मध्यप्रदेश विधान सभा
प्रश्नोत्तर-सूची
दिसम्बर, 2016 सत्र
गुरूवार, दिनांक 08 दिसम्बर, 2016
भाग-1
तारांकित
प्रश्नोत्तर
भिण्ड
जिले में स्वीकृत
रेत खदानें
[खनिज साधन]
1. ( *क्र. 1671 ) चौधरी मुकेश सिंह चतुर्वेदी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड जिले के विकासखण्ड मेहगांव, रौन, लहार के अतंर्गत कुल कितनी स्वीकृत रेत खदाने हैं? विधानसभा क्षेत्रवार, नामवार, रकबावार जानकारी दी जावे। (ख) उक्त खदानों में से वर्तमान में कौन-कौन सी खदानों से शासन की स्वीकृति से रेत उत्खनन का कार्य किया जा रहा है? क्या उक्त स्वीकृत संचालित खदानों का सीमांकन विधानसभा में लिये निर्णय के अनुसार क्षेत्रीय विधायक को साथ में लेकर किया गया है? यदि हाँ, तो किस-किस खदान पर नामवार, खदानवार जानकारी दी जावे। (ग) क्या विकासखण्ड लहार अंतर्गत डुबका खदान जिसकी अनापत्ति पर्यावरण विभाग से जारी नहीं की गई है, से रेत का उत्खनन कर नदी की दूसरी और मेहगांव विकासखण्ड, मेहगांव बरेठी गांव से रेत का परिवहन किसकी अनुमति से और किन परिस्थितियों में किया जा रहा है? क्या प्रशासन उक्त नियम विरूद्ध रेत उत्खनन कार्य करने वाले ठेकेदार का ठेका निरस्त करेगा?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट में दर्शित है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट में दर्शित है। माननीय प्रश्नकर्ता द्वारा किस विधानसभा सत्र का प्रश्न में संदर्भ लिया गया है, स्पष्ट नहीं होने के कारण जानकारी दिया जाना संभव नहीं है। खदानों का सीमांकन कलेक्टर कार्यालय द्वारा किया जाता है। (ग) प्रश्नानुसार डुबका रेत खदान हेतु समस्त वैधानिक अनुमतियां प्राप्त हो गईं हैं। अत: नियमानुसार खदान का संचालन किया जा रहा है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
सड़क निर्माण में अनियमितता
[नगरीय विकास एवं आवास]
2. ( *क्र. 1651 ) श्री जालम सिंह पटेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) गोटेगांव नगरपालिका परिषद् में वर्ष 2014-15, 2015-16 एवं 2016-17 में विभिन्न वार्डों में सड़क नाली, पुलियों के कितने निर्माण हुए, विवरण स्वीकृत बजट सहित देवें। (ख) उपरोक्त निर्माण में कितने निर्माण अंडर इस्टीमेट एवं कितने ओवर इस्टीमेट हुए? (ग) क्या ओवर इस्टीमेट निर्माणों की तकनीकी प्रशासनिक एवं वित्तीय अनुमतियां समय पर नियमानुसार ली गईं थी? यदि नहीं, तो दोषी कौन है? दोषियों पर क्या कार्यवाही कब तक की जाएगी? (घ) ओवर इस्टीमेट निर्माण करने हेतु क्या नियम हैं? नियमावली सहित जानकारी देवें। (ड.) क्या प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा गोटेगांव की मॉडल रोड निर्माण में हुई अनियमितताओं की जानकारी कलेक्टर नरसिंहपुर को पत्र द्वारा दी गई थी? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की गई?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) 12 कार्यों पर स्वीकृत प्राक्कलन राशि से कम एवं 8 कार्यों पर स्वीकृत प्राक्कलन राशि से अधिक व्यय हुआ है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। प्राप्त जानकारी की जाँच किए जाने के आदेश दिए गए हैं। जाँच परिणामों के अनुसार आगे की कार्यवाही नियमानुसार की जावेगी। (घ) यदि किसी कार्य की लागत स्वीकृत अनुमानित लागत से अधिक आने की संभावना हो या अधिक आवे तो कार्य की पुनरीक्षित स्वीकृति सक्षम प्राधिकारी से लिए जाने का प्रावधान है। (ड.) जी हाँ। कार्यवाही कलेक्टर जिला नरसिंहपुर के पास प्रचलित है।
शासकीय महाविद्यालयों को भवन की सुविधा
[उच्च शिक्षा]
3. ( *क्र. 20 ) श्री सुदर्शन गुप्ता (आर्य) : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश में कई शासकीय महाविद्यालय भवन के अभाव में किराये के भवन में संचालित होते हैं? यदि हाँ, तो जिलावार सूची उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार किराये के भवन में संचालित शासकीय महाविद्यालयों के स्वयं के भवन के लिये शासन द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है? (ग) शासन द्वारा कब तक समस्त शासकीय महाविद्यालयों को स्वयं का भवन उपलब्ध कराने संबंधी कार्यवाही पूर्ण कर ली जावेगी?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) प्रदेश के 11 शासकीय महाविद्यालय किराये के भवन में संचालित हैं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। (ख) संलग्न परिशिष्ट के रिमार्क कालम में जानकारी अंकित है। भवन निर्माण हेतु भूमि उपलब्ध होने पर निर्माण कार्य का प्रस्ताव प्राप्त होने पर निर्णय हेतु स्थायी वित्तीय समिति के समक्ष प्रस्तुत किए जाते हैं। समिति के निर्णय अनुसार प्रशासकीय स्वीकृति जारी की जाती है। तदोपरांत निर्माण कार्य की प्रक्रिया निर्माण एजेंसी द्वारा की जाती है। उपलब्ध आवंटन के आधार पर भवनों का निर्माण किया जाता है। (ग) समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
ए.सी.ई.ओ. को सौंपे गये कार्य
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
4. ( *क्र. 1724 ) श्री सुरेन्द्रनाथ सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग के कितने अधिकारियों को ए.सी.ई.ओ. जिला पंचायत बनाया है? उनको विभाग के कौन से आदेशों, निर्देशों से कार्य सौंपे हैं? (ख) किन जिला पंचायतों ने विभागीय निर्देशों का पालन कर ए.सी.ई.ओ. को कार्य दिये हैं और किनने नहीं दिये हैं? उनके नाम बतायें। (ग) विभागीय अधिकारी जैसे ए.सी.ई.ओ. जिला पंचायत, सी.ई.ओ. जनपद पंचायत, बी.डी.ओ. डी.ई.ओ., ए.डी.ई.ओ. को जल ग्रहण क्षेत्र मिशन एवं आजीविका परियोजना में क्या दायित्व सौंपे गये हैं? यदि दायित्व सौंपे गये हैं तो आदेश, निर्देश की प्रति उपलब्ध करायें? नहीं सौंपे गये हैं तो कब से विभागीय अधिकारियों से काम लिया जायेगा? (घ) विभाग में किस-किस विभाग के अधिकारी प्रतिनियुक्ति पर कब से कार्यरत हैं? कितने अन्य विभाग से प्रतिनियुक्ति पर हैं? संविदा वाले कितने अधिकारी ए.सी.ई.ओ. के जि.पं. के पद से वेतन लेने वाले हैं?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) 32 अधिकारियों को अतिरिक्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी बनाया गया है. विभाग के पत्र क्रमांक 2991, दिनांक 06.03.2013 एवं 7866, दिनांक 05.07.2013 द्वारा कार्य सौंपे गए हैं. जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है. (ख) समस्त जिला पंचायतों में उपरोक्त पत्रानुसार पालन किया जाकर अतिरिक्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी को कार्य दिए गए हैं. शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता. (ग) राजीव गांधी जल ग्रहण मिशन द्वारा उत्तरदायित्व सौंपे जाने संबंधी कोई आदेश पृथक से जारी नहीं किए गए हैं. मुख्य कार्यपालन अधिकारी अपने स्तर से दायित्व संबंधी कार्यादेश जारी करते हैं. (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है.
प्रधान मंत्री ग्राम सड़क योजना प्रस्तावित सड़कों का निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
5. ( *क्र. 888 ) श्रीमती रंजना बघेल (किराड़े) : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मनावर विधान सभा क्षेत्र में 91 मार्गों पर सड़क निर्माण के प्रस्ताव प्रस्तुत किए गए थे, जिनकी स्वीकृति की जानकारी देवें। उक्त सड़कें कब तक स्वीकृत हो जावेंगी? (ख) विधानसभा क्षेत्र में प्रधान मंत्री ग्राम सड़क योजना में मिसिंग रोड अधूरे पड़े हैं, क्या उन्हें पूर्ण किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक निम्न रोड यथा- 1. साला से पडाला, 2. लुन्हेरा से बायखेड़ा, 3. अहेरवास कुटीर से रणदा, 4. उमरबन रोड से बडीया, 5. धौलीबावड़ी से मालविहार आदि को पूर्ण किया जावेगा। (ग) विधानसभा क्षेत्र मनावर के निम्नलिखित राजस्व ग्राम अभी भी सड़क मार्ग से नहीं जुडे है :- 1. बनेडिया, 2. उरदना, 3. सरिकपुरा, 4. गोपालपुरा, 5. पेरखड़, 6. पिपलटोका, 7. लिम्दापुरा, 8. जलखेड़ा, 9. दगडपुरा, 10. निलदा, 11. सावलाखेड़ी, 12. फरसपुरा, 13. निरगुडियापुरा, 14. बालीपुरखुर्द। उपरोक्त गांवों की पहुँच हेतु सड़क निर्माण की स्वीकृति प्रधान मंत्री ग्राम सड़क योजना अथवा मुख्य मंत्री सड़क योजना में होगी। (घ) यदि हाँ, तो कब तक?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत/मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत वर्तमान में मिसिंग लिंक के अंतर्गत सड़क निर्माण करने का कोई प्रावधान नहीं होने से उक्त योजनांतर्गत स्वीकृत नहीं किया जा सकता है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (घ) उत्तरांश (ग) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
100 सीटर कन्या छात्रावास की स्वीकृति
[उच्च शिक्षा]
6. ( *क्र. 323 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के अता. प्रश्न संख्या-85 (क्रमांक 2943), दिनांक 28 जुलाई 2016 के उत्तर की कंडिका (क) में बताया गया था कि नेताजी सुभाषचन्द्र बोस शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय ब्यावरा में 100 सीटर कन्या छात्रावास निर्माण हेतु राशि रूपये 234.28 लाख का प्रस्ताव स्थायी वित्त समिति के समक्ष प्रस्तुत कर दिया गया है, स्वीकृति हेतु कार्यवाही प्रक्रियाधीन है? यदि हाँ, तो क्या प्रश्न दिनांक तक स्थायी वित्त समिति द्वारा उक्त प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान कर दी गई है अथवा नहीं? (ख) क्या शासन विधानसभा क्षेत्र ब्यावरा सहित आसपास के क्षेत्र की कमजोर एवं सामान्य निर्धन वर्ग की छात्राओं को आवासीय सुविधा प्रदान करने की दृष्टि से उक्त प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी हाँ। प्रस्ताव स्थायी वित्तीय समिति की बैठक में प्रस्तुत किया गया, किन्तु समिति द्वारा भवन विहीन महाविद्यालयों में भवनों के निर्माण को प्राथमिकता दी है। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में समय-सीमा बतायी जाना संभव नहीं है। ब्यावरा नगर में आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा 50 सीटर कन्या छात्रावास संचालित किया जा रहा है, जिसमें महाविद्यालयीन छात्राओं को भी प्रवेश दिया जाकर लाभांवित किया जा रहा है।
पी.एच.डी. परीक्षा में अनियमितता
[उच्च शिक्षा]
7. ( *क्र. 144 ) श्री पन्नालाल शाक्य : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परि. अतारांकित प्रश्न संख्या 41 (क्र. 6799), दिनांक 29.03.2016 के उत्तरांश (क), (ख), (ग) एवं (घ) प्रबंध विषय में अंग्रेजी माध्यम का पर्चा वितरित किया व उत्तर में उक्त विषय का अध्ययन व अध्यापन अंग्रेजी माध्यम में होना बताया, जबकि वास्तविकता में ग्वालियर-चंबल संभाग के अधिकांश महाविद्यालय में मात्र हिन्दी माध्यम से प्रबंध विषय का अध्ययन-अध्यापन कराया जाता है व कुछ में दोनों भाषाओं में? (ख) क्या उक्त (क) में वर्णित कार्य हिन्दी माध्यम के ग्रामीण अंचल व पृष्ठभूमि के तथा दलित वर्ग के शोधार्थियों के खिलाफ सुनियोजित षडयंत्र था? यदि नहीं, तो उक्त विषय में मात्र सामान्य वर्ग के ही छात्र क्यों उत्तीर्ण हुए? (ग) क्या प्रश्नांश (क) में सदन को गुमराह करने वाले अधिकारी/कर्मचारियों के खिलाफ कोई कार्यवाही करेंगे तथा उक्त विषय की परीक्षा को पुन: आयोजित कराने की घोषणा करेंगे?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी हाँ। जी नहीं। प्रबंध विषय के अध्यापन का कार्य अध्यादेश-24 के सेक्शन 37 (ii) एवं 39 (i) परीक्षा के बिन्दु 5 अनुसार अंग्रेजी में ही होता है। (ख) जी नहीं। क्योंकि परीक्षा में कुल 317 परीक्षार्थी सम्मिलित हुए थे। परीक्षा में सामान्य श्रेणी के 251 छात्र बैठे थे, जिसमें से मात्र 07 छात्र ही उत्तीर्ण हुए। अनु. जाति/जनजाति श्रेणी के 27 तथा अन्य पिछड़ा वर्ग श्रेणी के 39 छात्र बैठे थे, जिसमें कोई भी छात्र उत्तीर्ण नहीं हुआ है। (ग) जी नहीं। प्रश्नांश (क), (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सिंहस्थ 2016 में विभाग द्वारा खर्च की गई राशि
[नगरीय विकास एवं आवास]
8. ( *क्र. 1779 ) श्री जितू पटवारी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सिंहस्थ 2016 के मद में किस-किस विभाग द्वारा कितनी-कितनी राशि खर्च की गई और कुल कितनी राशि खर्च हुई? (ख) सिंहस्थ 2016 में प्रशिक्षण के मद में किस-किस विभाग द्वारा कितनी राशि खर्च की गई प्रशिक्षण के मद में खर्च का विस्तृत ब्यौरा उपलब्ध करावें? (ग) सिंहस्थ 2016 में गठित समिति की अनुशंसा पर किस-किस विभाग द्वारा कितनी-कितनी राशि किस-किस मद में कार्य में खर्च की गई, उक्त समिति के गठन संबंधी विवरण उपलब्ध करावे तथा बतावे कि उक्त समिति को खर्च संबंधी निर्देश देने के वित्तीय अधिकार किस नियम से प्राप्त हुये? नियम की प्रति देवें। (घ) सिंहस्थ 2016 के दौरान वैचारिक कुंभ किसके आदेश से आयोजित किया गया उस आदेश की प्रति देवें तथा बतावें कि वैचारिक कुंभ पर किस-किस मद में किस-किस विभाग द्वारा कितनी-कितनी राशि खर्च की गई? उक्त खर्च की स्वीकृति किसके द्वारा किस अधिकार से दी गई?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) सिंहस्थ 2016 मद अंतर्गत विभिन्न विभागों द्वारा व्यय राशि एवं कुल व्यय राशि के विवरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी संकलित की जा रही है। (ग) सिंहस्थ 2016 हेतु गठित समिति की अनुशंसा पर संबंधित विभागों द्वारा व्यय राशि का विवरण एवं समिति के गठन से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (घ) जानकारी संकलित की जा रही है।
ग्राम उदय से भारत उदय अभियान का संचालन
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
9. ( *क्र. 1834 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 14 अप्रैल से 31 मई 2016 तक सरकार द्वारा ग्राम उदय से भारत उदय अभियान चलाया गया था? उसमें किन-किन विभागों के कितने-कितने आवेदन ग्राम स्तर से लगाकर जिले स्तर के हितग्राही मूलक योजनाओं के प्राप्त हुए? धार जिले के संबंध में उपरोक्त जानकारी विधानसभा क्षेत्रवार, विकासखण्डवार उपलब्ध करावें। (ख) प्राप्त आवेदनों में से कितने आवदेन पात्र पाये गए एवं कितने आवेदन अपात्र पाये गए? विभागवार एवं ग्राम पंचायतवार जानकारी देवें। (ग) क्या पात्र लोगों को लाभान्वित कर दिया गया है एवं उनको सूचित किया गया है? धार जिले के संबंध में जानकारी जनपद पंचायतवार, पंचायतवार उपलब्ध करावें। लाभान्वितों को प्रदाय राशि की जानकारी भी उपलब्ध करावें। (घ) अपात्र लोगों की किस कारण से अपात्र किया, उनको जानकारी दी गयी या नहीं? धार जिले के संबंध में जनपद पंचायतवार, पंचायतवार जानकारी देवें।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) से (घ) जानकारी संकलित की जा रही है।
स्पेशल कनेक्टिविटी के तहत सड़क निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
10. ( *क्र. 1897 ) श्री विष्णु खत्री : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्राम उदय से भारत उदय कार्यक्रम के दौरान बैरसिया से ग्राम बरखेड़ा मौजी तक स्पेशल कनेक्टिविटी योजनांतर्गत मार्ग को जोड़ने हेतु प्रश्नकर्ता द्वारा प्रभारी मंत्री जिला भोपाल को दिये गये पत्र पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गयी है? (ख) प्रश्नांश (क) के तारतम्य में यदि अभी तक कोई कार्यवाही नहीं की गयी है, तो इस पर कब तक कार्यवाही करेंगे?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) राज्य में स्पेशल कनेक्टिविटी में सड़क निर्माण योजना संचालित नहीं है। (ख) शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नरसिंहपुर जिले में शौचालय निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
11. ( *क्र. 1530 ) श्री गोविन्द सिंह पटेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नरसिंहपुर जिले में प्रश्न दिनांक तक कितनी पंचायतों में बाह्य शौच मुक्त करने के लिए कितने शौचालय का निर्माण हो चुका है तथा कितनों का निर्माण शेष है, वह कब तक पूर्ण हो जाएगा? (ख) नरसिहंपुर जिले में प्रश्न दिनांक तक कितनी पचायतें बाह्य शौच से मुक्त हो चुकी हैं तथा कितनी पंचायतें अभी बाह्य शौच मुक्त होना बाकी हैं? अलग-अलग पंचायतों के नाम सहित जानकारी दें। (ग) गाडरवारा विधान सभा क्षेत्र में वर्ष 2008-09 से अभी तक कितने शौचालयों का निर्माण हो चुका है? किस ग्राम में कितने-कितने शौचालयों का निर्माण किया गया है? ग्रामवार/संख्यावार स्पष्ट जानकारी दें। (घ) क्या 23 जुलाई, 2016 के बाद सीधे हितग्राही के खाते में राशि दी जाएगी? क्या इस स्थिति में शौचालय निर्माण में पंचायतों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है? यदि हाँ, तो क्या ऐसी स्थिति में पूर्व की तरह व्यवस्था पर शासन विचार करेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) नरसिंहपुर जिले में प्रश्न दिनांक तक 446 ग्राम पंचायतों को बाह्य शौच मुक्त करने के लिए 80697 शौचालयों का निर्माण हो चुका है एवं वास्तविक सर्वे अनुसार 17757 शौचालयों का निर्माण शेष है, जिन्हें 2 अक्टूबर 2019 के पूर्व पूर्ण कराये जाने का लक्ष्य है। (ख) नरसिहंपुर जिले में प्रश्न दिनांक तक 227 ग्राम पंचायतें बाह्य शौच से मुक्त हो चुकी हैं तथा 219 ग्राम पंचायतें बाह्य शौच मुक्त होना बाकी हैं। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ग) गाडरवारा विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2008-09 से अभी तक 31464 शौचालयों का निर्माण हो चुका है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (घ) स्वच्छ भारत मिशन अंतर्गत दिनांक 01-07-2016 से शौचालय निर्माण की प्रोत्साहन राशि सीधे हितग्राही के खाते में दी जा रही है। वर्तमान में शौचालय निर्माण स्वयं हितग्राही द्वारा किया जा रहा है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विधायक निधि से स्वी्कृत कार्य
[योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी]
12. ( *क्र. 1540 ) श्री गोवर्धन उपाध्याय : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा जिले के नगर पालिका परिषद् सिरोंज में विगत दो वर्षों में विधायक निधि से किन-किन कार्यों के लिए कितनी-कितनी राशि कब-कब स्वीकृत हुई है? स्वीकृत कार्य में से कितने कार्य पूर्ण हुए एवं कितने कार्य अभी तक अपूर्ण हैं, अपूर्ण रहने का क्या कारण है? अपूर्ण कार्यों को कब तक पूर्ण किया जावेगा? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या विधायक निधि से जैन समुदाय हेतु पानी की टंकी निर्माण हेतु राशि की स्वीकृति प्रदान की गई है? नगर परिषद् सिरोंज द्वारा आज दिनांक तक टंकी निर्माण का कार्य प्रारंभ क्यों नहीं किया गया? नगर परिषद् द्वारा टंकी निर्माण कार्य हेतु क्या-क्या प्रक्रिया अभी तक अपनाई गई? विलंब के लिए कौन जिम्मेदार हैं, क्या उन पर कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब, नहीं तो क्यों नहीं?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। उक्त टंकी के निर्माण हेतु नगर पालिका सिरोंज द्वारा प्रथम निविदा 31.3.2016 एवं द्वितीय निविदा 24.8.2016 को आमंत्रित की गई। प्राप्त दरें स्वीकृत राशि से अधिक होने के कारण कार्य प्रारम्भ नहीं कराया जा सका। तृतीय निविदा दिनांक 15.7.2016 को आमंत्रित की जा कर प्राप्त दरें परिषद संकल्प क्रमांक 90 दिनांक 10.8.2016 द्वारा स्वीकृत किये जाने के उपरान्त दिनांक 16.10.2016 को कार्यादेश जारी किया गया। विलम्ब के लिये कोई अधिकारी/कर्मचारी जिम्मेदार न होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जिला पंचायत उज्जैन में पदस्थ पंचायत सचिवों का निलंबन/बहाली
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
13. ( *क्र. 387 ) श्री सतीश मालवीय : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला पंचायत उज्जैन में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत उज्जैन के द्वारा जिले में फरवरी 2015 से 05 नवम्बर 2016 तक कितने ग्राम पंचायत सचिव किन-किन कारणों से निलंबित किये गये/हटाये गये? नामवार, पंचायतवार, निलंबन के कारणवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्न (क) के क्रम में निलंबित किये गये सचिवों को कब-कब बहाल किया जाकर कौन-कौन सी पंचायत में पदस्थ किया गया? दिनांकवार, पंचायतवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) जिला पंचायत उज्जैन में ऐसे कितने पंचायत सचिव थे, जिनको निलंबन के पश्चात/हटाने के पश्चात उन्हें उसी पंचायत में पदस्थ किया गया, जहां से उन्हें निलंबित किया गया था/हटाया गया था? उसी पंचायत में बहाल किये जाने के क्या कारण थे? क्या यह शासन की नीति अनुसार किये गये हैं? पंचायत सचिव जहां से निलंबित किये गये थे/हटाये गये थे वहीं बहाल होने वाले पंचायत सचिवों की जानकारी दिनांकवार, पंचायतवार उपलब्ध करावें।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जिला पंचायत उज्जैन के प्रश्नावधि में 42 ग्राम पंचायत सचिवों को निलंबित किया गया। नामवार, ग्राम पंचायत सचिवों को निलंबित करने के कारण सहित जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। (ख) निलंबन से बहाल किये गये ग्राम पंचायत सचिवों की दिनांकवार तथा पंचायतवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार। (ग) निलंबन से बहाल कर उसी ग्राम पंचायत में पदस्थ किये गये सचिवों की दिनांकवार तथा पंचायतवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार।
मेट्रो रेल परियोजना का क्रियान्वयन
[नगरीय विकास एवं आवास]
14. ( *क्र. 9 ) श्री बाबूलाल गौर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) भोपाल एवं इंदौर में मेट्रो रेल योजना के क्रियान्वयन में अब तक क्या-क्या कार्य पूर्ण किये गए हैं? (ख) मेट्रो परियोजना के लिये किन विदेशी संस्थाओं से ऋण हेतु बातचीत की गई है? इसकी वर्तमान स्थिति का विवरण दें। जायका द्वारा ऋण देने से इंकार करने के क्या कारण हैं? (ग) भोपाल एवं इंदौर में मेट्रो रेल परियोजना के क्रियान्वयन में अभी तक किस-किस मद में कितनी-कितनी धनराशि व्यय की गई अथवा की जायेगी? पृथक-पृथक बताया जाए। (घ) मेट्रो रेल योजना का क्रियान्वयन का कार्य किस एजेन्सी से कराया जा रहा है एवं योजना को कब तक पूर्ण किया जायेगा? निश्चित समय-सीमा बतायी जाए ।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (घ) भोपाल एवं इन्दौर में प्रस्तावित मेट्रो परियोजना का प्रस्ताव भारत सरकार को प्रेषित किया गया है। भारत सरकार के अनुमोदन उपरांत क्रियान्वयन एजेंसी का चयन किया जायेगा। परियोजना का क्रियान्वयन वर्ष 2021-22 तक प्रस्तावित है। निश्चित समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
चम्बल नदी पर पुल निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
15. ( *क्र. 535 ) श्री दिलीप सिंह शेखावत : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दिनांक 10.01.2016 खाचरौद प्रवास के दौरान माननीय मुख्यमंत्री महोदय द्वारा घोषणा क्रमांक 14 द्वारा ग्राम बनवाड़ा से मोकड़ी रास्ते पर चम्बल नदी पर पुल निर्माण कराये जाने की घोषणा की थी? (ख) क्या पूर्व में बनी पुलिया की ऊंचाई काफी कम होने एवं पास में जल संसाधन विभाग द्वारा बड़ा स्टाप डेम निर्माण किये जाने से उक्त पुलिया वर्षाकाल में लगभग छः माह तक पानी में डूबी रहती है, जिससे लगभग 50 ग्रामों के किसानों को 30-35 किलोमीटर घूमकर जाना पड़ता है। उक्त पुलिया का निर्माण कब तक प्रारम्भ होगा? यदि योजना कार्ययोजना में शामिल नहीं है तो कब तक सम्मिलित कर ली जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत पुल निर्माण हेतु डी.पी.आर. तैयार करने के लिये कंसलटेंट नियुक्त किये जाने हेतु निविदा आमंत्रित की गई है अतः पुल निर्माण कार्य प्रारंभ करने की निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है। उक्त कार्य को योजना में शामिल कर लिया गया है।
ग्राम उदय से भारत उदय अभियान अन्तर्गत विकास कार्य
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
16. ( *क्र. 339 ) श्री राजेश सोनकर : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या इन्दौर जिला अंतर्गत मध्यप्रदेश सरकार की ग्राम उदय से भारत उदय अभियान अंतर्गत ग्राम विकास हेतु ग्राम स्तर पर योजनाएं बनाई गईं थीं? (ख) यदि हाँ, तो क्या-क्या योजनाएं पंचायत विभाग द्वारा बनवाई गईं हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में सांवेर विधानसभा क्षेत्र में ग्राम उदय से भारत उदय योजनांतर्गत क्या-क्या कार्य करवाये जायेंगे? क्या अभियान अंतर्गत ग्रामीणों द्वारा दिये गये प्रस्ताव पर जल्द ही कार्य कराये जायेंगे? यदि हाँ, तो समय-सीमा बतायें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) ग्राम उदय से भारत उदय अभियान के अंतर्गत ग्राम पंचायत स्तर पर ग्राम विकास योजना (जी.पी.डी.पी.) अंतर्गत सामुदायिक कार्यों एवं हितग्राही मूलक कार्यों की योजनाएं बनाई गई हैं। (ग) ग्राम उदय से भारत उदय अभियान में ग्राम पंचायत विकास योजना (जी.पी.डी.पी.) तैयार करने का कार्य किया गया है। ग्राम पंचायत विकास योजना में शामिल कार्यों को करने का जो प्राथमिकता क्रम है, उसके अनुसार तथा संसाधनों की उपलब्धता के आधार पर कार्य करवाये जा सकेंगे। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
जलावर्धन योजना अंतर्गत निर्माण कार्य में अनियमितता
[नगरीय विकास एवं आवास]
17. ( *क्र. 1049 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) परासिया विधान सभा क्षेत्रांतर्गत नगर परिषद बड़कुही में शासन द्वारा स्वीकृत जलावर्धन योजना अंतर्गत फिल्टर प्लांट, ओव्हरहेड टैंक का निर्माण कार्य जिस भूमि पर किया जा रहा है, क्या वह भूमि नगर परिषद बड़कुही को शासन द्वारा आवंटित की गई है या नहीं? भूमि का स्थल, खसरा नंबर मद की जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में यदि नगर परिषद बड़कुही को भूमि आवंटित नहीं की गई तो निकाय द्वारा शासन के किन नियमों के आधार पर उपरोक्त भूमि पर फिल्टर प्लांट, ओव्हरहेड टैंक का निर्माण कार्य किया जा रहा है? (ग) क्या नगर परिषद बड़कुही द्वारा जलावर्धन योजना अंतर्गत फिल्टर प्लांट, ओव्हरहेड टैंक का निर्माण कार्य प्रारंभ कर लगभग 50 प्रतिशत निर्माण कार्य पूर्ण करने के उपरांत दिनांक 23.09.2016 को तहसीलदार परासिया द्वारा दैनिक समाचार पत्र ''लोकमत समाचार'' में भूमि नगर परिषद बड़कुही को भूमि आवंटन के लिए इश्तेहार का प्रकाशन कराया गया? भूमि आवंटन के लिए आवंटित भूमि का स्थल निरीक्षण तहसीलदार परासिया द्वारा किया गया था या नहीं? न.पा. बड़कुही के पार्षदों एवं नागरिकों द्वारा भूमि आवंटन के संबंध में दि. 29.09.2016 को न्यायालय तहसीलदार परासिया में आपत्ति प्रस्तुत की गई थी, जिस पर तहसीलदार द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? (घ) कलेक्टर छिंदवाड़ा को प्रश्नकर्ता द्वारा बड़कुही जलावर्धन योजना निर्माण कार्य में भ्रष्टाचार अनियमितता की उच्च स्तरीय जाँच कराये जाने हेतु दि. 21.09.2016 को पत्र क्रमांक 597 दिया गया था, उस पत्र पर क्या कार्यवाही की गई है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी नहीं। भूमि का खसरा क्रं. 160 रकबा 0.304 में से 0.06 हेक्टेयर तथा खसरा क्रं. 82 रकबा 4.059 हेक्टेयर में से 2 हेक्टेयर भूमि शासकीय मद में दर्ज है। (ख) निकाय द्वारा नियमानुसार शासकीय भूमि के आवंटन हेतु दिनांक 26.04.16 को आवेदन दिया गया तथा समय-सीमा में कार्य किये जाने को दृष्टिगत रखते हुये भूमि आवंटन की प्रत्याशा में मध्यप्रदेश नगर पालिका अधिनियम 1961 कंडिका 100 (1) के अंतर्गत निकाय द्वारा कार्य प्रारंभ किया गया। (ग) जी हाँ। जी नहीं। जी हाँ। प्रस्तुत आपत्ति पर तहसीलदार ने मुख्य नगर पालिका अधिकारी, नगर परिषद बड़कुही से जवाब मांगा, जिसके प्रत्युत्तर में मुख्य नगर पालिका अधिकारी द्वारा आपत्ति को निरस्त करने हेतु तथ्यात्मक पत्र दिनांक 27.09.16 लिखा गया है। (घ) निर्माण कार्यों की जाँच कलेक्टर, छिंदवाड़ा द्वारा कराई जा रही है।
दतिया जिलान्तर्गत संचालित एन.जी.ओ.
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
18. ( *क्र. 1786 ) श्री प्रदीप अग्रवाल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परि.अता. प्रश्न संख्या 35 (क्र. 598), दिनांक 14.12.2015 के उत्तर में सामाजिक न्याय विभाग द्वारा दतिया जिले में 4 एन.जी.ओ. पंजीकृत बताये गये? जानकारी उपलब्ध करायें कि उक्त एन.जी.ओ. किस दिनांक से पंजीकृत होकर संचालित हो रहे हैं। पंजीकरण की छायाप्रतियां उपलब्ध कराई जावें। (ख) उक्त एन.जी.ओ. कहाँ-कहाँ क्या-क्या कार्य कर रहे हैं, उनके द्वारा प्रांरभ दिनांक से प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या गतिविधियां की गई हैं, उन्हें शासन से किस-किस दिनांक को कितनी-कितनी राशि अनुदान के रूप में दी गई? (ग) उक्त एन.जी.ओ. द्वारा संचालित संस्थाओं की प्रांरभ दिनांक से प्रश्न दिनांक तक आडिट की छायाप्रतियां एवं किन-किन अधिकारियों द्वारा इनके निरीक्षण किये, उनके नाम/पद सहित उनके प्रतिवेदनों की छायाप्रतियां उपलब्ध कराई जावें? (घ) क्या उक्त एन.जी.ओ. द्वारा चलाई जा रही अधिकृत संस्थाएं केवल कागजों में चल रही हैं, मौके पर इनके द्वारा कोई गतिविधि दिखाई नहीं दी, अधिकारी कर्मचारी फर्जी दस्तावेज तैयार कर शासन के लाखों रूपये अपव्यय कर रहे है? यदि हाँ, तो इसके लिये कौन-कौन दोषी हैं? यदि नहीं, तो इनकी उच्च स्तरीय जाँच कराई जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 2 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 3 अनुसार है। (घ) जी नहीं। अशा. संस्था म.प्र. प्राकृतिक चिकित्सालय तथा महाविद्यालय समिति शाखा दतिया द्वारा वृद्धाश्रम का संचालन बंद पाये जाने से संस्था को अनुदान राशि स्वीकृत नहीं की गयी है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अवैध कालोनियों का नियमितीकरण
[नगरीय विकास एवं आवास]
19. ( *क्र. 1632 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) ध्यानाकर्षण सूचना क्रमांक-466, दिनांक 14-03-2016 के तारतम्य में नगरपालिक निगम, कटनी की कितनी अवैध कालोनियों में से कितने में शिविर लगाकर वैध करने की क्या-क्या कार्यवाही किस-किस दिनांक को की गई? यदि नहीं, की गई है तो इसके क्या कारण हैं? (ख) नगरपालिक निगम, कटनी की कुल जनसंख्या के 30 से 40 प्रतिशत नागरिक अवैध कालोनियों में निवास एवं मूलभूत सुविधाओं के न होने से हो रही असुविधा को देखते हुए निश्चित समयावधि में कालोनियों का नियमितीकरण कड़ाई से कराये जाने के आदेश सक्षम प्राधिकारी आयुक्त नगरपालिक निगम, कटनी को प्रदान करेंगे? (ग) शासन के समक्ष अवैध-कालोनियों के विकास हेतु कुल लागत का 50% कालोनी निवासियों से लिये जाने के वर्तमान प्रावधान को कम करने की मान. मुख्यमंत्री जी की 15-12-2015 की सदन की घोषणानुसार कोई प्रस्ताव लंबित है? यदि हाँ, तो शासन द्वारा कब तक निर्णय लिया जावेगा? यदि नहीं, तो कारण बतायें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) नगर निगम कटनी क्षेत्र में कुल 90 अवैध कालोनियों में से केवल 2 अवैध कालोनियों के नियमितीकरण की कार्यवाही की गई, 2 कालोनी का सर्वे कराया गया तथा 7 कालोनियों में शिविर लगाकर अवैध कालोनी के नियमितीकरण की प्रक्रिया से अवगत कराया गया। शेष अवैध कालोनियों को वैध करने हेतु कार्यक्रम तैयार कर दिनांक 21.11.2016 को सूचना जारी की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) मध्यप्रदेश नगर पालिक निगम अधिनियम 1956 के अंतर्गत बनाये गये मध्यप्रदेश नगर पालिका (कालोनाईजर का रजिस्ट्रीकरण तथा निर्बंधन एवं शर्त) नियम 1998 एवं समय-समय पर राज्य शासन द्वारा दिये गये निर्देशों के क्रम में 31 दिसम्बर 2012 तक अस्तित्व में आई अवैध कालोनियों को प्रचलित नियम, प्रक्रिया अनुसार वैध करने के निर्देश दिये गये हैं। सचिव, म.प्र. शासन नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के पत्र क्रमांक एफ 1-30/2011/18-3 दिनांक 06.09.2013 से समस्त कलेक्टर एवं समस्त आयुक्त नगर निगम को अवैध कालोनी के नियमितीकरण की कार्यवाही करने के निर्देश दिये गये हैं। (ग) कार्यवाही प्रचलन में है।
हाउसिंग बोर्ड द्वारा हितग्राहियों को भवन आवंटन
[नगरीय विकास एवं आवास]
20. ( *क्र. 36 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रश्नकर्ता के दिनांक 08.12.2015 के अतारांकित प्रश्न संख्या 42 (क्र. 380) के (ख) उत्तर में बताया है कि हाउसिंग बोर्ड द्वारा वर्ष 2008-09 एवं 2011-12 में निशातपुरा (पन्नानगर) बैरसिया रोड के जूनियर एम.आई.जी. प्रकोष्ठ भवनों के 39 हितग्राहियों को मय ब्याज राशि वापस कर दी गई है तो प्रश्नांकित 39 हितग्राहियों को दी गई मय ब्याज राशि, मय नाम राशि वापसी हेतु आवेदन दिनांक, चेक क्रमांक एवं दिनांक, संबंधित हितग्राहियों को चेक प्रदाय पावती, राशि सहित सूची दें? (ख) प्रश्नांकित योजना निरस्त होने के कारण तथा भूमि पर पुनरीक्षित योजना स्वीकृत हो जाने पर जिन हितग्राहियों की पंजीयन राशि ब्याज सहित मण्डल ने वापिस की है, क्या मण्डल द्वारा ऐसे हितग्राहियों को जिन्होंने आज दिनांक तक उक्त राशि वापिस नहीं ली है, उन्हें तत्समय की कीमत अनुसार मण्डल की अन्य योजना में समायोजित कर उसी दर से स्वतंत्र भवन अथवा भूखण्ड आवंटित किया जा सकेगा? (ग) क्या इस संबंध में माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा भी निर्देश जारी किये हैं? तद्नुसार हितग्राहियों को प्रश्नांश (ख) अनुसार स्वतंत्र भवन अथवा भू-खण्ड आवंटित किया जावेगा तथा प्रश्नांश (क) अनुसार हितग्राहियों को आज दिवस तक उनकी जमा राशि नहीं लौटाई जाने एवं सदन में असत्य उत्तर देने वाले दोषी अधिकारियों पर विभाग क्या दण्डनीय कार्यवाही करेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) पन्नानगर (देवकी नगर) बैरसिया रोड भोपाल के पंजीयनकर्ताओं से पुनरीक्षित योजना में सम्मिलित होने के लिए सहमति चाही गई थी, जिन पंजीयनकर्ताओं द्वारा सहमति प्रदान नहीं की, उन्हें जमा राशि ब्याज सहित वापस की गई है, जिन पंजीयनकर्ताओं ने सहमति प्रदान की है, उन्हें पुनरीक्षित योजना में भवन आवंटित किया गया है। सूची की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी प्रश्नांश (क) अनुसार है एवं जिन हितग्राहियों द्वारा भवन की राशि प्राप्त नहीं की है, उन्हें मण्डल की रिक्त संपत्ति अथवा नवीन योजना में वर्तमान निर्धारित मूल्य पर भवन उपलब्ध कराया जा सकता है, इसमें उनके द्वारा जमा राशि मय ब्याज के समायोजित की जावेगी। (ग) माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा इस योजना के संबंध में कोई आदेश/निर्देश जारी नहीं किये हैं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है, सूची में दिये गये अनुसार हितग्राहियों को राशि लौटाई गई, परन्तु उनमें से 6 हितग्राहियों द्वारा चेक वापिस कर राशि लेने से इंकार किया गया। अतः इस बाबत् कोई अधिकारी दोषी नहीं है।
खनिज विभाग में सलाहकारों की नियुक्ति
[खनिज साधन]
21. ( *क्र. 394 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या 1 जनवरी 2014 के पश्चात खनिज, भू-विज्ञान विभाग, पेट्रोलियम विभाग, म.प्र. स्टेट माइनिंग एंड मिनरल्स कारपोरेशन लिमिटेड आदि विभाग की विभिन्न योजनाओं में सलाहकार की नियुक्ति की गई है? यदि हाँ, तो किन-किन कार्यों के लिए सलाहकारों की नियुक्ति की गई है? (ख) उक्त में से किन-किन सलाहकारों ने अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत कर दी है तथा किन-किन ने नहीं, समय-सीमा में रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं करने वाले सलाहकारों के खिलाफ क्या कार्यवाही की गई? इनकी कितनी राशि विभाग द्वारा रोकी गई? इन सलाहकारों को किन-किन कार्यों के लिए कितना-कितना भुगतान किया गया? (ग) क्या पेट्रोलियम विभाग के कंसल्टेंट वित्त विभाग की सहमति से तथा भू-विज्ञान विभाग के कंसल्टेंट भारत सरकार दवारा नियुक्त किये जाते हैं? यदि हाँ, तो किन-किन कंसल्टेंट की नियुक्ति हेतु वित्त विभाग से अनुमति ली गयी?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) खनिज साधन विभाग एवं मध्यप्रदेश स्टेट माईनिंग कार्पोरेशन लिमिटेड की किसी योजना हेतु सलाहकार की नियुक्ति नहीं की गई है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। प्रश्न में उल्लेखित शेष विभाग राज्य शासन के विभाग नहीं हैं। (ख) एवं (ग) प्रश्नांश (क) में दिये गये उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नरसिंहगढ़ नगर के शा. महाविद्यालय में पदों की पूर्ति
[उच्च शिक्षा]
22. ( *क्र. 1659 ) श्री गिरीश भंडारी : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले के नरसिंहगढ़ स्थित शासकीय महाविद्यालय में किस-किस संकाय के कितने-कितने पद सहायक प्राध्यापक/प्राध्यापक के स्वीकृत हैं? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार सहायक प्राध्यापक/प्राध्यापक के स्वीकृत पद के विरूद्ध कितने पद भरे हैं व कितने पद रिक्त हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार रिक्त पदों को कब तक भरा जावेगा?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) महाविद्यालय में शैक्षणिक संवर्ग के रिक्त पदों की पूर्ति हेतु लोक सेवा आयोग को दिनांक 24/11/2015 को 2371 सहायक प्राध्यापकों के संबंध में विज्ञापन जारी कर भर्ती की प्रक्रिया प्रारंभ करने हेतु लिखा गया है।
जनपद पंचायत भाण्डेर में सीईओ का प्रभार
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
23. ( *क्र. 214 ) श्री घनश्याम पिरोनियाँ : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दतिया जिले में चार मुख्य कार्यपालन अधिकारी वर्तमान में पदस्थ हैं? (ख) क्या जनपद पंचायत भाण्डेर में तिलहन संघ के तृतीय श्रेणी के विवादित कर्मचारी को मुख्य कार्यपालन अधिकारी का प्रभार दिया गया है, जबकि चार मुख्य कार्यपालन अधिकारी उपलब्ध हैं? (ग) क्या भाण्डेर में पदस्थ मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री मालवीय को बिना कोई नोटिस, लेटर दिये हटाकर जिले पर अटैच किया गया? क्या इस प्रकार हटाया जा सकता है? (घ) क्या मुख्य कार्यपालन अधिकारी पद पर तिलहन संघ के विवादित तृतीय श्रेणी कर्मचारी को नियमानुसार प्रभार देकर पदस्थ किया जा सकता है, जबकि चार मुख्य कार्यपालन अधिकारी मौजूद हो? इस अनियमितता के लिए कौन दोषी हैं? भाण्डेर में मुख्य कार्यपालन अधिकारी को कब तक प्रभार दिया जावेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एवं (ख) जी नहीं। तिलहन संघ से प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ द्वितीय श्रेणी के समकक्ष सहायक परियोजना अधिकारी को मु.का.अ.ज.पं. भाण्डेर जिला दतिया का प्रभार दिया गया है। शेष प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होते हैं। (ग) जी नहीं। कर्तव्य निर्वहन में लापरवाही एवं उदासीनता के कारण, कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया है। जी हाँ, कर्तव्य निर्वहन में उदासीनता के परिप्रेक्ष्य में। (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार।
मुख्यमंत्री सड़क योजनान्तर्गत सड़कों की स्वीकृति
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
24. ( *क्र. 261 ) श्रीमती उमादेवी लालचंद खटीक : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुख्यमंत्री सड़क योजनांतर्गत वर्ष 2013-14, 2014-15 में दमोह एवं टीकमगढ़ जिले में कितनी सड़कें स्वीकृत हुईं, जिनकी प्रशासकीय स्वीकृति प्राप्त हो चुकी है? नामवार, विकासखण्डवार, राशिवार जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) क्या मध्यप्रदेश में दमोह एवं टीकमगढ़ जिला ही शेष है, जिनको राशि प्रदाय नहीं होने से प्रशासकीय स्वीकृति प्राप्त सड़कों के कार्य प्रारंभ नहीं हो पा रहे हैं? उक्त सड़कों के कार्य प्रारंभ कराने हेतु राशि कब तक जारी की जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत दमोह जिले में वर्ष 2013-14 में 15 सड़कों की प्रशासकीय स्वीकृति प्राप्त हुई थी। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। वर्ष 2014-15 में दमोह जिले में योजनांतर्गत कोई प्रशासकीय स्वीकृति जारी नहीं हुई है। प्रश्न में उल्लेखित वर्षों में टीकमगढ़ जिले में सड़कों की प्रशासकीय स्वीकृति जारी नहीं हुई है। (ख) जी नहीं। उत्तरांश (क) में योजनांतर्गत उल्लेखित जिन सड़कों की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई है, उन कार्यों हेतु राशि प्रदाय की जा चुकी है एवं उक्त सड़कें पूर्ण भी हो चुकी हैं अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मंदिर की भूमि पर अतिक्रमण
[धार्मिक न्यास और धर्मस्व]
25. ( *क्र. 356 ) श्री हितेन्द्र सिंह ध्यानसिंह सोलंकी : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) खरगोन जिले की तहसील बड़वाहा में कितने शासकीय मंदिर हैं? उसकी सूची दी जावे। इन मंदिरों के संपत्ति के संबंध में विवरण देवें। (ख) प्रश्न (क) के अनुसार इन मंदिरों की संपत्तियों पर वर्तमान में किसका अवैध कब्जा कब से है? क्या ग्राम नावघाटखेड़ी में रत्नेश्वर महादेव मंदिर के परिसर में कब्जे को हटाने के संबंध में मंदिर के पुजारी द्वारा विगत 27 वर्षों से प्रयास किया जा रहा है, किंतु आज दिनांक तक कब्जा नहीं हटाया गया है, जबकि अवैध कब्जा शासकीय विभाग एवं सेवा निवृत्त शासकीय चौकीदार का होना बताया गया है? (ग) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा पुजारी के द्वारा जनसुनवाई में की गई शिकायत के समय-सीमा में निराकरण न करने से कार्यालयीन पत्र क्रमांक 588, 589, 590 दिनांक 26.9.16 से मुख्य सचिव, विभाग प्रमुख एवं जिला प्रशासन को लिखा गया था? यदि हाँ, तो इस संबंध में प्राप्त पत्र पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? अवगत करावें। क्या कब्जाधारी चौकीदार द्वारा इस संबंध में सिविल न्यायालय में कार्यवाही का हवाला देकर कब्जा संबंधित एवं विभाग द्वारा बनाये रखा है? (घ) क्या एक शासकीय विभाग द्वारा बंदोबस्त में दर्ज मंदिर की भूमि पर अवैध कब्जा किया गया है और शासन के नियमों का पालन न करने से तथा वरिष्ठ के पत्रों के आधार पर भी कब्जा न हटाने से वरिष्ठ कार्यालय द्वारा क्या कार्यवाही कब तक की जावेगी? (ड.) प्रश्नांश (ख) के अनुसार विभाग एवं विभाग के भूतपूर्व चौकीदार के पुत्र जिन्हें विभाग द्वारा ही अवैध कब्जा कराया गया है, को हटाने के लिए क्या कार्यवाही कब तक की जावेगी एवं संबंधित विभाग के कनिष्ठ अधिकारी के विरूद्ध क्या कार्यवाही कब तक की जावेगी?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) से (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
भाग-2
नियम
46 (2) के
अंतर्गत
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
के रुप में
परिवर्तित
तारांकित
प्रश्नोत्तर
स्मार्ट
सिटी
परियोजना
[नगरीय विकास एवं आवास]
1. ( क्र. 10 ) श्री बाबूलाल गौर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) भोपाल में स्मार्ट सिटी के विकास एवं निर्माण हेतु कितनी-कितनी भूमि किस-किस स्थान पर प्रदान की गई है? (ख) वर्तमान में स्मार्ट सिटी हेतु चयनित क्षेत्र के रहवासियों का मत लेने हेतु सर्वे कब करवाया गया है? इस सर्वे में कितने प्रतिशत लोगों ने सहमति दी है? (ग) स्मार्ट सिटी के निर्माण में अभी तक किस-किस मद में कितनी-कितनी धनराशि व्यय की गई है? (घ) स्मार्ट सिटी योजना में क्या-क्या निर्माण कार्य किये जायेंगे एवं आम जनता के लिये क्या-क्या सुविधाएं उपलब्ध कराई जायेंगी? (ड.) स्मार्ट सिटी योजना का निर्माण कार्य कब तक प्रारंभ किया जायेगा एवं कब तक पूर्ण किया जायेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) भोपाल में स्मार्ट सिटी के विकास एवं निर्माण हेतु साउथ एवं नार्थ टी.टी. नगर में 342 एकड़ (138 हेक्टेयर) भूमि जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार चिन्हित की गयी है। मानचित्र जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार चिन्हित की गयी है। (ख) वर्तमान में स्मार्ट सिटी हेतु चयनित क्षेत्र पूर्व से ही भोपाल विकास प्राधिकरण की पुर्नघनत्वीकरण योजना के अंतर्गत था। शासन द्वारा इस क्षेत्र को ही स्मार्ट सिटी की स्थापना के तहत क्षेत्र आधारित विकास हेतु चिन्हित किया गया है। (ग) व्यय की गई राशि का विवरण जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (घ) स्मार्ट सिटी परियोजना के अंतर्गत एरिया बेस्ड डेवलपमेंट हेतु टी.टी. नगर क्षेत्र को ट्रांसिट ओरिएंटिड डेवलपमेंट के सिद्धांतों के अनुसार किया जाएगा। इस क्षेत्र में सरकारी आवास, निजी आवास, विभिन्न कार्य स्थल, व्यवसायिक केन्द्र, मनोरंजन केन्द्र, धार्मिक केन्द्र, खेल मैदान, पार्क, सायकिल ट्रेक, फुटपाथ, स्मार्ट स्ट्रीट लाईट, वाई फाई नेट वर्किंग, 24 घंटे जी प्रदाय, चिकित्सा केन्द्र, आदि का विकास किया जाएगा। विस्तृत कार्ययोजना बनाने की कार्यवाही प्रचलन में है। (ड.) स्मार्ट सिटी परियोजना के दो घटक है :-
1. पैन सिटी 2. एरिया बेस्ड डेवलपमेंट
पैन सिटी योजना के अंतर्गत अनेक परियोजनाओं का क्रियान्वयन प्रारंभ हो चुका है। जिनसे नगरवासियों की विभिन्न प्रकार की सुविधाओं का लाभ मिल सकें। इन परियोजनाओं के पूर्ण होने की संभावित तिथि जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। एरिया बेस्ड डेवलपमेंट हेतु टी.टी. नगर क्षेत्र में चिन्हित भूमि पर कार्य प्रांरभ किया जाना प्रस्तावित है। इस क्षेत्र के नियोजन हेतु मेसर्स टाटा कन्सलटिंग इंजीनियर्स का चयन किया। उपरोक्त कंपनी द्वारा सर्वे रिपोर्ट तथा परियोजना के अन्य महत्वपूर्ण चरणों का अध्ययन करने के बाद ही निर्माण कार्य प्रारंभ किया जावेगा। वर्तमान में इस परियोजना के पूर्ण होने की तिथि दिया जाना संभव नहीं है।
व्यवसायिक रूप से संचालित हॉस्टलों का रजिस्ट्रेशन
[नगरीय विकास एवं आवास]
2. ( क्र. 21 ) श्री सुदर्शन गुप्ता (आर्य) : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या इन्दौर नगरीय क्षेत्र में छात्र-छात्राओं के लिये व्यवसायकि रूप से हॉस्टल संचालित है? यदि हाँ, तो कितने हॉस्टल संचालित हैं? (ख) क्या व्यवसायायिक रूप सें संचालित हॉस्टलों का नियमानुसार रजिस्ट्रेशन नगर पालिक निगम में किया जाना अनिवार्य हैं? यदि हाँ, तो क्या प्रश्नांश ‘क’ अनुसार संचालित हॉस्टलों का रजिस्ट्रेशन संबंधित मालिक द्वारा कराया गया है? (ग) यदि नहीं, तो जिन मालिकों द्वारा हॉस्टलों का नियमानुसार रजिस्ट्रेशन नहीं कराया गया है उनके विरूद्ध शासन द्वारा क्या कार्यवाही की जा रहीं है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ, इन्दौर नगरीय क्षेत्र में छात्र-छात्राओं के लिये व्यवसायिक रूप से हॉस्टल संचालित है, जिनमें से नगर निगम, इन्दौर में रजिस्टर्ड हॉस्टलों की संख्या 881 (आठ सौ इक्यासी) है, जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ, व्यवसायिक रूप से संचालित हॉस्टलों का नियमानुसार रजिस्ट्रेशन नगर पालिक निगम में किया जाना अनिवार्य है, कुल 881 संचालित हॉस्टलों का रजिस्ट्रेशन संबंधित मालिकों द्वारा करवाया गया है, जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ, नगर पालिक निगम, इंदौर द्वारा कार्यवाही की जाती है। जिन मालिकों द्वारा हॉस्टलों का नियमानुसार रजिस्ट्रेशन नहीं कराया जाता है, तो निरीक्षण के दौरान संबधित संस्थान पर व्यवसायिक लायसेंस नहीं पाये जाने की स्थिति में नगर पालिक निगम, इंदौर द्वारा तीन दिन की समयावधि का सूचना-पत्र (नोटिस) दिया जाकर लायसेंस बनाने की कार्यवाही की जाती है, जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
अवैध कॉलोनी काटी जाने की प्राप्त शिकायतें
[नगरीय विकास एवं आवास]
3. ( क्र. 25 ) श्री सुदर्शन गुप्ता (आर्य) : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या जिला प्रशासन इन्दौर को जिले में अवैध कॉलोनी काटी जाने की विगत पाँच वर्षों में शिकायत प्राप्त हुई है? यदि हाँ, तो किन-किन स्थानों पर अवैध कॉलोनी काटे जाने की शिकायत प्राप्त हुई है? अवैध कॉलोनी काटी जाने के स्थानों की सूची उपलब्ध करावें? (ख) क्या प्रश्नांश (क) अनुसार इन अवैध कॉलोनी काटी जाने की शिकायतों पर जिला प्रशासन द्वारा कार्यवाही की है? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की है, संबंधित के नाम सहित कार्यवाही विवरण सहित सूची उपलब्ध करावें? (ग) क्या जिला प्रशासन द्वारा अवैध कॉलोनी के विरूद्ध कार्यवाही करने के बाद भी इन अवैध कॉलोनियों में प्लॉटों का क्रय-विक्रय होकर निर्माण कार्य किया जा रहा है? यदि हाँ, तो जिला प्रशासन द्वारा इसे रोकने के लिए क्या कार्यवाही की जा रही है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
ग्राम सलैया घरोंदा योजना में अफोर्डेबल 2 बी.एच.के. प्रकोष्ठ के संबंध में
[नगरीय विकास एवं आवास]
4. ( क्र. 37 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) भोपाल विकास प्राधिकरण द्वारा ''ग्राम सलैया घरौंदा योजना वर्ष 2012-13 में अफोर्डेबल 2 बी.एच.के. प्रकोष्ठ निर्माण की योजना'' कब स्वीकृत की गई थी? क्या स्वीकृत योजनानुसार आवंटियों को भवन उपलब्ध करा दिये गये हैं? (ख) भोपाल विकास प्राधिकरण के अंतर्गत भवन आवंटन की नियत राशि अनुबंध अनुसार आवेदक द्वारा जमा न करने पर प्राधिकरण द्वारा कोई अतिरिक्त राशि/ब्याज/दाण्डिक ब्याज आवंटियों से वसूल किया जाता है? यदि हाँ, तो किस दर से? (ग) यदि विकास प्राधिकरण द्वारा समयावधि में भवन उपलब्ध न कराने अथवा योजना का स्वरूप बदलने पर आवेदक द्वारा अपनी संपूर्ण जमा राशि विलंब के कारण वापस ली जाती है तो ऐसी स्थिति में प्राधिकरण द्वारा आवेदक को किस दर से जमा राशि वापिस की जाती है? क्या प्राधिकरण द्वारा आवेदक की राशि में कटौती कर बिना ब्याज के मूल राशि वापिस की जाती है? क्या इस प्रकार प्राधिकरण द्वारा की गई कार्यवाही न्यायोचित है? यदि नहीं, तो क्या शासन ऐसे प्रकरणों में आवेदकों को उनकी जमा राशि पर बैंक द्वारा सावधि जमा पर देय ब्याज अनुसार राशि वापिस करने के निर्देश जारी करेगा? (घ) भोपाल विकास प्राधिकरण द्वारा जारी आवंटन आदेश में उल्लेखित शर्तों का पालन क्या केवल आवंटियों के लिये हैं, इन्हीं शर्तों का उल्लंघन यदि प्राधिकरण द्वारा किया जाता है, तो ऐसे में शासन प्राधिकरण के विरूद्ध आवेदकों के पक्ष में क्या कार्यवाही करेगा? (ड.) उपरोक्त योजना के अंतर्गत कितने आवंटित आवेदकों को राशि वापिस की गई है? उनकी जमा राशि में से कितनी राशि की कटौती कर भुगतान किया गया है? क्या शासन अशासकीय गृह निर्माण संस्थाओं की तरह इस योजना के अंतर्गत पंजीकृत अल्प आय श्रेणी के आवंटियों को ब्याज सहित राशि वापिस करने के निर्देश जारी करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्यों नहीं?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) भोपाल विकास प्राधिकरण द्वारा ग्राम सलैया घरौंदा योजना वर्ष 2012-2013 में अर्फोडेबल 2 बी.एच.के. प्रकोष्ठ निर्माण की योजना मंत्री परिषद् समिति के निर्णय क्रमांक-एफ-3-4/2012/32-1, भोपाल, दिनांक 06.03.2012 को स्वीकृत की गई थी। जी नहीं। (ख) जी हाँ। भोपाल विकास प्राधिकरण द्वारा किश्तों के विलम्ब अवधि पर व्ययन नियम 2013 के नियम 12 (2) अनुसार 12 प्रतिशत वार्षिक ब्याज अधिरोपित किया जाता है। (ग) यदि विकास प्राधिकरण द्वारा समयावधि में भवन उपलब्ध नहीं कराने अथवा-योजना का स्वरूप बदलने पर आवेदक द्वारा अपनी सम्पूर्ण राशि विलंब के कारण वापस ली जाती है, तो ऐसी स्थिति में पंजीयन राशि का 20 प्रतिशत राशि कटौती कर शेष राशि वापस की जाती है। जी हाँ। भोपाल विकास प्राधिकरण, भोपाल द्वारा संचालक मण्डल के निर्णय क्रं.- 1746/13 दिनांक 30.10.2015 के परिपालन में कार्यवाही की जाती है। (घ) प्राधिकरणों द्वारा आवंटन आदेश में उल्लेखित शर्तों का पालन करना उभय पक्षों के लिये बंधनकारी है। अतः शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ड.) योजनांतर्गत कुल 79 आवंटियों की राशि काटी गई है। 09 आवंटियों की राशि राजसात की गई है, संचालक मण्डल के निर्णय दिनांक 28.02.2014 के अनुसार 45 आवटियों के पंजीयन राशि की 15 प्रतिशत राशि काटी गई है, संचालक मण्डल के निर्णय दिनांक 30.10.2015 के अनुसार 25 आवेदकों की पंजीयन राशि की 20 प्रतिशत राशि काटी गई है। म.प्र. शासन आवास एवं पर्यावरण विभाग मंत्रालय के पत्र क्रं.-एफ-23-44/ 2010/32-1, भोपाल, दिनांक 09 नवम्बर 2011 द्वारा निर्देश जारी किये गये है।
नगर परिषद् अध्यक्ष के विरूद्ध प्राप्त शिकायतों पर कार्यवाही
[नगरीय विकास एवं आवास]
5. ( क्र. 54 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या आलोट नगर परिषद् जिला रतलाम में हुए भ्रष्टाचार, पद दुरूपयोग, फर्जी हस्ताक्षर से लाखों के भुगतान व अनियमितताओं की पार्षदों द्वारा शिकायत की गई थी? कलेक्टर रतलाम द्वारा कराई गई जाँच में क्या पाया गया? (ख) क्या कलेक्टर रतलाम ने न.पा. अधिनियम 1961 की धारा 41 (क) के तहत अध्यक्ष न.प.को अयोग्य करार देने संबंधी प्रतिवेदन राज्य शासन को भेजा है? यदि हाँ, तो कब? शासन ने उक्त संबंध में क्या कार्यवाही की? (ग) शासन ने अध्यक्ष नगर परिषद् आलोट को अयोग्य करार क्यों नहीं दिया? उनके विरूद्ध भारतीय दण्डविधान अंतर्गत कार्यवाही क्यों नहीं की?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। कलेक्टर शहरी विकास अभिकरण का पत्र क्रमांक 1041 दिनांक 12.08.16 द्वारा प्रेषित प्रतिवेदन जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) एवं (ग) जी हाँ। दिनांक 12.08.16 को। विभाग के पत्र क्रमांक 1597 दिनांक 08.09.2016 द्वारा अनियमित एवं अवैध रूप से किये कार्यों के संबंध में परीक्षण कर उत्तरदायी के विरूद्ध कार्यवाही करने के निर्देश आयुक्त, नगरीय प्रशासन एवं विकास को दिये गये है। आयुक्त, नगरीय प्रशासन एवं विकास के पत्र क्रमांक 13327 दिनांक 14.10.16 द्वारा संयुक्त संचालक, नगरीय प्रशासन एवं विकास, उज्जैन संभाग को शासन पत्र के संदर्भ में उत्तरदायी पदाधिकारी/अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध आरोप पत्र, अभिकथन पत्र, अभिलेख एवं गवाह सूची, जाँच प्रतिवेदन के साथ प्रारूप चाहा गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। प्राप्त होने पर नियमानुसार गुण दोष के आधार पर कार्यवाही की जायेगी। इस प्रकार प्रकरण में नियमानुसार कार्यवाही प्रचलित है।
खायला से सांदागिर रोड की मरम्मत
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
6. ( क्र. 57 ) श्री हरवंश राठौर : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत खायला से सांदागिर रोड निर्माण किस वर्ष में कितनी लागत से एवं किस ठेकेदार द्वारा कराया गया है? क्या उक्त मार्ग की एजेंसी परिवर्तित की गई थी? (ख) क्या रोड निर्माण की गुणवत्ता ठीक नहीं होने के कारण रोड क्षतिग्रस्त हो चुकी है, जिसके मरम्मत का कार्य ठेकेदार द्वारा नहीं कराया जा रहा है? क्या विभाग द्वारा ठेकेदार के विरूद्ध कार्यवाही की जा रही है? (ग) अनुबंध पत्र में रोड के रख-रखाव की अंतिम तारीख कौन सी है एवं स्वीकृत दिनांक से कितनी बार रोड मरम्मत का कार्य कराया गया है? पूर्ण विवरण सहित जानकारी उपलब्ध कराई जाए।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत एन.एच.-86 (क्वायला) से सांदगिर सड़क निर्माण कार्य दिनांक 31.05.2013 को रूपये 182.57 लाख की लागत से ठेकेदार मैसर्स तुलसीराम एंड कम्पनी झांसी (उ.प्र.) द्वारा पूर्ण कराया गया था। जी नहीं। (ख) उत्तरांश (क) में उल्लेखित सड़क का निर्माण कार्य गुणवत्ता के अनुसार कराया गया है। जिसकी जाँच समय-समय पर राष्ट्रीय गुणवत्ता नियंत्रक एवं राज्य गुणवत्ता नियंत्रक द्वारा की गई है जिसमें निर्माण कार्य की गुणवत्ता संतोषजनक पाई गई थी। वर्तमान सड़क के प्रारंभिक 6.00 कि.मी. के भाग में जल संसाधन विभाग द्वारा निर्मित किये जा रहे बांध निर्माण में भारी वाहनों के आवागमन के कारण मार्ग क्षतिग्रस्त हो गया है। ठेकेदार के विरूद्ध अनुबंधानुसार कार्यवाही की जायेगी। (ग) अनुबंधानुसार उक्त मार्ग का रख-रखाव ग्यारंटी अवधि के अंतर्गत दिनांक 30.05.2018 तक कराया जाना है। मई 2014 तक ठेकेदार द्वारा सम्पूर्ण सड़क का रख-रखाव अनुबंधानुसार कराया गया हैं तत्पश्चात् उत्तरांश (ख) अनुसार स्थिति उत्पन्न होने से उक्त सड़क के प्रारम्भिक 6.00 कि.मी. को छोड़कर शेष 3.60 कि.मी. लंबाई में रख-रखाव ठेकेदार द्वारा कराया जा रहा है। कलेक्टर सागर के पत्र क्रमांक 1058 दिनांक 17.06.2016 द्वारा सांदगिर मार्ग के इस क्षतिग्रस्त 6.00 कि.मी. के सुदृढ़ीकरण मरम्मत एवं रख-रखाव कराये जाने हेतु जल संसाधन विभाग को लेख किया गया एवं पुनः प्राधिकरण कार्यालय जिला सागर के पत्र क्रमांक 1810 दिनांक 17.11.2016 द्वारा कार्यपालन यंत्री जल संसाधन विभाग को आवश्यक मरम्मत कराये जाने हेतु लेख किया गया है।
आदिवासी उपयोजना क्षेत्र निधि की राशि
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
7. ( क्र. 69 ) श्री संजय उइके : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बालाघाट जिले को विभाग की विभिन्न योजनाओं में आदिवासी उपयोजना क्षेत्र के विकास हेतु राशि उपलब्ध कराई जाती है? (ख) यदि हाँ, तो विगत तीन वर्षों में विभिन्न योजनाओं में राशि का व्यय ग्राम पंचायत/जनपद पंचायतवार कहाँ-कहाँ, कितना-कितना किया गया?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार।
अंतर्राष्ट्रीय स्तर के हॉकी खेल मैदान
[खेल और युवा कल्याण]
8. ( क्र. 76 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या प्रदेश में अंतर्राष्ट्रीय स्तर के हॉकी खेल मैदान बनाने के लिए अप्रैल 2013 में प्रदेश के 15 जिले चिन्हित किये गये थे? यदि हाँ, तो वे जिले कौन-कौन से थे? क्या उनमें उज्जैन भी सम्मिलित था? (ख) क्या सरकार ने वर्तमान में केवल पाँच शहरों का चयन सिंथेटिक हॉकी खेल मैदान बनाने के लिए किया है जिस पर तीस करोड़ रूपये व्यय होगे? जिनमें उज्जैन-रतलाम शामिल नहीं है? यदि हाँ, तो सकारण ब्यौरा दें. (ग) उपरोक्त पाँच नये खेल मैदानों के निर्माण के बाद प्रदेश में कितने अंतर्राष्ट्रीय स्तर के खेल मैदान हो जाएंगे? क्या सरकार दिल्ली-मुंबई के मध्य ब्रॉड गेज रेल लाइन पर स्थिति रतलाम व उज्जैन में अंतर्राष्ट्रीय स्तर के खेल मैदान बनाएगी? यदि यदि हाँ, तो कब व नहीं, तो क्यों नहीं.
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जी हाँ। चिन्हित 15 जिलों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। जी हाँ उसमें उज्जैन सम्मिलित है। (ख) जी हाँ। 5-सिंथेटिक हॉकी एस्ट्रोटर्फ निर्माण पर लगभग रू. 2603.54 लाख का व्यय होगा। जी हाँ, उज्जैन को सम्मिलित नहीं होने का मुख्य कारण विभाग के नाम आवश्यक भूमि उपलब्ध नहीं होना है। (ग) 11-अंतर्राष्ट्रीय स्तर के हॉकी मैदान हो जावेगें। जी नहीं, आरम्भ में 5-स्थानों पर हॉकी एस्ट्रोटर्फ का निर्माण किया जायेगा, तदोपरांत शेष 10-स्थानों हेतु औचित्य का परीक्षण कर ही निर्णय लिया जावेगा।
नये शापिंग कॉम्पलैक्स का निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
9. ( क्र. 83 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) दिनांक 26 जुलाई 2016 के अता. प्रश्न संख्या 3 (क्र.110) के तारत्मय में पुराने घण्टाघर के बारे में पी.डब्ल्यू.डी व पुरातत्व विभाग की रिपोर्ट का विवरण देकर बताएं कि भवन जीर्ण-शीर्ण अवस्था में नहीं है फिर भी नगरपालिका उसे जीर्ण-शीर्ण बताकर शापिंग कॉम्पलैक्स क्यों बनाना चाहती है? क्या इतने सकरे स्थान पर जहां चारों और संकरी सड़क व कई दुकानें हैं तथा ट्रैफिक समस्या है वहां शापिंग कॉम्पलैक्स व पार्किंग होने पर गाड़ियों के आने से यातायात बढ़ेगा या नहीं? यदि हाँ, तो क्या ट्राफिक पुलिस व पुरात्तव व लोक निर्माण विभाग जिसकी सम्पत्ति घण्टाघर है कि राय लेकर इसे तोड़ने का नगरपालिका ने निर्णय क्यों नहीं लिया?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) अनुविभागीय अधिकारी, लोक निर्माण विभाग जावरा के पत्र पृ. क्रमांक 973/टी.एस.बी./34 दिनांक 19.07.2006 के वितरण अनुसार पुराना घण्टाघर भवन जीर्ण-शीर्ण अवस्था में है, कलेक्टर, जिला रतलाम को संचालनालय पुरातत्व अभिलेखागार एवं संग्रहालय म.प्र., भोपाल द्वारा प्रेषित पत्र क्रमांक 2184/संर/2011 भोपाल दिनांक 03.09.2011 के विवरण अनुसार जीर्ण-शीर्ण घण्टाघर भवन राज्य संरक्षित स्मारक नहीं है एवं पत्र में घण्टाघर भवन की मरम्मत कर उसे मजबूत करते हुए, उसी स्वरूप में रिनोवेट का कार्य कराये जाने के विकल्प का उल्लेख है। पुराना घण्टाघर भवन जीर्ण-शीर्ण अवस्था में होने के कारण इसे तोड़कर नगर पालिका द्वारा पार्किंग कम शापिंग कॉम्पलैक्स का निर्माण कराया जाना प्रस्तावित किया गया है। पुराना घण्टाघर भवन के स्वामित्व को म.प्र., लोक निर्माण विभाग से नगर पालिका परिषद्, जावरा में हस्तांतरित करने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। हस्तांतरण के पश्चात यातायात बढ़ने की समस्या को ध्यान में रखते हुए, नगर पालिका के द्वारा पार्किंग कम शॉपिंग कॉम्पलैक्स का निर्माण कराया जायेगा।
डिपो भवन एवं रेन बसेरा धर्मशाला को खाली कराना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
10. ( क्र. 84 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अशोकनगर जिले के ग्राम कस्बारेंज के डिपो भवन तथा रैन बसेरा धर्मशाला को खाली कराने हेतु प्रश्नकर्ता द्वारा गुना, अशोकनगर जिले के किस-किस अधिकारी आयुक्त ग्वालियर, अध्यक्ष एवं सदस्य सचिव राजस्व मण्डल ग्वालियर, प्रमुख सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग को पत्र लिखे पत्रों की जानकारी देते हुए बताएं कि प्रत्येक पत्र के बाद क्या कार्यवाही की? (ख) कस्बारेंज पंचायत के भवन हेतु राजस्व मण्डल में कौन-कौन से अधिकारी कब पेशी पर गये? यदि गये तो उस पर क्या कार्यवाही करेंगे तथा पहले 3 माह का स्टे खत्म हुआ तो उसके बाद कब्जा क्यों नहीं लिया व केविएट क्यों नहीं लगाई व दूसरी बार स्टे समाप्त होते ही कब्जा लेने की कार्यवाही क्यों नहीं की? (ग) मुख्य कार्यपालिका अधिकारी मुंगावली जनपद ने किस तिथि को धर्मशाला रेन बसेरा के भवन को पूर्व सरपंच व पंचायत सचिव ने नियम विरूद्ध किराये पर निजी व्यक्ति को दिया तो उसे अभी तक ग्राम पंचायत कस्बारेंज को वापस क्यों नहीं कब्जा दिया तथा अशोकनगर के ओझां को नियम विरूद्ध धर्मशाला रैनबसेरा देने वाले सरपंच व सचिव पर कार्यवाही कब करेंगे? (घ) कस्बारेंज ग्राम पंचायत के डिपो भवन जिसको यादवेन्द्र सिंह के किरायेदारी के नाम पर कब्जे को विधानसभा चुनाव में आचार संहिता में चुनाव आयोग ने हटाया था पुन: यादवेन्द्र सिंह ने अन्य व्यक्ति को किराये पर दिया था उस आदेश को जब एस.डी.ओ. मुंगावली ने निरस्त किया था उस पर राजस्व मण्डल का स्थगन कब तक का था तथा उसके बाद डिपो भवन को कस्बारेंज को क्यों नहीं सौंपा गया?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर दर्शित है। (ख) राजस्व मण्डल में दिनांक 30.9.2016 को अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) मुंगावली एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत मुंगावली पेशी पर गये। स्टे खत्म होने की जानकारी प्राप्त नहीं हुई थी,। जानकारी प्राप्त होने पर अधिकारी पुनः उपस्थित हुए जिसमें माननीय राजस्व मण्डल ने निगरानी निरस्त की तथा दिनांक 22.11.2016 को भवन खाली कराया गया तथा कब्जा लिया गया है। (ग) दिनांक 26.1.2013 को भवन सार्वजनिक समिति को उपयोग एवं रखरखव हेतु दिया गया। दिनांक 22.11.2016 कस्बारेंज के भवनों का कब्जा लिया गया है। नियम विरुद्ध भवन समिति को देने के कारण तत्कालीन सचिव को निलंबित किया जा चुका है तथा पूर्व सरपंच को नोटिस जारी किया गया है। (घ) विधानसभा आचार संहिता के दौरान प्राप्त शिकायत के आधार पर उक्त भवन को रिक्त कराया जाकर एवं शील्डकर आदिम जाति कल्याण विभाग के जिला संयोजक श्री बी.एल. परमार जिला अशोकनगर को सुपुर्दगी में दिया गया था। स्थगन आदेश की अवधि दिनांक 30.09.2016 प्रकाश में आने पर अनुविभागीय अधिकारी एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत मुंगावली दोनो राजस्व मण्डल ग्वालियर में उपस्थित हुए तथा दिनांक 22.11.2016 को भवन खाली कराया जाकर मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत मुंगावली ने अपने कब्जे में लिया है।
जनभागीदारी मद के कार्य
[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]
11. ( क्र. 124 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला राजगढ़ अंतर्गत 25 प्रतिशत, 50 प्रतिशत जनभागीदारी मद से वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन से कितनी-कितनी राशि के निर्माण कार्य स्वीकृत किये गये ? नगरीय क्षेत्रवार, ग्रामवार कार्यों के नाम का विस्तृत विवरण देवें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या जनभागीदारी से पक्के कार्य कराये जाने के नियम हैं? यदि हाँ, तो जिला राजगढ़ अंतर्गत अर्थवर्क, मुरम बोल्डर कार्य की स्वीकृति किस नियम के तहत प्रदान की गई? जनभागीदारी के अंतर्गत कार्य स्वीकृत करने हेतु नियम की प्रति भी देवें? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार यदि सक्षम अधिकारी द्वारा 25 प्रतिशत, 50 प्रतिशत जनभागीदारी से अर्थवर्क, मुरम बोल्डर की स्वीकृति नियम विरूद्ध की गई तो जवाबदार अधिकारी के विरूद्ध विभाग द्वारा कब तक अनुशासनात्मक कार्यवाही की जावेगी? यदि नहीं, की जावेगी तो क्यों?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ‘‘ अनुसार है। (ख) जी हाँ। नियम की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ब‘‘ अनुसार है। (ग) सभी कार्यों की स्वीकृतियां नियमानुसार किये जाने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
बी.आर.जी.एफ. एवं पंचपरमेश्वर योजना के कार्य
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
12. ( क्र. 125 ) श्री
कुँवरजी
कोठार : क्या
पंचायत
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
जिला राजगढ़
की विधान सभा
क्षेत्र
सारंगपुर में
बी.आर.जी.एफ. योजनांतर्गत
वर्ष 2013-14 से
वर्ष 2015-16 तक
कितनी-कितनी
राशि के
कौन-कौन से
कार्य स्वीकृत
किये गये थे वर्षवार, ग्राम
पंचायतवार
कार्यवार स्वीकृत
राशि एवं व्यय
की जानकारी से
अवगत करावें? (ख) प्रश्नांश
(क) अनुसार
उपरोक्त स्वीकृत
कार्यों में
से
कितने-कितने
कार्य पूर्ण
किये जाकर कितने
कार्यों के
उपयोगिता
प्रमाण-पत्र
जारी किये गये है अभी
कौन-कौन से
कार्य अपूर्ण
हैं एवं
अपूर्ण कार्यों
के विरूद्ध जो
राशि आहरण
की गई है उसकी
वसूली हेतु क्या
कार्यवाही की
जा रही है? (ग) प्रश्नांश
(ख) अनुसार
नियत समयावधि
में कार्य
पूर्ण नहीं होने
के लिये दोषी
अधिकारियों
एवं
ठेकेदारों के
विरूद्ध क्या-क्या
कार्यवाही की
गई है? यदि
कोई
कार्यवाही
नहीं की गई, तो क्यों?
पंचायत
मंत्री ( श्री
गोपाल भार्गव )
: (क) जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र ‘‘अ‘‘
के
कालम 03
एवं 04
अनुसार। जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र ‘अ‘
के
कालम 02,
03, 04
एवं 05
अनुसार। (ख) जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र ‘‘अ‘‘
के
कालम 06
एवं 07
अनुसार एवं जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र ‘‘ब‘‘
अनुसार। (ग) जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र ‘‘ब‘‘
अनुसार। शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
अतिवृष्टि के विशेष पैकेज से इंदिरा आवास कुटीरों का चयन
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
13. ( क्र. 137 ) श्री लखन पटेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दमोह जिले में वर्ष 2013 में या उससे पूर्व अतिवृष्टि में राहत राशि मिलने वाले हितग्राहियों को इंदिरा आवास कुटीर प्रदान करने अलग से लक्ष्य प्राप्त हुआ है? यदि हाँ, तो इसमें चयन हेतु क्या मापदण्ड रखे गये थे? पात्रता व अपात्रता का चयन किस प्रकार किया गया? (ख) क्या हितग्राही पात्रता के पूरे मापदण्ड करता है तो सभी हितग्राहियों को कुटीर प्रदान की जावेगी? यदि नहीं, तो कुटीर आवंटन हेतु क्या प्रक्रिया अपनायी गई? (ग) विधानसभा क्षेत्र पथरिया में अतिवृष्टि मद से प्रदान की गई कुटीरों की सूची उपलब्ध करावें। साथ ही पात्र हितग्राहियों की संख्या बताएं एवं जिन हितग्राहियों को आवास दिए गए, उनमें चयन का आधार क्या था, ग्राम पंचायतवार सूची उपलब्ध करायें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। ऐसे बी.पी.एल. पात्रताधारी जिनके क्षतिग्रस्त मकानों के मुआवजे हेतु प्रकरण तहसील कार्यालय में पंजीकृत है अथवा मुआवजा मिल चुका है, का चयन किया गया। (ख) इंदिरा आवास योजना में पात्रता एवम कुल लक्ष्य की स्वीकृति भारत शासन द्वारा दी गई है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
दमोह जिले में स्वीकृत कपिल धारा कुओं को पूर्ण किया जाना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
14. ( क्र. 138 ) श्री लखन पटेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दमोह जिले में कपिल धारा योजना अंतर्गत योजना लागू होने से अब तक कितने कुएं स्वीकृत किए गये? (ख) इस योजनांतर्गत स्वीकृत कुओं में से कितनों की सी.सी. जारी कर दी गई वर्तमान में ऐसे कितने स्वीकृत कुए हैं जो अधूरे पड़े हैं? इनकों पूर्ण कराने का क्या प्रावधान है? (ग) पथरिया विधानसभा क्षेत्र में कपिलधारा अंतर्गत ऐसे कितने स्वीकृत कुए हैं जो अधूरे पड़े हैं? इन्हें कब तक पूर्ण कराया जावेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) दमोह जिले में कपिलधारा उपयोजना अंतर्गत उपयोजना लागू होने से अब तक 11724 कुएं स्वीकृत किए गये है। (ख) इस उपयोजनांतर्गत स्वीकृत कुओं में से 10085 कूपों की सी.सी. जारी कर दी गई। वर्तमान में जिले में ऐसे 1449 स्वीकृत कुए हैं जो प्रगतिरत हैं। महात्मा गांधी नरेगा योजना मॉग आधारित होने से जॉबकार्डधारी श्रमिकों द्वारा काम की मांग अनुसार प्रत्येक प्रारंभ किये गये कार्य को पूर्ण कराये जाने का प्रावधान है। (ग) पथरिया विधानसभा क्षेत्र में कपिलधारा उपयोजना अंतर्गत ऐसे 411 स्वीकृत कुए हैं, जो प्रगतिरत/अपूर्ण हैं। योजनांतर्गत कार्यों का पूर्ण होना जॉबकार्डधारियों द्वारा रोजगार की मांग पर निर्भर होने से कार्यों को पूर्ण कराये जाने की निश्चित समय-सीमा बतलाया जाना संभव नहीं है।
स्थानांतरण/कार्य मुक्ति
[उच्च शिक्षा]
15. ( क्र. 145 ) श्री पन्नालाल शाक्य : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परि. अतारांकित प्रश्न संख्या 42 (क्र. 6800) दिनांक 29.03.2016 में सदन में मंत्री महोदय द्वारा प्रश्नांश (घ) में तत्कालीन मुख्य लिपिक श्री संतोष सक्सेना को श्रीमती अर्चना श्रौत्रिय प्राध्यापक के स्थानांतरण संबंधित न्यायालीन प्रकरण में लापरवाही बरतने हेतु निलंबित करना बताया गया था? (ख) क्या श्री सक्सेना उक्त प्रकरण में आज दिनांक तक निलंबित नहीं किये गये है? इस तरह सदन में झूठी एवं काल्पनिक जानकारी क्यों दी गई? (ग) क्या दोषी श्री सक्सेना को सदन में निलंबित करने संबंधी आदेश जारी कराने हेतु घोषणा करेंगे और इस संबंध में दोषी अधिकारियों के खिलाफ क्या कार्यवाही प्रस्तावित करेंगे और कब तक?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। कार्यवाही में विलम्ब के लिये जिम्मेदारी निर्धारित की गई है। (ग) श्री सन्तोष सक्सेना पूर्व से ही निलंबित है तथा जिम्मेदारी निर्धारित कर कार्यवाही प्रचलित है। अत: प्रश्नांश 'ख' के अनुसार शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
स्नातक स्तर तक विज्ञान संकाय स्वीकृत करना
[उच्च शिक्षा]
16. ( क्र. 151 ) श्री के.डी. देशमुख : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बालाघाट अंतर्गत शासकीय महाविद्यालय तिरोड़ी एवं शासकीय महाविद्यालय खैरलांजी में विज्ञान संकाय स्वीकृत करने का प्रस्ताव शासन के पास लंबित है? (ख) यदि हाँ, तो कब तक दोनों महाविद्यालयों में विज्ञान संकाय स्नातक स्तर तक स्वीकृत कर दिये जावेंगे?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी हाँ। (ख) समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
गणित एवं रसायन विषय की कक्षायें स्वीकृत की जाना
[उच्च शिक्षा]
17. ( क्र. 152 ) श्री के.डी. देशमुख : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासकीय महाविद्यालय कटंगी जिला बालाघाट में स्नातकोत्तर स्तर पर गणित एवं रसायन शास्त्र विषय की कक्षायें स्वीकृत करने की कार्यवाही शासन स्तर पर लंबित है? (ख) यदि हाँ, तो कब तक शासकीय महाविद्यालय कटंगी जिला बालाघाट में गणित एवं रसायन शास्त्र विषय में स्नातकोत्तर कक्षायें स्वीकृत कर दी जावेगी?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी नहीं। प्रस्ताव का परीक्षण कर लिया गया है। (ख) प्रस्तावित क्षेत्र में विद्यार्थी संख्या कम होने के कारण वर्तमान में शासकीय महाविद्यालय कटंगी जिला बालाघाट में गणित एवं रसायनशास्त्र में स्नातकोत्तर की कक्षाएं प्रारंभ किये जाने में कठिनाई है।
एम.डी.एम. में मुद्रण एवं स्टेशनरी खरीदी की जाँच
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
18. ( क्र. 163 ) श्री शंकर लाल तिवारी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला पंचायत सतना द्वारा वित्तीय वर्ष 2015-16 में मध्यान्ह भोजन योजनांतर्गत 38 लाख रूपये की मुद्रण एवं स्टेशनरी खरीदी म.प्र. राज्य सहकारी उपभोक्ता संघ मर्यादित प्रेस यूनिट इंडस्ट्रियल एरिया गोविंदपुरा भोपाल से की गई थी? जबकि इसी संस्था से मुद्रण एवं स्टेशनरी खरीदी करने पर स्वच्छ भारत अभियान में जिला पंचायत सतना में बड़ा घोटाला प्रकाश में आ चुका है? (ख) क्या उपरोक्त संस्था द्वारा मुद्रण हेतु जिला पंचायत सतना को उपलब्ध कराये गये दर का शासकीय मु्द्रणालय म.प्र. माध्यम अथवा पंचायत एवं मुद्रणालय द्वारा निर्धारित दर तथा उक्त संस्थाओं के मुद्रण नमूनों का तुलनात्मक विश्लेषण जिले द्वारा नहीं किया गया? (ग) क्या इतनी बड़ी मात्रा में मुद्रण में कार्य कराये जाने के पूर्व विज्ञप्ति (ऑफर्स) जारी कर दरें आमंत्रित किये जाने से प्रति स्पर्धात्मक दर प्राप्त होती है व मुद्रित सामग्री की गुणवत्ता भी सुनिश्चित की जा सकती थी? (घ) यदि प्रश्नांश (क) (ख) एवं (ग) सही है तो कागजों की गयी खरीदी एवं मुद्रण की जाँच कब तक करायी जावेगी? शासन को क्षति पहुंचाने वाले जिला पंचायत के सी.ई.ओ., प्रभारी अधिकारी एवं लेखा अधिकारी पर शासन क्या कार्यवाही करेगा? समय-सीमा बतायें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। स्वच्छ भारत मिशन कार्य के क्रय में दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की गई है। (ख) उपरोक्त संस्था द्वारा मुद्रण हेतु प्रदत्त दर, पंचायत राज मुद्रणालय उज्जैन एवं म.प्र. राज्य सहकारी उपभोक्ता संघ भोपाल से प्राप्त दरों का तुलनात्मक विश्लेषण किया गया था। (ग) पंचायती राज मुद्राणलय उज्जैन एवं म.प्र. सहकारी उपभोक्ता संघ भोपाल से प्रतिस्पर्धात्मक दरें प्राप्त की गई थी तथा मुद्रित सामग्री की गुणवत्ता सुनिश्चित होने के बाद ही प्राप्त की गई। (घ) प्रकरण में परीक्षण हेतु समिति का गठन किया गया है, जिसकी रिपोर्ट अपेक्षित है।
जनपद पंचायत उचेहरा में पंच परमेश्वर घोटाले की जाँच
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
19. ( क्र. 164 ) श्री शंकर लाल तिवारी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता द्वारा परि.अता. प्रश्न संख्या-117 (क्रमांक 2801) दिनांक 02.03.16 द्वारा जनपद पंचायत उचेहरा में पंच परमेश्वर मद योजना में 2 करोड़ से अधिक राशि गबन का मामला उठाया गया था? (ख) क्या जनपद उचेहरा की सी.ई.ओ. ने अपने पत्र क्रमांक /जन.पंचा./2016/558 उचेहरा, दिनांक 18.02.2016 में स्वीकार किया है कि 17 ग्राम पंचायतों में रू. 147.19 लाख नियम विरूद्ध राशि निकाली गई है? (ग) क्या म.प्र. शासन पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के आदेश क्रमांक 4717/ एम.23/22/वि-15/शिका./2016 भोपाल, दिनांक 26.04.2016 द्वारा इस शिकायत की जाँच हेतु तीन सदस्यीय जाँच दल उचेहरा भेजा गया था? किंतु यह जाँच दल जाँच करने के स्थान पर सचिवों से नई कैश बुक बनवाने के निर्देश दे रहे थे तथा इनके द्वारा गंभीरता से जाँच नहीं की गई है? (घ) यदि प्रश्नांश (ख) एवं (ग) सही है तो जनपद उचेहरा के सभी ग्राम पंचायतों के खातों से आहरित राशि के वाउचर बैंक से प्राप्त कर प्रत्येक आहरण जिसमें सी.ई.ओ. जनपद की अनुमति लगी हुई है, मामले की पुन: जाँच कराई जाकर दोषियों के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही एवं वसूली की कार्यवाही कब तक कर ली जायेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। जनपद पंचायत उचेहरा के पत्र क्रमांक/जन.पंचा./2016/558 दिनांक 18.02.2016 एवं संशोधित पत्र क्रमांक 570 दिनांक 24.02.201 के तहत् लेख किया गया था कि ग्राम पंचायतों द्वारा प्रथम दृष्टया (रिकार्ड मिलान न होने की स्थिति में) 147.19 लाख राशि निकाली गई। जिसकी कार्यवाही सहायक यंत्री को संबंधित रिकार्ड का परीक्षण कर प्रतिवेदन देने हेतु निर्देशित किया जा चुका है। (ग) जी हाँ। तीन सदस्यी जाँच दल उचेहरा भेजा गया था। जाँच दल द्वारा सचिवों से नई केश बुक बनवाने के कोई निर्देश नहीं दिये गये। (घ) अधीक्षण यंत्री, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा, रीवा मण्डल के पत्र क्रमांक 1103 दिनांक 22.10.2016 द्वारा जाँच प्रतिवेदन सचिव, मध्यप्रदेश शासन, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग को प्रेषित किया जा चुका है। तद्नुक्रम में कार्यवाही प्रचलन में है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
गंदी बस्ती उन्मूलन हेतु बजट आंवटन
[नगरीय विकास एवं आवास]
20. ( क्र. 174 ) श्री अंचल सोनकर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जबलपुर जिले के अंतर्गत वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में शासन द्वारा शहरी क्षेत्र में गंदी बस्ती उन्मूलन के तहत कितनी राशि किस-किस विधान सभा को विकास कार्य हेतु प्रदान की गई? विधान सभा क्षेत्र एवं कार्यवार बतावें। (ख) क्या जबलपुर जिले के अंतर्गत अनुसूचित जाति वर्ग समुदाय के लोगों का प्रतिशत प्रश्नकर्ता की विधानसभा क्षेत्र पूर्व जबलपुर के अंतर्गत सबसे अधिक है? यदि हाँ, तो वर्ष 2014-15, 2015-16 एवं 2016-17 में प्रश्नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र को कितनी राशि प्रदाय की गई वर्षवार बतावें। क्या शासन ने गंदी बस्ती उन्मूलन के अंतर्गत प्रश्नकर्ता की विधान सभा को अतिरिक्त बजट आवंटन प्रदान किया हैं यदि हाँ, तो कितना, यदि नहीं, तो कारण बतावें। (ग) क्या प्रश्नकर्ता की विधान सभा क्षेत्र अनुसूचित एवं अनुसूचित जाति बाहुल्य की होने के उपरांत भी जबलपुर जिले की अन्य विधान सभा क्षेत्र की तुलनात्मक दृष्टि से विकास कार्य हेतु अल्प बजट आंवटन प्रदान किया है? यदि हाँ, तो क्यों? क्या शासन ने जाति विशेष वर्ग की सुविधाओं में कटौती की है अथवा गंदी बस्ती उन्मूलन के तहत शासन इन क्षेत्रों का विकास नहीं करना चाहता? यदि हाँ, तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) निरंक। (ख) एवं (ग) शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विधायक क्षेत्र विकास निधि वर्ष 2016-17 से स्वीकृत कार्य
[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]
21. ( क्र. 178 ) श्री अंचल सोनकर : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर पूर्व विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत वर्ष 2016-17 में प्रश्न दिनांक तक जिला योजना मण्डल को कितने प्रस्ताव प्राप्त हुये है? कार्यों का विवरण दें। इनमें कितने कार्यों की स्वीकृति प्रदान की जा चुकी है? कार्यवार ब्यौरा दें। (ख) प्रश्नांश (क) स्वीकृत कार्यों के विरूद्ध कितनी राशि जारी की जा चुकी है? क्या राशि किश्तों में प्रदाय की जाती है अथवा एक साथ। कार्यवार जारी राशि का विवरण दें। (ग) निर्माण एजेंसियों को स्वीकृत कार्यों की कितनी राशि प्राप्त हो चुकी है, कितनी शेष है? कार्यवार विवरण देवें। शेष राशि कब तक निर्माण एजेंसियों को प्रदाय कर दी जावेगी? (घ) जिला योजना से राशि प्रदाय करने के कितने समय में राशि निर्माण एजेंसी को प्राप्त हो जाती है?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जबलपुर पूर्व विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत वर्ष 2016-17 में प्रश्न दिनांक तक 82 प्रस्ताव प्राप्त हुये है, सभी प्राप्त प्रस्तावों की स्वीकृतियां प्रदान की जा चुकी है। कार्यवार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश ‘‘क‘‘ के परिप्रेक्ष्य में स्वीकृत कार्यों के विरूद्ध राशि रू. 115.78197 लाख की राशि जारी की जा चुकी है। विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र विकास योजना की मार्गदर्शिका की कंडिका 3.12 के प्रावधान के अनुरूप एजेन्सियों को राशि जारी की जाती है। कार्यवार राशि का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) स्वीकृत कार्यों के विरूद्ध एजेन्सियों को राशि रू. 35,15,000/- प्रदान की जा चुकी है। निर्माण एजेन्सियों को राशि रू. 80,63,197/- जारी किया जाना शेष है। शेष राशि वित्तीय वर्ष 2016-17 में जारी कर दी जावेगी। (घ) विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र विकास योजना की मार्गदर्शिका में इसका कोई उल्लेख नहीं है।
विधायक विकास निधि के स्वीकृत निर्माण कार्य
[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]
22. ( क्र. 179 ) श्री अंचल सोनकर : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2015-16 में जबलपुर पूर्व विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत कितने कार्य स्वीकृत किये गये? दिनांक 31.03.2016 की स्थिति में कौन-कौन से कार्य अप्रारंभ, प्रगतिरत एवं पूर्ण थे? विवरण सहित बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) में स्वीकृत कार्यों में से दिनांक 31.03.2016 की स्थिति में किन-किन कार्यों की राशि खर्च न होने के कारण सरेंडर की गई? (ग) वर्ष 2015-16 में 31.03.2016 की स्थिति में प्रगतिरत एवं अप्रारंभ कार्यों की वर्तमान में क्या स्थिति है? यदि कार्यों को पूर्ण करा लिये गये है तो ठेकेदारों को भुगतान हो गया है अथवा नहीं? यदि नहीं, तो क्यों? भुगतान न होने की स्थिति में दोषी कौन-कौन है? दोषियों पर क्या कार्यवाही की जा रही है?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ‘‘ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ब‘‘ अनुसार है। (ग) वर्ष 2015-16 में दिनांक 31.3.2016 की स्थिति में प्रगतिरत एवं अप्रारम्भ कार्यों की वर्तमान स्थिति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ‘‘ के कॉलम क्रमांक 4 में दर्शित है। सभी कार्यों का भुगतान किये जाने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नगर पालिका परिषद् गोटेगांव अंतर्गत मॉडल रोड का निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
23. ( क्र. 182 ) डॉ.
कैलाश जाटव :
क्या नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री
महोदया यह बताने
की कृपा
करेंगी कि (क) नगर
पालिका परिषद्
गोटेगांव
अंतर्गत मॉडल
रोड का कार्य
कब प्रारंभ
किया गया? इसकी
लागत क्या थी? (ख) प्रश्नांश
(क) अनुसार
वर्तमान में मॉडल
रोड की लागत
बढ़ाई गई है, यदि हाँ, तो
किन-किन कार्यों
के लिए लागत
बढ़ाई गई,
सूची
उपलब्ध
करावें?
