मध्यप्रदेश विधान सभा
प्रश्नोत्तर-सूची
फरवरी-मार्च, 2021 सत्र
सोमवार, दिनांक 08 मार्च, 2021
भाग-1
तारांकित
प्रश्नोत्तर
विधानसभा
क्षेत्र
मेहगांव में
रिक्त पदों
की पूर्ति
[स्कूल शिक्षा]
1. ( *क्र. 3794 ) श्री मेवाराम जाटव : क्या राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र मेहगांव जिला भिण्ड के अंतर्गत शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय/हाईस्कूल में कितने-कितने पद स्वीकृत हैं एवं स्वीकृत पद के विरूद्ध कितने पद भरे हैं एवं कितने पद रिक्त हैं? विद्यालयवार बताएं। (ख) उक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में रिक्त पदों को कब तक भरा जाएगा? (ग) मेहगांव विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत ऐसे कितने शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय/हाईस्कूल हैं, जो भवन विहीन हैं एवं उन्हें कब तक भवन उपलब्ध करा दिया जाएगा?
राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) पद पूर्ति एक सतत् प्रक्रिया है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (ग) शासकीय हाईस्कूल बिरगवां, कुटरौली, निवसाई, मेंहदा एवं बहादुरपुरा भवन विहीन हैं। स्कूल भवन निर्माण बजट प्रावधान एवं सक्षम स्वीकृति पर निर्भर करता है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
राजगढ़ जिलांतर्गत संचालित दुग्ध सहकारी समितियां
[पशुपालन एवं डेयरी]
2. ( *क्र. 3419 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिला अंतर्गत वर्तमान में संचालित अर्द्धशासकीय/अशासकीय दुग्ध संयंत्र/दुग्ध शीत केन्द्र/दुग्ध सहकारी समितियों के नाम, पता तथा मालिक के नाम एवं प्रतिदिन संकलित दुग्ध की मात्रा, गुणवत्ता, दुग्ध पदार्थ की दर की जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार संचालित दुग्ध संयत्र/शीत केन्द्र/समितियों को दुग्ध एवं दुग्ध उत्पाद आदेश 1992 के अधीन पंजीयन किया जाना आवश्यक है? जिला राजगढ़ अंतर्गत पंजीकृत संस्थाओं/समितियों के पंजीयन क्रमांक/दिनांक की जानकारी देवें। किन-किन संस्थाओं के द्वारा प्रदूषण बोर्ड से अनापत्ति प्राप्त की गई है? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार जिन संस्थाओं के द्वारा दुग्ध एवं दुग्ध उत्पाद आदेश 1992 के अधीन पंजीयन नहीं कराया गया है तथा प्रदूषण बोर्ड से अनुमति प्राप्त नहीं की है, उन पर क्या कार्यवाही की जा सकेगी? (घ) प्रश्नांश (क) अंतर्गत समितियों पर संस्थावार नियुक्त गुणवत्ता नियंत्रक के नाम/पदनाम की जानकारी से अवगत करावें। यदि गुणवत्ता नियंत्रक नियुक्त नहीं हैं तो दुग्ध एवं दुग्ध उत्पादों की जांच गुणवत्ता, कैसे नियंत्रण होती है? (ड.) प्रश्नांश (घ) अनुसार किसानों/ग्रामीणों द्वारा उत्पादित दुग्ध की जांच एवं गुणवत्ता का निर्धारण ठीक ढंग से नहीं होने से आय पर विपरित प्रभाव पड़ता है? यदि हाँ, तो विभाग द्वारा डेयरी गतिविधियों का सर्वेक्षण, विस्तार एवं विकास के लिये क्या योजना तैयार की गई है?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। (ख) एवं (ग) राजगढ़ जिला अंतर्गत दुग्ध शीतकेन्द्रों के पंजीयन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। दुग्ध सहकारी समितियों के लिए पंजीयन आवश्यक नहीं है। सहकारिता विभागांतर्गत पंजीकृत दुग्ध सहकारी समिति के पंजीयन/दिनांक की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' में उल्लेखित है। राजगढ़ जिले में संचालित दुग्ध शीतकेन्द्र हेतु प्रदूषण बोर्ड से अनुमति प्राप्त करने की कार्यवाही प्रचलन में है। (घ) समिति स्तर पर दूध की गुणवत्ता की जाँच दुग्ध समिति के प्रशिक्षित टेस्टर एवं सचिव द्वारा की जाती है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' में उल्लेखित है। (ड.) किसानों/ग्रामीणों द्वारा उत्पादित दूध की जाँच एवं गुणवत्ता का निर्धारण दुग्ध समिति स्तर पर प्रशिक्षित टेस्टर एवं सचिव द्वारा निर्धारित मानकों के विरूद्ध की जाती है। डेयरी गतिविधियों के सर्वेक्षण विस्तार एवं विकास का कार्य दुग्ध संघ द्वारा नियुक्त पर्यवेक्षकों द्वारा संपादित किया जाता है। शीतकेन्द्र पर संकलित दूध का पुन: गुणवत्ता का परीक्षण किया जाता है।
पशु पालकों को योजना का लाभ
[पशुपालन एवं डेयरी]
3. ( *क्र. 1820 ) श्री बैजनाथ कुशवाह : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पशु पालन विभाग द्वारा किन-किन क्रियाकलापों/गतिविधियों का संचालन किया जा रहा है? क्या इस हेतु शासन (विभाग) द्वारा कोई नीति नियम निर्मित हैं? यदि हाँ, तो नियमों की प्रति सहित जानकारी दी जावे। (ख) क्या किसानों की आय में वृद्धि हेतु पशुपालन विभाग का योगदान भी है? (ग) प्रश्नांश (ख) में वर्णित उल्लेखित गतिविधियों में विगत 3 वर्ष में जनपद पंचायत कैलारस, सबलगढ़ जिला मुरैना में क्या-क्या गतिविधियों का संचालन किया गया व कितने पशु पालकों को योजना का क्या लाभ दिया गया? वर्षवार, मांग संख्या, लेखाशीर्ष सहित जानकारी दी जावे।
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ख) जी हाँ। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' एवं ''द'' अनुसार है।
प्रदेश में संचालित गौशालाएं
[पशुपालन एवं डेयरी]
4. ( *क्र. 3735 ) श्री बृजेन्द्र सिंह राठौर : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में दिसम्बर 2018 से मार्च 2019 तक कितनी नवीन गौशालाएं खोली गईं? गौशालाओं को कितना अनुदान देने का प्रावधान उक्त अवधि में था? वर्तमान में कितना अनुदान गौशालाओं को देने का प्रावधान है? (ख) वर्तमान में प्रदेश में कितनी गौशालाएं संचालित हैं? क्या पूर्व में गौशालाओं को अनुदान ज्यादा मिल रहा था? वर्तमान में अनुदान कम कर दिया गया है? क्या कारण है? (ग) वर्ष 2003 से वर्ष 2018 तक 15 वर्षों में प्रदेश में कुल कितनी गौशालायें शासकीय स्तर पर खोली गईं थीं एवं प्रति गाय क्या राशि दी जाती थी? वर्ष 2018 दिसम्बर से 21 मार्च 2020 तक के शासन में कितनी गौशालायें स्वीकृत की गईं एवं प्रति गाय क्या राशि स्वीकृत की गई? (घ) वर्तमान में सभी गौशालाओं की क्या स्थिति है एवं भविष्य की इस वर्ष में क्या योजना है? (ड.) मान. पशुपालन मंत्री जी द्वारा 10 अतिरिक्त गौशालायें पृथ्वीपुर विधान सभा क्षेत्र हेतु खोलने की घोषणा कब तक पूर्ण की जावेगी?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) प्रदेश में दिसम्बर 2018 से मार्च 2019 तक प्रथम चरण में चयनित पंचायतों में 1000 गौशालाओं के निर्माण का लक्ष्य शासन द्वारा निर्धारित कर निर्देश जारी किए गए थे। गौशालाओं में उपलब्ध गौवंश के लिए रू. 20.00 प्रतिगौवंश प्रतिदिवस के मान से भरण पोषण हेतु राशि उपलब्ध कराने का प्रावधान किया गया था तथा वर्तमान में भी गौशालाओं में उपलब्ध गौवंश के लिए रू. 20.00 प्रतिगौवंश प्रति दिवस के मान से भरण पोषण हेतु राशि उपलब्ध कराने का प्रावधान है। (ख) वर्तमान में प्रदेश में अशासकीय स्वयंसेवी संस्थाओं द्वारा 627 गौशालाएं संचालित हैं तथा मुख्यमंत्री गौसेवा योजना अंतर्गत 905 गौशालाएं संचालित हैं। पूर्व वर्ष 2018-19 में गौशालाओं में उपलब्ध गौवंश के लिए भरण पोषण हेतु राशि रू. 20.00 प्रतिगौवंश प्रतिदिवस के मान से प्रावधान था तथा वर्तमान में भी रू. 20.00 प्रतिगौवंश प्रतिदिवस के मान से प्रावधान है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) वर्ष 2003 से वर्ष 2018 तक प्रदेश में शासकीय स्तर पर गौशालाएं नहीं खोली गईं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। वर्ष 2018 दिसम्बर से 21 मार्च 2020 तक शासन द्वारा 1000 गौशालाएं स्वीकृत की गईं हैं एवं गौशालाओं में उपलब्ध गौवंश के लिए रू. 20.00 प्रति गौवंश प्रति दिवस के मान से भरण पोषण हेतु राशि स्वीकृत की गई थी। (घ) स्वीकृत 1000 गौशालाओं में से वर्तमान में 963 गौशालाओं का कार्य पूर्ण होकर 905 गौशालाओं का संचालन प्रारंभ हो चुका है तथा वर्ष 2020-21 में 2365 गौशालाओं के निर्माण कार्य स्वीकृत किए गए हैं। (ड.) मान. पशुपालन मंत्री जी द्वारा 10 अतिरिक्त गौशालाएं पृथ्वीपुर विधानसभा क्षेत्र में खोलने संबंधी कोई घोषणा विभाग में प्राप्त नहीं हुई है। शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
टास्क फोर्स कमेटी की रिपोर्ट पर कार्यवाही
[वन]
5. ( *क्र. 2287 ) श्री ब्रह्मा भलावी (श्री धरमू सिंग सिरसाम, डॉ. अशोक मर्सकोले) : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अतिरिक्त मुख्य सचिव वन श्री ए.पी. श्रीवास्तव की अध्यक्षता में गठित टास्क फोर्स कमेटी की दिनांक 6 फरवरी, 2020 को विभाग के समक्ष प्रस्तुत रिपोर्ट पर किस विभाग के किस अधिकारी के हस्ताक्षर हैं? रिपोर्ट में मुख्य रूप से किस मुद्दे पर क्या-क्या सुझाव दिए जाकर सिफारिश की गई है? (ख) दिनांक 06 फरवरी, 2020 से प्रश्नांकित दिनांक तक सामान्य प्रशासन विभाग ने रिपोर्ट से संबंधित किस-किस दिनांक को क्या-क्या कार्यवाही की? किस सुझाव एवं सिफारिश से संबंधित किस दिनांक को आदेश या निर्देश जारी किए? प्रति सहित बतावें। (ग) दिनांक 06 फरवरी, 2020 को प्रस्तुत रिपोर्ट पर विभाग क्या कार्यवाही कर रहा है? कब तक आदेश निर्देश जारी किए जावेंगे?
वन मंत्री ( श्री कुंवर विजय शाह ) : (क) टास्क फोर्स समिति की रिपोर्ट पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है, जिसके पृष्ठ क्रमांक 31 पर अधिकारियों के हस्ताक्षर दर्शित हैं। (ख) सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा केवल समिति का गठन किया गया है। समिति की रिपोर्ट के संबंध में कार्यवाही प्रशासकीय विभाग द्वारा की जाती है। (ग) दिनांक 06 फरवरी 2020 को समिति से प्राप्त रिपोर्ट दिनांक 12 फरवरी 2020 को मुख्य सचिव को प्रेषित की गई थी, जो विचाराधीन है। अधिकांश बिंदुओं पर विधि संबंधी जटिल मुद्दे होने से विचारोपरांत प्रभावी कार्यवाही की जाएगी, अत: समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
इंदौर संभाग की शालाओं में प्राचार्य के रिक्त पदों की पूर्ति
[स्कूल शिक्षा]
6. ( *क्र. 3801 ) श्री पाँचीलाल मेड़ा : क्या राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इंदौर संभाग के किस-किस जिले में कुल कितने-कितने शासकीय हायर सेकेण्ड्री स्कूल संचालित हैं, इन स्कूलों के लिये प्राचार्य के कुल कितने पद स्वीकृत हैं, जिनमें से कितने पद किन कारणों से कब-कब से रिक्त हैं तथा इन रिक्त पदों की पूर्ति कब तक कर दी जायेगी? (ख) धार जिले की धरमपुरी विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत किन-किन शासकीय स्कूलों में अतिरिक्त कक्ष की आवश्यकता है? (ग) जिन स्कूलों में अतिरिक्त कक्ष की आवश्यकता है, उनकी स्वीकृति दी जाकर निर्माण कार्य कब तक प्रारंभ किया जायेगा?
राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '1' अनुसार है। पद रिक्त एवं पद पूर्ति एक सतत् प्रक्रिया है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '2' अनुसार है। (ग) अतिरिक्त कक्षों का निर्माण बजट प्रावधान एवं सक्षम स्वीकृति पर निर्भर करता है। राज्य शिक्षा केन्द्र की प्राथमिक एवं माध्यमिक शालाओं में अतिरिक्त कक्ष की आवश्यकता है उनके प्रस्ताव भारत सरकार को वार्षिक कार्ययोजना वर्ष 2021-22 में प्रेषित किये जा रहे हैं। स्वीकृति प्राप्त होने पर यथाशीघ्र निर्माण कार्य प्रारंभ किए जाएंगे। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
जनजातीय वर्ग के युवा उद्यमियों को ऋण का प्रदाय
[जनजातीय कार्य]
7. ( *क्र. 2656 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जनजातीय वर्ग के सदस्यों को ऋण देने एवं व्यवसायों के प्रति आकर्षित करने के लिए शासन द्वारा कौन-कौन से कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं? (ख) किस योजना के तहत कितनी राशि किस व्यक्ति/संस्था को किस मद में देने का प्रावधान है? (ग) जनजातीय क्षेत्रों की बेरोजगारी दूर करने एवं पलायन रोकने के लिए शासन द्वारा क्या कार्यक्रम वर्तमान में संचालित हैं? क्या-क्या प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाया जा रहा है? (घ) जनजातीय सदस्यों को व्यवसाय से जोड़ने एवं पलायन रोकन के लिए जनवरी 2018 से प्रश्न दिनांक तक धार जिला अंतर्गत किस दिनांक को किस जगह किसके द्वारा कितने प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए गए? प्रशिक्षण कार्य के लिए कितनी राशि किसके द्वारा जारी की गई? आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम से संबंधित समस्त ब्यौरा उपलब्ध कराएं। (ड.) जनवरी 2018 से प्रश्न दिनांक तक जनजातीय वर्ग के किस व्यक्ति को कितनी राशि किस मद में किस व्यवसाय/कार्य के लिए विभाग द्वारा जारी की गई?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) म.प्र. जनजातीय वित्त एवं विकास निगम के माध्यम से प्रदेश के अनुसूचित जनजाति वर्ग हेतु निम्नानुसार योजनायें संचालित हैं :- 1. मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना। 2. मुख्यमंत्री आर्थिक कल्याण योजना। 3. मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना। 4. मुख्यमंत्री कृषक उद्यमी योजना। म.प्र. रोजगार एवं प्रशिक्षण परिषद् के माध्यम से कौशल विकास कार्यक्रम अंतर्गत रोजगार मूलक प्रशिक्षण आयोजित किये जाते हैं। (ख) म.प्र.जनजाति वित्त एवं विकास निगम द्वारा संचालित योजनाओं में अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिये बैंकों द्वारा ऋण प्रदाय किया जाता है। निगम द्वारा जिलों में राशि प्रदाय नहीं की जाती है। निगम द्वारा केवल अनुदान राशि नोडल बैंकों को प्रदान की जाती है। निगम द्वारा संचालित निम्नानुसार योजनाओं में बैंकों के माध्यम से ऋण दिये जाने का प्रावधान है :- 1. मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना-रू. 50,000 से 10.00 लाख तक, 2. मुख्यमंत्री आर्थिक कल्याण योजना-अधिकतम रू. 50 हजार तक, 3. मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना-रू. 10.00 लाख से 2.00 करोड़ तक, 4. मुख्यमंत्री कृषक उद्यमी योजना- रू. 50 हजार से 2.00 करोड़ तक। (ग) म.प्र. रोजगार एवं प्रशिक्षण परिषद् भोपाल के द्वारा कौशल विकास कार्यक्रम अंतर्गत रोजगार मूलक प्रशिक्षण आयोजित किये जाते हैं। (घ) धार जिले में वर्ष जनवरी 2018 से वर्तमान तक संचालित प्रशिक्षण की जानकारी निम्नानुसार है :-
संस्था का नाम |
स्थान/प्रशिक्षण केन्द्र एवं जिला |
प्रशिक्षणार्थियों की संख्या |
राशि लाख में |
अडानी स्किल डेव्हलपमेंट सेंटर, अहमदाबाद |
बदनावर, धार |
130 |
23.37 |
वोकार्ड फाउन्डेशन मुंबई |
मगजपुरा धार, खलघाट धार |
151 145 |
18.84 15.86 |
नालंदा इंस्टीट्यूट फॉर कम्प्यूटर एण्ड वोकेशनल ट्रेंनिंग इंदौर |
धार मनावर, धार |
80 80 |
10.37 10.64 |
आई.टी.आर.सी. टेक्नालॉजीस प्रा.लि. इंदौर |
धार |
80 |
16.62 |
(ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना का क्रियान्वयन
[पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण]
8. ( *क्र. 3586 ) श्री सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाहा : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन द्वारा संचालित पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना, पिछड़ा वर्ग के छात्रों को प्रदान की जाती है या उस शिक्षण संस्थान को जहां वह अध्ययनरत हैं? (ख) यदि छात्र को प्रदान की जाती है तो सत्र 2019-20 में सतना जिले में शासकीय एवं अशासकीय महाविद्यालयों में छात्रवृत्ति के भुगतान का अलग-अलग मापदण्ड क्यों? (ग) यदि उपरोक्त खण्ड स्वीकारात्मक है तो क्या छात्रवृत्ति के भुगतान का दोहरा मापदण्ड का नियम है? यदि हाँ, तो अवगत करावें। यदि नहीं, तो उन शिक्षण संस्थानों पर क्या कार्यवाही कब तक होगी?
