मध्यप्रदेश विधान सभा
प्रश्नोत्तर-सूची
नवम्बर-दिसम्बर, 2017
सत्र
गुरूवार, दिनांक 07 दिसम्बर, 2017
भाग-1
तारांकित
प्रश्नोत्तर
दोषी
अधिकारी के
विरूद्ध
कार्यवाही
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
1. ( *क्र. 714 ) श्रीमती पारूल साहू केशरी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आयुक्त म.प्र. राज्य रोजगार गारंटी परिषद भोपाल द्वारा कलेक्टर सागर एवं जिला कार्यक्रम समन्वयक, मुख्य कार्यपालन अधिकारी सागर एवं अति. जिला कार्यक्रम समन्वयक महात्मा गांधी ग्रामीण रोजगार गारंटी को पत्र क्रमांक 6278/MGNREGS-MP/2016, दिनांक 11.07.2016 को खेत सड़क के कार्यों में राज्य स्तर से की गयी जाँच के संबंध में लिखा गया था? (ख) यदि हाँ, तो प्रश्नांश (क) अनुसार निर्देशों के परिपालन में अब तक किस-किस के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई है और जाँच तथा कार्यवाही किस स्तर पर किन कारणों से लंबित है? (ग) यदि नहीं, तो शासन को पहुँचायी गयी करोड़ों रूपये की क्षति की वसूली करने संबंधी कार्यवाही में और प्रकरण में विलम्ब कर संबंधित दोषी अधिकारी को संरक्षण दिये जाने के लिये कौन दोषी है? उसके विरूद्ध और प्रश्नांश (क) में दर्शित पत्र अनुसार संबंधित दोषी अधिकारी के विरूद्ध कब तक और क्या कार्यवाही की जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत जैसीनगर के विरूद्ध विभागीय जाँच संस्थित होकर संबंधित का उत्तर समाधान कारक पाए जाने पर विभागीय जाँच प्रकरण समाप्त किया गया। तकनीकी अधिकारी श्री आर.के. गुप्ता, तत्कालीन सहायक यंत्री जनपद पंचायत, जैसीनगर के विरूद्ध विभागीय जाँच संस्थित होकर प्रचलन में है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ग) शासन को पहुंचाई गई क्षति के संबंध में जाँच रिपोर्ट में किसी प्रकार की वसूली की अनुशंसा नहीं की गई है। तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जैसीनगर के विरूद्ध संस्थित विभागीय जाँच समाप्त की गई है तथा तकनीकी अधिकारी तत्कालीन सहायक यंत्री जनपद पंचायत, जैसीनगर के विरूद्ध विभागीय जाँच की कार्यवाही प्रचलित है, जिसमें गुण दोष के आधार पर कार्यवाही की जाएगी। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
मुख्यमंत्री की घोषणा का क्रियान्वयन
[उच्च शिक्षा]
2. ( *क्र. 3259 ) श्री जसवंत सिंह हाड़ा : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत शुजालपुर में शासकीय महाविद्यालय के नवीन भवन निर्माण एवं गुलाना में नवीन शासकीय महाविद्यालय प्रारंभ किये जाने की कोई घोषणा की गई है? (ख) यदि हाँ, तो प्रश्नांश (क) अंतर्गत माननीय मुख्यमंत्री जी की घोषणाओं को पूर्ण किये जाने हेतु विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है तथा माननीय मुख्यमंत्री जी की घोषणाओं को कब तक पूर्ण कर दिया जावेगा?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी हाँ। दिनांक 12.07.2017 को घोषणा की गई। (ख) माननीय मुख्यमंत्री जी की घोषणा के अनुक्रम में जवाहरलाल नेहरू शासकीय पी.जी. महाविद्यालय, शुजालपुर के भवन निर्माण के प्राप्त प्रस्ताव पर कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। गुलाना में नवीन महाविद्यालय प्रारंभ करने के संबंध में प्राप्त प्रस्ताव विभागीय मापदण्डों के अनुसार परीक्षण कर परियोजना परीक्षण समिति में विचारार्थ प्रस्तुत किया जा रहा है। समिति के निर्णयानुसार आगामी कार्यवाही की जा सकेगी। समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
सूखा प्रभावित किसानों को शासन की अन्य योजनाओं का लाभ
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
3. ( *क्र. 2901 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग द्वारा वर्ष 2013-14, 2014-15 एवं 2015-16 में ओला तथा अतिवृष्टि से प्रभावित किसानों को मुख्यमंत्री कन्या दान/निकाय योजना के अन्तर्गत सामूहिक विवाह कार्यक्रम में शिथिलता के संबंध में निर्देश जारी किये गये थे? यदि हाँ, तो निर्देश की प्रति उपलब्ध करावें? (ख) क्या शासन द्वारा वर्ष 2017 में विदिशा जिले की यथासंभव सभी तहसीलों को सूखाग्रस्त घोषित किया गया है या नहीं? (ग) प्रश्नांश (ख) का उत्तर हाँ तो प्रश्नांश (क) के समरूप सूखे से प्रभावित किसानों को मुख्यमंत्री कन्या दान/निकाय योजना के अन्तर्गत सामूहिक विवाह कार्यक्रम में सम्मिलित किये जाने हेतु शिथिलता के संबंध में शासन विचार कर रहा है या नहीं? यदि हाँ, तो बतावें? नहीं तो कारण देवें? (घ) प्रश्नांश (ग) के संबंध में प्रश्नकर्ता द्वारा आयुक्त, सामाजिक न्याय विभाग को प्रेषित पत्र क्रमांक 8165, दिनांक 30.10.2017 उनके कार्यालय व उनके ई-मेल पर कब प्राप्त हुआ? इस पत्र पर क्या कार्यावाही की गई है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। वर्ष 2013-14 एवं 2014-15 में ओलावृष्टि से प्रभावित तथा 2015-16 में सूखा प्रभावित किसानों को मुख्यमंत्री कन्या विवाह/निकाह योजनान्तर्गत सामूहिक विवाह कार्यक्रम में शिथिलता के संबंध में निर्देश जारी किये गये हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' ''ब' एवं ''स'' अनुसार है। (ख) जी नहीं। शासन द्वारा वर्ष 2017 में विदिशा जिले की सभी तहसीलों को सूखाग्रस्त घोषित नहीं किया गया। (ग) प्रश्नांश (ख) के संबंध में शासन स्तर पर कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नांश (ग) पत्र क्र. 8165, दिनांक 30.10.2017 के संबंध में प्रश्नकर्ता द्वारा आयुक्त, सामाजिक न्याय विभाग को लिखा गया पत्र संचालनालय के ई-मेल पर पत्र दिनांक 14.10.2017 को भेजा गया था। चूंकि उक्त घोषणा 2015-16 तक के लिए की गई थी। वर्ष 2017 में सूखा प्रभावित किसानों की कन्याओं के सामूहिक विवाह योजनान्तर्गत लाभ दिये जाने के शासन ने कोई निर्देश जारी नहीं किये हैं। इस संबंध में संचालनालय के पत्र क्रमांक 2317, दिनांक 23.11.2017 से माननीय प्रश्नकर्ता को अवगत कराया गया है।
अवैध रेत उत्खनन/खरीदी/बिक्री
[खनिज साधन]
4. ( *क्र. 2662 ) श्री मधु भगत : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बालाघाट, सिवनी और मंडला जिले में विभाग द्वारा किस-किस प्रकार की खदानें खनिज पट्टे, खनिज सर्वेक्षण अनुमति, खनिज परिवहन की अनुमति किसे-किसे कब-कब राज्य शासन से, जिला स्तर से, संचालनालय से दी गई हैं, जो कि प्रभावशील हैं, पूर्ण विवरण देवें? उपरोक्त अनुमति धारकों या ठेकेदारों को किसी अन्य नाम से जाना जाता है? (ख) कौन-कौन से खनिज हेतु शासन को कितनी राशि विगत 3 वर्षों से विभिन्न मदों रॉयल्टी जुर्माना शुल्क इत्यादि में दी, खनिज रॉयल्टी के रूप में कितनी राशि प्राप्त हुई? (ग) विगत 3 वर्षों में अवैध खनन, परिवहन, नियम विरूद्ध अनुमति इत्यादि के संबंध में शासन स्तर, संचालनालय स्तर, जिला स्तर पर किस-किस के विरूद्ध कितनी शिकायतें प्राप्त हुईं? उनकी प्रति बताते हुये यह भी बताएं कि उन पर क्या कार्यवाही की गई? (घ) उपरोक्त जिलों में चल रही शासकीय योजनाएं निर्माण किस-किस रेत उत्खननकर्ता पट्टाधारी में कितनी-कितनी रेत कब-कब किसे-किसे कितनी मात्रा में बेची? पूर्ण नाम पता सहित बताएं।
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (घ) मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 में प्रश्नानुसार चाही गई जानकारी संधारित किये जाने का प्रावधान नहीं है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शासकीय भूमि पर अवैध उत्खनन
[खनिज साधन]
5. ( *क्र. 2507 ) श्री मानवेन्द्र सिंह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला पन्ना, छतरपुर, टीकमगढ़ के अंतर्गत वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक अवैध उत्खनन के कितने प्रकरण प्रशासन द्वारा बनाये गये? (ख) प्रकरण क्रमांक 16/अ-67/2014-15, नौगांव दिनांक 05.05.2015 से संबंधित राशि वसूली की कार्यवाही से संबंधित जिला प्रशासन द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है? (ग) प्रश्नांश (ख) के संबंध में क्या न्यायालय कलेक्टर छतरपुर के आदेश दिनांक 19.05.2015 में अवैध उत्खननकर्ता से निर्धारित बाजार मूल्य से 10 गुना एवं उपयोग में लायी गयी मशीनरी जे.सी.बी. एवं महिन्द्रा ट्रैक्टरों को राजसात किये जाने के आदेश जारी किये गये? यदि हाँ, तो आदेश की प्रति उपलब्ध करायें। (घ) प्रश्नांश (ग) के आदेश के पालन में जिला प्रशासन छतरपुर द्वारा क्या कार्यवाही की गयी? यदि कार्यवाही नहीं की गई तो कब तक कार्यवाही की जावेगी?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) प्रश्नांश अनुसार प्रकरण अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व), नौगांव के न्यायालय में विचाराधीन होने से वसूली की कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। न्यायालय कलेक्टर, छतरपुर द्वारा दिनांक 19.05.2015 को कोई आदेश जारी नहीं किये गये हैं। दिनांक 19.05.2015 को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। जो कि, पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (घ) प्रश्नांश (ग) के उत्तर के प्रकाश में कोई कार्यवाही अपेक्षित नहीं होने से प्रश्नांश के शेष भाग का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
महाविद्यालय हरदा को प्राप्त बजट
[उच्च शिक्षा]
6. ( *क्र. 1746 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासकीय कला एवं वाणिज्य स्नातकोत्तर महाविद्यालय हरदा को वर्ष 2014-15 से 2016-17 में प्रश्न दिनांक तक कितनी-कितनी बजट राशि प्राप्त हुई व प्राप्त राशि व व्यय की गई राशि का मदवार व वर्षवार विवरण दें? (ख) प्रश्नांकित (क) अनुसार उक्त वर्षों में आवंटित की गई बजट राशि से कौन-कौन से कार्य स्वीकृत किये गये? कार्य स्वीकृत किये जाने हेतु जनभागीदारी समिति द्वारा किस बैठक में किस बिन्दु क्रमांक से किस कार्य का अनुमोदन किया गया है? (ग) स्वीकृत कार्यों में से कौन-कौन से कार्य पूर्ण हो गये हैं एवं अपूर्ण कार्यों के लिये कौन जिम्मेदार हैं व उन पर क्या कार्यवाही की गई? अपूर्ण कार्य कब तक पूर्ण कर लिये जावेंगे? (घ) कार्य में देरी व कार्य अपूर्ण रहने के क्या कारण हैं व इसके लिये कौन दोषी है व दोषी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) शासन द्वारा प्राप्त राशि एवं व्यय का विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) वर्ष 2014-15 से 2016-17 में कोई कार्य स्वीकृत नहीं हुए तथा जनभागीदारी समिति द्वारा किसी कार्य का अनुमोदन नहीं किया गया। (ग) से (घ) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
रिक्त पदों की पूर्ति
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
7. ( *क्र. 1859 ) श्रीमती झूमा सोलंकी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग अन्तर्गत वर्तमान में मध्यप्रदेश में पंचायत समन्वयक अधिकारी, पंचायत सचिव एवं जनपद पंचायत अन्तर्गत सहायक ग्रेड-03, ग्रेड-2, लेखापाल, कम्प्यूटर ऑपरेटर के कुल कितने पद सृजित हैं तथा उनमें से कितने पद रिक्त हैं? (ख) क्या कर्मचारियों के सम्पूर्ण पदों पर पद पूर्ति न होने से शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में विभाग में कठिनाईयाँ आ रही हैं, जिससे पात्र हितग्राहियों को समय पर लाभ नहीं मिल पा रहा है? (ग) क्या सम्पूर्ण पदों पर पूर्ति हेतु शासन द्वारा कोई योजना बनाई गई है? यदि हाँ, तो वह क्या है तथा कब तक पदपूर्ति हो जायेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) एवं (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
तोड़े गये शौचालयों का पुनर्निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
8. ( *क्र. 2393 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या कन्नौद से पुनासा (नर्मदा नगर) मार्ग निर्माण में कन्नौद नगरीय निकाय के अंतर्गत अतिक्रमण हटाने से लगभग 200 शौचालय नष्ट किये गये हैं? यदि हाँ, तो क्यों? (ख) क्या उक्त शौचालय तोड़े जाने से लोगों को खुले में शौच हेतु जाना पड़ रहा है? क्या नगरीय प्रशासन विभाग द्वारा इन्हें पुन: निर्मित किये जाने हेतु कोई आदेश जारी किया जावेगा? (ग) अगर तोड़े गये शौचालयों का पुन: निर्माण किया जावेगा तो कब तक? (घ) अतिक्रमण के कारण तोड़े गये शौचालय के पुन: निर्माण हेतु नगर परिषद कन्नौद द्वारा विभाग को भेजे गये प्रस्तावों पर की जा रही प्रक्रिया से अवगत करावें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) कन्नौद पुनासा मार्ग चौड़ीकरण हेतु एम.पी.आर.डी.सी. एजेन्सी एवं राजस्व विभाग द्वारा अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही की गई, जिसमें 67 शौचालय तोड़े गये। (ख) जी हाँ, पत्र क्रमांक 12193, दिनांक 23.06.2017 द्वारा आदेश जारी किया जा चुका है। (ग) कार्य प्रगति पर है, दिसम्बर 2017 तक शौचालय निर्माण कार्य पूर्ण कर लिया जायेगा। (घ) स्वच्छ भारत मिशन (शहरी) अंतर्गत आदेश क्रमांक 12153, भोपाल दिनांक 23.06.2017 द्वारा 67 शौचालयों की स्वीकृति प्रदान की गई है, जिसमें से राशि रू. 3.64 लाख (प्रथम किश्त) प्रदान की जा चुकी है।
मिनी स्टेडियम एवं व्यावसायिक परिसर का निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
9. ( *क्र. 581 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या मंदसौर स्थित बालागंज स्व-वित्त्ा पोषित योजनान्तर्गत मिनी स्टेडियम एवं व्यावसायिक परिसर योजना प्रारंभ की गई थी? यदि हाँ, तो कब से, इस योजना में कुल कितनी दुकानें एवं स्टेडियम कितने वर्षों में बनाने का लक्ष्य रखा गया है? इस हेतु किस एजेन्सी को निर्माण की जिम्मेदारी सौंपी गई थी, क्या कार्य पूर्ण हो गया है? यदि नहीं, तो क्यों, योजना की अद्यतन स्िथति से अवगत करायें? (ख) क्या प्रश्न दिनांक तक उक्त योजनान्तर्गत 147 दुकानों में से 92 दुकानें ही बनीं हैं, जो कि अपूर्ण हैं? संपूर्ण दुकानें नहीं बनने के क्या कारण हैं? क्या इन दुकानों पर असामाजिक तत्वों द्वारा अवैधानिक कब्जा कर लिया गया है? इन्हें हटाने के लिये कब कब प्रयास किये गये हैं? (ग) क्या शासन की साधिकार समिति ने इसे पूर्ण घनत्वीकरण योजना में शामिल करते हुये केबिनेट से निर्णय करवाकर नगरपालिका को हस्तातंरित कर दिया गया है? यदि हाँ, तो कब, अद्यतन स्थिति से अवगत करायें?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। योजना दिनांक 24.02.2001 से प्रारंभ की गई थी। इस योजना में 02 चरणों में 145 दुकानें एवं स्टेडियम बनाया जाना था। प्रथम चरण में 145 दुकानों का निर्माण 18-20 माह में पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया था। मध्यप्रदेश गृह निर्माण मण्डल को निर्माण की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। जी नहीं, योजना के प्रथम चरण में 93 दुकानों का निर्माण पूर्ण हो गया है। योजना की अद्यतन स्थिति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं, योजना के प्रथम चरण में 145 दुकानों में से 93 दुकानों का निर्माण पूर्ण है। योजना के द्वितीय चरण का कार्य प्रांरभ नहीं होने से शेष दुकानों का निर्माण कार्य प्रारंभ नहीं हो सका है। जी नहीं, दुकानों के बाहर बरामदों पर असामाजिक तत्वों द्वारा अवैधानिक कब्जा कर लिया जाता है। समय-समय पर जिला प्रशासन एवं नगर पालिका द्वारा इन्हें हटाया जाता है। (ग) जी नहीं, योजना की अद्यतन स्थिति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
वृद्ध एवं विधवा पेंशन का भुगतान
[नगरीय विकास एवं आवास]
10. ( *क्र. 2038 ) श्री अंचल सोनकर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जबलपुर नगर निगम सीमा अंतर्गत वृद्धा/विधवा पेंशन के कुल कितने हितग्राहियों को पेंशन का भुगतान नगर निगम जबलपुर द्वारा किया जा रहा है? वृद्ध, विधवा एवं नि:शक्तों की वार्डवार संख्या बतावें। (ख) क्या नगर निगम के अधिकारियों/कर्मचारियों की लापरवाही के कारण अनेकों वृद्धों/विधवाओं एवं नि:शक्त जनों को विगत कई-कई माह से पेंशन का भुगतान नहीं किया जा रहा है, जबकि आवेदक द्वारा अपने समस्त दस्तावेज नगर निगम में समय से जमा करा दिये गये हैं? यदि हाँ, तो ऐसे कितने पेंशनधारी हैं, जो वर्तमान में पात्र होने के उपरांत भी पेंशन से वंचित हैं? वार्डवार संख्या बतावें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में बतायें कि क्या नगर निगम के अधिकारियों/कर्मचारियों द्वारा पेंशनधारी के खातों, पता एवं जमा दस्तावेजों की समय पर जाँच एवं सत्यापन न करने के कारण पात्र हितग्राहियों को शासन की महत्वपूर्ण योजना से वंचित होना पड़ रहा है एवं उन्हें लगातार भटकना पड़ता है? क्या शासन ऐसी महत्वपूर्ण योजनाओं में लापरवाही बरतने वाले अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध जाँच कर कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जबलपुर नगर निगम सीमा अंतर्गत वृद्ध/विधवा पेंशन के 28,560 पेंशन हितग्राहियों को भुगतान किया जा रहा है। वृद्ध विधवा एवं नि:शक्तों की वार्डवार संख्या की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। (ग) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
योजना समाप्ति उपरांत कर्मचारियों की सेवा समाप्ति
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
11. ( *क्र. 2893 ) श्री रामपाल सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भारत सरकार द्वारा मध्यप्रदेश में संचालित पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की बी.आर.जी.एफ., आई.ए.पी. योजनाओं को बंद कर दिया गया है? (ख) यदि हाँ, तो उक्त योजनाएं कब बंद कर दी गई हैं तथा योजना के संचालन में कार्यरत कितने कर्मचारियों की सेवा समाप्त कर दी गई है? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार क्या योजना समाप्ति उपरांत कर्मचारियों की सेवा समाप्ति पश्चात् मध्यप्रदेश शासन द्वारा बेरोजगार हुये कर्मचारियों को रोजगार उपलब्ध कराने हेतु कोई योजना बनाई जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) बी.आर.जी.एफ. योजना 31 मार्च 2015 से भारत सरकार द्वारा डीलिंक की जाकर बंद कर दी गई है। योजना बंद होने से 259 संविदा कर्मियों की सेवायें समाप्त कर दी गई हैं। आई.ए.पी. योजनान्तर्गत वर्ष 2015-16 से राशि प्राप्त नहीं हुई है। योजना के संचालन हेतु पृथक से किसी कर्मचारी की नियुक्ति नहीं की गई थी। (ग) योजना शत-प्रतिशत् केन्द्र वित्त पोषित होने एवं योजना बंद होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
स्वच्छता कर्मचारियों का नियोजन
[नगरीय विकास एवं आवास]
12. ( *क्र. 3211 ) डॉ. मोहन यादव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नगरीय निकायों में स्वच्छता स्टॉफ सेटअप सहित स्वच्छता कर्मचारी रखे जाने संबंधी नियम शर्तें अर्हता, प्रतिदिन कार्य के घण्टे, हटाया जाना, वेतन आहरण अन्य सुविधायें अवकाश आदि, स्वच्छता कर्मचारियों की संख्या के निर्धारण हेतु नगर, वार्ड की जनसंख्या के अनुपात से अथवा अन्य आधार से की जाती है? (ख) जनवरी 2015 से प्रश्न दिनांक तक नगर निगम उज्जैन द्वारा कुल कितने स्वच्छता कर्मचारियों को कार्य पर रखा गया, कितनों को हटाया गया स्वच्छता कर्मचारियों से स्वच्छता कार्यों से भिन्न श्रेणी के जैसे लेखकीय/ लिपिकीय या अन्य कोई प्रकार के कार्य करवाये जा सकते हैं अथवा नहीं साथ ही स्वच्छता कर्मचारियों की नियुक्ति किसी जाति, धर्म, वर्ग विशेष के लोगों से ही किये जाने का प्रावधान है अथवा अन्य किसी वर्ग के लोगों को भी नियुक्त किया जा सकता है? यदि नहीं, तो क्या उक्त नगर पालिका निगम में ऐसा किया जा रहा है? (ग) प्रश्नांश (ख) की अवधि में स्वच्छता मिशन अन्तर्गत नगर निगम उज्जैन द्वारा कौन-कौन सी फर्मों को कितनी-कितनी अवधि के लिए कितने क्षेत्र का ठेका दिया गया है? मय ठेका राशि की जानकारी प्रदान करते हुए ठेकेदार फर्म द्वारा रखे गये कर्मचारियों के संबंध में श्रम कानून का पालन किया जा रहा है, या नहीं?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी नहीं, परन्तु नगरीय निकायों में कर्मचारियों को विनियमित करने के लिए नगर पालिक निगमों में म.प्र. नगर पालिक निगम (अधिकारियों तथा सेवकों के नियुक्ति तथा शर्तें) नियम 2000 एवं नगर पालिका परिषद एवं नगर परिषद के लिए म.प्र. नगर पालिका कर्मचारी (भर्ती तथा सेवा शर्तें) नियम 1968 में प्रावधान विहित है साथ ही निकाय क्षेत्र में जनसंख्या के मान से स्वच्छता कार्य हेतु सफाई संरक्षक के पद निर्धारण हेतु नगर निगमों के लिए म.प्र. शासन, नगरीय प्रशासन एवं विकास, मंत्रालय भोपाल के परिपत्र क्रमांक एफ 4-52/2012/18-1, दिनांक 28.02.2014 एवं नगर पालिका, नगर परिषदों के लिए परिपत्र क्रमांक एफ 4-51/2012/18-1, दिनांक 28.02.2014 द्वारा आदर्श कार्मिक संरचना लागू है। (ख) नगर पालिक निगम, उज्जैन में स्थापना शाखा के माध्यम से जनवरी 2015 से प्रश्न दिनांक तक 13 सफाई संरक्षकों को अनुकंपा नियुक्ति के अंतर्गत कार्य पर रखा गया है। कर्मचारियों द्वारा कार्य में लापरवाही बरते जाने एवं निरंतर अनुपस्थित रहने पर नियमानुसार निलंबन आदि की कार्यवाही की जाती है। स्वच्छता कर्मचारियों से स्वच्छता कार्यों से भिन्न श्रेणी के कार्य यथा-लेखकीय/लिपिकीय या अन्य कार्य न कराए जाने के संबंध में नियमों में कोई प्रावधान नहीं है। म.प्र. लोक सेवा (अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों एवं अन्य पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण) अधिनियम 1994 के उपबंधों के अनुसार रोस्टर तैयार किया जाता है। उक्त प्रावधान नगरीय निकायों में लागू है, जिसमें विहित प्रावधान अनुसार नगरीय निकायों द्वारा कार्यवाही की जाती है। नगर पालिक निगम, उज्जैन में नियुक्ति में भी आरक्षण रोस्टर का पालन किया जाता है। (ग) नगर पालिक निगम, उज्जैन द्वारा निगम सीमा क्षेत्र में आने वाले मुख्य स्थलों एवं अनसेफ्ट क्षेत्रों की समुचित सफाई व्यवस्था हेतु आउट सोर्सिंग एजेन्सीज, रतन एम्पोरियम 6-7 पालिक बाजार, धार एवं ओरिअंटल एजेन्सीज, एफ.एफ. 1 शान्तम ग्रीन कमर्शियल काम्पलेक्स वसना रोड बड़ोदरा (गुजरात) को 357.98 रू. की दर से दिसंबर 2016 से 1 वर्ष का ठेका दिया गया है। उपरोक्त फर्मों द्वारा अपने अधीनस्थ श्रमिकों के संबंध में श्रम कानून अनुसार पालन किया जा रहा है।
सागर नगर खेल परिसर में जॉगिंग ट्रेक का निर्माण
[खेल और युवा कल्याण]
13. ( *क्र. 2090 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) खेल परिसर सागर में जॉगिंग ट्रेक का निर्माण कितनी राशि से हुआ है? निर्माण एजेंसी कौन थी? निर्माण कब प्रारंभ हुआ था एवं कब पूर्ण किया गया था? (ख) क्या जॉगिंग ट्रेक का निर्माण गुणवत्ताहीन एवं निर्धारित मानक पर नहीं हुआ है, जिससे खिलाड़ियों को काफी असुविधाओं का सामना करना पड़ रहा है? क्या इसकी उच्च स्तरीय जाँच कराकर दोषियों पर कार्यवाही की जायेगी? (ग) क्या शासन खिलाडि़यों के हित में सिंथेटिक जॉगिंग ट्रेक की सुविधा देने पर विचार करेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जॉगिंग ट्रेक निर्माण पर राशि रू. 24,92,077/- व्यय हुई है। निर्माण एजेंसी म.प्र. लघु उद्योग निगम भोपाल द्वारा निर्माण कार्य 07.10.2016 में प्रारंभ कर 05.01.2017 में पूर्ण किया गया है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) सिंथेटिक क्षेत्र की स्थापना पर रू. 6.00 करोड़ का अनुमानित व्यय होना है। विभाग के सीमित बजट व सागर जिले के एथलेटिक खिलाड़ियों द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर उत्कृष्ट प्रदर्शन नहीं होने के कारण सागर में सिंथेटिक जॉगिंग ट्रेक की सुविधा उपलब्ध करवाई जाना संभव नहीं है।
खनिज अधिकारियों के स्थानांतरण
[खनिज साधन]
14. ( *क्र. 2141 ) चौधरी चन्द्रभान सिंह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2017 में खनिज निरीक्षक, सहायक खनिज अधिकारी एवं खनिज अधिकारियों के स्थानांतरण आदेश जारी हुये हैं? यदि हाँ, तो उनकी सूची प्रदान करें तथा उनमें से नर्मदापुरम संभाग, जबलपुर संभाग एवं रीवा संभाग में कितने अधिकारियों को भारमुक्त किया है। (ख) जिनको भारमुक्त नहीं किया गया है, उनको कब तक भारमुक्त कर दिया जावेगा? यदि नहीं, तो, क्यों?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी हाँ। प्रश्नानुसार आदेशों की प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। प्रश्नाधीन संभागों के 23 खनि निरीक्षक, सहायक खनि अधिकारी एवं खनि अधिकारी को भारमुक्त किया गया है। (ख) नर्मदापुरम संभाग के अंतर्गत जिला बैतूल में पदस्थ किये गये सहायक खनि अधिकारी को माननीय उच्च न्यायालय के निर्णय के संदर्भ में दिनांक 13.11.2017 को कार्यमुक्त किया गया है। इनके द्वारा पदग्रहण करने के उपरांत जिला बैतूल में पदस्थ खनि निरीक्षक को कार्यमुक्त किया जा सकेगा। रीवा संभाग के अंतर्गत जिला सिंगरौली में पदस्थ खनि निरीक्षक द्वारा माननीय उच्च न्यायालय से स्थानांतरण के विरूद्ध स्थगन प्राप्त करने के कारण इन्हें कार्यमुक्त नहीं किया गया है। इनकी कार्य मुक्ति माननीय उच्च न्यायालय के निर्णय के अधीन होगी। अत: समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
महाकाल मंदिर उज्जैन का सफाई टेण्डर
[धार्मिक न्यास और धर्मस्व]
15. ( *क्र. 3266 ) श्री सतीश मालवीय : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या महाकाल मंदिर उज्जैन के सफाई का ठेका रूपये 3.5 करोड़ में एक वर्ष हेतु दिया गया है? क्या एक वर्ष पश्चात् सफाई हेतु नवीन निविदायें आमंत्रित की जावेंगी या इसी एजेन्सी को अगले वर्ष हेतु ठेका अवधि बढ़ाकर कितने करोड़ में दिया जावेगा? (ख) ठेका अवधि में जिस कम्पनी को महाकाल मंदिर में सफाई कार्य का ठेका दिया है। उसके कितने कर्मचारी सेवारत हैं? इन कर्मचारियों की उपस्थितियों का भौतिक सत्यापन किन-किन अधिकारियों द्वारा कब-कब किया गया है एवं इन कर्मचारियों में से कितने कर्मचारियों का पुलिस सत्यापन किया गया एवं कितने कर्मचारियों का सत्यापन नहीं किया गया? जिस कम्पनी को कार्य दिया गया है, वर्क आर्डर दिनांक से प्रश्न दिनांक तक किस दिन कितने कर्मचारी उपस्थित रहे? कर्मचारीवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) क्या जिस एजेन्सी को महाकाल मंदिर उज्जैन की सफाई का कार्य दिया गया है? उसके कम कर्मचारी रखने/पर्याप्त सफाई न करने पर महाकाल मंदिर समिति को उक्त एजेन्सी को अनुबंध समाप्त करने के अधिकार हैं? यदि हाँ, तो उक्त एजेन्सी के खिलाफ प्रश्न दिनांक तक महाकाल मंदिर समिति द्वारा कौन-कौन सी शिकायतें की गई हैं? शिकायतवार जानकारी उपलब्ध करावें। उन शिकायतों पर प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
ग्राम रोजगार सहायकों/सचिवों का नियमितीकरण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
16. ( *क्र. 3195 ) श्री रामनिवास रावत : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा ग्राम पंचायतों में नियुक्त ग्राम रोजगार सहायकों को शासन के आदेश क्रमांक 932/761/13/22, दिनांक 06.07.2013 से ग्राम पंचायत सहायक सचिव घोषित किया गया है? यदि हाँ, तो इनकी क्या सेवा शर्तें निर्धारित की गयी हैं? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार इन सहायक सचिवों को नियमित किये जाने की शासन की क्या योजना है? इन्हें कब तक नियमित किया जावेगा? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार इन कर्मचारियों को सेवा से पृथक किये जाने/निलंबित किये जाने के संबंध में शासन के क्या नियम एवं निर्देश हैं? किस-किस अधिकारी को इन्हें सेवा से पृथक किये जाने का अधिकार है? दिनांक 01 जनवरी, 2016 से प्रश्नांकित दिनांक तक श्योपुर जिले में किन-किन ग्राम पंचायतों के सहायक सचिवों को किस-किस कारण से सेवा से पृथक किया है एवं किसके आदेश से? (घ) ग्राम पंचायत सचिवों की शासकीय सेवा के दौरान मृत्यु उपरांत उनके परिजनों को अनुकम्पा नियुक्ति दिए जाने हेतु शासन स्तर पर विचाराधीन प्रस्ताव पर अभी तक क्या निर्णय लिया गया है? कब तक इन कर्मचारियों के लिए अनुकम्पा नियुक्ति की नीति लागू कर दी जावेगी? इस संबंध में शासन द्वारा क्या नियम बनाये हैं?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। उक्त आदेश में सहायक सचिव घोषित करने का प्रावधान है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी नहीं। शासन की ऐसी कोई योजना नहीं है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 1 एवं 2 अनुसार है। श्योपुर जिले से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 3 अनुसार है। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। पंचायत सचिव मध्यप्रदेश पंचायत सेवा (ग्राम पंचायत सचिव भर्ती और सेवा की शर्तें) नियम, 2011 में प्रावधानित अवकाश की पात्रता रखता है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 3 अनुसार है।
सतना जिले में स्थित गुप्त गोदावरी का विकास
[नगरीय विकास एवं आवास]
17. ( *क्र. 2583 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) चित्रकूट में गुप्त गोदावरी में गुफा के अंदर प्रतिदिन प्रवेश करने वाले लोगों की औसत संख्या बताएं? क्या यह सही है की गुफा के अंदर होने वाली किसी भी संभावित दुर्घटना से निपटने के लिये लोगों को बाहर निकालने के लिये शासन के पास कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं है? (ख) क्या शासन वैकल्पिक व्यवस्था हेतु विशेषज्ञों से सर्वे करवाकर अविलंब आपातकालीन मार्ग बनाने का काम शुरु करेगा? (ग) गुफा के अंदर होने वाली गर्मी से पर्यटकों को निजात दिलाने के लिये क्या विभाग गुफा के अंदर A.C. लगाने की योजना पर विचार करेगा? यदि नहीं, तो प्रवेश शुल्क 10 रू. से बढ़ाकर 20 रू. कर ऐसी व्यवस्था करने में शासन को क्या आपत्ति है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) चित्रकूट क्षेत्र में स्थित गुप्त गोदावरी गुफाओं के अंदर प्रतिदिन प्रवेश करने वाले लोगों की औसत संख्या 3418 है। वर्तमान समय में दुर्घटना आदि से निपटने के लिये स्थानीय प्रशासन व पुलिस प्रशासन के माध्यम से यात्रियों को गुफाओं से बाहर निकालने की व्यवस्था की जाती है। इस व्यवस्था को और भी अधिक सुदृढ़ बनाने के लिये मिनी स्मार्ट सिटी मिशन अंतर्गत वैकल्पिक मार्गों हेतु कार्य योजना तैयार की जा रही है। (ख) जी हाँ, मिनी स्मार्ट सिटी योजना के कंसल्टेंट श्री मुकेश इन्दुरख्या के साथ मुख्य नगर पालिका अधिकारी नगर परिषद चित्रकूट द्वारा गुप्त गोदावरी का भ्रमण किया गया एवं उक्त वैकल्पिक व्यवस्था हेतु एवं विशेषज्ञों से सर्वे कराये जाने हेतु सुझाव दिया गया है, कार्यवाही प्रचलन में है। (ग) गुफाओं का सर्वे विशेषज्ञों द्वारा किये जाने के पश्चात् उनके सुझाव अनुसार ही A.C. लगाने की योजना पर विचार उपयुक्त होगा, विशेषज्ञों के सुझाव प्राप्ति उपरांत नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी।
बारह खंभा (देवपुरा) धार्मिक स्थल का विकास
[धार्मिक न्यास और धर्मस्व]
18. ( *क्र. 2519 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या इछावर ब्लॉक के अंतर्गत ग्राम देवपुरा में बारह खंभा नामक धार्मिक स्थल पर मेला भरता है? यदि हाँ, तो कब और कितने दिनों तक आयोजन होता है? उक्त मेले में कितने श्रद्धालु पहुंचते हैं? प्रश्न दिनांक तक 3 वर्ष का ब्यौरा दें। (ख) बारह खंभा धार्मिक स्थल पर पहुंचने के लिए कौन-कौन से मार्ग हैं और किन-किन मार्गों से पहुंचते हैं तथा उन मार्गों की वर्तमान स्थिति क्या है? (ग) क्या ग्राम खेरी से ग्राम देवपुरा तक सड़क मार्ग निर्माण का कोई प्रस्ताव लंबित है? यदि हाँ, तो कब से लंबित है तथा कब तक मार्ग का निर्माण कर दिया जायेगा? (घ) विभाग द्वारा बारह खंभा धार्मिक स्थल के विकास के लिए प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्य कराए गए हैं? ब्यौरा दें तथा आगामी क्या कार्ययोजना है?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
हरदोली पेयजल योजना का क्रियान्वयन
[नगरीय विकास एवं आवास]
19. ( *क्र. 3419 ) श्री चन्द्रशेखर देशमुख : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या शासन द्वारा बहरदौली जल आवर्धन योजना के लिये बांध निर्माण में लगने वाली राशि नगरपालिका मुलताई को हस्तांतरित कर दी गई है? यदि हाँ, तो दिनांक बतावें। (ख) क्या इस योजना में मुआवजा वितरण की प्रक्रिया विभाग द्वारा पूर्ण कर ली गई है? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें। साथ ही दिनांक से स्पष्ट करें कि यह प्रक्रिया कब तक पूर्ण कर ली जायेगी। (ग) उक्त योजना में बांध का निर्माण विभाग द्वारा कब तक प्रारंभ किया जायेगा? (घ) उक्त योजना को कब तक पूर्ण कर लिया जायेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। निकाय के खाते में मुआवजा राशि अंतरित होने के उपरांत आपसी क्रय नीति के अंतर्गत कार्यालय, कलेक्टर (भू-अर्जन शाखा) बैतूल के द्वारा प्रकरण क्रमांक 12 अ-82/16-17, प्रकरण क्रमांक 11 अ-82/16-17, प्रकरण क्रमांक 09 अ-82/16-17 में पारित आदेश दिनांक 09.06.2017 एवं प्रकरण क्रमांक 10 अ-82/16-17 में पारित आदेश दिनांक 23.06.2017 के द्वारा कुल 31 कृषकों से रजिस्ट्री कराने की स्वीकृति प्रदान की गई। प्राप्त स्वीकृति के विरूद्ध निकाय के द्वारा अब तक कुल 25 कृषकों की रजिस्ट्री कराई जा चुकी है तथा मुआवजा राशि उनके खाते में अंतरित की जा चुकी है। शेष 06 कृषकों से रजिस्ट्री कराई जाने की कार्यवाही प्रचलित है। प्रक्रिया पूर्ण करने की निश्चित दिनांक बताया जाना संभव नहीं है। (ग) योजना के अंतर्गत बांध निर्माण घटक का कार्य दिनांक 19.11.2017 से प्रारंभ किया गया है। (घ) कार्य प्रगतिरत है। कार्य पूर्णता के लिए कार्यादेश दिनांक 17.04.2013 से 12 माह का समय निर्धारित किया गया था। निर्माण कार्य हेतु भूमि उपलब्ध नहीं होने से कार्य प्रारंभ नहीं कराया जा सका। बांध निर्माण कार्य प्रारंभ होने के दिनांक 19.11.2017 से समयावधि 12 माह निर्धारित की गई है।
ग्राम पंचायतों का नगर पंचायतों में उन्नयन
[नगरीय विकास एवं आवास]
20. ( *क्र. 2529 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) ग्राम पंचायत से नगर पंचायत के दर्जा देने हेतु शासन स्तर से कितनी ग्राम पंचायतों का चयन किया गया है तथा सागर जिले में ऐसी कितनी ग्राम पंचायतों का चयन किया गया है? (ख) क्या वृहद ग्राम पंचायत कर्रापुर को नगर पंचायत का दर्जा दिए जाने हेतु शासन स्तर से कोई प्रस्ताव विभाग में लंबित है? यदि हाँ, तो जानकारी देवें?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) ग्राम पंचायत से नगर पंचायत के दर्जा देने हेतु प्रस्ताव प्राप्त होने पर विभाग द्वारा नियमानुसार गठन की कार्यवाही की जाती है तथा सागर जिले में कुल 04 ग्राम पंचायतों मालथौन, बांदरी, बिलहरा एवं गौरझामर को नगर परिषद में गठन हेतु कार्यवाही प्रचलित है। (ख) जी नहीं।
बेनजीर कॉलेज को अन्यत्र स्थानांतरित किया जाना
[उच्च शिक्षा]
21. ( *क्र. 3408 ) श्री आरिफ अकील : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासकीय बेनजीर महाविद्यालय को अन्यत्र स्थानांतरित/शिफ्ट करने के संबंध में विश्वविद्यालय अधिनियम के अनुसार शिक्षा के क्षेत्र में कार्यरत समितियों के द्वारा यह निर्णय लिया गया था कि बेनजीर कॉलेज को अन्यत्र स्थानांतरित नहीं किया जावेगा? (ख) यदि हाँ, तो यह निर्णय किसके द्वारा कब लिया गया था और बेनजीर कॉलेज की स्थापना कब हुई थी? प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में यह अवगत करावें कि क्या बेनजीर कॉलेज को अन्यत्र स्थानांतरित कर दिया है? यदि हाँ, तो किसके आदेश से कब और कहाँ स्थानांतरित किया गया है?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी नहीं। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। शासकीय विज्ञान एवं वाणिज्य महाविद्यालय बेनजीर, भोपाल की स्थापना 07.10.1982 में हुई थी। जी नहीं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
आवारा पुशओं का व्यवस्थापन
[नगरीय विकास एवं आवास]
22. ( *क्र. 2546 ) एडवोकेट सत्यप्रकाश सखवार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या नगर निगम मुरैना के वार्ड क्र. 20, 40 एवं 45 में आवारा पुशओं के जमावड़ा से वहां के निवासियों को बहुत अधिक परेशानी हो रही है? यदि हाँ, तो नगर निगम मुरैना ने अब तक इन पशुओं को पकड़वाकर अन्यत्र भिजवाने हेतु क्या कार्यवाही की है? यदि कोई कार्यवाही नहीं की है तो क्यों नहीं की तथा कब तक कार्यवाही कर ली जावेगी, ताकि जनता को परेशानी से बचाया जा सके? (ख) क्या वार्ड क्र. 45 में शास. भूमि पर दबंगों द्वारा अवैध कब्जा कर लिया गया है एवं उसमें बने पार्क में अवैध रूप से सुअर पालन किये जाने से क्षेत्रीय जनता में असंतोष व्याप्त हो चुका है? यदि हाँ, तो कब तक वार्ड क्र. 45 की शास. भूमि एवं पार्क को दबंगों एवं अवैध कब्जाधारियों से मुक्त करा लिया जावेगा? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी नहीं। नगर पालिक, निगम मुरैना के द्वारा वार्ड 20, 40 एवं 45 में जो भी आवारा पशुओं का जमावड़ा था, उसे नगर पालिक निगम द्वारा निगम दस्ते से पकड़वाकर वाहनों के द्वारा नगर पालिक निगम के देवरी गौशाला में गौ सेवकों के सुपुर्द किया गया है, निगम द्वारा आवारा पशुओं को पकड़ने की मुहिम शहर में सतत् रूप से चलाई जाती है। (ख) वार्ड क्रमांक 45 में 04 व्यक्तियों द्वारा झुग्गी-झोपड़ी बनाकर अतिक्रमण किया गया है, पार्क में अवैध रूप से सुअर पालन नहीं किया जा रहा है और न ही क्षेत्र की जनता में असंतोष व्याप्त है, संबंधित अतिक्रमणकारियों को अतिक्रमण हटाने हेतु नोटिस जारी किये गये हैं, अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
धार्मिक स्थलों का जीर्णोद्धार
[धार्मिक न्यास और धर्मस्व]
23. ( *क्र. 3298 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) उज्जैन संभाग में वर्ष 2014-15 से 2017-18 तक कितने धार्मिक स्थलों के जीर्णोद्धार के प्रस्ताव जिले के कलेक्टरों से प्राप्त हुये? उनमें से कितनों को राशि आवंटित की गई? वर्षवार, जिलेवार जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित प्रस्तावों में से राशि स्वीकृति के क्या-क्या मापदण्ड निर्धारित हैं? क्या मापदण्ड का पालन किया गया? (ग) शाजापुर जिले से धर्मस्व विभाग को 2016-17, 2017-18 में किन-किन मंदिरों के जीर्णोद्धार के लिये राशि स्वीकृत की गई? सूची देवें। 2016-17, 2017-18 में कितने प्रस्ताव किस-किस दिनांक को प्राप्त हुये? क्या प्राप्त प्रस्तावों में से स्वीकृतियां किसी मापदण्ड के अनुसार की हैं?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
अमरावती रोड से सेट लाव्हाना मार्ग का निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
24. ( *क्र. 913 ) श्री जतन उईके : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छिन्दवाड़ा जिले के अंतर्गत पांढुर्णा विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत अमरावती रोड से सेट लाव्हाना मार्ग के निर्माण का टेण्डर कब हुआ था? मार्ग की लागत एवं एजेन्सी कौन है? (ख) मार्ग निर्माण की कार्यावधि क्या है, प्राक्कलन में क्या-क्या प्रावधान रखे गये थे? (ग) मार्ग निर्माण में आने वाली कुल कितनी पुल-पुलियों का निर्माण इस कार्य के साथ होना था और निर्माण एजेन्सी द्वारा अभी तक क्या-क्या और कितना कार्य किया जा चुका है? अनुबंध की राशि में मार्ग निर्माण न होने की स्थिति में क्या पुनरीक्षित प्राक्कलन तैयार कर विभाग द्वारा स्वीकृत कराया गया है? (घ) यदि निर्माण एजेन्सी द्वारा उक्त कार्य दी गई अवधि में पूर्ण नहीं किया गया तो विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई तथा उक्त निर्माण कार्य कब तक पूर्ण कर दिया जायेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) टेण्डर दिनांक 23.03.2013 को जारी हुआ, मार्ग की लागत रूपये 114.63 लाख थी एवं एजेन्सी मेसर्स मूसले कन्स्ट्रक्शन कम्पनी, नागपुर थी। (ख) कार्यावधि कार्यादेश दिनांक 05.08.2013 से एक वर्ष अर्थात् 04.08.2014 तक थी। प्राक्कलन में डामरीकृत मार्ग 3.85 कि.मी., कांक्रीट मार्ग 0.100 कि.मी. एवं 10 पुल-पुलियों का प्रावधान किया गया था। (ग) मार्ग में 10 पुल-पुलियों का निर्माण होना था, जिसमें स्थल की आवश्यकतानुसार 11 पुल-पुलियों का निर्माण किया गया है। 4.17 कि.मी. डामरीकृत मार्ग तथा 0.063 कि.मी. कांक्रीट मार्ग का निर्माण किया गया। संपूर्ण कार्य अनुबंध राशि के अंदर पूर्ण हुआ। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता। (घ) निर्धारित समयावधि में कार्य पूर्ण नहीं हुआ, इस कारण निर्माण एजेन्सी पर रूपये 7,55,880/- की राशि के विलंब हेतु अर्थदण्ड अधिरोपित किया गया। उक्त मार्ग को दिनांक 30.11.2015 को पूर्ण किया जा चुका है।
बायपास मार्ग निर्माण की स्वीकृति
[नगरीय विकास एवं आवास]
25. ( *क्र. 598 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या श्योपुर जिला मुख्यालय पर निर्मित एफ.सी.आई. गोदाम से सफेद चबूतरा शिवपुरी रोड तक का व्यस्ततम एक मात्र बायपास मार्ग की दशा वर्तमान में अत्यन्त खराब है, पूरा मार्ग गड्ढ़ों में तब्दील होकर चलने योग्य नहीं रह गया है? इस कारण भारी वाहनों एवं नागरिकों को आवागमन में अत्यधिक कठिनाईयां आ रही हैं, नागरिक इस मार्ग के पुनर्निर्माण की मांग भी कर रहे हैं? (ख) क्या उक्त कारणों के मद्देनजर नगर पालिका श्योपुर ने मुख्यमंत्री अधोसंरचना विकास मद अंतर्गत उक्त मार्ग के पुनर्निर्माण की 03 करोड़ की डी.पी.आर. तैयार कर शासन को स्वीकृति हेतु भेज भी दी है? (ग) उक्त डी.पी.आर. वर्तमान में किस स्तर पर कब से परीक्षणाधीन है, परीक्षण कार्य कब तक पूर्ण करवा लिया जावेगा? (घ) प्रश्नांश (क) में वर्णित कठिनाईयों के मद्देनज़र क्या शासन उक्त डी.पी.आर. का परीक्षण कार्य यथाशीघ्र निपटवाएगा व इसे निश्चित रूप से चालू वर्ष के अनुपूरक बजट में शामिल करवाकर इसकी प्रशासकीय स्वीकृति अविलम्ब जारी करवाएगा? यदि नहीं, तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) संचालनालय, नगरीय प्रशासन एवं विकास, म.प्र. भोपाल के पत्र क्रमांक 13086, दिनांक 16.11.2017 से राशि रू. 299.79 लाख की तकनीकी एवं प्रशासकीय स्वीकृति जारी कर दी गई है। (घ) उत्तरांश (ग) के परिपालन में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
भाग-2
नियम
46 (2) के
अंतर्गत
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
के रुप में
परिवर्तित
तारांकित
प्रश्नोत्तर
मध्यान्ह
भोजन योजना का
क्रियान्वयन
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
1. ( क्र. 26 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन व रतलाम जिले में वर्ष 2015 से अब तक कहाँ-कहाँ मध्यान्ह भोजन में कीड़े, छिपकली, इल्ली व कॉकरोच पाये जाने की शिकायतें मिली? तहसीलवार-विकासखण्डवार जानकारी प्रदान करें. (ख) स्तरहीन दाल-रोटी-चावल वितरण के कितने प्रकरण उक्त अवधि में प्रकाश में आए? उनका ब्यौरा दें. (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संबंध में शासन ने क्या-क्या कार्यवाही की एवं भोजन के स्तर की सतत् निगरानी हेतु क्या कदम उठाये? तहसीलवार पूर्ण विवरण दें.
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ख) रतलाम जिलें में प्रश्नाधीन अवधि में ऐसा कोई प्रकरण प्रकाश में नहीं आया है। उज्जैन जिले में दैनिक पत्रिका समाचार पत्र दिनांक 25 जनवरी 2017 में उज्जैन शहरी क्षेत्र की माध्यमिक शाला दमदमा में निर्धारित गुणवत्ता का भोजन प्रदाय न करने का समाचार प्रकाशित हुआ था। माननीय महापौर, नगर पालिका निगम, उज्जैन द्वारा दिनांक 06 फरवरी 2017 को उक्त शाला का निरीक्षण कर, शाला में प्रदाय भोजन की गुणवत्ता निर्धारित मानक अनुसार नहीं होना प्रतिवेदित किया गया। (ग) प्रश्नांश (ख) के तारतम्य में उज्जैन शहरी क्षेत्र की माध्यमिक शाला दमदमा में कार्यरत स्वयं सेवी संस्था को जिला पंचायत उज्जैन द्वारा कारण बताओ सूचना पत्र क्रमांक 2932 दिनांक 01.03.2017 जारी किया गया। मध्यान्ह भोजन की सतत् निगरानी हेतु जिला परियोजना समन्वयक, विकासखण्ड स्त्रोत समन्वयक, विकासखण्ड अकादमिक समन्वयक, जनशिक्षक, शिक्षक, क्वालिटी मॉनिटर द्वारा निरंतर निरीक्षण किये जाकर सतत् निगरानी रखी जाती है। इसके अतिरिक्त शालाओं में निरीक्षण पंजी का संधारण, छात्र-छात्राओं की माताओं का रोस्टर तैयार कर भोजन चखना, शाला के मध्यान्ह भोजन प्रभारी, शिक्षक द्वारा वितरण पूर्व भोजन चखने एवं भोजन का नमूना 24 घंटे तक सुरक्षित रखने की व्यवस्था की गई है।
स्मार्ट सिटी का विकास
[नगरीय विकास एवं आवास]
2. ( क्र. 59 ) श्री बाबूलाल गौर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) भोपाल सहित प्रदेश के किन-किन महानगरों/नगरों में स्मार्ट सिटी का विकास किया जा रहा है? (ख) स्मार्ट सिटी के विकास हेतु किन-किन महानगरों/नगरों में कितनी-कितनी शासकीय एवं निजी भूमि की आवश्यकता का आंकलन किया गया है एवं इसमें कितनी-कितनी शासकीय एवं निजी भूमि स्मार्ट सिटी के विकास हेतु उपलब्ध कराई गई है? (ग) स्मार्ट सिटी के विकास हेतु किन-किन वर्षों में कितनी-कितनी धनराशि केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा उपलब्ध कराई गई? (घ) प्रदेश के किन-किन नगरों में स्मार्ट सिटी का कार्य प्रारंभ कर दिया गया है एवं क्या-क्या विकास कार्य किये गये? (ड.) स्मार्ट सिटी के निर्माण का कार्य कब तक पूर्ण करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) स्मार्ट सिटी योजना अन्तर्गत भोपाल सहित इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर, उज्जैन, सागर एवं सतना शहर में स्मार्ट सिटी का विकास किया जा रहा है। (ख) स्मार्ट सिटी भोपाल-स्मार्ट सिटी मिशन के अन्तर्गत क्षेत्र आधारित विकास (एरिया बेस्ड डेवलपमेंट) हेतु भोपाल स्मार्ट सिटी डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड को शासन द्वारा 342 एकड़ शासकीय भूमि हस्तांतरित की गई है। स्मार्ट सिटी इंदौर-स्मार्ट सिटी के विकास कार्य हेतु शासकीय भूमि 24.028 हेक्टेयर का आंकलन किया गया है तथा आवंटन की प्रकिया प्रगतिशील है। स्मार्ट सिटी जबलपुर-जबलपुर स्मार्ट सिटी विकास हेतु शासकीय भूमि 334.7 हेक्टेयर का आंकलन किया गया है। स्मार्ट सिटी ग्वालियर- स्मार्ट सिटी योजनान्तर्गत शासकीय भूमि 23.476 हेक्टेयर का आंकलन किया गया है। स्मार्ट सिटी उज्जैन-स्मार्ट सिटी योजनान्तर्गत राज्य शासन की भूमि 9.219 हेक्टेयर केन्द्र शासन की भूमि 35.732 का आंकलन किया गया है। इसके अतिरिक्त विनोद मिल की भूमि 18.018 हेक्टेयर का प्रकरण न्यायालय में विचाराधीन है। स्मार्ट सिटी सागर- स्मार्ट सिटी योजनान्तर्गत शासकीय भूमि 908 एकड़ का आंकलन किया गया है। स्मार्ट सिटी सतना-स्मार्ट सिटी योजनान्तर्गत शासकीय भूमि 662 एकड़ का आंकलन किया गया है। 250 एकड़ शासकीय भूमि आरक्षित की जा चुकी है तथा बाकी भूमि की प्रकिया प्रचलन में है। (ग) स्मार्ट सिटी योजनान्तर्गत वर्षवार धनराशि का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (घ) स्मार्ट सिटी भोपाल के विकास कार्यों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार, स्मार्ट सिटी इंदौर के विकास कार्यों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार, स्मार्ट सिटी जबलपुर के विकास कार्यों की सूची पुस्तकालय के परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार, स्मार्ट सिटी ग्वालियर की सूची पुस्तकालय के विकास कार्यों की सूची परिशिष्ट के प्रपत्र-5 अनुसार एवं स्मार्ट सिटी उज्जैन के विकास कार्यों की सूची पुस्तकालय के परिशिष्ट के प्रपत्र-6 अनुसार है। स्मार्ट सिटी सागर एवं सतना का चयन जून 2017 में ही हुआ है। दोनो ही शहरों में स्पेशल पर्पस व्हीकल (एस.पी.वी.) का गठन किया जा चुका है। दोनो ही शहरों में विकास कार्य प्रारंभ नहीं हुआ है। (ड.) भोपाल, इंदौर एवं जबलपुर में वर्ष 2021 तक, ग्वालियर एवं उज्जैन में 2022 तक तथा सागर एवं सतना में वर्ष 2023 तक पूर्ण किए जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
नर्मदा सेवा यात्रा व्यय राशि
[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]
3. ( क्र. 60 ) श्री बाबूलाल गौर : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2017 में किस दिनांक से किस दिनांक तक नर्मदा सेवा यात्रा निकाली गई? (ख) नर्मदा सेवा यात्रा के कार्यक्रम का आयोजन किस-किस नगरों/कस्बों/जिलों में किस-किस दिनांक को किया गया? (ग) नर्मदा सेवा यात्रा के आयोजन हेतु कितनी-कितनी राशि विज्ञापन, व्ही.व्ही.आई.पी./व्ही.आई.पी. की सुरक्षा एवं अन्य मदों में व्यय की गई एवं यह व्यय किस विभाग के बजट से किया गया है? पृथक-पृथक विवरण दिया जाये? (घ) क्या वर्ष 2013-14 में नर्मदा नदी के संरक्षण हेतु कार्य योजना बनाई गई थी? यदि हाँ, तो इस कार्ययोजना के क्रियान्वयन हेतु प्रश्न दिनांक तक विभाग द्वारा क्या-क्या विकास कार्य किये गये एवं किस-किस मद में कितनी-कितनी राशि व्यय की गई? (ड.) इस कार्ययोजना के क्रियान्वयन से प्रदेश के किन-किन नगरों गंदे नालों में ट्रीटमेंट प्लांट लगाये गये एवं नालों को डायवर्ट किया गया?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) मध्यप्रदेश शासन द्वारा दिनांक 11 दिसम्बर 2016, से दिनांक 15 मई 2017 तक नर्मदा सेवा यात्रा निकाली गई। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जानकारी संकलित की जा रही है। (घ) जी हाँ, योजना अन्तर्गत नर्मदा नदी किनारे स्थित 24 शहरों के ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, सीवेज ट्रीटमेंट एवं स्टॉर्म वाटर ड्रेनेज के कार्यों हेतु डी.पी.आर. तैयार कराई जाकर स्वीकृति हेतु केन्द्र शासन के वन एवं पर्यावरण मंत्रालय को दिनांक 15.09.2014 को प्रेषित की गई थी। केन्द्र शासन से इन योजनाओं की स्वीकृति प्राप्त नहीं होने से अभी क्रियान्वयन की कार्यवाही नहीं हुई है। 24 नगरों की डी.पी.आर. तैयार कराए जाने पर अभी तक राशि रूपये 3,29,63,884.00 व्यय हुई है। (ड.) प्रश्नांश ''घ'' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्रधानमंत्री आवास योजना
[नगरीय विकास एवं आवास]
4. ( क्र. 169 ) श्री हितेन्द्र सिंह ध्यान सिंह सोलंकी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) बड़वाहा विधान सभा क्षेत्र की नगर पालिका बड़वाहा एवम सनावद में प्रधानमंत्री आवास योजना में कब सर्वे हुआ है. वार्डवार पात्र व्यक्तियों की सूची दी जावे. (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार इन पात्र हितग्राहियों को आवास योजना का लाभ किस प्रकार का दिया गया है? नियम की प्रति उपलब्ध कराई जावे। (ग) आवास योजना में ऐसे कितने हितग्राही हैं जिन्हें वर्तमान तक आवास योजना का लाभ नहीं मिला है? इन व्यक्तियों को कब तक लाभ मिल जायेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) बड़वाह विधान सभा क्षेत्र की नगर पालिका परिषद् बड़वाह में फरवरी, 2017 एवं नगर पालिका परिषद्, सनावद में जनवरी, 2017 में सर्वे किया गया है। नगर पालिका परिषद् बड़वाह में हितग्राहियों की पात्रता का परीक्षण किया जा रहा है। सूची तैयार की जा रही है एवं नगर पालिका परिषद् सनावद की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी- सबके लिए आवास 2022) के मार्गदर्शी सिद्धांत पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' एवं नगरीय विकास एवं पर्यावरण विभाग का ज्ञाप दिनांक 01.11.2014 पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (ग) नगर पालिका परिषद् बड़वाह में हितग्राहियों की सूची तैयार की जा रही है जिस अनुसार विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन तैयार कर भारत सरकार से स्वीकृति प्राप्त की जायेगी। वर्तमान में भारत सरकार से स्वीकृत न होने के कारण समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। नगर पालिका परिषद्, सनावद द्वारा चयनित 391 हितग्राहियों में से 230 पात्र हितग्राहियों को लाभ दिया जा चुका है। 161 हितग्राहियों को अभी लाभ नहीं मिल पाया है। इनकी पात्रता का परीक्षण कर पात्र पाये जाने पर दिसम्बर, 2017 तक लाभ प्रदान कर दिया जायेगा।
भूखण्ड आवंटन की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
5. ( क्र. 401 ) श्री शान्तिलाल बिलवाल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या मध्यप्रदेश राज्य कर्मचारी आवास निगम भोपाल द्वारा झाबुआ मुख्यालय किशनपुरी में प्रस्तावित भू-खण्ड योजना 2012 में भू-खण्ड प्राप्त करने संबंधी कोई योजना थी? (ख) यदि हाँ, तो पंजीयन एवं आवंटन नियम के अंतर्गत जिन कर्मचारियों को भूखण्ड आवंटित किये है, क्या उनसे आवंटन नियम की शर्त क्रमांक-11 अनुसार सभी आवेदनकर्ता से उनका म.प्र. में भवन/भू-खण्ड नहीं होने संबंधी शपथ पत्र लिया गया है? (ग) क्या जिन आवेदित कर्मचारियों ने आवंटन नियम की शर्त क्रमांक 11 के तहत शपथ पत्र प्रस्तुत नहीं किया है, उन्हें भी भूखण्ड आवंटित किये गये है? क्या इस संबंध में विभाग को कोई शिकायत प्राप्त हुई थी, यदि हाँ, तो क्या उस पर क्या कार्यवाही की गई थी? (घ) यदि भूखण्ड आवंटन में प्रक्रिया यदि त्रुटिपूर्ण है तो क्या आवास निगम सभी आवेदन पत्रों की पुन: जाँच कर कार्यवाही करेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ, शपथ पत्र लिये गये थे, परन्तु म.प्र. राज्य कर्मचारी आवास निगम की कार्यकारिणी समिति की बैठक दिनांक 16/08/2002 के नियम 11 की बाध्यता समाप्त की गई थी। (ग) उत्तरांश 'ख' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। जी नहीं शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (घ) भू-खण्ड आवंटन की प्रक्रिया त्रुटीपूर्ण न होने से पुन: जाँच का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
निर्माण कार्यों के लिए एजेंसी
[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]
6. ( क्र. 402 ) श्री शान्तिलाल बिलवाल : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र झाबुआ अंतर्गत विधायक निधि वर्ष 2016-17 में स्वीकृत निर्माण कार्यों में से कौन-कौन से निर्माण कार्यों में ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभाग झाबुआ को निर्माण एजेन्सी बनाया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभाग झाबुआ द्वारा स्वीकृत कार्यों पर कितना-कितना निर्माण कार्य प्रश्न दिनांक तक किया गया है तथा उक्त कार्यों पर कितनी-कितनी राशि व्यय हो गई है? (ग) क्या विभाग द्वारा निर्माण एजेन्सी को राशि उपलब्ध नहीं कराने से निर्माण कार्य अधूरे होकर कार्य बंद पड़े हैं और आदिवासी मजदूरों को उनकी मजदूरी का भुगतान तथा निर्माण सामग्री का भुगतान नहीं हो पा रहा है? (घ) प्रश्नांश (क) अनुसार मजदूरी एवं सामग्री का भुगतान नहीं होने से कौन-कौन अधिकारी कर्मचारी उत्तरदायी है? निर्माण एजेन्सी को कब तक स्वीकृत कार्यों की राशि उपलब्ध कराई जावेंगी?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर है। (ख) सभी स्वीकृत कार्य प्रश्न दिनांक तक पूर्ण हो चुके है। व्यय राशि की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) जी नहीं, सभी कार्य पूर्ण हो चुके है। जिनका भुगतान बी.सी.ओ.टू. बी.सी.ओ. प्रक्रिया के तहत संबंधित विभाग को किया जा चुका है। (घ) राशि संबंधित विभाग के बी.सी.ओ. को जारी किये जाने से शेष का प्रश्न उपिस्थत नहीं होता हैं।
नमामि देवी नर्मदे यात्रा
[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]
7. ( क्र. 426 ) श्री संजय शर्मा : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) तेंदूखेड़ा विधानसभा क्षेत्र में नमामि देवी नर्मदे यात्रा का रात्रि विश्राम किन-किन स्थानों पर किस-किस दिनांकों में हुआ था? (ख) यात्रियों के रहने और खाने की व्यवस्था किसके द्वारा कराई गई? (ग) उक्त व्यवस्था में किन-किन स्थानों पर कितना खर्च आया? स्थानवार जानकारी प्रदान करें? (घ) उक्त व्यवस्था में कितनी राशि खर्च की गई, राशि का भुगतान किसके द्वारा किया गया?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) से (घ) जानकारी संकलित की जा रही है।
एज्यूकेशन लोन का वितरण
[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]
8. ( क्र. 427 ) श्री संजय शर्मा : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) तेंदूखेड़ा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक कितने छात्र/छात्राओं को एज्यूकेशन लोन (शिक्षा ऋण), प्रदान किया गया? (ख) छात्र/छात्राओं का नाम व स्वीकृत ऋण राशि सहित जानकारी प्रदान करें। (ग) वर्तमान में कितने प्रकरण कौन-कौन से बैंकों में लम्बित हैं? इनका निराकरण कब तक कर दिया जावेगा?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) से (ग) जानकारी संकलित की जा रही है।
यू.आई.डी.एस.एस.एम.टी. योजना
[नगरीय विकास एवं आवास]
9. ( क्र. 428 ) श्री संजय शर्मा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) तेंदूखेड़ा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत, नगर परिषद् तेंदूखेड़ा के यू.आई.डी.एस.एस.एम.टी. योजना के कार्य में इंटेक वेल से वाटर ट्रीटमेंट प्लांट तक मेन पाईप लाईन की गहराई, निविदा की शर्तानुसार, कितनी निर्धारित थी और ठेकेदार द्वारा कितनी गहराई पर मेन पाईप लाईन बिछाई गई है? (ख) मेन पाईप लाईन के नीचे किस प्रकार का बेस दिया जाना निर्धारित था? निविदा शर्तानुसार निर्धारित बेस दिया गया है या नहीं? (ग) डिस्ट्रीब्यूशन पाईप लाईन बिछाते समय, निविदा की शर्तों के अनुसार, पूर्व में निर्मित खोदी गई पक्की सड़कों की मरम्मत ठेकेदार द्वारा किया जाना निर्धारित था या नहीं? यदि हाँ, तो ठेकेदार द्वारा खोदी गई पक्की सड़कों की मरम्मत की गई है या नहीं? (घ) इंटेक वेल तक पहुंच मार्ग का निर्माण किया जाना, निविदा की शर्तों के अनुसार निर्धारित था या नहीं? यदि हाँ, तो पहुंच मार्ग का निर्माण ठेकेदार द्वारा कराया गया है या नहीं? (ङ) डिस्ट्रीब्यूशन पाईप लाईन की गहराई, निविदा की शर्तों के अनुसार, कितनी निर्धारित थी और ठेकेदार द्वारा कितनी गहराई पर मेन पाईप लाईन बिछाई गई है? डिस्ट्रीब्यूशन पाईप लाईन के नीचे किस प्रकार का बेस दिया जाना निर्धारित था? निर्धारित बेस दिया गया है या नहीं? (च) निविदानुसार कार्य न किये जाने पर ठेकेदार के विरुद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) नगर परिषद् तेंदूखेडा विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत यू.आई.डी.एस.एस.एम.टी. योजना के कार्य में इंटेकवेल से वाटर ट्रीटमेंट प्लांट तक मेन पाईप लाईन की गहराई 1 मी. + 0.2 मी. निर्धारित थी तदानुसार कार्य कराया गया है। (ख) निविदा शर्तानुसार मेन पाईप लाईन के नीचे जिस स्ट्रेटा (हार्ड राक/काली मिट्टी) में आवश्यकतानुसार मुरम का बेस दिया जाना था वहां पर मुरम का बेस दिया गया है। (ग) ठेकेदार द्वारा अनुबंध अनुसार डब्ल्यू.बी.एम. एवं डामरीकृत सड़क का मरम्मत कार्य किया जाना था, जो ठेकेदार द्वारा संपादित किया गया है। (घ) निविदा शर्तानुसार इंटेकवेल तक पहुँच ब्रिज का निर्माण आवश्यक रूप से किया जाना था, जो ठेकेदार द्वारा किया गया। इसके अतिरिक्त पहुँच मार्ग निर्माण प्रावधानित नहीं था। (ड.) डिस्ट्रीब्यूशन पाईप लाईन की गहराई निविदा शर्तों के अनुसार 1 मी. + 0.2 मी. निर्धारित थी। ठेकेदार द्वारा पथरीले एवं सकरे स्थलों पर औसतन 0.70 मी. गहराई में पाईप लाईन बिछाई गई है, तदनुसार ही कार्य का मूल्यांकन किया गया है। शेष स्थानों पर पाईप लाईन निविदा शर्तों के अनुसार बिछाई गई है। डिस्ट्रीब्यूशन पाईप लाईन के नीचे निविदा शर्तों अनुसार जिस स्ट्रेटा (हार्ड रॉक/काली मिट्टी) में आवश्यकतानुसार मुरम बेस दिया जाना था, जो ठेकेदार द्वारा संपादित किया गया है। (च) ठेकेदार द्वारा निविदा अनुसार कार्य किया गया है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
जल आवर्धन योजना अंतर्गत किये गये कार्य
[नगरीय विकास एवं आवास]
10. ( क्र. 466 ) श्री प्रदीप अग्रवाल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जल आवर्धन योजना के तहत नगर पंचायत इंदरगढ़ में क्या-क्या कार्य स्वीकृत हुए हैं? प्रोजेक्ट रिपोर्ट एवं ठेकेदारों से अनुबंध की छायाप्रति उपलब्ध करायें? (ख) उक्त कार्य की निर्माण एजेंसी कौन है, निर्माण एजेंसी ने म.प्र. जलावर्धन के क्षेत्र में कौन-कौन से कार्य किये है? उनमें से कितने कार्य पूर्ण होकर विभाग को हैण्ड ओवर हो चुके हैं एवं कितने अपूर्ण हैं? (ग) क्या उक्त निर्माण एजेंसी को ब्लैक लिस्टेड किया जा चुका है? यदि हाँ, तो कब और क्या कारण से एवं पुन: बहाल होने के क्या कारण रहे हैं? साथ ही क्या उक्त निर्माण एजेंसी कार्य को खुद न करते हुए पेटी पर निर्माण कार्य को दे देती है? (घ) क्या इंदरगढ़ में निर्माण कार्य में घटिया सामग्री का उपयोग किया जा रहा है, जिस कारण अभी स्थानीय लोगों ने कार्य को रोका भी था, जो की प्रमुखता से स्थानीय अखबार में भी छपा था? यदि हाँ, तो क्या उक्त सारे कार्य की एक टीम बनाकर जाँच करा लेंगे?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ख) उक्त कार्य की निर्माण एजेंसी मेसर्स बान्कों कंस्ट्रक्शन प्रा.लि. नेहरू कॉलोनी थाटीपुर ग्वालियर है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (ग) मुख्य अभियंता, म.प्र. लोक निर्माण विभाग उत्तर परिक्षेत्र ग्वालियर के पत्र क्रमांक सा./404/कॉन/70/2015 ग्वालियर दिनांक 05.04.2016 से पंजीयन निलंबित किया गया था तथा प्रमुख अभियंता म.प्र. लोक निर्माण विभाग का पत्र क्रमांक 212/वनिस/पंजी/अपील/प्र.अ./लो.नि.वि./2016/429 भोपाल दिनांक 12.07.2017 से पंजीयन बहाल किया गया मेसर्स बानको कंस्ट्रक्शन कंपनी द्वारा लोक निर्माण विभाग दतिया संभाग के अंतर्गत उन्नाव कामद मार्ग की प्रगति अनुबंध अनुसार नहीं होने के कारण फर्म का पंजीयन निलंबित किया गया था। फर्म के द्वारा आर.एम.सी. प्लांट एवं सीमेंट हेतु गोदाम तैयार करने एवं शेष मशीनरी साईट पर उपलब्ध करने का कार्य कर देने के कारण अधीक्षण यंत्री, लोक निर्माण विभाग, ग्वालियर मंडल द्वारा अपने पत्र दिनांक 08/07/2016 से फर्म के पंजीयन को बहाल करने की अनुशंसा की गई, जिसके आधार पर प्रमुख अभियंता लोक निर्माण विभाग द्वारा फर्म पंजीयन बहाल किया गया है। जी नहीं, नगर परिषद् इंदरगढ़ में मुख्यमंत्री शहरी पेयजल योजना के अंतर्गत स्वीकृत समस्त कार्य स्वयं ठेकेदार द्वारा ही संपादित किये जा रहे है। (घ) जी नहीं, निर्माण कार्य में घटिया सामग्री का उपयोग नहीं किया जा रहा है। कार्य में प्रयुक्त समस्त सामग्री टेस्टिंग समय-समय पर करवाई गई है। स्थल पर ठेकेदार द्वारा मानक अनुरूप रेत संग्रहण न करने के कारण स्थानीय लोगों ने दिनांक 17.10.2017 को शिकायत की थी। इसके संबंध में निकाय द्वारा भी सूचना पत्र क्रमांक 775 दिनांक 13.10.2017 से ठेकेदार को अनुपयुक्त रेत हटाने हेतु नोटिस जारी किया गया था। जिसके पालन में निविदाकार फर्म द्वारा दिनांक 17.10.2017 को रेत हटा ली गई है। स्थल पर कार्य गुणवत्तापूर्वक किया जा रहा है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
दिव्यांगों के लिए कराये गए कार्य
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
11. ( क्र. 467 ) श्री प्रदीप अग्रवाल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दतिया जिले में सामाजिक न्याय विभाग द्वारा 2016-17 व 2017-18 में विकलांग दिव्यांगों के लिये क्या-क्या प्रयास/कार्यक्रम किये, कहाँ-कहाँ, किस-किस दिनांक को शिविर लगाये, दिनांकवार/ग्रामवार जानकारी दी जाये? (ख) उक्त वर्षों में जिले को राज्य शासन से कितनी राशि इन कार्यक्रमों के लिय प्राप्त हुई एवं उस राशि को किस-किस मद में कहाँ-कहाँ खर्च किया गया? दिनांकवार, मदवार जानकारी उपलब्ध करायें? (ग) उक्त दिव्यांगों को वितरीत किये जाने वाले उपकरण व अन्य सामग्री कब-कब एवं कहाँ से क्रय की गयी? इसके लिये कोई निश्चित एजेंसी, कंपनी है या फिर विज्ञप्ति निकाल कर टेण्डर बुलाये गये हैं?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जिले में विभाग द्वारा प्रश्नांश अवधि में 36 दिव्यांग शिविर आयोजित किये गये है। ग्राम पंचायत/निकाय स्तर पर आयोजित शिविर की तिथि, स्थान आदि से संबंधित जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ए'' पर है। (ख) राज्य शासन द्वारा जिले को ''विश्व विकलांग दिवस'' आयोजन के लिये 2016-17 में 90000/- तथा 2017-18 में 56000/- का आवंटन उपलब्ध कराया गया। आवंटित राशि का मदवार विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''बी'' पर है। (ग) वर्ष 2016-17 में मैसर्स नेशन कृत्रिम अंग आरोपण केन्द्र इंदौर एवं मैसर्स एलिम्को जबलपुर से उपकरण शासन द्वारा चिन्हित फर्म से क्रय किये गये। फर्म शासन द्वारा चिन्हांकित किये गये थे। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
बेरोजगारों को ऋण वितरण
[सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम]
12. ( क्र. 599 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या राज्यमंत्री, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्योपुर जिले में उद्योग विभाग को वर्तमान तक कितने बेरोजगारों से मुख्यमंत्री स्वरोजगार/युवा उद्यमी योजनान्तर्गत ऋण स्वीकृति हेतु कितने-कितने आवेदन प्राप्त हुए? इन योजनाओं का निर्धारित लक्ष्य क्या है, योजनावार बतावें? (ख) लक्ष्य के विरूद्ध विभाग द्वारा उक्त योजनाओं अंतर्गत कितने ऋण प्रकरण स्वीकृत कर वितरण हेतु किन-किन बैंकों में भेजे, में से संबंधित बैंकों ने कितने-कितने प्रकरण स्वीकृत कर कितने बेरोजगारों को ऋण वितरित किया गया है? (ग) क्या दिनांक 15.09.2017 की स्थिति में मु.म. स्वरोजगार व युवा उद्यमी योजनांतर्गत क्रमश: 375 व 23 बेरोजगारों को ऋण वितरण करने के लक्ष्य के विरूद्ध विभाग ने 456 व 11 प्रकरण स्वीकृत कर उक्त बैंकों में भेजे, में से इन बैंकों ने 110 व 2 प्रकरण स्वीकृत कर 230 व 1 हितग्राही को ही ऋण वितरित किया? (घ) क्या दिनांक 16.09.2017 को बैंकर्स की जिला स्तरीय समीक्षा समिति की त्रैमासिक बैठक में प्रभारी मंत्री/कलेक्टर श्योपुर ने दिनांक 20.09.2017 तक लक्ष्यानुसार ऋण स्वीकृति/वितरण करने के निर्देश बैंक प्रतिनिधियों को दिये थे, का पालन संबंधित बैंकों ने नहीं किया गया? नतीजतन वर्तमान तक बेरोजगारों को उक्त योजनाओं का लाभ नहीं मिला? क्या शासन बैंकों में लंबित ऋण प्रकरणों को शीघ्र स्वीकृत कराकर वितरण कराने हेतु आवश्यक कार्यवाही करेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
राज्यमंत्री, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम ( श्री संजय पाठक ) : (क) श्योपुर जिले में सूक्ष्म लघु और मध्यम उद्यम विभाग को मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना/मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजनान्तर्गत योजना के प्रारंभ से वर्तमान तक बेरोजगारों से प्राप्त आवेदनों एवं लक्ष्य की जानकारी निम्नानुसार हैः-
क्र |
वर्ष |
मु.मं.युवा उद्यमी योजना |
मु.मं.स्वरोजगार योजना |
||
|
|
प्राप्त लक्ष्य |
प्राप्त प्रकरण |
प्राप्त लक्ष्य |
प्राप्त प्रकरण |
1 |
2014-15 |
10 |
21 |
190 |
664 |
2 |
2015-16 |
15 |
32 |
150 |
855 |
3 |
2016-17 |
12 |
21 |
150 |
519 |
4 |
2017-18 |
12 |
13 |
200 |
614 |
(ख) उक्त योजनाओं के अंतर्गत बैंकों को अनुशंसित एवं बैंकों द्वार स्वीकृत/वितरित प्रकरणों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) दिनांक 15.09.2017 की स्थिति में उक्त योजना अंतर्गत सूक्ष्म लघु और मध्यम उद्यम विभाग को निर्धारित लक्ष्य के विरूद्ध स्वीकृत/वितरित प्रकरणों की जानकारी निम्नानुसार हैः-
योजना का नाम |
लक्ष्य |
प्रेषित प्रकरण |
स्वीकृत प्रकरण |
वितरित प्रकरण |
मु.म.युवा उद्यमी |
12 |
11 |
02 |
01 |
मु.म. स्वरोजगार |
200 |
456 |
110 |
23 |
(घ) जी हाँ। दिनांक 16.09.2017 को संपन्न बैंकर्स जिला स्तरीय समीक्षा में लक्ष्य पूर्ति के निर्देश दिये गये। निर्देशों का पालन किया जा रहा है। अतः शेष का प्रश्न उत्पन्न नहीं होता।
बालू का अवैध उत्खनन
[खनिज साधन]
13. ( क्र. 806 ) कुँवर विक्रम सिंह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अता. प्रश्न क्र. 2321, दिनांक 28.02.2017 के उत्तर में परिशिष्ट ख-3 में दी गई जानकारी के अनुसार जो अर्थदण्ड प्रस्तावित किया गया वह शासन में खजाने में कितना और कब जमा किया गया? (ख) क्या विभागीय अधिकारियों द्वारा जो टूर प्रोग्राम की सूची दी गई, उसमें अनुमोदन कलेक्टर द्वारा नहीं है और न हीं जावक रजिस्टर पर दर्ज है? (ग) शासन की कितनी राशि का व्यय अब तक टूर पर किया विवरण दे तथा जिले में अवैध जो उत्खनन बालू का हो रहा है, उसके लिए कौन जिम्मेदार है? (घ) छतरपुर जिले की नदियों से बालू निकाल कर करोड़ों रुपयों की हानि शासन की हो रही है? इसकी जाँच राज्य स्तर पर की जावेगी?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रश्नानुसार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर दर्शित है। (ख) सहायक खनि अधिकारी द्वारा प्रस्तुत टूर डायरी का अनुमोदन कलेक्टर, छतरपुर द्वारा दिनांक 14.02.2017 को नोटशीट पर प्रदान किया गया है, जो पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- ब पर दर्शित है। (ग) जिले में विभागीय अधिकारियों के टूर पर शासन की राशि का व्यय निरंक है। जिले में स्वीकृत खदानों से हटकर रेत का उत्खनन पाये जाने पर संबंधित को दंडित करने हेतु संबंधित के विरूद्ध अवैध उत्खनन का प्रकरण दर्ज कर सक्षम न्यायालय में प्रस्तुत किया जाता है। (घ) जी नहीं। रेत का अवैध उत्खनन/परिवहन पाये जाने पर नियमानुसार कार्यवाही की जाती है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
क्वायला से सांदागिर रोड की मरम्मत
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
14. ( क्र. 937 ) श्री हरवंश राठौर : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रंमाक 151 दिनांक 20/7/17 के उत्तर पैरा क्रमांक (क) में खायला से सांदागिर रोड के क्षतिग्रस्त मार्ग के सुधार के लिए तकनीकी स्वीकृति उपरांत शासन द्वारा प्रशासकीय स्वीकृति जारी की गई है? (ख) यदि नहीं, तो कब तक जारी की जाएगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। तकनीकी स्वीकृति उपरांत प्रशासकीय स्वीकृति जारी की जा चुकी है। (ख) प्रश्न उत्पन्न नहीं होता।
मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजनान्तर्गत छूटे मार्गों की जानकारी
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
15. ( क्र. 938 ) श्री हरवंश राठौर : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 1 अप्रैल 2016 से प्रश्नांकित दिनांक तक बण्डा विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत मुख्यमंत्री ग्राम सड़क/प्रधानमंत्री सड़क योजनान्तर्गत कौन-कौन से सड़क मार्गों/पुल-पुलियों के निर्माण कार्य हेतु प्रस्ताव शासन एवं विभागीय स्तर पर कब-कब भेजे गए एवं कौन-कौन से प्रस्ताव स्वीकृत किए गए? सड़कों के नाम एवं एजेंसी के नाम सहित जानकारी उपलब्ध कराई जाए। (ख) कौन-कौन से निर्माण कार्य स्वीकृति के पश्चात अभी तक किस कारण से प्रारंभ एवं लंबित पड़े हैं? (ग) वर्ष 2016 से प्रश्नांकित दिनांक तक मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजनान्तर्गत छूटे ग्रामों को जोड़ने हेतु क्या कार्यवाही की गई हैं?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत पात्र ग्रामों की स्वीकृति जारी हो चुकी है। प्रधानंमत्री सड़क योजनांतर्गत 02 सड़कों के प्रस्ताव भारत सरकार को भेजे गए हैं। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) मुख्यमंत्री सड़क योजना के मापदण्डानुसार ग्रामों को जोड़ने हेतु सभी सड़कें स्वीकृत हो चुकी हैं।
तालाब निर्माण की राशि का फर्जी भुगतान
[नगरीय विकास एवं आवास]
16. ( क्र. 951 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नगर परिषद् माण्डव द्वारा छप्पन महल नाला तालाब एवं टिपकिया तालाब निर्माण माण्डव में कार्यरत मजदूरों की राशि का भुगतान फर्जी रूप से मेसर्स दीपक बिजवा, कन्स्ट्रक्शंस एवं मटेरियल सप्लायर, दिग्ठान को किस आधार पर किया गया है? (ख) क्या मेसर्स दीपक बिजवा, कन्स्ट्रक्शंस एवं मटेरियल सप्लायर, दिग्ठान द्वारा जिलाधीश महोदय को लिखित में दिया गया है कि उसके द्वारा माण्डव के उक्त तालाबों में किसी प्रकार का कोई कार्य नहीं किया गया है? (ग) यदि हाँ, तो क्या उक्त प्रकरण की जाँच कर ली गई है? अथवा नहीं? यदि नहीं, तो कब तक जाँच पूर्ण कर दोषी अध्यक्ष व सी.एम.ओ. के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) नगर परिषद्, माण्डव द्वारा छप्पन महल नाला तालाब एवं टिपकिया तालाब के गहरीकरण कार्य में कार्यरत मजदूरों की राशि का भुगतान मेसर्स दीपक बिजवा कन्स्ट्रक्शन एवं मटेरियल सप्लायर, दिग्ठान को नहीं किया गया है। (ख) जी हाँ, श्री कालू सिंह जी ठाकुर, माननीय विधायक, धरमपुरी के पत्र दिनांक 31.07.2017 के साथ संलग्न होकर मेसर्स दीपक बिजवा कन्स्ट्रक्शन एवं मटेरियल सप्लायर का पत्र कलेक्टर-धार को प्राप्त हुआ है। (ग) शिकायत की जाँच हेतु कलेक्टर जिला धार के द्वारा जाँच समिति का गठन कर जाँच किये जाने के आदेश दिये गये है। प्रकरण की जाँच उपरान्त दोषियों के विरूद्ध नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही की जा सकेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
नगर परिषद् माण्डव द्वारा तालाब निर्माण की राशि के फर्जी भुगतान
[नगरीय विकास एवं आवास]
17. ( क्र. 952 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नगर परिषद् माण्डव द्वारा छप्पन महल नाला तालाब एवं टिपकिया तालाब निर्माण माण्डव में कार्यरत मजदूरों की राशि का भुगतान फर्जी रूप से मेसर्स स्वामी कन्स्ट्रक्शंस एवं मटेरियल सप्लायर, धामनोद को किस आधार पर किया गया है? (ख) क्या मेसर्स स्वामी कन्स्ट्रक्शंस एवं मटेरियल सप्लायर, धामनोद द्वारा जिलाधीश महोदय को लिखित में दिया गया है कि उसके द्वारा माण्डव के उक्त तालाबों में किसी प्रकार का कोई कार्य नहीं किया गया है? यदि हाँ, तो उक्त प्रकरण की जाँच कर ली गई? अथवा नहीं? यदि नहीं, तो कब तक जाँच पूर्ण कर दोषी अध्यक्ष व सी.एम.ओ. के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) नगर परिषद्, माण्डव द्वारा छप्पन महल नाला तालाब एवं टिपकिया तालाब के गहरीकरण कार्य में कार्यरत मजदूरों की राशि का भुगतान फर्जी रूप से मेसर्स स्वामी कन्स्ट्रक्शन एवं मटेरियल सप्लायर, धामनौद को नहीं किया गया। (ख) जी नहीं। मेसर्स स्वामी कन्स्ट्रक्शन एवं मटेरियल सप्लायर, धामनौद द्वारा कलेक्टर जिला धार को कोई शिकायत प्रस्तुत नहीं की गई है। उत्तरांश के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
वि. वि. निधि के कार्यों में अधिकारियों की अनियमित स्वेच्छाचारिता
[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]
18. ( क्र. 959 ) श्री मोती कश्यप : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता ने वर्ष 2015 से 2017 के विधायक विकास निधि मद से वि.खं. बडवारा, कटनी, ढीमरखेड़ा की किन ग्राम पंचायतों/ग्रामों में कौन से कार्य किन निर्माण एजेन्सी के लिये प्रस्तावित किये हैं और कब प्रशासकीय स्वीकृतियां प्रदान की गई हैं? (ख) प्रश्नांश (क) में से किन कार्यों की राशि किन तिथियों में पंचायतों के खातों में स्थानांतरित किये जाने पर किन कार्यों की दिनांक 31-10-2017 तक की भौतिक स्थिति क्या पायी गई है और जिनके द्वारा कार्य के प्रति उदासीनता बरती गई है? उनके विरूद्ध कब क्या कार्यवाही की गई है और किन दिनांक तक निर्माण पूर्ण करा लिया जावेगा? (ग) क्या मु.का.अ. जनपद पंचायत कटनी द्वारा वर्ष 2017 के प्रश्नांश (क) के किन्हीं कार्यों को तकनीकी स्वीकृति प्रदान किये जाने हेतु कितनी अवधियों तक किस औचित्यपूर्ण कारणों से लम्बित रखा गया है? (घ) क्या किसी विभागीय उच्चस्तरीय अधिकारी द्वारा प्रश्नांश (ग) अधिकारी द्वारा दीर्घावधि तक तकनीकी स्वीकृति अग्रेषित न की जाने की स्वेच्छाचारी एवं भ्रष्ट कृत्यों की जाँच संबंधित सरपंचों/सचिवों/रोजगार सहायकों के बयान लेकर की जावेगी और कार्यवाही की जावेगी?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। अपूर्ण कार्यों को पूर्ण कराने हेतु पत्र क्रमांक 1052 दिनांक 11.05.2017, पत्र क्रमांक 1352 दिनांक 30.06.2017, पत्र क्रमांक 1531 दिनांक 29.07.2017 एवं पत्र क्रमांक 1814 दिनांक 07.09.2017 से निर्देशित किया गया हैं। (ग) जी हाँ। 3 कार्यों का ग्राम छहरी में घाट निर्माण एवं गहरीकरण का कार्य मनरेगा मद से कराया जा चुका है। ग्राम टेढी में ग्रामपंचायत का प्रस्ताव अनुशंसा अनुरूप नहीं होने के कारण निरस्त किया गया है। इस कारण तकनीकी स्वीकृति जारी नहीं हुई है। (घ) अनुशंसित कार्य पूर्व वर्षों में किये जाने एवं निजी भूमि पर होने के कारण तकनीकी स्वीकृति जारी नहीं हुई हैं। अतः इसमें किसी के दोषी होने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
लीज होल्ड को फ्री-होल्ड में संपरिवर्तन
[नगरीय विकास एवं आवास]
19. ( क्र. 1050 ) श्री तरूण भनोत : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या जबलपुर विकास प्राधिकरण की योजना क्रं. 2B मेडिकल कॉलेज के सामने प्राधिकरण की दुकाने एवं नेहरूनगर डॉक्टर्स कॉलोनी के आवास स्थित हैं? क्या उक्त दुकानों में से आधी दुकानों की रजिस्ट्री जे.डी.ए. द्वारा करके दुकानों को फ्री-होल्ड करते हुये संबंधितों को मालिकाना हक दे दिया गया है एवं शेष दुकानदारों को विगत कई वर्षों से उनकी दुकानों की फ्री-होल्ड के नाम से अनावश्यक रूप से भटकाया जा रहा है? (ख) क्या संबंधित शेष दुकानदारों एवं आवास में निवासरत कॉलोनी नेहरूनगर वासियों द्वारा अपनी दुकानें एवं आवास को फ्री-होल्ड करवाने हेतु अनेकों पत्राचार जबलपुर विकास प्राधिकरण से किये हैं, किन्तु प्राधिकरण द्वारा कार्यवाही नहीं की जा रही, क्यों? पूर्ण जानकारी दी जावे। (ग) यदि वर्णित (क), (ख) सही है तो कब तक शेष दुकानें एवं आवासों को वर्णित (क) की संस्था द्वारा फ्री-होल्ड कर उनका मालिकाना एवं स्वामित्व का अधिकार शेष दुकानदारों एवं आवास में निवासरत नागरिकों को प्रदान कर देगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। जी नहीं। लीजहोल्ड से फ्री-होल्ड किये जाने के संबंध में मध्यप्रदेश विकास प्राधिकरण की सम्पत्तियों के प्रबंधन तथा व्ययन नियम 2013 में संशोधन की कार्यवाही प्रचलित होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी हाँ। शेष उत्तरांश 'क' अनुसार। (ग) प्रश्नाशं 'क' एवं 'ख' में वर्णित आवासीय भूखण्डों के उत्तरांश 'क' अनुसार व्ययन नियम 2013 में संशोधन उपरान्त की लीज होल्ड को फ्री-होल्ड में संपरिवर्तन की कार्यवाही प्राधिकरण द्वारा की जा सकेगी। प्रश्नांश 'क' में उल्लेखित गुमठियों को प्राधिकरण द्वारा मासिक किराये पर दी गई है। अत: इन्हें फ्री-होल्ड कर मालिकाना हक देने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। प्रश्नाधीन दुकानों का व्ययन नियम के प्रावधानों के विपरीत बिना किसी प्रतिस्पर्धा/ऑफर के आवंटित किया गया है, जो व्ययन नियम 2013 के प्रावधानों के विपरीत होने से तत्संबंध में प्राधिकारी बोर्ड द्वारा निर्णय लिया जाना है।
नगर परिषद् कटंगी के संदर्भ में
[नगरीय विकास एवं आवास]
20. ( क्र. 1063 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) वर्तमान समय नगर परिषद् कटंगी में कौन-कौन से दैनिक, श्रमिक किस नियम के तहत कब से किन शर्तों के अधीन पदस्थ हैं तथा उनसे कौन-कौन से कार्य कराने के दायित्व सौंपे गये हैं? नामवार सूची देवें एवं वर्तमान समय में कौन-कौन से शासन के स्थाई कर्मचारी पदस्थ हैं तथा उन्हें कौन सा दायित्व नगर परिषद् द्वारा सौंपा गया है? संपूर्ण सूची सहित जानकारी देवें? (ख) क्या प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित दैनिक श्रमिकों की नियुक्ति पी.आई.सी.के अनुमोदन पर की गई हैं? उत्तर में यदि हाँ, तो यह बतलावें कि यह नियुक्ति कितने दिनों के लिये की जा सकती है तथा यह श्रमिक कब से लगातार दैनिक वेतन पर अपनी सेवाएं नगर परिषद् को दे रहे हैं? नगर परिषद् में स्थाई शासकीय कर्मचारी होते हुये भी दैनिक, श्रमिकों को अति महत्वपूर्ण कार्यों का दायित्व सौंपने का क्या कारण है? बतलावें? (ग) क्या नगर परिषद् कटंगी द्वारा वित्त वर्ष 2017-18 में बस स्टैण्ड बैंक के बाजू से प्रज्ञा कॉलेज तक नाला निर्माण कराया जा रहा है? उत्तर में यदि हाँ, तो यह कार्य किस मद के अंतर्गत कितनी लागत से कराया जा रहा है? उक्त निर्माण कार्य के निर्माण के स्टीमेट एवं निर्माण स्थल के स्वीकृत नक्शे की छायाप्रति देवें एवं यह भी बतलावें कि निर्माण कार्य के पूर्व क्या निर्माण स्थल का सीमांकन कराकर निर्माण स्थल से अतिक्रमण अलग किये गये थे? उत्तर में यदि हाँ, तो सीमांकन संबंधी सभी कार्यों की छायाप्रति देवें एवं यह भी बतलावे कि निर्माण स्थल से किन-किन के कौन-कौन से अतिक्रमण अलग किये गये है तथा वर्तमान समय में कौन-कौन से अतिक्रमण निर्माण स्थल के निर्माण कार्य को प्रभावित कर रहे हैं? निर्माण स्थल का निर्माण पूर्व सीमांकन न कराने तथा निर्माण स्थल से सभी अतिक्रमणों को अलग न करने का दोषी कौन है क्या शासन उक्त कार्य की जाँच कराकर दोषियों पर कार्यवाही करेगा? उत्तर में यदि हाँ, तो किस प्रकार से कब तक यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। (ख) नगर परिषद्, कटंगी जिला जबलपुर में कार्यरत दैनिक वेतन श्रमिकों को निकाय में कार्य की आवश्यकता के आधार पर कार्य संपादन के लिए रखा जाता है। निकाय में वर्तमान दिनांक तक कुल 64 कर्मचारी रखे गए हैं। जिनका विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) जी हाँ। नाला निर्माण कार्य निकाय मद से राशि रू. 50.33 लाख से कराया जा रहा है। उक्त निर्माण कार्य के एस्टीमेंट एवं निर्माण स्थल के स्वीकृत नक्शे की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' एवं ''द'' अनुसार है। जी हाँ। नाला निर्माण कार्य के पूर्व वर्ष 2014 में मान. उच्च न्यायालय, जबलपुर के रिट याचिका क्रमांक डब्ल्यू.पी. 13151/12 में पारित निर्णय दिनांक 12.08.2014 के परिपालन में राजस्व विभाग द्वारा सीमांकन कर निर्माण स्थल से अतिक्रमण अलग किए गए थे। संबंधित याचिका में पारित निर्णय, सीमांकन एवं अतिक्रमण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ई'' एवं ''फ'' अनुसार है। वर्तमान में प्रज्ञा बाल उत्थान समिति द्वारा नाले के ऊपर कमरे का निर्माण कर एवं लटोरी पिता भगवानदास द्वारा अस्थाई टपरा रखकर पुन: अतिक्रमण किया गया है। अतिक्रमण निर्माण स्थल को प्रभावित कर रहे हैं। निर्माण स्थल का निर्माण पूर्व सीमांकन कराया गया था तथा निर्माण स्थल से संपूर्ण अतिक्रमण हटाए गए थे। अत: कोई भी दोषी नहीं है। लेकिन वर्तमान में प्रज्ञा बाल उत्थान समिति द्वारा नाले के ऊपर कमरे का निर्माण कर एवं लटोरी पिता भगवानदास द्वारा अस्थाई टपरा रखकर पुन: अतिक्रमण किया गया है। उक्त अतिक्रमणों को अलग किए जाने हेतु संबंधितों को पत्र क्रमांक 252, दिनांक 01.07.2017 को नोटिस जारी किया जाकर अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही प्रचलन में है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
निर्माण कार्यों की प्रगति पत्रक की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
21. ( क्र. 1111 ) श्री रामलाल रौतेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) वित्तीय वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में नगर पालिका परिषद् अनुपपुर को म.प्र. शासन ने कुल कितनी राशि उपलब्ध करायी है? उपलब्ध राशि में से किन-किन कार्यों में खर्च किया गया है? अधोसंरचना योजना तथा पेयजल योजनान्तर्गत प्राप्त राशि की जानकारी प्रदान करें? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित उल्लेखित कार्यों की सूची प्रगति पत्रक तथा भौतिक सत्यापन के साथ विवरण देवें? (ग) नगर पालिका क्षेत्र में निर्माणाधीन कार्यों का भूमि पूजन किन-किन जन प्रतिनिधियों से कराया गया है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) नगर पालिका क्षेत्र में निर्माणाधीन कार्यों का भूमि पूजन जनप्रतिनिधियों से कराये जाने की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
विकास कार्यों में भेदभाव
[खनिज साधन]
22. ( क्र. 1113 ) श्री रामलाल रौतेल : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वित्तीय वर्ष 2016-17 एवं 2017-18 में अनूपपुर जिले को प्रधानमंत्री खनिज प्रतिष्ठान निधि अंतर्गत कुल कितनी राशि आवंटित प्राप्त हुई है? प्राप्त राशि में से कुल कितने कार्य स्वीकृत हुए हैं? स्वीकृत के पूर्व किन प्रक्रियाओं का पालन किया गया है? स्वीकृत कार्य का प्रकार, राशि, क्रियान्वयन एजेन्सी, कार्य की भौतिक स्थिति की जानकारी प्रदान करें। (ख) क्या जो इस प्रतिष्ठान के सदस्य नहीं हैं? उनके अनुशंसा पर कार्यों की स्वीकृति प्रदान की गई है? यदि हाँ, तो अनुशंसाकर्ता का नाम, पता, पद एवं किस राजनैतिक दल का कार्यकर्ता है तथा किस दायित्व में है? (ग) प्रश्नांश (क) में वर्णित कार्य मेरे अनुशंसा से कुल कितने स्वीकृत हुए हैं? क्या यह भी सही है कि उक्त मद के वितरण में स्थानीय विधायकों की अनदेखा की जा रही है? यदि हाँ, तो कारण बतावें।
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रधानमंत्री खनिज प्रतिष्ठान निधि के नाम से कोई निधि नहीं है। अत: प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) एवं (ग) प्रश्नांश 'क' के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
बरझा बाईपास का निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
23. ( क्र. 1142 ) श्रीमती नंदनी मरावी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 665 दिनांक 28.2.17 में अवगत कराया गया था कि नगर पालिका परिषद् सिहोरा द्वारा बरझा बाईपास सड़क के निर्माण हेतु नगर पालिका अधिकारी सिहोरा को डी.पी.आर. तैयार करने के निर्देश दिये गये थे? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार डी.पी.आर कब बनाया गया प्रति उपलब्ध करायें? कब तक भूमि का अधिग्रहण कर कार्य आरंभ कर दिया जावेगा? कार्य में विलम्ब के लिये कौन-कौन दोषी हैं? इन पर कार्यवाही क्यों नहीं की गई? यह बाईपास कब तक पूर्ण कर लिया जावेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) संचालनालय, नगरीय प्रशासन एवं विकास म.प्र. भोपाल द्वारा नगर पालिका परिषद्, सिहोरा बरझा रोड़ निर्माण कार्य के प्राप्त डी.पी.आर. का परीक्षण उपरांत युक्तिसंगत नहीं पाये जाने से अमान्य कर दिया गया है। जिससे शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
खदानों का आवंटन
[खनिज साधन]
24. ( क्र. 1248 ) श्री जतन उईके : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छिन्दवाड़ा जिले में स्थित अमेलिया नार्थ और मंडला साउथ कोयला खदानों का आवंटन किस दिनांक को किस कंपनी अथवा संस्था को हुआ था? (ख) इन दोनों कोयला खदानों में कुल कितने टन कोयले का भंडार है और इससे राज्य शासन को कितना राजस्व रायल्टी के तौर पर मिलेगा? (ग) क्या इन दोनों ही कोयला खदानों में पर्यावरणीय स्वीकृति और उत्खनन के मानकों का जमकर उल्लंघन किया जा रहा है? इसके खिलाफ विभाग क्या कार्यवाही करेगा?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रश्नाधीन जिले में अमेलिया नॉर्थ कोयला खदान नहीं है। मंडला साउथ कोयला खदान मेसर्स जे. पी. सीमेंट कार्पोरेशन लिमिटेड को दिनांक 22.04.2015 को आवंटित की गई हैं। (ख) प्रश्नाधीन जिले में स्थित मंडला साउथ कोयला खदान में लगभग 13.35 मिलियन टन कोयला का भण्डार है। इससे शासन को रॉयल्टी के रूप में 381 करोड़ प्राप्त होने की संभावना है। (ग) जी नहीं। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
गौण खनिज उत्खनन/परिवहन की प्राप्त शिकायतों पर कार्यवाही
[खनिज साधन]
25. ( क्र. 1249 ) श्री जतन उईके : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या छिन्दवाड़ा जिले में विभाग द्वारा किस-किस प्रकार की खदान खनिज, पट्टे खनन सर्वेक्षण अनुमति परिवहन की अनुमति किसे-किसे कब-कब राज्य शासन से जिला स्तर से संचालनालय को दी गई है? जो कि प्रभावशील है? (ख) उपरोक्त अनुमति धारकों/ठेकेदारों द्वारा कौन-कौन से गौण खनिज हेतु शासन को कितनी राशि पिछले 03 वर्ष से विभिन्न मदों, रायल्टी, जुर्माना, शुल्क आदि में दी? गौण खनिज रायल्टी के रूप में कितनी राशि प्राप्त हुई? (ग) पिछले 03 वर्ष में अवैध खनन, परिवहन, नियम विरूद्ध अनुमति इत्यादि के संबंध में शासन स्तर, संचालनालय स्तर, जिला स्तर पर किस-किस के विरूद्ध कितनी शिकायतें प्राप्त हुईं? उन पर क्या कार्यवाही की गई?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रश्न का आशय स्पष्ट नहीं है। राज्य शासन स्तर से अथवा जिला स्तर से संचालनालय को प्रश्नानुसार अनुमति दिये जाने का प्रावधान नहीं है। अत: प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्नांश 'क' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर दर्शित है।
जाँच अभिमत के आधार पर कार्यवाही
[नगरीय विकास एवं आवास]
26. ( क्र. 1297 ) कुँवर विक्रम सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नगर निगम भोपाल में वर्ष 2016-17 में डीजल चोरी प्रकरण के संबंध में प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन व्यक्तियों के विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही हुई? (ख) क्या नगर निगम भोपाल में वर्ष 2016-17 में डीजल व टैंकरों की लॉग बुक के संबंध में जाँच की गई? (ग) यदि हाँ, तो जिन-जिन अधिकारियों के विरूद्ध जाँच की गई, जाँच अभिमत की प्रतियां दें? (घ) जाँच अभिमत के आधार पर कौन-कौन दोषी पाये गये, उनके नाम बतायें?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) नगर निगम, भोपाल द्वारा वर्ष 2016-17 में डीजल चोरी प्रकरण में सर्व श्री मधुसूदन तिवारी, प्रभारी निगम, डीजल टेंक व प्रभारी कोलार हाईडेन्ट एवं राजकुमार पटेल प्रभारी विधानसभा जल प्रदाय हाईडेन्ट को उनके विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही करते हुए निलंबित किया गया है। (ख) नगर निगम, भोपाल के वाहनों की लॉग बुक वाहन प्रभारी द्वारा यथा समय जांची जाती है। (ग) उपरोक्त परिप्रेक्ष्य में किसी अधिकारी के विरूद्ध जाँच किए जाने का प्रश्न उत्पन्न नहीं होता। (घ) उत्तरांश ''ग'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उत्पन्न नहीं होता।
ग्रामीण क्षेत्रों में खेलों को बढ़ावा देने हेतु निति निर्धारण
[खेल और युवा कल्याण]
