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मध्य प्रदेश विधान सभा


प्रश्नोत्तर-सूची
फरवरी-अप्रैल, 2016 सत्र


मंगलवार, दिनांक 08 मार्च, 2016


भाग-1
तारांकित प्रश्नोत्तर



(वर्ग 4 : लोक निर्माण, वाणिज्य, उद्योग एवं रोजगार, खेल एवं युवा कल्याण, धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व, वन, तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास, उच्च शिक्षा)


शा. पोलिटेक्निक पचौर के छात्रावास का सुदृढ़ीकरण

1. ( *क्र. 3503 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला राजगढ़ के पोलिटेक्निक कॉलेज पचौर में छात्रावास किस दिनांक से संचालित है, छात्रावास की लागत एवं निर्माण कार्य पूर्ण होने की तिथि क्‍या थी? (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार छात्रावास पूर्ण होने के पश्‍चात प्रत्‍येक शैक्षणिक वर्ष में कॉलेज में कितने छात्र/छात्राओं के द्वारा प्रवेश लिया गया एवं उनके विरूद्ध कितने छात्र/छात्राओं को प्रत्‍येक वर्ष छात्रावास में प्रवेश दिया गया है? (ग) प्रश्‍नांश (ख) पोलिटेक्निक कॉलेज पचौर में अध्‍ययनरत छात्र/छात्राओं को छात्रावास में रहने हेतु संपूर्ण मूलभू‍त सुविधाएं उपलब्‍ध हैं? यदि नहीं, तो शासन द्वारा छात्रावास में रहने हेतु संपूर्ण मूलभूत सुविधाएं उपलब्‍ध कराने हेतु क्‍या प्रयास किया जावेगा, जिससे कि छात्र/छात्राओं की शै‍क्षणिक व्‍यवस्‍था सुचारू रूप से संचालित हो सके?

तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) राजगढ़ जिले के पोलिटेक्निक कॉलेज पचौर में छात्रावास भवन वर्ष 1997 से संचालित है। छात्रावास की लागत        रू. 63.00 लाख है एवं निर्माण कार्य पूर्ण करने की तिथि 31 दिसम्बर, 1997 थी।         (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र एवं अनुसार है(ग) जी हाँ। शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट - ''एक''

बी.ओ.टी. योजनांतर्गत मार्ग निर्माण

2. ( *क्र. 4171 ) श्री अजय सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा संभाग में बी.ओ.टी. योजना के अंतर्गत वर्ष 2013-14, 2014-15 एवं 2015-16 में राज्‍य सरकार द्वारा कितने सड़क मार्ग बी.ओ.टी. योजना के माध्‍यम से बनवाये गये और इन मार्गों की कितने कि.मी. की दूरी है, इन मार्गों के क्रम बतायें कि कहाँ से कहाँ तक मार्ग बनाये गये हैं। (ख) इन बनाये हुए मार्गों में राज्‍य शासन के द्वारा संबंधित बी.ओ.टी. कंपनी (ठेका कंपनी) को कुल सड़क लागत के कितने प्रतिशत राज्‍य सरकार द्वारा राशि दी गई। क्‍या यह राशि ठेका कंपनी द्वारा राज्‍य सरकार को वापस की गई या उन्‍हीं सड़कों पर खर्च कर दी गई? (ग) प्रस्‍तावित बी.ओ.टी. परियोजना में वर्तमान में कितने प्रतिशत राशि ठेका कंपनी को राज्‍य सरकार देगी और यह राशि क्‍या ठेका कंपनी वापस करेगी अथवा रोड पर ही खर्च कर दी जायेगी। प्रस्‍तावित मार्गों के नाम एवं दूरी बतावें।

लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ख) बी.ओ.टी. के अंतर्गत निर्मित सड़कों पर राज्‍य शासन द्वारा दी गई ग्रान्‍ट की जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। उपयुक्‍त राशि राज्‍य सरकार को वापस करने का कोई प्रावधान नहीं है। (ग) बी.ओ.टी. के अंतर्गत निर्माणाधीन सड़कों पर राज्‍य शासन द्वारा ग्रांट सड़क निर्माण के पश्‍चात दी जावेगी। उपयुक्‍त राशि राज्‍य सरकार को वापस करने का कोई प्रावधान नहीं है। नाम व दूरी संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है।

परिशिष्ट - ''दो''

अभ्‍यारण्य क्षेत्र के ग्रामों में मूलभूत सुविधाएं

3. ( *क्र. 5032 ) श्री गिरीश भंडारी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नरसिंहगढ़ के चिड़ीखौ अभ्‍यारण्य में कौन-कौन से ग्राम आते हैं? ग्रामों के नाम सहित जानकारी देवें? (ख) क्‍या अभ्‍यारण्य क्षेत्र के ग्रामों में सड़क, बिजली, शाला भवन, नलकूप खनन, हैण्‍डपंप जैसी मूलभूत सुविधाएं हेतु क्‍या-क्‍या प्रावधान/मापदण्‍ड/शर्तें हैं? शासन के निर्देशों की प्रति दें। (ग) प्रश्‍न की कंडिका (क) की उपलब्‍ध जानकारी अनुसार इन सभी ग्रामों में मूलभूत सुविधाएं प्राप्‍त हैं या वन विभाग इन ग्रामों तक जाने वाली सड़कें बनाने में रोक लगा रहा है?

वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) नरसिंहगढ़ (चिड़ि‍खौ) अभ्‍यारण्य के अंतर्गत 2 ग्राम, वनग्राम देवगढ़ एवं राजस्व ग्राम चैनपुराखुर्द स्थित हैं। (ख) अभ्‍यारण्य क्षेत्र के ग्रामों में सड़क, बिजली, शाला भवन, हैण्डपम्प, नलकूप खनन जैसी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए भारत शासन, पर्यावरण एवं वन मंत्रालय का पत्र दिनांक       26 अक्टूबर, 2007 एवं मध्यप्रदेश शासन, वन विभाग का पत्र दिनांक 25 मई, 2009 संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 1 एवं 2 अनुसार है। (ग) उत्तरांश में उल्लेखित ग्रामों में हैण्डपम्प, कुआं, नलकूप, बिजली, शाला भवन एवं सड़क जैसी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध हैं। प्रश्नाधीन ग्रामों तक जाने वाली सड़क बनाने हेतु कोई प्रस्ताव प्राप्त नहीं हुए हैं एवं न ही लंबित हैं। अतः वन विभाग द्वारा इन ग्रामों तक जाने वाली सड़क बनाने में रोक लगाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट - ''तीन''

संचालक तकनीकी शिक्षा के पद पर नियमित पदस्‍थापना

4. ( *क्र. 4244 ) श्री तरूण भनोत : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) संचालक, तकनीकी शिक्षा म.प्र. की शैक्षणिक योग्‍यता, अनुभव सेवा शर्तें, नियुक्ति का तरीका क्‍या है? क्‍या विगत दस वर्षों से प्रदेश में नियमित संचालक तकनीकी शिक्षा म.प्र. नहीं है? विगत दस वर्षों में प्रभारी संचालक तकनीकी शिक्षा म.प्र. कौन-कौन रहे, उनका नाम कार्यकाल व वे किस सेवा संवर्ग से थे? क्‍या विगत दस वर्षों में प्रभारी संचालक को नियमानुसार संचालक का प्रभार दिया जा सकता है? यदि नहीं, तो किन परिस्थितियों में यह निर्णय लिया गया? (ख) विगत दस वर्षों में नियमित संचालक तकनीकी शिक्षा म.प्र. की नियुक्ति हेतु क्‍या-क्‍या प्रयास किये गये? (ग) क्‍या प्रभारी संचालक, तकनीकी शिक्षा म.प्र. को प्रभार से मुक्‍त कर आई.ए.एस. कैडर के अधिकारी की पदस्‍थापना नियम विरूद्ध तरीके से की गई थी? यदि हाँ, तो यह निर्णय किन परिस्थितियों में लिया गया है? कब तक नियमित संचालक की नियुक्ति की जावेगी? (घ) क्‍या विगत दस वर्षों में संचालनालय तकनीकी शिक्षा म.प्र. में पदस्‍थ अधिकारी यथा अतिरिक्‍त संचालकों तथा संयुक्‍त संचालकों की पदस्‍थापना नियमानुसार वरिष्‍ठता के आधार पर की गई? यदि नहीं, तो किन परिस्थितियों में यह निर्णय लिया गया? अब कितनी समयावधि में नियमानुसार अतिरिक्‍त संचालकों तथा संयुक्‍त संचालकों की नियुक्तियां की जावेंगी?

तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) मध्यप्रदेश शैक्षणिक सेवा (तकनीकी शाखा) भर्ती नियम 1967 के अनुसार संचालक तकनीकी शिक्षा का पद 100 प्रतिशत शासकीय इंजीनियरिंग महाविद्यालय के प्राचार्य के संवर्ग से स्थानांतरण द्वारा भरे जाने के प्रावधान हैं। विगत दस वर्षों मे प्रभारी संचालक तकनीकी शिक्षा मध्यप्रदेश के नाम, कार्यकाल एवं सेवा संवर्ग का विवरण संलग्न परिशिष्‍ट अनुसार है। जी हाँ। शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ख) केडर में नियमित प्राचार्य उपलब्‍ध नहीं होने के कारण नियमित संचालक की नियुक्ति नहीं की गई है। (ग) संचालक, तकनीकी शिक्षा के पद पर आई.ए.एस. कैडर अधिकारी की पदस्‍थापना कैडर में नियमित प्राचार्य उपलब्‍ध न होने के कारण की गई थी। प्रकरण माननीय न्‍यायालय में विचाराधीन है।            (घ) संचालनालयीन अधिकारियों का पृथक संवर्ग नहीं है। वर्तमान पदस्‍थापना कार्य आवश्‍यकता के आधार पर की गई है।

परिशिष्ट - ''चार''

 

कटनी नदी पर पुल निर्माण

5. ( *क्र. 5232 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या प्रश्‍नकर्ता सदस्‍य द्वारा कटनी नदी में नये पुल निर्माण हेतु दिनांक 09.07.2014 को सदन में प्रस्‍तुत ध्‍यानाकर्षण सूचना के परिप्रेक्ष्‍य में उक्‍त कार्य प्रश्‍न दिनांक तक कितने प्रतिशत पूर्ण हो चुका है? कार्यावधि कितनी बढ़ाई गई? क्‍या 60 प्रतिशत कार्य पूर्ण होने की सत्‍यता का परीक्षण प्रश्‍नकर्ता सदस्‍य सहित स्‍थल निरीक्षण कर किया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्‍यों? (ख) कार्य में विलंब के क्‍या-क्‍या कारण हैं? वर्तमान में स्‍थल पर क्‍या कार्य संचालित हैं, कार्य कब तक पूर्ण किया जायेगा? क्‍या पुल निर्माण कार्य की लागत में बढ़ोत्‍तरी होने की संभावना है? यदि हाँ, तो इन कारणों के जिम्‍मेदारों पर क्‍या कार्यवाही की जायेगी?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) पुल का 60 प्रतिशत कार्य पूर्ण। दिनांक 30.12.2015 तक कार्यावधि बढ़ाई गई। जी हाँ। माननीय विधायक जी द्वारा निर्धारित तिथि अनुसार। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ख) भू-अर्जन प्रकरण में विलंब होना, अतिरिक्‍त कार्य एवं संविदाकार द्वारा समानुपातिक प्रगति नहीं देने के कारण। सुपर स्‍ट्रक्‍चर की ड्रांइग प्रूफ चैकिंग हेतु आई.आई.टी. दिल्‍ली में लंबित होने के कारण कार्य बंद है। जून-2017 तक पूर्ण होना संभावित है। वर्तमान में लागत वृद्धि की संभावना प्रतीत नहीं होती है। इसके लिए कोई अधिकारी जिम्‍मेदार नहीं है, संविदाकार द्वारा कार्य धीमी गति से करने के कारण अनुबंधानुसार कार्यवाही की जा रही है।

रानी दुर्गावती विश्‍वविद्यालय में अतिथि अध्‍यापकों की नियुक्ति

6. ( *क्र. 239 ) श्री मोती कश्यप : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रानी दुर्गावती विश्‍वविद्यालय में कौन-कौन से विभाग व पाठ्यक्रम संचालित हैं और उनमें किन स्‍तर के कौन से पद सृजित हैं तथा कब से कौन से पद किन कारणों से रिक्‍त हैं? (ख) प्रश्‍नांश (क) में किन विभाग व पाठ्यक्रमों में किन-किन अतिथि अध्‍यापकों की नियुक्ति की गई है और वे कब से अध्‍यापन कार्य कर रहे हैं? (ग) वर्ष 2013 से किन विषय विशेषज्ञ के मार्गदर्शन में किनके शोध कार्य पूर्ण हुये हैं और चल रहे हैं? (घ) विश्‍वविद्यालय द्वारा विभाग से पदपूर्ति का अनुमोदन प्राप्‍त कर लेने के उपरान्‍त भी किन कारणों से नियुक्तियां नहीं की हैं?

तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''', '''' एवं '''' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (घ) विश्वविद्यालय द्वारा रिक्त पदों की पूर्ति हेतु दिनांक 20.01.2014 एवं 03.03.2014 को विज्ञापन जारी किये गये थे, परन्तु माननीय उच्च न्यायालय में दायर याचिका क्रमांक 7532/2014 में स्थगन का निराकरण दिनांक 30.10.2014 एवं याचिका क्रमांक 7326/15 में निर्णय दिनांक 27.08.2015 के परिपालन में विज्ञापित पदों में से अनारक्षित के 23 एवं बैकलॉग के 55 पद भरे जाने थे। विधि विभाग के रिक्त पदों की पूर्ति हेतु दिनांक 12.12.2014 को साक्षात्कार आयोजित किया गया था, जिसमें कोई भी उम्मीदवार योग्य नहीं पाया गया है। इसी बीच समन्वय समिति की 90वीं बैठक दिनांक 26.06.2015 में अध्यादेश क्रमांक 04 में हुए परिवर्तन जो कार्य परिषद बैठक दिनांक 19.02.2016 में अंगीकृत किया गया, के पालन में अधिसूचना जारी कर पुन: विज्ञापन निकालने की कार्यवाही की जा रही है।

खण्‍डवा-इन्‍दौर मार्ग पर यातायात का दबाव

7. ( *क्र. 170 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत तीन वर्षों में खण्‍डवा-इन्‍दौर मार्ग पर मालवाहक एवं यात्री वाहनों के आवागमन में तुलनात्‍मक रूप से कितने प्रतिशत वृद्धि हुई है? इस मार्ग पर बढ़ती दुर्घटनाओं का प्रमुख कारण क्‍या है? (ख) क्‍या वर्तमान में खंडवा इन्‍दौर-मार्ग रख-रखाव के अभाव में जगह-जगह गड्ढों से क्षतिग्रस्‍त हो गया है? यदि हाँ, तो विभाग द्वारा संबंधित कंपनी के विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की गई है? (ग) क्‍या इस मार्ग का विगत एक वर्ष से मेटेंनेस पूरी तहत बंद है? क्‍यों? क्‍या इसकी अनुबंध अवधि समाप्ति की ओर होने से कंपनी ने मरम्‍मत एवं रख-रखाव कार्य बंद कर दिया है? (घ) यदि हाँ, तो क्‍या यह अनुबंध की शर्तों का उल्‍लंघन है? क्‍या इस मार्ग पर कंपनी द्वारा वाहनों से वसूले जा रहे टोल टैक्‍स को बंद किये जाने की कार्यवाही की जाएगी? यदि हाँ, तो कब से?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) विगत तीन वर्षों में खण्‍डवा इन्‍दौर मार्ग पर मालवाहक एवं यात्री वाहनों के आवागमन में तुलनात्‍मक रूप से लगभग 5-10 प्रतिशत वृद्धि हुई है। इस मार्ग पर बढ़ती दुर्घटनाओं का प्रमुख कारण वाहन चालकों की लापरवाही है एवं तेज गति से वाहन चलाना है। (ख) से (घ) जी नहीं। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

विकासखण्‍ड सोहागपुर अंतर्गत सड़क निर्माण

8. ( *क्र. 4547 ) श्री जय सिंह मरावी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या शहडोल जिले के विकासखण्‍ड सोहागपुर के ग्राम करकटी से सिरौंजा तक बारहमासी सड़क निर्माण कराने की स्‍वीकृति प्रदान की गई? (ख) यदि हाँ, तो सड़क के निर्माण का कार्य कब तक पूरा कराया जावेगा और यदि नहीं, तो अंतिम छोर के 20 से 25 हजार की आबादी को आवागमन की सुविधा से वंचित करने का क्‍या कारण है? (ग) इसी तरह जिले के ग्राम मठिया से कोल्‍हुआ तक के पहुँच मार्ग के निर्माण कराने की प्रस्‍तावानुसार लागत क्‍या है तथा निर्माण कार्य कब तक प्रारम्‍भ किया जावेगा?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जी नहीं। (ख) उत्‍तरांश '' के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। कार्य स्‍थायी वित्‍तीय समिति की 134 वीं बैठक में अनुमोदित हो चुका है, प्रशासकीय स्‍वीकृति उपरांत कार्य प्रारंभ किया जा सकेगा।     (ग) रूपये 153.93 लाख। निश्चित तिथि बताना संभव नहीं।

जंगली जानवरों से फसलों को क्षति

9. ( *क्र. 3683 ) श्री राजकुमार मेव : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या महेश्‍वर विधानसभा क्षेत्र में वन क्षेत्र से लगे हुए वन ग्रामों रमठान, बडकीचौकी, देवगढ़ बलवाड़ा, थरवर, कुण्डिया आदि में किसानों की फसलों को जंगली जानवरों द्वारा नुकसान पहुँचाया जाता है? (ख) महेश्‍वर विधानसभा क्षेत्र में लगे हुए वन क्षेत्र के ग्रामों में जंगली जानवरों (सुअरों) द्वारा किसानों की फसलों को नुकसान पहुँचाने के संबंध में 01.04.13 से प्रश्‍न दिनांक तक कितने एवं किन-किन ग्रामों के किसानों द्वारा आवेदन पत्र प्राप्‍त हुये? (ग) प्रश्‍नांश (ख) के संदर्भ में विभाग द्वारा क्‍या कार्यवाही की गई एवं कितने किसानों के मुआवजा प्रकरण तैयार किये गये, कितने प्रकरणों में कितनी-कितनी मुआवज़ा राशि स्‍वीकृत की गई एवं स्‍वीकृत राशि किसानों को कब भुगतान की गई? (घ) महेश्‍वर विधानसभा क्षेत्र में वन क्षेत्रों से लगे हुए वन ग्रामों रमठान, बडकीचौकी, देवगढ़ बलवाड़ा, थरवर, कुण्डिया आदि वन ग्रामों में किसानों की फसलों को जंगली जानवरों द्वारा नुकसान नहीं किये जाने के संबंध में क्‍या कार्य योजना तैयार की गई है? योजना का क्रियान्‍वयन कब किया जावेगा एवं इसके क्‍या-क्‍या उपाय किये गये हैं?

वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी हाँ। (ख) सामान्‍य वनमण्‍डल बड़वाह अंतर्गत महेश्‍वर विधान सभा क्षेत्र में लगे हुए वनक्षेत्र के ग्रामों में जंगली जानवरों (सुअरों) द्वारा किसानों की फसलों को नुकसान पहुंचाने के संबंध में 01.04.2013 से प्रश्‍न दिनांक तक राजस्‍व विभाग के पास ग्राम कवाणा, होदड़ि‍या, सिराल्‍या के कुल 10 किसानों से आवेदन प्राप्‍त हुए हैं। (ग) जंगली जानवरों द्वारा फसल नुकसानी पर कार्यवाही राजस्‍व विभाग द्वारा की जाती है। अनुविभागीय अधिकारी (राजस्‍व) मण्‍डलेश्‍वर से प्राप्‍त जानकारी के अनुसार जंगली जानवरों द्वारा फसल नुकसानी के संबंध में मण्‍डलेश्‍वर उपखण्‍ड के ग्राम कवाणा के-2, ग्राम होदड़ि‍या के-3, सिराल्‍या के-5, किसानों के आवेदन पत्र प्राप्‍त हुए, जिनमें नियमानुसार प्रकरण तैयार कर आर्थिक सहायता राशि रूपये 42800/- स्‍वीकृत की गई है। उक्‍त राशि के आवंटन की मांग की गयी है। आवंटन प्राप्‍त होते ही संबंधित को भुगतान कर दिया जावेगा। (घ) महेश्‍वर विधान सभा क्षेत्र में वनक्षेत्रों से लगे ग्रामों में किसानों की फसलों को जंगली जानवरों द्वारा किये जा रहे नुकसान को रोकने के लिये योजना तैयार की गई है, जिसमें सोलर फैंसिंग, जल संरचनाओं का विकास, वन्‍यप्राणियों का रहवास, विकास एवं रेस्‍क्‍यू आदि उपाय प्रस्‍तावित हैं। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

सड़क मार्ग की स्‍वीकृति

10. ( *क्र. 4442 ) श्री नाना भाऊ मोहोड़ : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या सौंसर विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत परतापुर-सायरा,        बेरडी-गूजरखेड़ी सड़क मार्ग पर कन्‍हान नदी पर परतापुर के समीप पुल का निर्माण कर दिया गया है, जबकि परतापुर-सायरा-बेरडी-गूजरखेड़ी सड़क मार्ग स्‍वीकृत नहीं होने से नागरिकों को आवागमन की कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है? (ख) कब तक उक्‍त सड़क मार्ग स्‍वीकृत कर कार्य प्रारंभ कर दिया जायेगा?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। (ख) स्‍वीकृति उपरांत कार्य प्रारंभ कर दिया जावेगा। निश्चित तिथि बताना संभव नहीं है।

महाविद्यालय पानसेमल में रिक्‍त पदों की पूर्ति

11. ( *क्र. 1894 ) श्री दीवानसिंह विट्ठल पटेल : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) महाविद्यालय पानसेमल में शासन द्वारा कुल कितने कर्मचारी/प्राध्‍यापकों के पद स्‍वीकृत हैं तथा वर्तमान में कितने पदस्‍थ हैं? क्‍या रिक्‍त पदों पर शीघ्र पदस्‍थापना की जावेगी? (ख) यदि हाँ, तो कब तक और नहीं तो फिर शैक्षणिक कार्य कैसे संभव होगा?

तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट पर है। शैक्षणिक रिक्त पदों पर पूर्ति हेतु मांग पत्र लोक सेवा आयोग को प्रेषित किया जा चुका है। तृतीय संवर्ग के कुछ पदों की पूर्ति पदोन्नति एवं शेष तृतीय एवं चतुर्थ संवर्ग के पदों पर नियुक्ति की कार्यवाही प्रचलन में है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।      (ख) उत्तर (क) के प्रकाश में निश्चित समयावधि बताना संभव नहीं। वर्तमान व्यवस्थांतर्गत शैक्षणि‍क कार्य अतिथि विद्वानों के आमंत्रण से कि‍या जा रहा है।

परिशिष्ट - ''पाँच''

स्‍टील प्‍लांट की स्‍थापना

12. ( *क्र. 5181 ) श्री नीलेश अवस्‍थी : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रदेश में कहाँ-कहाँ पर कितनी लागत से कौन-कौन से स्‍टील प्‍लांट किनके द्वारा लगाने हेतु योजना प्रस्‍तावित है तथा इस संबंध में किन-किन से कितनी लागत से एम.ओ.यू. हस्‍ताक्षरित किये गये, इन प्रस्‍तावित संयंत्रों की स्‍थापना से कितने लोगों को रोजगार उपलब्‍ध होगा? (ख) प्रश्‍नांश (क) में उल्‍लेखित स्‍थापित होने वाले संयंत्रों को स्‍टील निर्माण हेतु किस प्रकार के कितने आयरन की आवश्‍यकता पड़ेगी? संयंत्रवार सम्‍पूर्ण सूची देवें। (ग) क्‍या प्रश्‍नांश (ख) में उल्‍लेखित श्रेणी एवं मात्रा का आयरन जबलपुर जिले के सिहोरा क्षेत्र में प्रचुर मात्रा में उपलब्‍ध है? यदि हाँ, तो विभाग द्वारा यहां पर स्‍टील प्‍लांट स्‍थ‍ापित करने की दिशा में क्‍या-क्‍या प्रयास किये जा रहे हैं एवं यह सिहोरा क्षेत्र में किस-किस प्रकार के कौन-कौन से संयंत्र स्‍थापित होना प्रस्‍तावित हैं तथा इनसे कितने लोगों को रोजगार मिलेगा तथा इनके स्‍थापना प्रस्‍ताव किस स्‍तर पर लंबित हैं तथा ये कब से प्रारंभ होंगे?

उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) प्रदेश में प्राप्‍त प्रस्‍ताव अनुसार स्‍टील स्‍थापना वाली कंपनी पूंजी निवेश एवं प्रस्‍तावित रोजगार की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) निवेशकों से प्रश्‍नांश में उल्‍लेखित जानकारी अप्राप्‍त है। (ग) खनिज विभाग द्वारा किए गए प्रारंभिक सर्वेक्षण के आधार पर सिहोरा क्षेत्र में 60 % आयरन ऑक्‍साइड लौह अयस्‍क के संकेत मिले हैं। इस क्षेत्र में आयरन ओर की श्रेणी तथा मात्रा का विस्‍तृत भौमिकीय अन्‍वेषण पश्‍चात ही भण्‍डार का आंकलन किया जा सकता है। विभाग द्वारा जबलपुर जिले के सिहोरा के क्षेत्र में स्‍टील प्‍लांट स्‍थापित करने हेतु इच्‍छुक निवेशकों को औद्योगिक नीति एवं कार्य योजना 2014 के अंतर्गत प्रोत्‍साहित किया जा रहा है। सिहोरा क्षेत्र में स्‍थापनाधीन/प्रारंभ स्‍टील संयंत्र एवं रोजगार की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।

काष्‍ठ एवं बांस परिवहन की निविदा का आमंत्रण

13. ( *क्र. 1989 ) श्री संजय उइके : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या प्रतिवर्ष काष्‍ठ एवं बांस परिवहन हेतु निविदा आमंत्रित की जाती है? (ख) यदि हाँ, तो वित्‍तीय वर्ष 2011-12 से प्रश्‍न दिनांक तक आमंत्रित निविदा में कौन-कौन व्‍यक्ति/फर्म/संस्‍था ने हिस्‍सा लिया? निविदा में सफल निविदाकार का नाम, पता, स्‍वीकृत दर, कार्यादेश का विवरण उपलब्‍ध करावें?

वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

उद्योगों की स्‍थापना हेतु भूमि का आवंटन

14. ( *क्र. 2760 ) श्री गोपाल परमार : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या आगर नगर में शासकीय भूमि उद्योग विभाग द्वारा लीज़ पर आवंटित की गई है? यदि हाँ, तो किन-किन लोगों को दी गई है नाम एवं पता सहित सूची देवें एवं किस प्रयोजन हेतु क्‍या वर्तमान में उक्‍त जमीन पर उद्योग चलाये जा रहे हैं, हां तो कौन-कौन से किसके द्वारा? (ख) क्‍या लीज़ पर दी भूमि के लिए समय-सीमा तय की गई है? यदि हाँ, तो किन-किन को क्‍या-क्‍या समय-सीमा निर्धारित की गई है? क्‍या ऐसे भी आवंटित पट्टाधारी हैं, जिनकी समय-सीमा पूर्ण हो चुकी है? यदि हाँ, तो किन-किन की सूची देवें? (ग) क्‍या प्रश्‍नांश (क) के अनुसार लीज़ दी गई शासकीय भूमि पर आवंटित लोगों द्वारा उद्योग स्‍थापित नहीं किये गये हैं? यदि हाँ, तो क्‍या शासन इनके लीज़ पट्टे निरस्‍त करने की कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? (घ) प्रश्‍नांश (ख) के अनुसार ऐसे लीज़ पट्टाधारी जिनकी समय-सीमा पूर्ण हो चुकी है, क्‍या उनकी लीज़ पर दी गई शासकीय भूमि शासन द्वारा अपने कब्‍जे में ली गई है? यदि हाँ, तो कब किन-किन की ली है, सूची देवें?

उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) एवं (ख) जी हाँ, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। लीज़ पर आवंटित की गई भूमि की लीज़ अवधि सीमा 30 वर्ष है। वर्तमान में किसी आवंटित पट्टाधारी की लीज़ अवधि      समय-सीमा पूर्ण नहीं हुई है। (ग) जी हाँ, जिन आवंटी इकाईयों द्वारा उद्योग स्‍थापित नहीं किये गये/बंद हैं, उनके विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जा रही है। (घ) लीज़ पर पट्टा अवधि पूर्ण न होने के कारण प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता।

अतिथि विद्वानों की नियमित प्राध्‍यापक पद पर नियुक्ति

15. ( *क्र. 523 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. शासन उच्‍च शिक्षा विभाग द्वारा रीवा संभाग के सभी शासकीय महाविद्यालयों में जनभागीदारी द्वारा स्‍ववित्‍तीय पाठ्यक्रम कितने वर्षों से चलाए जा रहे हैं तथा कितने अतिथि विद्वान कार्यरत हैं? इन अतिथि विद्वानों को प्रति माह प्रति कालखण्‍ड मानदेय निर्धारित किया गया है? क्‍या निर्धारित मानदेय पर्याप्‍त है? (ख) क्‍या स्‍ववित्‍तीय पाठ्यक्रमों के लिये सहायक प्राध्‍यापकों के नियमित पदों का सृजन किया गया है? यदि नहीं, तो क्‍यों? क्‍या भविष्‍य में नियमित पदों का सृजन करते हुए शासन के निर्देशानुसार भर्ती प्रक्रिया अपनाई जाएगी? (ग) क्‍या अतिथि विद्वान महाविद्यालयों में निरंतर सेवाएं देते हुए निर्धारित उम्र की सीमा पार कर चुके हैं? क्‍या ऐसे अतिथि विद्वानों को कार्यरत महाविद्यालयों में रिक्‍त पदों पर नियमित पद पर रखा जावेगा?

तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) रीवा संभाग के अंतर्गत 11 शासकीय महाविद्यालयों में जनभागीदारी द्वारा स्ववित्तीय पाठ्यक्रम चलाये जा रहे हैं। कुल 219 अतिथि विद्वान कार्यरत हैं। मानदेय की दर पूर्व घोषित होती है, जिसके आधार पर अतिथि विद्वान द्वारा कार्यभार ग्रहण किया जाता है, जिससे मानदेय की पर्याप्तता स्पष्ट है। (ख) जी नहीं। स्ववित्तीय पाठ्यक्रमों के लिए नियमित पद सृजित किये जाने की कोई नीति नहीं है, क्योंकि स्ववित्तीय आधार पर प्रारंभ किये जाने वाले पाठ्यक्रमों की शिक्षण व्यवस्था हेतु संविदा के आधार पर शिक्षकों एवं अन्य स्टाफ की संविदा नियुक्ति/कार्यकाल एवं मानदेय का निर्धारण जनभागीदारी समिति द्वारा किया जाता है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं, अतिथि विद्वानों के लिए कोई उम्र सीमा निर्धारित नहीं है। जी नहीं।

टावर लाईन हेतु वनों की कटाई

16. ( *क्र. 4677 ) श्री ओमकार सिंह मरकाम : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) डिण्‍डौरी जिले के अन्‍दर से किस-किस जंगल के अंदर से टावर लाईन बिछायी गयी है, जंगल का नाम, कम्‍पाट नं. सहित, वन परिक्षेत्र का नाम, टावर-बिछाने व लगाने हेतु टावर लगाने वाली कंपनी ने किस दिनांक को अनुमति के लिए आवेदन दिया तथा किस दिनांक को टावर लगाने की अनुमति प्रदान की गई? कितनी जमीन में टावर लगाने हेतु अनुमति दी गई? (ख) अनुमति की जमीन में कौन-कौन सी प्रजाति के वृक्ष हैं, टावर लगाने के समय कितने वृक्ष कौन-कौन सी प्रजाति के काटे गये हैं व नष्‍ट हुए हैं, टावर लगाते समय बिना अनुमति के कंपनी द्वारा कितने वृक्षों को नष्‍ट किया गया? प्रजातिवार बतावें। (ग) कंपनी के ऊपर क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गयी, दिनांकवार बतावें।

वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) डिण्डौरी सामान्य वनमण्डल के अंतर्गत तीन विद्युत लाईन की परियोजनाओं में 195.967 हेक्टेयर वन भूमि में भारत सरकार द्वारा स्वीकृति जारी की गई है। विस्तृत जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र '''' पर है।    (ख) एवं (ग) उपरोक्त तीन परियोजनाओं के विरूद्ध कुल 8884 वृक्ष वन विभाग द्वारा आवेदित वन क्षेत्र से विदोहित किया जाना है। विस्तृत जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र '''' पर है। कंपनी द्वारा बिना अनुमति के कोई वृक्ष नहीं काटे गये और न ही नष्ट किये गये। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - ''छ:''

नेमावर में औद्योगिक केन्‍द्र की स्‍थापना

17. ( *क्र. 4409 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) खातेगांव विधान सभा क्षेत्रांतर्गत सिद्धक्षेत्र एवं माँ नर्मदा की पावन नगरी नेमावर को औद्योगिक क्षेत्र घोषित किये जाने से कौन-कौन से उद्योग स्‍थापित किये जावेंगे? (ख) नेमावर को औद्योगिक क्षेत्र घोषित किये जाने की दिनांक से प्रश्‍नांश दिनांक तक नेमावर में कौन-कौन से उद्योगों की स्‍थापना की जा चुकी है? (ग) शासन द्वारा अगर औद्योगिक क्षेत्र घोषित किये जाने के बाद से किसी भी औद्योगिक केन्‍द्र की स्‍थापना करने में विलंब हो रहा है, तो क्‍यों कारण बतावें? (घ) नेमावर में शासन द्वारा जो औद्योगिक केन्‍द्र स्‍थापित किये जावेंगे, उससे कौन-कौन से केडर के लोगों को फायदा होगा?

उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) सभी प्रकार के लघु, मध्‍यम एवं वृहद उद्योग, उद्यमियों द्वारा स्‍थापित किये जावेंगे। (ख) नेमावर औद्योगिक क्षेत्र में विकास कार्य पूर्ण होने के उपरांत औद्योगिक क्षेत्र अधिसूचित किया जावेगा, उसके पश्‍चात उद्योगों की स्‍थापना हेतु आवंटन किया जा सकेगा। (ग) प्रश्‍नांश '' के उत्‍तर के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (घ) औद्योगिक क्षेत्र नेमावर में उद्योगों की स्‍थापना से उद्योगों की मांग पर आधारित स्‍थानीय लोगों को फायदा होगा।

पी.डी.ए. सर्वे हेतु लंबित प्रकरण

18. ( *क्र. 3853 ) श्री वीरसिंह पंवार : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या वन अधिकार अधिनियम-26 में पात्र लोगों को वितरित वन अधिकार पत्र, सामुदायिक दावों से संबंधित अभिलेखों के संधारण का दायित्‍व विभागों को सौंपा गया है? (ख) यदि हाँ, तो रायसेन जिले में फरवरी, 16 तक वितरित कितने अधिकार पत्रों, सामुदायिक दावों के अभिलेखों का संधारण विभाग द्वारा किया गया? कितनों का नहीं तथा क्‍यों? (ग) आदिवासी व्‍यक्ति को प्राप्‍त अधिकार पत्र (वन भूमि का पट्टा) भूमि पर कुआं निर्माण, मेढ़ बन्‍धान कार्य क्‍या मशीन या ट्रेक्‍टर से करवा सकता है? यदि हाँ, तो इस हेतु उसको क्‍या विभाग से अनुमति लेना पड़ेगा? यदि हाँ, तो क्‍यों? (घ) फरवरी, 16 की स्थिति में रायसेन जिले में आदिवासी पात्र परिवारों के आवेदन पत्र पी.डी.ए. सर्वे हेतु कब से एवं क्‍यों लंबित हैं? कब तक पी.डी.ए. सर्वे होगा?

वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी हाँ। अनुसूचित जनजाति और अन्य परंपरागत वन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम, 2006 के तहत पात्र दावेदारों को वितरित वन अधिकार पत्र एवं सामुदायिक अधिकार पत्र से संबंधित अभिलेखों के संधारण का दायित्व वन विभाग को सौंपा गया है। (ख) रायसेन जिले में वनमण्डल रायसेन एवं औबेदुल्लागंज के अंतर्गत फरवरी, 2016 तक वनभूमि पर 6296 व्यक्तिगत एवं 106 सामुदायिक अधिकार पत्र वितरित किये गये हैं, जिसमें से 2645 व्यक्तिगत अधिकार पत्र एवं 62 सामुदायिक अधिकार पत्रों के अभिलेखों का संधारण का कार्य पूर्ण कर लिया गया है तथा 3651 व्यक्तिगत एवं 44 सामुदायिक हक प्रमाण पत्रों के अभिलेखों को प्राप्त करने हेतु कलेक्टर (आदिम जाति कल्याण विभाग) से पत्राचार प्रचलित है। (ग) जी हाँ। भारत सरकार, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के पत्र क्रमांक/4-2/2008-एफ.पी. दिनांक 16.07.2008 (संलग्‍न परिशिष्‍ट) में वन अधिकार अधिनियम, 2006 की धारा 3 (1) के अंतर्गत वितरित अधिकार पत्र धारियों की भूमि पर वन (संरक्षण) अधिनियम, 1980 के अंतर्गत नेट प्रेजेन्ट वेल्यू और सभी प्रक्रियाएँ लागू नहीं होने से प्रश्नांकित कार्यों हेतु वन अधिकार पत्रधारक को विभाग से अनुमति लेना आवश्यक नहीं है। (घ) प्रश्नांकित अवधि का कोई भी आवेदन पत्र पी.डी.ए. सर्वे हेतु लंबित नहीं होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। 

परिशिष्ट - ''सात''

औद्योगिक क्षेत्र घोषित करने के मापदण्‍ड

19. ( *क्र. 724 ) श्री जितेन्‍द्र गेहलोत : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) रतलाम शहर के अलावा जिले के किन-किन शहरों में लघु उद्योग स्‍थापना हेतु औद्योगिक क्षेत्र स्‍थापित अथवा घोषित किये हैं? व कब से?            (ख) औद्योगिक क्षेत्र घोषित करने हेतु क्‍या मापदण्‍ड एवं प्रक्रिया शासन द्वारा निर्धारित की गई है? (ग) आलोट बड़ा शहर होने तथा तहसील मुख्‍यालय होने के उपरांत भी औद्योगिक क्षेत्र स्‍थापना से वंचित क्‍यों है? जबकि यह क्षेत्र अनुसूचित बाहुल्‍य क्षेत्र है? (घ) शासन इस क्षेत्र के युवा उद्यमियों के हित में कब तक औद्योगिक क्षेत्र घोषित कर लघु स्‍थापना करने की प्रक्रिया प्रारंभ करेगा? यदि नहीं, तो क्‍यों?

उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) रतलाम शहर के अलावा जिले के शासन द्वारा दिनांक 17.01.2012 को निम्‍नलिखित पूर्व स्‍थापित औद्योगिक क्षेत्रों को अधिसूचित किया गया :- 1. औद्योगिक भूमि, सालाखेड़ी, 2. औद्योगिक क्षेत्र दिलीपनगर, 3. औद्योगिक क्षेत्र, कुम्‍हारी जावरा, 4. आय.टी.सी. औद्योगिक क्षेत्र, जावरा, 5. ग्रामीण कर्मशाला सैलाना (ख) मध्‍यप्रदेश शासन, वाणिज्‍य, उद्योग और रोजगार विभाग के ज्ञाप क्रमांक एफ 20-1/10/बी-ग्‍यारह, दिनांक 04.01.2012 से औद्योगिक क्षेत्रों को अधिसूचित किये जाने हेतु जारी निर्देश संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ग) एवं (घ) आलोट शहर में औद्योगिक क्षेत्र की स्‍थापना हेतु शासकीय भूमि उपलब्‍ध नहीं है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - ''आठ''

रॉयल्‍टी गौण खनिज में हेराफेरी

20. ( *क्र. 5247 ) श्री मधु भगत : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या प्रश्‍न क्र. 1524 दि. 23/07/15 के उत्‍तर में पूछा गया था कि ‘’जिन फर्मों/एजेंसियों ने जितनी भी मात्रा में गौण खनिज का इस्‍तेमाल किया है’’, उसकी निर्धारित मात्रा एवं दर के अनुसार रॉयल्‍टी जमा की गई है? (ख) प्रश्‍न के उत्‍तर में दिये गये, प्रपत्र अ-1 में उल्‍लेखित बालाघाट-बैहर मार्ग का उन्‍नयन कार्य में संलग्‍न मेसर्स दिलीप बिल्‍डकान लिमिटेड भोपाल ने गौण खनिज मिट्टी 656135.158 घनमीटर तथा रेत 13139.219 घन मीटर रेत की कितनी रॉयल्‍टी किसे भुगतान की राशि, तिथि, जिस चालान/चैक से राशि दी गई हो, उसकी जानकारी बतावें? (ग) क्‍या उल्‍लेखित की गई मात्रा सही है? यदि हाँ, तो एम.बी. तथा देयकों की प्रति देखकर बतायें?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) कलेक्टर खनिज शाखा से प्राप्त जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। प्रश्न क्र. 1524 दिनांक 23.07.2015 के उत्तर में दिये गये प्रपत्र-अ में उल्लेखित बालाघाट-बैहर मार्ग के निर्माण कार्य में इस्टीमेट एवं इंजीनियर के अनुपात अनुसार गिट्टी की मात्रा 656135.158 घनमीटर एवं रेत की मात्रा 13139.219 घनमीटर दर्शायी गयी थी। वर्तमान प्रश्न क्र. 5247 में गिट्टी की मात्रा के स्थान पर मिट्टी की मात्रा 656135.158 दर्शायी गयी है। ठेकेदार द्वारा निर्माण कार्य में वास्तविक रूप से प्रयुक्त गिट्टी की मात्रा 306999.39 घनमीटर का भुगतान रू. 1,15,07,973/- कलेक्टर खनिज शाखा से प्राप्त जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार किया गया है। ठेकेदार द्वारा वास्तविक रूप में प्रयुक्त रेत की मात्रा 14482.62 घनमीटर का उपयोग किया गया है, जो कि ठेकेदार द्वारा स्थानीय बाजार से क्रय की गई है, जिसकी रॉयल्टी रू. 641458/- विक्रेता      श्री विनोद शर्मा, मोवाड़ा को भुगतान किया गया है। (ग) जी नहीं। प्रयुक्त की गई गिट्टी की मात्रा 306999.39 घनमीटर एवं रेत की मात्रा 14482.62 घनमीटर है।

रहवासी क्षेत्रों में सड़क मरम्‍मतीकरण

21. ( *क्र. 3229 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नरियावली विधानसभा क्षेत्र के फोरलेन से चितौरा रहवासी क्षेत्र की ओर एन.एच. 86 बंडा रोड कर्रापुर तिगड्डा से कर्रापुर रहवासी क्षेत्र, मेन रोड सानौधा से ग्राम सानौधा में रहवासी क्षेत्र की ओर एवं मेन रोड मकरोनिया से बटालियन होते हुए फोरलेन तक रहवासी क्षेत्र की सड़क मार्गों का निर्माण कार्य विभाग द्वारा कब किया गया था? (ख) निर्माण कार्य उपरांत उपरोक्‍त रहवासी मार्गों में विभाग द्वारा कब-कब मरम्‍मतीकरण कार्य किया गया? (ग) क्‍या उपरोक्‍त रहवासी मार्ग वर्तमान में आवागमन की दृष्टि से सुगम है? यदि नहीं, तो इन सड़क मार्गों का मरम्‍मतीकरण कार्य/नवीनीकरण हेतु विभाग द्वारा प्राक्‍कलन/अन्‍य क्‍या कार्यवाही की गई? (घ) इन सड़क मार्गों का मरम्‍मतीकरण कार्य/नवीनीकरण कार्य विभाग द्वारा आवागमन सुगम हेतु कब तक किया जावेगा?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट अनुसार है। (घ) स्‍वीकृति उपरांत। निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं।

परिशिष्ट - ''नौ''

तीर्थ दर्शन कार्यक्रम में वित्‍तीय अनियमितता

22. ( *क्र. 4100 ) श्री सत्‍यपाल सिंह सिकरवार : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मुरैना जिले की जौरा तहसील से वर्ष 20132014 में मुख्‍यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना के तहत कितने तीर्थ यात्रियों को मुरैना तक पहुंचाया गया था? संख्‍या, वर्ष, माह सहित पूर्ण जानकारी दी जाये? (ख) क्‍या उक्‍त तीर्थ यात्रियों को जौरा से मुरैना जाने हेतु जिन बस वाहनों को दर्शाया गया है, उन वाहनों के नंबर बसों के न होकर, ट्रेक्‍टर, स्‍कूटरों व अन्‍य वाहनों के थे, इस असत्‍य जानकारी के लिये कौन अधिकारी दोषी हैं, वाहन के नंबर, वर्ष, माह सहित पूर्ण जानकारी दी जाये? (ग) क्‍या तीर्थ दर्शन यात्रा के तहत तहसीलदार श्री नीरज शर्मा प्रभारी थे, जबकि वाहनों के किराये के नाम पर शाही तहसीलदार श्रीमती मनीषा कौल द्वारा भुगतान राशि स्‍वयं के खाते में जमा कराई गई थी? कितनी राशि किस-किस वाहन के नाम प्राप्‍त कर, किस दिनांक, किस खाते नंबर में जमा कराई, खाताधारक के नाम सहित जानकारी दी जावे? (घ) क्‍या उक्‍त वित्‍तीय अनियमितता के खिलाफ शिकायत की गई थी? शिकायतकर्ता का नाम, किस-किस अधिकारी को दी गई तथा उस पर क्‍या कार्यवाही की गई?

उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

बांस के परमिट का प्रदाय

23. ( *क्र. 1690 ) श्री सोहनलाल बाल्‍मीक : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परासिया विधानसभा क्षेत्र में वन विभाग द्वारा कितने वंशकार समाज के हितग्राहियों को बांस के परमिट (पावती) जारी किये गये हैं? (ख) क्‍या प्रति सप्‍ताह या प्रतिमाह परमिट के अनुसार वंशकार समाज के हितग्राहियों को उनके व्‍यवसाय चलाने हेतु बांस नियमित रूप से दिए गये हैं? हां या नहीं? यदि नहीं, दिये गये हैं, तो इसके पीछे क्‍या कारण हैं? हितग्राहियों को बांस उपलब्‍ध कराये जाने हेतु विभाग द्वारा क्‍या कार्यवाही की गई है? (ग) हितग्राहियों को जिस सप्‍ताह या जिस माह बांस विभाग द्वारा उपलब्‍ध नहीं कराया जाता है, तो उनको पिछले एवं अगले परमिट के आधार पर बांस प्रदान किया जायेगा?

वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) प्रश्नाधीन क्षेत्र में 341 पंजीकृत हितग्राहियों को बांस के परमिट (पावती) जारी किये गये हैं। (ख) जी नहीं। बांस उपलब्धता के आधार पर प्रदाय किये जाने का प्रावधान है। हितग्राहियों की मांग पूर्ति हेतु अन्य वृत्त से भी बांस प्राप्त कर उनकी पूर्ति की जाती है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।

दो लाख रूपयों से कम राशि के कार्यों का भुगतान

24. ( *क्र. 1178 ) श्री शंकर लाल तिवारी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले में वित्‍तीय वर्ष 01/04/2013 से प्रश्‍नतिथि तक 2 लाख रू. से कम राशि वाले कितने कार्य किये गये? (ख) प्रश्‍नांश (क) में वर्णित जिले में उक्‍त समयानुसार मेन्‍टेनेंस पर कितनी राशि, व्‍यय की गयी? (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) में उल्‍लेखित कार्यों में से कितनी राशि का भुगतान किया गया?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ख) एवं (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' एवं 'अ-1' अनुसार है।

छतरपुर जिले में स्‍थापित उद्योग

25. ( *क्र. 3157 ) श्री पुष्‍पेन्‍द्र नाथ पाठक : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या उद्योग मंत्री गत वर्ष छतरपुर जिले के ग्राम महेबा में दौरे पर आकर किसी इकाई का उद्घाटन कर गईं थीं? (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार उक्‍त इकाई का क्‍या नाम एवं क्‍या काम है? इस इकाई की वर्तमान स्थिति क्‍या है? (ग) उक्‍त इकाई को उद्योग विभाग द्वारा क्‍या-क्‍या सहायता या अन्‍य-अन्‍य प्रकार की आर्थिक सहायता प्रदान की गई है?

उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जी हाँ, एक इकाई के भूमि पूजन कार्यक्रम में सम्मिलित हुईं थीं। (ख) इकाई का नाम मे. रामवती इण्‍डस्ट्रियल इक्विपमेंट प्रा.लि. है। इकाई उक्‍त स्‍थल पर स्‍वयं की भूमि पर ई.ओ.टी. क्रेन पी.ए.बी. निर्माण एवं इण्‍डस्‍ट्रीयल फेब्रीकेशन आदि कार्य करने के लिये उद्योग लगाना चाहती है। इकाई के द्वारा उद्यमी ज्ञापन पार्ट-1 फाईल किया गया है। (ग) इकाई द्वारा विभाग से किसी भी प्रकार की सहायता की मांग नहीं की गई है।

 

 

 


 

 

 

 

 

 

 

 

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भाग-2

नियम 46 (2) के अंतर्गत अतारांकित प्रश्नोत्तर के रुप में                   परिवर्तित तारांकित प्रश्नोत्तर


खेल स्‍टेडियम निर्माण

1. ( क्र. 52 ) श्री राम लल्लू वैश्य : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या जिला सिंगरौली अंतर्गत बैढ़न में इंडोर एवं आउटडोर स्‍टेडियम का निर्माण करने हेतु वर्ष 2015 में प्रश्‍नकर्ता द्वारा माननीय मंत्री जी से निवेदन किया गया है? यदि हाँ, तो स्‍टेडियम का निर्माण करने हेतु शासन की क्‍या योजना है तथा कब तक निर्माण कार्य प्रारंभ कर दिया जायेगा?

उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : जी हाँ। आउटडोर खेल परिसर का निर्माण पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की परफारमेंस ग्रांट से ग्रामीण यांत्रिकी सेवा द्वारा प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में माननीय स्थानीय विधायक की अनुशंसा से 5 से 7 एकड़ भूमि का आवंटन खेल और युवा कल्याण विभाग के नाम किए जाने पर राशि रू. 80.00 लाख की लागत से कराये जाने की योजना है एवं इण्डोर खेल परिसर निर्माण की योजना को भारत सरकार के पत्र क्र. 30-01/एमवाईएएस/आरजीकेए/2015/6419/ 6428, दिनांक 05.11.2015 द्वारा योजना की पुनः समीक्षा के कारण भारत सरकार द्वारा स्थगित रखे जाने की जानकारी दी गई है। समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।

शासकीय महाविद्यालयों में संकाय बढ़ाये जाना

2. ( क्र. 77 ) श्री प्रहलाद भारती : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या पोहरी विकासखण्‍ड में एकमात्र शासकीय महाविद्यालय पोहरी संचालित है जिसमें मात्र कला संकाय की कक्षाएं संचालित है जिससे पोहरी के      छात्र-छात्राओं को स्‍नातक स्‍तर पर विज्ञान एवं वाणिज्‍य संकायों के अध्‍ययन हेतु परेशानी का सामना करना पड़ता है? क्‍या पोहरी महाविद्यालय में संकाय बढ़ाये जाने की मांग प्रश्‍नकर्ता द्वारा विगत 07 वर्षों से लगातार की जा रही है? यदि हाँ, तो उक्‍त महाविद्यालय में अन्‍य महाविद्यालय की भांति विज्ञान एवं वाणिज्‍य संकाय की कक्षाएं मय पद के कब तक प्रारंभ कर दी जावेगी? (ख) क्‍या प्रदेश के शैक्षणिक दृष्टि पिछड़े स्‍थानों पर शासकीय महाविद्यालय खोलने की योजना के अन्‍तर्गत शिवपुरी जिले के बैराढ़ में आगामी सत्र से महाविद्यालय खोले जाने का प्रस्‍ताव है?

तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार महाविद्यालयों में अन्य विषय पढ़ने की सुविधा है। जी हाँ वर्तमान में नवीन संकाय खोलने की योजना नहीं है। (ख) जी नहीं।

परिशिष्ट ''दस''

म.प्र. में रोजड़ो (नीलगाय) से फसलों को क्षति

3. ( क्र. 89 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या प्रदेश में रोजड़ों (नीलगाय) की संख्‍या प्रतिदिन बढ़ती जा रही है व किसानों की फसलों का सर्वाधिक नुकसान हो रहा है? यदि हाँ, तो शासन ने इनके उन्‍मूलन की कोई योजना है? यदि हाँ, तो क्‍या? यदि नहीं, तो क्‍या शासन इनके उन्‍मूलन हेतु कोई योजना बनाएगा व कब तक? (ख) क्‍या मध्‍यप्रदेश शासन वन विभाग की अधिसूचना क्रमांक एफ 22/285/99/10-2 दिनांक 31 मई 2000 द्वारा नील गाय मारने की अनुमति देने के अधिकार अनुविभागीय अधिकारी राजस्‍व को है? यदि हाँ, तो विगत दो वर्षों में रतलाम जिले में प्रश्‍न दिनांक तक नीलगाय को मारने के कितने-कितने आवेदन प्राप्‍त हुए व कितने लोगों को मारने की अनुमति दी गई? यदि नहीं, दी गई, तो क्‍यों? (ग) अनुविभागीय अधिकारी व जिलाधीश को नियमानुसार नील गाय को मारने की अनुमति क्‍यों नहीं दी जा रही है एवं 2 वर्ष से आवेदन क्‍यों लंबित हैं?

वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी नहीं। शासन स्तर पर नीलगायों के उन्मूलन की कोई योजना विचाराधीन नहीं है तथा निकट भविष्य में प्रस्तावित नहीं है। (ख) जी हाँ। राजस्व विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार रतलाम जिले में फसल नुकसानी के संबंध में नीलगाय को मारने की अनुमति हेतु 06 आवेदन प्राप्त हुए परन्तु प्राधिकृत अधिकारी द्वारा सभी आवेदन, नुकसान कर रही विशिष्ट नीलगायों की पहचान न होने के कारण निरस्त किये गये। (ग) अनुविभागीय अधिकारी राजस्व खेतों में फसल नुकसानी करने वाली नीलगायों को मारने हेतु अनुमति जारी करने के लिए स्वयं सक्षम है। अत: उन्हें किसी से अनुमति प्राप्त करने की आवश्यकता नहीं है। विगत 02 वर्षों से नीलगायों को मारने की अनुमति देने हेतु कोई भी आवेदन लंबित नहीं है।

जावरा नयागांव फोरलेन पर तोड़ी गई संरचनाओं का पुनर्निर्माण

4. ( क्र. 90 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्‍नकर्ता के परि. प्रश्‍न संख्‍या-105 (क्रमांक 2521) दिनांक 21.7.11 के संदर्भ में बन्‍नाखेड़ा जावरा चौपाटी चौराहे पर शक्तिस्‍थल, परवलिया, माननखेड़ा में यात्री प्रतीक्षालय जो कि तोड़ दिये थे, का निर्माण एवं शहीद पार्क की बाउण्‍ड्रीवॉल माननखेड़ा का निर्माण अभी तक पूर्ण नहीं हो पाया है, इसका क्‍या कारण है? (ख) उक्‍त संरचनाएं कब तक पूर्ण कर दी जावेगी?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) प्रश्नकर्ता के परि. प्रश्न संख्या-105 (क्रमांक 2521) दिनांक 21.07.2011 के सन्दर्भ में नयागाँव से लेबड़ फोरलेन निर्माण के लिये जावरा से मन्दसौर के बीच हटाई/तोड़ी गई परिसम्पत्तियों की सूची में उल्लेखित बन्नाखेड़ा में शुगरकेन सब-स्टेशन की भूमि पर दीवार एवं मेन गेट हटाये गये थे। कार्यपालन यंत्री, लोक निर्माण विभाग संभाग रतलाम को प्रस्तुत प्राक्कलन अनुसार राशि रू. 31.85 लाख दी गई है, जिसमें दीवार एवं मेन गेट भी सम्मिलित है। शुगरकेन    सब-स्टेशन की बाउण्ड्रीवॉल का निर्माण लोक निर्माण विभाग द्वारा पूर्ण कर दिया गया है। परवलिया एवं माननखेड़ा में यात्री प्रतीक्षालय संरचना 15.86 मीटर की सड़क सीमा के अन्दर होने तथा निर्माण कार्य में बाधित होने से हटाई गई, जिसका मुआवजा निर्धारण मांग पत्र भू-अर्जन अधिकारी, जावरा से अभी तक प्राप्त नहीं हुआ है। मांग पत्र अनुसार उक्त संरचनाओं के निर्माण हेतु राशि उपलब्ध करवाई जावेगी। (ख) हटाये गये ग्राम परवलिया एवं माननखेड़ा के यात्री प्रतीक्षालय का मुआवजा निर्धारण मांग पत्र   भू-अर्जन अधिकारी, जावरा से अभी तक प्राप्त नहीं हुआ है। मांग पत्र अनुसार उक्त संरचनाओं के निर्माण हेतु राशि उपलब्ध करवाई जावेगी। निर्माण की तिथि बताना संभव नहीं है।

खंडवा चिकित्‍सा महाविद्यालय के निर्माण में गुणवत्‍ताहीन सामग्री का उपयोग

5. ( क्र. 184 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खंडवा जिला मुख्‍यालय पर निर्माणाधीन चिकित्‍सा महाविद्यालय एवं संबद्ध निर्माण कार्यों में कौन सी ब्रिक्‍स ईंट के उपयोग का प्रावधान है एवं इसे किस दर पर क्रय किया जा रहा है? (ख) क्‍या इन ब्रिक्‍स की गुणवत्‍ता स्‍थानीय स्‍तर पर उपलब्‍ध फ्लायऐश ब्रिक्‍स से उत्‍तम हैं? यदि नहीं, तो उच्‍च गुणवत्‍ता एवं कम दर पर मिलने वाली स्‍थानीय ब्रिक्‍स का उपयोग क्‍यों नहीं किया जा रहा है? (ग) क्‍या प्रश्‍नाधीन निर्माण कार्य में फ्लायऐश ब्रिक्‍स का उपयोग प्रतिबंधित है? यदि नहीं, तो इनका उपयोग कब तक आरंभ किया जाएगा? (घ) क्‍या शासकीय निर्माण कार्यों में उच्‍च गुणवत्‍ता एवं न्‍यूनतम मूल्‍य की स्‍थानीय निर्माण सामग्री का उपयोग न कर बाहर से निर्माण सामग्री क्रय करने से स्‍थानीय छोटे उद्योग धंधों को हतोत्‍साहित किया जा रहा है? यदि हाँ, तो इसके लिए कौन जिम्‍मेदार है?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) भवनों की ब्रिक मेसोनरी में ए.ए.सी. ब्‍लॉक तथा बाउन्ड्रीवॉल एवं चेम्बर निर्माण कार्य में स्थानीय ब्रिक। अनुबंध में निहित मापदण्डानुसार निर्माण सामाग्री का क्रय ठेकेदार द्वारा किया जाता है, अतः ब्रिक क्रय करने की दर बताना संभव नहीं है। (ख) जी हाँ। शेष प्रश्न उपस्थित ही नहीं होता है। (ग) जी नहीं। बाउन्ड्रीवॉल एवं चेम्बर निर्माण में स्थानीय ब्रिक के रूप में फ्लायऐश ब्रिक्स का उपयोग किया जा रहा है। (घ) जी नहीं। कोई जिम्मेदार नहीं है।

खण्‍डवा चिकित्‍सा महाविद्यालय का निर्माण

6. ( क्र. 195 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खण्‍डवा जिला मुख्‍यालय पर निर्माणाधीन चिकित्‍सा महाविद्यालय एवं सम्‍बद्ध निर्माण कार्यों में कौन सी ब्रिक्स ईंट का प्रयोग किया जा रहा है? निर्माण स्‍थल पहुंच तक प्रोजेक्‍ट दर अनुसार किस दर से क्रय की जा रही है? (ख) क्‍या उपयोग की जा रही इन ब्रि‍क्स की गुणवत्‍ता स्‍थानीय स्‍तर पर मिल रही फ्लायऐश ब्रि‍क्स से भिन्‍न है? यदि नहीं, तो उच्‍च गुणवत्‍ता एवं कम दर पर मिलने वाली स्‍थानीय ब्रिक्स का उपयोग क्‍यों नहीं किया जा रहा है? (ग) क्‍या शासकीय निर्माण कार्यों में उच्‍च गुणवत्‍ता एवं न्‍यूनतम मूल्‍य की स्‍थानीय सामग्री का उपयोग न कर बाहर से निर्माण सामग्री क्रय करने से स्‍थानीय छोटे उद्योग-धंधों को हतोत्‍साहित किया जा रहा है? यदि हाँ, तो इसके लिए कौन जिम्‍मेदार है? (घ) क्‍या प्रश्‍नाधीन निर्माण कार्य में फ्लायऐश ब्रिक्स का उपयोग प्रतिबंधित है? यदि नहीं, तो इनका उपयोग कब तक आरंभ किया जाएगा?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) भवनों में ब्रिक मेसोनरी हेतु ए..सी. ब्‍लॉक तथा बाउण्‍ड्रीवॉल एवं चेम्‍बर निर्माण कार्य में स्‍थानीय ब्रिक्‍स अनुबंध में निहित प्रावधानों के अनुरूप कम्‍पलीट आईटम की निर्धारित दर पर ठेकेदार को भुगतान किया जाता है। ब्रिक का पृथक से क्रय करने का कोई प्रावधान नहीं है, अत: ब्रिक क्रय की दरें बताना संभव नहीं। (ख) जी हाँ। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। कोई जिम्‍मेदार नहीं है। (घ) जी नहीं, बाउण्‍ड्रीवॉल एवं चेम्‍बर निर्माण में फ्लायऐश ब्रिक्‍स को उपयोग किया जा रहा है।

सिहोरा-रैपुरा (पन्‍ना) मार्ग निर्माण में अनियमितताएं

7. ( क्र. 240 ) श्री मोती कश्यप : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या एम.पी.आर.डी.सी. के अधीन वर्ष 2014-15 में जबलपुर के सिहोरा और पन्‍ना जिला के रैपुरा तक के मार्ग का निर्माण ठेकेदार से कराया गया है? (ख) क्‍या सिहोरा के उल्‍दना मोड़ में बहोरीबंद तक 30 कि.मी. के बेस में केवल काली सिलेक्‍ट स्‍वाइल और बहोरीबंद से रैपुरा व्‍हाया बाकल 27 कि.मी. में स्‍थानीय पत्‍थर की रेतीली गिट्टी तुड़ाकर व मिट्टी मुरूम डाली गयी है तथा उस पर ही डामरीकरण किया गया है? (ग) प्रश्‍नांश (क), (ख) मार्ग के प्राक्‍कलन में किन गुणवत्‍ता की मिट्टी, मुरूम, गिट्टी, डामर और पुलियों का प्रावधान किया गया है तथा क्‍या उसका परिपालन निर्धारित स्‍पेसिफिकेशन के अनुसार कराया गया है? (घ) क्‍या प्रश्‍नांश (क), (ख), (ग) का तकनीकी विशेषज्ञ से परीक्षण कराया जाकर कोई कार्यवाही की गई है?  नहीं, तो कब तक करायी जावेगी?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। उल्‍दना मोड़ से बहोरीबंद तक बेस में सुपरविजन क्‍वालिटी कंट्रोल के परीक्षण उपरांत मापदण्‍डानुसार मिट्टी का उपयोग किया गया है। काली सिलेक्‍ट स्‍वॉयल का उपयोग नहीं किया गया है। बहोरीबंद से रैपुरा व्‍हाया बाकल सेक्‍शन में मुरूम का उपयोग न करते हुए स्‍पेसिफिकेशन में निर्धारित क्रस्‍ड जी.एस.बी. मटेरियल का उपयोग किया गया है। डब्‍ल्‍यू.बी.एम., डी.बी.एम. में मापदण्‍डानुसार गिट्टी का उपयोग किया जाकर डामरीकरण का कार्य किया गया है। (ग) सड़क निर्माण में उपयोग में लाई जा रही सामग्री केन्‍द्रीय परिवहन मंत्रालय एवं भारतीय सड़क कांग्रेस एस.पी.-73 द्वारा निर्धारित एवं अनुबंध में उल्‍लेखित स्‍पेसिफिकेशन के अनुसरण में कराया गया है। (घ) सुपरविजन एवं क्‍वालिटी सलाहकार मेसर्स यू.आर.एस. द्वारा ही परीक्षण किया गया है। शेष का प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता।

बैंट संस्‍थान धरमपुरी पर पुल निर्माण

8. ( क्र. 313 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या धार जिला अंतर्गत धरमपुरी नगर के पास नर्मदा नदी के बीच में स्थित अति प्राचीन बैंट संस्‍थान/तपोस्‍थल (टापु) पुरातन काल से आस-पास के क्षेत्र के नागरिकों की धार्मिक आस्‍था का प्रमुख केन्‍द्र है? (ख) क्‍या उक्‍त स्‍थल पर प्रत्‍येक त्‍यौहार पर हजारों श्रद्धालु नाव, बोट आदि संसाधनों से प्राचीन शिव मंदिर में पूजा अर्चना करने हेतु जाते हैं तथा महाशिवरात्री के पर्व पर लगने वाले भव्‍य मेले के समय शासन द्वारा प्रतिवर्ष लाखों रूपये खर्च कर अस्‍थाई पुल का निर्माण किया जाता है? (ग) क्‍या अस्‍थाई पुल, निर्माण अवधि के दौरान ही कई बार तकनीकी त्रुटियों के कारण बह जाता है व मेले के दौरान हमेशा पुल डहने का डर बना रहता है? (घ) क्‍या क्षेत्र के नागरिकों द्वारा वर्षों से धरमपुरी नगर से बैंट संस्‍थान के बीच स्‍थाई पुल बनाने की मांग की जा रही है तथा शासन को प्रेषित प्रस्‍ताव भी विगत काफी वर्षों से स्‍वीकृति के अभाव में लंबित है? क्‍या शासन अब प्रस्‍तावित पुल निर्माण का सर्वे करवाकर, धरमपुरी नगर से बैंट संस्‍थान के मध्‍य पुल निर्माण कार्य की स्‍वीकृति जारी करेगा? यदि हाँ, तो कब तक, समयावधि बतावें?

उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जी हाँ। (ख) उक्‍त स्‍थल पर प्रतिवर्ष महाशिवरात्रि पर श्रद्धालु लगभग 1 से 1.5 लाख तक की संख्‍या में दर्शन हेतु जाते है। उक्‍त दिवस मेला भी आयोजित होता है। श्रद्धालुओं की सुविधा हेतु नर्मदा नदी में धरमपुरी से लगी छोटी धारा में पत्‍थर एवं रेत से अस्‍थाई पुल निर्माण किया जाता है। पुल के बीच में नदी के पानी की निकासी हेतु सीमेंट के बडे आकार के पाईप रखे जाते हैं।    (ग) अस्‍थायी पुल का निर्माण नदी में उपलब्‍ध रेत एवं पत्‍थरों से होता है। नदी के पानी के निकासी हेतु सीमेंट के बडे आकार के पाईप रखे जाते है। मेला एवं दर्शन एक दिवसीय होता है। यह व्‍यवस्‍था की जा रही है कि मेला दिवस पर ओंकारेश्‍वर परियोजना बांध से पानी नहीं छोड़ा जावे। (घ) स्‍थानीय नागरिकों द्वारा स्‍थाई पुल बनाने की मांग की जा रही है। जी नहीं।

धामनोद से सुन्‍द्रेल मार्ग निर्माण

9. ( क्र. 324 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या धरमपुरी तहसील के ग्राम धामनोद-सुन्‍द्रेल पहुंच मार्ग के निर्माण हेतु बजट में प्रावधान किया गया था? यदि हाँ, तो अभी तक इस मार्ग के निर्माण का कार्य क्‍यों प्रारंभ नहीं कराया गया है? कारण सहित जानकारी दी जावे? (ख) प्रश्‍नांश (क) से संबंधित मार्ग के संबंध में क्‍या इस मार्ग से जुड़े लगभग 10-15 ग्रामों के आम नागरिकों का आवागमन प्रभावित रहता है तथा वर्षाकाल में अत्‍यधिक परेशानी होती है, यदि हाँ, तो निकट भविष्‍य में कब तक मार्ग का निर्माण कार्य प्रारंभ कर पूर्ण करा दिया जावेगा? यदि नहीं, तो क्‍यों? कारण सहित स्‍पष्‍ट जानकारी दी जावे?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नहीं। उत्‍तरांश के परिप्रेक्ष्‍य अनुसार शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होते।

विभागीय कार्यों की स्‍वीकृति

10. ( क्र. 325 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धरमपुरी विधानसभा क्षेत्र में लोक निर्माण विभाग द्वारा विगत तीन वर्षों में किन-किन कार्यों के प्रस्‍ताव तैयार कर स्‍वीकृति हेतु प्रस्‍तावित किये गये, उनमें से कितने कार्य स्‍वीकृत हुये, कितने कार्य किस कारण से लंबित हैं? लंबित प्रस्‍तावों की स्‍वीकृत हेतु क्‍या प्रयास किये गये? (ख) उक्‍त अवधि में कौन-कौन से कितनी-कितनी लागत के निर्माण कार्य पूर्ण किये गये? इनमें घटिया निर्माण कार्य संबंधी शिकायतों का क्‍या निराकरण किया गया? (ग) अपूर्ण कार्यों के पूर्ण न होने पाने के क्‍या कारण हैं? इन कार्यों को कब तक पूर्ण किया जाना था? समय-सीमा में कार्य न होने के लिये कौन जिम्‍मेदार है? पूर्ण और निर्माणाधीन कार्यों का कब-कब, किस-किसके द्वारा निरीक्षण किया गया? (घ) धरमपुरी विधानसभा क्षेत्र से संबंधित महत्‍वपूर्ण लंबित प्रस्‍तावों को जनहित में कब तक स्‍वीकृत कर निर्माण कार्य कराया जावेगा?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' एवं 'अ-1' अनुसार है। म.प्र. सड़क विकास निगम अंतर्गत धरमपुरी विधानसभा क्षेत्र की एक मात्र सड़क नागदा-धार-गुजरी मार्ग के कि.मी. 100 से 139.2 का भाग आता है। धार गुजरी मार्ग की स्‍वीकृति म.प्र. शासन लो.नि.वि. भोपाल द्वारा दिनांक 09.06.2015 को रूपये 255.28 करोड़ की जारी की गई है। उक्‍त मार्ग ई.पी.सी. पद्धति के अंतर्गत अनुबंध किया जाकर 24 माह में पूर्ण करने हेतु कार्य मेसर्स प्रकाश एस्‍फाल्टिंग एण्‍ड टोजवेज महू को सौंपा गया है। ठेकेदार द्वारा दिनांक 19.08.2015 से कार्य प्रारंभ कर दिया गया है। इस मार्ग के अतिरिक्‍त धरमपुरी विधानसभा के अंतर्गत निम्‍न दो सडके ए.डी.बी. योजना के अंतर्गत प्रस्‍तावित है, जिनकी डी.पी.आर. तैयार की जा रही है। (1) धरमपुरी-तारा मण्‍डल मुख्‍य जिला मार्ग (2) मनावर-कालिबाडी धामनोद मुख्‍य जिला मार्ग। (ख) विस्‍तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसारपुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' एवं 'अ-1' अनुसार है। म.प्र. सड़क विकास निगम अंतर्गत कार्य अनुबंधित अवधि में प्रगतिरत् है। (घ) प्रस्‍ताव परीक्षणाधीन होने से समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

इनडोर स्‍टेडियम का निर्माण

11. ( क्र. 352 ) श्री कैलाश चावला : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या मध्‍यप्रदेश शासन के खेल विभाग द्वारा प्रत्‍येक विकासखण्‍ड में एक इनडोर स्‍टेडियम निर्माण करने हेतु निर्णय लिया गया है? (ख) क्‍या उक्‍त निर्णय के प्रकाश में मनासा विधानसभा क्षेत्र में जिलाधीश द्वारा आवश्‍यक भूमि का आवंटन भी किया जा चुका है? (ग) स्‍टेडियम निर्माण हेतु बजट का आवंटन न होने से निविदा आमंत्रित करने का कार्य भी विभाग द्वारा नहीं किया जा रहा है, इस हेतु विभाग द्वारा बजट का आवंटन कब तक कर दिया जावेगा?

उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जी नहीं, अपितु भारत सरकार द्वारा राजीव गांधी खेल अभियान योजनान्तर्गत प्रत्येक विकासखण्ड में इण्डोर स्टेडियम बनाये जाने की योजना है, परंतु इण्डोर खेल परिसर के निर्माण की योजना को भारत सरकार के पत्र क्र. 30 - 01/एमवाईएएस/आरजीकेए/2015/6419/6428, दिनांक 05.11.2015 द्वारा योजना की पुनः समीक्षा के कारण स्थगित रखा गया है। (ख) जी हाँ।         (ग) प्रश्नोत्तर ‘‘’’ के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।

औद्योगिक क्षेत्र रिछाई में जलभराव

12. ( क्र. 392 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या औद्योगिक क्षेत्र रिछाई, जिला जबलपुर में उद्योगों के लिए आवंटित की गई भूमि के चारों तरफ बाउण्‍ड्रीवॉल बनाई गई है? (ख) यदि हाँ, तो क्‍या इस क्षेत्र के रहवासी क्षेत्र में बारिश के समय जलभराव होता है? क्‍या जल प्‍लावन से क्षेत्र में निवासरत परिवारों को भारी समस्‍या का सामना करना पड़ता है? (ग) यदि हाँ, तो क्षेत्र के पानी निकासी हेतु क्‍या व्‍यवस्‍था कब तक बनाई जायेंगी?

उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जी नहीं। (ख) जबलपुर जिले में स्थित औद्योगिक क्षेत्र रिछाई के अंतर्गत रहवासी क्षेत्र नहीं है। (ग) औद्योगिक क्षेत्र रिछाई में जल निकासी हेतु नाले/नालियों का निर्माण कार्य अपग्रेडेशन परियोजना के अंतर्गत औद्योगिक केन्‍द्र विकास निगम जबलपुर द्वारा किया जा रहा है। उक्‍त कार्य मार्च 2016 तक पूर्ण होने की संभावना है।

शासकीय मंदिरों का जीर्णोद्धार

13. ( क्र. 410 ) श्री दिलीप सिंह शेखावत : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नागदा खाचरौद विधानसभा क्षेत्र में कितने शासकीय एवं कितने अशासकीय मंदिर निर्मित हैं? (ख) शासकीय मंदिरों के जीर्णोद्धार को शासन द्वारा क्‍या योजना बनाई गई है? (ग) इन मंदिरों का कब तक जीर्णोद्धार कर लिया जावेगा? कितने शासकीय मंदिरों के जीर्णोद्धार के प्रस्‍ताव विचाराधीन है? (घ) नागदा शहर के जूना नागदा स्थित महाभारत कालिन टेकरी को संरक्षित धरोहर घोषित करने की क्‍या कार्यवाही प्रचलित है? इसे कब तक संरक्षित धरोहर घोषित किया जावेगा?

उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) नागदा खाचरौद विधानसभा क्षेत्र में कुल 48 शासकीय मंदिर है तथा अशासकीय मंदिरों का सर्वे किया जा रहा है।       (ख) नागदा के 02 शासकीय मंदिर एवं खाचरौद के 04 शासकीय मंदिरों               1. श्री चारभुजानाथ मंदिर ग्राम मडावदा 2. श्री रामजानकी मंदिर ग्राम घिनोदा         3. श्री भगवान राधाकृष्‍ण मंदिर ग्राम उमरना एवं 4. श्री राम मंदिर खाचरौद के जीर्णोद्धार हेतु राशि स्‍वीकृत की गई है निर्माण कार्य प्रगति पर है। (ग) शासन द्वारा स्‍वीकृत 4 मंदिरों का जीर्णोद्धार कार्य का प्रचलित है निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं हैा शेष प्रस्‍ताव विचाराधीन है। (घ) जी नहीं। 

शासकीय कन्‍या महाविद्यालय की स्‍वीकृति

14. ( क्र. 430 ) श्री दिलीप सिंह शेखावत : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या नागदा शहर में पूर्व में मा.मुख्‍यमंत्री जी की घोषणा उपरांत कन्‍या महाविद्यालय स्‍वीकृत किया गया था? (ख) क्‍या कन्‍या महाविद्यालय को भूमि आवंटन कर दी गई है? अगर भूमि आ‍वंटित हो गई है तो भवन निर्माण की स्‍वीकृति कब तक हो जावेगी?

तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। कार्यालयीन पत्र क्रमांक 2028/49/आउशि/निर्माण/14 दिनांक 28.12.2015 द्वारा प्राचार्य से भवन निर्माण हेतु प्रस्ताव मंगाया गया है।

स्‍टेट हाईवे-45, चौराई एवं नदीगांव मार्ग का निर्माण

15. ( क्र. 449 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्‍ड जिले में सेवढ़ा-चौराई नदीगांव मार्ग के निर्माण का कार्य किस एजेन्‍सी को दिया गया है एवं कितनी राशि स्‍वीकृत की गई एवं निर्माण एजेन्‍सी द्वारा अभी तक कार्य प्रारंभ नहीं कराए जाने पर, संबंधित एजेन्‍सी के विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की जाएगी? क्‍या 31 मार्च 2016 तक कार्य पूर्ण करा लिया जाएगा? (ख) सेवढ़ा-चौरई नदीगांव मार्ग पर बड़े-बड़े गड्ढे होने से आवागमन उपलब्‍ध कराने हेतु मरम्‍मत कार्य कब तक पूर्ण कराया जाएगा? समयावधि बताएं?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) निर्माण एजेन्‍सी मेसर्स सी.एम.एम. इन्‍फ्रा प्रोजेक्‍ट लि. एवं मे. के.ती. कंस्‍ट्रक्‍शन लि. (जे.वी.) इन्‍दौर। यह कार्य नरवर-सतनवाड़ा मार्ग के साथ संयुक्‍त रूप से स्‍वीकृत हुआ है जिसकी लागत रू. 72.11 करोड़ है। अनुबंधित अवधि में कार्य प्रगति पर है अत: शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। जी नहीं, अनुबंधानुसार कार्य पूर्णता की तिथि 03.11.2017 है। यह कार्य 03.11.2017 तक पूर्ण होना है। अत: संबंधित एजेन्‍सी के विरूद्ध अभी कार्यवाही नहीं की जा सकती। यह कार्य 31.03.2016 तक पूर्ण नहीं हो सकता। (ख) सेवढ़ा-चौरई-नदीगांव मार्ग के समस्‍त गड्ढे निर्माण एजेन्‍सी द्वारा अनुबंधानुसार भरा दिये गये है एवं मार्ग पर आवागमन निर्वाध गति से चल रहा है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

डिण्‍डौरी जिले के मार्गों का बजट प्रस्‍ताव

16. ( क्र. 561 ) श्री ओम प्रकाश धुर्वे : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) डिण्‍डौरी जिले के शहपुरा विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत वर्ष         2013-14, 2014-15, 15-16 में बजट में शामिल करने हेतु, लोक निर्माण विभाग भोपाल में किन-किन मार्गों के प्रस्‍ताव प्राक्‍कलन सहित, डामरीकरण हेतु भेजे गये हैं? (ख) विधायक शहपुरा द्वारा, कलेक्‍टर डिण्‍डौरी, कार्यपालन यंत्री लो.नि. विभाग डिण्‍डौरी को विधान सभा क्षेत्र शहपुरा के अंतर्गत डामरीकरण मार्ग निर्माण हेतु दिए गए आवेदन पत्र पर क्‍या कार्यवाही हुई? (ग) ग्राम बड़झर ददरा से कुटर्रइ मार्ग वि.ख. शहपुरा का डामरीकरण किस मद से किस ठेकेदार द्वारा कराया गया, गारंटी पीरियड तक मार्ग की क्‍या स्थिति है? (घ) क्‍या मार्ग पर 7-8 वर्ष पूर्व कराये गये WBM मार्ग पर डामरीकरण किया गया है, क्‍या यह नियमानुसार है?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) माननीय विधायक श्री ओमप्रकाश धुर्वे विधायक शाहपुरा जिला डिण्‍डौरी का आवेदन पत्र कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण विभाग संभाग डिण्‍डौरी को प्राप्‍त नहीं हुआ। अत: कार्यवाही का प्रश्‍न ही नहीं उठता। (ग) ग्राम बडझर ददरा से कुटरई मार्ग विकासखण्‍ड शाहपुरा का डामरीकरण कार्य वार्षिक संधारण मद से श्री सुरेश राय ठेकेदार बिछिया (शाहपुरा) द्वारा कराया गया है। जिसकी गारंटी पीरियड दिनांक 30.06.2017 तक है। मार्ग की स्थिति संतोषप्रद है। (घ) जी हाँ। जी हाँ।

परिशिष्ट ''ग्यारह''

सांवेर-क्षिप्रा मार्ग निर्माण में अनियमितता

17. ( क्र. 621 ) श्री राजेश सोनकर : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सांवेर-क्षिप्रा सड़क का कार्य किस कम्‍पनी को दिया गया है? क्‍या कम्‍पनी द्वारा खराब कार्यों की शिकायत प्राप्‍त हुई? (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में क्‍या निर्माणाधीन कम्‍पनी द्वारा घटिया कार्य किये जाने पर सम्‍बंधित विभागीय अधिकारियों द्वारा कोई कार्यवाही की जा रही है? (ग) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में क्‍या सम्‍बंधित ठेकेदार द्वारा घटिया कार्य करने पर विभागीय अधिकारियों की संलिप्‍तता पाई गई है? क्‍या अधिकारियों द्वारा रोड निर्माण का समय-समय पर मौका निरीक्षण किया जा रहा है? यदि हाँ, तो कम्‍पनी द्वारा घटिया निर्माण की जाँच अधिकारियों द्वारा क्‍यों नहीं की गई?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) सांवेर-क्षिप्रा सड़क का निर्माण कार्य एडीबी-IV योजना के अंतर्गत अनुबंध क्रं. 148/2015, दिनांक 07.08.2015 द्वारा मेसर्स रंजित बिल्‍डकॉन लि अहमदाबाद को 21 माह में पूर्ण करने हेतु सौंपा गया है। इस मार्ग के कार्य के संबंध में नई-दुनिया समाचार पत्र के माध्‍यम से शिकायत प्रकाशित हुई थी। उक्‍त बिन्‍दुओं की जाँच सुपरविजन कन्‍सलटेंट द्वारा की गई व उक्‍त कार्य गुणवत्‍तापूर्ण पाया गया। (ख) कंपनी द्वारा कार्य निर्धारित मापदण्‍ड अनुसार किया जा रहा है, अत: कार्यवाही का प्रश्‍न ही नहीं उठता। (ग) जी नहीं। कार्य अंर्तराष्‍ट्रीय कन्‍सलटेन्‍सी के इंजीनियरों की देख-रेख एवं निर्देशन में गुणवत्‍तापूर्ण किया जा रहा है। विभाग के वरिष्‍ठ अधिकारी एवं संभाग स्‍तर के इंजीनियरों द्वारा भी समय-समय पर कार्य की गुणवत्‍ता हेतु सतत् निरीक्षण एवं परीक्षण किया जाता है। ऐसी स्थिति में घटिया कार्य करने एवं जाँच का प्रश्‍न ही नहीं उठता।

पांढुर्णा नगर में इंजीनियरिंग कॉलेज की स्‍वीकृत

18. ( क्र. 872 ) श्री जतन उईके : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या छिन्‍दवाड़ा जिले के विधानसभा क्षेत्र पांढुर्णा के आसपास आने वाले तीन सौ चार गांव सहित मोहखेड, सौंसर सहित किसी भी स्‍थान पर इंजीनियरिंग कॉलेज नहीं है? (ख) क्‍या पिछले कई वर्षों से क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों, जनता,        छात्र-छात्राओं द्वारा पांढुर्णा नगर में इंजीनियरिंग कॉलेज की मांग लगातार की जा रही है? (ग) क्‍या वंचित क्षेत्र एवं आस-पास के क्षेत्र के हजारों छात्र-छात्राओं की उच्‍च शिक्षा हेतु इंजीनियरिंग कॉलेज पांढुर्णा नगर में प्रारंभ किये जाने की कोई कार्ययोजना पर शासन द्वारा स्‍वीकृति की कार्यवाही की गई/की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?

तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) पांढुर्णा में कोई इंजीनियरिंग कॉलेज नहीं हैं। (ख) जी नहीं। (ग) इस प्रकार का कोई प्रस्‍ताव नहीं हैं।

खेल मैदान का निर्माण

19. ( क्र. 876 ) श्री जतन उईके : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या आगामी दो वर्षों में शासन की प्रदेश के तहसील मुख्‍यालयों पर खेल मैदान स्‍टेडियमों का निर्माण की कोई योजना प्रस्‍तावित है? (ख) यदि हाँ, तो छिंदवाड़ा जिले के पांढुर्णा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत किस स्‍थान पर इसका निर्माण एवं स्‍थापना के लिए स्‍वीकृति प्रदान की गई है? कार्य कब तक प्रारंभ कर दिया जायेगा?

उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जी नहीं। (ख) प्रश्नांश ’’’’ के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।

बायपास रोड निर्माण

20. ( क्र. 1039 ) श्री रामपाल सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या शहडोल जिले के ब्‍यौहारी शहर से होकर रीवा-शहडोल मुख्‍य मार्ग है जहां अत्‍यन्‍त संकीर्णता होने के कारण आवागमन एवं परिवहन व्‍यवस्‍था बाधित होती है? (ख) क्‍या यह मार्ग राष्‍ट्रीय मार्ग घोषित हो चुका है जिसमें निकट भविष्‍य में यातायात बढ़ने की संभावना है और फोरलेन सड़क बनना प्रस्‍तावित है? (ग) यदि उक्‍त कार्य प्रस्‍तावित है तो उक्‍त सड़क के दोनों तरफ आवासीय एवं व्‍यवसायी प्रतिष्‍ठान होने के कारण सड़क में अत्‍यंत संकीर्णता होने के कारण ब्‍यौहारी शहर के बाहर जन सामान्‍य की सुविधा की दृष्टि से बायपास सड़क का निर्माण कराया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जी हाँ। यहाँ अतिक्रमण होने के कारण आवागमन एवं परिवहन व्‍यवस्‍था बाधित होती है। (ख) जी नहीं। जी नहीं। (ग) उत्‍तरांश '' एवं '' के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

अवन्तिपुर बड़ोदिया गरीबनाथ धाम पर विकास कार्य

21. ( क्र. 1132 ) श्री इन्‍दर सिंह परमार : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या शाजापुर जिले के अवंतीपुर बड़ोदिया में बाबा गरीबनाथ समाधि स्‍थल पर प्रतिवर्ष मेला लगता है, जिसमें लगभग 1 लाख श्रद्धालु समाधि स्‍थल पर एकत्रित होते है, क्‍या इस ऐतिहासिक समाधि स्‍थल पर श्रद्धालुओं के ठहरने, प्रसाधन व पीने के पानी की पर्याप्‍त व्‍यवस्‍था है? क्‍या इसके विकास एवं सुविधाओं के लिए पूर्व में कभी राशि आवंटित की गई? यदि हाँ, तो किस-किस कार्य के लिए कितनी-कितनी राशि कब-कब दी गई? (ख) क्‍या प्रश्‍नांश (क) में उल्‍लेखित स्‍थल पर श्रद्धालुओं के लिए मूलभू‍त सुविधाएं जैसे ठहरने के लिये आवास, पेयजल, प्रसाधन, सत्‍संग हॉल, पार्क, रोड एवं नाली इत्‍यादि के निर्माण हेतु प्रस्‍ताव तैयार किए गए है? यदि हाँ, तो उपरोक्‍त में से किस-किस कार्य के कितनी-कितनी राशि के प्राक्‍कलन तैयार किये गये है? (ग) क्‍या प्रश्‍नांश (ख) में उल्‍लेखित विकास कार्यों को प्राक्‍कलन के अनुसार स्‍वीकृत किया जावेगा यदि हाँ, तो कब तक?

उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जी हाँ। मेला अवधि में प्रतिदिन 10 से 15 हजार व्‍यक्ति मेले मे आते-जाते है तथा ग्राम पंचायत द्वारा ठहरने प्रसाधन एवं पेयजल की व्‍यवस्‍था की जाती है। (ख) प्रस्‍ताव तैयार किये जा रहे है। (ग) प्रश्‍नांश (ख) के उत्‍तर के प्रकाश में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

कालिदास कन्‍या महाविद्यालय का निर्माण

22. ( क्र. 1268 ) डॉ. मोहन यादव : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्‍जैन नगर में कालिदास कन्‍या महाविद्यालय के भवन निर्माण का भूमि पूजन कब एवं किसके द्वारा किया गया था? (ख) उक्‍त भवन निर्माण के संबंध में जारी निविदा विज्ञप्ति डी.पी.आर. अनुबंध की प्रति उपलब्‍ध करावें? अनुबंध उक्‍त कार्य कब तक पूर्ण हो जाना था? (ग) प्रश्‍नांश (ख) की जानकारी अनुसार क्‍या संबंधित ठेकेदार द्वारा निर्धारित समयावधि में कार्य पूर्ण नहीं करते हुए अनुबंध की शर्तों का उल्‍लंघन किया गया है? यदि हाँ, तो ठेकेदार के विरूद्ध विभाग द्वारा क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई है? यदि कोई कार्यवाही नहीं की गई है तो इसके लिये कौन-कौन अधिकारी दोषी हैं? दोषियों के विरूद्ध क्‍या-क्‍या कार्यवाही की जावेगी?

तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) शासकीय कालीदास कन्या महाविद्यालय, उज्जैन के भवन निर्माण का भूमि पूजन दिनांक 29.06.2010 को माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा किया गया। (ख) निविदा विज्ञप्ति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर, डी.पी.आर. पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर एवं अनुबंध पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स पर है। कार्य 18 माह दिनांक 23.04.2015 तक पूर्ण होना था। (ग) जी नहीं। भवन निर्माण हेतु आवंटित राशि निर्माण एजेंसी, लोक निर्माण विभाग के अन्य मांग संख्या में हस्तांतरित हो जाने के कारण ठेकेदार को समय पर राशि उपलब्ध न होने से कार्य बाधित हुआ। शेष प्रश्नांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।

फ्रीगंज ओव्‍हर ब्रिज निर्माण

23. ( क्र. 1269 ) डॉ. मोहन यादव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिंहस्‍थ 2016 के मद्देनजर फ्रीगंज ओव्‍हर ब्रिज निर्माण के संबंध      किन-किन की शिकायतें प्राप्‍त हुई उक्‍त ब्रिज का निर्माण कार्य किस कारण से रोक दिया गया? (ख) प्रश्‍नांश (क) की जानकारी अनुसार क्‍या उक्‍त ब्रिज का निर्माण निर्धारित समयावधि में सिंहस्‍थ के पूर्व पूर्ण कर दिया जावेगा? यदि नहीं, तो क्‍यों? कारण बतावें? यदि प्रक्रिया दूषित होने के कारण निर्माण पर रोक लगाई गई है, तो ठेकेदार को किये गये एवं किये जाने वाले भुगतान एवं कार्य पूर्ण नहीं होने के लिये कौन जिम्‍मेदार है? (ग) प्रश्‍नांश (ख) की जानकारी अनुसार यदि उक्‍त ब्रिज का निर्माण कार्य सिंहस्‍थ तक पूर्ण नहीं होता है तो नियमानुसार वैधानिक कार्यवाही पूर्ण नहीं करते हुए निर्माण विज्ञप्ति प्रकाशित किये जाने के लिये कौन अधिकारी दोषी है, दोषियों के विरूद्ध कब तक कार्यवाही की जावेगी?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) सिंहस्थ-2016 के मद्देनजर फ्रीगंज ओव्हर ब्रिज निर्माण के संबंध में कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई। माननीय हाई कोर्ट खण्डपीठ इन्दौर के द्वारा डब्ल्यू.पी. (पी.आई.एल.) 11019/2013 में पारित स्थगन आदेश दिनांक 05.12.2014 के कारण रोक दिया गया, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं! माननीय उच्च न्यायालय द्वारा म.प्र. सड़क विकास निगम की कार्यवाही को दिनांक 05.12.2014 द्वारा जारी आदेश द्वारा स्थगित किया गया। माननीय उच्च न्यायालय द्वारा पारित स्थगनादेश के विरूद्ध माननीय सर्वोच्च न्यायालय दिल्ली में अपील क्र. एस.एल.पी. नं. 16455/2015 प्रस्तुत की गई। माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिनांक 06.07.2015 में पारित आदेश द्वारा माननीय उच्च न्यायालय के स्थगनादेश को स्थगित कर दिया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। चूंकि माननीय उच्च न्यायालय द्वारा जारी स्थगनादेश दिनांक 05.12.2014 से 06.07.2015 तक प्रभावशील रहा, अतः निविदाकार द्वारा निविदा की शर्तों के अनुरूप अपनी बिड सीक्यूरिटी वापिस ले ली एवं कार्यादेश जारी नहीं हो सका। जुलाई-2015 से सिंहस्थ प्रारम्भ अप्रैल-2016 तक मात्र 9 माह का समय शेष रहने के कारण पुनः निविदा आमंत्रित की जाकर सिंहस्थ पूर्व ब्रिज निर्माण संभव न होने के कारण आगामी कोई कार्यवाही नहीं की गई। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।     (ग) वैधानिक कार्यवाही पूर्ण की गई। माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा           दिनांक. 06.07.2015 को पारित आदेश द्वारा उच्च न्यायालय खण्डपीठ इन्दौर के स्थगन आदेश को स्थगित कर दिया जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।

नवीन पुल निर्माण की स्‍वीकृति

24. ( क्र. 1499 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्‍योपुर विधानसभा क्षेत्रांतर्गत तलावदा-आवनी मार्ग पर बागर नदी के रपटे पर नवीन पुल निर्माण हेतु विस्‍तृत सर्वे कराने के उपरांत डी.पी.आर. तैयार करने की कार्यवाही की जानकारी मुख्‍य अभियंता सेतु भोपाल द्वारा पत्र क्रमांक-5552, दिनांक 06.12.2015 द्वारा प्रश्‍नकर्ता को दी गई है? यदि हाँ, तो क्‍या डी.पी.आर. तैयार कर ली गई है? (ख) क्‍या उक्‍त रपटे पर वर्षाकाल में चम्‍बल नदी में बाढ़ आ जाने पर प्रतिवर्ष कई-कई फिट पानी कई-कई दिनों तक बहने, रपटे के दोनों ओर विद्यमान ग्रामों का संपर्क टूट जाने एवं यातायात अवरूद्ध हो जाने के तथ्‍य को प्रश्‍नकर्ता के अतारांकित प्रश्‍न संख्‍या-36 (क्रमांक-1210) दिनांक 03.3.2015 के प्रश्‍नांश (ग) के उत्‍तर में स्‍वीकारा भी है? तो क्‍या शासन उक्‍त समस्‍या के समाधान हेतु बागर नदी के रपटे पर नवीन पुल के निर्माण कार्य को वर्ष 2016-17 के वार्षिक बजट में शामिल करके इस कार्य की डी.पी.आर. तैयार कराकर, इसकी शीघ्र प्रशासकीय स्‍वीकृति जारी करेगा? यदि नहीं, तो क्‍यों?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जी हाँ। जी नहीं, कार्यवाही प्रगति पर है। (ख) जी हाँ। डी.पी.आर. तैयार की जा रही है। वर्तमान में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

नवीन औद्योगिक क्षेत्र को विकसित करना

25. ( क्र. 1500 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) श्‍योपुर जिला मुख्‍यालय पर बायपास रोड के समीप नवीन औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने हेतु कितनी भूमि आरक्षित की? इसकी अनुमति हेतु उद्योग विभाग द्वारा पर्यावरण विभाग को प्रस्‍ताव कब भेजा? (ख) उक्‍त प्रस्‍ताव भेजने के उपरांत आरक्षित भूमि की अनुमति प्राप्ति हेतु उद्योग विभाग द्वारा वर्तमान तक क्‍या कार्यवाही की गई इस हेतु पर्यावरण विभाग को कब कब पत्र लिखे? (ग) क्‍या पर्यावरण विभाग की अनुमति अप्राप्‍त होने के कारण वर्तमान तक जिले में आरक्षित भू‍मि के आवंटन की तथा औद्योगिक क्षेत्र को विकसित करने सहित उद्योग विभाग में वर्तमान तक लंबित पड़े दर्जनों उद्यमियों के आवेदनों पर भी कोई कार्यवाही संभव नहीं हो पा रही है नतीजन जिले का औद्योगिक विकास पूरी तरह से ठप्‍प पड़ा है? (घ) यदि हाँ, तो इस हेतु कौन उत्‍तरदायी है, के विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की जावेगी? अब कब तक उद्योग विभाग द्वारा पर्यावरण विभाग से अनुमति प्राप्‍त करके जिले में आरक्षित भूमि के आवंटन व औद्योगिक क्षेत्र के विकास की कार्यवाही को कब तक पूर्ण करके इसे विकसित कर दिया जावेगा?

उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) श्‍योपुर जिले में नवीन औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने हेतु श्‍योपुर मुख्‍यालय पर बायपास रोड के समीप श्‍योपुर कस्‍बे की 48.964 हेक्‍टेयर भूमि आरक्षित की गयी है। उक्‍त भूमि को औद्योगिक प्रयोजन में परिवर्तित किये जाने की अनुमति हेतु प्रमुख सचिव, वाणिज्‍य, उद्योग और रोजगार विभाग, मंत्रालय भोपाल द्वारा प्रमुख सचिव, आवास एवं पर्यावरण विभाग को दिनांक 09.10.2013 को प्रस्‍ताव प्रेषित किया गया। (ख) उक्‍त प्रस्‍ताव भेजने के उपरांत कलेक्‍टर श्‍योपुर के माध्‍यम से पृष्‍ठाकंन पत्र दिनांक 28.12.2013 पत्र दिनांक 17.11.2015 अर्द्धशासकीय पत्र क्रमांक 1124, दिनांक 18.02.2016 तथा उद्योग आयुक्‍त द्वारा दिनांक 19.02.2016 से प्रमुख सचिव, मध्‍यप्रदेश शासन, आवास एवं पर्यावरण विभाग, मंत्रालय, भोपाल को पत्र लिखे गये। (ग) एवं (घ) जिला व्‍यापार एवं उद्योग केन्‍द्र, श्‍योपुर कार्यालय में प्रश्‍नगत भूमि में भूमि आवंटन हेतु उद्यमियों के निर्धारित प्रारूप पर कोई आवेदन लंबित नहीं है। आवास एवं पर्यावरण विभाग से औद्योगिक प्रयोजन की अनुमति प्राप्‍त होने के पश्‍चात भूमि को औद्योगिक क्षेत्र के रूप में विकसित करने की कार्यवाही आवश्‍यकता/मांग अनुसार की जावेगी।

मंदिरों का जीर्णोद्धार

26. ( क्र. 1851 ) श्री मुकेश नायक : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) पन्‍ना जिले में कुल कितने ऐसे मंदिर हैं, जिनका प्रबंध धार्मिक न्‍यास एवं धर्मस्‍व विभाग के द्वारा किया जाता है? (ख) इन मंदिरों से वर्ष 2014-2015 और 2015 में दिसम्‍बर माह तक कुल कितनी आय हुई और इनके रख-रखाव तथा जीर्णोद्धार कार्यों पर कितना धन खर्च हुआ है? (ग) धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिये पन्‍ना जिले में शासन के प्रयासों की जानकारी भी दीजिए?

उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है। 

राखी बुजुर्ग में सुसरी नदी पर पुल निर्माण

27. ( क्र. 1895 ) श्री दीवानसिंह विट्ठल पटेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राखी बुजुर्ग में सुसरी नदी पर पुल कब स्‍वीकृत हुआ है? इसके निर्माण हेतु कितनी राशि की स्‍वीकृति हुई थी तथा इसकी निर्माण एजेंसी क्‍या थी?   (ख) क्‍या यह पुल रू. 150 करोड़ का स्‍वीकृत होकर ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग के द्वारा कार्य किया था? यदि हाँ, तो क्‍या कार्य अपूर्ण है? कब तक पूर्ण हो जावेगा?      (ग) क्‍या इस पुल के नहीं होने के कारण ग्रामीणों को आवागमन में परेशानियां हो रही है? यदि हाँ, तो क्‍या वर्षाकाल हेतु कोई वैकल्पिक व्‍यवस्‍था है? यदि हाँ, तो क्‍या?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) प्रश्‍नाधीन पुल ग्रामीण यांत्रिकी सेवा द्वारा निर्मित किया जा रहा है। उनसे प्राप्‍त जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) एवं (ग) उत्‍तरांश '' अनुसार।

परिशिष्ट ''बारह''

मेन्‍टेनेन्‍स नहीं कराये जाने पर देय पेनाल्‍टी की जानकारी

28. ( क्र. 1946 ) चौधरी मुकेश सिंह चतुर्वेदी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इंदौर संभाग में म.प्र. रोड डेवलपमेंट कार्पोरेशन के साथ हुये अनुबंधों के आधार पर किस-किस स्‍थान पर कितने मिलोमीटर लंबे बी.ओ.टी. के प्रोजेक्‍ट प्रश्‍नतिथि तक चल रहे हैं? सड़कवार/किलोमीटरवार/बी.ओ.टी. की कंपनीवार दें? (ख) प्रश्‍नांश (क) में उल्‍लेखित स्‍थानों पर एम.पी.आर.डी.सी. के साथ किन-किन निजी कंपनियों के द्वारा सड़कों के मेन्‍टेनेंस हेतु क्‍या-क्‍या अनुबंध किये हैं? सड़कों का मेन्‍टेनेंस कब-कब तयशुदा समय-सीमा में कराया जाना अत्‍यावश्‍यक है? कब-कब किस रोड का मेन्‍टेनेंस कराया गया? (ग) क्‍या बी.ओ.टी. के मार्गों का मेन्‍टेनेंस उक्‍त कंपनियों के द्वारा अनुबंधों के आधार पर समय-समय पर न करने पर सभी मार्गों में सड़कों के खराब हो जाने पर आमजन को परेशानी होती है? (घ) क्‍या अनुबंध के आधार पर बी.ओ.टी. कंपनियों को मेन्‍टेनेंस का कार्य समय-समय पर नहीं करने पर पेनाल्‍टी निर्धारित की जाती है? 01.04.2013 से प्रश्‍नतिथि तक किस-किस कंपनी पर कितनी पेनाल्‍टी रख-रखाव नहीं करने पर ली गई?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) म.प्र. सड़क विकास निगम अंतर्गत किये गये अनुबंध, स्‍थान कि.मी.वार कम्‍पनीवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार अनुबंध के शेड्यूल 'के' एवं 'एम' अनुसार, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के   प्रपत्र-1 अनुसार। मार्ग के मेन्‍टेनेन्‍स एक सतत् एवं नियमित प्रक्रिया है जो वर्षभर निरन्‍तर चलती रहती है। (ग) जी नहीं। बी.ओ.टी. मार्गों पर संधारण नियमिति हो रहा है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी हाँ। मेन्‍टेनेंस नहीं करने पर पेनाल्‍टी का अनुबंध में प्रावधान है, परन्‍तु प्रश्‍नांकित मार्गों पर मेन्‍टेनेंस का कार्य करवाया गया है अत: पेनाल्‍टी का प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता।

मेन्‍टेनेंस न कराने पर लगी पेनाल्‍टी की जानकारी

29. ( क्र. 1948 ) चौधरी मुकेश सिंह चतुर्वेदी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्‍जैन संभाग में म.प्र. रोड डेवलपमेंट कार्पोरेशन के साथ हुये अनुबंधों के आधार पर किस-किस स्‍थान पर कितने मिलोमीटर लंबे बी.ओ.टी. के प्रोजेक्‍ट प्रश्‍नतिथि तक चल रहे हैं? (ख) प्रश्‍नांश (क) में उल्‍लेखित स्‍थानों पर एम.पी.आर.डी.सी. के साथ किन-किन निजी कंपनियों के द्वारा सड़कों के मेन्‍टेनेंस हेतु क्‍या-क्‍या अनुबंध किये हैं? सड़कों का मेन्‍टेनेंस कब-कब तयशुदा समय-सीमा में कराया जाना आवश्‍यक है? कब-कब किस रोड का मेन्‍टेनेंस कराया गया? (ग) क्‍या बी.ओ.टी. के मार्गों का मेन्‍टेनेंस उक्‍त कंपनियों के द्वारा अनुबंधों के आधार पर समय-समय पर न करने पर सभी मार्गों में सड़कों के खराब हो जाने पर आमजन को परेशानी होती है?   (घ) क्‍या अनुबंध के आधार पर बी.ओ.टी. कंपनियों को मेन्‍टेनेंस के कार्य समय-समय पर नहीं करने पर पेनाल्‍टी निर्धारित की जाती है? 01.04.2013 से प्रश्‍नतिथि तक    किस-किस कंपनी पर कितनी पेनाल्‍टी रख-रखाव नहीं करने पर ली गई?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। सड़कों के मेन्‍टेनेंस का दायित्‍व निवेशकर्ता कम्‍पनी का है। सड़कों के मेन्‍टेनेंस अनुबंध में दिये गये प्रावधान ऑपरेशन/मेन्‍टेनेंस के अनुसार कार्य कराया जाना आवश्‍यक है। मेन्‍टेनेंस कार्य निवेशकर्ता कम्‍पनी द्वारा एक निरंतर प्रक्रिया के तहत वर्षभर किया जाता है। (ग) जी नहीं। निवेशकर्ता कम्‍पनी के द्वारा अनुबंधानुसार सड़कों का मेन्‍टेनेंस समय-समय पर कराया जाता है। शेष का प्रश्‍न उत्‍पन्‍न नहीं होता है। (घ) जी हाँ। प्रावधान है परन्‍तु इन सड़कों पर रख-रखाव करवाया गया है अत: पेनाल्‍टी का प्रश्‍न उत्‍पन्‍न नहीं होता।

परिशिष्ट ''तेरह''

 

इंदौर अहमदाबाद बाय-पास रोड निर्माण

30. ( क्र. 2249 ) श्री शान्तिलाल बिलवाल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) झाबुआ जिले अंतर्गत इंदौर अहमदाबाद बाय-पास फूलमाल फाटक से देवझीरी तक सी.सी. रोड निर्माण की स्‍वीकृति दी गई है? (ख) यदि हाँ, तो नेशनल हाईवे से कब तक लोक निर्माण विभाग को हस्‍तांतरित करने की कार्यवाही पूर्ण की जावेगी? (ग) यदि उक्‍त बाय-पास निर्माण का हस्‍तांतरण नहीं होता है तो उक्‍त फूलमाल फाटक से देवझीरी तक रोड जो कि पूरा उखड़ गया है की मरम्‍मत का कार्य किया जावेगा? (घ) यदि उक्‍त रोड का मरम्‍मत कार्य किया जावेगा तो कब तक किया जावेगा?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) भा.रा.रा.प्रा. से प्राप्‍त जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) भा.रा.रा.प्रा. से प्राप्‍त जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) भा.रा.रा.प्रा. से प्राप्‍त जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।

परिशिष्ट ''चौदह''

सिंध नदी के पुल की मरम्‍मत

31. ( क्र. 2268 ) श्रीमती इमरती देवी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या डबरा के पास ग्‍वालियर झांसी मार्ग पर बने सिंध नदी के पुल की जर्जर हालत होती जा रही है? इसकी मरम्‍मत की जिम्‍मेदार पी.डब्‍लू.डी. की है? क्‍या इसकी मरम्‍मत हेतु कोई कार्यवाही की जा रही है? यदि नहीं, तो कब तक की जावेगी? (ख) क्‍या नवीन पुल निर्माण की योजना है या नहीं यदि नहीं, तो क्‍यों?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) प्रश्‍नाधीन मार्ग के पुल निर्माण का कार्य विभाग के कार्यक्षेत्र अंतर्गत न होकर भारतीय राष्‍ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अधीन है, प्राप्‍त जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।

परिशिष्ट ''पंद्रह''

ग्‍वालियर झांसी मार्ग पर बने रामगढ़ पुल का निर्माण

32. ( क्र. 2269 ) श्रीमती इमरती देवी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या डबरा में ग्‍वालियर झांसी मार्ग पर बना रामगढ़ पुल काफी सकरा और क्षतिग्रस्‍त होने के कारण आये दिन रोड पर जाम लग रहा है और आये दिन दुर्घटनाएं हो रही है? इनको रोकने के लिए तथा पुल को चौड़ा करने के लिए क्‍या कोई कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, तो कब तक की जावेगी? (ख) क्‍या प्रश्‍नांश (क) पुल के स्‍थान पर नवीन पुल निर्माण का प्रस्‍ताव विभाग द्वारा दिया गया है यदि नहीं, तो इस जर्जर पुल के क्षतिग्रस्‍त होने पर शासन की क्‍या योजना है?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) प्रश्‍नाधीन मार्ग के पुल निर्माण का कार्य विभाग के कार्यक्षेत्र अंतर्गत न होकर भारतीय राष्‍ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अधीन है। प्राप्‍त जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।

परिशिष्ट - ''सोलह''

सड़कों/पुलों/ भवनों का रख-रखाव

33. ( क्र. 2355 ) श्री रामकिशन पटेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत दो वर्षों में सरकार द्वारा लोक निर्माण विभाग रायसेन को सड़कों, पुलों, भवनों इत्‍यादि के रख-रखाव हेतु कितनी धन‍राशि उपलब्‍ध करवाई गई?   (ख) आज दिनांक तक इस धनराशि में से कितना व्‍यय कहाँ-कहाँ किया गया? (ग) प्रश्‍न दिनांक तक वर्षा, बाढ़ व अन्‍य प्राकृतिक आपदाओं से रायसेन जिले के अन्‍तर्गत    किन-किन सड़कों को कितनी-कितनी धनराशि की क्षति हुई? सड़कवार ब्‍यौंरा दें?       (घ) सरकार ने इन सड़कों की मरम्‍मत हेतु इस जिले को कितनी धनराशि कब-कब प्रदान की? व्‍यय की गई धनराशि का सड़कवार ब्‍यौरा दें?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है।      (घ) बाढ़ एवं अन्‍य प्राकृतिक आपदाओं के मद में कोई राशि प्राप्‍त नहीं हुई अपितु जिन मार्गों पर क्षति हुई उनकी मरम्‍मत/सुधार कार्य संधारण मद में प्राप्‍त राशि से मरम्‍मत कराये गये संपूर्ण जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है।

सनावद खरगोन मार्ग एवं बायपास की स्‍वीकृति

34. ( क्र. 2531 ) श्री हितेन्द्र सिंह ध्‍यानसिंह सोलंकी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्‍यप्रदेश राज्‍य सड़क विकास प्राधिकरण द्वारा खरगोन जिले के नगर सनावद से खरगोन जिला मुख्‍यालय को जोड़ने वाले मार्ग की स्‍वीकृति एवं निविदा कब जारी की गई? कितनी राशि स्‍वीकृत हुई है एवं कितने पुल पुलियाओं आदि की स्‍वीकृति हुई है? (ख) क्‍या उक्‍त मार्ग के रास्‍तें में कस्‍बा बडूद एवं बैडिया में बायपास की स्‍वीकृति के संबंध में प्रश्‍नकर्ता द्वारा समय-समय पर प्रस्‍तुत प्रस्‍तावों पर विभाग द्वारा क्‍या कार्यवाही की गई है? क्‍या बायपास स्‍वीकृत होगा, यदि हाँ, तो कब तक समय-सीमा बताई जावे?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) खरगोन जिले के नगर सनावद से खरगोन मुख्‍यालय को जोड़ने वाले मार्ग की स्‍वीकृति दिनांक 09.12.2014 के द्वारा राशि 122.60 करोड़ जारी की गई। कार्य निर्माण ए.डी.बी.-4 योजना में निविदा दिनांक 22.01.2015 को जारी की गई। इस मार्ग पर कुल 176 पुल पुलियाएं है, जिनमें से 42 पुल-पुलियाओं का नवनिर्माण एवं चौड़ीकरण डी.पी.आर. कंसलटेंट की सलाह पर किया जाना प्रस्‍तावित है। (ख) इस मार्ग के रास्‍ते में ग्राम बडूद एवं बैडिया में बायपास उपरोक्‍त स्‍वीकृत परियोजना के अंतर्गत नहीं है एवं न ही किया जाना है। अत: शेष प्रश्‍न का प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता।

सड़क निर्माण

35. ( क्र. 2580 ) श्री दिव्‍यराज सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या सिरमौर विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत ग्राम पंचायत बदरांव गौतमान से डीही तक 2 किमी मेन रोड मझियार से रीवा का निर्माण ठेके पर विभाग द्वारा कराया गया था? यदि हाँ, तो कार्य बीच में क्‍यों बंद कर दिया गया? (ख) प्रश्‍नांश (क) के ही संदर्भ में क्‍या उक्‍त कार्य को विभाग द्वारा पुन: कराया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जी हाँ। विवरण संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। निश्चित तिथि बताना संभव नहीं।

परिशिष्ट - ''सत्रह''

जंगली सुअर/पशु द्वारा नागरिकों पर हमला कर गंभीर क्षति पहुंचाना

36. ( क्र. 2591 ) श्री ठाकुरदास नागवंशी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जंगली सुअर/पशु द्वारा रहवासी क्षेत्र में घुसकर गंभीर क्षति पहुंचाने एवं प्राणघातक हमला करने पर विभाग द्वारा कितनी क्षतिपूर्ति एवं क्‍या सुविधा प्रदान की जाती है? इस संबंध में शासन के क्‍या आदेश है? (ख) क्‍या विभाग द्वारा जंगली सुअर/पशु द्वारा घायल करने पर तत्‍काल एक हजार रूपये की सहायता प्रदान की जाती है घायल व्‍यक्ति जितनी अवधि में चिकित्‍सालय में भर्ती रहते हैं एवं स्‍थायी विकलांगता होने पर उन्‍हें किसी भी प्रकार की सहायता विभाग द्वारा प्रदान नहीं की जाती है? (ग) यदि हाँ, तो क्‍या शासन/विभाग चिकित्‍सालय में भर्ती रहने की अवधि में पति-पत्नी को उतनी अवधि की मजदूरी की राशि भुगतान करेगा एवं स्‍थायी रूप से विकलांग होने पर उसके जीवकोपार्जन हेतु जीवन की शेष अवधि के लिये निर्धारित राशि जीवकोपार्जन हेतु देगा? (घ) क्‍या प्रश्‍नकर्ता द्वारा पत्र क्रमांक 97/आर दिनांक 25.01.2016 के द्वारा वन मंडलाधिकारी होशंगाबाद को पत्र लिखा गया एवं इस पत्र की प्रतिलिपि प्रमुख सचिव वन विभाग को दी गई? यदि हाँ, तो इस पत्र पर क्‍या कार्यवाही हुई? (ड.) क्‍या शासन सेन्‍चुरी क्षेत्र के पशु कृषि क्षेत्र/रहवासी क्षेत्र में प्रवेश न कर सकें इस हेतु कोई स्‍थायी व्‍यवस्‍था करेगा?

वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जंगली सुअर/पशु द्वारा गंभीर क्षति पहुंचाने एवं प्राणघातक हमला करने पर विभाग द्वारा क्षतिपूर्ति के प्रावधान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं 2 अनुसार है। (ख) जी हाँ। यह सही नहीं है कि घायल व्‍यक्ति जितनी अवधि में चिकित्‍सालय में भर्ती रहता है एवं उसके स्‍थायी विकलांगता की स्थिति में विभाग द्वारा किसी भी प्रकार की सहायता प्रदान नहीं की जाती है। वन्‍यप्राणियों से लोगों के घायल/स्‍थायी अपंग होने पर पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं 2 अनुसार क्षतिपूर्ति राशि प्रदान की जाती है। (ग) वन्‍यप्र‍ाणियों से घायल/स्‍थायी अपंग होने पर प्रभावित व्‍यक्ति को पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं 2 अनुसार क्षतिपूर्ति राशि प्रदान की जाती है। चिकित्‍सालय में भर्ती रहने की अवधि में पति-पत्नी की मजदूरी की राशि का भुगतान अथवा विकलांग होने पर जीविकोपार्जन हेतु जीवन की शेष अवधि के लिए क्षतिपूर्ति राशि दिये जाने का कोई प्रावधान नहीं है। (घ) जी हाँ। वन मंडलाधिकारी सामान्‍य वन मंडल होशंगाबाद के पत्र दिनांक 23.02.2016 द्वारा प्रश्‍नकर्ता को प्रकरण की वस्‍तुस्थिति से अवगत कराया है। (ड.) संरक्षित क्षेत्र पशु कृषि क्षेत्र/रहवासी क्षेत्र में प्रवेश न कर सकें इस हेतु कोई स्‍थायी व्‍यवस्‍था किया जाना विचाराधीन नहीं है।

स्‍टेट हाईवे-45 एवं सेवढ़ा-चौरई नदीगांव मार्ग का निर्माण

37. ( क्र. 2621 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्‍ड जिले में स्‍टेट हाईवे-45 में लहार नगर के अंदर नाला निर्माण, पेवर ब्‍लॉक तथा विद्युतीकरण का कार्य कब तक पूर्ण किया जाएगा? (ख) उपरोक्‍त प्रश्‍नांश के परिप्रेक्ष्‍य में सेवढ़ा-चौरई नदीगांव मार्ग का निर्माण कार्य कितनी लागत से किस एजेन्‍सी से कराया जा रहा है एवं अनुबंध अनुसार कितनी अवधि में कार्य पूर्ण किया जाना है? (ग) क्‍या गुणवत्‍ताहीन सामग्री उपयोग किए जाने से उक्‍त निर्माणाधीन मार्ग पर बड़े-बड़े गड्ढ़े हो गए हैं? यदि हाँ, तो उक्‍त क्षतिग्रस्‍त मार्ग की मरम्‍मत कब तक कराई जाएगी?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) स्‍टेट हाईवे क्रं. 45 में लहार नगर के अंदर नाला निर्माण, पेवर ब्‍लॉक एवं विद्युतीकरण का कार्य दिनांक 31 मार्च 2016 तक पूर्ण होने की संभावना है। (ख) सेवढ़ा-चौरई-नदीगाँव मार्ग का निर्माण कार्य        नरवर-सतनवाड़ा मार्ग के साथ संयुक्‍त रूप से स्‍वीकृत हुआ है जिसकी लागत 72.11 करोड़ है। यह कार्य निर्माण एजेन्‍सी मेसर्स सी.एम.एम. इन्‍फ्रा लि. एवं मै. केटी कंस्‍ट्रक्‍शन लि. (जे.वी.) इन्‍दौर को प्रदाय किया गया है, इस कार्य की निर्माण अवधि     2 वर्ष है, जो दिनांक 03.11.2017 को समाप्‍त होगी। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

पंजीकृत संस्‍थाओं की जानकारी

38. ( क्र. 2635 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) फर्म एवं सोसायटी पंजीयन कार्यालय इंदौर अंतर्गत कितनी संस्‍थाएं पंजीकृत है कितनी क्रियाशील है कितनी अक्रियाशील है? कितनी संस्‍थाओं ने अपने ऑडिट नियमित रूप से संस्‍था में जमा कराये है? (ख) पंजीकृत संस्‍थाओं में से खरगोन जिले की संस्‍थाओं के नाम सहित सूची देवें? (ग) इंदौर कार्यालय में वर्ष 2015 में कितनी संस्‍थाओं की शिकायत प्राप्‍त हुई, कितनी शिकायतों का निराकरण हुआ तथा कितनी शिकायतें लंबित है?

उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) कार्यालय सहायक पंजीयक, फर्म्स एवं संस्थाएं, इंदौर संभाग, इंदौर में कुल 21906 संस्थाएं पंजीकृत हैं। मध्यप्रदेश सोसायटी रजिस्ट्रीकरण अधिनियम, 1973 में संस्थाओं के क्रियाशील अथवा अक्रियाशील होने संबंधी प्रावधान परिभाषित नहीं है। उक्त अधिनियम में संस्थाओं के आडिट नियमित रूप से संस्था में जमा कराये जाने का प्रावधान वर्णित नहीं है। अतः प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) मध्यप्रदेश सोसायटी रजिस्ट्रीकरण अधिनियम, 1973 की धारा 32 (2) में संस्थाओं के विरूद्ध शिकायत किये जाने का प्रावधान है। जिसके तहत् प्रश्नांकित अवधि में कोई भी शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।

खिलाडि़यों को प्रशिक्षण एवं खेल आयोजन

39. ( क्र. 2660 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या जिला खेल एवं युवा कल्‍याण विभाग द्वारा प्रतिभावान खिलाडि़यों की पहचान कर प्रशिक्षण के पर्याप्‍त अवसर उपलब्‍ध कराने का लक्ष्‍य है?    (ख) यदि हाँ, तो पनागर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत वर्ष 2013-14, 2014-15 एवं    2015-16 में कितने खिलाडि़यों को प्रशिक्षण के अवसर उपलब्‍ध कराये हैं? (ग) क्‍या पनागर एवं बरेला में खेल आयोजन किये गये हैं? यदि हाँ, तो वर्ष 2013-14 से 2015-16 तक के आयोजनों का विवरण देवें?

उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जी हाँ। (ख) पनागर विधानसभा क्षेत्र में प्रतिवर्ष 1 मई से 30 जून तक ग्रीष्मकालीन प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया जाता है। जिसके अंतर्गत वर्ष 2013-14 में 54 खिलाडि़यों, 2014-15 में 72 खिलाडि़यों, तथा वर्ष 2015-16 में 83 खिलाडि़यों, ने भाग लिया। (ग) जी हाँ। वर्ष 2013-14 से वर्ष 2015-16 में पनागर में ग्रीष्मकालीन प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया है। जिसके अंतर्गत कबड्डी व्हालीबाल, फुटबाल, हैण्डबाल, खो-खो, कराते खेलों का प्रशिक्षण शिविर प्रतिवर्ष 01 मई से 30 जून तक किया गया है।

लोक निर्माण विभाग के मार्गों का डामरीकरण

40. ( क्र. 2751 ) श्री हितेन्द्र सिंह ध्‍यानसिंह सोलंकी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़वाह/सनावद क्षेत्र में लोक निर्माण विभाग के अधीन कितने मार्ग हैं? इसमें से कितने मार्ग डामरीकृत हैं एवं कितने मार्ग गिट्टीकृत होकर डामरीकृत हेतु प्रस्‍तावित है? क्षेत्र के ग्राम बडूद से खुजरातखेड़ा, बासवा से गणेशपुरी, सनावद-खण्‍डवा रोड से खनगांवखेड़ी, नवोदय विद्यालय से घोसली, जगतपुरा से खामखेड़ा एवं लौंदी एवं पंचकोशी के लिये महत्‍वपूर्ण मार्ग नावघाटखेड़ी से कटघडा मार्ग को जोड़ने वाले मार्ग डामरीकरण के लिये शासन द्वारा क्‍या कार्यवाही की जा रही है? (ख) प्रश्‍नकर्ता द्वारा विगत 1 वर्ष में क्षेत्र के जिन मार्गों के उन्‍नयन, डामरीकरण आदि के प्रस्‍ताव विभाग प्रमुख को प्रेषित किये गये हैं? उन पत्रों के परिप्रेक्ष्‍य में कितने मार्गों के उन्‍नयन, डामरीकरण के प्रस्‍ताव स्‍वीकृत किये हैं एवं कितने मार्ग के प्रस्‍ताव लंबित हैं, उसकी सूची दी जावे? क्‍या चित्रमोड-अँजरूद खॅडवाड़ा के मार्ग के घटिया निर्माण से मार्ग खराब होने से विभाग द्वारा ठेकेदार के विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की जा रही है? यदि कार्यवाही नहीं की जा रही है, तो कब तक की जावेगी?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) सनावद क्षेत्र की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' एवं 'अ-1' अनुसार है। म.प्र. सड़क विकास निगम अंतर्गत बड़वाह-सनावद क्षेत्र की निम्‍नलिखित सड़कें आती हैं:- (1) इन्‍दौर-खण्‍डवा राजमार्ग क्रमांक-27 (2) बडवाह-धामनोद राजमार्ग क्रं. 38 (3) सनावद-सुलगांव-पुनासा-मुंदी राजमार्ग क्रं. 41 (4) बड़वाह-काटकुट मुख्‍य जिला मार्ग (5) सनावद-खरगोन मुख्‍य जिला मार्ग उपरोक्‍त सभी मार्ग डामरीकृत है। प्रश्‍नांकित मार्गों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ख) विस्‍तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है। विगत एक वर्ष में म.प्र. सड़क विकास निगम कार्यक्षेत्र की एक सड़क सनावद-खरगोन मार्ग के उन्‍नयन डामरीकरण का प्रस्‍ताव स्‍वीकृत होकर कार्यादेश जारी किये जाकर सड़क निर्माण कार्य प्रगति पर है। चित्रमोड अँजरूद मार्ग प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना विभाग द्वारा निर्मित किया गया है। शेष अँजरूद से खंगवाडा मार्ग लंबाई 2.00 कि.मी. विभाग के पास डामरीकृत मार्ग है। मार्ग वर्तमान में विभागीय संधारण में है। शेष प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता।

नवीन शासकीय महाविद्यालय

41. ( क्र. 2797 ) श्री शंकर लाल तिवारी : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. में विगत 05 वर्षों में कितने नवीन शासकीय महाविद्यालय कहाँ-कहाँ खोले गये है, सूची दें? (ख) उक्‍त शासकीय महाविद्यालयों में कितने नियमित सहायक प्राध्‍यापक/प्राध्‍यापक/प्राचार्य पदस्‍थ हैं, महाविद्यालयवार सूची, उपलब्‍ध करायें यह भी बतायें कितने महाविद्यालयों में सिर्फ अतिथि विद्वान ही पदस्‍थ है, कोई नियमित प्राध्‍यापक नहीं है? (ग) प्रदेश में कितने सहायक प्राध्‍यापक/प्राध्‍यापक/ प्राचार्य के पद रिक्‍त हैं? (घ) उक्‍त रिक्‍त पदों की पूर्ति कब तक कर ली जावेगी?

तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार। (ख) उक्त शासकीय महाविद्यालयों में 133 सहायक प्रध्यापक, 05 प्राध्यापक एवं 01 प्राचार्य पदस्थ है, महाविद्यालयवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार। 09 नवीन शासकीय महाविद्यालयों हैं, जिनमें नियमित प्राध्यापक न होने से सिर्फ अतिथि विद्वानों के माध्यम से अध्यापन कार्य संचालित है, सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार। (ग) प्रदेश में 2970 सहायक प्राध्यापक, 453 प्राध्यापक एवं 360 प्राचार्य के पद रिक्त पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार हैं। (घ) प्राध्यापक एवं प्राचार्यों के रिक्त पदों की पूर्ति पदोन्नति के माध्यम से होगी तथा सहायक प्राध्यापक के रिक्त पदों की पूर्ति हेतु लोक सेवा आयोग द्वारा दिनांक 19.02.2016 को विज्ञापन जारी किया गया है।

 

चॉकलेटों में गाय एवं सुअर की चर्बी मिलाने की जाँच

42. ( क्र. 2842 ) श्री कमल मर्सकोले : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) भोपाल के मण्‍डीदीप क्षेत्र में जो वर्तमान में रायसेन औद्योगिक क्षेत्र है, इसमें केडबरीज, नेस्‍ले, डेयरी मिल्‍क चॉकलेट निर्माण की कितनी फैक्ट्रियां हैं एवं इसके संचालक कौन हैं? (ख) मण्‍डीदीप औद्योगिक क्षेत्र में केडबरीज, नेस्‍ले, डेयरी मिल्‍क चाकलेटों का निर्माण भोपाल एवं इंदौर के कितने कारखानों में पायी जाने वाली पशुओं की चर्बी खरीदकर किया जाता है? क्‍या सर्वाधिक गाय की चर्बी मिलायी जाती है? कितनी बार फैक्‍ट्री में चॉकलेट निर्माण का मटेरियल जप्‍त किया गया? (ग) क्‍या मण्‍डीदीप में राजेन्‍द्र पटेल एवं रोहण पटेल द्वारा केडबरीज, डेयरीमिल्‍क एवं नेस्‍ले चॉकलेट के निर्माण में गाय की चर्बी मिलाने की शिकायतें प्राप्‍त हुईं? पूर्व विधायक किशोर समरीते की शिकायत पर क्‍या कार्यवाही की गयी?

उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) चॉकलेट निर्माण की एक इकाई मेसर्स मेक्‍सन न्‍यूट्रीशन फूड इंडिया प्रा.लि. कार्यरत है जिसमें केडबरीज ब्रांड की चॉकलेट का निर्माण जॉब वर्क अन्‍तर्गत किया जाता है। इसके संचालक राजेन्‍द्र चन्‍द्रकांत पटेल है। (ख) इकाई द्वारा प्रस्‍तुत कार्ययोजना अनुसार उत्‍पादित चॉकलेट निर्माण में शुगर, तरल गुलकोज, आयुर्वेदिक एक्‍सटेक्‍ट फलेवरर्स, कलर साइंटिक एसिट इत्‍यादि का उपयोग किया जाता है। खाद्य एवं औषधि प्रशासन द्वारा पिछले दो वर्षों में मेक्‍सन न्‍यूट्रीशन फूड इंडिया प्रा.लि. से 6 नमूने जाँच हेतु राज्‍य खाद्य परीक्षण प्रयोगशाला भोपाल भेजे गये थे। प्राप्‍त जाँच रिपोर्टों में खाद्य विश्‍लेषक द्वारा पशु अथवा गाय की चर्बी की पुष्टि नहीं की गई है। (ग) प्राप्‍त शिकायत के आधार पर दिनांक 24.02.2015 को मण्‍डीदीप स्थित कारखाने से चॉकलेट निर्माण में प्रयुक्‍त मटेरियल लो ट्रांस वनस्‍पति एवं वेजीटेबल फेट मिक्‍स (मेसो फेट) अवमानक पाये जाने के कारण उक्‍त प्रकरण माननीय सक्षम न्‍यायालय न्‍याय निर्णायक अधिकारी (अतिरिक्‍त जिला दण्‍डाधिकारी) जिला, रायसेन में विचाराधीन है।

म.प्र. सड़क विकास निगम द्वारा निर्मित उज्‍जैन-आगर रोड

43. ( क्र. 3000 ) श्री सतीश मालवीय : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्‍जैन आगर मार्ग पर टोल नाका कब से ठेके पर है तथा कब तक है? प्रश्‍न दिनांक तक कितनी राशि वसूली की जा चुकी है एवं कितनी शेष है? इस राशि के द्वारा कब-कब, कितनी-कितनी लंबाई में मार्ग में सुधार कार्य किया गया है? (ख) ठेके की समयावधि में कितने मार्ग की मरम्‍मत की जानी थी तथा कितनी की गई? व्‍यय राशि बताई जावें? (ग) किस सामग्री द्वारा मार्ग का सुधार कार्य किया गया? इसका सत्‍यापन कब किस स्‍तर के अधिकारियों द्वारा किया गया? क्‍या उक्‍त मार्ग वर्तमान में जीर्ण-शीर्ण है एवं साईट पटरी भी खराब हो चुकी है? उक्‍त मार्ग सिंहस्‍थ 2016 की दृष्टि से राजस्‍थान को जोड़ने का महत्‍वपूर्ण मार्ग है, उक्‍त मार्ग के सुदृढ़ीकरण एवं साईड की पटरी भरने की विभाग/शासन की क्‍या योजना है? (घ) क्‍या सिंहस्‍थ पूर्व इस मार्ग को सुदृढ़ीकरण एवं साईड की पटरी भरने का कार्य कर लिया जावेगा?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) दिनांक 19/05/2003 से 05/02/2017 तक। राशि 274.87 करोड़ की वसूली जा चुकी है। कंसेशन अवधि पूर्ण दिनांक तक वसूली जाना शेष है। अनुबंध अनुसार मार्ग के रख-रखाव एवं संधारण कार्य निवेशकर्ता कंपनी द्वारा एक निरंतर प्रक्रिया के तहत किया जाता है। अनुबंध में अलग से संधारण व्यय राशि के आंकलन का प्रावधान नहीं है। (ख) अनुबंध अनुसार मार्ग के रख-रखाव एवं संधारण कार्य निवेशकर्ता कम्पनी द्वारा एक निरंतर प्रक्रिया के तहत किया जाता है। अनुबंध में अलग से संधारण व्यय राशि के आंकलन का प्रावधान नहीं है। (ग) मार्ग निर्माण में उपयोग की गई सामग्री संधारण के तकनीकी मापदण्डानुसार है। संधारण कार्य का सतत् पर्यवेक्षण एवं सत्यापन निगम के अधिकारियों के द्वारा किया जाता है। जी नहीं। मार्ग संतोषप्रद स्थिति में है। जी हाँ। उक्त मार्ग सिंहस्थ 2016 की दृष्टि से राजस्थान को जोड़ने का महत्वपूर्ण मार्ग है, उक्त मार्ग के सुदृढ़ीकरण करने की कोई योजना नहीं है। निवेशकर्ता कंपनी द्वारा साइड की पटरी भरने का कार्य एक निरंतर प्रक्रिया के तहत किया जा रहा है। (घ) सुदृढ़ीकरण करने की कोई योजना नहीं है एवं निवेशकर्ता कंपनी द्वारा साईड की पटरी भरने का कार्य एक निरंतर प्रक्रिया के तहत किया जा रहा है।

वनग्रामों में निवासियों को भू-अधिकार पत्र दिया जाना

44. ( क्र. 3112 ) श्री रामनिवास रावत : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या श्‍योपुर जिले की कराहल, विजयपुर एवं वीरपुर तहसील की 121 ग्राम पंचायतों के 321 ग्रामों में शासन की अधिसूचना क्र.3263 -दस-62 दिनांक 26/04/1962 से श्‍योपुर जिले के 44 वनग्रामों की बसाहट की भूमि प्रबंधन हेतु राजस्‍व विभाग को हस्‍तांतरित की गई है? यदि हाँ, तो इन 44 वन ग्रामों की सूची ग्रामवार आबादी सहित सूची उपलब्‍ध करावें? (ख) क्‍या वन चौकी ढेंगदा, वन परिक्षेत्र श्‍योपुर के वन चौकी प्रभारी श्री शेख बरकतउल्‍ला द्वारा ग्राम कलमी के निवासियों को दिनांक 29/10/2015 को वन भूमि की बेदखली हेतु भ.व.अ. 1927 की धारा 80 (अ) के अंतर्गत सूचना पत्र जारी किए गये थे? यदि हाँ, तो उक्‍त निवासी उक्‍त भूमि पर कब से काबिज हैं? क्‍या इस प्रकार के नोटिस दिए जाना वैधानिक है? यदि नहीं, तो संबंधित दोषियों के विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की जावेगी? (ग) क्या प्रश्‍नांश (क) में उल्‍लेखित 44 वनग्रामों की बसाहट भूमि को शीघ्र आबादी घोषित कर इन ग्रामों में बसे ग्रामीणों को वन अधिकार अधिनियम के अंतर्गत अथवा मुख्‍यमंत्री आवास योजनान्‍तर्गत भू-अधिकार पत्र/पक्‍के आवास उपलब्ध कराये जावेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्‍यों?

वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) राजस्‍व विभाग को हस्‍तांतरित उक्‍त ग्रामों की बसाहट की वनभूमि के निर्वनीकरण हेतु प्रस्‍ताव प्राप्‍त हुए हैं। इन वनग्रामों में कुल 1260 पात्र दावेदारों को वन अधिकार पत्र आदिम जाति कल्‍याण विभाग द्वारा जारी किये गये हैं। जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट के कॉलम-6 में दर्शित है। शेष अंश वन विभाग से संबंधित नहीं हैं।

परिशिष्ट ''अठारह''

लोक निर्माण संभाग श्‍योपुर अंतर्गत अनियमिताओं की प्राप्‍त शिकायतें

45. ( क्र. 3133 ) श्री रामनिवास रावत : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोकायुक्‍त संगठन, म.प्र.में श्‍योपुर जिले में लोक निर्माण संभाग श्‍योपुर में निर्माण कार्यों में हुए भ्रष्‍टाचार व अनयमितताओं के प्रकरण कब से दर्ज हैं? उक्‍त प्रकरणों में जाँच की वर्तमान स्थिति से अवगत करावें? (ख) प्रश्‍नांश (क) के प्रकरणों की जाँच कब तक पूर्ण होगी? प्रकरणों में शिकायतों का जो उत्‍तर संबंधित विभागों तथा शासकीय सेवकों द्वारा दिया गया है? क्‍या संगठन द्वारा उसे मान्‍य कर दिया है? प्रकरणों की जाँच में किन-किन शासकीय सेवकों को दोषी पाया गया है? दोषियों के विरूद्ध किस-किस प्रकार की कार्यवाही की अनुशंसा संगठन ने संबंधित विभागों को की है व संगठन की अनुशंसा के आधार पर संबंधित विभागों ने किन-किन शासकीय सेवकों के विरूद्ध अभी तक क्‍या-क्‍या कार्यवाही की है? (ग) यदि नहीं, तो कब तक कार्यवाही की जावेगी?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) लोकायुक्त संगठन से प्राप्त जानकारी अनुसार विशेष पुलिस स्थापना, ग्वालियर में लोक निर्माण संभाग, श्योपुर में निर्माण कार्यों में हुए भ्रष्टाचार व अनियमितताओं के संबंध में श्री राजीव शर्मा, मुख्य अभियंता, लोक निर्माण विभाग संभाग ग्वालियर के विरूद्ध प्राथमिक जाँच क्रमांक 63/2014 पंजीबद्ध होकर वर्तमान में जाँच हेतु लंबित है। उक्त के अतिरिक्त लोकायुक्त संगठन के तकनीकी शाखा में लोक निर्माण संभाग, श्योपुर में निर्माण कार्यों में हुए भ्रष्टाचार व अनियमितताओं से संबंधित एक प्रकरण क्रमांक नि/60/09/14-15 दिनांक 22/12/2014 को दर्ज किया गया है। उक्त प्रकरण में प्रथम दृष्ट्या दोषी पाये गये 10 अधिकारी/कर्मचारियों को शासन द्वारा आरोप पत्रादि जारी किये गये है। (ख) लोकायुक्त संगठन द्वारा दर्ज प्राथमिक जाँच प्रकरण 2014 में जाँच अभी पूर्ण नहीं हुई है। उक्त प्रकरण में सम्पूर्ण साक्ष्य संकलन के उपरांत प्राप्त साक्ष्य अनुसार आगामी कार्यवाही लोकायुक्त संगठन द्वारा की जावेगी। प्रकरण क्रमांक नि/60/09/14-15 में संलग्न   परिशिष्‍ट में अंकित अधिकारी/कर्मचारियों को जारी आरोप पत्रादि के संबंध में कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। विभागीय जाँच के निष्कर्ष अनुसार गुण-दोष के आधार पर दण्ड की कार्यवाही की जा सकेगी। (ग) प्राथमिक जाँच क्रमांक 63/2014 में जाँच पूर्ण होने के उपरांत दोषी पाये जाने पर संबंधित के विरूद्ध विशेष पुलिस स्थापना द्वारा कार्यवाही की जावेगी। विभाग द्वारा जारी आरोप पत्रादि के संबंध में विभागीय जाँच की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।

परिशिष्ट ''उन्नीस''

री-कास्टिंग/पुन: निविदा से शासन को क्षति

46. ( क्र. 3230 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या लोक निर्माण विभाग, पी.आई.यू. सागर संभाग के अंतर्गत स्‍थापित विभिन्‍न उप संभाग/जिलों में विगत तीन वर्षों में कितने ठेकेदारों के विरूद्ध 03 सी.के. का नोटिस जारी किया गया एवं कितनी निविदा रिस्‍क इन कास्‍ट/पुन: निविदा विभाग द्वारा जारी की गई? उप संभागवार/जिलेवार जानकारी देवें? (ख) क्‍या लोक निर्माण विभाग सागर संभाग के अधीन अन्‍य जिलों की अपेक्षा सागर जिले के पी.आई.यू. क्र. 06 में सर्वाधिक री-कास्टिंग निविदा/पुन: निविदा जारी हुई है? यदि हाँ, तो क्‍यों? (ग) री-कास्टिंग/पुन: निविदा जारी होने के कारण शासन/विभाग को आर्थिक क्षति होती है? यदि हाँ, तो पी.आई.यू. क्र. 6 को री-कास्टिंग/पुन: निविदा जारी करने पर कितनी हानि हुई? (घ) क्‍या री-कास्टिंग निविदा/पुन: निविदा से आर्थिक क्षति से विभाग के कौन-कौन से अधिकारी/कर्मचारी जिम्‍मेदार हैं? क्‍या इनके विरूद्ध शासन कार्यवाही करेगा? समय-सीमा बतायें?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) संबंधित ठेकेदार द्वारा निर्धारित समयावधि व्‍यतीत होने एवं कार्य की गति अत्‍यंत धीमी होने से अनुबंधानुसार कार्यवाही की गई। (ग) जी नहीं। क्‍योंकि निविदा अनुबंध के प्रावधानानुसार संबंधित कार्य के मूल ठेकेदार के हर्जे-खर्चे पर आमंत्रित की जाती है। शासन को कोई हानि नहीं। (घ) कोई आर्थिक क्षति नहीं अत: कोई जिम्‍मेदार नहीं। कार्यवाही का प्रश्‍न ही नहीं उठता। आवश्‍यक नहीं।

पुष्‍पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र में मार्गों का निर्माण

47. ( क्र. 3272 ) श्री फुन्‍देलाल सिंह मार्को : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पुष्‍पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र के नोनघटी से दमेहड़ी मार्ग, सल्‍हरो से मुख्‍य मार्ग, पटना से करपा सरई, अहिरगवा मार्ग, करपा से बीजापुरी नगमला मार्ग, गौरेला से मानिकपुर मार्ग, तिलवनडाण्‍ड से ढोढीपानी, वहरी झोरी मार्ग, करौदी से लपटी बिरौरी मार्ग, अमगवा से भेजरी मार्ग, पोड़की से करगरा मार्गों का क्‍या पुन: निर्माण कार्य कराया जायेगा? (ख) प्रश्‍नांश '' अनुसार सभी मार्ग अति जर्जर एवं डामरीकरण मार्ग क्षतिग्रस्‍त व मिट्टी मिट्टी गड्डों में परिवर्तित हो चुके हैं। इन मार्गों का क्‍या पुन: सर्वे कराया जायेगा तथा कब तक नवीन सड़क निर्माण की स्‍वीकृति प्रदान की जायेगी?     (ग) उक्‍त मार्गों में पिछले 3 वर्षों से प्रश्‍न दिनांक तक वर्षवार मार्गवार सुधार कार्य के नाम से तथा पेज भराई के नाम से कितनी कितनी राशि खर्च की गयी?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) उपलब्‍ध वित्‍तीय संसाधन से प्राथमिकतानुसार निर्माण कार्य कराया जा सकेगा। (ख) जी नहीं। समय समय पर डब्‍ल्‍यू.बी.एम., बी.टी. पेच से मरम्‍मत कराया जाता है मार्ग सामान्‍य है। उत्‍तरांश '' के परिप्रेक्ष्‍य में निश्चित तिथि बताना संभव नहीं। (ग) विवरण संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है।

परिशिष्ट - ''बीस''

बैरसिया विधानसभा अंतर्गत संचालित खेल गतिविधियाँ

48. ( क्र. 3307 ) श्री विष्‍णु खत्री : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) बैरसिया विधानसभा क्षेत्रांतर्गत वित्‍तीय वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में     कितनी-कितनी राशि उपलब्‍ध करायी गयी है एवं कितनी राशि उक्‍त वित्‍तीय वर्षों में व्‍यय हुई है? (ख) बैरसिया विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में   किन-किन खेल गतिविधियों का संचालन विभाग के माध्‍यम से कहाँ-कहाँ पर किया?   (ग) बैरसिया विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत आगामी वित्‍तीय वर्ष 2015-16 में कौन-कौन सी खेल गतिविधियों को बढ़ावा दिये जाने का प्रस्‍ताव बनाया गया है?

उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) विभाग द्वारा जिलेवार गतिविधियां संचालित की जाती है विधानसभा क्षेत्रवार नहीं। उक्त वर्षों में विधानसभा क्षेत्र बैरसिया के अंतर्गत उपलब्ध कराई गई राशि की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-क अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ख अनुसार है।         (ग) बैरसिया विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2015-16 में खेल गतिविधियों को बढ़ावा देने हेतु विभाग द्वारा विधायक ट्राफी का आयोजन का प्रस्ताव तैयार किया गया है जिसमें प्रति विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत राशि रू. 30,000/- प्रतियोगिता आयोजन हेतु एवं 03-ट्राफी उपलब्ध कराई जा रही है। 

परिशिष्ट ''इक्कीस''

उद्योग स्थापना हेतु प्‍लाट आवंटन

49. ( क्र. 3333 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) कटनी जिले में उद्योग स्‍थापना हेतु कौन-कौन सी भूमियां राजस्‍व विभाग से हस्‍तांतरित की गईं? उनके खसरा नं. रकवा की जानकारी देवें? (ख) पिछले 05 वर्षों में किन-किन उद्योगों की स्‍थापना के लिए भूमियां आवंटित की गई? ऐसे कितने आवंटित प्‍लाट (भूमियां) हैं जिन पर कोई भी उद्योग स्‍थापित नहीं किया गया तो क्‍या शासन ने उनकी लीज निरस्‍त कर कब्‍जा वापिस ले लिया? यदि नहीं, तो कब तक ले लिया जायेगा? (ग) उपरोक्‍त आवंटित प्‍लाटों में से ऐसे कितने हैं जिन पर उद्योगों को लगाने की अनुमति दी गई थी? उनसे लीज निरस्‍त कर कब्‍जा वापिस ले लिया है? यदि नहीं, तो कब तक ले लिया जाएगा? (घ) उपरोक्‍त आवंटित प्‍लाटों में से ऐसे कितने हैं, जिन पर उद्योगों को लगाने की अनुमति दी गई थी? उनसे भिन्‍न उपयोग कार्य किये जा रहे हैं, उनकी लीज निरस्‍त कर शासन ने कब्‍जा प्राप्‍त किया है या नहीं? यदि नहीं, तो कब किया जाएगा?

उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) एवं (ग) पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार 03 उद्योगों को 61.310 हेक्‍टेयर भूमि आवंटन किया गया है। 01 उद्योग स्‍थापित हो चुका है तथा शेष 02 उद्योग स्‍थापनाधीन है। अत: लीज निरस्‍त करने व कब्‍जा प्राप्‍त करने का प्रश्‍न ही नहीं उठता। (घ) किसी भी इकाई द्वारा औद्योगिक प्रयोजन के अतिरिक्‍त भिन्‍न उपयोग नहीं किया जा रहा है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

अमरवाड़ा वि.स. क्षेत्र में घटिया मार्ग निर्माण

50. ( क्र. 3358 ) श्री कमलेश शाह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वि.स. क्षेत्र अमरवाड़ा में जुंगावानी से धनौरा मार्ग की स्‍वीकृति दिनांक, लागत, पूर्णता दिनांक बतावें। (ख) क्‍या मार्ग निर्माण के एक वर्ष के आस-पास होने पर ही मार्ग अत्‍यंत जर्जर, गड्ढेयुक्‍त हो गया है? (ग) इसकी गुणवत्‍ता की जाँच कब तक करवाई जायेगी? इसका सुधार कब तक किया जावेगा? समय-सीमा बतावें। (घ) इसके जिम्‍मेदार अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। (ग) कार्य गुणवत्‍तापूर्वक कराया गया है। शेष प्रश्‍नांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट ''बाईस''

मुख्‍यमंत्री की घोषणा का क्रियान्‍वयन

51. ( क्र. 3401 ) श्री घनश्‍याम पिरोनियाँ : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या माननीय मुख्‍यमंत्री जी ने भाण्‍डेर विधान सभा क्षेत्र की जनता की पुरजोर मांग पर घोषणा क्र. ए. 3093 द्वारा सिंहपुरा तैड़ोत के बीच पहुंच नदी पर पुल निर्माण की घोषणा की थी? (ख) क्‍या पुल निर्माण का सर्वे कार्य प्राक्‍कलन आदि समस्‍त औपचारिकतायें पूर्ण होकर प्रशासकीय स्‍वीकृति हेतु फाईल प्रमुख सचिव लोक निर्माण विभाग के यहां लंबित है? (ग) क्‍या इस पुल के निर्माण से भाण्‍डेर इन्‍दरगढ़ की दूरी बहुत कम होकर इस क्षेत्र के निवासियों को काफी राहत मिलेगी और भाण्‍डेर एवं सेवढ़ा विधानसभा के लोगों के लिए आवागमन सुलभ और सस्‍ता होगा? (घ) प्रश्‍नांश (क), (ख), (ग) हाँ में है तो जनहितकारी इस घोषणा के क्रियान्‍वयन हेतु प्रशासकीय स्‍वीकृति कब तक जारी हो जावेगी? यदि नहीं, तो क्‍यों?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। (ग) जी हाँ      8 कि.मी. दूरी कम होगी। (घ) प्रश्‍नांकित पुल म.प्र. ग्रामीण सड़क योजनांतर्गत निर्मित मार्ग पर होने के कारण पुल निर्माण हेतु ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण से अनुरोध किया जा रहा है।

2 लाख रूपये कम राशि के कार्यों की जानकारी

52. ( क्र. 3423 ) श्री विश्वास सारंग : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल एवं रायसेन जिले में वित्‍तीय वर्ष 1 अप्रैल 2013 से प्रश्‍न तिथि तक 2 लाख रू. से कम राशि के लोक निर्माण विभाग में क्‍या-क्‍या कार्य, किस स्‍थान पर किए गए? (ख) प्रश्‍नांश (क) में वर्णित जिलों में उक्‍त समयानुसार मेन्‍टेनेन्‍स पर कितनी राशि व्‍यय की गयी? (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) में उल्‍लेखित कार्यों में कितनी राशि का भुगतान किया गया?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' एवं '' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र 'अ-1' एवं '' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '', 'अ-1' एवं '' अनुसार है।

परफार्मेंस गारंटी में मरम्‍मत कार्य

53. ( क्र. 3424 ) श्री विश्वास सारंग : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल से जबलपुर एन.एच 12 पेंचवर्क/रिन्‍यूवल वर्क का कार्य कब हुआ था? दिनांक सहित कुल लागत और ठेकेदार के नाम/पते सहित जानकारी दें? (ख) प्रश्‍नांश (क) के तहत परफारमेंस गारण्‍टी कब तक की थी? किस पदनाम/नाम के अधिकारी ने भौति‍क सत्‍यापन कर भुगतान कराया? (ग) प्रश्‍नांश (क) व (ख) के तहत क्‍या यह सच है कि गारण्‍टी अवधि में सड़क के खराब हो जाने के बाद भी ठेकेदार द्वारा मरम्‍मत कार्य नहीं किया गया? यदि हाँ, तो ठेकेदार पर क्‍या कार्यवाही की गई?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। शेष का प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - ''तेईस''

उपस्थित छात्र को अनुपस्थित दर्शाना

54. ( क्र. 3438 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र.भोज (मुक्‍त) विश्‍वविद्यालय भोपाल के सेन्‍टर ग्‍वालियर कोड 0306 पर वर्ष 2014 में छात्र पुष्‍पेन्‍द्र यादव रोल 130306DCA004 द्वारा क्‍या सभी विषयों की परीक्षा दी? यदि हाँ, तो दिनांक 22/12/2014 को विषय कम्‍प्‍यूटर एण्‍ड फन्‍डामेन्‍टल प्रथम पेपर जो 2:00 PM से 5:00 PM का था उसमें छात्र पुष्‍पेन्‍द्र यादव को किस कारण अनुपस्थित बताया है? इस बाबत् क्‍या छात्र पुष्‍पेन्‍द्र यादव द्वारा दिनांक 31/07/2015 को निदेशक, प्रवेश एवं मूल्‍यांकन, म.प्र. भोज (मुक्‍त) विश्‍वविद्यालय भोपाल को अंक सूची में सुधार बाबत् आवेदन दिया था? यदि हाँ, तो उक्‍त आवेदन पर क्‍या कार्यवाही की गई है? (ख) यदि विश्‍वविद्यालय यह मानता है कि छात्र पुष्‍पेन्‍द्र यादव प्रश्‍नांश (क) अनुसार उक्‍त दिवस को अनुपस्थित था तो उक्‍त दिवस की अटेण्‍डेन्‍स सीट जिसकी उत्‍तर पुस्तिका का सीरियल नम्‍बर 331289 है स्‍पष्‍ट करें? जब छात्र पुष्‍पेन्‍द्र ने उपस्थित रहकर परीक्षा दी है तो उसकों अनुपस्थित बताने में किस कर्मचारी/अधिकारी की लापरवाही है? उसका नाम स्‍पष्‍ट करें। क्‍या ऐसे लापरवाह कर्मचारी/अधिकारी को इतनी बड़ी गलती के लिये दोषी मानकर दण्‍डात्‍मक कार्यवाही की जावेगी यदि हाँ, तो क्‍या और कब तक? अब छात्र की मार्कशीट में गलती को सुधार कर कब तक पुन: सही मार्कशीट उपलब्‍ध करा दी जावेगी? एक निश्चित समय-सीमा स्‍पष्‍ट करें?

तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। तकनीकी त्रृटि के कारण। जी हाँ। संशोधित अंकसूची दिनांक 29.12.2015 को जारी की गई। (ख) '''' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।

एरियर्स भुगतान

55. ( क्र. 3453 ) श्रीमती सरस्‍वती सिंह : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या उच्‍च शिक्षा मंत्रालय के आदेश क्र. एफ-11-1/3/2013/38-3, भोपाल दिनांक 15 फरवरी 2013 में अशासकीय महाविद्यालयों के सेवानिवृत्‍त प्राध्‍यापकों एवं कर्मचारियों को दिनांक 1 अप्रैल 2010 से पाँचवे वेतनमान के अनुरूप पेंशन पुनरीक्षण के कारण अंतर की राशि का एरियर्स वित्‍तीय वर्ष 2012-13 से पाँच वार्षिक किश्‍तों में भुगतान किया जाना था किंतु चार वित्‍तीय वर्ष व्‍यतीत होने के बावजूद एरियर्स का भुगतान नहीं किया गया तो क्‍यों तथा कब तक किया जावेगा?   (ख) क्‍या इस मामले में शासन अधिकारियों के प्रति कोई कार्यवाही करने पर विचार कर रहा है यदि हाँ, तो कब तक विवरण दें?

तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। बजट उपलब्ध होने पर किया जाएगा। समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।

वनों की सुरक्षा पर व्‍यय

56. ( क्र. 3454 ) श्रीमती सरस्‍वती सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिंगरौली जिले में वनों की सुरक्षा/वाहनों पर वर्ष 2012-13 से प्रश्‍न दिनांक तक कितना व्‍यय किया गया? (ख) वनों से प्राप्‍त आय सिंगरौली जिले को वर्ष 2012-13 से प्रश्‍न दिनांक तक कितनी हुई तथा व्‍यय कितना किया गया? (ग) चितरंगी विधानसभा क्षेत्र में तार फेंसिंग, नवीन वृक्षों के रोपण में लापरवाही तथा वृक्षों के अवैध कटाई के कितने प्रकरण प्रकाश में आये है? (घ) प्रश्‍नांश (क) सिंगरौली जिले को पैकेज से कुल कितनी राशि प्राप्‍त हुई है? जो व्‍यय हुआ है उसका विवरण तहसीलवार देवें?

वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) सिंगरौली जिले में वनों की सुरक्षा/वाहनों पर वर्ष 2012-13 से प्रश्‍न दिनांक तक कुल रूपये 377.75 लाख का व्यय किया गया।    (ख) सिंगरौली जिले को वनों से वर्ष 2012-13 से प्रश्‍न दिनांक तक रूपये 11054.22 लाख की आय प्राप्त हुई तथा रूपये 6851.72 लाख व्यय किया गया। (ग) चितरंगी विधान सभा क्षेत्र में सिंगरौली जिले के अंतर्गत तार फेंसिंग, नवीन वृक्षों के रोपण में लापरवाही के कोई प्रकरण अभी तक प्रकाश में नहीं आये हैं तथा वर्ष 2012-13 से प्रश्‍न दिनांक तक वृक्षों के अवैध कटाई के कुल 566 प्रकरण प्रकाश में आये हैं। (घ) प्रश्‍नांश (क) सिंगरौली जिले को पैकेज से कोई राशि प्राप्त नहीं हुई है। अतः शेष का प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता।

 

विभाग से किये गये पत्राचार पर कार्यवाही

57. ( क्र. 3457 ) श्री गिरीश गौतम : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या म.प्र. शासन सामान्‍य प्रशासन विभाग के विभागीय आदेश अनुसार माननीय सांसदों/विधायकों द्वारा प्रेषित किये जाने वाले पत्रों का जवाब विभाग द्वारा दिया जाना निर्धारित किया गया है? यदि हाँ, तो क्‍या यह लोक निर्माण विभाग में भी लागू है? (ख) क्‍या प्रश्‍नकर्ता द्वारा मुख्‍य अभियंता, कार्यपालन यंत्री (भ.सं.) अनुविभागीय अधिकारी (भ.सं.) लोक निर्माण विभाग रीवा को 1 जनवरी 13 से 30 जनवरी 16 तक विभिन्‍न ता‍रीखों में समस्‍याओं के निराकरण हेतु कई पत्र लिखे गये, तो उक्‍त पत्रों का जवाब किन-किन तारीखों पर प्रश्‍नकर्ता को दिया गया? (ग) यदि पत्रों का जवाब नहीं दिया गया तो उसके लिए कौन जिम्‍मेवार है और उनके विरूद्ध क्‍या कार्यवही की जायेगी?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। (ख) जी हाँ, संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार(ग) जवाब देने की कार्यवाही की जा रही है।

परिशिष्ट ''चौबीस''

विभागीय निधि से शासकीय आवासों की मरम्‍मत

58. ( क्र. 3458 ) श्री गिरीश गौतम : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुख्‍य अभियंता लोक निर्माण विभाग रीवा/अधीक्षण यंत्री लो‍क निर्माण विभाग रीवा मंडल रीवा द्वारा शासकीय आवासों के मरम्‍मत हेतु जनवरी 2013 से 31 जनवरी 2016 तक कितने प्रशासकीय स्‍वीकृत आदेश जारी किये गये है? (ख) क्‍या प्रशासकीय स्‍वीकृत आदेश के तहत वरीयता क्रम से आवासों का मरम्‍मत कार्य कराया गया है? यदि हाँ, तो विवरण देवें? वरीयता क्रम से जिन प्रशासकीय स्‍वीकृति पर कार्य नहीं कराये गये तो उसके लिऐ कौन दोषी है? उसके विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की जायेगी? (ग) क्‍या प्रश्‍नकर्ता एवं कलेक्‍टर रीवा द्वारा कार्यपालन यंत्री (भ.सं)/अनुविभागीय अधिकारी (भ.सं.) लोक निर्माण विभाग रीवा को 1 जनवरी 2013 से 30 जनवरी 2016 तक विभिन्‍न तारीखों में प्रशासकीय स्‍वीकृत आदेशों अनुसार कार्य कराने हेतु लेख किया गया है? यदि हाँ, तो क्‍या कार्यवाही की गयी है तथा विभाग द्वारा उक्‍त पत्रों का जवाब किन-किन तारीखों पर प्रश्‍नकर्ता को दिये गये? यदि नहीं, तो क्‍यों? उसके लिये कौन जिम्‍मेवार है और उनके विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की जायेगी?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) प्रश्‍नांश अवधि में मुख्‍य अभियंता लो.नि.वि. रीवा द्वारा 129 कार्य एवं अधीक्षण यंत्री लो.नि.वि. रीवा द्वारा 49 कार्यों के प्रशासकीय स्‍वीकृति आदेश जारी किये गये है। (ख) जी हाँ। विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। 8 कार्य वरीयता क्रम से नहीं कराये गये है। संबंधित अधिकारियों का स्‍पष्‍टीकरण मांगा गया है। विशेष मरम्‍मत कार्यों की वरीयता, तकनीकी आवश्‍यकता एवं कार्य की महत्‍ता के आधार पर आवंटन की उपलब्‍धता पर, निर्धारित की जाती है। (ग) जी हाँ। पत्रों में उल्‍लेखित एम.आई.जी. II 236 शासकीय आवास के लिये संबंधित अनुविभागीय अधिकारी को विशेष मरम्‍मत के अंतर्गत कार्यवाही हेतु लेख किया गया है। प्रश्‍नकर्ता को प्रश्‍नांश पत्रों में से एक पत्र का प्रति उत्‍तर दिनांक 14.11.15 को दिया गया है। शेष पत्रों के प्रति उत्‍तर न देने हेतु जिम्‍मेदार अधिकारियों का स्‍पष्‍टीकरण मांगा गया है। स्‍पष्‍टीकरण प्राप्‍त होने पर नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी।

मंदिरों का जीर्णोद्धार

59. ( क्र. 3466 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मंदसौर विकासखण्‍ड अंतर्गत 1 जनवरी 2014 से प्रश्‍न दिनांक तक कितने-कितने शासन द्वारा संधारित मंदिरों एवं धार्मिक न्‍यास के जीर्णोद्धार हेतु कितनी-कितनी राशि प्रदान की गई? (ख) प्रश्‍नांश (क) से संदर्भित इन मंदिरों में दी गई राशि में कितने-कितने मंदिरों के कार्यों की प्रशासकीय स्‍वीकृतियां जारी कर टेण्‍डर आमंत्रित कर लिये गये तथा कितने का निर्माण कार्य प्रारंभ हो चुका है तथा कितनों का पूर्ण? (ग) क्‍या मंदसौर के शासन द्वारा संधारित मंदिरों के लिये शासन स्‍तर पर तो राशि स्‍वीकृत कर दी गई है किंतु प्रश्‍न दिनांक तक वह राशि ग्रामीण यांत्रिकी विभाग (आर.ई.एस) को प्रदान नहीं की गई इस संबंध में कौन-कौन अधिकारी इसके लिये जिम्‍मेदार है उनके खिलाफ क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई?

उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) मंदसौर विकासखण्‍ड के अंतर्गत दिनांक 1 जनवरी 2014 से प्रश्‍न दिनांक तक श्री चारभुजानाथ मंदिर ग्राम गुराडिया देदा एवं श्री राधाकृष्‍ण मंदिर आक्‍या उमाहेडा के कार्य स्‍वीकृत हुये है। इनकी स्‍वीकृति क्रमश: 4,50,000 एवं रूपये 4,50,000 है जो कि कार्यपालन यंत्री ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभाग मंदसौर को प्राप्‍त हो चुकी है। (ख) श्री चारभुजानाथ मंदिर ग्राम गुराडिया देदा की प्रशासकीय स्‍वीकृति दिनांक 1/6/2014 द्वारा दी गई थी यह कार्य पूर्ण हो चुका है तथा   श्री राधाकृष्‍ण मंदिर आक्‍या उमाहेडा के कार्य की स्‍वीकृति दिनांक 28/10/2015 द्वारा दी गई थी। उक्‍त कार्य की निविदा का द्वितीय आमंत्रण कार्यपालन यंत्री ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभाग मंदसौर ने जारी किया गया है। (ग) प्रश्‍न क्रमांक एवं के उत्‍तर मे उल्‍लेखित दोनों कार्यों की स्‍वीकृत राशि दी जा चुकी है एवं विभाग को प्राप्‍त हो चुकी है। शेष प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता।

प्रतिबंधित वन विभाग की भूमि पर निजी कं‍पनियों द्वारा कार्य

60. ( क्र. 3467 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मंदसौर विकासखण्‍ड स्थित रेवास देवडा मार्ग पर घुघरीपाल एवं देवडुंगरी माताजी पर वन विभाग की कितनी भूमि है, क्‍या यह भूमि प्रतिबंधित क्षेत्र है?       (ख) 1 जनवरी 2013 से प्रश्‍न दिनांक तक इस भूमि पर अन्‍य उपयोग हेतु किस-किस प्रकार के एग्रीमेंट कर निजी कंपनियों को किस कार्य के लिए किस नीति के तहत   किस-किस सक्षम अधिकारी ने प्रदान की? (ग) क्‍या उक्‍त वन विभाग की भूमि पर वन जीव विचरण करते है तथा यह एरिया वन जीवों के कारण आम नागरिक के लिए प्रतिबंधित है? यदि हाँ, तो पवन ऊर्जा के लिए इस जमीन को दिये जाने से वन्‍य प्र‍ाणियों पर इसका क्‍या प्रभाव पडेगा? इसका आंकलन क्‍या एग्रीमेंट के समय किया गया था? यदि हाँ, तो विवरण प्रस्‍तुत करें? (घ) विण्‍ड पावर कंपनी द्वारा इस प्रतिबंधित एरिये में कितनी सड़कें बनाकर कितना खनिज उपयोग में लिया गया?

वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) प्रश्नाधीन मार्ग पर भारतीय वन अधिनियम, 1927 के अंतर्गत अधिसूचित संरक्षित वनखण्ड-बरदल में वन विभाग की कुल 1259.56 हेक्टेयर वन भूमि हैं। जी हाँ। यह वन भूमि होने के कारण, भारत सरकार एवं राज्य शासन की अनुमति/अनुमोदन के बिना गैर वानिकी उपयोग हेतु प्रतिबंधित वन क्षेत्र है। (ख) प्रश्नाधीन अवधि में इस भूमि पर विण्ड वर्ल्‍ड इण्डिया लिमिटेड भोपाल को, वनमण्डल के वनपरिक्षेत्र मन्दसौर के वनखण्ड बालागुडा, बरखेड़ा जयसिंह एवं बरदल कक्ष क्रमांक पी-1 से पी-6 तक में विण्ड मास्ट योजना अंतर्गत कुल 95.3825 हेक्टेयर वन भूमि में 55.20 मेगावाट पवन ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने हेतु निर्धारित दिशा-निर्देश एवं प्रावधान अनुसार वन (संरक्षण) अधिनियम, 1980 के अंतर्गत भारत सरकार पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन नई दिल्ली तथा म.प्र. शासन वन विभाग द्वारा स्वीकृति प्रदान की गई है, जिसमें रेवास देवड़ा स्थित वनखण्ड बरदल के कक्ष क्रमांक पी-3 से पी-6 तक 77.4265 हेक्टेयर, वन भूमि भी शामिल है। (ग) जी हाँ, किन्तु उक्त वन भूमि पर अत्यन्त कम संख्या में वन्यजीव है तथा यह एरिया वन्यजीवों के कारण आम नागरिकों के लिये प्रतिबंधित नहीं हैं। वन्यप्राणियों की अत्यंत कम मौजूदगी होने से, पवन ऊर्जा को यह जमीन दिये जाने से वन्यप्राणियों के रहवास एवं प्रबंधन में इसका कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ता। इसका समग्र आंकलन करने के पश्चात् ही भारत सरकार पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय नई दिल्ली द्वारा निर्धारित दिशा-निर्देश एवं प्रावधान अनुसार वन (संरक्षण) अधिनियम, 1980 के अंतर्गत औपचारिक अनुमोदन स्वीकृति प्रदान की गई है। (घ) विण्ड पावर कंपनी द्वारा उपरोक्तानुसार स्वीकृत रेवास देवड़ा स्थित वनखण्ड बरदल के कक्ष क्रमांक पी-3 से पी-6 तक कुल 77.4265 हेक्टेयर में 03 सड़कें बनाने का कार्य किया गया, जिसमें 5300 घनमीटर खनिज उपयोग में लिया गया। स्वीकृत क्षेत्र में विभिन्न संरचनाओं के निर्माण में जैसेः- 57 विण्ड टरबाईन, विण्ड मास्ट, यार्ड/बिल्डिंग इत्यादि संरचनाओं के निर्माण हेतु खोदी गई नींव/फाउंडेशन एवं सड़कों के किनारें बनी नालियों से प्राप्त खनिज का उपयोग सड़क निर्माण में किया गया है। 

अत्‍यंत जर्जर सड़क मार्गों की स्‍वीकृति

61. ( क्र. 3513 ) डॉ. राजेन्‍द्र पाण्‍डेय : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या जावरा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत तहसील पिपलौदा एवं तहसील जावरा के ग्रामीण क्षेत्र के सड़क मार्ग अत्‍यंत जर्जर होकर पुल पुलियाएं भी क्षतिग्रस्‍त अवस्‍था में होकर क्षेत्र के ग्रामीणजनों का आवागमन बाधित कर कष्‍टप्रद कर रही हैं? (ख) साथ ही क्‍या दोनों तहसीलों के अंतर्गत ग्रामीण मार्गों की पुल-पुलियाओं के प्रस्‍ताव सहित प्रमुख सड़क मार्गों के प्रस्‍तावों को भी विभागीय तौर पर और प्रश्‍नकर्ता द्वारा भी पत्रों के माध्‍यम से शासन/विभाग से लगातार मांग की है? (ग) यदि हाँ तो पिपलौदा तहसील अंतर्गत आक्‍यादेह व्‍हाया शुजापुर पंचेवा मार्ग एवं सुखेडा बस स्‍टेण्‍ड पुलिया तथा जावरा तहसील अंतर्गत कलालिया-रिंगनोद मार्ग एवं सीतामऊ-रिंगनोद रोड फंटे से व्‍हाया विनौली-आलमपुर ठिकरिया मार्ग सहित कई प्रस्‍ताव प्रेषित किये हैं? (घ) यदि हाँ, तो उपरोक्‍त प्रेषित प्रस्‍ताव अनुसार दोनों तहसीलों की अत्‍यंत महत्‍वपूर्ण एवं पूर्णतया: जर्जर होकर जीर्णशीर्ण ध्‍वस्‍त सड़क मार्गों एवं पुल पुलियाओं की स्‍वीकृति दिये जाने हेतु शासन/विभाग द्वारा अब तक क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जी नहीं। सभी मार्ग नहीं। म.प्र. सड़क विकास निगम द्वारा निर्मित जावरा विधानसभा क्षेत्र मे जावरा-पिपलौदा जालन्‍धर मार्ग, पिपलौदा-सैलाना मार्ग, आगर-बड़ौद, ताल-आलोट जावरा मार्ग, उज्‍जैन-जावरा मार्ग एवं जावरा नयागांव मार्ग अच्‍छी स्थिति में है। उक्‍त मार्गों पर क्षेत्र के ग्रामीणजनों को आवागमन में कोई कष्‍ट नहीं है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के स.क्रं. 01 से 04 पर उल्‍लेख अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के स.क्रं. 01 से 04 पर उल्‍लेख अनुसार है।

महाविद्यालयों में स्‍वीकृत पदों की पूर्ति

62. ( क्र. 3514 ) डॉ. राजेन्‍द्र पाण्‍डेय : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या प्रदेश के शासकीय महाविद्यालयों में प्राध्‍यापकों की अत्‍यंत कमी होकर स्‍वीकृत पदों की पदपूर्ति शासन/विभाग द्वारा अतिथि विद्धानों की नियुक्त दी जाकर की जाती है तथा अतिथि विद्वानों के माध्‍यम से ही कई वर्षों से शैक्षणिक कार्य महाविद्यालयों में सम्‍पन्‍न किया जा रहा है? (ख) क्‍या विगत कई वर्षों से अतिथि विद्वानों द्वारा उन्‍हें नियमितीकरण किये जाने एवं स्‍थाई नियुक्ति दिये जाने के संबंध में लगातार मांग की जा रही है? (ग) यदि हाँ, तो शासन/विभाग स्‍वीकृत रिक्‍त पदों की पदपूर्ति हेतु क्‍या अतिथि विद्वानों को स्‍थाई नियुक्ति अथवा नियमितीकरण किये जोन के संबंध में विचार कर रहा है?

तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। जी हाँ, विगत कई वर्षों से प्रदेश के शासकीय महाविद्यालयों में शैक्षणिक संवर्ग के रिक्त पदों के विरुद्ध संबंधित महाविद्यालय में विषयवार कार्यभार के आधार पर आवश्यकतानुसार संबंधित विषय में अतिथि-विद्वानों को आमंत्रित कर अध्यापन कार्य सुचारू रूप से किया जा रहा है।   (ख) जी हाँ। (ग) जी नहीं।

उद्योगों हेत आरक्षित भूमि

63. ( क्र. 3591 ) श्री शैलेन्‍द्र पटेल : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) पिछले 03 वर्ष में मध्‍यप्रदेश सरकार द्वारा उद्योगों की स्‍थापना हेतु कितनी भूमि आरक्षित की गई है? (ख) प्रश्‍नांश (क) कितनी जमीन पर उद्योगों की स्‍थापना हो चुकी है तथा कितनी जमीन पर उद्योग हेतु एम.ओ.यू. साईन किए गए है? (ग) प्रश्‍नांश (क) कितनी जमीन उद्योगों की स्‍थापना हेतु रिक्‍त पड़ी है तथा इसके रिक्‍त होने के क्‍या कारण है?

उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) एवं (ख) 12751.583 हेक्‍टेयर भूमि विभाग के पक्ष में हस्‍तांतरित की गई है जिसमें से विभिन्‍न इकाईयों को 391.103 हेक्‍टेयर भूमि आवंटित की गई है। जमीन पर उद्योग हेतु एम.ओ.यू. साइन नहीं किये गये हैं। (ग) 12360.480 हेक्‍टेयर भूमि रिक्‍त है। रिक्‍त भूमि हेतु उद्यमियों/निवेशकों द्वारा मांग किए जाने पर आवंटन की कार्यवाही की जायेगी।

वन अधिकार कानून

64. ( क्र. 3592 ) श्री शैलेन्‍द्र पटेल : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भूमि अधिकार कानून के तहत सीहोर जिले में कितने व्‍यक्तियों को वन भूमि प्रदान की गई? पिछले 3 वर्षों की वर्षवार जानकारी देवें? (ख) प्रश्‍नांश (क) अभी तक वन भूमि पर रहने वाले आदिवासियों को उक्‍त स्‍थान पर काबिज रखने के लिए सरकार ने क्‍या कार्यवाही की? (ग) वन भूमि पर सालों से रहने वाले आदिवासियों को अतिक्रमण प्रकरण से मुक्‍त करने के लिए सरकार ने क्‍या कार्यवाही की?

वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) अनुसूचित जनजाति और अन्‍य परम्‍परागत वन निवासी (वन अधिकारों की मान्‍यता) अधिनियम 2006 एवं नियम 2007 संशोधित नियम 2012 के तहत सीहोर जिले में कुल 3988 पात्र आदिवासी दावेदारों को वनभूमि के हक प्रमाण पत्र प्रदाय किये गये हैं। विगत तीन वर्षों में क्रमश: वर्ष 2013 में 357, वर्ष 2014 में 18 एवं वर्ष 2015 में 61 दावेदारों को वनभूमि के अधिकार पत्र दिये गये। (ख) उत्‍तरांश '' के परिप्रेक्ष्‍य में अधिकार पत्रधारक वनभूमि पर यथावत काबिज रहेंगे। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) म.प्र. शासन, वन विभाग के पत्र क्रमांक/एफ-5-21/2002/10-3, दिनांक 06.08.2008 द्वारा अनुसूचित जनजाति और अन्‍य परम्‍परागत वन निवासी (वन अधिकारों की मान्‍यता) अधिनियम 2006 के प्रकाश में दिनांक 13.12.2005 तक वनभूमि पर अतिक्रमण से संबंधित केवल अनुसूचित जनजाति वर्ग के साधारण वन अपराध प्रकरणों को निरस्‍त करने तथा ऐसे प्रकरण जो न्‍यायालय में हैं, उन्‍हें वापस लेने का निर्णय लिया गया है। ऐसे प्रकरणों को वापस लेने की कार्यवाही प्रचलित है।

परीक्षाओं के घोषित समय-सीमा का पालन

65. ( क्र. 3654 ) श्रीमती ममता मीना : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या जीवाजी विश्‍वविद्यालय ग्‍वालियर की एवं उससे संबंधित सभी विषयों के मान्‍यता प्राप्‍त कॉलेजों में अध्‍ययनरत छात्रों को गत 5 वर्षों से घोषित समय में अध्‍ययन कराया जाकर परीक्षाएं ली जाकर उनका रिजल्‍ट घोषित करने की         समय-सीमा सुनिश्चित है? (ख) यदि प्रश्‍नांश (क) हां तो एक ही समूह में विभिन्‍न सेमेस्‍टरों में ऐसे कितने सेमेस्‍टरों का रिजल्‍ट अगले सेमेस्‍टर के रिजल्‍ट के बाद आया है या आना है? गत 5 वर्षों का विवरण दें। क्‍या घोषित समय के बाद रिजज्‍ट आया है? (ग) यदि प्रश्‍नांश (क) का उत्‍तर ना हो तो यह बतायें कि जीवाजी यूनिवर्सिटी एवं म.प्र. के अन्‍य यूनिवर्सिटियों की परीक्षाओं की ओर उनके रिजल्‍ट घोषणा की समय-सीमा में अंतर क्‍यों है? जबकि सभी विश्‍वविद्यालयों में अध्‍ययन एक ही कानून के अंतर्गत होता है? (घ) क्‍या विभाग प्रश्‍नांश (क), (ख), (ग) के बिन्‍दुओं के अनुरूप परीक्षा लेने एवं उनका रिजल्‍ट घोषित करने एवं अध्‍ययन कराने हेतु समरूपता स्‍थापित कर समय-सीमा घोषित करायेगा? यदि हाँ, तो कब तक? जिन्‍होंने समय-सीमा का पालन नहीं किया उनके विरूद्ध कोई कार्यवाही होगी?

तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। (ख) सभी सेमेस्टरों के परीक्षा परिणाम समय पर घोषित हो चुके हैं। अत: शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ग) एवं (घ) प्रश्न उपस्थित नहीं होता।

ब्रम्‍हाण घाट को पवित्र नगरी की घोषणा

66. ( क्र. 3692 ) श्री संजय शर्मा : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नरसिंहपुर जिले के पवित्र तीर्थ ब्रम्‍हाण घाट को क्‍या पवित्र नगरी घोषित किया गया है? यदि हाँ, तो क्‍या-क्‍या सुविधायें प्राप्‍त होंगी? (ख) क्‍या पवित्र नगरी में मांस एवं मदिरा की बिक्री पर प्रतिबंध है? यदि हाँ, तो ब्रम्‍हाण घाट में इस पर प्रतिबंध क्‍यों नहीं है? (ग) क्‍या ब्रम्‍हाण घाट के मंदिरों के जीर्णोद्धार हेतु शासन द्वारा प्रयास किये जावेंगे? (घ) यदि हाँ, तो कब तक?

उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जी हाँ। आदेश क्रमांक एफ 2-02/ 2012/छ: दिनांक 22/4/2013 को धार्मिक न्‍यास एवं धर्मस्‍व विभाग मंत्रालय द्वारा नरसिंहपुर जिले के बरमान को पवित्र क्षेत्र घोषित किया गया है। आवश्‍यक सुविधाओं की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) मुख्‍य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत करेली तथा मुख्‍य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत चांवरपाठा को आवश्‍यक कार्यवाही हेतु निर्देश जारी किये गये हैं। (ग) विधिवत प्रस्‍ताव प्राप्‍त होने पर विचार किया जायेगा। (घ) अत: शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट ''पच्चीस''

पुल का निर्माण

67. ( क्र. 3695 ) श्री संजय शर्मा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या नरसिंहपुर जिले में ग्राम बरमान कलां एवं खुर्द के बीच नर्मदा नदी के दोनों तटों को जोड़ने हेतु पुल निर्माण हेतु प्रस्‍ताव प्रमुख सचिव, म.प्र.शासन, लो.नि.वि., मंत्रालय भोपाल को पत्र क्रमांक-1118 दिनांक 08.05.2015 को प्रेषित किया गया है? (ख) यदि हाँ, तो प्रश्‍न दिनांक तक क्‍या कार्यवाही की गई? (ग) क्‍या प्राक्‍कलन अनुसार बजट में स्‍वीकृत प्रदान की जावेगी?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जी नहीं। (ख) एवं (ग) प्रश्‍नांश '''' के उत्‍तर के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता।

खेल एवं खिलाडि़यों को प्रशिक्षण

68. ( क्र. 3696 ) श्री संजय शर्मा : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नरसिंहपुर जिले में खेल एवं खिलाडि़यों को बढ़ावा देने, खेल प्रतिभाओं को खोजने उन्‍हें प्रोत्‍साहित करने प्रशिक्षण देने कहाँ-कहाँ क्‍या-क्‍या व्‍यवस्‍थायें की है?     (ख) प्रदेश एवं केन्‍द्र शासन की संचालित किन-किन योजनान्‍तर्गत किस-किस मद में कितनी-कितनी राशि आवंटित की गई है एवं कितनी-कितनी राशि किन कार्यों में व्‍यय हुई है? (ग) वर्ष 2012-13 से 2014-15 तक व्‍यय का विवरण मदवार प्रदान करें?

उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जिले में खिलाडि़यों को बढ़ावा देने, खेल प्रतिभाओं को खोजने उन्हें प्रोत्साहित करने एवं प्रशिक्षण देने के लिये ग्रीष्मकालीन खेल प्रशिक्षण शिविर, ग्रामीण खेल प्रतियोगिता, महिला खेल प्रतियोगिता, युवा अभियान खेल प्रतियोगिता का आयोजन, खेल परिषद् को खेल सामग्री का क्रय, राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर पर पदक विजेता खिलाडि़यों को खेल वृत्ति, हॉकी प्रशिक्षण केन्द्र का संचालन की व्यवस्थायें की गई हैं। प्रश्‍नांश (ख) एवं (ग) की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।

रालामण्‍डल से सामगी तक रोड निर्माण

69. ( क्र. 3721 ) श्री राजेन्द्र फूलचं‍द वर्मा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या सोनकच्‍छ विधानसभा अंतर्गत रालामण्‍डल से ग्राम सामगी तक रोड स्‍वीकृत है? यदि हाँ, तो किस योजना अंतर्गत है। (ख) उक्‍त रोड का निर्माण कार्य कब तक शुरू होगा यदि स्‍वीकृत नहीं है तो क्‍या विभाग द्वारा इसकी स्‍वीकृति हेतु कोई कार्यवाही प्रचलित है। (ग) यदि कार्यवाही प्रचलित है तो जानकारी स्‍पष्‍ट करें?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जी नहीं। किसी योजना में नहीं है।    (ख) स्‍वीकृत नहीं है। अत: निर्माण शुरू करने का प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता है। वर्तमान में कोई कार्यवाही प्रचलन में नहीं है। (ग) जी नहीं। वर्तमान में कोई कार्यवाही प्रचलन में नहीं है।

अगेरा से खेड़ा कालोनी तक रोड निर्माण

70. ( क्र. 3722 ) श्री राजेन्द्र फूलचं‍द वर्मा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या अगेरा से खेड़ा कालोनी तहसील सोनकच्‍छ तक रोड स्‍वीकृत है? (ख) यदि स्‍वीकृत है तो कब तक निर्माण कार्य शुरू होगा? यदि स्‍वीकृत नहीं है तो क्‍या विभाग द्वारा इसकी स्‍वीकृति हेतु कोई कार्यवाही प्रचलित है या नहीं?     (ग) यदि उक्‍त मार्ग पर रोड निर्माण स्‍वीकृत है तो किस योजना के अंतर्गत है तथा क्‍या कार्यवाही अभी तक इस दिशा में की जा रही है?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जी नहीं। (ख) स्‍वीकृत नहीं है। अत: निर्माण शुरू करने का प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता है। वर्तमान में कोई कार्यवाही प्रचलन में नहीं है। (ग) जी नहीं। किसी योजना में नहीं है। वर्तमान में कोई कार्यवाही प्रचलन में नहीं है।

जर्जर भवनों के संबंध में

71. ( क्र. 3757 ) श्री पुष्‍पेन्‍द्र नाथ पाठक : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र बिजावर में विभाग के कितने भवन ऐसे है जो जर्जर होने के कारण उपयोगी नहीं है। सूची उपलब्‍ध करावें। (ख) क्‍या जर्जर भवनों के स्‍थान पर नया भवन बनाने की कोई कार्ययोजना विभाग में तैयार की जा रही है।    (ग) उक्‍त भवनों का अन्‍यत्र प्रयोग करने के लिए क्‍या विभाग विचार करेगा?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) 13 भवन। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। (ग) वर्तमान में कोई प्रस्‍ताव विचाराधीन नहीं है।

परिशिष्ट ''छब्बीस''

वन जीवों के असामान्‍य मौतों की जाँच

72. ( क्र. 3890 ) श्री दिनेश राय : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिले के अंतर्गत पेंच नेशनल पार्क में वर्तमान में कुल कितने शेर और तेंदुए हैं तथा वर्ष 2013-14 से प्रश्‍न दिनांक तक वन्‍य जीवों की सुरक्षा व अन्‍य पर कितना व्‍यय हुआ? (ख) क्‍या पिछले एक वर्ष में विभाग की लापरवाही के कारण पेंच एरिये में सैकड़ो वन्‍य जीवों की असामान्‍य मौतें हो रही है? यदि हाँ, तो 1 अप्रैल, 2014 से प्रश्‍न दिनांक तक वन्‍य जीवों की संदिग्‍ध मौतों की संख्‍या बतावें? (ग) इन असामान्‍य मौतों के लिए कौन-कौन अधिकारी जवाबदार है और विभाग इन अधिकारियों पर क्‍या कार्यवाही करेगी?

वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) सिवनी जिले के अंतर्गत वर्ष 2015 में कैमरा ट्रेप अनुश्रवण के अनुसार पेंच नेशनल पार्क में वर्तमान में न्यूनतम 45 बाघ हैं। तेन्दुओं की संख्या का आंकलन नहीं हुआ है। वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक वन्य जीवों की सुरक्षा व अन्य कार्यों पर रूपये 18.82 करोड़ व्यय हुये है। (ख) जी नहीं। (ग) किसी वन्यजीव की असामान्य या संदिग्ध मृत्यु नहीं हुई है एवं न ही कोई अधिकारी जवाबदार है। अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। 

हितग्राही मूलक योजनाओं के ऋण प्रकरणों पर कार्यवाही

73. ( क्र. 3933 ) कुमारी निर्मला भूरिया : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जिला झाबुआ अंतर्गत 1 अप्रैल, 2014 से 31 दिसम्‍बर 2015 तक की अवधि में जिला व्‍यापार एवं उद्योग केन्‍द्र द्वारा किस-किस बैंक को शासन की     कौन-कौन सी योजनांतर्गत कितने हितग्राहियों के ऋण प्रकरण स्‍वीकृति हेतु भेजे गये? (ख) प्रश्‍नांश (क) में प्रेषित प्रकरणों में कितने हितग्राहियों को किन-किन बैंकों द्वारा ऋण आवेदन स्‍वीकार कर उन्‍हें राशि उपलब्‍ध करा दी गई? कितने हितग्राहियों के प्रकरण लंबित है और क्‍यों? (ग) लंबित प्रकरणों के निराकरण हेतु क्‍या कार्यवाही की गई? क्‍या इसके लिये दोषी अधिकारियों का उत्‍तरदायित्‍व का निर्धारण किया जाकर उनके विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की जावेगी एवं कब तक?

उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) से (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब एवं अनुसार है। कार्यालय में कोई भी आवेदन पत्र लंबित नहीं है। बैंकों द्वारा शासन से प्राप्त लक्ष्यों की शत्-प्रतिशत पूर्ति की गई। अत: शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता।

वन प्रणियों की मृत्‍यु के लिए दोषियों पर कार्यवाही

74. ( क्र. 3960 ) श्री सुन्‍दरलाल तिवारी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या प्रदेश में वन्‍य प्राणियों का संरक्षण एवं प्रबंधन वन्‍य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 के प्रावधान के अंतर्गत किया जाता है? इसी के अंतर्गत राष्‍ट्रीय उद्यान एवं अभ्‍यारण्‍यों के गठन एवं प्रबंधन के साथ टाईगर रिजर्व, कंजर्वेशन रिजर्व, कम्‍यूनिटी रिजर्व बनाये जाने का प्रावधान है? (ख) यदि प्रश्‍नांश (क) हां तो राज्‍य शासन द्वारा स्‍थापित राष्‍ट्रीय उद्यान वन्‍य प्राणी अभ्‍यारण्‍य राष्‍ट्रीय उद्यानों सहित स्‍‍थापित टाईगर रिजर्व में कौन-कौन से वन्‍य प्राणियों की प्रजातियां रखी गई हैं? उनमें से वर्ष 2012 से प्रश्‍नांश दिनांक तक में कितने से वन्‍य प्राणी की मृत्‍यु हुई? म.प्र. में कितने टाईगरों की मृत्‍यु 2010 से प्रश्‍नांश दिनांक तक में हुई? कारण सहित बतावें? कितने वन्‍य प्राणियों की मौत शिकारियों के कारण हुई? (ग) प्रश्‍नांश (ख) के संदर्भ में वन्‍य प्राणियों के रख-रखाव, भोजन, दवाई एवं अन्‍य खर्च हेतु कितनी-कितनी राशि वर्ष 2012 से प्रश्‍नांश दिनांक तक में खर्च की गई? (घ) प्रश्‍नांश (ख) के वन्‍य प्राणियों की मृत्‍यु एवं रख-रखाव में कमी के लिए लापरवाह अधिकारियों/कर्मचारियों की पहचान कर अधिकारियों एवं कर्मचारियों के विरूद्ध क्‍या कार्यवाही करेंगे? अगर फर्जी बिल वाऊचर दवाई एवं वन्‍य प्राणियों के भोजन के नाम पर राशि आहरित की गई है तो दोषियों के विरूद्ध क्‍या कार्यवाही करेंगे?

वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी हाँ। (ख) राज्य शासन द्वारा स्थापित राष्ट्रीय उद्यानों, अभ्यारण्यों तथा टाईगर रिजर्वस में वन्यप्राणियों की कोई प्रजाति रखी नहीं जाती है बल्कि उस क्षेत्र में उपलब्ध वन्यप्राणियों की प्रजातियों का संरक्षण किया जाता है। वर्ष 2012 से प्रश्नांश दिनांक तक वन्यप्राणियों की मृत्यु की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 (अ) अनुसार है। वर्ष 2010 से प्रश्नांश दिनांक तक बाघ की मृत्यु एवं मृत्यु के कारण (शिकार सहित) की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 (ब) अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (घ) वन्यप्राणियों की मृत्यु एवं रख-रखाव में किसी अधिकारी/ कर्मचारी की लापरवाही परिलक्षित नहीं हुई हैं और न ही वन्यप्राणियों के भोजन एवं दवाई के नाम पर फर्जी बिल वाऊचर से राशि आहरण का प्रकरण प्रकाश में आया है। अतः किसी अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध कार्यवाही का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।

दोषियों के विरूद्ध आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध करना

75. ( क्र. 3961 ) श्री सुन्‍दरलाल तिवारी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या सतना जिले के मुकुन्‍दपुर में चिडि़याघर एवं वन्‍य प्राणी सह-उपचार केन्‍द्र का निर्माण कराया जा रहा है? निर्माण हेतु कितने लागत का प्राक्‍कलन एवं तकनीकी स्‍वीकृति दी गई है, वर्तमान में प्रश्‍नांश दिनांक तक कितना कार्य पूर्ण किया जा चुका है? (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में दिसम्‍बर 2013 में कितनी बोरी सीमेन्‍ट किस एजेन्‍सी से क्रय की गई? क्‍या उक्‍त एजेन्‍सी के पास सीमेंट विक्रय का अनुज्ञापत्र जारी है, सीमेन्‍ट किस कंपनी की थी? क्‍या सीमेंट की खरीदी का स्‍टॉक पंजी में उल्‍लेख नहीं है? (ग) प्रश्‍नांश (ख) के संबंध में क्‍या बिल क्रं. 502, 504, 506, 507, 508 के माध्‍यम से दिनांक 20.12.2013 को भारत सिंह कान्‍ट्रेक्‍टर एवं सप्‍लायर के माध्‍यम से सीमेन्‍ट की खरीदी की गई एवं फर्जी बिल वाऊचर के आधार पर राशि भी आहरित कर ली गई?   (घ) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में जो निर्माण हेतु बालू की खरीदी में भी जिन वाहन क्रमांकों के माध्‍यम से बालू सप्‍लाई की गई है, उन वाहनों में क्‍या बालू लोड करने की उतनी क्षमता थी? साथ ही वाहन के अभिवहन के पास में भी क्‍या छेड़-छाड़ की गयी है? (ड.) प्रश्‍नांश (क) के निर्माण में प्रश्‍नांश (ग) एवं (घ) के अनुसार की गई अनियमितता के लिए दोषी संबंधित अधिकारियों एवं कर्मचारियों के साथ वाहन मालिकों एवं फर्जी सीमेन्‍ट के विक्रेताओं के विरूद्ध आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध करते हुए वसूली की कार्यवाही करेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? अगर नहीं, तो क्‍यों?

वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी हाँ। निर्माण हेतु रूपये 5469.20 लाख का प्राक्कलन है एवं रूपये 4925.671 लाख की तकनीकी स्वीकृति जारी की गई है। प्रश्नांश दिनांक तक जू-सेन्टर के निम्न कार्य पूर्ण हो चुके है। जू सेन्टर की बाउन्ड्रीवॉल, मेन गेट, हॉस्पिटल, फूड स्टोर, जू के पर्यटक एवं प्रबंधन रोड, आवासीय परिसर एवं बाउन्ड्रीवॉल, टाईगर, पेन्थर, लायन, व्हाइट टाईगर, भालू के बाड़ा एवं नाइट हाउस तथा व्हाइट टाईगर सफारी का बाड़ा निर्माण, तालाब, वाटर प्वाइंट, सिट आउट, कीपर हट, विजिटर्स वाशरूम, जल संरक्षण संरचना, एग्जीविट गैलरी। (ख) दिसम्बर 2013 में 20000 बोरी सीमेन्ट सफल निविदाकार श्री भरत सिंह से क्रय की गई। प्रदायकर्ता के पास सीमेन्ट व्यापार हेतु वाणिज्य कर विभाग से पंजीयन है। क्रय की गई सीमेन्ट जे.पी., के.जे.एस. एवं बिरला कम्पनी की थी। सीमेन्ट खरीदी का पंजी में उल्लेख किया गया है। (ग) जी हाँ। फर्जी बिल वाऊचर के आधार पर राशि आहरित किया जाना प्रकाश में नहीं आया। (घ) जानकारी संकलित की जा रही है। (ड.) प्रश्‍नांश '' में कोई अनियमितता नहीं पायी गई तथा '' की जानकारी संकलित की जा रही है। अत: वर्तमान में अनियमितता एवं अपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध करने बाबत् बताया जाना संभव नहीं है। जानकारी संकलित हो जाने पर गुण दोष के आधार पर कार्यवाही की जावेगी।

नेशनल पार्क एवं टाईगर रिजर्व केन्‍द्र

76. ( क्र. 4053 ) श्री रजनीश सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्‍यप्रदेश में कुल कितने नेशनल पार्क एवं टाईगर रिजर्व हैं और ये कब बनाये गये? नाम बताते हुये गठन वर्ष की जानकारी देवें? (ख) उक्‍त नेशनल पार्क एवं टाईगर रिजर्व जब बनाये गये थे तब इनमें बाघ, मादा बाघ, गुलबाघ, तेंदुए, मादा तेंदुए, भालू व मादा भालू की संख्‍या कितनी थी? (ग) उक्‍त नेशनल पार्क एवं टाईगर रिजर्व के गठन के बाद से प्रतिवर्ष कितने वन्‍य प्राणी (उक्‍त प्राणियों में से) शिकार, रोड एक्‍सीडेंट में व अन्‍य कारणों से मरे हैं? वर्षवार जानकारी प्रदान करें दें? (घ) वर्तमान में उक्‍त नेशनल पार्क में उक्‍त वन्‍य प्राणियों की संख्‍या कितनी है?

वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) मध्यप्रदेश में कुल 10 नेशनल पार्क एवं 06 टाईगर रिजर्व हैं। नाम एवं गठन वर्ष की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) उपलब्ध अभिलेख के अनुसार नेशनल पार्क एवं टाईगर रिजर्व के गठन के समय अथवा उसके पश्चात बाघ, तेन्दुआ, भालू की संख्या की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) अभिलेख के अनुसार वर्ष 1972 से प्रश्न दिनांक तक वन्यप्राणियों की मृत्यु की संकलित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (घ) वर्ष 2014 में बाघों की स्थिति के संबंध में राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण, नई दिल्ली एवं भारतीय वन्यजीव संस्थान, देहरादून द्वारा किये गये आंकलन के अनुसार मध्यप्रदेश में 308 बाघ एवं 1817 तेन्दुआ होना बताया गया है। यह जानकारी राष्ट्रीय उद्यानवार नहीं दी गई है। टाईगर रिजर्ववार जानकारी दी गई है, जो जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। अन्य विवरण अप्राप्त होने के कारण बताया जाना संभव नहीं है।

बेनगंगा नदी पर मलारा पुल निर्माण

77. ( क्र. 4060 ) श्री रजनीश सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या कारण है कि विगत 5 वर्ष से निर्माणाधीन बेनगंगा नदी पर मलारा पुल का निर्माण आज दिनांक तक नहीं हो पाया है? इतनी लंबी अवधि में भी निर्माण न होने के क्‍या कारण हैं? कारण स्‍पष्‍ट करें? (ख) उक्‍त पुल का टेंडर निर्माण हेतु कितनी बार लग चुका है? इसकी निर्माण एजेंसी कौन है? इसकी लागत व भौतिक स्थिति क्‍या है? (ग) क्‍या पुल निर्माण में विलंब का कारण निर्माण एजेंसी है? यदि हाँ, तो उक्‍त एजेंसी/ठेकेदार पर क्‍या कार्यवाही की गई? जानकारी देवें? (घ) उक्‍त पुल का निर्माण कब तक कर लिया जावेगा?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ख) चार बार। मे. अब्‍दुल अजीज मण्‍डला। जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ग) जी हाँ। कार्यवाही विवरण संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (घ) दिसम्‍बर 2016 तक पूर्ण होने की संभावना है। निश्चित तिथि बताना संभव नहीं है।

परिशिष्ट ''सत्ताईस''

 

भण्‍डार क्रय नियमों का पालन

78. ( क्र. 4085 ) श्री नरेन्‍द्र सिंह कुशवाह : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासकीय एम.जे.एस. महाविद्यालय भिण्‍ड में वर्ष 2012 से प्रश्‍नांश दिनांक तक किस मद में क्‍या सामग्री क्रय की गई? क्‍या भण्‍डार क्रय अधिनियम का पालन किया गया? सक्षम अधिकारी की अनुमति ली गई? यदि हाँ, तो जानकारी दें? (ख) प्रश्‍नांश (क) के अंतर्गत स्‍वच्‍छता अभियान के अंतर्गत कितनी राशि किस मद से व्‍यय की गई? किस एजेंसी से कार्य करवाया गया? (ग) प्रश्‍नांश (क) के अंतर्गत जनभागीदारी में कितनी राशि प्रश्‍नांश दिनांक तक शेष है? शेष राशि से क्‍या कार्य करवाया जायेगा? जनभागीदारी में विगत पाँच वर्ष में किस-किस कार्य के लिए व्‍यय की गई? जानकारी दें? (घ) प्रश्‍नांश (क) में विधि विभाग में कितने छात्र अध्‍ययनरत हैं? विधि विभाग के लिए भवन निर्माण किया जा रहा है? यदि हाँ, तो कब निर्माण कार्य प्रारंभ हो जायेगा?

तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) क्रय की गई सामाग्री की सूची संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार। भंडार क्रय नियम के पालन एवं सक्षम अधिकारी की अनुमति की जाँच कराई जा रही है। (ख) जनभागीदारी मद से राशि रू. 47,600 व्यय की गई है। उक्त कार्य भदावर बिल्डिंग मटेरियल, भिण्ड एवं विकास पम्प इंडस्ट्री एजेन्सी से कराया गया। (ग) जनभागीदारी मद में राशि रू. 1,76,10,462 शेष है। आवश्यकता अनुसार कार्य महाविद्यालय के जनभागीदारी समिति के निर्णयानुसार कराया जा सकता है। जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार। (घ) विधि विभाग में सत्र 2015-16 में 101 छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं। जी नहीं। संभागीय परियोजना यंत्री लो.नि.वि. पी.आई.यू. भिण्ड के पत्र क्रमांक 29-30/आडी/मुख्या./भिण्ड दिनांक 11.01.2016 के अनुसार शासकीय विधि महाविद्यालय भिण्ड के नवीन भवन का प्राकलन तैयार कर तकनीकी स्वीकृति हेतु अतिरिक्त परियोजना संचालक लो.नि.वि. पी.आई.यू. ग्वालियर में प्रस्तुत किया गया है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट ''अट्ठाईस''

निर्माण सामग्री

79. ( क्र. 4128 ) श्रीमती रेखा यादव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक निर्माण विभाग के द्वारा दो वर्षों में छतरपुर जिले के    किस-किस निर्माण कार्य में कितना-कितना गौण खनिज का उपयोग किया जाना मेजरमेंट बुक में दर्ज किया है? (ख) लोक निर्माण विभाग के द्वारा मेजरमेंट बुक में दर्ज किए गए गौण खनिज में से कितने गौण खनिज की खनिज विभाग से अनुमति प्राप्‍त की गई, कितने गौण खनिज को रॉयल्‍टी का भुगतान किया जाकर क्रय कर निर्माण में उपयोग किया गया? (ग) खनिज विभाग में रॉयल्‍टी जमा किए बिना गौण खनिज का विभाग के निर्माण कार्यों में उपयोग किए जाने पर विभाग ने किस-किस के विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की है? यदि नहीं, की तो कारण बतावें? (घ) खनिज विभाग से अनुमति लिए बिना रॉयल्‍टी का भुगतान किए बिना विभाग के कार्यों में गौण खनिज का उपयोग करने वालों के विरूद्ध विभाग कब तक क्‍या कार्यवाही करेगा? समय-सीमा सहित बतावें?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' एवं 'अ-1' अनुसार है। (ख) लोक निर्माण विभाग द्वारा गौण खनिज की अनुमति खनिज विभाग से नहीं ली जाती। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' एवं 'अ-1' अनुसार है। (ग) विभाग द्वारा रायल्‍टी ठेकेदार के देयक से काटी गई है, जिसका विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' एवं 'अ-1' अनुसार है अत: कोई कार्यवाही का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्‍तरांश '' एवं '' के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होते।

संरक्षित वन अधिसूचित

80. ( क्र. 4129 ) श्रीमती रेखा यादव : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या यह सही है कि अता. प्रश्न संख्‍या-28 (क्रमांक 1842) दिनांक 03 मार्च 2015 में बताया गया है कि छतरपुर वनवृत के अंतर्गत भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा 29 के तहत संरक्षित वन अधिसूचित किए बिना ही धारा 4 (1) के तहत भूमियों को अधिसूचित कर दिया गया है, किन्‍तु यह सही नहीं है कि धारा 29 के तहत संरक्षित वन अधिसूचित किए बिना ही भूमियों को धारा 34 के अंतर्गत अधिसूचित कर दिया गया है की जानकारी दी गई है? (ख) परि.अता.प्रश्‍न संख्‍या-86 (क्रमांक 1087) दिनांक 11 दिसम्‍बर 2014 के उत्‍तर में बताए गए मुख्‍य वन संरक्षक छतरपुर के पत्र क्रमांक 1372 दिनांक 23 मई 2014 से वनमण्‍डाधिकारी छतरपुर को राजपत्र में किस दिनांक को धारा 34 के तहत राजपत्र में प्रकाशित अधिसूचना के संबंध में क्‍या-क्‍या निर्देश दिए गए? (ग) छतरपुर जिले के लिए राजपत्र में किस दिनांक को धारा 34 के तहत राजपत्र में प्रकाशित अधिसूचना की प्रति वनमण्‍डल, वनवृत एवं वन मुख्‍यालय में उपलब्‍ध है इन अधिसूचनाओं में डीनोटीफाईड की गई भूमियों को किस दिनांक को राजपत्र के धारा 29 के अनुसार संरक्षित वन अधिसूचित किया गया धारा 29 की प्रकाशित अधिसूचना की प्रति सहित बतावें? (घ) धारा 29 की राजपत्र में अधिसूचना का प्रकाशन किए बिना ही राजपत्र में धारा 34 की अधिसूचना का प्रकाशन किए जाने का क्‍या कारण रहा है?

वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रश्नांकित पत्र द्वारा वनमण्डलाधिकारी छतरपुर को भारतीय वन अधिनियम, 1927 की धारा-34 ’के तहत राजपत्र दिनांक 13 मार्च 1970, 19 मई 1972, 27 सितम्बर, 1972, 21 अक्टूबर 1972 एवं 14 नवम्बर 1972 में प्रकाशित अधिसूचनाओं का परीक्षण कराकर आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिए गए हैं। (ग) प्रश्नांकित जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक पर है। इन अधिसूचनाओं में डीनोटीफाईड की गई भूमियों में से क्षतिपूर्ति वैकल्पिक वृक्षारोपण हेतु प्राप्त 883.176 हेक्टेयर भूमि को दिनांक 22.10.2010 से राजपत्र में तथा 226.215 हेक्टेयर भूमि को दिनांक 30.09.2011 के राजपत्र में भारतीय वन अधिनियम, 1927 की धारा-29 के तहत संरक्षित वन अधिसूचित किया गया है। प्रकाशित अधिसूचना की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो पर है। (घ) जी नहीं। छतरपुर वन वृत्त के अंतर्गत रीवा फारेस्ट एक्ट की धारा-29 के तहत रीवा राज दरबार की अधिसूचना आदेश क्रमांक-124 दिनांक 08.02.1937 से अधिसूचित संरक्षित वन भूमियों को ही भारतीय वन अधिनियम, 1927 की धारा-34 ’के तहत निर्वनीकृत किया गया है। 

महाविद्यालय का राज अधिवक्‍ता परिषद् में पंजीयन न होना

81. ( क्र. 4168 ) श्री ठाकुरदास नागवंशी : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या विधानसभा क्षेत्र पिपरिया अंतर्गत स्‍नातकोत्‍तर महाविद्यालय पिपरिया की वर्तमान वर्ष में विधी विषय की शिक्षा प्रदान करने हेतु बरकतउल्‍ला विश्‍वविद्यालय से संबद्धता है? (ख) क्‍या विधी विषय की स्‍नातक डिग्री/स्‍नातकोत्‍तर डिग्री की परीक्षा उपरांत डिग्री धारी छात्रों का पंजीयन राज अधिवक्‍ता संघ में पंजीकृत होने के उपरांत ही इन्‍हे न्‍यायालयों में प्रेक्टिस करने की पात्रता है?   (ग) यदि हाँ, तो इस हेतु महाविद्यालय द्वारा राज अधिवक्‍ता परिषद् में (बार काउंसिल) में पंजीयन होना अनिवार्य है तत्पश्‍चात इस महाविद्यालय से परीक्षा उत्‍तीर्ण करने वाले वे ही छात्रवार काउंसिल में पंजीयन कराने हेतु पात्र होंगे। (घ) क्या स्‍नातकोत्‍तर महाविद्यालय पिपरिया का पंजीयन का नवीनीकरण वर्ष 2009 से वर्तमान शैक्षणिक सत्र में न होने से इस महाविद्यालय से लॉ की डिग्री प्राप्‍त करने वाले छात्र महाविद्यालय के पंजीकरण के अभाव में राज अधिवक्‍ता परिषद् में अपना पंजीयन कराने के पात्र नहीं होंगे यदि हाँ, तो इसके लिये कौन उत्‍तरदायी है।

तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी नहीं। दिनांक 27.03.2015 को संबद्धता प्रदान करने हेतु आवेदन किया है। (ख) बार काउंसिल से रजिस्ट्रेशन के बाद डिग्रीधारी, न्यायालयों में प्रेक्टिस के लिए पात्र होते हैं। (ग) जी हाँ। (घ) प्रकरण की जाँच कराई जा रही है।

मऊगंज-घोघम सड़क का निर्माण

82. ( क्र. 4205 ) श्री सुखेन्‍द्र सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या एन.एच.-7 मऊगंज एम.डी.आर. सड़क से मऊगंज-घोघम पहुंच मार्ग की दूरी 28 किलोमीटर हनुमना-बहरी-सीधी जिला एम.डी.आर. सड़क को जोड़ती है? यदि हाँ, तो इससे मऊगंज से हनुमना-घोघम पहुंच मार्ग की दूरी 13 किलो मीटर कम हो जायेगी? (ख) क्‍या स्‍वीकृत मऊगंज-कमर्जी-सीधी जिला मार्ग सड़क से जुड़ा ग्राम बहेराडाबर को पिपराही पहुंच मार्ग सड़क दूरी 15 किलो‍मीटर पर हनुमना-बहरी-सीधी जिला एम.डी.आर. सड़क को जोड़ती है? इसी तरह पिपराही जो हनुमना-बहरी-सीधी एम.डी.आर. सड़क से मार्ग प्रारंभ होकर जड़कुड़ 25 किलोमीटर उत्‍तरप्रदेश सीमा को जोड़ती है? (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में उपरोक्‍त सड़कें जो एम.डी.आर. सड़क एवं जिला मार्ग सड़क को जोड़ते हुए वर्तमान में खराब स्थिति में चल रही है? इन्‍हें जिला मार्ग घोषित किया जायेगा? (घ) प्रश्‍नांश (क), (ख) एवं (ग) के संदर्भ में यदि हाँ, तो कब तक समय-सीमा बतावें?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। जी हाँ। (ग) जी नहीं। अपितु सामान्‍य स्थिति में है प्रकरण का परीक्षण किया जा रहा है। (घ) प्रकरण परीक्षणाधीन है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।

अल्‍हवा से लासा मार्ग का निर्माण

83. ( क्र. 4206 ) श्री सुखेन्‍द्र सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक निर्माण विभाग रीवा अन्‍‍तर्गत स्थित सब डिवीजन मऊगंज के मार्ग अल्‍वा लासा सड़क की लम्‍बाई 6.7 किलोमीटर पूर्ण कर प्रधानमंत्री सड़क प्रतापगंज, हाटा के 16/6 किलोमीटर पर जोड़ती है? (ख) यदि हाँ, तो लोक निर्माण विभाग के मध्‍य स्थित भाग 3 किलोमीटर की स्‍वीकृति शासन द्वारा प्राप्‍त की गई है? किन्‍तु लोक निर्माण विभाग रीवा द्वारा 6.7 किलोमीटर पूर्ण अल्‍वा लासा खराब सड़क को बनाने हेतु डी.पी.आर. तैयार कर शासन को भेजी गयी है? (ग) यदि हाँ, तो प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में खराब पूर्ण सड़क को जो दूसरे छोर पर प्रधानमंत्री सड़क को जोड़ती है? प्रस्‍तावित डी.पी.आर. को स्‍वीकृति किया जावेगा? यदि हाँ, तो समय-सीमा बतावें? यदि नहीं, तो क्‍यों कारण स्‍पष्‍ट बतावे?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। जी हाँ। (ग) जी नहीं। जी हाँ। निश्चित तिथि बताना संभव नहीं। प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

नियमित प्राचार्यों की नियुक्ति

84. ( क्र. 4245 ) श्री तरूण भनोत : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या विगत दस वर्षों से प्रदेश के स्‍वशासी घोषित समस्‍त इंजीनियरिंग महाविद्यालयों में नियमित प्राचार्य नहीं है? यदि हाँ, तो विगत दस वर्षों में शासन द्वारा नियमित प्राचार्यों की नियुक्ति हेतु क्‍या-क्‍या प्रयास किये गये? (ख) क्‍या वर्णित (क) की संस्‍था में वर्तमान में कार्यरत प्रभारी प्राचार्य अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद् नई दिल्‍ली द्वारा निर्धारित शैक्षणिक योग्‍यता व अनुभव रखते है? क्‍या वे संबंधित संस्‍था में वरिष्‍ठतम प्राध्‍यापक है? यदि नहीं, तो किन परिस्थितियों में यह निर्णय लेते हुये उन्‍हें प्रभारी प्राचार्य का प्रभार सौंपा गया? अब कितनी समयावधि में इन महाविद्यालयों में नियमित प्राचार्यों की नियुक्तियां की जावेगी? (ग) वर्णित (क) की संस्‍था में वर्तमान में कार्यरत किन अधिकारियों/शिक्षकों पर लोकायुक्‍त आर्थिक अपराध प्रकोष्‍ठ के प्रकरण दर्ज है अथवा केन्‍द्रीय अन्‍वेषण ब्‍यूरो द्वारा दोषी पाया गया है? यदि हाँ, तो ऐसे अधिकारी/शिक्षकों का विवरण देवे? एवं उन पर क्‍या कार्यवाही की गई?    (घ) जिन अधिकारियों/शिक्षकों पर लोकायुक्‍त, आर्थिक अपराध प्रकोष्‍ठ के प्रकरण पंजीकृत है अथवा केंद्रीय अन्‍वेषण ब्‍यूरो द्वारा दोषी पाया गया है को प्राचार्य का प्रभार दिया गया है? उन्‍हें कब तक हटाया जावेगा?

तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी नहीं। इंदिरा गांधी इंजीनियरिंग महाविद्यालय, सागर में डॉ. एम.आर. निगम दिनांक 31.07.2008 को एवं उज्‍जैन इंजीनियरिंग महाविद्यालय में डॉ. सी.के. जैन दिनांक 30.06.2009 को नियमित प्राचार्य के रूप सेवानिवृत्‍त हुये है। लोक सेवा आयोग द्वारा भर्ती नियम-2004 के अन्‍तर्गत भर्तियां करने से इन्‍कार कर दिया है। अत: विभाग आवश्‍यक कार्यवाही कर रहा है।   (ख) जी नहीं। तात्‍कालिक परिस्थितियों को दृष्टिगत् रखते हुये संस्‍था के सुचारू संचालन हेतु कुछ गैर-तकनीकी विषयों के अध्‍यापकों को संस्‍था का प्रभार सौपा गया है। समयावधि बता पाना संभव नहीं है। (ग) इंदिरा गांधी इंजीनियरिंग महाविद्यालय, सागर में कार्यरत् श्री आर.आर. राजे, ग्रंथपाल पर लोकायुक्‍त कार्यालय, भोपाल में दर्ज प्रकरण क्रमांक जाप्र/231/08 के आधार पर विभागीय जाँच संस्थित की गई थी। जाँच उपरांत म.प्र. सिविल सेवा वर्गीकरण एवं अपील नियम-1966 के नियम-10 (तीन) के तहत वित्‍तीय अनियमतता उजागर होने के कारण रूपये 495292/- की वसूली जनवरी-2016 से प्रारंभ हो गई है। (घ) निरंक।

रोजगार हेतु हितग्राहियों को ऋण दिये जाने बाबत्

85. ( क्र. 4266 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) रीवा जिले के वि.ख. हनुमना में उद्योग विभाग रीवा द्वारा वर्ष 1995 से 2000 तक कुल कितने हितग्राहियों को रोजगार के लिये लोन (कर्ज) दिया गया?    (ख) क्‍या यह सही है कि हितग्राहियों द्वारा जो जाति/निवास प्रमाण पत्र/आय प्रमाण पत्र तथा अन्‍य दस्‍तावेज मंगाये गयें हैं वह पूर्ण रूप से फर्जी हैं? (ग) यदि हाँ, तो फार्म में फर्जी दस्‍तावेज लगाने वालों के विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की गयी है? यदि नहीं, तो कब तक की जावेगी?

उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) विभाग द्वारा लोन नहीं दिया जाता है, अपितु बैंकों के माध्यम से ऋण उपलब्ध कराया जाता है। प्रश्नाधीन अवधि का रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं है। (ख) एवं (ग) उत्तरांश '' अनुसार शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।

सहायक प्राध्‍यापकों की जानकारी

86. ( क्र. 4310 ) श्रीमती झूमा सोलंकी : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सम्‍पूर्ण मध्‍यप्रदेश में वर्ष 2003-2004 में कितने सहायक प्राध्‍यापक की भर्ती बैकलॉग पदों के माध्‍यम से की गई है? (ख) नियुक्‍त किये गये कितने सहायक प्राध्‍यापकों की परिवीक्षा अवधि समाप्‍त की गई है? (ग) ऐसे कितने प्राध्‍यापक है, जिनकी परिवीक्षा अवधि अभी तक समाप्‍त नहीं हुई? (घ) वर्ष 2013-2014 से 2015-2016 तक उच्‍च शिक्षा विभाग में डी.पी.सी क्‍यों नहीं हुई?

तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) 141 सहायक प्राध्यापक। (ख) 91 सहायक प्राध्यापक। (ग) 234 प्राध्यापक। (घ) वर्ष 2013-2014 में 03 डी.पी.सी. तथा वर्ष 2015 में 04 डी.पी.सी. आयोजित कर कर्मचारियों की पदोन्नति की गर्इ् हैं।

शास. महाविद्यालय राघौगढ़ में रिक्‍त पदों की जानकारी

87. ( क्र. 4331 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासकीय महाविद्यालय राघौगढ़, जिला गुना में शैक्षणिक कार्य हेतु प्राचार्य सहित कुल कितने प्राध्‍यापक/सहायक प्राध्‍यापकों के पद स्‍वीकृत है? कितने भरे हुये हैं तथा कितने रिक्‍त हैं? भरे हुए पदों पर कौन व्‍यक्ति कब से पदस्‍थ है?       (ख) महाविद्यालय में गैर शैक्षणिक पद यथा-लेखाधिकारी, लैब, टेक्निशियन, लिपिक एवं चतुर्थ श्रेणी के कुल कितने पद स्‍वीकृत हैं तथा वर्तमान में कितने और कौन-कौन से पद रिक्‍त है? किस पद पर कौन व्‍यक्ति कब से पदस्‍थ है? (ग) महाविद्यालय को वर्ष 2010 से वर्षवार शासन द्वारा कुल कितना बजट/अनुदान प्राप्‍त हुआ है?

तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र पर है। (ख) जानकारी परिशिष्ट के प्रपत्र पर है। (ग) जानकारी परिशिष्ट के प्रपत्र पर है।

परिशिष्ट ''उनतीस''

फर्जी जाति प्रकरण की जाँच

88. ( क्र. 4363 ) डॉ. कैलाश जाटव (श्री यादवेन्‍द्र सिंह ) : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर संभाग में अधीक्षण यंत्री के पद पर कौन और कब से पदस्‍थ हैं? वे किस वर्ग के आरक्षित कोटे पर किस पद पर कब नियुक्त हुए थे? (ख) क्‍या जिस वर्ग के आरक्षित वर्ग के पद के लिए नियुक्‍त हुए है उस पद को पाने के लिए उक्‍त अधीक्षण यंत्री ने फर्जी जाति प्रमाण पत्र का उपयोग किया था, जिसकी शिकायत होने पर जाँच आयुक्‍त आदिम जाति कल्‍याण विभाग द्वारा की गई है? (ग) यदि हाँ, तो उक्‍त अधीक्षण यंत्री की सेवा समाप्‍त करते हुए धोखा-धड़ी करने का अपराधिक प्रकरण पुलिस थाने में दर्ज क्‍यों नहीं कराया गया व कब तक आपराधिक प्रकरण दर्ज करा दिया जायेगा?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) प्रश्नानुसार जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट में दर्शित है। (ख) जी नहीं। प्राप्त शिकायत की जाँच आयुक्त आदिम जाति कल्याण विभाग में प्रचलन में है। (ग) के परिप्रेक्ष्य में जाँच के निष्कर्ष अनुसार गुण दोष के आधार पर कार्रवाई की जा सकेगी।

परिशिष्ट ''तीस''

मार्ग का सीमांकन कराया जाना

89. ( क्र. 4370 ) डॉ. कैलाश जाटव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर जिले के विधान सभा क्षेत्र बरगी के अन्‍तर्गत पिपरिया से भेरोघाट मार्ग के निर्माण हेतु भू-मार्ग की भूमि का सीमांकन कब कराया गया? सीमांकन प्रतिवेदन की प्रति उपलब्‍ध करावें? उक्‍त मार्ग का निर्माण किस ठेकेदार से कितनी लागत का कराया जा रहा है? (ख) प्रश्‍नांश (क) के मार्ग में बिजली के पोल, ट्रांसफार्मर एवं अन्‍य विद्युत लाइन का कार्य कब और किस ठेकेदार को दिया गया है? (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) के कार्यों में की जा रही अनियमितताओं की कब, क्‍या शिकायतें की गई? उन पर क्‍या कार्यवाही की गई शिकायतवार, विवरण दें तथा उक्‍त कार्यों में ठेकेदारों को प्रश्‍न दिनांक तक कितनी राशि भुगतान की गई?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) भूमि का सीमांकन दिनांक 28/04/2014 को कराया गया। प्रतिवदेन पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-एक अनुसार शेष प्रश्नांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अनुसार। (जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक एवं अनुसार) (ख) प्रश्नांश की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के कार्यों में अनियमितताओं की कोई शिकायत प्राप्त नहीं है। प्रश्न नहीं उठता। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-में दर्शित है।

रिक्‍त पदों की पूर्ति

90. ( क्र. 4378 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्‍ड जिले के शासकीय महाविद्यालय लहार, बालाजी मिहोना एवं आलमपुर में कौन-कौन से पद स्‍वीकृत हैं? स्‍वीकृत पदों में से कौन-कौन से पद कब-कब से रिक्‍त हैं? (ख) उक्‍त प्रश्‍नांश के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍नकर्ता द्वारा वर्ष 2009 से        31 दिसम्‍बर 2015 तक पद भरने हेतु माननीय उच्‍च शिक्षा मंत्री, प्रमुख सचिव एवं आयुक्‍त उच्‍च शिक्षा विभाग म.प्र. को लिखे पत्रों परक्‍या कार्यवाही की गई? (ग) वर्ष 2013-14, 2014-15 एवं 2015-16 में लहार, मिहोना, आलमपुर शासकीय महाविद्यालयों में किन-किन को प्राध्‍यापक/सहायक प्राध्‍यापकों के रिक्‍त पदों पर संविदा/अतिथि व्‍याख्‍याताओं (शिक्षकों) के रूप में किन-किन विषयों को पढ़ाने हेतु नियुक्‍त किया गया? (घ) उपरोक्‍त महाविद्यलायों में रिक्‍त पदों की पूर्ति कब तक करा दी जाएगी?

तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र (पेज 1 से 3) पर है। (ख) शैक्षणिक रिक्त पदों के विरूद्ध अतिथि विद्वानों को आमंत्रित कर अध्यापन कार्य सतत् कराया जा रहा है। शैक्षणिक रिक्त पदों की पूर्ति हेतु लोक सेवा आयोग को मांग पत्र भेजा गया था तथा लोक सेवा आयोग द्वारा दिनांक 9.7.2014 को विज्ञापन भी जारी किया गया, किन्तु न्यायालयीन प्रकरण के कारण विज्ञापन को लोक सेवा आयोग द्वारा निरस्त किया गया। पुन: रिक्त पदों की पूर्ति का मांग पत्र लोक सेवा आयोग को जनवरी में भेजा गया है, जिसका विज्ञापन भी लोक सेवा आयोग द्वारा दिनांक 19.02.2016 को जारी किया जा चुका है। गैर शैक्षणिक पदों की पूर्ति के मांग पत्र भी प्रोफेशनल एक्जामिनेशन बोर्ड को भेजे गये हैं। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ” (पेज 1 से 10) पर है।      (घ) उत्तरांश के प्रकाश में निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

सड़क निर्माण हेतु आवंटित राशि

91. ( क्र. 4396 ) कुमारी मीना सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2013 से प्रश्‍न दिनांक तक लोक निर्माण विभाग में केन्‍द्र सरकार तथा राज्‍य सरकार से उमरिया जिले में सड़क निर्माण तथा पु‍ल पुलिया निर्माण हेतु कितनी-कितनी राशि, किस कार्य हेतु आवंटित की गई? कितना निर्माण कार्य हुआ,     कौन-कौन से कार्य शेष हैं? (ख) निर्माण कार्य कब तक पूर्ण कर लिये जायेंगे?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट के प्रपत्र-अ एवं अ-1 अनुसार है।

परिशिष्ट ''इकतीस''

श्रमिक गाइड, वन सुरक्षा गार्ड को नौकरी में प्राथमिकता

92. ( क्र. 4398 ) कुमारी मीना सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या वन विभाग में ऐसे नियम हैं कि वन क्षेत्र से लगे गांव के लोगों को ही वन विभाग में श्रमिक गाइड, वन सुरक्षा गार्ड को नौकरी में प्राथमिकता दी जायेगी? यदि हाँ, तो बांधवगढ़ नेश‍नल पार्क में कितने श्रमिक गाइड एवं वन सुरक्षा गार्ड 1 अप्रैल 2012 से प्रश्‍न दिनांक तक नियुक्‍त किये गये है? बांधवगढ़ नेश‍नल पार्क में कितने गांव कोर एरिया एवं बफर एरिया अंतर्गत है तथा इन एरिये के कितने लोगों को रोजगार उपलब्‍ध कराया गया है? (ख) प्रश्‍नाधीन अवधि में जिन लोगों को नियुक्‍त किया गया है क्‍या वे नेश‍नल पार्क के आस-पास के ग्रामों (जिला उमरिया) के ही निवासी है या अन्‍य स्‍थानों में रहने वाले हैं? यदि अन्‍य स्‍थानों के रहने वाले है तो क्‍या यह विभाग के नीति निर्देशों का उल्‍लंघन नहीं है? इस हेतु दोषियों के विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की जायेगी तथा क्‍या यह सुनिश्चित किया जायेगा कि स्‍थानीय निवासियों को ही इसमें रोजगार मिले?

वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) एवं (ख) जी नहीं। शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। बांधवगढ़ नेशनल पार्क के कोर एरिया में ग्रामों की संख्‍या 10 एवं बफर एरिया में 96 है। कोर एरिया में 373 एवं बफर क्षेत्र में 167 लोगों को रोजगार उपलब्‍ध कराया गया है। शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

एक ही जिले में पदस्‍थापना

93. ( क्र. 4414 ) चौधरी चन्‍द्रभान सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्री पीयूष अग्रवाल प्रभारी र्इ.ई. लोक निर्माण विभाग पी.आई.यू. छिन्‍दवाड़ा जिले में कितने समय से पदस्‍थ हैं? क्‍या इनकी पदस्‍थापना के दौरान अनेक अनियमितताओं से संबंधित शिकायतें विभागाध्‍यक्ष को प्राप्‍त हुई है? यदि हाँ, तो इन शिकायतों पर क्‍या कार्यवाही की गई? (ख) क्‍या प्रश्‍नांश (क) अधिकारी सब इंजीनियर, एस.डी.ओ. एवं प्रभारी ई.ई.लोक निर्माण विभाग एक ही स्‍थान पर लगभग 20-25 वर्षों से छिन्‍दवाड़ा जिले में ही पदस्‍थ हैं? यदि हाँ, तो जिले से अन्‍यत्र कब तक स्‍थानान्‍तरित किया जाएगा?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) श्री पीयूष अग्रवाल, सहायक यंत्री (सिविल) प्रभारी संभागीय परियोजना यंत्री, लोक निर्माण विभाग, पी.आई.यू., छिंदवाड़ा के पद पर दिनांक 12/03/2014 से पदस्थ हैं एवं छिंदवाड़ा जिले में लगभग साढ़े पाँच वर्ष से निरंतर पदस्थ है, विवरण संलग्न परिशिष्‍ट अनुसार है। दिनांक 09/02/2016 को एक शिकायत प्राप्त हुई, जिसकी जाँच हेतु अतिरिक्त परियोजना संचालक, लोक निर्माण विभाग, पी.आई.यू. जबलपुर को दिनांक 23/02/2016 को पत्र लिखा गया है। जाँच प्रचलन में है। (ख) जी नहीं। अपितु अलग-अलग समय में छिंदवाड़ा जिले में पदस्थगी की कुल अवधि विवरण संलग्न परिशिष्‍ट अनुसार। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट ''बत्तीस''

खेल मैदान एवं स्‍टेडियम की स्‍वीकृति

94. ( क्र. 4452 ) श्री चन्‍दरसिंह सिसौदिया : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मंदसौर जिले की गरोठ विधानसभा क्षेत्र में युवकों के आउट डोर एवं इनडोर खेलों के लिए विगत 5 वर्षों में कितने-कितने एवं कौन-कौन से स्‍टेडियम शासन ने स्‍वीकृत किए? (ख) खेल स्‍टेडियम निर्माण के लिए शासन ने क्‍या मापदण्‍ड निर्धारित किए है? क्‍या गरोठ एवं भानपुरा इस मापदण्‍ड से परे है? यदि नहीं, तो अब तक यहां के युवकों के लिए खेल स्‍टेडियम का निर्माण क्‍यों नहीं? (ग) क्‍या पूर्व में गरोठ के लिए शासन ने स्‍टेडियम निर्माण की घोषणा की थी? यदि हाँ, तो अभी तक उक्‍त कार्य प्रारंभ क्‍यों नहीं हुआ?

उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) विगत 05 वर्षों में गरोठ विधानसभा क्षेत्र में कोई स्टेडियम स्वीकृत नहीं किया गया हैं। (ख) आउटडोर खेल परिसर के निर्माण हेतु 5 से 7 एकड़ भूमि एवं इण्डोर खेल परिसर के निर्माण हेतु न्‍यूनतम 60 x 80 मीटर भूमि के मापदण्ड निर्धारित किए गए हैं। जी नहीं। आउट डोर खेल परिसर के निर्माण हेतु राशि जिला पंचायत, मंदसौर को प्राप्त हो गई है, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग द्वारा तकनीकी स्वीकृति एवं प्रशासनिक स्वीकृति प्राप्त करने की प्रक्रिया की जा रही है। इण्डोर खेल परिसर निर्माण की योजना को भारत सरकार के पत्र क्र. 30-01/एमवाईएएस/आरजीकेए/2015/6419/6428, दिनांक 05.11.2015 द्वारा योजना की पुनः समीक्षा के कारण भारत सरकार द्वारा स्थगित रखा गया है। (ग) जी नहीं। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।

उच्‍च स्‍तरीय पुल पर टोल टैक्‍स की वसूली

95. ( क्र. 4500 ) पं. रमाकान्‍त तिवारी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा-डभौरा मार्ग में टमस नदी पर पटेहरा घाट में उच्‍च स्‍तरीय पुल का निर्माण कब और किस एजेंसी द्वारा कराया गया था? (ख) इस पुल पर टोल टैक्‍स लेना कब से प्रारंभ हुआ तथा टोल टैक्‍स वसूली करने की कोई अधिकतम समय-सीमा नियत है? (ग) यदि हाँ, तो टोल टैक्‍स वसूली की समय-सीमा बतायें? (घ) क्‍या इस पुल में टोल टैक्‍स की वसूली समय समाप्‍त होने के बाद अवैध रूप से की जा रही है? यदि हाँ, तो अवैध टोल टैक्‍स की वसूली बंद करायेंगे?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) दिनांक 31.12.1983 को मेसर्स हिन्‍दुस्‍तान कंस्‍ट्रक्‍शन कम्‍पनी मुम्‍बई। (ख) टोल टेक्‍स माह नवम्‍बर 1986 से प्रारंभ। जी हाँ निर्माण कार्य की लागत वसूली पूर्ण होने तक। (ग) जी हाँ। दिनांक 31.03.2016 तक। (घ) जी नहीं। प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता।

फोरलेन की स्‍वीकृति

96. ( क्र. 4501 ) पं. रमाकान्‍त तिवारी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले के मनगवां से चाक फोरलेन की स्‍वीकृति लागत एवं कार्यपूर्णता की अवधि क्‍या थी? (ख) उक्‍त मार्ग की निर्माण एजेंसी द्वारा समय पर कार्यपूर्ण न करने के क्‍या कारण थे? समयावधि में कार्य पूर्ण न कराने के आरोप में संबंधित निर्माण एजेन्‍सी के विरूद्ध कौन सी कार्यवाही करेंगे? (ग) उपरोक्‍त अधूरे फोरलेन निर्माण कार्य को शीघ्र पूरा कराने हेतु कौन से उपाय किये जा रहे हैं? (घ) प्रश्‍नांश (ग) में बतायें गये उपायों से मार्ग का कार्य कब तक पूरा हो जायेगा समय-सीमा बतायें? कार्य पूरा न होने में दोषी कौन है? दोषियों के खिलाफ क्‍या कार्यवाही की जायेगी?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) रीवा जिले के मनगवां से चाकघाट फोरलेन की लागत रू. 474.00 करोड़ एवं कार्य पूर्णता तिथि 14.04.2015 थी (कन्सेशन अवधि 30 वर्ष, 2 वर्ष निर्माण अवधि सहित) । (ख) कंसेशनायर मे. टॉपवर्थ मनगवां प्रा.लि. द्वारा समय पर कार्य पूर्ण न करने का कारण निवेशकर्ता का वित्तीय प्रबंधन ठीक नहीं होना था। समयावधि में कार्य पूर्ण न करने के आरोप में अनुबंध की निहित धाराओं के अनुरूप कार्यवाही हेतु परिवहन मंत्रालय को प्रस्ताव भेजा गया है। (ग) अधूरे फोनलेन निर्माण कार्य को शीघ्र पूरा करने हेतु कंसेशनायर मे. टापवर्थ मनगवां प्रा.लि. से निरंतर पत्राचार एवं बैंकर्स के साथ बैठकें कर कार्य पूर्ण करने हेतु दिशा निर्देश दिये जा रहे हैं। (घ) कार्य दिसम्बर 2016 तक पूर्ण करना संभावित है। कार्य पूर्ण न करने हेतु कन्सेशनायर दोषी है। अनुबंध की शर्तों अनुसार कार्यवाही की जा रही है।

मुख्‍य मार्ग से ग्राम तक पहुंच मार्ग निर्माण

97. ( क्र. 4589 ) श्री सचिन यादव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कसरावद विधान सभा क्षेत्रान्‍तर्गत मुख्‍य मार्गों की पहुंच से दूर ग्रामों तक पहुंच मार्ग निर्माण कार्य किये जाने के संबंध में प्रश्‍नकर्ता द्वारा जनसंपर्क भ्रमण के उपरांत जिला कलेक्‍टर खरगोन, कार्यपालन अधिकारी, लोक निर्माण विभाग खरगोन एवं अनुविभागीय अधिकारी लोक निर्माण विभाग कसरावद को पत्र वर्ष 2016 में प्रेषित पत्रों पर प्रश्‍न दिनांक तक क्‍या कार्यवाही की गई? (ख) उक्‍त प्राप्‍त पत्रों में दर्शित पहुंच मार्ग निर्माण के प्रस्‍ताव की अद्यतन स्थिति क्‍या है? मार्गवार एवं ग्रामवार जानकारी दें? (ग) प्रश्‍नांश (ख) में दर्शित मार्गों के निर्माण कार्य के प्रस्‍तावों को इसी बजट सत्र में सम्मिलित कर निर्माण कार्य पूर्ण कर लिये जायेगा हां, तो बतायें?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ग) वर्तमान में न तो प्रस्‍तावित है, और न ही स्‍वीकृत है। अत: शेष का प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट ''तैंतीस''

पुल निर्माण कार्य पूर्ण कराने

98. ( क्र. 4590 ) श्री सचिन यादव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कसरावद विधान सभा क्षेत्र के ग्राम सरवर देवला से ग्राम कवड़ी सड़क मार्ग के बीच वेदा नदी पर पुल निर्माण के लिए प्रश्‍नकर्ता द्वारा प्रेषित पत्रों पर प्रश्‍न दिनांक तक क्‍या कार्यवाही की गई? (ख) उक्‍त पुल निर्माण की स्‍वीकृति हेतु प्रस्‍ताव प्रस्‍तावित है तो उस पर प्रश्‍न दिनांक तक क्‍या कार्यवाही की गई? अद्यतन स्थिति से अवगत कराते हुए बतायें कि उक्‍त निर्माण कार्य की स्‍वीकृति कब तक जारी की जायेगी? (ग) प्रश्‍नांश (ख) में दर्शित प्रस्‍तावित प्रस्‍ताव की स्‍वीकृति में विलंब क्‍यों किया गया? इस जनहित के कार्यों में समय पर कार्यवाही पूर्ण नहीं किये जाने में की जा रही लापरवाही में कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी दोषी है?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) कोई पत्र प्राप्‍त नहीं हुआ है, अत: कार्यवाही का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ख) एवं (ग) प्रश्‍नांश '' के उत्‍तर के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता।

सर्विस रोड निर्माण की घोषणा

99. ( क्र. 4646 ) श्रीमती नीना विक्रम वर्मा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या माननीय मुख्‍यमंत्री जी द्वारा ग्राम उज्‍जैनी तह. धार जिला धार में प्रश्‍नकर्ता विधायक की मांग पर ग्राम कलसाड़ा के सामने इन्‍दौर-अहदाबाद नेशनल हाईवे से लेबड़ मानपुर फोरलेन तक सर्विस रोड बनाये जाने की घोषण की थी? (ख) यदि हाँ, तो क्‍या विभाग द्वारा इस बाबत् प्रस्‍ताव तैयार कर शासन को प्रेषित कर दिया है? (ग) उक्‍त सर्विस रोड के निर्माण हेतु अब तक क्‍या कार्रवाई हुई है तथा कब तक मार्ग पूर्ण हो सकेगा?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) ग्राम कलसाड़ा के सामने इन्दौर-अहमदाबाद नेशनल हाईवे से लेबड़-मानपुर फोरलेन तक सर्विस रोड के संबंध में माननीय मुख्य मंत्री जी के उज्जैनी प्रवास के दौरान की गई घोषणा के संबंध में कार्यालयीन रिकार्ड के अनुसार जानकारी अप्राप्त है। (ख) उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही नहीं उठता। (ग) ग्राम कलसाड़ा के सामने इन्दौर-अहमदाबाद नेशनल हाईवे से लेबड़-मानपुर फोरलेन तक सर्विस रोड के संबंध में म.प्र.स.वि.नि.लि. द्वारा उपरगामी पुल के उतार हेतु स्लीप रोड की स्वीकृति, लेबड़-मानपुर फोरलेन रोड प्रोजेक्ट के चेंज ऑफ स्कोप के अन्तर्गत दी गई थी किन्तु कंसेशनायर द्वारा इस कार्य हेतु वित्तिय संसाधन उपलब्ध न होने के कारण कार्य नहीं किया जा सका, इसके साथ ही ग्राम कलसाड़ाखुर्द की अधिग्रहित की जाने वाली निजी भूमि 2.758 हेक्ट. के अधिग्रहण हेतु भू-अर्जन की कार्यवाही प्रचलन में है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।

स्‍थानांतरण के लंबित प्रकरण

100. ( क्र. 4647 ) श्रीमती नीना विक्रम वर्मा : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या शैक्षणिक सत्र 2015-16 में इंदौर विश्‍वविद्यालय से सम्‍बद्ध महाविद्यालयों के सहायक प्राध्‍यापक, प्राध्‍यापकों द्वारा स्‍थानांतरण उपरांत आदेशित स्‍थल पर ज्‍वाईनिंग न करते हुए उच्‍च न्‍यायालय से स्‍टे प्राप्‍त किये है?      (ख) यदि हाँ, तो महाविद्यालयवार उच्‍च न्‍यायालय से स्‍टे प्राप्‍त प्राध्‍यापक, सहायक प्राध्‍यापकों की संख्‍यात्‍मक सूची उपलब्‍ध करावें? (ग) क्‍या शासन/विभाग द्वारा अपने स्‍थानांतरण आदेश के पालन के तारतम्‍य में स्‍टे वेकेंट करवाने हेतु माननीय न्‍यायालय में अपना पक्ष प्रस्‍तुत किया है? (घ) यदि हाँ, तो कितने प्रकरणों में स्‍टे वेकेंट करवाया जाकर आदेश का पालन करवाया जा चुका है तथा कितने प्रकरण जवाब प्रस्‍तुति के अभाव में व अन्‍य कारणों से अभी तक माननीय न्‍यायालय तथा विभागीय स्‍तर पर लंबित है? महाविद्यालयवार पृथक-पृथक संख्‍या उपलब्‍ध करावें?

तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र पर है। (ग) जी हाँ। (घ) 02 प्रकरणों में स्टे वेकेंट कराया जाकर पालन कराया जा चुका है। तथा जवाब प्रस्तुति के आभाव में कोई भी प्रकरण लंबित नहीं है, 19 प्रकरण अभ्यावेदन पर पुन: विचार हेतु लंबित है। शेष प्रश्नांश की जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र पर है।

परिशिष्ट ''चौंतीस''

मुख्‍यमंत्री युवा स्‍व-रोजगार योजना का लाभ

101. ( क्र. 4652 ) श्रीमती ललिता यादव : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) छतरपुर जिले में मुख्‍यमंत्री युवा स्‍व-रोजगार योजना के तहत विगत दो वर्ष से प्रश्‍न दिनांक तक किस-किस कार्य के लिये कितने हितग्राही को किस-किस बैंक से कितना-कितना ऋण उपलब्‍ध हुआ? (ख) प्रश्‍नांश (क) के प्रकाश में उक्‍त अवधि में विभाग के पास कितने आवेदन आये उनमें से कितने आवेदन स्‍वीकृत हुये कितने किन कारणों से अस्‍वीकृत हुए? (ग) विभाग द्वारा भेजे गये आवेदनों में कितने आवेदन प्रश्‍न दिनांक तक कितने आवेदन किन कारणों से लम्बित है? (घ) योजना का लाभ ज्‍यादा से ज्‍यादा हितग्राहियों को मिल सके इसके लिये विभाग द्वारा क्‍या-क्‍या कार्य किये गये? क्‍या विभाग द्वारा जनप्रतिनिधियों के साथ योजनाओं के संबंध में कोई बैठक की गई?

उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) 2860 आवेदन आये, इनमें से 2558 आवेदन अनुशंसित किये गये तथा 302 आवेदन अपात्र होने के कारण अस्‍वीकृत हुए। (ग) मुख्‍यमंत्री युवा    स्‍व-रोजगार योजना 1 अप्रेल 2013 से प्रारंभ हुई थी एवं 31 जुलाई 2014 को बंद हो गई। योजना की प्रभावी अवधि में बैंकों में प्रस्‍तुत किये गये आवेदनों में से बैंक स्‍तर पर लंबित प्रकरण 31.07.2014 को योजना बंद होते ही निष्‍प्रभावी हो जाने के कारण कोई भी आवेदन प्रश्‍न दिनांक तक लंबित नहीं है। (घ) योजना का लाभ ज्‍यादा से ज्‍यादा हितग्राहियों को मिल सके इसके लिये विभाग द्वारा अखबार में विज्ञप्ति दी गई एवं जागरूकता शिविर तथा ऋण मेला आयोजित कर योजना का समुचित प्रचार-प्रसार किया गया। उक्‍त अ‍वधि में विभिन्‍न जनकल्‍याण कार्यक्रमों के माध्‍यम से उक्‍त योजना की जानकारी दी गई। जिला योजना समिति की बैठकों में जनप्रतिनिधियों के साथ योजना की समीक्षा की गई।

मुख्‍यमंत्री की घोषणा का अमल

102. ( क्र. 4653 ) श्रीमती ललिता यादव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या छतरपुर जिला मुख्‍यालय पर बढ़ते आवागमन व हो रही दुर्घटनाओं को नियंत्रित करने के लिये बायपास मार्ग बनाने के लिये विभाग द्वारा डी.पी.आर. तैयार किया गया? अगर हां, तो कब और प्रश्‍न दिनांक तक कार्य की क्‍या स्थिति है? (ख) प्रश्‍नांश (क) के प्रकाश में मुख्‍यमंत्री जी द्वारा बायपास मार्ग छतरपुर में बनाये जाने के लिये कब घोषणा की थी और विभाग द्वारा घोषणा को पूरा करने के लिये क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई? (ग) छतरपुर में बायपास मार्ग कहाँ से कहाँ तक बनाने की योजना है और योजना पर कब से कार्य शुरू होगा?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जी नहीं। छतरपुर बायपास मार्ग बनाने के लिए विस्‍तृत सर्वेक्षण कर डी.पी.आर. तैयार करने हेतु भारत सरकार सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय से अनुमोदन प्राप्‍त कर कंसलटेंट की नियुक्ति की गई है। कंसलटेंट द्वारा एकरेखण विकल्‍पों का सर्वेक्षण किया जा रहा है विकल्‍पों में से सर्वथा उपयुक्‍त विकल्‍प पर भारत सरकार सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय से अनुमोदन प्राप्‍त हो जाने पर संबंधित कंसलटेंट द्वारा डी.पी.आर. तैयार की जावेगी। (ख) जी नहीं, अपितु कलेक्‍टर छतरपुर से प्राप्‍त पत्र दिनांक 23.12.2014 के आधार पर संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ग) भारत सरकार सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय से एकरेखण के विकल्‍प का अनुमोदन प्राप्‍त हो जाने के उपरांत ही बायपास मार्ग के प्रारंभ एवं अंतिम स्‍थान की जानकारी प्रस्‍तुत करना संभव हो सकेगा। कार्य शुरू होने की निश्चित तिथि बताना संभव नहीं।

परिशिष्ट ''पैंतीस''

निर्माण कार्य की जानकारी

103. ( क्र. 4678 ) श्री ओमकार सिंह मरकाम : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि डिण्‍डौरी जिले में वित्‍तीय वर्ष 2013-14,2014-15 एवं 2015-16 में पी.आई.यू के अन्‍तर्गत कौन-कौन से कार्य किस-किस मद से किये हैं? वर्तमान में कार्य की स्थिति बतावें?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है।

साईं सेन्‍टर के हॉकी स्‍टेडियम में टर्फ बिछाये जाना

104. ( क्र. 4688 ) श्री के. के. श्रीवास्‍तव : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रदेश में विभाग द्वारा हॉकी खेल हेतु कितने एस्‍ट्रोटर्फ मैदान वर्तमान में संचालित है? नाम एवं स्‍थान सहित जानकारी दें? (ख) क्‍या विभाग द्वारा वित्‍तीय वर्ष 2013-14 एवं 2014-15 में नवीन एस्‍ट्रोटर्फ मैदान विकसित किये जाने हेतु स्‍वीकृति जारी की है? यदि हाँ, तो इनमें कितने पूर्ण हो गये? कितने अपूर्ण है एवं कितने अभी तक अनिर्मित है? अलग-अलग नाम सहित जानकारी दें? (ग) टर्फ बिछाने हेतु क्‍या मापदण्‍ड है? क्‍या शासन मैदान की अनुपलब्‍धता की स्थिति में अन्‍य विभागों के खेल मैदानों पर टर्फ बिछा सकता है? यदि हाँ, तो नियम, शर्तों का उल्‍लेख करें? (घ) क्‍या नियम शर्तों का पालन होने पर टीकमगढ़ स्थित केन्‍द्र सरकार के साईं सेन्‍टर स्‍टेडियम में टर्फ बिछाया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक इसकी प्रक्रिया पूर्ण कर ली जायेगी? समय बतायें?

उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) प्रदेश में हॉकी खेल हेतु विभाग द्वारा 5 एस्ट्रोटर्फ मैदान संचालित है। 1. ऐशबाग स्टेडियम भोपाल, 2. ध्यानचंद हॉकी मैदान भोपाल, 3. हॉकी खेल मैदान बैतूल, 4. महिला हॉकी अकादमी खेल मैदान ग्वालियर, 5. सिवनी हॉकी स्टेडियम सिवनी। (ख) जी नहीं। अतः शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ग) किसी भी खेल मैदान पर टर्फ बिछाने हेतु खेल और युवा कल्याण विभाग के नाम हॉकी मैदान के अनुरूप उपयुक्त भूमि उपलब्ध हो, पानी एवं संधारण की पर्याप्‍त व्‍यवस्‍था तथा उस भूमि पर टर्फ बिछाने की स्वीकृति सक्षम वित्तीय समिति द्वारा प्रदान की गई हो एवं उस स्थान पर हॉकी लोकप्रिय खेल हो, वहां अन्य औपचारिकताओं की पूर्ति होने पर टर्फ बिछाने की स्वीकृति दी जाती है। जी नहीं। अतः शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी नहीं। अतः शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।

नवीन औद्योगिक क्षेत्र मधुवन को शीघ्र विकसित

105. ( क्र. 4689 ) श्री के. के. श्रीवास्‍तव : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) टीकमगढ़ जिला में कौन-कौन से नवीन औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने की योजना शासन स्‍तर पर लम्बित है? नाम स्‍थान एवं रकवा सहित अवगत करायें? (ख) टीकमगढ़ के मधुवन औद्योगिक क्षेत्र की वर्तमान स्थिति क्‍या है? क्‍या भूमि आवंटन, सीमांकन किया जा चुका है? यदि हाँ, तो कब तक विकसित कर लिया जायेगा? (ग) क्‍या मधुवन औद्योगिक क्षेत्र हेतु वंटित भूमि पूर्व में वन विभाग को शासन द्वारा (हर्बल नर्सरी) हेतु वंटित की जा चुकी है? यदि हाँ, तो अब क्‍या वैकल्पिक व्‍यवस्‍था होगी और कब तक?

उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) निम्‍न नवीन औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने के लिए भूमि चिन्हित है :-

क्र.

औद्योगिक क्षेत्र का नाम

विकासखण्‍ड का नाम

रकबा (हेक्‍टेयर में)

1

औद्योगिक क्षेत्र निवाडी-भाटा

निवाडी

21.318

2

औद्योगिक क्षेत्र देवेन्‍द्रपुरा 

निवाडी

32.910


(
ख) टीकमगढ़ जिले में मधुवन स्थित 23.726 हेक्‍टेयर रकबा वन विभाग के द्वारा संरक्षित वन भूमि से अधिसूचित की जाकर उनका कब्‍जा है। (ग) जी हाँ, उत्‍तरांश (क) अनुसार चिन्हित भूमि प्राप्‍त होने पर औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने की प्रक्रिया प्रारंभ की जावेगी।

प्रश्‍नकर्ता द्वारा चाही गई जानकारी

106. ( क्र. 4719 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्‍नकर्ता के द्वारा पत्र क्रमांक 2844 दिनांक 13 जनवरी 2016       श्री जब्‍बाद हसन प्रधान मुख्‍य वन संरक्षण (वर्किंग प्‍लान) सतपुड़ा भवन भोपाल को लिखकर किन-किन प्रावधानों एवं आदेशों की प्रति किन-किन पत्रों, परिपत्रों की प्रति उपलब्‍ध करवाए जाने का निवेदन किया था? (ख) प्रश्‍नकर्ता द्वारा चाहे गए किन-किन प्रावधानों, आदेशों, पत्रों एवं परिपत्रों की प्रति प्रश्‍नकर्ता को किस दिनांक को उपलब्‍ध करवाई गई? किन-किन की प्रति किन-किन कारणों से प्रश्‍नांकित दिनांक तक भी प्रश्‍नकर्ता को उपलब्‍ध नहीं करवाई गई? (ग) बड़े झाड़ के जंगल, छोटे झाड़ के जंगल, पहाड़, चट्टान, घास, चरनोई मद में दर्ज जमीनों एवं ग्रामीणों के सार्वजनिक, निस्‍तारी प्रयोजनों के लिए दर्ज जमीनों को नारंगी भूमि सर्वे एवं नारंगी वनखण्‍ड में शामिल किए जाने का आदेश राज्‍य शासन या भारत शासन या सर्वोच्‍च अदालत ने किस दिनांक को दिया? (घ) नारंग भूमि के प्रारंभिक सर्वे एवं नारंगी वनखण्‍ड बनाए जाकर कार्यवाही किए जाने से संबंधित वन मुख्‍यालय एवं राज्‍य शासन ने किस दिनांक को पत्र, परिपत्र जारी किए?

वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) प्रश्नकर्ता द्वारा प्रश्नांकित पत्र में मुख्यतः बैतूल जिले में गैर खाते की दखल रहित राजस्व भूमियों बड़े झाड़, छोटे झाड़ के जंगल, पहाड़ चट्टान आदि मद की भूमि तथा डिनोटीफाईड भूमियों को नारंगी इकाई के प्रारंभिक सर्वे में शामिल करने के प्रावधानों बाबत् चाही गई जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) प्रश्नकर्ता के पत्र क्रमांक-2844, दिनांक       13 जनवरी, 2016 की जानकारी अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक कक्ष वन भू-अभिलेख के पत्र क्रमांक/वन अधि./115, दिनांक 30.01.2016 एवं पत्र क्रमांक/वन अधि./220, दिनांक 23.02.2016 से प्रेषित की गई है। (ग) प्रश्नांकित राजस्व मदों के ऐसे खसरे जिनमें अच्छी श्रेणी के वन उपलब्ध है को, मध्यप्रदेश शासन वन विभाग के पत्र क्रमांक      एफ 5/43/90/10-3, दिनांक 14 मई, 1996 की कंडिका-3 में दिये गये निर्देशानुसार शामिल किया गया, जो पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (घ) राज्य के असीमांकित संरक्षित वनक्षेत्रों (आरेंज क्षेत्र) के सर्वे एवं सीमांकन संबंधी दिशा-निर्देश विभागीय पत्र क्रमांक एफ 5/43/90/10-3, दिनांक 14 मई, 1996 को जारी किये गये।

सड़कों का घटिया निर्माण

107. ( क्र. 4721 ) श्री अंचल सोनकर : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर अधीक्षण यंत्री, लोक निर्माण विभाग जबलपुर के अधीनस्‍थ संभागीय कार्यालय द्वारा वर्ष 2013 से 2016 तक कुल कितनी सड़कों का निर्माण कितनी-कितनी लंबाई का कहाँ-कहाँ तक किया? इन पर कितनी राशि व्‍यय की गई?   (ख) क्‍या विभाग द्वारा वर्ष 2013 से 2016 तक की निर्मित सड़कों के रख-रखाव न होने के कारण जर्जर स्थिति में पहुंच गई है? यदि हाँ, तो ऐसी कितनी सड़कें कहाँ-कहाँ पर है, जिनकी स्थिति अत्‍यंत ही खराब हो चुकी है? (ग) प्रश्‍नांश (क) (ख) क्‍या विभाग द्वारा सड़क निर्माण में शासन द्वारा निर्धारित मापदण्‍ड को नहीं अपनाया गया है? सड़कों की मोटाई एवं चौड़ाई पर ध्‍यान न देकर मात्र सड़क का निर्माण कर अनियमितता की गई है? क्‍या शासन लोक निर्माण विभाग मंडल, जबलपुर के अंतर्गत निर्मित सड़कों/भवनों की जाँच कर दोषी अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही करेगा तो कब तक बतायें?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) विस्‍तृत विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं, उल्‍लेखित सड़कों का निर्माण प्रावधानित प्राक्‍कलन एवं निर्धारित मापदण्‍डों के अनुसार ही किया गया है। जी नहीं। शेष प्रश्‍नांश का प्रश्‍न ही नहीं उठता।

खेलों का आयोजन एवं सामग्री क्रय

108. ( क्र. 4723 ) श्री अंचल सोनकर : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जबलपुर जिले के क्षेत्रीय कार्यालय द्वारा वर्ष 2013 से 2016 तक कुल कितने खेलों का आयोजन किया गया? जिला स्‍तरीय एवं संभागीय स्‍तरीय अलग-अलग बतायें? (ख) प्रश्‍नांश (क) में आयोजित खेलों में शासन द्वारा कितना बजट प्रदाय किया गया? कितना व्‍यय हुआ, कितना शेष रह गया? वर्ष 2013 से 2016 तक वर्षवार बतायें। खेल गतिविधियों में खिलाडि़यों को विभाग द्वारा क्‍या-क्‍या सुविधायें प्रदान की गई?    (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) में आयोजित खेलों में सामग्री क्रय करने हेतु क्‍या विधिवत निविदा आमंत्रित की गई? यदि हाँ, तो वर्ष 2013 से 2016 तक किस-किस फर्म को किस-किस सामग्री की सप्‍लाई की निविदा मिली, निविदा में शामिल फर्मों की सूची डाले गये निविदा राशि (रेट) सहित विवरण देवें?

उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘’’ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘’’ अनुसार है। खिलाडि़यों को विभाग द्वारा वर्ष भर विभागीय प्रशिक्षकों द्वारा खेलों का प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है एवं प्रतियोगिता के दौरान आवास, भोजन, यात्रा व्यय एवं खेल किट उपलब्ध कराई जाती है। अधिकृत राष्ट्रीय एवं राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में पदक विजेता खिलाडि़यों को खेलवृत्ति की सुविधा प्रदान की जाती है। (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘’’ अनुसार है।

सड़क निर्माण

109. ( क्र. 4752 ) श्री अनिल जैन : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या निवाड़ी से घुघवा के लिये लोक निर्माण विभाग द्वारा कोई सड़क की स्‍वीकृति वर्ष 2013-14, 2014-15 एवं 2015-16 के मध्‍य प्रदान की गई है? यदि हाँ, तो सड़क की लंबाई, सड़क का प्रकार तथा अनुमानित राशि की जानकारी दी जावे।        (ख) प्रश्‍नांश (क) में स्‍वीकृत सड़क की तकनीकी एवं प्रशासनिक स्‍वीकृति क्‍या जारी हो चुकी है? यदि हाँ, तो उनके क्रमांक एवं दिनांक सहित बताया जावे कि इस सड़क के टेण्‍डर कब तक जारी किये जायेंगे? (ग) उक्‍त सड़क कब निर्मित की जावेगी? समयावधि बतायी जावे?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जी नहीं, शेष प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हाँ केवल तकनीकी स्‍वीकृति मु.. सागर द्वारा दिनांक 13.01.2016 द्वारा जारी की जा चुकी है। प्रशासकीय स्‍वीकृति जारी करने के उपरांत निविदा आमंत्रण की कार्यवाही की जावेगी। (ग) विभाग की स्‍थायी वित्‍तीय समिति की 132वीं बैठक दिनांक 19.01.2016 में अनुमोदित वर्ष 2015-16 के मुख्‍य ब‍जट में सम्मिलित, शीघ्र प्रशासकीय स्‍वीकृति जारी की जायेगी। निर्माण की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं।

विज्ञान संकाय की स्‍वीकृति

110. ( क्र. 4795 ) श्री के.डी. देशमुख : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या बालाघाट जिले के शा. महाविद्यालय तिरोड़ी एवं          शा. महाविद्यालय खैरलांजी में विज्ञान संकाय नहीं है? (ख) यदि हाँ, तो क्‍या शासन दोनों महाविद्यालयों में विज्ञान संकाय स्‍वीकृत करने पर विचार करेगा?

तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। परीक्षण की कार्यवाही प्रचलन में है।

शा. महाविद्यालय तिरोडी एवं खैरलांजी का भवनविहीन होना

111. ( क्र. 4796 ) श्री के.डी. देशमुख : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या बालाघाट जिले में शा. महाविद्यालय तिरोड़ी एवं           शा. महाविद्यालय खैरलांजी भवनविहीन है? (ख) यदि हाँ, तो कब तक शासन द्वारा दोनों महाविद्यालयों के भवन निर्माण को प्रशासकीय स्‍वीकृति प्रदान कर दी जावेगी?

तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रशासकीय स्वीकृति की कार्यवाही प्रक्रियाधीन। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

म.प्र. सड़क विकास प्राधिकरण द्वारा सड़क का निर्माण

112. ( क्र. 4823 ) श्री रामसिंह यादव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शिवपुरी जिले में एम.पी.आर.डी.सी. द्वारा वर्ष 2012-13 से वर्ष 2015-16 की अवधि में कौन-कौन सी सड़कें कितनी-कितनी लागत की कहाँ से कहाँ तक किस-किस निर्माण एजेंसी द्वारा बनाई गई है? (ख) क्‍या उक्‍त सड़कों का निर्माण डी.पी.आर. के अनुसार नहीं किया गया है? यदि हाँ, तो कौन-कौन सी सड़कों का    कहाँ-कहाँ पर डी.पी.आर. के अनुसार निर्माण नहीं किया गया है? डी.पी.आर. अनुसार सड़क, पुलिया, नाली आदि का निर्माण न करने के लिए कौन दोषी है? शासन दोषियों के विरूद्ध क्‍या कार्यवाही कब तक करेगा? (ग) क्‍या एम.पी.आर.डी.सी. द्वारा निर्माणाधीन देहरदा-ईसागढ़ मार्ग में ग्राम पीरोंठ, खतौरा एवं पचावली में सड़क की ऊँचाई काफी बढ़ा दी है तथा पानी निकासी हेतु पुलियों एवं नालियों का निर्माण नहीं कराया गया है? जिससे इसी वर्षा ऋतु में उक्‍त ग्रामों में पानी भर गया था? यदि हाँ, तो नालियों एवं पुलियों का निर्माण उक्‍त ग्रामों में कब तक कराया जाएगा? यदि नहीं, कराया जाएगा तो क्‍यों? (घ) क्‍या देहरदा-ईसागढ़ मार्ग पर आने वाले ग्राम खतौरा, पीरोंठ एवं पचावली में सड़क/मार्ग के दोनों ओर नालियों का निर्माण कराया जाना था तथा ग्राम खतौरा में गांव के दोनों छोर पर सड़क ऊँची होने से जो वर्षा ऋतु का पानी रूकता है? उसकी निकासी हेतु पुलियों का निर्माण किया जाना था? यदि हाँ, तो उक्‍त निर्माण कब तक होगा?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। उक्‍त सड़कों का निर्माण कार्य अनुबंध के शेड्यूल, डी.पी.आर. एवं स्‍थल की आवश्‍यकतानुसार विभागीय वरिष्‍ठ अधिकारियों एवं कंसलटेंट के निर्देशानुसार कराया गया है एवं कराया जा रहा है। जी नहीं कार्य अनुबंध के प्रावधानों के अनुसार ही कराये गये है/कराये जा रहे हैं। अत: कोई दोषी नहीं है। कार्यवाही का प्रश्‍न ही उत्‍पन्‍न नहीं होता है। (ग) जी नहीं। कार्य प्रगति पर है। अनुबंध के प्रावधानानुसार नाली एवं पुलियों का निर्माण कराया जावेगा। विगत वर्षा ऋतु में प्रश्‍नांश में उल्‍लेखित ग्रामों में से केवल ग्राम खतौरा के कुछ हिस्‍से में पानी भर गया था, जो कि सड़क की ऊँचाई के कारण नहीं वरन् अतिक्रमण एवं पानी के उचित निकास के अभाव में भरा था। शीघ्र ही इन ग्रामों के आबादी क्षेत्र में अनुबंधानुसार नालियों का निर्माण किया जावेगा। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) जी हाँ। वर्तमान में कार्य प्रगति पर है। शीघ्र ही मार्गपर स्थित ग्राम खतौरा, पीरोंठ एवं पचावली में अनुबंध के प्रावधान अनुसार नाली निर्माण का कार्य कराया जावेगा। अनुबंध में ग्राम खतौरा के दोनों छोर पर पुलिया निर्माण का प्रावधान नहीं है, किन्‍तु इस अनुबंध के तहत चैन्‍ज ऑफ स्‍कोप के अंतर्गत इन स्‍थानों पर पानी की निकासी हेतु पुलिया निर्माण का कार्य स्‍वीकृत कराया जाकर कराया जावेगा। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

परिशिष्ट ''छ्त्तीस''

 

खस्‍ता हाल सड़कों का सुधार

113. ( क्र. 4824 ) श्री रामसिंह यादव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या शिवुपरी जिले में विभागीय सड़कें जर्जर है? पुल-पुलिया जर्जर होने एवं सड़कों पर बड़े-बड़े गड्ढे होने के कारण सड़कों पर वाहनों के आवागमन में असुविधा हो रही है? यदि हाँ, तो उक्‍त असुविधा से राहगीरों को निजात कब तक मिलेंगी? (ख) शिवपुरी जिले के क्षेत्र अंतर्गत दिसम्‍बर-2015 की स्थिति में विभाग की कौन-कौन सी सड़कें कहाँ से कहाँ तक कितनी दूरी की है? इन सड़कों में मेंटीनेंस,      पुल-पुलिया मेंटीनेंस/निर्माण एवं सड़कों के डामरीकरण की कहाँ-कहाँ पर आवश्‍यकता है? उक्‍त डामरीकरण कब तक कराया जाएगा? (ग) कोलारस विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत लोक निर्माण विभाग की ऐसी कौन-कौन सी सड़कें हैं जो खस्‍ताहाल है तथा उनमें डामरीकरण कराया जाना आवश्‍यक है? इसके अतिरिक्‍त ऐसे कौन-कौन से विभागीय मार्ग हैं जो मुख्‍य मार्ग अथवा गांव को जोड़ने से पहले ही समाप्‍त हो गई है? ऐसे मार्ग कौन-कौन से है? इन्‍हें मुख्‍य मार्ग अथवा गांव से कब तक जोड़ दिया जाएगा? (घ) क्‍या कोलारस विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत म.प्र. सड़क विकास निगम द्वारा वर्ष 2011-12 से वर्ष 2015-16 की अवधि में सड़कें बनवायी गई है? यदि हाँ, तो कौन-कौन सी सड़कें कहाँ से कहाँ तक बनाई गई है? इन सड़कों पर डी.पी.आर. के अनुसार क्‍या कार्य कहाँ-कहाँ पर कराया जाना शेष है? शेष कार्य कब तक कराया जाएगा?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जी नहीं। जी नहीं। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' एवं 'अ-1' अनुसार है। (ग) कोलारस विधानसभा क्षेत्र में कोई भी सड़क खस्‍ता हाल में नहीं है। जी नहीं। नवीन मार्ग हेतु 6.00 मीटर लंबाई की एक कलवर्ट एवं शेष लंबाई में मार्ग निर्माण हेतु प्राक्‍कलन तैयार किया जावेगा। समय-सीमा बताना संभव नहीं।        (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है। शेष कार्य पूर्ण होने की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं।

रतलाम तहसील क्षेत्र में नील गायों के आंतक पर ठोस कार्य योजना

114. ( क्र. 4843 ) श्री मथुरालाल : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या प्रदेश सहित रतलाम जिले में नील गायों का आंतक दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है? क्‍या संबंधित विभाग द्वारा उन क्षेत्रों को चिन्हित किया गया है जहां नील गायों द्वारा उस क्षेत्र की फसलों को चौपट किया जा रहा है? यदि हाँ, तो क्षेत्रवार नाम से अवगत करावें? यदि नहीं, तो क्‍यों? (ख) क्‍या नील गायों द्वारा नष्‍ट की गई फसलों का मुआवजा नहीं दिया जाता है? यदि हाँ, तो क्‍या संबंधित विभाग नीलगायों द्वारा नष्‍ट की गई फसलों का मुआवजा संबंधित कृ‍षक को प्रदान करने हेतु कोई कार्ययोजना बनाई गई है? यदि हाँ, तो किस प्रकार की योजना बनाई गई हे? यदि नहीं, तो क्‍यों? (ग) क्‍या विभाग प्रदेश सहित रतलाम तहसील में नीलगायों की बढ़ती संख्‍या को रोकने एवं नीलगायों द्वारा फसल को नष्‍ट करने से रोकने हेतु कोई ठोस कार्यवाही अथवा कोई सार्थक योजना बना रहा है? यदि हाँ, तो किस प्रकार की? यदि नहीं, तो क्‍यों? (घ) क्‍या शासन कृषकों के हित में नील गाय के प्रकोप से उक्‍त ग्रामीण क्षेत्र के कृषकों को मुक्ति दिलाने एवं नुकसान होने पर समुचित मुआवजे हेतु समस्‍त संबंधित विभागों से समन्‍वय कराकर उक्‍त समस्‍याओं को निराकृत करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?

वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी नहीं। वर्तमान में रतलाम जिले में नीलगायों द्वारा फसल नुकसानी से प्रभावित मुख्य ग्राम की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। प्रदेश स्तर की शेष जानकारी संकलित की जा रही है। (ख) जी नहीं। राजस्व विभाग द्वारा मध्यप्रदेश लोक सेवाओं के प्रदान की गारंटी अधिनियम 2010 के तहत् सेवा क्रमांक 4.6 के अंतर्गत वन्य प्राणियों से फसल हानि होने पर 30 कार्य दिवस में प्रभावित कृषकों को क्षतिपूर्ति राशि राजस्व पुस्तक परिपत्र के आधार पर भुगतान किये जाने का प्रावधान है। (ग) कृषि विभाग के साथ समन्वय स्थापित कर प्रदेश के कुछ टाईगर रिजर्व में वन्य प्राणियों से फसल सुरक्षा हेतु सोलर फेंसिंग निर्माण का कार्य किया जाना प्रावधानित किया गया है। अनुभव के आधार पर अन्य क्षेत्रों में इसका विस्तार किया जा सकेगा। (घ) नील गाय के प्रकोप से मुक्ति दिलाने हेतु कृषि विभाग के साथ समन्वय स्थापित कर प्रदेश के कुछ टाईगर रिजर्व में वन्य प्राणियों से फसल सुरक्षा हेतु सोलर फेंसिंग निर्माण का कार्य किया जाना प्रावधानित किया गया है। अनुभव के आधार पर अन्य क्षेत्रों में इसका विस्तार किया जा सकेगा। वन्य प्राणी द्वारा फसल हानि किये जाने पर प्रभावित कृषकों को समुचित मुआवजा देने का प्रावधान पूर्व से ही विद्यमान है।

परिशिष्ट ''सैंतीस''

नयागांव-लेबड फोरलेन में तकनीकी त्रुटियां एवं  लापरवाही

115. ( क्र. 4844 ) श्री मथुरालाल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या नयागांव से लेबड फोरलेन मार्ग पर रतलाम जिले की लगभग 90 किमी के मार्ग में सर्वाधिक सड़क दुर्घटनाएं हो रही हैं? क्‍या यह भी सही है कि रतलाम ग्रामीण क्षेत्रान्‍तर्गत लगभग 55 किमी का मार्ग आवागमन के लिये अत्‍यधिक खतरनाक एवं दुर्घटनाओं वाला मार्ग कहा जाने लगा है? (ख) क्‍या संपूर्ण फोरलेन सहित विशेषकर उक्‍त 55 किमी का मार्ग तकनीकी मापदण्‍डों के अनुसार निर्मित नहीं किया गया है? यदि हाँ, तो क्‍यों? यदि तकनीकी मापदण्‍डों के अनुसार निर्मित किया गया है तो रतलाम ग्रामीण क्षेत्र के सिमलावदा, तासरूण्‍डा, सरवड-जमुनिया, प्रकाश नगर, धराड, सालाखेड़ी, सेजावता फंटा, इप्‍का लेबोरेट्री के पास, नामली बायपास पर पंचेड फंटा इत्‍यादि चिन्हित स्‍थलों पर ही अब तक सर्वाधिक दुर्घटनाएं क्‍यों घटित हो रही है? संपूर्ण कारणों सहित अवगत करावें। (ग) क्‍या विभाग द्वारा संपूर्ण फोरलेन मार्ग पर डेंजर जोन अथवा दुर्घटना संभावित स्‍थलों को चिन्हित किया है? यदि हाँ, तो उक्‍त स्‍थलों पर दुर्घटनाएं न हो इस हेतु क्‍या कोई कारगार और ठोस उपाय किये जाने के निर्देश सर्वसंबंधितों का प्रदान किये गये है? यदि हाँ, तो उन निर्देशों का अब तक किस प्रकार से अमल किया गया है? यदि नहीं, तो क्‍यों? क्‍या दोषियों पर सरकार कोई कार्यवाही करेगी? यदि हाँ, तो किस प्रकार की और कब तक?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जी नहीं। जी नहीं। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। सम्‍पूर्ण फोरलेन मार्ग का निर्माण स्‍वतंत्र सलाहकार की देख रेख में तकनीकी मापदण्‍डों के अनुसार किया गया है। जी नहीं। सिमलावदा, सातरूण्‍डा, सरवड-जमुनिया, प्रकाश नगर धराड सालाखेडी, सेजावता फंटा, इफ्को लेबोरेट्री के पास, नामली बायपास पर पंचेड फंटा पर सर्वाधिक दुर्घटनाएँ नहीं होती है। सिमलावदा, धराड में अन्‍डर पास बनाया गया है। सतरूण्‍डा, सरवड, जमुनिया में लोकल ट्रेफिक हेतु सर्विस रोड बनाया गया है। प्रकाश नगर पुलिया पर स्‍टील क्रेस बेरियर लगाये गये है। इफ्को लेबोरेट्री के पास, नामली बायपास पंचेड फंटा पर साईन बोर्ड, गति संकेतक रोड मार्किंग, र्स्‍टड्स आदि लगाया गया है। मार्ग पर वाहन दुर्घटनाओं का कारण वाहन चालकों द्वारा नशे में/तेज गाडी चलाना, यातायात नियमों का पालन न करना, आमजन में यातायात के नियमों की कमी के चलते पालन नहीं करने से अक्‍सर दुर्घटनाओं की संभावना होती है। (ग) जी नहीं। लेबड-नयागांव फोरलेन मार्ग पर सर्वाधिक दुर्घटनाओं के स्‍थल का कोई चिन्‍हाकंन के लिए जरूरत होना संज्ञान में नहीं आया है। मार्ग के मेजर जंक्‍शन एवं माईनर जंक्‍शन पर सुरक्षा के उपरोक्‍त उत्‍तर '' अनुसार संभावित पूरे प्रयास किए गए है। शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

सड़क निर्माण अंतर्गत अधूरा कार्य एवं छूटी हुई पुलिया निर्माण

116. ( क्र. 4848 ) श्री इन्‍दर सिंह परमार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कालापीपल विधान सभा क्षेत्र में लोक निर्माण विभाग द्वारा मनसाया-सेमलिया-बड़बेली मार्ग, भैंसायागढ़ा से सेमलिया मार्ग, कालापीपल-कुरावर मार्ग से चाकरोद-हिराना मार्ग, सालिया से देवली मार्ग तथा पोलायकलॉ से रनायल मार्ग का निर्माण किस-किस वर्षों में पूर्ण कराया गया है? क्‍या इन मार्गों पर कुछ जगहों पर पुलिया अथवा रोड निर्माण का कार्य अधूरा है? यदि हाँ, तो कार्य पूर्ण नहीं करने का क्‍या कारण है? (ख) प्रश्‍नांश (क) में उल्‍लेखित मार्गों पर छूटे हुये भाग पर सड़क निर्माण एवं पुलिया निर्माण हेतु विभाग द्वारा प्रश्‍न दिनांक तक क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई?     (ग) प्रश्‍नांश (क) में उल्‍लेखित मार्गों पर अधूरे रहे सड़क निर्माण एवं पुलिया निर्माण के कार्यों की स्‍वीकृति नहीं होने से उक्‍त मार्गों का नागरिकों के लिए क्‍या उपयोग है? क्‍या इन मार्गों के अधूरे सड़क तथा पुलिया के निर्माण के कार्यों की स्‍वीकृति की जावेगी?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ग) मार्ग नागरिकों द्वारा उपयोग में लिया जा रहा है शेष जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट के खण्‍ड-8 अनुसार है।

परिशिष्ट ''अड़तीस''

काले एवं अन्‍य हिरणों से फसलों में नुकसान

117. ( क्र. 4849 ) श्री इन्‍दर सिंह परमार : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या विभाग द्वारा शुजालपुर, कालापीपल विकासखण्‍ड के अंतर्गत आने वाले ग्रामों में काले एवं अन्‍य हिरणों की संख्‍या की गणना की गई है? यदि हाँ, तो विकासखण्‍डवार लगभग कितनी-कितनी संख्‍या में हिरण पाये गये हैं? (ख) क्‍या प्रश्‍नांश (क) में उल्‍लेखित हिरणों की संख्‍या अत्‍यधिक होने से खेतों में खड़ी फसलों में नुकसान हो रहा है? यदि हाँ, तो क्‍या वन विभाग ने इन हिरणों को वन्‍य क्षेत्र में स्‍थानांतरित करने की कोई योजना तैयार की है? यदि हाँ, तो कब तक वन्‍य क्षेत्र में स्‍थानांतरित किया जायेगा? (ग) क्‍या प्रश्‍नांश (क) में उल्‍लेखित हिरणों को खाली पड़ी शासकीय जमीनों पर वन्‍य क्षेत्र जैसी सुविधा विकसित करके उसमें रोका जा सकता है? यदि हाँ, तो क्‍या विभाग द्वारा शासकीय जमीन आरक्षित करवायी गई है? यदि हाँ, तो विस्‍तृत जानकारी देवें। क्‍या उक्‍त कार्य योजना के लिए राशि आवंटित की गई है? यदि हाँ, तो कितनी राशि?

वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) वनमंडल अंतर्गत शुजालपुर एवं कालापीपल विकासखंड अंतर्गत हिरणों का आंकलन दिनांक 20.01.2014 से 27.01.2014 की अवधि में किया गया। क्षेत्र में केवल काले हिरण ही पाये जाते हैं। विकासखंडवार काले हिरणों की अनुमानित संख्या की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) हिरणों के प्राकृतिक रहवास के समीप कृषि क्षेत्र होने से हिरण कृषि क्षेत्र में आते हैं। विभाग द्वारा हिरणों को वनक्षेत्र में स्थानांतरित करने की कोई योजना नहीं है। (ग) जी नहीं। अत: प्रश्नांश के शेष भाग का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - ''उनतालीस''

खेल विभाग में मनमानी

118. ( क्र. 4866 ) श्री हर्ष यादव : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) खेल विभाग द्वारा जबलपुर के किस खिलाड़ी को पॉवर लिफ्टिंग (बेन्‍च प्रेस) खेल में वर्ष 2000 से 2010 के मध्‍य विक्रम पुरस्‍कार प्रदान किया गया? (ख) खेल विभाग द्वारा वर्ष 2000 से 2010 के मध्‍य पॉवर लिफ्टिंग खेल में किन-किन प्रशिक्षकों को विश्‍वामित्र पुरस्‍कार प्रदान किया गया? (ग) टी.टी. नगर स्‍टेडियम में पदस्‍थ सभी फुटबाल प्रशिक्षकों के नाम बतायें? उनकी शैक्षणिक योग्‍यता एवं खेल योग्‍यता की जानकारी दें?

उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) विभाग द्वारा वर्ष 2004 में जबलपुर के श्री एस.तण्डेल को पावर लिफ्टिंग (बैंचप्रेस) खेल में विक्रम पुरस्कार प्रदान किया गया है। (ख) विभाग द्वारा पावर लिफ्टिंग खेल में वर्ष 2000 में              श्री के.आर.तिवारी एवं वर्ष 2009 में श्री संजय सक्सेना को विश्वामित्र पुरस्कार प्रदान किया गया है। (ग) टी.टी.नगर स्टेडियम में श्री देवेन्द्र प्रताप सिंह, फुटबॉल प्रशिक्षक के रूप में पदस्थ है, जिनकी शैक्षणिक योग्यता एम.ए एवं खेल योग्यता एम.पी.एड व एन.आई.एस है।

ठेकेदार/एजेन्‍सी एवं अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही

119. ( क्र. 4941 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या जिला राजगढ़ की विधानसभा क्षेत्र सारंगपुर अंतर्गत    सारंगुर-सण्‍ड़ावता मार्ग का निर्माण कार्य प्रगति पर है? यदि हाँ, तो उक्‍त निर्माण कार्य का कार्यादेश की दिनांक एवं कार्य प्रारंभ करने की दिनांक से अवगत करावें?         (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार सड़क निर्माण कार्य में सब ग्रेड कार्य हेतु कितनी सी.बी.आर. का मटेरियल उपयोग किया जा रहा है एवं उक्‍त मटेरियल को किस-किस ग्राम की किस-किस खदान से लाया जा रहा है? सर्वे नं. रकबा एवं मात्रा की जानकारी से अवगत करावें? (ग) प्रश्‍नांश (ख) अनुसार बतायी गई खदानों की स्‍वीकृति सक्षम अधिकारी से प्राप्‍त की गई है, तो स्‍वीकृति की दिनांक और उपयोग में ली जाने वाली सामग्री की मात्रा एवं उपयोग की जा रही सामग्री की सी.बी.आर. वेल्‍यू क्‍या है, तथा टेस्‍ट फ्रिक्‍वेंसी के अनुसार टेस्‍ट परिणाम की दिनांकवार जानकारी से अवगत करावें? (घ) प्रश्‍नांश      (ग) अनुसार यदि खदान स्‍वीकृत नहीं है, तो क्‍या ठेकेदार/एजेन्‍सी द्वारा सबग्रेड कार्य हेतु उपयोग की जा रही सामग्री का अवैध उत्‍खनन किया जा रहा है? यदि हाँ, तो क्‍या विभाग नियम विरूद्ध कार्य करने वाले ठेकेदार/एजेन्‍सी एवं विभागीय दोषी अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही करेगा? अवगत करावें? यदि नहीं, तो क्‍यों?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जी हाँ। कार्यादेश दिनांक 28.09.15 तथा कार्य प्रारंभ करने की दिनांक 01.10.2015 है। (ख) न्‍यूनतम सी.बी.आर. 8, ग्राम भाटखेडी स्थित खदान से सर्वे नं. 950/1 कुल रकबा 22.194 हेक्‍टेयर में से 3.00 हेक्‍टेयर में खनन किया जाकर उपयोग किया जा रहा है। निर्माण में कुल 270033.38 क्‍यू.मी. मटेरियल का उपयोग किया जाना है। (ग) जी हाँ। दिनांक 17.02.16। निर्माण कार्य में कुल 270033.38 क्‍यू.मी. मटेरियल का उपयोग किया जाना है, जिसकी सी.बी.आर. वेल्‍यू 9.44 से 11.69 के मध्‍य है। टेस्‍ट परिणाम की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '', '' एवं '' अनुसार है। (घ) उत्‍तरांश '' के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता है।

खेल चेतना मेले का आयोजन

120. ( क्र. 4952 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मध्‍यप्रदेश में खेल चेतना मेले का आयोजन किन-किन जिलों एवं विधानसभा क्षेत्र में किया जाता है एवं कितने वर्ष पूर्व प्रारंभ किया गया है? (ख) खेल चेतना मेले का आयोजन किन-किन संस्‍थाओं के द्वारा किया जाता है? इन संस्‍थाओं को केन्‍द्र या राज्‍य सरकार से क्‍या-क्‍या सुविधाएं एवं राशि अथवा मदद की जाती है?     (ग) उपरोक्‍त आयोजन करने के लिए आयोजक को किस अधिकारी के द्वारा अनुमति दी गई है? (घ) यह आयोजन किसी विशेष दल द्वारा किया जाता है या शासकीय आयोजन है? शासकीय पी.टी.आई. खेल रेफरी रहता है या अन्‍य कोई रहता है?

उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) खेल और युवा कल्याण विभाग के अन्तर्गत खेल चेतना मेले की कोई भी योजना संचालित नहीं है।  (ख) से (घ) के संबंध में प्रश्‍नांश ‘‘‘‘ के प्रकाश में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। 

ऋण प्रकरणों की स्‍वीकृति

121. ( क्र. 4995 ) डॉ. योगेन्‍द्र निर्मल : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) बालाघाट जिले में वर्ष 2012 से प्रश्‍न दिनांक तक की अवधि में जिला व्‍यापार एवं उद्योग केन्‍द्र द्वारा किस-किस बैंक को शासन की किस-किस योजनान्‍तर्गत कितने हितग्राहियों के ऋण प्रकरण स्‍वीकृति हेतु वर्षावार भेजे गये? (ख) प्रश्‍नांश (क) वर्णित प्रेषित प्रकरणों में से कितने प्रकरणों में बैंकों द्वारा हितग्राहियों को ऋण राशि उपलब्‍ध करा दी गई? कितने हितग्राहियों के ऋण प्रकरण किस कारण लंबित है? अथवा वापिस किये गये हैं? (ग) राज्‍य शासन द्वारा किन-किन योजनाओं में ग्‍यारंटी दी जाती है? उक्‍त योजनाओं में राज्‍य शासन की ग्‍यारंटी के बावजूद भी हितग्राहियों से निजी गारंटी लिये जाने के क्‍या कारण है? प्रश्‍नांश (क) के अन्‍तर्गत कितने प्रकरणों में राज्‍य सरकार की गारंटी के बाद भी हितग्राहियों की निजी गारंटी के तहत उनके मकान, प्‍लाट, भूमि आदि अमानत के तौर पर रखे गये हैं और क्‍यों? इसके लिये कौन उत्‍तरदायी हैं?

उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। शेष प्रकरण लक्ष्य पूर्ण होने/हितग्राहियों द्वारा बैंक औपचारिकताएं पूर्ण न कर पाने के कारण वापस किए गए हैं। कोई प्रकरण लंबित नहीं है। (ग) मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना एवं मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजनान्तर्गत उद्योग एवं सेवा के प्रकरणों में सी.जी.टी.एम.एस.ई. (क्रेडिट गारंटी फण्ड ट्रस्ट फॉर माईक्रो एण्ड स्माल इन्टरप्राईजेज) के माध्यम से बैंक ऋण गारंटी देने का प्रावधान किया गया है जिसमें सी.जी.टी.एम.एस.ई. शुल्क अनुदान हितग्राहियों को दिया जाता है। प्रश्नांक       (क) अन्तर्गत स्वीकृत प्रकरणों में बैंक ग्यारंटी सी.जी.टी.एम.एस.ई. अन्तर्गत दिये जाने का प्रावधान है। नियम के विरुद्ध यदि बैंक द्वारा कोलेट्रल लिया गया हो, तो इसकी जानकारी कार्यालय को नहीं है। इस प्रकार के प्रकरणों में उत्तरदायित्व बैंक शाखा का है।

कार्यवाही को लंबित रखने वालों के विरूद्ध कार्यवाही

122. ( क्र. 5001 ) श्री आरिफ अकील : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या बरकतउल्‍ला विश्‍वविद्यालय के पूर्व कुलसचिव श्री संजय तिवारी व अन्‍य को मध्‍य प्रदेश शासन ने बी.डी.एस. 2013 एवं अन्‍य परीक्षाओं के संचा‍लन में दोषी पाए जाने पर शासन स्‍तर पर जाँच संस्थित की गई थी और उसका प्रतिवेदन भी शासन को प्राप्‍त हो चुका है? (ख) यदि हाँ, तो क्‍या जाँच अधिकारी द्वारा जाँच प्रतिवेदन भ्रष्‍टाचार के चलते भ्रमित प्रतिवेदन प्रस्‍तुत किये जाने के कारण           डॉ. सी.डी. आठ्या अतिरिक्‍त संचालक उच्‍च शिक्षा सागर संभाग ने अपने पत्र क्रमांक 2076, दिनांक 03 दिसम्‍बर 2015 को राज्‍य शासन उच्‍च शिक्षा विभाग को पत्र लिखकर स्‍पष्‍ट अभिमत चाहा है? (ग) यदि हाँ, तो शासन को भ्रमित जाँच प्रतिवेदन प्रस्‍तुत करने वाले एवं अपचारी के विरूद्ध प्रश्‍न दिनांक की स्थिति में क्‍या कार्यवाही की गई?

तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। (ख) जाँच प्रतिवेदन में स्पष्ट अभिमत अंकित नहीं होने के कारण विभाग द्वारा स्पष्ट अभिमत चाहा गया था। (ग) उत्‍तरांश '''' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। अपचारी अधिकारी पर कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।

पुल निर्माण

123. ( क्र. 5015 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में स्‍टेट हार्इवे क्रमांक 14 ब्‍यावरा से सिरोंज मार्ग के ब्‍यावरा-सुठालिया के मध्‍य कितने पुल-पुलिया स्थित है तथा इनका निर्माण कब-कब कराया गया था? (ख) क्‍या स्‍टेट हाईवे क्रमांक 14 अंतर्गत ब्‍यावरा से सुठालिया मार्ग पर चार पुल क्रमश: बरखेड़ा, धानियाखेड़ी, गिन्‍दौरहाट एवं सिलपटी ग्राम के निकट स्थित है? जो रियासतीकाल से निर्मित है तथा सड़क निर्माण कार्य के समय उक्‍त पुलों का निर्माण कार्य सम्मिलित नहीं किया गया था? (ग) यदि हाँ, तो क्‍या ब्‍यावरा से सुठालिया मार्ग पर स्थित चारों पुल वर्तमान में जीर्ण-शीर्ण होकर दुघर्टनाओं के कारण बने हुये है तथा वर्ष 2015 के वर्षाकाल में उक्‍त पुल क्षतिग्रस्‍त होकर यातायात का आवागमन पूर्णत: अवरूद्ध हो गया था तथा जुड़ा हुआ भी पूरी तरह क्षतिग्रस्‍त हो गया था?       (घ) उपरोक्‍तानुसार क्‍या शासन उक्‍त पुलों के निर्माण हेतु आवश्‍यक स्‍वीकृति प्रदान करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, क्‍यों?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) स्‍टेट हाईवे क्रं. 14 ब्‍यावरा से सिरोंज मार्ग के ब्‍यावरा सुठालिया के मध्‍य 03 माइनर पुल एवं 17 पुलिया स्थित है। इनमें से 14 नग पुलियों का निर्माण वर्ष 2008-09 में कराया गया है। (ख) जी हाँ। जी हाँ।    (ग) जी नहीं। जी हाँ। जी हाँ। (घ) समय-सीमा बताना संभव नहीं है।

ब्‍यावरा नगर में कन्‍या महाविद्यालय की स्‍वीकृति

124. ( क्र. 5016 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या राजगढ़ जिले के नेताजी सुभाषचंद्र बोस शासकीय स्‍नातकोत्‍तर महाविद्यालय ब्‍यावरा में प्रतिवर्ष 1000 छात्र व 800-900 छात्राएं प्रवेश लेती है? जिसमें राजगढ़ जिले की तहसील ब्‍यावरा, सुठालिया एवं गुना जिले की तहसील चाचौडा, बीनागंज एवं मधूसूदनगढ़ तक के छात्र-छात्राएं प्रवेश लेते है? यदि हाँ, तो क्‍या महाविद्यालय में स्‍थान के अभाव एवं संकायवार सीटों की संख्‍या सीमित होने से सैकड़ों छात्र विशेषकर छात्राएं प्रवेश से वंचित रह जाती है? (ख) क्‍या प्रश्‍नकर्ता द्वारा माननीय मुख्‍यमंत्री जी, माननीय उच्‍च शिक्षा मंत्री जी सहित विभाग के अधिकारियों से विधानसभा क्षेत्र ब्‍यावरा के ग्रामीण क्षेत्रों की बेटियों को गुणवत्‍तापूर्ण महाविद्यालीन शिक्षा का लाभ प्राप्‍त हो सके, इस हेतु ब्‍यावरा नगर में पृथक से कन्‍या महाविद्यालय की स्‍वीकृति हेतु अनेकों बार निवेदन किया गया है? (ग) यदि हाँ, तो क्‍या शासन ब्‍यावरा नगर में पृथक से कन्‍या महाविद्यालय की स्‍वीकृति प्रदान करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्‍यों?

तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी नहीं। जी हाँ ब्यावरा के    आस-पास की तहसील के छात्र/छात्राएं भी प्रवेश लेते हैं। प्रवेश से वंचित रहने की कोई शिकायत विभाग को नहीं है। (ख) जी हाँ। (ग) वर्तमान में शासन द्वारा पूर्व से संचालित महाविद्यालयों के सुदृढ़ीकरण एवं उनके गुणवत्ता विकास के प्रयास किये जा रहे हैं। अत: ब्यावरा नगर में पृथक से नवीन कन्या महाविद्यालय खोले जाने में कठिनाई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।

वन्‍य प्राणियों से फसल सुरक्षा

125. ( क्र. 5033 ) श्री गिरीश भंडारी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या नरसिंहगढ़ के समीप चिड़ीखो अभ्‍यारण के आसपास ग्रामों में वन्‍य प्राणियों (हिरण, जंगली सुअर) की संख्‍या काफी मात्रा में है, जिसके कारण ग्राम बिहार, गांधी ग्राम, अम्‍बेडकर नगर के कृषकों को फसल की सुरक्षा करना संभव नहीं हो पा रहा है? (ख) क्‍या शासन कृषकों की फसल सुरक्षा हेतु संपूर्ण क्षेत्र में 12 (बारह) फीट ऊंची जाली लगाकर वन्‍य प्राणियों से फसल सुरक्षा हेतु कोई कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? (ग) क्‍या शासन जिन कृषकों की फसल वन्‍य प्राणियों द्वारा नष्‍ट कर दी जाती, उन कृषकों को क्षतिपूर्ति राहत राशि भुगतान करने के लिए सुनिश्चित करेगा? यदि हाँ, तो क्‍या?

वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। (ग) जी हाँ। राजस्व विभाग द्वारा मध्यप्रदेश लोक सेवाओं के प्रदान की गारंटी अधिनियम,2010 के तहत सेवा क्रमांक 4.6 के अंतर्गत वन्यप्राणियों से फसल हानि होने पर 30 कार्य दिवस में प्रभावित कृषकों को क्षतिपूर्ति राशि राजस्व पुस्तक परिपत्र के आधार पर भुगतान किये जाने का प्रावधान है। 

वन मंडल बालाघाट की वन समितियां

126. ( क्र. 5094 ) डॉ. योगेन्‍द्र निर्मल : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बालाघाट जिले के वन मंडल में कितनी वन समितियां गठित की गई? इन समितियों के माध्‍यम से वर्ष 2012-13 से प्रश्‍न दिनांक तक कुल कितनी लागत के कार्य कराये गये परिक्षेत्रवार बतायें (ख) विभाग द्वारा भवन निर्माण, मार्ग निर्माण, तालाब निर्माण, वन्‍य प्राणियों हेतु पेयजल व्‍यवस्‍था जैसे कौन-कौन से कार्य किये जाते हैं और विभाग द्वारा बालाघाट जिले के वन मंडल में वर्ष 2012-13 से प्रश्‍न दिनांक तक    कौन-कौन से कार्य कराये गये? (ग) वन समितियों द्वारा किये गये कार्यों एवं विभागीय तौर पर किये जाने वाले कार्यों के निरीक्षण, भौतिक सत्‍यापन एवं मूल्‍यांकन के क्‍या शासनादेश एवं विभागीय निर्देश हैं? किन समक्ष प्राधिकारियों द्वारा इन कार्यों को किया जाता है?

वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) बालाघाट जिले के उत्तर एवं दक्षिण वन मंडल में कुल 483 वन समितियां गठित की गईं हैं। प्रश्न के शेष भाग की जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) विभाग द्वारा भवन निर्माण, मार्ग निर्माण, तालाब निर्माण, वन्य प्राणियों हेतु पेयजल व्यवस्था के अतिरिक्त वन एवं वन्य प्राणी संरक्षण तथा प्रबंधन एवं भू-जल संरक्षण के कार्य कराये जाते हैं। बालाघाट जिले में वर्ष    2012-13 से प्रश्न दिनांक तक मुख्य रूप से वृक्षारोपण कार्य, वन सुरक्षा कार्य, सीमांकन एवं मार्किंग, लेण्टाना उन्मूलन, बांस भिर्रा सफाई, बीज बुवाई, पुर्नउत्पादन सर्वे कार्य, अग्नि सुरक्षा, वन्यप्राणी हेतु पेयजल व्यवस्था, मुनारा निर्माण एवं मुनारा मरम्मत, कार्यालय एवं आवासीय भवन निर्माण, भवन मरम्मत एवं पुताई, झिरिया निर्माण, वनमार्ग मरम्मत, नाला बंधान, बोरीबंधान, स्टॉप डेम निर्माण, चेकडेम निर्माण, बॉच टावर निर्माण, बाउण्ड्रीवॉल निर्माण, प्रसंस्करण केन्द्र निर्माण, गोदाम निर्माण, भू-जल संरक्षण, तालाब मरम्मत, वनग्राम विकास, पुलिया/स्टॉप डेम मरम्मत, रोड निर्माण, आस्थामूलक कार्य, हैण्डपम्‍प मरम्मत कार्य, शौचालय निर्माण, मेडिकल कैंप लगाना आदि कार्य कराये गये हैं। (ग) जी हाँ। वन समितियों द्वारा किये गये कार्यों एवं विभागीय तौर पर किये जाने वाले कार्यों के निरीक्षण, भौतिक सत्यापन एवं मूल्यांकन के विभागीय निर्देश हैं। निरीक्षण एवं भौतिक सत्यापन का कार्य संबंधित परिक्षेत्राधिकारी एवं उप वनमण्डलाधिकारी द्वारा किया जाता है तथा मूल्यांकन कार्य संबंधित मुख्य वन संरक्षक के निर्देशन में विभागीय अधिकारियों द्वारा किया जाता है।

परिशिष्ट - ''चालीस''

म.प्र. प्रोफेशनल एग्‍जामिनेशन बोर्ड द्वारा आयोजित परीक्षा

127. ( क्र. 5182 ) श्री नीलेश अवस्‍थी : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या म.प्र. प्रोफेशनल एग्‍जामिनेशन बोर्ड द्वारा वन रक्षकों के पदों में भर्ती हेतु आयोजित परीक्षा का परिणाम 30 जनवरी 2016 को घोषित किया गया तथा इसमें पास (पात्र) छात्रों को एक फरवरी के फेल (अपात्र) घोषित कर परीक्षार्थियों के सा‍थ खिलवाड़ किया गया? (ख) यदि हाँ, तो परीक्षा परिणाम घोषित होने के पश्‍चात् परिवर्तन के क्‍या कारण थे? परिणाम घोषित होने के पश्‍चात् 24 घन्‍टे के अन्‍दर इसे परिवर्तित क्‍यों किया गया? इस कृत्‍य के लिये कौन-कौन दोषी थे इसकी जाँच किसके द्वारा की गई एवं उक्‍त जाँच के क्‍या परिणाम निकले तथा किसके ऊपर क्‍या कार्यवाही की गई? (ग) क्‍या व्‍यापम में भ्रष्‍टाचार की जाँच पहले से C.B.I. द्वारा की जा रही है तथा इस परीक्षा में भी भ्रष्‍टाचार की आशंका है? यदि हाँ, तो क्‍या शासन इस भर्ती परीक्षा में बड़े पैमाने पर बरती गई अनियमितताओं की C.B.I. जाँच करायेगा तथा यह परीक्षा पुन: आयोजित की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्‍यों नहीं?

तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) मध्‍यप्रदेश प्रोफेशनल एग्‍जामिनेशन बोर्ड द्वारा दिनांक 30.01.2016 को मध्‍यप्रदेश प्रोफेशनल एग्‍जामिनेशन बोर्ड की वेबसाईट पर घोषित परिणाम में मानवीय त्रुटिवंश न्‍यूनतम अर्हता अंक प्राप्‍त 519966 अभ्‍यर्थियों को द्वितीय चरण हेतु सफल दर्शाया गया था। जिसे दिनांक 01.02.2016 को संशोधित कर द्वितीय चरण हेतु वास्‍तविक पात्र 5005 अभ्‍यर्थियों को सफल दर्शाया गया। इस प्रकार मूलरूप से तैयार परिणाम में किसी भी प्रकार का परिवर्तन नहीं किया गया, अपितु दिनांक 30.01.2016 को तैयार परिणाम ही अंतिम रूप से प्रदर्शित किया गया है। किसी भी परीक्षार्थी के साथ खिलवाड़ नहीं किया गया है। (ख) प्रश्‍नांश '''' अनुसार। उक्‍त कृत्‍य के लिये प्रथम दृष्‍ट्या दोषी डाटा एन्‍ट्री आपरेटर को दिनांक 01.02.2016 को निलंबित किया गया एवं शाखा प्रभारी को कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया जाकर जाँच प्रक्रियाधीन है। (ग) जी हाँ। जाँच में पाया गया कि प्रश्‍नाधीन प्रकरण एक मानवीय त्रुटि है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

कार्यपालन यंत्री की पदस्‍थापना

128. ( क्र. 5189 ) श्री यादवेन्‍द्र सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले के अंतर्गत लोक निर्माण विभाग में कार्यपालन यंत्री के पद पर श्री नरेन्‍द्र शर्मा को कब पदस्‍थ किया गया था तथा वे कब तक सतना में पदस्‍थ रहे? (ख) प्रश्‍नांश (क) में नामित अधिकारी द्वारा अपने कार्यकाल में कितने निर्माण कार्यों की स्‍वीकृति दी गई तथा उन कार्यों के विरूद्ध कितनी राशि जारी की गई कार्यवार/राशिवार जानकारी दें? (ग) प्रश्‍नांश (क) में वर्णित अधिकारी द्वारा किस ठेकेदार के माध्‍यम से कौन से कार्य कराये गये है तथा उन्‍हें कितनी राशि के चेक दिए गये है? (घ) पदस्‍थापना अवधि में कराये गये निर्माण कार्यों की अद्यतन स्थिति क्‍या है कितने निर्माण कार्य पूर्ण करा लिए गए है कितने अपूर्ण है?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) श्री नरेन्द्र शर्मा, कार्यपालन यंत्री के पद पर दिनांक 01/10/2014 से 16/12/2015 तक पदस्थ रहे। (ख) श्री नरेन्द्र शर्मा, कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण विभाग संभाग, सतना द्वारा अपने कार्यकाल में किसी निर्माण कार्य हेतु स्वीकृति नहीं दी गई। अतः प्रश्न के शेष भाग का प्रश्न ही नहीं उठता। (ग) एवं (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार

जानकारी प्रदाय करना

129. ( क्र. 5190 ) श्री यादवेन्‍द्र सिंह : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सतना जिले के अन्‍तर्गत सीमेन्‍ट की कितनी फैक्‍ट्री संचालित है?     (ख) प्रिज्‍म सीमेन्‍ट लि.मनकहरी द्वारा हिनौती, सिजहटा, बगहाई के कितने किसानों की भूमि अधिग्रहित की गई है तथा अधिग्रहित भूमि का मुआवजा किस दर पर दिया गया है? (ग) क्‍या प्रभावित कृषकों के परिवार के सदस्‍यों को रोजगार देने का प्रावधान शासन द्वारा रखा गया है? यदि हाँ, तो प्रिज्‍म प्रबंधन द्वारा प्रभावित कृषकों के कितने परिवारों को रोजगार दिया गया है? (घ) केन्‍द्र शासन/राज्‍य शासन द्वारा प्रभावित कृषकों को कितना मुआवजा राशि/विस्‍थापन भत्‍ता दिये जाने का प्रावधान रखा गया है नियम सहित जानकारी देते हुये बतावें कि क्‍या सतना जिले में संचालित सीमेन्‍ट उद्योगों में नियम का पालन किया जा रहा है?

उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) 8 सीमेंट फैक्‍ट्री संचालित हैं। (ख) से (घ) मेसर्स प्रिज्‍म सीमेंट लि. द्वारा ग्राम हिनौती, सिजहटा, बगहाई की कोई निजी भूमि भू-अर्जन अधिनियम अंतर्गत अधिग्रहित नहीं की गई। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

सागर जिले के शहर एवं ग्रामीण इनडोर स्‍टेडियम

130. ( क्र. 5217 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या म.प्र. शासन ने शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में इनडोर स्‍टेडियम बनाने की योजना बनायी है? यदि हाँ, तो विभाग के द्वारा कितने स्‍थानों पर इनडोर स्‍टेडियम बनाये जा चुके हैं? (ख) सागर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत स्‍वीकृत इनडोर स्‍टेडियम के संबंध में अभी तक क्‍या प्रगति है? यह कार्य कब तक शुरू हो जायेगा? (ग) सागर शहर स्थित शास. जिम्‍नेशियम के उन्‍नयन हेतु क्‍या कोई योजना शासन के विचाराधीन है? यदि हाँ, तो कब तक स्‍वीकृत हो जायेगी?

उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जी नहीं। अपितु भारत सरकार की राजीव गांधी खेल अभियान योजनान्तर्गत प्रत्येक विकासखण्ड में इनडोर स्टेडियम बनाये जाने की योजना है, परंतु भारत सरकार द्वारा उक्त योजना वर्तमान में स्थगित की गयी है। (ख) प्रश्नोत्तर के प्रकाश में समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।   (ग) जी हाँ। सागर शहर स्थित शास. जिम्नेशियम के उन्नयन हेतु राशि रू. 3,61,402/- स्वीकृत किये गये हैं। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। 

सड़कों की स्‍वीकृति एवं उन्‍नयन

131. ( क्र. 5218 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत लोक निर्माण विभाग की कितनी सड़के हैं तथा उनकी वर्तमान में क्‍या स्थिति हैं? (ख) क्‍या सागर नगर की कुछ सड़कों की स्थिति जर्जर अवस्‍था में पहुँच गयी है? ऐसी सड़कों के पुर्ननिर्माण के लिए शासन की क्‍या योजना हैं? (ग) क्‍या सागर नगर में ति‍ली चौराहा से वाया तहसीली, सिविल लाईन मार्ग तक आवागमन का घनत्‍व/दबाव बहुत अधिक बढ़ गया है? यदि हाँ, तो क्‍या शासन इस सड़क को फोर लाईन में उन्‍नयन करने पर विचार करेगा तथा कब तक?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) सागर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत 14 मार्ग है। जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट अनुसार है। म.प्र. सड़क विकास निगम अंतर्गत सागर-रहली मार्ग (एस.एच. 15) का 2.00 कि.मी. भाग आता है, इस सड़क की वर्तमान स्थिति अच्‍छी है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट अनुसार है निगम के अंतर्गत     सागर-रहली मार्ग की स्थिति अच्‍छी है एवं मोतीनगर-तिलि-पथरिया मार्ग लंबाई 12.80 कि.मी. का पुर्ननिर्माण प्रस्‍तावित है। वर्तमान में मार्ग का संधारण लो.नि.वि. संभाग   क्रं.-1 के द्वारा किया जा रहा है। (ग) जी हाँ। वर्तमान में न तो प्रस्‍तावित है और न ही स्‍वीकृत है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

परिशिष्ट ''इकतालीस''

कटनी में निर्मित औद्योगिक क्षेत्र

132. ( क्र. 5233 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) कटनी जिले में विभाग द्वारा कहाँ-कहाँ औद्योगिक क्षेत्र निर्मित किये गये हैं, इन औद्योगिक क्षेत्रों में कौन-कौन औद्योगिक इकाईयां संचालित हो रही है एवं इन औद्योगिक क्षेत्रों में कितने प्‍लाटों का आवंटन हो चुका है, कितने प्‍लाट आवंटन हेतु वर्तमान में उपलब्‍ध हैं तथा औद्योगिक क्षेत्रों में वर्ष 2013-14 से प्रश्‍न दिनांक तक विकास एवं पर्यावरण सुरक्षा के क्‍या-क्‍या कार्य स्‍वीकृत किये गये? कौन-कौन से कार्य, कब-कब किये गये? औद्योगिक क्षेत्रवार बतायें? (ख) क्‍या कटनी में फूड पार्क का निर्माण किया जा रहा है? यदि हाँ, तो यहां भूमि/प्‍लाट आवंटन की क्‍या प्रक्रिया है? क्‍या किन्‍हीं औद्योगिक इकाइयों को प्राथमिकता एवं आरक्षित वर्ग के नागरिकों एवं महिला उद्यमियों को आरक्षण का प्रावधान है? यदि हाँ, तो विवरण बतायें, यदि नहीं, तो कारण बतायें? (ग) प्रश्‍नांश (क) के तहत लमतरा औद्योगिक क्षेत्र की कार्ययोजना में, किन-किन स्‍थानों पर वृक्षारोपण एवं खुला स्‍थान नियत है, क्‍या इन स्‍थानों पर निर्धारित संस्‍था में वृक्षारोपण एवं खुले स्‍थानों को विकसित किया गया है? यदि हाँ, तो विवरण देवें, यदि नहीं, तो क्‍यों? कारण बतायें? (घ) प्रश्‍नांश (क) से (ग) के परिप्रेक्ष्‍य में कटनी जिले के औद्योगिक क्षेत्रों में विकास एवं पर्यावरण सुरक्षा के समचित कार्य न होने, शहर में संचालित औद्योगिक इकाइयों को सुनियोजित तौर पर स्‍थापित न किये जाने का क्‍या माननीय मंत्री महोदया संज्ञान लेते हुये, समुचित कार्यवाही के आदेश प्रदान करेंगी? यदि हाँ, तो कब तक, यदि नहीं, तो क्‍यों बतायें?

उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) औद्योगिक क्षेत्रवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं ब अनुसार है। औद्योगिक क्षेत्र लमतरा एवं बरगंवा में आवंटन हेतु कोई भूखण्‍ड उपलब्‍ध नहीं है। औद्योगिक क्षेत्र अमकुही में 105 प्‍लाट एवं हरदुआ-खुडावल में 22 भूखण्‍ड उपलब्‍ध है। (ख) जी नहीं। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) औद्योगिक क्षेत्र लमतरा जिला कटनी की कार्ययोजना के क्रियान्‍वयन हेतु नगर एवं ग्रामीण निवेश विभाग से अनुमोदित लेआउट प्‍लान में उल्‍लेख किये खुले स्‍थानों में कोई निर्माण निगम द्वारा नहीं किया गया है। केवल ग्रीन बेल्‍ट की फेन्सिंग हेतु राशि रू. 4.57 लाख का कार्य निगम द्वारा किया गया है जिस पर वृक्षारोपण का कार्य इकाईयों के सहयोग से किया जावेगा। (घ) कटनी जिले के औद्योगिक क्षेत्र में विकास एवं पर्यावरण सुरक्षा की समुचित व्‍यवस्‍था है।

त्रुटिपूर्ण पदोन्‍नति आदेश जारी

133. ( क्र. 5260 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या म.प्र. शासन, वाणिज्‍य, उद्योग और रोजगार विभाग के आदेश दिनांक 16.12.2015 द्वारा 07 उप संचालक उद्योग/महाप्रबंधक को संयुक्‍त को संयुक्‍त संचालक उद्योग के पद पद पदोन्‍नति प्रदान की गई? (ख) क्‍या उद्योग विभाग राजपत्रित सेवा भर्ती नियम अनुसार संयुक्‍त संचालक उद्योग के 16 स्‍वीकृत पद के विरूद्ध दिनांक 16.12.2015 की पूर्व की स्थिति में 10 संयुक्‍त संचालक कार्यरत थे तथा 6 पद रिक्‍त थे, तब दिनांक 16.12.2015 के आदेश द्वारा 07 संयुक्‍त संचालकों को पदोन्‍नति क्‍यों प्रदान की गई? (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में त्रुटिपूर्ण पदोन्‍नति आदेश जारी करने वाले अधिकारी के विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की गई तथा त्रुटिपूर्ण आदेश निरस्‍त करने हेतु क्‍या कार्यवाही की गई?

उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जी हाँ। (ख) एवं (ग) परीक्षण कराया जा रहा है। परीक्षण उपरांत नियमानुसार यथोचित कार्यवाही की जावेगी।

निजी भूमि का वन विभाग के कब्‍जे

134. ( क्र. 5264 ) श्री सुरेन्‍द्र सिंह बघेल : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वनखंड में अधिसूचित निजी भूमि को बिना मुख्‍यालय भुगतान के वर्किंग प्‍लान, वनकक्ष इतिहास, वनकक्ष मानचित्र एवं पी.एफ. एरिया रजिस्‍टर में शामिल कर प्रबंधन, वृक्षारोपण, विदोहन का अधिकार वन विभाग को किस-किस कानून की किस धारा के तहत प्राप्‍त हुआ है? (ख) राज्‍य शासन वल्‍लभ भवन भोपाल एवं वन मुख्‍यालय सतपुड़ा भवन भोपाल ने वर्ष 2008 से प्रश्‍नांकित दिनांक तक वनखंड और वर्किंग प्‍लान में सम्मलित निजी भूमियों के संबंध में किस-किस दिनांक को किस विषय पर पत्र जारी किए? (ग) वन मुख्‍यालय में उपलब्‍ध किस वनमंडल के वर्किंग प्‍लान में सं‍बंधित डी.एफ.ओ. द्वारा निजी भूमि नहीं होने का प्रमाण-पत्र उपलब्‍ध है, उस वनमंडल के वर्किंग प्‍लान में कितनी निजी भूमि बिना मुआवजा भुगतान के शामिल होना वन मुख्‍यालय द्वारा संकलित जानकारी में पाया गया है? (घ) निजी भूमियों को वर्किंग प्‍लान, वनकक्ष इतिहास, वनकक्ष मानचित्र एवं पी.एफ. एरिया रजिस्‍टर से कब तक पृथक कर दिया जावेगा?

वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) संरक्षित वन घोषित करने की विभिन्‍न अधिसूचनाओं/भारतीय वन अधिनियम, 1927 की धारा 29 के परन्‍तुक के अनुसार निजी भूमियां घोषित वन में तब तक सम्मिलित रहेंगी जब तक उनके अधिकारों की जाँच सम्‍पन्‍न नहीं हो जाती। ऐसी निजी भूमियां जिनको वनखण्‍ड से पृथक करना सम्‍भव नहीं है, को वन व्‍यवस्‍थापन अधिकारी द्वारा उनका अर्जन किये बिना आरक्षित वनभूमि मान्‍य नहीं किया जाता है। इनको कार्य आयोजना में पृथक से दर्शाने एवं इन क्षेत्रों में कूप न डालने तथा विदोहन न करने के निर्देश प्रधान मुख्‍य वन संरक्षक (कार्य आयोजना एवं वन-भू अभिलेख) के पत्र क्रमांक/अधि./719 दिनांक 20.07.2009 तथा अपर प्रधान मुख्‍य वन संरक्षक कार्य आयोजना के पत्र क्रमांक/का.आ./मा.चि/138/1091 दिनांक 30.09.2011 से दिये गये है, जो संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है।          (ख) प्रश्‍नांकित जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ग) जानकारी ए‍कत्रित की जा रही है। (घ) निजी भूमियों का वर्किंग प्‍लान, वनकक्ष इतिहास, वनकक्ष मानचित्र एवं पी.एफ. एरिया रजिस्‍टर में उल्‍लेख है। कार्य आयोजना में इन्‍हें पृथक से दर्शाया जाता है एवं निजी भूमियों पर वार्षिक उपचारांश नहीं डाले जाते है। अत: इन भूमियों को प्रश्‍नांकित अभिलेखों से पृथक किये जाने का प्रश्‍न ही उ‍पस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट ''बयालीस''

लघु वनोपन के संबंध में प्रावधान

135. ( क्र. 5265 ) श्री सुरेन्‍द्र सिंह बघेल : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भारतीय संविधान की 11वीं अनुसूची, पेसा कानून 1996 एवं वन अधिकार कानून 2006 में लघु वनोपज के संबंध में क्‍या-क्‍या प्रावधान दिए गए है वन अधिकार कानून में लघु वनोपज की क्‍या परिभाषा दी गई है? (ख) वर्तमान में किस-किस लघु वनोपज के संग्रहण, परिवहन एवं विपणन के संबंध में क्‍या-क्‍या छूट संग्राहक, विपणकर्ता एवं परिवहनकर्ता की दी गई है, इन पर कौन-कौन से प्रतिबंध वर्तमान में लागू है?     (ग) किस लघु वनोपज के संग्रहण, परिवहन एवं विपणन के किस-किस अधिनियम, नियम के अंतर्गत वन अपराध वर्तमान में भी पंजीबद्ध किए जा रहे है? (घ) 11वीं अनुसूची, पेसा कानून एवं वन अधिकार कानून के अनुसार आवश्‍यक संशोधन न किए जाने का क्‍या कारण रहा है? कब तक आवश्‍यक संशोधन कर लिए जावेंगे?

वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) संविधान की 11वीं अनुसूची के अनुक्रमांक 07 में ‘‘लघु वनोपज’’ उल्लेखित है। पेसा कानून अर्थात पंचायत उपबंध (अनुसूचित क्षेत्रों पर विस्तार) अधिनियम, 1996 की धारा 4 (ड.) (ii) में लघु वनोपज के संबंध में निम्नानुसार प्रावधानित हैः-

4 (ड.) अनुसूचित क्षेत्रों में पंचायतों को ऐसी शक्तियाँ और प्राधिकार प्रदान करने के दौरान, जो उन्हें स्वायत्त शासन की संस्थाओं के रूप में कृत्य सुनिश्चित करेगा कि समुचित स्तर पर पंचायतों और ग्राम सभा को विनिर्दिष्ट रूप में निम्नलिखित प्रदान किया जाये-

(ii) गौण वन उपज स्वामित्व - वनाधिकारी कानून अर्थात अनूसचित जनजाति और अन्य परम्परागत वन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम, 2006 की धारा-2 (झ) एवं धारा-3 (ग) में लघु वनोपज के संबंध में निम्नलिखित प्रावधान हैः-

2 (झ) ‘‘गौंण वन उत्पाद’’ के अन्तर्गत पादप मूल के सभी गैर-इमारती वनोपत्पाद है, जिनमें बाँस, झाड़, झंखाड़, ठूंठ, बैंत, तुसार, कोया, शहद, मोम, लाख, तेंदू या केंदू पत्ते, औषधीय पौधे और जड़ी-बूटियाँ, मूल कंद और इसी प्रकार के उत्पाद सम्मिलित हैः

3 (ग) - ‘‘गौण वन उत्पादों के जिनका गाँव की सीमा के भीतर या बाहर पारंपरिक रूप से संग्रह किया जाता रहा है, स्वामित्व, संग्रह करने के लिए पहुँच, उनका उपयोग और व्ययन का अधिकार’’ रहा है एवं लघु वनोपज की परिभाषा उपरोक्तानुसार धारा 2 (झ) में वर्णित है।

(ख) म.प्र. शासन के आदेशानुसार म.प्र. राज्य लघु वनोपज संघ द्वारा वर्तमान में तीन राष्ट्रीयकृत लघु वनोपज, तेन्दूपत्ता, सालबीज एवं कुल्लूगोंद का संग्रहण एवं निवर्तन किया जाता है तथा उनके व्यापार पर राज्य शासन का एकाधिकार है। राष्ट्रीयकृत लघु वनोपज को छोड़कर शेष समस्त अराष्ट्रीयकृत लघु वनोपज के संग्रहण विपणन आदि से राज्य शासन द्वारा छूट दी गई है। प्रदेश के वन वासियों/आदिवासियों को लघु वनोपज का उचित मूल्य प्राप्त हो इस हेतु मध्यप्रदेश शासन एवं भारत सरकार द्वारा अचार गुठली, लाख, महुआ, फूल, महुआ गुल्ली, हर्रा, नीमबीज एवं करंज बीज हेतु न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित किया गया है। (ग) 1. भारतीय वन अधिनियम, 1927 की धारा 2 (4) में परिभाषित वनोपज जिसमें लघु वनोपज भी सम्मिलित है, पर भारतीय वन अधिनियम, 1927 एवं इसके अंतर्गत बनाये गये नियम मध्यप्रदेश अभिवहन (वनोपज) नियम, 2000 मध्यप्रदेश वन उपज (जैव विविधता का संरक्षण) अधिनियम, 2000              2. मध्यप्रदेश वन उपज (व्यापार विनियमन) अधिनियम, 1969 की धारा 2 () में परिभाषित वनोपज जिसमें लघु वनोपज भी सम्मिलित हैं, पर इस अधिनियम एवं मध्यप्रदेश वन उपज (विनियमन) नियम 1969 एवं 3. मध्यप्रदेश तेन्दूपत्ता (व्यापार विनियमन) अधिनियम, 1964 तथा इसके अंतर्गत बनाये गये नियमों के अधीन लघु वनोपज के संग्रहण, परिवहन एवं विपणन के वन अपराध प्रकरण पंजीबद्ध किये जा रहे हैं।  (घ) मध्यप्रदेश संरक्षित वन नियम, 2015 की धारा-2 (1) (ख) एवं मध्यप्रदेश ग्राम वन नियम, 2015 की धारा 2 (1) (ख) के नियमों के प्रयोजन के लिए ‘‘गौण वन उत्पाद’’ का वही अर्थ होगा, जो कि अनुसूचित जनजाति और अन्य परम्परागत वन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम, 2006 में उनके लिए दिया गया है। उक्त नियमों के परिप्रेक्ष्य में अन्य किसी संशोधन की आवश्यकता प्रतीत नहीं होती है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। 

भ्रष्‍ट अधिकारियों पर कार्यवाही

136. ( क्र. 5270 ) श्री बाला बच्‍चन : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) तारांकित प्रश्‍न क्रमांक 686 दिनांक 10 दिसम्‍बर 2015 के अनुसार जिन कर्मचारियों/अधिकारियों को कारण बताओ सूचना पत्र दिये गये थे उन पर क्‍या कार्यवाही की गई? (ख) इस संबंध में विभागीय मंत्री अधिकारी संजय झा एवं एम.एस.राजपूत द्वारा कितनी शिकायतों की कितनी जाँच की गई? प्रत्‍येक शिकायत की अद्यतन स्थिति बतावें? (ग) जाँच अधिकारियों द्वारा प्रश्‍नांश (ख) अनुसार की गई समस्‍त जांचों के फलस्‍वरूप क्‍या-क्‍या गड़बडि़याँ पाई गई? इन पर कब तक कार्यवाही की जावेगी? (घ) जिन कार्यों में गड़बड़ी पाई गये उन्‍हें कब तक संधारित कर संबंधित अधिकारियों/कर्मचारियों पर दण्‍ड राशि लगाई जाएगी? समय-सीमा बतावें? प्रश्‍नांश (क) अनुसार दिए उत्‍तर पर कब तक कार्यवाही की जावेगी?

वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) एवं (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के  प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) एवं (ग) मान. विभागीय मंत्रीजी, संजीव झा एवं श्री एस. एस. राजपूत द्वारा किसी भी शिकायत की जाँच स्‍वयं नहीं की गई है, अपितु इनके निर्देशन में शिकायतों की जाँच नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण में पदस्‍थ राजपत्रित अधिकारियों द्वारा की गई है। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। म. प्र. सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियम 1966 के अंतर्गत अनुशासनात्‍मक कार्यवाही अर्द्धन्‍यायिक प्रक्रिया है। अत: कार्यवाही के लिये निश्चित समय-सीमा दर्शाया जाना संभव नहीं है।

परिशिष्ट ''तैंतालीस''

अधूरे मार्ग का निर्माण

137. ( क्र. 5276 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) महिदपुर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत डोंगला से मीन मार्ग अपूर्ण है? इसके लिए कितनी राशि कब-कब आहरित की जा चुकी है? (ख) कार्य अपूर्ण होने पर संबंधित ठकेदार पर अभी तक क्‍या कार्यवाही की जा चुकी है? यदि नहीं, तो कब तक की जावेगी? (ग) कार्य कब तक पूर्ण करा लिया जायेगा?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) प्रथम ठेकेदार के विरूद्ध की गई कार्यवाही का विवरण संलग्‍न परिशिष्‍ट के स्‍तंभ ''7'' अनुसार है। वर्तमान ठेकेदार द्वारा दिया गया उत्‍तर समाधानकारक होने से वर्तमान में कार्यवाही का प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता है। (ग) दिनांक 16.10.2016 तक पूर्ण करने का लक्ष्‍य है निश्चित तिथि बताना संभव नहीं है।

परिशिष्ट ''चौवालीस''

गुणवत्‍ताहीन सड़क निर्माण

138. ( क्र. 5280 ) पं. रमेश दुबे : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छिन्‍दवाड़ा जिले के विकासखण्‍ड चौरई में चौरई से अमरवाड़ा सड़क निर्माण में डामर के कितने कोड कितने-कितने एम.एम. के किये जाने का स्‍वीकृत प्राक्‍कलन में प्रावधान है? (ख) प्रश्‍नांश (क) के प्रकाश में उक्‍त सड़क के डामरीकृत सड़क की मोटाई प्राक्‍कलन के अनुसार कितनी होनी चाहिए और ठेकेदार ने कितना किया? इस सड़क में डामर का कन्‍टेंट कितना होना चाहिए था और मौके पर डामर का कितना कन्‍टेंट उपयोग हुआ? सरफेस क्‍या होना था और क्‍या हुआ है? (ग) क्‍या उक्‍त सड़क निर्माण के पर्यवेक्षण में संलग्‍न अधिकारियों के द्वारा पर्यवेक्षण किया गया है? यदि हाँ, तो कब-कब तथा पर्यवेक्षण में क्‍या पाया? (घ) क्‍या शासन उक्‍त सड़क में उपयुक्‍त मात्रा में डामर का उपयोग नहीं होने, प्राक्‍कलन के अनुसार डामरीकृत सड़क का मोटाई नहीं होने व गुणवत्‍ताहीन निर्माण की जाँच करवाकर जिम्‍मेदार अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही का आदेश देगा और यदि नहीं, तो क्‍यों?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ख) विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' एवं '' अनुसार है। (ग) जी हाँ। विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' एवं '' अनुसार है। (घ) सड़क का निर्माण स्‍वीकृत प्राक्‍कलन अनुसार तथा उपयुक्‍त मात्रा में डामर का उपयोग किया गया है अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होते।

सड़कों का गुणवत्‍ताहीन निर्माण की जाँच

139. ( क्र. 5281 ) पं. रमेश दुबे : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छिन्‍दवाड़ा जिलान्‍तर्गत बादगांव से पौनिया पुल का अप्रोच सड़क और पौनिया से टॉप सड़क का निर्माण कार्य किस ठेकेदार के द्वारा कराया गया और यह निर्माण कार्य कब पूर्ण हुआ? क्‍या इस सड़क के निर्माण के पश्‍चात रख-रखाव व मरम्‍मत आदि की कोई अवधि ठेकेदार के लिए तय थी? यदि हाँ, तो बतावें? (ख) क्‍या उक्‍त सड़क और पुल के अप्रोच मार्ग का निर्माण कार्य गुणवत्‍ताहीन होने से निर्माण के दो-तीन वर्षों में ही जगह-जगह से उखड़ गये हैं और गड्ढे पड़ गये हैं? (ग) क्‍या शासन उक्‍त सड़क के गुणवत्‍ताहीन निर्माण की जाँच कराकर सड़क का मरम्‍मत कराने और गुणवत्‍ताहीन निर्माण के जिम्‍मेदार अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही का आदेश देगा और यदि नहीं, तो क्‍यों?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ग) ठीक स्थिति में है अत: आगे कार्यवाही का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - ''पैंतालीस''

पुर्नमूल्‍यांकन

140. ( क्र. 5284 ) श्री जितू पटवारी : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत 3 वर्षों में देवी अहिल्‍या विश्‍वविद्यालय इंदौर, विक्रम विश्‍वविद्यालय उज्‍जैन एवं बरकतउल्‍ला विश्‍वविद्यालय में बी.डी.एस. एवं एम.बी.बी.एस. कोर्स से संबंधित पुर्नमूल्‍यांकन हेतु कितने आवेदन प्राप्‍त हुये हैं? कोर्सवार, कक्षावार एवं वर्षवार जानकारी प्रदान करें? (ख) प्रश्‍नांश (क) संदर्भ में, प्राप्‍त आवेदनों में से कितने परीक्षार्थियों के नंबर पुर्नमूल्‍यांकन में बढ़े है? (ग) क्‍या पुर्नमूल्‍यांकन में बढ़े हुए नंबरों की जाँच हेतु कोई शिकायत प्राप्‍त हुई है तो विश्‍वविद्यालय द्वारा क्‍या कार्यवाही की गई है?

तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन में बी.डी.एस. पाठ्यक्रम संचालित नहीं है। प्रश्नांश की शेष जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर है। (ख) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर है। (ग) विश्वविद्यालयों में कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई। लेकिन सहायक पुलिस महानिरीक्षक, एस.टी.एफ. भोपाल द्वारा वर्ष 2014 में पिछले 5 वर्षों में देवी अहिल्या विश्वविद्यालय इंदौर के सम्बद्ध कॉलेजों के परीक्षा परिणाम के पुर्नमूल्‍यांकन की जानकारी चाही गई थी जो संबंधित विश्वविद्यालय द्वारा उपलब्ध कराई गई थी।

परिशिष्ट ''छियालीस''

प्रदेश में संचालित उद्योगों को लीज पर प्रस्‍तावित भूमि

141. ( क्र. 5285 ) श्री जितू पटवारी : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जे.पी. एसोसिएट्स, बिडला ग्रुप, अडानी ग्रुप ऑफ कंपनी द्वारा प्रदेश में कितने उद्योग कहाँ-कहाँ संचालित किए जा रहे हैं एवं नए उद्योगों के आवेदन प्रगति में है इसके लिए इन्‍हें कितनी भूमि लीज पर दी गई एवं कितनी देना प्रस्‍तावित है?

उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जे.पी. एसोसिएट्स, बिडला ग्रुप, अडानी ग्रुप ऑफ कंपनी द्वारा प्रदेश में संचालित एवं नए उद्योगों के आवेदन प्रगति में है, की जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर है। आवंटित भूमि की जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है तथा कटनी जिले में बिडला ग्रुप के स्‍थापित प्‍लांट के विस्‍तार अंतर्गत भूमि की मांग हेतु आवेदन प्रक्रियाधीन है।

परिशिष्ट ''सैंतालीस''

उच्‍च शिक्षा द्वारा अतिक्रमण संबंधी कार्यवाही

142. ( क्र. 5291 ) श्रीमती शकुन्‍तला खटीक : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या शासकीय स्‍नातक महाविद्यालय करैरा, जिला शिवपुरी के पत्र पृष्‍ठा, क्रमांक 34/2014 दिनांक 14.07.2014 एवं पृष्‍ठा क्रमांक 78/2014 दिनांक 28.07.2014 के द्वारा स्‍नातक महाविद्यालय की भूमि से अतिक्रमण हटाने हेतु पत्र आयुक्‍त उच्‍च शिक्षा एवं अतिरिक्‍त संचालक उच्‍च शिक्षा को भेजी गई थी?     (ख) यदि हाँ, तो उपरोक्‍त पत्रों पर क्‍या-क्‍या कार्यवाही हुयी? यदि नहीं, तो इस हेतु   कौन-कौन जबावदार है? (ग) प्रश्‍नांश (क) के प्रकाश में आयुक्‍त व अतिरिक्‍त संचालक द्वारा शिकायत को लेकर अपने स्‍तर से क्‍या-क्‍या कार्यवाहियां की गई?

तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। (ख) कार्यालयीन पत्र क्रमांक 963/337/आउशि/निर्माण/शाखा-6/14, दिनांक 03.09.2014 द्वारा प्राचार्य, शासकीय स्नातक महाविद्यालय, करेरा (शिवपुरी) को स्थानीय प्रशासन से मिलकर अतिक्रमण हटाने हेतु कार्यवाही के लिए निर्देशित किया गया। स्थानीय प्रशासन द्वारा भूमि का सीमांकन किया जाकर बाउंड्री निर्धारित की गई है, तथा अतिक्रमण हटाने का आश्वासन दिया गया है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्नांश के उत्तर अनुसार।

  बरेथा जिला में निर्मित पुल में घटिया सामग्री का उपयोग

143. ( क्र. 5300 ) श्री बलवीर सिंह डण्‍डौतिया : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या बरेथा तहसील व जिला मुरैना क्‍वारी नदी पर कार्यपालन यंत्री सेतु निगम खण्‍ड ग्‍वालियर द्वारा पुल निर्माण का कार्य किया जा रहा है? क्‍या निर्माण कार्य में संपूर्ण सामग्री गुणविहीन होकर रेत भी लोकल उपयोग की जा रही है जिससे पुल कभी भी क्षतिग्रस्‍त होकर शासन के धन अपव्‍यय के साथ-साथ   जन-हानि की संभावना भी रहेगी? (ख) क्‍या प्रश्‍नांश (क) के प्रकाश में ग्रामीण समुदाय (स्‍थानीय) व प्रश्‍नकर्ता द्वारा माननीय मुख्‍यमंत्री व प्रमुख सचिव, लोक निर्माण विभाग, मंत्रालय भोपाल को भी पत्र के माध्‍यम से तकनीकी परीक्षणों द्वारा जाँच हेतु अवगत कराया है? (ग) यदि हाँ, तो अभी तक उन पत्रों के संबंध में क्‍या-क्‍या कार्यवाही हुई व कब तक जाँच कराई जावेगी व जाँच के समय प्रश्‍नकर्ता (विधायक दिमनी) व जिला पंचा. सदस्‍या मुरैना वार्ड क्र. 08 की उपस्थिति सुनिश्चित कराई जावेगी?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जी हाँ। जी नहीं सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय भारत सरकार के मापदण्‍डों के अनुरूप परीक्षण कराया गया है एवं सभी सामग्री निर्धारित मापदण्‍डानुसार पाई गई है। शेष का प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता है। (ख) म.प्र. लोक निर्माण विभाग को परीक्षण हेतु कोई पत्र प्राप्‍त नहीं हुआ है।     (ग) प्रश्‍नांश '''' के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

विधानसभा 07 दिमनी क्षेत्र में महाविद्यालय की स्‍वीकृति

144. ( क्र. 5301 ) श्री बलवीर सिंह डण्‍डौतिया : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्‍नकर्ता (विधायक दिमनी) द्वारा जनवरी 2014 से जनवरी 2016 के मध्‍य विधान सभा क्षेत्र 07 दिमनी जिला मुरैना में शासकीय महाविद्यालय की स्‍वीकृति हेतु माननीय मंत्री, उच्‍च शिक्षा एवं आयुक्‍त उच्‍च शिक्षा को कितने पत्र भेजे गये? (ख) यदि हाँ, तो अभी तक क्‍या-क्‍या कार्यवाही हुई अवगत करावें? (ग) क्‍या उपरोक्‍त विधानसभा क्षेत्र में महाविद्यालय की स्‍वीकृति प्रदान न करने से छात्र-छात्राएं उच्‍च शिक्षा से वंचित है क्‍योंकि दिमनी क्षेत्र की चतुर्थ सीमा नदी नाले, बीहड़ों से घिरा होकर व रहवासियों की आर्थिक स्थिति दयनीय होने से मुरैना व अम्‍बाह में उच्‍च शिक्षा ग्रहण हेतु नहीं जा सकते हैं? (घ) क्‍या माननीय मुख्‍यमंत्री जी की इन घोषणाओं के अनुसार कोई भी छात्र-छात्रायें पढ़ाई से वंचित नहीं रहेगा व इस हेतु वित्‍तीय संकट को आड़े नहीं आने दिया जायेगा? यदि हाँ, तो दिमनी विधानसभा क्षेत्र 07 में महाविद्यालय की स्‍वीकृति कब तक प्रदाय कर दी जावेगी?

तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। कार्यालय में 02 पत्र प्राप्त हैं। (ख) वर्तमान में नये महाविद्यालय प्रारंभ करने में कठिनाई है। (ग) जी नहीं। जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - ''अड़तालीस''

सड़क निर्माण कार्य की पूर्णता

145. ( क्र. 5316 ) श्री चम्पालाल देवड़ा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) देवास जिले के बागली विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कांटाफोड से नाचनबोर सड़क निर्माण कब स्‍वीकृ‍त हुआ था? इसकी पूर्णता अवधि क्‍या निर्धारित थी? (ख) क्‍या प्रश्‍नांकित मार्ग की पुल-पुलिया, नाली निर्माण एवं सी.सी. सड़क मार्ग का निर्माण पूर्ण हो गया है? यदि नहीं, तो कहाँ-कहाँ शेष है? क्‍या प्रश्‍नांकित मार्ग के निर्माण में बोल्‍डर, मिट्टी, मुरम का अवैध उत्‍खनन संबंधित एजेन्‍सी ने किया है यदि नहीं, तो खनन कहाँ से किया गया तथा इसकी रायल्‍टी का भुगतान कितना किया गया?       (ग) प्रश्‍नांकित में अवैध उत्‍खनन की कितनी शिकायतें विभाग को प्राप्‍त हुई तथा उस पर क्‍या कार्यवाही की गई? (घ) प्रश्‍नांकित मार्ग निर्माण की वर्तमान क्‍या स्थिति है तथा मार्ग कब तक पूर्ण किया जा सकेगा?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) देवास जिले के बागली विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत कांटाफोड़-नाचलबोर मार्ग म.प्र. शासन, लोक निर्माण विभाग द्वारा दिनांक 04.10.2011 को स्वीकृत किया गया है। इसके निर्माण पूर्णता की अवधि 2 वर्ष (दिनांक 06.07.2014) निर्धारित थी। (ख) जी हाँ। प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। जी हाँ। कलेक्टर (खनिज शाखा) से प्राप्त जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।         (ग) कलेक्टर (खनिज शाखा) देवास से प्राप्त जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) मार्ग निर्माण कार्य पूर्ण है। वर्षा ऋतु में कुछ पुलियों एवं मार्ग का भाग क्षतिग्रस्त हुए हैं, जिन्हें निवेशकर्ता एजेंसी द्वारा ठीक किया जा रहा है। सुधार कार्य शीघ्र पूर्ण किया जावेगा, निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है।

स्‍कूल के भवनों का निर्माण

146. ( क्र. 5317 ) श्री चम्पालाल देवड़ा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) देवास जिले के बागली विधानसभा क्षेत्र के ग्राम पोलारवाल व ग्राम देवनलिया में हाईस्‍कूल हायर सेकेण्‍डरी भवन का निर्माण कार्य कब से चल रहा है?    (ख) प्रश्‍नांकित स्‍कूल भवनों के निर्माण कार्य की अपूर्णता का क्‍या कारण है? इसकी पूर्णता अवधि का क्‍या लक्ष्‍य रखा गया था? (ग) प्रश्‍नांकित भवनों के निर्माण कार्य की स्‍वीकृत राशि निर्माता कार्य प्रारंभ होने के पूर्व क्‍या थी? वर्तमान में निर्माण राशि क्‍या है? इन भवनों के घटिया निर्माण की कितनी शिकायतें विभाग को प्राप्‍त हुई? विभाग ने क्‍या शिकायतों की जाँच कराई यदि हाँ, तो परिणाम बतायें? किनके विरूद्ध विभाग ने दण्‍डनीय कार्यवाही की है? (घ) प्रश्‍नांकित भवनों में बिजली, पानी, शौचालय आदि के क्‍या-क्‍या कार्य हुए है निर्माणाधीन भवनों में और क्‍या-क्‍या कार्य कराये जाना है?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) पोलाखाल में दिनांक 11.07.2013 एवं देवनलिया में दिनांक 11.01.2013(ख) पोलाखाल हाई स्‍कूल का निर्माण दिनांक 18.01.2016 को पूर्ण। हाई स्‍कूल देवनलिया का निर्माण कार्य जिसकी अनुबंधानुसार पूर्णत: दिनांक 31.12.2015 है। भूमि प्राप्ति में विलंब, ठेकेदार की धीमी गति, तत्‍पश्‍चात् मूल एजेन्‍सी का अनुबंध निरस्‍त करने, निरस्‍तीकरण उपरांत शेष कार्य की 05 बार निविदा आमंत्रण के उपरांत कोई भी निविदा नहीं आने, अंतत: पूर्व एजेन्‍सी के अनुबंध को ही पुर्नस्‍थापित करने के कारण विलम्बित हुआ है। कार्य वर्तमान में प्रगति पर है, जिसे दिनांक 31.03.2016 तक पूर्ण किये जाने का लक्ष्‍य रखा गया है। कार्य की अनुबंधानुसार पूर्णत: दिनांक 31.12.2015 है। (ग) स्‍वीकृत राशि पोलाखाल हाईस्‍कूल के लिए रू. 56.12 लाख एवं हाई स्‍कूल देवनलिया के लिए रू. 34.26 लाख। पोलाखाल हाईस्‍कूल की पूर्णत: लागत रू. 53.37 लाख एवं देवनलिया हाईस्‍कूल की संभावित पूर्णत: लागत रू. 34.00 लाख है। जी हाँ, माननीय विधायक श्री चम्‍पालाल देवड़ा विधानसभा बागली द्वारा हाईस्‍कूल पोलाखाल की फिनिशिंग संबंधी शिकायत की गई थी, जिसके अनुक्रम में सुधार कराया गया भवन पूर्ण कर हस्‍तांतरित कर दिया गया है। हाईस्‍कूल देवनलिया के कार्य में ठेकेदार द्वारा विलंब किये जाने के कारण दण्‍डस्‍वरूप संबंधित एजेंसी का अनुबंध भी समाप्‍त कर दिया गया था, जिसे बाद में पुर्नजी‍वित किया गया तथा दण्‍डस्‍वरूप रू. 13989.00 की राशि रोकी गई है। (घ) प्रश्‍नांकित स्‍कूल भवन पोलाखाल में पानी, शौचालय तथा आंतरिक विद्युतीकरण का कार्य किया गया है। स्‍कूल भवन देवनलिया में आंतरिक विद्युतीकर, शौचालय, पानी आदि के कार्य प्रगति पर है।

उच्‍च शिक्षा विभाग में अनुकंपा नियुक्ति

147. ( क्र. 5320 ) श्री सुदर्शन गुप्‍ता (आर्य) : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या उच्‍च शिक्षा विभाग अंतर्गत सेवारत शासकीय सेवक की मृत्‍यु होने पर उसके परिवार के वैध वारिस को अनुकंपा नियुक्ति देने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो इंदौर के संस्‍कृत महाविद्यालय में कितने कर्मचारी अनुकंपा नियुक्ति पर कार्यरत है? (ख) क्‍या सेवारत शासकीय कर्मचारी की मृत्‍यु होने पर उसके परिवार के केवल एक ही वैध पात्र को अनुकंपा नियुक्ति प्रदान की जाती है? यदि हाँ, तो इंदौर स्थित संस्‍कृत महाविद्यालय में कार्यरत श्री मीनकेतन व्‍यास व श्रीमती अंशु जोशी को किस आधार पर अनुकंपा नियुक्ति प्रदान की गई, स्‍पष्‍ट करें? क्‍या एक ही कर्मचारी की मृत्‍यु होने पर विभाग द्वारा इन दोनों को अनुकंपा नियुक्ति प्रदान की गई है? यदि हाँ, तो कारण स्‍पष्‍ट करें व बतावें कि क्‍या यह नियुक्ति वैध है? यदि नहीं, तो विभाग द्वारा इस संबंध में संब‍ंधितों के विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की जा रही है? (ग) क्‍या प्रश्‍नांश (ख) के संबंध में विभाग को कोई शिकायत प्राप्‍त हुई है? यदि हाँ, तो कब और ऊपर विभाग द्वारा क्‍या कार्यवाही की गई है?

तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। चतुर्थ श्रेणी के 02 कर्मचारी अनुकंपा नियुक्ति पर कार्यरत है। (ख) जी हाँ। श्री ओंकार लाल व्यास, मुख्य लिपिक, शासकीय संस्कृत महाविद्यालय, इंदौर की शासकीय सेवा में रहते हुए मृत्यू के पश्चात उनकी पुत्री कुमारी राकेश नंदिनी व्यास (विवाह पूर्व नाम वर्तमान में श्री अंशु जोशी, सेवा निवृत्त) को आदेश दिनांक 31.03.1977 (जानकारी संलग्न परिशिष्ट) द्वारा निम्न श्रेणी लिपिक के पद पर अनुकंपा नियुक्ति दी गई है। श्री मीनकेतन व्यास को कार्यालय प्राचार्य शासकीय स्नातक महाविद्यालय, देपालपुर द्वारा प्राचार्य को प्रदत्त अधिकारों के तहत् निम्न श्रेणी लिपिक के पद पर सीधी नियुक्ति दिनांक 19.10.1984 को दी गयी। जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। जी नहीं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। काई लिखित शिकायत प्राप्त नहीं हुई। क्षेत्रीय अतिरिक्त संचालक, इंदौर संभाग को संभाग आयुक्त (राजस्व) द्वारा 17.12.2015 को समक्ष में निर्देश दिये गये कि श्री मीनकेतन व्यास एवं श्रीमती अंशु जोशी की नियुक्ति के संबंध में जाँच करें। जाँच में शिकायत सही नहीं पाई गई।

परिशिष्ट - ''उन्चास''

शिकायतों पर कार्यवाही

148. ( क्र. 5321 ) श्री सुदर्शन गुप्‍ता (आर्य) : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या उच्‍च शिक्षा विभाग में पदस्‍थ श्री एस.बी. सिंह जो कि स्‍कूल शिक्षा विभाग अंतर्गत इंदौर में संयुक्‍त संचालक स्‍कूल शिक्षा के पद पर प्रतिनियुक्ति पर रहते हुए इनके विरूद्ध प्रतिनियुक्ति कार्यकाल के दौरान प्राप्‍त अनियमितताओं की शिकायतों की जाँच प्रतिवेदन उच्‍च शिक्षा विभाग की ओर कार्यवाही हेतु प्राप्‍त हुआ है? तो उच्‍च शिक्षा विभाग को प्राप्‍त जाँच प्रतिवेदन की दिनांक स्‍पष्‍ट करें? (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार उच्‍च शिक्षा विभाग को प्राप्‍त जाँच प्रतिवेदन में संबंधित अधिकारी कौन-कौन सी शिकायतों के लिये दोषी पाये गये हैं व विभाग द्वारा संबंधित के विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की गई?

तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। दिनांक 15.10.2015 को। (ख) प्राथमिक जाँच प्रतिवेदन में 02 आरोप सिद्ध पाये गए हैं, जिससे श्री एस.बी.सिंह को निलंबित किया जाकर आरोप पत्र जारी किये गये हैं।

मुलताई विधान सभा क्षेत्र के मार्ग का निर्माण

149. ( क्र. 5326 ) श्री चन्‍द्रशेखर देशमुख : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुलताई विधान सभा क्षेत्रान्‍तर्गत लो.नि. विभाग द्वारा निर्मित मार्ग मुलताई से बिरूल बाजार मार्ग कब स्‍वीकृत हुआ, कब पूर्ण हुआ दिनांक दें? यदि मार्ग पूर्ण हो गया है तो निर्मित मार्ग में सोनोरा से करजगांव के मध्‍य में डेढ़ कि.मी. क्‍यों अधूरा है? (ख) क्‍या मुलताई से बिरूल बाजार मार्ग का पूर्णता प्रमाण पत्र विभाग द्वारा जारी कर दिया गया है? यदि हाँ, तो ऐसे अपूर्ण मार्ग का पूर्णता प्रमाण पत्र विभाग कैसे जारी कर सकता है? इससे जुड़े अधिकारियों पर शासन ने क्‍या कार्यवाही की? यदि नहीं, कि तो कब तक की जायेगी? अधिकारियों के नाम तथा समयावधि बतायें? (ग) इतने वर्षों तक मुलताई से बिरूल बाजार मार्ग के इस अपूर्ण कार्य को कब तक विभाग द्वारा पूर्ण कर दिया जायेगा? समयावधि दिनांक के साथ दें तथा इस मार्ग से संबंधित अधिकारियों पर शासन क्‍या कार्यवाही करेगा और कब तक करेगा?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) दिनांक 06.07.2005 को। दिनांक 30.04.2008 को। 0.80 कि.मी. लंबाई में छोड़कर मार्ग पूर्ण, केवल 0.80 कि.मी. का कार्य भू-अर्जन प्रक्रिया एवं न्‍यायालयीन प्रक्रिया के कारण अधूरा है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होते। (ग) निश्चित तिथि बताना संभव नहीं। उत्‍तरांश '' में वर्णित कारणों से कार्य अधूरा होने से प्रश्‍न उपस्थित नहीं होते।

महाविद्यालयीन अधिकारियों/कर्मचारियों की पदस्‍थापना

150. ( क्र. 5327 ) श्री चन्‍द्रशेखर देशमुख : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुलताई विधानसभा क्षेत्रांतर्गत आज दिनांक तक कुल कितने महाविद्यालय संचालित हैं? आज दिनांक तक में व्‍याख्‍याता तथा प्राचार्य के कितने पद स्‍वीकृत हैं, कितने पद भरे हैं, कितने पद रिक्‍त हैं? महाविद्यालयवार संख्‍या दें।      (ख) आज दिनांक तक व्‍याख्‍याता तथा प्राचार्य के रिक्‍त पदों की प्रतिपूर्ति के लिये शासन द्वारा क्‍या कार्यवाही की गयी? यदि नहीं, की गयी तो कब तक रिक्‍त पदों की प्रतिपूर्ति कर दी जायेगी? (ग) क्‍या विगत कई वर्षों से मुलताई महाविद्यालय में प्राचार्य का पद रिक्‍त है एवं प्रभारी प्राचार्य के द्वारा महाविद्यालय का संचालन हो रहा है? यदि हाँ, तो अभी तक उक्‍त पद की प्रतिपूर्ति क्यों नहीं की गयी? कारण दें तथा कब तक उक्‍त पद की प्रतिपूर्ति की जायेगी?

तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) कुल 07 जिसमें 01 शासकीय, 06 अशासकीय, शासकीय महाविद्यालय के पदों की जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट पर है।     (ख) शासकीय महाविद्यालय में रिक्त शैक्षणिक पदों की पूर्ति हेतु लोक सेवा आयोग को मांग पत्र भेजा गया है, जिसका विज्ञापन भी लोक सेवा अयोग द्वारा दिनांक 19.02.2016 को जारी किया जा चुका है। चयन सूची प्राप्त होने पर शैक्षणिक रिक्त पदों की पूर्ति की जावेगी। निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं। (ग) जी हाँ। प्राचार्य के पद शत्-प्रतिशत पदोन्नति के होने तथा प्राध्यापक से प्राचार्य पद पर पदोन्नति के संबंध में न्यायालयीन वाद दायर होने तथा उन पर न्यायालय निर्णय अपेक्षित होने से पदोन्नति नहीं हो पाने के कारण प्राचार्य के पद रिक्त हैं। उक्त पद की प्रतिपूर्ति की समय-सीमा बताना संभव नहीं है।

परिशिष्ट - ''पचास''

 

 


 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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भाग-3

अतारांकित प्रश्नोत्तर

छठवें वेतनमान के एरियर के भुगतान

1. ( क्र. 85 ) श्री प्रहलाद भारती : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छठवें वेतनमान के तहत प्रदेश के कर्मचारियों/अधिकारियों को जो एरियर दिए जाने थे उस संदर्भ में वित्‍त विभाग के आदेश जारी किए गये थे कि जो कर्मचारी मृत हो गये हैं या सेवानिवृत्‍त हो गये उन्‍हें एरियर का एकजाई भुगतान किया जावे तथा शेष को भुगतान किश्‍तों में किया जावे? (ख) उक्‍त शिक्षा विभाग में भी ऐसे अनेक प्राध्‍यापक/प्राचार्य हैं जो उस अवधि में सेवानिवृत्‍त हो गये हैं या दिवंगत हो गये हैं फिर इन प्राध्‍यापकों/प्राचार्यों को वित्‍त विभाग के नियमों के तहत यूजीसी वेतनमान के तहत देय एरियर का भुगतान क्‍यों नहीं किया जा रहा है तथा भुगतान कब तक कर दिया जावेगा? (ग) क्‍या प्राध्‍यापकों/प्राचार्यों को दिए जाने वाली एरियर में से प्रदेश को मिलने वाली राशि केन्‍द्र सरकार के मानव संसाधन विकास विभाग अथवा यू.जी.सी. से प्राप्‍त हो चुकी है? यदि नहीं, तो उसके लिये क्‍या प्रयास किये जा रहे हैं?

तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ, वित्त विभाग के आदेश दिनांक 20.12.2009 में केवल राज्य सरकार के वेतनमान प्राप्त सेवानिवृत्त/दिवंगत शासकीय सेवकों को एरियर राशि का एक मुश्त भुगतान के प्रावधान है, किन्तु यू.जी.सी. वेतनमान प्राप्त कर रहे अधिकारियों को छठवें यू.जी.सी. वेतनमान के एरियर की राशि 80 प्रतिशत भारत सरकार से प्राप्त होने पर भुगतान के निर्देश वित्त विभाग की सहमति से दिनांक 14.05.2013 को जारी हुये हैं। (ख) वित्त विभाग का आदेश दिनांक 20.12.2009 यू.जी.सी. वेतनमान प्राप्त शासकीय सेवकों पर लागू नहीं होने से एक किश्त में एरियर राशि का भुगतान किया जाना संभव नहीं है। नियमानुसार 02 किश्त का भुगतान किया जा चुका है। भुगतान राशि का 80 प्रतिशत केन्द्र शासन से प्राप्त हो जाने पर शेष राशि का भुगतान कर दिया जावेगा। नियत समय बताना संभव नहीं है। (ग) यू.जी.सी. वेतनमान के एरियर राशि में पूर्ण भुगतान की जानें वाली राशि में से 80 प्रतिशत की पूर्ण राशि अभी प्राप्त नहीं हुई है, शेष राशि प्राप्त की जाने हेतु केन्द्र शासन को प्रस्ताव प्रेषित किये गये हैं।

रोजड़ो (नीलगायों) को मारने की अनुमति

2. ( क्र. 104 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि रोजड़ो (नीलगाय) को मारने हेतु तत्‍कालीन अनुविभागीय अधिकारी         श्री आर.के.जैन, अनुविभागीय अधिकारी राजस्‍व जो कि 2 वर्ष पूर्व जावरा में पदस्‍थ थे से प्रश्‍नकर्ता द्वारा मांगी गई अनुमति क्‍यों लंबित है व कब तक अनुमति दे देंगे?

वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) रतलाम जिले के अनुभाग जावरा के तत्कालीन अनुविभागीय अधिकारी, (राजस्व) जावरा के पास बलराम एवं अन्य ग्रामवासी ग्राम आम्बा, कालुखेड़ा के नीलगाय (रोजड़ों) के द्वारा फसल नुकसानी करने के संबंध में नीलगाय को मारने के लिये अनुमति देने हेतु 6 आवेदन पत्र प्राप्त होने पर अनुविभागीय अधिकारी जावरा द्वारा उनके प्रकरण आदेश जारी कर दिनांक 24.06.2013 को निरस्त किये गये हैं जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। अतः अनुमति लंबित होने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट ''इक्यावन''

व्‍यापम में लगाई गई याचिकाएं

3. ( क्र. 105 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) व्‍यापम के संबंध में सुप्रीम कोर्ट एवं म.प्र. हाईकोर्ट में    कितनी-कितनी याचिकाएं किस-किस व्‍यक्ति द्वारा लगाई गई है व सुप्रीम कोर्ट एवं हाईकोर्ट में प्रदेश सरकार के स्‍थाई वकील कौन-कौन है? (ख) क्‍या सर्वोच्‍च एवं उच्‍च न्‍यायालय में सरकार द्वारा अपनी पैरवी करने हेतु अन्‍य वरिष्‍ठ वकीलों की सेवाएं ली गई थी? यदि हाँ, तो किसकी व क्‍यों? क्‍या स्‍थाई वकीलों या विधि अधिकारियों द्वारा उक्‍त मामलों में पैरवी करने के लिये समर्थता जताई थी? (ग) वर्ष 2013 से प्रश्‍न दिनांक तक इन वरिष्‍ठ वकीलों को कितना-कितना भुगतान किया गया पृथक-पृथक नामवार राशिवार विवरण दे व भुगतान किस आधार पर किया गया?

तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (ग) की जानकारी एकत्रित की जा रही है।

हितग्राहियों को ऋण

4. ( क्र. 202 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) खण्‍डवा जिला उद्योग एवं अंत्‍यावसायी विभाग द्वारा विगत तीन वर्षों में शासन की किन-किन योजनाओं में कितने हितग्राहियों को ऋण प्रकरण स्‍वीकृति उपरांत बैंकों को प्रेषित किये गये? (ख) उक्‍त प्रकरणों में से कितने प्रकरणों में बैंकों द्वारा स्‍वीकृति प्रदान की गई है? लक्ष्‍य अनुरूप ऋण प्रकरण स्‍वीकृत नहीं होने पर विभाग द्वारा   कब-कब बैंक अधिकारियों के साथ बैठक की गई? (ग) कितने प्रकरण बैंकों द्वारा ऋण स्‍वीकृत नहीं किये जाने के कारण लंबित हैं? किन-किन बैंकों द्वारा ऋण दिये जाने से मना किया गया, बैंक का नाम, बेरोजगार हितग्राही का नाम एवं ऋण राशि सहित पूर्ण जानकारी देवें? (घ) जिन प्रकरणों में बेरोजगारों को ऋण स्‍वीकृत नहीं होने से रोजगार प्राप्‍त नहीं हुआ, उनमें विभाग द्वारा क्‍या कार्यवाही की गई या की जावेगी?

उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जिला व्यापार एवं उद्योग केंद्र, खण्डवा द्वारा मुख्यमंत्री युवा स्व-रोजगार योजनांतर्गत 1738 प्रकरण, प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के 133 प्रकरण, मुख्यमंत्री स्व-रोजगार योजना के 2933 प्रकरण एवं मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना के 69 प्रकरण बैंकों को प्रेषित किये गये। जिला अंत्यावसायी सहकारी विकास समिति खण्डवा द्वारा मुख्यमंत्री आर्थिक विकास योजनांतर्गत 135 प्रकरण, मुख्यमंत्री अनुसूचित जाति स्व-रोजगार योजनांतर्गत 383 प्रकरण, मुख्यमंत्री आर्थिक कल्याण योजनांतर्गत 212 प्रकरण तथा सावित्री बाई फूले   स्व-सहायता समूह योजनांतर्गत 07 प्रकरण बैंकों को प्रेषित किये गये। (ख) जिला व्यापार एवं उद्योग केंद्र द्वारा प्रेषित प्रकरणों में से बैंक द्वारा लक्ष्य के अनुसार मुख्यमंत्री युवा स्व-रोजगार योजना के 902, प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के 52, मुख्यमंत्री स्व-रोजगार योजना के 892, एवं मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना के 50 प्रकरणों में स्वीकृति प्रदान की गई हैं। जिला अंत्यावसायी सहकारी विकास समिति द्वारा प्रेषित प्रकरणों में से बैंक द्वारा मुख्यमंत्री आर्थिक विकास योजना में 75 लक्ष्य के विरूद्ध 78 प्रकरण स्वीकृत किये गये, मुख्यमंत्री अनुसूचित जाति स्व-रोजगार योजनांतर्गत 120 लक्ष्य के विरूद्ध 144 प्रकरण स्वीकृत किये गये, मुख्यमंत्री आर्थिक कल्याण योजनांतर्गत 120 लक्ष्य के विरूद्ध 152 प्रकरण स्वीकृत किये गये तथा    सावित्री बाई फूले स्व-सहायता समूह योजनांतर्गत 06 के विरूद्ध 06 प्रकरणों में स्वीकृति प्रदान की गई। बैंकों द्वारा लक्ष्य अनुरूप प्रकरण स्वीकृत किये गये है, अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) से (घ) बैंकों द्वारा लक्ष्य अनुरूप प्रकरण स्वीकृत किये गये। जिन हितग्राहियों को आवेदित वर्ष में लक्ष्य पूर्ण होने से ऋण प्राप्त नहीं हुआ उनके प्रकरण आगामी वित्तीय वर्ष में पुनः चयन समिति से अनुमोदन पश्चात् बैंकों को प्रेषित करने का प्रावधान है।

खेल गतिविधियां

5. ( क्र. 326 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) खेल एवं युवा कल्‍याण विभाग धार को विगत तीन वर्षों से प्रश्‍न दिनांक तक कितनी राशि प्रदान की गई? यह राशि विभाग ने किन-किन कार्यों पर खर्च की है?   (ख) धरमपुरी विधानसभा क्षेत्र में युवा कल्‍याण विभाग द्वारा कौन-कौन से कार्य किये? वर्ष 2013 से प्रश्‍न दिनांक तक कार्यवार, दिनांकवार, वर्षवार, संक्षिप्‍त जानकारी देवें?    (ग) क्‍या खेल एवं युवा कल्‍याण अधिकारी धार के विरूद्ध कोई जाँच चल रही है? जाँच में क्‍या पाया गया? जानकारी देवें।

उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ख) विभाग द्वारा विधान सभावार राशि उपलब्ध नहीं कराई जाती, बल्कि जिलों को राशि उपलब्ध कराई जाती है, जिनका विधान सभावार ब्यौरा नहीं रखा जाता है। प्रश्नांकित अवधि में धरमपुरी विधानसभा क्षेत्र में किए गये कार्यों से संबंधित जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ग) जी नहीं। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। 

परिशिष्ट ''बावन''

औद्योगिक क्षेत्र योजना

6. ( क्र. 339 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या विधानसभा क्षेत्र धरमपुरी औद्योगिक क्षेत्र है? क्‍या औद्योगिक क्षेत्र में छोटे लघु एवं कुटीर उद्योग स्‍थापित करने हेतु शासन की ओर से कोई नवीन योजना बनाई गई है? यदि हाँ, तो कब तक लागू होगी? यदि नहीं, तो कब तक योजना बनाई जावेगी? (ख) धार जिले के अंतर्गत आदिवासी क्षेत्र में लघु एवं ग्रामोद्योग हेतु कितना आवंटन प्राप्‍त हुआ है? प्राप्‍त आवंटन से कितने निर्धन आदिवासियों को स्‍व-रोजगार प्रदान किया गया है एवं कहाँ-कहाँ लघु एवं कुटीर उद्योग संचालित हैं? (ग) क्‍या आदिवासी बाहुल्‍य क्षेत्र धरमपुरी में गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले हितग्राहियों हेतु शासन की ओर कोई विशेष पैकेज प्रदाय किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक?

उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जी नहीं। विधानसभा क्षेत्र धरमपुरी के अन्तर्गत ग्राम जैतापुर, पलासिया एवं तारापुर की कुल 200.00 हैक्टेयर शासकीय भूमि विभाग के आधिपत्य में है। म.प्र. औद्योगिक केन्द्र विकास निगम, इन्दौर द्वारा औद्योगिक क्षेत्र विकसित किये जाने हेतु उक्त भूमि की मांग की गई है। भूमि हस्तांतरण की कार्यवाही प्रकियाधीन है। (ख) स्व-रोजगार योजना अन्तर्गत जिलों को बजट आवंटन नहीं दिया जाता। स्व-रोजगार योजनाओं के तहत वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं।

परिशिष्ट ''तिरेपन''

प्राध्‍यापक एवं व्‍याख्‍याता के रिक्‍त पदों की पूर्ति

7. ( क्र. 356 ) श्री कैलाश चावला : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) स्‍नातकोत्‍तर महाविद्यालय मनासा एवं महाविद्यालय रामपुरा में विषयवार कितने प्राध्‍यापक एवं व्‍याख्‍याताओं के पद स्‍वीकृत हैं उनमें से कितने पद पर प्राध्‍यापक एवं व्‍याख्‍याता कार्यरत है? (ख) खाली पदों की प्रतिपूर्ति कब तक कर दी जावेगी?
तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) रिक्त पदों की पूर्ति हेतु लोक सेवा आयोग को मांग पत्र प्रेषित हो चुका है। पूर्ति की निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है।

परिशिष्ट - ''चउवन''

मुख्‍यमंत्री स्व-रोजगार योजना

8. ( क्र. 690 ) श्री मुकेश पण्‍ड्या : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) बड़नगर विधानसभा क्षेत्र में मुख्‍यमंत्री स्व-रोजगार योजना के वर्ष 2012-13, 2013-14, 2014-15 तथा सत्र 2015-16 के अंतर्गत कितने हितग्राहियों को ऋण प्रदान किया गया है? (ख) प्रत्‍येक वर्ष में कितने हितग्राहियों को किस-किस बैंक द्वारा कितना ऋण प्रदान किया गया है? (ग) इन सत्रों में कितने हितग्राहियों के आवेदन निरस्‍त किये गये तथा क्‍यों और क्‍या उन आवेदनों पर अगले वर्षों में विचार किया गया?

उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) उक्त योजनान्तर्गत प्रकरण निरस्त नहीं किए जाते हैं। लक्ष्य पूर्ति उपरांत शेष प्रकरणों को नवीन वित्तीय वर्ष में नवीनीकृत किया जाकर पुन: बैंक प्रेषित कर दिए जाते हैं।

परिशिष्ट - ''पचपन''

उद्योग स्‍थापना के मापदंड

9. ( क्र. 694 ) श्री मुकेश पण्‍ड्या : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मध्‍यप्रदेश के उज्‍जैन जिले में कौन-कौन से उद्योग स्‍थापित करने की सहमति उद्योगपतियों ने दी है तथा इसमें बड़नगर विधानसभा क्षेत्र में उद्योग स्‍थापित करने के लिये किसी उद्योगपति ने सहमति प्रदान की है? (ख) बड़नगर विधानसभा क्षेत्र के लिये कोई बड़ा उद्योग प्रस्‍तावित है? (ग) किसी स्‍थान पर औद्योगिक क्षेत्र को स्‍थापित करने के लिये शासन द्वारा क्‍या-क्‍या मापदण्‍ड तय किये गये हैं एवं बड़नगर तहसील में शासन के उस मापदण्‍ड के अनुसार क्‍या कमी है तथा उस कमी को पूरा करने के लिये शासन की क्‍या योजना है?

उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) म.प्र. के उज्‍जैन जिले में निवेशकों द्वारा क्रमश: फार्मास्‍यूटिकल्‍स, सीमेंट ग्राइडिंग, फलोर एल्‍कली कारोगेटेड शीट एवं वॉक्‍सेस, आई.वी. फ़ल्‍यूड एवं डीहाइड्रेट वेजीटेबल उद्योग स्‍थापित करने संबंधी निवेश आशय प्रस्‍ताव दर्ज किए गए हैं। उक्‍त निवेश आशय प्रस्‍ताव में बिड़ला कार्पोरेशन लि. द्वारा बड़नगर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम कराडि़या एवं खेड़ा महादेव में सीमेंट ग्राईंडिंग उद्योग की स्‍थापना का प्रस्‍ताव सम्मिलित है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) बड़नगर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत बिड़ला कार्पोरेशन लि. द्वारा ग्राम कराडि़या एवं खेड़ा महोदव में सीमेंट ग्राईंडिंग उद्योग की स्‍थापना प्रस्‍तावित है। (ग) किसी स्‍थान पर औद्योगिक क्षेत्र को स्‍थापित करने के लिये वहाँ उद्योगों की स्‍थापना की संभावना स्‍थानीय मांग, शासकीय भूमि की उपलब्‍धता, ओद्योगिक विकास हेतु अधोसंरचना की उपलब्‍धता, रेल/राष्‍ट्रीय/राजमार्ग से निकटता/ पहुंचमार्ग/जल प्रदाय/विद्युत आपूर्ति इत्‍यादि के दृष्टिगत ओद्योगिक क्षेत्र विकसित किया जाता है। बड़नगर तहसील में औद्योगिक क्षेत्र की स्‍थापना हेतु शासकीय भूमि उपलब्‍ध नहीं है। भूमि उपलब्‍ध होने पर औद्योगिक क्षेत्र के विकास करने की योजना बनाई जावेगी।

परिशिष्ट ''छप्पन''

लघु और बड़े उद्योगों को प्रदत्‍त सुविधाएं

10. ( क्र. 697 ) श्री मुकेश पण्‍ड्या : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) बड़नगर विधानसभा में कितने लघु और बड़े उद्योग स्‍थापित होकर कार्य कर रहे हैं तथा उनमें कितने कर्मचारियों को रोजगार प्रदान किया गया है? (ख) इन उद्योगों को शासन द्वारा क्‍या-क्‍या सुविधाएं प्रदान की गई हैं? (ग) क्‍या बड़नगर विधानसभा क्षेत्र के लिये किसी निवेशक का आवेदन स्‍वीकृति हेतु विभाग में लंबित है? यदि हाँ, तो क्‍यों?

उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) बड़नगर विधानसभा क्षेत्र में 3 लघु उद्योग स्‍थापित होकर कार्य कर रहे हैं तथा इनमें 12 कर्मचारियों को रोजगार प्रदान किया गया है। क्षेत्र में कोई भी वृहद स्‍तर का उद्योग स्‍थापित नहीं है।            (ख) प्रश्‍नांश '' के उत्‍तर में उल्‍लेखित इकाइयों में से दो इकाइयों को मार्जिन मनी अनुदान एवं ब्‍याज अनुदान की सुविधा प्रदान की गई है। (ग) बड़नगर विधानसभा क्षेत्र के लिये किसी निवेशक का आवेदन स्‍वीकृति हेतु लंबित नहीं है।

सिंहस्‍थ 2016 अंतर्गत स्‍वीकृत निर्माण कार्य

11. ( क्र. 754 ) श्री जितेन्‍द्र गेहलोत : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्‍जैन सिंहस्‍थ 2016 के अंतर्गत लोक निर्माण विभाग द्वारा स्‍वीकृत एवं कार्य प्रारंभ होने वाले कार्यों का राशिवार, अवधिवार एवं निर्माण एजेंसीवार ब्‍यौरा क्‍या है? (ख) सिंहस्‍थ 2016 के समस्‍त निर्माण कार्य क्‍या समयावधि में पूर्ण हो जाएंगे? यदि नहीं, तो कौन-कौन से कार्य पूर्ण ना हो सकेंगे एवं किस कारण?        (ग) निर्धारित अवधि में कार्य संपन्‍न ना करने तथा घटिया कार्य करने वाली किन कार्य एजेंसियों पर अब तक क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '', 'अ-1' एवं 'अ-2' अनुसार है। (ग) निर्माण कार्य गुणवत्‍तापूर्वक एवं तकनीकी मापदण्‍डों अनुसार किए गए है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

राष्‍ट्रीय राजमार्गों का निर्माण कार्य

12. ( क्र. 755 ) श्री जितेन्‍द्र गेहलोत : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2013-14 एवं 2014-15 तथा दिसंबर 2015 तक उज्‍जैन संभाग में किन-किन राष्‍ट्रीय राजमार्गों के नवीनीकरण, चौड़ाईकरण, मजबूतीकरण तथा अन्‍य निर्माण कार्य स्‍वीकृत एवं संपन्‍न कराए? (ख) उपरोक्‍त निर्माण कार्य किस-किस पद्धति से कराये गये तथा कितने निर्माण कार्यों में गुणवत्‍ता की कमी के कारण मार्ग खराब हुए? खराबी पाये जाने पर की गई कार्यवाही का ब्‍यौरा क्‍या है? (ग) उपरोक्‍त (क) अंतर्गत कार्य करने वाली एजेंसियों/ठेकेदारों का ब्‍यौरा सड़कवार क्‍या है?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) प्रश्‍नाधीन निर्माण के कार्य भारतीय राष्‍ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अधीन है, प्राप्‍त जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) एवं (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।

विभागीय निर्माण कार्यों की समय-सीमा

13. ( क्र. 887 ) श्री जतन उईके : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छिन्‍दवाड़ा जिले के पांढुर्णा विधान सभा क्षेत्र में विभाग के वर्ष 2013-14 से प्रश्‍न दिनांक तक कितने मार्ग स्‍वीकृत हुए? मार्गों की स्‍वीकृति लागत क्‍या है? स्‍वीकृति राशि के विरूद्ध प्रश्‍न दिनांक तक किस मार्ग पर कितनी राशि व्‍यय की गई? (ख) निर्माण कार्य को पूर्ण करने की निर्धारित समय-सीमा क्‍या थी? कितने निर्माण कार्य समय-सीमा में पूर्ण किये गये तथा कितने अपूर्ण है? (ग) उपरोक्‍त स्‍वीकृति मार्गों का निर्माण करने के लिए किन-किन एजेन्‍सी अथवा ठेकेदारों को कार्य करने का अवसर प्रदान किया गया नाम बतायें?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' एवं ''अ-1'' अनुसार है।

परिशिष्ट ''सत्तावन''

बी.एड., डी.एड. कोर्स हेतु कॉलेज की मान्‍यता

14. ( क्र. 895 ) श्री जतन उईके : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर संभाग के अंतर्गत छिंदवाड़ा में बी.एड. व डी.एड. कोर्स हेतु कौन-कौन से प्रायवेट कॉलेज को मान्‍यता दी है? बी.एड. व डी.एड. के लिये प्रायवेट कॉलेज में फीस का शासन द्वारा क्‍या मापदण्‍ड निर्धारित है? (ख) प्रश्‍नांश (क) में यदि फीस में अंतर है, तो शासन द्वारा इसके लिये क्‍या कोई सख्‍त कदम उठाया गया है एवं कॉलेज विरूद्ध कोई कार्यवाही की गई? (ग) क्‍या प्रायवेट कॉलेजों का निरीक्षण सक्षम अधिकारी द्वारा किया जाता है? क्‍या यदि हाँ, तो विगत एक वर्ष में कब-कब किया? संबंधित कॉलेज शासन के नियमानुसार संचालित हैं? यदि नहीं, तो उन कॉलेजों के विरूद्ध शासन द्वारा कोई कार्यवाही की जा रही है?

तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी नहीं। बी.एड. पाठ्यक्रम की मान्यता केन्द्रीय संस्था राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद द्वारा दी जाती है। बी.एड. पाठ्यक्रम के 02 एवं डी.एड. पाठ्यक्रम के 05 प्रायवेट कॉलेज संचालित हैं। जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र - 1 अनुसार। बी.एड. पाठ्यक्रम में लिए जाने वाले शुल्क का निर्धारण प्रवेश एवं शुल्क विनियामक समिति द्वारा किया जाता है। डी.एड. पाठ्यक्रम हेतु शुल्क मापदण्ड निर्धारित है। जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र - 2 अनुसार।     (ख) प्रश्नांश के संदर्भ में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। बी.एड. एवं डी.एड. प्रायवेट कॉलेज के निरीक्षण के लिए राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद सक्षम प्राधिकारी है। छिन्दवाड़ा में 02 बी.एड. अशासकीय महाविद्यालयों का निरीक्षण सक्षम अधिकारी द्वारा दिनांक 15.09.2015 एवं जिला कलेक्टर के द्वारा गठित निरीक्षण समिति टीम ने दिनांक 15.02.2016 को निरीक्षण किया गया। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट ''अट्ठावन''

शासकीय विधि महाविद्यालय का संचालन

15. ( क्र. 1061 ) श्री रामपाल सिंह : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या शहडोल जिले के जिला मुख्‍यालय में पूर्व में अवधेश प्रताप सिंह विश्‍वविद्यालय रीवा से संबद्ध शासकीय विधि महाविद्यालय संचालित था?      (ख) क्‍या प्रश्‍नांश (क) हा, तो वर्तमान में उक्‍त शासकीय विधि महाविद्यालय संचालित हैं? यदि नहीं, तो क्‍यों बंद हैं? (ग) क्‍या प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) अनुसार हाँ, तो शहडोल संभाग मुख्‍यालय होने के कारण शासकीय विधि महाविद्यालय संचालित किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्‍यों?

तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी नहीं। (ख) एवं (ग) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।

दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों का नियमितीकरण

16. ( क्र. 1281 ) डॉ. मोहन यादव : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विक्रम विश्‍वविद्यालय उज्‍जैन में एवं उज्‍जैन जिले में संचालित समस्‍त शासकीय महाविद्यालयों में कुल कितने दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी कब से कार्यरत हैं? (ख) प्रश्‍नांश (क) में उल्‍लेखित दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को नियमित करने के संबंध में शासन ने कब-कब क्‍या आदेश जारी किये, आदेशों की प्रति उपलब्‍ध करावे? (ग) क्‍या शासन द्वारा आदेश जारी किये जाने के बाद भी नियमानुसार पात्र दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को नियमित नहीं किया गया है? यदि हाँ, तो इसके लिए कौन दोषी है?

तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन में कुल 170 दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी एवं उज्जैन जिले में संचालित समस्त शासकीय महाविद्यालयों में कुल 06 दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी कार्यरत हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अनुसार है। (ख) आदेशों की प्रतियाँ पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अनुसार है। (ग) जी हाँ। कार्यवाही प्रक्रियाधीन होने से शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।

 सर्वसुविधायुक्‍त गेस्‍ट हाऊस निर्माण

17. ( क्र. 1282 ) डॉ. मोहन यादव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या इंदौर शहर में मा. हाईकोर्ट एवं मा. सुप्रीम कोर्ट के न्‍यायाधीशों के रूकने के लिए सर्व सुविधायुक्‍त गेस्‍ट हाउस की व्‍यवस्था है? (ख) क्‍या पवित्र धार्मिक पर्यटन महत्‍व की नगरी उज्‍जैन में भी महाकालेश्‍वर, दर्शन एवं अन्‍य कार्यों के लिये मा.उच्‍च न्‍यायालय एवं सर्वोच्‍च न्‍यायालय न्‍यायाधीश का आना होता है? (ग) यदि हाँ, तो क्‍या विभाग द्वारा इं‍दौर की तर्ज पर उज्‍जैन में भी इस प्रकार के गेस्‍ट हाउस बनाने का प्रस्‍ताव तैयार किया जा रहा है?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) वर्तमान में इस प्रकार का कोई प्रस्ताव विभाग के विचाराधीन नहीं है।

रोस्‍टर अनुसार पद पूर्ति

18. ( क्र. 1437 ) श्री अनिल फिरोजिया : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 01.01.2003 की स्थिति में, पॉलीटेक्निक महाविद्यालयों में प्राचार्य, विभागाध्‍यक्ष (संकायवार), व्‍याख्‍याता (संकायवार) के कुल कितने पद स्‍वीकृत थे? इनमें से कितने पद एस.सी., एस.टी., ओ.बी.सी. के लिए आरक्षित किये गये थे? इनमें से कितने पद भरे गये एवं कितने पद रिक्‍त थे? क्‍या इन सभी पदों का आरक्षण रोस्‍टर उपलब्‍ध है? (ख) दिनांक 01.01.2005 की स्थिति में, पॉलिटेक्निक महाविद्यालयों में प्राचार्य, विभागाध्‍यक्ष (संकायवार), व्‍याख्‍याता (संकायवार) के कुल कितने पद स्‍वीकृत थे? इनमें से कितने पद एस.सी., एस.टी., ओ.बी.सी. के लिए आरक्षित किये गये हैं? इनमें से कितने पद भरे गये एवं कितने पद रिक्‍त हैं? क्‍या इन सभी पदों का आरक्षण रोस्‍टर उपलब्‍ध है?

तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) एवं (ख) की जानकारी एकत्रित की जा रही हैं।

अजापुरा-आवदा-गोरस मार्ग का नवीनीकरण

19. ( क्र. 1536 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या श्‍योपुर जिले में अजापुर-आवदा-गोरस मार्ग की दशा वर्तमान में अत्‍यंत खराब है क्‍या उक्‍त पूरे मार्ग पर सी.सी. रोड के निर्माण हेतु 60 करोड़ की डी.पी.आर. तैयार कर ई.ई. लो.नि.वि. श्‍योपुर द्वारा विभाग को भेजी हैं जो वर्तमान में प्रमुख अभियंता कार्यालय में परीक्षणाधीन हैं? (ख) यदि हाँ, तो नागरिकों का आवागमन में आ रही समस्‍याओं के निदान हेतु क्‍या शासन/विभाग उक्‍त डी.पी.आर. का यथाशीघ्र परीक्षण करने उपरांत इसे वर्ष 2016-17 के वार्षिक बजट में शामिल कर स्‍वीकृति प्रदान करेगा, यदि नहीं, तो क्‍यों?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जी नहीं, मार्ग का आंशिक भाग खराब स्थिति में है। जी हाँ। (ख) ब्रिक्‍स बैंक ऋण योजना के अंतर्गत प्रस्‍तावित है।      समय-सीमा बताना संभव नहीं है। शेष का प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता।

श्‍योपूर में कन्‍या महाविद्यालय की स्‍वीकृति

20. ( क्र. 1537 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के किन-किन जिलों में वर्तमान में कन्‍या महाविद्यालय संचालित हैं? (ख) श्‍योपुर जिले में वर्तमान तक कन्‍या महा‍विद्यालय स्‍वीकृत/प्रारंभ न कराने के क्‍या कारण हैं? (ग) क्‍या श्‍योपुर जिला शिक्षा के क्षेत्र में पिछड़ा एवं आदिवासी बाहुल्‍य जिला है इस कारण से जिले की अधिकांश छात्राएं इण्‍टर की शिक्षा उत्‍तीर्ण करने उपरांत स्‍नातक शिक्षा हेतु अन्‍यत्र जिलों के कन्‍या महाविद्यालयों में एडमिशन लेने को विवश होती है? (घ) यदि हाँ, तो क्‍या श्‍योपुर जिले में कन्‍या शिक्षा का बढ़ावा देने हेतु उक्‍त महाविद्यालय प्रारंभ करने हेतु शासन स्‍तर पर विचाराधीन नीतिगत प्रस्‍ताव को क्‍या शासन वर्ष 2016-17 के बजट में शामिल कर इसे शीघ्र स्‍वीकृति प्रदान करेगा यदि नहीं, तो क्‍यों?

तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार(ख) प्रकरण पर परीक्षण की कार्यवाही प्रचलन में है। (ग) जी नहीं, पिछड़ा एवं आदिवासी जिला होने से अन्य जिलों के कन्या महाविद्यालयों में एडमिशन लेने को विवश नहीं है। (घ) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। 

परिशिष्ट ''उनसठ''

खरगापुर में विश्राम गृह निर्माण

21. ( क्र. 1600 ) श्रीमती चन्‍दा सुरेन्‍द्र सिंह गौर : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या खरगापुर विधान सभा क्षेत्र का प्रमुख मुख्‍यालय नगर खरगापुर है। क्‍या यहां अधिकारियों के रूकने हेतु कोई व्‍यवस्‍था नहीं है? (ख) क्‍या लोक निर्माण विभाग खरगापुर में पूर्व से निर्मित कोई भवन आदि नहीं है क्‍या शासन से एवं विभाग लोक निर्माण में ऐसी कोई योजना या प्रावधान है कि खरगापुर में विश्राम गृह निर्माण कराया जाय? यदि हाँ तो कब तक निर्माण कार्य करा दिया जावेगा? बताये यदि नहीं, तो क्‍यों कारण स्‍पष्‍ट करें? (ग) क्‍या वरिष्‍ठ अधिकारियों एवं अधिकारियों को खरगापुर में विश्राम करने हेतु और कोई स्‍थान नहीं है जिस हेतु आवश्‍यक रूप से विश्रामगृह बनाये जाने की स्‍वीकृति प्रदाय करेंगे? यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्‍यों?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जी हाँ। जी हाँ, पर्याप्‍त व्‍यवस्‍था नहीं है। (ख) जी हाँ, नहीं है। अभी कोई योजना/प्रावधान की स्‍वीकृति नहीं है, जिसमें खरगापुर में विश्राम गृह बनाये जाये। स्‍वीकृति के अभाव में निर्माण की निश्चित अवधि बताना संभव नहीं है। (ग) सीमित संसाधनों के दृष्टिगत समय-सीमा बताना संभव नहीं है।

वन परिक्षेत्रवार वृक्षारोपण

22. ( क्र. 1814 ) श्री प्रताप सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दमोह जिले में स्थित वन परिक्षेत्रवार कहाँ पर कितनी भूमि पर वर्ष 2013-14 से प्रश्‍न दिनांक तक वृक्षारोपण कराया गया है? उनमें से कितने वृक्ष जीवित है एवं कितने नष्‍ट हो गये है वृक्षों के नष्‍ट होने का क्‍या कारण है? वृक्षारोपण में कितनी राशि व्‍यय हुई?  (ख) दमोह जिले में बिगड़े वनों के सुधार योजना के तहत 2013-14 से प्रश्‍न दिनांक तक कौन-कौन से वृक्षारोपण कार्य कराये गये?

वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) वांछित जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। पौधों के नष्ट होने का कारण अल्प वर्षा एवं प्रतिकूल मौसम रहा है। (ख) वांछित जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।

परिशिष्ट ''साठ''

महुआ वर्ष का क्रियान्‍वयन

23. ( क्र. 1896 ) श्री दीवानसिंह विट्ठल पटेल : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या शासन द्वारा इस वर्ष को महुआ वर्ष घोषित किया है? यदि हाँ, तो इस वर्ष में क्‍या-क्‍या कार्य होना थे? कौन-कौन से कार्य कहाँ-कहाँ प्रारम्‍भ हुए हैं?     (ख) क्‍या इसमें किसी प्रकार के कोई कार्य नहीं हो रहे हैं? यदि हाँ, तो कौन जिम्‍मेदार है और यदि हो रहे है तो कार्यों की वास्‍तविक स्थिति, उनके क्रियान्‍वयन आदि की बतावे?

वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) एवं (ख) जी नहीं। शेष प्रश्‍न उपस्थि‍त नहीं होता।

सड़कों के मेटेनेंस हेतु अनुबंध

24. ( क्र. 1956 ) चौधरी मुकेश सिंह चतुर्वेदी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शहडोल/जबलपुर/रीवा/सागर संभाग में म.प्र. रोड डेवलपमेंट का कॉरपोरेशन के साथ प्रोजेक्‍ट प्रश्‍नतिथि तक चल रहे है? (ख) प्रश्‍नांश (क) में उल्‍लेखित स्‍थानों पर एम.पी.आर.डी.सी. के साथ किन-किन निजी कंपनियों के द्वारा सड़कों के मेन्‍टेनेंस हेतु क्‍या-क्‍या अनुबंध किया है? सड़कों का मेन्‍टेनेंस कब-कब तयशुदा    समय-सीमा में कराया जाना अत्‍यावश्‍यक है? कब-कब किस रोड का मेन्‍टेनेंस कराया गया? विगत तीन वर्ष की जानकारी दें? (ग) क्‍या राज्‍य शासन द्वारा प्रदेश की आम जनता को सड़क मार्ग से अच्‍छे आवागमन हेतु इन बी.ओ.टी. के मार्गों को बनवाया है? अगर हाँ, तो बी.ओ.टी. के मार्गों का मेन्‍टेनेंस उक्‍त कंपनियों के द्वारा अनुबंधों के आधार पर समय-समय पर न करने पर सभी मार्गों में सड़कों के खराब हो जाने पर आमजन को बेहद तकलीफों का सामना करना पड़ रहा है? (घ) क्‍या अनुबंध के आधार पर बी.ओ.टी कंपनियों को मेन्‍टेनेंस के कार्य समय-समय पर नहीं करने पर पेनाल्‍टी निर्धारित की जाती है? दिनांक 01.04.2013 से प्रश्‍नतिथि तक किस-किस कंपनी पर कितनी पेनाल्‍टी रख-रखाव नहीं करने पर ली गई?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। अनुबंध में प्रावधानिक शेड्यूल के अनुसार मेन्‍टेनेंस एक सतत् प्रक्रिया है एवं निरंतर जारी है। विगत तीन वर्षों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। (ग) जी हाँ। जी नहीं। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी हाँ। मेन्‍टेनेंस नहीं करने पर पेनाल्‍टी का प्रावधान है, परन्‍तु इन मार्गों पर निवेशकर्ता द्वारा मेन्‍टेनेंस कार्य करवाया गया है। अत: पेनाल्‍टी का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

बी.ओ.टी से निर्मित सड़कों का मेंटेनेंस

25. ( क्र. 1959 ) चौधरी मुकेश सिंह चतुर्वेदी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्‍वालियर एवं चंबल संभाग में म.प्र. रोड डेवलपमेंट कॉरपोरेशन के साथ हुये अनुबंधों के आधार पर किस-किस स्‍थान पर कितने किलोमीटर लंबे बी.ओ.टी. के प्रोजेक्‍ट प्रश्‍नतिथि तक चल रहे हैं? (ख) प्रश्‍नांश (क) में उल्‍लेखित स्‍थानों पर एम.पी.आर.डी.सी. के साथ किन-किन निजी कंपनियों के द्वारा सड़कों के मेंटेनेंस हेतु क्‍या-क्‍या अनुबंध किये हैं? सड़कों का मेंटेनेंस कब-कब तयशुदा समय-सीमा में कराया जाना अत्‍यावश्‍यक है? कब-कब किस रोड का मेंटेनेंस कराया गया? (ग) क्‍या अनुबंध के आधार पर बी.ओ.टी. कंपनियों को मेंटेनेंस के कार्य समय-समय पर नहीं करने पर पेनाल्‍टी निर्धारित की जाती है? 01.04.2013 से प्रश्‍नतिथि तक किस-किस कंपनी पर कितनी पेनाल्‍टी रख-रखाव नहीं करने पर ली गई?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) म.प्र. सड़क विकास निगम अंतर्गत वर्तमान में बी.ओ.टी. योजना के तहत पूर्ण एवं प्रगतिरत् कार्यों की जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) निगम के साथ बी.ओ.टी. आधार पर अनुबंध संपादित। बी.ओ.टी. मार्गों पर मेंटेनेंस का कार्य कन्‍सेशन अवधि में कन्‍सेशनायर द्वारा अनुबंध के प्रावधान अनुसार किया जाना है। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ग) जी हाँ। प्रश्‍नांश में उल्‍लेखित अवधि में किसी कंपनी (कंसेशनायर) पर पेनाल्‍टी नहीं लगाई गई, क्‍योंकि सभी कंपनियाँ रख-रखाव करती रही है।

परिशिष्ट - ''इकसठ''

वन्‍य प्राणियों की मृत्‍यु

26. ( क्र. 2148 ) श्री उमंग सिंघार : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पेंच नेशनल पार्क में वर्ष 2005 से नवंबर 2015 तक कुल कितने वन्‍य प्राणियों की मृत्‍यु शिकार, अन्‍य दुर्घटना या जानवरों में आपस में हुई लड़ाई से हुई है, जानकारी प्रदान करें? (ख) पेंच नेशनल पार्क की सु‍रक्षा के लिये कुल कितना स्‍टाफ तैनात है, स्‍टाप मेंबरों की पूरी सूची उनके पदनाम एवं वेतन सहित प्रदान करें? (ग) स्‍टॉफ के लिये विभाग द्वारा क्‍या-क्‍या उपकरण (मोबाईल, मोटर साइकल इत्‍यादि) वर्ष 2012 से प्रश्‍न दिनांक तक खरीदे गये है? खरीदे गये उपकरणों की सूची एवं भुगतान की गई राशि का विवरण प्रदान करें?

वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) पेंच नेशनल पार्क, सिवनी में वर्ष 2005 से नवम्बर 2015 तक वन्यप्राणियों की शिकार, अन्य दुर्घटना या जानवरों से आपसी लड़ाई में कुल 40 वन्यप्राणियों की मृत्यु हुई है जिसकी सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -1 अनुसार है। (ख) पेंच नेशनल पार्क, सिवनी में सुरक्षा के लिए कुल 201 स्टाफ की तैनाती की गई है। स्टाफ मेम्बरों की सूची, उनके पदनाम एवं वेतन सहित पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) पेंच टाईगर रिजर्व, सिवनी में स्टाफ के लिए वर्ष 2012 से प्रश्न दिनांक तक खरीदी किए गये उपकरणों की सूची एवं भुगतान की गई राशि का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है।

डबरा क्षेत्र में पी.डब्‍ल्‍यू.डी. द्वारा कराये गये कार्य

27. ( क्र. 2277 ) श्रीमती इमरती देवी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्‍वालियर जिले के डबरा क्षेत्र में पी.डब्‍ल्‍यू.डी. विभाग द्वारा      वर्ष 2012 से 31 दिसम्‍बर 2015 तक कितने नवीन कार्य स्‍वीकृत किये तथा कितने कार्य पेच वर्क कराने हेतु स्‍वीकृत कराये गये हैं तथा इनमें से कितने कार्यों को पूर्ण किया जा चुका है तथा कितने कार्य प्रगति पर हैं? (ख) प्रत्‍येक कार्यों की तकनीकी स्‍वीकृति क्रमांक, दिनांक व राशि कितनी-कितनी है?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) स्‍वीकृत नवीन सड़क कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' एवं 'अ-1' अनुसार है एवं स्‍वीकृत नवीन भवन कार्यों की जानकारी निम्‍नानुसार है- (1) मॉडल स्‍कूल चांदपुर मे रू. 297.00 लाख कार्य पूर्ण (2) हाई स्‍कूल बारौल मे रू. 56.12 लाख- कार्य पूर्ण। (3) डबरा अस्‍पताल में एफ एवं जी टाईप क्‍वाटरों का निर्माण कार्य रू. 56.00 लाख-कार्य प्रगति पर। पेंच वर्क कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ख) (1) मॉडल स्‍कूल चांदपुर तकनीकी स्‍वीकृति क्रं. 8/2012-13 दिनांक 30.06.2012 व राशि रू. 269.50 लाख। (2) हाई स्‍कूल बारौल तकनीकी स्‍वीकृति क्रं. 33/2012-13 दिनांक 05.01.2013 व राशि रू. 53.96 लाख। (3) डबरा अस्‍पताल में एफ एवं जी टाईप क्‍वाटरों का निर्माण कार्य की तकनीकी स्‍वीकृति क्रं. 11/2013-14 दिनांक 20.09.2013 व राशि रू. 49.90 लाख एवं शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' एवं 'अ-1' अनुसार है।

नदियों में सेतु निर्माण

28. ( क्र. 2293 ) श्री मोती कश्यप : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या प्रश्‍नकर्ता ने अपने पत्र दिनांक 16.06.2015 एवं 02.01.2016 द्वारा मा. मुख्‍यमंत्री जी एवं विभागीय मंत्री से जिला कटनी की महानदी के ग्रामों में सेतु निर्माण की मांग की है? (ख) क्‍या वर्ष 2013 से 2015 की अवधि में प्रश्‍नांश (क) के स्‍थानों में विभाग द्वारा कोई परीक्षण किया गया है और सेतु निर्माण योग्‍य स्थिति पायी है? (ग) क्‍या प्रश्‍नकर्ता ने अपने पत्र दिनांक 07.05.2015 द्वारा मा. विभागीय   मंत्री जी को जिला कटनी विकासखण्‍ड ढीमरखेड़ा, बड़वारा, कटनी की नदियों में सेतु निर्माण हेतु अनुरोध किया है? (घ) प्रश्‍नांश (ग) के किन स्‍थलों का सर्वेक्षण कब किनके द्वारा किया गया है और क्‍या परिणाम पाया गया है? (ड.) प्रश्‍नांश (क) से (घ) का निर्माण कब तक स्‍वीकृत कर दिया जावेगा?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। दो स्‍थलों का। शेष परीक्षणाधीन है। (ग) जी हाँ। (घ) एक पुल कार्य बीजापुरी महगवां मार्ग में महानदी पुल निर्माण हेतु सेतु परिक्षेत्र द्वारा सर्वेक्षण कराया गया है। परीक्षणाधीन है। (ड.) शासन की प्राथमिकता सूची में नहीं है। वर्तमान में न तो प्रस्‍तावित है और न ही स्‍वीकृत है। अत: निश्चित तिथि बताना संभव नहीं है।

उमरियापान में महाविद्यालय की स्‍थापना

29. ( क्र. 2294 ) श्री मोती कश्यप : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला कटनी के आदिवासी आरक्षित विधान सभा क्षेत्र बड़वारा के विकासखण्‍ड बड़वारा, ढीमरखेड़ा और कटनी में से किन स्‍थान पर किस पाठ्यक्रम के महाविद्यालय हैं और प्रश्‍नकर्ता ने विभागीय मंत्री से अपने पत्र दिनांक 07/05/2015 में किन स्‍थानों में महाविद्यालय की स्‍थापना करने की मांग की है? (ख) क्‍या प्रश्‍नकर्ता ने मा.मुख्‍यमंत्री जी को प्रस्‍तुत अपने पत्र दिनांक 24-12-2015 में जिला कटनी की किस तहसील के किस ग्राम में कितनी संख्‍या के उ.मा.वि. होने और छात्र-छात्राओं के अध्‍ययनरत होने और समीपवर्ती क्षेत्रों में महाविद्यालय न होने पर महाविद्यालय स्‍थापना की मांग की है? (ग) क्‍या विभाग द्वारा प्रश्‍नांश -क, ख का परीक्षण किया है और कहाँ महाविद्यालय की स्‍थापना की जाना उपयुक्‍त पायी है? (घ) क्‍या प्रश्‍नांश- '’, '', '' में किसी अवधि तक महाविद्यालय की स्‍थापना कर दी जावेगी?

तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार जी हाँ, पत्र द्वारा ग्राम-उमरियापान, सिलौंड़ी ढ़ीमरखेड़ा एवं पहरूआ (खमतरा) में महाविद्यालय की स्थापना की मांग की है। (ख) जी हाँ। माननीय मुख्यमंत्री जी को संबोधित पत्र दिनांक 24.12.2015 में मांग की है। (ग) प्रकरण पर परीक्षण की कार्यवाही प्रचलन में है। (घ) समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं।

परिशिष्ट ''बासठ''

वन भूमियों में पूर्वेक्षण/उत्‍खनन अनुज्ञप्ति

30. ( क्र. 2375 ) श्री रामकिशन पटेल : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला रायसेन के राजस्‍व एवं वन विभाग के वन विभागों के वन क्षेत्रों/वन विभागों में से कितनी खदानों से खनिजों का उत्‍खनन हो रहा है? (ख) उक्‍तानुसार खदान एवं वनखंड का नंबर/खसरा नंबर प्रदाय करें? (ग) क्‍या वन क्षेत्र में पूर्वेक्षण अनुज्ञप्ति तथा उत्‍खनन अनुज्ञप्ति जारी की जा सकती है? यदि हाँ, तो इसके लिए कौन से अधिकारी प्राधिकृत है? (घ) रायसेन जिले में किन-किन अधिकारियों ने पिछले 03 वर्षों में राजस्‍व विभाग तथा वन विभाग के वन क्षेत्रों/वन भूमियों के संबंध में किस-किस क्षेत्र में पूर्वेक्षण या उत्‍खनन हेतु अनुमतियां जारी की है?

वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) एवं (ख) जिला रायसेन के राजस्व विभाग एवं वन विभाग के किसी भी वन क्षेत्र में उत्खनन होना नहीं पाया गया। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) वन क्षेत्रों में पूर्वेक्षण कार्य हेतु वन भूमि के उपयोग की अनुमति प्रदान करने के लिये  भारत सरकार, पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, नई दिल्ली के परिपत्र दिनांक 19.08.2010 एवं मध्य प्रदेश शासन, वन विभाग के परिपत्र दिनांक 23.12.2010 में निहित दिशा-निर्देशों के तहत सक्षम अधिकारी द्वारा अनुमति दी जाती है। परिपत्र  पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। वन क्षेत्रों में उत्खनन कार्य हेतु वन भूमि के उपयोग की अनुमति वन (संरक्षण) अधिनियम, 1980 के अंतर्गत भारत सरकार  के पूर्व अनुमोदन उपरांत ही विभागीय स्तर पर जारी की जाती है। (घ) प्रश्नाधीन क्षेत्रों में प्रश्नावधि में पूर्वेक्षण या उत्खनन की कोई अनुमति नहीं दी गई। 

शासकीय महाविद्यालय बरेली एवं उदयपुरा में स्‍वीकृति पद

31. ( क्र. 2376 ) श्री रामकिशन पटेल : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासकीय महाविद्यालय बरेली एवं शासकीय महाविद्यालय उदयपुरा (रायसेन) में संवर्गवार कितने पद स्‍वीकृत हैं? (ख) संस्‍था में अध्‍ययनरत छात्र/छात्रों की संख्‍या बताइये? अ.जा./अ.ज.जा./अन्‍य पिछड़ा वर्ग छात्र/छात्राओं की जानकारी देवें?    (ग) उच्‍च शिक्षा विभाग विधान सभा क्षेत्र उदयपुरा के कालेजों में विधि एवं       एम.ए. समाज कार्य की संकाय खोलने के लिये विचार कर रहा है? यदि हाँ, तो संकाय कब तक प्रारंभ की जावेगी?

तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) शासकीय महाविद्यालय, बरेली एवं शासकीय महाविद्यालय, उदयपुरा (रायसेन) में संवर्गवार की जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र अनुसार है। (ख) शासकीय महाविद्यालय, बरेली एवं शासकीय महाविद्यालय, उदयपुरा (रायसेन) में छात्र संख्या की जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र अनुसार है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्नांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - ''तिरेसठ''

रिक्‍त पदों की पूर्ति

32. ( क्र. 2628 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्‍ड जिले के लहार औद्योगिक प्रशिक्षण संस्‍थान लहार में    कौन-कौन से पद स्‍वीकृत हैं? स्‍वीकृत पदों में से किस-किस पद पर कौन-कौन हैं? रिक्‍त पदों की पूर्ति कब तक कर दी जावेगी? (ख) क्‍या लगभग 10 वर्ष पूर्व लहार औद्योगिक संस्‍था की पूर्ण मशीनरी, यंत्र आदि शासन के आदेश से प्रदेश के किसी अन्‍य जिले में भेज दिये गये थे? यदि हाँ, तो प्रश्‍नकर्ता के अनेक अनुरोध के बाद प्रश्‍न दिनांक तक मशीनरी की व्‍यवस्‍था न होने से छात्रों का भविष्‍य बर्बाद करने के लिये कौन दोषी है? सम्‍पूर्ण मशीनरी की व्‍यवस्‍था कब तक कर दी जावेगी? (ग) क्‍या लगभग 15 वर्षों से लहार औद्योगिक प्रशिक्षण संस्‍थान का भवन व छात्रावास मरम्‍मत के अभाव में क्षतिग्रस्‍त हो चुका है? वर्षा ऋतु में पानी टपककर कक्षाओं में भरने से तथा ग्रीष्‍मकालीन अनेक जगह छत क्षतिग्रस्‍त होने से छात्र शिक्षा अध्‍ययन से वंचित रहते हैं? भवन की संपूर्ण मरम्‍मत, पुताई व रख-रखाव का कार्य कब तक पूर्ण कर दिया जावेगा?

तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

नगर सनावद के समीप वन भूमि को खेल मैदान हेतु आवंटन

33. ( क्र. 2756 ) श्री हितेन्द्र सिंह ध्‍यानसिंह सोलंकी : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या नगर सनावद में खेल मैदान न होने से खिलाडि़यों को अपनी प्रतिभा प्रदर्शित करने के लिये वंचित होना पड़ता है? यदि हाँ, तो इस ओर खेल मैदान उपलब्‍ध कराने के लिये राज्‍य शासन द्वारा क्‍या कार्यवाही की जा रही है? (ख) क्‍या प्रश्‍नकर्ता द्वारा नगर सनावद के समीप ही वन भूमि की रिक्‍त भूमि जिसमें कि छोटे-बड़े वृक्ष का जंगल न होने से खेल मैदान के लिये हस्‍तांतरित किये जाने के संबंध में कई बार जिला प्रशासन, संबंधित विभाग राज्‍य शासन को लिखा गया है? यदि हाँ, तो तद्नुसार प्रश्‍नकर्ता के पत्र पर संबंधित विभाग द्वारा वर्तमान तक क्‍या कार्यवाही की गई है? (ग) क्‍या प्रश्‍नकर्ता के पत्रों में दिये गये सुझाव अनुसार संबंधित विभाग क्‍या खेल मैदान के लिये पत्रों में उल्‍लेखित भूमि उपलब्‍ध कराने की कार्यवाही कर रहा है? यदि हाँ, तो कब तक भूमि उपलब्‍ध कराई जावेगी? अभी तक भूमि उपलब्‍ध न कराने के कारण रहे हैं?

उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जी नहीं। नगर की प्रतिभाओं को विद्यालय के मैदान पर प्रतिभा प्रदर्शित करने का अवसर प्रदान किया जाता है। साथ ही पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की परफारमेंस ग्राण्ट से प्रदेश के प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र के ग्रामीण क्षेत्र में 6-7 एकड़ भूमि खेल और युवा कल्याण विभाग के नाम आवंटित होने पर खेल मैदान/स्टेडियम बनाने की योजना है। इस हेतु जिले को आवश्यक निर्देश जारी किये गये है। (ख) जी हाँ। सनावद नगर स्थित वन विभाग की भूमि के बदले में राजस्व भूमि प्रदाय हेतु तहसीलदार सनावद एवं वन विभाग की आपसी सहमति से भूमि की मांग हेतु आनलाईन प्रक्रिया के अधीन प्रस्ताव कलेक्टर खरगोन की खसरा नक्शा सहित स्वीकृति हेतु भेजा जा चुका है। (ग) जी हाँ। खेल विभाग एवं जिला प्रशासन द्वारा भूमि आवंटन की कार्यवाही जारी है। समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है। 

भू-खण्‍डों का आवंटन

34. ( क्र. 2799 ) श्री शंकर लाल तिवारी : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या सतना जिले में औद्योगिक केंद्र मटेहना में विगत 10 वर्ष पूर्व पूंजीपतियों को भू-खण्‍ड आवंटित किये गये थे? (ख) प्रश्‍नांश (क) में कितने भू-खण्‍ड विकसित किये गये थे? भू-खण्‍ड कितने वर्ष के लिये आवंटित थे? (ग) उक्‍त आवंटित  भू-खण्‍ड में कितने वर्षों के भीतर उद्योग स्‍थापित करना अनिवार्य था? उक्‍त अवधि में कितने उद्योग स्‍थापित हुये, कितने आवंटियों का आवंटन उद्योग न लगाने के कारण निरस्‍त किया गया? (घ) उद्योग न लगाने वाले पूंजीपतियों का भू-खण्‍ड आवंटन यदि निरस्‍त नहीं किया गया है तो कब तक निरस्‍त कर दिया जावेगा? रिक्‍त भू-खण्‍ड कब तक नये सिरे से आव‍ंटित किये जावेंगे? खाली पड़े भू-खण्‍ड का विवरण भी दें?

उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जी हाँ। (ख) 95 भूखण्‍ड विकसित किये गये हैं, जिसमें से 52 भूखण्‍ड 30 वर्ष की अवधि के लिये आवंटित हैं। (ग) एवं   (घ) आधिपत्‍य दिनांक से एक वर्ष के अन्‍दर उद्योग स्‍थापित करना अनिवार्य था। समयावधि में कोई उद्योग स्‍थापित नहीं हुआ। समयावधि में उद्योग न लगाये जाने के कारण आवंटन निरस्‍त करने की कार्यवाही की जा रही है। कार्यवाही शीघ्र पूर्ण की जावेगी। अभी 43 भूखण्‍ड अनावंटित हैं।

खेल अकादमियों द्वारा संचालित कार्यक्रम

35. ( क्र. 2880 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) राज्‍य में संचालित सभी खेल अकादमियों की सूची नाम, पता, खेल संचालन प्रारंभ वर्ष, संचालक का नाम व पता सहित सूची देवें? (ख) उक्‍त किन-किन खेल अकादमियों को विगत 03 वर्षों में कितनी राशि का अनुदान दिया गया है?      (ग) उक्‍त अकादमियों द्वारा वर्ष 2014 एवं 2015 में कितने कार्यक्रम कहाँ पर कब आयोजित किये? कार्यक्रम में कितने खिलाडि़यों ने भाग लिया तथा कितने खिलाडि़यों को खेल हेतु आगे भेजा गया?

उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। (ग) अकादमियों द्वारा किसी प्रकार का कोई कार्यक्रम आयोजित नहीं किया जाता। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट ''चौंसठ''

मुरैना (बानमौर) में औद्योगिक इकाइयों की स्थिति

36. ( क्र. 2899 ) श्री सत्‍यपाल सिंह सिकरवार : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मुरैना जिला के औद्योगिक क्षेत्र बानमोर में कितनी औद्योगिक पंजीकृत इकाइयों की संख्‍या है जनवरी 2016 की स्थिति में जानकारी दी जावे?      (ख) उक्‍त औद्योगिक इकाइयों में कितनी बंद व कितनी संचालित हैं? संख्‍या सहित जानकारी दी जावे। (ग) संचालित एवं बंद पड़ी औद्योगिक इकाइयों पर औद्योगिक वित्‍त विकास निगम का कितना ऋण बकाया है व कितना कालातीत है? इकाइयों का नाम बकाया राशि सहित जानकारी दी जावे।

उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) कार्यालय में उपलब्‍ध अभिलेख के अनुसार औद्योगिक क्षेत्र बानमौर में कुल 115 इकाइयां पंजीकृत है। (ख) उक्‍त इकाइयों में से 103 इकाइयां कार्यरत है, एवं 12 इकाइयां बंद है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है।

पंजीकृत वन समितियां

37. ( क्र. 3350 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी जिले के अंतर्गत कौन-कौन सी वन समितियां पंजीकृत हैं। विधानसभा क्षेत्रवार अध्‍यक्ष के नाम सहित सूची उपलब्‍ध करावें? (ख) प्रश्‍नांश (क) की समितियों के क्षेत्रान्‍तर्गत क्‍या कार्य वर्ष 2015-16 में चल रहे है उक्‍त कार्यों में सामग्री एवं मजदूरी का भुगतान ई-पेमेन्‍ट प्रणाली से किया जा रहा है या नहीं? क्‍या ई-पेमेन्‍ट से भुगतान किए जाने के निर्देश है? यदि हाँ, तो नियम विरूद्ध कार्य करने के लिए कौन उत्‍तरदायी है? (ग) प्रश्‍नांश (क) की वन समितियों के विकास खाते में कितनी राशि है तथा वर्ष 2014-15 में क्‍या कार्य कराये गये? (घ) कटनी जिले में विगत 2 वर्षों में लकड़ी चोरी के कितने प्रकरण बनाए गए और उनमें से किस-किस के विरूद्ध न्‍यायालय में चालान प्रस्‍तुत किए गए और किस-किस के विरूद्ध नहीं बताएं?

वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’‘‘ अनुसार है। (ख) समितियों के क्षेत्रान्तर्गत वर्ष 2015-16 में कार्य आयोजना के क्रियान्वयन से संबंधित वन वर्धनिक कार्य संपादित कराये जा रहे हैं। सामग्री एवं मजदूरी का भुगतान ई-पेमेंट प्रणाली से किया जा रहा है। भुगतान ई-पेमेंट से किये जाने के निर्देश हैं। नियमविरूद्ध कार्य न होने से प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) वन समितियों के विकास खाते में कुल राशि रूपये 1,16,225 उपलब्ध है। वन समितियों द्वारा विकास खाते की राशि से वर्ष 2014-15 में कोई कार्य नहीं कराया गया।      (घ) कटनी जिले में विगत 2 वर्षों में 286 अवैध लकड़ी चोरी के प्रकरण दर्ज हुये। समस्त प्रकरणों में विभागीय कार्यवाही करते हुए किसी भी प्रकरण का न्यायालय में चालान प्रस्तुत नहीं किया गया। चालान प्रस्तुत नहीं किये गये व्यक्तियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’’’ अनुसार है।

वन परिक्षेत्र की खदानों की अनुज्ञप्ति

38. ( क्र. 3351 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी के वन विभाग के आधिपत्‍य के वन क्षेत्रों में से कितनी खदानों से खनिजों का उत्‍खनन हो रहा है? खदानवार विवरण दें? (ख) प्रश्‍नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में खदान एवं वन खण्‍ड का नम्‍बर/खसरा नम्‍बर प्रदाय करें? (ग) क्‍या वन क्षेत्र में पूर्वेक्षण अनुज्ञप्ति तथा उत्‍खनन अनुज्ञप्ति जारी की जा सकती हैं? यदि हाँ तो इनके लिए कौन से अधिकारी प्राधिकृत हैं? (घ) कटनी जिले में किन-किन अधिकारियों ने पिछले 2 वर्षों में वन विभाग के वन क्षेत्रों/वन भूमियों के संबंध में किस-किस क्षेत्र में पूर्वेक्षण या उत्‍खनन हेतु अनुमतियां जारी की हैं?

वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) एवं (ख) प्रश्नांकित वन क्षेत्रों की किसी भी खदान में उत्खनन होना नहीं पाया गया। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) वन क्षेत्रों में पूर्वेक्षण कार्य हेतु वन भूमि के उपयोग की अनुमति प्रदान करने के लिये भारत सरकार, पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, नई दिल्ली के परिपत्र दिनांक 19.08.2010 एवं विभागीय परिपत्र दिनांक 23.12.2010 द्वारा जारी दिशा-निर्देश के अनुसार सक्षम अधिकारी द्वारा अनुमति दी जाती है परिपत्र पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’’’ अनुसार है। वन क्षेत्रों में उत्खनन कार्य हेतु वन भूमि के उपयोग की अनुमति वन (संरक्षण) अधिनियम, 1980 के अंतर्गत भारत सरकार के पूर्व अनुमोदन उपरांत मध्य प्रदेश शासन द्वारा जारी की जाती है। (घ) वन मंडल (सामान्य) कटनी के अंतर्गत बहोरीबंद तहसील के ग्राम तिलहरी खसरा क्रमांक 565 एवं 575 रकबा 19.15 हेक्टेयर राजस्व वन भूमि में पूर्वेक्षण अनुज्ञप्ति हेतु प्राप्त प्रस्ताव पर भारत सरकार, पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय नई दिल्ली के पत्र दिनांक 08.09.2014 से अनुमोदन प्राप्त होने के पश्चात् विभागीय पत्र दिनांक 23.09.2014 से पूर्वेक्षण कार्य की दी गई अनुमति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’’’ अनुसार है। उक्त उल्लेखित अवधि में उत्खनन की अनुमति देना प्रतिवेदित नहीं है। 

नारंगी वनखंडों के संदर्भ में

39. ( क्र. 3357 ) श्री हेमन्‍त विजय खण्‍डेलवाल : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या बैतूल जिले के 1269 ग्रामों की 137752.393 हेक्‍टेयर भूमि में से 7565.07 हेक्‍टेयर भूमि 259 नारंगी वनखंडों में शामिल किये जाने के बाद भी शेष भूमि प्रश्‍नांकित दिनांक तक राजस्‍व विभाग को अंतरित नहीं की गई, राजपत्र में डीनोटीफाईड भी नहीं की गई? (ख) यदि हाँ तो 1269 ग्रामों मे से कितनें ग्रामों की कितनी जमीनों को नारंगी वनखंडों में किन-किन कारणों से शामिल नहीं किया गया, कितने ग्रामों की कितनी जमीनों को नारंगी वनखंडों के बाहर छोड़ा गया। (ग) नारंगी भूमि सर्वे में शामिल वनखंडों के बाहर छोड़ी गई कितनी जमीनों को किस पत्र क्र. दिनांक के द्वारा राजस्‍व विभाग को अंतरित किया, कितनी जमीनों को किस दिनांक को राजपत्र में डीनोटीफाईड किया गया यदि नारंगी वनखंडों के बाहर छोड़ी गई जमीनों का अंतरण एवं डीनोटीफिकेशन नहीं किया हो तो उनका कारण बतावें? (घ) नारंगी वनखंडों के बाहर छोड़ी गई जमीनों का कब तक राजस्‍व विभाग को अंतरण कर दिया जावेगा? कब तक राजपत्र में डीनोटीफिकेशन कर दिया जावेगा?

वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) बैतूल जिले के अन्तर्गत नारंगी इकाई के प्रारंभिक सर्वेक्षण में शामिल 1269 ग्रामों की 137752.393 हेक्टेयर भूमि में से 7565.067 हेक्टेयर भूमि 259 वनखण्डों में शामिल की गई है। नारंगी इकाई के प्रारंभिक सर्वे में तत्समय अनुपयुक्त पाई गई राजस्व भूमियाँ (छोटे झाड़ का जंगल एवं बड़े झाड़ का जंगल) पूर्ववत् राजस्व विभाग के ही आधिपत्य में है। शेष बची अनुपयुक्त पाई गई नारंगी भूमियों का अन्तरण/निर्वनीकरण नहीं किया गया। (ख) 1269 ग्रामों में से 1137 ग्रामों की 130187.326 हेक्टेयर जमीनों को मध्यप्रदेश शासन वन विभाग के पत्र क्रमांक एफ 5/43/90/10-3 दिनांक 14.05.1996 में दिये गये निर्देशानुसार अनुपयुक्त पाये जाने के कारण वनखण्डों में शामिल नहीं किया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) नारंगी इकाई के द्वारा किये गये प्रारंभिक सर्वेक्षण में 130187.326 हेक्टेयर भूमि अनुपयुक्त पाये जाने के कारण वनखण्ड में शामिल नहीं की गई थी, जिसमें से 78723.489 हेक्टेयर राजस्व भूमि थी तथा 51463.837 हेक्टेयर भूमि नारंगी भूमि थी। वनखण्डों से बाहर छोड़ी गई 78723.489 हेक्टेयर राजस्व भूमि पूर्ववत् राजस्व विभाग के ही आधिपत्य में है। नारंगी इकाई द्वारा किये गये प्रारंभिक सर्वेक्षण में शामिल 55349.289 हेक्टेयर नारंगी भूमि में से 3885.452 हेक्टेयर नारंगी भूमि वनखण्ड में शामिल की गई। शेष 51463.837 हेक्टेयर में से वर्ष 1972 के मध्यप्रदेश के राजपत्र से निर्वनीकृत ग्रामों की नारंगी सर्वे में शामिल भूमियों को एवं दिनांक 31.12.1976 के वन व्यवस्थापन के तहत प्रदाय पट्टों हेतु वर्ष 1990-91 में प्रकाशित राजपत्रों से निर्वनीकृत की गई भूमियों को कम करते हुये वर्तमान में शेष 39361.062 हेक्टेयर नारंगी वनभूमियों का निर्वनीकरण/अन्तरण नहीं किया गया। निर्वनीकरण पर वर्तमान में माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा याचिका क्रमांक 337/1995 में पारित आदेश दिनांक 13.11.2000 से रोक लगाई गई है। (घ) उत्तरांश के अनुसार है। 

आई.टी.आई. में कार्यरत तकनीकी/गैर तकनीकी कर्मचारियों का नियमितीकरण

40. ( क्र. 3411 ) श्री घनश्‍याम पिरोनियाँ : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या म.प्र. की विभिन्‍न आई.टी.आई. में तदर्थ रूप से कार्यरत तकनीकी/गैर तकनीकी (प्रशिक्षण अधिकारी/निम्‍न श्रेणी लिपिक) कर्मचारियों की सेवायें नियमित कर दी गई है? क्‍या यह भी सही है कि इनमें तकनीकी कर्मचारियों की तदर्थ सेवाओं को नियमितीकरण में लेकर वेतन वृद्धि का लाभ दे दिया गया है जबकि गैर तकनीकी कर्मचारियों की तदर्थ सेवाओं का अभी तक नियमितीकरण नहीं किया गया है और न वेतनवृद्धि का लाभ दिया गया है? (ख) क्‍या प्रश्‍नांश (क) के कर्मचारियों में तकनीकी कर्मचारियों की वरिष्‍ठता तदर्थ अवधि के आधार पर रखी गई थी जबकि गैर तकनीकी कर्मचारियों की वरिष्‍ठ जन्‍मतिथि के आधार पर संधारित की गई? (ग) प्रश्‍न (क), (ख) का उत्‍तर हाँ मे है तो एक विभाग में तकनीकी/गैर तकनीकी कर्मचारियों में उपरोक्‍त भेदभाव क्‍यों किया गया? क्‍या गैर तकनीकी कर्मचारियों की तदर्थ सेवाओं को नियमितीकरण में लेकर वेतनवृद्धि का लाभ दिया जावेगा और कब तक?

तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही हैं।

टोल वसूली हेतु निर्धारित दूरी

41. ( क्र. 3433 ) श्री विश्वास सारंग : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) एक ही रोड पर निर्मित दो पुलों के टोल टैक्‍स वसूली हेतु नियमानुसार कितनी दूरी होना चाहिए? (ख) बरेली और मांगरोल नर्मदा के पुल के बीच में किस-किस पुल का टोल टैक्‍स वसूलने हेतु ठेका दिया गया है? इन दोनों पुलों के बीच की दूरी कितनी है? (ग) प्रश्‍नांश (क) के तहत क्‍या तेंदूनी नदी का पुल टोल टैक्‍स से मुक्‍त हो गया है? यदि हाँ, तो फिर उस पर क्‍यों वूसली की जा रही है? क्‍या वहां पर टोल टैक्‍स की वसूली अवैध है? (घ) प्रश्‍नांश (ग) के तहत क्‍या वहां के टोल टैक्‍स के नाके को हटाया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्‍यों कारण दें?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) 80 कि.मी.। (ख) बरेली और मांगरोल नर्मदा नदी के पुल के बीच तेंदूनी पुल एवं नर्मदा पुल का संयुक्त रूप से टोल टैक्स वसूली का ठेका दिया गया है। पुलों के बीच की दूरी 9 कि.मी. है। (ग) जी नहीं। दोनों पुलों की संयुक्त लागत के आधार पर संयुक्त रूप से टोल टैक्स वसूली का ठेका दिया गया है। जी नहीं। (घ) जी नहीं। प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। लागत वसूल होने के बाद टोल नाका बंद कर दिया जावेगा।

विभागीय कार्यों की जानकारी

42. ( क्र. 3434 ) श्री विश्वास सारंग : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक निर्माण विभाग ने 1 जनवरी 2015 से प्रश्‍न दिनांक तक भोपाल एवं रायसेन राजस्‍व संभाग स्थित लोक निर्माण के सभी संभागों में थर्मोप्‍लास्टिक रोड मार्किंग, पेंट से पट्टे डालने का काम, सोलर पावर रोड स्‍टर्ड, स्‍पीड ब्रेकर प्‍लास्टिक व रोड साईन बोर्ड के कार्य किन-किन दरों पर किन-किन एजेंसियों से कराये गये हैं?    कितना-कितना भुगतान किया गया? (ख) प्रश्‍नांश (क) के तहत वर्णित कार्यों के लिए क्‍या खुली निविदा आमंत्रित की गयी थी? यदि हाँ, तो प्रकाशित विज्ञापन की छायाप्रति दें? निविदा में भाग लेने वाली एजेंसियों के नाम पते सहित जानकारी दें? प्राप्‍त दरों के तुलनात्‍मक चार्ट दें? (ग) प्रश्‍नांश (क) में वर्णित कार्यों की गारण्‍टी कितने वर्ष की थी? गारण्‍टी पीरियड के बाद किस पदनाम/नाम के अधिकारी ने भौतिक सत्‍यापन कर भुगतान कराया? भौतिक सत्‍यापन में क्‍या पाया गया?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) संपूर्ण जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। संपूर्ण जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ग) संपूर्ण जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है।

संभाग क्रमांक 02 ग्‍वालियर में निर्माण कार्य

43. ( क्र. 3437 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 अप्रैल 2014 से प्रश्‍न दिनांक तक लोक निर्माण विभाग संभाग क्र. 02 ग्‍वालियर द्वारा कौन-कौन से निर्माण कार्य कितनी-कितनी लागत से किस-किस स्‍थान पर किस मद से किस एजेन्‍सी/ठेकेदार से किन-किन यंत्रियों के सुपरवीजन में कराये गये तथा कराये जा रहे है? (ख) उन निर्माण कार्यों की वर्तमान में भौतिक तथा वित्‍तीय स्थिति क्‍या है? इन निर्माण कार्यों में खराब गुणवत्‍ता की किन-किन निर्माण कार्यों की किस-किस व्‍यक्ति द्वारा की गई कार्यवाही से अवगत करावें?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। कार्यों की गुणवत्‍ता सही होने के कारण शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

प्रदेश में औद्योगिक प्रशिक्षण संस्‍थान खोलने के नियम

44. ( क्र. 3477 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) महानिदेशक (प्रशिक्षण) कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय भारत सरकार नई दिल्‍ली द्वारा मापदंड के अनुसार प्रदेश में शा.औद्योगिक प्रशिक्षण संस्‍थाओं की स्‍वीकृति जारी करने के क्‍या नियम है? जानकारी देवें? (ख) क्‍या प्रदेश शासन तहसील स्‍तर तथा ग्रामीण क्षेत्रों में शा. आई.टी.आई. कॉलेज खोलने के लिए प्रतिबद्ध है? मंदसौर, रतलाम एवं नीमच जिले में कहाँ-कहाँ शा. आई.टी.आई. कॉलेज प्रस्‍तावित हैं? (ग) क्‍या मंदसौर जिले के नगर पंचायत नगरी व दलोदा में           शा. आई.टी.आई. कॉलेज प्रस्‍तावित है? यदि हाँ, तो कालेज खोलने की समय-सीमा बतायें? (घ) प्रश्‍नांश (क) जिले में कहाँ-कहाँ पर अशासकीय (प्रायवेट) आई.टी.आई. कॉलेज संचालित हैं, इनके खिलाफ कितनी शिकायतें विभाग को प्राप्‍त हुई, व उस पर क्‍या कार्यवाही की गई?

तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) प्रशिक्षण महानिदेशालय, कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय, भारत सरकार, नई दिल्‍ली द्वारा प्रदेश में शासकीय आई.टी.आई. की स्‍वीकृति के लिए कोई नियम या मानदण्‍ड निर्धारित नहीं किए गए है। (ख) शासन द्वारा प्रथमत: ऐसे विकासखण्‍डों जिनमें कोई शासकीय अथवा प्रायवेट आई.टी.आई. नहीं है, में शासकीय आई.टी.आई. की स्‍थापना की जाना है। मंदसौर तथा नीमच में समस्‍त विकासखण्‍डों में शासकीय अथवा प्रायवेट आई.टी.आई. संचालित है। जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। केवल रतलाम जिले के पिपलौदा विकासखण्‍ड में कोई शासकीय आई.टी.आई. नहीं है। वर्तमान में मंदसौर, नीमच तथा रतलाम में कोई भी शासकीय आई.टी.आई. प्रस्‍तावित नहीं है। (ग) जी नहीं। प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (घ) मंदसौर जिले में निम्‍न स्‍थानों पर प्राइवेट आई.टी.आई. संचालित है:-

क्रमांक

स्‍थान का नाम

संचालित अशासकीय (प्रायवेट) आई.टी.आई. की संख्‍या

1.

भानपुर

06 आई.टी.आई.

2.

गरोठ

02 आई.टी.आई.

3.

सुवासरा

03 आई.टी.आई.

4.

सीतामउ

03 आई.टी.आई.

5.

मंदसौर

04 आई.टी.आई.

6.

शामगढ्

03 आई.टी.आई.

7.

दलौदा

02 आई.टी.आई.

8.

पिपल्‍यामंडी

01 आई.टी.आई.

9.

नारायणगढ

01 आई.टी.आई.

 

कुल

25 आई.टी.आई.

इन संस्‍थाओं के खिलाफ कोई शिकायत प्राप्‍त नहीं हुई है।

परिशिष्ट ''पैंसठ''

प्रदेश के बी.एड. कॉलेजों में छात्रों की उपस्थिति

45. ( क्र. 3478 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या प्रदेश में बी.एड. कॉलेज संचालक उनमें अध्‍ययनरत छात्रों को कालेज में नियमित उपस्थिति के लिए पाबंद नहीं करते और शैक्षणिक सत्र के दौरान कई बी.एड. कॉलेज छात्रविहीन देखे जा सकते है? यदि हाँ, तो विभाग द्वारा इसे सुधारने व प्राइवेट बी.एड. कॉलेज में नियमित उपस्थिति के लिए क्‍या प्रयास किये जा रहे है? यदि नहीं, तो क्‍यों? (ख) क्‍या उज्‍जैन संभाग के अधिकतर कॉलेजों में वर्षभर अनुपस्थित रहने वाले विद्यार्थियों से मोटी राशि वसूल कर उन्‍हें सीधे परीक्षा में प्रवेश दे दिया जाता है? ऐसी कितनी शिकायतें विभाग के पास लंबित हैं, जानकारी देवें?           (ग) क्‍या विभाग सभी बी.एड. कॉलेज संचालकों द्वारा छात्रों व स्‍टॉफ की उपस्थिति बायोमेट्रिक मशीन से करने एवं उपस्थिति की प्रिन्‍ट प्रतिलिपि प्रत्‍येक माह विभाग को भेजने के लिए पाबंद करने का विचार रखती है, यदि हाँ, तो कब तक, यदि नहीं, तो क्‍यों नहीं?
तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्नांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नहीं। उज्जैन संभाग की कोई शिकायत लंबित नहीं।   (ग) जी नहीं। परीक्षा पूर्व 75 प्रतिशत उपस्थिति पूर्ण होना अनिवार्य है।

रूनिजा काछीबड़ौदा मार्ग का निर्माण

46. ( क्र. 3487 ) श्री मुकेश पण्‍ड्या : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र बड़नगर से सातरूण्‍डा व्‍हाया रूनिजा हो कर जाने वाले मार्ग को महू नीमच स्‍टेट हाईवे से जोड़ने वाले लिंक रोड मार्ग रूनिजा बस स्‍टेण्‍ड से व्‍हाया काछीबड़ौदा, धमाना मार्ग की दूरी कितनी है? (ख) उपरोक्‍त स्‍वीकृत मार्ग में बड़नगर विधानसभा क्षेत्र के रूनिजा बस स्‍टैण्‍ड से कितनी कि.मी. की सड़क सम्मिलित है तथा कितने कि.मी. का निर्माण कार्य किया जा रहा हैं? (ग) क्‍या रूनिजा काछीबड़ौदा मार्ग पर सड़क निर्माण का कार्य प्रस्‍तावित है? यदि हाँ, तो कितनी राशि और कितनी दूरी का कार्य प्रस्‍तावित किया गया है तथा उपरोक्‍त मार्ग को निर्माण कार्य के दौरान बड़नगर सातरूण्‍डा मार्ग (रूनिजा बस स्‍टेण्‍ड) तक जोड़े जाना भी प्रस्‍तावित है? (घ) यदि नहीं, तो क्‍यों? मात्र एक किलोमीटर की सड़क के निर्माण होने से लगभग 45-50 ग्राम के लोगों को उपरोक्‍त मार्ग का लाभ प्राप्‍त होगा? शासन इस संदर्भ में क्‍या कार्य कर रहा है? जानकारी प्रदान करें?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) मार्ग की दूरी 13.38 कि.मी. है।     (ख) 3.00 कि.मी.। मार्ग निर्माण भी 3.00 कि.मी. में किया जाना प्रस्‍तावित है। (ग) जी हाँ। रूपये 1621.74 लाख की धनराशि से 13.38 कि.मी. लंबाई के मार्ग का निर्माण प्रस्‍तावित है। जी हाँ। (घ) प्रश्‍नांश '''' के उत्‍तर के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता है।

स्‍वीकृत पद संरचना

47. ( क्र. 3496 ) श्री अशोक रोहाणी : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासकीय आदर्श विज्ञान महाविद्यालय जबलपुर में स्‍वीकृत पद संरचना के तहत कितना स्‍टॉफ पदस्‍थ है एवं कौन-कौन से कितने पद रिक्‍त हैं एवं क्‍यों? पदवार जानकारी दें? (ख) प्रश्‍नांश (क) में विश्‍वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा निर्धारित पद संरचना 40:1 के तहत सहायक प्राध्‍यापक/प्राध्‍यापक के कितने पद रिक्‍त हैं एवं क्‍यों? इन पदों की पूर्ति हेतु शासन ने क्‍या प्रयास किये गये हैं? (ग) प्रश्‍नांश (क) में पदस्‍थ किस-किस का स्‍थानांतरण अन्‍यत्र किया गया है एवं किस-किस को पदस्‍थ किया गया है? वर्ष 2015-16 की जानकारी दें? (घ) क्‍या प्रश्‍नांश (क) में वर्ष 2015-16 में किये गये स्‍थानांतरण से यहां की शैक्षणिक व्‍यवस्‍था प्रभावित हो रही है? यदि हाँ, तो यहाँ की शैक्षणिक व्‍यवस्‍था में सुधार लाने हेतु शासन स्‍वीकृत पद संरचना के तहत रिक्‍त पदों की पूर्ति कब तक करेगा? यदि नहीं, तो क्‍यों?

तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र एवं अनुसार है। (ख) प्रदेश के शासकीय महाविद्यालयों में राज्य शासन द्वारा स्वीकृत पदों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अनुसार है। रिक्त पदों की पूर्ति हेतु म.प्र. लोक सेवा आयोग द्वारा भर्ती के लिए विज्ञापन दिनांक 19.02.2016 को जारी किया गया है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अनुसार है। (घ) जी नहीं। रिक्त पद की पूर्ति हेतु म.प्र. लोक सेवा आयोग द्वारा भर्ती के लिए विज्ञापन दिनांक 19.02.2016 को जारी किया गया है। वर्तमान व्यवस्था अंतर्गत रिक्त पदों पर अतिथि विद्वानों की सेवायें ली जाकर शैक्षणिक कार्य संपादित कराया जा रहा है। शेष प्रश्नांश का प्रश्न की उपस्थित नहीं होता है।

पौधारोपण हरियाली महोत्‍सव में व्‍यय राशि

48. ( क्र. 3497 ) श्री अशोक रोहाणी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वन मण्‍डल सामान्‍य जिला जबलपुर को बिगड़े वनों का सुधार पौधारोपण हरियाली महोत्‍सव के तहत कितनी-कितनी राशि आवंटित की गई एवं कितनी राशि व्‍यय हुई? वर्ष 2012-13 से 2015-16 तक की पृथक-पृथक जानकारी दें? (ख) प्रश्‍नांश  (क) में हरियाली महोत्‍सव के तहत किस-किस प्रजाति के कितने-कितने पौधों का रोपण कार्य कितने क्षेत्र में कराया गया/इस पर कितनी राशि व्‍यय हुई बतलावें? (ग) प्रश्‍नांश (क) में पौधों की तैयारी, परिवहन, रोपण, फेंसिंग देखरेख सुरक्षा आदि पर कितनी-कितनी राशि व्‍यय हुई? किन-किन परि‍स्थिति में रोपित पौधों की सुरक्षा हेतु कितने क्षेत्रफल में फेंसिंग कार्य किस एजेंसी से कब कितनी राशि में कराया गया? (घ) प्रश्‍नांश (क) में बिगड़े वनों का सुधार व पौधारोपण कार्य पर कितनी-कितनी राशि व्‍यय हुई? कितने क्षेत्र में बिगड़े वनों का सुधार कब से कब तक किसने कराया है? इसकी जाँच कब, किसने की है?

वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) एवं (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं '3' अनुसार है।

उद्योग विभाग की भूमि पुन: लीज करना

49. ( क्र. 3507 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जिला राजगढ़ की विधान सभा क्षेत्र सारंगपुर अंर्तगत सारंगपुर एवं पचोर में उद्योग विभाग हेतु कितनी भूमि आरक्षित है? आरक्षित भूमि पर औद्योगिक गतिविधियां संचालित करने हेतु किन-किन लोगों को उद्योग विभाग की कितनी भूमि कौन-कौन सी इकाई स्‍थापित करने के लिये कितने-कितने समय की लीज पर दी गई है? कितने समय में लीज की भूमि/भवन पर औद्योगिक इकाई स्‍थापित नहीं करने पर लीज समाप्‍त की जावेगी? (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार तय समय-सीमा में औद्योगिक इकाई स्‍थापित नहीं करने पर भूमि/भवन आवंटन आदेश निरस्‍त किया गया है? कृपया व्‍यक्तिवार, इकाईवार विस्‍तृत विवरण देवें? यदि नहीं, की गई तो कब तक कार्यवाही की जावेगी समय-सीमा बतावें? (ग) प्रश्‍नांश (ख) अनुसार उपरोक्‍तानुसार उद्योग विभाग की रिक्‍त भूमि/भवन पर पुन: औद्यौगिक इकाई स्‍थापित करने हेतु पुन: आवेदन बुलाये जा कर उद्योग स्‍थापित करने हेतु विभाग द्वारा क्‍या प्रयास किये जा रहे हैं जिससे की क्षेत्र के युवा बेरोजगारों को रोजगार के अवसर प्रदान किये जा सकें?

उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) एवं (ख) सारंगपुर में 43.87 एकड़ एवं पचोर में 41.02 एकड़ भूमि विभाग के आधिपत्‍य में है। भूमि आवंटन/निरस्‍तीकरण संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'' एवं '' अनुसार है। दो वर्ष की अवधि में औद्योगिक इकाई स्‍थापित नहीं करने पर नियमानुसार भूमि/भवन आवंटन/लीज निरस्‍त करने की कार्यवाही की जाती है। (ग) निरस्‍त भूखण्‍डों का आधिपत्‍य प्राप्‍त करने के पश्‍चात आवंटन की कार्यवाही नियम अनुसार की जावेगी।

रोजगार योजनाओं का क्रियान्‍वयन

50. ( क्र. 3525 ) डॉ. राजेन्‍द्र पाण्‍डेय : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या केन्‍द्र/राज्‍य सरकारों द्वारा बेरोजगारों को रोजगार दिये जाने हेतु अनेक योजनाओं का क्रियान्‍वयन कर लघु और कुटीर उद्योगों के साथ ही अन्‍य रोजगार मूलक कार्यों हेतु योजनाओं के माध्‍यम से ऋण प्रदान कर सुविधाएं दी जा रही है? (ख) यदि हाँ, तो क्‍या उपरोक्‍त विभागीय योजनाओं का क्रियान्‍वयन जावरा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत सफलतापूर्वक किया जा रहा है? (ग) यदि हाँ, तो वर्ष 2013-14, वर्ष 2014-15 एवं वर्ष 2015-16 प्रश्‍न दिनांक तक जावरा नगर, पिपलौदा तहसील एवं जावरा तहसील में कितने आवेदकों के आवेदन प्राप्‍त होकर उन पर किस-किस प्रकार की कार्यवाहियां की गई? (घ) साथ ही किन-किन योजनाओं के माध्‍यम से कितना-कितना ऋण एवं अन्‍य सुविधाएं प्राप्‍त होकर उपरोक्‍त उल्‍लेखित स्‍थानों के अंतर्गत किस-किस आश‍य के किस-किस प्रकार के लघु कुटीर उद्योग एवं अन्‍य कार्य प्रारंभ हुये?

उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) विभाग द्वारा संचालित रानी दुर्गावती स्व-रोजगार योजना में राशि रू. 13.25 लाख, मुख्यमंत्री युवा स्व-रोजगार योजना में राशि रू. 80.32 लाख, मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना में राशि रू. 130.35 लाख, मुख्यमंत्री स्व-रोजगार योजना में राशि रू. 120.95 लाख एवं प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम येाजना में राशि रू. 110.65 लाख ऋण वितरण होकर लघु कुटीर उद्योग अंतर्गत निर्माण/प्रोसेसिंग, सेवा इकाइयां तथा व्यवसायिक गतिविधि की इकाइयों का कार्य प्रारंभ हुआ हैं।

परिशिष्ट ''छियासठ''

  मंदिरों के जीर्णोद्धार के प्रस्‍तावों की स्‍वीकृति

51. ( क्र. 3526 ) डॉ. राजेन्‍द्र पाण्‍डेय : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या जावरा विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत जावरा नगर, पिपलौदा तहसील तथा जावरा तहसील के अंतर्गत आने वाले अत्‍यन्‍त जीर्ण-शीर्ण मंदिरों के जीर्णोद्धार मरम्‍मत के प्रस्‍ता‍व शासन/विभाग को प्राप्‍त हुए है? (ख) यदि हाँ, तो क्‍या वर्ष 2013-14, वर्ष 2014-15 एवं वर्ष 2015-16 के प्रश्‍न दिनांक तक अनेक प्रस्‍तावों के माध्‍यम से शासन/विभाग का ध्‍यान आकृष्‍ट किया है? (ग) यदि हाँ, तो उपरोक्‍त वर्षों में प्राप्‍त प्रस्‍ताव पर शासन/विभाग द्वारा प्रश्‍न दिनांक तक क्‍या-क्‍या कार्यवाहियां की जाकर किन-किन प्रस्‍तावों की स्‍वीकृतियां प्रदान की है? (घ) साथ ही अन्‍य प्रस्‍तावों को कब तक स्‍वीकृति दी जाकर इन्‍हें बजट में सम्मिलित किया जा सकेगा?

उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

खंडवा-देड़तलाई मार्ग निर्माण

52. ( क्र. 3537 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खंडवा-देड़तलाई मार्ग किस वर्ष में तैयार किया गया है? क्‍या यह मार्ग फोरलेन स्‍वीकृत हुआ है? यदि हाँ, तो कहाँ से कहाँ तक? (ख) क्‍या शासन स्‍वीकृति अनुसार इस मार्ग पर सेंट्रल लाईटिंग एवं डिवाईडर का प्रावधान किया गया है? यदि हाँ, तो इसका पालन निर्माण एजेंसी द्वारा क्‍यों नहीं किया गया? (ग) क्‍या छोटे-छोटे अतिक्रमण के कारण इस मार्ग की चौड़ाई विभाग/एजेंसी द्वारा मनमाने रूप से कम की गई है? यदि हाँ, तो इसके लिये कौन जिम्‍मेदार है? (घ) इस मार्ग पर टोल नाकों द्वारा वाहनों से टोल टैक्‍स वसूलना कब से आरंभ किया गया? क्‍या सड़क निर्माण एजेंसी द्वारा मनमाने रूप से अपूर्ण निर्माण कार्य से ही टोल टैक्‍स वसूला जा रहा है? (ड.) यदि हाँ, तो इसमें विभाग के कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी जिम्‍मेदार है? क्‍या निर्माण एजेंसी पर विभाग द्वारा कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो बतायें?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) खण्‍डवा-देड़तलाई मार्ग लंबाई 127.0 कि.मी. वर्ष 2011 में स्‍वीकृत किया गया। खण्‍डवा-देड़तलाई मार्ग की चैनेज 0+00 से 3+760 तक का भाग फोरलेन में स्‍वीकृत है। इस मार्ग के प्रथम सेक्‍शन चै. 0+00 से   चै. 60+400 तक जिसमें यह फोरलेन का भाग शामिल है, का कार्य दिनांक 27.06.2014 को पूर्ण किया गया है। (ख) स्‍वीकृति अनुसार मार्ग पर सेंट्रल लाईटिंग का प्रावधान नहीं था सिर्फ डिवायडर बनाने का प्रावधान था जो मार्ग के चैनेज 2+00 से 3+760 तक बनाया गया है। 0+00 से 1+300 तक दोनों साईड पाईप लाईन एवं सुक्‍ता पाईप लाईन एवं अतिक्रमण के कारण इस भाग पर डिवायडर नहीं बनाया गया। (ग) उक्‍त मार्ग बी.ओ.टी. योजना के अंतर्गत निश्चित समयावधि में मार्ग को पूर्ण किया जाना था, जिन स्‍थानों पर अतिक्रमण था उन स्‍थानों पर जिला प्रशासन के सहयोग से अतिक्रमण को हटाने का प्रयास किया गया, परन्‍तु कुछ स्‍थानों पर स्‍थानीय विवाद की स्थिति निर्मित होने से अतिक्रमण नहीं हटाये जा सकें। इस कारण मार्ग को उपलब्‍ध भूमि के अनुसार ही उक्‍त स्‍थान पर मार्ग का निर्माण किया गया। अत: इस हेतु कोई भी जिम्‍मेदार या दोषी होने का प्रश्‍न ही नहीं उठता। (घ) इस मार्ग पर दिनांक 27.06.2014 से प्रथम होमोजीनियस सेक्‍शन हेतु टोल टैक्‍स वसूलना प्रारंभ किया गया है कन्‍सेशनायर द्वारा प्रथम होमो‍जीनियस सेक्‍शन का कार्य पूर्ण होने उपरांत एवं प्रोविजनल सी..डी. कन्‍सेशन अनुबंध अनुसार जारी होने के उपरांत ही टोल टैक्‍स वसूलना प्रारंभ किया गया है। (ड.) उत्‍तर '' के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न ही नहीं उठता।

नवीन औद्योगिक प्रशिक्षण केन्‍द्र (आई.टी.आई.) की स्‍थापना

53. ( क्र. 3599 ) श्री दिलीप सिंह शेखावत : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 26.4.15 को नवोदय विद्यालय भूमि पूजन कार्यक्रम में पधारे मा.मुख्‍यमंत्री जी द्वारा घोषणा की गई थी कि नागदा शहर में नवीन औद्योगिक प्रशिक्षण केन्‍द्र (आई.टी.आई.) की स्‍थापना की जावेगी? (ख) उक्‍त योजना की वर्तमान में क्‍या स्थिति है? नवीन (आई.टी.आई.) भवन का कार्य कब तक प्रारंभ कर दिया जावेगा?

तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। (ख) नागदा में सत्र अगस्‍त 2016 से नवीन आई.टी.आई. प्रारंभ करना प्रस्‍तावित है।

शासकीय मंदिरों के जीर्णोद्धार

54. ( क्र. 3600 ) श्री दिलीप सिंह शेखावत : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विधानसभा क्षेत्र खाचरौद-नागदा के अति महत्‍वपूर्ण प्राचीन       17 मंदिरों का जीर्णोद्धार हेतु पत्र क्रमांक 491 दिनांक 9.9.2015 को पत्र लिखा गया था? (ख) उक्‍त पत्र के संदर्भ में विभाग द्वारा क्‍या कार्यवाही की गई है? उक्‍त मंदिरों का जीर्णोद्धार कब तक कर लिया जावेगा?

उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

शासकीय मंदिरों का सौन्‍दर्यीकरण एवं विस्‍तारिकरण

55. ( क्र. 3601 ) श्री दिलीप सिंह शेखावत : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विधान सभा क्षेत्र नागदा-खाचरौद के अति महत्‍वपूर्ण प्राचीन 17 शासकीय मंदिरों का सौंदर्यीकरण एवं विस्‍तारिकरण हेतु पत्र क्रमांक 491          दिनांक 9.9.2015 को लिखा गया था? (ख) क्‍या उक्‍त मंदिर प्राचीन महत्‍व के है? इनका सौन्दर्यीकरण एवं विस्‍तारिकरण कब तक कर दिया जावेगा?

उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) से (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

शासकीय आवास गृहों की मरम्‍मत व संधारण

56. ( क्र. 3621 ) श्री शैलेन्‍द्र पटेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासकीय आवास गृहों की मरम्‍मत व संधारण संबंधी कार्य हेतु प्राक्‍कलन पारित होने के कितने समय पश्‍चात् आवास गृहों में मरम्‍मत व संधारण कार्य पूर्ण कराए जाने के नियम है? (ख) क्‍या ऐसे भी नियम हैं कि पूर्व स्‍वीकृत प्राक्‍कलन और उसके पश्‍चात् स्‍वीकृत प्राक्‍कलन के कार्यों को विभाग अपनी सुविधा से क्रम आगे-पीछे कर सकता हैं? (ग) यदि प्रश्‍नांश (ख) का उत्‍तर हाँ, है तो किस नियम के तहत् लोक निर्माण के अधिकारी कार्य पूर्ण करते हैं? यदि नहीं, तो तुलसी नगर भोपाल स्थित आवासों के स्‍वीकृत प्राक्‍कलनों पर प्रश्‍न दिनांक तक कार्य पूर्ण न कराए जाने के क्‍या कारण हैं? (घ) क्‍या ऐसे भी आवास हैं जो वर्ष 2015-16 में आवंटित हुए हैं और उनके बताए गए कार्य पूर्ण करा दिए गए हैं, जबकि पूर्व के आवासधारियों के स्‍वीकृत प्राक्‍कलनों पर आज दिनांक तक कार्य नहीं हुए हैं स्थिति स्‍पष्‍ट करें?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) कार्य विभाग मेनुअल की कंडिका 2.055 अनुसार विशेष मरम्‍मत के प्राक्‍कलन की अवधि स्‍वीकृति दिनांक से तीन वर्ष तक के लिए कार्य कराने हेतु आवंटन की उपलब्‍धतानुसार निर्धारित है। (ख) जी नहीं। (ग) प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता। शेष प्रश्‍नांश के परिप्रेक्ष्‍य में उल्‍लेखित स्‍थान पर स्थित आवासगृहों के स्‍वीकृत प्राक्‍कलनों पर तकनीकी, त्‍वरित आवश्‍यकता एवं उपलब्‍ध आवंटन तथा कार्य की प्रकृति को दृष्टिगत रखते हुए प्राथमिकता के आधार पर कराये जाते है। (घ) जी हाँ। वस्‍तुत: साधारण मरम्‍मत के अंतर्गत मूलभूत सुविधा अंतर्गत अत्‍यंत आवश्‍यक कार्य शीघ्र किये जाते है तथा स्‍वीकृत प्राक्‍कलन के आधार पर विशेष मरम्‍मत कार्य, कार्य की प्रकृति उपलब्‍ध संसाधन एवं आवंटन के अनुसार किये जाते है।

मंदिरों की कृषि भूमि पर अवैध कब्‍जा

57. ( क्र. 3622 ) श्री शैलेन्‍द्र पटेल : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सीहोर जिलान्‍तर्गत कितने मंदिरों की कृषि भूमि पर अवैध कब्‍जे होने की शिकायतें आई हैं? पिछले 3 वर्षों की जानकारी देवें? (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार विगत तीन वर्षों को अवैध कब्‍जों के अनुविभागीय (राजस्‍व) कार्यालयों में लंबित प्रकरणों का ब्‍यौरा दें? (ग) क्‍या शासन द्वारा मठ व मंदिरों के पुजारियों को मानदेय/वेतन दिया जा रहा है यदि हाँ, तो कितनी राशि और कब-कब दी जाती है? (घ) सीहोर जिले में मठ व मंदिरों के पुजारियों को कब तक का वेतन/मानदेय दिया जा चुका हैं?

उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) सीहोर जिले में मंदिरों की कृषि भूमि पर अवैध कब्‍जे होने के संबंध में विगत तीन वर्षों में कोई शिकायतें प्राप्त नहीं हुई हैं। (ख) प्रश्‍नांश (क) के उत्‍तर के प्रकाश में प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता।      (ग) शासन संधारित मंदिरों के पुजारियों को कलेक्‍टर की मांग अनुसार मानदेय राशि दी जाती है। (घ) सीहोर जिले में शासन संधारित मंदिरों के पुजारियों को कलेक्‍टर से प्रस्‍ताव प्राप्‍त होने पर मानदेय देने पर विचार किया जावेगा।

बीना कुरवाई मार्ग पर निर्माण एजेंसी द्वारा अवैध टौल टैक्‍स वसूलना

58. ( क्र. 3632 ) श्री वीरसिंह पंवार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या बी.ओ.टी. योजना के अंतर्गत बनाई गई बीना कुरवाई सिरोंज रोड स्‍टैट हाईवे क्र. (14) पर बीना कुरवाई के बीच टोल प्‍लाजा पर निर्माण एजेंसी टी.सी.आई.एल. द्वारा दिनांक 25 अप्रैल 2014 से टोल टैक्‍स वसूल करना प्रारंभ कर दिया गया है? यदि हाँ, तो इनको यह टैक्‍स वसूलने की अनुमति किसने और कब दी है और इनसे कितनी राशि जमा कराई गई है? (ख) क्‍या 25 अप्रैल 2014 के पहले रोड निर्माण कंपनी टी.सी.आई.एल. ने पूरा मार्ग निर्माण हो जाने और सरकार को हैण्‍ड ओवर का काम निपटा लिया था। टोल टैक्‍स वसूलने के पहले उसकी जाँच विभाग द्वारा पूरी कर ली गई और प्रमाण पत्र दे दिया गया था या कंपनी द्वारा स्‍वत: अपने आप ही टोल टैक्‍स की वसूली प्रारंभ कर दी गई थी? (ग) क्‍या टोल टैक्‍स वसूली के पहले निर्माण कंपनी से शासन को रोड निर्माण लागत के अलावा प्रति वर्ष 1.06 करोड़ रूपये लेना थे, वह प्राप्‍त हो गये थे एवं उसके बाद भी अभी तक इस सड़क के नाम पर टी.सी.आई.एल. कंपनी से कितने रूपये प्राप्‍त हुये हैं? यदि रूपये जमा नहीं है तो क्‍या शासन द्वारा यह टैक्‍स बंद कराने और जो टैक्‍स यह वसूल चुके उसे वापिस दिलाने की कार्यवाही की जा रही है? (घ) इस मार्ग पर पहले जो पक्‍के यात्री प्रतीक्षालय थे वह इस कंपनी ने तुड़वा दिये उसकी जगह जो प्रतीक्षालय टी.सी.आई.एल. कंपनी द्वारा चार खम्‍बे खड़े करके टीन शेड डाल कर बना दिये है? क्‍या यह प्रतीक्षालय अनुबंध अनुसार सही है? क्‍या इनका निरीक्षण करा लिया है और क्‍या शासन इनसे सन्‍तुष्‍ट है? यदि नहीं, तो इस कंपनी पर क्‍या कार्यवाही की जा रही है?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जी हाँ। दिनांक 15/04/2014 से जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार। राशि जमा कराने का प्रावधान नहीं है। (ख) जी हाँ। जी हाँ। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) टोल वसूली के अनुबंधानुसार दिनांक 15/04/2014 से प्रोवीजनल कम्पलीशन सर्टिफिकेट जारी होने पर प्रारंभ हुई है। अनुबंध में प्रतिवर्ष रू. 1.06 करोड़ प्रीमियम कंसेशनायर द्वारा एम.पी.आर.डी.सी. को देने का प्रावधान है। वर्ष 2014-15 को प्रीमियम रू. 1.06 करोड़ एम.पी.आर.डी.सी. को दिनांक 19/06/2014 को प्राप्त हुआ है। वर्ष 2015-16 का प्रीमियम अप्राप्त है। प्रीमियम न देने पर टोल बंद करने का कोई प्रावधान अनुबंध में नहीं है। (घ) सड़क के पुनर्निर्माण के दौरान अवरोधिक निर्माण को हटाया जाना आवश्यक रहता है। अनुबंधानुसार मेसर्स टी.सी.आई.एल. ने निर्धारित डिजाइन के प्रतिक्षालय सड़क पर निर्मित किए है। स्वतंत्र अभियंता द्वारा निरीक्षण उपरांत प्रतिक्षालय के निर्माण उपयुक्त प्रदर्शित किया गया है। अतः कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट ''सड़सठ''

परिक्षेत्र एवं मण्‍डल स्‍तरीय अनुसंधान प्रयोगशाला

59. ( क्र. 3657 ) श्रीमती ममता मीना : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या परिक्षेत्र या मण्‍डल स्‍तरीय अनुसंधान प्रयोगशाला का प्रभार सहायक यंत्री स्‍तर के अधिकारी पर रहने का नियम है? (ख) यदि हाँ, तो लो.नि.वि. मण्‍डल, गुना स्‍तरीय प्रयोगशाला का प्रभार गुना जिले की तहसील राघौगढ़ के लो.नि.वि. उपखण्‍ड राघौगढ़ के पदस्‍थ कनिष्‍ठ उपयंत्री श्री मनोज अग्रवाल को किस नियम और आदेश के तहत दिया गया है? (ग) क्‍या श्री मनोज अग्रवाल उपयंत्री उपसंभाग राघौगढ़ के प्रयोगशाला गुना के प्रभार के साथ उपसंभाग गुना के फतेहगढ़ सेक्‍शन, हवाई पट्टी सेक्‍शन का अतिरिक्‍त प्रभार दे रखा है। निर्माण कार्यों की गुणवत्‍ता का परीक्षण भी उपयंत्री कर रहा है। निर्माण कार्य भी उक्‍त उपयंत्री करा रहा है किस नियम के तहत बतावें। (घ) क्‍या उक्‍त कनिष्‍ठ उपयंत्री से गुना उप संभाग के कार्यों का अतिरिक्‍त प्रभार व प्रयोगशाला गुना का प्रभार कब तक हटाया जावेगा?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जी नहीं। (ख) प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। जी हाँ। जी हाँ, स्टाफ की कमी के कारण। (घ) लोक निर्माण मंडल, गुना के आदेश क्रमांक 479 दिनांक 24/02/16 द्वारा मंडल स्तरीय प्रयोगशाला एवं कार्यपालन यंत्री, लोक निर्माण संभाग गुना के आदेश क्रमांक 723 दिनांक 24/02/16 द्वारा हवाई पट्टी एवं फतेहगढ़ सेक्शन का अतिरिक्त प्रभार वापिस लिया गया है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।

अनुबंध की धारा-14 में अनुबंध को निरस्‍त करने के अधिकार

60. ( क्र. 3658 ) श्रीमती ममता मीना : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनुबंध की धारा 14 के अनुबंध को निरस्‍त करने का अधिकार किन-किन अधिकारियों को दिये गये है? नियम सहित बतावें। (ख) क्‍या लो.नि.वि. संभाग गुना में शा. महाविद्यालय आरोन में मरम्‍मत कार्य, हाईस्‍कूल खजूरी में अतिरिक्‍त कक्ष एवं बरखेड़ा लोहपाल मार्ग के किमी 3/2 वियरिंग कोट निर्माण कार्यों के अनुबंधों को धारा 14 में किस नियम/अधिकार से बंद किया है? (ग) क्‍या जिला चिकित्‍सालय परिसर गुना में मदर वार्ड निर्माण के अनुबंध को धारा 14 में बंद करने का प्रस्‍ताव मुख्‍य अभियंता (उ) ग्‍वालियर को किस नियम के अंतर्गत भेजा गया है? नियम/कारण सहित बतायें। (घ) क्‍या ऐसा अधिकार जिन अधिकारियों को नहीं है तो ऐसी दोहरी नीति एवं नियम विरूद्ध कार्य करने वाले अधिकारी को कब तक दण्डित किया जावेगा?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) मुख्‍य अभियंता, प्रमुख अभियंता एवं शासन को। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्‍नाधीन कार्यों को धारा-14 में बंद नहीं किया गया है। (ग) त्रुटिवश धारा-27 के स्‍थान पर धारा-14 में बंद करने का प्रस्‍ताव मुख्‍य अभियंता लोक निर्माण विभाग उत्‍तर परिक्षेत्र ग्‍वालियर को भेजा गया। प्रस्‍तावित मदरवार्ड निर्माण स्‍थल पर विद्यमान जीर्ण-शीर्ण भवन के ध्‍वस्‍तीकरण की अनुमति अनुबंध दिनांक से सात माह उपरांत एवं ठेकेदार के द्वारा अनुबंध निरस्‍त करने के आवेदन के आधार पर अनुबंध के प्रावधान अनुसार प्रस्‍ताव भेजा गया था।   (घ) किसी अधिकारी ने नियम विरूद्ध कार्य नहीं किया है अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट ''अड़सठ''

वन विभाग द्वारा बांस वितरण

61. ( क्र. 3748 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या विधानसभा क्षेत्र पनागर में बसोड़ी बांस डिपों संचालित है? (ख) यदि हाँ, तो इन बांस डिपों के माध्‍यम से वर्ष 2013-14 एवं 2014-15 में बांस वितरण के लक्ष्‍य के विरूद्ध कितने हितग्राही लाभांवित हुये? (ग) क्‍या वर्ष 2015-16 की कार्ययोजना में लक्ष्‍य बढ़ाने पर विचार किया जावेगा?

वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं।

 परिशिष्ट ''उनहत्तर''

बसोर एवं बैगा समुदाय को बांस उपलब्‍ध कराना

62. ( क्र. 3749 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या बसोर एवं बैगा समुदाय को जीविकोपार्जन के लिये रियायती दरों पर बांस उपलब्‍ध कराया जाता हैं? (ख) यदि हाँ, तो क्‍या अन्‍य समुदाय के व्‍यक्तियों को भी जीविकोपार्जन हेतु रियायती दरों पर बांस उपलब्‍ध कराये जावेंगे? (ग) यदि हाँ, तो कब तक?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी हाँ। (ख) एवं (ग) ऐसा कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता

औद्योगिक क्षेत्र विकास योजना

63. ( क्र. 3765 ) श्री पुष्‍पेन्‍द्र नाथ पाठक : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) छतरपुर जिले में उद्योग विभाग की कितनी जमीन कहाँ-कहाँ पर उपलब्‍ध है। उपरोक्‍त भूमि किस प्रयोजनार्थ है। (ख) जिले में कितने स्‍थानों पर औद्योगिक क्षेत्र विकास की योजना किस-किस उद्योग के लिए बनाई गई है। (ग) क्‍या उद्योग विभाग बिजावर में औद्योगिक क्षेत्र के विकास के लिए कोई योजना नहीं बनायेगा?
उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जानकारी निम्नानुसार है :-

क्र

औद्योगिक क्षेत्र का नाम

उपलब्‍ध भूमि (हेक्‍टे. में)

1

अर्द्धशहरीय औद्योगिक संस्‍थान छतरपुर

3.46

2

बैलगाड़ी प्रोजेक्‍ट एरिया, छतरपुर

16.00

3

औद्योगिक क्षेत्र चंद्रपुरा जिला छतरपुर

50.00

4

शिकारपुरा जिला छतरपुर 

24.212

 

(ख) शिकारपुरा (नौगांव) में 24.212 हेक्‍टेयर शासकीय भूमि विभाग को प्राप्‍त हुई है। मांग के आधार पर औद्योगिक क्षेत्र विकास किये जाने की योजना बनाई जावेगी।    (ग) बिजापुर में औद्योगिक प्रयोजन हेतु शासकीय भूमि उपलब्‍ध नहीं है।

विभागीय विश्राम गृह

64. ( क्र. 3769 ) श्री पुष्‍पेन्‍द्र नाथ पाठक : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले में वन विभाग के कितने रेस्‍ट हाऊस हैं? यहां कहाँ-कहाँ स्थित है। इनमें कितने कमरे है? (ख) प्रश्‍नांश (क) के अनुसार उक्‍त रेस्‍ट हाऊस की देखभाल के लिए कितने अधिकारी/कर्मचारी नियुक्‍त है। (ग) प्रश्‍नांश (क) के अनुसार उक्‍त रेस्‍ट हाऊस में विगत 03 वर्ष में अलग-अलग मद में कितना व्‍यय हुआ।

वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) छतरपुर जिले में वन विभाग के अंतर्गत 6 निरीक्षण कुटीर एवं 3 वन विश्राम गृह (रेस्‍ट हाउस) हैं। इनकी स्थिति एवं कमरों की जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश  ''  के अनुसार छतरपुर जिले में वन विभाग के अंतर्गत 6 निरीक्षण कुटीर एवं 3 वन विश्राम गृह (रेस्‍ट हाउस) की देखभाल के लिये 1 वनरक्षक एवं 10 श्रमिक तैनात हैं। (ग) प्रश्नांश  '' के अनुसार उक्त वन विश्राम गृह (रेस्ट हाउस) में विगत 3 वर्षों में मदवार किये गये व्यय के विवरण की जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट में दी गई है।

परिशिष्ट ''सत्तर''

प्राप्‍त आवंटन एवं व्‍यय

65. ( क्र. 3777 ) प्रो. संजीव छोटेलाल उइके : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मण्‍डला जिले में लोक निर्माण विभाग को परियोजना मद, 275 (1), कलेक्‍टर सेक्‍टर, राज्‍य शासन से वर्ष-2014-15 से प्रश्‍न दिनांक तक कितना-कितना आवंटन प्राप्‍त हुआ बताये? (ख) प्राप्‍त आवंटन से कौन-कौन से कार्य कहाँ-कहाँ    कितनी-कितनी राशि से कराये गये? (ग) उक्‍त कार्यों का मापन मूल्‍यांकन एवं सत्‍यापन किस-किस अधिकारी/कर्मचारी के द्वारा किया गया? नाम, पदनाम सहित बतायें?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '', 'अ-1' एवं 'अ-2' अनुसार है। म.प्र. सड़क विकास निगम के अंतर्गत योजनावार/जिलेवार आवंटन प्राप्‍त नहीं होता। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '', 'अ-1' एवं '' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '', 'अ-1' एवं '' अनुसार है।

आयकर एवं कर्मकार सेस के कटौती

66. ( क्र. 3778 ) प्रो. संजीव छोटेलाल उइके : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मण्‍डला जिले के लोक निर्माण विभाग में वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में म.प्र. शासन की विभिन्‍न योजनाओं, विकास कार्य के लिये कितनी राशि प्राप्‍त हुई? (ख) क्‍या भारत सरकार को आयकर एवं म.प्र. शासन को कर्मकार सेस की एक प्रतिशत राशि विकास कार्य में व्‍यय करने की प्रक्रिया के पालन स्‍वरूप कटौती करने के शासन के निर्देश हैं? (ग) यदि हाँ, तो आयकर एवं कर्मकार सेस की राशि वर्ष 2014-15 से प्रश्‍न दिनांक तक कब-कब कितनी-कितनी कटौती कर भारत सरकार एवं म.प्र. शासन के खजाने में जमा की गयी? (घ) यदि नहीं, तो क्‍या विभाग इसके समायोजन कराने की वैधानिक व्‍यवस्‍था बनाते हुये समायोजन करायेगा? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं, तो क्‍यों?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' एवं 'अ-1' अनुसार है। (ख) जी हाँ। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र 'अ-1', '', '' एवं '' अनुसार है। (घ) आयकर एवं कर्मकार सेस की राशि समायोजित की जा चुकी है। शेष प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता।

वनरक्षक परीक्षा के परिणाम में धांधली

67. ( क्र. 3847 ) श्री रामनिवास रावत (श्री प्रताप सिंह) : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) व्‍यवसायिक परीक्षा मंडल द्वारा 31 जनवरी, 2016 को वनरक्षक परीक्षा के परिणाम में जिन अभ्‍यर्थियों को सफल घोषित किया गया था उनमे से अधिकांश को 01 फरवरी, 2016 याने दूसरे दिन असफल घोषित किये जाने के प्रकरण की वस्‍तुस्थिति से अवगत कराये? (ख) प्रश्‍नांश (क) में उल्‍लेखित परीक्षा के परिणाम 31 जनवरी, 2016 को किस उच्‍च अधिकारी या व्‍यापम के अध्‍यक्ष के हस्‍ताक्षर अथवा अनुमोदन से घोषित किये गये थे उसकी जानकारी दें तथा बतावे कि इस संदर्भ में व्‍यापम का नियम क्‍या है? (ग) उल्‍लेखित परीक्षा के कटऑफ पाइंट क्‍या है तथा वर्ग अनुसार सफल घोषित किये गये अभ्‍यर्थियों के नाम, पता, पिता का नाम, प्राप्‍तांक तथा रेंक सहित सूची प्रदान करें तथा बतावे कि श्रेणी 4 की इस पद हेतु साक्षात्‍कार क्‍यों रखा गया है, क्‍या इससे भ्रष्‍टाचार नहीं बढ़ेगा? (घ) प्रश्‍नांश (क) में उल्‍लेखित परीक्षा के परिणाम में अनियमितता हेतु कोई उच्‍च अधिकारी जिम्‍मेदार है या नहीं क्‍या उसे दंडित किया जावेगा?

तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) की जानकारी एकत्रित की जा रही है।

औद्योगिक क्षेत्र का विकास

68. ( क्र. 3905 ) श्री चन्‍दरसिंह सिसौदिया : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) गरोठ विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कुल कितने औद्योगिक क्षेत्र है क्‍या इन समस्‍त औद्योगिक क्षेत्र पर मूलभूत सुविधा उपलब्‍ध हो गई है? यदि नहीं, तो कब हो पायेगी बतायें? (ख) औसरना औद्योगिक क्षेत्र की वर्तमान में क्‍या स्थिति है? क्‍या किसी उद्योगपति को भूमि आवंटन किया गया है? यदि हाँ, तो कब और किस परियोजना के लिए आवंटित किया गया है? क्‍या आवंटित व्‍यक्ति द्वारा वहां उद्योग की स्‍थापना की जा चुकी है? यदि नहीं, तो क्‍या कोई समय-सीमा तय की गई है?     (ग) अंबुजा सीमेंट लि.को. ग्राम औसारा तह. भानुपरा की कुल कितनी एकड़ शासकीय भूमि आवंटित की गई एवं किन-किन शर्तों के तहत दी गई है? क्‍या वहां उद्योग स्‍थापित हो चुका है यदि नहीं, तो कब तक स्‍थापित किया जावेगा? कोई समय-सीमा तय की गई है? क्‍या आवंटनगृहिता द्वारा समस्‍त शर्तों का पालन किया जा रहा है?

उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) 02 औद्योगिक क्षेत्र क्रमश: गरोठ एवं मोखमपुरा-भानपुरा है। गरोठ औद्योगिक क्षेत्र के आधे हिस्‍से में मूलभूत सुविधायें उपलब्‍ध हो गई हैं। गरोठ औद्योगिक क्षेत्र के शेष आधे भाग तथा मोखमपुरा-भानपुरा में सड़क, बिजली सुविधा हेतु प्राक्‍कलन तैयार किये गये हैं, जो प्रक्रियाधीन है।      (ख) औसरना में औद्योगिक क्षेत्र स्‍थापित नहीं है। ग्राम औसरना में मेसर्स अम्‍बुजा सीमेंट लि. को भूमि आवंटित की गई है, जिसमें उद्योग स्‍थापित नहीं हुआ है। निष्‍पादित लीजडीड के अनुसार उद्योग स्‍थापना हेतु तीन वर्ष की समय-सीमा तय की गई है। (ग) शीर्ष स्‍तरीय निवेश संवर्धन साधिकार समिति की बैठक दिनांक 04.03.2011 में लिये गये निर्णय के अनुरूप मे. अंबुजा सीमेंट लिमिटेड कंपनी को परियोजना हेतु जिला व्‍यापार उद्योग केन्‍द्र, मंदसौर द्वारा पटवारी हल्‍का क्र. 14, ग्राम औसारा, तहसील भानपुर, जिला मंदसौर में 25.554 हेक्‍टेयर शासकीय भूमि आवंटित की गई जिसमें से 20 एकड़ भूमि उद्योग संवर्धन नीति, 2010 में निहित प्रावधान अनुसार रियायती दरों पर दी गई। कंपनी को तीन वर्ष में परियोजना प्रारंभ की जाना थी। कंपनी की परियोजना प्रक्रियाधीन है।

सड़कों का निर्माण

69. ( क्र. 3906 ) श्री चन्‍दरसिंह सिसौदिया : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पिछले तीन वर्षों में विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कुल कितनी सड़क निर्माण की स्‍वीकृति जारी हुई? क्‍या क्षेत्र अंतर्गत समस्‍त सड़कों का कार्य पूर्ण हो गया है? यदि नहीं, तो प्रस्‍ताव अनुसार कितनी सड़कें शेष हैं? वर्तमान में किन-किन सड़कों का निर्माण किया जाना प्रस्‍तावित है? (ख) गांधीसागर से झालावाड़ रोड जो कि पूर्ण क्षतिग्रस्‍त हो गया है उक्‍त मार्ग में कई गड्डे हो गये हैं जिसके निर्माण या रिपेरिंग की अत्‍यन्‍त आवश्‍यकता है? क्‍या विभाग उक्‍त मार्ग के निर्माण हेतु कोई योजना बना रहा है? (ग) क्‍या ग्राम रेहटडी की सड़क निर्माणाधीन है? उक्‍त मार्ग अन्‍तरप्रांतीय मार्ग है जो कि मात्र एक पुलिया बनाने से राजस्‍थान सीमा त‍क जुड़ सकता है? क्‍या विभाग उक्‍त मार्ग पर पुलिया/रपटे का निर्माण करेगा? (घ) वर्तमान बजट में विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कोई सड़क सम्मिलित की गई है? यदि हाँ, तो नाम बतायें?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट अनुसार है। म.प्र. सड़क विकास निगम अंतर्गत पिछले तीन वर्षों में विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कुल दो सड़के (1) नीमच झालावाड़ मार्ग के गाँधी अभ्‍यारण क्षेत्र में ओवर ले कार्य (2) नीमच झालावाड़ मार्ग पर स्थित भानपुरा शहर में सीमेंट कांक्रीट का निर्माण की स्‍वीकृति जारी हुई है। जी नहीं। अभ्‍यारण्‍य क्षेत्र में ओवर ले कार्य पूर्ण हो गया है एवं भानपुरा शहर में सी.सी. रोड निर्माण प्रगतिरत होकर शेष है। म.प्र. सड़क विकास निगम अंतर्गत वर्तमान में कोई सड़क का निर्माण कार्य किया जाना प्रस्‍तावित नहीं है। (ख) जी नहीं। आंशिक क्षतिग्रस्‍त हुआ है। जी हाँ। जी हाँ। मार्ग के कुल 10 कि.मी. में पेंच रिपेयर कार्य शेष है जो शीघ्र ही मरम्‍मत कराये जा रहे है उक्‍त मार्ग के निर्माण हेतु निगम की कोई योजना नहीं है। (ग) विभाग के अंतर्गत निर्माणाधीन नहीं। (घ) जी नहीं।

परिशिष्ट ''इकहत्तर''

वन क्षेत्र में नवीन तालाब का निर्माण

70. ( क्र. 3948 ) कुमारी निर्मला भूरिया : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) झाबुआ जिला अंतर्गत वन विभाग की भूमि पर कहाँ-कहाँ तालाब बनाये जाने हेतु उपयुक्‍त स्‍थान उपलब्‍ध है? वर्तमान में विभाग द्वारा कहाँ-कहाँ तालाब निर्माण कार्य किया जाना प्रस्‍तावित किया गया है? स्‍थल सहित अवगत करावें? (ख) झाबुआ जिला अंतर्गत वन भूमि एवं बीहड़ भूमि में क्‍या-क्‍या कार्य किये गये हैं? कार्य का नाम/ स्‍थल का नाम, व्‍यय की गई राशि का वर्ष 2013 से वर्ष 2016 तक विवरण देवें?          (ग) झाबुआ जिले अंतर्गत बीहड़ भूमि/वन भूमि में क्‍या-क्‍या कार्य प्रस्‍तावित किये जा रहे हैं एवं वनों में हो रही अंधाधुंध कटाई को रोकने के लिए विभाग द्वारा क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई व वन भूमि में कितने पौधे रोपे गये? वर्ष 2013 से 2016 तक विवरण देवें? (घ) झाबुआ जिले में स्थित वन रोपणी/पौध रोपणी को अधिक विकसित करने तथा आधुनिकीकरण करने व नवीन किस्‍में की प्रजाति के पौधे उपलब्‍ध करने की दिशा में क्‍या-क्‍या योजना है?

वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) प्रश्नांकित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘1’ अनुसार है। (ख) प्रश्नांकित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘2’ अनुसार है। (ग) प्रश्नांकित भूमियों पर कार्य आयोजना अनुसार बिगड़े वनों का सुधार, जलाऊ एवं चारागाह विकास एवं वृक्षारोपण कार्य प्रस्तावित है। वन क्षेत्र में अवैध कटाई की रोकथाम हेतु वन अमले द्वारा सतत् वनगश्त, उड़नदस्ता द्वारा आकस्मिक चेंकिग व टास्क फोर्स का गठन एवं मुखबिरों का जाल तथा वन समिति सदस्यों के सहयोग से अवैध कटाई पर अंकुश लगाने के सतत प्रयास किये जाते हैं। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘3’ अनुसार है। (घ) वन रोपणी/पौध रोपणी को विकसित करने तथा आधुनिकीकरण करने एवं नवीन किस्मों की प्रजाति के पौधे उपलब्ध कराने की दिशा में योजना में मिस्ट चेंबर बनाना, टिशू कल्चर, बांस पौधों की तैयारी, मानक एवं उपचारित बीजों से पौधा तैयारी, पौलिहाउस निर्माण आदि संबंधित कार्य कराये जाने की योजना है। 

पंजीकृत वन समितियां

71. ( क्र. 3949 ) कुमारी निर्मला भूरिया : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) झाबुआ जिले में कितनी वन समितियां पंजीकृत हैं? इन्‍हें क्‍या अधिकार एवं दायित्‍व दिये गये हैं? इनका कार्यकाल कितना होता है? यह कब से पंजीकृत हैं? कितनी समितियां कार्यकाल पूर्ण कर चुकी हैं? (ख) झाबुआ जिले में पंजीकृत वन समितियों द्वारा विगत तीन वित्‍तीय वर्षों में क्‍या-क्‍या कार्य करवाये गये हैं राशि सहित अवगत करावें? (ग) विगत तीन वित्‍तीय वर्षों में पंजीकृत वन समितियों द्वारा कराये गये कार्यों पर कुल कितनी राशि व्‍यय की गई तथा उन कार्यों का भौतिक सत्‍यापन विभाग के किस स्‍तर के कर्मचारियों/अधिकारियों से करवाया गया?

वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) झाबुआ जिले में 292 वन समितियाँ पंजीकृत हैं। समितियों को दिये गये अधिकार एवं दायित्व जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। इनका कार्यकाल 05 वर्ष का होता है। समितियों का पंजीकरण वर्ष 1992 से वर्ष 2002 के मध्य किया गया है। समस्त समितियों का कार्यकाल पूर्ण होने के उपरान्त पुनः चुनाव करा लिया गया है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ग) विगत तीन वित्‍तीय वर्षों में पंजीकृत वन समितियों द्वारा कराये गये कार्यों पर कुल राशि रूपये 76,74,524/- व्यय की गई। कार्यों का भौतिक सत्यापन वन मण्डलाधिकारी, उप वनमण्डलाधिकारी एवं परिक्षेत्र अधिकारी स्तर के अधिकारियों द्वारा किया गया।

राजमार्गों का निर्माण

72. ( क्र. 3967 ) श्री सुन्‍दरलाल तिवारी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या रीवा संभाग अंतर्गत सतना से रीवा राष्‍ट्रीय राजमार्ग का निर्माण कार्य कराया जा रहा है? इस हेतु निविदा आमंत्रित कर निर्माण कार्य किस एजेन्‍सी को दिया गया? इसी तरह मनगवां से चाकघाट तक के राजमार्ग निर्माण हेतु कब निविदा बुलाई जाकर कार्यादेश किस एजेन्‍सी को जारी किया गया? कार्यादेश के समय उपरोक्‍त मार्गों के निर्माण हेतु क्‍या शर्तें शासन द्वारा तय की गई थीं? अगर तय समय-सीमा के अंदर कार्य नहीं कराये गये, तो उस पर कार्यवाही का शासन द्वारा क्‍या नीति निर्धारित की गई है? (ख) क्‍या प्रश्‍नांश (क) के सड़कों/रोडों का कार्य समय पर पूर्ण न होने के कारण आये दिन दुर्घटनाएं घटित होती हैं एवं आवागमन भी बाधित हो रहा है? इसके लिए जिम्‍मेदार किस अधिकारी पर निहित कर कार्यवाही करेंगे? साथ ही आज तक में खर्च की गई राशि का ब्‍यौरा देवें? (ग) यदि प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) के निर्माण के अनुसार राशि का आहरण ज्‍यादा कर लिया गया है, तो इसके लिए जिम्‍मेदार एवं दोषियों की पहचान कर उनके विरूद्ध क्‍या कार्यवाही करेंगे? साथ ही उपरोक्‍त कार्य कब तक पूर्ण करा लिए जाएंगे?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जी हाँ, रीवा संभाग अंतर्गत सतना से बेला राष्‍ट्रीय राजमार्ग क्रं. 75 का निर्माण कार्य किया जा रहा है। इस हेतु निविदा आमंत्रित कर निर्माण कार्य निवेशक मेसर्स टॉपवर्थ टोलवेज (बेला) प्रा.लि. मुंबई को दिया गया है। मनगवां से चाकघाट राष्‍ट्रीय राजमार्ग क्रं. 27 का निर्माण बी.ओ.टी. पद्धति से करने हेतु निविदा दिनांक 06.01.2010 को बुलाई जाकर दिनांक 27.04.2012 को अनुबंध निवेशक मेसर्स टॉपवर्थ टोलवेज (मनगवां) प्रा.लि. मुंबई के साथ किया गया। उपरोक्‍त मार्गों का निर्माण अनुबंध में दी गई शर्तों के अनुसार किया जाना है। अगर तय समय-सीमा के अंदर कार्य नहीं किये जाते है तो अनुबंध की कंडिका 12.4 के अनुसार कार्यवाही का प्रावधान है। (ख) जी नहीं। निर्माण एजेन्‍सी द्वारा आवागमन सुचारू रूप से संचालित करने हेतु आवश्‍यक मरम्‍मत कार्य निरंतर किया जा रहा है। आवागमन बाधित होने की स्थिति में निवेशकर्ता द्वारा तत्‍काल व्‍यवस्‍था उपलब्‍ध करायी जाकर आवागमन सुचारू किया जाता है। अत: शेष का प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता। मार्ग का निर्माण बी.ओ.टी. पद्धति पर किया जा रहा है। अत: निर्माण कार्य पर किया जाने वाला व्‍यय निवेशकर्ता द्वारा ही वहन किया जाता है। सतना बेला में ग्रांट मुक्‍त नहीं की गई है। मनगवां-चाकघाट में परियोजना पर ग्रांट के रूप में रू. 37.56 करोड़ राशि केन्‍द्रीय आर्थिक कार्य विभाग द्वारा सीधे निवेशकर्ता को मुक्‍त की गई है। (ग) प्रश्‍नांश '''' एवं '''' के निर्माण कार्य का कार्य बी.ओ.टी. पद्धति से होने के कारण ज्‍यादा राशि का आहरण का प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता, अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। कार्य दिसम्‍बर 2016 तक पूर्ण करना संभावित है।

छपारा में चमरया नाला पर उच्‍च स्‍तरीय पुल निर्माण

73. ( क्र. 4061 ) श्री रजनीश सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या केवलारी विधानसभा अंतर्गत विकासखण्‍ड छपारा के ग्राम छपारा में चमरया नाला पर उच्‍चस्‍तरीय पुल निर्माण हेतु पूर्व जनप्रतिनिधियों एवं प्रश्‍नकर्ता द्वारा लगातार पत्राचार किया गया है? (ख) क्‍या चमरया नाला पर पुल निर्माण हेतु कोई प्रस्‍ताव विभाग के पास लंबित हैं? यदि हाँ, तो जानकारी देवें? विगत 03 वर्षों से प्रश्‍न दिनांक तक चमरया नाला निर्माण के लिए शासन ने क्‍या-क्‍या कार्यवाही की? (ग) क्‍या चमरया नाला पर पुल निर्माण वर्ष 2016 में शुरू हो जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक और कब तक पूर्ण कर लिया जावेगा?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। विभागीय स्‍थायी वित्‍तीय समिति की 98वीं बैठक में दिनांक 08.04.2013 एवं 25.04.2013 को अनुमोदित इस शर्त पर किया गया था कि वर्ष 2013-14 के प्रथम अनुपूरक बजट में सम्मिलित किया जावे एवं प्‍लान सीलिंग उपलब्‍ध होने पर प्रशासकीय स्‍वीकृति जारी की जावे, किन्‍तु बजट में सम्मिलित नहीं होने से अग्रिम कार्यवाही संभव नहीं हो सकी है।     (ग) वर्तमान में बजट में सम्मिलित न होने एवं स्‍वीकृति प्राप्‍त न होने के कारण प्रारंभ करना संभव नहीं है। निश्चित तिथि बताना संभव नहीं है।

खेल सुविधाओं का विस्‍तार एवं विकास

74. ( क्र. 4079 ) श्री प्रदीप अग्रवाल : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) दतिया जिले में खेल एवं युवा कल्‍याण विभाग के अंतर्गत कौन-कौन अधिकारी कर्मचारी कब से पदस्‍थ हैं? वर्ष 2012-13 से जनवरी 2016 के मध्‍य इस विभाग को कुल कितनी धनराशि प्राप्‍त हुई? कितनी-कितनी धनराशि खर्च की गई?    (ख) प्रश्‍नांश (क) के प्रकाश में दतिया जिले में खेल एवं युवा कल्‍याण के क्षेत्र में विभाग द्वारा क्‍या-क्‍या प्रयास किये गये? कौन-कौन सी उपलब्धियां हासिल की गई?    (ग) पंचायत युवा क्रीड़ा और खेल अभियान पायका के संदर्भ में पंचायत स्‍तर पर खेल सुविधाओं का विकास एवं विस्‍तार की दिशा में उक्‍त वर्षों में दतिया जिले के सेंवढ़ा विधानसभा क्षेत्र के किन-किन ग्राम पंचायतों का चयन किया जाकर किन-किन पंचायतों को कितनी-कितनी राशि उपलब्‍ध कराई गई तथा किन-किन खेलों का विकास व विस्‍तार कराया गया? (घ) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) के प्रकाश में अभिनव युवा अभियान के तहत दतिया जिले के सेंवढ़ा विधानसभा क्षेत्र में उक्‍त वर्षों में किन-किन खेलों का   कहाँ-कहाँ आयोजन किया गया? ग्रामों को कितनी-कितनी राशि प्रदाय की गई तथा इन ग्रामों के सरपंचों को कितनी-कितनी राशि के पुरस्‍कार दिये गये? क्‍या नकद पुरस्‍कार व्‍यक्तिगत होता है या उन ग्रामों में खेल हित पर खर्च किया जाता है?

उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) नियमित कर्मचारियों/अधिकारी की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘’’ अनुसार है। वर्ष 2012-13 से जनवरी 2016 के मध्य दतिया जिले को राशि रू. 2,37,44,997/- प्राप्त हुई है एवं राशि रू. 2,27,67,385/- का व्यय किया गया। (ख) दतिया जिले में ग्रीष्मकालीन खेल प्रशिक्षण ग्रामीण खेल कूद प्रतियोगिता, महिला खेलकूद प्रतियोगिता, युवा उत्सव (सांस्कृतिक कार्यक्रम) युवा अभियान, योग, महिलाओं की आत्मरक्षार्थ वीरांगना योजनान्तर्गत मार्शल आर्टस प्रशिक्षण, ग्रामीण युवा केन्द्र के माध्यम से ग्रामीण स्तर व ब्लाक मुख्यालय स्तर पर खेल प्रतियोगिता, संगोष्टी वृक्षारोपण, महिलाओं को स्व-रोजगार उपलब्ध कराने हेतु युवा केन्द्र के माध्यम से सिलाई, कड़ाई एवं ब्यूटीशियन प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन द्वारा युवाओं को खेल से जोड़ने के प्रयास किये गये। राष्ट्रीय स्तर एवं राज्य स्तर पर खिलाडि़यों को वर्ष 2012-13 में 15, वर्ष 2013-14 में 07, वर्ष 2014-15 में 05, वर्ष 2015-16 में 33 पदक प्राप्त हुए। (ग) विधानसभावार ग्राम पंचायतों का चयन नहीं किया जाता है। वर्ष 2012-13 में दतिया जिले के सेवढ़ा विकासखण्ड के चयनित ग्राम पंचायतों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘’’ अनुसार है। किसी भी योजना में ग्राम पंचायतों को राशि उपलब्ध नहीं कराई जाती है। खो-खो, कबड्डी, वालीबॉल, कुश्ती, फुटबॉल आदि खेलों की सुविधाओं का विकास व विस्तार किया गया। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘’’ अनुसार है। अभिनव युवा अभियान के तहत ग्रामों को कोई राशि नहीं दी जाती है। ब्लॉक/जिला/संभाग स्तर की प्रतियोगिताओं में सरपंचों को कोई पुरस्कार राशि नहीं दी जाती है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।

नवीन कक्षों का निर्माण

75. ( क्र. 4080 ) श्री प्रदीप अग्रवाल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या दतिया जिले में कार्यालय संभागीय परियोजना यंत्री लोक निर्माण विभाग पी.आई.यू. बावत् नवीन कक्षों का निर्माण कराया गया है? यदि हाँ, तो उक्‍त कार्य की निविदा कब और कौन से अखबार के माध्‍यम से आमंत्रित की गई? (ख) कंडिका (क) में वर्णित कार्य बावत् कुल कितनी व किस-किस की निविदायें प्राप्‍त हुई तथा किस निर्माण एजेंसी को कितनी राशि का आदेश (निर्माण कार्य बावत्) दिया गया? एजेंसी का नाम/कार्य की लागत राशि की जानकारी उपलब्‍ध कराई जावे? (ग) क्‍या बिना अनुमति, बिना ई-टेण्‍डर कराये उक्‍त निर्माण कार्य कराया गया है, जिसके फलस्‍वरूप नियमों का उल्‍लंघन हुआ है? यदि हाँ, तो इसके लिये कौन-कौन जिम्‍मेदार हैं? उनके खिलाफ क्‍या कार्यवाही की जायेगी? यदि नहीं, तो क्‍या जाँच कराई जावेगी?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जी नहीं। अपितु विद्यमान भवन का रिनोवेशन कराया गया है। (ख) कंडिका '''' में वर्णित कार्य के लिए निविदा नहीं बुलाई अपितु एक अन्‍य अनुबंध क्रं. 21/2014-15 के ठेकेदार श्री विपुल नीखरा को अनुपूरक राशि रू. 5.00 लाख अतिरिक्‍त परियोजना संचालक के आदेश क्रं. 2619 दिनांक 27.01.2015 से स्‍वीकृत की गई। (ग) जी नहीं। नियमों का उल्‍लंघन नहीं हुआ है। कोई जिम्‍मेदार नहीं है। प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता।

आई.टी.आई. संस्‍था द्वारा फर्नीचर एवं उपकरण खरीदी

76. ( क्र. 4109 ) श्री रामेश्‍वर शर्मा : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पिछले दो वर्षों के दौरान भोपाल संभाग के कितने जिलों में आई.टी.आई. द्वारा फर्नीचर एवं उपकरण क्रय किए गए हैं? कृपया जिलावार पूरी सूची सप्‍लायर का नाम, सामग्री का नाम, प्रति इकाई मूल्‍य और किए गए कुल भुगतान का उल्‍लेख करते हुए उपलब्‍ध कराएं? (ख) क्‍या उक्‍त खरीदी की प्रक्रिया में भंडार-क्रय नियमों का पालन किया गया है? (ग) सामग्री क्रय की उक्‍त निविदाओं में शामिल प्रतिस्‍पर्द्धी निविदाकारों के नाम एवं दरें बतावें? (घ) उक्‍त सामग्री की खरीदी प्रक्रिया में अनियमितता की कितनी शिकायतें अभी तक प्राप्‍त हुई है और उनका क्‍या निराकरण किया गया है?

तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) भोपाल संभाग के 05 जिलों की 21 संस्‍थाओं में से 10 संस्‍थाओं द्वारा क्रय की कार्यवाही की गई। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'एक' अनुसार है। (ख) जी हाँ। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'दो' अनुसार है। (घ) जी नहीं। शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

वनखण्‍डों में भूमि

77. ( क्र. 4130 ) श्रीमती रेखा यादव : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परि.अता. प्रश्‍न संख्‍या-87 (क्रमांक 1088) दिनांक 11 दिसम्‍बर 2014 के पुस्‍तकालय परिशिष्‍ट में छतरपुर वनवृत के अतंर्गत किस वनमण्‍डल में कितने ग्रामों की कितने वनखण्‍डों में शामिल कितनी भूमियों को वर्किंग प्‍लान में सम्मिलित किए जाने की जानकारी दी गई है इन भूमियों की किस-किस धारा के अतंर्गत जाँच वर्तमान में किस अधिकारी के समक्ष लंबित है? (ख) भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा 4 (1) में अधिसूचित धारा 5 से 19 तक की जाँच के लिए लंबित कितने वनखण्‍डों का मुख्‍य सचिव भोपाल के पत्र दिनांक 24 जुलाई 2004 के अनुसार वन और राजस्‍व विभाग ने संयुक्‍त सीमांकन कर लिया है कितने वनखण्‍डों का संयुक्‍त सीमांकन किन कारणों से नहीं किया जा सकता है? (ग) संयुक्‍त सीमांकन के दौरान वनखण्‍ड में शामिल भूमि राजस्‍व अभिलेखों में किन-किन मदों में दर्ज होना पाया गया, किन-किन सार्वजनिक एवं निस्‍तारी प्रयोजनों के लिए दर्ज होना पाया व वनखण्‍ड में शामिल भूमियों को किस दिनांक की अधिसूचना के अनुसार संरक्षित वन अधिसूचित किया गया। (घ) राज्‍य मंत्रालय प्रमुख सचिव वन विभाग ने 10 अप्रैल 2015 को जारी पत्र में किन धाराओं में अधिसूचित भूमियों के संबंध में क्‍या-क्‍या आदेश, निर्देश दिए है उसके अनुसार कब तक राजस्‍व अभिलेखों में दर्ज मदों, अधिकारों एवं प्रयोजनों का अभिलेखन कर लिया जावेगा समय-सीमा सहित बतावें?

वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। भारतीय वन अधिनियम, 1927 की धारा-5 से 19 तक की जाँच एवं कार्यवाही वन व्‍यवस्‍थापन अधिकारी जो अनुविभागीय अधिकारी राजस्‍व है, के समक्ष वर्तमान में लंबित है। विवरण संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' के कॉलम-6 अनुसार है। (ख) भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा 4 (1) में अधिसूचित धारा 5 से 19 तक की जाँच के लिए लंबित वनखण्‍डों की वनमण्‍डलवार संयुक्‍त सीमांकन की जानकारी निम्‍नानुसार है:-

क्र.

वनमण्‍डल

वनखण्‍ड (संयुक्‍त सीमांकन किया जा चुका है)

1

छतरपुर

229

 

2

टीकमगढ़

255

 

3

उत्‍तर पन्‍ना

96

 

4

दक्षिण पन्‍ना

52

 

 

योग

632

 

 
वनमण्‍डल छतरपुर के संयुक्‍त सीमांकन हेतु शेष 3 वनखण्‍ड क्षतिपूर्ति वैकल्पिक वृक्षारोपण हेतु वन संरक्षण अधिनियम के तहत प्राप्‍त गैर वन क्षेत्र है जिसका नियमानुसार भा.व.अ. 1927 के धारा 29 के तहत कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ग) मुख्‍य सचिव के पत्र क्रमांक-230/सी.एस./04, दिनांक 24 जुलाई 2004 द्वारा जारी निर्देशों के अन्‍तर्गत संयुक्‍त सीमांकन के दौरान वनखण्‍ड में सम्मिलित भूमि की नोईयत एवं प्रयोजनों का अभिलेखित करने के निर्देश नहीं होने से यह कार्यवाही नहीं की गई। छतरपुर वन वृत्‍त के अन्‍तर्गत वनखण्‍ड में शामिल छतरपुर वनमंडल की भूमियों को, मध्‍यप्रदेश राजपत्र में प्रकाशित अधिसूचना दिनांक 27.02.1996, 25.02.2000, 06.10.2010, 21.09.2011 एवं टीकमगढ़ वनमण्‍डल की वनभूमियों को, मध्‍यप्रदेश राजपत्र में अधिसूचना दिनांक 19.10.1989, 05.02.1994, 29.01.2000, 02.11.2001 तथा उत्‍तर पन्‍ना एवं दक्षिण पन्‍ना वनमण्‍डल की भूमियों को, रीवा राज दरबार की अधिसूचना आदेश क्रमांक 124 दिनांक 08.02.1937 से अधिसूचित किया गया। (घ) प्रश्‍नांकित निर्देश संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है। राजस्‍व अभिलेखों में दर्ज मदों, अधिकारों एवं प्रयोजनों का अभिलेखन राजस्‍व अधिकारियों द्वारा किया जा रहा है, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

परिशिष्ट ''बहत्तर''

अधिकार अभिलेख वन

78. ( क्र. 4131 ) श्रीमती रेखा यादव : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्‍यप्रदेश शासन वन विभाग के प्रमुख सचिव ने दिनांक 10 अप्रैल 2015 को किस-किस धारा में अधिसूचित भूमियों पर किस विभाग के अभिलेख में दर्ज किन-किन मदों एवं किन-किन मदों एवं किन-किन अधिकारों, प्रयोजनों के ब्‍यौरों को अभिलिखित किए जाने के आदेश, निर्देश दिए हैं इसके अनुसार वन मुख्‍यालय सतपुड़ा भवन भोपाल ने किस दिनांक को पत्र जारी किया? (ख) छतरपुर वनवृत्‍त के अतंर्गत किस वनमण्‍डल में भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा 4 (1) में अधिसूचित कितने वनखण्‍डों में कितने ग्रामों की कितनी भूमि की धारा 5 से 19 तक की जाँच वर्तमान में लंबित है किस वनमण्‍डल की कितनी भूमियों को धारा 29 के तहत राजपत्र में किस दिनांक को संरक्षित वन अधिसूचित किया गया? (ग) 10 अप्रैल 2015 के पूर्व धारा 29 एवं धारा 4 (1) में अधिसूचित भूमियों के संबंध में राजस्‍व अभिलेखों में दर्ज मदों अधिकारों एवं प्रयोजनों का अभिलेखन न किए जाने का क्‍या कारण रहा है, 10 अप्रैल 2015 के बाद किस वनमण्‍डल ने अभिलेखन के संबंध में किस-किस दिनांक को क्‍या-क्‍या कार्यवाही की है? (घ) धारा 29 एवं धारा 4 (1) में अधिसूचित भूमियों पर राजस्‍व अभिलेखों में दर्ज मदों अधिकारों एवं प्रयोजनों का वन विभाग के अभिलेखों में कब तक अभिलेखन कर लिया जावेगा?

वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) प्रश्‍नांकित निर्देश संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है। वन मुख्‍यालय सतपुड़ा भवन से इस पत्र के परिप्रेक्ष्‍य में कोई पत्र जारी नहीं किया गया। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ग) एवं (घ) भारतीय वन अधिनियम, 1927 की धारा-29 एवं धारा 4 (1) में अधिसूचित भूमियों के संबंध में राजस्‍व अभिलेखों में दर्ज किये जाने वाले अधिकारों एवं प्रयोजनों का अभिलेखन राजस्‍व विभाग द्वारा किया जाता है। तत्‍समय राजस्‍व विभाग द्वारा दर्ज अधिकारों एवं प्रयोजनों की जानकारी न दिया जाना इसका कारण रहा है। भारतीय वन अधिनियम, 1927 की धारा 4 (1) में अधिसूचित भूमियों के संबंध में राजस्‍व अभिलेखों में दर्ज अधिकारों के अभिलेखन की कार्यवाही अनुविभागीय अधिकारी (राजस्‍व) एवं पदेन वन व्‍यवस्‍थापन अधिकारी द्वारा वन व्‍यवस्‍थापन की कार्यवाही के अंतर्गत की जाती है, जो प्रचलित है। 10 अप्रैल 2015 के बाद धारा-29 के प्रकाशन हेतु अधिसूचनाओं में अधिकारों का अभिलेखन किया गया है। वनमण्‍डलवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है।

परिशिष्ट ''तिहत्तर''

कॉलेजों में छात्रवृति का भुगतान

79. ( क्र. 4200 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा जिले के नोडल अधिकारी एवं प्रचार्य, शासकीय कन्‍या महाविद्यालय विदिशा के अन्‍तर्गत कोन-कोन से शासकीय एवं अशासकीय महाविद्यालय/कॉलेज है, इन महाविद्यालय/कॉलेज में शिक्षा सत्र 2013-14, 2014-15 एवं 2015-16 में कितने छात्र दर्ज हुये थे? महाविद्यालय/कॉलेजवार जानकारी देवे?       (ख) प्रश्‍नांश ‘’’’ में उल्‍लेखित दर्ज हुये छात्रों में से शासन की योजना अन्‍तर्गत छात्रवृत्ति का भुगतान की पात्रता रखते थे? कितने छात्रों को छात्रवृत्ति का भुगतान कर दिया गया है, कितने शेष है? शेष का क्‍या कारण है? कब तक भुगतान किया जावेगा? (ग) प्रश्‍नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र अन्‍तर्गत शासकीय महाविद्यालय/कॉलेजों में अध्‍ययनरत ऐसे कितने छात्र हैं, जिन्‍हें विगत वर्षों की छात्रवृत्ति का भुगतान नहीं हुआ है? इसके लिये दोषी कौन हैं? भुगतान कब तक किया जावेगा?

तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) विदिशा जिले के शासकीय कन्या महाविद्यालय के अंतर्गत 10 शासकीय एवं 20 अशासकीय महाविद्यालय संचालित हैं। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र एवं अनुसार।         (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अनुसार है। मूल टी.सी. प्राप्त होने पर इसी सत्र में भुगतान कर दिया जावेगा। (ग) प्रश्नांश अनुसार प्रश्न उपस्थित नहीं होता।

विश्‍वविद्यालय का दर्जा प्रदाय किया जाना

80. ( क्र. 4248 ) श्री तरूण भनोत : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या माननीय तकनीकी शिक्षा और विकास मंत्री जी द्वारा विगत वर्ष इंजीनियरिंग महाविद्यालय, जबलपुर को रूसा के अंतर्गत विश्‍वविद्यालय का दर्जा प्रदाय किये जाने बावत् घोषणा की गई थी? यदि हाँ, तो की गई कार्यवाही विवरण देवें? (ख) क्‍या राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्‍वविद्यालय भोपाल का विखण्‍डन करते हुये प्रदेश में चार तकनीकी विश्‍वविद्यालयों का गठन करने का संकल्‍प पूर्व में विधानसभा में पारित किया गया था? यदि हाँ, तो कार्यवाही विवरण देवें? (ग) डिप्‍टी कलेक्‍टर, जबलपुर द्वारा की गई जाँच में पूर्व प्रभारी प्राचार्य इंजीनियरिंग महाविद्यालय, जबलपुर को विशेष भर्ती अभियान में की गई अनियमितता का दोषी पाया गया था? क्‍या कलेक्‍टर, जबलपुर ने भी उनके विरूद्ध विधि अनुकूल कार्यवाही किये जाने की अनुशंसा दिनांक    24 फरवरी, 2007 को की गई थी? पूर्व प्रभारी प्राचार्य पर की गई कार्यवाही का विवरण देवें?

तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (ग) की जानकारी एकत्रित की जा रही हैं।

रोजगार हेतु हितग्राहियों को ऋण दिया जाना

81. ( क्र. 4270 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) रीवा जिले के विकासखण्‍ड हनुमना में उद्योग विभाग रीवा द्वारा वर्ष 2001 से 2005 तक कुल कितने हितग्राहियों को रोजगार के लिये लोन (कर्ज) दिये गया है? (ख) क्‍या हितग्राहियों द्वारा जो जाति/निवास प्रमाण पत्र/ आय प्रमाण पत्र तथा अन्‍य दस्‍तावेज लगाये गये है वह पूर्ण रूप से फर्जी है? (ग) यदि हाँ, तो फार्म में फर्जी दस्‍तावेज लगाने वालों के विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, तो कब तक की जावेगी?

उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) 112 हितग्राहियों को बैंकों के माध्यम से रोजगार के लिये ऋण उपलब्ध कराया गया। (ख) हितग्राहियों द्वारा जो जाति प्रमाण पत्र/निवास प्रमाण पत्र/आय प्रमाण पत्र व अन्य दस्तावेज लगाये गये हैं उनके फर्जी होने संबंधी कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। (ग) प्रश्‍नांश ’’’’ के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।

करैरा अभ्‍यारण्‍य का डिनोटीफिकेशन

82. ( क्र. 4337 ) श्री प्रहलाद भारती : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या करैरा अभ्‍यारण्‍य करैरा के बराबर वन क्षेत्र वीरांगना दुर्गावती अभ्‍यारण्‍य में अतिरिक्‍त क्षेत्र अधिसूचित करने के प्रस्‍ताव पर वन विभाग में कार्यवाही प्रचलन में है? यदि हाँ, तो कार्यवाही की अद्यतन स्थिति से अवगत करावें? (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में क्‍या करैरा अभ्‍यारण्‍य करैरा को डि-नोटीफाई करने हेतु कोई और व्‍यवधान या समस्‍या है, जिसके कारण 1996 से लगातार प्रयास करने के बाद भी उक्‍त अभ्‍यारण्‍य को डि-नोटीफाई नहीं किया जा सका है? (ग) करैरा अभ्‍यारण्‍य करैरा में शामिल 32 ग्रामों के कृषकों की निजी भूमि एवं अचल संपत्ति के क्रय-विक्रय पर लगे प्रतिबंध को हटाये जाने हेतु शासन स्‍तर पर क्‍या कार्यवाही प्रचलित है? अद्यतन स्थिति से अवगत करावें? उक्‍त प्रतिबंध कब तक हटा दिया जावेगा?

वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी हाँ। वर्तमान में करैरा अभ्‍यारण्‍य के बराबर वनक्षेत्र अभ्‍यारण्‍य के रूप में वीरांगना दुर्गावती अभ्‍यारण्‍य में अतिरिक्त अधिसूचित करने का प्रस्ताव विचाराधीन है। (ख) केन्द्रीय साधिकार समिति एवं माननीय सर्वोच्च न्यायालय के अनुसार किसी अभ्‍यारण्‍य को डिनोटिफाई करने के पूर्व उसके बराबर क्षेत्र अभ्‍यारण्‍य के रूप में अधिसूचित करना आवश्यक है। यह कार्यवाही न हो पाने से करैरा अभ्‍यारण्‍य को डिनोटिफाई नहीं किया जा सका है। (ग) जी नहीं। वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 की धारा 20 के अंतर्गत उत्तराधिकर के हक के अतिरिक्त अन्य कोई अधिकार अर्जित नहीं होने संबंधी प्रावधान के कारण भूमि का क्रय विक्रय प्रतिबंधित है। अधिनियम में संशोधन भारत सरकार द्वारा ही किया जा सकता है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

करैरा अभ्‍यारण्‍य क्षेत्र के कृ‍षकों की क्षतिपूर्ति

83. ( क्र. 4338 ) श्री प्रहलाद भारती : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या करैरा अभ्‍यारण्‍य करैरा एवं वन्‍यप्राणी एवं मानव जाति एक साथ निवास करती है? एवं वन्‍य प्राणियों के लिए अलग से कोई बाउण्‍ड्रीवॉल/तारफेंसिंग वर्तमान में नहीं है इस कारण वन्‍यप्राणियों द्वारा कृषकों की फसल को अपार क्षति पहुंचाई जाती है? (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में कृषकों को होने वाली क्षति का मुआवजा देने का कोई प्रावधान है? यदि हाँ, तो विगत 05 वर्षों में अभ्‍यारण्‍य क्षेत्र के कितने कृषकों को    कितना-कितना मुआवजा किस-किस क्षति के लिए दिया गया है? यदि नहीं, तो क्‍यों?    (ग) प्रश्‍नकर्ता के अता.प्रश्‍न संख्‍या-29 (क्र. 2804) दिनांक 17.07.2014 के उत्‍तर में बताया गया है कि अभ्‍यारण्‍य प्रबंधन द्वारा प्रतिवर्ष लगभग 100 हेक्‍टेयर क्षेत्र में चारागाह विकास एवं 20 हेक्‍टेयर क्षेत्र में चना बुआई का कार्य किया जाता है? यदि हाँ, तो उक्‍त वनभूमि के सर्वे नम्‍बर मय क्षेत्रफल के पृथक-पृथक बतावें एवं क्‍या उक्‍त क्षेत्र को किसी बाउण्‍ड्रीवाल अथवा तारफेंसिंग के माध्‍यम से कृषकों की निजी भूमि से अलग किया गया है? (घ) प्रश्‍नांश (क), (ख) एवं (ग) के संदर्भ में वन्‍यप्राणी कृषकों की निजी भूमि एवं अभ्‍यारण्‍य प्रबंधन द्वारा विकसित चारागाह को वन्‍यप्राणी किस प्रकार पहचानते होंगे स्‍पष्‍ट करें? क्‍या वन्‍यप्राणियों द्वारा कृषकों की फसलों को अपार क्षति पहुंचाई जाती है जिसका कोई मुआवजा वन विभाग द्वारा कृषकों को नहीं दिया जाता है? कृषकों की क्षतिपूर्ति हेतु शासन क्‍या कोई ठोस कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?

वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी हाँ। वन्यप्राणियों के लिये अलग से कोई बाउण्ड्रीवाल/तार फेंसिंग नहीं है। वन्यप्राणियों द्वारा फसल को अपार क्षति हो जाने बावत् कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। (ख) जी हाँ। विगत 05 वर्षों में अभ्‍यारण्‍य क्षेत्र के अंतर्गत वन्यप्राणियों से फसल नुकसानी का मुआवजा राशि प्राप्त करने हेतु कोई आवेदन/शिकायत कृषकों से प्राप्त नहीं हुई है। अतः मुआवजा दिये जाने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ। यह कार्य शासकीय राजस्व भूमि में किया जाता है, जिसके सर्वे क्रमांक एवं क्षेत्रफल की जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है। उक्त क्षेत्र को बाउण्ड्रीवाल अथवा तार फेंसिंग से कृषकों की निजी भूमि से अलग नहीं किया गया है। (घ) कृषक की निजी भूमि एवं अभ्‍यारण्‍य में विकसित चारागाह के अन्तर को समझने हेतु वन्यप्राणी सक्षम नहीं है। वन्यप्राणियों द्वारा कृषकों की फसलों को नुकसानी पहुंचाने के लिये मुआवजा राशि बावत् कोई आवेदन कृषकों से प्राप्त नहीं हुआ है। वन विभाग द्वारा वन्यप्राणियों से फसल हानि हेतु क्षतिपूर्ति राशि दिये जाने का प्रावधान नहीं है। कृषकों की फसलों की क्षतिपूर्ति हेतु मध्यप्रदेश लोक सेवाओं के प्रदान की गारंटी अधिनियम, 2010 के तहत् सेवा क्रमांक 4.6 के अंतर्गत वन्यप्राणियों से फसल हानि होने पर 30 कार्य दिवस में प्रभावित लोगों को क्षतिपूर्ति राशि राजस्व पुस्तक परिपत्र के आधार पर दिये जाने का प्रावधान किया गया है।

परिशिष्ट ''चौहत्तर''

पूर्ण कार्यों का हस्‍तांतरण

84. ( क्र. 4437 ) श्रीमती पारूल साहू केशरी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिले में लोक निर्माण विभाग द्वारा 01.04.2013 से प्रश्‍न दिनांक तक कितने नवीन निर्माण कार्य किस-किस प्रकार के और कहाँ-कहाँ स्‍वीकृत किये गये हैं? (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार स्‍वीकृत निर्माण कार्यों में से कितने और   कहाँ-कहाँ के कौन-कौन से कार्य पूर्ण, अपूर्ण एवं अप्रारंभ है? (ग) प्रश्‍नांश (ख) अनुसार जो कार्य पूर्ण हो चुके है क्‍या उनका लोकार्पण कराया जाकर संबंधित विभाग को हस्‍तांतरित कर दिया गया है? यदि नहीं, तो क्‍यों? (घ) प्रश्‍नांश (ख) अनुसार ऐसे कितने निर्माण कार्य हैं जिनके निर्माण की कार्यावधि समाप्‍त हो चुकी है और वे या तो अपूर्ण हैं अथवा प्रारंभ नहीं किये गये है? इस संबंध में विभागीय स्‍तर से कब-कब, क्‍या-क्‍या कार्यवाही किस-किस के विरूद्ध की गयी है?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) से (घ) विवरण पुस्तकालय में रखे    प्रपत्र-अ, अ-1, अ-2 एवं अ-3 अनुसार है।

औद्योगिक प्रशिक्षण संस्‍था के भवन की मरम्‍मत

85. ( क्र. 4484 ) श्री राजेन्द्र श्‍यामलाल दादू : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र नेपानगर के खकनार में औद्योगिक प्रशिक्षण संस्‍था का भवन किस वर्ष में निर्मित हुआ, इसकी लागत कितनी थी? भवन किस एजेंसी द्वारा निर्माण किया गया? (ख) वर्तमान में भवन की भौतिक स्थिति क्‍या है? भवन कितनी जगह जीर्ण-शीर्ण हुआ है? (ग) उक्‍त औद्योगिक प्रशिक्षण संस्‍था में कौन-कौन से विषयों का प्रशिक्षण दिया जाता है? कर्मचारियों अधिकारियों के     कितने-कितने पद निर्मित है? उनमें से कितने पद रिक्‍त है? (घ) क्‍या उक्‍त औद्योगिक प्रशिक्षण संस्‍थान का स्‍वयं का कोई फंड है? यदि हाँ, तो उसमें कितनी राशि जमा है? उक्‍त राशि किस-किस प्रयोजन हेतु उपयोग की जा सकती है? विगत 03 वर्षों में   किन-किन प्रयोजन हेतु राशि का उपयोग किया गया?

तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) विधानसभा क्षेत्र नेपानगर के खकनार में औद्योगिक प्रशिक्षण संस्‍था का भवन वर्ष 2005 में निर्मित हुआ है। भवन की कुल लागत रूपये 25.620 लाख थी। भवन का निर्माण ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग द्वारा किया गया। (ख) भवन लगभग 20 वर्ष से अधिक पुराना है। आवश्‍यकता अनुसार मरम्‍मत की कार्यवाही संस्‍था की इन्‍स्‍टीट्यूट मेनेजिंग कमेटी द्वारा की जा रही है।   (ग) संस्‍था में वेल्‍डर, फिटर, इलेक्‍ट्रीशियन तथा कम्‍प्‍यूटर ऑपरेटर एण्‍ड प्रोग्रामिंग असिस्‍टेंट व्‍यवसाय में प्रशिक्षण दिया जाता है। स्‍वीकृत कार्यरत एवं रिक्‍त पदों का विवरण निम्‍नानुसार है :-

स.क्रं.

पदनाम

स्‍वीकृत पद की संख्‍या

कार्यरत पद की संख्‍या

रिक्‍त पद की संख्‍या

रिमार्क

1.

प्रशिक्षण अधीक्षक

01

01

-

-

2.

प्रशिक्षण अधिकारी
 (
व्‍यवसाय ड्राईंग/ गणित)

10

10

-

चार नियमित प्रशिक्षण अधिकारी एवं 06 मेहमान प्रवक्‍ता।

3.

रिसोर्स पर्सन

01

01

-

-

4.

सहायक ग्रेड-3

(दैनिक वेतन भोगी)

01

-

01

-

5.

कर्मशाला सहायक

01

-

01

-

6.

चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी पार्ट टाइम (दैनिक वेतन भोगी)

02

-

02

-

 

(घ) जी हाँ। इन्‍स्‍टीट्यूट मेनेजिंग कमेटी के खाते में रूपये 32757077/- (राशि रूपये तीन करोड़ सत्‍ताईस लाख सत्‍तावन हजार सतहत्‍तर रूपये) जमा है। इस राशि का उपयोग इंस्‍टीट्यूट प्‍लान के अनुसार संस्‍था इंस्‍टीट्यूट मेनेजिंग कमेटी द्वारा सिविल वर्क्‍स, उपकरण, फर्नीचर, बुक्‍स, लर्निंग रिसोर्सेस तथा सॉफटवेयर, अतिरिक्‍त अमला, प्रशिक्षण के लिए कच्‍चा माल, आदि के लिए किया जा सकता है। विगत 03 वर्षों में फर्नीचर क्रय हेतु राशि रू. 837883/- (राशि रू. आठ लाख सैंतीस हजार आठ सौ तेरासी) का व्‍यय किया गया।

शहडोल जिला के केशवाही में महाविद्यालय खोलना

86. ( क्र. 4553 ) श्री जय सिंह मरावी : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या शहडोल जिले के जनपद पंचायत बुढ़ार के अंतर्गत केशवाही एवं केशवाही क्षेत्र के 40 से 50 ग्रामों के विद्यार्थियों को उच्‍च शिक्षा की सुविधा उपलब्‍ध हैं? (ख) यदि हाँ, तो कहाँ हैं और यदि नहीं, है तो लगभग 40 से 50 हजार की आबादी के युवाओं को उच्‍च शिक्षा प्राप्‍त करने से वंचित क्‍यों रखा गया है?         (ग) केशवाही में महाविद्यालय कब तक में खोला जावेगा?

तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। (ख) जनपद पंचायत बुढ़ार के अंतर्गत केशवाही से शासकीय महाविद्यालय, कोतमा 30 किमी. शासकीय महाविद्यालय जैतपुर 30 किमी. एवं शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, बुढ़ार      40 किमी की दूरी पर संचालित है, जहां पर विद्यार्थी अध्ययन कर सकते हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) वर्तमान में शासन द्वारा पूर्व से संचालित महाविद्यालयों को सुदृढ़ीकरण एवं गुणवत्ता विकास के प्रयास किये जा रहे हैं। अत: केशवाही में नवीन महाविद्यालय खोले जाने में कठिनाई है।

लोक निर्माण विभाग का उप संभाग खोलना

87. ( क्र. 4554 ) श्री जय सिंह मरावी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शहडोल जिले के तहसील जैतपुर एवं गोहपारू के क्षेत्र को सम्मिलित करके जैतपुर में लोक निर्माण विभाग का उप संभाग खोलने का प्रस्‍ताव है? (ख) यदि हाँ, तो जैतपुर में उपसंभाग कब से खोला जावेगा और यदि नहीं, तो क्‍यों औचित्‍य सहित कारण बताइयें? (ग) शहडोल जिला मुख्‍यालय उप संभाग से 70 कि.मी. दूर जैतपुर एवं 90 कि.मी. दूर झीकबिजुरी तक के क्षेत्र की सड़कों एवं अन्‍य निर्माण कार्यों का नियमित पर्यवेक्षण नहीं होने का कारण भी बतायें?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जी नहीं। (ख) प्रश्नांश के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। जैतपुर एवं गोहपारू, तहसीलों में विभाग के अंतर्गत एम.पी.आर.डी.सी. भवन एवं सड़क तथा परियोजना क्रियान्वयन इकाई द्वारा किए जाने वाले काम तथा (भ/स) पर कम कार्यभार होने के कारण उप संभाग खोलना उचित नहीं है। (ग) सड़कों एवं अन्य निर्माण कार्यों का नियमित पर्यवेक्षण किया जाता है।

मुख्‍य मार्ग से ग्राम तक पहुंच मार्ग निर्माण

88. ( क्र. 4591 ) श्री सचिन यादव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक निर्माण विभाग द्वारा मुख्‍य मार्ग से कुछ दूरी पर स्थित ग्रामों तक पहुंच मार्ग निर्माण किये जाने कर क्‍या कार्य योजना है और इनके निर्माण कार्य को कितने समय में पूर्ण करने का लक्ष्‍य रखा गया है? (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार कसरावद विधान सभा क्षेत्रान्‍तर्गत ऐसे कितने मार्ग है जिन्‍हें मुख्‍य मार्गों से पहुंच मार्ग ग्राम तक जोड़ा जाना है? ग्रामवार एवं मार्गवार जानकारी दें? (ग) प्रश्‍नांश (ख) में दर्शित पहुंच मार्गों के निर्माण कार्यों की स्‍वीकृति कब तक जारी की जायेगी एवं निर्माण कार्य पूर्ण कर लिया जायेगा?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) कोई कार्य योजना नहीं है। अत: शेष प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता। (ख) मुख्‍य मार्गों से पहुंच मार्ग ग्रामों को जोड़े जाने वाले ग्रामवार, मार्गवार जानकारी प्रधानमंत्री ग्राम सड़क विभाग एवं ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभाग खरगोन की जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' एवं '' अनुसार है।      (ग) लोक निर्माण विभाग के कार्य क्षेत्रान्‍तर्गत नहीं होने से किसी भी प्रकार की कार्यवाही की जाना संभव नहीं।

परिशिष्ट ''पचहत्तर''

सड़क निर्माण में अनियमितताएं

89. ( क्र. 4592 ) श्री सचिन यादव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कसरावद विधान सभा क्षेत्र के ग्राम बामखल से दोगांवा मार्ग के घटिया निर्माण के संबंध में प्रश्‍नकर्ता द्वारा म.प्र. सड़क विकास प्राधिकरण भोपाल को दिनांक 15 जनवरी, 2016 पत्र लिखा गया था पर प्रश्‍न दिनांक तक क्‍या कार्यवाही की गई है? (ख) क्‍या प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ की गई कार्यवाही के दौरान उक्‍त सड़क का निरीक्षण किस-किस अधिकारी/कर्मचारी द्वारा किया उनके पदनाम सहित जानकारी दें?        (ग) प्रश्‍नांश (ख) की कार्यवाही के उपरांत क्‍या संबंधित ठेकेदार के खिलाफ कोई कार्यवाही की गई है? हाँ, तो बतायें नहीं तो कारण दें? (घ) विगत एक वर्ष में उक्‍त सड़क के घटिया निर्माण के संबंध में स्‍थानीय ग्रामीणों द्वारा की गई कितनी-कितनी शिकायतें कब-कब, किस-किस के माध्‍यम से प्राप्‍त हुई और उस पर प्रश्‍न दिनांक तक क्‍या कार्यवाही की गई?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) बी.ओ.टी. एवं एन्युटी योजना के अन्तर्गत बामखलफाटा से दोगांवा तक मार्ग की लंबाई 22 कि.मी. का निर्माण किया गया है। उक्त कार्य दिनांक 01.07.2014 को पूर्ण किया गया। इस मार्ग पर मिर्जापुर के पास नहर का निर्माण किये जाने के कारण मार्ग क्षतिग्रस्त होने के कारण संबंधित विभाग से राशि जमा करवाई गई। माननीय विधायक महोदय ने पत्र के माध्यम से बोरांवा व अन्य गांव में नाली क्षतिग्रस्‍त, पहुंच मार्ग क्षतिग्रस्त संबंधित कार्यों के बारे में अवगत करवाया था। इसी के तारत्मय में दिनांक 15.02.2016 को बामखलफाटा से दोगांवा का निगम के महाप्रबंधक, इन्दौर द्वारा निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान जिन स्थानों पर नाली, क्रेश बैरियर एवं शोल्डर क्षतिग्रस्त है। उसका कंसेशनायर द्वारा संधारण कार्य किया जा रहा है। (ख) 1. श्री पी.डी. वैश्य, महाप्रबंधक, भोपाल           2. श्री एल.एल. सूर्यवंशी, तत्कालीन महाप्रंबधक 3. श्री बी.सी. टेन्टवाल, तत्कालीन संभागीय प्रबंधक 4. श्री बी.पी. बौरासी संभागीय प्रबंधक/महाप्रबंधक 5. श्री सुनील दग्दी, तत्कालीन सहायक महाप्रबंधक 6. श्रीमती नताशा मयंक सिंह सहायक महाप्रबंधक       7. श्री दिनेश पाटीदार प्रबंधक (ग) जी नहीं। ग्रामीण क्षेत्र में नाली के निर्माण, क्रेश बैरियर, शोल्डर इत्यादि के कार्य एवं मार्ग नहर निर्माण के कारण क्षतिग्रस्त होने से ठेकेदार को पुनः ठीक करने के निर्देश दिये गये है। निवेशकर्ता द्वारा संधारण अन्तर्गत कार्यवाही की जा रही है। अतः कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) विगत एक वर्ष में उक्त सड़क के संबंध में प्राप्त शिकायतें निम्नानुसार हैः- 1. कलेक्टर खरगोन के माध्यम से उनके पत्र क्र. 30 दिनांक 22.01.2016 भूमि मुआवजे हेतु। 2. अपर कलेक्टर खरगोन के पत्र क्र. 46 एवं 48 दिनांक 25.01.2016 भूमि मुआवजे हेतु उपरोक्त      भू-अर्जन प्रकरणों पर कार्यवाही कलेक्टर कार्यालय खरगोन में प्रचलित है।

गुना जिले में खेल मैदानों के लिये भूमि आवंटन तथा निर्माण

90. ( क्र. 4604 ) श्री महेन्‍द्र सिंह सिसौदिया : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या गुना जिले के शहरी और ग्रामीण क्षेत्र के गांवों के खेलकूद की गतिविधियों के लिये विभाग द्वारा राजस्‍व विभाग से भूमि आवंटन गत तीन वर्षों में करायी है? यदि हाँ, तो कौन-कौन से क्षेत्रों के लिये विवरण दें? (ख) यदि प्रश्‍नांश (क) के अन्‍तर्गत भू‍मि आवंटन हुई है तो क्‍या उस भूमि पर स्‍टेडियम या अन्‍य गतिविधियों के निर्माण की स्‍वीकृति विभाग द्वारा प्रश्‍न दिनांक तक दी गई है या देने की कोई    समय-सीमा निर्धारित की है या कोई प्रशासनिक स्‍वीकृति पेंडिंग है? (ग) क्‍या गुना जिले में बमोरी विधान सभा क्षेत्र के सभी गांवों में खेल मैदानों के लिये कोई भूमि चिन्हित है? यदि हाँ, तो उनमें विभाग द्वारा कोई निर्माण कराने की कार्ययोजना है? यदि नहीं, तो क्‍या बच्‍चों को खेल गतिविधियों हेतु खेल मैदान प्रत्‍येक गांव में विभाग भूमि आवंटित करायेंगे? (घ) क्‍या ग्रामीण क्षेत्र के गांवों में उपलब्‍ध खेल मैदानों पर ग्राम पंचायत या विभाग मनरेगा की राशि से कोई निर्माण कार्य कराने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो गुना में कितने प्राक्‍कलन पेंडिंग है? कितने स्‍वीकृत है? क्‍या भविष्‍य में मनरेगा से खेल मैदानों का विकास विभाग करायेगा स्‍वीकृति देगा विवरण दें?

उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जी हाँ। बमोरी विधानसभा की ग्राम पंचायत विशनवाड़ा, राघौगढ़ विधानसभा क्षेत्र की ग्राम पंचायत आवन गुना विधानसभा क्षेत्र की ग्राम पंचायत बरखेड़ा गिर्द एवं चाचौड़ा विधानसभा क्षेत्र की ग्राम पंचायत महेशपुरा में ग्रामीण विकास विभाग की परफारमेंस ग्राण्ट से एक-एक आउटडोर स्टेडियम निर्माण हेतु तथा शहरी क्षेत्र के अंतर्गत विधानसभा क्षेत्र गुना के जगनपुर में एक हाँकी एस्ट्रोटर्फ स्टेडियम एवं एक बहुउद्देशीय खेल स्टेडियम हेतु भूमि राजस्व विभाग से आवंटित हुई है। (ख) जी नहीं। प्रश्नोत्तर ’’’’ के अंतर्गत आवंटित भूमि पर खेल मैदान निर्माण की कार्यवाही ग्रामीण यांत्रिकी सेवा गुना द्वारा की जा रही है। अतः निर्माण कार्य की स्वीकृति, कार्य की निर्धारित समय-सीमा बताना अथवा प्रशासकीय स्वीकृति इस विभाग द्वारा देने संबंधी प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। शहरी क्षेत्र के अंतर्गत विधानसभा क्षेत्र गुना के जगनपुर में आवंटित भूमि पर स्टेडियम बनाने हेतु लोक निर्माण विभाग के एस.ओ.आर. दिनांक 01.08.2014 में संशोधन हो जाने से परियोजना संचालक, ग्वालियर द्वारा पत्र दिनांक 01.08.2015 के माध्यम से पुनरीक्षित लागत अनुसार राशि रू. 1508.93 लाख की तकनीकी स्वीकृति प्रदान की गई है। इस संदर्भ में कलेक्टर गुना के अर्द्ध शासकीय पत्र दिनांक 11.08.2015 द्वारा पुनरीक्षित प्रस्ताव अनुसार प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान करने हेतु लेख किया गया है, जिसका परीक्षण किया जा रहा है। अभी प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान नहीं की गई है। निश्चित समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है। (ग) जी नहीं। अतः शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। जी नहीं। अभी कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। (घ) जी नहीं। अपितु ग्रामीण विकास विभाग द्वारा परफारमेंस ग्राण्ट से एक विधानसभा क्षेत्र में एक ही खेल मैदान निर्मित करने की योजना है। गुना जिले के कोई प्राक्कलन खेल एवं युवा कल्याण विभाग में लंबित नहीं है। ग्रामीण यांत्रिकी सेवा द्वारा किये जा रहे कार्यों की जानकारी प्रश्नोत्तर ’’’’ में दी गई है। अतः शेष जानकारी देने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। 

उच्‍च शिक्षा के लिये महाविद्यालय की स्‍थापना

91. ( क्र. 4605 ) श्री महेन्‍द्र सिंह सिसौदिया : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या गुना जिले के बमोरी विधानसभा क्षेत्र में कोई महाविद्यालय संचालित है? यदि नहीं, तो क्‍या नवीन महाविद्यालय इस क्षेत्र के किसी भी कस्‍बे या गांव में खोलने हेतु कोई कार्ययोजना है? (ख) क्‍या गुना जिले के बमोरी विधानसभा क्षेत्र के ग्राम बमोरी ग्राम म्‍याना, ग्राम मारकीमहू, ग्राम फतेहगढ़ में नवीन महाविद्यालय उच्‍च शिक्षा अध्‍ययन के लिये स्‍वीकृत करायेंगे कब तक बतायें?

तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी नहीं। वर्तमान में पूर्व से संचालित महाविद्यालय में गुणवत्ता विकास कार्य एवं सुदृढ़ीकरण के प्रयास किये जा रहे है। अत: अभी गुना जिले के बमोरी विधानसभा क्षेत्र में शासकीय महाविद्यालय खोले जाने में कठिनाई है। (ख) प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।

शासकीय महाविद्यालय कटंगी की बाउंड्रीवाल का अधूरी होना

92. ( क्र. 4615 ) श्री के.डी. देशमुख : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या शासकीय महाविद्यालय कटंगी जिला बालाघाट की बाउन्‍ड्रीवाल अधूरी है? (ख) यदि हाँ, तो अधूरी बाउन्‍ड्रीवाल के निर्माण हेतु उच्‍च शिक्षा विभाग द्वारा क्‍या प्रयास किये जा रहे है? (ग) क्‍या शासकीय महाविद्यालय कटंगी जिला बालाघाट की अधूरी बाउन्‍ड्रीवाल को पूर्ण करने का प्राक्‍कलन आयुक्‍त उच्‍च शिक्षा कार्यालय में प्रशासकीय स्‍वीकृति हेतु लंबित है? (घ) यदि हाँ, तो कब तक अधूरी बाउन्‍ड्रीवाल निर्माण कार्य को प्रशासकीय स्‍वीकृति प्रदान की जावेगी?

तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। (ख) बाउन्‍ड्रीवाल के निर्माण हेतु कार्यालयीन पत्र क्रमांक 48, दिनांक 11.01.2010 द्वारा राशि रूपये 30.85 लाख की प्रशासकीय स्वीकृति जारी की गई थी। जिसके विरूद्ध पत्र दिनांक 11.01.2010 द्वारा राशि रूपये 20.00 लाख एवं पत्र दिनांक 19.06.2013 द्वारा राशि रूपये 15.85 लाख की वित्तीय स्वीकृति जारी की गई। कार्यपालन यंत्री, लोक निर्माण विभाग, बालाघाट द्वारा राशि रूपये 59.96 लाख का प्रॉक्कलन तैयार कर अधीक्षक यंत्री, लोक निर्माण विभाग, सिवनी को भेजा गया। कार्यालयीन पत्र दिनांक 17.12.2015 एवं 04.1.2016 द्वारा प्राचार्य शासकीय महाविद्यालय, कटंगी से अपूर्ण कार्य के संबंध में पूर्ण औचित्य सहित प्रस्ताव चाहा गया। प्राचार्य द्वारा पत्र दिनांक 19.01.2016 को कार्यपालन यंत्री, लोक निमार्ण विभाग, बालाघाट से व्यय की गई राशि का उपयोगिता प्रमाण-पत्र तथा कार्य अपूर्ण होने के संबंध में पूर्ण औचित्य सहित पुनरीक्षित प्रॉक्कलन, तकनीकी स्वीकृति नक्शा आदि उपलब्ध कराने हेतु लिखा गया है। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर अनुसार। (घ) प्रश्नांश (ख) एवं (ग) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।

सड़क निर्माण को प्रशासकीय स्‍वीकृति

93. ( क्र. 4619 ) श्री के.डी. देशमुख : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या बालाघाट जिले के कटंगी विधानसभा क्षेत्र की अन्‍सेरा-जराहमोहगांव मार्ग एवं नवेगांव-जराहमोहगांव मार्ग अत्‍यंत ही खराब स्थिति में है? (ख) यदि हाँ, तो क्‍या लोक निर्माण विभाग इन मार्गों को बनाने पर विचार कर रहा है? (ग) क्‍या इन दोनों मार्गों के निर्माण हेतु प्रस्‍ताव लोक विभाग बालाघाट द्वारा प्रमुख अभियन्‍ता लोक निर्माण भोपाल की ओर प्रशासकीय स्‍वीकृति हेतु भेजे गये है? (घ) यदि हाँ, तो कब तक दोनों मार्गों के निर्माण की प्रशासकीय स्‍वीकृति प्रदान कर दी जावेगी?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जी नहीं। आवागमन योग्‍य एवं संतोषजनक है। (ख) एवं (ग) जी हाँ। (घ) वर्तमान में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं।

देवास शहर में मेंडकी रोड रेल्‍वे क्रासिंग पर रेल्‍वे ब्रिज निर्माण

94. ( क्र. 4630 ) श्रीमती गायत्री राजे पवार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या देवास शहर में रेलवे विभाग द्वारा रेल्वे क्रासिंग क्रमांक 30 (कि.मी. 42/17-19) के निकट ओवर ब्रिज निर्माण हेतु रेल्वे विभाग का कास्‍ट शेयरिंग आधार पर (50-50) प्रतिशत का प्रस्‍ताव है? (ख) यदि हाँ, तो क्‍या उक्‍त कार्य के लिये बजट का प्रावधान किया गया है?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। डी.पी.आर. तैयार होने के पश्‍चात सक्षम वित्‍तीय समिति के अनुमोदन के उपरांत बजट में सम्मिलित किया जा सकेगा।

चंबल सैंक्‍चुरी का ऐरिया

95. ( क्र. 4638 ) श्री नरेन्‍द्र सिंह कुशवाह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) चंबल संभाग के अंतर्गत भिण्‍ड मुरैना व श्‍योपुर में चंबल सैंक्‍चुरी की स्‍थापना कब और कितना क्षेत्र प्रभावित किया गया है? चंबल के पानी के उपयोग के लिये क्‍या मापदण्‍ड निर्धारित किए गए हैं? (ख) भिण्‍ड नगर पालिका अमृत पानी योजना के क्रियान्‍वयन के लिये चंबल पानी के स्‍टोरेज और उपयोग के लिये अनुमति हेतु क्‍या मापदण्‍ड निर्धारित किए गए हैं? (ग) प्रस्‍तावित सैंक्‍चुरी के निर्माण होने से प्रभावित जिले शहरी और ग्रामीण क्षेत्र की आबादी एरिया कृषि भूमि ग्रामीण भूमि कितनी प्रभावित हो रही है? (घ) क्‍या चंबल सैंक्‍चुरी से भिण्‍ड जिले के प्रभावित होने के कारण अटल अमृत योजना और सीवर योजना को मापदण्‍डों में शिथिलता देकर कार्य करवाया जायेगा? यदि हाँ, तो कार्य प्रारंभ के लिये क्‍या कार्यवाही की जायेगी? भिण्‍ड जिले का कितना क्षेत्र कहाँ तक प्रभावित है? क्‍या शेष क्षेत्र में कार्य करने की अनुमति सरलता से दी जावेगी?

वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) चम्बल संभाग के अन्तर्गत भिण्ड मुरैना व श्योपुर में राष्ट्रीय चम्बल अभ्‍यारण्‍य की स्थापना अधिसूचना दिनांक 20.12.1978 द्वारा एवं तदोपरान्त संशोधित अधिसूचना दिनांक 24.12.82 से की गई, जिसमें 435 वर्ग कि.मी. क्षेत्र अधिसूचित है। यह अभ्‍यारण्‍य जलीय जीवों के संरक्षण के लिए अधिसूचित है, अतः वन्यप्राणी (संरक्षण) अधिनियम, 1972 के तहत सक्षम स्वीकृति प्राप्त करने के उपरांत ही चम्बल नदी के पानी को गैर वानिकी कार्य हेतु उपयोग किया जा सकता है। (ख) भिण्ड नगर पालिका अमृत पानी योजना के क्रियान्वयन के लिये चम्बल नदी के पानी के स्टोरेज और उपयोग की अनुमति हेतु वन्यप्राणी (संरक्षण) अधिनियम, 1972 के प्रावधानों के अंतर्गत सक्षम स्वीकृति प्राप्त करने की कार्यवाही की जा सकती है।     (ग) राष्ट्रीय चम्बल अभ्‍यारण्‍य के अंतर्गत श्योपुर जिले की 139 वर्ग कि.मी., मुरैना जिले की, 212 वर्ग कि.मी. तथा भिण्ड जिले की 84 वर्ग कि.मी. इस प्रकार कुल 435 वर्ग कि.मी. भूमि प्रभावित हो रही है। (घ) जी नहीं। राष्ट्रीय चम्बल अभ्‍यारण्‍य के अन्तर्गत जिला भिण्ड में चम्बल नदी के मध्य से लेकर मध्यप्रदेश की ओर 01.00 कि.मी. समानान्तर चौड़ाई में भिण्ड जिले का 84.00 वर्ग कि.मी. ग्राम बिण्डवा तक अभ्‍यारण्‍य क्षेत्र स्थित है। अभ्‍यारण्‍य क्षेत्र में तथा इसके ईको-सेंसिटिव जोन में या अन्य वनक्षेत्र हेतु आवेदन प्राप्त होने पर वन (संरक्षण) अधिनियम, 1980 तथा वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 के प्रावधानों के अंतर्गत नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी।

जन प्रतिनिधियों के पत्रों पर कार्यवाही

96. ( क्र. 4654 ) श्रीमती ललिता यादव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले की खस्‍ताहाल सड़कों की मरम्‍मत व निर्माण के लिये 1 जनवरी 2014 से प्रश्‍न दिनांक तक विधायक/सांसद द्वारा विभाग को दिए गए पत्रों पर क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई एवं पत्रों का विधायक/सांसद को क्‍या जवाब भेजा गया? (ख) विभाग द्वारा ऐसे कितने पत्र हैं जिनमें न कार्यवाही की गई और न ही पत्र का जवाब दिया गया? (ग) विधायक/सांसदों के पत्रों पर कितने कार्य कराये गये? 1 जनवरी 2014 से प्रश्‍न दिनांक तक स्‍थानवार, कार्य का नाम, खर्च की गई राशि विधानसभा क्षेत्रवार बतायें?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '', 'अ-1' 1, 2 अनुसार है। (ख) कोई नहीं। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है।

प्राप्‍त राशि का सही उपयोग न होना

97. ( क्र. 4655 ) श्रीमती ललिता यादव : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छत्रसाल बुन्‍देलखण्‍ड विश्‍वविद्यालय छतरपुर के लिये कितनी जमीन शासन द्वारा आरक्षित कर ली गई है? आरक्षित जमीन पर क्‍या किसी के कब्‍जे हैं? (ख) छत्रसाल बुन्‍देलखण्‍ड विश्‍वविद्यालय छतरपुर के लिये शासन द्वारा      कितनी-कितनी राशि स्‍थापना दिवस से किस-किस कार्य के लिये दी गई? (ग) प्रश्‍नांश (ख) के प्रकाश में प्राप्‍त राशि का किस-किस कार्य में खर्च किया गया?

तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) महाराजा छत्रसाल बुंदेलखण्ड विश्वविद्यालय छतरपुर के लिए 168.689 हेक्टेयर जमीन शासन द्वारा आरक्षित कर ली गई है। आरक्षित जमीन पर किसी के कब्जे नहीं हैं। (ख) कुल राशि रूपये 1,13,71,719 विभाग द्वारा दी गई है। प्रश्नांश की शेष जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है।

परिशिष्ट ''छिहत्तर''

सॉफ्टवेयर/एप्‍लीकेशन संचालित

98. ( क्र. 4682 ) श्री योगेन्‍द्र सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्‍य प्रदेश में वन विभाग के तहत शासन द्वारा कितने विभागीय सॉफ्टवेयर/ एप्‍लीकेशन संचालित किये जा रहे हैं? (ख) वन विभाग द्वारा उपरोक्‍त सॉफ्टवेयर/ एप्‍लीकेशन संचालित कराये जाने हेतु कितने कम्‍प्‍यूटर ऑपरेटर रखे गये है? उक्‍त ऑपरेटर नियमित हैं अथवा संविदा पर? (ग) वन विभाग में विभागीय सॉफ्टवेयर एवं एप्‍लीकेशन चलाने वाले नियमित/संविदा कम्‍प्‍यूटर ऑपरेटर जो विगत 10-15 वर्षों से कार्यरत हैं, विभाग द्वारा इनके नियमितीकरण अथवा समायोजन के संबंध में क्‍या कार्यवाही करने हेतु विचार कर रहा है?

वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) से (ग) वन विभाग द्वारा 23 विभागीय सॉफ्टवेयर/एप्‍लीकेशन संचालित किये जा रहे है। उपरोक्‍त सॉफ्टवेयर/एप्‍लीकेशन संचालित करने के लिये 22 ऑपरेटर जाब दरों पर कार्यरत है, जो नियमित अथवा संविदा पर नहीं है। शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

 

बजट में अनुमोदित सड़क

99. ( क्र. 4693 ) श्री के. के. श्रीवास्‍तव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टीकमगढ़ जिले में वर्ष 2013-14,2014-15 एवं 2015-16 में       कौन-कौन सी सड़कें बजट में पूर्व से अनुमोदित है तथा किस वित्‍तीय वर्ष में अनुमोदित की गई? अलग-अलग नाम सहित अवगत करायें? (ख) बजट में अनुमोदित इन सड़कों की प्रशासकीय स्‍वीकृति कब तक जारी की जायेगी? (ग) पहाड़ी खुर्द से बर्डोराघाट सड़क की निर्माण लागत क्‍या है तथा इसका निर्माण कब तक करा लिया जायेगा?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ग) अनुमानित लागत लगभग राशि     रू. 400.00 लाख होगी। वर्तमान में किसी भी योजना में सम्मिलित नहीं है। अत: फिलहाल समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

परिशिष्ट ''सतहत्तर''

हॉकी टूर्नामेंट को आर्थिक अनुदान

100. ( क्र. 4694 ) श्री के. के. श्रीवास्‍तव : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रदेश में खेलों को बढ़ावा देने हेतु शासन स्‍तर पर जन सहयोग से आयोजित होने वाले राष्‍ट्रीय स्‍तर के प्रसिद्ध टूर्नामेंट को आर्थिक अनुदान देने के क्‍या नियम हैं? (ख) इन नियमों की पूर्ति करने पर शासन द्वारा अधिकतम कितना आर्थिक अनुदान अ.भा. आयोजन हेतु दिया जा सकता है? (ग) प्रदेश में हॉकी के कितने अ.भा. स्‍तर के (हॉकी इण्डिया से सम्‍बद्ध) हॉकी टूर्नामेंट कब-कब आयोजित होते हैं? नामों सहित अवगत करायें? (घ) विगत 3 वर्षों में वर्षवार इन हॉकी टूर्नामेंट हेतु शासन द्वारा कब-कब, कितनी राशि मुहैया कराई?

उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) विभागीय अनुदान नियम की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अनुसार है। (ख) अखिल भारतीय स्तर के राष्ट्रीय प्रतियोगिता के आयोजन हेतु अधिकतम राशि रू. 50,000/- की आर्थिक सहायता दिए जाने का प्रावधान है। (ग) हाँकी के अखिल भारतीय स्तर के टूर्नामेन्ट का आयोजन हाँकी इण्डिया द्वारा किया जाता है, उक्त टूर्नामेन्ट हाँकी इण्डिया द्वारा प्रतिवर्ष निर्धारित खेल कैलेण्डर अनुसार आयोजित किए जाते है। प्रदेश में हाँकी इण्डिया द्वारा आयोजित किये जाने वाले अखिल भारतीय स्तर के हाँकी टूर्नामेन्ट की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अनुसार है।

बघराजी स्‍टेडियम निर्माण

101. ( क्र. 4718 ) श्रीमती नंदनी मरावी : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विकासखण्‍ड कुण्‍डम अंतर्गत ग्राम बघराजी में स्‍टेडियम निर्माण एवं विकास हेतु जनवरी 2012 से प्रश्‍नांश दिनांक तक कितनी-कितनी राशि कब-कब जारी की गई वर्षवार जानकारी देवें? (ख) प्रश्‍नांश (क) स्‍टेडियम का निर्माण एवं विकास किस किस एजेन्‍सी के द्वारा कब-कब कराया गया? वर्तमान में कार्य की क्‍या स्थिति है? स्‍टेडियम का निर्माण एवं विकास कब तक पूर्ण करा लिया जावेगा? समय-सीमा बतावें?

उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) प्रश्नांकित स्टेडियम निर्माण हेतु जारी राशि की वर्षवार जानकारी निम्नवत् है :-

क्रमांक             वर्ष                      जारी राशि

01          2011-12                     --
02
          2012-13                 10,00,000.00
03
          2013-14                 41,50,361.00
04
          2014-15                 64,639.00

योग-        52,15,000.00

(ख) लोक निर्माण विभाग, जबलपुर द्वारा प्रदत्त प्रशासकीय स्वीकृति रू. 52.15 लाख से कार्य कराया गया है। निर्माण कार्य दिनांक 30.05.2014 को पूर्ण हो चुका है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। इसके अतिरिक्त बाउण्ड्रीवॉल के निर्माण हेतु प्रदत्त प्रशासकीय स्वीकृति रू. 9.93 लाख के तहत निर्माण एजेंसी से अनुबंध किया है। निर्माण पूर्ण किये जाने की अवधि बताई जाना संभव नहीं है।

राजस्‍व अभिलेखों में दर्ज अधिकारों का ब्‍यौरा

102. ( क्र. 4720 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रमुख सचिव, वन भोपाल ने दिनांक 10 अप्रैल 2015 को भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा 29 एवं धारा 4 (1) में अधिसूचित भूमियों पर किन अभिलेखों में दर्ज कौन-कौन से ब्‍यौरों के अभिलेखन का किस-किस को आदेश या निर्देश दिया है? वर्तमान में वन विभाग कितनी-कितनी भूमि धारा 29 एवं धारा 4 (1) अधिसूचित किया जाना प्रतिवेदित कर रहा है? (ख) धारा 29 एवं धारा 4 (1) में अधिसूचित भूमियों के संबंध में राजस्‍व अभिलेखों में दर्ज अधिकारों के ब्‍यौरे वन विभाग में 10 अप्रैल 2015 के पूर्व किन कारणों से दर्ज नहीं किए? यह ब्‍यौरे 10 अप्रैल 15 के पत्र अनुसार दर्ज किये जाने का क्‍या कारण रहा है? (ग) धारा 29 एवं धारा 4 (1) में अधिसूचित भूमियों पर राजस्‍व अभिलेखों में दर्ज अधिकारों के ब्‍यौरे वन विभाग किस विभागीय अभिलेखों में दर्ज करेगा इस संबंध में 10 अप्रैल 2015 से वन मुख्‍यालय ने किस दिनांक को पत्र जारी किया है? (घ) धारा 29 एवं धारा 4 (1) से अधिसूचित भूमियों पर राजस्‍व विभाग में दर्ज अधिकारों का अभिलेखन कब तक कर लिया जावेगा?

वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी हाँ। प्रश्‍नांकित निर्देश संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। वन विभाग द्वारा धारा-29 के अन्‍तर्गत 3109804 हेक्‍टेयर भूमि संरक्षित एवं धारा-4 (1) के अन्‍तर्गत 3004624 हेक्‍टेयर भूमि आरक्षित वन, अधिसूचित की गई है। (ख) वन विभाग द्वारा संधारित आरक्षित/संरक्षित वनखण्‍ड इतिहास, वनक्षेत्र पंजी में धारा-29 एवं धारा-4 (1) में अधिसूचित भूमियों में विद्यमान अधिकारों का उल्‍लेख       10 अप्रैल 2015 के निर्देश के पूर्व से प्रचलित रहा है। (ग) भारतीय वन अधिनियम, 1927 की धारा-29 एवं धारा-4 (1) में अधिसूचित भूमियों पर राजस्‍व अभिलेखों में दर्ज अधिकारों के ब्‍यौरे राजस्‍व विभाग से प्राप्‍त होने पर वन विभाग द्वारा संधारित वनखण्‍डों/कक्ष इतिहास पंजी, वन क्षेत्रफल पंजी एवं कार्य-आयोजना में परीक्षण कर इंद्राज करेगा। इस संबंध में वन मुख्‍यालय ने पृथक से कोई पत्र जारी नहीं किया है।       (घ) प्रमुख सचिव (वन) के पत्र क्रमांक एफ 25-36/2005/10-3 दिनांक 10 अप्रैल 2015 द्वारा समस्‍त कलेक्‍टरों को जारी निर्देशों के अन्‍तर्गत राजस्‍व विभाग से जानकारी प्राप्‍त होने पर, परीक्षण उपरान्‍त विभाग द्वारा संधारित अभिलेखों में किया जायेगा।      समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

परिशिष्ट ''अठहत्तर''

कौशल विकास के लिए राशि

103. ( क्र. 4765 ) श्री फुन्‍देलाल सिंह मार्को : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वित्‍तीय वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में कौशल विकास के लिए किस-किस विभाग के द्वारा बड़वानी जिले को कितना पैसा दिया गया? संस्‍थाओं के नाम एवं दी जाने वाली राशि का विवरण दें? (ख) किस-किस संस्‍था ने कितने लोगों को कौशल/विषय का प्रशिक्षण दिया तथा प्रशिक्षण के बाद में कितने लोगों को रोजगार इन संस्‍थाओं के माध्‍यम से प्राप्‍त हुआ? (ग) क्‍या इस पैसे के लिए उपयोगिता प्रमाण पत्र या मानिटरिंग करने के लिए नियमों में प्रावधान है? यदि हाँ, तो किस संस्‍था के द्वारा उपयोगिता प्रमाण पत्र दिये गये एवं किस संस्‍था के काम की किस संस्‍था ने मानिटरिंग की? (घ) क्‍या उपयोगिता प्रमाण पत्र लिया जाना आवश्‍यक है और उसके बाद ही संस्‍था आगामी किश्‍त या सहायता दी जाती है? (ड.) यदि हाँ, तो जिस संस्‍था के द्वारा उपयोगिता प्रमाण पत्र नहीं दिये गये है उनके खिलाफ क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई यदि नहीं, की गई तो क्‍यों?

तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

म.प्र. लघु उद्योग निगम मर्यादित, भोपाल की सामग्री/मशीनरी

104. ( क्र. 4827 ) श्री रामसिंह यादव : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मध्‍यप्रदेश लघु उद्योग निगम मर्यादित, भोपाल द्वारा कौन-कौन सी सामग्री/मशीनरी उपलब्‍ध कराई जाती है? उक्‍त सामग्री/मशीनरी की वर्ष 2015-16 में क्‍या-क्‍या दरें निर्धारित है? (ख) क्‍या लघु उद्योग निगम उक्‍त सामग्री/मशीनरी का निर्माण स्‍वयं कराता है? अथवा बाजार से क्रय कर उपलब्‍ध कराता है? यदि बाजार से क्रय कर उपलब्‍ध कराता है तो क्‍या उक्‍त सामग्री/मशीनरी प्रचलित बाजार मूल्‍य से कम मूल्‍य पर अथवा अधिक मूल्‍य पर प्रदाय की जाती है? (ग) लघु उद्योग निगम के माध्‍यम से सामग्री/मशीनरी प्रदाय करने के पीछे शासन की क्‍या मंशा है? इससे क्रेता एवं विक्रेता को क्‍या लाभ है? क्‍या लघु उद्योग निगम जो सामग्री/मशीनरी उपलब्‍ध करवाता है? उस पर अपना भी कोई टैक्‍स लगाता है? (घ) क्‍या बिचौलिये जो भी सप्‍लाई ऑर्डर लेकर जाते है? उसी बिचौलिये को लघु उद्योग निगम सामग्री/मशीनरी प्रदाय करने का ऑर्डर जारी कर देता है?

उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) वाणिज्य एवं उद्योग विभाग के आदेश क्रमांक एफ 5/7/78/बी/11 दिनांक 29.04.1978 द्वारा म.प्र. लघु उद्योग निगम के माध्यम से क्रय हेतु 130 वस्तुयें आरक्षित की गई थी। समय-समय पर इस सूची का पुनरीक्षण शासन द्वारा किया गया। नये नियम के लागू होने के पूर्व इस सूची में 149 वस्तुयें सम्मिलित थी। इन वस्तुओं की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘’’ अनुसार है। उपरोक्त के अतिरिक्त तत्समय प्रचलित नियम 7 के अंतर्गत अनारक्षित सामग्री का क्रय भी लघु उद्योग निगम के माध्यम से किये जाने का प्रावधान था। (2) वाणिज्य, उद्योग और रोजागार विभाग के आदेश क्रमांक एफ 6-14/2012/अ-ग्यारह दिनांक 28.07.2015 से म.प्र. भण्डार क्रय तथा सेवा उपार्जन नियम 2015 लागू किये गये है। उक्त नियमों के नियम 6 के अंतर्गत म.प्र. लघु उद्योग निगम के माध्यम के 39 वस्तुयें क्रय हेतु आरक्षित की गई है। इन वस्तुओं की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘’’ अनुसार है। उपरोक्त के अतिरिक्त नियम 8 के अंतर्गत यह प्रावधान है कि अनारक्षित सामग्री का क्रय भी लघु उद्योग निगम के माध्यम से किया जा सकता है। (3) वर्ष 2015-16 (दि. 15.02.16 तक) में निगम के माध्यम से प्रदाय हेतु विभिन्न सामग्रियों की निर्धारित की गई दरों की दर सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘’’ अनुसार है। (ख) म.प्र. लघु उद्योग निगम के माध्यम से प्रदाय होने वाली सामग्री/मशीनरी का निर्माण निगम द्वारा नहीं किया जाता है, और न ही निगम द्वारा सामग्री बाजार से क्रय कर प्रदाय करवाई जाती है। उपरोक्त के परिप्रेक्ष्य में शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) म.प्र. लघु उद्योग निगम के माध्यम से सामग्री/ मशीनरी के प्रदाय का मुख्य उद्देश्य प्रदेश के उद्योग के विकास को प्रोत्साहन मिल सके तथा सूक्ष्म एवं लघु उद्यम को विपणन सहायता प्राप्त हो। म.प्र. लघु उद्योग निगम के माध्यम से प्रदाय में क्रयकर्ता विभाग एवं विक्रेता को निम्नानुसार लाभ है:- क्रयकर्ता विभागः- 1. सम्पूर्ण प्रदेश में सामग्री के स्पेसिफिकेशन तथा दरों में एकरूपता। 2. निविदा आमंत्रण एवं दर निर्धारण इत्यादि में लगने वाले समय, मानवीय श्रम तथा धन की बचत। 3. प्रदायित सामग्री का प्रदाय पूर्व तृतीय पक्ष निरीक्षण एजेंसी द्वारा निरीक्षण। 4. ई-टेण्डरिंग प्रणाली के माध्यम से निविदा आमंत्रण एवं दर निर्धारण के फलस्वरूप प्रतिस्पार्धात्मक दरों पर सामग्री का प्रदाय। 5. विभागों की विशिष्ट आवश्यकतानुसार सामग्री के स्पेसिफिकेशन का निर्धारण तथा दर निर्धारण की सुविधा। विक्रेता:-1. शासन की नीति के अनुरूप प्रदेश के सूक्ष्म एवं लघु उद्यम को क्रय में प्राथमिकता। 2. प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर विभिन्न कार्यालयों की निविदाएं भरने की आवश्यकता नहीं।     3. केन्द्रीयकृत विपणन सुविधा जिसके फलस्वरूप सूक्ष्म एवं लघु उद्यम सम्पूर्ण ध्यान उत्पादन पर केन्द्रित कर सकते है। म.प्र. लघु उद्योग निगम किसी भी प्रकार का कर अधिरोपित करने हेतु अधिकृत नहीं है। अतः कर लगाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) 1. वाणिज्य, उद्योग और रोजगार विभाग के आदेश क्रमांक एफ 6-18/05/अ-ग्यारह दिनांक 19.10.2007 द्वारा बिचौलियों के माध्यम से क्रयादेश भेजने की प्रथा को समाप्त कर दिया गया है। 2. वाणिज्य, उद्योग और रोजगार विभाग के ज्ञाप क्रमांक एफ 6-14/2012/अ-ग्यारह दिनांक 10.09.2015 द्वारा जारी निर्देशों के परिपालन में दिनांक 01.10.2015 से लघु उद्योग निगम के माध्यम से क्रय की जाने वाली सामग्री के क्रयादेश एवं प्रदायादेश सीधे ई-पोर्टल पर क्रयकर्ता विभागों द्वारा जारी किये जा रहे है। दिनांक 01.10.2015 से लघु उद्योग निगम द्वारा कोई भी प्रदायादेश भौतिक रूप (मैन्युअल) से प्राप्त नहीं किया जा रहा है। 3. उक्त के परिप्रेक्ष्य में शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।

नवीन महाविलय खोलने की स्‍वीकृति

105. ( क्र. 4828 ) श्री रामसिंह यादव : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्‍यप्रदेश में नवीन महाविद्यालय खोले जाने हेतु क्‍या नियम/ निर्देश है? नियम/निर्देशों की प्रति संलग्‍न कर जानकारी दें? कि इन नियम/निर्देशों के तहत वर्ष 2014-15 एवं वर्ष 2015-16 में प्रदेश में कहाँ-कहाँ पर कब-कब नवीन महाविद्यालय खोले जाने के आदेश जारी किए गए है? (ख) क्‍या उक्‍त नियम/निर्देशों के तहत नवीन महाविद्यालय खोलने की पात्रता में शिवपुरी जिले का बदरवास नगर भी आता है? यदि हाँ, तो बदरवास नगर में नवीन महाविद्यालय खोलने की स्‍वीकृति क्‍यों प्रदान नहीं की गई तथा नवीन महाविद्यालय खोलने की स्‍वीकृति कब तक प्रदान की जाएगी? (ग) बदरवास नगर में नवीन महाविद्यालय खोले जाने हेतु वर्ष 2015 में माननीय मुख्‍यमंत्री जी एवं माननीय मंत्री जी सहित शासन को किन-किन के ज्ञापन एवं पत्र कब-कब प्राप्‍त हुए? शासन ने इन पर क्‍या-क्‍या कार्यवाही की? यदि कार्यवाही नहीं की तो क्‍यों?

तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) नवीन महाविद्यालय खोले जाने हेतु कोई नियम/निर्देश निर्धारित नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। मान. मुख्यमंत्री कार्यालय, मान. मंत्री जी, एवं राज्य मंत्री, उ.शि. मान. मंत्री, वाणिज्य उद्योग एवं रोजगार, मान. मंत्री जी पशुपालन उद्यानिकी, मान. संसद सदस्य एवं मान. विधायक से बदरवास में नवीन महाविद्यालय खोले जाने से संबंधी ज्ञापन प्राप्त हुआ। प्रकरण की वस्तुस्थिति से कार्यालयीन पत्र द्वारा संबंधितों को पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 से 6 अनुसार है। 

परिजनों के लिये बीमा योजना

106. ( क्र. 4845 ) श्री मथुरालाल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या प्रदेश के फोरलेन एवं टू लेन मार्गों पर आवागमन के लिये सड़कों के रख-रखाव हेतु वाहनों से निर्धारित दर की राशि वसूल की जाती है? (ख) क्‍या उक्‍त सड़कों पर होने वाली दुर्घटनाओं में मृत, घायल, स्‍थाई अपंगता इत्‍यादि से दुर्घटनाग्रस्‍त आम नागरिक अथवा वाहन चालक या यात्रियों का आकस्मिक दुर्घटना बीमा योजना का कोई प्रावधन है? यदि हाँ, तो किस प्रकार का? (ग) यदि नहीं, तो क्‍या उक्‍त मार्ग पर होने वाली दुर्घटना उपरांत मृत, घायल, स्‍थाई अपंगता वाले व्‍यक्ति अथवा उसके आश्रितों को तत्‍काल एक निश्चित राशि की आर्थिक सहायता प्रदान कराये जाने के लिये शासन उक्‍त सड़क से संबंधित टोल कंपनी के माध्‍यम से सामूहिक अथवा एकल बीमा पॉलिसी योजना के निर्धारण पर विचार करेगा? यदि हाँ, तो कब तक एवं किस प्रकार?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जी नहीं, परंतु बी.ओ.टी. तथा ओ.एम.टी. योजना के अंतर्गत विकसित किये गये मार्गों पर ही टोल की वसूली विभिन्न प्रकार के वाहनों से की जाती है। (ख) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्‍नांश के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।

स्‍थानीय वाहनों को टोल टैक्‍स से मुक्‍त

107. ( क्र. 4846 ) श्री मथुरालाल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या प्रदेश के फोरलेन एवं टू लेन मार्गों पर स्‍थानीय वाहनों से आवागमन हेतु सड़कों के रख-रखाव के लिये निर्धारित दर से राशि वसूल की जाती है? यदि हाँ, तो क्‍यों? यदि नहीं, तो शासन द्वारा स्‍थानीय वाहनों को टोल राशि से मुक्ति के लिये किस प्रकार के नियमों का निर्धारण किया जाकर, संबंधित टोल कंपनी को तद्नुसार निर्देश प्रदान किये गये है? (ख) क्‍या मार्ग पर स्‍थापित टोल नाके के 15 से 25 कि.मी. के दायरे में आने वाले स्‍थानीय वाहनों को टोल फ्री किया गया है? यदि हाँ, तो कितने किलोमीटर तक के दायरे के स्‍थानीय वाहनों के टोल फ्री किये जाने का प्रावधान किन दस्‍तावेजों के आधार पर किस दिनांक से किया गया है? क्‍या संबंधित टोल क्र. स्‍थानीय वाहनों को टोल फ्री करने हेतु किसी प्रकार का पास प्रदान करती है? यदि नहीं, तो क्‍यों?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) बी.ओ.टी. पद्धति से निर्मित अथवा ओ.एम.टी. पद्धति में प्रचलित 4-लेन एवं 2-लेन मार्गों पर स्थापित टोल प्लाजा से गुजरने वाले वाहनों से अनुबंधानुसार निर्धारित टोल टेक्स वसूल किया जाता है। अनुबंध में ही किस प्रकार के वाहनों को टोल राशि से मुक्त रखा जावेगा निर्धारित रहता है। मार्गवार टोल राशि से मुक्ति के नियम जो कि अनुबंध में वर्णित है। (ख) बी.ओ.टी. पद्धति से निर्मित कुछ मार्गों पर 20 कि.मी. के दायरे में आने वाले स्थानीय वाहनों को निवेशकर्ता द्वारा 50/- रू. लेकर मासिक पास जारी किये जाने के निर्देश हैं एवं कुछ मार्गों पर निर्धारित टोल राशि का 50 प्रतिशत लिये जाने का प्रावधान है। उपरोक्त दरें प्रति वर्ष 31 मार्च 2007 थोक मूल्य सूचकांक में परिवर्तन होने पर पुनरीक्षित की जावेगी। स्थानीय वाहन से यह अभिप्रेत है कि जो प्राइवेट कार/जीप अथवा समतुल्य वाहन ऐसे व्यक्ति के स्वामित्व की है जो पथकर प्लाजा से 20 कि.मी. की दूरी के भीतर निवास करता हो।

 

शासकीय महाविद्यालयों की जनभागीदारी समिति की बैठक

108. ( क्र. 4851 ) श्री इन्‍दर सिंह परमार : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या म.प्र. में शासकीय महाविद्यालयों में जनभागीदारी समिति की बैठक नियमित हो रही है? यदि हाँ, तो शा.महा. पोलायकलॉ एवं शा.महा. कालापीपल में जनवरी 2014 से प्रश्‍न दिनांक तक कब-कब बैठकें हुई? बैठकों में पारित प्रस्‍तावों की सूची देवें? (ख) शा.महा.पोलायकलॉ की जनभागीदारी की बैठकों में किस-किस को आमंत्रित किया जाता है? बैठकों की सूचना संबंधितों को कैसे प्रदान की जाती है?       (ग) क्‍या शा.महा. पोलायकलॉ में कोई बैठक नहीं हुई है, तो जनभागीदारी का वार्षिक बजट एवं कार्यों का अनुमोदन कैसे किया गया? बैठक नहीं होने के लिए जिम्‍मेदार कौन है?

तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। शा. महावि. पोलायकलॉ में पंजीयन न मिलने के कारण जनभागीदारी समिति का गठन नहीं हुआ है एवं शेष प्रश्नांश की जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार(ख) एवं (ग) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - ''उन्यासी''

खेल स्‍टेडियमों की स्‍वीकृति

109. ( क्र. 4852 ) श्री इन्‍दर सिंह परमार : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या म.प्र. के नगरीय क्षेत्रों में खेल स्‍टेडियम निर्माण करने की नीति हैं? क्‍या जिला केन्‍द्रों को छोड़कर अन्‍य स्‍थानों पर स्‍टेडियम हेतु वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में राशि आवंटित की गई? यदि हाँ, तो कहाँ-कहाँ पर? (ख) क्‍या प्रश्‍नांश (क) में उल्‍लेखित क्षेत्रों में से नगर परिषद क्षेत्र पोलायकलॉ एवं पानखेड़ी (कालापीपल) में इंडोर एवं आऊटडोर स्‍टेडियम हेतु राशि आवंटित की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?

उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जी नहीं। जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नोत्तर '''' के संदर्भ में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट - ''अस्सी''

अठारह लाख रूपये का मनमाना उपयोग

110. ( क्र. 4869 ) श्री हर्ष यादव : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) शासन संचालनालय के जिस आदेश-निर्देश द्वारा जिला खेल-युवा कल्‍याण अधिकारी को यह अधिकार दिये हैं कि वरिष्‍ठ कार्यालय एवं शासन की अनुमति बिना वह स्‍वेच्‍छाचारिता से वह स्‍वयं प्रशिक्षण कार्यक्रम के प्रोजेक्‍ट स्‍वीकृत करें? आदेश की प्रति दें? (ख) जिला खेल एवं युवा कल्‍याण अधिकारी शहडोल के पद पर वर्ष      2009-10 और वर्ष 2010-11 अवधि में पदस्‍थ अधिकारी का नाम और वर्तमान पदस्‍थापना बतावें? (ग) जिला खेल एवं युवा कल्‍याण अधिकारी शहडोल के पत्र क्रमांक/ प्रशि/डी.एस.ओ./2009-10/510, दिनांक 19.02.2010 के तारतम्‍य में केन्‍द्र की राशि प्राप्‍त करने के बाद सरकारी आई.टी.आई. से नि:शुल्‍क प्रशिक्षण कराने का औचित्‍य बतावें? राशि संबंधित कार्यालय को वापस क्‍यों नहीं की गई? (घ) प्रशिक्षण हेतु प्राप्‍त रूपये अठारह लाख भुगतान किस प्रकार किन्‍हें किया गया? आई.टी.आई. शहडोल और छात्रों को कितनी-कितनी राशि का भुगतान किया गया?

उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) शासन एवं संचालनालय खेल और युवा कल्याण द्वारा ऐसे कोई आदेश जारी नहीं किये गये। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ख) जिला खेल और युवा कल्याण अधिकारी शहडोल के पद पर श्री जे.पी. तिवारी वर्ष 2009-10 और वर्ष 2010-11 अवधि में पदस्थ रहे। वर्तमान स्थिति में श्री तिवारी सेवानिवृत्त हो चुके हैं। (ग) शासकीय आई.टी.आई. को प्रशिक्षण शुल्क दिया गया तथा हितग्राहियों को निःशुल्क प्रशिक्षण दिया गया। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।       (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। आई.टी.आई. और छात्रों को राशि भुगतान की जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है।

परिशिष्ट - ''इक्यासी''

विभाग की मिलीभगत से कब्‍जा

111. ( क्र. 4875 ) श्री हर्ष यादव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या कलेक्‍टर होशंगाबाद और कमिश्‍नर नर्मदापुरम कार्यालय के संज्ञान में रेयर गार्ड रूम (गोदाम) पर किये जा रहे अवैध कब्‍जे का मामला आया है? तदाशय की शिकायत के संबंध में कार्यपालन यंत्री, लोक निर्माण विभाग, होशंगाबाद संभाग-1, होशंगाबाद को प्राप्‍त सभी शिकायतों की पर गई कार्यवाही के अभिलेख दें?          (ख) शासकीय आवास सीट क्रमांक-41 (प्‍लाट क्रमांक-2) पर निर्मित रेयर गार्ड रूम की भूमि मूलत: किसकी है? यदि यह भूमि शासकीय है और इस पर लोकनिधि से निर्माण हुआ था तो इसे तोड़ने के आदेश किस विभाग द्वारा कब दिये गये? (ग) प्रश्‍नाधीन भूमि ढांचे पर वर्तमान में कौन किसके आदेश से काबिज है? प्रश्‍नाधीन रेयर गार्ड रूम अंतिम बार किसे आवंटित किया गया था? क्‍या आवंटन पत्र उपलब्‍ध हैं। यदि नहीं, है तो कागज गायब कराने की एफ.आई.आर. कब तक की जावेगी? (घ) यदि कब्‍जा वैध है तो अभिलेख दें? कब्‍जा अवैध है तो कब तक हटवा दिया जायेगा? नहीं तो क्‍यों? कब्‍जा नहीं हटाने में लापरवाही किसकी रही है?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जी नहीं। प्राप्त शिकायत एवं की गई कार्यवाही के अभिलेख की प्रति संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) लोक कर्म विभाग, उक्त भूमि पर निर्मित भवन स्वतः ही पूर्णतः ध्वस्त हो चुका है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) वर्तमान खाली प्लाट है तथा कोई कब्जा नहीं है। रेयर गार्ड रूम अंतिम बार लगभग 20-22 वर्ष पूर्व श्री गिरधारी लाल, भृत्य को आवंटित हुआ था। वे सेवानिवृत्त होकर उनका स्वर्गवास भी हो चुका है। आवंटन पत्र उपलब्ध नहीं क्यों कि 20 वर्ष से अधिक हो गये है। एफ.आई.आर. का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।         (घ) किसी व्यक्ति का कोई कब्जा नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - ''बयासी''

नगर पालिका क्षेत्र में स्थित शासकीय महाविद्यालय

112. ( क्र. 4892 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिले की किन-किन नगर पालिकाओं में शासकीय महाविद्यालय स्‍थापित है? नगर पालिकाओं के नाम सहित जानकारी देवें? (ख) क्‍या नगर पालिका क्षेत्र मकरोनिया बुजुर्ग जिला सागर में शासकीय महाविद्यालय स्‍थापित करने की प्रस्‍ताव शासन की ओर लंबित है?

तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार(ख) जी नहीं।

परिशिष्ट ''तेरासी''

आदिवासी उपयोजना क्षेत्र मद में प्राप्‍त एवं व्‍यय राशि

113. ( क्र. 4931 ) श्री संजय उइके : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या विभाग को आदिवासी उपयोजना क्षेत्र मद में राशि शासन द्वारा दी जाती है? (ख) यदि हाँ, तो वित्‍तीय वर्ष 2014-15 से प्रश्‍न दिनांक तक    कितनी-कितनी राशि प्राप्‍त हुई एवं कितनी-कितनी राशि व्‍यय की गई? (ग) आदिवासी उपयोजना मद की राशि व्‍यय करने संबंध आदेश/निर्देश/नियम की प्रतिलिपि उपलब्‍ध करावें?

तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। (ख) वर्षवार प्राप्त राशि एवं व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ग) राज्य योजना आयोग द्वारा आयोजना मदों में सामान्य, आदिवासी उपयोजना एवं अनूसूचित जाति उपयोजना अन्तर्गत योजना सीमा का निर्धारण किया जाता है। राज्य योजना आयोग द्वारा आदिवासी उपयोजना हेतु निर्धारित योजना सीमा के अनुसार वित्त विभाग द्वारा बजट प्रावधान किया जाता है। वित्त विभाग द्वारा आदिवासी उपयोजना क्षेत्र अन्तर्गत संचालित योजनाओं हेतु बजट प्रावधान के परिप्रेक्ष्य में संबंधित योजनाओं के नियम/दिशा-निर्देश, महाविद्यालयों की मांग एवं आवश्यकता के अनुरूप म.प्र. भण्डार क्रय नियमों के अन्तर्गत राशि व्यय की जाती है। नियम/निर्देश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब" अनुसार है।

डवलपमेंट फण्‍ड में मानदेय में से काटे जाने वाला 5 प्रतिशत स्‍टॉफ

114. ( क्र. 4932 ) श्री संजय उइके : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजीव गांधी तकनीकी विश्‍वविद्यालय भोपाल द्वारा शिक्षकों को मानदेय में से काटे जाने वाला 5% स्‍टॉफ डेवलपमेंट फण्‍ड में अब तक कितनी राशि वित्‍तीय वर्ष 2010 से प्रश्‍न दिनांक तक काटी गई? वर्षवार जानकारी देवें। (ख) उक्‍त स्टॉफ डेवलपमेंट फंड के उपयोग संबंधी नियम/प्रावधान उपलब्‍ध करावें? (ग) अब तक पॉलिटेक्निक/इंजिनियरिंग कालेज में कितने शिक्षकों को स्टॉफ डेवलपमेंट फण्‍ड का वितरण किया गया है? यदि नहीं, तो क्‍यों?

तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) विश्‍वविद्वालय में स्‍टॉफ वेलफेयर फण्‍ड के नाम से कोई फण्‍ड नहीं है। बल्कि टीचर वेलफेयर फण्‍ड में 05 प्रतिशत की राशि का कटौत्रा किया जाता है। वर्षवार विवरण की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) एवं (ग) नियम शीघ्र ही तैयार किये जा रहे है।

परिशिष्ट - ''चौरासी''

कुलाधिपति के विरूद्ध कार्यवाही

115. ( क्र. 5003 ) श्री आरिफ अकील : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या विश्‍वविद्यालय अधिनियम की धारा 10 (1) के अंतर्गत बरकतउल्‍ला विश्‍वविद्यालय के कुलपति श्री एम.डी. तिवारी के विरूद्ध नियुक्तियों में धांधली एवं भ्रष्‍टाचार की शिकायतें नियमानुसार आवश्‍यक कार्यवाही/जाँच हेतु कुलाधिपति सचिवालय को अग्रेषित की गई है? (ख) यदि हाँ, तो क्‍या वर्तमान समय में बरकतउल्‍ला विश्‍वविद्यालय भोपाल में ऐसी स्थिति उद्भू‍त हो गई है, जिससे उक्‍त विश्‍वविद्यालय का प्रशासन विश्‍वविद्यालय के हितों का उपाय किए बिना मध्‍यप्रदेश विश्‍वविद्यालय अधिनियम 1973 के उपबंधों के अनुसार नहीं चलाया जा सकता है?   (ग) यदि हाँ, तो उक्‍त विश्‍वविद्यालय में अधिनियम की धारा 52 (1) के प्रावधान लागू किया जाना आवश्‍यक होगा? यदि हाँ, तो दोषी अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही नहीं किए जाने के क्‍या कारण हैं, तथा कब तक और क्‍या कार्यवाही की जावेगी?

तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। (ख) परिस्थितियों का गुणदोष के आधार पर विश्लेषण किया जा रहा है। (ग) प्रश्नांश '''' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।

कुलपति के विरूद्ध कार्यवाही

116. ( क्र. 5004 ) श्री आरिफ अकील : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या तकनीकी शिक्षा विभाग के कुछ अधिकारी/कर्मचारी बरकतउल्‍ला विश्‍वविद्यालय भोपाल में प्रतिनियुक्ति पर सेवारत है? यदि हाँ, तो कौन-कौन उनके नाम व पद सहित यह बतावें कि तकनीकी शिक्षा विभाग द्वारा किन-किन को उनके मूल विभाग वापिस करने हेतु विश्‍वविद्यालय प्रशासन को पत्र लिखा था? (ख) यदि हाँ, तो क्‍या बरकतउल्‍ला विश्‍वविद्यालय के कुलसचिव द्वारा दिनांक 07 अगस्‍त 2015 को तकनीकी शिक्षा के विभाग के पत्र के पालन में कुछ अधिकारियों/कर्मचारियों का कार्यमुक्‍ती आदेश जारी किया था? यदि हाँ, तो किन-किन अधिकारी/कर्मचारी को कार्यमुक्‍त किया गया? (ग) प्रश्‍नांश (क - ख) के परिप्रेक्ष्‍य में कुलसचिव के द्वारा जारी कार्यमुक्‍त आदेश को कुलपति द्वारा अधिकार के विपरीत जाकर स्‍वयं के हस्‍ताक्षर से दिनांक 10 अगस्‍त 2015 को निरस्‍त किया गया है? यदि हाँ, तो कुलपति का यह नियम विरूद्ध कृत्‍य भ्रष्‍टाचार को बढ़ाने वाला या भ्रष्‍टाचारियों को सहयोग करने वाला नहीं है? (घ) यदि है तो क्‍या शासन यथाशीघ्र तकनीकी शिक्षा विभाग के कर्मचारी/अधिकारियों को बरकतउल्‍ला विश्‍वविद्यालय से कार्यमुक्‍त किया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्‍यों और कुलपति द्वारा की गई नियम विरूद्ध कार्यवाही के चलते शासन क्‍या तथा कब तक कार्यवाही करेगा? यदि नहीं, तो क्‍यों कारण सहित बतावें?

तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। श्री अनुपम पाठक, व्याख्याता फार्मेसी स.व. पॉलिटेक्निक महाविद्यालय, भोपाल बरकतउल्ला विश्वविद्यालय में प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ है, जिन्हें संचालनालयीन पत्र दिनांक 06.04.15 द्वारा कार्यमुक्त करने हेतु लिखा गया है। (ख) जी हाँ। कुल सचिव द्वारा 07 अगस्त, 2015 द्वारा श्री अनुपम पाठक व्याख्याता फार्मेसी को कार्यमुक्ति का आदेश जारी किया गया। (ग) विश्‍वविद्यालय अधिनियम 1973 की धारा 15 (1) के अनुसार कुलपति विश्‍वविद्यालय का सर्वोच्‍च प्रशासनिक/अकादमिक अधिकारी होने के कारण कुलसचिव द्वारा जारी आदेश निरस्‍त किया गया। शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता हैं।                 (घ) डॉ. ए.के. पाठक द्वारा माननीय उच्‍च न्‍यायालय जबलपुर में याचिका क्रमांक 6330/2015 दायर की गई हैं। जिस पर माननीय न्‍यायालय द्वारा दिनांक 12.8.2015 को यथास्थिति बनाये रखने का आदेश दिया गया हैं। प्रकरण में माननीय न्‍यायालय के निर्णय के उपरांत कार्यवाही की जा सकेगी।

रिक्‍त पदों की पूर्ति

117. ( क्र. 5023 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले के नेताजी सुभाषचंद्र बोस शासकीय स्‍नातकोत्‍तर महाविद्यालय ब्‍यावरा में कौन-कौन से पद स्‍वीकृत है तथा स्‍वीकृत पदों के विरूद्ध कितने व कौन-कौन से पद कब-कब से किन कारणों से रिक्‍त है? (ख) क्‍या महाविद्यालय ब्‍यावरा में स्‍वीकृत पदों के विरूद्ध आधे से अधिक पद लम्‍बे समय से रिक्‍त है तथा प्राचार्य का पद पर भी प्रभारी प्राचार्य पदस्‍थ हैं? यदि हाँ, तो उक्‍त रिक्‍त पदों की पूर्ति हेतु प्रश्‍न दिनांक तक क्‍या कार्यवाही की गई? (ग) उपरोक्‍तानुसार क्‍या शासन आगामी शैक्षणिक सत्र से पूर्व रिक्‍त पदों की पूर्ति करेगा? यदि नहीं, तो क्‍यों?

तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) शैक्षणिक वर्ग के रिक्त पदों की पूर्ति के मांग पत्र लोक सेवा आयोग एवं तृतीय, चतुर्थ पदों की पूर्ति के मांग पत्र पर व्यापम को भेजे जा चुके हैं। (ग) चयन सूची प्राप्त हो जाने पर रिक्त पदों की पूर्ति कर दी जावेगी। निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है।

परिशिष्ट ''पिच्चासी''

वन क्षेत्र की भूमि का सीमांकन

118. ( क्र. 5024 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या म.प्र. वन अधिनियम में वन क्षेत्र की भूमि के सीमांकन कराये जाने के संबंध में कोई नीति बनाई गई है? यदि हाँ, तो प्रति उपलब्‍ध करावें? (ख) प्रश्‍नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में क्‍या राजगढ़ जिले में वन परिक्षेत्र की भूमि का सीमांकन किया जाकर स्‍पष्‍ट आंकड़े विभाग के पास उपलब्‍ध है? यदि हाँ, तो ब्‍यावरा विधानसभा क्षेत्रांतर्गत कितनी भूमि वन विभाग के पास सीमांकित है? यदि नहीं, तो वन परिक्षेत्र भूमि के सीमांकन हेतु प्रश्‍न दिनांक तक क्‍या कार्यवाही की गई? (ग) उपरोक्‍तानुसार ब्‍यावरा विधानसभा क्षेत्रांतर्गत प्रश्‍न दिनांक तक ऐसे कितने प्रकरण प्रकाश में आये हैं, जिसमें राजस्‍व विभाग एवं वन विभाग में भूमि विवाद है तथा उनका क्‍या निराकरण किया गया? (घ) क्‍या विधानसभा क्षेत्र ब्‍यावरा में आए दिन राजस्‍व एवं वन विभाग की सीमा रेखा स्‍प्‍ष्‍ट न होने के कारण कृषि भूमि सीमा विवाद तथा अन्‍य निर्माण व विकास कार्य निरंतर बाधित हो रहे? क्‍या शासन कोई समय-सीमा तय कर ऐसे विवादग्रस्‍त स्‍थलों पर आ रही परेशानियों का निराकरण करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?

वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी नहीं, अपितु मध्यप्रदेश फॉरेस्ट मैन्यूअल भाग-एक के अध्याय-1 के पैरा 61 से 64 में वनक्षेत्र की भूमि के सीमांकन कराये जाने की जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘’’ अनुसार है। (ख) उत्तरांश के परिप्रेक्ष्य में राजगढ़ जिले के वन परिक्षेत्रों की वनभूमि के स्पष्ट आंकड़े उपलब्ध है। राजगढ़ जिले के ब्यावरा विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत 10056.29 हेक्टेयर भूमि वन विभाग के पास सीमांकित है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) ब्यावरा विधानसभा क्षेत्रांतर्गत प्रश्न दिनांक तक राजस्व भूमि एवं वनभूमि विवाद के 3 प्रकरण प्रकाश में आये है। प्रकरणों का विवरण संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘’’ अनुसार है। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - ''छियासी''

धार्मिक स्‍थलों का जीर्णोद्धार व विकास

119. ( क्र. 5040 ) श्री गिरीश भंडारी : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विगत दो वर्षों में नरसिंहगढ़ विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत म.प्र. शासन के अधीन विभिन्‍न धार्मिक स्‍थलों/मन्दिरों के जीर्णोद्धार, मरम्‍मत विकास कार्य हेतु    कितनी-कितनी राशि किस-किस मन्दिर/धार्मिक स्‍थलों के लिए आवंटित हुई है?       (ख) प्रश्‍न की कंडिका (क) की उपलब्‍ध जानकारी अनुसार प्राप्‍त आवंटन में किस-किस वर्ष कितनी-कितनी राशि से कहाँ-कहाँ के मन्दिरों/धार्मिक स्‍थलों में क्‍या-क्‍या कार्य, किन-किन संस्‍थाओं/निकायों एजेंसियों के माध्‍यम से कराये गये है? इनके प्राक्‍कलन किनके द्वारा तैयार किये गये है? राशि के उपयोगिता प्रमाण-पत्र व कार्य की पूर्णता के प्रमाण पत्र कब-कब किन-किन अधिकारियों द्वारा जारी किये गये? (ग) उक्‍त अवधि में उपरोक्‍त जीर्णोद्धार कार्य हेतु धार्मिक स्‍थल के चयन, राशि की स्‍वीकृति व कार्य एजेंसी के निर्धारण हेतु क्‍या-क्‍या मापदण्‍ड अपनाये गये?

उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

वन समितियों द्वारा कराये गये कार्य

120. ( क्र. 5041 ) श्री गिरीश भंडारी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नरसिंहगढ़ वन परिक्षेत्र में कितनी वन समितियां रजिस्‍टर्ड है? क्षेत्रवार समितियों की सूची उपलब्‍ध करावें? (ख) इन समितियों के खातों में विगत 3 वर्ष में कितनी राशि जमा कराई गई? (ग) विगत एक वर्ष में समितियों के माध्‍यम से समिति क्षेत्र में     कौन-कौन से कार्य कराये गये? कार्यवार उन पर कितनी-कितनी राशि व्‍यय की गई?     (घ) समितियों द्वारा कराये गये कार्यों का सत्‍यापन कब-कब किस-किस समिति का गठन कर कराया गया?

वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ख) समितियों के खातों में विगत तीन वर्ष में राशि रूपये 36,84,723/- जमा कराई गई। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (घ) समितियों द्वारा कराये गये कार्यों के सत्यापन हेतु कोई समिति गठित नहीं की गई है।

परिशिष्ट - ''सतासी''

कृषकों की फसल को वन्‍य प्राणियों द्वारा नुकसान

121. ( क्र. 5112 ) डॉ. योगेन्‍द्र निर्मल : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या प्रदेश में वन्यप्रणियों की संख्‍या में अप्रत्‍याधित वृद्धि हुइ है? यदि हाँ, तो शाकाहारी वन्‍यप्रणियों के लिए रहवास एवं आहार का संकट उत्‍पन्‍न होने से कृषकों की खड़ी फसलों को वन्‍यप्रणियों द्वारा नुकसान पहुँचाया जा रहा है? (ख) क्‍या अन्‍य देशों के विशेषज्ञों के द्वारा बनाई गई तकनीकी अनुसार वन्‍यप्रणियों के समूह को पकड़कर एक स्‍थान से दूसरे स्थान में स्‍थानांतरित करने की तकनीक पर शासन स्‍तर पर क्‍या विचार किया जा रहा है? (ग) बालाघाट जिले में वर्ष 2013-14, 2014-15 एवं 2015-16 में वन प्राणियों के द्वारा कितने किसानों की फसलों को बर्बाद कर नुकसान पहुँचाया गया? (घ) क्‍या राजस्‍व पुस्‍तक के परिपत्र खण्‍ड छ: क्रमांक 4 में फसल हानि की आर्थिक सहायता में 25 प्रतिशत से कम हानि पर प्रभावित किसानों को मुआवजा/अनुदान राशि दिये जाने का प्रावधान का उल्‍लेख नहीं के कारण उक्‍त किसानों को आर.बी.सी. 6/4 का लाभ प्राप्‍त नहीं हो रहा है? यदि हाँ, तो क्‍या उक्‍त प्रावधान में संशोधन कर प्रभावित किसानों को क्षतिग्रस्‍त फसलों का मुआवजा दिया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक?

वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) प्रदेश के वन्‍यप्राणियों की संख्‍या में अप्रत्‍याशित वृद्धि के कोई प्रमाण नहीं है। यह सही नहीं है कि वन्‍यप्राणियों के लिए रहवास एवं आहार का संकट उत्‍पन्‍न होने से कृषकों की खड़ी फसलों को नुकसान पहुंचाया जा रहा है। (ख) ऐसा कोई प्रस्‍ताव शासन स्‍तर पर विचाराधीन नहीं है।     (ग) प्रदेश के बालाघाट जिले के अंतर्गत वर्ष 2013-14, 2014-15 एवं 2015-16 में वन्‍यप्राणियों के द्वारा किसानों की फसलों को नुकसान पहुंचाया गया है। तहसीलदार की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जी हाँ। जानकारी संकलित की जा रही है।

परिशिष्ट - ''अठासी''

पाटन विधानसभा अंतर्गत तकनीकी प्रशिक्षण संस्‍थान

122. ( क्र. 5183 ) श्री नीलेश अवस्‍थी : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पाटन विधान सभा अंतर्गत कहाँ-कहाँ पर तकनीकी प्रशिक्षण संस्‍थान कार्यरत है, इन संस्‍थानों में किस-किस ट्रेड के कितने विद्यार्थियों को प्रशिक्षण की व्‍यवस्‍था है? (ख) प्रश्‍नांक (क) में उल्‍ल‍ेखित संस्‍थानों में कितने-कितने पद स्‍वीकृत है तथा इन पदों में कौन-कौन कब से पदस्‍थ है? कौन-कौन से पद कब से रिक्‍त हैं तथा उन्‍हें कब तक भरा जावेगा? (ग) क्‍या पाटन विधान सभा अंतर्गत‍नगर पंचायत कटंगी जिला जबलपुर में तकनीकी प्रशिक्षण संस्‍था (आई.टी.आई.) खोलने की आवश्‍यकता है, तथा तत्सम्‍बंध में क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों एवं आमजनों द्वारा समय-समय पर शासन से मांग की जाती रही है? (घ) यदि हाँ, तो क्‍या नगर पंचायत कटनी में शासन द्वारा आई.टी.आई. की स्‍थापना की जावेगी? उत्‍तर में यदि हाँ, तो किस प्रकार से कब तक, यदि नहीं, तो क्‍यों नहीं?

तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जानकारी निम्‍नानुसार है :-

स.क्रं.

संस्‍था का नाम

व्‍यवसाय

सीटों की संख्‍या

1.

शासकीय आई.टी.आई., पाटन

कोपा

52

2.

शासकीय आई.टी.आई., मझौली

विद्युतकार

42

फिटर

42

वेल्‍डर

32

कोपा

52

3.

श्री त्रयम्‍बकराज प्रायवेट आई.टी.आई., रसुईया

विद्युतकार

63

फिटर

63

(ख) शासकीय आई.टी.आई., पाटन एवं मझौली की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। जी हाँ। (घ) शासन द्वारा प्रथमत: ऐसे विकासखण्‍डों जिनमें कोई शासकीय अथवा प्रायवेट आई.टी.आई. नहीं है में शासकीय आई.टी.आई. की स्‍थापना की जाना है। विकासखण्‍ड पाटन (जिसमें कटंगी सम्मिलित है) में एक शासकीय आई.टी.आई. तथा एक प्रायवेट आई.टी.आई. (त्रयम्‍बकराज प्रायवेट आई.टी.आई.) संचालित है।

परिशिष्ट ''नवासी''

पाटन से शाहपुरा मार्ग निर्माण

123. ( क्र. 5184 ) श्री नीलेश अवस्‍थी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या एम.पी.आर.डी.सी. द्वारा पाटन से शहपुरा मार्ग का‍ निर्माण किया जा रहा है यदि हाँ, तो उक्‍त निर्माण का अनुबंध किससे कितनी लागत से किया गया तथा अनुबंध की शर्तों के अनुरूप कितनी-कितनी लागत से कौन-कौन से निर्माण कार्य कब तक पूर्ण होने है? (ख) क्‍या उक्‍त मार्ग के निर्माण के संबंध में स्‍थानीय ग्रामीणजनों द्वारा संभागीय प्रबंधक एम.पी.आर.डी.सी. जबलपुर को इस मार्ग पर जल निकासी हेतु ग्राम धनेटा के पास एवं नहर के बाजू से ग्राम धनेटा में दो पुलियों के निर्माण के संबंध में एक आवेदन दिनांक 05/02/16 को दिया था? (ग) यदि हाँ, तो प्राप्‍त आवेदन पर शासन द्वारा क्‍या कार्यवाही की गई? क्‍या विभाग द्वारा ग्रामीणजनों की जल निकासी की परेशानियों को देखे हुये उल्‍लेखित स्‍थलवार पर पुलियों के निर्माण की व्‍यवस्‍था करेगा? यदि हाँ, तो किस प्रकार से कब तक यदि नहीं, तो क्‍यों नहीं?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जी हाँ। उक्‍त मार्ग का निर्माण रू. 90.00 करोड़ की लागत से करने हेतु अनुबंध मेसर्स दिलीप बिल्‍डकॉन प्रा.लि. भोपाल से किया गया है। ई.पी.सी. अनुबंध में प्रत्‍येक कार्य की अलग-अलग लागत दर्शाने का प्रावधान नहीं है। अनुबंध के शेड्यूल बी के अंतर्गत समस्‍त कार्य दिनांक 18.02.2017 तक पूर्ण किया जाना है। (ख) जी हाँ। (ग) उक्‍त संबंध में निगम द्वारा नियुक्‍त अथारिटी इंजीनियर से जाँच करने के पश्‍चात 1 नग पुलिया का निर्माण तकनीकी रूप से उचित एवं पर्याप्‍त होने बाबत सुझाव दिया गया है जिसके फलस्‍वरूप 1 नग पुलिया का निर्माण उक्‍त स्‍थल पर इसी अनुबंध के तहत किया जा रहा है। शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

मार्ग निर्माण

124. ( क्र. 5192 ) श्री यादवेन्‍द्र सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर जिले के विधान सभा क्षेत्र बरगी के अंतर्गत पिपरिया से भैरवघाट मार्ग के निर्माण हेतु भू-मार्ग की भूमिका सीमांकन कब कराया गया? उक्‍त मार्ग के भू-अर्जन किये बिना निविदा क्‍यों आमंत्रित की गई? (ख) प्रश्‍नांश (क) के मार्ग का निर्माण कितनी लागत से कराया जा रहा है तथा उक्‍त मार्ग की निविदा किसको स्‍वीकृति हुई? (ग) प्रश्‍नांश (क) के मार्ग में बिजली के पोल, ट्रांसफार्मर एवं विद्युत लाइन का कार्य कब और किस ठेकेदार को दिया गया? (घ) उक्‍त मार्ग में हिटन ब्रिज का निर्माण कब कराया गया था? क्‍या बिना भू-अर्जन के ही ब्रिज का निर्माण कार्य कराया गया था? (ड.) यदि हाँ, तो प्रश्‍नांश (क) (ख) (ग) (घ) के परिप्रेक्ष्‍य में कितनी शिकायतें की गई? कब जाँच की गई? शिकायतवार कार्यवाहीवार विवरण दें?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) दिनांक 28.04.2014 को। उक्‍त मार्ग के अधिकांश हिस्‍से में शासकीय भूमि होने एवं अर्जित किये जाने वाली भूमि का रकबा (0.190 हेक्‍टेयर) अत्‍यंत कम होने तथा स्‍वीकृत प्राक्‍कलन में भू-अर्जन का प्रावधान होने के कारण निविदा आमंत्रित की गई। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट अनुसार है।     (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट अनुसार है। (घ) दिनांक 30.06.2012 को पूर्ण किया गया था। जी नहीं, भू-अर्जन प्रक्रिया दिनांक 19.01.2016 से प्रारंभ है। (ड.) जी नहीं। जी नहीं। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट ''नब्बे''

नियम विरूद्ध के कॉन्‍ट्रेक्‍ट का कार्य निरस्‍त किया जाना

125. ( क्र. 5212 ) श्रीमती शीला त्‍यागी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले में अंतरैला से चौखण्‍डी व्‍हाया रामबाग से चाकघाट पहुँच मार्ग रोड का कार्य किस योजना एवं मद से कराया जा रहा है? उक्‍त सड़क निर्माण के कार्य एजेन्‍सी (ठेकेदार) कौन हैं? (ख) प्रश्‍नांश (क) के निर्माण एजेंसी द्वारा क्‍या उक्‍त कार्य को अंतरैला से चौखण्‍डी व्‍हाया रामबाग का कार्य ब्‍लैक लिस्‍टेड बन्‍दना कंस्‍ट्रेक्‍शन कम्‍पनी रीवा को पेटी पर कितने कि.मी. कहाँ से कहाँ तक का कार्य कराने के लिये दिया हैं और किसके आदेश एवं नियम से जानकारी देवें? क्‍या उक्‍त कार्य उक्‍त कम्‍पनी के द्वारा स्‍टीमेट, नक्‍शा के विपरीत गुणवत्‍ताविहीन कराया जा रहा है? क्‍या उक्‍त कार्य की जाँच कमिश्‍नर रीवा से करायेंगे? (ग) क्‍या सही है कि प्रश्‍नांश (क) की बन्‍दना कंस्‍ट्रेक्‍शन कम्‍पनी जल संसाधन विभाग से करोड़ों रूपये के फर्जी बिल भुगतान लेने में ब्‍लैक लिस्‍टेड हुई हैं? यदि हाँ, तो ऐसे ब्‍लैक लिस्‍टेड कम्‍पनी को उक्‍त कार्य पेटी में देने का औचित्‍य क्‍या है? क्‍या उक्‍त अनुबंध समाप्‍त करते हुये कोई नयी एजेन्‍सी नियुक्‍त कर कार्य करायेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? (घ) क्‍या बन्‍दना कंस्‍ट्रेक्‍शन कम्‍पनी का मालिक स्‍थानीय है जिस कारण रोड में फंसने वाली भूमि/भवन को अधिग्रहण करने में पक्षपात पूर्ण कार्य व्‍यवहार करता है जिस कारण कई दिन अंतरैला से लेकर रामबाग तक ग्रामीणों द्वारा विरोध किया गया? यदि हाँ, तो इसकी जाँच क्‍या वरिष्‍ठ अधिकारियों से कराकर उक्‍त अनुबंध समाप्‍त करेंगे?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) रीवा जिले में अतरैला से चौखण्‍डी वाया रामबाग से चाकघाट पहुंच मार्ग जो कि वस्‍तुत: हरदुआ चाकघाट मार्ग का भाग है, का निर्माण ए.डी.बी. वित्‍तीय पोषित योजना अंतर्गत कराया जा रहा है। उक्‍त संपूर्ण सड़क हरदुआ-चाकघाट निर्माण की कार्य एजेन्‍सी मे. गंगोत्री इंटरप्राइजेज बी-158, सेक्‍टर ए, महानगर लखनऊ (उ.प्र.) है। (ख) जी नहीं कोई कार्य पेटी पर नहीं दिया है। जी नहीं। उक्‍त कार्य एस्‍टीमेट के अनुरूप मानक स्‍तर का कराया जा रहा है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) विभाग से असंबंधित। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (घ) विभाग से असंबंधित। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

विधानसभा क्षेत्र में विभागीय सड़कें

126. ( क्र. 5242 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुड़वारा विधानसभा क्षेत्र में किन-किन सड़कों की वर्ष 2013-14 से प्रश्‍न दिनांक तक कितनी-कितनी लागत से कब-कब और क्‍या-क्‍या निर्माण एवं मरम्‍मत की गई? सड़कवार, वर्षवार बतायें? (ख) प्रश्‍नांश (क) में वर्ष 2013-14 से प्रश्‍न दिनांक तक डिपाजिट मद से क्‍या-क्‍या कार्य और किन-किन मार्गों में कब-कब, कितनी-कितनी लागत से कराये गये? (ग) प्रश्‍नांश (क) से (ख) में विभाग की ऐसी    कौन-कौन सी सड़कें हैं, जिनकी मरम्‍मत एवं निर्माण कार्य कराया जाना आवश्‍यक है? क्‍या इन सड़कों की मरम्‍मत, निर्माण के प्रस्‍ताव शासन स्‍तर पर विचाराधीन है? यदि हाँ, तो किस स्‍तर पर एवं कार्य की स्‍वीकृति प्रदान कर, कार्य कब तक कराये जायेंगे?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' एवं 'अ-1' अनुसार है। (ख) विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ग) 1. मुड़वारा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत ए.डी.बी. योजना (एम.पी.डी.सी.एस.पी.) में एक मुल कार्य, कटनी-विजय राघवगढ़-बरही, (मुख्‍य जिला मार्ग) का उन्‍नयन/निर्माण कार्य स्‍वीकृत है जो प्रगति पर है। 2. मरम्‍मत मद के अंतर्गत कटनी-पवई-अमानगंज मार्ग के कि.मी. 7/2 से 12/6 में बी.टी. रिनुवल के कार्य की निविदा प्रक्रियाधीन है। जी नहीं। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

शासकीय धन राशि के व्‍यय का औचित्‍य

127. ( क्र. 5255 ) श्री मधु भगत : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बालाघाट जिले में विभाग के अंतर्गत कौन-कौन से कार्यालय, डिपो, रेस्‍ट हाउस, प्रशिक्षण शाला, कहाँ-कहाँ है? उनका कार्यक्षेत्र क्‍या है? उनके दायित्‍व, अधिकार, कार्य क्‍या हैं? (ख) उपरोक्‍त कार्यालयों में कौन-कौन रूप से किस पद पर पदस्‍थ हैं? (ग) उपरोक्‍त कार्यालयों द्वारा वेतन-भत्‍तों के अतिरिक्‍त किस-किस मद में कितनी राशि पिछले 3 वर्षों में व्‍यय की? (घ) उपरोक्‍त कार्यालयों, संस्‍थाओं, रेस्‍ट हाउस, डिपो आदि का शासन के नियमों के प्रावधानानुसार स्‍टोर एवं स्‍टाक का भौतिक सत्‍यापन उक्‍त अवधि में     कब-कब किसने किया?

वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) बालाघाट जिले में वन विभाग के अंतर्गत डिपो, रेस्ट हाउस, प्रशिक्षण शाला, उनका कार्यक्षेत्र दायित्व, अधिकार एवं कार्य की विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) बालाघाट जिले के वन विभाग के कार्यालयों में कुल 1225 अधिकारी एवं कर्मचारी पदस्थ हैं। जिनकी विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) उपरोक्त कार्यालयों द्वारा वेतन भत्तों के अतिरिक्त विगत तीन वर्षों में मदवार व्यय की गई राशि का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (घ) उपरोक्त कार्यालयों, संस्थाओं, रेस्ट हाउस, डिपो आदि का शासन के नियमों के प्रावधान अनुसार स्टोर एवं स्टॉक के विगत तीन वर्षों में भौतिक सत्यापन किये जाने की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है।

त्रुटिपूर्ण पदोन्‍नति आदेश जारी किया जाना

128. ( क्र. 5262 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) यह उप संचालक उद्योग महाप्रबंधक से संयुक्‍त संचालक उद्योग के पद पर विभागीय पदोन्‍नति समिति की बैठक दिनांक 01.09.2015 को आयोजित की गई थी? (ख) यह उक्‍त पदोन्‍नति समिति की बैठक में ऐसे अधिकारियों को चयनित कर पदोन्‍नति प्रदान की गई, जिनके विरूद्ध लोकायुक्‍त में प्रकरण पंजीबद्ध है? (ग) प्रश्‍नांश (ख) के संदर्भ में त्रुटिपूर्ण पदोन्‍नति प्रदान करने वाले दोषी अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध क्‍या कोई कार्यवाही की जावेगी तथा त्रुटिपूर्ण पदोन्‍नति आदेश निरस्‍त किया जावेगा?

उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जी हाँ। (ख) एवं (ग) जी हाँ। प्रश्‍नांश '' के परिप्रेक्ष्‍य में लेख है, सामान्‍य प्रशासन विभाग द्वारा जारी परिपत्र क्रमांक एफ/सी-6/94/3/एक, दिनांक 30/06/1994 में जारी निर्देशों के परिप्रेक्ष्‍य में पदोन्‍नति के आदेश जारी किये गये है। अत: कार्यवाही नियमानुसार होने के कारण शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

धारा (29) एवं धारा 4 (1) के अधिसूचित भूमि

129. ( क्र. 5267 ) श्री सुरेन्‍द्र सिंह बघेल : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्‍यप्रदेश शासन वन विभाग के प्रमुख सचिव द्वारा 10 अप्रैल 2015 को भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा 29 एवं धारा 4 (1) में अधिसूचित भूमियों पर राजस्‍व अभिलेखों में दर्ज अधिकारों के संबंध में क्‍या-क्‍या आदेश, निर्देश दिए हैं?        10 अप्रैल 2015 से प्रश्‍नांकित दिनांक‍तक वन मुख्‍यालय ने किस-किस दिनांक को पत्र जारी किए हैं, बतावें? (ख) वन विभाग के वर्तमान नियंत्रण एवं प्रबंधन में धारा-29 के अनुसार अधिसूचित कितनी संरक्षित वन भूमि है? धारा 20 (अ) के अनुसार मानी गई कितनी संरक्षित वन भूमि है? धारा 4 (1) में अधिसूचित कितनी भूमि पृथक-पृथक वनमंडलवार बतावें? (ग) धारा 20 (अ) भारतीय वन अधिनियम 1927 में किस दिनांक को स्‍थापित की गई इस धारा के अनुसार कितनी भूमियों को संरक्षित वन अधिसूचित किया गया? कितनी भूमियों को संरक्षित वन आदेशित किया गया? यदि अधिसूचना एवं आदेश जारी नहीं किए हो तो कारण बतावें? (घ) 10 अप्रैल 2015 को जारी पत्र में धारा 20'' के अनुसार संरक्षित वन मानी गई भूमियों से संबंधित अधिकारी अभिलेख का आदेश निर्देश न दिए जाने का क्‍या कारण रहा है? कब तक आदेश निर्देश दे दिया जावेगा?

वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) प्रश्‍नांकित निर्देश संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र   '' अनुसार है। इस संबंध में वन मुख्‍यालय ने पृथक से पत्र जारी नहीं किया है।      (ख) वन विभाग के वर्तमान नियंत्रण एवं प्रबंधन में धारा-29 के अन्‍तर्गत 3109804 हेक्‍टेयर संरक्षित वनभूमि है। धारा-20 (अ) के तहत मानी गई संरक्षित वनभूमि परीक्षणाधीन है। धारा-4 (1) में अधिसूचित भूमि का विवरण संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ग) भारतीय वन अधिनियम, 1927 की धारा-20 (अ) मध्‍यप्रदेश अधिनियम क्रमांक-9 वर्ष 1965 की धारा-3 से प्रतिस्‍थापित की गई है। धारा-20 (अ) के तहत, संरक्षित वन अधिसूचित नहीं किया गया है, परीक्षणाधीन है। (घ) परीक्षणाधीन होने से समय-सीमा बताना सम्‍भव नहीं है।

परिशिष्ट ''इक्यानवे''

पदोन्‍नति में भारी भ्रष्‍टाचार

130. ( क्र. 5268 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या तकनीकी शिक्षा में 4.2.2012 को प्राध्‍यापक हेतु पदोन्‍नति अधिकारियों में से एक अधिकारी को राजीव गांधी प्रौद्योगिक विश्‍वविद्यालय द्वारा    क्र. 320 दि. 9.8.11 द्वारा Ph.D दी गई? यदि हाँ, तो बतावें कि उक्‍त अधिकारी द्वारा संचालक को किस दिनांक को केरियर एडवांस योजना के तहत पदोन्‍नति का आवेदन दिया गया? उसका आवक क्रमांक बतावें। (ख) प्रश्‍नांश (क) में प्राप्‍त आवेदन की संचालक द्वारा किस दिनांक को कार्यवाही हेतु स्‍थापना शाखा में भेजा गया तथा बतावें कि दिनांक 9.8.11 को ही संचालक ने दी अधिकारी का नाम प्रपत्र जारी कैसे स्‍वीकृत कर शासन को भेजा? (ग) क्‍या संचालक द्वारा नोटशीट क्र. वनिम/11/565 दिनांक 9.8.11 द्वारा दो अधिकारी के नाम अनुसंशित कर शासन को प्रेषित कर दिये गये? यदि हाँ, तो बतावें कि एक ही दिनांक 9.8.11 को इतने तेजी से कार्यवाही क्‍यों की गई?     (घ) क्‍या प्रश्‍नांश (ग) की अनुशंसा को आवक रजिस्‍टर में 565 तथा 566 के बीच बिना क्रमांक के दर्ज कर भेजा गया?

तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) की जानकारी एकत्रित की जा रही है।

विभाग की भूमि अतिक्रमण से मुक्‍त करवाना

131. ( क्र. 5271 ) श्री बाला बच्‍चन : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़वानी जिले के राजपुर वि.स. क्षेत्र में ठीकरी जरवाय मार्ग पर विभाग की कितनी भूमि पर अतिक्रमण है? (ख) यह निर्माण किसके द्वारा किस स्‍वरूप में किया गया है इसकी अनदेखी क्‍यों विभाग द्वारा की गई? इसके दोषी अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा? (ग) प्रश्‍नांश (क) अनुसार यह भूमि कब तक अतिक्रमण मुक्‍त करा ली जायेगी?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) बड़वानी जिले के राजपुर विधान सभा क्षेत्र में ठीकरी जरवाय मार्ग पर इस विभाग के नाम से कोई भूमि दर्ज नहीं है, अतः अतिक्रमण का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्नांश के संदर्भ में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश के संदर्भ में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।

गुणवत्‍ताहीन निर्माण कार्य

132. ( क्र. 5272 ) श्री बाला बच्‍चन : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़वानी जिले के राजपुर शासकीय महाविद्यालय की निर्माण स्‍वीकृति लागत, दिनांक, कार्य एजेंसी, कार्य पूर्णता दिनांक सहित बतावें? (ख) पूर्ण होने के कितने समय बाद इसे हस्‍तांतरित किया गया? इसके निर्माण में घटिया सामग्री एवं गुणवत्‍ताहीन होने की जाँच शसन कब तक करायेगा? (ग) इस घटिया निर्माण के लिए दोषी अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा? (घ) नवनिर्मित स्‍टाफ रूम एवं निर्माणाधीन बाउण्‍ड्रीवॉल में भी घटिया एवं गुणवत्‍ताहीन सामग्री प्रयुक्‍त करने के लिए दोषी अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही कर इनका संधारण कराएगा?

तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) शासकीय महाविद्यालय राजपुर के भवन निर्माण हेतु प्रशासकीय स्वीकृति 59.03 लाख दिनांक 14.11.2005 को जारी की गई थी एवं अतिरिक्त कक्ष, महिला प्रसाधन, विद्युतीकरण, जल व्यवस्था हेतु राशि रूपये 47.14 लाख इस प्रकार कुल राशि 106.17 लाख की पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति दिनांक 24.12.2011 को प्रदान की गई, जिसके विरूद्ध राशि रूपये 97.84 लाख व्यय किया जा चुका है। इस निर्माण कार्य की कार्य एजेंसी लोक निर्माण विभाग, संभाग बड़वानी है भवन का एक भाग दिनांक 30.7.2010 को पूर्ण हो चुका है। शेष अतिरिक्त कार्य प्रगति पर है। (ख) महाविद्यालय भवन का एक भाग निर्माण एजेंसी द्वारा लगभग 01 वर्ष 09 माह बाद महाविद्यालय को हस्तांतरित किया गया है। शेष भाग का उपयोग नवम्बर, 2013 से किया जा रहा है। घटिया सामाग्री एवं गुणवत्ताहीन होने संबंधी कोई शिकायत न होने से शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ग) ख" के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) स्टाफ रूम/ बाउण्ड्रीवॉल निर्माण में घटिया एवं गुणवत्ताहीन सामाग्री प्रयुक्त करने संबंधी कोई शिकायत न होने से प्रश्न उपस्थित नहीं होता।

बैतूल जिले के वनखंड

133. ( क्र. 5275 ) श्री हेमन्‍त विजय खण्‍डेलवाल : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैतूल जिले के 680 ग्रामों की संरक्षित वन सर्वे डिमारकेशन में शामिल की गई कितनी भूमि एवं 1269 ग्रामों की नारंगी भूमि सर्वे में शामिल की गई? कितनी भूमियों को कितने वनखंडों में शामिल किया? कितनी भूमियों को किन-किन कारणों से अनुपयुक्‍त या लेफ्ट आउट माना गया? (ख) संरक्षित वन सर्वे डिमारकेशन एवं नारंगी वन भू‍मि सर्वे डिमारकेशन में शामिल अनुपयुक्‍त पाई गई या वनखंडों के बाहर छोड़ी गई? कितनी भूमि को किस पत्र क्रमांक दिनांक के द्वारा राजस्‍व विभाग को अंतरित किया, कितनी भूमि किस दिनांक को निर्वनीकृत की गई? कितनी भूमि का अंतरण एवं निर्वनीकरण प्रश्‍नांकित दिनांक तक भी नहीं किया गया, दोनों ही सर्वे की पृथक-पृथक जानकारी देवे? (ग) भारतीय वन अधिनियम 1927 की किस धारा में किन जमीनों को नारंगी भूमि अधिसूचित किए जाने एवं किस धारा में नारंगी भूमि को डीनोटीफाईड किए जाने के प्रावधान दिए गए हैं? (घ) राजस्‍व विभाग ने किस पत्र क्रमांक दिनांक के द्वारा 680 ग्रामों की कितनी भूमि एवं 1269 ग्रामों की कितनी भूमि वन विभाग को हस्‍तांतरित/अंतरित की है? पत्र की प्रति सहित बतावें?

वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) बैतूल जिले के वन वृत्‍त बैतूल के अंतर्गत 680 ग्रामों की 149495.06 हेक्‍टेयर भूमि संरक्षित वन सर्वे डिमारकेशन में शामिल की गई एवं नारंगी क्षेत्र सर्वे एवं सीमांकन इकाई बैतूल द्वारा 1269 ग्रामों की 137752.393 हेक्‍टेयर भू‍मि प्रारंभिक सर्वे में शामिल की गई। संरक्षित वन सर्वे डिमारकेशन में शामिल भूमियों में से 71909.141 हेक्‍टेयर वनभूमि के 482 वनखण्‍ड बनाये गये तथा नारंगी क्षेत्र सर्वे में शामिल भूमियों में से 7565.067 हेक्‍टेयर भूमि 259 वनखण्‍डों में शामिल की गई। सर्वे डिमारकेशन उपरान्‍त 81987.890 हेक्‍टेयर भूमि, सीमाओं को सीधी रेखाओं में करने पर, अतिक्रमण होने, छोटे टुकड़ों के रूप में होने आदि के कारण तत्‍समय वनखण्‍डों के बाहर छोड़ी गई। नारंगी इकाई प्रारंभिक सर्वेक्षण उपरान्‍त वनखण्‍ड से बाहर छोड़ी गई 130187.326 हेक्‍टेयर भूमि में से 78723.489 हेक्‍टेयर राजस्‍व भूमि तथा 51463.837 हेक्‍टेयर नारंगी भूमि को मध्‍यप्रदेश शासन वन विभाग के पत्र क्रमांक एफ 5/43/90/  10-3 दिनांक 14.05.1996 में दिये गये निर्देशानुसार अनुपयुक्‍त पाये जाने के कारण वनखण्‍डों के बाहर छोड़ा गया। पत्र की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'एक' अनुसार है। (ख) संरक्षित वन डिमारकेशन में वनखण्‍डों के बाहर छोड़ी गई संरक्षित वनभूमियों में से राजस्‍व विभाग को अंतरित भूमियों की पत्र क्रमांक/दिनांक की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'दो' अनुसार है। संरक्षित वन डिमारकेशन के 680 ग्रामों में से 243 ग्रामों की संरक्षित वनभूमि भारतीय वन अधिनियम, 1927 की धारा-34 (अ) के तहत राजपत्र दिनांक 15 सितम्‍बर 1972 से निर्वनीकृत की गई। उक्‍त अधिसूचना में रकबे का उल्‍लेख नहीं है। नारंगी इकाई के द्वारा किये गये प्रारंभिक सर्वेक्षण में 130187.326 हेक्‍टेयर भूमि अनुपयुक्‍त पाये जाने के कारण वनखण्‍ड में शामिल नहीं की गई थी, जिसमें से 78723.489 हेक्‍टेयर राजस्‍व भूमि थी तथा 51463.837 हेक्‍टेयर भूमि नारंगी भूमि थी। वनखण्‍डों से बाहर छोड़ी गई 78723.489 हेक्‍टेयर राजस्‍व भूमि पूर्ववत् राजस्‍व विभाग के ही आधिपत्‍य में है। नारंगी इकाई द्वारा किये गये प्रारंभिक सर्वेक्षण में शामिल 55349.289 हेक्‍टेयर नारंगी भूमि में से 3885.452 हेक्‍टेयर नारंगी भूमि वनखण्‍ड में शामिल की गई। शेष 51463.837 हेक्‍टेयर में से वर्ष 1972 के मध्‍यप्रदेश के राजपत्र से निर्वनीकृत ग्रामों की नारंगी सर्वे में शामिल भूमियों को एवं दिनांक 31.12.1976 के वन व्‍यवस्‍थापन के तहत प्रदाय पट्टों हेतु वर्ष 1990-91 में प्रकाशित राजपत्रों से निर्वनीकृत की गई भूमियों को कम करते हुये वर्तमान में शेष 39361.062 हेक्‍टेयर नारंगी वनभूमियों का निर्वनीकरण/अन्‍तरण नहीं किया गया। निर्वनीकरण पर वर्तमान में माननीय सर्वोच्‍च न्‍यायालय द्वारा याचिका क्रमांक 337/1995 में पारित आदेश दिनांक 13.11.2000 से रोक लगाई गई है। संबंधित आदेश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'तीन' अनुसार है। (ग) नारंगी भूमि असीमांकित संरक्षित वन है, अत: ऐसी भूमियां संरक्षित वन होने से भारतीय वन अधिनियम, 1927 की धारा-29 से अधिसूचित करने एवं धारा 34 (अ) के तहत निर्वनीकरण करने का प्रावधान है। (घ) 680 ग्रामों की वर्ष 1954 से 1956 के मध्‍य राजस्‍व विभाग से प्राप्‍त भूतपूर्व मालगुजारी तथा रैयतवारी ग्रामों की वनभूमि के हस्‍तांतरण के संबंध में कार्यालय अधीक्षक भू-अभिलेख बैतूल का पत्र पृष्‍ठांकन क्रमांक 13 निस्‍तार, दिनांक 10.10.1956 की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'चार' अनुसार है। 1269 ग्रामों की भूमि हस्‍तांरित/अंतरित होने के संबंध में कोई पत्र अभिलेखों में उपलब्‍ध नहीं है, अपतिु राजस्‍व विभाग के अधीन छोटे-बड़े झाड़ के जंगल की भूमियों की खसरा नम्‍बरवार सूची कलेक्‍टर भू-अभिलेख, बैतूल के पत्र क्रमांक/38/92/एल.आर. 2/908 दिनांक 02.08.1996 की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'पाँच' अनुसार है।

सिंहस्‍थ मद से चल रहे कार्यों के विषय में

134. ( क्र. 5278 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिंहस्‍थ मद से महिदपुर विधान सभा क्षेत्र में कितने कार्य चल रहे हैं? अद्यतन स्थिति बतावें? (ख) इस मद से घटिया से खेड़ा खजूरिया व्‍हाया जगोदीडोंगला मार्ग कब तक स्‍वीकृत करा जायेगा?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) सिंहस्‍थ मद से महिदपुर विधानसभा क्षेत्र में कोई कार्य स्‍वीकृत नहीं है। प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता। (ख) सिंहस्‍थ मद से स्‍वीकृति संबंधी निर्णय मध्‍यप्रदेश शासन नगरीय प्रशासन विभाग से संबंधित है। अत: वर्तमान में निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है।

महाविद्यालय की स्‍वीकृति

135. ( क्र. 5279 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) महिदपुर विधान सभा क्षेत्र के झारड़ा कस्‍बे में महाविद्यालय स्‍वीकृत करने के लिये क्‍या कार्यवाही की गई है? (ख) इसके लिये परीक्षण समिति ने क्‍या और कब-कब कार्यवाही की है? (ग) कब तक महाविद्यालय प्रारंभ कर दिया जावेगा?

तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी नहीं। वर्तमान में शासन द्वारा पूर्व से संचालित शासकीय महाविद्यालय में सुदृढ़ीकरण, गुणवत्ता एवं विकास करने के प्रयास किये जा रहे हैं। अत: झारणा कस्बे में महाविद्यालय खोले जाने में कठिनाई है। (ख) प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।

म.प्र. में उद्योगों की स्‍थापना हेतु भूमि आवंटन

136. ( क्र. 5282 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) म.प्र. में उद्योगों की स्‍थापना के लिये वर्तमान में शासन के पास भूमि आवंटन के अभाव में कितने प्रस्‍ताव/एमओयू/इन्‍टेंशन टू इन्‍वेस्‍ट के लिये     कितनी-कितनी भूमि के कब से लंबित है? प्रस्‍तावित पूंजी निवेश एवं रोजगार की सूची उपलब्‍ध करावे? (ख) प्रश्‍नांश (क) के अंतर्गत लंबित प्रस्‍तावों को अब तक भूमि आवंटित नहीं किये जाने के क्‍या कारण है? (ग) प्रश्‍नांश (क) में सूचीबद्ध प्रस्‍तावों में से कितने निवेशकों द्वारा नीमच जिले में उद्योगों की स्‍थापना करने के लिये भूमि आवंटन की मांग की गई है? (घ) नीमच जिले में उपलब्‍ध उद्योग विभाग के आधिपत्‍य व लैण्‍ड के रूप में आरक्षित भूमि पर उद्योग स्‍थापित कर रोजगार उपलब्‍ध कराने की शासन की क्‍या कोई योजना है? यदि हाँ, तो तत्‍संबंधी ब्‍यौरा दें?

उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उक्‍त इन्‍टेंशन टू इन्‍वेस्‍ट से संबंधित निवेशकों द्वारा प्रस्‍तावित औद्योगिक क्षेत्र यथा औद्योगिक क्षेत्र, बगरौदा, जिला भोपाल, औद्योगिक क्षेत्र, अचारपुरा, जिला भोपाल, औद्योगिक क्षेत्र तीरथपुर, जिला होशंगाबाद में भूखण्‍डों की बुकिंग की गई है। इन क्षेत्रों में अधोसंरचना विकास कार्य प्रगति पर है एवं बुनियादी अधोसंरचना विकसित होने पर औद्योगिक क्षेत्रों को अधिसूचित करने के उपरांत निवेशकों को भूखण्‍ड आवंटित किए जावेंगे। (ग) निरंक (घ) जी हाँ। नीमच जिले में उद्योग विभाग के नाम ग्राम बामनबर्डी, तहसील नीमच की 87.190 हेक्‍टेयर, ग्राम चैनपुरा, तहसील नीमच की 61.470 हेक्‍टेयर तथा ग्राम सोनीयाना, तहसील जीरन की 63.080 हेक्‍टेयर शासकीय भूमि आरक्षित है। नीमच जिले में ग्राम झांझरबाडा में उद्योग विभाग के आधिपत्‍य की 85.96 हेक्‍टेयर भूमि व निकटवर्ती क्षेत्र में आरक्षित भूमि पर दिल्‍ली-मुम्‍बई इण्‍डस्ट्रियल परियोजना अंतर्गत टैक्‍सटाईल/फूड इण्‍डस्‍ट्री पर केन्द्रित औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने की योजना है। ग्राम झांझरबाडा की भूमि पर टैक्‍सटाईल पार्क की स्‍थापना हेतु भारत सरकार को राशि रूपये 86.95 करोड़ का प्रोजेक्‍ट स्‍वीकृति हेतु दिनांक 03.03.2015 को प्रेषित किया गया है। स्‍वीकृति अपेक्षित है। लैंड बैंक के रूप में आरक्षित भूमि मध्‍यम एवं वृहद उद्योगों की मांग होने पर आवंटित की जावेगी।

नीमच जिले में रोजगार के अवसर

137. ( क्र. 5283 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या नीमच जिले में भारत सरकार की डी.एम.आई.सी. योजना के अंतर्गत उद्योगों की स्‍थापना का कोई प्रस्‍ताव हैं? (ख) यदि हाँ, तो किस क्षेत्र में स्‍थापित होना है? क्‍या इसके लिये भूमि चयनित कर आरक्षित कर ली गई है?          (ग) प्रश्‍नांश (क) में दर्शाई गई इस योजना में किस सेक्‍टर में कितना पूंजी निवेश एवं रोजगार उपलब्‍ध कराने की शासन की योजना है?

उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) डी.एम.आई.सी. परियोजना के अंतर्गत रतलाम-नागदा इन्‍वेस्‍टमेंट रीजन के संबंध में किये गये व्‍यवहार्यता अध्‍ययन में टैक्‍सटाइल/फूड इण्‍डस्‍ट्रीज पर केन्द्रित औद्योगिक क्षेत्र, संभावित परियोजनाओं में सम्मिलित है। (ख) उद्योग विभाग को हस्‍तांतरित ग्राम झांझरबाडा, तहसील नीमच में 85.96 हे. व निकटवर्ती क्षेत्र में स्‍थापित होना प्रस्‍तावित है, जिसके लिये भूमि चयनित कर आरक्षित की गयी है। (ग) व्‍यवहार्यता अध्‍ययन के अनुसार टैक्‍सटाईल/फूड इण्‍डस्‍ट्रीज पर केन्द्रित औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने पर कुल रू. 119.75 करोड़ का परियोजना व्‍यय अनुमानित है। उक्‍त परियोजना के क्रियान्‍वयन के फलस्‍वरूप 4000 से अधिक व्‍यक्तियों को सीधे रोजगार के अवसर उपलब्‍ध होना अनुमानित है।

रिलायंस उद्योग की जानकारी

138. ( क्र. 5286 ) श्री जितू पटवारी : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) रिलायंस उद्योग समूह (ADAG) को विगत 10 वर्षों में कितनी भूमि कहाँ-कहाँ लीज़ पर दी गई? लीज़ भूमि स्‍थान रकबा, लीज़, राशि, लीज़ अवधि, लीज उपयोग सहित बतावें? सभी की वर्तमान स्थिति भी बतावें? (ख) विगत 03 वर्षों में इस समूह द्वारा कितनी कर छूट की मांग कितने निर्माण कार्यों की मांग शासन से की गई है? उन पर शासन ने क्‍या कार्यवाही की है? प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में बतावें? (ग) इस समूह द्वारा स्‍थानीय विकास निधि में प्रश्‍न दिनांक तक कितनी राशि कहाँ-कहाँ दी है?

उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) विभाग द्वारा सतना जिले के ग्राम इटहरा तथा मरौली में 1.233 हेक्‍टेयर तथा ग्राम गोदावरी जिला सिंगरौली में 1.371 हेक्‍टेयर भूमि सीमेंट प्‍लांट के लिये 30 वर्ष की अवधि हेतु आवंटित की गई है। उक्‍त स्‍थानों में सीमेंट प्‍लांट स्‍थापित है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्रदत्‍त राशि की जानकारी विभाग में संधारित नहीं है।

कम्‍पनियों को लीज पर भूमि आवंटन

139. ( क्र. 5287 ) श्री जितू पटवारी : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रश्‍न क्रं.814 दिनांक 11.02.2014 के अनुसार ग्‍लोबल समिट में जिन 2201 कंपनियों से करार हुआ इनमें से कितने उद्योग प्रारंभ, अप्रारंभ बंद है उनकी सूची देवें, तथा लीज भूमि लेने के कितने समय बाद तक उद्योग प्रारंभ कर सकते हैं?      (ख) भूमि लेने के बाद भी जो उद्योग अभी तक प्रारंभ नहीं हुए हैं वे कब तक प्रारंभ कर दिए जाएंगे?

उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) प्रश्‍न क्र. 814 के अनुसार 2201 निवेश आशय प्रस्‍तावों में से 24 उद्योग प्रारंभ हुये है। जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है। शेष अप्रारंभ अथवा प्रक्रियाधीन है। म.प्र. औद्योगिक भू‍मि एवं भवन प्रबंधन नियम, 2015 की कंडिका 15 अनुसार सूक्ष्‍म एवं लघु उद्योग भूमि आधिपत्‍य दिनांक से 02 वर्ष, मध्‍यम उद्योग 03 वर्ष तथा वृहद उद्योग 04 वर्ष तक उद्योग प्रारंभ कर सकते हैं। (ख) उद्योग का प्रारंभ होना एक निरंतर प्रक्रिया है, जिसमें सर्वप्रथम निवेशक भूमि प्राप्‍त करने हेतु आवेदन प्रस्‍तुत करता है, उसके पश्‍चात भूखण्‍ड का आवंटन/आधिपत्‍य प्राप्‍त कर, भवन निर्माण अनुज्ञा/पर्यावरण एवं अन्‍य आवश्‍यक स्‍वीकृतियां प्राप्‍त करने के पश्‍चात, उद्योग स्‍थापना हेतु वित्‍तीय व्‍यवस्‍था कर, भवन निर्माण पूर्ण कर उत्‍पादन का प्रारंभ करता है। यह कार्यवाही निवेशक भूमि प्राप्‍त कर, दो से चार वर्षों के अन्‍दर पूर्ण कर सकता है। उद्योग प्रारंभ करने की उपरोक्‍त समय-सीमा को दृष्टिगत रखते हुए ऐसा कोई प्रकरण नहीं है, जिसमें नियमानुसार उद्योग प्रारंभ करने की समय-सीमा व्‍यतीत हो गयी है।

परिशिष्ट ''बानवे''

प्रश्‍न क्रमांक 563 दिनांक 23.07.2015 के उत्‍तर से संबंधित

140. ( क्र. 5296 ) श्रीमती शकुन्‍तला खटीक : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अतारांकित प्रश्‍न क्र. 563 दिनांक 23.07.2015 के उत्‍तर (क) में संलग्‍न प्रपत्र अ, अ-1, अ-2 एवं प्रपत्र-ब अनुसार अधिकांश कार्य प्रगतिरत हैं दर्शाया गया है? (ख) प्रश्‍नांश (क) से संबंधित उत्‍तरांश (क) के संलग्‍न प्रस्‍तुत प्रश्‍न में प्रश्‍नकर्ता द्वारा कार्या. प्रथम प्राक्‍कलन व रिवाईज़ प्राक्‍कलन द्वारा किये गये की जानकारी चाही गई थी? परंतु उत्‍तर में कहीं भी इसका उल्‍लेख नहीं है? (ग) यदि उपरोक्‍त उत्‍तर सच है तो कारण दर्शाते हुये प्रगतिरत कार्य तक पूर्ण कर दिये जायेंगे? व प्रथम प्राक्‍कलन व रिवाईज़ प्राक्‍कलन की जानकारी व जो बिन्‍दु कार्य प्रथम प्राक्‍कलन में पूर्ण हुये अथवा रिवाईज़ प्राक्‍कलन द्वारा कराये गये की जानकारी भी दी जावे?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जी हाँ। म.प्र. सड़क विकास निगम के अंतर्गत पिछोर-दिनारा मार्ग के कि.मी. 0 से 32 तक बी.टी. नवीनीकरण का कार्य पूर्ण दर्शाया गया है। (ख) समस्‍त कार्य मूल प्राक्‍कलन के अंतर्गत कराये गये है। म.प्र. सड़क विकास निगम अंतर्गत पिछोर-दिनारा कार्य प्रथम प्राक्‍कलन के अनुसार पूर्ण किया गया था अत: रिवाईज़ प्राक्‍कलन बाबत् जानकारी का उल्‍लेख नहीं किया गया था।        (ग) प्रगतिरत कार्य संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' एवं '' के कालम 8 में दर्शित समय में पूर्ण कर लिये जावेंगे। शेष प्रश्‍नांश की जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' एवं '' के कालम 6 में दर्शित है।

परिशिष्ट - ''तिरानवे''

खेल एवं युवक कल्‍याण विभाग के कार्य

141. ( क्र. 5297 ) श्रीमती शकुन्‍तला खटीक : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या माननीय वित्‍त मंत्री के बजट भाषण सत्र दिनांक 25.02.2015 के बिन्‍दु क्रमांक 120 के तहत खेलकूद में भागीदारी से समूह में कार्य करने, सद्भाव व सहयोग, अनुशासन तथा नेतृत्‍व की क्षमता विकसित होती है? हमारी सरकार ने इसे दृष्टिगत रखते हुये प्रदेश के खिलाडि़यों एवं युवाओं के लिये कई प्रोत्‍साहनकारी एवं कल्‍याणकारी योजनाएं संचालित की हैं जिसके सकारात्‍मक परिणाम प्राप्‍त हुये हैं?      (ख) यदि हाँ, तो जिला शिवपुरी में युवा-खेल सम्‍बन्‍धी गतिविधियों हेतु प्राप्‍त राशि में से विधानसभा क्षेत्र 23 करैरा में कितनी राशि प्राप्‍त होकर क्‍या-क्‍या गतिविधियां हुई?

उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जी हाँ। (ख) विभाग द्वारा जिलेवार गतिविधियां आयोजित की जाती हैं जिसमें जिलें के सभी विधानसभा क्षेत्र सम्मिलित रहते है। विधानसभावार ब्यौरा नहीं रखा जाता है परन्तु मुख्यमंत्री कप का आयोजन विधानसभा क्षेत्रवार किया गया था, जिसके तहत विकासखण्ड करैरा में उक्त आयेाजन हेतु राशि रू. 40,000/- का बजट उपलब्ध कराया गया था। राशि का उपयोग विकास खण्ड़ स्तर पर खो-खो, कबड्डी, वालीबॉल एवं एथलेटिक्स खेल प्रतियोगिता में किया गया। इसके अतिरिक्त इस वर्ष में विधानसभा क्षेत्रवार विधायक ट्राफी का भी आयोजन किया जा रहा है, जिसके लिये रू. 30,000/- प्रति विधान सभा क्षेत्र के मान से राशि उपलब्ध कराई गई है। विधायक ट्राफी के आयोजन की कार्यवाही प्रचलन में है।

आई.टी.आई. की स्‍वीकृति

142. ( क्र. 5308 ) श्री बलवीर सिंह डण्‍डौतिया : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्‍नकर्ता (विधायक दिमनी 07) द्वारा जनवरी 2014 से जनवरी 2016 के मध्‍य विधानसभा क्षेत्र 07 दिमनी जिला मुरैना में आई.टी.आई. की स्‍वीकृति हेतु तकनीकी शिक्षा मंत्री को भेजे गए पत्रों पर तो अभी तक क्‍या-क्‍या कार्यवाही हुई, अवगत करावें? (ख) क्‍या उपरोक्‍त विधानसभा की चतुर्थ सीमा नदी नाले, बीहड़ों से घिरा होकर व रहवासियों की आर्थिक स्थिति दयनीय होने से कौशल विकास हेतु दूरस्‍थ स्‍थान पर नहीं जा सकते हैं? (ग) क्‍या माननीय मुख्‍यमंत्री की घोषणाओं के अनुसार कौशल विकास को बढ़ावा देने हेतु व रोजगार उपलब्‍ध हेतु अधिक औद्योगिक प्रशिक्षण संस्‍थान प्रारंभ किये जावेंगे? यदि हाँ, तो विधानसभा क्षेत्र दिमनी 07 जिला मुरैना में कब तक औद्योगिक प्रशिक्षण संस्‍थान की स्‍वीकृति प्रदान की जावेगी?

तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) पत्र प्राप्‍त हुआ है। जी हाँ।       (ख) मुरैना जिले में आई.टी.आई. संचालित है। (ग) जी हाँ। विभागीय नीति के अनुसार कार्यवाही की जायेगी।

रोड मरम्‍मत व डामरीकरण

143. ( क्र. 5309 ) श्री बलवीर सिंह डण्‍डौतिया : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या मुडियाखेड़ा - डोंगरपुर मार्ग के कि.मी. 45 एवं नगरा - काजीबसई जीगनी सुराजनपुर से रसीलपुर मार्ग के सड़कों में एक लम्‍बे समय से गहरे गढ्ढे होकर चलने योग्‍य नहीं है? (ख) प्रश्‍नांश (क) के प्रकाश में उन्‍नयन व डामरीकरण की समस्‍या के निराकरण हेतु प्रश्‍नकर्ता द्वारा शासन प्रशासन को पत्रों के माध्‍यम से अवगत भी करा दिया गया है, परन्‍तु पत्रों का उत्‍तर न देते हुए कार्यवाही से भी अवगत नहीं कराया गया है? (ग) यदि हाँ, तो उपरोक्‍त दोनों मार्गों की मरम्‍मत व डामरीकरण कब तक रोड को चलने योग्‍य बना दिया जावेगा?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जी नहीं। (ख) जी हाँ। जी नहीं, जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) विस्‍तृत जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। मार्गों पर आवागमन सुचारू रूप से संचालित है।

परिशिष्ट - ''चौरानवे''

संविदा कर्मचारियों का नियमितीकरण

144. ( क्र. 5318 ) श्री चम्पालाल देवड़ा : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या वर्ष 2010 से प्रदेश स्‍तर पर ग्रामीण स्‍तर पर क्रीड़ा श्री के पद पर संविदा नियुक्ति हुई थी जिसके कारण ग्रामों में प्रतिभावान खिलाड़ी अच्‍छे खेल का प्रदर्शन जिला स्‍तर पर कर रहे हैं? (ख) यदि हाँ, तो 3 वर्ष की सेवा पूर्ण कर लेने के बाद संविदा कर्मचारियों को नियमित करने के आदेश है तो इनको कब तक नियमित किया जावेगा? (ग) यदि हाँ, तो उनकी योग्‍यता बी.ए./बी.एस.सी./बी.पी.एड. हैं तो क्रीड़ा श्री के स्‍थान पर सहायक खेल अधिकारी के नाम का पद परिवर्तन किया जावेगा?

उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। भारत सरकार द्वारा ग्रामीण स्तर पर क्रीड़ा श्री के पद पर राशि रू. 500/- मानदेय पर संविदा नियुक्ति की गई थी। वर्तमान में भारत ससरकार द्वारा इस योजना को बन्द कर दिया गया है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नोत्तर (ख) के प्रकाश में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।

वन ग्रामों की स्थिति

145. ( क्र. 5319 ) श्री चम्पालाल देवड़ा : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) देवास जिले में कुल कितने वन ग्राम हैं? वन ग्रामों में शासन के द्वारा निवासरत व्‍यक्तियों को कौन-कौन सी सुविधायें दिये जाने का प्रावधान है? म.प्र. में वन ग्रामों का गठन कब हुआ था? उसके गठन के क्‍या उद्देश्‍य थे? शासन ने वन ग्रामों के हित में क्‍या-क्‍या कार्य किये हैं? (ख) प्रश्‍नांकित वन ग्रामों में जो कृषक कृषि कार्य कर रहे हैं वह भूमि क्‍या वन विभाग ने उन्‍हें दी है या राजस्‍व विभाग ने या तत्‍कालीन स्‍टेट रियासतों (राजसी) के द्वारा दी गई है? (ग) प्रश्‍नांकित वन ग्रामों में अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति व अन्‍य वर्गों की जनसंख्‍या क्‍या-क्‍या है?

वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) देवास जिले में कुल 14 वनग्राम है, जिसमें से एक वनग्राम डूब में प्रभावित है। वनग्रामों में निवासरत व्यक्तियों को ‘‘आरक्षित तथा संरक्षित वनों में वनग्रामों की स्थापना नियम, 1977’’ में प्रावधानित सुविधायें उपलब्ध हैं। नियम 1977 की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र एकअनुसार है। वन ग्रामों का गठन मध्यप्रदेश राज्य के गठन के पूर्व से ही विभिन्न रियासतों के द्वारा भिन्न-भिन्न वर्षों में किया गया। वनग्रामों का मुख्य उद्देश्य वानिकी कार्यों हेतु श्रमिक उपलब्ध कराना था। शासन द्वारा वन ग्रामों के हित में वन ग्राम निवासियों को मुख्य रूप से मूलभूत सुविधायें जैसैः- बिजली, पानी, सड़क, शिक्षा, औषधालय एवं कृषि हेतु बैंकों से ऋण उपलब्ध कराया गया है एवं समय-समय पर रोजगार भी मुहैया कराया गया है। (ख) वन ग्रामों में जो कृषक कृषि कार्य कर रहे है वह भूमि वनभूमि है, जो उनके पास स्टेट (रियासत) समय से ही है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के     प्रपत्र दोअनुसार है। 

नमकीन क्‍लस्‍टर निर्माण

146. ( क्र. 5324 ) श्री सुदर्शन गुप्‍ता (आर्य) : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या इंदौर जिले में नमकीन क्‍लस्‍टर बनाने की योजना प्रस्‍तावित थी? यदि हाँ, तो प्रश्‍न पूछे जानें तक इंदौर में नमकीन क्‍लस्‍टर योजना की प्रगति बतावें? क्‍या योजना अनुसार कार्य प्रारंभ नहीं हुआ है? यदि हाँ, तो कारण स्‍पष्‍ट करें व कार्य प्रारंभ करने की समय-सीमा बतावें? (ख) क्‍या नमकीन क्‍लस्‍टर योजना की डायग्‍नोस्टिक रिपोर्ट बनी है? यदि नहीं, तो क्‍यों कारण स्‍पष्‍ट करें?

उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जी हाँ। विभाग द्वारा नवीन औद्योगिक क्षेत्रों के विकास अंतर्गत नमकीन क्‍लस्‍टर (सुखलिया इन्‍दौर) स्‍वीकृत किया गया है। नमकीन क्‍लस्‍टर की स्‍थापना के तहत किए जा रहे अधोसंरचनात्‍मक विकास कार्यों पर अभी तक (जनवरी 2016) कुल राशि रू. 1009.00 लाख का व्‍यय हो चुका है। विवरण संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। नमकीन क्‍लस्‍टर को विभाग द्वारा नवीन औद्योगिक क्षेत्र के रूप में दिनांक 20.10.2015 को अधिसूचित किया जा चुका है। म.प्र. औद्योगिक केन्‍द्र विकास निगम इन्‍दौर द्वारा भूखण्‍ड आवंटन की प्रक्रिया प्रारंभ की जा चुकी है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ख) नमकीन क्‍लस्‍टर हेतु एम.एस.एम.ई. विकास संस्‍थान, इन्‍दौर द्वारा डायग्‍नोस्टिक सर्वे रिपोर्ट तैयार की गई है।

परिशिष्ट - ''पंचानवे''

वन विभाग के अंतर्गत खनिज रायल्‍टी

147. ( क्र. 5328 ) श्री चन्‍द्रशेखर देशमुख : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैतूल जिले में वन भूमि से हो रहे खनिज उत्‍खनन पर क्‍या विभाग को खनिज रायल्‍टी प्राप्‍त हो रही है? किन-किन खनिजों पर रायल्‍टी प्राप्‍त हो रही है? खनिजों के नाम तथा खनिज दर सूची में दे? (ख) वर्ष 2012-13, 2013-14, 2014-15, 2015-16 में हुये खनिज उत्‍खनन में विभाग को वर्षवार कितनी रायल्‍टी प्राप्‍त हुयी?    (ग) प्रश्‍नांश में हो रहे खनिज के परिवहन की जाँच क्‍या विभाग द्वारा जाँच नाका लगाकर की जा रही है? यदि हाँ, तो जाँच नाके का नाम, जाँचकर्ता का नाम दें?         (घ) प्रश्‍नांश में हो रहे खनिज के परिवहन की जाँच विभाग द्वारा जाँच नाका लगाकर यदि नहीं, की जा रही है तो क्‍यों नहीं की जा रही है? कारण स्‍पष्‍ट करें?

वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) एवं (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) पूर्व से स्थापित वनोपज जाँच नाकों पर, वनोपज के साथ वनक्षेत्र से निकलने वाले खनिजों की भी जाँच की जाती है। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।    (घ) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - ''छियानवे''

विभाग द्वारा संचालित गतिविधियां

148. ( क्र. 5329 ) श्री चन्‍द्रशेखर देशमुख : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) बैतूल जिला खेल और युवा कल्‍याण विभाग को खेल गतिविधियों के लिये वर्ष 2012-2013, 2013-14, 2014-15, 2015-16 में किन-किन मदों से कितनी राशि प्राप्‍त हुई? (ख) खेल गतिविधियों के लिये वर्ष 2013-14, 2014-15, 2015-16 बैतूल जिला खेल और युवा कल्‍याण विभाग को प्राप्‍त राशि का व्‍यय किन-किन कार्यों के लिये किया गया? (ग) बैतूल जिला खेल और युवा कल्‍याण विभाग द्वारा वर्ष 2013-14, 2014-15, 2015-16 में खेल गतिविधियों के लिये क्‍या-क्‍या सामग्री क्रय की गयी? खेल सामग्री क्रय करने के पूर्व क्‍या नियमों का पालन किया गया था? यदि हाँ, तो किस राष्‍ट्रीय एवं दैनिक अखबार में निविदायें प्रकाशित की गयी? निविदा दिनांक, सामग्री का नाम, अखबार का नाम इस फार्मेट में सूची दें एवं अखबार की प्रति दें? (घ) उक्‍त में क्‍या शर्तों के अनुसार सप्‍लायर द्वारा सामग्री किन-किन स्‍थानों पर पहुँचाकर देना था? सूची दें? क्‍या उन स्‍थानों से विभाग द्वारा सत्‍यापन पत्र प्राप्‍त किया गया? यदि हाँ, तो स्‍थान का नाम, सत्‍यापन दिनांक, सत्‍यापन अधिकारी का नाम इस फार्मेट में वर्ष 2013-14,     2014-15, 2015-16 की सूची दें?

उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' में ही समाहित है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। जी हाँ, निविदाएं दैनिक अखबार में प्रकाशित की गई। (घ) सप्लायर द्वारा सामग्री की मात्रा जिला खेल और युवा कल्याण अधिकारी कार्यालय बैतूल में ही उपलब्ध करानी थी जो प्राप्त की गई। शेष जानकारी भी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' में समाहित है। अतः शेष जानकारी देने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।


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