(ग)
प्रश्नांश
(ख) अनुसार
उक्त कार्य कब
तक पूर्ण हो
जावेगा।
नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री (
श्रीमती माया
सिंह ) : (क) मॉडल
रोड निर्माण
हेतु आदेश
क्रमांक 1079 दिनांक 07.10.2014 जारी
किया गया है, कार्य
प्रारंभ है। कार्य
की लागत राशि
रू. 220.50
लाख है। (ख) जी
नहीं। शेषांश
का प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (ग) कार्य
पूर्ण होने की
तिथि 31.12.16 है।
प्रधानमंत्री सड़क योजना अंर्तगत डबल कनेक्टिविटी सड़क का निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
24. ( क्र. 200 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रधानमंत्री सड़क योजनांतर्गत सिंगल कनेक्टिविटी करने के बाद डबल कनेक्टिविटी करने की आवश्यकता हैं? (ख) क्या अधिकांश ग्रामों में सिंगल कनेक्टिविटी हो जाने के बावजूद लगे हुये समीप स्थित ग्रामों में जाने हेतु लम्बा चक्कर लगाना पडता हैं? (ग) यदि हाँ, तो क्या ऐसी सड़कों के लिये डबल कनेक्टिविटी सड़क योजना बनाई जाएगी? (घ) यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत सिंगल कनेक्टिविटी ही दिए जाने का प्रावधान है। (ख) प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में ग्रामों को कोरनेटवर्क से जोड़ा जाने हेतु सड़के निर्मित की गई है, अतः डामरीकृत मार्ग की दूरी कोरनेटवर्क से जुड़ी सड़क की उपलब्धता पर निर्भर है। (ग) वर्तमान में अभी कोई योजना नहीं है। (घ) उत्तरांश (क) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
जबलपुर जिले के उद्योग विभाग में लंबित प्रकरण
[वाणिज्य, उद्योग एवं रोजगार]
25. ( क्र. 201 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सुविधा समिति (अनुदान हेतु) की बैठक नियमित किये जाने का प्रावधान हैं? (ख) यदि हाँ, तो जबलपुर जिले में चालू वर्ष में किन किन दिनांकों को बैठक की गई? (ग) प्रश्न दिनांक तक जबलपुर जिले में कुल कितने प्रकरण (लागत पूंजी, प्रवेश कर, वेट) कब से लंबित हैं? (घ) लंबित रखने के लिये कौन जवाबदार हैं एवं कब तक निराकरण किया जायेगा?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी हाँ। मध्यप्रदेश एम.एस.एम.ई. प्रोत्साहन योजना 2014 में जिला स्तरीय सहायता समिति की बैठक प्रतिमाह किये जाने का प्रावधान हैं। (ख) चालू वित्तीय वर्ष जबलपुर जिले में जिला स्तरीय सहायता समिति की बैठक दिनांक 14.06.2016 को आयोजित की गई। (ग) कुल 30 प्रकरण लंबित हैं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (घ) लंबित रखने के कारणों की प्रकरणवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार हैं। प्रकरणों का निराकरण आगामी सहायता समिति की बैठक में कर लिया जावेगा।
दतिया जिले में खनिजों की नीलामी
[खनिज साधन]
26. ( क्र. 215 ) श्री घनश्याम पिरोनियाँ : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2013-14 से अक्टूबर 2016 तक दतिया जिले में कितने खनिजों की लीजे दी गई और कितनी नीलामी बोली में गौण खनिज नीलामी की गई? क्या नीलामी की गई रेत खदानों का एग्रीमेंट हुआ है? विवरण विधानसभा एवं फर्म/व्यक्तिवार दिया जाए? (ख) क्या भाण्डेर विधानसभा क्षेत्र में स्थित एक भी रेत खदान की पाँच वर्षों से आज दिनांक तक कोई नीलामी नहीं हुई है जिससे क्षेत्र में अवैध उत्खनन और परिवहन जारी है, इससे शासन को करोड़ों रूपये के राजस्व की हानि हुई? (ग) क्या दतिया जिले में कई पत्थरों की खदानों की लीज नियमों के प्रतिकूल दी गई है एवं क्रेशर भी अवैध रूप से संचालित हैं? कई लीजें सार्वजनिक स्थलों, जलस्त्रोतों, स्कूल भवन, आदि के नजदीक हैं? यदि ऐसा नहीं है तो सदन को सत्यापित कर अवगत कराये कि एक भी लीज सार्वजनिक स्थल के नजदीक नहीं है? सभी लीजे शासन द्वारा निर्धारित दूरी पर ही है?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रश्नाधीन जिले में वर्ष 2013 से अक्टूबर 2016 तक खनिज पत्थर गिट्टी के 24 तथा मिट्टी खनिज का 01 उत्खनिपट्टा स्वीकृत किया गया है। जिले में पत्थर बोल्डर की 16 खदानें ई-नीलामी द्वारा स्वीकृत की गई हैं। वर्ष 2013-14 एवं वर्ष 2014-15 में मध्यप्रदेश राज्य खनिज निगम के पक्ष में स्वीकृत 15 रेत खदानों को निगम द्वारा ई-निविदा के माध्यम से दो वर्ष हेतु ठेके पर स्वीकृत किया गया तथा एग्रीमेंट किया गया। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 पर दर्शित है। 1 अप्रैल 2015 से अक्टूबर 2016 तक मध्यप्रदेश राज्य खनिज निगम द्वारा उनके पक्ष में स्वीकृत 20 खदानों की ई-नीलामी की गई थी। प्रश्नानुसार शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 पर दर्शित है। (ख) जी नहीं। प्रश्नाधीन विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2012 में 8 रेत खदानें दिनांक 31.03.2014 तक स्वीकृत थी। जिले में अवैध उत्खनन, परिवहन को रोकने हेतु खनिज विभाग, पुलिस विभाग एवं राजस्व विभाग द्वारा सतत् रूप से कार्यवाही की जा रही है। (ग) जी नहीं। जिले में स्वीकृत लीज नियमानुसार प्रतिबंधित दूरी छोडकर स्वीकृत की गई है। अत: इसके सत्यापन का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
ग्वालियर जिले में वाटरशैड योजना के अन्तर्गत कराये जा रहे के कार्य
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
27. ( क्र. 228 ) श्रीमती इमरती देवी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर जिले में शासन की वाटरशेड योजना अन्तर्गत वर्ष 2014-15, 2015-16 एवं 2016-17 में प्रश्न दिनांक तक किस-किस ग्राम में कितनी कितनी लागत से क्या क्या कार्य स्वीकृत कर कराये गये है तथा कितने कार्य पूर्ण/अपूर्ण हैं स्थान व नाम सहित वर्ष वार जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) वाटरशेड योजनान्तर्गत भविष्य में कौन-कौन से ग्राम में कितनी-कितनी लागत से क्या क्या कार्य कराने की योजना है। कार्यवार जानकारी देवें तथा पूर्व के अपूर्ण कार्यों में कौन दोषी है क्या उनके विरूध कोई कार्य वाही की गई है नहीं तो कब तक की जावेगी।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। पूर्व के कोई भी कार्य अपूर्ण नहीं है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना की जानकारी
[धार्मिक न्यास और धर्मस्व]
28. ( क्र. 229 ) श्रीमती इमरती देवी : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) ग्वालियर जिले की डबरा तहसील में मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना में योजना प्रारम्भ से प्रश्न दिनांक तक कितने हितग्राहियों को योजना का लाभ दिया गया किस हितग्राही को तीर्थ दर्शन के लिये कहाँ भेजा गया वर्षवार हितग्राहियों के नाम आयु व पता सहित जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश ( क) मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना में डबरा शहर से कितनी बार हितग्राहियों को तीर्थ दर्शन के लिये भेजा गया (ग) क्या तीर्थ दर्शन के लिए भेजते समय स्थानीय विधायक को इसकी सूचना दी गई नहीं तो क्यों। क्या सूचना दिया जाना उचित नहीं था तो क्यों यदि हाँ, तो फिर इसकी सूचना क्यों नहीं दी जाती। इसमें कौन दोषी है क्या उनके खिलाफ कोई कार्यवाही की गई है नहीं तो कब तक की जावेगी।
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
दोषी सब इंजीनियर को निलंबित किया जाना
[नगरीय विकास एवं आवास]
29. ( क्र. 245 ) श्रीमती शीला त्यागी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) अंकित बिल्डकॉम मनगवां को वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक तक में कौन-कौन से कार्य मनगवां नगर पंचायत के अधीन कितने-कितने लागत के दिये गये व कराये गये हैं? उनकी कार्य की स्थिति क्या है, की जानकारी T.S.C., A.S.C. मूल्यांकन प्रतिवेदन की प्रति देते हुए देवें तथा कार्य की वर्तमान स्थिति एवं भुगतान की गई राशि की जानकारी देवें? (ख) क्या प्रश्नांश (क) के प्रोपराईटर कार्य में संलग्न रिश्तेदार सब इंजीनियर के माध्यम से नियम के विपरीत कार्य देने, गुणवत्ताविहीन कार्यों एवं बगैर कराये गये कार्यों का भी मूल्यांकन कर राशि को भुगतान करने एवं अन्य ठेकेदारों को सही कराये गये कार्यों का भी मूल्यांकन न करने व कराये गये कार्यों की राशि का भुगतान की कार्यवाही में परेशान करने के कृत्य की जाँच कलेक्टर रीवा से कराकर दोषी पर कार्यवाही करेंगे? (ग) प्रश्नांश (ख) के संब इंजीनियर संतोष पाण्डेय मनगवां नगर पंचायत में कब से पदस्थ हैं तथा सब इंजीनियर को एक पद प्रभार में रखने के शासन के क्या नियम-निर्देश हैं? क्या यह उक्त अवधि पूरी कर चुके हैं? यदि हाँ, तो उसे कब तक नगर पंचायत मनगवां से हटा देंगे? (घ) सब इंजीनियर संतोष पाण्डेय की मनगवां नगर पंचायत के पदस्थापना में कुल कितनी शिकायतें हुई हैं उन शिकायतों पर कब किस से जाँच कराई जाकर क्या कार्यवाही की गई तथा उसके सेवाकाल में कुल कितने बार विभाग द्वारा स्थानांतरित अथवा अन्य दण्डात्मक कार्यवाही की गई?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) नहीं वर्तमान में इस आशय की कोई शिकायत लंबित न होने के कारण प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) श्री संतोष पाण्डेय, उपयंत्री, नगर परिषद् मनगवां में दिनांक 03.03.2004 से पदस्थ है। कार्य की आवश्यकता अनुसार पद प्रभार में रखा जाता है। शासन के इस संबंध में कोई नियम-निर्देश नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) श्री संतोष पाण्डेय, उपयंत्री की पदस्थापना उपरांत उनके विरूद्ध शिकायत दर्ज नहीं होने के कारण शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। सेवाकाल के दौरान श्री संतोष पाण्डेय, उपयंत्री का स्थानांतरण नगर परिषद् पेटलावद जिला झाबुआ, नगर परिषद् सिरमौर जिला रीवा, नगर परिषद् त्यौंथर जिला रीवा तथा नगर परिषद् मनगवां, जिला रीवा किया गया है।
दोषी पर कार्यवाही
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
30. ( क्र. 246 ) श्रीमती शीला त्यागी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) तारांकित प्रश्न क्र. 1797 दिनांक 26/02/2015 के पुस्तकालय में रखे उत्तर के बिंदु (क) का उत्तर जो परिशिष्ट (ब) अनुसार ग्राम पंचायत बांस में रूपये 126.58 कंदैला 82.85 (82.35) गढ़ 29.29, मुढि़ला 57.85, रामपुर 63.88 लाख रूपये व्यय करना बताया गया है? (ख) यदि प्रश्नांश (क) हाँ तो उक्त राशि उक्त पंचायतों में किस मापदण्ड से आवंटित की गई थी? (ग) (क), (ख) के अनुसार क्या उक्त पंचायतों में ऐसा कोई निर्माण विकास देखने को नहीं मिल रहा है। यदि हाँ, तो क्या उक्त कार्यों की जाचं लोकायुक्त संगठन कराते हुए दोषी मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत को निलंबित करते हुए आपराधिक प्रकरण दर्ज करायेंगे? (घ) क्या जनसंख्या एवं आबादी के अनुपात पर ग्राम पंचायतों को अधिक राशि आवंटित करने में मुख्य कार्यपालन अधिकारी दोषी है। यदि हाँ, तो उक्त नियम विरूद्ध स्वीकृत की गई राशि की वसूली करते हुए आपराधिक प्रकरण दर्ज करायेंगे?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। विधानसभा बजट सत्र फरवरी 2015 में वि.स. तारांकित प्रश्न क्र. 1797 के प्रश्नांश (क) के उत्तर में संलग्न परिशिष्ट में ग्राम पंचायत बांस में रू. 126.58 लाख, कंदैला में रू. 82.81 लाख, गढ में रू. 69.29 लाख, मुढ़िला में रू. 57.85 लाख एवं ग्राम पंचायत रामपुर में रू. 63.88 लाख व्यय करना उल्लेखित है। (ख) मनरेगा मांग आधारित योजना है, जिसमें कार्य की मांग होने पर राशि का व्यय संबंधित ग्राम पंचायत द्वारा किया जाता है। (ग) जी नहीं। ग्राम पंचायत बांस में राशि रू. 126.58 लाख से 84 निर्माण कार्य, ग्राम पंचायत कंदैला में राशि रू. 62.81 लाख से 50 निर्माण कार्य,ग्राम पंचायत गढ में राशि रू. 69.29 लाख से 80 निर्माण कार्य, ग्राम पंचायत मुडिला में राशि रू. 57.85 लाख से 36 निर्माण कार्य एवं ग्राम पंचायत रामपुर में राशि रू. 63.88 लाख से 29 निर्माण कार्य किये गये है। (घ) ग्राम पंचायतों के निर्माण कार्यों में मनरेगा योजनान्तर्गत राशि का व्यय हुआ है, मनरेगा योजना मांग आधारित योजना है। योजना की गाइड लाइन के अनुसार ग्राम पंचायतों में राशि व्यय की गई है।
इन्सीलेटर शौचालय
[उच्च शिक्षा]
31. ( क्र. 262 ) श्रीमती उमादेवी लालचंद खटीक : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में कन्या महाविद्यालयों एवं कन्या छात्रावासों में कहाँ-कहाँ इन्सीलेटर शौचालय (सेनेट्री नेवकिन के) निष्पादन की व्यवस्था वाले शौचालय स्थापित हैं? नाम, पतावार जानकारी उपलब्ध करायें? (ख) क्या दमोह जिले में कन्या महाविद्यालय में एक भी इन्सीलेटर शौचालय नहीं बनाये गये हैं? (ग) कितना बजट किन-किन शालाओं को प्रदान किया है? बजट प्राप्ति के बाद यदि उक्त शौचालय नहीं बनाये गये तो संबंधितों पर कब तक क्या कार्यवाही की जाएगी?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जी हाँ। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। ।
मुख्य कार्यपालन अधिकारी उचेहरा के विरूद्ध प्राप्त शिकायत की जाँच
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
32. ( क्र. 272 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत उचेहरा जिला सतना द्वारा वर्ष 2014-15 में क्रय नियमों का पालन किये बिना अग्निशामक यंत्र 7,67,270=00 के क्रय किए हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के अनियमित क्रय पर क्या पुलिस अधीक्षक आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ रीवा में शिकायत क्रमांक 108/16 दर्ज कर ली गई है? यदि हाँ, तो विभागीय स्तर पर भी अग्निशामक यंत्र क्रय में की गई शिकायत को संज्ञान में लेकर यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? अब तक जाँच न करने के लिए कौन दोषी है? उसके विरूद्ध अभी तक क्या कार्यवाही की गई? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में क्या मुख्य कार्यपालन अधिकारी उचेहरा को निलंबित कर विभागीय जाँच संस्थित की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? बताएं।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) एवं (ग) जी हाँ। जाँच उपरांत प्रथम दृष्टया अनियमितता पाई जाने से श्रीमती वंदना शर्मा के विरूद्ध विभागीय जाँच संस्थित की गई है। शेष प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होते है।
मदवार आवंटित राशि
[नगरीय विकास एवं आवास]
33. ( क्र. 290 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) धरमपुरी विधान सभा क्षेत्र की नगर परिषद् माण्डव, को प्रतिवर्ष शासन द्वारा कितना-कितना अनुदान किन-किन मदों में किन-किन कार्यों हेतु वर्ष 2010 से अब तक उपलब्ध कराया गया है तथा नगर परिषद् द्वारा प्राप्त आवंटन का उपयोग किन-किन कार्यों पर किया गया है? (ख) वर्षवार, मदवार, कार्यवार उपलब्ध बंटन एवं किये गये व्यय की जानकारी उपलब्ध करावें तथा परिषद् की स्वयं की क्या आय रही है व उसका क्या उपयोग किया गया है वर्षवार बतायें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
करों की वसूली में अनियमितता
[नगरीय विकास एवं आवास]
34. ( क्र. 291 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) धार जिले की धरमपुरी विधानसभा क्षेत्र की नगर परिषद् धामनोद में विगत पाँच वर्षों से बाजार बैठक कर बोझा कर एवं अन्य करों की वसूली किस माध्यम से की जा रही है? (ख) यदि वार्षिक ठेका पद्धति से वसूली की जा रही है तो किन-किन ठेकेदारों द्वारा मदवार कितनी-कितनी राशि किस-किस वर्ष में जमा करवाई गई है? यदि ठेकेदारों पर राशि बकाया है तो बकाया राशि की वसूली हेतु क्या कार्यवाही की गई है तथा बकाया ठेका राशि वसूल नहीं कर पाने के लिये कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी जवाबदार है तथा उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही कब तक की जावेगी? (ग) वर्तमान में किस आधार पर ठेकेदारों द्वारा बिना नीलामी के करों की वसूली की जा रही है? बेजा वसूली की अनुमति देने वाले अधिकारी के विरूद्ध क्या कार्यवाही कब तक की जावेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) नगर परिषद्, धामनौद में विगत 05 वर्षों से बाजार बैठक एवं अन्य करों की वसूली वार्षिक ठेका पद्धति से की जा रही है। (ख) ठेका पद्धति से जमा राशि का प्रपत्र, जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है, बकाया ठेकेदारों से बकाया ठेका राशि वसूली हेतु समय-समय पर सूचना पत्र जारी किये गये हैं, दिनांक 30.11.2015 में आयोजित नेशनल लोक अदालत में भी प्रकरण वसूली हेतु रखे गये थे, किसी भी बकाया ठेकेदार द्वारा राशि जमा नहीं कराई गई है, बकाया ठेकेदारों से बकाया वसूली हेतु परिषद् की आगामी आयोजित बैठक में प्रकरण रखा जाकर RRC द्वारा एवं माननीय न्यायालय में वाद दायर कर वसूली की जायेगी। (ग) वर्तमान में आवेदित ठेकेदारों द्वारा बाजार बैठक एवं पशु पंजीयन ठेकों की राशि वसूल की जा रही है तथा बोझाकर की वसूली विभागीय की जा रही है, निकाय द्वारा विभिन्न ठेकों की नीलामी हेतु वित्तीय वर्ष 2016-17 को दिनांक 21.03.2016 को नई दुनिया समाचार पत्र में विज्ञप्ति का प्रकाशन किया गया था एवं दिनांक 28.03.2016 को नीलामी प्रक्रिया आयोजित की गई थी, उक्त नीलामी प्रक्रिया में किसी ने भाग नहीं लिया, तदोपरांत की स्थिति में पशु पंजीयन ठेका हेतु रईश पिता सईद कुरैशी द्वारा शासकीय बोली से अधिक राशि एवं एकमुश्त राशि जमा कर ठेका लेने हेतु आवेदन कार्यालय में दिया गया, इसी प्रकार बाजार बैठक वसूली ठेका हेतु लोकेश पिता मिश्रीलाल द्वारा शासकीय बोली से अधिक एकमुश्त जमाकर ठेका लेने हेतु आवेदन कार्यालय में दिया गया निकाय में गठित पी.आई.सी. के द्वारा पारित संकल्प क्रमांक 275 दिनांक 09.03.2016 एवं अध्यक्ष महोदय की स्वीकृति से ठेका दिया गया, निकाय को आर्थिक नुकसान न हो इस हेतु उनको ठेका दिया गया, अवधि समाप्त होते ही निकाय द्वारा विधिवत् नीलामी प्रक्रिया की जाकर ठेका दिया जायेगा। उक्त कार्य किसी भी दुर्भावना से ग्रसित होकर नहीं किया गया है, इस संबंध में संयुक्त संचालक, नगरीय प्रशासन एवं विकास, इंदौर संभाग इंदौर को जाँच हेतु पत्र जारी किया गया है, जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
स्टेट कनेक्टिविटी अंतर्गत रोड निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
35. ( क्र. 340 ) श्री राजेश सोनकर : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इन्दौर जिला अंतर्गत सांवेर विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2013-14 से वर्ष 2014-15 वर्ष 2015-16 तक स्टेट कनेक्टिविटी योजना में कितनी सड़कों को शामिल किया गया? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में सांवेर विधानसभा क्षेत्र की कितनी सड़कों को पिछले 02 वर्षों में स्टेट कनेक्टिविटी में शामिल कर स्वीकृति प्रदान की गई? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में कितनी सड़कों का निर्माण प्रश्न दिनांक तक प्रारंभ किया गया है व प्रश्नकर्ता द्वारा भेजे गये सड़कों के कितने प्रस्तावों को स्टेट कनेक्टिविटी में शामिल किया गया है? (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में आगामी बजट वर्ष एवं पूर्व के 02 वर्षों में राज्य शासन द्वारा सांवेर विधानसभा क्षेत्र के लिए स्टेट कनेक्टिविटी से निर्माण हेतु कितनी-कितनी राशि स्वीकृत की गई व कहाँ-कहाँ की गई? क्या सांवेर विधानसभा की स्टेट कनेक्टिविटी सड़कों को भी इस आगामी बजट वर्ष में शामिल किया जायेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) इंदौर जिले के अंतर्गत सांवेर विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2013-14 वर्ष 2014-15 एवं वर्ष 2015-16 तक स्टेट कनेक्टिविटी योजनांतर्गत किसी भी सड़क को स्वीकृत नहीं किया गया है। (ख) उत्तरांश (क) अनुसार। (ग) उत्तरांश (ख) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) उत्तरांश (क) अनुसार। बजट में प्राप्त राशि एवं कार्यों की प्राथमिकता के आधार पर निर्णय लिया जाता है अतः सांवेर विधानसभा क्षेत्र की सड़कों को स्टेट कनेक्टिविटी में शामिल किये जाने के संबंध में वर्तमान में बताया जाना संभव नहीं है।
वन परिक्षेत्र, सनावद अंतर्गत निर्माण कार्य
[वन]
36. ( क्र. 362 ) श्री हितेन्द्र सिंह ध्यानसिंह सोलंकी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़वाह विधानसभा क्षेत्र के सामान्य वन मण्डल, बड़वाहा अन्तर्गत कितने वन परिक्षेत्र कार्यालय हैं? उक्त मण्डल में कितने पद विभिन्न श्रेणियों के स्वीकृत है एवं कितने पद भरे हुए एवं कितने पद कितने समय से रिक्त है? (ख) प्रश्नांश (क) के बड़वाहा मण्डल के वन परिक्षेत्र कार्यालय सनावद अन्तर्गत वित्त वर्ष 2013-14 से वित्त वर्ष 2016 (अक्टूबर 2016) तक विभिन्न मदों में कितनी-कितनी राशि वर्षवार प्राप्त हुई एवं कितनी राशि व्यय की गई वर्षवार स्वीकृत कार्य, राशि, पूर्ण व्यय, शेष राशि सहित सम्पूर्ण जानकारी दी जावे? (ग) सनावद परिक्षेत्र अन्तर्गत कितनी वन समितियां हैं? इन वन समितियों में उपरोक्त वित्त वर्षों में कितनी-कितनी राशि प्राप्त हुई एवं कितनी राशि समिति द्वारा खर्च की गई एवं कितनी राशि शेष है? (घ) क्या शासन से प्राप्त राशि वन समितियों के माध्यम से ही खर्च कराई जाना चाहिये? यदि हाँ, तो नियम की प्रति दी जावे? यदि वन समिति के माध्यम से नहीं करायी गयी हैं तो इस संबंध में संबंधित अधिकारी के विरूद्ध क्या कार्यवाही कब तक की जावेगी? (ड.) क्या अध्यक्ष ग्राम वन समिति, बिराली द्वारा 15 अगस्त 2014 को सहायक सचिव को चार्ज दिये जाने के आदेश के बाद भी चार्ज नहीं दिये जाने एवं शासकीय कर्मचारी से कार्य कराये जाने एवं संयुक्त खाते से अध्यक्ष की बिना सहमति के शासकीय राशि आहरित करने के संबंध में प्रश्नकर्ता द्वारा विभाग को पत्र व्यवहार किया गया है? इस संबंध में विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? यदि कार्यवाही नहीं हुई तो क्या कारण रहें हैं? जाँच कब तक की जावेगी?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) बड़वाह विधानसभा क्षेत्र के सामान्य वनमण्डल अन्तर्गत 03 परिक्षेत्र कार्यालय क्रमश: सनावद, बड़वाह एवं काटकुट है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) परिक्षेत्र सनावद अन्तर्गत कुल 22 समितियाँ है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (घ) जी नहीं। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ड.) जी हाँ। सहायक सचिव बिराली द्वारा दिनांक 31.10.2014 को प्रभार लेने से मना किया गया। दिनांक 6.10.2016 को नियुक्त सहायक सचिव को वर्तमान समय में पात्रता न होने के कारण प्रभार नहीं दिया गया है। माननीय विधायक के इस संबंध में विभाग में कोई पत्र प्राप्त होना नहीं पाया गया। अत: शेष कार्यवाही एवं जाँच करने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मुख्यमंत्री आवास योजना का क्रियान्वयन
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
37. ( क्र. 363 ) श्री हितेन्द्र सिंह ध्यानसिंह सोलंकी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुख्यमंत्री आवास योजना के नियम क्या हैं? (ख) जनपद पंचायत बड़वाह अंतर्गत मुख्यमंत्री आवास योजना के अंतर्गत विगत तीन वर्षों में किन-किन ग्राम पंचायतों में कितने-कितने आवेदन-पत्र प्राप्त हुए एवं प्राप्त आवेदन पत्रों में कितने स्वीकृत हुए हैं? उसकी सूची दी जावें। (ग) जनपद पंचायत बड़वाहा अंतर्गत ऐसी कितनी ग्राम पंचायतें हैं जहां मुख्यमंत्री आवास योजना के अंतर्गत कोई आवास स्वीकृत नहीं हुआ है? आवास स्वीकृत न होने के क्या कारण रहे हैं। इसके लिये कौन दोषी है? दोषीकर्ता अधिकारी के विरूद्ध क्या कार्यवाही कब तक की जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास मिशन की नीति/दिशा-निर्देश, पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जनपद पंचायत बड़वाह क्षेत्रान्तर्गत मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास मिशन में विगत तीन वर्षों में 2013-14 से 2015-2016 तक ग्राम पंचायतों में कुल 5234 आवेदन प्राप्त एवं 3143 स्वीकृत हुए हैं। सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) मुखयमंत्री ग्रामीण आवास मिशन के अन्तर्गत आवास स्वीकृत नहीं किये जाते हैं, अपितु आवास निर्माण के लिए बैंकों द्वारा ऋण एवं अनुदान स्वीकृत किया जाता है। मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास मिशन नजूल बाह्य क्षेत्र में लागू नहीं है। अतः जनपद पंचायत-बड़वाह क्षेत्रान्तर्गत 11 ग्राम पंचायतें (बडूद, रुपखेड़ा, साला, बासवा, खुड़गांव, बड़वाह कस्बा, सिरलाय,रुपाखेड़ी, बावडीखेडा, नावघाटखेडी एवं बागफल) नजूल बाह्य क्षेत्र में आने के कारण इन पंचायतों में कोई आवास ऋण प्रकरण स्वीकृत नहीं हुआ है। इसके अतिरिक्त 04 ग्राम पंचायतों (मर्दाना डुब प्रभावित होने से एवं जुलवानिया, नलवट वनग्राम होने से) तथा ग्राम पंचायत जुजाखेडी में विगत तीन वर्षों में कोई आवेदन प्राप्त नहीं होने के कारण ऋण प्रकरण स्वीकृत नहीं हो सके हैं। शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
सागौन एवं यूकेलिप्टिस पौधों के वृक्षारोपण पर अंकुश लगाना
[वन]
38. ( क्र. 374 ) श्री दिव्यराज सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शहडोल संभाग में सागौन एवं यूकेलिप्टिस के पौधों का वृक्षारोपण करते समय भूमि संरचना एवं वन संरचना को ध्यान में रखा गया था? (ख) क्या कारण है कि साल के वनों में सागौन एवं यूकेलिप्टिस के पौधों का रोपण किया गया जबकि वैज्ञानिक शोध बताते हैं कि सागौन और यूकेलिप्टिस से साल के वन नष्ट हो जाते हैं तथा पर्यावरणीय तंत्र प्रभावित होता है? (ग) किन अधिकारियों की अनुशंसा पर उक्त पर्यावरण विरोधी कार्य किया गया? क्या उक्त वन परिक्षेत्र में सागौन और यूकेलिप्टिस के पौधो के वृक्षारोपण में भविष्य में अंकुश लगाया जावेगा।
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी हाँ। (ख) वनवृत्त शहडोल अंतर्गत कार्य आयोजना अनुसार साल का पुनरूत्पादन जिन क्षेत्रों में नहीं आ पा रहा था, उन क्षेत्रों का चयन तत्समय सागौन तथा यूकेलिप्टस के रोपण के लिये किया गया इन क्षेत्रों में वर्तमान में सागौन तथा सागौन के एसोसिएट्स (मित्र प्रजाति) जैस बहेड़ा तथा मिश्रित प्रजाति का पुनरूत्पादन प्राप्त हो रहा है। साल वन क्षेत्रों में पुनरूत्पादन हो रहा है अत: इसके नष्ट होने या पर्यावरणीय तंत्र प्रभावित होने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) पर्यावरण विरोधी कार्य की अनुशंसा किसी अधिकारी द्वारा नहीं की गई है। वृक्षारोपण में प्रजातियों के चयन स्थल की अनुकूलता के अनुसार किया जाता है। अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मुकंदपुर टाइगर सफारी का नामकरण
[वन]
39. ( क्र. 375 ) श्री दिव्यराज सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला सतना के मुकुंदपुर में निर्मित टाइगर सफारी का नामकरण मुख्यमंत्री महोदय द्वारा स्व. महाराजा मार्तण्ड सिंह जू देव के नाम पर किये जाने सम्बंधी घोषणा की गयी थी? (ख) यदि हाँ, तो अभी तक उक्त टाइगर सफारी के प्रवेश द्वार एवं परिसर में उक्त नाम उल्लेखित क्यों नहीं कराया गया? (ग) उक्त टाइगर सफारी का घोषित नाम पर्यटन विभाग एवं वन विभाग की सूची में एवं वेबसाइट में कब तक अंकित किया जावेगा?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी हाँ। (ख) मुकुन्दपुर में स्थित चिड़ियाघर/व्हाइट टाइगर सफारी, जू एवं रेस्क्यू सेंटर के नाम परिवर्तन हेतु कार्यवाही प्रचलित है। (ग) समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
उज्जैन संभाग आयुक्त कार्यालय में पदस्थ अधिकारी
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
40. ( क्र. 388 ) श्री सतीश मालवीय : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन संभाग आयुक्त कार्यालय में उपायुक्त (विकास) एवं संयुक्त आयुक्त (विकास) के पद पर कौन अधिकारी कब से पदस्थ है? (ख) क्या एक ही अधिकारी को उपायुक्त (विकास) से पदोन्नत कर उसी स्थान पर संयुक्त आयुक्त के पद पर पदस्थ किया जाना शासन की नीति के अनुरूप है? यदि हाँ, तो संपूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें और यदि नहीं, तो कौन-कौन अधिकारी दोषी है, शासन इन पर क्या कार्यवाही करेगा? (ग) क्या उज्जैन संभाग आयुक्त कार्यालय में पदस्थ अधिकारी उपायुक्त (विकास) एवं संयुक्त आयुक्त (विकास) के रूप में कई वर्षों से पदस्थ है? यदि हाँ, तो क्या इनके स्थानांतरण के संबंध में शासन के कोई नियम लागू होते हैं? यदि हाँ, तो इनका स्थानांतरण उज्जैन संभाग आयुक्त कार्यालय से कब तक कर दिया जावेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) श्री प्रतीक सोनवलकर उपायुक्त (विकास) के पद पर दिनांक 24-09-2008 से 27-12-2013 तक एवं संयुक्त आयुक्त के पद पर दिनांक 28-12-2013 से पदस्थ हैं। (ख) आयुक्त कार्यालय के उपायुक्त (विकास) के पद को संयुक्त आयुक्त (विकास) में अपग्रेड करने से पदोन्नति उपरान्त संबंधित अधिकारी को उसी स्थान पर पदस्थ किया गया। शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता। (ग) जी हाँ। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं।
ग्राम पंचायत धामनटूक में जाँच दल द्वारा की गई कार्यवाही
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
41. ( क्र. 411 ) श्री रामसिंह यादव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शिवपुरी जिले के बदरवास विकासखण्ड की ग्राम पंचायत धामनटूक के पूर्व सरपंच/सचिव द्वारा निर्माण कार्यों में किए गए भ्रष्टाचार एवं अनियमितताओं की जाँच हेतु राज्य स्तर से जाँच दल गठित किया गया? घटित जाँच दल द्वारा दिनांक 05/02/2016 एवं 06/02/2016 को ग्राम पंचायत धामनटूक में भ्रमण कर जाँच की गई? यदि हाँ, तो क्या जाँच की गई एवं जाँच समिति की रिपोर्ट के आधार पर क्या कार्यवाही कब-कब की गई? (ख) क्या जाँच दल द्वारा 07 कार्य मौके पर होना नहीं पाए गए? यदि हाँ, तो इन कार्यों की कितनी-कितनी राशि पूर्व सरपंच/सचिव द्वारा कब-कब आहरित की गई? उक्त राशि वसूली हेतु किन-किन के विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ग) क्या शासन द्वारा ग्राम पंचायत धामनटूक में पूर्व सरपंच/सचिव द्वारा किए गए भ्रष्टाचार एवं अनियमितताओं की सूक्ष्म जाँच हेतु तकनीकी जाँच दल गठित करने की कार्यवाही मार्च 2016 की स्थिति में प्रचलित थी? यदि हाँ, तो उक्त गठित तकनीकी जाँच दल का पत्र एवं तकनीकी जाँच दल द्वारा की गई कार्यवाही की प्रति संलग्न कर जानकारी दें? (घ) ग्राम पंचायत धामनटूक के तत्कालीन सरपंच/सचिव द्वारा गबन की गई राशि कब तक वसूल की जाएगी? निश्चित समयावधि बताएं एवं राशि गबन करने के लिए तत्कालीन सरपंच/सचिव के विरूद्ध पुलिस में एफ.आई.आर. कब तक दर्ज करा दी जाएगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। जाँच पश्चात् आयुक्त ग्वालियर संभाग-ग्वालियर के आदेश क्र क्यू. /विकास/स्था./23- 24/01/2016 दिनांक 13.01.2016 के माध्यम से सहायक यंत्री, मनरेगा श्री सोनेराम वर्मा को निलंबित किया गया था एवं कलेक्टर के आदेश क्र. 572 दिनांक 05.02.2016 के माध्यम से उपयंत्री, मनरेगा जनपद पंचायत बदरवास श्री अशोक खैरोनिया की संविदा सेवा अवधि समाप्त की जा चुकी है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार। (ख) जी हाँ। अभिलेख एवं प्रमाणित जानकारी के अभाव में कार्यवार अनियमित्ता का आंकलन नहीं किया जा सका है कार्यवाही प्रचलित है अंतिम जाँच प्रतिवेदन प्राप्त होने के पश्चात् नियमानुसार कार्यवाही की जा सकेगी। (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार। जिला स्तरीय तकनीकी दल द्वारा प्रतिवेदन प्रस्तुत नहीं किया गया है। (घ) तकनीकी जाँच दल द्वारा कार्यवार विस्तृत प्रतिवेदन अपेक्षित है। वर्तमान में तत्कालीन सचिव श्री सुरेश धाकड के विरूद्ध रिकार्ड खुर्द-बुर्द करनें के संबंध में पुलिस में एफ.आई.आर दर्ज की जा चुकी है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार।
ग्राम पंचायतों में अपूर्ण कार्य पूर्ण कराने बाबत्
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
42. ( क्र. 412 ) श्री रामसिंह यादव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कोलारस विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत 21.10.2016 की स्थिति में ग्राम पंचायतों द्वारा संबंधित कार्यों की राशि आहरित करने के बावजूद कुछ निर्माण कार्य अपूर्ण है तथा कुछ कार्य प्रारंभ ही नहीं हुए हैं? यदि हाँ, तो ऐसे कार्यों के नाम, तकनीकी एवं प्रशासकीय स्वीकृति क्रमांक एवं दिनांक, कार्य की कुल लागत एवं राशि कितनी-कितनी कब-कब आहरित की गई? कार्य प्रारंभ करने की तिथि सहित मदवार जानकारी दें। (ख) क्या राशि आहरित करने के बावजूद संबंधित द्वारा जो कार्य प्रारंभ नहीं किए हैं उनसे राशि वसूलने हेतु कोई कार्यवाही नहीं की गई? यदि हाँ, तो कार्यवाही क्यों नहीं की गई? यदि नहीं, तो किन-किन के विरूद्ध कब-कब, क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ग) प्रश्नांश (क) में वर्णित कार्य कब तक पूर्ण होंगे? निश्चित समयावधि बताएं तथा दो वर्ष से अधिक समय पूर्व जो राशि आहरित की गई है उसे वसूलने हेतु अभी तक क्या कार्यवाही किन-किन के द्वारा की गई? यदि कार्यवाही नहीं की गई तो इसके लिए कौन दोषी है? (घ) क्या जिन एजेंसियों द्वारा स्वीकृत कार्यों की राशि लगभग 02 वर्ष पूर्व आहरित कर ली थी फिर भी कार्य प्रारंभ नहीं किया तो उक्त राशि किसके पास जमा थी? उक्त राशि का उपयोग किसके द्वारा कहाँ किया गया? राशि का दुरूपयोग करने पर इनके विरूद्ध क्या कार्यवाही कब तक की जावेंगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) जी नहीं वसूली हेतु संबंधितों के विरूद्ध कार्यवाही की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के कालम 17 एवं 18 अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के कालम 19, 16 एवं 17 अनुसार। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) 2 वर्ष पूर्व राशि आहरित कर कार्य प्रारंभ न करने के संबंध में राशि संबंधित निर्माण एजेंसियों के पास ही थी जिनके विरूद्ध मध्यप्रदेश पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम 1993 की धारा 92 अंतर्गत नियमानुसार वैधानिक कार्यवाही की जायेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं।
प्रशासकीय अनुमोदन
[उच्च शिक्षा]
43. ( क्र. 431 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता को आयुक्त कार्यालय उच्च शिक्षा विभाग भोपाल के पत्र क्रमांक 1301/29-टी.एल./आ.अ.शि./शा-3/15, भोपाल दिनांक 06.7.16 यह अवगत कराया गया था कि प्रशासकीय अनुमोदन प्राप्त होते ही अवगत कराया जावेगा? (ख) प्रश्नांश (क) का उत्तर हां है तो क्या प्रशासकीय अनुमोदन हो चुका है या नहीं? यदि हाँ, तो अवगत करावें। (ग) प्रश्नांश (ख) का उत्तर ना है तो क्या अनुमोदन हेतु प्रस्तुत प्रस्ताव शासन नियमों के अनुकूल है या नहीं? यदि हाँ, तो अनुमोदन न होने में विलंब का क्या कारण है? कब तक प्रशासकीय अनुमोदन दिया जावेगा?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। (ग) प्रस्तुत स्थानान्तरण प्रस्ताव शासन के नियमों के अनुकूल है। प्रकरण शासन के समक्ष विचाराधीन है। समय-सीमा बताना सम्भव नहीं।
बी.पी.एल. सूची में गलत ढंग से नाम जोड़े जाने वाले अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
44. ( क्र. 465 ) कुँवर विक्रम सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजनगर तहसील अंतर्गत बी.पी.एल. सर्वे सूची के नाम अंकित करने हेतु फार्म अपरिपत्र दो-1 की कण्डिका 6 तहसील राजनगर में मामला क्र. 714, दिनांक 20.10.11 ग्राम ललपुर में पटवारी हल्का क्र. 13 में मूलचन्द्र अवस्थी को अंक 14 दिये गये, जो नियम विरूद्ध हैं? (ख) नायब तहसीलदार ललपुर तहसील राजनगर के पत्र क्र. 196/ना.तह/11 राजनगर, दिनांक 14.07.2011 को बी.पी.एल. सूची में नाम सम्मिलित बाबत पत्र दिया, जिसमें श्री लक्ष्मी नारायण तनय अर्जुन प्रसाद निवासी ललपुर को 13 अंक दिये गये? (ग) गलत ढंग से नाम अंकित कर कपिल धारा कूप निर्माण कराया गया और शासन की राशि का लाभ लिया, जिसकी जाँच कराई गई? यदि हाँ, तो कब नहीं तो क्यों? जिन अधिकारियों की मिलीभगत से नाम दर्ज किये गये उनके नाम पद सहित बतायें तथा शासन द्वारा क्या कार्यवाही की?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) प्रश्नाधीन व्यक्ति श्री मूलचन्द्र अवस्थी को पात्रतानुसार 14 अंक दिये गये थे, जो निहित प्रावधानों के अनुरूप है। (ख) निहित प्रावधानों के अनुरूप श्री लक्ष्मी नारायण पिता अर्जुन प्रसाद को पात्रतानुसार 13 अंक दिये गये थे। (ग) जी नहीं। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
समग्र स्वच्छता अभियान में अनियमितता
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
45. ( क्र. 467 ) कुँवर विक्रम सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) समग्र स्वच्छता अभियान के अन्तर्गत छतरपुर जिले में वर्ष 2011 से शौचालय निर्माण हेतु प्रश्न दिनांक तक कितनी राशि व्यय की गई? (ख) राजनगर एवं लवकुशनगर विकासखण्ड के तहत वर्ष 11 से 15 तक शासन की राशि का दुरूपयोग/अनियमितताएं की गई और वसूली हेतु नोटिस दिये गये? उनके नाम सहित विवरण दें? (ग) ब्लॉक समन्वयकों ने वर्ष 2011 से 2015 तक मानीटिरिंग सही ढंग से क्यों नहीं की? उक्त वर्षों के टूर प्रोग्राम की प्रतियां दें? शासन की राशि के गबन में शामिल अधिकारियों के विरूद्ध कठोर कार्यवाही न करने के अब तक क्या कारण रहें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) समग्र स्वच्छता अभियान के अन्तर्गत छतरपुर जिले में वर्ष 2011 से शौचालय निर्माण हेतु प्रश्न दिनांक तक राशि रूपये 76.20 करोड़ व्यय की गई है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) जी नहीं, ब्लॉक समन्वयकों के द्वारा समय-समय पर ग्राम पंचायतों में जाकर शौचालय निर्माण कार्यों की मॉनीटरिंग की गई है तथा ग्रामवासियों को योजना के क्रियान्वयन हेतु प्रोत्साहित किया गया है। जनपद पंचायत लवकुशनगर में ब्लाक समन्वयक का पद रिक्त होने के कारण भ्रमण कार्यक्रम वर्ष 2013 से दिया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- ब अनुसार है।
मंदिरों का जीर्णोद्धार एवं पवित्र नगर घोषित करना
[धार्मिक न्यास और धर्मस्व]
46. ( क्र. 468 ) कुँवर विक्रम सिंह : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या छतरपुर जिले के मंदिरों के जीर्णोद्धार हेतु दिनांक 31.3.16 को राशि समर्पित की गई जिसे स्वयं माननीय मंत्री के पत्र क्र. 198 दिनांक 20.6.16 द्वारा कलेक्टर छतरपुर को पत्र दिया गया? क्या इसमें एजेंसी की घोर लापरवाही सामने आई? क्या उनके खिलाफ कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) क्या माननीया मंत्री महोदया के पत्र क्र. 1177 दिनांक 22.3.16 द्वारा कलेक्टर छतरपुर लवकुशनगर को पवित्र नगर घोषित किये जाने का प्रतिवेदन चाहा गया तथा कलेक्टर छतरपुर के पत्र क्र. 237 दिनांक 31.5.16 को पवित्र नगर घोषित किये जाने की अनुशंसा की गई? (ग) यदि हाँ, तो प्रदेश सरकार द्वारा कब तक आदेश किये जावेगें?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
परफार्मेंस ग्राण्ट की राशि का बंटन
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
47. ( क्र. 492 ) श्रीमती चन्दा सुरेन्द्र सिंह गौर : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन के पत्र क्र./पं.रा./रा.वि.आ.-1/2016/9551, दिनांक 10.08.16 को जारी आदेशानुसार जनपद पंचायतों के समस्त सदस्यों के बीच परफार्मेंस ग्राण्ट की राशि प्रत्येक सदस्य को बराबर-बराबर समान रूप से बांटे जाने का प्रावधान है, परंतु खरगापुर विधान सभा की जनपद पंचायत बल्देवगढ़ में उक्त राशि 25 सदस्यों के बीच समान रूप से जनपद के अधिकारियों एवं पदाधिकारियों द्वारा सांठ-गांठ करके नहीं बांटी जा रही है? (ख) क्या शासन के नियम का उल्लंघन करने वाले दोषी अधिकारी की जाँच कराकर उसके विरूद्ध वैधानिक कार्यवाही करायेंगे? यदि हाँ, तो समयावधि बतायें? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें? (ग) क्या उक्त राशि जनपद पंचायत बल्देवगढ़ के सभी सदस्यों के बीच बराबर-बराबर मान से बांटे जाने की शीघ्र कार्यवाही करायेंगे? यदि हाँ, तो समयावधि बतायें? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें? (घ) उक्त राशि आज दिनांक तक क्यों नहीं बांटी गई तथा शासन के आदेश का पालन भी नहीं किया गया, इसका क्या कारण है? साथ ही शासन के आदेश का पालन न करने वाले अधिकारी के विरूद्ध वैधानिक कार्यवाही प्रस्तावित करेंगे? यदि हाँ, तो समयावधि बतायें? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। जी नहीं। जनपद पंचायत की सामान्य सभा की बैठक न होने तथा समस्त जनपद सदस्यों द्वारा कार्य प्रस्तावित नहीं करनें से राशि का वितरण नहीं किया जा सका है। (ख) उतरांश ‘‘क‘‘ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। जनपद पंचायत की सामान्य सभा की बैठक आयोजित कर समस्त निर्वाचित सदस्यों के वार्डो में समानुपातिक रूप से राशि का वितरण किया जा सकेगा। (घ) जनपद सदस्यों द्वारा उनके निर्वाचित वार्डों में लिये जाने वाले कार्यों के प्रस्ताव प्रस्तुत नहीं करनें तथा जनपद पंचायत की सामान्य सभा की बैठक में प्रस्ताव पारित नहीं होने से राशि का वितरण नहीं किया जा सका है। नियमानुसार बैठक में कार्यों का अनुमोदन पश्चात् स्वीकृति की कार्यवाही कर राशि वितरित की जा सकेगी।
बल्देवगढ़ में शा.महाविद्यालय की स्थापना
[उच्च शिक्षा]
48. ( क्र. 493 ) श्रीमती चन्दा सुरेन्द्र सिंह गौर : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या खरगापुर विधान सभा क्षेत्र के बल्देवगढ़ में शासकीय महाविद्यालय नहीं है? क्या जनपद पंचायत बल्देवगढ़ के परिक्षेत्र में हायर सेकण्डरी 10+2 एवं हाई स्कूलों सहित लगभग 18-20 स्कूल है तथा बारहवीं कक्षा उत्तीर्ण करने के उपरांत छात्र-छात्राओं को उच्च शिक्षा प्राप्त करने हेतु इधर-उधर भटकना पड़ता है? (ख) क्या छात्र-छात्राओं के हित में बल्देवगढ़ में शासकीय महाविद्यालय खोले जाने हेतु आदेश जारी करेंगे? यदि हाँ, तो समयावधि बताये यदि नहीं, तो क्यों? कारण स्पष्ट करें? (ग) क्या शासन द्वारा शिक्षा को ऊंचे शिखर पर ले जाने का कार्य छात्र-छात्राओं के हितों में किया जा रहा है फिर खरगापुर विधान सभा के बल्देवगढ़ में शासकीय महाविद्यालय खोले जाने में देरी क्यों की जा रही है?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी हाँ, जी नहीं। जी नहीं। बल्देवगढ़ से शासकीय पीजी महाविद्यालय, टीकमगढ़ 25 कि.मी., शासकीय कन्या महाविद्यालय, टीकमगढ़ 25 कि.मी., अशासकीय संत रामदास महाविद्यालय टीकमगढ़ 25 कि.मी., अशासकीय द्वारका प्रसाद महाविद्यालय, खरगापुर 10 कि.मी., अशासकीय गणेशप्रसाद वर्णी महाविद्यालय धुवारा 35 कि.मी. की दूरी पर संचालित है जहां छात्र-छात्रायें अध्ययन कर सकते है। (ख) जी नहीं। 25 कि.मी. की दूरी पर तीन शासकीय महाविद्यालय तथा 10 कि.मी. की दूरी पर अशासकीय महाविद्यालय उपलब्ध है। अत: बल्देवगढ़ में शासकीय महाविद्यालय प्रारम्भ करने में कठिनाई है। (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नवीन शासकीय महाविद्यालय खोलने की स्वीकृति
[उच्च शिक्षा]
49. ( क्र. 500 ) कुँवर हजारीलाल दांगी : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजगढ़ जिले के नगर पंचायत क्षेत्र छापीहेड़ा में शासकीय महाविद्यालय नहीं हैं? यदि हाँ, तो क्या नगर पंचायत क्षेत्र छापीहेड़ा एवं आसपास के लगभग 30-35 ग्रामों के छात्र-छात्राओं को महाविद्यालय शिक्षा प्राप्त करने हेतु अन्य तहसीलों के महाविद्यालय पर निर्भर रहना पड़ता है तथा अन्य महाविद्यालयों में सीमित संख्या में सीट होने से उन्हें शिक्षा से वंचित होना पड़ता है? यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक शासन द्वारा नगर पंचायत क्षेत्र छापीहेड़ा में शासकीय महाविद्यालय खोलने हेतु क्या कार्यवाही की गई? (ख) क्या शासन क्षेत्र के छात्र-छात्राओं के भविष्य को दृष्टिगत रखते हुये क्षेत्र में ही उच्च शिक्षा प्रदान करने हेतु शासकीय महाविद्यालय खोलने की स्वीकृति प्रदान करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी हाँ। जी हाँ, जी नहीं। म.प्र.शासन उच्च शिक्षा विभाग के पत्र क्रमाक 1362/1895/2016/38-2 दिनांक 02/07/2016 द्वारा राजगढ़ जिले के नगर पंचायत क्षेत्र छापीहेडा में महाविद्यालय प्रारंभ करने हेतु मापदण्ड की पूर्ति न होने के कारण महाविद्यालय खोले जाने में कठिनाई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
महाविद्यालय के रिक्त पदों की पूर्ति
[उच्च शिक्षा]
50. ( क्र. 501 ) कुँवर हजारीलाल दांगी : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले के अंतर्गत शासकीय महाविद्यालय खिलचीपुर में स्वीकृत पद संरचना के विरूद्ध रिक्त पदों की पूर्ति हेतु प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? क्या उक्त महाविद्यालय में केवल एक ही सहायक प्राध्यापक कार्यरत है और वह भी प्राचार्य के प्रभार में हैं? शेष सभी संकाय के विषयों पर अतिथि विद्वानों से अध्ययन कार्य कराया जा रहा है, जिसमें अनुभवी सहायक प्राध्यापक नहीं होने से छात्र-छात्राओं का अध्ययन कार्य प्रभावित होता है? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या विगत कई वर्षों से उक्त महाविद्यालय में प्रभारी प्राचार्य होने से कॉलेज प्रबंधन का कार्य भी प्रभावित हो गया है? महाविद्यालय में न तो सुव्यवस्थित लायब्रेरी, प्रयोगशाला, रंगाई-पुताई कार्य, जनभागीदारी से होने वाले विकास कार्यों की स्थिति वर्तमान में नगण्य है? (ग) यदि हाँ, तो क्या शासन द्वारा उक्त महाविद्यालयीन गतिविधियों के सुचारू संचालन के लिये स्थाई प्राचार्य अथवा अन्य किसी सहायक प्राध्यापक को प्रभारी प्राचार्य बनाया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) इसी प्रकार क्या शासन उक्त महाविद्यालय परिसर की भूमि को अतिक्रमण से बचाने एवं सुरक्षा की दृष्टि से बाउण्ड्रीवॉल निर्माण की स्वीकृति प्रदान करेगा?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) शैक्षणिक संवर्ग के रिक्त पदों की पूर्ति हेतु लोक सेवा आयोग से दिनांक 19.2.16 को विज्ञापन जारी किया था जो स्थगित किया गया था परंतु दिनांक 24.11.16 को स्थगित विज्ञापन पर पुनः कार्यवाही के लिये पी.एस.सी. से अनुरोध किया गया है। इस महावि. में 02 नियमित सहा. प्रा. कार्यरत है जिसमें एक प्रभारी प्राचार्य का प्रभार देख रहे है शेष शैक्षणिक संवर्ग के रिक्त पदों हेतु आवश्यकतानुसार अतिथि विद्वान आमंत्रित किये जाते हैं। (ख) जी नहीं। महाविद्यालय में लायब्रेरी संचालित है महाविद्यालय भवन की समग्र मरम्मत/रंगाई पुताई हेतु राशि रूपये 7.00 लाख की स्वीकृति जारी की गई है। जनभागीदारी मद से होने वाले विकास कार्य की स्थिति वर्तमान में निरंक हैं। (ग) उत्तरांश 'क' एवं 'ख' के संदर्भ में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (घ) महाविद्यालय परिसर में अतिक्रमण एवं सुरक्षा की दृष्टि से बाउंड्रीवॉल के निर्माण हेतु स्वीकृति की कार्यवाही प्रचलन में है।
300 वर्ग मीटर तक के भूखण्डों पर भवन निर्माण की अनुमति
[नगरीय विकास एवं आवास]
51. ( क्र. 536 ) श्री दिलीप सिंह शेखावत : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या मध्यप्रदेश राजपत्र असाधारण क्रमांक 157 दिनांक 20 अप्रैल 2015 के म.प्र. नगरपालिका विधि (संशोधन) अधिनियम 2015 के अनुसार 300 वर्ग मीटर तक के भू-खण्डों पर भवन निर्माण या पुनः निर्माण के परीक्षण एवं अनुमोदन करने हेतु योग्य वास्तुविदों एवं संरचना इंजीनियरों को पंजीकृत तथा प्राधिकृत किया गया है? (ख) यदि हाँ, तो उज्जैन जिले में कितनी नगरीय निकायों ने उक्त गजट नोटिफिकेशन का पालन करना प्रारम्भ कर दिया है एवं कितनी नगरीय निकायों ने उक्त गजट नोटिफिकेशन का पालन नहीं किया है? (ग) शासन द्वारा उक्त नियमों का पालन कराये जाने हेतु क्या-क्या दिशा-निर्देश जारी किये हैं? निर्देशों की प्रति उपलब्ध करावें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) उज्जैन जिले की नगरीय निकायों में दिनांक 27 नवम्बर 2015 के राजपत्र प्रकाशन में उल्लेख अनुसार दैनिक समाचार पत्रों में विज्ञप्ति प्रकाशित की वास्तुविद एवं संरचना इंजीनियर को 300 वर्ग मीटर तक के भूखण्डों पर भवन निर्माण या पुर्ननिर्माण के परीक्षण, अनुमोदन करने हेतु निकायों में पंजीयन के लिये सूचित किया गया। वास्तुविदों एवं संरचना इंजीनियरों द्वारा अभी तक निकायों में पंजीयन नहीं कराया गया है। वास्तुविद एवं संरचना इंजीनियर निकायों में प्रावधानों के अंतर्गत राजपत्र के प्रावधान अनुसार अपना पंजीयन करा सकते है। (ग) दिशा-निर्देश एवं राजपत्र जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
सिंहस्थ
क्षेत्र के
लिए
अधिग्रहित
भूमि
[नगरीय विकास एवं आवास]
52. ( क्र. 557 ) श्री सतीश मालवीय : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या सिंहस्थ क्षेत्र हेतु आरक्षित भूमि के लेंड यूज चेंज किए जाने हेतु शासन की अनुमति आवश्यक है? (ख) उज्जैन में 1 जनवरी 2006 से 30 मार्च 2015 तक सिंहस्थ क्षेत्र हेतु आरक्षित जमीनों में से कौन-कौन सी जमीन को सिंहस्थ क्षेत्र से मुक्त किया गया था? मुक्त क्षेत्र की पूर्ण जानकारी सर्वे नं./रकबा स्थान सहित उपलब्ध कराएं। (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में मुक्त की गई जमीन का क्या उपयोग किया गया है? क्या उक्त भूमि पर कोई व्यवसायिक अथवा गृह निर्माण संबंधी गतिविधियां संचालित हैं? यदि हाँ, तो क्या इस हेतु राज्य शासन से आवश्यक अनुमतियां प्राप्त की गई हैं? यदि हाँ, तो कौन-कौन सी अनुमति कब-कब प्राप्त की गई है, प्रकरणवार पूर्ण जानकारी दें? यदि नहीं, तो इस नियम विरूद्ध कार्यवाही हेतु संबंधितों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जाएगी? (घ) क्या उपर्युक्त गतिविधियों हेतु लेंड यूज चेंज किया गया है, तो क्या इस हेतु आवश्यक अनुमति राज्य शासन से प्राप्त की गई थी? यदि नहीं, तो इस हेतु भी संबंधितों के विरूद्ध क्या कार्यवही की जाएगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) अधिसूचित मेला क्षेत्र में भूमि उपयोग उपांतरण की कार्यवाही नहीं की जा सकती है। सिंहस्थ मेला क्षेत्र (पडाव मेला क्षेत्र) में किसी विकास के लिये नियमन उज्जैन विकास योजना की कण्डिका- 2.21 में दिये गये है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) एवं (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है। (घ) उज्जैन विकास योजना 2021 की कण्डिका-2.21 के अनुसार अधिसूचित मेला क्षेत्र से अपवर्जित भूमि का भू उपयोग स्वतः ही आवासीय हो कर विकास योजना 2021 का अभिन्न अंग मान्य होगा।
प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना का क्रियान्वयन
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
53. ( क्र. 596 ) श्री राजकुमार मेव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खरगोन एवं बड़वानी जिले में वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक विधानसभा क्षेत्रवार प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के अंतर्गत कौन-कौन सी सड़क कितनी-कितनी राशि की स्वीकृत की गई? कितने कार्य पूर्ण किये गये? कितने कार्य निर्माणाधीन हैं एवं कितने कार्य अप्रारंभ है? इनकी कार्यवार स्वीकृत राशि, व्यय राशि, मूल्यांकन राशि की जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में किस-किस अधिकारी द्वारा कब-कब, किस-किस सड़क का निरीक्षण किया गया? उसमें क्या कमियां पाई गई एवं उनकी कब और क्या पूर्ति की गई? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में परफार्मेंस/ग्यारन्टी पीरियड के दौरान किन-किन सड़कों में मरम्मत कार्य किया गया एवं कितनी-कितनी राशि व्यय की गई? कितनी-कितनी सड़कों के मरम्मत के प्रस्ताव भेजे गये हैं? कितने स्वीकृत हुये, कितने कार्य प्रारंभ किये एवं कितने कार्य प्रारंभ किये जाना लंबित है? (घ) खरगोन-बड़वानी जिले की कौन-कौन से विधानसभावार नवीन सड़कों के निर्माण के कौन-कौन से प्रस्ताव चालू वित्तीय वर्ष में भेजे हैं? कितने प्रस्ताव स्वीकृत हेतु किस स्तर पर लंबित हैं? प्रश्नकर्ता द्वारा वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक कितने प्रस्ताव विभाग को भेजे हैं, उन प्रस्तावों के विरूद्ध कितने कार्य स्वीकृत किये गये एवं कितने अस्वीकृत किये गये? अस्वीकृत किये जाने का कारण स्पष्ट करें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- अ अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- ब अनुसार है। गारंटी अवधि में सड़कों की मरम्मत हेतु पृथक से स्वीकृति की आवश्यकता नहीं होती है। अनुबंधानुसार गारंटी अवधि प्रारंभ होने पर आवश्यकतानुसार सभी सड़कों का रख-रखाव प्रारंभ कर दिया जाता है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) खरगोन एवं बड़वानी जिले में चालू वित्तीय वर्ष में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत खरगोन जिले की विधानसभा क्षेत्र भगवानपुरा एवं बड़वाह में क्रमशः तलकपुरा से सतावड़ा एवं ओखला से आक्या का प्रस्ताव भेजा गया था जिसकी स्वीकृति उपरांत निविदा स्वीकृत की जा चुकी है। अतः स्वीकृति लंबित होने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। प्रश्नकर्ता माननीय विधायक द्वारा वर्ष 2015-16 में कुल 92 प्रस्ताव भेजे गये थे जिनका परीक्षण किया गया एवं उक्त प्रस्ताव प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के मार्गदर्शी दिशा निर्देशों के अनुरूप नहीं होने की जानकारी से माननीय विधायक महोदय को अवगत करा दिया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
शौचालय निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
54. ( क्र. 597 ) श्री राजकुमार मेव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भारत स्वच्छता मिशन अंतर्गत खुले में शौच से मुक्त किये जाने हेतु बेसलाईन सर्वे ग्रामीण क्षेत्रों में किस वर्ष में किया गया था? बेस लाईन सर्वे के आधार पर जिलेवार एवं जनपदवार कितने परिवारों में शौचालय पाये गये थे एवं कितने परिवारों में शौचालय होना नहीं पाया गया था? क्या बेसलाईन सर्वे सूची में अंकित परिवारों में ही शौचालय निर्माण का प्रावधान है? यदि नहीं, तो प्रावधान क्या है? (ख) क्या बेसलाईन सर्वे सूची में दर्ज होने से कई परिवार वंचित है? यदि हाँ, तो उन्हें बेसलाईन सर्वे सूची में जोड़ने हेतु कोई प्रावधान किया गया है यदि हाँ, तो कितने शौचालयविहीन परिवारों को जोडा गया है एवं क्या वर्तमान में भी बेसलाईन सर्वे सूची में शौचालयविहीन परिवारों को जोडा जा रहा है? यदि नहीं, तो क्यों नहीं? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में खरगोन जिले की जनपद पंचायत एवं ग्राम पंचायतवार ऐसे कितने-कितने शौचालयविहीन परिवार हैं जिनका बेसलाईन सर्वे सूची में नाम दर्ज होना है? क्या इन परिवारों में शौचालय निर्माण का कार्य प्राथमिकता पर किया जावेगा? समयावधि बताई जावें? (घ) क्या वर्ष 2014 से वर्तमान तक खरगोन जिले की ग्राम पंचायतों एवं जनपद पंचायतों द्वारा खुले में शौच से मुक्त किये जाने हेतु प्रयासों के तहत शौचालय निर्माण का कार्य किया गया है? किन्तु जिन परिवारों का नाम बेसलाईन सर्वे में दर्ज नहीं है एवं शौचालय निर्माण का कार्य कर लिया गया है तथा उनका भुगतान वर्तमान तक शेष है, ग्राम पंचायतवार जानकारी उपलब्ध कराई जावें? ऐसे परिवारों का शेष भुगतान कब तक कर दिया जावेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) अंतर्गत प्रथमवार दिसम्बर 2012 में द्वितीयबार जनवरी 2015 एवं तीसरीबार संशोधन करते हुए एक घर एक परिवार के मान से अप्रैल 2016 में खुले में शौच मुक्त किये जाने हेतु बेसलाईन सर्वे किया गया। जानकारी पुस्तकालय के रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- अ अनुसार है। एक घर एक शौचालय निर्माण हेतु बेसलाईन सर्वे में अंकित परिवारों के अलावा जिन घरों में शौचालय निर्मित नहीं है, उनके यहाँ पात्रतानुसार बेसलाईन सर्वे में घर के मुखिया का नाम जोड़ने के उपरांत शौचालय निर्माण का कार्य कराया जा सकता है। (ख) एक घर एक शौचालय के मान से बेसलाईन सर्वे में पात्र परिवारों का नाम जोड़ा गया है। अभी भी यदि कोई पात्र परिवार बेसलाईन सर्वे सूची में जुड़ने से वंचित रह गया है तो जोड़ा जा सकता है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- ब अनुसार है। जी हाँ। अक्टूबर 2019 तक पूर्ण किये जाने का लक्ष्य है। (घ) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। इन परिवारों का योजनांतर्गत पात्रता का परीक्षण कराया जा रहा है।
शुगर मिल परिसर एवं संलग्न भूमियों पर उद्योगों की स्थापना
[वाणिज्य, उद्योग एवं रोजगार]
55. ( क्र. 615 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सहकारिता विभाग द्वारा शुगर मिल जावरा सहकारी समिति का परिसमापन कर उद्योग विभाग को पुन: सौंप दिया गया है? (ख) यदि हाँ, तो क्या प्रश्नकर्ता द्वारा भी समय-समय पर शुगर मिल परिसर एवं शुगर मिल से संलग्न सैकड़ों बीघा रिक्त भूमि पर वृहद एवं लघु उद्योग स्थापित किये जाने हेतु निरंतर प्रश्नों एवं आवेदनों के माध्यम से निवेदन किया जा रहा है? (ग) यदि हाँ, तो शासन/विभाग द्वारा प्रदेश एवं प्रदेश के बाहर के उद्योगपतियों को निवेश हेतु उद्योग धंधे प्रारंभ किये जाने के लिये उद्योग समिट व्यक्तिगत संपर्क इत्यादि माध्यम से आमंत्रित किया जा रहा है? (घ) यदि हाँ, तो मिल परिसर में फूड पार्क, एग्रो बेस्ड इण्डस्ट्री रेल्वे की आवश्यकताओं से संबंधित उद्योग, कंटेनर डिपो इत्यादि हेतु विभाग द्वारा किस प्रकार की कार्ययोजना बना कर क्या किया जा रहा है?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी हाँ। भूमि का आधिपत्य विभाग दवारा प्राप्त कर लिया गया हैं। (ख) जी हाँ, प्रश्नकर्ता दवारा पूर्व में भी इस तरह के प्रश्न किये गये थे, किन्तु तत्समय यह भूमि सहकारिता विभाग के अधीन थी। (ग) जी हाँ। प्रदेश एवं प्रदेश के बाहर के उदयोगपतियों को प्रदेश में निवेश हेतु तैयार करने के प्रयास किये जा रहे हैं। (घ) विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन तैयार किया जाना हैं।
पीलीया खाल प्रदूषण मुक्त कार्य योजना
[नगरीय विकास एवं आवास]
56. ( क्र. 616 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या जावरा शहर के मध्य होकर बहने वाला पीलीया खाल शहर एवं आसपास के संपूर्ण नालों की गंदगी के मिलने के कारण एक बड़े गंदे नाले में तब्दील हो चुका है? (ख) यदि हाँ, तो क्या शहर को प्रदूषण मुक्त किये जाने हेतु ''पीलीया खाल'' प्रदूषण मुक्त योजना की डी.पी.आर. नगर पालिका जावरा द्वारा तैयार कर शासन/विभाग को अग्रेषित की गई है? (ग) यदि हाँ, तो नगर की इस गंभीर स्थिति को दृष्टिगत रख अब तक क्या कार्यवाही की गयी? (घ) नगर को प्रदूषण मुक्त किये जाने एवं गंभीर बीमारियों की रोकथाम हेतु शासन/विभाग उक्त कार्य योजना को कब तक स्वीकृति देकर नगर को प्रदूषण मुक्त करेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) एवं (घ) प्रकरण पर परीक्षण कर वित्तीय उपलब्धता के अनुसार कार्यवाही की जा सकेगी। समय-सीमा बतलाया जाना संभव नहीं है।
मक्सी औद्योगिक क्षेत्र में नये उद्योगों से अनुबंध
[वाणिज्य, उद्योग एवं रोजगार]
57. ( क्र. 633 ) श्री अरूण भीमावद : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. शासन द्वारा मक्सी जिला शाजापुर को औद्यागिक क्षेत्र घोषित क्या गया है? यदि हाँ, तो कब से? (ख) नये उद्योगों के लिए शासन द्वारा औद्योगिक क्षेत्र में कौन-कौनसी सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही है? (ग) म.प्र. शासन द्वारा हाल ही में इन्दौर में आयोजित समिट में मक्सी औद्योगिक क्षेत्र नये उद्योग स्थापित करने हेतु अनुबंध सहमति प्रदान की गई है?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी हाँ, मध्यप्रदेश शासन दवारा मक्सी जिला शाजापुर को वर्ष 1980 में औदयोगिक क्षेत्र घोषित किया गया हैं। (ख) औदयोगिक क्षेत्र में उदयोगों को सड़क, पानी, बिजली, जैसी मूलभूत सुविधायें उपलब्ध कराई जा रही हैं। (ग) उदयोगों दवारा स्वेच्छा से उदयोग लगाया जाता हैं। उद्योग स्थापित करने हेतु अनुबंध एवं सहमति लेने का प्रावधान नहीं हैं। अत: प्रश्नांश का उत्तर देने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता हैं।
शा.ब.क.श.न. महा. विद्या. शाजापुर का कन्या छात्रावास का निर्माण
[उच्च शिक्षा]
58. ( क्र. 634 ) श्री अरूण भीमावद : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. शासन द्वारा उच्च शिक्षा में अध्ययनरत छात्राओं को छात्रावास सुविधा उपलब्ध कराई जाती है? (ख) यदि हाँ, तो शास.बा.क.शर्मा न. महा विद्यालय शाजापुर में विगत 10 वर्ष से अपूर्ण कन्या छात्रावास पूर्ण क्यों नहीं हुआ है? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार अपूर्ण छात्रावास पूर्ण होगा? यदि होगा तो कब तक पूर्ण होगा?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी नहीं। जिन शासकीय महाविद्यालयों में कन्या छात्रावास उपलब्ध है, उन महाविद्यालयों की छात्राओं को छात्रावास सुविधा उपलब्ध होती है। (ख) शासकीय बा.कृ.शर्मा नवीन महाविद्यालय, शाजापुर की कन्या छात्रावास के निर्माण हेतु यू.जी.सी. के पत्र दिनांक 31/08/2008 द्वारा 50.00 लाख एवं पत्र दिनांक 31/09/2009 द्वारा 19.01 लाख की इस प्रकार कुल राशि रू. 69.01 लाख की स्वीकृति प्रदान की गई थी। यू.जी.सी.द्वारा महाविद्यालय को छात्रावास निर्माण हेतु स्वीकृत की गई सम्पूर्ण राशि उपलब्ध न कराये जाने के कारण निर्माण कार्य पूर्ण नहीं हो सका है। (ग) प्राचार्य द्वारा छात्रावास निर्माण कार्य को पूर्ण कराये जाने हेतु राशि रू. 117.13 लाख का पुनरीक्षित प्रस्ताव कार्यालयीन पत्र क्रमांक 1192/2016, दिनांक 08/08/2016 द्वारा दिनांक 11/08/16 को व्यक्तिगत हस्ते विश्वविद्यालय अनुदान आयोग, कार्यालय, भोपाल में प्रस्तुत किया जा चुका है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग से राशि उपलब्ध होने पर अपूर्ण छात्रावास का कार्य पूर्ण हो सकेगा। समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
जैन महावीर कीर्ति स्तम्भ भिण्ड को जमीन हस्तांतरण
[नगरीय विकास एवं आवास]
59. ( क्र. 649 ) श्री नरेन्द्र सिंह कुशवाह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या कार्यालय कलेक्टर जिला भिण्ड के पत्र क्रमांक 415 दि. 11.11.2014 प्रमुख सचिव नगरीय विकास एवं पर्यावरण विभाग भोपाल को महावीर कीर्ति स्तम्भ भिण्ड को भूमि आवंटित करने हेतु जारी किया गया था? यदि हाँ, तो प्रश्नांश दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? (ख) नगर पालिका भिण्ड के संकल्प क्रमांक 53 दिनांक 29.3.1988 सर्वे क्रमांक 324 व 325 व नगर पालिका परिषद् भिण्ड का संकल्प क्रमांक 191 दिनांक 28.9.2013 में जैन समुदाय को महावीर कीर्ति स्तम्भ के लिए भूमि हस्तान्तरित हेतु अभी तक क्या कार्यवाही की गई? (ग) नगर पालिका भिण्ड के सर्वे क्रमांक 324 व 325 में जैन महावीर कीर्ति स्तम्भ भिण्ड का आधिपत्य 1975 से होने के उपरांत हस्तान्तरित करने में क्या कारण है? कब तक हस्तान्तरित हो जायेगी? (घ) मा तत्कालीन मुख्यमंत्री श्री प्रकाशचन्द्र सेठी नगर पालिका भिण्ड 100 मीटर लम्बाई व 100 मीटर चौड़ाई अल्प संख्यक जैन समुदाय महावीर जैन कीर्ति स्तम्भ के लिए 1975 प्रीमियम एवं लीज रेन्ट पर देने के लिए अभी तक शासन द्वारा क्या कार्यवाही हुई? समय-समय पर किसके द्वारा क्या कार्यवाही की गई? विवरण दें?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ, शेषांश के संबंध में संचालनालय के पत्र क्रमांक 10395 दिनांक 08.08.2016 से मुख्य नगर पालिका अधिकारी, नगर पालिका भिण्ड से मध्यप्रदेश नगर पालिका अचल संपत्ति (अंतरण) नियम, 2016 प्रभावशील होने से पुन: प्रस्ताव चाहा गया है। (ख) महावरी कीर्ति स्तम्भ समिति भिण्ड को भूमि आवंटित करने हेतु नगर पालिका भिण्ड द्वारा जिला कलेक्टर, भिण्ड के माध्यम से प्रस्ताव प्रेषित किया गया था, जिसके परिप्रेक्ष्य में नगर पालिका भिण्ड से मध्यप्रदेश नगर पालिका अचल संपत्ति (अंतरण) नियम, 2016 प्रभावशील होने से पुन: प्रस्ताव चाहा गया है। (ग) मध्यप्रदेश नगर पालिका अचल संपत्ति (अंतरण) नियम, 2016 के प्रावधानुसार कार्यवाही की जा रही है वर्तमान में कार्यवाही प्रचलित है। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
राजगढ़ विधानसभा के नगर खुजनेर में महाविद्यालय खोले जाने बाबत्
[उच्च शिक्षा]
60. ( क्र. 678 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजगढ़ जिले की विधानसभा क्षेत्र राजगढ़ अंतर्गत आने वाले नगर खुजनेर के छात्र-छात्राओं को महाविद्यालयीन शिक्षा हेतु लगभग 35-40 कि.मी. दूर जाना पड़ता है? जिससे उन्हें आने-जाने में परेशानी होती है और कई छात्र विशेषकर छात्रायें आगे शिक्षा नहीं प्राप्त कर पा रही है? (ख) यदि हाँ, तो क्या राजगढ़ जिले की विधानसभा क्षेत्र राजगढ़ अंतर्गत आने वाले नगर खुजनेर में शासकीय महाविद्यालय खोला जाना प्रस्तावित है? यदि हाँ, तो कब तक?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी नहीं। राजगढ़ जिले से खुजनेर की दूरी 30 कि.मी. तथा शासकीय महाविद्यालय पचोर की दूरी 15 कि.मी. है जहाँ खुजनेर नगर के विद्यार्थी अध्ययन कर सकते है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय राजगढ़ में प्राचार्य की पूर्ति
[उच्च शिक्षा]
61. ( क्र. 679 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय राजगढ़ में प्राचार्य का पद कब से रिक्त है, रिक्त पद की पूर्ति कब तक की जावेगी? (ख) उक्त महाविद्यालय में किस-किस विषय एवं संकाय के प्राध्यापक एवं सहायक प्राध्यापक के पद कब से रिक्त है? (ग) उक्त महाविद्यालय में प्राध्यापक एवं सहायक प्राध्यापकों के पदों की पूर्ति विषय एवं संकायवार कब तक की दी जावेगी?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) शासकीय पी.जी. महाविद्यालय, राजगढ़ में प्राचार्य का पद दिनांक 16/02/16 से रिक्त है, रिक्त पद की पूर्ति हेतु समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। (ग) महाविद्यालय में शैक्षणिक संवर्ग के रिक्त पदों की पूर्ति हेतु लोक सेवा आयोग को दिनांक 24/11/2015 को 2371 सहायक प्राध्यापकों के संबंध में विज्ञापन जारी कर भर्ती की प्रक्रिया प्रारंभ करने हेतु लिखा गया है।
प्रधानमंत्री/मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़क निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
62. ( क्र. 691 ) डॉ.
योगेन्द्र
निर्मल :
क्या पंचायत
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) वारासिवनी
विधानसभा
क्षेत्र अंतर्गत
प्रधानमंत्री/मुख्यमंत्री
ग्रामीण सड़क
योजना के
अंतर्गत विगत 3 वर्षों
में प्रश्न
दिनांक तक
कितनी व कौन
सी सड़कें
स्वीकृत की गई
हैं? स्वीकृत/निर्मित
सड़कों का
निरीक्षण किन
अधिकारी
द्वारा कब
किया गया? (ख) प्रश्नांश
(क) के संदर्भ
में कितनी सड़कों
का निर्माण
कार्य पूर्ण
हो चुका है? कितनी
अपूर्ण है? कितनी
सड़कों का
कार्य
प्रारंभ नहीं
कराया गया हैं? मार्गवार
जानकारी
देवें? कार्य
प्रारभ न
कराये जाने के
क्या कारण है? समयावधि
में कार्य
पूर्ण न होने
के क्या कारण
हैं? (ग) उक्त
प्रश्न के संदर्भ
में शासन
द्वारा कितनी
राशि स्वीकृत
की गई है?
कितनी
राशि व्यय हो
चुकी है?
(घ)
प्रश्नकर्ता
द्वारा शासन
को कौन सी सड़कों
के निर्माण के
प्रस्ताव
भेजे गये है? उनमें से
किन मार्गों
के निर्माण के
प्रस्ताव
तैयार किये
गये हैं?
पंचायत
मंत्री ( श्री
गोपाल भार्गव )
: (क) वारासिवनी
विधानसभा
क्षेत्र
अंतर्गत प्रधानमंत्री/मुख्यमंत्री
ग्राम सड़क
योजना के
अंतर्गत विगत
तीन वर्षों
में प्रश्न
दिनांक तक 10 सड़कों की
स्वीकृति की
गई। इन सड़कों
का विवरण तथा
निरीक्षण
संबंधी जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट के
प्रपत्र-अ
अनुसार है। (ख) प्रश्नांश
(क) के संदर्भ
में सड़कों की जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट के
प्रपत्र अ
अनुसार है। प्रगतिरत
सभी मार्ग
समयावधि में
ही है। (ग) प्रश्नांश
के संदर्भ में
स्वीकृत/व्यय
राशि की
मार्गवार
जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट के
प्रपत्र-अ
अनुसार है। (घ) प्रश्नकर्ता
द्वारा भेजे
गये सड़कों के
निर्माण के
प्रस्ताव
संबंधी जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट के
प्रपत्र-ब
अनुसार है।
सामाजिक सुरक्षा, वृद्धावस्था एवं निराश्रित पेन्शन योजना में हुए घोटालों की रिपोर्ट पर कार्यवाही
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
63. ( क्र. 701 ) श्री रामनिवास रावत : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या इंदौर नगर निगम एवं अन्य संस्थाओं में हुए सामाजिक सुरक्षा, वृद्धावस्था एवं निराश्रित पेन्शन योजना में हुए घोटालों की निष्पक्ष जाँच हेतु एक सदस्यीय जस्टिस श्री एन.के.जैन आयोग का गठन किया था? (ख) क्या आयोग द्वारा दिनांक 15-09-2012 को शासन को जाँच प्रतिवेदन सौंप दिया था एवं आयोग द्वारा प्रस्तुत जाँच रिपोर्ट के परीक्षण हेतु गठित मंत्री परिषद् की उप समिति द्वारा भी परीक्षण कर रिपोर्ट शासन को सौंप दी है? यदि हाँ, तो कब? यदि नहीं, तो कब तक सौंप दी जावेगी? (ग) शासन द्वारा उक्त जाँच रिपोर्ट को अभी तक पटल पर न रखे जाने के क्या कारण है? (घ) क्या दिसम्बर 2016 के विधानसभा सत्र में रिपोर्ट को सदन में पटलित कर दिया जावेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। जी हाँ जाँच आयोग के प्रतिवेदन पर मंत्रि–परिषद् समिति का परीक्षण प्रतिवेदन दिनांक 06.07.2013 को प्रस्तुत किया गया। मंत्रि-परिषद् समिति का परीक्षण प्रतिवेदन एवं जाँच आयोग द्वारा प्रस्तुत जाँच प्रतिवेदन दिनांक 11 जुलाई 2013 को म.प्र. शासन सामान्य प्रशासन विभाग को सौंपा गया। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) कार्यवाही प्रक्रियाधीन होने से। (घ) उतरांश ‘ग’ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
गरीबी रेखा में नाम जोड़ना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
64. ( क्र. 704 ) श्री रामप्यारे कुलस्ते : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) साधिकार अभियान एवं ग्राम उदय से भारत उदय अभियान में मण्डला जिले की निवास विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत ग्राम पंचायतवार प्रत्येक विकासखण्ड में गरीबी रेखा में नाम सम्मिलित करने हेतु कितने आवेदन पत्र प्राप्त हुए? (ख) क्या सभी आवेदन पत्रों का पंजीयन किया गया था? पंजीयन के आधार पर अभी तक कितने आवेदनों का निराकरण किया जा चुका है? (ग) प्राप्त आवेदनों को समय-सीमा में निराकरण करने की कोई योजना है? अभी तक निराकरण न करने के क्या कारण है? निराकरण न करने पर क्या संबंधितों के खिलाफ जिम्मेदार तय करेंगे?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) साधिकार अभियान एवं ग्राम उदय से भारत उदय अभियान में मण्डला जिले की निवास विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत ग्राम पंचायतवार प्रत्येक विकासखण्ड में गरीबी रेखा में नाम सम्मिलित करने हेतु 11647 आवेदन प्राप्त हुए है। (ख) जी हाँ। सभी आवेदन पत्रों का पंजीयन किया गया था। सभी पंजीकृत आवेदनों का निराकरण किया जा चुका है। (ग) गरीबी रेखा की सूची में नाम जोड़ने हेतु प्राप्त आवेदनों के निराकरण की कार्यवाही पंजीयन के 30 दिन में पूर्ण की जाती है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
वन सुरक्षा समिति एवं वनोपज सहकारी समिति को प्राप्त लाभांश
[वन]
65. ( क्र. 706 ) श्री रामप्यारे कुलस्ते : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मंडला जिले में कितनी वन सुरक्षा समिति एवं वन उपज सहकारी समितियां हैं? (ख) उक्त समितियों को राज्य सरकार द्वारा वन उपज के व्यापार के बाद लाभांश की कितनी राशि दी जाती है? ऐसी कितनी समितियां हैं, जिन्हें 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक कितनी-कितनी राशि लाभांश के रूप में कौन-कौन सी समिति को दी गई? समिति के नाम एवं राशिवार जानकारी देवें। (ग) उक्त राशि का उपयोग कैसे किया जाता है? राशि के उपयोग के लिये कौन प्रस्ताव करता है वर्ष 2013-14 से लेकर अभी तक दी गई राशि एवं कराये गये कार्यों की राशि समितिवार बतावें।
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) मण्डला जिले में 300 वन सुरक्षा समिति एवं 34 वन उपज सहकारी समितियाँ हैं। (ख) वन विभाग द्वारा इमारती लकड़ी एवं बांस के विदोहन से अर्जित लाभ में से इमारती लकड़ी की शुद्ध आय का 10 प्रतिशत एवं बांस की शुद्ध आय का 100 प्रतिशत लाभांश वन समितियों को दिया जाता है। प्राथमिक वनोपज सहकारी समितियों को लघु वनोपज संघ द्वारा तेन्दूपत्ता व्यापार से होने वाले शुद्ध लाभ की राशि का 70 प्रतिशत प्रोत्साहन पारिश्रमिक के रूप में तथा 15 प्रतिशत राशि वनों के पुनरूत्पादन हेतु तथा शेष 15 प्रतिशत राशि ग्रामों की अधोसंरचना तथा मूलभूत सुविधाओं के विकास हेतु प्रदाय की जाती है। प्रश्नाधीन अवधि में समितिवार दी गई लाभांश की राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) मण्डला जिले की वन सुरक्षा समितियों द्वारा उक्त राशि का उपयोग करने के लिये समिति कार्यकारिणी की बैठक में कार्य के सम्पादन हेतु प्रस्ताव पारित किया जाता है। प्रस्ताव एवं प्राक्कलन सक्षम अधिकारी को भेजकर तकनीकी स्वीकृति ली जाती है, उसके बाद समिति द्वारा कार्य किया जाता है, कार्य का निरीक्षण परिक्षेत्र सहायक/परिक्षेत्र अधिकारी द्वारा किया जाता है एवं उप वन मण्डालधिकारी द्वारा सत्यापन उपरान्त प्री-पासिंग की जाती है। तत्पश्चात् समिति अध्यक्ष एवं सचिव के संयुक्त हस्ताक्षर से राशि का आहरण कर उपयोग किया जाता है। तेन्दूपत्ता प्रोत्साहन पारिश्रमिक की राशि संग्राहकों के बैंक खाते में भुगतान की जाती है तथा वनों के पुनरूत्पादन एवं ग्राम की अधोसंरचना विकास तथा मूलभूत सुविधाओं की विकास की राशि का उपयोग वन विभाग की देखरेख में किया जाता है। उपरोक्त कार्यों के लिये प्राथमिक वनोपज सहकारी समिति द्वारा प्रस्ताव दिया जाता है, जिसे जिला यूनियन द्वारा परीक्षण उपरान्त व्यय प्राक्कलित कर सक्षम अधिकारी द्वारा तकनीकी स्वीकृति प्रदान कर लघुवनोपज संघ को प्रेषित किया जाता है। लघुवनोपज संघ द्वारा परीक्षण उपरान्त यूनियन को राशि विमुक्त की जाती है। वर्ष 2013-14 से लेकर अभी तक दी गई राशि एवं कराये गये कार्यों की समितिवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।
जिला योजना समिति में अशासकीय सदस्य की नियुक्ति
[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]
66. ( क्र. 750 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मन्दसौर जिला योजना समिति की दिनांक 07 अगस्त 2016 की बैठक में उपस्थित अशासकीय सदस्यों की संख्या बतावें तथा इनकी नियुक्ति आदेश की प्रतिलिपि उपलब्ध करावें। (ख) शासन द्वारा जिला योजना समिति में अशासकीय सदस्य नियुक्त करने के क्या नियम हैं? एक जिला योजना समिति में कितने अशासकीय सदस्य नियुक्त किये जा सकते हैं? नियम बतावें। (ग) जिला योजना समिति में अशासकीय सदस्य नियुक्त करने का अधिकार किसे होता है? (घ) अशासकीय सदस्य को प्रोटोकॉल के अनुसार शासकीय कार्यक्रमों में अतिथि बनाना अनिवार्य है या नहीं?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) दिनांक 07.08.2016 की बैठक में 2 अशासकीय सदस्य उपस्थित थे। (ख) म.प्र. जिला योजना समिति अधिनियम 1995 (क्रमांक 19 सन् 1995) की धारा 4 (3) (ग) में अशासकीय सदस्य नियुक्त का नियम में प्रावधान है। जिला योजना समिति अधिनियम 1995 की धारा 4 (3) (ग) के तहत जहां पर अनुसूची में यथा विनिर्दिष्ट समिति के सदस्यों की संख्या- (एक) पन्द्रह है तो एक सदस्य, यो (दा) बीस है तो दो सदस्य, जो राज्य सरकार द्वारा नाम निर्देशित किये जायेगें। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) राज्य शासन को अशासकीय सदस्य नियुक्त करने का अधिकार होता है। (घ) इस संबंध में जिला योजना समिति अधिनियम 1995 में कोई उल्लेख नहीं है।
टेमर नदी पर पुल निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
67. ( क्र. 756 ) श्रीमती प्रतिभा सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बरगी वि.स. अंतर्गत जबलपुर वि.ख. के ग्राम सुकरी से ग्राम सिलुआ के बीच टेमर नदी पर अनेक दशक पूर्व के रपटा के टूट जाने से ग्रामीणों का आवागमन वर्षाकाल में अवरूद्ध रहता है? (ख) यदि हाँ, तो शासन उपरोक्त टेमर नदी पर पुल निर्माण एवं ग्राम सुकरी से ग्राम सिलुआ तक सड़क निर्माण को कब तक स्वीकृति प्रदान करेगा ताकि ग्रामीणों का आवागमन हो सके?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) ग्राम सिलुआ से ग्राम सुकरी तक कच्चे मार्ग पर टेमर नदी के उपर वर्तमान में रपटा नहीं है किंतु अन्य संपर्क रास्ते होने से वर्षाकाल में ग्राम वासियों का आवागमन अवरूद्ध नहीं रहता है। (ख) ग्राम सिलुआ को प्रधानमंत्री सड़क योजनांतर्गत एन एच-7 रैपुरा से जोड़ा गया है इस मार्ग पर टेमर नदी के उपर पुल का निर्माण कार्य प्रगतिरत है। सिलुआ ग्राम को एन एच-7 से मुख्यमंत्री सड़क योजना एवं प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के माध्यम से भी जोड़ा गया है। इस प्रकार सिलुआ ग्राम को दोहरी संपर्कता प्राप्त है। अतः शेष का प्रश्न नहीं उपस्थित होता।
शहपुरा एवं भेड़ाघाट नगर की नर्मदा पेय जल प्रदान योजना
[नगरीय विकास एवं आवास]
68. ( क्र. 757 ) श्रीमती प्रतिभा सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जबलपुर जिले की न.प. शहपुरा एवं भेड़ाघाट में विगत दो वर्षों में जन सुविधाओं हेतु स्थानवार क्या-क्या निर्माण कार्य कितनी-कितनी राशि के कराये गये? (ख) न.पं. शहपुरा जिला जबलपुर एवं न.प. भेड़ाघाट के नागरिकों को नर्मदा जल उपलब्ध कराने हेतु उच्च स्तरीय पानी टंकी एवं पाइप लाइन आदि का निर्माण कार्य उक्त नगरों हेतु कराने की क्या योजना है एवं क्रियान्वय कब तक होगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) नगर परिषद् शहपुरा एवं भेड़घाट में विगत 2 वर्षों में कराये गये निर्माण कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) नगर परिषद् शहपुरा जिला-जबलपुर में जल प्रदाय योजना केन्द्र एवं राज्य प्रवर्तित यू.आई.डी.एस.एस.एम.टी. अंतर्गत स्वीकृत है तथा क्रियान्वित की जा रही है। नगर परिषद् भेड़घाट जिला-जबलपुर में जलप्रदाय योजना एशियन विकास बैंक के वित्त पोषण से प्रस्तावित है, डी.पी.आर. तैयार की जा रही है, समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है।
शासकीय चन्द्र विजय महाविद्यालय में गणित शिक्षक की जानकारी
[उच्च शिक्षा]
69. ( क्र. 777 ) श्री ओमकार सिंह मरकाम : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासकीय चन्द्र विजय महाविद्यालय डिण्डौरी में गणित विषय के लिये कितने पद स्वीकृत है, जिसमें कितने पद भरे है एवं कितने खाली है, जो पद रिक्त है? उनमें कब तक पद पूर्ति की जायेगी? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार जो पद भरा है, क्या उसकी संलग्नीकरण संभागीय कार्यालय जबलपुर में किया गया है, अगर किया गया है तो क्यों किया गया, किसने संलग्नीकरण किया है? क्या डिण्डौरी जैसे आदिवासी जिले से गणित जैसे महत्व पूर्ण विषय के शिक्षक की संलग्नीकरण उचित है, कब तक उसकी संलग्नीकरण समाप्त कर मूल संस्था में वापिस किया जायेगा?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) शासकीय चन्द्र विजय महाविद्यालय, डिण्डौरी में गणित विषय के 04 पद स्वीकृत है, जिसके विरूद्ध 01 सहायक प्राध्यापक कार्यरत है, शेष 03 पद रिक्त है। जिस पर अतिथि विद्वान कार्यरत है। महाविद्यालय में शैक्षणिक संवर्ग के रिक्त पदों की पूर्ति हेतु लोक सेवा आयोग से दिनांक 19.02.16 को विज्ञापन जारी किया था जिसे वर्तमान में स्थगित किया गया है। निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (ख) जी नहीं। डिण्डौरी महाविद्यालय में पदस्थ किसी भी शिक्षक का संलग्नीकरण क्षेत्रीय कार्यालय उच्च शिक्षा, जबलपुर में नहीं किया गया है। शेष प्रश्नांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
रेत खदान की नीलामी
[खनिज साधन]
70. ( क्र. 778 ) श्री ओमकार सिंह मरकाम : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) स्टेट माईनिंग कार्पोरेशन के द्वारा वर्ष 2014-15, 2015-16 एवं 2016-17 में किस-किस जिले में कौन-कौन से रेत खदान की नीलामी की है? खदान का नाम, रकवा, राशि, खसरा नं. बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार नीलीमी हेतु किस-किस ठेकेदार ने निविदा भरी? किसकी क्या दर थी? ठेकेदारवार बतावें। (ग) क्या सभी स्वीकृत खदान के लिए पर्यावरण सिया से अनुमति पश्चात नीलाम किया गया था? (घ) प्रश्नांश (क) अनुसार नीलाम की गई सभी खदानों में से कौन-कौन सी खदाने संचालित है? कौन-कौन सी बंद हैं एवं क्यों खदान शुरू नहीं होने से कितनी राशि का नुकसान हुआ? खदानवार बतावें।
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) मध्यप्रदेश स्टेट माईनिंग कार्पोरेशन लिमिटेड द्वारा वर्ष 2014-15 एवं 2016-17 रेत खदानों की नीलामी नहीं की गई है। वर्ष 2015-16 में रेत खदानों की गई नीलामी की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 1, 2 एवं 3 पर दर्शित है। (ख) प्रश्नानुसार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 3 एवं 4 पर दर्शित है। (ग) जी नहीं। (घ) पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 5 पर संचालित रेत खदानों की जानकारी दर्शित है। बंद रेत खदानों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-6 पर दर्शित है। जिसमें बंद होने का कारण दर्शाया गया है। वैधानिक अनुमतियां प्राप्त होने पर खदान का संचालन हो सकेगा अत: हानि का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
उपयंत्रियों की पदस्थापना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
71. ( क्र. 783 ) श्री महेन्द्र सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गुनौर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत जनपद पंचायत पन्ना एवं गुनौर में रोजगार गारंटी योजना अन्तर्गत कितने उपयंत्री कब से पदस्थ हैं? उपयंत्री के नामवार पदस्थी के दिनांक सहित सूची उपलब्ध करावें? (ख) क्या एक ही जनपद में तीन या तीन वर्षों से अधिक समय से पदस्थ उपयंत्रियों को स्थानांतरित किये जाने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो गुनौर विधानसभा अंतर्गत ऐसे कितने उपयंत्रियों को स्थानांतरित किया गया है? (ग) क्या अधिकारियों की मिलीभगत से कुछ उपयंत्री बहुत समय से एक ही स्थान पर पदस्थ हैं और उनका स्थानांतरण नहीं किया जाता है? नियमानुसार उपयंत्रियों का स्थानांतरण न करने के लिये कौन दौषी है तथा दोषियों के विरूद्ध क्या और कब तक कार्यवाही की जावेगी? (घ) क्या एक ही जनपद में अधिक समय से पदस्थ उपयंत्रियों को स्थानांतरित किया जावेगा? यदि हाँ, तो समय-सीमा बतावें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) से (घ) जी नहीं, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की संविदा नीति में प्रावधान नहीं है। शेष प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होते है।
मनरेगा में प्रतिनियुक्ति पर रखे गये कर्मचारी
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
72. ( क्र. 784 ) श्री महेन्द्र सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मनरेगा योजना में कुछ समय के लिये अन्य विभागों द्वारा कर्मचारियों को प्रतिनियुक्ति पद रखा गया था, जिन कर्मचारियों को प्रतिनियुक्ति पर रखा गया था तो उन्हें मनरेगा की भर्ती के पश्चात् मूल विभाग में वापस करने के आदेश जारी किये गये थे यदि हाँ, तो फिर कुछ कर्मचारियों को प्रतिनियुक्ति से वापस क्यों नहीं किय गया है? इसके लिये कौन दोषी है? (ख) क्या जिला पन्ना की जनपद पंचायत पन्ना में नियमों को ताक में रखकर श्री संजय सिंह परिहार पी.सी.ओ. की नियुक्ति ए.पी.ओ. पद पर की गई है एवं उन्हें मूल पद पर वापस नहीं किया गया है? (ग) क्या मनरेगा के अंतर्गत ए.पी.ओ. या समकक्ष पद पर भर्ती नहीं की गई है? यदि हाँ, तो जनपद पंचायत पन्ना में कौन पदस्थ है? क्या श्री संजय सिंह परिहार पी.सी.ओ. को मूल पद में वापस नहीं किया गया है और श्री सिंह अधिकारियों से सांठ-गांठ कर विगत गई वर्षों से ए.पी.ओ. के पद पर बने रहकर बतौर अधिकारी कार्यरत है तथा श्री परिहर द्वारा व्यापक पैमाने पर अनियमितता की जा रही है? (घ) वरिष्ठता क्रमानुसार जनपद पन्ना में श्री संजय सिंह परिहार पी.सी.ओ. से वरिष्ठ पी.सी.ओ. पदस्थ होने के बाद भी श्री संजय सिंह परिहार को ए.पी.ओ. के पद पर बने रहने का क्या औचित्य है? ए.पी.ओ. पद का अनुचित लाभ लेने के लिये श्री परिहार के विरूद्ध कब तक और क्या कार्यवाही की जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। जी नहीं, तत्समय प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ अधिकारियों/कर्मचारियों को महात्मा गांधी नरेगा की भर्ती पश्चात् मूल विभाग में वापस करने संबंधी आदेश जारी नहीं किया गया था। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नहीं। चयन प्रक्रिया में सफल होने से श्री संजय सिंह परिहार को प्रतिनियुक्ति पर ए.पी.ओ. के पद पर लिया गया। प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होता है। (ग) जी हाँ, सीधी भर्ती नहीं की गई है। जनपद पंचायत पन्ना में श्री संजय सिंह परिहार प्रतिनियुक्ति पर विधिवत चयन उपरांत पदस्थ है। श्री संजय सिंह परिहार के विरूद्ध प्राप्त शिकायत जाँच में निराधार पाई गई। (घ) चयन प्रक्रिया में वरीयताक्रम एक मात्र मापदण्ड नहीं है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
जबलपुर माल गोदाम चौक की दुकानों का व्यवस्थापन
[नगरीय विकास एवं आवास]
73. ( क्र. 800 ) श्री तरूण भनोत : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या विधान सभा तारांकित प्रश्न संख्या 20 (क्र. 7044) दिनांक 01/04/2016 को माननीय मंत्री महोदय ने चर्चा के दौरान जबलपुर स्थति माल गोदाम चौक की दुकानों को पुन: निर्माण हेतु कहा था, तो क्या माल गोदाम चौक जबलपुर पर दुकानों के निर्माण की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई है? (ख) वर्तमान में उक्त स्थान पर निर्माण की क्या स्थिति है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) माल गोदाम चौक पर पुन: दुकानों के निर्माण हेतु निविदा की कार्यवाही की गई है, कार्यादेश जारी किया जाना शेष है।
भवन निर्माण के लिये नजूल विभाग की एन.ओ.सी लेने की अनिवार्यता समाप्त करना
[नगरीय विकास एवं आवास]
74. ( क्र. 801 ) श्री तरूण भनोत : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या नया भवन बनवाने के लिये एवं भवन शाखा से नक्शा स्वीकृति करवाने हेतु शासन के नये नियम के तहत नजूल विभाग से एन.ओ.सी. प्रमाण पत्र लेना अनिवार्य हो गया है? यदि हाँ, तो क्या नजूल विभाग के एन.ओ.सी. के बिना नगर निगम भवन का नक्शा स्वीकृत नहीं करेगा? (ख) यदि वर्णित (क) हाँ तो क्या आवेदक को एन.ओ.सी. देने के संबंध में नजूल अधिकारी का कहना होता है कि जब जमीन हमारी नहीं है तो हम कैसे एन.ओ.सी देवे व आवेदक नक्शा स्वीकृति प्रक्रिया में परेशान होकर अनावश्यक भटक रहे हैं? (ग) क्या भवन निर्माण की अनुमति के नियमों में जनहित हेतु सरलीकरण होना आवश्यक है? जब नगर निगम के पास भूमि का पूरा रिकार्ड होता है तो उक्त नियम क्या न्यायसंगत है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। किन्तु ऐसे प्रकरणों में जिनमें नजूल अधिकारी से पूर्ण अनुमोदित अभिन्यास का अनापत्ति प्रमाण पत्र नजूल से प्राप्त कर लेने की दशा में व्यक्तिगत भूखण्ड स्वामी से तथा केवल किसी भवन के पूर्व में भू-तल का अनुमोदन कर दिया हो तो किसी भी दशा में ऊपर की मंजिल के निर्माण की दशा में नजूल अधिकारी के प्रमाण पत्र की आवश्यकता नहीं है। (ख) प्रश्नांश ''क'' में वर्णित प्रकरणो के अलावा नजूल अधिकारी द्वारा एन.ओ.सी. दी जाना अनिवार्य है। (ग) जनहित में भवन निर्माण की अनुमति से संबंधित प्रक्रिया का सरलीकरण किया गया है।
निवाडी नगर में स्टेडियम निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
75. ( क्र. 831 ) श्री अनिल जैन : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या वर्ष 2012 में माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा विधानसभा क्षेत्र निवाड़ी अन्तर्गत निवाड़ी नगर में एक स्टेडियम निर्माण की घोषणा की गई थी? यदि हाँ, तो शासन द्वारा इस हेतु अब तक क्या-क्या कार्यवाही की गई वर्षवार कार्यवाही विवरण दिया जावें? (ख) स्टेडियम हेतु शासन द्वारा क्या प्राक्कलन तैयार कराकर, तकनीकी एवं प्रशासकीय स्वीकृति की गई है? यदि हाँ, तो स्वीकृत आदेश का विवरण एवं प्राक्कलन राशि बतावें और यदि नहीं, तो यह किस स्तर पर लंबित है? कार्यालय का नाम बताया जावें। (ग) उक्त स्टेडियम निर्माण की वित्तीय स्वीकृति प्राप्त होकर कब तक कार्य प्रारंभ हो सकेगा? स्टेडियम निर्माण में हुई चार वर्ष की देरी के लिये कौन-कौन पदाधिकारी जिम्मेदार है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। निकाय द्वारा प्रस्तुत प्राक्कलन के अनुसार संचालनालय के पत्र क्रमांक 9014 दिनांक 12.07.2016 से स्टेडियम निर्माण हेतु राशि रू. 320.55 लाख की तकनीकी स्वीकृति प्रदान की गई है। प्रशासकीय स्वीकृति की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ग) निविदा प्रक्रिया पूर्ण होने के उपरांत वित्तीय स्वीकृति प्रदान की जायेगी, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। स्टेडियम के निर्माण कार्य को प्रारंभ करने के लिए आवश्यक कार्यवाहियां प्रक्रियाधीन है, जिसके लिए कोई भी पदाधिकारी जिम्मेदार नहीं है।
परफार्मेंस ग्राण्ट की प्राप्त राशि
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
76. ( क्र. 855 ) श्री रामपाल सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. शासन पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग द्वारा शहडोल जिले की जिला पंचायत शहडोल एवं विधानसभा क्षेत्र ब्यौहारी अन्तर्गत स्थित जनपद पंचायतों में परफामेंस ग्राण्ट की राशि वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में उपलब्ध करायी गई हैं? (ख) यदि प्रश्नांश (क) हाँ तो उक्त निकायों को वर्षवार कितनी-कितनी राशि उपलब्ध करायी गई और उस राशि को व्यय करने के शासन के क्या नियम निर्देश हैं। प्राप्त राशि से जिला पंचायत एवं जनपद पंचायतों द्वारा कितनी राशि किस कार्य के लिये व्यय की गई है। कार्यवार भौतिक स्थिति सहित जानकारी उपलब्ध करायी जावे।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ‘‘ अनुसार। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ब‘‘ अनुसार। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘स‘‘ के कालम 04 एवं 08 अनुसार।
जय किसान Org. द्वारा वित्तीय अनियमितता
[वन]
77. ( क्र. 876 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के ता. प्रश्न संख्या 15 (क्रमांक 2778) उत्तर दिनांक 15.03.2016 के प्रश्न जय किसान Org. ने प्रदेश सरकार से अनुमति लेकर बैंक की समस्त सुविधाएं मुहैया कराने हेतु बैकिंग सिस्टम लागू करने का कार्य किया के उत्तर में जी नहीं के संदर्भ में जानकारी पूर्णत: असत्य है? जबकि रजित आर.ओ. खाण्डकर सी.ई.ओ. लघु वनोपज संघ एवं संजीव शर्मा के बीच में 13 मई, 2013 को मध्य प्रदेश भवन चाणक्यपुरी नई दिल्ली में लघु वन उपज संघ के उत्पाद बेचने एवं खरीदने के लिए अनुबंध हुआ था? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में दी गई असत्य जानकारी के लिये दोषी अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी? समय-सीमा बतावें? यदि नहीं, तो क्यों कारण स्पष्ट करें? (ग) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में आसंदी के निर्देशानुसार प्रश्नकर्ता को लिखित शिकायत देने एवं शिकायत पर जाँच करवाने का निर्देश माननीय वनमंत्री जी को दिया गया था? शिकायतकर्ता (प्रश्नकर्ता) द्वारा शिकायत में लिखित व्यक्तियों के बयान एवं उनके पास उपलब्ध कागजात लेने हेतु लिखा गया था किंतु न तो संपर्क किया गया न ही प्रश्नकर्ता से पूछा गया? (घ) प्रश्नांश (ग) के प्रकाश में यदि जाँच की गई तो जाँच के प्रतिवेदन उपरोक्त व्यक्तियों के बयान आदि की प्रतिलिपि उपलब्ध करावें? यदि नहीं, की गई तो क्यों? की जायेगी तो कब तक? प्रश्न दिनांक तक कार्यवाही न करने के लिये कौन दोषी है, दोषी को चिन्हित कर अवगत करावें?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है
धार्मिक स्थलों का जीर्णोद्धार
[धार्मिक न्यास और धर्मस्व]
78. ( क्र. 877 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विधायक विधान सभा क्षेत्र-71 मऊगंज द्वारा माननीय मंत्री धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग को पत्र क्र. 799 दिनांक 10.12.2015 को विधान सभा क्षेत्र मऊगंज अंतर्गत स्थित शिव मंदिर हाटा, गणेश धाम बरांव एवं चर्तुभुज मंदिर दुबिया चौहाना के मंदिरों का जीर्णोद्धार कराये जाने हेतु पत्र दिया गया था? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में यदि हाँ, तो माननीय मंत्री द्वारा पत्र क्रमांक 3190/min/C&I/2015 दिनांक 11.12.2015 द्वारा सूचना विधायक विधान सभा क्षेत्र मऊगंज-71 को दिया गया था कि प्रमुख सचिव धर्मस्व को यथोचित कार्यवाही के निर्देश दे दिये हैं? क्या अपने स्तर पर जिला प्रशासन से उक्त मंदिरों को डी.पी.आर. शीघ्र बनाने का निर्देश देंगे। (ग) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में यदि हाँ, तो विधायक विधान सभा क्षेत्र-71 मऊगंज द्वारा पत्र क्र. 818 दिनांक 18.12.2015 को कलेक्टर जिला रीवा को पत्र लिखकर प्रश्नांश (क) अनुसार जीर्णोद्धार कराये जाने का डी.पी.आर. बनवाये जाने के संबंध में प्रश्नांश (ख) का उल्लेख कर पत्र लिखा गया था? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के प्रकाश में प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? कार्यवाही के विवरण की समस्त प्रति उपलब्ध करावें। इतने विलंब के लिये कौन-कौन दोषी है? दोषी के खिलाफ क्या कार्यवाही की जावेगी? नहीं की जावेगी तो क्यों? कारण स्पष्ट करें।
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
मुख्यमंत्री सड़कों की गुणवत्ता की जाँच
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
79. ( क्र. 890 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुख्यमंत्री सड़क योजना के तहत सीहोर जिले में कितने पैकेज के तहत सड़कों का निर्माण किया जा रहा है? योजना प्रारंभ से प्रश्न दिनांक तक कितनी राशि व्यय की गई है, पैकेजवार, विकासखण्डवार खर्च का ब्यौरा दें?। (ख) क्या प्रश्नांश (क) अनुसार सड़कों के निर्माण कार्य अपूर्ण हैं यदि हाँ, तो पैकेजवार, विकासखण्डवार ब्यौरा दें अपूर्ण कार्य और पूर्ण रूप से बंद कार्य का विवरण दें? (ग) क्या मुख्यमंत्री सड़क निर्माण कार्यों का सीएजी में अंकेक्षण किया है? यदि हाँ, तो अंकेक्षण में सामने आई गंभीर अनियमतताओं के लिए दोषियों पर कोई कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो ब्यौरा दें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ। अंकेक्षण में गंभीर अनियमितता नहीं पाये जाने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
राज्य घुड़सवार अकादमी (State Eguestrian Academy) द्वारा घोड़े खरीदी व बिक्री
[खेल और युवा कल्याण]
80. ( क्र. 896 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या राज्य घुड़सवार अकादमी (State Eguestrian Academy) द्वारा प्रशिक्षण के लिए घोड़ो की खरीदी की गई है? यदि हाँ, तो जनवरी 2011 से प्रश्न दिनांक तक कितने घोड़ों की खरीदी की गई है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार अकादमी द्वारा खरीदे गए घोड़ों की खरीदी के समय आयु, घोड़े की कीमत, पहचान (मार्किंग) विक्रेता का नाम व पता खरीदी दिनांक का ब्यौरा दें? (ग) क्या अकादमी द्वारा घोड़ों का विक्रय भी किया गया है? यदि हाँ, तो जनवरी 2011 से प्रश्न दिनांक तक विक्रय किए गए घोड़ों का विवरण दें? (1) विक्रय के समय घोड़े की आयु, पहचान, विक्रय के समय उम्र, क्रय समय की उम्र, खरीददार का नाम व पता विक्रय की राशि का पूर्ण ब्यौरा दें?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जी हाँ। प्रश्नांकित अवधि में 16 घोड़ों की खरीदी की गई। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-क अनुसार है। (ग) जी हाँ। घोड़ों का विक्रय नीलामी से किया गया है, विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ख अनुसार है।
राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत प्रशिक्षण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
81. ( क्र. 897 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत स्व सहायता समूहों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित किए गए हैं? यदि हाँ, तो अप्रैल 2011 से प्रश्न दिनांक तक किन-किन जिलों में प्रशिक्षण कराए गए? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या प्रशिक्षण की जिम्मेदारी राज्य ग्रामीण विकास संस्थान को दी गई थी? यदि हाँ, तो क्या प्रशिक्षण उन्हीं के द्वारा कराए गए यदि नहीं, तो क्यों? ब्यौरा दें। (ग) क्या प्रशिक्षण एनजीओ के माध्यम से कराए गए है? यदि हाँ, तो एनजीओवार प्रशिक्षण दिवस, भुगतान राशि, लाभान्वित सदस्यों की संख्या का ब्यौरा दें? (घ) क्या प्रशिक्षणों के दौरान गड़बड़ी की शिकायत सामने आई है? यदि हाँ, तो क्या जाँच कराई गई है? यदि हाँ, तो जाँच का बिन्दुवार ब्यौरा दें? दोषियों पर क्या कार्यवाही की गई ब्यौरा दें? यदि नहीं, तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन का क्रियान्वयन वर्ष 2012-13 से प्रारंभ हुआ है, जिसके अंतर्गत स्वसहायता समूहों के लिये प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित किये गये है। जिलेवार जानकारी पुस्कालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर है। (ख) जी हाँ। प्रशिक्षण एस.आई.आर.डी./पंचायतराज संस्थान द्वारा कराये गये है। (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर है। (घ) जी हाँ। शिकायत की जाँच का बिन्दुवार ब्यौरा पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स पर है। प्रकरण में विभागीय जाँच की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
टीकमगढ़ स्थित मधुवन में नवीन औद्योगिक क्षेत्र विकसित करना
[वाणिज्य, उद्योग एवं रोजगार]
82. ( क्र. 915 ) श्री के. के. श्रीवास्तव : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टीकमगढ़ में कौन-कौन से नवीन औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने की योजना है? विधानसभा क्षेत्रवार अलग-अलग नाम सहित अवगत करायें? (ख) क्या टीकमगढ़ स्थित मधुवन में नवीन औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने हेतु भूमि चिन्हित कर ली गई है? यदि हाँ, तो क्या उसका सीमांकन कर लिया गया है और नहीं तो क्यों? (ग) क्या मधुवन औद्योगिक क्षेत्र हेतु चिन्हित भूमि पूर्व में ही राजस्व विभाग द्वारा वन विभाग को ट्रांसफर कर दी थी? यदि हाँ, तो अब क्या समाधान है? (घ) क्या विभाग शीघ्र ही उक्त भूमि को प्राप्त करने वन विभाग को अन्य राजस्व भूमि की उपलब्धता शासन द्वारा सुनिश्चित कराने पर विचार करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) विभाग अन्तर्गत मध्यप्रदेश औदयोगिक केन्द्र विकास निगम सागर दवारा विधानसभा क्षेत्र निवाड़ी के ग्राम-बबेड़ी जंगल तहसील-ओरछा जिला-टीकमगढ़ में 14.144 हेक्टेयर भूमि पर औदयोगिक क्षेत्र विकसित करने की योजना है। (ख) जी, हां। टीकमगढ़ स्थित मधुवन में नवीन औदयोगिक क्षेत्र विकसित करने हेतु भूमि चिन्हित की गई थी। भूमि सीमांकन के समय वन विभाग दवारा आपत्ति लिये जाने के कारण आगे कार्यवाही स्थगित की गई। (ग) जी, हां। राजस्व विभाग से अविवादित भूमि प्राप्त होने एवं सीमांकन होने पर औदयोगिक क्षेत्र विकसित करने पर विचार किया जा सकता है। (घ) जी, नहीं। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मुख्यमंत्री सड़क योजना अंतर्गत सड़क निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
83. ( क्र. 938 ) श्री
महेश राय :
क्या पंचायत
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) ग्रामीण
यांत्रिकी
सेवा विभाग
द्वारा विधानसभा
क्षेत्र बीना
में विगत 3 वर्षों
में किन-किन
योजनाओं से
कितनी लागत से
ग्रामीण
क्षेत्र में
सड़कों एवं
पुलियों का
निर्माण किया
गया? योजनावार
जानकारी
देवें? विधानसभा
क्षेत्र बीना
में इस वित्तीय
वर्ष में
कितने सड़क
निर्माण
कार्य स्वीकृत
किये गये? सूची
उपलब्ध
करावें। (ख) क्या
ग्रामीण
क्षेत्र में
मुख्यमंत्री
सड़क योजनांतर्गत
सड़कों/पुलियों
का निर्माण
किया गया है? यदि हाँ, तो
कार्यवार
लागत/स्वीकृति
एवं वर्तमान
स्थिति की
जानकारी देवें? (ग) विधानसभा
क्षेत्र बीना
में बूढी पठार
से करमपुर (खिमलासा)
मार्ग को मुख्यमंत्री
सड़क योजना
में जोड़ने का
प्रावधान है? (घ) यदि
हाँ, तो
उक्त मार्ग
की स्वीकृति
कब तक शासन से
प्राप्त हो
जायेगी?