27. ( क्र. 1355 ) श्री राजेश सोनकर : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या राज्य शासन द्वारा ग्रामीण क्षेत्र में खेलों को बढ़ावा दिये जाने हेतु कोई योजना बनाई जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक? प्रदेश में जिला स्तर पर म.प्र. खेल परिषदों को खेल सामग्री क्रय करने हेतु 03 वर्षों में कितनी राशि का आवंटन किया गया? (ख) ग्रामीण क्षेत्रों में खेल गतिविधियों को प्रोत्साहन देने हेतु इन्दौर जिला में किस-किस विकासखण्ड में कितनी राशि की सामग्री 03 वर्षों में वितरित की गईं? क्या ग्रामीण क्षेत्रों में खेल सामग्री वितरित नहीं की जा रही है, कारण स्पष्ट करें? (ग) क्या विभिन्न जिलों में विकासखण्ड के स्थान पर विधानसभावार सामग्री वितरण की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) विभाग में ग्रामीण क्षेत्र में खेलों को बढ़ावा दिये जाने हेतु पूर्व से ही खिलाड़ियों को प्रशिक्षण, मुख्यमंत्री कप, विधायक कप, ग्रामीण युवा केन्द्र के नाम से योजनायें संचालित है, इस कारण पृथक से योजना बनाने की कोई आवश्यकता नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। प्रदेश में जिला स्तर पर खेल परिषद् को खेल सामग्री क्रय करने हेतु 03- वर्ष यथा वर्ष 2015-16 में राशि रू 520,00 लाख वर्ष 2016-17 में राशि रू 734.68 लाख एवं वर्ष 2017-18 में राशि रू 726.30 लाख का बजट आवंटित किया गया। (ख) प्रश्नाधीन अवधि में इन्दौर जिलों को प्रदाय राशि में से विकासखण्डों में वितरित खेल सामग्री की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) विभाग में विधानसभावार खेल सामग्री वितरण की कोई योजना नहीं होने से विधासभावार सामग्री वितरण की जाना संभव नहीं हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जनपद एवं जिला पंचायतों में संविदा कर्मचारियों को नियमितीकरण करना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
28. ( क्र. 1386 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में जनपद एवं जिला पंचायतों में कितने संविदा कर्मचारी पदस्थ हैं और उन्हें क्या सुविधाएँ दी जा रही है? (ख) प्रश्नांश (क) के नियमितीकरण की क्या योजना है, यदि नहीं, तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) पंचायत एवं ग्रामीण विकास अंतर्गत जिला स्तर पर 921 तथा जनपद पंचायत पर 5572 इस प्रकार कुल 6493 संविदा पर कर्मचारी पदस्थ है। उन्हें प्रदाय की जा रही सुविधाओं के संबंध में जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) वर्तमान में शासन की ऐसी कोई योजना नहीं है।
राष्ट्रीय, अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार खिलाड़ियों को रोजगार एवं स्थानांतरण नीति विषयक
[खेल और युवा कल्याण]
29. ( क्र. 1419 ) श्री राजेश सोनकर : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मध्यप्रदेश शासन एवं खेल एवं युवक कल्याण विभाग में उत्कृष्ट खिलाड़ियों को खेल विभाग/सामान्य प्रशासन विभाग व अन्य विभागों में नौकरी दी जाती है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में यदि हाँ, तो पिछले 10 वर्षों में किन-किन राष्ट्रीय खिलाड़ियों, अन्तर्राष्ट्रीय खिलाड़ियों को खेल गतिविधियों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने पर शासन के विभिन्न विभागों में नौकरियां प्रदान कि गई? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में खिलाड़ी कोटे में नौकरी प्राप्तं खिलाड़ियों की स्थानांतरण नीति क्या है? क्या इन्हें एक जिले से दूसरे जिले में स्थानांतरित किया जा सकता है या नहीं? स्थानांतरण नीति स्पष्ट करें? क्या खिलाड़ियों को गृह जिले से स्थानांतरित करने पर उसमें प्रशिक्षण प्राप्त खिलाड़ियों के खेल पर भी प्रभाव पड़ता है? क्या खिलाड़ियों को स्थानांतरण नीति में छूट दी जायेगी? उनके स्थानांतरण को निरस्त कर स्थानांतरित खिलाड़ियों को पुन: गृह जिले में ही पदस्थ किया जायेगा? (घ) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में पिछले 5 वर्षों में कितने खिलाड़ियों को शासन द्वारा एकलव्य, विक्रम द्रोणाचार्य पुरस्कार दिये गये व इनमें से कितनों को शासन/खेल विभाग द्वारा विभिन्न विभागों में नौकरीयां दी गई व कितने राष्ट्रीय, अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कृत खिलाड़ी अभी भी बेरोजगार हैं? क्या इन्हें रोजगार दिये जायेंगे व खिलाड़ियों को खेल से जुड़े रहने हेतु उनका स्थानांतरण अन्य जिले में करने पर रोक लगाई जायेगी?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जी हाँ (ख) विभाग द्वारा उत्कृष्ट खिलाड़ियों को उपलब्ध कराई गई नौकरी की जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ग) शासकीय सेवा में कोई खिलाड़ी कोटा नहीं होने से उत्कृष्ट खिलाड़ी घोषित शासकीय सेवकों के लिए पृथक से कोई स्थानान्तरण नीति नहीं है। अत: शेष जानकारी देने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) विगत 5 वर्षों में विक्रम एवं एकलव्य पुरस्कार से सम्मानित खिलाड़ियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। द्रोणाचार्य पुरस्कार विभाग द्वारा नहीं दिए जाने के कारण जानकारी दी जाना संभव नहीं है। उत्कृष्ट खिलाड़ी घोषित खिलाड़ियों को उपलब्ध कराई गई शासकीय सेवा की जानकारी एकत्रित की जा रही है। राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त बेरोजगारों को रोजगार देने का कार्य विभाग द्वारा नहीं किया जाता है। अत: शेष प्रश्न की जानकारी विभाग द्वारा दी जाना संभव नहीं है।
विज्ञान संकाय के प्राध्यापकों की पदस्थापना संबंधी
[उच्च शिक्षा]
30. ( क्र. 1451 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) तारांकित प्र.क्र.66 दिनांक 07.03.2017 के उत्तर में यह लिखा गया है, कि (ख) विज्ञान संकाय में वर्तमान में कोई भी छात् -छात्राओं ने प्रवेश नहीं लिया है, इस कारण प्राध्यापक की नियुक्ति नहीं की गई हैं, क्या उक्त उत्तर पूर्णतः असत्य है क्या यह सही है कि अस्सी युवा विद्यार्थीयों ने विज्ञान संकाय में प्रवेश लिया है . तथा विभाग माननीय मुख्यमंत्री जी की घोषणा पर भी अब तक अमल क्यों नहीं कर रहा है? (ख) प्रश्नकर्ता द्वारा माननीय मुख्यमंत्री जी को उक्त संबंध में 17.09.2017 को लिखा गया पत्र जो आगामी कार्यवाही हेतु मान. मुख्यमंत्री कार्यालय से विभाग को 07.10.2017 को भेजा गया। उस पर क्या कार्यवाही की? (ग) अस्सी छात्रों के भविष्य के दृष्टिगत कब तक विज्ञान विषय के प्राध्यापक आलोट शासकीय महाविद्यालय में पदस्थ किये जाएंगे?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) शासकीय महाविद्यालय आलोट में विज्ञान संकाय दिनांक 09.09.2016 से प्रारंभ किया गया है। प्रथम वर्ष सत्र 2016-17 में किसी भी विद्यार्थी द्वारा विज्ञान में प्रवेश न होने के कारण अध्यापन कार्य हेतु प्राध्यापकों या अतिथि विद्वानों की व्यवस्था नहीं की गई थी। सत्र 2017-18 में बी.एस.सी. भाग-1 में कुल 73 विद्यार्थियों ने प्रवेश लिया है। प्राध्यापकों की नियमित नियुक्ति नहीं होने के कारण अतिथि विद्वानों द्वारा अध्यापन कराया जा रहा है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ख) प्रश्नांश 'क' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में कार्यवाही पूर्ण हो चुकी है। (ग) रिक्त पदों पर नियमित नियुक्ति नहीं होने के कारण नियमित प्राध्यापक पदस्थ करने में कठिनाई है। अतिथि विद्वानों द्वारा अध्यापन कार्य कराया जा रहा है।
वृक्षारोपण कार्यक्रम के अंतर्गत पौधों की खरीदी
[वन]
31. ( क्र. 1452 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन संभाग में वर्ष 2016 एवं 2017 में वृक्षारोपण कार्यक्रमों के अंतर्गत कितने एवं किस-किस प्रजाति के पौधे, कितनी कितनी दर पर, किस-किस नर्सरी अथवा फर्म से खरीदें गए? जिलेवार, तहसीलवार, ब्यौरा दें? (ख) उक्त प्रश्नांश (क) वृक्षारोपण कार्यक्रमों के पौधों के सुरक्षा, वृक्षारोपण, खाद व परिवहन आदि पर हुए व्यय एवं पौधों की खरीदी में अपनाई गई प्रक्रिया का ब्यौरा क्या है? (ग) वृक्षारोपण 2016 एवं 2017 में लगाये गये कितने पौधे आज दिनांक तक सुरक्षित हैं, कितने नष्ट हुए? नष्ट पौधों के लिए कौन जिम्मेदार है? उक्त पर क्या कार्यवाही की गई?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) उज्जैन संभाग के शाजापुर, रतलाम एवं मंदसौर वन मण्डल द्वारा वर्ष 2016 एवं 2017 में वृक्षारोपण कार्यक्रमों के अंतर्गत पौधे विभागीय रूप से अनुसंधान विस्तार रतलाम से प्राप्त किये गये हैं। वनमंडल उज्जैन एवं नीमच में फर्म से क्रय पौधे की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। पौधों की खरीदी में नियमानुसार कोटेशन/टेंडर प्रक्रिया अपनाई गई है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। पौधे पारिस्थितिकी जलवायु एवं शाकाहारी वन्यप्राणियों द्वारा नगण्य मात्रा में नष्ट हुए हैं। अतः नष्ट पौधों के लिए कोई भी अधिकारी/कर्मचारी जिम्मेदार नहीं है। अतः उन पर कार्यवाही का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
स्नात्कोत्तर कक्षाएं प्रारंभ किया जाना
[उच्च शिक्षा]
32. ( क्र. 1481 ) श्री कैलाश चावला : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 3 फरवरी 2016 को माननीय मुख्यमंत्री द्वारा उच्च शिक्षा विभाग की समीक्षा के तहत आयुक्त, उच्च शिक्षा भोपाल द्वारा दिनांक 03-05-2016 को परिपत्र जारी कर परिपत्र के क्रमांक 06 में महाविद्यालय में 100 से अधिक विद्यार्थी स्नातक अंतिम वर्ष में अध्ययनरत् होने की जानकारी चाही गई थी, ताकि वहाँ स्नात्कोत्तर कक्षाएं प्रारंभ की जा सकें। (ख) उक्त पत्र के प्रकाश में नीमच जिले के किस-किस महाविद्यालय द्वारा किस विषय में स्नातक अंतिम वर्ष में 100 से अधिक छात्र होने की जानकारी किस-किस दिनांक को दी गई? (ग) उक्त जानकारी प्राप्त होने के बाद विभाग द्वारा प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित महाविद्यालय में कौन-कौन से विषय स्नातकोत्तर कक्षाओं के लिए प्रारंभ किए गए महाविद्यालयवार जानकारी देवें। (घ) क्या महाविद्यालय स्नातकोत्तर कक्षाएं प्रारंभ करने के साथ प्राध्यापकों एवं भवन की आवश्यकता को पूर्ति हेतु भी स्वीकृतियां दी गई हैं।
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी हाँ। उल्लेखित जानकारी संकलित की गई है। (ख) उक्त के प्रकाश में नीमच जिले के शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय नीमच एवं शासकीय महाविद्यालय मनासा द्वारा अंतिम वर्ष में 100 से अधिक छात्र होने की जानकारी प्रेषित की गई है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। नीमच जिले में उक्त प्रक्रिया के अंतर्गत नवीन स्नातकोत्तर कक्षाएँ प्रारंभ नहीं की गई है। (घ) प्रश्नांश 'ग' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्रधानमंत्री आवास योजना का क्रियान्वयन एवं उसका लाभ दिया जाना
[नगरीय विकास एवं आवास]
33. ( क्र. 1492 ) श्री राजकुमार मेव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नगरीय क्षेत्रांतर्गत प्रधानमंत्री आवास योजना दिये जाने के क्या नियम एवं प्रावधान हैं? योजना का क्रियान्वयन नगरीय क्षेत्र में किये जाने हेतु क्या प्रक्रिया अपनाई गई और यह प्रक्रिया इन्दौर संभाग अंतर्गत किस-किस नगरीय निकायों में कब-कब प्रारंभ की गई? योजनांतर्गत आवासहीन परिवारों को कब तक आवासीय भूखण्ड उपलब्ध कराये जाकर योजना का लाभ दिया जावेगा? (ख) इंदौर संभाग क्षेत्रांतर्गत प्रधानमंत्री आवास योजनांतर्गत किस-किस नगरीय निकायों को किस-किस वर्ष में कितने-कितने आवास बनाने हेतु कितने-कितने लक्ष्य के विरूद्ध कितने पात्र परिवारों का चयन कर कितने परिवारों को प्रथम किश्त के रूप में राशि उपलब्ध कराई जाकर कितने पात्र परिवारों के आवास पूर्ण किये? कितने अपूर्ण हैं? अपूर्ण रहने का कारण बतावें? (ग) प्रश्नांश (ख) के संबंध में संस्थाओं को शासन के किस आदेश क्रमांक, दिनांक से लक्ष्य एवं आवंटन प्राप्त हुआ? नगरीय निकाय महेश्वर, मण्डलेश्वर एवं करही-पाडल्या द्वारा योजना में लाभ लाभ दिये जाने हेतु संस्था द्वारा पात्र परिवारों का अनुमोदन, सक्षम अधिकारी का अनुमोदन लिया जाकर प्रथम किश्त की राशि कब-कब हितग्राहियों के खाते में जमा की गई? (घ) प्रश्नांश (ग) के संबंध में क्या शासन से प्राप्त लक्ष्य एवं आवंटन उपलब्ध होने के उपरांत भी नगरीय निकायों द्वारा विलंब किया जाकर हितग्राहियों को लाभ नहीं दिया गया? इसके लिए कौन जिम्मेदार है? जिम्मेदारों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) नगरीय क्षेत्र में प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी- सबके लिए आवास 2022) का लाभ दिये जाने के मार्गदर्शी सिद्धांत पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है एवं हितग्राही चयन की प्रक्रिया पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। योजना क्रियान्वयन के लिए प्रथमत: हितग्राही का सर्वेक्षण किया जाता है, सर्वेक्षण उपरांत हितग्राही की पात्रता का परीक्षण कर पात्र पाये गये हितग्राहियों का विहित प्रक्रिया अनुसार जिला कलेक्टर से अनुमोदन कराया जाता है साथ ही विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन तैयार का राज्य सरकार एवं भारत सरकार से परियोजना का अनुमोदन कराया जाता है, अनुमोदन उपरांत राज्य सरकार एवं भारत सरकार से राशि प्राप्त कर योजना का क्रियान्वयन किया जाता है। कंसलटेंट की नियुक्ति दिनांक से योजना क्रियान्वयन का कार्य प्रारंभ हो जाता है। कंसलटेंट की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। ऐसे आवासहीन परिवार दिसम्बर, 2014 के पूर्व शासकीय भूमि पर निवासरत हैं उन्हें पट्टा दिये जाने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। समय-सीमा की सारणी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार है (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''इ-1 एवं इ-2'' अनुसार है। (ग) प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी- सबके लिए आवास 2022) अंतर्गत वर्ष 2022 तक सभी पात्र शहरी आवासहीन हितग्राही को आवास उपलब्ध कराया जाना है। शासन से नगरीय निकायों को पृथक से कोई लक्ष्य नहीं दिया गया है। महेश्वर, मण्डलेश्वर एवं करही-पाडल्या की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''फ'' अनुसार है। (घ) जी नहीं। हितग्राही को राशि आवंटन की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मान. न्यायालय एन.जी.टी. भोपाल के आदेश दिनांक 5.10.17 का पालन कराया जाना
[वन]
34. ( क्र. 1514 ) श्रीमती चन्दा सुरेन्द्र सिंह गौर : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्राम चंद्रनगर जिला छतरपुर में किसान सेवा केन्द्र का पेट्रोल पम्प भूमि खसरा क्र. -455/1/5 पर भागीरथ पिता गनपत कुशवाह द्वारा निजी स्वत्व मालकाना हक की भूमि पर पेट्रोल पम्प लगाकर संचालित किया जा रहा था, जो खसरा क्र. - 455/1/5 भूमि वन भूमि नहीं है। (ख) क्या कार्यालय वन परिक्षेत्राधिकारी वन परिक्षेत्र लौड़ी (खजुराहो) ने पत्र क्र. 1013/2016 लवकुशनगर खजुराहो दिनांक 27.8.16 में प्रतिवेदन दिया कि भूमि खसरा क्र. न. 455/1/5 स्थित मौजा ग्राम चंदनगर भूमि वन क्षेत्र से बाहर है, उक्त क्षेत्र में किसी भी तरह के निर्माण पर वन विभाग को कोई आपत्ति नहीं हैं? (ग) क्या उक्त पेट्रोल पम्प किसान सेवा केन्द्र की ब्रिकी अनुज्ञा पत्र पर रोक लगा दी गई थी और प्रकरण मान. न्यायालय एन.जी.टी. भोपाल द्वारा दिनांक 5.10.17 को आदेश पारित किया कि प्रकरण निरस्त किया जाता है? फिर पेट्रोल पम्प के संचालक को वन विभाग छतरपुर से एन.ओ.सी. नहीं दी जाती है कहा जाता है कि मेरे परिक्षेत्र में नहीं है पन्ना परिक्षेत्र में आता है आवेदक पन्ना के वन विभाग के अधिकारियों के पास जाता है तो कहा जाता है कि छतरपुर से एन.ओ.सी. मिलेगी, ऐसी भ्रामक स्थिति में आवेदक परेशान है और वास्तविक रूप से आवेदक को वन विभाग छतरपुर को एन.ओ.सी. जारी करना चाहिए, जो नहीं कर रहा है इसलिए आवेदक को एन.ओ.सी. कब तक जारी करा देंगे कृपया समयावधि बताये और कार्यालय का नाम बतायें?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) प्रश्नांश में उल्लेखित खसरा क्रमांक 455/1/5 वनभूमि नहीं है। (ख) जी नहीं। वन परिक्षेत्राधिकारी लौड़ी (खजुराहो) के पत्र दिनांक 27.08.2016 द्वारा नायब तहसीलदार राजनगर (राजस्व) को प्रश्नांश ‘ख’ में दिये गये विवरण अनुसार अनापत्ति प्रमाण-पत्र जारी नहीं किया गया है। (ग) जी नहीं। माननीय नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल न्यायालय द्वारा दिनांक 05.10.2017 को पारित आदेश में निर्देश दिये गये हैं कि आवेदक को नवीन आवेदन पत्र पुनः प्रस्तुत करना होगा। इसके पश्चात उक्त आवेदन पर विचार करते हुये संबंधित अधिकारियों द्वारा विधि संगत कार्यवाही की जाये। प्रश्नाधीन क्षेत्र छतरपुर के वनमण्डल के अन्तर्गत नहीं आने एवं पन्ना वनमण्डल के अन्तर्गत आने संबंधी कोई वक्तव्य नहीं दिया गया है। माननीय नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल न्यायालय द्वारा दिनांक 05.10.2017 को पारित आदेश अनुसार आवेदक द्वारा संबंधित अधिकारियों के कार्यालय में नवीन आवेदन पत्र प्रस्तुत करने पर विधि संगत कार्यवाही की जायेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
टीकमगढ़ जिले में वर्ष 2003 से 2004 तक लीज पर दी गई खनिज खदानों की जानकारी
[खनिज साधन]
35. ( क्र. 1516 ) श्रीमती चन्दा सुरेन्द्र सिंह गौर : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टीकमगढ़ जिले में वर्ष 2003 से 2004 तक में जिन हितग्राहियों को खदानें आवंटित की थी? उन हितग्राहियों के नाम एवं खसरा नं. सहित संपूर्ण जानकारी से अवगत करायें? (ख) क्या प्रश्नांश (क) की खदानों में से उ.प्र. के निवासी व्यक्ति के नाम भी खदान का पट्टा जारी किया गया था,यदि हाँ, तो वह किस नियम के तहत जारी किया गया था? जानकारी नियमावली सहित उपलब्ध करायें? (ग) क्या जिन अधिकारियों ने गलत तरीके से खदान आवंटित कर लाभ पहुंचाया क्या ऐसे अधिकारी के विरूद्ध प्रश्न दिनांक तक कोई कार्यवाही प्रस्तावित की गई,यदि नहीं, तो कब तक उक्त दोषी अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी।
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर दर्शित है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर दर्शित है। मध्यप्रदेश गौण नियम, 1996 के नियम 5 में किसी भी भारतीय नागरिक को उत्खनि-पट्टा स्वीकृत किये जाने के प्रावधान हैं। (ग) अधिकारियों के द्वारा गलत तरीके से खदान आवंटित कर लाभ पहुंचाने का प्रकरण प्रकाश में नहीं आया है। अत: प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
खरगापुर विधानसभा-47 की तहसील पलेरा में 1200 नाम गरीबी रेखा से काटे जाना
[नगरीय विकास एवं आवास]
36. ( क्र. 1517 ) श्रीमती चन्दा सुरेन्द्र सिंह गौर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या खरगापुर विधान सभा क्षेत्र के नगर पलेरा में गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले गरीबों के 1200 नाम सूची में से काट दिये हैं और जो वास्तविक गरीब हैं, जिनके पास रहने खाने की व्यवस्था नहीं है, बिना जाँच किये मनमर्जी से नाम काटे गये हैं, जिसके मापदण्ड क्या थे? नियम की प्रति दें एवं किस सक्षम अधिकारी द्वारा नाम काटे गये हैं, सूची उपलब्ध करायें। (ख) क्या जो वास्तविक रूप में गरीब हैं, जिनके नाम गरीबी रेखा की सूची से काटे गये क्या उनके नाम पुन: जोड़ने हेतु जिले द्वारा कमेटी गठित कर मौके की वस्तुस्थिति को देखकर पात्र हितग्राहियों के नाम कब तक जोड़ दिये जावेंगे? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या बेसहारा, गरीब व्यक्तियों/महिलाओं के नाम काटे जाने से भुखमरी की कगार पर पहुंच गये हैं, क्योंकि उन्हें राशन मिलना बंद हो गया है? ऐसी स्थिति का परीक्षण क्या विभाग के अधिकारियों ने किया कि राजनीति से प्रेरित होकर नाम काटे गये हैं। शासन के निर्देशों का उल्लंघन करने वाले दोषी अधिकारी के विरूद्ध कब तक दण्डात्मक कार्यवाही की जावेगी? (घ) क्या उक्त संबंध में ज्ञापन के माध्यम से तहसीलदार पलेरा को अवगत कराय गया था, जिस पर प्रश्न तक कोई कार्यवाही नहीं की गई कारण स्पष्ट करें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। नगरीय क्षेत्र पलेरा में गरीबी रेखा के अंतर्गत जीवन यापन करने वाले अपात्र पाये गये 1144 परिवारों के नाम काटे गये है। म.प्र. शासन नगरीय प्रशासन एवं विकास भोपाल, मंत्रालय द्वारा पत्र क्रमांक 461/2003, दिनांक 15.09.2003 द्वारा जारी मापदण्ड संबंधी परिपत्र की प्रति जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) द्वारा नाम काटे गये है। (ख) जी नहीं। यदि उक्त प्रक्रिया से कोई व्यक्ति अंसतुष्ट है तो वह सक्षम अपीलीय अधिकारी को अपील कर सकता है। (ग) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) तहसीलदार पलेरा द्वारा ज्ञापन का पत्र क्रमांक 512 दिनांक 27.10.2017 द्वारा कलेक्टर जिला टीकमगढ़ को आवश्यक कार्यवाही हेतु प्रेषित किया गया है।
जनभागीदारी मद की जानकारी
[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]
37. ( क्र. 1568 ) श्री लखन पटेल : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दमोह जिले में जनभागदारी मद से विगत 2014-15, 2015-16 व 2016-17 व 2017-18 में स्वीकृत किए गए कार्यों की सूची विकासखण्डवार अलग-अलग ग्राम पंचायतों के आधार पर प्रदान करें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में प्राप्त आवंटन प्रशासकीय स्वीकृति के आधार पर प्रदान करावें व इन कार्यों की निर्माण एजेंसी क्या थी एवं पंचायतों में कार्यों को स्वीकृत करने के कोई मापदण्ड या सीमा है, यदि है तो क्या? (ग) क्या विधानसभा क्षेत्र पथरिया में चुनिंदा पंचायतों में ही राशि स्वीकृत की जा रही है यदि हाँ, तो क्यों क्या अन्य पंचायतों के प्रस्ताव नहीं आए? (घ) क्या वर्ष 2016-17 व 2017-18 में प्राप्त आवंटन से अधिक के कार्य स्वीकृत किये गये, यदि हाँ, तो क्यों? ऐसी कितनी ग्राम पंचायतें हैं, जहां से राशि खर्च करने की उपयोगिता आने के बाद भी द्वितीय किश्त जारी नहीं की गई?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। जी हाँ, ग्राम पंचायत के प्रस्ताव के आधार पर जन-सहयोग की राशि को जनभागीदारी के अंश में रूप में मान कर स्वीकृति प्रदान की जाती है। ग्राम पंचायतों में कार्य कराये जाने की कोई सीमा निर्धारित नहीं है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी हाँ। वर्ष 2016-17 में आवंटन से अधिक की स्वीकृति प्रदान की गई है। क्योकि स्वीकृत कार्यों की उपयोगिता प्रति त्रैमास की समाप्ति तक प्राप्त न होने के कारण एवं आवंटन व्यपगत होने की स्थिति को दृष्टिगत रखते हुये नवीन कार्य स्वीकृत किये गये। जी नहीं। ऐसी कोई भी ग्राम पंचायत नहीं है।
जनभागीदारी मद की जानकारी
[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]
38. ( क्र. 1569 ) श्री लखन पटेल : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दमोह जिले में जन भागीदारी मद से विगत 2016-17 व 2017-18 में 50 प्रतिशत मद की राशि कौन-कौन सी ग्राम पंचायतों को दी गई, पंचायतवार कार्य विवरण सहित बतावें? (ख) क्या जनभागीदारी मद की अधिकतर राशि केवल मिट्टी मुरम के कार्यों हेतु जारी की गई है? यदि हाँ, तो क्यों क्या अन्य कार्य जन-भागीदारी मद से नहीं करायें जा सकते? (ग) जनभागीदारी मद से कौन-कौन से कार्य कराये जा सकते हैं? क्या इसमें दोषी अधिकारियों व कर्मचारियों पर कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की जावेगी? (घ) जनभागीदारी मद से स्वीकृत कार्य में पहली किस्त में कम से कम कितनी राशि देने का नियम है क्या यह सही है कि स्वीकृत किए गए 15-15 लाख के कार्यों में 2015-16, 2016-17, 10 प्रतिशत से भी कम की राशि दी गई, यदि हाँ, तो क्यों?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जी नहीं। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जनभागीदारी नियम की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। जिले में जनभागीदारी नियमों के अनुरूप ही कार्य कराये जाने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जनभागीदारी मद में स्वीकृत कार्यों के स्वरूप के आधार पर प्रथम किश्त की राशि दी जाती है। जी नहीं। अतः शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
आई.एच.एस.डी.पी. के तहत निर्मित मकानों का आवासहीनों को आवंटन
[नगरीय विकास एवं आवास]
39. ( क्र. 1576 ) श्री शंकर लाल तिवारी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या सतना नगर निगम क्षेत्र अंतर्गत वार्ड क्रमांक 22 में आई.एच.एस.डी.पी. योजना के तहत 270 मकानों का निर्माण नगर पालिक निगम द्वारा कराया गया है? (ख) क्या उक्त भवन लाटरी, पद्धति से चयनित आवासहीनों को आवंटित किया जायेगा? 270 मकान का निर्माण घटिया हुआ है। भारी भ्रष्टाचार हुआ है, जाँच में यह सब पाया गया है। क्या कार्यवाही हुई? (ग) प्रश्नांश (ख) में चयनित आवासहीनों का चयन किस आधार पर किया गया है? क्या इनका चयन सामुदायिक विकास समिति की मोहल्ला समिति एवं पड़ोसी समिति से अनुमोदन लिया गया है? यदि नहीं, तो क्यों? क्या इन आवासहीनों का प्रकाशन वार्डवार किया जाकर आपत्तियों का निराकरण किया गया है? किन-किन पारदर्शी प्रक्रियाओं का पालन आवासहीनों के चयन में किया गया है? (घ) चयनित आवासहीनों का नाम, पता, किस वार्ड का निवासी है, जन्म प्रमाण पत्र के आधार पर कहाँ का मूल निवासी है, तालुका, जिला प्रदेश की जानकारी के साथ सूची उपलब्ध करायें? यदि आवासहीनों के चयन में पारदर्शी प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया है तो इसके लिए दोषी अधिकारी/कर्मचारी पर शासन क्या कार्यवाही करेगा बतायें?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ, पात्र हितग्राही यदि उपलब्ध आवास से अधिक हैं तो उनके मध्य लॉटरी से किया जाता है। प्रकरण की जाँच करा ली गई है। जाँच प्रतिवेदन का परीक्षण किया जा रहा है, परीक्षण उपरांत विधि अनुकूल कार्यवाही की जायेगी। (ग) हितग्राही का मापदण्ड म.प्र. शासन, नगरीय विकास एवं पर्यावरण विभाग, मंत्रालय वल्लभ भवन, भोपाल दिनांक 01.11.2014 पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। जी नहीं। प्रावधान नहीं है। जी हाँ। चयनित 181 हितग्राहियों की प्रथम सूची एम.आई.सी. की स्वीकृति उपरान्त जिला कलेक्टर से अनुमोदित होने के पश्चात् सूची का प्रकाशन क्रमश: नगर निगम की वेबसाईड, नगर निगम की सूचना पटल एवं संबंधित बस्तियों में कराया गया है। 244 हितग्राहियों की पुनरीक्षित द्वितीय सूची का प्रकाशन निगम के सूचना पटल एवं संबंधित बस्तियों में चस्पा कराया जाकर कराया गया है, जिसमें निर्धारित समय-सीमा के अंदर आपत्ति प्राप्त नहीं हुई है। तदोपरान्त हितग्राहियों की पुनरीक्षित सूची एम.आई.सी. से प्राप्त कर अनुमोदन जिला कलेक्टर द्वारा कराया गया है। (घ) चयनित हितग्राही की सूची जन्म प्रमाण पत्र के आधार पर नहीं बनाई गई है। वार्डवार, मोहल्लावार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। चयन निर्धारित प्रक्रिया अनुसार किया गया है, जिससे कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
माधवगढ़ स्टेडियम निर्माण घोटाला की वसूली
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
40. ( क्र. 1577 ) श्री शंकर लाल तिवारी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्रामीण यांत्रिकी सेवा सतना द्वारा ग्राम पंचायत माधवगढ़ जिला सतना में स्टेडियम का निर्माण कार्य किया जा रहा था? जो अभी अधूरा है तथा इस पर कितनी राशि व्यय हो चुकी है? स्टेडियम कब तक पूर्ण निर्माण होगा? (ख) क्या घटिया निर्माण के कारण उक्त स्टेडियम साधारण बाढ़ में ताश के पत्ते की तरह धराशायी हो गया है? क्या इसमें सभी यंत्रियों को निलंबित किया जाकर जाँच कराई गई थी? जाँच प्रतिवेदन उपलब्ध करायें? (ग) यदि प्रश्नांश (क) व (ख) सही है तो बतायें किन कारणों से स्टेडियम धराशायी हुआ, किन्तु आस-पास की झुग्गी झोपड़ी सही सलामत रही? बिना शासकीय क्षति की वसूली उपयंत्री, सहायक यंत्री, कार्यपालन यंत्री, अधीक्षण यंत्री एवं ठेकेदार से न करते हुए सभी अधिकारियों को क्यों बहाल कर दिया गया? (घ) स्टेडियम निर्माण घोटाले में दोषी अधिकारियों/ठेकेदार के विरूद्ध कब तक थाने में आपराधिक प्रकण पंजीबद्ध कराते हुए सभी के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही कर दी जायेगी? क्या दोषी अधिकारियों/ठेकेदारों से 68 लाख वसूली न कर उन्हें माफ कर दिया जायेगा? यदि हाँ, तो किस नियम के तहत।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। कार्य पर रू. 65.42 लाख का व्यय हुआ है। निर्माण कार्य वर्ष 2016-17 में आयी अतिवृष्टि के कारण क्षतिग्रस्त हुआ एवं कार्य से संबंधित अभियंताओं के विरूद्ध विभागीय जाँच संस्थित है। अतः कार्य पूर्ण होने की निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) उक्त कार्य वर्ष 2016-17 में आयी अतिवृष्टि के कारण क्षतिग्रस्त हुआ। कार्य से संबंधित अधीक्षण यंत्री, कार्यपालन यंत्री, सहायक यंत्री, उपयंत्री को निलंबित किया गया एवं उनके विरूद्ध विभागीय जाँच संस्थित की गई। जाँच प्रतिवेदन पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जाँच प्रतिवेदन में स्टेडियम के क्षतिग्रस्त होने के कारण उल्लेखित है। शासकीय क्षति हेतु दोषी अभियंताओं के विरूद्ध विभागीय जाँच संस्थित की गई है। कार्य से संबंधित संविदाकार श्री अखिलेश सिंह को काली सूची में दर्ज करते हुए रू. 19.03 लाख की आर.आर.सी. जारी की गई। (घ) विभागीय जाँच के निष्कर्षों के अनुसार गुणदोष के आधार पर कार्यवाही की जाएगी। अतः शेष प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होते हैं।
शा.बा.कृ्.श.न. महाविद्यालय शाजापुर का कन्या छात्रावास का निर्माण
[उच्च शिक्षा]
41. ( क्र. 1601 ) श्री अरूण भीमावद : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परि. अतारांकित प्र.क्र. 634 दिनांक 8/12/2016 में बताया गया कि बा.श.न. महाविद्या. शाजापुर में कन्या छात्रावास के लिए राशि यू.जी.सी. से प्राप्त होगी तो विभाग द्वारा कन्या छात्रावास निर्माण हेतु यु.जी.सी. से कब-कब पत्राचार किये गये? (ख) विश्वविद्यालय अनुदान आयोग भोपाल के द्वारा कन्या छात्रावास के लिए कब-कब पत्राचार किये गये?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) पं. बालकृष्ण शर्मा नवीन शासकीय महाविद्यालय, शाजापुर में कन्या छात्रावास के निर्माण हेतु महाविद्यालय एवं विभाग द्वारा यू.जी.सी. को निम्नानुसार पत्राचार किये गये: 1. महाविद्यालय का पत्र क्र. 577, दिनांक 18.06.2009, 2. महाविद्यालय का पत्र क्र. निल, दिनांक 29.05.2010, 3. कलेक्टर जिला शाजापुर का अर्द्धशासकीय पत्र क्र. 595, दिनांक 04.05.2011, 4. महाविद्यालय का पत्र क्र. 548, दिनांक 08.06.2011, 5. महाविद्यालय का पत्र क्र. 142, दिनांक 27.01.2012, 6. महाविद्यालय का पत्र क्र. 764, दिनांक 09.05.2013, 7. महाविद्यालय का पत्र क्र. 1192, दिनांक 08.08.2016, 8. आयुक्त, उच्च शिक्षा, म.प्र., भोपाल का अर्द्धशासकीय पत्र क्र. 1405, दि. 08.09.2016, 9. कार्यालय आयुक्त, उच्च शिक्षा, भोपाल का पत्र क्र. 1516, दिनांक 17.11.2017, 10. महाविद्यालय का पत्र क्र. 1905, दिनांक 22.11.2017 (ख) विश्वविद्यालय अनुदान आयोग, भोपाल द्वारा महाविद्यालय के कन्या छात्रावास हेतु निम्नानुसार पत्राचार किये गयेः 1. विश्वविद्यालय अनुदान आयोग, भोपाल का पत्र क्र. डब्ल्यू एच 32/107003/07-08/सीआरओ, दिनांक 31.03.2008 द्वारा कन्या छात्रावास के निर्माण हेतु राशि रू. 50.00 लाख की स्वीकृति जारी की गई। 2. विश्वविद्यालय अनुदान आयोग, भोपाल का पत्र क्र. डब्ल्यू एच 32/107003/07-08/सीआरओ दिनांक 31.03.2009 द्वारा राशि रू.19,01,000/- की स्वीकृति जारी की गई। 3. विश्वविद्यालय अनुदान आयोग, भोपाल का पत्र क्र. डब्ल्यू एच 32/107003/07-08/सीआरओ दिनांक 14.02.2013 द्वारा राशि रू. 40,99,000/- की स्वीकृति जारी की गई।
खनिज साधनों के क्रय एवं विक्रय की जानकारी
[खनिज साधन]
42. ( क्र. 1687 ) श्री जालम सिंह पटेल : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में क्रय-विक्रय हेतु खनिज जैसे कोयला, लेट्राइट, डोलोमाइट, बॉक्साइट आदि के संग्रहण हेतु जिला खनिज अधिकारी से अनुज्ञा प्राप्त करना आवश्यक है? यदि हाँ, तो किस नियम प्रावधान के अंतर्गत एवं अनुज्ञा प्राप्ति आवेदन के कितने दिन के अन्दर अनुज्ञा प्रदान करने के प्रावधान हैं? तय समय-सीमा में अनुज्ञा प्रदान न किये जाने पर किस अधिकारी को दोषी मानकर क्या दण्ड दिये जाने का प्रावधान है? (ख) वर्ष 2013 से वर्तमान तक कितने आवेदन खनिज क्रय-विक्रय संग्रहण हेतु प्राप्त हुये? कितने आवेदन स्वीकृत हुये? कितने अभी तक अनुज्ञा स्वीकृति हेतु लंबित हैं? : पन्ना, कटनी, सतना, उमरिया, शहडोल,जिले की अद्यतन जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) उक्त अनुज्ञा प्राप्ति के पश्चात् कितने समय में उसके नवीनीकरण करवाने का प्रावधान है एवं अनुज्ञप्ति धारक द्वारा नवीनीकरण के आवेदन प्रस्तुत करने के कितने दिवस में नवीनीकरण कर दिये जाने का प्रावधान है एवं समय-सीमा में नवीनीकरण न किये जाने पर दोषी अधिकारी पर क्या कार्यवाही की एवं क्यों? क्या प्रावधान है वर्ष 2016 से कितने नवीनीकरण आवेदन लंबित हैं?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी नहीं। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) मध्यप्रदेश खनिज (अवैध खनन, परिवहन तथा भण्डारण का निवारण) नियम, 2006 के अंतर्गत खनिजों के क्रय-विक्रय संग्रहण के लिये व्यापारिक अनुज्ञप्ति प्राप्त करने के लिये प्रश्नाधीन अवधि में प्राप्त आवेदनों की संख्या, स्वीकृत आवेदनों की संख्या एवं लंबित आवेदनों की संख्या पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ में दर्शाई गई है। जिसमें प्रश्नाधीन जिलों के संबंध में प्रश्न अनुसार जानकारी उल्लेखित है। (ग) खनिज व्यापारिक अनुज्ञप्ति की समाप्ति तिथि से तीन माह पूर्व नवीकरण आवेदन प्रस्तुत करने के प्रावधान हैं। अनुज्ञप्ति के नवीकरण आवेदन पत्र के निपटारे की समय-सीमा निर्धारित नहीं है। अत: शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। नवीनीकरण के लंबित आवेदन पत्रों की संख्या पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर दर्शाई गई है।
टूटी सीवर लाईन का कार्य नहीं होना
[नगरीय विकास एवं आवास]
43. ( क्र. 1691 ) श्री हेमन्त सत्यदेव कटारे : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या अनामिका नगर गुलमोहर तीन, भोपाल वार्ड नं. 50 के वर्तमान रहवासियों द्वारा नगर निगम में विकास व अन्य शुल्क जमा करके भवन निर्माण की अनुज्ञा प्राप्त कर भवन निर्माण किये गये हैं? (ख) यदि हाँ, तो अनामिका नगर गुलमोहर तीन, भोपाल वार्ड नं. 50 के रहवासियों द्वारा टूटी सीवर लाईन के संबंध में मुख्यमंत्री हेल्प लाईन व महापौर चौपाल में उपस्थित होकर तथा नगर निगम के वरिष्ठ अधकारियों को की गई थी तथा महापौर द्वारा स्थल भ्रमण कर सीवर ठीक करने के निर्देश दिये गये थे? यदि हाँ, तो आज दिनांक तक सीवर लाईन की मरम्मत नहीं होने के क्या कारण हैं? (ग) सीवर लाईन टूटी होने व सीवर का गंदा पानी फैलने से पूरी कॉलोनी में गंदगी का वातावरण व्याप्त है, जिससे बीमारी होने का अंदेशा है? क्या रहवासियों की परेशानियों को देखते हुये शीघ्र सीवर लाईन की मरम्मत कराई जायेगी? यदि हाँ, तो समय-सीमा बताएं।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ, जी नहीं। अनामिका नगर, नगर निगम भोपाल को हस्तांतरित कॉलोनी नहीं है, अत: इस कॉलोनी में सीवरेज की पाईप लाईन का कार्य नगर निगम निधि से नहीं कराया जा सकता है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) रहवासी/कॉलोनी समिति कार्य पर होने वाले व्यय का 50 प्रतिशत जनभागीदारी के रूप में जमा करते हैं, तो स्वीकृति पश्चात् कार्य कराया जा सकेगा। कॉलोनी की समस्या का निराकरण कॉलोनी समिति द्वारा ही कराया जाना होगा। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नमामी देवी नर्मदे यात्रा में व्यय राशि की जानकारी
[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]
44. ( क्र. 1748 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि नमामी देवी नर्मदे यात्रा के दौरान हरदा जिले में किन-किन नवीनों घाटों अथवा पुलों का निर्माण कराये जाने की मुख्य मंत्री द्वारा घोषणा की गई?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : जानकारी संकलित की जा रही है।
नगर पालिका हरदा द्वारा भूमि व अन्य संपत्ति का विक्रय
[नगरीय विकास एवं आवास]
45. ( क्र. 1753 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) 01 अप्रैल 2001 से 31 मार्च 2008 तक नगर पालिका परिषद् हरदा द्वारा किन-किन लोगों को कितनी-कितनी भूमि (प्लाट), दुकानें व अन्य व कौन-कौन सी सामग्री का कब-कब, किस-किस स्वीकृति आदेश से कितनी-कितनी राशि में विक्रय किया गया? विस्तृत जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) वर्षों में बेचे गये प्लाट, दुकान व अन्य सामग्री के विक्रय से प्राप्त राशि को किस-किस कार्य में कितना-कितना व्यय किया गया? विस्तृत जानकारी देवें। (ग) क्या नगर पालिका परिषद् हरदा द्वारा कुछ ऐसी दुकानों का भी विक्रय कर दिया गया जिस पर माननीय उच्च न्यायालय द्वारा रोक लगाई गई थी? (घ) यदि हाँ, तो इसका क्या कारण है व इसके लिये कौन जवाबदार है? संबंधित जवाबदार के विरूद्ध क्या व कब तक कार्यवाही की जावेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) 01 अप्रैल, 2001 से 31 मार्च 2008 तक नगरपालिका परिषद् हरदा द्वारा विक्रय की गई भूमि, (प्लाट) दुकानें एवं अन्य सामग्री की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) जी नहीं। माननीय उच न्यायालय के आदेश दिनांक 07.01.2014 के परिप्रेक्ष्य में आदर्श बालक मंदिर (ए.बी.एम.) ग्राउंड एवं वरदान कॉम्प्लेक्स के संबंध में नगर पालिका द्वारा वरदान कॉम्प्लेक्स की मात्र 04 दुकानों की सार्वजनिक नीलामी परिषद् स्वीकृति एवं समाचार पत्रों में विज्ञप्ति जारी करने के पश्चात की गई है, किन्तु वर्तमान में दुकानों का आधिपत्य नगर पालिका के पास ही है। मान. उच्च न्यायालय का आदेश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
विश्वविद्यालय समिति की जानकारी
[उच्च शिक्षा]
46. ( क्र. 1789 ) डॉ. कैलाश जाटव : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय जबलुपर में विगत 5 वर्षों में ऐसी कोई समिति बनाई गई जिसमें माननीय विधायकों को सदस्य बनाया गया है? यदि हाँ, तो समिति का नाम, सदस्य, कार्यक्षेत्र, समिति के उद्देश्यों से अवगत करावें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार यदि हाँ, तो समिति की बैठक कितने दिन में आयोजित किया जाना सुनिश्चित किया गया था एवं समिति निर्माण के बाद प्रश्न दिनांक तक कितनी बैठकें, कब-कब आयोजित की गई? (ग) समिति बैठक के पूर्व क्या माननीय सदस्यों को अवगत कराया जाता है? यदि हाँ, तो किन-किन सदस्यों को कब-कब इसकी सूचना दी गई? बैठकों में कितने माननीय सदस्य उपस्थित हुये जानकारी देवें। (घ) क्या बैठकें नियमित आयोजित की जा रही हैं यदि नहीं, तो अंतिम बैठक कब आयोजित की गई इस बैठक में कितने माननीय सदस्य उपस्थित हुये? अंतिम बैठक के बाद बैठक का आयोजन क्यों नहीं किया गया? स्पष्ट कारण बातवें। क्या समिति अपने उद्दश्यों के अनुरूप कार्य कर रही है? यदि नहीं, तो समिति के सुचारू कार्य न करने का कारण स्पष्ट करें।
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) से (घ) प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
शिक्षित बेरोजगारों को रोजगार उपलब्ध कराया जाना
[सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम]
47. ( क्र. 1790 ) डॉ. कैलाश जाटव : क्या राज्यमंत्री, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र गोटेगांव में सूक्ष्म, लघु मध्यम उद्यम विभाग द्वारा कौन-कोन सी बेरोजगारी उन्मूलन एवं शिक्षित बेरोजगारों को रोजगार उपलब्ध कराये जाने हेतु कौन-कौन योजनायें संचालित हैं? विस्तृत नियमावली सहित जानकारी प्रदान करें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार इन योजनाओं द्वारा कितने उद्यमियों को लाभ पहुंच रहा है? विधानसभा क्षेत्र गोटेगांव में दिसम्बर, 2013 से प्रश्न दिनांक तक जिन उद्यमियों को इन योजना से लाभ प्रदान किया गया, उनकी योजना का नाम, राशि, उद्यम, स्वीकृत वर्ष सहित जानकारी प्रदान करें। (ग) क्षेत्र में बहुयामी फसले जैसे गन्ना, गेहूं, दान एवं सब्जियों का बहुतायत उत्पादन होता है। क्या ऐसे उत्पादनों के प्रसंगकरण एवं उद्योगिक उत्पादन हेतु विभाग कृषि आधारित उद्योग लगाने के लिये शिक्षित बेरोजगारों एवं शिक्षित युवा कृषकों को प्रोत्साहित करने हेतु कोई विशेष अभियान विभाग चलायेगा? यदि हाँ, तो अवगत करावें।
राज्यमंत्री, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम ( श्री संजय पाठक ) : (क) विधानसभा क्षेत्र गोटेगांव में सूक्ष्म, लघु और मध्य उद्यम विभाग द्वारा स्वरोजगार उपलब्ध कराने हेतु वर्तमान में निम्न योजनाएं संचालित की जा रही है:- 1. मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना 2. मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना 3. प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम योजनाओं की विस्तृत नियमावली पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) विधानसभा क्षेत्र गोटेगांव में दिसम्बर, 2013 से प्रश्न दिनांक तक 222 उद्यमियों को लाभ प्रदान किया गया है। योजनावार एवं वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) राज्य शासन द्वारा दिनांक 16.11.2017 से मुख्यमंत्री कृषक उद्यमी योजना प्रारंभ की गई है। जिसमें उद्योग (विनिर्माण) एवं सेवा क्षेत्र से संबंधित कृषि आधारित एग्रो प्रोसेसिंग, फूडप्रोसेसिंग, कोल्ड स्टोरेज आदि परियोजनायें सम्मिलित की गई है।
उद्योगिक इकाइयों की स्थापना
[वाणिज्य, उद्योग एवं रोजगार]
48. ( क्र. 1809 ) श्री नारायण सिंह कुशवाह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर,भिण्ड, मुरैना व शिवपुरी, जिलों में कहाँ-कहाँ किस स्थान पर उद्योगिक क्षेत्र हैं व नवीन क्षेत्र कहाँ-कहाँ प्रस्तावित हैं? (ख) उपरोक्त जिलों के उद्योगिक क्षेत्रों में कुल कितनी व कौन-कौन सी उद्योगिक इकाइयां स्थापित हैं? नाम व स्थानवार बतायें? (ग) जिन उद्योगों के लिये भूमि आवंटित है क्या वह इकाइयां कार्य कर रही हैं, या उन्होंने किसी अन्य कम्पनी या संस्था को किराये पर दी हैं? (घ) क्या जो उद्योग काफी वर्षों से बंद पड़े हैं, क्या उनसे भूमि आवंटन नियम के अनुसार भूमि वापस लेने की कोई कार्यवाही की है वर्तमान स्थति की जानकारी देवें।
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) वाणिज्य उदयोग एवं रोजगार विभाग के अंतर्गत आई.आई.डी.सी. ग्वालियर क्षेत्रांगत ग्वालियर, भिण्ड, मुरैना व शिवपुरी जिले में स्थापित एवं प्रस्तावित नवीन औद्योगिक क्षेत्र निम्नानुसार हैं:-
क्रं. |
जिला |
स्थापित औद्योगिक क्षेत्र |
नवीन
प्रस्तावित
औद्योगिक
क्षेत्र |
1. |
ग्वालियर |
1.स्टोन
पार्क
पुरानी
छावनी
ग्वालियर. |
-- |
2. |
मुरैना |
1. औद्योगिक
क्षेत्र
वानमोर. |
-- |
3. |
भिण्ड |
1. औद्योगिक
क्षेत्र
मालनपुर/घिरोगी |
-- |
4. |
शिवपुरी |
1. फूड क्लस्टर बड़ोदी |
1.स्मार्ट इण्डस्ट्रियल पार्क पडौरा |
सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विभाग की जिलेवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट प्रपत्र ‘क‘ 1 से 4 पर है। (ख) एम.एस.एम.ई. विभाग के अंतर्गत औद्योगिक क्षेत्र ग्वालियर जिले में 429, भिण्ड जिले में 106, मुरैना जिले में 53 व शिवपुरी जिले में 205 औद्योगिक इकाइयां स्थापित हैं। नाम व स्थानवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट प्रपत्र ‘ख‘ 1 से 4 पर है। (ग) वाणिज्य उद्योग और रोजगार विभाग की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट प्रपत्र ‘ग‘ पर है। वाणिज्य उदयोग एवं रोजगार विभाग की (आई.आई.डी.सी. की) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट प्रपत्र ‘ग‘ पर है। सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विभाग के पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट प्रपत्र ‘घ‘ 1 से 4 में उल्लेखित बंद इकाइयों को छोड़कर शेष सभी कार्यरत हैं। (घ) जी हाँ। वाणिज्य उद्योग एवं रोजगार की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट प्रपत्र ‘ग‘ पर है। सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विभाग की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट प्रपत्र ‘घ‘ 1 से 4 अनुसार है।
म.प्र. शासन द्वारा जनहितार्थ चलायी जा रही विभिन्न योजनाओं का क्रियान्वयन
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
49. ( क्र. 1825 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जनपद पंचयत पनागर में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा जनहितार्थ योजनाओं का क्रियान्वयन किया जा रहा है? (ख) यदि हाँ, तो कौन-कौन सी योजनाओं का क्रियान्वयन किया गया है वर्ष 2017-18 में ग्राम पंचायतवार योजनावार लाभान्वित हितग्राहियों की संख्या बतावें? (ग) ऐसे कितने पात्र हितग्राही हैं, जो शासन की योजनाओं के अंतर्गत लाभ पाने से वंचित हैं? क्या ऐसे हितग्राहियों को चि͗न्हित किया गया है? संख्यात्मक जानकारी देवें? (घ) प्रश्नांश (ग) के अंतर्गत यदि नहीं, तो कब तक शेष पात्र हितग्राहियों को लाभान्वित किया जाएगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) संचालित योजनाओं के क्रियान्वयन की पंचायतवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (घ) लक्ष्य के अनुरूप पात्रतानुसार हितग्राहियों को लाभान्वित किया जाता है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
विधानसभा क्षेत्र पनागर के अंतर्गत शालाओं में मध्यान्ह भोजन व्यवस्था
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
50. ( क्र. 1830 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शालाओं में मध्यान्ह भोजन ग्रहण करने के लिये कक्ष की व्यवस्था है? (ख) यदि नहीं, तो छात्र कहाँ बैठकर भोजन करते हैं? (ग) क्या छात्रों को भोजन करने के लिये कक्ष निर्माण कराया जायेगा? (घ) क्या छात्र अपनी थालियां स्वयं धोते हैं? यदि हाँ, तो क्या बर्तन धोने के लिये कोई व्यवस्था की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। (ख) लक्षित शालाओं में उपलब्ध कक्षों/बरामदों में बैठकर छात्र/छात्राएं मध्यान्ह भोजन ग्रहण करते है। (ग) वर्तमान में ऐसी कोई योजना विचाराधीन नहीं है। (घ) जी नहीं। रसोईयों के द्वारा थालियां धोने की व्यवस्था है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्रधानमंत्री सड़क निर्माण की जाँच
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
51. ( क्र. 1846 ) श्री दिव्यराज सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला रीवा के विकासखण्ड जवा में प्रधानमंत्री सड़क योजना अंतर्गत ग्राम जनकहाई से ग्राम नीवा पहुंच मार्ग के निर्माण में गुणवत्ता मानकों का पालन किया गया है अथवा नहीं? यदि हाँ, तो उक्त मार्ग में कई स्थानों में गड्ढे हो जाने तथा सड़क उखड़ जाने के पीछे क्या कारण हैं? (ख) क्या उक्त सड़क के घटिया निर्माण की पृथक एजेंसी से जाँच कराई जावेगी? यदि हाँ, तो संबंधित ठेकेदार के विरुद्ध क्या कार्यवाही कब तक की जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। वर्ष 2016 में अगस्त-सितम्बर माह में दो बार रीवा जिले में अतिवृष्टि के कारण यह मार्ग टमस नदी एवं महाना नदी की बाढ़ से लगभग एक सप्ताह प्रभावित रहा जिसके कारण मार्ग क्षतिग्रस्त हुआ था। वर्तमान में मार्ग का संधारण कार्य पूर्ण कर दिया गया है। (ख) जी नहीं, शेष प्रश्न नहीं उठता।
अधूरे पड़े तथा गुणवत्ता विहीन शौचालय निर्माण की जाँच
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
52. ( क्र. 1848 ) श्री दिव्यराज सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कारण है कि जिला रीवा के विकासखण्ड सिरमौर की ग्राम पंचायत उमरी में अभी तक शौचालय निर्माण का कार्य पूर्ण नहीं हो सका? इसके अतिरिक्त जो शौचालय निर्मित हो चुके हैं, उनका भुगतान भी लंबित है तथा निर्माण कार्य भी गुणवत्ता विहीन है। (ख) क्या विकासखण्ड सिरमौर अंतर्गत ग्राम पंचायत उमरी में शौचालय निर्माण में हुए भ्रष्टाचार की जाँच कराई जावेगी? यदि हाँ, तो सीमा बतावे।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जिला रीवा के विकासखण्ड सिरमौर की ग्राम पंचायत उमरी में एस.बी.एम. पोर्टल पर प्रदर्शित कुल 1061 में से 1048 शौचालय पूर्ण हो चुके है तथा 13 शौचालय निर्माण प्रगतिरत है। 72 शौचालयों का निर्माण मनरेगा से कराया गया है। भारत शासन से मनरेगा अंतर्गत सामग्री मद में राशि उपलब्ध नहीं होने के कारण सामग्री का भुगतान शेष है। कोई भी शौचालय गुणवत्ता विहीन नहीं है। (ख) ग्राम पंचायत उमरी में भ्रष्टाचार संबंधी कोई शिकायत संज्ञान में नहीं है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
जिला रीवा की जनपद पंचायत जवा को नगर पंचायत का दर्जा दिलाया जाना
[नगरीय विकास एवं आवास]
53. ( क्र. 1853 ) श्री दिव्यराज सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या पूर्व में जिला रीवा की जनपद पंचायत जवा को नगर पंचायत का दर्जा प्रदाय करने संबंधी कार्यवाही की गई थी? यदि हाँ, तो क्या कारण है कि अभी तक जनपद पंचायत जवा को नगर पंचायत का दर्जा प्रदाय नहीं किया जा सका हैं? (ख) क्या जनपद पंचायत जवा को नगर पंचायत का दर्जा प्रदाय किया जावेगा? यदि हाँ, तो समय-सीमा बतावे?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ, कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ख) जनपद पंचायत जवा (मूलत: जो ग्राम पंचायत है) को नगर परिषद् का दर्जा प्रदान किये जाने हेतु कलेक्टर जिला रीवा से प्रस्ताव प्राप्त होने पर नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
ग्राम उदय से भारत उदय अभियान अन्तर्गत प्राप्त आवेदनों के निराकरण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
54. ( क्र. 1860 ) श्रीमती झूमा सोलंकी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्राम उदय से भारत उदय अभियान अन्तर्गत भीकनगांव विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत कुल कितने आवेदन प्राप्त हुए तथा कितने आवेदनों का निराकरण हो गया है तथा कितने आवेदन लंबित हैं? आवेदन लंबित होने का क्या कारण हैं? (ख) प्रधानमंत्री आवास योजनान्तर्गत कितने आवेदन प्राप्त हुए हैं तथा प्राप्त आवेदनों का क्या निराकरण किया जा रहा है? क्या जो हितग्राही वर्तमान में टूटे-फूटे घर में निवास कर रहा है तथा 2011 की सर्वे सूची में नाम दर्ज नहीं हैं उनका नाम सूची में जोड़ा जायेगा? जिससे इस हितग्राही को लाभ प्राप्त हो सके? हाँ तो कैसे तथा समयावधि बतावे तथा नहीं तो क्यों? (ग) ऐसे पात्र हितग्राहियों जिनके सर्वेकर्ताओं की त्रुटि से नाम नहीं हैं? उन्हें प्रधानमंत्री आवास योजनान्तर्गत लाभान्वित नहीं किया जायेगा? इसके लिये कौन दोषी हैं तथा इनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) 10,358। सभी आवेदनों का निराकरण कर दिया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) 5,598। सामाजिक आर्थिक एवं जाति जनगणना 2011 सर्वे सूची में जो नाम शामिल नहीं है को भारत सरकार द्वारा सूची में दर्ज करने के उपरांत ही पात्रता अनुसार लाभान्वित किया जा सकेगा। समय-सीमा निर्धारित की जाना संभव नहीं है। (ग) सर्वेक्षण के दौरान नाम छूट जाने हेतु किसी कर्मचारी विशेष को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के समस्त चरणों का सर्वे
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
55. ( क्र. 1874 ) डॉ. योगेन्द्र निर्मल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2016 से प्रश्न दिनांक तक प्रश्नकर्ता के विधान सभा क्षेत्रांतर्गत प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में कौन-कौन से मार्गों को जोड़ा जाना प्रस्तावित किया गया है? (ख) क्या प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अन्तर्गत मार्गों के निर्माण का सर्वे विधानसभा क्षेत्र वारासिवनी में किया गया है अथवा नहीं? (ग) प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अन्तर्गत स्वीकृत कार्य वारासिवनी विधानसभा में कब से प्रारंभ हो जावेंगे?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। (ग) वर्ष 2017-18 के पूर्व स्वीकृत कार्य प्रगतिरत है। वर्ष 2017-18 में 01 मार्ग की स्वीकृति भारत शासन से अपेक्षित है, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
बद्री विशाल मंदिर ट्रस्ट मनासा के प्रबंध समिति
[धार्मिक न्यास और धर्मस्व]
56. ( क्र. 1887 ) श्री कैलाश चावला : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) बद्री विशाल मंदिर ट्रस्ट मनासा के प्रबंध समिति के पदाधिकारी कौन-कौन है? (ख) उक्त ट्रस्ट की संपत्ति चल/अचल क्या क्या है ट्रस्ट की प्रबंध समिति की बैठक बायलाज अनुसार कितने समय में की जाना चाहिए, पिछले तीन वर्षों में इस समिति की कितनी बैठकें सम्पन्न हुई है? (ग) क्या इस समिति के सचिव/सदस्य तहसीलदार मनासा को बनाया गया है? इस पद पर रह कर तहसीलदार मनासा द्वारा विगत तीन वर्षों में कितनी बैठक में भाग लिया व क्या निर्णय किए गए? (घ) ट्रस्ट की आय व्यय का सम्पत्ति का ऑडिट कितने वर्षों से नहीं हुआ है? (ड.) समिति का क्या कोई बैंक खाता खोला गया है? यदि हाँ, तो उसमें प्रश्न दिनांक तक कितनी राशि उपलब्ध है। पिछले एक वर्ष में मंदिर में प्रतिमाह कितनी आय व्यय हुई?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) से (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
जटाशंकर धाम को पर्यटन नक्शें में शामिल करना
[धार्मिक न्यास और धर्मस्व]
57. ( क्र. 1891 ) श्री पुष्पेन्द्र नाथ पाठक : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) छतरपुर जिले में स्तिथ तीर्थ स्थल जटाशंकर धाम के समीप 02 किमी की परिधि में कितनी भूमि, राजस्व एवं वन विभाग की अलग–अलग स्थित है? खसरा नंबर सहित जानकारी उपलब्ध करावे. (ख) जटाशंकर धाम क्षेत्र में पर्यटन विभाग या शासन के अन्य विभाग द्वारा क्या–क्या निर्माण कार्य किए गये? या निर्माणाधीन या प्रस्तावित हैं? (ग) विधानसभा क्षेत्र बिजावर स्तिथ जटाशंकर धाम में प्रति माह औसतन 150000 श्रद्धालु दर्शन हेतु आते हैं. स्थान के महत्व को देखते हुए क्या इसे राज्य के पर्यटन नक्शे में शामिल किया जायेगा? यदि नहीं, तो क्यों? किसी स्थल को पर्यटन नक्शे में शामिल करने हेतु क्या अर्हताएं होती हैं?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
वन्य प्राणियों की जानकारी
[वन]
58. ( क्र. 1904 ) श्री ठाकुरदास नागवंशी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वन परिक्षेत्र बनखेड़ी अन्तर्गत वन चौकी महुआखेड़ा में माह मई-जून 2017 में कम्पाउंड नं 345 में सांभर मृत पाया गया था? (ख) क्या किसी भी मृत वन्य जीव का शव परीक्षण उपरांत दाह संस्कार अनुविभागीय अधिकारी (वन) व अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थित में किये जाने का प्रावधान हैं? (ग) क्या कम्पाउंड नं. 345 में मृत साभर को गोपनीय तरीके से वफर जोन क्षेत्र में ले जाकर वरिष्ठ अधिकारियों की अनुपस्थिति में बगैर शव परीक्षण उपरांत जला दिया गया? यदि हाँ, तो इस कृत्य में लिप्त कर्मचारी/अधिकारियों के विरूद्ध उत्तरदायित्व का निर्धारण किया जावेगा? (घ) कंडिका (ग) का उत्तर यदि हाँ, में हैं, तो क्या प्रकरण की सम्पूर्ण जाँच जिला स्तरीय टीम का गठन कर प्रश्नकर्ता की उपस्थिति में करायी जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्यों?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी नहीं। (ख) मृत वन्य जीव का शव परीक्षण उपरांत दाह संस्कार संलग्न परिशिष्ट अनुसार विभिन्न स्तर के अधिकारियों की उपस्थिति में किये जाने का प्रावधान है। (ग) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नांश (ग) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) की जानकारी
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
59. ( क्र. 1906 ) श्री ठाकुरदास नागवंशी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वित्तीय वर्ष 2017-18 में प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) में आवास निर्माण हेतु राशि रूपये 01.20 लाख का भुगतान चार किस्तों में किये जाने का प्रावधान हैं? (ख) क्या आवास निर्माण में मजदूरी का भुगतान नरेगा के तहत आवास प्रारंभ से लेकर आवास पूर्ण होने के पूर्व किये जाने के निर्देश हैं? (ग) विधानसभा क्षेत्र पिपरिया अन्तर्गत पंचायत स्तर पर ऐसे कितने आवास पूर्ण हो चुके हैं, जिन्हे प्रश्न दिनांक तक अंतिम किस्त एवं मजदूरी का भुगतान नहीं किया गया हैं? (घ) अंतिम किस्त व मजदूरी का भुगतान न किये जाने के लिये कौन उत्तरदायी हैं? क्या इनके विरूद्ध उत्तरदायित्व का निर्धारण किया जावेगा, यदि हाँ, तो कब तक?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) विधानसभा क्षेत्र पिपरिया क्षेत्रान्तर्गत पूर्ण 2,021 आवासों के विरूद्ध सभी हितग्राहियों को अंतिम किश्त का भुगतान किया जा चुका है। 57 हितग्राहियों को मनरेगा के अन्तर्गत मजदूरी का भुगतान प्रक्रियाधीन है। (घ) अंतिम किश्त का भुगतान किया जा चुका है। मजदूरी भुगतान हेतु उत्तरदायी ग्राम रोजगार सहायको के विरूद्ध कार्यवाही प्रचलन में है।
प्रधानमंत्री आवास एवं शौचालय के निर्माण हेतु प्राप्त राशि
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
60. ( क्र. 1954 ) श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. में प्रधानमंत्री आवास एवं शौचालय निर्माण हेतु शासन से प्राप्त राशि ग्राम पंचायतों को दी जाती है, या हितग्राही के खातों में? स्पष्ट करें। (ख) यदि राशि हितग्राही के खाते में डाली जाती है, तो निर्माण कार्य की जवाबदारी किस की है? हितग्राही की या ग्राम पंचायत की? (ग) क्या निर्माण कार्य अप्रारंभ एवं अधूरे रहने पर कार्यवाही ग्राम पंचायत के सरपंच एवं सचिवों-सहायक सचिवों पर की जाती है? यदि हाँ, तो ऐसा क्यों? (घ) क्या हितग्राही द्वारा राशि निकालने तथा निर्माण प्रारंभ या अधूरे छोड़ने पर कार्यवाही की जाती हैं? यदि नहीं, तो ग्राम पंचायतों के सरपंच सचिवों पर क्यों की जाती हैं? स्पष्ट करें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के अन्तर्गत आवास तथा स्वच्छ भारत मिशन के अन्तर्गत शौचालय निर्माण हेतु राशि हितग्राहियो के बैंक खाते में एफ.टी.ओ. के माध्यम से अंतरित की जाती है। (ख) आवास निर्माण की जवाबदारी हितग्राही की है। (ग) पदीय दायित्वों का निर्वहन न करने पर सरपंच/सचिव/सहायक सचिव के विरूद्ध कार्यवाही की जा सकती है। (घ) जी हाँ। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
खेल प्रशिक्षक (संविदा) द्वारा निजी महाविद्यालयों में नौकरी
[खेल और युवा कल्याण]
61. ( क्र. 1971 ) श्रीमती ममता मीना : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) खेल एवं युवा कल्याण विभाग में जिला खेल प्रशिक्षक (संविदा) के पद पर पदस्थ कर्मचारी द्वारा क्या निजी महाविद्यालयों में सेवाएं दी जा सकती हैं? यदि नहीं, तो शासकीय सेवा के साथ-साथ निजी महाविद्यालयों में सेवाएं देने वाले कर्मचारियों पर विभाग क्या कार्यवाही करता है? (ख) क्या गुना जिले में पदस्थ जिला खेल प्रशिक्षक- बास्केटबॉल (संविदा) द्वारा गुना जिले के ओमकार कॉलेज एवं मालवा कॉलेज में अपनी वैतनिक सेवाएं दी जाती है? यदि नहीं,तो ऐक्सिस बैंक गुना में श्री दुर्गेश सक्सेना पुत्र श्री राजेश चंद सक्सेना, निवासी- विकासनगर, गुना तथा ओमकार कॉलेज गुना का संयुक्त खाता क्रमांक-911010008266316 में वर्ष 2013 से अगस्त 2017 तक मासिक रूप से निश्चित मानदेय/पारिश्रमिक/वेतन किस नियम एवं किस सक्षम अधिकारी की अनुमति से सेवाएं देते हुऐ प्राप्त किया जाता है? क्या उक्त कर्मचारी द्वारा निजी महाविद्यालयों से प्राप्त राशि लगभग रूपये 740000/- का वर्ष 2013 से वर्ष 2017 तक पूर्ण रूप से भुगतान प्राप्त कर माह सितम्बर 2017 में प्रश्न में वर्णित खाता बंद कर दिया गया है? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) में वर्णित जिला खेल प्रशिक्षक-बास्केटबॉल (संविदा) द्वारा म.प्र. सिविल सेवा (आचरण) नियम, 1965 एवं इनके नियुक्ति आदेश, अनुबंध पत्र का उल्लंघन करने के फलस्वरूप क्या उक्त कर्मचारी को शासकीय सेवा से पृथक किया जावेगा अथवा आई.पी.सी. के तहत प्रकरण दर्ज कराते हुऐ वैधानिक कार्यवाही की जावेगी? उक्त कार्यवाही कब तक संपादित की जावेगी?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जी नहीं। कार्यवाही प्रकरण के तथ्यों पर निर्भर करती है। (ख) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित तथ्य की जाँच हेतु पुलिस अधीक्षक, जिला-गुना को लेख किया गया है। (ग) प्रश्नोत्तर (ख) में वर्णित जाँच प्रतिवेदन प्राप्त होने पर तद्नुसार कार्यवाही की जावेगी।
वर्ष 2017 में स्थानांतरित किये गये कर्मचारियों के विरूद्ध कार्यवाही
[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]
62. ( क्र. 1972 ) श्रीमती ममता मीना : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) योजना आर्थिक एवं सांख्यिकीय विभाग द्वारा माह जुलाई, 2017 में प्रशासनिक व्यय पर कितने कर्मचारियों के स्थानांतरण किये गये थे? उक्त स्थानांतरित कर्मचारियों में से कितने कर्मचारियों द्वारा स्थानांतरण आदेश का पालन किया गया? किन-किन के द्वारा पालन नहीं किया गया? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार प्रशासनिक व्यय पर स्थानांतरण उपरांत विभाग द्वारा कितने कर्मचारियों को एकतरफा भारमुक्त किया गया? विभाग के एकतरफा भारमुक्ति आदेश का किन-किन कर्मचारियों द्वारा पालन नहीं किया गया? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार विभाग के एकतरफा भारमुक्ति आदेश का पालन न करने वाले कर्मचारियों के विरूद्ध विभाग द्वारा प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? यदि कार्यवाही नहीं की गई है तो नवीन पदस्थापना स्थल पर कार्यभार न ग्रहण करने वाले दोषी स्थानांतरित कर्मचारियों के विरूद्ध क्या निलंबित कर विभागीय जाँच संस्थित की जावेगी अथवा नहीं? दोषी कर्मचारियों के विरूद्ध कार्यवाही कब तक की जावेगी?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) से (ग) जानकारी संकलित की जा रही है।
वन विभाग द्वारा कृषकों की भूमि पर किये जा रहे अतिक्रमण
[वन]
63. ( क्र. 1977 ) श्री मेहरबान सिंह रावत : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्वालियर जिले की ग्राम पंचायत पाठई के अंतर्गत आने वाले मानपुर एवं भकर्रा में वन विभाग ने राजस्व भूमि पर नालियां खोदी गई है एवं मुनारे बना दिये गये हैं? बबूल के बीज बो दिये हैं और नर्सरी लगा दी गई है? यदि हाँ, तो क्या राजस्व भूमि एवं वन भूमि का संयुक्त सीमांकन कराकर वन विभाग ने कार्य प्रारंभ किया था? यदि नहीं, तो ऐसा क्यों किया गया और किसके आदेश से किया गया? इसके लिये कौन-कौन दोषी हैं, स्पष्ट करें? (ख) सर्वे ऑफ इंडिया के नक्शे में मानपुर एवं भकर्रा की भूमि राजस्व विभाग में आती है तो फिर वन विभाग प्रतिवर्ष मुनारे आगे क्यों बढ़ा रहा है और किसानों की भूमि पर क्यों अतिक्रमण किया जा रहा है? इसके लिये कौन दोषी है दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई है, स्पष्ट करें ताकि किसानों को न्याय मिल सके?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी नहीं। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) ग्राम भकर्रा एवं मानपुर की आंशिक भूमि संरक्षित वनखण्ड पाटई के अन्तर्गत आती है। विभाग द्वारा प्रचलित कार्य आयोजना के मानचित्रों अनुसार वन क्षेत्रों में वन वर्धन कार्य कराये जाते है एवं वन सीमा का संधारण किया जाता है। विभाग द्वारा न तो मुनारों को आगे बढ़ाया गया है और न ही किसानों की भूमि पर अतिक्रमण किया गया है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
ग्राम नवेगांव कलां में महाविद्यालय खोलना
[उच्च शिक्षा]
64. ( क्र. 1996 ) श्री नथनशाह कवरेती : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छिन्दवाड़ा जिले के अंतर्गत ग्राम नवेगांवकलॉ जो कि जुन्नारदेव मुख्यालय से 50 कि.मी. की दूरी पर स्थित है, यहां कोई शासकीय महाविद्यालय स्थापित नहीं है? (ख) यदि नहीं, तो जनसंख्या एवं ग्रामीणों की उच्च शिक्षा की दृष्टि से कब तक ग्राम नवेगांवकलॉ में शासकीय महाविद्यालय खोला जायेगा? नवेगांव के 51 गांव आते हैं, जिसके बालक-बालिकाएं उच्च शिक्षा प्राप्त करने से वंचित रह जाते हैं? (ग) क्या प्रश्नकर्ता विधायक द्वारा इस संबंध में दिया गया आवेदन शासन स्तर पर लंबित है? यदि हाँ, तो कब तक निराकरण कर शासकीय महाविद्यालय खोलने की कार्यवाही की जायेगी? (घ) यदि शासन स्तर पर शासकीय महाविद्यालय खोलने की कार्यवाही लंबित है तो कब तक पूर्ण कर ली जायेगी? यदि नहीं, तो क्यों?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी हाँ। ग्राम नवेगांवकलॉ में शासकीय महाविद्यालय स्थापित नहीं है। (ख) नवेगांव से 25 किमी. की दूरी पर शासकीय महाविद्यालय दमुआ एवं 35 किमी. की दूरी पर विद्या देवी शुक्ला अशासकीय महाविद्यालय जुन्नारदेव उपलब्ध हैं, जहाँ विद्यार्थी अध्ययन कर सकते हैं। (ग) जी हाँ। प्रस्ताव प्राप्त है, परन्तु उपलब्ध वित्तीय संसाधन एवं प्राथमिकता के आधार पर नवीन महाविद्यालय खोले जाने हेतु समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) प्रश्नांश 'ग' के उत्तर अनुसार।
दैनिक वेतन भोगी का स्थायीकरण
[नगरीय विकास एवं आवास]
65. ( क्र. 2001 ) श्री नथनशाह कवरेती : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) म.प्र. सामान्य प्रशासन विभाग मंत्रालय भोपाल के आदेश क्र. एफ 551/2013/1/3 भोपाल दिनांक 7 अक्टूबर 16 के तारतम्य में दैनिक वेतन भोगी के स्थान पर स्थायीकर्मी की श्रेणी दी गई है? (ख) यदि हाँ, तो इसी तारतम्य में सागर नगर निगम के द्वारा अकुशल अर्द्धकुशल, कुशल को अलग-अलग वेतनमान के आधार पर स्थायीकर्मी की श्रेणी दी गई है? (ग) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में छिन्दवाड़ा जिले के अंतर्गत आने वाली नगरपालिकाओं एवं नगर पंचायतों में कार्यरत अकुशल, कुशल, अर्द्धकुशल कर्मियों को स्थायीकर्मी की श्रेणी में कब तक कर दिया जायेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) छिंदवाड़ा जिले के अंतर्गत 7 नगर पालिका परिषदें एवं 9 नगर परिषदें हैं, जिसमें से नगर पालिका परिषद्, अमरवाड़ा नगर परिषद्, न्यूटनचिखली व नगर परिषद्, लौधीखेड़ा में शासन निर्देशानुसार ''स्थायी कर्मी'' विनियमित किए जाने हेतु जिला समिति के माध्यम से अनुशंसा की जा चुकी है। शेष निकायों में विनियमित किए जाने की कार्यवाही प्रचलित है। स्थायीकर्मी विनियमित हेतु निकायों से प्राप्त जानकारी का सूक्ष्म परीक्षण किए जाने के कारण समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
ग्राम पंचायत इन्द्राना सचिव के स्थानांतरण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
66. ( क्र. 2005 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्री संतोष जैन ग्राम पंचायत सचिव जनपद पंचायत मझौली जिला जबलपुर अंतर्गत कब से कब तक कहाँ-कहाँ पर पदस्थ रहे हैं तथा इनके सचिव पद पर ग्राम पंचायत इन्द्राना तथा ग्राम पंचायत कापा विकासखण्ड मझौली जिला जबलपुर में पदस्थी के कार्यकाल के समय किस-किस के द्वारा भ्रष्टाचार की कौन-कौन सी शिकायतें कब-कब की गई तथा उन शिकायतों पर कब किसके द्वारा क्या कार्यवाही की गई? कौन-कौन से जाँच दल किसके द्वारा कब गठित कर जाँच कराई गई तथा जाँच रिपोर्ट का निष्कर्ष क्या था? जाँच रिपोर्ट की छायाप्रति देवें? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित जाँच प्रतिवेदन में कहाँ-कहाँ के कौन-कौन से निर्माण कार्यों की कितनी राशि की वसूली इनके ऊपर निकाली गई है? (ग) क्या प्रश्नकर्ता के विधानसभा प्रश्न के आश्वासन की पूर्ति के तहत कलेक्टर जबलपुर द्वारा श्री संतोष जैन सचिव का ग्राम पंचायत इन्द्राना से ग्राम पंचायत देवरी रजवई स्थानांतरण वर्ष 2017-18 में किया गया था? उत्तर में यदि हाँ, तो स्थानांतरण की प्रति देवें एवं यह भी बतलावें की शासन द्वारा दिनांक 07/10/2017 को पुन: इनका स्थानांतरण उसी ग्राम पंचायत इन्द्राना विकासखण्ड मझौली में किये जाने के क्या कारण हैं? (घ) शासन द्वारा भ्रष्टाचार से लिप्त विवादित सचिव को स्थानांतरित कर पुन: 45 दिन के भीतर उसी ग्राम पंचायत में पदस्थ करने से क्या शासन की छबि धूमिल हो रही है? क्या इसे संशोधित कर इन्हें विवादित ग्राम पंचायत इन्द्राना से अन्यत्र स्थानांतरित किया जावेगा? उत्तर में यदि हाँ, तो किस प्रकार से कब तक यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (ख) उत्तरांश ''क' के पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' में उल्लेखित बिंदु क्रमांक 7 की शिकायत की जाँच में 5 कार्यों में कार्य मानक प्राक्कलन के अनुसार न किए जाने एवं सामग्री का उपयोग अमानक स्तर का होने से निरस्त करने की अनुशंसा की गई। जिसके तहत सरपंच/सचिव ग्राम पंचायत इंद्राना के विरूद्ध राशि रूपये 1370112/- की वसूली की कार्यवाही धारा 92 के तहत प्रचलित है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार है। (ग) जी हाँ। स्थानांतरण आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ई'' अनुसार है। प्रशासकीय अधार पर दिनांक 07.10.2017 को पुनः इनका स्थानांतरण ग्राम पंचायत इन्द्राना में किया गया। (घ) जी नहीं। शासन के आदेश क्रमांक/पं.रा./पंचा/ 2017/13347 दिनांक 06.11.2017 के द्वारा श्री संतोष जैन, सचिव ग्राम पंचायत इन्द्राना जनपद पंचायत मझौली का स्थानांतरण ग्राम पंचायत देवरी रजवई जनपद पंचायत मझौली किया जा चुका है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''फ'' अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
श्रीलंका में सीतामंदिर निर्माण की जानकारी का प्रदाय
[धार्मिक न्यास और धर्मस्व]
67. ( क्र. 2010 ) श्री तरूण भनोत : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या यह सही है कि मध्यप्रदेश सरकार ने श्रीलंका में सीता मंदिर बनवाने की घोषणा कि है? क्या यह घोषणा माननीय मुख्यमंत्री महोदय जी द्वारा स्वयं की गई थी? अगर हाँ तो घोषणा की दिनांक बतावें? उक्त दिनांक से आज दिनांक तक उक्त मंदिर निर्माण पर क्या कार्यवाही की गई? (ख) श्रीलंका में सीतामंदिर निर्माण हेतु कितनी राशि का बजट रखा गया है एवं उसमें अभी तक कितनी राशि का व्यय किया जा चुका है? (ग) कब तक सीतामाता मंदिर श्रीलंका में बनकर तैयार हो जावेगा?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जी हाँ। दिनांक 25 से 27 जनवरी 2010 को श्रीलंका भ्रमण के दौरान माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा स्वयं घोषणा की गई थी। कार्यवाही प्रचलित है। (ख) एवं (ग) श्रीलंका में सीता मंदिर निर्माण हेतु राशि रूपये 1.00 करोड़ का बजट रखा गया था। कार्यवाही प्रचलित है। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
वनमण्डल शहपुरा वृत्त बेलखेड़ा परिक्षेत्र जबलपुर में वित्तीय अनियमितताएं
[वन]
68. ( क्र. 2039 ) श्री
अंचल सोनकर :
क्या वन
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
सामान्य वन
मण्डल
शहपुरा
परिक्षेत्र
जबलपुर के
अंतर्गत बेलखेड़ा
वृत्त में
पदस्थ मंजु
उइके वन
परिक्षेत्र
शहपुरा एवं
श्री सौरभ
केशरवानी वन
रक्षक ग्राम
वन समिति
गुबरा खुर्द
एवं बेलबेखा
द्वारा वन
समिति अध्यक्ष
के फर्जी हस्ताक्षर
कर शासन के 65 हजार
रूपये राशि का
आहरण कर लिया
गया है? (ख) यदि
हाँ, तो
क्या शासन
द्वारा इसकी
जाँच कराई गई
थी? यदि
हाँ, तो
जाँच अधिकारी
का नाम बतावें
यह बताया जावें
कि जाँच में
क्या सिद्ध
पाया गया एवं
जाँच उपरांत
क्या
कार्यवाही की
गई? (ग) परिक्षेत्र
शहपुरा,
जिला
जबलपुरा के
अंतर्गत
ग्राम वन
समितियों को
वर्ष 2016-17 एवं 2017-18 में कितनी
राशि शासन
द्वारा
प्रदाय की गई
एवं प्रदाय
राशि के
विरूद्ध
कितनी-कितनी
राशि का आहरण
किया गया? (घ) क्या वन
मण्डलाधिकारी
सामान्य वन
मण्डल
जबलपुर को
डिप्टी
रेंजर
बेलखेड़ा
द्वारा प्रश्नांश
(क) में आहरित
राशि के संबंध
में
प्रतिवेदन
सौंपा गया था
यदि हाँ,
तो
आज दिनांक तक
प्रतिवेदन पर
क्या
कार्यवाही की
गई? विवरण
सहित
प्रतिवेदन की
प्रति उपलब्ध
करावें।
वन
मंत्री ( डॉ.
गौरीशंकर
शेजवार ) : (क) जी
नहीं। (ख) प्रश्नांश
(क) के
परिप्रेक्ष्य
में प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (ग) परिक्षेत्र-शहपुरा, जिला
जबलपुर के अन्तर्गत
ग्राम वन
समितियों को
वर्ष 2016-2017 एवं 2017-2018 में शासन
द्वारा
प्रदाय की गई
राशि एवं
प्रदाय राशि
के विरूद्ध
आहरण की गई
राशि की
जानकारी पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-अ
अनुसार है। (घ)
परिक्षेत्र
सहायक
बेलखेड़ा
द्वारा मुख्य
वन संरक्षक
मध्यवृत्त
जबलपुर वन
संरक्षक, जबलपुर
एवं उप
वनमंडलाधिकारी, जबलपुर को
दिनांक 14.09.2017 को
लेख किया गया
था। उक्त
प्रतिवेदन पर
उप
वनमंडलाधिकारी, जबलपुर
(सामान्य) से
जाँच करवायी
गयी। जाँच के
आधार पर
आमाखोह समिति
में पाई गई
अनियमितता के
कारण वनरक्षक
श्री सौरभ केशरवानी
को निलंबित
किया गया है।
प्रतिवेदन की प्रति
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-ब
अनुसार है।
आवंटित रेत खदानों की जानकारी
[खनिज साधन]
69. ( क्र. 2043 ) श्री रजनीश सिंह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिला के अंतर्गत उगली एवं पांडिया छपारा क्षेत्र में किन-किन स्थानों पर रेत खदानें चिन्हित है? उन खदानों के प्रत्येक के खसरा नंबर क्या है? कितने हेक्टेयर रेत खदाने किन-किन व्यक्तियों को आवंटित की हुई हैं? सूची उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित स्थानों तक की रेत खदानों से प्रतिमाह कितनी रेत का उत्खन्न किया जा रहा है तथा प्रत्येक खदान से कितनी रायल्टी काटी जा रही है तथा प्रत्येक खदान से कितना राजस्व प्रतिवर्ष जमा किया जा रहा है? (ग) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित स्थान तक की खदानों में से रेत का उत्खनन करने वाले मजदूरों का श्रम विभाग में पंजीयन किया है? (घ) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित स्थानों तक की खदानों से वाहनों में कितनी रेत भरी जा रही है? इनकी निगरानी कौन-कौन से अधिकारी कर रहे है? क्या जन प्रतिनिधियों की शिकायत पर अवैध रेत उत्खनन को रोकने हेतु विभाग द्वारा कोई कार्यवाही की गई है यदि हाँ, तो क्या?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रश्नाधीन जिले के अंतर्गत ग्राम उगली एवं ग्राम पांडिया छपारा क्षेत्र के अंतर्गत रेत खदानें चिन्हित नहीं है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) एवं (ग) प्रश्नांश 'क' के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नाधीन जिले के अंतर्गत उगली एवं पांडिया छपारा क्षेत्र में रेत खदानें चिन्हित नहीं है। अत: स्वीकृत खदानों से रेत भरे जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। राजस्व, पुलिस वन एवं खनिज विभाग के अधिकारियों द्वारा क्षेत्र की निगरानी की जाती है। प्रश्नांश 'क' में उल्लेखित स्थानों से जन प्रतिनिधियों द्वारा अवैध उत्खनन की शिकायतें प्राप्त नहीं हुई हैं, अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
ग्राम पंचायत सचिवों को छठवें वेतनमान का लाभ
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
70. ( क्र. 2051 ) श्री रजनीश सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश की ग्राम पंचायतों में कार्यरत पंचायत सचिवों को छठवें वेतनमान का लाभ देने हेतु कोई योजना विचाराधीन है? यदि हाँ, तो कब तक पंचायत सचिवों को छठवां वेतनमान का लाभ दिया जावेगा? (ख) यदि नहीं, तो क्यों? प्रश्नांश (क) के अनुसार पंचायत सचिवों को छठवां वेतनमान देने की घोषणा माननीय मुख्यमंत्री महोदय ने 12 जुलाई, 2017 को अकोदिया मंडी एवं 4 अक्टूबर, 2017 को रायसेन जिले में की थी यदि हाँ, तो माननीय मुख्यमंत्री जी की घोषणा पर आज दिनांक तक क्या कार्यवाही हुई?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) माननीय मुख्यमंत्री कार्यालय तथा जिले से प्राप्त जानकारी अनुसार उक्त घोषणा दर्ज होना नहीं पाई गई है।
जनपद अध्यक्ष के निर्वाचन की जानकारी
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
71. ( क्र. 2074 ) श्री मुकेश नायक : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनपद अध्यक्ष के चुनाव किस नियम प्रक्रिया के अंतर्गत होते हैं और इनमें शिकायत आने पर इनकी शिकायत तथा उस पर अपील सुनने का अधिकार किसे है? नियमों एवं परिपत्रों की प्रति सहित बतायें। (ख) क्या शाहनगर जनपद अध्यक्ष के निर्वाचन में उन व्यक्तियों द्वारा भी मतदान किया गया जो कि जनपद सदस्य निर्वाचित नहीं हुये थे? क्या इस संबंध में शिकायत कलेक्टर पन्ना के पास विचाराधीन है अथवा उन्हें की गई थी? यदि हाँ, तो शिकायत कब प्राप्त हुई और उस पर किस-किस तिथि को किस-किस प्राधिकारी ने क्या-क्या कार्यवाही की? (ग) विलंब के लिये तथा नियम विरूद्ध मतदान कराने के लिये दोषी कौन पाया गया? नाम, पद बतायें। यदि नहीं, तो अनियमितता कैसे हो गई? उसके लिये कौन जिम्मेदार हैं? क्या उसके विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जनपद पंचायत अध्यक्ष के चुनाव मध्यप्रदेश पंचायत (उप सरपंच, अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष) निर्वाचन नियम 1995 के तहत करवाये जाते हैं। मध्यप्रदेश पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम 1993 की धारा 122 के प्रावधानों के तहत निर्वाचन संबंधी शिकायतों पर कार्यवाही की जाती है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जी नहीं। जी हाँ। श्रीमती वंदना द्वारा मध्यप्रदेश पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम 1993 की धारा 122 के अंतर्गत कलेक्टर पन्ना को दिनांक 03.03.2016 को याचिका प्रस्तुत की गई थी, जिसे न्यायालयीन प्रकरण क्रमांक 05/अ-89/(निर्वाचन याचिका) वर्ष 2015-16 के रूप में दर्ज किया गया तथा उभयपक्षों को सुनवाई का समुचित अवसर प्रदान करते हुये दिनांक 28.02.2017 को पारित निर्णय अनुसार याचिका निरस्त की जाकर निराकृत की गई। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब''अनुसार है। (ग) कोई दोषी नहीं पाया गया। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
ग्राम चोरडोंगरी (सूखाढाना) में उद्योग की स्थापना
[सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम]
72. ( क्र. 2080 ) श्री चेतराम मानेकर : क्या राज्यमंत्री, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या न्यायालय अपर कलेक्टर बैतूल के आदेश क्र. 8657 दिनांक 3.8.2017 द्वारा खसरा नं. 13/1 रकबा 18.601 हेक्टर भूमि उद्योग विभाग को आवंटित की गई है? (ख) यदि हाँ, तो इस भूमि पर विभाग द्वारा कब तक उद्योग स्थापित किये जायेंगे?
राज्यमंत्री, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम ( श्री संजय पाठक ) : (क) जी हां। अपर कलेक्टर बैतूल के आदेश क्रमांक 8657, दिनांक 03.08.2017 से खसरा नं. 13/1 की 18.601 हेक्टेयर भूमि सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग को हस्तांतरित की गई है। (ख) सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग द्वारा उद्योग स्थापित नहीं किये जाते हैं।
एम.ए., एम.कॉम, एम.एस.सी. कक्षाओं की स्वीकृति
[उच्च शिक्षा]
73. ( क्र. 2083 ) श्री चेतराम मानेकर : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि डॉ. भीमराव अम्बेडकर शासकीय महाविद्यालय आमला में एम.ए., एम.कॉम, एम.एस.सी. की कक्षांए प्रारंभ नहीं की गई है? (ख) यदि हाँ, तो एम.ए., एम.कॉम, एम.एस.सी. की कक्षाएं कब तक प्रारंभ की जायेगी?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी नहीं। डॉ. भीमराव अम्बेडकर शासकीय महाविद्यालय आमला में एम.ए.हिन्दी, समाजशास्त्र, अर्थशास्त्र विषय की कक्षायें स्ववित्तीय योजनान्तर्गत संचालित है। शेष कक्षाओं के लिये विभागीय मापदण्ड अनुसार स्नातक स्तर पर पर्याप्त छात्र संख्या नहीं है। (ख) प्रश्नांश 'क' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शासकीय भूमि से खनिज मुरम का परिवहन एवं उत्खनन
[खनिज साधन]
74. ( क्र. 2098 ) श्री कल्याण सिंह ठाकुर : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र विदिशा 144 अंतर्गत ग्राम पठारी हवेली तहसील विदिशा में खनिज विभाग द्वारा शासकीय भूमि सर्वे नं. 2241, रकबा 16.347 हेक्टेयर खनिज मुरम परिवहन की अनुमति दिनांक 29.09.2017 को की गई है, जबकि मेसर्स ईला कन्सट्रक्शन भोपाल द्वारा आवेदन दिनांक 07.10.2015 को दिया गया है? संदर्भित पत्र में मुरम परिवहन की अनुमति है जबकि ईला कंस्ट्रक्शन द्वारा मुरम उत्खनन कार्य भी किया जा रहा है? (ख) क्या खनिज विभाग द्वारा संदर्भित पत्र जारी किया गया? यदि हाँ, तो जारी करने के क्या नियम एवं आवेदन प्रस्तुत उपरांत कितनी अवधि में अनुमति दी जाना चाहिये? नहीं तो क्यों? कार्यवाही से अवगत कराया जाये? खनिज विभाग का संदर्भित पत्र संलग्न है बिना पंचायत की अनुमति के एवं संज्ञान में न लाकर कार्य किया गया है? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) के क्रम में मेसर्स ईला कंस्ट्रक्शन भोपाल का पंजीयन है? यदि हाँ, तो आवेदन में उल्लेख अनुसार मुख्य परिवहन या उत्खनन की अनुमति चाही है? कंस्ट्रक्शन द्वारा परिवहन के साथ ही मुरम उत्खनन का कार्य किया जाकर शासकीय राजस्व की हानि पहुंचाई है? (घ) प्रश्नांश (क) (ख) (ग) के क्रम में मेसर्स ईला कंस्ट्रक्शन भोपाल कोई पंजीकृत कंपनी नहीं है? अधिकारियों की मिलीभगत से खनिज विभाग में नियम विरूद्ध कार्य किये जाकर शासकीय राजस्व की हानि पहुंचाई जा रही है? इस कार्य की जाँच कराई जाये तत्पश्चात् संलिप्त अधिकारियों के विरूद्ध कड़ी से कड़ी कठोर कार्यवाही की जाये? क्या इस प्रकरण की जाँच प्रश्नकर्ता के समक्ष करायी जावेगी।
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी हाँ। प्रश्नाधीन कंपनी को प्रश्नाधीन क्षेत्र पर मुरम खनिज की परिवहन अनुज्ञा दिनांक 29.09.2017 को एक माह हेतु दी गई है। प्रश्नाधीन कंपनी द्वारा इसी क्षेत्र पर पूर्व में दिनांक 07.10.2015 को कार्यपालन यंत्री, मध्यप्रदेश वेयर हाउसिंग एण्ड लॉजिस्टिक्स कार्पोरेशन के माध्यम से प्रश्नाधीन क्षेत्र पर मुरम उत्खनन का आवेदन दिया गया था। जिसे कलेक्टर कार्यालय द्वारा मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 के नियम 68 (2) के तहत कार्यवाही हेतु कार्यपालन यंत्री, मध्यप्रदेश वेयर हाउसिंग एण्ड लॉजिस्टिक्स कार्पोरेशन को कलेक्टर कार्यालय द्वारा पत्र दिनांक 28.10.2015 से प्रेषित किया गया था। कंपनी द्वारा दिनांक 20.09.2017 को पूर्व से उत्खनित मुरम खनिज की परिवहन अनुज्ञा प्राप्त करने हेतु पुन: आवेदन प्रस्तुत किया गया। इस आवेदन के आधार पर दिनांक 29.09.2017 को प्रश्नाधीन कंपनी को मुरम खनिज की परिवहन अनुज्ञा प्रश्नाधीन क्षेत्र पर दी गई है। खनि निरीक्षक द्वारा दिनांक 23.11.2017 को दिये प्रतिवेदन में मौका स्थल पर पूर्व से उत्खनित मुरम का परिवहन किया गया, पाया गया है। नवीन उत्खनन नहीं पाया गया। (ख) जी हाँ। मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 के नियम 68 (6) में परिवहन अनुज्ञा प्रदान किये जाने का प्रावधान हैं। इस नियम में परिवहन अनुज्ञा प्राप्त करने के लिये प्रस्तुत आवेदन के निराकरण की अवधि निर्धारित नहीं है और न ही पंचायत से अनुमति प्राप्त करने का प्रावधान है। (ग) जी हाँ। कंपनी द्वारा पूर्व से उत्खनित मुरम की परिवहन की अनुज्ञा कलेक्टर कार्यालय से चाही गई थी। जी नहीं। (घ) जी नहीं। प्रश्नाधीन कंपनी को नियम 68 (6) के तहत परिवहन अनुज्ञा जारी की गई है, जो कि नियम विरूद्ध नहीं है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
बी.पी.एल. सूची से पात्र हितग्राहियों के नाम हटाये जाना
[नगरीय विकास एवं आवास]
75. ( क्र. 2103 ) श्री दिनेश कुमार अहिरवार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जिला टीकमगढ़ के विधान सभा क्षेत्र जतारा के नगर परिषद् जतारा एवं नगर परिषद् लिधोरा समस्त ग्राम पंचायतों से पात्र हितग्राहियों के नाम बड़े पैमाने पर बी.पी.एल. सूची से क्यों हटाये गये? (ख) सक्षम अधिकारियों द्वारा बी.पी.एल. सूची से पात्र हितग्राहियों के नाम काटने का कौन सा मापदण्ड अपनाया गया हैं? (ग) क्या जिन लोगों के पास एक इंच जमीन नहीं रहने के लिये कच्चे मकान है ऐसे पात्र लोगों के नाम बी.पी.एल. सूची से अधिकारियों द्वारा नाम काटे गये क्या यही शासन का मापदण्ड है? (घ) क्या पात्र हितग्राहियों के नाम बी.पी.एल. सूची से काटे हैं? उनकी जाँच करवायेंगे एवं पुन: नाम जोड़ेंगे एवं जिन अधिकारियों ने पात्र हितग्राहियों के नाम काटें है उनके खिलाफ कार्यवाही की जाएगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जिला टीकमगढ़ के विधानसभा क्षेत्र के नगर परिषद्, जतारा के 660 तथा नगर परिषद् लिधौरा खास के 981 अपात्र हितग्राहियों के नाम बी.पी.एल. सूची से निर्धारित आय एवं गैर आय मापदण्ड के आधार पर हटाये गये है। (ख) शहरी गरीबों की पहचान एवं गणना दिशा निर्देशिका में प्रावधानित आय एवं गैर आय मापदण्डों को अपनाया गया है। (ग) जी नहीं। (घ) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अधिक वेतन भुगतान की वसूली
[उच्च शिक्षा]
76. ( क्र. 2108 ) श्री हेमन्त सत्यदेव कटारे : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बरकतउल्ला विश्वविद्यालय भोपाल में पूर्व कुलपति द्वारा नियम विरूद्ध नियुक्त किये गये शैक्षणिक स्टाफ एवं विश्विद्यालय की प्रशासकीय संरचना में सहायक संचालक का पद नहीं होने पर भी सहायक संचालक के पद पर नियत मासिक मानदेय पर पदपूर्ति हेतु विज्ञापन जारी किया गया था? (ख) क्या जारी विज्ञापन में नियत मासिक वेतनमान का उल्लेख होते हुये भी नियमविरूद्ध नियुक्त सहायक संचालक को विश्वविद्यालय प्रशासन के अधिकारियों द्वारा सहायक संचालक को वेतनमान 15600-39100 ग्रेड पे-6000 में वेतन का भुगतान कर वित्तीय अनियमितता की गई एवं इसके लिये माननीय उच्च न्यायालय के अंतरिम आदेश का उल्लेख किया गया जबकि मा. उच्च न्यायालय के आदेश में सिर्फ मानदेय भुगतान का उल्लेख था, न कि ऐसे से कोई निर्देश थे कि अवैध नियुक्त व्यक्ति को वेतनमान में राशि का भुगतान करें? इस प्रकार हुई वित्तीय अनियमितता के विश्वविद्यालय प्रशासन के अधिकारियों के साथ-साथ वित्त सेवा के पदस्थ अधिकारी पर कार्यवाही की जाकर भुगतान हुई अधिक राशि की वसूली की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? (ग) क्या अनियमित नियुक्तियों के आरोपों पर तत्कालीन कुलपति को पदमुक्त किया गया है? यदि हाँ, तो अन्य जिम्मेदार अधिकारियों के विरूद्ध भी इस अनियमित नियुक्तियों के लिये अनुशासनात्मक कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी हाँ। विश्वविद्यालय के प्रशासनिक संरचना में सहायक संचालक के पद का उल्लेख नहीं है। विश्वविद्यालय की कार्य-परिषद् की बैठक दिनांक 16.06.2014 में कुलपति एवं कुलसचिव कार्यालयों के लिये संचालक, उप-संचालक एवं सहायक संचालक पदनाम के अशैक्षणिक पदों के सृजन की अनुशंसा की गई थी एवं उक्त पदों की स्वीकृति हेतु म.प्र. शासन उच्च शिक्षा विभाग को प्रेषित किये जाने का निर्णय लिया गया था। संचालक, उप-संचालक एवं सहायक संचालक के पदों पर समेकित वेतन में नियुक्ति हेतु विज्ञापन क्रमांक 3718/प्रशा./बीयू/नियुक्ति/2014 दिनांक 19.08.2014 को प्रसारित किया गया था। (ख) सहायक संचालक के पद हेतु जारी विज्ञापन में रू. 44,000/- प्रतिमाह (रू. 6,000 ग्रेड-पे में संकलित वेतन) का उल्लेख किया गया था। दिनांक 30.09.2014 को संपन्न कार्य-परिषद् की बैठक में सहायक संचालक (सामान्य) के पद पर नियुक्ति हेतु डॉ. अरविन्द कुमार को मूल वेतन पर 3 वेतन वृद्धि के साथ नियुक्त किये जाने संबंधी अनुशंसा को मान्य किया गया। कार्यपरिषद् की अनुशंसा के आधार पर डॉ. अरविन्द कुमार को 15600+39100+6000 ए.जी.पी. वेतनमान में मूल वेतन पर 3 वेतन वृद्धि देने का आदेश जारी किया गया था। मान. उच्च न्यायालय द्वारा पारित याचिका क्रमांक डब्ल्यूपी 3472/2015 में पारित अंतरिम आदेश दिनांक 10.07.2015 में उल्लेख किया गया है कि याचिकाकर्ताओं को नियुक्ति पत्र के शर्तों के अनुसार वेतन का भुगतान किया जाये। तदोपरांत मान. उच्च न्यायालय ने दिनांक 23.06.2016 के द्वारा याचिकाकर्ता को नियुक्ति दिनांक से एक वर्ष की अवधि के वेतन का भुगतान करने हेतु निर्देश विश्वविद्यालय को दिये थे। पुनः दिनांक 13.12.2016 से मान. उच्च न्यायालय ने अपने आदेश में वेतन भुगतान के आदेश को प्रसारित किया गया था। मान. उच्च न्यायालय के पारित निर्णय के परिपालन में सहायक संचालक को नियुक्ति आदेश में वर्णित शर्तों के अनुरूप भुगतान किया गया। लेकिन उन्हें चयन समिति की अनुशंसा के अनुरूप 3 वेतनवृद्धि नहीं दी गई। सहायक संचालक को कार्यपरिषद् की अनुशंसा एवं मान. उच्च न्यायालय के अंतरिम आदेश के परिपालन में वेतन का भुगतान किया गया। अतः सहायक संचालक के पद पर नियुक्त अधिकारी को मान. उच्च न्यायालय के आदेश अनुरूप ही वेतन का भुगतान किया गया है। इसलिए वित्तीय अनियमितता का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ। बरकतउल्ला विश्वविद्यालय भोपाल के संबंध में म.प्र. शासन उच्च शिक्षा विभाग ने मध्यप्रदेश विश्वविद्यालय अधिनियम 1973 की धारा 52 (1) के अंतर्गत अधिसूचना जारी की है, जो दिनांक 10.08.2017 से प्रभावशील की गई है। इसके प्रभावशील होने के कारण तत्कालीन कुलपति को पदमुक्त कर दिया गया है। अनियमित नियुक्तियों की जाँच हेतु महामहिम कुलाधिपतिजी द्वारा म.प्र. विश्वविद्यालय अधिनियम 1973 की धारा-14 की उपधारा (3) के अंतर्गत मान. न्यायमूर्ति सेवानिवृत्त श्री ए.के. गोहिल को जाँच अधिकारी नियुक्त किया गया था, जिस पर निर्णय विश्वविद्यालय को अप्राप्त है।
मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना अन्तर्गत ऋण स्वीकृति में बैंकों द्वारा ऋण पुस्तिका की मांग
[सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम]
77. ( क्र. 2114 ) पं. रमेश दुबे : क्या राज्यमंत्री, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना अन्तर्गत बैंकों द्वारा ऋण स्वीकृत किये जाने के क्या मापदंड है? किन-किन दस्तावेजों की आवश्यकता होती है? छिन्दवाड़ा जिले में अब तक कितने व्यक्तियों को इस योजना अन्तर्गत ऋण स्वीकृत हुआ है? (ख) क्या उक्त योजनांतर्गत ऋण स्वीकृत करने पर शासन स्वयं गारंटी देता है? ऋण प्राप्तकर्ता से क्या कोई गारंटी अथवा सम्पत्ति बैंकों के पास बंधक रखने का कोई प्रावधान है? (ग) यदि हाँ, तो श्री रामकुमार पिता रोशन साहू निवासी चिखली खुर्द, विकासखण्ड चौरई जिला छिन्दवाड़ा से डेकोरेशन व्यवसाय हेतु ऋण स्वीकृत करने पर सेन्ट्रल बैंक चांद द्वारा ऋणपुस्तिका की मांग क्यों की जा रही है? (घ) क्या शासन श्री रामकुमार साहू के मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजनान्तर्गत ऋण मामले में गारंटी प्रदान कर उन्हें ऋण दिलाने तथा इस योजना में प्रस्तुत प्रकरणों में हितग्राहियों को बिना परेशान किये ऋण स्वीकृत करने हेतु बैंक अधिकारियों को एवं इस पर सतत् मॉनिटरिंग हेतु संबंधित अधिकारियों को निर्देशित करेगा? नहीं तो क्यों?
