मध्यप्रदेश विधान सभा
प्रश्नोत्तर-सूची
दिसम्बर, 2016 सत्र
बुधवार, दिनांक 07 दिसम्बर, 2016
भाग-1
तारांकित
प्रश्नोत्तर
तकनीकी
विश्वविद्यालय
की स्वीकृति
[तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास]
1. ( *क्र. 1868 ) श्री जतन उईके : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या छिन्दवाड़ा जिले के विधान सभा क्षेत्र पांढुर्णा के आस-पास आने वाले तीन सौ चार गांव सहित मोहखेड, सौंसर सहित किसी भी स्थान पर इंजीनियरिंग कॉलेज नहीं है? (ख) क्या छिन्दवाड़ा जिला बहुत बड़ा है तथा पिछले कई वर्षों से क्षेत्र के जन प्रतिनिधियों, जनता एवं छात्र-छात्राओं द्वारा पांढुर्णा नगर में इंजीनियरिंग कॉलेज की मांग लगातार की जा रही है? (ग) क्या उच्च शिक्षा से वंचित क्षेत्र एवं आसपास के क्षेत्र के हजारों छात्र-छात्राओं की उच्च शिक्षा हेतु इंजीनियरिंग कॉलेज पांढुर्णा नगर में प्रारंभ किये जाने की कोई कार्य योजना पर शासन द्वारा स्वीकृति की कार्यवाही की गई? यदि हाँ, तो कब?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक जोशी ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) जी नहीं। शासन स्तर पर कोई योजना विचाराधीन नहीं है।
खरीफ एवं रबी फसलों की समर्थन मूल्य पर खरीदी
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
2. ( *क्र. 1009 ) श्री सचिन यादव : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सरकार ने विगत वर्ष प्रदेश में खरीफ एवं रबी फसलों की पैदावार के उपरांत किसानों से विगत वर्ष प्रति अनाज की खरीदी किस समर्थन मूल्य पर कितनी-कितनी मात्रा में की और खरीदी का निर्धारित लक्ष्य क्या था? जिलेवार जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (ख) अनुसार वर्ष 2016 में समर्थन मूल्य क्या निर्धारित किया गया और खरीदी का लक्ष्य क्या रखा गया है? जिलेवार जानकारी दें। (ग) विगत वर्ष प्रदेश में मक्का खरीदी का समर्थन मूल्य क्या निर्धारित किया गया है और इसकी खरीदी का लक्ष्य क्या है? जिलेवार जानकारी दें। (घ) क्या सरकार सहकारी संस्थाओं व अन्य संसाधनों के माध्यम से किसानों से समय रहते समर्थन मूल्य पर अनाज नहीं खरीद पाई है? यदि हाँ, तो क्षेत्रीय किसानों व अन्य माध्यमों से कितनी-कितनी शिकायतें जिलेवार प्राप्त हुई हैं और प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई है? (ड.) किसानों से समर्थन मूल्य पर खरीदी में हो रही विसंगतियों को दूर किये जाने एवं सुलभ व्यवस्था हेतु जिला स्तर पर जवाबदेही तय करने हेतु कोई दिशा-निर्देश जारी किये जायेंगे?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) विगत वर्ष 2015-16 में समर्थन मूल्य पर खरीफ एवं रबी फसलों के समर्थन मूल्य की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार तथा उपार्जित मात्रा एवं उपार्जन अनुमान की जिलेवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ख) वर्ष 2016-17 में समर्थन मूल्य, खरीदी अनुमान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (ग) वर्ष 2015-16 में प्रदेश में मक्का का समर्थन मूल्य रू. 1325 निर्धारित था एवं उपार्जन अनुमान 5 लाख मे.टन था। जिलेवार उपार्जन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार है। (घ) जी नहीं। प्रदेश के किसानों से एफएक्यू गुणवत्ता का खाद्यान्न समर्थन मूल्य पर उपार्जित किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ड.) समर्थन मूल्य पर किसानों से खाद्यान्न उपार्जन के संबंध में कोई विसंगति परिलक्षित नहीं हुई है। समर्थन मूल्य पर किसानों से खाद्यान्न उपार्जन हेतु जिला स्तर पर जवाबदेही निर्धारित है इस संबंध में जारी निर्देश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ई अनुसार है।
पेंच बांध हेतु भूमियों/परिसम्पत्तियों का अधिग्रहण
[राजस्व]
3. ( *क्र. 1799 ) पं. रमेश दुबे : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पेंच बांध माचागोरा जिला छिन्दवाड़ा हेतु ग्राम मडुआढ़ाना के किन-किन व्यक्तियों की कितनी भूमियों/परिसम्पत्तियों का अधिग्रहण किया गया है? अधिग्रहण से प्रभावित व्यक्तियों के पास मौके पर कितनी भूमि शेष बची है? प्रकरणवार पारित आदेश व प्रतिकर निर्धारण पत्रक व प्रभावित व्यक्तियों की शेष बची भूमि का ब्यौरा संलग्न करें? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में क्या ग्राम मडुआढ़ाना के किसानों की अधिग्रहित भूमियों के पश्चात उनके पास बहुत ही कम भूमि बची है? बांध में जल भराव के पश्चात इन किसानों के मकान व शेष बची भूमि के चारों और पानी भर जाने से शेष बचे भूमि व भवन का किसानों द्वारा उपयोग नहीं कर पाने की शिकायतें प्रकाश में आयी हैं? (ग) क्या प्रश्नकर्ता ने भी डूब क्षेत्र के किसानों से समय-समय पर उक्त के संबंध में प्राप्त शिकायतों के संबंध में पत्र क्रमांक 1384, दिनांक 06.09.2016, क्रमांक 1330 दिनांक 27.08.2016, क्रमांक 1387, दिनांक 08.09.2016 मान. मुख्यमंत्री महोदय, पत्र क्रमांक 1385, दिनांक 06.09.2016 माननीय जल संसाधन मंत्री और पत्र क्रमांक 1383, दिनांक 06.09.2016 कलेक्टर छिन्दवाड़ा को प्रस्तुत किया है? (घ) यदि हाँ, तो उक्त पत्रों पर किस स्तर से क्या कार्यवाही की गई है? क्या शासन उक्त तथ्यों पर विचार कर डूब क्षेत्र में प्रभावित नागरिकों की शेष बची कम भूमियों एवं मकानों जो जल भराव के कारण उनके उपयोग में नहीं आ रही हैं, का सर्वे करवाकर ऐसी भूमियों/भवनों का अधिग्रहण कर मुआवजा भुगतान का आदेश देगा? नहीं तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) दिनांक 13.2.2014 को 64.598 हेक्टयर भूमि एवं परिसम्पत्तियों का दिनांक 13.2.2014 को 63.617 हेक्टयर भूमि का एवं परिसम्पत्तियों का अधिग्रहण दिनांक 17.12.2015 को पारित अधिनिर्णय अनुसार किया गया है। प्रकरणवार जानकारी पुस्कालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’अ’’ एवं शेष बची भूमि की जानकारी पुस्कालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’ब’’ अनुसार है। (ख) जी हाँ। परन्तु बांध में जल भराव पश्चात ऐसे सभी मकान एवं भूमि जो चारों ओर जल भराव से प्रभावित थी, को अधिग्रहण में शामिल किया गया। उपरोक्त संबंध में वर्तमान में कोई शिकायत विभाग स्तर पर लंबित नहीं है। (ग) जी हाँ। प्रश्नकर्ता विधायक महोदय ने पत्र क्रमांक-1383, दिनांक 6.9.2016 को कलेक्टर छिंदवाड़ा को प्रस्तुत किया था, जिस पर कार्यवाही पश्चात वस्तुस्थिति से प्रश्नकर्ता को अवगत कराने के निर्देश कार्यपालन यंत्री पेंच व्यपवर्तन परियोजना बांध जलसंसाधन संभाग क्रमांक 1, चौरई को प्रसारित किये गये हैं। मान. मुख्यमंत्रीजी एवं जल संसाधन मंत्रीजी को दिये गये आवेदन पत्रों पर संबंधित विभाग द्वारा कार्यवाही की जावेगी। (घ) उक्त पत्रों पर की गई कार्यवाही की जानकारी उत्तरांश ’’ग’’ अनुसार है। ग्राम मडुआढाना की अधिग्रहण के बाद शेष भूमि एवं उस पर स्थित परिसम्पत्तियों का अधिग्रहण मकान इत्यादि का अधिग्रहण निर्धारित स्तरों से ऊपर होने के कारण नहीं किया गया है। ऐसी सभी शेष भूमि एवं मकान जो चारों और से पानी से घिर रहे हैं, उन्हें भी अधिग्रहण में शामिल किया जा चुका है। शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता।
कृषकों की आत्महत्या के प्रकरण
[गृह]
4. ( क्र. 443 ) श्री मुकेश नायक : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर संभाग में किसानों द्वारा कर्ज बोझ से दुखी होकर आत्महत्या करने वालों और बेरोजगारी से तंग आकर आत्महत्या करने वालों की वर्ष 2013 से 2015 तक की जिलेवार संख्या बतावें। (ख) किसानों पर कर्ज बोझा कम करने और राज्य में बेरोजगारी दूर करने के लिए शासन के क्या कार्यक्रम हैं और उनका किस प्रकार क्रियान्वयन किया जा रहा है?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) सागर संभाग में वर्ष 2013 से 2015 तक कर्ज के बोझ से दुखी होकर कुल 04 किसानों द्वारा आत्महत्या की गई एवं बेरोजगारी से तंग आकर कुल 02 व्यक्तियों द्वारा आत्महत्या की गई है। जिलेवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
भू-माफियाओं के विरूद्ध कार्यवाही
[गृह]
5. ( *क्र. 271 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले के मैहर नगरपालिका क्षेत्रांतर्गत मन्नूलाल अग्रवाल धर्मशाला को भू-माफियाओं द्वारा गिराकर कब्जा करने के प्रयास कर कुछ दुकानों को तोड़ने का कार्य किया गया, जिसकी शिकायत 1 नवम्बर 2016 को S.D.M. मैहर, थाना प्रभारी मैहर को संयुक्त हस्ताक्षर से की गई है? साथ ही प्रकरण न्यायालय प्रथम व्यवहार न्यायाधीश वर्ग 2 मैहर के न्यायालय से प्रकरण क्रमांक 08ए/16 स्थगन भी प्राप्त होकर विचाराधीन है? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो न्यायालय के स्थगन के विरूद्ध भू-माफियाओं द्वारा किए गए आपराधिक कृत्य के विरूद्ध S.D.M. मैहर एवं थाना प्रभारी मैहर द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? (ग) यदि नहीं, तो कब तक दोषियों के विरूद्ध पुलिस थाने में प्राथमिकी दर्ज की जायेगी और अब तक न करने के लिए कौन दोषी हैं?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। दिनांक 01.11.2016 को फरियादी सरोज तिवारी पति स्व. श्री श्याम कुमार तिवारी 42 वर्ष निवासी विनायका टोला, मैहर जिला सतना ने एक संयुक्त हस्ताक्षरित शिकायत पत्र, अनावेदकगण महेश चौरसिया, नितिन ताम्रकार, अजय पाल द्वारा अवैध तरीके से पुरानी दुकान को जे.सी.बी. मशीन से गिराने बावत्, थाना प्रभारी मैहर को दिया। यह सही है कि खसरा (क्रमांक 1504 रकबा 1.160 हेक्टेयर) के संबंध में परिवाद क्र 08-ए/2016 दिनांक 18.01.2016 विचाराधीन है। (ख) थाना प्रभारी मैहर द्वारा जाँच उपरांत अग्रवाल धर्मशाला के तीन कमरों को अतिक्रमित करना व सम्पत्ति का नुकसान करना पाये जाने से अपराध क्रमांक 889/16 धारा 447, 427 भादवि का अनावेदक महेश चौरसिया, नितिन ताम्रकार, अजय पाल सिंह के विरुद्ध दर्ज किया गया। (ग) प्रकरण में प्राथमिकी दर्ज होकर विवेचनाधीन है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
महिला/पुरूष/अवयस्क बच्चों के गुमशुदगी के दर्ज प्रकरण
[गृह]
6. ( *क्र. 1608 ) श्री प्रताप सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर संभाग के जिलों में 01 जनवरी 2015 से प्रश्न दिनांक तक कितने महिला/पुरूष अवयस्क लड़के/लड़कियों के गुमशुदगी प्रकरण दर्ज हुए? उनके नाम, पता तथा प्रकरण दर्ज होने की तारीख बतलावें। (ख) कितनी महिलाओं एवं अवयस्क लड़कियों के साथ गैंग रेप किया गया तथा कितनी पीड़ित महिला/लड़कियों ने आत्महत्या कर ली एवं कितनों की हत्या कर दी गई? (ग) गुमशुदा बच्चों एवं बच्चियों तथा महिलाओं को तलाशने के लिए पुलिस विभाग द्वारा अभी तक क्या प्रयास किये गये? प्रयास करने के पश्चात कितने गुमशुदा बच्चों एवं बच्चियों तथा महिलाओं/पुरूषों को तलाशने में पुलिस विभाग को सफलता मिली है? (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ख) में दर्शाये पीड़ित महिला/पुरूष एवं अवयस्क लड़के/लड़कियों को शासन स्तर से क्या कोई सहायता दी गई है? यदि हाँ, तो क्या सहायता दी गयी? इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए क्या पुलिस विभाग द्वारा कोई ठोस कार्ययोजना बनायी गई है? यदि हाँ, तो क्या? यदि नहीं, तो क्यों?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) सागर संभाग के जिलों में प्रश्नांकित अवधि में 2247 वयस्क महिला एवं 1200 वयस्क पुरूषों की गुमशुदगी के प्रकरण दर्ज हुए हैं, जिनके नाम, पता तथा प्रकरण दर्ज होने की तारीख की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। उपरोक्त अवधि में 423 अवयस्क लड़के एवं 884 अवयस्क लड़कियों के गुमशुदगी के प्रकरण दर्ज हुए हैं, जिनके नाम, पता संबंधी जानकारी धारा-74 किशोर न्याय (बालकों की देखरेख और संरक्षण) अधिनियम 2015 के तहत् उनकी पहचान प्रकट करने पर प्रतिषेध होने के कारण नहीं दी जा रही है। (ख) उक्त अवधि में 22 महिलाओं एवं 24 अवयस्क लड़कियों के साथ गैंगरेप की घटनाएँ घटित हुईं, इनमें से 01 पीड़िता द्वारा आत्महत्या तथा 01 पीड़िता की हत्या करने के प्रकरण दर्ज किये गये। (ग) अवयस्क बालक एवं बालिकाओं की गुमशुदगी के प्रकरणों में माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशानुसार आपराधिक प्रकरण दर्ज किये जाते हैं, जिसमें एक माह तक दस्तयाबी न होने पर प्रकरण की विवेचना थाना प्रभारी द्वारा एवं तीन माह उपरांत संबंधित अनुविभागीय अधिकारी (पुलिस) द्वारा की जाती है एवं चार माह उपरांत प्रकरण मानव विरोधी अवैध व्यापार इकाई (AHTU) को हस्तांतरित कर दिया जाता है। माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशानुसार ट्रेक द मिसिंग चाइल्ड पोर्टल तैयार किया गया है, जिसमें पूरे देश के सभी राज्यों की पुलिस द्वारा गुमशुदा व दस्तयाब होने संबंधी जानकारी अंकित की जाती है। गुमशुदा के फोटो अपलोड कर उनकी तथा उनके अभिभावकों की तलाश की जाकर उन्हें मिलाने का कार्य किया जाता है। इसकी निरंतर समीक्षा की जाती है। साथ ही वयस्क महिला-पुरूषों के गुमने पर सोशल नेटवर्किंग साईट एवं अन्य तकनीकी माध्यम की मदद् से उनकी दस्तयाबी के प्रयास किये जाते हैं। उक्त अवधि में 389 बालक, 649 बालिकाएँ, 1232 महिलाएँ एवं 799 पुरूषों को दस्तयाब किया गया है। (घ) कुल 11 अनुसूचित जाति/जनजाति की गैंगरेप से पीड़ित महिला/अवयस्क बालिकाओं को कुल 13,07,000/- रूपये की सहायता राशि शासन स्तर से प्रदाय की गई है। इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए पुलिस विभाग द्वारा समय-समय पर ऑपरेशन स्माईल चलाया जाकर गुमशुदा बच्चों को तलाशने का प्रयास किया जाता है। साथ ही निर्भया मोबाईल एवं डायल 100 मोबाईल की मदद से भी ऐसे अपराधों पर अंकुश लगाने का प्रयास किया जाता है।
भूमि अधिग्रहण के ले-आउट में परिवर्तन
[राजस्व]
7. ( *क्र. 1666 ) श्री मनोज निर्भय सिंह पटेल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भारत का राजपत्र असाधारण भाग-2 खण्ड-3 उपखण्ड (ii) सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की अधिसूचना दिनांक 17 अगस्त, 2010 एवं 24 मई, 2011 द्वारा रायसेन जिले में राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 12 के 221.00 किलोमीटर से 295.62 किलोमीटर (बरेली भोपाल सेक्शन) तक सड़क निर्माण चौड़ा करने, 4 लेन का बनाने हेतु भूमि का अर्जन कर ग्रामीणों को मुआवजा दे दिया गया है? (ख) क्या प्रश्नांकित भूमि अर्जन के लिये औबेदुल्लागंज बायपास (उपमार्ग) इकलामा, उमरिया, खिल्लीखेड़ा, सनोटी, बिशनखेड़ी, आदि ग्राम के ग्रामीणों की भूमि का भी अधिग्रहण किया गया है, जिनमें से अधिकांश ग्रामीणों को मुआवजा दे दिया गया है? यदि हाँ, तो क्या यह ग्राम बायपास निर्माण की मूल योजना और प्रश्नांश (क) में प्रकाशित अधिसूचना में निहित खसरों में सम्मिलित थे? यदि नहीं, तो क्या इन ग्रामों की भूमि का अर्जन ले-आउट परिवर्तन के कारण किया गया है? (ग) यदि हाँ, तो प्रश्नांश (ख) वर्णित ग्रामांचल में ले-आउट परिवर्तन की आवश्यकता किन कारणों से पड़ी और यह किस सक्षम प्राधिकारी के आदेश से किया गया? (घ) क्या प्रश्नांश (ख) वर्णित ग्रामों के ग्रामीणों की भूमि पर बने भवन, गोडाऊन, ट्यूबवेल, कुंआ या अन्य नुकसान की शिकायतें और इनका मुआवजा दिये जाने के आवेदन प्राप्त हुए हैं? ग्रामवार आवेदकों के नाम एवं दी गई मुआवजा राशि की जानकारी उपलब्ध कराई जाये। ऐसे कितने प्रकरण शेष हैं, जिनमें मुआवजा राशि दिये बगैर बायपास निर्माण की कार्यवाही प्रारंभ की गई है और क्यों? शेष प्रकरणों का निराकरण और मुआवजा राशि का वितरण कब तक कर दिया जायेगा? (ड.) क्या प्रश्नांश (ख) से (घ) तक बायपास मार्ग में बिना सक्षम स्तर से अनुमति एवं मुआवजा प्रकरणों का समुचित निर्धारण और निराकरण किये बगैर मार्ग निर्माण प्रारंभ किये जाने हेतु दोषी अधिकारियों की शासन जाँच कराकर उत्तरदायित्व का निर्धारण और संबद्ध ग्रामीणों को समुचित मुआवजा दिलाये जाने की कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। कुल-537 में से 436 कृषकों को मुआवजा भुगतान किया जा चुका है। शेष कृषकों को भुगतान हेतु नियमानुसार कार्यवाही प्रचलित है। (ख) जी हाँ। यह ग्राम बायपास निर्माण की मूल योजना में शामिल है। अतः शेष प्रश्न उद्भूत नही होता। (ग) जी नहीं ले-आउट में परिवर्तन नही किया गया है। (घ) प्रश्नांश (ख) के संबंध में इस आशय के आवेदन भी प्राप्त हुए हैं कि उनकी भूमि बायपास में ली जा रही है, किन्तु प्रतिकर का भुगतान नही किया गया है। उक्त संबंध में सर्वे उपरान्त मौके पर भूमि का सीमांकन कर छूटे कृषकों को नियमानुसार मुआवजा राशि के भुगतान हेतु कार्यवाही की जा रही है। कृषकों की ग्रामवार सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ड.) प्रश्नांश (ख) एवं (घ) में उल्लेखित ग्रामों में बायपास मार्ग का निर्माण सक्षम अनुमति व भारत सरकार के राजपत्र में प्रकाशित अधिसूचना उपरान्त सक्षम अधिकारी द्वारा अवार्ड पारित किये जाने के बाद प्रारंभ किया गया है। किसी अधिकारी के विरूद्ध जांच का प्रश्न उदभूत नही होता है। शेष रहे किसानों को उत्तरांश (ख) एवं (घ) अनुसार मुआवजा दिलाने की कार्यवाही की जा रही है।
हटा नगर की नल-जल योजना को प्रारंभ किया जाना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
8. ( *क्र. 259 ) श्रीमती उमादेवी लालचंद खटीक : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) हटा नगर में जल आवर्धन योजना कब एवं कितनी राशि से स्वीकृत हुई थी एवं कितनी-कितनी राशि से रिवाईज हुई? रिवीजन में क्या-क्या कार्य स्वीकृत किये एवं योजनान्तर्गत कब-कब कितनी सामग्री की खरीदी की गई? (ख) क्या आधी-अधूरी योजना को नगर पालिका हटा आधिपत्य प्राप्त करने को तैयार नहीं है एवं नगर में 15 वर्ष से प्रगतिरत 4 करोड़ रूपये से ज्यादा व्यय होने के उपरांत भी नगर की जनता को प्रतिदिन पेयजल प्रदाय नहीं किया जा रहा है? (ग) योजना में विलंब एवं लापरवाही बरत रहे अधिकारी/कर्मचारियों पर कब तक एवं क्या कार्यवाही की जावेगी एवं नगर की जनता को कब तक प्रतिदिन पानी मिलेगा?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) मूल योजना लागत रू. 169.30 लाख की वर्ष 2000 में। पुनरीक्षित योजना लागत रू. 352.61 लाख की वर्ष 2010 में। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र "अ" एवं "ब" अनुसार। (ख) जी नहीं, योजना दिनांक 30.6.2016 को नगर पालिका को हस्तांतरित की जा चुकी है। नगरवासियों को अप्रैल 2015 से पेयजल उपलब्ध कराया जा रहा है। (ग) जी नहीं। जानकारी उत्तरांश "ख" अनुसार।
राजस्व भूमि के पट्टों का वितरण
[राजस्व]
9. ( *क्र. 395 ) श्री शान्तिलाल बिलवाल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) झाबुआ अलीराजपुर जिले में स्थित शासकीय भूमि काबिल काश्त, ना.का.का. भूमि जो कि 70-80 वर्ष पूर्व से खेती करते आ रहे गरीब आदिवासियों को रू. 10-20 हजार से भी अधिक अर्थदण्ड जमा करना पड़ता है, इन आदिवासियों को शासकीय भूमि के पट्टे कब तक दिये जावेंगे? (ख) शासन द्वारा सरदार सरोवर बांध के कारण विस्थापित लोगों को विस्थापित किये जाने हेतु झाबुआ अलीराजपुर जिले में शासकीय भूमि पर आदिवासियों को राजस्व भूमि के पट्टे नहीं दिये जा रहे हैं, परन्तु उक्त विस्थापित होने के बावजूद प्रतिबंध शासन कब तक हटा देवेगा? (ग) क्या शासकीय भूमि पर लगभग 70-80 वर्षों से खेती करते आ रहे आदिवासियों को यदि भूमि का पट्टा दिया जाता है तो हर वर्ष लगने वाले दण्ड से बच जावेंगे? क्या शासन द्वारा झाबुआ अलीराजपुर जिले में राजस्व भूमि पर पट्टे देने की कार्य योजना तैयार की जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
आई.टी.आई. ब्यावरा की बाउण्ड्रीवाल का निर्माण
[तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास]
10. ( *क्र. 322 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के अता. प्रश्न संख्या 20 (क्रमांक 527), दिनांक 21 जुलाई, 2016 में दी गई जानकारी अनुसार आई.टी.आई. ब्यावरा परिसर की बाउण्ड्रीवाल निर्माण कार्य हेतु राशि रूपये 24,41,756/- एवं पहुंच मार्ग निर्माण कार्य हेतु राशि रूपये 6.27 लाख पर पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति प्रक्रियाधीन है? यदि हाँ, तो क्या उक्त कार्यों की पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति प्रश्न दिनांक तक प्रदान कर दी गई है? यदि हाँ, तो प्रति उपलब्ध करावें? यदि नहीं, तो उक्त संबंध में कार्यवाही किन कारणों से लंबित है? (ख) क्या यथाशीघ्र उक्त निर्माण कार्य नहीं कराये जाने से गत वर्षाकाल की भांति आगामी वर्षाकाल में भी छात्र-छात्राओं को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा तथा उक्त आई.टी.आई. भवन प्री-फेव्रीकेट पेटर्न से निर्मित है एवं खुला परिसर होने से पशुओं द्वारा क्षति पहुंचाई जा रही है? (ग) यदि हाँ, तो क्या शासन छात्र-छात्राओं को सुविधा प्रदान करने एवं भवन की सुरक्षा की दृष्टि से उक्त निर्माण कार्यों की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक जोशी ) : (क) जी हाँ। जी नहीं। परियोजना परीक्षण समिति की बैठक दिनांक 25 जून 2016 में बाउन्ड्रीवॉल निर्माण को स्थगित रखने का निर्णय लिया गया है। बाउन्ड्रीवॉल के निर्माण के लिए विभिन्न प्रकार की कॉस्ट इफेक्टिव डिजाईन का अध्ययन करने तथा गाईड लाईन तैयार करने बाबत् निर्णय लिया गया। पीआईयू, पी.डब्ल्यू.डी. द्वारा बाउन्ड्रीवॉल निर्माण के विकल्पों का प्रस्ताव तैयार कर लिया गया है। प्रस्तुत प्रस्ताव पर परीक्षण कर प्रस्ताव परियोजना परीक्षण समिति के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा। स्वीकृति होने पर निर्माण की कार्यवाही हो सकेगी। (ख) जी नहीं। (ग) जी हाँ। समयावधि बताना संभव नहीं है।
गौवंश के सदुपयोग हेतु नीति का निर्धारण
[पशुपालन]
11. ( *क्र. 1181 ) श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. शासन व प्रशासन एवं माननीय मुख्यमंत्री जी कृषि को लाभ का धंधा बनाने हेतु दृढ़ संकल्पित हैं, जिसमें पशुपालन विभाग का भी सहयोग आवश्यक है? (ख) यदि हाँ, तो क्या शासन व प्रशासन प्रदेश के हर किसान को कम से कम दो गाय पालन हेतु एवं गौवंश (बछड़ों) का सदुपयोग हो सके (बैलों के रूप में उपयोग किया जावे) जिससे खेती की लागत भी कम होगी, हेतु नीति बनाई जावेगी? (ग) क्या उपरोक्त (ख) में उल्लेखित गौ-धन हेतु आर्थिक स्थिति से कमजोर कृषकों को अनुदान के रूप में गौ-धन उपलब्ध कराएंगे? (घ) यदि कोई कृषक परिवार गौ-धन एवं बैल जोड़ी न रखे तो क्या उन कृषकों को म.प्र. शासन द्वारा देय सभी लाभकारी एवं हितकारी योजनाओं से वंचित रखा जावेगा?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतरसिंह आर्य ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। वर्तमान में इस तरह की कोई नीति प्रस्तावित नहीं है। (ग) एवं (घ) जी नहीं।
नामान्तरण के दर्ज प्रकरण
[राजस्व]
12. ( *क्र. 489 ) श्रीमती चन्दा सुरेन्द्र सिंह गौर : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खरगापुर विधान सभा क्षेत्र की तहसील बल्देवगढ़, पलेरा एवं खरगापुर में ऐसे कितने प्रकरण लंबित हैं जिन कृषकों के परिवारजनों माता-पिता, भाई-बहिनों की मृत्यु उपरांत नामान्तरणों का होना शेष है तथा ऐसे कितने प्रकरण शेष हैं, जिनके नामांतरण हो जाने के बाद कम्प्यूटर में नाम दर्ज नहीं हैं? (ख) इस प्रकार के प्रकरण किस कारण से लंबित पड़े हैं और उन्हें पूर्ण क्यों नहीं किया गया तथा किसान इस प्रकार की समस्या से ग्रसित है तथा सूखा राहत राशि, खाद, बीज आदि नहीं मिल पा रहा है, क्या ऐसे प्रकरणों का निपटारा करायेंगे? यदि हाँ, तो कब तक समयावधि बतायें? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें? (ग) क्या खरगापुर, पलेरा, बल्देवगढ़ तहसीलों में राजस्व मण्डल ग्वालियर, कमिश्नर, कलेक्टरों के द्वारा किये गये आदेशों अनुसार भी नामान्तरण शेष है? यदि हाँ, तो सक्षम अधिकारियों द्वारा पारित आदेशों के नामान्तरण कब तक पूर्ण करा लिये जायेंगे? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें तथा वर्णित अधिकारियों के आदेशों का पालन न करने वाले अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही प्रस्तावित करेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) एवं (ख) खरगापुर विधानसभा क्षेत्र की तहसील पलेरा, खरगापुर एवं बलदेवगढ़ में अविवादित नामांतरण किया जाना शेष नहीं है एवं विवादित नामांतरण के कुल 76 प्रकरण न्यायालयीन प्रक्रिया के तहत तहसील न्यायालयों में प्रचलित हैं, जिन्हें समय-सीमा में निराकरण किया जाकर तत्काल कम्प्यूटर में अमल किया जा रहा है। न्यायालयीन प्रक्रिया होने के कारण समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (ग) खरगापुर विधान सभा क्षेत्र की तहसील पलेरा, खरगापुर एवं बलदेवगढ के अतंर्गत राजस्व मडंल ग्वालियर, कमिश्नर, कलेक्टर के द्वारा पारित किये गये आदेशों के अनुसार कोई भी नामांतरण प्रकरण शेष नहीं है। शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता।
दो पहिया वाहन चालकों द्वारा ईयर फोन लगाने को प्रतिबंधित किया जाना
[परिवहन]
13. ( *क्र. 23 ) श्री सुदर्शन गुप्ता (आर्य) : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में दो पहिया (मोटर साईकल, स्कूटर आदि) वाहन चालकों द्वारा गाड़ी चलाते समय ईयर फोन लगाना प्रतिबंधित है? (ख) यदि नहीं, है तो क्या शासन इसे प्रतिबंधित करने के लिये कार्यवाही कर रहा है? यदि हाँ, तो कब तक इसे लागू किया जावेगा?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। शेषांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
महिदपुर विधान सभा क्षेत्रांतर्गत जारी कार्यों की जाँच
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
14. ( *क्र. 1850 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) महिदपुर विधान सभा में वर्तमान में जल निगम के अंतर्गत जारी कार्यों के तहत घटिया टंकी निर्माण पर अब तक क्या कार्यवाही की गई है? (ख) इसके अतिरिक्त पाईप लाईन भी उचित मापदंड की न होने की जाँच क्यों नहीं की गई है? (ग) क्या (क) व (ख) की जाँच पूर्ण होने तक संबंधित फर्म के भुगतान पर रोक लगाई जायेगी? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) इस घटिया निर्माण पर ध्यान न देने वाले अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) महिदपुर विधानसभा क्षेत्र में जल निगम द्वारा टंकियों का निर्माण निर्धारित मापदण्ड के अनुसार करवाया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) पाईप लाईन की जाँच करवाये जाने पर वह उचित मापदण्ड की पाई गई है। (ग) उत्तरांश ’’क’’ एवं ’’ख’’ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्तरांश ’’क’’ ’’ख’’ एवं ’’ग’’ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सबमर्सिबल पंप का भौतिक सत्यापन