पंचायत
मंत्री ( श्री
गोपाल भार्गव )
: (क) जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट के
प्रपत्र 'अ'
अनुसार है।
विधान सभा
क्षेत्र बीना
में इस वित्तीय
वर्ष में कोई
सड़क कार्य स्वीकृत
नहीं किये
जाने से शेष
प्रश्न उपस्थित
नहीं होता है।
(ख) जी हाँ। जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट के
प्रपत्र 'ब'
अनुसार है।
(ग) जी नहीं। (घ)
उत्तरांश (ग)
के परिप्रेक्ष्य
में प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
उत्तर वन मंडल सागर द्वारा कराये गये विकास कार्य
[वन]
84. ( क्र. 939 ) श्री महेश राय : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र बीना के अंतर्गत उत्तर वन मंडल सागर द्वारा कराये गये विकास कार्य जैसे तालाब, स्टापडेम, वृक्षारोपण, हैण्डपंप एवं भवन निर्माण, सड़क निर्माण एवं अन्य निर्माण कार्य वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक कहाँ-कहाँ कितनी लागत के स्वीकृत किये गये हैं? (ख) उक्त कार्य किस मद से स्वीकृत हुये एवं उसके निर्माण की एजेन्सी किसे और किस माध्यम से बनाया गया है? टेण्डर या कोटेशन आमंत्रित किये गये तो उसकी प्रति उपलब्ध करायी जावे? स्वीकृत कार्य में कितनी राशि व्यय की गयी है, निर्माण कार्य के स्थान अंकित किये जावे? (ग) ग्राम गौची बगसपुर की वनभूमि में मुरम उत्खनन किया जा रहा है? यदि हाँ, तो क्या उत्खनन हेतु लीज़ स्वीकृत की गई है? अगर नहीं, तो यह अवैध उत्खनन किस की स्वीकृति से किया जा रहा है एवं उसको वन विभाग द्वारा रोका क्यों नहीं जा रहा है? (घ) यदि लीज़ स्वीकृत है तो क्या उसी जगह की है, जहां उत्खनन किया जा रहा है?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) सभी निर्माण कार्य विभागीय रूप से कराये गये है। अतः टेण्डर कोटेशन आमंत्रित कर किसी के नाम स्वीकृत करने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) वन परिक्षेत्र खुरई के अंतर्गत ग्राम गौची बगसपुर में वन भूमि नहीं है। अतः शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नांश (ग) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
प्रधानमंत्री आवास योजना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
85. ( क्र. 1004 ) श्री कल्याण सिंह ठाकुर : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा जिले के अंतर्गत विदिशा विधानसभा क्षेत्र के विकासखण्ड विदिशा एवं ग्यारसपुर में प्रधानमंत्री आवास (ग्रामीण) योजना में लक्ष्य का आवंटन किस प्रक्रिया से किया गया है? (ख) क्या प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) का लक्ष्य वित्तीय वर्ष 2016-17 में आवंटित किया गया है जिसमें प्रत्येक पंचायत को समान भाग में दिया गया है। (ग) क्या प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) संचालित हैं जनपद पंचायत ग्यारसपुर का कुल लक्ष्य 1162 एवं जनपद पंचायत विदिशा का कुल लक्ष्य 759 को पंचायतवार समान भाग में आवंटित किया गया है? नहीं तो क्यों? हां, तो कब तक जानकारी उपलब्ध करावें? (घ) क्या प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) को आवंटित लक्ष्य अनुसार पंचायतवार समान भाग में हितग्राहियों की पात्रता अनुसार लक्ष्यों को समय-सीमा में आवंटित किये जाने का निर्धारण किया जावेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) में लक्ष्य का आवंटन सामाजिक आर्थिक जातिगत जनगणना-2011 के आधार पर निर्धारित किया गया है। (ख) जी नहीं। लक्ष्य वितरण भारत शासन द्वारा तय मापदण्डों से किया गया है। (ग) जी नहीं। लक्ष्य वितरण भारत शासन द्वारा तय मापदण्डों से किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं। लक्ष्य वितरण भारत शासन द्वारा तय मापदण्डों से किया गया है।
विधायक निधि के निर्माण कार्य
[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]
86. ( क्र. 1005 ) श्री
कल्याण सिंह
ठाकुर : क्या वन
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
विदिशा जिले
के अतंर्गत
विधानसभा
क्षेत्र की
विधायक निधि
वर्ष 2016-17
में जारी
अनुशंसित
निर्माण कार्यों
में तकनीकी स्वीकृति
समय पर
प्रेषित न
होने से जनहित
के निर्माण कार्यों
में प्रगति
नहीं हो पा
रही है? (ख) क्या विधायक
निधि से जनहित
में निर्माण
कार्य संपादित
किये जाते हैं
इन्हें समय
अवधि में
पूर्ण किया जाना
आवश्यक है? विभागों
के तकनीकी
प्रतिवेदन
शीघ्र ही योजना
मण्डल को
उपलब्ध
कराये जाने की
कार्यवाही
सुनिश्चित की
जावेगी?
(ग)
क्या विधायक
निधि के
निर्माण कार्यों
में तकनीकी
प्रतिवेदन
आवश्यक है? तकनीकी प्रतिवेदन
प्राप्त न
होने से
संबंधित
विभाग पर क्या
कार्यवाही की
गई? (घ) क्या विधायक
निधि के
अनुशंसित
निर्माण कार्यों
की तकनीकी
प्रतिवेदन समय-सीमा
में प्रेषित
किया जाने के
लिये
निर्देशित किया
जाएगा?
वन
मंत्री ( डॉ.
गौरीशंकर
शेजवार ) : (क) जी नहीं।
(ख) जी हाँ। निरन्तर
की जा रही है। (ग)
जी हाँ। प्रतिवेदन
समयावधि में
प्रेषित किये
जाते है। अतः
कार्यवाही का
प्रश्न ही
उपस्थित नहीं
होता है। (घ) जी
हाँ।
वंचित
मंदिरों को
सूचीबद्ध
किया जाना
[धार्मिक न्यास और धर्मस्व]
87. ( क्र. 1006 ) श्री कल्याण सिंह ठाकुर : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विदिशा अंतर्गत धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग द्वारा शासन संचालित मंदिरों को जीर्णशीर्ण एवं अन्य योजनाओं से मंदिरों का रख-रखाव किया जाता है लेकिन क्षेत्र में अन्य प्राचीन मंदिर इस सुविधा से वंचित है? जिन्हें शासकीय संधारित मंदिरों में सम्मिलित किये जाना है? (ख) क्या शासकीय संधारित मंदिरों में शासन योजना का लाभ दिया जाता है तदानुसार ऐसे ही वंचित प्राचीन मंदिरों में एक मंदिर तहसील विदिशा ग्राम देहरी में स्थित विजेश्वर शिव मंदिर जो अत्यंत ही जीर्णशीर्ण हालत में है इसे भी शासन से रख-रखाव की सुविधा हेतु शासन संधारित सूचीबद्ध किये जाने की कार्यवाही सुनिश्चित की जावें? (ग) क्या शासकीय संधारित मंदिरों में अन्य वंचित मंदिरों को शामिल किया जावेगा नहीं तो क्यों हाँ तो कब तक? (घ) क्या शासकीय संधारित मंदिरों में वंचित प्राचीन मंदिरों को सूचीबद्ध किये जाने की कार्यवाही की जावेगी हां, तो कब तक नहीं तो क्यों?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
सड़कों-पुल निर्माण कार्यों की स्वीकृतियाँ
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
88. ( क्र. 1013 ) श्री सचिन यादव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनवरी, 2014 से प्रश्नांकित दिनांक तक खरगोन जिले से मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना/प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनान्तर्गत कौन-कौन से सड़कों/पुल-पुलियों के निर्माण कार्य हेतु प्रस्ताव शासन एवं विभागीय स्तर पर कब-कब भेजे गए? माह अक्टूबर, 2016 की स्थिति में कौन-कौन से प्रस्ताव कब-कब स्वीकृत किये गये? कौन-कौन से लंबित है एवं क्यों? पुल-पुलियों एवं सड़कों के नाम एवं लंबाई, स्वीकृति की राशि निर्माण एजेंसी के नाम सहित बतावें? कौन-कौन से निर्माण स्वीकृति के पश्चात अभी तक किस कारण से अप्रारंभ है? (ख) प्रश्नांकित (क) की अवधि में प्रश्नकर्ता द्वारा प्रमुख सचिव एवं उचित माध्यम से पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग को पुल-पुलियों, सड़क एवं पहुंच मार्ग निर्माण हेतु भेजे गये पत्रों पर की गयी कार्यवाही से अवगत न कराये जाने के क्या कारण है? कौन-कौन से प्रस्ताव स्वीकृत हेतु प्रक्रियाधीन है? कौन-कौन से स्वीकृत हैं? सड़कों एवं पुल-पुलियां के नाम सहित बतावें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांकित अवधि में दिये गये प्रस्तावों के संबंध में जिले स्तर से अवगत कराया गया है। प्रश्नांश की शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार।
सिंहस्थ 2016 के निर्माण कार्यों की जाँच
[नगरीय विकास एवं आवास]
89. ( क्र. 1014 ) श्री सचिन यादव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सिंहस्थ 2016 के लिये कुल कितनी राशि का आवंटन किया गया, कितनी राशि खर्च की गई कितनी शेष है? विभागवार खर्च की राशि का ब्यौरा अलग-अलग दे सिंहस्थ की व्यवस्था हेतु उज्जैन जिले से अन्य कितने जिलों को कितनी-कितनी राशि का आवंटन किया गया है? जिलेवार जानकारी दें? (ख) प्रश्नांश (क) में खर्च की गई राशि की अनियमितताओं से संबंधित कितनी शिकायतें प्राप्त हुई और उस संबंध में प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई है? (ग) प्रश्नांश (क) में खर्च की कई राशियों से निर्मित कार्यों का भौतिक सत्यापन कराया गया है? हाँ तो कितने कार्य गुणवत्ताविहीन पाये गये? विभागवार जानकारी दे? (घ) सिंहस्थ 2016 महापर्व पर कुल कितनी राशि स्वल्पाहारों में खर्च की गई?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) सिंहस्थ 2016 के लिये कुल राशि रू. 2344.30 करोड़ का आवंटन किया गया। जिसमें राशि रू. 2150.02 करोड़ व्यय किए गए एवं राशि रू. 194.28 करोड़ शेष है। विभागवार व्यय की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। शेष जानकारी संकलित की जा रही है। (ख) एवं (ग) जानकारी संकलित की जा रही है। (घ) सिंहस्थ 2016 में स्वल्पाहारों पर कुल राशि रू. 28.50 लाख का व्यय हुआ है।
नवीन कन्या महाविद्यालय की स्थापना
[उच्च शिक्षा]
90. ( क्र. 1029 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्योपुर जिला मुख्यालय पर नवीन कन्या महाविद्यालय की स्थापना हेतु प्रस्ताव तैयार कर स्थायी परियोजना परीक्षण समिति के समक्ष विचारार्थ प्रस्तुत हेतु प्रक्रियाधीन है, इस तथ्य को प्रश्नकर्ता के अतारांकित प्रश्न संख्या 4 (क्रमांक 627) दिनांक 28.07.2016 के प्रश्नांश (क) में स्वीकारा है? (ख) उक्त प्रक्रियाधीन कार्यवाही कब तक पूर्ण करके प्रस्ताव उक्त समिति को भेजा जावेगा? यदि भेज दिया गया हो तो बतावें कि उक्त समिति द्वारा परीक्षण कार्य कब तक निपटा लिया जावेगा? (ग) क्या जिले में प्रतिवर्ष लगभग 3 हजार इण्टर पासआउट छात्राओं में से लगभग 50 प्रतिशत छात्राओं को उनके पालक सहशिक्षा से असहमत होने के कारण स्थानीय पी.जी. कॉलेज में एडमिशन ही नहीं दिलाते नतीजन वे कॉलेज शिक्षा से वंचित रह जाती हैं? शेष या तो पी.जी. कॉलेज में एडमिशन लेती है अथवा अन्यत्र जिलों में पड़ने जाती है और उन्हें कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है? (घ) यदि हाँ, तो जिले की छात्राओं के भविष्य के मद्देनज़र क्या शासन उक्त प्रस्ताव को उक्त समिति/शासन से स्वीकृत कराने उपरांत इसका चालू वित्त वर्ष के बजट में प्रावधान करने व श्योपुर में उक्त कॉलेज की स्थापना की घोषणा सदन में ही करेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी हाँ। (ख) समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं। (ग) जी नहीं, अन्य महाविद्यालयों में प्रवेश ले सकती है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नांश "क" एवं "ख" के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
औद्योगिक क्षेत्र हेतु चयनित भूमि की एन.ओ.सी.
[वाणिज्य, उद्योग एवं रोजगार]
91. ( क्र. 1030 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या श्योपुर जिला मुख्यालय पर औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने हेतु चयनित भूमि की एनओसी हेतु नगरीय विकास एवं पर्यावरण विभाग द्वारा पत्र क्रमांक एफ-3/15/32 दिनांक 09.02.2014, स्मरण पत्र दिनांक 20.01.2016 द्वारा कलेक्टर श्योपुर एवं अवर सचिव वाणिज्य एवं उद्योग विभाग से एवं पत्र दिनांक 29.02.2016 उप सचिव वाणिज्य एवं उद्योग भोपाल से एवं पत्र दिनांक 18.032016 द्वारा आयुक्त उद्योग संचालनालय भोपाल से जानकारी चाही थी। (ख) यदि हाँ, तो क्या उक्त चाही गई जानकारी नगरीय विकास एवं पर्यावरण विभाग भोपाल को भेज दी है यदि हाँ, तो कब? यदि नहीं, तो कब तक भेजी जावेगी? (ग) क्या उक्त जानकारी के अभाव में प्रकरण में अग्रिम कार्यवाही न होने के कारण जिले का औद्योगिक विकास विगत तीन वर्ष से रूका पड़ा है। यदि हाँ, तो जानकारी भेजने में विलंब के लिये उत्तरदायियों के विरूद्ध कार्यवाही करते हुए क्या शासन अब एक निश्चित समय-सीमा में उक्त जानकारी नगरीय विकास एवं पर्यावरण विभाग को भेजने के निर्देश उद्योग विभाग को जारी करेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी, हाँ। (ख) जी, नहीं। कलेक्टर जिला श्योपुर से जानकारी प्राप्त होने पर वांछित जानकारी भेजी जावेगी। (ग) जी, नहीं। सतत् अन्तर्विभागीय प्रकिया के माध्यम से भूमि प्राप्त कर औद्योगिक क्षेत्र का विकास किया जाता हैं।
ग्राम पंचायत उमरेठ को नगर पंचायत बनाया जाना
[नगरीय विकास एवं आवास]
92. ( क्र. 1050 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या परासिया विधान सभा क्षेत्रांतर्गत ग्राम पंचायत उमरेठ को नगर पंचायत बनाये जाने के संबंध में प्रश्नकर्ता द्वारा माननीय मुख्यमंत्री जी को कार्यालयीन पत्र क्रं. वि.स./परासिया/127/2016/500, दिनांक 30.08.2016 के माध्यम से अवगत कराया गया था? जिस पर विभाग द्वारा अभी तक क्या कार्यवाही की गई है? (ख) क्या जब शासन द्वारा ग्राम पंचायत उमरेठ को तहसील का दर्जा प्रदान किया जा चुका है परन्तु अभी तक ग्राम पंचायत उमरेठ को शासन द्वारा नगर पंचायत नहीं बनाया गया है, जिसका क्या कारण है? (ग) शासन द्वारा ग्राम पंचायत उमरेठ को नगर पंचायत कब तक बना दिया जायेगा? ग्राम पंचायतों को नगर पंचायत बनाये जाने की नियमावली उपलब्ध करायें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) पत्र प्राप्त नहीं हुआ है। (ख) जी हाँ, ग्राम पंचायत उमरेठ को तहसील का दर्जा प्रदान किया गया है। जनगणना वर्ष 2011 के अनुसार ग्राम पंचायत उमरेठ की जनसंख्या 8129 हैं। नगरीय विकास एवं आवास विभाग, मंत्रालय भोपाल की अधिसूचना क्रमांक 64 एफ 1-19/2009/18-3 दिनांक 27.12.2011 के अनुसार नगर परिषद् गठन के लिये 20,000 से अधिक एवं 50,000 से कम जनसंख्या का प्रावधान है। (ग) ग्राम पंचायत उमरेठ की जनसंख्या शासन द्वारा निर्धारित मापदण्ड से कम होने के कारण नगर परिषद् का गठन नहीं किया गया है। विभाग से प्रसारित अधिसूचना क्रमांक 584 दिनांक 27.12.2011 जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
बरझा बाईपास मार्ग निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
93. ( क्र. 1064 ) श्रीमती नंदनी मरावी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रश्नकर्ता के परि.अता. प्रश्न संख्या 32 (क्रमांक 421), दिनांक 19/7/16 में अवगत कराया गया था कि नगर पालिका सिहोरा द्वारा बरझा लिंक रोड निर्माण की डी.पी.आर. स्वीकृत की जाकर भूमि के अधिग्रहण एवं मुआवजा राशि का प्रस्ताव कलेक्टर को भेजा गया है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार कलेक्टर द्वारा भूमि के अधिग्रहण एवं मुआवजा राशि के संबंध में किन-किन किसानों की जमीन अधिग्रहण की गई तथा इन्हें कितनी-कितनी राशि का मुआवजा भुगतान किया गया?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) भूमि स्वामियों को देय मुआवजा राशि की गणना की कार्यवाही अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) सिहोरा जिला-जबलपुर कार्यालय में प्रचलित है वर्तमान तक किसी भू-स्वामी की भूमि अधिग्रहित नहीं की गई है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अवैध रेत उत्खनन
[खनिज साधन]
94. ( क्र. 1066 ) श्रीमती नंदनी मरावी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिहोरा विधान सभा क्षेत्रांतर्गत किन-किन नदियों में किन-किन स्थानों से रेत निकासी हेतु घाट स्वीकृत किये गये हैं? प्रत्येक स्वीकृत घाट का कितना-कितना एरिया है? अभी तक इन घाटों से स्वीकृत दिनांक से प्रश्नांश दिनांक तक कितनी-कितनी रेत की निकासी की जा चुकी है? (ख) क्या स्वीकृत क्षेत्र के बाहर से रेत निकासी की जा रही है, जिससे शासन को मिलने वाली राजस्व की हानि हो रही है? चोरी रोकने के लिये किन अधिकारियों की टीम गठित की गई है, इनके द्वारा कब-कब स्थल का निरीक्षण एवं छापे की कार्यवाही की गई? (ग) क्या अवैध निकासी रोकने के लिये क्या कोई ठोस योजना बनाई गई है? यदि नहीं, तो क्यों? शासन को होने वाली राजस्व हानि के लिये कौन-कौन जिम्मेदार है?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रश्नाधीन विधान सभा क्षेत्र में मध्यप्रदेश राज्य खनिज निगम लिमिटेड को हिरन नदी पर दो रेत खदानें क्रमश: ग्राम देवरी कन्हाई खसरा क्रमांक 782 रकबा 2.000 हेक्टेयर एवं ग्राम खिरहनीकलां खसरा क्रमांक 271 रकबा 2.000 हेक्टेयर क्षेत्र पर स्वीकृत हैं। स्वीकृति दिनांक से दिनांक 31.10.2016 तक रेत खदान देवरी कन्हाई से 32345 घन मीटर तथा रेत खदान खिरहनीकलां से 33470 घन मीटर रेत की निकासी हो चुकी है। (ख) जी नहीं। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
बिना जाँच कराए पंचायत समन्वयक अधिकारी को निलंबन से बहाल करना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
95. ( क्र. 1091 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भिण्ड जिले के लहार विकासखण्ड में पदस्थ पंचायत समन्वयक अधिकारी श्री रमाकांत उपाध्याय को भ्रष्टाचार एवं अनुशासनहींनता करने संबंधी शिकायत के कारण मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत भिण्ड आदेश दिनांक 06.05.2016 को निलंबित कर ज्ञापन क्रमांक/पं.प्र./जि.प्र./2015-16/4436 दिनांक 07.06.2016 द्वारा आरोप पत्र जारी किया था? (ख) यदि हाँ, तो आरोपों की बिना जाँच कराये दिनांक 17.06.2016 को निलंबन से बहाल कर जिला पंचायत कार्यालय भिण्ड में पदस्थ किया था? यदि हाँ, तो आदेश की अवहेलना कर बिना जिला पंचायत भिण्ड कार्यालय में उपस्थित दर्ज करायें पुन: लहार विकासखण्ड में पदस्थ करने का कारण बतायें? (ग) श्री रमाकान्त उपाध्याय पंचायत समन्वयक अधिकारी के विरूद्ध 01 जनवरी 2014 से प्रश्न दिनांक तक आयुक्त पंचायत संचालनालय भोपाल, कलेक्टर भिण्ड, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत भिण्ड को किन-किन व्यक्तियों द्वारा शिकायतें की गई? प्रत्येक शिकायत का जाँच प्रतिवेदन दें। संपूर्ण शिकायतों की जाँच न कराने का कारण बतायें। (घ) क्या श्री रमाकान्त उपाध्याय ने फर्जी विकलांग प्रमाण पत्र के आधार पर विभाग में सेवा ज्वाईन की है? यदि नहीं, तो सेवा पुस्तिका में 2 मेडीकल प्रमाण पत्र एवं माननीय उच्च न्यायालय ग्वालियर बैंच में श्री उपाध्याय द्वारा प्रस्तुत याचिका में 70 प्रतिशत विकलांगता बताई थी यदि हाँ, तो पूर्ण तरह से स्वास्थ्य श्री उपाध्याय का स्वास्थ्य परीक्षण मेडिकल बोर्ड से कराया जावेगा। यदि नहीं, तो क्यों? (ड.) आयुक्त पंचायतराज संचालनालय के आदेश दिनांक 29/05/2015 के पालन में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत लहार ने दिनांक 03.09.2015 को लहार से जिला पंचायत भिण्ड कार्यमुक्त किया था। यदि हाँ, तो लगातार 8 माह लगभग अनुपस्थित रहने के बाद भी मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत लहार ने किस आधार पर अनुपस्थित अवधि का पूर्ण वेतन भुगतान श्री उपाध्याय को किया। कारण बतायें।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) जिला पंचायत भिण्ड में पंचायत समन्वयक का कोई पद सृजित नहीं होने से श्री उपाध्याय, पी.सी.ओ. को जनपद पंचायत लहार में पदस्थ मानकर दिनांक 02.09.2016 को स्थानान्तरण कर जनपद पंचायत रौन में पदस्थ किया गया था, किंतु माननीय उच्च न्यायालय खण्डपीठ ग्वालियर से याचिका क्रमांक 7577 दिनांक 25.10.2016 में पारित स्थगन आदेश जारी होने से न्यायालय का आदेश का पालन करने के लिये बाध्य है। (ग) 01 जनवरी 2014 से प्रश्न दिनांक तक माननीय विधायक डॉ. गोविंद सिंह के पत्र जो कि माननीय मंत्री जी, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग को संबोधित था, के पत्र के साथ श्रीमती सुकुमारी कौरव, अध्यक्ष, जनपद पंचायत लहार जिला भिण्ड से प्राप्त शिकायती पत्र के बिन्दुओं की जाँच पंचायत राज संचालनालय स्तर से संयुक्त आयुक्त स्तर के अधिकारी से कराई गई थी। जाँच प्रतिवेदन पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ‘‘ अनुसार। श्री उपाध्याय के विरुद्ध श्रीमती उर्मिला कुशवाह, अध्यक्ष, जनपद पंचायत लहार द्वारा शिकायत की गई थी, शिकायत की जाँच नहीं की गई है। (घ) जी नहीं। जिला अस्पताल जिला भिण्ड के द्वारा मेडिकल बोर्ड द्वारा परीक्षण कराया गया। पत्र क्रमांक 836 दिनांक 13.02.2016 विकलांग प्रमाण-पत्र 40 प्रतिशत जाँच प्रतिवेदन में है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ब‘‘ अनुसार। (ड.) माननीय उच्च न्यायालय खण्डपीठ ग्वालियर याचिका क्रमांक 6035/2015 दिनांक 09.09.2015 के पालन में संचालनालय के पत्र क्रमांक 13587 दिनांक 10.09.2015 एवं जिला पंचायत भिण्ड के आदेश क्रमांक 3863 भिण्ड, दिनांक 06.05.2016 के आदेशानुसार कार्य किये जाने के पर्याप्त आधार पर वेतन भुगतान किया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘स‘‘ अनुसार।
पद के दो अलग-अलग जवाब देना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
96. ( क्र. 1111 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता द्वारा सी.ई.ओ., जिला पंचायत खरगोन को पत्र क्रमांक 11 दिनांक 11/03/2016 को बिना कार्य कराये, मात्र कोटेशन पर पूर्ण भुगतान करने की शिकायत की गई थी। इस पत्र का जवाब कब, किस माध्यम से शिकायतकर्ता को पहुंचाया गया? प्रमाण बताये। इस विषय की शिकायत पर की गई कार्यवाही बताये। यदि कोई कार्यवाही नहीं की गई तो कारण बताये। इस विषय पर उपलब्ध जाँच प्रतिवेदन की प्रति देवे। (ख) सी.ई.ओ., जिला पंचायत खरगोन को भगवानपुरा विधायक द्वारा पत्र द्वारा निर्मल भारत अभियान अंतर्गत प्रिंट सामग्री संबंधी मांगी की गई थी। इस पत्र का जवाब क्रमांक 8502/एसबीएम/16, भगवानपुरा दिनांक 04/06/2016 के माध्यम से विधायक को जानकारी हेतु आर.टी.आई. अंतर्गत आवेदन पर जानकारी उपलब्ध कराने का बताया गया। क्या विधायकों को भी आर.टी.आई. लगाने पर ही जानकारी प्रदान की जावेगी। विधायक के पत्रों पर जानकारी प्रदान नहीं की जावेगी? सी.ई.ओ. के द्वारा यह जवाब देना क्या उचित है? यदि हाँ, तो कारण बताये ओर यदि नहीं, तो सी.ई.ओ. पर क्या कार्यवाही की जावेगी? (ग) प्रश्नांश (ख) की जानकारी हेतु आर.टी.आई. आवेदन का जवाब देने के बाद कार्यालय, जिला पंचायत खरगोन द्वारा पत्र क्रमांक/10384/ एसबीएम/2016, खरगोन दिनांक 06/07/2016 को संबंधित दस्तावेज क्यों उपलब्ध कराये गये? सी.ई.ओ. जिला पंचायत का आर.टी.आई. वाला जवाब सही था या बाद में दस्तावेज भेजना सही था? दोनों में से गलत जवाब का कारण भी बतायें। (घ) उक्त पत्र के जवाब में पहले आर.टी.आई. वाला जवाब दिया गया, इस संबंध में जुलाई 2016 विधानसभा में प्रश्न क्रमांक 383 दिनांक 22/07/2016 को नियत होने से तत्काल प्रश्न के उत्तर देने से पूर्व जानकारी उपलब्ध कराने का कारण बतायें।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। पत्र का जवाब मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत खरगोन के पृष्ठांकन पत्र क्र. 6151/पंचा.प्रको.-1/2016 दिनांक 22.04.2016 के माध्यम से निज सहायक, मान. विधायक को प्रेषित किया गया है। पत्र की छाया प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। शिकायत पर की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ख) जी हाँ। जी हाँ। मान. विधायकों के पत्रों पर जानकारी प्रदान की जाती है। आर.टी.आई. लगाने पर हर नागरिक को जानकारी प्रदाय किये जाने का प्रावधान है। जी नहीं। आर.टी.आई. के माध्यम से जानकारी प्राप्त करने का पत्र मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत द्वारा जारी नहीं किया गया, अपितु अतिरिक्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी के हस्ताक्षर से जारी किया गया। उपरोक्त त्रुटि के लिए जिम्मेदार जिला परियोजना समन्वयक स्वच्छ भारत मिशन को कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया है। (ग) आर.टी.आई. जबाव संज्ञान में आने पर मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत द्वारा माननीय विधायक को जानकारी भेजने हेतु निर्देशित किया गया है। माननीय विधायक जी को जानकारी भेजना सही था। आर.टी.आई. जवाब के लिये जिला परियोजना समन्वयक को कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया। (घ) प्रश्नांश (ख) एवं (ग) के उत्तर अनुसार।
जिला योजना समिति में बैठक व्यवस्था
[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]
97. ( क्र. 1112 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्तमान में प्रदेश में कितने जिलों में जिला योजना समिति की बैठक में बैठक व्यवस्था हेतु राजपत्र (असाधारण) प्राधिकार से प्रकाशित क्रमांक 573, भोपाल दिनांक 23 दिसम्बर, 2011 के अनुसार बैठक व्यवस्था का पालन किया जाता है? क्या यह राजपत्र जिला योजना समिति की बैठकों में पालनार्थ अनिवार्य है? (ख) खरगोन जिले में दिनांक 29 अगस्त 2016 को आयोजित बैठक में उक्त राजपत्र को आधार बनाकर सिर्फ जनप्रतिनिधियों को इस क्रम में बैठाया गया, जिला अधिकारियों को नहीं? कारण बतायें। विगत 2-3 बैठकों में उक्त राजपत्र के अनुसार बैठक व्यवस्था लागू करने वाले अधिकारी का नाम व पद बताये तथा यह भी बताये की इसे लागू करने की आवश्यकता क्यों पड़ी? (ग) विगत 4 बैठकों को कब-कब, कितनी बार दिनांक एवं समय बदला गया? अध्यक्ष की अनुपस्थिति में सदस्यों में से अध्यक्ष चुनने की नीति होने के बाद भी इस नीति अनुसार बैठक प्रारंभ क्यों नहीं की गई? क्या महिला सदस्यों के परिवार, पति को बैठक से बाहर रखा जाता है? इनके रूकने, बैठने की वैकल्पिक व्यवस्था क्या रहती है? (घ) जिला योजना समिति की बैठक में कोरम पूर्ति की क्या नीति है? क्या एक चौथाई या एक तिहाई सदस्य होने पर भी बैठक को पूर्ण माना जावेगा? क्या सदस्यों की अनदेखा कर जिला योजना समिति की बैठके सफल मानी जावेगी?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी हाँ। (ख) म.प्र. सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी राजपत्र में दिए गए प्रोटोकॉल अनुसार जन प्रतिनिधियों एवं जिला अधिकारियों की बैठक व्यवस्था की जाती है। जिला योजना समिति की बैठक में माननीय प्रभारी मंत्री एवं अध्यक्ष जिला योजना समिति के समक्ष माननीय सदस्यगण द्वारा प्रोटोकॉल का बिन्दू उठाने पर माननीय अध्यक्ष द्वारा सामान्य प्रशासन विभाग के नोटिफिकेशन दिनांक 23.12.2011 को प्रकाशित राजपत्र में उल्लेखित अनुसार बैठक व्यवस्था के निर्देश देने पर जिला योजना अधिकारी द्वारा बैठक व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। (ग) बैठक की दिनांक एवं समय में परिवर्तन की जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। हां। शेष शासकीय कार्य से संबधित नहीं है। (घ) म.प्र. शासन, योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग, मंत्रालय का परिपत्र क्र. एफ-4/1/99/23/यो-2, भोपाल, दिनांक 30 मार्च, 1999 में कोरम पूर्ति की नीति दी गई है। म.प्र. सामान्य प्रशासन विभाग के क्र. एफ 11-48/2003/1/9, भोपाल, दिनांक 21.01.2004 से राजपत्र (असाधारण) क्रमांक 16, भोपाल, दिनांक 19 जनवरी, 2004 अधिसूचना आदेश परिपत्र को विखंडित किया गया है। अतः कोरम आवश्यक नहीं है।
पलारी से भीमगढ़ सड़क निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
98. ( क्र. 1130 ) श्री रजनीश सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विगत वर्ष 2015 में केवलारी विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना से पलारी से भीमगढ़ (12.9 कि.मी. की लम्बाई) सड़क निर्माण कराया गया था? यदि हाँ, तो उक्त सड़क निर्माण हेतु किस एजेंसी से अनुबंध किया गया था? इसकी निर्माण अवधि व लागत बतायें। (ख) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित उक्त सड़क के घटिया निर्माण को लेकर ग्रामवासियों एवं जनप्रतिनिधियों द्वारा विभाग को शिकायत की गई थी? यदि हाँ, तो विभाग द्वारा इस पर क्या कार्यवाही की गई और यदि नहीं, तो क्यों? (ग) निर्माण के एक वर्ष के पूर्व ही पूर्ण रूप से जर्जर (समाप्त) हो चुकी सड़क निर्माण का जिम्मेवार कौन है और उस पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? (घ) क्या उक्त मार्ग का पुन: अनुबंध कराया जाकर पुन: निर्माण कार्य कराया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक और यदि नहीं, तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। उक्त मार्ग निर्माण हेतु मैसर्स गेलेक्सी डेव्लपर्स, ग्वालियर से अनुबंध किया जाकर कार्यादेश क्रमांक 986 दिनांक 09.07.2008 को दिया गया था। परंतु कार्य समय पर पूर्ण नहीं किये जाने के कारण अनुबंध दिनांक 14.12.2011 को निरस्त किया गया। शेष कार्य पूर्ण करने हेतु मैसर्स अग्रवाल कंस्ट्रशन कं. ग्वालियर से दिनांक 07.07.2012 को अनुबंध किया गया। अनुबंधानुसार ठेकेदार को 08 माह वर्षाकाल सहित दिनांक 01.03.2013 तक कार्य पूर्ण करना था। ठेकेदार द्वारा दिनांक 02.01.2015 को कार्य पूर्ण किया गया। कार्य की लागत रूपये 239.61 लाख है। (ख) उक्त सड़क के घटिया निर्माण कार्य की कोई शिकायत ग्रामवासियों एवं जनप्रतिनिधियों द्वारा विभाग को नहीं की गई है। उक्त सड़क के भारी वाहनों के आवागमन से क्षतिग्रस्त होने के कारण माननीय विधायक द्वारा विधानसभा प्रश्न क्रमांक 2862 मार्च 2016 एवं 1784 जुलाई 2016 द्वारा जानकारी चाही गई थी जिसका उत्तर तत्समय दिया गया था। (ग) उक्त सड़क का निर्माण कार्य गुणवत्ता के अनुरूप कराया गया था, जिसकी गुणवत्ता का परीक्षण निर्माण अवधि में एस.क्यू.एम. द्वारा किया गया था जिसमें गुणवत्ता संतोषप्रद पायी गई थी। निर्माण के उपरांत हिर्री नदी से रेत खनन कर भारी वाहनों से परिवहन के कारण सड़क क्षतिग्रस्त हुई है। ठेकेदार को सड़क को मोटरेवल बनाये रखने के निर्देश दिये गये है। चूंकि निर्माण कार्य गुणवत्ता के अनुरूप कराया गया था, अतः विभाग द्वारा किसी के विरूद्ध कार्यवाही नहीं की है। (घ) भारी वाहनों के आवागमन के दृष्टिगत उक्त सड़क का उन्नयन का प्रस्ताव विचाराधीन है। पुनः निर्माण कार्य कराने की निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
पंचायत सचिवों को सहायक प्राध्यापक के समान वेतनमान देना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
99. ( क्र. 1131 ) श्री रजनीश सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा 24 मार्च 2013 को एम.बी.एम. ग्राउंड भोपाल में घोषणा क्रमांक 3142 में सहायक अध्यापक के समान वेतन देने की घोषणा की गई थी? यदि हाँ, तो उक्त घोषणा को आज दिनांक तक कार्य रूप में वर्णित क्यों नहीं किया गया? घोषणा अनुसार सहायक अध्यापक के समकक्ष पंचायत सचिवों को कब तक वेतन दिया जायेगा? (ख) क्या प्रदेश में पंचायत सचिवों के लिये अंशदायी पेंशन योजना चलाई जा रही है? यदि हाँ, तो सिवनी जिलें में यह योजना कब लागू की गई है और इसमें कितने सचिवों को लाभ मिला है? यदि लागू नहीं की गई है तो क्यों? (ग) क्या शासन ने पंचायत सचिवों के लिये अनुकम्पा नौकरी का प्रावधान लागू किया है? यदि हाँ, तो अभी तक कितने परिवारों के व्यक्तियों को इसका लाभ मिला है और यदि नहीं, तो क्यों? इसे कब तक लागू किया जायेगा।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। माननीय मुख्यमंत्री जी की घोषणा पर सम्यक परीक्षणोपरांत पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के आदेश क्रमांक एफ 2-9/2013/ 22/पं.-1 दिनांक 24 जुलाई, 2013 द्वारा नवीन वेतनमान स्वीकृत किया गया है। (ख) जी हाँ। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के परिपत्र क्रमांक एफ 2-7/2013/22/पं.-1 दिनांक 20.07.2013 द्वारा प्रदेश के समस्त ग्राम पंचायत सचिवों के लिये अंशदायी पेंशन योजना लागू की गई है, जिसमें सिवनी जिला भी शामिल किया गया है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
वन भूमि के बदले वनीकरण हेतु मिलने वाली राशि
[वन]
100. ( क्र. 1153 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गैर वानिकी कार्यों हेतु दी जाने वाली वन भूमि के बदले वन लगाने हेतु प्रदेश को विगत पाँच वर्षों में केन्द्र शासन द्वारा कितनी-कितनी राशि दी गयी है वर्षवार जानकारी दें? (ख) जबलपुर एयरपोर्ट के लिए वन भूमि के बदले वन लगाने हेतु प्राप्त राशि से कहाँ-कहाँ वनीकरण के कार्य किये गये है तथा इसके लिए कितनी राशि प्राप्त हुई? (ग) क्या वनीकरण के लिए प्राप्त राशि का उपयोग विभाग ने वाहनों की खरीदी में किया है? इस राशि को खर्च करने हेतु जो गाईड लाईन दी गई है उसकी प्रति उपलब्ध करायें।
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जबलपुर एयरपोर्ट के लिये वन भूमि के बदले वन लगाने हेतु कोई राशि प्राप्त नहीं हुई है। अत: वनीकरण कार्य नहीं किया गया है। (ग) जी नहीं। वनीकरण एवं अन्य मद से प्राप्त राशि को व्यय करने हेतु निर्धारित एड-हॉक कैम्पा भारत सरकार की गाईड लाईन दिनांक 02 जुलाई 2009 की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।
रेत खदानों का आवंटन
[खनिज साधन]
101. ( क्र. 1154 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बालाघाट जिले में 5 हेक्टेयर से अधिक तथा पाँच हेक्टेयर की कुल कितनी रेत खदानें चिन्हित की गई हैं विकासखण्ड अनुसार जानकारी दें? (ख) लांजी तथा किरनापुर विकासखण्ड की 05 हेक्टेयर से कम वाली रेत खदानों की नीलामी न होने के क्या कारण हैं? (ग) उक्त स्थानों पर नीलामी की प्रक्रिया कब तक पूरी कर ली जायेगी? (घ) नीलामी में देरी के लिए कौन जिम्मेदार है तथा जिम्मेदार अधिकारियों पर शासन क्या कार्यवाही करेगा?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट में दर्शित है। (ख) प्रश्नाधीन विकासखण्डों में 5 हेक्टेयर से कम की 4 रेत क्षेत्र चिन्हित किये गये हैं। इन क्षेत्रों को खदान घोषित करने की प्रक्रिया प्रचलन में होने के कारण नीलामी नहीं की जा सकी। (ग) प्रश्नांश 'ख' में उल्लेखित रेत क्षेत्रों को खदान घोषित होने के पश्चात् नीलामी संभव हो सकेगी। अत: समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है। (घ) प्रश्नांश 'ग' में दिये उत्तर के प्रकाश में किसी की जिम्मेदारी नियत किये जाने एवं उस पर कार्यवाही किये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विधायक निधि का प्रदाय
[योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी]
102. ( क्र. 1183 ) श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) यो.आ.सां. विभाग की मार्गदर्शिका अनुसार माननीय विधायकों द्वारा अनुशंसित एवं प्रशासकीय स्वीकृति बाद क्रियान्वयन एजेंसियों को राशि प्रदाय हेतु क्या प्रावधान हैं? प्रति दी जावें। (ख) क्या वर्तमान में प्रशासकीय स्वीकृति के बाद केवल ग्राम पंचायत व नगरीय निकाय को छोड़कर शेष सभी क्रियान्वयन एजेंसी विभाग जैसे आरईएस, पीएचईडी, कृषि, पीडब्ल्यूडी, डब्ल्यूआरडी आदि विभागों को क्रियान्वयन हेतु पैसा उन्हें सीधा न देते हुए राशि उपरोक्त विभागों में जिला योजना कार्यालय द्वारा भोपाल भेज दी जाती हैं जिससे राशि कई महीनो तक विभागों को प्राप्त नहीं हो पाती हैं व राशि लैप्स (वापिस) हो जाती है जिससे माननीय विधायकों को नुकसान उठाना पड़ रहा है। (ग) क्या शासन उपरोक्त प्रशासकीय स्वीकृति के बाद माननीय विधायकों द्वारा प्रस्तावित क्रियान्वयन एजेंसी को पंचायत विभाग की भांति उन्हें जिला योजना कार्यालय से सीधी भेजने हेतु मार्गदर्शिका में संशोधन करेगा व कब तक?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) क्रियान्वयन एजेन्सियों को राशि व्यवस्था के संबंध में वित्त विभाग के ज्ञापन क्रमांक 118/52 /2013/डीएमसी/चार, भोपाल, दिनांक 2.2.2013 की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट पर है। (ख) वर्तमान व्यवस्था के अनुसार प्रशासकीय स्वीकृति के अनुसार क्रियान्वयन एजेन्सी विभाग जैसे ग्रामीण यांत्रिकी विभाग, पी.एच.ई. विभाग, पी.डब्ल्यू.डी. विभाग, डब्ल्यू. आर. डी. आदि विभागों को क्रियान्वयन हेतु राशि उपलब्ध करवाने हेतु जिला योजना कार्यालय द्वारा आयुक्त, आर्थिक एवं सांख्यिकी (बी.सी.ओ.) को समर्पित की जाती है तथा बी.सी.ओ. द्वारा क्रियान्वयन विभाग के बी.सी.ओ. को वह राशि हस्तांतरित की जाती है। इस प्रक्रिया में कतिपय प्रकरणों में विलम्ब संभव है। (ग) वर्तमान व्यवस्था में परिवर्तन किया जाना संभव नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास योजना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
103. ( क्र. 1184 ) श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास योजना हेतु ऋण व अनुदान आदि देने की क्या प्रक्रिया है? जानकारी प्रतिलिपि सहित दी जावे। (ख) वित्तीय वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास योजना के तहत किन-किन जनपद पंचायतों को लक्ष्य व लक्ष्यनुसार राशि उपलब्ध कराई गई? जानकारी मुरैना जिले की दी जावें? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में जनपद पंचायत अंबाह व मुरैना को कितने आवासों का लक्ष्य निर्धारित होकर ऋण। अनुदान बैंकों को प्रस्तुत किये गये व बैंकों को प्रस्तुत आवेदनों में से कितने स्वीकृत व अस्वीकृत हुए की जानकारी नाम, पता स्वीकृत राशि आदि सहित दी जावे।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास मिशन में एम.ओ.यू. निष्पादित बैंकों के माध्यम से, स्वीकृत ऋण प्रकरणों में स्टेज क्लीयरेंस के आधार पर, 02 किश्तों में ऋण व अनुदान प्रदान किया जाता है। इस मिशन के नीति/दिशा निर्देश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास मिशन में, राज्य स्तर से, जिलेवार लक्ष्य आवंटित किये जाते हैं। जनपद पंचायतवार लक्ष्य राज्य स्तर से निर्धारित नहीं किये जाते हैं। मुरैना जिले में इस मिशन में वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में जिला स्तर से निर्धारित किये गये, जनपद पंचायतवार लक्ष्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। इस मिशन में जनपदवार राशि उपलब्ध नहीं कराई जाती है। (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में जनपद पंचायत अम्बाह एवं मुरैना का लक्ष्य पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। इस मिशन में ऋण/अनुदान बैंकों को प्रस्तुत नहीं किये जाते हैं। बैंकों को प्रस्तुत आवासीय ऋण आवेदनों में से 1,471 स्वीकृत व 1,060 अस्वीकृत हुये ऋण प्रकरणों की नाम, पता, स्वीकृत, राशि आदि सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है।
रिक्त पदों की पूर्ति
[उच्च शिक्षा]
104. ( क्र. 1201 ) श्रीमती शकुन्तला खटीक : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अतारांकित प्रश्न संख्या 45 (क्र.2133) दिनांक 28/07/2016 के उत्तर भाग (क) जी हाँ एकल निविदा प्राप्त होने के कारण पद पूर्ति नहीं की जा सकी, उत्तर दिया है। (ख) यदि हाँ, तो क्या कार्यालय आयुक्त उच्च शिक्षा म.प्र. शासन के पत्र क्रमांक 2045/आउशि/शा-3/2015 भोपाल दिनांक 04/12/2015 के द्वारा केन्द्रीय अतिरिक्त संचालक उच्च शिक्षा को पत्र द्वारा विद्यालयों में संविदा/आउटसोर्स के स्वीकृत पदों की पूर्ति हेतु लिखा गया है एवं संलग्न दिशा निर्देशों में दर्शाए अनुसार प्रक्रिया का पालन सुनिश्चित करते हुये रिक्त पदों की पूर्ति की जाना है? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में शासकीय स्नातक महाविद्यालय करैरा, जिला शिवपुरी में रिक्त पदों की पूर्ति की जा चुकी है? यदि हाँ, तो की गई नियुक्तियों की जानकारी नाम, पद, नियुक्ति दिनांक, आदि सहित दी जावे? यदि नहीं, तो क्यों? क्या यह शासन के नियमों का उल्लंघन की श्रेणी में आता है? कब तक उक्त महाविद्यालय में रिक्त पदों की पदपूर्ति कर दी जावेगी?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। जी हाँ। (ग) जी नहीं। दिनांक 26.11.2016 द्वारा संशोधित दिशा निर्देश जारी कर दिनांक 30.11.2016 को विज्ञापन/निविदा जारी की गई है। पद पूर्ति की निश्चित समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
नगर परिषद् करैरा में किये गये निर्माण कार्य
[नगरीय विकास एवं आवास]
105. ( क्र. 1202 ) श्रीमती शकुन्तला खटीक : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के पत्र क्रमांक/121/एलएलए/2016 दिनांक 15/09/2016 एवं पत्र क्रमांक/158/एमएलए/2016 दिनांक 18/10/2016 के माध्यम से मुख्य नगर पालिका अधिकारी नगर परिषद् करैरा, जिला शिवपुरी को पत्र के माध्यम से करैरा में किये जा रहे निर्माण कार्यों की जानकारी चाही गई थी? (ख) यदि हाँ, तो प्रस्तुत पत्र की प्रश्न दिनांक तक प्राप्ति व की गई कार्यवाही से अवगत नहीं कराया गया? जबकि सामान्य प्रशासन विभाग के बार-बार स्पष्ट आदेश-निर्देश हैं कि माननीय सांसद व विधायकगणों के प्रस्तुत पत्रों की प्राप्ति एवं की गई कार्यवाही से अतिशीघ्र अवगत कराया जावे? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में प्रश्न प्रस्तुत दिनांक तक कार्यवाही न करने के क्या कारण हैं? इसके लिए कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी जवाबदार है? उनके नाम व पद सहित जानकारी दी जावे?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं, मुख्य नगर पालिका अधिकारी नगर परिषद् करैरा द्वारा पत्र क्रं./901/2016 दिनांक 24.09.2016 एवं पत्र क्रं./989/2016/निर्माण दिनांक 25.10.2016 से माननीय विधायक महोदय को जानकारी भेजी गई है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) उत्तरांश ''ख'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
भष्ट्राचार की जाँच
[वन]
106. ( क्र. 1215 ) श्रीमती पारूल साहू केशरी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सागर जिला अंतर्गत 01 जनवरी, 2014 से प्रश्न दिनांक तक वन विभाग द्वारा की गई सीपीटी (टेंच) की खुदायी मानक स्तर की नहीं है? (ख) क्या प्रश्नांश (क) अवधि में सागर जिले में अधिकांश स्थानों पर वनों की सुरक्षा हेतु बनायी गयी पत्थरों की बाउंड्रीवाल भी मानक स्तर की नहीं है और इस बाउंड्रीवाल के पत्थर विभाग की मिलीभगत से वन विभाग के अलावा अन्य निर्माण कार्यों में उपयोग किये जा रहे हैं? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में शासन स्तर से एक जाँच दल बनाकर क्या इसकी जाँच करायी जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक और यदि नहीं, तो क्यों नहीं? कारण बतावें?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) एवं (ख) जी नहीं। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
वित्तीय वर्ष में लैप्स राशि
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
107. ( क्र. 1218 ) श्रीमती पारूल साहू केशरी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिले के सुरखी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत जनपद पंचायत जैसीनगर को पंच परमेश्वर 13वां वित्त आयोग एवं 14 वा वित्त आयोग के अन्तर्गत वर्ष 01.04.2015 से प्रश्न दिनांक तक कितनी-कितनी राशि एवं आवंटन कहाँ-कहाँ से कब-कब प्राप्त हुआ था? दोनों वित्तीय वर्ष की जानकारी अलग-अलग उपलब्ध करायी जावेगा? (ख) क्या प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में जनपद पंचायत जैसीनगर में राशि और आवंटन का व्यय न करते हुये अन्य मदों में व्यय किया गया है? यदि नहीं, तो प्रश्न की कंडिका (क) के परिप्रेक्ष्य में वित्तीय वर्ष 2015-16 में प्राप्त राशि एवं आवंटन के व्यय की जानकारी मदवार दी जाये? (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में बताया जाये कि जनपद पंचायत जैसीनगर को प्राप्त आवंटन एवं राशि में से कितना-कितना आवंटन और राशि उपयोग न करने पर कितना आवंटन लैप्स हुआ और कितनी राशि वापिस करना पड़ी और क्यों? (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार आवंटन एवं राशि का उपयोग निर्धारित लक्ष्य के अनुसार व्यय न करने एवं राशि लैप्स हो जाने के लिये कौन उत्तरदायी है? क्या उत्तरदायित्व का निर्धारण कर संबंधित के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो क्या और कब तक और यदि नहीं, तो क्यों ?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जनपद पंचायत जैसीनगर को दिनांक 01.04.2015 से प्रश्न दिनांक तक वर्ष 2015-16 में 13वें वित्त आयोग में परफारमेंस ग्राण्ट की राशि रूपये 25.00 लाख की प्राप्त हुयी है। वर्ष 2016-17 में 14वें वित्त आयोग के दिशा निर्देशानुसार प्रथम किश्त की राशि जनपद पंचायत जैसीनगर को न देकर सीधे संबंधित ग्राम पंचायतों के खातों में भेजी गयी हैं। (ख) नहीं। वर्ष 2015-16 में 13वें वित्त आयोग में परफारमेंस ग्राण्ट की राशि रूपये 25,00,000/- (राशि रूपये-पच्चीस लाख मात्र) की राशि प्राप्त हुयी, जिसके विरूद्ध राशि रूपये 11,04,468/- (राशि रूपये-ग्यारह लाख चार हजार चार सौ- अड़सठ मात्र) का व्यय साधारण सभा की बैठक में लिये गये निर्णय अनुसार स्वीकृत निर्माण कार्यों में किया गया हैं। (ग) प्रश्नांश‘‘ख‘‘ के परिप्रेक्ष्य में जनपद पंचायत जैसीनगर को प्राप्त राशि लैप्स नहीं हुयी है एवं न ही राशि वापस की गयी है। शेष राशि जनपद पंचायत जैसीनगर के बैंक खातें में जमा हैं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता हैं। (घ) प्रश्नांश‘‘ख‘‘ एवं ‘‘ग‘‘ के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता हैं।
शौचालय निर्माण योजना में लापरवाही
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
108. ( क्र. 1230 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खण्डवा जिले में स्वच्छता अभियान के अन्तर्गत ग्रामीण विकास विभाग द्वारा विगत दो वर्षों में कितने शौचालयों का निर्माण जनपदवार कराया गया? संख्यात्मक जानकारी दें। क्या उनके हितग्राहियों को अनुदान का भुगतान कर दिया गया हैं? (ख) खण्डवा जिले में स्वच्छता अभियान अन्तर्गत कितने शौचालय अपूर्ण हैं? इन्हें कब तक पूर्ण करा लिया जायेगा? (ग) क्या ग्रामीण विकास के अधिकारियों द्वारा इसमें रूचि नहीं लेने से इस योजना की गति अपेक्षाकृत धीमी है? इसके लिए कौन-कौन जिम्मेदार है? (घ) क्या योजनान्तर्गत बने कई शौचालयों पर हितग्राहियों को अनुदान की राशि का समय पर भुगतान नहीं किया गया? यदि हाँ, तो क्यों? कब तक इनका भुगतान किया जायेगा? (ड.) खण्डवा जिले में कितनी ग्राम पंचायत खुले में शौचमुक्त हो गई है, यदि नहीं, तो क्यों? क्या जनपद पंचायतवार खुले में शौचमुक्त पंचायतों का लक्ष्य निर्धारित किया जाएगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) खण्डवा जिले में स्वच्छता अभियान के अंतर्गत ग्रामीण विकास विभाग द्वारा विगत दो वर्षों में जनपद पंचायत बलडी-1668, जनपद पंचायत छैगांवमाखन-4298, जनपद पंचायत हरसूद-1795, जनपद पंचायत खालवा- 3263, जनपद पंचायत खण्डवा- 4536, जनपद पंचायत पंधाना- 3974, जनपद पंचायत पुनासा- 4269 शौचालयों का निर्माण करवाया गया है। जी हाँ। (ख) स्वच्छता अभियान अंतर्गत कोई भी कार्य अपूर्ण नहीं है। 1620 शौचालय प्रगतिरत है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) योजनांतर्गत भुगतान प्रक्रिया में बदलाव के कारण 695 हितग्राहियों के भुगतान की प्रक्रिया प्रचलन में है। (ड.) खण्डवा जिले में कुल 18 ग्राम पंचायतें खुले में शौच मुक्त हो गई है। भारत शासन द्वारा स्वच्छ भारत मिशन अंतर्गत खुले में शौच से मुक्त करने का 2 अक्टूबर 2019 तक लक्ष्य है।
लोक सेवा केन्द्रों की सेवाओं में अनियमितता
[लोक सेवा प्रबन्धन]
109. ( क्र. 1231 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में लोक सेवा केन्द्रों द्वारा कितने विभागों की कुल कितनी सेवाएं प्रदेश की जनता को प्रदान की जा रही है? (ख) क्या राजस्व विभाग एवं विद्युत मण्डल संबंधी सेवाओं को इसमें शामिल किया गया है? यदि हाँ, तो क्या खण्डवा जिले में इसका लाभ जनता को मिल रहा है? यदि हाँ, तो कब से एवं किन-किन जनपद पंचायत केन्द्रों पर दिया जा रहा है? (ग) क्या जिला अधिकारियों की मिलीभगत एवं लापरवाही के कारण राजस्व अभिलेखों की प्रतिलिपि एवं विद्युत मण्डल एवं अन्य शामिल कई सेवाओं का लाभ जनता को लोक सेवा केन्द्रों से नहीं मिल पा रहा है? (घ) यदि हाँ, तो इसके लिए कौन दोषी है? क्या जिला अधिकारी द्वारा इन केन्द्रों का निरीक्षण कर आम जनता को शासन की सेवाएं निर्बाध प्राप्त होने के प्रयास किये गये? यदि हाँ, तो विगत तीन वर्षों में अधिकारियों द्वारा जनपदवार कितने भ्रमण किये गये? (ड.) निरीक्षण के दौरान पाई गई कमियों पर कितने लोक सेवा संचालकों पर क्या-क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) प्रदेश में लोक सेवा केन्द्रों द्वारा 24 विभागों की कुल 132 सेवाएं जनता को प्रदान की जा रहीं है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘’अ’’ अनुसार है। (ख) जी हाँ। राजस्व विभाग एवं विद्युत मण्डल संबंधी सेवाओं को इसमें शामिल किया गया है। खण्डवा जिले में लोक सेवा केन्द्रों से जनता को इसका लाभ मिल रहा है। दिनांक 25 सितम्बर 2012 से लोक सेवा केन्द्र खण्डवा से दिनांक 12 फरवरी 2013 से लोक सेवा केन्द्र हरसूद छैगावमाखन, पुनासा, किल्लोद, खालवा से एवं दिनांक 12 फरवरी 2013 से लोक सेवा केन्द्र पंधाना से राजस्व विभाग एवं विद्युत विभाग संबंधी सेवाओं का लाभ आम जनता को दिया जा रहा है। (ग) जी नहीं। (घ) प्रश्न उपस्थित नहीं होता। जी हाँ, जिला अधिकारी द्वारा विगत तीन वर्षों में कुल 61 बार लोक सेवा केन्द्रों पर भ्रमण किये गये है। जनपदवार भ्रमण की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘’ब’’ अनुसार है। (ङ) निरीक्षण के दौरान लोक सेवा केन्द्रों पर गंभीर अनियमितताएं नहीं पाई गई थी अत: संचालकों पर कार्यवाही का प्रश्न नहीं उठता है।
छावनी परिषद् को नगरीय सुविधाएं हेतु राशि का आवंटन
[नगरीय विकास एवं आवास]
110. ( क्र. 1256 ) श्री अशोक रोहाणी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या केंट विधानसभा अंतर्गत छावनी परिषद् नगरीय निकाय की भांति कार्य करता है जो छावनी अधिनियम 2006 के अंतर्गत संचालित है तथा भारतीय संविधान के अनुच्छेद 243 के तहत इसे नगरीय निकाय का दर्जा प्राप्त है? परन्तु नगरीय निकाय के अंतर्गत प्रदेश शासन की योजनाओं की सुविधाओं से वंचित है एवं क्यों? (ख) प्रदेश शासन द्वारा नगरीय निकायों को विकास कार्य हेतु राशि दी जाती है, परंतु छावनी परिषद् को इससे अछूता क्यों रखा गया है? (ग) प्रधानमंत्री आवास योजनांतर्गत गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले लोगों को मकान आवंटित नहीं किये जाने का क्या कारण है? (घ) राजीव गांधी नगर एवं संजय गांधी नगर के निवासियों को 30 वर्ष पूर्व पट्टे आवंटित किये गये थे, जिनकी सीमा अवधि समाप्त हो चुकी है, परंतु इनका नवीनीकरण क्यों नहीं किया गया है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। राज्य शासन द्वारा दिये जाने वाले अनुदानों में छावनी परिषद् को अनुदान दिये जाने का प्रावधान न होने के कारण। (ख) जी हाँ। नगरीय निकायों की भॉति छावनी परिषद् को भी अनुदान दिये जाने हेतु प्रस्ताव शासन में विचाराधीन है। (ग) प्रधानमंत्री आवास योजनांतर्गत छावनी परिषद् से प्रस्ताव आदि प्राप्त न होने के कारण। (घ) जी हाँ। हितग्राहियों द्वारा आवेदन पर प्रावधानों अनुसार कार्यवाही की जावेगी।
शासकीय महाविद्यालय टोंकखुर्द का निर्माण
[उच्च शिक्षा]
111. ( क्र. 1262 ) श्री राजेन्द्र फूलचंद वर्मा : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासकीय महाविद्यालय टोंकखुर्द का भवन स्वीकृत है? यदि हाँ, तो स्वीकृति पत्र संलग्न करें? (ख) शासकीय महाविद्यालय टोंकखुर्द का भवन निर्माण कहा पर कराया जा रहा है तथा निर्माण कार्य किस दिनांक से शुरू हुआ है? क्या आज दिनांक तक निर्माण कार्य पूर्ण हो गया है? यदि नहीं, तो क्यों नहीं? (ग) भवन आज दिनांक तक अपूर्ण होने का क्या कारण है?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी हाँ। स्वीकृति पत्र संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) शासकीय महाविद्यालय, टोंकखुर्द के भवन का निर्माण किशनपुरा रोड़ टोंकखुर्द में कराया जा रहा है। निर्माण कार्य दिनांक 23/11/2015 से शुरू हुआ है। जी नहीं। निर्माण कार्य छत स्तर तक पूर्ण हुआ है। शेष कार्य हेतु महाविद्यालय से पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति हेतु प्रस्ताव प्राप्त हुआ है, जो प्रकियाधीन है। (ग) निर्माण कार्य छत स्तर तक पूर्ण हुआ है। शेष कार्य हेतु महाविद्यालय से पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति हेतु प्रस्ताव प्राप्त हुआ है, जो प्रकियाधीन है।
पीपलरावा नगर में महाविद्यालय निर्माण
[उच्च शिक्षा]
112. ( क्र. 1264 ) श्री राजेन्द्र फूलचंद वर्मा : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा सोनकच्छ विधान सभा क्षेत्र के पीपलरावा नगर में महाविद्यालय निर्माण की कोई कार्यवाही चल रही है? (ख) यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही चल रही है? (ग) क्या भविष्य में क्षेत्र के छात्र-छात्राओं को महाविद्यालय प्राप्त हो सकेगा यदि हो तो समय-सीमा बताईये?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी नहीं। महाविद्यालय प्रारंभ नहीं हुआ है। अतः निर्माण की कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) 'क' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) 'क' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विश्वविद्यालयों में पंजीकृत स्नातक संवर्ग एवं अन्य के चुनाव संपन्न हेतु
[उच्च शिक्षा]
113. ( क्र. 1274 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के विश्वविद्यालयों में पंजीकृत स्नातक संवर्ग व अन्य के चुनाव कब से संपन्न नहीं कराये गये है विश्वविद्यालयवार जानकारी दी जावे। नवम्बर 2016 तक की जानकारी दी जावें। (ख) क्या शासन द्वारा निर्देश दिये जाने के बावजूद चुनाव संपन्न नहीं कराये जाने के क्या कारण रहे। इस कार्य हेतु कौन दोषी है, दोषियों के खिलाफ क्या कार्यवाही की जावेगी? (ग) शासन पंजीकृत स्नातक व अन्य के चुनाव कब तक करायेगा ताकि कार्य परिषद् में उक्त संवर्ग का प्रतिनिधित्व हो सके।
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) चुनाव देवी अहिल्या विश्वविद्यालय, इंदौर में वर्ष 1990 के पश्चात्, विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन तथा बरकतउल्लाह विश्वविद्यालय, भोपाल में वर्ष 1991 के पश्चात्, रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय, जबलपुर में वर्ष 1994 के पश्चात्, अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय, रीवा में वर्ष 2000 के पश्चात्, जीवाजी विश्वविद्यालय, ग्वालियर में वर्ष 2011 के पश्चात् तथा महाराजा छत्रसाल विश्वविद्यालय, छतरपुर की स्थापना वर्ष 2014 में होने से चुनाव नहीं कराये गये। (ख) महाराजा छत्रसाल विश्वविद्यालय, छतरपुर को छोड़कर प्रश्नांश 'क' में उल्लेखित विश्वविद्यालयों में चुनाव कराने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। चुनाव सम्पन्न नहीं कराये जाने के कारणों का परीक्षण कराया जावेगा। (ग) समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
मुरैना जिले में समग्र स्वच्छता अभियान के तहत शौचालय निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
114. ( क्र. 1275 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुरैना जिले में वर्ष 2013 से नवम्बर 2016 तक समग्र स्वच्छता अभियान के तहत कितने शौचालयों का निर्माण किया गया है? विधान सभाक्षेत्रवार जानकारी दी जावे। (ख) क्या पंचायतों द्वारा हितग्राहियों को दी जाने वाली राशि में विलंब किये जाने के कारण लक्ष्य प्राप्त नहीं किया जा सका है? क्या अधिकारी उक्त निर्माण की समीक्षा समय-समय पर करते हैं? यदि हाँ, तो पंचायतवार प्रगति का प्रतिशत क्या रहता है? (ग) क्या शौचालयों में जल व्यवस्था पूर्ण नहीं होने के कारण भी लोग खुले में शौच जाने को मजबूर हैं, जिसके कारण गांवों में नल-जल योजना अपूर्ण, बंद होना एक कारण है? तथ्यों सहित जानकारी दी जावे।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं।
EWS आवासों का निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
115. ( क्र. 1286 ) श्री रामेश्वर शर्मा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) हुजूर विधानसभा क्षेत्र में किन किन शासकीय आवासीय परियाजनाओं में EWS आवासों का निर्माण किया गया है? (ख) परियोजना का नाम, पूरी परियोजना का स्वीकृत क्षेत्रफल, EWS आवासों हेतु आरक्षित क्षेत्रफल और अब तक निर्मित EWS आवासों की संख्या का उल्लेख करते हुए सूची उपलब्ध करावें तथा भोपाल की ऐसी कितनी शासकीय कालोनियाँ है जहाँ EWS आवास बनाने के लिए भूमि उपलब्ध है? (ग) उक्त परियोजनाओं में पिछले पाँच सालों में किन किन व्यक्तियों को EWS आवासों का विक्रय या आवंटन किया गया है? नाम, पते सहित पूरी सूचि उपलब्ध करावें। (घ) क्या किसी परियोजना में EWS आवासों के निर्माण के संबंध में नियमों के उल्लंघन की शिकायत या जानकारी मिली है? यदि हाँ, तो इस पर क्या कार्यवाही की गई है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) म.प्र. गृह निर्माण एवं अधोसंरचना विकास मण्डल द्वारा हुजूर विधान सभा क्षेत्र में अटल आश्रय योजनांतर्गत ई.डब्ल्यू.एस. प्रकोष्ठों का निर्माण किया जा रहा है। (ख) परियोजना का नाम, पूरी परियोजना का स्वीकृत क्षेत्रफल, ई.डब्ल्यू.एस. आवासों हेतु आरक्षित क्षेत्रफल और अब तक निर्मित ई.डब्ल्यू.एस. आवासों की संख्या का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ‘ अनुसार है। ई.डब्ल्यू.एस. आवास बनाने के लिए भोपाल की कालोनियों संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब‘ अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘स‘ अनुसार है। (घ) जी नहीं। अतः शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
बी.पी.एल. सूची में से काटे गये जोड़े गए हितग्राहियों की जानकारी
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
116. ( क्र. 1319 ) श्री हरवंश राठौर : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्राम उदय से भारत उदय योजना के तहत विधानसभा क्षेत्र में कितने-कितने बी.पी.एल. हितग्राही एवं खाद्यान्न वितरण पर्चियों में से नाम काटे गए हैं? ग्रामवार सूची उपलब्ध कराई जाए? (ख) अनुभाग स्तर पर नाम काटे जाने के बावजूद कितने हितग्राहियों द्वारा आपत्ति दर्ज की गई है एवं आपत्तियों के निराकरण के पश्चात् कितने ग्राम जोड़े गए हैं? ग्रामवार, आपत्तिवार, सूची उपलब्ध कराई जाए? (ग) यदि नहीं, तो आपत्तियों का निराकरण कब तक किया जाएगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) ग्राम उदय से भारत उदय योजना के तहत् विधानसभा क्षेत्र बण्डा में कुल 5676 बी.पी.एल. हितग्राहियों एवं कुल 3720 खाद्यान्न पर्ची से नाम काटे गये है। ग्रामवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) अनुभाग स्तर पर बी.पी.एल. से नाम काटे जाने पर 50 हितग्राहियों द्वारा आपत्ति दर्ज की गई थी। जिसमें से 31 हितग्राहियों के नाम पुनः बी.पी.एल. सूची में जोड़े गये है एवं खाद्यान्न पर्ची अन्तर्गत काटे गये 803 हितग्राहियों द्वारा आपत्ति दर्ज की गई है। ग्रामवार, आपत्तिवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) बी.पी.एल. में नाम जोड़ने हेतु 10 हितग्राहियों की आपत्ति लंबित है, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
जनभागीदारी योजना से स्वीकृत 13 कार्यों की जाँच
[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]
117. ( क्र. 1336 ) श्रीमती ममता मीना : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अपर कलेक्टर जिला गुना द्वारा अपने जाँच प्रतिवेदन दिनांक 22.7.2016 में ग्राम पंचायत नागनखेड़ी में जनभागीदारी योजना अतंर्गत स्वीकृत 13 कार्यों में से 07 कार्यों की जाँच प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया था तथा 06 कार्यों की जाँच पूर्व से नियुक्त संयुक्त जाँच दल द्वारा किये जाने का लेख किया गया था? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित जाँच प्रतिवेदन के अनुसार सामुदायिक भवन एवं प्रथम तल पर स्थित रैनबसेरा भवन दानकर्ता श्री पुरूषोत्तम के कब्जे में निर्माण के समय से ही जाँच दिनांक तक पाये जाने के उपरांत उक्त भवनों का क्या शासन की मंशा अनुरूप सदुपयोग हुआ अथवा शासन की राशि का व्यक्तिगत रूप से दुरूपयोग? (ग) क्या जाँच प्रतिवेदन पर कार्यवाही कर दोषियों के विरूद्ध आपराधिक प्रकरण दर्ज कराते हुये रैनबसेरा भवन/कूप एवं विद्युत ट्रान्सफार्मरों को राजसात किया जाकर शासकीय घोषित किया गया? यदि नहीं, किया गया तो कब तक कार्यवाही की जावेगी? (घ) जाँच प्रतिवेदन के अनुसार 07 निर्माण कार्यों को निजी भूमि पर अवैधानिक रूप से क्रियान्वित कर निज लाभ प्राप्त करने वाले व्यक्तियों के विरूद्ध कब तक आपराधिक प्रकरण दर्ज कराया जावेगा? प्रश्नांश (क) में वर्णित 06 कार्यों की जाँच संयुक्त जाँच दल द्वारा प्रश्न दिनांक तक क्यों नहीं की गई है?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी हाँ। (ख) वर्णित जाँच प्रतिवेदन अनुसार सामुदायिक भवन एवं प्रथम तल पर स्थित रैनबसेरा भूदानकर्ता के कब्जे में पाया गया। जाँच प्रतिवेदन पर नियमानुसार कार्यवाही प्रचलित है। (ग) अनुविभागीय अधिकारी राजस्व राघौगढ़ को निजी भूमि पर किये गये निर्माण की राशि वसूली हेतु निर्देश जारी किये गये है। संबंधित अधिकारी/कर्मचारियों को कारण बताओ सूचना पत्र जारी किये गये है। उत्तर प्राप्त होने पर परीक्षण उपरान्त नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी। (घ) जाँच प्रतिवेदन के आधार पर नियामानुसार कार्यवाही प्रचलित है। ग्राम पंचायत नागनखेड़ी के शेष 06 कार्यों की जाँच प्रचलित है।
जनभागीदारी योजना से स्वीकृत रैनबसेरा भवन की जाँच कराया जाना
[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]
118. ( क्र. 1337 ) श्रीमती ममता मीना : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अपर कलेक्टर जिला गुना द्वारा अपने जाँच प्रतिवेदन दिनांक 22.7.16 में ग्राम केदारपुरा में जनभागीदारी योजना अंतर्गत स्वीकृत रैनबसेरा भवन को दानकर्ता श्री पुरूषोत्तम के कब्जे में होना दर्शाया गया है? क्या श्री पुरूषोत्तम द्वारा रैनबसेरा भवन निर्माण हेतु दान पत्र का संपादन कराया गया था? यदि नहीं, तो रैनबसेरा भवन हेतु प्रस्तुत रजिस्टर्ड दान पत्र की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) ग्राम केदारपुर में सामुदायिक भवन के उपर प्रथम तल पर निर्माण कार्य जनभागीदारी योजनान्तर्गत वर्ष 2006-07 में स्वीकृत किया गया था? क्या ग्राम में पूर्व से ही सामुदायिक भवन निर्मित था? यदि सामुदायिक भवन पूर्ण से निर्मित नहीं था तो किस सामुदायिक भवन के प्रथम तल पर निर्माण कार्य स्वीकृत किया गया? (ग) प्रश्नांश (ख) में वर्णित जनभागीदारी मद से स्वीकृत ग्राम केदारपुरा में सामुदायिक भवन के प्रथम पर निर्माण कार्य अनुचित तरीके से स्वीकृत करने वाले तत्कालीन अधिकारियों/कर्मचारियों तथा क्रियान्वित करने वाले दोषियों के विरूद्ध क्या आपराधिक प्रकरण दर्ज कराया जावेगा? (घ) अपर कलेक्टर जिला गुना के जाँच प्रतिवेदन के संलग्न तहसीलदारों मधुसूदनगढ़ के पत्र क्रमांक 303 दिनांक 16.07.2015 में स.क्रं. 11 के अनुसार ग्राम बीलखेड़ा में मजराढीमरपुरा में आदिवासी बस्ती नाम से कोई स्थल न होने से पूर्व स्वीकृत सी.सी. रोड पर मजराढीमरपुरा आदिवासी बस्ती के नाम से पुन: स्वीकृति लिये जाने का लेख किया गया है? दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही कब तक की जावेगी?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी हाँ। श्री पुरूषोत्तम द्वारा दानपत्र दिया गया है, दानपत्र की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) ग्राम केदारपुरा में वर्ष 2006-07 से पूर्व जनभागीदारी योजना अन्तर्गत (1.50 लाख शासन अंशदान व रू. 1.50 लाख जन सहयोग) रैनबसेरा राशि रू. 3.00 लाख की लागत से स्वीकृत किया गया था। इसी रैनबसेरा को सामुदयिक भवन मानते हुये प्रथम तल का निर्माण वर्ष 2006-07 में राशि रू. 1.69 लाख से किया गया था, जिसमें रू. 0.84 लाख शासन अंशदान व रू. 0.85 लाख जन सहयोग था। (ग) ग्राम केदारपुरा में रैनबसेरा एवं प्रथम तल पर सामुदायिक भवन के संबंध में दोषी अधिकरियों को कारण बताओ सूचना पत्र जारी किये गये है सूचना पत्र का उत्तर प्राप्त होने पर परीक्षण उपरांन्त दोषी पाये गये अधिकारी/कर्मचारियों के विरूद्व वैधानिक कार्यवाही की जावेगी। (घ) अपर कलेक्टर, गुना के प्रतिवेदन अनुसार ग्राम बीलखेडा एवं ढीमरपुरा आदिवासी बस्ती में सी.सी. रोड निर्माण की जाँच हेतु कार्यपालन यंत्री, लोक निर्माण विभाग गुना की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय जाँच समिति का गठन किया गया है। जाँच समिति का प्रतिवेदन प्राप्त होने पर दोषी पाये गये अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी।
सांसद/विधायक निधि से पानी टेंकर वितरण
[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]
119. ( क्र. 1346 ) श्री दिनेश राय : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वित्तीय वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक सिवनी जिले के किन-किन विधायकों द्वारा विधायक विकास निधि से अपने-अपने क्षेत्र में पानी टेंकर वितरित किये हैं? विधानसभा क्षेत्रवार जानकारी देवें? (ख) प्रश्नांश (क) अवधि के दौरान सिवनी जिले के विधायकों द्वारा किस-किस दर पर, किस-किस संस्था अथवा विक्रेता से पानी टेंकर कितने लीटर क्षमता वाले एवं किस गेज के टेंकर क्रय किये गये? इन टैंकरों को किन-किन पंचायतों को वितरित किया गया? विधानसभा क्षेत्रवार, अलग-अलग वर्षवार जानकारी देवें?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। (ख) वित्तीय वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक सिवनी जिले के विधायकों द्वारा टेंकर क्रय किये जाने की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘‘अ‘‘ अनुसार है। इन टेंकरों को पंचायतों को वितरित करने की विधानसभा क्षेत्रवार वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ब‘‘ अनुसार है।
निर्माणाधीन शौचालयों का भुगतान
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
120. ( क्र. 1348 ) श्री गोपाल परमार : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आगर जिले में जिला पंचायत/जनपद पंचायत आगर में निर्माणाधीन शौचालय का नवनिर्माण दिसंबर 2015 में हुआ है जिसका कार्य असलम हुसैन पिता जहिर हुसैन आगर मालवा के द्वारा करवाया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार निर्माणाधीन शौचालय का भुगतान कब-कब और कितना-कितना हुआ है? यदि इसका भुगतान नहीं हुआ है तो क्यों नहीं हुआ है और कब तक होगा (ग) इन ठेकेदार के द्वारा कार्य करने के बाद भुगतान न होने पर इनके द्वारा कितनी शिकायतें दर्ज हुई हैं ब्यौरा देवें और इसका क्या निराकरण हुआ है सम्पूर्ण सूची देवें। यदि निराकरण नहीं हुआ है तो इसके लिए कौन अधिकारी जिम्मेदार है उसके विरूद्ध शासन क्या कार्यवाही करेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। (ख) उतरांश-‘‘क‘‘ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) सी.एम. हेल्पलाईन पर शिकायत क्रमांक 2419645 दिनांक 28.07.2016 को शिकायत दर्ज की गई थी। शिकायतकर्ता द्वारा दिनांक 02.11.2016 को आवेदन प्रस्तुत कर शिकायत वापस ली गई।
सुदूर सड़कों पर लगी रोक हटाई जाना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
121. ( क्र. 1354 ) श्री संजय शर्मा : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. शासन द्वारा ग्राम पंचायतों में निर्मित होने वाली सुदूर सड़कों पर रोक लगाई गई है? (ख) यदि हाँ, तो इन सड़कों के निर्माण में लगाई गई रोक कब हटाई जावेगी? (ग) अधूरी सुदूर सड़कों को पूर्ण करने की अनुमति कब तक प्रदान की जावेगी एवं ग्राम पंचायतों को मटेरियल एवं परिवहन की शेष राशि का भुगतान कब तक किया जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। (ख) उत्तरांश 'क' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) नियमानुसार देय राशि का भुगतान सतत् किया जा रहा है।
एन.एच.12 पर वृक्षारोपण
[वन]
122. ( क्र. 1355 ) श्री संजय शर्मा : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या एन.एच.26 पर सड़क के दोनों ओर वृक्षारोपण किया जा रहा है? यदि हाँ, तो नरसिंहपुर जिले की सीमा में कितने पौधों का रोपण किया जाना है? (ख) क्या पौधों को वन विभाग द्वारा लगाया जा रहा है? यदि हाँ, तो कितने पौधे किस दर से कौन सी नर्सरी से खरीदे जा रहे हैं? (ग) क्या इन पौधों की सुरक्षा हेतु टी-गार्ड लगाये जा रहे हैं? यदि हाँ, तो किस ठेकेदार से, किस दर से कितने टी-गार्ड खरीदे गये?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी हाँ। नरसिंहपुर जिले की सीमा में एन.एच. 26 मार्ग पर गौराबीबी से झिराघाटी तक (कुल मार्ग की लंबाई 94 कि.मी.) मार्ग के दोनों ओर 21360 पौधों का रोपण किया जाना है। (ख) जी हाँ। विभागीय निर्देशों के अनुरूप अनुसंधान एवं विस्तार वृत्त सिवनी की नर्सरी से रूपये 8/- प्रति पौधे की दर से पौधे क्रय किये जा रहे हैं। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ। मध्यप्रदेश भंडार क्रय नियमों में प्रावधानों के अनुरूप मध्यप्रदेश लघु उद्योग निगम के माध्यम से मेसर्स गुरूनानक इंडस्ट्रीज सागर से प्रति पैनल रूपये 458.85/- (वैट कर अतिरिक्त) की दर पर 20000 पैनल (5000 ट्री गार्ड) क्रय किये गये हैं।
मंदिरों का जीर्णोद्धार
[धार्मिक न्यास और धर्मस्व]
123. ( क्र. 1389 ) श्रीमती झूमा सोलंकी : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) भीकनगांव विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत कुल कितने धार्मिक स्थल चिन्हांकित हैं जिनका जिर्णोद्धार शासन द्वारा प्राप्त अनुदान से हो सकता है? सूची उपलब्ध करावें? (ख) क्या वह मंदिर जो शासकीय भूमि पर स्थित है तथा शासन की सूची में सम्मिलित नहीं है, उन्हें इस सूची में सम्मिलित कर जीर्णोद्धार किया जा सकता है? नहीं तो कौन-कौन से स्थल सम्मिलित हो सकते हैं? इस सम्बंध में स्पष्ट निर्देशों की प्रतिलिपि उपलब्ध करावें? (ग) क्या भीकनगांव विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत भीकनगांव तहसील के ग्राम पछाया में मंदिर पर बिजली गिरने से क्षतिग्रस्त हो जाने से उसकी मरम्मत शासन के अनुदान से हो सकती है? नहीं तो क्या कारण हैं?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। शासन संधारित मंदिर जिनके राजस्व अभिलेख में प्रबंधक/व्यवस्थापक के रूप में कलेक्टर दर्ज है वह ही शासकीय माने जाते है। वर्तमान में नये स्थल सम्मिलित करने हेतु कोई योजना नहीं है। (ग) जी नहीं। प्रश्नांश (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
पंचायत सचिवों को अध्यापक संवर्ग के समान वेतन निर्धारण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
124. ( क्र. 1390 ) श्रीमती झूमा सोलंकी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पंचायत सचिवों को वर्ष 2013 के रक्त तुलादान कार्यक्रम में माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा अध्यापक संवर्ग के समान वेतनमान देने की घोषणा की गई थी? यदि हाँ, तो वर्तमान में क्यों नहीं दिया जा रहा है क्या घोषणा के पालन स्वरूप भविष्य में दिया जावेगा? (ख) क्या वर्तमान में प्रचलित वेतनमान में भी पर्याप्त भ्रांतियां एवं अनियमितताएँ हैं? क्या भीकनगांव विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत भीकनगांव ब्लॉक में 1995 में नियुक्त पंचायत सचिव को राशि रू. 16783/- जबकि झिरन्या विकाखण्ड में 1995 के नियुक्त पंचायत सचिव को राशि रू. 14060/- का भुगतान हो रहा है इनमें से कौन सा भुगतान सही हैं? इस सम्बंध में स्पष्ट निर्देश प्रदान किए जायेंगे जिससे इस प्रकार त्रुटियां नहीं हो तथा कर्मचारी को उसका पूरा वेतन प्राप्त हो सके? (ग) पंचायत समन्वयक अधिकारियों के कितने पद रिक्त हैं? क्या इन रिक्त पदों की पदपूर्ति पंचायत सचिवों की पदोन्नति से भरे जायेंगे? यदि हाँ, तो वह संख्या कितने पदों की होगी तथा यह कार्यवाही करने में कितनी समयावधि लगेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। उक्त घोषणा के संदर्भ में समयक रूप से परीक्षण उपरांत मध्यप्रदेश शासन, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के आदेश क्र. एफ-2/9/2013/22/पं.-1, दिनांक 24.07.2013 द्वारा नवीन वेतन मान के आदेश जारी किये गये हैं तथा तदानुसार भुगतान किया जा रहा है। (ख) जी नहीं। जी हाँ। परीक्षण किया जा रहा है, जिसके उपरांत समुचित निर्देश जारी किये जायेंगे। (ग) पंचायत समन्वय अधिकारी स्नातक के वर्तमान में 298 पद रिक्त हैं। पंचायत राज संचालनालय तृतीय श्रेणी (कार्यपालिक) सेवा भरती नियम 2013 के अनुसार स्नातक अर्हताधारी ग्राम पंचायत सचिवों को कुल पंचायत समन्वयक अधिकारी के स्वीकृत पदों में से 20 प्रतिशत पद विभागीय परीक्षा द्वारा ग्राम पंचायत सचिवों से भरे जाने का प्रावधान है। वर्तमान में पंचायत समन्वय अधिकारी के 298 पद रिक्त हैं। रिक्त पदों का 20 प्रतिशत के मान से लगभग 60 पदों पर ग्राम पंचायत सचिवों (स्नातक) की पदोन्नति की जाना होगी। पदोन्नति की कार्यवाही प्रशासकीय प्रक्रिया है। अतः समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
आलीराजपुर नगर में शौचालय का निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
125. ( क्र. 1422 ) श्री नागर सिंह चौहान : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) आलीराजपुर नगर में शौचालय निर्माण कब से प्रारंभ किया गया एवं कितना लक्ष्य रखा गया लक्ष्य के विरूद्ध कितने शौचालय निर्माण किये गये यदि नहीं, तो क्यों वर्ष 2014-15, 2015-2016, 2016-2017 तक की जानकारी देवें। (ख) नगर परिषद् आलीराजपुर में किस ऐजेंसी द्वारा शौचालय निर्माण किया गया क्या इसकी गुणवत्ता की जाँच की गई या नहीं यदि नहीं, तो क्यों? (ग) नगर परिषद् आलीराजपुर में एक शौचालय निर्माण में कितनी राशि प्रदान की गई और कितने वार्डों में शौचालय बने वर्षवार सूची 2014-15, 2015-16, 2016-17 तक की देवें। (घ) शौचालय का लाभ कितने हितग्राहियों को मिला है एवं शौचालय निर्माण कार्य किन वार्डों में नहीं किये गये उनके नाम व कारण बताएं?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) निकाय द्वारा दिनांक 11.09.2015 में 450 शौचालय लक्षित कर कार्यादेश जारी किया है जिनमें से 350 शौचालय का कार्य पूर्ण हो गया है शेष प्रश्नांश की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) डी.के.कंस्ट्रक्शन। जी हाँ। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ग) राशि रू. 13600.00। सूची संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (घ) वर्तमान तक 350 हितग्राहियों को लाभान्वित किया गया है। नगर के समस्त वार्ड में शौचालय विहीन परिवारों को शौचालय सुविधा प्रदान किया जाना है जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। अत: शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
आलीराजपुर जिले में स्थानांतरण
[नगरीय विकास एवं आवास]
126. ( क्र. 1423 ) श्री नागर सिंह चौहान : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में आलीराजपुर नगरपालिका में कुल कितने कर्मचारियों का स्थानांतरण किया गया? (ख) स्थानांतरण श्रेणी के अधिकारियों/कर्मचारियों में से कितनों ने आदेशित ज्वाईनिंग प्रस्तुत नहीं की है तथा कितनों के द्वारा माननीय न्यायालय से स्टे प्राप्त कर रखा है? (ग) क्या माननीय न्यायालय से स्टे प्राप्त अधिकारियों/कर्मचारियों के स्थानांतरण प्रकरण में जवाब प्रस्तुत कर स्टे वेकेट करने की कार्यवाही की गई है तथा कितने प्रकरण जवाब प्रस्तुति के अभाव में माननीय न्यायालय में विचाराधीन है? (घ) माननीय न्यायालय में स्टे प्राप्त प्रकरण में जवाब प्रस्तुत करने की समय-सीमा निर्धारित है? यदि हाँ, तो लंबित प्रकरणों में जवाब कब तक प्रस्तुत हो सकेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) स्थानांतरण श्रेणी के अधिकारियों/कर्मचारियों में से 03 अधिकारी/कर्मचारी ने स्थानांतरित निकाय में ज्वाईनिंग प्रस्तुत नहीं दी गई। 02 कर्मचारियों द्वारा माननीय न्यायालय में याचिका दायर की गई। दोनों याचिकाओं का माननीय न्यायालय द्वारा निराकरण हो चुका है, कोई स्थगन नहीं है। (ग) एवं (घ) प्रश्नांश ''ख'' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
नयागांव से भितरवार व्हाया चीनौर-करईया रोड निर्माण के संबंध में
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
127. ( क्र. 1426 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के तारांकित प्रश्न संख्या 11 (क्र. 1847) दिनांक 22 जुलाई 2016 में बताया गया था कि नयागांव से चीनौर, चीनौर से करईया एवं करईया से भितरवार की डी.पी.आर. लोक निर्माण विभाग द्वारा तैयार की जा रही है तथा उक्त रोड को एम.डी.आर. घोषित करने हेतु म.प्र. शासन, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा सहमति दी गई है। (ख) यदि हाँ, तो उक्त दिनांक से प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई है? अब रोड का निर्माण कब तक करा लिया जावेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) चिनौर से करईया मार्ग एवं करईया से भितरवार मार्ग लंबाई 28.71 कि.मी. को म.प्र. शासन लोक निर्माण विभाग मंत्रालय भोपाल ने अपने पत्र क्रमांक एफ-58 /2/2016/19/यो/5141/3227/ दिनांक 24.09.2016 से मुख्य जिला मार्ग घोषित किया गया है एवं लोक निर्माण विभाग के माध्यम से ए.बी. रोड से चिनौर मार्ग लंबाई 22 कि.मी. के डी.पी.आर. बनाये जाने की कार्यवाही प्रचलन में है। मार्गों के निर्माण की निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
एमीटी विश्वविद्यालय ग्वालियर की स्थापना एवं मान्यता
[उच्च शिक्षा]
128. ( क्र. 1427 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या एमीटी विश्वविद्यालय ग्वालियर म.प्र. की पद स्थापना यू.जी.सी. द्वारा विधिवत गाईड लाइन के तहत हुई यदि हाँ, तो क्या यह म.प्र. शासन उच्च शिक्षा विभाग द्वारा वैध है यदि हाँ, तो आदेश की प्रति उपलब्ध करावें? (ख) क्या इस विश्वविद्यालय से चल रहे लॉ (पंचवर्षीय एकीकृत- बी.बी.ए/बी.ए./बी.काम/ऑनर्स एल.एल.बी.) कोर्स की मान्यता यू.जी.सी. व बार काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा दी गई है? अगर हाँ, तो इसका सम्बद्धता नम्बर (Affiliation Number) क्या है यदि नहीं, तो किस आदेश व नियम के द्वारा यहां कक्षाएं संचालित की जा रही है? (ग) यदि इस विश्वविद्यालय में संचालित लॉ एकीकृत पाँच वर्षीय पाठ्यक्रम को यू.जी.सी. व बी.सी.आई. की मान्यता प्राप्त नहीं है तो फिर छात्रों को किस आदेश के तहत या किस विश्वविद्यालय की उपाधि दी जावेगी स्पष्ट करें? (घ) ग्वालियर में इस विश्वविद्यालय (एमीटी विश्वविद्यालय) में एकीकृत लॉ पाठ्यक्रम का संचालन क्या यू.जी.सी. व बी.सी.आई. के नियमों के तहत किया जा रहा है? या फिर इस विश्वविद्यालय द्वारा अपने मनमाफिक तरीके से संचालन किया जा रहा है?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) एमीटी निजी विश्वविद्यालय, ग्वालियर की स्थापना म.प्र. निजी विश्वविद्यालय (स्थापना एवं संचालन) अधिनियम 2007 के प्रावधानों के तहत् तृतीय संशोधन अधिनियम, 2010 के अध्याधीन मध्यप्रदेश शासन द्वारा की गई है। स्थापित एमीटी निजी विश्वविद्यालय, ग्वालियर को यू.जी.सी. के नियमानुसार उपाधि प्रदान करने हेतु अधिकृत किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक एवं 'दो' पर है। (ख) जी हाँ। इस विश्वविद्यालय से चल रहे लॉ (पंचवर्षीय एकीकृत -बी.बी.ए. /बी.ए., बी.काम. आनर्स, एल.एल.बी.) कोर्स की मान्यता बार काउंसिल आफ इंडिया के द्वारा प्रदान की गई है। यू.जी.सी. द्वारा उपाधि प्रदान करने की अनुमति प्राप्त है। इस विश्वविद्यालय में नियमानुसार कक्षाएं संचालित है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन एवं चार पर है। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के उत्तर अनुसार। (घ) विश्वविद्यालय में एकीकृत लॉ पाठयक्रम का संचालन यू.जी.सी. व बी.सी.आई. के निर्धारित मापदण्डों के अनुरूप ही किया जा रहा है।
जल ग्रहण क्षेत्र प्रबंधन मिशन अंतर्गत आई.डब्ल्यू.एम.पी. का क्रियान्वयन
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
129. ( क्र. 1429 ) श्री कमल मर्सकोले : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला पंचायत सिवनी अंतर्गत जल ग्रहण क्षेत्र प्रबंध मिशन आई.डब्ल्यू.एम.पी. प्रथम व द्वितीय अंतर्गत वर्ष 2014-15, 2015-16 व 2016-17 में प्राप्त आवंटन सिवनी व लखनादौन में तीनों वर्षों में आयोजित किये गये प्रशिक्षण की तिथि, प्रशिक्षण में किये गये व्यय प्रशिक्षणार्थियों की सूची उपलब्ध करावें। (ख) आई.डब्ल्यू.एम.पी. द्वितीय सिवनी अंतर्गत ग्राम पुसेरा वाटर शेड समिति द्वारा कराये गये निर्माण कार्यों को लेकर माह जुलाई 2015 में की गई शिकायत उपरांत कराई गई जाँच का प्रतिवेदन प्रदान करें। जाँच में वित्तीय व प्रशासनिक अनियमितता करने वाले अधिकारी व कर्मचारी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? (ग) आई.डब्ल्यू.एम.पी. द्वितीय लखनादौन में वर्ष 2014-15, 2015-16 व 2016-17 में प्रशासनिक वाटर शेड डेव्हलपमेंट आजीविका मद, उत्पादन मद में कितना आवंटन शासन से प्राप्त हुआ, चयनित ग्रामों में किये गये व्यय अनुसार समस्त कार्यों की जानकारी, तीन वर्षों में कराये गये प्रशिक्षण की तिथि, प्रशिक्षण में किये गये व्यय, प्रशिक्षणार्थियों की सूची उपलब्ध करावें।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं 'ब' अनुसार है। (ख) कार्यपालन यंत्री (ग्रामीण यांत्रिकी सेवा), लोक सेवा प्रबंधक (लोक सेवा प्रबंधन विभाग) तथा अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) के दल द्वारा की गई जाँच का प्रतिवेदन क्रमांक 10350, दिनांक 03.11.2015 की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। इस जाँच में दोषी अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध पुलिस का मत था कि अपराधिक प्रकरण नहीं बनता है। राज्य स्तर से संज्ञान में आने पर जिला कलेक्टर को विभागीय अनुशासनात्मक कार्यवाही किये जाने के निर्देश दियें गये है। (ग) मदवार आवंटन जारी नहीं किया जाता, अपितु एकजाई राशी आवंटित की जाती है। प्रश्नाधीन जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ', 'ब' एवं 'द' अनुसार है।
जाँच उपरान्त दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही
[वन]
130. ( क्र. 1433 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मुकुन्दपुर जिला सतना में निर्मित चिडि़याघर एवं सह-उपचार केन्द्र में हो रहे निर्माण संबंधी बिल वाउचर एवं पिट पासों की सत्यापित प्रति श्री हरिगोविंद सिंह के सूचना के अधिकार के आवेदन पर लोक सूचना अधिकारी सतना ने अपने पत्र क्रमांक 1750 दिनांक 17/11/2014 के माध्यम से जानकारी प्रदान की थी? (ख) प्रश्नांश 'क' के अनुसार प्राप्त दस्तावेजों के आधार पर श्री हरिगोविंद सिंह द्वारा निर्माणाधीन चिडि़याघर की अनियमितता संबंधी शिकायतें आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो में दिनांक 02/09/2015 एवं 04/09/2015 को थी? निर्माण कार्य में किये गए भ्रष्टाचार के कारण चिडि़याघर की बाउण्ड्रीवाल सहित अन्य निर्माण क्षतिग्रस्त हुए? (ग) यदि प्रश्नांश 'ख' हाँ तो शिकायत में वर्णित तथ्यों के आधार पर शिकायत पर क्या कार्यवाही की गई? कार्यवाही उपरान्त अगर जाँच पूर्ण कर ली गई हो तो जाँच उपरान्त कौन-कौन दोषी पाये गए, जाँच की प्रति देते हुए बतावें? अगर जाँच पूरी न की गई हो तो कब तक पूर्ण कर ली जावेगी? अगर जाँच 01 वर्ष बाद भी पूरी नहीं की गई, तो इसके लिए कौन-कौन दोषी हैं?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी हाँ। (ख) श्री हरिगोविंद सिंह द्वारा निर्माणाधीन चिडि़याघर की अनियमितता संबंधी शिकायतें दिनांक 02.09.2015 एवं 04.09.2015 को आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो में किये जाने की जानकारी इस विभाग में नहीं है। यह सही है कि शिकायत क्रमांक 25/15 आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (EOW) रीवा में जांचाधीन है। निर्माणाधीन चिडि़याघर की बाउण्ड्रीवाल सहित अन्य निर्माण भ्रष्टाचार के कारण क्षतिग्रस्त होने का प्रकरण प्रकाश में नहीं आया है। बल्कि रीवा एवं सतना जिले में वर्षा ऋतु 2016 में अत्यधिक वर्षा होने के कारण दिनांक 19.08.2016 को बीहर नदी में आई बाढ़ के कारण कुछ स्थानों में बाउण्ड्रीवाल क्षतिग्रस्त हो गई थी। (ग) शिकायत क्रमांक 25/15 आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (EOW) रीवा से जांचाधीन होने के कारण जाँच प्रतिवेदन वन विभाग द्वारा दिया जाना संभव नहीं है। अत: शेष प्रश्नांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
योजना के संचालन में की गई लापरवाही के लिये संबंधितों पर कार्यवाही
[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]
131. ( क्र. 1436 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दिनांक 14.08.2016 को जिला योजना समिति की बैठक जिले के प्रभारी मंत्री महोदय की अध्यक्षता में बुलाई गयी थी, जिसमें भिन्न-भिन्न विभागों की समीक्षा की गई थी, योजनावार जानकारी फोल्डर तैयार कर सदस्यों को दी गई? (ख) यदि प्रश्नांश (क) हाँ तो म.प्र. पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा संचालित आम आदमी बीमा माह जुलाई 2016 की स्थिति में दी गई जानकारी अनुसार पंजीकृत कुल हितग्राहियों की संख्या 74030 एवं एल.आई.सी. द्वारा जारी किये गये यूनिक आई.डी. 516040 बतायी गई? इसी तरह जनश्री बीमा योजना माह जुलाई 2016 की स्थिति में पंजीकृत कुल हितग्राहियों की संख्या 121056 एवं एल.आई.सी. द्वारा जारी किये गये यूनिक आई.डी. 72569 की दी गई? (ग) यदि हाँ, तो आम आदमी बीमा एवं जनश्री बीमा के पंजीकृत परिवार के सदस्यों को छात्रवृत्ति सामान्य मृत्यु दावा प्रकरण, दुर्घटना मृत्यु दावा प्रकरण, स्थायी/अस्थायी अपंगता दावा प्रकरण शून्य बताये गये? (घ) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में पंजीकृत कुल हितग्राहियों में से क्या हितग्राहियों की मृत्युएं दुर्घटना एवं अन्य कारणों से जिले के अंदर नहीं हुई? अगर हुई तो जानकारी क्यों नहीं दी गई? अगर लाभांवित नहीं किया गया तो क्यों? उपरोक्त जानकारी जनपदवार देवें? अगर पात्र हितग्राही वंचित हुए तो इसके लिये कौन-कौन दोषी हैं? (ड.) प्रश्नांश (घ) अनुसार अगर पंजीकृत पात्र हितग्राहियों को योजना के लाभ से वंचित किया गया तो इसके लिये कौन-कौन उत्तरदायी है? संबंधितों की लापरवाही एवं उत्तरदायित्व के निर्वहन में कमी के कारण योजना का क्रियान्वयन नहीं हुआ, इस पर क्या कार्यवाही करेंगे, इसके लिये किन पर जवाबदारी निहित करते हुए किस-किस तरह की कार्यवाही करेंगे, बतावें?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी हाँ। (ख) सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण विभाग द्वारा संचालित आम आदमी बीमा योजना एवं जनश्री बीमा योजना की जानकारी निकायों से प्राप्त न होने के कारण पूर्व में प्राप्त जानकारी के अनुसार जानकारी उपलब्ध कराई गई थी। निकायों से प्राप्त जानकारी के अनुसार माह जुलाई, 2016 की स्थिति में आम आदमी बीमा योजना में कुल पंजीकृत हितग्राही 74030 एवं एल.आई.सी. द्वारा जारी किये गये यूनिक आई.डी. नम्बर 51640 है। इसी तरह जनश्री बीमा योजना में माह जुलाई, 2016 की स्थिति में पंजीकृत कुल हितग्राही 121056 एवं एल.आई.सी. द्वारा जारी यूनिक आई.डी. 72569 है। (ग) तत्समय निकायों से जानकारी प्राप्त न होने के कारण प्रकरण शून्य बताये गये थे। माह जुलाई, 2016 की स्थिति में आम आदमी बीमा योजना एवं जनश्री बीमा योजना के अन्तर्गत पंजीकृत परिवार के सदस्यों को स्वीकृत छात्रवृत्ति, सामान्य मृत्यु दावा प्रकरण दुर्घटना, मृत्यु दावा प्रकरण स्थायी/आस्थाई अपंगता दावा प्रकरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘‘अ‘‘ एवं ‘‘ब‘‘अनुसार है। (घ) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘‘अ‘‘ एवं ‘‘ब‘‘ अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ड.) प्रश्नांश (घ) अनुसार पंजीकृत पात्र हितग्राही योजना के लाभ से वंचित नहीं हुआ है। अतः इसके लिये कोई उत्तरदायी नहीं है। योजना के क्रियान्वयन में कोई लापरवाही नहीं बरती गई है। अतः कार्यवाही करने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
दोषियों पर वसूली के साथ आपराधिक प्रकरण दर्ज करना
[खनिज साधन]
132. ( क्र. 1437 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 19 जुलाई 2016 के परि.अता. प्रश्न संख्या 19 (क्रमांक 259) के मुद्रित उत्तर के (ख) जी हाँ। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता दिया है? तो वर्ष 2010 से प्रश्नांश दिनांक तक में किन-किन पट्टाधारी खनिज मालिकों से कितना-कितना मुद्रांक शुल्क एवं पंजीयन फीस प्राप्त की गई? अनुबंध कितने-कितने लागत के स्टाम्प पर कराये गये का पृथक-पृथक विवरण रीवा, सीधी एवं सतना जिले का देवें? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में कितनी ऐसी खदानें हैं, जिनकी नीलामी नहीं की गई, तो क्यों? अगर की गई तो अवैध रूप से खनिज संपदा रेत एवं गिट्टी के अवैध खनन एवं परिवहन खुदाई क्यों हो रहे हैं? अवैध खनन को रोकने बाबत् रीवा, सीधी एवं सतना जिले के खनिज विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) के संबंध में जिला पंचायत रीवा की बैठक में खनिज विभाग द्वारा 26 खदानों को वैधानिक संचालित होना बताया गया, शेष 500 खदानें अवैधानिक रूप से संचालित हैं? क्या अवैध संचालन के कारण रेत मनमानी दाम पर बिक्री कर राशि वसूली जा रही है, जबकि परिवहनकर्ताओं के पास पिट पास भी जारी कर प्राप्त नहीं किये जाते? (घ) प्रश्नांश (ख), (ग) अनुसार स्टाम्प शुल्क एवं पंजीयन फीस कम वसूली जाकर शासन को कम मुद्रांक शुल्क लेकर आर्थिक क्षति पहुंचाई गई तो इसके लिए कौन-कौन दोषी हैं? दोषियों के विरूद्ध वसूली के साथ क्या आपराधिक प्रकरण दर्ज करायेंगे? तो कब तक? अगर नहीं तो क्यों? इसी तरह प्रश्नांश (ग) के अवैध खनन कर परिवहन पर रोक लगाते हुए अवैधानिक खदानों के संचालन पर रोक लगायेंगे? लगायेंगे तो कब तक? अगर नहीं तो क्यों?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी हाँ। जिला रीवा में मु्द्रांक शुल्क मद में 2346995 रूपये तथा पंजीयन शुल्क मद में 1822818 रूपये जिला सीधी में मुद्रांक शुल्क मद में 3633337 रूपये तथा पंजीयन शुल्क मद में 2864058 रूपये एवं जिला सतना में मुद्रांक शुल्क मद में 111903996 रूपये एवं पंजीयन शुल्क मद में 82948512 रूपये की वसूली की गई है। प्रश्नांश के शेष वांछित जानकारी संधारित करने के प्रावधान खनिज नियमों में नहीं है। (ख) जिला रीवा में कोई भी खदान नीलाम हेतु शेष नहीं है। जिला सीधी में 02 खदानें बोली प्राप्त नहीं होने के कारण नीलामी हेतु शेष है। सतना जिले में नीलामी हेतु कोई भी खदान चिन्हित नहीं है। प्रश्नाधीन जिलों में रेत गिट्टी के अवैध उत्खनन एवं परिवहन पर जिला स्तरीय टास्क फोर्स के साथ ही विभागीय अमले द्वारा सतत कार्यवाही की जाती है। अवैध रूप से खनिज संपदा के खनन एवं परिवहन की जानकारी प्राप्त होने पर निगरानी रखी जा रही है। (ग) जिला पंचायत रीवा की बैठक में 26 खदानों के वैधानिक रूप से संचालित होने की जानकारी दी गई थी, परन्तु प्रश्नांश में उल्लेखित अवैधानिक रूप से संचालित खदानों की कोई जानकारी नहीं दी गई और न ही प्रश्नांश में उल्लेखित अनुसार ऐसी कोई स्थिति है। (घ) प्रश्नांश में उल्लेखित अनुसार नियमानुसार मुद्रांक शुल्क एवं पंजीयन शुल्क की राशि वसूल की गई है। इस मद में कम राशि वसूल किये जाने का कोई भी प्रकरण प्रकाश में नहीं आया है तथा प्रश्नांश के शेष भाग का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