राज्यमंत्री, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम ( श्री संजय पाठक ) : (क) मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजनान्तर्गत पात्रता हेतु आवेदक की आयु 18 से 45 वर्ष तथा शैक्षाणिक योग्यता न्यूनतम 5वीं पास होनी चाहिये। योजनान्तर्गत गठित टास्कफोर्स समिति ऋण प्रकरण की अनुशंसा बैंक को करती है, तत्पश्चात् बैंक शाखा द्वारा ऋण की स्वीकृति रिर्जव बैंक के दिशा-निर्देश अनुसार की जाती है। योजनान्तर्गत मूल निवासी प्रमाण-पत्र, पाँचवी कक्षा उत्तीर्ण प्रमाण-पत्र, आयु संबंधी दस्तावेज, जाति प्रमाण-पत्र, परियोजना प्रतिवेदन इत्यादि की आवश्यकता होती है। छिंदवाड़ा जिले में 1 अप्रैल, 2017 से अब तक सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विभाग के द्वारा 633 आवेदकों के ऋण स्वीकृत हुआ है। बैंकवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) योजनान्तर्गत हितग्राही का ऋण प्रकरण केन्द्र शासन की ऋण गारंटी निधि योजना (CGTMSE/CGFMU) में स्वीकृत होता है। जी हाँ। ऋण प्राप्तकर्ता से कोई गारंटी अथवा संपत्ति बंधक रखने का प्रावधान नहीं है। (ग) जी, नहीं। भारतीय रिजर्व बैंक समस्त सार्वजनिक बैंकों के लिए रेगुलेटर है। अतः बैंकों पर राज्य शासन के आदेश बंधनकारी नहीं है तथापि बैंक शाखाओं द्वारा राज्य शासन की स्वरोजगार योजनाओं की नीति/निर्देशों के तहत प्रकरण स्वीकृत किये जाते। (घ) श्री रामकुमार साहू के मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना अंतर्गत ऋण प्रकरण सेंट्रल बैंक द्वारा स्कोप नहीं होने के कारण निरस्त कर दिया गया है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
गुणवत्ताहीन निर्माण कार्य कराने वालों के विरूद्ध कार्यवाही
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
78. ( क्र. 2117 ) पं. रमेश दुबे : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के ता.प्रश्न क्रमांक 2875 दिनांक 28.02.2017 के उत्तर में यह उत्तर दिया गया है कि छिन्दवाड़ा जिले के विधान सभा क्षेत्र चौरई में डोडीनाला पुल के निर्माण अवधि में गुणवत्ता परीक्षण करने वाले अधिकारियों द्वारा कार्य संतोषजनक पाया गया था, तो संतोषजनक निर्माण को परिभाषित करते हुये यह बताये कि निर्माण कार्य संतोषजनक क्यों? गुणवत्ता युक्त क्यों नहीं? क्या संतोषजनक निर्माण हेतु शासन राशि खर्च करती है? (ख) उक्त प्रश्न के उत्तर में यह भी बताया गया है कि ठेकेदार के द्वारा वर्षाकाल के पूर्व टॉप स्लेब डालकर पुल के बाक्सेस का कार्य पूर्ण नहीं करने के कारण पुल आंशिक क्षतिग्रस्त हुआ, तो यह बतावें कि किसी पुल का छत निर्माण नहीं होने से उस पुल का बेस यानी खम्भे धसने, टेढ़े होने को उचित कैसे ठहराया जा सकता है? तकनीकी दृष्टिकोण से समझाते हुये स्पष्ट करें? (ग) प्रश्नांश (ख) के प्रकाश में यह भी बतावें कि यदि उक्त पुल आंशिक क्षतिग्रस्त हुआ है तो क्या क्षतिग्रस्त खम्भों का मरम्मत कर उसपर छत डालकर पुल का निर्माण हो सकता है, यदि नहीं, तो क्या शासन अब तक इस पुल पर खर्च राशि गुणवत्ता परीक्षण करने वाले गलत जवाब देकर जिम्मेदारी से बचने वाले अधिकारियों से वसूल कर पुल का गुणवत्तायुक्त निर्माण करायेगा? नहीं तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के दिशा निर्देशानुसार ''संतोषजनक कार्य '' का अर्थ गुणवत्तायुक्त कार्य से ही हैं। (ख) बाक्स कलवर्ट की छत निर्माण न होने से पुल क्षतिग्रस्त हो सकता है। तकनीकी टीप जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। अधिकारियों द्वारा निरीक्षण के दौरान ठेकेदार को उत्तरदायी पाया गया है एवं किये गये भुगतान की वसूली की कार्यवाही प्रचलन में है।
सीधी भर्ती के प्राध्यापकों की परिवीक्षा अवधि की समाप्ति
[उच्च शिक्षा]
79. ( क्र. 2124 ) श्री कुंवर सिंह टेकाम : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश के शासकीय महाविद्यालयों में म.प्र. लोक सेवा आयोग द्वारा प्राध्यापकों की सीधी भर्ती की गयी है? यदि हाँ, तो क्या नियुक्त प्राध्यापकों को दो वर्ष की परिवीक्षा अवधि में रखा गया है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में वर्ष 2010, 2011 एवं 2012 में नियुक्त सीधी भर्ती के प्राध्यापकों में से कितने प्राध्यापकों की परिवीक्षा अवधि समाप्त की गयी? कितने शेष हैं? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में क्या सीधी भर्ती के प्राध्यापकों की परिवीक्षा अवधि समाप्त करने हेतु कार्यवाही की जा रही है? यदि हाँ, तो कब तक कार्यवाही पूर्ण कर आदेश जारी कर दिये जायेंगे? यदि नहीं, तो क्यों?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) परिवीक्षा अवधि समाप्त करने की कार्यवाही प्रचलन में है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी हाँ। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
शासकीय महाविद्यालयों में पदों की पूर्ति
[उच्च शिक्षा]
80. ( क्र. 2129 ) श्री कुंवर सिंह टेकाम : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीधी/सिंगरौली जिले के अंतर्गत संचालित प्रशासकीय महाविद्यालय कुसमी, मझौली, बरका एवं सरई में विभिन्न पदों के कितने पद स्वीकृत, भरे एवं रिक्त हैं? पदवार जानकारी देंवे। रिक्त पदों की पूर्ति कब तक पूर्ण कर ली जायेगी? (ख) क्या शासकीय महाविद्यालय कुसमी में शैक्षणिक व्यवस्था पूर्ण रूप से अतिथि विद्वानों के ऊपर निर्भर है? यदि हाँ, तो नियमित प्राध्यापक/सहायक प्राध्यापकों की पदस्थापना क्यों नहीं की जा रही हैं? कारण सहित जानकारी देंवे एवं नियमित पदस्थापना कब तक कर दी जायेगी? (ग) क्या शासकीय महाविद्यालय कुसमी भवन विहीन हैं? यदि हाँ, तो भवन निर्माण की स्वीकृति कब तक दी जाकर निर्माण कार्य पूर्ण करा लिया जायेगा? (घ) क्या शासकीय महाविद्यालय कुसमी एवं मझौली में अध्यनरत विद्यार्थियों के लिये ये महाविद्यालय परीक्षा केन्द्र नहीं है, जिसके कारण परीक्षार्थियों को क्रमश: लगभग 120 एवं 60 कि.मी. दूर दूसरे महाविद्यालयों में जाकर परीक्षा देना पड़ा हैं, यदि हाँ, तो क्या उक्त दोनों महाविद्यालयों को इसी सत्र में परीक्षा केन्द्र बनाया जावेगा?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) सीधी/सिंगरौली जिले के अंतर्गत संचालित शासकीय महाविद्यालय कुसमी/मझौली/बरका एवं सरई शैक्षणिक संवर्ग के स्वीकृत, भरे एवं रिक्त पदों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार है एवं अशैक्षणिक संवर्ग के स्वीकृत भरे एवं रिक्त पदों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार है। रिक्त पदों की पूर्ति हेतु समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (ख) जी हाँ। वर्तमान में शैक्षणिक रिक्त पद पर अतिथि विद्वानों से शैक्षणिक कार्य संपन्न कराया जा रहा है। प्रश्नांश का शेष भाग ‘क’ में दृष्टांकित है। (ग) जी हाँ। शासकीय नवीन महाविद्यालय कुसमी का स्वयं का भवन नहीं है। भवन स्वीकृति के प्राप्त प्रस्ताव पर कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। समय-सीमा बतायी जाना संभव नहीं है। (घ) जी हाँ। कुसमी एवं मझौली परीक्षा केन्द्र नहीं है। इस सत्र में परीक्षा केन्द्र बनाया जाना संभव नहीं है।
मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना द्वारा सड़क निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
81. ( क्र. 2149 ) पं. रमाकान्त तिवारी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्राम पंचायत डगडैया, जनपद पंचायत/विकासखण्ड जवा जिला रीवा अंतर्गत जवा डभौरा मार्ग पर कर्मा प्लाट से महिलो पहुंच मार्ग का निर्माण मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना द्वारा कराये जाने हेतु प्रस्तावित/स्वीकृत हैं? (ख) यदि हाँ, तो उक्त मार्ग की दूरी बतायें, उपरोक्त सड़क निर्माण कराये जाने के लिये विभाग द्वारा अब तक क्या-क्या औपचारिकतायें पूर्ण कर ली गई हैं? (ग) उपरोक्त सड़क की निर्धारित लागत बतायें, उपरोक्त सड़क का निर्माण कार्य कब तक करा लिया जायेगा? (घ) उपरोक्त सड़क निर्माण में हुई देरी के लिए कौन-कौन से अधिकारी/कर्मचारी दोषी हैं? विवरण दें? दोषियों के खिलाफ क्या कार्यवाही की जायेगी एवं कब तक?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। (ख) उक्त मार्ग की लंबाई जवा डभौरा मार्ग से 2.10 कि.मी. है। कार्य का प्राक्कलन तैयार किया गया। (ग) कार्य के प्राक्कलन की राशि रू. 45.12 लाख है। उपलब्ध राशि पूर्व से स्वीकृत कार्यों के लिए आबद्ध होने से कार्य की स्वीकृति नहीं हुई है। अत: समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (घ) उत्तरांश ‘क’ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उत्पन्न नहीं होते हैं।
खंडवा जिले में शौचालय निर्माण में अनियमितता
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
82. ( क्र. 2152 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खंडवा जिले में स्वच्छता अभियान अंतर्गत कितने शौचालयों के निर्माण का लक्ष्य निर्धारित किया गया था? जनपदवार लक्ष्य एवं उपलब्धि बतायें? (ख) खंडवा जनपद अंतर्गत कितने शौचालयों के निर्माण की राशि जारी की जा चुकी है? कितने शौचालय अपूर्ण स्थिति में है और क्यों? (ग) क्या स्वच्छता अभियान अंतर्गत स्वीकृत शौचालयों की राशि भुगतान में पंचायतकर्मियों द्वारा लापरवाही बरतने के कारण हितग्राहियों को राशि प्राप्त नहीं हो पा रही है, जिससे निर्माण अपूर्ण हैं? (घ) खंडवा जनपद में लक्ष्य अनुरूप शत्-प्रतिशत शौचालय निर्माण हेतु क्या प्रयास किये जा रहे हैं? कब तक जनपद खंडवा को ओ.डी.एफ. घोषित कर दिया जाएगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जनपद पंचायत खण्डवा अंतर्गत 10892 शौचालयों की प्रोत्साहन राशि का भुगतान हितग्राहियों के बैंक खाते में एफ.टी.ओ. के माध्यम से किया जा चुका है। कुल 2861 हितग्राहियों के द्वारा शौचालय निर्माण उपरांत मांग नहीं किये जाने के कारण प्रोत्साहन राशि का भुगतान शेष है। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जनपद पंचायत खण्डवा में अधिकारी/कर्मचारियों द्वारा सतत् चौपाल चर्चा, गृहभेट एवं रैली आदि के माध्यम से ग्रामीणों को शौचालय निर्माण हेतु प्रेरित किया जा रहा हैं। जनपद पंचायत खण्डवा को 02 अक्टूबर 2019 तक ओ.डी.एफ. कराया जाना लक्षित हैं।
धर्मस्थलों की जानकारी
[धार्मिक न्यास और धर्मस्व]
83. ( क्र. 2154 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) खण्डवा जिले में धर्मस्व विभाग की कितनी सम्पत्ति है? जिले में शासन द्वारा संधारित कौन-कौन से मंदिर हैं? सूची उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित सम्पत्ति एवं संधारित मंदिरों पर विगत 03 वर्षों में कितनी राशि अब तक व्यय की गई है? वर्षवार बतायें। (ग) क्या खण्डवा के श्री दादाजी धूनीवाले मंदिर ट्रस्ट एवं ओंकारेश्वर मंदिर ट्रस्ट पर उज्जैन महाकाल की भॉति प्रशासक नियुक्त करने एवं शासकीय ट्रस्ट स्थापित किये जाने का मामला विचाराधीन है? (घ) देशभर के लाखों श्रद्धालुओं की आस्था केन्द्रों पर जनभावनाओं का सम्मान करते हुए जनहित में शासकीय ट्रस्ट कब तक बनाया जाएगा? (ड.) क्या गुरू पूर्णिमा पर लगने वाले मेले में श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए खण्डवा को विशेष आर्थिक पेकेज स्वीकृत किया जाएगा? यदि हाँ, तो कब तक?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) से (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
रॉयल्टी की जानकारी
[खनिज साधन]
84. ( क्र. 2173 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या परासिया व जुन्नारदेव विधान सभा क्षेत्र में वेस्टर्न कोल्ड फील्ड लिमिटेड कंपनी के द्वारा कोल उत्खनन एवं कोल परिवहन का कार्य किया जाता है और उक्त कार्य के बदले में रॉयल्टी की राशि जमा कराई जाती है? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार अगर हाँ, तो वर्ष 2013 से अप्रैल 2017 तक वेस्टर्न कोल्ड फील्ड लिमिटेड कंपनी के द्वारा परासिया व जुन्नारदेव विधान सभा क्षेत्र में कोल उत्खनन एवं कोल परिवहन में कितनी राशि मध्यप्रदेश शासन को रॉयल्टी के रूप में प्राप्त हुई है? वर्ष 2013 से अप्रैल 2017 तक जमा की गई रॉयल्टी की जानकारी प्रत्येक वर्षवार उपलब्ध करायें। (ग) क्या मध्यप्रदेश शासन द्वारा कोई नीति बनाई गई है कि जिस क्षेत्र में कोयला या अन्य खनिज का उत्खनन शासन एवं निजी कंपनी द्वारा किया जाता है, तो शासन को प्राप्त रॉयल्टी से उसका कुछ अंश जिस क्षेत्र से खनिज उत्खनन होता है, उस क्षेत्र के विकास एवं कल्याणकारी योजना में किये जाने का प्रावधान है या नहीं? अगर प्रावधान है, तो परासिया विधान सभा क्षेत्र में विकास एवं कल्याणकारी योजनाओं में कितनी राशि किन-किन कार्यों में खर्च की गई है?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ। इस संबंध में मध्यप्रदेश जिला खनिज प्रतिष्ठान नियम, 2016 अधिसूचित किये गये हैं। परासिया विधानसभा क्षेत्र में मध्यप्रदेश जिला खनिज प्रतिष्ठान में प्राप्त राशि में से राशि रूपये 34.32 लाख पेय जल योजना में खर्च की गई है।
मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम की जानकारी
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
85. ( क्र. 2191 ) श्री रमेश पटेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़वानी जिले में मध्यान्ह भोजन व्यवस्था में दर्ज संख्या का 65 प्रतिशत ही खाद्यान्न एवं खाद्यान्न पकाने की राशि का 65% ही दिया जा रहा है, क्यों? (ख) क्या कारण है कि जब स्कूलों में 75-80 प्रतिशत उपस्थिति रहती है, तो खाद्यान्न 65 प्रतिशत ही उपलब्ध कराया जा रहा है? इसे कब तक पूर्ववत् किया जायेगा? (ग) क्या कारण है कि एक ओर शासन ''स्कूल चले हम'' जैसे कार्यक्रम कर बच्चों को स्कूल जाने के लिए प्रेरित करने की बात करता है, वहीं दूसरी ओर खाद्यान्न बंटन कम कर उन्हें हतोत्साहित करता है? (घ) ऐसे मनमानी पूर्वक आदेश जारी करने वाले अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। औसत उपस्थिति के आधार पर। (ख) शिक्षा पोर्टल पर दर्ज छात्र संख्या के विरूद्ध 65 प्रतिशत से अधिक उपस्थिति की शालावार पुष्टि जिला स्तर से किये जाने पर खाद्यान्न वास्तविक उपस्थिति के आधार पर किये जाने का प्रावधान किया गया है। (ग) एवं (घ) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है।
सौर ऊर्जा लगाने में नियम निर्देशों की जानकारी
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
86. ( क्र. 2217 ) श्रीमती शीला त्यागी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अता. प्रश्न क्रमांक 825 उत्तर दिनांक 14-12-2015 के प्रश्नांश (ख) के उत्तर में सौर ऊर्जा लगाने में व्यय राशि में नियम निर्देशों का पालन करने के संबंध में जाँच समिति गठित कर जाँच कराई जा रही का उत्तर दिया गया है, तो उक्त जाँच दल में कौन-कौन अधिकारी को रखा गया है? आदेश प्रति के साथ जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में गठित दल द्वारा जाँच पूरी कर ली गई की नहीं? यदि जाँच पूरी हो गई तो जाँच प्रतिवेदन के साथ जानकारी देवें? यदि जाँच पूरी नहीं हुई, तो कौन दोषी है? दोषी पर क्या कार्यवाही करेंगे? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में यदि हाँ, तो जाँच में किन-किन को दोषी पाया गया है तथा कितनी राशि का भुगतान नियम विरूद्ध है, जो वसूली योग्य है? नियम विरूद्ध भुगतान राशि की वसूली कब तक करा लेंगे?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जी हाँ। प्रश्नांश (क) के संदर्भ में गठित जाँच दल द्वारा जाँच पूर्ण की गयी है। शासन के पत्र क्र. पं.रा./पं.परमें./2016/12442 दिनांक 26.10.2016 से भंडार क्रय नियमों के विपरित सोलर लाईट क्रय किये जाने की जाँच के निर्देश कलेक्टर/मुख्य कार्यपालन अधिकारी/मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायतों को दिये गये तद्नुसार कलेक्टर के आदेश क्र. 4077 दिनांक 07.11.2016 से गठित जाँच दल द्वारा जाँच प्रक्रियाधीन है। अतः कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब एवं 'स' अनुसार है। (ग) जाँच पूर्ण होने के उपरांत प्रतिवेदन के आधार पर किसी के दोषी होने या न होने पर विधि-संगत निर्णय लिया जावेगा।
स्वीकृत स्टेडियमों का निर्माण कार्य
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
87. ( क्र. 2250 ) श्रीमती इमरती देवी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्वालियर जिले की डबरा विधानसभा क्षेत्र में दो स्टेडियम स्वीकृत किये गये थे? इनमें से एक ग्राम बेरू तथा दूसरा ग्राम चांदपुर में शासकीय भूमि पर स्टेडियम बनाया जाना प्रस्तावित हुआ था? यदि हाँ, तो दोनों स्टेडियमों के निर्माण का कार्य आज तक प्रारम्भ नहीं होने के क्या कारण है? इनके लिये कौन अधिकारी दोषी हैं? उन पर क्या कार्यवाही की गई है? नहीं तो कब तक की जावेगी? (ख) विधान सभा क्षेत्र डबरा के दोनों स्टेडियमों का कार्य कब तक प्रारम्भ करा दिया जावेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। स्टेडियम निर्माण हेतु केवल ग्राम बेरू का चयन किया गया था। ग्राम चांदपुर में स्टेडियम निर्माण की कोई कार्यवाही नहीं की गई। ग्राम बेरू में चयनित शासकीय भूमि तकनीकी रूप से स्टेडियम निर्माण हेतु उपर्युक्त नहीं पाये जाने पर उक्त स्थान पर स्टेडियम का निर्माण नहीं हो सका। उपर्युक्त के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते है। (ख) विधानसभा क्षेत्र डबरा अंतर्गत स्टेडियम निर्माण हेतु नवीन चयनित ग्राम भगेह में भूमि आरक्षित कर ली गई है। समय बताया जाना संभव नहीं है।
स्वच्छ भारत मिशन के अन्तर्गत शौचालय निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
88. ( क्र. 2254 ) श्री प्रहलाद भारती : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पोहरी विधानसभा क्षेत्र में स्वच्छ भारत मिशन अंतर्गत कितने पात्र हितग्राहियों को शौचालयों के निर्माण की स्वीकृति तो हुई थी, किंतु उनके शौचालयों का निर्माण कार्य प्रारंभ ही नहीं हुआ। ऐसे हितग्राहियों के शौचालयों के निर्माण कार्य प्रारंभ नहीं होने के क्या कारण हैं? स्पष्ट उल्लेख करते हुए जानकारी विकासखण्डवार, पंचायतवार, संख्यात्मक उपलब्ध करावें। (ख) पोहरी विधानसभा अंतर्गत ऐसे कितने हितग्राही हैं जिनके शौचालयों का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है किन्तु उनका भुगतान आज दिनांक तक लंबित है? उक्त भुगतान लंबित होने के क्या कारण हैं तथा ऐसे हितग्राहियों का भुगतान कब तक कर दिया जावेगा जानकारी विकासखण्डवार, ग्रामवार, पंचायतवार, नामवार उपलब्ध करावें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) अंतर्गत पात्र हितग्राहियों को स्वच्छ एम.पी. पोर्टल पर ऑनलाईन आवेदन दर्ज करने के उपरांत शौचालय निर्माण कराकर भौतिक सत्यापन पश्चात प्रोत्साहन राशि का भुगतान एफ.टी.ओ. के माध्यम से किये जाने का प्रावधान है। हितग्राहियों को पूर्व से स्वीकृति जारी नहीं की जाती। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ख) पोहरी विधानसभा अंतर्गत किसी पात्र हितग्राही का शौचालय निर्माण उपरांत प्रोत्साहन राशि का भुगतान लंबित नहीं है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
सेवानिवृत्त कर्मचारियों के स्वत्वों का भुगतान
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
89. ( क्र. 2256 ) श्री प्रहलाद भारती : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शिवपुरी जिले में सामाजिक न्याय एवं निःशक्त जन कल्याण विभाग के अंतर्गत विगत दो वर्षों में कौन-कौन से अधिकारी-कर्मचारी सेवानिवृत्त हुए हैं? वर्षवार, तिथिवार जानकारी दें। उक्त अवधि में सेवानिवृत्त हुए इन अधिकारियों-कर्मचारियों को ऐन्ट्रीसिपेट्री पेंशन तथा अन्य किन-किन स्वत्वों का भुगतान किया गया? किन-किन स्वत्वों का भुगतान आज दिनांक को भी शेष है? भुगतान किए गए स्वत्वों की जानकारी तिथिवार दें। लंबित पेंशन प्रकरण एवं शेष स्वत्वों का भुगतान किस दिनांक तक कर दिया जावेगा? (ख) क्या शासन अथवा संचालनालय स्तर से अनापत्ति प्रमाण-पत्र के जारी न होने के कारण कई अधिकारियों-कर्मचारियों के स्वत्वों का भुगतान लंबित है? ऐसे अधिकारी-कर्मचारियों के अनापत्ति प्रमाण-पत्र शासन संचालनालय स्तर पर कब तक जारी कर दिए जावेंगे? (ग) क्या उक्त अवधि में सेवानिवृत्त हुए अधिकारियों-कर्मचारियों को समयमान वेतनमान अथवा तृतीय वेतनमान की पात्रता थी? यदि हाँ, तो कब तक इसके आदेश जारी कर दिए जाएंगे?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में अधिकारियों/कर्मचारियों की विभागीय जाँच संस्थित/शिकायत लंबित होने के कारण अनापत्ति प्रमाण-पत्र जारी नहीं किया गया है। (ग) प्रश्नावधि में सेवानिवृत्त हुये अधिकारी/ कर्मचारियों को समयमान वेतनमान नियमानुसार स्वीकृत किया गया है।
शासकीय महाविद्यालयों में संचालित स्व-वित्तीय पाठयक्रम
[उच्च शिक्षा]
90. ( क्र. 2273 ) श्री अनिल फिरोजिया : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उच्च शिक्षा विभाग द्वारा शासकीय महाविद्यालयों में संचालित स्व-वित्तीय पाठयक्रमों में कार्यरत अतिथि विद्वान, प्रयोगशाला तकनीशियन एवं प्रयोगशाला परिचालक को नियमित किये जाने की क्या योजना है? (ख) उज्जैन जिले के किन-किन शासकीय महाविद्यालयों में यह कोर्स संचालित है? वर्तमान में कितना मानदेय दिया जा रहा है? उक्त कर्मचारियों को क्या 29 दिन का वेतन दिया जाता है? यदि हाँ, तो क्यों? क्या उक्त मानदेय पर्याप्त है? (ग) क्या वर्षों से कार्यरत उक्त कर्मचारियों को नियमित किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो उक्त पाठ्यक्रम संचालित करने का क्या औचित्य है?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) शासकीय महाविद्यालयों में जनभागीदारी समिति द्वारा संचालित स्व-वित्तीय पाठ्यक्रमों में अस्थाई रूप से कार्यरत अतिथि विद्वान, प्रयोगशाला तकनीशियनों एवं प्रयोगशाला परिचारकों को नियमित किये जाने की कोई कार्य योजना नहीं है। (ख) उज्जैन जिले के संबंधित शासकीय महाविद्यालय में संचालित कोर्स की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। जिसमें मानदेय एवं कार्य दिवसों का भी उल्लेख है। संबंधित कर्मचारियों का मानदेय जनभागीदारी समिति द्वारा तय किया जाता है। (ग) जी नहीं। कार्यरत कर्मचारियों को अस्थाई व्यवस्था के तहत मानदेय पर नियुक्त किया जाता है। उक्त पाठ्यक्रमों को संचालित करने का औचित्य यह है कि संबंधित विद्यार्थियों को अध्ययन लाभ प्राप्त हो सके।
ग्राम पंचायत द्वारा किए गये अधूरे कार्यों की जानकारी
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
91. ( क्र. 2276 ) श्री पुष्पेन्द्र नाथ पाठक : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न क्र. 3760 दिनांक 02 मार्च 16 में ग्राम पंचायत कुर्रा में किए गए कार्यों की भौतिक स्थिति के संबंध में कार्य प्रगतिरत है, बताया गया तो प्रगतिरत कार्यों की प्रश्न दिनांक में क्या स्थिति है? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में क्या प्रगतिरत कार्य पूर्ण हो चुके है? यदि हाँ, तो कब? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के अनुक्रम में क्या प्रगतिरत कार्यों के बाद नये कार्य स्वीकृत करवाए गये? यदि हाँ, तो कौन से एवं क्यों? अधूरे कार्यों को पहले पूर्ण न कराने का क्या तार्किक कारण है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एवं (ख) प्रश्न क्र. 3760 दिनांक 2 मार्च 2016 के उत्तर में तत्समय प्रश्नांकित ग्राम पंचायत अतरार में किये गये 05 मेढ़बंधान कार्यों की भौतिक स्थिति प्रगतिरत बतायी गयी थी, जिन्हें वर्ष 2016-17 में पूर्ण किया जा चुका है। (ग) कोई नये कार्य स्वीकृत नहीं कराये गये। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
काजवे-कम-स्टॉप डेम निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
92. ( क्र. 2295 ) श्री मोती कश्यप : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता ने अपने पत्र दिनांक 3-8-2016 द्वारा मा. विभागीय मंत्री जी एवं दिनांक 23-11-2015 द्वारा कलेक्टर कटनी को वि.स.क्षे. बड़वारा की किन्हीं नदियों में किन्हीं स्थानों में किसी योजना के अंतर्गत काजवे-कम-स्टॉप डेम बनवाने हेतु कोई लेख किया है? (ख) क्या प्रश्नांश (क) संबंधित कार्य से सुदूरवर्ती आदिवासी अंचल के ग्रामीणों को जिला, तहसील, वि.खं., थाना मुख्यालय, विद्यालय व बाजार आदि आने-जाने में दूरी बचेगी? (ग) क्या कार्यपालन यंत्री, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा कटनी द्वारा प्रश्नांश (क) के किन्हीं राशि के कोई प्राक्कलन बनाये गये हैं? (घ) क्या प्रश्नांश (ग) को कब तक प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान कर दी जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) प्रश्नकर्ता माननीय विधायक द्वारा 23.11.2015 द्वारा कलेक्टर को पत्र के माध्यम से 04 स्थानों पर काजवे-कम-स्टॉप डेम बनाने हेतु लेख किया गया है। (ख) जी हाँ। (ग) जी हाँ। (घ) वित्तीय संसाधन उपलब्ध होने पर स्वीकृति संभव होगी। अतः स्वीकृति की निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
बंद खदानों को बिना जाँच कराये चालू कराया जाना
[खनिज साधन]
93. ( क्र. 2298 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या श्रवण कुमार पाठक एवं ए.आर. ट्रांसपोर्ट, रामस्थान में विगत 10 वर्षों से खनिज, राजस्व, पर्यावरण, परिवहन एवं पुलिस विभाग मिलकर शासन के नियमों एवं उच्च न्यायालय के निर्देशों तथा ई.टी.पी. सिस्टम का मजाक बना रखा है? इस बात के प्रमाण हेतु रामस्थान की लोडिंग पर्ची एवं प्रिज्म सीमेंट की अनलोडिंग पर्ची जप्त कर खनिज मंत्री उक्त विभागों की उच्च स्तरीय संयुक्त टीम बनाकर जाँच कराएंगे? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में वर्णित लीज धारक एवं ट्रांसपोर्टर दोनों मिलकर तहसील रामपुर बघेलान के ग्राम सतरी में खदान खोलने की प्रक्रिया में लगे हुए हैं, जबकि ग्राम सतरी, सेमरा, बंदरखा, हिनौती, हिनौता, सज्जनपुर आदिवासी बस्ती आदि क्षेत्र की जनता एवं जनप्रतिनिधि उक्त खदान का विरोध कर रहे हैं? क्या जनमानस एवं जनप्रतिनिधियों की भावनाओं का ध्यान रखते हुए जाँच उपरान्त ही खदान खोले जाने की अनुमति प्रदान करेंगे? (ग) क्या रामस्थान में विगत दो माह से अवैध उत्खनन एवं ओव्हर लोडिंग के आरोप में खदान बंद थी? कलेक्टर सतना ने क्या एक समाचार पत्र में वर्जन दिया था कि उक्त खदान की शिकायत के संबंध में बहुत मोटी फाइल है, चुनाव बाद इसे पढूंगा, इसके बावजूद ही कोई कार्यवाही करेंगे? लेकिन 03/11/2017 को उक्त खदान चालू करा दी गई? जबकि इसके विरोध में 10/10/2017 को बिन्दुवार जाँच का आवेदन दिया जा चुका था। बिना इसकी जाँच कराये क्यों चालू करा दी गई? बिन्दुवार जानकारी देवें।
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी नहीं। प्रश्न में उल्लेखित विषयवस्तु के संबंध में कलेक्टर, सतना द्वारा आदेश दिनांक 08.11.2017 से जाँच दल का गठन किया गया है। अत: पृथक से जाँच किये जाने की वर्तमान में आवश्यकता नहीं है। (ख) जी नहीं। क्षेत्र की जनता एवं जनप्रतिनिधि द्वारा उक्त खदान का विरोध करने की स्थिति प्रकाश में नहीं आई है। ग्राम सतरी में प्रश्न में उल्लेखित व्यक्ति को पूर्व से स्वीकृत खदान है। जो कि नियमानुसार प्रक्रिया पूर्ण होने पर ही पुन: चालू होगी। अत: जाँच उपरांत खदान की अनुमति दिये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। खनिपट्टाधारी द्वारा स्वयं अनुरोध कर खनन संक्रियाएं बंद कराई गई थीं। जिसे उनके पुन: अनुरोध पर राज्य के राजस्व हित को ध्यान में रखते हुए खदान को पुन: चालू किया गया है। दैनिक समाचार पत्र इस आशय का समाचार पत्र दिनांक 25.10.2017 को प्रकाशित किया गया था। बिन्दुवार शिकायत पत्र दिनांक 10.10.2017 के संदर्भ में कलेक्टर, सतना द्वारा आदेश दिनांक 08.11.2017 से संयुक्त जाँच दल का गठन किया गया है। जाँच प्रक्रियाधीन है। बिन्दुवार जानकारी जाँच में निष्कर्ष प्राप्त होने के उपरांत अनुशंसित कार्यवाही किया जाना संभव होगा।
विधायक निधि के कार्य
[नगरीय विकास एवं आवास]
94. ( क्र. 2310 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मंदसौर नगर पालिका में विधायक निधि से 1 अप्रैल 2016 के पश्चात कितने-कितने सीमेंट, क्रांकीट सड़कों के कार्य कहाँ-कहाँ, किस-किस ठेकेदार ने कब-कब किये? कार्य प्रारम्भ की तिथि, कार्य पूर्ण की तिथि सड़कों की वर्तमान स्थिति, स्वीकृत राशि सड़क की गारंटी अवधि सहित देवें। (ख) क्या प्रश्नकर्ता विधायक ने अपने पत्र क्रमांक 283 दिनांक 6 नवम्बर 2017 को मुख्य नगर पालिका अधिकारी को मंदसौर विधायक निधि से निर्मित सड़क जमीदार कॉलोनी नानालाल गुजरवाली सड़क, महावीर कॉलोनी गली न. 1, हनुमान मन्दिर से लक्ष्मीनगर तक की सी. सी सड़कों के खराब होने की, प्रश्नकर्ता विधायक के पत्र पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? (ग) प्रश्नांश (ख) सम्बन्धी सड़कों के खराब होने की कितनी शिकायत किस-किस व्यक्ति ने कब-कब की? उस पर नगर पालिका द्वारा ठेकेदार के खिलाफ क्या-क्या कार्यवाही की गयी? (घ) विधायक निधि की, उक्त अवधि में निर्मित सड़कों के, कितने ठेकेदारों की, किन-किन खराब सड़कों के लिए, कितनी-कितनी राशी रोकी गयी तथा इनके खिलाफ खराब सड़कों को लेकर किस-किस प्रकार की कार्यवाही की गयी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जी हाँ। रोड की सरफेस खराब होने के कारण नगरपालिका परिषद्, मंदसौर द्वारा संबंधित ठेकेदारों को पूर्व में सूचना पत्र जारी किए गए थे। माननीय विधायक जी का पत्र प्राप्त होने के उपरांत संबंधित ठेकेदारों को पुन: सूचना पत्र जारी किए गए हैं। (ग) प्रश्नांश (ख) के संबंध में जमींदार कॉलोनी में सी.सी. रोड निर्माण कार्य की शहर के नागरिकों द्वारा दिनांक 01.05.2017 को एवं श्री जे.के. शर्मा द्वारा दिनांक 18.07.2017 को शिकायत की गई थी। निकाय द्वारा संबंधित ठेकेदार को सूचना पत्र क्रमांक 213 दिनांक 09.05.2017 जारी किया गया था। जमींदार कॉलोनी की सड़क की राशि का वर्तमान तक ठेकेदार को कोई भी भुगतान नहीं किया गया है। प्रश्नांश (ख) शेष सड़कों के संबंध में निकाय में कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
जनरेटर सेट में आर्थिक अनियमितता
[नगरीय विकास एवं आवास]
95. ( क्र. 2324 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या अनुविभागीय अधिकारी (रा.) द्वारा कलेक्टर, होशंगाबाद को दिये गये अपने जाँच प्रतिवेदन क्रमांक 129 दिनांक 17.02.2017 में नगर पालिका परिषद् सिवनी मालवा जिला-होशंगाबाद द्वारा 1,26,317.00 रूपये का अधिक भुगतान कर जनरेटर सेट क्रय किये जाने के लिये तात्कालिक मुख्य नगर पालिका अधिकारी, निविदा समिति के सदस्य श्री रंजीत सिंह उपयंत्री, श्री राजेन्द्र कुमार मालवीय सहायक ग्रेड-3 एवं नगर पालिका अध्यक्ष श्रीमति कल्पना देवी दयाल यादव जनरेटर क्रय के दोषी पाये गये हैं? (ख) यदि हाँ, तो कलेक्टर होशंगाबाद द्वारा विधि सलाहकार-5 लोकायुक्त भोपाल को लिखे गये पत्र क्रमांक/4570, दिनांक 30.03.2017 के संदर्भ में विधि सलाहकार-5 लोक आयुक्त कार्यालय म.प्र. भोपाल द्वारा कलेक्टर होशंगाबाद को लिखे गये पत्र क्रमांक/3014, दिनांक 10.07.2017 अनुसार अनुविभागीय अधिकारी के जाँच प्रतिवेदन से सहमत होते हुये सभी दोषियों के विरूद्ध नियमानुसार अनुशासनात्मक कार्यवाही अभी तक नहीं किये जाने का क्या कारण है? कब तक सभी दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही कर दी जावेगी? (ग) क्या उक्त दोषियों के विरूद्ध आर्थिक अनियमितता किये जाने पर कोई आपराधिक प्रकरण भी दर्ज किया जावेगा? (घ) यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो उसका क्या कारण है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) दोषियों को कारण बताओ सूचना पत्र जारी किये गये हैं। नियमानुसार अनुशासनात्मक कार्यवाही प्रचलन में हैं, लोकायुक्त कार्यालय में कार्यवाही प्रस्तुत होने से लोकायुक्त कार्यालय के निष्कर्ष के आधार पर कार्यवाही की जायेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) एवं (घ) दोषियों के विरूद्ध लोकायुक्त कार्यालय में कार्यवाही प्रचलित होने से लोकायुक्त कार्यालय के निष्कर्ष के आधार पर कार्यवाही की जायेगी। शेषांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
आश्वासनों की पूर्ति
[नगरीय विकास एवं आवास]
96. ( क्र. 2335 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के ध्यानाकर्षण सूचना टीप में नगर परिषद् मऊगंज रीवा के वार्ड क्र. 11 घुरेहटा स्थित क्रमश: गाड़ा बांध के पास हरिजन बस्ती एवं मांच उपजेल के दक्षिण बस्ती में विद्युतीकरण कार्य हेतु ई-टेण्डर क्र. 25526, 27527, 27528, 27529, दिनांक 02.12.2016 को निविदा आमंत्रित की जा चुकी थी? ध्यानाकर्षण सूचना क्रमांक 161 के विभागीय टीप नगर परिषद् मऊगंज में स्थित सुन्दरपूर्वा तालाब के सौन्दर्यीकरण कराये जाने की डी.पी.आर. तैयार कर तकनीकी स्वीकृत की राशि रूपये 57 लाख प्राप्त की गई है? अनुदान की मांग हेतु परिषद् की आगामी बैठक में रखा गया है? (ख) क्या प्रश्नकर्ता के ध्यानाकर्षण सूचना क्रमांक 337 के विभागीय टीप में उपाध्यक्ष नगर पंचायत मऊगंज के पत्र दिनांक 03.03.2017 द्वारा वार्ड क्रमांक 06 के प्रस्ताव दिनांक 24.07.2015 के पालन पर अध्यक्ष नगर परिषद् द्वारा दिनांक 11.05.2017 स्वीकृत पर भाव पत्र निविदा आमंत्रण का लेख एवं वार्ड क्रमांक 06 व 07 के मध्य बस स्टैण्ड मोतीलाल सिंह एडवोकेट के घर से बंसल बस्ती पहुंच मार्ग के दोनों तरफ नाली का जीर्णोद्धार कार्य हेतु निर्माण सामग्री के भाव पत्र आमंत्रण की कार्यवाही प्रचलन में है? एक माह के अन्दर जीर्णोद्धार कराया जा सकेगा? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के प्रकाश में यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक उपरोक्त प्रत्येक के संबंध में क्या-क्या कार्यवाही की गई? प्रत्येक कार्यवाही की प्रति उपलब्ध करावें। प्रश्नांश (क) के विद्युतीकरण की निविदा त्रुटिपूर्ण पर सुधार कर पुन: निविदा आमंत्रित की गई? यदि हाँ, तो कब प्रति उपलब्ध करावें? यदि नहीं, तो क्यों कारण स्पष्ट करें? इसके लिये कौन-कौन जिम्मेदार है, बतावें? सुन्दरपूर्वा तालाब सौन्दर्यीकरण हेतु अनुदान भाग के संबंध में प्रगति की प्रति उपलब्ध करावें? (घ) प्रश्नांश (ख) के प्रकाश में अध्यक्ष नगर परिषद् द्वारा दिनांक 11.05.2017 के स्वीकृति पर उपाध्यक्ष नगर पंचायत के पत्र एवं मोतीलाल सिंह एडवोकेट के जीर्णोद्धार पर संतुष्टि प्रमाण-पत्र उपलब्ध करावें। यदि नहीं, तो आश्वासन की पूर्ति क्यों नहीं की गई? कारण स्पष्ट करें। इसके लिये कौन-कौन जिम्मेदार है? आश्वासन की पूर्ति कब तक की जावेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। (ख) जी हाँ। (ग) नगर परिषद् मऊगंज जिला रीवा के वार्ड क्रमांक 11 घुरहेटा स्थित क्रमश: गाड़ा बांध के पास हरिजन बस्ती एवं मांच उपजेल के दक्षिण बस्ती के विद्युतीकरण पूर्ण हो चुका है एवं सुन्दरपूर्वा तालाब सौन्दर्यीकरण कार्य के लिये नगर परिषद् मऊगंज द्वारा अनुदान राशि की मांग की गई है। प्रकरण में अनुदान राशि दिये जाने पर संचालनालय नगरीय प्रशासन एवं विकास भोपाल द्वारा कार्यवाही की जा रही है। हाफ राउण्ड नाली निर्माण प्रांरभ करने के पूर्व रहवासियों ने आर.सी.सी. नाली की मांग की, जिसे स्वीकार करते हुये तद्नुसार प्रस्ताव तैयार करवाया जा रहा है। वार्ड क्रमांक 06 में मोतीलाल सिंह एडवोकेट के घर से मेवालाल स्वीपर के घर तक बनने वाली सी.सी. रोड के निर्माण कार्य के कार्यादेश दिये गये है एवं इस सड़क के साथ नाली का जीर्णोद्धार भी किया जा रहा है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। विद्युतीकरण कार्य हो जाने से शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) नाली के जीर्णोद्धार का कार्य कराया जाना प्रस्तावित है। कार्य पूर्ण होने पर नियमानुसार निर्धारित प्रमाण-पत्र प्राप्त किये जा सकेंगे। अन्य उल्लेखित प्रमाण-पत्र प्राप्त करने का कोई प्रावधान नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कार्यादेश की राशि को निर्गमित किया जाना
[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]
97. ( क्र. 2336 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के स्थानीय क्षेत्रीय विकास योजना अन्तर्गत प्रशासकीय स्वीकृत संयुक्त संभागीय योजना सांख्यिकी पत्र क्रमांक 2036 दिनांक 22.11.2014 को प्रदान कर वी.सी.ओ. के माध्यम से डब्ल्यू.डी.डी.एफ. व्यवस्था के अन्तर्गत पत्र क्रमांक 3068/22/बी-1/यो/ब./2015 दिनांक 04.03.2015 को मांग संख्या 60 शीर्ष 4515 अन्य ग्रामीण विकास कार्यक्रम पर पूंजीगत व्यय (800) अन्य व्यय-0101 राज्य आयोजना सामान्य-884- म.प्र.वि.स. नि.क्षे.वि.यो.-51 अन्य प्रकार के तहत ग्रा.यां.से.सं. रीवा को 4 लाख रूपये का अधिकार सौंपा गया था? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में निविदा आमंत्रण की कार्यवाही पश्चात निविदाकार को कार्यादेश जारी कर कार्य कराया गया था। यदि हाँ, तो संविदाकार का देयक लंबित होने से कार्य पूर्ण नहीं किया जा सका है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के प्रकाश में ग्रा.यां.से. सं.क्र.2 रीवा द्वारा अपने पत्र क्र. 542 दिनांक 24.07.2017 को प्रमुख अभियंता ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विन्ध्याचल भवन द्वितीय तल मध्यप्रदेश को लिखा गया है? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के प्रकाश में यदि हाँ, तो राशि (क) अनुसार मांग संख्या में डालने की कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो समय-सीमा बतावें। यदि नहीं, तो क्यों?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) से (घ) जानकारी संकलित की जा रही है।
पंचायत सहायक सचिवों का नियमितीकरण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
98. ( क्र. 2352 ) श्री राम लल्लू वैश्य : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2010 से 2012 से ग्राम रोजगार सहायक की भर्ती मनरेगा के लिए की गई थी? इसके बाद दिनांक 06/07/2013 को पंचायत सहायक सचिव घोषित किया था, किन्तु आज दिनांक तक नियमित क्यों नहीं किया गया? (ख) क्या मध्यप्रदेश शासन के मंत्री मण्डल के पालन में प्रकाशित राजपत्र 250 दिनांक 23/05/2012 के संदर्भ में आदेश पत्र 1415 दिनांक 10/11/2009 एवं 02/06/2012 में ग्राम रोजगार को पंचायत सहायक सचिव एवं मध्यप्रदेश शासन असाधारण राजपत्र दिनांक 23/05/2012 क्रमांक 250 के द्वारा मध्यप्रदेश की ग्राम पंचायतों में अधिनियम की धारा 69 में उपधारा (1) में संशोधन करते हुए सहायक सचिव किए जाने का प्रस्ताव किया गया है। शासन निर्णय एवं प्रकाशित राजपत्र के आदेश क्रमांक 932/761/13/22 दिनांक 06/07/2013 को ग्राम रोजगार सहायक को पंचायत का सहायक सचिव घोषित किया गया था तो फिर नियमितीकरण में कहां परेशानी आ रही है और इन्दौर श्रम मंत्रालय के आदेश अनुसार इनको मानदेय क्यों नहीं दिया जा रहा है? एक अल्प मानदेय वाले ग्राम रोजगार सहायक की मौत हो जाती है, तो उसके परिवार के लिए भारत सरकार की ओर से क्या मदद की जाएगी? ग्राम रोजगार सहायक का अत्यधिक शोषण क्यों किया जा रहा है? (ग) क्या ग्राम रोजगार सहायक की भर्ती नियम अनुसार ग्राम रोजगार सहायक की सेवा समाप्ति का अधिकार मात्र जिला पंचायत सी.ई.ओ. महोदय, माननीय कलेक्टर महोदय के अनुमोदन के उपरांत की जाती थी, किन्तु अभी वर्तमान में जी.आर.एस. की सेवा समाप्ति के अधिकार जनपद सी.ई.ओ. महोदय को किस नियम के अंतर्गत आदेशित किया गया है? (घ) क्या जब शासन ने जी.आर.एस. को 06/07/2013 को पंचायत सहायक सचिव समस्त कलेक्टर महोदय के द्वारा घोषित किया जा चुका है, तो इसमें स्पष्ट है कि पंचायत सहायक सचिव की सेवा समाप्त नहीं हो कर उसको निलंबन किया जाएगा तो फिर किस नियम के अंतर्गत सेवा समाप्ति की जा रही है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। दिनांक 10.11.2009 एवं 2 जून 2012 के निर्देश अनुसार ग्राम रोजगार सहायक की भर्ती नरेगा के लिए की गई थी। दिनांक 06.07.2013 के निर्देश में ग्राम रोजगार सहायक को सहायक सचिव घोषित करने का प्रावधान किया गया था, किन्तु उक्त आदेश में नियमितीकरण का कोई प्रावधान नहीं था। (ख) जी नहीं। पत्र क्र. 14115 दि. 10.11.2009 एवं पत्र क्र. 5335 दि. 2 जून 2012 में ग्राम रोजगार सहायक भर्ती के संबंधी निर्देश है। राजपत्र क्र. 250 दि. 23 मई 2012 में किसी ग्राम पंचायत के लिये एक सचिव तथा एक या अधिक सहायक सचिव को नियुक्त करने का प्रावधान किया गया है। दि. 6 जुलाई 2013 के आदेश में ग्राम रोजगार सहायक को पंचायत सहायक सचिव घोषित करने के प्रावधान है। नियमितीकरण का कोई प्रावधान नहीं है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। भर्ती नियम में संविदा पारिश्रमिक पर कार्य पर रखने का प्रावधान है, इन्दौर श्रम मंत्रालय के आदेश अनुसार मानदेय देने का प्रावधान नहीं है। ग्राम रोजगार सहायक की मौत पर भारत शासन की ओर से उनके परिवार को मदद देने का कोई प्रावधान नहीं है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। पत्र क्र. 5335 दि. 2 जून 2012 में कार्यक्रम अधिकारी द्वारा सकारण लिखित में संविदा वृद्धि न करने के निर्देश दिये गये हो, तो ग्राम पंचायत द्वारा संविदा वृद्धि की जा सकती है (पैरा-11)। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) दि. 6 जूलाई 2013 के निर्देश में स्पष्ट है कि सहायक सचिव का मूल पद ग्राम रोजगार सहायक है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
स्वच्छ भारत मिशन अंतर्गत शौचालयों का निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
99. ( क्र. 2353 ) श्री राम लल्लू वैश्य : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिंगरौली जिले के अंतर्गत स्वच्छ भारत एवं स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत कितने घरों में शौचालयों का निर्माण कराया गया है? कितने ग्राम ओ.डी.एफ. हुये हैं? विवरण देंवे। (ख) सिंगरौली जिले के अंतर्गत किन-किन गाँवों के घरों में शौचालय का निर्माण कराया जाना शेष है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत जिले में अब तक कुल 49007 घरों में शौचालय का निर्माण कराया जा चुका है। संबंधित ग्राम पंचायतों द्वारा 117 ग्राम ओ.डी.एफ. घोषित किये गये हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
गौण खनिज हेतु अस्थाई अनुज्ञा पत्र
[खनिज साधन]
100. ( क्र. 2365 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा प्रश्न क्र. (451) दिनांक 20 जुलाई, 2017 के उत्तर (क) प्रश्नानुसार उल्लेखित कोई अधिनियम प्रचलन में नहीं है, अत: प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता दिया है, तो 31 मार्च, 2016 को समाप्त हुये वर्ष के लिये भारत के नियंत्रक एवं महालेखा के परीक्षक का राजस्व क्षेत्र पर प्रतिवेदन खनन प्राप्तियां के पृष्ठ क्र. 123 पर म.प्र. खनिज नियम 1996 के नियम 68 (1) के अनुसार कलेक्टर किसी भी विनिदृष्टि खदान अथवा भूमि पर किसी भी गौण खनिज जिसकी किसी विभाग एवं केन्द्र सरकार व राज्य सरकार किसी विभाग के उपक्रम के कार्यों के लिये आवश्यकता हो उत्खनन करने हटाने तथा परिवहन के लिये अनुज्ञा दे सकेंगे का क्या स्पष्ट उल्लेख है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में कलेक्टर रीवा को पत्र क्र. 961 दिनांक 17.08.2017 एवं जिला खनिज अधिकारी को पत्र क्र. 880 दिनांक 22.05.2017 के माध्यम से कार्यवाही एवं जानकारी बाबत् लिखा गया जिस पर कार्यवाही अपेक्षित है, क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार चाही गई जानकारी न देने एवं प्रश्नांश (ख) अनुसार कार्यवाही कर अस्थाई अनुज्ञा पत्र जारी न करने ठेकेदारों को लाभान्वित कर शासन के राजस्व का नुकसान करने के जिम्मेदार अधिकारियों/कर्मचारियों के ऊपर क्या कार्यवाही प्रस्तावित करेंगे? इनसे राजस्व की वसूली की पूर्ति करते हुये क्या गबन का प्रकरण पंजीयत करायेंगे, तो कब तक? अगर नहीं तो क्यों?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रश्न में उल्लेखित विधानसभा प्रश्न क्रमांक 451 में यह प्रश्न पूछा गया था कि, मध्यप्रदेश गौण खनिज अधिनियम, 1996 के नियम 68 (1) के अनुसार गौण खनिज के लिये अस्थाई अनुज्ञा देने का प्रावधान हैं। प्रदेश में मध्यप्रदेश गौण खनिज अधिनियम, 1996 जैसा कोई अधिनियम नहीं है। अपितु मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 के नियम 68 में गौण खनिज हटाने हेतु उत्खनन अनुज्ञा प्रदान किये जाने का प्रावधान है। (ख) प्रश्न में उल्लेखित पत्र दिनांक 17.08.2017 का जबाव कलेक्टर कार्यालय द्वारा पत्र दिनांक 12.09.2017 तथा पत्र दिनांक 22.05.2017 का उत्तर कलेक्टर कार्यालय द्वारा पत्र दिनांक 03.06.2017 से प्रेषित किया गया है। प्रेषित पत्रों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (ख) में दिये उत्तर अनुसार अनुज्ञा जारी की गई है। अत: शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
प्रधान मंत्री आवास योजना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
101. ( क्र. 2366 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले में प्रधान मंत्री आवास योजना के लक्ष्य जनपदवार कितने दिये गये थे? वर्तमान में आवासों की भौतिक स्थित क्या है? इनमें से कितने हितग्राहियों को प्रथम, द्वितीय, तृतीय किश्त की राशि प्रदान की जा चुकी है एवं कितने ऐसे हितग्राही हैं, जिनको प्रश्नांश दिनांक तक पहली किश्त नहीं प्रदान की गई, तो क्यों? राशि प्रदान किये जाने के बाद भी कार्य प्रारंभ नहीं किया गया? ऐसे कितने हितग्राही हैं, जो राशि प्राप्त के बाद भी आवास का निर्माण प्रारंभ नहीं किये गये? उपरोक्त सभी जानकारी जनपदवार विवरण सहित योजना प्रारंभ दिनांक से प्रश्नांश दिनांक तक का देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के आवास हेतु हितग्राहियों का चयन शासन की जारी सूची वर्ष 2011 अनुसार न कर कुछ पात्र हितग्राहियों के नाम छोड़ दिये गये तो क्यों? क्या उनको पुन: स्वीकृति प्रदान कर राशि जारी करायेंगे तो कब तक? बतावें तथा क्या पुन: उनको आवेदन प्राप्त कर उनके नाम आवास प्रदान करने हेतु सूची में नाम जोड़ने हेतु आदेश जारी करावेंगे तो कब तक? बतावें। अगर नहीं करावेंगे तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) के आवासों का निर्माण बालू/रेत की प्रभावित हो रहे हैं, इस पर सरकार की क्या योजना है? जमीन के पट्टे (भूमि स्वामित्व) प्रमाण-पत्र न होने के कारण कितने हितग्राही लाभ से वंचित है? जमीन उपलब्ध कराने के साथ इनके निर्माण एवं राशि जारी करने पर क्या कार्यवाही करेंगे? (घ) प्रश्नांश (क) के आवास के कार्यपूर्ण होने के बाद भी हितग्राहियों को समय पर राशि जारी न किये जाने के लिये कौन-कौन दोषी हैं? साथ ही सूची अनुसार हितग्राहियों को लाभान्वित न करने उनके नाम को छोड़ने के लिये जिम्मेवारों पर क्या कार्यवाही करेंगे? प्रश्नांश (ख) अनुसार वंचित पात्र हितग्राहियों के नाम जोड़कर लाभान्वित करवाने हेतु कब तक आदेश जारी करेंगे? भूमि की उपलब्धता न होने के कारण एवं भूमि के विवाद के कारण आवास के निर्माण कार्य न होने पर क्या कार्यवाही करेंगें एवं भूमि संबंधितों को कब तक उपलब्ध करा देंगे?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। सभी लक्षित 25,172 हितग्राहियों को प्रथम किश्त की जा चुकी है। 920 हितग्राहियों द्वारा प्रश्न दिनांक तक आवास निर्माण कार्य प्रारम्भ नहीं किया गया है। (ख) जी नहीं। सामाजिक आर्थिक एवं जाति जनगणना 2011 की सर्वे सूची में दर्ज परिवारों की वंचितता की तीव्रता के आधार पर प्राथमिकता क्रम में किसी हितग्राही के छूटने की सूचना नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के अन्तर्गत आवासों के निर्माण हेतु बालू/रेत की समस्या नहीं है। 226 भूमिहीन हितग्राहियों को आवासीय पट्टे उपलब्ध कराने हेतु कार्यवाही प्रचलन में है। आवासीय पट्टे के अभाव में किसी भूमिहीन हितग्राही को योजना के लाभ से वंचित नहीं किया गया है। आवास निर्माण हेतु प्रथम किश्त जारी की जा चुकी है। (घ) प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। वंचित पात्र परिवारों के प्रकरण संज्ञान में आने पर आवास योजना के अन्तर्गत लाभांवित किया जायेगा। भूमिहीन पात्र परिवारों को आवासीय भू-खण्ड उपलब्ध कराने की कार्यवाही प्रचलन में है। समय-सीमा निर्धारित किया जाना संभव नहीं है।
माननीय न्यायालय के आदेश का पालन
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
102. ( क्र. 2414 ) श्री मंगल सिंग धुर्वे, (श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल) : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अतिरिक्त सहायक विकास आयुक्त पदेन मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत को माननीय उच्च न्यायालय की खंडपीठ इन्दौर द्वारा 20 अप्रैल 2015 को पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग में भेजे जाने का आदेश पारित किया गया है? (ख) क्या उक्त निर्णय के विरूद्ध शासन द्वारा क्रमश: डबल बैंच एवं सुप्रीम कोर्ट में अपील की गई थी, जो कि खारिज हो चुकी है? (ग) क्या उक्त निर्णय का पालन समय-सीमा में नहीं हो पाने के कारण शासन के विरूद्ध माननीय उच्च न्यायालय की अवमानना का प्रकरण वर्तमान में प्रचलित है? (घ) यदि हाँ, तो उच्च न्यायालय द्वारा पारित निर्णय का क्रियान्वयन कब तक किया जावेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) से (ग) जी हाँ। (घ) कार्यवाही प्रचलन में है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
ग्राम पंचायतों की वित्तीय सीमा निर्माण कार्य
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
103. ( क्र. 2415 ) श्री मंगल सिंग धुर्वे : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्राम पंचायतों के निर्माण कार्यों की वित्तीय सीमा 15 लाख है, जिसमें कि जो पुल पुलिया 16 से 20 लाख की स्वीकृत की जाती है? (ख) टेंडर प्रक्रिया एवं ठेकेदारों की अरूचि की वजह से समय पर काम नहीं हो पाता है? (ग) क्या 20 लाख की वित्तीय सीमा निर्माण कार्यों में की जाने हेतु शासन कार्यवाही कर रहा है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ, जी नहीं। (ख) ग्राम पंचायतों में ठेकेदारी प्रथा प्रतिबंधित है। अतः प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं।
आवास एवं राशि की जानकारी
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
104. ( क्र. 2450 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले की जनपद पंचायत नागौद, उचेहरा, मझगंवा में प्रश्न दिनांक तक पंचायतवार प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत किन-किन हितग्राहियों को आवास स्वीकृत किए गए? हितग्राहीवार विवरण दें। (ख) प्रश्नांश (क) के हितग्राहियों के खातों में कितनी-कितनी राशि कब तक अंतरित की गई? हितग्राहीवार, पंचायतवार विवरण दें। (ग) यदि राशि पूर्ण भुगतान कर दी गई तो आवास के निर्माण क्यों नहीं हुए? क्या तकनीकी एवं प्रशासनिक अमले की लापरवाही के कारण समय अवधि में आवासों का निर्माण नहीं हो रहा हैं? (घ) प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में शासन जाँच कराकर दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही करते हुए शीघ्र आवासों का निर्माण कब तक किया जावेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) आवास निर्माण का कार्य हितग्राही द्वारा किया जाता है। जुलाई 2017 के पूर्व में आवास निर्माण हेतु राशि तीन किश्तों में दिये जाने का प्रावधान था। तृतीय किश्त चौखट स्तर तक आवास निर्माण के उपरांत प्रदाय की जाती थी। यह संभव है कि तृतीय किश्त प्राप्त होने के उपरांत भी आवास निर्माणाधीन हो। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अवैध उत्खनन
[खनिज साधन]
105. ( क्र. 2451 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना एवं पन्ना जिले के अतंर्गत दिनांक 01.04.2017 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में अवैध उत्खनन एवं परिवहन के बनाए गए प्रकरण की प्रकरणवार, दिनांकवार, कार्यवाहीवार विवरण दें। (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकरणों में क्या यह जाँच की गई कि क्या अवैध उत्खननकर्ता एवं परिवहनकर्ता इस तरह का कृत्य कब से कर रहा है और शासन को रॉयल्टी की कितनी आर्थिक क्षति पहुंचाई गई? (ग) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में जिन प्रकरणों में यह सिद्ध हो चुका है कि अवैध उत्खनन हुआ है? उसमें क्या अर्थदण्ड सहित रॉयल्टी की वसूली की गई है? फर्म श्रवण पाठक द्वारा अवैध उत्खनन करना पाया गया है? उस पर रॉयल्टी का आकंलन कर वसूली की कार्यवाही क्या की गई? (घ) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) के परिप्रेक्ष्य में 01.01.2017 से प्रश्न दिनांक तक कितनी शिकायत अवैध उत्खनन एवं परिवहन की प्राप्त हुई? शिकायतवार, कार्यवाहीवार विवरण दें।
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) सतना जिले की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अ-1 एवं अ-2 पर तथा पन्ना जिले की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अ-3 व अ-4 पर दर्शित है। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में अवैध उत्खननकर्ता एवं परिवहनकर्ता से इस तरह के कृत्य की अवधि की जानकारी ली जाती है तथा उसके सत्यापन उपरांत प्रकरण दर्ज किया जाता है जिसमें रॉयल्टी क्षति का भी आंकलन किया जाता है। (ग) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में सिद्ध हो चुके जिन अवैध उत्खनन/अवैध परिवहन के प्रकरणों में अर्थदण्ड आरोपित किया गया है उसकी वसूली की गयी है। जो प्रकरण अभी न्यायालय में विचाराधीन हैं उनमें अभी वसूली का प्रश्न ही नहीं उठता। अवैध उत्खनन/अवैध परिवहन के प्रकरणों में रॉयल्टी नहीं लिये जाने का प्रावधान होने के कारण रॉयल्टी नहीं ली जाती है अपितु आरोपित अर्थदण्ड की वसूली की जाती है। फर्म श्रवण पाठक द्वारा अवैध उत्खनन करना नहीं पाया गया है। अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) के परिप्रेक्ष्य में दिनांक 01.01.2017 से प्रश्न दिनांक 17.11.2017 तक अवैध उत्खनन, परिवहन की प्राप्त शिकायतों का शिकायतवार, कार्यवाहीवार विवरण कार्यालय में प्राप्त शिकायतों एवं सी.एम. हेल्पलाइन में प्राप्त शिकायतों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ब-1 एवं ब-2 पर दर्शित है।
फर्जी जाति प्रमाण-पत्र की जाँच
[वाणिज्य, उद्योग एवं रोजगार]
106. ( क्र. 2453 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले में प्रश्न दिनांक को रोजगार अधिकारी सतना एवं प्रभारी रोजगार अधिकारी उमरिया पद पर कौन और कब से कार्यरत हैं? (ख) क्या प्रश्नांश (क) के अधिकारी द्वारा फर्जी जाति प्रमाण-पत्र लगाकर अनुसूचित जनजाति के कोटे पर नौकरी प्राप्त की है, जिसकी शिकायत विभाग को एवं पुलिस विभाग को तथा प्रश्नांश (क) के अधिकारी की पत्नी स्वयं श्रीमति सुशीला सिंह लेखाधिकारी, कार्यालय महाप्रबंधक (जोनल) जबलपुर एवं अन्य द्वारा की गई है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, की गई तो कब तक की जावेगी और अब तक न करने के क्या कारण है?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) सतना जिले में रोजगार अधिकारी के पद पर श्री अमित कुमार सिंह दिनांक 02/07/2012 से कार्यरत है एवं प्रभारी रोजगार अधिकारी उमरिया के पद पर श्री अमित कुमार सिंह दिनांक 08/04/2015 से कार्यरत हैं। (ख) एवं (ग) प्रश्नांश (क) के अधिकारी श्री अमित कुमार सिंह की शिकायत श्रीमती सुशीला सिंह, लेखाधिकारी, कार्यालय महाप्रबंधक (जोनल) जबलपुर एवं श्री ध्रुव नारायण शुक्ला, चे.न.25, द्वितीय तल, नवीन अधिवक्ता भवन, जिला न्यायालय रीवा द्वारा इस विभाग को की गई हैं, जिसमें अन्य बिन्दुओं के साथ फर्जी जाति प्रमाण-पत्र लगाकर अनुसूचित जनजाति के कोटे पर नौकरी प्राप्त करने की शिकायत हैं। शिकायत की प्राथमिक जाँच श्री अनिल कुमार दुबे, उप संचालक, जिला रोजगार कार्यालय, रीवा द्वारा जाँच कराई गई जिसका प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया हैं। प्रतिवेदन के परीक्षण उपरांत नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही की जावेगी। शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता हैं।
धरोहर संरक्षण की योजना की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
107. ( क्र. 2477 ) श्रीमती प्रतिभा सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नगर निगम जबलपुर की सीमा में पुरातन गोंड कालीन कितनी बाबली कहाँ-कहाँ है? इनके संरक्षण के लिए अब क्या कार्य किये गये? नगर की ग्राम सगड़ा स्थित काल भैरव मंदिर बाबली, शिवनाथ बाबली सहित अन्य बाबली की कितनी-कितनी भूमि अतिक्रमण की चपेट में है? (ख) पेयजल संरक्षण की गोंड राजाओं की इन नायाब धरोहरों को अतिक्रमण मुक्त कराकर इनका सुधार एवं संरक्षण की योजना बनाकर शासन क्रियान्वय करेगा, तो कब तक?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
निवास महाविद्याय की जानकारी
[उच्च शिक्षा]
108. ( क्र. 2499 ) श्री
रामप्यारे
कुलस्ते : क्या
उच्च शिक्षा
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) मण्डला
जिले की निवास
विधान सभा
क्षेत्रांतर्गत
एक मात्र
महाविद्यालय
निवास में कौन-कौन
से और कितने
पद स्वीकृत
हैं? क्या
प्राचार्य
सहित स्वीकृत
स्टाफ के
हिसाब से पद
स्थापना
करेंगे?
(ख)
क्या
उक्त
महाविद्यालय
में बी.कॉम.
बी.एस.सी. की
कक्षाएं भी
प्रारंभ करने
की स्वीकृति
प्रदान
करेंगे तथा
सभी संकाय की
पी.जी. की
कक्षाएं
प्रारंभ करने
की स्वीकृति
प्रदान
करेंगे?
(ग)
महाविद्यालय
में भवन के
अलावा खेल
मैदान, शौचालय
कॉन्फ्रेंस
हॉल, लायब्रेरी, फर्नीचर
जैसी मूलभूत
समस्याओं का
अभाव है?
क्या
उक्त
कार्यों को
पूर्ण कराने
की स्वीकृति
प्रदान
करेंगे?
उच्च
शिक्षा
मंत्री ( श्री
जयभान सिंह
पवैया ) : (क) महाविद्यालय
में स्वीकृत
पदों की
जानकारी संलग्न
परिशिष्ट के
प्रपत्र ''एक'' एवं ''दो'' अनुसार
है। विभाग में
रिक्त पदों के
प्रकाश में
प्राचार्य
सहित स्वीकृत
स्टाफ के
हिसाब से
शत्-प्रतिशत
पदस्थापना की
जाने में
कठिनाई है। (ख) बी.कॉम.
की स्नातक
स्तर की
कक्षायें
प्रारंभ किये
जाने बाबत्
विभागीय
मापदण्ड
अनुसार पूर्ति
नहीं हो रही
है। बी.एस.सी.
एवं अन्य
संकार्यों
में स्नातकोत्तर
कक्षायें
प्रारंभ करने
संबंधी
प्रस्ताव का
नियमानुसार
परीक्षण किया
जावेगा। (ग) महाविद्यालय
में खेल
मैदान/लायब्रेरी
सुविधा
उपलब्ध हैं, जिनके
उन्नयन एवं
अन्य
सुविधाओं के
विस्तार पर
चालू वित्तीय
वर्ष में कोई
कार्यवाही
प्रस्तावित
नहीं है।
शासकीय भूमि के पट्टे की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
109. ( क्र. 2500 ) श्री राम लल्लू वैश्य : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या मा. मुख्यमंत्री महोदय के सचिवालयीन पत्र क्र. 1767/सी.एम.एस./ यू.ए.डी./17, दिनांक 06.10.2017 के अनुसार पट्टा दिये जाने हेतु आदेश किया गया है? यदि हाँ, तो इस संबंध में क्या कार्यवाही की गई? (ख) सौमित्र विहार कॉलोनी, बावडि़या कलां, भोपाल में शासकीय भूमि के किन-किन लोगों को वर्ष 2003 में भूमि के पट्टे दिये गये, जिन-जिन व्यक्तियों को शासकीय भूमि के पट्टे सौमित्र विहार कॉलोनी में दिये हैं, उन सभी के नाम एवं पते सहित संपूर्ण विवरण उपलब्ध करावें?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) प्रश्न में अंकित पत्र कार्यालय कलेक्टर जिला-भोपाल को प्राप्त होना नहीं पाया जाता है। (ख) भोपाल जिले के समस्त क्षेत्र के वर्ष 2003 की लगभग 215 पंजियां कार्यालय कलेक्टर जिला-भोपाल में संधारित है। जिसका परीक्षण कर जानकारी संकलित की जा रही है।
बिना ई-टेण्डरिंग के कार्य कराये जाने की जाँच एवं कार्यवाही
[नगरीय विकास एवं आवास]
110. ( क्र. 2514 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रश्नकर्ता के विधान सभा प्रश्न क्रमांक 7620 उत्तर दिनांक 28 मार्च 2017 के संदर्भ में राजधानी परियोजना में ई-टेण्डरिंग व्यवस्था के लागू किये जाने के बाद से बिना ई-टेण्डरिंग के कुल 2170 के कार्य कराये गये हैं तथा प्रश्न के उत्तर में बिना ई-टेण्डरिंग के कार्य कराये जाने के संबंध में शासन द्वारा नियत व्यवस्था के अंतर्गत कार्य कराये जाने की जानकारी दी थी, तो शासन द्वारा नियत व्यवस्था के संबंध में कब और क्या आदेश जारी किये गये? आदेश की प्रति दें। (ख) उपरोक्त प्रश्नांश के संदर्भ में प्रश्नकर्ता द्वारा प्रमुख सचिव, म.प्र. शासन, नगरीय प्रशासन विभाग को दिनांक 21 सितम्बर 2017 को पत्र लिखकर नियम विरूद्ध बिना ई-टेण्डरिंग के कार्य कराये जाने की उच्च स्तरीय जाँच कराये जाने हेतु पत्र लिखा गया था? (ग) यदि हाँ, तो प्रश्नकर्ता के पत्र में उल्लेखित बिंदुओं में शासन द्वारा कब क्या-क्या कार्यवाही की गई? बिन्दुवार जानकारी उपलब्ध करायें। (घ) यदि कार्यवाही नहीं की गई तो इसके लिए जिम्मेदार अधिकारियों के विरूद्ध क्या दण्डात्मक कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) विभागीय आदेश दिनांक 07.10.2014 द्वारा 10.00 लाख तक कार्यों में अल्पकालीन निविदा आमंत्रित करने हेतु ई-टेण्डरिंग की अनिवार्यता से छूट दी गई है, जिसकी प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। (ग) संबंधित कार्यों की अल्पकालीन मेन्युअल निविदा आमंत्रित कर कार्य पूर्ण कराये गये हैं। निविदा नियम विरूद्ध नहीं करायी गयी है। अतः जांच का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नांश (ख) एवं (ग) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
सड़क विहीन ग्रामों की जानकारी
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
111. ( क्र. 2520 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इछावर विधान सभा क्षेत्र के 100 से अधिक आबादी वाले कौन-कौन से ऐसे ग्राम हैं जिनमें प्रधानमंत्री सड़क योजना में सड़क नहीं बनी है? ग्रामवार ब्यौरा दें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार उक्त ग्रामों की पक्की सड़क से दूरी कितनी है तथा उक्त ग्रामों की आबादी कितनी है? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार उक्त ग्रामों में सड़क निर्माण की क्या योजना है तथा सड़कों का निर्माण कब तक करा लिया जाएगा? ग्रामवार ब्यौरा दें। (घ) क्या उक्त सड़क निर्माण हेतु विभाग के पास कोई प्रस्ताव लंबित है? अगर है, तो कब से?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (क) के अंतर्गत सूचीबद्ध ग्राम अन्य योजनाओं द्वारा संपर्कयुक्त है अथवा निर्माण कार्य प्रक्रिया प्रगतिरत है। वर्तमान में पूर्णता दिनांक बताया जाना संभव नहीं है। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता।
मजदूरी एवं मटेरियल का भुगतान
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
112. ( क्र. 2523 ) पं. रमेश दुबे : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में मनरेगा के तहत कराये जाने वाले कार्यों के मजदूरी एवं मटेरियल का भुगतान की क्या व्यवस्था है? कितने दिनों के भीतर संबंधित को भुगतान किये जाने के निर्देश हैं? भुगतान हेतु खाते में पर्याप्त राशि उपलब्ध न रहने के क्या कारण हैं? (ख) छिंदवाड़ा जिले में विगत 5 वर्ष में मनरेगा के तहत कराये गये कार्यों के मजदूरी एवं मटेरियल का भुगतान कब से लंबित है? (ग) क्या मजदूरी एवं मटेरियल का समय पर राशि भुगतान नहीं होने से ग्राम पंचायत स्तर पर निर्माण कार्यों को कराने में सरपंच व सचिव को कठिनाई हो रही है? यदि हाँ, तो इस समस्या के निराकरण हेतु शासन क्या प्रयास कर रहा है? (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के प्रकाश में क्या शासन, मनरेगा के तहत कराये गये कार्यों की मजदूरी एवं मटेरियल की राशि का शीघ्र भुगतान कराकर भविष्य में समय पर भुगतान, भुगतान में निरंतरता बनाये रखने हेतु खाते में पर्याप्त राशि उपलब्ध कराने का आदेश देगा? नहीं तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) मध्यप्रदेश में मनरेगा अंतर्गत कराये जाने वाले कार्यों के मजदूरी एवं सामग्री भुगतान इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर ऑर्डर (एफ.टी.ओ.) नरेगा सॉफ्ट के माध्यम से किया जाता है। सामग्री एफ.टी.ओ. का भुगतान राज्य स्तरीय महात्मा गांधी नरेगा ई.एफ.एम.एस. खाते तथा मजदूरी भुगतान राष्ट्रीय ई.एफ.एम.एस. खाते के माध्यम से किया जाता है। मजदूरी भुगतान 15 दिवस के भीतर किये जाने के निर्देश हैं तथा सामग्री भुगतान हेतु कोई निश्चित समय—सीमा निर्धारित नहीं है। मजदूरी एवं सामग्री की राशि योजना के प्रावधानों अनुसार समय—समय पर भारत सरकार से जारी की जाती है, जिस प्रक्रिया में समय लगता है। (ख) छिंदवाड़ा जिले में मजदूरी एवं सामग्री का वर्ष 2017—18 की 673.71 लाख राशि लंबित है। जिसका सामान्य प्रक्रिया अंतर्गत भुगतान किया जा रहा है। विगत 5 वर्षों का वर्षवार लंबित भुगतान संलग्न परिशिष्ट अनुसार है जो कि तकनीकी एवं अन्य समस्याओं के कारण लंबित होकर राशि के अभाव में लंबित नहीं है। (ग) इस वित्तीय वर्ष का नवम्बर 30 तक अनुमोदित लेबर बजट 10.47 करोड़ मानव दिवस है जिसके विरूद्ध नवम्बर 28 तक की उपलब्धि 11.30 करोड़ मानव दिवस है। अत: लक्ष्यानुसार योजना में उपलब्धि की जा रही है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) नरेगा में सामग्री मद की 75 प्रतिशत राशि एवं मजदूरी मद की 100 प्रतिशत राशि भारत शासन से दी जाती है। राज्य शासन द्वारा राज्य की हिस्से की राशि की पर्याप्त व्यवस्था की गई है। अत: भारत शासन से राशि की निर्भरता होने से यह आदेश नहीं दिया जा सकता है। यद्यपि राज्य शासन द्वारा समय—समय पर मजदूरी एवं सामग्री की राशि की उपलब्धता अन्य स्त्रोतों से सुनिश्चित की गई है।
उपकरों की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
113. ( क्र. 2530 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मकरोनिया नगरपालिका परिषद् द्वारा कौन-कौन से उपकर वार्डवासियों से लिए जा रहे हैं? उपकरवार एवं राशि सहित जानकारी देवें। (ख) क्या नगर पालिका परिषद् मकरोनिया द्वारा शिक्षा उपकर रूप से जिले की अन्य नगर पालिका परिषदों की अपेक्षा अधिक लिया जा रहा है? (ग) यदि यह कर जिले की अन्य नगर पालिकाओं परिषदों से सर्वाधिक/अधिक लिया जा रहा है तो विभाग द्वारा इस विसंगति को दूर करने के लिए शासन स्तर से कोई कार्यवाही की जावेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) नगर पालिका परिषद् मकरोनिया के संकल्प क्रमांक-7 दिनांक 27.04.2016 में लिये गये निर्णय के पालन में निकाय क्षेत्रांतर्गत वार्डवासियों से शिक्षा उपकर एवं नगरीय विकास उपकर लिया जा रहा है। वर्ष 2016-17 एवं वर्ष 2017-18 में माह अक्टूबर 2017 तक जमा कराई गई उपकरवार राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जी हाँ, नगर पालिका परिषद् मकरोनिया में शासनादेश क्रमांक 605/740/18-3/2000 भोपाल दिनांक 15.03.2000 में उल्लेखानुसार मध्यप्रदेश नगर पालिका अधिनियम 1961 की धारा 127 की उपधारा (6) के खण्ड (ओ) के अनुसार ऐसे भवन व भूमि जो सम्पत्तिकर से मुक्त है, को छोड़कर अन्य भवन/भूमि पर निकाय द्वारा निर्धारित वार्षिक भाड़ा मूल्य पर 5 प्रतिशत निर्धारित किया गया। उक्त आदेश के पालन में निकाय द्वारा शिक्षा उपकर वसूल किया जा रहा है। (ग) नगर पालिका परिषद् मकरोनिया का गठन दिनांक 15.12.2014 को हुआ है। शिक्षा उपकर के संबंध में शासन द्वारा जारी संशोधित आदेश क्रमांक/1362/740/18-3/2000 भोपाल दिनांक 17.05.2000 परिषद् के संज्ञान में आने पर परिषद् संकल्प क्रमांक-9 दिनांक 20.11.2017 के अनुसार वार्षिक भाड़ा मूल्य के स्थान पर देय सम्पत्तिकर पर 5 प्रतिशत की दर से शिक्षा उपकर वसूल किये जाने का प्रस्ताव पारित किया गया है। इस प्रकार विसंगति को दूर किया जा चुका है, की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
पेंशन सुविधा का लाभ
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
114. ( क्र. 2556 ) श्री दिलीप सिंह शेखावत : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्तमान में मध्यप्रदेश की 40 वर्ष से अधिक उम्र की बी.पी.एल. परिवारों की विधवा महिलाओं के लिये इन्दिरा गाँधी विधवा पेंशन प्रदान की जा रही है। ए.पी.एल. परिवारों में भी कई गरीब विधवा महिलाएं हैं जिनकी उम्र 40 वर्ष से अधिक है, किन्तु इन्हें किसी प्रकार की पेंशन नहीं मिलती है, जिससे इन्हें अपने जीवन यापन करने में काफी कठिनाईयां होती हैं? (ख) इन ए.पी.एल. परिवारों की विधवा महिलाओं को सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना का लाभ देने के लिये कोई योजना प्रस्तावित है? यदि हाँ, तो कब तक योजना लागू हो जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। ए.पी.एल. परिवारों की गरीब विधवा महिलाएं जिनकी उम्र 40 वर्ष से अधिक है को पेंशन दिये जाने का कोई प्रावधान नहीं है। (ख) जी नहीं शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
ऑर्डीनेटर का पद सृजित करना
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
115. ( क्र. 2557 ) श्री दिलीप सिंह शेखावत : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में प्रधानमंत्री आवास एवं समग्र शौचालय के कार्यों को संचालित करने के लिये प्रत्येक जनपद स्तर पर एक (बी.सी.) ब्लॉक को-ऑर्डीनेटर का पद सृजीत किया जाकर इन पदों पर (बी.सी.) ब्लॉक को-ऑर्डीनेटर अधिकारी कार्यरत है, किन्तु सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण विभाग की सामाजिक सुरक्षा पेंशन, इन्दिरा गाँधी विधवा एवं वृद्धा पेंशन, दिव्यांग पेंशन, बहुविकलांग पेंशन एवं दिव्यांग उपकरण जैसी महत्वपूर्ण योजनाओं के संचालन के लिये इस विभाग का जनपद स्तर पर (बी.सी.) ब्लॉक को-ऑर्डीनेटर का पद सृजित नहीं होने से इन योजनाओं का संचालन क्या व्यवस्थित नहीं हो पा रहा है? जिससे भारत सरकार एवं मध्यप्रदेश शासन की इन महत्वपूर्ण योजनाओं का लाभ हितग्राहियों को समय पर नहीं मिल पा रहा है? (ख) क्या सामाजिक न्याय विभाग की योजनाओं के संचालन के लिये जनपद स्तर पर (बी.सी.) ब्लॉक को-ऑर्डीनेटर का पद सृजित करने की कोई योजना बनाई जा रही है? यदि नहीं, तो कब तक बना ली जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन कल्याण विभाग द्वारा ब्लॉक स्तर पर ’‘समग्र सामाजिक सुरक्षा एवं विस्तार अधिकारी’‘ के पद स्वीकृत किये गये हैं। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार।
डी.आर.डी.ए. प्रशासन योजना में कार्यरत कर्मचारियों की प्रतिनियुक्ति
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
116. ( क्र. 2567 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला ग्रामीण विकास अभिकरण (डी.आर.डी.ए.) का संविलियन जिला पंचायत में होकर डी.आर.डी.ए. बन्द हो चुका है? (ख) यदि हाँ, तो जिला ग्रामीण विकास अभिकरण (डी.आर.डी.ए.) कर्मचारियों का संविलियन 1997 में जिला पंचायत में किया गया था या नहीं? (ग) क्या तत्पश्चात् वर्ष 2002 में जिला पंचायत में कार्यरत डी.आर.डी.ए. कर्मचारियों को जिला पंचायत से डी.आर.डी.ए. प्रशासन योजना में प्रतिनियुक्ति पर लेने के निर्देश जारी हुए थे या नहीं? यदि हुए थे तो पुनः जिला पंचायत में प्रतिनियुक्ति किस प्रकार व कौन से नियमों से की गई? जबकि इन डी.आर.डी.ए. कर्मचारियों का संविलियन पूर्व से ही जिला पंचायत में ही है? (घ) क्या वर्तमान में जिला पंचायत में डी.आर.डी.ए. प्रशासन योजना में कार्यरत कर्मचारियों को पुनः जिला पंचायत में प्रतिनियुक्ति पर करने से इन कर्मचारियों की जो पदोन्नति की गई है वह निरस्त अथवा समाप्त की जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) जी हाँ। अधिकारियों/कर्मचारियों के वेतन-भत्तों की सुचारू व्यवस्था के लिए जिला पंचायत व जिले की जनपद पंचायत में रिक्त समकक्ष पद पर प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ किये जाने संबंधी निर्देश जारी किये गए हैं। (घ) उत्तरांश (ग) के संदर्भ में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सेन समाज को छात्रावास निर्माण हेतु भूमि का आवंटन
[नगरीय विकास एवं आवास]
117. ( क्र. 2647 ) श्री कैलाश चावला : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा इन्दौर भ्रमण के दौरान दिनांक 19 फरवरी 2011 को बास्केटबॉल कॉम्पलेक्स इन्दौर में सेन समाज को प्रत्येक जिले में भूमि चिन्हित कर छात्रावास निर्माण हेतु जमीन आवंटित की जाने एवं नगर पालिक/नगर निगम को स्थानीय क्षेत्रों में यदि दुकानों का आवंटन होता है? नाई समाज के परम्परागत व्यवसाय हेतु दुकान आंवटित किए जाने की घोषणा की गई थी। (ख) यदि हाँ, इस घोषणा के प्रकाश में शासन द्वारा संबधित विभाग को निर्देश कब जारी किए गए? कृपया प्रतिलिपि उपलब्ध करावें। (ग) यदि प्रश्नांश (क) में उल्लेखित माननीय मुख्यमंत्री जी के घोषणा के प्रकाश में निर्देश जारी नहीं किए गए तो उसका उत्तरदायित्व किसका है? जानकारी देवें। कब तक निर्देश जारी कर दिए जावेंगे?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) सेन समाज को प्रत्येक जिले में भूमि चिन्हित कर छात्रावास निर्माण हेतु जमीन आवंटित किए जाने की घोषणा नहीं की गई, अपितु नगर निगम/नगर पालिका/इंदौर विकास प्राधिकरण व स्थानीय क्षेत्रों में यदि दुकानों का आवंटन होता है, तो सेन समाज के परम्परागत व्यवसाय के लिए दुकानों का आवंटन किया जाएगा, के संबंध में घोषणा की गई है। (ख) मध्यप्रदेश पथ पर विक्रय करने वाले की जीविका संरक्षण और पथ पर विक्रय का विनियमन अधिनियम 2011 के परिप्रेक्ष्य में मार्गदर्शी निर्देश में उल्लेखित स्थान आरक्षण/आवंटन की प्रक्रिया के अन्तर्गत स्थनीय रहवासियों की सुविधा हेतु पैतृक एवं परम्परागत व्यवसाय करने वालो का विशेष ध्यान रखने का प्रावधान किया गया है, की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
निर्माण कार्यों की जानकारी एवं अनियमितता पर कार्यवाही
[नगरीय विकास एवं आवास]
118. ( क्र. 2663 ) श्री मधु भगत : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विगत 3 वर्षों में नगरपालिका बालाघाट को केन्द्र एवं राज्य शासन से किस मद योजना अंतर्गत कितनी-कितनी अनुदान राशि प्राप्त हुई एवं प्राप्त होने वाली राशि की उपयोगिता के नियम क्या-क्या थे? (ख) उक्त राशि को बैंक में फिक्स डिपॉजिट के तौर पर रखने से कितनी-कितनी राशि ब्याज के तौर पर प्राप्त हुई? मूल अनुदान राशि और ब्याज की राशि का किन कार्यों में व्यय किया गया? (ग) बालाघाट नगर पालिका अंतर्गत उक्त समयावधि में निर्माण कार्यों में खरीदी कार्यों में या अन्य विकास कार्यों में किस के द्वारा शिकायतें प्राप्त हुई तथा उक्त शिकायतों पर किस-किस अधिकारी-कर्मचारी पर क्या कार्यवाही हुई? (घ) क्या गौरव पथ निर्माण कार्य एवं सौर ऊर्जा एवं विद्युतीकरण कार्य में अनियमितता किये जाने बाबत् शिकायत प्राप्त हुई थी? उक्त शिकायतों पर किस के विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही हुई?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (घ) गठित जाँच दल द्वारा कलेक्टर बालाघाट को जाँच प्रतिवेदन अग्रिम कार्यवाही हेतु दिनांक 20.07.2017 को प्रेषित किया गया है। कलेक्टर बालाघाट से आगामी कार्यवाही का प्रतिवेदन प्राप्त किया जा रहा है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार है।
निर्माण सामग्री का अवैध उत्खनन
[वन]
119. ( क्र. 2666 ) श्री मधु भगत : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला बालाघाट एवं जिला मंडला अंतर्गत बालाघाट से नैनपुर रेल्वे विकास निर्माण कार्य की स्वीकृति किस दिनांक को शासन से प्राप्त हुई? उक्त मार्ग पर कार्य किए जाने वाले ठेकेदारों के नाम पते बताएं और यह बताएं कि किस-किस स्थान पर कौन-कौन ठेकेदार कार्य कर रहा है? उक्त रेलवे मार्ग पर कितनी भूमि वन विभाग मध्यप्रदेश की है? भूमि के पट्टा सहित निर्माण कार्य के प्राक्कलन की प्रति प्रदान करें। (ख) क्या उक्त निर्माण कार्य में बालाघाट से नैनपुर तक आवश्यक सामग्री जैसे रेत मिट्टी मुरूम का अवैध उत्खनन किया गया है? यदि नहीं, तो यह बताएं कि खनिज विभाग से संबंधित मटेरियल के लिए कब-कब खनिज विभाग की अनुमति ली गई तथा किस-किस स्थान से उक्त सामग्री का खरीदी कार्य किया गया? उक्त कार्य करने वाले स्थान बताएं? खनन के स्थान की नक्शा खसरा एवं भूमि स्वामी की प्रति बताएं? (ग) क्या नैनपुर बालाघाट रेलवे मार्ग निर्माण कार्य में रेत, मिट्टी, मुरूम इत्यादि निर्माण सामग्री का अवैध उत्खनन कर समीप के किसानों की जमीन से मिट्टी लाकर जमीन को अनुपजाऊ बना दिया गया है? (घ) उक्त निर्माण कार्य प्रारंभ किए जाने से प्रश्न दिनांक तक कितनी शिकायतें स्थानीय स्तर राज्य शासन एवं केन्द्रीय शासन स्तर पर की गई हैं? जानकारी प्रदान करें एवं उन शिकायतों के पश्चात् शासन द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई है?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) विषयांकित स्वीकृति भारत सरकार, रेल मंत्रालय द्वारा दिनांक 01.12.2015 को जारी की गई है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। उक्त रेल्वे मार्ग पर मध्यप्रदेश वन विभाग की 43.255 हेक्टेयर भूमि है। मध्यप्रदेश वन विभाग की भूमियाँ अधिसूचित होने के कारण इसका कोई पट्टा नहीं होता है। उक्त मार्ग के निर्माण के प्राक्कलन की प्रति रेलवे विभाग से अप्राप्त है। (ख) जी हाँ। कलेक्टर (खनिज विभाग), बालाघाट ने उक्त कार्य में लगे एक ठेकेदार मेसर्स डी. ठक्कर कन्स्ट्रक्शन के विरूद्ध खनिज मिट्टी का अवैध उत्खनन करने के कारण नियमानुसार कार्यवाही करते हुए अर्थदण्ड की राशि वसूल की है। मेसर्स डी. ठक्कर कन्स्ट्रक्शन को ग्राम मानेगाँव तहसील बालाघाट के खसरा नं. 2 मद् शासकीय भूमि, रकबा 2.274 हेक्टेयर क्षेत्र पर खनिज मुरूम/मिट्टी हेतु परिवहन अनुज्ञा दिनांक 15.09.2016 एवं ग्राम जरेरा तहसील बालाघाट के खसरा नं. 326/3 मद भू-स्वामी रकबा 0.466 हेक्टेयर क्षेत्र पर खनिज मिट्टी/मुरूम हेतु परिवहन अनुज्ञा दिनांक 15.02.2017 से प्रदान की गई थी। खनन स्थान नक्शा, खसरा एवं भूमि स्वामी सहमति की पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (ग) जी नहीं। (घ) प्रश्नाधीन अवधि में कोई शिकायत प्रकाश में नहीं आई है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अतिक्रमण की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
120. ( क्र. 2690 ) पं. रमाकान्त तिवारी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या नगर निगम भोपाल द्वारा जब किसी अवैध अतिक्रमण को हटाया जाता है, तो अतिक्रमणकारियों को ये हिदायत दी जाती है कि पुन: अतिक्रमण नहीं किया जाए? यदि हाँ, तो अतिक्रमणकारियों के पुन: उसी स्थान पर अतिक्रमण करने पर निगम द्वारा क्या कार्यवाही की जाती है? क्या निगम उनको पुन: हटाता है? (ख) क्या ऐसे अतिक्रमणकारी जो बार-बार हटाने के बावजूद भी वापस आ जाते हैं? इनके विरूद्ध नगर निगम प्रशासन द्वारा क्या कानूनी कार्यवाही की जाती है? क्या निगम के एक्ट में आर्थिक दण्ड (जूर्माना) कानूनी कार्यवाही (एफ.आई.आर.) आदि का वैधानिक अधिकार भी है? (ग) नगर निगम भोपाल द्वारा दिनांक 17.06.2017 को नेहरू नगर वार्ड 29 भोपाल म.नं. एस-317 से 324 के सामने 20 फीट चौड़ी शासकीय सड़क पर बनी झुग्गियां तथा उसी से लगे पार्क के अतिक्रमण को हटाने के बाद पुन: उसी स्थान पर अतिक्रमण करने वाली अतिक्रमणकारियों के खिलाफ निगम प्रशासन क्या कार्यवाही कब तक करेगा? (घ) क्या निगम प्रशासन यह जाँच भी करेगा कि म.नं. एस 317 से 324 नेहरू नगर भोपाल के निवासियों के परिवारों के कितने सदस्यों के नाम बड़खेड़ीकलां, बाबूनगर, शबरी नगर, भोपाल में पट्टे/आवास आवंटित हैं या हुये थे? यदि हाँ, तो क्या उनका वहां विस्थापन होगा? यदि नहीं, तो क्या इन्हें पट्टे आवंटित कर अतिक्रमण स्थल से विस्थापित किया जाएगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। यदि बार- बार अतिक्रमणकर्ता अतिक्रमण करते है, तो इनके विरूद्ध माननीय म्युनिसिपल मजिस्ट्रेट न्यायालय में चालान प्रस्तुत किया जा सकता है। (ग) प्रश्नाधीन स्थल का पुन: निरीक्षण कराया जाकर यदि अतिक्रमण पाये जाते है, तो तत्काल उन्हे हटाया जायेगा। (घ) नेहरू नगर भोपाल में म.प्र. गृह निर्माण एवं अधोसरंचना विकास मंडल द्वारा म.नं. एस- 317 से 324 हितग्राहियों को आवंटित किये गये है। उक्त कॉलोनी नगर पालिक निगम भोपाल को हस्तातंरित है। मंडल द्वारा बरखेडीकला, बाबूनगर, शबरी नगर में पट्टे आवंटित नहीं किये गये है। मंडल में पट्टे आवंटित कर अतिक्रमण स्थल से विस्थापित किये जाने का प्रावधान नहीं है।
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में अनियमितता
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
121. ( क्र. 2734 ) श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना इकाई सतना अंतर्गत पैकेज क्रमांक MP 3484 गोरसरी खुर्द मौहानी मार्ग एवं गोरसरी खुर्द से जोवा एवं पैकेज क्रमांक MP 34504 अंतर्गत देवराज नगर से कोलडीह नं. 2 मार्ग निर्माण में अनियमितता पायी गयी थी? यदि हाँ, तो दोषी उपयंत्री एवं सहायक उपयंत्री पर क्या कार्यवाही की गयी थी? यदि कार्यवाही सहायक प्रबंधक पर की गयी थी, तो उपयंत्री पर क्यों नहीं की गई? (ख) क्या जाँच उपरांत दोषी उपयंत्री का स्थानान्तरण गृह जिले में कर दिया गया एवं गृह जिले की जिला इकाई में दोषी उपयंत्री को 2 ब्लॉकों का प्रभार क्यों दिया गया? क्या इकाई में वरिष्ठ उपयंत्री पदस्थ नहीं थे? अगर थे, तो उन्हें प्रभार क्यों नहीं दिया गया?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। अनियमितताओं में प्रथम दृष्ट्या दोषी पाये गये सहायक प्रबंधक को निलंबित किया गया जिनकी विभागीय जाँच वर्तमान में प्रचलित है। उपयंत्री द्वारा सत्यापित कार्य में गंभीर कमी प्रतिवेदित नहीं थी। अतः उपयंत्री पर कार्यवाही नहीं की गयी। (ख) जी हाँ, तत्समय विभाग की संविदा सेवकों हेतु स्थानांतरण नीति के प्रावधान अनुसार उपयंत्री को सतना से रीवा स्थानांतरित किया गया। परीक्षण में उपयंत्री दोषी नहीं पाया गया। उक्त उपयंत्री को विकासखण्ड सिरमौर के अंश भाग का प्रभार सहायक प्रबंधक के अधीन दिया गया था। कालांतर में दिनांक 07/10/2015 से एक उपयंत्री के स्थानांतरण होने के कारण विकासखण्ड जवा का अतिरिक्त प्रभार सहायक प्रबंधक के अधीन दिया गया था। परियोजना क्रियान्वयन इकाई में अन्य उपयंत्री पदस्थ थे जिनके पास अन्य विकासखण्डों का प्रभार था।
उच्च शिक्षा विभाग द्वारा प्रदान की गई राशि की जानकारी
[उच्च शिक्षा]
122. ( क्र. 2743 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासकीय स्नातक महाविद्यालय राघौगढ़, जिला गुना में विभिन्न निर्माण कार्यों हेतु उच्च शिक्षा विभाग ने विगत 10 वर्षों में कितनी राशि किन-किन कार्यों हेतु प्रदान की थी? कार्यवार एवं प्राप्त आवंटनवार बतावें। (ख) विभाग द्वारा शासकीय स्नातक महाविद्यालय राघौगढ़ में स्वीकृत बाउण्ड्रीवॉल, पुस्तकालय, प्रयोगशाला और क्लासरूम में कार्य पूर्ण है या अपूर्ण हैं? यदि पूर्ण हैं, तो सी.सी. कब जारी की गई? यदि कार्य अपूर्ण हैं, तो कितनी राशि अब तक खर्च की गई है और अपूर्ण कार्य कब तक पूर्ण होंगे? इस विलंब के लिये दोषी कौन है? उन पर क्या कार्यवाही की गई है?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) शासकीय स्नातक महाविद्यालय राघौगढ़, जिला-गुना के निर्माण कार्यों हेतु उच्च शिक्षा विभाग द्वारा 10 वर्षों में कोई स्वीकृति/आवंटन जारी नहीं किया गया। (ख) (1) शासकीय स्नातक महाविद्यालय राघौगढ़ में बाउण्ड्रीवॉल के निर्माण हेतु दिनांक 24.02.2003 में राशि रूपये 10.00 लाख की प्रशासकीय स्वीकृति दी गई। वर्ष 2002-03 में राशि रुपये 5.00 लाख तथा वर्ष 2003-04 में राशि रूपये 5.00 लाख की राशि महाविद्यालय को आवंटित की गई। उक्त आवंटित राशि लोक निर्माण विभाग, गुना को उपलब्ध कराई गई। लोक निर्माण विभाग द्वारा राशि रूपये 5.05 लाख से बाउण्ड्रीवॉल का निर्माण कार्य कराया गया, परन्तु वर्ष 2007 में अतिक्रमण के कारण भूमि विवादित होने से बाउण्ड्रीवॉल का कार्य पूर्ण नहीं हो सका। आवंटित शेष राशि लोक निर्माण विभाग गुना के पास है। महाविद्यालय की भूमि को अतिक्रमण मुक्त करने हेतु स्थानीय राजस्व विभाग को लिखा गया। महाविद्यालय भूमि अतिक्रमण मुक्त होते ही निर्माण एजेन्सी द्वारा अधूरी बाउण्ड्रीवॉल का कार्य प्रारंभ कर दिया जायेगा। (2) महाविद्यालय के पुस्तकालय, प्रयोगशाला, कक्षों के निर्माण हेतु 10 वी पंचवर्षीय योजना में यू.जी.सी. द्वारा क्रमशः राशि रूपये 1,78,875/-, 2,70,000/-, 2,49,269/- स्वीकृत की गई। निर्माण कार्य पूर्ण हो चुके हैं, जिनके हस्तान्तरण की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। शेष प्रश्नांश के उत्तर का प्रश्न उपस्थित नही़ं होता है।
रिक्त पदों की पूर्ति
[उच्च शिक्षा]
123. ( क्र. 2750 ) श्रीमती शकुन्तला खटीक : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न क्र. 2560, तारांकित दिनांक 28.2.2017 के उत्तर भाग (क) में जी हाँ? किसी भी संभाग में निर्धारित मापदण्डों के अनुरूप निविदा प्राप्त न होने के कारण एवं एकल निविदा प्राप्त होने के कारण कोई कार्यवाही नहीं की जा सकी है एवं भाग (ख) के आखिरी पैराग्राफ में पुन: दिनांक 5.2.2017 को विज्ञापन जारी किया जा चुका है, निविदा प्राप्त होने पर पद पूर्ति की कार्यवाही की जा सकेगी, उत्तर दिया है? (ख) क्या मध्यप्रदेश शासन उच्च शिक्षा विभाग द्वारा शासकीय महाविद्यालय करैरा के प्राचार्य को पद पूर्ति हेतु विशेष आदेश दिये गये थे? जिसमें रिक्त पदों की निविदाएं जारी कर नियुक्ति करने के अधिकार दिये गये थे? यदि हाँ, तो इस आदेश के तहत प्राचार्य द्वारा क्या कार्यवाही प्रश्न दिनांक तक की गई? विस्तार से बतावें व कार्यवाही न होने के क्या कारण हैं? जिम्मेदार व्यक्ति के नाम की जानकारी दें। (ग) क्या मध्यप्रदेश शासन एक लम्बे समय से अत्यावश्यक पदों की पूर्ति नहीं कर सका है? इस हेतु मेरे द्वारा कई बार प्रश्न विधानसभा में उठाये गये व शासन को पत्र द्वारा भी अवगत कराया परन्तु शासन द्वारा इन पदों की पूर्ति हेतु कोई गम्भीरता नहीं दिखाई गई, जो छात्र/छात्राओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ है?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। जी नहीं, उस आदेश में संविदा/आउट सोर्स के माध्यम से रिक्त पदों की पूर्ति करने के निर्देश दिये गये थे। उक्त आदेश के तहत प्राचार्य द्वारा दिनांक 02.02.2017 एवं 04.05.2017 को विज्ञापन जारी कर कोटेशन प्राप्त किये गये। जिसके तहत क्रमशः 06 एवं 03 कोटेशन प्राप्त हुये, परन्तु समिति द्वारा निर्धारित अर्हता पूर्ण न होने के कारण कोटेशन निरस्त कर दिये गये। संचालनालय स्तर से दिनांक 06.05.2017 को तृतीय काल निविदा विज्ञापन जारी किया गया, किन्तु एकल निविदा प्राप्त होने के कारण निविदा को नहीं खोला गया। अतः किसी व्यक्ति की जिम्मेदारी निर्धारित होने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। शासन द्वारा पदों की पूर्ति हेतु निरंतर कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। आउट सोर्स की नीति नियमों में संशोधन की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। संशोधन नीति जारी होने के पश्चात् निविदा विज्ञापन जारी कर पद पूर्ति की जा सकेगी। एक प्रयोगशाला तकनीशियन का स्थानांतरण करैरा महाविद्यालय में किया गया है, जिससे छात्र-छात्राओं के प्रायोगिक कार्य में कोई बाधा उत्पन्न नहीं हो रही है।
परफॉर्मेंस ग्रांट एवं अन्य मंदों की राशि का वितरण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
124. ( क्र. 2766 ) श्री पंडित सिंह धुर्वे : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मण्डला जिले की जिला पंचायत से परफॉर्मेंस ग्रांट एवं अन्य मंदों से कितनी राशि सोलर लाईट/सोलर पम्प एवं सोलर से चलने वाले उपकरणों के नाम से किस विभाग, किस कार्य एजेंसी को कितनी राशि प्रदाय की गई है? पृथक-पृथक कार्यवार विवरण देवें एवं स्थलवार उपकरण लगे होने का सत्यापन प्रमाण-पत्र एवं लगाये गये उपकरण की भौतिक स्थिति के बारे में जानकारी देवें। (ख) क्या उक्त कार्य पूरी तरह से फर्जी किया गया है? यदि हाँ, तो उक्त कार्य की जाँच करायेंगे एवं दोषियों के खिलाफ कार्यवाही करेंगे? हाँ तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है।
रेत खदानों की जानकारी
[खनिज साधन]
125. ( क्र. 2782 ) श्री ओमकार सिंह मरकाम : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) डिंडौरी जिले में रेत खदान कहाँ-कहाँ किस-किस खसरा नं. में कितनी-कितनी रकबा में संचालित हैं? रेत खदान की नीलामी कब हुई? नीलामी के समय प्रति खदान कितनी घनमीटर रेत के लिए कितनी राशि निर्धारित थी? बोली के समय प्रति खदान में प्रति घनमीटर शासन की क्या दर थी? बोली के बाद किस ठेकेदार ने खदान ली तथा कितने में ली? बोली के बाद प्रति खदान प्रति घनमीटर कितना दर निर्धारित हुआ? प्रति घनमीटरवार, खदानवार जानकारी बतावें। (ख) बोली के बाद निर्धारित दर से अधिक दर में रेत बेचने की शिकायत कहाँ-कहाँ से मिली है? उसमें क्या-क्या कार्यवाही हुई है?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रश्नानुसार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नानुसार शिकायत श्री अजय प्रताप सिंह प्रदेश महामंत्री द्वारा दिनांक 11.10.2017 को की गई थी। शिकायत की जाँच खनि निरीक्षक से कराई गई। शासन द्वारा स्वीकृत उच्चतम बोली अनुसार देय राशि का भुगतान संबंधित ठेकेदार द्वारा नियमानुसार शासन को किया जाता है। इस बोली पर रेत खनिज का विक्रय किये जाने की बाध्यता ठेकेदार को नहीं है। खदान से रेत खनिज का विक्रय मूल्य ठेकेदार द्वारा निर्धारित किया जाता है। मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 में खनिज के बाजार मूल्य के निर्धारण का प्रावधान नहीं है।
प्राईवेट कॉलेजों की जानकारी
[उच्च शिक्षा]
126. ( क्र. 2783 ) श्री ओमकार सिंह मरकाम : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) डिंडौरी जिले में कितने प्राईवेट कॉलेज हैं? कब से संचालित हैं? क्या-क्या विषय की पढ़ाई होती है? पाठ्यक्रम की निर्धारण के क्या नियम हैं? कौन-कौन से कॉलेजों को अनुदान दिया जाता है? अनुदान देने के क्या नियम हैं? (ख) क्या सभी प्रार्इवेट कॉलेजों में शासन के नियमानुसार व्यवस्था है? कॉलेजवार व्यवस्थाओं की जानकारी बतावें। (ग) किस विषय के लिए कितनी फीस ली जाती है? कॉलेजवार बतावें।
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) डिण्डोरी जिले में दो अशासकीय महाविद्यालय हैं। विवरण एवं संचालित पाठ्यक्रम की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। दोनों महाविद्यालयों में बी.एड. का पाठ्यक्रम एन.सी.टी.ई. के नियमों के अंतर्गत संचालित है। शेष विषयों के पाठ्यक्रम मध्यप्रदेश शासन, उच्च शिक्षा विभाग द्वारा गठित केन्द्रीय अध्ययन मंडल द्वारा अनुशंसित तथा महामहिम राज्यपाल द्वारा अनुमोदित होता है। डिण्डोरी जिले के उक्त दोनों अशासकीय महाविद्यालयों को कोई अनुदान नहीं दिया जाता है। अनुदान देने के नियम पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ख) डिण्डोरी जिले के दोनों अशासकीय महाविद्यालयों में शासन के नियमानुसार व्यवस्था है। दोनों अशासकीय महाविद्यालयों में उपलब्ध व्यवस्थाओं का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। (ग) महाविद्यालय द्वारा लिये जाने वाले शुल्क का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' में दृष्टांकित है।
बी.पी.एल. परिवारों की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
127. ( क्र. 2791 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जबलपुर एवं सागर संभाग के स्थानीय निकायों में 01.04.2016 को कितने बी.पी.एल. परिवार थे? दिनांक 01.04.2016 से कब कितने परिवार जोड़े गये? कब कितने हटाये गये? (ख) बी.पी.एल. सर्वे में नाम शामिल करने एवं हटाने हेतु क्या जाँच विहित है? किस-किस जानकारी का सत्यापन किया जाता है? क्या यह प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी एवं वस्तुनिष्ठ है? (ग) क्या कटनी एवं सागर जिले में मनमाने रूप से बी.पी.एल. सर्वे से लोगों के नाम हटाने का कोई मामला कमिश्नर जबलपुर, सागर संभाग एवं कलेक्टर के संज्ञान में आया है? यदि हाँ, तो कब और क्या? (घ) कटनी एवं सागर जिले में 15 सितम्बर, 2017 से प्रश्न दिनांक तक बी.पी.एल. सर्वे से पृथक हुये, कितने हितग्राहियों का प्रकरण पुन: दर्ज करके सुनवाई का अवसर दिया गया? (ड.) क्या कटनी जिले के अधिकांश बी.पी.एल. परिवार खाद्यान्न कूपन से वंचित हैं? क्या शासन द्वारा कूपन पर लगाई गई रोक हटाई जावेगी? शेष बी.पी.एल. परिवारों को कब तक खाद्यान्न कूपन जारी किया जावेगा? इसी प्ररिप्रेक्ष्य में प्रश्नकर्ता द्वारा प्रेषित पत्र क्रमांक 411, दिनांक 23.06.2017 में क्या कार्यवाही की गई?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जबलपुर संभाग के स्थानीय निकायों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार तथा सागर संभाग के स्थानीय निकायों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ख) जी हाँ। आय एवं गैर आय मापदण्डों का सत्यापन किया जाता है। जी हाँ। (ग) जी नहीं। (घ) उक्त अवधि में कटनी जिले में किसी का नाम पृथक नहीं हुआ है। उक्त अवधि में सागर जिला में पृथक हुये 2892 हितग्राहियों का प्रकरण दर्ज कर सुनवाई का अवसर दिया गया है। (ड.) जी नहीं। संबंधित पत्र कलेक्टर जिला कटनी को जनपद पंचायत बहोरीबंद एवं रीठी के हितग्रहियों को खाद्यान्न कूपन जारी करने के संबंध में प्रचलित है।
ग्रामीण सड़कों की जानकारी
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
128. ( क्र. 2806 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या गाँवों के आवागमन हेतु ग्रामीण क्षेत्रों में प्रधानमंत्री सड़क, मुख्यमंत्री सड़क, मुख्यमंत्री सड़क एवं सुदूर ग्राम सड़क योजनाओं इत्यादि के माध्यम से ग्रामीण आवागमन को सुगम किया जा रहा है? (ख) यदि हाँ, तो जावरा विधानसभा क्षेत्रों में उपरोक्तानुसार योजनाओं में विगत तीन वर्षों में कितने ग्रामों हेतु कितने कि.मी. की स्वीकृति प्रदान कर कार्य पूर्ण हुए, अपूर्ण रहे अथवा अप्रारंभ होकर लंबित है? अपूर्ण कार्यों, अप्रारंभ कार्यों जो कि स्वीकृत होकर लंबित हैं, तो किन कारणों से लंबित है तथा नवीन प्रस्तावित कार्य जिनकी डी.पी.आर. इत्यादि की कार्यवाही की जा चुकी है उन्हें कब प्रारंभ किया जा सकेगा? (ग) जावरा विधान सभा क्षत्र के अन्तर्गत मुख्यमंत्री सड़क योजना से निर्मित सड़कों पर डामरीकरण का कार्य कब तक किया जाएगा एवं डामरीकरण हेतु किन-किन सड़क मार्गों को सम्मिलित किया गया है तथा प्रधानमंत्री सड़क योजना के द्वितीय चरण में कौन-कौन से मार्ग सम्मिलित हुए हैं?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'', ''ब'', ''स'' एवं ''द'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ई'' एवं ''फ'' अनुसार है।
विकास कार्यों व बजट की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
129. ( क्र. 2807 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नागरिकों की मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु शासन/विभाग द्वारा जावरा नगर पालिका परिषद् एवं पिपलौदा नगर परिषद् को वर्ष 2013-14 से लेकर प्रश्न दिनांक तक वर्षवार कुल कितना-कितना बजट स्वीकृत कर प्रदान किया? (ख) शासन/विभाग द्वारा वर्षवार प्रदत्त बजट एवं निकाय की स्वयं की निधि के माध्यम से वर्षवार किन-किन कार्यों को किया गया? उनमें से कितने कार्य पूर्ण हुए? कितने अपूर्ण रहे? कितने अप्रारंभ होकर लंबित हैं? (ग) क्या शासन/विभाग द्वारा प्रदत्त बजट मदवार होकर उन्हीं स्वीकृत अनुमोदित कार्यों पर व्यय किया जाता है, जिस मद के अतंर्गत कार्य को स्वीकृति प्रदान की जाती है? (घ) यदि हाँ, तो उपरोक्त वर्षों में प्राप्त बजट से किये गये कार्यों पर हुए व्यय को बताएं तथा निर्माण एजेंसी एवं सामग्री क्रय एजेंसी प्रक्रिया एवं भुगतान के सत्यापन सहित जानकारी से अवगत कराएं?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' ब'' अनुसार है। (ग) जी हाँ। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। निर्माण एजेंसी एवं साम्रगी क्रय एजेंसी प्रक्रिया नियमानुसार अपनायी जाती है एवं निर्माण कार्य के भुगतान को तकनीकी शाखा द्वारा एवं सामग्री के भुगतान को निकाय से संबंधित शाखा प्रभारी एवं स्टोर कीपर मुख्य नगर पालिका अधिकारी एवं स्थानीय निधि अंकेक्षण विभाग द्वारा सत्यापित किया जाता है।
प्रशिक्षण एवं अन्य मदों में भ्रष्टाचार
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
130. ( क्र. 2823 ) श्री मुकेश नायक : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन (एन.आर.एल.एम.) में वित्तीय वर्ष 2012 से प्रश्न दिनांक तक पन्ना जिले में प्रशिक्षण हेतु किन-किन संस्थाओं को चयनित कर चयनित संस्थाओं को किस-किस प्रशिक्षण हेतु कितनी राशि का भुगतान जिला स्तर से किया गया? (ख) मध्यप्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन (एन.आर.एल.एम.) में वित्तीय वर्ष 2012 से प्रश्न दिनांक तक पन्ना जिले में प्रशिक्षण पश्चात कितने युवा लाभान्वित हुए तथा रोजगार पाया? बतावें। (ग) प्रशिक्षण हेतु संस्था/फर्म चयन तथा जिला परियोजना प्रबंधक के पद पर नियुक्ति के संबंध में शासन के नियम का पूर्णत: पालन किया गया? यदि हाँ, तो शासन का नियम बतावें? (घ) चयनित संस्थाओं के जिले में स्थापित प्रशिक्षण स्थल का निरीक्षण मिशन/जिला पंचायत अधिकारियों द्वारा किया गया? यदि हाँ, तो निरीक्षण प्रतिवेदन की प्रति बतावें।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) वित्त वर्ष 2012 से प्रश्न दिनांक तक जिला स्तर से प्रशिक्षण हेतु राशि रूपये 92.24 लाख का भुगतान किया गया। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) कुल 3684 युवाओं को प्रशिक्षित किया जाकर 2470 युवाओं ने स्वरोजगार/रोजगार से जोड़ा गया। (ग) जी हाँ। नियम पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' एवं ''स'' अनुसार है। (घ) जी हाँ। मिशन की ओर से किए गए निरीक्षण प्रतिवेदन पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार है।
विधायक विकास निधि रिलीज में अनियमितता
[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]
131. ( क्र. 2842 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधायक सुमावली मुरैना द्वारा विधायक विकास निधि से वर्ष 2016-17 में एक लाख अस्सी हजार (1,80,000) रूपये ग्राम पंचायत मैथना तहसील मुरैना, तीन लाख रूपये नन्दपुरा तहसील जौरा को हैण्डपंप खनन पेयजल हेतु अनुशंसा की गई थी? अनुशंसा का पत्र कब प्राप्त हुआ एवं उस पर अभी तक क्या कार्यवाही की गई? तिथिवार की गई प्रक्रिया की जानकारी स्थानीय स्तर से उच्च स्तर तक की दी जावे? (ख) क्या योजना मण्डल से नवम्बर, 2017 तक विधायक विकास निधि रिलीज नहीं की गई है और न ही विधायक को सूचना किसी भी स्तर पर दी गई, क्यों? (ग) क्या उक्त उदासीनता विधायक की अवमानना की परिधि में आती है काफी विलंब के बाद भी विधायक निधि से संबंधित कार्य हेतु राशि रिलीज नहीं की गई? इस अनियमितता के लिये कौन अधिकारी-कर्मचारी जिम्मेदार हैं एवं उन पर क्या कार्यवाही की जावेगी। (घ) क्या विधायक द्वारा वरिष्ठ अधिकारियों को पत्र लिखा था, उस पर क्या कार्यवाही की गई, उसकी भी सूचना जनप्रतिनिधि को नहीं दी गई, क्यों? पत्र का दिनांक, अधिकारियों के नाम सहित जानकारी दी जावे।
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। राशि जारी की जाने के उपरांत सूचित भी किया गया है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी हाँ। राशि लैप्स होने से राशि को पुनर्रावन्टन हेतु दिनांक 22.07.2017 को कार्यवाही की गई थी, जिसकी सूचना माननीय विधायक को जिला योजना एवं सांख्यिकी कार्यालय मुरैना के पत्र क्रमांक 3518 दिनांक 25.11.2017 द्वारा दिये जाने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
प्रश्नकर्ता द्वारा अपर मुख्य सचिव को लिखे गए पत्र की जानकारी
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
132. ( क्र. 2902 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के दिनांक 10 अक्टूबर 2017 को विभाग के अपर मुख्य सचिव माननीय राधेश्याम जी जुलानिया को लिखे पत्र क्रमांक 8116 पत्र क्रमांक 8117 पत्र क्रमांक 8118 एवं पत्र क्रमांक 8119 प्राप्त हुए हैं? (ख) यदि हाँ, तो प्रश्नकर्ता के द्वारा किस विषय पर लिखे गए पत्र पर अपर मुख्य सचिव ने किस दिनांक को किस-किस को किन-किन कार्यवाहियों के आदेश एवं निर्देश दिए हैं? (ग) प्रश्नकर्ता ने अपने पत्र क्रमांक 8117 में सड़क निर्माण कार्यों एवं ग्रामीण विकास कार्यों से संबंधित गौण खनिज को लेकर कौन-कौन सी जानकारी उपलब्ध करवाए जाने का अनुरोध किया है? उस जानकारी के संकलन के लिए किसे क्या निर्देश दिए गए हैं? (घ) प्रश्नकर्ता द्वारा पत्र क्रमांक 8117 में चाही गई जानकारी कब तक उपलब्ध करवाई जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क जी हाँ (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। माननीय विधायक महोदय जी से किस परियोजना क्रियान्वयन इकाई की जानकारी चाहिये। नाम अवगत कराने हेतु पत्र क्रमांक 23751 दिनांक 09.11.2017 द्वारा अनुरोध किया है। (घ) उत्तरांश (ग) अनुसार जानकारी प्राप्त होने पर उपलब्ध कराई जा सकेगी।
मुख्यमंत्री सड़क योजनांतर्गत निर्माण कार्यों की जानकारी
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
133. ( क्र. 2957 ) श्री चम्पालाल देवड़ा : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या देवास जिले के बागली विधान सभा क्षेत्र में विभाग द्वारा जो मुख्य मंत्री सड़क योजना के कार्य हुये हैं, वो अमानक व घटिया स्तर के हुए हैं? प्रश्नकर्ता द्वारा दिनांक 10 मार्च, 2016, प्र.क्र. 5544 द्वारा इस और सदन को ध्यानाकर्षित की गया था? क्या प्रश्नकर्ता के समक्ष भी जाँच दल ने जाँच की थी, जिसमें कई प्रकार की कमियां पाई गईं? सड़कें अमानक पाई गई व अनेक सड़कें अपूर्ण थीं। क्या अधिकारियों की मिलीभगत से अमानक स्तर व घटिया स्तर से कार्य करने वाले ठेकेदारों को बचाया जा रहा है? अगर नहीं, तो अब तक कार्य पूर्ण क्यों नहीं किये गये? (ख) प्रश्नांश (क) की कितनी सड़कें अमानक स्तर की पाई गईं? कितनी सड़कें पूर्ण पाई गईं, कितनी सड़कों की गुणवत्ता ठीक नहीं पाई गई? पृथक-पृथक जानकारी देवें। अपूर्ण कार्य कब तक पूर्ण होंगे व जवाबदार अधिकारी कौन-कौन है? (ग) प्रश्नांकित जुलाई 2016 से मार्च 2017 तक के बीच क्या कार्यवाही की गई? ठेकेदारों के खिलाफ विभाग कब तक कार्यवाही करेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। प्रश्नकर्ता माननीय विधायक के प्रश्न क्रमांक 204 दिनांक 28.02.2017 अंतर्गत निर्मित आश्वासन क्रमांक 172 अनुसार सड़कों की जाँच माननीय विधायक के समक्ष की गई। मुख्य अभियंता, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा, इंदौर द्वारा कार्यों की जाँच की गई। जाँच प्रतिवेदन अनुसार कार्यों में पाई गई कमियों/अनियमितताओं हेतु जिम्मेदार अधिकारियों को आरोप पत्र जारी किए गए हैं। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जाँच में 15 सड़कों की गुणवत्ता में कमी पाई गई, इनमें 14 सड़कें पूर्ण एवं 01 सड़क अपूर्ण हैं। उक्त सड़कों की गुणवत्ता में सुधार किया जाकर कार्य दिसम्बर 2017 तक पूर्ण कर लिये जाएंगे। गुणवत्ता की कमी हेतु जवाबदार 03 सहायक यंत्रियों एवं 03 उपयंत्रियों के विभागीय जाँच संस्थित करने हेतु आरोप पत्र जारी किए गए है। (ग) मेसर्स कराडा कन्स्ट्रक्शन के पैकेज क्रमांक 2031 का अनुबंध निरस्त किया एवं 05 पैकेज अंतर्गत ठेकेदारों की जमा राशि रू. 17.94 लाख, कार्यों में सुधार करने के उद्देश्य से राजसात की गई। सुधार कार्य प्रारंभ किया गया।
सार्वभौम अमृत संदेश एवं विचार महाकुंभ की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
134. ( क्र. 2982 ) श्री अजय सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या सिंहस्थ 2016 का सार्वभौम संदेश संयुक्त राष्ट्र संघ केन्द्र सरकार और सभी राज्य सरकारों केा भेजा जाना था? यदि हाँ, तो किन-किन राज्यों को भेजा गया? कब भेजा गया? इसमें मध्यप्रदेश राज्य सरकार की क्या भूमिका थी? (ख) क्या सिंहस्थ 2016 के दौरान विचार महाकुंभ का आयोजन किया गया था? यदि हाँ, तो किस संस्था या विभाग द्वारा किया गया था?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) ''सिंहस्थ 2016 का सार्वभौम अमृत संदेश'' की प्रति माननीय मुख्यमंत्री जी की ओर से सभी माननीय केन्द्रीय मंत्रीगण, समस्त प्रदेशों के मुख्यमंत्री, समस्त लोकसभा/राज्यसभा सदस्यों तथा भारत स्थित सभी विदेशी दूतावासों के राजदूतों को जून, 2016 में प्रेषित की गई। (ख) ''सिंहस्थ-2016 के दौरान दिनांक 12-14 मई, 2016 को ग्राम निनौरा, उज्जैन में ''अन्तर्राष्ट्रीय विचार महाकुंभ'' आयोजित हुआ। यह आयोजन संस्कृति विभाग द्वारा 8 अन्य विभागों/संस्थाओं के सहयोग एवं समन्वय के साथ आयोजित किया गया।
हितग्राहियों को भवन/भूखण्ड का लाभ
[नगरीय विकास एवं आवास]
135. ( क्र. 2983 ) श्री अजय सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) दिनांक 20 जुलाई 2017 के तारांकित प्रश्न क्रमांक 847 के प्रश्नांश (ग) के उत्तर में बताया था कि योजनांतर्गत शेष 3 हितग्राहियों, जिनके द्वारा पंजीयन की राशि वापिस नहीं ली है उनके लिये प्रश्नाधीन योजनांतर्गत स्वतंत्र भूखण्ड/भवन निर्मित कर प्रदान करना, पुनरीक्षित अभिन्यास में प्रावधान न होने के परिप्रेक्ष्य में संभव नहीं है। ये हितग्राही मण्डल की रिक्त संपत्ति अथवा नवीन योजनांतर्गत वर्तमान निर्धारित मूल्य पर संपत्ति प्राप्त कर सकते हैं, जिसमें उनके द्वारा जमा राशि निर्धारित 8 प्रतिशत ब्याज दर पर संपत्ति के मूल्य में समायोजित की जावेगी? तो क्या प्रश्नांकित हितग्राहियों को स्वतंत्र भवन/भूखण्ड विभाग द्वारा उपलब्ध करा दिया गया है? यदि नहीं, तो कब तक उपलब्ध करा दिया है? (ख) क्या प्रश्नांकित हितग्राहियों को बोर्ड द्वारा स्वतंत्र भवन/भूखण्ड भोपाल नगर निगम सीमा के अंतर्गत दिये गये हैं? यदि हाँ, तो कहाँ किस योजना में उपलब्ध कराये हैं? यदि उपलब्ध नहीं कराये है, तो शासन ने सदन में असत्य उत्तर क्यों दिया है? (ग) क्या भोपाल नगर निगम सीमा अंतर्गत बोर्ड के नये अथवा पुरानी योजना में बोर्ड की संपत्ति के अधीन रिक्त स्वतंत्र भवन/भूखण्ड को बोर्ड एवं हितग्राहियों की सहमति से न्यायोचित मूल्य पर उपलब्ध कराया जावेगा? यदि हाँ, तो कब किस योजनांतर्गत रिक्त भवन/भूखण्ड की सूची क्षेत्रवार प्रदान करें?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। जी नहीं, शेष तीनों हितग्राहियों से मंडल द्वारा उपलब्ध कराई गई सूची में से निर्धारित दर पर उपलब्ध कराई गई सूची में से भवन क्रय करने की सहमति प्राप्त होने के पश्चात ही उपलब्ध कराये जा सकते हैं। (ख) जी नहीं। शासन द्वारा सदन में असत्य उत्तर नहीं दिया गया था। संबंधित तीनों हितग्राहियों को नगर निगम सीमा के अंतर्गत मण्डल की अन्य योजना हाऊसिंग पार्क एवं विश्वकर्मा नगर बैरसिया रोड के अंतर्गत शेष अविक्रित संपत्ति में से एक भवन चयनित कर क्रय करने हेतु पूर्ण अवसर प्रदान किया गया परन्तु हितग्राहियों द्वारा भवन चयन नहीं किया गया है। (ग) शेष तीन हितग्राहियों को मंडल की रिक्त सम्पत्तियों की उपलब्ध कराई गई सूची में से मण्डल द्वारा नियत मूल्य पर ही भवन उपलब्ध कराये जा सकते हैं। रिक्त सम्पत्तियों की सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
ग्राम रोजगार सहायकों की भर्ती
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
136. ( क्र. 2998 ) श्री गोवर्धन उपाध्याय : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश के समस्त ग्राम पंचायतों में मनरेगा कार्यों के लिए किस दिनांक को कितने मानदेय के तहत किस नियम के अंतर्गत ग्राम रोजगार सहायक की भर्ती हेतु आदेश जारी किये गये थे? आदेश निर्देश की प्रति संलग्न करें, उक्त भर्ती नियम के तहत कितने ग्राम पंचायतों में रोजगार सहायकों की भर्ती हुई थी और कितने ग्राम पंचायतों में ग्राम रोजगार सहायकों की भर्ती प्रश्न दिनांक तक नहीं की गई, क्या कारण है? जिला, जनपद, पंचायतवार पूर्ण जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में ग्राम रोजगार सहायकों को किस दिनांक से पंचायत सहायक सचिव घोषित किया गया है? क्या ग्राम रोजगार सहायक और पंचायत सहायक सचिव का मानदेय अलग-अलग है? यदि हाँ, तो पंचायत सहायक सचिवों का मानदेय क्या है? कब से मानदेय का भुगतान किये जाने का प्रावधान किया गया है? (ग) क्या मध्यप्रदेश शासन द्वारा पंचायत सहायक सचिव को नियमित किये जाने के संबध में कोई कार्यवाही की जा रही है? यदि हाँ, तो कब से नहीं तो क्यों? कब तक नियमित किये जाने की संभावना है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) भर्ती नियम दिनांक 10.11.09 एवं दिनांक 02.06.12 पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। एम.आई.एस. रिपोर्ट अनुसार वर्तमान में ग्राम रोजगार सहायक कार्यरत हैं। विभिन्न ग्राम पंचायतों में उपयुक्त अभ्यर्थी न मिलने, न्यायालय प्रकरणों/दावा आपत्ति के कारण, वित्तीय वर्ष 2017-18 में प्रशासनिक मद में सीमित राशि के उपलब्धता के कारण नवीन नियुक्ति नहीं की गई है। prd.mp.gov.in अनुसार जिला जनपद पंचायतवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) ग्राम रोजगार सहायकों को दि. 06.07.13 के निर्देशानुसार सहायक सचिव घोषित करने का प्रावधान किया गया है। जी नहीं पंचायत सहायक सचिव का कोई मानदेय निर्धारित नहीं किया गया है, अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। वर्तमान में शासन की ऐसी नीति नहीं है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
ग्राम पंचायतों में जनभागीदारी मद से स्वीकृत कार्यों की जानकारी
[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]
137. ( क्र. 2999 ) श्री गोवर्धन उपाध्याय : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा जिले के विधानसभा क्षेत्र सिरोंज एवं लटेरी क्षेत्रान्तर्गत वर्ष 2012-13 से 2015-16 तक जन भागीदारी मद से किन-किन ग्राम पंचायतों में कौन-कौन से काम कितनी-कितनी लागत से स्वीकृत किए गए हैं? कितने कार्य पूर्ण हुए एवं कितने कार्य अपूर्ण हैं? अपूर्ण कार्य को कब तक पूर्ण किये जाने की संभावना है? अपूर्ण रहने का क्या कारण है? वर्षवार जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार जन भागीदारी मद से स्वीकृत कार्यों में किन-किन ग्राम पंचायतों के सचिव एवं सरपंच के विरूद्ध शिकायतें प्राप्त हुईं थीं? क्या यह सही है कि अनुविभागीय अधिकारी लटेरी द्वारा शिकायतों की जाँच की गयी है? यदि हाँ, तो किस ग्राम पंचायत के सचिव व सरपंच के विरूद्ध क्या-क्या अनियमितताएं पायी गई? क्या उनके विरूद्ध कार्यवाही की गई? (ग) जन भागीदारी मद से स्वीकृत कार्यों में किन-किन ग्राम पंचायतों में मजदूरों से कार्य न करवाकर मशीनों से कार्य किया जाना पाया गया? उन ग्राम पंचायतों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो क्या एवं नहीं तो क्यों?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) वित्तीय वर्ष 2012-13 से 2015-16 तक स्वीकृत कार्यों में एकमात्र ग्राम पंचायत चमर उमरिया के सचिव के विरूद्ध शिकायत प्राप्त हुई थी। जी हाँ। ग्राम पंचायत चमर उमरिया के सचिव के विरूद्ध अवैध उत्खनन संबंधी अनियमितता पाये जाने पर उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर विभागीय जाँच संस्थित की गई है। (ग) ऐसी कोई ग्राम पंचायत नहीं पाये जाने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
कॉलेज भवन की जानकारी
[उच्च शिक्षा]
138. ( क्र. 3019 ) श्री राजेन्द्र फूलचंद वर्मा : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग द्वारा सोनकच्छ विधान सभा क्षेत्र के नगर टोंकखुर्द में महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं के उज्जवल भविष्य के लिए कॉलेज भवन स्वीकृत किया गया था? (ख) क्या ग्राम टोकखुर्द में कॉलेज भवन स्वीकृत होकर निर्माण कार्य प्रारंभ हुआ था, जिसका कार्य अधूरा ही छोड़ दिया गया? जिसके कारण छात्र-छात्राओं को पढ़ाई करने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है? (ग) क्या शासन छात्र-छात्राओं के भविष्य को ध्यान में रखते हुए उक्त अधुरे कॉलेज भवन को पूरा करने हेतु राशि स्वीकृत करेगा या नहीं? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी हाँ। (ख) भवन निर्माण स्वीकृति उपरांत निर्माणाधीन है। इसे पूर्ण करने हेतु प्राचार्य के द्वारा पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति के लिए राशि रू. 217.62 लाख का एवं बाह्य विद्युतीकरण हेतु राशि रू 11.30 लाख की माँग की गई है। जिस पर कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। शासकीय महाविद्यालय, टोंकखुर्द वर्तमान में उत्कृष्ट विद्यालय के भवन में संचालित है। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर अनुसार।
ग्राम पंचायतों में अपूर्ण तथा अप्रारंभ कार्य
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
139. ( क्र. 3021 ) श्री राजेन्द्र फूलचंद वर्मा : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सोनकच्छ विधानसभा क्षेत्र की जनपद पंचायत सोनकच्छ की ग्राम पंचायतों में वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में कितने निर्माण कार्य स्वीकृत हुये? (ख) स्वीकृत निर्माण कार्यों में से कितने कार्य पूर्ण हो चुके हैं, कितने पर कार्य प्रगति पर हैं तथा कितने कार्य अप्रारंभ हैं? (ग) अपूर्ण तथा अप्रारंभ कार्य को कब तक पूर्ण हो जायेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
बैंकों द्वारा योजनाओं की राशि का वितरण
[सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम]
140. ( क्र. 3024 ) श्री राजेन्द्र फूलचंद वर्मा : क्या राज्यमंत्री, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सोनकच्छ विधान सभा क्षेत्र के बैंकों में वर्ष 2016-17 में मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना, प्रधानमंत्री स्वरोजगार, जिला अन्तव्यवसायी योजना के लिए कितना बजट आया है? (ख) सत्र 2016-17 में विधान सभा क्षेत्र सोनकच्छ के कितनी बैंकों ने प्राप्त बजट में से कितना-कितना लोन स्वीकृत किया है? शेष कितना बजट बचा है? (ग) चालू सत्र 2016-17 में विधान सभा क्षेत्र सोनकच्छ की बैंकों में मुख्यमंत्री रोजगार योजना, प्रधानमंत्री स्वरोजगार योजना के कितने प्रस्ताव आए? कितने प्रस्ताव पास हुए? कितने निरस्त हुए व कितने प्रस्ताव लंबित हैं?
