानी का उपयोग होता है। पानी की आपूर्ति चंबल नदी से की जाती है। (ख) इकाई से प्राप्त जानकारी अनुसार ग्रेसिम इण्डस्ट्रीज लिमिटेड द्वारा पिपलौदा बांध से औसतन 257 एम.सी. फीट पानी प्राप्त किया जाता हैं, जिसकी अनुमति है। जल संसाधन विभाग मध्यप्रदेश शासन एवं ग्रेसिम इण्डस्ट्रीज लिमिटेड के मध्य दिनांक 08/03/2019 को अनुबंध पत्र निष्पादित किया गया है। (ग) श्रम विभाग से प्राप्त जानकारी अनुसार ग्रेसिम इण्डस्ट्रीज लि. नागदा के कुल 04 कारखाना पंजीकृत है। इनमें 31/03/2020 तक की स्थिति में श्रमिकों के नियोजन की कारखानेवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। कारखाने में कार्यरत ठेकेदारों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। (घ) विभाग अंतर्गत एमपीआईडीसी का नागदा शहर में कोई औद्योगिक क्षेत्र नहीं है। प्रश्न के संदर्भ में सूक्ष्म,लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग एवं पर्यावरण विभाग से प्राप्त जानकारी क्रमश: पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 एवं 4 अनुसार है। (ड.) श्रम विभाग से प्राप्त जानकारी अनुसार कारखानों में विगत 03 वर्षों में नागदा स्थित ग्रेसिम इण्डस्ट्रीज लि. के कारखानों में से कारखाना ग्रेसिम इण्डस्ट्रीज लि. स्टेबल फायबर डिवीजन में दिनांक 05/01/2022 को एक ओलियम गैस रिसाव की घटना हुई थी। घटना में कारखानों में नियोजित मेंन्टेनेंस श्रमिक द्वारा गलती से गलत बाल्व के खोल दिये जाने के कारण ओलियम गैस का रिसाव हुआ। कारखाना प्रबंधन द्वारा दुर्घटना दिनांक के पश्चात ओलियम का विनिर्माण कारखाने में बंद कर दिया गया एवं ओलियम स्टोरेज टैंक की लाईनों को भी ब्लैंक लगा कर विच्छेद कर दिया गया है।
स्टॉफ के निवास हेतु भवनों के निर्माण
[गृह]
99. ( क्र. 886 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टीकमगढ़ जिले के प्रश्नकर्ता के जतारा विधानसभा क्षेत्र में पुलिस थाना भवन चन्देरा एवं बम्हौरीकलां एवं पुलिस चौकी जेवर, कनेरा एवं खजरी में पुलिस चौकियों के भवन एवं सभी स्थानों पर स्टॉफ के निवास हेतु भवनों के निर्माण हेतु प्रश्न दिनांक तक शासन द्वारा जिले से एवं शासन से क्या-क्या कार्यवाही राशि की स्वीकृति हेतु की गई है? कृपया सम्पूर्ण जानकारी दें। (ख) प्रश्न दिनांक तक जिला पुलिस बल में कितने-कितने पद किस-किस अधिकारी/कर्मचारियों के रिक्त है? इन रिक्त पदों को विभाग द्वारा शासन से कब तक भर दिया जावेगा? (ग) जिले के पुलिस बल के समस्त पद कब तक भर दिए जावेंगे एवं कब तक पुलिस थानों, चौकियों के एवं आवास निर्माण कार्यों के लिए कितनी-कितनी भवन राशि स्वीकृत कर कार्य प्रारंभ करा दिए जावेंगे?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जिला टीकमगढ़ के थाना चन्देरा एवं बम्होरीकलां के भवन निर्माण हेतु डी.पी.आर. बनाए जाने का प्रस्ताव मध्यप्रदेश पुलिस हाउसिंग कार्पो. को प्रेषित किया गया है एवं चौकी कनेरा एवं खजूरी में चौकी जेवर हेतु भूमि आवंटित करा ली गई है, जिसकी आगामी कार्यवाही प्रचलन में है। थाना/चौकीयों में पदस्थ अधिकारी/कर्मचारियों के निवास हेतु मुख्यमंत्री पुलिस आवास योजना अंतर्गत 248 आवासों का निर्माण किया गया है। (ख) जिला पुलिस बल में 01 उपुअ अजाक द्वितीय, 01 उपुअ महिला सुरक्षा, 01 निरीक्षक, 03 सूबेदार, 20 उप निरीक्षक, 45 सहायक उप निरीक्षक, 04 प्रधान आरक्षक तथा 62 आरक्षक के पद रिक्त हैं। विभाग में पदों का रिक्त होना एवं भरना एक निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) विभाग में पदों का रिक्त होना एवं भरना एक निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है। थाना/चौकी निर्माण हेतु डी.पी.आर. बनाए जाने की कार्यवाही प्रचलन में है। सक्षम स्वीकृति उपरांत प्राक्कलन के अनुसार राशि की व्यवस्था की जाएगी। मुख्यमंत्री पुलिस आवास योजनांतर्गत जिला टीकमगढ़ में स्वीकृत 248 आवासों का निर्माण जिला मुख्यालय स्तर पर किया जा चुका है।
समयमान वेतनमान के आधार पर पदनाम दिया जाना
[विज्ञान और प्रौद्योगिकी]
100. ( क्र. 894 ) श्री कामाख्या प्रताप सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद में सहायक संचालक, संयुक्त संचालक एवं उप संचालक के कितने पद स्वीकृत है। (ख) उक्त पदों की पूर्ति की क्या प्रक्रिया है। पदवार सहित स्पष्ट जानकारी दी जावें। (ग) वर्तमान में उक्त पदों पर कौन-कौन, कब-कब से कार्यरत हैं। नाम, पदनाम, अवधि सहित संपूर्ण जानकारी देवें। (घ) संयुक्त संचालक के पद पर कार्यरत व्यक्ति को पदोन्नति के आधार पर पदनाम एवं वेतन दिया गया है अथवा समयमान वेतनमान के आधार पर पदनाम दिया गया है। (ड.) यदि समयमान वेतनमान के आधार पर पदनाम दिया गया है तो क्या यह विधिसम्मत है? यदि हाँ, तो नियम की प्रति उपलब्ध करावें एवं क्या इस हेतु शासन से अनुमोदन प्राप्त किया गया है। यदि हाँ, तो तत्संबंधी सुसंगत अभिलेख की प्रतियां देवें। (च) यदि नहीं तो बिना शासन की अनुमति के नियम विरूद्ध समयमान वेतनमान के आधार पर पदनाम देने हेतु कौन दोषी है। उक्त दोषियों पर कृत कार्यवाही की जानकारी देते हुए ऐसे समस्त प्रकरणों में नियम विरूद्ध दिए गए पदनाम को कब तक समाप्त करने हेतु आदेश जारी किए जावेंगे।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) म.प्र. विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद में सहायक संचालक 08 पद, उप संचालक 02 पद एवं संयुक्त संचालक के 04 पद स्वीकृत हैं। (ख) सीधी भर्ती के पद विज्ञापन के माध्यम से एवं पदोन्नति के पद विभागीय पदोन्नति समिति की अनुशंसानुसार भरे जाते हैं। जानकारी निम्नानुसार है- 1. सहायक संचालक के 08 पद, सीधी भर्ती 05 पद एवं पदोन्नति 03 पद 2. उप संचालक के 02 पद, सीधी भर्ती 01 पद एवं पदोन्नति 01 पद, 3. संयुक्त संचालक के 04 पद, सीधी भर्ती 02 पद एवं पदोन्नति 02 पद। (ग) जानकारी निम्नानुसार है- 1. श्री प्रफुल्ल मेघावाले, सहायक संचालक (जनसंपर्क) के पद पर दिनांक 31.07.1992 से दिनांक 29.03.2016 तक एवं संयुक्त संचालक (जनसंपर्क) के पद पर दिनांक 30.03.2016 से निरंतर। 2. श्री संजय सैमुअल, सहायक संचालक (कम्प्यूटर) के पद पर दिनांक 05.01.1999 से दिनांक 04.01.2015 तक एवं संयुक्त संचालक (कम्प्यूटर) के पद पर दिनांक 05.01.2015 से निरंतर। (घ) समयमान वेतनमान के आधार पर संयुक्त संचालक पदनाम दिया गया है। (ङ) म.प्र. विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद के आदेश दिनांक 26.03.2016 एवं दिनांक 30.03.2016 द्वारा पदनाम प्रदान किया गया है। आदेश की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। प्रश्न के शेष बिन्दु परीक्षणाधीन हैं। (च) प्रश्नांश (ङ) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
भाग-3
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
भवन विहीन
आंगनवाड़ी
केन्द्रों
की जानकारी
[महिला एवं बाल विकास]
1. ( क्र. 44 ) श्री रमेश प्रसाद खटीक : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विधान सभा क्षेत्र क्र. 23 करैरा जिला शिवपुरी अंतर्गत महिला बाल विकास विभाग के द्वारा कितने आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित है एवं इनमें से कितने केन्द्र भवन विहीन है? (ख) जो आंगनवाड़ी केन्द्र भवन विहीन संचालित है उनका नाम व स्थान सहित जानकारी उपलब्ध करायें। (ग) भवन विहीन आंगनवाड़ी केन्द्रों के भवन निर्माण का कार्य कब तक स्वीकृत हो जावेगा?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) विधान सभा क्षेत्र क्रं. 23 करैरा जिला शिवपुरी अंतर्गत महिला बाल विकास विभाग के द्वारा 453 आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित है। जिनमें से 102 केन्द्र भवन विहीन है। (ख) भवन विहीन संचालित आंगनवाड़ी केन्द्रों के नाम व स्थान की सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) भवन विहीन आंगनवाड़ी केन्द्रों के लिये भवन निर्माण शासकीय भूमि एवं वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर है। समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है।
अतिरिक्त सत्र न्यायालय परासिया को प्रारंभ किया जाना
[विधि एवं विधायी कार्य]
2. ( क्र. 77 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला छिन्दवाड़ा के परासिया में अतिरिक्त सत्र न्यायालय की स्थापना की स्वीकृति लगभग तीन वर्ष पूर्व प्राप्त हो चुकी है परन्तु परासिया में अतिरिक्त सत्र न्यायालय भवन का निर्माण किये जाने में संबंधित ठेकेदार द्वारा बहुत अधिक विलम्ब किया जा रहा है जिसके कारण अतिरिक्त सत्र न्यायालय प्रारम्भ नहीं हो पा रहा है जिससे पक्षकारों को असुविधा हो रही है? क्या निर्धारित समय-सीमा में निर्माण कार्य पूर्ण किया जाना संभव नहीं है? ठेकेदार द्वारा भवन निर्माण में घटिया किस्म की सामग्री और बहुत सारी अनियमितताएं बरती जा रही हैं। निर्धारित मापदण्डों के अनुसार निर्माण कार्य को पूर्ण नहीं किया जा रहा है जिसकी जांच कराकर कार्यवाही किया जाना अत्यंत ही आवश्यक है क्या विभाग द्वारा निर्माण कार्यों की जांच कराकर कार्यवाही की जायेगी? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार कब तक जांच कराकर कार्यवाही करते हुये निर्माण कार्य को पूर्ण करा दिया जायेगा और कब तक अतिरिक्त सत्र न्यायालय को प्रारम्भ करा दिया जायेगा? (ग) अतिरिक्त सत्र न्यायालय परासिया भवन बिल्डिंग निर्माण कार्य का प्राक्कलन, ड्राईंग मय दस्तावेजों सहित प्रमाणित छायाप्रति उपलब्ध करायें।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
शासन द्वारा लिया गया कर्ज
[वित्त]
3. ( क्र. 78 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या उप मुख्यमंत्री, वित्त महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 01.01.2018 की स्थिति में मध्यप्रदेश सरकार के ऊपर कितना कर्ज था? उक्त तिथि के अनुसार प्रतिवर्ष सरकार के ऊपर कितना कर्ज बढ़ता गया? प्रतिवर्ष कर्ज की राशि की पृथक-पृथक जानकारी उपलब्ध करायें। दिनांक 01.01.2024 की स्थिति में मध्यप्रदेश सरकार पर कितना रूपयों का कर्ज है? उक्त तिथि के अनुसार प्रति व्यक्ति, प्रतिवर्ष कर्ज की राशि कितनी-कितनी बढ़ती गई? दिनांक 01.01.2024 की स्थिति में प्रति व्यक्ति पर कितने रूपये का कर्ज है? (ख) लाड़ली बहना योजना संचालित करने हितग्राहियों को योजना का लाभ देने हेतु अभी तक कितनी राशि का प्रदेश सरकार द्वारा कब-कब, किस तिथि को, कितनी-कितनी राशि का ऋण लिया गया है। जो राशि का ऋण लिया गया है उस राशि पर प्रतिमाह और दिनांक 01.01.2024 की स्थिति में कितना ब्याज लग रहा है? क्या केन्द्र सरकार द्वारा लाड़ली बहना योजना को संचालित करने के लिए प्रदेश सरकार को राशि प्रदान की जा रही है? अगर राशि प्रदान की जा रही है तो अभी तक किस-किस तिथि को कितनी-कितनी राशि प्रदान की गई है? लाड़ली बहना योजनान्तर्गत योजना प्रारम्भ तिथि माह से हितग्राहियों को जनवरी माह 2024 तक प्रतिमाह कितनी-कितनी राशि प्रति हितग्राहियों के खातें में प्रदान की जा रही है? पृथक-पृथक जानकारी उपलब्ध करायें।
उप मुख्यमंत्री, वित्त ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) वित्तीय वर्ष 2017-18 में मध्यप्रदेश सरकार पर कर्ज का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 पर है। वित्तीय वर्ष 2018-19 से वर्ष 2021-22 तक प्रदेश सरकार पर कर्ज की जानकारी पुस्तकालय में रखे क्रमश: परिशिष्ट क्रमांक 2 से 5 पर है। 31 मार्च 2023 के वित्त लेखे अभी विधानसभा पटल पर प्रस्तुत नहीं किये जाने के कारण तथा वित्तीय वर्ष 2023-24 के वित्त लेखे भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक द्वारा अंतिम नहीं किए जाने के कारण अंकेक्षित जानकारी दी जाना संभव नहीं है। वित्तीय वर्ष 2023-24 के बजट साहित्य के वित्त सचिव के स्मृति पत्र के अनुसार राज्य सरकार पर कर्ज, वर्ष 2022-23 का पुनरीक्षित अनुमान एवं वर्ष 2023-24 का बजट अनुमान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-6 में उपलब्ध है। राज्य सरकार द्वारा अधोसंरचना विकास हेतु कर्ज लिया जाता है। इसका प्रति व्यक्ति पर कर्ज से कोई संबंध नहीं है। अत: शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ख) राज्य शासन द्वारा अपने निर्धारित राजकोषीय मापदण्डों एवं भारत सरकार से प्राप्त स्वीकृति के अंतर्गत ही अधोसंरचना विकास कार्यों हेतु ऋण प्राप्त किया जाता है। किसी योजना विशेष के लिये ऋण प्राप्त नहीं किया जाता है। अत: शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। केन्द्र सरकार द्वारा लाड़ली बहना योजना को संचालित करने के लिए प्रदेश सरकार को राशि प्रदान नहीं की जा रही है, यह योजना शत प्रतिशत राज्य सहायित योजना है। योजनांतर्गत योजना प्रारंभ माह जून 2023 से हितग्राहियों को माह जनवरी 2024 तक प्रतिमाह प्रति हितग्राही उनके खाते में प्रदान की जाने वाली मासिक आर्थिक सहायता राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-7 अनुसार है।
प्रदेश में घटित सड़क दुर्घटनाएं
[गृह]
4. ( क्र. 102 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर संभाग में घटित कितनी सड़क दुर्घटनाओं में कितने-कितने पुरूषों, महिलाओं, बालक, बालिकाओं की मृत्यु हुई? कितने घायल/अपंग हुये? इसमें कितने-कितने दो पहिया, चार पहिया वाहन चालकों की मृत्यु हुई हैं? वर्ष 2020-21 से 2023-24 तक की जानकारी दें। (ख) देश में सड़क दुर्घटनाओं के मामलों में टापटेन में प्रदेश का क्या स्थान हैं? प्रदेश में जबलपुर का स्थान क्या है? (ग) क्या (1) यातायात नियमों का पालन न करने, (2) शराब पीकर वाहन चलाने, (3) तीव्र गति व लापरवाही से वाहन चलाने, (4) सीट बेल्ट व हेलमेट नहीं लगाने से तथा ब्लैक स्पाट व शहरी क्षेत्र में घटित कितनी-कितनी दुर्घटनाओं में कितने-कितने व्यक्तियों व वाहन चालकों की मृत्युएं हुई हैं? वर्ष 2022-23 से 2023-24 तक की माहवार जानकारी दें। (घ) प्रदेश शासन ने राज्यमार्ग व राष्ट्रीय राजमार्ग (हाईवे) पर घटित होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने हेतु क्या सुरक्षात्मक उपाय किये हैं तथा क्या कार्ययोजना बनाई है?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार। (ख) जानकारी के अनुसार देश में सड़क दुर्घटनाओं के मामलों में टॉप 10 में मध्यप्रदेश दूसरे स्थान पर है एवं प्रदेश में जबलपुर का स्थान प्रथम है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार। (घ) सड़क पर विभिन्न स्थानों पर सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के मापदण्ड अनुसार सूचना बोर्ड गति नियंत्रण बोर्ड एवं ब्लिकर लगाये गये है, मार्ग में पुलियों एवं सर्विस रोड का निर्माण कराया गया है साथ ही राष्ट्रीय राजमार्ग पर पेट्रोलिंग टीम द्वारा 24 घण्टे मार्ग निगरानी के साथ आवश्यक सूचनाऐं भी लाउड स्पीकर के माध्यम से प्रदान की जा रही है जिससे सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाई जा सकें।
आंगनवाड़ी एवं सहायक आंगनवाड़ी केन्द्रों की स्थापना
[महिला एवं बाल विकास]
5. ( क्र. 119 ) श्रीमती निर्मला सप्रे : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) आंगनवाड़ी एवं सहायक आंगनवाड़ी केन्द्र खोले जाने का क्या-क्या प्रावधान है। प्रावधान की प्रति उपलब्ध करावे? (ख) प्रश्नांश (क) उल्लेखित प्रावधान के अनुसार सागर एवं विदिशा जिले में किस-किस राजस्व ग्राम में आंगनवाड़ी केन्द्र खोले गये है, कितने राजस्व गांव वंचित है, वंचित रहने का क्या कारण है? वंचित राजस्व ग्रामों की सूची जिले, विकासखंड, ग्रामवार उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (ख) में अंकित वंचित राजस्व गांवों में कब तक आंगनवाड़ी व सहायक आंगनवाड़ी खोले जाने की कार्यवाही की जावेगी? यदि नहीं तो क्यों।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) आंगनवाड़ी केन्द्र एवं मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र खोले जाने के प्रावधान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''1'' पर है। (ख) सागर जिले के राजस्व ग्रामों में संचालित 2160 आंगनवाड़ी केन्द/मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र तथा विदिशा जिले के राजस्व ग्रामों में संचालित 1430 आंगनवाड़ी केन्द्र/मिनी आंगनवाड़ी केन्द्रों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- ''2'' पर है। सागर जिले के 461 राजस्व ग्रामों में एवं विदिशा जिले के 99 राजस्व ग्रामों में आंगनवाड़ी केन्द्र स्वीकृत नहीं है। आंगनवाड़ी विहीन राजस्व ग्रामों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- ''3'' पर है। वर्तमान में भारत सरकार द्वारा नवीन आंगनवाड़ी/मिनी आंगनवाड़ी केन्द्रों की स्वीकृति प्रदान नहीं की जा रही है। इस कारण इन ग्रामों में केन्द्रों की स्वीकृति नहीं हुई है। आंगनवाड़ी विहीन ग्रामों को समीपस्थ आंगनवाड़ी केन्द्रों से जोड़कर आंगनवाड़ी से संबंधित सेवायें प्रदान की जा रही हैं। (ग) वर्तमान में भारत सरकार द्वारा नवीन आंगनवाड़ी केन्द्रों की स्वीकृति नहीं दी जा रही है। अतः समय-सीमा दिया जाना सम्भव नहीं है।
रेत उपलब्ध कराये जाने की प्रक्रिया
[खनिज साधन]
6. ( क्र. 121 ) श्रीमती निर्मला सप्रे : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश रेत नियम 4 में क्या-क्या छूट किन-किन को दी गई है, छूट के अनुसार रेत उपलब्ध करवाए जाने की क्या प्रक्रिया निर्धारित की है, प्रति सहित बतावें। (ख) नियम 2019 लागू होने के दिनांक से दिसम्बर तक सागर विदिशा एवं भोपाल जिले में खनिज विभाग ने किस-किस श्रेणी के कितने हितग्राहियों को कितने कृषकों को एवं कितनी ग्राम पंचायतों को कितनी रेत दिलवाई वर्षवार एवं विकासखंडवार बतावें। (ग) नियम 4 में दी गई छूट के अनुसार हितग्राहियों को रेत नहीं दिलवाए जाने का क्या-क्या कारण रहा? (घ) नियम 4 में दिए गए प्रावधान के अनुसार कब तक ग्रामों में रेत की खदान का निर्धारण कर ग्राम पंचायत को अधिकार दिए जावेंगे?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। (ख) सागर जिले में खनिज रेत की खदान न होने से, विदिशा एवं भोपाल जिले में पंचायतों/हितग्राहियों द्वारा मांग प्राप्त न होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर अनुसार शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) मध्यप्रदेश रेत (खनन, परिवहन, भण्डारण एवं व्यापार) नियम 2019 के नियम 8 के तहत रेत खदानों में खनिज रेत के खनन, परिवहन तथा भंडारण के लिये एम.डी.ओ. का चयन ई-निविदा सह नीलामी से किया जाना प्रावधानित है। अत: ग्रामों में रेत की खदान का निर्धारण कर ग्राम पंचायत को अधिकार दिये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
काली गिट्टी, खदाने एवं क्रेशरों का अवैध संचालन
[खनिज साधन]
7. ( क्र.
131 ) श्री
सुरेश राजे :
क्या
मुख्यमंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) जिला
ग्वालियर में
भितरवार, मुरार, घाटीगांव
एवं डबरा
क्षेत्र में
किस फर्म/व्यक्ति
का क्रेशर कब
से स्वीकृत
होकर संचालित
है? प्रत्येक
का सर्वे नंबर
एवं रकबा, जमा
राशि के साथ प्रदूषण
बोर्ड की
अनुमति सहित
जानकारी
उपलब्ध करावेंl (ख) प्रश्नांश
(क) के अनुसार
जिला
ग्वालियर में
कहाँ-कहाँ
काला पत्थर की
क्रेशर
आधारित खदाने
किस फर्म/व्यक्ति
के नाम, कब से कब
तक के लिए
कितनी राशि
में लीज पर दी
गयी हैं? प्रत्येक
का सर्वे नंबर,
रकबा तथा
गहराई तक
ब्लास्टिंग
की अनुमति के
आदेश दिनांक
सहित बतावेंl (ग) क्या
यह सत्य है कि
जिला
ग्वालियर में
संचालित
क्रेशर
आधारित
खदानों से
खदान मालिकों
द्वारा पत्थर
निकालने हेतु
भारी मात्रा
में विस्फोट
कर 65
फीट से 75 फीट तक
गहरे गड्डे हो
गए हैं तथा विस्फोटकों
से आसपास के
ग्राम के मकान
क्षतिग्रस्त
हो रहे हैं व कई
व्यक्तियों
की मृत्यु
होने से
इन्हें किस
प्रकार की
सहायता राशि
दी गयी? यदि नहीं
तो क्यों?
मुख्यमंत्री
( डॉ. मोहन यादव ) :
(क) जानकारी
पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-अ पर
है तथा जमा
राशि का विवरण
पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-ब पर
है। (ख) जानकारी
पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-ब पर
है। ब्लास्टिंग
के संबंध में जानकारी
पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-स पर
है। (ग) जिला
ग्वालियर
में क्रेशर
आधारित
खदानों में
अनुमोदित खनन
योजना के साथ
म.प्र. गौण
खनिज नियम, 1996 के
नियम 30 (24) के तहत
कार्य किया
जाना
प्रावधानित
है। जिले में
विस्फोटक से
आसपास के
ग्राम के मकान
क्षतिग्रस्त
होने संबंधी
यदा-कदा
शिकायतें
प्राप्त हुई
हैं, किन्तु
विस्फोटक से
मकान
क्षतिग्रस्त
होना नहीं
पाया गया है
साथ ही जिले में
विस्फोटक से
कई व्यक्तियों
की मृत्यु
होने संबंधी
कोई घटना
प्रकाश में
नहीं आई है। अत:
शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है।
अवैध शराब विक्रय/परिवहन की जानकारी
[वाणिज्यिक कर]
8. ( क्र. 136 ) श्री कैलाश कुशवाहा : क्या उप मुख्यमंत्री, वित्त महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष जनवरी 2023 से प्रश्न दिनांक तक विधानसभा क्षेत्र पोहरी में अवैध शराब विक्रय परिवहन तथा अवैध बिक्री के कितने प्रकरण अथवा सूचनाएं प्राप्त हुई, तिथिवार ब्यौरा देवें? (ख) उपरोक्त शिकायतों पर अंकुश और नियंत्रण लगाने हेतु कितना अमला कहां-कहां पदस्थ है तथा उनके दायित्व क्या है? इस संबंध में आदेशों की प्रति उपलब्ध कराते हुए यह भी बताये की उक्त अधिकारी/कर्मचारियों ने पिछले 3 वर्षों में कहाँ-कहाँ के दौरे किये? दौरे की तिथि, स्थान तथा उद्देश्य बताएं? (ग) विगत 3 वर्षों में पोहरी विधानसभा की जो शिकायतें प्राप्त हुई हैं, उन पर क्या कार्यवाही की गई? शिकायत का विवरण और उसके निराकरण की तिथि बतायें? (घ) विधानसभा क्षेत्र 24 पोहरी में स्थापित अंग्रेजी एवं देशी शराब की दुकानों की जानकारी एवं प्रत्येक ग्राम में अवैध रूप से अंग्रेजी व देशी शराब विक्रय के संबंध में पत्र क्रमांक 24 दिनांक 31/12/2023 से जिला आबकारी अधिकारी शिवपुरी से बिन्दु क्रमांक 1 लगायत 3 के संबंध में जानकारी शीघ्र चाही गयी थी, जो प्रश्न दिनांक तक अप्राप्त है? शासन निर्देशानुसार जानकारी समय-सीमा में दिये जाने का प्रावधान है? यदि जानकारी नहीं दी गयी तो, क्या कारण है?
उप मुख्यमंत्री, वित्त ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) वर्ष जनवरी 2023 से दिनांक 20.01.2024 तक विधानसभा क्षेत्र पोहरी में अवैध शराब धारण, विक्रय परिवहन तथा अवैध बिक्री के कुल 398 प्रकरण कायम किये गये। विधानसभा पोहरी क्षेत्रांतर्गत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- एक अनुसार है। (ख) उक्त शिकायतों पर अंकुश और नियंत्रण लगाने हेतु विधानसभा क्षेत्र पोहरी अंतर्गत वर्तमान में निम्नानुसार आबकारी अमला पदस्थ है:-
क्र. |
आबकारी वृत्त का नाम |
प्रभारी अधिकारी का नाम एवं पदनाम |
पदस्थ आबकारी आरक्षक |
1 |
पोहरी |
श्री राहुल गुप्ता, आबकारी उप निरीक्षक |
श्री डाल सिंह |
2 |
शिवपुरी |
श्री राहुल गुप्ता, आबकारी उप निरीक्षक |
1. जगदीश कुमार 2. श्री काशीराम जाटव 3. श्री डोंगर सिंह राठौर |
3 |
करेरा |
श्री विनीत कुमार शर्मा, आबकारी उप निरीक्षक |
1. श्री भूपसिंह धाकड 2. श्री गिराज आदिवासी |
विधानसभा क्षेत्र पोहरी अंतर्गत आबकारी वृत्त शिवपुरी एवं उक्त वृत्त करैरा के कुछ ग्राम सम्मिलित है। उपरोक्तानुसार आबकारी अमले का अपराध नियंत्रण, उपलंभन कार्य एवं आबकारी राजस्व की वसूली का मुख्य दायित्व है। अधिकारी/कर्मचारियों के आदेशों की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-दो अनुसार है। विधानसभा पोहरी के अंतर्गत वृत्तों में पदस्थ पिछले 03 वर्षों की अवधि में प्रभारी अधिकारियों द्वारा पोहरी विधानसभा क्षेत्र में किये गये दौरों की जानकारी का वृत्तवार, वर्षवार एवं तिथिवार पत्रक पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-तीन अनुसार है। (ग) विगत 03 वर्षों में पोहरी विधानसभा की कुल 105 शिकायतें प्राप्त हुई। जिन पर मध्यप्रदेश आबकारी अधिनियम 1915 के अंतर्गत अवैध मदिरा धारण, विक्रय एवं परिवहन के विरूद्ध विधि अनुसार कार्यवाही की गई। शिकायत का विवरण और उसके निराकरण की तिथि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-चार अनुसार है। (घ) माननीय विधायक महोदय द्वारा पत्र क्रमांक 24 दिनांक 31.12.2023 से मात्र विधानसभा क्षेत्र पोहरी की जानकारी चाही गई है। विधानसभा क्षेत्र पोहरी में आबकारी वृत्त पोहरी का संपूर्ण क्षेत्र एवं आबकारी वृत शिवपुरी व आबकारी वृत करैरा के कुछ क्षेत्र सम्मिलित है। इस प्रकार विधानसभा क्षेत्र पोहरी में 03 आबकारी वृत्तों के कार्यक्षेत्र सम्मिलित है। माननीय विधायक महोदय के पत्र दिनांक 31.12.2023 का उत्तर कार्यालयीन पत्र क्रमांक 153 दिनांक 19.01.2024 से पत्र वाहक एवं ई-मेल के माध्यम से दिनांक 22.01.2024 को संबंधित को उपलब्ध कराया गया है। पत्र की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-पांच अनुसार है। माननीय विधायक महोदय के प्राप्त पत्र का उत्तर मध्यप्रदेश शासन सामान्य प्रशासन विभाग मंत्रालय, वल्लभ भवन, भोपाल के पत्र क्रमांक एफ-19-76/2007/1-4 दिनांक 17 अगस्त 2009 में विहित समय-सीमा के अंदर प्रेषित किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- छ: अनुसार है।
अपराधों पर अंकुश लगाने की कार्यवाही
[गृह]
9. ( क्र.
140 ) श्री
कैलाश
कुशवाहा : क्या
मुख्यमंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क)
विधानसभा
क्षेत्र 24
पोहरी में
लगातार हो रही
चोरी एवं
लूट-पाट आदि
को रोकने हेतु
विभाग द्वारा
ठोस रूप से
कार्यवाही
नहीं की जा
रही है, जिसके
कारण ग्रामीण
परेशान रहते
है। विभाग
द्वारा इसे
रोकने हेतु
क्या-क्या
कार्यवाही की
गई है? (ख) विधानसभा
क्षेत्र 24
पोहरी
अंतर्गत विगत
छः माह में
नाबालिग का अपहरण
व गुमशुदा के
कितने केस
दर्ज किये गये
है तथा कितने
प्रकरणों को
दस्तयाब किया
गया/नहीं किया
गया, इसकी
जानकारी दी
जावे। (ग) विधानसभा
क्षेत्र 24
पोहरी
अंतर्गत
लगातार जुआ, सट्टा, स्मैक
से बढ़ रहे
अपराधों पर
पुलिस द्वारा
अंकुश नहीं
लगाया जा रहा
है, इसके
चलते आये दिन 5 से
अधिक मौतें हो
चुकी है, जिसके
संबंध में
पुलिस द्वारा
क्या कार्यवाही
की गयी है? विधानसभा
क्षेत्र 24
पोहरी अंतर्गत
यातायात
पुलिस एवं
थाना प्रभारी
के द्वारा
विगत एक माह
में हुई
चालानी
कार्यवाही का
विवरण व
जानकारी
देवें। (घ) विधानसभा
क्षेत्र
पोहरी में
देशी व
अंग्रेजी
शराब की
स्वीकृत
दुकानों के
अलावा सभी
ग्रामों में
शराब किसके
आदेश से बेची
जा रही है, पुलिस
विभाग द्वारा
इसे रोकने के
संबंध में
वर्ष 2023 में कितने
प्रकरण कायम
किये गये?