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्री रामखेलावन पटेल ) : (क) जी हाँ। विभाग द्वारा संचालित पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति पिछड़ा वर्ग के छात्रों को प्रदान की जाती है। प्रदेश की शासकीय संस्थाओं में संचालित केवल बी.ई./एम.बी.एस. एवं शासकीय पॉलीटेक्निक संस्थाओं में अध्ययनरत विद्यार्थियों को योजना अंतर्गत स्वीकृत शिक्षण शुल्क, परीक्षा शुल्क एवं अन्य शुल्कों का भुगतान सीधे शासकीय संस्थाओं के खाते में ऑनलाइन करते हुए अनुरक्षण भत्ते का भुगतान सीधे विद्यार्थियों के एकल बैंक खाते में हस्तांतरित किया जाता है। (ख) सत्र 2019-20 में सतना जिले में शासकीय एवं अशासकीय महाविद्यालयों में छात्रवृत्ति का भुगतान पिछड़ा वर्ग मैट्रिकोत्तर योजना को शासित करने वाले नियमों के अनुसार किया गया है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जिला परियोजना समन्वयकों की प्रतिनियुक्ति समाप्त करना
[स्कूल शिक्षा]
9. ( *क्र. 3327 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राज्य शिक्षा केन्द्र द्वारा अपने आदेश क्रमांक 2494, दिनांक 01.04.2016 के द्वारा कितने वर्ष के लिये प्राचार्य उ.मा.वि./हाई स्कूल संवर्ग को जिला परियोजना समन्वयक के पद पर प्रतिनियुक्ति पर रखा गया है? क्या प्रतिनियुक्ति अवधि समाप्त होने के उपरान्त शासन द्वारा प्रतिनियुक्ति अवधि बढ़ाने के कोई आदेश प्रसारित किये हैं? यदि नहीं, तो कब तक इनकी प्रतिनियुक्ति समाप्त कर इनकी सेवाएं मूल विभाग को सौंपी जायेंगी? (ख) प्रश्नाधीन आदेश के परिप्रेक्ष्य में ऐसे कितने आवेदन शासन को प्राप्त हुए हैं, जिसमें प्रतिनियुक्ति पर रहते हुए स्थानान्तरण की मांग की गई है? क्या ऐसे आवेदनों पर शासन विचार कर संबंधितों की सेवाएं मूल विभाग को सौंपने की कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? (ग) क्या नीमच जिले से भी जिला परियोजना समन्वयक के पद पर प्रतिनियुक्ति पर जाने के संबंध में कोई प्रस्ताव शासन को प्राप्त हुए हैं? यदि हाँ, तो प्राप्त प्रस्ताव अनुसार कब तक आदेश प्रसारित कर दिये जावेंगे।
राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) राज्य शिक्षा केन्द्र के आदेश क्रमांक 2494, दिनांक 01.4.2016 द्वारा 25 प्राचार्य संवर्ग की सेवायें प्रतिनियुक्ति पर जिला परियोजना समन्वयक के पद पर दो वर्ष के लिए ली गईं थीं, जिसमें से वर्तमान में उक्त आदेश के तहत तीन प्राचार्य संवर्ग के अधिकारी जिला परियोजना समन्वयक के पद पर पदस्थ हैं। सामान्य प्रशासन विभाग के पत्र क्रमांक सी-18/94/3/1, दिनांक 12.12.1994 में प्रतिनियुक्ति अवधि सामान्यतः चार वर्ष। इससे अधिक अवधि तक रखा जाना आवश्यक है तो दोनों विभागों की आपसी सहमति से अवधि बढ़ाई जा सकती है। लोक शिक्षण संचालनालय के पत्र क्रमांक/स्था.1/राज/जी/194/प्रति.नि./2017/798, दिनांक 9.6.2017 के माध्यम से स्कूल शिक्षा विभाग के अंतर्गत कार्यालय तथा उसके अनुशांगिक कार्यालयों में पदस्थ ऐसे शिक्षक संवर्ग के कार्यरत कर्मचारियों को भारमुक्त न किये जाने के निर्देश हैं। पत्र की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जिला परियोजना समन्वयक, पन्ना एवं जिला परियोजना समन्वयक, नीमच का स्थानांतरण किये जाने संबंधी आवेदन प्राप्त हुआ। लोक शिक्षण संचालनालय के पत्र क्रमांक/स्था.1/राज/जी/ 194/प्रति.नि./2017/798, दिनांक 9.6.2017 के प्रकाश में सेवायें मूल विभाग को वापिस किये जाने का कोई प्रस्ताव विचाराधीन न होने से शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं, बल्कि जिला परियोजना समन्वयक, नीमच का स्थानांतरण संबधी आवेदन प्राप्त हुआ है।
मृत शासकीय सेवक के स्वत्वों के भुगतान में विलंब
[जनजातीय कार्य]
10. ( *क्र. 3797 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) आदिवासी विकास विभाग के सतपुड़ा भवन में क्षेत्र संयोजक के पद पर कार्यरत रहते हुए मृत स्व. श्री जे.के. श्रीवास्तव, जिनकी मृत्यु को 10 वर्ष से भी अधिक समय हो गया है, के जी.पी.एफ, 240 दिन के स्वीकृत अवकाश एवं अन्य कौन से स्वत्वों का भुगतान आज दिनांक तक शेष है? (ख) कर्मचारी की जी.पी.एफ. की पासबुक का संधारण कौन करता है, विभाग या कर्मचारी? मृत शासकीय सेवक का 10 वर्षों के उपरांत भी उनके स्वत्वों का भुगतान न करना और उसका आधार यह लेना कि मृत शासकीय सेवक द्वारा नियमित सेवा में उपस्थित न रहने के कारण सेवापुस्तिका/जी.पी.एफ. पासबुक का नियमित संधारण नहीं हुआ, को विभाग किस प्रकार उचित मानता है? (ग) शासकीय कर्मचारी की मृत्यु उपरांत उनकी सेवापुस्तिका तथा जी.पी.एफ. संबंधी अभिलेख प्राप्त करने हेतु किन-किन कार्यालयों को कब-कब पत्र लिखा गया, पत्र क्रमांक/दिनांक बताएं तथा छायाप्रतियां भी प्रदाय करें। (घ) जी.पी.एफ. के साथ ही 240 दिन के स्वीकृत अवकाश एवं शेष अन्य कौन-कौन से स्वत्वों के भुगतान आज दिनांक तक शेष हैं, विवरण देवें तथा भुगतान में विलंब के लिए क्या संबंधितों का उत्तरदायित्व निर्धारित किया जाएगा? यदि नहीं, तो क्यों? (ड.) मृत शासकीय सेवक के उक्त सभी स्वत्वों के भुगतान की निश्चित समय-सीमा बताएं।
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जी.पी.एफ. पासबुक अपूर्ण होने से पदस्थापना स्थानों से जानकारी प्राप्त की जा रही है जिसमें से 04 जिलों से जानकारी प्राप्त हो चुकी है, शेष 02 जिलों से जानकारी अप्राप्त है। वेतन नियमन उपरांत वेतन अंतर की राशि जिसमें 240 दिवस स्वीकृत अवकाश अवधि का वेतन भी शामिल है। भुगतान की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ख) जी.पी.एफ. की पासबुक के संधारण का उत्तरदायित्व कार्यालय प्रमुख का है, परंतु द्वितीय पासबुक संबंधित शासकीय सेवक के पास रहने संबंधी निर्देश है। पासबुक में प्रविष्टियां शासकीय सेवक की सुविधा अनुसार हर महिने या कुछ अंतराल बाद लेकिन वर्ष में कम से कम एक बार अवश्य प्रमाणित की जावेगी। (ग) कार्यालय द्वारा लिखे गये पत्रों की प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के उत्तर उपरांत शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ड.) निराकरण हेतु प्रक्रिया प्रचलन में है जिसकी निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
कोविड-19 संक्रमण के दौरान निजी स्कूलों द्वारा फीस की वसूली
[स्कूल शिक्षा]
11. ( *क्र. 3648 ) श्री राहुल सिंह लोधी : क्या राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या टीकमगढ़ जिले में कोविड-19 संक्रमण के दौरान निजी स्कूल पूर्णतः बंद रखे गये थे? यदि हाँ, तो उस दौरान अभिभावकों से क्या फीस की वसूली की जा रही थी? (ख) कोविड-19 संक्रमण के दौरान सरकार द्वारा निजी स्कूलों में अभिभावकों से वार्षिक फीस लेने का क्या मापदण्ड बनाया गया था? (ग) क्या टीकमगढ़ जिले के सभी निजी स्कूलों ने सरकार द्वारा जारी किये गये फीस वसूलने के मापदण्डों का पालन किया है?
राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) जी हाँ। सत्र 2019-20 एवं 2020-21 की फीस के संबंध में जारी निर्देश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार। (ग) इस संबंध में अभिभावकों की ओर से प्राप्त शिकायत की जानकारी निरंक है।
राष्ट्रीय परिवार सहायता योजना अंतर्गत भुगतान
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
12. ( *क्र. 97 ) श्री रामपाल सिंह : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रायसेन जिले में दिनांक 01 जनवरी, 2019 से प्रश्न दिनांक तक गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले 18 वर्ष से अधिक तथा 60 वर्ष से कम आयु के स्त्री/पुरूष की मृत्यु कब-कब हुई? मृत्यु होने के कितने दिन बाद उनको राष्ट्रीय परिवार सहायता योजना की राशि का भुगतान किया गया? शासन के निर्देशों के अनुरूप कितने दिन के भीतर राशि का भुगतान होना चाहिए? (ख) प्रश्नांश (क) के किन-किन के परिजनों/आश्रितों को राष्ट्रीय परिवार सहायता योजना की राशि का भुगतान क्यों नहीं किया गया तथा इसके लिए कौन-कौन दोषी है? (ग) क्या राष्ट्रीय परिवार सहायता योजना में शत-प्रतिशत राशि भारत सरकार द्वारा दी जाती है? यदि हाँ, तो श्रम विभाग के अधिकारियों द्वारा संबल योजना में पंजीकृत परिवार को राशि भुगतान पर रोक क्यों लगाई गई? (घ) सामाजिक न्याय विभाग की योजना पर श्रम विभाग के अधिकारियों द्वारा मार्गदर्शन देने के पूर्व क्या विभाग की सहमति ली गई? यदि नहीं, तो क्यों तथा इसके लिए कौन-कौन दोषी है?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) रायसेन जिले में 1 जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक 18 वर्ष से अधिक तथा 60 वर्ष से कम आयु के 910 स्त्री/पुरूष व्यक्तियों की मृत्यु हुई है जिनमें से 893 पात्र हितग्राहियों के आश्रित परिवारों को राष्ट्रीय परिवार सहायता राशि का भुगतान किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। लोक सेवा प्रबंधन गारंटी अधिनियम 2010 के अनुसार आवेदन प्रस्तुत करने के उपरांत 30 दिवस में स्वीकृति की कार्यवाही पूर्ण करने के शासन निर्देश हैं। (ख) जानकारी उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में 17 प्रकरण पात्रता की श्रेणी में न होने के कारण भुगतान नहीं किया गया। शेष कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। राष्ट्रीय परिवार सहायता योजना के अंतर्गत प्रस्तुत आवेदन पत्रों पर सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन कल्याण विभाग द्वारा कार्यवाही की जाती है। संबल योजना से संबंधित प्रकरणों पर कार्यवाही श्रम विभाग द्वारा की जाती है। (घ) सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन कल्याण विभाग से संबंधित प्रकरणों पर कार्यवाही की जाती है तथा श्रम विभाग से संबंधित प्राप्त होने वाले प्रकरणों पर कार्यवाही श्रम विभाग द्वारा की जाती है।
प्रश्नकर्ता के पत्र पर जानकारी का प्रदाय
[जनजातीय कार्य]
13. ( *क्र. 1984 ) श्री कमलेश जाटव : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा किसी पत्र के माध्यम से जनवरी 2021 में विभाग अंतर्गत जिला संयोजक मुरैना से 6 बिन्दुओं पर कोई जानकारी चाही गई थी? यदि हाँ, तो उक्त जानकारी प्रश्न किये जाने के दिनांक तक क्यों उपलब्ध नहीं कराई गई? क्या श्री राजेश दण्डोतिया एवं श्री जगदीश वर्मा किसी अन्य विभाग के कर्मचारी हैं एवं विगत कई वर्षों से विभाग मुरैना में पदस्थ हैं? यदि हाँ, तो क्या विभाग में कर्मचारियों का अभाव है, जिसके कारण उक्त दोनों कर्मचारियों को ही बार-बार संलग्न किया जाता है? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित दोनों कर्मचारियों की विभाग में प्रथम नियुक्ति कब हुई थी तथा कितनी बार उक्त कर्मचारियों के स्थानान्तरण किये गये एवं कितनी बार स्थानान्तरण निरस्त किये गये? स्थानान्तरण निरस्त किये जाने का कारण स्पष्ट करते हुए जानकारी प्रदाय की जावे?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जी हाँ। जानकारी प्रश्न दिनांक के पूर्व कार्यालयीन पत्र क्र./24/आ.जा.क./स्था./2021/222, दिनांक 02.02.2021 द्वारा विशेष वाहक के हस्ते प्रेषित की गई, परंतु माननीय विधायक महोदय के स्टाफ द्वारा उक्त जानकारी लेने से मना किया गया। प्रश्नांकित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। श्री राजेश दण्डौतिया एवं श्री जगदीश वर्मा विभागीय कर्मचारी हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) श्री राजेश दण्डौतिया एवं श्री जगदीश वर्मा की प्रथम नियुक्ति माह-अप्रैल 1988 में की गई। श्री राजेश दण्डौतिया का स्थानांतरण कलेक्टर, मुरैना के आदेश क्र./24/आ.जा.क./स्था./97/2419, दिनांक 14.07.1997 के द्वारा कार्यालय आदिवासी विकासखण्ड कराहल जिला मुरैना में किया गया व कार्या. आयुक्त आदिवासी विकास, म.प्र. भोपाल के आदेश क्र./स्था./3-2/97/19137, दिनांक 15.07.1997 के द्वारा श्री दण्डौतिया को झाबुआ स्थानांतरित किया गया। शासन के आदेश क्रमांक/एफ-4-261/97/1-25, दिनांक 23.10.1997 के द्वारा झाबुआ किया गया स्थानांतरण निरस्त किया गया है। आदेश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। श्री जगदीश वर्मा का वर्ष 1992 में जिला अंतर्गत स्थानांतरण कराहल से जिला कार्यालय मुरैना किया गया है।
बस्ती विकास एवं विद्युतीकरण योजना का क्रियान्वयन
[अनुसूचित जाति कल्याण]
14. ( *क्र. 3340 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) खण्डवा जिले में आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा बस्ती विकास योजना एवं विद्युतीकरण योजना अंतर्गत वर्ष 2018-19 से प्रश्न दिनांक तक योजनावार कितने प्रकरण स्वीकृत किये गये? विधानसभावार अवगत करायें। (ख) क्या विभागीय लापरवाही के कारण विगत 2 वित्तीय वर्षों से उक्त दोनों योजनाओं की स्वीकृति एवं कार्यादेश नहीं हो पाये हैं, जिसके कारण अ.जा./अ.ज.जा. वर्ग योजना के लाभ से वंचित है? यदि हाँ, तो क्यों? (ग) क्या विभाग द्वारा प्रभारी मंत्री से लिये जाने वाले अनुमोदन में लापरवाही बरती है? यदि नहीं, तो विभाग द्वारा क्या वस्तुस्थिति सें समय-समय पर कलेक्टर महोदय को अवगत कराया गया कि बस्ती विकास एवं विद्युतीकरण कार्य की स्वीकृति लंबित है? (घ) यदि नहीं, तो विभाग की इस गंभीर लापरवाही एवं अनियमितता के लिये कौन जिम्मेदार है? क्या वर्ष 2020-21 में दोनों योजनाओं में प्राप्त आवंटन का उपयोग इसी वित्तीय वर्ष में हो पायेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं, वित्तीय वर्ष 2018-19 में स्वीकृत कार्यों के कार्यादेश जारी किए गए हैं, किंतु वित्तीय वर्ष 2019-20 में प्रभारी मंत्री के अनुमोदन के अभाव में स्वीकृति एवं कार्यादेश जारी नहीं किए जा सके हैं। वर्ष 2019-20 में कार्यों की स्वीकृति नहीं होने के संबंध में स्पष्टीकरण लिया जाकर गुण दोष के आधार पर नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी। (ग) जी नहीं। विभाग अंतर्गत जिले में संचालित सभी विभागीय योजनाओं की नियमित समीक्षा जिला कलेक्टर द्वारा की जाती है। (घ) वित्तीय वर्ष 2019-20 में कार्यों की स्वीकृति नहीं होने के संबंध में स्पष्टीकरण लिया जाकर गुण दोष के आधार पर नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी। जी हाँ। स्वीकृति की कार्यवाही जिला स्तर पर प्रक्रियाधीन है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
प्रतिनियुक्ति समाप्त कर मूल विभाग में वापसी
[स्कूल शिक्षा]
15. ( *क्र. 3210 ) श्री शरद जुगलाल कोल : क्या राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला शहडोल में जिला परियोजना समन्वयक के पद पर श्री मदन त्रिपाठी पदस्थ होकर कार्य कर रहे हैं? इनका मूल पद व विभाग क्या है? यह भी बतावें कि इनकी पदस्थापना कितने वर्षों पूर्व की गई थी? प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ कर कार्य लिये जाने के शासन द्वारा क्या नियम हैं, की प्रति देते हुए बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) के अधिकारी की योग्यता क्या जिला परियोजना समन्वयक के पद पर कार्य करने योग्य है? इनका मूल पद व पदस्थापना कब एवं कहां की है, बताते हुये इनको मूल विभाग में वापस किये जाने बाबत् कब तक आदेश जारी करेंगे? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार जिला परियोजना समन्वयक के पद पर कार्यरत श्री त्रिपाठी की योग्यता एवं पद उस श्रेणी अनुसार नहीं है एवं प्रतिनियुक्ति अवधि भी शासन के मापदण्ड से अधिक हो चुकी है फिर भी इनको जिला परियोजना समन्वयक के पद से क्यों नहीं हटाया जा रहा है? इनको मूल पद पर भेजे जाने बाबत् आदेश/निर्देश कब तक जारी करेंगे? अगर नहीं तो क्यों? साथ ही इस अवैधानिक पदस्थापना के लिये जिले के किन जिम्मेदार अधिकारियों को जिम्मेदार मानकर कार्यवाही प्रस्तावित करेंगे? अगर नहीं तो क्यों?
राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) जी हाँ। मूल पद प्राचार्य, हायर सेकेण्डरी एवं विभाग स्कूल शिक्षा है। श्री मदन त्रिपाठी की जिला परियोजना समन्वयक के पद पर पदस्थापना संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। सामान्य प्रशासन विभाग के पत्र क्रमांक सी-18/94/3/1, दिनांक 12.12.1994 में प्रतिनियुक्ति अवधि सामान्य: चार वर्ष। इससे अधिक अवधि तक रखा जाना आवश्यक है तो दोनों विभागों की आपसी सहमति से अवधि बढ़ाई जा सकती है। नियम की प्रति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ख) जी हाँ। प्रश्नांश (क) के अनुसार। राज्य शिक्षा केन्द्र के आदेश क्रमांक/राशिके/स्था./2018/2172, दिनांक 12.4.2018 द्वारा श्री मदन कुमार त्रिपाठी, जिला परियोजना समन्वयक, शहडोल की सेवायें उनके मूल विभाग स्कूल शिक्षा विभाग को वापिस की गई थी। आदेश की प्रति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। सेवा वापसी आदेश से क्षुब्ध होकर श्री मदन कुमार त्रिपाठी द्वारा माननीय उच्च न्यायालय, जबलपुर में याचिका डब्ल्यू.पी. क्रमांक 8804/2018 दायर की गई। माननीय उच्च न्यायालय, जबलपुर द्वारा दिनांक 18.4.2018 को पारित अंतरिम आदेश के अनुक्रम में श्री मदन कुमार त्रिपाठी वर्तमान में शहडोल जिले में जिला परियोजना समन्वयक के पद पर पदस्थ हैं। माननीय उच्च न्यायालय, जबलपुर के पारित अंतरिम आदेश दिनांक 18.4.2018 की प्रति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'द' अनुसार है। राज्य शिक्षा केन्द्र द्वारा डब्ल्यू.पी. क्रमांक 8804/2018 राज्य शिक्षा केन्द्र से ओ.आई.सी. नियुक्त किया जाकर प्रकरण में जवाबदावा प्रस्तुत किया जा चुका है। वर्तमान में प्रकरण माननीय न्यायालय में विचाराधीन है। (ग) उत्तरांश (क) एवं (ख) अनुसार। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
बहोरीबंद विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत स्वीकृत निर्माण कार्य
[वन]
16. ( *क्र. 3543 ) श्री प्रणय प्रभात पाण्डेय : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बहोरीबंद विधानसभा क्षेत्र के ग्राम निवासियों एवं प्रश्नकर्ता द्वारा वर्ष 2018-19 से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन से निर्माण कार्यों की स्वीकृति हेतु कब-कब वन विभाग को आवेदन पत्र प्रस्तुत किये गये हैं? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित पत्रों एवं आवेदनों पर किसके द्वारा कब-कब कार्यवाही की गई? यदि कोई कार्यवाही नहीं की गई तो क्यों नहीं? प्रश्नांश (क) में उल्लेखित ग्रामों में विभाग द्वारा पूर्व में कौन-कौन से जलाशय, नहरें, स्टापडेम तथा वनमार्ग निर्मित किये गये हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित पूर्व से निर्मित संरचनाएं क्या वर्तमान समय में हैं, यदि हाँ, तो किस स्थिति में हैं तथा इसमें कौन-कौन से सुधार कार्य अति आवश्यक हैं? उल्लेखित जलाशयों, नहरों स्टापडेम एवं मार्गों का सुधार कार्य एवं पुनर्निर्माण किस योजना मद से किसके द्वारा कराया जा सकता है तथा किस प्रकार से कब तक कराया जावेगा?