राज्यमंत्री, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम ( श्री संजय पाठक ) : (क) शासन द्वारा मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना एवं प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम योजना के अन्तर्गत बैंकों को बजट आवंटित नहीं किया जाता। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के संबंध में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
शिकायत पर कार्यवाही
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
141. ( क्र. 3027 ) श्री रामपाल सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शहडोल जिले के जनपद पंचायत जयसिंहनगर के ग्राम पंचायत लखनौटी के शासकीय प्राथमिक शाला दुआरी तथा शासकीय माध्यमिक विद्यालय दुआरी के पालक शिक्षक संघ के अध्यक्ष एवं प्रधानाध्यापक द्वारा अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) को मध्यान्ह भोजन से संबंधित शिकायत पत्र दिनांक १२-०८-२०१७ एवं १४-०८-२०१७ को प्रस्तुत की गई थी, जिस पर संबंधित हल्का पटवारी द्वारा दिनांक ११-०९-२०१७ को मौके से जाँच कर अपना प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया था और मध्यप्रदेश शासन जन सुनवाई पोर्टल के जन शिकायत क्रमांक ४६६१८५२ दिनांक २२-०८-२०१७ एवं जन शिकायत क्रमांक ४४६१८६० दिनांक २२-०८-२०१७ में दर्ज है? (ख) यदि प्रश्नांश (क) हाँ तो उपरोक्त संबंध में प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? की गई कार्यवाही से अवगत कराया जावे।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी, हाँ। (ख) खण्ड स्तरीय सतर्कता समिति की अनुशंसा के आधार पर दुर्गा महिला स्व-सहायता समूह दुआरी को जिला पंचायत शहडोल के आदेश क्रमांक 6411 दिनांक 24.11.2017 के द्वारा मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम से पृथक कर शाला प्रबंधन समिति दुआरी को मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम के संचालन हेतु आदेशित किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
अपात्र हितग्राहियों की जानकारी
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
142. ( क्र. 3032 ) श्री रामपाल सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शहडोल जिले में प्रधानमंत्री आवास योजना अंतर्गत आवास निर्माण हेतु प्रथम किश्त प्रदाय करने के उपरांत हितग्राही को अपात्र घोषित करते हुये आवास निर्माण की अग्रिम राशि प्रदाय नहीं की गई है? (ख) यदि प्रश्नांश (क) हाँ तो प्रश्नांकित जिले के प्रत्येक जनपद पंचायतों में कितने हितग्राहियों को अपात्र घोषित किया गया है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार अपात्र हितग्राहियों को शासन स्तर से आवास निर्माण हेतु कोई योजना बनाई गई है या बनाई जावेगी, जिससे उनके भी आवास निर्माण का कार्य पूर्ण हो सकें? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) आवास स्वीकृत के पूर्व संबंधित अपात्र हितग्राहियों के संबंध में शासन स्तर से स्वीकृति हेतु नियम स्पष्ट क्यों नहीं बनाये गये थे, जिससे किसी व्यक्ति को परेशान न होना पड़े?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) जनपद पंचायत ब्यौहारी में 5, बुढ़ार में 9, गौहपारू में 45, जयसिंहनगर में 33, सोहागपुर में 34 हितग्राहियों को अपात्र घोषित किया गया है। (ग) वर्तमान में ऐसी कोई योजना विचाराधीन नहीं है। हितग्राही योजना के अन्तर्गत अपात्र पाये गये हैं। (घ) भारत सरकार द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के क्रियान्वयन हेतु जारी मार्ग दर्शिका ''क्रियान्वयन का फ्रेमवर्क'' में प्रारंभ से ही स्पष्ट प्रावधान है।
हिन्दी विश्वविद्यालय द्वारा विषयों को बंद किया
[उच्च शिक्षा]
143. ( क्र. 3035 ) श्री दिनेश राय (मुनमुन) : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या हिन्दी विश्वविद्यालय द्वारा 31 विषयों को बंद किये जाने हेतु वि.वि. प्रशासन द्वारा अधिसूचना जारी कर दी गई है? यदि हाँ, तो कारण कारण स्पष्ट करें। (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित अधिसूचना जारी होने से 31 विषयों में पढ़ रहे 66 छात्रों के पास कोई विकल्प नहीं है कि वे और कहीं प्रवेश लें, इसके कारण उनका भविष्य अंधकारमय हो गया है? उक्त संबंध में प्रशासन क्या विचार कर रहा है? (ग) क्या प्रश्नांश (क) विश्वविद्यालय में 31 विषय एक साथ बंद किये जाने की शिकायत उच्च शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव एवं राज्यपाल को भी की जा चुकी है? यदि हाँ, तो अब तक इस मामले में कोई निर्णय लिया गया है? यदि हाँ, तो क्या, यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ख) एवं (ग) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
प्रयोगशाला तकनीशियनों की वेतन विसंगति
[उच्च शिक्षा]
144. ( क्र. 3040 ) श्री अनिल फिरोजिया, (डॉ. मोहन यादव) : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उच्च शिक्षा द्वारा वर्ष 2014, 2015 तथा 2016 में निर्मित नवीन शासकीय महाविद्यालयों में स्वीकृत नियमित पद प्रयोगशाला तकनीशियन (शिक्षक संवर्ग) की नियुक्ति हेतु क्या वेतनमान निर्धारण किया गया है, आदेश की छायप्रति प्रदान करें। (ख) क्या वर्ष 2016 में व्यापम द्वारा तथा उसके पूर्व की गई विभागीय भर्ती में प्रयोगशाला तकनीशियन पद का वेतनमान रूपये 5200-20200+2400 ग्रेड पे रख कर नियुक्ति की गई है, जबकि वर्ष 2014, 2015 तथा 2016 में निर्मित नवीन शासकीय महाविद्यालयों के लिए उक्त पद का वेतनमान रूपये 5200-20200+2800 ग्रेड पे स्वीकृत किया गया है? (ग) प्रश्नांश (ख) के सन्दर्भ में यदि हाँ, तो क्या कार्यरत सभी नियमित प्रयोगशाला तकनीशियन को उक्त वेतन विसंगति को सुधारते हुए प्रश्न वेतनमान रूपये 5200-20200+2800 ग्रेड पे प्रदान किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) क्या म.प्र. शासन के अन्य विभागों में निर्मित प्रयोगशाला तकनीशियन के पद की वेतन विंसगति को ब्रहमस्वरूप समिति की अनुशंसा पर दूर करते हुए वेतनमान 5200-20200+2800 ग्रेड पे प्रदान कर दिया गया है? यदि हाँ, तो किन-किन विभागों में? क्या उच्च शिक्षा विभाग द्वारा भी उक्त विंसगति को दूर कर दिया गया है? यदि नहीं, तो कब तक किया जावेगा?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) वर्ष 2014, 2015 तथा 2016 में स्थापित नवीन शासकीय महाविद्यालयों में स्वीकृत नियमित पद प्रयोगशला तकनीशियन (शिक्षक संवर्ग) की नियुक्ति हेतु वेतनमान रूपये 5200-20200+2800 ग्रेड पे उक्त आदेश में अंकित है। उक्त आदेश में प्रयोगशाला तकनीशियन का वेतनमान 5200-20200+2800 ग्रेड पे त्रुटिपूर्ण टंकित हो गया था, जिसे सुधार करते हुये वेतनमान 5200-20200+2400 ग्रेड पे प्रतिस्थापित किये जाने हेतु विभाग द्वारा संशोधन आदेश क्रमांक 2082/3380/2017/38-2/17 दिनांक 28.11.2017 जारी किया गया है। (ख) जी हाँ। शेष (क) अनुसार। (ग) शेष प्रश्नांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (घ) विभाग से संबंधित नहीं। प्रश्नांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
प्रधानमंत्री आवास योजना एवं सी.एल.एस.एस. स्कीम की जानकारी
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
145. ( क्र. 3042 ) श्री गोपाल परमार : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आगर जिले अंतर्गत वर्ष 2016-17 में प्रधानमंत्री आवास योजना/सी.एल.एस.एस. स्कीम के तहत कुल कितने हितग्राहियों को लाभ दिया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार नगर विकासखण्ड एवं ग्राम पंचायतवार हितग्राहियों के नाम की सूची देवें। ऐसे कितने हितग्राही हैं जिन्हें इस योजना से वंचित किया गया है? (ग) क्या ऐसे हितग्राही जो प्रधानमंत्री आवास योजना/सी.एल.एस.एस. स्कीम की श्रेणी में आते हैं उन्हें लाभ देने से वंचित किया गया है? नाम सहित सूची देवें। इन्हें कब तक लाभ दिया जायेगा? (घ) प्रधानमंत्री आवास योजना/सी.एल.एस.एस. स्कीम के तहत कितनी शिकायतें प्राप्त हुईं? प्राप्त शिकायतों की जाँच किसके द्वारा की गई है? शिकायतों में कौन दोषी पाया गया है? शासन स्तर से क्या कार्यवाही की गई है? यदि दोषियों के खिलाफ कार्यवाही नहीं की गई तो कारण बतावें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के अन्तर्गत वर्ष 2016-17 में 3,248 हितग्राहियों को लाभांवित किया गया। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार है। प्राथमिकता क्रम में आने वाले किसी पात्र हितग्राही को योजना से वंचित नहीं किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मानक लागत एवं रूपांकन निर्धारण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
146. ( क्र. 3049 ) श्री संजय उइके : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग द्वारा बालाघाट जिले में पंच परमेश्वर योजना से सी.सी. सड़क एवं नाली निर्माण कार्य, सामुदायिक भवन पंचायत भवन, मनरेगा से शांतिधाम, कूप निर्माण, नवीन तालाब निर्माण हेतु मानक लागत एवं मानक रूपांकन का निर्धारण किया गया है? (ख) यदि हाँ, तो क्या बालाघाट जिले में मानक लागत निर्धारण के पूर्व प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कार्य अधिक लागत के कराये गये हैं, क्या वह गलत है? यदि हाँ, तो क्या तत्समय जारी एस.ओ.आर. के दर/मानक लागत निर्धारित करने वाले उच्च तकनीकी अधिकारी के विरूद्ध विभाग को आर्थिक हानि पहुंचाने के लिए कार्यवाही की जायेगी? (ग) क्या बालाघाट जिले में नवीन तालाबों का निर्माण उन जगहों पर किया गया है, जहां जल का कोई स्त्रोत नहीं है? जिसमें तालाब में जल नहीं भरता है और उसकी उपयोगिता नल-जल संरक्षण और न ही निस्तार के लिये हो पा रहा है? क्या यह सभी है? बतावें।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। पूर्व में मानक प्राक्कलन एवं मानक लागत निर्धारित नहीं होने से शेष प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होते। (ग) जी नहीं। अत: शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होते हैं।
वार्डों में शौचालय निर्माण की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
147. ( क्र. 3062 ) श्रीमती नीलम अभय मिश्रा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या नगर पंचायत सेमरिया द्वारा उसके अंतर्गत आने वाले 15 वार्डों में हर घर में शौचालय निर्माण कराये जाने का ठेका अलग-अलग एजेंसियों को दिया गया था? (ख) क्या उक्त एजेंसियों द्वारा नगर पंचायत की मिलीभगत में शौचालय निर्माण का कार्य सही प्रकार से न कराया जाकर अधिकांश राशि का गबन कर लिया गया है? (ग) यदि हाँ, तो उन एजेंसियों के खिलाफ विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों एवं कब तक की जावेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ, जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। (ग) उत्तर (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
हितग्राहियों को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
148. ( क्र. 3063 ) श्री महेन्द्र सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र गुनौर अन्तर्गत जनपद पंचायत पन्ना एवं गुनौर में वर्ष 2016-17 तथा वर्ष 2017-18 में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में कुल कितने व्यक्तियों को लाभ दिया गया है? (ख) जनपद पंचायत पन्ना एवं गुनौर में कितने हितग्राहियों को प्रथम एवं द्वितीय किश्तों का भुगतान किया गया? ग्राम पंचायतवार जानकारी दें। (ग) ऐसे कितने हितग्राही हैं जिनका नाम काटा गया है? किस नियम और आधार पर उनके नाम काटे गये? बतावें।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) विधानसभा क्षेत्र गुनौर अन्तर्गत जनपद पंचायत गुनौर में वर्ष 2016-17 तथा वर्ष 2017-18 में कुल 3289 हितग्राहियों को लाभ दिया गया है तथा जनपद पंचायत पन्ना में वर्ष 2016-17 तथा वर्ष 2017-18 में कुल 834 हितग्राहियों को लाभ दिया गया। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) 4894 हितग्राहियों के नाम काटे गये। नाम भारत सरकार द्वारा जारी मार्ग दर्शिका ''क्रियान्वयन का फ्रेमवर्क'' के प्रावधानों के पालन में काटे गये हैं।
प्रधानमंत्री आवास हेतु हितग्राहियों की सूची
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
149. ( क्र. 3065 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र की तहसील शामगढ़, सीतामऊ, सुवासरा के अंतर्गत कितने ग्रामों के व्यक्तियों को प्रधानमंत्री आवास का लाभ प्रश्न दिनांक तक मिला है या स्वीकृत सूची में सम्मिलित हैं? ऐसे प्रत्येक ग्राम की लाभार्थियों या हितग्राहियों तथा पिता/पति के नामों सहित सूची हिंदी में उपलब्ध करावें। (ख) उपरोक्त हितग्राहियों में से कितने व्यक्तियों को प्रथम, दूसरी तथा अंतिम किश्त प्राप्त हो चुकी है? हितग्राही का नाम, पता व प्राप्त राशि सहित जानकारी देवें? (ग) कितने व्यक्तियों के नाम प्रधानमंत्री आवास सूची में सम्मिलित करने हेतु शासन की ओर प्रेषित किये गये हैं? व्यक्तियों के नाम सहित जानकारी देवें। (घ) प्रधानमंत्री आवास योजना से वंचित व्यक्तियों को कब तक इस योजना का लाभ मिल जावेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार है। (ग) 12,321। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार है। (घ) प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के अन्तर्गत राज्यों को लक्ष्य आवंटन भारत सरकार द्वारा किया जाता है। समय-सीमा निर्धारित किया जाना संभव नहीं है।
राम जानकी मंदिर लोक न्यास घटेहा का प्रबंधन
[धार्मिक न्यास और धर्मस्व]
150. ( क्र. 3072 ) श्री केदारनाथ शुक्ल : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या अनुविभागीय अधिकारी राजस्व त्योंथर जिला रीवा द्वारा राम जानकी मंदिर लोक न्यास घटेहा का पंजीकरण किया गया है? (ख) यदि हाँ, तो न्यास पंजीकरण आदेश की प्रति, न्यास का स्वयं के विधान/नियमावली की प्रति, न्यास के पंजीकरण में समाविष्ट भूमियों के खसरा नं. एवं क्षेत्रफल का विवरण दें। (ग) प्रश्नांश (ख) में वर्णित भूमियों में वर्तमान कृषि वर्ष में क्या राम जानकी मंदिर लोक न्यास घटेहा का भौतिक रूप से आधिपत्य है या अनाधिकृत रूप से भूमियां अतिक्रमित हैं? (घ) यदि हाँ, तो लोक न्यास की किस भूमि किन व्यक्तियों द्वारा अतिक्रमण कर कृषि की जा रही है? विवरण दें। यह भी बतायें कि कब तक अतिक्रमित भूमियों से अतिक्रमण हटाकर राम जानकी मंदिर लोक न्यास घटेहा के पदाधिकारी, लोक न्यास की भूमियों का प्रबंधन करेंगे? अब तक ऐसा क्यों नहीं किया गया?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
विभिन्न योजनांतर्गत स्वीकृत निर्माण कार्यों की जानकारी
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
151. ( क्र. 3090 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परासिया विधान सभा क्षेत्र की जनपद पंचायत परासिया की ग्राम पंचायतों में वर्ष 2016-17 वर्ष 2017-18 में किस योजना अन्तर्गत कितनी राशि का आवंटन प्राप्त हुआ है? कितनी राशि शेष है? ग्राम पंचायतवार, योजनावार बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार वित्तीय वर्ष में योजना अन्तर्गत ग्राम पंचायतों में कितने कार्य स्वीकृत किये गये हैं? कितने कार्य पूर्ण एवं कितने कार्य अप्रारंभ है? कार्यों को पूर्ण करने की कोई शासन द्वारा समय-सीमा निर्धारित है? (ग) अप्रारंभ कार्यों को समय-सीमा में पूर्ण न करने के क्या कारण हैं? (घ) उपरोक्त वित्तीय वर्ष में योजनान्तर्गत स्वीकृत कार्यों को प्रारंभ करने की समय-सीमा बतायें।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। शासन स्तर से कार्यों को पूर्ण करने हेतु कोई समय-सीमा निर्धारित नहीं है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (घ) समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
नगरीय क्षेत्र में प्रधानमंत्री आवास हेतु हितग्राहियों की सूची
[नगरीय विकास एवं आवास]
152. ( क्र. 3113 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र के नगरीय क्षेत्र शामगढ़, सीतामऊ, सुवासरा नगर परिषद् के अंतर्गत कितने व्यक्तियों को प्रधानमंत्री आवास का लाभ प्रश्न दिनांक तक मिला है या स्वीकृत सूची में सम्मिलित हैं? ऐसे लाभार्थियों या हितग्राहियों के नामों की सूची हिंदी में उपलब्ध करावें। (ख) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र के नगरीय क्षेत्रों में उपरोक्त हितग्राहियों में से कितने व्यक्तियों को प्रथम, दूसरी तथा अंतिम किश्त प्राप्त हो चुकी है? (ग) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र के नगरीय क्षेत्रों के कितने व्यक्तियों के नाम प्रधानमंत्री आवास सूची में सम्मिलित करने हेतु शासन की ओर प्रेषित किये गये हैं? व्यक्तियों के नाम सहित जानकारी देवें। (घ) प्रधानमंत्री आवास योजना से वंचित व्यक्तियों को कब तक इस योजना का लाभ मिल जावेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र के नगरीय क्षेत्र शामगढ़ में 607, सीतामऊ में 209, सुवासरा में 309, हितग्राहियों को चयनित कर विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन स्वीकृत कराया गया है। निकायवार सूची की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। अभी तक सुवासरा विधानसभा क्षेत्र के नगरीय क्षेत्र शामगढ़ में 291, सीतामऊ में 144, सुवासरा में 157 हितग्राहियों को लाभ प्राप्त हो चुका है। (ख) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र के नगरीय क्षेत्र शामगढ़ में 291, सीतामऊ में 144, सुवासरा में 157 हितग्राहियों को प्रथम किश्त का भुगतान किया जा चुका है। शामगढ़ में 51 हितग्राही तथा सुवासरा में 30 हितग्राही के खाते में द्वितीय किश्त की राशि जमा करा दी गई है। अंतिम किश्त अभी किसी को नहीं प्रदान की गई है। (ग) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र के नगरीय क्षेत्र शामगढ़ में 607, सीतामऊ में 209, सुवासरा में 309 हितग्राहियों को चयनित कर डी.पी.आर. में सम्मिलित कर शासन को प्रेषित किया गया है। निकायवार सूची जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी सबके लिए आवास 2022) के अंतर्गत समस्त पात्र हितग्राहियों को वर्ष 2022 तक योजना का लाभ दिया जाना है।
मुख्य कार्यपालन अधिकारी पर कार्यवाही
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
153. ( क्र. 3122 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नवगठित आगर जिले में विगत 03 वर्षों में परफॉर्मेंस ग्रांट योजना के तहत किन-किन ग्रामों में सामुदायिक भवन स्वीकृत किए गए एवं कितनी राशि का आवंटन किया गया? (ख) विधान सभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत नियम विरूद्ध कार्य स्वीकृति/राशि आवंटन किए जाने पर मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्रीमती माधुरी शर्मा पर कोई जांच प्रचलित है? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही होगी एवं कब तक? (ग) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 1679 दिनांक 22 जुलाई 2016 के उत्तरांश (घ) में गुणदोष के आधार पर विधि अनुरूप यथोचित कार्यवाही किया जाना उत्तरांकित किया था? तत्सबंध में क्या कार्यवाही की गई? प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रं. 4993 दिनांक 21.03.17 के उत्तरांश (घ) अनुसार श्रीमती शर्मा को भविष्य के लिये सचेत किया जाना बताया है? क्या नियम विरूद्ध राशि आवंटन के दोष हेतु कार्यवाही पर्याप्त है? यदि नहीं, तो पुनः संज्ञान लिया जाकर ठोस कार्यवाही की जावेगी? (घ) क्या नियम विरूद्ध आवंटित कार्य की विस्तृत जांच की गई? यदि हाँ, तो कब-कब, किन-किन अधिकारियों द्वारा की गई एवं क्या कार्यवाही की गई? जांच से संबंधित दस्तावेजों की सत्यापित प्रति उपलब्ध करावें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता। (ग) जी हाँ। तत्संबंध में विभागीय आदेश क्रमांक 17042 दिनांक 04.12.2015 द्वारा भविष्य के लिये सचेत किया गया था। जी हाँ। की गई कार्यवाही पर्याप्त है। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है।
नगरीय क्षेत्रों में शौचालय निर्माण कार्य की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
154. ( क्र. 3123 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सुसनेर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत विगत 02 वर्षों में भारत स्वच्छता अभियान या अन्य योजना से नगरीय क्षेत्रो में कुल कितने शौचालयों का निर्माण किया गया है? नगरीय निकायवार जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में सुसनेर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत नगरीय निकायवार निर्मित शौचालय से संबंधित हितग्राहियों की सूची, स्वीकृति एवं भुगतान की स्थिति दर्शाते हुए उपलब्ध करावें। (ग) सुसनेर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत नगरीय निकायों में शौचालय निर्माण कार्य हेतु निविदा प्रक्रिया की गई थी? यदि हाँ, तो की गई निविदा प्रक्रिया एवं किए गए भुगतान से संबंधित समस्त दस्तावेजों की सत्यापित प्रति कृपया नगरीय निकायवार उपलब्ध करावें? क्या निर्मित शौचालयों के भुगतान वर्तमान तक लंबित हैं? यदि हाँ, तो कितने हितग्राहियों को या एजेंसियों को व किस कारण से सूची उपलब्ध करावें? (घ) क्षेत्रान्तर्गत नगरीय निकायों में शौचालय निर्माण कार्य में अनियमितता संबंधी कितनी शिकायतें विगत 02 वर्षों में प्राप्त हुई हैं एवं प्राप्त शिकायतों पर विभिन्न स्तरों से क्या कार्यवाही की गई? कृपया शिकायतवार पूर्ण विवरण देवें? क्या अनियमित भुगतान या मूल्यांकन पाया गया? यदि हाँ, तो संबंधित ठेकेदार एवं जवाबदेह कर्मचारी पर क्या कार्यवाही की गई? क्या उचित जांच कर ठोस कार्यवाही की जावेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) सुसनेर विधानसभा क्षेत्र में आने वाली 04 नगरीय निकाय क्रमश: सुसनेर में 663, सोयतकलां में 561, बडागांव में 315 एवं नलखेड़ा में 493 शौचालयों में कुल 2032 शौचालयों का विगत दो वर्षों में स्वच्छ भारत मिशन अंतर्गत निर्माण किया गया है। (ख) हितग्रहियों की सूची एवं भुगतान की स्थिति अभिलेख निकायवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ग) जी हाँ, निविदा प्रक्रिया से संबंधित दस्तावेजों की सत्यापित प्रति निकायवार की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है एवं भुगतान से संबंधित दस्तावेजों की निकायवार की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। जी हाँ, नगर परिषद् सोयतकलां में हितग्राहियों के शौचालय के फोटोग्राफ एवं हितग्राही संतुष्टि पत्र ठेकेदार द्वारा प्रस्तुत नहीं करने के कारण 99 शौचालयों का भुगतान वसुधरा सामाजिक संस्थान, भोपाल को किया जाना लंबित है। (घ) नगरीय निकाय क्रमश: सोयतकलां, नलखेडा, बडागाँव में विगत दो वर्षों में कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। नगर परिषद् सुसनेर में विगत 02 वर्षों में शौचालय निर्माण के संबंध में सी.एम. हेल्पलाईन के माध्यम से 15 शिकायतें प्राप्त हुई। जिसमें ठेकेदार द्वारा शौचालय का अपूर्ण निर्माण किये जाने की शिकायत की गई थी जिनका निराकरण निकाय द्वारा संबंधित ठेकेदारों के बिलों से काटी गई सुरक्षा निधि की राशि, अतिरिक्त 10 प्रतिशत रोकी गई राशि एवं अमानत राशि से अपूर्ण शौचालय का निर्माण कार्य पूर्ण कराया जाकर शिकायतों का निराकरण कर दिया गया है। प्राप्त शिकायतों पर की गई कार्यवाही का प्रतिवेदन शिकायतवारा जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। उपरोक्त चारों नगरीय निकायों में शौचालय निर्माण कार्य में की गई अधिक भुगतान नहीं किया गया है, शेष का प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
समान कार्य समान वेतन लागू करना
[उच्च शिक्षा]
155. ( क्र. 3134 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. शासन के उच्च शिक्षा विभाग में वर्ष, 1991 के बाद सहायक प्राध्यापक की सामान्य/सीधी भर्ती नहीं की गई है? यदि हाँ, तो भर्ती न करने के क्या कारण हैं? क्या सीधी भर्ती न होने से म.प्र. के शासकीय महाविद्यालयों में नियमित प्राध्यापकों की अत्यंत कमी है, जिस कारण प्रदेश के छात्र/छात्राओं को गुणात्मक/स्तरीय शिक्षा देना क्या संभव हो पा रहा है? यदि नहीं, तो इसके लिए कौन जिम्मेदार है? (ख) क्या महाविद्यालयों में रिक्त पदों के विरुद्ध विगत 25 वर्षों से अस्थाई/संविदा/अतिथि विद्वान कार्य कर रहे हैं, जिनमें से अधिकांश अतिथि विद्वान शासकीय सेवा के लिए निर्धारित अधिकतम आयु सीमा (40 वर्ष) को पार कर चुके हैं? यदि हाँ, तो उनके जीवन को स्थायित्व/सुरक्षित करने का दायित्व किसका है? (ग) क्या अतिथि विद्वानों का चयन यू.जी.सी. के द्वारा सहायक प्राध्यापक पद हेतु निर्धारित योग्यता के अनुसार किया जाता है, किन्तु पारिश्रमिक यू.जी.सी. के निर्देशानुसार नहीं दिया जाता, क्यों? क्या अतिथि विद्वानों से अध्यापन कार्य नियमित प्राध्यापक की तरह कराया जाता है, परन्तु एक समान कार्य के लिए भिन्न-भिन्न पारिश्रमिक क्यों? क्या इनका पारिश्रमिक संविदा शिक्षक वर्ग-3/नियमित चतुर्थ श्रेणी से भी कम है? (घ) क्या अतिथि विद्वानों के विगत 25/20/15/10/05 वर्षों के कार्यानुभव एवं योग्यता के अनुसार अन्य प्रदेशों जैसे हरियाणा, हिमांचल प्रदेश व अन्य प्रदेशों की भॉति निरंतरता एवं स्थायित्व करने के आदेश यथाशीघ्र जारी किये जायेंगे?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी हाँ। भर्ती हेतु म.प्र. लोक सेवा आयोग इन्दौर को प्रस्ताव तैयार कर भेजे गये हैं। भर्ती न करने के कोई कारण शेष नहीं हैं। जी हाँ, शैक्षणिक रूप से संपन्न अतिथि विद्वानों के द्वारा अध्यापन कार्य कराया जा रहा है। (ख) जी हाँ। अतिथि विद्वान कार्य कर रहे हैं। शासन द्वारा आयु सीमा में छूट प्रदान की गई है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ। मध्यप्रदेश शासन उच्च शिक्षा विभाग द्वारा निर्धारित दर से पारिश्रमिक दिया जाता है। जी नहीं। कालखण्ड के अनुसार कार्य करते हैं। चयन प्रक्रिया भिन्न होने के कारण पारिश्रमिक भिन्न-भिन्न दिया जाता है। जी नहीं। इनका पारिश्रमिक संविदा शिक्षक वर्ग-3/नियमित चतुर्थ श्रेणी से भी कम नहीं है। (ग) जी नहीं।
पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के लिपिकों की जानकारी
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
156. ( क्र. 3178 ) श्री घनश्याम पिरोनियाँ : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जनपद पंचायत के लिपिकों को जिला पंचायत स्तर पर संविलियन करने का पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग से कोई आदेश/निर्देश शासन स्तर से जारी किए हैं? यदि हाँ, तो उन नियमों के आदेश की प्रतियां उपलब्ध करायें। (ख) मध्यप्रदेश में कितने लिपिकों का जनपद पंचायत से जिला पंचायत कार्यालय में सम्मिलित किया गया है? यदि संविलियन किया गया है, तो उन समस्त संविलियन किये गये लिपिकों की सूची नाम एवं कार्यालय सहित सूची प्रदान करें। (ग) यदि नियम विरुद्ध लिपिक वर्गीय कर्मचारियों का संविलियन जनपद पंचायत से जिला पंचायत स्तर पर किया गया है, तो ऐसे अधिकारियों/कर्मचारियों के विरुद्ध शासन से क्या कार्यवाही की जाएगी और कब तक? (घ) ऐसे लिपिकों को कब तक मूल पदस्थापना स्थल पर कब तक वापिस कर दिया जावेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। (ख) जी नहीं। जानकारी निरंक है। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
अस्थाई दैनिक श्रमिकों को स्थाई श्रेणी का दर्जा
[उच्च शिक्षा]
157. ( क्र. 3185 ) श्री जालम सिंह पटेल : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला जबलपुर के समस्त शासकीय महाविद्यालय मध्य प्रदेश शासन की योजना के तहत सामान्य प्रशासन विभाग मंत्रालय के पत्र क्रं. एफ 5-1/2013/1/3 दिनांक 07/10/2016 एवं मा. मुख्यमंत्री जी द्वारा 15/08/2016 को अस्थाई दैनिक श्रमिकों को नियमित करने की घोषणा की गई थी? यदि हाँ, तो उस पर कार्यवाही क्यों नहीं की गई? (ख) क्या शासकीय महाकौशल कला एवं वाणिज्यक अग्रणी महाविद्यालय एवं होम साईंस महिला महाविद्यालय जबलपुर को पत्र लिखकर सूचित किया गया था? यदि हाँ, तो उस पर अभी तक कार्यवाही क्यों नहीं की गई? (ग) क्या अस्थाई दैनिक श्रमिक को मंत्रालय के आदेश का पालन न करने वाले जैसे क्षेत्रीय अतिरिक्त संचालक संभाग जबलपुर एवं समस्त प्राचार्य पर क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्या कार्यवाही की जावेगी? (घ) क्या अस्थाई दैनिक श्रमिक को स्थाई श्रेणी देने का आदेश मंत्रालय द्वारा शासकीय होम सांईस महिला महाविद्यालय जबलपुर कार्यालय प्रमुख प्राचार्य को पत्र द्वारा सूचित किया गया था? यदि हाँ, तो उस पर अभी तक कार्यवाही क्यों नहीं की गई और अस्थाई दैनिक श्रमिकों को स्थाई श्रेणी क्यों नहीं प्रदान कि गई है?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश दि. 07.10.2016 के तहत दैनिक श्रमिकों को स्थाई श्रेणी का दर्जा प्रदान किये जाने का आदेश प्रसारित किया गया था, जिसके तहत जबलपुर जिले के समस्त शासकीय महाविद्यालयों में पदस्थ 179 दैनिक श्रमिकों में से 40 कर्मचारियों को स्थाई श्रेणी का दर्जा प्रदान किया जा चुका है। शेष पर कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ख) जी हाँ। शा. महाकौशल महावद्यालय में कुल कार्यरत 19 दैनिक श्रमिकों में से 04 को स्थाई श्रमिकों का दर्जा प्रदान किया जा चुका है एवं शा. होम साईंस महाविद्यालय में कार्यरत कुल 94 दैनिक श्रमिकों में से 27 को स्थाई श्रमिकों का दर्जा प्रदान किया जा चुका है। (ग) (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं। महाविद्यालय के प्राचार्य द्वारा अस्थाई श्रमिकों को स्थायी श्रेणी की पात्रता नियमानुसार प्रदान की गई है। शेष के संबंध में सतत् प्रक्रिया जारी है।
वन भूमि में शासकीय कार्यों हेतु अनापत्ति आदेश
[वन]
158. ( क्र. 3186 ) श्री संजय उइके : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वन भूमि में शासकीय निर्माण कार्यों सड़क, भवन विद्युतीकरण हेतु अनुमति बाबत् आदेश/निर्देश व नियम हैं? (ख) यदि हाँ, तो वित्तीय वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक बालाघाट जिले में किन-किन शासकीय निर्माण कार्यों हेतु कब-कब कितनी भूमि की अनुमति प्रदान की गई? विधानसभा क्षेत्रवार अनुमति पत्र/अनापत्ति आदेश प्रति सहित जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) वन मण्डलाधिकारी स्तर पर कहाँ-कहाँ के किन-किन कार्यों की अनुमति हेतु प्रस्ताव कब से एवं किन कारणों से लंबित हैं? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कार्यों की अनुमति बाबत् नियम/निर्देश की प्रति उपलब्ध करावें?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक एवं जारी स्वीकृतियों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (ग) विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन अुनसार है। कार्यों की अनुमति बाबत् नियम/निर्देश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-चार अनुसार है।
राजस्व अभिलेख में दर्ज अधिकारों एवं प्रयोजन
[वन]
159. ( क्र. 3196 ) श्री रामनिवास रावत : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्योपुर जिले में भा.व.अधि. की धारा 5 से 19 तक की जाँच के लिए कितने ग्रामों की कितनी भूमि के बनाए गए वनखण्डों को किस-किस अनुविभागीय अधिकारी के समक्ष प्रस्तावित किया गया है? इसमें से कितनी भूमि एरिया रजिस्टर में दर्ज है, कितनी कम्पार्टमेंट हिस्ट्री एवं ब्लॉक हिस्ट्री में दर्ज है? पृथक-पृथक बतावें। (ख) एरिया रजिस्टर, कम्पार्टमेंट हिस्ट्री एवं ब्लॉक हिस्ट्री में दर्ज भूमियों के सम्बन्ध में राजस्व अभिलेखों में दर्ज सामुदायिक, सार्वजनिक, निस्तारी अधिकारों के ब्यौरे अभी तक दर्ज नहीं किये जाने के क्या कारण है? (ग) प्रमुख सचिव वन, म.प्र. शासन ने दिनांक 10 अप्रैल, 2015 को क्या-क्या निर्देश दिए हैं? अधिकारों एवं प्रयोजनों के ब्यौरे एरिया रजिस्टर, कम्पार्टमेंट हिस्ट्री एवं ब्लॉक हिस्ट्री में दर्ज किये जाने के सम्बन्ध में राज्य मंत्रालय एवं वन मुख्यालय के क्या आदेश एवं निर्देश हैं? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के परिप्रेक्ष्य में राजस्व अभिलेख में दर्ज अधिकारों एवं प्रयोजनों के ब्यौरे एरिया रजिस्टर, कम्पार्टमेंट हिस्ट्री एवं ब्लॉक हिस्ट्री में दर्ज किए जाने के सम्बन्ध में विभाग क्या कार्यवाही कर रहा है? कब तक ब्यौरे दर्ज करवा लिए जावेंगे?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) पूर्व में भारतीय वन अधिनियम, 1927 की धारा-29 के अंतर्गत अधिसूचित संरक्षित वन एवं धारा-4 (1) के अंतर्गत अधिसूचित प्रस्तावित आरक्षित वन भूमियों पर तत्समय राजस्व अभिलेखों में दर्ज व्यक्ति एवं समुदाय के अधिकारों को, सक्षम राजस्व अधिकारियों द्वारा जाँच, जो अर्द्ध न्यायिक स्वरूप की है, लंबित रहने के कारण अभिलिखित नहीं किये जा सके हैं। (ग) विभागीय निर्देश संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। वन मुख्यालय ने पृथक से कोई पत्र जारी नहीं किया है। (घ) उत्तरांश (क), (ख) एवं (ग) के परिप्रेक्ष्य में, राजस्व अभिलेखों में, दर्ज व्यक्ति एवं समुदाय के अधिकारों के स्वरूपों की जानकारी, सक्षम राजस्व विभाग के अधिकारियों द्वारा, जाँच कर अभिलिखित की जा रही है। यह कार्यावाही वृहद् क्षेत्र से संबंधित, पुराने अभिलेखों एवं साक्ष्यों पर आधारित और अर्द्ध न्यायिक स्वरूप की होने से समय-सीमा बतायी जाना संभव नहीं है।
ग्रामीण मार्गों पर पुलिया निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
160. ( क्र. 3203 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत राजगढ़ को विधानसभा क्षेत्र ब्यावरा के अंतर्गत 8 अत्यंत महत्वपूर्ण ग्रामीण मार्गों पर स्थित नदी/नालों पर पुलिया निर्माण कराये जाने हेतु अपने पत्र क्रमांक 1723 दिनांक 09 अक्टूबर 2017 प्रेषित किया गया था? यदि हाँ, तो उक्त पुलियों के निर्माण की स्वीकृति के संबंध में प्रश्न दिनांक तक कोई कार्यवाही की गई? यदि हाँ, तो क्या? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या प्रश्नकर्ता के तारांकित प्रश्न क्रमांक 7719 दिनांक 31 मार्च 2016 के उत्तर में सदन में हुई चर्चा अनुसार माननीय विभागीय मंत्री जी द्वारा भी किसी भी योजना से उक्त पुलियों के निर्माण कराये जाने की बात कही गई थी? तो उक्त संबंध में प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? (ग) उपरोक्तानुसार क्या वर्तमान में जनपद पंचायत ब्यावरा (जिला राजगढ़) के पास विभिन्न मदों में लगभग राशि रूपये 250.00 लाख जमा है? यदि हाँ, तो क्या शासन उक्त राशि से उपरोक्तानुसार पुलियों के निर्माण की स्वीकृति प्रदान करेगा? यदि हाँ, तो कब तक, यदि नहीं, तो क्यों? शासन द्वारा उक्त पुलियों के निर्माण हेतु क्या व्यवस्था की जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। (ख) जी हाँ। कुल 12 कार्य में से 7 कार्य स्वीकृत किये जा चुके हैं। शेष 05 कार्य कराये जाने से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पुलिया निर्माण की जानकारी
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
161. ( क्र. 3204 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजगढ़ जिले के विधानसभा क्षेत्र ब्यावरा के अंतर्गत प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना में निर्मित एस.एस.14 से ग्राम टोंका मार्ग स्थित घोड़ापछाड़ नदी पर बने अत्यंत अल्प ऊँचाई रपटा वर्षाकाल में जलमग्न हो जाने से उक्त मार्ग से ग्राम टोंका, घुरेल महादेव मंदिर पर्यटन स्थल व अन्य दर्जनों ग्रामों का आवागमन वर्षाकाल के तीन-चार माह तक बाधित होता है, जिससें ग्रामवासियों को अपने दैनंदिनी कार्यों, स्वास्थ्य सेवाएं, स्कूली छात्र-छात्राओं की शिक्षा, हाट बाजार, राजस्व एवं न्यायालयीन कार्य आदि हेतु अत्यधिक परेशानी का सामना करना पडता है? (ख) यदि हाँ, तो क्या शासन उक्त अल्प ऊँचाई के रपटे के स्थान पर दो मीटर ऊँचाई की पुलिया का निर्माण करायेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं, राजगढ़ जिले के विधानसभा क्षेत्र ब्यावरा के अंतर्गत प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में निर्मित एस.एस.-14 से ग्राम टोंका सड़क पर घोड़ापछाड़ नदी पर निर्मित वेन्टेड काजवें पर संपूर्ण वर्षाकाल में तीन-चार बार आवागमन बाधित होता है, आवागमन बाधित होने से कुछ असुविधाएँ हो सकती है। (ख) प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के दिशा निर्देशों एवं तकनीकी मापदण्डों के अनुसार यदि मार्ग पर आवागमन वर्ष में 6 बार 24 घंटे अथवा लगातार 72 घण्टे बाधित होता है, तो उस स्थल पर रपटे का निर्माण किया जाता है। तदानुसार रपटे का निर्माण कराया गया है। अतः योजनांतर्गत प्रश्नांश में उल्लेखित 2 मीटर ऊंची पुलिया का निर्माण कराया जाना संभव नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
विक्रम विश्वविद्यालय में अनियमितता
[उच्च शिक्षा]
162. ( क्र. 3212 ) डॉ. मोहन यादव : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन में विश्वविद्याल प्रशासन द्वारा विभिन्न संकायों/पाठ्यक्रमों आदि के संबंध में छात्रों के प्रवेश एवं परीक्षाओं के संबंध में समान नियमावली प्रचलित है अथवा संकाय विशेष के लिए पृथक मापदण्ड अपनाये जाने हेतु विक्रम विश्वविद्यालय प्रशासन के किसी अधिकारी/पदाधिकारी को विशेष अधिकार प्रश्न दिनांक से एक वर्ष की अवधि में दिया गया हो तो उस आदेश की प्रतिलिपि उपलब्ध कराते हुए जानकारी प्रदान करें? (ख) विक्रम विश्वविद्यालय में ऑनलाईन परीक्षा फार्म जमा करने के क्या नियम हैं? प्रति उपलब्ध करायें। विक्रम विश्वविद्यालय द्वारा १५ अप्रैल, २०१७ को बी.एस.सी. नर्सिंग पाठयक्रम की परीक्षा के दिन लिंक खुलवाकर आवेदन जमा किये गये? यदि हाँ, तो अन्य परीक्षाओं में लिंक खुलवाकर फार्म क्यों नहीं जमा करवाये गये? (ग) प्रश्नांश (क) में यदि लिंक खोलने का नियम नहीं हैं, तो उक्त दिनांक को विश्वविद्यालय के द्वारा किसके आदेश पर लिंक खोली गयी? आदेश की प्रतिलिपि उपलब्ध करायें तथा नियम विरूद्ध अगर लिंक खोली गयी तो संबंधित के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? अवगत करावें। नहीं तो क्यों?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी हाँ। जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) परीक्षा संचालन की तिथियों को निर्धारित करने के लिये अध्यादेश 5 में कुलसचिव को अधिकृत किया गया है, जिसकी जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'एक' अनुसार है। विक्रम विश्वविद्यालय में बी.एस.सी. नर्सिंग के परीक्षा आवेदन भरवाये जाने के लिये अधिसूचना दिनांक 11.04.2017 को जारी की गई थी, जिसके अनुसार परीक्षा प्रारंभ होने की तिथि 15.04.2017 तक विलंब शुल्क रू. 2000/- के साथ परीक्षा आवेदन जमा करने की निर्धारित तिथि थी। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'दो' अनुसार है। चूंकि 15.04.2017 से परीक्षा प्रारंभ हो रही थी, समस्त परीक्षा फार्म जारी अधिसूचना के अनुसार ही भरवाये गये थे। अलग से कोई फार्म नहीं भरवाये गये हैं। (ग) प्रश्नांश (क) विश्वविद्यालय की अधिसूचना दिनांक 11.04.2017 के अनुसार कार्यवाही की गई। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
औद्योगिक क्षेत्र विकसित किया जाना
[वाणिज्य, उद्योग एवं रोजगार]
163. ( क्र. 3215 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नक्सल प्रभावित जिले बालाघाट में कौन-कौन से क्षेत्रों को औद्योगिक क्षेत्र बनाने पर शासन विचार कर रहा है? क्या विकासखण्ड किरनपुर के अंतर्गत ग्राम बोडुन्दाकलां में औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने पर शासन विचार कर रहा है? यदि हाँ, तो इसे कब तक पूरा कर लिया जाएगा? (ख) क्या नक्सल जिला होने के कारण उद्योगपति बालाघाट में निवेश करने से कतराते हैं? शासन उद्योगपतियों के मन से नक्सल के भय को हटाने हेतु क्या प्रयास कर रहा है? (ग) बाहरी उद्योगपतियों द्वारा बालाघाट में निवेश में रूचि न लेने की आशंकाओं के चलते क्या शासन स्थानीय लोगों को उद्योग लगाने हेतु प्रेरित करेगा तथा इस हेतु बैंक लोन सहित अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराएगा?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) म.प्र. औद्योगिक केन्द्र विकास निगम लि. (ज) जबलपुर क्षेत्रान्तर्गत बालाघाट जिले के ग्राम बोडुन्दाकलां में 305.210 एकड़ भूमि पर रू. 80.05 करोड़ की लागत से नवीन औद्योगिक क्षेत्र विकसित किया जाना प्रस्तावित है। जिसके लिए शासन द्वारा शासनादेश क्रमांक एफ 02-49/2017/बी-ग्यारह, दिनांक 12/10/2017 द्वारा सैद्धांतिक स्वीकृति जारी की गई है। प्रशासकीय एवं वित्तीय स्वीकृति की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है, जिसके प्राप्त होने के पश्चात् परियोजना के विकास कार्य 02 वर्ष की समयावधि में पूर्ण किया जाना संभावित है। (ख) बालाघाट जिले में किसी भी उदयोगपति दवारा नक्सल के भय से उदयोग स्थापित इकाई की शिकायत/जानकारी अप्राप्त है। अतः उदयोगपतियों के मन में नक्सल का भय प्रतीत नहीं होता। (ग) म.प्र. शासन, वाणिज्य उद्योग एवं रोजगार विभाग द्वारा प्रदेश में निवेश प्रोत्साहन तथा उद्योग लगाने हेतु उद्योग संवर्धन नीति, 2014 (संशोधित 2017) लागू की गई है तथा बालाघाट जिले में स्थानीय उद्योगपतियों के अलावा जिले के बाहर के उद्योगपतियों को भी उद्योग लगाने हेतु सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विभाग द्वारा म.प्र. एम.एस.एम.ई. प्रोत्साहन योजना-2014, म.प्र. एम.एस.एम.ई. प्रोत्साहन योजना-2017 एवं शासन द्वारा संचालित विभिन्न स्वरोजगार योजनाओं के माध्यम से बैंक लोन सहित सहायता सुविधा उपलब्ध कराया जा रहा है।
शासकीय महाविद्यालयों में नियमित प्राचार्यों की जानकारी
[उच्च शिक्षा]
164. ( क्र. 3217 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उच्च शिक्षा विभाग के अंतर्गत आने वाले शासकीय महाविद्यालयों में नियमित प्राचार्यों की जानकारी तथा किन महाविद्यालयों को स्थायी सम्बद्धता है तथा कितनों को अस्थायी? जिले अनुसार जानकारी दें। (ख) क्या शासन प्रदेश के समस्त विश्वविद्यालयों को नियमित प्राचार्या होने पर ही अशासकीय महाविद्यालयों को सम्बद्धता देने हेतु दबाव डालता है, तो शासन शासकीय महाविद्यालयों में नियमित प्राचार्यों को नियुक्ति क्यों नहीं करती? (ग) शासन द्वारा शासकीय तथा अशासकीय महाविद्यालयों को सम्बद्धता देने में अपनाये जा रहे दोहरे मापदंडों को क्या समाप्त किया जाएगा?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) उच्च शिक्षा विभाग के अंतर्गत संचालित शासकीय महाविद्यालयों में नियमित प्राचार्यों की संख्या पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है एवं जिन शासकीय महाविद्यालयों को स्थायी/अस्थायी सम्बद्धता प्राप्त है, उनकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ख) जी नहीं। सम्बद्धता का कार्य विश्वविद्यालयों द्वारा अपने स्तर पर स्वायत्त रूप से किया जाता है। (ग) प्रश्नांश (ख) के संबंध में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सुदुर ग्राम सम्पर्क सड़कों की प्रशासकीय स्वीकृति की जानकारी
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
165. ( क्र. 3228 ) श्री मुकेश पण्ड्या : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़नगर विधानसभा क्षेत्र की कितनी सुदूर ग्राम सम्पर्क सड़क की तकनीकी स्वीकृति कार्यपालन यंत्री ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभाग उज्जैन से सितम्बर 2016 से 08 नवम्बर, 2017 तक जिला पंचायत उज्जैन को कब-कब प्राप्त हुई? तारीखवार, सड़कवार सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) जिला पंचायत उज्जैन द्वारा बड़नगर विधानसभा क्षेत्र की सड़कों की तकनीकी स्वीकृति मिलने के पश्चात् उनमें से कितनी सड़कों की प्रशासकीय स्वीकृति कब-कब जारी की गई? सड़कवार, तारीखवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) जिला पंचायत उज्जैन द्वारा तकनीकी स्वीकृति मिलने के पश्चात् भी सड़कों की प्रशासकीय स्वीकृति जारी नहीं करने के कोई शासन से निर्देश थे? यदि हाँ, तो निर्देशों की प्रति उपलब्ध करावें? यदि नहीं, तो सुदूर ग्राम संपर्क सड़कों की प्रशासकीय स्वीकृति जारी नहीं करने के क्या कारण थे? ग्रामीण विकास में बाधा पहुंचाने वाले ऐसे जिला अधिकारियों पर क्या कोई कार्यवाही होगी? यदि हाँ, तो कब तक?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) उत्तरांश (क) की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) उत्तरांश (ख) की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) विभाग का पत्र क्र. 4535/MGNREGS-MP/NR-3/SE-1/2014 भोपाल दिनांक 27.06.2014 के निर्देशानुसार सुदूर ग्राम सम्पर्क व खेत सड़क श्रेणी के नवीन कार्य वर्षाकाल में प्रारंभ नहीं किये जाने के निर्देश हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नि:शक्तजनों को पेंशन का प्रदाय
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
166. ( क्र. 3233 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) निःशक्तजनों को पेंशन, कूपन आदि का लाभ दिलाये जाने हेतु गरीबी रेखा सूची में उनके एवं उनके अभिभावकों के नाम जोड़ने के लिए शासन द्वारा पृथक से क्या कोई निर्देश जारी किये गये हैं? यदि हाँ, तो विवरण देवें? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) सीधी जिले में तहसीलवार कितने निःशक्तजनों एवं उनके अभिभावकों के नाम गरीबी रेखा में जोड़े गये हैं और कितनों के जोड़े जाना शेष हैं? (ग) क्या निःशक्तजन गरीबी रेखा में नाम जुड़वाने के लिए तहसील कार्यालयों के चक्कर काटते रहते हैं किन्तु उनके आवेदन स्वीकार नहीं किये जाते हैं एवं दलालों के माध्यम से नाम जोड़ने की कार्यवाही की जाती है? इन निरीह लोगों के नाम गरीबी रेखा में क्यों नहीं जोड़ा जाता है ताकि इन्हें पेंशन व खाद्यान्न का लाभ मिल सके और ये लोग अपना जीवन निर्वाह कर सकें? सरकार द्वारा क्या योजना बनाई जा रही है? (घ) क्या गरीबी रेखा में नाम न होने की बाध्यता के कारण उन्हें योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है? यदि हाँ, तो क्या यह बाध्यता खत्म करेंगे?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) सीधी जिला अन्तर्गत जनपद पंचायतों एवं तहसीलों से प्राप्त जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ग) जी नहीं। नाम जोड़ना/काटना एक सतत् प्रक्रिया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) पेंशन योजनाओं का लाभ प्राप्त करने के लिए गरीबी रेखा की सूची में हितग्राही का नाम होना अनिवार्य है। शासन स्तर पर गरीबी रेखा की बाध्यता खत्म करने का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।
ग्राम उदय से भारत उदय अभियान 2017
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
167. ( क्र. 3235 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीधी सिंगरौली जिले में ग्राम उदय से भारत उदय अभियान, 2017 में प्रधान मंत्री आवास योजना में नाम जोड़ने हेतु कितने आवेदन प्राप्त हुए हैं? प्राप्त आवेदनों में से कितने आवेदक पात्र हैं? कितने अपात्र हैं? क्या पात्रों का नाम सूची में जोड़ा जा चुका है? पात्रों को कब तक आवास का लाभ दिया जावेगा? (ख) प्रधान मंत्री आवास के तहत वर्ष 2016-17 एवं 2017-18 में कितना लक्ष्य प्राप्त हुआ है? लक्ष्य अनुसार कितने आवास स्वीकृत एवं निर्मित कराये गये हैं? आवास निर्माण की प्रगति बतायें। (ग) ऐसे कितने हितग्राही हैं, जिनके आवास निरस्त कर दिये गये हैं? सूची दी जाये। ऐसे हितग्राही जिनके द्वारा आवास का निर्माण प्रारंभ कर दिया गया था, क्या उनके आवास पूर्ण कराये जायेगें? (घ) ऐसे गाँव जिनमें एक भी हितग्राही का नाम आवास हेतु एस.ई.सी.सी. डाटा में नहीं है, उक्त गावों को कब तक जोड़ा जावेगा? जबकि लोगों द्वारा ग्राम उदय से भारत उदय अभियान के तहत आवास की मांग की गई है? उन पर क्या कार्यवाही हुई है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार है। जी नहीं। समय-सीमा निर्धारित किया जाना संभव नहीं (ख) सिंगरौली जिले में 13,770 लक्ष्य के विरूद्ध 4,442 आवास एवं सीधी जिले में 12,626 आवास के विरूद्ध 4,657 आवास पूर्ण हुये हैं। शेष प्रगतिरत हैं। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार है। जी नहीं। (घ) सीधी जिले में 20 गाँव तथा सिंगरौली जिले में 9 गाँव सामाजिक, आर्थिक एवं जाति जनगणना 2011 की सर्वे सूची में न होने के कारण योजना का लाभ नहीं मिला है। उक्त गाँव के नाम जोड़ने हेतु भारत सरकार से अनुरोध किया गया है। समय-सीमा निर्धारित किया जाना संभव नहीं है।
अनुदान राशि के संबंध में
[नगरीय विकास एवं आवास]
168. ( क्र. 3238 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मध्यप्रदेश शासन से वर्ष 2014-15, 2015-16, 2016-17 एवं 2017-18 में नगरपालिक निगम कटनी को किस-किस मद से कितनी-कितनी अनुदान राशि किस-किस दिनांक को प्राप्त हुई है? (ख) प्रश्नांश (क) के अंतर्गत प्राप्त राशियों की उपयोगिता अवधि क्या थी? राशिवार अलग-अलग जानकारी देवें? (ग) प्रश्नांश (क) अन्तंर्गत प्राप्त राशियों में से कितनी-कितनी राशि किस-किस दिनांक को व्यय की गई है एवं कितनी राशि शेष बची है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। मेयर इन कौंसिल एवं परिषद में हुए निर्णय एवं योजनांतर्गत जारी दिशा निर्देशानुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है।
अवैध कालोनियों के नियमितीकरण हेतु सर्वे के संबंध में
[नगरीय विकास एवं आवास]
169. ( क्र. 3239 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नगरपालिक निगम कटनी द्वारा घोषित अवैध कॉलोनियों के नियमितीकरण किये जाने के संबंध में नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग म.प्र. शासन द्वारा कब-कब सर्वे किये जाने के निर्देश दिये गये? अवैध घोषित कॉलोनियों का कुल क्षेत्रफल कितना है? कॉलोनीवार क्षेत्रफल बतायें। (ख) नगरपालिक निगम कटनी की अवैध कॉलोनियों को वैध करने हेतु सर्वे एवं विकास कार्य हेतु 200 एकड़ क्षेत्र का कार्य किस एजेंसी/व्यक्ति को किया गया है? (ग) कुल क्षेत्रफल का टेण्डर क्यों नहीं किया गया है? क्या दोबारा टेण्डर एवं इससे होने वाली देरी से जनता को हो रही परेशानियों को दृष्टिगत रखते हुए शेष क्षेत्रफल का टेण्डर क्या जल्द से जल्द किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। (ख) अवैध कालोनियों को वैध करने हेतु सर्वे एवं विकास कार्यों के आंकलन संबंधी कार्य हेतु 200 एकड़ क्षेत्र का ठेका श्री दिवाकर तिवारी (इंजीनियर) निवासी बरगंवा कटनी को कार्योंदेश क्रमांक 2716/अनुज्ञा शाखा/का.से./2017 कटनी दिनांक 28.08.2017 के द्वारा प्रदान किया गया है। (ग) मध्यप्रदेश नगर पालिका (कॉलोनाइजर का रजिस्ट्रीकरण निर्बधन एवं शर्ते) नियम 1998 के नियम 15 (क) अनुसार 31 दिसम्बर 2016 तक ही अवैध कॉलोनियों का नियमितिकरण होना है। टेण्डर प्रति एकड़ की दर पर आमंत्रित हुआ है। निष्पादित अनुबंध की कंडिका (7) अनुसार निविदाकार को अवैध कालोनी की सूची के अतिरिक्त मौके पर निर्मित कॉलोनियों का भी सर्वेक्षण कार्य सक्षम प्राधिकारी के निर्देंशानुसार करने की शर्तें रखी गई है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
पंचायतों में सहायक सचिवों के मानदेय की वृद्धि
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
170. ( क्र. 3246 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर जिले में ग्राम रोजगार सहायकों की भर्ती कब-कब किस कार्यों की पूर्ति के लिये किस आदेश से की गई थी? आदेश की प्रति दें। इनकों पंचायत सहायक सचिव किस दिनांक को किस आदेश से घोषित किया? आदेश की प्रति दें। उक्त सहायक सचिवों को 01 नबम्बर, 2017 की स्थिति में कितना वेतन या मानदेय किस आदेश से दिया जा रहा है? (ख) क्या शासन इतना कम मानदेय को इन रोजगार सहायकों के परिवार पालन की दृष्टि से पर्याप्त मानता है? यदि हाँ, तो कैसे? यदि नहीं, तो इनके मानदेय या वेतन में वृद्धि की जावेगी? यदि हाँ, तो कितनी और कब से? क्या सहायक सचिवों को नियमित किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब से? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या ग्वालियर जिले में सहायक सचिवों की सेवा समाप्ति के अधिकार जनपद के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को दियें हैं? यदि हाँ, तो क्या यह उचित है? आदेश की प्रति दें? क्या कोई गलती या अनियमितता पर मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत से सेवा समाप्ति के अधिकार वापिस लेकर कलेक्टर या जिला पंचायत सी.ई.ओ. को निलंबन का अधिकार दिया जावेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) ग्राम पंचायतों में ग्राम सहायको की भर्ती एवं मानदेय संबंधी निर्देश विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -1 (पत्र क्र.14115 दिनांक 10.11.09) एवं परिशिष्ट के प्रपत्र -2 (पत्र क्र.5335 दिनांक 02.06.12) अनुसार है। ग्राम रोजगार सहायक को विभाग के आदेश क्र. 932/761/13/22/पी-1 दिनांक 06.07.13 से सहायक सचिव नियुक्ति करने का प्रावधान किया गया है। ग्वालियर जिलें में ग्राम रोजगार सहायकों को आदेश क्र. 159 दिनांक 06.01.14 से सहायक सचिव आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 (पत्र क्र. 932 दिनांक 06.07.13) अनुसार है। वर्तमान में ग्राम रोजगार सहायकों को विभाग के आदेश क्र 5119 दिनांक 27.04.17 के पालन में अनुबंध अनुसार रू. 9000/- मासिक पारिश्रमिक दिया जा रहा है। (ख) उत्तरांश ‘क’ के प्रकाश में शेष उत्पन्न नहीं होता है। जी नहीं। शासन की वर्तमान में नियमित करने की ऐसी कोई नीति नहीं है। अतः शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता। (ग) जी हाँ। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता। जी नहीं। आदेश प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। जनपद पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी का यह सेवा समाप्ति का अधिकार वापस लेने का कोई प्रस्ताव नहीं है शेष प्रावधान निर्देश पत्र क्र. 932 दिनांक 06.07.13 अनुसार है।
दैनिक वेतन भोगी श्रमिकों को नियमित
[नगरीय विकास एवं आवास]
171. ( क्र. 3247 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नगर पंचायत आंतरी एवं भितरवार में 01 नवम्बर 2017 की स्थिति में कौन-कौन दैनिक वेतन भोगी श्रमिक है? उनका नाम, वेतन पदनाम स्पष्ट करें? शासन की स्थाईकर्मी योजना में उक्त श्रमिकों में से कौन-कौन श्रमिक पात्रता की पूर्ति करते हैं कितने श्रमिकों कों स्थाईकर्मी बनाया गया है? उनके नाम बतावें तथा शेष किन कारणों से स्थाईकर्मी से वंचित रखे गये हैं उनका प्रत्येक श्रमिक का नाम, कारण सहित बतावें? (ख) शासन की दैनिक वेतन भोगी श्रमिकों हेतु विवाह सहायता योजना क्या है? 01 नवम्बर 2017 से प्रश्न दिनांक तक नगर पंचायत आंतरी एवं भितरवार में इस योजना का किस-किस व्यक्ति को कितना लाभ दिया है? नाम, पता बतावें। क्या उक्त योजना की सभी पात्रतायें पूरी करने के बाद भी पूरनसिंह कुशवाह निवासी वार्ड क्र0 13 आंतरी को नगर पंचायत आंतरी के आदेश क्र. 168/3/20684 दिनांक 2/6/2016 के द्वारा स्वीकृत 25000/- रूपया वैवाहिक सहायता की राशि का प्रश्न दिनांक तक भुगतान न करने के लिये क्या सी.एम.ओ. आंतरी दोषी है? यदि हाँ,? तो क्या उनके प्रति कोई दण्डात्मक कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ,? तो क्या और, कब तक? क्या अब पूरनसिंह कुशवाह को स्वीकृत विवाह सहायता राशि उपलब्ध करा दी जावेंगी? यदि हाँ, तो कब तक?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) नगर परिषद, आंतरी में 01 नवंबर 2017 की स्थिति में कार्यरत दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। शासन की स्थायी कर्मी योजना में पात्रता रखने वाले कर्मचारियों का परीक्षण किए जाने की कार्यवाही प्रचलित है। वर्तमान में किसी भी श्रमिक को स्थायी नहीं किया है। शासन के निर्देशानुसार स्थायीकरण की प्रक्रिया में स्थापना व्यय के दृष्टिगत रखते हुए कार्यवाही की जाएगी। नगर परिषद, भितरवार में 01 नवंबर 2017 की स्थिति में कोई भी दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी कार्यरत न होने से शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) शासन की भवन संनिर्माण एवं कर्मकार मण्डल अधिनियम 1996 के अनुसार विवाह सहायता योजना है। नगर परिषद, आंतरी में 01 नवंबर 2017 से प्रश्न दिनांक तक किसी भी हितग्राही को विवाह सहायता राशि प्रदान नहीं की है। पूरन सिंह कुशवाह, वार्ड क्रमांक 13 आंतरी का श्रम पंजीयन पोर्टल क्रमांक पी.के. 996242 पंजीयन क्रमांक 644 है, जो दिनांक 10.11.2012 से 09.11.2015 तक वैध था। आवेदक पूरन सिंह कुशवाह द्वारा दिनांक 06.04.2016 को विवाह सहायता राशि प्राप्त करने हेतु आवेदन प्रस्तुत किया। आवेदन के साथ संलग्न शादी कार्ड अनुसार विवाह दिनांक 19.04.2016 को संपन्न हुआ। उक्त पंजीयन अनुसार कार्ड की वैधता दिनांक 09.11.2015 को समाप्त होने से सहायता राशि का भुगतान नहीं किया था। दस्तावेजों का परीक्षण न करते हुए श्रीमती गीता मांझी द्वारा पूरन सिंह कुशवाह की विवाह सहायता राशि कार्यालय, आर्डर क्रमांक 168/3/20684, दिनांक 02.06.2016 को स्वीकृति दी गई थी, किन्तु राशि का भुगतान नहीं किया है। इसके पश्चात् श्री नागेश कुमार गुप्ता, प्रभारी मुख्य नगर पालिका अधिकारी द्वारा प्रकरण में पुन: दस्तावेज प्रस्तुत करने के आदेश किए गए, किन्तु आवेदक द्वारा कोई दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किया। आवेदक का वैध पंजीयन न होने से उन्हें विवाह सहायता राशि का भुगतान नहीं किया है। नगर परिषद, भितरवार में कोई भी दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी न होने से उक्त योजना का लाभ किसी भी कर्मचारी को प्राप्त नहीं हुआ है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सिवनी विधान सभा अंतर्गत निर्मित शौचालयों का भुगतान
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
172. ( क्र. 3249 ) श्री दिनेश राय (मुनमुन) : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र सिवनी अंतर्गत ओ.डी.एफ. घोषित ग्राम पंचायत बीझावाडा के अंतर्गत 47 शौचालयों का पूर्ण होने के उपरांत भी प्रश्न दिनांक तक हितग्राहियों को भुगतान नहीं किया गया है? यदि हाँ, तो कारण सहित बतावें? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित ग्राम पंचायत के शौचालयों की शिकायत पर संबंधित उपयंत्री द्वारा शिकायत का स्थल निरीक्षण कर प्रतिवेदन कार्यालय मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत सिवनी को प्रस्तुत किया जा चुका है, जिसमें शौचालय निर्माण मापदण्ड अनुसार बनाये गये हैं? यदि हाँ, तो जाँच प्रतिवेदन की छायाप्रति उपलब्ध करावें? (ग) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा प्रश्नांश (क) में वर्णित ग्राम पंचायत के वर्ष 2015 में निर्मित शौचालयों का भुगतान की कार्यवाही कराने हेतु मान. मुख्यमंत्री महोदय, पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग मंत्री, राज्य कार्यक्रम अधिकारी, राज्य जल एवं स्वच्छता मिशन, म.प्र.शासन को पत्र लिखा है, यदि हाँ, तो उन पत्रों पर प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई है? (घ) क्या ग्राम पंचायत बीझावाडा में निर्मित शौचालयों का मजदूरी भुगतान न होने से 3 मजदूरों की म़ृत्यु भी हो चुकी है? यदि हाँ, तो ऐसी स्थिति में जानबूझकर भुगतान की कार्यवाही लंबित रखने वाले दोषी अधिकारी/कर्मचारियों के विरूद्ध क्या कोई कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक, यदि नहीं, तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) विधानसभा क्षेत्र सिवनी अंतर्गत ओ.डी.एफ. घोषित ग्राम पंचायत बींझावाडा के अंतर्गत 47 शौचालय निर्धारित मापदण्ड अनुसार निर्मित न होने के कारण भुगतान नहीं किया गया। (ख) शौचालय निर्माण मापदण्ड अनुसार नहीं है। जाँच प्रतिवेदन पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ। उक्त के अनुक्रम में जिला पंचायत द्वारा गठित जाँच दल के प्रतिवेदन में समस्त 47 शौचालयों का निर्माण मानक अनुसार न होने से संबंधित सरपंच/सचिव/रोजगार सहायक को जिला पंचायत सिवनी के पत्र क्र. 3232 दिनांक 01.11.2017 से शौचालय निर्माण शासन से निर्धारित मापदण्ड के अनुरूप करने हेतु निर्देशित किया गया है। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
नगर पालिका सिवनी में अनियमितताओं पर कार्यवाही
[नगरीय विकास एवं आवास]
173. ( क्र. 3250 ) श्री दिनेश राय (मुनमुन) : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विधानसभा क्षेत्र सिवनी अंतर्गत नगर पालिका परिषद सिवनी में वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन से कार्य कितनी-कितनी राशि के किस-किस मद से कब-कब करवाये गये? नियुक्ति कार्य एजेन्सी के नाम सहित, दिनांकवार, वर्षवार पूर्ण ब्यौरा देवें? साथ ही समस्त प्रकार की खरीदी/नीलामी की वित्तीय जानकारी दिनांकवार प्रदाय करें? विज्ञापनों के खर्चों का ब्यौरा पृथक से देवें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार कार्य में से कौन-कौन से कार्य पूर्ण हैं, कितने अपूर्ण हैं, उक्त कार्य में से किस-किस कार्य के लिये किस-किस कार्य एजेन्सी को कितनी-कितनी राशि का भुगतान किस-किस दिनांक को चैक/डी.डी. क्रमांक एवं नगद राशि के रूप में किया गया वर्षवार, कार्यवार भुगतान की गई राशि का पूर्ण ब्यौरा देवें? (ग) प्रश्नांश (क) में वर्णित कार्यों में से कौन-कौन से कार्य हैं, जिसको पूर्ण किये बिना कार्य से अधिक राशि का भुगतान किया गया? कार्यवार किये गये भुगतान का पूर्ण ब्यौरा देवें? अपूर्ण कार्य होने की स्थिति में संबंधित कार्य एजेन्सी पर क्या दण्डात्मक कार्यवाही की गई? (घ) प्रश्नांश (क) अनुसार स्वीकृत कार्यों में से अनियमितता और भ्रष्टाचार की कितनी शिकायतें जिला एवं राज्य स्तर पर या अन्य स्तर पर प्राप्त हुई? शिकायतों का विवरण देते हुये बतायें कि इनमें से किन-किन शिकायतों की जाँच किसके द्वारा की गई एवं जाँच पश्चात क्या कार्यवाही की गई?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) निर्माण कार्यों की वर्षवार, कार्यवार, राशि मद दिनांकवार की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''1'' अनुसार है। नियुक्त कार्य एजेंसी की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''1'' अनुसार है। खरीदी की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''2'' अनुसार है। नीलामी की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''4'' अनुसार है। विज्ञापनों पर व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''3'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''1'' अनुसार है। वर्षवार, कार्यवार भुगतान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''1'' अनुसार है। (ग) नगर पालिका परिषद, सिवनी द्वारा वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक तक कराए गए कार्यों का मूल्यांकन से अधिक भुगतान नहीं किया गया है। (घ) नगर पालिका परिषद, सिवनी में प्रश्नावधि में कराए गए कार्यों के अनियमितता एवं भ्रष्टाचार की शिकायत की गई जाँच एवं जाँच पर की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''5'' अनुसार है।
दतिया जिले में पशुधन की अवैध बिक्री
[नगरीय विकास एवं आवास]
174. ( क्र. 3256 ) श्री घनश्याम पिरोनियॉं : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या पशुधन की बिक्री के पहले उसका स्वास्थ्य परीक्षण पशु चिकित्सक से कराया जाता है? यदि हाँ, तो भाण्डेर नगर परिषद में वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक तक कितने पशुओं की बिक्री हुई और उन सभी का स्वास्थ्य परीक्षण हुआ कि नहीं? यदि हाँ, तो वर्षवार, माहवार उनकी सूची उपलब्ध कराई जाऐ? (ख) क्या भाण्डेर में बिना स्वास्थ्य परीक्षण कराये अवैध रूप से नगर परिषद की मिली भगत से पशुधन की बिक्री हो रही है? यदि हाँ, तो इसके लिये कौन जिम्मेदार है, यदि नहीं, तो क्या उच्च स्तरीय समिति गठित कर इसकी जाँच प्रश्नकर्ता के समक्ष कराई जावेगी? (ग) क्या विगत दिवस एक ट्रक अवैध पशुओं से भरा पकड़ा गया और उसे गायब भी करा दिया गया, जिसका वीडियो वायरल भी हुआ, किंतु उस पर कोई कार्यवाही नहीं हुई? (घ) क्या आवारा पशुओं के लिऐ भाण्डेर तहसील में कोई कांजी हाँउस नहीं बनाया गया है, जबकि इसके लिऐ जनप्रतिनिधियों ने कई बार मांग की है? भाण्डेर में कांजी हाँउस कब तक बना दिया जावेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी नहीं कार्यालय उपसंचालक पशुपालन विभाग दतिया के पत्र क्रमांक/डी.एन./2670 दिनांक 24.11.2017 से बताया गया है कि ऐसा कोई नियम नहीं है, कि बाजार हाट मेला में क्रय-विक्रय के समय स्वास्थ्य परीक्षण आवश्यक है। पशुधन बिक्री से पहले स्वास्थ्य परीक्षण नगर परिषद से कराये जाने का नियमों में कोई प्रावधान नहीं है वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक तक वर्ष 2014-15 में 6365 वर्ष 2015- 16 में 6880 एवं 2016-17 में 62850 पशुओं का विक्रय किया गया। (ख) जी नहीं, शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं, थाना प्रभारी पुलिस थाना भाण्डेर के पत्र क्रमांक/854/17 दिनांक 24.11.2017 के अनुसार कोई पशुओं से भरा ट्रक नहीं पकडा गया है, शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी हाँ, नगर परिषद भाण्डेर क्षेत्रांतर्गत कांजीहाउस नहीं है और न ही कोई प्रस्ताव प्रचलित है।
माननीय मुख्यमंत्री जी की घोषणा
[सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम]
175. ( क्र. 3260 ) श्री जसवंत सिंह हाड़ा : क्या राज्यमंत्री, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत औद्योगिक क्षैत्र आई.टी.आई. शुजालपुर में सड़क निर्माण किये जाने की कोई घोषणा की गई है? (ख) यदि हाँ, तो प्रश्नांश (क) अंतर्गत माननीय मुख्यमंत्री जी की घोषणा को पूर्ण किये जाने हेतु विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है तथा माननीय मुख्यमंत्री जी की घोषणा को कब तक पूर्ण कर दिया जावेगा?
राज्यमंत्री, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम ( श्री संजय पाठक ) : (क) जी हाँ। (ख) उक्त घोषणा के परिपालन में उद्योग संचालनालय के आदेश दिनांक 21.09.2017 द्वारा औद्योगिक क्षेत्र अकोदिया रोड शुजालपुर जिला शाजापुर में सीमेंट, कांक्रीट से सड़क एवं नाली का निर्माण तथा ह्यूम पाईप पुलिया निर्माण आदि विकास कार्यों हेतु राशि रुपये 259.76 लाख की स्वीकृति क्रियान्वयन संस्था कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण विभाग संभाग शाजापुर के पक्ष में प्रसारित कर राशि उपलब्ध करा दी गई है।
जिला पंचायत उज्जैन में अटैच अन्य कर्मचारी
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
176. ( क्र. 3267 ) श्री सतीश मालवीय : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि क्या अपर मुख्य सचिव, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा जिला पंचायत से संयोजन समाप्त करने हेतु वीडियो कान्फ्रेंस के जरिये/लिखित/मौखिक आदेश/निर्देंश दिये गये हैं? क्या इन आदेश/निर्देंशों का पालन जिला पंचायत उज्जैन द्वारा किया गया है? दिनांकवार संपूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : जी हाँ। जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार।
सागर नगर में नव निर्मित थोक मत्स्य विपणन केन्द्र
[नगरीय विकास एवं आवास]
177. ( क्र. 3276 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के अतारांकित प्रश्न क्रमांक 3300 दिनांक 07.03.2017 के प्रश्नांश (क) के उत्तर में बताया गया था कि, मछुआरों के उन्नयन हेतु तथा मत्स्य उद्योग को प्रोत्साहन करने के उद्देश्य से केन्द्र शासन द्वारा स्वीकृत थोक मत्स्य विपणन केन्द्र का निर्माण राशि रू. 1.26 करोड़ की लागत से बाघराज वार्ड में कराया गया है? (ख) उक्त प्रश्नांश (ख) के उत्तर में बताया गया था कि नगर पालिका निगम सागर द्वारा थोक मत्स्य विपणन केन्द्र का जीर्णोद्धार किया जा रहा है? क्या उक्त कार्य पूर्ण कर सागर नगर के सभी मीट/मछली विक्रेताओं को स्थानांतरित कर दिया गया है? यदि नहीं, तो कारण सहित बतायें। (ग) क्या इस समय समूचे शहर में स्थानीय प्रशासन की कार्यवाही करने के पश्चात् यत्र-तत्र खुले में मांस विक्रय किया जा रहा है? यदि हाँ, तो क्या शासन स्थानीय आवश्यकताओं को दृष्टिगत रखते हुए एक संयोजित मीट मार्केट बनाये जाने हेतु विचार करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) मीट/मछली मार्केट का जीर्णोद्धार के तहत बाउण्ड्रीवॉल एवं रोड़ का कार्य किया गया है तथा बाउण्ड्री के अंदर ही मीट/मछली विक्रेताओं का व्यवस्थित कर दिया गया है, शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) वर्तमान में शहर में खुले में मॉस विक्रय नहीं हो रहा है, शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
भारत ओमान रिफायनरी लिमिटेड बीना के द्वारा अवैधानिक आदेश
[वाणिज्य, उद्योग एवं रोजगार]
178. ( क्र. 3277 ) श्री महेश राय : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधान सभा क्षेत्र बीना में नगर के पास ही ग्राम आगासोद में भारत ओमान रिफायनरी लिमिटेड स्थित है? विगत दिनों समाचार पत्र में प्रकाशित समाचार अनुसार रिफायनरी के आस-पास प्रतिबंधित क्षेत्र में यदि किसी व्यक्ति के द्वारा निर्माण कार्य या विकास कार्य करना है तो उसे समिति से मंजूरी लेना पड़ेगी? इस समाचार में यह भी लेख था कि रिफायनरी के चारों और पाँच किलोमीटर की परिधि में नो-डेव्लपमेंट जोन होने के कारण कोई भी निर्माण एवं विकास कार्य समिति की मंजूरी के बिना नहीं किया जा सकेगा। (ख) क्या भारत वर्ष में लगभग 22 से अधिक तेल रिफायनरी देश के विभिन्न भागों में कार्य कर रही है और कई रिफायनरी निर्माणाधीन है, किन्तु बीना रिफायनरी ही मात्र ऐसी रिफायनरी है, जो 05 कि.मी. की परिधि को निषिद्ध बनाती है, बीना रिफायनरी के चारों और पाँच कि.मी. की परिधि में लगभग 50 से अधिक गांव आते हैं और इन गांव में हजारों ग्रामवासी निवास करते हैं 05 कि.मी. की परिधि में बीना नगर का एक हिस्सा भी सम्मिलित होता है क्या ऐसी स्थिति में इनमें निर्माण कार्य या विकास कार्य प्रतिबंधित करना सही होगा? (ग) क्या ऑफिसियल सीक्रेट एक्ट 1923 कारखान अधिनियम या उद्योग अधिनियम में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है कि कारखाने के 05 कि.मी. की परिधि को नो-डेव्लपमेंट जोन घोषित किया जाये और स्थानीय निवासियों को मकान के निर्माण या आवासीय संरचनाओं के निर्माण के लिये रोका जा सके?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) से (ग) जी हाँ, ग्राम आगासोद में भारत ओमान रिफायनरी स्थित है। आफिसियल सिक्रेट एक्ट 1923 के अंतर्गत गृह विभाग की अधिसूचना दिनांक 16/07/2008 द्वारा रिफायनरी के 1 किलोमीटर की सीमा तक निषिद्ध क्षेत्र घोषित किया गया था। तत्पश्चात कलेक्टर सागर के आदेश दिनांक 31/03/2009 (प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार) द्वारा रिफायनरी की सीमा से 5 किलोमीटर के क्षेत्र को नो डेवलपमेन्ट जोन घोषित किया गया है। उक्त आदेश में नवीन निर्माण पर प्रतिबंध उल्लेखित है तथापि पुनर्निर्माण की अनुमति विहित शर्तों के अधीन क्षेत्र की गतिविधियों को नियंत्रित करने के लिये कलेक्टर द्वारा गठित क्षेत्रीय विकास नियंत्रण समिति के अनुमोदन से किया जा सकता है। भविष्य में उक्त क्षेत्र में असाधारण स्थिति की संभावना को दृष्टिगत रखते हुये बचाव एवं राहत कार्य के संचालन के दौरान 5 किलोमीटर परिक्षेत्र के भीतर रेसक्यू आपरेशन बिना किसी रूकावट के तथा मानव बसाहट की स्थिति में विस्फोटक स्थिति को तत्काल नियंत्रित करने हेतु उक्त क्षेत्र में अनकूल परिस्थितियों का निर्माण जरूरी होने व साथ ही आंतरिक सुरक्षा को दृष्टिगत रखते हुये प्रस्तावित क्षेत्र में चल रही मानवीय, आर्थिक, वाणिज्यिक एवं निर्माण संबंधी सभी गतिविधियों को नियंत्रित किये जाने के उददेश्य से रिफायनरी की सीमा से 5 किलोमीटर क्षेत्र को नो डेवलपमेन्ट जोन कलेक्टर द्वारा घोषित किया गया है। भारत ओमान रिफायनरी लि. की 5 किलोमीटर की परिधि में बीना नगर पालिका क्षेत्र सम्मलित नहीं है।
नगर निगम में स्वीकृत पदों के अनुसार पद स्थापना नहीं होना
[नगरीय विकास एवं आवास]
179. ( क्र. 3300 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या नगर निगम मुरैना में यंत्रियों के स्वीकृत पदों के अनुसार पदस्थापना नहीं हो सकी? क्यों वर्तमान में पदस्थ कार्यपालन यंत्री को 21.02.2003 में पदस्थ किया गया था जो मुरैना की न्यू हाउसिंग बोर्ड कालोनी में निवास कर रहे हैं? जानकारी दी जावे। (ख) क्या यह सही है कि वर्तमान कार्यपालन यंत्री को दिनांक 15.06.2011 को सहायक यंत्री के पद पर रहते टेण्डर घोटाले में कलेक्टर की अनुशंसा पर कमिश्नर चंबल द्वारा निलंबित किया गया था एवं वर्तमान विभागीय जाँच भी लंबित है? यह जाँच कब तक पूर्ण कर प्रतिवेदन दिया जावेग? लंबित जाँच में अधिक समय लगने का क्या कारण है, तथ्यों सहित पूर्ण जानकारी दी जावे। (ग) क्या लोकायुक्त कार्यालय ग्वालियर के पत्र क्रमांक 3375 वि.पु.स्था. 2016 दिनांक 18.07.2016 जाँच क्रमांक 64/2016 दिनांक 17.06.2016 भी वर्तमान कार्यपालन यंत्री के खिलाफ प्रचलन में हैं? यदि हाँ, तो उस पर शासन द्वारा क्या कार्यवाही की गयी है? जानकारी दी जावें। (घ) क्या दिनांक 06.03.2011 को कलेक्टर मुरैना द्वारा वर्तमान कार्यपालन यंत्री के खिलाफ आर्थिक अनियमितताओं के जिम्मेदारों पर एफ.आई.आर. दर्ज कराने के आदेश दिये थे? उक्त अधिकारी की पदस्थापना रहते जाँच को प्रभावित करने संबंधित दस्तावेज नष्ट करने की संभावना बनी रहेगी, अत: स्वीकृत पदों के अनुसार वरिष्ठ यांत्रियों की पदस्थापना आवश्यक है, इसे कब तक पूर्ण करा दिया जावेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। नगर निगम द्वारा उपयंत्रियों की भर्ती प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड के माध्यम से किए जाने हेतु प्रस्ताव संचालनालय को भेजा गया है। संचालनालय द्वारा मांग पत्र प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड को भेजा गया। परीक्षा आयोजित की जा चुकी है, रिजल्ट की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। वर्तमान कार्यपालन यंत्री को वर्ष 2003 में नगर निगम, मुरैना में सहायक यंत्री के रूप में पदस्थ किया गया था, तत्पश्चात दिनांक 09.06.2011 को स्थानांतरण पश्चात् नगर निगम, मुरैना से नगर पालिका दतिया के लिए भारमुक्त किया गया था। तत्पश्चात् कार्यपालन यंत्री के पद पर पदोन्नति पश्चात् नगर पालिका दतिया से दिनांक 11.01.2012 को नगर निगम, मुरैना में उपस्थित होकर पदस्थ है। कार्यपालन यंत्री न्यू हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी में निवास नहीं कर रहे हैं, अपितु वाटर वर्क्स कॉलोनी स्थित नगर निगम से आवंटित आवास गृह में निवासरत है। (ख) यह सही है कि वर्तमान कार्यपालन यंत्री श्री के.के.शर्मा को दिनांक 15.06.2011 को सहायक यंत्री के पद पर रहते हुए अनियमितताओं के आरोप में कलेक्टर, मुरैना के पत्र दिनांक 02.06.2011 की अनुशंसा पर कमिश्नर, चंबल द्वारा निलंबित किया गया था। तद्उपरांत आयुक्त, चंबल संभाग मुरैना द्वारा आदेश दिनांक 04.07.2011 से श्री शर्मा का उक्त निलंबन आदेश निरस्त किया गया था। उक्त पत्र में उनके विरूद्ध विभागीय जाँच की कार्यवाही यथावत प्रचलित रहेगी, का उल्लेख किया गया था। तदोपरांत श्री शर्मा द्वारा याचिका क्रमांक 5647/2011 दायर कर प्रकरण पर मान. उच्च न्यायालय खण्डपीठ, ग्वालियर में चुनौती दी गई, जिसमें मान. न्यायालय द्वारा आदेश दिनांक 14.09.2011 द्वारा स्थगन प्रदाय कर कार्यवाही पर रोक लगाई तथा प्रकरण वर्तमान में न्यायालय में विचाराधीन है। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं, अपितु लोकायुक्त कार्यालय, ग्वालियर के पत्र क्रमांक 3375/विपुस्था/2016, दिनांक 18.07.2016 प्राथमिक जाँच क्रमांक 64/16 दिनांक 17.06.2016 प्रचलित है, जो कि नगर निगम के प्रकरण क्रमांक 128/2015×3/6 से संबंधित है। जाँच व्यक्तिगत कार्यपालन यंत्री के विरूद्ध न होकर नगर निगम के कार्य की प्रक्रिया से संबंधित है। चूंकि लोकायुक्त द्वारा शिकायत की जाँच की जा रही है। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं, अपितु दिनांक 02.06.2011 को कलेक्टर, मुरैना ने 07 कर्मचारियों श्री दामोदर प्रसाद शर्मा, यू.डी.सी., श्री शिवचरण दंडोतिया, यू.डी.सी., श्री रमेश शर्मा, एल.डी.सी., श्री रामवीर शर्मा, मोहर्रिर, श्री के.के.शर्मा, सहायक यंत्री (वर्तमान कार्यपालन यंत्री) श्री विनय कुमार भारद्वाज, उपयंत्री एवं श्री के.के.शर्मा, उपयंत्री के खिलाफ एफ.आई.आर. दर्ज कराने के आदेश मुख्य नगर पालिका अधिकारी को दिए गए थे। पश्चातवर्ती क्रम में याचिका क्रमांक 6710/2012 (एस) शिवचरण दंडोतिया एवं अन्य विरूद्ध म.प्र.शासन एवं अन्य में मान. उच्च न्यायालय, खण्डपीठ, ग्वालियर द्वारा पारित आदेश दिनांक 18.09.2012 के अनुपालन में न्यायालय कलेक्टर, जिला मुरैना द्वारा प्रकरण पर पुन: परीक्षण उपरांत आदेश दिनांक 31.10.2013 द्वारा पूर्व आदेश दिनांक 02.06.2011 अपास्त कर औचित्यहीन एवं निष्प्रभावी घोषित किया जा चुका है। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। नगर निगम में वर्तमान में वरिष्ठ यंत्री के रूप में कार्यपालन यंत्री पदस्थ है। संचालनालय द्वारा नगर पालिक निगम, मुरैना की मांग अनुसार उपयंत्रियों के 08 पदों की पूर्ति किए जाने का प्रस्ताव प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड, भोपाल को प्रेषित किया गया है। दिनांक 07.07.2017 को प्रोफेशनल एक्जामिनेशन बोर्ड, भोपाल द्वारा परीक्षा आयोजित की जा चुकी है।
मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
180. ( क्र. 3319 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गुना जिले में मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत 1 जनवरी 2014 से प्रश्न दिनांक तक कितनी सड़कें बनाई जाकर सी.सी जारी की गई है? विकासखण्डवार बतायें। (ख) वर्तमान में मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना अंतर्गत राघौगढ़ और आरोन विकासखण्ड में कितनी सड़कें किस लागत की निर्माणाधीन हैं? नाम बतायें। ये सड़कें कब तक पूर्ण होना है? (ग) 1 जनवरी 2014 के बाद योजना अंतर्गत किस-किस उच्च अधिकारी ने राघौगढ़ और आरोन विकासखण्ड में पूर्व और निर्माणाधीन सड़कों का निरीक्षण किया? निरीक्षण में क्या कमियॉं मिली? विवरण प्रस्तुत करें? (घ) 1 जनवरी 2014 के बाद किन-किन सड़कों के मटेरियल की लेब टेस्टिंग कराई गई उनमें गुणवत्ता कैसी पाई गई? गुणवत्ता का विवरण दें? कितनी सड़कों में कार्य गुणवत्ताविहीन पाया गया? गुणवत्ताविहीन सड़कों के निर्माण के लिये दोषी ठेकेदारों और अधिकारियों पर क्या कार्यवाही की गई?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) गुना जिले में मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना अंतर्गत प्रश्नांकित अवधि में 164 सड़कें बनाई जाकर सी.सी. जारी की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। राघौगढ़ विकासखण्ड में योजनांतर्गत 69 सड़कें लागत राशि रू. 3584.15 लाख की निर्माणाधीन हैं। आरोन विकासखण्ड में 11 सड़कें लागत राशि रू. 425.93 लाख की उक्त योजना में निर्माणाधीन है। इन सड़कों को फरवरी, 2018 तक पूर्ण होना है। (ग) योजनांतर्गत सड़कों का पर्यवेक्षण कार्यपालन यंत्री एवं अधीक्षण यंत्री द्वारा किया जाता है एवं समक्ष में निरीक्षण के दौरान सामान्य कमियां जैसे सड़क के ज्योमेट्रिक्स, सामग्री का गुणवत्ता परीक्षण, माप आदि का निरीक्षण कर आवश्यक सुधार कार्य किया जाता है। निरीक्षण में कमियां नहीं पाए जाने से शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। कार्य की गुणवत्ता संतोषप्रद पाए जाने से शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होते हैं।
विनियमितीकरण किया जाना
[नगरीय विकास एवं आवास]
181. ( क्र. 3321 ) श्रीमती प्रमिला सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) आयुक्त नगरीय प्रशासन द्वारा आदेश क्रमांक/एफ-4/134/2017/18-1 दिनांक 01.08.2017 द्वारा नगरीय निकायों में कार्यरत दैनिक वेतन भोगी श्रमिकों को स्थाई कर्मी में विनियमित करने के आदेश जारी किये हैं? यदि हाँ, तो उक्त आदेश अनुसार नगर पालिक निगम भोपाल, शहडोल एवं कटनी के ऐसे श्रमिक जो 16.05.2007 के पश्चात नियुक्ति किये गये हैं की सूची प्रथम नियुक्ति दिनांक के साथ प्रदान करें? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित आदेश में संलग्न सामान्य प्रशासन के आदेश दिनांक 01.09.2016 की कण्डिका क्रमांक 1.8 अनुसार ऐसे श्रमिक जो 16 मई 2017 के पश्चात शासन की अनुमति/अनुमोदन उपरांत सक्षम अधिकारी द्वारा दैनिक वेतन भोगी के पद पर नियुक्त किये गये हैं उन्हें भी इस योजना की पात्रता होगी? (ग) प्रश्नांश (ख) यदि हाँ, तो नगर निगम भोपाल, शहडोल एवं कटनी में कार्यरत ऐसे दैनिक वेतन भोगी श्रमिक जो 16 मई 2007 के पश्चात मेयर इन काउन्सिल (स्थानीय शासन) द्वारा अनुमति/अनुमोदन उपरांत आयुक्त नगर पालिक निगम (सक्षम अधिकारी) द्वारा नियुक्त किया गया है? क्या उन्हें भी विनियमितीकरण योजना की पात्रता होगी? यदि हाँ, तो कब तक आदेश जारी कर दिये जावेंगे? यदि नहीं, तो कारण बताएं? (घ) नगरीय निकायों में कार्यरत दैनिक वेतन भोगी श्रमिकों को विनियमितीकरण योजना का लाभ देने हेतु प्रदेश के आयुक्त नगर पालिक निगमों द्वारा वरिष्ठालय से मार्गदर्शन प्राप्त करने हेतु लिखे गये हैं तो पत्रों की प्रति दें। यदि हाँ, तो क्या प्रश्न दिनांक तक वरिष्ठालय द्वारा मार्गदर्शन दे दिये गये तो उनकी प्रति दें? यदि नहीं, तो कारण बताएं और कब तक मार्गदर्शन दिया जावेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। दिनांक 16.05.2007 के पश्चात् नगर पालिक निगम, भोपाल में दैनिक वेतन भोगी श्रमिकों की नियुक्ति नहीं की गई है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। नगर पालिका परिषद, शहडोल में दैनिक वेतन भोगी श्रमिकों जो दिनांक 16.05.2007 के पश्चात् नियुक्त किए गए हैं, की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। नगर पालिक निगम, कटनी में दैनिक वेतन भोगी श्रमिकों जो दिनांक 16.05.2007 के पश्चात् नियुक्त किए गए हैं, की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जी हाँ। (ग) जी नहीं। विनियमितीकरण की योजना में शासन अनुमति/ अनुमोदन उपरांत विनियमितीकरण की कार्यवाही की जाएगी। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
राजगढ़ जनपद पंचायत में जनपद की मूलभूत राशि
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
182. ( क्र. 3324 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा राजगढ़ जिले में जिला पंचायत एवं जनपद पंचायतों को प्रदाय की जाने वाली मूलभूत राशि के प्रदाय हेतु दिनांक 27.09.2017 को कोई पत्र जारी किया गया था? यदि हाँ, तो पत्र की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) क्या शासन द्वारा दिनांक 27.09.2017 को जारी किये गये पत्र के पालन में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत राजगढ़ द्वारा उसी दिनांक 27.09.2017 को अपने पत्र क्रमांक 9293 द्वारा जनपद अध्यक्ष/सदस्य जनपद पंचायत राजगढ़ को दिनांक 28.09.2017 को दोपहर 3.00 बजे तक अपने क्षेत्र से संबंधित मूलभूत अनुदान की राशि से कार्य कराये जाने का विकल्प प्रस्तुत करने हेतु निर्देशित किया गया था? पत्र की प्रति देवें। (ग) क्या दिनांक 28.09.2017 को दोपहर 3.00 बजे तक अध्यक्ष, उपाध्यक्ष एवं अन्य 2 सदस्यों के विकल्प नहीं दिये जा सकने पर पुन: दिनांक 28.09.2017 को ही पत्र जारी कर दिनांक 29.09.2017 को 12 बजे तक विकल्प प्रस्तुत किये जाने हेतु पत्र जारी किया गया था तथा विकल्प न आने पर अपनी हठधर्मिता दिखाते हुये वित्तीय वर्ष 2015-16 तथा 2017-18 की राशि समर्पित कर दी है? (घ) क्या जनपद पंचायत राजगढ़ के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष एवं अन्य 2 सदस्यों जिनमें अध्यक्ष अनुसूचित जाति की महिला तथा अन्य 2 पिछड़े वर्ग की महिलाओं व 1 पिछड़े वर्ग के पुरूष की वित्तीय वर्ष 2015-16 तथा 2017-18 की मूलभूत राशि समर्पित किये जाने से उक्त जनपद क्षेत्रों में विकास अवरूद्ध नहीं होगा? इसके लिये कौन दोषी है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। पत्र की प्रति संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' पर है। (ख) जी हाँ। पत्र की प्रति संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' पर है। (ग) जी हाँ। जी नहीं, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के पत्र दिनांक 27.09.2017 के अनुक्रम में विकल्प न देने वाले सदस्यों की राशि स्वमेव समर्पित हो गई है। (घ) मा. अध्यक्ष, उपाध्यक्ष एवं अन्य 2 सदस्यों जनपद पंचायत राजगढ़ के विकल्प प्राप्त नहीं होने के कारण राशि का वितरण नहीं किया जा सका। इसके लिये कार्यालय का कोई अधिकारी एवं कर्मचारी दोषी नहीं है।
जनपद पंचायत की मूलभूत राशि का वितरण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
183. ( क्र. 3325 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा जिला पंचायत एवं जनपद पंचायतों को प्रदाय की जाने वाली मूलभूत राशि के वितरण किये जाने के क्या निर्देश हैं? निर्देश की प्रति उपलब्ध करावें? (ख) क्या जनपद पंचायतों को प्रदाय उक्त मूलभूत राशि सभी सदस्यों के समक्ष जनपद पंचायत की साधारण सभा की बैठक में वितरित किये जाने के निर्देश हैं? (ग) यदि हाँ, तो क्या राजगढ़ जनपद पंचायत की वित्तीय वर्ष 2015-16 तथा 2017-18 की जनपद पंचायतों को प्रदाय की जाने वाली मूलभूत राशि साधारण सभा की बैठक में सदस्यों के समक्ष वितरित की हैं? (घ) यदि नहीं, तो क्या जनपद पंचायत राजगढ़ के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष एवं अन्य 2 सदस्यों जिनमें अध्यक्ष अनुसूचित जाति की महिला तथा अन्य 2 पिछड़े वर्ग की महिलाओं व 1 पिछड़े वर्ग के पुरूष की वित्तीय वर्ष 2015-16 तथा 2017-18 की मूलभूत राशि समर्पित कर अन्य सदस्यों को मनमाने ढंग से राशि वितरित की गई है? यदि हाँ, तो इसके लिये कौन दोषी है? बतावें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। निर्देशों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। (ग) जी नहीं। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
अनियमितताओं में लिप्त कार्यपालन यंत्री को हटाकर जाँच संस्थित करना
[नगरीय विकास एवं आवास]
184. ( क्र. 3336 ) श्री सूबेदार सिंह रजौधा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या गृह निर्माण मझण्ड मुरैना के प्रभारी कार्यपालन यंत्री सूर्यकांत शर्मा पर अनियमितता एवं आय से अधिक सम्पत्ति रखने, लोकायुक्त द्वारा जप्त काले धन के संबंध में प्रकरण चल रहे हैं? यदि हाँ, तो अद्यतन जानकारी दी जावेगी? (ख) क्या प्रभारी कार्यपालन यंत्री मुरैना जिले के मूल निवासी हैं? यदि हाँ, तो उन्हें गृह जिले में वरिष्ठ पद का प्रभार देकर पदस्थ करना शासन के नियमों के विपरीत नहीं हैं? क्या माननीय महापौर मुरैना द्वारा इस संबंध में विभाग को कोई पत्र प्राप्त हुए हैं? यदि हाँ, तो उन पर जाँच कर कार्यवाही की गई है? जाँच प्रतिवेदन सहित विवरण दिया जावे? (ग) प्रभारी कार्यपालन यंत्री द्वारा मण्डल मुरैना में भारी अनियमिततायें कर भ्रष्टाचार किया जा रहा हैं? 50 सीटर हरिजन कन्या छात्रावास मुरैना के लिये प्राप्त मद की राशि को खुर्द-बुर्द कर अन्य निर्माण कार्यों में संबंधितों से अनुचित लाभ प्राप्त कर भुगतान करने की कार्यवाही की जा रही है की गई हैं? यदि हाँ, तो क्यों? (घ) प्रश्नांश (क) (ख) (ग) के परिप्रेक्ष्य में भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारी को वरिष्ठ पद का प्रभार उसी के गृह जिले में देना उसके भ्रष्ट आचरण को बढ़ावा देना नहीं है? क्या उसे अवलिम्ब मुरैना से हटाकर मुरैना में पदस्थी कार्यकाल की जाँच संस्थित कर दण्डात्मक कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। विशेष लोक अभियोजक विशेष पुलिस स्थापना लोकायुक्त कार्यालय के पत्र दिनांक 2016 अनुसार विवेचना उपरान्त अभियोग पत्र हेतु सक्षम साक्ष्य के अभाव में खात्मा प्रतिवेदन दिनांक 16/05/2015 को माननीय विशेष न्यायालय ग्वालियर में प्रस्तुत किया गया है, जो माननीय न्यायालय के विचाराधीन है। (ख) जी हाँ। स्थानातंरण सामान्य प्रशासनिक प्रक्रिया है एवं वरिष्ठता के आधार पर चालू प्रभार दिया गया था। जी हाँ। जाँच उपरान्त श्री सूर्यकांत शर्मा का स्थानातंरण संभाग मुरैना से संभाग-1 ग्वालियर में किया गया है। (ग) जी नहीं। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्तरांश 'ख' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
गाडरवारा विधान सभा क्षेत्रांतर्गत सड़क निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
185. ( क्र. 3341 ) श्री गोविन्द सिंह पटेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गाडरवारा विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत जंगल के दूरस्थ ग्राम बड़ागांव, गोटीटोरिया से 18 कि.मी. दूर पहाड़ी पर प्राथमिक शाला, माध्यमिक शाला एवं हाईस्कूल संचालित है, लेकिन ग्रामवासियों को घर से वहां आने-जाने हेतु सड़क की व्यवस्था नहीं है? इस ग्राम से शाला में आने जाने हेतु वहां सड़क निर्माण कब तक करा दिया जायेगा? (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में जनता की मांग अनुसार सड़क निर्माण वन भूमि से गुजरेगा, इस संबंध में प्रस्ताव क्या वन विभाग में लंबित है? यदि हाँ, तो उक्त प्रस्ताव को कब तक मंजूर करके सड़क निर्माण करा दिया जायेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत ''गाडरवारा गोटीटोरिया रोड़ से बड़ागांव (मोहपानी टुइयापानी रोड़ से बटेगांव) (तलैया ग्राम होकर) मार्ग का प्रस्ताव भारत शासन को प्रेषित किया गया है। स्वीकृति अपेक्षित है। (ख) जी हाँ, प्रस्ताव मुख्य वन संरक्षक (भू-प्रबंधन) भोपाल को प्रकरण क्रमांक FP/MP/Road/29342/2017 द्वारा प्रस्तुत किया है, जो कि वन विभाग से स्वीकृति प्रक्रिया में है। निर्माण की समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
हितग्राहियों को पेंशन का भुगतान
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
186. ( क्र. 3342 ) श्री गोविन्द सिंह पटेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला नरसिंहपुर के गाडरवारा विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत पात्रता अनुसार नि:शक्तजनों को पेंशन का नगद भुगतान उनके बैंक खाते में किया जा रहा है? (ख) क्या विभाग पात्र हितग्राहियों को पेंशन का प्रतिमाह भुगतान कर रहा है? यदि हाँ, तो हितग्राहियों को नियमित रूप से कब तक पेंशन का भुगतान कर दिया जाता है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। प्रत्येक माह की 1 तारीख को भुगतान कर दिया जाता है।
नगर पालिका परिषद द्वारा कराये गये कार्य
[नगरीय विकास एवं आवास]
187. ( क्र. 3351 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नगर पालिका परिषद, शहडोल द्वारा नगर के मोहन राम मंदिर तालाब के सौन्दर्यीकरण कार्य के लिये किस-किस मद से कितनी-कितनी राशि सौन्दर्यीकरण कार्य के लिये प्राप्त की गई? तिथिवार राशि सहित जानकारी उपलब्ध करायें? (ख) नगर पालिक परिषद शहडोल द्वारा प्रश्नांश (क) के कार्य हेतु कितने टेण्डर प्रकाशित कराये थे? प्रकाशित टेंडरों की छायाप्रति उपलब्ध करायें? (ग) प्रश्नांश (क) का कार्य नगरपालिका अधिनियम के प्रावधानों के तहत क्या प्रायवेट ट्रस्ट का परिसर होने के कारण अवैधानिक है? (घ) क्या नगर पालिका परिषद, शहडोल के प्रश्नांश (क) के कार्य के लिये मोहन राम मंदिर ट्रस्ट, शहडोल की सहमति आवश्यक होती है? यदि हाँ, तो ट्रस्ट की बैठक जिसमें सहमति का विवरण है? उसकी छायाप्रति उपलब्ध करायें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के कार्य हेतु 12 टेंडर प्रकाशित कराए गए। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) एवं (घ) उत्तरांश ''क'' में उल्लेखित कार्यों के संबंध में जाँच कराई जा रही है।
ग्रामों को सड़कों से जोड़ना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
188. ( क्र. 3360 ) श्री सचिन यादव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र कसरावद अंतर्गत ग्रामीण यांत्रिकी सेवा अंतर्गत सामान्य क्षेत्र में 500 तथा आदिवासी क्षेत्र में 250 से कम आबादी के समस्त राजस्व ग्रामों की सिंगल एवं डबल कनेक्टिविटी द्वारा पुल-पुलियों सहित ग्रेवल सड़क उपलब्ध कराने हेतु मनरेगा और मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजनान्तर्गत सड़कों का निर्माण कार्य किया गया है? यदि हाँ, तो बतायें नहीं तो वंचित रहने के क्या कारण हैं? ग्रामवार जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) अंतर्गत उक्त क्षेत्रांतर्गत कितने ग्रामों को मुख्य मार्ग से जोड़ा जा चुका है और कितने ग्रामों को नहीं जोड़ा गया है? इन ग्रामों को कब तक मुख्य मार्गों से जोड़ा जायेगा? क्या इनके प्रस्ताव लंबित हैं, हाँ तो क्यों? नहीं तो इनकी स्वीकृति हेतु प्रश्नांकित दिनांक तक की गई कार्यवाही से अवगत करावें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में प्रश्नकर्ता द्वारा कितने-कितने पत्र प्राप्त हुए हैं और उन पर तत्समय से प्रश्न दिनांक तक की गई कार्यवाही की अद्यतन स्थिति से अवगत करावें।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना से सामान्य क्षेत्र में 500 तथा आदिवासी क्षेत्र में 250 से कम आबादी के समस्त ग्रामों को सिंगल कनेक्टिविटी द्वारा संपर्कता प्रदान की जाती है। प्रश्नाधीन विधानसभा क्षेत्र में मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत पात्र ग्रामों की स्वीकृति जारी हो चुकी है। सुदूंर ग्राम संपर्क एवं खेत सड़क उपयोजना अंतर्गत 04 सड़कों की स्वीकृति शेष है। समस्त ग्रामों में डबल कनेक्टिविटी प्रदान करने की योजना स्वीकृत नहीं है। (ख) प्रश्नांकित विधानसभा क्षेत्र में योजनांतर्गत पात्र 27 ग्रामों को मुख्य मार्ग से जोड़ा जा चुका है। (ग) उक्त सड़कों के संबंध में पत्र संज्ञान में न होने से शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है।
निर्माण कार्यों के प्रस्ताव
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
189. ( क्र. 3361 ) श्री सचिन यादव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कार्यपालन यंत्री, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभाग व जिला खरगोन द्वारा विधानसभा कसरावद क्षेत्र अंतर्गत किये जाने वाले कार्यों के कितने-कितने प्रस्ताव/प्राक्कलन प्रस्तावित हैं? कितने स्वीकृत है? कितने लंबित हैं और क्यों? (ख) प्रश्नकर्ता के वर्ष 2015 से प्रश्नांकित दिनांक तक कितने पत्र कार्यपालन यंत्री, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा, संभाग व जिला खरगोन को प्राप्त हुए? उन पर क्या कार्यवाही की गई? तत्समय की गई कार्यवाही से अवगत नहीं कराये जाने के क्या कारण हैं? उक्त कार्यवाही की अद्यतन स्थिति से भी अवगत करावें। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार कार्यों के प्रस्तावों अनुसार उक्त समयावधि में कौन-कौन से कार्य किये गये? कितने कार्य अपूर्ण हैं और क्यों? कितने कार्यों के प्रस्ताव लंबित हैं और क्यों? कारण सहित जानकारी दें। (घ) उक्त क्षेत्रांतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में किये जाने वाले उपरोक्तानुसार अतिआवश्यक जनहित के कार्यों को पूर्ण किये जाने हेतु संबंधितों की जवाबदेही सुनिश्चित कर की गई, कार्यवाही से अवगत करावें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) विधानसभा क्षेत्र कसरावद में ग्रामीण यांत्रिकी सेवा अंतर्गत 28 कार्यों में से 04 कार्य स्वीकृत है एवं शेष 24 कार्यों को स्वीकृति संबंधी कार्यवाही करने हेतु परियोजना प्रशासक एकीकृत आदिवासी विकास परियोजना खरगोन को प्रेषित किए गए है। (ख) प्रश्नकर्ता माननीय विधायक से उक्त अवधि में 08 पत्र प्राप्त हुए, की गई कार्यवाही से जिला स्तर से अवगत कराया गया। प्रश्नांश की शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ग) प्रश्नांश ‘क’ अनुसार कराए गए कार्यों की भौतिक प्रगति संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। प्रश्नांश की शेष जानकारी उत्तरांश ‘क’ अनुसार है। (घ) स्वीकृत कार्यों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। उपलब्ध राशि विभागान्तर्गत पूर्व स्वीकृत कार्यों हेतु आबद्ध होने से शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है।
रोजगार सहायकों को वित्तीय अधिकार सौंपने के संबंध में
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
190. ( क्र. 3371 ) श्री भारत सिंह कुशवाह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश की ग्राम पंचायतों में ग्राम रोजगार सहायकों को वित्तीय अधिकार सौंपे गये हैं? यदि हाँ, तो किन नियमों के तहत? नियमों की प्रति उपलब्ध कराई जाये? (ख) प्रदेश में कितने पंचायत सचिवों के विरूद्ध न्यायालयीन प्रकरण प्रचलित हैं, जिन्हें वित्तीय अधिकारों से वंचित रखा गया है? (ग) न्यायालयीन प्रकरण एवं वित्तीय अनियमितताओं से संबंधित प्रकरण प्रचलित होने की दशा में पंचायत सचिवों को वित्तीय अधिकारों से वंचित रखे जाने का कोई प्रावधान है? यदि हाँ, तो नियमों की प्रति उपलब्ध कराई जाये? (घ) प्रदेश में पंचायत सचिवों के विरूद्ध प्रचलित प्रकरणों का निराकरण कब तक किया जावेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) प्रदेश के ग्राम रोजगार सहायकों को वित्तीय अधिकार विभाग के आदेश क्र 932/761/13/22/दिनांक 06.07.13 पैरा-2 ड़ के तहत सौंपे जा सकेगें। निर्देश की प्रति पुस्तकालय में रखें परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ग) जी हाँ। विभाग द्वारा जारी निर्देश की प्रति पुस्तकालय में रखें परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (घ) न्यायालयीन प्रक्रिया होने से समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
प्रदेश में कार्यरत रोजगार सहायक एवं पंचायत सचिव
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
191. ( क्र. 3380 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश शासन द्वारा असाधारण राजपत्र दिनांक 23.05.2012 राजपत्र क्रमांक 250 के द्वारा प्रदेश की ग्राम पंचायतों में अधिनियम 69 उपधारा 1 में संशोधन करते हुये पंचायत सहायक सचिव नियुक्त किये जाने का प्रावधान किया गया तथा म.प्र. पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा आदेश क्रमांक 932/761/13/22/ए/दिनांक 06.07.2013 द्वारा प्रदेश की ग्राम पंचायतों में महात्मा गांधी नरेगा योजना के तहत नियुक्ति रोजगार सहायकों को ग्राम पंचायत के पंचायत के पंचायत सहायक सचिव घोषित कर पंचायत की सचिवीय व्यवस्था के अनुरूप मानकर सचिवीय प्रभार के लिये भी प्रावधान किये गये यदि हाँ, तो वर्तमान समय में प्रदेश में कितने पंचायत सहायक सचिव कार्यरत है एवं शासन द्वारा इनसे कौन-कौन से कार्य वर्तमान समय में लिये जा रहे हैं तथा इन्हें कितना वेतनमान दिया जा रहा है? (ख) क्या शासन द्वारा प्रश्नांश (क) में उल्लेखित पंचायत सहायक सचिवों को वर्तमान दिये जा रहे मानदेय को एक निश्चित वेतनमान कर नियमित सेवा शर्तों का निराधरण कर पंचायत सचिवों की भांति जिलासंवर्ग में विलय किये जाने की कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो किस प्रकार से कब तक यदि नहीं, तो क्यों नहीं? (ग) प्रदेश में कार्यरत पंचायत सचिवों को वेतनमान स्वीकृति दिनांक 01.04.2008 से प्रश्न दिनांक तक सेवा के दौरान जो पंचायत सचिव मृत हुये उनमें पात्र उत्तराधिकारियों को क्या शासन द्वारा अनुकम्पा नियुक्ति का लाभ देकर इन रिक्त पदों की पूर्ति की जावेगी? यदि हाँ, तो किस प्रकार से कब तक यदि नहीं, तो क्यों नहीं? (घ) क्या शासन द्वारा प्रदेश में कार्यरत पंचायत सचिवों को छठवें वेतनमान के लाभ देने की पूर्व में घोषणा की गई है, यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक इन्हें छटवें वेतनमान के लाभ से वंचित रखने का क्या कारण है? शासन द्वारा किस प्रकार से कब तक इन्हें छटवें वेतनमान से लाभांवित किया जावेगा? पंचायत सचिव यदि नियमित कर्मचारी है तो इन्हें अन्य कर्मचारियों की तरह ही चिकित्सा अवकाश एवं भत्तें की पात्रता क्यों नहीं है शासन इस विसंगति को किस प्रकार से कब तक दूर करेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। राजपत्र क्र. 250 दि. 23.05.2012 में सहायक सचिव की नियुक्ति का प्रावधान है। विभाग के आदेश क्र. 932/761/13/22/ए/दिनांक 06.07.2013 द्वारा पंचायत सहायक सचिव घोषित करने का प्रावधान हैं। जी हाँ, ग्राम पंचायत सचिव के पद में आकस्मिक रिक्तता की दशा में ग्राम रोजगार सहायक से सचिव का कार्य लिया जा सकेगा। prd.mp.gov.in अनुसार प्रदेश में कार्यरत 21412 ग्राम रोजगार सहायक, सहायक सचिव कार्य हेतु उपलब्ध है। शासन द्वारा पत्र क्र. 932 दि. 06.07.13 के पैरा-2 अनुसार कार्य लिया जा रहा है। विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 (पत्र क्र. 932 दि. 06.07.13) संविदा पारिश्रमिक प्रतिमाह रू. 9000/- दिया जाता है। (ख) जी नहीं। शासन की वर्तमान में ऐसी कोई नीति नहीं है। (ग) जी नहीं। शासन की वर्तमान में ऐसी कोई नीति नहीं है। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। पंचायत सचिव मध्यप्रदेश पंचायत सेवा (ग्राम पंचायत सचिव भर्ती और सेवा की शर्ते) नियम, 2011 में प्रावधानित अवकाश की पात्रता रखता है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है।
शौचालय निर्माण में अनियमितता
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
192. ( क्र. 3388 ) श्री कमलेश शाह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्राम पंचायत टेमनी विकासखण्ड भोखेड जिला छिंदवाड़ा में किस कारण से ग्राम के बाहर शौचालय बना दिए गए? (ख) ऐसा करने वाले अधिकारियों के नाम, पदनाम सहित जानकारी देवें? (ग) इन पर कब तक कार्यवाही की जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) ग्राम पंचायत टेमनी, विकासखण्ड मोहखेड, जिला छिंदवाड़ा में हितग्राहियों द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) में स्वीकृति अनुसार स्वयं के निर्माणाधीन आवास भूखण्ड पर ही शौचालय का निर्माण किया है। (ख) एवं (ग) उत्तरांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
बैंक ऋणों की स्वीकृति
[सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम]
193. ( क्र. 3395 ) श्री हर्ष यादव : क्या राज्यमंत्री, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर एवं रायसेन जिलों में वर्ष 2014-15 से नवम्बर 2017 की अवधि में मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना, मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना, प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के अंतर्गत किन-किन के आवेदन विभाग को प्राप्त हुए? (ख) उक्त वर्णित योजनाओं का वर्षवार निर्धारित लक्ष्य व उसके विरूद्ध कितने प्रकरण ऋण स्वीकृति हेतु किन-किन बैंकों को भेजे गये? किन-किन बैंकों ने कितने प्रकरणों में ऋण दिया तथा कितने प्रकरणों को अस्वीकृत किया? (ग) क्या यह विभाग के संज्ञान में है कि हितग्राहियों को ऋण देने हेतु बैंकों द्वारा अनावश्यक कार्यवाही की जाती है व ऋण न देने की मंशा से कार्य किया जाता है? इस हेतु विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जाती है?