मुख्यमंत्री
( डॉ. मोहन यादव ) :
(क) जानकारी संलग्न
परिशिष्ट ''अ'' अनुसार
है। (ख) जानकारी
संलग्न परिशिष्ट
''ब'' अनुसार
है। (ग) जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट ''स'' अनुसार
है। (घ) अवैध
शराब की सूचना
प्राप्त होने
पर वैधानिक
कार्यवाही की जाती
है। विधान सभा
क्षेत्र
पोहरी में
आबकारी एक्ट
के अन्तर्गत
वर्ष 2023 में 391 प्रकरण
पंजीबद्ध
किये हैं।
विभिन्न स्तरों पर दायित्वों के निर्वहन की समय-सीमा
[सामान्य प्रशासन]
10. ( क्र. 146 ) श्री महेश परमार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि, प्रशासन के विभिन्न स्तरों पर दायित्वों के निर्वहन के लिए समय-सीमा का निर्धारण करते हुए विभाग द्वारा समय-सारणी निर्धारित की गई है? यदि हाँ, तो निर्देशों की प्रतियां उपलब्ध करावें। (ख) क्या म.प्र. शासन सामान्य प्रशासन विभाग मंत्रालय भोपाल द्वारा दिनांक 21/02/2022 को पत्र क्र.एफ 11-18/2009/1/9 जारी करते हुए समय-सारणी एवं समय-सीमा का निर्धारण कर माननीय मुख्यमंत्री से सचिवालयीन स्तर तक की जिम्मेदारियों की सूची जारी की गई थी? यदि हाँ, तो सन्दर्भित पत्र के परिपालन में वर्ष 2009 से बैठक दिनांक तक नियमानुसार कार्यवाही का प्रतिवेदन विधानसभा पटल पर रखे एवं सचिवालयीन कार्य प्रणाली एवं संगठन की नियम पुस्तिका उपलब्ध करावें। (ग) क्या पर्यवेक्षण के लिए पोर्टल के माध्यम से समस्त फाईलों का मूवमेंट विधिवत देखने का प्रावधान एवं सुचारू व्यवस्था लागू करने का निर्णय आपकी सरकार लेगी? यदि हाँ, तो कब तक और यदि नहीं तो क्या कारण है कि, सरकार नागरिकों के हितों में यह निर्णय लेने के लिए तैयार नहीं है? (घ) क्या 21/02/2022 के निर्देशों में फाईलों का मूवमेंट विधिवत प्रत्येक स्तर पर निर्धारित पंजी में दर्ज किये जाने का प्रावधान है यदि हाँ, तो क्या कर्तव्य निर्वहन के लिए समय-सारणी का पालन नहीं करने वाले दोषी अधिकारियों पर शासन द्वारा दण्डात्मक कार्यवाही किये जाने का प्रावधान किया गया है? यदि हाँ, तो प्रतियां उपलब्ध करावें। यदि नहीं तो कारण स्पष्ट करें।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ख) जी हाँ। सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र क्रमांक एफ 11-18/2009/1/9 दिनांक 21/02/2022 द्वारा समस्त अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव/सचिव/अपर सचिव/उप सचिव/अवर सचिव/विशेष कर्तव्यस्थ अधिकारी/अनुभाग अधिकारी, मंत्रालय को कार्यालयों में नस्तियों का निष्पादन संलग्न सयम-सारणी के अनुसार ही किये जाने के निर्देश दिये गये हैं। परिपत्र में नियमानुसार कार्यवाही का प्रतिवेदन विधानसभा पटल पर रखे जाने के निर्देश नहीं है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। (ग) ई-ऑफिस एप्लीकेशन के माध्यम से भौतिक फाईल मैनेजमेंट (ट्रेकिंग) सिस्टम पूर्व से लागू है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'स' अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी हाँ। जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नर्मदा शिप्रा लिंक परियोजना का मूल्यांकन
[नर्मदा घाटी विकास]
11. ( क्र. 148 ) श्री महेश परमार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मैसर्स लार्सन एण्ड टुब्रो कंपनी को बैठक दिनांक तक अनुबंध के अनुसार कितने देयकों का भुगतान कितनी राशि देकर किया गया है? (ख) देयकों के भुगतान के पूर्व अनुबंधित कार्यों की माप दर्ज करने, मापों की जांच करने और देयकों को पारित करने का कार्य कौन-कौन से विभागीय अधिकारियों को दिया गया है? उनके नाम, पद एवं कार्य अवधि की जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) उक्त परियोजना अन्तर्गत निर्माण भू-अर्जन एवं वन भूमि इत्यादि पर बैठक दिनांक तक कितना खर्च हुआ है? मदवार प्रत्येक वर्ष की अंकेक्षण एवं ऑडिट आपत्ति की रिपोर्ट उपलब्ध करावें। (घ) उक्त परियोजना कि डी.पी.आर., प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति तथा अनुबंध की प्रति देते हुए बतावें कि बैठक दिनांक तक कौन-कौन सी अनियमिततायें, कार्य में विलंब एवं गुणवत्ता में कमी शासन के समक्ष उपस्थित हुई है? (ड.) प्रश्नांश (घ) यदि हाँ, तो खामियॉ संज्ञान में आने पर कितनी बार दण्डात्मक कार्यवाहियां की गई है? यदि कार्य निश्चित अवधि में पूर्ण हुआ है, तो कार्य पूर्णता प्रमाण पत्र की प्रति उपलब्ध करावें।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) 50 देयकों का भुगतान राशि रू. 1753.59 करोड़ का किया गया है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है। (ग) कार्य पर राशि रू. 1753.59 करोड़, भू-अर्जन पर राशि रू. 1.30 करोड़ एवं वन भूमि पर राशि रू. 11.48 करोड़ व्यय हुआ है। अंकेक्षण एवं ऑडिट आपत्ति की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है। (घ) एवं (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''स'', ''द'' एवं ''इ'' अनुसार है। कोई भी अनियमितता, कार्य में विलंब एवं गुणवत्ता में कमी परिलक्षित नहीं हुई। वर्तमान में कार्य प्रगतिरत है एवं मार्च 2024 तक पूर्ण किया जाना लक्षित है।
आंगनवाड़ी केन्द्रों में रिक्त पदों की जानकारी
[महिला एवं बाल विकास]
12. ( क्र. 158 ) श्री सतीश मालवीय : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र में विभाग द्वारा वर्तमान में कितनी आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित की जा रही हैं? कितनी आंगनवाड़ी केन्द्र भवन विहीन है एवं कितने आंगनवाड़ी केन्द्र भवन स्वीकृत हैं एवं कितने निर्माणाधीन हैं? कितने भवन स्वीकृत होने के बाद भी निर्माण कार्य प्रारंभ नहीं हो पाए हैं? (ख) घट्टिया विधानसभा क्षेत्र में आंगनवाड़ी केन्द्रों में कितने आंगनवाड़ी कार्यकर्ता/सहायिकाओं के पद स्वीकृत हैं? कितने पद रिक्त है? रिक्त पदों पर कब तक पूर्ति की जावेगी? रिक्त पद कितने समय से रिक्त है एवं क्यों रिक्त है? कारण सहित बतावें? रिक्त पदों को भरने की क्या कार्यवाही की जा रही है? (ग) घट्टिया विधानसभा में महिला बाल विकास विभाग की कितनी परियोजनाएं संचालित हो रही हैं? परियोजनाओं में कौन-कौन से अधिकारी कितने समय से कहाँ पदस्थ हैं? परियोजना अधिकारी एवं पर्यवेक्षक के कितने पद रिक्त हैं? रिक्त पदों की पूर्ति विभाग द्वारा कब तक की जावेगी?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) उज्जैन जिले के घट्टिया विधानसभा क्षेत्र में वर्तमान में कुल 337 आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित किये जा रहे हैं। 53 आंगनवाड़ी केन्द्र भवन विहीन है, जिनमें से 33 आंगनवाड़ी केन्द्र अन्य शासकीय भवनों में तथा 20 केन्द्र किराये के भवनों में संचालित हैं। 28 आंगनवाड़ी केन्द्रों के लिए भवन स्वीकृत हैं। जिनमें से 24 आंगनवाड़ी भवन निर्माणाधीन हैं तथा 04 भवन अप्रारंभ हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'1' अनुसार है। (ख) घट्टिया विधानसभा क्षेत्र के आंगनवाड़ी केन्द्रों में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के 337 एवं सहायिका के 292 पद स्वीकृत हैं। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के 18 एवं सहायिका के 12 पद रिक्त हैं। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका के पदों की पदों की पूर्ति एक सतत प्रक्रिया है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका के रिक्त पदों के रिक्त होने संबंधी कारण सहित जानकारी एवं रिक्त पदों को भरने की कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'2' अनुसार है। (ग) घट्टिया विधानसभा में महिला बाल विकास विभाग की 03 परियोजनाएं संचालित हो रही हैं। परियोजना अधिकारी की पदस्थापना और परियोजना अधिकारी एवं पर्यवेक्षक के रिक्त पदों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- '3' अनुसार है। पर्यवेक्षकों के पदों की पूर्ति हेतु मांग पत्र मध्यप्रदेश कर्मचारी चयन मण्डल, भोपाल को प्रेषित किया गया है। पदपूर्ति की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
विभिन्न थानों के अंतर्गत जब्त वाहनों की जानकारी
[गृह]
13. ( क्र. 159 ) श्री सतीश मालवीय : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले के घट्टिया विधानसभा क्षेत्र के विभिन्न थाना क्षेत्र परिसरों में विगत 03 वर्षों में चोरी, दुर्घटनाग्रस्त व अन्य कारणों से जब्त वाहनों की संख्या बतायें? (ख) क्या घट्टिया विधानसभा क्षेत्र के विभिन्न थाना क्षेत्रान्तर्गत जब्त वाहनों की निश्चित अवधि में प्रकरणों के निराकरण होने पर नीलाम की जाती है? (ग) प्रश्नांश (ख) के संबंध में यदि हाँ तो विगत दो वर्षों में कब-कब नियमानुसार इन वाहनों की नीलामी की गई व शेष वाहनों की नीलामी हेतु पुलिस प्रशासन द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट ''अ'' अनुसार। (ख) जी हाँ। (ग) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट ''ब'' अनुसार।
वरिष्ठ अधिकारियों के पत्रों पर कार्यवाही न होना
[गृह]
14. ( क्र. 168 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पुलिस अधीक्षक कार्यालय टीकमगढ़ के पत्र क्र.पु.अ./टीकमगढ़/शिका./वेबसाइट-189/11, दिनांक 31.05.11 द्वारा पु.म. निरीक्षक सागर के पत्र क्र. 107/11, दिनांक 18.04.11 के संबंध में पत्राचार किया गया था? (ख) यदि हाँ, तो प्रश्नांश (क) में वर्णित पत्रों पर आज दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई है? (ग) क्या यह सही है कि एस.डी.ओ.पी. कार्यालय टीकमगढ़ का पत्र क्रमांक/अनु.पु./टी./ वेबसाइट -3/IGP61/दिनांक 07/08/2011 द्वारा सभी अपराधियों पर धारा 420 ता.हि. का होना पाया था? (घ) यदि हाँ, तो प्रश्नांश (क) एवं (ग) में वर्णित पत्रों पर की गई कार्यवाही का विवरण दें।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रश्नांश में उल्लेखित पत्रों पर अनु.अधि. पुलिस टीकमगढ़ के द्वारा जांच कर प्रतिवेदन अनु.अधि.पु./टीकम./शिका./बेवसाइड-31/11, पुमनि-61/11 एवं जनसुनवाई-68/11 पुलिस अधीक्षक कार्यालय टीकमगढ़ को भेजा गया जिसके परीक्षण उपरांत पुलिस अधीक्षक, टीकमगढ़ द्वारा दिये गये निर्देश के तारतम्य में अनु. अधिकारी पुलिस, टीकमगढ़ द्वारा की गई पूरक जांच में लेख है कि ''वादी रजनीश खरे अध्यक्ष मैहर माता शिक्षा एवं जनकल्याण समीति टीकमगढ़ म.प्र. बनाम श्रीमति शांति देवी वर्मा पत्नि रमेश कुमार वर्मा, राकेश गिरी तनय श्री हरचरण गिरी निवासी ढोंगा रोड टीकमगढ़ एवं राज्य म.प्र. द्वारा कलेक्टर महोदय टीकमगढ़ प्रतिवादीगण के विरुद्ध मान. जिला न्यायालय टीकमगढ़ के यहां दीवानी दावा प्रस्तुत किया गया हैं। अतः ऐसी स्थिति में पुलिस को हस्तक्षेप नहीं करना चाहिये, दीवानी न्यायालय से जो निर्णय होगा, वहीं पक्षों को स्वीकार होगा। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ग) यह सही है कि, एस.डी.ओ.पी. कार्यालय टीकमगढ़ का पत्र क्रं/अनु.पु./टीकमगढ़/वेबसाइड-3IGP61/दिनांक 07/08/2011 द्वारा सभी अपराधियों पर धारा 420 ता.हि. का होना लेख किया गया था परंतु पुलिस अधीक्षक टीकमगढ़ के परीक्षण उपरांत दिये गये निर्देशों के तारतम्य में अनु.अधिकारी पुलिस, टीकमगढ़ ने पूरक जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत किया था जो कि प्रश्नांश (ख) में वर्णित है। तदानुसार प्रकरण दीवानी न्यायालय में विचाराधीन होने से आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध नहीं किया गया। (घ) उत्तर (ग) में समाहित है।
संचालित उद्योगों की जानकारी
[सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम]
15. ( क्र. 176 ) श्री कमलेश्वर डोडियार : क्या सूक्ष्म,लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रतलाम जिला अंतर्गत सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम के अंतर्गत जो इकाइयां पंजीकृत हैं एवं भौतिक रूप से वर्तमान में संचालित हैं उनकी इकाईवार संपूर्ण जानकारी देवें एवं उक्त इकाइयों को विभिन्न बैंकों द्वारा विगत 03 वर्षों में स्वीकृत किये गये ऋण राशि की जानकारी एवं विभाग द्वारा उपलब्ध कराई गई सब्सिडी राशि की जानकारी पृथक-पृथक इकाईवार, वर्षवार उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित विभागीय रूप से पंजीकृत इकाइयों में से दिनांक 01.01.2021 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में कुल कितनी औद्योगिक इकाइयों को सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग संचालित करने हेतु भूमि/भवन, औद्योगिक भूखण्ड एवं अन्य वित्तीय सहायता राशि, सब्सिडी उपलब्ध कराई गई है? वर्षवार, हितग्राहीवार एवं औद्योगिक इकाईवार पृथक-पृथक जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित विभागीय रूप से पंजीकृत इकाइयों में से जो इकाइयां सिर्फ कागजों में संचालित हैं एवं जिनके द्वारा भौतिक रूप से कोई औद्योगिक इकाई की स्थापना नहीं की जाकर मात्र सब्सिडी राशि ली जाकर करोड़ों रूपये की ऋण राशि एवं सब्सिडी राशि में किये गये घोटालें की जांच हेतु कलेक्टर की अध्यक्षता में टीम गठित करेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों नहीं? (घ) क्या रतलाम जिले के आदिवासी बाहुल्य इलाके में बेरोजगारों को रोजगार देने के लिए प्रत्येक विधानसभा स्तर पर 1,000 हितग्राहियों को नवीन उद्योग, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम खुलवाने हेतु भूमि, भवन, बैंक गारन्टी, ऋण राशि एवं सब्सिडी राशि उपलब्ध करवायेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? निश्चित समयावधि बतावें। यदि नहीं तो क्यों नहीं?
सूक्ष्म,लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री ( श्री चेतन्य कुमार काश्यप ) : (क) विभाग द्वारा इकाइयों का पंजीयन नहीं किया जाता है और न ही विभाग, बैंक द्वारा इकाइयों को स्वीकृत किये गये ऋण राशि की जानकारी संधारित करता है। विभाग द्वारा विगत 03 वर्षों में उपलब्ध कराई गई सब्सिडी राशि की जानकारी पुस्तकालय रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विभाग तथा औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग की जानकारी क्रमश: पुस्तकालय रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब एवं 'स' अनुसार है। इस अवधि में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विभाग द्वारा 126 इकाइयों को वित्तीय सहायता राशि उपलब्ध कराई गई है। जानकारी पुस्तकालय रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) किसी इकाई के उत्पादन में आने के पश्चात इकाई के कार्यरत होने की पुष्टि उपरांत ही वित्तीय सहायता राशि हेतु प्रकरण सक्षम समिति के समक्ष स्वीकृति हेतु प्रस्तुत किया जाता है एवं समिति के अनुमोदन उपरांत ही वित्तीय सहायता राशि उपलब्ध कराई जाती है। अत: प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विभाग द्वारा बेरोजगारों को स्व-रोजगार देने के लिए संपूर्ण मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना संचालित की जा रही है, जिसके अंतर्गत पात्र आवेदकों को ऋण स्वीकृति उपरांत बैंक गारन्टी, ऋण राशि एवं सब्सिडी राशि योजना के नियम अंतर्गत उपलब्ध कराई जा रही है। साथ ही विभागीय आधिपत्य के औद्योगिक क्षेत्रों में रिक्त भूखण्ड 'प्रथम आओ प्रथम पाओं' के सिद्धांत पर उद्यमियों को उपलब्ध कराए जाने का प्रावधान है। औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग अनुसार रतलाम जिले में औद्योगिकीकरण की कार्यवाही एम.पी.आई.डी.सी. द्वारा की जा रही है। जिसमें अनुसूचित जनजाति श्रेणी के उद्यमियों को पात्रता अनुसार भूमि का आवंटन किया जाएगा।
आंगनवाड़ी केन्द्रों की जानकारी
[महिला एवं बाल विकास]
16. ( क्र. 200 ) श्री आरिफ मसूद : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) भोपाल, मध्य विधानसभा क्षेत्र में आंगनवाडि़यों के कुल कितने केन्द्र हैं तथा वह किन-किन परियोजनाओं के अंतर्गत आते हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में ऐसे कितने केन्द्र हैं जो किराए के भवनों में संचालित किये जा रहे हैं केन्द्र संख्या, पता एवं भवन स्वामियों की जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में केन्द्रों में पदस्थ आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका एवं आशा कार्यकर्ताओं की जानकारी उपलब्ध कराएं।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) भोपाल, मध्य विधानसभा क्षेत्र में 264 आंगनवाड़ी केन्द्र हैं। यह आंगनवाड़ी केन्द्र बाल विकास परियोजना बाणगंगा, बाल विकास परियोजना बरखेड़ी, बाल विकास परियोजना चांदबड़ तथा बाल विकास परियोजना कोलार जिला भोपाल के अन्तर्गत आते हैं। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में 223 आंगनवाड़ी केन्द्र है किराये के भवन में संचालित किये जा रहे है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' पर है। (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में केन्द्रों में पदस्थ आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' पर है। आशा कार्यकर्ता विभाग में पदस्थ न होने से शेष का प्रश्न ही नहीं।
लाड़ली बहना हितग्राहियों की संख्या में कमी
[महिला एवं बाल विकास]
17. ( क्र. 201 ) श्री आरिफ मसूद : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) भोपाल मध्य विधानसभा क्षेत्र जिला भोपाल में 10 जनवरी 2024 को लाड़ली बहना योजना के अंतर्गत कितनी महिलाओं के खातों में कितनी राशि जमा की गई? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में 10 दिसम्बर 2023 को लाड़ली बहना योजना के अंतर्गत कितनी महिलाओं के खातों में राशि जमा की गई थी? (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में क्या दिसम्बर 2023 से जनवरी 2024 की अवधि में इस योजना की हितग्राही महिलाओं की संख्या में कमी हुई है? यदि हाँ, तो इसका क्या कारण है?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) भोपाल मध्य विधानसभा क्षेत्र जिला भोपाल में 10 जनवरी 2024 को लाड़ली बहना योजना के अंतर्गत कुल 26,459 महिलाओं के खातों में कुल राशि 3,25,69,750/- (शब्दों में तीन करोड़ पच्चीस लाख उनहत्तर हजार सात सौ पचास रूपये) जमा की गई। (ख) 10 दिसम्बर 2023 को लाड़ली बहना योजना के अंतर्गत कुल 26,629 महिलाओं के खातों में राशि जमा की गई थी (ग) हाँ दिसम्बर 2023 से जनवरी 2024 की अवधि में इस योजना के हितग्राही महिलाओं की संख्या में कमी हुई। जिसके कारण निम्नांकित है- (1) 01 जनवरी 2024 को 60 वर्ष की आयु पूर्ण होने के कारण योजना की पात्रता से बाहर (2) स्वैच्छिक लाभ परित्याग (3) समग्र से डिलीट होने के कारण (4) आधार से समग्र डीलिंक होने के कारण (5) मृत।
प्रदेश में आत्महत्याओं की घटनाएँ
[गृह]
18. ( क्र. 271 ) श्री रामनिवास रावत : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 01 जनवरी 2023 से प्रश्नांकित दिनांक तक की अवधि में चंबल संभाग में आत्महत्या की कुल कितनी घटनाएँ घटित हुई? जिलेवार बतावें? इनमें से कितने कृषक, कृषि मजदूर, बेरोजगार व छात्र/छात्राएं थे? पृथक-पृथक जिलेवार संख्यात्मक जानकारी दें? (ख) प्रश्नांश (क) की अवधि में आत्महत्या करने वाले कृषक, कृषक मजदूर, बेरोजगारों एवं छात्र/छात्राओं द्वारा आत्महत्या करने के कारणों सहित उनके नाम, पिता का नाम, उम्र, पता सहित जिलेवार जानकारी दें? (ग) छात्र/छात्राओं द्वारा की जा रही आत्महत्याओं के संबंध में विधान सभा द्वारा गठित समिति की रिपोर्ट पर शासन द्वारा अभी तक क्या कार्यवाही की है? (घ) क्या शासन किसानों कृषि मजदूरों, बेरोजगारों, युवाओं द्वारा की जा रही आत्महत्याओं के कारणों का अध्ययन करने एवं उन्हें संबल प्रदान करने के एवं उनके स्वावलंबन के लिए उपाय सुझाने हेतु विधान सभा सदस्यों की कमेटी करेगी?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
लाड़ली बहना योजना के तहत प्रदाय की जाने वाली राशि
[महिला एवं बाल विकास]
19. ( क्र. 272 ) श्री रामनिवास रावत : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) राज्य शासन द्वारा महिला सशक्तिकरण के तहत प्रारंभ की गयी लाड़ली बहना योजनान्तर्गत पात्रता की क्या-क्या शर्तें हैं? इनमें अभी तक क्या-क्या परिवर्तन किये गए हैं? (ख) योजना प्रारंभ होने के दिनांक की स्थिति में प्रदेश में महिलाओं की कुल संख्या कितनी थी उनमें से अभी तक कितनी महिलाओं का पंजीयन किया गया? इनमें से कितनी महिलाएं पात्र पाई गई? कितनी महिलाओं के बैंक खातों में कितनी राशि अभी तक कितनी किश्तों में प्रदाय की है? कृपया जिलेवार महिलाओं की संख्या सहित माहवार बताएं? किश्त की राशि में कितनी-कितनी बढ़ाई गई एवं भविष्य में कितना बढ़ाया जाना प्रस्तावित है? (ग) क्या तत्कालीन मुख्यमंत्री जी द्वारा उक्त योजना के तहत प्रदाय की जाने वाली राशि को रु. 1000.00 प्रतिमाह से बढ़ाते हुए रु.3000.00 प्रतिमाह तक किये जाने की घोषणा की थी? यदि हाँ, तो कब तक लाड़ली बहनों को रु.3000.00 प्रतिमाह प्रदाय किये जावेंगे? इस घोषणा को पूर्ण करने की शासन की क्या योजना है? (घ) क्या यह सही है कि शासन की रु.3000.00 प्रतिमाह किश्त किये जाने की कोई योजना नहीं है? यदि हाँ, तो क्यों? यदि नहीं तो कब तक की जावेगी?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) राज्य शासन द्वारा महिला सशक्तिकरण के तहत प्रारंभ की गयी लाड़ली बहना योजनान्तर्गत पात्रता की शर्तें पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 01 पर तथा इनमें अभी तक किए गए परिवर्तन पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 02 एवं पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 03 पर हैं। (ख) योजना प्रारंभ होने के दिनांक की स्थिति में महिलाओं की कुल संख्या बताया जाना संभव नहीं। योजनान्तर्गत महिलाओं के पंजीयन तथा इनमें से पात्र महिलाओं की जिलेवार संख्यात्मक जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-04 पर है। जिलावार पंजीकृत पात्र महिलाओं के बैंक खाते में किश्तवार, माहवार, जमा कराई गई राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- 05 पर है। किश्त की राशि में राशि रूपये 250/- प्रतिमाह की बढ़ोत्तरी की गई है। प्रश्न दिनांक तक किश्त की राशि बढ़ाये जाने का प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। (ग) जी हाँ। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं। शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं।
पुलिस चौकी का पुलिस थाना में उन्नयन
[गृह]
20. ( क्र. 287 ) श्री प्रदीप लारिया : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जरूवाखेडा पुलिस चौकी एवं कर्रापुर पुलिस चौकी का गठन/स्थापना कब की गई थी? (ख) जरूवाखेडा पुलिस चौकी एवं कर्रापुर पुलिस चौकी में वर्तमान में कितना पुलिस बल कार्यरत हैं एवं कौन-कौन से ग्राम संलग्न हैं? (ग) जरूवाखेडा पुलिस चौकी एवं कर्रापुर पुलिस चौकी को थाना में उन्नयन हेतु विभाग द्वारा कोई कार्यवाही/प्रस्ताव शासन स्तर पर भेजे गए हैं? यदि हाँ, तो जरूवाखेडा पुलिस चौकी एवं कर्रापुर पुलिस चौकी का पुलिस थाना में उन्नयन/दर्जा कब तक किया जावेगा?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जरूवाखेडा पुलिस चौकी की स्थापना वर्ष 1963 एवं कर्रापुर पुलिस चौकी की स्थापना वर्ष 1962 में की गई है। (ख) जरूवाखेडा पुलिस चौकी में कुल 04 एवं कर्रापुरा पुलिस चौकी में कुल 05 का बल कार्यरत है। जरूवाखेडा में निम्नानुसार ग्राम हैः- जरूखेडा, जलंधर, चादामउ, तोडा, मूढरा, बंसिया, भोती, बरोदिया, बल्लभ, हनौता, परिक्षित, जूहार्रा, खैराई, लक्ष्मनपुरा, बमूरा, ननउ, रूपंउ, बरोल, पाली ग्राम है। कर्रापुर में निम्नानुसार ग्राम हैः- कर्रापुर, बरछा, मझगुआ, सडेरी, सिमरिया, चकेरी, गोदई, गोरा, तिन्सुआ, पिपरिया चमारी, धारखेडी, लुहारी (वीरान) रानीपुरा, लालई (वीरान) चटाई, पथरिया ब्यास ग्राम है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आंगनवाड़ी भवनों की जानकारी
[महिला एवं बाल विकास]
21. ( क्र. 288 ) श्री प्रदीप लारिया : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या नरयावली विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत सागर वि.ख./राहतगढ़ वि.ख./नपा क्षेत्र मकरोनिया/नपा कर्रापुर/छावनी परिषद केन्ट सदर अंतर्गत कितने आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित है? जानकारी ग्राम पंचायत/ग्राम/वार्डवार विस्तृत जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में आंगनवाड़ी केन्द्र स्वयं के भवन में/निजी भवन/अन्य स्थानों पर संचालित हैं? (ग) नरयावली विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत आंगनवाड़ी केन्द्र जो निजी भवन या अन्य भवनों में संचालित है विभाग द्वारा भवन स्वीकृति हेतु कोई कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो जानकारी देवें। (घ) आंगनवाड़ी केन्द्र भवन हेतु क्या प्रश्नकर्ता एवं अन्य जनप्रतिनिधियों द्वारा कोई पत्राचार विभाग से किया गया है? यदि हाँ, तो जानकारी देवें।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) नरयावली विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत सागर विकासखंड/राहतगढ़ वि.ख./नपा क्षेत्र मकरोनिया/नपा कर्रापुर/छावनी परिषद केन्ट सदर अंतर्गत 287 आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''क'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''क'' अनुसार है। (ग) किराये के भवनों एवं अन्य शासकीय भवनों में संचालित भवन विहीन आंगनवाड़ी केन्द्रों के लिए भवन निर्माण राज्य शासन की प्राथमिकता है। भवन विहीन आंगनवाड़ी केन्द्रों के लिये भवन निर्माण शासकीय भूमि एवं वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ख'' अनुसार है।
जेल के नवीन भवन का निर्माण
[जेल]
22. ( क्र. 310 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिला जेल भवन का निर्माण कब हुआ था? (ख) राजगढ़ जिला जेल में कितने बन्दी रखे जाने की क्षमता है और वर्तमान में कितने बन्दी रखे जा रहे है? (ग) क्या राजगढ़ जिला जेल के नवीन भवन के निर्माण हेतु शासन द्वारा कोई जगह आवंटित की गई है यदि हां तो कब, कहाँ और कितनी? (घ) क्या राजगढ़ जिला जेल का नवीन भवन निर्माण करवाया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक और यदि नहीं तो क्यों नहीं?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) राजगढ़ जिला जेल भवन का निर्माण वर्ष 1905 में। (ख) जेल में 170 बंदी रखे जाने की क्षमता है और वर्तमान में 334 बंदी परिरूद्ध हैं। (ग) वर्तमान में उपयुक्त एवं पर्याप्त भूमि आवंटित नहीं है शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) वर्तमान में कोई परियोजना स्वीकृत नहीं है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
कुटीर एवं ग्रामोद्योगों का संचालन
[कुटीर एवं ग्रामोद्योग]
23. ( क्र. 312 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या राज्य मंत्री (स्वत्रंत प्रभार), कुटीर एवं ग्रामोद्योग महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा राजगढ़ विधानसभा अन्तर्गत कुटीर एवं ग्रामोद्योग संचालित है। संख्या बतावें। (ख) यदि हाँ, तो किस-किस स्थान पर कब से संचालित है। (ग) शासन द्वारा कुटीर एवं ग्रामोद्योग खोले जाने हेतु शासन के क्या नियम है? निर्देश की प्रति उपलब्ध करावें। (घ) क्या शासन द्वारा राजगढ़ विधानसभा अन्तर्गत कोई कुटीर एवं ग्रामोद्योग खोले जाना प्रस्तावित है यदि हां तो बतावे और यदि नहीं तो क्यों नहीं?