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
15. ( *क्र. 165 ) श्री शंकर लाल तिवारी : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विभाग द्वारा सतना जिले में वर्ष 2012-13 से 2015-16 तक की अवधि में कितने सबमर्सिबल पम्प किस संस्था से किस दर पर खरीदे गये हैं? (ख) किस-किस विधानसभा के किस-किस गांव में सबमर्सिबल पम्प स्थापित किये गये हैं? भौतिक सत्यापन कर बतायें कि आज की स्थिति में वे चालू हैं या बंद पड़े हैं? यदि बंद पड़े हैं तो कारण बतायें? (ग) सतना जिले में किस-किस ग्राम पंचायत में नल-जल योजना चल रही है? कितनी नल-जल योजनाएं बंद पड़ी हैं? बंद होने का कारण क्या है? आम जनता को स्वच्छ पेयजल न मिल पाने के लिये कौन अधिकारी जिम्मेदार है? (घ) प्रश्नांश (ख) एवं (ग) के लिये कौन अधिकारी दोषी हैं? इन लापरवाह अधिकारियों के विरूद्ध कब तक अनुशासनात्मक कार्यवाही कर दी जायेगी, इन्हें कब तक सतना जिले से हटा दिया जावेगा?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) 909 नग। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। जिन ग्रामों की नलजल योजना बंद है, वहाँ हैण्डपंप/कूपों के माध्यम से जलप्रदाय किया जाता है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) योजनाओं के संचालन संधारण का दायित्व संबंधित ग्राम पंचायतों का है। अतः कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
तहसीलदार बिजावर को प्रेषित जाँच पर कार्यवाही
[राजस्व]
16. ( *क्र. 1738 ) श्री मानवेन्द्र सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कलेक्टर खनिज शाखा छतरपुर के द्वारा वर्ष 2005 में तहसीलदार बिजावर, जिला छतरपुर को 12 ग्रामों की 132.42 हे. राजस्व भूमि 327.83 हेक्टेयर वनभूमि एवं वनकक्षों में शामिल 3973.56 हेक्टेयर भूमि पर पूर्वेक्षण अनुज्ञप्ति पत्र में आवेदित भूमि के जाँच प्रतिवेदन हेतु लिखे पत्र पर जाँच प्रतिवेदन बनाया जाकर प्रेषित किया गया था? (ख) यदि हाँ, तो 132.42 हेक्टेयर राजस्व भूमि 327.83 हेक्टेयर वनभूमि एवं वनकक्षों में शामिल 3973.56 हेक्टेयर वनभूमि में से कितनी-कितनी भूमि किस राजस्व ग्राम के निस्तार पत्रक एवं अधिकार अभिलेख में किन-किन सार्वजनिक एवं निस्तारी प्रयोजनों के लिए दर्ज है, इसमें से कितनी भूमि की बिजावर एस.डी.ओ. के समक्ष भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा 5 से 19 तक की जाँच लंबित है? (ग) तहसीलदार बिजावर एवं अतिरिक्त तहसीलदार बक्स्वाहा द्वारा अपने जाँच प्रतिवेदन में निस्तार पत्रक एवं अधिकार अभिलेख में दर्ज प्रयोजनों एवं एस.डी.ओ. के बिजावर के समक्ष लंबित धारा 5 से 19 तक की लंबित जाँच से संबंधित तथ्यों को किन कारणों से शामिल नहीं किया गया? (घ) क्या निस्तार पत्रक एवं अधिकार अभिलेख में दर्ज प्रयोजनों एवं एस.डी.ओ. के समक्ष लंबित जाँच से संबंधित तथ्यों को शामिल किया जाकर संशोधित प्रतिवेदन खनिज शाखा को प्रेषित कर दिया गया है? यदि हाँ, तो संबंधित प्रतिवेदन के आधार पर क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों? क्या दोषियों के खिलाफ कार्यवाही करेंगे? समय-सीमा बतायें।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
सुखेडा उपमण्डी हेतु भूमि की स्वीकृति
[राजस्व]
17. ( *क्र. 613 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला प्रशासन द्वारा चिन्हित एवं आवंटित तहसील पिपलौदा अंतर्गत सुखेडा उपमण्डी प्रारंभ किये जाने हेतु जावरा कृषि उपजमण्डी समिति जावरा द्वारा नियमानुसार आंकलित भू-भाटक राशि जमा करवा दी गई है? (ख) यदि हाँ, तो भूमि आवंटित किये जाने हेतु कार्यवाही को जिलाधीश महोदय रतलाम द्वारा संभागायुक्त महोदय उज्जैन को आगामी कार्यवाही हेतु अग्रेषित किया है? (ग) साथ ही क्या संभागायुक्त महोदय उज्जैन द्वारा तत्संबंधी कार्यवाही अंतिम अनुमोदन हेतु माननीय प्रमुख सचिव, राजस्व विभाग को अग्रेषित की है? (घ) यदि हाँ, तो शासन/विभाग द्वारा कृषक हित की अत्यंत महत्वपूर्ण व्यवस्था हेतु भूमि आवंटन प्रक्रिया को कब तक पूर्ण कर लिया जाएगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) भूमि आवंटन पश्चात् प्रीमियम, भू-भाटक जमा कराये जाने का प्रावधान है। (ख) एवं (ग) जी हाँ। (घ) भूमि आवंटन कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
आराजी नम्बर 381 में हुए अतिक्रमण को हटाया जाना
[राजस्व]
18. ( *क्र. 26 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 02 मार्च, 2016 के परि.अता. प्रश्न संख्या 113 (क्रमांक 2772) के उत्तर में बताया गया था कि जानकारी एकत्रित की जा रही है, तो क्या जानकारी प्राप्त हो गई है? यदि हाँ, तो बताएं? यदि नहीं, तो इसका क्या कारण है तथा जानकारी न देने वाले अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी? (ख) दिनांक 22.7.2016 के भी परि.अता. प्रश्न संख्या 120 (क्रमांक 2205) के उत्तर में भी बताया गया था कि अतिक्रमण हटाने की जानकारी कलेक्टर से अप्राप्त है, तो क्या विभाग इस प्रकरण में कोई कार्यवाही नहीं करना चाहता है? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) आराजी नम्बर 381 विकास खण्ड पाली, जिला-उमरिया के ग्राम सुन्दर दादर (घाटा टोला) में अतिक्रमण कर स्कूल का निर्माण करा लिया गया और इसकी जानकारी भूमि स्वामी को नहीं दी गई और न ही सहमति ली गई तो क्या उक्त जमीन पर हुए अतिक्रमण को हटाया जावेगा या उक्त भूमि का मुआवजा दिया जावेगा? (घ) विभाग द्वारा की गई कार्यवाही से उक्त आराजी नम्बर 381 के भूमि स्वामी को क्या इसकी जानकारी दी जावेगी? (ड.) अतिक्रमणकर्ता प्राचार्य, पटवारी, तहसीलदार के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी? इसकी जानकारी उपलब्ध कराई जावे?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
कटनी जिले में पेयजल की उपलब्धता
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
19. ( *क्र. 1292 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या कटनी जिला विगत तीन वर्ष से सूखे से प्रभावित है? यदि हाँ, तो उक्त जिले के रीठी एवं बहोरीबंद विकास खण्ड में उक्त अवधि में कितने हैण्डपंप सूख (ड्राई) गए थे? जून 2016 की स्थिति में पंचायतवार विवरण दें। (ख) क्या 450 जनसंख्या के मान से एक हैण्डपंप स्वीकृत करने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो जिन गांवों की जनसंख्या 445 है या 400 है, उनको उक्त नियम को शिथिल कर उन गांवों में भी हैण्डपंप स्वीकृत किए जाने हेतु शासन कोई कार्य योजना बना रहा है? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो कारण बताएं? (ग) क्या कटनी जिले का विकासखण्ड रीठी पेयजल संकटग्रस्त है? उक्त विकास खण्ड में पेयजल संकट को दूर करने के लिए कोई कार्य योजना शासन द्वारा पृथक से तैयार कराकर पेयजल संकट को दूर करेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो कारण बताएं?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) से (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
शासकीय अराजियातों के स्वामित्व परिवर्तन की जाँच
[राजस्व]
20. ( *क्र. 1501 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले में कलेक्टर सतना राजस्व प्रकरण क्र. 33 अ 19 (111) 2015-16 आदेश दिनांक 05.04.2016, राजस्व प्रकरण क्र. 32 अ 19 (111) 2015-16 आदेश दिनांक 28.03.2016 के द्वारा निजी स्वामित्त्व की त्रुटिपूर्वक दर्ज भूमियों को मध्य प्रदेश शासन दर्ज किया गया है तथा प्रकरण में दोषी व्यक्तियों/अधिकारी एवं कर्मचारी को चिन्हित किया गया है, किन्तु कलेक्टर सतना द्वारा दोषियों के विरुद्ध एफ.आई.आर. अभी तक क्यों नहीं कराई गई? यदि कराई जावेगी तो समय-सीमा बताएं? (ख) माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर के रिट पिटीशन क्र. 9659/15 में पारित आदेश दिनांक 04.08.2015 सतना जिले की बहुमूल्य भूमियों के खुर्द-बुर्द किये जाने के परिप्रेक्ष्य में कलेक्टर सतना के निर्देशानुसार एस.डी.एम. रघुराजनगर द्वारा जाँच समिति का गठन पत्र क्र. 52 दिनांक 06.02.2016 को किया गया था? समिति द्वारा जाँच प्रतिवेदन के आधार पर प्रश्नांकित भूमियों को शासकीय घोषित किया गया है, किन्तु त्रुटिकर्ता अधिकारी/कर्मचारियों के विरुद्ध क्या कार्यवाही की गई? अद्यतन विवरण देवें। (ग) क्या ध्यानाकर्षण सूचना क्रमांक 506 दिनांक 11.03.2016, तहसीलदार रघुराजनगर के पत्र क्र. 30 दिनांक 12.03.2016 को कलेक्टर सतना को प्रेषित जवाब में दोषी व्यक्तियों, अधिकारी एवं कर्मचारियों को स्पष्ट चिन्हित किया गया है? उक्त जवाब के परिप्रेक्ष्य में कलेक्टर सतना द्वारा दोषियों के विरुद्ध क्या कार्यवाही की गई? अद्यतन जानकारी देवें।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) न्यायालय कलेक्टर सतना के राजस्व प्रकरण क्रमांक 33अ19 (3) 2015-16 आदेश दिनांक 05.04.2016 एवं न्यायालय कलेक्टर सतना के राजस्व प्रकरण क्रमांक 32अ19 (3) 2015-16 आदेश दिनांक 28.03.2016 के द्वारा न्यायालयीन आदेशों के आधार पर निजी स्वामित्व में दर्ज भूमियों को आदेशानुसार म.प्र.शासन दर्ज किया जा चुका है। उक्त आदेशों में तहसीलदार रघुराजनगर द्वारा प्रस्तुत जाँच प्रतिवेदन में यह पाया गया कि शासकीय से निजी स्वामित्व में दर्ज की गई भूमियां अनावेदकगणों द्वारा प्रस्तुत सत्यापित नकलों के आधार पर न्यायालयीन आदेश के तहत दर्ज की गईं थीं। उक्त आदेशों में किसी भी अधिकारी/कर्मचारी को दोषी चिन्हित नहीं किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) जी हाँ। जिसमें जाँच उपरांत यह पाया गया था, कि प्रश्नाधीन/रिट पिटीशन में अंकित भूमि का खसरे में पूर्व से ही म.प्र.शासन दर्ज अभिलेख है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विभागांतर्गत संचालित योजनाएं
[पशुपालन]
21. ( *क्र. 851 ) श्री रामपाल सिंह : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शहडोल जिले में पशुपालन से संबंधित हितग्राहियों को लाभांवित एवं प्रोत्साहित किये जाने की कार्यवाही संचालित की जा रही है? (ख) यदि हाँ, तो उक्त कार्य के लिये कितनी राशि वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में जिले को आवंटित की गई और आवंटित राशि से किस-किस कार्य के लिये कितनी-कितनी राशि व्यय की गई? व्यय की गई राशि से लाभान्वित हितग्राहियों सहित अन्य कार्यों के लिये किये गये व्यय का ब्यौरा उपलब्ध्ा कराया जावे।
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतरसिंह आर्य ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार।
बी.पी.एल. राशन कार्डों को जारी करने में अनियमितता
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
22. ( *क्र. 1229 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों के राशन कार्ड 2011 की सर्वे सूची के आधार पर जारी किये जा रहे हैं? (ख) किसी भी ग्रामीण एवं नगरीय निकाय में आबादी में कितने प्रतिशत गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन के राशन कार्ड जारी करने का नियम है? क्या एक ही परिवार में एकाधिक राशन कार्ड जारी किये जा रहे हैं? (ग) क्या खंडवा जिले में शासन के इन निर्देशों का पालन किया जा रहा है? यदि नहीं, तो क्यों? खंडवा नगर में वर्ष 2011 से 2016 तक वर्षवार जारी बी.पी.एल. राशन कार्डों की संख्यात्मक जानकारी दें। (घ) क्या वर्ष 2011 से 2016 की अवधि में कई परिवारों का जीवन स्तर गरीबी रेखा के ऊपर होने के बाद भी उनके द्वारा इसका लाभ लिया जा रहा है? यदि हाँ, तो क्या ऐसे परिवारों का पुन: सर्वे कर अपात्र होने पर उनके राशन कार्ड निरस्त कर पात्र गरीबों के नाम जोड़ने के आदेश जारी किये जाएंगे? (ड.) क्या सरकार संपूर्ण प्रदेश में नए सिरे से गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन के वीडियो सर्वे के आदेश जारी कर नए राशन कार्ड जारी करने पर विचार करेगी, ताकि पात्र लोगों को इसका लाभ मिल सके?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जी नहीं। (ख) किसी भी ग्रामीण अथवा नगरीय निकाय में उसकी आबादी के प्रतिशत के मान से गरीबी रेखा के कार्ड जारी करने का कोई नियम नहीं है। परिवारों के विभाजन के फलस्वरूप नये परिवार को गरीबी रेखा की सूची में शामिल किये जाने के पश्चात उसके द्वारा आवेदन करने पर पदाभिहित अधिकारी द्वारा राशनकार्ड जारी करने का प्रावधान है। (ग) खंडवा जिले में शासन के निर्देशों का पालन किया जा रहा है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। शेष भाग की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) प्रश्नांकित क्षेत्र में ऐसा मामला प्रकाश में नहीं आया है बी.पी.एल. परिवारों की सूची में नाम जोड़ने एवं काटने की एक सतत् प्रक्रिया है। सक्षम अधिकारियों के समक्ष नाम जोड़ने एवं अपात्र परिवारों के संबंध में शिकायत की जाने पर जांचोपरांत आवश्यक कार्यवाही करने का प्रावधान है। (ड.) गरीबी रेखा का नवीन सर्वे भारत सरकार से निर्देश प्राप्त होने पर किया जाता है।
भूमि हस्तान्तरण में अनियमितता
[राजस्व]
23. ( *क्र. 828 ) श्री अनिल जैन : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र निवाड़ी अंतर्गत ओरछा तहसील के ग्राम बबेड़ी जंगल स्थित भूमि खसरा नं. 27 का कितना रकबा वर्ष 1990 में किसके नाम दर्ज था? साथ ही प्रश्न दिनांक को प्रश्नागत खसरा नंबर 27 के कितने-कितने रकबे के कौन-कौन खातेदार हैं? उनके नाम व पते बताये जावें तथा वर्ष 1990 के खातेदारों से यह भूमि वर्तमान खातेदारों तक किस-किस प्रकार से हस्तांतरित हुई है? नामांतरण पंजी के आदेश क्रमांक व पेज क्रमांक के संदर्भ सहित जानकारी दी जावे? (ख) वर्ष 1990 से अब तक क्या उक्त नामांतरणों में राजस्व विभाग की भू-राजस्व संहिता के किन-किन नियमों का उल्लंघन हुआ है? उल्लंघनकर्ता के नाम, पद नाम बताये जावें तथा उनके विरूद्ध अब तक क्या कार्यवाही हुई है और कौन-कौन सी लंबित है? (ग) इसी प्रकार ओरछा तहसील के ग्राम प्रतापपुरा में स्थित भूमि खसरा नं. 248 के बारे में भी प्रश्नांश (क) एवं (ख) में चाही गयी शब्दश: जानकारी देते हुये बताया जावे कि भूमि के हस्तांतरण में किये गये भू-राजस्व संहिता उल्लंघन के कारण उल्लंघनकर्ताओं के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जा रही है? (घ) प्रश्नगत दोनों राजस्व ग्रामों के उक्त खसरा नंबरों में यदि कोई हेर-फेर हुई है तो अतिक्रमणकारियों के द्वारा अतिक्रमित भूमि को शासन द्वारा वापिस कब तक लिया जा सकेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) ग्राम बबेड़ी जंगल तहसील ओरछा स्थित भूमि खसरा नम्बर 27 वर्ष 1990 के अभिलेख की जानकरी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) वर्ष 1990 से अब तक उक्त नामान्तरण में राजस्व विभाग द्वारा भू-राजस्व संहिता के नियमों का उल्लंघन होना नहीं पाया गया। (ग) ग्राम प्रतापपुरा तहसील ओरछा स्थित भूमि खसरा नम्बर 248 वर्ष 1990 के अभिलेख जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (घ) प्रश्नगत दोनों राजस्व ग्रामों के उक्त खसरा नम्बरों पर कोई हेर-फेर नहीं हुआ है और न ही कोई अतिक्रमण है।
नल-जल योजना का क्रियान्वयन
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
24. ( *क्र. 1826 ) श्री कमलेश शाह : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) अमरवाड़ा विधान सभा क्षेत्र की नल-जल योजनाओं की संपूर्ण जानकारी देवें? (ख) जिन योजनाओं में जल स्रोत सूख गया है, उनका संचालन कैसे होगा? (ग) इसके लिये नवीन योजनाएं कब तक स्वीकृत की जावेंगी?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) ऐसी योजनाओं में विभाग द्वारा स्रोत विकसित किया जाकर उन्हें चालू करवाया जायेगा। (ग) निश्चित समयावधि नहीं बताई जा सकती।
नवीन हैण्डपंपों की स्वीकृति
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
25. ( *क्र. 428 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रश्नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र बासौदा अंतर्गत वर्ष 2013-14, 2014-15, 2015-16 एवं 2016-17 में कितने नवीन हैण्डपंप खनन किस-किस योजना में स्वीकृत हुये थे? ग्रामवार सूची उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) में स्वीकृत किये गये हैण्डपंपों के लिये बोर खनन किस-किस ग्राम में किस स्थान पर, किस दिनांक को किया गया? खनन किये गये बोर में कितने बोर सफल हुये व कितने असफल? सफल हुए बोर में से कितनों पर हैण्डपंप स्थापित कर दिये गये हैं, कितने शेष हैं? (ग) क्या असफल बोर पर हैण्डपंप स्थापित कर गांव में संचालित हैण्डपंप को गांव की जनगणना के मापदण्ड में सम्मिलित किया गया है या नहीं? सूची उपलब्ध करावें। इन असफल बोर के स्थान पर ग्राम में अन्य स्थान पर नवीन बोर खनन की क्या कार्य योजना है?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) 217 नलकूप खनन कर 206 सफल नलकूपों पर हैण्डपंप स्थापित किये गये। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। लक्ष्य, आवंटन की उपलब्धता एवं भूजल सर्वेक्षण के आधार पर निर्धारित मापदण्ड अनुसार नलकूप खनन कर ग्रामों में हैण्डपंप स्थापित करने की योजना है।
भाग-2
नियम
46 (2) के
अंतर्गत
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
के रुप में
परिवर्तित
तारांकित
प्रश्नोत्तर
केन्द्रीय
जेल भोपाल से
फरार कैदी
[जेल]
1. ( क्र. 7 ) श्री बाबूलाल गौर : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) केन्द्रीय जेल भोपाल से दिनांक 30 एवं 31 अक्टूबर 2016 की दरमियानी रात सिमी के कितने-कितने आतंकवादी फरार हुए? नाम सहित बताया जाए? (ख) विभाग द्वारा इन आतंकवादियों की निगरानी के लिये किस-किस एजेन्सी द्वारा कितना बल लगाया गया था? (ग) विभाग द्वारा आंतकवादियों के फरार होने पर किन-किन अधिकारियों के विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गई? नाम एवं पद नाम सहित बताया जाए? (घ) भविष्य में इस प्रकार की घटना को रोकने के लिये क्या कार्यवाही की जा रही है?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) केन्द्रीय जेल भोपाल से दिनांक 30 एवं 31 अक्टूबर की दरमियानी रात सिमी संगठन से संबंधित 08 विचाराधीन बंदी फरार हुए। उनके नाम पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। (ख) जेल प्रहरियों/मुख्य प्रहरियों के अतिरिक्त विभाग द्वारा इन सिमी बंदियों की निगरानी के लिये मध्यप्रदेश पुलिस की 2-8 की सशस्त्र एस.ए.एफ. गार्ड केन्द्रीय जेल भोपाल में तैनात की गई थी। (ग) प्रथम दृष्ट्या लापरवाही के लिये दोषी पाये जाने पर अधिकारियों/कर्मचारियों के निलंबन की कार्यवाही की गई है, जिनके नाम एवं पदनाम की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। (घ) मध्यप्रदेश शासन, जेल विभाग, मंत्रालय के आदेश क्रमांक-एफ-02 (बी) 24/2016/तीन/जेल, दिनांक 05/11/2016 द्वारा प्रदेश की समस्त 11 केन्द्रीय जेलों की सुरक्षा व्यवस्था के ऑडिट हेतु समिति का गठन किया गया है, जो पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''स'' अनुसार है। केन्द्रीय जेल भोपाल की सुरक्षा ऑडिट केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सी.आई.एस.एफ.) भारत सरकार, गृह मंत्रालय से भी कराई जा रही है। जेल मुख्यालय के पत्र क्रमांक-16173, दिनांक 04/11/2016 द्वारा अधीक्षक, केन्द्रीय जेल भोपाल को सिमी बंदियों की सुरक्षा के संबंध में विशेष निर्देश जारी किये गए हैं, जो पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''द'' अनुसार है। घटना की जाँच करने तथा भविष्य में बंदियों के फरार होने की घटना की पुनरावृत्ति न हो इस संबंध में सुझाव प्रस्तुत करने हेतु मध्यप्रदेश शासन, सामान्य प्रशासन विभाग, मंत्रालय की अधिसूचना क्रमांक-एफ-24-7/2016/1-10, दिनांक 07/11/2016 द्वारा एकल सदस्यीय न्यायिक जाँच आयोग गठित किया गया है, जो तीन माह में जाँच पूर्ण कर अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को प्रस्तुत करेगा। उक्त अधिसूचना पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ई'' अनुसार है।
गौ-शालाओं को उपलब्ध सुविधाएं
[पशुपालन]
2. ( क्र. 8 ) श्री बाबूलाल गौर : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल जिले में किन-किन स्थानों पर विगत तीन वर्षों में कितनी गौ-शालाएं स्थापित हैं? (ख) उक्त गौ-शालाओं में वर्तमान में कितनी-कितनी गायें रखी गई है? गौ-शालावार जानकारी दी जाए। (ग) क्या शासन द्वारा इन गौ-शालाओं के स्थापना हेतु भूमि अथवा अन्य सुविधा उपलब्ध कराई गई है? पृथक-पृथक जानकारी दी जाय? (घ) शासन द्वारा विगत तीन वर्षों में गौ-शालाओं को प्रति गाय प्रतिदिन के मान से कितनी-कितनी आर्थिक सहायता एवं अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतरसिंह आर्य ) : (क) भोपाल जिले में विगत तीन वर्षों में 28 क्रियाशील गौशालाएं संचालित है जिसमें विगत तीन वर्षों में एक श्री कृष्ण गौशाला सिंघोडा तह. बैरसिया नवीन पंजीकृत होकर स्थापित है। गौशालाओं के स्थानों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ‘‘ अनुसार। (ख) विगत तीन वर्षों में संचालित गौशालाओं में गौवंश संख्या की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ‘‘ अनुसार। (ग) जी नहीं। गौशालाओं की स्थापना हेतु पूर्व में कोई सहायता उपलब्ध नहीं कराई जाती गौशाला पंजीकृत होकर संचालित होने पर अन्य सुविधाये उपलब्ध कराई जाती है। (घ) विगत तीन वर्षों में भोपाल जिले में गौशालाओं को प्रति गौवंश, प्रति दिन के मान से उपलब्ध कराई गई आर्थिक सहायता की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ब‘‘ अनुसार। तथा गौशालाओं को विगत तीन वर्षों में अन्य सुविधाओं की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘स‘‘ अनुसार।
लीज भूमि संबंधी
[राजस्व]
3. ( क्र. 48 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अतारांकित प्रश्न संख्या 99 (क्रमांक 2716) दिनांक 29 जुलाई 2016 के उत्तर में (क) से (ग) जानकारी एकत्रित करना बताया। क्या जानकारी प्राप्त कर ली गई थी? (ख) प्रश्नांश (क) में दर्शित प्रश्न का पूर्ण उत्तर देवें।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
श्रमिकों की सेवानिवृत्ति आयु
[श्रम]
4. ( क्र. 49 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र.श्रम विभाग द्वारा 28 जून 2014 को निजी क्षेत्र के कारखानों में काम करने वाले श्रमिकों की सेवानिवृत्ति आयु 58 वर्ष से 60 वर्ष करने का आदेश किया गया? तत्संबंधी ब्यौरा क्या है? (ख) क्या शासनादेश का पालन ग्रेसिम केमिकल डिव्हीजन, लैक्सेस एवं आर्केमा उद्योग नागदा जं.जिला उज्जैन एवं विक्रम सीमेंट नयागांव, सतना सीमेंट मैहर सीमेंट, इप्का रतलाम तथा इंदौर आदि में पालन किया गया है? यदि हाँ, तो किस-किस दिनांक से एवं नहीं तो इनके विरूद्ध शासन ने क्या कार्यवाही की? (ग) जिन निजी क्षेत्र के उघोगों ने उक्त आदेश 2014 के बाद लागू किया, क्या उक्त कारखानों के श्रमिकों को आदेश लागू करने के दिनांक से आदेश जारी दिनांक के मध्यावधि का रिटायरमेंट लाभ दिया गया है? यदि नहीं, तो क्यों? शासन ने इस दिशा में क्या कार्यवाही की?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जी हाँ। मध्यप्रदेश शासन, श्रम विभाग द्वारा मध्यप्रदेश औद्योगिक नियोजन (स्थाई आज्ञाएं) नियम 1963 के उपबंध अनुक्रमांक 14-ए में दिनांक 28.06.14 को अधिसूचना जारी कर निजी क्षेत्र के कारखानों में काम करने वाले श्रमिकों की सेवानिवृत्ति आयु संशोधित कर 58 वर्ष के स्थान पर 60 वर्ष की गई है। (ख) उज्जैन जिले में लेंक्सेंस इंडिया प्रायवेट लिमिटेड, आरसील केटेलिस्ट प्रायवेट लिमिटेड नागदा (पूर्व नाम आर्केमा) इप्का रतलाम तथा इंदौर में शासन के आदेश का पालन अधिसूचना दि. 28.06.2014 से ही किया जा रहा है। विक्रम सीमेंट नया गांव यूनिट खोर के द्वारा उक्त आदेश का पालन नहीं करते हुए 58 वर्ष की आयु को पूर्ण करने वाले 17 श्रमिकों को सेवानिवृत्त किया गया है जिसमें से 16 प्रकरणों को औद्योगिक विवाद अधिनियम, 1947 के अंतर्गत औद्योगिक अधिकरण को सन्दर्भित किये गये है। एक प्रकरण पर समझौता कार्यवाही की जा रही है। प्रबंधन विक्रम सीमेंट द्वारा शासन की उक्त अधिसूचना के विरूद्ध याचिका क्र. 3552/16 माननीय उच्च न्यायालय में प्रस्तुत की गई है जिसमें माननीय उच्च न्यायालय द्वारा दिनांक 11.03.2016 को अग्रिम सुनवाई तक कोई कोरसिव कार्यवाही नहीं किये जाने के निर्देश दिये हैं। सतना सीमेंट एवं मैहर सीमेंट में उक्त आदेश का पालन नहीं किया गया है। मैहर सीमेंट द्वारा उक्त आदेश के विरूद्ध माननीय उच्च न्यायालय, जबलपुर में याचिका क्र. 786/15 दायर की गई थी जिसमें माननीय उच्च न्यायालय, जबलपुर द्वारा दिनांक 20.04.2015 को याचिकाकर्ता के विरूद्ध दमनात्मक (No coercive steps be taken against the petitioner) कार्यवाही न की जावे, निर्देश दिये है। सतना सीमेंट द्वारा उक्त आदेश के विरूद्ध माननीय उच्च न्यायालय, जबलपुर में याचिका क्र. 12790/14 दायर की गई थी जिसमें माननीय उच्च न्यायालय, जबलपुर द्वारा दिनांक 08.01.15 को याचिकाकर्ता के विरूद्ध दमनात्मक (No coercive steps be taken against the petitioner) कार्यवाही न की जावे, निर्देश दिये है। उक्त दोनों याचिकाओं में माननीय उच्च न्यायालय में शासन की ओर से प्रत्यावर्तन दायर कर दिया गया है जो कि न्यायालय के समक्ष विचाराधीन है। ग्रेसिम लिमिटेड (स्टेपल, ई.डी.डी., केमिकल डिवीजन) द्वारा उक्त आदेश का पालन नहीं किया गया है एवं माननीय उच्च न्यायालय में याचिका क्र. 1417/15 दायर की गई है तथा उक्त का संदर्भ देते हुए प्रबंधन द्वारा उक्त प्रावधानों का पालन नहीं करते हुए दिनांक 28.06.2014 से 22.12.2015 तक 58 वर्ष की आयु पूर्ण करने पर ही श्रमिकों/स्टॉफ कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति प्रदान करते हुए ग्रेसिम (एस.एफ.डी., ई.डी.डी. एवं केमिकल) द्वारा कुल 173 कर्मचारियों को सेवानिवृत्त किया गया था। उक्त अवैधानिक सेवानिवृत्ति के कारण प्रबंधन के विरूद्ध म.प्र. औद्योगिक नियोजन (स्थाई आज्ञाएं) अधिनियम 1961 के अंतर्गत 9 प्रकरण सक्षम न्यायालय में दायर किये जा चुके हैं तथा औद्योगिक विवाद अधिनियम 1947 के अंतर्गत कार्यालय में 132 प्रकरण समझौता कार्यवाही में प्राप्त हुए थे जिनमें 136 श्रमिक सम्मिलित थे। इनमें से 101 प्रकरण (105 श्रमिक) माननीय न्यायालय को संदर्भित किये गये है, 3 प्रकरण (3 श्रमिकों) द्वारा वापस ले लिये गये हैं। 20 प्रकरणों में (20 श्रमिक) सीधे श्रम न्यायालय में प्रकरण दायर कर दिये जाने के कारण इस कार्यालय में समझौता कार्यवाही बन्द कर प्रकरण नस्तीबद्ध कर दिये गये है एवं 8 प्रकरणों (8 श्रमिक) में समझौता कार्यवाही कार्यालय में निरंतरित है। इसके अतिरिक्त कार्यालय द्वारा स्वंय संज्ञान लेकर 19 श्रमिकों के 2 प्रकरण न्यायालय को सीधे संदर्भित कर दिये गये है। उक्त उद्योगों द्वारा भी 22.12.15 के बाद 60 वर्ष की आयु पर सेवानिवृत्त किया जा रहा है। (ग) प्रदेश के समस्त निजी क्षेत्र के उद्योगों द्वारा शासन की अधिसूचना दिनांक 28.06.2014 को तत्काल प्रभाव से लागू किया गया और श्रमिकों को 60 वर्ष की उम्र में सेवानिवृत्त किया जा रहा है। जिन निजी उद्योगों द्वारा शासन के उक्त आदेश को लागू नहीं किया अथवा 28.06.14 के बाद लागू किया गया। उनके विरूद्ध प्रश्न ख में उल्लेखित उद्योगों बाबद उत्तर (ख) अनुसार कार्यवाही की गई है। अन्य निजी उद्योग देवास जिले के किर्लोस्कर ब्रदर्स एवं टाटा इंटर नेशनल लि. द्वारा उक्त आदेश 28.06.2014 के बाद लागू किया गया, उक्त अवधि में सेवानिवृत्त किये गये टाटा इंटरनेशनल के 31 श्रमिकों एवं किर्लोस्कर के 2 श्रमिकों के प्रकरण औद्योगिक विवाद अधिनियम 1947 के अंतर्गत श्रम न्यायालय में संदर्भ किये गये है। और उक्त श्रमिकों बाबत् म.प्र. औद्योगिक नियोजन (स्थाई आज्ञाएं) अधिनियम, 1961 के अंतर्गत किर्लोस्कर के विरूद्ध 1 अभियोजन एवं टाटा इंटरनेशनल के विरूद्ध 3 अभियोजन प्रकरण श्रम न्यायालय में दायर किये गये है। महिन्द्र टू-व्हीलर, पीथमपुर के 13 एवं लायड इन्शुलेशन, पीथमपुर के 1 कर्मचारी को प्रबंधन द्वारा स्टॉफ कर्मचारी मानते हुए उन्हें सेवानिवृत्त कर दिया गया है। उक्त विवाद को न्याय निर्णय हेतु श्रम न्यायालय में संदर्भ कर दिया गया है।
औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान के सम्बन्ध में
[तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास]
5. ( क्र. 72 ) श्री पुष्पेन्द्र नाथ पाठक : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग की नीति यह है कि ऐसे विकासखंड जिनमें कोई भी शासकीय/अशासकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (ITI) नहीं हैं वहां ITI स्थापित किए जाए? (ख) प्रदेश में ऐसे कितने विकासखंड हैं जहां एक से ज्यादा ITI स्थापित हैं? नाम सहित जानकारी प्रदाय करे? (ग) छतरपुर जिले के विकासखंड बिजावर में क्या कोई ITI है? प्रश्नांश (ख) के अनुक्रम में बताए की बिजावर विकासखंड में प्रश्न दिनांक तक ITI खोले जाने हेतु क्या-क्या विभागीय प्रयास हुए? (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ग) के अनुक्रम में विकासखंड बिजावर में शासकीय ITI कॉलेज खोले जाने हेतु क्या विभाग प्रयासरत है?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक जोशी ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रदेश में ऐसे 24 विकासखण्ड हैं, जिसमें एक से ज्यादा शासकीय आई.टी.आई. संचालित है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार हैं। (ग) जी नहीं। वर्तमान में ऐसे 64 विकासखण्ड हैं, जिनमें शासकीय अथवा प्रायवेट आई.टी.आई. संचालित नहीं हैं। साथ ही ऐसे 125 विकासखण्ड है जिनमें शासकीय आई.टी.आई. संचालित नहीं है। विभाग द्वारा पिछले पाँच वर्षों में ऐसे 60 विकासखण्डों में जिनमें कोई शासकीय आई.टी.आई. नहीं थी, शासकीय आई.टी.आई. खोली गई हैं। विभाग द्वारा प्रत्येक ऐसे विकासखण्ड जिनमें शासकीय अथवा प्रायवेट आई.टी.आई. संचालित नहीं हैं, में शासकीय आई.टी.आई. प्रारंभ करने के हर संभव प्रयास किये जा रहे हैं। (घ) ''ग'' अनुसार।
मंदसौर जिलान्तर्गत सरकारी स्वामित्व की अनुपयोगी सम्पतियां
[राजस्व]
6. ( क्र. 80 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मंदसौर जिले में सरकारी स्वामित्व की कितनी सम्पतियां विभिन्न ग्राम एवं शहरों में किस किस विभाग के पास कहाँ-कहाँ है? इन सम्पतियों में से ऐसी कितनी संपत्तियां हैं जो अनुपयोगी हैं विभागवार उपयोग में नहीं आने वाली सम्पत्तियों का विवरण देवें? (ख) प्रश्नांश (क) संदर्भित ऐसी कितनी सम्पत्तियां हैं जो मरम्मत के बाद उपयोग में लाई जा सकती हैं उनकी मरम्मत पर कितनी राशी का खर्च संभावित है? (ग) क्या सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा विभिन्न विभागों की अनुपयोगी सम्पत्तियों की खुली नीलामी या अन्य कार्यों में उपयोग की योजना प्रस्तावित है? यदि है तो कितनी नजूल की सम्पत्ति का निस्तारण कर दिया गया है तथा इससे सरकार को कितना राजस्व प्राप्त हुआ? (घ) क्या अनुपयोगी सम्पत्तियों का अन्य विभाग की आवश्कता पर उपयोग किया जा सकता है? यदि हाँ, तो 1 जनवरी 2010 के पश्चात् ऐसे कितने प्रकरणों में अन्य विभाग के भवन का उपयोग मंदसौर जिले में कहा कहाँ किया?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
नरेश यादव एवं अजय के विरूद्ध जिला बदर एवं अन्य कार्यवाही
[गृह]
7. ( क्र. 81 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 26 फरवरी 2016 के परि.अता. प्रश्न संख्या 2 (क्रमांक 17) के उत्तर में बताएं जब नरेश पुत्र रघुवीर सिंह यादव ने पुलिस को दिये बयान में अजय सिंह निवासी तायडें कालोनी अशोकनगर ने व उसने अतिक्रमण कर रखा है तथा नरेश स्वयं शासन द्वारा स्टे के बाद भी अतिक्रमण की गई भूमि पर बने भवन पर ऊपर की सीढ़ियां बना रहा था तो दोनों पर सिविल जेल की कार्यवाही की सिफारिश क्यों नहीं की गई? (ख) प्रश्नांश (क) में जब नरेश यादव पर पूर्व में जिलाबदर की कार्यवाही हुई थी तथा अजय अवैध खनन के प्रकरण में लम्बे समय से फरार है व गंभीर धाराओं में प्रकरण दर्ज है तो इन दोनों के विरूद्ध जिलाबदर की कार्यवाही क्यों नहीं हो रही है? (ग) जिलाधीश, जिला पुलिस अधीक्षक, एस.डी.ओ. मुंगावली व तहसीलदार को पिछले 3 वर्ष में अथाईखेड़ा के उक्त भवन पर लगातार स्थगन के बाद भी नरेश यादव व अजय जिनका नाम एस.डी.ओ. पुलिस मुंगावली को व बहादुरपुर पुलिस को बताया, लगातार निर्माण कार्य जारी रखने की कितनी शिकायतें मिली तथा पुलिस रिपोर्ट जो जिला पुलिस अधीक्षक को दी उसके बाद भी नरेश यादव व अजय के विरूद्ध कार्यवाही क्यों नहीं की गई?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) नरेश यादव ने पुलिस को दिये कथन में ऐसा नहीं बताया कि अजय सिंह निवासी तायड़े कॉलोनी, अशोकनगर ने व उसके द्वारा अतिक्रमण कर रखा है। वस्तुस्थिति यह है कि ग्राम अथाईखेड़ा में भूमि सर्वे क्र. 696/2 में करीब 01 बीघा जमीन वर्ष 2012 में राजेन्द्र शर्मा निवासी अथाईखेड़ा ने अजय प्रताप सिंह यादव निवासी तायड़े कॉलोनी, अशोकनगर को बेची थी, जिसकी रजिस्ट्री वर्ष 2012 में अजय प्रताप द्वारा कराई गई थी। उस जमीन पर वर्ष 2012 से ही निर्माण कार्य कराया जा रहा है और उस निर्माण कार्य की देखरेख के लिए इसे कहा गया था, तब से यह उस निर्माण कार्य की देखरेख कर रहा था। यह जमीन शासकीय भूमि नहीं है जिस पर निर्माण कार्य हो रहा था व निर्माण कार्य भूमि सर्वे क्रमांक 696/1 में नहीं है और न ही अजय प्रताप द्वारा फर्जी रजिस्ट्री कराई गई है। भूमि सर्वे क्रमांक 696/1 ग्राम अथाईखेड़ा में नरेश सिंह द्वारा अतिक्रमण की शिकायत प्राप्त होने पर अनुविभागीय अधिकारी, राजस्व, मुंगावली द्वारा सीमांकन होने पर निर्माण पर रोक लगाई थी जिसके आधार पर नायब तहसीलदार मुंगावली के आदेशानुसार थाना प्रभारी बहादुरपुर एवं पटवारी द्वारा मौके पर जाकर निर्माण कार्य रूकवाया था। पुनः निर्माण की शिकायत प्राप्त होने पर थाना प्रभारी बहादुरपुर एवं हल्का पटवारी द्वारा मौके पर निरीक्षण करने पर दिनांक 01.09.2015 को निर्माण कार्य जारी होना पाया गया था जिसकी रिपोर्ट थाना प्रभारी बहादुरपुर द्वारा दिनांक 02.09.2015 को एस.डी.एम., मुंगावली को भेजी गई थी। नरेश यादव के द्वारा की गई अवमानना के लिए उसके विरूद्ध कार्यवाही हेतु राजस्व न्यायालय, स्वयं सक्षम है। नरेश यादव के कथन की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’अ’ एवं अनुविभागीय अधिकारी, राजस्व, मुंगावली द्वारा दिये गये स्थगन का आदेश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’ब’ अनुसार। (ख) नरेश यादव पुत्र रघुवीर सिंह यादव पर थाना बहादुरपुर द्वारा जिलाबदर की कार्यवाही दिनांक 27.06.2013 को पुलिस द्वारा प्रस्तुत की गई थी। जिला दण्डाधिकारी अशोकनगर द्वारा प्रकरण सारहीन पाये जाने से दिनांक 29.11.2014 को निरस्त कर दिया गया है। (ग) अनावेदक नरेश पिता रघुवीर सिंह यादव के विरूद्ध शिकायती पत्र क्रमांक/पुआ/ अनगर/शिका/476/15, दिनांक 15.09.2015, पत्र क्र./पुअ/अनगर/शिका/85/15, दिनांक 04.11.2015, पत्र क्र./पुअ/अनगर/शिका/66/15, दिनांक 04.11.2015, पत्र क्र./पुअ/अनगर/ शिका/71/15, दिनांक 23.11.2015, पत्र क्र./पुअ/अनगर/शिका/72/15, दिनांक 23.11.2015, पत्र क्र./पुअ/अनगर/शिका/76/15, दिनांक 05.12.2015 एवं पत्र क्र./पुअ/अनगर/ शिका/79/15, दिनांक 14.12.2015, प्राप्त हुए थे जिसकी जाँच एस.डी.ओ.पी., मुंगावली द्वारा की गई थी। जाँच के दौरान विवादित भूमि के रिकार्ड का अवलोकन करने पर पाया गया कि सर्वे नं. 696/2 अथाईखेड़ा में छोटे सिंह ठाकुर को 05 बीघा जमीन का पट्टा दिया गया था, जिसे नायब तहसीलदार, मुंगावली द्वारा भू- स्वामी घोषित किया गया था। इसी जमीन को दिनांक 24.01.2011 को राजेन्द्र शर्मा एवं राधाकिशन को छोटेसिंह ठाकुर द्वारा रजिस्टर्ड विक्रय किया गया है। दिनांक 30.06.2012 को राजेन्द्र शर्मा द्वारा 01 बीघा जमीन की रजिस्ट्री अजय प्रताप सिंह यादव को की गई थी जिसका नामान्तरण नहीं हुआ है। सर्वे नं.-696/1 में नरेश सिंह द्वारा किये जा रहे अतिक्रमण की शिकायत प्राप्त होने पर अनुविभागीय अधिकारी, राजस्व, मुंगावली द्वारा सीमांकन होने तक निर्माण पर रोक लगाई गई थी। जाँच में पाया गया कि सर्वे क्रमांक 696/2 में 01 बीघा नक्शा अनुसार मेन रोड किनारे की जमीन अजय प्रताप सिंह को बेची गई थी। इसी सर्वे से लगी सर्वे क्रमांक 696/1 को शासकीय भूमि पर नरेश यादव द्वारा अतिक्रमण किया गया है, जो तहसीलदार की रिपोर्ट दिनांक 16.10.2015 में स्पष्ट है। अतिक्रमणकारियों के विरूद्ध विधिवत कार्यवाही की गई है जिसकी निगरानी राजस्व मण्डल ग्वालियर में प्रचलित है। यह सही है कि छोटेसिंह द्वारा राजेन्द्र शर्मा को विक्रय की गई भूमि मुख्य सड़क से लगभग 01 किलोमीटर दूर स्थित होना रजिस्ट्री में लेख है जबकि राजेन्द्र शर्मा द्वारा अजय प्रताप यादव को उक्त सर्वे की 01 बीघा भूमि को विक्रय की रजिस्ट्री में चतुर-सीमा में पश्चिम दिशा में अशोकनगर विदिशा में आम सड़क पर होना लेख किया है। जिसका समाधान अनावेदकों द्वारा नक्शा प्रस्तुत कर किया गया है। जिसमें सर्वे क्र. 696/02 का पीले रंग से अंकित 01 भाग मुख्य सड़क किनारे दिखाया गया है। प्रकरण राजस्व मण्डल म.प्र. ग्वालियर के यहां निगरानी में चले जाने के कारण नरेश यादव व अजय प्रताप सिंह के विरूद्ध कोई कार्यवाही नहीं की जा सकी। तहसीलदार परगना मुंगावली का प्रतिवेदन दिनांक 25.11.2015 पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’स’ एवं अनुविभागीय अधिकारी, पुलिस मुंगावली का जाँच प्रतिवेदन पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’द’ अनुसार।
अतिक्रमणकर्ताओं के विरूद्ध कार्यवाही
[राजस्व]
8. ( क्र. 82 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 31 मार्च 2016 के अता.प्रश्न संख्या 65 (क्र. 6598) के उत्तर में बताया कि प्रकरण क्र.8 अ 68/2013-14 आदेश दिनांक 10.12.2014 द्वारा अतिक्रामक गजराज सिंह पुत्र आलोल सिंह निवासी खानपुर तहसील चंदेरी को म.प्र. राजस्व संहिता 1959 की धारा 248 के तहत दस हजार दण्ड आरोपित कर बेदखल करने का आदेश किया तो करोड़ों की अशोक नगर शहर के मध्य सिर्फ दस हजार का दण्ड क्यों किया तथा सिविल जेल की कार्यवाही क्यों नहीं की व केविएट क्यों नहीं लगाई व उसे न्यायालय जाने का मौका क्यों दिया? (ख) इस भूमि पर गुना के तत्कालीन जिलाधीश श्रीमती नीलम राव ने पुलिस की मदद से अतिक्रमण हटा दिया तो अशोकनगर नया जिला बनने पर पुन: अतिक्रमण कराने वाले राजस्व कर्मचारियों एवं अधिकारियों को दण्डित क्यों नहीं किया गया? (ग) इस अतिक्रमण की गई भूमि के प्रांगण में जून 2016 में पलकटोरी ग्राम में किये गये अवैध खनन करने वाले वाहन, डम्पर आदि पकड़े गये उनको तहसीलदार खनन अधिकारी व पुलिस पर हमला कर छुडा लिया व इसी प्रांगण में रखे जहां से पुलिस ने जप्त कर थाने पर रखे तो यह सिद्ध हो गया कि अमोल सिंह खानपुर तो बेनामी अतिक्रामक है व वास्तविक अतिक्रामक यादवेन्द्र सिंह अजय सिंह है तो उनको इस भूमि से बेदखल तत्काल क्यों नहीं किया जा रहा है जबकि उनके विरूद्ध किसी न्यायालय का स्थगन नहीं है?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) प्र.क्र. 8/अ-68/13-14 में तहसीलदार द्वारा नियमानुसार म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 248 के अंतर्गत कार्यवाही की है। (ख) आदेश दिनांक 10.12.2014 पर वरिष्ठ न्यायालयों से स्थगन आदेश प्राप्त होने के कारण तहसीलदार के आदेश का क्रियान्वयन रोकना पड़ा। इसके लिये कोई राजस्व अधिकारी/कर्मचारी दोषी नहीं है। (ग) बेदखल करने हेतु तहसीलदार अशोकनगर ने दिनांक 06.12.2016 नियत की है।
तकनीकी शिक्षा महाविद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के प्रयास
[तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास]
9. ( क्र. 112 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या तकनीकी शिक्षा विभाग प्रदेश के शासकीय तथा अशासकीय तकनीकी शिक्षा महाविद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए प्रयासरत है? यदि हाँ, तो 1 जनवरी 2016 के पश्चात् विभाग दवारा गुणवत्ता बढ़ाने हेतु क्या प्रयास किये गये? (ख) शैक्षणिक सत्र 2016-17 में प्रदेश के कितने निजी अभियांत्रिकी महाविद्यालयों में कितनी-कितनी सीट रिक्त हैं? क्या ज्यादातर महाविद्यालयों में सीट रिक्त रहने का मुख्य कारण महाविद्यालय गुणवत्ता का अभाव है? विभाग के अधिकारियों दवारा कब-कब महाविद्यालय प्रबन्धक के साथ गुणवत्ता हेतु बैठक की? क्या इस संबध में कोई कमेटी का भी गठन किया गया है? कमेटी द्वारा क्या निर्णय लिए गए? (ग) प्रदेश के गत वर्षों में इंजीनियरिंग कर चुके विद्यार्थियों को रोजगार उपलब्ध कराने हेतु विभाग दवारा कब-कब, क्या-क्या प्रयास किये गये? (घ) क्या इंजीनियरिंग छात्रों के बेरोजगार रहने का मुख्य कारण वैश्वीकरण के दौर में अभियांत्रिकी के सही विषय का चुनाव नहीं करना है? यदि हाँ, तो विषय चयन को लेकर प्रवेश के पूर्व कब-कब कार्यशाला कहाँ-कहाँ विभाग दवारा आयोजित की?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक जोशी ) : (क) जी हाँ। संचालनालय द्वारा दिनांक 30 मई, 2016 को गुणवत्ता सुधार हेतु निर्देश पत्र जारी किया गया। अशासकीय संस्थाओं में गुणवत्ता सुधार हेतु राजीव गाँधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, भोपाल को इस आशय का पत्र क्र. 1728 दिनांक 27 जून, 2016 प्रेषित किया गया है। प्रदेश की शासकीय/स्वशासी शिक्षण संस्थाओं का तकनीकी शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारियों द्वारा निरीक्षण किया गया है। भोपाल जिले के अशासकीय संस्थाओं का निरीक्षण राजीव गाँधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, भोपाल के अधिकारियों द्वारा किये जाने के निर्देश दिनांक 26 नवम्बर, 2016 को दिये गये हैं। शैक्षणिक गुणवत्ता को निर्धारित मापदंडों तक रखने के उद्देश्य से अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद्, नई दिल्ली द्वारा विगत वर्षों में पूर्व से संचालित संस्थाओं में सीटों में वृद्धि एवं नये संकाय खोले जाने की अनुमति उस स्थिति में ही प्रदान की जा रही है जब उस संस्था में संचालित सभी पाठ्यक्रम नेशनल बोर्ड आफ एक्रिडिटेशन द्वारा प्रमाणित किये गये हों। प्रदेश में सभी संस्थाओं को नेशनल बोर्ड ऑफ एक्रिडिटेशन से मान्यता प्राप्त करने हेतु दिशा-निर्देश जारी किये जाकर निजी एवं शासकीय संस्थाओं की एक कार्यशाला नेशनल बोर्ड ऑफ एक्रिडिटेशन के अधिकारियों के साथ अक्टूबर, 2015 में आयोजित की गई। गुणवत्ता सुधार हेतु राज्य शासन द्वारा ऑनलाईन परीक्षा आयोजन हेतु एक समिति का गठन किया गया है। विभाग द्वारा भी शैक्षणिक गुणवत्ता सुनिश्चित किये जाने हेतु पत्र क्र. 636/963/2016/ 42 (1) दिनांक 16-05-2016 जारी किया गया। शैक्षणिक गुणवत्ता सुनिश्चित किए जाने के उद्देश्य से राजीव गाँधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, भोपाल द्वारा भी संस्थाओं का निरीक्षण किया जाता है। (ख) शैक्षणिक सत्र 2016-17 में प्रदेश के निजी अभियांत्रिकी महाविद्यालयों में रिक्त सीटों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। जी नहीं। दिनांक 08 जून, 2016 को आयोजित समस्त शासकीय/स्वशासी तकनीकी शिक्षण संस्थाओं के प्राचार्यों की बैठक में गुणवत्ता सुधार के संबंध में सभी आवश्यक कार्यवाही के निर्देश दिये गये थे। जी नहीं। (ग) प्रदेश में इंजीनियरिंग डिग्री प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को विभिन्न निजी क्षेत्रों में रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने की दृष्टि से विभिन्न संस्थाओं द्वारा ओपन एवं क्लोस्ड कैम्पस इंटरव्यू आयोजित किये जाते हैं। जिनमें काफी संख्या में विद्यार्थियों को रोजगार प्राप्त होता है। राजीव गाँधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, भोपाल द्वारा भी प्लेसमेंट के लिए कार्यवाही की जाती है। (घ) जी नहीं।
स्टेट रिमोट सेंसिंग एप्लीकेशन सेंटर में सम्पादित कार्य
[विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी]
10. ( क्र. 113 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के "स्टेट रिमोट सेंसिंग एप्लीकेशन सेंटर" दवारा क्या-क्या कार्य संपादित किये जाते हैं तथा उक्त सेंटर पर 1 जनवरी 2014 से प्रश्न दिनाँक तक अधिकारियों एवं कर्मचारियों के वेतन पर कितनी राशि खर्च हुई? क्या उक्त सेंटर पर अधिकांश कार्य वैज्ञानिकों के सहयोग से संपादित किये जाते हैं? (ख) क्या उक्त सेंटर पर काफी समय से एक भी वैज्ञानिक कार्यरत नहीं है? यदि हाँ, तो कब से और क्यों? (ग) क्या उक्त सेंटर पर निदेशक एवं वैज्ञानिक का पद रिक्त होने के कारण सेंटर का कार्य पूर्णत: बाधित हो रहा है? (घ) उक्त सेंटर द्वारा प्रदेश के प्राकृतिक संसाधनों के रख-रखाव उपयोग एवं समय अंतराल पर हुए परिवर्तन की व्याख्या उपग्रह से प्राप्त सूचना के आधार पर कब-कब की तथा कब-कब भूमि, जल नदी,वन,फसल,नहरें,शहर सड़क,रेल आदि के नक्शे तैयार किये? यदि कोई अन्य महत्वपूर्ण रिसर्च भी किये हो तो अवगत करायें?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) रिमोट सेन्सिंग एप्लीकेशन सेन्टर द्वारा भूमि उपयोग/आवरण, कृषि एवं मृदा वन, जल संसाधन आदि संसाधनों का डिजिटल मानचित्रण किया जाता है। इस केंद्र द्वारा तैयार किये गये मानचित्रों का मध्यप्रदेश शासन के कई विभागों/संस्थाओं जैसे कृषि वन, जल संसाधन, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, आवास एवं पर्यावरण, राजस्व, नर्मदा घाटी विकास विभाग आदि द्वारा अपने विकास कार्यो में उपयोग किया जा रहा है। दिनांक 01 जनवरी 2014 से 31 अक्टूबर 2016 तक अधिकारियों एवं कर्मचारियों के वेतन पर कुल रूपये 13.90 करोड़ की राशि खर्च हुई है। रिमोट सेंसिंग एप्लीकेशन सेंटर में अधिकांश कार्य वैज्ञानिकों द्वारा ही संपादित किये जाते हैं। (ख) उक्त सेंटर पर कुल 36 वैज्ञानिक कार्यरत हैं। (ग) निदेशक का पद रिक्त है, किन्तु सेन्टर का कार्य सुचारू रूप से संचालित है। (घ) केन्द्र द्वारा प्राकृतिक संसाधनों के रख-रखाव एवं उपयोग हेतु भूमि उपयोग आवरण के उपग्रह चि़त्रों का उपयोग कर विभिन्न समयान्तर पर मानचित्रण किया जाता है। भारतीय अंतरिक्ष उपग्रह चंद्रयान-1 डाटा के आधार पर चंद्रमा की सतह पर विस्तृत अध्ययन एवं विश्लेषण किया गया है।
द्वितीय समयमान वेतनमान का लाभ
[पशुपालन]
11. ( क्र. 122 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पशुपालन विभाग अन्तर्गत डेयरी संवर्ग के शासकीय सेवक जैसे प्रोक्योरमेन्ट आग्रेनाईजर, शीतकेन्द्र प्रबंधक, तकनीकी सहायक, दुग्ध विस्तार सहायक, सहायक ग्रामीण दुग्ध उत्पादक संगठक एवं सहायक दुग्ध रसायनज्ञ जिनकी समान नियुक्ती शर्त, एक ही वरिष्ठता सूची, परस्पर स्थानांतरित पद हैं, जिनकी सेवा अवधि 10, 20 एवं 30 वर्ष पूर्ण हो गई है? उनको प्रथम/द्वितीय एवं तृतीय समयमान वेतनमान की पात्रता है? यदि हाँ, तो शासकीय सेवकों का नाम, पदनाम, शैक्षणिक योग्यता का विस्तृत विवरण देवें? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में वित्त विभाग म.प्र. शासन भोपाल के परिपत्र क्र. एफ 11/1/नियम/चार दिनांक 07.11.2009 एवं दिनांक 13.11.2009 बिन्दु क्र. 01 में स्पष्टीकरण आदेश के परिप्रेक्ष्य में डेयरी संवर्ग के सहायक दुग्ध रसायनज्ञ पद वाले शासकीय सेवकों जिनकी 10 वर्ष की सेवा अवधि पूर्ण होने पर प्रथम समयमान वेतनमान का लाभ दिया गया है, 20 वर्ष सेवा अवधि पूर्ण करने के उपरान्त द्वितीय समयमान वेतनमान का लाभ कब तक दिया जावेगा? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में प्रश्नकर्ता के कार्यालयीन पत्र क्र. 271, दिनांक 10.07.2016 एवं पत्र क्र. 270, दिनांक 10.07.2016 के द्वारा डेयरी संवर्ग के सहायक दुग्ध रसायनज्ञ पद वाले शासकीय सेवकों को द्वितीय समयमान वेतनमान का लाभ दिये जाने हेतु विभागीय अधिकारी से अनुरोध किया गया था? प्रश्न दिनांक तक द्वितीय समयमान वेतनमान का लाभ नहीं दिया गया तो इसके लिये कौन दोषी है? इनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतरसिंह आर्य ) : (क) पशुपालन विभाग में डेयरी संवर्ग के शासकीय सेवक जैसे प्रोक्योरमेंट आर्गनाइजर, शीतकेन्द्र प्रबंधक, तकनीकी सहायक, दुग्ध विस्तार सहायक, सहायक ग्रामीण दुग्ध उत्पादक संगठक एवं सहायक दुग्ध रसायनिज्ञ की एक ही वरिष्ठता सूची संधारित है। म.प्र. शासन वित्त विभाग के परिपत्र क्र. एफ 11/1/2008/नियम/चार, दिनांक 07.11.09 के साथ पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट में पारी प्रबंधक सहायक ग्रामीण दुग्ध उत्पादक संगठक (दुग्ध विकास में स्नातक एवं आई.डी.डी. को समयमान वेतनमान की पात्रता दर्शाई गई है। शेष पदों का उल्लेख नहीं है। (ख) जी हाँ। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट में उपरोक्त पदनाम न होने के फलस्वरूप विभाग द्वारा वित्त विभाग से मार्ग दर्शन चाहा गया था। वित्त विभाग से अभिमत प्राप्त हो गया है तदनुसार कार्यवाही जारी है। (ग) जी हाँ। प्रश्नांश 'ख' के उत्तर अनुसार कार्यवाही जारी है। शेष प्रश्न ही नहीं उठता।
ईंट भट्टे निर्माण करने वालों को भूमि आवंटन
[राजस्व]
12. ( क्र. 123 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिला अंतर्गत विधान सभा क्षेत्र सारंगपुर में विगत कई वर्षों से ईंट भट्टा निर्माण करने वाले कितने व्यक्तियों को मार्च 2016 से प्रश्न दिनांक तक काली सिंध नदी के किनारे से विस्थापित किया गया? कितनी-कितनी भूमि उनके आधिपत्य में थी? विस्थापित किये जाने में उनका कितना-कितना नुकसान हुआ? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या नदी किनारे ईंट भट्टा निर्माण करने वाले कुम्हारों को नगर में प्रदूषण के नाम से हटाया गया है? उक्त ईंट भट्टा निर्माण करने वाले कुम्हारों/मजदूरों को शासन स्तर से कहाँ-कहाँ ईंट भट्टा निर्माण हेतु अस्थाई पट्टे आवंटन किये गये एवं कुल-कितनी भूमि आवंटित की गई? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार काली सिंध नदी में प्रदूषण को रोकने के कारण कुम्हारों को अन्यत्र विस्थापित किया गया तथा शासन स्तर से नदी की स्वच्छता हेतु नगरपालिका सारंगपुर द्वारा क्या कार्य योजना बनाई गई है एवं उक्त योजना के परिप्रेक्ष्य में विभाग द्वारा क्या कदम उठाये जा रहे हैं? (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार सारंगपुर में कुम्हारों को शासन स्तर से आवंटित भूमि का रकबा बहुत कम होने से क्या भविष्य में शासन स्तर से इनको ईंट भट्टा निर्माण हेतु अन्य स्थान पर अधिक रकबा की भूमि उपलब्ध कराई जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
दमोह जिले में वेयर हाऊस रसीद पर बैंक फाइनेस की सुविधा
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
13. ( क्र. 134 ) श्री लखन पटेल : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दमोह जिले में वेयर हाऊस रसीद पर बैकों द्वारा ऋण नहीं दिया जाता हैं? जिस कारण कृषकों को बैंक फाईनेंस नहीं मिलता? (ख) बैंक फाईनेंस न मिलने के कारण कृषक अनाज ज्यादा समय तक स्टोर नहीं कर पाते हैं? जिसमें कृषकों को अनाज का सही बाजार भाव नहीं मिल पाता हैं? (ग) क्या दमोह जिले में वेयर हाऊस रसीद पर ऋण व्यवस्था प्रारंभ कराये जाने की व्यवस्था करेंगे यदि हाँ, तो कब तक?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जी नहीं। मध्यप्रदेश वेयरहाउसिंग एण्ड लॉजिस्टिक्स कार्पोरेशन द्वारा कृषकों के भण्डारित स्कंध के विरूद्ध जारी की गई निगोशिएबल वेयर हाऊस रसीद पर बैंकों द्वारा ऋण दिया जाता है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नहीं। कृषकों द्वारा जो स्कंध मध्यप्रदेश वेयरहाउसिंग एण्ड लॉजिस्टिक्स कार्पोरेशन के गोदामों में भण्डारित किया जाता है, उन वेयरहाउस रसीद पर बैंकों द्वारा ऋण प्रदान किया जाता है। (ग) मध्यप्रदेश वेयरहाउसिंग एण्ड लॉजिस्टिक्स कार्पोरेशन द्वारा जारी की गई निगोशिएबल वेयरहाउस रसीद के विरूद्ध सभी बैंकों से ऋण प्रदान करने की व्यवस्था पूर्व से ही लागू होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्रदेश के थानों में रखे शस्त्रों व वाहनों के डिस्पोजल संबंध में
[गृह]