राज्यमंत्री, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम ( श्री संजय पाठक ) : (क) सागर एवं रायसेन जिलों में प्रश्नांश में उल्लेखित योजनाओं के अन्तर्गत जिलों के 14857 शिक्षित बेरोजगारों के आवेदन प्राप्त हुए, जिसमें 13048 पुरूष एवं 1809 महिलाएं हैं। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। सागर एवं रायसेन जिलों में कुल 4251 प्रकरणों में ऋण वितरण किया गया तथा शेष 10606 प्रकरण अस्वीकृत/प्रक्रियाधीन है। (ग) जी नहीं। आवेदकों के ऋण प्रकरणों की स्वीकृति के संबंध में बैंकों द्वारा आवश्यक निरीक्षण तथा डॉक्यूमेन्टेशन किये जाने हेतु आवेदक से सहयोग लिया जाता है। कतिपय प्रकरणों में आवेदकों से शिकायत प्राप्त होने पर जिला स्तरीय समिति में मॉनिटरिंग की जाती है तथा राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति की बैठकों में उनके मुद्दों को रखा जाता है।
अनुसूचित जाति जनजाति के मठ/मंदिरों की जानकारी
[धार्मिक न्यास और धर्मस्व]
194. ( क्र. 3398 ) श्री गोपाल परमार : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) शासन द्वारा कितने अनुसूचित जाति जनजाति के मठ एवं मंदिर संधारित हैं? सूची देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार शासन द्वारा इन मठ एवं मंदिरों को कलेक्टर के अधीन किया हुआ है या नहीं? अगर नहीं तो कब तक कर दिया जावेगा। (ग) प्रश्नांश (क) के अनुसार इन मठ एवं मंदिरों में कार्यरत पुजारी/महंत को कितना मानदेय शासन द्वारा दिया जा रहा है? यदि नहीं, तो इन मठ एवं मंदिरों के लिये नीति या नियम बनाये जायेंगे? यदि हाँ, तो कब तक बतावें? (घ) विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत मठ एवं मंदिरों को जीर्णोद्धार की स्थिति में कितना आवंटन प्राप्त हुआ है एवं कितने मठ/मंदिर लाभांवित हुये हैं?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
मुख्य आरोपियों को बचाया जाना
[नगरीय विकास एवं आवास]
195. ( क्र. 3409 ) श्री आरिफ अकील : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या भोपाल नगर पालिक निगम प्रशासन की लापरवाही के चलते परिवहन शाखा के कर्मचारियों/अधिकारियों द्वारा करोड़ों रूपये के डीजल/पेट्रोल तथा वाहनों की मरम्मत के नाम पर व्यय किए जाने के मामले उजागर हुए हैं? (ख) यदि हाँ, तो वित्तीय वर्ष 2013-14 से 2016-17 में निगम के वाहनों हेतु डीजल/पेट्रोल तथा वाहनों के मरम्मत हेतु कितनी-कितनी राशि बजट में प्रावधानित की गई और बजट राशि के विरूद्ध निगम प्रशासन द्वारा कितनी-कितनी राशि व्यय की गई? मदवार, वर्षवार बताते हुए यह भी अवगत करावें कि बजट राशि की प्रत्याशा में किस-किस वर्ष में कितनी-कितनी राशि बजट से अधिक व्यय की गई? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के परिप्रेक्ष्य में यह अवगत करावें कि निगम प्रशासन को करोड़ों रूपये की वित्तीय हानि पहुँचाने वाले अपर आयुक्त सहित अन्य मुख्य रूप से कौन-कौन लोग हैं उनके नाम व पद सहित यह अवगत करावें कि किन-किन के विरूद्ध प्रश्न दिनांक की स्थिति में क्या-क्या कार्यवाही की गई?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) दिनांक 14.07.2017 को केन्द्रीय कर्मशाला परिसर का तत्का. निगम आयुक्त द्वारा औचक निरीक्षण किया गया था। निरीक्षण के दौरान कुछ कर्मचारी कार्य पर उपस्थित नहीं पाए गए थे, जिनके विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही करते हुए एक दिवस के वेतन कटौती किए जाने के निर्देश दिए गए थे एवं परिवहन अधिकारी का स्थानांतरण किया गया तथा पदस्थ हेड मैकेनिक श्री शमीम अहमद को निलंबित किया गया, इसी क्रम में टेंडर से संबंधित कार्य संपादित करने वाले लिपिक एवं कम्प्युटर ऑपरेटर को (25 दिवसीय वेतन भोगी कर्मचारी) निगम सेवा से पृथक कर दिया गया है। अनियमितताओं की जाँच हेतु जाँच कमेटी का गठन किया गया है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) नगर निगम, भोपाल की परिवहन शाखा केन्द्रीय कर्मशाला की जाँच हेतु गठित जाँच समिति द्वारा दिनांक 28.08.2017 को अपनी अंतरित रिपोर्ट प्रस्तुत की गई है। जाँच समिति द्वारा तकनीकी रूप से जाँच हेतु विशिष्टीकृत अधिकारी नियुक्त करने का प्रस्ताव दिया गया था। निगम आयुक्त की स्वीकृति पश्चात् मैनिट में पदस्थ डॉ. आर.के. मंडलोई एसोसियेट प्रोफेसर एम.ए. नेशनल इन्स्टीट़्यूट ऑफ टेक्नालॉजी (मैनिट) को केन्द्रीय कर्मशाला के वाहनों की तकनीकी रूप से जाँच हेतु नियुक्त किया गया है। वर्तमान में जाँच प्रक्रिया प्रचलन में है, जाँच प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद समिति द्वारा अंतिम रिपोर्ट प्रस्तुत की जायेगी। तत्पश्चात् रिपोर्ट के गुण-दोष के आधार पर संबंधितों के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की जावेगी।
मनरेगा के कार्यों की जानकारी
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
196. ( क्र. 3420 ) श्री चन्द्रशेखर देशमुख : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वि.स. मुलताई के ब्लॉक पट्टन एवं ब्लॉक मुलताई में मनरेगा योजना के अंतर्गत वर्ष 2016-17 में कौन-कौन से कार्य स्वीकृत कराये गये? कार्यों के नाम, राशि, स्वीकृत दिनांक, पूर्णता दिनांक की जानकारी ग्रामवार सूची में दें। (ख) बिन्दु (क) में दिये गये समस्त कार्यों में क्या मजदूरों का भुगतान कर दिया गया है? यदि नहीं, तो कहाँ-कहाँ पर नहीं किया गया? कार्यों की सूची दें एवं प्रत्येक का कारण स्पष्ट करें। कब तक भुगतान कर दिया जायेगा? (ग) बिन्दु (क) में दिये गये कार्यों में क्या सामग्री का भुगतान विभाग द्वारा कर दिया गया है? यदि नहीं, तो कहाँ-कहाँ पर नहीं किया गया? सूची उपलब्ध करायें। साथ ही प्रत्येक का कारण स्पष्ट करें। कब तक भुगतान कर दिया जायेगा? (घ) बिन्दु (क) में दिये गये अपूर्ण कार्य कब तक पूर्ण कर लिये जायेंगे? साथ ही बतायें कि भुगतान रोकने वाले दोषी अधिकारियों के विरूद्ध कब तक कार्यवाही की जायेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) विधान सभा क्षेत्र मुलताई के ब्लॉक प्रभात पट्टन एवं मुलताई में मनरेगा योजना के अंतर्गत वर्ष 2016—17 में स्वीकृत कार्यों के नाम, राशि, स्वीकृत दिनांक, पूर्णता दिनांक की जानकारी ग्राम पंचायतवार पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' में उल्लेखित है। (ख) जी हाँ। स्वीकृत समस्त कार्यों में मजदूरों का भुगतान समय-सीमा में कर दिया गया है। M.I.S. अनुसार 2016-17 के, पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "ब" में उल्लेखित, 405 ट्रांसक्शन्स की राशि विभिन्न कारणों जैसे की खाता बंद होने, खाता ब्लॉक होने, आदि से बैंक द्वारा F.T.O. रिजेक्ट होने के कारण जनपद स्तर पर लंबित है। इन F.T.O. का परीक्षण कर कारण ज्ञात कर 2 से 3 माह में भुगतान करा लिया जाएगा। (ग) बिन्दु क्र ''क'' में दिये गये कार्यों का विकासखण्ड मुलताई में 7.75 लाख का भुगतान प्रक्रियाधीन है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) मनरेगा एक मांग आधारित योजना है, अतः कार्य की मांग अनुरूप अपूर्ण कार्यों को पूर्ण कर लिया जाएगा। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कुक्षी नगर पालिका स्ट्रीट लाईट लगाने का कार्य
[नगरीय विकास एवं आवास]
197. ( क्र. 3423 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या कुक्षी नगर पालिका द्वारा अपने नगरीय क्षेत्र की सीमा से बाहर जाकर स्ट्रीट लाईट लगाने का कार्य किया है? विगत 3 वर्षों में स्ट्रीट लाईटें कहाँ-कहाँ लगाई गई हैं की जानकारी स्थान नाम सहित वर्षवार देवें? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो इसका कारण बतावें। नियम की छायाप्रति देवें। (ग) इस अनियमितता पर कब तक कार्यवाही की जाकर दोषी अधिकारियों को दंडित किया जाएगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) कलेक्टर, जिला धार के पत्र क्रमांक 9590/नर्मदा सेल/2017, दिनांक 24.06.2017 से दिए गए निर्देश के पालन में नगर परिषद, माण्डव द्वारा आकस्मिक मद के अंतर्गत नगरीय क्षेत्र की सीमा के बाहर सरदार सरोवर परियोजना के पुनर्वास स्थलों एवं राहत शिविरों में विदयुत पोल पर स्ट्रीट लाईट लगाई गयी है। म.प्र. नगर पालिका अधिनियम 1961 की धारा 106 में नगर पालिका निधि से नगरीय सीमा से बाहर कार्य करने के संबंध में प्रावधान है, छायाप्रति संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) उत्तरांश ''ख'' के परिप्रेक्ष्य में इस कार्य हेतु नगर परिषद, कुक्षी द्वारा कोई भी भुगतान नहीं किया गया है एवं अनियमितता ना होने के कारण शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
न्यायालय प्रकरण संबंधी
[खनिज साधन]
198. ( क्र. 3430 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनेश पिता मांगीलाल जैन के विरूद्ध चल रहे प्रकरण में क्या विभाग द्वारा समस्त आवश्यक दस्तावेज नियुक्त वकील को सौंप दिए गए हैं? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) क्या विभाग के अधिकारियों के रूचि न लेने के कारण इस प्रकरण में तारीखें बेहद विलंब से दी जा रही हैं? (ग) यदि हाँ, तो इसके जिम्मेदार अधिकारियों के नाम, पदनाम सहित देवें। इन पर कब तक कार्यवाही की जायेगी?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। माननीय उच्च न्यायालय खण्डपीठ इंदौर में प्रचलित प्रकरण में सुनवाई हेतु तारीखें माननीय न्यायालय द्वारा दी जाती हैं। (ग) प्रश्नांश 'क' एवं 'ख' के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कॉलोनाइजर/बिल्डर का पंजीयन
[नगरीय विकास एवं आवास]
199. ( क्र. 3431 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) उज्जैन जिले में (रेरा) के तहत कितने कालोनाइजर बिल्डर पंजीकृत हुए? प्रश्न दिनांक तक जानकारी कॉलोनाइजर बिल्डर नाम, स्थान, रकवा सहित विधान सभा क्षेत्रवार देवें। (ख) जिनके द्वारा पंजीयन नहीं कराया गया है, उन पर प्रश्न दिनांक तक की कार्यवाही के विषय में जानकारी देवें? (ग) यदि कार्यवाही नहीं की गई है तो क्यों? कब तक की जावेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) उज्जैन जिले में अभी तक 20 प्रमोटर्स द्वारा कुल 31 परियोजनाओं को रेरा में पंजीयन संबंधी आवेदनों को अनुमोदित किया गया हैं। शेषांश की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार हैं। (ख) मध्यप्रदेश रियल स्टेट (विनियमन और विकास) नियम 2016 में उल्लेखित प्रावधान अनुसार विधि संगत कार्यवाही की जायेगी। (ग) जानकारी उत्तरांश ''ख'' अनुसार है, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
नमामि देवी नर्मदे यात्रा के लंबित देयकों का भुगतान
[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]
200. ( क्र. 3439 ) श्री बाला बच्चन : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नमामि देवी नर्मदे यात्रा के किन-किन फर्मों, व्यक्तियों, अन्य के कितनी-कितनी राशि के देयक प्रश्न दिनांक तक लंबित है? पूर्ण/अपूर्ण भुगतान की पूरी जानकारी, नाम, राशि, कार्यनाम सहित देवें। (ख) माननीय मुख्यमंत्री जी की उपस्थिति एवं अनुपस्थिति में यात्रा के दौरान मां नर्मदा आरती पर किस-किस स्थान पर कितनी-कितनी राशि व्यय की गई? स्थान नाम, राशि सहित पृथक-पृथक देवें? (ग) समापन कार्यक्रम के लिए जो बसें अधिगृहित की गई थी उनकी पूरी जानकारी वाहन क्रमांक, दूरी, स्थान नाम सहित भुगतान की अद्यतन स्थिति देवें। (घ) उपरोक्तानुसार लंबित भुगतान कब तक होंगे व इन्हें लंबित रखने वाले अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) से (घ) जानकारी संकलित की जा रही है।
धारा 40 के लंबित प्रकरण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
201. ( क्र. 3441 ) श्री बाला बच्चन : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला रायसेन में धारा 40 (पंचायतराज अधिनियम) के अंतर्गत कितने प्रकरण मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला रायसेन के कार्यालय में लंबित हैं? प्रत्येक प्रकरण के पक्षकार का विवरण प्रकरण में अंतिम सुनवाई, प्रकरण कब से लंबित है तथा प्रकरण की स्थिति की विस्तारपूर्वक जानकारी दी जावें? (ख) क्या मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत रायसेन द्वारा प्रकरणों की सुनवाई के उपरांत अंतिम फैसला लंबे समय से अधिकांश प्रकरणों में लंबित रखा जा रहा है? यदि हाँ, तो इसका कारण बतावें? यदि नहीं, तो क्यों? इस तथ्य की शासन स्तर से जाँच करवाई जावेगी? (ग) धारा 40 पंचायत राज अधिनियम की शक्तियां अनुविभागीय अधिकारी राजस्व को पूर्ववत दिए जाने पर क्या शासन पुनर्विचार कर रहा है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं।
नगर निगम कटनी अंतर्गत करों से प्राप्त राशि एवं कार्य
[नगरीय विकास एवं आवास]
202. ( क्र. 3448 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विगत 3 वर्षों में नगर निगम कटनी में समस्त प्रकार के वार्षिक करों, किराये एवं अन्य वित्तीय साधनों से कितनी राशि एकत्र हुई एवं कितनी राशि शासन स्तर से प्राप्त हुई है तथा कितनी राशि व्यय की गई? (ख) कटनी नगर निगम अंतर्गत, कुल कितने परिवार निवासरत हैं? वार्डवार, परिवार संख्यावार विवरण देवें। कितने परिवारों के नल कनेक्शन हैं? कितने शासकीय नल वार्डवार लगे हैं? वार्षिक जलकर से कुल एकत्र राशि कितनी हैं? (ग) विगत 03 वर्षों में नगर निगम क्षेत्रान्तर्गत किये गये निर्माण कार्यों एवं वर्तमान प्रस्तावित कार्यों का वित्तीय एवं टेंडर विवरण सहित वार्डवार टी.एस./ए.एस. की स्वीकृत राशि, मूल्यांकन सहित विवरण उपलब्ध करावें। (घ) नगर निगम सीमा अंतर्गत जनप्रतिनिधियों द्वारा कितनी मात्रा में होर्डिंग्स लगाये गये हैं? होर्डिंग्स से नगर निगम को कितनी राजस्व की हानि हुई है? क्या निर्धारित समय-सीमा से अधिक होर्डिंग्स पूरे शहर में विद्यमान हैं? (ड.) प्रश्नांश (क) से (घ) के परिप्रेक्ष्य में कब-कब, कौन-कौन सी शिकायतें प्राप्त हुई वर्षवार विवरण दें?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) नगर पालिक निगम, कटनी द्वारा विगत 03 वर्षों में समस्त प्रकार के वार्षिक करों किराये, अन्य वित्तीय साधनों से प्राप्त आय एवं शासन स्तर से जारी वर्ष 2014-15 से 2016-17 तक की राशि के विवरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। वर्ष 2014-15 से 2016-17 तक व्यय की गई राशि के विवरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ख) नगर पालिक निगम, कटनी सीमांतर्गत कुल 61137 परिवार निवासरत हैं, ए.पी.एल. राशन कार्ड अनुसार 40940 एवं बी.पी.एल. राशन कार्ड अनुसार 20197 परिवार निवासरत हैं, वार्डवार, परिवार विवरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। 18872 परिवारों को नल कनेक्शन प्रदाय किए गए हैं, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार है। 830 शासकीय/सार्वजनिक नल कनेक्शन दिए गए हैं, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ई'' अनुसार है। वर्ष 2016-17 में जलकर से प्राप्त कुल राशि रू. 2.79 करोड़ है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''फ'' अनुसार है। (घ) नगर पालिक निगम, कटनी सीमांतर्गत जनप्रतिनिधियों द्वारा समय-समय पर अस्थाई प्रकृति के पोस्टर/बैनर इत्यादि लगाए जाते हैं, जिन्हें नगर पालिक निगम, कटनी द्वारा जिला प्रशासन के सहयोग से संपत्ति विरूपण अधिनियम के अंतर्गत हटाए जाने की कार्यवाही की जाती है, चूंकि जनप्रतिनिधियों के द्वारा नगर पालिक निगम क्षेत्र में लगाए जाने वाले पोस्टर/बैनर अस्थाई प्रकृति के होते हैं, अत: इसमें राजस्व की हानि नहीं होती है। (ड.) प्रश्नांश (क) से (घ) के परिप्रेक्ष्य में कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है, शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
निजी महाविद्यालयों में फीस निर्धारण
[उच्च शिक्षा]
203. ( क्र. 3449 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) निजी महाविद्यालयों द्वारा छात्रों से ली जाने वाली फीस के संबंध में क्या नियम, निर्देश, राज्य केन्द्र शासन एवं संबंधित मान्यता प्रदानकर्ता संस्था के है, नियम निर्देशों की प्रति सहित बतायें। (ख) क्या शासन द्वारा निजी महाविद्यालयों द्वारा छात्रों से वसूली की जाने वाली फीस निर्धारण बावत कभी कोई कमेटी बनाई गई है? यदि नहीं, तो क्यों नहीं और यदि हाँ, तो कमेटी की जानकारी बतावें। कमेटियों द्वारा फीस निर्धारण का विवरण बताएं? (ग) कटनी जिला अंतर्गत अधिक फीस वसूली हेतु विगत 02 वर्षों में कब-कब कौन-कौन सी शिकायत प्राप्त हुई हैं तथा क्या कार्यवाही की गई? (घ) कटनी जिला अंतर्गत कौन-कौन से निजी महाविद्यालयों में कौन-कौन से कोर्स/पाठ्यक्रम संचालित हैं? इन कोर्स/पाठ्यक्रमों की फीस केन्द्र, राज्य शासन या संबंधित मान्यता प्रदानकर्ता संस्था से क्या फीस निर्धारित की गई है? निजी कॉलेजों द्वारा क्या फीस ली जा रही हैं? कोर्सवार, कॉलेजवार बतावें? (ड.) उपरोक्त प्रश्नों के परिप्रेक्ष्य में क्या निजी महाविद्यालयों द्वारा अत्यधिक फीस वसूली जा रही है? प्रश्नांकित जिलों के निजी महाविद्यालयों द्वारा एक ही कोर्स/पाठ्यक्रम के लिये पृथक-पृथक फीस ली जा रही है? यदि हाँ, तो क्यों? इसके लिये कौन दोषी है? इस पर क्या कार्यवाही की जावेगी?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) निजी महाविद्यालयों में व्यावसायिक पाठ्यक्रमों की फीस का निर्धारण प्रवेश एवं शुल्क विनियामक समिति द्वारा किया जाता है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। सामान्य पाठ्क्रमों की फीस का निर्धारण समन्वय समिति की 92 बैठक दिनांक 16.11.16 में लिए गए निर्णय अनुसार विश्वविद्यालय राष्ट्रीय फीस कमेटी की अनुशंसा के आधार पर फीस का निर्धारण किया जाता है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्नांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' एवं ''द'' अनुसार है। (ड.) जी नहीं। फीस आय-व्यय पत्रक के आधार पर पृथक-पृथक है, शेष प्रश्नांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
इंदौर एवं भोपाल शहर में प्रस्तावित प्रोजेक्ट
[नगरीय विकास एवं आवास]
204. ( क्र. 3456 ) श्री जितू पटवारी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) वर्ष 2014 से अक्टूबर 2017 तक इंदौर तथा भोपाल में नगर तथा ग्राम निवेश द्वारा जिन कॉलोनियों का मानचित्र अंतिम रूप से स्वीकृत किया गया है उनके कॉलोनाईजर फर्म का नाम, भागीदार/मालिक का नाम, पता की भूमियों का खसरा नंबर, रकवा, गांव सहित जानकारी दें? (ख) वर्ष 2014 से अक्टूबर 2017 तक इन्दौर स्थानीय निकाय द्वारा कंसल्टेंट/सलाहकार को किये गये भुगतान की कुल राशि वर्षवार बतावें। इस राशि का भुगतान कुल कितने प्रोजेक्ट के लिये किया गया? इनमें से कितने प्रोजेक्ट पूर्ण हो चुके हैं, कितने पाइप लाइन में हैं तथा कितने प्रारंभ नहीं हुये हैं? (ग) अमृत मिशन 2015-16 से 2019-20 के लिये निकायों में स्वीकृत जल प्रदाय तथा सीवरेज प्रोजेक्ट क्या इन्दौर नगरीय निकाय में प्रारंभ हो गये हैं? प्रोजेक्ट राशि ठेकेदार फर्म का नाम, मालिक/भागीदार का नाम, पता प्रोजेक्ट प्रारंभ होने की दिनांक बतावे तथा अनुबंध की प्रति देवें। (घ) प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित प्रोजेक्ट में डी.पी.आर. बनाने वाली कंसल्टेंट फर्म का नाम, पता मालिक/भागीदार का नाम, कुल देय शुल्क भुगतान की दिनांक एवं राशि बतावें तथा डी.पी.आर. की प्रति देवें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) नगर पालिक निगम इंदौर में अमृत मिशन 2015-16 से 2019-20 के लिए स्वीकृत 03 जलप्रदाय योजनाओं के कार्य प्रारंभ कर दिये गये हैं तथा 02 सीवरेज प्रोजेक्ट के कार्यों की निविदाएं स्वीकृति उपरांत एल.ओ.ए. जारी कर अनुबंध संपादन की प्रक्रिया प्रगतिरत है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है तथा अनुबंध की प्रतियां संलग्न है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार है। तथा डी.पी.आर. की प्रतियां संलग्न है।
डूब प्रभावित क्षेत्र हेतु राशि की स्वीकृति
[धार्मिक न्यास और धर्मस्व]
205. ( क्र. 3553 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) धार जिले में कोटेश्वर तीर्थ डूब प्रभावित क्षेत्र में होने के कारण शासन द्वारा इसकी अन्यत्र पुनर्स्थापन पर कितनी राशि स्वीकृति किस स्थान के लिए दी गई है? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) इसके लिए कब तक राशि स्वीकृत कर दी जाएगी? (ग) इसकी स्वीकृति में विलंब के कारण बतायें तथा इसके लिए जिम्मेदार कौन है? (घ) डूब प्रभावित क्षेत्र में विभाग द्वारा विगत 3 वर्ष क्या-क्या कार्य किन-किन स्थानों पर करवाये गये हैं? पूरी सूची स्थान नाम, कार्य नाम, राशि सहित देवें।
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
भाग-3
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
गोविन्दपुरा
औद्योगिक
क्षेत्र में
सड़कों का
निर्माण
[सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम]
1. ( क्र. 63 ) श्री बाबूलाल गौर : क्या राज्यमंत्री, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल के औद्योगिक क्षेत्र गोविन्दपुरा में वर्ष 2012 से प्रश्न दिनांक तक सीमेन्ट कांक्रीट की कितने किलोमीटर सड़कों का निर्माण किया गया एवं इन सड़कों के निर्माण में कितनी लागत आई है? (ख) गोविन्दपुरा औद्योगिक क्षेत्र में कितने कि.मी. सीमेन्ट कांक्रीट की सड़कों के निर्माण का प्रस्ताव लंबित है? इन प्रस्तावों को कब तक स्वीकृत कर दिया जायेगा? (ग) गोविन्दपुरा औद्योगिक क्षेत्र में श्रमिकों की सुविधा के लिये किन-किन स्थानों पर हॉकर्स कार्नर के निर्माण की योजना बनाई गई थी? (घ) इन हॉकर्स कार्नर का निर्माण कब तक प्रारंभ कर दिया जायेगा?
राज्यमंत्री, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम ( श्री संजय पाठक ) : (क) औद्योगिक क्षेत्र गोविंदपुरा भोपाल में वर्ष 2012 से प्रश्न दिनांक तक 16.96 किलोमीटर कांक्रीट सड़कों का निर्माण किया गया है। इन सड़कों के निर्माण में राशि रूपये 3788.05 लाख की लागत आई है। (ख) सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विभाग के समक्ष कोई प्रस्ताव लंबित नहीं है। (ग) औद्योगिक क्षेत्र गोविंदपुरा भोपाल में हाकर्स कार्नर का निर्माण की कोई योजना नहीं है। (घ) प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है।
सरपंच एवं सचिव के विरूद्ध कार्यवाही बावत्
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
2. ( क्र. 236 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सतना जिले की जनपद पंचायत अमरपाटन के अंतर्गत ग्राम पंचायत ओवरा के सरपंच एवं सचिव के द्वारा भ्रष्टाचार किया जा रहा है, जिसकी शिकायत उप सरपंच एवं अन्य पंचों द्वारा मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत सतना को दिनांक 18-5-2017 को बिंदुवार की गई है एवं अन्य अनियमितताओं को लेकर दिनांक 21-2-2017 को एस.डी.एम. अमरपाटन को की गई है, इसके अतिरिक्त अन्य आम नागरिकों द्वारा दिनांक 28-01-2017, 27-3-2017, 30-01-2017, 30-10-2016, 23-8-16, 17-8-16, 11-4-2017 एवं अन्य दिनांकों में भी शिकायतें की गई हैं वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में गंभीर आडिट रिर्पोटों में भ्रष्टाचार एवं अनियमितताओं आर्थिक क्षति जैसे आपत्तियां ली गई है? (ख) प्रश्नांश (क) का उत्तर यदि हाँ, तो उक्त पर प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई है? आडिट रिर्पोट में उठाई गई आपत्ति पर बिंदुवार की गई कार्यवाही से अवगत करायें तथा वर्ष 2016-17 में कलेक्टर/मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत सतना को प्राप्त शिकायतों का जाँच प्रतिवेदन की प्रति उपलब्ध कराते हुये जाँच प्रतिवेदन पर की गई कार्यवाही से अवगत करायें? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के परिप्रेक्ष्य में क्या दोषी सरपंच एवं सचिव को पंचायत अधिनियम की धारा 40 के तहत कार्यवाही करते हुये सचिव के विरूद्ध सेवा आचरण नियम के तहत सेवा समाप्ति करने की कार्यवाही कब तक की जायेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। प्रश्न में दर्शित अन्य दिनांक 27.03.17, 30.10.16, 23.08.16, 17.08.16, 11.04.17 की शिकायतें प्राप्त नहीं है। (ख) सहायक संचालक स्थानीय निधि संपरीक्षा सतना के द्वारा ग्राम पंचायत ओबरा की वित्तीय वर्ष 14-15 से 15-16 की आडिट रिर्पोट दिनांक 06.09.16 के प्रतिवेदन में पंचायत द्वारा भण्डार क्रय नियमों का पालन नहीं किये जाने की आपत्ति है किन्तु भ्रष्टाचार, वित्तीय अनियमितता, आर्थिक क्षति जैसे आक्षेप नहीं है। प्रश्नांश (क) अनुसार शिकायतों पर सहायक यंत्री ग्रामीण यांत्रिकी सेवा जनपद पंचायत अमरपाटन को जाँच कर प्रतिवेदन हेतु निर्देशित किया गया जाँच प्रतिवेदन उपलब्ध न कराने पर कार्यालय कलेक्टर सतना के पत्र क्र.215/ शिका./स्टेनो/सतना दिनांक 20.11.17 से 06 सदस्यी जाँच टीम का गठन किया गया है। जाँच प्रतिवेदन अनुसार आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित की जावेगी। (ग) जाँच प्रतिवेदन प्राप्त होने पर दोषियों के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही होगी।
स्थायी प्राचार्य की नियुक्ति
[उच्च शिक्षा]
3. ( क्र. 282 ) श्री पन्नालाल शाक्य : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या गुना शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय में काफी लम्बे समय से प्रभारी प्राचार्य होने से महाविद्यालय के छात्र/छात्राओं द्वारा स्थायी प्राचार्य की मांग की जा रही है। (ख) गुना शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय में कब तक स्थायी प्राचार्य की नियुक्ति की जावेगी?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी हाँ। (ख) विभाग में बड़ी संख्या में रिक्त पदों के कारण स्थायी प्राचार्य की नियुक्ति हेतु समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना एवं मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना
[सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम]
4. ( क्र. 571 ) श्री संजय शर्मा : क्या राज्यमंत्री, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) तेंदूखेड़ा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत वर्ष 2014-15 से वर्तमान तक मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना एवं मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना के अंतर्गत कितने आवेदन प्राप्त हुये? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार कितने लोगों को, किन-किन योजनाओं के अंतर्गत, किन-किन बैंकों से, कितना-कितना ऋण वितरित किया गया? सूची उपलब्ध करायें? (ग) प्रश्नांश (क) के अनुसार वर्तमान में कितने प्रकरण लम्बित है? इनका निराकरण कब तक कर दिया जावेगा? लम्बित प्रकरणों की सूची उपलब्ध करायें।
राज्यमंत्री, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम ( श्री संजय पाठक ) : (क) तेंदूखेड़ा विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत वर्ष 2014-15 से वर्तमान तक मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजनान्तर्गत 200 एवं मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजनान्तर्गत 11 आवेदन प्राप्त हुये। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजनान्तर्गत 72 एवं मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजनान्तर्गत 08 कुल 80 लोगों को ऋण वितरण किया गया। बैंकवार एवं योजनावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (क) के अनुसार वर्ष 2017-18 के कुल 44 प्रकरण बैंकों में लंबित है। वित्तीय वर्ष के समाप्ति के पूर्व टारगेट पूर्ण करने का लक्ष्य है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।
नमामि देवी नर्मदे यात्रा के अंतर्गत पौधा रोपण
[वन]
5. ( क्र. 572 ) श्री संजय शर्मा : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नमामि देवी नर्मदे यात्रा के अंतर्गत नरसिंहपुर जिले में वन विभाग द्वारा, किन-किन स्थानों पर कितने पौधों का रोपण किया गया? (ख) इसमें कितनी राशि खर्च हुई? (ग) वर्तमान में उन रोपित पौधों की स्थिति क्या है?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) से (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
कर्मचारियों को समयमान वेतनमान
[नगरीय विकास एवं आवास]
6. ( क्र. 580 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या प्रदेश के नगर निगम/नगरपालिका/नगरपरिषदों में कार्यरत तृतीय एवं चतुर्थ कर्मचारियों को समयमान वेतनमान का लाभ नहीं दिया गया हैं? (ख) क्या शासकीय कर्मचारियों के अनुरूप दिनांक १ अप्रैल २००६ से समयमान वेतनमान का लाभ नहीं दिये जाने से उक्त निकाय के कर्मचारी विगत ११ वर्षों से उक्त लाभ से वंचित हैं? इन्हें कब तक समयमान वेतनमान का लाभ दे दिया जायेगा? (ग) मध्यप्रदेश शासन वित्त विभाग के ज्ञाप क्र/एफ.११/१/०८/ नियम/चार, भोपाल दिनांक २४ जनवरी ०८ के संदर्भ में नगरीय निकाय कर्मचारियों को समयमान वेतन बाबत नगरीय विकास एवं आवास विभाग द्वारा शासन स्तर पर कब कब क्या क्या निर्णय लिये गये हैं? लिये गये निर्णय की प्रतिलिपि उपलब्ध करायें?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। नगरीय विकास एवं आवास विभाग के अंतर्गत नगरीय निकायों तथा मध्य प्रदेश नगर पालिका अधिनियम 1961 की धारा 86 के अंतर्गत राज्य यांत्रिकीय सेवा के अधिकारियों को छोड़कर अन्य राज्य स्तरीय सेवाओं के अधिकारियों/कर्मचारियों को समयमान वेतनमान दिए जाने के संबंध में विभाग स्तर पर कार्यवाही प्रचलित है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) नगरीय निकायों के कर्मचारियों को समयमान वेतनमान प्रदाय किए जाने के लिए प्रमुख सचिव, सामान्य प्रशासन विभाग की अध्यक्षता में गठित समिति द्वारा निर्णय लिया जाना है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नवीन महाविद्यालय स्वीकृत करने बाबत्
[उच्च शिक्षा]
7. ( क्र. 610 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माननीय मुख्यमंत्री जी ने दिनांक 25.06.2017 को श्योपुर जिले के ग्राम ढोढर में प्रवास के दौरान कृषक सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए नवीन महाविद्यालय स्वीकृत कर प्रारंभ कराये जाने की घोषणा की थी? (ख) यदि हाँ, तो क्या घोषणा के क्रियान्वयन हेतु विभाग द्वारा प्रस्ताव तैयार कर शासन/वरिष्ठालय को स्वीकृति हेतु भेज दिया हैं व कब यदि नहीं, तो इसमें विलंब का कारण व कब तक भेजकर इसे स्वीकृति प्रदान कर दी जावेगी? (ग) क्या प्रस्ताव भेजने में विलंब के कारण ढोढर क्षेत्र के सैकड़ों विद्यार्थियों को अब भी इण्टर परीक्षा पास आउट होने के उपरांत स्नातक शिक्षा हेतु अन्यत्र जाना पड़ता है? इस कारण उन्हें कई प्रकार की समस्याओं का सामना भी करना पड़ता है तथा उक्त घोषणा के क्रियान्वयन में विलंब की स्थिति भी निर्मित हो रही है? (घ) यदि हाँ, तो क्षेत्रीय विद्यार्थियों के भविष्य एवं माननीय मुख्यमंत्री जी की घोषणा के पालन के मद्देनज़र क्या विभाग द्वारा अविलंब प्रस्ताव शासन को स्वीकृति हेतु भेजा जावेगा अथवा शासन मंगवाएगा तत्पश्चात् इसे चालू वित्त वर्ष के अनुपूरक बजट में शामिल करवाकर इसकी प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान करेगा, यदि नहीं, तो क्यों?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी हाँ। (ख) घोषणा के क्रियान्यवन के संबंध में विस्तृत डी.पी.आर. एवं प्रस्ताव तैयार किया जा चुका है। स्वीकृति हेतु परियोजना परीक्षण समिति के समक्ष रखा जाएगा। (ग) प्रश्नांश "ख" के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नांश "ख" के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
महाविद्यालय में स्नातक स्तर के संकाय की स्वीकृति
[उच्च शिक्षा]
8. ( क्र. 683 ) प्रो. संजीव छोटेलाल उइके : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मण्डला विधान सभा क्षेत्र अन्तर्गत प्रश्नकर्ता एवं जन मांग पर शासकीय कन्या महाविद्यालय मण्डला, शासकीय कला महाविद्यालय ब्रम्हनीबंजर तथा शासकीय महाविद्यालय नैनपुर में वाणिज्य एवं विज्ञान संकाय स्नातक स्तर कक्षाओं की स्वीकृति करने का प्रस्ताव शासन/ विभाग के पास लंबित है? (ख) क्या मण्डला विधान सभा अंतर्गत प्रश्नांश (क) में उल्लेखित महाविद्यालयों को स्नातकोत्तर स्तर पर कक्षाएं स्वीकृत करने की कार्यवाही शासन स्तर पर लंबित हैं? (ग) यदि हाँ, तो प्रश्नांश (क) एवं (ख) में शासन/विभाग स्तर की स्वीकृति कब तक कर दी जावेगी?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) शासकीय कन्या महविद्यालय, मंडला में वाणिज्य संकाय का प्रस्ताव प्राप्त हुआ है, किन्तु विभागीय मापदण्ड अनुसार पूर्ति नहीं हो रही है। विज्ञान संकाय का प्रस्ताव प्राचार्य से प्राप्त नहीं हुआ है। शासकीय कला महाविद्यालय ब्रम्हनीबंजर में स्नातक स्तर पर वाणिज्य एवं विज्ञान संकाय खोलने का प्रस्ताव प्राप्त हुआ है। वाणिज्य संकाय में विभागीय मापदण्ड की पूर्ति नहीं हो रही हैं एवं विज्ञान संकाय खोले जाने हेतु विभागीय मापदण्ड अनुसार परीक्षण कर नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी। शासकीय महाविद्यालय नैनपुर में वाणिज्य एवं विज्ञान संकाय स्नातक स्तर पर पूर्व से ही संचालित है। (ख) प्रश्नांश 'क' में उल्लेखित महाविद्यालयों में स्नातकोत्तर स्तर पर कक्षाऐं स्वीकृत करने का कोई प्रस्ताव नहीं है। (ग) शासकीय कला महाविद्यालय ब्रम्हनीबंजर में विज्ञान संकाय में स्नातक स्तर की कक्षायें खोले जाने के संबंध में निश्चित समयावधि बताया जाना संभव नहीं है।
विभिन्न योजनाओं से निर्माण कार्यों के पूर्ण-अपूर्ण की जानकारी
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
9. ( क्र. 939 ) श्री हरवंश राठौर : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बण्डा विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत पंचायत निधि से पंच परमेश्वर एवं परफोरमेंस ग्रांट योजनान्तर्गत वर्ष 2015-16 से कितने कार्य किए गए जिनकी निर्माण एजेन्सी ग्राम पंचायत है इनमें कितने कार्य पूर्ण एवं अपूर्ण हैं? (ख) इनमें कितने कार्यों की सी.सी. जारी हो चुकी है? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) यदि कार्यपूर्ति प्रमाण पत्र जारी नहीं किया तो क्या इनको पूर्ण करने की समय-सीमा शासन से क्या थी? समय-सीमा में कार्य पूर्ण न करने पर एजेंसी एवं कार्यपूर्ति प्रमाण पत्र जारी न करने वाले सहायक यंत्री/उपयंत्री पर कोई कार्यवाही प्रस्तावित की गई हैं? (घ) कार्यों को पूर्ण कराने एवं सी.सी. जारी करने की जवाबदेही किसकी है और कार्य पूर्ण/सी.सी. कब तक जारी की जा सकेगी? योजनावार जानकारी उपलब्ध कराई जाए?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। समय-सीमा में कार्य पूर्ण न होने से तथा उपयंत्रियों द्वारा मूल्यांकन न किये जाने से सी.सी.जारी नहीं हुई है। (ग) समय-सीमा कार्य के स्वरूप अनुसार निर्धारित की जाती है। निर्माण एजेंसी ग्राम पंचायतों/सहायक यंत्री एवं उपयंत्रियों को कार्य समय-सीमा में पूर्ण न करने एवं सी.सी.जारी न करने पर कारण बताओ सूचना पत्र दिये गये है। (घ) कार्य पूर्ण कराने एवं सी.सी. जारी करने की जवाबदारी संबंधित निर्माण एजेंसियों एवं सहायक यंत्री/उपयंत्रीयों की है। 31 मार्च 2018 तक समस्त कार्यों को पूर्ण कर सी.सी.जारी कर दी जायेगी। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार।
पंचायत विकास विभाग के कार्यों की जानकारी
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
10. ( क्र. 1010 ) श्री प्रताप सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दमोह जिले को वर्ष 2015-16 एवं वर्ष 2016-17 में कितनी-कितनी राशि विकास कार्यों हेतु प्राप्त हुई, वर्षवार एवं मदवार बतायें? (ख) जिले को प्राप्त आवंटन को चारों विधानसभा क्षेत्र में किस-किस विकास कार्य में कितनी-कितनी राशि स्वीकृत की गई, कार्य एवं राशि की स्वीकृति किस दिनांक को किसके द्वारा दी गई? (ग) मदवार स्वीकृत कार्य प्रश्न दिनांक तक पूर्ण हैं अथवा अपूर्ण हैं? यदि कार्य अपूर्ण हैं, तो उनका कार्यवार कारण बतलावें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) दमोह जिले को परफारमेन्स ग्रान्ट अंतर्गत वर्ष 2015-16 में राशि रू. 200.00 लाख प्राप्त हुई एवं वर्ष 2016-17 में कोई राशि प्राप्त नहीं हुई। (ख) एवं (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों के विनियमितीकरण
[वन]
11. ( क्र. 1053 ) श्री तरूण भनोत : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता ने अपने पत्र क्र. 1745 दि. 17.8.2017 को प्रबंध संचालक म.प्र. राज्य वन विकास निगम को प्रदेश में वन विकास निगम में कार्यरत दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों के विनियमितीकरण करने हेतु पत्र लिखा था? (ख) क्या म.प्र. शासन सामान्य प्रशासन विभाग के ज्ञाप क्र. एफ 5-1/ 2013/1/3 दिनांक 7 अक्टूबर 2016 के आदेश के अनुक्रम में समस्त दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को विनियमितीकरण के ओदश जारी हेतु लेख किया था? (ग) यदि वर्णित (क), (ख) सही तो क्या यह भी सही है कि वर्णित (क) के विभाग के दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों के विनियमितीकरण के संबंध में विभाग अनावश्यक रूप से पत्राचार कर प्रकरण को लंबित रखे हुये हैं एवं पीडि़तों को लाभ नहीं दिया जा रहा है? (घ) अब कब तक वर्णित (क) के विभाग के दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को विभाग द्वारा विनियमितीकरण कर दिया जोवगा?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं, शासन के प्रश्नाधीन आदेश के निगम/मण्डलों में लागू होने की स्पष्टता नहीं है। (ग) जी नहीं। म.प्र. राज्य वन विकास निगम द्वारा उनके यहां कार्यरत दैनिक वेतन भोगियों को स्थाई कर्मियों के वेतनमान दिये जाने के शासन को प्रेषित प्रस्ताव पर शासन स्तर पर कार्यवाही प्रचलित है। (घ) समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
स्वच्छता अभियान वर्ष 2018 में क्रय की गई सामग्रियां
[नगरीय विकास एवं आवास]
12. ( क्र. 1054 ) श्री तरूण भनोत : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या नगर निगम जबलपुर द्वारा वर्ष 2018 के प्रथम पखवाड़े में स्वच्छता अभियान प्रारंभ करने हेतु कार्ययोजना तैयार कर ली है एवं स्वच्छता के प्रचार-प्रसार हेतु सामग्रियां क्रय करने के लिये सूची भी तैयार कर ली गई है? (ख) यदि वर्णित (क) हाँ तो स्वच्छता अभियान हेतु कौन-कौन सी सामग्रियां क्रय की जा रही हैं? जानकारी आयटमवार एवं उनमें व्यय होने वाली राशिवार पृथक-पृथक रूप से बताई जावे। (ग) क्या वर्णित (क) की संस्था द्वारा उक्त अभियान में लाखों रूपयों की निविदा आमंत्रित करने जा रहा है एवं एम.आई.सी. से किसी भी तरह की चर्चा नहीं की गई?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ, स्वच्छता पखवाड़ा अभियान प्रारंभ करने हेतु कार्ययोजना संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) नगर निगम जबलपुर द्वारा स्वच्छता अभियान हेतु सामग्री क्रय किये जाने हेतु ऑन लाईन निविदा की कार्यवाही प्रचलन में है। आइटमबार जानकारी निम्नानुसार है:-
क्र. |
आयटम |
संख्या |
प्राक्कलन राशि |
रिमार्क |
1 |
केप |
लगभग 01 लाख नग |
48/- रूपये प्रति नग |
निविदा कार्यवाही हेतु प्राक्कलन राशि रू. 58 लाख अनुमानित है, डिमाण्ड के अनुसार कम या अधिक सामग्री क्रय की जावेगी |
2 |
बेच |
लगभग 01 लाख नग |
10/- रूपये प्रति नग |
(ग) जी हाँ। चूंकि शासन के दिशा निर्देशानुसार नगर निगम आयुक्त को 02 करोड़ तक के व्यय की स्वीकृति के अधिकार हैं। अतएव स्वच्छता मिशन की प्रचार-प्रसार सामग्री क्रय हेतु प्रकरण एम.आई.सी. में प्रेषित नहीं किया गया है।
महाकौशल विकास प्राधिकरण के संबंध में
[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]
13. ( क्र. 1072 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वित्त वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक महाकौशल विकास प्राधिकरण जबलपुर के द्वारा जनपद पंचायत मझौली, पाटन, शहपुरा जिला जबलपुर में कितनी-कितनी राशि के कौन-कौन से निर्माण कार्य स्वीकृत किये गये? निर्माण एजेंसीवार वित्त वर्षवार वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक सूची देवें? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित स्वीकृत निर्माण कार्यों में से किन-किन कार्यों का टी.एस. कब किस अधिकारी द्वारा किया गया तथा टी.एस. पश्चात् इन निर्माण कार्यों हेतु कितनी राशि कब स्वीकृत की गई सूची देवें? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित स्वीकृत निर्माण कार्यों में से कौन-कौन से निर्माण कार्य किस दिनांक को पूर्ण हुये तथा इन कार्यों का कार्यपूर्णता प्रमाण पत्र कब जारी कर एजेंसी द्वारा महाकौशल विकास प्राधिकरण कार्यालय में जमा किये गये एवं यह भी बतलावें कि कार्य पूर्णता प्रमाण पत्र जारी होने के बाद भी इन निर्माण कार्यों का पूरा भुगतान आज दिनांक तक न होने के क्या कारण हैं? (घ) क्या वित्त वर्ष 2015-16 महाकौशल विकास प्राधिकरण द्वारा स्वीकृत निर्माण कार्यों को प्रथम किश्त प्रदान करने के पश्चात् कार्य पूर्ण होने पर भी द्वितीय किश्त का भुगतान न कर नवीन निर्माण कार्यों को स्वीकृत कर उन्हें प्रथम किश्त जारी कर दी गई है? उत्तर में यदि हाँ, तो इस विसंगति के क्या कारण हैं? इस द्वेषपूर्ण कार्यवाही का जबावदार कौन है? क्या शासन इसकी निष्पक्ष जाँच कर दोषियों पर कार्यवाही करते हुये इन पूर्ण हो चुके निर्माण कार्यों का शीघ्र पूरा भुगतान करेगा? उत्तर में यदि हाँ, तो किस प्रकार से कब तक यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। सभी पूर्ण कार्यों का भुगतान किये जाने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
वसूली एवं आपराधिक प्रकरण दर्ज कराना
[नगरीय विकास एवं आवास]
14. ( क्र. 1088 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या ध्यानाकर्षण सूचना क्र. 753 दिनांक 20.03.2017 एवं ध्यानाकर्षण सूचना क्र. 362 दिनांक 21.07.2017 के माध्यम से नगर परिषद गुढ़ के अध्यक्ष एवं सक्षम अधिकारी के बगैर स्वीकृति श्री आर.एन. तिवारी सहायक ग्रेड दो से नगर पालिका अधिकारी का कार्य नियम विरूद्ध तरीके से कराकर राशि 39,54,390 रू. निर्माण कार्य के नाम में एवं 33,46,275 रू. सामग्री क्रय के नाम पर अनाधिकृत भुगतान कर आर्थिक क्षति शासन को पहुंचायी गयी जाँच समिति ने इस तथ्य को प्रमाणित किया? जाँच प्रतिवेदन के आधार पर तात्कालीन कलेक्टर रीवा द्वारा संयुक्त संचालक नगरीय प्रशासन एवं विकास को पत्र क्र. 360/डूडा/आरोप/2016 दिनांक 23.12.2016 के माध्यम से कार्यवाही हेतु लिखा गया? (ख) प्रश्नांश (क) के तारतम्य में म.प्र. शासन नगरीय विकास एवं आवास विभाग मंत्रालय ने पत्र क्र. एफ.11-85/2017/18-3 भोपाल दिनांक 01.09.2017 के माध्यम से अध्यक्ष को कारण बताओं सूचना पत्र जारी किया गया? (ग) यदि प्रश्नांश (ख) हाँ तो कारण बताओ सूचना पत्र के जवाब की प्रति देते हुए बतावें कि दोषी अध्यक्ष एवं नगर पालिका अधिकारी श्री आर.एन.तिवारी के विरूद्ध प्रश्नांश दिनांक तक में क्या कार्यवाही की गई, अगर नहीं तो क्यों? (घ) प्रश्नांश (क) अनुसार संबंधितों से राशि की वसूली के साथ अपराधिक प्रकरण शासकीय राशि के गबन का पंजीबद्ध कराने के साथ म.प्र. नगर पालिका अधिनियम 1961 के तहत कार्यवाही करते हुए पद से पृथक करने के आदेश जारी करायेंगे। हाँ तो कब तक, अगर नहीं तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
दिव्यांग हितग्राहियों को मोटोराईज्ड ट्राई साईकल दिया जाना
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
15. ( क्र. 1101 ) श्री कैलाश चावला : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 01-04-2016 से दिनांक 31-10-2017 तक नीमच जिले में 80 प्रतिशत से अधिक दिव्यांग हितग्राहियों के मोटोराईज्ड ट्राई साईकल हेतु कितने आवेदन हितग्राहियों के एवं जन प्रतिनिधियों के पत्र विभाग के उपसंचालक को प्राप्त हुए हैं? (ख) प्रश्नांश (क) में प्राप्त आवेदन पत्रों में से कितने हितग्राहियों को मोटोराईज्ड ट्राई-साईकल प्राप्त हो चुकी हैं? कितने हितग्राहियों के आवेदन 6 माह से अधिक अवधि के हैं, जिनको मोटोराईज्ड ट्राई साईकल प्राप्त नहीं हुई है विलंब के क्या कारण हैं?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) 1.4.2016 से दिनांक 31.10.2017 तक मोटोराईज्ड ट्राई साईकल हेतु दिव्यांग हितग्राहियों से 52 आवेदनपत्र एवं जनप्रतिनिधियों के 06 पत्र इस कार्यालय को प्राप्त हुए है। (ख) 04 निःशक्तजनों को मोटोराईज्ड ट्राई साईकल वितरित की गई है। 48 दिव्यांगजनों के प्राप्त मूल आवेदन/दस्तावेज एलिम्को जबलपुर को स्वीकृति हेतु प्रेषित किये गये है। एलिम्कों जबलपुर से स्वीकृति अपेक्षित है।
स्टेडियम निर्माण की जानकारी
[खेल और युवा कल्याण]
16. ( क्र. 1120 ) श्री रामलाल रौतेल : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) अनूपपुर जिला मुख्यालय में स्टेडियम निर्माण हेतु विभाग द्वारा किसी प्रकार की धन राशि उपलब्ध कराई गयी है? यदि हाँ, तो आवंटन की जानकारी प्रदान करें। (ख) क्या विभाग द्वारा आदिवासी (जनजातीय) अंचल के खिलाडि़यों को सुव्यस्थित खेल मैदान में प्रतिभा निखारने का अवसर प्रदान किया जाएगा? यदि हाँ, तो स्टेडियम निर्माण हेतु राशि कब आवंटन की जावेगी?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) अनूपपुर जिला मुख्यालय में पूर्व से स्टेडियम निर्मित है। इस स्टेडियम में आदिवासी (जनजाति) अंचल के खिलाड़ी अपनी प्रतिभा निखार सकते है। जी नहीं, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
आवास एवं शौचालय निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
17. ( क्र. 1149 ) श्रीमती नंदनी मरावी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सिहोरा विधानसभा क्षेत्रांतर्गत नगर पालिका सिहोरा अंतर्गत प्रधानमंत्री आवास एवं शौचालय निर्माण किन-किन परिवारों में दिनांक 1.4.2016 से प्रश्नांश दिनांक तक में स्वीकृत किये गये है? वार्डवार जानकारी उपलब्ध करायें? कितने हितग्राहियों को कितनी राशि प्रदाय की गई हैं एवं कार्य की स्थिति क्या है तथा किन-किन अधिकारियों के द्वारा कार्यों का सत्यापन किया गया, उनके भी नाम बतायें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार वर्ष 2017-18 में कितने आवास एवं शौचालय निर्माण किया जाना प्रस्तावित है? वार्डवार सूची उपलब्ध करायें?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) दिनांक 01.04.2016 से प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) अंतर्गत प्रथम चरण में 817 हितग्राहियों के लिए योजना स्वीकृत की गई है। शौचालय निर्माण की योजना इस अवधि में स्वीकृत नहीं की गई है। हितग्राही/परिवार की वार्डवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। कार्य प्रारम्भिक चरण में है, प्रोजेक्ट मैनेजमेंट कंसल्टेंट के इंजीनियर श्री अमरनाथ गुप्ता एवं निकाय के उपयंत्री देवेन्द्र कुमार पाठक के द्वारा सत्यापन किया गया है। हितग्राही चयन हेतु निर्धारित प्रक्रिया अनुसार जिला कलेक्टर से अनुमोदित 164 हितग्राही में से 141 हितग्राहियों को राशि आवंटित की जा चुकी है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ख) प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के अंतर्गत वर्ष 2017-18 में 817 हितग्राहियों को आवास उपलब्ध कराने का लक्ष्य है। शौचालय 2449 नग निर्माण का लक्ष्य है। हितग्राहीवार सूची स्वीकृत नहीं की गयी है, जिससे सूची उपलब्ध कराने की प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मुख्यमंत्री सड़क निर्माण के संबंध में
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
18. ( क्र. 1150 ) श्रीमती नंदनी मरावी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिहोरा विधान सभा क्षेत्रांतर्गत विकासखण्ड सिहोरा एवं कुण्डम में मुख्यमंत्री योजनांतर्गत अप्रैल 2003 से प्रश्नांश दिनांक तक कहाँ कहाँ मुख्यमंत्री सड़क का निर्माण किया गया? ग्राम का नाम सड़क की लंबाई, लागत एवं कार्य की स्थिति सहित संपूर्ण विवरण सूची उपलब्ध करायें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार वर्ष 2017-18 में कहाँ-कहाँ प्रस्तावित है? प्रस्तावित मार्ग की सूची उपलब्ध करायें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना प्रारंभ वर्ष 2010-11 से प्रश्न दिनांक तक की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत सभी पात्र सड़कों की स्वीकृति होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सामाजिक सुरक्षा पेंशन का भुगतान
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
19. ( क्र. 1182 ) श्री हरवंश राठौर : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बण्डा विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत इंदिरा गांधी विधवा पेंशन, वृद्धावस्था पेंशन, नि:शक्त पेंशन योजना के तहत कितने हितग्राहियों को भारत सरकार द्वारा पेंशन राशि में एक रूपता की दृष्टि से 300/- रूपए प्रति हितग्राही को माह अक्टूबर 2016 से बढ़ी हुई पेंशन का लाभ दिया गया? (ख) उक्त योजनान्तर्गत ऐसे कितने प्रकरण लंबित हैं, जिनको योजनाओं का लाभ प्रदान नहीं किया गया हैं एवं कब तक दिया जाएगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जिला सागर अंतर्गत जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जिला सागर अंतर्गत बण्डा विधानसभा क्षेत्र में योजना अंतर्गत कोई भी प्रकरण लंबित नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
संलग्नीकरण समाप्त करने संबंधी निर्देशों का पालन
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
20. ( क्र. 1186 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन द्वारा विभिन्न शासकीय विभागों में कार्यरत कर्मचारियों का अन्य विभागों या कार्यालय में किये गये संलग्नीकरण को तत्काल प्रभाव से समाप्त किया जाकर उन्हे मूल पदस्थ संस्था में कार्य करने के निर्देश कब प्रसारित किये गये हैं? उक्त आदेश का पालन कब तक किया जाना निर्धारित किया गया है? आदेश प्रसारण दिनांक व पालन हेतु निर्धारित अवधि बतावें? (ख) जिला पंचायत धार में वर्ष 2016 में एवं वर्ष 2017 में कितने कर्मचारी अन्य विभागों के संलग्न थे? उनमें से कितने कर्मचारियों को शासन के किन आदेशों के तहत किस दिनांक को उनके मूल विभाग हेतु कार्यमुक्त किया गया है तथा वर्ष 2017 में माह नवंबर तक किन विभागों के कौन-कौन से कर्मचारी को किन-किन कारणों से कार्यमुक्त नहीं किया गया है, कारण सहित बतावें? क्या शासन से इसकी अनुमति ली गई है? यदि नहीं, तो शेष संलग्न कर्मचारियों को कब तक उनके मूल विभाग हेतु कार्यमुक्त कर दिया जावेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। संलग्नीकरण समाप्त किए जाने के संबंध में मध्यप्रदेश शासन सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी निर्देश एवं वर्ष 2017-18 की स्थानांतरण नीति के निर्देश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। संदर्भित निर्देश का पालन तत्काल किए जाने का उल्लेख है। (ख) जिला पंचायत में वर्ष 2016 में लिपिक वर्ग के 18 पद एवं चतुर्थ श्रेणी के 06 पद रिक्त रहने से अन्य विभाग के लिपिक वर्ग के 11 एवं चतुर्थ श्रेणी के 09 कर्मचारी संबंधित विभाग की सहमति से रिडिप्लाय किए गए। कार्यालयीन आदेश क्रमांक 2117 से 2123 दिनांक 20-07-2017 एवं 2351 दिनांक 25-07-2017 द्वारा 7 लिपिक वर्गीय कर्मचारी एवं 03 चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को भारमुक्त किया गया है। वर्तमान में लिपिक वर्ग के 05 एवं चतुर्थ श्रेणी के 07 कर्मचारी संबंधित विभाग की सहमति से रिडिप्लायमेंट पर कार्यरत है। विभिन्न समीक्षा बैठकों में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की आवश्यकता एवं जिला पंचायत में कार्याधिक्य एवं पद रिक्ति के कारण इनकी सेवायें ली जा रही है। मध्यप्रदेश शासन, सामान्य प्रशासन विभाग भोपाल के परिपत्र क्र. सी 3-15/1/3/97 दिनांक 26 मई 1997 द्वारा जिला कलेक्टर रिडिप्लाय करने हेतु अधिकृत है। संबंधित विभाग के द्वारा उक्त के संबंध में मांग किए जाने पर उन्हें कार्यमुक्त किया जावेगा।
पौधे रोपण की जानकारी
[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]
21. ( क्र. 1202 ) श्री संजय उइके : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नमामि देवी नर्मदे महोत्सव के अन्तर्गत प्रदेश के किन-किन जिलों में कितने पौधों का वृक्षारोपण कार्य किया गया बतावें? (ख) वृक्षारोपण हेतु पौधों के क्रय पर कितनी राशि व्यय की गई? किस मद/ योजना से राशि व्यय की गई? जिलेवार जानकारी देवें? (ग) बालाघाट जिले की बैहर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत प्रत्येक ग्राम पंचायतवार कितने पौधे कौन-कौन एजेन्सी से खरीदी कर पौधा रोपण किया गया? परिवहन व्यय सहित किस मद/योजना से राशि व्यय की गई जानकारी उपलब्ध करावें? (घ) वृक्षारोपण कार्य के उपरान्त पौधों की सुरक्षा हेतु क्या उपाय किये गये एवं वर्तमान में कितने पौधे जीवित एवं सुरक्षित हैं? ग्राम पंचायतवार बैहर विधानसभा क्षेत्र की जानकारी देवें?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) से (घ) जानकारी संकलित की जा रही है।
गृह निर्माण सहकारी समिति के संबंध में
[नगरीय विकास एवं आवास]
22. ( क्र. 1260 ) श्री जतन उईके : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) गोविंदपुरा भोपाल में प्रकाश गृह निर्माण सहकारी समिति मर्यादित द्वारा विकसित पूर्णत: आवासीय कालोनी के भूखण्ड क्रमांक एवं दस व ग्यारह पर निर्मित भवनों के लिए भवन अनुज्ञा किस-किस दिनांक को किस-किस व्यक्ति के पक्ष में जारी की गई? इन मकानों के लिए स्वीकृत नक्शे की प्रति के साथ जानकारी दें? (ख) इन भवनों का निर्माण किए जाते समय भवन अनुज्ञा के प्रावधानों का पालन किया गया है, यदि नहीं, तो अवैध निर्माण हटाने के लिए आज दिनांक तक की गई कार्यवाही का संपूर्ण विवरण दें? (ग) क्या इन भवनों के स्वामियों द्वारा बड़े पैमाने पर संपत्तिकर की चोरी की जा रही है? इनके द्वारा आज तक भरे गए संपत्तिकर का विवरण इस बात के साथ दें कि इनके विरूद्ध विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जाएगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) गोविंदपुरा भोपाल प्रकाश ग्रह निर्माण सहकारी समिति मर्यादित द्वारा विकसित आवासीय कॉलोनी के भूखण्ड क्रमांक 10 एवं 11 पर भवन अनुज्ञा का विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जी नहीं। भवन क्रमांक 10 के स्वामी द्वारा स्वीकृत मानचित्र से अधिक निर्माण किये जाने पर म.प्र. नगर पालिक निगम अधिनियम 1956 की धारा 302 (1), 307 (2) एवं 303 (1), का नोटिस जारी किया गया है। भवन क्रमांक 11 के निर्माण से संबंधित जानकारी प्राप्त की जा रही है एवं स्वीकृत मानचित्र के अनुसार परीक्षण किया जाएगा। (ग) जी नहीं। विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत सड़कों की जानकारी
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
23. ( क्र. 1261 ) श्री जतन उईके : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छिन्दवाड़ा जिले में 1 जनवरी 2013 से प्रश्न दिनांक तक मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत कौन-कौन सी सड़कें स्वीकृत की गई हैं? विधान सभा क्षेत्रवार जानकारी दें। (ख) इन सड़कों में से कितना निर्माण पूर्ण हो चुका है और कितनी निर्माणाधीन है? प्रत्येक सड़क के लिए ठेकेदार का नाम व लागत राशि का विवरण दें। (ग) जिन सड़कों का निर्माण कार्य प्रश्न दिनांक तक प्रारंभ नहीं हो पाया है, उसके कारण क्या हैं? इनका निर्माण कार्य कब तक प्रारंभ हो जाएगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) से (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
माननीय मुख्यमंत्री द्वारा की गई घोषणा
[नगरीय विकास एवं आवास]
24. ( क्र. 1298 ) कुँवर विक्रम सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या शहरी विकास मंत्रालय अन्तर्गत नगर पालिका प्रोजेक्ट जो कि मा. मुख्यमंत्री के घोषणा पत्र में था कि 3 वर्षों में प्रदेश की सभी नगर पालिकाओं नगर निगम व नगर पंचायतों को ऑन-लाईन करने का काम निविदा पत्र के अनुसार किये जाने थे? (ख) यदि हाँ, तो आदेश की प्रति दें, यदि नहीं, तो क्या घोषणा पत्र में बदलाव किये गये यदि हाँ, तो क्या? (ग) क्या मध्यप्रदेश स्मार्ट सिटी डेवलपमेन्ट कार्पोरेशन ने प्रदेश के 07 शहरों की निविदा कंट्रोल कमाण्ड सेन्टर का कार्य एक सरकारी कम्पनी जो कि निविदा में एल-1 थी को न देते हुये एक निजी कम्पनी तकनीकी अनुभव को आधार बनाये हुये 25 करोड़ रूपया अधिक में दिया गया, जिससे अधिक हानि हुई? (घ) प्रश्नांश (ग) की जानकारी का विवरण उपलब्ध करावें तथा शासन प्रावधानों के नियमों की प्रति दें?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ग) भोपाल स्मार्ट सिटी डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड ने शासन ज्ञाप क्रमांक 905/UAD/CDC-SC/2017 भोपाल दिनांक 17.04.2017 में दिये गये निर्देश का पालन करते हुये सात शहरों के लिये (QCBS) क्वालिटी कॉस्ट बेस्ड सिस्टम आधारित निविदा प्रपत्र जारी की गई, उक्त निविदा में सात निविदाकारों द्वारा भाग लिया गया था, संचालनालय, नगरीय प्रशासन एवं विकास के आदेश क्रमांक 1640/UAD/CDC-SC/2017 भोपाल दिनांक 30.08.2017 के अनुसार तकनीकी मूल्यांकन हेतु समिति गठित कर (QCBS) क्वालिटी कॉस्ट बेस्ड सिस्टम के आधार पर तकनीकी मूल्यांकन किया गया ताकि मूल्यांकन एवं वित्तीय मूल्यांकन उपरांत अधिकतम अंक प्राप्त करने वाले एजेन्सी मेसर्स एच.पी.ई.के. पक्ष में Request for proposal (RFP) में दी गयी शर्त अनुसार ही निविदा स्वीकृत की गई। इसमें किसी भी प्रकार की आर्थिक हानि नहीं हुई है। (घ) प्रश्नांश ''ग'' में उल्लेखित प्रावधान/शासन आदेश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
पेंशन लाभ दिये जाने विषयक
[सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम]
25. ( क्र. 1350 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या राज्यमंत्री, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मुख्य सचिव, म.प्र.शासन के समक्ष माह अगस्त-सितम्बर 2017 में, म.प्र.शासन के सेवानिवृत्त कर्मचारियों जो कि पूर्व में यूनियन कार्बाइड इंडिया लि.भोपाल के कर्मचारी थे द्वारा यूनियन कार्बाइड इंडिया लिमिटेड में की गई सेवाओं को पेंशन प्रयोजन हेतु जोड़ने विषयक अभ्यावेदन प्रस्तुत किये थे? यदि हाँ, तो उनका विवरण दें। (ख) क्या मुख्य सचिव कार्यालय द्वारा अभ्यावेदनों का परीक्षण कराया गया है? यदि हाँ, तो क्या संलग्नकों के आधार पर परीक्षण में यह निष्कर्ष नहीं आया है कि प्रश्नांश (क) वर्णित श्रेणी के कर्मचारियों में अधिकांश को उक्त सेवायें जोड़कर पेंशन लाभ दिया जा रहा है जबकि उक्त आवेदकगण इन लाभों से वंचित हैं? यदि हाँ, तो क्यों? प्रकरण का निराकरण कब तक करा दिया जावेगा?