राज्य मंत्री (स्वत्रंत प्रभार), कुटीर एवं ग्रामोद्योग ( श्री दिलीप जायसवाल ) : (क) जी हाँ। 01 उद्योग। (ख) स्वावलंबन केन्द्र खुजनेर 1983 से संचालित है। (ग) कुटीर एवं ग्रामोद्योग खोले जाने के संबंध में विभाग में प्रचलित नियम जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जी नहीं। तत्संबंधी आवेदन प्राप्त नहीं होने के कारण।
एन.जी.ओ. और स्वयं सहायता समूह के कार्य
[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]
24. ( क्र. 334 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार जिले में वर्तमान में कौन-कौन एन.जी.ओ. किस फंड/योजना के तहत क्या-क्या काम कर रहे हैं, विगत पांच वर्षों में किन-किन एन.जी.ओ. ने क्या-क्या कार्य किए? ये एन.जी.ओ. किस राज्य में किस पते पर रजिस्टर्ड हैं, डायरेक्टर और सदस्य कौन-कौन हैं? वर्तमान एवं विगत पांच वर्षों के एन.जी.ओ. का ब्यौरा देवें। (ख) धार जिले में कितने एन.जी.ओ. किस पते पर किस प्रकार के कार्यों के लिए रजिस्टर्ड हैं, डायरेक्टर एवं अन्य सदस्य कौन हैं, विगत पांच वर्षों में उन्हें कितने फंड किन-किन श्रोतों से प्राप्त हुए, किन-किन कार्यों में कितनी राशि खर्च हुई। (ग) किस प्रकार के एन.जी.ओ. को विधानसभा क्षेत्रों में क्या-क्या काम करने के लिए क्या गाइडलाइंस हैं, किसके परमिशन से विगत पांच वर्षों में ये धार जिले के किन-किन विधानसभा क्षेत्रों में कार्य किए गये? (घ) एन.जी.ओ. के द्वारा जो भी कार्य किए जाते हैं, क्षेत्र के जनप्रतिनिधि विधायक को कब-कब सूचित किया गया? यदि सूचित नहीं किया गया तो क्यों? (ङ) धार और इंदौर जिले में कितने स्वयं सहायता समूह काम कर रहे हैं, डायरेक्टर का नाम, पता और संस्था के कार्य का विवरण देवें। विगत पांच वर्षों में प्राप्त फंड का ब्यौरा और किए गए कार्यों की ग्राम-पंचायतवार ब्यौरा देवें।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) से (ड.) जानकारी संकलित की जा रही है।
आबकारी विभाग की शिकायतें एवं जांच
[वाणिज्यिक कर]
25. ( क्र. 344 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या उप मुख्यमंत्री, वित्त महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आबकारी विभाग में पदस्थ अधिकारियों-कर्मचारियों के विरुद्ध किन कारणों से और किन व्यक्तियों की शिकायत पर, किस प्रकार की जांच व कार्यवाही, किस स्तर पर, किस दिनांक से की जा रही है, जांच, कार्यवाही किन कारणों से किस दिनांक से, किस अधिकारी के पास लंबित है, किन-किन अधिकारियों ने अब तक क्या जांच की? वर्तमान स्थिति का विवरण देते हुए बताएं कि जांच, कार्यवाही में अंतिम निर्णय किस दिनांक तक लिया जाएगा? (ख) आबकारी विभाग में किन अधिकारियों-कर्मचारियों की किस प्रकार की लापरवाहियों, दायित्वों का निर्वहन नहीं करने के कारण कितने राशि के राजस्व की हानि हुई है, बकाया कितना है, वसूली के लिए क्या-क्या कार्यवाहियां की गई हैं? (ग) वर्ष 2023-24 के लिए शराब डिस्टलरीज को जिलों में देशी, मसाला, प्लेन मदिरा सप्लाय करने के लिए प्राप्त टेंडर किन कारणों से निरस्त किए थे, पुनः किन कारणों से टेंडर स्वीकृत किए है, सभी आदेशों की प्रतियां देवें। किन डिस्टलरियों/संचालकों पर विभाग की कितनी राशि किस दिनांक से बकाया है, वसूली के लिए की गई कार्यवाहियों का विवरण देते हुए पत्रों, आदेशों की प्रतियों देवें, किस डिस्टलरीज के विरुद्ध किस प्रकार की शिकायतें, किस प्रकार की कार्यवाही के लिए किस दिनांक को प्राप्त हुई, क्या कार्यवाही की गई, विवरण, आदेश, पत्रों की प्रतियां देवें।
उप मुख्यमंत्री, वित्त ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
हवाई पट्टी को हवाई अड्डे में बदलने की योजना
[विमानन]
26. ( क्र. 374 ) श्रीमती रीती पाठक : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सीधी शहर को मिनी स्मार्ट सिटी का दर्जा दिया गया है यदि हाँ, तो सीधी जिले में केवल हवाई पट्टी है जिसमें सिर्फ वी.आई.पी. कार्यक्रम के दौरान हेलीकॉप्टर आवागमन की व्यवस्था है। जिससे आम जनमानस को हवाई सुविधा के लिए कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है? क्या सीधी हवाई पट्टी को आधुनिकीकरण व उन्नयन कर हवाई अड्डा बनाए जाने की कोई योजना है? (ख) क्या सीधी हवाई पट्टी को केंद्र सरकार की उड़ान योजना में सम्मिलित कर इस हवाई पट्टी को हवाई अड्डे में बदलने हेतु कुछ प्रयास किये जा रहे हैं? (ग) छोटे शहरों को हवाई सुविधा उपलब्ध कराने हेतु शासन क्या प्रयास कर रहा है व मिनी स्मार्ट सिटी के लिए क्या योजना है?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) दिनांक 12/05/2018 को आयोजित हितग्राही मूलक योजनाओं के सम्मेलन में माननीय मुख्यमंत्रीजी द्वारा सीधी नगर पालिका क्षेत्र को मिनी स्मार्ट सिटी घोषित किया गया है। जिले में स्थित हवाई पट्टी अमरवाह है, जिसमें वी.आई.पी. कार्यक्रम के दौरान छोटे हवाई जहाज एवं हेलीकॉप्टर के लैंडिग एवं टेक ऑफ की व्यवस्था है। वर्तमान में इस विभाग के अंतर्गत कोई योजना प्रचलन में नहीं है। (ख) एवं (ग) वर्तमान में इस विभाग के अंतर्गत कोई योजना प्रचलन में नहीं है। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कटनी जिले में संचालित उद्योग
[सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम]
27. ( क्र. 380 ) श्री धीरेन्द्र बहादुर सिंह : क्या सूक्ष्म,लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी जिले में किन-किन स्थानों पर औद्योगिक इकाइयां संचालित है तथा उनमें कौन-कौन क्या उत्पाद तैयार किए जा रहे हैं तथा कटनी जिले में कच्चे माल के तौर पर कौन-कौन सी वस्तु उपलब्ध हैं? जिले में किन-किन उद्योगों की स्थापना की जा सकती हैं? (ख) औद्योगिक इकाइयों की स्थापना हेतु किन-किन अनुज्ञा/अनुमतियों की आवश्यकता होती हैं? इन अनुज्ञा/अनुमतियों को प्राप्त करने की प्रक्रिया क्या हैं? जनवरी 2021 से कटनी जिले में प्रस्तावित एवं संचालित किन-किन औद्योगिक इकाइयों के मानचित्र स्वीकृत किए गए और वर्तमान में कितने मानचित्र किन कारणों से स्वीकृति हेतु लंबित हैं? (ग) क्या बड़वारा-विधानसभा अंतर्गत उद्योगों के स्थापना की अनुमति से संबन्धित कार्यवाही विभाग में प्रचलित हैं, यदि हाँ, तो क्यों और कब से और क्या समय निर्धारित कर अनुमति प्रदाय की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों? प्रकरणवार बताइये? (घ) प्रश्नांश (ग) वर्णित औद्योगिक इकाइयों की स्थापना एवं भवनों के निर्माण और मानचित्रों की स्वीकृति तथा अनुज्ञा प्रदाय हेतु विभाग द्वारा क्या मार्गदर्शन और सहायता की जाती हैं एवं क्या नीति हैं और इसके लिए किन-किन शासकीय सेवकों एवं कार्यालयों की ज़िम्मेदारी नियत हैं? (ङ) कटनी जिले में आत्मनिर्भर भारत योजना के क्रियान्वन हेतु अब तक क्या प्रयास और कार्यवाही की गयी और क्या योजना के क्रियान्वन हेतु कोई कार्ययोजना बनाई गयी हैं? हाँ, तो विवरण देवें।
सूक्ष्म,लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री ( श्री चेतन्य कुमार काश्यप ) : (क) कटनी जिले के औद्योगिक क्षेत्र बरगवा, लमतरा, अमकुही, आईआईडीसी लमतरा इण्डस्ट्रियल पार्क कटनी, स्टोन पार्क हरदुआ-खुडावल एवं निजी भूमि एवं शासकीय भूमि को लीज में प्राप्त कर जिले के ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र में औद्योगिक इकाइयां संचालित है। जिले में प्रमुख रूप से खनिज पर आधारित उद्योग में डोलोमाइट पाउडर, व्हाइट सीमेंट, वाल पुट्टी कृषि पर आधारित राइस मिल, दाल मिल, बेकरी तथा अन्य विभिन्न प्रकार की उद्योग संचालित है। कच्चे माल के रूप में प्रमुखतया उपलब्ध खनिज पत्थर में लाइमस्टोन, डोलोमाइट, बॉक्साइट, क्ले, मार्बल पत्थर इत्यादि पाए जाते हैं। जिले में खनिज पर आधारित उद्योग, कृषि पर आधारित उद्योग, सेंडस्टोन एवं मार्बल आधारित, प्लास्टिक उद्योग एवं अन्य विभिन्न उद्योग स्थापित किए जा सकते हैं। (ख) एमएसएमई विभाग द्वारा औद्योगिक इकाइयों की स्थापना हेतु कोई अनुज्ञा/अनुमती नहीं दी जाती है। औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग, एमपीआईडीसी के सिंगल विंडो सिस्टम एवं इन्वेस्ट इंडिया पोर्टल के द्वारा अनुज्ञा/अनुमतिया प्रदान करने हेतु ऑनलाइन सेवाएं दी जाती है। कटनी जिले में जिला व्यापार एवं उद्योग विभाग के कार्यक्षेत्र में औद्योगिक क्षेत्र बरगवा में स्थापनाधीन उद्योगों के भवन अनुज्ञा हेतु आवेदन प्राप्त कर समिति की बैठक में अनुशंसा प्रदान की जाती है। जनवरी 2021 से जिले में प्रस्तावित एवं संचालित औद्योगिक इकाइयों के मानचित्र स्वीकृति की पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है तथा कोई भी प्रश्न दिनांक तक मानचित्र स्वीकृत हेतु लंबित नहीं है। औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग अनुसार कटनी जिले में औद्योगिक क्षेत्र अमकुही के प्रस्तावित एवं संचालित ऐसे उद्योग जिनके मानचित्र स्वीकृत किये गये है, उनकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है तथा वर्तमान में लंबित मानचित्र प्रकरणों की कारणों सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (ग) औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग अनुसार एमपीआईडीसी क्षेत्रीय कार्यालय जबलपुर अंतर्गत बड़वारा विधानसभा क्षेत्रांतर्गत उद्योगों की स्थापना से संबंधित कोई भी प्रकरण लंबित नहीं हैं। (घ) औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग अनुसार विभाग के अधीन भूमि पर प्रस्तावित औद्योगिक इकाइयों की स्थापना एवं भवनों के निर्माण हेतु मानचित्रों की स्वीकृति तथा अनुज्ञा प्रदाय हेतु इकाइयों से आवेदन प्राप्त किये जाते हैं तथा आवेदन किये जाने हेतु आवश्यक मार्गदर्शन दिया जाता है। एमपीआईडीसी क्षेत्रीय कार्यालय जबलपुर द्वारा नामित कार्यपालन यंत्री/सहायक यंत्री, कलेक्टर कटनी के प्रतिनिधि (डिप्टी कलेक्टर) एवं नगर निगम कटनी द्वारा नामित सहायक यंत्री मानचित्रों की स्वीकृति हेतु समिति के सदस्य होते हैं, मानचित्र स्वीकृति एवं भवन अनुज्ञा कार्य की उक्त सभी नामित शासकीय सेवकों एवं संबंधित कार्यालयों की सामूहिक जिम्मेदारी होती है। समिति से अनुमोदन उपरांत मानचित्र स्वीकृति कार्यकारी संचालक एमपीआईडीसी क्षेत्रीय कार्यालय जबलपुर द्वारा जारी की जाती है। (ड.) कटनी जिले में आत्मनिर्भर भारत के अंतर्गत ओडीओपी को प्रोत्साहित करने के लिए समय-समय पर वर्कशॉप किये जा रहे हैं। एक जिला एक उत्पाद के रूप में कटनी सेंडस्टोन एंड मार्बल को चुना गया है। समय-समय पर होने वाले कार्यक्रम एवं शिविरों में कटनी स्टोन को बढ़ावा देने के लिए सेंडस्टोन से संबंधित मूर्तियों के स्टाल भी लगाए जाते हैं एवं वर्कशॉप भी किए गए हैं। साथ ही आत्मनिर्भर भारत के तहत उद्योगों की स्थापना को बढ़ावा देने के लिए नवीन औद्योगिक क्षेत्र टिकरिया (तखला) को कटनी जिले में विकसित किया जा रहा है। आत्मनिर्भर भारत के तहत जिला स्तरीय रोजगार स्वरोजगार मेले का आयोजन किये गए है। औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग अनुसार निवेश प्रोत्साहन एवं रोजगार के सृजन हेतु औद्योगिक क्षेत्र अमकुही एवं इण्डस्ट्रियल पार्क लमतरा का विकास कार्य पूर्ण किया गया है।
ई-ऑफिस प्रणाली और शासकीय वेबसाईटों को अद्यतन करना
[सामान्य प्रशासन]
28. ( क्र.
381 ) श्री
धीरेन्द्र
बहादुर सिंह :
क्या
मुख्यमंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क)
क्या म.प्र.
शासन सामान्य
प्रशासन
विभाग के पत्र
क्रमांक-11-06/2020/1/9,दिनांक-06/07/2020 और
पत्र
क्रमांक-एफ-5-30/2020/माअप्र/1,दिनांक-26/09/2020 से
जारी
निर्देशों के
पालन में
कार्यवाही की गयी
हैं? (ख) प्रश्नांश
(क) हाँ, तो कटनी
जिले में
शासन/विभाग के
निर्देशों के पालन
में विभागवार
की गयी
कार्यवाही से
अवगत कराएं और
बताएं कि क्या
कटनी जिले के
सभी शासकीय
कार्यालयों द्वारा
निर्देशों का
पूर्ण पालन
किया जा चुका
है? हाँ, तो
शासकीय
कार्यालयवार
विवरण देवें, नहीं
तो क्यों? (ग) क्या
ई-ऑफिस और
शासकीय वेबसाईटों
को अद्यतन
रखने के शासन/ विभाग
के
आदेशों/निर्देशों
का समुचित
पालन किया गया? यदि
हाँ, तो
विवरण बताएं? यदि
नहीं तो क्या
कार्यवाही की
जायेगी? (घ) प्रश्नांश
(क) से (ग) के परिप्रेक्ष्य
में क्या
शासनादेशों
का
पूर्णरूपेण
पालन ना होने
का संज्ञान
लेकर, समयबद्ध
कार्यक्रम
तैयार कराकर
ई-ऑफिस
प्रणाली और
शासकीय वेबसाईटों
को अद्यतन
किया जायेगा? यदि
हाँ, तो
किस प्रकार और
कब तक, नहीं तो
क्यों?
मुख्यमंत्री
( डॉ. मोहन यादव ) :
(क) पत्र
क्रमांक-11-06/2020/1/9,दिनांक-06/07/2020
जारी नहीं
किया गया, शेष
प्रश्नांश
की जानकारी
एकत्रित की जा
रही है। (ख) प्रश्नांश
(क) के
परिप्रेक्ष्य
में एन.आई.सी.
के माध्यम से
शासन के समस्त
विभागों
द्वारा
शासकीय
सेवकों की
शासकीय ई-मेल
आईडी बनाई गई
है, शेष
प्रश्नांश
की जानकारी
एकत्रित की जा
रही है। (ग) एन.आई.सी.
द्वारा शासन
के विभिन्न
विभागों से
प्राप्त
आदेशों के
आधार पर
ई-ऑफिस एप्लीकेशन
को समयबद्ध
रूप से अद्यतन
किया जाता है।
शासकीय
वेबसाईटों का
अद्यतन एक
सतत् प्रक्रिया
है। (घ) यह एक
सतत्
प्रक्रिया है, समय-सीमा
बताया जाना
संभव नहीं है।
सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग की जानकारी
[सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम]
29. ( क्र. 425 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या सूक्ष्म,लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम विभाग द्वारा सुवासरा विधानसभा में कहां-कहां कितनी- कितनी भूमि उद्योग हेतु आवंटित कि गई है? (ख) आवंटित कि गई भूमि को राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज किया गया है या नहीं अगर दर्ज किया गया है तो प्रतिलिपि उपलब्ध करावें? (ग) आवंटित भूमि को आरक्षित चिंहित कर सीमांकन कर विभाग को सुपुर्द की गई है या नहीं? (घ) उक्त भूमि पर विकास हेतु विभाग द्वारा सुविधाओं (बिजली, पानी, सड़क इत्यादि) हेतु कितनी राशि स्वीकृत की गई है या योजना बनाई गई है या नहीं?
सूक्ष्म,लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री ( श्री चेतन्य कुमार काश्यप ) : (क) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में विभाग को कस्बा शामगढ़ में रकबा 50 हेक्टेयर भूमि आवंटित है। (ख) वर्तमान में दर्ज नहीं है। (ग) भूमि विभाग के आधिपत्य में है। (घ) जी नहीं।
आंगनवाड़ी एवं मिनी आंगनवाड़ी की जानकारी
[महिला एवं बाल विकास]
30. ( क्र. 426 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सुवासरा विधानसभा में कुल कितनी आंगनवाड़ी एवं मिनी आंगनवाड़ी है नाम सहित पृथक-पृथक जानकारी देवें? (ख) सुवासरा विधानसभा में वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक कुल कितने आंगनवाड़ी एवं मिनी आंगनवाड़ी भवनों का निर्माण हुआ है? (ग) सुवासरा विधानसभा में वर्ष 2016 से प्रश्न दिनांक तक आई.पी.पी. मनरेगा अभिसरण योजना अन्तर्गत स्वीकृत आंगनवाड़ी एवं मिनी आंगनवाड़ी भवनों की वर्तमान स्थिति की जानकारी देवें? (घ) अपूर्ण आंगनवाड़ी भवनों का निर्माण कार्य कब तक पूर्ण कर लिया जाएगा तथा भवन विहीन आंगनवाड़ी के भवन स्वीकृति हेतु क्या योजना बनाई गई?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत कुल 439 आंगनवाड़ी केन्द्र एवं 64 मिनी आंगनवाड़ी हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट पर है। (ख) सुवासरा विधानसभा में वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक कुल 133 आंगनवाड़ी भवनों तथा 01 मिनी आंगनवाड़ी भवन का निर्माण हुआ है। (ग) सुवासरा विधानसभा में वर्ष 2016 से प्रश्न दिनांक तक आई.पी.पी., मनरेगा अभिसरण योजना अन्तर्गत कुल स्वीकृत 116 आंगनवाड़ी भवन निर्माण में से 115 आंगनवाड़ी भवनों का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है एवं 01 आंगनवाड़ी भवन का निर्माण कार्य प्रगति पर है। (घ) आंगनवाड़ी भवनों का निर्माण कार्य निर्माण एजेसी द्वारा किया जाता है। अतः समय-सीमा बताया जाना सम्भव नहीं है। आंगनवाड़ी भवनों का निर्माण राज्य शासन की प्रथमिकता है। भवन विहीन आंगनवाड़ी केन्द्रों के लिये भवन निर्माण शासकीय भूमि एवं वित्तीय संस्थानों की उपलब्धता पर निर्भर है।
विधायक विकास निधि से स्वीकृत कार्यों की स्थिति
[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]
31. ( क्र. 428 ) श्री संजय सत्येन्द्र पाठक : क्या उप मुख्यमंत्री, वित्त महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र विजयराघवगढ़ क्षेत्रांतर्गत विकासखण्ड विजयराघवगढ़ एवं बड़वारा के विगत पांच वर्षों में किन-किन ग्राम पंचायतों में विधायक निधि से ग्राम पंचायतों को निर्माण कार्यों हेतु वर्षवार कितनी-कितनी राशि स्वीकृत की गयी? किन-किन ग्राम पंचायतों के कौन-कौन से कार्य पूर्ण किये गये? कितने के कार्य पूर्णता प्रमाण पत्र जारी हुये? शेष कितने का कार्य अभी नहीं हुआ है? ग्राम पंचायतवार, जनपदवार जानकारी देवें? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में अपूर्ण एवं कार्य जिनके प्रारंभ नहीं हुये? क्या उन्हें इसी वित्तीय वर्ष में पूर्ण करा लिये जायेंगे? यदि नहीं तो कार्यवार, ग्रामवार जानकारी देवें? (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में कार्य पूर्ण न करने के लिए कौन-कौन दोषी है? दोषियों पर क्या कार्यवाही की जावेगी?
उप मुख्यमंत्री, वित्त ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ, ''ब'' एवं ''स'' अनुसार है। (ख) निर्माण कार्यों की समीक्षा की जा रही है। कार्य पूर्ण कराने की कार्यवाही प्रचलन में है। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
स्व-सहायता समूहों द्वारा पोषण आहार वितरण
[महिला एवं बाल विकास]
32. ( क्र. 431 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या शासन द्वारा महिला उत्थान एवं रोजगार देने हेतु स्व-सहायता समूह को पोषण आहार वितरण से जोड़ा गया है, किन्तु सिवनी विधानसभा क्षेत्र में छोटे-छोटे समूहों के स्थान पर बड़े समूहों को पोषण आहार वितरण दिया गया है? यदि हाँ, तो क्या इससे छोटे समूह को लाभ से वंचित नहीं किया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) के क्रम में छोटे समूहों को बंद कर उन स्व-सहायता समूहों संलग्न महिलाओं के लिए शासन क्या योजना बना रहा है? नहीं तो क्यों?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) जी हाँ। जी नहीं। सिवनी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कुल 123 स्व-सहायता समूह संचालित है एवं छोटे-छोटे समूहों को ही पोषण आहार वितरण का कार्य दिया गया है। शेष का प्रश्न ही नहीं है। (ख) उत्तरांश (क) के अनुक्रम में शेष जानकारी का प्रश्न ही नहीं।
सायबर अपराध की रोकथाम
[गृह]
33. ( क्र. 432 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 जनवरी 2020 से जबलपुर संभाग के विभिन्न थाने में कुल कितने सायबर अपराध दर्ज किये? इनमें से कितने अपराधों में मुजरिमों को पकड़ा गया? विभाग ने गत तीन वर्षों में कितना-कितना बजट सायबर अपराध से निपटने के लिए कहां-कहां खर्च किया? इससे कितने प्रतिशत सायबर अपराधों में कमी आयी? (ख) प्रदेश में सोशल मिडिया के माध्यम से अपराध घटित होने की प्रश्नांश (क) अवधि में कुल कितनी शिकायत प्राप्त हुई, प्रदेश में सोशल मिडिया के अपराध पर लगाम लगाने हेतु विभाग द्वारा क्या प्रयास किये जा रहे हैं? केन्द्र सरकार ने उक्त अवधि में म.प्र. पुलिस के साथ मिलकर सायबर अपराध कम करने के लिए क्या-क्या सुविधाएं प्रदान करते हुए कितनी राशि प्रदेश को दी, केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा संयुक्त रूप से सायबर एवं सोशल मिडिया पर हो रहे अपराध को रोकने के लिए उक्त अवधि में क्या-क्या प्रयास किये गये? प्रदेश में लगभग कुल कितने सोशल मिडिया उपयोग करने वाले उपभोक्ता है? (ग) क्या प्रदेश में सोशल मिडिया पर कई फर्जी आईडी एवं मोबाईल नं. के माध्यम से अपराध किये जा रहे है? क्या फर्जी आईडी एवं मोबाईल नं. की जांच के लिए उक्त अवधि में विभाग के आई.टी. एक्सपर्ट ने मोबाईल कंपनियों के साथ मिलकर किया है? यदि हाँ, तो बैठक के निर्णय से अवगत करायें?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
उद्योग हेतु निवेश
[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]
34. ( क्र. 446 ) श्री माधव सिंह (मधु गेहलोत) : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला आगर मालवा में वर्तमान में औद्योगिक क्षेत्र में कितना निवेश हुआ है एवं किस-किस उद्योगपति द्वारा किया गया है सूची उपलब्ध करावें? (ख) आगर मालवा में निवेश का उपयोग कर कितने उद्योग खोले गए एवं वर्तमान में कितने उद्योग संचालित है अथवा नहीं सूची उपलब्ध करावें? (ग) क्या सरकार द्वारा जिला आगर मालवा को औद्योगिक क्षेत्र घोषित किया है यदि हाँ, तो वर्तमान में कौन-कौन से उद्योग लगाने हेतु किन-किन स्थानों को चिन्हित किया है?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) वर्तमान में औद्योगिक क्षेत्र का विकास कार्य प्रारंभिक चरण में है, औद्योगिक इकाइयों को भूमि आवंटन की प्रक्रिया प्रारंभ नहीं की गई है। अत: निवेश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) आगर-मालवा जिले के ग्राम-ढोटी एवं कांकर में औद्योगिक क्षेत्र आगर-मालवा के नाम से स्वीकृत किया गया है, जिसका विकास किया जा रहा है। उक्त औद्योगिक क्षेत्र किसी विशिष्ट उद्योग के लिए आरक्षित नहीं है एवं भूमि का आवंटन म.प्र. राज्य औद्योगिक भूमि एवं भवन प्रबंधन नियम 2019 यथा संशोधित 2022 के आधार पर किया जायेगा।
लाड़ली बहना योजनांतर्गत लाभार्थियों की जानकारी
[महिला एवं बाल विकास]
35. ( क्र. 482 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विधानसभा क्षेत्र पुष्पराजगढ़ में विगत 10 जनवरी 2024 को लाड़ली बहना योजना के अंतर्गत कितनी महिलाओं के खाते में कितनी राशि जमा की गई? (ख) इससे पहले दिसंबर 2023 में उपरोक्त विधानसभा क्षेत्र पुष्पराजगढ़ में लाड़ली बहना योजना के अंतर्गत कितनी महिलाओं के खाते में कितनी राशि जमा की गई थी? (ग) क्या दिसंबर, 2023 से जनवरी 2024 की अवधि में इस योजना की हितग्राही महिलाओं की संख्या में कमी हुई है यदि हाँ, तो इसका क्या कारण है?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) विधानसभा क्षेत्र पुष्पराजगढ़ में विगत 10 जनवरी 2024 को लाड़ली बहना योजना के अंतर्गत 50,651 महिलाओं के खाते में राशि रुपये 6,13,70,350/- मात्र जमा की गई। (ख) इससे पहले दिसम्बर 2023 में उपरोक्त विधानसभा क्षेत्र पुष्पराजगढ़ में लाड़ली बहना योजना के अंतर्गत 51,404 हितग्राहियों के खाते में राशि रुपये 6,22,30,600/- मात्र जमा की गई। (ग) हाँ दिसम्बर 2023 से जनवरी 2024 की अवधि में इस योजना की हितग्राही महिलाओं की संख्या में कमी हुई है जिसके कारण निम्नानुसार है:- (1) 01 जनवरी 2024 को 60 वर्ष की आयु पूर्ण होने के कारण योजना की पात्रता से बाहर (2) स्वैच्छिक लाभ परित्याग (3) समग्र से डिलीट होने के कारण (4) आधार से समग्र डीलिंक होने के कारण (5) मृत।
मुख्यमंत्री द्वारा की गई घोषनाओं का क्रियान्वयन
[सामान्य प्रशासन]
36. ( क्र. 483 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुख्यमंत्री द्वारा विधानसभा क्षेत्र पुष्पराजगढ़ के लिए पिछले 05 वर्षों में कौन-कौन सी घोषणाएं कब-कब और कहां-कहां की गई वर्षवार, घोषणावार, विभागवार, दिनांकवार ब्यौरा दें। उक्त योजनाओं की लागत का भी ब्यौरा दें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार उक्त घोषणाओं की वर्तमान स्थिति क्या है? कितनी संपूर्ण हुई, कितनी पर कार्य प्रगति पर है? (ग) मुख्यमंत्री की घोषणाओं के ऐसे कितने कार्य हैं जो तकनीकी स्वीकृति और बजट अभाव के कारण विलंबित हैं? प्रकरणवार ब्यौरा दें।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा पिछले 05 वर्षों में विधानसभा क्षेत्र - 88 पुष्पराजगढ़ में की गई घोषणाओं की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) कुल 21 घोषणाओं में से 08 पूर्ण, 09 पूर्ण सतत एवं 04 पर परीक्षण/कार्यवाही जारी है। (ग) कुल 21 में से 17 घोषणाएं पूर्ण सतत हो चुकी है। शेष 04 घोषणाओं में से 01 घोषणा क्रमांक सी-2709 दिनांक 09/08/2023 में 25 करोड की सैद्धान्तिक सहमति प्रदान की गई है। शेष अपूर्ण घोषणाएं संबंधित विभाग में परीक्षण होने से विलंबित है। जानकारी प्रश्नांश (क) में उल्लेखित संलग्न परिशिष्ट के कालम-8 में दर्ज है।
चोरी एवं अन्य प्रकरणों की जानकारी
[गृह]
37. ( क्र. 504 ) श्री दिनेश जैन बोस : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत 10 वर्षों में महिदपुर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत चंदन और अन्य ईमारती लकड़ियाँ, वन उपज की चोरी को लेकर कितने प्रकरण पंजीबद्ध किए गए हैं। (ख) कितनी-कितनी मूल्य की वन्य उपज इन तस्करों से प्राप्त हुई है? (ग) दर्ज प्रकरणों में से कितने अपराधियों को सजा दी गयी हैं और कितने प्रकरण विचाराधीन है। (घ) पुलिस विभाग द्वारा कंजर और चंदन तस्करों की रोकथाम के लिए क्या प्रभावी कदम उठाए गए हैं।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) से (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (घ) थाना क्षेत्रों में कंजर एवं चंदन तस्करी की रोकथाम हेतु वन क्षेत्रों में नाकेदारों वन विभाग की चौकियों में तैनात चौकीदारों से समन्वय कर सतत् रोड पेट्रोलिंग, नाकाबंदी, चेकिंग एवं गश्त की जा रही है।
आंगनवाड़ी केन्द्रों का संचालन
[महिला एवं बाल विकास]
38. ( क्र. 506 ) श्री दिनेश जैन बोस : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) महिदपुर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कितने आंगनवाड़ी केंद्र संचालित हैं एवं कार्यरत आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं की क्या शैक्षणिक योग्यताएं हैं? (ख) क्षेत्र अंतर्गत कितने आंगनवाड़ी केन्द्रों पर कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं के पद कब से रिक्त हैं? (ग) उक्त क्षेत्र अंतर्गत कितने आंगनवाड़ी केंद्र शासकीय भवन में और कितने किराये के भवन और अन्य जगह संचालित हो रहे हैं? (घ) पिछले 5 वर्षों में बच्चों को प्रदाय किया जा रहे मध्यान्ह भोजन की गुणवत्ता परखने के लिए कब-कब विभागीय अधिकारियों द्वारा निरीक्षण एवं संबंधित को नोटिस प्रदान किए गए, प्रति देवें?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) महिदपुर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत 283 आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित है। कार्यरत आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिकाओं की शैक्षणिक योग्यता संबंधी जानकारी संलग्न परिशिष्ट ''अ'' पर है। (ख) आंगनवाड़ी केन्द्रों पर कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं रिक्त पदों से संबधित जानकारी संलग्न परिशिष्ट ''ब'' पर है। (ग) महिदपुर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत 200 आंगनवाड़ी केन्द्र शासकीय भवन में 37 आंगनवाड़ी केन्द्र किराये के भवन में तथा 46 आंगनवाड़ी केन्द्र अन्य जगह संचालित हो रहे हैं। (घ) मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम विभाग द्वारा क्रियान्वित न होने से शेष जानकारी का प्रश्न ही नहीं।
हत्या, डकैती एवं चोरी के अपराधों में पुलिस की कार्यवाही
[गृह]
39. ( क्र. 510 ) श्री देवेन्द्र कुमार जैन : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शिवपुरी जिले में अप्रैल 2023 से प्रश्न दिनांक तक हत्या, डकैती, चोरी, लूटपाट के कितने प्रकरणों में पुलिस प्राथमिकी दर्ज की गई है? पृथक-पृथक प्रकरणवार, थानावार दिनांकवार जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार उक्त प्रकरणों में पुलिस द्वारा अब तक क्या-क्या कार्यवाही की गई है? प्रकरणों में चिन्हित किए गए कितने अपराधियों को पकड़ा जा चुका है? कितने अपराधी अभी भी पकड़े जाना शेष हैं तथा उन्हें पकड़ने हेतु पुलिस द्वारा क्या कार्यवाही की गई? जानकारी दें? प्रकरणवार नियुक्त किए गए जांच अधिकारियों की सूची उपलब्ध कराते हुए उक्त समस्त प्रकरणों में अब तक की गई समस्त कार्यवाही का पूर्ण विवरण उपलब्ध कराएं? (ग) शिवपुरी जिले में अपराधों पर नियंत्रण हेतु क्या प्रयास किए जा रहे हैं? इस संबंध में की जा रही कार्यवाही का ब्यौरा उपलब्ध करावें?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार।
विभाग द्वारा की जा रही कार्यवाही
[गृह]
40. ( क्र. 517 ) श्री राजेन्द्र भारती : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भारत निर्वाचन आयोग द्वारा विधानसभा चुनाव के पश्चात् लोकसभा चुनाव 2024 के संबंध में Chapter-19 Model Code And Govt Officials के परिपालन में जून 2024 तक तीन वर्ष का कार्यकाल पूर्ण करने वाले पुलिसकर्मियों (शासकीय अधिकारियों-कर्मचारियों) के स्थानांतरण करने बाबत् निर्देश दिये गये हैं? यदि हाँ, तो क्या विभाग द्वारा स्थानांतरण करने के संबंध में जिलों से जानकारी मंगाई जा रही है? यदि हाँ, तो कितने जिलों से जानकारी प्राप्त हो चुकी है? कृपया जिलावार विवरण उपलब्ध करायें। क्या उक्त आदेश/निर्देश के परिपालन में दतिया जिला में पदस्थ अधिकारियों सहित इंस्पेक्टर/सब इंस्पेक्टर के नाम/कार्यकाल सहित संपूर्ण जानकारी प्रेषित की गई है? कृपया सूचियों सहित जानकारियां प्रदाय करें। (ख) क्या दतिया जिला में पदस्थ इंस्पेक्टर एवं सब इंस्पेक्टर/सहायक उपनिरीक्षक जिला में कब से पदस्थ (दतिया जिला में कुल कार्यकाल) है? क्या पदोन्नति के पश्चात् भी उक्त पुलिसकर्मी एक जिला/एक ही तहसील एवं एक थाने में कब से पदस्थ है। कृपया उक्त पुलिसकर्मियों का जिला/तहसील एवं थानावार कार्यकाल की अलग-अलग जानकारी दें। (ग) उक्त पुलिस कर्मियों को दतिया जिला/तहसील एवं थाना में तीन वर्ष के कार्यकाल पूर्ण करने के पश्चात् भी पुनः इसी स्थान पर रखने के क्या-क्या कारण है? उक्त कर्मचारियों को कितने-कितने दण्ड (सजा) दी गई है तथा उक्त पुलिस कर्मियों इंस्पेक्टर एवं सब इंस्पेक्टर के सर्विस बुक में निवास स्थान का पता/ग्राम/शहर/जिला क्या दर्ज है? कृपया नाम/पद/पता सहित अलग-अलग जानकारी (सूचियां) उपलब्ध करायें? (घ) क्या उक्त कर्मचारियों (इंस्पेक्टर/सब इंस्पेक्टर) के विरुद्ध शिकायतें/जांच की गई है? यदि हाँ, तो वर्तमान में कितने इंस्पेक्टर एवं सब इंस्पेक्टर के विरुद्ध विभागीय जांच संस्थित है? क्या डी.ई. प्रचलित रहते हुए पुलिसकर्मी थाने में पदस्थ रह सकता है? यदि हाँ, तो कारण सहित बतायें और यदि नहीं तो थाने में पदस्थ रहने के क्या-क्या कारण है?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ, विभाग द्वारा समस्त पुलिस अधीक्षकों से माननीय निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार अग्रिम कार्यवाही करते हुये चाहा गया पालन प्रतिवेदन निम्नलिखित जिलों से प्राप्त हो चुका है:- भोपाल, सीहोर, विदिशा, राजगढ़, नर्मदापुरम, हरदा, रायसेन, बैतूल, अशोकनगर, शिवपुरी, श्योपुर, दतिया, जबलपुर कटनी, छिंदवाड़ा, नरसिंहपुर, सिवनी, सागर, दमोह, छतरपुर, पन्ना, टीकमगढ़, इंदौर, धार, झाबुआ, अलिराजपुर, खरगौन, खण्डवा, बड़वानी, बुरहानपुर, उज्जैन, देवास, शाजपुर, रतलाम, आगर-मालवा, रीवा, सतना, सीधी, सिंगरौली, मेहर, अनुपपुर, डिण्डोरी, बालाघाट एवं मण्डला। जिला दतिया से प्राप्त जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- ''ब'' अनुसार है। (ग) जिला दतिया अंतर्गत माननीय भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार पदस्थापना की गई है। शेष प्रश्नांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है। (घ) जी हाँ। संस्थित विभागीय जांच की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- ''ब'' के कॉलम संख्या 8, 9 एवं 10 अनुसार। जी हाँ। पुलिस मुख्यालय के पत्र कमांक-पुमु/3/कार्मिक/7/6192/14 भोपाल दिनांक 15.10.2014 जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''स'' के माध्यम से जिन पुलिस कर्मियों के विरूद्ध भ्रष्टाचार, नैतिक अधोपतन, शारीरिक हिंसा एवं अवैध निरोध संबंधी आरोपों पर विभागीय जांच लंबित है, उन्हें पुलिस थानों, काइम ब्रांच अथवा किसी अधिकारी के कार्यालय में कार्य हेतु तैनात नहीं किया जायेगा, के निर्देश दिये गये हैं।
रजिस्ट्री रोके जाने का प्रावधान
[वाणिज्यिक कर]
41. ( क्र. 518 ) श्री राजेन्द्र भारती : क्या उप मुख्यमंत्री, वित्त महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रजिस्ट्रार/सब रजिस्ट्रार कार्यालय में क्रेता/विक्रेता की रजिस्ट्री (विक्रय पत्र) रोके जाने का क्या प्रावधान है? कृपया नियम/निर्देशों का उल्लेख कर प्रति उपलब्ध कराये? (ख) क्या क्रेता/विक्रेता के अतिरिक्त अन्य कोई व्यक्ति द्वारा रजिस्ट्री (विक्रय-पत्र) पर आपत्ति की वैधानिक स्थिति क्या है? कृपया विवरण देते हुए बताये कि क्या ऐसी आपत्तियों पर रजिस्ट्रार/सबरजिस्ट्रार कार्यालय द्वारा रजिस्ट्री रोकी जा सकती है? यदि हाँ, तो विवरण दें? (ग) क्या रजिस्ट्रार/सब रजिस्ट्रार कार्यालय दतिया में जनवरी/फरवरी 2022 में म.प्र. गृह निर्माण मण्डल द्वारा कितने पंजीयन पत्र कराने हेतु प्रकरण प्रस्तुत किये गये? कृपया विवरण देते हुए बताये कि क्या उक्त पंजीयन पत्रों पर अन्य व्यक्तियों की फर्जी शिकायतों पर एस.डी.एम. दतिया द्वारा रोक लगाई गई है? यदि हाँ, तो किस आदेश/नियम/कानून से रोक लगी हुई है? कृपया शिकायतकर्ताओं का शिकायत के बिन्दुओं का विवरण दें। (घ) क्या उक्त फर्जी शिकायतों के आधार पर रजिस्ट्रियां रोकी जा सकती है? यदि हाँ, तो नियम/कानूनों का उल्लेख करें और यदि नहीं तो उक्त रोकी गई रजिस्ट्रियां कराई जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक।
उप मुख्यमंत्री, वित्त ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) मध्यप्रदेश रजिस्ट्रीकरण नियम, 1939 के नियम 19 अनुसार लिखितमों को संशोधन शुद्धिकरण अथवा लोप को पूरा करने हेतु दस्तावेज वापस किए जाने का प्रावधान है। संगत प्रावधानों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ख) पंजीयन मैन्युअल की कण्डिका 320 अनुसार दस्तावेज निष्पादित करने वाले या उसके अधीन दावा न करने वाले व्यक्तियों के द्वारा आपत्ति तब तक ग्रहण योग्य नहीं है, जब तक कि वह किसी निष्पादक या दावेदार की पहचान अथवा पंजीयन की कार्यवाहियों में भाग लेने वाले किसी व्यक्ति की उसमें भाग लेने की क्षमता से संबंधित न हो। (ग) जनवरी, फरवरी, 2022 में मध्यप्रदेश गृह निर्माण मण्डल द्वारा निष्पादित 04 दस्तावेज उपपंजीयक कार्यालय दतिया में प्रस्तुत किए गए। इनमें से एक दस्तावेज जो लीज एग्रीमेन्ट का नवीनीकरण है, के संबंध में अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) दतिया के पत्र क्रमांक क्यू/अ.वि.अ./स्टेनो/2022/963, दिनांक 07/01/2022 द्वारा रोक लगाई गई है। शिकायतकर्ता की शिकायत के बिन्दुओं का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। (घ) जी नहीं। प्रश्नांश (ग) के उत्तर में वर्णित लीज नवीनीकरण के दस्तावेज का पंजीयन किया जा चुका है। अत: शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना
[सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम]
42. ( क्र. 522 ) श्री भैरो सिंह बापू : क्या सूक्ष्म,लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना के आरंभ होने के बाद से प्रश्न दिनांक तक विधानसभा क्षेत्र सुसनेर सहित जिला आगर मालवा में कितने बेरोजगार युवाओं द्वारा इस योजना के अंतर्गत कर्ज के लिए आवेदन प्राप्त हुए हैं? प्रश्न दिनांक तक उपरोक्त आवेदनों में से कितने हितग्राहियों को कितना कर्ज स्वीकृत किया गया? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार कितने प्रकरण विचाराधीन है तथा कितने अस्वीकृत किए गए? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार ऐसे कितने स्वीकृत प्रकरण है जिन्हें बैंक से कर्ज मिल गया है एवं उनके द्वारा कौन सा उद्योग स्थापित कर लिया गया है सम्पूर्ण हितग्राही की जानकारी देवें?