शासकीय कार्यक्रमों में जन प्रतिनिधियों की अवेहलना
[नगरीय विकास एवं आवास]
133. ( क्र. 1450 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या शासन की नीति अनुसार शासकीय कार्यक्रमों/ भूमिपूजन/लोकार्पण/सांस्कृतिक कार्यक्रम/अन्य शासकीय कार्यक्रमों में क्षेत्र के चुने हुये जन प्रतिनिधि को आमंत्रित या सूचना देने का प्रावधान है? (ख) यदि हाँ, तो नगर पालिका मकरोनिया बुजुर्ग द्वारा नगर पालिका गठन के उपरांत से प्रश्न दिनांक तक कितने शासकीय कार्यक्रमों/भूमिपूजन/लोकार्पण/सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किये गये हैं? दिनांकवार जानकारी एवं कार्यक्रमों में व्यय की गई राशि की जानकारी देवें? (ग) क्या शासकीय कार्यक्रमों/भूमिपूजन/लोकार्पण/सांस्कृतिक कार्यक्रमों में क्षेत्र के चुने हुये जनप्रतिनिधि/विधायक को आमंत्रित किया गया या सूचना दी गई थी? (घ) यदि नहीं, तो क्यों? क्या विभाग जन प्रतिनिधियों को आमंत्रित न करने की अवहेलना करने पर विभाग द्वारा दोषी अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध अनुशासनात्मक/दंडात्मक कार्यवाही करेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ। (घ) प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
मकरोनिया बुजुर्ग नगर पालिका द्वारा वाहन का क्रय
[नगरीय विकास एवं आवास]
134. ( क्र. 1451 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नगर पालिका मकरोनिया बुजुर्ग में नगर पालिका गठन के उपरांत से प्रश्न दिनांक तक कितने वाहनों का क्रय किया गया? (ख) वाहन क्रय में क्रय करते समय क्या नगर पालिका द्वारा वाहन की उपयोगिता, शासन से अनुमति एवं क्रय करने में शासन के नियमों का पालन किया गया है? (ग) क्या क्रय किये गये सभी वाहनों का उपयोग नगर पालिका द्वारा प्रश्न दिनांक तक किया जा रहा है? (घ) क्रय किये गये वाहनों का नगर पालिका द्वारा उपयोग नहीं किया जा रहा है और वाहनों को अधिक संख्या में क्रय कर लिया गया है तो इसके लिये जबावदेही अधिकारी के विरूद्ध शासन कार्यवाही करेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) एवं (ग) जी हाँ। (घ) प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नगर निगम जबलपुर के निर्माण कार्य
[नगरीय विकास एवं आवास]
135. ( क्र. 1469 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नगर निगम जबलपुर के अंतर्गत विगत दो वर्षों में कितने लेफट टर्न का निर्माण कितनी-कितनी राशि से किस गुणवत्ता का कराया गया? उपरोक्त लेफ्ट टर्न के निर्माण की नींव में कितने गहराई का मैंटल, मुरूम, फिसिंग का कार्य किया गया एवं किस गुणवत्ता का कितनी मोटाई का सीमेंट कांक्रीट का निर्माण कार्य किया गया? भुगतान की जानकारी आयटमवार कार्यवार मापन, मूल्यांकन आदि के नाम सहित जानकारी देवें? (ख) क्या उपरोक्त लेफ्ट टर्नों के निर्माण में नींव का 115 से.मी. के स्थान पर 30-40 से.मी. किया गया है एवं गेट नं. 4, तीन पत्ती चौक, स्टेडियम लेफ्ट टर्न सहित आधे लेफ्ट टर्न घटिया सीसी गुणवत्ता के कारण उखड़ गये है? यदि हाँ, तो दोषी अधिकारियों पर कब तक कार्यवाही की जावेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पाटन विधानसभा क्षेत्रांतर्गत शौचालय निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
136. ( क्र. 1470 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वित्त वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक पाटन विधानसभा अंतर्गत किस-किस ग्राम के कितने हितग्राहियों द्वारा शौचालय का निर्माण किस योजना मद के तहत कब किया गया। सूची देवें। क्या यह सही है कि कई पंचायतों में शौचालय विहीन जो नाम सूची में है वे पोर्टल में नहीं होने से हितग्राही परेशान हो रहे है? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित शौचालय के निर्माण का भुगतान किस-किस को कब-कब किया गया एवं किस-किस का भुगतान प्रश्न दिनांक तक किन कारणों से शेष है भुगतान शेष रहने के क्या कारण है? भुगतान में हो रहे विलंब के दोषियों पर शासन द्वारा क्या कोई कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो किस प्रकार से, कब तक, यदि नहीं, तो क्यों नहीं। (ग) पाटन एवं मझौली जनपद पंचायतों के अंतर्गत वित्त वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक किन-किन निर्माण कार्यों हेतु कौन-कौन सी निर्माण सामग्री किस दर से किस प्रतिष्ठान से कब खरीदी गई एवं खरीदी गई सामग्री का भुगतान किस प्रकार से कब किया गया बतलावें? ग्राम पंचायतवार सूची देवें। (घ) क्या प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित प्रतिष्ठान/दुकानदार शासन द्वारा खरीदी हेतु अधिकृत थे यदि हाँ, तो दुकानदारों के टिन नंबर सहित सूची देवें एवं यह भी बतलावें कि बिना टिन नंबर वाले दुकानदारों से खरीदी का दोषी कौन है तथा शासन उन पर कब, क्या कार्यवाही करेगा।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। शौचालय विहीन परिवार जो पोर्टल पर नहीं दिख रहें हैं, उनकी पात्रता का परीक्षण किया जा रहा है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। पूर्ण शौचालयों का भुगतान शेष नहीं है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (घ) प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित प्रतिष्ठान/ दुकानदार शासन द्वारा अधिकृत नहीं किये गये थे। स्थानीय स्तर पर पंचायतों द्वारा टिन नम्बर धारक प्रतिष्ठानों से सामग्री क्रय की गई है, मात्र एक पंचायत द्वारा कुछ सामग्री बिना टिन नम्बर खाता धारक से क्रय की गई है। तत्संबंध में संबंधित को कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया जाकर अनुशासनात्मक कार्यवाही प्रचलित है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है।
सागर नगर की आई.एच.एस.डी.पी. योजना में आवास निर्माण/आवंटन
[नगरीय विकास एवं आवास]
137. ( क्र. 1487 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सागर नगर में आई.एच.एस.डी.पी. योजना अंतर्गत कितने आवासों का निर्माण किया जाना था? कितने आवास प्रश्न दिनांक तक निर्मित हो चुके हैं? कितने आवास निर्माणाधीन है? निर्माणाधीन आवासों की वर्तमान में क्या स्थिति है? (ख) आवास निर्माण/आवंटन में विलंब के क्या कारण है? इसके लिये कौन दोषी है? क्या इसकी जवाबदेही तय की गयी है? क्या निर्मित आवास उचित देख-रेख के अभाव में क्षतिग्रस्त हो रहे है? यदि हाँ, तो देख-रेख की क्या व्यवस्था है? (ग) इस योजना के संपूर्ण आवासों का कब तक आवंटित कर दिया जायेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) सागर नगर में आई.एच.एस.डी.पी. योजनांतर्गत 480 आवासों का निर्माण किया जाना है। 120 आवास समर्पित किये गये है। 360 आवास प्रश्न दिनांक तक निर्मित हो चुके है। कोई आवास निर्माणाधीन नहीं है। (ख) योजना अंतर्गत 360 आवासों का आवंटन दिनांक 19.10.2014 को लाटरी द्वारा किया गया था। योजना में विलम्ब का कारण आवंटन संबंधी शिकायत प्राप्त होने पर संभागीय आयुक्त, सागर संभाग, सागर द्वारा हितग्राहियों के आवंटन की जाँच की गई जिसमें 77 पात्र एवं 283 अपात्र पाये गये। योजना में हितग्राहियों के चयन के संबंध में शिकायत के आधार पर आयुक्त, सागर संभाग, सागर की जाँच प्रतिवेदन के अनुसार हितग्राहियों के चयन में हुई लापरवाही हेतु प्रथम दृष्ट्या 4 अधिकारी श्री विजय दुबे, कार्यपालन यंत्री, श्री रमेश चौधरी, सहायक यंत्री, श्री रामाधार तिवारी, उपयंत्री एवं श्री एफाज हुसैन, सहायक ग्रेड-3 के विरूद्ध जाँच कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। शीघ्र ही जाँच प्रक्रिया पूर्ण होते ही दोषियों पर कार्यवाही की जायेगी। निर्मित भवनों की देख-रेख संविदाकार द्वारा की जा रही है। भवन क्षतिग्रस्त नहीं हो रहे है। (ग) 360 में से 77 को छोड़कर शेष 283 हितग्राहियों हेतु पात्र हितग्राही की पहचान की जा रहीं है। पहचान के उपरांत शीघ्र ही आवंटन कर आधिपत्य दे दिया जायेगा। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
सागर नगर में मांस विक्रय एवं मांस मार्केट
[नगरीय विकास एवं आवास]
138. ( क्र. 1488 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या सागर नगर में मांस (मीट) विक्रय मार्केट का निर्माण हो गया है? यदि हाँ, तो मार्केट का निर्माण कब पूर्ण हो गया है? समय वर्ष बतायें। (ख) क्या सागर नगर में मांस (मीट) का विक्रय मीट मार्केट में नहीं हो रहा है? यदि हाँ, तो मीट मार्केट निर्माण की उपयोगिता क्या है? (ग) क्या सागर नगर में मीट मार्केट होने के उपरांत भी नगर में व्यापारियों द्वारा विभिन्न स्थानों पर मांस का विक्रय किया जा रहा है? यदि हाँ, तो मांस विक्रय कब तक बंद करा दिया जायेगा? (घ) क्या मीट का विक्रय गैर लायसेंसी विक्रेताओं द्वारा भी किया जा रहा है? यदि हाँ, तो शासन क्या कार्यवाही कब तक करेगा? मीट मार्केट में कब तक सभी मीट कारोबारियों को स्थानांतरित करा दिया जायेगा? निश्चित समय-सीमा बतायें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) नगर पालिक निगम, सागर में मीट मार्केट का निर्माण नहीं किया गया है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) नगर पालिक निगम, सागर में मॉस-मीट का विक्रय पुराने मीट मार्केट में किया जा रहा है, जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) एवं (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
मनरेगा योजनान्तर्गत स्वीकृत कार्य
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
139. ( क्र. 1495 ) श्रीमती संगीता चारेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अप्रैल 2008 से लेकर प्रश्न दिनांक तक कितनी कितनी राशी महात्मा गाँधी रोजगार गारंटी योजनान्तर्गत रतलाम जिले को प्राप्त हुई व उसमें जिला स्तर से कितनी राशि के कितने कार्य स्वीकृत कर किस-किस शासकीय विभाग को एजेंसी बनाया कृपया वर्षवार मय वित्तीय एवं भौतिक प्रगति के जानकारी प्रदान करें (ख) प्रश्नांश (क) की समयावधि में क्या सभी कार्य की मांग करने वाले आवेदनकर्ताओं को कार्य उपलब्ध करा दिया गया है? यदि हाँ, तो कितनों को? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) अवधि में वनमंडल सामान्य रतलाम को किन किन कार्यों की एजेंसी नियुक्त किया गया? कार्य का नाम, प्रशासकीय स्वीकृति दिनांक व उपलब्ध कराये गये रोजगार दिवस की संख्या सहित वर्षवार बतावें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) अप्रैल 2008 से लेकर प्रश्न दिनांक तक महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजनान्तर्गत रतलाम जिले को राशि रू. 333.94 करोड़ प्राप्त हुई व उसमें जिला स्तर से स्वीकृत कार्य की राशि तथा शासकीय विभागों को एजेंसी के रूप में वर्षवार वित्तीय एवं भौतिक प्रगति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जी हाँ। प्रश्नांकित अवधि में 216.63 लाख मानव दिवस का सृजन किया गया तथा 86957 जॉबकार्डधारी परिवारों को रोजगार उपलब्ध कराया गया। (ग) प्रश्नांकित अवधि में वनमण्डल सामान्य रतलाम जिले के द्वारा संपादित कार्यों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
सैलाना खरमोर अभ्यारण्य हेतु आरक्षित भूमि
[वन]
140. ( क्र. 1496 ) श्रीमती संगीता चारेल : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सैलाना खरमोर अभ्यारण अंतर्गत कितनी भूमि आरक्षित की गई हैं? क्या सम्पूर्ण भूमि वन विभाग की है या शासकीय हैं? यदि नहीं, तो कितनी निजी भूमि अभ्यारण हेतु आरक्षित हैं? सम्पूर्ण आरक्षित भूमि की मय भूमि स्वामी एवं रकबा सहित जानकारी उपलब्ध करायें? (ख) प्रश्नांश (क) के सम्बन्ध में प्रश्न दिनांक तक निजी भूमि स्वामियों को कितना मुआवजा या क्षति पूर्ति राशि उपलब्ध कराई गई वर्षवार जानकारी प्रदान करें? (ग) प्रश्नांश (क) के संबंध में जिन किसानों की भूमि अभ्यारण्य अंतर्गत आरक्षित हैं उन्हें उक्त भूमि बेचने का अधिकार हैं या नहीं? यदि नहीं, तो क्यों? इस संबंध में शासन के क्या नियम हैं नियमों की जानकारी उपलब्ध करावें? (घ) क्या उक्त आरक्षित भूमि पर भूमि स्वामी किसान खेती कर सकता है तथा खरपतवार व इल्लियों के प्रकोप को रोकने हेतु कीटनाशक दवाइयों का प्रयोग कर सकते हैं? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं 2 अनुसार है। (ख) निजी भूमि, संबंधित भूमि स्वामियों के ही स्वामित्व व आधिपत्य में है। अत: कोई मुआवजा या क्षतिपूर्ति की राशि का भुगतान नहीं किया गया है। शेष प्रश्नांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) वन्यप्राणी (संरक्षण) अधिनियम, 1972 की धारा 20 के अनुसार जिन किसानों की भूमि अभ्यारण्य के अंतर्गत सम्मिलित है, उस पर अन्य व्यक्ति द्वारा भूमि के क्रय से कोई नया अधिकार प्राप्त नहीं किया जा सकता है। अधिकारों के विनिश्चयन की प्रक्रिया में कलेक्टर द्वारा उक्त अधिनियम की धारा 24, उपधारा (2) के अंतर्गत कार्यवाही की जा सकती है। अधिनियम के संगत अंशों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (घ) कृषक खेती कर सकते हैं, किन्तु उक्त अधिनियम की धारा 32 पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 के परिप्रेक्ष्य में कृषकों को सलाह दी जाती है कि जुलाई से नवम्बर के मध्य रसायनों का उपयोग खरमोर पक्षी की पूर्ण सुरक्षा को ध्यान में रखकर ही किया जाये।
निर्मल भारत/स्वच्छ भारत अभियान अन्तर्गत निर्मित शौचालयों का भौतिक सत्यापन
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
141. ( क्र. 1503 ) श्री संजय उइके : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा अपर मुख्य सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग को बालाघाट जिले में निर्मल भारत/स्वच्छ भारत अभियान अन्तर्गत निर्मित शौचालयों के भौतिक सत्यापन एवं आय व्यय की जाँच रिपोर्ट में करोड़ों के घोटाले की जाँच बाबत् पत्र लिखा गया था? (ख) यदि हाँ, तो प्रश्नकर्ता का पत्र अपर मुख्य सचिव द्वारा किन-किन अधिकारी/कर्मचारी को कब-कब अंकित/निर्देशित किया गया एवं पत्र किन-किन अधिकारी/कर्मचारी के पास कब-कब कार्यवाही हेतु अंकित किया गया? (ग) प्रश्नकर्ता के पत्र किस अधिकारी/कर्मचारी के पास लंबित है एवं कब तक पत्रानुसार कार्यवाही की जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) राज्य स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के पत्र क्र. 1570 दिनांक 26.11.2016 द्वारा उक्त पत्र पर कार्यवाही हेतु कलेक्टर बालाघाट को प्रेषित किया गया। (ग) पत्र पर की गई कार्यवाही/प्रतिवेदन पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
विभिन्न पेंशन योजनाओं में हितग्राहीयों को मिलने वाली पेंशन
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
142. ( क्र. 1505 ) श्री दीवानसिंह विट्ठल पटेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़वानी जिले में कितने हितग्राहियों को प्रतिमाह विभिन्न योजनाओं के माध्यम से पेंशन राशि प्रदाय की जाती है? निकायवार योजनावार संख्या बतावे। (ख) उक्त पेंशन प्राप्त कर रहे हितग्राहियों को किस माह तक राशि का भुगतान कर दिया गया है? योजनावार हितग्राहियों की संख्या बतावें? (ग) क्या पेंशन प्राप्त करने वाले हितग्राहियों को नियमित रूप से पेंशन प्राप्त नहीं हो रही है इसके लिए जिम्मेदार कौन है? जबकि शासन द्वारा नियमित रूप से पर्याप्त आवंटन उपलब्ध कराया जा रहा है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ’’अ’’ अनुसार। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ’’ब’’अनुसार। (ग) हितग्राहियों को प्रतिमाह नियमित पेंशन का भुगतान किया जा रहा है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विधायक निधि में अर्जित ब्याज
[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]
143. ( क्र. 1508 ) प्रो. संजीव छोटेलाल उइके : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. शासन भोपाल योजना आर्थिक व सांख्यिकी मंत्रालय के पत्र क्र. एफ 10-76/07/23/यो.अ.सां./भोपाल दिनांक 27.09.2007 के द्वारा निर्वाचन क्षेत्र विकास योजनान्तर्गत निर्माण एजेंसियों को प्रदाय राशि पर अर्जित ब्याज की राशि को शासकीय कोष में जमा करने हेतु जिला कलेक्टर को निर्देशित किया गया है? यदि हाँ, तो म.प्र. के सभी जिलों में विधानसभा क्षेत्रवार वित्तीय वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 कितनी ब्याज की राशि, किस प्रकार शासन के कोष में जमा करायी गयी? (ख) क्या म.प्र. शासन के वित्त विभाग द्वारा म.प्र. विधानसभा में बजट पेश करते समय उक्त अर्जित ब्याज की गणना भी की जाती है यदि हाँ, तो उक्त राशि शासन के पक्ष में समायोजन, निर्धारण किस प्रकार किया जाता है और उपरोक्त वित्तीय वर्षों में प्राप्त ब्याज की राशि का किस प्रकार समायोजन एवं व्यय किया गया बताये? (ग) यदि नहीं, तो क्या यह वित्तीय अनियमितता एवं आर्थिक कदाचरण की श्रेणी में आता है शासकीय कोष को क्षति पहुंचाने के लिये कौन-कौन अधिकारी जिम्मेदार है उन पर क्या कार्यवाही की जायेगी? (घ) क्या मण्डला जिले एवं प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र मंडला में वित्तीय वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में अर्जित ब्याज की राशि शासकीय कोष में जमा की गयी यदि हाँ, तो कितनी एवं किस प्रक्रिया से? यदि नहीं, तो इस लापरवाही के लिये दोषी अधिकारी/कर्मचारियों पर क्या कार्यवाही की जायेगी?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत निर्मित शौचालयों का भुगतान
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
144. ( क्र. 1525 ) श्री कुंवर सिंह टेकाम : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीधी जिले के अंतर्गत जनपद पंचायत मझौली के द्वारा स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत कितने शौचालयों का निर्माण कराया गया है? ग्राम पंचायतवार संख्या बतायें? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में शौचालयों का निर्माण बेण्डर्स एवं हितग्राहियों के द्वारा किया गया है यदि हाँ, तो बताये? ग्राम पंचायतवार कितने शौचालयों का निर्माण बेंडरों के द्वारा एवं कितने शौचालयों का निर्माण हितग्राहियों के द्वारा किया गया है? पंचायतवार बेण्डर एवं हितग्राहियों के द्वारा निर्मित शौचालयों की संख्या बतायें? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में निर्मित शौचालयों का भुगतान कर दिया गया है तो बतायें। कितने शौचालयों का भुगतान बेण्डरों को एवं कितने शौचालयों का भुगतान हितग्राहियों को किया जा चुका हैं पंचायतवार संख्या बतायें? कितने शौचालयों का भुगतान अभी भी शेष हैं उनका भुगतान कब तक कर दिया जावेगा? (घ) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में जिन हितग्राहियों के द्वारा शौचालय निर्माण किया जा चुका है लेकिन उनका भुगतान अभी तक नहीं किया गया है साथ ही एम.आई.एस. सूची में अपात्र बताया जा रहा है जबकि पूर्व में उनका नाम सूची में था ऐसे हितग्राहियों का सूची में नाम जोड़कर भुगतान कराया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) सीधी जिले के अंतर्गत जनपद पंचायत मझौली में स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत 21691 शौचालयों का निर्माण कराया गया है। ग्राम पंचायतवार संख्या की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में शौचालयों का निर्माण ग्राम पंचायत एवं हितग्राहियों के द्वारा किया गया है। शौचालय का निर्माण बेण्डर्स द्वारा नहीं किया जाता है। ग्राम पंचायत एवं हितग्राहियों द्वारा निर्मित शौचालयों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर अनुसार ग्राम पंचायत एवं हितग्राहियों द्वारा निर्मित शौचालयों के भुगतान एवं शेष भुगतान की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। शेष भुगतान की कार्यवाही प्रचलन में है। (घ) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में 1270 हितग्राहियों का नाम वर्तमान सूची में अपात्र होने के कारण भुगतान नहीं हो पा रहा है। उक्तानुसार हितग्राहियों की पात्रता की सही जानकारी प्राप्त कर भुगतान की कार्यवाही की जा रही है।
खनिज लीज के संबंध में
[खनिज साधन]
145. ( क्र. 1526 ) श्री कुंवर सिंह टेकाम : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीधी जिले के अतंर्गत तहसील मझौली में कितने पत्थर खदान/क्रेशर/रेत उत्खनन के लिये लीज स्वीकृत की गयी है। नाम, स्थान, लीज होल्डर के नाम सहित लीज अवधि की पूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) क्या तहसील मझौली के नगर परिषद् मझौली के वार्ड क्रमांक 01 अंतरैला में मार्बल पत्थर का खदान स्वीकृत है यदि हाँ, तो जानकारी देवें यदि नहीं, तो अवैध मार्बल खदान से उत्खन्न का कार्य विगत 5 वर्षों से हो रहा है यदि हाँ, तो पूर्ण जानकारी देवें? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में मार्बल पत्थर के अवैध उत्खन्नन कर मार्बल पत्थर 200 टर्न उत्खनन स्थल एवं 60 टर्न मार्बल पत्थर ट्रेलर के माध्यम से परिवहन करते समय 2 माह पूर्व जब्त किया गया था यदि हाँ, तो कब और क्या कार्यवाही की गई? (घ) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में मार्बल पत्थर के अवैध उत्खननकर्ता के द्वारा अतरैला के आदिवासी किसान अजमेर सिंह, धीरसिंह, भैयालाल सिंह रामनिहोर तिवारी एवं अनिल मिश्र और कुसुम मिश्रा के पट्टे की जमीन पर जबरदस्ती कब्जा कर मार्बल पत्थर का उत्खनन किया जा रहा है जिसमें भारी विस्फोटक सामग्री का उपयोग किया जा रहा है इस संबंध में पुलिस थाने पर शिकायत भी की गई लेकिन आज तक कोई कार्यवाही नहीं की गई? क्या कार्यवाही करायेगें?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। प्रश्नाधीन क्षेत्र पर श्री उमेश शर्मा को मार्बल खनिज की पूर्वेक्षण अनुज्ञप्ति मध्यप्रदेश शासन खनिज साधन विभाग भोपाल के आदेश क्रमांक 6040/78/14/12/1 भोपाल दिनांक 23.08.2014 द्वारा रकबा 4.048 क्षेत्र पर 02 वर्ष के लिये स्वीकृत है। अनुज्ञप्तिधारी द्वारा स्वीकृत पूर्वेक्षण अनुज्ञप्ति का अनुबंध निष्पादन दिनांक 05.11.2014 से 02 वर्ष के लिये किया गया है। स्वीकृत पूर्वेक्षण अनुज्ञप्ति में पूर्वेक्षण संक्रिया करने हेतु कार्यालय कलेक्टर खनिज सीधी आदेश क्रमांक 861 दिनांक 04.12.2014 द्वारा भू-प्रवेश की अनुमति प्रदान की गई है, जिस पर अनुज्ञप्तिधारी द्वारा पूर्वेक्षण कार्य विगत 02 वर्षों से प्रारंभ किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्न में उल्लेख अनुसार मार्बल के 200 टन का अवैध उत्खनन एवं 60 टन मार्बल का अवैध परिवहन होना नहीं पाया गया है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नानुसार दर्शित व्यक्तियों की पट्टे की जमीन पर कब्जा कर मार्बल पत्थर के उत्खनन किये जाने संबंधी कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। अनुज्ञप्तिधारी द्वारा स्वीकृत क्षेत्र पर ब्लॉस्टिंग कर उत्खनन किये जाने संबंधी शिकायत पुलिस थाना मझौली में दिनांक 14.05.2016 को प्राप्त हुई थी। जिस पर पुलिस द्वारा कार्यवाही कर आरोपी उमेश शर्मा, श्री रमाशंकर द्विवेदी के विरूद्ध अपराध क्रमांक 437/2016 धारा 5 विस्फोटक पदार्थ अधिनियम, 1984 के तहत पंजीबद्ध किया गया है। जिसमें आरोपी रमाशंकर द्विवेदी को दिनांक 04.09.2016 को गिरफ्तार किया गया है। आरोपी उमेश शर्मा की तलाश जारी है।
स्वच्छता भारत अभियान अंतर्गत शौचालय निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
146. ( क्र. 1539 ) श्री गोवर्धन उपाध्याय : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिरोंज विधान सभा क्षेत्रांतर्गत जनपद पंचायत सिरोंज/लटेरी में योजना प्रारंभ से अब तक स्वच्छता भारत अभियान के अंतर्गत शौचालय निर्माण हेतु किन-किन ग्राम पंचायतों द्वारा कितने-कितने शौचालय का निर्माण कार्य किये गये हैं और कितने निर्माण होना शेष हैं? उक्त योजना के तहत ग्राम पंचायतों में कितनी-कितनी राशि स्वीकृत की गयी? कितने कार्य पूर्ण हुए एवं कितने कार्य अपूर्ण हैं? अपूर्ण कार्यों को कब तक पूर्ण किया जावेगा? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या कुछ ग्राम पंचायतें ऐसी भी हैं जिनको उक्त योजनांतर्गत राशि प्रदाय किये जाने के बाद भी आज दिनांक तक कार्य प्रारंभ नहीं किये गये? यदि हाँ, तो ऐसी कौन-कौन सी ग्राम पंचायतें हैं? उक्त ग्राम पंचायतों के विरूद्ध क्या कार्यवाही कब तक की जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) उक्त योजना के तहत अब तक कितनी ऐसी ग्राम पंचायतें हैं, जिनमें आज दिनांक तक कार्य प्रारंभ नहीं किये गये हैं? कार्य प्रारंभ न करने का क्या कारण हैं?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। स्वच्छ भारत मिशन में भारत शासन द्वारा शेष शौचालय निर्माण का लक्ष्य 02 अक्टूबर, 2019 तक रखा गया है। (ख) जी हाँ। योजना के प्रारंभ में जनपद पंचायत सिरोंज की रतनबर्री ग्राम पंचायत को माह अक्टूबर 2014 में जनपद द्वारा राशि 1.20 लाख जारी की गई एवं जनपद द्वारा दी गई राशि के अनुरूप कार्य न करने पर वसूली की कार्यवाही का प्रकरण एसडीएम कोर्ट में प्रचलन में है। (ग) वर्तमान में कोई भी ऐसी ग्राम पंचायत नहीं है, जिसमें शौचालय निर्माण नहीं किए जा रहे है।
रेत का अवैध खनन, भण्डारण, विक्रय
[खनिज साधन]
147. ( क्र. 1562 ) श्री मधु भगत : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बालाघाट जिले से संबंधित, रेत के अवैध खनन, विक्रय, भंडारण परिवहन की शिकायतें, जिला स्तर, संभाग स्तर, विभागाध्यक्ष स्तर तथा शासन स्तर पर 01 अप्रैल 2012 से प्रश्न दिनांक तक प्राप्त हुई? प्रत्येक स्तर की अलग-अलग, तिथिवार विवरण बताये और क्या-क्या, किसके द्वारा कार्यवाही की गई? तिथि सहित सक्षम अधिकारी का नाम पद बतायें? (ख) क्या जे.सी.बी./मशीनों से रेत खनन किये जाने की सूचना, शिकायतें प्राप्त हुई? यदि हाँ, तो कौन-कौन से स्थान/खदान/नदी, नाले की तथा उक्त अवधि में किस-किस स्थान के दौरे, किस प्राधिकारी ने किस-किस तिथि को किये? (ग) जिले में उक्त अवधि में जो शासकीय (प्रदेश/केन्द्रीय सरकार) के निर्माण कार्य किये गये, उनके लिये रेत की व्यवस्था और क्रय किस एजेन्सी/ठेकेदार/लायसेंसधारी से किया गया क्या इस तथ्य की निगरानी की गई?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) वांछित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' एवं 'ब' में दर्शित है। खनिज साधन विभाग का संभाग स्तर पर कोई कार्यालय नहीं है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' के सरल क्रमांक 1, 17 एवं 23 पर अंकित है। (ग) प्रश्नानुसार मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 में जानकारी संधारित किये जाने का प्रावधान नहीं है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नगर निगम भोपाल में भ्रष्टाचार
[नगरीय विकास एवं आवास]
148. ( क्र. 1563 ) श्री मधु भगत : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) भोपाल नगर निगम के अंतर्गत अवैध कालोनी प्रकोष्ठ में कौन-कौन, कब से, किस पद पर पदस्थ है? उनका मूल पद क्या है तथा उसे क्या-क्या कार्य आवंटित किया गया है? क्या उक्त लिपिकों द्वारा समय पर पत्र तथा स्मरण पत्र जारी किये गये है? जैसा कि सामान्य प्रशासन विभाग के जारी निर्देशों में निर्देशित किया गया? (ख) प्रकोष्ठ में कितने कौन-कौन से कालोनाईजर के विरूद्ध प्रकरण दर्ज है? नाम दर्ज होने की तिथि, कारण, अद्यतन स्थिति बतायें जिनके विरूद्ध कार्यवाही नहीं की गई है उसका क्या कारण है कौन जिम्मेदार है? क्या दोषी को दण्डित किया जावेगा? (ग) प्रकोष्ठ में कालोनाईजर के नवीनीकरण के कौन-कौन से प्रकरण कब से क्यों लंबित है? प्रत्येक का कारण अलग-अलग बतायें। क्या निगम के पास समस्त अभिलेख/जानकारी होने के बावजूद भी निगम कर्मियों, लिपिकों को रिश्वत न मिलने के कारण अनावश्यक आपत्ति लगाई जा रही है या फर्जी आधारहीन शिकायतें स्वयं के द्वारा शामिल कर या सम्मिलित करवा कर नस्ती को लंबित रखा जा रहा है? यदि नहीं, तो क्या कारण है? प्रत्येक नस्ती की जाँच कराई जावेगी? (घ) क्या उक्त लिपिकों/कर्मचारियों द्वारा वे शिकायतें दबाई जाती है, लंबित रखी जाती है जिनमें कि कालोनाईजर द्वारा नियम विरूद्ध निर्माण कार्य/विकास कार्य किये है, क्या जाँच कराई जावेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। जी हाँ। (ख) जानकारी संकलित की जा रही है। (ग) अवैध कॉलोनी प्रकोष्ठ में कालोनाईजर के नवीनीकरण का कार्य नहीं किया जाता है। उक्त परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
विदेश यात्रा में व्यय की गई राशि
[वाणिज्य, उद्योग एवं रोजगार]
149. ( क्र. 1611 ) श्री प्रताप सिंह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में उद्योग स्थापित कराने की पहल को लेकर सरकार ने वर्ष 2011 से लेकर प्रश्न दिनांक तक ग्लोबल तथा अन्य इंवेस्टर्स मीट आयोजित की थी तथा इस संबंध में विदेश यात्रायें भी की गई हैं, यदि हाँ, तो इन आयोजनों/यात्राओं पर कितनी राशि व्यय की गई है? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार आयोजित मीट में कितनी कंपनियों, उद्योगपतियों ने सरकार के साथ निवेश हेतु एम.ओ.यू. करार कितनी राशि के किये थे? कितनी कंपनियां/उद्योगपति करार करने के पश्चात् पीछे हट गये तथा उनके एम.ओ.यू. भी निरस्त किये जा चुके हैं? (ग) कौन-कौन कंपनियों/उद्योगपतियों के साथ हुए निवेश पर एम.ओ.यू. करार निरस्त किये गये हैं, निरस्त किये जाने के क्या कारण रहे हैं? कितनी कंपनियों/उद्योगपतियों द्वारा प्रदेश में उद्योग स्थापित करने एवं पूंजी निवेश करने का अनुबंध के पश्चात् अनुबंधानुसार उत्पादन कार्य कहाँ-कहाँ प्रारंभ कर दिया है, सूची उपलब्ध करावें।
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी हाँ वर्ष 2011 से लेकर प्रश्न दिनांक तक निम्न ग्लोबल इन्वेस्टर्स मीट आयोजित की थी- 1. ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-III, इंदौर दिनांक 29 से 30 अक्टूबर 2012, 2. ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-IV, इंदौर दिनांक 08 से 10 अक्टूबर 2014, 3. ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट- V, इंदौर दिनांक 22 से 23 अक्टूबर 2016, इस संबंध में की गई विदेश यात्राओं/आयोजनों पर की गई व्यय राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार आयोजित इन्वेस्टर्स मीट में से ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-III, इंदौर दिनांक 29 से 30 अक्टूबर 2012, के दौरान उद्योग स्थापना के कुल 159 एम.ओ.यू. कुल राशि रू.121968 करोड़ के किए गए थे। इनमें से केवल 1 कंपनी का एम.ओ.यू. परियोजना स्थापना में रूचि न लेने के कारण निरस्त हुआ हैं। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2014 एवं 2016 में एम.ओ.यू. करार नहीं किए गए थे अत: शेष प्रश्नांश का उत्तर दिए जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) केवल 1 कंपनी मेसर्स जुआरी फर्टिलाइजर्स एण्ड केमिकल्स लि. का एम.ओ.यू. निरस्त हुआ हैं। निरस्त होने का प्रमुख कारण कंपनी द्वारा परियोजना स्थापना में रूचि नहीं लिया जाना रहा हैं। उद्योग स्थापना हेतु अनुबंध नहीं किया जाता हैं। प्रश्नांश (क) में उल्लेखित इन्वेस्टर समिट के बाद उत्पादन प्रारंभ करने वाले उद्योगों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार हैं।
अतिरिक्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी की भूमिका
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
150. ( क्र. 1621 ) श्री ठाकुरदास नागवंशी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा पत्र क्रमांक 2991 दिनांक 6/3/2013 एवं पत्र क्रमांक 7866 दिनांक 5/7/2013 को जिला पंचायतों में अति. मुख्य कार्यपालन अधिकारियों की भूमिका तय की गई थी? (ख) यदि हाँ, तो प्रदेश की किन-किन जिला पंचायतों में इसका पालन नहीं हो रहा हैं? नाम बतायें। (ग) क्या प्रश्नांश (ख) से संबंधित जिला पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों पर शासन के प्रश्नांश (क) में उल्लेखित निर्देश लागू नहीं किये जाने पर कार्यवाही की गई हैं? यदि हाँ, तो क्या-क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो कब तक कार्यवाही कर निर्देश का पालन कराया जावेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) जिला पंचायतों में पालन किया जा रहा है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश 'ख' अनुसार शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सघन (इंटेसिव) अजीविका कार्यक्रम (N.R.L.M.) एवं वाटर शेड मिशन के कार्य
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
151. ( क्र. 1622 ) श्री ठाकुरदास नागवंशी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन के सघन (इंटेसिव) अजीविका कार्यक्रम (N.R.L.M.) एवं वाटर शेड मिशन में ग्रामीण विकास के अधिकारी/कर्मचारी जैसे ए.डी.ई.ओ., डी.ई.ओ., बी.डी.ओ., सी.ई.ओ. जनपद पंचायत एवं उपायुक्त की जिला स्तर से ग्राम स्तर तक कोई भूमिका रखी गयी हैं या नहीं? (ख) यदि हाँ, तो क्या-क्या भूमिका हैं? शासन के आदेश की छायाप्रति तथा इसका पालन किन-किन जिलों में किया जा रहा हैं? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) उक्त दोनों योजनाओं में प्रदेश में किन-किन विभागों के कौन-कौन से कर्मचारी कब-कब से प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत हैं? इन्हें वापस कर विभागीय अधिकारियों को कब से जिम्मेदारी सौंपी जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। आजीविका मिशन एवं वाटरशेड मिशन में इस प्रकार की कोई भूमिका नहीं रखी गई है। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) म.प्र. दीनदयाल अंत्योदय योजना राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन (एम.पी.एस.आर.एल.एम.) अंतर्गत जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। वाटरशेड परियोजना एवं जिलास्तर पर कोई कर्मचारी/अधिकारी प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ नहीं है। राज्य स्तर पर प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ कर्मचारी/अधिकारियों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। समय-समय पर कार्य की आवश्यकता, अधिकारी/कर्मचारियों की मूल विभाग में मांग विभागीय अधिकारियों की मिशन में उपयुक्तता पर निर्णय निर्भर करता है।
सचिव एवं रोजगार सहायक के विरुद्ध कार्यवाही
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
152. ( क्र. 1625 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले के मैहर विकास खण्ड अंतर्गत महेदर के सचिव एवं रोजगार सहायक पंचायत में कितने दिनों से उपस्थित नहीं हुए? (ख) क्या सरपंच ग्राम पंचायत महेदर के द्वारा उपरोक्त सचिव एवं रोजगार सहायक के उपस्थित नहीं होने के कारण पंचायत के विकास कार्य एवं विधवा, विकलांग तथा निराश्रितों के पेंशन आदि भुगतान नहीं होने की शिकायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत मैहर, एस.डी.एम. तहसील मैहर, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत सतना एवं कलेक्टर सतना को की गई है? यदि हाँ, तो दिनांकवार जानकारी देवें? (ग) क्या दिनांक २२/०६/२०१६ को माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर द्वारा एक महीने के अन्दर कार्यवाही करने के निर्देश कलेक्टर सतना एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत सतना को दिये गये थे? यदि हाँ, तो अभी तक क्या कार्यवाही की गई ? (घ) क्या सचिव एवं रोजगार सहायक के पंचायत में उपस्थित नहीं होने के कारण विगत ०५ महीने से पेंशन का भुगतान न हो पाने की स्थिति में भूख से तीन पेंशनधारियों की मृत्यु हो चुकी है? यदि हाँ, तो क्या ऐसे कृत्य करने वाले इन कर्मचारियों के खिलाफ आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध कर कड़ी कार्यवाही की जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) सतना जिले के मैहर विकासखण्ड अंतर्गत महेदर ग्राम पंचायत सचिव एवं रोजगार सहायक कर्तव्य पर लगातार उपस्थित होकर कार्यरत हैं। कर्तव्य से अनुपस्थित रहने की स्थिति नहीं है। (ख) जी हाँ। सरपंच ग्राम पंचायत महेदर द्वारा दिनांकवार शिकायती पत्र निम्नानुसार कार्यालयों में दिये गये - जनपद पंचायत मैहर में शिकायती पत्र देने का दिनांक 21.03.2016, 17.12.2015, अनुविभागीय अधिकारी मैहर में शिकायती पत्र देने का दिनांक 25.05.2015, जिला पंचायत सतना में शिकायती पत्र देने का दिनांक 30.04.2015, 04.03.2016, 04.05.2016, कलेक्टर महोदय सतना जन सुनवाई में शिकायती पत्र देने का दिनांक 11.07.2016 एवं थाना प्रभारी अमदरा में शिकायती पत्र देने का दिनांक 24.07.2016 है। (ग) जी हाँ। माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर द्वारा याचिका क्रमांक डब्ल्यू पी 9780/2016 में पारित आदेश दिनांक 22.06.2016 के द्वारा ग्राम पंचायत महेदर के सचिव एवं रोजगार सहायक शिकायत पर निर्णय की सत्यापित प्रति प्राप्त होने पर एक माह में नियमों के अंतर्गत कार्यवाही करने के निर्देश कलेक्टर एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत को दिये गये थे। प्रकरण में ग्राम पंचायत के सचिव श्री सुरेन्द्र सिंह एवं श्री नन्दीलाल पटेल रोजगार सहायक के विरुद्ध प्राप्त शिकायत पर दोनों कर्मचारियों को कार्यालय के पत्र दिनांक 29.07.2016 को नोटिस जारी की जाकर प्रतिरक्षण प्रस्तुत करने का अवसर दिया गया, संबधितों द्वारा प्रस्तुत उत्तर का परीक्षण किया गया व पुनः दिनांक 13.10.2016 को समक्ष में सुनवाई का अवसर देते हुए पक्ष समर्थन चाहा गया। संबंधितों के स्पष्टीकरण संतोषजनक न होने एवं समक्ष में सुनवाई में भी संतोषजनक जबाव न होने के कारण सचिव श्री सुरेन्द्र सिंह को कार्यालय आदेश क्र. 5818 दिनांक 22.10.2016 को जनपद पंचायत मैहर में संलग्न करने का निर्देश दिया गया। तथा श्री नन्दीलाल पटेल रोजगार सहायक को उनके कार्यों में सुधार लाने हेतु चेतावनी जारी की गई। (घ) जी नहीं। ग्राम पंचायत महेदर के हितग्राहियों का माह अक्टूबर पेड नवंबर 2016 तक की पेंशन खाते में प्रदान की जा चुकी है। ऐसी शिकायतें नहीं है। शेषांश का प्रश्न ही नहीं उठता।
स्वच्छता अभियान का क्रियान्वयन
[नगरीय विकास एवं आवास]
153. ( क्र. 1634 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या नगरपालिक निगम, कटनी में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के तहत कचरे के निपटान कार्य हेतु ठेकेदार कंपनी एम.एस.डब्ल्यू. द्वारा अनुबंध अनुसार न तो उचित ढंग कचरे को उठाया जा रहा है और न ही उसका निपटारा किया जा रहा है (ख) क्या इस संबंध में परिषद् की बैठक दिनांक-8-09-2016 को भी पार्षदों द्वारा आपत्ति ली गयी थी, जिसका कोई निराकरण नहीं किया गया, इसी परिषद् बैठक में डेंगू से बचाव कार्य संतोषजनक न होने पर भी आपत्ति ली गई थी? (ग) यदि हाँ, तो इनके निराकरण हेतु प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो कब तक की जावेगी? (घ) नगरपालिक निगम, कटनी में स्वच्छ भारत अभियान के तहत कितने व्यक्तिगत शौचालय प्रस्तावित किये गये थे, उनमें से कितने निर्मित हो गये है एवं कितने निर्मित होना शेष है? इस हेतु निविदा कब-कब बुलाई गई थी एवं किस-किस निविदादाता को कार्यादेश जारी किया गया एवं किस-किस ठेकेदार द्वारा कहाँ-कहाँ शौचालय निर्मित किये गये? (ड.) यह भी बताये कि नगरपालिक निगम, कटनी के किन-किन वार्डो की किन-किन बस्तियों/मोहल्लों में नागरिक खुले में शौच करते हैं प्रश्नांश (ख) के अंतर्गत नगरपालिक निगम, कटनी को कब तक खुले में शौच से मुक्त कर लिया जावेगा? क्या इसकी समयावधि निर्धारित है? यदि हाँ, तो अवधि बतायें, यदि नहीं, तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी नहीं। अपितु रामकी इन्वायरों इंजीनियर्स प्रा.लिमिटेड द्वारा निजी जन भागीदारी (पी.पी.पी.) कार्ययोजना अंतर्गत कार्यवाही की जा रही है। (ख) जी हाँ। निराकरण हेतु कार्यवाही प्रचलित है। जी हाँ। (ग) उत्तर 'ख' के अनुक्रम में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। समय-सीमा निर्धारित करना संभव नहीं है। (घ) 2000 शौचालय स्वीकृति किये गये जिसके विरूद्ध 715 निर्मित है 1285 निर्मित होना शेष है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''1'' अनुसार है। (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''2'' अनुसार है। राज्य के समस्त नगरीय निकायों को दिसम्बर 2017 तक खुले में शौच से मुक्त घोषित किया जाना है, शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
सिवनी में संचालित खदानें
[खनिज साधन]
154. ( क्र. 1640 ) श्री दिनेश राय : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिले में डोलोमाईट एवं गौण खनिज जैसे रेत, गिटटी की कितनी खदनें कहाँ-कहाँ स्वीकृत हैं? खदान का रकबा एवं खदान संचालक का नाम, पता सहित बतायें? (ख) सिवनी जिले में 2015-16 में कौन-कौन सी नवीन डोलोमाईट या गौण खनिज की खदान स्वीकृत की गई हैं? खदान संचालक का नाम, पता सहित बतायें तथा वन विभाग से अनापत्ति प्राप्त कर पर्यावरण संबंधी सभी प्रक्रिया पूर्ण कर खनन की अनुमति दी गई हैं? (ग) उपरोक्त में से एन.जी.टी. (नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल) से अनुमति प्राप्त खदानें कौन-कौन सी हैं और कौन-कौन सी नहीं हैं? क्या कारण है कि एन.जी.टी. का हवाला देकर कभी भी खदान बंद कर दी जाती है और कभी भी प्रारंभ कर दी जाती है? (घ) क्या खदान संचालक स्वीकृत रकबे से ज्यादा में खनन कर रहे हैं? यदि हाँ, तो खदानवार स्वीकृत भूमि एवं वास्तव में काबिज भूमि बतायें? अवैध तारीके से खनन करने वाले खदान संचालकों पर कब तक और क्या कार्यवाही की जायेगी?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रश्नाधीन जिले में डोलोमाईट, रेत व गिट्टी की खदानों के संबंध में वांछित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ', 'ब' एवं 'स' पर है। (ख) प्रश्नाधीन जिले में प्रश्नाधीन अवधि में डोलोमाईट की नवीन खदान स्वीकृत नहीं की गई है। गौण खनिज गिट्टी हेतु वन विभाग से अनापत्ति प्राप्त कर पर्यावरण संबंधी प्रक्रिया पूर्ण कर स्वीकृत खदानों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'द' पर है। (ग) प्रश्नानुसार खदान स्वीकृति हेतु अनुमति प्राप्त किये जाने का प्रावधान नहीं है। जी नहीं। ऐसी कोई स्थिति नहीं है। (घ) जिले में वर्तमान में प्रश्नानुसार दो प्रकरण प्रकाश में आये हैं। जिनकी प्रश्नानुसार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ई में दर्शित है।
निर्मल भारत अभियान
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
155. ( क्र. 1642 ) श्री दिनेश राय : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत कुल कितने शौचालयों का निर्माण पूर्ण कर लिया गया है तथा कितने अधूरे पड़े हैं? ग्राम पंचायतवार जानकारी वर्ष 01/04/2014 से प्रश्न दिनांक तक दी जावें। (ख) प्रश्नांश ''क'' में वर्णित कार्यों हेतु कुल कितनी राशि व्यय की जा चुकी हैं तथा वर्णित कार्यों की निर्माण एजेन्सी कौन थी, कार्य रोजमर्रा की मजदूरी से कराया गया है या टेन्डर प्रक्रिया से ठेकेदारों से? (ग) क्या जो कार्य हुये हैं वे गुणवत्तापूर्वक नहीं हैं शौचालय निर्धारित नियमों को ताक पर रखकर बना दिये हैं, सही लम्बाई, चौड़ाई, गहराई नहीं दी गई है? यदि हाँ, तो क्या शासन उच्च स्तरीय समिति से जाँच कराकर दोषी को दण्डित करेगा, हाँ या नहीं? (घ) क्या विधान सभा सिवनी क्षेत्रान्तर्गत ओ.डी.एफ. ग्राम पंचायतों में अनेकों शौचालय अपूर्ण व निर्माणाधीन हैं? यदि हाँ, तो क्या शासन स्तर से ऐसी ओ.डी.एफ. ग्राम पंचायतों की उच्च स्तरीय समिति से जाँच कराकर दोषी को दण्डित किया जावेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश ‘क’ में वर्णित कार्यों हेतु कुल राशि रू. 1056.41 लाख व्यय की जा चुकी है तथा वर्णित कार्यों की निर्माण एजेंसी ग्राम पंचायत थी, माह अगस्त 2016 से वर्तमान तक निर्मित होने वाले शौचालय हितग्राही द्वारा स्वयं निर्मित किये जा रहे है। कार्य रोजमर्रा की मजदूरी से ही कराये गये है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं। पूर्व से निर्मित शौचालय जो कि विभिन्न योजनाओं से बनाये गये थे तथा सुधार योग्य है, उनमें पात्रता के आधार पर मनरेगा के अधीन कार्य कराने की व्यवस्था है।
मंदिरों का जीर्णोद्धार
[धार्मिक न्यास और धर्मस्व]
156. ( क्र. 1644 ) श्री मुकेश पण्ड्या : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) बड़नगर विधानसभा क्षेत्र के वर्ष 2014-15 में श्री राम मंदिर खरसौद खुर्द, श्री राम मंदिर धरेरी, श्री राम मंदिर नाहरखेड़ी, श्री राम मंदिर उड़सिंगा जीर्णोद्धार के लिये जो राशि स्वीकृत की गई थी उसमें से प्रथम एवं द्वितीय किश्त में कितनी राशि प्रदान की गई शेष राशि प्रश्न दिनांक तक क्यों प्रदान नहीं की गई? कारण बतावें । (ख) क्या पूर्ण राशि जारी कर दी गई थी किन्तु स्वीकृत राशि जारी होने के बाद भी समर्पित की गई राशि किस अधिकारी की गलती के कारण समर्पित हुई? क्या शासन उस अधिकारी के खिलाफ कार्यवाही करेगा? (ग) शेष राशि स्वीकृति के लिये अभी तक क्या कार्यवाही की गई है तथा कब तक शेष राशि का आवंटन प्रदान किया जावेगा?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
प्रदेश में आयोजित इन्वेस्टर्स मीट में प्राप्त निवेश के प्रस्ताव
[वाणिज्य, उद्योग एवं रोजगार]
157. ( क्र. 1655 ) श्री रामनिवास रावत : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में आयोजित विगत पाँच इन्वेस्टर्स मीट में किन किन देशी एवं विदेशी निवेशकों ने प्रदेश में निवेश हेतु कुल कितनी राशि के कौन-कौन से एम.ओ.यू./प्रस्ताव प्रस्तुत किये? (ख) उक्त एम.ओ.यू/प्रस्तावों में से किन-किन को कहाँ-कहाँ कितनी कितनी भूमि किस किस दर पर आवंटित की गई? कितने प्रस्ताव कार्यान्वित होकर कहाँ कहाँ पर कौन-कौन से उद्योग स्थापित प्रारंभ हो चुके हैं? कितने प्रस्ताव किस कारण से निरस्त हुए? (ग) दिनांक 22-23 अक्टूबर 2016 को इंदौर में आयोजित ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में देश विदेश के किन किन उद्योगपतियों ने भाग लिया? इनके द्वारा प्रदेश में निवेश हेतु कुल कितनी राशि के 'इन्टेंशन टू इन्वेस्ट' प्रस्ताव प्रस्तुत किये? देशी एवं विदेशी निवेशकों की पृथक-पृथक जानकारी दें? (घ) इस इन्वेस्टर्स समिट पर कुल कितनी राशि व्यय की गई? इस समिट का आयोजन किस इवेंट मेनेजमेंट कंपनी द्वारा किया गया तथा कितना कितना भुगतान किस-किस को किया गया?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रदेश में आयोजित विगत 05 ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में हुए एम.ओ.यू./प्रस्ताव की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) आलोच्य अवधि में उदयोगों को औदयोगिक केन्द्र विकास निगमों दवारा भूमि आवंटन एवं स्थापित उद्योग की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। निवेशकों दवारा रूचि नहीं लिए जाने एवं उदयोग स्थापनार्थ प्रभावी कदम नहीं उठाये जाने के कारण कुल 152 एम.ओ.यू. प्रस्ताव निरस्त हुए हैं। (ग) दिनांक 22-23 अक्टूबर 2016 को इंदौर में आयोजित ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में देश विदेश के प्रतिभागियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2016 के दौरान कुल राशि रू. 5.62 लाख करोड़ के 'इन्टेंशन टू इन्वेस्ट' प्राप्त हुए है जिसमें से रू. 8640 करोड़ के आशय अन्य देशों के निवेशकों ने दर्ज किए हैं तथा शेष भारत देश के निवेशकों के हैं। (घ) ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2016 (22-23 अक्टूबर 2016) इंदौर में लगभग रू. 1133.00 लाख राशि का व्यय अनुमानित है। इस इवेंट का आयोजन नेशनल पार्टनर, कन्फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री (सी.आई.आई.) दवारा किया गया। व्यय का ब्यौरा अपेक्षित है। सी.आई.आई. को राशि रू. 805.73 लाख का भुगतान अग्रिम स्वरूप किया गया है।
सिंहस्थ 2016 में सक्षम समिति द्वारा कराये गए कार्य
[नगरीय विकास एवं आवास]
158. ( क्र. 1656 ) श्री रामनिवास रावत : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के तारांकित प्रश्न संख्या 24 (क्रमांक 803) दिनांक 19-07-16 के प्रश्नांश (क) के उत्तर में सिंहस्थ 2016 में वर्ष 2011-12 से वर्ष 2016-17 तक व्यय हेतु प्रस्तावित कुल राशि 2771.65 करोड़ के विरुद्ध कुल 2009.93 करोड़ रु. राशि व्यय किये जाने की जानकारी दी गयी थी? यदि हाँ, तो प्रश्नांकित दिनांक तक कुल कितनी राशि व्यय की गई है? किसको कितनी राशि का भुगतान किया गया है? (ख) क्या सिंहस्थ 2016 में निर्माण कार्य कराने एवं सामग्री क्रय हेतु "सक्षम समिति" द्वारा स्वीकृति दी गई थी? यदि हाँ, तो इस समिति में कौन-कौन सदस्य थे एवं अध्यक्ष कौन था? उनके नाम, पद सहित जानकारी दें? उक्त समिति को क्या क्या अधिकार किन नियम एवं प्रक्रियाओं के तहत दिए गए थे? (ग) उक्त सक्षम समिति द्वारा कुल कितनी राशि के कौन-कौन से निर्माण कार्यों एवं कितनी राशि की सामग्री क्रय की स्वीकृति दी गई थी? (घ) सिंहस्थ 2016 में किन किन साधू-संतों के अस्थायी आवासों/आश्रमों के निर्माण पर कितनी कितनी राशि व्यय की गई?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। प्रश्नांकित दिनांक तक राशि रू. 2150.02 करोड़ व्यय किये गये है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जी हाँ। समिति के अध्यक्ष एवं सदस्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (घ) सिंहस्थ 2016 में साधू-संतों के अस्थायी आवासों/आश्रमों के निर्माण पर राशि रू. 14.34 करोड़ व्यय हुये है, विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है।
चूना पत्थर की खदानों के आवंटन एवं जानकारी
[खनिज साधन]
159. ( क्र. 1685 ) श्री उमंग सिंघार : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गंधवानी विकासखण्ड में चूना पत्थर की कितनी खदानें संचालित हो रही हैं? किन-किन व्यक्तियों/फर्मों के नाम से आवंटित हैं? (ख) प्रश्नांकित (क) अनुसार किन-किन व्यक्तियों/फर्मों को कितने-कितने हेक्टेयर की खदानें आवंटित की गई हैं? नाम सहित जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) वर्ष 2010 से मार्च 2016 तक आवंटित खदानों में कितने हेक्टेयर में उत्खनन किया गया? (घ) वर्ष 2010 से मार्च 2016 तक उक्त खदानों से शासन को कितनी रायल्टी प्राप्त हुई है? अलग-अलग व्यक्तियों/फर्मों सहित जानकारी उपलब्ध करावें।
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्रश्नाधीन अवधि में मेसर्स अल्ट्राटेक सीमेंट लिमिटेड को खनिपट्टा स्वीकृत हुआ है, जिस पर खनन कार्य प्रारंभ नहीं हुआ है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
ग्रामीण क्षेत्रों अग्नि शमन वाहनों की व्यवस्था
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
160. ( क्र. 1704 ) श्री सुदेश राय : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र 159 सीहोर के अंतर्गत लगभग 200 ग्राम आते हैं साथ ही दो तहसील तथा चार थाना क्षेत्र है, संपूर्ण एरिया लगभग 70-80 कि.मी. में फैला है, क्षेत्र का मतदान क्रमांक 01 वासिया जिसकी दूरी सीहोर शहर से लगभग 70 कि.मी. है यदि यहां पर आगजनी की घटना होती है तो सीहोर से गांव तक वाहन पहुँचने के पहले ही काफी नुकसान हो जाता है और ऐसी स्थिति में उक्त साधन भी अनुपयोगी हो जाता है, क्या ऐसी स्थिति में शासन द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों के लिये भी कोई योजना बनाई गई? (ख) शासन द्वारा नगरीय क्षेत्रों में आपातकालीन आगजनी आदि घटनाओं के लिये सुरक्षा की दृष्टि से अग्निशमन वाहन आदि की व्यवस्था संबंधित नगरीय निकायों को उपलब्ध करायी जाती है क्या ग्रामीण क्षेत्रों हेतु भी यह सुविधा उपलब्ध करायी जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) विभाग द्वारा ऐसी कोई योजना नहीं बनाई गई है। (ख) शासन द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में अग्निशमन वाहन हेतु वर्तमान में कोई योजना प्रस्तावित नहीं है।
यु.आई.डी.एस.एस.एम.टी. पेयजल योजना
[नगरीय विकास एवं आवास]
161. ( क्र. 1711 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) यु.आई.डी.एस.एस.एम.टी. पेयजल योजना के तहत चंबल नदी धानडाखेड़ा से सुवासरा गांव टंकी तक एवं सुवासरा गांव टंकी से सुवासरा के समस्त १५ वार्डों हेतु कितनी कि.मी. तक की पाईप लाईन योजना में सम्मिलित की गई है? (ख) योजना बनाते समय इंजीनियर द्वारा कितनी कि.मी. नवीन पाईप लाईन समस्त १५ वार्डों में डालने हेतु ड्राईंग तैयार कर योजना में सम्मिलित करने हेतु प्रस्तुत कि गई थी? उसके नक्शे की प्रतिलिपि उपलब्ध करावें। (ग) शासन द्वारा स्वीकृत योजना में नवीन पाईप लाईन कितनी कि.मी. की स्वीकृत की गई थी? नक्शे प्रतिलिपि उपलब्ध करावें। (घ) इंजीनियर द्वारा योजना बनाते समय समस्त १५ वार्डों में नवीन पाईप लाईन कि.मी. में किस वजह से परिवर्तन किया गया एवं नगर में ठेकेदार द्वारा स्वीकृत नक्शे के अनुसार वार्डों में पाईप लाईन नहीं डाली गई इसका क्या कारण है? यदि वार्डों में ड्राईंग अनुसार पाईप लाईन नहीं डाली गई है तो नवीन नक्शे एवं स्वीकृति आदेश की प्रतिलिपि उपलब्ध करावें?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) यु.आई.डी.एस.एस.एम.टी. पेयजल योजना के तहत चंबल नदी धानड़ाखेड़ा से सुवासरा गांव टंकी तक 16.86 कि.मी. तक राईजिंग मेन्स एवं सुवासरा गांव टंकी से सुवासरा के समस्त वार्डों हेतु 15.397 कि.मी. की डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क की पाईप लाईन योजना के टेंडर में स्कोप ऑफ वर्क में सम्मिलित की गई है। (ख) योजना बनाते समय डी.पी.आर. में 15.397 कि.मी. डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क की नवीन पाईप लाईन समस्त 15 वार्डों में डालने हेतु सम्मिलित की गई थी। नक्शे की प्रति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) जानकारी उत्तरांश ''क'' अनुसार है। ड्राईंग की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 1 एवं 2 अनुसार है। (घ) 15 वार्डों में नवीन पाईप लाईन के कि.मी. में स्वीकृत योजना से कोई परिवर्तन नहीं किया गया है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जिला स्तरीय लोक कल्याण शिविर की जानकारी
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
162. ( क्र. 1712 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मंदसौर जिले में १ जनवरी २०१४ से प्रश्न दिनांक तक कितने जिला स्तरीय लोक कल्याण शिविर आयोजित किए गए? (ख) विधानसभा क्षेत्र मंदसौर, सुवासरा, गरोठ, मल्हारगढ़ में कितने-कितने शिविर किन-किन तिथियों में घोषित किए गए थे एवं घोषित तिथियों को शिविरों का आयोजन किया गया था या नहीं? विधानसभा, स्थान, दिनांक, सहित जानकारी देवें। (ग) जिला स्तरीय शिविर को सिर्फ सुवासरा विधानसभा में निरस्त होने के क्या कारण थे? (घ) शिविर को आयोजित स्थान का चयन किसके द्वारा एवं किन बातों को ध्यान में रखकर किया जाता है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) मंदसौर जिलें में 01 जनवरी 2014 से प्रश्न दिनांक तक 19 जिला स्तरीय लोक कल्याण शिविरों का आयोजन किया गया है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘‘अ‘‘ के कालम 3, 4, 5 एवं 6 अनुसार। (ग) जिला स्तरीय लोक कल्याण शिविर विभिन्न कारणों से जिले की समस्त विधानसभा क्षेत्रों में स्थगित किये गये थे, सिर्फ सुवासरा विधानसभा में ही निरस्त नहीं किए गए। निरस्ती का कारण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘‘अ‘‘ के कालम 7 अनुसार (घ) लोक कल्याण शिविरों के आयोजन स्थलों का निर्धारण जिला कलेक्टर द्वारा किया जाता है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘‘ब‘‘ अनुसार।
विकास योजना की प्रशासकीय स्वीकृति
[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]
163. ( क्र. 1714 ) प्रो. संजीव छोटेलाल उइके : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मण्डला जिले की विधानसभा क्षेत्र मण्डला में निर्वाचन क्षेत्र विकास योजना वर्ष 2014-15, 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक कितने कार्यों की तकनीकी स्वीकृति प्राप्त कर प्रशासकीय स्वीकृति जारी की गयी? कार्य का नाम, ग्राम, पंचायत स्वीकृत राशि, कार्य आदेश जारी करने की तिथि व राशि, पूर्ण अपूर्ण सहित जनपद पंचायतवार वर्षवार बतायें। (ख) क्या म.प्र. शासन भोपाल योजना आर्थिक व सांख्यिकी मंत्रालय के पत्र क्र. एफ 10-76/07/23/यो.अ.सां./ भोपाल दिनांक 27.9.07 के अनुसार विधायक निधि के कार्य दो सीजन में पूर्ण कराने हेतु निर्देशित है? यदि हाँ, तो वित्त वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 के कार्य तय समयावधि बीत जाने के बाद भी पूर्ण क्यों नहीं कराये जा सकें? (ग) क्या शासन उपरोक्त आदेशानुसार कार्य निष्पादन की प्रक्रिया के दौरान प्राप्त ब्याज शासन के खाते में जमा किये जाने हेतु आदेशित है? यदि हाँ, तो वित्तीय वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 की समाप्ति तक प्रत्येक वर्ष में प्राप्त ब्याज को शासन के खाते में जमा किया गया या नहीं? यदि हाँ, कितना वर्षवार बतायें। यदि नहीं, तो म.प्र. शासन के कोष में राशि जमा नहीं करने वाले वित्तीय लापरवाही व आर्थिक कदाचरण करने वाले दोषी अधि./कर्मचारी पर क्या कार्यवाही की जायेगी और कब तक? (घ) क्या म.प्र. शासन भोपाल योजना आर्थिक व सांख्यिकी मंत्रालय के पत्र क्र. एफ 10-5/07/23/यो.अ.सां./ भोपाल दिनांक 6.1.07 के अनुसार प्रशासकीय स्वीकृति के साथ ही प्रथम किश्त की राशि जारी की जाती है एवं कण्डिका 2 में जिला कलेक्टर द्वारा नियमित समीक्षा की जानी चाहिये? यदि हाँ, तो मण्डला कलेक्टर के द्वारा कब तक समीक्षा की गयी और समयावधि में कार्यपूर्ण न करने वाले अधि./कर्मचारी पर क्या कार्यवाही की गयी?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘‘अ‘‘ अनुसार है। (ख) जी हाँ। क्रियान्वयन एजेन्सियों को नोटिस जारी किया गया है। (ग) जी हाँ। वित्तीय वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में अर्जित ब्याज की राशि रूपये 3,44,971/- जमा किये जाने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी हाँ। कलेक्टर द्वारा निर्माण कार्य की समीक्षा की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘‘ब‘‘ अनुसार है। समयावधि में कार्य पूर्ण न कराने पर क्रियान्वयन एजेन्सियों को नोटिस जारी कर कार्यों को शीघ्र पूर्ण कराने हेतु निर्देशित किया गया है।
नगर परिषद् बम्हनी का बजट
[नगरीय विकास एवं आवास]
164. ( क्र. 1715 ) प्रो. संजीव छोटेलाल उइके : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या मण्डला जिले की नगर परिषद् बम्हनी बंजर के कार्यादेश क्र. 146/न.प./तकनीकी/2014/बम्हनी बंजर दिनांक 1/3/2014 के द्वारा 11 माह (वर्षाकाल छोड़कर) दिया गया? यदि हाँ, तो क्या ठेकेदार द्वारा निर्धारित अवधि में कार्य पूर्ण किया गया यदि नहीं, तो नगर परिषद् द्वारा ठेकेदार पर अनुबंध का उल्लंघन करने पर निलम्बन कर नवीन निविदा प्रक्रिया क्यों नहीं की गयी? (ख) क्या नगर परिषद् बम्हनी बंजर की प्रेसिडेन्ट इन काउंसिल के प्रस्ताव क्र. 8 दिनांक 29/7/2016 अनुसार निर्माण कार्य पूर्ण करने के लिये दो माह समयावृद्धि की स्वीकृति दी गयी यदि हाँ, तो क्या प्रेसिडेन्ट इन काउंसिल को निविदा संबंधी समय वृद्धि करने का अधिकार है? पूर्व कार्य आदेश वर्षाकाल में ही दिया गया दोनों आदेशों में भिन्नता एवं विरोधाभास का क्या कारण है? (ग) क्या संजय चौक से परिषद् कार्यालय तक एवं मण्डला सिवनी मार्ग से टिकरी पहुंच मार्ग में पूर्ण स्वथ्य एवं आवागमन योग्य सी.सी. रोड के उपर पुन: सी.सी. रोड बनाने का औचित्य क्या है? क्या साईड प्लान एवं प्राक्कलन में रोड के उपर रोड बनाने की स्वीकृति प्रदान की गयी है? (घ) संजय चौक से परिषद् कार्यालय तक बन रही मॉडल रोड बाढ़ प्रभावित क्षेत्र है जहां पानी की निकास की समस्या है मॉडल रोड बनने से सड़क एक फुट उपर उठ जायेगी जिससे आप-पास के मकानों में पानी भर जायेगा जिससे पानी निकास की समस्या होगी? नगर परिषद् द्वारा क्या व्यवस्था की गयी बताये?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। ठेकेदार ने निर्धारित अवधि में कार्य पूर्ण नहीं किया। विभिन्न कारणों से कार्य संपादन में विलंब हुआ अत: ठेकेदार से किए गए अनुबंध को समाप्त करने एवं नवीन निविदा प्रक्रिया का निर्णय नहीं लिया गया। (ख) जी हाँ। जी हाँ। आदेशों में विरोधाभास नहीं है। (ग) तकनीकी औचित्य स्थापित किए जाने के उपरांत ही कार्य कराया गया है। जी हाँ। (घ) प्रश्नाधीन स्थल बाढ़ प्रभावित क्षेत्र नहीं है। मॉडल रोड के दोनों ओर नाली बनाई गई है, जिससे वर्षाऋतु का पानी नाली के माध्यम से पुलिया से होते हुए शहर के बाहर निकासी हो जावेगा। वर्षाऋतु के पानी की निकासी की कोई समस्या नहीं होगी।
वेतनमान संबंधी विसंगति दूर करना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
165. ( क्र. 1725 ) श्री सुरेन्द्रनाथ सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राज्य वेतन आयोग द्वारा जुलाई 2009 में विभाग में कार्यरत मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत का वेतनमान 8000 से 13500 तथा विकासखण्ड अधिकारी का वेतनमान 6500 से 10500 करने की अनुशंसा प्रतिवेदन की कंडिका क्रमांक 3.24.12 एवं 3.24.16 में की है? (ख) यदि (क) अनुसार अनुशंसा की है तो विभाग राज्य वेतन आयोग की अनुशंसा कब तक लागू करेगा? क्या 7वां वेतनमान देने के पूर्व वेतनमान विसंगति को दूर कर लिया जायेगा? (ग) क्या मुख्यमंत्री जी ने भी 14 जून 2009 को भोपाल में विभाग के (क) में उल्लेखित अधिकारियों की वेतनमान संबंधी विसंगति दूर करने की घोषणा की थी? यदि हाँ, तो कब तक घोषणा पूरी की जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ (ख) वित्त विभाग में विचाराधीन होने से समय-सीमा नियत करना अथवा निर्णय का स्वरूप बताना संभव नहीं है। (ग) जी हाँ। उक्त प्रश्नांश ''ख'' के उत्तर अनुसार।
अवैध निर्माण के संबंध में
[नगरीय विकास एवं आवास]
166. ( क्र. 1731 ) डॉ. मोहन यादव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) 1 जनवरी 2015 से प्रश्न दिनांक तक नगर निगम उज्जैन एवं उज्जैन जिले की नगर पालिका एवं नगर परिषद् में निर्माण अनुमति के विपरीत कार्य करने तथा अनुमति की शर्तों का उल्लंघन करने के संबंध में कितनी शिकायतें प्राप्त हुई? शिकायतों की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) की जानकारी अनुसार संबंधित कार्यालय में अनुमति के विपरीत कार्य करने की तथा अनुमति की शर्तों का उल्लंघन करने की शिकायत प्राप्त होने के उपरांत भी दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही नहीं करने के संबंध में कितने शिकायतें संयुक्त संचालक, संचालक, प्रमुख सचिव, नगरीय विकास विभाग कलेक्टर कार्यालय उज्जैन को प्राप्त हुई? उक्त शिकायतों पर संबंधित कार्यालय द्वारा स्थल निरीक्षण पर क्या-क्या कार्यवाही की गई? शिकायतों की प्रति, स्थल निरीक्षण रिपोर्ट एवं विभाग द्वारा की गई कार्यवाही का विवरण उपलब्ध करावें। (ग) अनुमति के विपरीत अवैध से निर्माण कार्य करने वालों के विरूद्ध कार्यवाही कर अवैध निर्माण कार्य को नहीं रूकवाने के लिए कौन अधिकारी दोषी है? दोषी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, की गई तो कार्यवाही नहीं करने के क्या कारण है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) नगर निगम, उज्जैन में 17 एवं उज्जैन जिले की नगर परिषद्, खाचरौद में 05 शिकायतें प्राप्त हुई हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) संयुक्त संचालक, नगरीय प्रशासन एवं विकास, उज्जैन संभाग, उज्जैन में 02 शिकायतें प्राप्त हुई है। शिकायतों की प्रति जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। 02 शिकायतों की जाँच की कार्यवाही प्रचलित हैं, अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्राप्त शिकायतों की जाँच की जा रही हैं। जाँच उपरांत निष्कर्ष के आधार पर नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अवैध कालोनी के वैध करना
[नगरीय विकास एवं आवास]
167. ( क्र. 1732 ) डॉ. मोहन यादव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नगरीय विकास एवं आवास विभाग द्वारा अवैध कॉलोनी को वैध करने के संबंध में कौन-कौन से पत्र परिपत्र 01 जनवरी 2008 के पश्चात् जारी किये गये? पत्र एवं परिपत्रों की प्रति उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) की जानकारी के अनुसार विभाग द्वारा जारी पत्र एवं परिपत्रों के पालन में उज्जैन नगर निगम द्वारा किन-किन अवैध कालोनियों को वैध किया गया है? नगर निगम द्वारा भविष्य में किन-किन अवैध कालोनियों को वैध किया जाना प्रस्तावित है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
इन्दिरा आवास कुटीर में अनियमितता की जाँच
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
168. ( क्र. 1734 ) श्री माधो सिंह डावर : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अलीराजपुर जिलान्तर्गत उदयगढ़ विकासखण्ड में वर्ष 2012-13, 13-14 एवं 2014-15 में निर्मित इन्दिरा आवास कुटीर में गड़बड़ी की जाँच की गई थी। जाँच किसके द्वारा की गई थी तथा दोषी अधिकारी कौन थे? (ख) जाँच में कितने इन्दिरा आवास कुटीर वैध एवं कितने फर्जी पाये गये थे, संख्या बताएं। (ग) क्या तत्कालीन कलेक्टर जिला अलीराजपुर ने जिम्मेदार अधिकारी के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही के लिए कमिश्नर इन्दौर को प्रकरण भेजा था? यदि हाँ, तो इस प्रकरण में क्या कार्यवाही की गई थी। यदि कार्यवाही नहीं की गई तो क्यों? (घ) उक्त प्रकरण में जिम्मेदार अधिकारियों पर कब तक कार्यवाही की जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। जाँच हेतु तहसीलदार, तहसील जोबट को आदेशित किया गया था। मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत उदयगढ दोषी पाये गए। (ख) 35 इंदिरा आवास कुटीर वैध एवं 4 इंदिरा आवास कुटीर फर्जी पाये गए। (ग) जी हाँ। जिम्मेदार अधिकारी के विरूद्ध कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया। (घ) कार्यवाही प्रचलन में है। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं।
प्रचार सामग्री का मुद्रण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
169. ( क्र. 1742 ) श्री मानवेन्द्र सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2012-13, 2013-14, 2014-15, 2015-16 में जिला पंचायत छतरपुर एवं छतरपुर जिले की समस्त जनपद पंचायत द्वारा निर्मल भारत तथा मतदाता जागरूकता अभियान अंतर्गत प्रचार प्रसार सामग्री के लिये कब-कब, कितनी राशि द्वारा पेंपलेट, पोस्टर, बैनर, स्टीकर, फ्लेक्स आदि कितनी मात्रा में कहाँ-कहाँ से बनवाये गये? जिला जनपदवार व्यय राशि सहित सूची देवें। इन प्रचार-प्रसार हेतु किस दिनांक को निविदा का प्रकाशन किस समाचार पत्र में किया गया? यदि निविदा नहीं प्रकाशित की गई, तो क्यों कारण बतायें। (ख) उक्त प्रचार सामग्री किस मद से प्रिंट कराई गई? उक्त दोनों अभियान अंतर्गत विभिन्न मदों में छतरपुर जिले को प्राप्त राशि एवं व्यय राशि की मदवार राशि सहित सूची देवें। (ग) उक्त प्रचार सामग्री के संबंध में कितनी शिकायत किस-किस माध्यम से जिला पंचायत को प्राप्त हुई तथा इन शिकायतों पर की गई कार्यवाही की जानकारी देवें। (घ) इस सामग्री संबंधी निर्वाचन विभाग से कोई पत्र व्यवहार किया गया है, तो पत्रवार विषय सहित सूची देवें।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) निर्मल भारत अभियान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। प्रचार-प्रसार हेतु निविदा आमंत्रित नहीं की गई है। भण्डार क्रय नियमों के अंतर्गत न्यूनतम दर/अधिकृत संस्था से सामग्री प्रिंट कराई गई है। मतदाता जागरूकता अभियान अंतर्गत जिला पंचायत एवं जनपद पंचायतों द्वारा राशि व्यय नहीं की गई है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। निर्मल भारत अभियान एवं स्वच्छ भारत मिशन की गाईड लाईन अनुसार स्वीकृत परियोजना लागत का क्रमश: 10 प्रतिशत एवं 3.75 प्रतिशत आईईसी मद अंतर्गत व्यय किये जाने के निर्देश है। पृथक से कोई राशि प्राप्त नहीं होती। मतदाता जागरूकता अभियान अंतर्गत कोई राशि प्राप्त नहीं हुई है। (ग) प्रचार सामग्री के संबंध में कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। (घ) प्रचार सामग्री के संबंध में निर्वाचन विभाग से कोई पत्र व्यवहार नहीं किया गया है।
राजीव गांधी खेल अभियान
[खेल और युवा कल्याण]
170. ( क्र. 1762 ) श्री अशोक रोहाणी : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जबलपुर जिले में राजीव गांधी खेल अभियान के तहत इनडोर और आउटडोर खेल मैदानों का निर्माण कराने की मूल योजना क्या है इसके लिए कितनी राशि आवंटित की गई है एवं कितनी राशि व्यय हुई वर्ष 2014-15 से 2016-17 तक की जानकारी दें? (ख) प्रश्नांकित योजना के तहत जबलपुर जिले के किन-किन विकासखण्डों की किन-किन ग्राम पंचायतों में इनडोर स्टेडियम और आउटडोर खेल मैदान के लिए कितनी-कितनी भूमि का चयन किया गया है? किन-किन विकासखण्डों में भूमि का चयन अभी तक नहीं किया गया एवं क्यों? (ग) विधानसभा क्षेत्र केंट के तहत इंजीनियरिंग कालेज परिसर रांझी में निर्मित आउटडोर (मिनी) स्टेडियम का निर्माण कब किस योजनांतर्गत कितनी राशि में किस एजेन्सी से कराया गया है? इसके लिए कब कितनी राशि स्वीकृत की गई? स्टेडियम का कौन-कौन सा कितना कार्य कब से अपूर्ण/निर्माणधीन है एवं क्यों वर्तमान में स्टेडियम की क्या स्थिति है? इसके अपूर्ण कार्य को कब तक पूर्ण कराया जावेगा? इसे राज्य स्तरीय स्टेडियम बनाने हेतु शासन की क्या योजना है?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) राजीव गांधी खेल अभियान योजना के तहत इण्डोर खेल परिसर का निर्माण किया जाना था, परंतु उक्त योजना को भारत सरकार के पत्र क्र 1-1/MYAS/SD/2016/1258 दिनांक 29.04.2016 द्वारा बंद कर दी गई है। प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में एक आउटडोर खेल परिसर का निर्माण पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा कराए जाने की योजना है। संचालनालय द्वारा खेल परिसर निर्माण हेतु कोई राशि आवंटित/स्वीकृत नहीं की जाती है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) आउटडोर खेल परिसर निर्माण हेतु चयनित भूमि की जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। (ग) विधानसभा क्षेत्र केंट के तहत इंजीनियरिंग कॉलेज परिसर रांझी में निर्मित आउटडोर (मिनी) स्टेडियम निर्माण का कार्य स्टेडियम अद्योसंरचना योजनान्तर्गत संचालनालय के पत्र क्र. 2485, दिनांक 10.07.2012 द्वारा प्राक्कलन राशि रू. 74.75 लाख की प्रशासकीय स्वीकृति से कार्यालय संभागीय परियोजना यंत्री, लोक निर्माण विभाग, इकाई क्र. 8, साउथ सिविल लाईन, जबलपुर से कराया गया। वर्तमान में निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। वर्तमान में राज्य स्तरीय स्टेडियम बनाने की किसी भी प्रकार की कोई योजना नहीं है।
मवेशियों के क्रय-विक्रय में भारी भ्रष्टाचार किया जाना
[नगरीय विकास एवं आवास]
171. ( क्र. 1771 ) श्री आरिफ अकील : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा पत्र क्रमांक 5554 दिनांक 22 सितम्बर 2016 एवं पत्र क्रमांक 5577 दिनांक 07 अक्टूबर 2016 का आयुक्त नगर निगम भोपाल को शिकायत प्रेषित किए जाने के पश्चात् दिनांक 25 अक्टूबर 2016 को विधायक समीक्षा बैठक में उपस्थित अधिकारियों से जानकारी चाही थी? (ख) यदि हाँ, तो उपायुक्त राजस्व नगर निगम भोपाल के पत्र क्रमांक 2564/रा.वि./2016 दिनांक 04/11/2016 के माध्यम से जोनल अधिकारी जोन क्रमांक 17 के पत्र क्रमांक 2542 दिनांक 29/10/2016 एवं वार्ड क्रमांक 76 के वार्ड प्रभारी के प्रतिवेदन अनुसार अवगत कराया गया कि अनुबंध की शर्तों के अनुसार निर्धारित राशि वसूल किए जाने से अवगत कराया है? यदि हाँ, तो भानपुर नगर निगम सीमा में किस दिनांक को किस वार्ड में सम्मिलित किया गया है? (ग) प्रश्नकर्ता के पत्र में उल्लेखित व्यापरियों के वाहन में चढ़ाने के नाम पर एक-एक पशुओं के 50 रूपये, दुधारू मवेशियों के विक्रय शुल्क 500 रूपये, गैर दुधारू (काटने वाले) मवेशियों का विक्रय शुल्क 200 रूपये इसके अतिरिक्त छोटे पशुओं जैसे बकरा, बकरी इत्यादि के विक्रय शुल्क 100 रूपये मवेशियों के क्रय-विक्रय के नाम पर अवैध रूप से वसूली की जा रही है पर अंकुश लगाने हेतु प्रश्न दिनांक की स्थिति में क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो इस लापरवाही के लिए कौन-कौन दौषी है उनके विरूद्ध क्या तथा कब तक कार्यवाही की जावेगी बतावें? (घ) प्रश्नांश (ख) (ग) के परिप्रेक्ष्य में संस्था/ठेकेदार से मिलीभगत कर भ्रष्टाचार को दबाने व जानबूझकर निगम को वित्तीय हानि पहुँचाने वार्ड प्रभारी, जोनल अधिकारी तथा उपायुक्त राजस्व के विरूद्ध एफ.आई.आर. दर्ज कर शासन द्वारा विभागीय एवं वैधानिक कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों कारण सहित बतावें?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ, आयुक्त, नगर पालिक निगम, भोपाल को शिकायत प्रेषित किये जाने के पश्चात् 25 अक्टूबर 2016 को विधायक समीक्षा बैठक में उपस्थित अधिकारियों से जानकारी चाही गई थी। (ख) जी हाँ वर्तमान में वार्ड क्रमांक 76 के अंतर्गत है तथा जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ग) जी नहीं, मवेशी बाजार में समिति द्वारा दान स्वरूप राशि प्राप्त की जाती है, जिसकी रसीद जारी की जाती है एवं उसका ऑडिट आदि रजिस्ट्रार, पंजीयक फर्म एण्ड सोसायटी के समक्ष प्रस्तुत की जाती है, मवेशी बाजार परिसर रजिस्ट्रीकरण की दरों का दीवार एवं कार्यालय में बोर्ड सहगोचर स्थानों पर प्रदर्शित किया गया है, अत: उपरोक्त के दृष्टिगत अवैध रूप से वसूली किये जाने का प्रश्न उत्पन्न नहीं होता, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) उत्तरांश ''ग'' के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अधिनियम का उल्लंघन कर निम्न स्तर के अधिकारी से कार्य लिया जाना
[नगरीय विकास एवं आवास]
172. ( क्र. 1772 ) श्री आरिफ अकील : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या जन्म और मृत्यु रजिस्ट्रीकरण अधिनियम 1969 के अंतर्गत नगर निगम क्षेत्र में स्वास्थ्य अधिकारियों को ही रजिस्ट्रार के रूप में नियुक्त किए जाने का प्रावधान है? (ख) यदि हाँ, तो नगर निगम भोपाल में स्वास्थ्य अधिकारी से अन्य अधिकारी/कर्मचारियों से जन्म और मृत्यु पंजीयन का कार्य लिया जा रहा है? यदि हाँ, तो किस अधिनियम/नियम के तहत बतावें। (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में क्या नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग मंत्रालय के पत्र क्रमांक 215/1829/2015/18-1 भोपाल दिनांक 09 फरवरी 2016 के माध्यम से आयुक्त नगर निगम भोपाल को अवगत कराया था कि जन्म मृत्यु एवं विवाह पंजीयन का कार्य स्वास्थ्य अधिकारी से ही कराया जाना वैध बताते हुए संबंधित स्वास्थ्य अधिकारी को पदीय दायित्व सौंपे जाने के निर्देश भी दिए है? (घ) यदि हाँ, तो प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अधिनियम का पालन नहीं करने एवं (ग) के निर्देशों का उल्लंघन करने के लिए कौन-कौन दोषी हैं उनके विरूद्ध शासन क्या तथा कब तक कार्यवाही करेगा? यदि नहीं, तो क्यों कारण सहित बतावें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) नगर निगम, भोपाल में स्वास्थ्य अधिकारी (वेटनरी) से यह कार्य लिया जा रहा है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। तदानुसार ही स्वास्थ्य अधिकारी को जन्म मृत्यु शाखा का कार्य सौंपा गया है। (ग) जी हाँ। स्वास्थ्य अधिकारी से ही कार्य लिया जा रहा है। (घ) उत्तरांश ''ख'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
ग्लोबल इन्वेस्टर समिट में निवेश
[वाणिज्य, उद्योग एवं रोजगार]
173. ( क्र. 1780 ) श्री जितू पटवारी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्लोबल इन्वेस्टर समिट 2014, 2012, 2010 एवं 2007 में किन-किन उद्योगपतियों/केन्द्रीय मंत्रियों ने 1000 करोड़ से अधिक के निवेश का वादा किया था। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में उद्योगपतियों/केन्द्रीय मंत्रियों के नाम, कंपनी, विभाग का नाम, निवेश की राशि किस उद्योग में निवेश का वादा किया था, बतावें। (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में हर समिट में मध्यप्रदेश शासन का कितना-कितना धन खर्च हुआ? (घ) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में वर्तमान में कितना निवेश हो चुका है और राज्य शासन से संबंधित प्रोजेक्ट का वर्तमान में क्या स्वरूप है ? (ड.) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में किन-किन उद्योगों को क्या-क्या सुविधा शासन ने दी है? उद्योगवार बतावें।
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रश्नांकित ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में उद्योगपतियों अथवा केन्द्रीय मंत्रियों ने प्रदेश में पूंजी निवेश का आशय/इरादा जताया गया था न कि वादा किया था। तथापि जिन उद्योगपतियों ने रू. 1000 करोड़ से अधिक के निवेश आशय दर्ज किए है। अथवा एम.ओ.यू. हस्ताक्षरित किए हैं उनकी सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2014, के दौरान भारत सरकार के माननीय मंत्रीगण श्री अनंत कुमार, श्री नरेन्द्र सिंह तोमर तथा श्री पीयूष गोयल द्वारा उनके विभाग से संबंधित मध्यप्रदेश में निवेश के लिए की गई घोषणाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' पर है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'ब' अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में प्रत्येक ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में हुए व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। (घ) प्रश्नांश (क) के उत्तर के संदर्भ में वर्तमान में लगभग रू. 55000 करोड़ का निवेश हो चुका हैं। प्रश्नांश (क) के उत्तर में प्रस्तुत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'ब' में राज्य शासन का कोई प्रोजेक्ट नहीं हैं। (ड.) प्रश्नांश (क) के उत्तर के उल्लेखित उद्योगों को स्वीकृत की गई सुविधाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'द' पर है।
ग्राम पंचायत द्वारा निर्माण एवं हितग्राहीमूलक योजनाओं में अनियमितता किया जाना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
174. ( क्र. 1801 ) पं. रमेश दुबे : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2012से फरवरी 2015 के मध्य ग्राम पंचायत जमुनिया विकासखण्ड चौराई जिला-छिन्दवाड़ा को कुल कितनी राशि उपलब्ध करायी गयी, इन राशियों से ग्राम पंचायत द्वारा कराये गये कार्य का प्राक्कलन, तकनीकी स्वीकृति, प्रशासकीय स्वीकृति, मेजरमेंट बुक (मूल्यांकन रिपोर्ट) सहित कार्य का नाम, स्वीकृत राशि, मूल्यांकन राशि, भुगतान राशि यदि कार्य हितग्राहीमूलक है तो उनके नाम, पता सहित जानकारी दें? (ख) क्या म.प्र. शासन पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग तथा पशुपालन विभाग के निर्देशानुसार पशु एवं बकरी शेड, निर्माण के लिए लघु व सीमांत कृषकों हेतु निर्धारित पात्रता का पालन ग्राम पंचायत जमुनिया के द्वारा किया गया है? यदि नहीं, तो इसके लिए शासन किन-किन को जिम्मेदार मानता है? (ग) क्या ग्राम पंचायत जमुनिया में उक्त वर्षों में फर्जी जाब कार्ड तैयार कर योजनाओं का लाभ देने, मजदूरी का भुगतान करने, अपात्र हितग्राहियों को पशु, बकरी, शेड निर्माण कराने, मापदण्ड के अनुसार निर्माण नहीं कराने, छोटा निर्माण पर पूर्ण निर्माण का भुगतान करने बिना टी.एस. के भुगतान करने, की शिकायतें उपाध्यक्ष जनपद पंचायत चौरई एवं प्रश्नकर्ता ने जनपद, जिला पंचायत एवं जिला प्रशासन को विगत दो वर्षों में किया है? (घ) क्या ग्राम पंचायत जमुनिया के द्वारा ए.पी.एल. परिवार विनोद/पेश्या, नेतराम/सेवकराम, पूरनबाई/बुद्धुलाल, सीताराम/रूपचंद, रघुनंदन/ सालकराम, टीकाराम/भूला जो 2 हेक्टेयर से अधिक भूमि धारण करते हैं उन्हें नियम विरूद्ध हितग्राहीमूलक योजनाओं का लाभ दिया गया है? हां, तो क्या शासन उक्त पूरे मामले को प्रश्नकर्ता की उपस्थिति में जाँच करवाकर दोषियों के विरूद्ध आपराधिक मामला दर्ज करने का आदेश देगा नहीं तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) प्रश्नाधीन अवधि में महात्मा गांधी नरेगा अंतर्गत ग्राम पंचायत जमुनिया विकासखण्ड चौरई जिला छिंदवाडा को कोई राशि उपलब्ध नहीं करायी गयी बल्कि ग्राम पंचायत द्वारा संपादित कार्यों का भुगतान मार्च 2013 के पहले जिले के खाते से एवं बाद में राज्य के खाते से सीधे मजदूरों व सामग्री प्रदायकर्ता के खाते में किया गया। प्रश्नांश के शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) जी नहीं, लघु एवं सीमांत कृषकों को स्वीकृत 17 में से 06 हितग्राहियों के मवेशीशेड की स्वीकृति में निर्धारित पात्रता का पालन नहीं किया गया, जिसके लिये ग्राम पंचायत के सरपंच/सचिव जिम्मेदार माने गये हैं। (ग) जी हाँ। शिकायतों पर की गयी कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र–'ब' अनुसार है। (घ) मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत द्वारा जाँच की गई, जाँच में नेतराम/सेवकराम, पूरनबाई/बुद्धुलाल, सीताराम/रूपचंद्र, रघुनंदन/सालकराम, टीकाराम/भूरला, विनोद/पैसा को उत्तरांश 'ख' अनुसार हितग्राही मूलक कार्यों का लाभ लेने हेतु अपात्र पाया गया है। रूखामणी/हृदयराम की तकनीकी स्वीकृति नहीं है फिर भी कार्य कराया जाकर राशि का भुगतान किया जाना है एवं सुखमन/शिववगस के पशु शेड में स्वीकृत राशि से अधिक व्यय किया जाना पाया गया है। उक्त सभी हितग्राहियों की राशि रूपये 567965 वसूली योग्य प्रतिवेदित की गयी है, जिसके लिये ग्राम पंचायत सचिव, सरपंच, उपयंत्री, सहायक यंत्री एवं सहायक लेखाधिकारी को अनियमितता के लिए कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया है एवं राशि वसूली हेतु धारा 92 की कार्यवाही हेतु अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) चौरई के न्यायालय में ०3/अ-89 (19) 2016-17 दिनांक 28/11/2016 से प्रकरण दर्ज किया गया है। जिला स्तर से की गयी कार्यवाही के दृष्टिगत फिलहाल शासन स्तर से पृथक से जाँच करायी जाने की आवश्यकता नहीं है।
राशि की अनियमितता व गबन
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
175. ( क्र. 1802 ) पं. रमेश दुबे : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जनपद पंचायत चौरई जिला छिन्दवाड़ा में मनरेगा अतंर्गत कार्यरत श्री नितेश माहोरे सहायक लेखा अधिकारी के द्वारा उनके कार्यकाल के दौरान फर्जी जाब कार्ड बनाकर, फर्जी वेंडर का रजिस्ट्रेंशन कर आनलाईन उनके खाते में भुगतान करने, कमीशन की राशि ऑनलाईन अपने व्यक्तिगत व रिश्तेदारों के खाते में अंतरण कर करोड़ों रूपये का घपला व भ्रष्टाचार की शिकायतें प्रकाश में आई है? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में सरंपच सचिव के फर्जी हस्ताक्षर कर मटेरियल सप्लायर्स वेंडर को आनलाईन भुगतान करने, अभिलेखों में हेराफेरी करने का मामला भी समाचार पत्रों में प्रकाशित हुआ है? (ग) क्या उपरोक्त के संबंध में समय-समय पर प्रश्नकर्ता को प्राप्त शिकायत को सूचीबद्ध कर शिकायतों की साईबर क्राईम एवं लेखाअधिकारी की टीम गठन कर जाँच करने दोषियों के विरूद्ध आपराधिक प्रकरण दर्ज करने, उनके एवं रिश्तेदारों के बैंक खातों की जाँच करने व भ्रष्टाचार एवं शासन की राशि वसूल कर शासन के खाते में जमा कराने के संबंध में प्रश्नकर्ता ने माननीय पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री म.प्र. शासन एवं जिला प्रशासन को पत्र सौंपा है? (घ) यदि हाँ, तो क्या शासन प्रश्नांश (क) (ख) व (ग) के प्रकाश में पूरे मामले को साईबर एवं लेखाधिकारी की टीम गठन कर किसी जिम्मेदार अधिकारी के देखरेख व प्रश्नकर्ता के उपस्थिति में जाँच कराकर राशि वसूलने दोषियों के विरूद्ध आपराधिक प्रकरण दर्ज करने का आदेश देगा यदि नहीं, तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। (ग) जी हाँ। (घ) जी हाँ। शिकायत की जाँच हेतु जिला पंचायत के आदेश क्रमांक/6716/दिनांक 21.11.2016 द्वारा जाँचदल का गठन किया गया। विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र–1 अनुसार है। जाँच में शिकायत के बिन्दु क्रमांक 13 में प्रथम दृष्टया श्री नितेश माहोरे, सहायक लेखाधिकारी को अनियमितताओं में लिप्त होना पाया गया है जिसके कारण सहायक लेखाधिकारी नितेश माहोरे जनपद पंचायत चौरई को जिला पंचायत छिन्दवाड़ा के पत्र क्रमांक 6831 दिनांक 26.11.2016 द्वारा कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया है, विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र–2 अनुसार है तथा सुश्री ममता कुलस्ते, मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत चौरई को लापरवाहीपूर्वक कार्य करने एवं अपने अधीनस्थों पर नियंत्रण व पर्यवेक्षण की कमी हेतु कार्यालय के पत्र क्रमांक 6879 दिनांक 29.11.2016 द्वारा कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया है। विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र–3 अनुसार है। वर्तमान में जाँच की कार्यवाही प्रचलन में है।
प्राध्यापकों-सहायक प्राध्यापकों की कमी दूर की जाना
[उच्च शिक्षा]
176. ( क्र. 1813 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मैहर विधानसभा क्षेत्र स्थित महाविद्यालयों में किस-किस संवर्ग के कितने-कितने पद स्वीकृत है? संवर्गवार बतावें। (ख) स्वीकृत पदों में अधिकांश रिक्तियों की पूर्ति हेतु विभाग द्वारा क्या प्रयास किये गये है? (ग) कब तक प्राध्यापकों-सहायक प्राध्यापकों के रिक्त पदों पर पूर्ति की जाकर शिक्षा व्यवस्था को सुचारू किया जाएगा?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) शैक्षणिक रिक्त पदों की पूर्ति हेतु विभाग के मांग पत्र पर लोक सेवा आयोग द्वारा दिनांक 19/02/16 को विज्ञापन जारी किया गया था। विज्ञापन की स्थगित कार्यवाही को प्रारंभ करने हेतु दिनांक 24/11/16 को लोक सेवा आयोग को अनुरोध किया गया है। तृतीय श्रेणी संवर्ग में सहायक वर्ग-3 के पदों की पूर्ति हेतु दिनांक 30/10/14 को व्यापम को मांग पत्र भेजा गया था। पुन: संशोधित मांग पत्र भेजे जाने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। चतुर्थ श्रेणी के आउट सोर्स के पदों की पूर्ति हेतु दिनांक 30/11/16 को विज्ञप्ति जारी की जा चुकी है। (ग) भर्ती की स्थगित प्रक्रिया को पुन: प्रारंभ कराने की कार्यवाही प्रचलन में है। निश्चित समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है। रिक्त पदों के विरूद्ध अतिथि विद्वानों को आमंत्रित कर शिक्षा व्यवस्था सुचारू रूप से संपादित जारी है।
क्षेत्र के शासकीय मंदिरों की जानकारी
[धार्मिक न्यास और धर्मस्व]
177. ( क्र. 1819 ) श्री हर्ष यादव : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सागर जिले के देवरी व केसली विकासखंड में कौन-कौन से शासकीय मंदिर/धार्मिक न्यास आदि हैं? सूची उपलब्ध कराते हुए मंदिरवार/न्यासवार उनकी चल-अचल संपत्ति की जानकारी दें। इनकी देखरेख/संचालक किनके द्वारा किया जा रहा है? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित मंदिरों के पुजारियों को कितना-कितना मानदेय दिया जा रहा है? क्या उन्हें नियमित भुगतान किया गया है? (ग) प्रश्नांश (क) में वर्णित मंदिरों का संधारण कब किसके द्वारा किया गया व इस हेतु कितनी राशि व्यय की गई? (घ) क्या विभाग द्वारा क्षेत्र के जीर्ण-शीर्ण मंदिरों के संधारण की योजना बनाई जाकर समुचित संधारण किया जाएगा? यदि हाँ, तो कब तक?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
प्रधानमंत्री सड़क योजना के तहत कार्य
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
178. ( क्र. 1825 ) श्री कमलेश शाह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छिंदवाड़ा जिले में वर्ष 2013-14 से 2016-17 प्रश्न दिनांक तक प्रधानमंत्री सड़क योजना के तहत कितनी सड़कें स्वीकृत की गई? स्थान, नाम, लागत, स्वीकृति दिनांक सहित बतावें। (ख) कितने कार्य पूर्ण हैं? कितने अपूर्ण हैं? अपूर्ण कार्य कब तक पूर्ण होंगे? (ग) अपूर्ण कार्यों के लिए दोषी फर्मों एवं अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) छिंदवाड़ा जिले में वर्ष 2013-14 से 2016-17 प्रश्न दिनांक तक प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत कुल 177 सड़कें स्वीकृत की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) में उल्लेखित सड़कों में से 24 सड़कों का कार्य पूर्ण हो गया है। 66 प्रगतिरत कार्य अनुबंध अवधि में है, शेष 87 सड़कों की निविदा कार्यवाही प्रचलन में है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में प्रगतिरत मार्ग अनुबंध अवधि में है अतः ठेकेदार एवं अधिकारियों पर कार्यवाही का प्रश्न नहीं उठता है।
पी.जी. कॉलेज में निर्माण
[उच्च शिक्षा]