राज्यमंत्री, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम ( श्री संजय पाठक ) : (क) जी हाँ। श्री रूपराम वर्मा से.नि. कर्मचारी सहायक संचालक उद्योग संचालनालय भोपाल द्वारा दिनांक 29/8/2017-5/9/2017 को मुख्य सचिव महोदय को अभ्यावेदन प्रस्तुत किया गया जिसमें संचालनालय पेंशन, भविष्य निधि एवं बीमा म.प्र. शासन वित्त विभाग के परिपत्र क्रमांक/संपें/आठ/मार्गदर्शन/2016/1884 दिनांक 23/11/2016 को निरस्त करने का उल्लेख किया गया है। (ख) मुख्य सचिव को संबोधित उक्त पत्र लोक सेवा प्रबंधन विभाग से सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विभाग को दिनांक 22/9/2017 को मूलतः संलग्न कर आवश्यक कार्यवाही कर भेजा गया है। विभाग द्वारा परीक्षण करने पर पाया गया कि शिकायतकर्ता द्वारा पेंशन, भविष्य निधि एवं बीमा संचालनालय के परिपत्र को निरस्त करने का निवेदन किया गया है। उक्त पत्र का संबंध वित्त विभाग से होने से उन्हें सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विभाग द्वारा उन्हें मूलतः आवश्यक कार्यवाही हेतु दिनांक 23/11/2017 को भेजा गया है। (क) प्रश्नांश ''ख'' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में जानकारी देना संभव नहीं हैं। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
बसों पर विज्ञापन/पोस्टर के नाम पर अनियमितता
[नगरीय विकास एवं आवास]
26. ( क्र. 1423 ) श्री राजेश सोनकर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या अटल इंदौर सिटी ट्रांस्पोर्ट सर्विस लिमिटेड (ए.आई.सी.टी.एस.एल.) की सभी बसों पर विज्ञापन/पोस्टर लगाये जा रहे हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में यदि हाँ, तो सिटी बसों पर कब से विज्ञापन/पोस्टर लगाये जा रहे है व किस नियम के तहत किस-किस-कम्पनी को विज्ञापन/पोस्टरों का अधिकार दिया गया व किन शर्तों पर दिया जा रहा है? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या मोटर व्हीकल एक्ट में भी बसो पर विज्ञापन लगाने का अधिकार/प्रावधान है? यदि हाँ, तो स्पष्ट करें? यदि नहीं, तो सिटी बसों पर किस नियम के तहत् उक्त बड़े-बड़े विज्ञापन/पोस्टर लगाये जा रहे हैं? (घ) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या माननीय सुप्रीम कोर्ट द्वारा भी यात्री वाहनों पर काली फिल्म हटाने व बसों की खिड़कियों आदि पर से विज्ञापन पोस्टर हटाये जाने को कहा गया था, यदि हाँ, तो कोर्ट के आदेशों के उल्लंघन पर सिटी बसों पर विज्ञापन/पोस्टर लगाने वाले दोषियों पर कोई कार्यवाही की जायेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) हॉ। (ख) सिटी बसों पर वर्ष 2006 से विज्ञापन लगाये जा रहे है। सिटी बसों पर विज्ञापन का कार्य वर्षवार निम्नानुसार निविदा आमंत्रित कर किया जा रहा है:-
क्रमांक |
अनुबंध की अवधि |
कम्पनी का नाम |
1 |
1/04/2006 से 31/03/2007 |
मेसर्स गिरीराज एडर्वटाईजिंग एण्ड मार्केटिंग सर्विसेस |
2 |
1/04/2007 से 31/12/2007 |
मेसर्स गिरीराज एडर्वटाईजिंग एण्ड मार्केटिंग सर्विसेस |
3 |
1/04/2008 से 31/05/2011 |
मेसर्स गिरीराज एडर्वटाईजिंग एण्ड मार्केटिंग सर्विसेस |
4 |
16/04/2011 से 30/04/2014 |
मेसर्स गिरीराज एडर्वटाईजिंग एण्ड मार्केटिंग सर्विसेस |
5 |
10/08/2015 से 31/08/2018 |
मेसर्स शोर्यादित्य एडवरटाईज |
विज्ञापन हेतु नियम एवं शर्तों का विवरण अनुबंध प्रपत्र पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) हॉ। (घ) माननीय सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का पालन करते हुये सिटी बसों पर विज्ञापन लगाये गये है।
विधवा पेंशन में गरीबी रेखा की बाध्यता समाप्त करने संबंधी
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
27. ( क्र. 1446 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विषयांकित के संबंध में विधानसभा में मुख्यमंत्री जी द्वारा जो घोषणा की गयी थी, उससे संबंधित आदेश अब प्रदेश की जिला तथा जनपद पंचायतों को क्यों नहीं दिये गये? यदि दिये गये हैं तो आदेश कि प्रति उपलब्ध कराएं? (ख) क्या प्रश्नकर्ता विधायक द्वारा प्रमुख सचिव सामाजिक न्याय को इस संबंध में कोई पत्र लिखा गया था? यदि हाँ, तो इस पत्र का उत्तर क्यों उपलब्ध नहीं कराया गया? यदि करा दिया गया हो तो उसकी भी प्रति उपलब्ध कराएं? (ग) क्या वृद्धा पेंशन में भी गरीबी रेखा कि बाध्यता समाप्त करने पर शासन विचार कर रहा है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) विधवा पेंशन में गरीबी रेखा का बंधन समाप्त किए जाने के संबंध में माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा विधान सभा में कोई घोषणा नहीं की गई। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) माननीय विधायक जी द्वारा प्रमुख सचिव सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण विभाग को लिखा गया पत्र प्राप्त नहीं हुआ। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) वृद्धावस्था पेंशन में गरीबी रेखा की बाध्यता समाप्त किए जाने के संबंध में कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।
नगर निकायों के रिक्त पदों की पूर्ति
[नगरीय विकास एवं आवास]
28. ( क्र. 1448 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) उज्जैन संभाग की कितनी एवं कौन-कौन सी नगर पालिका, नगर निगम, नगर परिषद आदि में कितने सी.एम.ओ. व आयुक्त के पदों पर प्रभारी अथवा अस्थाई सी.एम.ओ. व अधिकारी नियुक्त है? किस-किस विभाग से एवं कब से तथा किस कारण? पूर्ण ब्यौरा दें। कब तक स्थाई सी.एम.ओ. व अधिकारी पदस्थ होंगे? (ख) संभाग में किन-किन स्थानों पर स्वास्थ्य निरीक्षक, स्वास्थ्य अधिकारी के पद कितने-कितने समय से रिक्त पड़े है? किस कारण? कहाँ-कहाँ? पूर्ण ब्यौरा दें तथा रिक्त पदों को भरने के लिए शासन ने क्या कार्यवाही की? (ग) प्रदेश में सी.एम.ओ. एवं स्वास्थ्य अधिकारी तथा स्वच्छता निरिक्षक के पदों की कितनी भर्ती शासन ने वर्ष 2015 से अब तक की? अथवा करना वांछित है. क्या सीधी भर्ती होगी अथवा पदोन्नति से पद भरे जाएंगे? हाँ तो कब तक?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। मुख्य नगर पालिका अधिकारी की कमी तथा पदोन्नति पर रोक होने के कारण समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। स्वच्छता निरीक्षक के रिक्त पदों की पूर्ति की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। स्वास्थ्य अधिकारी के पद पदोन्नति से भरे जाना है तथा वर्तमान में पदोन्नति प्रक्रिया पर रोक है। (ग) राज्य शासन द्वारा 112 मुख्य नगर पालिका अधिकारियों की नियुक्ति की गई है। राज्य सेवा परीक्षा 2017 के अंतर्गत सीधी भर्ती के ''ग'' श्रेणी के 13 पद एवं राज्य सेवा परीक्षा 2018 के अंतर्गत सीधी भर्ती के मुख्य नगर पालिका अधिकारी ''ख'' श्रेणी के 04 पद एवं ''ग'' श्रेणी के 18 रिक्त पदों की पूर्ति म.प्र.लोक सेवा आयोग से कराए जाने हेतु प्रस्ताव म.प्र. लोक सेवा आयोग को प्रेषित किया जा रहा है। मध्य प्रदेश नगर पालिक निगम (अधिकारियों तथा सेवकों की नियुक्ति तथा सेवा की शर्तें) नियम 2000 के अंतर्गत विभिन्न नगर निगमों के स्वच्छता निरीक्षक के 91 एवं म.प्र. राज्य स्वच्छता सेवा के अंतर्गत स्वच्छता निरीक्षक के 63 रिक्त पदों की पूर्ति हेतु प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड, भोपाल को प्रस्ताव प्रेषित किए गए हैं। परीक्षा आयोजित की जा चुकी है। नियुक्ति की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। शासन द्वारा दिनांक 27.01.2016 में 09 स्वच्छता निरीक्षकों को स्वास्थ्य अधिकारी के पद पर पदोन्नत किया गया। स्वास्थ्य अधिकारी के पद की पूर्ति 100 प्रतिशत पदोन्नति द्वारा की जाना है।
ढीमरखेड़ा में रक्षा व औद्योगिक इकाइयों की स्थापना
[वाणिज्य, उद्योग एवं रोजगार]
29. ( क्र. 1483 ) श्री मोती कश्यप : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या महाप्रबंधक जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र कटनी ने पत्र दिनांक 19-1-2016 को अ.वि.अ. ढीमरखेड़ा को किसी भूमि के संबंध में कोई लेख किया है? (ख) क्या प्रश्नकर्त्ता ने अपने पत्र दिनांक 22-9-2014 एवं 17-7-2012 को संदर्भित कर दिनांक 2-1-2016, दिनांक 5-9-2016 व दिनांक 4-8-2016 द्वारा मा. मुख्यमंत्री जी को कटनी की तहसील ढीमरखेड़ा में रक्षा एवं औद्योगिक प्रयोजन हेतु किन्हीं ग्रामों की किन्हीं हेक्टेयर रकबे की भूमि हेतु लेख किया है? विवरण देवें? (ग) क्या जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र कटनी ने अपने पत्र दिनांक 28-6-2017 द्वारा प्रश्नकर्त्ता को प्रश्नांश (क), (ख) क्षेत्र की किन्हीं इकाइयों की स्थापना हेतु कोई भूमि आधिपत्य में ली जाने के विषय में कोई लेख किया है? (घ) क्या विभाग ने प्रश्नांश (ख), (ग) भूमि में रक्षा व औद्योगिक इकाइयों की स्थापना की दिशा में कोई कार्यवाहियां की हैं और वे कब तक स्थापित करा दी जावेगी?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी हाँ। जिला कटनी तहसील ढीमरखेड़ा में औद्योगिक क्षेत्र की स्थापना के संबंध में महाप्रबंधक, जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र कटनी द्वारा ए.के.व्ही.एन. जबलपुर को उपलब्ध कराया गया अभिलेख अनुसार महाप्रबंधक, जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र कटनी ने अपने पत्र दिनांक 19.01.2016 के माध्यम से अनुविभागीय अधिकारी ढीमरखेड़ा को रक्षा उत्पादन इकाइयों एवं औद्योगिक क्षेत्र की स्थापना हेतु चिन्हित तहसील ढीमरखेड़ा, जिला कटनी के ग्राम मुरवारी, बिजौरा, कुसमी, सन्तरा, हरदुआ, सनकुई, देवरी एवं टिकरिया की 629.930 हेक्टेयर एवं ग्राम करौंदी, बनहटा, घुघरी एवं बरोंदी की 974.230 हेक्टेयर शासकीय भूमि उद्योग विभाग के पक्ष में हस्तांतरित करने का प्रस्ताव न्यायालय कलेक्टर कटनी को प्रेषित करने हेतु लेख किया था। (ख) जी हाँ। माननीय विधायक जी द्वारा अपने पत्रों में जिला कटनी, तहसील ढीमरखेड़ा में औदयोगिक प्रयोजन हेतु चिन्हित भूमि की जानकारी देकर औदयोगिक विकास हेतु लेख किया गया है। जिसमें मुख्यतः कटनी जिले की ढीमरखेड़ा तहसील की औदयोगिक प्रयोजन हेतु तीन सेक्टरों में निम्नानुसार विभिन्न ग्रामों की भूमि चिन्हांकन किया गया हैं, जिसका सेक्टरवार विवरण इस प्रकार हैं- सेक्टर-ए -ग्राम बिजौरा, मुरवारी, सनकुई, देवरी, बिछिया, हरदुआ, गोपालपुर, लालपुर, सुन्तरा, घाना, टिकरिया, कुसमी, दशरमन, अमगवां, अन्तर्वेद, खाम्हा, डूंडी, नैगवां, परसेल, रैहुटा, झारापानी-की भूमियों का रकवा (खाम्हा, डूंडी, नैगवां, परसेल, रैहुटा,झारापानी - की भूमियों का रकवा) 2,009.664 हैक्टेयर। सेक्टर-बीः- ग्राम मारसिहुंडी, पाली, छीतापाल, भैंसवाही, करौंदी, कचनारी, नेगई, किसगी, पिपरिया, करौंदी की भूमियों का रकवा 2,009.664 हैक्टेयर। सेक्टर-सीः- भदनपुर, कुंसरी (ग्राम का नाम अस्पष्ट), कनौजा, डहुली, सढ़ाना, सारंगपुर, उमरिया, बनहरी, सैलारपुर, घुघरी (मनेहरा), चपोहला, धरवास, करौंदी, शिवराजपुरा, जजनगरा, टिकरिया की भूमियों का रकवा 4815.338 हेक्टेयर। इस प्रकार 03 सेक्टरों की कुल 8763.498 हेक्टेयर भूमि औद्योगिक प्रयोजन हेतु चिन्हित की गई हैं एवं एक पत्र में तहसील ढीमरखेड़ा के 55 ग्रामों की 10,010 हैक्टेयर भूमि चिन्हित किये जाने का उल्लेख किया गया हैं। (ग) जी हाँ। जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र कटनी द्वारा ए.के.व्ही.एन. जबलपुर को प्रकरण से संबंधित हस्तांतरित अभिलेखों अनुसार जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र कटनी द्वारा अपने पत्र दिनांक 28.06.2017 के माध्यम से मान.विधायक महोदय को ढीमरखेड़ा तहसील के 07 ग्रामों की 558.670 हेक्टेयर तथा गाम करौंदी की 104.160 हेक्टेयर इस प्रकार 662.830 हेक्टेयर भूमि उद्योग विभाग के पक्ष में आधिपत्य में लिये जाने विषयक अवगत कराया गया था इस भूमि का आधिपत्य दिनांक 22.11.2016 को जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र कटनी से औद्योगिक केन्द्र विकास निगम जबलपुर को प्राप्त हो चुका हैं। (घ) एम.पी. ट्रायफेक/ए.के.व्ही.एन. जबलपुर द्वारा प्रदेश में औद्योगिक विकास को गति दी जाने की दृष्टि से आयोजित किये जाने वाले विभिन्न आयोजनों व इन्वेस्टर्स मीट में तहसील ढीमरखेड़ा जिला कटनी में उपलब्ध औद्योगिक प्रयोजन की भूमि में रक्षा उत्पाद सहित अन्य औद्योगिक इकाइयों की स्थापना हेतु निरंतर प्रचार-प्रसार किया जाता हैं। उक्त क्षेत्र में औद्योगिक क्षेत्र की स्थापना विषयक समय-सीमा का निर्धारण संभव नहीं हैं। किन्तु इस क्षेत्र में उपलब्ध भूमि वृहद इकाइयों को उद्योग स्थापनार्थ आवंटित करने का प्रयास किया जा रहा है।
हिन्दी विश्वविद्यालय के संबंध में जानकारी
[उच्च शिक्षा]
30. ( क्र. 1553 ) श्री बाबूलाल गौर : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अटल बिहारी वाजपेयी हिन्दी विश्वविद्यालय में संचालित अभियांत्रिकी एवं संगणक पाठ्यक्रम को ए.आई.सी.टी.ई. एवं कृषि पाठ्यक्रम को क्रमश: आई.सी.ए.आर. से मान्यता प्राप्त है? (ख) विश्वविद्यालय में अभियांत्रिकी एवं कृषि पाठ्यक्रमों के संचालन के लिए भवन, भूमि एवं शैक्षणिक के लिए क्या मापदण्ड हैं एवं विश्वविद्यालय इन मापदण्डों की पूर्ति करता है? (ग) विश्वविद्यालय द्वारा जारी विज्ञापन संख्या 1239/स्था./अविवाहिविवि/2017 भोपाल दिनांक 26 अक्टूबर 2017 में अभियांत्रिकी एवं कृषि संकाय हेतु सीधी भरती से नियुक्ति हेतु सहायक आचार्य के एक-एक पद क्यों विज्ञापित किये गये हैं? क्या एक-एक पद भरने से मान्यता हेतु मापदण्डों की पूर्ति हो जाएगी? (घ) क्या प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित जारी विज्ञापन विश्वविद्यालय में विभिन्न पाठ्यक्रमों में अध्यनरत् विद्यार्थियों की संख्या के अनुपात में है तथा क्या पदों में आरक्षण करते हुए विषयों के वर्णानुक्रम को ऊपर नीचे किया गया है?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी नहीं। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। जी नहीं। (ग) प्रश्नांकित पाठ्यक्रम पूर्ण रूप से संचालित करने के लिये प्रारंभिक कार्यवाही हेतु। जी हाँ। (घ) जी हाँ। जी नहीं।
रेत एवं अन्य खनिज की आपूर्ति
[खनिज साधन]
31. ( क्र. 1683 ) श्रीमती शीला त्यागी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले में रेत एवं अन्य खनिज के आपूर्ति हेतु शासन द्वारा क्या प्रावधान बनाये गये हैं तथा मूल्य के निर्धारण खपत, वितरण एवं भंडारण के क्या प्रावधान किये हैं? खनिज सामग्रीवार जानकारी देंवे। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में 1 जनवरी 2016 से प्रश्न दिनांक तक अवैध रेत व अन्य खनिज के व्यवसायियों के खिलाफ खनिज निरीक्षक एवं खनिज अधिकारियों द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में जप्त वाहनों एवं खनिज सामग्रियों के नीलामी व दण्डात्मक कार्यवाही कितनों पर की गई है? उनसे दण्ड स्वरूप कितनी राशि वसूल हुई है? (घ) प्रश्नांश (ख), (ग) के संदर्भ में दोषी अधिकारियों व व्यवसायियों के खिलाफ कब तक कौन सी दण्डात्मक कार्यवाही की जावेगी तथा लंबित प्रकरण की सूची देवें।
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रश्नाधीन जिले के लिये प्रश्न अनुसार कोई प्रावधान नहीं है। परंतु प्रदेश में रेत व अन्य गौण खनिजों की आपूर्ति हो सके, के संबंध में मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 में खनि रियायतें स्वीकृत करने के प्रावधान हैं। इसी प्रकार मुख्य खनिजों के संबंध में खान एवं खनिज (विकास तथा विनियमन) अधिनियम, 1957, खनिज (परमाणु तथा हाईड्रोकार्बन ऊर्जा खनिजों से भिन्न) रियायत नियम, 2016 में खनि रियायत स्वीकृत किये जाने के प्रावधान हैं। खनिजों के भण्डारण, व्यापार आदि के संबंध में मध्यप्रदेश खनिज (अवैध खनन, परिवहन तथा भण्डारण का निवारण) नियम, 2006 प्रावधानित है। यह अधिनियम/नियम, अधिसूचित हैं। इन नियमों में खनिजों के मूल्य के निर्धारण का प्रावधान नहीं है। अधिनियम/नियम में खनिजों का नाम अधिसूचित हैं। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट में दर्शाई गई है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट में दर्शाई गई है। (घ) प्रश्नांश 'ख' में दर्शाई गई जानकारी के संदर्भ में पृथक से कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शौचालयों की राशि हितग्राहियों को भुगतान नहीं होना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
32. ( क्र. 1697 ) श्री हेमन्त सत्यदेव कटारे : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना से वंचित रहे ग्रामों को सड़क से जोड़ने के उद्देश्य से प्रदेश में जिला पंचायत के माध्यम से सुदूर योजना संचालित है? यदि हाँ, तो किस दिनांक तथा योजना में जोड़े जाने हेतु क्या-क्या मानदण्ड निर्धारित हैं? (ख) विधान सभा अटेर, जिला भिण्ड के कौन-कौन से गांव/टोला मजरा इस सुदूर योजना के अंतर्गत जोड़े जाने का प्रावधान है? प्रस्तावित मांगों का पूर्ण विवरण दिया जाये? स्वीकृत सड़कों के कार्य कब तक प्रारम्भ किये जावेंगे? (ग) क्या विधान सभा क्षेत्र में स्वच्छता मिशन अंतर्गत ग्रामीणों द्वारा निर्मित किये शौचालयों की राशि जिला पंचायत द्वारा आज दिनांक तक हितग्राही के बैंक खातों में जमा नहीं करायी गयी हैं? यदि हाँ, तो इसके लिये कौन जिम्मेदार है तथा कब तक जमा करा दी जावेगी बतावें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) गाँव के मजरे टोले तथा खेत समूहों के लिये सड़के एवं मोबिलिटी सुनिश्चित करने के लिये सुदूर संपर्क सड़क व खेत सड़क योजना प्रारंभ की गई है। मापदण्ड एवं दिनांक की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार है। (ख) योजनांतर्गत पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ‘ में दिये गये मापदण्ड अनुसार गॉव मजरे टोले जोड़े जाने का प्रावधान है। विधानसभा अटेर जिला भिण्ड अंतर्गत वर्तमान तक 70 सड़कों की तकनीकी स्वीकृति जारी की गई है। सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘ब‘ अनुसार है। इन कार्यों को ग्राम पंचायतों द्वारा प्राथमिकता के आधार पर मजदूरों की मांग अनुसार प्रारंभ किया जा सकेगा। राज्य स्तर से समय-सीमा नियत नहीं की जा सकती है। (ग) जी नहीं। योजनांतर्गत पात्र हितग्राहियों को शौचालय निर्माण एवं सत्यापन पश्चात प्रोत्साहन राशि, एफ.टी.ओ. जारी कर हितग्राही के बैंक खाते में सीधे प्रदाय की जाती है। विधानसभा अटेर क्षेत्रांतर्गत पात्र हितग्राहियों को शौचालय निर्माण एवं सत्यापन उपरांत प्रोत्साहन राशि नियमित रूप से प्रदाय की जा रही है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
ग्रामीण स्टेडियम के निर्माण की प्रगति
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
33. ( क्र. 1698 ) श्री हेमन्त सत्यदेव कटारे : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश के प्रत्येक विधान सभा क्षेत्रों में स्थानीय विधायक से स्थल निर्धारित कराया जाकर ग्रामीण स्टेडियम बनाया जाने के तारतम्य में विधान सभा क्षेत्र अटेर अन्तर्गत क्या ग्राम परा के पास स्थित शासकीय भूमि पर ग्रामीण स्टेडियम बनाये जाना तय हुआ था? यदि हाँ, तो ग्राम परा में स्टेडियम के निर्माण का प्रारंभ नहीं होने के क्या कारण हैं? विलंब के लिये कौन जिम्मेदार है एवं कब तक कार्य प्रारंभ होकर पूर्ण कराया जायेगा? (ख) ग्राम परा में ग्रामीण स्टेडियम निर्माण का कार्य हेतु कितनी राशि किस-किस दिनांकों में प्राप्त हुई एवं राशि जिला पंचायत में किस खाते में जमा है? क्या जमा राशि पर प्राप्त ब्याज की राशि का उपयोग भी स्टेडियम निर्माण में किया जावेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। स्टेडियम हेतु आवंटित भूमि के नक्शे अनुसार भूमि का मिलान नहीं होने से सीमांकन न हो पाने के कारण कार्य प्रारंभ नहीं हुआ। (ख) स्टेडियम हेतु जिला पंचायत को विभाग से राशि रू. 80.00 लाख प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र के मान से प्रदान की जाती है। जिला पंचायत भिण्ड को आयुक्त, पंचायतराज संचालनालय से दिनांक 08.08.2014 को रू. 250.00 लाख एवं दिनांक 30.03.2015 को रू. 150.00 लाख प्राप्त हुई। इसमें अटेर विधानसभा क्षेत्रांतर्गत स्टेडियम निर्माण हेतु राशि रू. 80.00 लाख शामिल है। उक्त राशि सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, जिला पंचायत भिण्ड के एकल खाते में जमा है। जमा राशि के ब्याज की राशि स्टेडियम में उपयोग करने के निर्देश नहीं है।
मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के संबंध में
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
34. ( क्र. 1754 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश में ग्रेबल सड़कों को पक्की सड़कों से जोड़ने के लिये मुख्यमंत्री सड़क योजना संचालित है? यदि हाँ, तो हरदा जिले में उक्त योजना से प्रश्न दिनांक तक कितने ग्रामों को पक्की सड़कों से जोड़ा गया व इस कार्य हेतु कुल कितनी राशि व्यय की गई? विधान सभाक्षेत्रवार बतायें। (ख) हरदा विधान सभा क्षेत्र में उक्त योजना के प्रारंभ दिनांक से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन सी सड़कों के निर्माण की स्वीकृति प्रदान की गई? स्वीकृति दिनांक, सड़क का नाम, स्वीकृत राशि, व्यय की गई राशि, कार्य की वर्तमान स्थिति एवं कार्य एजेन्सी का नाम सहित संपूर्ण जानकारी वर्षवार उपलब्ध करावें? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार स्वीकृत सड़कों में से कौन-कौन से कार्य अपूर्ण है एवं सड़कों का निर्माण कार्य प्रारंभ नहीं किया गया है? इसके लिये कौन जवाबदार है? (घ) आगामी वर्षों में उक्त योजनांतर्गत हरदा जिले में कौन-कौन से सड़क मार्गों के निर्माण किये जाने की योजना है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। योजनांतर्गत 40 ग्रामों को पक्की सड़कों से जोड़ा गया है। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। कुल 46 कार्यों में से 06 कार्य ही अपूर्ण होने से विभागीय अधिकारियों की जिम्मेदारी की स्थिति नहीं है। (घ) जी नहीं।
समग्र स्वच्छता अभियान अंतर्गत ओ.डी.एफ. पंचायतों के संबंध में
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
35. ( क्र. 1787 ) डॉ. कैलाश जाटव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या समग्र स्वच्छता अभियान अंतर्गत विधानसभा क्षेत्र गोटेगांव में पंचायतों का ओ.डी.एफ. किया गया है? यदि हाँ, तो विधानसभा क्षेत्र में कितनी पंचायतों को ओ.डी.एफ. घोषित किया गया है? सूची उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार यदि हाँ, तो ओ.डी.एफ. के तहत शासन की ओर से दिसंबर, 2013 से प्रश्न दिनांक तक वर्षवार कितनी-कितनी राशि किन-किन पंचायतों में प्रदान की गई? सूची उपलब्ध करावें? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार जिन पंचायतों में राशि प्रदान की गई उस राशि से पंचायतों में क्या-क्या कार्य कराये गये एवं कितने कार्य पूर्ण व अपूर्ण हैं? की संख्यात्मक जानकारी देवें उक्त राशि व्यय करने के शासन के क्या निर्देश है की सत्य प्रतिलिपि प्रदान करें? (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार अपूर्ण कार्यों का कारण क्या है? स्पष्ट करें। क्या अपूर्ण कार्यों के लिए जिम्मेदार कर्मचारियों/अधिकारियों के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक अवगत करावें।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) उक्त राशि से ग्राम पंचायतों में व्यक्तिगत पारिवारिक शौचालयों का निर्माण कराया गया है। सभी कार्य पूर्ण है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स एवं 'द' अनुसार है। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सांवेर विधानसभा क्षेत्र के ग्रामीण मार्गों का नवीनीकरण/रख-रखाव
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
36. ( क्र. 1797 ) श्री राजेश सोनकर : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्रामीण विकास विभाग द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अन्तर्गत निर्मित मार्गों का नवीनीकरण एवं रख रखाव किया जावेगा? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में यदि हाँ, तो इन्दौर जिला अन्तर्गत सांवेर विधानसभा क्षेत्र के किन-किन मार्गों का नवीनीकरण व रख-रखाव किया जायेगा? (ग) क्या प्रश्नांश (क) के संदर्भ में प्रश्नकर्ता द्वारा पत्र के माध्यम से म.प्र. ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण को भेजे गये मार्गों के प्रस्तावों को प्राथमिकता से निर्मित किये जाने हेतु शामिल किया गया है? यदि हाँ, तो कौन-कौन से मार्गों को शामिल किया गया है और कब तक कार्य प्रारंभ करा लिया जायेगा? (घ) क्या प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में यदि नहीं, तो क्यों नहीं शामिल किया गया?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं 'ब' अनुसार है। (ग) प्रश्नांश 'क' के संदर्भ में जानकारी निरंक। (घ) उत्तरांश 'ग' के संदर्भ में प्रश्न उत्पन्न नहीं होता।
उद्योग को प्रोत्साहन देने हेतु पुन: स्थापना नीति
[वाणिज्य, उद्योग एवं रोजगार]
37. ( क्र. 1798 ) श्री राजेश सोनकर : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. शासन द्वारा उद्योग को बढ़ावा देने के लिए वर्ष 2014 में सरफासी एक्ट के तहत् विक्रयता उद्योगों को पुन: स्थापन करने हेतु कोई योजना शासन द्वारा लागू की गई थी? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में यदि हाँ, तो शासन द्वारा प्रदेश में उद्योगों को प्रोत्साहित/पुन: स्थापन, निर्मित करने के लिए शासन/उद्योग विभाग की क्या नीति निर्धारित की गई थी? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में म.प्र. शासन द्वारा सरफासी एक्ट, 2002 के अंतर्गत किन-किन वित्तीय संस्थाओं से विक्रय की गई, औद्योगिक इकाइयों को क्या-क्या लाभ दिया गया? या दिया जाना प्रस्तावित है? (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में 2014 में लागू नीति को लागू करने के अधिकार/ अधिकृत नई अनुदान घोषणा के अंतर्गत क्या समावेश हुआ? 2014 पुन: स्थापन योजना हेतु प्रस्तावित अनुदान व प्रदायता वित्तिय स्थापन की सूची व दिये गये अनुदान का विवरण देवें?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी हाँ (ख) उद्योग संवर्धन नीति 2014 (माह अक्टूबर 2017 तक संशोधित) अंतर्गत बीमार/बंद उद्योगों को अधिग्रहण/क्रय कर पुर्नसंचालित करने पर मध्यप्रदेश शासन द्वारा दी जाने वाली सुविधाओं का विशेष पैकेज 2014 लागू किया गया। (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में प्रश्न दिनांक तक विशेष पैकेज अंतर्गत किसी इकाई द्वारा सरफासी एक्ट के तहत कोई आवेदन नहीं किया गया अत: लाभ नहीं दिया गया है। (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में बीमार/बंद उद्योगों को अधिग्रहण/क्रय कर पुर्नसंचालित करने पर मध्यप्रदेश शासन द्वारा दी जाने वाली सुविधाओं का विशेष पैकेज 2014 अंतर्गत लागू करने का अधिकार एवं घोषित सुविधाओं का विस्तृत विवरण संलग्न परिशिष्ट पर है। उक्त योजना अंतर्गत उत्तर के भाग (ग) अनुसार सरफासी एक्ट के अंतर्गत विक्रय की गई पुनर्स्थापित किसी इकाई को अनुदान नहीं दिया गया है।
जनपद पंचायत पनागर जिला जबलपुर के अंतर्गत स्वीकृत पद
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
38. ( क्र. 1827 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जनपद पंचायत पनागर कार्यालय में जनपद स्थापना के अंतर्गत स्वीकृत पदों के अनुसार कर्मचारी पदस्थ हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के अंतर्गत स्वीकृत, भरे एवं रिक्त पदों का विवरण देवें? (ग) क्या स्वीकृत पदों के विरूद्ध निर्धारित योग्यता अनुसार कर्मचारी पदस्थ किये गये हैं? (घ) यदि हाँ, तो स्वीकृत पद की योग्यता एवं पदस्थ कर्मचारी की तत्समय योग्यता का विवरण देवें एवं किस प्रक्रिया के तहत नियुक्ति की गई है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार। (ग) जी हाँ। (घ) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार।
मुख्यमंत्री कन्यादान योजनान्तर्गत जनभागीदारी की राशि
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
39. ( क्र. 1828 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जनपद पंचायत पनागर में मुख्यमंत्री कन्यादान योजनान्तर्गत जनभागीदारी योजना की राशि एकत्र की गई है? (ख) यदि हाँ, तो वर्ष 2012 से 2017 तक जनभागीदारी योजना की कितनी राशि एकत्र की गई है? (ग) प्रश्नांश (ख) के अंतर्गत जनभागीदारी राशि का वर्षवार आय-व्यय का विवरण देवें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) जबलपुर जिले की जनपद पंचायत पनागर में मुख्यमंत्री कन्यादान योजनान्तर्गत वर्ष 2012 से 2017 तक जनभागीदारी योजना की कुल राशि रूपये 9.41 लाख एकत्र की गई। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में जनभागीदारी से एकत्र राशि का विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
खेल मैदान के निर्माण गति एवं गुणवत्ता में सुधार
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
40. ( क्र. 1854 ) श्री दिव्यराज सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला रीवा के विकासखण्ड जवा अंतर्गत ग्राम पंचायत नष्टिगवां में खेल मैदान निर्माणाधीन है अथवा नहीं? यदि हाँ, तो क्या कारण है कि उक्त निर्माण कार्य को प्रारंभ हुए लगभग 01 वर्ष व्यतीत हो जाने के उपरांत भी पूरे कार्य के चौथाई हिस्से का निर्माण कार्य भी पूरा नहीं हो सका? क्या गुणवत्ता के मापकों का पालन सुनिश्चित किया जा रहा है अथवा नहीं? (ख) उक्त खेल मैदान निर्माण की समय-सीमा विभाग द्वारा क्या तय की गई है? यदि नहीं, तो उक्त निर्माण कब तक पूर्ण हो सकेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) विकासखण्ड जवा में स्टेडियम का कार्य ग्राम पंचायत नष्टिगवां में निर्माणाधीन है, निर्माण स्थल पर अतिक्रमण होने से अतिक्रमित स्थल को छोड़कर शेष स्थल में कार्य प्रारंभ किया गया। किए जा रहे कार्य में गुणवत्ता के मापदण्डों का पालन किया जा रहा है। (ख) निर्माण कार्य मार्च 2018 तक पूर्ण करने का लक्ष्य है।
पत्थर की खदान की जानकारी
[खनिज साधन]
41. ( क्र. 1865 ) श्री गोपालसिंह चौहान (डग्गी राजा) : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) चंदेरी विकासखंड के अंतर्गत आने वाले ग्राम कडराना में खदान कडराना A एवं कडराना B के नाम से दो खदानें जब से नीलामी पर चढ़ी हैं तब से लेकर वर्तमान समय तक किस-किस के नाम रही हैं? (ख) उक्त खदानों के मालिकों की सूचीं उपलबध करावें?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रश्नानुसार उल्लेखित फर्शी पत्थर की नीलाम खदानें जब-जब नीलाम में जिन-जिन को स्वीकृत हुई हैं, उनका विवरण संलग्न परिशिष्ट पर दर्शित है। (ख) प्रश्नानुसार जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है।
दानपेटियों की व्यवस्था की जानकारी
[धार्मिक न्यास और धर्मस्व]
42. ( क्र. 1871 ) श्री गोपालसिंह चौहान (डग्गी राजा) : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या जून, जुलाई 2017 में मंदसौर किसान आंदोलन के तुरंत बाद कैबिनेट मीटिंग में प्रसिद्ध मठ एवं मंदिरो पर जिसमें प्रशासन की दानपेटियां लगी रहती हैं उसको हटाने की व्यवस्था पर इस तरह के प्रस्ताव पर कैबिनेट में प्रस्ताव पारित किया है? (ख) यदि कैबिनेट में फैसला लिया गया है। तो अभी मठ मंदिरों में लगी दानपेटियां जो प्रशासन की देखरेख में है। उनको क्यों नहीं हटाया गया? यदि हटाया जावेगा तो कब तक हटाया जावेगा?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
जनप्रतिनिधियों की अनुशंसाओं पर किए गए कार्य
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
43. ( क्र. 1875 ) डॉ. योगेन्द्र निर्मल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वारासिवनी विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत ग्राम पंचायतों में मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना, खेत सड़क योजना, सुदूर ग्राम योजना, मनरेगा अथवा R.E.S. द्वारा दिनांक 01.04.2016 से प्रश्न दिनांक तक ग्राम पंचायतों के ठहराव के अनुसार एवं जनप्रतिनिधियों की अनुशंसा के आधार पर कौन-कौन से प्रस्ताव कब-कब स्वीकृत किये गये? कार्य का नाम, एजेंसी का नाम, स्वीकृत राशि, स्वीकृत करने वाले अधिकारी के नाम सहित जानकारी दें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार कौन-कौन से निर्माण कार्य स्वीकृति के पश्चात् अभी तक प्रारंभ नहीं हुए हैं, कितने पूर्ण कर लिये गये हैं, कौन-कौन से लंबित हैं एवं क्यों तत्संबंधी ब्यौरा दें? (ग) उक्त क्षेत्रांतर्गत जन प्रतिनिधियों द्वारा दिये गये प्रस्तावों के आधार पर निर्माण कार्य जनहित में किया जाना अत्यंत आवश्यक है, जिन पर प्रश्न दिनांक तक कोई कार्यवाही नहीं की गई है, तो क्यों? जवाबदेही सुनिश्चित कर तत्संबंधी ब्यौरा दें? (घ) प्रश्नांकित (ग) की अवधि में प्रश्नकर्ता द्वारा उचित माध्यम से पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग को निर्माण कार्य हेतु भेजे गये पत्रों पर की गई कार्यवाही से अवगत न कराये जाने के क्या कारण हैं? कौन-कौन से प्रस्ताव प्रश्न दिनांक तक की स्थिति में स्वीकृत हैं एवं प्रक्रियाधीन हैं? विलंब के क्या कारण हैं?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) उत्तरांश (क) में उल्लेखित कार्य जनप्रतिनिधियों से एवं जिला/जनपद/ग्राम पंचायतों के माध्यम से प्राप्त होते हैं एवं आवंटन की उपलब्धता अनुसार स्वीकृत होते हैं। अतः शेष प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होते हैं। (घ) प्रश्नकर्ता माननीय विधायक के पत्रों के परीक्षण उपरांत कार्यवाही की जा रही है एवं उन्हें अवगत भी कराया गया है। उपलब्ध आवंटन पूर्व से स्वीकृत कार्यों हेतु आबद्ध होने से कार्य स्वीकृत नहीं हुए हैं।
प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क एवं मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
44. ( क्र. 1876 ) डॉ. योगेन्द्र निर्मल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बालाघाट जिले के अंतर्गत विकासखण्ड वारासिवनी एवं खैरलांजी में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनायें एवं मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजनान्तर्गत वित्तीय वर्ष 2016-17 एवं 2017-18 के लिये कुल कितनी सड़कें निर्माण किये जाने हेतु प्रस्तावित/स्वीकृत हैं? (ख) उनमें से कितनी सड़कें स्वीकृत हैं? क्या उक्त सड़कों के निर्माण हेतु टेण्डर प्रक्रिया पूर्ण कर ली गई है? सड़कों से संबंधित संपूर्ण विवरण दें। (ग) उपरोक्त सड़कों की निर्माण एजेन्सी, कार्य अवधि एवं लागत सहित बतायें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) से (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
शासकीय स्नात्कोत्तर महाविद्यालय रामपुरा का नामकरण
[उच्च शिक्षा]
45. ( क्र. 1882 ) श्री कैलाश चावला : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय रामपुरा का नामकरण पण्डित अटल बिहारी बाजपेयी स्नातकोत्तर महाविद्यालय करने हेतु जन भागीदारी समिति शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय रामपुरा द्वारा किस दिनांक को प्रस्ताव पारित किया गया थ? (ख) उक्त प्रस्ताव पर जिला योजना समिति ने किस दिनांक को अनुशंसा की हैं? (ग) उक्त प्रस्ताव जिलाधीश नीमच द्वारा किस दिनांक को शासन को विचारार्थ भेजा गया हैं? जावक नम्बर एवं दिनांक बतावें? (घ) सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा उक्त प्रस्ताव पर क्या कार्यवाही की गई हैं?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जनभागीदारी समिति, शासकीय पीजी महाविद्यालय रामपुरा द्वारा दिनांक 25.03.2017 को प्रस्ताव पारित किया गया। (ख) जिला योजना समिति द्वारा दिनांक 07.05.2017 को अनुशंसा की गई। (ग) जिलाधीश नीमच के पत्र क्र. 1131/ एस.सी.-2/2017, दिनांक 24.11.17 द्वारा प्रस्ताव उच्च शिक्षा विभाग को प्रेषित किया गया है। (घ) सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा प्रस्ताव पर कोई कार्यवाही अपेक्षित नहीं है।
वन परिक्षेत्रों में कूपों की कटायी उपरांत कराये जाने वाले कार्य
[वन]
46. ( क्र. 1902 ) श्री ठाकुरदास नागवंशी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र पिपरिया अन्तर्गत वन परिक्षेत्र (सामान्य) में वित्तीय वर्ष 2017-18 में कूपों की कटायी करायी गयी हैं? या कार्य योजना तैयार की गयी हैं यदि हाँ, तो किन-किन कूपों में जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कितने प्रकरण वृक्षारोपण के तथा किन-किन कूपों में चेकडेम एवं अन्य कार्यों की कार्य योजना बनायी गई? (ग) क्या जिला होशंगाबाद के वन परिक्षेत्र अन्तर्गत कई निर्माण कार्य स्वीकृत किये गये हैं? यदि हाँ, तो स्वीकृत कार्यों की तकनीकि व प्रशासकीय स्वीकृति की प्रमाणित प्रति देवें। (घ) स्वीकृत कार्यों के वर्क आर्डर किस-किस दिनांक को जारी किये गये तथा कार्यों की भौतिक स्थिति की जानकारी व कार्य में लगे मजदूरों के भुगतान पत्रक की प्रमाणित प्रति की जानकारी कार्यवार व बीटवार कम्पाउंटमेंट नम्बर सहित देवें।
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी नहीं। कूपों में कटाई कार्य योजना (विदोहन योजना) की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित प्रकरणों में वृक्षारोपण अथवा कूपों में चेकडेम एवं अन्य कार्यों की कार्ययोजना नहीं बनाई गयी है। कार्ययोजना वित्तीय वर्ष 2018-19 के एक्शन प्लान में प्रावधानित की जावेगी। (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (घ) जिला होशंगाबाद में टेंडरिंग प्रक्रिया नहीं होने से वर्क आर्डर जारी नहीं किया गया है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है।
वन परिक्षेत्र अन्तर्गत रोपित कराये गये सुबबूल बीजों के संबंध में
[वन]
47. ( क्र. 1903 ) श्री ठाकुरदास नागवंशी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला होशंगाबाद के समस्त वन परिक्षेत्रांतर्गत सुबबूल बीज क्रय हेतु विभाग द्वारा वर्ष 2017-18 में कितना आवंटन प्राप्त हुआ? (ख) वन परिक्षेत्रों में रोपित किये गये बीज किस एजेंसी द्वारा क्रय किये गये तथा बीज की रोपाई किन-किन बीटों में व कितने मजदूरों द्वारा करायी गयी मस्टर/भुगतान पत्रक सहित जानकारी देवें? (ग) बीज की बुआई किस प्रकार छिड़का फेककर/हाथ से की गयी एवं वर्तमान में बीज की उत्तरजीविका कितने प्रतिशत हैं, की जानकारी प्रदान की जावे?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) वर्ष 2017-18 में रू. 17500/- प्रावधानित है। (ख) मुकेश सीड्स एंड जनरल सप्लायर, भोपाल एवं रूबाव खान बीज सप्लायर, खेड़ीपुरा हरदा से क्रय किये गए तथा बीज रोपाई व मजदूरों से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) बीज की बुआई पंक्ति में हाथ से बुआई तथा छिड़का फेककर भी की गई है। वर्तमान में लगभग 60 प्रतिशत बीज के पौधे जीवित हैं।
हितग्राहियों को राशि भुगतान
[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]
48. ( क्र. 1905 ) श्री ठाकुरदास नागवंशी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधायक स्वेच्छानुदान योजना अन्तर्गत हितग्राहियों को आर्थिक सहायता प्रदान किये जाने हेतु राशि प्रदाय किये जाने का प्रावधान हैं, यदि हाँ, तो जानकारी दें। (ख) क्या विधायक स्वेच्छानुदान की राशि का भुगतान हितग्राहियों को चेक के माध्यम से किये जाने के निर्देश प्राप्त हैं? (ग) क्या कंडिका (ख) के वर्णित निर्देश में योजना के तहत हितग्राहियों को राशि का भुगतान एन.ई.एफ.टी./आर.टी.जी.एस. के माध्यम से मुक्त रखा गया हैं, यदि हाँ, तो जानकारी दें। (घ) क्या मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत बनखेड़ी द्वारा विधायक स्वेच्छानुदान में हितग्राहियों को राशि का भुगतान चेक के माध्यम से किये जाने पर रोक लगायी गयी हैं? यदि हाँ, तो क्यों? (ङ) यदि नहीं, तो प्रश्न दिनांक तक हितग्राहियों को चेक के माध्यम से राशि का भुगतान नहीं किये जाने का क्या कारण हैं? या केवल अधिकारी द्वारा प्रश्नकर्ता को गुमराह किया जा रहा हैं? यदि हाँ, तो क्या उत्तरदायित्व का निर्धारण किया जावेगा?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी हाँ। नियम की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जी हाँ। (ग) जी हाँ। वित्त विभाग के पत्र की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (घ) जी नहीं। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ड.) हितग्राहियों को राशि का भुगतान चेक के माध्यम से ही कराये जाने से शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सामुदायिक भवनों का निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
49. ( क्र. 1911 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्तमान में खरगोन जिले के भगवानपुरा विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत कितने सामुदायिक भवन स्वीकृत है ग्राम पंचायतवार सूची देवें एवं लागत राशि बतायें? (ख) उक्त भवन ग्राम पंचायत के संपत्ति पंजी में किस स्थान पर दर्ज हैं? पंजी क्रमांक एवं दिनांकवार बतायें? (ग) जनपद पंचायत भगवानपुरा में वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक भवन पर मेन्टेनेंस, बिजली पुतिया, रिपेयर पर कितना व्यय हुआ है तथा भवन से पंचायतों को कितनी आय प्राप्त हुई है? पंचायतवार बतावें? (घ) जनपद पंचायत भगवानपुरा की ग्राम पंचायतों में उपलब्ध सामुदायिक भवनों पर किसका कब्जा है? भवनवार सूची देवें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) भवन निर्माणाधीन होने से संपत्ति पंजी में दर्ज नहीं है। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है।
बकायादार व्यक्ति/संस्थाओं की सूची
[नगरीय विकास एवं आवास]
50. ( क्र. 1912 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नगर पालिका खरगोन द्वारा लीज पर दी गई दुकान/भूखण्ड की सूची नाम, पता, दुकान/भूखण्ड का स्थान सहित सूची देवें। इनमें से किन-किन भूखण्ड आवासीय/व्यावसायिक हैं? (ख) उक्त में से शीर्ष 25 बकायादारों को वसूली हेतु प्रेषित नोटिसो का विवरण देवें। (ग) बकायादारों पर कार्यवाही करने संबंधी विभागीय नीति की प्रति देवें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) नगर पालिका परिषद खरगोन द्वारा लीज पर दी गई दुकान/भूखण्ड की सूची नाम, पता, दुकान/भूकण्ड का स्थान सहित एवं आवासीय/ व्यवसायिक भूखण्डों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) उक्त में से शीर्ष 25 बकायादारों को वसूली हेतु प्रेषित नोटिसों का विवरण सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) मध्यप्रदेश नगरपालिका अधिनियम 1961 के अध्याय-8 में वार्णित प्रावधान अनुसार बकायादारों पर कार्यवाही की जाती है, की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है।
सड़क निर्माण कार्यों के लिए गौण खनिज
[खनिज साधन]
51. ( क्र. 1922 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सड़क निर्माण कार्यों के लिए खदान आरक्षण, अग्रिम रॉयल्टी का भुगतान किए बिना पिटपास प्रदाय एवं ठेकेदार के बिलों से रॉयल्टी काट कर जमा करवाए जाने के संबंध में खनिज साधन विभाग राज्य मंत्रालय भोपाल ने दिनांक 31 जनवरी 2006 को क्या-क्या आदेश निर्देश जारी किए हैं? (ख) विदिशा, रायसेन, बैतूल, हरदा, होशंगाबाद जिले में गत पाँच वर्षों में अग्रिम रॉयल्टी का भुगतान किए बिना कितनी पिटपास बुक खनिज विभाग ने किस-किस वर्ष में प्राप्त की? कितनी रॉयल्टी काट कर खनिज विभाग में जमा करवाई गई? (ग) खनिज विभाग से पिटपास बुक प्राप्त किए बिना ठेकेदार के बिल से रॉयल्टी की राशि किस आदेश, निर्देश के तहत काटी जाकर जमा करवाई गई, प्रति सहित बतावें? (घ) खनिज विभाग से पिटपास बुक प्राप्त किए जाने के संबंध में क्या कार्यवाही की जा रही है, कब तक की जावेगी?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रश्नांश अनुसार जारी निर्देश दिनांक 31 जनवरी 2006 पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर दर्शित है। (ख) प्रश्नांश अनुसार किसी भी जिले के खनिज विभाग में अग्रिम रायल्टी का भुगतान किये बगैर कोई पिटपास बुक प्राप्त नहीं की। निर्माण विभागों द्वारा विगत पाँच वर्षों में खनिज विभाग में जमा कराई गयी रायल्टी का विवरण निम्नानुसार है :-
क्र. |
जिला |
जमा कराई गई रायल्टी राशि (करोड़ में) |
|
विदिशा |
11.32 |
|
रायसेन |
9.09 |
|
बैतूल |
1.31 |
|
हरदा |
2.80 |
|
होशंगाबाद |
4.63 |
(ग) पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र 'अ' के अलावा
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र 'ब' पर
दर्शाये
अनुसार
निर्देश जारी
किये गये हैं।
(घ) पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र 'अ' में
दर्शित
निर्देशानुसार
निर्माण
विभागों को
मांग अनुसार
पिटपास उपलब्ध
कराने की व्यवस्था
प्रचलन में
है।
कन्यादान विवाह योजना संबंधी
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
52. ( क्र. 1966 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रतलाम जिले में कितने किसानों की बेटियों के विवाह हेतु शासन की योजना का लाभ जनवरी, २०१५ से अक्टूबर, २०१७ तक दिया गया वर्षवार, तहसीलवार ब्यौरा क्या है? (ख) प्रश्नांश (क) अवधि में जिले की सूखाग्रस्त घोषित तहसीलों के किसानों को बेटियों के विवाह हेतु क्या विशेष सहायता प्रदान की गई? ब्यौरा क्या है? (ग) वर्ष २०१५ से अब तक कितने किसानों ने अपनी बेटियों के विवाह हेतु शासन की योजना का लाभ प्राप्त करने के आवेदन दिए? कितने स्वीकृत हुए? कितने अस्वीकृत किये गये? अस्वीकृति के कारणवार वर्षवार, तहसीलवार पूर्ण ब्यौरा दें.
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) रतलाम जिला अन्तर्गत मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजनान्तर्गत जनवरी 2015 से अक्टूबर 2017 तक लाभान्वितों की वर्षवार एवं तहसीलवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) प्रश्नांश ''क'' में उल्लेखित अवधि में सूखाग्रस्त घोषित तहसीलों के सूखा प्रभावित किसानों की कन्याओं के विवाह हेतु मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के प्रावधान अनुसार रूपये 25000/- प्रति कन्या के मान से सहायता राशि दी गई है। ब्योरा उत्तरांश ''क'' के संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ग) मुख्यमंत्री कन्यादान योजनान्तर्गत वर्ष 2015 से अब तक योजना का लाभ प्राप्त करने हेतु प्राप्त आवेदन/स्वीकृत/अस्वीकृत आवेदनों के कारण सहित जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण का लक्ष्य प्राप्त नहीं होना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
53. ( क्र. 1975 ) श्रीमती योगिता नवलसिंग बोरकर : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता विधानसभा क्षेत्र में ही नहीं बल्की पूरे मध्यप्रदेश में सभी गरीबों को रहने हेतु प्रधानमंत्री आवास प्रदाय किये जा रहे हैं एवं सभी के चेहरे पर खुशहाली छाई हुई है, लेकिन प्रश्नकर्ता के पंधाना विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत जनपद पंचायत छैगांवमाखन के १२ ग्राम एवं पंधाना जनपद पंचायत का १ ग्राम ऐसे १३ ग्रामों में प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण का लक्ष्य उन ग्रामों को प्राप्त नहीं हुआ हैं? जिससे उन ग्रामों के गरीबों को रहने हेतु काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है? (ख) यदि हाँ, तो क्या इन ग्रामों को एस.ई.सी.सी. २०११ की सूची में नाम जोड़ कर इन ग्रामों के गरीबों को भी प्रधानमंत्री आवास दिये जायेंगे या नहीं? यदि तो कब तक? (ग) यदि नहीं, दिये जायेंगे तो क्यों नहीं?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। जनपद पंचायत छैगांवमाखन के 12 गांव सामाजिक आर्थिक एवं जाति जनगणना 2011 की सर्वे सूची में उपलब्ध न होने के कारण प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के लाभ से वंचित हुये है। जनपद पंचायत पन्धाना का एक गांव तकनीकी त्रुटि के कारण प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के लाभ से वंचित रहा है आगामी लक्ष्य वितरण में आवास स्वीकृत कर दिये जाएगे। (ख) जी हाँ। जनपद पंचायत छैगांवमाखन के 12 गांव सामाजिक आर्थिक एवं जाति जनगणना 2011 की सूची में सम्मिलित करने हेतु भारत सरकार को अनुरोध किया गया है। (ग) प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सहरिया जाति के प्रधान मंत्री आवास
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
54. ( क्र. 1978 ) श्री मेहरबान सिंह रावत : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर एवं चंबल संभाग में सहरिया जाति के कितने व कौन-कौन गांव है, जहां सहरिया जाति निवास करती हैं तथा उन्हें प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत नहीं हुए हैं क्या ऐसे ग्रामों में सहरिया जाति के लिये पृथक से सर्वे कब तक कराया जायेगा, ताकि सहरिया जाति के लोग प्रधानमंत्री आवास से लाभांवित हो सके? विकासखण्डवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) वर्ष 2011 की आर्थिक जनगणना की सर्वे सूची में सहरिया जाति के जो गांव एवं व्यक्ति वंचित रह गये हैं? उन्हें प्रधान मंत्री आवास से लाभान्वित करने के संबंध में शासन की क्या मंशा है, स्पष्ट करें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। पृथक से सर्वे कराया जाना विचाराधीन नहीं है। (ख) सामाजिक, आर्थिक एवं जाति जनगणना 2011 में नाम जोड़ने का अधिकार राज्य सरकार को नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नजूल भूमि पर निवासरत गरीबों को मालिकाना हक का प्रदाय
[नगरीय विकास एवं आवास]
55. ( क्र. 2013 ) श्री तरूण भनोत : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या म.प्र. शासन की नीति अनुसार 10 वर्षों से अधिक समय तक नजूल की जमीन पर मकान बना कर निवासरत गरीबों को स्थाई मालिकाना हक देनें की नीति प्रस्तावित है? (ख) जबलपुर पश्चिम विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत ऐसे कितने गरीब हितग्राहियों को चिन्हित किया गया है? उक्त चिन्हित हितग्राहियों में से कितनों को इस नीति का लाभ दिया जा चुका है? (ग) वर्णित (ख) के अनुसार जबलपुर एवं जिला प्रशासन जबलपुर से यह जानकारी उपलब्ध करवायेंगे की शासन की घोषणा के बाद भी शासन की नीतियों के विरूद्ध गरीब पीड़ितों को बलपूर्वक विस्थापित किया जा रहा है? ऐसा करने वाले अधिकारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी नहीं, मध्यप्रदेश नगरीय क्षेत्रों के भूमिहीन व्यक्ति (पट्टाधृति अधिकारों का प्रदान किये जाना) अधिनियम, 1984 के प्रावधानों अंतर्गत नगरीय क्षेत्र में शासकीय, नगरीय निकायों तथा विकास प्राधिकरणों की भूमि पर काबिज व्यक्तियों को उक्त अधिनियम की धाराओं के प्रावधानुसार आवासीय पट्टे प्रदान किये जाते है। (ख) मध्यप्रदेश नगरीय क्षेत्रों के भूमिहीन व्यक्ति (पट्टाधृति अधिकारों का प्रदान किये जाना) अधिनियम, 1984 की धारा 3 (1) तथा 3 (2) 2013 से 01 जनवरी 2017 तक 2017 हितग्राहियों को पट्टा दिया गया है एवं मध्यप्रदेश नगरीय क्षेत्रों के भूमिहीन व्यक्ति (पट्टाधृति अधिकारों का प्रदान किये जाना) अधिनियम, 1984 की धारा 4 में समय-सीमा 31 दिसम्बर 2014 स्थापित की गई है। जिसके तहत 402 हितग्राहियों का विस्तृत सर्वे किया जा चुका है एवं पट्टे की कार्यवाही प्रचलनशील है। (ग) वर्तमान में विस्थापन की कार्यवाही सामान्यत: नहीं की जा रही है जहां कही भी विस्थापन आवश्यक होता है वहां नगर निगम द्वारा पात्र हितग्राहियों को आवास उपलब्ध कराये जाते हैं, शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना का क्रियान्वयन
[धार्मिक न्यास और धर्मस्व]
56. ( क्र. 2053 ) श्री रजनीश सिंह : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रश्नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र केवलारी अंतर्गत मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना में योजना प्रारंभ से प्रश्न दिनांक तक कितने आवेदकों को योजना का लाभ दिया गया वर्षवार आवेदक के नाम, आयु, पता सहित जानकारी देवें। (ख) तीर्थ दर्शन योजना में आवेदक का चयन किस आधार पर किया जाता है? इसके क्रियान्वयन हेतु विकासखण्ड स्तर पर कौन अधिकारी को नियुक्त किया जाता है? (ग) क्या तीर्थ दर्शन के लिए स्थानीय विधायकों को इसकी सूचना देने का प्रावधान नहीं है? यदि हाँ, तो प्रश्नकर्ता को क्या सूचना दी गई? यदि नहीं, तो क्यों?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
पंचायतों के अपूर्ण कार्यों के संबंध में
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
57. ( क्र. 2054 ) श्री रजनीश सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र केवलारी के अंतर्गत जनपद पंचायत घनोरा, केवलारी, छपारा, सिवनी के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायतों में बी.आर.जी.एफ. एवं परफारमेंस ग्रांट के कितने कार्य वर्ष 2014-15 से स्वीकृत किये गये इनमें से कितने कार्य पूर्ण किये गये एवं कितने कार्य अपूर्ण है वर्षवार, जनपद पंचायतवार कार्य एवं स्वीकृत राशि बतायें? (ख) इनमें से कितने कार्यों को पूर्ण कर सी.सी. जारी कर दी गई है? क्या अपूर्ण कार्यों की भी सी.सी.जारी की गई है, यदि हाँ, तो क्यों? (ग) क्या कार्य पूर्ण कराने हेतु शासन द्वारा कोई समय-सीमा निर्धारित की जाती है? यदि हाँ, तो समय-सीमा में कार्य पूर्ण न होने पर संबंधित एजेंसी पर कोई कार्यवाही होगी? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही होगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) 132 कार्यों को पूर्ण कर सी.सी. जारी की गई है। जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। समय-सीमा में कार्य पूर्ण न होने पर संबंधित कार्य एजेंसी एवं संबंधित उपयंत्री को नोटिस जारी किया जाकर जवाब समाधानकारक न होने पर उनके विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाती है।
सी.एम. हेल्पलाइन से प्राप्त शिकायतों पर निराकरण
[लोक सेवा प्रबन्धन]
58. ( क्र. 2058 ) श्री रजनीश सिंह : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत 02 वर्षों 2015-16 एवं 2016-17 में सिवनी जिले के अंतर्गत केवलारी विधान सभा से संबंधित कितनी शिकायत सी.एम. हेल्प लाईन से प्राप्त हुई? प्राप्त शिकायत पर कितनी शिकायतों का निराकरण हुआ? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार कितनी शिकायत के प्रकरण लंबित हैं? इनका निराकरण कब तक हो जावेगा? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार उक्त शिकायत का विभागवार वर्गीकरण कर सूची उपलब्ध करावें।
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) सी.एम. हेल्पलाईन में विगत 02 वर्षों 2015-16 एवं 2016-17 में सिवनी जिले के अंतर्गत केवलारी विकासखण्ड से संबंधित कुल 8899 शिकायतें प्राप्त हुई हैं, जिसमें से 8857 शिकायतों का निराकरण किया गया। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार 42 शिकायतें लंबित हैं। शिकायतों का निराकरण संबंधित विभाग द्वारा पूर्ण किये जाने का निरंतर प्रयास किया जाता है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार शिकायतों का विभागवार वर्गीकरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
शासकीय महाविद्यालय बगडोना (सारनी) में बी.एस.सी., बी.काम. की कक्षाएं
[उच्च शिक्षा]
59. ( क्र. 2085 ) श्री चेतराम मानेकर : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासकीय महाविद्यालय बगडोना (सारणी) में जनभागीदारी से बी.काम., बी.एस.सी. की कक्षाएं संचालित हैं? (ख) यदि हाँ, तो महाविद्यालय में बी.काम, बी.एस.सी. संकाय की शासकीय कक्षाएं कब तक प्रारंभ कर दी जायेगी?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी हाँ। महाविद्यालय में जनभागीदारी समिति से बी.एससी. एवं बी.कॉम. की कक्षाएँ संचालित है। (ख) वर्तमान में सीमित वित्तीय संसाधनों को दृष्टिगत रखते हुए शासन स्तर पर बी.एससी., बी.कॉम. की कक्षायें प्रारंभ किये जाने में कठिनाई है।
ग्रामीण क्षेत्रों में खिलाडि़यों के लिये प्रोत्साहन प्रभावी योजना
[खेल और युवा कल्याण]
60. ( क्र. 2132 ) श्री योगेन्द्र सिंह : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या सिवनी जिले में खिलाडि़यों की खेल प्रतिभाओं के विभिन्न खेलों में खेलने के लिये प्रोत्साहित करने हेतु कोई योजना है? यदि हाँ, तो योजना का सम्पूर्ण विवरण देवें तथा वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक खेलों हेतु कितनी राशि आवंटित की गई है? कितनी राशि व्यय की गयी है वर्षवार, खेलवार सूची देवें। (ख) क्या जिले में उत्कृष्ट खिलाडि़यों को विभिन्न खेलों में उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन हेतु सम्मानित किया जाता है? पुरस्कारों के नाम, प्रोत्साहन राशि, खिलाडि़यों का नाम तथा खेल सहित जानकारी देवें। (ग) क्या शासन खेलों में ग्रामीण क्षेत्र के खिलाडि़यों के लिये प्रोत्साहन हेतु कोई प्रभावी योजना बनाई गई है या भविष्य में बनाई जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक और यदि नहीं, तो क्यों?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जी हाँ। सिवनी जिले में खिलाडि़यों की खेल प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करने हेतु विभिन्न योजनायें संचालित है, जिनकी वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक की जानकारी पुस्ताकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जी हाँ। जिले के ऐसे उत्कृष्ट खिलाड़ी जिन्होंने राज्य/राष्ट्रीय स्तर पर पदक प्राप्त किया है उन्हें खेलवृत्ति (प्रोत्साहन राशि) प्रदाय की जाती है। जिसकी वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) जी हाँ, बनाई गई है। जिसका उल्लेख प्रश्नोत्तर 'क' में किया गया है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
कपिलधारा कूप निर्माण का भुगतान
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
61. ( क्र. 2136 ) श्री योगेन्द्र सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कपिलधारा कूप के हितग्राही कुम्भा उइके पिता हरि, जाति गौंड, भूमि स्वामी ग्राम सेंमरकलां ग्राम पंचायत रायचार, तहसील लखनादौन के नाम पर वर्ष 2013-14 मनरेगा योजना कूप स्वीकृत हुआ हैं या कूप बंधाई एवं मूल्यांकन का कार्य किया जा चुका है, परन्तु आज दिनांक तक मजदूरी व सामग्री का भुगतान लंबित है। (ख) मस्टररोल क्रमांक 1437 दिनांक 10.06.2016 से 16.06.2016 मस्टर रोल क्र.1438 दिनांक 17.06.2016 से 23.06.2016 तक मस्टर रोल क्रमांक 1770 दिनांक 24.06.2016 से 30.06.2016 मस्टर रोल क्रमांक 1771 दिनांक 01.07.2016 से 07.07.2016, मस्टर रोल क्रमांक 1772 दिनांक 08.07.2016 से 14.07.2016 तक कराये कार्य की जाँच की जाकर भुगतान किया जावेगा, यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रश्नांश में वर्णित मस्टर रोल क्रमांक 1772 का भुगतान हो चुका है। शेष मस्टर रोल क्रमांक 1437, 1438, 1770, 1771, वित्तीय वर्ष 2016—17 की समाप्ति पर मनरेगा पोर्टल पर ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा डाटा एन्ट्री बंद होने के कारण भुगतान हेतु लंबित है। प्रश्नाधीन मस्टर रोल पर भुगतान हेतु सॉफ्टवेयर में प्रावधान करने के लिये भारत सरकार से अनुरोध किया गया है। प्रावधान उपरांत भुगतान किया जायेगा, जिसमें अनुमानित 03 माह लगने की संभावना है।
मुख्यमंत्री कन्यादान योजना में निष्क्रियता
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
62. ( क्र. 2157 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2015,2016, 2017 में प्रदेश में जिला पंचायत एवं जनपद पंचायतों को मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के क्रियान्वयन की जिम्मेदारी सौंपी गई थी? (ख) यदि हाँ, तो खंडवा जिला पंचायत द्वारा इसमें क्या कार्यवाही की गई है? जनपद पंचायतों को कितना-कितना लक्ष्य दिया गया? जनपदवार बतायें? (ग) जनपदवार कितने-कितने विवाह, किस-किस जनपद पंचायत में कब-कब आयोजित हुए? कितने हितग्राही लाभान्वित हुए? (घ) क्या खंडवा जिले में जिला एवं जनपद पंचायतों द्वारा योजना के प्रति उदासीनता एवं क्रियान्वयन में निष्क्रियता बरतने से मुख्यमंत्री कन्यादान योजना का अपेक्षाकृत लाभ ग्रामीणों को नहीं मिल पा रहा है? (ड.) क्या अधिकारी विभागीय योजनाओं के प्रति संवेदनशील होने एवं लक्ष्य प्राप्त करने के उद्देश्य से दूर होकर सांस्कृतिक कार्यक्रम के आयोजन को महत्व दे रहे हैं? (च) इस वर्ष कितने मुख्यमंत्री कन्यादान विवाह कब-कब आयोजित किये जाएंगे?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार। (घ) खण्डवा जिले में शासन निर्देशानुसार सभी पात्र हितग्राहियों को मुख्यमंत्री कन्यादान योजना का लाभ निकायों द्वारा दिया जा रहा है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ड.) उत्तरांश ''घ'' अनुसार प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (च) खण्डवा जिले में मुख्यमंत्री कन्यादान योजनान्तर्गत मुंदी नगर में दिनांक 24.1.2018 को सामूहिक विवाह का आयोजन किया जाना प्रस्तावित है।
खेल मैदान का कार्य अतिशीघ्र प्रारंभ कराना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
63. ( क्र. 2178 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परासिया विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम छाबड़ीकलॉ में खेल मैदान (स्टेडियम) निर्माण कार्य प्रारंभ था। जिसे क्रियान्वयन एजेंसी (संबंधित ठेकेदार) के द्वारा बन्द कर दिया गया और क्रियान्वयन एजेंसी द्वारा लापरवाही बरतते हुए, खेल मैदान का निर्माण कार्य समय पर नहीं किया जा रहा है? जिसके कारण खेल मैदान का निर्माण कार्य पूर्ण होने में काफी विलंब हो रहा है? जिसका क्या कारण है? (ख) क्रियान्वयन एजेंसी से खेल मैदान के अधूरे निर्माण कार्य को पुन: प्रारंभ एवं समय-सीमा में पूर्ण कराये जाने के संबंध में विभागीय अधिकारियों के द्वारा अभी तक क्या कार्यवाही की गई है? (ग) क्रियान्वयन एजेंसी के द्वारा खेल मैदान के निर्माण कार्य में काफी अनियमितता बरती गई है और खेल मैदान के निर्माण में गुणवत्ताहीन सामग्री का उपयोग किया गया है? क्या विभाग द्वारा खेल मैदान निर्माण कार्य में बरती गई अनियमितताओं की उच्च स्तरीय जाँच कराई जायेगी? (घ) ग्राम छाबड़ीकलॉ में खेल मैदान (स्टेडियम) का निर्माण कार्य अतिशीघ्र पुन: प्रारंभ एवं समय-सीमा में पूर्ण किये जाने के संबंध में मेरे द्वारा अपर मुख्य सचिव, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग को पत्र क्र. वि.स./परासिया/127/2017/668 दिनांक 07.10.2017 के माध्यम से अवगत कराया गया था जिस पत्र पर अभी तक क्या कार्यवाही की गई है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) प्रश्न में उल्लेखित कार्य की अनुबंधानुसार पूर्णता अवधि मार्च 2018 है। समतलीकरण का कार्य चल रहा है। समय-सीमा में कार्य पूर्ण कराया जावेगा। स्थल पर वि़द्युत लाईन होने से कार्य की प्रगति प्रभावित हुई है। (ख) जानकारी उत्तरांश ''क'' अनुसार। (ग) स्टेडियम में भूमि समतलीकरण का कार्य हुआ है। जिसमें उपयोग की गई मिट्टी निर्धारित मापदण्डानुसार होने से शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता। (घ) कार्य समय-सीमा में कराये जाने हेतु विभाग द्वारा निर्देश जारी किए गए है।
रोजगार सहायकों को सहायक सचिव पद पर नियमित करना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
64. ( क्र. 2179 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग मंत्रालय के पत्र क्र. 932/761/13/22/ए (दिनांक 06/07/13) के आदेश के आधार पर ग्राम रोजगार सहायकों को सहायक सचिव घोषित किये जाने हेतु जिला कलेक्टर को अधिकृत करते हुए, मध्यप्रदेश की विभिन्न ग्राम पंचायतों में कार्यरत रोजगार सहायकों को सहायक सचिव घोषित किया जा चुका है तो उससे स्पष्ट है कि पंचायत सहायक सचिव की सेवा समाप्त नहीं होकर उनको निलंबन किया जायेगा तो फिर किस नियम के अंतर्गत सहायक सचिवों की सेवा समाप्त की जा रही है? जानकारी उपलब्ध कराये और किन नियमों के तहत रोजगार सहायक, सहायक सचिव की सेवा समाप्ति के अधिकार जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को प्रदान किये गये हैं? (ख) माननीय मुख्यमंत्री महोदय एवं माननीय पंचायत मंत्री महोदय को जिला कलेक्टर के माध्यम से ग्राम रोजगार सहायक/सहायक पंचायत सचिव कर्मचारी संघ इकाई (म.प्र.) के विभिन्न जिलाध्यक्ष एवं विभिन्न ब्लॉक अध्यक्ष द्वारा मध्यप्रदेश प्रदेश की विभिन्न ग्राम पंचायतों में कार्यरत ग्राम रोजगार सहायक को पंचायत सहायक सचिव के पद पर जिला संवर्ग में संविलियन कर नियमित करने के संबंध में ज्ञापन पत्र दिया गया था? इन ज्ञापन पत्रों में विभाग द्वारा अभी तक क्या कार्यवाही की गई है? (ग) मध्यप्रदेश असाधारण राजपत्र 250 दिनांक 23 मई 2012 के द्वारा पंचायत अधिनियम की धारा 69 (1) में संशोधन किया गया है और अधिनियम की धारा 69 (1) में आपेक्षित अनुसार ग्राम रोजगार सहायक को ग्राम पंचायत के सहायक सचिव के पद पर रखने का शासन ने प्रशासनिक निर्णय लिया है? अगर हां, तो सहायक सचिव को पद पर नियमित किये जाने की शासन की क्या मंशा है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) उल्लेखित आदेश दिनांक 06.07.13 में सहायक सचिव घोषित करने का प्रावधान है, जो विहित अधिकारी द्वारा की जा सकेगी। ग्राम रोजगार सहायक अथवा घोषित सहायक सचिव का मूल पद ग्राम रोजगार सहायक ही है। अतः ग्राम रोजगार सहायक के संविदा अनुबंध अनुसार ही सेवा समाप्त की जाती है। विभाग के उल्लेखित आदेश के पैरा-2 'ड' में विस्तृत उल्लेख अनुसार प्रावधानित है। आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। जनपद पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी को सेवा समाप्ति के अधिकार पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ख) जी हाँ। शासन की वर्तमान में ऐसी कोई नीति नहीं है अतः शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ। किन्तु शासन की वर्तमान में ऐसी कोई नीति नहीं है।
सड़क निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
65. ( क्र. 2198 ) श्री रमेश पटेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़वानी विधान सभा क्षेत्र के ग्राम पंचायत शिवनी तहसील पाटी में प्रधानमंत्री सड़क योजना में स्वीकृत सड़क निर्माण अभी तक क्यों पूर्ण नहीं हुआ है? इसमें अभी तक कितनी राशि का आहरण किया जा चुका है एवं कितने प्रतिशत मार्ग निर्मित हुआ है? (ख) उपरोक्त मार्ग में विलंब के लिए दोषी अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा? यह मार्ग कब तक पूर्ण होगा? (ग) मेरे पत्र क्रमांक 81-82/वि./24-3-17 एवं 266/दि. 28/8/17 से कार्यापालन यंत्री लोक निर्माण विभाग बड़वानी को सड़क निर्माण की स्वीकृति हेतु भेजे प्रस्ताव पर प्रश्न दिनांक तक की गई कार्यवाही से अवगत करावें। इस संबंध में हुए समस्त पत्राचार की छायाप्रति देवें। (घ) उपरोक्त पत्रों में उल्लेखित सड़क निर्माण कार्यों की स्वीकृति कब दी जायेगी? साथ ही बतावें कि लो.नि.वि. बड़वान के पत्र क्रमांक 5381-82/25-10-2017 पर अभी तक क्या कार्यवाही की गई है? इस मार्ग को बजट में कब तक सम्मिलित कर लिया जावेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) वन विभाग से अनुमति न मिलने एवं पूर्व आवंटित ठेका निरस्त होने के कारण। रूपये 578.27 लाख का व्यय तथा 45 प्रतिशत कार्य पूर्ण। (ख) कोई अधिकारी दोषी नहीं। जनवरी 2018 तक पूर्ण करना लक्षित है। (ग) माननीय विधायक के पत्र क्रमांक 81-82/वि/24.3.2017 एवं 266 दिनांक 28.8.2017 के संबंध में कार्यपालन यंत्री, लोक निर्माण विभाग, बड़वानी द्वारा अधीक्षण यंत्री, लोक निर्माण विभाग खण्डवा को बजट में शामिल करने हेतु क्रमश: पत्र क्रमांक 5942 दिनांक 24.11.2017 एवं 5944 दिनांक 24.11.2017 लिखा गया है। लोक निर्माण विभाग द्वारा प्रदत्त उक्त पत्रों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं 'ब' अनुसार हैं। (घ) लोक निर्माण विभाग द्वारा समय-सीमा नहीं दी गई है। अधीक्षण यंत्री लोक निर्माण विभाग खण्डवा द्वारा पत्र क्रमांक 4281 दिनांक 23.11.2017 द्वारा मुख्य अभियंता लोक निर्माण विभाग (प/प), इंदौर को बजट में सम्मिलित करने हेतु पत्र प्रस्तुत किया गया। लोक निर्माण विभाग द्वारा प्रदत्त उक्त पत्र की छायाप्रति संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है।
पर्यटन स्थलों का विकास
[धार्मिक न्यास और धर्मस्व]
66. ( क्र.
2203 ) श्री
बहादुर सिंह
चौहान : क्या
खेल और युवा
कल्याण
मंत्री
महोदया यह बताने
की कृपा
करेंगी कि (क) महिदपुर
वि.स. क्षेत्र
के बाबा
रामदेव मंदिर
ग्राम
पाटाखेड़ी
तथा झरावदा
महादेव मंदिर
ग्राम झरावदा
के
जीर्णोद्धार
एवं विकास के
लिये शासन ने
क्या योजना
बनाई है? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) इस
संबंध में कब
तक प्रस्ताव
तैयार किया
जाकर स्वीकृति
प्रदान की
जावेगी?
खेल
और युवा
कल्याण
मंत्री (
श्रीमती
यशोधरा राजे
सिंधिया ) : (क) एवं
(ख) जानकारी
एकत्रित की जा
रही है।
नगर निगम भोपाल द्वारा घोषित पुरुस्कार
[नगरीय विकास एवं आवास]
67. ( क्र. 2204 ) श्री हर्ष यादव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या नगर निगम भोपाल ने सामज सेवी शीतल प्रसाद तिवारी के नाम से पुरूस्कार प्रारंभ किया था? यदि हाँ, तो यह पुरूस्कार कब-कब और किसे दिये गये? (ख) क्या यह पुरूस्कार जारी है या बंद कर दिया गया है? यदि बंद कर दिया गया है यदि हाँ, तो क्या कारण है? (ग) क्या शीतल प्रसाद तिवारी के नाम से पुन: पुरूस्कार प्रारंभ किया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। मान. श्री गौरीशंकर कौशल को 23.09.2009 को पुरूस्कार प्रदान किया गया। (ख) वर्ष 2016-17 एवं 2017-18 के बजट में प्रश्नाधीन पुरूस्कार नहीं रखा गया है। (ग) यह एक प्रशासनिक प्रक्रिया है, निगम परिषद द्वारा यदि निर्णय लिया जाता है, तो पुन: उक्त पुरूस्कार का प्रावधान आगामी बजट में किया जावेगा।
एकांकी सड़क योजना
[नगरीय विकास एवं आवास]
68. ( क्र. 2247 ) श्रीमती इमरती देवी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रश्न (क्रमांक ३३) दिनांक २०-०७-२०१७ में बताया गया कि जावरा जिला रतलाम के रेल्वे फाटक के गांधी चौराहा से होटल वादी तक एकांकी सड़क योजना के उत्तर में बताया गया कि संयुक्त संचालक एवं कार्यपालन यंत्री नगरीय प्रशासन एवं विकास उज्जैन द्वारा की गई जाँच में पाये गये विभिन्न दोषियों पर अनुशासनात्मक कार्यवाही विभागीय जाँच, पेंशन नियमों के तहत कार्यवाही एवं विभागीय जांचे संस्थित की गई थी तो क्या उक्त समस्त जांचें एवं विभागीय कार्यवाहियां पूर्ण कर ली गई हैं? (ख) यदि हाँ, तो किन किन पर क्या-क्या कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, तो कब तक की जावेगी? प्रश्न दिनांक तक की गई कार्यवाही की प्रगति का विस्तृत विवरण देवें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी नहीं, विधान सभा प्रश्न क्रमांक 33 दिनांक 20/07/2017 के उत्तर में बताया गया है, कि जावरा जिला रतलाम में रेल्वे फाटक के गांधी चौराहा से होटल वादी तक एकांकी सड़क योजना के प्रकरण की जाँच संयुक्त संचालक एवं कार्यपालन यंत्री, नगरीय प्रशासन एवं विकास, उज्जैन संभाग उज्जैन के द्वारा की गयी है, जिसमें तत्कालीन अध्यक्ष, श्री युसुफ कड़प्पा एवं तत्कालीन मुख्य नगरपालिका अधिकारी, श्री कैलाश सिंह गेहलोत उत्तरदायी पाये गये थे, श्री कैलाश सिंह गेहलोत की मृत्यु हो चुकी है एवं तत्कालीन अध्यक्ष, श्री युसुफ कड़प्पा के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही प्रचलित है। (ख) उत्तरांश ''क'' अनुसार जाँच में पाये गये दोषियों पर विभागीय कार्यवाहियां प्रचलित है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
पोहरी विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत ग्रामीण सड़कें
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
69. ( क्र. 2252 ) श्री प्रहलाद भारती : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पोहरी विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत विगत तीन वर्षों में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना एवं सुदूर सड़क योजनांतर्गत कितनी-कितनी लागत तथा लंबाई की कौन-कौन सी सड़के स्वीकृत हुई है? सड़कवार जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में कौन-कौन सी सडकों का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है? कौन-कौन सी सडकों का निर्माण स्वीकृति उपरान्त आज दिनांक तक अपूर्ण हैं? उक्त सड़कों का निर्माण कब तक पूर्ण कर लिया जावेगा? ऐसी सडकें कौन-कौन सी हैं, जिनका निर्माण कार्य आज दिनांक तक प्रारंभ नहीं हुआ है व निर्माण कार्य कब से प्रारंभ कर दिया जावेगा? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में कितनी तथा कौन-कौन सी सड़कें किन-किन योजनाओं के अंतर्गत प्रस्तावित की गई हैं? प्रस्तावित सडकों की स्वीकृति कब तक मिल जाएगी तथा प्रस्तावित सडकों की स्वीकृति प्रक्रिया की अद्यतन स्थिति क्या है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ, 'ब' एवं 'स' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार है। स्वीकृति की दिनांक दिया जाना संभव नहीं है।
सांसद/विधायक निधि से किए जाने वाले कार्य
[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]
70. ( क्र. 2277 ) श्री पुष्पेन्द्र नाथ पाठक : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र बिजावर में अप्रैल 14 से प्रश्न दिनांक तक कितनी विधायक निधि कहाँ–कहाँ, कितनी राशि, किस कार्य हेतु किस एजेंसी को प्रदाय की गई? जानकारी उपलब्ध करायें? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में उपरोक्त कार्यों की प्रश्न दिनांक क्या स्थिति है? (ग) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में क्या सभी अनुसंशित कार्य प्रारंभ हो चुके हैं? यदि नहीं, तो कौन से कार्य प्रारंभ नहीं हुए? (घ) विधायक या सांसद निधि द्वारा प्रदत्त कार्य कितने समय में प्रारंभ करने के निर्देश है? प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित कार्य क्या नियमित समयावधि में प्रारंभ हुए है? नहीं तो क्यों? संबंधित एजेंसी के विरुद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। अप्रारम्भ कार्यों की स्थिति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र विकास योजना की मार्गदर्शिका में मान. विधायक के प्रस्ताव प्राप्त होने के सामान्यतः 30 दिवस में कार्य स्वीकृति के निर्देश है, परन्तु ऐसे निर्माण कार्य जो कि वित्तीय वर्ष के अंत में स्वीकृत हुये है। और राशि के आहरण न होने से प्रारम्भ नहीं हुये है। अतः शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
भ्रष्टाचार की समिति गठित कर जाँच एवं कार्यवाही
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
71. ( क्र. 2348 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रीवा जिले के रीवा विकासखण्ड स्थित ग्राम पंचायत बरा में सरपंच, सचिव, रोजगार सहायक, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत रीवा के संरक्षण सहयोग से ओ.डी.एम. घोषित ग्राम पंचायत में शौचालय का निर्माण शेष के साथ विभिन्न एजेन्सियों के माध्यम से एक ही परिवार के नाम बदल-बदल कर कई बार भुगतान कराया गया, इतना ही नहीं प्रधानमंत्री आवास योजना में अपात्र एवं ग्राम निवासी नहीं होने पर भी काल्पनिक नाम जोड़कर भारी भ्रष्टाचार किया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में श्री रामदयाल पिता श्री तिलकधारी प्रसाद निवासी ग्राम बरा कोठार नौ स्वदेश दैनिक पत्र द्वारा दिनांक 15 अगस्त 2017 में एवं अन्य दिनांक को तथा अन्य दैनिक समाचार पत्रों में प्रकाशित किया गया? प्रश्नकर्ता द्वारा भी कलेक्टर रीवा से जाँच कराने के पत्र पर एवं समग्र स्वच्छता मिशन अन्तर्गत रीवा जनपद द्वारा जारी राशि की जानकारी हेतु कलेक्टर एवं सी.ई.ओ. जिला पंचायत को पत्र लिखने पर एवं स्मरण पत्र पर भी जानकारी प्रदान नहीं की गई? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के प्रकाश में प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? कार्यवाही की प्रति उपलब्ध करावें? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के प्रकाश में सी.ई.ओ. जनपद पंचायत रीवा एवं अन्य पर कब तक कार्यवाही की जावेगी? नहीं की जावेगी तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। जी नहीं। (ख) प्रश्नांश का संबंध श्रीमती रश्मि पति श्री रामदयाल विश्वकर्मा के प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत किये जाने से है। श्रीमती रश्मि विश्वकर्मा को पात्रता अनुसार प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत किया गया है। मान. विधायक द्वारा प्रेषित पत्र दिनांक 23.08.2017 के संदर्भ में जनपद पंचायत रीवा के पत्र क्र. 716-2 दिनांक 16.11.2017 से जानकारी प्रदाय की गई है। माननीय विधायक महोदय के पत्र दिनांक 12.10.2017 के संदर्भ में जनपद पंचायत रीवा के पत्र क्रमांक 716 दिनांक 16.11.2017 से वांछित जानकारी के स्वरूप को संक्षिप्त करने का अनुरोध मान. विधायक महोदय से किया गया है। (ग) उत्तरांश-ख अनुसार कार्यवाही की गई है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) उत्तरांश 'क', 'ख' एवं 'ग' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत शौचालयों का निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
72. ( क्र.
2354 ) श्री
राम लल्लू
वैश्य : क्या
नगरीय विकास
एवं आवास
मंत्री
महोदया यह
बताने की कृपा
करेंगी कि (क) नगर
पालिका जिला
सिंगरौली के
अंतर्गत
किन-किन
वार्डों में
शौचालय का
निर्माण
कराया गया है? नाम
सहित जानकारी
देवें और यह
भी बतायें कि
किन-किन
वार्डों को
ओ.डी.एफ. में
सम्मिलित
किया गया है? (ख) शेष
कितने वार्ड
शौचालय विहीन
है उसकी भी
सूची देवें?
नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री (
श्रीमती माया
सिंह ) : (क) जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट
अनुसार है। 1 से 45
वार्डों को
ओ.डी.एफ. घोषित
किया गया है। (ख)
जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट
अनुसार है।
दोषियों के विरूद्ध आपराधिक प्रकरण दर्ज कराने एवं राशि वसूली
[वन]
73. ( क्र. 2373 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सतना जिले के मुकुन्दपुर में निर्माणाधीन मुकुन्दपुर जू एवं रेस्कूयू सेंटर के निर्माण कार्यों में शासन के नियमों एवं प्रक्रिया का पालन न कर पी.डब्लू.डी. की प्रचलित सी.एस.आर. दर से अधिक दरों की विशेष स्वीकृति कर सभी भुगतान दो व्यक्तियों श्री पुष्पेन्द्र रीवा एवं भरत सिंह चोरगढ़ी को किये गये? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में वित्तीय वर्ष 2012-2013 से जुलाई 2014 तक के कार्यों के रूपये 1000/- से ऊपर से कुल 16,21 प्रमाणकों में 363 प्रमाणक भरत सिंह चोरगड़ी के थे, जिनको 1424 लाख का अनियमित भुगतान किया गया, मजदूरी का भुगतान भी इन्हीं से कराया गया जिस पर करारनामा का निष्पादन भी नहीं कराया गया तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के निर्माण में उपयोग की गई सामग्री हेतु कोई सुनिश्चित व्यवस्था स्थापित नहीं की गई बल्कि अधिकारियों एवं ठेकेदारों के बीच दुरभि संधि कर राशि का गबन किया गया। क्या लघु निगम से क्रय की जाने वाली सामग्री के अलावा अन्य किसी भी क्रय में कार्यादेश जारी नहीं किये गये अगर क्रय आदेश दिए गए तो प्रति देते हुए बतावें? (घ) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) के कार्य हेतु सक्षम अधिकारियों से प्राप्त प्रशासकीय अनुमोदन की प्रति देवें। मध्यप्रदेश वित्तीय संहिता भाग 1 के नियम 174 नियम के अनुसार निर्माण कार्य नहीं हो सकता है, क्या प्रत्येक प्रकरण हेतु प्रशासकीय अनुमोदन प्राप्त कर लिया गया है? (ड.) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) के तारतम्य में निर्माण कार्य की जाँच मुख्य वन संरक्षक श्री अरूण कुमार द्वारा की गई जिस पर उपरोक्त अनियमिततायें प्रमाणित हुई, परंतु संबंधितों से राशि वसूली के साथ आपराधिक प्रकरण दर्ज न कर भुगतान किया जा रहा है वर्ष 2014 के बाद किन-किन को कितनी-कितनी राशि का भुगतान नियम विपरित किया गया तो किन-किन को वनमंडल अधिकारी सतना एवं मुख्य वनसंरक्षक रीवा को दिनांक 29/09/2017 पत्र क्रमांक 990 द्वारा प्रमाणक सहित जानकारी चाही गयी जा अपेक्षित है तो क्यों?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) प्रथम दृष्ट्या निर्माणकार्य एवं सामग्री के क्रय में शासन के नियमों एवं प्रक्रियाओं तथा वित्तीय शक्तियों का पूर्ण रूप से पालन नहीं किया गया जिसके कारण तत्कालीन वन संरक्षक सतना एवं तत्कालीन मुख्य वन संरक्षक रीवा के विरूद्ध आरोप पत्र जारी किया गया है। यह भी सही है कि कुछ कार्यों हेतु विशेष परिस्थितयों को दृष्टिगत रखते हुये पी.डब्लू.डी. की सी.एस.आर. दर से हटकर मुख्य वन संरक्षक को प्राप्त वित्तीय अधिकारों के अंतर्गत कार्य कराया गया है। (ख) 363 प्रमाणकों का जहां तक प्रश्न है आहरण एवं संवितरण अधिकारी द्वारा कार्यों के सत्यापन उपरांत एवं वन परिक्षेत्राधिकारी मुकुन्दपुर के द्वारा भुगतान किया गया है। मजदूरी भुगतान हेतु करारनामा निष्पादित करने की कोई प्रक्रिया प्रचलन में नहीं है। (ग) मुकुन्दपुर जू एवं रेस्क्यू सेंटर के निर्माण में उपयोग होने वाला मटेरियल/सामग्री हेतु टेण्डर प्रक्रिया का पालन कर सफल निविदाकार से संबंधित मटेरियल/सामग्री प्राप्त की गई है। चल रहे कार्यों की गुणवत्ता निश्चित करने हेतु अथवा क्रय किये गये मटेरियल की गुणवत्ता परीक्षण हेतु प्रथम दृष्ट्या कोई सुनिश्चित व्यवस्था स्थापित नहीं की गई है इस हेतु तत्कालीन वनमण्डलाधिकारी सतना एवं तत्कालीन मुख्य वन संरक्षक, रीवा के विरूद्ध आरोप पत्र जारी किया गया है, जो अभी भी जांचाधीन है। जाँच निष्कर्ष प्राप्त होने के पश्चात् ही अधिकारी एवं ठेकेदार के बीच दुरंभि संधि स्थापित होने का प्रश्न उठ सकता है। सफल निविदाकारों से उपयोग होने वाली सामग्री का कार्यादेश नियमानुसार जारी किये गये हैं, जिसकी प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) वन्यप्राणी सह उपचार केन्द्र मुकुन्दपुर का मास्टर प्लान चिडि़याघर प्राधिकरण दिल्ली की 22 मार्च 2013 की 65वीं बैठक के उपरान्त दिनांक 11.04.2013 को अनुमोदित होने पर व बजटीय व्यवस्था शासन द्वारा किये जाने पर ही कार्य प्रारंभ किया गया है। (ड.) जी हाँ। जू सेन्टर मुकुन्दपुर के कार्यों का त्वरित गति से सम्पादन करने में हुई वित्तीय अनियमितता एवं प्रक्रियात्मक शिथिलता प्रकाश में आने पर तत्कालीन वनमण्डलाधिकारी, सतना को क्रियान्वयन हेतु एवं तत्कालीन मुख्य वन संरक्षक, रीवा द्वारा कार्यों पर पर्याप्त नियंत्रण न रखने एवं उनके स्तर से प्रशासकीय/सुधारात्मक कार्यवाही नहीं किये के कारण उनके विरूद्ध आरोप पत्र जारी किया गया है। यह कथन सही नहीं है कि यह अपराधिक एवं गबन का प्रकरण है। अत: यह भी सही नहीं है कि अपराध पंजीबद्ध होना चाहिए। वर्ष 2014 के बाद आज दिनांक तक किसी भी को नियम विरूद्ध भुगतान वनमंडलाधिकारी, सतना द्वारा नहीं किया गया है। माननीय विधायक महोदय का पत्र क्रमांक-900, दिनांक 29.09.2017 वनमंडलाधिकारी, सतना तथा मुख्य वन संरक्षक, रीवा के कार्यालय में आना नहीं पाया गया। पत्र प्राप्त होने पर माननीय विधायक महोदय द्वारा चाही जा रही जानकारी उपलब्ध करा दी जावेगी।
दोषियों पर कार्यवाही करना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
74. ( क्र. 2374 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधान सभा प्रश्न क्रमांक 1404 दिनांक 22 जुलाई, 2016, प्रश्न क्रमांक 4915 (83) दिनांक 17/03/2016 एवं विधान सभा प्रश्न क्रमांक 7405 दिनांक 28/03/2017 के माध्यम से जनपद पंचायत रायपुर कर्चुलियान में परफारमेन्स ग्रान्ट की राशि/राज्य वित्त आयोग की राशि के आवंटन में शासन के जारी आदेश निर्देश का पालन न करते हुए मनमानी तरिके से राशि का बंदरबाट कर राशि का गबन किया गया औपचारिक जाँच कराकर दोषियों को बचाया जा रहा है, जाँच अधिकारियों द्वारा शासन के आदेशों का परिसीलन कर जाँच की गई एवं जाँच में शासन के तथ्यों का उल्लेख किया गया। किया तो जाँच की प्रति देते हुए बतावें? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में जनपद पंचायत रायपुर कर्चुलियान के पत्र क्रमांक 306 दिनांक 09/11/2016 के द्वारा सहायक यंत्री मनरेगा को सामान्य सभा के पारित निर्णय दिनांक 04/11/2016 के अनुसार वर्ष 2016-17 के राशि के आवंटन हेतु तकनीकी स्वीकृत बावत् लिया गया जिसमें फेब्रिकेटेड यात्री प्रतिक्षालय हेतु तकनीकी स्वीकृति चाही गई क्या यह स्वीकृति विधिसंगत थी? (ग) प्रश्नांश (ख) के प्रस्ताव को पुन: बदलकर 23/01/2017 को पत्र सहायक यंत्री को क्रमांक 1415 दिनांक 28/02/2017 के माध्यम से 02 लाख 70 हजार के यात्री प्रतिक्षालय की तकनीकी स्वीकृत चाही गई? (घ) प्रश्नांश (ख) एवं (ग) के प्रस्तावों को पंचायत राज्य अधिनियम के विपरीत बदलने की कार्यवाही के साथ यात्री प्रतिक्षालय की जगह लोहे के बने यात्री प्रतिक्षालय के निर्माण कराकर राशि का गबन किया गया जबकि मुख्य अभियन्ता ग्रामीण यात्रिकी सेवा द्वारा पत्र क्रमांक 1278 दिनांक 23/03/2017 के माध्यम से यात्री प्रतिक्षालय का प्राक्कलन 02 लाख 50 हजार रूपये का जारी किया गया इस अनियमितता के संबंध में आयुक्त राजस्व रीवा संभाग, कलेक्टर रीवा एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी रीवा को (16/10/2017 एवं 23/09/2017) लिखा गया, कार्यवाही आपेक्षित हैं? (ड.) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) के तथ्यों के आधार पर जाँच कराकर दोषियों के विरूद्ध राशि के गबन के लिए दोषी मानकर आपराधिक प्रकरण के साथ राशि की वसूली करावेंगे? अगर हाँ तो कब तक अगर नहीं तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। प्रशासनिक प्रक्रिया के तहत जाँच अधिकारियों द्वारा तथ्यों की विधिवत जाँच की जाकर उनके द्वारा जाँच प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया है। जाँच प्रतिवेदन की प्रति संलग्न परिशिष्ट पर है। किसी को बचाया नहीं गया है। जाँच प्रतिवेदन के आधार पर प्रशासकीय राशि का किसी प्रकार से बंदरवाट एवं गबन किया जाना नहीं पाया गया है। (ख) जी हाँ। फ्रेबिकेट यात्री प्रतिक्षालय की तकनीकी स्वीकृति विधि संगत जारी की गई है। (ग) जी हाँ। (घ) जी नहीं। जी हाँ। मुख्य अभियंता ग्रामीण यांत्रिकी सेवा द्वारा दिनांक 23.03.2017 को यात्री प्रतिक्षालय का मानक प्राक्कलन 2.50 लाख का जारी किया गया था किन्तु उसके पूर्व ही दिनांक 28.02.2017 को यात्री प्रतिक्षालय सहित निर्माण कार्यों की तकनीकी एवं प्रशासकीय स्वीकृति जारी हो जाने से इसके संबंध में कोई कार्यवाही अपेक्षित नहीं है। (ड.) उत्तरांश 'क', 'ख', 'ग', 'घ' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
संजय दुबरी टाईगर रिजर्व क्षेत्र में विस्थापन
[वन]
75. ( क्र. 2378 ) श्री कुंवर सिंह टेकाम : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टाईगर रिजर्व क्षेत्र से प्रभावित परिवारों के विस्थापन हेतु शासन के क्या नियम, पुनर्वास नीति 2007 एवं भू-अर्जन अधिनियम 2013 तथा पेशा एक्ट 1996 के अंतर्गत किया जा रहा है? यदि हाँ, तो नियम, नीति एवं अधिनियम की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में सीधी जिले के अतंर्गत संजय दुबरी टाईगर रिजर्व क्षेत्र में कितने प्रभावित परिवार है? सूची उपलब्ध कराये। प्रभावित परिवारों के विस्थापन हेतु फर्जी ग्रामसभा के द्वारा अनुमोदन कराकर जो प्रतिकर की राशि प्रदान किया जाना था वह नहीं किया गया है? विस्थापित परिवारों की सूची मय प्रतिकर राशि सहित उपलब्ध करायें तथा ऐसे प्रभावित परिवार जिन्हें प्रतिकर की राशि प्रदाय किये बिना ही विस्थापित किये गये हैं? उनकी सूची उपलब्ध करावें? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में नियम विरूद्ध विस्थापन की कार्यवाही तथा बगैर पूर्व सूचना के ही अप्रैल, 2017 में ग्राम सुहिरा, चाफल, आगाझारिया, हथबंधा, दुधमनिया, भैंसाडोल एवं बहेरवार के प्रभावित परिवारों के घरों को जबरन गिराकर बेघर किया गया? यदि हाँ, तो इसके लिए दोषी अधिकारी/कर्मचारी कौन हैं तथा उनके विरूद्ध अब तक क्या कार्यवाही की गयी है? यदि नहीं, की गयी तो क्यों? कारण बतायें? उनके विरूद्ध कब तक कार्यवाही की जावेगी? समय-सीमा बतायें? (घ) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में जिन प्रभावित विशेष बैगा, जनजाति, परिवारों को प्रतिकर की राशि नहीं दिया गया है, उन्हें कब तक प्रतिकर की राशि प्रदान कर दी जावेगी? समय-सीमा बतावें? क्या उपरोक्त संदर्भ में प्रभावित परिवारों एवं मेरे द्वारा माननीय मुख्यमंत्री वनमंत्री, प्रमुख सचिव (वन) कलेक्टर सीधी, पुलिस अधीक्षक सीधी (म.प्र.) को पत्र प्रेषित कर न्याय दिलाने हेतु अनुरोध किया गया था? यदि हाँ, तो तत्संबंध में अभी तक क्या कार्यवाही की गयी है? की गयी कार्यवाही की प्रति उपलब्ध करायें। यदि नहीं, तो कारण बतायें?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) संरक्षित क्षेत्र से ग्रामों का पुनर्स्थापन म.प्र. शासन वन विभाग भोपाल द्वारा वर्ष 2008 में जारी दिशा-निर्देशों के तहत किया जाता है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) संजय दुबरी टाइगर रिजर्व में प्राथमिक सर्वेक्षण अनुसार 7119 परिवार निवासरत है। ग्रामवार, परिवार संख्या की सूची जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। जो ग्राम पुनर्स्थापित हुये है, उन सभी में जिला कलेक्टर द्वारा पात्रता निर्धारण समिति का गठन किया गया था। ग्राम सभा की बैठक, उपखण्ड स्तरीय बैठक तथा कलेक्टर, जिला-सीधी द्वारा जिला स्तरीय बैठक की तिथि से सदस्यों को विधिवत सूचना दिये जाने के पश्चात बैठक सम्पन्न हुई। बैठक में अनुमोदन उपरान्त कलेक्टर, जिला-सीधी द्वारा पारित अवार्ड में दर्शाये अनुसार राशि जिला कलेक्टर के खाते में उपलब्ध कराई गई तदोपरांत प्रतिकर की निर्धारित राशि का हस्तान्तरण कलेक्टर कार्यालय से हितग्राहियों के खातों में किया गया। प्रदायित राशि की जानकारी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। फर्जी ग्राम सभा द्वारा अनुमोदन कराने अथवा पात्र हितग्राहियों को प्रतिकर की राशि प्रदाय किये बिना विस्थापन किये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) संजय दुबरी टाइगर रिजर्व क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम-सुहिरा, चाफल, आगरझिरिया, हथिबंधा, दुधमनिया, भैंसाडोल एवं बहेरवार ग्रामों के परिवारों को कलेक्टर, जिला-सीधी द्वारा पारित अवार्ड अनुसार राशि उनके खातों में हस्तान्तरण किये जाने के 06-09 माह के पश्चात भी संजय टाइगर रिजर्व की भूमि छोड़कर अन्यत्र न बसने के फलस्वरूप एवं नवम्बर 2016 में बेदखली नोटिस जारी करने के उपरान्त भी अन्यत्र न बसने के कारण कलेक्टर, जिला-सीधी की अध्यक्षता में दिनांक 11.04.2017 को जिला स्तरीय बैठक में लिये गये निर्णय अनुसार अप्रैल 2017 में विस्थापन की कार्यवाही की गई। अतः स्पष्ट है कि ग्रामवासियों को 06 से 09 माह की सूचना थी जबकि नियम में 01 माह की अवधि ही निर्धारित है। अतः विस्थापन की कार्यवाही नियम विरूद्ध होने, बगैर पूर्व सूचना के ग्रामों को पुनर्स्थापित करने की बात तथ्यात्मक नहीं है। ग्राम भैंसाडोल के अधिकांश निवासी पुनः मूल गांव में निवास कर रहे हैं। शेष पुनर्स्थापित ग्रामों के निवासी शांतिपूर्वक नवीन स्थलों पर रह रहे है। अतः प्रभावित परिवारों को जबरन बेघर करने अथवा किसी अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध कार्यवाही करने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) कलेक्टर, जिला-सीधी द्वारा पारित अवार्ड में दर्शाये अनुसार पात्र परिवारों को प्रतिकर की जो राशि प्रदाय किया जाना था वह सम्पूर्ण राशि संबंधित परिवारों के खातों में जमा की गई है। अपात्र पाये गये परिवारों को राशि का भुगतान नहीं किया जा सकता। माननीय विधायक विधान सभा क्षेत्र धौहनी द्वारा संजय दुबरी टाइगर रिजर्व के विस्थापितों के संबंध की गई शिकायत की जाँच अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यप्राणी) म.प्र. भोपाल द्वारा दिनांक 13.05.17 से 15.05.17 को की गई थी। तदोपरांत प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यप्राणी) कार्यालय द्वारा प्रतिवेदन शासन को पत्र क्रमांक/मा.चि./शिका./11-5 (132)/4780 दिनांक 19.07.2017 द्वारा प्रेषित किया गया है, जिसकी प्रति जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है।
ग्रामीण यांत्रिकी विभाग के द्वारा निर्माण कार्य कराया जाना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
76. ( क्र. 2379 ) श्री कुंवर सिंह टेकाम : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीधी जिले के अंतर्गत ग्रामीण यांत्रिकीय विभाग के द्वारा वर्ष 2014-15, 2015-16, 2016-17 में कितने निर्माण कार्य स्वीकृत/निर्माण कराये गये। पूर्ण जानकारी स्वीकृत/व्यय राशि सहित बताएं? (ख) प्रश्नांश (क) कें संदर्भ में कितने निर्माण कार्यों को पूर्ण कराया गया एवं कितने निर्माण कार्य अधूरे हैं? सूची उपलब्ध करायें। (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में अपूर्ण कार्यों को कब तक पूर्ण कराया जावेगा? (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में अधूरे कार्यों के लिए जिम्मेदार कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी है, उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई है? जानकारी देवें। यदि नहीं, तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) सीधी जिले में प्रश्नांकित अवधि में 82 कार्य स्वीकृत होकर 57 कार्य पूर्ण कराये गये। स्वीकृत कार्य की राशि रूपये 2330.164 लाख तथा व्यय रूपये 1167.963 लाख है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) अपूर्ण कार्यों को इस वित्तीय वर्ष में पूर्ण करने का लक्ष्य है। (घ) अपूर्ण कार्यों में विभागीय अधिकारी/कर्मचारी की जिम्मेदारी की स्थिति न होने से शेष प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होता।
डामरीकृत सड़क नहीं होने वाले ग्रामों की संख्या
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
77. ( क्र. 2397 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खातेगांव विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत कौन-कौन से ग्राम हैं, जहां पर डामरीकृत मार्ग नहीं है? उनकी संख्या बतावें। (ख) क्या खातेगांव विधान सभा क्षेत्र के निम्नांकित ग्रामों के मार्ग जैसे (1) किलोदा से बुरूट (2) पुरोनी से जियागांव (3) कन्नौद से दावतपुरा (4) दुधबाद से नयापुरा एवं (5) पांगरा से भेसून तक के मार्ग प्रस्तावित है? (ग) अगर उक्त ग्रामों के डामरीकृत मार्ग बनाये जाने हेतु स्वीकृति प्राप्त है, तो निर्माण कार्य कब से शुरू होगा? (घ) उक्त डामरीकृत विहीन ग्रामों के मार्ग निर्माण हेतु अगर विभाग द्वारा प्रस्ताव नहीं भेजे गये हैं, तो क्यों नहीं भेजे गये हैं?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) 48 मार्ग जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जी नहीं। (ग) उत्तरांश ''ख'' के संदर्भ में प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।
सड़क निर्माण व संधारण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
78. ( क्र. 2406 ) श्री दिनेश राय (मुनमुन) : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिले की प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना की कौन-कौन सी सड़कें असंधारित है? उक्त योजना के सिवनी जिले के मार्गों की विधानसभावार भौतिक स्थिति से अवगत कराया जावे? सिवनी विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2017 में स्वीकृत की गई कौन-कौन सी सड़कें निर्माणाधीन है एवं उन पर कितना व्यय हुआ? (ख) विगत 03 वर्षों में सिवनी विधानसभा क्षेत्र में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना अन्तर्गत निर्मित मार्गों के रखरखाव पर कितना व्यय किया गया? (ग) सिवनी विधानसभा क्षेत्र में कितनी सड़कों का मरम्मत कार्य किया जा रहा है? सूची उपलब्ध करावें एवं जिन मार्गों में मरम्मत कार्य नहीं कराया जा रहा है उन पर कब प्रारंभ किया जावेगा? (घ) सिवनी विधानसभा क्षेत्र में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अन्तर्गत वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक कुल कितने मार्गों का निर्माण पूर्ण हुआ है, इन मार्गों के नवीनीकरण हेतु क्या प्रावधान है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं 'ब' अनुसार हैं। सिवनी विधानसभा क्षेत्रांतर्गत वर्ष 2017-18 में कोई मार्ग स्वीकृत नहीं हुआ। (ख) विगत 03 वर्षों में सिवनी विधानसभा क्षेत्र में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना अंतर्गत निर्मित मार्गों के रखरखाव पर रूपये 1035.37 लाख का व्यय किया गया है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार हैं। (घ) कुल 41 मार्गों का निर्माण पूर्ण कराया गया है। मार्ग पर पाँच वर्षीय संधारण अवधि पूर्ण होने के पश्चात् बी.टी. नवीनीकरण का प्रावधान है।
वन विभाग द्वारा बनाए गए प्रकरणों की जानकारी
[वन]
79. ( क्र. 2456 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा संभाग के अंतर्गत वन विभाग द्वारा अवैध रूप से लकड़ी परिवहन, चोरी, अवैध कटाई एवं वाहनों की जप्ती, रायल्टी चोरी के कितने प्रकरण दिनांक 01/01/2016 से प्रश्न दिनांक तक बनाए गए। प्रकरणों की संख्या जिलेवार दें? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकरणों में से कितने प्रकरणों का निराकरण कर दिया गया कितने प्रकरण निराकरण हेतु शेष है तथा कितने प्रकरण न्यायालय में दायर किये गये? प्रकरणों की संख्या जिलेवार दें? (ग) प्रश्नांश (क) के संभाग में पदस्थ अधिकारी एवं कर्मचारियों का दिनांक 01/01/2016 से प्रश्न दिनांक तक किस-किस के विरूद्ध किस-किस के द्वारा कब-कब शिकायतें की गई है? शिकायतवार कार्यवाहीवार विवरण दें तथा किसके द्वारा जाँच की जा रही है वह भी बताएं? जिनकी जाँच पूर्ण कर ली गई है उनमें कौन-कौन दोषी पाए गए? विभाग द्वारा उन पर क्या कार्यवाही की गई बताएं? यदि नहीं, की गई तो कब तक करेंगे?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) से (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ, 'ब', 'स' अनुसार है।
विधवाओं को पेंशन स्वीकृति में BPL की आवश्यकता
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
80. ( क्र. 2478 ) श्रीमती प्रतिभा सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश की विधवा महिलाओं को सामाजिक सुरक्षा पेंशन स्वीकृत करने में बी.पी.एल. श्रेणी से मुक्त किया गया है? यदि हाँ, तो कब, किस आदेश के द्वारा? उक्त आदेश जबलपुर जिले एवं विकासखण्डों में लागू हुआ या नहीं? (ख) जबलपुर जिले के शहपुरा एवं जबलपुर विकासखण्ड की कितने गांवों की विधवा महिलाओं को जो बी.पी.एल. श्रेणी में नहीं आती को सामाजिक सुरक्षा पेंशन स्वीकृत की गयी है? ग्रा.पं.वार अक्टूबर 2017 की स्थिति में बताएं? यदि पेंशन स्वीकृत नहीं की गयी तो कब तक की जावेगी? लंबित आवेदनों की संख्या भी विकासखण्डवार बताएं?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहींI शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता I (ख) प्रश्नांश ''क'' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता I
सीवर लाइन के निर्माण से जर्जर हुयी सड़क निर्माण कराने
[नगरीय विकास एवं आवास]
81. ( क्र. 2480 ) श्रीमती प्रतिभा सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या जबलपुर नगर निगम के महराजा अग्रसेन वार्ड के अंतर्गत अहिंसा चौक से स्टेट बैंक कॉलोनी तक की सड़क सीवर लाइन की खुदाई, भारी अर्थ मूविंग मशीनों के आवागमन से अत्यंत जर्जर हो गयी है उक्त सड़क के नाले की स्लेब का स्टील नजर आने लगा है? विजय नगर से जानकी नगर, शिक्षक कालोनी, जगदम्बा कालोनी सरस्वती कालोनी के निवासियों के मुख्य बाजार फुहारा कोतवाली आवागमन का प्रमुख लिंक रोड है? (ख) क्या शासन उक्त जर्जर मार्ग का निर्माण शीघ्र करायेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी नहीं, अपितु यह सड़क वर्ष 2005 में निर्मित हुई थी। सड़क पर बहुत अधिक यातायात होने से जर्जर हुई है। सड़क के मरम्मत की कार्य योजना तैयार की गई है। जी हाँ। जी हाँ। (ख) नगर पालिक निगम, जबलपुर द्वारा सड़क के मरम्मत की कार्ययोजना तैयार की जा रही है।
खेल मैदान का निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
82. ( क्र. 2485 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग की योजना के अंतर्गत प्रत्येक तहसील मुख्यालय एक सुव्यवस्थित स्टेडियम बनाने का प्रावधान किया गया है? यदि किया गया है तो म.प्र. में कितनी जगह स्टेडियम बनाये जाना है? (ख) क्या विभाग द्वारा म.प्र. में कुछ निश्चित स्थानों पर स्टेडियम निर्माण हेतु राशि स्वीकृत करके निर्माण कार्य करवाया गया है? यदि हाँ, तो ऐसे स्थानों की जानकारी से अवगत करायें? (ग) खातेगांव विधान सभा क्षेत्र के नगर कन्नौद, खातेगांव और नेमाबर में स्टेडियम निर्माण के लिये जगह का एवं राशि का आवंटन प्रस्तावित है? (घ) यदि हाँ, तो कब तक जमीन आवंटन एवं राशि स्वीकृति की कार्यवाही पूर्ण हो सकेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) विभाग अंतर्गत विधानसभा (ग्रामीण) क्षेत्रांतर्गत एक स्टेडियम बनाए जाने की योजना है। स्वीकृत स्टेडियम की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) खातेगांव विधानसभा क्षेत्रांतर्गत ग्राम पंचायत बच्चखाल में स्टेडियम का निर्माण स्वीकृत होकर निर्माणाधीन है। कन्नौद, खातेगांव और नेमाबर में स्टेडियम के कार्य हेतु जगह एवं राशि का आवंटन प्रस्तावित नहीं है। (घ) उत्तरांश ‘ग’ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है।
शौचालय निर्माण में अनियमिततायें
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
83. ( क्र. 2510 ) श्री मानवेन्द्र सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला छतरपुर के जनपद पंचायत नौगांव, लवकुशनगर, गौरिहार में स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण, शौचालय निर्माण) में अनियमितता से संबंधित कितनी शिकायतें प्राप्त हुई? प्राप्त शिकायतों में क्या-क्या कार्यवाही हुई? जनपदवार जानकारी देवें। (ख) जिला पंचायत छतरपुर का पत्र क्र. 2546/ शिकायत/जि.पं./2017 छतरपुर दिनांक 18.07.2017 में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत नौगांव को जारी किये गए पत्र की प्रति उपलब्ध करायें। (ग) प्रश्नांश (ख) के पालन में पंचायत समन्वय अधिकारी जनपद पंचायत नौगांव द्वारा ग्राम पंचायत कराठा में शौचालय निर्माण में अनियमितता दिनांक 02.08.2017 में अनियमितताओं से संबंधित मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत नौगांव को प्रतिवेदन दिया? प्रतिवेदन पर क्या कार्यवाही? जानकारी देवें। (घ) अनियमितता करने वाले दोषी पाये जाने वाले अधिकारी कर्मचारियों के विरूद्ध यदि कार्यवाही नहीं हुई है तो क्या सक्षम अधिकारी द्वारा दोषी कर्मचारियों को बचाने का प्रयास किया जा रहा है? यदि हाँ, तो क्या सक्षम अधिकारी के विरूद्ध शासकीय राशि का दुरूपयोग किये जाने वालों पर संरक्षित किये जाने पर कार्यवाही करेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? समय-सीमा बतायें।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (ख) में पत्र क्र. 2546 दिनांक 18.07.2017 का उल्लेख किया गया है। ग्राम पंचायत कराठा की शिकायत से संबंधित मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत नौगांव को प्रेषित किया गया पत्र क्र. 2846 दिनांक 18.07.2017 है। पत्र की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) जी हाँ। उक्त के संबंध में जिला स्तर पर प्राप्त शिकायत के आधार पर जिला स्तर से भी जाँच कराई गई। अनियमितता के संबंध में सचिव एवं रोजगार सहायक ग्राम पंचायत कराठा को दिनांक 21.11.2017 से कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया। उत्तर प्राप्त होने पर गुण दोष के आधार पर कार्यवाही की जावेगी। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
राज्य शासन से जिलों को प्राप्त आवंटन व स्वीकृत निर्माण कार्य
[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]
84. ( क्र. 2511 ) श्री मानवेन्द्र सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला छतरपुर अंतर्गत 25 प्रतिशत, 50 प्रतिशत जनभागीदारी मद से वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक राज्य शासन से जिले को कितना आवंटन प्राप्त हुआ? आहरण आदेशों की प्रति उपलब्ध करायें। (ख) प्राप्त आवंटन से कौन-कौन से कितनी-कितनी राशि के निर्माण कार्य स्वीकृत किये गये? नगरीय, क्षेत्रवार, ग्रामवार कार्यों के नाम का विस्तृत वितरण देवें? (ग) क्या जिले को प्राप्त आवंटन के राशि के मान से अधिक के निर्माण कार्य स्वीकृत किये गये हैं? यदि हाँ, तो क्या स्वीकृत निर्माण कार्य नियमानुसार है? यदि नहीं, तो क्या संबंधित अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही करेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? (घ) प्रश्नकर्ता द्वारा दिनांक 20.03.2017 को सदन में प्रस्तुत याचिका में उल्लेखित निर्माण कार्यों की प्रशासकीय स्वीकृति जारी किये जाने से संबंधित क्या कार्यवाही की गई? जानकारी देवें? यदि स्वीकृति की कार्यवाही नहीं की गई है, तो कब तक की जावेगी?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) वित्तीय वर्ष 2014-15 में से प्रश्न दिनांक तक के आहरण आदेशों एवं प्राप्त आवंटन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (ग) जी हाँ। सभी कार्य नियमानुसार स्वीकृत किये जाने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) दिनांक 20.03.2017 को सदन में प्रस्तुत याचिका के संबंध में कोई पत्र प्राप्त न होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नियम विरूद्ध स्थानांतरण जारी किये जाना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
85. ( क्र. 2512 ) श्री मानवेन्द्र सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला छतरपुर में दिनांक 1 जनवरी,1993 से दिसम्बर, 1996 तक जनपद पंचायत से जिला पंचायत में मध्यप्रदेश जनपद पंचायत कर्मचारी (अर्हता भर्ती तथा सेवा शर्तें) नियम 1976 के नियम 38 उप नियम (4) के तहत किन-किन कर्मचारियों का स्थानांतरण स्वय के व्यय पर किया गया? आदेश की प्रतियाँ उपलब्ध करावें? (ख) 1976 के नियम 38 उपनियम (4) के तहत जनपद पंचायत में पदस्थ किसी भी कर्मचारी को जिले के अंतर्गत जनपद क्षेत्र में ही पदस्थ करने का अधिकार कलेक्टर को प्राप्त है। यदि हाँ, तो क्यों? प्रश्नांश (क) के नियम के तहत जनपद पंचायत के कर्मचारी को जिला पंचायत में पदस्थ किया गया? (ग) यदि नियम विरूद्ध तरीके से स्थानांतरण जारी किये गये हैं। यदि हाँ, तो क्या स्थानांतरित कर्मचारी को जिला पंचायत से पूर्व पदस्थापना स्थान जनपद पंचायत में वापिस किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक? समय-सीमा बतायें। यदि नहीं, तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) प्रश्नाधीन अवधि में केवल एक कर्मचारी का स्थानांतरण स्वयं के व्यय पर किया गया है। आदेश की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। प्रशासकीय आवश्यकता अनुसार। लोकहित में स्थानान्तरण जनपद पंचायत से जिला पंचायत में किया गया था। (ग) म.प्र. जिला पंचायत कार्य नियम,1998 के नियम 24 (सामान्य) के अंतर्गत प्रश्न उपस्थित नहीं होता। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