वन मंत्री ( श्री कुंवर विजय शाह ) : (क) वर्ष 2018-19 से आज दिनांक तक वन भूमियों पर निर्माण कार्यों की स्वीकृति हेतु सात आवेदन प्राप्त हुए। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) के संलग्न परिशिष्ट में उल्लेखित आवेदनों पर वनमंडलाधिकारी कटनी द्वारा की गई कार्यवाही की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। उल्लेखित ग्रामों में वन विभाग द्वारा पूर्व में जलाशय, नहरें, स्टाप डेम एवं वनमार्ग निर्मित नहीं किये गये हैं। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
एकीकृत आदिवासी विकास परियोजना धार में लंबित निर्माण कार्य
[जनजातीय कार्य]
17. ( *क्र. 3606 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) धार जिले मे एकीकृत आदिवासी विकास परियोजना में वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक तक कितने निर्माण कार्य लम्बित हैं? लम्बित रहने का क्या कारण है? सूची देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के कार्य का सत्यापन किस किस अधिकारी ने किया? (ग) एकीकृत आदिवासी विकास परियोजना मध्यप्रदेश के वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक तक की सम्पूर्ण निर्माण एवं हितग्राही योजना की जानकारी देवें। (घ) परियोजना प्रशासक धार द्वारा लिखे गये पत्र क्र. 331, दिनांक 28.02.2020 पर की गई कार्यवाही से अवगत करावें।
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) धार जिले में एकीकृत आदिवासी विकास परियोजना में वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक तक निम्नानुसार कार्य लंबित हैं :-
वर्ष |
कुल लंबित कार्य |
|||
धार |
कुक्षी |
बदनावर |
योग |
|
2018-19 |
19 |
17 |
02 |
38 |
2019-20 |
22 |
26 |
05 |
53 |
2020-21 |
भारत सरकार से राशि निर्गमित होना अपेक्षित। |
लंबित कार्यों की सूची की जानकारी पुस्तकालय रख्ो परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) संबंधित कार्य एजेन्सी के तकनीकी अमले (उपयंत्री/सहायक यंत्री/कार्यपालन यंत्री) द्वारा कार्यों का सत्यापन निर्माण कार्य के दौरान किया गया। (ग) एकीकृत आदिवासी विकास परियोजना मध्यप्रदेश अंतर्गत आदिवासी उपयोजना विशेष केन्द्रीय सहायता अंतर्गत वर्ष 2018-19 एवं 2019-20 में भारत सरकार से कोई कार्य स्वीकृत नहीं हुए हैं तथा वर्ष 2020-21 में स्वीकृत योजनाओं, निर्माण एवं हितग्राही से संबंधित जानकारी तथा संविधान के अनुच्छेद 275 (1) अंतर्गत वर्ष 2018-19, 2019-20 एवं 2020-21 के संपूर्ण निर्माण एवं हितग्राही योजना की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (घ) परियोजना प्रशासक धार द्वारा लिखे गये पत्र क्रमांक 33 दिनांक 28.02.2020 में उल्लेखित प्रस्ताव जो बस्ती विकास योजना अंतर्गत प्रावधानित है, पर कार्यवाही हेतु संचालनालय के पत्र क्र/अनु.275-1/प्रस्ताव/292/4461 दिनांक 06.02.2021 द्वारा आयुक्त, आदिवासी विकास को कार्यवाही हेतु भेजा गया था। तत्संबंध में आयुक्त, आदिवासी विकास के पत्र क्रमांक/निर्माण/3/2020-21/4442, दिनांक 24.02.2021 द्वारा प्रस्ताव विशेष केन्द्रीय सहायता एवं संविधान के अनुच्छेद 275 (1) के अंतर्गत प्रेषित किये जाने एवं जनजाति बस्ती विकास योजना अंतर्गत प्रस्तावित नहीं होने का उल्लेख करते हुये वापिस किया गया है। संचालनालय द्वारा भारत सरकार जनजातीय कार्य मंत्रालय द्वारा संविधान के अनुच्छेद 275 (1) के तहत जारी दिशानिर्देश दिनांक 23.04.2020 में उल्लेखित कार्यपालिक समिति के समक्ष प्रस्तुत किये जायेंगे।
टाईगर रिजर्व जोन पिपरिया अन्तर्गत कराये गये कार्य
[वन]
18. ( *क्र. 1607 ) श्री ठाकुर दास नागवंशी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र पिपरिया के टाईगर रिजर्व जोन अन्तर्गत विगत दो वर्षों में चारागाह विकास योजना के तहत कार्य किये गये हैं? यदि हाँ, तो किन-किन कोर ऐरिया में यह कार्य किया गया, बीट सहित जानकारी प्रदान करें। (ख) चारागाह विकास योजना के तहत कराये गये कार्यों में जिन मजदूरों द्वारा कार्य किया गया है, उनकी जानकारी तथा उन्हें भुगतान की गयी मजदूरी की जानकारी प्रदान करें?
वन मंत्री ( श्री कुंवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
संजय दुबरी टाईगर क्षेत्र में विभिन्न मदों से प्राप्त धनराशि
[वन]
19. ( *क्र. 1574 ) श्री कुँवर सिंह टेकाम : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीधी जिले के अंतर्गत संजय-दुबरी टाईगर रिजर्व क्षेत्र को विभिन्न मदों में कितनी राशि जारी की गई है? वर्ष 2015-16, 2016-17, 2017-18, 2019-20 एवं 2020-21 की जानकारी परिक्षेत्रवार/वर्षवार/ मदवार उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में विभिन्न मदों में कितनी राशि व्यय की गयी? वर्षवार/क्षेत्रवार/मदवार व्यय राशि की जानकारी उपलब्ध करायें। (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में वन्य प्राणी संरक्षण के तहत एवं हाथियों के संरक्षण, रख-रखाव एवं भोजन इत्यादि में कितनी राशि व्यय की गयी? परिक्षेत्रवार/वर्षवार जानकारी देवें। (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में बाघ एवं हाथियों के संरक्षण चिकित्सा एवं भोजन किन दुकानों से क्रय किया गया? क्रय की गयी भोजन सामग्री/चिकित्सा का विवरण वर्षवार/परिक्षेत्रवार उपलब्ध करायें।
वन मंत्री ( श्री कुंवर विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है।
अनुसूचित जाति कृषकों के कुओं पर ऊर्जीकरण
[अनुसूचित जाति कल्याण]
20. ( *क्र. 2550 ) श्री मनोज चावला : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या अनुसूचित जाति बस्ती कृषकों के कुएं पर विद्युत लाइन का विस्तार, पंप उर्जीकरण योजना अंतर्गत राशि आवंटित की जाती है? यदि हाँ, तो बताएं कि वर्ष 2018-19 से वर्ष 2020-21 तक कितनी राशि शासन द्वारा रतलाम जिले को इस योजना हेतु प्राप्त हुई है? (ख) रतलाम जिले में वर्ष 2019-20 में योजना अंतर्गत कितने हितग्राहियों का इस योजना हेतु चयन किया गया था, सूची देवें तथा आवंटित बजट भी बताएं तथा बतावें कि चयन सूची पर प्रभारी मंत्री महोदय और कलेक्टर महोदय का अनुमोदन किस दिनांक को लिया गया? (ग) क्या अनुमोदन उपरांत सभी लाभांवित हितग्राहियों के कुएं पर योजना का लाभ दे दिया गया है और यदि नहीं, तो क्यों? (घ) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित सभी वर्षों में प्राप्त राशि से लाभान्वित कृषकों के कुओं पर उर्जीकरण कार्य में क्रियान्वयन एजेंसी को भुगतान कर दिया गया है या भुगतान शेष हैं? सभी वर्षों के क्रियान्वन एजेंसी द्वारा दिए गए पूर्णता प्रमाण पत्रों का विवरण उपलब्ध करायें।
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) जी नहीं। कोषालय से राशि का आहरण न होने से कार्य एजेंसी को भुगतान नहीं किया जा सका है। (घ) जी नहीं। वित्तीय वर्ष 2018-19 में क्रियान्वयन एजेंसी को भुगतान कर दिया गया है। जानकारी प्रश्नांश 'ख' में उल्लेखित पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। वित्तीय वर्ष 2019-20 में कोषालय से राशि का आहरण न होने के कारण कार्य एजेंसी को भुगतान नहीं किया जा सका है तथा वित्तीय वर्ष 2020-21 में स्वीकृति की नियमानुसार कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। वर्ष 2018-19 के पूर्णता प्रमाण पत्र प्राप्त करने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
नवीन गौशालाओं के निर्माण की स्वीकृति
[पशुपालन एवं डेयरी]
21. ( *क्र. 3198 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सरकार द्वारा क्र. (1) दिनांक 01 जनवरी, 2019 में 31 मार्च, 2020 तक एवं क्र. (2) दिनांक 01 अप्रैल, 2021 से प्रश्न दिनांक तक प्रदेश में कितनी-कितनी नवीन गौशालाओं के निर्माण हेतु स्वीकृति प्रदान की गई क्र. 1 एवं क्र. 2 की अलग-अलग समय की जानकारी प्रत्येक जिलेवार स्पष्ट करें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार ग्वालियर जिले में ऐसी कौन-कौन सी गौशालायें हैं, जिनमें 01 फरवरी, 2021 की स्थिति में गौपालन किया जा रहा है, प्रत्येक गौशालावार गौशालाओं में गौपालन एवं रख-रखाव हेतु कितने-कितने मजदूर, कर्मचारी रखे गये हैं, कितना-कितनी गाय गौशाला में पाली जा रही हैं, उनके चारे पानी की क्या व्यवस्था की गई है? किस-किस गौशाला को गौपालन दिनांक से प्रश्न दिनांक तक कितना-कितना वित्तीय आवंटन प्रदाय कराया गया है या अन्य स्त्रोत से गौशाला का संचालन हो रहा है? यदि हाँ, तो किस स्त्रोत से किसके द्वारा संचालन किया जा रहा है? (ग) ग्वालियर जिले में दिनांक 01 जनवरी, 2019 से प्रश्न दिनांक तक किस-किस पंचायत में कितनी-कितनी वित्तीय स्वीकृति से नवीन गौशालाओं का निर्माण किस ऐजेन्सी/ठेकेदार द्वारा किस-किस कर्मचारी/अधिकारी के सुपरवीजन में कराया गया है तथा कराया जा रहा है? वर्तमान में उनकी भौतिक तथा वित्तीय स्थिति क्या है, सम्पूर्ण जानकारी दें।
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) दिनांक 01 फरवरी, 2021 की स्थिति में ग्वालियर जिले अंतर्गत जनपद पंचायत, घाटीगॉव में ग्राम पंचायत बन्हेरी, पवा, पाटई, बड़ागांव। जनपद पंचायत मुरार में ग्राम पंचायत बरेठा, बनधौली, बेहट। जनपद पंचायत डबरा में ग्राम पंचायत जौरासी, सिसगांव, लखनौती, मेहगांव, कुम्हर्रा। जनपद पंचायत भितरवार में ग्राम पंचायत पवाया, कछौआ, करहैया, लदवाया। कुल 18 गौशालाओं में गौपालन कराया जा रहा है। शासकीय स्तर पर गौपालन हेतु किसी भी मजदूर अथवा कर्मचारी को नहीं रखा गया है। गौशालाओं में गौवंश संख्या की जानकरी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। गौशालाओं में उपलब्ध गौवंश के चारे पानी की व्यवस्था गौशाला संचालन समिति के द्वारा की जाती है। गौशालाओं के प्रश्न दिनांक तक प्रदाय वित्तीय आवंटन एवं संचालन समिति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
पंचायत के निर्णय को सक्षम मंजूरी देने में विलंब
[स्कूल शिक्षा]
22. ( *क्र. 2025 ) श्री महेश परमार : क्या राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला शिक्षा केंद्र उज्जैन से पत्र क्रमांक 2107, दिनांक 29.08.2019 के माध्यम से संचालक राज्य शिक्षा केंद्र भोपाल को उज्जैन जिला पंचायत की बैठक दिनांक 11.06.2019 में लिए गए निर्णय का प्रस्ताव सक्षम स्वीकृति के लिए प्राप्त हुआ था? यदि हाँ, तो सक्षम स्वीकृति में विलंब के कारण क्या हैं? (ख) क्या भारतीय संविधान की ग्यारहवीं अनुसूची के बिन्दु क्रमांक 17 पर शिक्षा विभाग की 01 से 08 तक की शिक्षा व्यवस्था पर जिला पंचायत को समीक्षा एवं निर्णय लेने का अधिकार मध्यप्रदेश पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम 1993 के अंतर्गत दिया गया है? यदि हाँ, तो सक्षम स्वीकृति में विलंब क्यों? (ग) क्या मिशन नियमावली में नियम 30 उपनियम 1, 2, 3, 4 के अंतर्गत जिला पंचायत अध्यक्ष को प्रत्यायोजित शक्तियाँ दी गयी हैं? क्या जिला पंचायत CEO मिशन का जिला परियोजना संचालक है? क्या जि.प.अ. उज्जैन ZSK की जिला इकाई एवं जिला क्रय समिति का अध्यक्ष है? क्या उक्त प्रस्ताव की बैठक कार्यवाही विवरण में दोनों उत्तरदायी लोक सेवकों के हस्ताक्षर हैं? यदि हाँ, तो सक्षम स्वीकृति में विलंब क्यों? (ड.) क्या मिशन की नियमावली के नियम 24 1, 2, 3 में शासन के प्रचलित नियम नीतियों को ध्यान में रखना होगा, ऐसा प्रावधान है? यदि हाँ, तो शासन के इतने प्रावधान के बाद भी मंजूरी क्यों नहीं?
राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। शासन के प्रावधान अनुसार नहीं होने के कारण सक्षम स्वीकृति प्रदान नहीं की गई। (ग) एवं (घ) जी हाँ। (ड.) जी हाँ। मिशन के नियम 24 की कंडिका-1 अनुसार मिशन के अंतर्गत स्टाफ की सेवा संबंधी मामले जिसमें पदों का निर्माण एवं अर्हताएं निर्धारित करने का अधिकार राज्य कार्यकारणी समिति को है।
विदिशा जिले में संचालित बालक/बालिका छात्रावास
[स्कूल शिक्षा]
23. ( *क्र. 3598 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा जिले में बालक/बालिका छात्रावास कहाँ-कहाँ संचालित हैं? सूची उपलब्ध करावें। दिनांक 01 अप्रैल, 2017 से प्रश्नांकित अवधि तक रहवासी छात्र-छात्राओं की संख्या एवं छात्रावासों में प्रदत्त सुविधाओं तथा उल्लेखित छात्रावासों में पदस्थ वार्डनों के नाम, उनकी छात्रावास में पदस्थी दिनांक सहित-सूची उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में छात्रावासों में कितनी-कितनी राशि किस-किस मद में आवंटित की गई तथा किस-किस मद में राशि व्यय की गई है? क्या सामग्री क्रय नियमों के अनुसार क्रय की गई है? यदि हाँ, तो किन-किन फर्मों के टेण्डर प्राप्त हुए एवं किन-किन फर्मों से सामग्री क्रय की गई है? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में जिला शिक्षा अधिकारी का पत्र क्र. आर.एम.एस.ए./स्थापना/बा. छा./2017/181 विदिशा, दिनांक 19.06.2017 को अजरा जमाल, सहायक अध्यापक कन्या प्रा.शा. लटेरी को आर.एम.एस.ए. बालिका छात्रावास लटेरी का अतिरक्त प्रभार दिया गया था? यदि हाँ, तो बतलावें तथा कार्यालय मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत एवं पदेन जिला परियोजना संचालक जिला-विदिशा के पत्र क्र. वार्डन/अतिरिक्त प्रभार/2020/4024 विदिशा दिनांक 18.09.2020 को अजरा जमाल प्राथमिक शिक्षक शास.प्रा.शा.लटेरी को बालिका छात्रावास लटेरी का प्रभार दिया गया है? यदि हाँ, तो बतलावें कि एक शिक्षिका को दो छात्रावास का प्रभार किस नियम के आधार पर दिया-गया है? नियम/निर्देश/परिपत्र की छायाप्रति उपलब्ध करावें। इसके लिए दोषी कौन है? (घ) प्रश्नकर्ता के विधानसभा प्रश्न क्रमांक 547 के परिशिष्ट-स1/2में वार्डन पद हेतु वरिष्ठता सूची परिशिष्ट-ब में श्रीमती प्रीति सक्सैना माध्यमिक शिक्षक का नाम क्रमांक 1 पर होने के उपरांत भी उनको प्रभार न दिया जाकर क्र. 8 पर अंकित सुश्री अजरा जमाल प्राथमिक शिक्षक को अतिरिक्त प्रभार क्यों दिया-गया है? यदि नियम विरूद्ध है तो क्या कार्यवाही कब तक की जावेगी? (ड.) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा प्रेषित पत्र मान. विभागीय मंत्री जी, प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा, आयुक्त राज्य शिक्षा केन्द्र को वार्डन नियुक्ति हेतु चयन प्रक्रिया के संबंध में प्राप्त हुए हैं? पत्रों में चयन प्रक्रिया की जांच राज्य शिक्षा केन्द्र के अधिकारियों से न कराई जाकर संयुक्त कलेक्टर, जिला शिक्षा अधिकारी विदिशा से क्यों कराई-गई एवं कब-तक राज्य शिक्षा केन्द्र के अधिकारियों से चयन प्रक्रिया की जांच कराई जावेगी?
राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। जी हाँ। (ग) जी हाँ। जी हाँ। एक परिसर होने एवं समग्र शिक्षा अभियान के तहत योजना एकीकृत होने से समग्र शिक्षा अभियान के उदयपुर में कक्षा 6-8 एवं कक्षा 9-12 के लिए संचालित छात्रावासों का प्रभार एक ही वार्डन के पास है। समग्र शिक्षा अभियान के कक्षा 9-12 के छात्रावास का प्रभार 19.06.2017 को सुश्री अजरा जमाल को दिया गया था। 3 वर्ष पूर्ण हो जाने, किन्तु कोविड संक्रमण के कारण नवीन प्रक्रिया पूर्ण न होने से संबंधित के पास आगामी आदेश तक चयन प्रक्रिया पूर्ण होने तक 9-12 के छात्रावास का प्रभार यथावत रखा गया है। समग्र शिक्षा अभियान के कक्षा 6-8 के छात्रावास का प्रकार एक ही परिसर में छात्रावास होने से दिनांक 06.08.2020 को प्रभार दिया गया है। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) चयन समिति के द्वारा निर्धारित मापदंडों में वरीयता के आधार पर चयन किया गया है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ड.) जी हाँ। जिला कलेक्टर जिला मिशन संचालक के दायित्वों का निर्वहन करते हैं। अतः पत्र क्र. राशि के/एस.जी.यू./2020/4396, दिनांक 07.10.2020 के द्वारा कलेक्टर, विदिशा को जांच हेतु लेख किया गया था। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सेवानिवृत्त हो रहे आहरण संवितरण अधिकारियों का विभागीय अंकेक्षण
[स्कूल शिक्षा]
24. ( *क्र. 3425 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मंदसौर, रतलाम जिले के शिक्षा विभाग अंतर्गत कितने आहरण संवितरण अधिकारी रहे प्राचार्य, व्याख्याता, सहायक संचालक एवं विकासखण्ड अधिकारी वर्ष 2021 में सेवानिवृत्त होंगे? उनकी सूची उपलब्ध करावें। (ख) डी.डी.ओ. रहे उक्त अधिकारियों के सेवानिवृत्त होने के पूर्व इनके कार्यकाल के विभागीय/एजी एम.पी. ग्वालियर से ऑडिट कराने संबंधित क्या नियम हैं? (ग) यदि नियम हैं तो कितनों का ऑडिट हो चुका है तथा कितनों का शेष है? साथ ही जिनका ऑडिट हो चुका है, उनकी ऑडिट कंडिका उपलब्ध करावें। (घ) उक्त जिलों में दिनांक 1 जनवरी, 2015 के बाद किन-किन हाईस्कूल हायर सेकेण्डरी विद्यालयों के विभिन्न मदों का ऑडिट कब-कब हुआ?
राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) प्रश्नाधीन जिला अंतर्गत वर्ष 2021 में सेवानिवृत्त होने वाले आहरण संवितरण अधिकारियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) म.प्र. कोषालय संहिता 2020 के सहायक नियम-160 के अंतर्गत विभागीय अंकेक्षण का कार्य किये जाने का नियम है। लोक शिक्षण संचालनालय के पत्र क्रमांक/वित्त/आडिट/ए/रोस्टर/260-261 भोपाल दिनांक 11.03.2005 द्वारा जिला शिक्षा अधिकारी अथवा विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी कार्यालय में पदस्थ आहरण एवं संवितरण अधिकारी जो सेवानिवृत्त हो चुके हैं, का गत 05 वर्ष के कार्यकाल का विभागीय अंकेक्षण करने हेतु विभागीय निर्देश जारी किये गए हैं। निर्देश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) मंदसौर जिला अंतर्गत 04 आहरण संवितरण अधिकारी वर्ष 2021 में सेवा निवृत्त होंगे जिसमें से 01 प्राचार्य दिनांक 28.02.2021 को सेवा निवृत्त होने से ऑडिट करने संबंधी कार्यवाही प्रचलन में है एवं 03 का ऑडिट शेष है, तथा रतलाम जिले में वर्ष 2021 में 03 आहरण संवितरण अधिकारी सेवा निवृत्त होंगे, जिसमें से 01 प्राचार्य दिनांक 31.01.2021 को सेवा निवृत्त हो चुके हैं, की ऑडिट की कार्यवाही प्रचलन में है एवं 02 का ऑडिट शेष है। शेष भाग का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो एवं तीन अनुसार है।
गौ-सेवक प्रशिक्षण योजना का क्रियान्वयन
[पशुपालन एवं डेयरी]
25. ( *क्र. 3289 ) श्रीमती कृष्णा गौर : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गौ-सेवक प्रशिक्षण योजना प्रदेश में कब से लागू है और इस योजनान्तर्गत प्रश्न दिनांक तक कुल कितने गौ-सेवकों को प्रशिक्षित कर दिया गया है? जिलेवार संख्या बताई जाये। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित योजनान्तर्गत प्रशिक्षण का कार्य कहां किया जाता है? जिलेवार जानकारी दी जाये। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित योजना के प्रशिक्षण का कार्य आवासीय है अथवा प्रशिक्षणार्थी को स्वयं व्यवस्था करनी होती है? (घ) प्रशिक्षित गौ-सेवकों को पशुपालकों से सेवा के लिये शुल्क लेने का अधिकार है? यदि हाँ, तो उसकी सूची उपलब्ध कराई जाये।
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) गौ-सेवक प्रशिक्षण योजना प्रदेश में वर्ष 1997 से लागू है, योजनांतर्गत कुल 21331 गौ-सेवकों को प्रशिक्षण दिया गया है, जिलेवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) योजनांतर्गत प्रशिक्षण कार्य ऐसे केन्द्रों पर किया जाता है जहां प्रशिक्षण की समस्त सुविधाएं उपलब्ध हों, जिलेवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) विभागीय योजना में प्रशिक्षणार्थी की आवास व्यवस्था हेतु कोई प्रावधान नहीं है प्रशिक्षणार्थी को स्वयं व्यवस्था करनी होती है। (घ) गौ-सेवक योजना एक स्व-रोजगारोन्मुखी योजना है, प्रशिक्षित गौ-सेवकों को प्राथमिक पशु उपचार के लिए पशुपालकों से सेवा के लिये शुल्क लेने का अधिकार है। गौ-सेवक शासकीय सेवक नहीं होते एवं शासन द्वारा गौ-सेवकों द्वारा प्राथमिक पशु उपचार हेतु लिए जाने वाला कोई शुल्क निर्धारित नहीं।
भाग-2
नियम
46 (2) के
अंतर्गत
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
के रुप में
परिवर्तित
तारांकित
प्रश्नोत्तर
वनभूमि
पर अतिक्रमण
[वन]
1. ( क्र. 51 ) श्री पुरुषोत्तम लाल तंतुवाय : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला दमोह में हटा एवं सगौनी वीट में वर्ष 2018-19, 2019-20, 2020-21 में कहां-कहां पर वनीकरण एवं अग्नि सुरक्षा का कार्य कितनी-कितनी राशि से किया गया स्थलवार जानकारी उपलब्ध करायें। कहां-कहां आग लगी एवं कितना नुकसान हुआ समस्त जानकारी दी जावे। (ख) हटा एवं सगौनी वन परिक्षेत्र अंतर्गत कितने हेक्टेयर वन भूमि है। कितनी भूमि पर किन-किन व्यक्तियों के द्वारा अतिक्रमण किया गया है। नाम व पतावार जानकारी दी जावे साथ ही कितने आदिवासियों को वन भूमि के पट्टे वितरित किये गये हैं। नाम व पतावार जानकारी दी जावे। पट्टे वितरण हेतु कितने आदिवासी शेष है?
वन मंत्री ( श्री कुंवर विजय शाह ) : (क) जिला दमोह अंतर्गत वनमंडल दमोह में हटा बीट नहीं है केवल बीट सगौनी है। सगौनी बीट में वर्ष 2018-19, 2019-20 एवं 2020-21 में वनीकरण एवं अग्नि सुरक्षा कार्य नहीं कराये गये हैं। प्रश्नांश अवधि में बीट सगौनी अंतर्गत कहीं भी आग नहीं लगी है एवं न ही अग्नि से नुकसान हुआ है। (ख) हटा एवं सगौनी वन परिक्षेत्र के अंतर्गत क्रमश: 41125.27 हेक्टेयर एवं 30127.35 हेक्टेयर वन भूमि है। हटा एवं सगौनी परिक्षेत्र के अंतर्गत वन भूमि पर किये गये अतिक्रमण से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 में है। आदिवासियों को वन भूमि के प्रदाय किये गये वन अधिकार पत्रों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 में है। वनाधिकार पत्र स्वीकृत उपरांत वितरण हेतु शेष नहीं है।
लंबित प्रकरणों का निराकरण
[वन]
2. ( क्र. 98 ) श्री रामपाल सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) फरवरी 2021 की स्थिति में रायसेन जिले में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना, लोक निर्माण विभाग से स्वीकृत सड़कों तथा ग्रामों के विद्युतीकरण हेतु वन विभाग की अनुमति के कौन-कौन से प्रस्ताव किस स्तर पर कब से एवं क्यों लंबित है उनका निराकरण क्यों नहीं किया जा रहा? (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में मान. मंत्री तथा विभाग के अधिकारियों को रायसेन जिले के किन-किन विधायकों के पत्र 1 जनवरी 2020 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में प्राप्त हुए तथा उक्त पत्रों पर क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ग) प्रश्नांश (ख) में प्राप्त पत्रों में उल्लेखित किन-किन समस्याओं का निराकरण हुआ तथा किन-किन समस्याओं का निराकरण क्यों नहीं हुआ? पत्रवार कारण बतायें। कब तक निराकरण होगा पूर्ण विवरण दें। (घ) वन अधिकार अधिनियम के अंतर्गत आदिवासी बाहुल्य ग्रामों में वन भूमि पर सड़क निर्माण तथा विद्युतीकरण कार्य की अनुमति के संबंध में शासन के क्या-क्या निर्देश है उनकी प्रति दें।
वन मंत्री ( श्री कुंवर विजय शाह ) : (क) से (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। लंबित प्रकरणों का निराकरण आवेदक संस्थाओं से कार्यवाही पूर्ण होने के उपरांत किया जावेगा। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
सहायक संचालकों के पदों के विरूद्ध कार्य
[जनजातीय कार्य]
3. ( क्र. 216 ) श्री तरूण भनोत : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) आदिम जाति कल्याण विभाग एवं अनुसूचित जाति विकास के भोपाल मुख्यालय स्थित विभिन्न कार्यालयों में सहायक संचालक के कितने पद स्वीकृत है एवं उनके विरूद्ध कितने सहायक संचालक कार्यरत है। (ख) सहायक संचालक के पद के विरूद्ध कितने शिक्षक कार्यरत है नाम एवं मूल पदस्थापना स्थान भी बताएं एवं उन विद्यालयों में जहां से इन शिक्षकों को मुख्यालय में पदस्थ किया गया है, वहां शिक्षक की क्या व्यवस्था की गई है। (ग) शिक्षकों को मुख्यालय में संलग्न करने से क्या शैक्षणिक कार्य प्रभावित नहीं होता है, यदि नहीं, तब इनकी भर्ती का औचित्य क्या है और यदि हाँ, तो कब तक इन्हें स्कूलों के लिए मुक्त किया जाएगा?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) विभाग अंतर्गत कार्यालय जनजातीय कार्य हेतु सहायक संचालक के 13 पद एवं 2 पद अनुसूचित जाति विकास में कुल 15 पद स्वीकृत है, जिनके विरूद्ध 14 सहायक संचालक कार्यरत है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। जिन प्राचार्यों/व्याख्याताओं को मुख्यालय में पदस्थ किया गया है, उन विद्यालयों में प्राचार्य/व्याख्याताओं की पूर्ति अन्य प्राचार्य/व्याख्याताओं को अतिरिक्त प्रभार दिया जाकर की गई है। (ग) आयुक्त जनजातीय कार्य विभाग में 06 पद सहायक संचालक शिक्षक संवर्ग के स्वीकृत है तथा 07 पद प्रशासन संवर्ग के है। प्रशासन संवर्ग के अधिकारी उपलब्ध नहीं होने एवं मुख्यालय के कार्य की अधिकता को दृष्टिगत रखते हुये प्रशासनिक क्षमतावान प्राचार्यो को पदस्थ किया गया है।
विधान सभा क्षेत्र मुलताई के अंतर्गत मिनी स्टेडियम का निर्माण
[स्कूल शिक्षा]
4. ( क्र. 513 ) श्री सुखदेव पांसे : क्या राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधान सभा क्षेत्र मुलताई, जिला बैतूल के अंतर्गत शासकीय उत्कृष्ठ विद्यालय प्रभातपट्टन में बिहारी लाल पटेल ग्राउण्ड का उपयोग खेल मैदान के रूप में हो रहा है? क्या इसे मिनी स्टेडियम के रूप में विकसित करने हेतु स्वीकृति प्रदान की जाएगी? (ख) शासकीय उत्कृष्ठ विद्यालय प्रभातपट्टन में बिहारी लाल पटेल ग्राउण्ड में स्टेडियम निर्माण के लिए प्रश्नकर्ता द्वारा किस-किस दिनांक को पत्र/टीप भेजी गई एवं उस पर शासन की ओर से क्या कार्यवाही की गई? यदि हाँ, तो कार्यवाही की प्रति उपलब्ध कराएं यदि नहीं, तो क्यों? इसके लिए कौन जिम्मेदार है? (ग) क्या विकासखण्ड प्रभातपट्टन तह. मुलताई के विरूल बजार में भी मिनी स्टेडियम की स्वीकृति प्रदान की जाएगी? यदि हाँ, तो कब तक? (घ) प्रश्नकर्ता द्वारा उक्त संबंध में लिखे गए पत्रों पर की गई कार्यवाही की जानकारी प्रश्नकर्ता को किस-किस दिनांक को उपलब्ध कराई गई? यदि नहीं, तो क्यों? (ड.) क्या छात्रों की शारीरिक गतिविधियां बढ़ाने के लिए उक्त दोनों स्थानों पर खेल स्टेडियम स्वीकृत किया जाएगा? यदि नहीं, तो छात्रों एवं क्षेत्रीय युवाओं के शारीरिक गतिविधियों के लिए क्षेत्र में अन्य क्या-क्या वैकल्पिक व्यवस्थाएं हैं?
राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) जी हाँ। स्टेडियम निर्माण हेतु विभाग में कोई योजना स्वीकृत नहीं है। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। बी.आर.जी.एफ. से वर्ष 2009-10 में स्वीकृत खेल मैदान, प्रशिक्षण केन्द्र का कार्य अपूर्ण है। (ख) एवं (ग) प्रश्नांश (क) के उत्तर के प्रकाश में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जानकारी निरंक है। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ड.) प्रश्नांश (क) के उत्तर के प्रकाश में शेषांश उद्भूत नहीं होता। विद्यार्थियों की शारीरिक गतिविधियों हेतु उपलब्ध खेल मैदान में आवश्यक खेल गतिविधियां कराई जाती है।
सहायक अध्यापकों की पदोन्नति
[स्कूल शिक्षा]
5. ( क्र. 1228 ) श्री नीलांशु चतुर्वेदी : क्या राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) तारांकित प्रश्न क्र. 3352 दिनांक 26-07-2019 में काउंसलिंग उपरांत पदांकन न किए जाने की जानकारी चाही गयी थी लेकिन प्राप्त जवाब में 10 शिक्षकों की अपात्रता की जानकारी प्रस्तुत की गयी अपात्र किए जाने के कारण दस्तावेज सहित प्रस्तुत करें। (ख) पदाकंन आदेश कब तक जारी किए जावेंगे? विलंब के लिए कौन दोषी है? दोषी अधिकारियों के विरूद्ध कब तक कार्यवाही की जावेगी।
राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) 10 अध्यापकों को विभागीय समिति द्वारा अपात्र/पदोन्नति से वंचित के संबंध में कलेक्टर, जिला सतना से जांच हेतु दिनांक 25.02.2021 को पत्र लिखा गया है। (ख) उत्तरांश (क) अनुसार जांच उपरांन्त गुण-दोष के आधार पर नियमानुसार कार्रवाई की जायेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
वित्तीय अनियमितता के दोषियों पर कार्यवाही
[स्कूल शिक्षा]
6. ( क्र. 1265 ) श्री राकेश मावई : क्या राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले के शासकीय पूर्व माध्यमिक विद्यालय गढ़ेहरा संकुल बरहुला में वर्ष 2014-15 से 2018-19 तक गणवेश, सायकल, रसोईया के मानदेय हेतु कितनी राशि प्राप्त हुई तथा अध्ययनरत छात्रों से शुल्क के माध्यम से तथा अन्य मदों से कितनी राशि प्राप्त हुई है? वर्षवार, कक्षावार दर्ज छात्र संख्या बताते हुये जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) के अवधि एवं शाला में संस्था प्रमुख द्वारा जिन छात्र-छात्राओं के गणवेश की राशि यूनियन बैंक शाखा अंतरैला में सूची जमा कर छात्रों के खातों में राशि समायोजित करने हेतु प्रस्तुत की गई थी? क्या उक्त खातों में छात्रवृत्ति की राशि समायोजित की गई है? यदि हाँ, तो बैंक स्टेटमेंट एवं संस्था द्वारा बैंक में जमा की गई सूची उपलब्ध कराते हुये जानकारी देवें? (ग) प्रश्नांश (क) (ख) के अवधि एवं विद्यालय में किन-किन छात्र-छात्राओं को सायकल दी गई है? सूची उपलब्ध करायें तथा छात्र-छात्राओं को सायकल देने का प्रावधान था कि राशि खाते में देने का प्रावधान था? नियम प्रति के साथ जानकारी देवें? उक्त तात्कालीन संस्था प्रमुख अपने कार्यकाल का सम्पूर्ण प्रभार आज दिनांक तक नहीं दिया है? यदि हाँ, तो उक्त प्रभार कब तक प्राप्त कर लिया जावेगा। (घ) प्रश्नांश (क) के विद्यालय एवं अवधि में संस्था प्रमुख द्वारा की गई अनियमितता की शिकायत कान्ति कुमार दुबे ग्राम पोस्ट चौखण्डी द्वारा की गई है? यदि हाँ, तो उन शिकायतों पर कब क्या कार्यवाही की गई है? जांच प्रतिवेदन की प्रति एवं किये गये आदेश के साथ जानकारी देवें? यदि वित्तीय अनियमितता प्रमाणित होती है तो क्या पुलिस प्रकरण दर्ज कराते हुये उक्त राशि की वसूली दोषी से करा ली जावेगी?
राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार। छात्रों से कोई शुल्क नहीं लिया गया है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार। (ग) सत्र 2014-15 एवं 2015-16 में नगद राशि का वितरण किया जाता था। सत्र 2016-17 से 2018-19 में साइकिल प्रदान की गई है। निर्देश एवं सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार। जी हाँ। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार। (घ) ऐसी शिकायत संज्ञान में नहीं आई है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अंशकालीन कर्मचारियों की वेतन वृद्धि
[स्कूल शिक्षा]
7. ( क्र. 1322 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में वर्ष 1994 से वर्ष 1998 में शिक्षाकर्मी योजना के अन्तर्गत वर्ग-1, वर्ग-2 एवं वर्ग-3 तथा अंशकालीन लिपिक एवं अंशकालीन भृत्य तथा अंशकालीन सफाईकर्मी योजना कब प्रारंभ की गई तथा उपरोक्त पदों पर पदस्थ व्यक्तियों को कितना-कितना वेतन/पारिश्रमिक भुगतान किया जाता था? (ख) क्या योजना प्रारंभ होने के समय वर्ग-3 के शिक्षाकर्मी को 500/- रू. प्रतिमाह तथा अंशकालीन भृत्य को 300/- रू. प्रतिमाह/पारिश्रमिक भुगतान किया जाता था? (ग) यदि हाँ, तो वर्तमान में वर्ग-3 के शिक्षाकर्मी को सहायक अध्यापकों को लगभग राशि रू. 26000/- प्रतिमाह भुगतान किया जा रहा है किन्तु अशंकालीन भृत्यों को म.प्र. शासन वित्त विभाग के आदेश क्रमांक एफ 8-3/2018/नियम/चार, भोपाल दिनांक 23 मार्च 2018 के अनुसार केवल 4000/- रू. प्रतिमाह देने के कारण बताएं तथा वेतन वृद्धि कब तक की जाएगी?
राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) वर्ष 1994 में शिक्षाकर्मी योजनान्तर्गत सहायक शिक्षक, शिक्षक एवं व्याख्याता पद के विरूद्ध शिक्षाकर्मी नियुक्त किये जाने का प्रावधान किया गया। अंशकालीन लिपिक एवं अंशकालीन भृत्य की योजना वर्ष 1996-97 से प्रारम्भ हुई है। तत्समय शिक्षाकर्मी को भुगतान किया जाने वाला वेतन/पारिश्रमिक की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक एवं अंशकालीन लिपिक/भृत्य के वेतन/पारिश्रमिक की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो पर है। (ख) जी हाँ। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन अनुसार। निर्देशानुसार परिश्रमिक दिया जा रहा है। शेषांश का प्रश्न उपथित नहीं होता।
राज्य में पिछड़ा वर्ग की जाति को केन्द्रीय सूची में नोटीफाई किया जाना
[पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण]
8. ( क्र. 1465 ) श्री राम लल्लू वैश्य : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. अंतर्गत 92 जातियां पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक घोषित हैं? परंतु केन्द्र में नोटिफाईड नहीं है इसलिए केन्द्रीय संस्थाओं में शिक्षा व रोजगार के अवसर नहीं मिल पा रहा है एवं न ही जब तक केन्द्रीय सूची में जाति नोटिफाइ होगी, तब जाति प्रमाण पत्र भी बनाये जा सकेंगे। (ख) क्या म.प्र. सरकार की अन्य पिछड़ा वर्ग की केन्द्रीय सूची में 92 जाति में कुछ जातियों को केन्द्रीय भारत सरकार के द्वारा शामिल किया है एवं कुछ को नहीं यदि हाँ, तो क्या पिछड़ा वर्ग में मध्यप्रदेश राज्य के क्रमांक 88 वैसवार के साथ ही शेष जाति का प्रस्ताव कब तक भारत सरकार को अन्य पिछड़े वर्ग में शामिल करने के संबंध में भेजा जायेगा?