179. ( क्र. 1827 ) श्री कमलेश शाह : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासकीय पी.जी. कॉलेज छिंदवाड़ा में प्रथम तल पर निर्माण स्वीकृति के बाद भूतल में निर्माण किस कारण एवं किसकी स्वीकृति से कराया गया? विगत 5 वर्ष में निर्मित इस कार्य की पूर्ण जानकारी देवें। (ख) शासकीय कन्या महाविद्यालय छिंदवाड़ा में वर्ष 2013-14 से 2016-17 प्रश्न दिनांक तक जनभागीदारी समिति द्वारा क्रय की गई सामग्री की जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार मनमानी निर्माण स्वीकृति देने के लिए संबंधित प्राचार्य पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, छिंदवाड़ा में प्रथम तल के निर्माण हेतु राशि रूपये 39.97 लाख की प्रशासकीय एवं वित्तीय स्वीकृति जारी की गई थी। किंतु प्रथम तल पर विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा प्रदत्त राशि से पूर्व से ही अतिरिक्त कक्षों का निर्माण कार्य प्रारंभ कर दिया गया था। भूतल पर निर्माण कार्य हेतु विभाग द्वारा कोई अनुमति जारी नहीं की गई। प्राचार्य द्वारा लोक निर्माण विभाग के माध्यम से भूतल पर चार कक्षों का निर्माण कार्य कराया गया, जो पूर्ण हो चुका है। (ख) शासकीय कन्या महाविद्यालय, छिंदवाड़ा में वर्ष 2013-14 से 2016-17 प्रश्न दिनांक तक जनभागीदारी समिति द्वारा क्रय की गई सामग्री का पूर्ण विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जाँच की जा रही है, समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
मा. उच्च न्यायालय जबलपुर के निर्णय पर कार्यवाही
[वन]
180. ( क्र. 1840 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या देवेन्द्र गौतम द्वारा माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में याचिका क्र. डब्ल्यू.ए नं. 201/2012 एवं डब्ल्यू.पी. नं. 9505/09 दायर किया था? यदि हाँ, तो उक्त याचिकाओं पर क्या-क्या निर्णय दिए गए? (ख) प्रश्नांश (क) की याचिकाओं पर निर्णय के पश्चात् क्या याचिकाकर्ताओं को वन रक्षक पदों पर नियुक्ति दी गई? यदि नहीं, दी गई तो क्यों? कारण बताएं। कब तक दी जावेगी? (ग) प्रश्नांश (क) की याचिकाओं पर माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर के निर्णय का पालन न करने पर क्या अवमानना याचिका याचिककर्ता द्वारा लगाई गई है? यदि हाँ, तो अवमानना याचिका की प्रति तथा दिए गए प्रत्यावर्तन की प्रति उपलब्ध करावें?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी नहीं। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित याचिकाओं के संदर्भ में याचिकाकर्ताओं की नियुक्ति के प्रस्ताव शासन स्तर पर प्रक्रियाधीन है। (ग) शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मनरेगा अंतर्गत क्रय सामग्री पर वाणिज्यिक कर कटौती
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
181. ( क्र. 1841 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर संभाग के अंतर्गत मनरेगा में जिलेवार, विकासखण्डवार विगत पाँच वर्षों में कितनी कीमत की सामग्री क्रय की गई है? जिसमें वाणिज्यिक कर विभाग में चालान से कब-कब जमा की गई है? पृथक-पृथक विकासखण्ड जिलेवार जानकारी दें?। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में बहुत सी ऐसी फर्मों से सामग्री क्रय की है? जिनमें टिन नंबर तक नहीं है। जिससे वाणिज्यिक कर की चोरी कराने में संबंधित विभाग के कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी पंचायत में उत्तरदायी बताएं? (ग) प्रश्नांकित अवधि में मनरेगा योजना में क्रय सामग्री एवं अनियमितताओं को लेकर शिकायतें की गई? शिकायतवार, कार्यवाहीवार विवरण दें।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) पूर्ण विवरण मनरेगा साईट www.nrega.nic.in पर उपलब्ध है। (ख) कर कटोत्रा के संबंध में वाणिज्यकर विभाग के निर्देश/परिपत्र पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। www.nrega.nic.in पर राशि रू. 5000/- से अधिक के देयकों की प्रविष्टि टिन नंबर/टेन नम्बर के साथ करने की व्यवस्था है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं है। (ग) प्रश्नांकित अवधि में मनरेगा योजना में क्रय सामग्री एवं अनियमितताओं को लेकर शिकायतों की जानकारी तथा की गई कार्यवाही का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
रोजगार कार्यालयों के माध्यम से रोजगार दिलाए जाना
[वाणिज्य, उद्योग एवं रोजगार]
182. ( क्र. 1842 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. सरकार द्वारा प्रत्येक जिले में जिला रोजगार कार्यालय खोले गए हैं, जिनका वर्तमान परिवेश में बेरोजगारों का पंजीयन ऑनलाईन करने के अतिरिक्त क्या-क्या कार्य है?। (ख) विगत पाँच वर्षों में जिला रोजगार कार्यालय के माध्यम से कटनी जिले के रोजगार कार्यालय द्वारा कितने व्यक्ति को रोजगार दिलाया गया है ? (ग) वर्ष 2015-16 में आवेदकों के रोजगार आवेदन पर सलाह देते हुए प्रतिलिपि प्रश्नकर्ता को दी गई है? क्या उक्त कार्यालय जो अब औचित्यहीन हो गए हैं उन्हें बंद किया जायेगा? यदि नहीं, तो क्यों उनकी सार्थकता का उपयोग किया जावेगा?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी हाँ। मध्यप्रदेश में जिला रोजगार कार्यालयों द्वारा बेरोजगारों के ऑनलाईन पंजीयन के अतिरिक्त निजी क्षेत्र में रोजगार उपलब्ध कराने हेतु जॉब फेयर योजना के अंतर्गत रोजगार मेलों का आयोजन किया जाता हैं तथा कॅरियर कॉउन्सिलिंग योजना के अंतर्गत आवेदकों को कॉउन्सिलिंग की सुविधा भी प्रदान की जाती हैं। (ख) विगत पाँच वर्षों (वर्ष 2011-12 से 31 अक्टूबर 2016 तक) में जिला रोजगार कार्यालय के माध्यम से कटनी जिले के रोजगार कार्यालय द्वारा 3846 व्यक्तियों को रोजगार दिलाया गया हैं। वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ग) जी हाँ। जी नहीं। वर्तमान में जिला रोजगार कार्यालयों को बंद किये जाने का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं हैं। इन कार्यालयों का सार्थकतापूर्वक उपयोग किया जाता हैं।
पेटलावद तह. महिदपुर पर जाँच
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
183. ( क्र. 1849 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पेटलावद ग्राम पंचायत तह. महिदपुर जिला उज्जैन की जाँच प्रतिवेदन की छायाप्रति देवें। (ख) इस जाँच के फलस्वरूप किन लोगों पर क्या-क्या कार्यवाही की गई तथा क्या वसूली आरोपित की गई? यदि हाँ, तो कितनी व वसूली कब तक की जावेगी? (ग) इनके अधूरे कार्य कब तक पूर्ण होंगे? अवधि दि. 01-01-09 से 31-12-14 तक के?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जाँच का अंतरिम प्रतिवेदन प्राप्त हुआ है जो जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। अंतिम जाँच प्रतिवेदन परीक्षण कर तैयार करना प्रक्रियाधीन है। (ख) विस्तृत अंतिम जाँच प्रतिवेदन प्राप्त होने पर संबंधित के विरूद्ध कार्यवाही एवं वसूली सुनिश्चित की जा सकेगी। अंतरिम जाँच प्रतिवेदन में प्रथम दृष्ट्या 04 कार्यों में रू. 3.93 लाख की वसूली निर्धारित की गई है वसूली की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ग) प्रश्नाधीन अधूरे निर्माण कार्यों को राशि वसूली की कार्यवाही की जाकर कार्य पूर्ण कराने का प्रयास किया जा रहा है, समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
आरोपियों के विरूद्ध कार्यवाही
[खनिज साधन]
184. ( क्र. 1852 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनेश पिता मांगीलाल निवासी महिदपुर रोड के विरूद्ध चल रहे प्रकरण की अद्यतन स्थिति बतावें। (ख) क्या इनसे आरोपित पेनल्टी वसूल कर ली गई है? यदि नहीं, तो कब तक कर ली जावेगी।
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रश्नाधीन व्यक्ति के प्रकरण में न्यायालय, अपर आयुक्त, उज्जैन संभाग, उज्जैन द्वारा अपील प्रकरण क्रमांक 395/15-16 में दिनांक 18.11.2016 को आदेश पारित कर अनुविभागीय अधिकारी महिदपुर के प्रकरण क्रमांक 30/अ-67/13-14 में पारित आदेश दिनांक 19.02.2016 को यथावत रखा गया है। (ख) जी नहीं। वसूली प्रकरण राजस्व मण्डल, ग्वालियर में विचाराधीन है। प्रकरण का अंतिम निराकरण नहीं हुआ है। अत: वसूली हेतु समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
पांढुर्णा विधान सभा क्षेत्र में अवैध रेत खनन
[खनिज साधन]
185. ( क्र. 1865 ) श्री जतन उईके : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पांढुर्णा विधान सभा क्षेत्र दि. 1.1.2014 से 01.11.16 तक खनिज विभाग द्वारा कितने प्रकरण बनाये गये? माहवार, स्थानवार संबंधित के नाम बतायें? (ख) इन प्रकरण में कितनी पेनाल्टी लगाई गई तथा कितनी वसूली की गई? (ग) कितने प्रकरणों में वसूली बाकी है और क्यों? (घ) पेनल्टी वसूली न करने वाले दोषी अधिकारियों के विरूद्ध शासन क्या कार्यवाही करेगा?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रश्नाधीन विधानसभा क्षेत्र में प्रश्नाधीन अवधि में दर्ज अवैध परिवहन एवं अवैध भण्डारण की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं 'ब' अनुसार है। प्रश्नाधीन विधानसभा क्षेत्र में अवैध उत्खनन का कोई प्रकरण दर्ज नहीं किया गया है। (ख) प्रश्नांश 'क' में अवैध परिवहन के प्रकरणों में अधिरोपित अर्थदण्ड एवं वसूली की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ में दर्शित है। अवैध भण्डारण के प्रकरणों में वर्तमान में अर्थदण्ड अधिरोपित नहीं किया गया है। अत: इनकी वसूली वर्तमान में नहीं की गई है। (ग) वर्तमान में अधिरोपित अर्थदण्ड की वसूली शेष नहीं है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नांश 'ग' में दर्शाये अनुसार प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
ग्राम वन समितियों का गठन
[वन]
186. ( क्र. 1866 ) श्री जतन उईके : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर संभाग के अंतर्गत छिंदवाड़ा में वन विभाग द्वारा विगत 03 वर्ष में कहाँ-कहाँ पर ग्राम वन समिति का गठन किया गया है? इसमें कितने सदस्यों को रख गया है? सूची उपलब्ध करायें? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में ग्राम वन समिति को विगत 03 वर्षों में क्या-क्या कार्य कराया गया व उस पर कितना-कितना व्यय किया गया है? (ग) क्या वन विभाग द्वारा किस-किस मदों से कितनी-कितनी राशि विगत 03 वर्षों ग्राम वन समिति को दिया गया है वन समिति द्वारा कौन-कौन से निर्माण कार्य कराया गया है? कितने कार्य पूर्ण किये गये हैं, कितने कार्य अपूर्ण हैं? अपूर्ण कार्य के लिये कौन जिम्मेदार हैं? अपूर्ण कार्य को कब तक पूर्ण कर लिया जायेगा?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जबलपुर संभाग के अंतर्गत छिन्दवाड़ा में वन विभाग द्वारा विगत 03 वर्ष (2013-14, 2014-15, 2015-16) में ग्राम वन समिति का गठन नहीं किया गया है। अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) छिन्दवाड़ा अंतर्गत विगत तीन वर्षों में ग्राम वन समिति को सुरक्षा एवं रख-रखाव कार्य हेतु राशि रू. 58853349/- दी गई है। समितिवार प्रदाय की गई राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। समिति द्वारा निर्माण कार्य नहीं कराये गये हैं। अतः शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
वन विभाग की योजनाएं
[वन]
187. ( क्र. 1890 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीधी सिहावल वन विभाग के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में कितनी योजनायें संचालित है? (ख) आस्था मूलक पुलिया गैस कनेक्शन, हैण्डपंप, तेंदुपत्ता सामुदायिक भवन आदि के कितने कार्य कराये जा रहे हैं, श्रमिकों एवं पौधों का कितना भुगतान लंबित है? लंबित भुगतान कब तक करा दिया जावेगा? (ग) कितने और किस प्रकार के कार्य वनसमिति द्वारा कराये जाने का प्रावधान है? (घ) क्या वन विभाग द्वारा निजी स्वामित्व की राजस्व पर भी वन विभाग द्वारा पौधारोपण या अन्य कार्य कराये गये है? क्या उक्त कार्यों में न्यायालय प्रकरण दर्ज हुए है? शासन द्वारा किसे जाँच सौंपी गई? क्या समय पर जाँच की गई है?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) वनमण्डल सीधी अन्तर्गत सीधी सिहावल में (1) कार्य आयोजना का क्रियान्वयन (2) क्षतिपूर्ति वनीकरण (कैम्पा) (3) बांस मिशन एवं (4) पर्यावरण वानिकी योजनाएं संचालित हैं। (ख) आस्थामूलक अन्तर्गत हैण्ड पम्प-33, पुलिया-01, गैस कनेक्शन-796, कार्य कराये जा रहे हैं। सामुदायिक भवन में कोई कार्य नहीं हुआ है। श्रमिकों एवं पौधों का कोई भुगतान लंबित नहीं है। अतः लंबित भुगतान का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) म.प्र. राजपत्र क्रमांक/एफ16-4-91-दस-2 भोपाल दिनांक 22 अक्टूबर 2001 एवं मध्यप्रदेश शासन वन विभाग के पत्र क्रमांक/एफ.22-72/2011/10-2 दिनांक 28.01.2012 की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार से जारी निर्देशानुसार संयुक्त वन प्रबंधन समितियों द्वारा वृक्षारोपण, पुनरूत्पादन, संरक्षण वनक्षेत्रों की सुरक्षा, अग्नि सुरक्षा कार्य वनग्राम विकास कार्य, राष्ट्रीय वनीकरण योजना के अन्तर्गत वनीकरण कार्य आदि तथा समितियों की आमसभा में लिये गये निर्णय अनुसार कार्य कराये जाने का प्रावधान है। (घ) जी हाँ। बांस मिशन योजना अन्तर्गत किसानो के निजी भूमि में 8 ग्रामों में 64080 बांस पौधो का रोपण कराया गया है। उक्त कार्य में कोई न्यायालयीन प्रकरण दर्ज नहीं है। अतः जाँच का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शौचालयों के निर्माण एवं उनका भुगतान
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
188. ( क्र. 1891 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनपद पंचायत सिहावल के सीधी तथा सिंगरौली के साथ अन्य जिलों में कितनी पंचायत ओ.डी.एफ. हो चुकी है। जनपद पंचायत सिंहावल में पंचायतवार कितने शौचालय निर्मित है एवं कितने शेष है ? कितने शौचालयों का भुगतान हो गया है और कितनों का शेष है शेष का भुगतान कब तक कर दिया जायेगा ? (ख) सीधी जिले में शौचालय निर्माण में कितनी राशि का आवंटन प्राप्त हुआ है और कितनी राशि का भुगतान किया गया है? क्या प्राप्त आवंटन से ज्यादा के भुगतान का आदेश जिला पंचायत द्वारा जारी किया गया है यदि हाँ, तो क्यों? कितने शौचालयों के निर्माण का भुगतान बैंक खातों के गलत होने के कारण नहीं हो पाया है? खाता संशोधन उपरांत क्या भुगतान कर दिया गया है? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या खाता गलत होने से भुगतान की हुई राशि से अन्य हितग्राहियों को भुगतान किया गया है? यदि हाँ, तो क्या इसे वित्तीय अनियमितता मानते हुए उचित कार्यवाही की जायेगी? क्या बिल्डरों के समस्त भुगतान कर दिये गये हैं? यदि नहीं, तो कब तक कर दिये जायेंगे?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जनपद पंचायत सिंहावल जिला सीधी में 51 ग्राम पंचायत ओ.डी.एफ. हो चुकी है। सीधी तथा सिंगरौली जिले के साथ अन्य जिलो में कुल 3589 ग्राम पंचायतें ओ.डी.एफ. हो चुकी है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। शेष शौचालयों का भुगतान पात्रतानुसार एफटीओ के माध्यम से सततरूप से किया जा रहा है। (ख) सीधी जिले में शौचालय निर्माण हेतु राशि रूपये 9115.34 लाख का आवंटन प्राप्त हुआ जिसके विरूद्ध राशि रूपये 9065.34 लाख का भुगतान किया गया। जी नहीं। बैंक खातों के गलत होने के कारण 591 हितग्राहियों, 429 मजदूर/मिस्त्री एवं 77 वेन्डरों का भुगतान नहीं हो पाया है। सही खाता नम्बर प्राप्त कर प्रक्रिया अनुसार भुगतान किया जा रहा है। (ग) जी नहीं। वेण्डरों के भुगतान उत्तरांश ''ख'' अनुसार खाता नम्बर प्राप्त कर प्रक्रिया अनुसार भुगतान किया जा रहा है।
सिंहस्थ 2016 में कराये गये कार्यों में अनियमितता
[नगरीय विकास एवं आवास]
189. ( क्र. 1907 ) श्री बाला बच्चन : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) ता.प्र. संख्या 24 (क्र. 803) दिनांक 19-07-16 में बताया गया कि सिंहस्थ 2016 को वर्ष 2010-11 से 2016-17 कुल प्रस्तावित 2771.65 करोड़ रूपये में से 2000.93 करोड़ रूपये व्यय किए गए जब लगभग 770 करोड़ रूपये व्यय करना शेष थे तो विभाग द्वारा जुलाई 2016 अनुपूरक बजट में 403 करोड़ रूपये क्यों आवंटित किए गए? (ख) सिंहस्थ 2016 में क्रय की गई समस्त सामग्री का वर्तमान में कहाँ उपयोग किया जा रहा है? प्रश्नांश (क) में वर्णित समस्त क्रय सामग्री की वर्तमान स्थिति की सूची विभागवार देवें। (ग) इसी प्रश्नानुसार उज्जैन नगर निगम महेश्वर नगर पालिका द्वारा बिना टीन नंबर की फर्मों को सप्लाई किस आधार पर दी गई? (घ) किस कारण से 20,005 से 36,000 रू तक के टॉयलेट किराये पर लिये गये जबकि केन्द्र सरकार द्वारा स्थायी शौचालय 12000 रू. में बनवाये गये?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) सिंहस्थ 2016 के आयोजन हेतु वित्तीय वर्ष 2010-11 से 2016-17 तक शासन द्वारा राशि रू. 2771.65 करोड़ आवंटित किये गये थे, सिंहस्थ 2016 मद में स्वीकृत कार्यों हेतु संबंधित विभागों द्वारा जुलाई 2016 तक राशि रू. 2000.93 करोड़ व्यय किये गये थे। विभागों द्वारा वित्तीय वर्षों में आवंटित राशि का व्यय समय पर न किये जाने के कारण राशि लैप्स होने एवं समर्पित किये जाने के कारण आवंटित राशि से कम व्यय हुआ था। (ख) जानकारी संकलित की जा रही है। (ग) नगर निगम उज्जैन एवं नगर परिषद महेश्वर द्वारा बिना टीन नं. की फर्मो को सप्लाई कार्य नहीं दिया गया। (घ) सिंहस्थ 2016 अंतर्गत निर्मित शौचालय में स्थाई टायलेट के निर्माण की तुलना सिंहस्थ 2016 के लिए अस्थाई टॉयलेट से नहीं की जा सकती। सिंहस्थ 2016 के लिए तैयार करवाए गए शौचालयों में निर्माण के अतिरिक्त संबंधित एजेंसी को डेढ़ माह तक रख-रखाव, कीटनाशक एवं सफाईकर्मी नियुक्त किया जाना तथा शौचालय की डिस्मेंटलिंग का कार्य करने एवं समतलीकरण किये जाने का कार्य समाहित था। इसके अतिरिक्त कार्य के स्पेसिफिकेशन में भी काफी अंतर होने के कारण सिंहस्थ 2016 की दरें उचित हैं।
डी.आर.डी.ए. के कर्मचारियों के सेवा प्रकरण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
190. ( क्र. 1908 ) श्री बाला बच्चन : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) डी.आर.डी.ए. प्रशासन में पदस्थ अमले के वेतन भुगतान के लिए वर्ष 2011-12 से प्रश्न दिनांक तक भारत शासन से कब-कब, कितनी-कितनी राशि प्रदेश को प्राप्त हुयी है? (ख) डी.आर.डी.ए. प्रशासन में संविदा पर पदस्थ कर्मचारियों को विभाग में अन्यत्र प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ किये जाने के लिए क्या विकास आयुक्त द्वारा आदेश जारी किये गये हैं? यदि हाँ, तो आदेश की प्रति प्रस्तुत करें। (ग) क्या संविदा कर्मचारियों को प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ किये जाने का नियम है? यदि हाँ, तो उपलब्ध करावें। (घ) क्या डी.आर.डी.ए. प्रशासन में तिलहन संघ से प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ कर्मचारियों को पुन: प्रतिनियुक्ति पर विभाग में पदस्थ किया जाना नियमानुकूल है? प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ कर्मचारियों को पुन: प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ करने पर उनका धारणाधिकार किस विभाग में माना जायेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) से (घ) जानकारी संकलित की जा रही है।
भाग-3
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
विक्रम
विश्वविद्यालय
उज्जैन के
रोके गये परीक्षा
परिणाम
[उच्च शिक्षा]
1. ( क्र. 2 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 जनवरी, 2015 के पश्चात् विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन के किन-किन परीक्षा परिणाम में कितने विद्यार्थियों के किस-किस कारण से परीक्षा परिणाम रोके गये? परीक्षा परिणाम की घोषित दिनांक, रोके गये परीक्षा परिणाम को विद्यार्थियों को किस दिनांक को परिणाम दिए गये? (ख) इनमें ऐसे कितने रोके हुए परिणाम हैं जिनमें विभाग की गलती से परिणाम देने में देरी हुई, इनमें कितने कर्मचारियों अधिकारियों के खिलाफ क्या-क्या कार्यवाही की गयी? (ग) प्रश्नांश (क) संदर्भित ऐसे कितने रोके हुए परिणाम हैं जो प्रश्न दिनांक तक विद्यार्थियों को नहीं दिए गये? (घ) क्या रोके हुए परीक्षा परिणाम की देरी को लेकर तथा मंदसौर कन्या महाविद्यालय की बी.ए 6वां सेमिस्टर की छात्रा को लेकर प्रश्नकर्ता विधायक ने उक्त विश्वविद्यालय में कोई पत्र लिखा, यदि हाँ, तो उस पर क्या कार्यवाही की गई? इसकी सूचना प्रश्नकर्ता विधायक को कब दी गई? यदि नहीं, तो क्यों?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ में उल्लेखित परीक्षाओं में 27,151 परीक्षा परिणाम निम्न कारणों से रोके गयेः-1. अधिकतर पूर्ववर्ती सेमेस्टर में एटीकेटी होने से। 2. परीक्षार्थी द्वारा अनुक्रमांक गलत लिखना। 3.छात्रों द्वारा पूर्व परीक्षा की अंकसूची न लगाने। 4. महाविद्यालय द्वारा प्रायोगिक एवं आंतरिक परीक्षा के अंक ऑनलाइन समय पर नहीं भेजे जाने के कारण। 5. अनुचित साधन संबंधी प्रकरण। 6. छात्रों की परीक्षाओं में अनुपस्थिति के कारण। 7. स्नातक स्तर पर 05 वर्ष एवं स्नातकोत्तर स्तर पर 03 वर्ष की अवधि में पाठ्यक्रम के पूर्ववर्ती किसी भी परीक्षा एटीकेटी परीक्षा उत्तीर्ण न कर सकने के कारण। परीक्षा परिणाम की घोषित दिनांक पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार तथा रोके गये परीक्षा परिणामों को दि. 26.03.2015 से दि. 26.11.2016 तक 15,953 विद्यार्थियों को परीक्षा परिणाम दिया गया। (ख) रोके गए परीक्षा परिणामों के कारणों का परीक्षण कराकर निष्कर्ष के आधार पर कार्यवाही की जायेगी। (ग) रोके हुए 11,198 परिणाम जो विद्यार्थियों को नहीं दिये गये। (घ) जी हाँ। पत्र के संदर्भ में विश्वविद्यालय द्वारा पत्र क्र. परीक्षा/2016/840, दिनांक 27/10/2016 के द्वारा छात्रा एवं मान. विधायक जी को सूचित किया गया है। पत्र की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ पर है।
नगर परिषद बैकुण्ठपुर में कचरा डम्प किये जाने हेतु भूमि आवंटन
[नगरीय विकास एवं आवास]
2. ( क्र. 11 ) श्री बाबूलाल गौर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नगर परिषद बैकुण्ठपुर जिला रीवा को कचरा डम्प करने हेतु किस-किस स्थान पर कितनी भूमि आवंटित की गई है? (ख) क्या नगर परिषद बैकुण्ठपुर द्वारा ग्राम चौंसझ के समीप जलाशय के किनारे कचरा डम्प किया जा रहा है? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित स्थान में कचरा डम्प करने के कारण वातावरण प्रदूषित हो रहा है? (घ) नगर परिषद द्वारा इस समस्या के निराकरण के लिये क्या कार्यवाही की जा रही है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) नगर परिषद बैकुण्ठपुर को ठोस अपशिष्ट प्रबंधन कलेक्टर जिला रीवा द्वारा दिनांक 20.03.2016 को ग्राम उमरी की भूमि क्रमांक 489/2/ख में 05 एकड़ भूमि का आवंटन किया गया है। (ख) जी नहीं। (ग) प्रश्नांश 'ख' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नांश 'ख' अनुसार स्थल से एकत्रित कचरा हटवा दिया गया है। साथ ही एकीकृत क्षेत्रीय ठोस अपशिष्ट प्रबंधक कार्ययोजना में नगर परिषद बैकुण्ठपुर सम्मिलित है जिसमें वैज्ञानिक प्रबंधन किया जा सकेगा।
तिलखन से जोकहा पहुंच मार्ग निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
3. ( क्र. 12 ) श्री बाबूलाल गौर : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रीवा जिले की सिरमौर तहसील के अंतर्गत ग्राम तिलखन से ग्राम जोकहा को प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना में सड़क निर्माण हेतु प्रश्नकर्ता द्वारा पत्र लिखा गया था? (ख) विभाग द्वारा उक्त ग्रामों को प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के अंतर्गत सड़क निर्माण हेतु क्या कार्यवाही की गई है? (ग) ग्राम तिलखन से ग्राम जोकहा की सड़क की लम्बाई कितनी है एवं इस मार्ग का निर्माण कब तक प्रारंभ किया जायेगा? (घ) क्या विभाग के अधिकारियों द्वारा उक्त सड़क का सर्वे/अवलोकन किया है? यदि हाँ, तो अधिकारी का नाम एवं दिनांक सहित बताया जाये?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के दिशा-निर्देशों के अनुसार सामान्य विकासखण्डों में (वर्ष 2001 की जनगणना अनुसार) 500 अथवा अधिक जनसंख्या के ग्रामों को पक्की सड़को को जोड़ने का प्रावधान है। पक्की सड़क से 500 मीटर दूरी तक स्थित ग्रामों को प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के दिशा-निर्देश अनुसार जुड़े हुये ग्रामों की श्रेणी में माना जाता है। प्रश्नांश (क) में उल्लेखित ग्राम तिलखन, रीवा सिरमौर एम.डी.आर. मार्ग पर स्थित है एवं ग्राम जोकहा की जनसंख्या वर्ष 2001 की जनगणना के अनुसार 463 है। अतः दोनो ही ग्राम योजनांतर्गत पात्र ग्रामों की श्रेणी में नहीं होने से सड़क निर्माण हेतु कार्यवाही की जाना संभव नहीं है। (ग) ग्राम तिलखन से ग्राम जोकहा की लंबाई लगभग 4.00 कि.मी. है। उत्तरांश (ख) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) उत्तरांश (ख) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र का निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
4. ( क्र. 38 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 27 जुलाई 2015 के परि. अता. प्रश्न संख्या 39 (क्र.978) के प्रश्नांश (ख) के उत्तर में बताया गया था कि निर्माण कार्य लगभग 6 माह में पूर्ण करा लिया जाना लक्षित है? (ख) क्या यह निर्माण कार्य पूर्ण करा लिया गया है? यदि नहीं, तो विलंब के लिये कौन दोषी है? यह कार्य कब तब पूर्ण करा लिया जावेगा? (ग) वर्ष 2007 में स्वीकृत राशि का निर्माण कार्य वर्तमान तक पूर्ण नहीं होने एवं विलंब करने वाले दोषी अधिकारियों पर कोई दण्डात्मक कार्यवाही की जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। तत्कालीन सरपंच एवं सचिव ग्राम पंचायत खेलागांव विलंब के लिये दोषी है। तत्कालीन सरपंच एवं सचिव से राशि की वसूली होने के पश्चात् कार्य पूर्ण कराने की कार्यवाही की जा सकेगी। (ग) प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र निर्माण खेलागांव में राशि वसूली का प्रकरण अनुविभागीय अधिकारी राजस्व सुसनेर-नलखेडा द्वारा प्रकरण क्र. 1 अ 89 अ (19) दिनांक 25.06.2016 से तत्कालीन सरपंच श्री मेहरबान सिंह एवं सचिव श्री विष्णु प्रसाद पाटीदार का जेल वारंट जारी किया गया तथा जिला पंचायत आगर-मालवा के पत्र क्र. 433/जि.प./प्रको./2016 दिनांक 06.02.2016 द्वारा सचिव श्री मेहबान सिंह ठाकुर को निलंबित किया गया।
प्रदेश में ओ.डी.एफ. मुक्त शहरों को आवंटित राशि
[नगरीय विकास एवं आवास]
5. ( क्र. 53 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रदेश में वर्तमान में कितने छोटे-बड़े शहर ओ.डी.एफ. (खुले में शौच) मुक्त है विभाग द्वारा जो शहर ओ.डी.एफ. नहीं हैं उन्हें ओ.डी.एफ. करने के क्या प्रयास किये जा रहे हैं? क्या मंदसौर शहर ओ.डी.एफ. है? यदि नहीं, तो कितना कार्य शेष है? क्या भारत सरकार के "स्वच्छ सर्वेक्षण 2017" में मंदसौर शहर को अमृत शहर में शामिल किये जाने का कोई प्रस्ताव है? (ख) प्रदेश में ओ.डी.एफ. होने वाले शहर को कितना बजट दिया जा रहा है उन शहरों में क्या-क्या कार्य कराये जा रहे हैं? क्या सरकार नगर परिषद्/ नगर पालिकाओं वाले कस्बों व शहरों में सफाई व्यवस्था के अनुसार रैंकिंग देने की योजना बनाने का विचार कर रही है? यदि हाँ, तो कब तक, यदि नहीं, तो क्यों? (ग) प्रदेश के स्मार्ट शहरों में क्या-क्या कार्य कराये जाना प्रस्तावित है? ये कार्य कब तक पूर्ण होंगे व इन पर कितना व्यय होगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) प्रदेश में एक शहर खुले में शौच से मुक्त घोषित है। राज्य शासन द्वारा नगर के प्रत्येक शौचालय विहीन परिवारों का सर्वेक्षण किया जाकर शौचालय सुविधा प्रदान कर खुले में शौच से मुक्त किये जाने का प्रयास किया जा रहा है। जी नहीं। शेष 679 व्यक्तिगत शौचालय निर्माण शेष है। मंदसौर नगर अमृत शहरों में सम्मिलित है अत: प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) खुले में शौच से शहरों को मुक्त करने के लिये राशि रू. 13600.00 इकाई लागत के मान से मांग अनुसार निकायों को बजट दिया जा रहा है। इस हेतु व्यक्तिगत सामुदायिक शौचालय का निर्माण एवं सूचना शिक्षा शिक्षा संप्रेषण कार्य किया जा रहा है। स्वच्छ सर्वेक्षण 2017 अंतर्गत राज्य के 34 अमृत शहरों की रैकिंग जनवरी 2017 में की जा रही है, शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
पशु शेड निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
6. ( क्र. 67 ) श्री हरवंश राठौर : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र बण्डा जिला सागर में योजना प्रारंभ के दिनांक से कितने पशु शेडों का निर्माण कराया जा चुका हैं? शासन द्वारा प्रति शेड की क्या लागत निर्धारित की गई हैं? क्या सभी जनपद पंचायतों में एक समान लागत से शेडों का निर्माण हुआ है? (ख) स्वीकृत शेडों के निर्माण पर रोक लगाने के दिनांक से बण्डा में कितने शेड निर्माणाधीन थे? क्या इसी स्थिति में कार्य बंद करने के भी आदेश जारी हुए हैं? यदि हाँ, तो अपूर्ण कार्य पर हुए व्यय के लिए कौन जिम्मेदार हैं? (ग) पूर्ण निर्मित/अपूर्ण शेडों में जिन कार्य एजेंसियों द्वारा व्यय किया जा चुका है और भुगतान की मांग की जा रही है क्या उनको शेष भुगतान किया जावेगा या नहीं?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) विधानसभा क्षेत्र बण्डा जिला सागर में योजना प्रारंभ के दिनांक से स्वीकृत 1411 पशु शेडों में से 640 पशु शेडों को पूर्ण कराया जा चुका है। शासन द्वारा प्रति शेड की लागत निर्धारित नहीं है। जी नहीं, समस्त जनपद पंचायत अंतर्गत ग्राम पंचायतों द्वारा एस.ओ.आर. प्राक्कलन अनुसार अलग-अलग लागत के पशु शेडों का निर्माण हुआ है। (ख) स्वीकृत शेडों के निर्माण पर रोक लगाने के दिनांक से बण्डा विधानसभा अंतर्गत जनपद पंचायत बण्डा में 201 पशु शेड निर्माणाधीन थे। जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ, विभाग के निर्देश व मूल्यांकन अनुसार भुगतान लंबित होने पर किया जावेगा।
सेवादारों/पुजारियों के मानदेय एवं एर्रियर्स का भुगतान
[धार्मिक न्यास और धर्मस्व]
7. ( क्र. 74 ) श्री पुष्पेन्द्र नाथ पाठक : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या म.प्र. शासन धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग मंत्रालय वल्लभ भवन भोपाल के आदेश क्र. एफ 7-23 /2002/छः भोपाल दिनांक 15.02.13 के द्वारा शासन संधारित मंदिरों के सेवादारों/पुजारियों के मानदेय भुगतान का आदेश प्रसारित किया गया था? (ख) यदि प्रश्नांश (क) हाँ है तो क्या छतरपुर जिले के बिजावर तहसील में उक्त आदेश के अनुक्रम में मानदेय प्रदाय किया जा रहा है? क्या मानदेय का भुगतान नियमित रूप से प्रत्येक माह किया जा रहा है? यदि नहीं, तो क्यों? अंतिम भुगतान कब एवं कितने माह का किया गया? (ग) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में क्या मानदेय के एरियर्स का भुगतान किया जा चुका है? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) प्रश्नांश (ख) एवं (ग) के अनुक्रम में सेवादारों/पुजारियों के मानदेय एवं एरियर्स के भुगतान हेतु बजट आवंटन हेतु विभाग द्वारा शासन को कब-कब पत्र लिखा गया? शासन स्तर पर उन पत्रों पर क्या-क्या कार्यवाही की गयी?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
औद्योगिक क्षेत्र की स्थापना
[वाणिज्य, उद्योग एवं रोजगार]
8. ( क्र. 77 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सरकार ने प्रदेश में नौ नये औद्योगिक क्षेत्र स्थापित करने का निर्णय लिया है? यदि हाँ, तो कहाँ-कहाँ? तत्संबंधी पूर्ण ब्यौरा एवं स्वीकृत राशि व अन्य सुविधायें प्रदान करने संबंधी सरकार के निर्णय की जानकारी दें. (ख) उद्योग संवर्धन नीति २०१४ को क्रियान्वित करने हेतु सरकार ने अब तक क्या-क्या कदम उठाये है? (ग) नये औद्योगिक क्षेत्र स्थापना में रतलाम-आलोट जैसे पिछड़े क्षेत्र को सरकार अनदेखा क्यों कर रही है जब कि यहाँ उद्योग स्थापना की अपार संभावनाएँ विद्यमान हैं.
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी हाँ। प्रस्तावित नवीन औद्योगिक क्षेत्रों के स्थलों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर हैं। शासन दवारा 2625 हेक्टेयर भूमि पर राशि रू 1914.00 करोड़ की स्वीकृति निम्न वित्तीय व्यवस्था के अंतर्गत प्रदान की हैं। (राशि रूपये करोड़ में) कुल लागत-1914.00 बजटीय प्रावधान अंतर्गत अनुदान-765.60 क्रियान्वयन संस्था-एकेव्हीएन के स्वयं के स्त्रोत 191.40 वित्तीय संस्थाओं से ऋण 957.00 अन्य सुविधाओं के अंतर्गत शासन दवारा निर्णय लिया गया हैं कि परियोजनाओं की विकास लागत निर्धारित कर,कार्य प्रारंभ करने से 01 वर्ष की अवधि तक भूखंड बुकिंग में विकास लागत की 10 प्रतिशत् की विशेष रियायत प्रदान की जाये। (ख) राज्य शासन दवारा उदयोग संवर्धन नीति 2014 दिनांक 01.10.2014 से लागू की गई हैं। सुस्थिर औद्योगिकीकरण रोजगार निर्माण और कौशल उन्नयन के माध्यम से मध्यप्रदेश के नागरिकों की आर्थिक समृद्धि और समग्र वृद्धि प्राप्त करने के लक्ष्य की पूर्ति हेतु वृहद श्रेणी की औद्योगिक तथा निवेश परियोजनाओं के लिये मध्यप्रदेश निवेश प्रोत्साहन योजना 2014 दिनांक 02.03.2015 से जारी की गई तथा सूक्ष्म लघु एवं मध्यम श्रेणी की औद्योगिक तथा निवेश परियोजनाओं हेतु मध्यप्रदेश एम.एम.एम.ई. प्रोत्साहन योजना दिनांक 01.07.2015 से जारी की गई हैं। (ग) औद्योगिक क्षेत्रों की स्थापना औद्योगिक इकाइयों की मांग अनुसार चरणबद्ध तरीके से की जाती हैं। रतलाम में वर्तमान में 01 औद्योगिक क्षेत्र विध्यमान हैं एवं नवीन औद्योगिक क्षेत्र करमदी जिला रतलाम 18.15 हेक्टेयर भूमि में रू. 22.69 करोड़ की लागत से विकसित किया जा रहा हैं, जिसमें अधोसंरचना के कार्य प्रगति पर हैं।
प्रधानमंत्री आवास योजना
[नगरीय विकास एवं आवास]
9. ( क्र. 79 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रदेश में प्रधानमंत्री आवास योजना कब से एवं किस-किस जिले में, किस-किस स्तर पर लागू कर प्रारंभ की? तत्संबंधी ब्यौरा दें. (ख) उज्जैन संभाग में विशेषकर रतलाम जिले व आलोट में उक्त योजना क्रियान्वय की स्थिति का ब्यौरा क्या है? (ग) आलोट-रतलाम क्षेत्र में निम्न आय वर्ग के लोगों के लिए आवास योजनांतर्गत क्या-क्या स्वीकृतियां वर्ष २०१५ एवं जूलाई २०१६ तक प्रदान की? यदि योजनांतर्गत किसी भी योजना अनुरूप इस क्षेत्र में स्वीकृति नहीं दी गई? तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) प्रदेश में प्रधानमंत्री आवास योजना दिनांक 25.06.2016 से लागू की गई है। वर्ष 2015-16 में 74 शहर सम्मिलित किये गये है, जो जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। वर्ष 2016-17 में 91 शहर सम्मिलित किये गये है, जो जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ख) योजना क्रियान्वयन की स्थिति इस प्रकार है :-
नगर पालिक निगम, रतलाम :-
1. मुखर्जी
नगर क्षेत्र -
में 36
ई.डब्ल्यु.एस.
96
एम.आई.जी.
कार्य
प्रारंभ कर
दिया गया है।
2. डोसीगांव
क्षेत्र - 396 ई.डब्ल्यु.एस.
96
एल.आई.जी. भूमि
आवंटन प्राप्त
होना है।
उक्त
दोनों
क्षेत्रों
में आवासीय
इकाई निर्माण के
साथ
अधोसंरचना
विकास कार्य
भी कराया जायेगा।
नगर परिषद्, आलोट :-
1. निकाय
द्वारा
निविदा
क्रमांक 2527/ई-टेन्डरिंग/2016 दिनांक 07.11.2016 से योजना
क्रियान्वयन
हेतु सर्वे
कार्य एवं
हाउसिंग फॉर
ऑर ऑल प्लान
ऑफ एक्शन एवं
डी.पी.आर.
तैयार करने
हेतु आनलाईन
निविदा जारी
की गई। 1
टेण्डर
फ्यूचर
डिजाईन
एशोसिएट नीमच
का प्राप्त
हुआ है।
डी.पी.आर.
निर्माण की
कार्यवाही
प्रचलित है।
2. निकाय
द्वारा योजना
का प्रचार
प्रसार,
मुनादी
एवं समाचार
पत्र में
प्रकाशित कर
किया गया है।
3. निकाय
द्वारा
दिनांक 22.11.2016 तक 546 आवेदन
प्राप्त
किये गये है।
निकाय
द्वारा पत्र
क्रमांक 2371/नप/2016
दिनांक 14.10.2016
सर्वे नं. 1375/4 रकबा 15.474 में से 3 हेक्टेयर
जमीन की मांग
कलेक्टर से
की गई है।
नगर
पालिका
परिषद्,
जावरा
:-
नगर पालिका परिषद्, जावरा में प्रधानमंत्री आवास योजना हेतु भूमि का आवंटन हो चुका है। कब्जा प्राप्त किया गया है। मौके का मानचित्र बनवाया जा रहा है। योजना के तहत जनता से आवेदन प्राप्त करने की प्रक्रिया जारी है। दिनांक 30.11.2016 तक आवेदन लिये जायेंगे। (ग) नगर पालिका परिषद्, जावरा एवं नगर परिषद्, आलोट में योजना तैयार की जा रही है। नगर निगम रतलाम में निम्न आय वर्ग के लिये 96 आवास की स्वीकृति दी गई है। योजनांतर्गत स्वीकृति प्रावधान अनुसार ही दी गई है।
वन अपराध के प्रकरण
[वन]
10. ( क्र. 89 ) श्री संजय उइके : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बालाघाट जिले में वित्तीय वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक पशु चराई एव अवैध उत्खनन एवं परिवहन के वन अपराधों के पी.ओ.आर. प्रकरण किन-किन व्यक्तियों के कब-कब, किस-किस दर से प्रतिकर की राशि कितनी-कितनी लगाई गई? प्रत्येक प्रकरण में लगाई गई कुल वसूली योग्य राशि बतावें? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित वन अपराधों के प्रकरण में प्रतिकार/जुर्माने की राशि हेतु विभाग द्वारा जारी किये गये आदेश एवं निर्देश की प्रति उपलब्ध करावें?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘अ’ एवं ‘ब’ अनुसार है।
प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना में सड़क निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
11. ( क्र. 91 ) श्री चम्पालाल देवड़ा : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला आगर मालवा तहसील नलखेड़ा के अंतर्गत ग्राम खेलागांव ग्राम पंचायत से ग्राम गुराड़िया देव को प्रधानमंत्री सड़क योजना/लोक निर्माण विभाग द्वारा निर्मित सड़क योजना/मुख्यमंत्री सड़क योजना से जोड़ने की कार्यवाही शासन के विचाराधीन है? (ख) क्या गुराड़ियादेव को मुख्य सड़क हेतु प्रधानमंत्री सड़क योजना स्वीकृत कर वर्ष 2014-15, 2015-16 में लालूखेड़ी मुख्य सड़क से जोड़ा गया है? ऐसी स्थिति में क्या ग्राम गुराड़ियादेव की प्रधानमंत्री सड़क से ग्राम पंचायत खेलागांव जिसकी जनसंख्या लगभग एक हजार से अधिक है, को जोड़ने पर यह ग्राम मुख्य सड़क से जुड़ जावेगा और इससे यहां के निवासियों को समुचित आवागमन की सुविधा उपलब्ध हो सकेगी? (ग) क्या शासन ऐसी व्यवस्था करेगा कि ग्राम पंचायत खेलागांव से ग्राम गुराड़ियादेव तक के लिये ग्रामवासियों को आवागमन के लिये समुचित सुगम मार्ग उपलब्ध हो सके?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। (ख) स्वीकृत कोरनेटवर्क के अनुसार ग्राम गुराड़ियादेव को प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत मुख्य मार्ग पर स्थित ग्राम लालूखेड़ी (रीछी) से जोड़ा जा रहा है, जबकि ग्राम खेलागांव को नलखेड़ा पिलवास मार्ग से पूर्व में जोड़ा जा चुका है। इस प्रकार दोनों ही ग्रामों को एकल सड़क संपर्क सुविधा सुनिश्चित की गई है। अतः ग्राम गुराडियादेव को खेलागांव से जोड़ना डबल कनेक्टीविटी के अंतर्गत आयेगा जिसे प्रधानमंत्री/मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के दिशा निर्देशों के अनुसार डबल कनेक्टीविटी प्रदान करना संभव नहीं है। (ग) वर्तमान में शासन के समक्ष ग्राम खेलागांव को गुराड़ियादेव से जोड़ने की योजना विचाराधीन नहीं है।
तायडे कॉलोनी के सामुदायिक विकास भवन पर अवैध कब्जा
[नगरीय विकास एवं आवास]
12. ( क्र. 92 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) 26 जुलाई 2016 के अतारांकित प्रश्न संख्या 2 (क्र. 109) के संदर्भ में बताएं कि तायडे कॉलोनी के नगर पालिका के सामुदायिक विकास भवन पर 2013 में प्राप्त शिकायत के आधार पर दिनांक 31-10-2013 को ब्रजभान सिंह यादव व उसके पुत्र का अवैध कब्जा कब से था तथा 02-07-2016 को 3 वर्ष बाद क्यों नोटिस दिया व एस.डी.ओ. अशोकनगर के पत्र क्रमांक 970 दिनांक 07-07-2016 को अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही की गई, उसके बाद भवन की स्थिति क्या है? (ख) कब तक कब्जा हटेगा? 2013 से 2016 तक कब्जा नहीं हटाने के लिये कौन जिम्मेदार है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) प्राप्त शिकायतों की समय-सीमा पर जाँच की गई, तत्समय कब्जा नहीं पाया गया था, जुलाई, 2016 में प्राप्त शिकायत के तारतम्य में संबंधित कब्जाधारी को सामुदायिक रिक्त करने की सूचना दी गई तथा पुन: कार्यालयीन पत्र क्रमांक 6505 दिनांक 25.11.2016 द्वारा अंतिम सूचना दी गई, कार्यवाही प्रचलन में है। (ख) अंतिम सूचना पत्र की समयावधि उपरांत कब्जा हटा दिया जायेगा।
अवैध खनन पर कार्यवाही
[खनिज साधन]
13. ( क्र. 93 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 19 जुलाई 2016 को परि. अता. प्रश्न संख्या 4 (क्रं. 63) के संदर्भ में प्रश्नांश (ख) के उत्तर में यादवेन्द्र सिंह, अजय सिंह, मनोज दांगी, लाखन यादव व 15-20 अज्ञात व्यक्ति कौन थे? इनकी पहचान कब तक की जायेगी? (ख) विभिन्न लोगों ने व प्रश्नकर्ता ने स्वयं किन-किन लोगों के नाम उन 15-20 अज्ञात व्यक्तियों में शामिल करने की सूचना प्रशासन व पुलिस को दी व उनके नाम व अन्य कौन-कौन से नाम 15 से 20 अज्ञात व्यक्तियों में शामिल कर कार्यवाही क्यों नहीं की जा रही है? (ग) ग्राम रावसर, भनकपुर व अन्य गांवों में लगातार अवैध खनन पर्यावरण हानि का भी आंकलन कर जुर्माने में जोड़ने व अशोकनगर जिले में कितने वैध खनन के पट्टे पर कितना लीज रेंट आदि एरियर कब-कब से शासन को नहीं चुकाया के बारे में प्रश्नकर्ता ने जिला खनिज अधिकारी को पत्र लिखा उसका विवरण देते हुए बताएं कि शासन ने क्या कार्यवाही की? (घ) खनिज विभाग ने सभी अवैध खनन में लिप्त वाहनों व शस्त्र जप्त करने हेतु प्रशासन व पुलिस को क्यों नहीं लिखा गया जबकि पुलिस प्रशासन पर हमला हुआ था?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) संदर्भित प्रश्न में यह उत्तर दिया गया था कि, आरोपी यादवेन्द्र सिंह पुत्र देशराज सिंह यादव, अजय सिंह पुत्र देशराज सिंह यादव, मनोज दांगी, लखन यादव एवं अन्य 15-20 अज्ञात व्यक्तियों के विरूद्ध अपराध क्रमांक 266/2016 धारा 353, 341, 186, 379, 147, 148, 149 का प्रकरण कायम कर विवेचना में लिया गया है प्रकरण में अज्ञात 15-20 व्यक्तियों की अभी तक की विवेचना में आये साक्ष्य के आधार पर कोई पहचान नहीं की जा सकी है। अज्ञात आरोपियों की विवेचना में पहचान होने पर कार्यवाही की जा सकेगी। इसकी समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) फरियादी वीरेन्द्र वर्मा पुत्र राममणी वर्मा द्वारा दिनांक 10.06.2016 को एक आवेदन प्रस्तुत किया गया था। जिसमें आरोपी यादवेन्द्र सिंह पुत्र देशराज सिंह यादव, अजय सिंह पुत्र देशराज सिंह यादव, मनोज दांगी, लखन यादव की नामजद रिपोर्ट की गई थी एवं 15-20 अज्ञात व्यक्तियों की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। प्रकरण की विवेचना में अज्ञात व्यक्तियों के विरूद्ध साक्ष्य उपलब्ध न होने से कार्यवाही नहीं की गई है। (ग) माननीय प्रश्नकर्ता को कलेक्टर कार्यालय अशोकनगर द्वारा पत्र दिनांक 02.11.2016 से अवगत कराया गया है। प्रश्नानुसार अद्यतन स्थिति की लीज रेंट, एरियर की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट में दर्शित है। (घ) राजस्व, पुलिस एवं खनिज विभाग की दिनांक 09.06.2016 को संयुक्त कार्यवाही में, अवैध उत्खनन में लिप्त वाहनों को थाना कोतवाली, अशोकनगर में पुलिस अभिरक्षा में रखे गये हैं। खनि निरीक्षक एवं तहसीलदार, अशोकनगर के द्वारा दिनांक 10.06.2016 से अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व), अशोकनगर को लेख किया गया है।
खनिज खदानों से प्राप्त रायल्टी
[खनिज साधन]
14. ( क्र. 116 ) श्री संजय उइके : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बालाघाट जिले में वित्तीय वर्ष 2003-04 से प्रश्न दिनांक तक मेजर मिनरल्स/खनिज की कौन-कौन सी खदान किन-किन खसरा नम्बर रकबा, किन-किन गाँव एवं तहसील में माईनिंग लीज/प्रासपेक्टींग लाईसेंस जारी किया गया है? (ख) स्वीकृत खदानों से वित्तीय वर्ष 2012-13 से प्रश्न दिनांक तक कितनी-कितनी रायल्टी की राशि प्रतिवर्ष जमा कराई गई? (ग) स्वीकृत खदानों द्वारा नियत समय पर रायल्टी जमा नहीं करने पर वर्ष 2012-13 से प्रश्न दिनांक तक किन-किन लीजधारियों द्वारा समय पर रायल्टी जमा नहीं की गई? नियत समय पर रायल्टी जमा नहीं करने पर कितना-कितना ब्याज नियमानुसार लिया गया?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ में दर्शित है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर दर्शित है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब में दर्शित की गई है।
शासकीय एवं निजी कालोनियों की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
15. ( क्र. 117 ) श्री गोपाल परमार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) आगर जिले में कितनी शासकीय/निजी आवासीय कालोनियाँ हैं जिले की कालोनियों के नाम की सूची एवं कालोनियों में कितने-कितने प्लाट काटे गए हैं? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार कालोनियों में काटे गए प्लाटों में शासन नियमानुसार अनु. जाति/ जनजाति वर्ग हेतु आरक्षण का प्रावधान रखा गया है तो कितने प्रतिशत्? कालोनियों में काटे गए प्लाटों में अनु. जाति/जनजाति के किन-किन लोगों को आरक्षण नियमों में प्लाट आवंटित किये गए हैं? नाम सहित सूचि देवें। (ग) क्या आगर नगर में स्थित कालोनियों में भी आरक्षण नियमों का पालन किया गया है? यदि हाँ, तो किन-किन कालोनियों में किया गया है, सूची देवें। यदि आरक्षित प्लाटों का आवंटन नहीं किया गया है तो इसके लिए कौन जिम्मेदार है? शासन क्या कार्यवाही करेगा एवं आरक्षण प्लाटों का आवंटन आरक्षण के अनुसार कब तक कर दिया जावेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) आगर जिले में कुल 25 शासकीय एवं निजि कॉलोनियां है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) कॉलोनियां में काटे गये भू-खण्डों में शासन के नियमानुसार समाज के कमजोर वर्गों हेतु 15 प्रतिशत् आरक्षण का प्रावधान रखा गया है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''स'' अनुसार है। (ग) आगर नगर में कुल 11 कॉलोनियां है, जिनमें से मध्यप्रदेश गृह निर्माण मण्डल की 02 कॉलोनियों में 33 लोगों को 15 प्रतिशत् आरक्षण नियमों के तहत भू-खण्डों का आवंटन किया गया है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' एवं ''स'' अनुसार है। शेष 09 कॉलोनियों में आरक्षण नियमों के तहत 15 प्रतिशत् भू-खण्डों का आरक्षण किया गया है, किन्तु अभी आवंटन नहीं किया गया है। कॉलोनाईजर द्वारा सूची प्रस्तुत करने के पश्चात् आवंटन की कार्यवाही की जायेगी।
एस.ई.सी.सी. 2011 सर्वे में हितग्राहियों के नाम जोड़ना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
16. ( क्र. 131 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला राजगढ़ अंतर्गत एस.ई.सी.सी. 2011 में जनसंख्या सर्वे किया गया था? क्या उक्त सर्वे अंतर्गत जो परिवार गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करते हैं उनके परिवार आई.डी. में बहुत से परिवार के सदस्यों के नाम शासन स्तर पर लोड की गई सूची में छूट गए हैं? छूटे हुए नामों को जोड़ने या पुन: लोड करने की क्या प्रक्रिया है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार एस.ई.सी.सी. 2011 के सर्वे में जिन बी.पी.एल. परिवार के वास्तविक सदस्यों के नाम छूटे हैं, क्या उन्हें वर्तमान में हितग्राही मूलक योजना के लाभ से वंचित किया जा रहा है? यदि हाँ, तो क्यों? (ग) क्या शासन ऐसे बी.पी.एल. परिवार के सदस्य जो त्रुटिवश छूट गये हैं एवं साफ्टवेयर पर नहीं खूल पा रहे हैं एवं जो शासन की अतिमहत्वकांक्षी योजना जैसे-प्रधानमंत्री जनधन योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना, प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के लाभ से वंचित रह गये हैं, क्या शासन उन हितग्राहियों के पुन: नाम जोड़ने की कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? ताकि ऐसे वास्तविक गरीब परिवार के सदस्यों को शासन की योजना का लाभ मिल सके?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। छूटे गये नामों को जोडने या पुनः लोड करने के संबंध में भारत सरकार द्वारा प्रकिया निर्धारित नहीं की गई है। (ख) जी, नहीं। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अधीन स्वच्छ भारत मिशन एवं प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के प्रावधान अनुसार पात्र हितग्राही वंचित नहीं हुए है। (ग) प्रश्नाधीन कार्यवाही भारत सरकार के स्तर पर निर्णय लिये जाने पर ही की जा सकेगी।
प्रचार-प्रसार सामग्री के मुद्रण की जाँच
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
17. ( क्र. 170 ) श्री शंकर लाल तिवारी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सतना जिले में स्वच्छ भारत मिशन अंतर्गत प्रचार-प्रसार सामग्री के मुद्रण घोटाले में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा जारी भण्डार एवं सेवा उत्पादन निर्देशिका के प्रावधानित नियमों का पालन नहीं किया गया है? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में दी गयी निर्देशिका के निर्देश क्रमांक 7 में दी गयी प्राधिकृत एजेंसियों जिनसे क्रय किया जा सकता है उसमें म.प्र. राज्य सहकारी उपभोक्ता संघ मर्यादित भोपाल का नाम नहीं है? जबकि निर्देश 06 में म.प्र. राज्य लघु उद्योग निगम के माध्यम से क्रय का प्रावधान है? (ग) क्या जिला पंचायत सतना के लेखा अधिकारी को मुद्रण देयक के भुगतान की इतनी जल्दी थी कि दिनांक 17.7.15 को सामग्री प्राप्त हुई? दिनांक 17.7.2015 को सामग्री का भौतिक सत्यापन हुआ। 17.7.15 को ही म.प्र. राज्य उपभोक्ता संघ के बिल क्रमांक 1103 एवं 1104 भुगतान हेतु प्रस्तुत किये गये और 17.7.2015 को चेक क्रमांक 482637 राशि रू. 30,04,281.00 जारी किया गया और 17.7.15 को ही ए.टू.जेड संस्था को भुगतान कर दिया गया? (घ) यदि प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) सही है तो लेखा अधिकारी के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही कब तक कर दी जायेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। प्रश्नांश (क) में दी गई निर्देशिका के निर्देश क्र. 6 में मुद्रण सामग्री का नाम नहीं है। (ग) मुख्य कार्यपालन अधिकारी द्वारा स्वीकृति भुगतान आदेश एवं देयक स्वीकृति आदेश क्र. 2986 सतना दिनांक 17.07.15 लेखा शाखा/लेखा अधिकारी को भुगतान हेतु प्राप्त। लेखा शाखा/लेखा अधिकारी द्वारा 17.07.15 को म.प्र. राज्य उपभोक्ता सहकारी संघ मर्यादित भोपाल को आर.टी.जी.एस. द्वारा भुगतान किया गया। ए.टू.जेड. नामक संस्था को भुगतान नहीं किया गया बल्कि म.प्र. राज्य सहकारी संघ मर्यादित गोविन्दपुरा भोपाल को भुगतान किया गया है। (घ) राज्य स्तर से जाँच कराई गई, जाँच उपरांत दोषी अधिकारियों/ कर्मचारियों के विरूद्ध कार्यवाही की गई है।
प्रतिनियुक्ति में पदोन्नति की जाँच
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
18. ( क्र. 172 ) श्री शंकर लाल तिवारी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. शासन पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के आदेश क्रमांक 10119/22/वि-2/स्था./06 दिनांक 14.07.2006 के सरल क्रमांक 3 पर तिलहन संघ के कर्मचारी की तकनीकी सहायक के पद पर जिला पंचायत सीधी में प्रतिनियुक्ति में पदस्थापना की गई थी? (ख) क्या म.प्र. शासन पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के आदेश क्रमांक 15157/22/वि-2/स्था./2006 दिनांक 25.9.06 द्वारा प्रतिनियुक्ति पर आये इस तिलहन संघ के कर्मचारी की पदोन्नति तकनीकी सहायक से सहायक परियोजना अधिकारी के पद पर कर दी गई थी? (ग) क्या म.प्र. शासन पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के आदेश क्रमांक 14670/1132/22/वि-2/स्था./12 दिनांक 20.11.2012 द्वारा प्रतिनियुक्ति में ही दूसरी पदोन्नति देते हुए इसी तिलहन संघ के कर्मचारी की पदोन्नति सहायक परियोजना अधिकारी से परियोजना अधिकारी के पद पर कर दी गई थी? (घ) यदि प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) सही है तो बतायें कि किस नियम के तहत तिलहन संघ के इस कर्मचारी को प्रतिनियुक्ति अवधि में दो पदोन्नति देकर तकनीकी सहायक से सहायक परियोजना अधिकारी, फिर परियोजना अधिकारी बना दिया गया और दिनांक 31.10.2016 को इसी अधिकारी को अतिरिक्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी बना दिया गया? इस नियम विरूद्ध पदोन्नति देने वाले अधिकारियों पर शासन क्या कार्यवाही करेगा? समय-सीमा दें? इसे कब तक पुन: तकनीकी सहायक बना दिया जायेगा? बतायें और कितने तिलहन संघ के लोगों को प्रतिनियुक्ति अवधि में पदोन्नत किया गया है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। (ख) से (घ) प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विधायक क्षेत्र विकास निधि से राशि का आवंटन
[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]
19. ( क्र. 180 ) श्री अंचल सोनकर : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में विधायक क्षेत्र विकास निधि से विकास कार्य स्वीकृत करने के पश्चात् कितने दिनों में राशि संबंधित निर्माण एजेंसी को प्रदाय की जाती है? (ख) क्या जबलपुर जिला योजना द्वारा कुछ निर्माण एजेंसियों को प्रथम किस्त में स्वीकृत संपूर्ण राशि प्रदान की जाती है एवं कुछ एजेंसियों को दो किस्तों में प्रदाय की जाती है? यदि हाँ, तो क्यों? क्या निर्माण एजेंसियों के लिये नियम अलग-अलग है? (ग) प्रश्नांश (क) (ख) में यदि राशि समय पर प्रदाय नहीं की जाती है तो इसका कारण क्या है? क्या इससे क्षेत्र विकास के निर्माण कार्य में विपरीत असर हो रहा है? अथवा समय पर निर्माण कार्य पूर्ण नहीं हो पा रहे हैं? यदि हाँ, तो इसका दोषी कौन है, उन पर शासन क्या कार्यवाही करेगा?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) विधानसभा क्षेत्र विकास योजनांन्तर्गत कार्यों की स्वीकृति उपरांन्त राशि जारी करने की समय-सीमा निर्धारित नहीं है। (ख) विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र विकास योजना की मार्गदर्शिका का कंडिका 3.12 के प्रावधान के अनुरूप एजेन्सियों को राशि जारी करने की कार्यवाही की जाती है। (ग) निर्माण एजेन्सियों को राशि समय पर जारी की जाती है। अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
भाण्डेर नगर की पेयजल व्यवस्था
[नगरीय विकास एवं आवास]
20. ( क्र. 220 ) श्री घनश्याम पिरोनियॉं : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या भाण्डेर नगर की पेयजल व्यवस्था को सुचारू बनाने के लिए चार वर्ष पूर्व अपग्रेडेशन योजनांतर्गत सौन तलैया पहाड़ पर पानी की टंकी का निर्माण कराया गया था, साथ ही हसापुर में पानी के बोर किऐ गऐ थे, लेकिन करोड़ों की राशि व्यय होने के बावजूद अभी तक भाण्डेर के नगरवासियों को पानी सप्लाई नहीं हो पा रहा है? (ख) क्या उपरोक्त निर्माण कार्य का भुगतान पूर्व नगर परिषद ने घटिया निर्माण एवं ठेकेदार द्वारा परीक्षण न करा पाने के कारण रोक दिया था, किंतु वर्तमान परिषद ने बिना परीक्षण कराये ठेकेदार को भुगतान कर दिया है? (ग) भाण्डेर नगर की पेयजल समस्या के निराकरण हेतु उपरोक्त परियोजना से पेयजल सप्लाई शुरू कर दी जावेगी और बिना परीक्षण के किऐ गऐ भुगतान के लिऐ दोषियों के खिलाफ कब तक कार्यवाही की जावेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ, जी हाँ। जी नहीं, नगर में जलप्रदाय किया जा रहा है। (ख) जी नहीं, टंकी व पाईप लाईन टेस्टिंग कार्य की लागत राशि रू. 3.60 लाख रोकी गई है, जिसका वर्तमान तक भुगतान नहीं किया गया है। (ग) अपग्रेडेशन योजनांतर्गत सौन तलैया पहाड़ पर पानी की टंकी का निर्माण, हसापुर में पानी हेतु किये गये बोर तथा चिरगांव रोड पर तैयार कराये गये सम्पवेल से लगातार शुद्ध पेयजल प्रदाय किया जा रहा है। भाण्डेर नगर की पेयजल समस्या के निराकरण हेतु मुख्यमंत्री शहरी पेयजल योजनांतर्गत राशि रू. 1216.70 लाख की वित्तीय स्वीकृति दिनांक 26.10.2016 को जारी की गई है। शेषांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
अटल आवास का निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
21. ( क्र. 221 ) श्री घनश्याम पिरोनियॉं : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या अटल आवास योजनांतर्गत आवासों का निर्माण होना है? (ख) क्या अटल आवास योजनांतर्गत भाण्डेर में 500 आवासों का निर्माण किया जाना है, जिसके लिए जमीन आवंटन हो चुका है? (ग) भाण्डेर में अटल आवास निर्माण प्रकिया कब तक प्रारंभ की जा रही है, इसके लिए अभी तक क्या प्रक्रिया अपनाई जा चुकी है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) भांडेर में प्रस्तावित अटल आश्रय योजना हेतु उपयुक्त जमीन के आरक्षण/ आवंटन की कार्यवाही प्रचलन में होने से आवासों की संख्या बताया जाना संभव नहीं। (ग) उत्तरांश 'ख' के परिप्रेक्ष्य में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं। भूमि आरक्षण/आवंटन हेतु मध्यप्रदेश गृह निर्माण एवं अधासंरचना विकास मण्डल के पत्र दिनांक 04/03/2016 द्वारा अनुविभागीय अधिकारी भांडेर को आवेदन प्रस्तुत कर, प्रतिलिपि कलेक्टर, दतिया को आवश्यक कार्यवाही हेतु पृष्ठांकित की है।
अध्यक्ष एवं अधिकारियों पर भ्रष्टाचार की कार्यवाही
[नगरीय विकास एवं आवास]
22. ( क्र. 231 ) श्रीमती इमरती देवी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या ग्वालियर जिले की डबरा नगर पालिका में अध्यक्ष एवं अधिकारियों पर पूर्व में भ्रष्टाचार के आरोप लगे होने पर माननीय उच्च न्यायालय में दायर जनहित याचिका क्रमांक 5953/2015 में कलेक्टर महोदय को जाँच के आदेश दिये गये थे कलेक्टर ग्वालियर द्वारा जाँच उप संचालक नगरीय प्रशासन ग्वालियर को सौंपी गई उप संचालक द्वारा जाँच में दोषी पाये गये अध्यक्ष/अधिकारी कर्मचारियों का प्रतिवेदन जाँच उपरांत दिनांक 20.07.2016 को आयुक्त नगरीय प्रशासन भोपाल एवं कलेक्टर ग्वालियर को कार्यवाही हेतु प्रेषित किया गया था क्या प्रतिवेदन अनुसार दोष सिदध हुआ है यदि हाँ, तो आज दिनांक तक आपराधिक प्रकरण दर्ज क्यों नहीं किया गया। (ख) प्रश्नांश (क) डबरा नगर पालिका में अध्यक्ष एवं अधिकारियों द्वारा किए गए भ्रष्टाचार की शासन द्वारा कोई वसूली की कार्यवाही की गई है नहीं तो कब तक की जावेगी। यदि नहीं, तो क्यों।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। यह सच है कि संभागीय संयुक्त संचालक नगरीय प्रशासन एवं विकास ग्वालियर के पत्र क्रमांक 3242 दिनांक 29.07.2016 द्वारा कलेक्टर जिला ग्वालियर को संबोधित पत्र संलग्न कर संभागीय संयुक्त संचालक नगरीय प्रशासन एवं विकास ग्वालियर के पत्र क्रमांक 2361 दिनांक 25.11.2016 द्वारा विधानसभा प्रश्नोत्तर के साथ संलग्न प्राप्त हुआ है। प्राप्त जाँच प्रतिवेदन के परिप्रेक्ष्य में उत्तरदायी के विरूद्ध संभागीय संयुक्त संचालक नगरीय प्रशासन एवं विकास ग्वालियर से आरोप पत्र कारण बताओ सूचना पत्र इत्यादि के प्रारूप संचालनालय के पत्र क्रमांक 8411 दिनांक 28.11.2016 द्वारा चाहे गये है। संयुक्त संचालक नगरीय प्रशासन एवं विकास ग्वालियर से आरोप पत्र इत्यादि के प्रारूप प्राप्त होने पर गुण-दोष के आधार पर नियमानुसार कार्यवाही प्रस्तावित की जावेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
डबरा नगर पालिका की पार्षद श्रीमती रामबाई शिवहरे पर कार्यवाही
[नगरीय विकास एवं आवास]
23. ( क्र. 232 ) श्रीमती इमरती देवी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) ग्वालियर जिले की डबरा नगर पालिका के वार्ड क्रमांक 20 से पार्षद श्रीमती रामबाई शिवहरे एवं उनके पुत्र श्री दिनेश शिवहरे जो नगर पालिका में कर्मचारी है, नगर पालिका डबरा में पद पर रहते हुये भी दोनों ने बी.पी.एल. कार्ड का लाभ लिया गया है जबकि विधान सभा के प्रश्न क्र. 754 दिनांक 23.07.2015 में दिये गये उत्तर में श्री दिनेश शिवहरे को वर्ष 2008 से नगर पालिका में कर्मचारी मानकर वेतन दिया जा रहा है फिर भी वर्ष 2013 में बी.पी.एल. राशन कार्ड दिनेश शिवहरे के नाम जारी कर दोनों को लाभ क्यों दिया गया इनमें कौन दोषी हैं? उसके खिलाफ कार्यवाही क्यों नहीं की जा रही? (ख) प्रश्नांश (क) डबरा नगर पालिका के पार्षद श्रीमती रामबाई शिवहरे द्वारा अपने नाती हिमांशु शिवहरे जो बृन्दासहाय कॉलेज में वर्ष 2013-14 में नियमित छात्र होने के उपरांत भी नगर पलिका द्वारा कर्मचारी बताकर इनका भी वेतन आहरण किया गया है, क्या ये उचित है? यदि नहीं, तो शासन द्वारा वर्तमान पार्षद रामबाई शिवहरे और उनके पुत्र दिनेश शिवहरे को पद से हटाने और वसूली की कार्यवाही क्यों नहीं की गई है,यदि नहीं, तो कब तक की जावेगी।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी नहीं। श्रीमती रामबाई शिवहरे पार्षद वार्ड क्रमांक 20 के नाम से कोई बी.पी.एल. राशन कार्ड नहीं है। पार्षद श्रीमती रामबाई शिवहरे के पुत्र श्री दिनेश शिवहरे का नाम गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वालो की सूची में वर्ष 2006 में सक्षम अधिकारी की स्वीकृति से जोड़ा गया था तथा उसी के आधार पर वर्ष 2006 में ही बी.पी.एल कार्ड जारी किया गया था। दिनाक 16.01.2015 को अनुविभागीय अधिकारी डबरा के आदेश क्रमांक 124 दिनांक 16.01.2015 के अनुपालन में श्री दिनेश शिवहरे का नाम बी.पी.एल की सूची से विलोपित कर दिया गया है। विधानसभा प्रश्न क्रमांक 754 दिनांक 23.07.2015 में दिये गये उत्तर में यह उल्लेख किया गया है कि श्री दिनेश शिवहरे नगर पालिका परिषद डबरा में संविदा के रूप में कार्यरत है, इन्हें संविदा पर सक्षम स्वीकृति से दिनांक 22.05.2008 को कार्य पर रखा गया है तथा उस समय श्रीमती रामबाई शिवहरे नगर पालिका डबरा में पार्षद नहीं थी। वर्ष 2013 में श्री दिनेश शिवहरे के नाम से कोई बी.पी.एल. राशन कार्ड जारी नहीं किया है। श्री दिनेश शिवहरे को बी.पी.एल. कार्ड के आधार पर नगर पालिका परिषद डबरा द्वारा नगर पालिका के माध्यम से संचालित किसी योजना का लाभ नहीं दिया गया है। श्री दिनेश शिवहरे अपने परिवार से अलग निवास करते है। शेषांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शौचालय निर्माण की जाँच
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
24. ( क्र. 253 ) श्रीमती शीला त्यागी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले के ग्राम पंचायत बांस, कदैयला, रामपुर, बुढ़ावा, जनपद पंचायत गंगेव एवं ग्राम पंचायत बरहूला, कोनी, अतरैला, कुठिला, जनपद पंचायत जवा को मार्च 2011 से जून 2016 तक शौचालय निर्माण हेतु कितनी-कितनी राशि पंचायतवार जनपदों के द्वारा प्रदाय की गई ? (ख) प्रश्नांश (क) के ग्राम पंचायतों ने प्राप्त राशि कितने हितग्राहियों को दी है? कितने हितग्राहियों के द्वारा शौचालयों का निर्माण करा लिया गया है? क्या शौचालय बनने का प्रमाण-पत्र मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायतों द्वारा दिया गया है? (ग) प्रश्नांश (क) अवधि में पंचायतों में प्राप्त राशि का उपयोग यदि नियमानुसार नहीं हुआ है तो उक्त राशि की वसूली संबंधित सचिव सरपंचों से की जाकर उनके विरूद्ध आपराधिक प्रकरण दर्ज करायेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? (घ) क्या उक्त पंचायतों के शौचालय निर्माण की जाँच लोकायुक्त से कराई जाकर दोषियों पर कार्यवाही करेंगे?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के ग्राम पंचायतों को जारी राशि में से कुल 1745 हितग्राही लाभान्वित हुए है। शौचालय निर्माण पश्चात् पूर्णता का प्रमाण-पत्र मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत गंगेव एवं जवा द्वारा दिया गया है। (ग) ग्राम पंचायतों द्वारा नियमानुसार राशि का उपयोग हुआ है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
बारात घर का निर्माण शीघ्र कराये जाने
[नगरीय विकास एवं आवास]
25. ( क्र. 279 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सतना जिले के नगर परिषद उचेहरा द्वारा वार्ड क्रमांक 5 में बारात घर का निर्माण किए जाने की स्वीकृत की जाकर इनवायरों इन्फ्रा प्रोजेक्ट को कार्य आदेश दिया जाकर प्रश्नकर्ता द्वारा दिनांक 21.08.2016 को बारात घर के निर्माण का भूमि पूजन किया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) के बारात घर का निर्माण अभी तक क्यों नहीं प्रारंभ किया गया इसके लिये दोषी के विरूद्ध क्यों कार्यवाही अभी तक नहीं हुई कब कार्यवाही कराई जायेगी और बारात घर का निर्माण कब तक कराया जायेगा? (ग) क्या नगर परिषद नागौद के वार्ड क्र. 04 में प्रभाकर सिंह के प्लाट के बगल से प्रगति ऑफसेट वालों के मकान के सामने से पाठक जी के मकान के मोड से पत्ती गोदाम तक एवं सतना जिले के नगर परिषद नागौद के वार्ड क्र. 04 में राधेमल सिंधी के मकान के सामने वाली रोड के उस पार से A.B.C. द्वारा बनाई गई नाली से जोड़ी जाकर नाली निर्माण बिना निविदा बुलाये अवैधानिक रूप से कराई गई है? (घ) यदि हाँ, तो अवैधानिक निर्माण कराने वालों के विरूद्ध शासन क्या कार्यवाही करेगा? यदि वैधानिक रूप से की गई है तो उसके समस्त दस्तावेज उपलब्ध करावें?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रश्नांश ''क'' के तारतम्य में बारात घर का निर्माण स्थल विवाद होने के कारण प्रारंभ नहीं हो सका है। कार्य प्रारंभ करने हेतु कार्यादेश जारी किया जा चुका है। स्थल विवाद निराकरण के बाद कार्य प्रारंभ किया जा सकेगा। समय-सीमा बतलाया जाना संभव नहीं है। (ग) जी नहीं। (घ) नगर परिषद नागौद के वार्ड क्रं. पुराना 03 एवं नया 04 में प्रभाकर सिंह के प्लाट के बगल से प्रगति ऑफसेट वालो के मकान के सामने से पाठक जी के मकान के मोड से पत्ती गोदाम तक एवं सतना जिले के नगर परिषद नागौद के वार्ड क्रं. 04 में राधेमल सिंधी के मकान के सामने वाली रोड के उस पार से निर्मिल एसोसिएट्स नागौद द्वारा बनाई गई नाली से जोड़ी जाकर नाली निर्माण दोनों स्थालों पर किया गया, जो कि अवैधानिक नहीं है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
पेयजल परिवहन व्यय का भुगतान
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
26. ( क्र. 280 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नागौद विधान सभा क्षेत्र के नागौद एवं उचेहरा विकासखण्ड के अंतर्गत पेयजल परिवहन हेतु ग्राम पंचायतों को निर्देश दिये गये थे, उक्त निर्देश के परिपालन में ग्राम पंचायतों द्वारा पेयजल संकट को दूर करने हेतु पेयजल का परिवहन किया गया था? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में किन-किन पंचायतों के पेयजल परिवहन व्यय की राशि संबंधित पंचायतों को शासन द्वारा आवंटित नहीं की गई जिससे पेयजल परिवहन का व्यय भुगतान नहीं किया जा सका? पृथक-पृथक पंचायतवार विवरण दें? बकाया भुगतान कब तक कर दिया जायेगा? (ग) नागौद-उचेहरा, मझगवां विकासखण्ड जिला सतना में मुख्यमंत्री आवास योजना, इन्द्रावास योजना के तहत विगत 5 वर्षों में कितने हितग्राहियों को कितनी-कितनी राशि का भुगतान किया गया और कितना शेष है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-‘‘क‘‘ अनुसार। राहत आयुक्त विभाग से राशि की मांग की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-‘‘ख‘‘ अनुसार। आवंटन प्राप्त होते ही बकाया भुगतान कर दिया जावेगा। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-‘‘ग‘‘ अनुसार।
नगरीय क्षेत्र में अवैध कालोनियों का विकास
[नगरीय विकास एवं आवास]
27. ( क्र. 292 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) धार जिले की धरमपुरी विधानसभा क्षेत्र की नगर परिषदों में कालोनियों के विकास हेतु विगत 05 वर्षों में परिषद् द्वारा कितने अनापत्ति प्रमाण-पत्र किन शर्तों पर दिये गये हैं, कालोनीवार बतावें? कालोनीनाईजरों द्वारा कालोनी विकास में अनियमितता किये जाने पर उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई है? नगर परिषद् धामनोद एवं धरमपुरी क्षेत्र में विगत 05 वर्षों में विकसित वैध एवं अवैध कालोनियों की जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) कितनी कालोनी विकसित होकर नगर परिषद् द्वारा कब-कब हैण्ड ओव्हर कर ली गई हैं, तिथिवार, कालोनीवार बतावें? इन हैण्डओव्हर कालोनियों में कितने भूखण्ड निम्न वर्ग के लिये आरक्षित रखे गये है एवं इनमें से कितनी कालोनियों में विकास कार्य यथा पेयजल टंकी व पाईप लाईन एवं ड्रेनेज (सीवरेज) लाईन तथा विद्युत व्यवस्था व रोड का निर्माण तथा बगीचों का विकास कार्य पूर्ण हो चुका है अथवा कितनी कालोनिया में नहीं, कालोनीवार बतावें। कालोनी हैण्डओव्हर के पूर्व परिषद् द्वारा मूलभूत सुविधाओं के संधारण हेतु कितनी-कितनी राशि परिषद् में जमा करवाई गई?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
विभागीय सामग्री के दुरूपयोग
[नगरीय विकास एवं आवास]
28. ( क्र. 293 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विश्व प्रसिद्ध पर्यटन नगरी माण्डव के प्रमुख स्मारक जहाजमहल एवं रानी रूपमति महल, रोड सौंदर्यीकरण के तहत विगत वर्षों में पेवर्स इन्टरलाकिंग ब्लाक्स लगवाये गये थे? (ख) क्या स्थान पर अन्य मद में सी.सी.रोड व पार्किंग निर्माण कार्य स्वीकृत हो जाने से वहां पर लगवाये गये हजारों पेवर्स नगर परिषद् द्वारा निकलवा लिये गये है? (ग) जहाज महल एवं रानी रूपमति महल, रोड पर से निकलवाये गये पेवर्स का उपयोग कहाँ पर किया गया है, स्थान व उपयोग की गई मात्रा बतावें?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। जहाजमहल रोड एवं रानी रूपमति रोड का कार्य मुख्यमंत्री शहरी अधोसरंचना विकास योजना में स्वीकृत होने के पश्चात् रोड निर्माण प्रारंभ करने हेतु वर्तमान में सिर्फ जहाजमहल रोड से पैवर्स ब्लॉक्स निकाले गये है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
सड़क का निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
29. ( क्र. 307 ) श्रीमती सरस्वती सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिंगरौली जिले के चितरंगी विधान सभा क्षेत्र के बगदरा अभ्यारण्य क्षेत्र अंतर्गत कुल 65 ग्राम हैं, जो मुख्य मार्ग से जुड़े नहीं हैं? क्या यहां के रहवासियों के लिए प्रधानमंत्री सड़क व मुख्यमंत्री सड़क योजना अंतर्गत मुख्य धारा में जोड़ने के लिए योजना बनाई गई है? (ख) यदि हाँ, तो मुख्य मार्ग से कौन-कौन ग्रामों को इस योजना के तहत जोड़ा गया है? (ग) क्या चितावल पुल लोंहदा से लेकर नौडिलवा तक प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना में शामिल किया गया है? यदि हाँ, तो कब तक में प्रारंभ करा लिया जावेगा? (घ) क्या कुछ अभ्यारण्य मार्गों का सुप्रीम कोर्ट से अनुमति प्राप्त हो चुके हैं? यदि हाँ, तो कब तक में कार्य प्रारंभ करा दिये जायेंगे?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। सिंगरौली जिले के चितरंगी विधानसभा क्षेत्रांतर्गत बगदरा अभ्यारण्य क्षेत्र अंतर्गत कुल 64 ग्राम है जिसमें 58 ग्राम आबाद तथा 6 वीरान है। इन ग्रामों में से प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत पात्रता रखने वाले ग्रामों को जोड़ने के लिये स्वीकृत 10 मार्गों से 41 ग्रामों को मुख्य सड़क से जोड़ने की सुविधा उपलब्ध हो जायेगी। (ख) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) चितावल पुल लोहदा से नौडिहवा तक मार्ग प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में सम्मिलित नहीं है। निर्माण हेतु कलेक्टर सिगंरौली द्वारा जिला माईनिंग फन्ड से स्वीकृति हेतु प्रस्तावित है, जिसकी स्वीकृति की कार्यवाही प्रचलन में है। स्वीकृति पश्चात् कार्य कराया जावेगा। (घ) जी हाँ, अभ्यारण्य अंतर्गत 10 मार्गों की अनुमति सुप्रीम कोर्ट से प्राप्त हुई है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। मार्गों के निर्माण हेतु निविदा की कार्यवाही प्रचलन में है निविदा स्वीकृति पश्चात् कार्य प्रारंभ हो सकेगा।
शासकीय महाविद्यालय ब्यावरा की बाउण्ड्रीवाल का निर्माण
[उच्च शिक्षा]
30. ( क्र. 335 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजगढ़ जिले के नेताजी सुभाषचन्द्र बोस शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय ब्यावरा के परिसर की बाउण्ड्रीवाल निर्माण हेतु पी.आई.यू. लोक निर्माण विभाग द्वारा प्रस्तुत प्राक्कलन पर कार्यवाही प्रक्रियाधीन है? (ख) यदि हाँ, तो क्या प्रश्न दिनांक तक प्राक्कलन अनुसार बाउण्ड्रीवाल निर्माण कार्य की स्वीकृति प्रदान कर दी है अथवा नहीं? यदि नहीं, तो क्यों एवं इसमें विलंब के क्या कारण है? (ग) क्या शासन छात्र-छात्राओं एवं कॉलेज परिसर की सुरक्षा की दृष्टि से आगामी अनुपूरक बजट 2016-17 में बाउण्ड्रीवाल निर्माण हेतु प्रावधान करेगा?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। प्रस्ताव स्थायी वित्तीय समिति के समक्ष प्रस्तुत किया जा चुका है। कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ग) निर्माण कार्यों के लिए बजट प्रावधान किया जाता है। बाउण्ड्रीवाल निर्माण हेतु पृथक से कोई प्रावधान नहीं किया जाता है। वित्तीय वर्ष 2016-17 में निर्माण कार्यों के लिए अनुपूरक बजट प्रावधान का प्रस्ताव निर्णय हेतु वित्त विभाग को भेजा गया है।
जल संरचनाओं की मरम्मत कर उपयोगी बनाना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
31. ( क्र. 336 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न संख्या 31 (क्रमांक 524) दिनांक 22 जुलाई 2016 के उत्तर की कंडिका (ख) में बताया गया था कि विभाग के अंतर्गत ग्रामीण यांत्रिकी सेवा द्वारा 21 संरचनाओं की मरम्मत किये जाने हेतु स्वीकृति की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है? कार्यों की स्वीकृति उपरांत मनरेगा के प्रावधान अनुसार मरम्मत कार्य संपादित कराया जावेगा? क्या उक्त संबंध में प्रश्न दिनांक तक कार्यों की स्वीकृति प्रदान कर दी गई अथवा नहीं? (ख) क्या शासन उपरोक्तानुसार कार्यों की स्वीकृति प्रदान करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) प्रश्नाधीन 21 कार्यों में से 13 कार्यों की प्रशासकीय स्वीकृत जारी कर कार्यपालन यंत्री, जल संसाधन संभाग-राजगढ़ को क्रियान्वयन एजेंसी नियुक्त किया गया है एवं 08 कार्यों की स्वीकृति की कार्यवाही प्रचलन में है। (ख) उत्तरांश 'क' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
म.प्र. गृह निर्माण मण्डल के निर्माण कार्य
[नगरीय विकास एवं आवास]
32. ( क्र. 351 ) श्री राजेश सोनकर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मध्यप्रदेश गृह निर्माण मण्डल द्वारा इंदौर संभाग अंतर्गत कहाँ-कहाँ पर व किन-किन योजना अंतर्गत निर्माण आदि कार्यों को कराया जा रहा है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में विगत 02 वर्षों से म.प्र. गृह निर्माण मण्डल द्वारा कितने करोड़ की योजनाएं स्वीकृत की गईं व इन पर प्रश्न दिनांक तक कितनी-कितनी राशि व्यय की गई? जिलावार जानकारी प्रदान करें। (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में मध्यप्रदेश गृह निर्माण मण्डल की सम्पत्तिकर कहाँ-कहाँ पर है व किस अवस्था में है व हाउसिंग बोर्ड द्वारा कहाँ-कहाँ बिल्डिंगों के निर्माण की योजना है? कितनी योजनायें अधूरी पड़ी हैं, कितनी निर्माणाधीन हैं व कितनी पूर्णता की और हैं? (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में हाउसिंग बोर्ड की क्या-क्या योजनाएं आगामी 02 वर्षों में प्रस्तावित हैं, कितना व्यय प्रस्तावित है व कितने प्रोजेक्ट अप्रारंभ है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ‘ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब‘ अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘स‘ अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘द‘ अनुसार है।
E.W.S. फ्लेटों के आवंटन में अनियमितता
[नगरीय विकास एवं आवास]
33. ( क्र. 352 ) श्री राजेश सोनकर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) इंदौर जिला अंतर्गत इंदौर (शहरी) क्षेत्र एवं ग्रामीण क्षेत्रों में पिछले 05 वर्षों में कब-कब आवासीय/टाउनशिप को किन-किन प्रायोजनों हेतु टी.एन.सी.पी. विभाग द्वारा मंजूरी प्रदान की गई है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में इंदौर शहरी क्षेत्र व ग्रामीण क्षेत्रों में टाउनशिप/मल्टी में नियमानुसार ही निर्माण कार्य किये गये हैं? कितनी टाउनशिप/कॉलोनियों में छोड़े गये E.W.S. फ्लेट के आवंटन की विज्ञप्ति बिल्डरों द्वारा पिछले 05 वर्ष में कब-कब जारी की गई? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में इंदौर शहरी/ग्रामीण क्षेत्रों में निर्मित टाउनशिप/कॉलोनियों में कहाँ-कहाँ पर E.W.S. गरीब मध्यम आय वर्ग के लोगों के लिये फ्लेट आरक्षण नीति अंतर्गत छोड़े गये एवं उनमें से कितने फ्लेट विज्ञप्तियों द्वारा E.W.S. नीति में आवंटित किये गये व कितने फ्लेट E.W.S. वर्ग के टाउनशिप/मल्टी में शेष है? (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में कितनी टाउनशिप/कॉलोनियों में E.W.S. फ्लेट प्रक्रिया का पालन कर पूर्ण किये गये व इन टाउनशिप/कॉलोनियों में कब-कब किन-किन अधिकारियों/विभाग द्वारा कार्य पूर्णता का प्रमाण-पत्र दिया गया व कितनी टाउनशिप/कॉलोनियों में कितने प्रतिशत् फ्लेट/भूखण्ड का कार्य पूर्णता प्रमाण-पत्र देना शेष हैं?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) इंदौर जिला अंतर्गत विगत 5 वर्षों में इंदौर निवेश क्षेत्र में नगर पालिक निगम, इंदौर सीमा में आवासीय विकास हेतु 430 स्थलों पर एवं ग्रामीण क्षेत्र में 139 स्थलों पर विकास अनुज्ञा जारी की गई है। इंदौर निवेश क्षेत्र के बाहर 374 स्थलों पर विकास अनुमतियां जिला कार्यालय इंदौर द्वारा जारी की गई है। (ख) नगर तथा ग्राम निवेश कार्यालय द्वारा जारी अनुमति के अनुसार निर्माण किये जाते है। म.प्र. नगर पालिका (कालोनाईजर का रजिस्ट्रीकरण निर्बधन तथा शर्ते) नियम 1998 में आवंटन की विज्ञप्ति प्रकाशित करने संबंधी प्रावधान नहीं है। इन्दौर ग्रामीण क्षेत्र में 13 टाउनशिप/कालोनियों में विज्ञप्ति जारी की गई है। सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’अ’ अनुसार है। (ग) इंदौर शहरी क्षेत्र में निर्मित टाउनशिप कॉलोनियों में निम्न आय वर्ग एवं कमजोर आय वर्ग के लिये छोड़े गये प्रकोष्ठों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-’ब’ अनुसार है एवं आवंटित किये गये प्रकोष्ठों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-’स’ अनुसार है। इंदौर ग्रामीण क्षेत्र में 50 टाउनशिप/कालोनियों में निम्न आय वर्ग एवं कमजोर आय वर्ग के लिये भूखंड आरक्षित किये गये है जिनके आवंटन की कार्यवाही शेष है। (घ) इंदौर शहरी क्षेत्र में 3 कालोनियों में नगर निगम इंदौर के नगर शिल्पज्ञ जनकार्य विभाग के अधीन गठित तकनीकी टीम द्वारा कार्यपूर्णता प्रमाण पत्र दिया गया है, जिसकी सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-’स’ अनुसार है। 133 टाउनशिप/कालोनियों में निम्न आय वर्ग एवं कमजोर आय वर्ग हेतु फ्लेट/भूखंड का निर्माण शेष होने से कार्यपूर्णता प्रमाण-पत्र देना शेष है। इंदौर ग्रामीण क्षेत्र में सभी 50 टाउनशिप/कालोनियों के प्रकरणों में कार्यपूर्णता प्रमाण-पत्र नहीं दिये गये है।
हाट बाजार एवं विधायक निधि के कार्य
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
34. ( क्र. 364 ) श्री हितेन्द्र सिंह ध्यानसिंह सोलंकी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राज्य शासन अथवा केन्द्रीय शासन द्वारा ग्राम पंचायतों में हाट बाजार निर्माण के संबंध में कोई नियम है? यदि हाँ, तो नियम की प्रति दी जावें। उक्त योजना के अंतर्गत जनपद पंचायत बड़वाह में कौन-कौन सी ग्राम पंचायतों में हाट बाजार का निर्माण कितनी-कितनी राशि का किया गया है? क्या स्वीकृत हाट बाजार पूर्ण हो चुके है? यदि हाँ, तो उसकी सूची दी जावे। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार प्रश्नकर्ता द्वारा कस्बा पंचायत बड़वाह के हाट बाजार में की गई अनियमितता के संबंध में जिला प्रशासन खरगोन का पत्र क्रमांक 432 दिनांक 9.9.2016 से प्राप्त शिकायत के आधार पर कार्यवाही हेतु लिखा गया था? यदि हाँ, तो जिला प्रशासन द्वारा इस संबंध में वर्तमान तक क्या कार्यवाही की गई है। वर्तमान तक की गई कार्यवाही की तारीख अद्यतन जानकारी दी जावे। (ग) कस्बा पंचायत बड़वाहा के हाट बाजार के निर्माण के संबंध में हुई अनियमितता के संबंध में जाँच में कौन दोषी पाया गया है और यदि जाँच लंबित है अथवा प्रश्न दिनांक तक कोई जाँच कार्यवाही न करने के दोषी अधिकारी है तो उसके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी? कस्बा पंचायत, बड़वाहा द्वारा 01 जनवरी, 2016 से 30 जुलाई, 2016 तक की केशबुक का विवरण उपलब्ध कराई जावे।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘अ’ अनुसार। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘ब’ के कालम 3, 4 एवं 5 अनुसार। (ख) जी हाँ। मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत बड़वाह के पत्र क्रमांक 4446/पंचा/2016 दिनांक 29.07.2016 के द्वारा प्रकरण प्रथम दृष्टया दोषी तत्कालीन सरपंच/चिव के विरूद्ध अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) अनुभाग बड़वाह में म.प्र. पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम, 1993 की धारा 92 के तहत प्रकरण पंजीबद्ध करने की कार्यवाही हेतु लिखा गया। प्रकरण अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) अनुभाग बड़वाह में 04/अ-89 (19) /2015-16 से प्रकरण पंजीबद्ध है तथा विषयान्तर्गत शिकायत की जाँच हेतु प्रकरण कलेक्टर जिला खरगौन में 2583/वाचक-1/2016 दिनांक 09.11.2016 से पंजीबद्ध होकर विचाराधीन है। (ग) जाँच प्रतिवेदन अनुसार प्रकरण में तत्कालीन सरपंच श्री रणजीत सिंह चैहान, तत्कालीन सचिव श्री राजाराम यादव एवं वर्तमान सरपंच श्रीमती अफसाना बानो पति रूबाब खान, पंचायत सचिव श्री बाबूलात सिटोले, ग्राम रोजगार सहायक श्री सुनिल प्रजापत को पृथम दृष्टया दोषी बताया है। प्रकरण वित्तीय अनियमितता से संबंधित होने से कार्यालयीन आदेश क्रमांक 16271/चा.प्रको-1/2016 दिनांक 21.11.2016 द्वारा 4 सदस्यीय जाँच दल गठित किया गया है। केशबुक की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘स’ अनुसार।
काली रेती की घोषित खदानें
[खनिज साधन]
35. ( क्र. 365 ) श्री हितेन्द्र सिंह ध्यानसिंह सोलंकी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़वाह विधान सभा क्षेत्र में ऐसी कितनी काली रेती खदानें है जो घोषित हैं? इन खदानों को पिछलें 5 वर्ष में कब-कब नीलाम किया गया है वर्षवार ठेकेदार का नाम एवं प्राइज़ राजस्व की जानकारी दी जावें। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार यदि खदानें नीलाम नहीं की गई हैं तो इसके क्या कारण रहे हैं? ये घोषित खदानें कितने वर्षों से नीलाम नहीं हुई हैं? खदानों के नीलाम न होने से शासन को प्रतिवर्ष कितना राजस्व नुकसान हुआ है? इन घोषित खदानों में नीलाम होने के दिनांक से अब तक कितना अवैध उत्खनन हुआ है? कितने प्रकरण दर्ज किये गये, उस पर कितना अर्थदण्ड आरोपित किया गया वर्षवार जानकारी दी जावें। (ग) प्रश्नकर्ता द्वारा क्षेत्र की ऐसी कितनी नदियां आदि जहां पर काली रेत होने से जिला प्रशासन को काली रेत खदान घोषित करने एवं उसे नीलाम करने के संबंध में पत्र प्रेषित किये गये हैं। इन पत्रों पर जिला प्रशासन द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? कार्यवाही न करने के क्या कारण रहे हैं इसमें दोषीकर्ता अधिकारी का नाम एवं उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी? कब तक की जावेगी?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रश्नाधीन विधानसभा क्षेत्र में घोषित रेत खदानों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 में दर्शित है। प्रश्नांश की शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 में दर्शित है। (ख) प्रश्नांश की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 में दर्शित है। खदानों की नीलामी के पश्चात् राजस्व प्राप्त होगा। अत: हानि का वर्तमान में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। बड़वाह विधानसभा क्षेत्र में अवैध उत्खनन का कोई प्रकरण प्रकाश में नहीं आया है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) माननीय प्रश्नकर्ता द्वारा बड़वाह/सनावद क्षेत्र के ग्राम बडूद, मलगांव एवं रूपाबेड़ी में रेत की खदान घोषित करने के संबंध में पत्र क्रमांक 588 दिनांक 26.08.2015 प्रेषित किया गया था। ग्राम बडूद एवं रूपाबेड़ी में पूर्व से रेत की खदानें घोषित हैं। ग्राम मलगांव में बाकुड़ नदी के रकबा 1.619 हेक्टेयर क्षेत्र पर रेत की नवीन खदान घोषित किये जाने की प्रक्रिया पूर्व से प्रचलित थी। परन्तु ग्राम पंचायत एवं ग्रामवासियों की आपत्ति के कारण कार्यवाही न हो सकी। वर्तमान में कलेक्टर कार्यालय द्वारा पत्र दिनांक 28.07.2015 से मुख्य कार्यपालन अधिकारी को नवीन खदान घोषित करने के संबंध में पत्र जारी किया गया है। प्रश्नकर्ता को की गई कार्यवाही की जानकारी कलेक्टर कार्यालय द्वारा पत्र दिनांक 03.10.2015 से अवगत कराया गया है। जिला कार्यालय द्वारा समय-समय पर कार्यवाही करने के कारण शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्रदेश के निजी महाविद्यालयों में फीस निर्धारण
[उच्च शिक्षा]
36. ( क्र. 369 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में निजी शिक्षण संस्थान जिसमें महाविद्यालय, तकनीकी महाविद्यालय, शिक्षण संस्थान, प्रशिक्षण महाविद्यालय, विधि महाविद्यालय आदि खोले जाने की सरकार की नीति क्या है? 1 जनवरी, 2010 के पश्चात् विभाग दवारा कितने निजी महाविद्यालय का पंजीयन किया गया? उनमें से कितने महाविद्यालय बंद हो चुके हैं? इन शिक्षण संस्थाओं का किस वरीयता (जरुरत) के आधार पर पंजीकरण किया गया? (ख) प्रदेश में निजी शिक्षण संस्थाओं (किसी भी श्रेणी) की फीस का निर्धारण कौन करता है? यदि फीस का निर्धारण निजी शिक्षण संस्थान दवारा ही किया जाता है तो क्या विभाग दवारा इन निजी संस्थानों के अभिभावकों से बिना किसी प्रतिबंध के बेहिसाब ली जा रही फ़ीस पर नियन्त्रण रखने पर विचार रखता है? यदि हाँ, तो क्या विभाग दवारा फ़ीस नियंत्रण हेतु कोई कमेटी बनाई है? कमेटी ने अभी तक क्या-क्या निर्णय लिए? (ग) राज्य में निजी महाविद्याल दवारा कितनी फीस वर्तमान में किस-किस कोर्स/विषय के लिए ली जा रही है, क्या इसकी जानकारी विभाग के पास है? इन निजी महाविद्यालयों की फ़ीस को लेकर कितनी-कितनी शिकायतें विभाग के पास 1 जनवरी, 2013 से प्रश्न दिनाक तक प्राप्त हुई? शिकायतों की अद्यतन स्थिति क्या है?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) उच्च शिक्षा विभाग के अंतर्गत प्रदेश में नवीन निजी महाविद्यालय खोले जाने संबंधी नियम की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर है। जनवरी, 2010 के पश्चात् 339 नवीन महाविद्यालयों का पंजीयन किया गया। इसमें से 39 महाविद्यालय बंद हो चुके हैं। शिक्षण संस्थाओं द्वारा मार्गदर्शिका में निहित प्रावधानों की पूर्तियां किये जाने के उपरांत ही पंजीयन किया गया है। तकनीकी शिक्षा विभाग के अनुसार प्रदेश में तकनीकी शिक्षण महाविद्यालय खोले जाने की नीति संवैधानिक संस्था अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद, नई दिल्ली के द्वारा निर्धारित की गई है। सत्र 2010-11 से खोले गये तकनीकी इंजीनियरिंग महाविद्यालयों की संख्या-21 है, सत्र 2010-11 के बाद बंद किये गये तकनीकी इंजीनियरिंग महाविद्यालयों की संख्या-26 है। (ख) निजी शिक्षण संस्थाओं के व्यावसायिक पाठ्यक्रमों जैसे बी.ई., बी.एड., एम.एड., एम.बी.बी.एस., नर्सिग आदि की फीस का निर्धारण, प्रवेश एवं शुल्क विनियामक समिति, म.प्र. द्वारा किया जाता है। निजी शिक्षण संस्थाओं में सामान्य पाठ्यक्रमों के शुल्क का निर्धारण स्वयं संस्था द्वारा किया जाता है। जी हाँ- शासन द्वारा निजी संस्थाओं के द्वारा संचालित व्यावसायिक पाठ्यक्रमों के शुल्क के निर्धारण एवं नियंत्रण हेतु प्रवेश एवं शुल्क विनियामक समिति का गठन किया गया है। प्रवेश एवं शुल्क विनियामक समिति, म.प्र. द्वारा अभी तक लिए गये निर्णयों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर है। (ग) व्यावसायिक पाठ्यक्रमों के लिए प्रवेश एवं शुल्क विनियामक समिति द्वारा फीस का निर्धारण किया जाता है। इन पाठ्यक्रमों के लिये निजी महाविद्यालयों द्वारा ली जा रही न्यूनतम एवं अधिकतम फीस की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स पर है। निजी महाविद्यालय द्वारा सामान्य पाठ्यक्रमों के लिए फीस का निर्धारण स्वयं संस्था द्वारा किया जाता है। विभाग के पास ऑनलाईन प्रवेश पोर्टल पर संस्थाओं द्वारा कोर्स/पाठ्यक्रम के लिये ली जाने वाली फीस की संस्थाओ द्वारा दर्ज जानकारी उपलब्ध है, जो पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द पर है। 01 जनवरी, 2013 से प्रश्न दिनांक तक प्राप्त शिकायत एवं अद्यतन स्थिति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ई पर है।
वन एवं राजस्व विभाग के द्वारा आवंटित पट्टों के विवाद का निराकरण
[वन]
37. ( क्र. 376 ) श्री दिव्यराज सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रीवा एवं शहडोल संभाग में वन विभाग एवं राजस्व विभाग के द्वारा पूर्व में आवंटित पट्टों में विवाद की स्थितियां निर्मित हो रही है? (ख) यदि हाँ, तो उक्त समस्या के निराकरण हेतु दोनों विभागों के द्वारा संयुक्त सर्वे कब तक कराया जावेंगा? (ग) राजस्व विभाग के द्वारा पहल करने के पश्चात् भी वन विभाग द्वारा उक्त कार्य हेतु विलंब किये जाने के क्या कारण है? कार्य निष्पादन एवं समस्या निराकरण की समय-सीमा बतायें।
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) रीवा एवं शहडोल संभाग अंतर्गत वन विभाग एवं राजस्व विभाग के मध्य पूर्व में आवंटित पट्टों में विवाद के प्रकरण यदा-कदा प्रकाश में आये हैं। (ख) मुख्य सचिव, मध्यप्रदेश शासन भोपाल के द्वारा अपने पत्र क्रमांक/230/सी.एस./04 दिनांक 24.07.2004 से समस्त कलेक्टर एवं वनमण्डलाधिकारियों को वन एवं राजस्व सीमा विवाद के निराकरण के संबंध में निर्देश जारी किये गये थे। उक्त निर्देशों के परिप्रेक्ष्य में रीवा संभाग के रीवा, सीधी एवं सिंगरौली वनमण्डलों में संयुक्त सर्वे का काम पूर्ण हो चुका है एवं सतना वनमण्डल में 80 प्रतिशत् कार्य पूर्ण किया गया है, शेष कार्य प्रगति पर है। शहडोल संभाग के उमरिया एवं अनूपपुर वनमण्डलों में संयुक्त सर्वे का कार्य पूर्ण हो चुका है तथा शहडोल जिले के उत्तर शहडोल एवं दक्षिण शहडोल वनमण्डलों में 82 प्रतिशत् संयुक्त सर्वे का कार्य पूर्ण हो चुका है, शेष कार्य प्रगति पर है। (ग) रीवा संभाग के रीवा, सीधी एवं सिंगरौली वनमण्डल तथा शहडोल संभाग के उमरिया एवं अनूपपुर वनमण्डल में संयुक्त सर्वे का कार्य पूर्ण हो चुका है तथा रीवा संभाग के सतना वनमण्डल में तथा शहडोल संभाग के उत्तर शहडोल एवं दक्षिण शहडोल वनमण्डल में कार्य पूर्णत: की ओर अग्रसर है, अत: विभाग द्वारा उक्त कार्यों को किये जाने में विलम्ब किया जा रहा है सही नहीं है। यह कार्य वृहद स्वरूप का होने से समय-सीमा बतायी जाना संभव नहीं है।