ग्राम नागली व प्रतापपुरा के मध्य पुल का निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
86. ( क्र. 2522 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्राम पंचायत नागली ब्लॉक इछावर के अंतर्गत कौन-कौन से ग्राम आते हैं तथा उनकी आबादी क्या हैं? (ख) क्या ग्राम पंचायत नागली ब्लॉक इछावर के ग्राम नागली एवं प्रतापपुरा (बामनपुरा) के बीच नदी या नाला स्थित है यदि हाँ, तो ब्यौरा दें। (ग) ग्राम पंचायत नागली के अंतर्गत ग्रामों के आपसी संपर्क के लिए पुल बना हुआ है? यदि हाँ, तो पुल का निर्माण कब और किस मद से बनाया गया था? (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार निर्मित पुल जर्जर हो गया है यदि हाँ, तो इस पुल के सुदृढ़ीकरण के लिए ग्राम पंचायत का प्रस्ताव लंबित है, यदि हाँ, तो पुल का सुदृढ़ीकरण कब तक कर लिया जाएगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) ग्राम पंचायत नागली अंतर्गत 03 ग्राम क्रमशः (1) -नागली आबादी 632 (2) -प्रतापपुरा आबादी 393 एवं (3) -छापरीकरण आबादी 308 है। (ख) जी हाँ। ग्राम नागली एवं प्रतापपुरा (बामनपुरा) के बीच बावडि़याखाल नदी स्थित है। (ग) जी हाँ। वर्ष 2008-09 में सांसद निधि एवं 12वें वित्त आयोग से ग्राम पंचायत द्वारा पाईप पुलिया का निर्माण कराया गया है। (घ) जी हाँ। जी नहीं वर्तमान में क्षतिग्रस्त पुलिया सुदृढ़ीकरण योग्य नहीं है। शेष् प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है।
रोजगार सहायकों की पदों की पूर्ति किया जाना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
87. ( क्र. 2524 ) पं. रमेश दुबे : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में ग्रामीण स्तर पर ग्राम पंचायतों के माध्यम से ग्रामीण विकास विभाग की किन-किन योजनाओं का संचालन होता है? योजनावार उसके क्रियान्वयन व ग्रामीण स्तर पर इनकी प्राथमिक कार्यवाही कौन करता है? क्या इन योजनाओं के क्रियान्वयन में प्राथमिक कार्यवाही करने वाले को कम्प्यूटर का ज्ञान होना आवश्यक हैं? (ख) क्या मध्यप्रदेश के ग्राम पंचायतों में कार्यरत समस्त सचिवों को कम्प्यूटर अथवा सॉफ्टवेयर का ज्ञान हैं? यदि नहीं, तो जिन सचिवों को इसका ज्ञान नहीं है उन ग्राम पंचायतों में योजनाओं का प्राथमिक क्रियान्वयन किस प्रकार से हो रहा हैं? (ग) छिंदवाड़ा जिले में रोजगार सहायकों के कितने पद कब से रिक्त हैं? जनपद पंचायतवार एवं ग्राम पंचायतवार जानकारी दें? (घ) क्या कम्प्यूटर के ज्ञान के आधार पर रोजगार सहायकों की भर्ती हुई थी? जहां पर रोजगार सहायक नहीं है वहां पर योजनाओं के प्राथमिक क्रियान्वयन में कठिनाई हो रही हैं? इस कठिनाई को दूर करने हेतु क्या शासन रोजगार सहायकों के रिक्त पदों की पूर्ति किये जाने का आदेश देगा? नहीं तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) मध्यप्रदेश में ग्रामीण स्तर पर ग्राम पंचायतों के माध्यम से ग्रामीण विकास विभाग की संचालित योजनाओं की जानकारी विभाग के पोर्टल prd.mp.gov.in पर पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 1 अनुसार है। योजनावार उसके क्रियान्वयन व ग्रामीण स्तर पर इसकी प्राथमिक कार्यवाही ग्राम पंचायत के सरपंच, सचिव एवं कुछ योजना में ग्राम रोजगार सहायक द्वारा की जाती है। ग्राम पंचायत स्तर पर ग्रामीण विकास विभाग की समस्त योजना की प्राथमिक कार्यवाही हेतु कम्प्यूटर ज्ञान होना आवश्यक नहीं है। (ख) सभी सचिवों को 21 दिवस का मूलभूत कम्प्यूटर प्रशिक्षण कराया गया है, अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 2 अनुसार है। (घ) जी हाँ। जी नहीं, ग्राम पंचायत के शासकीय कार्य के निर्वहन के लिये सचिव की व्यवस्था पर्याप्त होने से शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
पं. दीनदयाल नगर के संविलियन उपरांत विकास कार्यों के संबंध में
[नगरीय विकास एवं आवास]
88. ( क्र. 2531 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या पं. दीनदयाल नगर का मध्यप्रदेश गृह निर्माण मण्डल द्वारा नगर पालिका परिषद मकरोनिया में कब हस्तांतरण/संविलियन किया गया था? (ख) क्या संविलियन/ हस्तांतरण के समय मध्यप्रदेश हाऊसिंग बोर्ड द्वारा नगर पालिका परिषद मकरोनिया को पं. दीनदयाल नगर के विकास कार्यों हेतु कितनी राशि समायोजित की गई थी? (ग) उपरोक्त राशि से प्रश्न दिनांक तक नगर पालिका परिषद् द्वारा वार्ड में क्या-क्या कार्य कराए गये एवं क्या योजना बनाई गई? (घ) उपरोक्त राशि से आज दिनांक तक यदि विकास कार्य/दैनिक आवश्यकताओं के कार्य नहीं किए हैं तो वार्ड वासियों को हुई असुविधा के लिए कौन उत्तरदायी हैं एवं वार्ड वासियों को उनके प्रदत्त सुविधाओं का लाभ समय पर न मिलने के लिए कौन जिम्मेदार हैं?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) पंडित दीनदयाल नगर का म.प्र. गृह निर्माण मंडल द्वारा दिनांक 08/09/2016 को नगर पालिका परिषद् मकरोनिया में हस्तांतरण किया गया है। (ख) म.प्र. गृह निर्माण एवं अधोसंरचना विकास मंडल द्वारा पंडित दीनदयाल नगर के विकास कार्यों हेतु रूपये 675.00 लाख आवंटित की गई थी। (ग) राशि रूपये 700.00 लाख की अधोसंरचना के विकास कार्य, जलप्रदाय, सीवर लाईन, मुख्य सड़क निर्माण की डी.पी.आर. परीक्षणाधीन है। परीक्षण उपरांत तकनीकी स्वीकृति की कार्यवाही की जावेगी। (घ) निकाय द्वारा मूलभूत सुविधा, प्रकाश, सफाई, जल प्रदाय एवं क्षतिग्रस्त सीवर लाईन की सफाई का कार्य, विशेष दल नियुक्त कर कराया जा रहा है। उत्तरांश (ग) अनुसार विकास कार्यों से संबंधित डी.पी.आर. परीक्षणाधीन होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
89. ( क्र. 2532 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या नगर पालिका मकरोनिया बुजुर्ग में प्रधानमंत्री आवास योजनान्तर्गत 18 वार्डों में निवासरत आवासहीन परिवारों के लिए नगर पालिका द्वारा कोई कार्ययोजना तैयार की गई है? (ख) यदि हाँ, तो वार्ड वासियों को जिनके पास वर्तमान में स्वयं का भूखण्ड या भूमि उपलब्ध हैं तथा उनके स्वामित्व संबंधी यदि कोई दस्तावेज नहीं हैं तो इस संबंध में नगर पालिका/राजस्व विभाग द्वारा क्या कोई कार्यवाही की जावेगी? (ग) प्रधानमंत्री आवास योजनान्तर्गत नगर पालिका द्वारा क्या-क्या कार्यवाही प्रश्न दिनांक तक की गई हैं (जैसे भूमि आवंटन, परिवारों का सर्वे आदि) की जानकारी देवें? (घ) प्रधानमंत्री आवास योजनान्तर्गत मकरोनिया नगर पालिका परिषद द्वारा मकानों के निर्माण/आवासहीन हितग्राहियों को आवास दिए जाने का क्या लक्ष्य निर्धारित किया गया एवं कब तक आवासहीनों को आवास उपलब्ध कराए जाऐंगे?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) संचालनालय, नगरीय प्रशासन एवं विकास के पत्र क्रमांक 11261 दिनांक 15.09.17 के द्वारा जारी गाइड लाइन के बिन्दु क्रमांक 7.26 के अनुसार ''ऐसे हितग्राही जो संबंधित आबादी क्षेत्र में पूर्व से निवासरत हैं एवं नगरीय निकाय को नियमित संपत्ति कर/समेकित कर का भुगतान कर रहे हैं किन्तु उनके पास भूमि स्वामित्व संबंधित कोई दस्तावेज उपलब्ध नहीं हो पा रहे हैं उस स्थिति में सभी हितग्राहियों को भी योजना के बी.एल.सी. घटक हेतु पात्र माना जाये। निकाय द्वारा दावे आपत्ति आमंत्रित कर निराकरण उपरांत उन सभी हितग्राहियों को उसी स्थान पर आवास निर्माण हेतु बी.एल.सी. घटक अंतर्गत योजना में सम्मिलित किया जायें। ''हितग्राही को लाभ दिया जावेगा की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) हितग्राही चयन का सर्वे कराया जा रहा है। (घ) प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी- सबके लिए आवास 2022) के अंतर्गत वर्ष 2022 तक समस्त पात्र आवासहीन हितग्राहियों को आवास उपलब्ध कराने का लक्ष्य है। प्रथम चरण में नगर पालिका परिषद, मकरोनिया द्वारा उपलब्ध कराये गये विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन अनुसार 57 आवास स्वीकृत किये गये हैं।
ए.पी.एल. परिवारों को पेंशन योजना का लाभ दिलाये जाने
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
90. ( क्र. 2558 ) श्री दिलीप सिंह शेखावत : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्तमान में 60 वर्ष से अधिक उम्र के कन्या अभिभावकों को मुख्यमंत्री कन्या अभिभावक योजना का लाभ दिया जा रहा है? जबकी ऐसे 60 वर्ष से अधिक उम्र के ए.पी.एल. परिवार जिनको कोई भी संतान नहीं है इस कारण इन्हें शासन की किसी भी पेंशन योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है? (ख) क्या शासन इनके लिये कोई पेंशन योजना बना रही है? यदि हाँ, तो कब तक यह योजना लागू हो जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। 60 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्तियों को जिनके केवल पुत्री हो। पति/पत्नि जिनकी भी आयु पहले 60 वर्ष पूर्ण हो तथा आयकर दाता न हो को पात्रता अनुसार कन्या अभिभावक पेंशन योजना का लाभ प्रदाय किया जा रहा है। 60 वर्ष से अधिक उम्र के ए.पी.एल. परिवार जिनकी कोई संतान नहीं है को विभागान्तर्गत कोई पेंशन योजना संचालित नहीं की जा रही है। (ख) ए.पी.एल. परिवार जिनकों कोई भी संतान नहीं है। को पेंशन देने के संबंध में कोई भी प्रस्ताव शासन स्तर पर विचाराधीन नहीं है।
पंचायती राज अधिनियम का पालन
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
91. ( क्र. 2568 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या निर्माण कार्यों की प्रशासकीय स्वीकृति प्रमुख सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा जारी की जा रही है? यदि हाँ, तो किस नियम के तहत? नियम की जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) क्या इससे त्रिस्तरीय पंचायती राज व्यवस्था विकेन्द्रीकरण के स्थान पर केन्द्रीयकरण नहीं हो रहा है? (ग) क्या ऐसा करना पंचायती राज अधिनियम का उल्लंघन नहीं है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है। (ख) एवं (ग) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है।
दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों का नियमितीकरण
[नगरीय विकास एवं आवास]
92. ( क्र. 2569 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नगर परिषद् माण्डव में वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में कितने दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी/मस्टरकर्मी कार्यरत रहे हैं? उक्त कर्मचारी कब से कब तक कार्यरत हैं? (ख) शासन द्वारा कितने प्रतिशत दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी/मस्टरकर्मियों को प्रतिवर्ष नियमित करने के नियम बनाये गये हैं, शासन आदेश की जानकारी उपलब्ध करावें वर्तमान में शासन आदेश के पालन में परिषद् द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? (ग) कितने कर्मचारी नियमित होने के लिये पात्र पाये गये हैं? उनकी पात्रता के क्या मापदण्ड निर्धारित किये गये है? क्या पात्रता हेतु निर्धारित किये गये मापदण्ड शासन नियमानुसार है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) नगर परिषद, माण्डव जिला धार में वर्ष 2015-16 में 42 दैनिक वेतन भोगी कार्यरत रहे तथा वर्ष 2016-17 में 07 इस प्रकार कुल 49 दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी कार्यरत रहे हैं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) म.प्र. शासन सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र क्रमांक ए 5-3/2006/1/3, दिनांक 16.05.2007 की कंडिका 5 में प्रदत्त निर्देश अनुसार दिनांक 10.04.2006 को 10 वर्ष की सेवा पूर्ण करने वाले दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी को नियमित करने के निर्देश दिए गए हैं तथा म.प्र. शासन नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग, मंत्रालय भोपाल द्वारा अपने ज्ञापन क्रमांक एफ 4-143/2007/18-1, दिनांक 18.06.2010 एवं क्रमांक एफ 4-143/2007/18-1, दिनांक 13.10.2008 से निकाय का स्थापना व्यय में 65 प्रतिशत सीमा के अधीन होने पर दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी जो नियमानुसार पात्रता रखने एवं पद उपलब्ध होने की स्थिति में नियमित करने के निर्देश जारी किए गए हैं। प्रतिवर्ष के आधार पर नियमित करने के कोई नियम नहीं हैं। दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी दिनांक 10.04.2006 को 10 वर्ष की सेवा पूर्ण नहीं करने से नियमित करने हेतु पात्रता नहीं रखने के कारण शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश (क) में उल्लेखित दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी दिनांक 10.04.2006 को 10 वर्ष की सेवा पूर्ण नहीं करने से शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पत्थर की खदानों की जानकारी
[खनिज साधन]
93. ( क्र. 2574 ) श्री गोपालसिंह चौहान (डग्गी राजा) : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्राम कडराना तह. चन्देरी में जब तहसील चन्देरी का जिला गुना था एवं जब से खदानों की नीलामी प्रक्रिया आरंभ हुई है, तब से गुना जिला रहते हुये तह. चन्देरी के ग्राम कड़राना में कितनी खदानों की नीलामी एवं लीज किस-किस के नाम एवं कितने-कितने हेक्ट. रही? (ख) संपूर्ण सूची उपलब्ध करावे?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) तहसील चंदेरी का ग्राम कडराना जब तक गुना जिले के अंतर्गत था, तब तक ग्राम कडराना में समय-समय पर पूर्व में स्वीकृत की गयी फर्शी पत्थर की नीलाम खदान एवं उत्खननपट्टो की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' एवं 'ब' पर दर्शित है। जिला अशोकनगर के अंतर्गत ग्राम कडराना में स्वीकृत उत्खनिपट्टों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-स में दर्शित है। (ख) प्रश्नानुसार जानकारी प्रश्नांश (क) में दर्शाई गई है।
शासकीय माधव महाविद्यालय चंदेरी में रिक्त पदों की पूर्ति
[उच्च शिक्षा]
94. ( क्र. 2576 ) श्री गोपालसिंह चौहान (डग्गी राजा) : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अशोकनगर जिले में ऐसे कितने महाविद्यालय हैं, जो एक मात्र अधिकारी/ कर्मचारी द्वारा संचालित हो रहे हैं? सूची प्रदाय करें। (ख) ऐसे महाविद्यालयों में स्थानांतरण से कितने पद पूर्ति की गई? यदि नहीं, तो क्यों? कारण सहित बतावें। (ग) क्या शासकीय माधव महाविद्यालय चंदेरी एवं ईसागढ़ में सभी शैक्षणिक एवं अशैक्षणिक पद रिक्त हैं? यदि हाँ, तो महाविद्यालय में समस्त कार्य किस प्रकार संपन्न हो रहे हैं? क्या महाविद्यालय में बिना लोक सेवा आयोग के पद पूर्ति संभव है, यदि हाँ, तो अब तक क्यों नहीं की गई? (घ) क्या महाविद्यालय में पिछले एक वर्ष से भौतिक शास्त्र विषय की कक्षाएं नहीं लगाई गई हैं? यदि हाँ, तो अध्ययन कार्य किस प्रकार संपन्न हुआ? यदि नहीं, तो इस हेतु दोषी अधिकारी कौन हैं? (ङ) क्या चंदेरी महाविद्यालय में इस वर्ष शासन द्वारा किये गये प्रशासनिक स्थानांतरणों से एक भी पद पूर्ति नहीं की गई है? कारण सहित बतावें एवं अन्य महाविद्यालयों में किये गये प्रशासनिक स्थानांतरणों में स्थानांतरण हेतु क्या प्राथमिकता रही? (च) चंदेरी महाविद्यालय की बाउण्ड्रीवॉल का निर्माण किस स्तर पर लंबित है। इसकी प्रशासकीय स्वीकृति कब तक प्रदाय की जावेगी?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) संभागवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "अ" अनुसार है। (ख) शासन द्वारा स्थानांतरण से अथवा अन्य व्यवस्था के अंतर्गत पद पूर्ति की गई है। संभागवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) जी नहीं। शा. माधव महाविद्यालय चंदेरी में ग्रंथपाल एवं शा. महा. ईसागढ़ में सहायक प्राध्यापक अंग्रेजी में पद पूर्ति की जा चुकी है, शेष पद रिक्त हैं। शैक्षणिक संवर्ग अंतर्गत अतिथि विद्वानों द्वारा शैक्षणिक व्यवस्था सुचारू रूप से संचालित है। जी नहीं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी नहीं। महाविद्यालय में अतिथि विद्वानों से शैक्षणिक व्यवस्था सुचारू रूप से संचालित है। शेष प्रश्नांश का उत्तर उपस्थित नहीं होता है। (ड.) जी नहीं। वर्ष 2017 में श्री ज्योति कुमार चौबे, ग्रंथपाल का स्थानांतरण शा. नेहरू स्ना. महा. अशोकनगर से शा. माधव महा. चंदेरी में ग्रंथपाल के पद पर किया गया। वर्ष 2017-18 में स्थानांतरण नीति के अंतर्गत प्राथमिकता से पालन किया गया है। (च) प्राचार्य द्वारा बाउण्ड्रीवॉल का पूर्ण प्रस्ताव प्राप्त नहीं हुआ है। पूर्ण प्रस्ताव प्राप्त होने पर नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी। समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
रिक्त पद पर पदोन्नति की पूर्ति करना
[उच्च शिक्षा]
95. ( क्र. 2592 ) श्री प्रहलाद भारती : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या उच्च शिक्षा विभाग के आदेश क्रमांक एफ 21-1/2014/38-2 भोपाल दिनांक 01.10.14 एवं एफ 21-1/2015/38-2 भोपाल दिनांक 04.09.15 के द्वारा विभिन्न शासकीय महाविद्यालयों में प्रयोगशाला तकनीशियनों के नवीन पद सृजित करते हुए प्रयोगशाला तकनीशियनों को रूपये 5200-20200 एजीपी 2800 वेतनमान स्वीकृत कर उक्त वेतनमान का भुगतान किया जा रहा है? यदि नहीं, तो क्यों तथा कब तक भुगतान कर दिया जावेगा? (ख) प्रदेश के विभिन्न शासकीय महाविद्यालयों में प्रयोगशाला तकनीशियन के कितने पद रिक्त हैं तथा रोस्टर के अनुसार पदोन्नति हेतु रिक्त प्रयोगशाला तकनीशियनों के पदों पर कब तक पदोन्नति कर दी जावेगी?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी नहीं। वर्ष 2014, 2015 तथा 2016 में जारी आदेश में प्रयोगशाला तकनीशियन का वेतनमान 5200-20200+2800 ग्रेड पे त्रुटिपूर्ण टंकित हो गया था, जिसे सुधार करते हुये वेतनमान 5200-20200+2400 ग्रेड पे प्रतिस्थापित किये जाने हेतु विभाग द्वारा संशोधन आदेश क्रमांक 2082/3380/2017/38-2/17 दिनांक 28.11.2017 जारी किया गया है, जिसकी जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। शेष प्रश्नांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रयोगशाला तकनीशियन के 50 पद रिक्त हैं, जिसकी जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। पदोन्नति के संबंध में आरक्षण का प्रकरण माननीय उच्चतम न्यायालय में वर्तमान में विचाराधीन होने से समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
शासकीय महाविद्यालय बिजावर के संबंध में
[उच्च शिक्षा]
96. ( क्र. 2606 ) श्री पुष्पेन्द्र नाथ पाठक : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासकीय महाविद्यालय बिजावर की स्थापना कब हुई? स्थापना दिवस से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन कितने कार्यकाल हेतु प्राचार्य या प्रभारी प्राचार्य के पद पर पदस्थ रहे? सूची प्रदाय करें। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में जनवरी-09 से प्रश्न दिनांक तक महाविद्यालय को शासन, अन्य गतिविधियों अथवा स्त्रोतों से कितनी राशि किस मद में प्राप्त हुई वर्षवार जानकारी प्रदाय करें। (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुक्रम में प्राप्त राशि को किस मद में किस प्रकार व्यय किया गया? व्यय राशि की विस्तृत जानकारी प्रदाय करें।
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) शासकीय महाविद्यालय बिजावर की स्थापना 29.09.1987 को हुई। शेष प्रश्नांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'एक' अनुसार है। (ख) जनवरी 2009 से वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'दो' अनुसार है। (ग) जनवरी 2009 से प्रश्न दिनांक तक व्यय राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'तीन' अनुसार है।
जल सवंर्धन से किये गये कार्यों के संबंध मे
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
97. ( क्र. 2610 ) श्री संजय शाह मकड़ाई : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) हरदा जिले में विगत 5 वर्षों से जल संवर्धन योजना से क्या-क्या और कहाँ-कहाँ कार्य किये गये? उक्त योजना हेतु जिले को कितना बजट प्राप्त हुआ प्राप्त बजट के व्यय का ब्यौरा देवें? (ख) हरदा जिले में उक्त योजना के अंतर्गत मजदूरों द्वारा किये गये कार्य का भुगतान किया गया, यदि हाँ, तो मजदूरों की मय भुगतान राशि सहित सूची उपलब्ध करावें? यदि नहीं, तो दोषी अधिकारियों पर जिनकी लापरवाही से भुगतान नहीं हो पाया है, तो इन पर क्या और कब तक कार्यवाही की जावेगी? (ग) उक्त योजना से किये गये कार्यों की वर्तमान स्थिति क्या है व कार्यों का किन-किन अधिकारियों द्वारा भौतिक सत्यापन किया गया, की जानकारी उपलब्ध करावें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) महात्मा गांधी नेरगा योजना अंतर्गत हरदा जिले में विगत 05 वर्षों में जल संवर्धन के 100 कार्य लिए गए है। कार्यवार स्थलवार एवं उन पर किए गए व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। योजनांतर्गत कार्यवार बजट प्राप्त नहीं होता है। (ख) उत्तरांश (क) अनुसार मजदूरों को किये गये भुगतान की जानकारी नरेगा वेबसाइट www.nrega.nic.in में सूची उपलब्ध है। शेष जानकारी निरंक है। भुगतान में लापरवाही से संबंधित जानकारी संज्ञान में नहीं होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) 100 में से 17 कार्य पूर्ण एवं 83 कार्य प्रगतिरत है। उपयंत्री द्वारा कार्य का भौतिक सत्यापन किया जाता है।
क्रेशर मशीनों के संबंध मे
[खनिज साधन]
98. ( क्र. 2611 ) श्री संजय शाह मकड़ाई : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) हरदा जिले में विगत 10 वर्षों से कितनी क्रेशर मशीन संचालित हैं? संचालकों के नाम सहित जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) संचालित क्रेशर मशीनों से शासन को प्रश्नांश दिनांक तक कितना राजस्व प्राप्त हुआ? (ग) खनन हेतु प्रत्येक क्रेशर मशीनों हेतु कितना क्षेत्र आवंटित किया गया व आवंटित क्षेत्र की सीमा के बहार किन-किन संचालकों के द्वारा उत्खनन किया गया? इसका भौतिक सत्यापन एवं निरीक्षण समय-समय पर किन-किन अधिकारियों द्वारा किया गया है? (घ) खेतों में तालाब के नाम पर क्रेशर संचालक अवैध खनन कर पत्थर फोड़ने का कार्य कर रहें, जिले में ऐसे कितने क्रेशर पाये गये हैं, यदि हाँ, तो इन पर विभाग द्वारा कब-कब कार्यवाही की गई? यदि हाँ, तो कार्यवाही की प्रति उपलब्ध करावें।
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 के प्रावधान अनुसार मशीन द्वारा गिट्टी बनाने हेतु पत्थर (अर्थात क्रेशर के उपयोग हेतु) खनिज के उत्खनिपट्टे स्वीकृत किये जाते हैं। संलग्न परिशिष्ट में दर्शाये अनुसार उत्खनिपट्टे स्वीकृत है। (ख) प्राप्त राजस्व की जानकारी संलग्न परिशिष्ट में दर्शाई गई है। (ग) क्रेशर आधारित स्वीकृत पत्थर उत्खनिपट्टों का प्रश्नानुसार विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। किसी भी उत्खनिपट्टाधारी द्वारा स्वीकृत सीमा से बाहर उत्खनन किया जाना नहीं पाया गया। समय-समय पर इसका निरीक्षण/भौतिक सत्यापन प्रभारी अधिकारी (खनिज शाखा), खनि निरीक्षक एवं अन्य विभाग के अधिकारियों द्वारा किया जाता रहा है। (घ) प्रश्नांश अनुसार ऐसा कोई प्रकरण प्रकाश में नहीं आया। अत: कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सेवढ़ा तहसील में वाटर सैड योजनान्तर्गत
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
99. ( क्र. 2657 ) श्री प्रदीप अग्रवाल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दतिया जिले की सेवढ़ा तहसील के ग्रामों में वर्ष 2013-14, 2014-15, 2015-16, 2016-17 में वाटर सेड योजनान्तर्गत क्या-क्या कार्य, किस निर्माण एजेंसी से कितनी-कितनी लागत से कराये गये वर्षवार जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) उक्त निर्माण कार्यों का किस-किस दिनांक को जिले के किन-किन अधिकारियों द्वारा तथा किस-किस दिनांक को राज्य के अधिकारियों द्वारा निरीक्षण किये गये? उनके द्वारा दिये गये प्रतिवेदनों की छायाप्रति उपलब्ध करायें। (ग) क्या उक्त कार्यों का राज्य स्तर के अधिकारियों द्वारा आज दिनांक तक निरीक्षण ही नहीं किया गया यदि किया गया तो कब किया गया? उन्होने क्या रिपोर्ट प्रस्तुत की छायाप्रति उपलब्ध करायें? अधिकारियों के नाम एवं पदमुद्रा भी अंकित की जावें।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 एवं 3 अनुसार है। (ग) राज्य स्तर के अधिकारियों द्वारा भी निरीक्षण किया गया है। तत्सम्बन्ध में प्रश्नाधीन जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 एवं 3 अनुसार है।
दतिया जिले में उत्खनन
[खनिज साधन]
100. ( क्र. 2659 ) श्री प्रदीप अग्रवाल : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दतिया जिले में क्रेशर/पत्थर (गिट्टी) के कुल कितने उत्खनि पट्टे हैं कितने पट्टेधारियों को पर्यावरण की अनुमति प्राप्त है, कितने पर क्रेशर स्थापित हैं, कितने कब से शिथिल हैं वर्षवार/ क्रेशर, उत्खनिपट्टेवार जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) उक्त पट्टेधारियों द्वारा कब-कब, कितना-कितना, कब तक का डेडरेंट जमा किया गया? किस-किस पर कितना-कितना डेडरेन्ट प्रश्न दिनांक पर बकाया है, इन बकायादारों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? (ग) अतारांकित प्रश्न क्रमांक 4077 दिनांक 03.03.16 की कंडिका (ग) के उत्तर में जानकारी दी गई की जिनके द्वारा क्रेसर स्थापित नहीं किया गया उन्हें रायल्टी बुक जारी नहीं करने का प्रावधान है परन्तु इसी में संलग्न जानकारी सूची (अ) में क्रमांक 13 समीर सिंह क्रमांक 21 पर सिंह माइन्स क्रमांक 33 पर मानक मिनरल क्रमांक 94 पर प्रकाश जाटन की खदाने शिथिल होने के बावजूद रायल्टी कट्टे जारी होना बताया गया है, अर्थात विभाग द्वारा सदन को भ्रामक जानकारी देकर गुमराह करने का प्रयास किया इसके लिये कौन-कौन जिम्मेदार है, उनके खिलाफ क्या कार्यवाही की जावेगी? (घ) क्या वर्षों से शिथिल पड़ी खदानों एवं डेडरेन्ट के बकायादारों के उत्खनिपट्टों के प्रति कार्यवाही करने हेतु कोई पृथक से आदेश करेंगे, यदि हाँ, तो क्या और कब तक?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रश्नानुसार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर दर्शित है। (ख) प्रश्नानुसार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ में दर्शायी गई है। बकाया के संबंध में बकायादारों को नोटिस जारी किये गये हैं। (ग) वस्तुस्थिति की जानकारी सत्र माह जुलाई 2016 में उठाये गये अतारांकित प्रश्न क्रमांक 667 में दी जा चुकी है, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर दर्शित है। जिसमें अभिवहन पार पत्र जारी करने का कारण दर्शाया गया है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 में कार्यवाही किये जाने हेतु प्रावधान हैं। ये नियम अधिसूचित नियम हैं। पृथक से आदेश जारी करने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
दैनिक वेतन भोगियों का नियमितीकरण
[वन]
101. ( क्र. 2671 ) श्री मधु भगत : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश शासन द्वारा समस्त विभागों के दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी श्रमिकों को एक निश्चित समय-सीमा के भीतर नियमितीकरण कर योजना का लाभ प्रदान करने का आदेश किया गया था वन विकास निगम लिमिटेड जिला बालाघाट में कार्यरत कर्मचारी श्रमिकों को आज दिनांक तक नियमितीकरण का लाभ क्यों नहीं दिया गया? (ख) समय अवधि के भीतर कार्यवाही नहीं किये जाने पर कौन अधिकारी/कर्मचारी जिम्मेदार है और इन के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी? (ग) मध्यप्रदेश राज्य वन विकास निगम लिमिटेड में सेवानिवृत्त कर्मचारियों को जाब दर भर्ती प्रक्रिया में आमंत्रित किया जाना किस विधि विधान एवं नियम के अंतर्गत आता है क्या इसके लिये कोई असाधारण राजपत्र घोषित किया गया है? यदि नहीं, तो इस प्रकार की भर्ती का क्या तात्पर्य है? जॉबदर के लिये कौन-कौन से कार्य के मद निर्धारित किये गये हैं? मदवार कार्य किये जाने पर कार्यभार प्रति मानव दिवस क्या निर्धारित है? संबंधित कार्य एवं दर की सूची प्रस्तुत करें? (घ) विगत तीन वर्षों में जॉब दर पर रखे गये सेवानिवृत्त कर्मचारियों को कितनी राशि का भुगतान किया गया वर्षवार जानकारी दें?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी हाँ। शासन के प्रश्नाधीन आदेश निगम/मण्डलों में लागू होने की स्पष्टता नहीं है। अत: नियमितीकरण का लाभ नहीं दिया गया है। (ख) उत्तर (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है (ग) निगम में सेवानिवृत्त कर्मचारियों को जॉब दर पर कार्य. संचालक मण्डल की बैठक में लिये गये निर्णय के पश्चात दिया गया है। संचालक मण्डल द्वारा लिये गये निर्णय का असाधारण राजपत्र में घोषणा करने का प्रावधान नहीं है। जॉब दर पर क्षेत्रीय एवं कार्यालयीन कार्य हेतु सेवानिवृत्त अधिकारियों एवं कर्मचारियों को रखा गया है, इस हेतु प्रति घन्टे के मान से दर निर्धारित की गई है। पदवार निर्धारित दर की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (घ) विगत 3 वर्ष से जॉब दर पर कर्मचारियों को किये गये कार्य का मदवार विवरण एवं व्यय राशि पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। जॉब दर पर रखे गये कर्मचारियों को दैनंदिनी प्रस्तुत करने का प्रावधान नहीं है। शासन द्वारा ई-पेमेंट भुगतान करने संबंधित आदेश का पालन सुनिश्चित करने के लिये जॉब दर पर रखे गये सेवानिवृत्त कर्मचारियों का भुगतान शत-प्रतिशत ई-पेमेंट के माध्यम से किया जा रहा है।
योजनाओं एवं कार्यों की जानकारी
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
102. ( क्र. 2672 ) श्री मधु भगत : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विकासखण्ड बिरसा की ग्राम पंचायत माटे एवं ग्राम पंचायत दमोह में वर्ष 2008 से प्रश्न दिनांक तक शासन की विभिन्न योजनाओं से कार्य स्वीकृत हुये हैं? (ख) यदि हाँ, तो ग्राम पंचायत माटे में वर्ष 2008 से प्रश्न दिनांक तक किन-किन योजनाओं से कब-कब, कौन-कौन से कार्य स्वीकृत किये गये? स्वीकृत किये गए कार्यों की प्रशासकीय स्वीकृति आदेश एवं तकनीकी स्वीकृति आदेश की छायाप्रति, कितना-कितना भुगतान किया गया? कितना भुगतान शेष है एवं हितग्राही मूलक योजनाओं के स्वीकृत कार्यों की सूची एवं क्रियान्वित हितग्राहियों की सूची उपलब्ध करावें? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में ग्राम पंचायत दमोह के वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक तक की जानकारी उपलब्ध करावें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
शिकायत की जाँच के संबंध में
[लोक सेवा प्रबन्धन]
103. ( क्र. 2699 ) श्रीमती रेखा यादव : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जन शिकायत निवारण विभाग पी.जी. क्रमांक 172891/2012/99 दिनांक 05.05.2012 को दिनांक 03.05.2012 को गेहूँ तहसीलदार छतरपुर द्वारा पकड़े जाने संबंधी शिकायत की गई थी, हाँ या नहीं? (ख) यदि हाँ, तो क्या उक्त शिकायत की जाँच की गई थी? हाँ या नहीं? (ग) यदि हाँ, तो कब किसके द्वारा लेख करें? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) क्या शासन उक्त शिकायत की जाँच करायेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) दिनांक 27.07.2017 को अनुविभागीय अधिकारी (रा.) छतरपुर द्वारा जाँच कराई गयी थी। (घ) प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विभाग द्वारा कराये गये कार्य
[वन]
104. ( क्र. 2723 ) श्रीमती पारूल साहू केशरी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिले दक्षिण वन मंडल को वर्ष, 2013-14 से 2016-17 तक शासन द्वारा तथा अन्य स्त्रोतों से कितनी-कितनी राशि, किस-किस मद में (वेतन तथा भत्तों की राशि को छोड़कर) किस-किस कार्य हेतु प्रदाय की गयी? (ख) प्रश्नांश (क) में प्रदायित राशि में विभाग द्वारा विकासखण्ड राहतगढ़ एवं जैसीनगर अंतर्गत फॉरेस्ट रेंज में कौन-कौन से कार्य कब-कब, कितनी-कितनी राशि के कराये गये? कितनी राशि शेष रही? विभाग द्वारा कराये गये कार्य, कार्यवार व्यय राशि एवं शेष राशि की जानकारी वर्षवार देवें?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
आधार लिंक न होने से पेंशन/राशन की समस्या
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
105. ( क्र. 2725 ) श्रीमती पारूल साहू केशरी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश में हजारों पेंशनधारी हितग्राहियों को बैक खाते से आधार लिंक न होने के कारण पेंशन की राशि का भुगतान न होने से उनके सामने जीवनयापन का संकट उपस्थित हो गया है? (ख) क्या हजारों गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन करने वाले राशन हितग्राहियों को राशन दुकानों पर उपलब्ध बायोमेट्रिक मशीन पर फिंगर प्रिंट मेल न खाने के कारण राशन नहीं मिल पा रहा है? जिससे उनके सामने भरण-पोषण का संकट उपस्थित हो गया है? (ख) यदि हाँ, तो क्या सरकार के समक्ष प्रश्नांश (क) एवं (ख) में वर्णित हितग्राहियों की समस्या सुलझाने के लिये क्या कोई सरलीकरण प्रक्रिया अथवा योजना विचाराधीन है? यदि हाँ, तो क्या? कब तक समस्या का निराकरण करवा दिया जावेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। (ख) लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली के एण्ड-टू-एण्ड कम्प्यूटराईजेशन परियोजनान्तर्गत उचित मूल्य दुकानों पर पी.ओ.एस. मशीने लगाई जाकर उनके माध्यम से पात्र परिवारों को राशन सामग्री का वितरण किया जा रहा है। नगरीय क्षेत्र के पात्र परिवारों को बायोमेट्रिक सत्यापन के आधार पर उनकी पहचान कर राशन वितरण की व्यवस्था लागू की गई है। ग्रामीण क्षेत्र में बायोमेट्रिक सत्यापन की अनिवार्यता नहीं है। नगरीय क्षेत्र में भी जिन पात्र हितग्राहियों का बायोमेट्रिक सत्यापन किस कारण से नहीं हो पाता है। उन्हें वितरण पंजी के माध्यम से राशन वितरण की व्यवस्था की गई है। बायोमेट्रिक सत्यापन के अभाव में पात्र परिवारों को राशन सामग्री प्राप्त करने से वंचित नहीं किया जा रहा है और नहीं उनके सामने भरण पोषण का संकट है। (ग) पात्र परिवारों को राशन सामग्री प्राप्त करने में समस्या न होने के कारण प्रक्रिया की सरलीकरण की आवश्यकता नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
टोलों के संबंध में
[नगरीय विकास एवं आवास]
106. ( क्र. 2740 ) श्री नथनशाह कवरेती : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विधानसभा क्षेत्र जुन्नारदेव के अंतर्गत नगर पालिका परिषद दमुआ के वार्ड 18 की जनता एवं प्रश्नकर्ता विधायक द्वारा 'चिमनीढ़ाना, डूंडमंगल, नंदौरा एवं लुक्काढाना' चार टोलों को नगरपालिका दमुआ से अलग कर ग्राम पंचायत घोड़ावाडी खुर्द में सम्मिलित किये जाने की मांग की गई है? (ख) यदि हाँ, तो इसी तारतम्य में नगर पालिका दमुआ द्वारा परियोजना अधिकारी को प्रस्ताव प्रेषित किया गया है? इस पर क्या कार्यवाही की गई? यदि हाँ, तो प्रश्नकर्ता विधायक को इसकी सूचना दी गई है या नहीं? नहीं, तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के प्रकाश में कब तक कार्यवाही कर सम्मिलित कर लिया जायेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) नगर पालिका परिषद दमुआ के प्रस्ताव अनुसार वार्ड क्रमांक 18 को पृथक करने की प्रारंभिक अधिसूचना का प्रकाशन राजपत्र (भाग- दो) में दिनांक 09.01.2017 को कराया गया था, उक्त अधिसूचना को स्थानीय दैनिक समाचार पत्र/पृथक किये जाने वाले सभी क्षेत्रों/सहगोचर स्थलों पर चस्पा कराया जाकर आम जनता से दावे/आपत्ति मांगे गये थे। निर्धारित अवधि में दावे/आपत्ति प्राप्त नहीं होने पर अंतिम अधिसूचना के प्रकाशन हेतु प्रस्ताव दिनांक 21.02.2017 को प्राप्त हुआ था। किन्तु तत्समय नगर पालिका परिषद दमुआ का आगामी निर्वाचन जुलाई-अगस्त 2017 में नियत होने से मध्यप्रदेश राजपत्र (असाधारण) में दिनांक 07.12.2016 को प्रकाशित मध्यप्रदेश नगर पालिक विधि (तृतीय संशोधन) विधेयक 2016 के द्वारा अधिनियम की धारा 29 (4) के पश्चात परंतु प्रतिस्थापित किया गया है कि नगर पालिका के चुनाव से 06 माह पूर्व तक ही नगर पालिका की क्षेत्र वृद्धि अथवा क्षेत्र कमी की जा सकती है अन्यथा की स्थिति में राज्य चुनाव आयोग पूर्व सीमानुसार ही निर्वाचन की कार्यवाही पर अग्रसर रहेगा ऐसी स्थिति में नगर पालिका परिषद दमुआ के निर्वाचन को दृष्टिगत रखते हुए नगर पालिका परिषद दमुआ के वार्ड क्रमांक 18 को पृथकीकरण नहीं किया गया है। आम जनता एवं जनप्रतिनिधियों को पृथक करण की कार्यवाही का समाचार पत्र में प्रकाशन कराकर, संबधित सार्वजनिक स्थलों पर चस्पा कराकर अवगत कराया गया है, इस कारण माननीय विधायक महोदय को निकाय द्वारा व्यक्तिगत जानकारी नहीं दी गई थी। (ग) नगर पालिका परिषद दमुआ का निर्वाचन माह अगस्त 2017 में सम्पन्न हुआ है, निर्वाचित अधिकारिता रखने वाली नगर पालिका परिषद दमुआ का कार्यकाल 05 वर्ष की अवधि पूर्ण होने पर वर्ष 2022 में पृथककरण की कार्यवाही हो सकेगी, की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
जी.आर.एस. भर्ती के संबंध में
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
107. ( क्र. 2742 ) श्री नथनशाह कवरेती : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2012 में जी.आर.एस. की भर्ती मनरेगा के लिए की गई थी? यदि हाँ, तो नाम परिवर्तित कर सहायक सचिव कब कर दिया गया? आदेश की प्रति दें? क्या कलेक्टर रेट के अनुसार प्रतिवर्ष मानदेय बढ़ाया जाता है? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) क्या मंत्रिमण्डल में लिये गये निर्णय में सहायक सचिव को नियमित करने का प्रावधान किया गया था? यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक कितने लोगों को नियमित किया गया है? यदि नहीं, तो कब तक किया जायेगा? (ग) क्या सहायक सचिव के साथ कोई अप्रिय घटना घटित हो जाती है, तो इनके रिश्तेदारों को अनुकम्पा नियुक्ति देने का प्रावधान है? यदि नहीं, तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। जी नहीं। अतः शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता। जी नहीं, ग्राम रोजगार सहायक संविदा पारिश्रमिक पर कार्य करते है, कलेक्टर रेट पर नहीं। (ख) जी नहीं। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं।
ग्रामीण यांत्रिकीय सेवा विभाग द्वारा निर्मित मनरेगा के कार्यों से संबंधित
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
108. ( क्र. 2754 ) श्रीमती शकुन्तला खटीक : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्रामीण यांत्रिकीय सेवा जिला शिवपुरी में जनवरी, 2013 से प्रश्न प्रस्तुत दिनांक तक विभागीय मनरेगा के कितने निर्माण कार्य कराये गये? (ख) उपरोक्त कार्यों की विस्तृत जानकारी कार्य विवरण, एजेंसी का नाम, लागत राशि, मांग संख्या, लेखा शीर्ष, उपशीर्ष आदि सहित दी जावे? (ग) वर्तमान में उपरोक्त मनरेगा के कितने निर्माण कार्य संचालित हैं व उनकी वर्तमान स्थिति क्या है? (घ) क्या सभी कार्य मूल प्राक्कलन राशि से हुए हैं? अथवा पुनरीक्षित प्राक्कलन राशि से हुये की जानकारी दी जावे?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) ग्रामीण यांत्रिकी सेवा शिवपुरी में प्रश्नांकित अवधि में मनरेगा अंतर्गत 30 निर्माण कार्य कराए गए। (ख) एवं (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) स्वीकृत कार्य, मूल प्राक्कलन राशि में ही संपन्न होंगे। अतः शेष प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होता।
राजस्व भूमि का वन भूमि में परिवर्तन
[वन]
109. ( क्र. 2755 ) श्रीमती शकुन्तला खटीक : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजस्व भूमि को वन विभाग में परिवर्तित करने के शासन के क्या नियम निर्देश प्रचलन में हैं? प्रति सहित उपलब्ध करावें। (ख) क्या वन विभाग द्वारा जिला शिवपुरी की तहसील पिछोर रकवा 29135.27 हे. शिवपुरी रकवा 34395.464 हे. पोहरी रकवा 52565.557 हे. कोलारस रकवा 25372.262 हे. भूमि को वन ने राजस्व विभाग एवं कलेक्टर शिवपुरी के बैगर अनुमति के अनुविभागीय अधिकारी (वन) की सहमति एवं जानकारी के बिना वर्किंग प्लान में शामिल कर लिया जिसकी शिकायत संदीप दीक्षित, माननीय विधायक निशंक कुमार जैन, गंजबासौदा ने पत्र क्रमांक 7123 दिनांक 21 जुलाई, 2017 प्रमुख आयुक्त राजस्व विभाग म.प्र. शासन अरेरा हिल्स भोपाल को एवं पत्र क्रमांक 7196 दिनांक 22 जुलाई, 2017 मुख्य सचिव, म.प्र. शासन वल्लभ भवन, भोपाल से शिकायत की थी? यदि हाँ, तो उपरोक्त शिकायत पर प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही हुई? यदि नहीं, तो कार्यवाही कब तक की जावेगी?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी हाँ। भारतीय वन अधिनियम, 1927 की धारा-29 एवं धारा-4 (1) से धारा-20 के प्रावधान प्रचलित है। उक्त प्रावधान संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश में उल्लेखित शिवपुरी जिले की तहसील पिछोर, शिवपुरी, पोहरी एवं कोलारस की भूमियाँ भारतीय वन अधिनियम, 1927 की धारा-29 एवं धारा-4 (1) के प्रावधानों के तहत अधिसूचित होने से कार्य-आयोजना में शामिल की गई है। इन भूमियों को कार्य-आयोजना में सम्मिलित करने हेतु अनुमति आवश्यक नहीं है। प्रश्नांकित पत्र विभाग में अप्राप्त होने से शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मंदिरों का जीर्णोंद्धार
[धार्मिक न्यास और धर्मस्व]
110. ( क्र. 2810 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या वर्ष 2013-14 से लेकर प्रश्न दिनांक तक प्रश्नकर्ता द्वारा अनेक प्रश्नों एवं पत्रों के माध्यम से जावरा विधानसभा क्षेत्र के जीर्ण-शीर्ण क्षतिग्रस्त मंदिरों के जीर्णेद्धार हेतु लगातार कार्यवाहियां की? यदि हाँ, तो बताएं कि शासन/विभाग द्वारा किन-किन स्थानों के मंदिरों हेतु प्राक्कलन, इस्टीमेंट, कार्य योजना इत्यादि विभागीय कार्य निर्धारित कर क्या-क्या किया गया है? (ख) उपरोक्त वर्षों में वर्षवार किन-किन कार्यों हेतु स्वीकृति दी जाकर उन पर कुल कितना-कितना बजट स्वीकृत किया गया? कितने कार्य पूर्ण हुए, कितने अपूर्ण रहे, कितने अप्रारंभ होकर विचाराधीन हैं? (ग) उपरोक्त वर्षों में प्रश्नकर्ता द्वारा भेजे गये पत्रों पर कार्यवाही एवं किये गये प्रश्नों के माध्यम से शासन/विभाग द्वारा क्या-क्या किया गया? शेष लंबित आवेदनों पर कब तक कार्यवाहियां कर ली जाएंगी?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
ग्रामीण आवासों के संबंध में
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
111. ( क्र. 2811 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन गरीब परिवारों के आवास हेतु मुख्यमंत्री आवास योजना एवं प्रधानमंत्री आवास योजना के माध्यम से उन्हें आवासों की सुविधा प्रदान कर रहा है? (ख) यदि हाँ, तो उपरोक्त योजनाएं कब-कब प्रारंभ होकर जावरा विधानसभा क्षेत्र में कितने परिवारों को चिन्हित कर अथवा उनसे प्राप्त आवेदन पर कितने परिवारों को शासन/विभाग योजना प्रारंभ होने से लेकर प्रश्न दिनांक तक कितने आवास स्वीकृत कर चुका है, बताएं? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) अंतर्गत योजनाएं प्रारंभ होने से लेकर प्रश्न दिनांक तक दोनों योजनाओं में कितने कार्य किन-किन स्थानों पर कब-कब स्वीकृत होकर कब-कब पूर्ण हुए, अपूर्ण रहे अथवा अप्रारंभ होकर कार्य प्रारंभ नहीं हुआ, स्पष्ट करें? (घ) स्वीकृत कार्यों हेतु शासन/विभाग द्वारा कितना-कितना बजट स्वीकृत हुआ तथा आवेदक/हितग्राहियों द्वारा कितनी-कितनी राशि सम्मिलित की गई, योजना प्रारंभ से लेकर प्रश्न दिनांक तक कार्य प्रारंभ, पूर्णता, अप्रारंभ इत्यादि स्थिति ग्रामवार स्पष्ट करें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) एवं (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार है।
वन विभाग के कार्यों पर व्यय का ब्यौरा
[वन]
112. ( क्र. 2824 ) श्री मुकेश नायक : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पन्ना जिले के अंतर्गत पिछले तीन वित्तीय वर्षों में किये गये कार्यों, वृक्षारोपण, निर्माण कार्य, हितग्राहियों के पट्टे अवैध परिवहन एवं खनन के प्रकरण इत्यादि का ब्यौरा बतायें? (ख) क्या उपरोक्त कार्यों को नियमानुसार और निश्चित समय अवधि में पूर्ण तथा अंतिम निराकरण किया गया? यदि हाँ, तो किसे-किसे यदि नहीं, तो कौन-कौन से है, कारण बतायें। (ग) बुन्देलखण्ड पैकेज अंतर्गत कहाँ-कहाँ, क्या-क्या कितनी राशि से कब-कब निर्माण कार्य किये गये और उन तालाबों की स्थिति क्या उद्देश्य अनुरूप हैं यदि हाँ, तो किस-किस तालाब में कितना पानी है? (घ) विभाग द्वारा वन समितियों को क्या-क्या सुविधायें दी गई, तिथि सहित बतायें?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है।
मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़कों में डामरीकरण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
113. ( क्र. 2853 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सुमावली विधानसभा मुरैना में नवम्बर 2017 की स्थिति में मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़क मार्गों (बिना डामरीकृत) की संख्या क्या है एवं कितनी लंबाई है, सड़कवार जानकारी दी जावें? (ख) उक्त मार्गों पर डामरीकरण की प्रक्रिया किस स्थिति में है? डामरीकरण के पूर्व की कार्य योजना के तहत क्या-क्या कार्य किया जावेगा, पूर्ण जानकारी दी जावे? (ग) उक्त मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़क मार्गों पर डामरीकरण के पूर्व खेतों में सिंचाई हेतु क्रास पाइप डालने का प्रावधान किया गया है, जिससे निर्माण बाद सड़क की खुदाई नहीं हो?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) डामरीकरण कार्य हेतु निविदा स्वीकृति की कार्यवाही विचाराधीन है। डामरीकरण के पूर्व गिट्टीकरण एवं पटरीभराई आदि कार्य किया जावेगा। (ग) जी हाँ।
जन अभियान परिषद के कार्यों के आय व्यय
[योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी]
114. ( क्र. 2886 ) श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला गुना एवं अशोकनगर में जन अभियान परिषद अन्तर्गत जिला कार्यालय एवं विकासखण्ड कार्यालय पर कुल कितने पद स्वीकृत हैं एवं कितने पद भरे हुये हैं? पदस्थ अधिकारी कर्मचारियों के नाम वेतनमान की जानकारी देवें। (ख) क्या उक्त जिलों को वर्ष 2012 से लेकर 2017 में कितना-कितना बजट का आवंटन प्राप्त हुआ है? किस-किस मद में तथा कितना व्यय हुआ है? मदवार वर्षवार, जिलावार विकासखण्डवार पृथक-पृथक रूप से बतायें? (ग) उक्त अभियान परिषद की गतिविधि जिला एवं विकासखण्ड कार्यालयों से क्रियान्वित हुई हैं? कहाँ-कहाँ कितने हितग्राहियों को लाभ हुआ? पंजीकृत कितनी नवांकुर, प्रस्फुकटन समितियां संचालित हैं, इन्हें कितनी-कितनी राशि किस कार्य में भुगतान की है? संस्थाओं समितियों प्रत्येक के नाम, पता सहित योजना का नाम सहित आय, व्यय सहित राशि सहित जानकारी देवें। (घ) क्या जन अभियान परिषद कार्यालयों में ब्लॉक समन्वयक संविदा आधार पर नियुक्त किये हैं? क्या बतायें अपने मूल निवास स्थान पर पदस्थ किया जा सकता है तो इस संबंध में विभाग द्वारा जारी नियम, निर्देश संशोधन आदेश की जानकारी देवें?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''1'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''2'' अनुसार है। (ग) जी हाँ। जन अभियान परिषद के जिला अशोकनगर में 245 प्रस्फुटन समितियाँ एवं 40 नवांकुर संस्थाएं पंजीकृत है, जिला गुना में 447 प्रस्फुटन समितियाँ एवं 35 नवांकुर संस्थाएं परिषद के साथ पंजीकृत है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''3'' अनुसार है। (घ) जी हाँ। मूलनिवास स्थान पर पदस्थ किये जाने के संबंध में कोई नियम, निर्देश संशोधन आदेश नहीं है।
पदाधिकारियों के कार्यों में भ्रष्टाचार
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
115. ( क्र. 2890 ) श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. में केन्द्र शासन की योजना इंदिरा गांधी गरीबी हटाओ एवं आजीविका मिशन योजना में गुना जिले को कितना आवंटन किस मद में कितना प्राप्त हुआ? (ख) विगत तीन वर्षों में विधानसभा क्षेत्र बमोरी में उक्त आवंटन से कौन-कौन से कार्य कराये गये। क्या कराये गये कार्यों का निरीक्षण एवं भौतिक सत्यापन किसी सक्षम अधिकारी द्वारा कराया जाता है? 3 वर्ष की सूची देवें? (ग) उक्त योजनान्तर्गत समूहों को किस कार्य हेतु कितनी राशि दी गई ग्रामवार समूहवार सूची देवें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) इंदिरा गांधी गरीबी हटाओ परियोजना वर्ष 2015 में समाप्त होने के कारण राशि का आवंटन नहीं किया गया है। म.प्र. राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन अंतर्गत स्थापना व्यय राशि रू. 32750000 सामाजिक सशक्तिकरण राशि रू. 12077000 सामुदायिक निवेश राशि रू. 119000000 उपलब्ध कराया गया है। (ख) मिशन द्वारा सीधे कार्य नहीं कराए जाते है, स्व-स्हायता समूहों के गठन, सशक्तिकरण के अलावा उन्हें चक्रीय निधि, समुदाय निवेश निधि, ग्राम आपदा कोष प्रदाय करने के अलावा बैकों से ऋण दिलाए जाते है। कौन-कौन से कार्य करने है यह समूहों के स्व-विवेक से होता है। भौतिक सत्यापन एवं कार्यों के निरीक्षण का प्रश्न नहीं होता परन्तु मिशन द्वारा सहजकर्ता के रूप में कार्य किया जाता है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट पर है।
उद्योगिक क्षेत्रों में सड़कों की स्थिति
[वाणिज्य, उद्योग एवं रोजगार]
116. ( क्र. 2906 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन संभाग के विभिन्न औद्योगिक क्षेत्रों में 1 जनवरी, 2014 की स्थिति में कितनी-कितनी सड़कों नालियों के लिए कहाँ-कहाँ, कितनी-कितनी राशि विभाग द्वारा स्वीकृत की गयी? कहाँ-कहाँ सी.सी एवं अन्य सड़कों का निर्माण, प्रकाश व्यवस्था एवं अन्य प्रकार के कार्य किस-किस कम्पनी ने किये? (ख) उक्त संभाग में किन-किन स्थानों पर नवीन औद्योगिक क्षेत्र का निर्माण उक्त अवधि में किया गया या किया जा रहा है? इस हेतु कितनी राशि किस-किस कार्य के लिए कहाँ-कहाँ स्वीकृत की गई है? (ग) उक्त संभाग में ऐसे कितने उद्योग हैं जो 5 वर्षों से अधिक समय से बंद पड़े हैं क्या बंद पड़े उद्योगों के मालिक से प्लाट खाली करा लिए गये हैं यदि हाँ, तो उक्त अवधि में कहाँ-कहाँ प्लाट कब्जा खाली करा कर किस-किस नवीन उद्योगों के लिए प्लाट दिए गये? यदि नहीं, तो वर्षों से बंद पड़े उद्योगों को खाली करने के क्या नियम है? (घ) क्या प्रश्नांश (ग) संदर्भित बंद उद्योगों के प्लाट मालिकों ने विभाग की बिना अनुमति के ही प्लाट अन्य को बेच दिए हैं या किराए पर दे दिए हैं, यदि हाँ, तो उक्त अवधि में, उक्त संभाग में, एसे कितने प्रकरण सामने आये, उनके खिलाफ क्या-क्या कार्यवाही की गयी, ऐसे प्रकरणों में विभाग के कितने अधिकारी शामिल पाए गये, जानकारी देवें?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) उज्जैन संभाग के विभाग के अधीन मध्यप्रदेश औद्योगिक केन्द्र विकास निगम लि. उज्जैन के क्षेत्रांतर्गत औद्योगिक क्षेत्रों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र (क-i) एवं (क-ii) पर हैं। (ख) उज्जैन संभाग के मध्यप्रदेश औद्योगिक केन्द्र विकास निगम लि. उज्जैन के क्षेत्रांतर्गत औद्योगिक क्षेत्रों में निर्माण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ख'' पर हैं। (ग) उज्जैन संभाग में ए.के.व्ही.एन. क्षेत्रांतर्गत औद्योगिक क्षेत्रों में 05 वर्षों से अधिक समय से 51 उद्योग बंद पाये गये हैं, जिसके विरूद्ध मध्यप्रदेश राज्य औद्योगिक भूमि एवं भवन प्रबंधन नियम 2015 के प्रावधानों के अंतर्गत की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ग'' अनुसार हैं। बंद पड़े उद्योगों को आवंटित भूमि के निरस्तीकरण अथवा खाली कराने के संबंध में मध्यप्रदेश राज्य औद्योगिक भूमि एवं भवन प्रबंधन नियम 2015 के प्रावधान निहित हैं। (घ) प्रश्नांश (घ) संदर्भित 04 बंद उद्योगों के मालिकों ने विभाग की बिना अनुमति के प्लांट हस्तांतरित किये हैं/किराये पर दिये हैं। मध्यप्रदेश राज्य औद्योगिक भूमि एवं भवन प्रबंधन नियम 2015 के प्रावधान अनुसार की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट प्रपत्र ''घ'' अनुसार हैं। ऐसे प्रकरणों में विभाग का कोई अधिकारी शामिल होना नहीं पाया गया, इसलिये जानकारी निरंक हैं।
रास्तों का आवागमन
[नगरीय विकास एवं आवास]
117. ( क्र. 2914 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या बडागॉव चैराहे से सात नम्बर चैराहे तक हुरावली रोड से सात नम्बर चौराहे तक एवं गैस गोदाम रोड से सात नम्बर चैराहे तक की तीनों रोड जो छावनी क्षेत्र मुरार से मुरारशहर, लश्कर शहर एवं ग्वालियरशहर को आती-जाती हैं, यह रोड ग्राम बडागॉव, खुरैरी, उदयपुरा, सुनारपुरा, गणेशपुरा, द्यनेली, सिंगारपुरा, राई, रतवाई, वेरजा, सुपावली, बिल्होटी, पारसेन, मोहनपुर, सौंसा, बंधोली, उटीला, हस्तिनापुर, सोनी, विजौली, ईकहारा, दहेली, सिरसौद एवं दगिंयापुरा इत्यादि सैकड़ों गाँवों को मुरारशहर, लश्कर शहर एवं ग्वालियर शहर जब से इन गाँवों की स्थापना हुई है तब से जोड़ती हैं? (ख) यदि हाँ तो क्या इन रोडों के आवगमन को छावनी क्षेत्र मुरार पर तैनात सुरक्षा वल रोकता है? यदि हाँ तो क्यों? किसके आदेश से? आदेश की प्रति दे? यदि रास्ता रोकने का कोई आदेश नहीं है तो क्या ऐसे सुरक्षाकर्मियों-अधिकारियों के प्रति कोई दण्डात्मिदक कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो क्या और कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या इन ग्रामीणों के साथ यह अन्याय नहीं है? यदि है तो क्या इन छावनी क्षेत्र में तैनात सुरक्षा बलों को पूर्व से चले आ रहे उक्त ग्रामीणों के आवागमन को पूर्व की भाँति सुचारू रखने के निर्देश जारी किये जावेंगे? यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) स्टेशन हेड क्वार्टर मोरार केंट ग्वालियर के प्रतिवेदन दिनांक 28.11.2017 के अनुसार जी नहीं, शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। स्टेशन हेड क्वार्टर मोरार केंट ग्वालियर का प्रतिवेदन दिनांक 28.11.2017 संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
निर्माण कार्य की अनियमितता के संबंध में
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
118. ( क्र. 2917 ) श्री महेन्द्र सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पन्ना जिले में वर्ष 2016 से पंचायत सचिवों के हड़ताल में वित्तीय अधिकार पंचायत सचिवों के स्थान पर किसी अन्य को दिये गये थे, यदि हाँ, तो गुनौर जनपद पंचायत की ग्राम पंचायत विक्रमपुर में पंचायत सचिवों की हड़ताल के समय वित्तीय अधिकार किसे दिये गये? (ख) क्या पन्ना जिले में पंचायत सचिवों की हड़ताल के समय जनपद पंचायत गुनौर की ग्राम पंचायत विक्रमपुर में निर्माण कार्य हेतु राशि का आहरण किया गया यदि हाँ, तो किस कार्य हेतु किस मद से कितनी राशि का आहरण किया गया? (ग) प्रश्नांश (ख) के संबध में पंचायत द्वारा किस फर्म के नाम से कितनी राशि का आहरण किया गया बिल, व्हाउचर एवं पंचायत के खाता सहित बतावे? (घ) क्या प्रश्नांश (ख) से संबंधित कार्यों सही निर्धारित मापदण्डों के अनुसार कराये गये तथा उनकी देख-रेख किस उपयंत्री के द्वारा कराई गई? क्या उक्त निर्माण कार्यों की अनियमितता के संबंध में शिकायतें प्राप्त हुई? यदि हाँ, तो उन शिकायतों पर क्या कार्यवाही की गई? यदि शिकायतों पर कार्यवाही नहीं की गई तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। श्री कुम्मेर सिंह, ग्राम रोजगार सहायक ग्राम पंचायत द्वारी को वित्तीय अधिकार दिये गये थे। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। (घ) जी हाँ, श्रीराम अहिरवार, उपयंत्री की देख-रेख में कार्य कराये गये। जी हाँ। प्राप्त शिकायत की जाँच हेतु मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत गुनौर द्वारा सहायक यंत्री, श्रीराम अहिरवार, उपयंत्री एवं प्रवीण खरे पंचायत समन्वय अधिकारी, जनपद पंचायत गुन्नौर का दल गठित कर जाँच कराई जा रही है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
रोड निर्माण के संबंध में
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
119. ( क्र. 2919 ) श्री महेन्द्र सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्राम पंचायत मोहनपुरवा के मोहन निवास चैराह से कुंजवन रोड का निर्माण कार्य किस एजेन्सी द्वारा कब से किया जा रहा है? इस रोड की प्रशासनिक स्वीकृति कब हुई तथा कितनी लागत से रोड का निर्माण कार्य किस एजेंसी द्वारा कराया जा रहा है? (ख) प्रश्न (क) से संबधित रोड जिसकी लंबाई लगभग 02 कि.मी. है का निर्माण विगत 02 वर्ष से चल रहा है क्या 02 कि.मी. की सड़क निर्माण के लिये यह बहुत अधिक समय नहीं है, यदि हाँ, तो इसके लिये कौन दोषी है? दोषियों के विरूद्ध शासन क्या कार्यवाही करेगा? (ग) क्या रोड का निर्माण न होने से आवागमन में वहाँ की जनता को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है तथा सड़क किनारे के परिवार धूल आदि की समस्या से परेशान हैं? (घ) उक्त सड़क का निर्माण कार्य कब तक पूरा कराया जाएगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) मैसर्स रतन बिल्डर्स द्वारा दिनांक 25.07.2016 से निर्माण किया जा रहा है। उक्त कार्य की प्रशासकीय स्वीकृति दिनांक 13.05.2016 में हुई तथा स्वीकृत लागत रू. 301.55 लाख है। (ख) जी नहीं। मार्ग की कुल लम्बाई 7.30 कि.मी. है तथा मार्ग का निर्माण ग्राम मनकी तक कराया जाना है। पैकेज की अनुबंधानुसार पूर्णता दिनांक 24.01.2018 है। (ग) जी नहीं। मार्ग में डब्ल्यू.बी.एम. (2.70 कि.मी.) का कार्य पूर्ण होकर सीसी का कार्य प्रगतिरत है। (घ) निर्माण कार्य मार्च 2018 तक पूर्ण करना लक्षित है।
अनियमितताओं की जाँच एवं कार्यवाही
[नगरीय विकास एवं आवास]
120. ( क्र. 2944 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नगर पालिक निगम भोपाल में वर्ष 2013-14 से 2017-18 तक निगम के पास स्वयं के कितने तथा कौन-कौन से वाहन उपलब्ध हैं? इन वाहनों की मरम्मत, रख-रखाव, टायर ट्यूब एवं बैटरी, मोटर पार्टस खरीदी एवं डीजल ऑईल, पेट्रोल आदि पर कब-कब, कितनी-कितनी राशि व्यय की गई? (ख) उक्त वाहनों के रख-रखाव एवं मरम्मत आदि पर उक्त अवधि में कितनी-कितनी राशि का बजट प्रावधान किया गया था तथा कितनी-कितनी राशि बजट से अधिक व्यय की गई? (ग) क्या निगम के वाहनों के रख-रखाव एवं मरम्मत, पार्टस खरीदी आदि में गंभीर आर्थिक अनियमितता की गई है, जिसकी जाँच के आदेश सुश्री छवी भारद्वाज, तत्कालीन आयुक्त, नगर-निगम भोपाल द्वारा दिये गये थे? यदि हाँ, तो उक्त जाँच किन-किन बिन्दुओं पर की गई तथा जाँच निष्कर्ष के आधार पर किन-किन दोषियों के विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गई? यदि जाँच पूर्ण नहीं की गई तो इसके कारण बतायें और कब तक जाँच पूर्ण कर ली जायेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) एवं (ख) वर्ष 2013-14 में कुल वाहनों की संख्या 571 थी। इनमें सवारी वाहनों की संख्या 95 (जीप, कार, नैनों, इंडिगों इत्यादि) एवं कामर्शियल वाहनों की संख्या 476 थी (ट्रक, वाटर टैंकर, आर.सी. डम्पर प्लेसर, जे.सी.बी. रोड रोलर इत्यादि) वर्ष 2017-18 में प्रश्न दिनांक तक कुल वाहनों की संख्या 872 है। इनमें सवारी वाहनों की संख्या 153 (जीप कार, नैनों, इंडिगों इत्यादि) एवं कामर्शियल वाहनों की संख्या 719 है। (ट्रक, वाटर टैंकर, आर.सी. डम्पर प्लेसर, जे.सी.बी. रोड रोलर इत्यादि) वाहन एवं मशीनरी की मरम्मत एवं रख-रखाव पर व्यय, टायर-ट्यूब व वैटरी तथा डीजल, ऑयल, पेट्रोल व्यय एवं बजट संबंधी जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ग) नगर निगम भोपाल की परिवहन शाखा केन्द्रीय कर्मशाला की जाँच हेतु गठित जाँच समिति द्वारा दिनांक 28.08.2017 को अपनी अंतरिम रिर्पोट प्रस्तुत की गई है। जाँच समिति द्वारा तकनीकी रूप से जाँच हेतु विशिष्टीकृत अधिकारी नियुक्त करने का प्रस्ताव दिया गया था निगम आयुक्त की स्वीकृति पश्चात मेनिट में पदस्थ डॉ. आर.के. मण्डलोई एसोसिएट प्रोफेसर एम.ए. नेशनल इस्ट्यूट ऑफ टेक्नोलाजी (मेनिट को) केन्द्रीय कर्मशाला के वाहनों की तकनीकी रूप से जाँच हेतु नियुक्त किया गया है। वर्तमान में जाँच प्रक्रिया प्रचलन में है जाँच प्रक्रिया पूर्ण होने के पश्चात समिति द्वारा अंतिम रिपोर्ट प्रस्तुत की जायेगी। तत्पश्चात रिपोर्ट के गुण-दोष के आधार पर संबंधितों के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की जायेगी। जाँच के बिन्दुओं की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। अंतरित जाँच रिपोर्ट के आधार पर श्री आर.के. परमार तत्कालीन परिवहन अधिकारी के विरूद्ध उनके मूल विभाग लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग को अनुशासनात्मक कार्यवाही हेतु प्रस्ताव प्रेषित किया गया था जिस पर लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा कार्यवाही करते हुए उन्हे आरोप पत्र जारी किया गया है। इसके अतिरिक्त निगम के हेड मेकेनिक श्री शमीम अहमद खां को उनके विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही करते हुये उनको निलंबित कर आरोप पत्र जारी किया गया है। जाँच प्रचलन में है समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
सामाजिक सुरक्षा पेंशन की राशि बढ़ाया जाना
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
121. ( क्र. 2945 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2016-17 एवं 2017-18 में भिण्ड जिले के लहार विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत वृद्धावस्था पेंशन, विधवा पेंशन एवं विकलांग पेंशन के कितने प्रकरण प्राप्त हुये? उनमें से कितने हितग्राहियों को पेंशन स्वीकृत की गई एवं कितनों को किन-किन कारणों से पेंशन स्वीकृत नहीं की गई? (ख) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा बजट सत्र 2017-18 में मा. वित्त मंत्री के बजट भाषण 01 मार्च, 2017 में सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना की राशि रूपये 150 से बढ़ाकर 300 रूपये का उल्लेख किये जाने के तारतम्य में दिनांक 30 अगस्त, 2017 को मा. मंत्री, पंचायत एवं ग्रामीण विकास को पत्र लिखा था? (ग) यदि हाँ, तो उक्त पत्र के संदर्भ में सामाजिक सुरक्षा पेंशन की राशि 150 रूपये से बढ़ाकर 300 रूपये की गई? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में उक्त पेंशन हेतु केन्द्रांश एवं राज्यांश का प्रतिशत कितना-कितना है? प्रति हितग्राही के अनुपात में जानकारी दें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जिला भिण्ड अन्तर्गत लहार विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2016-17 एवं 2017-18 में वृद्धावस्था, पेंशन, विधवा पेंशन, विकलांग पेंशन के प्राप्त प्रकरण स्वीकृत प्रकरण तथा जिन हितग्राहियों के पास वोटर कार्ड में आयु कम होने, बी.पी.एल. में नाम न होने समग्र आई.डी. तथा बैंक खाते की जानकारी नहीं होने से अस्वीकृत प्रकरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। (ख) जी हाँ। पेंशन वृद्धि के संबंध में शासन आदेश एवं माननीय विधायक जी का प्राप्त पत्र पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार। (ग) उत्तरांश ''ख'' अनुसार। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जानकारी उत्तरांश ''ख'' अनुसार।
डोलोमाईट खनिज खदानों की जानकारी
[खनिज साधन]
122. ( क्र. 2963 ) प्रो. संजीव छोटेलाल उइके : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मण्डला जिला अंतर्गत डोलोमाईट खनिज की खदानें कहाँ-कहाँ संचालित हो रही हैं? विधानसभा क्षेत्रवार, विकासखण्डवार, पंचायतवार जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) क्या उक्त खदानों को वन विभाग द्वारा निर्धारित 250 मीटर की सीमा के बाहर होने के कारण विभाग द्वारा सहमति दी गई हैं? यदि हाँ, तो खदानों की अनुमति जारी करने के पूर्व किस सक्षम अधिकारी द्वारा खदान क्षेत्रों का निरीक्षण कर खदान का सत्यापन किया गया और उक्त प्रतिवेदन विभाग को प्रस्तुत कर उक्त प्रतिवेदन के आधार पर विभाग द्वारा अनुमति/सहमति खदान संचालक को प्रदान की गई है? निरीक्षण एवं सत्यापनकर्ता सक्षम अधिकारी का नाम, पदनाम सहित जानकारी तथा सक्षम अधिकारी द्वारा निरीक्षण प्रतिवेदन तथा सत्यापन के आधार पर प्रस्तुत प्रतिवेदन की विकासखण्डवार, पंचायतवार, खदानवार जानकारी उपलबध करावें? (ग) क्या खदानों को नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल द्वारा अनुमति प्राप्त हैं? यदि हाँ, तो कब से? तिथिवार, विकासखण्डवार, पंचायतवार, खदानवार जानकारी उपलब्ध करावें? यदि नहीं, तो बगैर अनुमति के संचालित हो रही खदानों से पर्यावरण को हो रही क्षति तथा शासन को हो रही राजस्व की हानि पर क्या कार्य योजना बनाई जावेगी? (घ) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) के परिप्रेक्ष्य में हुई अनियमितता, भ्रष्टाचार के लिए शासन द्वारा क्या कार्यवाही की जावेगी और कब तक?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट पर दर्शित है। (ख) जी नहीं। विभाग द्वारा ऐसी खदानों को सहमति दिये जाने का प्रावधान खनिज नियमों में नहीं है। अत: प्रश्नांश के शेष भाग का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नानुसार नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल से अनुमति प्राप्त किये जाने के प्रावधान नहीं है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नांश 'क', 'ख' एवं 'ग' में दिये उत्तर के प्रकाश में प्रश्नानुसार कोई स्थिति नहीं है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
वृक्षारोपड़ पर विश्व रिकार्ड
[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]
123. ( क्र. 2966 ) प्रो. संजीव छोटेलाल उइके : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में 02 जुलाई, 2017 को विश्व रिकार्ड बनाने हेतु मध्यप्रदेश शासन के निर्देशानुसार कितना वृक्षारोपण का कार्य किया गया है तथा वृक्षारोपड़ में कौन-कौन सी प्रजाति के पौधें रोपे गये है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में मध्यप्रदेश शासन द्वारा वृक्षारोपण में कितना व्यय किया गया है? पौधों की सुरक्षा एवं सिंचाई के क्या संसाधन अपनाये गये? पौधे कहाँ से मंगाये गये? यदि पौधे निजी क्षेत्रों से मंगाये गये हैं तो, निविदा की क्या प्रक्रिया अपनाई गई है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) में उल्लेखित? रोपित पौधों की जीवन रक्षा एवं सुरक्षा हेतु जिले के कितने अधिकारी एवं कर्मचारियों को लगाया गया है? क्या इनमें औषधिय पौधे भी रोपित हैं, तो कौन-कौन से वर्तमान में रोपित पौधों की स्थिति क्या है? कितने जीवित तथा कितने मृतप्राय: है? (घ) क्या यह सही है कि प्रश्नांश (क) (ख) एवं (ग) अंतर्गत पौधों को पर्याप्त सिंचाई तथा सुरक्षा के उपयुक्त उपाय नहीं किये जाने के कारण आधे से अधिक पौधे मृतप्राय: हो गये हैं? इसके लिए कौन दोषी हैं? दोषी अधिकारी के विरूद्ध क्या कार्यवाही कब तक की जावेगी? शेष बचे पौधों की जीवन रक्षा तथा सुरक्षा हेतु शासन की क्या योजना हैं?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) से (घ) दिनांक 02.07.2017 को नर्मदा बेसिन के 24 जिलों में वृक्षारोपण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''1'' अनुसार है। वन विभाग पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, उद्यानिकी विभाग, म.प्र. जन अभियान परिषद द्वारा रोपित पौधों में से जीवित पौधों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''2'' अनुसार है। वन विभाग द्वारा अधिकांश पौधे विभागीय रोपणियों से प्राप्त कर रोपण किया गया है जबकि म.प्र जन अभियान परिषद द्वारा पौधे क्रय पर कोई राशि व्यय नहीं की गई है।
कान्हा नेशनल पार्क अंतर्गत अवैध निर्माण
[वन]
124. ( क्र. 2969 ) प्रो. संजीव छोटेलाल उइके : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कान्हा टाईगर नेशनल पार्क के अंतर्गत पर्यटकों के लिए मण्डला एवं बालाघाट जिले में कितने प्रवेश द्वार स्थापित किये गये हैं? क्या इन प्रवेश द्वारों में बिजली की चमक एवं शोर-गुल को प्रतिबंधित किया गया है? जिससे वन्य जीवों (वाईल्ड लाईव) को असुविधा न हो? (ख) मण्डला एवं बालाघाट जिला अंतर्गत पर्यटकों के ठहरने तथा विश्राम के लिए कितने रिसोर्ट एवं होटलों का निर्माण किया गया है? प्रतिबंधित बिजली की चमक का पालन कैसे किया जाता है? क्या इन होटलों/ रिसॉर्टों के पक्के निर्माण के लिए वन विभाग (रिर्जव फारेस्ट) पर्यावरण विभाग एवं कान्हा टाईगर प्रबंधन से अनुमति ली गई है? यदि हाँ, तो होटलवार, रिसोर्टवार विभागीय अनुमति/सहमति की छायाप्रतियां उपलब्ध करावें, यदि नहीं, तो बगैर अनुमति के पक्का निर्माण कैसे हुआ जबकि कान्हा क्षेत्र से लगे हुए पंचायतों एवं वन ग्रामों में जनहित के लिए पक्के निर्माण की अनुमति विभाग नहीं देता? (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित होटल रिसोर्ट के मालिकों द्वारा कितनी भूमि क्रय की है? किस-किस से क्रय की है? खसरा एवं रकवा उपलब्ध करावें। क्या रिर्साट मालिक क्रय की गई भूमि से ज्यादा रकवा पर काबिज है? यदि हाँ, तो ऐसा क्यों? क्या कान्हा प्रबंधन द्वारा सभी होटल एवं रिसॉर्टों का भौतिक सत्यापन किया गया है? यदि हाँ, तो जानकारी उपलब्ध करायें? यदि नहीं, तो क्यों? क्या उक्त भूमियां आदिवासी वर्ग से भी ली गई हैं? किसके नाम पर ली गई हैं? उक्त रिसार्ट/ होटल में इन आदिवासियों की क्या भूमिका है? (घ) क्या होटल/रिसोर्ट के पक्के निर्माण हेतु एवं स्वीमिंग पुल निर्माण हेतु शासन/प्रशासन से वैधानिक रूप से डायवर्सन की प्रक्रिया अपनाई गई है? यदि हाँ, तो होटल/रिसोर्टवार छायाप्रतियां उपलब्ध करावें? यदि नहीं, तो वगैर डायवर्सन के पक्के निर्माण किस आधार पर हुए तथा व्यवसायिक प्रयोजन की अनुमति किस आधार पर दी गई है? अनियमितता तथा राजकीय कोष की क्षति के लिए शासन क्या कार्यवाही करेगी?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) कान्हा नेशनल पार्क के अंतर्गत पर्यटकों के लिये मण्डला जिले में 02 एवं बालाघाट जिले में 01 प्रवेश द्वार स्थापित किये गये हैं। जी हाँ। (ख) कान्हा नेशनल पार्क में मण्डला एवं बालाघाट जिलों में पर्यटकों के ठहरने तथा विश्राम के लिये राजस्व भूमि में 70 होटल/रिसोर्ट/होम-स्टे विभिन्न व्यक्तियों व संस्थाओं द्वारा निर्मित किये गये हैं, जिसकी सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। सम्भाग आयुक्त, जबलपुर सम्भाग की अध्यक्षता में गठित स्थानीय सलाहकार समिति, द्वारा होटल एवं रिसोर्ट आदि में विद्युत एवं चमक के उपयोग हेतु निर्धारित किये गये नार्मस के पालन के लिये संचालक, कान्हा टाइगर रिजर्व के कार्यालयीन पत्र क्रमांक/2995, दिनांक 12.09.2014 से समस्त रिसोर्ट/होटल मालिकों को लेख किया गया है। छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। कान्हा नेशनल पार्क के आस-पास निर्मित होटल/रिसोर्ट राजस्व भूमि पर निर्मित है। दिनांक 15.10.2012 के पूर्व इनके पक्के निर्माण की अनुमति वन विभाग व कान्हा टाइगर रिजर्व से नहीं ली गई है, क्योंकि ये क्षेत्र वन विभाग व कान्हा टाइगर रिजर्व के अधिकार क्षेत्र से बाहर है। राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण, नई दिल्ली द्वारा जारी गाइड लाइन दिनांक 15 अक्टूबर, 2012 के पश्चात् टाइगर रिजर्व के आस-पास व्यवसायिक नवनिर्माण/विस्तारीकरण हेतु स्थानीय सलाहकार समिति के समक्ष आवेदन-पत्र प्राप्त होने पर स्वीकृति उपरांत ही होटल/रिसोर्ट का निर्माण किया जाता है। गाइड लाइन जारी होने के पश्चात् स्थानीय सलाहकार समिति कान्हा टाइगर रिजर्व द्वारा मात्र दो रिसोर्ट के नवनिर्माण की अनुमति जारी की गई है। छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन अनुसार है। कान्हा क्षेत्र से लगे वनग्रामों एवं अन्य वनक्षेत्रों में जनहित अथवा विकास के कार्यों हेतु वन्यप्राणी (संरक्षण) अधिनियम, 1972 वन संरक्षण अधिनियम 1980, पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम, 1986 एवं अनुसूचित जनजाति और अन्य परम्परागत वन निवासी अधिनियम, 2006 के प्रावधानों के अंतर्गत निर्धारित प्रक्रिया अनुसार अनुमति दी जाती है। (ग) प्रश्नांश 'ख' के उत्तर में उल्लेखित होटल/रिसोर्ट के मालिकों द्वारा क्रय की गयी भूमि, किससे क्रय की गयी, खसरा एवं रकवा की जानकारी अनुविभागीय अधिकारी, बिछिया जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-चार अनुसार है एवं बैहर द्वारा प्रस्तुत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-पाँच अनुसार है। रिसोर्ट मालिकों द्वारा क्रय की गई भूमि से ज्यादा रकवा पर काबिज होने संबंधी प्रकरण कान्हा टाइगर रिजर्व प्रबंधन के संज्ञान में नहीं आया है। कान्हा प्रबंधन द्वारा किसी भी होटल/रिसोर्ट का भौतिक सत्यापन नहीं किया गया है, क्योंकि राजस्व भूमि में निर्मित होटल/रिसोर्ट कान्हा प्रबंधन के अधिकार क्षेत्र में नहीं आते हैं। अनुविभागीय अधिकारी, बिछिया, मण्डला द्वारा दी गयी जानकारी अनुसार होटल/रिसोर्ट मालिकों द्वारा क्रय की गयी उक्त भूमियों में से कुछ आदिवासी वर्ग से भी ली गयी है, जो पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-छ: अनुसार है। उक्त होटल/रिसोर्ट में इन आदिवासियों के जीवन-यापन हेतु रोजगार के अवसर उपलब्ध हैं। (घ) होटल/रिसोर्ट के पक्के निर्माण के डायवर्सन की प्रक्रिया में अनुविभागीय अधिकारी, बैहर एवं बिछिया से प्राप्त जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 एवं 5 में दी गई है।
विधायक निधि में प्रशासकीय लापरवाही एवं राजकोष को क्षति
[योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी]
125. ( क्र. 2972 ) प्रो. संजीव छोटेलाल उइके : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मण्डला जिलान्तर्गत मण्डला विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक तक कितने निर्माण कार्यों एवं जनहित में स्वेच्छानुदान राशि विधायक निर्वाचन विकास निधि (विधायक निधि) से स्वीकृति हेतु विधायक अनुशंसित पत्र विभाग/जिला प्रशासन को प्रेषित हुए हैं वर्षवार, विकासखण्ड, पंचायतवार समुचित जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) उल्लेखित अवधि में अनुशंसित कार्यों की स्वीकृति हेतु विभाग द्वारा कौन से मापदण्ड अपनाये गये तथा विभागीय प्रक्रिया पूर्ण कर तकनीकी स्वीकृति एवं प्रशासकीय स्वीकृति जारी की गई एवं शेष अनुशंसित कितने कार्य लंबित हैं? कारण सहित विकासखण्डवार, पंचायतवार वर्षवार जानकारी दें। (ग) क्या म.प्र. शासन के निर्देशानुसार विधायक द्वारा अनुशंसित कार्यों की तकनीकी और प्रशासकीय स्वीकृति आदेश जारी करने की समय-सीमा 30 दिवस एवं निर्माण कार्य पूर्ण कर पूर्णता प्रमाण-पत्र जारी करने की अवधि दो सीजन (आठ माह) है तथा स्वेच्छानुदान हेतु 15 दिवस निर्धारित है? उक्तावधि में स्वीकृत एवं जारी राशि में ब्याज की गणना कर ब्याज राशि शासन के राजकोष में जमा करने के निर्देश हैं? उक्त अवधि में कितने कार्यों को समय पर पूर्ण कर ब्याज की राशि जमा की गई है? पंचायत तथा विकासखण्ड एवं वर्षवार जानकारी प्रदान करें एवं उपरोक्त निर्माण कार्य कब पूर्ण होंगे? अवधि बतायें। (घ) वर्ष 2017-18 से प्रश्न दिनांक तक प्रश्नकर्ता द्वारा कितने निर्माण कार्यों एवं स्वेच्छानुदान की राशि जनहित में स्वीकृत करने हेतु अनुशंसा की गई है? अनुशंसित कार्य कब तक स्वीकृत हो जावेंगे?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) सभी अनुसंशित कार्य विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र विकास योजना की मार्गदर्शिका के अनुरूप ही स्वीकृत किये गये है। वित्तीय वर्ष 2017-18 में अनुशंसित 77 कार्यों में से 29 कार्य स्वीकृत किये जा चुके है। शेष 48 लंबित कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) जी हाँ। विधायक निधि के तहत स्वीकृत निर्माण कार्यों की राशि से प्राप्त ब्याज की राशि निर्माण एजेन्सियों के द्वारा शासन के खाते में जमा की जाती है। मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत मण्डला द्वारा राशि रूपयें 344971 जमा की गई है। सभी कार्य 31 मार्च, 2018 तक पूर्ण कराने के प्रयास किये जायेगे। (घ) वित्तीय वर्ष 2017-18 में 77 निर्माण कार्य राशि रूपये 210.65 लाख एवं स्वेच्छानुदान मद में 375 हितग्राहियों को राशि रूपये 12.18 लाख की अनुशंसा की गई है। अनुशंसित कार्य की स्वीकृति की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
कलेक्टर सतना द्वारा अवैध उत्खनन में दिए गए आदेश
[खनिज साधन]
126. ( क्र. 2987 ) श्री अजय सिंह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले के कलेक्टर के पास अमरपाटन तहसील के ग्राम ललितपुर नं. 1 में आ.क्रं 442/1, 442/2 में अवैध उत्खनन की शिकायत कितनी बार प्राप्त हुई है? (ख) क्या कलेक्टर सतना के यहां प्रकरण क्रमांक 268अ 12/13 से अवैध उत्खनन का प्रकरण दर्ज था? यदि हाँ, तो सतना कलेक्टर द्वारा जो निर्णय दिया गया वह विधि संगत है? (ग) यदि हाँ, तो परीक्षण कर बताएं कि निर्णय किस आधार पर सही था, क्या सतना कलेक्टर द्वारा शासन को करोड़ों का आर्थिक क्षति पहुंचाने के उद्देश्य से निर्णय दिया गया हैं? (घ) आरक्षक में नंबर गलत अंकित कर कलेक्टर सतना एस.डी.एम. अमरपाटन द्वारा अवैध उत्खनन में दंडाकित राशि वसूल न होने के लिए उत्तरदायी हैं? यदि नहीं, तो आधार बतावें, कैसे? (ड.) यदि हाँ, तो कलेक्टर के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रश्नाधीन क्षेत्र पर कलेक्टर कार्यालय, सतना को चार बार शिकायत प्राप्त हुई है। (ख) जी नहीं। प्रश्न में उल्लेखित प्रकरण क्रमांक दर्ज नहीं किया गया है। (ग) प्रश्नांश 'ख' के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं। अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) के आदेश पत्रिका अनुसार लिये गये निर्णय दिनांक 30.12.2015 के संदर्भ में ही माननीय उच्च न्यायालय, जबलपुर द्वारा जाँच के निर्देश हैं। तद्नुसार कलेक्टर, सतना द्वारा पारित आदेश दिनांक 17.01.2017 से अधीनस्थ न्यायालय को विधिवत जाँच कराकर सुनवाई का अवसर दिये जाने हेतु निर्देश दिये गये हैं। (ड.) प्रश्नांश 'घ' में उल्लेख अनुसार न्यायालयीन प्रक्रिया के तहत कार्यवाही की गई है। अत: प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
बैतूल जिले में संरक्षित वन एवं नारंगी वन सर्वे
[वन]
127. ( क्र. 2988 ) श्री अजय सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैतूल जिले के कितने ग्रामों की कितनी भूमि वन विभाग ने संरक्षित वन सर्वे एवं नारंगी वनभूमि सर्वे में शामिल की इनमें से कितने ग्रामों की कितनी भूमि भा.व.अ. 1927 की धारा 04 एवं धारा 34 अ में अधिसूचित की कितने ग्रामों की कितनी भूमि बिना निर्वनीकरण के अंतरित या आवंटित की हैं? (ख) संरक्षित वन सर्वे एवं नारंगी वन सर्वे में शामिल भूमियां राजस्व विभाग के निस्तार पत्रक अधिकारी अभिलेख में किन-किन मदों में एवं किन-किन सार्वजनिक निस्तारी अधिकारों के लिए दर्ज भूमि है इन भूमियों को संरक्षित वन एवं नारंगी वन सर्वे में शामिल करने का अधिकारी भू-राजस्व संहिता 1959 की किस धारा में वन विभाग को प्रदान किया है? (ग) धारा 4 एवं धारा 34 अ में अधिसूचित बिना निर्वनीकरण के अंतरित एवं आवंटित भूमियों को और राजस्व अभिलेखों में किन-किन मदों एवं प्रयोजनों के लिए दर्ज भूमियों को नांरगी भूमि सर्वे में शामिल करने का निर्देश वन विभाग के 14 मई 1996 को जारी आदेश की किस-किस कंडिका में दिया है? (घ) वन मुख्यालय सतपुड़ा भवन भोपाल को गत दो वर्षों में संरक्षित वन भूमि एवं नारंगी वन भूमि से संबंधित विषय पर श्री निशंक जैन, माननीय विधायक एवं श्री अनिल गर्ग कोठी बाजार बैतूल का किस दिनांक को पत्र प्राप्त हुआ, किस पत्र पर वन मुख्यालय ने किस दिनांक को क्या कार्यवाही की हैं?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) बैतूल जिले के 680 ग्रामों की 1,49,495 हेक्टेयर संरक्षित वन भूमि को सर्वे डिमारकेशन स्कीम में शामिल किया गया तथा 1269 ग्रामों की 137752.393 हेक्टेयर भूमि को वर्ष 1996 में नारंगी इकाई बैतूल द्वारा किये गये प्रारंभिक सर्वे में शामिल किया गया। सर्वे डिमारकेशन में शामिल 680 ग्रामों में से 419 ग्रामों की 71684 हेक्टेयर भूमि भारतीय वन अधिनियम, 1927 की धारा-4 (1) में अधिसूचित की गई तथा नारंगी सर्वे इकाई में से 35 ग्रामों की 2658.389 हेक्टेयर भूमि भारतीय वन अधिनियम, 1927 की धारा-4 (1) में अधिसूचित की गई। 680 ग्रामों में से 243 ग्रामों की समस्त वनभूमि भारतीय वन अधिनियम, 1927 की धारा-34 (अ) के तहत वर्ष 1927 में निर्वनीकृत की गई। वर्ष 1996 में नारंगी इकाई बैतूल द्वारा किये गये प्रारंभिक सर्वे में शामिल एवं प्रस्तावित वनखण्डों के बाहर छोड़ी गई असीमांकित संरक्षित वन (नारंगी) वनभूमियों को सर्वे उपरांत निर्वनीकृत नहीं किया गया। 680 ग्रामों में से 63 ग्रामों की 2,341.302 हेक्टेयर वन भूमि म.प्र. शासन के अर्द्ध शसकीय पत्र क्रमांक 14470/10/65 दिनांक 23.10.1965 के तहत अधिक अन्न उपजाओ योजना के तहत तथा 608 ग्रामों की 25211.683 हेक्टेयर भूमि अर्द्ध शासकीय पत्र क्रमांक/1705/10/71 दिनांक 02.04.1971 से कृषि योग्य वनभूमि राजस्व विभाग को अंतरित की गयी। वर्ष 1996 में नारंगी इकाई बैतूल द्वारा किये गये प्रारंभिक सर्वे में शामिल नारंगी वनभूमियाँ राजस्व विभाग को अंतरित नहीं की गई। प्रारंभिक सर्वे में शामिल राजस्व भूमियों में से अनुपयुक्त पाई गई राजस्व भूमियाँ पूर्ववत राजस्व विभाग के आधिपत्य में है, अतः उनको अंतरित करने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) घोषित की गई संरक्षित वनभूमि राजस्व अभिलेखों में मुख्य रूप से छोटे झाड़ के जंगल, बड़े झाड़ के जंगल, पहाड-चट्टान, चरनोई, घास, जंगल खुर्द, जंगलात आदि मद एवं प्रयोजनों हेतु दर्ज रही हैं। प्रश्नांश के संबंध में भू-राजस्व संहिता 1959 में कोई प्रावधान नहीं हैं, अपितु भारतीय वन अधिनियम, 1927 की धारा-29 के अन्तर्गत किसी वनभूमि या पड़त भूमि पर, जो आरक्षित वन में सम्मिलित नहीं है, किन्तु जो सरकार की सम्पत्ति है या जिस पर सरकार का अनापत्तिक अधिकार है या उसकी सम्पूर्ण वनोपज या उसके भाग पर सरकार का अधिकार है, को अधिसूचना द्वारा संरक्षित वन अधिसूचित करने का प्रावधान है। (ग) प्रश्नांश उल्लेखित भूमियों को मध्यप्रदेश शासन वन विभाग के पत्र क्रमांक/एफ 5/43/90/10-3 दिनांक 14 मई 1996 की कंडिका-3- ''जो वन क्षेत्र वन विभाग के प्रबंधन के अनुपयुक्त पाये जाते हैं उन्हें राजस्व विभाग को सौंपा जावे साथ ही जिलाध्यक्ष से ऐसे खसरों का हस्तांतरण वन विभाग को कराये जाने की कार्यवाही की जावे, जिसमें अच्छी श्रेणी के वन उपलब्ध हैं। '' में दिये निर्देशानुसार शामिल की गई। (घ) जानकारी संकलित की जा रही है।
सी.एम. हेल्पलाईन का निराकरण समय-सीमा में न होने
[लोक सेवा प्रबन्धन]
128. ( क्र. 2997 ) श्री कल्याण सिंह ठाकुर : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सी.एम. हेल्पलाईन में दर्ज शिकायतों का निराकरण समय-सीमा में किया जा रहा है? यदि हाँ, तो शि.क्र.4715715 एवं 4788876 का निराकरण क्यों नहीं किया गया? यदि नहीं, तो क्यों? क्या कार्यवाही की गई? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार क्या यह सही है कि सी.एम. हेल्पलाईन में समय-सीमा में शि.क्र. 4715715 एवं 4788876 पर कार्यवाही का प्रकरण का निराकरण क्यों नहीं किया गया? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के अनुसार सी.एम. हेल्पलाईन में प्रकरण की कार्यवाही समय-सीमा में न होने से कौन-कौन अधिकारी जिम्मेदार हैं? इनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) सी.एम. हेल्पलाईन में दर्ज शिकायतों को कार्यवाही हेतु संबंधित विभाग के अधिकारियों को ऑनलाईन अग्रेषित किया जाता है तथा प्रत्येक स्तर पर निर्धारित समय-सीमा में निराकरण का निरंतर प्रयास किया जाता है। शिकायत क्रमांक 4715715 एवं 4788876 पर की गई कार्यवाही की वर्तमान स्थिति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) शिकायत क्रमांक 4715715 का निराकरण किया जा चुका है एवं शिकायत क्रमांक 4788876 निराकरण हेतु आबकारी विभाग को भेजी गई है। (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मध्यप्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
129. ( क्र. 3000 ) श्री गोवर्धन उपाध्याय : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा जिले के विधानसभा क्षेत्र सिरोंज एवं लटेरी में मध्यप्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन विदिशा द्वारा विगत तीन वर्षों में कितने युवक-युवतियों को किन-किन कामों के लिए प्रशिक्षण किस-किस ट्रेडों में दिया गया? उनमें से कितने लोगों को स्व-रोजगार से जोड़ा गया? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार प्रशिक्षण दिये जाने का प्रावधान क्या है? शासन के निर्देशों की प्रति उपलब्ध करावें? उक्त संबंध में सिरोंज तहसील के किसान एवं युवा विकास मण्डल विशेपुर समिति द्वारा ग्रामीण महिलाओं को सिलाई एवं कढ़ाई प्रशिक्षण हेतु हितग्राहियों की सूची उपलब्ध कराई गई थी? यदि हाँ, तो उस पर क्या कार्यवाही की गई? नहीं तो क्यों नहीं? कारण बतावें। (ग) ग्रामीण स्व-रोजगार प्रशिक्षण संस्थान विदिशा द्वारा विगत तीन वर्षों में विभिन्न ट्रेडों में सिरोंज एवं लटेरी के कितने युवक-युवतियों को ब्लॉक स्तर पर प्रशिक्षण दिलाया गया एवं प्रशिक्षण पर कितनी राशि व्यय की गई? प्रशिक्षण उपरांत कितने लोगों को स्वरोजगार से जोड़ा गया है? सूची उपलब्ध करावें।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ब अनुसार है। जी हाँ। सूची प्रशिक्षण हेतु विदिशा स्थित ग्रामीण स्व-रोजगार प्रशिक्षण संस्थान (आरसेटी) को प्रेषित की गई, आरसेटी के राज्य कार्यालय भोपाल से आफ कैम्पस प्रशिक्षण अनुमति नहीं मिलने के कारण प्रशिक्षण नहीं कराया गया। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अ अनुसार है।
वन अपराध प्रकरण पर कार्यवाही
[वन]
130. ( क्र. 3033 ) श्री रामपाल सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) तारांकित प्रश्न क्रमांक १९४८ दिनांक २८-०२-२०१७ के परिप्रेक्ष्य में तारांकित प्रश्न क्रमांक १५३२ दिनांक २० जुलाई, २०१७ से संबंधित जवाब जिसमें विभागीय जाँच उपरांत संबंधित कर्मचारी निर्दोष पाया जाना बताया गाया है। उक्त संबध में स्पष्ट अभिमत दस्तावेज सहित उपलब्ध करायी जावे? (ख) वाहन मालिक से वसूल की गई जुर्माने की राशि २० हजार वाहन मालिक को क्यों वापस नहीं किया गया? कारण सहित जानकारी उपलब्ध करायी जावे।
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) वाहन मालिक द्वारा वन अपराध प्रकरण में राजीनामा प्रस्तुत करने के उपरांत प्रकरण के प्रशमन आदेश में अधिरोपित मुआवजा राशि रूपये 20,000/- वसूली उपरांत राजस्व मद में जमा की गई। अत: वापस करने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
खनिज मद से विकास कार्य
[खनिज साधन]
131. ( क्र. 3034 ) श्री रामपाल सिंह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शहडोल जिले में खनिज मद की प्राप्त राशि से विभिन्न विकास कार्य कराये गये हैं? (ख) यदि प्रश्नांश (क) हाँ तो वर्ष २०१३ से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन से कार्य कराये गये हैं? कार्य की लागत, भौतिक स्थिति एवं कार्य स्वीकृति की प्रक्रिया सहित समस्त जानकारी उपलब्ध करायी जावे?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी नहीं। (ख) प्रश्नांश 'क' के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सरपंच के विरूद्ध कार्यवाही
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
132. ( क्र. 3052 ) श्री संजय उइके : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बालाघाट जिले की जनपद पंचायत बिरसा के ग्राम पंचायत खुरसीपार में नवीन तालाब निर्माण कार्य बाबाडोंगरी, कबराटोला में किया गया है? (ख) यदि हाँ, तो प्रशासकीय स्वीकृति एवं तकनीकी स्वीकृति आदेश प.ह.नं. 38 खसरा नं. 14/1 में तालाब निर्माण कार्य हेतु जारी की गई है, ग्राम पंचायत द्वारा खसरा नम्बर 14/1 का नक्शा एवं खसरा रिकार्ड में लगाया गया है, जबकि खसरा नम्बर 14/1 राजस्व रिकार्ड में दर्ज ही नहीं है, तब ऐसे कूट दस्तावेज के आधार पर निर्माण कार्य स्वीकृत क्यों किया गया? (ग) ग्राम पंचायत द्वारा गलत खसरा नम्बर 14/1 का दस्तावेज कूट रचना कर निर्माण कार्य अन्य खसरा की भूमि पर किये जाने के कारण सरपंच के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी और कब तक?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) पटवारी हल्का न. 38, खसरा नम्बर 14/1 राजस्व रिकार्ड में दर्ज है, उक्त खसरा नम्बर में ही तालाब निर्माण कार्य स्वीकृत किया गया है। (ग) तहसीलदार के द्वारा सत्यापित एवं पटवारी से प्राप्त प्रतिवेदन अनुसार नवीन तालाब निर्माण 14/1 कार्य खसरा नम्बर 14/1 में किया गया है। शेष प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होता है।
गुना जिले में अधिकारी की पदस्थापना
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
133. ( क्र. 3056 ) श्रीमती ममता मीना : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या गुना जिले में सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण विभाग में विगत 03 वर्षों से उप संचालक की पदस्थापना नहीं हुई है? (ख) यदि हाँ, तो इसके लिये जवाबदेह कौन है? जवाबदेह अधिकारी का नाम एवं पदनाम बतायें तथा जवाबदेह अधिकारी के विरूद्ध शासन द्वारा कब तक और क्या कार्यवाही की जावेगी? (ग) गुना जिले में इस विभाग में न तो जिलाधिकारी है और न ही विभाग का पर्याप्त अमला, इस स्थिति में सरकार की योजनाओं का लाभ जनता को नहीं मिल रहा है? गुना जिले में जिलाधिकारी की पदस्थापना कब तक की जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। उप संचालक, सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण, जिला गुना का पद दिनांक 01.04.2016 से रिक्त है। (ख) प्रश्नांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उप संचालक, सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण जिला गुना के पद का प्रभार अतिरिक्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत को सौंपा गया है। विभागीय योजनाओं का लाभ पात्र हितग्राहियों को समय पर मिल रहा है। वर्तमान में पदोन्नति की कार्यवाही स्थगित होने से विभाग अन्तर्गत उप संचालक के अधिकांश पद रिक्त होने के कारण उप संचालक की पदस्थापना की जाना संभव नहीं हो पा रहा है।
कलेक्टर दर/दैनिक वेतनभोगी पद पर कार्यरत कम्प्यूटर आपरेटर के नियमितिकरण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
134. ( क्र. 3057 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल संभाग अंतर्गत किन-किन जिले/जनपद पंचायतों में मनरेगा योजनांतर्गत कलेक्टर दर/दैनिक वेतनभोगी के तौर पर कितने कम्प्यूटर ऑपरेटर कार्य कर रहे हैं? इन ऑपरेटरों में से कितने ऑपरेटरों का ई.पी.एफ. कटौत्रा किया जा रहा है? कितनों का नहीं, कटौत्रा नहीं किये जाने का कारण सहित नामवार, नियुक्ति तिथि सहित जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित ऑपरेटरों में से किस-किस कम्प्यूटर ऑपरेटर्स का वेतन/मानदेय का भुगतान पंचायत दर्पण पोर्टल के माध्यम से किया जा रहा हैं? किस-किस ऑपरेटरों का किस कारण से नहीं किया जा रहा है? की जानकारी नामवार जनपदवार दी जावे। (ग) प्रश्नांश (क) उल्लेखित कम्प्यूटर आपरेटर्स विगत 7-8 वर्षों से कार्य कर रहे है या नहीं? यदि हाँ, तो इनको भविष्य में संविदा पद नियुक्ति/नियमितीकरण किये जाने की योजना है या नहीं?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) भोपाल संभाग अंतर्गत मनरेगा योजनांतर्गत कलेक्टर दर/ दैनिक वेतन भोगी के तौर पर कार्य कर रहे कम्प्यूटर आपरेटर की संख्या निरंक है। (ख) एवं (ग) उत्तरांश ‘क’ के प्रकाश में प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है।
बी.एड. में प्रवेश के संबंध में
[उच्च शिक्षा]
135. ( क्र. 3073 ) श्री केदारनाथ शुक्ल : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में कुल कितने बी.एड. पाठ्यक्रम संचालित करने वाले महाविद्यालय हैं? नाम, पता, स्थापना वर्ष, स्वीकृत प्रवेश क्षमता सहित बतायें? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित प्रवेश क्षमता के विरूद्ध किस महाविद्यालय में कुल कितनी सीटें आवंटित हुई? जिनमें कितनी सीटें भरी गई तथा कितनी रिक्त हैं? महाविद्यालयवार जानकारी देवें? (ग) क्या मध्यप्रदेश में प्रवेश क्षमता से बहुत कम प्रवेश हुए हैं? यदि हाँ, तो क्यों? (घ) क्या आगामी शैक्षणिक सत्र में बी.एड. पाठ्यक्रम में प्रवेश हेतु स्नातक/स्नातकोत्तर के मैरिट के आधार पर प्रवेश दिये जायेंगे? यदि हाँ, तो स्पष्ट करें? यदि नहीं, तो क्यों?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) मध्यप्रदेश में बी.एड. पाठ्यक्रम संचालित करने वाले कुल 720 महाविद्यालय हैं, शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "अ" अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "ब" अनुसार है। (ग) जी नहीं, 51 प्रतिशत प्रवेश हुए हैं। (घ) जी नहीं, माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों के परिप्रेक्ष्य में प्रवेश प्रक्रिया सम्पादित की जाती है।
विद्या नगर कॉलोनी में स्थित अवैध मोबाइल टॉवरों को हटाया जाना
[नगरीय विकास एवं आवास]
136. ( क्र. 3074 ) पं. रमाकान्त तिवारी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) भोपाल के होशंगाबाद रोड स्थित विद्या नगर कॉलोनी के बी-सेक्टर में कितने भवनों की छत पर मोबाइल टावर स्थापित हैं? विवरण दें। (ख) क्या उक्त मोबाईल टॉवरों को स्थापित करने की विधिवत अनुमति नगर निगम भोपाल एवं अन्य विभागों से प्राप्त की गई है? यदि हाँ, तो भवनवार सूची दें। (ग) यदि उपरोक्तानुसार स्थापित मोबाईल टॉवरों की स्थापना के लिए विधिवत अनुमतियों के अभाव वाले टावरों को हटा दिया गया है? यदि हाँ, तो विवरण दें? यदि नहीं, तो इनके द्वारा होने वाले नुकसान के लिए कौन उत्तरदायी है? (घ) क्या मोबाईल टॉवर स्थापित भवनों का निर्माण नगर निगम भोपाल द्वारा स्थापित नक्शे एवं लेआउट अनुसार विधिवत किया गया है? यदि नहीं, तो क्या ऐसे अवैध निर्माण को गिरा दिया गया है? यदि नहीं, तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। विधिवत स्वीकृति अभाव वाला टॉवर (एस.एल.टी.सी. का मोबाइल टॉवर जो) वर्तमान में स्थापित है। टावर का विद्युत कनेक्शन विच्छेद किये जाने के कारण टॉवर की सेवाएं संचालित नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी हाँ। टॉवर को स्थापना की अनुमति प्रदान करते समय अवैध निर्माण संबंधी कोई तथ्य प्रकाश में नहीं आये है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
प्राक्कलन माप पुस्तिका ड्राईंग की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
137. ( क्र. 3105 ) श्री ओमकार सिंह मरकाम : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि मुख्यमंत्री अधोसंरचना मद से जिला चिकित्सालय चौराहा से डिण्डौरी से मण्डला बाय-पास मार्ग तक एवं मण्डला मार्ग तक सड़क निर्माण एवं मुख्यमंत्री शहरी पेयजल योजनान्तर्गत नलजल योजना निर्माण कार्य डिण्डौरी के प्राक्कलन ड्राईंग (कार्य) माप पुस्तिका भुगतान माप पुस्तिका की छायाप्रति दर्ज करने वाले का पद एवं नाम माप सत्यापित करने वाले का पद एवं नाम, भुगतान करने वाले का पद एवं नाम बतावें?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
प्रधानमंत्री आवास निर्माण की जानकारी
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
138. ( क्र. 3106 ) श्री ओमकार सिंह मरकाम : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) डिण्डौरी जिला में प्रधानमंत्री आवास निर्माण में कौन-कौन मटेरियल कितना-कितना मात्रा में लगता है, जहां पर हितग्राही आवास निर्माण करता है वह मटेरियल वहां पर पहुंचकर कितनी राशि की होती है? उस मटेरियल के लिए हितग्राही कितना राशि देता है? मटेरियल के अलावा (अतिरिक्त) हितग्राही को एक आवास निर्माण में और किस कार्य के लिए कितना राशि लगती है, जिन आवास का निर्माण हो गया है और जो निर्माणाधीन हैं, उनकी जानकारी देवें? (ख) पी.एम. आवास के लिए जो राशि स्वीकृत है, क्या उतनी ही राशि में आवास निर्माण हो जाता है? अगर हाँ तो बतावें अधिकतर आवास निर्माणाधीन क्यों हैं और अगर नहीं तो बतावें? क्या लागत की राशि दी जायेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के अन्तर्गत मानक आवास निर्माण हेतु आवश्यक सामग्री की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। आवास निर्माण का कार्य हितग्राही द्वारा किया जाता है। विभिन्न निर्माण सामग्री की दरे स्थल विशेष हेतु परिवर्तनशील होने के कारण निश्चित राशि बताया जाना संभव नहीं है। प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के अन्तर्गत 17,299 के लक्ष्य विरूद्ध 7,174 आवास पूर्ण हो चुके है। शेष 10,125 आवास निर्माणाधीन है। (ख) जी हाँ। प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के अन्तर्गत आवास निर्माण एक सतत प्रक्रिया है। 17,299 समय-समय पर स्वीकृत 17,299 आवासो के विरूद्ध 7,174 आवास पूर्ण हो चुके है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नगरीय क्षेत्र की सीमा एवं शासकीय भूमि पर नियंत्रण
[नगरीय विकास एवं आवास]
139. ( क्र. 3114 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सुवासरा नगर परिषद् के अधीन आने वाली भूमि के सर्वे नबंर तथा नगर के चारों तरफ की अंतिम सीमा तक की भूमि की भी जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) सुवासरा नगर परिषद के अंतर्गत आने वाली शासकीय भूमि पर यदि कोई व्यक्ति कब्जा/निर्माण करता है तो कब्जा/निर्माण हटाने की कार्यवाही नगर परिषद द्वारा की जाती है या राजस्व विभाग द्वारा जानकारी देवें? (ग) सुवासरा नगर के अंतर्गत आने वाली रिक्त शासकीय भूमि पर नगर परिषद द्वारा कोई बोर्ड लगाया गया है, जिससे यह पता चल सके की यह शासकीय भूमि है, यदि हाँ, तो कहाँ-कहाँ पर इस प्रकार के बोर्ड नगर परिषद द्वारा लगाये गये हैं? सर्वे नंबर व स्थान के नाम सहित जानकारी देवें। (घ) यदि नहीं, लगाया गया है तो कारण बतावें तथा कब तक लगाया जावेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) निकाय का गठन वर्ष 2009 में होकर गठन दिनांक से आज दिनांक तक राजस्व विभाग द्वारा सुवासरा निकाय के अधीन आने वाली किसी भी प्रकार की भूमि निकाय को हस्तांतरित नहीं की गई है राजस्व रिकार्ड अनुसार नगर के चारों तरफ की अंतिम सीमा निम्नानुसार है:- 1. पूर्व में:- सर्वे नंबर 948/4 श्री महेन्द्र कुमार पिता श्री सुजानमल जी जैन का अंतिम खेत है इसके बाद किशोरपुरा की सीमा है। 2. पश्चिम में सर्वे नंबर 3/1 श्रीमती कमला बाई पति नानुराम तेली निवास पपलट का कुआं है इसके बाद देवरिया विजय व धामनिया है। 3. उत्तर में:- सर्वे नंबर 920 का संपूर्ण खाता इसके बाद मुराडि़या प्रताप मारूति नगर की अंतिम गली। 4. दक्षिण में:- 1419/मिन-2 शांतिबाई देवा श्री शिवनारायण श्री ब्राम्हण का कुंआ है इसके बाद किशोरपुरा है। (ख) राजस्व विभाग द्वारा मांग किये जाने पर नगर परिषद का अमला उपलब्ध करवाया जाकर संयुक्त रूप से अतिक्रमण हटवाया जाता है। (ग) जी नहीं, शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) शासकीय भूमि पर बोर्ड लगाने संबंधी कोई प्रावधान नहीं होने से बोर्ड नहीं लगाये गये हैं।
रायल्टी से प्राप्त आय के संबंध में
[खनिज साधन]
140. ( क्र. 3124 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला आगर अंतर्गत खनन रायल्टी के रूप में विभाग को कितनी आमदनी प्रतिवर्ष होती हैं? वित्तीय वर्ष 2015-16, 2016-17 एवं 2017-18 का विवरण देवें? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित आय को किन-किन कार्यों में व्यय किया जाता हैं? क्या व्यय हेतु कोई नियम या निर्देश तय हैं? यदि हाँ, तो तद्संबंधी नियम या निर्देश की सत्यापित प्रति कृपया उपलब्ध करावें? (ग) विधानसभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत कौन-कौन से स्थलों को खनन हेतु अनुमत किया गया है? सर्वे नम्बरवार पूर्ण जानकारी देवें? खनन हेतु अनुमत मात्रा की भी जानकारी अनुमतिवार प्रदान करें? (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ख) में उल्लेखित अनुसार कौन-कौन से कार्य सुसनेर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत किए गए?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रश्नाधीन जिले में प्रश्नाधीन वर्षों में प्राप्त रॉयल्टी का विवरण निम्नानुसार है:-
क्र. |
वर्ष |
रॉयल्टी (रूपये में) |
1 |
2015-16 |
1,09,27,482/- |
2 |
2016-17 |
2,68,62,367/- |
3 |
2017-18 |
1,46,28,509/- |
(ख) मध्यप्रदेश
गौण खनिज नियम, 1996 के
नियम 56
में गौण खनिज
से प्राप्त
रॉयल्टी के
उपयोग के
संबंध में
प्रावधान
हैं। यह नियम
अधिसूचित
नियम हैं। (ग) जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट
में दर्शित
है। (घ) प्रश्नानुसार
कोई कार्य
नहीं किया गया
है।
शासन संधारित मंदिरों के जीर्णोद्धार
[धार्मिक न्यास और धर्मस्व]
141. ( क्र. 3125 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सुसनेर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत शासन संधारित मंदिरों में से किन-किन मंदिरों के जीर्णोद्धार के प्रस्ताव विगत 02 वर्षों में प्राप्त हुए हैं एवं प्राप्त प्रस्तावों के विरूद्ध किन-किन मंदिरो के जीर्णोद्धार हेतु राशि स्वीकृत की गई हैं एवं कितनी? सूची उपलब्ध करावें? (ख) मंदिर जीर्णोद्धार कार्य हेतु अनुविभागीय अधिकारी सुसनेर द्वारा कौन-कौन से प्रस्ताव जिला कार्यालय को प्रेषित किये गये? इनमें से कौन-कौन से प्रस्ताव जिला कार्यालय द्वारा आयुक्त महो. को प्रेषित किये एवं कौन-कौन से प्रस्ताव पुनः कमी पूर्ति हेतु अनुविभागीय अधिकारी को लौटायें? पूर्ण जानकारी देवें? (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित प्रस्तावो में से कौन-कौन से प्रस्ताव शासन स्तर पर लंबित हैं एवं किन कारणों से विवरण देवें? क्या लंबित प्रस्तावो की स्वीकृति दी जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? (घ) प्रश्नकर्ता द्वारा किन-किन मंदिरों के जीर्णोद्धार कार्य अनुशंसित किये थे? विवरण देवें? अनुशंसित कार्यों की स्वीकृति कब तक होगी एवं इसके लिये क्या कार्यवाही की जा रही हैं?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
सी.एम. फैलो के तहत चयन
[लोक सेवा प्रबन्धन]
142. ( क्र. 3150 ) श्री बाला बच्चन : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सी.एम. फैलो के तहत कितने लोगों का चयन किया गया? नाम सहित बतावें। पूरी प्रक्रिया की जानकारी नियम की छायाप्रति सहित देवें। इनके कार्यक्षेत्र व कार्य की पूरी जानकारी देवें? (ख) इसके लिए निकाली गई विज्ञप्ति की छायाप्रति देवें। यदि विज्ञप्ति नहीं निकाली गई तो चयन प्रक्रिया की पूरे दस्तावेजों की प्रमाणित प्रति देवें। (ग) चयनितों को प्रतिमाह कितना भुगतान किस-किस स्तर पर किया जाता है? इनकी नियुक्ति कितने समय के लिए है? बाद में इन्हें कहाँ समायोजित किया जाएगा?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) सी.एम. फैलो के तहत 56 लोगों का चयन किया गया। सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार एवं चयन प्रक्रिया पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ख) पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' एवं ''स'' अनुसार है। (ग) देय वेतन एवं भत्ते से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार। इनकी नियुक्ति प्रथमत: एक वर्ष के लिए है, जिसको आवश्यकता पड़ने पर एक और वर्ष (अधिकतम अवधि दो वर्ष) के लिए बढ़ाया जा सकता है। इनके समायोजन का वर्तमान में कोई प्रावधान नहीं है।
उद्योगों द्वारा सी.एस.आर. फंड का व्यय
[वाणिज्य, उद्योग एवं रोजगार]
143. ( क्र. 3156 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत 3 वर्षों में नागदा जंक्शन स्थित ग्रेसिम उद्योग एवं लेक्सेंस उद्योग द्वारा कितना कर जमा किया गया? उद्योगवार वर्षवार, मदवार देवें? (ख) क्या कारण है कि इनके द्वारा C.S.R. फंड जो 2 प्रतिशत व्यय करना होता है पूरी तरह से नहीं किया गया? जो व्यय किया गया है उसकी 2 वर्षों की जानकारी उद्योगवार वर्षवार, प्रतिशत सहित बतावें? (ग) खाचरौद विधानसभा क्षेत्र के 22 ग्राम वर्ष 2008 में परिसीमन पश्चात महिदपुर वि.स. क्षेत्र में सम्मिलित हो गये लेकिन इन उद्योगों द्वारा यहां पर C.S.R. फंड व्यय नहीं किया जाता क्यों? (घ) निर्धारित C.S.R. फंड सभी क्षेत्रों में समान रूप से कब तक व्यय कराना सुनिश्चित किया जायेगा?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) वाणिज्यिक कर विभाग में जमा कर की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) एवं (ग) वांछित जानकारी का संधारण विभाग दवारा नहीं किया जाता है। कार्पोरेट सामाजिक दायित्व के निर्वहन के संबंध में अधिसूचित कंपनी अधिनियम 2013 भारत शासन दवारा प्रशासित है। (घ) उपरोक्त 'ख' एवं 'ग' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में असंबंधित।
आरक्षित वर्ग के बेरोजगार युवकों को ब्याज/टैक्स में छूट दिया जाना
[सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम]
144. ( क्र. 3180 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या राज्यमंत्री, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मुख्यमंत्री युवा उद्यमी स्वरोजगार योजना के तहत बेरोजगार युवकों को रोजगार के अवसर उपलब्ध करने हेतु रूपये 25 लाख से अधिकतम रूपये 01 करोड़ तक ऋण स्वीकृत करने का प्रावधान रखा गया है, आदेश की प्रति उपलब्ध करावें? (ख) यदि हाँ, तो उक्त योजना में कितनी मर्जिंन मनी जमा कराई जाती है? क्या उक्त योजना में अ.जा./अ.ज.जा./अन्य पिछड़ा वर्ग के बेरोजगार युवकों को ऋण लेने पर ब्याज में छूट दी गई है, यदि हाँ, तो कितने प्रतिशत आवेदक एवं कितने प्रतिशत शासन द्वारा बैंक को अदा करना है? (ग) क्या उक्त योजना के पूर्व पिछली योजनाओं जैसे रानीदुर्गावती योजना एवं अन्य योजनाओं में अ.जा./अ.ज.जा.अन्य पिछड़ा वर्ग के बेरोजगार युवकों द्वारा वाहन क्रय किये जाने पर परिवहन विभाग द्वारा टैक्स में छूट दी जाती थी? यदि हाँ, तो क्या इस योजना में भी टैक्स में छूट का प्रावधान किया गया है या नहीं? यदि किया गया है तो आदेश की प्रति देवें? (घ) क्या मुख्यमंत्री युवा उद्यमी स्वरोजगार योजना के तहत अ.जा./अ.ज.जा/अन्य पिछड़ा वर्ग के जो आवेदक योजना का लाभ ले रहे हैं, तो क्या इन्हें वाहन खरीदने पर टैक्स में छूट एवं स्पेशल परमिट दिए जाने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो आदेश की प्रति देवें, यदि नहीं, है तो क्या भविष्य में प्रावधान बनाया जावेगा?