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्री रामखेलावन पटेल ) : (क) जी नहीं। म.प्र. में 93 जाति पिछड़ा वर्ग में हैं। म.प्र. राज्य की पिछड़े वर्ग जातियों की केन्द्रीय सूची में प्रविष्टि क्रमांक 01 से क्रमांक 68 तक अधिसूचित है। तद्नुसार शिक्षा एवं रोजगार का लाभ मिल रहा है। (ख) जी हाँ। कार्यालयीन पत्र क्रमांक/1115 दिनांक 29.01.2013 के द्वारा सचिव, राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग नई दिल्ली को म.प्र. राज्य की पिछड़ा वर्ग की सूची में सम्मिलित किन्तु केन्द्रीय पिछड़ा वर्ग की सूची में जोड़े जाने हेतु शेष जातियों का प्रस्ताव भेजा जा चुका है।
वनग्राम पट्टों के वितरण का प्रावधान
[जनजातीय कार्य]
9. ( क्र. 1564 ) श्री विजय रेवनाथ चौरे : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या वन ग्रामों में निवासरत पिछड़ा वर्ग एवं अनुसूचित जाति के किसानों को पट्टे वितरण करने का प्रावधान है या नहीं? (ख) यदि हाँ, तो विधान सभा सौंसर अन्तर्गत पिछड़ा वर्ग एवं अनुसूचित जाति के अन्तर्गत सैकड़ों ऐसे किसान है जो कि 100 से अधिक वर्षों से वनग्रामों में निवास तथा खेती करते हैं शासन द्वारा अनुसूचित जनजाति के समुदाय के लोगों को पट्टों का वितरण किया गया? किन्तु पिछड़ा वर्ग एवं अनुसूचित जाति वर्ग के समुदाय को नहीं क्यों किया गया। (ग) क्या पट्टा वितरण संबंधी उक्त प्रकरण शासन के पास विचाराधीन है, यदि हाँ, तो पट्टे वितरण की कार्यवाही कर इनको कब तक पट्टे वितरण किये जायेंगे?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जी हाँ। अनुसूचित जनजाति और अन्य परम्परागत वन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम 2006 की धारा 2 (ण) में ''अन्य परम्परागत वन निवासी'' से ऐसा कोई सदस्य या समुदाय अभिप्रेत है, जो 13 दिसम्बर 2005 से पूर्व कम से कम तीन पीढ़ियों तक प्राथमिक रूप से वन या वन भूमि में निवास करता रहा है और जो जीविका की वास्तविक आवश्यकताओं के लिए उन पर निर्भर है। तीन पीढ़ी या 75 वर्षों के साक्ष्य प्रस्तुत करने पर वन अधिकार पत्र (पट्टे) दिये जाने का प्रावधान है। (ख) विधानसभा सौंसर अन्तर्गत ग्रामों के प्राप्त 168 दावे 13 दिसम्बर 2005 के पूर्व 3 पीढ़ी या 75 वर्षों के साक्ष्य न होने के कारण उपखण्ड स्तरीय समिति द्वारा दावे अमान्य करने की अनुशंसा के आधार पर जिला स्तरीय समिति द्वारा भी दावे अमान्य किये गये है। (ग) जी नही। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
वन विभाग के अधिकारियों की प्रतिनियुक्ति
[वन]
10. ( क्र. 1653 ) श्री राकेश मावई : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में वन विभाग में आई.एफ.एस के कुल कितने पद स्वीकृत हैं तथा स्वीकृत पदों के विरूद्ध कितने अधिकारी पदस्थ होकर कार्यरत है? उनके नाम, पदनाम, वेतनमान सहित जानकारी देवें। (ख) वर्तमान में वन विभाग के कौन कौन आई.एफ.एस अधिकारी कब से किस-किस विभाग में किस पद पर किस वेतनमान पर प्रतिनियुक्ति पर है? उनके नाम एवं प्रतिनियुक्ति विभाग के नाम सहित जानकारी देवें। (ग) क्या मध्य प्रदेश में वन क्षेत्र मानक क्षेत्र से कम हो रहा है तथा बहुमूल्य वन संपदा का भी क्षरण हो रहा है एवं जंगली जानवर कृषकों की फसलों को नष्ट कर किसानों को हानि पहुंचा रहे है और वन अमला अपने वन क्षेत्र को अधिकारियों की कमी से नियंत्रित नहीं कर पा रहा है? यदि हाँ, तो विभाग के आई.एफ.एस. अधिकारियों को दूसरे विभागों में प्रतिनियुक्ति पर क्यों भेजा गया? कारण सहित जानकारी देवें। (घ) प्रश्नांश (ख) अनुसार अन्य विभागों में प्रतिनियुक्ति पर भेजे गये आई.एफ.एस. अधिकारियों को कब तक विभाग में वापिस किया जायेगा? क्या भारतीय वन सेवा के अधिकारियों को वनों के संवर्धन एवं संरक्षण के लिये पदस्थ किया गया अथवा अन्य विभागों में प्रतिनियुक्ति पर भेजने के लिये पदस्थ किया गया? कारण सहित जानकारी देवें।
वन मंत्री ( श्री कुंवर विजय शाह ) : (क) प्रदेश में वन विभाग में आईएफएस के कुल 296 पद स्वीकृत है, जिसके विरूद्ध 196 अधिकारी कार्यरत हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जी नहीं। मध्यप्रदेश में वन क्षेत्र मानक क्षेत्र से कम नहीं हो रहा है। प्रदेश का कुल वन क्षेत्र 94689 वर्ग कि.मी. है जो प्रदेश के भौगोलिक क्षेत्र का 30.72 प्रतिशत है। समय-समय पर जंगली जानवरों के द्वारा किसानों की फसल को क्षति पहुंचाई जाती है। वन अमले द्वारा नियंत्रण के प्रयास किये जाते हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) भारत सरकार, कार्मिक, लोक शिकायत तथा पेंशन मंत्रालय (कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग) नई दिल्ली की अधिसूचना दिनांक 2.07.2015 द्वारा भारतीय वन सेवा (संवर्ग पद संख्या का नियतन) किया गया है, जिसके अनुसार केन्द्रीय प्रतिनियुक्ति रिजर्व हेतु 36 पद एवं राज्य प्रतिनियुक्ति रिजर्व हेतु 45 पद नियत हैं। उक्त पदों के अन्तर्गत ही भारतीय वन सेवा अधिकारियों को प्रतिनियुक्ति पर भेजा गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नि:शक्तजनों के हितग्राहियों को देयक सुविधा
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
11. ( क्र. 1821 ) श्री बैजनाथ कुशवाह : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन कल्याण विभाग द्वारा क्या-क्या गतिविधियां/कार्यक्रमों का संचालन होकर उनके क्रियान्वयन की क्या नीति है? फोटो प्रति उपलब्ध कराई जाए। (ख) जनपद पंचायत सबलगढ़ कैलारस जिला मुरैना में जनवरी 2017 से जनवरी 2021 तक किन-किन गतिविधियों व कार्यक्रमों का संचालन किया गया? (ग) प्रश्नांश (ख) के प्रकाश में गतिविधियों में नि:शक्त जन (विकलांग) हितग्राहियों को देय सुविधाओं में से क्या-क्या सुविधा कितने हितग्राहियों को प्रदाय की गई? मांग संख्या, लेखा शीर्ष, योजना मद, वर्ष, दिनांक हितग्राही संख्या से अवगत करावें। (घ) अप्रैल, 2017 से जनवरी 2021 तक नि:शक्त जन (विकलांग) व्यक्तियों द्वारा कितने आवेदन सुविधा प्राप्ति हेतु प्रस्तुत किये गये? क्या प्रस्तुत आवेदनों पर हितग्राहियों की मांग अनुसार सुविधाएं दी जा चुकी हैं, अथवा कुछ शेष हैं सुविधायें न देने के क्या कारण हैं तथा शेष को कब तक सुविधायें दे दी जावेगी?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- अ अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- ब अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- स अनुसार। (घ) अप्रैल 2017 से जनवरी 2021 तक जनपद पंचायत कैलारस में 122 एवं जनपद पंचायत सबलगढ़ में 157 नि:शक्तजन (विकलांग) व्यक्तियों द्वारा सुविधा प्राप्त करने हेतु आवेदन प्रस्तुत किये गये है जिन्हें पात्रतानुसार सुविधा प्रदाय की गई है। किसी पात्र आवेदक का आवेदन पत्र निराकरण हेतु लंबित नहीं है।
फर्जीकूटरचित दस्तावेजों के आधार पर नियुक्ति
[स्कूल शिक्षा]
12. ( क्र. 1944 ) श्री कुँवर विक्रम सिंह : क्या राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्री प्रकाश कुमार रैकवार प्राचार्य वर्तमान में जिला परियोजना समन्वयक दमोह के द्वारा फर्जी जाति प्रमाण-पत्र के आधार पर नियुक्त व्याख्याता पद पर प्राप्त है। यदि हाँ, तो आज दिनांक तक इनकी नियुक्ति निरस्त क्यों नहीं की गई? (ख) क्या कलेक्टर छतरपुर द्वारा अपने जांच प्रतिवेदन में अपर सचिव सामान्य प्रशासन के अपने पत्र क्र. स्था./99.2020/1322 दिनांक 29.01.2000 द्वारा स्पष्ट प्रतिवेदन दिया गया है कि इनकी जाति रैकवार है जो पिछड़े वर्ग के अन्तर्गत आती है एवं यह भी लेख किया गया है कि इनका प्रमाण पत्र झूठा है यदि है तो इनकी नियुक्ति निरस्त आज दिनांक तक क्यों नहीं की गई? (ग) क्या यह सही है कि सामान्य प्रशासन विभाग शिक्षा विभाग के अधिकारियों की मिली भगत से इनकी पदोन्नति एवं अन्य उच्च लाभ दिये गये हैं यदि हाँ, तो दोषियों पर कार्यवाही की जावेगी? क्या इन्हें जिला प्रमुख के उच्च पद से पृथक किया जावेगा। यदि हाँ, तो कब तक। यदि नहीं, तो क्यों?
राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) प्रकरण परीक्षणाधीन है। (ख) जिला शिक्षा अधिकारी छतरपुर द्वारा पत्र क्र/सतर्कता/प्रस्ताव/सेवा समाप्ति/2020/5313 दिनांक 26.09.2020 से कलेक्टर छतरपुर के पत्र के संबंध में लोक शिक्षण संचालनालय को अवगत कराया गया है। प्रकरण में परीक्षण कर कार्यवाही की जावेगी। (ग) जी नहीं। परीक्षण उपरांत गुण-दोष के आधार पर कार्यवाही की जावेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
लेखापालों को समयमान वेतनमान का प्रदाय
[स्कूल शिक्षा]
13. ( क्र. 1946 ) श्री कुँवर विक्रम सिंह : क्या राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर संभाग अंतर्गत ऐसे कितने लेखापाल हैं जिनकी सेवाएं फरवरी 2019 तक 30 वर्ष की हो चुकी है। संख्या बतावें। (ख) क्या सागर संभाग अन्तर्गत छतरपुर जिले के लेखापालों को समयमान वेतनमान का लाभ नहीं दिया गया और जानकारी विभागीय अधिकारियों ने मांगी परंतु उसको ठंडे बस्ते में रखा गया है? यदि हाँ, तो दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी? (ग) क्या प्राचार्यों/विकासखण्ड शिक्षा अधिकारियों द्वारा प्रस्ताव अनुशंसा सहित जमा किये गये। (घ) यदि हाँ, तो दोषी के विरूद्ध दंडात्मक कार्यवाही आयुक्त लोक शिक्षण संचालनालय द्वारा क्यों नहीं की गई।
राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) सागर संभाग अंतर्गत कुल 66 लेखापाल कार्यरत है जिनकी 30 वर्ष की सेवा अवधि फरवरी 2019 तक पूर्ण हो चुकी है। (ख) जी नहीं। तृतीय समयमान वेतनमान दिये जाने हेतु जिला छतरपुर से एक लेखापाल का प्रस्ताव संभागीय संयुक्त संचालक लोक शिक्षण जबलपुर संभाग को प्राप्त हुआ था जिसका समयावधि में निराकरण कर लाभ दिया जा चुका है। शेष 12 प्रकरण जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय छतरपुर के स्तर पर परीक्षणाधीन है परीक्षणोपरांत नियमानुसार कार्यवाही की जा सकेगी। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) संकुल प्राचार्यों/विकासखण्ड शिक्षा अधिकारियों द्वारा समुचित परीक्षण किये बिना प्रस्ताव जिला शिक्षा अधिकारी छतरपुर को प्रेषित किये गये थे। जिला शिक्षा अधिकारी छतरपुर द्वारा परीक्षणोपरांत कमी पूर्ति कराई जा रही है। पूर्ति उपरांत नियमानुसार समयमान वेतनमान प्रदाय करने की कार्यवाही की जायेगी। (घ) (ग) के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
नवीन भवन निर्माण की स्वीकृती
[स्कूल शिक्षा]
14. ( क्र. 1959 ) श्री प्रियव्रत सिंह : क्या राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले के अंतर्गत खिलचीपुर विधानसभा क्षेत्र के शासकीय उत्कृष्ट विद्यालय खिलचीपुर, शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय जीरापुर व शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय झाड़मऊ में कक्षा 9वीं से 12वीं तक कितनी छात्र संख्या दर्ज हैं? (ख) विद्यालयों में दर्ज छात्र संख्या के मान से कितने कक्ष व छात्र-छात्राओं की बैठक व्यवस्था हेतु कितना फर्नीचर उपलब्ध है? (ग) क्या उक्त विद्यालय में नवीन भवन व अतिरिक्त कक्ष निर्माण हेतु प्रश्नकर्ता द्वारा शासन स्तर पर अनुरोध किया गया है? यदि हाँ, तो कब और इस पर क्या कार्यवाही की जा रही है? (घ) तीनों विद्यालयों में नवीन भवन स्वीकृत करवाने हेतु शासन स्तर पर क्या कार्यवाही की जा रही है? उक्त विद्यालयों में कब तक नवीन भवन स्वीकृत किये जाएंगे?
राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) शास.कन्या उमावि जीरापुर एवं झाड़मउ में भवन निर्माण व अतिरिक्त कक्ष निर्माण हेतु दिनांक जनवरी-2021 में पत्र प्राप्त हुआ है। भवन निर्माण व अतिरिक्त कक्ष निर्माण बजट की उपलब्धता एवं सक्षम समिति की स्वीकृति पर निर्भर करता है। (घ) नवीन भवन निर्माण बजट की उपलब्धता एवं सक्षम समिति की स्वीकृति पर निर्भर करता है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
पशु महाविद्यालय स्थापित करने के मापदण्ड
[पशुपालन एवं डेयरी]
15. ( क्र. 1966 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. शासन द्वारा नये पशु महाविद्यालय स्वीकृत/संचालित करने हेतु विभाग की कोई योजना वर्तमान में लंबित है? (ख) यदि हाँ, तो पशु महाविद्यालय स्थापित करने हेतु क्या मापदंड है? (ग) क्या नरयावली विधानसभा क्षेत्र स्थित रतौना डेरी एवं पशु चिकित्सालय में पर्याप्त भूमि एवं संसाधन उपलब्ध है? तो क्या पशु महाविद्यालय स्वीकृति/संचालित करने हेतु विभाग की कोई योजना लंबित है? (घ) यदि हाँ, तो क्या आगामी वित्तीय वर्ष में रतौना डेरी फार्म एवं पशु प्रजनन केन्द्र में पशु महाविद्यालय स्थापित/स्वीकृति/संचालित करने की विभाग स्वीकृति प्रदान करेगा?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) जी नहीं। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सामान्य वर्ग के आर्थिक गरीब विद्यार्थियों को विदेश अध्ययन हेतु सहायता
[जनजातीय कार्य]
16. ( क्र. 2023 ) श्री आलोक चतुर्वेदी : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या शासन के द्वारा अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग के विद्यार्थियों को विदेश में अध्ययन हेतु छात्रवृति प्रदाय की जाती है? (ख) प्रश्नांश (क) हाँ है तो क्या आर्थिक रूप से पिछड़े सामान्य वर्ग के विद्यार्थियों को भी उक्त योजना में शामिल किया गया है? यदि नहीं, तो क्यों? क्या शासन उन्हें इस योजना का लाभ दिलाने हेतु विचार करेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जी हाँ। (ख) जनजातीय कार्य विभाग द्वारा केवल अनुसूचित जनजाति वर्ग के विद्यार्थियों को विदेश अध्ययन छात्रवृत्ति दी जाती है। अनुसूचित जाति कल्याण विभाग द्वारा अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण विभाग, द्वारा पिछड़ा वर्ग के विद्यार्थियों विदेश में अध्ययन हेतु छात्रवृत्ति दी जाती है। शेष प्रश्न विभाग से संबंधित नहीं है।
राज्य शिक्षा केंद्र की ई. एंड आर. शाखा से जारी निर्देश
[स्कूल शिक्षा]
17. ( क्र. 2026 ) श्री महेश परमार : क्या राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ई. एंड आर. कक्ष से मिशन की नियमावली के नियम 24 तथा उप नियम 1,2,3 के अनुसार शासन के प्रचलित नियम निर्देश नीतियों को ध्यान में रखकर नोटशीट चलाई जाती है? यदि हाँ, तो किस अधिकारी द्वारा कार्यालय प्रमुख के समक्ष निर्देश तैयार करने के लिए नस्ती रखी जाती है? पूर्ण विवरण देवें। (ख) क्या निर्देश क्रमांक व दिनांक क्रमशः 4754 दिनांक 31.7.17, 7808 दिनांक 27.10.2017, 2013 दिनांक 06/04/2018, 2865 दिनांक 10/05/2018, 6794 दिनांक 16.10.18, 6176 दिनांक 2.9.18 की नोटशीट चलाई गई थी? यदि हाँ, तो किन किन नोटिफिकेशन, अधिनियम, नियम, निर्देश नीति के आधार पर उपरोक्त निर्देशों को तैयार किया गया था? (ग) क्या सामान्य प्रशासन विभाग मध्यप्रदेश शासन भोपाल के सर्कुलर क्रमांक:- 185/115/2012/1/9 भोपाल दिनांक 31/01/2012 को विभागों द्वारा अधिनियम नियम अधिसूचनाएं एवं परिपत्रों के संकलन बाबत्, निर्देशित किया गया था? यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक का सम्पूर्ण संकलन देवें। (घ) क्या आम नागरिकों के लिए आपके कार्यालय में शाखा प्रभारियों के लिए सिटीजन चार्टर एवं जॉब चार्ट तैयार किया गया है? यदि किया गया है, तो अद्यतन प्रतियां उपलब्ध कराएं और यदि नहीं, किया गया है, तो शासन के नियम उल्लंघन के कारण क्या है?
राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) जी हाँ। अपर संचालक, राज्य शिक्षा केन्द्र भोपाल के माध्यम से कार्यालय प्रमुख के समक्ष निर्देश तैयार कर नस्ती प्रस्तुत की जाती है। (ख) जी हाँ। भारत शासन द्वारा स्वीकृत कार्ययोजना एवं राज्य कार्यकारणी द्वारा लिए गए निर्णय के अनुसार। (ग) जी हाँ। नियम अधिसूचनाएं विभागीय पोर्टल पर उपलब्ध है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार। (घ) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार।
अनुसूचित जाति बस्ती विकास परियोजना
[जनजातीय कार्य]
18. ( क्र. 2049 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सहायक आयुक्त आदिवासी कल्याण विभाग जबलपुर को म.प्र. शासन अनुसूचित जाति कल्याण विभाग मंत्रालय भोपाल का आदेश क्र./192/66/2020/2-57 भोपाल दिनांक 28.02.2020 एवं आदेश क्र. एफ/12-19/2017/4/25 भोपाल दिनांक 22.8.17 द्वारा आदिवासी जाति बस्ती विकास योजना में दी गई प्रशासकीय स्वीकृति में किन-किन कार्यों हेतु कितनी-कितनी राशि स्वीकृत की गई एवं कितनी-कितनी राशि कब-कब आवंटित की गई? किन-किन कार्यों से संबंधित कब से कितनी-कितनी राशि आवंटित नहीं की गई है एवं क्यों? बतलावें। (ख) प्रश्नांश (क) में म.प्र. शासन अनुसूचित जाति कल्याण विभाग मंत्रालय भोपाल का पत्र क्र. एफ/24/2019/525 भोपाल दिनांक 25.1.2020 द्वारा किन-किन कार्यों हेतु कब कितनी-कितनी राशि की वित्तीय एवं प्रशासकीय दी गई स्वीकृति के तहत निर्धारित एजेंसी से कितनी-कितनी राशि के कार्य कब कराये गये हैं एवं कौन-कौन से कार्य नहीं कराये गये एवं क्यों? इन स्वीकृत कार्यों हेतु कब-कब, कितनी-कितनी राशि आवंटित की गई एवं कितनी-कितनी राशि का आवंटन कब से नहीं किया गया है एवं क्यों? (ग) क्या प्रश्नांकित स्वीकृत प्रशासकीय स्वीकृति प्राप्त सभी कार्यों को कराना एवं अनुसूचित जाति वर्ग को विकास एवं उन्नति की मूल धारा में जोड़ना शासन की प्राथमिकता है या नहीं? यदि हाँ, तो शासन द्वारा जबलपुर जिले की उपेक्षा करने का क्या कारण है? शासन स्वीकृत राशि कब तक आवंटित करेगा?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
जबलपुर शहर को मेडिकल हब के रूप में विकसित करना
[चिकित्सा शिक्षा]
19. ( क्र. 2050 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश शासन ने जबलपुर शहर को मेडिकल हब के रूप में विकसित करने बेहतर इलाज हेतु आवश्यक संसाधनों की व्यवस्था तथा नेजाती सुभाषचन्द्र बोस चिकित्सा महाविद्यालय में मेडिसिन के नये कोर्स स्वीकृत व प्रारंभ करने तथा विशेषज्ञ चिकित्सकों की पदस्थी हेतु क्या प्रयास किये हैं? शासन की क्या योजना है? (ख) नेताजी सुभाषचन्द्र बोस चिकित्सा महाविद्यालय जबलपुर के कैंसर अस्पताल में स्टेट कैंसर रिसर्च इंस्टीट्यूट के भवन का निर्माण कब कितनी राशि में कराया गया है? इसमें कैंसर के मरीजों के इलाज हेतु कौन-कौन सी सुविधाओं व संसाधनों की क्या व्यवस्था की गई है? इसे अभी तक प्रारंभ न करने का क्या कारण है तथा कब तक प्रारंभ किया जावेगा? (ग) केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय नई दिल्ली ने वर्ष 2011 में नेजाजी सुभाषचन्द्र बोस चिकित्सा महाविद्यालय जबलपुर में कौन-कौन से नये कोर्स स्वीकृत किये हैं तथा इन्हें कब से शुरू किये गये हैं? यदि नहीं, तो क्यों?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जबलपुर शहर को मेडिकल हब के रूप में विकसित करने तथा मरीजों को बेहतर ईलाज उपलब्ध कराने के उद्देश्य से चिकित्सा महाविद्यालय, जबलपुर परिसर में सुपर स्पेशिलिटी अस्पताल तथा स्कूल ऑफ एक्सीलेंस इन पल्मोनरी मेडिसिन स्थापित किया गया है। नेताजी सुभाष चन्द्र बोस चिकित्सा महाविद्यालय में मेडिसिन विभाग अंतर्गत प्रारंभ किये गये नये कोर्स की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। संस्था द्वारा विशेषज्ञ चिकित्सकों के रिक्त पदों की पूर्ति हेतु राष्ट्रीय स्तर पर समय-समय पर विज्ञापन जारी कर आवेदन आमंत्रित किये जाकर नियुक्तियां की जा रही है। जारी किये गये विज्ञापन के अनुक्रम में साक्षात्कार की दिनांक की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ख) नेताजी सुभाष चन्द्र बोस चिकित्सा महाविद्यालय, जबलपुर में स्टेट कैंसर रिसर्च इंस्टीट्यूट के भवन का निर्माण राशि रूपये 67.44 करोड़ से किया जा रहा है। स्टेट कैंसर रिसर्च इंस्टीट्यूट में मरीजों के ईलाज हेतु सुविधाओं एवं संसाधनों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट निर्माणाधीन होने के कारण प्रारंभ नहीं किया जा सका है। इसे पूर्ण करने के लिये अतिरिक्त आवश्यक कार्यों की पूर्ति हेतु राशि रूपये 153.09 करोड़ की स्वीकृति जारी की गई पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति पुस्तकालय में रखे परिशष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय, नई दिल्ली द्वारा वर्ष 2011 में नेताजी सुभाष चन्द्र बोस चिकित्सा महाविद्यालय, जबलपुर में कोई भी नया कोर्स स्वीकृत नहीं किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
वृद्धाश्रम लहार जिला भिण्ड को अनुदान राशि का भुगतान
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
20. ( क्र. 2085 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भिण्ड जिले के लहार नगर में गहोई शिक्षा प्रसार समिति बालाजी मिहोना को वृद्धों के जीवनयापन संरक्षण हेतु वृद्धजनों को वृद्धाश्रम चलाने की अनुमति प्रदाय की गई थी? (ख) यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक कितने वृद्ध पुरूष/महिलाएं वृद्धाश्रम लहार में निवासरत हैं एवं प्रति वृद्ध पुरूष/महिला के भरण-पोषण व सुरक्षा हेतु प्रतिमाह कितनी राशि खर्च की जाती है? (ग) क्या 01 फरवरी 2020 से लहार वृद्धाश्रम में निवासरत वृद्धों को भोजन आदि की व्यवस्था हेतु शासन/विभाग द्वारा राशि भुगतान न की जाने से वृद्धों को भोजन आदि की गंभीर समस्या उत्पन्न हो गई है एवं 01 फरवरी 2021 से ही दुकानदारों से लिए गए सामान की उधारी का भुगतान न होने से दुकानदारों द्वारा माह फरवरी से राशन उधार देना बंद कर दिया हैं? (घ) यदि हाँ, तो क्या भीषण सर्दी के मौसम में वृद्धाश्रम को राशि का भुगतान नहीं किए जाने से/बंद करने के निर्णय से वृद्धों की जान को खतरा उत्पन्न हो सकता है? यदि हाँ, तो विभाग द्वारा शेष राशि कब तक भुगतान कर दी जाएगी? (ड.) क्या श्री गहोई शिक्षा प्रसार समिति मिहोना द्वारा पत्र क्रमांक 2021-22/120 दिनांक 30/12/2020 कलेक्टर भिण्ड को प्रेषित कर बालाजी वृद्धाश्रम लहार को जिला भिण्ड को 12 माह का अनुदान प्राप्त करने हेतु मांग की गई है? यदि हाँ, तो उक्त संस्था के पत्र पर क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) जी हाँ। संस्था वृद्धाश्रम संचालन के लिये विभागीय मान्यता प्राप्त है। (ख) गहोई शिक्षा प्रसार समिति बालाजी मिहोना वृद्धाश्रम में 12 पुरुष, 10 महिलाएं निवासरत है। निराश्रित निधि से प्रति वृद्धजन प्रतिमाह रुपये 1000/- एवं केन्द्रीय अनुदान योजना अंतर्गत प्रति वृद्धजन, प्रतिमाह रुपये 2281/- राशि खर्च की जाती है। (ग) जी नहीं। स्वैच्छिक संस्था द्वारा वृद्धाश्रम का संचालन किया जा रहा है। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ड.) श्री गहोई शिक्षा प्रसार समिति वर्ष 2017-18 से केन्द्रीय अनुदान प्राप्त संस्था है। संस्था के द्वारा केन्द्रीय अनुदान के प्रस्ताव नियमानुसार प्रस्तुत नहीं किये जा रहे है। सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन कल्याण संचालनालय के पत्र क्रमांक समाज रक्षा/2021/70 दिनांक 03/02/2021 द्वारा कलेक्टर जिला भिण्ड को लिखा गया है। पत्र की प्रति संलग्न परिशिष्ट पर है।
मेडिकल कॉलेज छतरपुर के निर्माण हेतु आवंटन
[चिकित्सा शिक्षा]
21. ( क्र. 2148 ) श्री राजेश कुमार शुक्ला : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले में मेडिकल कॉलेज निर्माण हेतु सरकार द्वारा की गई घोषणा के अनुक्रम में प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कदम उठाए गए? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में क्या मेडिकल कॉलेज का निर्माण शुरू हो चुका है? यदि नहीं, तो क्यों? प्रश्न दिनांक तक कितना बजट मेडिकल निर्माण हेतु अवांटित किया जा चुका है।
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) मध्यप्रदेश शासन, चिकित्सा शिक्षा विभाग, मध्यप्रदेश के ज्ञाप क्रमांक एफ 1-12/2018/55-2, दिनांक 04/10/2018 द्वारा छतरपुर में राशि रूपये 300.00 करोड़ से चिकित्सा महाविद्यालय स्थापित किये जाने की स्वीकृति संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 पर है। (ख) जी नहीं। प्रशासकीय स्वीकृति प्राप्त होने के उपरांत लोक निर्माण विभाग, (पी.आई.यू) द्वारा उक्त कार्य का प्राक्कलन तैयार कर रूपये 206.21 करोड़ की तकनीकी स्वीकृति अनुसार निविदा आमंत्रित की गई, किन्तु निविदा की वित्तीय दर स्वीकृत नहीं हुई। चिकित्सा महाविद्यालय के निर्माण हेतु कलेक्टर, जिला छतरपुर द्वारा आवंटित की गई शासकीय भूमि पर श्री बहादुर सिंह द्वारा माननीय उच्च न्यायालय, जबलपुर में याचिका क्रमांक 3076/2018 दायर की गई, जिसके कारण उक्त के संबंध में आगामी कार्यवाही लंबित रखी गई। माननीय उच्च न्यायालय, जबलपुर द्वारा दिनांक 02/12/2019 को उक्त याचिका पर निर्णय करते हुए आवेदक श्री बहादुर सिंह की याचिका को निरस्त कर उक्त भूमि को शासकीय मान्य किया गया है। इसके उपरांत कार्यालय परियोजना यंत्री, लोक निर्माण विभाग (पी.आई.यू) छतरपुर के पत्र क्रमांक 71 दिनांक 29.01.2020 से पुन: निविदा आमंत्रित करने के संबंध में परियोजना संचालक, लोक निर्माण विभाग, भोपाल से चाही गई स्वीकृति संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 पर है।
मध्यप्रदेश में शिक्षकों की भर्ती
[स्कूल शिक्षा]
22. ( क्र. 2225 ) श्री बापूसिंह तंवर : क्या राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश में शिक्षकों की भर्ती परीक्षा वर्ष 2018 में आयोजित की गई थी? यदि हाँ, तो जानकारी दें। (ख) क्या चयनित अभ्यार्थियों के दस्तावेज सत्यापन हुए? हाँ तो कब तक हुए? नहीं तो क्यों? (ग) क्या शासन प्रश्न की कंडिका (ख) अनुसार चयनित उम्मीदवारों को नियुक्ति देगा? हाँ तो कब? नहीं तो क्यों?
राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) जी नहीं, अपितु उच्च माध्यमिक शिक्षक एवं माध्यमिक शिक्षक पद पर भर्ती हेतु शिक्षक पात्रता परीक्षा क्रमशः फरवरी एवं मार्च 2019 में आयोजित की गई थी। (ख) चयनित अभ्यर्थियों के दस्तावेज सत्यापन की प्रक्रिया माह जुलाई 2020 में प्रारम्भ हुई थी, किन्तु समस्त अभ्यर्थियों के दस्तावेज सत्यापन नहीं हुए है। उच्च माध्यमिक शिक्षक पद हेतु प्रावधिक रुप से चयनित अभ्यर्थियों के दस्तावेज सत्यापन का कार्य दिनांक 01.07.2020 से 03.07.2020 तक सम्पन्न हुआ था। कोरोना महामारी के कारण दिनांक 04.07.2020 से प्रक्रिया स्थगित की गई है। (ग) दस्तावेज सत्यापन पूर्ण कर कार्रवाई की जावेगी। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
गबन प्रकरणों पर पुलिस थाने में प्राथमिक दर्ज की जाना
[वन]
23. ( क्र. 2237 ) श्री विजयराघवेन्द्र सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उमरिया जिले के अंतर्गत जिला वन उपज यूनियन कार्यालय में लगभग 8 करोड़ रूपया गबन का प्रकरण प्रकाश में आया है, जिसमें बैंकर्स चेकों में हेराफेरी कर राशि का आहरण किया गया है। (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो इतनी बड़ी राशि का गबन करने वाले कौन-कौन अधिकारी एवं कर्मचारी है, उनके नाम बताएं। उनमें से किन-किन को निलंबित किया है, किन-किन को नहीं किया गया? जिनको नहीं किया गया उनको कब तक किया जावेगा। क्या पूरे प्रकरण की जांच पुलिस थाने में प्राथमिकी दर्ज कर कराई जावेगी यदि हाँ, तो कब तक बताएं। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रदेश के अन्य जिला उपज यूनियन कार्यालय में बैंक पास बुक एवं बैंक स्टेटमेंट प्राप्त कर कैश बुक से मिलान किए जाने हेतु स्थानीय निधि लेखा सम्परीक्षा के विशेष अंकेक्षण दल भेजकर जांच कराई जावेगी। (घ) जबलपुर संभाग में पदस्थ मुख्यवन संरक्षक वन वृत जबलपुर की कौन-कौन सी शिकायतें है जिनकी जांच प्रचलन में है शिकायतवार कार्यवाहीवार विवरण देवें। उक्त अधिकारी को जो कारणदर्शी सूचना पत्र जारी हुए है उनकी प्रति दें।
वन मंत्री ( श्री कुंवर विजय शाह ) : (क) उमरिया जिले के अंतर्गत जिला लघु वनोपज सहकारी यूनियन कार्यालय में प्रथम दृष्टया धनादेशों में कूटरचित तरीके से हेराफेरी कर जालसाजी के आधार पर राशि रूपये 7,52,24,880/- के अधिक आहरण का प्रकरण प्रकाश में आया है। (ख) जिला लघु वनोपज सहकारी यूनियन उमरिया में वर्ष 2011-12 से नवम्बर 2020 तक जारी धनादेशों में कूटरचित तरीके से हेराफेरी करके प्रश्नांश (क) के प्रति उत्तर में दर्शित राशि के अधिक आहरण के लिए तत्समय पदस्थ स्व. श्री कमलेश कुमार द्विवेदी, सहायक ग्रेड-3 तत्कालीन तेन्दूपत्ता कक्ष प्रभारी को प्रथम दृष्टया दोषी पाया गया है एवं 09 अधिकारियों के द्वारा नियंत्रण एवं बैंक लेखा मिलान कार्य कराने का अभाव पाया गया। पदस्थ अधिकारियों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। इस प्रकरण में मुख्य जिम्मेदार श्री कमलेश कुमार द्विवेदी, सहायक ग्रेड-3 तेन्दूपत्ता कक्ष प्रभारी की दिनांक 21.09.2020 को मृत्यु हो जाने के कारण उनके विरूद्ध कोई कार्यवाही की जाना संभव नहीं है। इसके अतिरिक्त जिम्मेदार अधिकारियों में से 01 वन मण्डल अधिकारी श्री आर.एस.सिकरवार को म.प्र. शासन, वन विभाग द्वारा निलंबित किया गया है। एक अन्य वनमंडलाधिकारी श्री देवांशु शेखर भावसे उत्तर शहडोल वनमंडल में हुई अनियमितता के कारण निलंबित है। कुल 06 अधिकारी श्री राकेश पाठक, श्री टी.एस.चतुर्वेदी, श्री आर.पी.एस. बघेल, श्री एम.एल.लाडिया, श्री डी.एस.कनेश एवं श्री एम.एस.भगदिया सेवानिवृत्त हो चुके है। श्रीमती वासु कन्नौजिया भावसे वर्तमान में शहडोल वृत्त से बाहर उत्पादन वनमंडल मंडला में पदस्थ है, जिनके विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही हेतु कार्यवाही प्रचलित है। प्रार्थमिकी दर्ज कराने के संबंध में जिला यूनियन उमरिया द्वारा शासकीय अधिवक्ता से विधिक अभिमत प्राप्त कर प्रकरण में कार्यवाही की जा रही है। (ग) जिला यूनियन के अंकेक्षण का कार्य मध्यप्रदेश सहकारी समिति अधिनियम 1960 की धारा 58 के अंतर्गत किया जाता है। इसलिए स्थानीय निधि लेखा संपरीक्षा के विशेष अंकेक्षण से जांच कराने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। सभी जिला यूनियन में बैंक स्टेटमेंट एवं कैशबुक मिलान का कार्य अभियान के रूप में लिया गया है। (घ) जबलपुर संभाग में पदस्थ मुख्य वन संरक्षक वन वृत्त जबलपुर के विरूद्ध कुल दो शिकायतें प्रचलन में है। विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक स्तर के अधिकारी से जांच कराई जा रही है। जबलपुर संभाग में पदस्थ मुख्य वन संरक्षक वन वृत्त जबलपुर को वर्तमान पदस्थापना अवधि में विभाग के ज्ञाप क्रमांक एफ 9-42/2017/10-1 दिनांक 04.09.2020 द्वारा कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया है। उक्त की प्रति संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है।
बंद प्रायवेट स्कूलों द्वारा ट्यूशन फीस ली जाना
[स्कूल शिक्षा]
24. ( क्र. 2238 ) श्री विजयराघवेन्द्र सिंह : क्या राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र.स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा म.प्र. में कोरोना (कोविड-19) हेतु कब से कब तक 100 प्रतिशत लॉकडाउन रखा गया था तथा उक्त दौरान क्या म.प्र.के निजी स्कूल संचालित किये गये थे? (ख) कोरोना काल में म.प्र.के निजी स्कूल संचालकों को राज्य शासन द्वारा सी.बी.एस.सी. एवं एम.पी. बोर्ड द्वारा ऑनलाईन स्कूल संचालन के क्या आदेश कब जारी किये गये बताएं? प्रति दें। (ग) शिक्षण वर्ष 2020-21 में अप्रैल 20 से प्रश्न दिनांक तक शासन द्वारा स्कूल बंद रहने (लगभग पूरा एक वर्ष) पर भी स्कूल संचालकों को ट्यूशन फीस अभिभावकों से लेने का आदेश जारी किया गया? यदि हाँ, तो उसकी प्रति दें एवं पूर्णत: स्कूल बंद रहने पर भी ट्यूशन फीस लेने के शासन/प्रशासन के नियम/आदेश की प्रति दें। (घ) क्या प्रश्नांश (ग) शिक्षण सत्र में जिस अवधि में 100 प्रतिशत लॉक डाउन था? उस अवधि की भी ट्यूशन फीस अभिभावकों से ली जायेगी? यदि हाँ, तो क्यों? (ड.) कटनी जिले के स्कूल संचालकों द्वारा कब से ऑनलाईन क्लास शुरू की गई एवं क्लास वाइस ट्यूशन फीस की जानकारी स्कूलवार दें? क्या अभिभावकों को दो घंटे के ऑनलाईन क्लास हेतु पूरी ट्यूशन फीस ली जावेगी? यदि हाँ, तो क्यों कारण सहित बताएं।
राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) दिनांक 23.03.2020 से 15.12.2020 तक गृह विभाग, भारत सरकार की गाइड लाईन के अनुक्रम में सामान्य प्रशासन विभाग के निर्देशानुसार विद्यालय बंद रहे। शेषांश जी नहीं। (ख) एवं (ग) की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार। (घ) जी हाँ। शेषांश जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 में समाहित है जिसके अनुसार प्रमुखतः विद्यालय के आवर्ती व्यय, कार्यरत शैक्षणिक तथा गैर शैक्षणिक स्टॉफ को वेतन भुगतान तथा आनलाईन शिक्षण व्यय इत्यादि के कारण। (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार। शेषांश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -1 एवं उत्तरांश (घ) में समाहित है जिसके अनुसार ऑनलाइन क्लास की अवधि का ट्यूशन फीस से सीधा संबंध नहीं है।
स्थानांतरण नीति का उल्लंघन
[वन]
25. ( क्र. 2344 ) श्री सुखदेव पांसे : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बैतूल वन वृत/सामाजिक वानकी वृत बैतूल/कार्य आयोजना बैतूल तथा समस्त वन मंडलों में 01/10/2020 से आज दिनांक तक ड्यूटी लगाने/कार्य आवंटन के नाम पर मुख्यालय बदल कर मुख्य वन संरक्षक से लेकर उप वन मण्डलाधिकारी स्तर तक के अधिकारियों द्वारा आदेश जारी किये जा रहे हैं। (ख) यदि हाँ, तो प्रश्नांश (क) के संबंध में जारी किये गये आदेश/पत्रों के क्रमांक, दिनांक कर्मचारी का नाम, पद तथा जारी करने वाले अधिकारी का नाम, पद सहित सूची प्रदान करें। (ग) प्रश्नांश (ख) के संबंध में स्थानांतरण नीति में क्या इस तरह की ड्यूटी लगाने/कार्य आवंटन करने के अधिकार संबंधित अधिकारियों को प्राप्त हैं। उक्त नियम की प्रति उपलब्ध करायें। (घ) प्रश्नांश (ख) के संबंध में क्या शासन उक्त आदेशों को निरस्त कर अनाधिकृत आदेश जारी करने वाले अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही करेगा और कब तक?