सूक्ष्म,लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री ( श्री चेतन्य कुमार काश्यप ) : (क) मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना के आरंभ होने के बाद से प्रश्न दिनांक तक विधानसभा क्षेत्र सुसनेर सहित जिला आगर मालवा में 966 बेरोजगार युवाओं द्वारा इस योजना के अंतर्गत कर्ज के लिए आवेदन प्राप्त हुए है। प्रश्न दिनांक तक उपरोक्त आवेदन में से 519 हितग्राहियों को राशि रू. 24.50 करोड़ का कर्ज स्वीकृत/वितरित किया गया। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार 54 प्रकरण बैंकों में विचाराधीन है एवं 393 प्रकरण अस्वीकृत किए गए है। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार ऐसे 519 स्वीकृत प्रकरण है जिन्हें बैंक से कर्ज मिल गया है। उनके द्वारा स्थापित किये गये उद्योग एवं हितग्राही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
जनभागीदारी योजना में स्वीकृत कार्यों की अद्यतन स्थिति
[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]
43. ( क्र. 523 ) श्री भैरो सिंह बापू : क्या उप मुख्यमंत्री, वित्त महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक तक जनभागीदारी मद से जिला आगर मालवा में कितने कार्य कहां-कहां स्वीकृत हुए स्थल व राशिवार जानकारी उपलब्ध करावे साथ ही कार्यों की अद्यतन स्थिति से अवगत करावें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार ऐसे कितने प्रस्ताव जनभागीदारी मद से स्वीकृति हेतु लंबित है जानकारी देवें तथा ऐसे कितने प्रकरण हैं जिनमें स्वीकृति उपरांत द्वितीय किश्त तथा अंतिम किश्त का भुगतान नहीं किया गया है? (ग) क्या वर्तमान में जनभागीदारी योजना में आहरण वितरण पर वित्त विभाग द्वारा रोक लगाई गई है यदि हाँ, तो आदेश की प्रति उपलब्ध करावे क्या उक्त योजना वर्तमान में बंद है?
उप मुख्यमंत्री, वित्त ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जिला कार्यालय आगरमालवा में प्रश्न दिनांक तक 18 कार्यों के प्रस्ताव जनभागीदारी योजना में स्वीकृति हेतु लंबित है। 02 प्रगतिरत कार्यों का कार्यपूर्णता प्रमाण पत्र के अभाव में अंतिम किश्त जारी की जाना शेष है। (ग) जी नहीं, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
योजनाओं का क्रियान्वय
[महिला एवं बाल विकास]
44. ( क्र. 538 ) श्रीमती रीती पाठक : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सीधी जिले में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका सहित इस विभाग अन्तर्गत कुल कितने पद स्वीकृत है एवं इन पदों में कितने पद रिक्त है और कितने पदों पर नियुक्तियाँ की जा चुकी हैं विस्तृत ब्यौरा दें? (ख) सीधी जिले में महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा वित्तीय वर्ष 2023-24 में अभी तक कितने परीक्षण कार्यक्रम/कार्यशाला एवं अन्य जिला स्तरीय कार्यक्रम आयोजित किये गये हैं एवं वित्तीय वर्ष 2024-25 में ऐसे कार्यक्रम कब-कब किन माध्यमों से आयोजित किये जाने हैं? इन समस्त कार्यों में कितने कार्यक्रम विभाग द्वारा स्वयं कितने कार्यक्रम गैर सरकारी संगठनों से एवं कितने कार्यक्रम प्राइवेट फर्म के माध्यम से कराये जाते हैं? (ग) म.प्र. शासन की समस्त योजनाओं लाड़ली लक्ष्मी योजना, प्रधानमंत्री मातृ वंदन योजना, लाड़ली बहना योजना, स्वास्थ्य बालक– बालिका पोषण योजना, अन्तर्गत सीधी जिले में ऐसे कितने पात्र हितग्राही हैं जिनका नाम नहीं जुड़ पाया है और कितने हितग्राही योजना से लाभ ले रहे हैं, इन योजनाओं में नाम जोड़ने हेतु कितने आवेदन लंबित है? सम्पूर्ण ब्यौरा प्रदान किया जाए।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) महिला एवं बाल विकास विभाग जिला सीधी अन्तर्गत आंगनवाड़ी कार्यकर्ता व सहायिका सहित विभाग अन्तर्गत स्वीकृत/भरे एवं रिक्त पदों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। (ख) महिला एवं बाल विकास विभाग जिला सीधी अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2023-24 में दिनांक 12/01/2024 को महिलाओं का कार्यस्थल पर लैंगिग उत्पीड़न (निवारण प्रतिशोध एवं प्रतितोष) अधिनियम 2013 से संबंधित जिला स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। वित्तीय वर्ष 2024-25 में उक्तानुसार कार्यक्रम/कार्यशाला का आयोजन का कोई प्रस्ताव वर्तमान में विचाराधीन नहीं होने से शेष जानकारी का प्रश्न ही नहीं। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार है।
जिला खनिज प्रतिष्ठान निधि की राशि से स्वीकृत कार्य
[खनिज साधन]
45. ( क्र. 571 ) श्री बिसाहूलाल सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनूपपुर जिले में डी.एम.एफ. मद से कार्य करवाने हेतु कितने प्रस्ताव कब-कब किनके द्वारा प्राप्त हुए? इनमें से किन-किन प्रस्तावों को स्वीकृत किया गया है? (ख) उच्च प्राथमिकता क्रम वर्ष 2021-22 एवं 2022-23 में कितनी राशि किस कार्य के लिये खर्च की गई? (ग) क्या अनूपपुर जिले के डी.एम.एफ. मद की राशि से क्या महुदा-धुरवासि-परासी-कोतमा मार्ग का प्रस्ताव किसके द्वारा कब किया गया था? उक्त प्रस्ताव में कितनी राशि स्वीकृत हुई थी? उक्त कार्य की अद्यतन स्थिति क्या है? (घ) उक्त कार्य हेतु स्वीकृत की गई डी.एम.एफ. की राशि से निर्माण कार्य नहीं होने से क्या उक्त राशि को लोक निर्माण विभाग से वापस कर अन्य निर्माण कार्य हेतु स्वीकृत की गई है? यदि हाँ, तो किसके प्रस्ताव के अनुसार तथा यदि स्वीकृत नहीं की गई है तो उक्त राशि की वर्तमान स्थिति क्या है तथा उसे व्यय करने के क्या प्रस्ताव हैं?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट पर है। (ग) प्रमुख सचिव, म.प्र. शासन लोक निर्माण विभाग के अर्द्ध शासकीय पत्र क्र. 119 दिनांक 18/05/2022 के द्वारा अनूपपुर जिले को प्रस्ताव प्राप्त हुआ था। प्रस्ताव अनुसार 652.91 लाख की राशि स्वीकृत हुई थी। प्रश्नांश अनुसार मार्ग के निर्माण हेतु प्रथम अनुपूरक बजट वर्ष 2023-24 में योजना क्रमांक 2457 में प्रावधान अनुसार सरल क्रमांक 77 में सम्मिलित किए जाने के कारण विस्तृत प्राक्कलन रूपए 4198.24 लाख का, जिला स्तर से तैयार कर स्वीकृति एवं अग्रिम कार्यवाही हेतु शासन को प्रेषित किया गया है। इस कारण से म.प्र. जिला खनिज प्रतिष्ठान नियम, 2016 के नियम 14 (ख) के तहत 652.91 लाख का कार्य डी.एम.एफ. पोर्टल से निरस्त किए जाने हेतु कार्यालय जिला पंचायत अनूपपुर के पत्र क्रमांक 3259 दिनांक 31/10/2023 से प्राप्त हुआ है। (घ) उक्त कार्य हेतु स्वीकृत की गई डीएफएफ की राशि निर्माण कार्य नहीं होने से उक्त राशि का उपयोग अन्य निर्माण कार्य स्वीकृति किये जाने हेतु राशि का उपयोग नहीं किया गया है। उक्त राशि जिला खनिज प्रतिष्ठान अनूपपुर के बैंक खाते में उपलब्ध है। उक्त कार्य की स्वीकृति निरस्त किये जाने हेतु प्रस्ताव कार्यालय जिला पंचायत अनूपपुर के पत्र क्रमांक 3259 दिनांक 31/10/2023 से प्राप्त हुआ है। जिस पर शासन स्तर से कार्य निरस्त होने के उपरांत उक्त राशि का उपयोग वार्षिक कार्य योजना के अन्य कार्य स्वीकृत किये जावेंगे।
क्रेशर एवं पत्थर खदानों की जानकारी
[खनिज साधन]
46. ( क्र. 572 ) श्री बिसाहूलाल सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला अनूपपुर में कितने क्रेशर तथा पत्थर की खदानें संचालित है तथा क्रेशर एवं पत्थर की खदानें संचालित किये जाने के क्या प्रावधान है? (ख) क्या जिला अनूपपुर में अधिकांश क्रेशर मालिकों के द्वारा क्रेशर के साथ-साथ पत्थर खदान के लीज भी लिये है? यदि हाँ, तो क्रेशर एवं पत्थर की खदान संचालित करने की नियमावली क्या हैं? क्या क्रेशर मालिक एवं पत्थर खदान के मालिकों के द्वारा शासन द्वारा निर्धारित नियमावली का पालन किया जाता है? यदि हाँ, तो कौन-कौन से नियम का पालन किया जा रहा है? (ग) क्या ग्राम पंचायत देवरी अंतर्गत आदिवासी बाहुल्य ग्राम सेमरवार में क्रेशर संचालित है तथा उसके द्वारा क्रेशर चलाने हेतु पत्थर खदान से पत्थर भी तोड़ा जाता है यदि हाँ, तो पत्थर तोड़ने के लिए उसे कितनी क्षमता की विस्फोटक पदार्थ का प्रयोग करने की अनुमति प्रदान की गयी है? (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार क्या रफीक खान द्वारा पत्थर तोड़ते समय उच्च क्षमता का विस्फोटक पदार्थ का प्रयोग करने से आस-पास के गांव के घर हिल जाते है तथा लोगों को जन हानि का खतरा निरंतर मंडराता है। यदि हाँ, तो विभाग के द्वारा उसके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी और कब तक?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जिला अनूपपुर में पत्थर की कुल 82 खदानें संचालित हैं तथा कुल 89 स्टोन क्रेशर संचालित हैं। पत्थर की खदानों के संचालित किये जाने के प्रावधान पूर्व से अधिसूचित नियम मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम 1996 में वर्णित हैं। स्टोन क्रेशर को स्थापित किए जाने एवं संचालित किए जाने के संबंध में अनुमति, पूर्व से अधिसूचित अधिनियम, वायु (प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण) अधिनियम, 1981 तथा जल (प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण) अधिनियम 1974 के तहत लिया जाना अनिवार्य है। (ख) जी हाँ, प्रश्नांश (क) अनुसार पत्थर खदान संचालित किए जाने का प्रावधान उक्त नियमों में वर्णित है तथा क्रेशर स्थापना तथा संचालन की अनुमति जल एवं वायु अधिनियम के प्रावधानों के तहत लिया जाना आवश्यक है। पत्थर खदानों के संचालन के लिए पर्यावरण स्वीकृति प्राप्त किए जाने के साथ जल एवं वायु अधिनियम के प्रावधानों के तहत अनुमति प्राप्त किया जाना आवश्यक है। पत्थर खदान धारक एवं क्रेशर मालिकों द्वारा मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम 1996 तथा पर्यावरण संरक्षण अधिनियम, 1986 के तहत वर्णित प्रावधानों का पालन किया जाता है। (ग) जी नहीं। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नांश अनुसार ऐसा कोई तथ्य प्रकाश में नहीं आया है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
जबलपुर जिले में सेफ सिटी मुहिम
[गृह]
47. ( क्र. 578 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सेफ सिटी मुहिम जबलपुर जिले के अंतर्गत 18 थानों के 54 स्थानों को चिन्हांकित किया गया है जहां शोहदों के आतंक से महिलायें असुरक्षित हैं? (ख) क्या पूरे शहर के लिये मात्र एक टीम शक्ति टॉस्क फोर्स रखी गई है? (ग) यदि हाँ, तो क्या एक टीम एक मोबाईल वेन के द्वारा एक समय में चिन्हांकित सभी स्थानों में नियंत्रण करना संभव है? (घ) यदि नहीं तो क्या टीम एवं मोबाईल वेन बढ़ाने पर विचार किया जायेगा?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) सेफ सिटी मुहिम जबलपुर जिले अन्तर्गत 15 थानों के महाविद्यालयों स्कूल तथा अन्य शैक्षणिक संस्थानों, सार्वजनिक स्थलों, बस, आटो स्टैण्ड पर सतत् भ्रमणशील रहने तथा तत्कालिक रूप से महिलाओं संबंधित शिकायत प्राप्त होने पर कार्यवाही सुनिश्चित के लिये निर्देशित किया गया है। साथ ही शाम के समय चौपाटी रमणीक पर्यटन स्थल मॉल इत्यादि भीड़ भाड़ वाले 52 स्थानों को चिन्हित किया गया है जिसमें महिलाओं/बालिकाओं के साथ दुर्व्यवहार की घटनायें हो सकती है। इन स्थानों पर सतत् रूप से भ्रमणशील रहने एवं महिलाओं संबंधित शिकायत प्राप्त होने पर तत्काल कार्यवाही सुनिश्चित करने निर्देशित किया गया है। इसके लिये सूचना हेतु हेल्पलाईन नम्बर 7587632990 जारी किया गया है। (ख) जी नहीं। शक्ति टॉस्क फोर्स के अलावा शहर के स्थानीय थानों में ऊर्जा डेस्क संचालित है तथा छोटे थानों में भी डॉयल 100 की एक एफआरव्ही व कुछ बड़े थानों में डॉयल 100 की एक से अधिक एफआरव्ही एवं इसके अतिरिक्त थाना क्षेत्र में थाना मोबाईल पेट्रोलिंग एवं 02 मोटर साईकिलें भी पेट्रोलिंग में रहती है। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) महिला अपराधों एवं गंभीर अपराधों के परिप्रेक्ष्य में भविष्य में आवश्यकता पड़ने पर टीम एवं मोबाईल वाहन बढ़ाने पर विचार किया जायेगा।
मिनी आंगनवाड़ी केन्द्रों की स्वीकृति
[महिला एवं बाल विकास]
48. ( क्र. 579 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या मजराटोला (तिवारीखेडा), झुरझुरू टोला (निपनिया), नारायणधाम (वीरनेर), कॉलोनी मोहल्ला (वीरनेर), बम्हनी (बरेला), जुनवानी (महगवां परतला) एवं अन्य ग्रामों के बच्चे आंगनवाड़ी केन्द्रों में नहीं जा रहे हैं? (ख) क्या इन ग्रामों में मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र प्रारंभ करने के प्रस्ताव दिनांक 20-09-2023 प्राप्त हुये हैं? (ग) यदि हाँ, तो कब तक आंगनवाड़ी केन्द्र प्रारंभ किये जायेंगे? यदि नहीं तो क्यों?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) जी नहीं। आंगनवाड़ी केन्द्र से दूरी अधिक होने के कारण मजराटोला (तिवारीखेड़ा) के बच्चे आंगनवाड़ी केन्द्र तिवारीखेड़ा से, झुरझुरू टोला (निपनिया) के बच्चे, आंगनवाड़ी केन्द्र झुरझुरू से, नारायणधाम (वीरनेर) के बच्चे, आंगनवाड़ी केन्द्र सरसवाही से, कालोनी मोहल्ला (वीरनेर) के बच्चे आंगनवाड़ी केन्द्र वीरनेर से, बम्हनी (बरेला) के बच्चे आंगनवाड़ी केन्द्र बम्हनी से, जुनवानी (महगंवा परतला) के बच्चे आंगनवाड़ी केन्द्र जुनवानी से एवं अन्य ग्रामों के बच्चों को समीप के आंगनवाड़ी केन्द्र से पोषण आहार सहित अन्य सेवाओं से लाभान्वित किया जा रहा है। (ख) जी हाँ। (ग) नवीन आंगनवाड़ी/मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र खोलने की स्वीकृति भारत सरकार द्वारा दी जाती है। वर्तमान में भारत सरकार द्वारा नवीन आंगनवाड़ी केन्द्र/मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र खोलने की स्वीकृति प्रदान नहीं की जा रही है। अतः शेष का प्रश्न नहीं।
संचालित आंगनवाड़ी केन्द्रों के भवनों की जानकारी
[महिला एवं बाल विकास]
49. ( क्र. 580 ) श्री विपीन जैन : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मंदसौर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कुल कितने आंगनवाड़ी केंद्र कहां-कहां संचालित हैं, संचालित केंद्रों में कितने आंगनवाड़ी केंद्र स्वयं विभाग के भवन में, स्कूल भवन में, किराए के भवन में अन्य शासकीय भवनों में, स्वयं कार्यकर्ताओ के भवन में संचालित हो रही हैं? सूची देवें। (ख) विधानसभा क्षेत्र में कितने भवन अप्रैल 2014 से प्रश्न दिनांक तक किस-किस मद से स्वीकृत हुए हैं लागत, ठेकेदार का नाम, भवन पूर्णता प्रमाण-पत्र देवें बताएं इनमें से कितने भवनों के निर्माण कार्य अपूर्ण हैं? उसके कारण, उन्हें कुल राशि में से किया गया भुगतान, संबंधित को दिए नोटिस इत्यादि का विवरण प्रमाणित प्रति सहित देवें। (ग) विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कितने नए आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण के प्रस्ताव प्राप्त हुए/स्थानीय विभागीय अधिकारी द्वारा तैयार किये है? सूची देवें। बतायें की इन भवनों की स्वीकृति कब तक की जाएगी?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) मंदसौर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कुल 399 आंगनवाड़ी केंद्र संचालित हैं, संचालित केंद्रों में 129 आंगनवाड़ी केंद्र स्वयं के विभागीय भवनों में, 116 स्कूल (अन्य शासकीय) भवनों में, 154 किराए के भवनों में संचालित है। सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है। (ख) विधानसभा क्षेत्र में अप्रैल 2014 से प्रश्न दिनांक तक विभिन्न मदों/योजनाओं में स्वीकृत हुए आंगनवाड़ी भवनों की लागत, ठेकेदार के नाम, भवन पूर्णता प्रमाण-पत्र, निर्माण कार्यों की वर्तमान स्थिति, भुगतान का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है। (ग) विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत नए आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण के 03 प्रस्ताव स्थानीय जनप्रतिनिधियों से प्राप्त हुए हैं। जिसकी सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''स'' अनुसार है। भवन विहीन आंगनवाड़ी केन्द्रों के लिये भवन निर्माण शासकीय भूमि एवं वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर है। समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है।
खनन केन्द्रों की जानकारी
[खनिज साधन]
50. ( क्र. 581 ) श्री विपीन जैन : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र मंदसौर अंतर्गत प्रश्न दिनांक तक कितनी खदाने गिट्टी व अन्य खनिज की कब से, किस नाम/फर्म की, कितने हेक्टेयर, गहराई हेतु स्वीकृत की गई थी इनकी अंतिम लिज्ड अवधि सहित जानकारी देवें। (ख) संचालित दिनांक से कब-कब राजस्व एवं विभागीय अधिकारियों द्वारा निरीक्षण कर किन-किन अनियमितताओं को लेकर कार्यवाही की गई प्रति देवें। (ग) कितनी खदानों के विरुद्ध जनवरी 2014 से किसानों एवं आसपास के नागरिकों द्वारा कितनी शिकायतें प्राप्त हुई है प्राप्त शिकायतों के आधार पर शासन द्वारा कितनों पर दंडात्मक कार्रवाई की गई है? (घ) प्रारम्भ दिनांक से संचालित खदानों द्वारा प्रतिवर्ष कितना खनन किया गया है व कितना राजस्व विभाग को प्राप्त हुआ है? वर्षवार जानकारी देवें। (ड.) क्या प्रश्न अंश में संचालित सभी खदानों के पास वर्तमान खनन नीति अनुसार आवश्यक मशीनें एवं पर्यावरण अनापत्तियां उपलब्ध है यदि हाँ, तो इस संबंध में विभाग प्रमुख का प्रतिवेदन एवं समस्त अनापत्तियों की प्रमाणित प्रतिलिपि उपलब्ध कराएं। (च) कितनी खदानें ऐसी हैं जो मापदंड अनुरूप नहीं है और प्रक्रिया अधीन है फिर भी उनसे खनन किया जा रहा है? सूची देवें।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर दर्शित है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर दर्शित है। (ग) प्रश्नाधीन अवधि में किसानों एवं आसपास के नागरिकों की कोई शिकायत प्राप्त न होने से प्रश्नांश की जानकारी निरंक है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स पर दर्शित है। (ड.) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द पर दर्शित है। नियमों में पर्यावरण अनुमति हेतु विभाग प्रमुख से प्रतिवेदन प्राप्त किये जाने के प्रावधान न होने से विभाग प्रमुख द्वारा कोई प्रतिवेदन नहीं दिया गया है। (च) बिना मापदण्ड/प्रक्रिया के अधीन किसी भी खदान में खनन कार्य नहीं किये जाने से प्रश्नांश की जानकारी निरंक है।
जाति प्रमाण पत्र की जानकारी
[गृह]
51. ( क्र. 587 ) श्रीमती प्रियंका पैंची : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रिटायर्ड IPS रघुवीर सिंह मीणा निवासी ग्राम अजगरी ज़िला गुना, किस जाति प्रमाण-पत्र के आधार पर शासकीय सेवा में भर्ती हुए थे और किस कार्यालय अथवा ज़िले से जारी किया गया एवं जाति प्रमाण-पत्र किस वर्ग का है? यदि ST वर्ग से है तो प्रमाण-पत्र उपलब्ध कराएं। (ख) जिला पंचायत सदस्य चुनाव 2021-22 के समय वार्ड क्रमांक 16 ज़िला पंचायत गुना, OBC वर्ग के लिए आरक्षित था तो नामांकन किस जाति प्रमाण-पत्र के आधार पर दाखिल किया गया था? क्योंकि उस वर्ग से नामांकन दाखिल करके मान्य किया गया एवं वर्तमान में जिला पंचायत सदस्य है। (ग) क्या एक व्यक्ति अपने जीवन काल में 2 जाति प्रमाण-पत्र उपयोग कर सकता है क्या? यदि हाँ, तो उसके क्या नियम हैं और यदि नहीं तो 2 फ़र्ज़ी जाति प्रमाण-पत्र रखने पर अब तक क्या जांच हुई? क्या कार्यवाही हुई अगर जांच और कार्यवाही नहीं हुई तो क्या कारण रहे और अब कब तक कार्यवाही होगी? (घ) यदि जाति प्रमाण-पत्र फ़र्ज़ी पाए जाते हैं तो क्या शासकीय सेवा में रहते हुए प्राप्त वेतन भत्तों की वसूली होगी?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
नवीन पुलिस थाना एवं पुलिस चौकियों की स्वीकृति
[गृह]
52. ( क्र. 598 ) श्रीमती झूमा डॉ. ध्यानसिंह सोलंकी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नवीन पुलिस चौकी एवं पुलिस थाना की स्वीकृति हेतु क्या निर्धारित मापदण्ड या नियमावली है? कृपया प्रतिलिपि उपलब्ध करायें। (ख) क्या भीकनगॉव विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत पहाड़ी वन क्षेत्र एवं नेशनल हाईवे होने के कारण नवीन पुलिस थाना खोलने हेतु स्वीकृति जारी हो सकती है? हाँ तो कब तक और किस स्थान पर नवीन पुलिस थाना खोला जायेगा तथा क्या इसी प्रकार नवीन पुलिस चौकियों का निर्माण हो सकता है? हाँ तो कौन-कौन से स्थान पर पुलिस चौकी खोली जायेंगी तथा नहीं तो क्या कारण है?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। भीकनगांव विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत वर्तमान में 02 पुलिस थाने एवं 02 पुलिस चौकी संचालित है, जिनसे त्वरित पुलिस सहायता उपलब्ध कराई जा रही है। नवीन पुलिस थाना/चौकी की आवश्यकता नहीं है।
उप लोक सेवा केन्द्र द्वारा संचालित सुविधाओं की जानकारी
[लोक सेवा प्रबन्धन]
53. ( क्र. 606 ) श्री प्रणय प्रभात पांडे : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बहोरीबंद विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कहां-कहां पर उप लोक सेवा केंद्र संचालित हो रहे हैं? इनमें कौन-कौन सी सुविधाएं हितग्राहियों को उपलब्ध कराई जा रही है? वर्तमान वित्त वर्ष में कब-कब, किस-किस हितग्राही को कौन-कौन सी सेवाएं प्रदान की गई? उप लोक सेवा केंद्रवार, माहवार संपूर्ण सूची देवें। (ख) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित नवीन उप लोक सेवा केंद्रों में आधार केंद्र सेवा उपलब्ध न होने से इनकी सही उपयोगिता साबित नहीं हो रही है, यहां के हितग्राहियों को आधार केंद्र संबंधी समस्याओं के निराकरण हेतु लोक सेवा केंद्र जाना पड़ता है? (ग) क्या शासन जनहित में नवीन उपलोक सेवा केंद्र बाकल, कौड़िया एवं बड़गांव में आधार केंद्र संबंधी सुविधा उपलब्ध करावेगा एवं बहोरीबंद तहसील अंतर्गत बड़ी बस्तियां बचैया एवं कुआं ग्रामों में जन सुविधा की दृष्टि से नवीन उप लोक सेवा केंद्र प्रारंभ करेगी। (घ) प्रश्नांश (ग) के उत्तर में यदि हाँ, तो किस प्रकार से कब तक यदि नहीं तो क्यों नहीं?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) बहोरीबंद विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत तहसील बहोरीबंद में बाकल, तहसील रीठी अंतर्गत बिलहरी, बड़गांव, तहसील स्लीमनाबाद अंतर्गत कौडिया, तेवरी इस प्रकार कुल 05 उप लोक सेवा केन्द्र संचालित हैं। लोक सेवा गारंटी अधिनियम 2010 अंतर्गत शासन द्वारा अधिसूचित ऑनलाईन सेवाएं https://mpedistrict.gov.in से उपलब्ध कराई जा रही है। वर्तमान वित्तीय वर्ष (01 अप्रैल 23 से 29 जनवरी 2023 तक ) उप लोक सेवा केन्द्रवार, हितग्राहीवार, माहवार, निराकरण की स्थिति की चाही गई जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में नवीन उपलोक सेवा केन्द्रों में आधार सेवा केन्द्र उपलब्ध कराये जाने के संबंध में वर्तमान में लोक सेवा प्रबंधन कार्यालय जिला कटनी को लिखित मांग प्राप्त नहीं है। उपलोक सेवा केन्द्र के माध्यम से लोक सेवा गारंटी अधिनियम 2010 अंतर्गत शासन द्वारा अधिसूचित ऑनलाईन सेवाएं https://mpedistrict.gov.in पोर्टल से नागरिकों को उपलब्ध करायी जा रही हैं अत: यह कहना सही नहीं है कि उपलोक सेवा केन्द्रों की सही उपयोगिता साबित नहीं हो रही है। नागरिक के लिए निकटतम लोक सेवा केन्द्र में आधार केन्द्र स्थापित हैं, जहां से नागरिक आधार संबंधी सेवाएं प्राप्त कर रहें है। (ग) प्रश्नांश (ग) के संबंध में वर्तमान में लोक सेवा प्रबंधन कार्यालय जिला कटनी को लिखित मांग प्राप्त नहीं है। नागरिक के लिए निकटतम लोक सेवा केन्द्र में आधार केन्द्र स्थापित हैं, जहां से नागरिक आधार संबंधी सेवाए प्राप्त कर रहे है,राज्य शासन द्वारा उपलोक सेवा केन्द्र खोले जाने हेतु पत्र (1) क्रमांक/रालोसेअ/प्रशा./2021/1315 दिनांक 17.11.2021 (2) पत्र क्रमांक/रालोसेअ/प्रशा./2021/1393 दिनांक 25.11.2021 एवं (3) पत्र क्रमांक/ रालोसेअ/प्रशा./2022/236 दिनांक 28.02.2022 के माध्यम से निर्देश प्रसारित किये गये है, जिसके अनुसार ऐसी ग्राम पंचायत जिसकी जनसंख्या 2011 की जनगणना के अनुसार 5000 से अधिक है, में उपलोक सेवा केन्द्र/काउंटर खोला जाना है, जिसके अनुक्रम में कटनी जिले में 18 उपलोक सेवा केन्द्र स्थापित किये जा चुके है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। (घ) प्रश्नांश (ग) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्नांश के उत्तर का प्रश्न नहीं उठता।
बरगी दांयी तट भूमिगत नहर का निर्माण
[नर्मदा घाटी विकास]
54. ( क्र. 607 ) श्री प्रणय प्रभात पांडे : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बरगी दांयी तट नहर में नर्मदा जल प्रवाह हेतु स्लीमनाबाद के पास से कितनी किलोमीटर लंबी भूमिगत नहर का निर्माण किस दिनांक से प्रारंभ किया गया था? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अंडरग्राउंड टनल का निर्माण प्रारंभ में कितनी लागत से किस निर्माण एजेंसी द्वारा कब तक पूर्ण करना था? अनुबंध की छायाप्रति देवें एवं यह भी बतलावें की अनुबंध की शर्तों के अनुरूप निर्माण कितनी लागत से कब तक पूर्ण होना था? (ग) प्रश्न दिनांक तक इसके पूर्ण न होने के क्या कारण है, निर्माण एजेंसी का अनुबंध कब-कब, किन शर्तों के अधीन बढ़ाया गया एवं वर्तमान समय में नवीन अनुबंध अनुसार इस टनल का निर्माण कितनी लागत से कब तक पूर्ण होना है? प्रारंभ काल की निर्माण राशि एवं वर्तमान निर्माण राशि में कितना अंतर है, इसका दोषी कौन है? (घ) नर्मदा जल विवाद न्यायाधिकरण का सन 1970 में दिया गया फैसला क्या है? इस फैसले अनुसार नर्मदा का कितना जल मध्य प्रदेश को कब तक उपयोग में लाने हेतु अपनी कौन-कौन सी संरचनाएं कब तक बनानी है, इस हेतु विभाग की अन्य क्या वैकल्पिक परियोजनाएं हैं, जिससे तय समयावधि में संपूर्ण नर्मदा जल का मध्यप्रदेश द्वारा उपयोग किया जा सके।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) स्लीमनाबाद के पास भूमिगत नहर 11.953 कि.मी. का निर्माण कार्य 26 मार्च 2008 से प्रारंभ किया गया है। (ख) लागत 799.00 करोड़ थी, निर्माण कार्य को मेसर्स पटेल-एस.ई.डब्ल्यू. (संयुक्त उपक्रम) द्वारा 40 माह की अवधि 25 जुलाई 2011 को पूर्ण करना था। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है। अनुबंध की शर्तों के अनुरूप निर्माण कार्य रू. 799.00 करोड़ में दिनांक 25 जुलाई 2011 तक पूर्ण करना था। (ग) कार्य पूर्ण न होने के मुख्य कारण अप्रत्याशित भू-गर्भीय संरचना तथा अत्यधिक वाटर लेबल का विद्यमान होना, निर्माण अवधि में कार्बन मोनो ऑक्साइड़ गैस का उत्सर्जन होना एवं जगह-जगह सिंक होल बनने के कारण भरने में अत्याधिक समय लगना है जो निविदा शर्तों में आंकलित नहीं था। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है। टनल निर्माण पूर्ण होने तक लागत रू. 1450 करोड. अनुमानित है जिसमें मूल्य समायोजन की राशि सम्मिलित है। 651 करोड़ है। वर्तमान लागत के साथ उक्त निर्माण कार्य दिसम्बर 2024 तक पूर्ण होना लक्षित है। निर्माण लागत में स्वीकृत लागत से भिन्नता निविदा शर्तों से कार्यस्थल की भू-गर्भीय संरचना में पाई गई अप्रत्याशित भिन्नता के कारण है, अतः इसके लिए कोई भी दोषी नहीं है। (घ) नर्मदा जल विवाद न्यायाधिकरण द्वारा वर्ष 1979 में अवॉर्ड पारित करते हुए मध्यप्रदेश राज्य के लिये 18.25, गुजरात राज्य के लिये 9.0, महाराष्ट्र राज्य के लिये 0.25 एवं राजस्थान राज्य के लिये 0.5 एम.ए.एफ. नर्मदा जल आवंटित किया गया है। पारित किये गये अवॉर्ड में यह उल्लेख है कि 45 वर्ष पश्चात अवॉर्ड का किसी भी समय पुनरीक्षण किया जा सकेगा। मध्यप्रदेश राज्य को आवंटित नर्मदा जल के उपयोग का वर्तमान स्थिति अनुसार पुन: आंकलन एवं उपयोग अंतिम रूप से निर्धारित किया जाना प्रक्रियाधीन है।
ऋण प्रकरणों की स्वीकृति
[सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम]
55. ( क्र. 610 ) श्री अनिल जैन : क्या सूक्ष्म,लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग द्वारा निवाड़ी जिले में वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक तक किन-किन योजनाओं में कितनी राशि के प्रकरण स्वीकृत किये गये हैं? वर्षवार जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में विभाग द्वारा स्वीकृत किये गये कितने प्रकरणों को बैंकों द्वारा स्वीकृत किया जाकर कितने युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान किये गये हैं, वर्षवार जानकारी देवें? (ग) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में विभाग द्वारा स्वीकृत प्रकरणों में से कितने प्रकरणों को बैंकों द्वारा स्वीकृत नहीं किया गया और क्यों? (घ) क्या राज्य शासन ऐसी नीति बनाने पर विचार करेगा, जिसमें उद्योग विभाग द्वारा स्वीकृत किये गये शत् प्रतिशत प्रकरणों में बैंकों द्वारा ऋण जारी किया जाये?