राज्यमंत्री, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम ( श्री संजय पाठक ) : (क) मध्यप्रदेश शासन, वाणिज्य, उद्योग और रोजगार विभाग के आदेश दिनांक 21.7.2014 से मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजनान्तर्गत बेरोजगार युवकों को स्व-रोजगार उपलब्ध कराने हेतु रूपये 10 लाख से 1 करोड़ तक तथा एम.एस.एम.ई. विभाग के आदेश दिनांक 16.11.2017 से रुपये 10 लाख से रुपये 2 करोड़ तक ऋण स्वीकृत करने का प्रावधान रखा गया है। आदेश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना के आदेश दिनांक 21.7.2014 अनुसार परियोजना की पूंजीगत लागत पर 15 प्रतिशत (अधिकतम रूपये 12 लाख) मार्जिनमनी सहायता हितग्राही को शासन की ओर से दी जाती है तथा शेष मार्जिनमनी हितग्राही को स्वयं जमा करनी होती है। राज्य शासन द्वारा सभी वर्गों को 5 प्रतिशत, महिलाओं को 6 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से अधिकतम सात वर्ष तक ब्याज अनुदान दिया जाता है। बैंक द्वारा अधिरोपित ब्याज की दर के अंतर की राशि आवेदक को जमा/अदा करना है। (ग) परिवहन विभाग द्वारा चयनित योजनाओं के अन्तर्गत छूट दी जाती है जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (घ) वाहन क्रय पर विक्रय कर में छूट के संबंध में वाणिज्यिक कर विभाग द्वारा निर्णय लिया जाता है। परिवहन विभाग द्वारा परिमिटों के संबंध में आवेदकों को पृथक से आरक्षण लाभ नहीं दिया जा रहा है। मध्यप्रदेश मोटर यॉन अधिनियम के नियम 69 में अनुसूचित जातियों तथा अनुसूचित जनजातियों के लिये अनुज्ञा पत्रो का आरक्षण के अनुसार (1) जहां धारा 71 की उपधारा (3) के अधीन मंजिलि गाड़ी की संख्या नियत की जाती है वहां अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति के लिये आरक्षित अनुज्ञा पत्रों की संख्या क्रमशः 15 और 18 प्रतिशत होगी। नियम की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है।
शांतिधाम पर हैण्डपम्प का खनन
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
145. ( क्र. 3184 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मनरेगा योजना व अन्य योजना अन्तर्गत प्रत्येक ग्राम में शांतिधाम निर्माण किए जाने का प्रावधान किया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) का हाँ तो प्रश्नकर्ता के बासौदा विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत किस किस ग्रामों में उक्त योजना के तहत शांतिधाम का निर्माण किया गया है? इन निर्माणाधीन शांतिधामों में से कितने पर टीनशेड का निर्माण हुआ है? कितनों पर नहीं? निर्माण नहीं किये जाने का कारण क्या रहा है तथा कितने ग्राम ऐसे हैं, जहां शांतिधाम का निर्माण नहीं हुआ है, की जानकारी पंचायतवार उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित शेष निर्माणाधीन शांतिधामों पर टीनशेड एवं शेष रहे ग्रामों में शांतिधाम का निर्माण कब तक करवाया जा रहा है? क्या इस सम्बन्ध में पृथक से निर्देश जारी किये जावेगें? (घ) क्या राज्य शासन प्रत्येक शांतिधामों पर हैण्डपम्प खनन कराये जाने के संबंध में विशेष योजना बना रहा है? यदि हाँ, तो बतावें? नहीं तो वर्तमान में किस योजना से हैण्डपम्प खनन हो रहे है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। महात्मा गांधी नरेगा के प्रत्येक ग्राम के लिये आवश्यकतानुसार शांतिधाम का प्रावधान है। (ख) बासौदा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कुल 103 ग्राम पंचायतों के सभी 301 ग्रामों में शांतिधाम कार्य स्वीकृत कर प्रारंभ कराया गया। उक्त 301 ग्रामों में से 130 ग्रामों में शांतिधाम निर्माण कार्य पूर्ण किये गये एवं शेष निर्माणाधीन 171 शांतिधाम के कार्य में से 24 में टीनशेड निर्माण पूर्ण किये गये। कार्य प्रगति पर है अतः शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘अ‘ एवं ‘ब‘ अनुसार है। (ग) नरेगा का कार्य पूर्णता मजदूरों की उपलब्धता पर निर्भर है। अतः कोई पूर्णता का दिनांक बताना संभव नहीं है। परन्तु 2017-18 से पूर्ण करना लक्षित है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं वैसे कोई विशेष योजना नहीं बनायी जा रही है। विभाग के पत्र क्र. 12445 दिनांक 09.12.2016 के बिन्दु क्र. 5 में शांतिधाम अंतर्गत पानी की व्यवस्था यदि संभव हो तो करने के लिये हैण्डपंप एवं सतही टंकी बनाने के लिये धनराशि की व्यवस्था सांसद निधि, विधायक निधि एवं जनपद पंचायतों को दिये जाने वाले मूलभूत अनुदान, पंचायत कर एवं शुल्क से आय तथा जन सहयोग आदि से किया जा सकता है।
मंदिर एवं उनके जीर्णोद्धार हेतु राशि स्वीकृत किया जाना
[धार्मिक न्यास और धर्मस्व]
146. ( क्र. 3197 ) श्री रामनिवास रावत : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) श्योपुर जिले में कुल कितने मंदिर है, जिनका प्रबंधन धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग द्वारा किया जा रहा है? इन मंदिरों की कितनी-कितनी भूमि कहाँ-कहाँ स्थित है? मंदिर के नाम, स्थान, भूमि का रकवा एवं स्थान सहित तहसीलवार जानकारी दें वर्तमान में उक्त भूमियों में से कितनी-कितनी भूमि पर कहाँ-कहाँ पर किस-किस का अतिक्रमण है? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में वर्ष 2016-17 एवं 2017-18 में प्रश्न दिनांक तक श्योपुर जिले में किन किन मदिरों के जीर्णोद्धार हेतु कितनी कितनी राशि की मांग जिला स्तर से की गयी? मांग के विरुद्ध किस किस मंदिर के जीर्णोद्धार हेतु कितनी-कितनी राशि शासन द्वारा उपलब्ध कराई गयी? शासन द्वारा उपलब्ध करायी गयी राशि से कहाँ-कहाँ, क्या-क्या कार्य कराये गए? कितनी-कितनी राशि व्यय किया जाना शेष है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में जिले की विजयपुर तहसील के किन-किन मंदिरों के जीर्णोद्धार हेतु कितनी-कितनी राशि स्वीकृत किये जाने हेतु प्रस्ताव शासन स्तर पर लंबित हैं? कब तक इन मंदिरों के जीर्णोद्धार हेतु राशि स्वीकृत कर दी जावेगी?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
केंद्र प्रवर्तित योजनाएं एवं उनमें आवंटित राशि का उपयोग
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
147. ( क्र. 3198 ) श्री रामनिवास रावत : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में विभाग द्वारा वर्ष 2013-14 में कौन-कौन सी केंद्र प्रवर्तित योजनाएं संचालित थीं वर्तमान में कौन-कौन सी केंद्र प्रवर्तित योजनाएं संचालित है वर्ष 2013-14 के बाद कौन-कौन सी योजनाओं को बंद किया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार प्रदेश में संचालित केंद्र प्रवर्तित योजनाओं में वित्तीय वर्ष 2016-17 एवं 2017-18 में केंद्र से कितनी-कितनी राशि का आवंटन किया गया? आवंटन के विरूद्ध प्रदेश सरकार द्वारा कितनी-कितनी राशि व्यय की है? योजनावार वर्षवार जानकारी दें? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार संचालित केंद्र प्रवर्तित योजनाओं में वित्तीय वर्ष 2016-17 एवं 2017-18 में कितनी-कितनी राशि का राज्यांश मिलाकर कुल कितनी-कितनी राशि का आवंटन जिलों को किया गया? आवंटन के विरूद्ध अभी तक कितनी-कितनी राशि व्यय की है? कितनी-कितनी राशि व्यय किया जाना शेष है? योजनावार वर्षवार, जिलेवार जानकारी दें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार।
सहायक सचिवों का नियमितीकरण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
148. ( क्र. 3205 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा वर्ष 2010 एवं 2012 में महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजनांतर्गत ग्राम पंचायतों में रोजगार सहायकों की भर्ती की गई तथा दिनांक 06.07.2013 को इनका पदनाम परिवर्तित कर पंचायत सहायक सचिव कर दिया गया? (ख) यदि हाँ, तो क्या वर्तमान में सहायक सचिव संगठनों द्वारा शासन से नियमितीकरण की मांग की जा रही है? यदि हाँ, तो सहायक सचिवों के नियमितीकरण के संबंध में प्रश्न दिनांक तक कोई कार्यवाही की गई अथवा किया जाना प्रस्तावित है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। जी नहीं। उल्लेखित आदेश से पदनाम परिवर्तित नहीं की गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) उत्तरांश (क) के प्रकाश में प्रश्न उत्पन्न नहीं होता।
मंदिर जीर्णोद्धार कार्य के संबंध में
[नगरीय विकास एवं आवास]
149. ( क्र. 3206 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या मध्यप्रदेश शासन, धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग मंत्रालय वल्लभ भवन भोपाल के आदेश क्रमांक एफ 3-40/2017छै: भोपाल दिनांक 12 सितम्बर, 2017 से राजगढ़ जिले के ब्यावरा नगर में श्री चतुर्भुजनाथ मंदिर, श्री बिहारी जी मंदिर एवं श्री बालाजी मंदिर के जीर्णोद्धार हेतु क्रमश: राशि रूपये 9.00 लाख, 10.00 लाख एवं 7.00 लाख तथा आदेश क्रमांक एफ 3-75/2017/छै: भोपाल दिनांक 12 अक्टूबर, 2017 से ग्राम सेमलापार तहसील ब्यावरा स्थित ठाकुर जी महाराज मंदिर जीर्णोद्धार हेतु राशि रूपये 9.00 लाख की प्रशासकीय स्वीकृति एवं राशि का आवंटन मुख्य लेखा अधिकारी म.प्र. गृह निर्माण एवं अधोसंरचना विकास मंडल, भोपाल को प्रश्न दिनांक तक प्राप्त हो चुका है? यदि हाँ, तो क्या प्राप्त स्वीकृति अनुसार उक्त मंदिरों के जीर्णोद्धार कार्य हेतु प्रश्न दिनांक तक निविदाएं आमंत्रित कर ली गई हैं अथवा नहीं? (ख) उपरोक्तानुसार क्या शासन प्रश्नांश (क) वर्णित मंदिरों के जीर्णोद्धार कार्य की निविदायें आमंत्रित कर कार्य प्रांरभ कराएगा? यदि हाँ, तो कब तक?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) म.प्र. गृह निर्माण एवं अधोसंरचना विकास मण्डल को प्रशासकीय स्वीकृति प्राप्त हो चुकी है। राशि प्राप्त नहीं हुई है। उक्त मंदिरों के जीर्णोद्धार हेतु वास्तुविद की नियुक्ति की जा रही है, तत्पश्चात कार्यों की डी.पी.आर. तैयार कर तकनीकी स्वीकृति प्राप्त करने के पश्चात निविदा आमंत्रण की कार्यवाही की जावेगी। (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित मंदिरों के जीर्णोद्धार कार्य की निविदायें लगभग 50-60 दिवस में आमंत्रित की जावेंगे, तत्पश्चात कार्य प्रारम्भ कराया जावेगा।
नगर निगम में कर्मचारियों से नियम विरूद्ध कार्य लिया जाना
[नगरीय विकास एवं आवास]
150. ( क्र. 3210 ) डॉ. मोहन यादव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) उज्जैन नगर पालिक निगम के तकनीकी स्टॉफ नियोजन एवं स्थापना संबंधी एवं दायित्व प्रभार आदि के नियम एवं शर्तें क्या हैं? क्या उज्जैन नगर पालिक निगम का तकनीकी स्टॉफ लोक निर्माण विभाग के मैन्युअल के आधार पर संचालित होता है अथवा उसके अपने विशेष नियम हैं? (ख) क्या नियमानुसार समयपाल (टाईमकीपर) के पद पर पदस्थ कर्मचारियों को उपयंत्री का प्रभार दिया जा सकता है? अथवा नहीं साथ ही क्या समयपाल के पद से उपयंत्री का प्रभार ग्रहण किये गये कर्मचारियों द्वारा माप-पुस्तिका में प्रविष्टि करवाया जाना विधि सम्मत है अथवा नहीं यदि नहीं, तो क्या उज्जैन नगर पालिक निगम द्वारा प्रश्न दिनांक से एक वर्ष की अवधि में ऐसा किया गया है, अथवा नहीं यदि हो तो इस संबंध में कोई कार्यवाही की जायेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) उज्जैन नगर पालिक निगम के तकनीकी स्टॉफ नियोजन एवं स्थापना संबंधी का प्रभार मध्यप्रदेश नगर पालिक निगम (अधिकारियों/सेवकों की नियुक्ति तथा सेवा की शर्तें) सेवा भर्ती नियम 2000 में निहित प्रावधानों के अनुसार तकनीकी स्टॉफ के नियोजन एवं स्थापना संबंधी दायित्व प्रभार के दिए गए प्रावधान अनुसार कार्य लिया जाता है। उज्जैन नगर पालिक निगम का तकनीकी स्टॉफ लोक निर्माण विभाग के मैन्युअल के आधार पर संचालित नहीं होता है वरन नगर पालिक निगम, अधिनियम में दिए गए प्रावधानों के तहत् संचालित होता है। (ख) जी हाँ। डिप्लोमा/डिग्रीधारी समयपाल (टाईमकीपर) को नगर पालिक अधिनियम की धारा 69 (4) में दिए गए प्रावधानों के तहत् उच्च पद पर कार्य का प्रभार सौंपे जाने के अधिकार आयुक्त को प्राप्त हैं। उसी आधार पर समयपाल के पद पर पदस्थ कर्मचारियों को उपयंत्री का प्रभार दिया गया है। दिए गए प्रभार के अंतर्गत कराए गए कार्यों को माप पुस्तिका में प्रविष्टि करना विधि सम्मत है। शेषांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
तृतीय एवं चतुर्थ कर्मचारियों के रिक्त पदों की जानकारी
[उच्च शिक्षा]
151. ( क्र. 3227 ) श्री मुकेश पण्ड्या : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन के नियमानुसार 1000 से अधिक की छात्र संख्या वाले महाविद्यालयों में रजिस्ट्रार की नियुक्ति की जाती है, यदि हाँ, तो क्या ऐसे महाविद्यालयों में जहाँ पद स्वीकृत नहीं हैं क्या वहाँ पद स्वीकृत किये जावेगें, यदि हाँ, तो कब तक? (ख) प्रदेश के ऐसे कितने महाविद्यालय हैं जहाँ तृतीय एवं चतुर्थ कर्मचारियों के पद रिक्त हैं तथा कितने पद कहाँ-कहाँ रिक्त हैं? जानकारी महाविद्यालयवार उपलब्ध करावें? (ग) इन रिक्त पदों को भरने के लिये विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी नहीं। 1000 से अधिक छात्र संख्या वाले शासकीय महाविद्यालयों में रजिस्ट्रार के पदों के सृजन संबंधी कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) रिक्त पदों में नियमित स्थापना एवं आउटसोर्स श्रेणी के पद हैं, जिनकी पूर्ति हेतु कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
सामाजिक न्याय विभाग की योजनाएँ
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
152. ( क्र. 3229 ) श्री मुकेश पण्ड्या : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2016-17 एवं 2017-18 में सामाजिक न्याय विभाग की कौन-कौन सी योजना विभाग द्वारा संचालित की जा रही हैं? (ख) संचालित योजनाओं में 2016-17 एवं 2017-18 बड़नगर विधानसभा में कितनी योजनाओं के लिये आवेदन प्राप्त हुए? इनमें से कितने आवेदन स्वीकृत किये गये तथा कितने अस्वीकृत किये गये और क्यों किये गये? अस्वीकृति का क्या कारण रहा? (ग) अस्वीकृत के प्रकरणों की स्वीकृति के संदर्भ में क्या कार्यवाही की जा रही हैं?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) संचालित योजनाओं की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसारI (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' एवं '''स' अनुसारI (ग) नियमानुसार पात्रता न होने से प्रकरण अस्वीकृत किये गए I
मंदिरों के जीर्णोद्धार के लिये प्रकरणों की जानकारी
[धार्मिक न्यास और धर्मस्व]
153. ( क्र. 3230 ) श्री मुकेश पण्ड्या : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) बड़नगर विधानसभा क्षेत्र से नवम्बर 2013 से प्रश्न दिनांक तक मन्दिर जीर्णोद्धार हेतु कितने प्रकरण प्राप्त हुए हैं? इनमें से कितने प्रकरण जनप्रतिनिधि के द्वारा लगाये गये तथा कितने शासन को सीधे प्राप्त हुए? (ख) इन प्रकरणों की क्या स्थिति है तथा कितने प्रकरण स्वीकृत किये गये तथा कितने प्रकरण अस्वीकृत गये हैं तथा अस्वीकृति का क्या कारण रहा, उनकी सूची उपलब्ध करावें? (ग) उज्जैन जिले में ऐसे कितने प्रकरण हैं जो आगामी कार्यवाही के लिये लम्बित हैं तथा जिन पर आज दिनांक तक कोई कार्यवाही नहीं की गई? ऐसे प्रकरणों को कब तक स्वीकृत किया जावेगा?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) बड़नगर विधानसभा क्षेत्र में नवम्बर 2013 से प्रश्न दिनांक तक कुल 13 मंदिरों के जीर्णोद्धार के प्रकरण प्राप्त हुये है। जिनमें से 1 प्रकरण जनप्रतिनिधि के द्वारा लगाया गया तथा 12 प्रकरण सीधे प्राप्त हुये है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जिला उज्जैन में कोई प्रकरण लंबित नहीं है।
पेंशन के संबंध में
[योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी]
154. ( क्र. 3236 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पेंशन योजनान्तर्गत सीधी सिंगरौली जिले में पेंशन पोर्टल पर कितने संभावित पात्र व्यक्ति प्रदर्शित हो रहे हैं, जिन्हे पेंशन का लाभ दिया जा सकता है? क्या इनकी पात्रता का परीक्षण कराया गया है? उक्त हितग्राहियों को कब तक पेंशन स्वीकृत की जावेगी? (ख) ऐसे निःशक्त व्यक्ति जिनका मेडिकल बोर्ड का विकलांगता प्रमाण-पत्र न होने के कारण पेंशन काटी गई थी, हितग्राही द्वारा मेडिकल बोर्ड का विकलांगता प्रमाण-पत्र बनवाकर देने पर पेंशन चालू की गई? उक्त हितग्राहियों की छूटे हुए माह का एरियर्स देने का क्या प्रावधान है? कब तक इन्हें एरियर्स का भुगतान कर दिया जावेगा? (ग) वर्तमान में निःशक्त पेंशन एवं विधवा पेंशन हेतु बी.पी.एल. की अनिवार्यता रखी गई है? इसे कब तक समाप्त कर दिया जावेगा? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) प्रायः यह शिकायतें प्राप्त होती हैं कि पेंशन नहीं मिल रही है तो पेंशनधारी का सत्यापन क्यों नहीं कराया गया की किसे पेंशन मिल रही है और किसे नहीं मिल रही है? किस हितग्राही को माहवार पेंशन मिली ओर किसे नहीं मिली तत्संबंधी रजिस्टर ग्राम पंचायतों में संधारित कराया जाता है एवं अधिकारियों द्वारा इसका निरीक्षण किया जाता है?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) से (घ) जानकारी संकलित की जा रही है।
संविदा कर्मचारी/सचिव/सहायक सचिव/कलेक्टर दर/अंशकालिक कर्मचारी के संबंध में
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
155. ( क्र. 3237 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सरकार द्वारा कम मानदेय पर सचिव/सहायक सचिव/कलेक्टर दर व अंशकालिक कर्मचारियों से कार्य लिया जा रहा है किन्तु इनकी मृत्यु होने पर इन्हें किसी भी प्रकार की आर्थिक सहायता नहीं दी जाती है? यदि हाँ, तो क्यों है? जबकि प्राईवेट सेक्टर कम्पनियों को सरकार सारी सुविधाएं देने हेतु बाध्य करती है, ऐसा क्यों है? (ख) ऐसे कर्मचारियों को अन्य नियमित कर्मचारियों की तरह सुविधाएं कब तक दिये जाने के निर्देश जारी कर दिये जायेगें? यदि नहीं, तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। अतः शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ख) ऐसे कर्मचारियों को संविदा अनुबंध एवं नियमों के तहत ही सुविधा दी जा सकेगी। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं।
राजपत्रित सेवा श्रेणी-2 का दर्जा प्रदान किया जाना
[उच्च शिक्षा]
156. ( क्र. 3240 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या महाविद्यालय में कार्यरत प्रयोगशाला तकनीशियन (शिक्षक संवर्ग) को 30 वर्ष की नियमित शासकीय सेवा पूर्ण करने पर तृतीय समयमान, वेतनमान रूपये 9300-34800+4200 ग्रेड पे प्रदान किया गया है? (ख) क्या म.प्र. शासन सामान्य प्रशासन विभाग, मंत्रालय के आदेश क्रमांक-सी./3-3/1/3/08 भोपाल, दिनांक-11-04-2008 के द्वारा वेतनमान रूपये 6500-10500 (9300-34800+4200 ग्रेड पें), में कार्यरत शासकीय सेवकों को राजपत्रित सेवा श्रेणी-2 का दर्जा प्रदान किया जा सकता है? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में यदि हाँ, तो कार्यरत प्रयोगशाला तकनीशियन को राजपत्रित सेवा श्रेणी-2 का दर्जा प्रदान करने हेतु आदेश कब तक जारी किया जायेगा? (घ) क्या प्रयोगशाला तकनीशियन को राजपत्रित सेवा श्रेणी-2 का दर्जा प्रदान कर विभाग द्वारा पदनाम ‘’प्रयोगशाला तकनीकी अधिकारी‘’ प्रदान किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक और नहीं तो क्यों नहीं?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी हाँ। (ख) सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश क्रमांक सी/3-3/1/08 दिनांक 11.04.2006 के अनुसार सीधी भरती और पदोन्नति से भरे जाने वाले वेतनमान 6500-10500 के पदों को राजपत्रित सेवा श्रेणी-2 का दर्जा दिया जाना है। चूंकि उक्त आदेश सीधी भरती एवं पदोन्नति से कार्यरत कर्मचारियों पर प्रभावशील होगा। अतः तृतीय समयमान वेतनमान प्राप्त करने वाले प्रयोगशाला तकनीशियनों पर उक्त आदेश लागू नहीं होगा। (ग) प्रश्नांश 'ख' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्नांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
विभागीय कार्यवाही
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
157. ( क्र. 3241 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग में कितने मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत/विकासखण्ड अधिकारी कितने-कितने वर्षों से प्रोवेशन (परिवीक्षा अवधि) पर है? (ख) प्रोवेशन समाप्ति हेतु प्रतिवर्ष आयोजित होने वाली विभागीय परीक्षा क्या पिछलें दो वर्षों से आयोजित की गई है? अगर नहीं तो इसके लिये विभाग प्रमुख ने दोषी अधिकारियों पर क्या कार्यवाही की? (ग) राज्य वेतन आयोग, अग्रवाल समिति ने मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद को कितने ग्रेड-पे एवं वेतनमान की अनुशंसा की है? इसके क्रियान्वयन के लिए शासन ने क्या निर्णय लिया है? (घ) जनपद पंचायतों में पदस्थ सहायक यंत्रियों (RES) का वेतन, कार्यालय प्रमुख से अधिक है या नहीं, अगर है, तो इस वेतन विसंगति को दूर करने के लिये क्या योजना विभाग ने बनाई है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) वर्तमान में सामान्य प्रशासन विभाग के ज्ञाप क्र.एफ 10-1/15/1/9 दिनांक 27.03.2015 के अनुसार कार्यवाही की जाती है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) राज्य वेतन आयोग द्वारा मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत के लिए कार्यवाही वित्त विभाग में प्रक्रियाधीन है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
ग्वालियर शहर को र्स्माट सिटी में मिली वित्तीय राशि
[नगरीय विकास एवं आवास]
158. ( क्र. 3248 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) ग्वालियर शहर को स्मार्ट सिटी में कब शामिल किया था? उक्त दिवस से प्रश्न दिनांक तक स्मार्ट सिटी के रूप में ग्वालियर को क्या-क्या सुविधायें तथा वित्तीय आवंटन प्राप्त हुआ है, क्या स्मार्ट सिटी के विकास के लिये श्रमिकों, कर्मचारियों/अधिकारियों की भर्ती की गई है? यदि हाँ, तो किस-किस की नाम एवं पद बतावें या की जावेंगी? यदि हाँ, तो कब तक और कितनी? (ख) नगर निगम ग्वालियर के अंतर्गत पार्कों के विकास कार्यों के लिये कितनी-कितनी वित्तीय राशि मिली है, प्रत्येक पार्कवार अलग-अलग बतावें? (ग) वार्ड क्र. 41 के छत्री पार्क, लेडीज पार्क में पार्क विकास के लिये क्या-क्या निर्माण कार्य किस दिनांक को कितनी-कितनी लागत के स्वीकृत किये हैं? इन कार्यों के निर्माण हेतु किस एजेन्सी को कार्य कितनी-कितनी दर पर कितनी राशि के स्वीकृत किये हैं? कार्य कब तक प्रारंम्भ कर दिये जावेंगे तथा कब तक पूर्ण करा लिये जावेंगे? किस-किस यंत्री के सुपरवीजन में कार्यों का निर्माण कराया जावेगा, प्रत्येक स्वीकृत कार्यवार अलग-अलग जानकारी दें?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) ग्वालियर शहर को स्मार्ट सिटी चैलेंज द्वितीय चरण अंतर्गत दिनांक 20.09.2016 को स्मार्ट सिटी के रूप में चुना गया। स्मार्ट सिटी के रूप में ग्वालियर को निम्नानुसार वित्तीय आंवटन प्राप्त हुआ है:-
सं.क्र. |
वित्त वर्ष 2015-16 |
वित्त वर्ष 2016-17 |
वित्त वर्ष 2017-18 |
कुल |
||||
केन्द्रांश |
राज्यांश |
केन्द्रांश |
राज्यांश |
केन्द्रांश |
राज्यांश |
केन्द्रांश |
राज्यांश |
|
1. |
2 |
0 |
92 |
100 |
96 |
96 |
190 |
196 |
स्मार्ट
सिटी विकास के
लिये नियुक्त
अधिकारियों
कर्मचारियों
की जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट के
प्रपत्र ''अ'' अनुसार
है। ऐसे पदों
की जानकारी
जिनकी नियुक्ति
प्रक्रिया
गतिशील है, की
जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट के
प्रपत्र ''ब'' अनुसार
है। (ख) नगर निगम
ग्वालियर
द्वारा वित्तीय
वर्ष 2017-
18
में पार्कों, गोलम्बर
एवं डिवाडरों
के वार्षिक
विकास एवं
संधारण तथा
नवीन पार्क
निर्माण हेतु
कुल राशि 10,44,00,000/- की
राशि
प्रावधानित
की गई है।
पार्कवार
राशि का आवंटन
पृथक से नहीं
किया जाता है।
(ग) स्मार्ट
सिटी योजना
अंतर्गत
लेडीज पार्क
हेतु दिनांक 22.09.2017 को
निम्नानुसार
निर्माण
कार्य स्वीकृत
किये गये, जिनका
विवरण निम्नानुसार
है :-
1. Horticulture Works - Rs
898742/-
2. Pathway & Paving, Park - Rs 11676646/-
Furnitures and Finishes
3. Drainage and lrrigation Works - Rs 1691362/-
4. Open Gym - Rs 130500/-
5. Monuments as per the drawing - Rs 200000/-
6. Constructions of Toilet Block - Rs 496840/-
7. Lighting & Electrical Works - Rs 5258226/-
कुल लागत - Rs 20352317/-
उक्त
कार्य हेतु
फर्म M/s
Kuldeep Kumar को कार्य 18.87 दर (Above) (Including GST & Five year
Maintenance) पर 2.41
करोड़ राशि पर
स्वीकृत
किया गया है, उक्त
कार्य अनुबंध
पत्र के सम्पादित
होने की
दिनांक से
शुरू किया
जावेगा एवं
उक्त दिनांक
से 7
माह में सम्पन्न
करा दिये
जावेंगे।
उपरोक्त
कार्य का
सुपरविजन ग्वालियर
स्मार्ट
सिटी
डेवलपमेन्ट
कार्पोरेशन
लिमिटेड के
उपयंत्री, सहायक
यंत्री एवं
कार्यपालन
यंत्री तथा
प्रोजेक्ट
डेवलपमेन्ट
मेनेजमेन्ट
कन्सलटेन्सी
(KPMG Advisory Services Pvt.
Ltd. एवं TRACTEBEL Engineering Pvt. Ltd.) के
प्रतिनिधियों
द्वारा किया
जायेगा।
मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना
[धार्मिक न्यास और धर्मस्व]
159. ( क्र. 3251 ) श्री दिनेश राय (मुनमुन) : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना अंतर्गत सिवनी जिले को कब-कब, किन-किन स्थानों हेतु कितने यात्रियों हेतु रेल उपलब्ध हुई? (ख) प्रश्नांश (क) योजनान्तर्गत सिवनी जिले से अभी तक कितने तीर्थ यात्री यात्रा कर चुके हैं? प्रत्येक यात्रा में तहसील अनुसार प्राप्त आवेदन और यात्रा में तहसील अनुसार गये यात्रियों के नामों की सूची प्रदाय करें। (ग) प्रश्नांश (क) योजनान्तर्गत जिन यात्रियों को नाम लाटरी में नहीं निकला, उनके आवेदनों का क्या किया जाता है? (घ) क्या मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना अंतर्गत सिवनी जिले में दिनांक 30/10/2017 से 06 दिवसीय तीर्थ यात्रा हेतु आवेदन पत्र लिये गये थे, परन्तु प्राप्त आवेदनों में से किसी भी तीर्थ यात्री को यात्रा में नहीं भेजा गया? यदि हाँ, तो कारण स्पष्ट करें।
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
प्रधानमंत्री आवास योजना में भ्रष्टाचार
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
160. ( क्र. 3252 ) श्री दिनेश राय (मुनमुन) : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिले में किस-किस ग्राम में कितने-कितने प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत हुये हैं? ऐसे कौन-कौन से ग्राम हैं, जिनमें प्रश्न दिनांक तक एक भी प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत नहीं हुआ है एवं क्यों? कारण स्पष्ट करते हुये जानकारी ग्रामवार, पंचायतवार, जनपद पंचायतवार उपलब्ध करावें। (ख) क्या प्रश्नांश (क) योजना अंतर्गत पात्रता एस.ई.सी.सी. डाटा 2011 से तय की गई है, जिसको अद्यतित किया गया है? यदि हाँ, तो अपात्र के नाम हटाने एवं पात्रों के नाम जोड़ने हेतु क्या 13 बिन्दुओं के सत्यापन प्रपत्र को आधार माना गया है? यदि हाँ, तो मॉनिटरिंग की क्या व्यवस्था है? (ग) ग्राम उदय से भारत उदय अभियान के विभिन्न चरणों में सिवनी जिले के अंतर्गत पी.एम. आवास योजना के लाभ हेतु कितने आवेदन आये? प्राप्त आवेदनों पर क्या कार्यवाही की गई? जनपद पंचायतवार, ग्रामवार विवरण व आवेदनों की छायाप्रति देवें। (घ) क्षेत्रान्तर्गत योजना के क्रियान्वयन में अपात्रों को लाभ दिये जाने एवं पात्रों को वंचित रखने संबंधी कितनी शिकायतें जनपद पंचायतों/ जनसुनवाई/सी.एम. हेल्पलाईन में प्राप्त हुई हैं एवं प्राप्त शिकायतों का क्या निराकरण किया गया? जनपद पंचायतवार शिकायतवार पूर्ण विवरण देवें? ग्राम पंचायत सलैया व नागनदेवरी जनपद पंचायत लखनादौन का पृथक से पूर्ण विवरण देवें? सहपत्रों की सत्यापित प्रतियां उपलब्ध करावें।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ एवं ‘ब’ अनुसार। (ख) योजनान्तर्गत पात्रता SECC-2011 से तय की गई है। जिसको अद्यतित नहीं किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) 9947 आवेदन प्राप्त हुए। आगामी कार्यवाही हेतु भारत सरकार को प्रेषित। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’स’ अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘द’ अनुसार।
नो डव्लपमेंट क्षेत्र घोषित करने के संबंध में
[नगरीय विकास एवं आवास]
161. ( क्र. 3253 ) श्रीमती ममता मीना : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या कलेक्टर जिला सागर के आदेश क्रमांक 3254/री.कले./09 सागर दिनांक 31.03.2009 द्वारा भारत ओमान रिफायनरी आगासौद बीना के 5 कि.मी. की चतुर्मुखी सीमा के क्षेत्रफल को नो डव्लपमेंट क्षेत्र घोषित किया गया है? यदि हाँ, तो इस संबंध में भारत सरकार एवं म.प्र. शासन के निर्देश उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित नो डव्लपमेंट क्षेत्र घोषित किये जाने के भारत सरकार अथवा म.प्र. शासन के निर्देश नहीं है, तो कलेक्टर जिला सागर के आदेश क्रमांक 3254/री.कले./09 सागर दिनांक 31.03.2009 कब तक निरस्त किया जावेगा? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार यदि कलेक्टर जिला सागर द्वारा आदेश जारी किया गया है तो निषिद्ध क्षेत्र में अवैध रूप से दुकानें/शराब दुकान/पेट्रोल पम्प एवं अन्य निर्माण कार्य किस अधिकारी की अनुमति से क्रियान्वित हुये हैं? अवैध रूप से निर्मित दुकानें/शराब दुकान/पेट्रोल पम्प एवं अन्य निर्माण कार्यों की अनुमति प्रदान करने वाले अधिकारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही कब तक की जावेगी? (घ) क्या प्रश्नांश (ग) अनुसार निषिद्ध क्षेत्र में अवैध रूप से निर्मित सम्पत्तियों को नष्ट किया जावेगा अथवा नहीं? अगर नष्ट किया जावेगा तो, स्पष्ट समय-सीमा बतावें?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। म.प्र. शासन, गृह विभाग द्वारा जारी अधिसूचना क्रमांक एफ 35-33-2009-सी-1 भोपाल दिनांक 16/02/2009 संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) कलेक्टर सागर के आदेश दिनांक 31/03/2009 की कंडिका 4 (ब) (1 से 9) में प्रतिबंधित क्षेत्र में कतिपय निर्माण अनुविभागीय अधिकारी की अध्यक्षता में गठित क्षेत्रिय विकास नियत्रंण समिति द्वारा अनुमोदित शर्तों/प्लान के पश्चात ग्राम पंचायत/जनपद पंचायत/नगर पालिका या अन्य कोई विभाग या एजेन्सी अपने विभागीय विधि एवं नियमों के अंतर्गत अनुमतियाँ मान्य है। अवैध अनुमतियों संबंधी जानकारी राज्य शासन के संज्ञान में आने पर तदानुसार कार्यवाही की जा सकती है। (घ) उत्तरांश 'ग' अनुसार अवैध अनुमतियों संबंधी जानकारी राज्य शासन के संज्ञान में आने पर तदानुसार कार्यवाही की जा सकती है।
लघु वनोपज समितियों द्वारा वन सामग्री क्रय की जाना
[वन]
162. ( क्र. 3254 ) श्रीमती ममता मीना : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गुना जिले में विकासखण्ड क्षेत्रवार कितनी लघु वनोपज समितियां कार्यरत हैं वनोपज समितियों के पदाधिकारियों की नाम, पते सहित जानकारी देवें? गुना जिले में वर्ष 2016 एवं 2017 में लघु वनोपज समितियों द्वारा किन-किन संग्राहकों से महुआ फूल/महुआ बीज (गुली) क्रय किया गया? किस दर पर क्रय किया गया? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित लघु वनोपज समितियों द्वारा वास्तविक संग्राहकों को किस प्रकार ई-पेमेंट अथवा चेक के माध्यम से भुगतान किया गया? लघु वनोपज समितियों द्वारा किस व्यक्ति/संग्राहक को कितना-कितना भुगतान किया गया? (ग) वित्त विभाग के सभी प्रकार के भुगतान ई-पेमेंट अथवा चेक के माध्यम से किये जाने के निर्देश होने के बावजूद प्रश्नांश (क) एवं (ख) में वर्णित संग्राहकों को ई-पेमेंट अथवा चेक से भुगतान क्यों नहीं किया गया? वित्त विभाग के निर्देशों का उल्लंघन गुना जिले में किस-किस अधिकारी एवं कर्मचारी द्वारा किया गया? नाम एवं पदनाम सहित जानकारी देवें? (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार दोषी अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। वर्ष 2017 में 972 क्विंटल महुआ फूल विभाग द्वारा निर्धारित दर रूपये 3000/- प्रति क्विंटल की दर से किया गया। जिन संग्राहकों से समितियों द्वारा महुआ फूल क्रय किया गया है तथा उन संग्राहकों को किये गये नगद भुगतान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (ग) एवं (घ) म.प्र. शासन वन विभाग भोपाल के आदेश, क्रमांक एफ 26-5/2010/10-3 दिनांक 22.04.2017 के अनुपालन में वनोपज संघ भोपाल के पृष्ठांकन क्रमांक 5280 दिनांक 28.04.2017 के निर्देश अनुसार महुआ संग्राहकों को नगद भुगतान किया गया है। पत्र की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन अनुसार है। चूंकि विभागीय आदेश के संदर्भ में नगद भुगतान किया गया है। अतः किसी अधिकारी एवं कर्मचारी द्वारा वित्त विभाग के निर्देशों का उल्लंघन नहीं किया गया है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
भाण्डेर नगर का विकास
[नगरीय विकास एवं आवास]
163. ( क्र. 3257 ) श्री घनश्याम पिरोनियॉं : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या भाण्डेर में मुक्तिधाम और सार्वजनिक पार्कों का अभाव है जबकि ये किसी भी नगर की प्राथमिक आवश्यकताओं में से एक मानी जाती है? यदि हाँ, तो इसके लिये कौन जिम्मेदार है और इनका कब तक निर्माण करा लिया जावेगा? (ख) क्या भाण्डेर नगर परिषद ने बिना प्रशासकीय स्वीकृति के पाँच लाख से अधिक के बिलों का भुगतान कर दिया गया है क्या इसकी जाँच हुई है? यदि हाँ, तो इसके लिऐ कौन दोषी पाया गया और उसके खिलाफ क्या कार्यवाही की गई? (ग) क्या जलावर्धन योजनांतर्गत शासन से राशि स्वीकृत हुई है, यदि हाँ, तो कितनी हुई और उक्त राशि में से किस किस कार्य पर कितनी-कितनी राशि किस-किस को भुगतान की गई है? (घ) क्या जलावर्धन योजनांतर्गत कराये जा रहे घटिया निर्माण कार्यों की शिकायतें हुई थी यदि हाँ, तो किस-किस ने कब-कब शिकायतें की और उस पर क्या कार्यवाही की गई? उक्त शिकायतों की जाँच किस समिति से कराई गई उसने क्या प्रतिवेदन दिया और उस पर क्या कार्यवाही की गई उनकी प्रतियाँ उपलब्ध कराई जाए?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी नहीं, शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी हाँ। कलेक्टर जिला-दतिया द्वारा जाँच समिति गठित की गई है, जाँच समिति द्वारा जाँच की जा रही है। जाँच प्रतिवेदन उपरान्त गुण-दोष के आधार पर नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी। (ग) जी हाँ, जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जी हाँ, माननीय विधायक भाण्डेर द्वारा जनसुनवाई के दौरान इन्टैक वैल के निर्माण सामग्री की गुणवत्ता के संबंध में निकाय स्तर पर शिकायत प्राप्त हुई थी। निकाय द्वारा निर्माण सामग्री का परीक्षण एन.ए.बी.एल. प्रयोगशाला में कराया गया, जिसमें मानक के अनुसार गुणवत्ता पाई गई। इसके अतिरिक्त विधानसभा याचिका क्रमांक 5243 माननीय विधायक भाण्डेर द्वारा लगाई गई थी, जिसके अनुक्रम में पत्र क्रमांक 13384 दिनांक 27.11.17 के द्वारा जाँच समिति गठित की गई है वर्तमान में जाँच कार्यवाही प्रचलित है। जाँच प्रतिवेदन प्राप्त होने पर निष्कर्षो के आधार पर आगामी कार्यवाही की जा सकेगी।
खनिज विभाग में चल रही अनियमितताएं
[खनिज साधन]
164. ( क्र. 3258 ) श्री घनश्याम पिरोनियॉं : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दतिया में खनिज विभाग (शाखा) में खनिजकर्म राजपत्रित स्तर का अधिकारी पदस्थ है, यदि हाँ, तो क्या गौण खनिज नियम, 1996 के नियम 2 (बारह क) के प्रावधानों के विपरीत खनिज शाखा का प्रभारी अधिकारी अलग से बनाया गया है? यदि हाँ, तो क्यों? प्रभारी अधिकारी का नाम, पद सहित कारण बतायें? (ख) उक्त शाखा में पदस्थ प्रभारी अधिकारी द्वारा अपने कार्यकाल के दौरान कितनी खनिज गौण खनिज के प्रकरण स्वीकृत किये गऐ हैं? कृपया उक्ताशय की जानकारी देते हुए बतायें कि कितने आवेदन पत्र क्यों अस्वीकृत किये गये? (ग) उक्त अधिकारी को अधिनियम के विपरीत बनाये जाने के संबंध में की गई, शिकायतों के आधार पर विभाग/संचालक खनि कर्म म.प्र. के निर्देशों के बाद भी क्यों नहीं हटाया गया है? कारण सहित बतायें कि उक्त अधिकारी को शाखा प्रभारी बनाये जाने की क्या मजबूरी है? (घ) उक्त प्रभारी अधिकारी द्वारा आवंटित किये गये खनिज/गौण खनिज के उत्खनन/लीज की मौका स्थल सहित संपूर्ण तथ्यों की जाँच की जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों यदि हाँ, तो जाँच कब तक की जाकर रिपोर्ट प्रेषित करेंगे?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी हाँ। दतिया जिले में खनि अधिकारी (राजपत्रित) पदस्थ हैं। जिले के कलेक्टर मैन्युअल के पृष्ठ क्रमांक 195 (क) एवं पृष्ठ क्रमांक 237 पर कार्यों का विभाजन एवं अध्याय 23 के तहत शाखा प्रभारी और कार्य विभाजन का प्रावधान है। इन प्रावधानों के तहत कलेक्टर, दतिया के आदेश क्रमांक 1008-16 दिनांक 12.02.2016 से श्री वीरेन्द्र कटारे, डिप्टी कलेक्टर एवं अनुविभागीय अधिकार, दतिया को अस्थाई रूप से अन्य आदेश तक अपने कार्य के साथ-साथ खनिज शाखा का प्रभार अतिरिक्त रूप से सौंपा गया है एवं आदेश क्रमांक 7743 दिनांक 14.11.2017 से प्रशासकीय कार्य व्यवस्था के अंतर्गत श्री वीरेन्द्र कटारे, डिप्टी कलेक्टर के स्थान पर श्री विवेक रघुवंशी, संयुक्त कलेक्टर को अपने कार्य के साथ-साथ खनिज शाखा का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 के नियम 2 (बारह-क) में परिभाषित प्रभारी अधिकारी, खनिज शाखा, इन नियमों के प्रयोजनार्थ है। (ख) उक्त शाखा में पदस्थ प्रभारी अधिकारी द्वारा अपने कार्यकाल के दौरान गौण खनिज के प्रकरण स्वीकृत या अस्वीकृत नहीं किये गये हैं। (ग) जिले की प्रशासकीय व्यवस्था को सुचारू रूप से संचालित करने का दायित्व संबंधित जिले के कलेक्टर का होता है। (घ) प्रश्नांश 'ख' में दिये गये उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
माननीय मुख्यमंत्री जी घोषणा के सबंध में
[नगरीय विकास एवं आवास]
165. ( क्र. 3261 ) श्री जसवंत सिंह हाड़ा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा प्रश्नकर्ता विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत शुजालपुर एवं अकोदिया नगरीय निकाय के विकास कार्य हेतु विशेष निधि से राशि रूपये 01-01 करोड़ प्रदान किये जाने की कोई घोषणा की गई है? (ख) यदि हाँ, तो प्रश्नांश (क) अंतर्गत माननीय मुख्यमंत्री जी की घोषणाओं को पूर्ण किये जाने हेतु विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है तथा माननीय मुख्यमंत्री जी की घोषणाओं को कब तक पूर्ण कर दिया जावेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) संचालनालय, नगरीय प्रशासन एवं विकास म.प्र. भोपाल द्वारा नगर पालिका परिषद शुजालपुर को राशि रू. 60.00 लाख एवं नगर परिषद अकोदिया को राशि रू. 100.00 लाख विशेष निधि मद से राशि उपलब्ध कराई जा चुकी है। घोषणा अनुसार कार्यवाही की जा चुकी है।
वाटरशेड में हुये भ्रष्टाचार के संबंध में
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
166. ( क्र. 3263 ) पं. रमाकान्त तिवारी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले की त्यौंथर तहसील में वर्ष 2013 से वर्ष 2016 तक वाटरशेड के तहत कुल क्या-क्या कार्य कराये गये? कार्य का नाम, लागत, कार्य पूर्ण करने की अवधि, कार्य करने वाली एजेन्सी का नाम सहित सम्पूर्ण विवरण दें। (ख) क्या वाटरशेड द्वारा कराये गये कार्य गुणवत्ताहीन एवं निम्न स्तरीय होने की शिकायतें पंचायत एवं ग्रामीण विभाग में की गई है, यदि हाँ, तो आज दिनांक तक विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या उक्त कार्य में हुई लापरवाही एवं भ्रष्टाचार की जाँच उच्च स्तरीय टीम गठित कर कराई जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। प्राप्त शिकायतों की विधिवत जाँच कराई गई है। (ग) वाटरशेड परियोजनाओं के कार्यों का भौतिक सत्यापन कराया गया है, जिसमें कार्य वांछित गुणवत्तायुक्त पाये गये है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मुख्यालय झिरन्या में नवीन महाविद्यालय खोलने
[उच्च शिक्षा]
167. ( क्र. 3273 ) श्रीमती झूमा सोलंकी : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्तमान में झिरन्या विकासखण्ड में हायर सेकण्डरी परीक्षा उत्तीर्ण करने के पश्चात कई छात्र-छात्राएँ महाविद्यालय के अभाव के कारण उच्च शिक्षा से वंछित रहते हैं तथा यह क्षेत्र आदिवासी बाहुल्य होकर लगभग 40 कि.मी. दूरी तक कोई महाविद्यालय नहीं है? (ख) क्या झिरन्या मुख्यालय पर नवीन महाविद्यालय खोलने हेतु स्वीकृति प्रदाय की जावेगी? हाँ तो समयावधि बतावें, नहीं तो क्या कारण है?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी नहीं। झिरन्या मुख्यालय से 34 किमी. की दूरी पर शासकीय महाविद्यालय भीकनगांव हैं, जहाँ विद्यार्थी अध्ययन कर सकते हैं। (ख) जी नहीं। झिरन्या मुख्यालय के केचमेंट एरिया में संचालित 09 हायर सेकेण्डरी स्कूलों में 12वीं कक्षा के अध्ययनरत छात्र संख्या 377 हैं। विभागीय मापदण्ड अनुसार नवीन महाविद्यालय खोले जाने में कठिनाई हैं।
सड़क निर्माण कार्य की जाँच
[वाणिज्य, उद्योग एवं रोजगार]
168. ( क्र. 3279 ) श्री महेश राय : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सागर रेल्वे फाटक से नौगांव इण्डस्ट्रीज तक सड़क निर्माण कार्य कराया जा रहा है? यदि हाँ, तो किसकी निगरानी में कार्य हो रहा है? (ख) सड़क निर्माण कार्य घटिया हो रहा है, क्या इसकी कोर कटिंग कराकर म.प्र. शासन की लैब में परीक्षण कराये जावेगा? (ग) क्या सेन्ट्रल स्कूल के सामने जनपद वाले मार्गों पर मार्ग क्षतिग्रस्त हो गया है, उक्त प्रकरण की शीघ्र जाँच करायी जावेगी? (घ) प्रश्न (क) के अनुसार उक्त सड़क निर्माण कार्य की जाँच कराकर दोषी ठेकेदार एवं अधिकारियों पर कठोर कार्यवाही की जावेगी?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी हाँ। औदयोगिक क्षेत्र नौगांव, बीना औदयोगिक केन्द्र विकास निगम सागर लिमिटेड़, सागर अंतर्गत आता हैं। उक्त कार्य आई.आई.डी.सी., ग्वालियर के तकनीकी अमले के पर्यवेक्षण में ए.के.व्ही.एन., सागर दवारा कराया जा रहा हैं। (ख) उक्त निर्माण कार्य गुणवत्तायुक्त कराया जा रहा हैं। निविदा की शर्तों में उल्लेखित मध्यप्रदेश शासन, लोक निर्माण विभाग, के पत्र दिनांक 29/01/2016 के अनुसार एनएबील दवारा पंजीकृत लैब से साम्रगी की गुणवत्ता का परीक्षण कराया जाता हैं। अब तक कराये गये परीक्षणों में निर्माण कार्य में उपयोग की गई साम्रगी गुणवत्ता अनुसार पायी गई हैं। (ग) सेन्ट्रल स्कूल के सामने जनपद वाले मार्गों पर सड़क निर्माण होने के कुछ घण्टों के अंदर ही सीमेंट कांक्रीट सेटिंग होने के पूर्व भारी वाहन निकलने से एक छोटा भाग क्षतिग्रस्त हुआ हैं जिसे ठेकेदार से तकनीकी अमले के पर्यवेक्षण में गुणवत्तायुक्त सुधार कराया जायेगा। (घ) प्रश्नांश (क) के तारतम्य में कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
बीना में प्लांटेशन का कार्य
[वन]
169. ( क्र. 3280 ) श्री महेश राय : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वि.स. क्षेत्र बीना में कितनी जगह प्लांटेशन कराया गया है? स्थान/संख्या बतावे। (ख) कंजिया, देवल के श्रमिकों का भुगतान अभी तक क्यों नहीं किया गया? (ग) प्रश्न (क) के अनुसार प्रश्नकर्ता द्वारा विभागीय अधिकारियों से पत्र के माध्यम से उक्त प्रकरण की जाँच कराने के संबंध में लिखा है? (घ) प्रश्नांश (ग) के अनुसार विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गयी?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) विधानसभा क्षेत्र बीना के अन्तर्गत निम्न स्थानों पर प्लानटेंशन कराया गया है :-
क्रमांक |
स्थान का नाम |
रकवा (हे.में) |
रोपित पौधों की संख्या |
1 |
आर.एफ. 03 कंजिया |
50 |
70000 |
2 |
आर.एफ. 13, 14 मुहासा |
50 |
20000 |
(ख) कंजिया, देवल में कराये गये कार्यों का भुगतान किया जा चुका है। श्रमिकों का कोई भी भुगतान लंबित नहीं है। (ग) जी हाँ। (घ) प्रकरण की जाँच करने हेतु मुख्य वन संरक्षक सागर वृत्त सागर के द्वारा आदेश क्रमांक/व्यय/1-97/2017/269 दिनांक 20.11.2017 के द्वारा तीन सदस्यीय जाँच कमेटी का गठन किया गया। कमेटी के द्वारा जाँच कर जाँच प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया। जाँच प्रतिवेदन के अनुसार उक्त वृक्षारोपण में कोई अनियमितता नहीं पाई गई।
रोजगार सहायकों का वेतन
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
170. ( क्र. 3295 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्राम पंचायतों में पदस्थ रोजगार सहायकों को सहायक सचिव बनाकर वित्तीय अधिकार भी दिये गये हैं? (ख) क्या रोजगार सहायकों को कुशल श्रमिक माना है? यदि हाँ, तो क्या वेतन कलेक्टर रेट पर कुशल श्रमिक के मान से दिया जाता है? (ग) क्या रोजगार सहायकों को अकुशल श्रमिक माना है? यदि हाँ, तो क्या श्रम कानून के मान से वेतन दिया जाता है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) ग्राम रोजगार सहायकों को सहायक सचिव घोषित करने का प्रावधान है। वित्तीय अधिकार शासन आदेश क्र. 932 दिनांक 06.07.13 के पैरा-2 ड अनुसार उल्लेखित परिस्थितियों में दिये जायेंगे। (ख) जी नहीं। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मध्यान्ह भोजन व्यवस्था
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
171. ( क्र. 3302 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम के अंतर्गत किन-किन नगरीय क्षेत्रों में केन्द्रीयकृत रसोई घर का संचालन कौन-कौन सी गैर सरकारी संस्थाओं द्वारा किया जा रहा है? संस्थाओं के अधिकृत व्यक्तियों के नाम, संस्था का पता सहित वर्तमान स्थिति के अनुसार जानकारी दी जावें? (ख) क्या पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के पत्र क्रमांक 1884/22/ वि.-9/एस.डी.एम./2017 दिनांक 02/02/2017 के द्वारा कलेक्टर एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत को केन्द्रीकृत किचिन सेट व्यवस्था अंतर्गत डबल फोर्टीफाइड नमक व फोर्टीफाइड तेल उपयोग करने हेतु निर्देशित किया गया था? यदि हाँ, तो वर्तमान में किन-किन नगरीय क्षेत्रों में उक्त निर्देशों का पालन किया जा रहा है? सूची उपलब्ध करायें और यदि पालन नहीं किया जा रहा है तो क्यों? (ग) वित्तीय वर्ष 2016-17 में केन्द्रीकृत रसोई घर संचालित करने वाली उक्त गैर सरकारी संस्थाओं को शासन द्वारा मध्यान्ह भोजन योजना के अंतर्गत कितनी-कितनी धनराशि उपलब्ध कराई गई? संस्था का नाम, धनराशि सहित जानकारी प्रदान की जावें।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार।
मंदिरों में पुजारी की नियुक्ति
[धार्मिक न्यास और धर्मस्व]
172. ( क्र. 3305 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मुरैना जिले की जौरा तहसील के किस-किस गांव में शासकीय मंदिर हैं, इन मंदिरों पर कहाँ-कहाँ पुजारी नियुक्त हैं तथा कितने मंदिर पुजारी विहीन है? गांव, मंदिरों के नाम पुजारियों के नाम सहित वर्तमान स्थिति की जानकारी दी जावें। (ख) उक्त मंदिरों के पुजारियों को कितना नेमनूक दिया जाता है तथा कब से नेमनूक (पूजा करने की शासकीय राशि ) नहीं मिली है? उन्हें कब तक प्रदान कर दी जावेगी? (ग) शासन द्वारा उक्त मंदिरों के जीर्णोद्धार मरम्मत के लिये वर्ष 2015 से नवम्बर 2017 तक कितना पैसा किस-किस मंदिर में दिया गया है? कितनों को नहीं दिया? इन्हें मरम्मत की राशि कब तक उपलब्ध करा दी जावेंगी?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। (ख) भूमि हीन मंदिर के पुजारियों को नेमनूक राशि रूपये 1000/-, 05 एकड़ तक भूमि वाले मंदिरों के पुजारियों को राशि रूपये 700/- तथा 10 एकड़ तक भूमि वाले मंदिरों के पुजारियों को राशि रूपये 520/- प्रतिमाह दिया जाता है। नेमनूक का अगस्त 2017 तक भुगतान किया जा चुका है। शेष के लिये कार्यवाही प्रचलित है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। कलेक्टर/संभागायुक्त के माध्यम से मंदिर के जीर्ण-शीर्ण होने पर तकनीकी प्रस्ताव प्राप्त होने पर राशि स्वीकृत की जाती है। यह एक सतत् प्रक्रिया है।
शौचालय आवंटन
[नगरीय विकास एवं आवास]
173. ( क्र. 3307 ) श्री उमंग सिंघार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) धार जिले के अतंर्गत मनावर नगर पालिका क्षेत्र में शौचालय स्वीकृत किये गये हैं? यदि हाँ, तो हितग्राहियों के नाम, पते बताते हुए यह भी बतावें कि स्वीकृति हेतु नीति, मापदण्ड क्या-क्या रखा है? इनका पालन सुनिश्चित किया गया है? (ख) उपरोक्तानुसार कौन-कौन से हितग्राहियों के खाते में कब-कब कितनी-कितनी राशि डाली गई है, नाम, पता (हितग्राही का) राशि बतावें और जो शेष रह गये हैं उसका क्या कारण है तथा कौन जिम्मेदार हैं?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ, मनावर नगर के लिए घर-घर शौचालय निर्माण दो चरणों में स्वीकृत हुए हैं। प्रथम चरण की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार तथा द्वितीय चरण की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है, जिसके लिए निर्धारित नीति एवं मापदण्ड की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है, जिसका पालन किया गया है। (ख) द्वितीय चरण में 170 हितग्राहियों का चयन किया गया था, जिसमें से 37 हितग्राहियों के खातों में राशि डाली गई है। जिनका नाम, पता एवं डाली गई राशि का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। शेष 133 हितग्राहियों के चयन प्रक्रिया प्रचलित है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
आवास आवंटन में पक्षपात
[नगरीय विकास एवं आवास]
174. ( क्र. 3308 ) श्री उमंग सिंघार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या धार जिले की मनावर नगर पालिका में योजना प्रांरभ होने की तिथि से प्रश्न दिनांक तक प्रधानमंत्री योजना अतंर्गत आवास स्वीकृत किये गये हैं? यदि हाँ, तो वार्डवार, हितग्राहियों के नाम, पते सहित बतावें। (ख) उक्त हितग्राहियों के खाते में किस-किस तिथि को कितनी राशि जमा कराई गई है? हितग्राहियों के नाम वार्डवार बतावें तथा किस-किस के खाते में क्यों नहीं डाली गई? (ग) क्या हितग्राहियों की सर्वे सूची जाँच सूची और आवंटन हेतु अंतिम सूची में अंतर है? यदि हाँ, तो उक्त सूचियों की प्रति बताते हुए यह भी बतावे कि किस-किस हितग्राही के नाम, किस कारण से, किस प्रमाण के आधार पर काटे गये?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखें परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) हितग्राहियों के खाते में जमा की गई राशि की हितग्राहीवार, वार्डवार, तिथिवार, खातेवार जानकारी पुस्तकालय में रखें परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ग) जी हाँ। सूची से पृथक किये जाने के प्रमाण के विवरण के साथ हितग्राहियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
ई.डब्ल्यू.एस.
आवासों का
आवंटन
[नगरीय विकास एवं आवास]
175. ( क्र. 3309 ) श्री उमंग सिंघार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) भोपाल स्थित भोपाल विकास प्राधिकरण द्वारा गोदरमाऊ में बनाये गये ई.डब्ल्यू.एस आवास किस-किस को आवंटित है? उसका नाम पता, आवास क्रमांक बतावें। (ख) क्या उक्त आवास की विज्ञापन में दर्शायी गई कीमत तथा बाद में संशोधित राशि में अंतर था? यदि हाँ, तो कितनी-कितनी राशि का और उसका क्या-क्या कारण है? (ग) उपरोक्त आवास आवंटन हेतु किस-किस आवंटी से कितनी-कितनी राशि ब्याज, जुर्माना हेतु वसूल की गई है? (घ) क्या जितने आवास निर्मित किये गये थे उनकी आवंटन हेतु लॉटरी नहीं डाली गई थी? लॉटरी के बाद जो सूची बनाई जाती है उसकी प्रति बतावें?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। योजना के स्वरूप में परिवर्तन होने तथा नगर निगम भवन अनुज्ञा जल प्रदाय हेतु बल्क कनेक्शन के कारण मूल्य वृद्धि उपरांत ई.डब्ल्यू.एस. भवन का मूल्य विज्ञापन में दशाई गई राशि रूपये 3,50,000/- के स्थान पर रूपये 4,61,000/- निर्धारित किया गया। जो ई.डब्ल्यू.एस. भवन के अंतिम मूल्यांकन अनुसार राशि रूपये 1,11,000/- की वृद्धि की गई। (ग) पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जी नहीं निर्धारित संख्या से कम आवेदन प्राप्त होने के कारण ई.डब्ल्यू.एस. भवनों के आवंटन हेतु लॉटरी नहीं डाली गई थी भवन के क्रमांक का आवंटन लॉटरी के माध्यम से किया गया है। सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
शासकीय महाविद्यालयों में रजिस्ट्रार के पद की स्वीकृति
[उच्च शिक्षा]
176. ( क्र. 3311 ) श्री केदारनाथ शुक्ल : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अता.प्र. (क्र. 5656), दिनांक 15.03.2016 के प्रश्नांश (ख) में दिये गये उत्तर अनुसार प्रदेश के 106 शासकीय महाविद्यालयों में रजिस्ट्रार के पदों की स्वीकृति की कार्यवाही के लिये सरकार प्रयासरत है? तो क्या पदों की स्वीकृति पूर्ण हो चुकी है? यदि नहीं, तो शासन के समक्ष क्या कठिनाईयां हैं? अवगत करायें। (ख) क्या रजिस्ट्रार विहीन महाविद्यालयों को प्रशासनिक व्यवस्था को दृष्टिगत रखते हुए शीघ्रतिशीघ्र रजिस्ट्रारों के पद निर्माण एवं पदस्थापना की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी हाँ। पदों की स्वीकृति की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) जी हाँ। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
न्यायालयीन प्रकरणों में कार्यवाही
[उच्च शिक्षा]
177. ( क्र. 3312 ) श्री केदारनाथ शुक्ल : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश क्रमांक एफ 5-4/2017/1/8 भोपाल, दिनांक 19/09/2017 के परिपालन में कार्यवाही सुनिश्चित की जा रही है? यदि नहीं, तो कब तक की जावेगी? (ख) आज दिनांक तक उच्च शिक्षा विभाग में सभी संवर्गों के कुल कितने न्यायालयीन प्रकरण विभिन्न न्यायालयों में लंबित हैं? किन-किन प्रकरणों के जवाब दावे आज तक प्रस्तुत नहीं किए गए है? इनके लिए कौन दोषी है? क्या दोषियों के विरूद्ध कोई वैधानिक दण्डात्मक कार्यवाही की जावेगी तथा कब तक इनके जवाब दावे न्यायालयों में प्रस्तुत कर दिए जावेंगे? (ग) क्या वित्त विभाग के आदेश क्रमांक एफ-8-6/2015/नियम/चार, भोपाल, दिनांक 19.07.2017 के आदेश के परिपालन में प्रदेश के शासकीय महाविद्यालयों में कार्यरत अशिक्षकीय अमले के समस्त संवर्ग के सेवा भर्ती नियम तैयार किए जा रहे हैं? यदि हाँ, तो कब तक तैयार हो जावेंगे और इन्हें सातवें वेतनमान का लाभ कब तक दे दिया जावेगा?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी हाँ। न्यायालयीन प्रकरणों में समय-सीमा में कार्यवाही करने के निर्देश सर्वसंबंधितों को दिये गये है। (ख) विभिन्न माननीय न्यायालयों में सभी संवर्गों के कुल 939 प्रकरण प्रचलित हैं, जिसमें से 842 प्रकरणों में जवाबदावा प्रस्तुत किया जा चुका है। लंबित प्रकरणों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
ग्राम रोजगार सहायकों का मानदेय एवं नियमितीकरण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
178. ( क्र. 3320 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में ग्राम पंचायतों में कितने ग्राम रोजगार सहायक कार्यरत हैं? उन्हें कितना मानदेय दिया जा रहा है? क्या जी.आर.एस. अंशकालीन संविदा कर्मचारी हैं? यदि अंशकालीन कर्मचारी हैं तो प्रतिदिन कार्य की अवधि, घंटे बतायें और इनका मानदेय किस आधार पर तय किया गया है? (ख) क्या प्रदेश में कार्यरत ग्राम रोजगार सहायकों से पूर्ण कालीन काम लिया जा रहा है? यदि हाँ, तो उन्हें न्यूनतम मजदूरी अधिनियम 1948 के तहत पारिश्रमिक क्यों नहीं दिया जा रहा है? ग्राम रोजगार सहायकों का पारिश्रमिक उक्त अधिनियम के पालन में शासन कब तक बढ़ायेगा? (ग) क्या शासन ने जी.आर.एस. को सहायक सचिव घोषित किया है? यदि हाँ, तो उनका नियमितीकरण कब तक किया जायेगा? जी.आर.एस. के सेवा भर्ती नियम, पदोन्नति नियम, स्थानांतरण नियम कब तक बनाये जायेंगे? क्या ऐसी कोई प्रक्रिया विचाराधीन है? (घ) गुना जिले के ग्राम रोजगार सहायक/सहायक सचिव कर्मचारी संगठन ने 1 जनवरी 2015 के बाद से कब-कब कलेक्टर और शासन को ज्ञापन दिये हैं? उनके ज्ञापन और मांगों पर शासन ने क्या कार्यवाही की है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एम.आई.एस. डाटा अनुसार प्रदेश में कुल 21,412 ग्राम रोजगार सहायक कार्यरत है। ग्राम रोजगार सहायक को रू. 9000/- प्रतिमाह संविदा पारिश्रमिक दिया जा रहा है। जी हाँ, भर्ती नियम में अंशकालीन कर्मचारी के रूप में रखने का प्रावधान किया गया था। निर्देशों में अवधि का कोई उल्लेख नहीं है। केवल उनके कर्तव्य दायित्व का उल्लेख है। (ख) प्रदेश में कार्यरत ग्राम रोजगार सहायक से उनके नियुक्ति निर्देशों संबंधी आदेश क्र. 5335 दि. 02.06.12 में निर्धारित जॉब चार्ट एवं निर्देश दि. 01.10.14 में उल्लेखित अनुसार कार्य लिया जा रहा है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) शासन द्वारा ग्राम रोजगार सहायक को सहायक सचिव घोषित का प्रावधान किया गया है। नियमितीकरण के संबंध में शासन की वर्तमान में नीति नहीं है। जी नहीं ग्राम रोजगार सहायक संविदा कर्मचारी है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) उपलब्ध अभिलेख अनुसार इस प्रकार के ज्ञापन प्राप्त होना नहीं पाया गया है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नगरीय प्रशासन विभाग के कर्मचारियों की 7 वां वेतनमान
[नगरीय विकास एवं आवास]
179. ( क्र. 3326 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या मध्यप्रदेश शासन द्वारा अपने सभी कर्मचारियों को 7 वॉ वेतनमान दिये जाने के आदेश जारी किये गये हैं? यदि हाँ, तो आदेश की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) क्या उक्त आदेश के पालन में मध्यप्रदेश के सभी कर्मचारियों को 7 वॉ वेतनमान दिया जा चुका हैं? (ग) क्या नगरीय प्रशासन के कर्मचारियों को भी अन्य कर्मचारियों के समान 7 वॉ वेतनमान दिये जाने के निर्देश हैं? यदि हाँ, तो निर्देश की प्रति उपलब्ध करावें। (घ) यदि नहीं, तो नगरीय प्रशासन विभाग के कर्मचारियों को कब 7 वॉ वेतनमान दिया जावेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। अधिसूचना की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) संचालनालय, नगरीय प्रशासन एवं विकास, म.प्र. एवं उसके अधीनस्थ संभागीय कार्यालयों में कार्यरत शासकीय सेवकों को 7 वॉ वेतनमान दिया जा चुका है। संचालनालय में नवनियुक्त 01 सहायक संचालक एवं संभागीय कार्यालय, इन्दौर के 02 कर्मचारियों को 7 वॉ वेतनमान दिए जाने की कार्रवाई प्रचलन में है। (ग) अधिसूचना की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
ग्राम पंचायत सहायक सचिवों को नियमित वेतनमान
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
180. ( क्र. 3327 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश शासन द्वारा पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अतंर्गत क्या प्रत्येक ग्राम पंचायत में सहायक सचिव की नियुक्ति किये जाना का प्रावधान हैं? यदि हाँ, निर्देश की प्रति उपलब्ध करावें? (ख) मध्यप्रदेश शासन द्वारा वर्तमान में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अतंर्गत प्रदेश भर में कुल कितने सहायक सचिव कार्यरत हैं? (ग) क्या उक्त नियुक्त सहायक सचिवों तथा उनके परिवार के भविष्य को ध्यान में रखते हुए कोई कटौत्रा आदि किया जा रहा है? नहीं तो क्यों नहीं? (घ) उक्त सहायक सचिवों को क्या नियमित वेतनमान दिया जाना प्रस्तावित है? यदि हाँ, तो कब तक और यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। निर्देश विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) www.psprd.gov.in अनुसार प्रदेश में कार्यरत 21412 ग्राम रोजगार सहायक, सहायक सचिव कार्य हेतु उपलब्ध है। (ग) जी नहीं। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अतिक्रमण से मुक्त की गई भूमि पर बाउण्ड्रीवॉल निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
181. ( क्र. 3340 ) श्री सूबेदार सिंह रजौधा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या नगर निगम मुरैना के वार्ड क्र. 46 में एल.आई.जी. क्वार्टर क्र. 385 के सामने वाले पार्क पर किया गया अतिक्रमण हटा दिया गया है? यदि हाँ, तो वर्तमान में उक्त भूमि नगर निगम को हस्तान्तरित कर दी गई है? (ख) क्या उक्त भूमि अतिक्रमणकारियों से पुन: बचाने हेतु विभाग उसकी बाउण्ड्रीवॉल करवाएगा? यदि हाँ, तो कब तक? (ग) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में उक्त भूमि पर अतिक्रमणकारियों द्वारा विभाग के विरूद्ध कोई न्यायालयीन कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो क्या विभाग द्वारा अपना पक्ष रखा गया है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) मुरैना में एल.आई.जी. क्वार्टर क्रमांक 385 के सामने वाले पार्क पर किया गया अतिक्रमण दिनांक 08/09/2017 को हटा दिया गया है। उक्त भूमि नगर निगम मुरैना को दिनांक 08/09/2017 को ही हस्तातंरित कर दी गई है। (ख) अतिक्रमण रहित पार्क की भूमि नगर निगम को हस्तातंरित है, अत: बाउण्ड्रीवॉल निर्माण की कार्यवाही नगर निगम मुरैना द्वारा अपनी प्राथमिकता क्रम अनुसार करवाया जा सकता है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (ग) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में माननीय उच्च न्यायालय में डब्ल्यू.पी. 3001/2007 एवं अवमानना पिटिशन क्रमांक 1270/2016 में दिनांक 30/08/2017 को पारित आदेश के परिपालन में प्रश्नाधीन भूमि पर अतिक्रमण दिनांक 08/09/2017 को हटाने के बाद अतिक्रमणकारियों द्वारा माननीय उच्च न्यायालय ग्वालियर में रिव्यू पिटिशन लगाई गई है, जो माननीय उच्च न्यायालय में विचाराधीन है।
रेत की उपलब्धता
[खनिज साधन]
182. ( क्र. 3346 ) श्री गोविन्द सिंह पटेल : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग ग्रामीण क्षेत्रों में एवं शहरी क्षेत्रों में ग्राम पंचायतों की आवश्यकता के लिये एवं नगरीय क्षेत्रों में नगर पालिकाओं की आवश्यकता को देखते हुए रेत उपलब्धता हेतु क्या व्यवस्था करता है? (ख) क्या बार-बार पंचायतों एवं नगर पालिकाओं से क्षेत्र के नागरिकों की रेत की समस्याओं के बारे में शिकायत आती है? सरकारी तथा निजी कार्य भी न रूके इसके लिये विभाग क्या व्यवस्था कर रहा है?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 में रेत खदान के उत्खनन पट्टे तथा व्यापारिक खदान स्वीकृत किये जाने के प्रावधान हैं। इन खदानों से रेत खनिज की उपलब्धता सभी को होती है। राज्य शासन द्वारा प्रदेश की रेत खनन नीति 2017 का अनुमोदन किया गया है। जिसमें रेत खनिज की खदानों के संचालन के अधिकार यथा स्थिति संबंधित ग्राम पंचायत/नगरीय निकाय को दिये जाने का निर्णय लिया गया है। (ख) शिकायत प्राप्त होने पर उसका नियमानुसार निराकरण किया जाता है। राज्य शासन द्वारा रेत खनिज की खदानों के संचालन के अधिकार ग्राम पंचायत/नगरीय निकाय को दिये जाने का नीतिगत निर्णय लिया गया है।
प्रधानमंत्री आवास योजना
[नगरीय विकास एवं आवास]
183. ( क्र. 3347 ) श्री गोविन्द सिंह पटेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) गाडरवारा विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत कितनी नगर पालिका एवं नगर पंचायतें कार्यरत हैं? इसमें प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत कितने आवास प्रस्तावित हैं? प्रत्येक की संस्थावार जानकारी उपलब्ध करायें? (ख) इनमें हितग्राही चयन की प्रक्रिया क्या होगी? (ग) मा. मुख्यमंत्री जी की घोषणानुसार क्या प्रत्येक आवासहीन को आवासीय पट्टे प्रदान करने की सरकार की योजना है? उस पर नगरीय क्षेत्र में क्या कार्यवाही चल रही है एवं कौन-कौन से मापदण्ड अपनाये जावेंगे? (घ) क्या प्रत्येक आवासहीन एवं भूमिहीनों को आवास की सुविधा मिल सके, इसके लिये विभाग क्या कार्यवाही कर रहा है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) गाडरवारा विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत नगर पालिका गाडरवारा, नगर परिषद, चीचली साईखेडा एवं सालीचौका सम्मिलित है। नगर पालिका परिषद, गाडरवारा में 674 नगर परिषद, चीचली में 23, नगर परिषद, सालीचौका में 168, नगर परिषद साईखेडा में 210 हितग्रारियों का चयन किया गया है। (ख) प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी-सबके लिए आवास 2022) के मार्गदर्शी सिद्धांत पुस्तकालय में रखें परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं नगरीय विकास एवं पर्यावरण विभाग का ज्ञाप दिनांक 01.11.2014 की जानकारी पुस्तकालय में रखें परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) जी हाँ। ऐसे आवासहीन व्यक्ति जिनके पास भूमि उपलब्ध नहीं है उन्हें राजस्व विभाग द्वारा नगरीय क्षेत्रों के भूमिहीन व्यक्ति (पट्टाधृति) अधिकारों के अंतर्गत प्रदान किया जाना अधिनियम 1984 के प्रावधान अनुसार प्रदाय किए जाने की कार्यवाही/चयन की प्रकिया गतिशील है। (घ) उत्तरांश ''ग'' अनुसार भूमिहीन हितग्राहियों को पट्टा प्रदान किया जा रहा है तथा आवास निर्माण हेतु प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी-सबके लिए आवास 2022) के प्रावधान अनुसार राशि रू. 2.50 लाख उपलब्ध कराया जाना लक्षित है।
अनूपपुर जिलांतर्गत पौधारोपण
[वन]
184. ( क्र. 3354 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनूपपुर जिले में जनवरी, 2017 से प्रश्न दिनांक तक कहाँ-कहाँ पर पौधारोपण किया गया, कितने पौधे लगाये गये तथा कितनी राशि का व्यय पौधारोपण में किया गया? पौधा कहाँ से क्रय किया गया? (ख) किस विद्यालय में कितने पौधों को लगाया गया है? प्रश्न दिनांक तक पौधारोपण के लिये प्रशासन द्वारा क्या व्यवस्था की गई? (ग) जिला अनूपपुर के पुष्पराजगढ़ विधान सभा क्षेत्र में किन मार्गों के किनारे जनवरी, 2017 से प्रश्न दिनांक तक कहाँ-कहाँ पर पौधारोपण किया गया? महाविद्यालय में कहाँ पर कब पौधारोपण किया गया? (घ) उक्त पौधारोपण के लिये क्या शासन द्वारा कोई योजना निर्धारित की गई है? कितने पौधों को रोपण के लिये व्यवस्था की गई है?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) अनूपपुर जिले में प्रश्न दिनांक तक 12,22,701 पौधों का रोपण किया गया जिस पर राशि रू. 4,90,14,929/- का व्यय किया गया। पौधों का क्रय शासकीय रोपणी अनूपपुर, लालपुर, जबलपुर, राजेन्द्रग्राम एवं धनपुरी तथा चन्द्र सीड्स पेंड्रा (छ.ग.) परासी शासकीय उद्यान रजा नर्सरी भालूमाडा रिलायंस बायो प्लांटेशन जबलपुर आदि संस्थाओं से किया गया। विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 1 अनुसार है। (ख) अनूपपुर जिले के 54 महाविदयालय/विद्यालयों में 8837 पौधे रोपित किये गये हैं। विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 2 अनुसार है। (ग) जिला अनूपपुर के पुष्पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र में प्रश्नाधीन अवधि में 119 मार्गों के किनारे 24,655 पौधों का रोपण किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 3 अनुसार है। महाविद्यालयों के संबंध में जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 2 अनुसार है। (घ) उक्त पौधा रोपण मनरेगा योजना, उद्यानिकी विभाग की योजना वन विभाग के विभागीय वृक्षारोपण एवं कृषि समृद्धि योजना के तहत कराया गया है। पौधा रोपण की व्यवस्था की जानकारी प्रश्नांश 'क' के उत्तर में दी गयी है।
नमामि देवी नर्मदे यात्रा की जानकारी
[योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी]
185. ( क्र. 3355 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नमामि देवी नर्मदे यात्रा को क्या जन अभियान परिषद् द्वारा या अन्य संस्था के द्वारा संचालित किया गया था? (ख) उक्त कार्यक्रम में किन-किन लोगों को आमंत्रण भेजा गया था? उनमें से कौन-कौन आया? उनके रूकने एवं आने-जाने में कितना व्यय किस मद से किया गया? सेलेब्रिटी सहित अन्य किस-किस को कितनी राशि पारिश्रमिक या अन्य के रूप में दी गई? सूची उपलब्ध करायें। (ग) नमामि देवी नर्मदे यात्रा के दौरान कुल कितनी राशि किस-किस मद में कब-कब व्यय की गई? व्यय की गई राशि की स्वीकृति किस नाम/पदनाम के द्वारा कब-कब दी गई? जारी सभी आदेशों की एक-एक प्रति उपलब्ध करायें। (घ) अमरकंटक में नमामि नर्मदे यात्रा के कार्यक्रम समापन समारोह हेतु मध्यप्रदेश सरकार द्वारा कुल कितनी राशि किस मद से व्यय की गई एवं अमरकंटक में नमामि नर्मदे यात्रा कार्यक्रम के समापन समारोह में व्यवस्था बनाये जाने हेतु कितने शासकीय एवं कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई थी?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) नमामि देवि नर्मदे यात्रा का संचालन मध्यप्रदेश शासन के पुस्तकायल में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है, आदेशानुसार जनसंपर्क विभाग, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग, पर्यावरण विभाग, संस्कृति विभाग, लोक निर्माण विभाग, किसान कल्याण तथा कृषि विभाग, नगरीय विकास विभाग, ग्रामीण विकास विभाग वन विभाग एवं जन अभियान परिषद द्वारा किया गया था। (ख) म.प्र. जन अभियान परिषद के द्वारा नर्मदा यात्रा के दौरान आमंत्रित अतिथियों सम्मिलित अतिथियों उन पर हुये व्यय की राशि पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2, 3 एवं 4 अनुसार है। जन अभियान परिषद द्वारा किसी भी सेलिब्रिटी को कोई राशि पारिश्रमिक या अन्य रूप से नहीं दी गई। (ग) नमामि देवि नर्मदे यात्रा के संचालन की राशि म.प्र. जन अभियान परिषद द्वारा जिला कलेक्टरों के माध्यम से व्यय की गई है। जिसका संकलन कार्य प्रगति पर है। (घ) म.प्र. जन अभियान परिषद द्वारा समापन समारोह पर व्यय राशि एवं समापन समारोह हेतु ड्यूटी लगाये गये कर्मचारियों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-5 एवं 6 अनुसार है।
अवैध उत्खनन
[खनिज साधन]
186. ( क्र. 3365 ) श्री सचिन यादव : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश सरकार द्वारा प्रदेश में खनिज सम्पदा को क्षति पहुंचाने एवं अवैध उत्खनन को पूर्ण रूप से रोक लगाने के संबंध में क्या कोई कठोर कानून बनाया गया है? हाँ तो तत्संबंध में प्रमाण सहित जानकारी दें? (ख) वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक प्रदेश में अवैध उत्खनन के कितने प्रकरण पंजीबद्ध हैं? जुर्माना राशि वसूल किये जाने एवं संबंधितों को दण्डित करने की प्रक्रिया के अतंर्गत कितने लोगों के खिलाफ कार्यवाही की गई? (ग) क्या राज्य सरकार ने प्रदेश में अवैध उत्खनन को पूर्ण रूप से बंद करने के लिए जिला कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षकों को कार्यवाही करने हेतु किसी प्रकार के दिशा-निर्देश जारी किये हैं? हाँ तो आदेश की प्रतियां सहित जानकारी दें? (घ) प्रश्नांश (ख) में दर्शित अवैध उत्खनन से राज्य सरकार को कितनी राशि की हानि हुई एवं उक्त प्रकरणों में कितनी राशि जुर्मना के तौर पर वसूली गई हैं? राशिवार जानकारी दें।
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी हाँ। मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 में गौण खनिजों के संबंध में संशोधन कर दिनांक 18.05.2017 से संशोधित नियम अधिसूचित किये गये हैं। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' पर दर्शित है। (ग) जी हाँ। कलेक्टर को जारी निर्देश दिनांक 09.02.2017 की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' पर दर्शित है। (घ) प्रश्नानुसार अवैध उत्खनन पंजीबद्ध होने पर इसके निराकरण पश्चात दण्डात्मक राशि वसूल की जाती है। अत: हानि जैसी स्थिति नहीं है। प्रश्नांश की शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' पर दर्शित है।
छावनी बोर्डों (कैन्टोमेंट) में विकास कार्य
[नगरीय विकास एवं आवास]
187. ( क्र. 3377 ) श्री भारत सिंह कुशवाह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रदेश की सभी छावनी बोर्डों (कैन्टोमेंट) को निकाय की श्रेणी में सम्मिलित किये जाने हेतु घोषणा किस दिनांक को की गई थी तथा किस दिनांक को आदेश जारी किये गये थे? घोषणा एवं जारी आदेश की प्रति उपलब्ध कराई जाये? (ख) प्रदेश के छावनी बोर्डों को आदेश जारी दिनांक के बाद विकास कार्य एवं मूलभूत सुविधाओं से संबंधित कार्य कराये जाने हेतु कितनी-कितनी राशि जारी की गई है तथा जारी राशि से अभी तक कौन-कौन से कार्य कितनी-कितनी लागत के कराये गये हैं, कितने कार्य पूर्ण हो चुके हैं तथा कितने कार्य अपूर्ण हैं? जानकारी पृथक-पृथक छावनी बोर्डवार उपलब्ध कराई जाये? (ग) छावनी बोर्डों में प्रतिवर्ष विकास कार्यों/मूलभूत सुविधाओं हेतु कितना-कितना आवंटन दिये जाने का प्रावधान शासन द्वारा किया गया है? (घ) क्या छावनी बोर्ड मुरार द्वारा शासन से विकास कार्यों एवं मूलभूत सुविधाओं के संबंधित कार्यों हेतु उपलब्ध कराई गई राशि से कोई कार्य नहीं कराये गये हैं? यदि हाँ, तो कारण बतायें? इसके लिए कौन दोषी है? क्या दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी? (ड.) मुरार छावनी बोर्ड को शासन द्वारा उपलब्ध कराये गये आवंटन से विकास कार्य कब तक कराये जायेंगे?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) प्रदेश में स्थिति कैंटोनमेंट बोर्ड को नगरीय निकाय मान्य करते हुए अनुदान प्रदाय करने का आदेश म.प्र. शासन, नगरीय विकास एवं आवास विभाग के आदेश द्वारा दिनांक 09.01.2017 को जारी किया गया है। इस विषय पर दिनांक 04.12.2016 को घोषणा की गई थी। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (घ) जी हाँ, कैंटोनमेंट बोर्ड से प्राप्त जानकारी अनुसार छावनी बोर्ड मुरार द्वारा छावनी अधिनियम के प्रावधानों के तहत सक्षम स्वीकृति प्राप्त की जा रही है। सक्षम स्वीकृति उपरान्त विकास कार्य कराया जा सकेगा। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ड.) कैंटोनमेंट बोर्ड के प्रतिवेदन अनुसार सक्षम स्वीकृति की कार्यवाही प्राप्त होने के पश्चात् विकास कार्य कराया जा सकेगा। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
विधायक क्षेत्र विकास निधि से कराये गये कार्य
[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]
188. ( क्र. 3381 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधायक क्षेत्र विकास निधि के अंतर्गत प्रश्नकर्ता द्वारा वित्त वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन से निर्माण कार्य हेतु कब-कब कितनी-कितनी राशि की अनुशंसा की गई? निर्माण एजेंसी के नाम एवं स्वीकृति दिनांक सहित वर्षवार सूची देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित निर्माण कार्य किन-किन दिनांक को पूर्ण हुये एवं कौन-कौन से निर्माण कार्य प्रश्न दिनांक तक किन कारणों से अपूर्ण या अप्रारंभ हैं? सूची देवें। (ग) प्रश्नकर्ता द्वारा वर्ष 2017-18 में विधायक निधि के कौन-कौन से निर्माण कार्यों की किस-किस दिनांक को स्वीकृति हेतु अनुशंसा पत्र अग्रेषित किये गये तथा इन अनुशंसित कार्यों की कब किसके द्वारा टी.एस. जारी की गई तथा इन कार्यों का ए.एस. कब किसके द्वारा स्वीकृत किया गया? माहवार, स्वीकृत राशि सहित सूची देवें। (घ) प्रश्नांश (ग) अंतर्गत विधायक निधि की अनुशंसित निर्माण कार्यों की टी.एस. एवं ए.एस. विलंब से जारी किये जाने के क्या कारण हैं? इनका दोषी कौन है? दोषियों पर कब क्या कार्यवाही की जावेगी तथा अनुशंसित निर्माण कार्यों की टी.एस. एवं ए.एस. जारी करने की क्या कोई समय-सीमा निर्धारित की जावेगी? यदि हाँ, तो किस प्रकार से कब तक यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) से (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) विधायक निधि के अन्तर्गत दिशा-निर्देश में अनुशंसा प्राप्ति दिनांक से 30 दिवस के अन्दर कार्यों की स्वीकृति जारी करने का प्रावधान है। उसी अनुसार अनुशंसित कार्यों की प्रशासकीय स्वीकृतियां जारी की गई है। अतः शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
सहायक विस्तार अधिकारियों की पदोन्नति
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
189. ( क्र. 3391 ) श्री कमलेश शाह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में सहायक विस्तार अधिकारी के कितने पद स्वीकृत हैं? इन पर सीधी भर्ती के कितने सहायक विकास विस्तार अधिकारी वर्तमान में कार्यरत हैं? सूची देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार इन सहायक विस्तार अधिकारियों को किस-किस पद पर पदोन्नत किए जाने के क्या-क्या नियम है? समयावधि सहित देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार बतावें कि कितने सहायक विस्तार अधिकारी वर्ष 2001 से पदोन्नत हुए प्रश्न दिनांक तक बतावें। इस अवधि में बिना पदोन्नति के रिटायर हुए अधिकारियों की सूची भी देवें। (घ) इन पदों पर क्रमोन्नति व समयमान वेतनमान देने के नियम बतावें? प्रथम, द्वितीय, तृतीय वेतनमान कितने अधिकारियों को दिया जा चुका है? कितने शेष हैं संख्या बतावें। तृतीय वेतनमान जिन्हें नहीं मिला है उन्हें कब तक दे दिया जाएगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) प्रदेश में सहायक विस्तार अधिकारी के नहीं वरन सहायक विकास विस्तार अधिकारी के 1640 पद स्वीकृत हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' एवं ''द'' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ई'' अनुसार है। 762 पात्र अधिकारियों को प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय समयमान वेतनमान दिया जा चुका है एवं 306 शेष हैं। यह एक सतत् चलने वाली प्रक्रिया है, अत: समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
पी.जी. कॉलेज में निर्माण की जाँच
[उच्च शिक्षा]
190. ( क्र. 3393 ) श्री कमलेश शाह : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्र.क्र. 1827 दि. 08.12.16 के (ग) उत्तर में वर्णित जाँच कर पूरी हो गई है? यदि हाँ, तो जाँच प्रतिवेदन की प्रमाणित प्रति देवें? (ख) यदि नहीं, तो कब तक जाँच पूरी होगी?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश 'क' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
राष्ट्रीय परिवार सहायता के लंबित प्रकरण
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
191. ( क्र. 3396 ) श्री हर्ष यादव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 जनवरी 2017 से नवंबर 2017 तक की अवधि में सागर, रायसेन व सतना जिलों में गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले परिवार की 18 से 59 वर्ष आयु के कितने सदस्यों की मृत्यु हुई? इनमें से किन-किन को राष्ट्रीय परिवार सहायता योजना एवं जनश्री बीमा योजना का लाभ दिया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) वर्णित किन-किन मृतकों के परिजनों को राशि प्राप्त नहीं हुई तथा क्यों? (ग) नवम्बर 2017 की स्थिति में राष्ट्रीय परिवार सहायता योजना एवं जनश्री बीमा योजना अंतर्गत किन-किन के प्रकरण किस कारण से लंबित हैं? लंबित प्रकरणों का निराकरण कब तक कर दिया जाएगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) 2510 सदस्यों की मृत्यु हुई। राष्ट्रीय परिवार सहायता योजना के तहत 2482 एवं जनश्री बीमा योजना के तहत 432 व्यक्तियों को लाभ दिया गया। (ख) प्रश्नांश (क) वर्णित राष्ट्रीय परिवार सहायता योजना के 28 परिवारों में से 25 मृतकों के परिवारों को पात्रता न होने एवं 3 परिजनों को भुगतान की कार्यवाही प्रक्रियाधीन होने तथा जनश्री बीमा योजना के 2075 परिवारों में से 178 मृतकों के परिजनों को भुगतान की कार्यवाही प्रक्रियाधीन होने एवं 1897 बीमित न होने के कारण राशि प्राप्त नहीं हुई। (ग) वर्ष नवम्बर 2017 की स्थिति में राष्ट्रीय परिवार सहायता योजना एवं जनश्री बीमा योजना अतंर्गत प्रकरण, पंजीकृत न होने एवं प्रक्रियाधीन होने के कारण लंबित है।
बी.पी.एल. सर्वे
[नगरीय विकास एवं आवास]
192. ( क्र. 3411 ) श्री आरिफ अकील : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या भोपाल में वास्तविक गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले लोगों के सर्वे के नाम पर संबंधित कर्मचारियों द्वारा रिश्वत की मांग की जाती है या बड़ी मात्रा में रिश्वत लेने के मामले उजागर हुए है? (ख) यदि नहीं, तो विगत एक वर्ष की स्थिति में कितने लोगों के राशन कार्ड बनाने हेतु कब-कब से प्रक्रियाधीन है? वार्डवार यह भी अवगत करावें कि आवेदन के कितने दिन में सर्वे प्रक्रिया पूर्ण हो जाती है तथा सर्वे होने के कितने दिन पश्चात् राशन कार्ड जारी किये जाने का प्रावधान है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी नहीं। केवल नजूल वृत्त गोविन्दपुरा के अंतर्गत वर्ष 2016 में रिश्वत की मांग करने वाले एक प्रायवेट कम्प्यूटर ऑपरेटर श्री केशव यादव को लोकायुक्त पुलिस द्वारा ट्रेप किया गया है। (ख) विगत 01 वर्ष में लोक सेवाओं की गारण्टी का अधिनियम 2010 के तहत 01.01.2017 से 25.11.2017 तक कुल 2097 आवेदन राशनकार्ड बनाने हेतु प्राप्त हुये जिनमें से 90 में सेवा अमान्य की गई है तथा 07 आवेदन दस्तावेज अपूर्ण होने के कारण अमान्य किये गये शेष 154 आवेदन समय-सीमा में कार्यवाही हेतु लंबित है। लोक सेवाओं की गारंटी का अधिनियम 2010 के तहत अधिसूचित सेवा क्रमांक 5.2 अनुसार नगरीय क्षेत्र में बी.पी.एल. सर्वे सूची में नाम शमिल करने हेतु समय-सीमा 30 दिवस निर्धारित है। वर्तमान में बी.पी.एल. राशनकार्ड जारी करने हेतु समय-सीमा नहीं है।
रेत की रॉयल्टी व कीमत में वृद्धि
[खनिज साधन]
193. ( क्र. 3412 ) श्री आरिफ अकील : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भोपाल इंदौर और होशंगाबाद संभाग में रेत की रॉयल्टी व कीमत में वृद्धि की गई है? यदि हाँ, तो कितनी-कितनी राशि की एवं किन-किन कारणों से? बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम 1996 के नियम 3 के अनुसार मध्यमवर्गीय एवं गरीबों के छोटे-छोटे मकान निर्मित किए जाने हेतु रेत की रॉयल्टी नि:शुल्क तथा कीमत में कमी की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक और यदि नहीं, तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) (ख) के परिप्रेक्ष्य में खदानों से बड़ी मात्रा में रेत का अभिवहन करने वाले किस-किस नंबर के वाहनों पर वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक की स्थिति में चालानी कार्यवाही की गई, वाहन स्वामी का नाम व वाहन क्रमांक बतावें?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी नहीं। रेत की रॉयल्टी दरों में कोई वृद्धि नहीं की गई है। रेत की कीमत निर्धारित करने का मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 में कोई प्रावधान नहीं है। अत: प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 के नियम 3 (दो) में विक्रय से भिन्न प्रयोजन हेतु कुओं के निर्माण या मरम्मत अथवा अन्य कृषि कार्यों या ग्रामों में निवास करने वाले कृषकों ग्रामीणों या श्रमिकों के निवास गृहों के सुधार अथवा निर्माण हेतु गौण खनिज के उत्खनन पर, इस नियम के अंतर्गत छूट प्राप्त है। जिस पर रॉयल्टी की छूट है। अत: शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश 'क' एवं 'ख' के दिये उत्तर के परिप्रेक्ष्य में चालानी कार्यवाही किये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
यातायात सिग्नल पर व्यय राशि
[नगरीय विकास एवं आवास]
194. ( क्र. 3413 ) श्री आरिफ अकील : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या भोपाल की यातायात व्यवस्था को दृष्टिगत रखते हुए चौराहों पर लगे सिग्नल्स चालू करने हेतु भोपाल जिला योजना समिति एवं विधायक समीक्षा बैठक में निगम अधिकारियों को निर्देशित किए गए हैं? (ख) यदि हाँ, तो कब-कब निर्देशित किए गए और वर्तमान में भोपाल के कौन-कौन से यातायात सिग्नल्स कब-कब से खराब हैं तथा वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक की स्थिति में निगम प्रशासन द्वारा यातायात सिग्नल्स के नाम पर कितनी-कितनी राशि व्यय की गई वर्षवार बतावें। (ग) प्रश्नांश (क) (ख) के परिप्रेक्ष्य में यह अवगत करावें कि निगम प्रशासन द्वारा किन-किन ठेकेदारों से कब-कब, कितनी-कितनी राशि के कार्य कराए गए?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) दिनांक 22 नवम्बर 2016 को आयोजित जिला योजना समिति में निर्देशित किया गया था। नगर निगम द्वारा भोपाल टॉकीज, यूनियन कार्बाइड के पास एवं करोंद चौराहा पर पूर्व स्थापित यातायात सिग्नल केबल क्षतिग्रस्त होने, कन्ट्रोलर जल जाने इत्यादि के कारण वर्तमान में खराब जिसका मरम्मत कार्य प्रारंभ कर दिया गया जो प्रगति पर है। (1) वर्ष 2014- 15 से प्रश्न दिनांक की स्थिति में निगम प्रशासन द्वारा छोला ओवर ब्रिज के दोनो तरफ यातायात सिग्नल स्थापना के कार्य पर रूपये 14,24,900/- वर्ष 2014 में व्यय की गई है। (2) यातायात सिग्नल के मरम्मत कार्य पर रूपये 5,31,000/- वर्ष 2016 में व्यय की गई है। (ग) नगर निगम भोपाल द्वारा निम्नानुसार कम्पनियों से कार्य कराया गया:- (1) मेसर्स यमोटा सिस्टम से यातायात सिग्नल स्थापना का कार्य वर्ष 2014 में रूपये 14,24,900/- से कराया गया है। (2) मेसर्स यमोटा सिस्टम से यातायात सिग्नल के मरम्मत का कार्य वर्ष 2016 में रूपये 5,31,000/- से कराया गया है।
मुलताई खेल स्टेडियमों का निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
195. ( क्र. 3422 ) श्री चन्द्रशेखर देशमुख : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुलताई वि.स. में क्या विभाग द्वारा खेल स्टेडियम बघोड़ा एवं मुलताई में निर्मित किये जा रहे हैं? यदि हाँ, तो ग्राम बघोड़ा के स्टेडियम का कार्य गुणवत्तापूर्ण किया जा रहा है? यदि हाँ, तो स्टेडियम की दीवाल कैसे टूटी तथा दोषी पाये गये अधिकारियों एवं ठेकेदार फर्म के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? (ख) ग्राम बघोड़ा में निर्मित हो रहे स्टेडियम के प्राक्कलन का विवरण देवें कार्य को कब तक गुणवत्तापूर्ण तरीके से पूर्ण कर लिया जायेगा? दिनांक देवें? (ग) बिन्दु (क) के अनुसार वर्ष 2009 में स्वीकृत हुये मुलताई स्टेडियम का कार्य विभाग द्वारा अब तक क्यों प्रारंभ नहीं कराया जा सका? कारण बतायें। उक्त कार्य कब प्रारंभ कर दिया जायेगा? स्पष्ट दिनांक बतावें। (घ) बिन्दु (ग) के अनुसार उक्त कार्य को न करने में कौन-कौन से अधिकारी दोषी हैं? इनके विरूद्ध कब तक क्या कार्यवाही की जायेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) विभागांतर्गत मुलताई विकास खण्ड के ग्राम बघोड़ा में खेल स्टेडियम के कार्य की गुणवत्ता संतोषप्रद है। स्टेडियम ग्राउण्ड के ड्रेनेज का कार्य अपूर्ण होने से माह जुलाई 2017 को हुई वर्षा में बाउण्ड्रीवॉल का कुछ भाग क्षतिग्रस्त हुआ। चूंकि कार्य प्रगतिरत था, अतएव ठेकेदार द्वारा स्वयं के व्यय से क्षतिग्रस्त दीवार का कार्य पुनः पूर्ण किया गया है। ठेकेदार द्वारा स्वयं के व्यय से कार्य को पूर्ण करा दिया गया है अतः उनके विरूद्ध कार्यवाही किए जाने का प्रश्न उत्पन्न नहीं होता। ड्रेनेज का कार्य समय पर नहीं करने से दीवार क्षतिग्रस्त हुई है अतः संबंधित सहायक यंत्री एवं उपयंत्री का स्पष्टीकरण लिया गया है। (ख) प्राक्कलन की छायाप्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। कार्य को गुणवत्ता के साथ दिसम्बर 2017 तक पूर्ण करने का लक्ष्य है। (ग) प्रश्नांश में उल्लेखित कार्य की एजेन्सी ग्रामीण यांत्रिकी सेवा नहीं है। अत: शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है। (घ) उत्तरांश ''ग'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होता।
रोजगार सहायकों का नियमितीकरण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
196. ( क्र. 3427 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कारण है कि ग्रामीण रोजगार सहायकों को पंचायत सहायक सचिव घोषित करने के 4 वर्ष बाद भी इन्हें नियमित नहीं किया गया है? (ख) इन्हें सहायक सचिव का मानदेय अभी तक क्यों नहीं दिया जा रहा है, जबकि श्रम न्यायालय इंदौर द्वारा इस संबंध में आदेश दिया जा चुका है? (ग) इन्हें कब तक नियमित कर दिया जायेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) सहायक सचिव घोषित करने पर नियमितीकरण करने की शासन की कोई नीति नहीं है। (ख) सहायक सचिव का कोई मानदेय पृथक से निर्धारित नहीं है। न ही श्रम न्यायालय का ऐसे कोई आदेश विभाग में प्राप्त हैं। (ग) उत्तरांश ''क'' के प्रकाश प्रश्न उत्पन्न नहीं होता।
उज्जैन जिले में कॉलोनियों का विकास
[नगरीय विकास एवं आवास]
197. ( क्र. 3436 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) उज्जैन जिले में विगत 03 वर्षों में कितनी कॉलोनियों को विकास अनुमति प्रदान की गई? कॉलोनाईजर का नाम, स्थान, रकवा सहित जानकारी विधानसभा क्षेत्रवार देवें। (ख) प्रश्न दिनांक तक इनके द्वारा कितने भूखण्ड विक्रय किये गये, कितने शेष हैं? (ग) इनके द्वारा जमा आश्रय शुल्क/गरीब वर्ग के लिये आरक्षित भूमि की जानकारी विलेखों के पंजीकरण शुल्क के साथ देवें। (घ) विगत 03 वर्षों में गरीब वर्ग के लिए आरक्षित भूमि में से कितनी भूमि किन-किन को विक्रय की गई?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
बड़ा राम मंदिर झारड़ा महिदपुर के संबंध में
[धार्मिक न्यास और धर्मस्व]
198. ( क्र. 3437 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) महिदपुर विधान सभा क्षेत्र के बड़ा राम मंदिर झारड़ा के प्रकरण की अद्यतन स्थिति बतावें। (ख) क्या विभागीय अधिकारियों की लापरवाही के कारण प्रकरण में तारीखें विलंब से मिल रही है? (ग) यदि हाँ, तो इस पर कब तक कार्यवाही की जावेगी?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) सिविल अपील क्रमांक 72/2001/माननीय उच्च न्यायालय खण्डपीठ इंदौर के समक्ष हेतु अंतिम बहस हेतु नियत है। (ख) जी नहीं। (ग) न्यायालयीन प्रकरण है। समय-सीमा दी जाना संभव नहीं है।
पंचायत सहायक सचिवों को नियमितीकरण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
199. ( क्र. 3442 ) श्री बाला बच्चन : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग के पत्र क्रमांक एफ 932/761/1322/ए भोपाल दि. 06.07.2013 के द्वारा घोषित पंचायत सहायक सचिवों को धारा 69 (1) की शक्तियों का उपयोग करते हुये इन्हें जिला संवर्ग में संविलियन अभी तक क्यों नहीं किया? (ख) क्या कारण है कि इन्हें न्यूनतम मजदूरी अधिनियम 1948 के अनुसार कुशल श्रमिकों से भी कम वेतन दिया जा रहा है? (ग) यदि ये अंशकालीन कर्मचारी हैं तो इनसे फुल टाईम कार्य क्यों लिया जा रहा है? (घ) इनका नियमितीकरण कब तक कर दिया जायेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) शासन के परिपत्र क्रमांक 932/761/13/22/पी दिनांक 06.07.2013 द्वारा जारी निर्देशों में प्रावधान नहीं होने से प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) ग्राम रोजगार सहायकों को अंशकालीन सेवा के लिये अनुबंध अनुसार वर्तमान में रुपये 9000/- मासिक पारिश्रमिक दिया जा रहा है। (ग) से (घ) उत्तरांश ''क'' एवं ''ख'' के तारतम्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
बेराजेगारों को रोजगार उपलब्ध कराये जाना
[वाणिज्य, उद्योग एवं रोजगार]
200. ( क्र. 3452 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत 5 वर्षों में कटनी जिले अंतर्गत कितने लोगों को रोजगार विभाग अंतर्गत पंजीयन किया गया तथा इनमें से कितनों को रोजगार प्राप्त हुआ? इन लोगों में से किस-किस को केन्द्र व राज्य शासन की विभिन्न योजनांतर्गत ऋण प्राप्त हुआ? नाम पता सहित विवरण दें? (ख) विगत 5 वर्षों में कटनी जिले अंतर्गत ऐसे कितने व्यक्ति थे? जिनको पूर्व में ऋण प्राप्त था तथा उन्हीं व्यक्तियों को पुन: राज्य शासन एवं केन्द्र शासन की योजनांतर्गत ऋण प्रदान कर दिया गया था? विकासखण्डवार वर्षवार, व्यक्तिवार बताएं? (ग) उपरोक्त प्रश्नों के संबंध में क्या यह माना जावे कि एक ओर तो शासन बेरोजगारों को रोजगार उपलब्ध नहीं करा पा रहा है वहीं दूसरी ओर उनकी ऋण की सुविधा भी नहीं दे पा रहा है तथा अन्य पूर्व से ऋण प्राप्त लोगों को पुन: ऋण प्रदान कर लाभान्वित किया जा रहा है?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) विगत 5 वर्षों में कटनी जिले अंतर्गत 34228 लोगों को रोजगार विभाग अंतर्गत पंजीयन किया गया तथा इनमें से 2512 आवेदकों को रोजगार प्राप्त हुआ। पंजीकृत बेरोजगारों को शासकीय योजनाओं में ऋण प्राप्ति से संबंधित जानकारी विभाग द्वारा संधारित नहीं की जाती हैं। (ख) विभाग द्वारा उक्त विषय में जानकारी संधारित नहीं की जाती हैं। (ग) जी नहीं। विभाग द्वारा बेरोजगार आवेदकों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिये जॉब फेयर एवं कॅरियर काउन्सिलिंग योजना संचालित की जा रही हैं व शासन की बेरोजगारों को स्वरोजगार स्थापित करने के उद्देश्य से विभिन्न विभागों की संचालित स्वरोजगार योजनाओं में वित्तीय संस्थाओं द्वारा ऋण सुविधा देकर लाभान्वित किया जा रहा हैं।
योजनांतर्गत निर्माण कार्य
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
201. ( क्र. 3453 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी जिले के बहोरीबंद विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत विगत 02 वर्षों में मनरेगा योजनान्तर्गत कया कार्य कराए गए? कार्य के लेआऊट तकनीकी स्वीकृति प्रशासकीय स्वीकृति की वर्तमान में क्या स्थिति हैं? (ख) प्रश्नांश (क) अन्तर्गत कौन-कौन से निर्माण कार्य किस-किस योजनांतर्गत कराया जाना है तथा वर्तमान में कार्य कराये जाने की क्या स्थिति है? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार ऐसे कौन-कौन से कार्य है जो कि अन्य विभागों के साथ कर्न्वजेन्स कर कराये गये है, उनकी भी जानकारी उपलब्ध करावें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) कटनी जिलें की विधानसभा बहोरीबंद के अंतर्गत प्रश्नांकित अवधि में मनरेगा अंतर्गत 8445 कार्य कराये गये हैं। कार्यवार लेआउट, तकनीकी स्वीकृत, प्रशासकीय स्वीकृति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश ''क'' अंतर्गत कराये गये कार्यों की योजना श्रेणीवार निम्नानुसार कार्य कराये गये है:- (1) आंगनवाड़ी/अन्य ग्रामीण संरचनाएं-51, (2) ग्रामीण संयोजकता-190, (3) ग्रामीण क्रीडांगन-72, (4) ग्रामीण स्वच्छता-795, (5) जल संरक्षण एवं संवर्धन-242, (6) भूमि विकास 116, (7) भारत निर्माण-राजीव गांधी सेवा केन्द्र-02, (8) व्यक्ति श्रेणी/व्यक्तिगत भूमि पर कार्य कैटेगरी IV 6865, (9) अन्य कार्य-03, (10) सूखारोधन-118, कार्यवार/योजना-मदवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्रश्नांकित अवधि में आदिम जाति कल्याण विभाग एवं मनरेगा अभिसरण से 1 तथा पंचायत राज संचालनालय एवं मनरेगा अभिसरण से 23 कुल 24 कार्य कन्वर्जेन्स से कराये गये है। कार्यवाही जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
प्रदेश में नवीन स्थापित इकाइयों को भूमि आवंटन
[सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम]
202. ( क्र. 3462 ) श्री जितू पटवारी : क्या राज्यमंत्री, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र इंदौर द्वारा सांवेर रोड स्थित औद्योगिक सेक्टरों में नवीन इकाइयां स्थापित किये जाने हेतु 01 जुलाई 2005 से 31 दिसम्बर 2016 तक नवीन इकाइयां स्थापित किये जाने हेतु भूमि का आवंटन किया गया है? यदि हाँ, तो किन-किन व्यक्तियों को भूमि का आवंटन किया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार उपरोक्त अवधि में किन-किन व्यक्तियों द्वारा भूमि आवंटन किये जाने हेतु आवेदन किया गया एवं किन-किन व्यक्तियों को कौन-कौन से सेक्टर में कितनी भूमि का आवंटन किया गया है? (ग) क्या उपरोक्त अवधि में पूर्व से स्थापित इकाइयों का सविस्तार किये जाने हेतु अतिरिक्त भूमि प्रदान की गई है? यदि हाँ, तो किन-किन इकाइयों द्वारा आवेदन किया गया एवं किन-किन इकाइयों को सविस्तार किये जाने हेतु अतिरिक्त भूमि प्रदान की गई?
राज्यमंत्री, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम ( श्री संजय पाठक ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार उपरोक्त अवधि में 29 व्यक्तियों द्वारा भूमि आवंटन हेतु आवेदन किये गये, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। जिन व्यक्तियों को भूमि आवंटित की गई है, उनकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है।
प्रदेश में आयल एंड गैस पर आधारित उद्योग
[खनिज साधन]
203. ( क्र. 3472 ) श्री जालम सिंह पटेल : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के किस-किस जिले में आयल एंड गैस पर आधारित उद्योग स्थापित करने की कार्यवाही प्रचलन में है? (ख) क्या दमोह एवं शहडोल में क्रमश: आयल एवं कोल बैस्ड मिथन आधारित कुएं खोदने की कार्यवाही प्रचलन में है? (ग) यदि हाँ, तो उक्त कार्य किस-किस कंपनी द्वारा संपादित किया जा रहा है एवं कार्यों की अद्यतन स्थिति क्या है?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रदेश के बीना, जिला सागर में मेसर्स भारत ओमान रिफाईनरी लिमिटेड द्वारा पेट्रोलियम रिफाईनरी में क्षमता विस्तार की कार्यवाही प्रचलन में है। मण्डला जिले में तथा भिण्ड जिले में मेसर्स इंडियन ऑयल कार्पोरेशन लिमिटेड, भोपाल द्वारा एल.पी.जी. बॉटलिंग प्लांट की स्थापना की कार्यवाही प्रचलन में है। (ख) जी हाँ। (ग) दमोह जिले में ऑयल एण्ड नेचुरल गैस कार्पोरेशन लिमिटेड द्वारा तेल एवं प्राकृतिक गैस हेतु 16 स्थानों पर ड्रीलिंग का कार्य किया गया है। शहडोल जिले में रिलायंस इण्डस्ट्रीज लिमिटेड द्वारा कोलबेड मीथेन गैस का उत्पादन व्यवसायिक कार्य हेतु किया जा रहा है।
महाविद्यालय खोले जाने संबंधी घोषणा
[उच्च शिक्षा]
204. ( क्र. 3473 ) श्री जालम सिंह पटेल : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नीमच जिलान्तर्गत ग्राम जीरन में महाविद्यालय खोले जाने संबंधी घोषणा माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा दिनांक 20 अगस्त 2013 को जन आशीर्वाद कार्यक्रम के दौरान की गई थी? (ख) यदि हाँ, तो इस संबंध में आज दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई है? (ग) क्या उक्त संबंध में माननीय विधायक, नीमच द्वारा दिनांक 18.02.2017 को पत्र प्रेषित कर महाविद्यालय खोले जाने की कार्यवाही किए जाने का अनुरोध भी किया गया था? यदि हाँ, तो उस पत्र पर आज दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई है? (घ) कब तक महाविद्यालय खोले जाने की कार्यवाही पूर्ण कर महाविद्यालय शुरू कर दिया जाएगा?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी नहीं। (ख) प्रश्नांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) मान. विधायक नीमच के नवीन महाविद्यालय खोले जाने के प्रस्ताव पर उपलब्ध वित्तीय संसाधन एवं विभागीय मापदण्डों के अनुरूप कार्यवाही हेतु समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है। (घ) प्रश्नांश ''ग'' के उत्तर अनुसार।