14. ( क्र. 136 ) श्री लखन पटेल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. के थानों में वर्षों से वाहन व शस्त्र रखे हुए हैं जो थानों एवं शस्त्रागारों में जगह घेरे हैं? इनका कोई रिकार्ड थानों एवं शस्त्रागारों में है? (ख) इन वाहनों व शस्त्रों के निराकरण हेतु कोई प्रावधान किया गया है? यदि नहीं, तो जब्त शस्त्रों व वाहनों के डिस्पोजल (निराकरण) हेतु कोई प्रावधान किया जावेगा? यदि हाँ, तो क्या प्रक्रिया अपनायी जावेगी? (ग) इनके निराकरण की समय-सीमा बतावें?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। वाहनों एवं शस्त्रों का रिकार्ड संबंधित इकाइयों में रखा जाता है। (ख) जप्तशुदा वाहनों एवं शस्त्रों का निराकरण सक्षम न्यायालयों द्वारा किया जाता है। वाहनों एवं शस्त्रों के निराकरण हेतु दण्ड प्रक्रिया संहिता में प्रावधान निहित है। (ग) यह निरन्तर प्रक्रिया है समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
फर्जी शस्त्र लायसेंस का प्रदाय
[गृह]
15. ( क्र. 142 ) श्री पन्नालाल शाक्य : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या तत्कालीन अनुविभागीय अधिकारी श्री वी.डी. द्विवेदी द्वारा 200 फर्जी शस्त्र लायसेंस बनाकर अवांछित वर्ग को लाभांवित किया गया? बाद में श्री द्विवेदी द्वारा 200 फर्जी शस्त्र लायसेंस के संबंध में न्यायालय में अपना पक्ष न रखना और शासकीय अधिवक्ता का मौन रहना प्रश्न उपस्थित नहीं करता है? यदि हाँ, तो उक्त अधिकारी के खिलाफ क्या कार्यवाही कब तक की जावेगी? (ख) माननीय न्यायालय के समक्ष उक्त (क) में वर्णित अधिकारी द्वारा 30 दिवस की अवधि गुजरने के उपरांत भी 200 फर्जी रायफलों के लायसेंस के संबंध में अपील प्रस्तुत नहीं कर पाने का क्या कारण है? इस संबंध में शासकीय अधिवक्ता का मौन रहना भी प्रश्न उपस्थित करता है? उक्त अधिकारी के खिलाफ माननीय मंत्री द्वारा क्या कार्यवाही की जावेगी कब तक की जावेगी?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी नहीं, अपितु तत्कालीन आर्म्स शाखा लिपिक श्री मुकेश खुल्वे एवं श्री रामबाबू सेन द्वारा वर्ष 2007-08 के मध्य पूर्व से स्वीकृत शस्त्र लायसेंसों पर अनाधिकृत रूप से किसी सक्षम अधिकारी की स्वीकृति के बिना अतिरिक्त शस्त्र वृद्धि, क्षेत्रवृद्धि, कारतूस वृद्धियां किये जाने के कारण कार्यालयीन आदेश क्र. 545/स्था./6-2/2013 दि.23.08.2013 से श्री मुकेश कुमार खुल्वे एवं श्री रामबाबू सेन आर्म्स शाखा लिपिक को निलंबित किया गया था। उक्त निलंबन आदेश के विरूद्ध स्थगन प्राप्त करने हेतु श्री खुल्वे द्वारा माननीय उच्च न्यायालय, खण्डपीठ ग्वालियर में याचिका क्र. 6161/2015 प्रस्तुत की गई थी। याचिका में उत्तर प्रस्तुत करने हेतु श्री बी.डी.द्विवेदी को प्रभारी अधिकारी नियुक्त किया गया था। उक्त याचिका में समय-सीमा में उत्तर प्रस्तुत न किये जाने के कारण श्री खुल्वे को निलंबन आदेश के विरूद्ध दिनांक 07.12.2015 को स्थगन आदेश प्राप्त होने के कारण कार्यालय में कर्तव्य पर उपस्थित कराना पड़ा। श्री द्विवेदी द्वारा उच्च न्यायालय में दिनांक 22.01.2016 को उत्तर प्रस्तुत किया गया। माननीय न्यायालय में विलंब से उत्तर प्रस्तुत करने के लिए श्री द्विवेदी को कार्यालयीन कारण बताओ नोटिस क्र. 67/स्था/6-2/2016, दिनांक 25.01.2016 जारी किया जाकर कार्यवाही प्रचलित है। (ख) उत्तरांश ’क’ के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शासकीय तालाबों को अतिक्रमण मुक्त करना
[राजस्व]
16. ( क्र. 166 ) श्री शंकर लाल तिवारी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना विधानसभा क्षेत्रांतर्गत शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र में वर्ष 1958 के बंदोबस्त के अभिलेखों के आधार पर कितने तालाब हैं? कितने तालाब शासकीय हैं, कितने तालाब निजी हैं, पृथक-पृथक जानकारी दें? इन तालाबों का खसरा नं. एवं रकबा भी दें? (ख) प्रश्नांश (क) में भू-अभिलेख में दर्ज शासकीय तालाबों में किस-किस अतिक्रमणकर्ता द्वारा कब-कब तथा कितने-कितने रकबें में अतिक्रमण किया गया है? (ग) रामस्थान ग्राम पंचायत के सेमरहा टोला एवं ग्राम पंचायत मटेहना के शासकीय तालाब में किस-किस अतिक्रमणकर्ता द्वारा कितनी-कितनी आराजी पर अवैध कब्जा कर लिया गया है? नामवार, खसरावार एवं रकबावार जानकारी दें। (घ) यदि प्रश्नांश (ख) एवं (ग) सही है तो शासन कब तक इन शासकीय तालाबों को अतिक्रमण मुक्त करा लेगा? यदि इनका आवंटन निजी व्यक्तियों को कर दिया गया है तो आवंटित करने वाले अधिकारी/कर्मचारी पर शासन क्या कार्यवाही करेगा और कब तक?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) शासकीय तालाब 67 एवं 13 निजी तालाब है। खसरा नंबर, रकबा सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट पर है। (ख) उपरोक्त में से केवल रामस्थान ग्राम पंचायत के सेमरहा टोला में स्थित तालाब को छोडकर शेष सभी तालाब अतिक्रमण मुक्त है। (ग) प्रश्नाधीन शासकीय तालाब की भूमि पर अतिक्रमण का विवरण निम्नवत है 1. आराजी क्रमांक 1201 रकबा 0.121 हेक्टेयर में सुमन्त लाल पिता कोदूलाल प्रजापति साकिन घुघचिहाई का अतिक्रमण है। 2. आराजी क्रमांक 1201 रकबा 0.121 हेक्टेयर में लल्लू पिता कोदूलाल प्रजापति साकिन घुघचिहाई का अतिक्रमण है। 3. आराजी क्रमांक 1202 रकबा 0.965 हेक्टेयर में जोत जमीन व 20x20 फीट पर मकान बनाकर रामदयाल पिता तिलकधारी प्रसाद ब्रा. का अतिक्रमण है। 4. आराजी क्रमांक 1202 रकबा 20 x 20 फीट (मकान बनाकर) पर ललूआ पिता लोटन प्रजापति साकिन घुघचिहाई का अतिक्रमण है। (घ) उत्तरांश (ग) में वर्णित अतिक्रमणकारियों के विरूद्ध म.प्र.भू-राजस्व संहिता की धारा 248 के तहत कार्यवाही की जा रही है। किसी निजी व्यक्ति को तालाब भूमि का आवंटन नहीं किया गया हैं। अतः शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता है।
जबलपुर जिले में अपराधों में बढोत्तरी
[गृह]
17. ( क्र. 176 ) श्री अंचल सोनकर : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर जिले के अंतर्गत 1 जनवरी 2015 से 1 नवम्बर 2016 तक की कितनी हत्यायें, बलात्कार, लूट, चेन स्केनिंग, डकैती एवं धारा 307 की घटनायें दर्ज की गई? थानावार बतावें। यह भी बताया जावें कि उक्त अवधि में गांजा, अफीम, स्मैक, शराब आदि के कितने प्रकरण दर्ज किये गये उन पर क्या कार्यवाही हुई? थानावार विवरण देवें। (ख) क्या थाना ओमती जबलपुर के अंतर्गत विगत 2015-16 में बड़ी डकैती हुई थी जिसमें पीड़ित परिवार के सदस्यों पर जानलेवा हमला भी हुआ था? यदि हाँ, तो क्या डकैतों को पकड़ कर उनसे लूट का माल बरामद कर उन्हें सजा दिला दी गई है? यदि हाँ, तो कब यदि नहीं, तो क्यों? क्या पुलिस डकैतों को पकड़ने में नाकाम हुई है? अथवा पुलिस विभाग द्वारा प्रकरण को बंद कर दिया गया है? (ग) प्रश्नांश (क) में दर्ज प्रकरणों में पुलिस की लापरवाही से अपराधियों को उचित दंड नहीं मिल पाया वह खुले आम घूम रहे हैं? यदि हाँ, तो इसका दोषी कौन-कौन है? उन पर क्या कार्यवाही की गई? (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ख) यदि हाँ, तो क्या शासन अपराधियों के विरूद्ध ठोस कानून बना कर उनके विरूद्ध कठोर कार्यवाही करते हुए दोषी अधिकारियों/कर्मचारियों को उचित दण्ड देते हुए कार्यवाही करेगी? हाँ तो कब तक?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) जी हाँ। दिनांक 14.05.2016 को फरियादी उत्कर्ष गुप्ता के घर डकैती की रिपोर्ट पर थाना ओमती में अप.क्र. 207/16, धारा 395 भा.द.वि. का पंजीबद्ध किया जाकर जबलपुर क्राइम ब्रांच की टीम बनाकर विवेचना की जा रही है। (ग) जी नहीं। प्रश्नांश ’क’ के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में घटनाओं की विवेचना कर साक्ष्य के आधार पर आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायालय पेश किया गया है। सभी विवेचकों द्वारा आरोपियों के विरूद्ध कठौर दण्डात्मक कार्यवाही की गई है। अभी तक लापरवाही नहीं पाये जाने से किसी अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध कोई दण्डात्मक कार्यवाही नहीं की गई है। (घ) अपराधियों के विरूद्ध वर्तमान में प्रचलित कानून के तहत विधिसम्मत् कार्यवाही की जाती है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विधानसभा क्षेत्र गोटेगांव अंतर्गत पुलिस थाने/चौकी के संदर्भ में पद पूर्ति
[गृह]
18. ( क्र. 181 ) डॉ. कैलाश जाटव : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र गोटेगांव अंतर्गत पुलिस थाने/चौकी में वर्तमान में कितने कर्मचारी कार्यरत है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार पुलिस थाने/चौकी में कितना पुलिस बल होना चाहिए उसकी सूची उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार पुलिस थाने/चौकी में यदि पुलिस बल कम है तो उसकी पदपूर्ति कब तक कर दी जावेगी समय-सीमा बतावें।
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ग) उप निरीक्षक के रिक्त पद सीधी भर्ती/पदोन्नति से सहायक, उप निरीक्षक एवं प्रधान आरक्षक के रिक्त पद रेंज/जोन स्तर पर पदोन्नति से तथा आरक्षक के रिक्त पद सीधी भर्ती से भरे जाते है। उप निरीक्षक/आरक्षक के रिक्त पदों को सीधी भर्ती से भरे जाने संबंधी कार्यवाही की जा रही है। वर्तमान में पदोन्नति की प्रक्रिया माननीय उच्चतम न्यायालय में विचाराधीन याचिका के परिप्रेक्ष्य में स्थगित है। रिक्त पदों की पूर्ति की समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
विधान सभा क्षेत्र गोटेगांव अंतर्गत पीला मौजेक एवं ओलावृष्टि
[राजस्व]
19. ( क्र. 184 ) डॉ. कैलाश जाटव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र गोटेगांव अंतर्गत वर्ष 2015-16 में पीला मौजेक एवं ओलावृष्टि से प्रभावित कितने कृषकों को सूचीबद्ध किया गया? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार वर्तमान में कितने किसानों को उसका मुआवजा भुगतान नहीं किया गया? भुगतान का मापदण्ड क्या था? क्या समस्त किसानों को एक समान मुआवजा दिया गया? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार यदि नहीं, तो प्रभावित किसानों के खाते में कब तक राशि का भुगतान किया जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) विधानसभा क्षेत्र गोटेगांव के अंतर्गत वर्ष 2015-16 में पीला मौजेक में 72202 एवं ओलावृष्टि में 5833 प्रभावित कृषकों को सूचीबद्ध किया गया है। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार पीली मौजेक के 64 एवं ओलावृष्टि के 07 कृषकों को भुगतान नहीं किया गया। भुगतान का मापदण्ड राजस्व पुस्तक परिपत्र 6-4 में वर्णित प्रावधानों के अनुसार किया गया है। 2 हे. से कम तथा 2 हे. से अधिक भूमि धारित करने वाले कृषकों को राजस्व पुस्तक परिपत्र 6-4 में दिये गये निर्देशानुसार राशि स्वीकृत की गई है। (ग) विवादित तथा पाहिया (ग्राम में निवास नहीं करने वाले) कृषकों के खाते बैंक नम्बर प्राप्त न होने के कारण भुगतान नहीं किया जा सका। कृषकों के बैंक खाते नम्बर प्राप्त होते ही खाते में भुगतान कर दिया जावेगा।
प्रदेश में गोपाल पुरस्कार योजना का क्रियान्वयन
[पशुपालन]
20. ( क्र. 196 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या गोपाल पुरस्कार प्रतियोगिता में पशुपालक 20 से 25 कि.मी. दूरी से पशुओं को वाहन में लाते हैं? (ख) क्या प्रश्नांश (क) के अधीन इतनी दूरी से पशुओं को लाने पर पशुपालक को स्वयं व्यय वहन करना पड़ता हैं? (ग) क्या ब्लॉक स्तर पर प्रतिभागी 10 पशुपालकों में केवल प्रथम, द्वितीय, तृतीय पुरस्कार ही दिया जाता हैं, बाकी 7 प्रतिभागियों को कुछ प्राप्त नहीं होता हैं? (घ) क्या शासन इन्हें भी सांत्वना स्वरूप पुरस्कार देने हेतु विचार करेगा, जो 20 से 25 कि.मी. दूरी से वाहन द्वारा पशु लाते हैं?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतरसिंह आर्य ) : (क) जी हाँ। (ख) योजनांतर्गत विकासखण्ड स्तर पर प्रतियोगिता कार्यक्रम आयोजन, पशुओं के चारा पानी, परिवहन एवं पशुपालकों की व्यवस्था हेतु राशि रू. 10,000 का प्रावधान है। जिला स्तर पर प्रचार-प्रसार, शिविर कार्यक्रम आयोजन, पशुओं के चारा पानी, परिवहन एवं पशुपालकों की व्यवस्था हेतु राशि रू. 50,000 का प्रावधान है। (ग) जी हाँ। (घ) जिला एवं राज्य स्तर पर सांत्वना पुरस्कार का प्रावधान है। विकासखण्ड स्तर पर सांत्वना पुरस्कार देने का प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।
जबलपुर जिले के पुलिस विभाग में आरक्षक, सहायक उपनिरीक्षक, उपनिरीक्षक की पूर्ति
[गृह]
21. ( क्र. 197 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आरक्षक, सहायक उपनिरीक्षक, उपनिरीक्षक की कमी के कारण अपराधों में वृद्धि हुई हैं? (ख) यदि हाँ, तो कमी की पूर्ति कब तक की जावेगी? (ग) जबलपुर जिले के थानों में कितने पद स्वीकृत हैं? कितने रिक्त हैं? थानेवार सूची देवे।
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी नहीं। (ख) प्रश्नांश ''क'' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार।
जबलपुर जिले में निर्घारित मापदंडों के अनुसार सी.जी.एच.एस. डिस्पेंसरी स्थापित करना
[श्रम]
22. ( क्र. 205 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या केन्द्र सरकार द्वारा प्रत्येक 10 हजार की आबादी में एक सी.जी.एच.एस. डिस्पेंसरी स्थापित करने का प्रावधान हैं? (ख) यदि हाँ, तो जबलपुर जिले में कितनी सी.जी.एच.एस. डिस्पेंसरी चालू हैं? सूची देवें। (ग) क्या प्रश्नांश (क) के अंतर्गत नई सी.जी.एच.एस. डिस्पेंसरी स्थापित करने हेतु प्रस्ताव हैं? (घ) यदि हाँ, तो कब तक स्थापित की जावेगी?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) केन्द्र सरकार से संबंधित है। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के प्रकाश में जानकारी निरंक है। (ग) एवं (घ) तदैव।
जनप्रतिनिधियों के पत्रों पर की गई कार्यवाही
[गृह]
23. ( क्र. 212 ) श्री घनश्याम पिरोनियाँ : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2015 एवं 2016 में दतिया जिले के तीनों विधायकों ने पुलिस अधीक्षक दतिया को पत्र लिखे है, यदि हाँ, तो जनवरी 2015 से अक्टूबर 2016 तक कौन-कौन से पत्र लिखे उनकी जानकारी सूची सहित दी जाएं? (ख) प्रश्नांश (क) के पत्रों पर क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ग) प्रश्न (क) के पत्रों पर की गई कार्यवाही से संबंधित जनप्रतिनिधि को अवगत कराया गया अथवा नहीं? यदि अवगत कराया गया तो उक्त पत्रों की छायाप्रति उपलब्ध कराई जाए? यदि अवगत नहीं कराया गया तो क्यों नहीं कारण बतायें? (घ) पुलिस विभाग दतिया द्वारा जनप्रतिनिधियों के पत्रों पर कार्यवाही न करने और उनके जवाब नहीं देने के लिए विभाग क्या कार्यवाही कर रहा है?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी नहीं। दतिया जिले के दो माननीय विधायकगणों द्वारा पत्र लिखे गये है। पत्रों की सूची पुस्तकालय में रखें परिशिष्ट के प्रपत्र “अ“ अनुसार। (ख) माननीय विधायकगण द्वारा दिये गये पत्रों में वांछित कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ग) जी हाँ। छायाप्रतियां पुस्तकालय में रखें परिशिष्ट के प्रपत्र “ब“ अनुसार। (घ) उत्तरांश “ग“ के परिपेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आई.टी.आई. भाण्डेर में मूलभूत सुविधाओं की पूर्ति
[तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास]
24. ( क्र. 213 ) श्री घनश्याम पिरोनियाँ : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आई.टी.आई. भाण्डेर जो कि वर्ष 2006 से संचालित है और अभी तक मूलभूत सुविधायें जैसे-छात्रों को ड्यूलडैस्क, कुर्सी, टेबिल, वाटरकूलर, कम्प्यूटर वर्कबैंच आदि उपलब्ध नहीं कराई गई है? (ख) क्या आई.टी.आई. भाण्डेर के भ्रमण के दौरान उपरोक्त कमियों के ध्यान में आने पर प्रश्नकर्ता द्वारा माननीय तकनीकी शिक्षामंत्री को पत्र दिनांक 06.09.2016 लिखकर फर्नीचर आदि उपलब्ध कराने हेतु निवेदन किया गया था यदि हाँ, तो उक्त पत्र के संबंध में क्या कार्यवाही हुई और इसकी सूचना जनप्रतिनिधि को दी गई अथवा नहीं? उपरोक्त सुविधायें जिनमें कम्प्यूटर भी सम्मिलित है, कब तक उपलब्ध करा दी जावेगी? (ग) ट्रैनिंग मैन्युअल के आधार पर दतिया/भाण्डेर आई.टी.आई. में लिपकीय/गैर लिपकीय पद स्वीकृत है अथवा नहीं? क्या उपरोक्त पदों हेतु विधायक भाण्डेर ने पत्र लिखकर मांग की गई थी यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही हुई क्या संचालनालय स्तर से कृत कार्यवाही की सूचना जनप्रतिनिधि को दी गई? कब तक उपरोक्त पद निर्मित हो जावेंगे?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक जोशी ) : (क) एवं (ख) आई.टी.आई. भाण्डेर में छात्रों के लिये ड्यूल डेस्क, कम्प्यूटर तथा फर्नीचर की पर्याप्त उपलब्धता हैं। शेष हेतु क्रय आदेश जारी किये गये हैं। (ग) जी नहीं। समयावधि बताना संभव नहीं हैं।
ग्वालियर जिले की डबरा तहसील में राजस्व नामांतरण के प्रकरण
[राजस्व]
25. ( क्र. 230 ) श्रीमती इमरती देवी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर जिले की डबरा तहसील में वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में प्रश्न दिनांक तक कितने प्रकरण नामांतरण एवं बंटवारा के प्राप्त हुए इनमें से कितने नामांतरण एवं बंटवारा स्वीकृत किये गये तथा कितने शेष हैं उन पर कब तक कार्यवाही की जावेगी। तथा शेष हैं तो क्यों। (ख) प्रश्नांश (क) डबरा तहसील में नामान्तरण एवं बंटवारा की कार्यवाही हेतु क्या ग्राम पंचायतों को कोई अधिकार दिये गये हैं? यदि हाँ, तो ग्राम पंचायतों से उपरोक्त वर्ष में कितने प्रकरणों का निराकरण कराया गया है सूची सहित जानकारी देवें तथा निराकरण नहीं कराया गया तो क्यों? (ग) क्या शासन के आदेशों की अवेहलना की गई है इसमें कौन दोषी है उसके खिलाफ कोई कार्यवाही की गई है नहीं तो कब तक की जावेगी।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
दोषी पर कार्यवाही
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
26. ( क्र. 239 ) श्रीमती शीला त्यागी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अतारांकित प्रश्न संख्या 69 (क्रमांक 2564) , दिनांक 27.07.2016 के (क) के उत्तर में उचित मूल्य दुकान सोनवर्षा विकासखण्ड नईगढ़ी जिला रीवा के विक्रेता द्वारा अवैध रूप से खाद्यान्न बिक्री करने में सचिव/विक्रेता को दोषी मानते हुए उनके विरूद्ध कार्यवाही की जा रही है, का उत्तर दिया गया है तथा (घ) का उत्तर जानकारी एकत्रित की जा रही है, का दिया गया है? (ख) यदि प्रश्नांश (क) हाँ, तो दोषी पर क्या कार्यवाही की गई तथा (घ) की जानकारी एकत्रित कर ली गई की नहीं की गई कार्यवाही की प्रति एवं (घ) की प्राप्त जानकारी उपलब्ध करावें? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में उक्त अवधि का खाद्यान्न क्या उपभोक्ताओं को वितरित कराएंगे? यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों कारण बताएं क्या उक्त गड़बड़ी में समिति प्रबंधक एवं फूड कन्ट्रोलर रीवा दोषी है? यदि हाँ, तो दोषियों के विरूद्ध अपराधिक प्रकरण 3/7 का पंजीबद्ध कराएंगे की नहीं? यदि नहीं, तो क्यों? यदि हाँ, तो कब तक? (घ) यदि दोषियों पर अभी तक कार्यवाही नहीं हुई तो इसमें कौन-कौन दोषी हैं? दोषी पर कब क्या कार्यवाही करेंगे?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जी हाँ, अतारांकित प्रश्न संख्या 69 (क्रमांक 2564) , दिनांक 27.07.2016 के (क) न होकर (ग) के उत्तर में उचित मूल्य दुकान सोनवर्षा, विकासखण्ड नईगढ़ी, जिला रीवा के प्रकरण में सचिव विक्रेता को दोषी मानते हुए उनके विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी तथा उत्तर (घ) में जानकारी एकत्रित की जा रही है का दिया गया है। (ख) उचित मूल्य दुकान सोनवर्षा विकासखण्ड नईगढ़ी के अवैध रूप से खाद्यान्न बिक्री करने के प्रकरण में दोषी समिति प्रबंधक एवं विक्रेता के विरूद्ध चोर बाजारी निवारण अधिनियम, 1980 के अंतर्गत दंडित किये जाने तथा पंचायत सचिव के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही किये जाने के लिये कलेक्टर न्यायालय में प्रकरण विचाराधीन है। जी हाँ, जानकारी एकत्रित कर ली गई, इस संबंध में श्रीमती गंगादेवी पति नन्हकू पासी, निवासी चौखण्डी को दो माह फरवरी एवं मार्च 2016 का खाद्यान्न 60 किलोग्राम, 2 किलोग्राम शक्कर, 2 किलोग्राम नमक एवं 8 लीटर केरोसीन उपलब्ध कराया जा चुका है। नहन्कू पासी के नाम पर सूखा राहत की पर्ची माह अक्टूबर तक के लिये वैद्य थी, इसके पश्चात् आवेदक को अनुसूचित जाति श्रेणी में समग्र पोर्टल पर सत्यापन पश्चात् दिनांक 25.10.2016 से नवीन पात्रता पर्ची जारी की जाकर 30 किलो ग्राम खाद्यान्न सामग्री माह नवम्बर से उपलब्ध कराई जा रही है। कार्यवाही की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'ब’ अनुसार है। (ग) संबंधित विक्रेता एवं समिति प्रबंधक से वसूली एवं सामग्री वितरण के संबंध में निर्णय वर्तमान में कलेक्टर न्यायालय, जिला रीवा में विचाराधीन है। जी नहीं, उक्त प्रकरण में खाद्य नियंत्रक, रीवा दोषी नहीं है, फलस्वरूप उनके विरूद्ध कार्यवाही का प्रश्न नहीं है। (घ) वर्तमान में प्रकरण कलेक्टर न्यायालय, जिला रीवा में विचाराधीन है। न्यायालयीन निर्णय अनुसार दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी।
शक्कर एवं खाद्यान्न के घोटाले की जाँच बाबत्
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
27. ( क्र. 244 ) श्रीमती शीला त्यागी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले के जिला सहकारी केंद्रीय बैंक शाखा जवा एवं डभौरा के अधीन आने वाले सेवा सहकारी समितियों की उचित मूल्य दुकानों में माह जुलाई, अगस्त, सितम्बर 2016 के शक्कर का उठाव नागरिक आपूर्ति से कब-कब कितने-कितने क्विंटल शक्कर/गेहूँ/चावल का किन-किन दिनांकों में किया गया है? समितियों को कब-कब प्रदाय किया गया है, की जानकारी उठाव का दिनांक, आवंटन (मात्रा) माहवार समितिवार देवें? (ख) क्या कई समितियों में खाद्यान्न/शक्कर के उठाव, परिवहन का कार्य रवि गुप्ता ट्रांसपोर्टर को दिया गया है? क्या रवि गुप्ता द्वारा सुरेश मिश्रा ट्रांसपोर्टर से परिवहन हेतु संबंध कर रखे गये हैं? उसमें फूड कंट्रोलर रीवा (श्री खान) के भी ट्रक परिवहन कार्य में लगे हुए हैं। क्या ट्रांसपोर्टर मिश्रा एवं फूड कंट्रोलर खान के भी नाम रवि गुप्ता के साथ पुलिस प्रकरण में सम्मिलित कराएंगे? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) यदि हाँ, तो क्या माह जुलाई, अगस्त, सितम्बर, 2016 के शक्कर नागरिक आपूर्ति से माहवार उठाव कर काला बाजारी कर दी गई, शिकायत होने पर तीन माह की उक्त शक्कर समितियों में दिनांक 20.10.2016 को उपलब्ध कराई गई? उसमें कौन-कौन दोषी है? दोषी पर क्या कार्यवाही करेंगे? (घ) क्या रवि गुप्ता ट्रांसपोर्टर का अनुबंध समाप्त कर सुरेश मिश्रा ट्रांसपोर्टर को परिवहन का कार्य दिया गया है? यदि हाँ, तो ऐसा क्यों? क्या दोनों ट्रांसपोर्टरों को ब्लैक लिस्टेड कर फिर से निविदा बुलाकर नए सिरे से किसी अन्य ट्रांसपोर्टर को परिवहन का कार्य देंगे?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं, रीवा जिले में द्वार प्रदाय योजना अन्तर्गत खाद्यान्न/शक्कर के उठाव हेतु परिवहनकर्ता रवि गुप्ता न होकर, परिवहनकर्ता राजेश गुप्ता नियुक्त थे। जी नहीं, राजेश गुप्ता द्वारा परिवहनकर्ता सुरेश मिश्रा से संबंध कर नहीं रखा गया है। जी नहीं, जिला आपूर्ति नियंत्रक, रीवा श्री नूरूलहुदा खान के ट्रक परिवहन कार्य में नहीं लगे हैं। राजेश गुप्ता द्वारा परिवहन व्यवस्था में अनियमितता किया जाना पाया गया था, अत: अन्य व्यक्तियों के नाम पुलिस प्रकरण में शामिल किये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं, नागरिक आपूर्ति निगम से माहवार शक्कर का उठाव कर कालाबाजारी नहीं की गई है। जी नहीं, शिकायत होने पर तीन माह की शक्कर समितियों को दिनांक 20.10.2016 को उपलब्ध नहीं कराई गई, अपितु उचित मूल्य दुकानों में माह जुलाई 2016 में शक्कर आवंटन 06 जुलाई 2016 से 29 अक्टूबर 2016 तक प्राप्त किया गया, जिसका वितरण प्राप्ति दिनांक से एक माह के अंदर किया गया। उचित मूल्य दुकानों में माह अगस्त 2016 एवं माह सितम्बर 2016 की आवंटित शक्कर की उपलब्धता 15 सितम्बर 2016 से 29 अक्टूबर 2016 तक हुई, जिसका वितरण प्राप्ति दिनांक से एक माह के अंदर किया गया। उपलब्धता के आधार पर समस्त उचित मूल्य दुकानों को आवंटन अनुसार शक्कर प्रदाय किया जाकर विभिन्न दिनांकों में शक्कर का वितरण किया गया। अत: जिले में कोई दोषी न होने से कार्यवाही किये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी हाँ, परिवहनकर्ता राजेश गुप्ता का अनुबंध समाप्त किया जाकर परिवहनकर्ता सुरेश मिश्रा को परिवहन का कार्य दिया गया है। परिवहन व्यवस्था में अनियमितता किये जाने पर नागरिक आपूर्ति निगम द्वारा परिवहनकर्ता राजेश गुप्ता को ब्लैक लिस्टेड किया जाकर परिवहन निविदा की शर्तों के अनुसार द्वितीय अनुबंधित परिवहनकर्ता सुरेश मिश्रा को ब्लॉक जवां के परिवहन का कार्य दिया गया है। अत: द्वितीय अनुबंधित परिवहनकर्ता को ब्लैक लिस्टेड कर नई निविदा की आवश्यकता नहीं है।
दमोह जिला में शासन द्वारा प्रदत्त आवंटन की जाँच
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
28. ( क्र. 260 ) श्रीमती उमादेवी लालचंद खटीक : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दमोह जिले में माह जुलाई 2016 से अक्टूबर 2016 तक प्रत्येक राशन दुकान को मध्यप्रदेश सरकार द्वारा कितना-कितना आवंटन प्रदाय किया गया था? जिले की समस्त राशन दुकानों में प्रदत्त खाद्यान्न, तेल आदि की उक्त माहों की जानकारी निम्न प्रपत्र में उपलब्ध करावे (1) राशन दुकान का नाम (2) नेट अनुसार प्रदत्त खाद्यान्न की मात्रा (3) राशन दुकान को प्रदत्त खाद्यान्न/आवंटन (ख) दमोह जिले में उक्त माहों में शासन द्वारा प्रदत्त आवंटन एवं जिला द्वारा प्रदत्त आवंटन में काफी अंतर की शिकायतें प्राप्त हुई थी जिसकी जाँच आयुक्त संभाग सागर में लंबित है? जाँच कराकर दोषियों पर कार्यवाही की समय-सीमा व शेष आवंटन कब तक दुकानों को उपलब्ध होगा? (ग) क्या जिला दमोह में मशीनों द्वारा खाद्यान्न वितरण प्रश्न दिनांक तक नहीं कराया जा रहा है? कब तक इस योजना से जनता को लाभ प्रदाय किया जाएगा?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। उक्त शिकायत के संबंध में वस्तुस्थिति यह है कि संचालनालय खाद्य से 17 जून, 2016 के आवंटन के आधार पर मध्यप्रदेश स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन द्वारा उचित मूल्य दुकानों पर राशन सामग्री का भण्डारण कराया गया था। दिनांक 22 जून, 2016 को संशोधित आवंटन ऑनलाईन जारी होने के पश्चात् दमोह के नगरीय क्षेत्र हटा एवं पटेरा की उचित मूल्य दुकानों में अधिक प्रदाय की गई मात्रा का सितम्बर, 2016 में समायोजन किया गया। शेष भाग का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। दमोह जिले में माह फरवरी, 2016 से पीओएस मशीन के माध्यम से राशन सामग्री का वितरण कराया जा रहा है। शेष भाग का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