वन मंत्री ( श्री कुंवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। बैतूल वन वृत्त/सामाजिक वानिकी वृत्त बैतूल/कार्य आयोजना बैतूल तथा समस्त वनमण्डलों में 01.10.2020 से आज दिनांक तक वन सुरक्षा एवं वानिकी कार्यों के सुचारू रूप से संपादन हेतु कार्य आवंटन किया गया है। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य मे जारी किये गये पत्रों के क्रमांक दिनांक, कर्मचारी का नाम, पद तथा जारी करने वाले अधिकारी का नाम, पद सहित सूची संलग्न परिशिष्ट में है। (ग) वर्तमान में कोई स्थानांतरण नीति लागू नहीं है, अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रकरण का परीक्षण किया जा रहा है। परीक्षण उपरांत यथोचित कार्यवाही की जायेगी।
लंबित प्रकरणों का निराकरण
[वन]
26. ( क्र. 2370 ) श्री देवेन्द्र सिंह पटेल : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) फरवरी, 2021 की स्थिति में वनमण्डल अधिकारी सामान्य वन मण्डल रायसेन, औबदुल्लागंज, सागर, विदिशा तथा विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों तथा ऑनलाईन प्राप्त वन भूमि पर सड़क एवं विद्युतीकरण के कितने प्रकरण कब से किस स्तर पर क्यों लंबित है। (ख) उक्त प्रकरणों के निराकरण हेतु विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा क्या-क्या प्रयास तथा कार्यवाही की गई लंबित प्रकरणों का कब तक निराकरण होगा। (ग) राज्य वन प्राणी बोर्ड की बैठक के संबंध में क्या-क्या निर्देश है फरवरी, 2021 की स्थिति में रायसेन जिले के कितने प्रकरण कब से क्यों लंबित है उनका कब तक निराकरण होगा। (घ) राज्य वन्य प्राणी बोर्ड के अनुमोदन उपरांत राष्ट्रीय वन्य प्राणी बोर्ड एवं भारत सरकार के विभिन्न कार्यालयों में रायसेन जिले की किन-किन सड़कों के प्रस्ताव कब से क्यों लंबित है उनका कब तक निराकरण होगा।
वन मंत्री ( श्री कुंवर विजय शाह ) : (क) एवं (ख) विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) संरक्षित क्षेत्रों में गैर वानिकी कार्यों की वन्यप्राणी अनुमति हेतु विभिन्न संस्थाओं/विभागों से परिवेश पोर्टल के माध्यम से प्राप्त ऑनलाईन प्रस्तावों पर राज्य वन्यप्राणी बोर्ड की अनुशंसा उपरान्त प्रस्ताव राष्ट्रीय वन्यप्राणी बोर्ड की अनुशंसा हेतु भारत सरकार को प्रेषित किए जाते हैं। वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 की धारा 6, 7 एवं 8 में उल्लेखित बोर्ड के गठन अनुश्रवण की प्रक्रिया एवं बोर्ड के कर्तव्य की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। फरवरी 2021 की स्थिति में रायसेन जिले के अन्तर्गत रातापानी एवं सिंघौरी अभ्यारण्य के लंबित प्रकरणों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। लंबित प्रकरणों का निराकरण आवेदक संस्थाओं से कमियों की पूर्ति उपरान्त किया जावेगा, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) प्रश्नान्तर्गत अनुमति हेतु भारत सरकार के वन मंत्रालय एवं राष्ट्रीय वन्यप्राणी बोर्ड में कोई प्रस्ताव लंबित नहीं है। अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
रायसेन जिले में सी.एम. राईज स्कूल प्रारंभ किया जाना
[स्कूल शिक्षा]
27. ( क्र. 2371 ) श्री देवेन्द्र सिंह पटेल : क्या राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में सी.एम. राईज स्कूल खोले जा रहे हैं यदि हाँ, तो इन स्कूलों में किस कक्षा तक छात्र/छात्राओं को पढ़ाया जायेगा उनके रहने/आने जाने की क्या व्यवस्था रहेगी तथा अन्य क्या-क्या सुविधायें उपलब्ध कराई जायेंगी? (ख) रायसेन जिले में कहां-कहां पर सी.एम.राईज स्कूल किस आधार पर खोले जा रहे है इस संबंध में सांसद तथा विधायकों की क्या भूमिका है? (ग) सी.एम. राईज स्कूल के संबंध में मान.मंत्री जी तथा विभाग के अधिकारियों द्वारा जिले के सांसद तथा विधायकों को कब-कब सूचना दी तथा उनसे सुझाव क्यो नहीं मांगें? (घ) सी.एम. राईज स्कूल के संबंध में जिले के सांसद तथा विधायकों से कब तक सुझाव लिये जायेंगे तथा मनमाने ढंग से प्रस्ताव भेजने वाले अधिकारियों के विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की जायेगी?
राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) से (घ) सी.एम.राईज़ सर्व सुविधा सम्पन्न स्कूल खोलने की योजना की स्वीकृति की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
उज्जैन में शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय खोलने की मांग
[चिकित्सा शिक्षा]
28. ( क्र. 2443 ) श्री पारस चन्द्र जैन : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश के अधिकांश संभागीय मुख्यालयों पर शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय स्थापित है तथा कई जिला मुख्यालयों पर भी शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय स्थापित किए गए हैं? (ख) क्या अत्यंत पुराने संभागीय मुख्यालय उज्जैन पर शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय स्थापित नहीं है? (ग) क्या स्थानीय जनप्रतिनिधियों, जनसामान्य द्वारा चिकित्सा सेवाओं में सुधार, सस्ती और सुगम चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध कराने हेतु लंबे समय से संभागीय मुख्यालय उज्जैन पर शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय खोले जाने हेतु मांग/अनुरोध किया जा रहा है? (घ) संभागीय मुख्यालय उज्जैन पर शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय कब तक खोला जावेगा? समय-सीमा बतावें।
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। (ख) एवं (ग) जी हाँ। (घ) संभागीय मुख्यालय, उज्जैन में पी.पी.पी योजनान्तर्गत चिकित्सा महाविद्यालय स्थापित किये जाने की कार्यवाही प्रचलन में है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान में प्रतिनियुक्त स्टॉफ
[स्कूल शिक्षा]
29. ( क्र. 2525 ) सुश्री चंद्रभागा किराड़े : क्या राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान (RMSA) में एडीपीसी सहित अन्य स्टॉफ को प्रतिनियुक्ति पर रखा गया है? यदि हाँ, तो किन-किन को तथा सेवा शर्तों संबंधी जानकारी दी जावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में प्रश्न दिनांक तक कुल कितने एडीपीसी सहित अन्य स्टॉफ का प्रतिनियुक्ति समय समाप्त हो चुका है? जिलेवार नामवार, पदवार जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) के संबंध में प्रतिनियुक्ति अवधि समाप्त हो जाने के उपरांत म.प्र. सिविल सेवा नियमों के तहत मूल विभाग से अनापत्ति प्रमाण-पत्र प्राप्त करते हुवे नियमानुसार कितने एडीपीसी एवं अन्य स्टॉफ की प्रतिनयुक्ति की अवधि बढ़ाई गई है, जिलेवार, नामवार, पदवार जानकारी देवें। यदि नियमानुसार प्रतिनियुक्ति की अवधि नहीं बढ़ाई गई है तो इसके जिम्मेदार दोषी अधिकारियों के नाम एवं पदनाम की जानकारी देवें। (घ) प्रश्नांश (ख) एवं (ग) के संबंध में प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत किन-किन एडीपीसी एवं अन्य स्टॉफ के विरूद्ध विभाग में कुल कितनी शिकायतें प्राप्त हुई है? उनमें भ्रष्टाचार,पद का दुरूपयोग, गंभीर कदाचार संबंधी प्राप्त शिकायतों पर की गई कार्यवाही का प्रतिवेदन जिलेवार, नामवार, पदवार जानकारी देवें एवं क्या ऐसे गंभीर अपराधों के दोषी अधिकारियों एवं कर्मचारियों को निलंबित किया जायेंगा?
राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'1' अनुसार है। सेवा शर्तें पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'2' अनुसार है। (ख) एवं (ग) सामान्य प्रशासन विभाग के निर्देश क्र सी-13-14-06/3/एक (1) दिनांक 29.02.2008 के अनुसार जिस विभाग कार्मचारी प्रतिनियुक्ति पर है तथा जिस विभाग में प्रतिनियुक्ति पर है दोनों विभागों की सहमति उपरांत विभाग स्तर पर प्रतिनियुक्ति बढ़ाने का निर्णय लिया जा सकता है। ए.डी.पी.सी. एवं अन्य स्टॉफ स्कूल शिक्षा विभाग के कर्मचारी है तथा स्कूल शिक्षा विभाग में ही कार्यरत है अतः विभागीय सहमति से ही संबंधित कार्यरत है। अतः शेषांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'3' अनुसार है।
अनुबंधित वाहनों की जानकारी
[वन]
30. ( क्र. 2526 ) सुश्री चंद्रभागा किराड़े : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़वानी एवं सेंधवा वनमंडल सहित अधिनस्थ समस्त कार्यालयों में वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक वर्षवार अनुबंधित वाहनों की जानकारी वर्षवार, कार्यालयवार, वाहन नंबर सहित देवें, अनुबंधित वाहनों में से कमर्शियल उपयोग के कितने वाहन थे एवं निजी उपयोग के कितने वाहन थे व बिना टेण्डर के कितने वाहन अनुबंधित किए गए उनकी जानकारी पृथक से देवें व क्या वाहन मालिकों के द्वारा निजी वाहन का दुरूपयोग कमर्शियल करते हुए, नियमों कि विपरीत कार्य किया है, यदि हाँ, तो विभाग क्या कार्यवाही करेगा? (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में से वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक अनुबधित वाहनों के संबंध में विभाग द्वारा जारी विभागीय नीति नियम, निर्देशों की प्रति देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) के पालन में अनुबंधित वाहनों के संबंध में कार्यालय द्वारा जारी प्रकाशित विज्ञप्ति की कार्यालयीन प्रति देवें। (घ) प्रश्नांश (क) में वर्षवार, वाहनवार, कार्यालयवार अनुबंधित वाहनों के कार्यादेश, वाहनों की आर सी बुक एवं लॉगबुक का विवरण देवें। किए गए भुगतान की जानकारी देवें एवं टीडीएस कटौत्रा किया गया या नहीं हाँ तो कटौत्रा से संबंधित अभिलेख का विवरण देवे नहीं तो क्यों नहीं किया गया?
वन मंत्री ( श्री कुंवर विजय शाह ) : (क) प्रश्नाधीन जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 में है। उक्त वनमंडलों में वनमंडल बड़वानी द्वारा वन सुरक्षा को सर्वोपरि मानकर टैक्सी कोटे में उपलब्ध न होने के कारण एक निजी उपयोग का वाहन MP-46-BA-4485 वन सुरक्षा में उपयोग किया गया है। अतः विभाग द्वारा कार्यवाही किये जाने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्नाधीन जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 में हैं। (ग) अनुबंधित वाहनों के संबंध में वनमंडल बड़वानी एवं सेंधवा द्वारा जारी प्रकाशित विज्ञप्ति की कार्यालयीन प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 में हैं। (घ) वनमंडल बड़वानी एवं सेंधवा द्वारा अनुबंधित वाहनों के कार्यादेश की प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 में हैं। वर्षवार, वाहनवार, वाहनों की आर.सी बुक एवं लॉगबुक का विवरण, किये गये भुगतान एवं टीडीएस कटौत्रा की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-5 में है।
समग्र शिक्षा अभियान में ए.पी.सी. की नियुक्ति
[स्कूल शिक्षा]
31. ( क्र. 2542 ) श्री अनिरुध्द (माधव) मारू : क्या राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शिक्षा विभाग के अंतर्गत राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान (समग्र शिक्षा अभियान) में ए.पी.सी. की प्रतिनियुक्ति अवधि कितने वर्ष निर्धारित की गयी है? (ख) नीमच जिले में प्रतिनियुक्ति अवधि पूर्ण कर चुके ए.पी.सी. (सहायक परियोजना समन्वयक) को मूल पद पर विद्यालयो में पदांकित किया गया। जिलावार ए.पी.सी. (सहायक परियोजना समन्वयक) की प्रतिनियुक्ति अवधि से अब तक जानकारी दें? (ग) प्रश्नांश (क) के अनुसार नीमच में जिनकी प्रतिनियुक्ति अवधि पूर्ण हो चुकी है उनके मूल पदों पर अभी तक कितनों को पदस्थ किया गया एवं कितनों को नहीं किया गया और क्यों? ऐसे अधिकारियों को कब तक मूल पदों पर पदस्थ किया जाएगा? (घ) नीमच जिले में कनिष्क पदों पर कार्यरत ए.पी.सी. का प्रभार दिया गया है और क्या इस जिलों में सहायक संचालक या वरिष्ठ प्राचार्य पदस्थ नहीं है, यदि है तो कनिष्ठ अधिकारी को प्रभार क्यों दिया गया इसके लिए दोषी अधिकारी कौन है?
राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) प्रथमतः 2 वर्ष, कार्य संतोषजनक होने पर प्रतिनियुक्ति अवधि बढ़ाई जा सकती है। (ख) एवं (ग) नीमच जिले में श्री अनिल व्यास व्याख्याता सहायक परियोजना समन्वयक के पद पर 01.10.2013 से 18.01.2016 तक प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत रहे। श्री व्यास की 18.1.2016 को प्राचार्य पद पर पदोन्नित उपरान्त कार्यमुक्त किया गया है। पद वर्तमान में रिक्त है अतः शेषांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (घ) नीमच जिले में ए.पी.सी. का पद रिक्त है, किसी कनिष्ठ को प्रभार नहीं दिया गया है। अतः शेषांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
स्कूल शिक्षा विभाग में स्वीकृत वरिष्ठ पद
[स्कूल शिक्षा]
32. ( क्र. 2543 ) श्री अनिरुध्द (माधव) मारू : क्या राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग में उप संचालक, डीईओ एवं इनसे अन्य वरिष्ठ पदों के कितने-कितने पद स्वीकृत है एवं कितने पद रिक्त है? (ख) क्या मध्यप्रदेश शासन सामान्य प्रशासन विभाग के पत्र क्रमांक 354 दिनांक 9.3.2020 से निर्देशित किया गया था कि सभी विभाग राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों की तरह उच्च पदों पर दी जाने वाली क्रमोन्नति अनुसार अपने अपने भर्ती नियमों में संशोधन की कार्रवाई करेंगे? (ग) स्कूल शिक्षा विभाग में कार्यरत सहायक संचालक व अन्य वरिष्ठ अधिकारियों में से किसे किस पद का वेतनमान मिल रहा है तथा उनकी वर्तमान से एक वरिष्ठ रिक्त पद पर प्रश्नांश (ख) अनुसार संशोधन कर नियुक्ति कर देने से कोई अतिरिक्त वित्तीय भार आना है या नहीं? (घ) प्रश्नांश (ख) अनुसार भर्ती नियमों में संशोधन हेतु कर्मचारी संघों के ज्ञापनों पर महोदय द्वारा स्कूल शिक्षा विभाग को निर्देशित करते हुए कब-कब कौन से पत्र/नस्ती भेजी गई विवरण देवें। विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई, शेष कार्यवाही कराकर उक्त रिक्त पदों की पूर्ति कब तक करा दी जाएगी? जब कोई वित्तीय भार भी नहीं आना है, तो फिर अवधि तय करने में क्या कठिनाई है?
राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'एक' अनुसार। (ख) जी हाँ। कार्यवाही प्रचलित है। (ग) जानकारी निरंक है। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'दो' अनुसार है। नियम संशोधन उपरांत ही व्यय का आंकलन किया जा सकेगा। उत्तरांश (ख) के उत्तर में प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
डेयरी के विस्थापन की योजना
[पशुपालन एवं डेयरी]
33. ( क्र. 2549 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर नगरीय निकाय क्षेत्र में कितनी डेयरियाँ संचालित है एवं इन डेरियों में कितने पशुओं का पालन किया जा रहा है? (ख) क्या शासन ने इनके विस्थापन की कोई योजना तैयार की है? यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक उक्त योजनांतर्गत क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ग) क्या शासन द्वारा डेयरी विस्थापन किये जाने की कोई समय-सीमा तय की गई है? यदि हाँ, तो कब तक इनका विस्थापन किया जायेगा? यदि नहीं, तो क्या शासन कोई निश्चित समय-सीमा तय कर इनका विस्थापन करेगा तथा कब तक?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) सागर नगरीय निकाय क्षेत्र में 277 डेयरियाँ एवं नगर से लगे नगर पालिका क्षेत्र मकरौनिया में 113 डेयरियाँ इस प्रकार दोनों नगरीय निकायों में 490 डेयरियाँ संचालित है। जिसमें क्रमश: 6634 एवं 1768 कुल 8402 पशुओं का पालन किया जा रहा है। (ख) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
संविदा शिक्षकों को पुरानी पेंशन का प्रदाय
[स्कूल शिक्षा]
34. ( क्र. 2587 ) श्री सुनील उईके : क्या राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 1998 से 2005 तक नियुक्त शिक्षा कर्मियों एवं संविदा पद पर नियुक्ति शिक्षकों को अन्य विभागों के समान प्रथम नियुक्ति दिनांक जो सेवा पुस्तिका में दर्ज है, वरियता निर्धारण कर पुरानी पेंशन दी जावेगी? (ख) प्रदेश में कार्यरत अतिथि शिक्षकों को गुरूजी की तरह संविदा शिक्षक नियुक्ति करने पर विचार करेगें? (ग) समस्त शिक्षा/जनजातीय कार्य विभाग में नियुक्त संविदा शिक्षा कर्मियों को भर्ती दिनांक से वरीयता प्रदान कर शिक्षकों में व्याप्त असंतोष को कब दूर करेंगे? (घ) जब सांसदों एवं विधायकों को पेंशन का लाभ दिया जा रहा है तो 40 वर्ष की लंबी सेवा करने के बाद भी कर्मचारियों अधिकारियों को उक्त पेंशन को बंद कर कर्मचारियों अधिकारियों में भविष्य के प्रति घोर निराशा एवं अंधकार मय भविष्य को देखते हुए राज्य शासन कर्मचारियों के हित में 2005 से बंद की गई पुरानी पेंशन योजना लागू करने पर सहानुभूति पूर्वक विचार करेगी?
राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) जी नहीं, अपितु पंचायत राज अधिनियम 1993 के अन्तर्गत स्थानीय निकायों के अधीन नियुक्त किये गये शिक्षाकर्मी एवं संविदा शाला शिक्षकों को अध्यापक संवर्ग में संविलियन/नियुक्त होने के पश्चात् दिनांक 01.04.2011 से नवीन अंशदायी पेंशन योजना का लाभ दिया गया है। (ख) जी नहीं, अपितु ''मध्यप्रदेश राज्य स्कूल शिक्षा सेवा (शैक्षणिक संवर्ग) सेवा शर्तें एवं भर्ती नियम, 2018 के नियम-11 (7) (ख) (चार) के अनुसार शैक्षणिक संवर्ग अन्तर्गत सीधी भर्ती के शिक्षकों के पदों के उपलब्ध रिक्तियों की 25 प्रतिशत रिक्तियाँ अतिथि शिक्षक वर्ग के लिए आरक्षित की जायेगी, जिनके द्वारा न्यूनतम 03 शैक्षणिक सत्रों में एवं न्यूनतम 200 दिवस शासकीय विद्यालयों में अतिथि शिक्षक के रुप में अध्यापन कार्य किया गया है।'' प्रावधानित किया गया है। (ग) शैक्षणिक संवर्ग के नियम, 2018 में उल्लेखित प्रावधान अनुसार नियुक्ति की गई है, अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) दिनांक 1/1/2005 से नवीन पेशन योजना प्रदेश में प्रभावशील है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
बुन्देलखण्ड मेडिकल कॉलेज में चिकित्सा सुविधा
[चिकित्सा शिक्षा]
35. ( क्र. 2625 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर विधान सभा क्षेत्र स्थित बुन्देलखण्ड मेडिकल कॉलेज में कौन-कौन सी चिकित्सा सुविधायें उपलब्ध है? (ख) बुन्देलखण्ड मेडिकल कॉलेज सागर में किन-किन विषयों में पी.जी. की मान्यता प्राप्त हो चुकी है तथा किन-किन विषयों की शेष है? (ग) प्रश्नांश (क) वर्णित कॉलेज में क्या कार्डियोलॉजी, न्यूरोलॉजी, नेफ्रोलॉजी से संबंधित चिकित्सा सुविधायें उपलब्ध है? यदि नहीं, तो क्या शासन इन चिकित्सा सुविधाओं को शुरू कराये जाने हेतु पहल करेगा तथा कब तक? (घ) क्या बुन्देलखण्ड मेडिकल कॉलेज सागर में ब्लड बैंक संचालित है? यदि नहीं, तो इसका क्या कारण है तथा इसे कब तक शुरू करा दिया जायेगा?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) बुन्देलखण्ड मेडिकल कॉलेज सागर में उपलब्ध चिकित्सा सुविधाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) बुन्देलखण्ड मेडिकल कॉलेज सागर में पी.जी. पाठ्यक्रम में मान्यता प्राप्त विषयवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। शेष विषयों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (ग) जी नहीं, चिकित्सा सुविधाओं को प्रारंभ किए जाने की प्रक्रिया जारी है, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) जी नहीं। वर्तमान में बुन्देलखण्ड मेडिकल कॉलेज सागर से संबद्ध जिला अस्पताल सागर में ब्लड बैंक संचालित है। स्वयं के ब्लड बैंक की स्थापना हेतु कार्यवाही प्रचलन में है, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
अर्दलियों
के भत्तों का
भुगतान
[वन]
36. ( क्र. 2641 ) श्री आरिफ अक़ील : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वित्त विभाग की अनुमति एवं जानकारी के बिना ही म.प्र.राज्य लघु वनोपज सहकारी संघ भोपाल, जैव विविधता संरक्षण बोर्ड भोपाल, म.प्र.बांस मिशन भोपाल एवं म.प्र. इको टूरिज्म बोर्ड भोपाल अधिकारियों को कलेक्टर रेट से अर्दली भत्ते का प्रतिमाह भुगतान कर रहा है? (ख) म.प्र. में प्रचलित वित्तीय कानून, मैनुअल एवं कोड के किस प्रावधान में अधिकारियों को अर्दली भत्ते का भुगतान कौन-कौन सा विभाग बोर्ड निगम, प्राधिकरण एवं समिति कर सकती है? पृथक-पृथक बतायें। (ग) शासकीय अधिकारियों को प्रतिमाह अर्दली भत्ते के भुगतान की वित्त विभाग राज्य मंत्रालय कब तक जांच कर कार्यवाही करेगा?