नगर पंचायत बैकुण्ठपुर में स्टेडियम निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
38. ( क्र. 377 ) श्री दिव्यराज सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या नगर पंचायत बैकुण्ठपुर में पूर्व में स्टेडियम स्वीकृत किया गया था? यदि हाँ, तो किस योजना के तहत स्वीकृत हैं तथा कितनी राशि स्वीकृत की गयी थी? (ख) उक्त प्रस्तावित स्टेडियम का कार्य कब प्रारंभ कराया जावेगा तथा कार्य पूर्णता की समय-सीमा क्या निर्धारित की गयी है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। आई.डी.एस.एस.एम.टी. योजना के तहत निकाय में 06 कम्पोनेंट हेतु राशि रू. 104.16 लाख स्वीकृत की गई थी जिसमें शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बैकुण्ठपुर के खेल मैदान में मिनी स्टेडियम सह शापिंग कॉम्पलेक्स का निर्माण भी शामिल था। (ख) मिनी स्टेडियम का निर्माण विद्यालय की भूमि में होना था। कलेक्टर रीवा को पत्र क्रं. 575 दिनांक 01.08.2005 पत्र दिनांक 26.08.2005 द्वारा भूमि आवंटन के लिये प्रस्ताव भेजा गया है। भूमि आवंटन होना शेष है एवं जिला शिक्षा अधिकारी, रीवा से भूमि आधिपत्य व अनापत्ति प्रमाण पत्र भी प्राप्त नहीं हुआ है। भूमि आवंटन एवं अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त होने पर ही कार्य कराया जा सकेगा। अत: समय-सीमा निर्धारित नहीं की जा सकी है।
उज्जैन शहर में संचालित नर्सिंग होम/प्रायवेट क्लीनिक की पार्किंग व्यवस्था
[नगरीय विकास एवं आवास]
39. ( क्र. 385 ) श्री सतीश मालवीय : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) उज्जैन शहर में कितने नर्सिंग होम/प्रायवेट क्लीनिक संचालित हैं? संचालित नर्सिंग होम/प्रायवेट क्लीनिक की सूची एवं पार्किंग की क्या व्यवस्था है? सूची उपलब्ध करावें। (ख) क्या उज्जैन शहर में संचालित नर्सिंग होम/ प्रायवेट क्लीनिकों द्वारा मनमाने तरीके से शासकीय सड़कों पर अतिक्रमण कर पार्किंग व्यवस्था संचालित की जा रही है? इस संबंध में विभाग द्वारा 01 अक्टूबर, 2014 से 05 नवम्बर, 2016 तक क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ग) क्या अवैध पार्किंग के संबंध में नर्सिंग होम/प्रायवेट क्लीनिक संचालकों पर विभाग द्वारा कोई प्रभावी कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो समय-सीमा बतावें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं, अपितु जिन नर्सिंग होम/प्रायवेट क्लीनिक में पार्किंग की व्यवस्था नहीं है वहा सड़क के किनारे वाहन खड़े किये जाते हैं। प्रश्नाधीन अवधि में नगर निगम, उज्जैन द्वारा यातायात पुलिस के साथ समय-समय पर सड़क पर खड़े वाहनों को हटाने की कार्यवाही की गई है। (ग) जी हाँ। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं हैं।
पंचकोशी मार्ग पर जिला पंचायत द्वारा किये गये व्यय
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
40. ( क्र. 386 ) श्री सतीश मालवीय : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला पंचायत उज्जैन द्वारा सिंहस्थ 2016 के अंतर्गत पंचकोशी मार्ग पर जिला पंचायत की राशि से कितना-कितना व्यय, किस-किस मद से किया गया। मदवार, व्ययवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) जिला पंचायत उज्जैन से किन-किन एजेंसियों को पंचकोशी मार्ग पर कितनी-कितनी राशि का कब-कब भुगतान किया गया। दिनांकवार, राशिवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) पंचकोशी मार्ग पर किये गये कार्य एवं व्यय का सत्यापन किस-किस अधिकारी द्वारा कब-कब किया गया? क्या भुगतान अधिकारी के भौतिक सत्यापन के बाद किया गया है अथवा पूर्व में? दिनांकवार जानकारी उपलब्ध करावें।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जिला पंचायत उज्जैन द्वारा सिंहस्थ 2016 के अंतर्गत पंचकोशी मार्ग पर जिला पंचायत की राशि से किसी भी मद से कोई व्यय नहीं किया गया, किन्तु शासन द्वारा सिंहस्थ मद से पंचक्रोशी यात्रा व्यवस्था 2016 हेतु प्राप्त स्वीकृति एवं प्राप्त आवंटन से किये गये मदवार व्यय की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ‘‘ अनुसार। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ब‘‘ अनुसार। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ब‘‘ अनुसार।
वन परिक्षेत्र में तालाब निर्माण
[वन]
41. ( क्र. 398 ) श्री शान्तिलाल बिलवाल : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) झाबुआ जिले में वन परिक्षेत्र में कितने तालाब निर्माण की स्वीकृति कितने-कितने क्षेत्र में वन विभाग द्वारा दी गई? (ख) वन परिक्षेत्र में स्वीकृति से अधिक क्षेत्र में तालाब निर्माण किसके आदेश से स्वीकृत किये गये? (ग) क्या प्रश्नांश (क) अनुसार क्षेत्र में तालाब निर्माण का वरिष्ठ अधिकारी द्वारा निरीक्षण किया गया? यदि निरीक्षण किया गया तथा स्वीकृति से अधिक हेक्टेयर में तालाब निर्माण हुआ तो वन परिक्षेत्राधिकारी के विरूद्ध कोई कार्यवाही प्रस्तावित की गई?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) झाबुआ जिले में वन मंडल झाबुआ के अंतर्गत वन मंडलाधिकारी द्वारा कुल 102 तालाब/रेन वाटर हार्वेस्टिंग स्ट्रक्चर की स्वीकृति विभिन्न विभागों को दी गई है। स्वीकृत योजनाओं की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) वन मंडलाधिकारी, झाबुआ द्वारा उन्हें वन अधिकार अधिनियम, 2006 में प्रदत्त अधिकारो से अधिक किसी भी प्रकरण में स्वीकृती जारी नहीं की गई है। (ग) तालाब निर्माण कार्य का निरीक्षण संबंधित विभागों के अधिकारियों द्वारा किया जाता है। स्वीकृति से अधिक रकबे में तालाब निर्माण करने के संबंध में एक शिकायत प्राप्त होने पर मुख्य वन संरक्षक, इंदौर के आदेश दिनांक 24.06.2016 द्वारा एक समिति गठित कर इस समिति को 25 तालाबों की जाँच का कार्य सौंपा गया है। समिति का प्रतिवेदन प्राप्त होने पर जाँच निष्कर्ष के आधार पर नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही की जावेगी।
नगर पंचायत रानापुर जिला झाबुआ के कार्यों के संबंध में
[नगरीय विकास एवं आवास]
42. ( क्र. 399 ) श्री शान्तिलाल बिलवाल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रश्नकर्ता द्वारा अतारांकित प्रश्न क्रमांक 867 दिनांक 19/7/16 द्वारा नगर पंचायत रानापुर में तालाब गहरीकरण की स्वीकृति एवं प्लान प्राक्कलन के संबंध में तालाब की गाद निकालने एवं साफ-सफाई का कार्य किया गया संबंधी उत्तर प्रस्तुत किया? तो तालाब पर सफाई एवं गाद निकालने पर कितना-कितना व्यय किया गया, उक्त गाद निकालने पर जे.सी.बी., फोकलने, टेक्ट्रर ट्राली एवं कितने डम्फर लगाये गये? उन सभी वाहन मालिकों के नाम सहित बतावें? (ख) तालाब की गाद एवं साफ-सफाई पर कितने दिनों तक कार्य चला, कार्य पर कितना व्यय हुआ, व्ययवार जानकारी बतावें? (ग) क्या उक्त प्रकरण की विस्तृत जाँच के आदेश दिये गये है वर्तमान तक नगर पंचायत रानापुर द्वारा किये गये कार्य की जाँच किस अधिकारी द्वारा की गई बतावें? अगर जाँच नहीं की गई जो कब तक जाँच करवाई जावेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। कुल राशि रू. 48,20,670 /- का व्यय किया गया। जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। (ग) जी हाँ। प्रकरण में शासन द्वारा विस्तृत जाँच के आदेश दिये गये है। कार्य की जाँच संभागीय कार्यपालन यंत्री, नगरीय प्रशासन एवं विकास, इन्दौर द्वारा की जा रही है। जाँच उपरांत नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी।
कोलारस विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत जर्जर सड़कों की मरम्मत
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
43. ( क्र. 420 ) श्री रामसिंह यादव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शिवपुरी जिले के कोलारस विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत अक्टूबर-2016 की स्थिति में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत कौन-कौन सी सड़के कहाँ से कहाँ तक बनाई गई हैं? उक्त सड़कों की वर्तमान स्थिति क्या है? इनमें से गारण्टी पीरियड की सड़कें कौन-कौन सी है? (ख) क्या प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत उक्त बनाई गई कई सड़कें जर्जर हो गई है? डामर उखड़ गया है? जगह-जगह गड्ढे हो गए हैं? यदि हाँ, तो इनमें से किन-किन सड़कों की मरम्मत कब तक कराई जाएगी? इनमें से गारण्टी पीरियड की कौन-कौन सी सड़कें हैं? जिनकी अमानत राशि विभाग के पास जमा है? (ग) क्या प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत बनाई गई उक्त कुछ सड़कों की गुणवत्ताविहीन निर्माण आदि की शिकायतें वर्ष 2015 एवं 2016 में प्राप्त हुई थी? यदि हाँ, तो कौन-कौन सी शिकायतें प्राप्त हुई थी और उन पर क्या-क्या कार्यवाही की गई? (घ) प्रश्नाधीन वर्णित जर्जर सड़कों की मरम्मत अभी तक क्यों नहीं कराई गई?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। ऐसी स्थिति नहीं है। गारंटी पीरियड के सड़कों की सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) रख-रखाव/मरम्मत एक सतत् प्रक्रिया है। आवश्यकतानुसार समय-समय पर रख-रखाव कराया जाता है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
मंदिरों/मठों की भूमि पर कब्जा
[धार्मिक न्यास और धर्मस्व]
44. ( क्र. 421 ) श्री रामसिंह यादव : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या शिवपुरी जिले के अंतर्गत, मंदिरों/मठों के अधीन जमीन लगी हुई है? यदि हाँ, तो किन-किन मंदिरों/मठों से कितनी-कितनी भूमि कहाँ-कहाँ की किन-किन सर्वे नम्बरों की लगी हुई है वर्तमान में उक्त भूमि किनके नाम है तथा उक्त भूमि पर वर्तमान में किनका कब्जा है वर्तमान में उक्त भूमि का उपयोग किस प्रयोजन के लिए हो रहा है? (ख) क्या उक्त मंदिरों/मठों से लगी हुई अधीन भूमि पूर्व में संबंधित मंदिरों/मठों के नाम पर थी? बाद में संबंधित मंदिरों/मठों के पुजारियों/सेवादारों ने अपने नाम राजस्व अधिकारी/कर्मचारियों से मिलकर करा ली है? यदि हाँ, तो वह कौन-कौन से मंदिरों/मठों की भूमि है? (ग) क्या प्रश्नाधीन वर्णित मंदिरों/मठों के लिए शासन द्वारा जो भूमि आवंटित की गई थी, उसमें खेती कर उससे होने वाली आमदनी से संबंधित मंदिर/मठ के पुजारी एवं मंदिर का खर्च चल सकें, इसके लिये दी गई थी? यदि हाँ, तो उक्त भूमि का व्यवसायिक उपयोग एवं उसमें भवन निर्माण किसकी अनुमति से कैसे किए गए? (घ) क्या प्रश्नाधीन वर्णित मंदिरों/मठों की जमीनों पर दबंगों ने जो अवैध कब्जा कर रखा है, उसे कब्जामुक्त कब तक कराया जाएगा?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। वर्तमान में उक्त भूमि मंदिर के नाम है जिसके प्रबंधक कलेक्टर है तथा उक्त भूमि का प्रयोग कृषि के प्रयोजन के लिये हो रहा है। (ख) शिवपुरी जिले के मंदिरों/मठों के नाम थी वर्तमान में भी मंदिरों/मठों के नाम पर दर्ज है किसी भी भूमि को पुजारियों द्वारा किसी भी अधिकारी/कर्मचारी से मिलकर अपने नाम नहीं कराया गया है। (ग) वर्तमान में मंदिरों/मठों की जमीन सुरक्षित है भूमि का व्यवसायिक उपयोग एवं उसमें भवन निर्माण हेतु किसी पुजारी को अनुमति नहीं दी गई है। (घ) मंदिर/मठों की जमीन पर किसी अन्य का कब्जा नहीं है।
मनरेगा योजना में वेंडरों द्वारा रायल्टी एवं टैक्स का भुगतान
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
45. ( क्र. 438 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल संभाग के जिलों में मनरेगा योजना में कितने व्यापारियों, दुकानदारों का वेंडर के रूप में पंजीयन हुआ? (ख) उक्त वेंडरों द्वारा पंजीयन दिनांक से जुलाई 2016 तक कितने मूल्य की सामग्री ईट, गिट्टी, रेत, सीमेंट, लोहा कितनी ग्राम पंचायतों को दिया गया? (ग) शासन द्वारा वेंडर को पंजीयन दिनांक से जुलाई 2016 तक की अवधि में किन-किन वेंडर को पंजीयन दिनांक से जुलाई,2016 तक की अवधि में कितनी राशि का भुगतान किया गया है? (घ) उक्त वेंडरो में से कितनों के द्वारा रायल्टी तथा टैक्स की राशि का भुगतान शासन को किया गया कितने वेंडरों ने नहीं किया कारण बतावें?।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) भोपाल संभाग के जिलों में महात्मा गांधी नरेगा योजनान्तर्गत पंजीकृत व्यापारी/दुकानदार के वेण्डर के रूप में पंजीयन की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) वेण्डरों के द्वारा प्रत्येक कार्य में प्रदायित सामग्री की जानकारी कार्यवार www.nrega.nic.in पर उपलब्ध है। (ग) कार्य एजेन्सियों के द्वारा वेण्डरों को किए गए भुगतान संबंधी जानकारी www.nrega.nic.in पर प्रदर्शित है। (घ) योजनान्तर्गत पंजीकृत वेण्डरों के द्वारा रायल्टी/टैक्स का भुगतान करने के संबंध में जानकारी पृथक से विभाग अन्तर्गत संधारित नहीं है।
मुख्यमंत्री आवास मिशन के अंतर्गत ऋण अनुदान की स्वीकृति
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
46. ( क्र. 439 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास मिशन के अंतर्गत ऋण अनुदान स्वीकृति के संबंध में शासन के क्या-क्या निर्देश है? निर्देश की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत द्वारा बैंको को लक्ष्य अनुसार प्रकरण किस आधार पर भेजे जाते है? (ग) भोपाल संभाग के जिलों में वर्ष 2014 से 2016 में किन-किन बैंको द्वारा निर्धारित लक्ष्य अनुसार आवास स्वीकृत नहीं किये? कारण बतावें। विभाग ने क्या-क्या कार्यवाही की। (घ) अक्टूबर 2016 की स्थिति में भोपाल संभाग के जिलों के बैंको में कितने प्रकरण लंबित हैं वर्षवार, जनपद पंचायतवार, बैंकवार सूची उपलब्ध करावें। उनका कब तक निराकरण होगा? इस संबंध में विभाग क्या कार्यवाही करेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास मिशन के अन्तर्गत ऋण अनुदान स्वीकृति के संबंध में निर्देश, मिशन की नीति/दिशा-निर्देश की कंडिका 4 एवं 5 में उल्लेखित हैं। नीति/दिशा निर्देश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 1 अनुसार है। (ख) हितग्राहियों द्वारा ग्राम पंचायत को प्रस्तुत आवेदनों का पंचायत स्तर पर तीन सदस्यीय समीति द्वारा परीक्षण उपरांत, ग्राम सभा में निर्धारित प्राथमिकता क्रम की सूची से, लक्ष्य अनुसार आवासीय ऋण प्रकरण, मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत द्वारा बैंकों को भेजे जाते है। (ग) भोपाल संभाग के जिलों में वर्ष 2014-15 एवं वर्ष 2015-16 में राजगढ़ जिले में सभी बैंकों द्वारा लक्ष्य पूर्ति की गई है। संभाग के शेष जिलों में सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ बड़ोदा, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, सेन्ट्रल मध्यप्रदेश ग्रामीण बैंक, जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्या. विदिशा, पंजाब नेशनल बैंक, इलाहाबाद बैंक, इंडियन ओवरसीज बैंक एवं ओरिएंटल बैंक ऑफ कामर्स, सिंडीकेट बैंक, बैंक ऑफ महाराष्ट्र एवं जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्या. सीहोर द्वारा निर्धारित लक्ष्य अनुसार आवासीय ऋण प्रकरण स्वीकृत नहीं किये गये है। बैंकों द्वारा पूर्व वर्षों में वितरित किये गये आवासीय ऋण प्रकरणों में हितग्राहियों द्वारा ऋण का पुनर्भुगतान नहीं करने के कारण बैंकों के एन.पी.ए. (नान परफारमिंग असेट) प्रकरणों में वृद्धि होना एक प्रमुख कारण है। विभाग द्वारा, बैंकों के एन.पी.ए. प्रकरणों के नियमितीकरण में, बैंकों को सहयोग प्रदान करने के जिलों को निर्देश दिये गये हैं। (घ) अक्टूबर 2016 की स्थिति में भोपाल संभाग के जिलों के बैंकों में 12,165 प्रकरण लंबित हैं। वर्षवार प्रकरण लंबित नहीं रहते हैं, इन प्रकरणों को पुनः आगामी वर्ष में प्रस्तुत करने के निर्देश है। अक्टूबर 2016 की स्थिति में बैंकों में लंबित प्रकरणों की जनपद पंचायतवार, बैंकवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 2 अनुसार है। बैंकों में प्रकरण प्रक्रियाधीन है बैंकों द्वारा प्रकरणों का परीक्षण, बंधक, हितग्राही का बैंक खाता खोलना आदि प्रक्रियाओं के दृष्टिगत अभी निश्चित समय बताया जाना संभव नहीं है। जिलों को बैंकों से सम्पर्क कर समयवाधि में लक्ष्यपूर्ति करने के निर्देश है।
बुन्देलखण्ड पैकेज अन्तर्गत डीजल विद्युत पम्पों का प्रदाय
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
47. ( क्र. 451 ) श्री मुकेश नायक : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बुन्देलखण्ड पैकेज अन्तर्गत पन्ना जिले में मार्केटिंग फेडरेशन एवं एम.पी. एग्रो द्वारा 01 अप्रैल, 2014 से प्रश्न दिनांक तक जिले के किस-किस विकासखण्ड में कितने डीजल एवं विद्युतपंप प्रदाय किये गये हैं? (ख) ग्रामवार बताएं एवं कंपनी द्वारा सप्लाई के दौरान जो बिल दिया गया है उसकी जानकारी उपलब्ध करावें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) वांछित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) वांछित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
पट्टे की जमीन का मुआवजा
[वन]
48. ( क्र. 452 ) श्री मुकेश नायक : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पवई विधानसभा क्षेत्र के अंदर कितने पट्टेदारों की जमीन दरी लाईन के अंदर (जंगलों में) कर दी गई है? पट्टेदारों के नाम, जमीन का रकबा, खसरा नंबर, गांव का नाम, पटवारी हल्का नंबर सहित जानकारी देवें। (ख) क्या उन पट्टेदारों को जमीन के बदले जमीन दी गई है या मुआवजा दिया गया है? यदि हाँ, तो कितना-कितना? कृषकों की संख्या एवं हल्कावार मुआवजा राशि सहित बतावें। (ग) क्या ये काम किसानों की सहमति से हुआ है? यदि हाँ, तो सहमति की कॉपी दे? यदि नहीं, तो क्या उन अधिकारियों कर्मचारियों पर कार्यवाही की जावेगी और कब तक बतावें।
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
अवैध उत्खनन के प्रकरण
[खनिज साधन]
49. ( क्र. 453 ) श्री मुकेश नायक : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मार्च-अप्रैल 2013 से जून 2016 तक पन्ना जिले में कुल कितने प्रकरण अवैध उत्खनन के किस-किस धारा के तहत/नियम के तहत पंजीबद्ध किये गये हैं तथा वर्तमान में प्रकरण की क्या स्थिति है? कहाँ लंबित है? लंबित रहने का कारण क्या है? (ख) जिन अवैध उत्खनन के प्रकरणों में अर्थदंडित किया गया है, उनके अर्थदंड की राशि वसूल की गई है अथवा नहीं? यदि वसूल नहीं की गई तो इसके लिए कौन जिम्मेदार है? पिछले तीन वर्ष की जानकारी देवें। (ग) ग्राम हरदुआ ग्राम पंचायत बछौन तहसील पवई चौरा तहसील शाहनगर चौपरा तहसील पवई शाहनगर, सुनपुरा तहसील शाहनगर कुटरईया, सिगड़ा, तहसील पवई में कुल कितने प्रकरण बने एवं वर्तमान में क्या स्थिति है वसूली की गई अथवा नहीं?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रश्न में उल्लेखित अवधि में अवैध उत्खनन के 115 प्रकरण मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 247 (7) के तहत पंजीबद्ध किये गये है तथा 04 प्रकरण मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम 1996 के नियम 53 के तहत पंजीबद्ध किये गये है। 12 प्रकरणों का निराकरण किया जा चुका है। 04 प्रकरण माननीय न्यायिक दण्डाधिकारी प्रथम श्रेणी पन्ना के न्यायालय में एवं 103 प्रकरण संबंधित अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) के न्यायालय में न्यायालयीन प्रक्रिया के अंतर्गत विचाराधीन है। (ख) 11 अवैध उत्खनन के प्रकरणों में अर्थदण्ड अधिरोपित किया गया है तदानुसार अर्थदण्ड की राशि की वसूली हेतु संबंधित तहसीलदारों द्वारा कार्यवाही की जा रही है। पिछले तीन वर्ष की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट में दर्शित है। अत: शेष प्रश्नांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) ग्राम हरदुआ ग्राम पंचायत बछौन में अवैध उत्खनन के 02 प्रकरण, ग्राम चौरा तहसील शाहनगर में 02 प्रकरण, ग्राम सुनपुरा में 03 प्रकरण, ग्राम कुठरईया तहसील पवई में 02 प्रकरण बनाये गये है। ग्राम चौपरा तहसील पवई एवं ग्राम सिगड़ा, तहसील पवई में अवैध उत्खनन के कोई प्रकरण नहीं बने है। उपरोक्त कुल 09 प्रकरण वर्तमान में संबंधित अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) के न्यायालय में न्यायालयीन प्रक्रिया के अंतर्गत विचाराधीन है। अत: शेष प्रश्नांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शौचालय निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
50. ( क्र. 454 ) श्री मुकेश नायक : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पन्ना जिले में स्वच्छ भारत अभियान अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में शौचालय निर्माण अन्तर्गत पवई व शाहनगर ब्लॉक के शौचालयों की जानकारी सूचीवार, ग्रामवार बतावें? (ख) क्या उक्त शौचालय अपूर्ण होने के बावजूद सी.सी. जारी कर दी गई है? यदि हाँ, तो दोषियों पर क्या कार्यवाही की जावेगी? (ग) पवई एवं शाहनगर ब्लॉक के ग्रामों में शौचालयों का निर्माण पूर्ण होने के उपरांत ऐसे कितने शौचालय हैं, जिनका अभी तक भुगतान नहीं किया? सूचीवार जानकारी बतावें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) शौचालय निर्माण उपरांत पात्र परिवारों को भुगतान किया जा चुका है।
डेली रोस्टर एवं ऑन लाईन टिकिट की समय-सीमा
[वन]
51. ( क्र. 469 ) कुँवर विक्रम सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पन्ना नेशनल पार्क में डेली रोस्टर एवं ऑन लाईन टिकिट की समय-सीमा के संबंध में जिप्सी मालिकों ने आवेदन दिया तथा मांग की? (ख) संरक्षित क्षेत्रों में 1 अक्टूबर, 2016 से नवीन पर्यटन दरों के अनुपालन में कार्यालय प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्य प्रणाली) द्वारा आदेश किये गये? (ग) यदि हाँ, तो सभी को एक समान सुविधा उपलब्ध कराई जावेगी या कराई जा रही है?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी हाँ। (ख) नवीन पर्यटन दरों के निर्धारण के संबंध में मध्यप्रदेश शासन वन विभाग द्वारा जारी अधिसूचना क्रमांक-14-82/1988/10-2, दिनांक 14 अक्टूबर, 2016 के परिपालन में प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यप्राणी) एवं मुख्य वन्यप्राणी अभिरक्षक द्वारा नवीन दरों को लागू करने हेतु दिनांक 22.10.2016 को अधिसूचना की प्रति प्रेषित करते हुये निर्देश दिये गये। (ग) पन्ना टाइगर रिजर्व, पन्ना पर्यटन वर्ष 2016-17 के अंतर्गत सभी को एक समान सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है।
शासकीय महाविद्यालय राजनगर के भवन निर्माण की स्वीकृति
[उच्च शिक्षा]
52. ( क्र. 476 ) कुँवर विक्रम सिंह : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले के शासकीय महाविद्यालय राजनगर के भवन निर्माण की कार्यवाही की पत्रावली किस स्तर पर लंबित है? उक्त महाविद्यालय हेतु शासन द्वारा जमीन आवंटित कर दी गई किंतु भवन निर्माण की स्वीकृति आदेश अब तक जारी न होने के क्या कारण है? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित समस्त दस्तावेज एवं तकनीकी प्राक्कलन किन अधिकारियों ने बनाये और उन्हें कहा जमा किये। (ग) उक्त महाविद्यालय पुराने जनपद कार्यालय राजनगर की जीर्णशीर्ण भवन में संचालित हो रहा है जहां पर छात्रों को बैठने के लिए पर्याप्त जगह नहीं है? ऐसी स्थिति में जनहित में कितनी समय-सीमा में स्वीकृति प्रदान की जावेगी?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) छतरपुर जिले के शासकीय महाविद्यालय, राजनगर के भवन निर्माण का प्रस्ताव स्थायी वित्तीय समिति द्वारा मान्य किया जा चुका है। जिस पर प्रशासकीय स्वीकृति की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) प्राक्कलन अतिरिक्त परियोजना संचालक, लोक निर्माण विभाग (पी.आई.यू.) ग्वालियर द्वारा तैयार किया गया है। जो आयुक्त, उच्च शिक्षा कार्यालय को भेजे गये है। (ग) जी नहीं। पुराने जनपद कार्यालय भवन जिसमें कक्षायें संचालित हो रही है, उसकी मरम्मत कराई गई है। प्रश्नांश के शेष भाग का उत्तर '' क '' अनुसार।
खेल मैदान एवं शांतिधाम निर्माण में अनियमितता
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
53. ( क्र. 477 ) कुँवर विक्रम सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले में वित्तीय वर्ष 2013-14 से 2016-2017 प्रश्न दिनांक तक महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत कुल कितने खेल मैदान तथा शांतिधाम तकनीकी स्वीकृतियों के आधार पर स्वीकृत किये गये? (ख) राजनगर, लवकुशनगर, विकासखण्डों के अंतर्गत कितने ग्रामों में खेल मैदान एवं शांतिधाम के मूल्यांकन प्रश्न दिनांक तक कर दिये गये? उनकी सूची उपलब्ध करावें। (ग) क्या लवकुशनगर, विकासखण्ड के अंतर्गत कई ग्रामों में खेल मैदान पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त हो गये, जिनका घटिया निर्माण किया गया था और उनका मूल्यांकन भी उपयंत्री द्वारा कर दिया गया?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) छतरपुर जिले में वित्तीय वर्ष 2013-14 से 2016-17 प्रश्न दिनांक तक महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत कुल 115 खेल मैदान एवं 189 शांतिधाम स्वीकृत किये गये। (ख) वांछित जानकारी खेल मैदान के कार्यों की पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं शांतिधाम के कार्यों की पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जी नहीं।
विधायक स्वेच्छानुदान की राशि का भुगतान
[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]
54. ( क्र. 497 ) श्रीमती चन्दा सुरेन्द्र सिंह गौर : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या खरगापुर विधान सभा क्षेत्र की जनपद पंचायत बल्देवगढ़ में कार्यालय कलेक्टर जिला-टीकमगढ के आदेश क्र./1436/जियोसां का./2016. वि.स्वे./ टीकमगढ़ दिनांक 29/06/16 को विधायक स्वेच्छानुदान की राशि स्वीकृत कर जनपद पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी की ओर प्रस्ताव तैयार कर हितग्राहियों को चैक से या उनके खातों में राशि डाली जाने हेतु निर्देशित किया गया था? परंतु जनपद पंचायत बल्देवगढ़ द्वारा आज दिनांक तक बिल जनरेट नहीं कराया गया? (ख) क्या विधायक स्वेच्छानुदान की राशि हितग्राहियों को शीघ्र दिलाये जाने के आदेश प्रसारित करेंगे? यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें? (ग) यदि उक्त राशि यदि लैप्स हो जायेगी तो कया हितग्राहियों को उक्त राशि पुन: आवंटित करेंगे यदि हाँ, तो समयावधि बतायें यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें? (घ) क्या इतने विलंब होने के कारण दोषी अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही करेंगे? यदि हाँ, तो कब तक समयावधि बतायें? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें।
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी हाँ। जिला कोषालय के निर्देश अनुसार जनपद पंचायत बलदेव गढ़ द्वारा देयक कोषालय से जनरेट करने की कार्यवाही की गई है। (ख) जी हाँ। 30.11.2016 तक (ग) राशि लेप्स होने की स्थिति की संभावना नहीं होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी नहीं। जिला कोषालय के पोर्टल पर हितग्राहियों की सूची दर्ज करने में सीमितता के तकनीकी कार्यों से हुये विलम्ब हेतु कोई अधिकारी दोषी नहीं है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मंदिर जीर्णोद्धार के लंबित प्रस्ताव
[धार्मिक न्यास और धर्मस्व]
55. ( क्र. 506 ) कुँवर हजारीलाल दांगी : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) राजगढ़ जिले के विधानसभा क्षेत्र खिलचीपुर में धार्मिक एवं धर्मस्व विभाग के अंतर्गत कलेक्टर राजगढ़ द्वारा विगत दो वर्षों में शासन द्वारा संधारित किन-किन मंदिरों के जीर्णोद्धार हेतु प्रस्ताव शासन को प्रेषित किये गये? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में कलेक्टर राजगढ़ द्वारा प्रेषित किये गये प्रस्तावों की स्वीकृति हेतु प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? (ग) क्या शासन उपरोक्तानुसार प्रेषित किये गये प्रस्तावों की स्वीकृति प्रदान करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
पोहरी विधानसभा क्षेत्र में कराये गये निर्माण कार्य
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
56. ( क्र. 518 ) श्री प्रहलाद भारती : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पोहरी विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत 01 जनवरी, 2014 से प्रश्न दिनांक तक महात्मा गांधी नरेगा अन्तर्गत जिला पंचायत/जनपद स्तरीय व अन्य विभिन्न निर्माण विभाग को कौन-कौन से निर्माण कार्य स्वीकृत किए गए हैं व उनकी वर्तमान अद्यतन स्थिति क्या हैं? विकासखण्डवार, विभागवार एवं पंचायतवार पृथक-पृथक संख्यात्मक जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार स्वीकृत कार्यों में से ऐसे कौन-कौन से कार्य हैं जो प्रश्न दिनांक तक प्रारंभ नहीं किए जा सके हैं व उसके लिए कौन-कौन दोषी हैं? उक्त कार्य कब तक प्रारंभ किए जाकर पूर्ण कर लिए जावेंगे।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) वांछित जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उत्तरांश 'क' अनुसार प्रश्नाधीन अवधि में स्वीकृत कुल 2287 कार्यों में से 46 कार्य प्रारंभ नहीं किए जा सके हैं। जिसका प्रमुख कारण योजना मांग आधारित होने से काम की मांग करने वाले जॉबकार्डधारी श्रमिकों को प्राथमिकता से विगत वर्षों के अपूर्ण कार्यों में नियोजित किया जाना है। अतएव कार्य प्रारंभ नहीं होने के लिए फिलहाल किसी को दोषी नहीं माना गया है। कार्यों की पूर्णता मजदूरों की मांग पर निर्भर होने से निश्चित समय-सीमा बतलाया जाना संभव नहीं है।
मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़क योजना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
57. ( क्र. 519 ) श्री प्रहलाद भारती : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पोहरी विधानसभा क्षेत्रांतर्गत 01 जनवरी, 2009 से प्रश्न दिनांक तक मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत कौन-कौन सी सड़कें स्वीकृत की गयी हैं? उनकी वर्तमान अद्यतन स्थिति से अवगत कराते हुए विकासखण्डवार जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार स्वीकृत सड़कों में से ऐसी कौन-कौन सी सड़कें हैं, जिनका कार्य प्रश्न दिनांक तक प्रारंभ भी नहीं हो पाया है? कारण स्पष्ट करते हुए जानकारी विकासखण्डवार उपलब्ध करावें।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
खाचरौद में इण्डोर स्टेडियम निर्माण
[खेल और युवा कल्याण]
58. ( क्र. 537 ) श्री दिलीप सिंह शेखावत : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र के खाचरौद शहर में इण्डोर स्टेडियम हेतु पूर्व में विभाग द्वारा भूमि आवंटन हेतु मांग की गयी थी? (ख) शासन स्तर पर इण्डोर स्टेडियम हेतु भूमि आवंटन की प्रक्रिया किस स्तर पर चल रही है? यहां कब तक इण्डोर स्टेडियम तैयार हो जावेगा?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जी हाँ। (ख) भारत सरकार की राजीव गांधी खेल अभियान योजनान्तर्गत इण्डोर खेल परिसर का निर्माण किया जाना था, परंतु भारत सरकार के पत्र क्र 1-1/MYAS/SD/2016/1258 दिनाक 29.04.2016 द्वारा राजीव गांधी खेल अभियान योजना को बंद कर ‘‘खेलो इण्डिया’’ कर दिया गया है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
शासकीय कन्या महाविद्यालय का भवन निर्माण
[उच्च शिक्षा]
59. ( क्र. 538 ) श्री दिलीप सिंह शेखावत : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नागदा में शासकीय कन्या महाविद्यालय पिछले कई वर्षों से संचालित है, किन्तु विद्यालय का अपना भवन नहीं होने के कारण यंहा अध्ययनरत् विद्यार्थियों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता है? (ख) क्या माननीय मुख्यमंत्री महोदय द्वारा क्षेत्र के दौरे के दौरान नागदा के शासकीय कन्या महाविद्यालय के भवन निर्माण की घोषणा की थी? क्या इस हेतु भूमि आवंटन की कार्यवाही भी पूर्ण हो चुकी है? (ग) यदि हाँ, तो इस भवन का निर्माण कब तक प्रारम्भ हो जावेगा?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) शासकीय कन्या महाविद्यालय, नागदा 2012 से संचालित है। नवीन महाविद्यालय होने से वर्तमान में शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक शाला, नागदा में सुचारू रूप से संचालित हो रहा है। (ख) जी नहीं। जी हाँ। (ग) महाविद्यालय के भवन निर्माण का प्रस्ताव स्थायी वित्तीय समिति द्वारा मान्य किया जा चुका है। प्रशासकीय स्वीकृति की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
मध्यान्ह भोजन योजना का संचालन
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
60. ( क्र. 542 ) श्री दिलीप सिंह शेखावत : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर पालिका नागदा के लिये शिक्षा विभाग द्वारा प्राथमिक एवं माध्यमिक विद्यालयों में (1) भोजन प्रदान करने के लिये किन-किन संस्थाओं ने आवेदन किया था? (ख) केन्द्रीयकृत किचन शेड के अंतर्गत रोटी मशीन, बायलर, आटा गुंथने की मशीन की आवश्यकता होती है, क्या वर्तमान में कार्यरत संस्था के पास ये मशीने उपलब्ध हैं? यदि नहीं, तो इन्हे संचालन की अनुमति किस आधार पर दी गयी है? (ग) 01 अगस्त, 2016 से अभी तक नागदा नगरीय क्षेत्र के विद्यालयो में दूध वितरण क्यों नहीं किया जा रहा है? जबकी प्रदेश के अन्य जिलों में दूध का वितरण किया जा रहा है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) वर्ष 2016-17 हेतु नगर पालिका नागदा क्षेत्र हेतु केन्द्रीयकृत किचिनशेड व्यवस्था के लिए निम्न 2 संस्थाओं द्वारा आवेदन पत्र प्रस्तुत किये गये है- 1- कुमकुम तुलसी महिला मण्डल नागदा, 2- घनश्याम सेवा समिति नई दिल्ली। (ख) जी हाँ, केन्द्रीयकृत किचिनशेड व्यवस्था के अंतर्गत रोटी मशीन, बायलर, आटा गूथने आदि मशीनरी की आवश्यकता होती है। संस्था द्वारा केन्द्रीयकृत किचिनशेड अंतर्गत आवश्यक पूरी मशीनरी स्थापित न करते हुए केवल रोटी मशीन एवं सब्जी कटर मशीन स्थापित की गई। शासन निर्देशानुसार चयनित संस्था को 2 माह की समयावधि में आवश्यक समस्त मशीनरी किचिनशेड में स्थापित करने के आधार पर मध्यान्ह भोजन संचालन की अनुमति दी गई। आवश्यक मशीनरी दो माह की अवधि में स्थापित न करने के आधार पर संबंधित संस्था प्रबंधक को अनुबंध समाप्त करने संबंधी कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया है। (ग) वर्तमान में नागदा नगरीय क्षेत्र के विद्यालयों में दूध वितरण कार्य नियमानुसार किया जा रहा है।
अवैध कॉलोनियों का नियमितीकरण
[नगरीय विकास एवं आवास]
61. ( क्र. 548 ) श्री सुदर्शन गुप्ता (आर्य) : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या इन्दौर नगर पालिक निगम क्षेत्र में अवैध कालोनियां हैं? यदि हाँ, तो विधानसभा क्षेत्रवार कॉलोनी के नाम सहित सूची उपलब्ध करावें? (ख) क्या प्रश्नांश (क) अनुसार प्रशासन द्वारा अवैध कॉलोनियों को वैध किये जाने की विभाग द्वारा कार्यवाही की जा रही है? यदि हाँ, तो कब तक कार्यवाही कर ली जावेगी, स्पष्ट करें?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
इन्दौर में पिपल्या हाना तालाब को मास्टर प्लान 2021 के तहत स्वीकृति
[नगरीय विकास एवं आवास]
62. ( क्र. 551 ) श्री सुदर्शन गुप्ता (आर्य) : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या इन्दौर में पिपल्या हाना तालाब को मास्टर प्लान 2021 के तहत बड़ा तालाब मानते हुए 60 मीटर दूर तक कोई निर्माण नहीं किया जाना तय हुआ था? (ख) यदि हाँ, तो क्या शासन द्वारा पिपल्याहाना तालाब के आस-पास मास्टर प्लान अनुसार निर्माण कार्य की स्वीकृति प्रदान की गई है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। इंदौर विकास योजना के अध्याय 06 की कंडिका 6.15.3 के अनु.क्रं. 5 अनुसार पिपल्याहाना तालाब के एच.एफ.एल. स्तर से 60 मीटर की दूरी तक किसी प्रकार के निर्माण कार्य प्रतिबंधित किया गया है। (ख) जी हाँ। ग्राम पिपल्याहाना तालाब के आस-पास मास्टर प्लान-2021 के अनुसार ही अनुमतियां दी गई है। केवल आवास एवं पर्यावरण विभाग भोपाल द्वारा दिनांक 12.07.2012 को ग्राम पिपल्याहाना के सर्वे क्रं. 526 रकबा 11.61 हेक्टर भूमि का उपान्तरण किए जाने के फलस्वरूप संयुक्त संचालक नगर तथा ग्राम निवेश, इन्दौर के पत्र क्रं. 1070 दिनांक 11.02.2016 द्वारा तालाब से 30 मी. हरित क्षेत्र छोड़ने के बाद संभागीय परियोजना समिति, परियोजना क्रियान्वयन ईकाई को सर्वे क्रं. 526/1/1/ एवं 526/1/2, कुल रकबा 11.161 हेक्टर भूमि पर नवीन न्यायालय भवन निर्माण हेतु अभिमत/अनापत्ति दी गई है।
भूखण्ड व भवनों के नामांतरण
[नगरीय विकास एवं आवास]
63. ( क्र. 564 ) श्री गोपाल परमार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) आगर नगर पालिका में अवैध कालोनी के भूखंड व भवनों के नामान्तरण नगर पालिका द्वारा किये गए हैं यदि हाँ, तो उन भूखंड और भवन स्वामी के नाम व सर्वे नंबर सहित सूची उपलब्ध करावें? (ख) क्या नगर पालिका द्वारा सीमा क्षेत्र के बाहर भूखंड व भवनों के नामान्तरण किये गए हैं? यदि हाँ, तो किस नियम व आधार पर किए गए हैं उनके नाम व सर्वे नंबर रकबा सहित सूचि देवें। यदि नियम विरुद्ध किया है तो कौन अधिकारी इसके लिए जिम्मेदार है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ, जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं, शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सुदूर सड़क एवं तालाब निर्माण की जाँच
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
64. ( क्र. 588 ) श्री दिनेश कुमार अहिरवार : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला टीकमगढ़ म.प्र. के जनपद पंचायत जतारा और जनपद पंचायत पलेरा में 01 अप्रैल, 2014 से प्रश्न दिनांक तक महात्मा गांधी नरेगा योजना से ग्रामीण सड़कों का निर्माण हुआ कितने सुदूर ग्रामों को सड़कों से जोड़ा गया? विधानसभा क्षेत्र जतारा के कितने को ग्राम सड़कों से जोड़े जाने के प्रस्ताव जिले में लंबित है ? (ख) जनपद पंचायत जतारा और जनपद पंचायत पलेरा में मनरेगा योजना से कितने तालाबों की प्रशासकीय स्वीकृति हुई एवं मौके पर पूर्ण किये गये कितने तालाब मौजूद हैं ? (ग) प्रश्नांश (क) की अवधि में मनरेगा योजना से कितने तालाबों का निर्माण किया गया? इन सड़क एवं तालाब के कार्यों का भौतिक सत्यापन एवं जाँच कराई जायेगी एवं दोषी कर्मचारियों को दंडित किया जायेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ, टीकमगढ़ जिले की जनपद पंचायत जतारा में 07 और जनपद पंचायत पलेरा में 05 सुदूर ग्रामों को सडकों से जोड़ा गया। विधानसभा क्षेत्र जतारा के ग्राम सडकों से जोड़े जाने के प्रस्ताव जिले में लंबित नहीं है। (ख) जनपद पंचायत जतारा में 547 और जनपद पंचायत पलेरा में 48 तालाबों की प्रशासकीय स्वीकृति महात्मा गांधी नरेगा योजना से हुई एवं मौके पर पूर्ण किये गये सभी 329 तालाब मौजूद हैं। (ग) प्रश्नांश 'क' की अवधि में उत्तरांश 'ख' अनुसार 329 तालाबों का निर्माण कराया गया। जनपद स्तर पर कार्यों का भौतिक सत्यापन सहायक यंत्री एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत सह कार्यक्रम अधिकारी, महात्मा गांधी नरेगा द्वारा समय-समय पर किया जाता है। मौके पर कार्य नहीं कराये जाने की स्थिति नहीं होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
धार्मिक, प्राचीन, ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक के धरोहरो, मंदिरों का जीर्णोद्धार
[धार्मिक न्यास और धर्मस्व]
65. ( क्र. 606 ) श्री राजकुमार मेव : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र महेश्वर एक धार्मिक ऐतिहासिक, पौराणिक एवं पर्यटन नगरी है? यदि हाँ, तो यहां पर इसके विकास हेतु क्या कार्य योजना बनाई गई है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में महेश्वर विधानसभा क्षेत्र में धार्मिक, ऐतिहासिक, पौराणिक, प्राचीन पुरातन महत्व के मंदिर, बावडिया घाट, किले, सांस्कृतिक महत्व के धरोहरे शासकीय रिकार्ड में दर्ज है एवं कितनी दर्ज होना प्रस्तावित है? इन्हें कब तक शासकीय रिकार्ड में दर्ज कर लिया जावेगा? (ग) महेश्वर विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत महेश्वर का पुरातन किला, कालेश्वर मंदिर, जालेश्वर मंदिर, गोबर गणेश मंदिर, चिंतामण गणेश मंदिर, जगदीश मंदिर, राजराजेश्वर मंदिर, भवानी माता मंदिर, बारद्वारी मंदिर, ग्राम चोली में गणेश मंदिर, हनुमान मंदिर, भेरवान मंदिर, शिव मंदिर, माताजी का मंदिर, ग्राम बागदरा में जाम घाट माताजी का मंदिर, ग्राम गंगातखेडी में गंगेश्वर महादेव मंदिर, ग्राम भामपुरा में धारेश्वर मंदिर, करही में गंगाझिरा, मण्डलेश्वर में गुप्तेश्वर महादेव मंदिर आदि के जीर्णोद्धार की क्या कार्ययोजना है? (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में महेश्वर विधान सभा क्षेत्र में पुरातन महत्व के धार्मिक, सांस्कृतिक धरोहर के जीर्णोद्धार के लिए प्रश्नकर्ता द्वारा वर्ष 2012-13 से प्रश्न दिनांक तक कितने-कितने प्रस्ताव कब-कब दिये गये ? इन प्रस्तावों पर क्या कार्यवाही हुई?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
जनपद पंचायत भवन की स्वीकृति
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
66. ( क्र. 623 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जनपद पंचायत पिपलौदा का जनपद भवन काफी वर्षों पुराना होकर कई स्थानों से जीर्ण-शीर्ण एवं क्षतिग्रस्त होकर काफी खराब हो चुका है, जो कि अब मरम्मत योग्य भी नहीं रहा है? (ख) यदि हाँ, तो क्या उपरोक्त स्थिति में जनपद भवन में कार्य करने वाले अधिकारी-कर्मचारियों को काम करने में कठिनाईयां आती हैं वहीं दूसरी ओर जनप्रतिनिधियों एवं आमजन को भी खराब स्थिति का सामना करना पड़ता है तथा दुर्घटना की आशंका बनी रहती है? (ग) साथ ही क्या जनपद पंचायत के नवीन भवन निर्माण की स्वीकृति हेतु शासन/विभाग से लगातार मांग की जा रही है? (घ) यदि हाँ, तो जनपद पंचायत पिपलौदा के भवन की स्वीकृति शासन/विभाग द्वारा कब तक दी जाकर गंभीर कठिनाई का निराकरण किया जाएगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जनपद पंचायत पिपलौदा का भवन पुराना हो जाने से उसकी वर्तमान में यथोचित मरम्मत करवाई गई है। (ख) भवन मरम्मत करवाने के पश्चात् जनपद भवन में कार्य करने वाले अधिकारी/कर्मचारियों को कार्य करने में छुट-पुट प्रकार की कठिनाईयां आ रही है, परंतु इससे कार्यों के संचालन एवं संपादन में छुट-पुट परेशानियों के बाद भी कार्य सामान्य ठीक चल रहा है। (ग) जी हाँ। (घ) कार्यवाही प्रचलित है।
ग्रामीण आवासहीनों को आवास सुविधा
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
67. ( क्र. 624 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्रामीण क्षेत्रों में निवासरत आवासहीनों को केन्द्र/राज्य प्रवर्तित विभिन्न योजनाओं यथा इंदिरा आवास प्रधानमंत्री आवास एवं मुख्यमंत्री आवास योजनाओं के माध्यम से आवास प्रदान किये जाते हैं? (ख) यदि हाँ, तो क्या इस हेतु आवासहीन भूमिहीन एवं गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों को सूचीबद्ध कर प्रतीक्षा सूची निर्धारित की जाती है? (ग) यदि हाँ, तो वर्ष 2012-13 से लेकर प्रश्न दिनांक तक जावरा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कितने परिवार प्रतीक्षा सूची में सम्मिलित होकर किन-किन योजनाओं के माध्यम से आवास प्राप्त कर चुके है, कितने परिवार वंचित रहे? (घ) साथ ही उपरोक्त वर्षों में विभिन्न योजनाओं के माध्यम से आवास प्राप्त कर चुके परिवारों की सूची ग्रामवार, ग्राम पंचायत में निर्धारित प्रतीक्षा सूची में दर्ज परिवारों की नामवार सूची सत्यापित करते हुए लाभांवित एवं वंचित परिवारों की स्थिति की जानकारी दें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) 5960 परिवार सूचीबद्ध किये गए, जिसमें से इंदिरा आवास योजना में 2082, होमस्टेड योजना में 205, मुख्यमंत्री अन्त्योदय आवाय योजना में 70 एवं वनाधिकार योजना में 10 कुल 2367 आवास प्रदान किये गए एवं 3593 परिवार शेष है। (घ) आवास प्राप्त कर चुके परिवारों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’अ’ अनुसार एवं शेष रह गए परिवारों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’ब’ अनुसार है।
शाजापुर में नगर के मध्य बहने वाली चीलर नदी का सौन्दर्यीकरण
[नगरीय विकास एवं आवास]
68. ( क्र. 642 ) श्री अरूण भीमावद : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या मान. मुख्यमंत्री महोदय के शाजापुर नगर के प्रवास एवं रात्रि विश्राम के दौरान नगर भ्रमण उपरांत नगर के मध्य बहने वाली चीलर नदी का आकस्मिक निरीक्षण किया तथा नदी का सौन्दर्यीकरण हेतु आवश्यक निर्देश दिये गये? (ख) यदि हाँ, तो क्या शासन स्तर पर चीलर नदी के सौन्दर्यीकरण हेतु मान. मुख्यमंत्री महो. द्वारा दिये गये निर्देशानुसार कोई कार्य योजना/लंबित या प्रस्तावित है? (ग) यदि हाँ, तो इसकी स्वीकृति कब तक होगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। शाजापुर नगर में निरीक्षण के उपरांत मान. मुख्यमंत्री जी द्वारा घोषणा क्र. 072 दिनांक 08-02-2014 द्वारा ''शाजापुर चीलर नदी संरक्षण एवं सौंदर्यीकरण'' हेतु कार्ययोजना तैयार किये जाने के निर्देश दिये गये। (ख) जी हाँ। मान. मुख्यमंत्री जी की घोषणा के परिपालन में नगर पालिका शाजापुर द्वारा कार्ययोजना तैयार कर दिनांक 23-11-2016 को शासन को अनुमोदन हेतु प्रस्तुत की गई है। (ग) कार्ययोजना परीक्षणाधीन होने के कारण, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
शैक्षणिक सत्र 2016-17 में प्रवेश हेतु काउंसलिंग में लापरवाही
[उच्च शिक्षा]
69. ( क्र. 660 ) श्रीमती सरस्वती सिंह : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बी.एड. पाठ्यक्रम में शैक्षणिक सत्र 2016-17 में प्रवेश के लिए कुल कितने चरण में काउंसलिंग आयोजित की गई? (ख) क्या काउंसलिंग के सभी चरणों के एलाटमेंट निर्धारित तिथि में जारी किये गये? यदि नहीं, तो क्यों? कितने दिनों के विलंब से सभी चरणों के एलाटमेंट जारी किये गये? (ग) क्या एलाटमेंट में जितने दिन विलम्ब किया गया, उतने दिन छात्रों को रिपोर्टिंग करने के लिए अतिरिक्त समय दिया गया? यदि नहीं, तो क्यों? काउंसलिंग प्रक्रिया में की गई लापरवाही का जिम्मेदार कौन है एवं उसके खिलाफ क्या कार्यवाही की जायेगी?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) बी.एड. पाठ्यक्रम में शैक्षणिक सत्र 2016-17 में प्रवेश के लिये कुल 04 चरण में काउंसिलिंग आयोजित की गई। (ख) प्रथम एवं अतिरिक्त चतुर्थ चरण में निर्धारित तिथि में एलाटमेंट जारी किये गये, द्वितीय एवं तृतीय चरण में एलाटमेंट जारी करने में समय अंतराल कम मिलने के कारण तकनीकी व्यवस्थाओं को पूर्ण करने में एक-एक दिन का विलंब हुआ है। (ग) जी नहीं, विद्यार्थियों को तृतीय चरण एवं अतिरिक्त चतुर्थ चरण में रिपोर्टिंग करने के लिये पर्याप्त समय दिया गया है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
बी.एड. परीक्षा केन्द्र की जानकारी
[उच्च शिक्षा]
70. ( क्र. 661 ) श्रीमती सरस्वती सिंह : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बी.एड. प्रवेश परीक्षा 2016 के लिए कुल कितने परीक्षा केन्द्र बनाये गये थे? बी.एड. प्रवेश परीक्षा वर्ष 2016 में कुल कितने अभ्यर्थी ने आवेदन किये, उनमें से कुल कितने अभ्यर्थी परीक्षा में सम्मिलित हुए? (ख) बी.एड. प्रवेश परीक्षा 2016 में सम्मिलित अभ्यर्थियों में से कुल कितने अभ्यर्थी ने प्रवेश लिये? उपरोक्त परीक्षा में अधिकतम एवं न्यूनतम स्कोर (प्राप्तांक) कितना था? कितने न्यूनतम प्राप्तांक वाले अभ्यर्थी को बी.एड. पाठ्यक्रम में प्रवेश मिला? (ग) म.प्र. में बी.एड. पाठ्यक्रम में कुल कितनी सीटे उपलब्ध है, उनमें से वर्तमान शैक्षणिक सत्र में कितनी सीटे भरी है? कितनी रिक्त है? रिक्त सीटे भरे जाने हेतु शासन द्वारा क्या प्रयास किय गये है? भविष्य में बी.एड. पाठ्यक्रम की सीटे रिक्त न रहे इसके लिए शासन द्वारा क्या प्रयास किये जा रहे है?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) बी.एड. प्रवेश परीक्षा 2016 के लिये कुल 244 परीक्षा केन्द्र बनाये गये थे। बी.एड. प्रवेश परीक्षा 2016 में कुल 62,141 अभ्यर्थियों ने आवेदन किया, इनमें से कुल 42,642 अभ्यर्थी परीक्षा में सम्मिलित हुए। (ख) बी.एड. प्रवेश परीक्षा 2016 में सम्मिलित अभ्यर्थियों में से कुल 24,296 अभ्यर्थियों नें प्रवेश लिया। उक्त परीक्षा में अधिकतम प्राप्तांक 83 एवं न्यूनतम प्राप्तांक 00 रहा। न्यूनतम 00 प्राप्तांक वाले अभ्यर्थी को बी.एड. पाठ्यक्रम में प्रवेश मिला है। (ग) उच्च शिक्षा विभाग के अन्तर्गत काउंसिलिंग हेतु वर्तमान में बी.एड. पाठ्यक्रम में कुल 55,750 सीटें उपलब्ध हैं। वर्तमान शैक्षणिक सत्र 2016-17 में इनमें से 24,296 सीटें भरी गई है तथा 31,454 रिक्त रही हैं। बी.एड. में रिक्त रही सीटों को भरने के लिये शासन द्वारा प्रवेश नियमों में शिथिलता प्रदान करते हुए तृतीय चरण की तिथियों में संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ’ अनुसार संशोधन किया गया तथा इसके पश्चात् भी रिक्त रही सीटों के लिये संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब’ अनुसार एक अतिरिक्त चरण का आयोजन किया गया था। माननीय सर्वोच्च न्यायालय के द्वारा याचिका क्रमांक डबल्यू.पी. (सिविल) 276/2012 (मां वैष्णो देवी महिला महाविद्यालय विरूद्ध शासन व अन्य) में पारित आदेश दिनांक 13/12/2012 एवं संशोधन दिनांक 26/06/2013 एवं I.A.NOS.113 एवं 114/2014 की सिविल अपील 5914/2011 (कॉलेज ऑफ प्रोफेशनल एजुकेशनल एण्ड अदर्स विरूद्ध स्टेट ऑफ यू.पी. एण्ड अदर्स) में पारित आदेश दिनांक 13/08/2014 के निर्णय के अनुसार ही बी.एड. पाठ्यक्रम में प्रवेश प्रक्रिया सम्पन्न की जाती हैं।
मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना की स्वीकृति
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
71. ( क्र. 663 ) पं. रमाकान्त तिवारी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले के त्यौंथर एवं जवा विकासखण्ड में वित्तीय वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में कुल कितनी सड़कें मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना स्वीकृत की गई है? (ख) रीवा जिले के त्यौंथर एवं जवा विकासखण्ड में स्वीकृत सड़कों में से कितनी सड़कों का निर्माण कार्य शुरू हो चुका है एवं कब शुरू किया गया? उक्त सड़कों का निर्माण कार्य करने वाले एजेंसियों का विवरण दें तथा उक्त कार्य कब तक पूर्ण कर लिया जावेगा? (ग) रीवा जिले के त्यौंथर एवं जवा विकासखण्ड में कुल कितनी सड़कों का निर्माण कार्य स्वीकृति होने के बाद आज दिनांक तक शुरू नहीं हुआ और क्यों? (घ) रीवा जिले के त्यौंथर एवं जवा विकासखण्ड में वित्तीय वर्ष 2016-17 में कुल कितनी सड़कें मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना द्वारा निर्माण कराए जाने हेतु प्रस्तावित है एवं उन्हें विभाग द्वारा कब तक स्वीकृति प्रदान कर दी जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) रीवा जिले के त्यौंथर एवं जवा विकासखण्ड में प्रश्न में उल्लेखित वित्तीय वर्ष में मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना अंतर्गत कोई भी सड़क कार्य स्वीकृत नहीं किया गया है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) रीवा जिले के त्यौंथर एवं जवा विकासखण्ड में वित्तीय वर्ष 2016-17 में स्वीकृति हेतु पात्र 15 सड़कों का प्रस्ताव परीक्षणाधीन है। आवंटन की उपलब्धता पर निर्भर होने से स्वीकृति की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
लंबित जनशिकायतों का निराकरण
[जन शिकायत निवारण]
72. ( क्र. 680 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जन शिकायत निवारण विभाग द्वारा राजगढ़ विधानसभा क्षेत्र में 01 जनवरी 2014 से प्रश्न दिनांक तक कितनी जन शिकायत विभाग को प्राप्त हुई वर्षवार बतावें? (ख) उक्त प्राप्त शिकायतों में कितनी का निराकरण किया? (ग) उसमें से प्रश्न दिनांक तक कितनी लंबित है? (घ) लंबित रहने तथा निराकरण नहीं होने का क्या कारण है?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) प्रश्नाधीन अवधि की जानकारी निम्नानुसार है :- वर्षवार प्राप्त शिकायतें - वर्ष 2014 में 205 वर्ष 2015 में 122 वर्ष 2016 में 154 (ख) प्राप्त शिकायतों का निराकरण वर्षवार - वर्ष 2014 में 205 वर्ष 2015 में 115,वर्ष 2016 में 134 (ग) वर्षवार लंबित शिकायतें -वर्ष 2014 में निरंक वर्ष 2015 में 07 वर्ष 2016 में 20 (घ) लंबित शिकायतों पर कार्यवाही प्रचलित है शेष प्रश्न प्रस्तुत नहीं होता है।
राजगढ़ विधानसभा में शौचालयों की स्थिति
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
73. ( क्र. 681 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजगढ़ जिले की विधानसभा क्षेत्र राजगढ़ में दिनांक 1.1.2014 से प्रश्न दिनांक तक विभाग द्वारा ग्राम पंचायतों में शौचालय स्वीकृत हुये है? (ख) उक्त स्वीकृत शौचालयों में से कितने बन चुके है? (ग) प्रश्न दिनांक तक ऐसे कितने शौचालय हैं, जिनका निर्माण नहीं हुआ है? (घ) ऐसे कितने शौचालय हैं, जिनकी राशि का भुगतान नहीं हुआ है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। विधानसभा क्षेत्र राजगढ़ में दिनांक 1/1/2014 से प्रश्न दिनांक तक विभाग द्वारा कुल 15927 व्यक्तिगत शौचालय स्वीकृत किये गये हैं। (ख) उक्त स्वीकृत शौचालय में से 13948 निर्मित किये गये। (ग) कुल 1979 शौचालय का निर्माण कार्य होना शेष है। (घ) 453 निर्मित शौचालय का भुगतान किया जाना शेष है।
आगर जिले अंतर्गत उद्योग विभाग द्वारा भूमि आवंटन
[वाणिज्य, उद्योग एवं रोजगार]
74. ( क्र. 695 ) श्री गोपाल परमार : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आगर जिले के अंतर्गत उद्योग विभाग द्वारा उद्योग संचालन करने हेतु किन-किन को कितनी वर्ग फिट शासकीय भूमि आवंटित लीज पर कितने समय के लिए दी गई है एवं आवंटित भूमि हेतु शासन को कब-कब, कितनी राशि जमा कराई गई है वर्तमान में कितनी जमीन शासन के पास है जो आवंटित नहीं होकर भविष्य में आवंटित की जाएगी? खसरा नंबर क्षेत्रफल और जगह बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार दी गई लीज की जमीन की समय-सीमा पूर्ण हो चुकी है तो किन-किन की? क्या इनकी जमीन शासन द्वारा पुनः अपने कब्जे में ली गई? (ग) यदि हाँ, तो कब से यदि नहीं, तो कब तक ली जावेगी एवं इसके लिए कौन अधिकारी जिम्मेदार हैं? शासन क्या कार्यवाही करेगा?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) विभाग के अंतर्गत ए.के.व्ही.एन. उज्जैन द्वारा आगर जिले के अंतर्गत कोई भी भूमि उद्योग संचालन हेतु लीज पर आवंटित नहीं की गई हैं। वर्तमान में ग्राम लालूखेडी तह. नलखेड़ा जिला -आगर की 82.260 हेक्टेयर भूमि निगम के आधिपत्य में हैं जो कि लेण्डबैंक के रूप में सम्मिलित की गई हैं। जिसका खसरा नम्बर, क्षेत्रफल, पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर है। जिले में एम.एस.एम.ई. विभाग के अंतर्गत जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र द्वारा उद्योग संचालन हेतु 93 इकाईयों को 557227 वर्गफीट भूमि 30/99 वर्ष की अवधि हेतु लीज पर दी गई हैं एवं आवंटित भूमि की शासन को राशि रूपये 1943483/- प्राप्त हुई हैं। सूची क्रमश: पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब एवं स पर है। (ख) आगर में जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र द्वारा आवंटित भूमि की लीज की समय-सीमा पूर्ण नहीं हुई हैं। लीज अवधि पूर्ण होने पर नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी। (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में निरंक।
महाविद्यालय बरगी हेतु भवन निर्माण की स्वीकृति
[उच्च शिक्षा]
75. ( क्र. 765 ) श्रीमती प्रतिभा सिंह : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बरगी विधान सभा क्षेत्र के बरगी में संचालित शास. महाविद्यालय का भवन नहीं होने के कारण महाविद्यालय का संचालन शास. उ.मा. शाला में किया जा रहा है जिससे शाला एवं महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं को अनेक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है? (ख) यदि हाँ, तो शासन महाविद्यालय बरगी, जि. जबलपुर की भवन निर्माण की स्वीकृति कब तक प्रदान करेगा?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) शासकीय महाविद्यालय, बरगी, जिला जबलपुर शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, बरगी के 04 कक्षों में संचालित है। उक्त भवन में कन्या शाला संचालित नहीं हो रही है। अतः छात्राओं को कोई परेशानी नहीं हो रही है। यदपि महाविद्यालय में विद्यार्थियों की संख्या अधिक होने के कारण अध्यापन कार्य में परेशानी होती है। (ख) शासकीय महाविद्यालय बरगी के भवन निर्माण हेतु प्रस्ताव प्राप्त हुआ है। भवन निर्माण की स्वीकृति हेतु प्रस्ताव विचाराधीन है। समय-सीमा बतायी जाना संभव नहीं है।
भवनविहीन ग्राम पंचायतों में भवन स्वीकृति
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
76. ( क्र. 766 ) श्रीमती प्रतिभा सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बरगी विधान सभा क्षेत्र की किन-किन ग्राम पंचायतों के वर्ष 2016 की स्थिति में पंचायत भवन नहीं है? सूची दें। (ख) विधान सभा क्षेत्र की भवनविहीन ग्राम पंचायतों को पंचायत भवन कब तक स्वीकृत किये जावेंगे?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) बरगी विधानसभा क्षेत्र की 15 ग्राम पंचायतों में वर्ष 2016 की स्थिति में पंचायत भवन नहीं है, जिनमें ग्राम पंचायत घाट पिपरिया, सालीवाडा, बरगी, सगड़ा झपनी, हर्रई, तिघरा, मंगेला, सालीवाड़ा गौर, विजना, उमरिया,सूखा, नीची, धरती कछार, हीरापुर बंधा एवं किसरोद शामिल है। (ख) भवन विहीन ग्राम पंचायतों में बजट उपलब्धता के आधार पर नवीन ग्राम पंचायत भवन स्वीकृति की विभाग की योजना है।
गुणवत्ताविहीन M-30, M-40 गुणवत्ता की सड़कों के निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
77. ( क्र. 808 ) श्री तरूण भनोत : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जबलपुर नगर-निगम द्वारा विगत 3 वर्षों में वार्डवार, स्थानवार M-30, M-40 गुणवत्ता की किन-किन क्रांकिट सड़कों का निर्माण कितनी-कितनी राशि से कराया गया? उक्त क्रांकिट सड़कों की गांरटी/वारंटी अवधि क्या थी? सड़कवार पूर्ण जानकारी देवें? (ख) उपरोक्त अवधि में निर्मित M-30, M-40 गुणवत्ता की क्रांकीट सड़कों में कौन-कौन सी सड़के गारंटी अवधि के पूर्व ही उखड़/क्षतिग्रस्त हो गयी? उक्त गुणवत्ताविहीन सड़कों के निर्माण के लिये दोषी सहायक यंत्रियों/कार्यपालन यंत्रियों पर कार्यवाही क्यों नहीं की गई? (ग) नगर निगम जबलपुर के महाराजा अग्रसेन वार्ड विजय नगर में बनाई गई M-30 कांक्रीट सड़क वर्ष 2016 में पूर्ण होने के एक माह के अंदर ही उखड़ने के लिये दोषी अधिकारी पर क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) सड़कों का निर्माण गुणवत्ता पूर्वक किया गया है। गारंटी अवधि से कोई सड़के उखड़ी/क्षतिग्रस्त नहीं हुई है, जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्नाधीन स्थलों पर वर्ष 2016 में सी.सी. रोड निर्माण कार्य कराया गया है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नगर वन योजना
[वन]
78. ( क्र. 809 ) श्री तरूण भनोत : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. वन विभाग में नगर वन योजना किन-किन जिलों में प्रस्तावित है? जानकारी जिलों के नामवार बताई जावें। (ख) वर्णित (क) के अनुसार जबलपुर जिले में प्रस्तावित योजना स्वीकृति किस स्तर पर लंबित है एवं योजना का वित्तीय स्वरूप तथा आवंटन कब किया गया? जानकारी राशिवार एवं दिनांकवार बताई जावें? (ग) ठाकुरताल जबलपुर में वन विभाग द्वारा प्रस्तावित योजना पर कितनी राशि का आवंटन केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा किया गया है? (घ) जबलपुर शहर से संलग्न क्षेत्रों में इको टूरिज्म की क्या नवीन योजनायें हैं?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) म.प्र. वन विभाग में नगर वन योजना इन्दौर, उज्जैन, भोपाल, छिन्दवाड़ा, जबलपुर, कटनी, ग्वालियर, दतिया एवं सागर जिलों में प्रस्तावित है। (ख) जबलपुर जिले में प्रस्तावित नगर वन योजना की स्वीकृति भारत सरकार स्तर पर विचाराधीन है। योजना रू.1376.80 लाख के प्रस्ताव भारत सरकार को प्रेषित किये गये हैं। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) भारत सरकार से योजना स्वीकृति के उपरान्त ही राशि की स्वीकृति हो सकेगी। (घ) जबलपुर शहर से संलग्न क्षेत्रों में पूर्व से डुमना नेचर पार्क में नगर निगम जबलपुर, मध्य प्रदेश पर्यटन विकास निगम वन विभाग के द्वारा संयुक्त रूप से ईको टूरिज्म गतिविधियां संचालित हैं। इसके अतिरिक्त मदनमहल पहाड़ी पर ठाकुरताल में नगर वन एवं जबलपुर में एक चिड़ियाघर सह रेस्क्यू केन्द्र प्रस्तावित है।
महाविद्यालय के छात्रावास का लोकार्पण
[उच्च शिक्षा]
79. ( क्र. 839 ) श्री अनिल जैन : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय निवाड़ी में स्थित छात्रावास भवन का लोकार्पण किस दिनांक और किसके द्वारा किया गया था? (ख) क्या छात्रावास में छात्राओं को रहने के लिये दी जाने वाली सुविधाओं जैसे पलंग, फर्नीचर आदि की तैयारियां पूर्ण कर ली गई है? विवरण सहित बताया जावें। यदि नहीं, तो कब तक कर ली जायेगी और कब तक छात्रावासा प्रारंभ हो जायेगा?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) दिनांक 14.02.2015 को प्रभारी मंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह जी द्वारा लोकर्पण किया गया है। (ख) कन्या छात्रावास के लिए 25 पलंग क्रय करने हेतु लघु उद्योग निगम को आदेश जारी किए गए है, एव सामग्री क्रय करने हेतु वित्तीय वर्ष 2016-17 में राशि रूपये 1.00 लाख (एक लाख रूपये मात्र) का बजट आवंटन स्वीकृत किया गया है। आवश्यक सुविधायें पूर्ण होने पर छात्रावास प्रारंभ करने की कार्यवाही की जावेगी। समय-सीमा बतायी जाना संभव नहीं है।
निवाड़ी के औद्योगिक क्षेत्र प्रतापपुर में विकास कार्य
[वाणिज्य, उद्योग एवं रोजगार]
80. ( क्र. 840 ) श्री अनिल जैन : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र निवाड़ी में प्रतापपुरा औद्योगिक क्षेत्र में 01/10/2016 की स्थिति में कितने उद्योगों को कितनी-कितनी भूमि आवंटित है एवं किन-किन के द्वारा इकाईयां स्थापित कर उत्पादन/सेवायें चालू कर ली गई हैं? इकाईवार जानकारी देवें तथा यह भी बतावें। कि ऐसी कितनी इकाईयां हैं, जो निर्माणाधीन हैं तथा उन इकाइयों की भी जानकारी देवें, जिन्होंने अब तक कोई कार्य प्रारंभ नहीं किया है? कारण सहित बतावें? (ख) प्रश्नांश (क) में चाही गई जानकारी विधानसभा क्षेत्र निवाड़ी के औद्योगिक केन्द्र निवाड़ी भाटा के संदर्भ में भी विवरण सहित दी जावे? (ग) विधान सभा क्षेत्र निवाड़ी के नवनिर्माणाधीन औद्योगिक केन्द्र ग्राम देवेन्द्रपुरा की अद्यतन प्रगति से अवगत कराया जावे?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) विधानसभा क्षेत्र निवाडी में प्रतापपुरा औद्योगिक क्षेत्र में 01/10/2016 की स्थिति में कुल 127 औद्योगिक इकाइयों को भूमि आवंटित की गई हैं। विस्तृत जानकारी पुस्कातलय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' में है। (ख) औद्योगिक केन्द्र निवाडी भाटा जिला व्यापार एवं उदयोग केन्द्र टीकमगढ़ के अधीन हैं जिला व्यापार एवं उदयोग केन्द्र, टीकमगढ़ दवारा प्रेषित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर है। (ग) विधान सभा क्षेत्र निवाडी के नवनिर्माणाधीन औद्योगिक केन्द्र ग्राम देवेन्द्रपुरा की 8.591 हेक्टेयर भूमि का हस्तांतरण उपरांत अधिपत्य जिला व्यापार एवं उदयोग केन्द्र टीकमगढ़ को दिनांक 10.08.2016 को प्राप्त हो चुका हैं। जिला व्यापार एवं उदयोग केन्द्र टीकमगढ़ दवारा सर्वे डिर्माकेशन की कार्यवाही की जा रही हैं।
नगर के विकास हेतु व्यय राशि
[नगरीय विकास एवं आवास]
81. ( क्र. 853 ) श्री रामपाल सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या म.प्र. शासन नगरीय विकास विभाग द्वारा नगर के विकास हेतु राशि मुहैया करायी जाती है और निकायों द्वारा कर सहित अन्य संसाधनों से राशि अर्जित की जाती है। (ख) यदि प्रश्नांश (क) हाँ तो शहडोल जिले के विभिन्न नगरीय निकायों में वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में कितनी राशि शासन स्तर से आवंटित की गई और कितनी राशि नगरीय निकायों के द्वारा विभिन्न कर एवं अन्य संसाधनों से अर्जित की गई है तथा उपरोक्त राशियों में किस-किस कार्यों हेतु कितनी-कितनी राशि व्यय की गई? निकायवार बताएं
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
पंचायत कर्मियों को एरियर का भुगतान
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
82. ( क्र. 854 ) श्री रामपाल सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. शासन पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग द्वारा पंचायत कर्मियों का नियमितीकरण किया जाकर उन्हे वर्ष २००८ से एरियर्स दिये जानें का प्रावधान किया गया है। (ख) यदि प्रश्नांश (क) हाँ तो शहडोल जिले के विभिन्न जनपद पंचायतों में कितने पंचायत कर्मियों का नियमितीकरण किया गया है और कितने पंचायत कर्मियों को एरियर्स का भुगतान कब और कितना किया गया है। (ग) क्या शहडोल जिले के विभिन्न जनपद पंचायतों में नियमित किये गये पंचायत कर्मियों को एरियर्स का भुगतान अभी तक नहीं किया गया है। यदि हाँ, तो एरियर्स का भुगतान न किये गये पंचायत कर्मियों की संख्या तथा भुगतान न किये जाने का कारण सहित उपलब्ध कराया जावे और उन्हे कब तक एरियर्स का भुगतान किया जावेगा।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। ग्राम पंचायत सचिवों को वर्ष 2008 के पूर्व फिक्स मासिक मानदेय दिया जाता था। वर्ष 2008 में उन्हे प्रथमवार वेतनमान स्वीकृत किया गया। किसी प्रकार के एरियर्स का प्रावधान नहीं था। (ख) एवं (ग) उतरांश (क) के संदर्भ में प्रश्न उत्पन्न नहीं होता।
जानकारी का प्रदाय
[उच्च शिक्षा]
83. ( क्र. 883 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले के कार्यालय कलेक्टर (आदिम जाति कल्याण शाखा) रीवा द्वारा पत्र क्र./छात्रवृत्ति/आ.जा.क./ 2016/3123 रीवा दिनांक 14.06.2016 को प्राचार्य शासकीय केदारनाथ महाविद्यालय मऊगंज जिला रीवा को वर्ष 2016-17 में अनु.जाति/जनजाति छात्र/छात्राओं की छात्रवृत्ति प्रस्ताव तैयार करते समय विशेष सावधानियाँ बरतने के संबंध में कलेक्टर द्वारा पत्र जारी किया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में यदि हाँ, तो पत्र में लेख है कि वर्ष 2015-16 में प्राचार्य द्वारा छात्रवृत्ति प्रस्ताव में छात्रों के बैंक खातों एवं आई.एफ.एस.सी. कोड में व्यापक पैमाने पर जानबूझकर गलती की गई है? जिससे कोषालय द्वारा ई-पेमेंट नहीं हो सका बैंकर्स चेक डी.डी.ओ. के नाम से वापस आ रहे है? ऐसी गलती व्यापक पैमाने पर होने के कारण सी.एम. हेल्पलाइन एवं कमिश्नर/कलेक्टर के समक्ष उपस्थित होकर जनसुनवाई में शिकायतें की जा रही है जिसे शासन ने गंभीरता से लिया जाकर संस्था प्रमुख को पूर्ण रूप से जिम्मेदार ठहराया है? (ग) प्रश्नांश (क) (ख) के प्रकाश में यदि हाँ, तो अब तक प्राचार्य शा. केदार महाविद्यालय मऊगंज के खिलाफ अनु.जाति/जनजाति के छात्र/ छात्राओं के शोषण करने वाले के खिलाफ निलंबन की कार्यवाही क्यों नहीं की? प्राचार्य को पूर्ण रूप से जिम्मेदार ठहराये जाने के बाद निलंबन की कार्यवाही नहीं किया जाना क्या शासन द्वारा लापरवाही को पूर्ण रूप से संरक्षण प्रदान किया जाना नहीं है, यदि हाँ, तो क्यों? कब तक निलंबन किया जावेगा तो समय-सीमा बतावें नहीं किया जावेगा तो कारण स्पष्ट करें?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी हाँ। कलेक्टर जिला रीवा, कार्यालय कलेक्टर (आदिम जाति कल्याण शाखा) रीवा म.प्र. द्वारा पत्र क्रमांक/ छात्रवृत्ति/आजाक/2016/3123, रीवा दिनांक 14.06.2016 जारी किया गया है। यह पत्र रीवा जिले में स्थित सभी शिक्षण संस्थाओं को संबोधित है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जी नहीं। छात्रवृत्ति फार्म आनलाईन प्रक्रिया में बैंक खाता क्रमांक आई.एफ.एस.सी. कोड स्वयं छात्र भर कर संस्था में प्रस्तुत करते है जिसे प्राचार्य द्वारा स्वीकृत कर आदिम जाति कल्याण विभाग रीवा को प्रस्तुत किया जाता है। कोषालय द्वारा ई-पेमेन्ट की प्रक्रिया से छात्रों के खाते में राशि भुगतान की जाती है। अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति के छात्र को भुगतान प्राप्त न होने का प्रकरण शासकीय केदारनाथ महाविद्यालय, मऊगंज जिला-रीवा में लंबित नहीं है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (क) (ख) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नगर पालिका सीहोर द्वारा भवन निर्माण अनुज्ञा पर रोक
[नगरीय विकास एवं आवास]
84. ( क्र. 905 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या नगर पालिका सीहोर को आवासीय क्षेत्र में आने वाले भूखण्डों पर भवन निर्माण अनुज्ञा देने संबंधी अधिकार पर रोक लगाई है? यदि हाँ, तो उक्त संबंध में जारी शासन के पत्र एवं नियम का ब्यौरा दें? (ख) क्या शासन द्वारा भवन निर्माण अनुज्ञा नहीं देने के लिए प्रदेश भर की नगरीय निकायों को आदेश जारी किए है? यदि नहीं, तो सीहोर नपा द्वारा क्या स्वयं नियम बनाकर अमल में लाया जा रहा है? यदि हाँ, तो नियम का ब्यौरा दें? (ग) नगर पालिका सीहोर द्वारा प्रश्न दिनांक से 2 वर्ष की अवधि में भवन निर्माण की कितनी अनुज्ञा जारी की गई? माहवार, वार्डवार, प्रकरणवार ब्यौरा दें। (घ) क्या नगर पालिका सीहोर कार्यालय में भवन अनुज्ञा संबंधी प्रकरण लंबित हैं यदि हाँ, तो माहवार ब्यौरा दें? (1) माह जुलाई से प्रश्न दिनांक तक प्राप्त आवेदनों का ब्यौरा दें?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
मनरेगा मजदूरों को मुआवजा
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
85. ( क्र. 906 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मनरेगा मजदूरों को नियमानुसार पूर्ण कार्य दिवसों का रोजगार मिल रहा है? यदि हाँ, तो भोपाल संभाग में जिलावार, ब्लाकवार उपलब्ध कराए गए रोजगार की स्थिति का ब्यौरा दें? (ख) क्या मनरेगा मजदूरों को समय पर मजदूरी का भुगतान किया जा रहा है? यदि हाँ, तो कितने दिनों में भुगतान किया जा रहा है? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या मनरेगा मजदूरों को समय-सीमा में भुगतान नहीं होने पर शासन द्वारा मुआवजा देने का प्रावधान है यदि हाँ, तो ब्यौरा दें? (1) क्या भोपाल, सीहोर, बालाघाट, राजगढ़ जिलों में मजदूरों को समय पर मजदूरी नहीं दिए जाने से मुआवजा दिया गया है? यदि हाँ, तो ब्लाकवार ब्यौरा दें। (घ) क्या समय-सीमा में मनरेगा मजदूरों को भुगतान नहीं करने से मुआवजा देने का अतिरिक्त व्यय भार हुआ है इसके लिए कौन दोषी है? क्या दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की जा रही है? यदि हाँ, तो ब्यौरा दें।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। भोपाल संभाग में जिलावार/ब्लॉकवार उपलब्ध कराए गए रोजगार की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। www.nrega.nic.in पोर्टल पर भी प्रदर्शित है। (ख) जी हाँ। मजदूरी का भुगतान 15 दिवस में FTO के माध्यम से किया जाता है। (ग) जी हाँ। शासन निर्देश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। भोपाल, सीहोर, बालाघाट एवं राजगढ़ जिलों में मजदूरों को समय पर मजदूरी नहीं मिलने के कारण दिये गये मुआवजे की ब्लॉकवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (घ) मजदूरों को समय-सीमा में मजदूरी का भुगतान नहीं होने पर विलंब के लिये जिम्मेदार अधिकारी/कर्मचारी की जवाबदेही तय कर क्षतिपूर्ति की राशि वसूल किए जाने के निर्देश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है।
ग्राम-पंचायत खिमलासा एवं मंडीवामोरा को नगर पंचायत में उन्नयन
[नगरीय विकास एवं आवास]
86. ( क्र. 940 ) श्री महेश राय : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) शासन की नीति अनुसार ग्राम पंचायत को नगर पंचायत में उन्नयन करने का जनसंख्या आधारित क्या प्रावधान है? (ख) क्या विधानसभा क्षेत्र बीना अंतर्गत ग्राम पंचायत खिमलासा एवं पंचायत मंडीवामोरा को नगर पंचायत बनाया जा सकता है, जिनकी जनसंख्या लगभग 20000 के करीब है? (ग) यदि नहीं, तो क्या विधानसभा क्षेत्र की बड़ी पंचायतों को अतिरिक्त आवंटन प्रदान करने का प्रावधान है? (घ) यदि हाँ, तो ग्राम पंचायत खिमलासा एवं मंडीवामोरा को नगर पंचायत में उन्नयन कब तक किया जावेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) मध्यप्रदेश राजपत्र असाधारण क्रमांक 584 भोपाल, दिनांक 27 दिसम्बर, 2011 की अधिसूचना अनुसार नगर परिषद्, नगर पालिका, नगर निगम के गठन का मापदण्ड जनसंख्या के अनुसार निर्धारित किया गया है, साथ ही संक्रमणशील क्षेत्र के गठन हेतु 09 अतिरिक्त बिन्दु भी निर्धारित किये गये हैं, जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) ग्राम पंचायत खिमलासा एवं ग्राम पंचायत मण्डीवामोरा को निर्धारित मापदण्डों की पूर्ति नहीं होने पर नगर परिषद् बनाये जाना संभव नहीं है। (ग) प्रावधानुसार आवंटित किया जाता है। (घ) शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नवीन महाविद्यालय की स्थापना
[उच्च शिक्षा]
87. ( क्र. 941 ) श्री महेश राय : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) महाविद्यालय खोलने हेतु शासन द्वारा क्या नीति निर्धारित की है? (ख) विधानसभा क्षेत्र बीना अंतर्गत खिमलासा एवं मंडीवामोरा जिनकी जनसंख्या आस-पास की पंचायतों को मिलाकर 30-40 हजार है, तो क्या महाविद्यालय खोलने में कठिनाई है? (ग) खिमलासा से अन्य महाविद्यालय की दूरी लगभग 20 कि.मी. की है, तो महाविद्यालय खोलने हेतु शासन की क्या योजना है? (घ) क्या भविष्य में महाविद्यालय खोलने की योजना है?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी हाँ। महाविद्यालय के प्रस्तावित क्षेत्र में कक्षा 12 वीं के 500 विद्यार्थी संख्या की उपलब्धता के आधार पर प्राथमिक परीक्षण किया जाता है। (ख) अपेक्षित विद्यार्थी संख्या की पूर्ति नहीं होने के कारण खिमलासा में महाविद्यालय खोले जाने में कठिनाई है। वर्तमान वित्तीय वर्ष में सीमित संसाधनों के कारण मंडी बामौरा में महाविद्यालय खोले जाने में कठिनाई है। मंडी बामौरा से 20 कि.मी. की दूरी पर बीना में संचालित दो शासकीय महाविद्यालयों एवं एक अशासकीय महाविद्यालय में विद्यार्थी अध्ययन कर सकते हैं। (ग) प्रश्नांश ''ख'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रश्नांश ''ख'' के अनुसार।
गंधवानी में महाविद्यालय भवन निर्माण की स्वीकृति
[उच्च शिक्षा]
88. ( क्र. 959 ) श्री उमंग सिंघार : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार जिले की गंधवानी विधानसभा अंतर्गत विकासखण्ड गंधवानी में महाविद्यालय भवन निर्माण कार्य की स्वीकृति हेतु क्या कार्यवाही की गई? (ख) प्रश्नांकित (क) अनुसार गंधवानी विकासखण्ड में महाविद्यालय भवन निर्माण की स्वीकृति कब तक दी जायेगी?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) शासकीय महाविद्यालय, गंधवानी जिला धार के भवन निर्माण हेतु म.प्र. शासन, उच्च शिक्षा विभाग के पत्र क्रमांक 21-1/2015/38-2, दिनांक 30/06/2016 द्वारा राशि रू. 133.18 लाख की प्रशासकीय स्वीकृति जारी की जा चुकी है। (ख) प्रश्नांश ''क'' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना में अनियमितता
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
89. ( क्र. 960 ) श्री उमंग सिंघार : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना क्रियान्वयन इकाई धार, जिला धार के अंतर्गत तिरला से कुआ मार्ग एवं क्रियान्वयन इकाई कुक्षी जिला धार के अंतर्गत मण्डावदा फाटा से उकाला एवं केशरपुरा से पाठामोटी मार्गों के निर्माण में घटिया निर्माण किया गया? उक्त सड़कों पर बिना मेंटेनेंस किये अधिकारियों द्वारा ठेकेदार को मेन्टनेंस का भुगतान कर दिया गया है? (ख) क्या प्रश्नांकित (क) के कार्य मण्डावदा फाटा से उकाला मार्ग से खेड़ी से उकाला तक रिनिवल कार्य में बगैर जी.एस.बी. कार्य किये अधिकारी एवं ठेकेदार की मिलीभगत से भुगतान निकाल लिया गया? (ग) क्या प्रश्नांकित (क) के कार्य केशरपुरा फाटा से पाठामोटी नवीन कार्य में अधिकारी एवं ठेकेदार द्वारा घटिया निर्माण किया गया? कार्य 2015 में पूर्ण हुआ और उक्त मार्ग का सीमेंट कांक्रीट को डामर डालकर ढ़क दिया गया है? उक्त कार्य का ठेकेदार को भुगतान किया गया है या नहीं?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) धार जिले की तिरला से कुआ सड़क की कुल लंबाई 30.94 कि.मी. है। इस सड़क की चैनेज 220 मीटर से 7033 मीटर (6813 मीटर) का निर्माण कार्य लोक निर्माण विभाग के अंतर्गत आता है। शेष लंबाई में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत, म.प्र. ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण की परियोजना क्रियान्वयन इकाई धार द्वारा निर्माण कार्य कराया गया है। इसी प्रकार मण्डावदा फाटा से उकाला एवं केशरपुरा से पाठामोठी का निर्माण कार्य परियोजना क्रियान्वयन इकाई कुक्षी द्वारा कराया गया है। उक्त सड़कों का निर्माण कार्य निर्धारित मानकों के अनुरूप गुणवत्तानुसार कराया गया है। जिसकी गुणवत्ता का परीक्षण निर्माण अवधि में एस.क्यू.एम. द्वारा समय-समय पर किया गया है जिसमें गुणवत्ता संतोषप्रद पाई गई है। उक्त सड़कों का संबंधित ठेकेदार द्वारा रख-रखाव/संधारण किये जाने पर निर्धारित मापदण्डों के अनुसार ठेकेदार को भुगतान किया गया है। (ख) जी नहीं, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत निर्मित सड़क उकाला से खेड़ी के रिन्यूवल कार्य में न तो जी.एस.बी. का कार्य कराया गया है और ना ही जी.एस.बी. का भुगतान किया गया है। सड़क के डामरीकृत भाग में बी.टी. रिन्यूवल का कार्य कराया गया है और बी.टी. रिन्यूवल का ही भुगतान किया गया है। (ग) जी नहीं, केशरपुरा फाटा से पाटामोठी सड़क का निर्माण कार्य उत्तरांश (क) अनुसार गुणवत्ता के अनुरूप कराया गया है। वर्तमान में उक्त सड़क 5 वर्षीय गारंटी अवधि के अंतर्गत है। माह जून 2016 में जल संसाधन विभाग द्वारा नवीन तालाब निर्माण में भारी वाहनों के आवागमन से सीमेंट कांक्रीट पेवमेंट में कुछ स्केलिंग हो गई थी जिसे ठेकेदार द्वारा सुधारा गया है जिसका कोई भुगतान ठेकेदार को नहीं किया गया है।
वृक्षारोपण पर व्यय राशि
[वन]
90. ( क्र. 962 ) श्री उमंग सिंघार : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वन विभाग द्वारा धार जिले में कहाँ-कहाँ पर वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में वृक्षारोपण किया गया? प्रश्न दिनांक तक कितने पौधे जीवित हैं एवं कितने नष्ट हो गये हैं? (ख) प्रश्नांकित (क) के संदर्भ में पौधों के नष्ट होने के क्या कारण रहे हैं एवं वृक्षारोपण पर कितनी राशि कहाँ-कहाँ पर खर्च की गई? ब्लॉकवार जानकारी उपलब्ध करावें?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
ग्राम नीमगॉव में खेल मैदान (स्टेडियम) का निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
91. ( क्र. 996 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) हरदा जिले में ग्राम नीमगॉव में खेल मैदान (स्टेडियम) निर्माण हेतु कलेक्टर हरदा द्वारा उपलब्ध कराई गई भूमि के संबंध में श्री व्ही.के. श्रीवास्तव अधीक्षण यंत्री, ग्रा.या. सेवा नर्मदापुरम संभाग होशंगाबाद द्वारा दी गई दो अलग-अलग रिर्पोट के संबंध में मुख्य सचिव, म.प्र. शासन भोपाल को लिखे पत्र गये क्रमांक 1489 दिनांक 07.09.2016 जिसकी प्रतिलिपि मा. मुख्य मंत्री महोदय, मा. पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री महोदय, मा. खेल एवं युवा कल्याण मंत्री महोदय, सहित अपर प्रमुख सचिव व प्रमुख अभियंता ग्रामीण यांत्रिकी सेवा को भी प्रेषित की गई थी पर क्या कार्यवाही हुई? (ख) क्या शासन अधीक्षण यंत्री द्वारा दिये गये निरीक्षण प्रतिवेदन क्रमांक/ 1128 दिनांक 08.07.2016 एवं सूचना के अधिकार के तहत आवेदक श्री सत्यनारायण आ.श्री प्रकाश चन्द्र खोखर नि. ग्राम नीमगॉव को दी गई जानकारी पत्र क्रमांक/ 1281 दिनांक 19.8.2016 में भिन्नता पाये जाने पर उनके विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही करेगा? (ग) अनुविभागीय अधिकारी एवं कार्यपालन यंत्री ग्रा.या. सेवा जिला हरदा द्वारा दिये गये जाँच प्रतिवेदन के आधार पर ग्राम नीमगॉव में खेल मैदान (स्टेडियम) का निर्माण कराया जावेगा। (घ) यदि हाँ, तो कब तक समय-सीमा बतायें। यदि नहीं, तो उसका क्या कारण है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) अधीक्षण यंत्री, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा मंडल नर्मदापुरम द्वारा प्रश्नाधीन कार्य स्थल का निरीक्षण दो बार दिनांक 10-12-15 एवं दिनांक 01-07-16 को किया गया। दोनों निरीक्षणों में कार्य स्थल स्टेडियम निर्माण हेतु उपयुक्त नहीं पाया गया। प्रश्नकर्ता द्वारा लिखे गये पत्र (क्रमांक 1409 दिनांक 16-08-16) के आधार पर मुख्य अभियंता को निरीक्षण हेतु निर्देशित किया गया। (ख) अधीक्षण यंत्री के निरीक्षण प्रतिवेदन एवं सूचना अधिकार अंतर्गत दी गई जानकारी में विसंगति नहीं होने से उनके विरूद्ध कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। स्थल तकनीकी रूप से उपयुक्त होना प्रतिवेदित नहीं है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
धार्मिक मंदिरों का जीर्णोद्धार
[धार्मिक न्यास और धर्मस्व]
92. ( क्र. 1020 ) श्री सचिन यादव : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विधानसभा के तारांकित प्रश्न संख्या-6 (क्रमांक 6294) दिनांक 15 मार्च, 2016 के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में क्या ग्राम सगूर भगूर में छोटीमाता का मंदिर, ग्राम पानवा में माता मंदिर एवं ग्राम कठोरा में श्री राम मंदिर इन तीनों मंदिरों के जीर्णोद्धार का इस्टीमेट बनाकर प्रस्ताव फिर से स्वीकृत किये गये है? हाँ तो कितनी-कितनी राशि के कब-कब और कब तक इनके कार्यों को पूर्ण करा लिया जायेगा? (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में क्या प्रश्नकर्ता का कोई पत्र विभाग को प्राप्त हुआ है? हाँ तो उस पर प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई है? हाँ तो बतायें नहीं तो विलंब के क्या कारण है?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
पी.एम.जी.एस.वाय. से नवीन मार्ग निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
93. ( क्र. 1036 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्योपुर जिले के ग्राम शाहपुरा से मयापुर मार्ग का निर्माण कार्य विलंब के बावजूद वर्तमान तक स्वीकृत न करने के क्या कारण हैं? कब तक स्वीकृत किया जावेगा? (ख) चालू वित्त वर्ष में वर्तमान तक प्रधान मंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत कौन-कौन सी सड़कों के निर्माण के प्रस्ताव स्वीकृति हेतु शासन को भेजे? इनकी वर्तमान स्थिति क्या है? ये कब तक स्वीकृत हो जावेंगे? (ग) उक्त भेजे गये प्रस्ताव में क्या ग्राम राड़ेप से सलमान्या, राड़ेप से बछेरी, अडवाड़ से चकासन, गोहेड़ा से पीलिया होकर जालेरा सड़क मार्ग के प्रस्ताव भी शामिल हैं? यदि नहीं, तो इन्हें शामिल करवाकर स्वीकृत कराये जावेंगे? यदि नहीं, तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) श्योपुर जिले के ग्राम शाहपुरा से मयापुर मार्ग जनगणना वर्ष 2001 के आधार पर स्वीकृत कोर नेटवर्क की सूची में शामिल नहीं होने के कारण स्वीकृत नहीं है। उक्त मार्ग के निर्माण का प्रस्ताव प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना-II के प्रस्ताव में शामिल किया गया है लेकिन भारत शासन से अनुमोदन पश्चात् ही आगामी कार्यवाही की जा सकेगी। (ख) चालू वित्त वर्ष में भारत शासन को स्वीकृति हेतु कोई प्रस्ताव अभी तक नहीं भेजे गये है अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) ग्राम राडेप से सलमान्या, राडेप से सरजूपुरा (बछेरी), अड़वाड से चकासन प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना-II के प्रस्ताव में शामिल किया गया है लेकिन भारत शासन से अनुमोदन उपरांत ही उक्त कार्य कराया जा सकेगा। मार्ग गोहेडा से पीलिया होकर जालेरा सड़क मार्ग में शासकीय भूमि उपलब्घ न होने के कारण पीलिया (टपरा) होते हुये प्रस्तावित नहीं किया जा सका है। इसलिये इस मार्ग को गोहेडा से सीधा जालेरा तक प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के पैकेज क्रमांक एम.पी. 38 के अंतर्गत जोड़ा जा रहा है।
कोयले की रॉयलटी पर 30 प्रतिशत् बढ़ी हुई एम.एम.डी.आर. कर की जानकारी
[खनिज साधन]
94. ( क्र. 1055 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कोयले की रॉयल्टी पर 30 प्रतिशत् बढ़ी हुई एम.एम.डी.आर. यह किस प्रकार का कर है और इस कर को कब से प्रारंभ किया गया है? (ख) यह एम.एम.डी.आर. कर कोयले खरीदने वाले व्यापारियों के ऊपर किस दिनांक से लागू की गयी है? (ग) क्या जिस कोयले के व्यापारी ने लगभग 20 माह पहले कोयला खरीदकर बाजार में बेच दिया है? क्या एम.एम.डी.आर. कर उन व्यापारियों से पूर्व में बेचे गये कोयले पर वसूला जायेगा? (घ) क्या एम.एम.डी.आर. कर कोयले पर जब से लागू किया है तब उस कर की जानकारी कोयले खरीदने के समय व्यापारियों को दी गई थी? यदि नहीं, दी गई है तो क्या इस कर की वसूली वर्तमान में कोयला व्यापारियों से किया जाना उचित है?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) एम.एम.डी.आर. के नाम से किसी प्रकार का कर खान एवं खनिज (विकास एवं विनियमन) अधिनियम, 1957 में प्रावधानित नहीं है। कोयले पर रॉयल्टी का निर्धारण भारत सरकार का विषय है। अत: प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्नांश 'क' के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) एवं (घ) प्रश्नांश 'क' के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
गर्ल्स कॉलेज की स्वीकृति
[उच्च शिक्षा]
95. ( क्र. 1059 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परासिया विधान सभा क्षेत्र में गर्ल्स कॉलेज खोले जाने के संबंध में दिनांक 17.12.2015 को संपन्न परामर्शदात्री समिति की बैठक में माननीय मंत्री जी को अवगत कराया गया था और पत्र भी प्रेषित किया गया था। जिस पर विभाग द्वारा अभी तक क्या कार्यवाही की गई है? (ख) परासिया विधान सभा क्षेत्र में गर्ल्स कॉलेज खोले जाने में विभाग द्वारा काफी विलम्ब किया जा रहा है? जिसका क्या कारण है? (ग) परासिया विधान सभा क्षेत्र में गर्ल्स कॉलेज खोले जाने की स्वीकृति विभाग द्वारा कब तक प्रदान कर दी जायेगी?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : परामर्शदात्री समिति की बैठक में लिये गये निर्णय अनुसार परासिया में कन्या महाविद्यालय खोले जाने का प्रस्ताव राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान के अंतर्गत परीक्षण किया जाना है तथा कार्यालयीन पत्र क्रमांक 1335/12/मं/आउशि/यो/16 दिनांक 18/11/2016 के द्वारा मान. विधायक जी को अवगत कराया गया है। (ख) प्रश्नांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
छिंदवाड़ा जिले में विश्वविद्यालय प्रारंभ किये जाना
[उच्च शिक्षा]
96. ( क्र. 1060 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या लम्बे समय से छिन्दवाड़ा जिले में विश्वविद्यालय प्रारंभ किए जाने की मांग विभिन्न संगठनों व जनप्रतिनिधियों द्वारा विभाग से की जा रही है? अगर हाँ तो उक्त संबंध में विभाग द्वारा अभी तक क्या कार्यवाही की गई है? (ख) छिन्दवाड़ा जिले में विश्वविद्यालय प्रारंभ किए जाने में काफी विलम्ब हो रहा है, जिसका क्या कारण है? (ग) छिन्दवाड़ा जिले में विश्वविद्यालय प्रारंभ किये जाने की स्वीकृति विभाग द्वारा कब तक प्रदान कर दी जायेगी?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी हाँ। वर्तमान में छिन्दवाड़ा जिले में कोई विश्वविद्यालय खोला जाना विचाराधीन नहीं है। (ख) प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ग) छिन्दवाड़ा जिले में मध्यप्रदेश निजी विश्वविद्यालय (स्थापना एवं संचालन) संशोधन अध्यादेश, 2016 के अध्यधीन जी.एच.रायसोनी निजी विश्वविद्यालय की स्थापना राजपत्र में प्रकाशित अधिसूचना दिनांक 13/06/2016 के द्वारा की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
एस.एस.ए. महाविद्यालय सीहोर में अतिरिक्त विषय का संचालन
[उच्च शिक्षा]
97. ( क्र. 1068 ) श्रीमती नंदनी मरावी : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के अतारांकित प्रश्न संख्या 40 (क्रमांक 2057) दिनांक 28/7/16 में अवगत कराया गया था कि शासकीय एस.एस.ए. महाविद्यालय सिहोरा में अतिरक्ति विषय आरंभ किये जाने हेतु कार्यवाही प्रचलन में है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार कौन-कौन से विषय कब से आरंभ किये जायेंगे एवं इनमें कितनी-कितनी सीट स्वीकृत की गई हैं?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी हाँ। यह अवगत कराया गया था कि परीक्षण की कार्यवाही प्रचलन में है। (ख) समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
सिहोरा नगर की पेयजल योजना
[नगरीय विकास एवं आवास]
98. ( क्र. 1069 ) श्रीमती नंदनी मरावी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रश्नकर्ता के परि.अता. प्रश्न संख्या 33 (क्रमांक 422), दिनांक 19/7/16 में अवगत कराया गया था कि सिहोरा नगर पालिका में मध्य प्रदेश अर्बन डवलपमेंट कंपनी के द्वारा जल प्रदाय योजना का काम किया जाना प्रस्तावित है। (ख) प्रश्नांश (क) जानकारी को चार माह का समय व्यतीत हो चुका है। कंपनी द्वारा किस स्टेज पर कार्य किया जा रहा है और विभाग द्वारा काम की क्या समय-सीमा निर्धारित की गई है? किन शर्तों पर कंपनी द्वारा काम किया जा रहा है? प्रति उपलब्ध करावें तथा कब तक कार्य पूर्ण कर लिया जावेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) योजना की डी.पी.आर. तैयार कर ऐशियन डेवलपमेंट बैंक (ए.डी.बी.) को परीक्षण हेतु भेजी गई है। डी.पी.आर. एवं अन्य विषयों पर ए.डी.बी. से सहमति प्राप्त होने पर निविदाएं आमंत्रित की जायेगी। विभाग द्वारा कार्यादेश के उपरांत 24 माह का समय कार्य पूर्ण करने के लिये निर्धारित किया जायेगा। जिस त्रिपक्षीय समझौते के अनुसार कार्य किया जा रहा है जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। समय-सीमा बतलाया जाना संभव नहीं है।
मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत लहार/रौन के विरूद्ध शिकायतों की जाँच
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
99. ( क्र. 1100 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 01 जनवरी 2015 से 30 सितम्बर 2016 तक लहार एवं रौन विकासखण्ड जिला भिण्ड की किन-किन पंचायतों के सरपंचगणों, जनपद अध्यक्षों एवं प्रश्नकर्ता ने कब-कब कलेक्टर भिण्ड, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत भिण्ड, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत लहार एवं रौन को भ्रष्टाचार एवं अनियमितताओं की शिकायतें की गई। प्रत्येक शिकायत का विवरण दें। (ख) उपरोक्त अवधि में की गई शिकायतों की जाँच किन-किन अधिकारियों द्वारा की गई प्रत्येक जाँच का प्रतिवेदन दें। सम्पूर्ण शिकायतों की जाँच कब तक कराई जावेगी। (ग) गंभीर अनियमितताओं एवं भ्रष्टाचार के प्रमाण सहित प्रस्तुत शिकायतों पर भी दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही न करने का कारण बतायें। दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी। यदि नहीं, तो क्यों।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जिला भिण्ड की विकासखण्ड रौन की जिला पंचायत अध्यक्ष द्वारा दिनांक 12/10/15 एवं 3/10/15 को कलेक्टर एवं आयुक्त चंबल संभाग मुरैना को भ्रष्टाचार एवं अनियमितताओं की शिकायत की गई। शिकायतों के विवरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उक्त शिकायत की जाँच परियोजना अधिकारी मनरेगा एवं लेखाधिकारी जिला पंचायत भिण्ड द्वारा संयुक्त रूप से की जा रही है। जाँच कार्यवाही प्रचलन में है, जिसे शीघ्र पूर्ण कराया जावेगा। (ग) जाँच कार्यवाही पूर्ण होने पर दोषिता का निर्धारण किया जाकर नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी। कार्यवाही प्रचलन में होने से प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
ग्राम पंचायतों में शौचालय निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
100. ( क्र. 1115 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2007 से 2011 तक खरगोन जिले की निर्मल भारत अभियान अंतर्गत घोषित निर्मल ग्रामों को कब-कब पुरस्कार की प्रथम किस्त तथा कब-कब द्वितीय किस्त प्रदान की गई। यदि द्वितीय किश्त प्रदान नहीं गई तो कारण सहित पंचायतवार सूची देवें। (ख) वर्ष 2007 से 2011 तक खरगोन जिले में निर्मल भारत अभियान अंतर्गत कितनी ग्राम पंचायतों द्वारा कितने शौचालय का निर्माण कराया गया या अनुदान दिया गया है। पंचायतवार शौचालय संख्या देवें। ग्राम पंचायत बरूड़, खरगोन के हितग्राहियों जिनके घर शौचालय निर्माण कराया गया है नाम, पिता का नाम, सरनेम पता सहित सूची देवें। (ग) वर्ष 2012 से 2016 तक खरगोन जिले में मर्यादा अभियान अंतर्गत कितनी ग्राम पंचायतों द्वारा कितने शौचालयों का निर्माण कराया गया या अनुदान दिया गया है। पंचायतवार शौचालयों की संख्या देवें। ग्राम पंचायत बरूड़, ब्लाक खरगोन, जिला खरगोन के हितग्राहियों जिनके घर शौचालय निर्माण कराया गया है नाम, पिता का नाम, सरनेम, पता सहित सूची देवें। (घ) ओडिएफ ग्राम पंचायतों की सूची देवें।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) वर्ष 2007 से 2011 तक खरगोन जिले की निर्मल भारत अभियान अंतर्गत घोषित निर्मल ग्रामों को पुरस्कार की प्रथम किस्त प्रदाय किये जाने की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। प्रथम किस्त के उपयोग के संबंध में विस्तृत जानकारी प्राप्त न होने के कारण उक्त ग्राम पंचायतों को द्वितीय किश्त प्रदाय नहीं की गई। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है।
जनसुनवाई के आवेदनों पर लापरवाही
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
101. ( क्र. 1123 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जन सुनवाई आवेदन क्रमांक 67968 दिनांक 04 अगस्त 2015 की जाँच में जनपद पंचायत खरगोन के सी.ई.ओ. ने जाँच प्रतिवेदन में पाया की ग्राम पंचायत ईदारतपुर में सीसी खरंजा निर्माण घटीया होने से उखड़ रहा है? सचिव द्वारा इस खरंज की तकनीकी स्वीकृति प्राप्त नहीं होने के बावजूद पहले से ही घटीया खरंजा निर्माण कराया गया? सचिव के विरूद्ध कोई कार्यवाही नहीं की गई और शिकायत को विलोपित कर दिया गया? कारण बतायें। (ख) क्या जन सुनवाई आवेदन क्रमांक 60764 दिनांक 23 जून 2015 की जाँच में ई.ई., आर.ई.एस., खरगोन ने जाँच प्रतिवेदन में पाया की ग्राम पंचायत ईदारतपुर में मृत व्यक्तियों के नाम पर कार्य बताया गया तथा राशि का आहरण किया गया? सचिव द्वारा कार्य की गुणवत्ता का ध्यान नहीं रखा गया तथा वेस्ट वियर का निर्माण नहीं किया गया? सचिव के विरूद्ध कोई कार्यवाही नहीं की गई और शिकायत को विलोपित कर दिया गया? सचिव पर कार्यवाही नहीं करने का कारण बतायें। सचिव को दोषी पाये जाने के बाद भी उसके विरूद्ध विभागीय जाँच नहीं कराने का कारण बतायें। (ग) क्या जन सुनवाई आवेदन क्रमांक 68066 दिनांक 04 अगस्त 2015 पर जाँच प्रतिवदेन तैयार ही नहीं किया गया ओर शिकायत को जनसुनवाई की लंबित सूची से विलोपित करने हेतु कार्यपालन यंत्री, ग्रामीण विकास सेवा, खरगोन ने प्रभारी अधिकारी जनसुनवाई को पत्र प्रेषित किया गया। जन सुनवाई के आवेदन पर बिना जाँच प्रतिवेदन तैयार करे इस तरह से शिकायत को विलोपित करने पर ई.ई., आर.ई.एस. के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई यदि नहीं, की गई तो कारण बताये। क्या जनसुनवाई के प्रकरण इसी तरह से बिना जाँच प्रतिवेदन के विलोपित करने की नीति है। यदि नहीं, है तो क्या कार्यवाही होगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। जी नहीं। मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत खरगोन के जाँच प्रतिवेदन अनुसार खरंजा निर्माण किसी भी योजना में स्वीकृत न होने से सचिव के विरूद्ध कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। इसलिए शिकायत को विलोपित कराया गया। (ख) जी नहीं। प्रश्नागत कार्य की कार्यकारी एजेंसी ग्रामीण यांत्रिकी सेवा होने से सचिव द्वारा कार्य की गुणवत्ता का ध्यान नहीं रखने तथा वेस्ट वेयर का निर्माण नहीं करने संबंधी प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। इसी कारण सचिव के विरूद्ध कार्यवाही नहीं की गई और शिकायत विलोपित कराई गई। प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ग) जनसुनवाई आवेदन क्रमांक 68066 दिनांक 04 अगस्त 2015 में शिकायतकर्ता द्वारा श्री बी.एल.जमरा अनुविभागीय अधिकारी ग्रामीण यांत्रिकी सेवा उपसंभाग खरगोन व अन्य द्वारा प्रश्नांश ‘‘ख’’ में उल्लेखित शिकायत की जाँच रिपोर्ट मांगे जाने पर उपलब्ध नहीं कराये जाने संबंधी शिकायत की गई थी। तत्समय उक्त जाँच पृथक से प्रचलित होने से शिकायतकर्ता को जाँच प्रतिवेदन दिया जाना संभव नहीं था। अतएव कार्यपालन यंत्री ग्रामीण यांत्रिकी सेवा खरगोन द्वारा प्रभारी अधिकारी जनसुनवाई कलेक्टर कार्यालय खरगोन को पत्र क्रमांक 6757 दिनांक 21.09.2015 प्रेषित कर जनसुनवाई मं प्रस्तुत आवेदन क्रमांक 68066 दिनांक 04 अगस्त 2015 को विलोपित कराया गया। प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। जी नहीं। प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
वन ग्रामों में द्वारा कराये गये निर्माण कार्य
[वन]
102. ( क्र. 1135 ) श्री रजनीश सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिले में कितने वन ग्राम है एवं उनकी आबादी कितनी है? इन वन ग्रामों में शासन द्वारा विगत 03 वर्षों में कौन-कौन से निर्माण कार्य कितनी-कितनी लागत के कराये गये है? बतायें। (ख) सिवनी जिले में कितने वन मार्ग हैं एवं मार्ग कहाँ से कहाँ तक हैं? उक्त मार्गों में विगत 03 वर्षों में उनके मरम्मत एवं निर्माण के लिये कितनी राशि व्यय की गई? (ग) जिले में कितनी वन समितियॉ कार्यरत हैं एवं इन समितियों के माध्यम से जिले में क्या-क्या कार्य कहाँ-कहाँ कराये गये है? नवम्बर 2016 की स्थिति में किस-किस समिति के पास कितनी-कितनी राशि जमा है तथा उक्त राशि से क्या कार्य कराये जाएंगे?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं 2 अनुसार है। (ग) समिति के पास शेष उपलब्ध राशि से समिति के अनुमोदन के आधार पर वानिकी कार्य एवं ग्राम विकास कार्य समय-समय पर संपादित किये जाते हैं। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है।
विज्ञान संकाय प्रारंभ किया जाना
[उच्च शिक्षा]
103. ( क्र. 1136 ) श्री रजनीश सिंह : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र केवलारी अंतर्गत आदिवासी बाहुल्य विकासखंड धनौरा में महाविद्यालय खोले जाने एवं विकास खंड केवलारी व छपारा में विज्ञान संकाय खोले जाने हेतु प्रश्नकर्ता द्वारा क्या निरंतर मांग की जा रही है एवं इन मांगों पर शासन ने क्या कार्यवाही की है? (ख) दिसंबर 2015 के मानसून सत्र में प्रश्नांश 'क' के अनुसार पूछे गये अतारांकित प्रश्न क्रमांक 2563 महाविद्यालय खोले जाने एवं प्रश्न क्रमांक 2564 में विज्ञान संकाय खोले जाने के उत्तर में पूर्व संचालित महाविद्यालयों में सुदृढ़ीकरण, गुणवत्ता एवं विकास करने एवं विज्ञान संकाल खोले जाने के लिये भी अपने उत्तर में पूर्व संचालित पाठयक्रमों में सुदृढ़ीकरण, गुणवत्ता एवं विकास का उत्तर देते हुये महाविद्यालय एवं विज्ञान संकाय खोले/प्रारंभ किये जाने में कठिनाई का उल्लेख किया था। क्या विज्ञान संकाय प्रारंभ किये जाने एवं महाविद्यालय खोले जाने में सुदृढ़ीकरण, गुणवत्ता बाधक है? यदि हाँ, तो क्यों स्पष्ट करें? (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में शिक्षा के स्तर सुधारने के लिये किये जा रहे सुदृढ़ीकरण, गुणवत्ता विकास के प्रयास कब तक किये जाएंगे? क्या इस सत्र में प्रश्नकर्ता की उक्त दोनों मांगों पर गंभीरता से कार्यवाही की जाकर क्या इसे मूर्त रूप में परिणित किया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक केवलारी एवं छपारा में विज्ञान संकाय प्रारंभ एवं धनौरा में महाविद्यालय खोला जायेगा हाँ, तो समयावधि बतायें।
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी हाँ, मांगों को मान्य किये जाने में कठिनाई व्यक्त की गई है। (ख) जी हाँ। जी नहीं, उपलब्ध संसाधनों का उपयोग कर सुदृढीकरण एवं गुणवत्ता संवर्धन के कार्य निरन्तर किये जा रहे है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार। जी नहीं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
ज्यादा आबादी वाले टोलों को पंचायत मुख्यालय से जोड़ना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
104. ( क्र. 1163 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र लांजी अंतर्गत ग्राम नीलागोंदी, ग्राम पंचायत कांडीकला जनपद पंचायत किरनापुर, ग्राम जामुनटोला ग्राम पंचायत रिसेवाड़ा तथा चौदाटोला ग्राम पंचायत टेमनी जनपद पंचायत लांजी राजस्व ग्राम नहीं हैं किन्तु लगभग हजार की जनसंख्या के गांव हैं इन ग्रामों को मुख्य पंचायत से जोड़ने हेतु शासन के पास क्या योजना है? क्योंकि राजस्व ग्राम न होने के कारण इन्हें प्रधानमंत्री अथवा मुख्यमंत्री योजना से नहीं जोड़ा जा सकता? (ख) प्रदेश में अनेक ऐसे गांव हैं जिनकी जनसंख्या 500 से अधिक है जिनकी दूरी पंचायत मुख्यालय से 2 कि.मी. या इससे अधिक है, ऐसे ग्रामों को मुख्यमंत्री सड़क योजना से जोड़ने हेतु, राजस्व ग्राम होने की शर्त हटाने पर क्या शासन विचार करेगा? (ग) प्रदेश के ऐसे सभी ग्रामों को पंचायत मुख्यालय से जोड़ने हेतु क्या शासन विस्तृत कार्य योजना बनाकर ग्रामीण विकास मंत्रालय भारत सरकार को भेजेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के दिशा निर्देशों के अनुसार वर्ष 2001 की जनगणना के अनुसार सामान्य विकासखंडों में 500 अथवा अधिक तथा आदिवासी विकासखंडों में 250 अथवा अधिक जनसंख्या वाले पात्र राजस्व ग्रामों को तथा मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत वर्ष 2001 की जनगणना के अनुसार सामान्य विकासखंडों में 500 से कम तथा आदिवासी विकासखंडो में 250 से कम जनसंख्या वाले पात्र राजस्व ग्रामों को सम्मिलित किया गया है। प्रश्नांश में उल्लेखित ग्राम पात्रता में नहीं आने से उक्त द्वय योजनाओं द्वारा ग्राम पंचायतों से नहीं जोड़ा जा सकता है। (ख) वर्तमान में प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित प्रस्ताव शासन के समक्ष विचाराधीन नहीं है। (ग) वर्तमान में प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित प्रस्ताव शासन के समक्ष विचाराधीन नहीं है।
राजस्व भूमि में सागौन वृक्षों की कटाई की अनुमति
[वन]
105. ( क्र. 1164 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजस्व भूमि में सागौन वृक्षों की कटाई हेतु पूर्व में निर्धारित 90 से.मी. गोलाई को बढ़ा कर 137 सेंटीमीटर करने के फैसले के बाद अनुमति देने की संख्या में कमी आई है? (ख) वनीकरण को प्रोत्साहित करने के लिए क्या शासन सागौन वृक्षों की कटाई की अनुमति पुन: 90 सेंटीमीटर अथवा 100 सेंटीमीटर करने पर विचार करेगा ताकि सागौन बेचने से प्राप्त राशि से अपने सामाजिक दायित्वों को पूरा करने हेतु लाभ मिल सके?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) राजस्व भूमि में सागौन वृक्षों की कटाई हेतु पूर्व में निर्धारित 90 से.मी. करने संबंधी वन विभाग ने कोई निर्देश जारी नहीं किये है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) सागौन वृक्षों की कटाई हेतु गोलाई कम ज्यादा करने का वन विभाग का कोई विचार नहीं है। अतः वनीकरण से प्राप्त सागौन वृक्षों को बेचने पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।
महिदपुर के बड़ा राम मंदिर प्रकरण की अद्यतन स्थिति
[धार्मिक न्यास और धर्मस्व]
106. ( क्र. 1173 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) वि.स. क्षेत्र महिदपुर के बड़ा राम मंदिर प्रकरण में विगत 6 माह में मा. सर्वोच्च न्यायालय में कितनी तारीखें लगी? (ख) इसमें शासन की ओर से कौन वकील नियुक्त है? कितनी बार उपरोक्त अवधि में उपस्थित/अनुपस्थित रहे? (ग) प्रकरण की अद्यतन स्थिति बतावें?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
विकलांग (दिव्यांग) व्यक्तियों को अतिथि शिक्षक के रूप में नियुक्ति
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
107. ( क्र. 1192 ) श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. शासन विकलांग (दिव्यांग) बेरोजगार व्यक्तियों को अतिथि शिक्षक के रूप में नियुक्त किये जाने के क्या प्रावधान है? प्रक्रिया की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) क्या म.प्र. शासन द्वारा निर्धारित प्रावधान के अनुसार शासन द्वारा शिक्षा विभाग में नियुक्तियों की गई हैं? यदि नहीं, तो कारण बतावें? (ग) क्या सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन कलयाण विभाग शालेय शिक्षा विभाग के अतिरिक्त अन्य विभागों में भी विकलांग व्यक्तियों की परेशानियों को देखते हुए व उन्हें आत्म निर्भर बनाने हेतु आरक्षण नियमों का पालन करते हुए नियुक्ति हेतु आदेश प्रसारित करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) शासन के परिपत्र क्रं 44-15/2010/20-2 दिनांक 23 नवंबर 2010 के तहत शिक्षा विभाग द्वारा कार्यवाही की जाती है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) चूंकि अतिथि शिक्षक के नाम से पद स्वीकृत नहीं है। नियमित शिक्षकों के स्वीकृत पदों के लिए 6 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मनरेगा अंतर्गत भुगतान
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
108. ( क्र. 1211 ) श्रीमती शकुन्तला खटीक : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अंतर्गत मनरेगा योजना के द्वारा किये जा रहे निर्माण कार्यों में केवल मजदूरी पर ही भुगतान हो रहा है? शेष भुगतान रोक दिये गये हैं? (ख) यदि हाँ, तो शेष भुगतान रोके जाने के क्या कारण हैं? कारणों से अवगत करावें व शेष राशि (मजदूरी के अतिरिक्त) कब तक भुगतान कर दी जायेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। (ख) उत्तरांश ‘क’ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता।
नवीन प्रधानमंत्री सड़क की लागत
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
109. ( क्र. 1221 ) श्रीमती पारूल साहू केशरी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिले में मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना अंतर्गत 01 जनवरी 2013 से लेकर प्रश्न दिनांक तक कितने और कौन-कौन से स्वीकृत,प्रगतिरत मार्गों की सी.सी. (कम्लीशन सर्टिफिकेट) जारी किये जा चुके हैं? जानकारी विधानसभा क्षेत्रवार एवं मार्गवार दी जावे? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार उक्त में से कितने और कौन-कौन से मार्गों पर प्रधानमंत्री सड़क निर्माण कार्य प्रश्न दिनांक तक स्वीकृत किये गये हैं और कितने मार्ग प्रस्तावित किये गये हैं तथा इनमें से कितने कार्य प्रारंभ हो चुके हैं? जानकारी विधानसभा क्षेत्रवार, सड़कमार्ग सहित दी जाये? (ग) क्या पूर्व में किये गये कार्यों में व्यय की गयी राशि को नवीन प्रधानमंत्री सड़क की लागत (कास्ट) में से कम किया गया है अथवा नहीं? स्वीकृत निर्माण राशि में से पूर्व में हो चुके व्यय की लागत कम नहीं करने से शासन को कितना नुकसान मार्गवार उठाना पड़ेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) में उल्लेखित कार्य प्रधानमंत्री सड़क योजना में स्वीकृत अथवा प्रस्तावित नहीं है अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
परिसंपत्तियों का हस्तांतरण
[नगरीय विकास एवं आवास]
110. ( क्र. 1222 ) श्रीमती पारूल साहू केशरी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के परि. अता. प्रश्न संख्या-100 (क्रमांक 1924) दिनांक 25/02/2016 में जानकारी दी गयी कि कलेक्टर सागर के पत्र क्रमांक 1471 दिनांक 12/02/2016 द्वारा सी.ई.ओ. जनपद पंचायत राहतगढ़ को हस्तांतरण योग्य संपत्तियों की जानकारी एवं अभिलेख नगर पालिका परिषद राहतगढ़ को सौंपे जाने के आदेश जारी किये गये हैं, तो क्या सी.ई.ओ. जनपद पंचायत राहतगढ़ द्वारा कलेक्टर सागर के निर्देशों का पालन करते हुये हस्तांतरण योग्य संपत्तियों की सूची एवं अभिलेख नगरपालिका परिषद् राहतगढ़ को सौंप दिये हैं? अथवा नहीं? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा पत्र क्रमांक कलेक्टर/2016/367 सागर दिनांक 08 जून 2016 द्वारा कलेक्टर सागर को नगर परिषद राहतगढ़ की परिसंपत्तियों के संबंध में एक पत्र लिखा गया था? (ग) प्रश्नकर्ता के इस पत्र पर क्या कार्यवाही की गयी है और क्या कार्यवाही की जानकारी प्रश्नकर्ता को दी गयी है? यदि हाँ, तो कब? प्रणाणित प्रति उपलब्ध करायी जाये?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) कलेक्टर, जिला-सागर के पत्र क्रमांक 1471 दिनांक 12.02.2016 के द्वारा मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत, राहतगढ़ को पत्र लिखा गया था, जिसमें जनपद पंचायत क्षेत्र के अंतर्गत नगर परिषद, राहतगढ़ के हस्तांतरण योग्य परिसंपत्तियों की जानकारी एवं उससे संबंधित अभिलेख नगर परिषद, राहतगढ़ को सौपने के निर्देश दिये गये थे, उक्त परिप्रेक्ष्य में जनपद पंचायत, राहतगढ़ द्वारा अपने पत्र क्रमांक 321 दिनांक 16.02.2016 के द्वारा कलेक्टर, सागर को पत्र लिखकर लेख किया गया था कि जनपद में निहित समस्त संपत्तियों का हस्तांतरण संबंधी किसी भी राजपत्र में नोटिफिकेशन नहीं किया गया है, मात्र शासन द्वारा वर्ष 1979 में नगर पंचायत की सीमाओं का नोटिफिकेशन किया गया है तथा जनपद पंचायत की कोई भी संपत्ति का हस्तांतरण नगर परिषद, राहतगढ़ को किया जाना संभव नहीं है, जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नकर्ता द्वारा कलेक्टर, जिला-सागर को लिखे गये पत्र क्रमांक 367/2016 दिनांक 08.06.2016 की जानकारी विभाग को प्राप्त नहीं हुई है। (ग) शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
वृक्षारोपण में राशि का सदुउपयोग
[वन]
111. ( क्र. 1224 ) श्रीमती पारूल साहू केशरी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वन विभाग द्वारा वृक्षारोपण के लिये प्राप्त राशि का सदुपयोग नहीं किया जाता है? जिससे इसके अच्छे परिणाम प्राप्त नहीं होते है? (ख) यदि नहीं, तो बतावें कि सागर जिले में वन विभाग को विगत 05 वर्षों में वृक्षारोपण हेतु कितना-कितना आवंटन प्राप्त हुआ है और आवंटन से कितनी-कितनी राशि वृक्षारोपण में कब-कब व्यय की गयी? वृक्षारोपण कब-कब और कहाँ-कहाँ, किस-किस स्थान पर कराया गया? विगत 5 वर्षों की जानकारी प्रमाण सहित उपलब्ध करायी जाये? (ग) क्या वन विभाग द्वारा एक ही स्थान पर बार-बार वृक्षारोपण कराये जाने से राशि का सदुपयोग नहीं हो पाता है? क्या इसकी जाँच जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति में करायी जावेगी? (घ) यदि हाँ, तो कब तक और यदि नहीं, तो क्यों?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी नहीं। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं 2 अनुसार है। (ग) जी नहीं। जाँच कराने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नांश (ग) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
विधायक निधी के लंबित निर्माण कार्य
[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]
112. ( क्र. 1236 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खण्डवा जिले में वर्ष 2012-13 से अब तक विधायक निधि से कुल कितनी राशि के कुल कितने कार्य स्वीकृत हुए है? (ख) क्या उक्त स्वीकृत कार्यों को संबंधित एजेंसी द्वारा समय-सीमा में पूर्ण किया गया है? यदि नहीं, तो क्यों? क्या इन कार्यों की समीक्षा जिले के अधिकारियों द्वारा की गई है यदि हाँ, तो कब-कब? (ग) क्या वर्षों से लंबित स्वीकृत कार्य समय-सीमा में पूर्ण न होने से उनके निर्माण की लागत बढ़ गई? यदि हाँ, तो समय-सीमा में कार्य पूर्ण न करने के कौन दोषी है? उन पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? (घ) क्या भविष्य में विधायक निधि से स्वीकृत कार्यों को नियत समय-सीमा में पूर्ण कराने के कड़े निर्देश शासन द्वारा जारी किये जायेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? (ड.) खण्डवा जिले में जिला योजना अधिकारी के रिक्त पद पर पदस्थापना आदेश कब तक जारी किये जायेंगे?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) योजनान्तर्गत जिले में वर्ष 2012-13 से प्रश्न दिनांक तक 895 कार्य राशि रूपये 1462.50 लाख के स्वीकृत किये गये है। (ख) जी नहीं। क्रियान्वयन एजेन्सियों की कुछ तकनीकी एवं अन्य प्रशासनिक कारणों से कुछ निर्माण कार्य पूर्ण नहीं हो सके। जी हाँ। प्रत्येक समयावधि पत्रों की समीक्षा बैठक में कलेक्टर द्वारा प्रति सप्ताह तथा निर्माण कार्यों की समीक्षा बैठक दिनांक 18.12.2015, 4.2.2016 एवं 22.9.2016 को आयोजित की गई। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ड.) सहायक संचालक/जिला सांख्यिकी अधिकारी से उप संचालक/जिला योजना अधिकारी पद पर पदोन्नति होने पर नियमित रूप से जिला योजना अधिकारी की पदस्थापना की जा सकेगी।
पूर्ण उत्तर का प्रदाय
[धार्मिक न्यास और धर्मस्व]
113. ( क्र. 1320 ) श्री हरवंश राठौर : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि विधानसभा सत्र जुलाई 2016 के अतारांकित प्रश्न क्रमांक 96 की अप्राप्त जानकारी उपलब्ध कराई जाए।
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) पब्लिक ट्रस्ट रजिस्ट्रार कार्यालय सागर में 635 पब्लिक ट्रस्ट पंजीकृत है। (ख) 147 पब्लिक ट्रस्टों द्वारा आय व्यय प्रस्तुत किया गया है। अनुविभागवार जानकारी निम्नानुसार है:-
क्र. अनुविभाग ट्रस्ट संख्या
1 सागर 15
2 खुरई 116
3 रहली 10
4 बंडा --
5 देवरी --
6 बीना 5
7 राहतगढ़ 1
कुल योग 147
(ग) जिन 488 पब्लिक ट्रस्टों ने रजिस्ट्रार कार्यालय में आय-व्यय प्रस्तुत नहीं किया, उन पर रजिस्ट्रार द्वारा कार्यवाही प्रारंभ की जाकर पत्र/नोटिस जारी किये गये है।
जिला गुना में वाटर शेड परियोजनाओं में अनियमितता
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
114. ( क्र. 1338 ) श्रीमती ममता मीना : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गुना जिले में जिला पंचायत गुना से वाटरशेड आई.डब्ल्यू.एम.पी. में वर्ष 2009 से 2015-16 तक विकासखण्डवार कौन-कौन सी परियोजनायें संचालित हुई? इन परियोजनाओं के नाम तथा परियोजनावार लाभांवित ग्रामों की सूची बतायें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार वर्षवार परियोजनावार कराये गये कार्यों की सूची दें किन-किन कार्यों पर परियोजनावार कितनी-कितनी राशि वर्षवार व्यय की गई? (ग) क्या उक्त परियोजनाओं में शासन दिशा-निर्देशों के अनुसार ही राशि व्यय की गई है? यदि नहीं, तो दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही आज तक क्यों नहीं की गई?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) जी हाँ। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
निर्माण कार्यों एवं क्रय की गई सामग्री में अनियमितता की जाँच
[नगरीय विकास एवं आवास]
115. ( क्र. 1344 ) श्रीमती ममता मीना : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या गुना जिले में कुंभराज नगर पंचायत में वर्ष 2006 से 2008 तक किये गये निर्माण कार्य एवं क्रय की गई सामग्री एवं पेयजल में हुई शिकायतों के अनुक्रम में तत्कालीन अध्यक्ष, सी.एम.ओ. एवं कर्मचारी तथा निर्माण एजेन्सी के विरूद्ध जाँच प्रतिवेदन कार्यपालन यंत्री, नगरीय प्रशासन ग्वालियर के पत्रांक 06/583 ग्वालियर दिनांक 22-7-2006 के बिल क्र. 1 लगायत 5 तक में दोषी पाये गये पदाधिकारियों पर कब तक कानूनी कार्यवाही होगी एवं राशि कब तक वसूल होगी? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में दोषी पाये गये अधिकारियों/कर्मचारियों एवं ठेकेदारों पर क्या आपराधिक प्रकरण दर्ज कराते हुए राशि वसूल की जावेगी? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) में वर्णित अधिकारियों/कर्मचारियों एवं ठेकेदारों पर अब तक कार्यवाही न करने वाले अधिकारियों के विरूद्ध विभाग क्या कार्यवाही करेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) से (ग) प्रकरण में विभाग के पत्र क्रमांक एफ 44-44/2015/18-3 दिनांक 04.12.2005 द्वारा श्रीमती निर्मला राजपूत नगर पंचायत कुभराज एवं श्री बी.आर.कामले तत्कालीन मुख्य नगर पालिका अधिकारी को कारण बताओं सूचना पत्र एवं आरोप पत्र जारी किये गये थे। प्रकरण में नियमानुसार कार्यवाही प्रचलित है। प्रकरण में कार्यवाही उपरांत गुण दोष के आधार पर आगामी निर्णय लिया जावेगा। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं।
अपूर्ण तथा अप्रारंभ कार्य
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
116. ( क्र. 1360 ) श्री संजय शर्मा : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रायसेन जिले के जनपद पंचायत बेगमगंज की ग्राम पंचायत खैरीता चौका, लखनपुर, फतेहपुर, कुण्डा खमरिया टी.एन.जी. तथा मोईया को 1 जनवरी 14 से नवम्बर 16 तक की अवधि में किस-किस योजना मद में कितनी राशि कब-कब प्राप्त हुई? उक्त राशि से क्या-क्या कार्य, कहाँ-कहाँ करवायें, कौन-कौन सी सामग्री क्रय की? (ख) उक्त कार्यों में से कौन-कौन से कार्य अपूर्ण एवं अप्रारंभ है क्यों कार्यवार कारण बतायें उक्त कार्य कब तक पूर्ण होगें। (ग) प्रश्नांश (क) के कार्यों का मूल्यांकन एवं सत्यापन किन-किन अधिकारियों ने कब-कब किया? क्या-क्या अनियमिततायें पाई पूर्ण विवरण दें? (घ) कार्य स्थल पर बोर्ड क्यों नहीं लगवायें? उक्त कार्यों का निरीक्षण कब-कब, किस-किसने किया? क्या-क्या कमियां पाई?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) 1 जनवरी 2014 से नवम्बर 2016 तक प्राप्त राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ‘‘ अनुसार। प्राप्त राशि से क्या-क्या कार्य, कहाँ-कहाँ करवायें, कौन-कौन सी सामग्री क्रय की, कि जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ब‘‘ अनुसार। (ख) से (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ब‘‘ अनुसार।
जलग्रहण मिशन अंतर्गत संरचनाओं की मरम्मत
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
117. ( क्र. 1382 ) श्री विष्णु खत्री : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैरसिया विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत जल ग्रहण मिशन अन्तर्गत आई.डब्ल्यू.एम.पी. के माध्यम से विभिन्न जल संरचनाओं का निर्माण किस-किस क्षेत्र में किया गया था निर्मित जल संरचनाओं की वर्तमान में जलभराव की स्थिति क्या है? (ख) प्रश्नांश (क) में दर्शित जल संरचनाओं में से कितने पर अतिक्रमण है, कितनी मरम्मत योग्य है और कितने का उपयोग वर्तमान में हो रहा है? (ग) प्रश्नांश (क) में दर्शित जल संरचनाओं से कास्तकारों की सिंचाई हेतु निर्मित नहरों को वर्तमान में क्या स्थिति है? कितनी सिंचाई योग्य हैं, कितने में मरम्मत की आवश्यकता है एवं कितनी नहरों को पुन: बनाये जाने की आवश्यकता है? (घ) प्रश्नांश (क) में दर्शित जल संरचनाओं की जल भराव में वृद्धि के उद्देश्य से क्या इनकी ऊंचाई में बढ़ोत्तरी किये जाने की मंशा विभाग रखता है? यदि हाँ, तो विभाग की इस संबंध में क्या कार्य योजना है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (क) के उत्तर में दर्शित जल संरचनाओं में नहर निर्माण शामिल नहीं है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अतिक्रमण हटाया जाना
[नगरीय विकास एवं आवास]
118. ( क्र. 1394 ) श्री सूबेदार सिंह रजौधा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या प्रश्न क्रमांक १८३७ अतारांकित दिनांक २६-०७-२०१६ के उत्तरांश में (क), (ख), (ग), (घ) में जानकारी एकत्रित की जा रही है बताया गया है तो क्या प्रश्न दिनांक तक जानकारी एकत्रित की जा चुकी है यदि नहीं, तो जानकारी एकत्रित करने में विलंब के क्या कारण है स्पष्ट करे एवं प्रश्न दिनांक तक अध्यतन जानकारी का विवरण देवें?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। प्रश्न दिनांक तक अद्यतन जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
जिला पंचायत सिवनी अंतर्गत कार्यवाही
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
119. ( क्र. 1430 ) श्री कमल मर्सकोले : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सिवनी जिले में जिला पंचायत अंतर्गत वर्ष 2014-15 में निर्मल भारत अभियान अतंर्गत प्रिंटिग घोटाले के संबंध में विधानसभा सत्र 14 मार्च 2016 तारांकित प्रश्न क्रमांक 4901 में मौखिक चर्चा में विभागीय मंत्री महोदय द्वारा आश्वासन दिया गया था कि इस मामले में तत्कालीन सी.ई.ओ. जो भी जिम्मेदार है उनके विरूद्ध भी कार्यवाही की जावेगी। (ख) यदि हाँ, तो इस प्रिंटिंग घोटाले में संलग्न सी.ई.ओ. जिला पंचायत के विरूद्ध क्या कार्यवाहियां की गई अवगत करावें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रकरण की जाँच में तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत के विरूद्ध कोई दोष सिद्ध नहीं होने के कारण कोई कार्यवाही नहीं की गई।
दक्षिण सामान्य वन मंडल सिवनी अंतर्गत कराये गये कार्य
[वन]
120. ( क्र. 1431 ) श्री कमल मर्सकोले : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दक्षिण सामान्य वनमण्डल सिवनी के अंतर्गत वर्ष 2014-15, 2015-16 व 2016-17 में किन-किन क्षेत्रों में वृक्षारोपण कराये गये है उसकी व्यय राशि अनुसार सूची, पूर्व में किये गये वृक्षारोपण की सफाई, निंदाई गुड़ाई की जानकारी प्रदान करें? (ख) दक्षिण सामान्य वनमण्डल सिवनी के अंतर्गत वर्ष 2015-16, 2016-17 में कराये गये समस्त निर्माण कार्यों की तकनीकि, प्रशासनिक स्वीकृति व व्यय की राशि की जानकारी देवें?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं 2 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है।
पात्र हितग्राहियों का चयन न करने के लिए संबंधितों पर कार्यवाही
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
121. ( क्र. 1442 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रीवा जिले में प्रधानमंत्री आवास योजना का क्रियान्यवयन सामाजिक आर्थिक गणना 2011 को आधार मानकर किया जा रहा है, जबकि इस जनगणना का न तो ग्रामसभा से अनुमोदन कराया गया और न ही इस पर दावा आपत्ति लेकर सुधार की कार्यवाही करायी गई, जिस कारण सूची में भारी विसंगति है? (ख) यदि हाँ, तो रीवा जिले की जनपद पंचायतों के ग्राम पंचायतों के हितग्राहियों के चयन का जो लक्ष्य निर्धारित किया गया, जो विसंगतिपूर्ण है? क्या लक्ष्य का निर्धारण करते समय पंचायतों की जनसंख्या को आधार नहीं माना गया? अगर माना गया तो लक्ष्य निर्धारण में विसंगतियां क्यों हुई? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में अपर मुख्य सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग म.प्र. शासन एवं कलेक्टर रीवा को प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा पत्र लिखकर विधि संगत कार्यवाही करने का आग्रह किया गया? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) के संदर्भ में म.प्र. शासन पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के पत्र क्र. 451 दिनांक 09.04.2016 में क्या उल्लेख है कि आवासहीन भिक्षावृत्ति दिव्यांग सदस्य विधवा महिलाओं एवं अतिवृष्टि से प्रभावित परिवारों को प्राथमिकता के आधार पर लाभान्वित किये जाने का निर्देश है? (ड.) प्रश्नांश (घ) अनुसार पात्र हितग्राहियों का चयन पंचायतों द्वारा नहीं किया जा रहा, सूची अनुसार चयन की कार्यवाही से पात्र हितग्राही वंचित हो रहे हैं, इसके लिए कौन-कौन दोषी हैं? दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही करेंगे? सुधार बाबत् क्या स्पष्ट निर्देश जारी करायेंगे? करायेंगे तो कब तक? अगर नहीं तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। उक्त जनगणना का अनुमोदन दिनांक 27.02.2015 एवं 28.02.2015 को जिले की समस्त ग्राम पंचायतों में आयोजित ग्राम सभा से कराया गया जिले में दावा आपत्ति की कार्यवाही दिनांक 01.03.2015 से 16.3.2015 तक तहसीलदार स्तर पर कराई गई तथा दावा आपत्ति के लिये जिले में स्थानीय समाचार-पत्रों के माध्यम से व्यापक प्रचार-प्रसार कराया गया है तथा शासन द्वारा निर्धारित मापदण्डों के अनुरूप प्राथमिकता सूची तैयार कराई जाकर ग्रामोदय से भारत उदय अभियान अंतर्गत आयोजित ग्राम संसद/ग्राम सभाओं में वाचन किया जाकर अनुमोदन किया गया है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। (घ) जी हाँ। (ड.) जी नहीं, सामाजिक आर्थिक जातिगत जनगणना-2011 के आधार पर तथा भौतिक सत्यापन के उपरान्त पात्र हितग्राहियों का चयन किया जा रहा है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
दोषियों से वसूली कर उनके विरूद्ध आपराधिक प्रकरण दर्ज कराना
[वन]
122. ( क्र. 1443 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वन विभाग द्वारा रीवा नगर निगम अंतर्गत पर्यटन स्थल एवं जू-लॉजिकल पार्क का निर्माण कराया जा रहा है? (ख) यदि हाँ, तो इस कार्य हेतु कितनी-कितनी राशि किस-किस विभाग द्वारा दी गई? इसमें कुल कितनी राशि खर्च करने की योजना/प्राक्कलन तैयार किया गया, प्राक्कलन एवं प्रशासकीय स्वीकृति किस विभाग एवं किस अधिकारी द्वारा तैयार की गई की प्रति देते हुए बतावें कि वर्तमान में कितना कार्य पूर्ण किया गया? क्या झूला पुल का निर्माण कराया गया था, जो बरसात में क्षतिग्रस्त हो गयी, इस पर कितनी राशि खर्च की गई थी? इसके लिए कौन-कौन दोषी है? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में झूला पुल का प्राक्कलन एवं तकनीकी स्वीकृति उपरांत कार्य किस अधिकारी/उपयंत्री के देख-रेख में किया जा रहा था? (घ) प्रश्नांश (ख) एवं (ग) के संदर्भ में अगर निर्माण कार्य एवं झूला पुल गुणवत्ताविहीन एवं अनुबंध एवं प्राक्कलन के शर्तों के अनुसार नहीं कराये गये बल्कि फर्जी बिल वाउचर तैयार कर राशि का बंदरवाट किया गया तो इसके लिए संबंधितों से वसूली के साथ आपराधिक प्रकरण दर्ज करायेंगे? हाँ, तो कब तक? अगर नहीं तो क्यों?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी नहीं। मध्य प्रदेश ईकोपर्यटन विकास बोर्ड द्वारा रीवा नगर निगम क्षेत्र में जननिजी भागीदारी परियोजना के तहत बीहर ईको पर्यटन एवं एडवेंचर पार्क (बीहर ईको पार्क) रीवा का निर्माण कराया जा रहा है। (ख) उक्त योजना के तहत निर्माण कार्य हेतु किसी विभाग द्वारा कोई राशि नहीं दी गई है। इस योजना का क्रियान्वयन जननिजी भागीदारी के तहत मेसर्स रीवा लीजर प्रायवेट लिमिटेड को कनसेशनर (Concessionaire) नियुक्त कर किया जा रहा है। योजना के तहत समस्त निर्माण कार्यों का व्यय कनसेशनर (Concessionaire) द्वारा वहन किया जायेगा। योजना पर कुल लागत राशि रूपये 15.68 करोड़ (भूमि की लागत छोड़कर) निर्धारित की गई है। मध्य प्रदेश ईकोपर्यटन विकास बोर्ड द्वारा पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार योजना तैयार की गई है। म.प्र. शासन वन विभाग के पत्र क्रमांक/एफ-03-06/2014/10-1 दिनांक 26.02.2014 के द्वारा योजना की प्रशासकीय स्वीकृति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार जारी की गई है। वर्तमान में योजनांतर्गत निर्माण कार्य प्रगतिरत है, एक झूला पुल का निर्माण कार्य पूर्णं किया गया था, जो बरसात में क्षतिग्रस्त हो गया, इस पुल के निर्माण पर शासन द्वारा कोई राशि व्यय नहीं की गई है। झूला पुल इस माह सितम्बर 2016 में रीवा में आयी अत्यधिक बरसात एवं बाढ़ के कारण क्षतिग्रस्त हुआ है, जिसके लिये कोई शासकीय अधिकारी/ कर्मचारी दोषी नहीं है। (ग) झूला पुल का कार्य किसी शासकीय अधिकारी/उपयंत्री की देख-रेख में नहीं किया जा रहा था, अपितु कनसेशनर (Concessionaire) द्वारा स्वयं के संसाधनों से किया जा रहा था तथा कार्यों के निरीक्षण हेतु म.प्र. ईकोपर्यटन विकास बोर्ड द्वारा मेसर्स आर्कटेक, भोपाल को स्वतंत्र इंजीनियर (Independent Engineer) के रूप में नियुक्त किया गया है। (घ) योजना अंतर्गत निर्माण कार्य एवं झूला पुल का निर्माण कनसेशनर (Concessionaire) द्वारा स्वयं के संसाधनों से किया गया है, इस पर शासन की कोई राशि व्यय नहीं हुई है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित ही नहीं होता है।
मकरोनिया बुजुर्ग नगर पालिका द्वारा कराये गये वृक्षारोपण
[नगरीय विकास एवं आवास]
123. ( क्र. 1452 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नगर पालिका मकरोनिया बुजुर्ग द्वारा वृक्षारोपण कार्य हेतु कितने पौधे किन-किन प्रजातियों के क्रय किये गये थे? प्रजातिवार एवं प्रति पौधे की दर सहित जानकारी देवें? (ख) क्या पौधे क्रय करते समय नगर पालिका द्वारा शासन के मापदण्ड/योजना के तहत पौधे क्रय किये गये थे? (ग) नगर पालिका द्वारा किस-किस जगह कितने पौधों का रोपण कार्य किया गया एवं उनकी सुरक्षा के क्या उपाय किये गये तथा कितने पौधे वृक्षारोपण उपरांत प्रश्न दिनांक तक शेष जीवित है एवं वृक्षारोपण कार्य में किया गया व्यय की जानकारी देवें? (घ) शेष बचे पौधे एवं वृक्षा रोपण कार्य में व्यय के उपरांत यदि वृक्ष रोपण कार्य असफल रहा है तो इसके लिये कौन जिम्मेदार है? क्या विभाग दोषी अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही करेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) वृक्षारोपण का कार्य सफल रहा हैं, अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
शासकीय महाविद्यालयों में कार्यरत अतिथि विद्वान
[उच्च शिक्षा]
124. ( क्र. 1453 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासकीय महाविद्यालयों में कार्यरत अतिथि विद्वानों के संबंध में म.प्र. उच्च न्यायालय एवं यू.जी.सी. के आदेश फरवरी 2010 में प्रतिमाह 25 हजार रू. मानदेय प्रदान करने हेतु जारी किये गये थे? (ख) क्या सीधी भर्ती से नियुक्त सहायक प्राध्यापकों को नियमितीकरण के लिये पी.एस.सी. परीक्षा अनिवार्य है? यदि हाँ, तो वर्ष 2003 व 2007 में नियम शिथिल करते हुये अचयनित आपाती शिक्षकों को सीधी भर्ती से नियमित किया गया है तो फिर वर्तमान में कार्यरत अतिथि विद्वानों को शासन नियमित क्यों नहीं कर रहा है? (ग) शासन/यू.जी.सी. के निर्देश अनुसार अतिथि विद्वानों की नियुक्ति की नियम शर्तों में अतिथि विद्वानों को अधिकतम 04 कालखंड अध्यापन के लिये आवंटित किये गये हैं जबकि मानदेय भुगतान अधिकतम 03 कालखंड का क्यों प्रदाय किया जाता है? (घ) क्या सत्र 2015-16 में शासन ने अपने विज्ञापन में अतिथि विद्वान/क्रीड़ा अधिकारी/ग्रंथपाल के लिये मानदेय 600 रू. के स्थान पर वर्ष 2016-17 के लिये मानदेय कम करके 825 रू. के स्थान पर 580 रू. प्रति कार्य दिवस क्यों दिया जा रहा है?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी नहीं। (ख) जी हाँ। लोक सेवा आयोग से चयनित सीधी भर्ती के माध्यम से नियुक्त सहायक प्राध्यापकों की नियुक्ति नियमित पदस्थापना पर ही होती है। अतिथि विद्वान आपाती शिक्षकों की श्रेणी में नहीं आते हैं। अतिथि विद्वानों को लोक सेवक नहीं माना गया है। अतः उन्हें नियमित करने की विभाग में कोई नीति नहीं है। (ग) शैक्षणिक सत्र 2016-17 एवं आगामी सत्रों के लिए उच्च शिक्षा विभाग, म.प्र.शासन, भोपाल के आदेश क्रमांक 969 एफ 1-9/2016/38-1 दिनांक 08/08/16 द्वारा अतिथि विद्वानों को अधिकतम 03 कालखंड अध्यापन के लिए आवंटित किये गये हैं। नियमानुसार मानदेय का भुगतान किया जा रहा है। (घ) जी नहीं। सत्र 2015-16 के लिए जारी विज्ञापन दिनांक 16/07/15 की कंडिका-7 में शासन के परिपत्र दिनांक 05/08/14 के अनुसार अतिथि विद्वानों को रू.200/- प्रतिकाल खण्ड एवं अधिकतम रू. 600/- प्रतिकार्य दिवस एवं क्रीड़ा अधिकारी/ग्रंथपाल को रू. 580/- प्रतिकार्य दिवस की दर से भुगतान किया गया है तथा सत्र 2016-17 के लिए अतिथि विद्वानों का मानदेय रू.275/- प्रति कालखण्ड एवं अधिकतम रू.825/- प्रतिकार्य दिवस बढ़ाया गया है एवं क्रीड़ा अधिकारी/ग्रंथपाल का मानदेय रू.580/- प्रतिकार्य दिवस यथावत रखकर भुगतान किया जा रहा है तथा इनके मानदेय में कोई कमी नहीं की गयी है।
त्रिस्तरीय पंचायती राज प्रतिनिधियों को निधि का आवंटन
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
125. ( क्र. 1475 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री द्वारा विगत दिनों कटनी जिले के अंतर्गत बड़वारा विधानसभा क्षेत्र के प्रवास पर त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधियों को निर्माण कार्यों हेतु अतिरिक्त निधि प्रदान करने की घोषणा की थी? यदि हाँ, तो किस-किस जनप्रतिनिधि को कितनी कितनी अतिरिक्त राशि बंटन का अधिकार कब से दिया जा रहा है? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित घोषणाओं में क्या जनपद अध्यक्ष को 20 लाख एवं उपाध्यक्ष को 10 लाख जनपद क्षेत्र के अंदर आवंटित करने का उल्लेख है? यदि हाँ, तो इसे कब से लागू किया जावेगा तथा यह राशि कब तक जनपद पंचायत के खाते में आवंटित की जावेगी? (ग) क्या शासन द्वारा मध्यप्रदेश पंचायतीराज एवं अधिनियम 1993 की धारा 75 के तहत विकासखण्ड के भीतर स्थित स्थावर सम्पत्ति के विक्रय/दान या बंधक से संबंधित दस्तावेज पर जनपद शुल्क एक प्रतिशत की दर से वसूल किया जा रहा है तथा वसूल किये गये जनपद पंचायत शुल्क की जानकारी पंचायतीराज संचालनालय को भी जाती है? (घ) यदि हाँ, तो उक्त वसूला गया शुल्क संबंधित जनपद क्षेत्र के विकास कार्यों हेतु संबंधित जनपद पंचायत को किस प्रकार से विकास कार्यों हेतु वापिस किया जाता है? यदि नहीं, किया जाता है तो क्या आने वाले समय में उक्त वसूले गये शुल्क को संबंधित जनपद क्षेत्र के विकास हेतु प्रदान करने का शासन प्रयास करेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) इस संबंध में विभाग में अधिकारिक जानकारी नहीं है। शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ख) उतरांश-क के संबंध में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। धारा 75 में जनपद शुल्क लिये जाने का प्रावधान नहीं है। अतिरिक्त स्टॉम्प शुल्क लेने का प्रावधान है। (घ) अतिरिक्त स्टॉम्प शुल्क की राशि वितरण की धारा 76 में नियम बनाये जाने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
पंचायत सचिवों का स्थानांतरण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
126. ( क्र. 1476 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा 04 अगस्त 2016 को ग्राम पंचायत सचिवों की नवीन स्थानांतरण नीति वर्ष 2016-17 हेतु जारी की गई थी? (ख) क्या शासन द्वारा जारी स्थानांतरण नीति की कंडिका 07 में उल्लेखित किया गया था 03 वर्ष से कम अवधि की पदस्थापना वाले यदि किसी पंचायत सचिव के विरूद्ध आर्थिक अनियमितता/कार्य की शिथिलता के संबंध में कोई शिकायत प्राप्त होती है तो संबंधित मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत उस शिकायत/अनियमितता की जाँच कर जनपद पंचायत की सामान्य प्रशासन समिति के अवलोकन हेतु रखेगा तथा अपने अभिमत सहित प्रतिवेदन मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत को प्रेषित करेगा? जिला पंचायत ऐसे प्रतिवेदन का परीक्षण कराकर जिला पंचायत की सामान्य प्रशासन समिति में अनुमोदन उपरान्त स्थानांतरण आदेश कर सकेंगे? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में जबलपुर जिले की जनपद पंचायतों द्वारा कितने-कितने प्रस्ताव जिला पंचायत जबलपुर को प्रेषित किये गये सूची उपलब्ध करावें? जिला पंचायत जबलपुर द्वारा जनपद पंचायतों से प्राप्त प्रस्तावों के आधार पर जिला पंचायत की सामान्य प्रशासन समिति द्वारा किन-किन सचिवों के स्थानांतरण हेतु अनुमोदन दिया गया सूची उपलब्ध कराई जावें? (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत जबलपुर द्वारा ग्राम पंचायत सचिवों के स्थानांतरण आदेश कब-कब जारी किये गये आदेश की प्रति उपलब्ध कराई जावे यदि नहीं, किये गये तो क्यों नहीं? (ड.) सचिवों के स्थानांतरण आदेश जारी न होने का क्या कारण है तथा इसमें कौन-कौन अधिकारी कर्मचारी दोषी है, दोषी अधिकारी/कर्मचारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई यदि नहीं, तो क्यों नहीं कारण बताया जावें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। लेकिन साथ में यह भी कि जिला पंचायत की सामान्य प्रशासन समिति में विचारोपरांत प्रभारी मंत्री जी के अनुमोदन से स्थानांतरण आदेश कर सकेंगे। (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में जबलपुर जिले की 07 जनपद पंचायतों द्वारा कुल 73 ग्राम पंचायत सचिवों के प्रस्ताव जिला पंचायत को प्राप्त हुए थे। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार। जिला पंचायत की सामान्य प्रशासन समिति द्वारा 41 सचिवों के स्थानांतरण का अनुमोदन दिया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार। (घ) जिला स्तर से सचिवों का स्थानांतरण आदेश जारी नहीं किए गए है। शासन द्वारा जारी ग्राम पंचायत सचिवों के स्थानांतरण नीति वर्ष 2016-17 में निर्धारित प्रक्रिया के अनुरूप जनपद पंचायतों से ग्राम पंचायत सचिवों के स्थानांतरण के प्रस्ताव प्राप्त कर जिलें में सचिव के रिक्त पदों के अनुसार जिला स्तर पर स्थानांतरण का प्रस्ताव तैयार किया गया। उक्त प्रस्तावों में से कंडिका 7 में प्रावधानित अनुसार सचिवों के स्थानांतरण का अनुमोदन दिनांक 19.08.2016 को सामान्य प्रशासन समिति द्वारा किया गया। दिनांक 20.08.2016 को शासकीय अवकाश होने के कारण एवं स्थानांतरण नीति 2016-17 में निर्धारित प्रक्रिया के अंतर्गत सेवा सत्यापन, शिकायत/दण्ड की पुष्टि, गंभीर बीमारी का सत्यापन इत्यादि का अक्षरशः पालन करने हेतु कलेक्टर महोदय के निर्देश पर स्थानांतरण हेतु निर्धारित तिथि 20 अगस्त 2016 से 01 माह की वृद्धि हेतु कार्यालयीन पत्र क्र. 3928 दिनांक 24.08.2016 द्वारा शासन से अनुरोध किया गया। स्थानांतरण हेतु नियत समयावधि खत्म हो जाने के कारण स्थानांतरण आदेश जारी नहीं किये गये। (ड.) प्रश्नांश (घ) में दर्शित कारणों से सामान्य प्रशासन समिति द्वारा अनुमोदित सचिवों का स्थानांतरण नहीं हो सका। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है।
सागर तालाब के मोंगा बंधान की मरम्मत
[नगरीय विकास एवं आवास]
127. ( क्र. 1490 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या सागर नगर के तालाब के मोंगा बंधान की मरम्मत का कार्य समय-समय पर किया जाता रहा है? यदि हाँ, तो विगत पाँच वर्षों में कब-कब मरम्मत का कार्य किया गया? (ख) क्या इस वर्ष सामान्य से अधिक वर्षा होने के कारण तालाब के मोंगा बंधान में दरार आयी है? क्या उसकी मरम्मत का कार्य किया गया है? यदि हाँ, तो मरम्मत का क्या कार्य किया गया? (ग) क्या नगर पालिक निगम सागर ने मोंगा बंधान की पूर्ण मरम्मत कराने हेतु प्रस्ताव शासन का प्रेषित किया है? यदि हाँ, तो कितनी राशि का प्रस्ताव प्रेषित किया गया है? मरम्मत कार्य की स्वीकृति कब तक प्रदान की जायेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। विगत 05 वर्षों में वर्ष 2015-16 में राशि रू. 49,000.00 वर्ष एवं 2016-17 में राशि रू. 54,000.00 का मरम्मत कार्य कराया गया है। (ख) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
प्रधानमंत्री सड़क योजना अंतर्गत सड़कों का निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
128. ( क्र. 1497 ) श्रीमती संगीता चारेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रतलाम जिला अंतर्गत प्रधानमंत्री सड़क योजना के द्वितीय चरण अंतर्गत शेष रही सड़कों के निर्माण हेतु इनका चिन्हांकन किया जा रहा है? इस सम्बंध में शासन के क्या दिशा निर्देश हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के सम्बंध में सैलाना विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत किन किन सड़क निर्माण कार्यों को चिन्हांकित किया गया? सूची उपलब्ध कराएं? क्या सड़कों के चिन्हांकन में क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों को सम्मिलित किया गया? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) प्रधानमंत्री सड़क योजनान्तर्गत वर्ष २०१३-१४ से प्रश्न दिनांक तक स्वीकृत सड़क निर्माण कार्यों की क्या स्थिति है? क्या उक्त सड़क निर्माण कार्यों का संधारण ठेकेदार द्वारा किया जा रहा है यदि नहीं, तो क्यों? विभाग द्वारा इनके विरुद्ध क्या कार्यवाही की गई?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना-II तैयार करने हेतु शासन के दिशा निर्देश की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) सैलाना विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना-II में चिन्हित सड़कों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। जी हाँ, दिनांक 13.07.2016 को जिला पंचायत की सामान्य सभा में अनुमोदन किया गया जिसमें जिले के जनप्रतिनिधि भी सदस्य है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना पंद्रहवे चरण बैच-2 में 02 मार्ग स्वीकृत हुये है, जिनकी निविदा कार्यवाही प्रचलन में है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
शासकीय मंदिरों का जिर्णोद्धार
[धार्मिक न्यास और धर्मस्व]
129. ( क्र. 1498 ) श्रीमती संगीता चारेल : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) रतलाम जिला अंतर्गत कुल कितने मंदिर शासन रिकार्ड में दर्ज होकर, शासकीय हैं? सूची उपलब्ध करावे? (ख) वर्ष २०१३-१४ से प्रश्न दिनांक तक रतलाम जिले के किन किन शासकीय मंदिरों/देवस्थानों को नए निर्माण कार्य एवं जीर्णोद्धार हेतु राशि उपलब्ध कराई गई? इस सम्बंध में शासन के क्या नियम हैं? (ग) सैलाना विधानसभा अंतर्गत पंजीकृत शासकीय मंदिरों/ देवस्थानों की हालत जीर्ण-शीर्ण है उनकी मरम्मत हेतु विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों? इन शासकीय मंदिरों/देवस्थानों की मरम्मत कब तक की जाएगी?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
खनन माफिया आरोपियों पर कार्यवाही
[खनिज साधन]
130. ( क्र. 1500 ) श्रीमती इमरती देवी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खनन माफिया द्वारा १० जून २०१६ को रात में पलक टोरी गांव में जो खनन के काम आने वाले वाहन पकड़े थे उन शासकीय अधिकारियों एवं कर्मचारियों पर हमल कर वाहन छुड़ाये व प्रकरण दर्ज उनमें गत सत्र में दिनांक १९-०७-२०१६ परि.अता. प्रश्न संख्या ४ (क्रमांक ६३) के उत्तर में किस किस को फरार बताया गया तथा उनकी गिरफतारी अब तक क्यों नहीं की गई? (ख) ईसागढ़ के दोषी फरार आरोपी नगर पंचायत के उप चुनाव में आये सांसद श्री नंदकुमार सिंह की गाड़ी में बैठे थे तथा १५ अगस्त को झण्डा वंदन में उपस्थित थे फरार घोषित होने के बाद भी लाल बत्ती में घूम रहे थे, उस समय गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया व इन्हें अब कब तक गिरफ्तार करेंगें। (ग) पलकटोरी गांव में जून १६ में रात को अवैध खनन पकडे जाने पर अवैध खनन में जप्त वाहनों को जब तहसीलदार, पुलिस व खनन विभाग के कर्मचारी जप्त कर पुलिस स्टेशन ले जा रहे थे उस समय सरकारी अमले पर हमला कर वाहन छुड़ा लेना गम्भीर अपराध है तथा ऐसे अपराधी को फरार घोषित करने पर भी गिरफ्तार करने के लिये क्या प्रयास कब कब किये?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रश्न में उल्लेखित परिवर्तित अतारांकित प्रश्न संख्या 4 (क्रमांक 63) के उत्तर में यादवेन्द्र सिंह पुत्र श्री देशराज सिंह यादव, अजय सिंह पुत्र श्री देशराज सिंह यादव, मनोज दांगी, लखन यादव एवं अन्य 15-20 व्यक्तियों के विरूद्ध अपराध क्रमांक 266/16 में धारा 353, 341, 186, 379, 147, 148, 149 का प्रकरण कायम कर विवेचना में लिये जाने एवं आरोपी घटना दिनांक से फरार है, का लेख किया गया था। प्रकरण वर्तमान में अनुसंधान में है। (ख) प्रश्नानुसार कोई जानकारी नहीं थी। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नानुसार आरोपियों पर अपराध कायम होकर अनुसंधान जारी है।
इंदिरा आवास योजना से लाभान्वित हितग्राही
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
131. ( क्र. 1506 ) श्री दीवानसिंह विट्ठल पटेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़वानी जिले के अंतर्गत विगत तीन वर्षों में इंदिरा आवास योजना के तहत कितने हितग्राहियों को लाभान्वित किया गया है, जनपदवार संख्या बतावें। (ख) ऐसे कितने हितग्राही हैं जिन्हें स्वीकृति के उपरान्त प्रथम किश्त प्राप्त हो चुकी है तथा उनके द्वारा राशि का उपयोग भी कर लिया गया है किन्तु उन्हें वर्तमान तक भी द्वितीय किश्त प्राप्त नहीं हुई है जबकि हितग्राहियों के द्वारा समस्त औपचारिकताएँ पूर्ण कर दस्तावेज संबंधित विभाग में जमा करा दिए गए हैं? (ग) क्या कारण है कि हितग्राहियों को द्वितीय किश्त प्राप्त नहीं हो रही है? इसके लिए कौन जिम्मेदार है? कब तक हितग्राहियों को द्वितीय किश्त प्रदान कर दी जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) 654 हितग्राही। (ग) भुगतान हेतु आवास साफट में प्रगति दर्ज करने तथा किश्त का इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से भुगतान हेतु निर्धारित प्रकिया अपनाई जाती है, प्रकिया पूर्ण होते ही तथा राशि उपलब्ध होने पर द्वितीय किश्त जारी हो जायेगी।
समग्र स्वच्छता अभियान के तहत भुगतान
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
132. ( क्र. 1514 ) प्रो. संजीव छोटेलाल उइके : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मण्डला जिले में समग्र स्वच्छता अभियान के तहत 2014-15 एवं 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक व्यय राशि का कार्यवार वर्षवार, जनपदवार विवरण देंवे? (ख) समग्र स्वच्छता अभियान के तहत प्रश्नांश (क) में वर्णित अवधि में किस किस कार्य हेतु किस किस कार्य एजेन्सी को कितना कितना भुगतान किया गया? एजेंसी के चयन की प्रक्रिया बतायें? (ग) उक्त अभियान के तहत शौचालय निर्माण हेतु शासन के क्या दिशा निर्देश हैं? मण्डला विधानसभा क्षेत्र में प्रश्नांश (क) में वर्णित अवधि में कुल कितने परिवारों में शौचालय का निर्माण किया गया कितने परिवार शौचालय विहीन है शौचालय विहीन परिवारों का विवरण ग्राम पंचायतवार दें? (घ) क्या संबंधित निर्माण एजेंसी द्वारा पूर्ण राशि का आहरण कर व्यय बता दिया गया, जबकि वास्तव में शौचालय का निर्माण हुआ ही नहीं? यदि हाँ, तो इसके लिये कौन-कौन अधिकारी/ कर्मचारी जिम्मेदार हैं, उन पर कब तक और क्या कार्यवाही की जायेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। योजना की गाईड लाईन अनुसार। (ग) स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण अंतर्गत ऑनलाईन पोर्टल की पात्रता सूची में दर्ज पात्र हितग्राही समस्त बीपीएल, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, लघु एवं सीमांत कृषक, महिला मुखिया एवं नि:शक्त परिवारों के घरों में हितग्राही/ग्राम पंचायत/एनआरएलएम/डी.पी.आई.पी. के पंजीकृत स्वसहायता समूह द्वारा व्यक्तिगत शौचालयों के निर्माण हेतु निर्देश दिये गये है। वर्तमान में हितग्राही स्वयं अथवा ग्राम पंचायत की मदद से शौचालय निर्माण करा सकता है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (घ) जी हाँ। विकासखण्ड मण्डला की ग्राम पंचायत क्रमश: बकछेरादोना, मधुपुरी, बिनैका द्वारा राशि का आहरण कर व्यय बता दिया गया, जबकि उक्त राशि से शौचालय निर्माण नहीं कराये गये। दोषी सरपंच/सचिवों के विरूद्ध वसूली की कार्यवाही हेतु प्रकरण अनुविभागीय अधिकारी राजस्व न्यायालय में पंजीबद्ध कराया जाकर कार्यवाही प्रचलन में है।
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना एवं मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना का क्रियान्वयन
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
133. ( क्र. 1527 ) श्री कुंवर सिंह टेकाम : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीधी एवं सिंगरौली जिले के अंतर्गत जनपद पंचायत कुसमी, मझौली एवं देवसर के अंतर्गत पहुंच विहीन राजस्व ग्रामों को सड़क मार्ग से जोड़ने के लिये प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना एवं मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना से जोड़े जाने हेतु कितने सड़कों को प्रस्तावित किया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में पहुंच विहीन ग्रामों को सड़क मार्ग से जोड़े जाने हेतु कितने सड़कों की स्वीकृति प्रदान की गई है और इन सड़कों का निर्माण कब तक पूर्ण कर लिया जावेगा? (ग) सीधी एवं सिंगरौली जिले के अंतर्गत प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना से निर्मित कितने सड़कों की पाँच वर्ष की गारंटी अवधि समाप्त हो चुके है एवं सड़क पूरी तरह से टूट चुके है उनका सुदृढ़ीकरण एवं नवीनीकरण कब तक कर दिया जायेगा? सड़कवार सूची उपलब्ध करायें? (घ) सीधी एवं सिंगरौली जिले के अंतर्गत प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना से निर्मित जो सड़के गारंटी अवधि में है एवं क्षतिग्रस्त एवं टूट चुकी हैं ऐसी सड़कों का मरम्मत का कार्य नहीं किया जा रहा है? क्या मरम्मत का कार्य कराया जायेगा? मरम्मत कराये जाने वाली सड़कों की सूची उपलब्ध करायें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) सीधी एवं सिंगरौली जिले के अंतर्गत जनपद पंचायत कुसमी, मझौली एवं देवसर के अंतर्गत पहुंच विहीन राजस्व ग्रामों को सड़क मार्ग से जोड़ने के लिये प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत 182 तथा मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत 18 सड़कों को अभी तक प्रस्तावित किया गया है। (ख) उत्तरांश (क) में उल्लेखित सड़कों में से प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत सभी 182 सड़कों एवं मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत 5 सड़कों की स्वीकृति प्रदान की गई है। इनमें से प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत 149 सड़कों का निर्माण कार्य पूर्ण कर लिया गया है, 27 सड़कों का निर्माण कार्य प्रगति पर है तथा शेष 6 सड़कों के निर्माण हेतु निविदा आमंत्रण में है जबकि मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत सभी स्वीकृत 5 सड़कें प्रगतिरत है। सड़कों को पूर्ण कराने की निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (ग) प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत सीधी जिले में 106 सड़कों की गारंटी अवधि समाप्त हो चुकी है इनमें से कोई भी सड़क पूरी तरह से नहीं टूटी है अपितु ठेकेदार द्वारा संधारण नहीं किये जाने से 12 सड़कें क्षतिग्रस्त हुई है विभाग द्वारा उक्त ठेकेदारों का ठेका निरस्त कर उक्त सड़कों के सुदृढ़ीकरण एवं नवीनीकरण हेतु नवीन एजेंसी निर्धारित की है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। सिंगरौली जिले में 142 सड़कों की गारंटी अवधि पूर्ण हो चुकी है। इनमें से कोई भी सड़क पूरी तरह से नहीं टूटी है। वर्षाकाल में कुछ सड़कें आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुई है जिनका संधारण/नवीनीकरण आवश्यकतानुसार कराया जा रहा है। सुदृढ़ीकरण एवं नवीनीकरण कार्य पूर्ण कराये जाने की निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (घ) प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत सीधी जिले में गारंटी अवधि में ठेकेदार द्वारा संधारण नहीं किये जाने के कारण 21 सड़कें क्षतिग्रस्त है। विभाग द्वारा संबंधित ठेकेदार के विरूद्ध कार्यवाही कर उनका अनुबंध निरस्त कर दिया है जिससे वर्तमान में उक्त सड़कों का संधारण नहीं हो पा रहा है। उनका संधारण कराये जाने हेतु तकनीकी स्वीकृति/निविदा आमंत्रण की कार्यवाही प्रचलन में है। निविदा स्वीकृति उपरांत संधारण कार्य कराया जा सकेगा। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। सिंगरौली जिले में गारंटी अवधि के अंतर्गत कोई भी सड़क टूटी होने की सूचना नहीं है।
बरखेड़ी कला भोपाल को विकास एवं प्रबंधन, नगर निगम को सौंपा जाना
[नगरीय विकास एवं आवास]
134. ( क्र. 1531 ) श्री गोविन्द सिंह पटेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या आधुनिक गृह निर्माण संस्था मर्यादित, पटवारी हल्का नं. 40 बरखेड़ी कला भोपाल (जिसका पंजीयन क्रमांक डी.आर.बी. 686 दिनांक 06/03/1996 है) नगर निगम सीमा में आती है? यदि हाँ, तो क्या उक्त कॉलोनी को विकास एवं प्रबंधन के लिए नगर निगम को सौंपा चुका है? यदि नहीं, तो क्यों? कब तक नगर निगम अपने आधिपत्य में लेगी? (ख) समिति में पंजीकृत कितने भूखंडों को नगर निगम द्वारा बंधक मुक्त कर दिया गया है तथा कितने भूखंड शेष हैं वर्तमान स्थिति की नामवार सूची देवें। (ग) नगर निगम द्वारा जिन भूखण्ड को बंधक रखा गया है? उक्त भूखण्डों को बंधक मुक्त करने में होने वाले विलंब के क्या कारण हैं और इसके लिए कौन-कौन दोषी है? क्या विलंब के लिए दोषी संस्था के पूर्व/वर्तमान अध्यक्ष पर दण्डात्मक कार्यवाही की जाएगी? भूखण्ड को बंधक मुक्त कब तक कर दिया जाएगा? (घ) क्या समिति के पूर्व तथा वर्तमान अध्यक्ष द्वारा संस्था के सदस्यों को आवंटित भूखण्ड हेतु रख-रखाव (मेंटेनेन्स) विकास शुल्क लेकर उपलब्ध करायी जाने वाली मूलभूत संविधायें जैसे विद्युत, पीने का पानी, कालोनी को मुख्य मार्ग से जोड़ना आदि प्रमुख सुविधाओं प्राप्त हो रही हैं या नहीं? इसकी जाँच नगर निगम के किस जिम्मेदार अधिकारी से कराई गई? नाम सहित स्पष्ट करें। यदि नहीं, तो क्यों और कब तक किस जिम्मेदार अधिकारी जाँच से कराई जाएगी? नाम सहित जानकारी देवें। (ड.) क्या उक्त संस्था के सदस्यों द्वारा नगर निगम को पीने के पानी के लिए नल कनेक्शन तथा अन्य सुविधाओं हेतु आवेदन दिया है? यदि हाँ, तो उक्त कॉलोनी कितना शुल्क लेकर कब तक पीने के पानी के लिए नल कनेक्शन की व्यवस्था कर दी जाएगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। जी नहीं। इस संबंध में प्रस्ताव प्राप्त नहीं हुआ है। प्रस्ताव आने पर कार्यवाही की जायेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) 09 भूखण्डों को नगर निगम द्वारा बंधक मुक्त कर दिया गया है। 01 भूखण्ड शेष है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) अंतिम बंधक भूखण्ड मुक्त करने हेतु कमेटी गठित की गई है। जिसमें निगम के स्वास्थ्य विभाग, सीवेज प्रकोष्ठ, सिविल, विघुत, द्रव सम्मिलित है। समिति के द्वारा विकास कार्यों से संतुष्ट होकर रिपोर्ट प्रेषित किये जाने के पश्चात तथा योग्य कार्यवाही की जायेगी। प्रकरण में कोई दोषी नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) कॉलोनी नगर निगम को हस्तांतरित नहीं हुई है। (ड.) संस्था द्वारा नगर निगम भोपाल में पीने के पानी के बल्क कनेक्शन हेतु आवेदन किया गया है। दिनांक 15.07.16 को 50 मि.मी. व्यास का बल्क कनेक्शन स्वीकृत कर कनेक्शन शुल्क रू. 1,35,488.00 जमा करने हेतु कहा गया है। संस्था द्वारा राशि जमा कराने के पश्चात पानी का कनेक्शन चालू करा दिया जायेगा।
नरसिंहपुर जिले में धार्मिक न्यास की संख्या
[धार्मिक न्यास और धर्मस्व]
135. ( क्र. 1532 ) श्री गोविन्द सिंह पटेल : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नरसिंहपुर जिले में कितने धार्मिक न्यास गठित है? नाम स्थान सहित जानकारी दें तथा प्रत्येक के पास कितनी चल एवं अचल संपत्ति है? (ख) संचालित न्यास समिति में संचालन की क्या व्यवस्था है? इनका संचालन किस प्रकार होता है? (ग) क्या गठित न्यासों का प्रत्येक वर्ष ऑडिट होता है तथा ऑडिट किसके द्वारा कराया जाता है? (घ) क्या जिले में संचालित धार्मिक न्यासों का कार्य संतोषप्रद चल रहा है?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
अतिक्रमण पर कार्यवाही
[नगरीय विकास एवं आवास]
136. ( क्र. 1535 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) 25 फरवरी 2016 के परि.अता. प्रश्न संख्या 62 (क्रमांक 1118) और राजेन्द्र पाण्डेय के संदर्भ में बताएं कि प्रीमियर ऑईल मिल जावरा की भूमि सर्वे क्रमांक 224 एवं 226 कुल रकबा 3.086 के उत्तर में बताया कि भूमि के आधिपत्य एवं अतिक्रमण की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है, उसकी वर्तमान स्थिति क्या है? (ख) जिस प्रकार वर्ततान में जावरा जिला रतलाम में जो बस स्टेण्ड बना है वह भूमि भी विवाद की थी तो उपरोक्त भूमि में भी बस स्टेण्ड का विस्तार शॉपिंग काम्पलेक्स मॉल व पार्किंग का निर्माण उसी प्रकार करते हुये, विचार क्यों नहीं हो सकता?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) प्रीमियर आइल मील जावरा की शासकीय भूमि सर्वे क्रमांक 226/1 पेकी रकवा 2.036 हेक्टर भूमि के अग्रिम अधिपत्य देने एवं निजी भूमि सर्वे क्रमांक 224 रकवा 1.050 हेक्टर के अधिग्रहण की कार्यवाही वर्तमान में प्रक्रियाधीन है। (ख) वर्तमान बस स्टैण्ड की भूमि का अग्रिम अधिपत्य प्राप्त होने के उपरांत ही नगर पालिका परिषद, जावरा द्वारा बस स्टैण्ड का निर्माण किया गया था।
मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
137. ( क्र. 1543 ) श्री गोवर्धन उपाध्याय : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिरोंज विधान सभा क्षेत्रांतर्गत 01 जनवरी, 2014 से मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत कितने कार्य कहाँ से कहाँ तक कितनी-कितनी लागत में कब-कब स्वीकृत किये गये हैं? स्वीकृत कार्यों में से कितने कार्य पूर्ण किये गये एवं कितना अपूर्ण है? अपूर्ण रहने का क्या कारण है? अपूर्ण कार्यों को कब तक पूर्ण किया जावेगा? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार कौन-कौन से ग्राम मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना में स्वीकृत होने के बाद भी अभी तक कौन-कौन से मुख्यमंत्री ग्राम सड़क का कार्य प्रारंभ नहीं किये गये है? कब तक प्रारंभ किये जाने की संभावना है? (ग) कार्य प्रारंभ न करने का क्या कारण है? मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना में जोड़े जाने हेतु शेष रहे ग्रामों को कब तक जोड़े जाने की संभावना है? शेष रहे ग्रामों की सूची उपलब्ध करावें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) जानकारी उत्तरांश (ख) अनुसार।
प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजनांतर्गत मार्ग निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
138. ( क्र. 1544 ) श्री गोवर्धन उपाध्याय : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिरोंज विधान सभा क्षेत्रांतर्गत 1 जनवरी 2014 से प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत कितने कार्य कहाँ से कहाँ तक कितनी-कितनी लागत में कब-कब स्वीकृत किये गये वर्तमान में कौन-कौन सी सड़कों का निर्माण कार्य चल रहा है, कितने कार्य पूर्ण हुए एवं कितने कार्य अपूर्ण हैं? अपूर्ण कार्यों को कब तक पूर्ण किया जावेगा? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत स्वीकृत होने के बाद भी अभी तक कौन-कौन से ग्राम प्रधामंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत नहीं जोड़े गये हैं? कब तक जोड़े जाने की संभावना है, न जोड़ने का क्या कारण है? प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना से वंचित रहे किन-किन ग्रामों को कब तक जोड़े जाने की संभावना है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। अपूर्ण कार्यों को पूर्ण कराने की निश्चित तिथी बताना संभव नहीं है परंतु कार्य पूर्ण करने की संभावित लक्ष्य बताये गये है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। प्रश्नांश (क) के अनुसार स्वीकृत 15 सड़क निर्माण कार्यों में से 6 कार्य पूर्ण है शेष 9 कार्य प्रगतिरत है प्रगतिरत कार्यों को पूर्ण कराने की निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है। चूंकि अपूर्ण सभी कार्य प्रगतिरत है अतः नहीं जोड़ने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। शेष वंचित दो ग्राम कंशी एवं खेजड़ा उदा को पुनरीक्षित कोरनेटवर्क में सम्मिलित करने हेतु प्रस्ताव भारत सरकार को प्रेषित किया गया है। स्वीकृति अपेक्षित है। अतः उक्त ग्रामों को जोड़ने की निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
प्रा. मा. शालाओं में मध्याह्न भोजन
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
139. ( क्र. 1548 ) श्री गोवर्धन उपाध्याय : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा जिले के सिरोंज विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत सिरोंज एवं लटेरी के ग्रामीण एवं नगरीय क्षेत्र में कितने प्राथमिक एवं माध्यमिक शालाओं में मध्याह्न भोजन का संचालन किन-किन समूह द्वारा कौन-कौन से शाला में किस-किस दिनांक से मध्याह्न भोजन का संचालन हेतु स्व-सहायता समूह से अनुबंधित कर मध्याहन भोजन का वितरण किया जा रहा है? शालावार पूर्ण जानकारी सूची सहित उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार सिरोंज नगरीय क्षेत्र में एक ही समिति महामाया समूह को 14 स्कूलों का ठेका किस नियम के तहत दिया गया है? महामाया स्व-सहायता समूह द्वारा किन-किन प्राथमिक एवं माध्यमिक शालाओं में कब-कब से मध्याह्न भोजन के वितरण हेतु अनुबंध किये गये हैं? सूची उपलब्ध करावें। शासन निर्देशानुसार एक ही समूह को अधिकतम कितने शालाओं में भोजन वितरण हेतु अनुबंधित किये जाने का प्रावधान है? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार सिरोंज एवं लटेरी में मध्याह्न भोजन के तहत स्कूलों में मेनयू अनुसार भोजन वितरण में अनियमितता की शिकायत के संबंध में कौन-कौन से समूह की कब-कब और किसके माध्यम से शिकायतें प्राप्त हुई है, उक्त शिकायत की जाँच किस अधिकारी से कराई गई? शिकायत सही पाये जाने पर कितने समूह को हटाया जा कर नवीन समूह को मध्याह्न भोजन से जोड़ा गया है यदि हाँ, तो कितने? सूची उपलब्ध करावें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) विदिशा जिले की सिरोंज विधानसभा क्षेत्रांतर्गत सिरोंज में 450 ग्रामीण प्राथमिक एवं माध्यमिक शालाओं में एवं लटेरी में 242 ग्रामीण प्राथमिक एवं माध्यमिक शालाओं में स्व-सहायता समूह कार्यरत है। सिरोंज एवं लटेरी नगरीय क्षेत्र की शालाओं में मध्यान्ह भोजन का संचालन शाला प्रबंधन समिति के माध्यम से कराया जाता है। स्व-सहायता समूहों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। (ख) सिरोंज एवं लटेरी नगरीय क्षेत्र की शालाओं में जिला स्तर से किसी भी समूह को मध्यान्ह भोजन वितरण का कार्य आवंटित नहीं किया गया है। शालाओं में मध्यान्ह भोजन वितरण कार्य शाला प्रबंधन समिति के माध्यम से कराया जा रहा है। शासन निर्देशानुसार एक समूह को अधिकतम दो शालाऐं दिये जाने का प्रावधान है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के अनुसार प्रश्न (ग) लागू नहीं।
नवीन कालेज खोलने के मापदण्ड
[उच्च शिक्षा]
140. ( क्र. 1564 ) श्री मधु भगत : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नवीन कॉलेज खोले जाने के क्या नियम, निर्देश, नीति, मापदण्ड हैं? प्रति बतायें और कौन-कौन सी अनुमतियां तथा अनापत्ति प्रमाण पत्रों की आवश्यकता होती है तथा वे कौन-कौन से कारण आधार है जिनकी वजह से नवीन कालेज नहीं खोला जा सकता हैं? क्या ऐसा प्रावधान नियम/निर्देश मापदण्डों में है? यदि हाँ, तो क्या है? प्रति बतावें। (ख) वर्तमान सरकार ने अपने कार्यकाल में कहाँ-कहाँ कब-कब नवीन कालेज खोले उनमें कितनी राशि का प्रावधान प्रथम वर्ष में रखा गया तथा खोले जाने का कारण तथा उन कारणों का आधार क्या था? (ग) बालाघाट जिले अतंर्गत लामता तथा हट्ठा में नवीन कालेज न खोले जाने का क्या कारण है?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) नवीन शासकीय महाविद्यालय खोले जाने हेतु प्राथमिक परीक्षण का मापदण्ड प्रस्तावित क्षेत्र में 12 वीं के 500 विद्यार्थियों की उपलब्धता है। नवीन अशासकीय महाविद्यालयों को खोले जाने के संबंध में उच्च शिक्षा विभाग के नियम, निर्देश, नीति, मापदण्ड संबंधी मार्गदर्शिका की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर है। नवीन अशासकीय महाविद्यालय खोले जाने हेतु आवश्यक अनुमतियों तथा अनापत्ति प्रमाण पत्र की जानकारी मार्गदर्शिका में अंकित है, जो पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर है। (ख) वर्तमान सरकार के कार्यकाल के प्रारंभ दिसम्बर, 2013 के उपरांत प्रदेश में खोले गये महाविद्यालयों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर है। खोले गये महाविद्यालयों हेतु बजट में प्रावधानित राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स पर है। नवीन शासकीय महाविद्यालय खोले जाने के लिये उपलब्ध संसाधनों, विद्यार्थी संख्या तथा क्षेत्र की स्थिति को दृष्टिगत कर निर्णय लिया गया। (ग) वर्तमान वित्तीय वर्ष में सीमित संसाधनों के कारण लामता एवं हट्ठा में नवीन महाविद्यालय खोले जाने में कठिनाई है।
वन विभाग की समाजिक भूमिका
[वन]
141. ( क्र. 1565 ) श्री मधु भगत : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परसवाड़ा विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत विभाग द्वारा किस-किस कार्य में कितनी राशि पिछले 3 वित्तीय वर्षों में व्यय की गई? क्या उसमें वनों का विकास, पौधा रोपण भी शामिल किया गया था? (ख) वनों की सुरक्षा तथा विकास हेतु क्या-क्या निर्माण कार्य कितनी राशि के कहाँ-कहाँ किये गये? (ग) जिले में पदस्थ अधिकारियों/कर्मचारियों ने उक्त क्षेत्र में अवैध कटाई के प्रकरण कितने पंजीबद्ध किये गये? (घ) जिले में वन भूमि पर काबिज लोगों कों पट्टे देने हेतु क्या-क्या कार्यवाही कब-कब की गई, किसे-किसे पट्टे दिये गये?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। जी हाँ। कार्यों में वनों का विकास एवं पौधा रोपण भी सम्मिलित है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (घ) अनुसूचित जनजाति और अन्य परम्परागत वननिवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम, 2006 के अंतर्गत शासन के दिशा निर्देश एवं नियमानुसार आवेदकों से दावे प्राप्त करने एवं दावों के निराकरण की कार्यवाही की गई। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है।
महाविद्यालयों में पदस्थ कम्प्यूटर ऑपरेटर्स को हटाया जाना
[उच्च शिक्षा]
142. ( क्र. 1574 ) श्रीमती शकुन्तला खटीक : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश के महाविद्यालयों की जनभागीदार समितियां स्वतंत्र इकाई हैं? ये अपना निर्णय स्वयं ले सकती हैं? (ख) यदि हाँ, तो प्रदेश के महाविद्यालयों में पदस्थ कम्प्यूटर ऑपरेटरों को हटाने की क्या शासन द्वारा कार्यवाही की जा रही है? (ग) प्रदेश में जब नई टेक्नोलॉजी के द्वारा संपूर्ण शासकीय कार्य संपन्न कराये जा रहे हैं? ऐसी स्थिति में अनेक महाविद्यालयों में यदि कप्यूटर ऑपरेटरों को हटाया गया तो प्रदेश के महाविद्यालय में क्या कार्य प्रभावित होने की स्थिति निर्मित नहीं होगी? (घ) क्या अनेक महाविद्यालयों में कर्मचारी कम होने के कारण कार्य का बोझ होने से एक अतिरिक्त कम्प्यूटर ऑपरेटर की मांग की जा रही है? क्या माननीय मंत्री जी इस बिंदुओं पर विचार करेंगे?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) मध्यप्रदेश राजपत्र (असाधारण) प्राधिकार से प्रकाशित दिनांक 30.9.1996 द्वारा निर्धारित नियमों के अन्तर्गत कार्य करने हेतु जनभागीदारी समिति स्वतंत्र है। जी हाँ। उक्त नियमों के अन्तर्गत ही जनभागीदारी समिति द्वारा कार्य किया जाता है। (ख) जी हाँ। नियम विरूद्ध कार्य कर रहे कम्प्युटर आपरेटरों को हटाये जाने की कार्यवाही की जायेगी। (ग) विभाग की नीति अनुसार कार्यरत कर्मचारियों को ही प्रशिक्षण देकर कम्प्युटर कार्य कराये जाने की योजना है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (घ) शासन के नियमों के अधीन जनभागीदारी समिति द्वारा कम्प्युटर आपरेटर या अन्य किसी पद पर नियमित नियुक्ति करने की अधिकारिता नहीं है। महाविद्यालयों हेतु कम्प्युटर आपरेटर के पद पृथक रूप से सृजित नहीं किये जाते हैं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
महिलाओं को वन विभाग नौकरी में आरक्षण
[वन]
143. ( क्र. 1603 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या महिलाओं को वन विभागकी नौकरियों में 33 प्रतिशत आरक्षण नहीं दिया गया है? (ख) यदि नहीं, तो इसके कौन से कानूनी और प्रशासनिक कारण है?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी हाँ। (ख) म.प्र. सामान्य प्रशासन विभाग की अधिसूचना क्रमांक-3-8-2015-एक-3 दिनांक 17 नवम्बर 2015 से मध्य प्रदेश सिविल सेवा (महिलाओं की नियुक्ति हेतु विशेष उपबंध) नियम 1997 में निम्नलिखित संशोधन किया गया है:- उक्त नियमों में, नियम 3 में उप नियम (1) के स्थान पर निम्नलिखित उप नियम स्थापित किया जाए, अर्थात :- (1) किन्हीं सेवा नियमों में, किसी बात के होते हुए भी, राज्य के अधीन सेवा में सीधी भरती के प्रक्रम पर समस्त पदों के (वन विभाग को छोडकर) तैंतीस प्रतिशत पद महिलाओं के लिए आरक्षित रहेंगे तथा उक्त आरक्षण समस्तर और प्रभागवार (हॉरिजेटल एण्ड कम्पार्टमेंटवाइज) होगा। उक्त संशोधन नियम अनुसार वन विभाग अंतर्गत सीधी भर्ती के पदों पर महिलाओं हेतु 33 प्रतिशत आरक्षण उपलब्ध नहीं है।
उद्योग विस्थापित करने के लिए लीज पर भूमि
[वाणिज्य, उद्योग एवं रोजगार]
144. ( क्र. 1617 ) श्री प्रताप सिंह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर संभाग में उद्योग विस्थापित करने के लिए कितनी-कितनी भूमि किस संस्थान/व्यक्ति को कितने वर्ष की लीज पर कितने रिययती प्रीमियम भू-भाटक पर दी गई? इनमें से कितने व्यक्ति एवं संस्थान द्वारा उद्योग स्थापित किये गये, कितने के द्वारा उद्योग स्थापित नहीं किये गये? जिनके द्वारा उद्योग स्थापित नहीं किये गये हैं उसका क्या कारण रहा है? (ख) उद्योग विस्थापित किये जाने हेतु सरकार ने प्रत्येक उद्योग के लिए विद्युत प्रति यूनिट किस दर पर उपलब्ध करायी गई, इसके अतिरिक्त और कौन-कौन सी सुविधाएं किस दर पर उपलब्ध करायी, जैसे पानी, कच्चा माल एवं बैंक ऋण आदि? (ग) वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक उद्योग स्थापित हो जाने के पश्चात कितने बेरोजगारों को रोजगार प्राप्त हुआ? दमोह जिले में क्या कोई बड़ा उद्योग स्थापित किये जाने हेतु शासनस्तर से प्रयास किये जा रहे हैं यदि हाँ, तो बतलावें। यदि नहीं, तो क्यों?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) विभाग के ए.के.व्ही.एन. क्षेत्र अंतर्गत उदयोग विस्थापित करने हेतु कोई भूमि नहीं दी गई हैं। तदापि सागर संभाग में औदयोगिक केन्द्र विकास निगम क्षेत्रांतर्गत उदयोग स्थापित करने के लिये उपलब्ध कराई गई भूमि, स्थापित उदयोग एवं उदयोग स्थापित नहीं होने के कारण का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार हैं। (ख) उदयोग विस्थापित हेतु सरकार द्वारा कोई सुविधा उपलब्ध नहीं कराई गई हैं। तथापि स्थापित औदयोगिक इकाइयों को विदयुत नियामक आयोग दवारा निर्धारित दरों पर विदयुत उपलब्ध कराई जाती हैं। उक्त के अतिरिक्त सागर संभाग में विभाग के औदयोगिक केन्द्र विकास निगम क्षेत्रांतर्गत औदयोगिक क्षेत्र प्रतापपुरा, आई आई डी प्रतापपुरा, आई आई डी नौगांव (बीना) में उद्योगों को औद्योगिक केन्द्र विकास निगम सागर दवारा जल प्रदाय सुविधा रूपये 20 प्रति हजार लीटर की दर पर उपलब्ध कराई जा रही हैं। विभाग दवारा उक्त इकाइयों को कच्चा माल एवं बैंक ऋण उपलब्ध नहीं कराया गया हैं। (ग) वर्ष 2013 से विभाग के ए.के.व्ही.एन. सागर औद्योगिक क्षेत्रांतर्गत स्थापित उद्योगों में 1046 एवं वृहद श्रेणी के विस्तारित/शवलीकृत उदयोगों में 1343 व्यक्तियों को रोजगार प्राप्त हुआ। राज्य शासन दवारा प्रदेश में निवेशकों को वृहद उदयोगों की स्थापना हेतु आकर्षित करने के लिये उद्योग संवर्धन नीति 2014 लागू की गई हैं।
विधायक विकास निधि एवं स्वेच्छानुदान निधि
[योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी]
145. ( क्र. 1631 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता सदस्य का विधानसभा परिवर्तित अतारांकित प्रश्न संख्या 174 (क्रमांक-3164) दिनांक-26-07-2016 के प्रश्नांश (क) का उत्तर ''जी नहीं'' दिया गया था। (ख) क्या प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा विधायक विकास निधि से अनुशंसित पत्र क्र.-1037, दिनांक-29-06-2015, क्रं-1272, 1273 दिनांक-7-11-2015, क्रं-1311, दिनांक 2-1-2016, क्रं-1435 दिनांक-26-03-2016 एवं पत्र क्रं-1445 दिनांक-28-03-2016 की राशि का निर्धारित समयावधि में आवंटन निर्माणकर्ता विभाग/एजेंसियों को किया गया है? पत्रवार, ब्यौरा बताये। यदि नहीं, तो कारण बतायें (ग) क्या स्वेच्छानुदान की राशि हितग्राहियों को अधिकतम-7 दिवस में भुगतान हो जाना चाहिए, यदि हाँ, तो पत्र क्रं-1411 दिनांक-7-3-2016 के क्रं-25 के हितग्राही को 6 माह बाद दिनांक-03-09-2016 को एवं पत्र क्रमांक-1751 दिनांक-5-9-2016 एवं पत्र क्रं-1824 दिनांक-13-10-2016 के-70 हितग्राहियों को अनुशंसित राशि का भुगतान प्रश्न दिनांक तक क्यों नहीं किया गया है? (घ) प्रश्नांश ''क'' के तहत क्या वित्त विभाग के आदेश की प्रति प्राप्त हो चुकी है और आदेश का क्रियान्वयन प्रारंभ हो चुका है, यदि हाँ, तो कब से यदि नहीं, तो क्यों? (ड.) प्रश्नांश (ख) एवं (ग) के अनुसार योजना आर्थिक और सांख्यिकी विभाग की मार्गदर्शिका तथा मंत्रालय के पत्र क्रमांक-3924/2011/योआसां/17पीडीआई/विनि, भोपाल दिनांक-25-07-2011 के आदेश का पालन न करने के लिए कौन-कौन जिम्मेदार है तथा उन पर क्या कार्यवाही कब तक की जावेगी?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी हाँ। (ख) निर्धारित समयावधि में आवंटन दिया गया है। जानकारी संकलित की जा रही है। (ग) जी हाँ। जानकारी संकलित की जा रही है। (घ) जी हाँ। दिनांक 12.9.2016 से क्रियान्वयन प्रारम्भ हो चुका है। (ड.) योजनान्तर्गत जारी मार्गदर्शिका के आदेश/निर्देशों का पालन किया जा रहा है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
हाकर्स जोन की स्थापना एवं व्यवस्थापन
[नगरीय विकास एवं आवास]
146. ( क्र. 1633 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) संचालनालय के पत्र दिनांक 7-5-2016, 20-06-2012 एवं 10-07-2012 के पालन में नगरपालिक निगम, कटनी द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई, क्या-क्या प्रस्ताव /प्राक्कलन तैयार कर संचालनालय को कब-कब प्रेषित किये गये? पत्रवार बतायें (ख) विधानसभा प्रश्न क्रमांक-6383 दिनांक-18-03-2016 के प्रश्नांश ''घ'' के उत्तर के परिशिष्ट ''द'' में उल्लेखित फुटपाथ व्यापारियों को किन-किन स्थानों से विस्थापित किया गया, मार्च 2016 से अब तक की गई कार्यवाही का विवरण बतायें, यदि नहीं, तो क्यों? कारण बतायें एवं इसके लिये कौन-कौन जिम्मेदार है। (ग) प्रश्नांश ''क'' से 'ख'' के परिप्रेक्ष्य में शासनादेशों के पालन एवं निर्मित आश्वासन के अनुरूप फुटपाथ व्यापारियों का पूर्ण व्यवस्थापन कब तक और किस प्रकार किया जावेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) संदर्भित पत्रों के पालन में नगर पालिक निगम कटनी द्वारा प्रियदर्शनी बस स्टैण्ड पर राशि रू. 3.33 लाख, बस स्टैण्ड के सुलभ शौचालय के बाजू से राशि रूपयें 2.96 लाख एवं पुराना बस स्टैण्ड के पास चौपाटी स्थल पर राशि रूपये 8.76 लाख की लागत से हाकर्स जोन का निर्माण किया गया है। इसके अतिरिक्त सड़क परिवहन विभाग कार्यालय के बाजू में फुल व्यवसायियों हेतु एवं शासकीय चिकित्सालय के पास फुटकर सब्जी विक्रेताओं के लिए हाकर्स जोन बनाए गए है। अन्य उपयुक्त स्थल के चयन के लिए नगर निगम परिषद द्वारा पाँच सदस्यीय समिति का गठन भी किया गया है। नगर के पाँच स्थलों पर हाकर्स जोन निर्माण हेतु शासकीय भूमि आवंटित करने के लिए कार्यवाही की जा रही है। (ख) प्रियदर्शनी बस स्टैण्ड में बनाए गए दो हाकर्स जोन में बस स्टैण्ड के ही फुटकर व्यवसायियों को निर्मित हाकर्स जोन में व्यवस्थापित किया गया है तथा चौपाटी स्थल के पास निर्मित हाकर्स जाने में शहर के मुख्य मार्ग के किनारे के व्यवसायियों को व्यवस्थापित किया गया है। इसके अतिरिक्त सड़क परिवहन विभाग कार्यालय के बाजू में फूल व्यवसायियों को एवं शासकीय चिकित्सालय के पास फुटकर सब्जी विक्रेताओं को व्यवस्थापित किया गया है। (ग) नवीन हाकर्स जोन निर्माण हेतु भूमि की मांग कलेक्टर, जिला कटनी से की गई है। भूमि उपलब्ध होने पर शहर के मुख्य मागों के किनारे स्थित फुटपाथी व्यवसायियों को व्यवस्थापित करने की कार्यवाही की जायेगी।
मनरेगा अंतर्गत योजनाओं को क्रियान्वयन
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
147. ( क्र. 1639 ) श्री दिनेश राय : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र सिवनी में मनरेगा सहित एवं अन्य मदों से ग्राम पंचायतों में हो रहे निर्माण कार्यों के लिये स्थल पर ले-आउट, मस्टर रोल, फीडिंग, दुकानदारों एवं मजदूरों को भुगतान RTGS/EPO/FTO का कार्य संबंधित कर्मचारियों को प्रदत्त अधिकारों के अनुसार किया जा रहा है? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) क्या विधान सभा क्षेत्र सिवनी में विभागीय योजनाओं के क्रियान्वयन में संबंधित अधिकारियों/कर्मचारियों द्वारा उक्त प्रक्रिया अपनाई जा रही है? (ग) यदि हाँ, तो फिर ग्राम पंचायतों के खातों से राशि आहरण पर मुख्य कार्यपालन अधिकारी द्वारा समस्त बैंक को पत्र लिखकर किन नियमों के तहत रोक लगाई गई है? (घ) क्या ग्राम पंचायतों द्वारा राशि आहरण के पूर्व मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत की स्वीकृति का नियमों में प्रावधान है? यदि हाँ, तो नियमों से अवगत करावें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) जी नहीं। ग्राम पंचायतों द्वारा वर्तमान में ई.एफ.एम.एस. पद्धति से भुगतान किया जा रहा है। राशि का आहरण नहीं किया जा रहा है। अत: मुख्य कार्यपालन अधिकारी द्वारा समस्त बैंकों को पत्र लिख कर रोक लगाये जाने का प्रश्न ही नहीं उठता है। (घ) जी नहीं। ग्राम पंचायतों द्वारा वर्तमान में ई.एफ.एम.एस. पद्धति से भुगतान किया जा रहा है। राशि का आहरण नहीं किया जा रहा है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
पंचायतों को स्वीकृत राशि
[योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी]
148. ( क्र. 1646 ) श्री मुकेश पण्ड्या : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़नगर जनपद पंचायत अंतर्गत ग्रामों में वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक तक विधायक निधि और पंच परमेश्वर (एकीकृत बजट योजना) निधि एवं मनरेगा से कितने निर्माण कार्यों की स्वीकृति किस दिनांक को प्रदान की गई? पंचायत वार जानकारी प्रदान करें। (ख) स्वीकृत निर्माण कार्य की प्रथम किश्त किस दिनांक को जारी की गई तथा उपरोक्त कार्य हेतु कितनी राशि आज दिनांक तक जारी की जाना शेष है? पंचायतवार जानकारी प्रदान करें? (ग) जो निर्माण कार्य पंचायत द्वारा पूर्ण कर दिये गये है उनकी अंतिम किश्त किस दिनांक को जारी की गई तथा उन कार्यों के उपयोगिता प्रमाण पत्र किस दिनांक को जारी किए गए क्या ऐसे भी कोई प्रकरण हैं जिनमें पूर्ण राशि जारी होने के बाद भी लम्बे समय से उपयोगिता प्रमाण पत्र जारी नहीं किये गये है? क्या कारण है तथा इसके लिये कौन अधिकारी या कर्मचारी दोषी है? (घ) ऐसे कितने स्थान हैं जहाँ कार्य पूर्ण होने के बाद भी निर्धारित प्रारूप में सूचना पटल (बोर्ड) नहीं लगाये गये है? यदि नहीं, लगाये गये हैं तो कब तक लगाये जाएंगे?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
बड़नगर विधानसभा के ग्राम पंचायतों की जानकारी
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
149. ( क्र. 1648 ) श्री
मुकेश पण्ड्या
:
क्या पंचायत
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) प्रश्नकर्ता
के विधानसभा
क्षेत्र
बड़नगर में
वर्ष जून 2015 से 31
अक्टूम्बर 2016 तक
किन-किन जिला
स्तर, संभागीय
स्तर, राज्य
स्तरीय
अधिकारियों
के द्वारा किस
किस ग्राम के
दौरे किये गये
है? दिनांक
एवं अधिकारी
के नाम एवं पद
सहित जानकारी
उपलब्ध
करावें?