राष्ट्रीय राजमार्ग पर किये गये चक्काजाम
[गृह]
29. ( क्र. 287 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राष्ट्रीय राजमार्ग को अवरूद्ध करना कानूनन अपराध है या नहीं? यदि हाँ, तो दिनांक 19.9.16 को दैनिक समाचार पत्र में प्रकाशित समाचार अनुसार राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 03 पर धामनोद नगर के समीप ग्राम दुधी रपट पर हुई सड़क दुर्घटना में स्थानीय बाईक सवार व्यक्ति की मृत्यु हो जाने से नाराज व्यक्तियों द्वारा धरमपुरी विधान सभा क्षेत्र के पूर्व विधायक श्री पांचीलाल मेढा के नेतृत्व में लगभग दो घण्टे तक स्थानीय पुलिस की मौजूदगी में राष्ट्रीय राजमार्ग पर चक्काजाम किया गया, जिससे राजमार्ग से गुजर रहे हजारों यात्री व सेकड़ों वाहन दो घण्टे तक परेशान रहे? पुलिस विभाग द्वारा किन-किन व्यक्तियों पर किन-किन धाराओं में प्रकरण दर्ज किया गया है व किन-किन के विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गई है? (ख) यदि प्रकरण दर्ज नहीं किया गया तो यह बतावें कि संबंधित थाना प्रभारी व धामनोद के एस.डी.ओ.पी. द्वारा राजमार्ग को दो घण्टे तक अवरूद्ध करने की घटना को विभाग के संज्ञान में लाया गया था अथवा नहीं? यदि संज्ञान में लाया गया तो फिर प्रकरण दर्ज नहीं करने का कारण बतावें अथवा अन्य माध्यम से विभाग के संज्ञान में आने पर विभाग द्वारा जिम्मेदार थाना प्रभारी व एस.डी.ओ.पी. के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई है? यदि कोई कार्यवाही नहीं की गई तो अब कब तक की जावेगी?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। राष्ट्रीय राजमार्ग को अवरूद्ध करना कानूनन अपराध है। दिनांक 18.09.2016 को सड़क दुर्घटना में मृतक कल्याण सिंह पिता नेनुराम जाति मीणा उम्र 50 निवासी धानी की मृत्यु हो जाने से थाना हाजा पर मर्ग क्र. 113/16, धारा 174 जा.फौ. कायम किया जाकर, बाद मर्ग जाँच के अपराध क्रमांक 621/16 धारा 304ए भा.द.वि. का अज्ञात वाहन के चालक के विरूद्ध पंजीबद्ध किया जाकर विवेचनाधीन है। दिनांक 18.09.2016 को कोई चक्काजाम किसी के द्वारा नहीं किया गया था। दुर्घटना होने के कारण राजमार्ग अवरूद्ध रहा था। दिनांक 19.09.2016 को सड़क दुर्घटनाओं को लेकर भूतपूर्व विधायक श्री पांचीलाल मेडा एवं स्थानीय 10-15 लोगों द्वारा सड़क पर खड़े होकर रोड जाम करने का असफल प्रयास किया गया था जिसकी पूर्व सूचना होने के कारण थाना प्रभारी एवं एस.डी.ओ.पी. जो कि मौके पर मौजूद थे उनकी समझाइश देने से चक्का जाम नहीं हो पाया था और इसलिए प्रकरण दर्ज नहीं किया गया था। (ख) अधिकारियों की समझाइश के कारण चक्काजाम नहीं हो पाया था। अतः वरिष्ठ अधिकारियों के संज्ञान में नहीं लाया गया था और न ही प्रकरण दर्ज किया गया था। एस.डी.ओ.पी. व थाना प्रभारी की त्रुटि न होने से उनके विरूद्ध कोई कार्यवाही प्रस्तावित नहीं है।
पटवारी, आर.आई के वेतन भुगतान के संबंध में
[राजस्व]
30. ( क्र. 302 ) श्रीमती सरस्वती सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सिंगरौली जिले के चितरंगी विधान सभा क्षेत्र में पदस्थ पटवारी एवं राजस्व निरीक्षकों का वेतन माह अप्रैल, 2016 से प्रश्न दिनांक तक भुगतान नहीं किया गया जिससे उक्त कर्मचारियों के बच्चों की पढ़ाई एवं आर्थिक स्थिति बहुत खराब हो गयी है तथा उनका परिवार का पालन पोषण भी प्रभावित हो गया है? (ख) यदि हाँ, तो उक्त कर्मचारियों का वेतन कब तक भुगतान कर दिया जायेगा और अब तक वेतन भुगतान न करने के क्या कारण थे?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
खाद्य सुरक्षा पर्चियों का वितरण
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
31. ( क्र. 303 ) श्रीमती सरस्वती सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) चितरंगी विधान सभा क्षेत्र की किस पंचायत के कितने परिवारों को राशन दुकान से खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत लाभ प्राप्त हो रहा है? प्रश्न दिनांक तक की स्थिति से अवगत करावें। (ख) उक्त क्षेत्रान्तर्गत कितने परिवारों को खाद्य सुरक्षा पर्चियों का वितरण किया गया? कितने परिवारों को राशन कार्ड प्राधिकृत अधिकारियों द्वारा जारी किये गये है और कितने शेष है? शेष परिवारों को कब-तक उक्त पर्चियों का वितरण कर दिया जायेगा? (ग) उक्त क्षेत्रान्तर्गत कितने परिवारों को समग्र सामाजिक सुरक्षा मिशन के तहत सर्वेक्षित किया गया है वर्तमान में कितने हितग्राही कार्ड/कूपन से वंचित है और इनके कूपन कब-तक में बनेंगे? (घ) उक्त क्षेत्र में खाद्यान्न सुरक्षा मिशन पर्व के अंतर्गत अ.जा/अ.ज.जा. वर्ग के कितने परिवारों को लाभ दिया जा चुका है? कितने शेष हैं? शेष को कब तक लाभान्वित किया जावेगा?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) चितरंगी विधानसभा क्षेत्र में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत मुख्यमंत्री अन्नपूर्णा योजना के तहत ग्राम पंचायतवार एवं शासकीय उचित मूल्य दुकानवार राशन सामग्री प्राप्त करने वाले परिवारों की संख्या की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) विधानसभा क्षेत्र चितरंगी अंतर्गत 74,438 परिवारों को पात्रता पर्ची (ई-राशनकार्ड) जारी की गई है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत सम्मिलित पात्र परिवारों की श्रेणियों के परिवारों का स्थानीय निकाय द्वारा सत्यापन उपरांत साफ्टवेयर जनरेटेड़ ऑनलाईन पात्रता पर्ची (ई-राशनकार्ड) जारी की जाती है जिसके आधार पर पी.ओ.एस. मशीन के माध्यम से राशन सामग्री का वितरण किया जाता है। राशन सामग्री वितरण हेतु राशनकार्ड जारी करना आवश्यक नहीं है तथापि अन्त्योदय अन्न योजना के 11,841 परिवारों एवं बी.पी.एल. योजना के 41,826 परिवारों को कुल 53,667 राशनकार्ड प्राधिकृत अधिकारियों द्वारा जारी किए गए है। बी.पी.एल. श्रेणी में चयनित/पात्र किसी भी परिवार को राशन कार्ड जारी किया जाना शेष नहीं है। माह सितम्बर, 2016 से सत्यापित पात्र परिवारों की जनसंख्या राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत निर्धारित जनसंख्या से अधिक होने तथा भारत सरकार द्वारा खाद्यान्न आवंटन की सीमा से अधिक खाद्यान्न की आवश्यकता होने के कारण माह सितम्बर, 2016 से सत्यापित नवीन परिवारों को पात्रता पर्ची जारी नहीं की गई है। पात्र परिवार के रूप में सम्मिलित परिवारों के डी-डुप्लीकेशन की कार्यवाही प्रचलित है उसके उपरांत अपात्र परिवारों को हटाने पर निर्धारित खाद्यान्न आवंटन की सीमा के अंतर्गत ही नवीन सत्यापित परिवारों को सम्मिलित किया जा सकेगा। (ग) विधानसभा क्षेत्र चितरंगी के 95,852 परिवार समग्र सामाजिक सुरक्षा मिशन के पोर्टल पर दर्ज है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत सम्मिलित 24 श्रेणी के पात्र परिवारों में से माह अगस्त, 2016 तक सत्यापित समस्त पात्र परिवारों की पात्रता पर्ची जारी की जा चुकी है इसके पश्चात् सत्यापित परिवारों की पात्रता पर्ची जारी न करने का कारण प्रश्नांश 'ख' के उत्तर अनुसार है। (घ) विधानसभा क्षेत्र चितरंगी में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत अनुसूचित जाति/जनजाति श्रेणी अंतर्गत 8,654 परिवारों को लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली का लाभ किया जा रहा है। इन परिवारों के अतिरिक्त अनुसूचित जाति/जनजाति के परिवार अन्य पात्रता श्रेणी यथा अन्त्योदय अन्न योजना, बी.पी.एल., मजदूर सुरक्षा आदि के अंतर्गत भी सत्यापित किया जाकर योजना का लाभ प्राप्त कर रहे है। अनुसूचित जाति/जनजाति के आवेदन करने वाले कोई भी पात्र परिवार माह अगस्त, 2016 तक की स्थिति में पात्रता पर्ची से वंचित नहीं है। पात्र परिवार के रूप में सम्मिलित परिवारों के डी-डुप्लीकेशन की कार्यवाही प्रचलित है उसके उपरांत अपात्र परिवारों को हटाने पर निर्धारित खाद्यान्न आवंटन की सीमा के अंतर्गत ही नवीन सत्यापित परिवारों को सम्मिलित किया जा सकेगा।
आवासीय पट्टे का बंटन
[राजस्व]
32. ( क्र. 308 ) श्रीमती सरस्वती सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) चितरंगी तहसील अन्तर्गत कुल कितने राजस्व ग्राम है और कुल कितने वन ग्राम है? क्या दखल रहित म.प्र.शासन की भूमि पर आबादी बनाकर भूमिहीन व्यक्ति जो पुस्तैनी से काबिज हैं, उन्हें आवासीय पट्टा देने का प्रावधान हैं? (ख) यदि हाँ,तो कर्थुआ, झोखो, भर्रा, कसर, नौढि़या, गोरवी, करैला, चुरकी, चतरी, खिरथ इत्यादि कई ग्रामों के आवासीय भूमिहीन व्यक्तियों का आवेदन प्राप्त होने के बावजूद भी वहां क्या आवासीय पट्टा वितरण नहीं कराये गये हैं? यदि नहीं, तो विवरण दें? (ग) प्रश्नांश (क) के तहत प्राप्त आवेदन पत्रों के पात्र व्यक्तियों का आवासीय पट्टा वितरण करायेंगे? यदि हाँ, तो कब तक करायेंगे?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
पुलिस अधिकारियों का एक ही स्थान पर पदस्थी
[गृह]
33. ( क्र. 312 ) श्रीमती नीना विक्रम वर्मा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में पुलिस अधिकारियों की पदस्थापना एवं स्थानांतरण के संबंध में शासन व गृह विभाग द्वारा नीति का निर्धारण किया गया है? (ख) यदि हाँ, तो पुलिस अधिकारियों की रैंकवार संबंधित पद पर एक ही स्थान पर अधिकतम पदस्थ रहने की किसी समयावधि का निर्धारण किया गया है? यदि हाँ, तो एक ही पद पर, एक ही स्थान पर अधिकारी अधिकतम कितनी समयावधि के लिये पदस्थ रह सकता है? (ग) इंदौर पुलिस रेंज में प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में निर्धारित अधिकतम समयावधि से अधिक समय तक एक ही कार्यस्थल पर पदस्थ पुलिस अधिकारियों की रैंकवार संख्या बतायें तथा निर्धारित समयावधि से अधिक पदस्थ अधिकारियों को हटाने हेतु क्या कार्यवाही की जा रही है? (घ) नीति में या पदस्थापना नियमों में समान पद पर या पदोन्न्त पद पर उसी क्षेत्र/जिले में दोबारा कुछ अंतराल पश्चात् पुलिस अधिकारियों की पदस्थापना किए जाने के संबंध में क्या निर्देश हैं? क्या दोबारा पदस्थापित अधिकारियों को अन्यत्र स्थानांतरण करने की कोई कार्यवाही विभाग करेगा?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा गृह विभाग सहित समस्त विभागों के लिये स्थानान्तरण नीति वर्ष 2015-16 एवं वर्ष 2016-17 निर्धारित की गई हैं। (ख) स्थानान्तरण नीति वर्ष 2015-16 की कंडिका-8.7 अनुसार अधिकारियों की पदस्थापना हेतु सामान्यत: तीन वर्ष या उससे अधिक पदस्थापना की अवधि पूर्ण कर लेने के कारण स्थानान्तरण किया जाना प्रावधानित हैं। यह अनिवार्य नहीं है कि तीन वर्ष पूर्ण होने पर स्थानान्तरण किया ही जाये। पुलिस मुख्यालय के परिपत्र दिनांक 30 मार्च, 2015 द्वारा उप निरीक्षक से आरक्षक संवर्ग तक के अधिकारी/कर्मचारी की पदस्थापना के संबंध में जारी निर्देश संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'क' अनुसार। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ख' अनुसार। उत्तरांश (ख) के प्रकाश में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) स्थानान्तरण नीति वर्ष 2016-17 की कंडिका-8.25 के अनुसार जिस जिले में अधिकारी पूर्व में पदस्थ रह चुके हो वहां उनकी उसी पद पर पुन: पदस्थापना सामान्यत: नहीं किया जाना प्रावधानित हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता हैं।
तिरला ज्ञानपुरा पेयजल योजना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
34. ( क्र. 315 ) श्रीमती नीना विक्रम वर्मा : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या माननीय मुख्यमंत्री की घोषणा के क्रम में तिरला, ज्ञानपुरा पेयजल योजना के प्रस्ताव जिला स्तर से तैयार कर वरिष्ठ कार्यालय को प्रेषित किये गये है? (ख) यदि हाँ, तो क्या वरिष्ठ कार्यालय द्वारा योजना की तकनीकी एवं प्रशासकीय स्वीकृति जारी कर दी गई है? (ग) यदि नहीं, तो प्रकरण किस स्तर पर स्वीकृति हेतु प्रचलित हैं? (घ) क्या आगामी ग्रीष्मकाल के पूर्व कार्य प्रारंभ हो जावेगा?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी हाँ। (ख) तकनीकी स्वीकृति प्रदान की गई है। प्रशासकीय स्वीकृति हेतु कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ग) उत्तरांश (ख) अनुसार। (घ) निश्चित समयावधि नहीं बताई जा सकती।
नल-जल योजना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
35. ( क्र. 343 ) श्री राजेश सोनकर : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) इंदौर जिले में कितनी ग्राम पंचायतों द्वारा नल-जल योजना अंतर्गत शामिल किये जाने हेतु आवेदन दिये गये? विधानसभा क्षेत्रवार जानकारी प्रदान करें? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में आवेदन स्वीकृति उपरांत कितनी पंचायतों द्वारा राशि जमा कराने के उपरांत कार्य प्रारंभ कराये एवं कितनी पंचायतों में कार्य प्रारंभ नहीं कराये गये? सूची देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में पंचायत द्वारा राशि जमा किये जाने पर भी कार्य प्रारंभ नहीं कराये जाने का कारण स्पष्ट करें? क्या किन्हीं कारणों से उक्त योजना को बंद किया गया है?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) 46 ग्राम पंचायतों द्वारा। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) 30 में कार्य प्रारंभ एवं 16 में कार्य प्रारंभ नहीं कराये गये। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) सीमित वित्तीय संसाधनों को दृष्टिगत रखते हुये तथा भारत शासन द्वारा जून, 2015 से नवीन नलजल योजनाओं की स्वीकृति पर प्रतिबंध लगाये जाने के कारण।
हितग्राही योजनाएं
[पशुपालन]
36. ( क्र. 344 ) श्री राजेश सोनकर : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इंदौर जिला अंतर्गत पशुपालन विभाग द्वारा कितने हितग्राहियों को पिछले 03 वर्षों से प्रश्न दिनांक तक प्रशिक्षण दिया गया? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में इनमें से कितने हितग्राही सामान्य वर्ग से व कितने आरक्षित वर्ग के लाभांवित हुए है? सूची प्रदान करें। (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में पशुपालन विभाग द्वारा प्रशिक्षण कार्यक्रम कब-कब कहाँ-कहाँ पर आयोजित कराये गये? (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में इनमें से कितने हितग्राहियों को प्रशिक्षण उपरांत ऋण आदि व रोजगारोन्मुखी कार्यक्रम के माध्यम से क्या सहयोग प्रदान किया गया?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतरसिंह आर्य ) : (क) गौ-सेवक योजना एवं कृत्रिम गर्भाधान प्रशिक्षण योजना (मैत्री) के अंतर्गत कुल 82 हितग्राही। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार। (घ) प्रशिक्षण प्राप्त हितग्राहियों में से प्राथमिक प्रशिक्षण प्राप्त 38 गौ-सेवकों को स्वरोजगार हेतु पशु उपचार किट तथा रू. 6000.00 प्रति हितग्राही स्टायपंड। कृत्रिम गर्भाधान प्रशिक्षण के अंतर्गत रोजगारोन्मुखी कार्यक्रम हेतु विवरण निम्नानुसार है:- वर्ष 2013-14 में 24 निजी कृत्रिम गर्भाधान कार्यकर्ता हितग्राहियों को कृत्रिम गर्भाधान किट तथा योजनानुसार रू. 14000.00 प्रति हितग्राही। वर्ष 2015-16 में मैत्री योजना के अंतर्गत 10 हितग्राहियों को कृत्रिम गर्भाधान किट तथा योजनानुसार रू. 16000.00 प्रति हितग्राही। मैत्री योजना अंतर्गत प्रशिक्षण उपरांत हितग्राहियों को आगामी 03 वर्ष तक सहायता प्रदान की जाती है। जिसके अंतर्गत प्रथम वर्ष रू. 1500 प्रतिमाह, द्वितीय वर्ष रू. 1200 प्रतिमाह तथा तृतीय वर्ष रू. 800 प्रतिमाह दिए जाते है।
पेयजल पाईप लाईन की स्वीकृति
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
37. ( क्र. 360 ) श्री
हितेन्द्र
सिंह ध्यानसिंह
सोलंकी :
क्या लोक
स्वास्थ्य
यांत्रिकी
मंत्री महोदया
यह बताने की
कृपा करेंगी
कि (क) बड़वाहा
विधानसभा
क्षेत्र में
विभाग द्वारा
विगत 05
वर्षों में
ग्राम
पंचायतवार
कितनी-कितनी
ओव्हर हेड
टंकियों की स्वीकृति
दी गई है?
सूची
उपलब्ध कराई
जावे? (ख) तहसील, बड़वाहा
की ग्राम
पंचायतों में
प्रश्नकर्ता
द्वारा पेयजल
की समस्या के
निराकरण के
लिये किन-किन ग्रामों
में ओव्हर
हेड टंकियों
की स्वीकृति
के प्रस्ताव
प्रेषित किये
गये हैं एवं
किन-किन ग्राम
पंचायतों में
पेयजल हेतु
पाइप लाइन की
स्वीकृति
हेतु प्रस्ताव
प्रेषित किये
गये हैं उसकी
सूची दी जावे एवं
प्राप्त
प्रस्तावों
पर विभाग
द्वारा क्या
कार्यवाही की
गई? अद्यतन
कार्यवाही की
जानकारी दी
जावें? यदि
कोई
कार्यवाही
नहीं की गई हो
तो उसके क्या
कारण रहें है? प्राप्त
प्रस्तावों
पर कब तक
कार्यवाही की
जावेगी,
इसकी
समय-सीमा बताई
जावें? (ग) कस्बा
पंचायत,
बड़वाहा
में पेयजल
हेतु कितनी
राशि की पाइप
लाइन की स्वीकृति
हुई है? क्या
उक्त कार्य
की निविदा
जारी कर दी गई
है? यदि
हाँ, तो
कब और यदि
नहीं, तो
निविदा कब तक
जारी की
जावेगी?
निविदा
जारी करने के
पूर्व इस
प्राप्त
आवंटन में
कितनी राशि व्यय
की जा चुकी है
और कहाँ-कहाँ
की गई? पाइप
लाइन की स्वीकृति
के साथ और क्या-क्या
कार्य कराये
जावेंगे? क्या
उक्त पेयजल
की पाइप लाइन
पूर्ण विकसित
कॉलोनी में भी
डाली जावेगी
जहां कॉलोनी
हस्तान्तरण
में पेयजल की
पूर्ति आदि
पूर्णता का
प्रमाण-पत्र
कॉलोनाइजर
द्वारा दिया
गया है? यदि
हाँ, तो
किस नियम के
तहत, स्पष्ट
करें?
लोक
स्वास्थ्य यांत्रिकी
मंत्री (
सुश्री कुसुम
सिंह महदेले ) : (क)
प्रश्नांकित
अवधि में कोई
भी ओव्हर हेड
टंकी की
स्वीकृति
नहीं दी गई
हैं। शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (ख) जानकारी
संलग्न परिशिष्ट
अनुसार है। (ग)
प्रश्नांकित
अवधि में
कस्बा पंचायत
बड़वाह की
स्वीकृत
आवर्धन योजना
लागत रूपये 38.15 लाख के
अंतर्गत राशि
रूपये 11.14
लाख की पाइप
लाइन भी
स्वीकृत हुई
थी, जिसकी
निविदा
दिनांक 15.2.16 को
आमंत्रित की
गई तथा
स्वीकृत कर
कार्यादेश जारी
किया गया।
योजना
अंतर्गत
स्वीकृत पाईप लाईन
के अतिरिक्त
नलकूप खनन, मोटर पंप
स्थापना, पाईप
क्रय एवं
विद्युत
कनेक्शन आदि
पर रूपये 22.73 लाख का
व्यय किया गया
है। विभाग
द्वारा ग्रामीण
क्षेत्रों
में ही कार्य
किया जाता है।
शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है।
पट्टे की (अहस्तान्तरणीय) भूमि का विक्रय
[राजस्व]
38. ( क्र. 361 ) श्री हितेन्द्र सिंह ध्यानसिंह सोलंकी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता 1959 में मध्यप्रदेश राजपत्र असाधारण दिनांक 21 अगस्त, 2015 में द्वितीय संशोधन अध्यादेश क्रमांक 5 सन् 2015 में संशोधन हुआ है? यदि हाँ, तो तदनुसार संशोधन की प्रति दी जावे? क्या मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता की धारा 165 में उपधारा (7 ख) के स्थान पर क्या उपधारा स्थापित की गई है? (ख) क्या मध्यप्रदेश राजपत्र असाधारण भोपाल, दिनांक 31.12.2015 से प्रश्नांश (क) के संशोधन को निरस्त किया गया है? यदि हाँ, तो तदनुसार निरस्त की प्रति उपलब्ध कराई जावे? (ग) क्या उप पंजीयन कार्यालय, बड़वाहा में दिनांक 15.02.2016 को शासकीय पट्टे की भूमि का विक्रय ई-पंजीकरण संख्या एम.पी. 229332016 ए 1082459 से किया गया है? यदि हाँ, तो विगत 5 वर्ष में ऐसी कितनी भूमियों का क्रय-विक्रय हुआ है जो अहस्तान्तरणीय हैं? क्या उक्त भूमि का नामान्तरण भी हो चुका है? यदि हाँ, तो इस प्रकार अहस्तान्तरणीय भूमि को विक्रय की अनुमति किस अधिकारी द्वारा दी गई है, उसकी जानकारी दी जावे? जबकि प्रश्नांश (ख) के अनुसार शासन द्वारा 31.12.2015 को संशोधन को निरस्त कर दिया गया था? क्या दोषी अधिकारियों, क्रेता-विक्रेताओं के विरूद्ध आपराधिक प्रकरण दर्ज होगा? यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों? कारण सहित संपूर्ण जानकारी दी जावे? उक्त भूमि का नामान्तरण क्रय-विक्रय कब तक शून्य किया जावेगा, समय-सीमा बताई जावे?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) अध्यादेश का उक्त प्रावधान अधिनियमित नहीं होने के कारण दिनांक 31 दिसम्बर 2015 को व्यपगत हो गया है (ग) जी हाँ। बड़वाह क्षेत्र अंतर्गत विगत 5 वर्षों में अहस्तांतरणीय शासकीय पट्टे की भूमियों के कुल 02 प्रकरणों में क्रय-विक्रय होना पाया गया। प्रश्नांश ’ग’ में उल्लेखित विक्रय पंजीयन का नामांतरण नहीं हुआ है। अहस्तांतरणीय भूमि को विक्रय की अनुमति अनुविभागीय अधिकरी,राजस्व बड़वाह श्री मधुवंतराव धुर्वे द्वारा दी गई है। अनुविभागीय अधिकारी बड़वाह को अनुविभागीय अधिकारी के अधिकार म.प्र. शासन द्वारा निरस्त करने का संज्ञान होने पर अहस्तांतरणीय शब्द हटाने की अनुमति के दोनों प्रकरणों में अनुविभागीय अधिकारी बड़वाह द्वारा कलेक्टर खरगोन में अहस्तांतरणीय शब्द हटाने के आदेश के पुर्नविलोकन की अनुमति प्राप्त की जाकर पक्षकारों को नोटिस जारी किये गये, परन्तु मा. राजस्व मंडल म.प्र. ग्वालियर के समक्ष संबंधित पक्षकारों द्वारा पुर्नविलोकन अनुमति आदेश के विरूद्ध अपील प्रस्तुत कर दिनांक 23.09.2016 को तीन माह तक के लिये स्थगत प्राप्त किया गया है। अनुविभागीय अधिकारी बड़वाह द्वारा म.प्र. भू राजस्व संहिता 1959 के प्रावधानों के तहत आदेश पारित किया गया है जिसे न्यायालयीन प्रक्रिया के तहत निरस्त किया जा सकता है, उक्त भूमि के क्रय विक्रय के संबंध में माननीय राजस्व मंडल ग्वालियर के द्वारा दिये जाने वाले आदेश अनुसार कार्यवाही की जा सकेगी।
आदिवासी बस्ती में खाद्यान्न वितरण
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
39. ( क्र. 378 ) श्री दिव्यराज सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खाद्यान्न वितरण के सम्बंध में विभाग द्वारा क्या मापदण्ड अपनाये जा रहे हैं। (ख) क्या कारण है कि ग्राम पंचायत कोटा के ग्राम धुरकुच आदिवासी बस्ती में लगभग 45 परिवारों को खाद्यान्न वितरण से वंचित रखा जा रहा है? इन परिवारों को खाद्यान्न वितरण कब प्रारंभ कराया जावेगा?
खाद्य
मंत्री ( श्री
ओम प्रकाश
धुर्वे ) : (क) जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट
अनुसार है।
(ख) ग्राम
पंचायत कोटा
के ग्राम
धुरकुच में
निवासरत
एससी/एसटी के
केवल
अनुसूचित
जनजाति के 10 नवीन
परिवार शेष
हैं जिन्हें
जिला आपूर्ति
नियंत्रक के
लॉग-इन से सत्यापित
कर दिया गया
है। इन परिवारों को जनवरी माह
से
राशन सामग्री प्रदाय की जाएगी।
परिशिष्ट
- ''नौ
''
किसानों की अधिग्रहित की गयी भूमि पर उद्योग धंधे स्थापित नहीं होना
[राजस्व]
40. ( क्र. 379 ) श्री दिव्यराज सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत डभौरा में विभिन्न कंपनियों के द्वारा किसानों की कृषि योग्य भूमि उद्योग लगाने एवं उन उद्योगों में रोजगार उपलब्ध कराने के नाम पर सस्ते दामों में खरीद ली गयी, किन्तु किसानों के साथ धोखा करते हुये पिछले पाँच वर्षों में किसी भी तरह के उद्योग धंधे स्थापित नहीं किये गये? क्या कारण है कि आज दिनांक तक उक्त संदर्भ में कोई संतोषजनक उत्तर प्राप्त नहीं हो सका? (ख) उक्त प्रकरण में विभाग के द्वारा कंपनियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
बदरवास विकासखण्ड अंतर्गत रिक्त पदों की पूर्ति
[पशुपालन]
41. ( क्र. 409 ) श्री रामसिंह यादव : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बदरवास विकासखण्ड के पशु चिकित्सालय बदरवास में ए.व्ही.एफ.ओ. व व्ही.ए.एस., पशु औषधालय खतौरा में ए.व्ही.एफ.ओ., पशु औषधालय इन्दार में ए.व्ही.एफ.ओ., पशु चिकित्सालय बिजरौनी में व्ही.ए.एस. एवं ए.व्ही.एफ.ओ. तथा पशु औषधालय अटलपुर में ए.व्ही.एफ.ओ. के पद रिक्त हैं? यदि हाँ, तो उक्त पद कब से रिक्त हैं? रिक्त पद कब तक भरे जाएंगे? (ख) क्या उक्त पद न भरे जाने के कारण उक्त पशु चिकित्सालय एवं औषधालयों के अंतर्गत आने वाले पशुपालकों को पशु चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध न होने के कारण उपचार के अभाव में पालतू दुधारू आदि मवेशियों की मृत्यु हो जाती है? जिससे पशुपालकों को आर्थिक हानि और मानसिक कष्ट होता है? यदि हाँ, तो कहाँ-कहाँ पर कितने मवेशियों की विगत 03 वर्षों में मृत्यु हुई? (ग) यदि नहीं, तो प्रश्नांश (क) में वर्णित किन-किन पशु चिकित्सालयों एवं औषधालयों के अंतर्गत कौन-कौन से ग्राम आते है एवं इन ग्रामों में पशुओं का उपचार रिक्त पद होने के बावजूद कौन-कौन कहाँ-कहाँ पर कैसे करता है? संबंधित के पास पूर्व से कहाँ का कौन सा कार्य है? (घ) प्रदेश में मार्च-2016 की स्थिति में पशु चिकित्सा विस्तार अधिकारी, पशु चिकित्सा सहायक शल्यज्ञ, सहायक पशु चिकित्सा क्षेत्र अधिकारी के कितने पद रिक्त हैं? रिक्त पद भरने के लिए शासन ने विगत 02 वर्षों में क्या-क्या कार्यवाही की है? उक्त वर्णित पदों में से बदरवास विकासखण्ड के अंतर्गत कुल कितने पद स्वीकृत हैं और कितने रिक्त हैं? रिक्त पद कब तक भरे जाएंगे?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतरसिंह आर्य ) : (क) जी, हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार। पदों की पूर्ति हेतु विज्ञापन जारी किया गया है। कार्यवाही प्रचलन में है। निशिचत समयावधि बताना संभव नहीं है। (ख) जी नहीं, उक्त रिक्त पशु चिकित्सालय एवं औषधालय का प्रभार अन्य संस्था के अधिकारियों को सौंपा गया है उनके द्वारा अतिरिक्त प्रभार के रूप में कार्य किया जाता है, पशुओं की मृत्यु की जानकारी पशु चिकित्सा संस्थाओं में संधारित नहीं की जाती है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार। व्ही.ए.एस., ए.व्ही;एफ.ओ. इन ग्रामों में उपचार करते है उनकी जानकारी निम्न है-
1. डॉ.
गिर्राज
शाक्य, व्ही.ए.एस., पशु
चिकित्सालय, करैरा
अतिरिक्त
कार्य पशु
चिकित्सालय, बदरवास/विकास
खण्ड बदरवास।
2. श्री
कैलाश सिंह
रघुवंशी, ए.व्ही.एफ.ओ., पशु
औषधालय,
सजाई
अतिरिक्त
कार्य पशु
चिकित्सालय, विजरोनी
एवं पशु
औषधालय,
खतोरा।
3. श्री
एन.के.शर्मा
पशु औषधालय
मथना अतिरिक्त
कार्य पशु औषधालय, इन्दार।
4. श्री
मुकेश कुमार
ए.व्ही.एफ.ओ., पशु
चिकित्सालय, लुकवासा
अतिरिक्त
कार्य पशु
औषधालय
अटलपुर।
उपरोक्त अधिकारी/कर्मचारी संपूर्ण विकास खण्ड में पशु चिकित्सालय/पशु औषधालय/ ग्रामों में पशुओं का उपचार करते है। (घ) प्रदेश में पशु चिकित्सा विस्तार अधिकारी एवं पशु चिकित्सा सहायक शल्यज्ञ के 543 पद एवं सहायक पशु चिकित्सा क्षेत्र अधिकारी के 2029 पद रिक्त है। विगत दो वर्षों में पशु चिकित्सा सहायक शल्यज्ञ/पशु चिकित्सा विस्तार अधिकारी के कोई पद नहीं भरे गये। ए.व्ही.एफ.ओ. के 415 पद भरे गए है। बदरवास विकास खण्ड के अंतर्गत स्वीकृत एवं रिक्त पदों की जानकारी निम्नानुसार है-
क्र. पदनाम स्वीकृत
पद रिक्त
पद
1. व्ही.ए.एस.