सूक्ष्म,लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री ( श्री चेतन्य कुमार काश्यप ) : (क) विभाग द्वारा निवाड़ी जिले में वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक तक मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना, मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना, मुख्यमंत्री कृषक उद्यमी योजना, प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम एवं मुख्यमंत्री उद्यम क्रान्ति योजनाओं में राशि रू. 10799.66 लाख के कुल 1849 प्रकरण बैंकों को अनुशंसित किये गये। वर्षवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में विभाग द्वारा बैंकों को अनुशंसित प्रकरणों में से कुल 576 प्रकरण बैंकों द्वारा स्वीकृत किये जाकर कुल 576 युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान किये गये। वर्षवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में विभाग द्वारा अनुशंसित प्रकरणों में से कुल 1273 प्रकरणों को बैंकों द्वारा स्वीकृत नहीं किया गया। बैंक अस्वीकृति का कारण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) राज्य शासन के लिये ऐसी नीति बनाना संभव नहीं है क्योंकि ऋण स्वीकृति/वितरण की अधिकारिता बैंकों में निहित है, जिसमें वे भारतीय रिजर्व बैंक के नियम-निर्देशों तथा संबंधित बैंक की पॉलिसी के अनुसार ऋण स्वीकृति/वितरण का निर्णय लेते हैं।
उप-कोषालय की स्थापना
[वित्त]
56. ( क्र. 613 ) श्री राजेश कुमार वर्मा : क्या उप मुख्यमंत्री, वित्त महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पन्ना जिले के विकासखण्ड मुख्यालय गुनौर में शासन स्तर पर उप-कोषालय खोले जाने की कार्यवाही की गई है? यदि हां, तो प्रश्न दिनांक की स्थिति में की गई कार्यवाही से अवगत कराने की कृपा करें। (ख) विकासखण्ड मुख्यालय गुनौर का वर्तमान समय में कोषालय से संबंधित समस्त कार्य पन्ना जिला कोषालय से होते है जिससे कोषालय से संबंधित कार्यों में अनावश्यक विलंब होने के साथ-साथ आने-जाने का भी व्यय भार शासन पर पड़ता है। अत: क्या इस समस्या के समाधान हेतु शासन स्तर से शीघ्र उपकोषालय खोले जाने की कार्यवाही की जावेगी? यदि हां, तो निश्चित समय-सीमा बतावें। यदि नहीं, तो क्यों? (ग) विकासखण्ड मुख्यालय गुनौर में तहसील एवं अनुभाग कार्यालय संचालित है अत: कृपया बताये कि मध्यप्रदेश के जिन विकासखण्डों में तहसील/ अनुभाग स्तर के कार्यालय है उनमें से ऐसे कितने विकासखण्ड है जहां उपकोषालय की स्थापना नहीं की गई है?
उप मुख्यमंत्री, वित्त ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) कोषालयीन कम्प्यूटरीकृत परियोजना (IFMIS) के अंतर्गत समस्त कोषालय संव्यवहार स्वीकृति एवं भुगतान ऑनलाईन होने से उपकोषालय खोलने का कोई औचित्य नहीं है। शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) वर्तमान में प्रदेश में कोई भी उपकोषालय संचालित नहीं है। शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता।
सौरई औद्योगिक क्षेत्र में वायु, भूमि एवं जल प्रदूषण
[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]
57. ( क्र. 621 ) श्री वीरेन्द्र सिंह लोधी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बंडा विधानसभा के ग्राम सौरई औद्योगिक क्षेत्र में कौन-कौन सी औद्योगिक इकाई/इकाइयां स्थापित हैं? प्रत्येक औद्योगिक इकाई को कितने रकवे की भूमि आवंटित है? सौरई औद्योगिक क्षेत्र में आवंटित भूमियों संबंधी दस्तावेज उपलब्ध करवाये जावें। (ख) मे. भारत एग्रो प्रोडक्ट लिमिटेड को कितनी मात्रा में कौन-कौन से प्रोडक्ट बनाने की स्वीकृति है? मे. भारत एगा्रे प्रोडक्ट लिमिटेड कौन-कौन से प्रोडक्ट कितनी मात्रा में बनाने की स्वीकृति जारी है? क्या भारत एग्रो प्रोडक्ट लि. को सान्ध्रसल्फ्यूरिक एसिड बनाकर बेचने की स्वीकृति है? अगर एसिड बनाने की स्वीकृति है तो उसकी प्रतिदिन की मात्रा क्या है? (ग) पर्यावरण के रखरखाव के संबंध में किन शर्तों के पालन पर यह स्वीकृति जारी की गई है? प्रति उपलब्ध करावें। मे. भारत एग्रारेप्रोडक्ट लि. से निकलने वाला वेस्टेज नाले से होकर वेवस नदी जो कि बंडा क्षेत्र का पेयजल स्त्रोत है में जा रहा है इसे कब तक रोका जायेगा? इस दोष के लिये कंपनी पर क्या कार्यवाही की जावेगी? कार्यवाही कब तक की जायेगी? (घ) मे. भारत एग्रो प्रोडक्ट लिमिटेड द्वारा एसिड प्रोडक्शन से निकलने वाली जहरीली गैसों की सूची प्रदान करें एवं वायु प्रदूषण रोकने के लिये उन्हें किन मानको का प्रयोग करना है उसकी कॉपी प्रदान करें।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) बंडा विधानसभा के ग्राम-सौंरई औद्योगिक क्षेत्र में मेसर्स मध्य भारत एग्रो प्रोडक्ट लि. इकाई स्थापित है। इकाई को आवंटन आदेश दिनांक 15/03/2010 द्वारा 9.27 हेक्टेयर, दिनांक 02/04/2013 को 23.369 हेक्टेयर भूमि आवंटित की गई है। इकाई के विस्तार हेतु दिनांक 08/11/2023 को 13.7052 हेक्टेयर भूमि आवंटित की गई है। इकाई को भूमि आवंटन संबंधी दस्तावेज पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) ग्राम-सौंरई में मेसर्स भारत एग्रो प्रोडक्ट लि. को भूमि आवंटित नहीं है। तथापि विभाग के अधीन औद्योगिक क्षेत्र में इकाई मेसर्स मध्य भारत एग्रो प्रोडक्टस लि. को भूमि आवंटित की गई है एवं इकाई कार्यरत है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की जानकारी अनुसार मेसर्स मध्य भारत एग्रो प्रा.लि. उद्योग को बोर्ड द्वारा जल एवं वायु अधिनियम के अंतर्गत सम्मति जारी की गई है। उद्योग में बनाये जाने वाले उत्पादों, उनके मात्रा की जानकारी बोर्ड के सम्मति पत्र में दी गई है जिसकी प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट प्रपत्र-ब अनुसार है। उद्योग को सल्फ्यूरिक एसिड बनाने की स्वीकृति है। सल्फ्यूरिक एसिड बनाने की क्षमता 99000 मी.टन/वर्ष अथवा 300 मी.टन/प्रतिदिन है। (ग) प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की जानकारी द्वारा पर्यावरण के रख-रखाव के संबंध में बोर्ड द्वारा जारी सम्मति पत्र में शर्तें लगाई गई हैं। सम्मति पत्र की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट प्रपत्र-ब अनुसार है। जी नहीं, मेसर्स मध्य भारत एग्रो प्रा.लि. का वेस्टेज नाले से वेवस नदी में नहीं जाता। अत: कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की जानकारी अनुसार उद्योग द्वारा सल्फ्यूरिक एसिड के उत्पादन के दौरान मुख्य रूप से निकलने वाली गैसेस तथा मानकों की जानकारी निम्नानुसार है:-
क्र. |
गैस का नाम |
मानक सीमा |
1. |
सल्फरडाय आक्साईड |
950 मी.ग्रा./नार्मल घनमीटर |
2. |
एसिडमिस्ट/सल्फरट्राय आक्साईड |
50 मी.ग्रा./नार्मल घनमीटर |
3. |
सल्फरडाय आक्साईड उत्सर्जन |
1.5 कि.ग्रा./टन एसिड उत्पादन से कम |
प्रदूषण नियंत्रण हेतु उद्योग द्वारा स्कबर लगाये गये हैं तथा गैस उत्सर्जन के मापन हेतु कन्टीन्यूअस ऑनलाईन मॉनिटरिंग सिस्टम (CEMS) की स्थापना की गई है, जिसकी निगरानी हेतु कनेक्टिविटी केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, दिल्ली एवं म.प्र. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के निगरानी केन्द्र से की गई है।
जीएसटी एवं कंपनसेशन सेस
[वाणिज्यिक कर]
58. ( क्र. 627 ) श्री नारायण सिंह पट्टा : क्या उप मुख्यमंत्री, वित्त महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राज्य को केंद्र सरकार से मिलने वाली 14% जीएसटी क्षतिपूर्ति (कंपनसेशन) राशि 2022 से बंद है लेकिन इसकी अदायगी के लिए केंद्र ने लग्जरी आयटम्स पर जो कंपनसेशन सेस (उपकर) लगाया था, उसकी वसूली अभी भी जारी है? (ख) यदि हाँ, तो केंद्र राज्य को जीएसटी क्षतिपूर्ति (कंपनसेशन) राशि की अदायगी बंद करने के बाद भी लग्जरी आयटम्स पर कंपनसेशन सेस (उपकर) की वसूली जारी रखे जाने का क्या कारण है? (ग) क्या राज्य सरकार उपरोक्त कंपनसेशन सेस (उपकर) को बंद करने के लिए मांग की है? यदि नहीं तो इसका क्या कारण है?
उप मुख्यमंत्री, वित्त ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जीएसटी में माल और सेवाकर (राज्यों को क्षतिपूर्ति) अधिनियम, 2017 केन्द्र सरकार के क्षेत्राधिकार में है। वित्त मंत्रालय (राजस्व विभाग), भारत सरकार द्वारा जारी अधिसूचना क्रमांक 01/2022- क्षतिपूर्ति उपकर, दिनांक 24.06.2022 द्वारा माल और सेवाकर (राज्यों को क्षतिपूर्ति) अधिनियम, 2017 की धारा 8 की उपधारा (1) के अंतर्गत उगाही एवं करों के संग्रहण की अवधि संशोधित कर दिनांक 31 मार्च, 2026 तक की गई है। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के प्रकाश में लग्जरी आईटम्स पर कंपनसेशन सेस (उपकर) की वसूली जारी रखी गई है। (ग) माल और सेवाकर अधिनियम, 2017 संबंधी समस्त निर्णय जीएसटी काउन्सिल द्वारा लिये जाते हैं जिसमें केन्द्र एवं समस्त राज्यों के प्रतिनिधि सम्मिलित रहते हैं। अत: प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में शेष जानकारी निरंक है।
लाड़ली बहना योजना की जानकारी
[महिला एवं बाल विकास]
59. ( क्र. 629 ) श्री नारायण सिंह पट्टा : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जिला मण्डला में लाड़ली बहना योजना के अंतर्गत जनवरी 2024 में कितनी महिलाओं के खाते में कितनी राशि जमा की गई है? महिलाओं के नाम, पता, मोबाइल नम्बर सहित जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) इससे पहले दिसम्बर 2023 में मण्डला जिला में लाड़ली बहना योजना के अंतर्गत कितनी महिलाओं के खाते में कितनी राशि जमा की गई थी? (ग) क्या दिसम्बर, 23 से जनवरी, 24 की अवधि में इस योजना की हितग्राही महिलाओं की संख्या में कमी हुई है? यदि हाँ, तो इसका क्या कारण है? (घ) क्या यह सही है कि इस योजना के तहत 18 वर्ष से 20 वर्ष तक की महिलाओं को एवं 60 वर्ष से अधिक की महिलाओं को आवेदन की पात्रता नहीं है? यदि हाँ, तो क्यों? क्या योजना के तहत प्रत्येक लाड़ली बहना को 3000 रुपये प्रतिमाह देने की घोषणा की गई है? यदि हाँ, तो यह राशि कब तक दी जाएगी? निश्चित समय-सीमा बतावें। इससे प्रदेश पर कितना वित्तीय भार आएगा एवं उसकी पूर्ति कैसे की जाएगी?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) जिला मण्डला में लाड़ली बहना योजना के अंतर्गत जनवरी 2024 में कुल 1,99,365 महिलाओं के खाते में कुल राशि रूपये 23,98,73,250/- जमा की गई है। उक्त महिलाओं के नाम, पता तथा उनके खातें में जमा राशि की जानकारी अति विस्तृत होने के कारण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के रूप में उपलब्ध कराई जा रही है। हितग्राही महिलाओं की निजता के दृष्टिगत मोबाइल नम्बर उपलब्ध नहीं कराये जा रहे हैं। (ख) इससे पहले दिसम्बर 2023 में मण्डला जिला में लाड़ली बहना योजना के अंतर्गत कुल 2,02,182 महिलाओं के खाते में कुल राशि रूपये 24,29,40,900/- जमा की गई थी। (ग) जी हां, दिसम्बर 2023 से जनवरी 2024 की अवधि में इस योजना की हितग्राही महिलाओं की संख्या में कमी हुई है, जिसके कारण निम्नानुसार हैं :- (1) 01 जनवरी, 2024 को 60 वर्ष की आयु पूर्ण होने के कारण योजना की पात्रता से बाहर (2) स्वैच्छिक लाभ परित्याग (3) समग्र से डिलीट होने के कारण (4) आधार से समग्र डीलिंक होने के कारण (5) मृत । (घ) जी हां, योजनान्तर्गत कलेण्डर वर्ष में 01 जनवरी की स्थिति में 21 वर्ष पूर्ण कर चुकी तथा 60 वर्ष की आयु से कम मध्यप्रदेश की स्थानीय निवासी विवाहित महिलाओं (विधवा, तलाकशुदा एवं परित्यक्ता महिला सहित) को ही पात्रता की श्रेणी में रखा गया है। समय-सीमा बताया जाना सम्भव नहीं, अतः वित्तीय भार की गणना नहीं की गई है। शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
अवैध शराब व नशीले पदार्थ की बिक्री
[गृह]
60. ( क्र.
633 ) श्रीमती
अनुभा
मुंजारे :
क्या
मुख्यमंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि बालाघाट
जिले में शराब, शराब
दुकानों के
अतिरिक्त
गली-गली में
बिक रही हैं
एवं गांजा
जैसे
प्रतिबंधित
नशीले पदार्थ
भी गली-गली
में बेंचे जा
रहे है, जिससे
युवा पीढ़ी
नशे के गिरफ्त
में आ रहें है।
कई मेडिकल
दुकानों में प्रतिबंध
के बावजूद
सिरप व नशे की
गोलियां बेची
जा रही है, जिससे
कई परिवार उजड़
रहे है। इन
अवैध रूप से
बिक रही नशीली
दवाइयों व
पदार्थो के
कारण हमारे
बच्चे
किशोरावस्था
में पहुंचने
से पहले ही
नशे की गिरफ्त
में पहुंच रहे
है और ऐसा
नहीं हैं कि
इन अवैध हो
रहें कार्यों
की जानकारी
पुलिस
प्रशासन को
नहीं हैं, जानकारी
होने के
बावजूद भी
पुलिस
प्रशासन
द्वारा इन
अवैध कार्यों
में लिप्त
कारोबारियों
को संरक्षण
दिया जा रहा
हैं। क्या
शासन इस गंभीर
विषय पर सरकार
कोई ठोस कदम
उठाकर इसमे
लिप्त लोगों
पर कोई
कार्यवाही करेगी?
मुख्यमंत्री
( डॉ. मोहन यादव ) :
यह सही नहीं
है कि बालाघाट
जिले में शराब, गांजा
एवं नशीले
पदार्थ सिरप व
नशे की गोलियां
आदि गली-गली
में बेचे जा
रहे हैं। निर्धारित
शराब दुकानों
में ही शराब
विक्रय की जा
रही है। मेडिकल
दुकानों में किसी
भी प्रकार से
प्रतिबंधित सिरप
व नशे की
गोलियां नहीं बेची
जा रही हैं। अवैध
रूप से शराब, गांजा
एवं
प्रतिबंधित
नशीले पदार्थ, सिरप
व नशे की
गोलियां
विक्रय करते
पाये जाने पर
वैधानिक
कार्यवाही की
जा रही है। जिला
बालाघाट में वर्ष
2023
में अवैध शराब
के 2531
प्रकरण
पंजीबद्ध
किये गये हैं, जिसमें
2551
आरोपी
गिरफ्तार
किये गये हैं
तथा कुल 19470 लीटर
शराब जप्त की
गई एवं मादक
पदार्थ गांजा
के 12
प्रकरण पंजीबद्ध
किये गये हैं, जिसमें
29
आरोपियों को
गिरफ्तार कर, कुल
36.813
कि.ग्रा. अवैध
मादक पदार्थ
गांजा जप्त
किया गया है
तथा नशीले
पदार्थ (कफ
सिरप) के 02
प्रकरण पंजीबद्ध
किये गये हैं, जिसमें
10
आरोपियों को
गिरफ्तार कर, कुल
167.2
लीटर (1672 शीशी, प्रत्येक
100
एम.एल.) मात्रा
जप्त की गई है।
जिला बालाघाट
में अवैध शराब
एवं मादक
पदार्थ तथा
प्रतिबंधित
नशीले पदार्थ
की बिक्री करने
वालों पर सतत्
निगाह रखी जा
रही है तथा
पुलिस
प्रशासन
द्वारा इन
अवैध कार्यों
में लिप्त
लोगों को कोई
संरक्षण नहीं दिया
जा रहा है।
लोक सेवा केन्द्रों से प्राप्त शुल्क व राशि
[लोक सेवा प्रबन्धन]
61. ( क्र. 634 ) श्रीमती अनुभा मुंजारे : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत 3 वर्षों में मध्यप्रदेश शासन को लोक सेवा केन्द्रों से प्राप्त शुल्क कितनी राशि प्राप्त हुई है और किन-किन कार्यों में उसका उपयोग किया गया है? (ख) बालाघाट जिले को विगत 3 वर्षों में लोक सेवा केंद्र से कितनी राशि प्राप्त हुई है और कितनी राशि का उपयोग किस-किस कार्यों में हुआ है?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) विगत 3 वर्षों में मध्यप्रदेश शासन को लोक सेवा केन्द्रों से कोई भी शुल्क प्राप्त नहीं हुआ। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) बालाघाट जिले में लोक सेवा केन्द्रों के माध्यम से जिला ई-गवर्नेंस सोसायटी की 3 वर्षों में प्राप्त राशि जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
रेत खदानों से प्राप्त आय
[खनिज साधन]
62. ( क्र. 637 ) श्री प्रेमशंकर कुंजीलाल वर्मा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खनिज रेत से प्रति वर्ष कितनी आय अर्जित की जाती है? (ख) सिवनी-मालवा विधानसभा क्षेत्र क्र. 136 से किन-किन रेत खदानों को खनन के लिए चिन्हित किया गया है? (ग) क्या नीलामी की गई सभी चिन्हित खदानों से कार्य किया जा रहा है? (घ) क्या इन रेत खदानों पर रेट प्रति घंटे किया जाता है?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) वर्ष 2022-23 में निगम द्वारा खनिज मद में रेत खनिज से प्राप्त राशि रूपए 821.56 करोड़ एवं वर्ष 2023-2024 (दिसम्बर 2023 तक) राशि रूपए 391.57 करोड़ जमा की गई है। (ख) जिला समूह नर्मदापुरम-2 की रेत खदानों में सिवनी-मालवा विधानसभा क्षेत्र क्र. 136, तहसील सिवनी-मालवा की रेत खदानें सम्मिलित हैं, जिसकी सूची संलग्न परिशिष्ट पर है। (ग) सिवनी-मालवा विधानसभा क्षेत्र-136 अंतर्गत नीलाम की गयी खदानों में से ग्राम कास्दारैयवाड़ी, तहसील इटारसी के सर्वे नंबर 18, रकबा 4.000 हेक्टेयर क्षेत्र पर स्वीकृत रेत खदान संचालित है। शेष रेत खदानें वर्तमान में पर्यावरण स्वीकृति अप्राप्त होने के कारण कार्य नहीं किया जा रहा है। (घ) जी नहीं।
कोषालय एवं उपकोषालय की जानकारी
[वित्त]
63. ( क्र. 638 ) श्री प्रेमशंकर कुंजीलाल वर्मा : क्या उप मुख्यमंत्री, वित्त महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नर्मदापुरम जिले में कितने कोषालय एवं कितने उपकोषालय है? नामवार जानकारी दें। (ख) सिवनी-मालवा विधानसभा क्षेत्र का उपकोषालय क्या बंद कर दिया गया है? (ग) यदि हां तो जन सुविधाओं को देखते हुऐ कब तक उसे पुनः प्रारंभ किया जावेगा?