(ख)
अधिकारियों
के दौरे की जानकारी
के संदर्भ में
क्षेत्रीय
विधायक को कब
और किस पत्र
क्रमांक एवं
दिनांक के
माध्यम से
सूचित किया
गया? यदि
क्षेत्रीय
विद्यायक को
सूचित नहीं
किया गया तों
क्यों? क्या
अधिकारियों
के दौरे की
जानकारी
क्षेत्रीय
विद्यायक को
प्रदान नहीं
करना शासन के
नियमों के विपरीत
नहीं है?
यदि
हाँ, तो
ऐसी लापरवाही
के लिये कौन
अधिकारी
जिम्मेदार है? (ग) बड़नगर
विधानसभा
क्षेत्र के
ग्राम पंचायत
खण्डोतिया
में जून 2015 से 31
अक्टूम्बर 2016 तक
किन-किन
अधिकारीयों
के द्वारा कब
कब दौरे किये
गये दिनांक
वार एवं
अधिकारियों
की जानकारी
उपलब्ध करावें? (घ) ग्राम
पंचायत
खण्डोतिया
में सत्र 2014 से
प्रश्न
दिनांक तक
कितनी राशि
किस किस मद में
प्राप्त हुई
स्वीकृत राशि
का कितना
उपयोग किया
गया तथा किस
अधिकारी के
द्वारा कार्य
का भौतिक
सत्यापन किया
गया?
पंचायत
मंत्री ( श्री
गोपाल भार्गव
) : (क) से (घ) जानकारी
एकत्रित की जा
रही है।
खेल सामग्री का वितरण
[खेल और युवा कल्याण]
150. ( क्र. 1649 ) श्री मुकेश पण्ड्या : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक तक बड़नगर विधान सभा क्षेत्र में कितनी खेल सामग्री का वितरण किस किस विद्यालय को किया गया है? (ख) विद्यालय और महाविद्यालय को खेल सामग्री प्रदान करने की शासन की क्या योजना है? खेल प्रतियोगिता हेतु शासन की किस योजना के तहत अनुदान प्राप्त होता है? (ग) बड़नगर विधानसभा क्षेत्र से खेल सामग्री वितरण हेतु कोई प्रस्ताव प्राप्त हुआ है? यदि हाँ, तो उस आधार पर कब तक सामग्री प्रदान की जावेगी?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) विद्यालयों/ महाविद्यालयों में खेल सामग्री वितरण की कोई योजना संचालित ही नहीं है। अतः बड़नगर विधानसभा क्षेत्र के विद्यालयों को सामग्री वितरण का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (ख) प्रश्नोत्तर (क) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। खेल प्रतियोगिताओं के आयोजन हेतु खिलाडि़यों को प्रोत्साहन नामक योजना के अंतर्गत अनुदान प्राप्त होता है। (ग) जी नहीं। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
प्रेषित पत्र पर कार्यवाही
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
151. ( क्र. 1653 ) श्री जालम सिंह पटेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा नरसिंहपुर जिले की ग्राम पंचायत ढाना में शासन की योजनाएं न लागू करने संबंधी पत्र क्रं. JSP2043 दिनांक 28/10/16 द्वारा कलेक्टर नरसिंहपुर को सूचित किया था? (ख) यदि हाँ, तो उस पर क्या कार्यवाही की गई है? (ग) यदि नहीं, की गई है, तो क्यों? कब तक दोषियों पर कार्यवाही की जाएगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रश्नाधीन पत्र पर कार्यवाही हेतु जाँच समिति का गठन किया गया जाँच समिति द्वारा प्रतिवेदित किया गया की ग्राम पंचायत ढाना में शासकीय योजनाऐं लागू कर हितग्राहीयों को लाभान्वित किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार। ग्राम पंचायत ढाना में पत्र क्र. 2043 दिनांक 28.10.2016 अनुसार ग्राम पंचायत वन परिक्षेत्र अंतर्गत आती है, उक्त के संदर्भ में नौरादेही में निर्माण कार्य कराये जाने हेतु शिक्षा विभाग द्वारा पत्र क्र 393/ निर्माण/2015 दिनांक 09.03.2016 विकासखंड स्त्रोत समन्वयक जनपद शिक्षा केन्द्र नरसिंहपुर को भेजा गया। वन विभाग द्वारा पत्र क्र. 1803 दिनांक 03.07.2013 को कार्य की स्वीकृति प्रदान की गई किन्तु पत्र क्र 892/रेंज परिक्षेत्र डोंगरगांव दिनांक 07.12.2015 को ग्राम पंचायत में कार्य न कराये जाने के निर्देश दिये गये है। वर्तमान में ग्राम पंचायत के खाते में रू. 46.69307 लाख शेष है। स्वच्छता अभियान अंतर्गत कोई कार्य नहीं कराया गया है। ग्राम पंचायत का जनरेटर, एलईडी और पानी टेंकर ग्राम पंचायत परिसर मं रखा है। सोलर लाईट का कोई भी व्यय ग्राम पंचायत स्तर से नहीं किया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार गठित जाँच समिति के प्रतिवेदन के अधार पर संरपच ग्राम पंचायत ढाना के विरूद्ध पंचायत एवं ग्राम स्वराज अधिनियम 1993 की धारा 40 के तहत कार्यवाही हेतु अनुविभागीय अधिकारी राजस्व नरसिहपुर में प्रकरण पंजीबद्ध किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार।
नौरादैही अभ्यारण्य के ग्राम ढाना में अवैध कटाई एवं वन भूमि पर अतिक्रमण
[वन]
152. ( क्र. 1654 ) श्री जालम सिंह पटेल : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नौरादैही अभ्यारण्य के ग्राम ढाना में अवैध कटाई एवं वन भूमि अतिक्रमण से संबंधित पत्र वन मंडलाधिकारी नौरादैही अभ्यारण्य सागर को प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा पत्र क्र. JSP/2042 दिनांक 28/10/16 प्रेषित किया गया? यदि हाँ, तो उस पत्र पर क्या कार्यवाही की गई? (ख) यदि नहीं, की गई तो क्यों? कब तक दोषियों पर कार्यवाही की जाएगी?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी हाँ। प्रश्नांकित पत्र वनमण्डलाधिकारी, नौरादेही वनमंडल, सागर को दिनांक 17.11.2016 को प्राप्त हुआ है। पत्र में दर्शित बिन्दुओं की जाँच उप वनमंडल अधिकारी (वन्यप्राणी) बरमान से कराये जाने के निर्देश दिये जा चुके हैं। (ख) जाँच में यदि कोई व्यक्ति दोषी पाये जाते हैं तो संबंधित के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जा सकेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
सिंहस्थ २०१६ में कराये गए निर्माण कार्य एवं क्रय की गई सामग्री
[नगरीय विकास एवं आवास]
153. ( क्र. 1665 ) श्री
रामनिवास
रावत : क्या
नगरीय विकास
एवं आवास
मंत्री
महोदया यह बताने
की कृपा
करेंगी कि (क) उज्जैन
में आयोजित
सिंहस्थ 2016 में
विभिन्न
एजेंसियों
द्वारा कराये
गए निर्माण
कार्य एवं
क्रय की गई
सामग्री में
अनियमितता, भ्रष्टाचार, गुणवत्ताविहीन
निर्माण
कार्य एवं
गुणवत्ताविहीन
सामग्री क्रय
किये जाने की
कितनी कितनी
शिकायतें
किस-किस स्तर
प्राप्त हुई? प्राप्त
शिकायतों में
से कितनी
शिकायतों की जाँच
किस किस
अधिकारी से
कराई गई?
(ख)
जाँच
उपरांत
किन-किन
कार्यों एवं
क्रय की गई सामग्री
में
अनियमितताएँ, भ्रष्टाचार
होना एवम्
गुणवत्ताविहीन
सामग्री क्रय
किया जाना
पाया गया? कौन कौन
अधिकारी
कर्मचारी
दोषी पाए गए? दोषियों
के विरूद्ध
क्या क्या
कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों? अनियमितताओं
में दोषी
अधिकारी
वर्तमान में
किस किस पद पर
कहाँ कहाँ
पदस्थ हैं? (ग) सिंहस्थ
2016 में
क्रय की गई
विभिन्न
सामग्री के
उपयोग उपरांत
उस सामग्री का
क्या किया गया?
नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री (
श्रीमती माया
सिंह ) : (क) से (ग)
जानकारी
संकलित की जा
रही है।
जिला श्योपुर में सड़क निर्माण के प्रस्ताव
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
154. ( क्र. 1667 ) श्री रामनिवास रावत : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2014-15, 2015-16, 2016-17 में प्रश्नांकित दिनांक तक श्योपुर जिले में किन-किन सड़क मार्गों के प्रस्ताव शासन को भेजे गए हैं? विकासखण्डवार सूची उपलब्ध करावें? (ख) उक्त प्रस्तावों में से कौन-कौन सी सड़कें कितनी लम्बाई की, कितनी-कितनी राशि स्वीकृत की जाकर निर्माण कार्य प्रारम्भ करा दिया है, कितनी अप्रारम्भ है? निर्माण एजेंसी कौन है? (ग) क्या आदिवासी विकासखंड कराहल के ग्राम निमोदामठ जिसकी आबादी वर्ष 2001 की जनगणना के अनुसार 629 एवं वर्ष 2011 की जनगणना अनुसार 987 है, को शिवपुरी-श्योपुर रोड से निमोदामठ तक जोड़ने हेतु पी.एम., जी.एस.वाई. जिला इकाई श्योपुर द्वारा वर्ष 2016-17 में प्रस्ताव विभागीय स्तर स्वीकृति हेतु भेजा गया था तथा इस मार्ग को स्वीकृत किये जाने हेतु प्रश्नकर्ता द्वारा पत्र क्रमांक 3960 दिनांक 14-08-16 से मुख्य कार्यपालन अधिकारी एम.पी.आर.आर.डी.ए. भोपाल एवं मुख्य महाप्रबंधक एम.पी.आर.आर.डी.ए. भोपाल को अनुरोध किया था? यदि हाँ, तो उक्त पत्र पर क्या कार्यवाही की गई? (घ) आदिवासी विकासखंडों में 250 से अधिक जनसंख्या वाले ग्रामो को मुख्य सड़क मार्गों से जोड़ने के प्रावधान होने के वावजूद प्रश्नांश (ग) के मार्ग स्वीकृत न करने के क्या कारण हैं? कब तक मार्ग निर्माण की स्वीकृति दे दी जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत भेजे गये प्रस्तावों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) जी हाँ। प्रश्न में उल्लेखित मार्ग प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना फेस-2 के प्रस्ताव में शामिल किया गया। भारत शासन द्वारा कोरनेटवर्क अनुमोदन के उपरांत ही उक्त मार्ग का प्रस्ताव प्रस्तुत किया जा सकेगा। (घ) प्रश्न में उल्लेखित मार्ग जनगणना वर्ष 2001 के आधार पर जारी स्वीकृत कोरनेटवर्क की सूची में सम्मिलित नहीं होने के कारण निर्माण नहीं कराया जा सका। उक्त मार्ग के निर्माण का प्रस्ताव प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना फेस-2 के प्रस्ताव में शामिल किया गया। भारत शासन के अनुमोदन के पश्चात् ही उक्त मार्ग के निर्माण हेतु प्रस्ताव प्रस्तुत किया जा सकेगा। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सरपंच एवं सचिवों की अनियमितताएं
[योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी]
155. ( क्र. 1675 ) चौधरी मुकेश सिंह चतुर्वेदी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भिण्ड जिले में अनुभाग मेहगांव अंतर्गत ग्राम पंचायत पचेरा (मेहगांव) व बरासों में वर्ष 2014-15 में जन भागीदारी के विकास कार्य कराये गये हैं? यदि हाँ, तो कौन-कौन से कितनी-कितनी राशि से कार्यवार, राशिवार जानकारी दी जावे? (ख) क्या ग्राम पंचायत पचेरा (मेहगांव) व बरासों में जन भागीदारी से कराये गये कार्यों का भुगतान बगैर कार्य कराये (फर्जी) स्थान दर्शाकर एवं अपूर्ण कार्यों का पूर्ण होना दर्शाया जाकर करा लिया गया है? यदि हाँ, तो उक्त कृत्य के लिये कौन-कौन जिम्मेदार है? नाम बतावें? (ग) क्या विभाग उक्त दोषियों के विरूद्ध कोई कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो क्या और कब तक?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) भिण्ड जिले के अनुभाग मेहगांव अन्तर्गत ग्राम पंचायत पचेरा (मेहगांव) में वर्ष 2014-15 में जनभागीदारी योजना से स्वीकृत कार्यों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। उक्त योजना से ग्राम बरासों में कोई कार्य स्वीकृत नहीं किया गया है। (ख) जी नहीं। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्नांश ''ख'' के उत्तर के परिपेक्षय में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
श्रम न्यायालय सतना द्व्रारा पारित निर्णय के आधार पर स्वत्तों का भुगतान
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
156. ( क्र. 1676 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले की उचेहरा तहसील के अंतर्गत ग्राम जाखी की अ.जा. की विधवा बूटी बाई चौधरी के पति गोविन्द प्रसाद की मृत्यु म.प्र. शासन द्वारा प्रारम्भ की गई कपिलधारा योजना के अंतर्गत सार्वजनिक कुएँ के निर्माण के दौरान दुर्घटना होने पर श्रम न्यायालय सतना के द्वारा पारित आदेश के अनुसार तथा इसकी वसूली में आर.आर.सी. जारी करने के बाद भी रुपय ३३४९९२ की क्षतिपूर्ति कलेक्टर सतना तथा सी.इ.ओ. जनपद पंचायत उचेहरा द्वारा ०५ वर्ष के बाद भी भुगतान क्यों नहीं किया गया? (ख) क्या बेवा बूटि बाई चौधरी के द्वारा इस संबंध में म.प्र. समाधान पोर्टल के समक्ष जनशिकायत किये जाने पर शासन के द्वारा कलेक्टर सतना को निर्देशित किये जाने पर भी कलेक्टर सतना एवं जनपद पंचायत के सी.ई.ओ. के द्वारा अभी तक कोई कार्यवाही क्यों नहीं की गई? (ग) क्या आवेदिका बूतिबाई को उसके वैधानिक स्वत्व क्षतिपूर्ति की राशि का भुगतान करने के निर्देश जारी किये जाएँगे या नहीं? यदि जारी किये जाएँगे तो कब तक?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) सतना जिले की उचेहरा तहसील के अंतर्गत ग्राम जाखी की श्रीमती बूटी बाई चौधरी के पति गोविन्द प्रसाद की मृत्यु उपरांत विभाग की विभिन्न योजनाओं अंतर्गत आवेदिका को तत्समय ही विभिन्न योजनाओं में आर्थिक सहायता – रोजगार मेन्यूवल नियम अनुसार दिनांक 15.07.2010 को रूपये 25 हजार, राष्ट्रीय परिवार सहायता योजना के अंतर्गत रूपये 10 हजार, इंदिरा आवास योजना का लाभ तथा अनुग्रह अंत्येष्टी के मद से रूपये 2000/- की राशि दिनांक 22.03.11 को प्रदान की जा चुकी है। श्रम न्यायालय सतना द्वारा पारित आदेश में उल्लेखित राशि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम में प्रावधानित नहीं होने से उक्त आदेश के विरूद्ध माननीय उच्च न्यायालय में डब्ल्यू. पी. 11960/2016 आर.आर.सी. के विरूद्ध स्थगन हेतु प्रचलन में है। (ख) उत्तरांश 'क' अनुसार डब्ल्यू.पी. 11960/2016 स्थगन हेतु प्रचलन में होने के कारण अबतक कार्यवाही नहीं की जा सकी। (ग) माननीय उच्च न्यायालय में याचिका क्रमांक डब्ल्यू. पी. 11960/2016 प्रचलन में है। आगामी कार्यवाही माननीय उच्च न्यायालय के निर्णय उपरांत ही संभव होगी।
भर्ती किये गए सफाई कामगारों के पदों को निरस्त किया जाना
[नगरीय विकास एवं आवास]
157. ( क्र. 1677 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या नगरपालिक निगम सतना में सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र क्र. एफ.-६-१/अ.प्र/एक, भोपाल दिनांक २४/०३/२००५ के परिपालन में अ.जा./अ.ज.जा. वर्ग के बैकलॉग कैरिफार्वर्ड पदों पर सफाई कामगार की दो वर्ष की परिवीक्षा अवधी पर ५० पदों पर नियुक्ति करने के आदेश दिए गए थे? (ख) यदि हाँ, तो क्या पूर्व महापौर विमला पांडे द्वारा मेयर इन कोंसिल की बैठक दिनांक २२/०९/०५ में पूर्व महापौर एवं अध्यक्ष द्वारा आरक्षण नियम का हवाला देकर भर्ती निरस्त कर दी गई थी जबकि भर्ती आरक्षित वर्ग से ही की गई थी तो फिर किन कारणों से निरस्त की गई ? (ग) क्या म.प्र. शासन द्वारा जारी परिपत्रों द्वारा निर्देशित बैकलॉग केरी फारवर्ड पदों को निरस्त करने का अधिकार मेयर इन कौंसिल एवं महापौर को था? (घ) क्या पूर्व महापौर द्वारा आरक्षित पदों पर चयनित उम्मीदवारों के साथ कुठाराघात किया गया है एवं जानबूझकर आरक्षण नियमों का हवाला दे कर चयन प्रक्रिया पर रोक लगाई गई थी? क्या इस सम्पूर्ण प्रक्रिया की जाँच कराते हुए वर्ष २००५ में चयनित उम्मीदवारों को नियुक्ति आदेश दिए जाने के निर्देश दिए जावेंगे, यदि हाँ, तो कब तक?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। माह जुलाई 2005 में बैकलॉग के रिक्त पदों की पूर्ति किए जाने हेतु दिनांक 08.07.2005 को 50 सफाई कामगारों की भर्ती किए जाने के लिए विज्ञप्ति जारी की गई थी। जारी की गई विज्ञप्ति में दिनांक 18.07.2005 तक आवेदन पत्र मंगाए गए। इस प्रकार मात्र 10 दिवस का समय आवेदन पत्र प्रस्तुत करने हेतु दिया गया, जबकि सामान्य प्रशासन विभाग के ज्ञाप दिनांक 29.11.1997 अनुसार आवेदन पत्र प्रस्तुत करने के लिए कम से कम एक माह का समय दिए जाने का प्रावधान है। सीधी भर्ती से भरे जाने वाले पदों के लिए स्थानीय रोजगार कार्यालय से अभ्यार्थियों की सूची मंगाई जानी थी, किन्तु स्थानीय रोजगार कार्यालय से अभ्यार्थियों की सूची नहीं मंगाई। एक समाचार पत्र दैनिक कीर्तिकृति रीवा में दिनांक 12.07.2005 को विज्ञप्ति प्रकाशित कराई गई, जबकि सतना शहर में बड़े समुह के दैनिक समाचार पत्र प्रकाशित होते हैं। इसके अतिरिक्त उक्त पदों की पूर्ति के लिए समक्ष स्वीकृति मेयर इन कौंसिल से नहीं ली गई। तत्कालीन आयुक्त द्वारा स्वयं के आदेश से कार्यवाही प्रचलित की गई। मध्यप्रदेश नगर पालिक निगम के अधिकारियों/कर्मचारियों के लिए सेवा भर्ती नियम 2000 बनाए गए हैं, जिसमें आयुक्त की अधिकारिता के अधीन भरे जाने वाले पदों के लिए चयन समिति के गठन हेतु निर्देश प्रदान किए गए हैं, जिसके अनुसार अपर आयुक्त या उपायुक्त, अध्यक्ष मनोनित होंगे किन्तु चयन समिति की अध्यक्षता हेतु श्री अशोक कुमार मिश्रा वरिष्ठ लेखाअधिकारी को अध्यक्ष मनोनित किया गया था, क्योंकि नगर पालिक निगम, सतना में अपर आयुक्त एवं उपायुक्त का पद स्वीकृत नहीं है। चूंकि उक्त पदों की पूर्ति आयुक्त की अधिकारिता के अधीन किए जाने थे, ऐसी दशा में चयन समिति के अध्यक्ष के लिए शासन से मार्गदर्शन प्राप्त कर कार्यवाही नहीं की गई है। इस प्रकार शासन आदेश के विरूद्ध कार्यवाही की गई है। नगर पालिक निगम, सतना में सफाई कामगारों के 313 पद स्वीकृत हैं। मध्यप्रदेश शासन द्वारा निर्धारत आरक्षण अनुसार अनुसूचित जाति के लिए 46 पद आरक्षित होते हैं, जबकि मई 2003 में सफाई कामगारों के अनुसूचित जाति के 23 पदों की पूर्ति बैकलॉग के तहत की गई थी। 23 पद अनुसूचित जनजाति के रिक्त होते हैं। प्रकाशित विज्ञप्ति में 50 पदों का लेख है, किन्तु उक्त 50 पदों में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के कितने-कितने पद हैं, का उल्लेख नहीं किया गया है। इस प्रकार की गई कार्यवाही में आरक्षण नियमों का पालन नहीं किए जाने से मेयर इन कौंसिल द्वारा नियुक्ति निरस्त की गई थी। (ग) अनियमित कार्यवाही होने के कारण मेयर इन कौंसिल द्वारा निरस्त किया गया था। (घ) जी नहीं। चयन प्रक्रिया में अनियमितता होने के कारण शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मुख्यमंत्री/प्रधानमंत्री सड़क योजना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
158. ( क्र. 1705 ) श्री सुदेश राय : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र 159 सीहोर के अंतर्गत ग्रामीण अंचलों में वर्ष 2001 की जनगणना के आधार पर मुख्यमंत्री सड़क योजना अंतर्गत 500 से कम आबादी वाले ग्राम एवं प्रधानमंत्री सड़क योजना अंतर्गत 500 से अधिक आबादी वाले सभी ग्राम मुख्य मार्ग से जुड गये है अब सिंगल एवं डबल कनेक्टिविटी रोड का कार्य होना, क्या उक्त कार्य भी उक्त दोनों योजनान्तर्गत ही होना है तो योजना का विस्तृत विवरण बतावें। (ख) योजना में चरणबद्ध किस प्रकार मार्गों का निर्माण किया जावेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के मापदण्डों अनुसार सीहोर जिले के पात्र ग्रामों की सिंगल कनेक्टिविटी की स्वीकृति हो चुकी है। डबल कनेक्टिविटी के कार्य मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के मापदण्डों में नहीं आते हैं। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनान्तर्गत पात्र ग्रामों की स्वीकृति हो चुकी है। डबल कनेक्टिविटी के कार्य प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के मापदण्डों में नहीं आते हैं। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
ग्रामीण अंचलों में खेल मैदान विकसित करने की योजना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
159. ( क्र. 1710 ) श्री सुदेश राय : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्रामीण अंचलों में खेल मैदान के विकास एवं निर्माण हेतु शासन की महात्मा गांधी नरेगा अन्तर्गत क्या उपयोजना है ? (ख) ग्रामीण अंचलों में युवाओं को खेलकूद आदि की सुविधा उपलब्ध कराने हेतु विधानसभा क्षेत्र 159 के अंतर्गत किन-किन ग्रामों में खेल मैदान का कितनी-कितनी राशि से निर्माण किया गया है तथा किन-किन ग्रामों में निर्माण किया जाना शेष इसमें क्या-क्या परेशानी आ रही है तथा कब तक कार्यवाही पूर्ण कर ली जावेगी? पृथक-पृथक पूर्ण अथवा अपूर्ण खेल मैदान का विवरण देवें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) ग्रामीण अंचलों में खेल मैदान के विकास एवं निर्माण हेतु शासन की महात्मा गांधी नरेगा अन्तर्गत ''ग्रामीण क्रीडांगन'' उपयोजना है। निर्देश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) ग्रामीण अंचलों में युवाओं को खेलकूद आदि की सुविधा उपलब्ध कराने हेतु विधानसभा क्षेत्र 159 के अंतर्गत 21 ग्रामों में खेल मैदान स्वीकृत किये गये जिनमें 09 कार्य पूर्ण एवं 12 कार्य प्रगतिरत हैं। ग्रामवार स्वीकृत राशि, व्यय राशि तथा पूर्ण/अपूर्ण कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 एवं 3 अनुसार है। परिशिष्ट में उल्लेखित ग्रामों के अलावा 150 ग्रामों में खेल मैदान विकसित किये जाने शेष हैं, इस हेतु ग्राम पंचायतें उनके लेबर बजट अनुसार खेल मैदान के प्रस्ताव ग्रामसभा के माध्यम से अनुमोदित करने हेतु सक्षम हैं। योजना मांग आधारित होने से प्रगतिरत कार्यों का पूर्ण होना जॉबकार्डधारी परिवारों द्वारा काम की मांग पर निर्भर होने से निश्चित समय-सीमा बतलाया जाना संभव नहीं है।
शासकीय महाविद्यालयों में पदों की पूर्ति
[उच्च शिक्षा]
160. ( क्र. 1713 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सीतामउ, शामगढ, सुवासरा के शासकीय महाविद्यालयों में सम्पूर्ण पद घोषित हैं? (ख) उपरोक्त सभी पदों में से कितने पदों पर नियुक्ति या पूर्ति हो चुकी है एवं कितने पद प्रश्न दिनांक तक रिक्त हैं? (ग) सीतामउ, शामगढ, सुवासरा के महाविद्यालयों में कितने अतिथि शिक्षक, चपरासी, सफाई कर्मी लगे हुए हैं नाम व पद, किस प्रक्रिया के तहत इनकी नियुक्ति की गई है? (घ) क्या उपरोक्त महाविद्यालयों में पदों की पूर्ति हेतु विज्ञप्ति निकाली गई थी? किस पद हेतु क्या योग्यता मांगी गई थी एवं किन-किन व्यक्तियों को नियुक्त किया गया है?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी हाँ। (ख) शासकीय महावि. सीतामउ में प्राचार्य तथा एक सहायक प्राध्यापक एवं शासकीय महावि. सुवासरा में एक सहायक प्राध्यापक की पदस्थापना हो चुकी है, शेष समस्त स्वीकृत नियमित पद रिक्त हैं। (ग) प्रश्नांश की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर है। (घ) जी हाँ। शासकीय महाविद्यालय सीतामउ, शामगढ़, सुवासरा में विधिवत विज्ञप्ति जारी कर पदों की पूर्ति नहीं की गई थी। प्रश्नांश की शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर है।
लोक सेवा गांरटी केन्द्रों के संबंध में
[लोक सेवा प्रबन्धन]
161. ( क्र. 1717 ) प्रो. संजीव छोटेलाल उइके : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र मण्डला में कितने लोक सेवा गारंटी केन्द्र संचालित हैं? जिले के लोक सेवा केन्द्रों में 2016-17 में प्रश्न दिनांक तक गरीबी रेखा, वृद्धा पेंशन, विकलांग पेंशन, इंदिरा आवास एवं लोक सेवा केन्द्र में संचालित सभी सेवाओं के कितने-कितने आवेदन प्राप्त हुये पृथक-पृथक सेवावार बतायें एवं उनसे कितनी राशि प्राप्त हुई माहवार लोक सेवा केन्द्रवार बतायें? (ख) प्रश्नांश (क) की अवधि में प्राप्त आवेदन में से कितनों का निराकरण हुआ कितनों का नहीं हुआ कारण सहित सेवावार, माहवार लोक सेवा केन्द्रवार बतायें? (ग) लोक सेवा गारंटी केन्द्र संचालकों को प्रश्नांश (क) की अवधि में कितनी राशि का भुगतान किया गया? माहवार, विकासखण्डवार बतायें तथा आवेदन पत्रों से प्राप्त राशि का कहाँ उपयोग किया गया? माहवार लोक सेवा केन्द्रवार बतायें?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) विधानसभा क्षेत्र मण्डला में दो लोक सेवा गारंटी केन्द्र मण्डला एवं नैनपुर संचालित है। जिले के लोक सेवा केन्द्रों में 2016-17 में प्रश्न दिनांक तक 38697 आवेदन प्राप्त हुये एवं राशि 864924/- प्राप्त हुई है। पृथक-पृथक सेवावार एवं राशि माहवार एवं लोक सेवा केन्द्रवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिश्ष्टि के प्रपत्र ‘’अ’’ एवं ‘’ब’’ अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) की अवधि में प्राप्त आवेदनों में से 33898 आवेदनों का निराकरण हुआ है, जिसमें से 4650 लंबित है, जो समय-सीमा के अंदर है। जिसका निराकरण समय-सीमा में करा दिया जावेगा। संबंधित सेवावार माहवार, लोक सेवा केन्द्रवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘’ब’’ अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (क) की अवधि में लोक सेवा केन्द्र संचालक को शासन द्वारा किया गया भुगतान का प्रपत्र पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘’स’’ अनुसार है तथा आवेदन पत्रों से प्राप्त राशि के उपयोग संबंधी जानकारी निरंक है।
नील गायों को पकडने की योजनाएं
[वन]
162. ( क्र. 1718 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग द्वारा लगातार जनप्रतिनिधियों एवं किसानों द्वारा की जा रही मांग को ध्यान में रखते हुए नील गायों द्वारा किए जा रहे फसलों के नुकसान से बचाने हेतु क्या-क्या योजनाऐं बनाई गई है? (ख) विभाग के सर्वे अनुसार मंदसौर जिले में कितनी नीलगायों का अनुमान लगाया गया? (ग) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में नीलगायों को पकड़ने हेतु विभाग द्वारा क्या-क्या प्रयास किए जा रहे है एवं नीलगायों को किस स्थान पर छोड़ा जा रहा है? (घ) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में विभाग द्वारा नीलगायों को पकड़ने का अभियान कब तक पूर्ण हो जावेगा?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) राज्य शासन द्वारा वर्ष 2000 एवं 2003 में फसलहानि करने वाली नीलगाय एवं जंगली सुअर को मारने हेतु अनुमति जारी करने के लिए समस्त अनुविभागीय अधिकारी, राजस्व को अपनी-अपनी अधिकारिता क्षेत्र की सीमाओं के भीतर प्राधिकृत अधिकारी घोषित किया गया है। साथ ही वन्यप्राणियों द्वारा फसलहानि होने पर राहत राशि मध्यप्रदेश लोक सेवाओं के प्रदान की गारंटी अधिनियम 2010 के तहत् राजस्व विभाग द्वारा 30 कार्य दिवस में राजस्व पुस्तक परिपत्र में निर्धारित दर के अनुसार प्रदान की जाती है। नीलगाय से फसलहानि को रोकने के उद्देश्य से 50 नीलगायों को मंदसौर जिले के ऐरा ग्राम से प्रायोगिक तौर पर बोमा विधि से पकड़कर गांधीसागर अभ्यारण्य में छोड़े जाने की कार्यवाही प्रचलित है। (ख) विभाग के सर्वे अनुसार मंदसौर जिले के वनक्षेत्र में अनुमानित 1866 एवं राजस्व क्षेत्र में अनुमानित 1230, इस प्रकार मंदसौर जिले में 3096 नीलगायों के होने का अनुमान लगाया गया है। (ग) सुवासरा विधान सभा क्षेत्र के ग्राम ऐरा के फसल नुकसानी से प्रभावित क्षेत्र से 50 नीलगायों को बोमा पद्धति से पकड़ने के लिये स्थल पर बोमा का निर्माण एवं समस्त अन्य आवश्यक व्यवस्था की कार्यवाही प्रारंभ हो चुकी है। नीलगायों के पकड़े जाने के उपरांत गांधीसागर अभयारण्य के उपयुक्त क्षेत्र में छोड़े जाने का प्रस्ताव है। (घ) सुवासरा विधान सभा क्षेत्र के सीतामऊ तहसील के ग्रामऐरा में 50 नीलगायों को पकड़ने की कार्यवाही प्रचलित है। यह कार्यवाही प्रथम बार प्रायोगिक तौर पर की जा रही है, अत: निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
वनविभाग की भूमि पर राजस्व विभाग द्वारा दिये गये पट्टे
[वन]
163. ( क्र. 1719 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले की चन्दला विधानसभा क्षेत्र के विकासखण्ड गौरिहार, लवकुशनगर की वन विभाग की भूमि पर राजस्व विभाग ने कितने किसानों को पट्टे दिये हैं विकासखण्डवार, ग्रामवार किसान की संख्यात्मक जानकारी सूची उपलब्ध करावे? (ख) क्या राजस्व विभाग ने जिस समय किसानों को पट्टे दिये तो क्या उस समय वन विभाग ने राजस्व विभाग को दिये गये पट्टों को रोकने के लिये कोई प्रयास किये? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) यदि हाँ, तो वन विभाग छतरपुर द्वारा क्या कार्यवाही की गयी, की गयी कार्यवाही की एवं आदेशों व पत्रों की सत्यप्रतिलिपि उपलब्ध करावें? (घ) यदि नहीं, की गयी तो इसके लिये कौन दोषी है उसके विरूद्ध क्या कार्यवाही की गयी? यदि नहीं, तो कब तक की जावेगी?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) से (घ) प्रश्नाधीन क्षेत्र की वनभूमि पर, राजस्व विभाग द्वारा कोई पट्टा नहीं दिया गया। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नीलगायों के फसलों की सुरक्षा हेतु चैनलिक फेंसिंग कार्य
[वन]
164. ( क्र. 1720 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या चन्दला विधानसभा में दिनांक २४/११/२०१५ को माननीय मुख्यमंत्री महोदय की ग्राम सिजई आगमन के दौरान घोषणा की थी कि नीलगायों के आतंक से फसलों की सुरक्षा के संबंध में नीलगायों को जंगल में सुरक्षित रखने हेतु वन क्षेत्र की चैनलिंक फेंसिंग के कार्य को शीध्र पूरा करने के आदेश वन विभाग को दिये गये थे? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में वर्णित भूमि ग्राम ठकुर्रा जनपद पंचायत गौरिहार के अन्तर्गत व बीट केन्द्र ठकुर्रा के क्षेत्रफल 900 हेक्टेयर में चैनलिंक फेंसिंग के कार्य हेतु चयनित किया गया था? (ग) यदि हाँ, तो माननीय मुख्यमंत्री जी की घोषणा पर वन विभाग/ कलेक्टर छतरपुर द्वारा कोई कार्यवाही की गयी या प्रस्ताव शासन स्तर पर भेजा गया है? यदि भेजा गया है तो उक्त प्रस्ताव, कार्यवाही की सत्यप्रतिलिपि उपलब्ध करावें? (घ) यदि कार्यवाही नहीं की गयी तो इसके लिये कौन दोषी है और दोषियों पर कब तक कार्यवाही की जावेगी एवं घोषणा पर कब तक कार्यवाही की जावेगी?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। वर्तमान में परिक्षेत्र लवकुश नगर के वनकक्ष क्रमांक पी- 704 एवं पी-706 के क्रमश: 598 एवं 570 हैक्टेयर वनक्षेत्र को सोलर फेंसिंग हेतु चयनित किया गया है। (ग) घोषणा के पालन में वृत्त कार्यालय छतरपुर द्वारा प्रस्ताव (डी.पी.आर.) अपने पत्र क्रमांक/मा.चि./2016/980, दिनांक 27.06.2016 से प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यप्राणी), भोपाल की ओर दो प्रतियों में प्रेषित किया गया है जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) माननीय मुख्यमंत्री जी की घोषणा अनुसार वन क्षेत्र के फैंसिंग का प्रस्ताव बनाया जा चुका है। अत: इसके लिये कोई दोषी नहीं है। अत: कार्यवाही का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। बजट उपलब्धता अनुसार कार्य की स्वीकृति व राशि उपलब्ध कराई जा सकेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
झुग्गी झोपड़ियों के विकास के संबंध में
[नगरीय विकास एवं आवास]
165. ( क्र. 1733 ) डॉ. मोहन यादव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नगरीय विकास एवं आवास विभाग द्वारा झुग्गी झोपडि़यों के विकास के लिए कौन-कौन सी योजनाएं संचालित की जा रही है? योजनाओं की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) की जानकारी अनुसार उज्जैन नगर निगम द्वारा नगर निगम सीमा क्षेत्र में स्थित झुग्गी झोपडि़यों के विकास के लिए कितनी योजनाओं को लागू किया गया तथा भविष्य में झुग्गी झोपडि़यों के विकास हेतु क्या कार्य योजना है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) प्रधानमंत्री आवास योजना (सबके लिये आवास - 2022) योजना की मार्गदर्शिका की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत योजना के निम्नानुसार तीन घटकों पर कार्य किया जा रहा है।
1. ऋण से जुड़ी ब्याज सब्सिडी के माध्यम से कमजोर वर्ग के लिए किफायती आवास को प्रोत्साहन, (Affordable Housing throught Credit Linked Subsidy CLSS)
2. सार्वजनिक तथा निजी क्षेत्रों के साथ भागीदारी में किफायती आवास, (Affordable Housing in Partnership AHP)
3. लाभार्थी आधारित व्यक्तिगत आवास निर्माण के लिए सब्सिडी। (Subsidy for beneficiary-led individual house construction BLC)
भविष्य में विधमान झुग्गी बस्तियों से निवास कर रहे लाभार्थियों को प्रधानमंत्री आवास योजना के AHP घटक के माध्यम से 1466 ई.डब्ल्यू.एस. आवास बनाकर झुग्गीवासियों को स्थानांतरित कर शहर को झुग्गी मुक्त करने की योजना है। प्रधानमंत्री आवास योजना के BLC घटक के अंतर्गत टेनेबल स्लम में निवासरत लगभग 23000 लाभार्थियों को आवास निर्माण हेतु अंशदान दिये जाने की योजना है।
उपवन मण्डल अधिकारी छतरपुर के प्रतिवेदन पर कार्यवाही
[वन]
166. ( क्र. 1743 ) श्री मानवेन्द्र सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला छतरपुर में क्या सहायक वन संरक्षक सामान्य वन मण्डल छतरपुर द्वारा ग्राम वन समिति कराठा के सचिव के अशोक कुमार वाजपेयी द्वारा रेंजर व डिप्टी रेंजर की मिली भगत से अध्यक्ष देशराज पाल के बिल वाउचर में फर्जी हस्ताक्षर कर राशि आहरण की गई? यदि हाँ, तो कितनी कितनी राशि किस-किस दिनांक को आहरित की गई? (ख) क्या अध्यक्ष देशराज पाल के बिल वाउचर में फर्जी हस्ताक्षर कर शासकीय राशि का दुरूपयोग किया गया है? क्या जाँच प्रतिवेदन में विसंगति सिद्ध हुई है? यदि हाँ, तो दोषी अधिकारियों के खिलाफ क्या कार्यवाही की गई? कार्यवाही के विवरण की प्रति उपलब्ध करायें? (ग) क्या अद्योहस्ताक्षरी के द्वारा वन संरक्षक, सा. वन मण्डल छतरपुर को दिनांक 01.08.2016 को कार्यवाही हेतु पत्र प्राप्त हुआ है? पत्र पर क्या कार्यवाही हुई कार्यवाही विवरण व पत्र की प्रति उपलब्ध करायें? (घ) क्या दोषी अधिकारियों को विभाग संरक्षित करने का कार्य कर रहा है? यदि हाँ, तो ऐसे वरिष्ठ अधिकारियों को निलंबित करते हुए निलंबित अवधि में जाँच करवाकर सेवा से पृथक करने की कार्यवाही करेंगे? यदि हाँ, तो समय-सीमा बतावें।
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी हाँ। राशि रूपये 25,000/- दिनांक 10.10.2014 से आहरित की गयी। सहायक वन संरक्षक की राशि आहरण में कोई भूमिका नहीं है। (ख) प्रमाणक पर अध्यक्ष देशराज एवं सचिव ग्राम वन समिति कराठा के हस्ताक्षर हैं, किन्तु जाँच प्रतिवेदन में फर्जी हस्ताक्षर होने का अंश उल्लेखित नहीं है। जाँच प्रतिवेदन में वित्तीय अनियमितता सिद्ध हुई है, जिसके अनुसार दौषियों के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही हेतु वनरक्षक श्री अशोक कुमार वाजपेई वनपाल श्री रमाशंकर पटैरिया को आरोप पत्र जारी किये गये हैं एवं श्री सुनील कुमार जैन वनक्षेत्रपाल को स्पष्टीकरण जारी किया गया है। आरोप पत्र एवं स्पष्टीकरण के पत्र की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) जी हाँ। माननीय विधायक महोदय के पत्र के पालन में वनमण्डल कार्यालय छतरपुर के पत्र क्रमांक/स्टेनो/2748 दिनांक 16.08.2016 से प्रकरण में की गयी कार्यवाही से अवगत कराया गया है। पत्र की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (घ) जी नहीं। शिकायत में दोषी पाये गये अधिकारियों के विरूद्ध मध्यप्रदेश सिविल सेवा वर्गीकरण नियंत्रण एवं अपील नियम 1966 के अनुसार अनुशासनात्मक कार्यवाही प्रचलित है, अत: वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा संरक्षण का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
पर्यावरण संरक्षण हेतु पौधारोपण
[नगरीय विकास एवं आवास]
167. ( क्र. 1767 ) श्री अशोक रोहाणी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नगर-निगम जबलपुर ने पर्यावरण संरक्षण व पर्यावरण की सुरक्षा हेतु पौधारोपण की कब क्या योजना बनाई है? पौधारोपण पौधों का क्रय व परिवहन पर कितनी-कितनी राशि व्यय हुई? लक्ष्य पूर्ति बतलावें वर्ष 2014-15 से 2016-17 तक की जानकारी दें? (ख) प्रश्नांश (क) में ग्रीन जबलपुर क्लीन जबलपुर, हराभरा शहर, हरियाली महोत्सव के तहत किस-किस प्रजाति के किस दर पर कितनी-कितनी मात्रा में कितनी-कितनी राशि के पौधों का क्रय किया गया? पौधों का क्रय व इसके परिवहन पर कितनी-कितनी राशि व्यय हुई? इसकी जाँच कब-कब किस-किस ने की है? (ग) प्रश्नांश (क) में किस-किस प्रजाति के कितने-कितने पौधों का रोपण कार्य कहाँ-कहाँ पर कितने क्षेत्रफल में कराया गया? पौधों का रोपण रखरखाव देखभाल पर कितनी राशि व्यय हुई? किस-किस प्रजाति के कितने-कितने पौधों का वितरण कब-कब किसने किया है? इसका सत्यापन कब किसने किया है? (घ) प्रश्नांश (क) में कितने प्रतिशत रोपित पौधे जीवित है तथा कितने प्रतिशत पौधे किस कारण से नष्ट या सूख गये हैं? इसकी जाँच कब-कब किसने की है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) कोई विशेष योजना नहीं बनाई गई। लेकिन प्रत्येक वर्षा ऋतु में मा. महापौर एवं जन प्रतिनिधियों के सहयोग से पौधारोपण किया गया है। पौधारोपण का क्रय शासकीय नर्सरी (वन विभाग) से किया गया है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) हरियाली महोत्सव के अंतर्गत वर्ष 2016-17 में पौधारोपण किया गया और पूर्ण विवरण जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। उच्च अधिकारियों एवं जन प्रतिनिधियों द्वारा समय-समय पर जाँच की गई है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। पौधों के रोपण, रख-रखाव, देखभाल पर कुल राशि रू. 33,43,378.00 व्यय हुई है। पार्षदगणों द्वारा पौधारोपण कराया गया है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार है और उत्तरांश ''ख'' अनुसार समय-समय पर उच्च अधिकारियों द्वारा जाँच की गई है। (घ) 70 प्रतिशत पौधे जीवित है तथा 30 प्रतिशत पौधे वर्षा अधिक होने के कारण नष्ट हो गये है। इसकी जाँच समय-समय पर उच्च अधिकारियों द्वारा की गई।
मुक्तिधामों की व्यवस्था
[नगरीय विकास एवं आवास]
168. ( क्र. 1768 ) श्री अशोक रोहाणी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नगर निगम जबलपुर के अधीन कौन-कौन से मुक्तिधाम व शमशानघाट हैं, इसमें क्या-क्या व्यवस्थायें हैं, अज्ञात व लावारिस पाई जाने वाली लाशों का विधि विधान से दाह संस्कार/अंतिम संस्कार करने हेतु लकड़ी व मुक्तिवाहनों की क्या व्यवस्था है? (ख) प्रश्नांकित किन-किन मुक्तिधामों/शमशानघाट में बुनियादी सुविधाएं जैसे पेयजल, अंतिम संस्कार के लिए आनेवालों के बैठने, श्रद्धांजलि हेतु सभा भवन व निस्तार हेतु पर्याप्त सुविधाएं नहीं हैं एवं क्यों? इस संबंध में नगर निगम ने क्या योजना बनाई है? (ग) प्रश्नांकित किन-किन मुक्तिधामों/शमशानघाट में साफ-सफाई, उनकी उचित देखभाल, रख-रखाव व दाह संस्कार संबंधी क्या-क्या व्यवस्थाएं हैं? कहाँ-कहाँ पर कब से किसके आदेश से शहर का कचरा फैंका जा रहा है एवं क्यों? असामाजिक गतिविधियों की रोकथाम, अतिक्रमण व अवैध कब्जा को रोकने हेतु क्या उपाय किये गये हैं? (घ) जिला प्रशासन पुलिस प्रशासन व नगर निगम जबलपुर ने शहर में पाई जाने वाली अज्ञात व लावारिस लाशों व विधि विधान से अंतिम संस्कार करने हेतु क्या-क्या व्यवस्थाएं की हैं? इस संबंध में स्वयं सेवी संस्थाओं द्वारा नि:शुल्क सेवा प्रदाय करने हेतु प्रशासन क्या सहयोग कर रहा है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। शहर में पाई जाने वाली अज्ञात व लावारिस लाशों की लिखित सूचना थानों से प्राप्त होने पर संभाग क्रमांक 12 घंटाघर से विभाग द्वारा वाहन एवं कर्मचारी भेजे जाकर निर्देशानुसार उनके अंतिम संस्कार हेतु कफन, फूलमाला अगरबत्ती आदि की व्यवस्था की जाती है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। नगर निगम जबलपुर को पत्र क्रमांक 14906 दिनांक 28.11.2016 से सभी मुक्तिधामों/शमशान घाट में आवश्यक सुविधाऍ निश्चित रूप से उपलब्ध कराने हेतु निर्देश दिए गये है। (ग) मुक्तिधामों एवं शमशानघाटों की सफाई का कार्य स्वास्थ विभाग द्वारा कराया जाता है विभाग द्वारा किसी भी मुक्तिधामों एवं शमशानघाटों में कचरा नहीं फेका जाता है। निरंतर निगरानी की जाती है ताकि अतिक्रमण न हो। (घ) निगम द्वारा प्रदत्त व्यवस्थाओं की जानकारी उत्तरांश 'क' अनुसार है। शेषांश विभाग से संबंधित है।
भ्रष्टाचारियों के विरूद्ध कार्यवाही
[नगरीय विकास एवं आवास]
169. ( क्र. 1775 ) श्री आरिफ अकील : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के पत्र क्रमांक 5579 दिनांक 10.10.2016 के माध्यम से केन्द्रीय कर्मशाला द्वारा जारी की गई निविदा के नाम पर फर्जी नस्ती बनाकर निगम को करोड़ों रूपये की वित्तीय हानि पहुंचाने वालों के विरूद्ध जाँच कर विभागीय एवं वैधानिक कार्यवाही किए जाने हेतु आयुक्त नगर निगम भोपाल को पत्र लिखा गया था? (ख) यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक की स्थिति में क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो कारण सहित यह बतावें कि कब तक कार्यवाही की जावेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) अपर आयुक्त, नगर पालिक निगम, भोपाल द्वारा जाँच की गई है। जाँच प्रतिवेदन में शिकायत निराधार बताई गई है।
तीर्थ दर्शन योजना के नाम पर भ्रष्टाचार किया जाना
[धार्मिक न्यास और धर्मस्व]
170. ( क्र. 1776 ) श्री आरिफ अकील : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रदेश सरकार द्वारा मुख्यमंत्री तीर्थदर्शन योजना किस दिनांक से प्रारंभ की गई है? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में योजना प्रारंभ दिनांक से प्रश्न दिनांक की स्थिति में किस-किस दिनांक को कुल कितने-कितने दर्शनार्थियों को कितनी-कितनी राशि व्यय कर कहाँ-कहाँ की यात्राएं कराई गई वर्षवार बतायें।
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
प्रदेश में विदेशी पूंजी निवेश
[वाणिज्य, उद्योग एवं रोजगार]
171. ( क्र. 1778 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदेशी पूंजी निवेश का विषय राज्य का है या केन्द्र का है? (ख) विदेशी पूंजी निवेश हेतु प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री जी ने प्रतिनिधि मण्डल के साथ जनवरी 2014 से प्रश्न दिनांक तक किन-किन देशों की यात्रा कब-कब की इन यात्राओं में कितनी-कितनी राशि व्यय हुई? यात्रावार विवरण दें। (ग) जनवरी 2014 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में प्रदेश में कुल कितनी राशि की पूंजी निवेश हुई है? यदि प्रवेश में विदेशी पूंजी निवेश नहीं हुआ है तो उक्त विदेश यात्राओं का औचित्य क्या है?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) विदेशी पूंजी निवेश केन्द्र शासन का विषय हैं। परन्तु ऐसे निवेश राज्यों में ही होते हैं। (ख) जनवरी 2014 से प्रश्न दिनांक तक माननीय मुख्यमंत्रीजी के नेतृत्व में सम्पन्न विदेश यात्राएं एवं उनमें हुए व्यय की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जनवरी 2014 से प्रश्न दिनांक तक विदेश में विभिन्न सेक्टर्स में कुल रू. 2.70 लाख करोड़ राशि का पूंजी निवेश हुआ हैं। मध्यप्रदेश ट्रेड एण्ड इन्वेस्टमेंट फेसिलिटेशन कार्पोरेशन लि. के वेब पोर्टल पर अन्य देशों के निवेशकों ने भी इन्टेशन टू इन्वेस्ट दर्ज किए हैं, अत: विदेश यात्राओं के औचित्य के संबंध में प्रश्न उपस्थित नहीं होता हैं।
घाटे में चल रहे नगर निगम
[नगरीय विकास एवं आवास]
172. ( क्र. 1781 ) श्री जितू पटवारी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मध्य प्रदेश में कितने नगर-निगम विगत 03 वर्षों से लाभ/घाटे में चल रहे हैं वर्षवार राशिवार निगमवार जानकारी प्रदान करें? (ख) विगत 03 वर्षों से आज दिनांक तक इंदौर, उज्जैन नगर निगम को कितना-कितना अनुदान अलग-अलग वित्तीय बैंकों/एजेंसियों शासन से प्राप्त हुआ वर्षवार, राशिवार एवं निगमवार जानकारी देवें? (ग) इंदौर एवं उज्जैन नगर-निगम में विगत 03 वर्षों में कितनी आय हुई एवं कितना खर्च किया वर्षवार निगमवार जानकारी देवें? (घ) 01.04.2015 से आज दिनांक तक इंदौर एवं उज्जैन नगर-निगम में पार्षदों के द्वारा रूपयों के प्रस्तावित एवं स्वीकृत विकास कार्य धनाभाव में पेंडिंग है, निगमवार एवं राशिवार जानकारी देवें?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' पर है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (घ) दिनांक 01.04.2015 से आज दिनांक तक नगर निगम उज्जैन एवं इन्दौर में पार्षदों के द्वारा प्रस्तावित एवं स्वीकृत कोई विकास कार्य धनाभाव/बजट के अभाव में पेंडिंग नहीं है।
कंसलटेंसी मद में की गई भुगतान राशि
[नगरीय विकास एवं आवास]
173. ( क्र. 1782 ) श्री जितू पटवारी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रदेश के नगर निगमों तथा नगर विकास प्राधिकरण द्वारा पिछले पाँच वर्ष में कंसलटेंसी मद में भुगतान की गई राशि की नगर निगम अनुसार वर्ष अनुसार सूची देवें तथा बतावें कि वह राशि किस-किस कार्य के लिये, किस-किस सलाहकार कंसलटेंसी फर्म/व्यक्ति को दी गई? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कंसलटेंसी हेतु टेण्डर कब आमंत्रित किये गये तथा उसमें कितनी फर्म/व्यक्ति ने भाग लिया उसकी जानकारी दें तथा बतावें कि किस-किस फर्म के लिए टेण्डर प्रक्रिया बिना सीधे ही कार्यादेश दिया गया? (ग) क्या नगरी विकास कंसलटेंसी हेतु कार्यादेश बिना टेण्डर के दे सकते है? यदि हाँ, तो उस संबंध में जारी परिचय पत्र आदेश की प्रति देवें तथा बतावें कि क्या विभाग द्वारा कंसलटेंसी/सलाहकार हेतु फर्म/व्यक्ति को पंजीकृत किया गया है? यदि हाँ, तो उनकी सूची देवें? (घ) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित भुगतान पर ऑडिट के दौरान कोई आपत्ति हुई है? यदि हाँ, तो उसकी स्पष्ट जानकारी उपलब्ध करें?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
एजेन्सी द्वारा कराये गये कार्य
[नगरीय विकास एवं आवास]
174. ( क्र. 1791 ) श्री प्रदीप अग्रवाल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) दतिया जिले की नगर पंचायत इन्दरगढ़ में 01 अप्रैल 2015 के बाद प्रश्न दिनांक तक किस-किस वार्ड में पच्चीस हजार से कम लागत के कौन-कौन से कार्य किन-किन निर्माणाधीन एजेंसियों के माध्यम से कराये गये वार्डवार/कार्य के विवरण सहित/ निर्माणाधीन एजेंसी के नाम/सहित जानकारी उपलब्ध कराई जावें। (ख) नगर पंचायतों द्वारा 25000/- से कम के कार्य कराने बाबत् शासन के क्या नियम है नियम की छायाप्रति उपलब्ध कराते हुये अवगत करायें कि एक ही वार्ड में एक वित्तीय वर्ष में कितने काम उक्त नियमों के तहत कराये जा सकते है? (ग) उक्त कार्यों के गुणवत्ता की जाँच किन-किन अधिकारियों द्वारा की गई उनके नाम/पद तथा उनके द्वारा दिये गये जाँच प्रतिवेदनों का विवरण उपलब्ध करायें। (घ) क्या एक ही वार्ड में 25-25 हजार से कम के अनेक प्रकरण बनाकर फर्जी दस्तावेज तैयार कर शासन के अधिकारियों की सांठ-गांठ से शासन के लाखों रूपयों का अपव्यय कर भ्रष्टाचार किया जा रहा है यदि हाँ, तो इसके लिये कौन-कौन जिम्मेदार है यदि नहीं, तो किये गये कार्यों की प्रश्नकर्ता के समक्ष जाँच कराई जावे।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) म.प्र. नगर पालिका लेखा नियम 1971 के नियम 131 के अनुसार निर्माण कार्य कराये है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (घ) वार्ड पार्षद की मांग/सहमति पर एक ही वार्ड के अलग-अलग स्थानों एवं अलग-अलग समय पर विभिन्न प्रकृति के कार्य सक्षम स्वीकृति प्राप्त कर कराये गये है। जिससे अपव्यय एवं भ्रष्टाचार का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
ग्रामीण क्षेत्रों में सड़कों के निर्माण संबंधित जानकारी
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
175. ( क्र. 1794 ) श्री सचिन यादव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में कौन-कौन सी सड़कें डबल बनाने की योजना हैं वर्तमान में उक्त कार्ययोजना अन्तर्गत नीति एवं राशि आवंटित किये जाने की स्वीकृति जारी की गई है? बनाई गई नीति अनुसार जानकारी दें? (ख) ग्रामीण क्षेत्रों में बनाई गई सभी सड़कों को डबल करने हेतु जिलेवार कितनी-कितनी राशि किस-किस जिले में जारी की गई और कब तक कार्य को पूर्ण कर लिया जायेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं, शासन की ग्रामीण क्षेत्रों में डबल सड़कें बनाने की कोई योजना वर्तमान में विचाराधीन नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) उत्तरांश (क) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
ग्राम संसद में विभिन्न योजनाओं में प्राप्त आवेदनों का निराकरण नहीं होना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
176. ( क्र. 1807 ) पं. रमेश दुबे : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छिंदवाड़ा जिले के विकाखण्ड चौरई और विछुआ में इस वर्ष किस-किस तिथियों में कहाँ-कहाँ पर ग्राम संसद का आयोजन किया गया? विकासखण्डवार जानकारी दें। (ख) इन आयोजित ग्राम संसदों में किन-किन योजनाओं में कितने व्यक्तियों का आवेदन पत्र किस-किस विभाग को प्राप्त हुए? संबंधित विभागों को किन-किन तिथियों में प्राप्त आवेदनों को निराकरण हेतु भेजा गया? कितने आवेदनों का निराकरण किया गया? कितने आवेदन पत्र निराकरण हेतु शेष है? योजनावार प्राप्त आवेदन पत्रों के निराकरण के प्रतिफल सहित जानकारी विकासखण्डवार, ग्रामवार, ग्राम पंचायतवार, ग्राम संसदवार दें। (ग) क्या ग्राम संसद का आयोजन हुए लगभग 6 माह व्यतीत होने के पश्चात भी अभी तक ग्राम संसद में प्राप्त आवेदन पत्रों का विधिवत निराकरण नहीं किया गया है? यदि हाँ, तो इसके लिए कौन लोग जिम्मेदार है? (घ) क्या शासन ग्राम संसद में प्राप्त आवेदन पत्रों का अविलंब निराकरण कर विभिन्न योजनाओं में पात्र व्यक्तियों को योजनाओं का शीघ्र लाभ पहुँचाने का आदेश देगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘अ‘ अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘ब‘ अनुसार है। (ग) जी नहीं। आयोजित ग्राम संसदों में प्राप्त आवेदन पत्रों का निराकरण किया गया है। कोई शेष नहीं है। (घ) प्रश्नांश-‘‘ग‘‘ के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
विधायक निधि से स्वीकृत राशि संबंधित कार्य
[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]
177. ( क्र. 1808 ) पं. रमेश दुबे : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के विधायक निधि से सिविल कोर्ट चौरई का गेट एवं सी.सी. सड़क निर्माण हेतु कलेक्टर जिला योजना एवं सांख्यिकी जिला छिन्दवाड़ा के द्वारा दो लाख रूपये पत्र क्रमांक 2038 दिनांक 03.10.2015 द्वारा स्वीकृत किया गया था?। (ख) यदि हाँ, तो दिनांक 03.10.2015 को स्वीकृत राशि की प्रथम किश्त एक लाख बीस हजार कार्य एजेंसी ग्रामीण यांत्रिकी सेवाएं छिन्दवाड़ा को प्रदान किये जाने हेतु विकास आयुक्त ग्रामीण विकास विभाग को चार माह के विलंब से फरवरी 2016 में क्यों उपलब्ध कराया गया? क्या यह राशि संबंधित कार्य एजेंसी को स्वीकृत वित्तीय वर्ष में उपलब्ध करायी गयी यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या समय पर कार्य एजेंसी को राशि प्राप्त नहीं होने से विधायक निधि से स्वीकृत निर्माण कार्य नहीं हो सका है? कब तक संबंधित एजेंसी को राशि उपलब्ध कराया जाकर निर्माण कार्य पूर्ण कराया जावेगा? (घ) क्या शासन विधायक निधि से दिनांक 03.10.2016 को स्वीकृत राशि समय पर कार्य एजेंसी को उपलब्ध नहीं कराने वाले जिले से लेकर संचालनालय तक की अधिकारियों की जिम्मेदारी नियत कर उनके विरूद्ध कार्यवाही का आदेश देगा? यदि नहीं, तो क्यों?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी हाँ। (ख) लिपिकीय त्रुटिवश स्वीकृत राशि की प्रथम किश्त विलम्ब से जारी हुई है। राशि निर्माण एजेन्सी को कार्य स्वीकृत वर्ष में उपलब्ध कराये जाने से शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ। बी.सी.ओ. टू बी.सी.ओ. प्रक्रिया के तहत राशि जारी कर दी गई है, कार्य को शीघ्र ही पूर्ण करा लिया जावेगा। (घ) लिपिकिय त्रुटिवश एवं बी.सी.ओ. टू बी.सी.ओ. प्रक्रिया के तहत राशि विलम्ब से जारी हुई है उक्त कार्य की समस्त राशि एजेन्सी को प्रदाय करने से किसी के विरूद्ध कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पंचायत सचिवों के नियम विरूद्ध स्थानांतरण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
178. ( क्र. 1822 ) श्री हर्ष यादव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा समस्त जिला पंचायतों को 20 अगस्त 2016 तक पंचायत सचिवों के स्थानांतरण करने के अधिकार दिये गये थे? यदि हाँ, तो क्या सागर व रायसेन जिलों में जिला पंचायतों द्वारा नियमानुसार ही स्थानांतरण किये है? नहीं तो क्यों? (ख) क्या मुख्य कार्यपालन अधिकारी रायसेन द्वारा 07 सितम्बर 2016 को पंचायत सचिवों के स्थानांतरण हेतु प्राप्त प्रस्तावों की छानबीन करने हेतु सहायक कलेक्टर की अध्यक्षता में कमेटी गठित की थी एवं संचालक पंचायतराज द्वारा 07 अक्टूबर 2016 को जिला पंचायतों को पंचायत सचिवों के स्थानांतरण न करने का आदेश दिया गया था? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संबंध में सागर व रायसेन जिलों में नियम विरूद्ध स्थानांतरण करने, पिछली तिथि में आदेश जारी करने व किए गए स्थानांतरण निरस्त करने के लिए कौन-कौन उत्तरदायी है? (घ) जिला पंचायत रायसेन द्वारा नंवबर 2016 के प्रथम सप्ताह में पिछली तिथि में जारी स्थानांतरण आदेश हेतु कौन उत्तरदायी है? प्रस्ताव प्राप्त होने व उनकी छानबीन के पूर्व ही कैसे आदेश जारी किये गये?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। जी हाँ। निर्धारित अवधि उपरांत स्थानांतरण न करने के निर्देश दिये गये है। (ग) सागर जिले में स्थानांतरण नीति के उल्लघंन में किये गये स्थानांतरण आदेश निरस्त किये गये। (घ) जिला रायसेन द्वारा निर्धारित नीति एवं प्रक्रिया अनुसार ही स्थानांतरण किये गये है। अतः किसी के उत्तरदायी होने का प्रश्न ही नहीं उठता।
सागर जिले में वृक्षारोपण कार्य में अनियमितता
[वन]
179. ( क्र. 1823 ) श्री हर्ष यादव : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिले में एन.एच-26 फोर लेन सड़क से प्रभावित वृक्षों के स्थान पर वृक्षारोपण कार्य किस एजेंसी द्वारा किया गया? (ख) दक्षिण वन मंडल सागर द्वारा फोर लेन मार्ग के दोनों ओर कुल कितने पौधे रोपित कराये गये वर्तमान में जीवित पौधों की संख्या क्या है? अधिकांश पौधे सूख जाने के क्या कारण हैं? क्या पौधरोपण कार्य में निर्धारित मापदण्डों का पालन कर गुणवत्तापूर्ण कार्य कराया गया? नहीं तो क्यों? (ग) उक्त कार्य में गुणवत्ताहीन पौधे लगाने, फेंसिंग जाली इत्यादि का घटिया कार्य कराने, देखरेख का अभाव व अनियमिततापूर्ण कार्य हेतु कौन-कौन अधिकारी-कर्मचारी उत्तरदायी है? शासन को हुई करोड़ो की हानि व घटिया कार्य की क्या विस्तृत जाँच कराई जाकर दोषियों को दंडित किया जाएगा? यदि हाँ, तो कब तक?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) प्रश्नाधीन कार्य वन विभाग द्वारा कराया गया है। (ख) दक्षिण सागर वनमण्डल के अन्तर्गत फोर लेन मार्ग के दोनों ओर पौधारोपण कार्य निर्धारित मापदण्डों का पालन करते हुये कुल 62300 पौधे रोपित किये गये हैं। वर्तमान में 52435 पौधे जीवित हैं। शेष 9865 पौधे प्राकृतिक कारणों से सूखे हैं। (ग) उक्त कार्य में कही भी न तो गुणवत्ताहीन पौधे अथवा फेंसिंग जाली का घटिया कार्य कराया गया है और न ही देखरेख के अभाव में कोई अनियमितता होना पाई गई। क्षेत्र की सुरक्षा हेतु श्रमिक लगाकर रोपित पौधों की सुरक्षा का कार्य किया गया है। शासन को कोई हानि नहीं होने से किसी के विरूद्ध कार्यवाही करने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
महाविद्यालय की स्थापना
[उच्च शिक्षा]
180. ( क्र. 1829 ) श्री कमलेश शाह : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अमरवाड़ा विधान सभा क्षेत्र के सिंगोली में महाविद्यालय प्रारंभ करने की प्रक्रिया किस स्तर पर है? (ख) यह महाविद्यालय कब तक प्रारंभ कर दिया जायेगा ?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) महाविद्यालय के लिये प्रस्तावित क्षेत्र में प्रतिवर्ष 12 वीं उत्तीर्ण विद्यार्थियों की संख्या मापदण्ड से कम पाये जाने के कारण वर्तमान में सिंगोली में महाविद्यालय खोले जाने में कठिनाई है। (ख) प्रश्नांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्रधानमंत्री सड़क योजना के तहत कार्य
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
181. ( क्र. 1830 ) श्री कमलेश शाह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अमरवाड़ा वि.स. क्षेत्र को प्रधानमंत्री सड़क योजना के तहत तेल से खिरकी घाट एवं तेंदू थाना से बड़ी चार गांव पहुंच मार्ग का निर्माण कब तक पूर्ण होगा? (ख) समय पर कार्य पूर्ण न करने वाले ठेकेदार फर्म व संबंधित अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत निर्माणाधीन सड़के बटकाखापा ओझलढ़ाना रोड से खिरकीघाट एवं खिरकीघाट से चरगांव सड़क का कार्य प्रगति पर है। पूर्णता की निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (ख) उत्तरांश (क) में उल्लेखित सड़कों का निर्माण कार्य समय पर कार्य पूर्ण न करने वाले ठेकेदारों के विरूद्ध अनुबंधानुसार पेनाल्टी की राशि काटी जा रही है। समय पर कार्य न पूर्ण करने के लिये ठेकेदार उत्तरदायी है अतः अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही का प्रश्न नहीं उठता है।
सिंहस्थ उज्जैन हेतु आवंटित एवं व्यय राशि
[नगरीय विकास एवं आवास]
182. ( क्र. 1833 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सिंहस्थ उज्जैन 2016 में कितनी राशि का भुगतान, धार्मिक ट्रस्टों, एन.जी.ओ., आश्रमों, मंदिरों, कथावाचकों, संतों एवं अन्य व्यक्तियों को किया गया? नाम, राशि सहित पूरी जानकारी देवें? (ख) वर्ष 2010-11 से अगस्त 2016 तक सिंहस्थ 2016 के लिए शासन द्वारा कितनी राशि आवंटित की गई कितनी व्यय की गई व कितना भुगतान शेष है वर्षवार जानकारी देवें? (ग) कुल कितने कम्प्यूटर, लेपटाप, प्रिंटर, स्केनर व इसकी सह सामग्री क्रय की गई? सिंहस्थ संपन्न होने के बाद ये किन-किन कार्यालयों में कितनी-कितनी पहुंचाई गई की जानकारी कम्प्यूटर लेपटाप सामग्री नाम, संख्या, कार्यालय का नाम सहित बतावें? (घ) सिंहस्थ 2016 के लिए कुल कितने कूलर, स्टापर, ए.सी., वाटर कूलर, कितनी राशि के किन फर्मों से क्रय किये गये व प्रश्न दिनांक को ये सामग्री कहाँ है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जानकारी संकलित की जा रही है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) एवं (घ) जानकारी संकलित की जा रही है।
जानकारी का प्रदाय
[वन]
183. ( क्र. 1837 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार जिले में दिनांक 01.01.2013 से 30.10.2016 विभाग द्वारा कितनी सामग्री किन-किन फर्मों से क्रय की गई, की जानकारी फर्म नाम, राशि, फर्मों द्वारा चुकाई गई वेट राशि सहित बतावें? (ख) उपरोक्त अवधि में वन्य प्राणी संरक्षण के लिये विभाग द्वारा कितनी राशि व्यय की गई? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार ऐसी कितनी फर्में हैं, जिन्होंने बिना वेट चुकाये सप्लाई किया है और क्यों?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) वनमण्डल धार के अंतर्गत वन्यप्राणियों पर दिनांक 01.01.2013 से 30.10.2016 तक कुल राशि रूपये 41.15 लाख व्यय किया गया। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
लीज भूमि के संबंध में
[नगरीय विकास एवं आवास]
184. ( क्र. 1838 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्र.क्र. 4646 जुलाई 2014 के तारतम्य में क्या भूमि 11 माह के लिये लीज पर प्रदान की गई थी? 11 माह बाद भूमि क्या वापस नगर पालिका द्वारा ले ली गई है? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या भूमि पर पक्का निर्माण नहीं करने की शर्त पर 20 बाय 20 की भूमि 11 माह के लिये दी गई थी जबकि आवेदक अमित पिता कमल सिंह लेबड़ द्वारा वहां पर 20 बाय 20 की भूमि पर पक्का भवन निर्माण कर दिया गया है? (ग) इस सर्वे नंबर 240 के कुल रकबे 0.278 हेक्टेयर की कितनी भूमि पर किसने अतिक्रमण किया व अतिक्रमण कब-कब हटाया गया? (घ) भूमि शासकीय रिकार्ड में शासकीय/आबादी दर्ज है। इसे नगरपालिका धार किस नियमों के अंतर्गत लीज पर प्रदान की गई? लीज नियम क्या है? नगरपालिका की भूमि है ही नहीं तो किस आधार पर प्रेसीडेंट इन कौंसिल ने जमीन दे दी जबकि प्रेसीडेंट इन कौंसिल को भी आबादी की जमीन देने का अधिकार नहीं है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) भूमि 11 माह के लिये लीज पर नहीं दी गई थी, भूमि वापस नहीं ली गई है। (ख) भूमि पर पक्का निर्माण की अनुमति नहीं दी गई थी। (ग) चिन्हांकन की कार्यवाही प्रचलित है, जिसके उपरांत कार्यवाही की जायेगी। (घ) जी हाँ, उक्त भूमि नगर पालिका सीमा से 20 कि.मी. दूर स्थित है जहां पूर्व में नगर पालिका का ऑक्ट्राय नाका था। भूमि पर किसी प्रकार का अतिक्रमण ना हो इस हेतु 20x20 की भूमि पी.आई.सी. प्रस्ताव क्रमांक 237 दिनांक 27.04.2013 से अस्थाई रूप से 11 माह के लिये मासिक किराये पर दी गई थी।
बकायादारों की जानकारी
[खनिज साधन]
185. ( क्र. 1847 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर जिले के तहसीलवार किस-किस फर्म को कितनी-कितनी राशि कब से बकाया है? प्रकरणवार राशिवार विवरण देवें तथा कब तक वसूली की जावेगी? (ख) प्रश्नांश (क) के बकायादारों द्वारा रायल्टी जमा नहीं करने पर न्यायालयों में किस-किस फर्म के विरूद्ध प्रकरण दायर किये गए प्रकरणवार विवरण देवें?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रश्नाधीन जिले में जिला कार्यालय के अभिलेख अनुसार किसी भी फर्म के विरूद्ध कोई भी राशि बकाया होने का प्रकरण संज्ञान में नहीं है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्नांश 'क' में दिये उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आयुक्त नगर निगम को लिखे गए पत्र पर कार्यवाही
[नगरीय विकास एवं आवास]
186. ( क्र. 1848 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा एवं पत्र क्रमांक 803, दिनांक 08.08.2016 कार्यालयीन पत्र क्र. 780, दिनांक 05.08.2016 से आयुक्त नगर-निगम कटनी को पत्र लिखा गया था? (ख) कटनी नगर निगम में राजस्व किस-किस से कितनी राशि का जमा कराया जाना, कब से शेष है? प्रश्न दिनांक तक की अवधि में बताएं? उक्त राशि वसूली हेतु कौन अधिकारी/कर्मचारी उत्तरदायी है, उनके विरूद्ध कार्यवाही करते हुए राशि कब तक वसूल कर ली जावेगी? (ग) प्रश्नांश (क) के पत्रों पर क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, की गई तो इसके लिये कौन दोषी हैं? (घ) दिनांक 01.04.2015 से प्रश्न दिनांक तक नगर निगम कटनी को कितनी शिकायतें प्राप्त हुई? शिकायतवार कार्यवाहीवार विवरण दें?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है, राजस्व वसूली वैधानिक तथा निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है जिसमें वार्षिक लक्ष्य निर्धारित रहता है, शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) वर्तमान में कार्यवाही कलेक्टर ऑफ स्टाम्प/जिला पंजीयक जिला कटनी एवं कार्यालय नगर पालिक निगम, कटनी में प्रचलित है, शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) नगर पालिक निगम, कटनी में दिये गये पत्रों में शिकायतों का उल्लेख नहीं है, परन्तु समय-समय पर जनसमस्याओं का निराकरण के पत्र दिये गये है, जिनका यथासंभव विभाग द्वारा नियमानुसार निराकरण की कार्यवाही की गई है।
महिदपुर महाविद्यालय का उन्नयन
[उच्च शिक्षा]
187. ( क्र. 1853 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) महिदपुर महाविद्यालय को स्नातकोत्तर उन्नयन करने के लिए क्या कार्यवाही की जा रही है? (ख) इसका स्नातकोत्तर उन्नयन कब तक कर दिया जायेगा? (ग) वर्तमान में यहां कितने पद स्वीकृत है व उनके समक्ष कितने पद रिक्त हैं? (घ) रिक्त पदों की पूर्ति कब तक कर ली जावेगी?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी नहीं। (ख) प्रश्नांश 'क' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) महाविद्यालय में शैक्षणिक संवर्ग के रिक्त पदों की पूर्ति हेतु लोक सेवा आयोग को दिनांक 24/11/2016 को 2371 सहायक प्राध्यापकों के संबंध में विज्ञापन जारी करने हेतु लिखा गया है।
शासकीय महाविद्यालय सारणी की अनियमितता
[उच्च शिक्षा]
188. ( क्र. 1859 ) श्री रमेश पटेल : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासकीय महाविद्यालय सारणी में जनभागीदारी समिति द्वारा वर्ष 2011-12 से 2016-17 तक की समस्त खरीदी की जानकारी देवें? (ख) बी.यू. भोपाल द्वारा जारी परीक्षा फीस नोटिफिकेशन की छायाप्रति देवें। शासकीय महाविद्यालय सारणी द्वारा जारी परीक्षा फीस नोटिफिकिशेन की वर्ष 2012-13 से 2016-17 तक की छायाप्रति देवें। बी.यू. भोपाल की जानकारी भी इसी समयावधि की देवें। (ग) क्या कारण है कि सारणी महाविद्यालय ने बी.यू. भोपाल द्वारा जारी नोटिफिकेशन से अधिक परीक्षा फीस वसूली इसके दोषियों पर कब तक कार्यवाही की जावेगी?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है I (ग) शासकीय महाविद्यालय सारणी द्वारा सत्र 2015-16 में बी.यू. नोटिफिकेशन की फीस के अतिरिक्त महाविद्यालय से प्राचार्य का खाता ऑनलाइन न होने के कारण बी.यू. को ऑनलाइन भुगतान किये जाने के लिए 50 रूपये आउटसोर्सिंग प्रक्रिया का भुगतान लिया गया है। अतः इस संबंध में कार्यालयीन पत्र क्रमांक 1362/ 14/वि.स./आउशि/यो./2016 दिनांक 26/11/2016 के द्वारा प्रकरण में प्राचार्य को कारण बताओ सूचना-पत्र जारी किया गया है।
विधान सभा क्षेत्र में पांढुर्णा में खेल मैदान निर्माण विषयक
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
189. ( क्र. 1872 ) श्री जतन उईके : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आगामी दो वर्षों में शासन की प्रदेश के तहसील मुख्यालयों पर खेल मैदान स्टेडियमों का निर्माण की कोई योजना प्रस्तावित है? (ख) यदि हाँ, तो छिंदवाड़ा जिले के पांढुर्णा विधान सभा क्षेत्रांतर्गत किस स्थान पर इसका निर्माण एवं स्थापना के लिए स्वीकृति प्रदान की गई है? यदि स्वीकृति प्रदान की गई तो कार्य कब तक प्रारंभ कर दिया जायेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) प्रदेश की प्रत्येक ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र हेतु 01 ग्रामीण खेलकूद मैदान स्टेडियम बनाने की योजना है। (ख) पांढुर्णा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत ग्राम खेरवाडा में भूमि का चयन किया गया है। भूमि आवंटन की कार्यवाही प्रचलन में है। भूमि आवंटन एवं प्रशासकीय स्वीकृति पश्चात् नियमानुसार कार्य प्रारंभ किया जावेगा।
पंचायत सचिवों को अंशदायी पेंशन
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
190. ( क्र. 1877 ) श्री जतन उईके : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पंचायत सचिवों को अंशदायी पेंशन योजना किस तारीख से प्रारंभ की गई है? (ख) अभी तक क्या मध्यप्रदेश के छिन्दवाड़ा जिलों के पंचायत सचिवों के खाते में अंशदायी पेंशन जमा की गई है? यदि हाँ, तो जमा की राशि की अभिस्वीकृति संबंधित सचिवों को मिल रही है? या नहीं यदि नहीं, तो इसके लिये कौन जिम्मेदार है। जिम्मेदार अधिकारी के प्रति क्या कार्यवाही की जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) पंचायत सचिवों का अंशदायी पेंशन योजना म.प्र. शासन, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के क्रमांक/एफ 2/7/2013/22/पी-1, दिनांक 20.07.2013 से प्रारंभ की गई है। (ख) छिंदवाड़ा जिले की 11 जनपद पंचायतों में से 09 जनपद पंचायतों के द्वारा सचिवों के क्रियान्वयन ऐजेन्सी एन.एस.डी.एल. से PRAN NUMBER अप्राप्त होने की दशा में अंशदायी पेंशन हेतु पी.पी.एफ. बैंक में अलग से खाता खोला जाकर नियमानुसार कर्मचारी से 10 प्रतिशत राशि कटौती कर एवं 10 प्रतिशत नियोक्ता की ओर से जोड़ा जाकर जमा कराया जा रहा है, जिसकी सूचना संबंधित सचिवों को दी जा रही है। शेष 02 जनपद पंचायतों में अंशदायी पेंशन योजनांतर्गत पृथक से खाता खोलने की कार्यवाही प्रचलन में है। अतः शेषांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
पेंशन राशि की कटौती
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
191. ( क्र. 1892 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पेंशन योजना अंतर्गत सीधी जिले की जनपद पंचायत सिहावल में अप्रैल, 16 से प्रश्न दिनांक तक कितने नि:शक्तजनों की पेंशन काट दी गई और शासन के किस आदेश के द्वारा यह काटी गई है, उन्हें पेंशन कब से दी जा रही है? (ख) क्या प्रश्नांश (क) के संदर्भ में उक्त पेंशन धारियों को पुन: पेंशन में जोड़ने हेतु आदेश जारी किया गया है? यदि हाँ, तो कितने पेंशन धारियों को जोड़ा गया है? (ग) जो पेंशनधारी पूर्व में पेंशन प्राप्त कर रहे थे और किस आधार पर उनकी पेंशन काट दी गई है। क्या प्रशासन अपने पूर्व नियमों को शिथिल कर बी.पी.एल. कार्ड को अनिवार्य कर हितग्राहियों को उनके अधिकार से वंचित रखना चाहती है? (घ) बी.पी.एल. कार्ड विहीन ऐसे हितग्राहियों हेतु शासन के पास क्या योजना है? जिससे उन्हें पूर्व की तरह पेंशन प्राप्त हो सके?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) प्रश्नांकित जनपद में नि:शक्त पेंशन योजना के 2226 हितग्राहियों का सत्यापन के दौरान अपात्र पाये जाने से पेंशन काटी गई। जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। अपात्र हितग्राहियों को पेंशन देने का कोई प्रावधान नहीं है। (ख) जी नहीं। नये 317 पात्र नि:शक्तजनों को पेंशन स्वीक़ृत की गई। (ग) पात्र न होने के कारण काटी गई पेंशन हितग्राहियों के पुन: नाम जोडने का कोई प्रावधान नहीं है। जी नहीं। (घ) बी.पी.एल. कार्ड विहीन के मंदबुद्धि एवं बहु विकलांग श्रेणी के नि:शक्त हितग्राहियों को 500/- प्रतिमाह आर्थिक सहायता स्वीकृत की जाती है। जी नहीं।
नवीन महाविद्यालय की स्थापना
[उच्च शिक्षा]
192. ( क्र. 1895 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जनपद पंचायत सिंहावल के अंतर्गत तहसील बहरी में महाविद्यालय की आवश्यकता है? (ख) सिहावल से बहरी की दूरी 30 कि.मी. एवं बहरी से सीधी की दूरी 30 कि.मी. है तथा आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र है, तो कब तक महाविद्यालय खोला जावेगा?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) कार्यालयीन पत्र क्रमांक 316/48/मं/ आउशि/यो/14 दिनांक 4/4/2014 द्वारा मान. विधायक जी को अवगत कराया गया कि वर्तमान में प्रदेश में उपलब्ध सीमित संसाधनों में पूर्व से संचालित महाविद्यालयों का सुदृढीकरण एवं गुणवत्ता विकास कार्य किया जा रहा हैं। अतः बहरी में महाविद्यालय खोले जाने में कठिनाई है। (ख) प्रश्नांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विधायक निधि से निर्मित सड़कों की मरम्मत
[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]
193. ( क्र. 1899 ) श्री हेमन्त विजय खण्डेलवाल : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधायकों निधि एवं अन्य योजनाओं से वर्ष 2014 से बैतूल जिले में निर्मित सीमेंट सड़कें ग्रामीण क्षेत्रों में क्षतिग्रस्त हो चुकी है? (ख) यदि हाँ, तो इन क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत के लिए सरकार द्वारा राशि उपलब्ध कराई जाएगी?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) बैतूल जिले में विधायक निधि को छोड़कर अन्य योजनाओं से निर्मित कुछ सड़के क्षतिग्रस्त हुई है। (ख) क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत हेतु प्रस्ताव प्राप्त होने पर बजट उपलब्धता अनुसार कार्यवाही की जावेगी।
रेत खदानों की स्वीकृति
[खनिज साधन]
194. ( क्र. 1901 ) श्री मंगल सिंग धुर्वे : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बैतूल जिले के अंतर्गत घोड़ाडोगरी विधानसभा क्षेत्र में रेत खदाने स्वीकृत है? (ख) यदि हाँ, तो किस स्थल पर रेत खदाने कब स्वीकृत की गई है तथा इन खदानों को केचमेंट एरिया क्या है? खदान के नामवार केचमेंट एरिया की सूची देवें? (ग) रेत खदान पर रायल्टी के तौर पर क्या दर निर्धारित है? इस संबंध में शासन/ विभाग के आदेश/निर्देश की प्रति देवें?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। केचमेंट एरिया के संबंध में मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम 1996 में जानकारी संधारित किए जाने का प्रावधान नहीं है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) गौण खनिज रेत की रॉयल्टी रूपये 100/- प्रति घन मीटर वर्तमान में निर्धारित है। यह मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 की अनुसूची - तीन में अधिसूचित है।
अधिनियम के प्रावधानों का उल्लंघन
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
195. ( क्र. 1910 ) श्री बाला बच्चन : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या PESA अधिनियम में वनोपज संग्रहण तथा इससे प्राप्त होने वाली आय के बारे में अनूसूचित क्षेत्र की पंचायतों/ग्राम सभाओं को निर्णायक अधिकार प्राप्त हैं? (ख) यदि हाँ, तो प्रदेश में राज्य सहकारी वनोपज संघ द्वारा क्या अधिनियम के प्रावधानों का पालन किया जा रहा है? इस संबंध में वन विभाग/राज्य सहकारी वनोपज संघ को प्रसारित निर्देश तथा पत्राचार की प्रति उपलब्ध करावें। (ग) राज्य सहकारी वनोपज संघ द्वारा अनुसूचित क्षेत्र की पंचायतों को वनोपज के विक्रय से प्राप्त आय की राशि नहीं दिए जाने के कारण विभाग इस संबंध में क्या कार्यवाही कर रहा है? (घ) क्या मुख्यमंत्री जी द्वारा अधिनियम के प्रावधानों के अनुरूप वनोपज संग्रहण तथा इसके विक्रय से प्राप्त आय संबंधित पंचायतों को उपलब्ध कराये जाने के बारे में अनुमोदन दिया गया है? यदि हाँ, तो प्रति प्रदान करें? क्या विभाग द्वारा अधिनियम का उल्लंघन किया जाना मुख्यमंत्री जी के संज्ञान में लाया गया है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) पेसा अधिनियम 1996 की धारा- 4 (एम) (ii) के प्रावधान अनुसार लघु वनोपज पर स्वामित्व ग्राम सभा/पंचायत का है। (ख) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
जुन्नारदेव नगर पालिका में अनियमितता
[नगरीय विकास एवं आवास]
196. ( क्र. 1911 ) श्री बाला बच्चन : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) C.M.O. नगर पालिका जुन्नारदेव द्वारा क्र. 324/ नपा/2011 दि. 04.11.2016 को लिखे पत्र में उल्लेख है कि नपा जुन्नारदेव द्वारा स्थापना व्यय 65 प्रतिशत के स्थान पर 130 प्रतिशत किया गया इसका कारण स्पष्ट करें? (ख) जुन्नारदेव के वार्ड क्रमांक-12 में विकसित अवैध कालोनी में किस आधार पर सी.सी रोड, पाइप लाइन बिछाने की अनुमति दी गई नियम का उल्लेख करते हुए छायाप्रति देवें? (ग) अन्नपूर्णा सोसायटी में वर्तमान नपाध्याक्ष के परिजनों के नाम कितनी भूमि दर्ज है एवं उस पर कितना निर्माण हुआ है, की जानकारी निर्माण अनुमतियों की छायाप्रति सहित देवें? (घ) दि. 01.01.13 से 10.11.2016 तक नपा जुन्नारदेव द्वारा 15 अगस्त, 26 जनवरी व 1 नवम्बर को किन-किन अखबारों को कितनी राशि के विज्ञापन दिये, अखबार नाम, राशि, दिनांक, भुगतान वाउचर का विवरण सहित देवें?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) नगर पालिका के द्वारा माह अक्टूबर 2016 में कुल राशि रू. 27,04,906/- रू. हुई, जिसमें निकाय द्वारा माह अक्टूबर 2016 में कुल स्थापना पर खर्च राशि रू. 26,96,703/- रू. हुआ है। तदानुसार निकाय का स्थापना व्यय 99.69 प्रतिशत होता है, जो 65 प्रतिशत से अधिक है। (ख) जुन्नारदेव के वार्ड क्रं. 2 में विकसित अवैध कालोनी में कोई सी.सी. रोड का निर्माण कार्य नहीं किया गया है, अवैध कालोनी में म.प्र. नगर पालिका (कालोनाईजर ........... शर्तें) नियम, 1998 के नियम 15-ख (2) के तहत लोकति में विधुत/जल प्रदाय संयोजन उपलब्ध कराने का प्रावधान है और वार्ड पार्षद की मांग पर पाईप लाईन बिछाई गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।