02 01
2. व्ही.ई.ओ. 01 01
3. ए.व्ही.एफ.ओ. 12 09
पशु चिकित्सा सहायक शल्यज्ञ/पशु चिकित्सा विस्तार अधिकारी के पदों की पूर्ति हेतु विज्ञापन जारी किया गया है। कार्यवाही प्रचलन में है। रिक्त पद भरे जाने हेतु निश्चित समयावधि बताना संभव नहीं।
सोयाबीन एवं उड़द की नष्ट हुई फसल का बीमा का भुगतान
[राजस्व]
42. ( क्र. 410 ) श्री रामसिंह यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शिवपुरी जिले की तहसील कोलारस एवं बदरवास के अंतर्गत वर्ष 2016 में बोई गई सोयाबीन और उड़द की फसल नष्ट हुई है? यदि हाँ, तो किस-किस ग्राम के कितने किसानों की सोयाबीन एवं उड़द की कितनी-कितनी फसल नष्ट हुई है? इसमें किसानों को कितनी आर्थिक क्षति हुई है? ग्रामवार बताएं। (ख) क्या जिन किसानों की उक्त फसलें नष्ट हुई है? उन किसानों ने अपनी फसल का बीमा कराया था? यदि हाँ, तो कितने किसानों ने फसल का बीमा कराया था? क्या उक्त फसल बीमा का भुगतान संबंधित किसानों को कर दिया गया है? यदि नहीं, तो बीमा का भुगतान कब तक किया जावेगा? (ग) जिन किसानों की फसलें नष्ट हुई है? उनमें से जिन किसानों का फसल बीमा नहीं है? उन किसानों को शासन अपनी ओर से फसल नुकसान का कितना-कितना अनुदान कब तक प्रदान करेगा? (घ) क्या कोलारस एवं बदरवास तहसील के अंतर्गत पटवारियों ने वर्ष 2016 में नष्ट हुई सोयाबीन एवं उड़द की फसल का सर्वे नहीं किया है? यदि हाँ, तो किन-किन पटवारियों ने नहीं किया है? दोनों तहसीलों के कौन-कौन से पटवारी, पटवारी हल्का मुख्यालय पर निवास नहीं करते हैं?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
बंद पड़ी नल-जल योजना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
43. ( क्र. 429 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रश्नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र बागौदा अंतर्गत वर्ष 2013-14, 2014-15, 2015-16 एवं 2016-17 में कितने, किस-किस ग्राम में नल-जल योजना, कितनी लागत की स्वीकृति की गई है एवं कहाँ-कहाँ स्वीकृत किया जाना प्रस्तावित है? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित ग्रामों में से कितनी नल-जल योजना सुचारू रूप से संचालित हो रही है, कितनी बंद पड़ी है, बंद का क्या कारण है? (ग) प्रश्नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र बागौदा के ग्राम ग्यारसपुर में संचालित नल-जल योजना के विस्तार हेतु पंचायत द्वारा आवश्यक धन राशि विभाग में जमा करने के उपरांत भी योजना का विस्तार नहीं किये जाने का क्या कारण है? योजना के विस्तार की कार्यवाही कब तक पूर्ण कर ली जावेगी? (घ) प्रश्नांश (ख) में बंद पड़ी नल-जल योजना के सुचारू रूप से संचालन हेतु क्या योजना है?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) विधानसभा क्षेत्र बासौदा (बागौदा) में प्रश्नांकित अवधि में 8 योजनाएं स्वीकृत की गई। वर्तमान में कोई भी योजना स्वीकृति हेतु प्रस्तावित नहीं है। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) ग्राम ग्यारसपुर की स्वीकृत आवर्धन नल-जल योजना लागत रूपये 49.90 लाख के अंतर्गत 2 नलकूपों का खनन करवाया गया परंतु पर्याप्त जल आवक क्षमता प्राप्त नहीं होने के कारण तथा सीमित वित्तीय संसाधनों को दृष्टिगत रखते हुये वर्तमान में योजना के अन्य कार्यों के क्रियान्वयन हेतु निविदा आमंत्रण की कार्यवाही नहीं की जा रही है। आवंटन उपलब्धता की स्थिति में कार्यों को पूर्ण करवाया जा सकेगा। निश्चित समय-सीमा नहीं बताई जा सकती। (घ) बंद योजनाओं के अंतर्गत लघु सुधार वाली योजनाएं पंचायतों एवं वृहद सुधार वाली योजनाओं को विभाग के माध्यम से चालू करने की योजना है। योजनाओं के लघु सुधार हेतु पंचायतों को राशि जारी करने की कार्यवाही कर दी गई है।
प्रदेश की जेलों की सुरक्षा व्यवस्था
[जेल]
44. ( *क्र. 440 ) श्री मुकेश नायक : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) कैलेण्डर वर्ष 2015 और 2016 में अक्टूबर माह तक राज्य की जेलों में कुल कितने कैदियों की मृत्यु हुई और कितने कैदी जेल से फरार हुये हैं? जेलवार जानकारी दें। (ख) राज्य की जेलों में कुल कितने सजायाफ्ता कैदी और कितने विचाराधीन कैदी हैं तथा जेलों में सभी प्रकार कुल कितने कैदियों को रखने की क्षमता है? (ग) भोपाल के केंद्रीय जेल से दिनांक 30 अक्टूबर 2016 दीपावली की रात्रि में जेल के भीतर और बाहर सुरक्षा/निगरानी/पहरे पर कुल कितने सुरक्षा कर्मचारी तैनात थे और सुरक्षा के लिये कुल कितने निगरानी कैमरे (सी.सी.टी.वी.) चालू हालत में थे और क्या कारण हैं कि सुरक्षा के बावजूद प्रतिबंधित संगठन सिमी के आठ कैदी जेल से फरार होने में सफल रहे? (घ) राज्य की जेलों में सुरक्षा व्यवस्था में सुधार के लिये क्या नये उपाय किये गये हैं और कौन से नये उपाय प्रस्तावित हैं?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) प्रश्नांश अवधि में राज्य की जेलों के कुल 263 बंदियों की मृत्यु हुई और जेलों से कुल 18 बंदी फरार हुए। जेलवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। (ख) प्रदेश की 123 जेलों में 31 अक्टूबर, 2016 की स्थिति में कुल 15450 सजायाफ्ता एवं 21113 विचाराधीन बंदी निरूद्ध हैं। इन जेलों की कुल आवास क्षमता 27677 बंदियों को रखने की है। (ग) प्रतिबंधित सिमी संगठन के 08 विचाराधीन बंदियों के जेल से फरार होने की घटना की जाँच हेतु मध्यप्रदेश शासन, सामान्य प्रशासन विभाग, मंत्रालय की अधिसूचना क्रमांक-एफ 24-7/2016/1-10, दिनांक 07/11/2016 द्वारा एकल सदस्यीय न्यायिक जाँच आयोग गठित किया गया है, जो तीन माह में अपना प्रतिवेदन राज्य सरकार को प्रस्तुत करेगा। उक्त प्रतिवेदन के आधार पर ही फरारी की घटना का कारण स्पष्ट हो सकेगा। (घ) मध्यप्रदेश शासन, जेल विभाग, मंत्रालय के आदेश क्रमांक-एफ-02 (बी) 24/2016/तीन/जेल, दिनांक 05/11/2016 द्वारा प्रदेश की समस्त 11 केन्द्रीय जेलों की सुरक्षा व्यवस्था के ऑडिट हेतु समिति का गठन किया गया है, जो पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। केन्द्रीय जेल भोपाल की सुरक्षा ऑडिट केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सी.आई.एस.एफ.) भारत सरकार, गृह मंत्रालय से भी कराई जा रही है। जेल मुख्यालय के पत्र क्रमांक-16173, दिनांक 04/11/2016 द्वारा अधीक्षक, केन्द्रीय जेल भोपाल को सिमी बंदियों की सुरक्षा के संबंध में विशेष निर्देश जारी किये गये हैं, जो पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार है। उक्त फरारी घटना की जाँच करने तथा भविष्य में बंदियों के फरार होने की घटना की पुनरावृत्ति न हो इस संबंध में सुझाव प्रस्तुत करने हेतु मध्यप्रदेश शासन, सामान्य प्रशासन विभाग, मंत्रालय की अधिसूचना क्रमांक-एफ-24-7/2016/1-10, दिनांक 07/11/2016 द्वारा एकल सदस्यीय न्यायिक जाँच आयोग गठित किया गया है, जो तीन माह में जाँच पूर्ण कर अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को प्रस्तुत करेगा। उक्त अधिसूचना पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ई'' अनुसार है।
कुम्हार गड्ढों पर अतिक्रमण
[राजस्व]
45. ( क्र. 490 ) श्रीमती चन्दा सुरेन्द्र सिंह गौर : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या खरगापुर विधान सभा क्षेत्र सहित पूरे टीकमगढ़ जिले के प्रत्येक ग्राम में कुम्हार गड्ढे थे जिससे कुम्हार मिट्टी खोदकर मिट्टी के बर्तन, खिलौने, मूर्तियां आदि बनाते थे और अपने परिवार की आजीविका चलाते थे परंतु उक्त कुम्हार गड्ढों पर लोगों ने जबरन अतिक्रमण कर लिया है। कुम्हार जाति के व्यक्तियों को आज मिट्टी नहीं मिल पा रही है और कई कुम्हारों के परिवारों की रोजी-रोटी बंद पड़ी है ऐसी स्थिति में क्या कुम्हार गड्ढों को अतिक्रमण से मुक्त करायेगें यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें। (ख) क्या जिन स्थानों पर अतिक्रमण कर मकानों का निर्माण कर दिया गया था? यहां शासन के भवन बने है। क्या उन ग्रामों में खाली पड़ी शासकीय भूमि में कुम्हार गड्ढों के नाम आवंटित करेगें? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या शासन की खाली पड़ी भूमि कुम्हार जाति के लिये कुम्हार गड्ढों के नाम आंवटित किये जाने की शासन के पास कोई योजना है? यदि हाँ, तो जानकारी उपलब्ध करायें? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जिले की तहसीलों के समस्त ग्रामों में कुम्हार गड्ढों पर किसी का अतिक्रमण नहीं पाया गया है। (ख) उत्तरांश ’’क’’ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उद्भूत नहीं होता है। (ग) जी नहीं वर्तमान में ऐसी कोई योजना प्रस्तावित नहीं है।
गाडरवारा तहसील के थानों की संख्या
[गृह]
46. ( क्र. 508 ) श्री गोविन्द सिंह पटेल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नरसिंहपुर जिले की गाडरवाड़ा विधान सभा क्षेत्र में विगत 03 वर्ष में कोई नया थाना स्वीकृत हुआ है? यदि हाँ, तो कहाँ, नाम एवं कब तक प्रारंभ किया जायेगा? (ख) विधान सभा क्षेत्र में कितने थाने एवं कितनी चौकियां है? नाम, स्थान सहित जानकारी देवें? (ग) क्या सभी थाना एवं चौकियों में स्वीकृत पदों के हिसाब से सब-इंस्पेक्टर, प्रधान आरक्षक, आरक्षक कितने पदस्थ है और कितने पद रिक्त है, रिक्त पदों की पूर्ति कब तक करा दी जायेगी?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ’ब’ अनुसार। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ’अ’ अनुसार। भर्ती प्रक्रिया अंतिम चरण में है। यह सतत प्रक्रिया है। निश्चित अवधि बताना संभव नहीं है।
अनुविभागीय कार्यालय को स्थायी सब डिवीजन का दर्जा
[राजस्व]
47. ( क्र. 530 ) श्री दिलीप सिंह शेखावत : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नागदा शहर को कब से अनुविभागिय अधिकारी (राजस्व) कार्यालय का दर्जा मिला हुआ है? क्या इस कार्यालय को स्थाई सब-डिवीजन कार्यालय का दर्जा मिला हुआ है? (ख) यदि नहीं, तो कब तक मिल जावेगा? इसमें इस विभाग का एक भी कर्मचारी पदस्थ क्यों नहीं है? (ग) एक अनुभाग अधिकारी (राजस्व) कार्यालय में विभिन्न श्रेणी के कुल कितने पद स्वीकृत रहते है? नागदा शहर को कब तक अनुविभागीय अधिकारी के कार्यालय में विभाग के स्थायी कर्मचारियों की नियुक्ति कर दी जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
सेवा निवृत्ति उम्र में वृद्धि
[श्रम]
48. ( क्र. 531 ) श्री दिलीप सिंह शेखावत : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 28 जून 2014 को म.प्र. शासन द्वारा गजट नोटिफिकेशन हुआ था कि निजी उद्योगो में कार्यरत श्रमीकों कि सेवानिवृत्ति आयु 58 वर्ष से बढ़ाकर 60 वर्ष कर दी गयी है, उसके बाद दिनांक 22 दिसम्बर 2015 को मा. श्रम मंत्री जी की अध्यक्षता में त्रि-पक्षीय बैठक में सहमति भी हो गयी थी कि शासन के नियमों का पालन किया जावेगा एवं रिटायरमेन्ट की आयु 60 वर्ष मानी जावेगी। (ख) क्या मा. मंत्री जी म.प्र. शासन के गजट नोटिफिकेशन एवं दिनांक 22 दिसम्बर 2015 के मध्य ग्रेसीम, केमिकल डिवीजन एवं लेक्सेंस उद्योग नागदा के द्वारा लगभग 175 श्रमीकों को 58 वर्ष की आयु में ही सेवा निवृत्त कर दिया गया था? क्या वर्तमान में उद्योगों द्वारा नियमों को मनमाने तरीकों से तोड़कर अपर स्टॉफ के कर्मचारियों को आज भी 58 वर्ष की उम्र में ही सेवानिवृत्त किया जा रहा है? (ग) प्रश्नांश (ख) उल्लेखित 175 श्रमिकों को उल्लेखित जिनको 58 वर्ष की आयु में ही सेवानिवृत्त कर दिया गया था, इन श्रमिकों को हित लाभ दिलाने हेतु शासन ने संबंधितों को क्या-क्या निर्देश जारी किये हैं? उन्हे कब तक अपना वाजिब हक मिल जावेगा?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जी हाँ। (दिनांक 28 जून, 2014 को म.प्र. शासन द्वारा गजट नोटिफिकेशन हुआ था कि निजी उद्योगों में कार्यरत श्रमिकों की सेवानिवृत्ति आयु 58 वर्ष से बढ़ाकर 60 वर्ष कर दी गयी है, उसके बाद दिनांक 22 दिसम्बर 2015 को माननीय श्रम मंत्रीजी की अध्यक्षता मंत्रि-पक्षीय बैठक में सहमति भी हो गयी थी कि शासन के नियमों का पालन किया जावेगा एवं रिटायरमेंट की आयु 60 वर्ष मानी जावेगी)। (ख) जी हाँ, म.प्र.शासन के गजट नोटिफिकेशन एवं दिनांक 22 दिसम्बर 2015 के मध्य ग्रेसिम उद्योग नागदा (स्टेपल, ई.डी.डी. एवं केमिकल डिवीजन) के द्वारा 171 श्रमिकों को 58 वर्ष की आयु में सेवानिवृत्ति कर दिया गया था। इन उद्योगों में वर्तमान में श्रमिकों को 60 वर्ष की आयु में सेवानिवृत्त किया जा रहा है किन्तु अपर स्टॉफ के कर्मचारियों को 58 वर्ष की उम्र में ही सेवानिवृत्ति किया जा रहा है। इन संस्थानों द्वारा यह बताया गया है कि स्टॉफ कर्मचारियों का वेतन रूपये 10000/- प्रतिमाह से अधिक हैं तथा सुपर वाईजर श्रेणी का कार्य करते थे एवं अधीनस्थों की छुट्टी भी मंजूर करते थे। अतः उक्त स्टॉफ कर्मचारियों पर म.प्र. औद्योगिक नियोजन (स्थाई आदेश) अधिनियम, 1961 के प्रावधान प्रभावशील नहीं है। लेक्सेंस उद्योग नागदा द्वारा किसी भी श्रमिक को 58 वर्ष से पूर्व सेवानिवृत्त करने का कोई प्रकरण समक्ष नहीं आया है। (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित श्रमिकों जिनको 58 वर्ष की आयु में सेवानिवृत्त कर दिया गया है, उन्हें 58 वर्ष की आयु तक की सेवावधि हेतु गेच्युटी एवं छुट्टी वेतन आदि के लाभ दिए गए है। अधिनियम के अनुसार सेवानिवृत्ति की आयु 60 वर्ष हो जाने पर इस प्रावधान का पालन नियोजकों द्वारा किया जाना चाहिये था। किन्तु ग्रेसिम इण्डस्ट्रीज नागदा द्वारा उक्त वैधानिक प्रावधानों की चुनौती देते हुए रिट पिटीशन क्र. 1417/2015 माननीय उच्च न्यायालय खण्डपीठ इंदौर के समक्ष दायर किया गया तथा उक्त का संदर्भ देते हुए प्रबंधन उक्त प्रावधान का पालन नहीं करते हुए 58 वर्ष की आयु पूर्ण करने पर ही श्रमिकों/स्टॉफ कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति करते हुए ग्रेसिम (एस.एफ.डी., ई.डी.डी. एवं केमिकल) द्वारा अधिसूचना दिनांक 28 जून, 2014 से दिनांक 22.12.2015 तक कुल 171 कर्मचारियों को सेवानिवृत्त किया गया। सेवानिवृत्ति के कारण प्रबंधक के विरूद्ध औद्योगिक नियोजन (स्थाई आज्ञाएं) अधिनियम 1961 के अंतर्गत स्टॉफ/अपर स्टॉफ के रूप में नियोजित कर्मचारियों को छोड़कर 139 श्रमिकों हेतु 9 प्रकरण सक्षम न्यायालय में दायर किये गये हैं, सूची संलग्न परिशिष्ट पर है। औद्योगिक विवाद अधिनियम 1947 के अंतर्गत 58 वर्ष की आयु में सेवानिवृत्ति किये जाने के विरूद्ध कार्यालय में 132 प्रकरण समझौता कार्यवाही में प्राप्त हुये थे। जिनमें 136 श्रमिक सम्मिलित थे। इनमें से 101 प्रकरण (105 श्रमिक) माननीय न्यायालय को संदर्भित किये गये है, 3 प्रकरण (3 श्रमिकों द्वारा) वापस ले लिये गये है। 20 प्रकरणों में (20 श्रमिक) सीधे श्रम न्यायालय में प्रकरण दायर कर दिये गये है एवं 8 प्रकरणों (8 श्रमिक) में समझौता कार्यवाही निरंतरित है इसके अतिरिक्त कार्यालय द्वारा स्वयं संज्ञान लेकर 19 श्रमिकों के 2 प्रकरण न्यायालय को सीधे संदर्भित कर दिये गये है। श्रम न्यायालय के निर्णय अनुसार श्रमिकों को लाभ प्राप्त होगा।
22 ग्रामों में स्वीकृत पेयजल योजना का कार्य
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
49. ( क्र. 532 ) श्री दिलीप सिंह शेखावत : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या नागदा शहर के केमिकल उद्योगों के अशुद्ध पानी का चम्बल नदी में मिलने के कारण 22 ग्रामों के किसानों को अशुद्ध पानी पीने को मजबूर होना पड़ रहा है तथा ग्राम परमारखेड़ी के नलकूपों को विभाग द्वारा पीने योग्य पानी नहीं होने से बन्द करा दिया गया है। (ख) क्या माननीय मुख्यमंत्री महोदय द्वारा 22 ग्रामों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने हेतु पत्र क्रमांक एफ.8-6/2013/34 भोपाल दिनांक 07 फरवरी 2015 द्वारा राशि रू. 2929.30 लाख की स्वीकृति प्रदान की थी एवं 10 जनवरी 2016 को खाचरौद के अन्तोदय मेले में स्वीकृति की प्रत्याशा में मा. मुख्यमंत्री महोदय द्वारा योजना का भूमि पूजन भी कर दिया गया था। (ग) इस योजना की वर्तमान में क्या स्थिति है? क्या टेण्डर प्रक्रिया पूर्ण हो चुकि है? यदि नहीं, हुई है तो देरी का क्या कारण ह? देरी के लिये कौन दोषी है?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी नहीं। जी हाँ। (ख) जी हाँ। जी हाँ। (ग) उज्जैन जिले के खाचरोद विकास खण्ड के 22 ग्रामों की स्वीकृत समूह नल-जल योजना लागत 29.29 करोड़ का क्रियान्वयन मध्यप्रदेश जल निगम द्वारा किया जाना है, परंतु नागदा ग्रेसिम द्वारा चंबल नदी पर निर्मित जलाशय से केवल 14 ग्रामों हेतु ही जल के प्रावधान की सहमति दी जा रही है, फलस्वरूप योजना का क्रियान्वयन विचाराधीन है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
वनाधिकार पट्टाधारियों को राहत राशि का वितरण
[राजस्व]
50. ( क्र. 558 ) श्री
महेन्द्र
सिंह
सिसौदिया :
क्या राजस्व
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) गुना
जिले में
कितने
ग्रामीणों को
वनाधिकार पट्टे
वितरण किये
गये हैं?
विधान
सभा
क्षेत्रवार
जानकारी
देवें। (ख) क्या
गुना जिले की बमोरी
विधानसभा में
राहत राशि वनाधिकार
पट्टाधारियों
को वितरित की
गई है? यदि
हाँ, तो
अभी तक कितने
ग्रामीणों को
राशि प्रदाय
की जा चुकी है? (ग) प्रश्नांश
(क) के अनुसार
क्या राहत राशि
से कुछ वनाधिकार
पट्टाधारी
ग्रामीण
वंचित रह गये
हैं? यदि
हाँ, तो
जिन
ग्रामीणों को
राहत राशि
वितरित नहीं हुई
है उन्हें
राहत राशि कब
तक वितरित कर
दी जायेगी?
राजस्व
मंत्री ( श्री
उमाशंकर
गुप्ता ) : (क) गुना
में 102, राघौगढ़
में 480, चाचौडा
में 783, बमौरी
में 3760
ग्रामीणों को
वनाधिकार
पट्टे वितरण
किये गये है। (ख)
जी हाँ। अभी
तक कुल 2680 वन
पट्टेधारियों
को राहत राशि का
वितरण किया जा
चुका है। (ग) जी
हाँ। ग्राम
विठ्ठलपुर, सुआटोर
एवं रेहपुरा
के 150
वनाधिकार
पट्टेधारियों
के क्षति
पत्रक विलम्ब
से प्रस्तुत
किये गये थे
जिनकी
पात्रता की जाँच
की जा रही है, पात्रता
प्रमाणित
होने पर
इन्हें राहत
राशि का वितरण
किया जावेगा।
बी.पी.एल. हितग्राहियों को खाद्यान पर्ची वितरण
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
51. ( क्र. 560 ) श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गुना जिले में विगत 2 वर्षों में कितने सहरिया/आदिवासियों के बी.पी.एल. कार्ड बनाये गये हैं? विधानसभा क्षेत्रवार जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या बनाये गये बी.पी.एल. हितग्राहियों को खाद्य वितरण की पर्ची सभी को वितरित कर खाद्य सामग्री प्रदाय की जा रही है? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) जिन बी.पी.एल. कार्डधारियों के कार्ड बने हैं जिनकी पर्ची आज तक अपडेट नहीं हुई है, कब तक उनकी पर्ची अपडेट कर दी जायेगी?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) माह अगस्त, 2016 तक के पात्र बी.पी.एल. परिवारों को स्थानीय निकायों द्वारा पोर्टल पर सत्यापित करने के उपरांत उनकी पात्रता पर्ची जारी कर राशन सामग्री प्रदान की जा रही है। अगस्त, 2016 के पश्चात् सत्यापित नवीन पात्र परिवारों को जोड़ने पर उनकी जनसंख्या राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अंतर्गत निर्धारित जनसंख्या से अधिक होने तथा भारत सरकार द्वारा जारी खाद्यान्न आवंटन की सीमा से अधिक खाद्यान्न की आवश्यकता होने के कारण नवीन परिवारों की मैपिंग नहीं होने से पात्रता पर्ची जारी नहीं की गई है। (ग) नवीन चिन्हित बी.पी.एल. परिवारों के लिए खाद्यान्न सीमा उपलब्ध होने पर मेपिंग कर पात्रता पर्ची जारी की जा सकेगी।
चोरी एवं आपराधिक प्रकरणों पर कार्यवाही
[गृह]
52. ( क्र. 565 ) श्री गोपाल परमार : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आगर जिले में विगत तीन वर्षों में कितने ट्रेक्टर, जीप, मोटरसाईकिल, कार आदि वाहन चोरी हुए हैं उसमें कितने वाहन पकड़े गए है ओर कितने शेष हैं संख्या बतावें? जो वाहन पकड़े गए हैं उनमें कितने अपराधी पकड़े गए हैं और शेष अपराधी पर क्या कार्यवाही चल रही है? (ख) आगर जिले में कितने गोवंश के प्रकरण दर्ज किये गए हैं उनमे कितने गोवंश व वाहन जप्त किये गए हैं उक्त प्रकरणों के अपराध क्रमांक वाहन क्रमांक अपराधी व वाहन मालिक के ऊपर क्या कार्यवाही की गयी, पृथक नाम सहित सूची देवें? (ग) ऐसे प्रकरणों में कितने वाहन राजसात किये गए व कितने छोड़े गए है संख्या बतावें व छोड़े गए वाहन किस नियम के अंतर्गत छोड़े गए हैं? (घ) प्रश्नांश (ख) के अनुसार परिवहन चालक व वाहन मालिकों के विरुद्ध कार्यवाही की गयी है तो ऐसे कितने प्रकरण जिनमें परिवहन चालक पर प्रकरण दर्ज किये हैं, वाहन मालिक पर नहीं? ऐसे प्रकरणों में कौन अधिकारी जिम्मेदार है उन पर शासन क्या कार्यवाही करेगा?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’अ’ अनुसार। (ख) आगर जिले में गोवंश के कुल 66 प्रकरण दर्ज किये गये जिनमें 69 वाहन तथा 1274 गोवंश जब्त किये गये। उक्त प्रकरणों के अपराध क्रमांक, वाहन क्रमांक, अपराधियों एवं वाहन मालिक के विरूद्ध की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’ब’ अनुसार। (ग) गोवंश संबंधी 66 प्रकरणों में कुल 69 वाहन जब्त किये गये थे, जिनमें से 54 वाहन न्यायालय के आदेश से सुपुर्दनामें पर दिये गये हैं। शेष 15 वाहनों के प्रकरण राजसात हेतु जिला दण्डाधिकारी के न्यायालय में विचाराधीन है। (घ) थाना बड़ोद के अपराध क्र0 60/15 में वाहन मालिक को आरोपी नहीं बनाया गया है इसके लिए विवेचना अधिकारी, उ.नि. आजाद सिंह चौधरी एवं थाना प्रभारी उपेन्द्र छारी के विरूद्ध विभागीय कार्यवाही प्रचलन में है।
हैण्डपंप मेकेनिक
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
53. ( क्र. 568 ) श्री मुकेश पण्ड्या : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) उज्जैन जिले में कितने रेग्युलर हैण्डपंप मेकेनिक कार्यरत हैं तथा वे किस किस स्थान पर पदस्थ हैं विधानसभा क्षेत्रवार जानकारी प्रदान करें। (ख) जिले में किन किन स्थानों पर हैण्डपंप रिपेयरिंग के कार्य को ठेके पर दिया गया है वह कार्य किस एजेंसी को प्रदान किया गया है, उनका नाम पता एवं दूरभाष नम्बर बतायें। (ग) हैण्डपंप संधारण का कार्य ठेके पर दिये जाने के बाद भी ऐसे कितने स्थान हैं जहाँ पर अभी भी रेग्युलर हैण्डपंप मेकेनिक पदस्थ हैं तथा अन्य जगह स्थान खाली है ऐसी स्थिति में क्या शासन ऐसे लोगों को रिक्त स्थानों पर पदस्थ करने की क्या कार्यवाही कर रहा है?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) उज्जैन जिले में कार्यरत नियमित हैण्डपंप मेकेनिक का विवरण विधान सभा क्षेत्रवार संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 पर है। (ख) उज्जैन जिले में खचरौद, महिदपुर एवं तराना विकासखण्ड में हैण्डपंप रिपेयरिंग के कार्य को ठेके पर दिया गया है, विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 पर है। (ग) जिन स्थानों पर हैण्डपंप संधारण का कार्य ठेके पर दिया गया है, उन स्थानो पर कोई हैंडपंप मैकेनिक पदस्थ नहीं है। इसके अतिरिक्त बड़नगर विधान सभा क्षेत्र में 03, घटिया विधान सभा क्षेत्र में 02 एवं उज्जैन विधान सभा क्षेत्र में 01 रेग्युलर हैण्डपंप मेकेनिक कार्यरत है। शेष रिक्त स्थानों पर पदस्थापना हेतु कार्यवाही की जा रही हैं।
सार्वजानिक वितरण प्रणाली के तहत संचालित दुकानों में अनियमितता
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
54. ( क्र. 573 ) श्री दीवानसिंह विट्ठल पटेल : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़वानी जिले में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत संचालित दुकानों का नाम, स्थान व संचालनकर्ता को सहित जानकारी प्रदान करे? (ख) बड़वानी जिले को प्रतिमाह कितना राशन किस योजना के अंतर्गत वितरित किये जाने हेतु मिलता हैं? जिले से प्रत्येक विकासखंड हेतु वितरण का क्या आधार होता है? (ग) क्या जिले में कई दुकानों का संचालन नियमित नहीं होने के कारण हितग्राहियों को सामग्री प्रदान नहीं की जाती है? विशेषकर पानसेमल विधानसभा क्षेत्र में? (घ) क्या हितग्राही किसी पारिवारिक संशय के कारण राशन लेने नहीं जा पाता और दूसरे माह जाते है तो दो माह का खाद्यान्न नहीं देकर एक माह का ही दिया जाता है? यदि हाँ, तो पूर्व माह के खाद्यान्य का क्या होता है?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 अंतर्गत प्रदेश में संचालित सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत बड़वानी जिले को नवम्बर माह में प्राप्त आवंटन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) जी नहीं, ऐसा मामला प्रकाश में नहीं आया है। सामान्यत: पानसेमल विधानसभा क्षेत्र की सभी दुकानों का संचालन माह में निर्धारित दिवस पर होता है। (घ) जी नहीं। किसी पात्र परिवार द्वारा चालू माह में राशन सामग्री प्राप्त नहीं करने की स्थिति में अगले माह एक साथ दो माह की सामग्री प्राप्त करने का प्रावधान है। किसी हितग्राही द्वारा दो माह तक राशन सामग्री लेने नहीं आने के स्थिति में तीसरे माह में केवल दो माह की सामग्री प्राप्त करने की पात्रता है। बचत मात्रा का समायोजन मासिक आवंटन जारी करते समय किया जाता है।
नल-जल योजनाओं की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
55. ( क्र. 582 ) श्री प्रदीप अग्रवाल : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विकासखण्ड सेवढ़ा के किन-किन ग्रामों में कुल कितनी नल-जल योजनायें हैं। इनमें से कौन-कौन सी किस-किस वर्ष में तैयार होकर विभाग के सुपुर्द की गई, ग्रामवार/दिनांकवार/लागत राशि सहित जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) क्या उक्त सभी नल-जल योजनायें मौके पर चालू हैं या बन्द पड़ी हुई है? यदि चालू है तो इनकी जाँच कराई जावेगी। यदि बंद है तो किस कारण से? इसके लिये कौन-कौन जिम्मेदार हैं? उनके खिलाफ क्या कार्यवाही की जायेगी? कारण सहित जानकारी उपलब्ध करायें। (ग) क्या जिस ग्राम में नल-जल योजना शुरू हो गई है उस ग्राम में हैण्डपम्प खनन नहीं किया जायेगा? यदि हाँ, तो इन नल-जल योजनाओं की विस्तार से जाँच कराई जायेगी और दोषी अधिकारियों के खिलाफ क्या कार्यवाही की जायेगी।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) कुल 44 नलजल योजनायें क्रियान्वित हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) ग्राम नल-जल योजना क्रियान्वयन से पूर्ण श्रेणी में आ जाने पर नवीन हैण्डपंप खनित नहीं किया जाता है। जी हाँ। योजना पूर्ण होने पर परीक्षण उपरांत ग्राम पंचायत को हस्तांतरित की जाती है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
शराब फैक्ट्री से निकलने वाले अपशिष्ट पानी
[पर्यावरण]
56. ( क्र. 594 ) श्री राजकुमार मेव : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्राम खोडी में निर्मित शराब फैक्ट्री से निकलने वाले अपशिष्ट पानी से कृषि भूमि के बंजर होने, कृषि भूमि की फसलें खराब होने एवं कुओं से प्रदूषण युक्त जहरीला लाल पानी निकलने एवं आस-पास क्षेत्र के निवासियों के जनजीवन पर विपरीत प्रभाव पड़ने संबंधी विगत दो वर्षों 2015 एवं 2016 में कितनी शिकायतें प्राप्त हुईं? आवेदकवार जानकारी दी जावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या श्री दीपक पिता हरीशचंद रावत (गुड्डु) निवासी बड़वाह द्वारा ग्राम उमरिया स्थित 5 एकड कृषि भूमि से लगाई गई सब्जी की फसल शराब फैक्ट्री के प्रदूषित जल से खराब होने एवं कुएं में प्रदूषण युक्त जहरीला पानी निकलने संबंधित शिकायत प्रस्तुत की गई? यदि हाँ, तो तत्संबंध में क्या कार्यवाही की गई? (ग) क्या प्रश्नांश (क) के संबंध में प्रश्नकर्ता द्वारा भी समय-समय पर शिकायतें एवं विधानसभा प्रश्न के माध्यम से किसानों की समस्याओं से एवं आम-जनता के जन जीवन पर वितरीत असर पढ़ने संबंधित शिकायत प्रस्तुत की है? यदि हाँ, तो तत्संबंध में क्या कार्यवाही हुई है? क्या जाँच समितियों द्वारा जाँच के वक्त सही वस्तु स्थिति का प्रतिवेदन प्रस्तुत नहीं किया गया है? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की गई? (घ) क्या शराब फैक्ट्री से निकलने वाले अपशिष्ट पानी से कृषि भूमि के बंजर होने एवं आसपास के निवासियों के जीवन पर विपरीत प्रभाव पढ़ने संबंधित शिकायतों की जाँच हेतु विधानसभा सदस्यों की समिति गठित की जावेगी?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतरसिंह आर्य ) : (क) प्रश्नाधीन अवधि में कुल 02 शिकायतें प्राप्त हुई है, आवेदकवार जानकारी निम्नानुसार हैः-
शिकायत का वर्ष |
शिकायतकर्ता का नाम एवं स्थान |
शिकायत की तिथि |
2015 |
श्री कमलेश माहेश्वरी,प्रदेश महासचिव,जनशक्ति पार्टी,भोपाल |
04/09/2015 |
2016 |
श्री दीपक रावत,उमरिया चौक,तह.बड़वाह,जिला खरगोन |
सी.एम.हैल्प लाईन के माध्यम से प्राप्त शिकायत क्रमांक 2168791, दिनांक 8/6/2016 |
(ख)
जी
हाँ। शिकायत
की जाँच
मध्यप्रदेश
प्रदूषण
नियंत्रण
बोर्ड तथा कृषि
विभाग द्वारा
की गई तथा
शिकायत सही
नहीं पाई गई। (ग)
जी हाँ।
प्राप्त
शिकायत तथा
विधानसभा के
प्रश्नों के
संदर्भ में जाँच
समितियां गठित
कर जाँच कराई
गई है। जाँच
समितियों
द्वारा
वस्तुस्थिति
का सही प्रतिवेदन
प्रस्तुत
किया गया। जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट अनुसार है।
शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (घ) प्रश्नांश
''ग''
के
उत्तर के
परिप्रेक्ष्य
में प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है।
प्रधानमंत्री उज्जवला योजना का क्रियान्वयन
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
57. ( क्र. 595 ) श्री राजकुमार मेव : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के क्या नियम एवं प्रावधान हैं? योजना में कौन-कौन पात्रता रखता है? योजना से संबंधित नियमावली एवं प्रावधान की एक प्रति उपलब्ध कराई जावे? (ख) खरगोन जिले में विधानसभा क्षेत्रवार कौन-कौन सी एवं कहाँ-कहाँ गैस कंपनियां संचालित की जा रही हैं एवं इसके प्रोपराईटर का नाम, पता एवं मोबाईल नं. सहित विस्तृत जानकारी दी जावे? (ग) खरगोन जिले में प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के तहत गैस एजेन्सियों को कितने-कितने आवेदन प्राप्त हुये कितने-कितने स्वीकृत किये गये? कितने वितरण किये गये? कितने वितरण किये जाना शेष है एवं कितने आवेदन अस्वीकृत किये गये? अस्वीकृत करने का कारण स्पष्ट करें? (घ) महेश्वर विधानसभा क्षेत्रांतर्गत प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के तहत गैस चूल्हा वितरण का लक्ष्य स्वीकृत, वितरण, लंबित एवं अस्वीकृत किये गये? आवेदनों की जानकारी उपलब्ध कराई जावे।
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के अंतर्गत नवीन गैस कनेक्शन जारी करने हेतु भारत सरकार पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय द्वारा निर्धारित प्रावधान की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। योजना के अंतर्गत गैस कनेक्शन की पात्रता रखने वाले परिवारों की श्रेणी की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (ग) खरगोन जिले में प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के तहत गैस कनेक्शन हेतु प्राप्त आवेदन 52,703 स्वीकृत आवेदन 39,404 जारी गैस कनेक्शन 31,602 गैस कनेक्शन जारी करने से शेष आवेदन 7,802 अस्वीकृत आवेदन 1,066 है। शेष 12,233 आवेदनों का परीक्षण ऑयल कंपनी द्वारा किया जा रहा है। गैस एजेन्सीवार एवं अस्वीकृत आवेदन के कारण सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार है। (घ) प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के तहत गैस चूल्हा वितरण का कोई लक्ष्य निर्धारित नहीं किया गया है। महेश्वर विधानसभा क्षेत्र के एस.ई.सी.सी. डाटा में सर्वेक्षित 38,111 परिवार है। इनमें से महेश्वर विधानसभा क्षेत्र में प्राप्त आवेदन 8,241 स्वीकृत आवेदन 6,819 जारी गैस कनेक्शन 5,530 गैस कनेक्शन जारी करने से शेष आवेदन 1,289 अस्वीकृत आवेदन 235 है। गैस एजेन्सीवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार है।
उज्जैन संभाग अंतर्गत आपराधिक घटनाओं में वृद्धि
[गृह]
58. ( क्र. 614 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या उज्जैन संभाग अंतर्गत विगत तीन वर्षों में कई हत्याएं, लूट, डकैतियां, चोरियां, अवैध हथियारों का क्रय-विक्रय, बलात्कार, आत्महत्याएं इत्यादि के साथ ही मादक पदार्थों का क्रय-विक्रय तथा अवैध शराब का विक्रय भी लगातार बढ़ता जा रहा है? (ख) यदि हाँ, तो क्या डायल 100 जैसी सुविधाएं एवं जिला अंतर्गत बनाए जाने वाले अनेक प्रकार के फ्लाईंग स्क्वाड इत्यादि मुस्तेदी के बावजूद बढ़ते हुए अपराध क्या पुलिस बल कम होने के कारण त्वरित जानकारी नहीं होने के कारण या हथियारों की कमी के कारण बढ़ रहे है? (ग) वर्ष 2013-14 से लेकर प्रश्न दिनांक तक उज्जैन संभाग के विभिन्न जिलों में उपरोक्तानुसार अपराधों की माहवार वर्षवार क्या स्थितियां रही? (घ) प्रश्नाधीन अवधि में असामाजिक तत्वों, आपराधिक व्यक्तियों, गिरोहों के साथ ही संदिग्ध व्यक्तियों के साथ ही अवैध हथियारों को जप्त किये जाने हेतु कब-कब अभियान चलाकर कार्यवाही की?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी नहीं। वर्ष 2013 से शीर्षवार अपराधों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’अ’ अनुसार। (ख) जी नहीं। यह सही नहीं है कि पुलिस बल की कमी या हथियारों की कमी से अपराध बढ़ रहे हैं अपितु डायल 100 एवं अन्य स्क्वाड के माध्यम से अपराधों पर नियंत्रण कर वर्ष 2015 की तुलना में 2016 में गंभीर अपराधों में कमी परिलक्षित हुई है। (ग) वर्ष 2013-14 से लेकर अपराधों की माहवार/वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’ब’ अनुसार। (घ) प्रश्नांश में वर्णित अभियानों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’स’ अनुसार।
औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान शाजापुर में छात्रावास की सुविधा
[तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास]
59. ( क्र. 631 ) श्री अरूण भीमावद : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. शासन द्वारा औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में अध्ययनरत प्रशिक्षणार्थियों को रहने हेतु छात्रावास सुविधा उपलब्ध कराई जाती है। (ख) यदि छात्रावास सुविधा उपलब्ध कराई जाती है तो जिला शाजापुर मुख्यालय पर संचालित औद्यो. प्रशि. संस्थान के प्रशिक्षणार्थियों को छात्रावास सुविधा से क्यों वंचित रखा जा रहा है? (ग) क्या शासन द्वारा औद्यो. प्रशि. संस्थान शाजापुर के परिसर में छात्रावास हेतु पर्याप्त भूमि होने से छात्रावास का निर्माण किया जावेगा? (घ) यदि हाँ, तो समयावधि बतलायें?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक जोशी ) : (क) औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थाओं में छात्रावास भवन की उपलब्धता होने पर सीटिंग क्षमता अनुसार सुविधा उपलब्ध जाती है। (ख) प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) आवश्यकता आधार पर निर्णय लिया जाता है। (घ) समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
बंदोबस्त में हुई विसंगति को निराकृत किया जाना
[राजस्व]
60. ( क्र. 632 ) श्री अरूण भीमावद : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला शाजापुर में बंदोबस्त का कार्य कब पूर्ण हुआ? (ख) यदि पूर्ण हो चुका है तो क्या किसानों की भूमि, सर्वे के संबंध में इन्द्राज दुरूस्ती हेतु आवेदनों पर सक्षम अधिकारी के समक्ष प्रस्तुत किये गये है? यदि हाँ, तो कितने निराकृत हुए है? (ग) क्या किसानों द्वारा प्रस्तुत आवेदनों पर सक्षम अधिकारी के द्वारा निराकृत करने की अवधि निर्धारित की गई है? (घ) यदि कोई आवेदन निराकृत नहीं किया जाता है तो संबंधित अधिकारी के विरूद्ध क्या कार्यवाही होगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
छात्राओं व महिलाओं के साथ सार्वजनिक स्थल पर अपमानजनक कार्यवाही
[गृह]
61. ( क्र. 648 ) श्री नरेन्द्र सिंह कुशवाह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ध्यानाकर्षण सूचना क्रमांक 501 दिनांक 29/07/2016 के परिप्रेक्ष्य में ग्वालियर में प्रदर्शन के समय छात्राओं व महिलाओं के साथ सार्वजनिक स्थल पर अपमान अश्लील हरकत बेइज्जत करने वालों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? (ख) प्रश्नांश (क) के अंतर्गत भारतीय दण्ड संहिता व पास्को एक्ट के तहत किस व्यक्ति पर किस धारा के तहत कार्यवाही की गई? (ग) दिनांक 21/07/2016 को जिला प्रशासन व पुलिस प्रशासन की मौजूदगी में प्रदर्शन के समय छात्राओं व महिलाओं के साथ अश्लील हरकत बेईज्जत घटना घटित हुई तत्समय कार्यवाही न करने के क्या कारण है इसके लिए कौन दोषी हैं? (घ) प्रश्नांश (क) में प्राथमिक सूचना रिपोर्ट व विवेचना कब हुई? छायाप्रति सहित जानकारी दें?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) ग्वालियर में प्रदर्शन के समय किसी भी छात्रा, महिला, बच्चियों द्वारा अश्लील हरकतें व बेइज्जत करने के संबंध में कोई रिपोर्ट नहीं की गई थी। वीडियो रिकार्डिंग में इस तरह का कोई फुटेज नहीं आया है। इस कारण किसी के विरूद्ध कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) (ग) एवं (घ) उत्तरांश ’क’ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
भिण्ड जिले में हत्या को नियंत्रण
[गृह]
62. ( क्र. 653 ) श्री नरेन्द्र सिंह कुशवाह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड जिले के अंतर्गत अगस्त 15 से प्रश्नांश दिनांक तक किस-किस स्थान पर हत्या हुई? दिनांकवार माहवार जानकारी दें? (ख) प्रश्नांश (क) के अंतर्गत अगस्त 15 से प्रश्नांश दिनांक तक भिण्ड शहर में कहाँ पर हत्या हुई? दिनांकवार माहवार जानकारी दें? (ग) प्रश्नांश (क) और (ख) में हत्या के प्रकरण कब दर्ज किए गए? किस स्तर के अधिकारी द्वारा क्या जाँच की गई? कौन से प्रकरणों का निराकरण हुआ? कौन सा प्रकरण का अभी तक निराकरण नहीं हुआ? इसके क्या कारण है? (घ) प्रश्नांश (क) (ख) और (ग) में किस प्रकरण में न्यायालय द्वारा कब कौन सा आदेश जारी किया गया? कौन-कौन से प्रकरण अभी तक न्यायालय में विचाराधीन है? कौन से प्रकरण में आपकी विवेचना को सत्य माना गया है?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) भिण्ड जिले में माह अगस्त 2015 से प्रश्न दिनांक तक कुल 45 हत्या की घटनायें हुई हैं। उपरोक्त हत्या की घटनाओं के स्थान, दिनांक आदि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) भिण्ड शहर में माह अगस्त 2015 से प्रश्न दिनांक तक कुल 07 हत्या की घटनाऐं हुई हैं। उपरोक्त हत्या की घटनाओं के स्थान, दिनांक आदि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) 45 हत्या के प्रकरणों में से 16 प्रकरण विवेचनाधीन है तथा शेष 29 प्रकरणों में अंतिम प्रतिवेदन सक्षम न्यायालय में प्रस्तुत किये गये हैं। वांछित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) 45 प्रकरणों में से न्यायालय में प्रस्तुत किये गये 29 प्रकरणों में से 03 प्रकरण न्यायालय से निराकृत हो चुके हैं। तीनों निराकृत प्रकरणों में संबंधित अभियुक्तगणों को न्यायालय द्वारा दण्डित किया गया है। न्यायालय द्वारा निर्णित उपरोक्त प्रकरणों में विवेचना के संबंध में कोई विपरीत टीप पारित नहीं की गई है, शेष प्रकरण अभी विचारण हेतु लंबित हैं। प्रश्नांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
खुजनेर नगर को तहसील का दर्जा दिया जाना
[राजस्व]
63. ( क्र. 670 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधान सभा क्षेत्र राजगढ़ अन्तर्गत आने वाले नगर खुजनेर को तहसील का दर्जा दिया जाना प्रस्तावित है? यदि हाँ, तो कब तक? (ख) क्या विधानसभा क्षेत्र राजगढ़ अन्तर्गत आने वाले नगर खुजनेर के निवासियों विशेषकर छात्र-छात्राओं को अपने तहसील कार्य हेतु लगभग 35-40 कि.मी. दूर जाना पड़ता है? जिससे उन्हें आने जाने में परेशानी होती है।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी नहीं। (ख) विधान सभा क्षेत्र राजगढ़ अंतर्गत आने वाले नगर खुजनेर में वर्तमान में नायब तहसीलदार कार्यालय है, जिसमें तहसील स्तर के सभी कार्य किये जाते है।
नल-जल योजना की स्वीकृति
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
64. ( क्र. 674 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल उपलब्ध कराये जाने हेतु नल-जल योजना स्वीकृत किये जाने के क्या नियम है? निर्देश की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) वर्तमान में राजगढ़ जिले की विधान सभा क्षेत्र राजगढ़ अंतर्गत किन-किन ग्रामों में नल-जल योजना स्वीकृत है? ग्रामवार बतावें। (ग) क्या उक्त सभी ग्रामों में नल-जल योजना चालू है? यदि नहीं, तो कहाँ-कहाँ पर बंद है? बंद होने का क्या कारण है? (घ) क्या विभाग द्वारा राजगढ़ जिले की विधान सभा क्षेत्र राजगढ़ अंतर्गत ग्राम माचलपुर, धनवासकलां, बगा, नेसड़ी, पदमपुरा, पाटनकलां में नल-जल योजना स्वीकृत की जाना प्रस्तावित है? यदि हाँ, तो उक्त ग्रामों में कब तक नल-जल योजना स्वीकृत की जा सकेगी?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) एवं (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (घ) उक्त 6 ग्रामों में नल-जल योजनाओं की डी.पी.आर. बनाई गई है। निश्चित समयावधि बताई जाना संभव नहीं है।
नल-जल योजना का क्रियान्वयन
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
65. ( क्र. 675 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या राजगढ़ जिले की विधानसभा क्षेत्र राजगढ़ में मोहनपुरा एवं गोरखपुरा डेम से नलजल योजना की डी.पी.आर. तैयार की गई है? (ख) क्या उक्त योजना के क्रियान्वयन हेतु शासन स्तर पर डी.पी.आर. तैयार कराकर भेजा गया है? (ग) यदि हाँ, तो उक्त कार्य की स्वीकृति कब तक की जावेगी जिससे ग्रामीणों को उक्त योजना का लाभ शीघ्र मिल सकेगा?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) एवं (ख) जी हाँ (ग) निश्चित समयावधि नहीं बताई जा सकती।
शासकीय भूमि पर अतिक्रमण
[राजस्व]
66. ( क्र. 720 ) डॉ. योगेन्द्र निर्मल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बालाघाट जिले की वारासिवनी तहसील के ग्राम सिकन्द्रा के खसरा नं. 284/3क रकबा 3.111 हेक्टेयर की शासकीय भूमि एवं आर.आई. क्वाटर के बाजू में कितने-कितने भू-भाग पर किन-किन अतिक्रमणकर्ताओं के द्वारा कब से कब्जा किया गया हैं? अतिक्रमणकर्ताओं के नाम पते सहित जानकारी देवे? (ख) उक्त स्थल पर किन-किन अतिक्रमणकर्ताओं को क्या विभाग/अन्य संस्था द्वारा अतिक्रमणकर्ताओं को पट्टा दिया गया हैं? कब-कब कितने-कितने भू-भाग पर? किन नियमों के तहत? (ग) क्या उक्त स्थल को अतिक्रमण से मुक्त किये जाने हेतु विभाग/शासन द्वारा अतिक्रमणकर्ताओं को अपने-अपने अतिक्रमण हटाने के नोटिस जारी किये गये थें? यदि हाँ, तो कब? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) उक्त स्थल से अतिक्रमण नहीं हटाये जाने के लिए कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी जिम्मेदार हैं? उनके विरूद्ध विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जावेगी? उक्त स्थल को अतिक्रमण से कब तक मुक्त करा लिया जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) प्रश्नाधीन भूमि पर वर्ष 2013 से अतिक्रमण किया गया है। अतिक्रमित भू-भाग का रकबा अतिक्रामकों के नाम, पते सहित जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। (ख) 05 अतिक्रामकों को मुख्यमंत्री आश्रय योजना के तहत अस्थायी पट्टा दिया गया है। ग्राम भू-भाग तिथि सहित जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ। दिनांक 23.11.2016 को नोटिस जारी किये गये है। (घ) म.प्र.भू राजस्व संहिता 1959 की धारा 248 के प्रावधान अनुसार न्यायालयीन प्रक्रिया अंतर्गत अतिक्रमण हटाने के कार्यवाही की जाती है। यह सतत् प्रक्रिया है।
शासकीय महाविद्यालय की भूमि पर अतिक्रमण
[राजस्व]
67. ( क्र. 721 ) डॉ. योगेन्द्र निर्मल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) न्यायालय अतिरिक्त कमिश्नर जबलपुर के द्वारा बालाघाट जिले की वारासिवनी तहसील के ग्राम सिकन्द्रा प.ह.न. 31 स्थित शासकीय नजूल भूमि ख.नं. 286/10 रकबा 1.942 है. तथा रकबा नं. 289/2 ड 289/3 ग रकबा 0.263 हे. एवं खसरा नं. 445/4 रकबा 0.971 हेक्टेयर पर अतिक्रमणकर्ताओं द्वारा किस दिनांक से अपील प्रस्तुत की गई हैं? (ख) न्यायालय अतिरिक्त कमिश्नर जबलपुर के द्वारा प्रश्न दिनांक तक उक्त अतिक्रमणकर्ताओं के प्रकरण पर क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) न्यायालय अतिरिक्त कमिश्नर जबलपुर के द्वारा न्यायालय में प्रचलित अतिक्रमणकर्ताओं की अपील के प्रकरण पर कब तक फैसला सुनाकर उक्त स्थल को अतिक्रमण से मुक्त करा दिया जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) न्यायालय अतिरिक्त कमिश्नर जबलपुर संभाग जबलपुर में अतिक्रमणकर्ता नौसाद खैरो पिता रसीद कुरैशी जाति मुसलमान निवासी सिकन्द्रा तहसील वारासिवनी के द्वारा ग्राम सिकन्द्रा तहसील वारासिवनी स्थित भूमि ख.नं. 289/2ड, 289/3ग रकबा 0.263 हेक्टेयर शासकीय भूमि पर दिसम्बर, 2014 से अपील प्रस्तुत की गई थी। (ख) न्यायालय अतिरिक्त कमिश्नर जबलपुर के द्वारा अतिक्रमणकर्ता के अपीलार्थी की अपील प्रकरण क्रमांक 95/अ-20 (1) 2014-15 में पारित आदेश दिनांक 12-01-2015 के अनुसार अपील आवेदन को अग्राह्य किया गया है। शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता। (ग) न्यायालय अतिरिक्त कमिश्नर जबलपुर के न्यायालय में अतिक्रमणकर्ता अपीलार्थी की अपील को अग्राह्य कर फैसला सुना दिया गया है। अतिक्रमणकर्ता द्वारा प्रथम अपर जिला न्यायाधीश वारासिवनी में अपील प्रस्तुत की गई थी। प्रथम अपर जिला न्यायाधीश वारासिवनी के व्यवहार अपील 60-ए/2015 में पारित आदेश दिनांक 11-04-2016 को अपील अस्वीकार की गई है। अतिक्रमण हटाने में अपील प्रस्तुत होने के कारण अतिक्रमण नहीं हटाया गया। वर्तमान में अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही न्यायालय में प्रचलित है।
सूखा राहत राशि का वितरण
[राजस्व]
68. ( क्र. 775 ) श्री ओमकार सिंह मरकाम : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) डिण्डौरी विधान सभा क्षेत्र में पिछले वर्ष कितने कृषकों को सूखा राहत की राशि स्वीकृत की गयी? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या सभी कृषकों को स्वीकृत राशि का भुगतान कर दिया गया है? अगर हाँ, तो बतावें कि ग्राम बरबसपुर बरनई मेढ़ारवार आदि ग्रामों के कृषकों को राशि क्यों नहीं मिली है? कब तक राशि कृषकों को दी जायेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) डिण्डौरी विधान सभा क्षेत्र अन्तर्गत कृषकों को 6,08,81,270.00 रूपये अनुदान सहायता राशि स्वीकृत की गई। (ख) जी हाँ, सभी प्रभावितों को अनुदान सहायता राशि प्रदाय की जा चुकी है। करजिया विकासखण्ड के अन्तर्गत आने वाले ग्राम बरबसपुर, बरनई एवं मेढ़ाखार सहित सभी प्रभावित 104 ग्रामों के 14327 प्रभावितों को अनुदान सहायता राशि रू. 5,90,83,535/- प्रदाय की जा चुकी है। कोई भी प्रभावित अनुदान सहायता राशि से वंचित नहीं है।
पेयजल व्यवस्था की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
69. ( क्र. 776 ) श्री ओमकार सिंह मरकाम : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या डिण्डौरी जिले के सभी ग्रामों में उपयुक्त पेयजल व्यवस्था है? अगर हाँ तो ग्राम मेढ़ारवार बुन्देला पाटन बरबसपुर टिकराटोला, कुकड़ा टोला, टिकरा पोड़ी निगकने सुनपुरी आदि ग्रामों पेयजल की समस्या क्यों है? उपयुक्त पेयजल सभी ग्रामों में कब तक उपलब्ध होगा? समय-सीमा बतावें। (ख) डिण्डौरी जिले में कुल कितने हैण्डपंप हैं ग्रामवार बतावें जिसमें कितने चालू हैं कितने बंद हैं जो बंद हैं वे कब से बंद हैं, बंद के क्या कारण हैं बंद हैण्ड पंपों को कब तक चालू किया जायेगा?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) डिण्डौरी जिले के ग्राम मेढाखार, बुन्देला, पाटनगढ़माल, पाटनगढ़रैयत, बरबसपुर (टिकराटोला), गाड़ासरई (कुकड़ाटोला) निगवानी एवं सुनपुरी आदि ग्रामों को छोड़कर अन्य ग्रामों में उपयुक्त पेयजल व्यवस्था है। उपर्युक्त ग्रामों में ग्रीष्मऋतु के दौरान जलस्तर नीचे जाने के कारण पेयजल की कठिनाई उत्पन्न होती है। टिकरापोड़ी एवं निगकने नाम के कोई ग्राम डिण्डौरी जिले में नहीं हैं। संकटग्रस्त ग्रामों में विभाग द्वारा निर्धारित मापदण्ड अनुसार पेयजल उपलब्धता के प्रयास किये जा रहे हैं। निश्चित समय-सीमा नहीं बताई जा सकती है। (ख) 7376 हैण्डपंप स्थापित है, शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के अनुसार है।
दंगा पीड़ित परिवारों की सम्पति का नुकसान
[गृह]
70. ( क्र. 796 ) श्री तरूण भनोत : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे किक) प्रदेश सरकार ने वर्ष 1984 के सिक्ख विरोधी दंगों से प्रभावित कितने सिक्ख पीड़ित परिवारों को मुआवजा प्रदान किया है? जबलपुर जिले में सिक्खों की संख्या व वितरित की गई मुआवजे की राशि बतावें? क्या इन्हें मुआवजा प्रदाय हेतु कार्यवाही वर्तमान में प्रचलन में है अथवा नहीं? (ख) क्या वर्णित (क) के दंगों से सर्वाधिक प्रभावित सिक्ख परिवार जबलपुर, दमोह एवं डिण्डौरी जिलो में है? क्या इन्हें सम्पति एवं मृत्यु में हुए नुकसान की पूर्ण भरपाई प्रदेश सरकार द्वारा करा दी गई है अथवा नहीं? यदि नहीं, तो इसकी भरपाई कब तक करा दी जावेगी?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
दैनिक वेतन भोगियों की जाँच
[पशुपालन]
71. ( क्र. 798 ) श्री तरूण भनोत : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जबलपुर स्थित नानाजी देशमुख पशु चिकित्सा विश्वविद्यालय में वर्ष 2013 में दैनिक वेतन भोगियों के नियमितीकरण में आरक्षण नियमों का पालन न कर 30 लोगों की नियम विरूद्ध भर्तियों की गई थी? (ख) यदि हाँ, तो फर्जीवाड़ा एवं भ्रष्टाचार से की गई नियुक्तियों की जाँच उच्च स्तरीय समिति से करवाई जाकर संबंधित दोषियों पर कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतरसिंह आर्य ) : (क) जी नहीं। वरिष्ठतानुसार 53 कर्मियों का नियमितीकरण सामान्य प्रशासन विभाग के पत्र क्रमांक एफ 05-3/06/1-3 भोपाल, दिनांक 8.2.2008 एवं क्रमांक एफ-05-3/06/1-3 भोपाल, दिनांक 6.9.2008 के अन्तर्गत किया गया। ज.ने.कृ.वि.वि. के श्रमिक कल्याण विभाग में संधारित दैनिक वेतन भोगियों कर्मचारियों की वरिष्ठता सूची इस विश्वविद्यालय को प्रेषित की गई थी। उन्हीं कर्मचारियों में से कुल 53 कर्मियों में 11 अनारक्षित, 12 अ.ज.जा. 10 अ.जा; एवं 20 अ.पि.व. वर्गों के दैनिक वेतन भोगियों का नियमितीकरण किया गया था। (ख) नियुक्तियां नियम के अंतर्गत की गई है। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी परियोजना उपखण्ड क्र. 3 जबलपुर का कोतमा स्थानांतरण
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
72. ( क्र. 799 ) श्री तरूण भनोत : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या म.प्र. शासन लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग मंत्रालय भोपाल के आदेश क्र. एफ-1-36/2016/1/34, दिनांक 26.09.2016 के तारतम्य में लोक स्वा.यांत्रिकी परियोजना उपखण्ड क्र. 3 जबलपुर को मय अमले के कोतमा जिला अनूपपुर स्थानांतरित किया गया है? (ख) क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी परियोजना उपखण्ड क्र. 3 जबलपुर का अमला नगर-निगम जबलपुर में विगत कई वर्षों से प्रतिनियुक्ति में रह कर नगर-निगम जबलपुर की पेयजल व्यवस्था का सफलता पूर्वक निर्वहन कर रहा था एवं उक्त अमले के चले जाने से जबलपुर की पेयजल व्यवस्था चरमरा गई है? (ग) क्या माननीय मुख्यमंत्री महोदय जी ने भी उक्त विभाग के अमले को यथावत (आदेश निरस्त) रखने का आश्वासन दिया है? (घ) यदि प्रश्नांश (ग) हां, तो प्रश्नांश (क) का आदेश कब तक निरस्त कर दिया जावेगा?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं, तत्कालीन लोक स्वास्थ्य परियोजना उपखण्ड क्रमांक-3 जबलपुर का अमला नगर-निगम जबलपुर में प्रतिनियुक्ति पर नहीं था अपितु नगर-निगम जबलपुर के कार्यकारी नियंत्रण में नगर-निगम जबलपुर की पेयजल व्यवस्था का संचालन कार्य कर रहा था। वर्तमान में पेयजल व्यवस्था के रख-रखाव का कार्य अपने वित्तीय संसाधनों के द्वारा नगर निगम जबलपुर द्वारा समुचित ढंग से किया जा रहा है, अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। (घ) प्रश्नांश "ग" के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
म.प्र. भू-राजस्व संहिता द्वारा प्रदत्त अधिकार
[राजस्व]
73. ( क्र. 817 ) श्रीमती रेखा यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 158/डी/II के अतंर्गत म.प्र. भू-राजस्व संहिता लागू होने के पूर्व खसरों में दर्ज समस्त कब्जेधारियों को भू स्वामी अधिकार प्रदान किये जाने थे? (ख) जिला छतरपुर तहसील छतरपुर के ग्राम बगौता के खसरा नम्बर 1822 में 1959 से पूर्व कितने कृषकधारियों के नाम भू-अभिलेख में दर्ज थे और उनमें से कितनों को कब–कब भू-स्वामी अधिकार प्रदान किये जा चुके हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुसार शेष कब्जेधारियों को कब तक भू-स्वामी अधिकार प्रदान कर दिये जायेंगे?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी नहीं। (ख) जिला छतरपुर की तहसील छतरपुर के ग्राम बगौता अंतर्गत स्थित भूमि खसरा नम्बर 1822 की वर्ष 1959 के पूर्व की स्थिति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ‘‘ अनुसार। माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर की याचिका क्रमांक 13147/2015 (पीआईएल) में पारित आदेश दिनांक 19.2.2016 के अनुपालन में तहसीलदार छतरपुर के प्रकरण क्रमांका-6/अ-6-अ/2012-2013 आदेश दिनांक 13.10.2016 के द्वारा प्रश्नाधीन खसरा नं. 1822 में विद्यमान समस्त बंटाकों को निरस्त करते हुए म.प्र.शासन दर्ज किए जाने का आदेश पारित किया गया है। प्रश्नाधीन आदेश के विरूद्ध हितबद्ध पक्षकारों द्वारा आदेश के पुनर्विलोकन हेतु आवेदन पत्र प्रस्तुत किए गए हैं, जो न्यायालय में विचाराधीन हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ब‘‘ अनुसार। (ग) प्रश्नांश ‘‘ख‘‘ के अनुक्रम में प्रश्नाधीन खसरा नम्बर 1822 से संबंधित प्रकरण न्यायालय तहसीलदार छतरपुर के न्यायालय में विचाराधीन है।
पुराने एवं संदिग्ध गेहूँ जप्ती
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
74. ( क्र. 818 ) श्रीमती रेखा यादव : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला छतरपुर के खरीदी केन्द्र सोसायटी बगौता मण्डी में छतरपुर तहसीलदार द्वारा 04.05.2012 के पत्र में गेहूँ को कांटे में तौलकर खड़े ट्रक में लादे जाने का एवं पुराना एवं संदिग्ध होने का लेख कर कलेक्टर छतरपुर को पत्र भेजा गया था? यदि हाँ, तो उक्त गेहूँ को पुराना एवं संदिग्ध किस आधार पर तहसीलदार द्वारा अपने पत्र में लेख किया गया था? (ख) क्या प्रश्नांश (क) अनुसार तहसीलदार द्वारा कांटे, ट्रक को जप्त किया गया था कि नहीं? यदि नहीं, तो क्यों? कारण सहित बतायें? क्या तहसीलदार द्वारा गेहूँ का सेम्पल भरकर रासायनिक परीक्षण के लिये भेजा गया था या नहीं? यदि नहीं, तो कारण सहित बतायें। (ग) क्या कार्यालय कलेक्टर खाद्य जिला छतरपुर द्वारा दिनांक 27.09.2012 को गेहूँ सुपुर्दगी में देने के लिये तहसीलदार छतरपुर को पत्र लिखा गया था? क्या उक्त पत्र के संबंध में पुन: 21.11.2012 को स्मरण पत्र लिखा गया था? क्या तहसीलदार द्वारा उक्त पत्र के संबंध में कार्यवाही की गयी थी या नहीं? यदि हाँ, तो उक्त पत्र के संबंध में समस्त दस्तावेजों का विवरण देवें?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जी हाँ, जप्त गेहूँ के अवलोकन करने पर प्रथम दृष्टया पुराना प्रतीत होने के कारण तहसीलदार द्वारा पुराना एवं संदिग्ध होना लेख किया गया था। (ख) जी नहीं, तहसीलदार द्वारा कांटे, ट्रक को संदिग्ध नहीं पाये जाने के कारण जप्त नहीं किया गया था। जी नहीं, गेहूँ का रासायनिक परीक्षण कराये जाने का प्रावधान नहीं होने से रासायनिक परीक्षण के लिये नहीं भेजा गया। (ग) जी हाँ, कार्यालय कलेक्टर (खाद्य) जिला छतरपुर द्वारा पत्र दिनांक 27/09/2012 को गेहूँ सुपुर्दगी में देने हेतु तहसीलदार छतरपुर को लेख किया गया था। जी हाँ, उक्त पत्र के संबंध में पुन: 21.11.2012 को स्मरण पत्र लिखा गया था। जी हाँ, उक्त पत्र के पालन में तहसीलदार द्वारा श्री गोविन्द प्रसाद गुप्ता, स्वतंत्रता संग्राम सैनानी, निवासी गांधी चौक बाजार, छतरपुर को पत्र क्रमांक 387/प्रवा/2012 दिनांक 03/11/2012 द्वारा गेहूँ सुपुर्दगी में लेने हेतु सूचित किया गया था किन्तु उनके द्वारा उक्त सूचना पत्र लेने से इंकार कर दिया गया। तत्पश्चात जप्तशुदा गेहूँ, जो कि खराब हो रहा था, को विधिवत नीलाम कराया जाकर प्राप्त राशि को शासकीय कोष में जमा कराया गया। उक्त पत्र के संबंध में समस्त दस्तावेजों का विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
शासकीय भूमि का आवंटन
[राजस्व]
75. ( क्र. 829 ) श्री अनिल जैन : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र निवाड़ी के अंतर्गत ओरछा तहसील के ग्राम बबेड़ी जंगल स्थित शासकीय भूमि खसरा नं. 37 की कितनी-कितनी भूमि किन-किन व्यक्तियों को कब-कब किसके द्वारा आवंटित की गई है? आदेश क्रमांक सहित बतावें? (ख) क्या राजस्व मण्डल ग्वालियर द्वारा प्रश्नांश (क) खसरा नंबर में किन्हीं व्यक्तियों को भूमि स्वामी घोषित किया गया है? यदि हाँ, तो प्रकरण क्रमांक आदेश दिनांक एवं व्यक्तियों के नाम सहित जानकारी देवें? साथ ही उन्हें भूमि स्वामी घोषित किये जाने का आधार स्पष्टत: पृथक से बताया जावे?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
विभिन्न थानों में पंजीबद्ध अपराध
[गृह]
76. ( क्र. 852 ) श्री रामपाल सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शहडोल जिले में वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में जिले के विभिन्न थानों में अपराध पंजीबद्ध किये गये हैं? (ख) यदि हाँ, तो कितनें प्रकरणों की विवेचना पूर्ण कर न्यायालयों में चालानी कार्यवाही पूर्ण की जा चुकी है तथा कितनों की विवेचना शेष है।
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रश्नांश ‘क‘ में वर्णित अवधि में कुल 10717 पंजीबद्ध अपराधों में से 8292 प्रकरणों में विवेचना पूर्ण कर चालानी कार्यवाही कर न्यायालय पेश किये गये तथा 332 प्रकरण वर्तमान में विवेचनाधीन है।
वासदखल के आवासीय भूमि के पट्टे प्रदाय करना
[राजस्व]
77. ( क्र. 874 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परि. अता. प्रश्न संख्या-94 (क्रमांक 2789) दिनांक 29 जुलाई 2016 में रीवा जिले के मऊगंज, हनुमना तहसील अन्तर्गत मध्यप्रदेश शासन के राजस्व विभाग के द्वारा दखल रहित अधिनियम के अन्तर्गत आवासीय भूमि के पट्टे वितरित करने की कार्यवाही क्या प्रचलन में है के उत्तर में जानकारी एकत्रित की जा रही प्राप्त हुई थी, तो क्या जानकारी एकत्रित कर ली गई है। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक कितने लोगों को पट्टे वितरित किये गये संख्या पृथक-पृथक नाम, पूर्ण पता, आवंटित रकवा एवं भूमि क्रमांक, पटवारी हल्का सहित सूची उपलब्ध करावें? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या शासन द्वारा पटवारियों से वासदखल के आवासीय भूमि के पट्टे प्रदान करने हेतु सर्वे कराने का निर्देश दिया गया है, यदि हाँ, तो इसका पालन मऊगंज, हनुमना तहसील अन्तर्गत किया जा रहा है? यदि हाँ, तो इसका पालन किन-किन हल्का क्षेत्रों में किया गया सूची उपलब्ध करावें? यदि नहीं, किया गया तो क्यों कारण स्पष्ट करें? किया जावेगा तो कब तक? पटवारी हल्कावार, समय-सीमा बतावें? (घ) हनुमना एवं मऊगंज तहसील अन्तर्गत शासकीय भूमि (आवास हेतु आरक्षित एवं अनारक्षित) पर बसे हुये भूमिहीन लोगों को आवासीय पट्टे प्रदान किये गये हैं यदि हाँ, तो सूची पटवारी हल्कावार, ग्रामवार, तहसीलवार, रकवा खसरा नम्बर सहित उपलब्ध करावें? यदि नहीं, तो क्यों कारण स्पष्ट करें किया जावेगा तो कब तक पटवारी हल्कावार समय-सीमा बतावें?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हां। (ख) तहसील मऊगंज में 356 हितग्राही एवं तहसील हनुमना में 1732 हितग्राहियों को प्रमाण पत्र वितरित किये गये है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’अ’’ पर रखा गया है। (ग) जी हाँ। वासस्थान दखल रहित अधिनियम 1980 के अंतर्गत भूमिस्वामियों की भूमि पर मकान बनाकर निवास कर व्यक्तियों को पट्टा देने का प्रावधान है। मऊगंज तहसील में 13 हितग्राहियों को वासस्थान दखल रहित अधिनियम के तहत आवासीय पट्टा प्रदान किये गये है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’ब’’ में रखा गया है। (घ) जी हाँ। उपरोक्त जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’अ’’ अनुसार है।
व्ही.आई.टी ट्रस्ट चैन्नई को भूमि का आवंटन
[राजस्व]
78. ( क्र. 894 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा व्ही.आई.टी. ट्रस्ट चैन्नई को शासकीय भूमि का आवंटन किया जा रहा है? यदि हाँ, तो किस स्थान पर कितनी भूमि किस प्रयोजन के लिए आवंटित की जा रही है? (ख) क्या व्ही.आई.टी. ट्रस्ट चैन्नई को आवंटित की जा रही है शासकीय भूमि पूर्व में किसी अन्य संस्था/विभाग को आवंटित थी यदि हाँ, तो ब्यौरा दें? (1) क्या पूर्व आवंटन प्राप्तकर्ता को बदले में अन्यत्र भूमि दी जा रही है? यदि हाँ, तो ब्यौरा दें? (ग) क्या भूमि आवंटन के संबंध में नगर पंचायत कोठरी से अनापत्ति ली गई है? यदि हाँ, तो अनापत्ति की छायाप्रति उपलब्ध कराएं? यदि नहीं, तो क्यों? क्या स्थानीय निकाय की बगैर सहमति से भूमि आवंटन किया जाने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो ब्यौरा दें? (घ) क्या नया कोठरी की विकास योजना के लिए अन्यत्र शासकीय भूमि आरक्षित की जा रही है? यदि हाँ, तो ब्यौरा दें?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) व्ही.आई.टी.ट्रस्ट चैन्नई को ग्राम कोठरी तहसील आष्टा जिला सीहोर में युनवर्सिटी स्थापित करने के लिए 10.114 हेक्टेयर (25.00 एकड़) शासकीय भूमि आवंटित करने का प्रकरण कलेक्टर न्यायालय सीहोर में विचाराधीन है। (ख) कलेक्टर न्यायालय सीहोर के प्रकरण क्रमांक 01/अ-20 (3) /89-90 आदेश दिनांक 21-12-1989 द्वारा रेशम विभाग को रेशम केन्द्र स्थापित करने हेतु आवंटित की गई थी। रेशम विभाग द्वारा उक्त भूमि का उपयोग नहीं किये जाने से शासन की नीति अनुसार म.प्र.शासन ग्रामोद्योग एवं कुटीर विभाग के पत्र क्रमांक 1234/1000/2016/52-1, भोपाल दिनांक 19-10-2016 द्वारा राजस्व विभाग के पक्ष में समर्पित कर दी गई है। रेशम विभाग द्वारा उक्त भूमि के बदले कहीं अन्यत्र भूमि की मांग नहीं की गई है। (ग) जी हाँ। अनापत्ति प्रमाण पत्र की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार। शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता। (घ) जी नहीं। नगर परिषद् कोठरी द्वारा विकास योजना के लिये अन्यत्र शासकीय भूमि आरक्षित किये जाने के संबंध में कोई प्रकरण विचाराधीन नहीं है।
जेलों का निरीक्षण
[जेल]
79. ( क्र. 895 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या प्रदेश सरकार के मंत्रियों को जेलों के निरीक्षण का अधिकार है? यदि हाँ, तो विगत 3 वर्ष में प्रश्न दिनांक तक किन-किन मंत्रियों ने कहाँ-कहाँ की जेलों का निरीक्षण किया? (ख) क्या जेल मंत्री को जेलों के निरीक्षण का दायित्व निर्धारित है? यदि हाँ, तो ब्यौरा दें? (ग) क्या जेल मंत्री द्वारा गत 03 वर्ष के दौरान किन्ही जेलों का निरीक्षण किया है? यदि हाँ, तो ब्यौरा दें यदि नहीं, तों क्यों? (घ) क्या प्रदेश में जेल तोड़ने की घटनाएं हुई है? यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक जिलावार घटनाओं का ब्यौरा दें? (ड.) क्या जेलों में निरूद्ध कैदियों की मौत के मामले सामने आए हैं यदि हाँ, तो पिछले 03 वर्ष का जिलावार ब्यौरा दें? (च) क्या स्वीकृत पदों के मान से जेल प्रहरियों की कमी है यदि हाँ, तो जेलवार ब्यौरा दें?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी हाँ, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। (ख) जेल मंत्री के द्वारा जेलों का निरीक्षण विभागीय प्रशासकीय व्यवस्था का पर्यवेक्षण करने हेतु किया जाता है। (ग) जी हाँ, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। (घ) जी हाँ, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। (ड.) जी हाँ, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''स'' अनुसार है। (च) जी हाँ, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''द'' अनुसार है।
टीकमगढ़ पोलीटेक्निक कालेज की घटिया निर्माण की जाँच
[तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास]
80. ( क्र. 913 ) श्री के. के. श्रीवास्तव : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टीकमगढ़ पोलीटेक्निक कालेज भवन निर्माण हेतु कितनी राशि का आवंटन किस दिनांक को हुआ? निविदा किस दिनांक को किस दर पर किस निविदाकार की स्वीकृत हुई थी तथा इसके निर्माण की समयावधि क्या निर्धारित थी? (ख) क्या उक्त भवन समयावधि में निर्मित होकर विभाग को हैण्डओवर हो गया है? यदि नहीं, तो क्या कारण है कि अभी तक निर्माण कार्य पूर्ण नहीं हुआ? (ग) क्या भवन निर्माण की क्वालिटी घटिया एवं गुणवत्ताहीन है जिसकी लिखित एवं मौखिक शिकायत प्रश्नकर्ता द्वारा प्रदेश के वरिष्ठ अधिकारियों को की गई थी? यदि हाँ, तो शिकायत पर क्या कार्यवाही की गयी? (घ) क्या घटिया निर्माण कार्य की जाँच म.प्र. सतर्कता एवं मूल्यांकन समिति द्वारा उच्चस्तरीय दल से कराई जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक जोशी ) : (क) टीकमगढ पोलीटेक्निक कॉलेज के भवन निर्माण हेतु प्रदान की गई राशि का विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। निविदा दिनांक 28.11.2012 को एस.ओ.आर. की दर से 7.65 प्रतिशत कम की दर पर मेसर्स जी.एस. कंस्ट्रक्शन ग्वालियर को स्वीकृत हुई थी। निर्माण की समयावधि 24 माह थी। (ख) जी नहीं। निर्माण कार्य में कमियों के कारण संस्था द्वारा आधिपत्य नहीं लिया गया है। (ग) जी नहीं। अपितु प्राचार्य द्वारा कमियों को इंगित करते हुये उन्हें दूर किये जाने हेतु निर्माण एजेंसी से पत्राचार किया गया है। निर्माण एजेंसी द्वारा कमियों को दूर करने की कार्यवाही की जा रही है। (घ) उच्च स्तरीय विभागीय दल द्वारा जाँच की जा रही है।
बान सुजारा बांध मुख्यमंत्री समूह नल-जल योजना की स्वीकृति
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
81. ( क्र. 914 ) श्री के.