उप मुख्यमंत्री, वित्त ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) नर्मदापुरम जिले में 01 जिला कोषालय जिला मुख्यालय पर संचालित है। (ख) जी हाँ। (ग) कोषालयीन कम्प्यूटरीकृत परियोजना (IFMIS) के अंतर्गत समस्त कोषालय संव्यवहार स्वीकृति एवं भुगतान ऑनलाईन होने से उपकोषालय खोलने की आवश्यकता नहीं है। अत: शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
संकल्प पत्र में प्रावधानित सुविधाओं की जानकारी
[सामान्य प्रशासन]
64. ( क्र. 641 ) श्री सुनील उईके : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कर्मचारियों की मृत्यु पर उनके आश्रितों को अनुकम्पा नियुक्ति की प्रक्रिया को सरलीकरण करने का संकल्प पत्र में उल्लेख है? यदि हाँ, तो कब तक सरलीकरण करने की कार्यवाही की जायेगी? (ख) ऊर्जा एवं अन्य विभागों में कार्यरत आउटसोर्स कर्मचारियों की श्रमिक दरों में वृद्धि संविदा का लाभ एवं केन्द्र एवं प्रदेश के श्रम कानून के अधीन सुविधा प्रदान करेंगे। यदि हाँ, तो कब तक। (ग) नियमित कर्मचारियों के समान कार्यभारित (वर्कचार्ज) कर्मचारियों को सेवानिवृत्त के उपरांत 300 दिवस के अवकाश, नगदीकरण का लाभ प्रदान करने हेतु संकल्प पत्र के प्रावधान का क्रियान्वयन कब तक किया जाऐगा? समय-सीमा बताएं। (घ) क्या उच्च शिक्षा, चिकित्सा शिक्षा एवं चिकित्सा विभाग की तरह अन्य विभागों के कर्मचारियों की सेवानिवृत्त आयु में एक रूपता लायेगे। संकल्प पत्र के प्रावधान का क्रियान्वयन कब तक किया जायेगा?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। निश्चित समयावधि बताना संभव नहीं है। (ख) ऊर्जा विभाग की जानकारी एकत्रित की जा रही है श्रम विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार न्यूनतम वेतन अधिनियम के अन्तर्गत सभी श्रेणियों हेतु न्यूनतम वेतन की दरें निर्धारित है, जिसमें आउटसोर्स कर्मचारी भी सम्मिलित है। अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक के आधार पर प्रत्येक छ: माह में परिवर्तनशील महंगाई भत्ते में वृद्धि की जाती है। इस संबंध में ऊर्जा विभाग एवं अन्य विभागों के आउटसोर्स कर्मचारियों को संविदा का लाभ एवं विभिन्न श्रम कानूनों के प्रावधानों के अन्तर्गत प्रदत्त सुविधाओं का लाभ देने हेतु सभी विभागों को परिपत्र दिनांक 7/8/2023 जारी किया गया है। (ग) एवं (घ) कार्यवाही प्रचलन में है समय बताया जाना संभव नहीं है।
नहरों के मार्गों एवं लाइनिंग का कार्य
[नर्मदा घाटी विकास]
65. ( क्र. 646 ) श्री सचिन सुभाषचंद्र यादव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र कसरावद में इंदिरा सागर परियोजना एवं औंकारेश्वर परियोजना मुख्य नहरों के लाईंनिग कार्यों में टूट फूट होकर क्षतिग्रस्त है? अगर हाँ, तो कहां-कहां पृथक-पृथक विवरण दें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या नहरों की लाईनिंग टूटने फूटने से पानी रिसाव के कारण किसानों के खेतों में जल भराव हुआ है? अगर हाँ तो कितने रकबे की कौन-कौन सी फसलें खराब हुई है। (ग) क्या विधानसभा क्षेत्र कसरावद में नहरों के पानी के रिसाव से फसलें खराब होने की शिकायतें प्राप्त हुई है? अगर हाँ, तो कितनी शिकायतें प्राप्त हुई कितनी निराकृत कितनी शेष है। (घ) खरगोन उद्वहन सिचाई योजना की पाईप लाईनों के निरीक्षण हेतु मार्ग बनाये गये है? हाँ तो कार्य पूर्ण हो चुका है अगर नहीं तो कब तक पूर्ण होगा क्या कार्य की गुणवत्ता की समय-समय जांच की गई है?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हां। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) कोई शिकायत प्राप्त होना नहीं पाया गया। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी हां। दिनांक 31.03.2023 को कार्य पूर्ण हो चुका है। जी हां।
पाटी उद्वहन माइक्रो सिंचाई परियोजना
[नर्मदा घाटी विकास]
66. ( क्र. 649 ) श्री राजन मण्डलोई : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़वानी वि.स. क्षेत्र की पाटी उद्वहन माइक्रो सिंचाई परियोजना का प्रश्न दिनांक की स्थिति में कितने प्रतिशत कार्य शेष है? स्वीकृत दिनांक, लागत भी साथ में देवें। (ख) दिनांक 01-04-2022 से 15-01-2024 तक निर्माणकर्ता फर्म को कितनी राशि का भुगतान कब-कब किया गया बताएं? इस पर कितना T.D.S. काटा गया की जानकारी भी देवें। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार कब तक परियोजना का लोकार्पण किया जाकर सिंचाई सुविधा प्रारंभ कर दी जाएगी? प्रश्नांश (ख) समयावधि में निर्माणकर्ता फर्म के अतिरिक्त कोई अन्य भुगतान किया गया है तो उसकी जानकारी भी भुगतान प्राप्त कर्ता नाम/फर्म नाम, भुगतान राशि, भुगतान दिनांक, T.D.S. कटौत्रा राशि सहित देवें।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) कोई कार्य शेष नहीं है। दिनांक 18.10.2017 को राशि रू. 128.85 करोड़ की प्रशासकीय स्वीकृति एवं दिनांक 03.10.2023 को राशि रू. 155.72 करोड़ की पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति जारी की गई है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) परियोजना का लोकार्पण दिनांक 16.07.2023 को किया गया है एवं किसानों को सिंचाई सुविधा दी जा रही है। जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्रकरणों की जानकारी
[कुटीर एवं ग्रामोद्योग]
67. ( क्र. 650 ) श्री राजन मण्डलोई : क्या राज्य मंत्री (स्वत्रंत प्रभार), कुटीर एवं ग्रामोद्योग महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्रामोद्योग विभाग द्वारा बड़वानी जिले में दिनांक 01-04-2020 से 15-01-2024 तक स्वरोजगार संबंधी कितने प्रकरण स्वीकृत किए गए? कितने प्रकरण बैंक द्वारा स्वीकृत किए गए की जानकारी हितग्राही नाम, पता, बैंक ऋण राशि, अनुदान राशि विधानसभावार वर्षवार देवें। (ख) विभाग द्वारा उपरोक्त समयावधि में कितनी राशि वाहन एवं अन्य कार्यों में व्यय की गई की जानकारी भी फर्म/व्यक्ति नाम, G.S.T. नंबर, भुगतान राशि, भुगतान दिनांक सहित देवें। (ग) प्रश्नांश (क) समयावधि में प्रदेश स्तर/संभाग स्तर से कितनी सामग्री बड़वानी जिले को आवंटित की गई की जानकारी आवंटन पत्रको की प्रमाणित प्रतियों सहित देवें। (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार आवंटित सामग्री जिले में कहां-कहां प्रदाय की गई? प्रदाय पत्रकों की छायाप्रति सहित देवें।
राज्य मंत्री (स्वत्रंत प्रभार), कुटीर एवं ग्रामोद्योग ( श्री दिलीप जायसवाल ) : (क) बड़वानी जिले में दिनांक 1/4/2020 से 15/1/2024 तक स्वीकृत प्रकरण बैंक की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) वाहन एवं अन्य कार्यों में व्यय की जानकारी निरंक है। (ग) प्रश्नांश (क) समयावधि में देश स्तर/संभाग स्तर से बड़वानी जिले को आवंटित सामग्री की जानकारी निरंक है। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
आंगनवाडी केन्द्रों एवं नियुक्तियों की जानकारी
[महिला एवं बाल विकास]
68. ( क्र. 652 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) भोपाल संभाग में कुल कितने आंगनवाड़ी केन्द्र एवं मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित हैं? जिलावार जानकारी दें। स्वीकृत के विरूद्ध कितने पदों पर कार्यकर्ता और सहायिका नियुक्त हैं और कितने पद रिक्त हैं तथा भोपाल संभाग के कितने ग्राम, मजरा-टोला, नवीन बसाहटों में आंगनवाड़ी केन्द्र स्वीकृत नहीं है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में आंगनवाड़ी केन्द्रों पर शासन द्वारा क्या-क्या सुविधायें बच्चों एवं महिलाओं को उपलब्ध कराई जाती है? विस्तृत जानकारी दें। क्या 50% अनु.जाति/जनजाति संख्या में वाले मजरा टोला, नवीन बसाहटों में आंगनवाड़ी संचालित हैं? यदि हां, तो बतावें। (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में भोपाल संभाग में आंगनवाड़ी केन्द्रों पर कितने कुपोषित बच्चे, किशोरी बालिका एवं गर्भवती महिला आदि दर्ज हैं? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) के संदर्भ में क्या उक्त केन्द्रों में पोषण आहार राज्य, संभाग, जिला अथवा विकासखण्ड की शासकीय/निजी एजेन्सियों द्वारा सप्लाय किया जाता है? यदि हां, तो कौन-कौन सी एजेन्सी के द्वारा पोषण आहार सप्लाय किया जाता है? सप्लाय करने वाली एजेन्सियों के नाम, सप्लायर एजेंसियों के संचालकों के नाम बतावें और इनके चयन की प्रक्रिया क्या है? बतावें। (ङ) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में भोपाल संभाग में वर्ष 2018 से प्रश्नांकित अवधि तक आंगनवाड़ियों में कितनी नियुक्तियाँ हुई हैं? वर्षवार, जिलेवार, विकासखण्डवार जानकारी देवें तथा नियुक्तियों के संबंध में कितनी शिकायतें प्राप्त हुई हैं? उन शिकायतों पर क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों तथा कब तक कार्यवाही की जाकर शिकायतों का निराकरण कर दिया जावेगा? बतावें। (च) प्रश्नांश (घ) के संदर्भ में क्या पोषण आहार सप्लायर के विरूद्ध अनियमितताओं की शिकायतें प्राप्त हुई हैं? यदि हां, तो उन पर क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं की गई? तो इसके लिए दोषी कौन है? दोषियों पर क्या कार्यवाही गई? यदि नहीं तो कब-तक की जावेगी?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) भोपाल संभाग अन्तर्गत 8406 आंगनवाड़ी केन्द्र तथा 1570 मिनी आं.वा. केन्द्र के संचालित हैं। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका के भरे एवं रिक्त पद तथा जहां आंगनवाड़ी स्वीकृत नहीं है ऐसे ग्राम, मजरा, टोला, नवीन बसाहटो की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''एक'' पर है। (ख) आंगनवाड़ी केन्द्रों के माध्यम से दर्ज पात्र हितग्राहियों को पूरक पोषण आहार, स्वास्थ्य जांच, टीकाकरण, संदर्भ सेवायें, अनौपचारिक शिक्षा, पोषण एवं स्वास्थ्य शिक्षा आदि सेवायें तथा केन्द्र एवं राज्य शासन द्वारा संचालित की जाने वाली विभिन्न योजनाओं का लाभ संबंधित पात्र हितग्राहियों को दिया जा रहा है। 50 प्रतिशत अनुसूचित/जनजाति संख्या वाले मजरा टोला, नवीन बसाहटों में संचालित आंगनवाड़ी केन्द्रों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''दो'' पर है। (ग) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में भोपाल संभाग के अंतर्गत आने वाले आंगनवाड़ी केन्द्रों में दर्ज कुपोषित बच्चे, किशोरी बालिका एवं गर्भवती महिलाओं की संख्यात्मक जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''तीन'' पर है। (घ) जी नहीं। 06 माह से 03 वर्ष के बच्चों, गर्भवती/धात्री माताओं एवं किशोरी बालिकाओं को टेक होम राशन का प्रदाय हेतु राज्य मंत्रि-परिषद के निर्णय अनुसार वर्तमान में म.प्र. राज्य आजीविका फोरम अंतर्गत महिला स्व-सहायता समूहों के परिसंघों द्वारा संचालित संयंत्रों द्वारा किया जा रहा है। राज्य मंत्रि-परिषद के निर्णय अनुसार इन संयंत्रों का चयन म.प्र. राज्य आजीविका फोरम द्वारा टेक होम राशन प्रदाय के लिये किया गया है। 03 से 06 वर्ष के बच्चों को प्रतिदिन तथा 06 माह से 03 वर्ष के बच्चों, गर्भवती/धात्री माताओं को प्रति मंगलवार, पोषण आहार का प्रदाय ग्राम स्तर पर मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम अंतर्गत संचालित सांझा चूल्हा से संबंधित महिला स्व-सहायता समूहों के माध्यम से आंगनवाड़ी केन्द्रों पर प्रदाय किया जाता है। ग्रामीण क्षेत्रों में इनका चयन पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा निर्धारित प्रक्रिया अनुसार किया जाता है। शहरी क्षेत्र में राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन से संबद्ध महिला स्व-सहायता समूहों द्वारा निर्धारित प्रक्रिया अनुसार चयन कर पोषण आहार का प्रदाय किया जाता है। पोषण आहार का प्रदाय जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''चार'' पर है। (ड.) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में भोपाल संभाग में वर्ष 2018 से प्रश्नांकित अवधि तक आंगनवाड़ी केन्द्रों में हुई जिलेवार नियुक्तियों, प्राप्त शिकायतों तथा उन पर की गई कार्यवाहियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''पांच'' पर है। नियुक्ति प्रक्रिया अन्तर्गत प्राप्त शिकायतों/दावा आपत्तियों के निराकरण की निर्धारित प्रक्रिया होने से समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है। (च) प्रश्नांश (घ) के संदर्भ में पोषण आहार सप्लायर के विरूद्ध अनियमितताओं की शिकायतें प्राप्त नहीं होने से शेष का प्रश्न ही नहीं।
जनसंपर्क द्वारा कराये गये कार्यों की जानकारी
[जनसंपर्क]
69. ( क्र. 654 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनसंपर्क और म.प्र. माध्यम में शासन की योजनाओं, शासकीय विभागों की योजनाओं का प्रचार-प्रसार करने के लिए कितनी संस्थाएं, कंपनियां, संगठन, एनजीओ तथा अन्य सभी संस्थाएं किस कार्य के लिए इम्पेनल्ड हैं? उनके नाम और कब से इम्पेनल्ड है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में 1 जनवरी, 2018 से प्रश्नांकित अवधि तक जनसंपर्क और माध्यम में इम्पेनल्ड कौन-कौन सी संस्थाओं को किन-किन योजनाओं, मदों अंतर्गत क्या-क्या कार्य दिये गये? कितनी संस्था, कंपनी, एनजीओ को एक से अधिक और पाँच से अधिक बार कार्य दिया गया? किन-किन इम्पेनल्ड संस्था, कंपनी, NGO को कोई काम नहीं दिया गया? क्यों नहीं दिया गया? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में जिन संस्था, कंपनी, एनजीओ को काम नहीं दिया जाता है? क्या उनका इम्पेनल्डमेंट निरस्त करने की कार्यवाही पर विचार किया जा रहा है? यदि नहीं तो, क्यों? (घ) शासन द्वारा जनसंपर्क एवं माध्यम द्वारा प्रचार-प्रसार एवं इवेंट के कार्य में भुगतान के पूर्व परीक्षण के क्या नियम/निर्देश/आदेश हैं? छायाप्रति उपलब्ध करावें। कितने मामलों में परीक्षण के आधार पर भुगतान रोका गया है? योजनावार परीक्षण की रिपोर्ट एवं जिन संस्था, कंपनी और एनजीओ के भुगतान रोके गए हैं, उनकी जानकारी उपलब्ध करावें। (ङ) 17 दिसंबर, 2018 से प्रश्न दिनांक तक जनसंपर्क और म.प्र. माध्यम में शासन की योजनाओं के प्रचार-प्रसार एवं इवेंट कौन-कौन सी संस्था, कंपनी, एनजीओ से कराया है? (च) क्या यह सही है कि 17 दिसंबर, 2018 से 22 मार्च, 2020 के मध्य म.प्र. जनसंपर्क और माध्यम द्वारा कराए गए प्रचार-प्रसार एवं इवेंट के कार्यों में अनियमितता पाई गई? इस कारण भुगतान रोके गए हैं? जिन कंपनियों के भुगतान रोके गए हैं, उनके नाम और राशिवार जानकारी उपलब्ध करावें?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। शेष जानकारी निरंक है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। जनसंपर्क में इम्पेनल्ड संस्थाओं एवं मध्यप्रदेश माध्यम में होर्डिंग्स, आयरन फ्रेम बोर्ड, प्रचार रथ, फिल्म निर्माण, मुद्रण, इवेंट आदि का प्रचार कार्य इम्पेनल्ड संस्थाओं से कराया गया। शेष जानकारी निरंक है। (ग) जी नहीं। ई-टेण्डर के माध्यम से पैनलबद्धता की कार्यवाही की गयी है। इम्पेनल्ड संस्थाओं को कार्य के स्वरूप विशेषज्ञता तथा निर्धारित समय-सीमा में कार्य करने की क्षमता के आधार पर बारी-बारी से कार्य आवंटित किया जाता है। अवधि समाप्त होने पर स्वत: ही इम्पेनल्डमेंट निरस्त हो जायेगा। शेष जानकारी निरंक है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन अनुसार है। किसी भी संस्था का कोई भुगतान रोका नहीं गया है। वर्तमान में बजट उपलब्धता तथा परीक्षणोपरांत संस्थाओं के भुगतान की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ड.) जनसंपर्क एवं मध्यप्रदेश माध्यम की जानकारी प्रश्नांश (ख) में निहित है। (च) कोई भुगतान रोका नहीं गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
संचालित आंगनवाड़ियों की जानकारी
[महिला एवं बाल विकास]
70. ( क्र. 655 ) श्री आतिफ आरिफ अकील : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) भोपाल उत्तर विधान सभा क्षेत्र में प्रश्न दिनांक तक किस-किस वार्ड/क्षेत्र में कितनी-कितनी आंगनवाड़ियाँ संचालित हैं? जानकारी दें। (ख) क्या संचालित आंगनवाड़ियों में बच्चों की देखभाल के लिए आंगनवाड़ी सहायिका एवं आंगनवाड़ी कार्यकर्ताएं उपलब्ध हैं? यदि हाँ, तो किन-किन आंगनवाड़ियों में स्टाफ उपलब्ध है तथा कौन-कौन सी आंगनवाड़ी देखरेख व स्टाफ की कमी के भाव में बंद है? जानकारी दें। (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में क्या संचालित आंगनवाड़ियों में उपस्थित बच्चों को पर्याप्त मात्रा में शासन द्वारा पोषण आहार का निरंतर वितरण किया जा रहा है? यदि हाँ, तो पोषण आहार के रूप में क्या-क्या वितरण किया जा रहा है? यदि नहीं तो क्यों?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) भोपाल, उत्तर विधानसभा क्षेत्र के 13 वार्डों में 243 आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' पर है। (ख) जी हां। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' पर है। कोई भी आंगनवाड़ी केन्द्र देखरेख व स्टाफ की कमी से बंद नहीं है। (ग) जी हाँ। 03 से 06 वर्ष के बच्चों को आंगनवाड़ी केन्द्रों में नियमित रूप से पोषण आहार का वितरण किया जा रहा है। हॉट कुक मील के रूप में नाश्ता एवं भोजन का निम्नानुसार वितरण किया जा रहा है:-
क्रमांक दिवस नाश्ता भोजन
1 सोमवार मीठी लाप्सी चावल सांभर
2 मंगलवार पौष्टिक खिचड़ी/हलवा खीर पूड़ी सब्जी
3 बुधवार मीठी लाप्सी खिचड़ा
4 गुरूवार नमकीन दलिया वेज पुलाव/कढ़ी पकोढा
5 शुक्रवार उपमा खिचड़ा
6 शनिवार मीठी लाप्सी चावल सांभर
06 माह से 03 वर्ष के बच्चों को टी.एच.आर. (टेक होम राशन) के रूप हलवा प्रीमिक्स, बाल आहार एवं खिचड़ी प्रीमिक्स दिया जा रहा है। शेष का प्रश्न नहीं।
कुपोषण की रोकथाम
[महिला एवं बाल विकास]
71. ( क्र. 656 ) श्री आतिफ आरिफ अकील : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या यह सही है की मध्य प्रदेश शासन के अथक प्रयासों के पश्चात भी कुपोषण को प्रदेश समाप्त नहीं किया जा सका? (ख) यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक प्रदेश के किन- किन जिलों में कितने-कितने बच्चे अतिकुपोषित और कितने कुपोषित हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में क्या कुपोषण की रोकथाम के लिए शासन द्वारा कौन-कौन सी योजनाएं तथा किस-किस योजना में शासन द्वारा कितनी-कितनी राशि व्यय की जा रही है? वर्षवार, योजनावार, वार्डवार बतावें। (घ) क्या विगत 2 वर्षों में शासन के रिकॉर्ड में दर्ज कुपोषित बच्चों की संख्या में कोई कमी आयी है? यदि नहीं तो क्यों? क्या ज़िम्मेदारों पर कोई कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) बच्चों में कुपोषण बहुआयामी कारकों से प्रभावित होता है। शासन के अथक प्रयासों से कुपोषण के स्तर में लगातार कमी परिलक्षित हुई है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। (ग) प्रदेश में कुपोषण निवारण हेतु मुख्यमंत्री बाल आरोग्य संवर्द्धन कार्यक्रम (MMBASK) का क्रियान्वयन किया जा रहा है। इस हेतु राशि का आवंटन नहीं किया जाता है, शेष का प्रश्न नहीं। (घ) जी हां, शेष का प्रश्न नहीं।
बड़े उद्योगों की स्थापना
[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]
72. ( क्र. 660 ) डॉ. विक्रांत भूरिया : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2004 से लेकर अब तक प्रदेश में कितने नए बड़े उद्योग स्थापित किए गए हैं, उनका प्रतिवर्ष जिलेवार विवरण दें। (ख) प्रदेश में वर्ष 2004 से लेकर अब तक कितने बड़े उद्योग बंद हुए हैं उनका जिलेवार विवरण दें तथा उद्योग बंद होने के क्या कारण रहे?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) विभाग के अधीन एमपी इण्डस्ट्रियल डेव्हलपमेंट कार्पोरेशन लिमिटेड क्षेत्रांतर्गत वर्ष 2004 से लेकर अब तक की अवधि में कुल 222 बड़े उद्योग स्थापित किए गए है, जिलेवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। (ख) विभाग के अधीन एमपी इण्डस्ट्रियल डेव्हलपमेंट कार्पोरेशन लिमिटेड क्षेत्रांतर्गत वर्ष 2004 से लेकर अब तक की अवधि में कुल 29 बड़े उद्योग बंद हुए है, जिसकी जिलेवार विवरण तथा बंद होने के कारण सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है।
जांच आयोग का गठन
[सामान्य प्रशासन]
73. ( क्र. 665 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2004 से 2023 तक किस-किस घटना की जांच हेतु जांच आयोग अधिनियम (1952 का 60) धारा 3 अंतर्गत जांच आयोग का गठन किस-किस दिनांक को किया गया है? अधिसूचना अनुसार जांच रिपोर्ट किस दिनांक को देना थी? शासन को जांच रिपोर्ट किस दिनांक को प्राप्त हुई? (ख) क्या जांच आयोग अधिनियम 1952 की धारा 3 के तहत रिपोर्ट प्राप्त होने के 6 माह अंतर्गत रिपोर्ट अनुसार कार्यवाही कर उसे विधानसभा के पटल पर रखा जाना है यदि हाँ, तो बतावें कि प्रश्नांश (क) में उल्लेखित जांच आयोग की रिपोर्ट को किस-किस दिनांक को विधानसभा के पटल पर रखा गया? (ग) क्या जांच आयोग के गठन का उद्देश्य किस गंभीर घटना पर न्याय हो तथा भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो यदि हाँ, तो बतावें कि जिन रिपोर्ट को अभी तक विधानसभा के पटल पर पर नहीं रखा गया है उसका कारण क्या है, अधिनियम की धारा के विपरित कार्य के लिये कौन जिम्मेदार है? (घ) जांच आयोग की रिपोर्ट को विधानसभा के पटल पर रखने की मांग पर उच्च न्यायालय में कोई प्रकरण लंबित है यदि हाँ, तो बतावें कि शासन ने उस मांग पर क्या राय दी?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) वर्ष 2004 से वर्ष 2023 तक जांच आयोग अधिनियम (1952 का 60) धारा तीन के अंतर्गत गठित जांच आयोग पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के कॉलम-2 अनुसार, जांच आयोग के गठन का दिनांक पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के कॉलम-3 अनुसार, शासन को जांच रिपोर्ट देने का दिनांक पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के कॉलम-5 अनुसार है एवं शासन को जांच रिपोर्ट प्राप्त होने का दिनांक पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के कॉलम-6 अनुसार है। (ख) जी हां, पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के कॉलम-7 में आयोग की रिपोर्ट विधानसभा पटल पर रखने का दिनांक अंकित है। (ग) जी हां, जिन रिपोर्ट को अभी तक विधानसभा पटल पर नहीं रखा गया उसकी कार्यवाही प्रक्रियाधीन है, शेष प्रश्न उद्भुत नहीं होता। (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
लाड़ली बहना योजना के विज्ञापन
[जनसंपर्क]
74. ( क्र. 666 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या लाड़ली बहना के विभिन्न प्रकार के विज्ञापनों में यह उल्लेखित किया गया है कि बढ़कर मिलेंगे 3000/- यदि हाँ, तो बतावें कि यह उल्लेख किस क्रमांक की घोषणा के आधार पर किया गया उस घोषणा की प्रति देवें तथा विज्ञापन की स्वीकृति संबंधी विवरण देवें। (ख) लाड़ली बहना के विज्ञापन पर अप्रैल 2023 से अक्टूबर 2023 तक प्रिंट मीडिया तथा न्यूज/केप्सूल/वीडियो के माध्यम से इलेक्ट्रानिक मीडिया तथा आधुनिक माध्यमों से आउटडोर पर प्रचार-प्रसार पर किये गये खर्च की जानकारी दें। (ग) विज्ञापन क्र. 16062/23, क्र. 16064/23, 11078/23, 16195/23, क्र. 11097/23, क्र 18423/23, क्र. 19072/23 की प्रति उपलब्ध करावें तथा बतावें कि इन विज्ञापनों में लाड़ली बहना की वास्तविक घोषणा क्र. 2393 राशि आगामी वर्षों में रूपये 3000/- मासिक राशि रूपये 1000/- से बढ़कर होगी रूपये 3000/- तक बढे़गी राशि का उल्लेख क्यो किया गया। (घ) लाड़ली बहना के विज्ञापन पर पूर्व विधायक पारस सकलेचा द्वारा लिखे गये पत्र क्र. 101/23 दिनांक 31.07.2023 पर की गई कार्यवाही से अवगत करावें।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है। (घ) इस तरह का कोई पत्र विभाग को प्राप्त नहीं हुआ है।
आंगनवाड़ी केन्द्रों की जानकारी
[महिला एवं बाल विकास]
75. ( क्र. 677 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जावरा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत जावरा तहसील, पिपलौदा तहसील, जावरा नगर एवं पिपलौदा नगर अंतर्गत कुल कितने आंगनवाड़ी केंद्र स्वीकृत होकर कार्यरत है? केन्द्रवार जानकारी दें। (ख) क्या उपरोक्तानुसार स्वीकृत एवं कार्यरत संचालित केंद्र क्या स्वयं के विभागीय भवनों में संचालित हो रहे है अथवा किराए के भवनों में तो कुल कितने विभागीय भवन होकर कितने केन्द्रों के भवन में संचालित हो रहे है? केन्द्रवार जानकारी दें। (ग) जावरा नगर स्थित वन स्टाप सेंटर कब से प्रारम्भ होकर कितने विभागीय जन आवेदन प्राप्त कर इनका निराकरण कर चुके है, कितने प्रकरण लंबित होकर विचाराधीन है एवं सुचारू कार्य संचालन हेतु केंद्र के भवन की स्वीकृति बजट में कब दी जाकर भवन निर्माण की स्वीकृति कब प्राप्त होगी? जानकारी दें। (घ) जानकारी दें कि किन-किन स्थानों पर भवनों की आवश्यकता है उन भवनों की स्वीकृति कब तक दी जा सकेगी? साथ ही वर्ष 2018 से 2023 तक केन्द्रों के संचालन हेतु कितना-कितना बजट स्वीकृत होकर कितना व्यय हुआ? केन्द्रवार, व्ययवार जानकारी दें।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) जावरा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत जावरा तहसील, पिपलौदा तहसील, जावरा नगर एवं पिपलौदा नगर अंतर्गत 348 आंगनवाड़ी केंद्र एवं 62 मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र, इस प्रकार कुल 410 आंगनवाड़ी केन्द्र स्वीकृत होकर संचालित हैं। केन्द्रवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है। (ख) स्वीकृत एवं कार्यरत संचालित 348 आंगनवाड़ी केंद्रों में से 196 आंगनवाड़ी केन्द्रों विभागीय भवनों में, 81 अन्य शासकीय भवनों में एवं 71 केन्द्र किराये के भवनों में संचालित हो रहे है। 62 मिनी आंगनवाड़ी केन्द्रों में से 06 केन्द्र किराये के भवनों में एवं 56 अन्य शासकीय भवनों में संचालित हो रहे है। विभागीय, अन्य शासकीय एवं किराये के भवनों में संचालित आंगनवाड़ी केन्द्रों की केन्द्रवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है। (ग) रतलाम जिले में जावरा नगर अन्तर्गत वन स्टाप सेंटर 25 जुलाई 2023 से प्रारम्भ हुआ है। अभी तक 53 प्रकरणों का पंजीयन किया जाकर 40 प्रकरणों में सहायता उपलब्ध कराई गई है। शेष प्रकरणों में आवश्यकता अनुसार सहायता उपलब्ध कराई जा रही है। वन स्टॉप सेंटर के भवन निर्माण की स्वीकृति/बजट भारत सरकार द्वारा प्रदाय की जाती है। भारत सरकार से भवन निर्माण हेतु राशि की मांग की गई है। वन स्टॉप सेंटर का भवन निर्माण भारत सरकार से राशि प्रदाय किये जाने पर निर्भर है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) 137 आंगनवाड़ी केन्द्रों पर भवनों की आवश्यकता है। केन्द्रवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- ''स'' अनुसार है। भवन विहीन आंगनवाड़ी केन्द्रों के लिये भवन निर्माण शासकीय भूमि एवं वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर है। समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है। केन्द्रों के संचालन हेतु केन्द्रवार बजट नहीं दिया जाता। अत: केन्द्रवार बजट स्वीकृति एवं व्यय की जानकारी निरंक है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विभागीय रिड़ेंसीफिकेशन योजना
[जेल]
76. ( क्र. 678 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा रिड़ेंसीफिकेशन कार्ययोजना बनाकर जनसुविधा को विस्तारित किये जाने हेतु अनेक प्रस्ताव तैयार कर प्रदेश भर में कार्य प्रारम्भ किये गये है? (ख) यदि हाँ, तो क्या उपरोक्त योजना में जावरा उपजेल को अन्यत्र स्थानांतरित किये जाने हेतु कार्ययोजना बनाकर कार्यवाही प्रारम्भ की गई है? (ग) यदि हाँ, तो किस-किस प्रकार की कार्यवाही कब-कब की गई एवं कार्यवाही, कार्ययोजना में क्या-क्या सम्मिलित किया गया? उपजेल स्थानांतरित होकर किस स्थान पर बनाई जायेगी? (घ) उपजेल स्थानांतरित होने पर उपजेल की रिक्त भूमि पर क्या-क्या किया जाएगा? किस प्रकार की कार्ययोजना बनाई गई हैं?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) कार्यवाही प्राथमिक चरण पर है। अत: प्रस्ताव के अंश वर्तमान में निश्चित नहीं है। (घ) प्रश्नांश (ग) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
प्रदेश में लोकायुक्त की कार्यवाही
[सामान्य प्रशासन]
77. ( क्र. 681 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 जनवरी, 2019 से प्रश्न दिनांक तक प्रदेश में लोकायुक्त के छापों में कुल किस-किस श्रेणी के कर्मचारी/अधिकारी पर कार्यवाही हुई? नाम, पद सहित जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) संदर्भित छापों में उक्त अवधि में सबसे अधिक किस विभाग के, किस पद तथा किस जिले के कर्मचारियों पर कार्यवाही हुई? जानकारी देवें। (ग) उक्त अवधि में डाले गए छापों में कितने प्रकरण विचाराधीन है तथा कितने प्रकरणों में न्यायालय में डायरी सौंप दी गई है तथा न्यायालय द्वारा कितनों को दोषी पाया गया, कितनों को निर्दोष है?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के कॉलम-4 में अधिकारी/कर्मचारी की श्रेणी एवं कॉलम-3 में आरोपीगण का नाम एवं पद की जानकारी अंकित है। (ख) प्रश्नांश (क) संदर्भित छापों में उक्त अवधि में सबसे अधिक सहकारिता विभाग के, तृतीय श्रेणी पद तथा इंदौर जिले के कर्मचारियों पर कार्यवाही हुई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के कॉलम 5 में विभाग का नाम, कॉलम-3 में पद का नाम एवं कॉलम-6 में जिले की जानकारी अंकित है। (ग) उक्त अवधि में डाले गये छापों में, 62 प्रकरण विवेचनाधीन है, 06 प्रकरण अभियोजन स्वीकृति में शासन के पास लंबित है, 02 प्रकरणों में खात्मा कार्यवाही, 01 प्रकरण में चालानी कार्यवाही की जा रही है तथा 04 प्रकरणों में माननीय न्यायालय में चालान प्रस्तुत किया गया है तथा उक्त प्रकरणों में से माननीय न्यायालय से अभी कोई प्रकरण निर्णित नहीं हुआ है।
स्टेट जी.एस.टी. आयुक्त कार्यालय भवन
[वाणिज्यिक कर]
78. ( क्र. 682 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या उप मुख्यमंत्री, वित्त महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) स्टेट जी.एस.टी. आयुक्त कार्यालय के अंतर्गत विभाग के कार्यालय संचालित करने के लिए कितने भवन आदि, कितनी राशि मासिक किराया पर, किस दिनांक से ले रखा है, अब तक कुल कितनी राशि किराए के रूप में भुगतान की गई है, अनुबंध की प्रतियां देवें। (ख) विभाग के पास कितनी भूमि एवं भूखंड रिक्त है व उनके किस प्रकार के उपयोग किए जा रहे है, वर्तमान में उनकी स्थिति क्या है? (ग) क्या प्रश्नांश (क), (ख) के संबंध में इंदौर आयुक्त कार्यालय के अंतर्गत पदस्थ अधिकारियों, कर्मचारियों के विरुद्ध किस प्रकार की कार्यवाहियां की गई है? प्रचलन में है, जारी नोटिसों, आदेशों की प्रतियां देवें।
उप मुख्यमंत्री, वित्त ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) वाणिज्यिक कर आयुक्त कार्यालय के अंतर्गत किराये के भवनों में संचालित कार्यालयों की चाही गई जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ख) विभाग को आवंटित रिक्त भूमि/भूखण्ड की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संबंध में जानकारी निरंक है।
नवांकुर संस्थाओं एवं मेन्टर्स की जानकारी
[योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी]
79. ( क्र. 683 ) श्री बाबू जन्डेल : क्या उप मुख्यमंत्री, वित्त महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) संभागीय कार्यालय म.प्र. जन अभियान परिषद पत्र क्र./जअप/2022/307 मुरैना के पत्र के पालन में नवांकुर संस्था एवं मेन्टर्स के संबंध में चलाई गयी सम्पूर्ण नस्ती की प्रमाणित छायाप्रति उपलब्ध कराये। (ख) संभागीय कार्यालय म.प्र. जन अभियान परिषद पत्र क्र./जअप/2022/307 मुरैना के पत्र के माध्यम से नवांकुर संस्था एवं मेन्टर्स में चयनित सदस्य एक ही परिवार के दो सदस्य नहीं हो, के पालन में सम्पूर्ण चम्बल संभाग मुरैना में किन-किन संस्थाओं एवं मेन्टर्स को हटाया गया। प्रमाणित छायाप्रति उपलब्ध करायी जावें। (ग) सम्पूर्ण चम्बल संभाग में नवांकुर संस्था योजनान्तर्गत चयनित संस्था के द्वारा नियुक्ति संस्थाओं एवं मेन्टर्सो की जांच विभाग के किन-किन अधिकारियों द्वारा की गयी? जांच उपरांत संबंधित अधिकारियों के द्वारा जो टीप दी गयी, टीप की प्रमाणित छायाप्रति उपलब्ध करायी जावें।
उप मुख्यमंत्री, वित्त ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) संभागीय कार्यालय, मध्यप्रदेश जन अभियान परिषद के पत्र क्रमांक जअप/2022/307/मुरैना के पत्र के पालन में नवांकुर संस्था एवं मेन्टर्स के संबंध में जिला श्योपुर, भिण्ड, मुरैना में चलाई गई संपूर्ण नस्ती की प्रमाणित छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) संभागीय कार्यालय, मध्यप्रदेश जन अभियान परिषद के पत्र कमांक जअप/2022/307/मुरैना के पत्र के परिपालन में श्योपुर जिले के कराहल विकासखण्ड समन्वयक के मेन्टर श्रीमती रानू रावत को हटाया गया। संबंधित कार्यवाही की प्रमाणित छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के पृष्ठ क्रमांक 19 एवं 20 अनुसार है। (ग) संपूर्ण चम्बल संभाग में नवांकुर संस्था योजनान्तर्गत चयनित संस्था के द्वारा मेंटर्स का व अनुश्रवण किया जाता है। चयन संबंधित कार्यवाही की प्रमाणित छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के पृष्ठ क्रमांक 12, 13, 14, 31, 32, 43 व 44 एवं अनुश्रवण संबंधित कार्यवाही की प्रमाणित छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट पृष्ठ क्रमांक 19 एवं 20 अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
म.प्र. जन अभियान परिषद को प्राप्त राशि
[योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी]
80. ( क्र. 685 ) श्री बाबू जन्डेल : क्या उप मुख्यमंत्री, वित्त महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. जन अभियान परिषद जिला श्योपुर के ब्लॉक कराहल को वर्ष 2019-20 से प्रश्न दिनांक तक किस-किस मद में कितनी-कितनी राशि प्राप्त हुई? उपरोक्त राशि का किस-किस मद में व्यय किया गया? (ख) म.प्र. जन अभियान परिषद जिला श्योपुर के अन्तर्गत ब्लॉक कराहल की वर्ष 2019-20 से प्रश्न दिनांक तक की मासिक रिपोर्टो प्रमाणित छायाप्रति उपलब्ध करावें? (ग) म.प्र. जन अभियान परिषद जिला श्योपुर के अन्तर्गत ब्लॉक कराहल की वर्ष 2019-20 से प्रश्न दिनांक तक की लॉगबुक की प्रमाणित छायाप्रति उपलब्ध करावें? (घ) म.प्र. जन अभियान परिषद जिला श्योपुर के द्वारा ब्लॉक कराहल हेतु वर्ष 2022 में किन-किन नवांकुर योजनान्तर्गत संस्थाओं का अनुबंध कितने वर्ष हेतु कराया गया तथा किन-किन संस्थाओं का अनुबंध किन कारणों से समाप्त किया गया? क्या संस्थाओं का अनुबंध समाप्त करने से पूर्व संस्थाओं को नोटिस दिया गया था? यदि हाँ, तो प्रमाणित छायाप्रति उपलब्ध करायें? यदि नहीं तो क्यों? क्या दोषी अधिकारी के खिलाफ कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों?
उप मुख्यमंत्री, वित्त ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) म.प्र. जन अभियान परिषद जिला श्योपुर के ब्लॉक कराहल को वर्ष 2019-20 से प्रश्न दिनांक तक मदवार प्राप्त राशि एवं व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। (ख) म.प्र. जन अभियान परिषद जिला श्योपुर के अन्तर्गत ब्लॉक कराहल की वर्ष 2019-20 से प्रश्न दिनांक तक के प्रतिवेदन की प्रमाणित छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। (ग) म.प्र. जन अभियान परिषद जिला श्योपुर के अन्तर्गत ब्लॉक कराहल की वर्ष 2019-20 से प्रश्न दिनांक तक के लॉगबुक की प्रमाणित छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- स अनुसार है। (घ) म.प्र. जन अभियान परिषद जिला श्योपुर के ब्लॉक कराहल हेतु वर्ष 2022 में नवांकुर योजनान्तर्गत पांच संस्थाओं का अनुबंध एक वर्ष हेतु कराया गया। चयनित संस्थाओं की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-द अनुसार है। नवांकुर योजना मार्गदर्शिका वित्तीय वर्ष 2022-23 जो पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ई अनुसार है, में दिये दिशा-निर्देश अनुसार एक नवांकुर संस्था श्री क्षेत्रपाल बहुउद्देशीय विकास शिक्षण संस्थान समिति को मार्गदर्शिका के अनुरूप प्रदत्त निर्देश व कार्यों के प्रति निष्क्रियता एवं उदासिनता के कारण हटाया गया।
प्रोत्साहन राशि की उपलब्धता
[सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम]
81. ( क्र. 690 ) श्री सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाहा : क्या सूक्ष्म,लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या उद्योग विभाग द्वारा शासकीय प्रक्रिया के माध्यम से व्यवसाय हेतु लीज पर ली गई भूमि में व्यवसाय/इकाई स्थापित करने पर उक्त भूमि के लिए विकास राशि (सड़क, रोड, पानी एवं नाली निर्माण के लिए) या अन्य प्रोत्साहन राशि दिए जाने के प्रावधान है? यदि हाँ, तो नियमावली उपलब्ध कराएं। (ख) प्रश्नांश (क) की परिप्रेक्ष्य में यदि निजी भूमि लीज में ली जाकर किसी अन्य व्यक्ति द्वारा इकाई स्थापित कर व्यवसाय किया जाता है तो क्या उक्त भूमि के विकास हेतु विकास राशि या अन्य प्रोत्साहन राशि उपलब्ध कराए जाने का प्रावधान है? यदि हां, तो नियमावली की प्रति दें।
सूक्ष्म,लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री ( श्री चेतन्य कुमार काश्यप ) : (क) एवं (ख) जी नहीं। इकाई परिसर के अंदर की भूमि के लिए विकास राशि या अन्य प्रोत्साहन राशि दिये जाने का प्रावधान नियमों में नहीं है। अपितु क्लस्टर के विकासक को विकास हेतु व्यय की गई राशि पर अनुदान दिये जाने का प्रावधान म.प्र. एमएसएमई विकास नीति 2021 में है।
रेत खदानों की नीलामी
[खनिज साधन]
82. ( क्र. 702 ) डॉ. योगेश पंडाग्रे : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के सीहोर एवं देवास जिले की कितनी रेत खदानों की कितनी रेत के लिये न्यूनतम दर क्या-क्या निर्धारित कर वर्ष 2018 से वर्ष 2023 तक ऑनलाईन नीलामी या ऑफलाईन नीलामी किस दिनांक को प्रस्तावित की गई, किस दिनांक को किसकी अंतिम बोली को कितने में स्वीकार किया गया? (ख) वर्ष 2023 में आयोजित नीलामी में किस-किस ने भाग लिया एवं किस-किस आई.डी. से कितनी-कितनी बोली लगाई? ऑनलाईन बोली के स्क्रीन शॉट की प्रति सहित बोली में भाग लेने वालों के पूर्ण पते एवं मोबाईल नंबर, ईमेल एड्रेस सहित बतावें। (ग) मध्य प्रदेश राज्य खनिज विकास निगम भोपाल एवं संबंधित कलेक्टर ने किस दिनांक को किस कंपनी को नीलाम की गई रेत खदानों के लिये किस व्यक्ति से अनुबंध किया, अनुबंधकर्ता ने अनुबंध किस हैसियत से किया? (घ) किस रेत खदान को किस दिनांक को प्रारंभ किया, उस खदान का वास्तविक सीमांकन किस दिनांक को किस राजस्व पटवारी एवं किस खनिज निरीक्षक या खनिज मानचित्रकार ने किस दिनांक को किया?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर दर्शित है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब, स, द एवं ई पर दर्शित है। (ग) मध्यप्रदेश राज्य खनिज विकास निगम भोपाल, कलेक्टर जिला सीहोर तथा मेसर्स यूफोरिया माइन्स एण्ड मिनरल्स कंसोसियम प्रायवेट लिमिटेड की तरफ से अधिकृत व्यक्ति श्री गया सिंह द्वारा त्रिपक्षीय अनुबंध दिनांक 31/10/2023 को निष्पादित किया गया है। (घ) जिला सीहोर अंतर्गत प्रारंभ की गई खदानों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एफ पर दर्शित है। जिले में भी पूर्व से सीमांकित तथा घोषित खदानों को ही पूर्व से अधिसूचित म.प्र. गौण खनिज नियम, 1996 के नियम 8 तथा मध्यप्रदेश रेत (खनन, परिवहन, भण्डारण एवं व्यापार) नियम 2019 के नियम 5 के तहत सीमांकित एवं घोषित किए जाने के उपरांत ही ई-निविदा सह नीलामी प्रक्रिया में रखा गया है। अत: खदान प्रारंभ किए जाने के पूर्व पुन: वास्तविक सीमांकन किए जाने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
उद्योग की स्थापना
[सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम]
83. ( क्र. 707 ) डॉ. प्रभुराम चौधरी : क्या सूक्ष्म,लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सांची विधानसभा क्षेत्रांतर्गत विगत पांच वर्षों में कितने सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग स्थापित किये गये है? यदि हाँ, तो कहां-कहां और किस-किस के द्वारा स्थापित किये गये उद्योगवार, नामवार जानकारी देवें? (ख) सांची विधानसभा क्षेत्रांतर्गत आगामी वित्तीय वर्षों में नवीन सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग स्थापित करने की क्या योजना है?