वन मंत्री ( श्री कुंवर विजय शाह ) : (क) म.प्र. राज्य लघु वनोपज सहकारी संघ भोपाल, जैव विविधता बोर्ड भोपाल, म.प्र. बांस मिशन भोपाल एवं म.प्र. ईको टूरिज्म बोर्ड भोपाल में संचालक मंडल के निर्णय अनुसार कलेक्टर रेट से अर्दली भत्ते का भुगतान किया जा रहा है। संचालक मंडल में वित्त विभाग के भी प्रतिनिधि होते हैं। (ख) प्रदेश के निगम, निकाय आदि में वेतन-भत्ते का निर्धारण करने हेतु संचालक मंडल स्वतंत्र है। (ग) उत्तरांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
वनखण्डों के बाहर छूटी शेष जमीनों के निर्वनीकरण
[वन]
37. ( क्र. 2642 ) श्री आरिफ अक़ील : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वनखण्डों के बाहर छूटी शेष जमीनों के निर्वनीकरण से संबंधित मुख्य सचिव म.प्र.शासन भोपाल के पत्र क्रमांक 230/एससी/04 दिनांक 24 जुलाई 2004 को दिए निर्देश का मुख्य सचिव कार्यालय प्रश्नांकित दिनांक तक भी पालन नहीं करवा पाया? (ख) यदि हाँ, तो आदेश के वनखण्डों के बाहर छूटी शेष जमीनों के संबंध में क्या निर्देश दिए गए? उसके अनुसार किस जिले में वनखण्डों के बाहर छूटी कितनी जमीनों की जानकारी प्रश्नांकित दिनांक तक संकलित कर निर्वनीकरण के प्रस्ताव वन मंत्रालय भारत सरकार नई दिल्ली को अनुमति हेतु प्रेषित किए गए? (ग) वनखण्डों के बाहर छूटी जमीनों की जानकारी प्रश्नांकित दिनांक तक भी संकलित नहीं किए जाने का क्या कारण रहा है? यह जानकारी कब तक संकलित करवाई जावेगी?
वन मंत्री ( श्री कुंवर विजय शाह ) : (क) जी नहीं। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश (ख) अनुसार।
शिक्षकों को अतिरिक्त वेतन वृद्धि की पात्रता
[स्कूल शिक्षा]
38. ( क्र. 2652 ) श्री पी.सी. शर्मा : क्या राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश शासन द्वारा नियुक्त सहायक शिक्षक, उच्च श्रेणी शिक्षक को स्वयं के खर्चे पर प्रशिक्षित (डीएड, बीएड) करने पर दो वेतन वृद्धि की अतिरिक्त पात्रता बनती है। परंतु यह पात्रता एक निर्धारित तिथि 10/06/1993 तक नियुक्ति शिक्षकों को ही क्यों? अन्य सहायक शिक्षक एवं उच्च श्रेणी शिक्षक की नियुक्तियां जनवरी 1994 तक हुई है, इनको दो वेतन वृद्धि अतिरिक्त क्यों प्रदाय नहीं की जा रही है। (ख) भोपाल जिले में कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय एवं छात्रावास जिन वार्डन को 3 वर्ष या कार्यकाल पूर्ण होने पर पत्र क्रमांक 5881/2017 दिनांक 11 अगस्त 2017 को समस्त जिला कलेक्टर एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को आदेश जारी किए गए थे, क्या 3 वर्ष का कार्यकाल पूर्ण होने पर वार्डनों को हटाया गया अथवा नहीं तो क्यों? (ग) मध्यप्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2018 में शिक्षक भर्ती परीक्षा आरंभ हुई थी शिक्षक चयनित हुए एवं प्रतिक्षारत शिक्षकों के अभिलेखों का सत्यापन भी हुआ परंतु आज दिनांक तक उनकी नियुक्ति पर प्रश्न चिन्ह लगा हुआ है, ऐसा क्यों? (घ) मध्यप्रदेश शासन द्वारा स्कूल शिक्षा विभाग में अतिथि शिक्षक नियुक्त करने का प्रावधान है जो विगत 10 वर्षों से चल रहा है, लेकिन अतिथि शिक्षकों को आज दिनांक तक नियमित नहीं किया गया है एवं उन्हें 1 वर्ष में मात्र 10 माह का वेतन भुगतान किया जाता है ऐसा क्यों एवं कब तक नियमित होंगे?
राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) विभागीय आदेश दिनांक 14 सितम्बर 2011 की कण्डिका 3 अनुसार दिनांक 16.06.1993 के पहले नियुक्त्त ऐसे समस्त शिक्षकों को जिसने सेवा में रहते हुए स्वयं के व्यय पर दिनांक 01.03.1999 के पहले (बी.एड./बी.टी.सी./डी.एड.) योग्यता अर्जित की हो, उनको परीक्षा उत्तीर्ण करने की दिनांक से दो अग्रिम वेतन वृद्धि की पात्रता होगी। म.प्र. राजपत्र (असाधारण) दिनांक 17 जून 1993 द्वारा दिनांक 16.06.1993 से शिक्षकों की शैक्षणिक अर्हता में बी.एड./बुनियादी प्रशिक्षण प्रमाण-पत्र अथवा डी.एड उपाधि को अनिवार्य शैक्षणिक अर्हता में शामिल किये जाने से 16.06.1993 तिथि निर्धारित की गई है। षेषांष का प्रष्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हाँ। जी हाँ। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं, शिक्षक पात्रता परीक्षा 2018 की परीक्षायें फरवरी/मार्च 2019 को आयोजित हुई थी। 30 दिसम्बर 2019 को उच्च माध्यमिक शिक्षक एवं माध्यमिक शिक्षक के रिक्त पदों की पूर्ति हेतु विज्ञापन जारी कर प्रावधिक चयन सूची एवं प्रतीक्षा सूची जारी की गई। उच्च माध्यमिक शिक्षक पद पर चयनित अभ्यर्थियों के दस्तावेज सत्यापन का कार्य दिनांक 01.07.2020 से 03.07.2020 तक सम्पन्न हुआ था। इस प्रक्रिया को कोरोना महामारी के कारण दिनांक 04.07.2020 से स्थगित किया है। (घ) मध्यप्रदेश राजपत्र स्कूल शिक्षा विभाग दिनांक 28 जुलाई 2018 से जारी मध्यप्रदेष स्कूल शिक्षा (शैक्षणिक संवर्ग) सेवा शर्तें एवं भर्ती नियम 2018 के नियम 11 (7) (ख) (चार) अनुसार ''शैक्षणिक संवर्ग अंतर्गत सीधी भर्ती के शिक्षकों के पदों के उपलब्ध रिक्तियों की 25 प्रतिशत रिक्तियां अतिथि शिक्षक वर्ग के लिये आरक्षित की जायेगी, जिनके द्वारा न्यूनतम तीन शैक्षणिक सत्रों में एवं न्यूनतम 200 दिवस शासकीय विद्यालयों में अतिथि शिक्षक के रूप में अध्यापन कार्य किया गया है'' प्रावधानित है। अतिथि शिक्षकों की व्यवस्था शैक्षणिक सत्र तक के लिये की जाती है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
लघु वनोपज खरीदी हेतु दरों का निर्धारण
[वन]
39. ( क्र. 2854 ) श्री सुनील उईके : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. के जन हितैषी अनुसूचित जाति, जनजाति एवं अन्यक लघुवनोपज संग्रहकों को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर लघुवनोपज खरीदी हेतु दरों का निर्धारण वित्तीय वर्ष 2020-21 में किया गया था? (ख) क्या प्रदेश में लघुवनोपज समितियों के द्वारा अपनी दुकानें एवं अनेक गोदाम बनाये जा चुके हैं? यदि हाँ, तो जो वर्तमान में कुल कितने हैं एवं उनके निर्माण पर कितनी राशि खर्च हुई है? इन गोदामों मे क्या उक्त वनोपज संग्रहण की जा रही है? (ग) क्या राज्य सरकार स्वयं सहायता समूह एवं युवा बेरोजगारों के समूह बनाकर उनके माध्यह से उक्त वनोपज की खरीदी कराने हेतु कोई विचार करेगी? यदि हाँ, तो कब तक? (घ) विगत 3 वर्ष में प्रदेश में आज दिनांक तक 32 लघुवनोपज की समितिवार कितनी-कितनी मात्रा खरीदी गई है एवं कितनी राशि का भुगतान किया गया है एवं कितने संग्राहक इस योजना से लाभांवित हुये हैं? अगर नहीं तो यह योजना कब तक संग्रहण करना शुरू कर देगी?
वन मंत्री ( श्री कुंवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 एवं 3 अनुसार है। कुछ अपनी दुकान एवं गोदाम में लघु वनोपज का भण्डारण किया जा रहा है। (ग) वर्तमान में शासन की ऐसी कोई योजना प्रस्तावित नहीं है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है।
सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश पर कार्यवाही
[जनजातीय कार्य]
40. ( क्र. 2884 ) श्री नारायण सिंह पट्टा : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मप्र शासन सामान्य प्रशासन विभाग, मंत्रालय के पत्र क्रमांक 354/2176/2019/3 एफ, भोपाल दिनांक 09 मार्च 2020 के द्वारा माननीय मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में दिनांक 08 फरवरी 2020 की बैठक में लिए निर्णय के बिंदु क्रमांक 4 में दिए गए निर्देश के संबंध में विभागों को नियम संशोधन करने एवं पदोन्नति/क्रमोन्नति संबंधी कार्यवाही करने हेतु निर्देशित किया गया था, उपरोक्त के संदर्भ में जनजातीय कार्य विभाग द्वारा अब तक क्या कार्यवाही की गई है? यदि कोई कार्यवाही नहीं की गई है तो कार्यवाही न करने की कारण सहित जानकारी देवें? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में अभी तक की गई कार्यवाही का संवर्गवार विवरण देवें कि किस किस प्रकरण में इस आदेश के तहत कार्यवाही की गई? (ग) प्रश्नांश (ख) के संबंध में यदि कार्यवाही नहीं की गई तो कब तक कार्यवाही पूर्ण कर ली जाएगी?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जी हाँ। कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होते। (ख) कार्यवाही प्रकियाधीन है। (ग) कार्यवाही प्रक्रियाधीन होने से समय-सीमा बताना संभव नहीं।
भोपाल वन वृत्त के अंतर्गत वन भूमियों के डीनोटिफिकेशन
[वन]
41. ( क्र. 2946 ) श्री आरिफ अक़ील : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भोपाल वन वृत्त के अंतर्गत 31/12/76 तक के पात्र अतिक्रमणकारियों के लिए 1990 में भारत सरकार से ली गई अनुमति के बाद डीनोटिफाईड की गई वन भूमियों के डीनोटिफिकेशन के ब्यौरे वन विभाग में वर्किंग प्लान एरिया रजिस्टर एवं वनकक्ष मानचित्र में प्रश्नांकित दिनांक तक भी दर्ज नहीं किए? (ख) भोपाल वनवृत्त के अंतर्गत 31/12/76 तक के पात्र अतिक्रमणकारियों के लिए किस दिनांक के राजपत्र में किस वनखण्ड की कितनी भूमि डीनोटिफाईड की गई? इन भूमियों के डीनोटिफिकेशन की प्रविष्टि वर्किंग प्लान, एरिया रजिस्टर, वनकक्ष मानचित्र में प्रश्नांकित दिनरांक तक भी दर्ज नहीं किए जाने का क्या कारण रहा है? (ग) डीनोटिफाईड भूमि की प्रविष्टि वर्किंग प्लान, एरिया रजिस्टर एवं वन कक्ष मानचित्र में कब तक दर्ज की जावेगी?
वन मंत्री ( श्री कुंवर विजय शाह ) : (क) जी नहीं। प्रश्नांश में उल्लेखित भोपाल वन वृत्त के अंतर्गत डीनोटिफाईड वनभूमियों के ब्यौरे वर्किंग प्लान, एरिया रजिस्टर एवं वनकक्ष मानचित्र में दर्ज किये गये हैं। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट में है। उत्तरांश (क) के अनुक्रम में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
बुरहानपुर जिले में जिला शिक्षा प्रशिक्षण संस्था के भवन का निर्माण
[स्कूल शिक्षा]
42. ( क्र. 2968 ) श्री सुरेन्द्र सिंह नवल सिंह : क्या राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बुरहानपुर जिले में जिला शिक्षा प्रशिक्षण संस्थान (डाईट) की स्वीकृति प्राप्त होकर भवन का निर्माण पूर्ण हो चुका है। (ख) यदि हाँ, तो कब तक प्रशिक्षण संस्थान प्रारंभ हो जायेगी तथा स्टॉफ की पूर्ति जैसे व्याख्याता, लिपिक संवर्ग, चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों के पदों की स्वीकृति की जा चुकी है। संवर्गवार सूची उपलब्ध करावें। यदि नहीं, तो पदों की पूर्ति कब तक की जावेगी। (ग) यदि पद स्वीकृत किये गये है तो इन पदों की मेपिंग कोषालय कर दी गई है यदि नहीं, तो कब तक कर दी जायेगी।
राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रशिक्षण संस्थान प्रारंभ हो चुका है तथा पदों की स्वीकृति हेतु जारी शासनादेश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'1' पर है। पद पूर्ति होने तक संस्थान संचालन हेतु जिले के जिला शिक्षा अधिकारी को प्रशिक्षण संस्थान के कार्य संचालन का दायित्व सौंपने के संदर्भ में जिला कलेक्टर बुरहानपुर को अर्द्ध शासकीय पत्र प्रेषित किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -'2' पर है। (ग) डाइट-बुरहानपुर हेतु स्वीकृत पदों की कोषालय में मैपिंग हेतु आयुक्त कोष एवं लेखा म.प्र. पर्यावास भवन भोपाल को पत्र प्रेषित किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -'3' पर है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
शाला सिद्धी योजना के अंतर्गत शिक्षकों की परीक्षा
[स्कूल शिक्षा]
43. ( क्र. 2969 ) श्री सुरेन्द्र सिंह नवल सिंह : क्या राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2016 में इंदौर संभाग अंतर्गत शाला सिद्धी योजना एवं 45% शालाओं में कितने शिक्षकों की अध्यापन आंकलन संबंधी परीक्षा ली गई थी? यदि हाँ, तो इस परीक्षा के लिये समस्त शिक्षकों को परीक्षा देने संबंधी कोई विधिवत लिखित सूचना दी गई थी? (ख) इंदौर संभाग में कितने जिले के शिक्षकों का इस योजना में परीक्षा नहीं देने पर बिना किसी प्रकार का स्पष्टीकरण पूछे और बिना शिक्षकों का पक्ष जानने के बाद भी एक दिन का वेतन काटा गया, किस नियम के तहत कितने शिक्षकों का काटा गया जिलेवार बतावें? (ग) बुरहानपुर जिले में इसी योजना के अंतर्गत पुन: परीक्षा आयोजित होने पर सभी शिक्षकों के द्वारा परीक्षा देने के पश्चात भी कितने शिक्षकों का एक दिन का वेतन काटा गया? नाम सहित जानकारी देवें। (घ) क्या परीक्षा देने के पश्चात भी एक दिन का वेतन काटा गया, वेतन जारी होगा? यदि हाँ, तो कब तक?
राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) जी हाँ। इंदौर संभाग अंतर्गत समस्त जिलों में 45 प्रतिशत उत्कृष्ट चयनित शालाओं के शिक्षकों की विषय अध्यापन कौशल का आंकलन किये जाने संबंधी परीक्षा आयुक्त इंदौर, संभाग इंदौर के निर्देशानुसार ली गई थी। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। शिक्षकों को परीक्षा देने संबंधी विधिवत लिखित सूचना दी गई थी। (ख) इंदौर संभाग अंतर्गत केवल बुरहानपुर जिले के शिक्षकों का यह परीक्षा नहीं देने पर बिना स्पष्टीकरण के एक दिन का वेतन काटा गया। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) जिला बुरहानपुर में इसी योजना अंतर्गत पुनः परीक्षा आयोजित होने के उपरांत किसी भी शिक्षक का वेतन नहीं काटा गया है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) इंदौर संभाग अंतर्गत परीक्षा देने के पश्चात किसी भी शिक्षक का एक दिन का वेतन नहीं काटा गया। शेषांश का प्र'न उपस्थित नहीं होता है।
अधोसंरचना निर्माण एवं बस्ती विकास कार्यों की स्वीकृति
[अनुसूचित जाति कल्याण]
44. ( क्र. 3013 ) श्री कमलेश जाटव : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या विभाग में जिला स्तर पर अनुसूचित जाति एवं जनजातीय बाहुल्य क्षेत्रों में अधोसंरचना निर्माण एवं बस्ती विकास आदि कार्यों के प्रस्तावों की स्वीकृति हेतु, माननीय प्रभारी मंत्री जी के अनुमोदन किये जाने से पूर्व विभागीय नोट-शीट पर, जिले के लोकल एस.सी. विधायक अथवा क्षेत्रीय विधायकों से अनुशंसा/अनुमोदन कराये जाने का शासन का कोई प्रावधान है? यदि हाँ, तो शासन के नियम एवं शर्तों की छायाप्रति उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार यदि हाँ, तो जिला मुरैना में वर्ष 2018 से प्रश्न पूछे जाने के दिनांक तक उक्त संबंध में विभागीय नोटशीट पर लिये गये एस.सी. विधायक/क्षेत्रीय विधायकों के अनुमोदनों का विवरण मय स्वीकृति प्रक्रिया के विकास खण्डवार कार्य की श्रेणीवार, वर्षवार उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुसार वर्ष 2018 से प्रश्न पूछे जाने के दिनांक तक कुल कितने निर्माण एवं बस्ती विकास के कार्य स्वीकृति किये गये, जिनमें से वर्तमान में कितने कार्य पूर्ण, अपूर्ण, अप्रारंभ, निर्माणाधीन हैं? जानकारी विकास खण्डवार, कार्यों की श्रेणीवार, वर्षवार, कार्यवार, चयनित स्थानवार, स्वीकृत राशि एवं किये गये व्ययवार देवें तथा उक्त कार्य किस जन प्रतिनिधि द्वारा विभाग को प्रस्तावित किया गया था?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जी नहीं, योजना नियम 2018 की कंडिका 4.3 में जिला स्तर पर जिले में प्रभारी मंत्री की अध्यक्षता में गठित समिति द्वारा हितग्राहियों का चयन एवं कार्यों की स्वीकृति/अनुमोदन आवश्यक है। समिति में जिले के अनुसूचित जाति वर्ग के समस्त विधायक सदस्य हैं। नियम की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है।
योजनावार व्यय राशि की जानकारी
[पशुपालन एवं डेयरी]
45. ( क्र. 3190 ) श्री संजय उइके : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभागीय योजनाओं पशु विकास परियोजना, आचार्य विद्यासागर गौ-संवंर्धन योजना, गोकुल महोत्सव, माता महामारी उन्मूलन, पशु चिकित्सा विस्तार कार्यक्रम, राष्ट्रीय कृषि विकास योजना, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों का अधोसंरचना विकास, पशुओं के रोगों की रोकथाम हेतु टीका उत्पादन पर व्यय, छोटे पशुओं एवं कुक्कुट का उत्प्रेरण, बड़े पशुओं का उत्प्रेरण, राष्ट्रीय पशुधन मिशन एवं पशु चिकित्सालय, पशु चिकित्सालयों औषधालयों की स्थापना, पशु औषधालय पशु चिकित्सा विज्ञान विश्व विद्यालय जबलपुर, 109 चलित पशु कल्याण सेवायें हेतु आर्थिक एवं सामाजिक क्षेत्र के अन्तर्गत अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजातियों के लिए किए गए प्रावधानों का योजनावार (सब स्कीम्स) के तहत राशि प्राप्त हुई है? (ख) यदि हाँ, तो वित्तीय वर्ष 2017-18 से प्रश्न दिनाँक तक योजनावार कितनी-कितनी राशि प्राप्त हुई? उसमें आदिवासी उपयोजना क्षेत्र के 89 विकासखण्डों में कहाँ-कहाँ के पशु चिकित्सालय, पशु औषधालय एवं 109 चलित पशु कल्याण सेवायें में कितनी-कितनी राशि जारी की गई? (ग) आचार्य विद्यासागर गौ-संवंर्धन योजना आदिवासी उपयोजना क्षेत्र के विकासखण्डों में कितने-कितने आदिवासियों को लाभांवित कर ब्याज राशि की प्रतिपूर्ति की गई? विकासखण्डवार जानकारी उपलब्ध करावें? (घ) पशु चिकित्सालय विज्ञान विश्व विद्यालय जबलपुर को आर्थिक एवं साम