सूक्ष्म,लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री ( श्री चेतन्य कुमार काश्यप ) : (क) साँची विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत विगत पाँच वर्षों में 62 सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम स्थापित किये गये है। स्थापित उद्यमो की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग अनुसार सांची विधानसभा क्षेत्रांतर्गत विभाग के अधीन एमपी इण्डस्ट्रियल डेव्हलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड़ के अधीनस्थ ग्राम-जमुनिया खेजड़ा, तहसील-सांची की भूमि पर एक वृहद उद्योग मेसर्स वेलस्पन कॉर्प लिमिटेड स्थापित हुआ है, जिसका विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ख) साँची विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत आगामी वित्तीय वर्षों में नवीन सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग स्थापित करने हेतु रोजगार दिवस एवं जागरूकता शिविरों का आयोजन कर युवा उद्यमियों को रोजगार स्थापित करने हेतु प्रोत्साहित किया जावेगा।
नकतरा चौकी अंतर्गत ग्राम को जोड़ा जाना
[गृह]
84. ( क्र. 708 ) डॉ. प्रभुराम चौधरी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सांची विधानसभा क्षेत्रांतर्गत रायसेन तहसील के कुछ ग्राम थाना सुल्तानपुर अंतर्गत आते हैं, तो क्या रायसेन तहसील के ग्रामों को नकतरा चौकी में जोड़ने का प्रस्ताव विभाग के पास लंबित है? (ख) यदि हाँ, तो कब तक नाम जोड़े जावेंगे और नाम जोड़ने के आदेश जारी करेंगे?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। रायसेन तहसील के 10 ग्राम थाना सुल्तानपुर अंतर्गत आते है, जिन्हें जिला कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी कार्यालय के आदेश दिनांक 19.01.2024 के द्वारा नकतरा चौकी थाना देवनगर में सम्मिलित किया गया। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विधायक विकास निधि एवं स्वेच्छानुदान का दुरूपयोग
[योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी]
85. ( क्र. 717 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या उप मुख्यमंत्री, वित्त महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टीकमगढ़ विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत वर्ष 2018 से वर्ष 2023 तक की राशि का दुरूपयोग कर कागजी खाना पूर्ति कर राशि हड़प ली गई? (ख) यदि नहीं तो ऐसे कितने एक ही परिवार के व्यक्ति हैं जिन्हें सम्पूर्ण परिवार को स्वेच्छानुदान राशि दी गई? (ग) कार्यालय कलेक्टर टीकमगढ़ का पत्र क्र. 1229 दिनांक 20.05.2022 पत्र क्र. 1303 दिनांक 26.05.2022, पत्र क्र. 2197 दिनांक 14.11.22, पत्र क्र. 2246 दिनांक 18.11.22 एवं विकास कार्य हेतु तालाब गहरीकरण और तालाब गहरीकरण का कार्य एवं अन्य विकास कार्य केवल पूर्व विधायक के परिवार की निर्माण एजेंसियों मे. गजानन, मे. सिद्धि विनायक, मे. बाबा जी कन्स एंड ट्रेडिंग कंपनी को दिये गए, ऐसा क्यों? उक्त निर्माण एजेंसियों में कौन-कौन पार्टनर है? उनके नाम सहित विवरण दें। (घ) विधायक विकास निधि वर्ष 2018 से वर्ष 2023 तक के कार्यों की प्रगति मूल्यांकन व सत्यापन किसके द्वारा किया गया?
उप मुख्यमंत्री, वित्त ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जी नहीं। (ख) मान. विधायक द्वारा प्रेषित प्रस्तावों में हितग्राही का नाम, प्रयोजन एवं अनुसंशित राशि का विवरण दिया जाता है, परिवार के सदस्यों का विवरण नहीं दिया जाता है। मान. विधायक से प्राप्त अनुशंसा के आधार पर ही राशि स्वीकृत किये जाने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) कार्यालय कलेक्टर टीकमगढ़ का पत्र क्रमांक 1229 दिनांक 20.05.2022 एवं 1303 दिनांक 26.05.2022 पत्र क्रमांक 2197 दिनांक 14.11.2022, पत्र क्रमांक 2246 दिनांक 18.11.2022 के द्वारा मान. विधायक से प्राप्त अनुशंसा के आधार पर स्वेच्छानुदान योजना के अन्तर्गत स्वीकृति जारी की गई है। तालाब गहरीकरण के कार्य लोक निर्माण विभाग एवं स्थानीय निकायों को ही स्वीकृत किये गये है। संबंधित क्रियान्वयन एजेन्सी द्वारा निविदा प्रक्रिया के आधार पर कार्य आदेश दिये जाने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र विकास योजना के अन्तर्गत वर्ष 2018 से 2023 तक के कार्यों की प्रगति मूल्यांकन व सत्यापन संबंधित क्रियान्वयन एजेन्सियों के उपयंत्री/सहायक यंत्री व कार्यपालन यंत्री द्वारा किया गया है।
खनिज कार्यों की अद्यतन स्थिति
[खनिज साधन]
86. ( क्र. 724 ) श्री रजनीश हरवंश सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वित्तीय वर्ष 2021-22 से प्रश्न दिनांक तक विधानसभा केवलारी अंतर्गत कितने खनिज कार्य स्वीकृत किये गये है एवं वर्तमान में कौन-कौन से कार्य चालू हैं एवं कितनी राशि की स्वीकृत की गई थी? वर्षवार जानकारी देवें। प्रश्न दिनांक तक कितने कार्य चालू नहीं हुये हैं? पंचायतवार जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार किस कारण से कार्य चालू नहीं हो पाये हैं की जानकारी देवें। (ग) विभाग अंतर्गत केंद्र एवं राज्य शासन द्वारा संचालित समस्त कार्यों में प्राप्त आवंटन एवं व्यय राशि का वर्षवार विवरण देवें।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) खनिज कार्य स्वीकृत किये जाने का नियमों में कोई प्रावधान नहीं है। शेष भाग का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। शेष भाग का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नर्मदापुर जिले के साइबर क्राइम की जानकारी
[गृह]
87. ( क्र. 744 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नर्मदापुरम जिले में साइबर क्राइम के कितने प्रकरण जनवरी 2022 से मई 2023 तक दर्ज किए गए? थानावार जानकारी दें। (ख) उक्त अपराधों में अपराधियों द्वारा कितने नागरिकों को कितनी राशि का नुकसान पहुँचाया गया? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अपराधों में कितने अपराधियों को पकड़कर कितनी राशि जप्त की गयी? (घ) क्या यह सच है कि साइबर अपराधों में थानों द्वारा मांगी गई जानकारी बैंक प्रबंधन द्वारा विलंब से देने जांच में देरी होती है यदि हाँ, तो इस संबंध में बैंक प्रबंधक के खिलाफ क्या कोई कार्यवाही की गई?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) से (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (घ) जी हाँ। बैंक प्रबंधन के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की गई है।
आय एवं सम्पत्ति प्रमाण पत्र
[सामान्य प्रशासन]
88. ( क्र. 745 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के अभ्यर्थियों हेतु आय एवं संपत्ति प्रमाण-पत्र जारी करने हेतु सामान्य प्रशासन विभाग के द्वारा जारी निर्देश दि. 29.06.2021 की कंडिका 2 (11) (सी) में उल्लेखित है कि ''जिसके पास नगर पालिका क्षेत्र में 1500 वर्गफुट या अधिक का मकान या फ्लेट हो''। (ख) जानकारी दें कि ''मकान का आशय 'बिल्ट अप एरिया' से है या 'प्लाट साइज'' से। (ग) क्या नगर पालिका/नगर निगम/नगर पंचायत/ग्राम पंचायत क्षेत्र के भूखंड धारकों के पृथक-पृथक मापदंड है?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी, नहीं। आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के अभ्यर्थियों हेतु आय एवं संपत्ति प्रमाण-पत्र जारी करने हेतु सामान्य प्रशासन विभाग के द्वारा जारी निर्देश दिनांक 29.06.2021 की कंडिका-3 (II) (सी) में उल्लेखित है कि ''जिसके पास नगर पालिका क्षेत्र में 1500 वर्गफुट से अधिक का आवासीय मकान/फ्लैट हो।'' (ख) सामान्य प्रशासन विभाग के उक्त परिपत्र दिनांक 29.06.2021 में बिल्ट अप एरिया के बारे में पृथक से उल्लेख नहीं है। (ग) जी हॉं।
अवैध अहातों के संचालन की जानकारी
[वाणिज्यिक कर]
89. ( क्र. 751 ) श्री पंकज उपाध्याय : क्या उप मुख्यमंत्री, वित्त महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन द्वारा अहाते बंद किये जाने के आदेश के बाद भी ग्वालियर, भोपाल, इन्दौर तथा उज्जैन संभाग में कितने अहाते चलते हुये पाये गए? प्रश्नाधीन संभाग के जिलेवार जानकारी देते हुये बतावें कि क्या कार्यवाही की गई इस संबंध में जांच प्रतिवेदनों मौका रिपोर्ट की प्रति देवें। (ख) वर्ष 2020 से 2023 तक शराब तस्करी के प्रकरणों में किन-किन डिस्लरीज की शराब जप्त हुई डिस्लरी और उसके मालिक/संचालक पर क्या कार्यवाही की गई? (ग) माननीय सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के विपरीत ग्वालियर, भोपाल, इन्दौर तथा उज्जैन संभाग में नेशनल और स्टेट हाइवे पर निर्धारित दूरी के अंदर दिखाई देने वाली स्थिति में शराब के लायसेंस किस-किस ठेकेदार को जारी किये गये है? उक्त संभाग में जिलेवार जानकारी दें तथा बतावें कि इस प्रकार के प्रकरण में किस व्यक्ति की याचिका पर किन-किन अधिकारियों को नोटिस जारी करने का हाईकोर्ट ने दिया है विभाग के जवाब की प्रति देवें। (घ) वर्ष 2023-24 के लिये शराब डिस्लरीज को जिलों में देशी, मसाला, प्लेन मदिरा सप्लाय करने के लिये प्राप्त टेण्डरों को किन कारण से निरस्त किया था पुन: किन कारणों से टेण्डर स्वीकृत किये गये आदेश की प्रतिया देवें। (ड.) मुरैना जिले में वर्ष 2023-24 में शराब की कुल कितनी दुकानों के ठेके आमंत्रित किए गए कितना राजस्व प्राप्त हुआ एवं जौरा विधानसभा में कितनी अवैध दुकाने संचालित की जा रही अगर की जा रही है तो क्यों? कार्यवाही कब तक कर ली जाएगी एवं जहरीली शराब पीने से कुल कितने लोगों की मौत हुई? जानकारी देंवे।
उप मुख्यमंत्री, वित्त ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) शासन द्वारा अहाते बंद किये जाने के आदेश के बाद ग्वालियर, भोपाल, इन्दौर तथा उज्जैन संभाग में कोई अहाता संचालित होना नहीं पाये गये। अत: शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ख) आबकारी अधिनियम के अंतर्गत 50 लीटर से अधिक मदिरा के अवैध अधिपत्य व परिवहन करते हुए वर्ष 2020 से 2023 तक में अनेक डिस्टलरियों की विनिर्मित होने वाले लेबलों की मदिरा जप्त हुई, जिसका विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-एक अनुसार है। (ग) माननीय सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के विपरीत ग्वालियर, भोपाल, इन्दौर तथा उज्जैन संभाग में नेशनल और स्टेट हाइवे पर निर्धारित दूरी के अंदर दिखाई देने वाली स्थिति में शराब के लायसेंस किसी ठेकेदार को जारी नहीं किये गये हैं। मध्यप्रदेश राजपत्र (असाधारण) क्रमांक 111 दिनांक 31.03.2023 में प्रकाशित अधिसूचना क्रमांक एफ 3/3/4/0009/2023-Sec-2-05 (CT) (15) एवं मध्यप्रदेश आबकारी अधिनियम 1915 के अन्तर्गत बने सामान्य प्रयुक्ति नियमों के नियम-1 के अन्तर्गत निर्धारित दूरी पर मदिरा दुकानों के लायसेंस जारी किये गये है। अत: शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। राजमार्गों पर मदिरा की अवस्थिति के संबंध में माननीय उच्च न्यायालय मध्यप्रदेश, खण्डपीठ इन्दौर के समक्ष मध्यप्रदेश शासन एवं अन्य के विरूद्ध कुल 03 याचिकायें लंबित है, जिनका संक्षिप्त विवरण निम्नानुसार है:- (अ) याचिकाWP18025/2023 याचिकाकर्ता मातृ फाउंडेशन के द्वारा दायर की गई है, जिसमें (i) प्रमुख सचिव, मध्यप्रदेश शासन, (ii) प्रमुख सचिव, मध्यप्रदेश शासन, आबकारी विभाग, (iii) आबकारी आयुक्त, मध्यप्रदेश, ग्वालियर, (iv) उपायुक्त आबकारी, संभागीय उड़नदस्ता, संभाग-इंदौर, (v) कलेक्टर, जिला इंदौर, (vi) सड़क, परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (एमओआरटीएच) भारत संघ को प्रतिवादी बनाया गया है। याचिका में प्रतिवादी पक्ष को प्रत्यावर्तन प्रस्तुत करने हेतु माननीय उच्च न्यायालय द्वारा नोटिस जारी किए गए है। (ब) याचिकाWP 24229/2023याचिकाकर्ता राजेन्द्र कुमार गुप्ता के द्वारा दायर की गई है, जिसमें (i) मुख्य सचिव, मध्यप्रदेश शासन, (ii) प्रमुख सचिव, वाणिज्यिक कर विभाग, मध्यप्रदेश शासन, (iii) आबकारी आयुक्त, मध्यप्रदेश, (iv) पुलिस महानिदेशक (DGP), मध्यप्रदेश, भोपाल, (v) कलेक्टर, जिला इंदौर, (vi) सहायक आयुक्त आबकारी, जिला इंदौर एवं (vii) सहायक आयुक्त आबकारी, जिला देवास को प्रतिवादी बनाया गया है। याचिका में प्रतिवादी पक्ष को प्रत्यावर्तन प्रस्तुत करने हेतु माननीय उच्च न्यायालय द्वारा नोटिस जारी किए गए है। (स) याचिकाWP 31815/2023याचिकाकर्ता अनादी सिलावट के द्वारा दायर की गई है, जिसमें (i) प्रमुख सचिव, वाणिज्यिक कर विभाग, मध्यप्रदेश शासन, (ii) आबकारी आयुक्त, मध्यप्रदेश, (iii) कलेक्टर, जिला इंदौर, (iv) सहायक आयुक्त आबकारी, जिला इंदौर को प्रतिवादी बनाया गया है। याचिका में प्रतिवादी पक्ष को प्रत्यावर्तन प्रस्तुत करने हेतु माननीय उच्च न्यायालय द्वारा नोटिस जारी किए गए है। वर्तमान में उक्त याचिकाओं का प्रत्यावर्तन प्रस्तुत किया जाना प्रक्रियाधीन है। इसलिए वर्तमान में जवाब की प्रति देना संभव नहीं है। (घ) वर्ष 2023-24 के लिये शराब डिस्टलरीज को जिलों में देशी, मसाला, प्लेन की आपूर्ति हेतु ई-टेण्डर के माध्यम से दिनांक 27.01.2023 तक आसवकों द्वारा प्रस्तुत टेण्डरों में प्राप्त दरें अव्यवहारिक होने के कारण प्रशासकीय विभाग के आदेश क्रमांक 371/3/3/4/0003-Sec-2-05 (CT) दिनांक 17.02.2023 से टेण्डर निरस्त किये गये थे। पुन: ई-टेण्डर के माध्यम से दिनांक 28.03.2023 तक आसवकों द्वारा प्रस्तुत टेण्डरों में प्राप्त दरें पूर्व में प्राप्त दरों से कम होने के कारण निर्णय लिया जाकर पत्र क्रमांक 3/3/4/0003/2023-Sec-2-05 (CT) दिनांक 31.03.2023 से दरों को स्वीकृत किया गया है। आदेशों की प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-दो एवं तीन अनुसार है। (ड.) मुरैना जिले में वर्ष 2023-24 में कुल 59 कम्पोजिट मदिरा दुकानों का निष्पादन कर ठेके स्वीकृत किये गये जिससे वर्ष 2023-24 में रूपये 2,00,98,54,376/- का आबकारी राजस्व प्राप्त हुआ। जौरा विधान सभा में शराब की कोई अवैध दुकान संचालित संबंधी प्रकरण प्रकाश में नहीं आया है तथा वर्ष 2023-24 में मुरैना जिले में जहरीली शराब से मृत्यु होने की कोई घटना भी प्रकाश में नहीं आई है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
लाड़ली बहना योजना की जानकारी
[महिला एवं बाल विकास]
90. ( क्र. 752 ) श्री पंकज उपाध्याय : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) लाड़ली बहनों को जून 2023 से जनवरी 2024 तक माह अनुसार भुगतान की गई राशि तथा हितग्राही की संख्या की जिलेवार सूची देवें। (ख) लाड़ली बहना योजना में जिलेवार लाभ लेने वाली महिला बाल विकास विभाग की पर्यवेक्षक, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, आंगनवाड़ी सहायिका स्वयं सहायता समूह के अध्यक्ष सचिव तथा समूह के सदस्य की जिलेवार संख्या जून 2023 से जनवरी 2024 तक माह अनुसार बतावें। (ग) लाड़ली बहना योजना में लाभ परित्याग करने वाली हितग्राही की जिलेवार माह अनुसार जानकारी प्रदान करे तथा बतावें कि विभाग द्वारा लाभ परित्याग कराने के लिये प्रेरित करने हेतु कोई निर्देश जिला स्तर पर दिये गये यदि हाँ, तो उसकी प्रति देवे। (घ) क्या कार्यालय परियोजना अधिकारी महिला एवं बाल विकास सागर ग्रामीण 02 द्वारा पत्र क्रमांक 966 परित्याग हेतु कहा गया अन्यथा कार्यवाही की चेतावनी दी गई यदि हाँ, तो बतावें कि वह पत्र किस निर्देश पर लिखा गया पत्र तथा निर्देश की प्रति देवें। (ड.) लाड़ली बहना योजना में रशि 3000 रू कब तक कर दी जायेगी? अगर नहीं बढेगी तो क्यों?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) लाड़ली बहनों को जून 2023 से जनवरी 2024 तक माह अनुसार भुगतान की गई राशि तथा हितग्राही की संख्या की जिलेवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-01 पर है। (ख) योजना अंतर्गत आवेदिका से प्रश्नांश (ख) अनुसार जानकारी संकलित नहीं की गई है अत: उक्तानुसार जानकारी दिया जाना संभव नहीं है। पर्यवेक्षक का लाड़ली बहना होने का कोई प्रकरण कार्यकाल में संज्ञान में नहीं आया है। शेष अपात्र नहीं हैं। (ग) लाड़ली बहना योजना में लाभ परित्याग करने वाली हितग्राही की जिलेवार माह अनुसार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-02 पर है। विभाग द्वारा लाभ परित्याग कराने के लिये प्रेरित करने हेतु कोई निर्देश जिला स्तर पर नहीं दिये गये हैं। (घ) परियोजना अधिकारी महिला एवं बाल विकास सागर ग्रामीण-02 द्वारा प्रश्नांश (घ) में अंकित पत्र कार्यालय जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास जिला सागर के आदेश द्वारा निरस्त कर दिया गया है। जिसकी प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-03 पर है। परियोजना अधिकारी को उक्त पत्र लिखने हेतु विभाग स्तर से निर्देश जारी नहीं किया गया था। (ड.) समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ में प्राप्त शिकायतों का निराकरण
[सामान्य प्रशासन]
91. ( क्र. 755 ) श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल सिटी लिंक लिमिटेड विभाग एवं कर्मचारियों के विरूद्ध वर्ष 2019 से प्रश्न दिनांक तक आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (ई.ओ.डब्ल्यू.) में कितनी शिकायतें प्राप्त हुई हैं? शिकायतकर्ताओं के नाम, शिकायतों पर की गई कार्यवाही का गौशवारा बनाकर प्रदाय करें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार प्रचलित शिकायतों की जांच से संबंधित ई.ओ.डब्ल्यू., की जांच रिपोर्ट की प्रति दी जावें। प्रकरण में नगर निगम भोपाल और भोपाल सिटी लिंक लिमिटेड के अधिकारियों के लिये गये बयानों का विवरण दिया जाये। निजी फर्म से पत्राचार किया गया हैं, हाँ अथवा नहीं। यदि हाँ, तो पत्र का विवरण दिया जावें। यदि नहीं तो कारण बताएं? (ग) प्रकरण क्रमांक 223/16 में पुलिस अधीक्षक, आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ भोपाल द्वारा दिये गये अभिमत की प्रति एवं विधि सलाहकार द्वारा प्रस्तुत की गई रिपोर्ट का विवरण प्रदान किया जाये। प्रकरण में नगर निगम भोपाल और भोपाल सिटी लिंक लिमिटेड के अधिकारियों के लिये गये बयानों की विवरण दिया जाये। निजी फर्म से पत्राचार किया गया हैं, हाँ अथवा नहीं। यदि हाँ, तो पत्र का विवरण दिया जावें। यदि नहीं तो कारण बताएं? (घ) ई.ओ.डब्ल्यू. का शिकायत आवेदन क्रमांक 2013/21 एवं 2030/22 पर की गई कार्यवाही की जानकारी की छायाप्रति प्रदान करें। उपरोक्त आवक क्रमांक पर संचालनालय नगरीय प्रशासन, नगर निगम भोपाल और भोपाल सिटी लिंक लिमिटेड विभाग द्वारा दिए गए जवाब का विवरण प्रदान किया जावें। जवाब तय समय-सीमा में दिया गया, हाँ अथवा नहीं? यदि नहीं तो ई.ओ.डब्ल्यू. द्वारा क्या कार्यवाही की गई है, विवरण दें।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) भोपाल सिंटी लिंक लिमिटेड विभाग एवं कर्मचारियों के विरूद्ध वर्ष 2019 से प्रश्न दिनांक तक आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (ई.ओ.डब्ल्यू.) में 05 शिकायत आवेदन पत्र प्राप्त हुये है। शेष प्रश्नांश की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार उक्त 05 शिकायत अन्य विभागों के तथ्यात्मक प्रतिवेदन हेतु प्रेषित की गई है, प्रतिवेदन अप्राप्त है। (ग) जांच/विवेचना में सम्मिलित दस्तावेज सी.आर.पी.सी. के प्रावधान अनुसार केवल सक्षम न्यायालय में ही प्रेषित किये जाते है। (घ) शिकायत आवेदन क्रमांक 2013/21 दिनांक 18.10.2021 एवं शिकायत क्रमांक 2030/22 दिनांक 15.07.2022 उक्त शिकायत आवेदन पत्रों को नगरीय विकास एवं आवास विभाग को तथ्यात्मक प्रतिवेदन हेतु प्रेषित किया गया था, प्रतिवेदन अप्राप्त है। नगरीय विकास एवं आवास विभाग को तथ्यात्मक प्रतिवेदन हेतु दिनांक 30.01.2024 को स्मरण पत्र प्रेषित किया गया है।
हत्या का प्रकरण की जांच
[गृह]
92. ( क्र. 771 ) श्रीमती चंदा सुरेन्द्र सिंह गौर : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खरगापुर विधानसभा क्षेत्र के थाना कुडीला क्षेत्रान्तर्गत मंत्गा तनय चऊदा अहिरवार उम्र 75 वर्ष की हत्या दिनांक 09.09.2022 की दरम्यानी रात में ग्राम पठराई में अपने घर सोते समय कर दी गई और धारदार हथियार से उसके शरीर को काटा गया जिसकी रिपोर्ट थाना कुडीला में की गई तत्कालीन थाना प्रभारी द्वारा अज्ञात में एफ.आई.आर. काट दी गई और विवेचना में प्रकरण ले लिया गया जबकि मृतक की पत्नी आवेदन पत्र देकर अपराधियों के नाम बताती रही और हत्या की रात्रि में उसके घर कितने लोग गाली-गलौज देकर चले गये मृतक की पत्नी पहचानती है मगर उसके बयान तत्कालीन थाना प्रभारी ने नहीं लिये तथा तत्कालीन पुलिस अधीक्षक टीकमगढ़ को दिनांक 12/5/23 को दिया और पहले भी कई आवेदन दिये गये परन्तु एक अनु.जाति के व्यक्ति की हत्या करने वाले अपराधियों को पुलिस पैसे के दम पर बचाती रही क्या सम्पूर्ण दस्तावेज उक्त प्रकरण के संबंध में उपलब्ध करायेंगे यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं तो क्यों कारण स्पष्ट करें? (ख) क्या उक्त वेवा महिला के बयान पुनः लिये जाकर तथा मृतक के पुत्रों के बयान लिये जाकर तथा उस दरम्यानी रात जिस रात को हत्या की गई तथा जगदीश लोधी के मकान आग लगाकर सबूतों का जलाया गया क्या किसी उच्च अधिकारी या वर्तमान पुलिस अधीक्षक पुन: करेंगे यदि हाँ, तो कब तक या नहीं तो क्यों कारण स्पष्ट करें। (ग) क्या 75 वर्षीय वृद्ध किसी रंजिश का शिकार नहीं हो सकता लेकिन मृतक की पत्नी को जब गाली-गलौज करने वाले थाना कुडीला में ए.एस. आई. के जय सिंह लोधी के साथ बैठे थे और जयसिंह लोधी स्वयं मृतक के पुत्र को थाना कुडीला में गाली देकर कह रहा है कि अभी तुम्हारे को मारा है अगर लोधियों से पंगा लोगे तो तुम भी मारे जाओगे इस आशय का आवेदन पत्र मृतक के पुत्रों द्वारा दिनांक 21/11/22 को तत्काल पुलिस अधीक्षक को दिया गया मगर कोई कार्यवाही नहीं हुई सम्पूर्ण जानकारी से अवगत कराएं एवं आवदकों द्वारा दिये गये आवेदन पत्रों, बयानों की प्रतियां उपलब्ध कराएं।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) यह सही है कि, थाना कुडीला के ग्राम पठराई में दिनांक 9/9/2022 की रात्रि में मृतक मंत्गा अहिरवार उम्र 75 वर्ष की घर में सोते समय किसी अज्ञात व्यक्ति के द्वारा सिर में चोट पहुंचा कर हत्या की घटना घटित हुई। फरियादी कपिल अहिरवार निवासी पठराई की रिपोर्ट पर मौके पर ही देहाती मर्ग इन्टीमेशन पर मर्ग एवं अपराध कायम किये गये जो थाने पर असल मर्ग क्रमांक 40/22 धारा 174 जौफौ अपराध क्रमांक 183/22 धारा 302 का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। यह सही नहीं है कि, मृतक की पत्नी द्वारा तत्समय कोई आवेदन पत्र दिया गया था और न ही तत्समय अपराधियों के नाम बताएं गये थे। यह भी सही नहीं है कि, थाना प्रभारी द्वारा बयान नहीं लिये गये अपितु तथ्य यह है कि, परिवार के सदस्यों के बयान हुये है, सिर्फ उसकी पत्नी जो घटना के तत्काल बाद शोकाकुल होने से बयान नहीं दी थी, पुलिस को बिना सूचना दिये काम से बाहर चले जाने जाने के कारण कथन हेतु पुलिस के द्वारा निरंतर प्रयास के बाबजूद भी उपस्थित नहीं हुई। दिनांक 27/09/2022 को हरिराम अहिरवार के द्वारा आवेदन पत्र पुलिस अधीक्षक कार्यालय टीकमगढ़ में अनावेदक मुन्नालाल बंशकार, किशनलाल लोधी, निवासी पठराई के विरूद्ध पिता की हत्या करने के संबंध में दिया था तथा एक आवेदन पत्र दिनांक 16/11/2022 को कमिश्नर सागर संभाग कार्यालय में दिया गया था जो जांच हेतु प्राप्त हुआ था तथा दिनांक 29/11/2022 को पुलिस अधीक्षक कार्यालय में पुन: आवेदन दिया गया जिसमें पूर्व आवेदनों से भिन्न अनावेदकों देवेन्द्र लोधी, हरिशचन्द्र लोधी, महेश लोधी व चन्द्र लोधी के विरूद्ध पिता की हत्या करने के संबंध में दिया गया था। सभी आवेदन पत्र विवेचना में समाहित कर जांच की गई। पुनः दिनांक 12/05/2023 को मृतक के पुत्र हरिराम और सुखदीन अहिरवार द्वारा पुलिस अधीक्षक कार्यालय टीकमगढ़ में आवेदन दिया गया था। जिसे प्रकरण की विवेचना में समाहित किया जाकर जांच की गई, स्वतंत्र साक्षियों से पूछताछ एवं कथन संदेहियों से पूछताछ कर कथन लिये गये संदेहियों के मोबाईल की सी.डी.आर. प्राप्त कर जांच की गई। अनावेदकों के विरुद्ध लगाये गये आरोप प्रमाणित होना नहीं पाया गया। यह सही नहीं है कि, पुलिस अपराधियों को बचा रही है। प्रकरण में नियमानुसार आवेदक को प्रथम सूचना पत्र, मर्ग इन्टीमेशन, शव पंचायत नामा, पी.एम. रिपोर्ट आदि अभिलेख उपलब्ध चाहे जाने पर विधिवत उपलब्ध कराये जा सकते है। (ख) हां, प्रकरण में मृतक मंत्गा अहिरवार की पत्नी रमाबाई के कथन और मृतक के पुत्रों के कथन उपस्थित होने पर लिये जाकर साक्ष्य अनुरूप कार्यवाही विवेचना में की जावेगी। जगदीश लोधी के मकान में आग लगाकर सबूतों को जलाये जाने के संबंध में अभी तक की विवेचना में कोई साक्ष्य प्रकाश में नहीं आया है। मामले में निष्पक्ष विवेचना हेतु पुलिस अधीक्षक टीकमगढ़ के द्वारा दिनांक 11/08/2023 को अनुविभागीय अधिकारी पुलिस टीकमगढ़ के नेतृत्व में टीम गठित की गई है। (ग) प्रकरण में एस.आई.टी. गठित कर बारीकी से विवेचना हेतु निर्देश दिये गये है। थाना कुडीला में पदस्थ ए.एस.आई. जयसिह लोधी के संबध में मृतक के पुत्र हरिराम के द्वारा दिये गये आवेदन दिनांक 21/11/2022 के आवेदन की जाँच अनुविभागीय अधिकारी (पुलिस) टीकमगढ़ के द्वारा कराई गई। जाँच में कथनों एवं साक्ष्यों के आधार पर लगाये गये आरोप प्रमाणित नहीं पाये गये हैं। प्रकरण विवेचना में होने से कथनों की प्रतियाँ उपलब्ध नहीं कराई जा सकती है।
अतिक्रमण पर कार्यवाही
[नर्मदा घाटी विकास]
93. ( क्र. 775 ) श्री बाला बच्चन : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़दा बसाहट स्थल अंजड़ जिला बड़वानी के 1115 नंबर प्लाट पर अतिक्रमण होने पर विभाग ने उत्तर दिनांक तक जो कार्यवाही की है उसके समस्त पत्राचार की प्रतियां देवें। (ख) क्या उत्तर दिनांक तक अतिक्रमण हटाकर विभाग द्वारा अतिक्रमणकर्ताओं पर एफ.आई.आर. कराई जाएगी? (ग) यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) पुनर्वास स्थल बड़दा (अंजड़) तहसील अंजड़ के भू-खण्ड क्रमांक 1115 पर पाटीदार समाज द्वारा अतिक्रमण कर धर्मशाला के निर्माण की जानकारी संज्ञान में आने पर अतिक्रमण को हटाने हेतु दिनांक 03.01.2024 को नोटिस जारी किया गया है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) एवं (ग) वर्तमान में निर्माण कार्य बंद करवा दिया गया है। यदि अतिक्रमणकर्ता द्वारा अतिक्रमण नहीं हटाया जाता है तो विधिवत वैधानिक कार्यवाही करने तथा अतिक्रमण हटवाने की कार्यवाही की जावेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
केंद्र शासन के पास लंबित जी.एस.टी.राशि
[वाणिज्यिक कर]
94. ( क्र. 776 ) श्री बाला बच्चन : क्या उप मुख्यमंत्री, वित्त महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न दिनांक की स्थिति में म.प्र. की कितनी जी.एस.टी. क्षतिपूर्ति राशि केंद्र शासन के पास लंबित है? विगत 01.04.2020 से 16.01.2024 तक कितनी राशि इस मद में म.प्र. शासन को प्राप्त हुई है की जानकारी वर्षवार, राशि सहित देवें? (ख) दिनांक 01.04.2022 से 15.01.2024 तक इस संबंध में म.प्र. शासन एवं केंद्र सरकार के मध्य हुए समस्त पत्राचार की प्रमाणित प्रति देवें? (ग) कब तक यह राशि प्राप्त कर इस मद को शून्य कर दिया जाएगा? (घ) इस राशि के विलंब के जिम्मेदार अधिकारियों के नाम, पदनाम देकर बतावें कि इसके लिए विभाग उन पर कब तक कार्यवाही करेगा?
उप मुख्यमंत्री, वित्त ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) प्रश्न दिनांक की स्थिति में म.प्र. की रूपये 2011.71 करोड़ की जी.एस.टी. क्षतिपूर्ति राशि केन्द्र शासन के पास लंबित है। दिनांक 01.04.2020 से 16.01.2024 तक वर्षवार निम्नलिखित राशि इस मद में मध्यप्रदेश शासन को प्राप्त हुई है:- (राशि करोड़ में)
वर्ष |
जीएसटी क्षतिपूर्ति राशि |
2020-21 |
9835.23 |
2021-22 |
10106.07 |
2022-23 |
4571.80 |
2023-24 |
2342.27 |
कुल |
26855.37 |
(ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) विभाग द्वारा राशि प्राप्त करने हेतु निरंतर कार्यवाही की जा रही है। अत: किसी के विरूद्ध कार्यवाही करने का प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है।
अवैध खनिज प्रकरण की जानकारी
[खनिज साधन]
95. ( क्र. 789 ) श्री ओमकार सिंह मरकाम : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि जबलपुर, कटनी, नर्मदापुरम, उमरिया, शहडोल जिलों में वर्ष 2022-23 एवं 2023-24 में कुल कितने अवैध गौड़ खनिज के प्रकरण बनाये गये है। निम्नानुसार जानकारी दें:- (1) प्रकरण बनाने वाले अधिकारी नाम एवं पद (2) प्रकरण का प्रकार (3) किसके ऊपर प्रकरण बनाया गया (4) किस-किस धारा के तहत प्रकरण बनाया गया (5) प्रकरण में प्रस्तावित दण्ड की राशि (6) वर्तमान में प्रकरण की स्थिति (विचाराधीन व निराकृत) दें?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- ‘अ’, ’ब’ एवं ‘स’ पर है।
ऋण की जानकारी
[वित्त]
96. ( क्र. 790 ) श्री ओमकार सिंह मरकाम : क्या उप मुख्यमंत्री, वित्त महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. सरकार ने वर्ष 2019-20, 2020-21, 2021-22, 2022-23, 2023-24 में कौन-कौन से कारणों से कहां-कहां से कितनी-कितनी राशि का कितनी-कितनी ब्याज दरों पर कितने-कितने दिन के लिए कब-कब कर्ज लिया है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार कर्ज की राशियों को चुकाने के लिए कब-कब कितने-कितने मूलधन एवं कितने-कितने ब्याज की राशि का भुगतान किया जा रहा है?
उप मुख्यमंत्री, वित्त ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) राज्य सरकार द्वारा लिये गये कर्ज की जानकारी भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक द्वारा तैयार किये गये वित्त लेखे वर्ष 2019-20 से वर्ष 2021-22 के खण्ड 2 के Statement No.17 जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 में उपलब्ध है। वित्तीय वर्ष 2022-23 के वित्त लेखे विधानसभा के पटल पर अभी नहीं रखे गये हैं तथा वर्ष 2023-24 के वित्त लेखे भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक द्वारा अंतिम नहीं किए जाने के कारण शेष अंकेक्षित जानकारी प्रदान की जाना संभव नहीं है। वित्तीय वर्ष 2023-24 के बजट साहित्य के वित्त सचिव के स्मृति पत्र के अनुसार राज्य सरकार पर कर्ज, वर्ष 2022-23 का पुनरीक्षित अनुमान एवं वर्ष 2023-24 का बजट अनुमान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 में उपलब्ध है। (ख) कर्ज की राशियों पर ब्याज भुगतान की जानकारी, वर्ष 2019-20 से वर्ष 2021-22 तक (अंकेक्षित) तथा वर्ष 2022-23 (पुनरीक्षित अनुमान) एवं वर्ष 2023-24 (बजट अनुमान), पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 में उपलब्ध है तथा कर्ज की राशि पर मूलधन भुगतान की जानकारी उत्तरांश 'क' पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 में उपलब्ध है।
हितग्राहियों से मनमानी राशि वसूल करना
[वाणिज्यिक कर]
97. ( क्र. 832 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या उप मुख्यमंत्री, वित्त महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भूमि के कौन-कौन से लैण्ड यूज होते है तथा किस उपयोग में आते हैं? भूमि उपयोग के आधार पर भूमि के मूल्य का निर्धारण हेतु विभाग क्या दिशा निर्देश/मार्गदर्शिका का पालन करता है? यह कब से लागू है इसमें कब-कब अद्यतनीकरण विभाग द्वारा किया गया पृथक-पृथक आदेश की प्रतियों सहित बतायें। (ख) क्या इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर, भोपाल महानगरों में कृषि भूमि के मूल्यांकन का आधार एक है अथवा भूमि के उपयोगिता के आधार पर (लैण्ड यूज के आधार)? स्पष्ट करें। इस आधार पर कितनी रजिस्ट्री की गई एवं उससे कितना राजस्व प्राप्त हुआ महानगरवार पृथक-पृथक गौशवारा बनाकर बतायें। (ग) क्या यह सही है कि व्यावसायिक भूमि, आवासीय भूमि, कृषि भूमि, पीएसपी, ग्रीन बेल्ट के बाजार मूल्य अलग-अलग होते है, परन्तु मार्गदर्शिका में एक ही मूल्य रहता है? यदि हाँ, तो भूमि के उपयोगवार गौशवारा बनाकर महानगरवार पृथक-पृथक बतायें। (घ) क्या इसके कारण किसानों और ग्रीन वेल्टधारकों आदि को अत्यधिक मूल्य पर दस्तावेजों का पंजीयन कराना पड़ रहा है? यदि हाँ, तो 20 मार्च 2020 से प्रश्न दिनांक तक कितने दस्तावेजों के पंजीयन से कितने राजस्व की प्राप्ति हुई? महानगरवार पृथक-पृथक गौशवारा बताकर बतायें। (ड.) क्या व्यावसायिक आवासीय भूमि के उपयोग वाले मालिकों को कम मूल्य पर दस्तावेजों का मूल्यांकन हो जाता है? यदि हाँ, तो विभाग इस असमानता को दूर करेगा? यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं तो क्यों?
उप मुख्यमंत्री, वित्त ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) मध्यप्रदेश बाजार मूल्य मार्गदर्शक सिद्धांतों का बनाया जाना और उनका पुनरीक्षण नियम, 2018 में वर्णित प्रावधान अनुसार आवासीय, व्यावसायिक, औद्योगिक एवं कृषि भूमि की कलेक्टर दरों का निर्धारण किया जाता है तथा इसके अनुसार ही पंजीयन प्रक्रिया के दौरान भूमि का भी मूल्यांकन किया जाता है। उक्त नियम वर्ष 2000 से लागू हैं जिनका पुनरीक्षण वर्ष 2018 में किया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। मध्यप्रदेश के नगरों की विकास योजनाओं में भूमि उपयोग का वर्गीकरण म.प्र. भूमि विकास नियम, 2012 के नियम 36 के अनुसार किया जाता है। संगत नियम की प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। (ख) इंदौर, भोपाल, ग्वालियर एवं जबलपुर में प्रश्नांश (क) के उत्तर में वर्णित नियमों के अनुसार मूल्यांकन किया जाता है। महानगरों में पंजीबद्ध दस्तावेजों की संख्या एवं उससे प्राप्त राजस्व की वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'स' अनुसार है। (ग) जी नहीं। आवासीय, व्यावसायिक, औद्योगिक एवं कृषि भूमियों की दरें सामान्यत: भिन्न-भिन्न होती हैं। प्रदेश के समस्त जिलों की बाजार मूल्य मार्गदर्शिका (कलेक्टर गाइड लाइन) एवं उपबंध विभागीय वेबसाईट www.mpigr.gov.in पर उपलब्ध हैं। (घ) सामान्यत: कृषि भूमि की दर आवासीय, व्यावसायिक एवं औद्योगिक भूमि की दरों से कम होती है। ग्रीन बेल्ट भूमि की दरें पृथक से निर्धारित नहीं हैं, किन्तु अधिकांश स्थानों पर ग्रीन बेल्ट भूमि का उपयोग कृषि भूमि हेतु किया जाता है। महानगरों में पंजीबद्ध दस्तावेजों की संख्या एवं उससे प्राप्त राजस्व की वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'स' अनुसार है। (ड.) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आनंद उत्सव 2023 में राशि का आवंटन
[आनंद]
98. ( क्र. 837 ) श्री माधव सिंह (मधु गेहलोत) : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र आगर जिला आगर-मालवा कितनी पंचायतों में आनंद उत्सव 2023 मनाने के लिये शामिल किया गया तथा कितने क्लस्टर बनाये गये? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार उक्त क्लस्टर को कितना-कितना धन किस मद से आनंद उत्सव हेतु दिया गया? (ग) आनंद उत्सव में अलग-अलग क्लस्टर में कितने लोगों ने भाग लिया व कहां-कहां कितनी राशि खर्च हुई क्लस्टरवार जानकारी देवें।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) आनंद उत्सव 2023 हेतु आगर मालवा विधानसभा क्षेत्र की 126 पंचायतों को शामिल कर 42 क्लस्टर बनाये गये। (ख) आनंद विभाग द्वारा कोई राशि नहीं दी गई है। पंचायत राज संचालनालय द्वारा 5वां वित्त आयोग अंतर्गत प्रति क्लस्टर 15,000/- तक व्यय की अनुमति दी गयी थी। (ग) आनंद उत्सव 2023 हेतु आगर मालवा में कुल 3,392 लोगों ने भाग लिया तथा राशि रूपये 1,25,648/- का व्यय हुआ। क्लस्टर वार भाग लिये लोगों तथा व्यय राशि की जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है।
नर्मदा घाटी विकास द्वारा संचालित परियोजना
[नर्मदा घाटी विकास]
99. ( क्र. 838 ) श्री माधव सिंह (मधु गेहलोत) : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र आगर सहित जिला आगर-मालवा में नर्मदा घाटी विकास की कितनी सिंचाई परियोजना संचालित है एवं कितनी योजना स्वीकृति हेतु प्रस्तावित एवं कितनी योजनाओं पर कार्य चल रहा है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार उक्त संचालित योजनाओं में से आगर विधानसभा क्षेत्र में कितने गांवों को लाभ मिल रहा है तथा कितने हेक्टेयर सिंचाई का रकबा बढ़ेगा? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार उक्त सिंचाई परियोजना से कितने ग्रामों को पाईप लाईन के माध्यम से सिंचाई की सुविधा उपलब्ध हो रही है एवं कितने ग्रामों को नही? (घ) आगर विधानसभा क्षेत्र के ऐसे कितने गांव है जो सिंचाई परियोजना में शामिल नहीं हो सके है ग्रामवार कारण बतावें?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) विधानसभा क्षेत्र आगर सहित जिला आगर मालवा में नर्मदा घाटी विकास विभाग की कोई भी परियोजना संचालित एवं प्रस्तावित नहीं है। (ख) से (घ) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
पटवारी भर्ती परीक्षा
[सामान्य प्रशासन]
100. ( क्र. 851 ) श्री अभय कुमार मिश्रा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राज्य सरकार द्वारा कर्मचारी चयन आयोग के माध्यम से पटवारी की भर्ती हेतु वर्ष 2023 में परीक्षाएं ली गई थी यदि हाँ, तो इन परीक्षा में प्रति पाली कितने परीक्षार्थी परीक्षा दिये? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार आयोजित परीक्षा में प्रति पाली में दिये गये प्रश्न पत्र में से कितने प्रश्नों को किन-किन पालियों में विलोपित किया गया? (ग) प्रश्नांश (क) आयोजित परीक्षा में प्रति पाली नार्मलाईजेशन के कितने अंक निर्धारित किये गये एवं मैरिट सूची तैयार करते समय अंकों के निर्धारण क्या विधि/नियम बनाये गये थे इस अनुसार तैयार मैरिट सूची में जिन परीक्षार्थियों का चयन किया गया उनसे चयनित विद्यार्थी किन-किन पालियों में परीक्षा दिये उनको दिये गये अंकों का निर्धारण किस निर्धारित आधार पर किया गया उनकी उत्तर पुस्तिका सहित जानकारी प्रारूप में नियमों के प्रति के साथ देवें। (घ) प्रश्नांश (क) अनुसार आयोजित परीक्षा के संबंध की जानकारी हेतु विधायक श्री सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाहा द्वारा पत्र क्रमांक/688 दिनांक 14.07.2023 के द्वारा चाही गई थी जिसकी जानकारी अप्राप्त है इस पत्र अनुसार जानकारी उपलब्ध करावें। (ड.) प्रश्नांश (क) अनुसार आयोजित परीक्षा में से प्रश्नांश (ख) एवं (ग) अनुसार नार्मलाईजेशन एवं अंक निर्धारण नियम व निर्देशों से हटकर चयन सूची जारी कर पात्रों को अपात्र कर बेरोजगारों के साथ धोखा किया गया है इस पर क्या निर्देश देगें? अगर नहीं तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। मध्यप्रदेश कर्मचारी चयन मण्डल द्वारा ग्रुप-2, सबग्रुप-4, 2022 के अंतर्गत पटवारी एवं समकक्ष पदों हेतु भर्ती परीक्षा आयोजित की गई थी। उक्त परीक्षा केन्द्र तिथि समय पाली एवं परीक्षा में उपस्थित परीक्षार्थियों की जानकारी 02 सी.डी. में पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। (ग) परीक्षा का आयोजन एक से अधिक पालियों में होने पर मैरिट सूची तैयार करने हेतु नियम-पुस्तिका में उल्लेखित पूर्व में निर्धारित नार्मलाईजेशन की प्रक्रिया अपनाई जाती है। नार्मलाईजेशन के सूत्र में प्रति पाली एवं समस्त पालियों के प्रथम 0.1 प्रतिशत आवेदकों के औसत अंक तथा प्रतिपाली एवं समस्त पालियों के औसत अंक एवं मानक विचलन का उपयोग किया जाता है। चूंकि उपरोक्त मान आवेदकों के प्राप्तांक पर निर्भर करता है। अतः प्रति पाली नार्मलाईजेशन के अंक पूर्व से निर्धारित नहीं होते हैं। मैरिट सूची तैयार करते समय अंकों की विधि/नियम पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार है। मैरिट सूची तैयार करते समय अंकों की विधि/नियम 02 सी.डी. में पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। उपरोक्त विधि/नियम के अनुसार तैयार मैरिट सूची में जिन परीक्षार्थियों के चयन किया गया उनकी पाली का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। परीक्षार्थियों के अंकों का निर्धारण करने का आधार पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-4 अनुसार। चयनित परीक्षार्थियों की उत्तर पुस्तिका की जानकारी 02 सी.डी. में पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (घ) वांछित जानकारी मध्यप्रदेश कर्मचारी चयन मण्डल के पत्र कमांक 05/30/2023/15/ज.शि/5754/2023, दिनांक 04.08.2023 द्वारा दी जा चुकी है। पत्र की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-5 अनुसार है। (ड.) परीक्षा की नियम पुस्तिका में उल्लेखित नियमों के परिपालन में ही परिणाम तैयार किया जाता है एवं पात्र अभ्यर्थियों का ही चयन होता है प्रश्नांश (क) में अंकित परीक्षा नार्मलाईजेशन एवं अंकों का निर्धारण नियम एवं निर्देशों के प्रकाश में किया गया है। नार्मलाईजेशन किये जाने की प्रकिया एवं संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-5 अनुसार है।
पुलिस अधिकारियों की पदस्थी
[गृह]
101. ( क्र. 852 ) श्री अभय कुमार मिश्रा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रीवा जिले के सेमरिया विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत पिछले पांच वर्षों के दौरान सेमरिया विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत चौरहटा थाना नौबस्ता चौकी एवं थाना सेमरिया में टी.आई. अविनीश पाण्डेय एवं अंकिता मिश्रा को बार-बार पदस्थ किया गया एवं चुनाव दौरान चुनाव निर्देशों के परिपालन में श्री अविनीश पाण्डेय टी.आई. को चौरहटा से सेमरिया एवं अंकिता मिश्रा को पुन: नौबस्ता में पदस्थ कर चुनाव आयोग को भ्रमित कर खानापूर्ति की गई क्या चुनाव के दौरान इन दोनों कर्मचारियों की चुनाव प्रभावित करने को लेकर निर्वाचन आयोग को हुई शिकायतें भेजी गई है किन्तु ये आज भी सेमरिया विधानसभा क्षेत्र में पदस्थ है तो क्यों? (ख) प्रश्नांश (क) के थाना प्रभारियों को जबकि लोकसभा का चुनाव पुन: अति समीप है? क्या इन दोनों अधिकारियों को सेमरिया विधानसभा क्षेत्र से अधिकारिता की सीमा से दूरस्थ पदस्थ किया जावेगा एवं बार-बार प्रभार देने वाले अधिकारी के विरूद्ध कड़ी कार्यवाही की जावेगी यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) लोक सभा चुनाव हेतु माननीय निर्वाचन आयोग द्वारा जारी निर्देशों के अनुरूप नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी।
वित्तीय योजनाओं की जानकारी
[महिला एवं बाल विकास]
102. ( क्र. 867 ) श्री मधु भाऊ भगत : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या विभाग को केन्द्र एवं राज्य सरकार से विभिन्न योजनाओं में राशि प्राप्त होती है? यदि हाँ, तो यह बतायें कि 2018-19 से प्रश्न दिनांक तक बालाघाट जिले की कौन-कौन से विधानसभा क्षेत्र में प्रत्येक योजनावार कितनी-कितनी राशि प्राप्त हुई और कितनी-कितनी राशि किस कार्य हेतु व्यय की गई? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित विधानसभा क्षेत्र परसवाड़ा में योजनावार प्राप्त राशि में कहाँ-कहाँ, कौन-कौन से कार्य कितनी-कितनी राशि के किए गए? वर्षवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) क्या विभिन्न योजनान्तर्गत कुछ हितग्राहियों को उनके बैंक खाता में राशि विभाग या राज्य शासन/केन्द्र शासन द्वारा प्रदाय की जाती है? यदि हाँ, तो यह बतायें कि वर्ष 2019-20 से प्रश्न दिनांक तक परसवाड़ा विधानसभा क्षेत्र के किस-किस हितग्राही को कितनी-कितनी राशि किस आधार पर कौन-कौन से बैंक खाते में प्रदाय की गई? हितग्राही के नाम सहित कारण बतायें।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) जी हाँ। जिले को विधानसभा क्षेत्रवार बजट प्राप्त नहीं होता है। जिलेवार प्राप्त राशि की योजनावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ पर है। (ख) जिले को विधानसभा क्षेत्रवार बजट प्राप्त नहीं होता है। जिलेवार प्राप्त राशि में से परसवाड़ा विधानसभा क्षेत्र में आंगनवाड़ी भवन निर्माण कार्य से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- ''ब” पर है। (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखें परिशिष्ट- ''स” पर है।
प्रदेश में घटित अपराध की जानकारी
[गृह]
103. ( क्र. 878 ) श्री देवेन्द्र रामनारायन सखवार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2020 से वर्ष 2023 तक की अवधि में चंबल संभाग में घटित अपराधों की अपराधवार पृथक-पृथक जिलेवार संख्या बतायें? साथ ही घटित अपराधों की कुल संख्या भी बताएं? (ख) उक्त अवधि अनुसूचित जाति/जनजाति एवं पिछड़े वर्ग की महिलाओं के साथ सामूहिक बलात्कार के पंजीबद्ध प्रकरण की जिलेवार संख्या बतायें? इन पंजीबद्ध अपराधों में से कितने प्रकरणों में आरोपियों की गिरफ्तारी किन कारणों से नहीं हुई है? (ग) नेशनल क्राइम ब्यूरो की वर्ष 2022 की रिपोर्ट के अनुसार मध्यप्रदेश किन-किन अपराधों में प्रथम एवं द्वितीय स्थान पर रहा? बतायें? (घ) क्या प्रदेश में अपराधों की संख्या में वृद्धि हो रही है? यदि हाँ, तो इसकी रोकथाम के लिए सरकार क्या प्रयास कर रही है?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'स' अनुसार। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'द' अनुसार।
पुलिस अधिकारियों/कर्मचारियों की विभागीय जांच
[गृह]
104. ( क्र. 879 ) श्री देवेन्द्र रामनारायन सखवार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2023 में पुलिस मुख्यालय अंतर्गत संचालित अ.अ.वि. शाखा में पदस्थ किन-किन अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध निलंबन एवं विभागीय जांच की कार्यवाही की गई शाखावार, निलंबन एवं विभागीय जांच का कारण, प्रकरण की अद्यतन स्थिति की जानकारी दें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार निलंबन एवं विभागीय जांच के विरूद्ध किन-किन अधिकारी/कर्मचारियों के द्वारा विभाग के उच्च अधिकारियों, विभाग प्रमुख एवं न्यायालय में अपील की गई है? (ग) अपीलकर्ता के आवेदनों पर विभाग के उच्च अधिकारियों, विभाग प्रमुख द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई दिनांकवार पृथक-पृथक जानकारी से अवगत कराये? (घ) क्या पुलिस मुख्यालय अंतर्गत संचालित अ.अ.वि. शाखा द्वारा सर्वाधिक निलंबन एवं विभागीय जांच की कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो क्यों? यदि नहीं तो पुलिस मुख्यालय अंतर्गत संचालित अन्य शाखाओं द्वारा अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध वर्ष 2023 में किये गये निलंबन एवं विभागीय जांच की जानकारी दें? (ड.) क्या छोटी-छोटी गलती होने पर शासकीय सेवकों के सेवा विवरण को खराब किया जाना उचित है? यदि नहीं तो उक्त कार्यवाही का क्या औचित्य है?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार तथा शेष प्रश्नांश का उत्तर पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में परिशिष्ट ''स'' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में परिशिष्ट ''द'' अनुसार है। (ड.) प्रश्नांश (घ) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
माननीय मुख्यमंत्री महोदय की घोषणाओं की पूर्ति
[सामान्य प्रशासन]
105. ( क्र. 882 ) श्री देवेन्द्र पटेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 01 जनवरी, 2023 से प्रश्न दिनांक तक प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री महोदय द्वारा भोपाल संभाग में कहां-कहां, क्या-क्या घोषणाएं की गई है। स्थानवार, विभागवार, तिथिवार जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) उल्लेखित अवधि में की गई घोषणाओं में से किन-किन को किस कारण से विलोपित किया गया है? घोषणाओं की पूर्ति हेतु कब-कब संबंधित विभागों को अवगत कराया गया है? उक्त अवधि में किन-किन घोषणाओं की पूर्ति कर दी गई है? (ग) प्रश्नांश (क) उल्लेखित ऐसी कितनी व कौन-कौन सी घोषणाएं है जिन के अमल हेतु अब तक कोई कार्यवाही आरंभ नहीं की गई है? क्यों? माननीय मुख्यमंत्री महोदय की घोषणाओं की पूर्ति हेतु क्या कोई समय-सीमा निर्धारित है यदि नहीं तो क्यों? किन-किन घोषणाओं की पूर्ति कब तक की जा सकेगी। समय-सीमा बतावें।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) एवं (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
उप जेल जतारा हेतु राशि स्वीकृति की जानकारी
[जेल]
106. ( क्र. 887 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टीकमगढ़ जिले के उप जेल जतारा में वर्तमान में क्या-क्या समस्याएं है? इन समस्याओं के निराकरण हेतु शासन ने जनवरी 2020 से प्रश्न दिनांक तक कितनी-कितनी राशि स्वीकृत की है? प्रश्नकर्ता द्वारा कब-कब किस प्रश्न क्रमांक के आधार पर विधानसभा प्रश्न किए गए हैं और निराकरण हेतु विभाग ने क्या-क्या पहल की है? (ख) प्रश्नांश (क) के आधार पर यह बताएं कि अभी और कौन-कौन से कार्य है, जो कराए जाना अति आवश्यक है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के आधार पर बताएं कि जब उप जेल जतारा के अंदर पेयजल समस्या का निराकरण एवं उप जेल के बाहर सुरक्षा हेतु बाउंड्रीवॉल का निर्माण कार्य कराने हेतु राशि स्वीकृत है? क्या यह राशि पर्याप्त है? अगर नहीं तो कितनी-कितनी राशि पेय जल, बाउंड्रीवॉल निर्माण एवं अन्य कार्य कराने अभी और राशि की आवश्यकता पड़ेगी? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के आधार पर बताएं कि प्राक्कलन, तकनीकी स्वीकृति के आधार पर उपरोक्त सभी कार्य कराने उप जेल जतारा को कितनी-कितनी राशि की आवश्यकता है एवं कब तक उपरोक्त सभी कार्य कराने हेतु विभाग राशि स्वीकृत कर कार्य प्रारंभ करवा देगा।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) पेयजल की स्वतंत्र व्यवस्था एवं बाउण्ड्रीवॉल की कठिनाई है जिनके निराकरण हेतु दिनांक 26.08.2021 को निम्नानुसार राशियां स्वीकृत की गई :-
अ.क्र. |
कार्य का नाम |
स्वीकृत राशि |
1 |
परिसर की चेनलिंक फेंसिंग का कार्य। |
11.35 लाख |
2 |
बंदियों के परिजनों हेतु वेटिंग शेड का निर्माण। |
2.00 लाख |
3 |
पेयजल की व्यवस्था का कार्य। |
11.84 लाख |
प्रश्नकर्ता द्वारा विधानसभा सत्र दिसम्बर 2019 में विधानसभा प्रश्न क्रमांक-1120 किया गया था। निराकरण हेतु संबंधित विभागों से प्राक्कलन प्राप्त कर स्वीकृति दी गई। (ख) पेयजल व्यवस्था में खोदे गए नलकूप असफल होने से 2 किलो मीटर की दूरी पर पुन: सर्वे कराया जा रहा है तथा बाउण्ड्रीवॉल का कार्य प्रारंभ कराया जा रहा है। (ग) स्वीकृत राशि के विरूद्ध अतिरिक्त राशि की मांग का वर्तमान में कोई प्रस्ताव नहीं है। लोक निर्माण विभाग व लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग से मांग प्राप्त होने पर कार्यवाही की जाएगी। (घ) उत्तरांश (ग) में उल्लेख किए अनुसार।
बांध के पानी का उपयोग
[नर्मदा घाटी विकास]
107. ( क्र. 888 ) श्री राजेश कुमार वर्मा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बरगी नहर परियोजना जो विधानसभा गुनौर के सीमा से होकर जा रही है उसमें से सतना जिले के ग्राम शिवराजपुर से विधानसभा गुनौर के देवेन्द्रनगर बांध का जमीनी स्तर नीचे होने के कारण पानी पहुंचाया जा सकता है। क्या इसका सर्वे कराकर बरगी नहर का पानी गुनौर विधानसभा लाये जाने के लिए कार्यवाही की जावेगी? (ख) क्या विधानसभा चुनाव के पूर्व गुनौर में तत्कालीन माननीय मुख्यमंत्री महोदय द्वारा यह आश्वासन दिया गया था कि बरगी नहर का पानी गुनौर विधानसभा में लाने के लिए आवश्यक सर्वे कराकर पानी पहुंचाने का कार्य किया जायेगा। यदि हां, तो क्या प्रश्नांश (क) के अनुरूप स्थल का सर्वे कराया जावेगा? यदि हां, तो कब कृपया निश्चित समय-सीमा बताएं। (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुसार विधानसभा गुनौर स्थित देवेन्द्रनगर बांध एवं उसके समीप सवाई गज बांध, बृंदावन बांध, सकरिया तालाब आदि वर्षा आधारित जल संरचनाएं होने के कारण इस नहर को जोड़े जाने से इनमें पर्याप्त जल आपूर्ति हो सकेगी तथा इस समस्त नीरा क्षेत्र में रबी एवं खरीफ हेतु पानी पर्याप्त आपूर्ति हो सकेगी। क्या उपरोक्तानुसार सर्वे शासन स्तर से कराया जावेगा? यदि हां, तो कब तक?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। बरगी नहर परियोजना जो विधान सभा गुनौर के सीमा से होकर जा रही है किन्तु नागौद सतना शाखा नहर से शिवराजपुर के समीप आर.डी. 104.600 कि.मी. पर नहर का बेड लेवल 332.81 मीटर (एफ.एस.डी. 3.29 मीटर) है तथा भौगोलिक स्थिति अनुसार देवेन्द्रनगर बांध (ग्राउंड लेवल 360.00 मीटर) नहर के बेड लेवल से 27.00 मीटर ऊँचाई पर स्थित होने से ग्रेविटी द्वारा बांध में पानी दिया जाना संभव नहीं है। सर्वे कराने की वर्तमान में विभाग की कोई योजना प्रस्तावित नहीं है। (ख) माननीय मुख्यमंत्री जी की घोषणा क्र. सी. 2769, दिनांक 18.08.2023 के परिप्रेक्ष्य में आवश्यक सर्वेक्षण कराया जा कर गुनौर उद्वहन परियोजना का कुल 25,000 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई हेतु डी.पी.आर. परिक्षणाधीन है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) उत्तरांश (क) के अनुसार ग्राउंड लेवल ऊँचे होने के कारण एवं अतिरिक्त जल की उपलब्धता न होने के कारण प्रश्न में वर्णित बांध/तालाब में पानी दिया जाना संभव नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जिला चिकित्सालय में पदस्थ स्टोर कीपर की जांच
[सामान्य प्रशासन]
108. ( क्र. 896 ) श्री कामाख्या प्रताप सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) स्पीड पोस्ट क्रमांक E1420989253IN दिनांक 25/08/2023 द्वारा एक गोपनीय एवं अतिआवश्यक जानकारी के साथ पत्र राजधानी के जिला चिकित्सालय में पदस्थ एक स्टोर कीपर द्वारा की जा रही अनियमितताओं एवं भ्रष्टाचार के सम्बन्ध में पुलिस अधीक्षक लोकायुक्त थाना लोकायुक्त कार्यालय परिसर भोपाल म.प्र. में प्राप्त शिकायत पर सम्बंधित द्वारा प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गयी? (ख) उक्त प्रकरण में प्राथमिकी कब दर्ज कर किस अधिकारी को जांच हेतु कब नियुक्त किया गया एवं आज दिनांक तक प्रकरण में प्रगति रिपोर्ट क्या है? (ग) क्या शिकायत पत्र में उक्त स्टोर कीपर द्वारा भ्रष्टाचार से एकत्रित की गयी अकूत संपत्ति की जानकारी एवं स्टोर कीपर द्वारा किये जा रहे अनियमितताओं के सम्बन्ध में प्रमाणिक दस्तावेज संलग्न कर तथ्यात्मक विवरण दिया गया था? क्या यह भी सत्य है कि शिकायत में उल्लेखित तथ्यात्मक दस्तावेजों एवं प्रमाणिक साक्ष्यों की अनदेखी कर बिना जांच किये ही जांच अधिकारी द्वारा उक्त स्टोर कीपर से सांठगांठ कर शिकायत को ही बेनामी शिकायत दर्शाकर प्रकरण में खात्मा लगवा दिया गया है यदि नहीं तो क्यों? (घ) शिकायत के साथ संलग्न प्रमाणिक दस्तावेजों एवं पुष्ट जानकारी होने के उपरांत भी प्रश्न दिनांक तक एफ.आई.आर. दर्ज कर गिरफ़्तारी क्यों नहीं की गयी? इसके लिए विभागीय स्तर पर कौन अधिकारी/कर्मचारी जवाबदेह है?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) अनावेदक द्वारा पुलिस अधीक्षक, विशेष पुलिस स्थापना, लोकायुक्त कार्यालय, भोपाल को प्रस्तुत शिकायत संगठन के पंजी क्रमांक 3002/सी/2023-24 दिनांक 26/10/2023 अनावेदक श्री सुनील सिंह, स्टोरकीपर, जयप्रकाश, चिकित्सालय, भोपाल के विरूद्ध प्राप्त हुई थी, उक्त शिकायत परीक्षणोंपरांत माननीय लोकायुक्त महोदय के आदेशानुसार दिनांक 30/10/2023 को नस्तीबद्ध की गई थी। (ख) उक्त शिकायत संगठन में दिनांक 30/10/2023 को माननीय लोकायुक्त महोदय के आदेशानुसार नस्तीबद्ध होने से प्रश्न ही उत्पन्न नहीं होता। (ग) संगठन में प्राप्त शिकायत प्राथमिक प्रमाण के अभाव में तथा स्पष्ट आक्षेपों के अभाव में शिकायत जांच योग्य नहीं होने से माननीय लोकायुक्त महोदय के आदेशानुसार दिनांक 30/10/2023 को नस्तीबद्ध होने से प्रश्न ही उत्पन्न नहीं होता। (घ) शिकायत नस्तीबद्ध होने से प्रश्न ही उत्पन्न नहीं होता।