के. श्रीवास्तव
:
क्या लोक
स्वास्थ्य
यांत्रिकी
मंत्री महोदया
यह बताने की
कृपा करेंगी
कि (क) मुख्यमंत्री
समूह नल-जल
योजना अन्तर्गत
प्रदेश में
कितनी ओर
कौन-कौन सी
योजनाओं को
सम्मिलित कर
स्वीकृति दी
गई है? नामों
सहित
सम्मिलित
ग्रामों की
सूची एवं उनकी
लागत राशि
सहित अलग-अलग
जानकारी से अवगत
करायें?
(ख)
क्या
इन स्वीकृत
योजनाओं को
राशि का आवंटन
किया जा चुका है? यदि नहीं, तो कब तक
राशि का आवंटन
किया जायेगा? (ग) टीकमगढ़
''बानसुजारा
बांध समूह
नल-जल योजना'' को कब तक
राशि का आवंटन
कर कार्य
प्रारंभ किया
जावेगा?
लोक
स्वास्थ्य
यांत्रिकी
मंत्री (
सुश्री कुसुम
सिंह महदेले ) : (क)
प्रदेश
में
मुख्यमंत्री
समूह नलजल
योजना नाम से
समूह नलजल
योजना लागू
नहीं है। शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (ख) उत्तरांश
‘क‘
के
परिप्रेक्ष्य
में प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (ग) वित्तीय
संयोजन एवं
आवश्यक जल
आवटन प्राप्त होने
पर। निश्चित
समयावधि नहीं
बताई जा सकती।
बीना को जिला घोषित करना
[राजस्व]
82. ( क्र. 928 ) श्री महेश राय : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन की कार्य योजना में कितने नवीन जिले बनाने का प्रावधान है? (ख) उक्त सूची में क्या बीना को जिला बनाने का प्रावधान है? (ग) यदि हाँ, तो बीना को जिला बनाने की घोषणा कब तक कर दी जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
अपराधियों पर कार्यवाही
[गृह]
83. ( क्र. 930 ) श्री महेश राय : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र बीना के अमित साहू (गुड्डा) अनुराग साहू, ईशान साहू (गोलू) नीटू साहू अभिषेक ठाकुर धनौरा पर कितने अपराधिक प्रकरण पंजीकृत हैं? सूची उपलब्ध करायें? (ख) यदि संबंधितों पर धारा 302, 307 अपरहण फिरोती जैसे गंभीर मामले दर्ज हैं एवं संबंधित आदतन अपराधी हैं तो इनके विरूद्ध रासुका, जिलाबदर की कार्यवाही क्यों नहीं की गयी? कारण सहित अवगत करावें? (ग) महेन्द्र सिंह ठाकुर धनौरा हत्याकाण्ड एवं अनरत यादव हत्याकाण्ड में पुलिस द्वारा कितनी प्रथम सूचना दर्ज की गई एवं कितने आरोपियों को गिरफ्तार किया गया एवं उक्त संबंध में किसके विरूद्ध क्या कार्यवाही की गयी? (घ) प्रश्नांश (क) के अनुसार यदि संबंधित आदतन अपराधी हैं तो इन पर रासुका जिलाबदर की कार्यवाही कब तक की जावेगी?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) विधानसभा क्षेत्र बीना के अमित साहू (गुड्डा) अनुराग साहू, ईशान साहू (गोलु) , नीटू साहू एवं अभिषेक ठाकुर निवासी धनोरा पर कुल 41 अपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध हैं। पंजीबद्ध प्रकरणों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’अ’ अनुसार। (ख) प्रश्नांश ’क’ में वर्णित व्यक्तियों के विरूद्ध की गई रासुका एवं जिला बदर की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’ब’ अनुसार। (ग) महेन्द्र सिंह ठाकुर धनोरा हत्याकाण्ड के संबंध में थाना बीना, जिला सागर में अप.क्र. 7242000 धारा 302 भा.द.वि. की प्रथम सूचना पंजीबद्ध है एवं मृतक अनरथ यादव के संबंध में थाना भानगढ़, जिला सागर में अप.क्र. 86/2001 धारा 302, 201 ता.हि. का प्रकरण अज्ञात आरोपियों के विरूद्ध पृथक-पृथक थानों में कायम किया गया है। प्रकरणों में अज्ञात आरोपियों की पतासाजी के पूर्ण प्रयास किये गये किंतु अज्ञात आरोपियों का पता न चलने से दोनों प्रकरणों में खात्मा क्रमशः खात्मा क्रमांक 38/2002 एवं खात्मा क्रमांक 3/2005 कता कर भेजा गया है जो वर्तमान में न्यायालय में लंबित है। (घ) प्रश्नांश ’क’ में वर्णित व्यक्तियों के विरूद्ध समय-समय पर आवश्यकतानुसार प्रतिबंधात्मक कार्यवाही की गई है जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’ब’ में वर्णित है।
धान भण्डारण, राईस मिंलिग में अनियमतता
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
84. ( क्र. 965 ) श्री मधु भगत : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परसवाड़ा विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत जिला बालाघाट के राईस मिलर्स के अलावा अन्य जिले के राईस मिलर्स को कस्टम मिलिंग का कार्य दिया गया है? उनमें से कुछ राईस मिलर्स को बैंक/विद्युत विभाग एवं शासन की ओर से ब्लैक लिस्टेड किया जा चुका है? (ख) बालाघाट जिले के अंतर्गत 2014 एवं 2015 में कौन-कौन से केन्द्रों से कितनी मात्रा में धान की मात्रा क्रय की गई केन्द्रवार तिथिवार मात्रा बतायें? उपरोक्त धान कहाँ-कहाँ, कौन-कौन से गोदाम में भंडारित की गई थी गोदाम का स्थान गोदाम मालिक का नाम भंडारण की मात्रा गोदाम की अवधि सहित बतायें तथा ये बतायें कि बालाघाट जिले के अंतर्गत कौन-कौन से गोदाम है जहां पर धान भण्डारित नहीं की गई उसका क्या कारण है इसके लिये जिम्मेदार कौन है जबकि अन्य जिले या अन्य प्रदेश के जिलों के गोदामों में धान का भण्डारण किया गया (ग) जिले में उत्पन्न होने वाली धान अन्य जिलों में मिलिंग के लिये क्यों भेजी गई? धान के परिवहन में कुल कितनी राशि का व्यय हुआ किस-किस परिवहन एजेंसी को कितना भुगतान किया गया?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जी हाँ। परसवाडा विधान सभा क्षेत्रांतर्गत जिला बालाघाट के राईस मिलर्स के अलावा मण्डला जिले के कस्टम मिलर्स से धान कस्टम मिलिंग हेतु अनुबंध निष्पादित करने के पूर्व मण्डला जिले के कस्टम मिलर्स से नियमानुसार विद्युत बिल एवं अन्य आवश्यक अभिलेख प्राप्त किये गये है। राज्य विपणन संघ से अनुबंधित राईस मिलर्स में से किसी भी राईस मिलर्स को बैंक/विद्युत विभाग द्वारा ब्लैक लिस्टेड करने की जानकारी प्रकाश में नहीं आई है। (ख) बालाघाट जिले में खरीफ विपणन वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में समर्थन मूल्य पर उपार्जित धान की केन्द्रवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। दिनांकवार उपार्जन मात्रा की जानकारी एकत्रित की जा रही है। उक्तावधि में उपार्जित धान को जिन गोदामों में भण्डारित किया गया है उनके स्थान, गोदाम मालिक का नाम एवं भण्डारण मात्रा तथा भण्डारण अवधि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। मध्यप्रदेश वेयरहाउसिंग एण्ड लॉजिस्टिक कार्पोरेशन की शाखा लालबर्रा एवं बैहर के गोदामों में रिक्त क्षमता उपलब्ध न होने तथा ग्राम सेलवा (कंटगी) स्थित अन्नपूर्णा वेयरहाउस निर्माणाधीन होने के कारण धान का भंडारण नहीं किया गया था। वर्ष 2015-16 में बालाघाट जिले में समर्थन मूल्य पर उपार्जित धान को मध्यप्रदेश मध्यप्रदेश वेयरहाऊसिंग एण्ड लॉजिस्टिक्स कार्पोरेशन द्वारा वैज्ञानिक भंडारण हेतु उपयुक्त गोदामों में भण्डारण हेतु जो भी प्रस्ताव प्राप्त हुए थे उन गोदामों में धान का भंडारण किया गया। जिले में उपार्जित धान में से राज्य विपणन संघ (शासकीय) के टिकरिया केप मण्डला में 24,579.04 क्विंटल धान का भण्डारण किया गया। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) खरीफ विपणन वर्ष 2014-15 एवं वर्ष 2015-16 में समर्थन मूल्य पर उपार्जित धान भण्डारण केन्द्रों एवं कैप में क्रमश: 30,26,061.74 क्विंटल एवं 27,73,036.70 क्विंटल धान भण्डारित थी। इसके पूर्व वर्षों में जिले में उपार्जित धान की मात्रा कम होने के बावजूद स्थानीय मिलर्स द्वारा दीर्घ समयावधि में भी मिलिंग न करने से शेष धान निविदा द्वारा विक्रय करने के लिये विवश होना पडा। अत: समय-सीमा में धान की मिलिंग कराने हेतु अन्य जिलो एवं प्रदेश के बाहर के मिलर्स से धान की मिलिंग कराई गई। खरीफ विपणन वर्ष 2014-15 एवं वर्ष 2015-16 में उपार्जित धान के मध्यप्रदेश के अन्य जिले में परिवहन पर हुए व्यय एवं परिवहन करने वाली एजेन्सियों को किये गये भुगतान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है।
जमीन आवंटन मुआवजा में अनियमितता एवं नवीन अनुविभाग बनाने विषयक
[राजस्व]
85. ( क्र. 966 ) श्री मधु भगत : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परसवाड़ा विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत क्या लामता को तहसील का दर्जा दिया जायेगा क्या तत्संबंध में शासन स्तर से उक्त तहसील से निर्माण की पृष्ठ भूमि विचारधीन है या नहीं यदि हाँ, तो कब तक तहसील का दर्जा दिया जाएगा, यदि नहीं, तो क्यों? (ख) लामता में उक्त तहसील कार्यालय भवन कब तक पूर्ण हो जावेगा तत्संबंध में क्या योजना प्रस्तावित है पूर्ण विवरण प्रस्तुत करें? (ग) उप तहसील लामता में जमीन आवंटन मुआवजा से संबंधित कितने प्रकरण विचाराधीन हैं तथा प्रकरण को तय समय-सीमा तक क्यों नहीं निराकृत किया गया? संबंधित अधिकारी कर्मचारियों पर क्या दंड़ात्मक कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों? (घ) परसवाड़ा क्षेत्र क्षेत्रफल एवं राजस्व की दृष्टि से अतिविस्तृत, अतिनक्सलवादी, अतिसंवेदनशील है? इस कारण उक्त स्थान पर क्या अनुविभागीय अधिकारी कार्यालय की पदस्थापना की जायेगी तथा क्षेत्र में पटवारी आर.आई. के रिक्त पदों की पूर्ति हेतु शासन स्तर पर क्या कार्यवाही की जा रही है?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
हैण्ड पंप की उचित व्यवस्था
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
86. ( क्र. 967 ) श्री मधु भगत : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) परसवाड़ा विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत कितने ग्रामों में कितने हैण्डपंप फ्लोराईड/आयरन से प्रभावित हैं? तत्संबंध में कितने हैण्डपंप पर फ्लोराईड/आयरन संबंधित उपकरण लगाये गये हैं तथा कितने प्रस्तावित है तथा उक्त रोगों की रोकथाम के संबंध में शासन की कोई योजना है? (ख) फ्लोराईड/आयरन से प्रभावित ग्रामीणों के उपचार के लिये विभाग के द्वारा क्या-क्या प्रयास किये जा रहे हैं तथा कितने स्वास्थ्य शिविर लगवाये गये? प्रभावितों को लेकर संबंधित विभाग द्वारा क्या कोई कार्य योजना प्रस्तावित है? यदि हाँ, तो विस्तृत ब्यौरा देवें? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) 42 ग्रामों के 70 हैण्डपंप फ्लोराईड एवं 62 ग्रामों के 95 हैण्डपंप आयरन से प्रभावित हैं, क्रमशः 29 ग्रामों के 38 हैण्डपंपों पर फ्लोराइड रिमूवल प्लांट एवं 07 ग्रामों के 09 हैण्डपंपों पर आयरन रिमूवल प्लांट स्थापित किये गये है। 11 ग्रामों के 12 हैण्डपंपों पर फ्लोराईड रिमूवल प्लांट लगाये जाना प्रस्तावित हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) स्वास्थ्य शिविर विभाग द्वारा नहीं लगाये जाते हैं। उत्तरांश-‘क‘ अनुसार। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
भूमिहीनों को पट्टा वितरण
[राजस्व]
87. ( क्र. 968 ) श्री मधु भगत : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या परसवाड़ा विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत माननीय मुख्यमंत्री की घोषणा के अनुसार कई वर्षों से काबिज भूमिहीनों को पट्टा वितरण किया जाना प्रस्तावित है किन्तु प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत ग्राम जरेरा, लिंगा, कोसमी जैसे अनेकों ग्रामों में वर्षों से काबिज भूमिहीनों को पट्टा प्रदान करने से इसलिये इंकार कर दिया गया है क्योंकि उस उक्त खसरा, रकबा में छोटे घास या छोटे घास के जंगल लिखा हुआ है? क्या राजस्व भूमि पर यदि छोटे झाड़ का जंगल या छोटे घास का जंगल हो तब भी पट्टा प्रदान किया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों? (ख) पट्टा वितरण में राजस्व या वन भूमि को आबादी भूमि में परिवर्तित करने के लिये नये नियमों का क्या प्रावधान किया गया है तथा पट्टा वितरण की क्या कार्यवाही प्रचलित है? (ग) प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत इस योजना में कितने ग्रामीणों को लाभ दिया जा चुका है एवं कितने ग्रामीणों को पट्टा वितरण की कार्यवाही किया जाना शेष है?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
गंधवानी जिला धार में समुदाय विशेष के व्यक्तियों द्वारा उपद्रव
[गृह]
88. ( क्र. 978 ) श्री वेलसिंह भूरिया : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दिनांक 12/10/2016 को भारत माता चौक पर गंधवानी जिला धार में समुदाय विशेष (अल्पसंख्यक) के व्यक्तियों द्वारा हिंसात्मक उपद्रव किया गया था? (ख) यदि हाँ, तो पुलिस द्वारा कितने व्यक्तियों के विरूद्ध अपराधिक प्रकरण कायम किये गए? नाम बताएं? (ग) उपरोक्त व्यक्तियों के विरूद्ध पुलिस द्वारा प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई है?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ग) प्रकरणों में विवेचना जारी है। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार।
क्षिप्रा नदी के किनारे स्थित भूमियों का हस्तांतरण
[राजस्व]
89. ( क्र. 986 ) डॉ. मोहन यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजस्व विभाग द्वारा क्षिप्रा नदी के आसपास घाटों की जमीन वृक्षारोपण हेतु वन विभाग को दिये जाने के संबंध में विभाग द्वारा कोई कार्यवाही की जा रही है? यदि हाँ, तो किन शर्तों के अधीन? शर्तों का ब्यौरा प्रस्तुत करें? (ख) प्रश्नांश (क) की जानकारी अनुसार वन विभाग को जमीन दिये जाने से आगामी सिंहस्थ के दौरान नवीन घाट निर्माण के संबंध में क्या स्थिति बनेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
नवीन कलेक्ट्रेट भवन का स्थान बदला जाना
[राजस्व]
90. ( क्र. 987 ) डॉ. मोहन यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजस्व विभाग द्वारा जिला उज्जैन के नये कलेक्ट्रेट भवन हेतु किस स्थान का चयन किया गया? नये कलेक्ट्रेट भवन के निर्माण हेतु जारी विज्ञप्ति, डी.पी.आर. एवं स्थान चयन हेतु की गई संपूर्ण कार्यवाही की प्रति उपलब्ध करावें? (ख) क्या पूर्व में नये कलेक्ट्रेट भवन हेतु अन्य स्थान का चयन कर निविदा जारी कर दी गई थी? यदि हाँ, तो स्थान चयन हेतु की गई संपूर्ण कार्यवाही, विज्ञप्ति एवं डी.पी.आर. की प्रति उपलब्ध करावें? उक्त विज्ञप्ति को निरस्त किये जाने का कारण बतावें। (ग) प्रश्नांश (ख) की जानकारी के अनुसार बार-बार स्थान परिवर्तन करने से कलेक्ट्रेट भवन के निर्माण में होने वाली देरी के लिए कौन अधिकारी दोषी है? दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी? समयावधि बतावें।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) राजस्व विभाग द्वारा जिला उज्जैन के नये कलेक्ट्रेट भवन के निर्माण हेतु तहसील उज्जैन के ग्राम कोठी महल तहसील उज्जैन स्थित भूमि सर्वे क्रमांक 80 रकबा 1.035 हेक्टेयर में से 0.920 हेक्टेयर भूमि को चयनित किया गया। नये कलेक्ट्रेट भवन के निर्माण हेतु जारी विज्ञप्ति, डी.पी.आर. एवं भूमि आवंटन आदेश की प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- अ-1, अ-2, अ-3 एवं अ-4 अनुसार है। (ख) जी नहीं। पूर्व में नये कलेक्ट्रेट भवन हेतु अन्य स्थान का चयन कर निविदा जारी नहीं की गई थी। भूमि आवंटन कर डी.पी.आर. तैयार किया जा चुका था, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- ब-1 एवं ब-2 अनुसार है। (ग) बार-बार स्थान परिवर्तन करने से कलेक्ट्रेट भवन के निर्माण में होने वाली देरी के लिए कोई भी अधिकारी दोषी नहीं है, क्योंकि भूमि उपयोग उपान्तरण नहीं होने से भूमि का परिवर्तन किया गया है। विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- स-1,स-2 एवं स-3 अनुसार है।
नदी नालों के किनारों की फसल नुकसानी के संबंध में
[राजस्व]
91. ( क्र. 995 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन इस तथ्य से अवगत हैं कि प्रदेश में लगभग तीन लाख एकड़ कृषि भूमि नदी व नालों के किनारों से सटी होने के कारण किसानों की अधिकांशत: खरीफ फसल नदी नालों की बाढ़ से प्रतिवर्ष नष्ट हो जाती है? यदि हाँ, तो क्या शासन उन्हें फसल नुकसानी का मुआवज़ा व राहत राशि प्रदान करेगा? (ख) क्या शासन के पास इस प्रकार से हर वर्ष हो रही क्षति को रोकने अथवा बचाव करने की कोई योजना है? यदि हाँ, तो क्या? (ग) यदि नहीं, तो स्थायी बचाव कार्य न होने से हर वर्ष कितना नुकसान शासन को अथवा किसानों को हो रहा है?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
सूखा
प्रभावित
क्षेत्रों
में अनाज एवं
खाद्यान्न
पर्ची उपलब्ध
करायी जाना
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
92. ( क्र. 1003 ) श्री कल्याण सिंह ठाकुर : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विदिशा जिले में सूखा प्रभावित क्षेत्र के ऐसे कितने ग्रामों में अनाज उपलब्ध कराया जा रहा है या कराया जाना है, साथ ही खाद्यान्न पर्ची उपलब्ध करायी जानी है? (ख) क्या ग्रामीण क्षेत्रों में सूखा प्रभावित जनों को अनाज उपलब्ध कराना अति आवश्यक है? साथ ही बी.पी.एल. कार्डधारी ग्रामीणों को खाद्यान्न पर्ची शीघ्र उपलब्ध करावेंगे? (ग) विधानसभा क्षेत्र विदिशा में कितने ग्रामों में सूखा प्रभावित क्षेत्रों में अनाज उपलब्ध कराया गया है कितने शेष है? नहीं कराया गया तो क्यों कब तक उपलब्ध कराया जाएगा? (घ) क्या सूखा प्रभावित क्षेत्रों में अनाज उपलब्ध कराना एवं बी.पी.एल. कार्डधारी हितग्राहियों को खाद्यान्न पर्ची कितनी समय-सीमा में उपलब्ध करायी जावेगी?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) विदिशा जिले में 1,197 ग्रामों के 34,467 किसानों को सूखा प्रभावित श्रेणी के अंतर्गत सत्यापित किया जाकर पात्रता पर्ची जारी की गई है। शेष सत्यापित सूखा प्रभावित परिवार अन्य पात्रता परिवार श्रेणियों में सम्मिलित होने के कारण उनको पूर्व से योजना का लाभ दिया जा रहा है। पात्र परिवारों का सत्यापन एवं उन्हे पात्रता पर्ची जारी करना एक सतत् प्रक्रिया है। ग्रामवार सूखा प्रभावित श्रेणी अंतर्गत पात्रता पर्चीधारी परिवारों की संख्या की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) प्राकृतिक आपदा से 50 प्रतिशत या इससे अधिक फसल क्षति वाले किसानों को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत प्राथमिकता परिवार में सम्मिलित किया गया है। इस श्रेणी के सत्यापित पात्र परिवारों को पात्रता पर्ची के आधार पर राशन वितरण कराये जाने का प्रावधान है। स्थानीय निकाय द्वारा समग्र पोर्टल पर सत्यापित बी.पी.एल. कार्डधारी परिवारों को पात्रता पर्ची जारी की गयी है। (ग) विधानसभा क्षेत्र विदिशा के 178 ग्रामों के किसानो को प्राकृतिक आपदा श्रेणी अंतर्गत सत्यापन उपरांत 5,757 परिवारों को राशन उपलब्ध कराया जा रहा है, शेष सत्यापित सूखा प्रभावित परिवार अन्य पात्रता परिवार श्रेणियों में सत्यापित होने के कारण उनको पूर्व से योजना का लाभ दिया जा रहा है। ग्रामवार सूखा प्रभावित श्रेणी अंतर्गत पात्रता पर्चीधारी परिवारों की संख्या की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- के प्रपत्र-ब अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत पात्र परिवार के रूप में सम्मिलित 24 श्रेणियों में से माह अगस्त, 2016 तक सत्यापित समस्त पात्र परिवारों को सत्यापन उपरांत पात्रता पर्ची जारी की गई है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत निर्धारित जनसंख्या से अधिक पात्र परिवार के रूप में सत्यापित होने तथा भारत सरकार द्वारा खाद्यान्न आवंटन की सीमा से अधिक खाद्यान्न की आवश्यकता होने के कारण माह सितम्बर, 2016 से सत्यापित नवीन परिवारों को पात्रता पर्ची जारी नहीं की गई है। पात्र परिवार के रूप में सम्मिलित परिवारों के डी-डुप्लीकेशन की कार्यवाही प्रचलित है उसके उपरांत अपात्र परिवारों को हटाने पर निर्धारित खाद्यान्न आवंटन की सीमा के अंतर्गत ही नवीन सत्यापित परिवारों को सम्मिलित किया जा सकेगा।
मुआवजा राशि का वितरण
[राजस्व]
93. ( क्र. 1027 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्योपुर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत दिनांक 10.10.2016 को चक्रवाती तूफान, तेज वर्षा व ओलावृष्टि से किन-किन ग्रामों में कितने कृषकों की कितने-कितने प्रतिशत धान/अन्य खरीफ फसलों की क्षति सर्वे दलों ने सर्वे सूची में दर्ज की? (ख) सर्वे उपरांत जिन प्रभावित कृषकों ने फसल बीमा करवा रखा है उन्हे फसल बीमा कंपनी से तथा शेष बचे कृषकों को विभाग द्वारा कितनी-कितनी मुआवजा राशि ग्रामवार वितरित की अथवा कब तक की जावेगी? इस संबंध में शासन के क्या निर्देश है? (ग) क्षेत्र के ग्राम लाथ, तलावड़ा, राड़ेप ढोढपुर सहित डेढ़ दर्जन ग्रामों में धान की शत प्रतिशत व सोयाबीन व अन्य फसलें 80 प्रतिशत उक्त आपदा से नष्ट हुई इसके बावजूद सर्वे दलों ने सर्वे सूची में फसलों की क्षति अनियमितता बरतते हुए कम दर्ज की, कई पात्र कृषकों के नाम सर्वे सूची में नहीं जोड़े? क्या इन छूटे कृषकों के नाम सर्वे सूची में दर्ज कराकर इन्हे मुआवजा राशि दी जावेगी? (घ) इस संबंध में कितने दावे/आपत्ति के आवेदन वर्तमान तक विभाग/जिला प्रशासन को प्राप्त हुए इन पर क्या कार्यवाही की गई? (ड.) क्या शासन उक्त अनियमितताओं की जाँच कराएगा तथा पुन: सर्वे कराकर सभी पात्र कृषकों को बीमा/मुआवजा राशि दिलाएगा तथा सभी शासकीय कर्जे स्थगित/माफ करेगा यदि नहीं, तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) श्योपुर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत दिनांक 10.10.2016 को चक्रवाती तूफान, तेज वर्षा व ओलावृष्टि से तहसील श्योपुर के अंतर्गत ग्राम गोडाखेडी, फतेहपुर, शाहपुरा, हलगांवडाबुजुर्ग, बमोरीहाला, जानपुरा, माधौराजपुरा तहसील बड़ौदा के ग्राम राडेप, ढोंढपुर, नयागांव, फिलोजापुरा, चन्द्रपुरा, लूण्ड, लाडपुरा, तलावडा, लाथ में 1709 कृषकों की 60-70 प्रतिशत तक धान खरीफ फसल की क्षति सर्वे दलों द्वारा सर्वे सूची में दर्ज की गई है। (ख) सर्वे उपरांत फसल हानि वाले जिन कृषकों के द्वारा फसल बीमा कराया गया है उन 762 कृषकों की रिपोर्ट एग्रीकल्चर इन्श्योरेंस कम्पनी को बीमा द्वारा राशि के भुगतान हेतु भेजी जा चुकी है। शेष 947 कृषकों का बीमा नहीं कराया गया है, उन प्रभावित कृषकों को आर.बी.सी. 6-4 के तहत तहसील बसौदा के ग्राम ढोंढपुर में राशि, 2394314, तलावड़ा 2105856, फिलोजपुरा 1898126, लाड़पुरा 1814706, लूंड 229264, चन्द्रपुरा 339012, नयागांव 1260228, लाथ 819021, राडेप 1944302, तहसील श्योपुर के ग्राम गोडाखेडी 377976, फतेहपुर 1723806, साहपुरा 502631, हलगांवड़ा बुजुर्ग 2157391, बमोरीहाला 403497, जानपुरा 990840, माधौराजपुरा 707766, इस प्रकार 16 ग्रामों में कुल अनुदान सहायता राशि 19668736/- रूपये वितरित की जा चुकी है। (ग) क्षेत्र के ग्राम लाथ, तलावडा, राडे़प, ढोंढपुर, नयागांव फिलोजपुरा, चंद्रपुरा लूड, लाडपुरा सहित तहसील बडौ़दा के अन्तर्गत 09 ग्राम की धान की फसलों में 60 से 70 प्रतिशत तक क्षति हुई सोयाबीन व अन्य फसलों में उक्त आपदा से कोई क्षति नहीं हुई है। सर्वे दलों द्वारा सर्वे सूची में फसलों की क्षति में किसी प्रकार की कोई अनियमितता नहीं बरती गई है सभी पात्र कृषकों के नाम सर्वे सूची क्षति पत्रक में शामिल किये गये है। अपात्र कृषकों के नाम सर्वे सूची में नहीं होने से अनुदान सहायता राशि नहीं दी जा सकती है। (घ) इस संबंध में सर्वे दलों द्वारा मौके पर 15 दावा/आपत्ति वर्तमान तक प्राप्त हुए जिनका जिला प्रशासन द्वारा नियत समयवधि में निराकरण प्रभावितों को अनुदान सहायता राशि वितरित की जा चुकी है। (ड.) चूंकि सर्वे दलों द्वारा फसल क्षति सर्वेक्षण कार्य में कोइ अनियमितता नहीं बरती गई है अत: पुन: सर्वे कराने का कोई प्रश्न उद्भूत नहीं होता है तथा प्रश्न के उत्तर (ख) से (ड.) के प्रकाश में फसल बीमा/मुआवजा देने तथा शासकीय कर्ज स्थगित/माफ करने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पेयजल संकट के निवारण हेतु प्रस्ताव की स्वीकृति
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
94. ( क्र. 1028 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रश्नकर्ता के परि.अता.प्रश्न संख्या 82 (क्रमांक 2884) दिनांक 27.07.2016 के प्रश्नांश (ख) के उत्तर में स्वीकारा हैं, कि श्योपुर जिले के पेयजल संकट के निवारण हेतु शासन ने पी.एच.ई. विभाग को प्रस्ताव तैयार कर भेजने के निर्देश दिये थे के पालन में ई.ई. द्वारा पेयजल समस्यामूलक 280 ग्रामों में चम्बल नदी से पेयजल की आपूर्ति हेतु माह मई 2015 में 1394 करोड़ का भेजा गया प्रस्ताव शासन के परीक्षणाधीन है? तो क्या परीक्षण कार्य पूर्ण हो चुका है? यदि नहीं, तो इसमें विलंब का कारण व कब तक पूर्ण होगा बतावें? (ख) क्या उक्त प्रस्ताव को केन्द्र सरकार को भेजकर स्वीकृत कराऐंगे, केन्द्र सरकार द्वारा स्वीकृत न करने की स्थिति में शासन अपने स्तर पर ही स्वीकृति प्रदान करेगा? (घ) यदि हाँ, तो बतावें कि उक्त प्रस्ताव का परीक्षण करने उपरांत केन्द्र सरकार को स्वीकृति हेतु कब भेजा वर्तमान तक इसको स्वीकृत कराने हेतु क्या प्रयास किये गये, कब तक स्वीकृत करा लिया जावेगा, केन्द्र द्वारा स्वीकृत न करने की स्थिति में क्या शासन इसे बजट में शामिल करके शीघ्र स्वीकृति प्रदान करेगा, यदि नहीं, तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी हाँ, रूपये 1395.74 करोड़ का प्रथम चरण प्रस्ताव बनाया गया है। जी नहीं। योजना की संभाव्यता का परीक्षण किया जा रहा है। निश्चित समय-सीमा नहीं बताई जा सकती। (ख) योजना प्रस्ताव की संभाव्यता एवं आवंटन की उपलब्धता अनुसार कार्यवाही की जा सकेगी। (ग) उत्तरांश ‘क एवं ख‘ के परिप्रेक्ष्य में समय-सीमा नहीं बताई जा सकती है।
छिन्दवाड़ा जिले को संभाग बनाये जाने की स्वीकृति
[राजस्व]
95. ( क्र. 1045 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा छिन्दवाड़ा जिले को संभाग बनाये जाने की घोषणा की गई थी। अगर हाँ तो उपरोक्त संबंध में विभाग द्वारा अभी तक क्या कार्यवाही की गई है? (ख) विभाग द्वारा छिन्दवाड़ा जिले को संभाग बनाये जाने में काफी विलम्ब किया जा रहा है। जिसका क्या कारण है और छिन्दवाड़ा जिले को संभाग बनाये जाने की स्वीकृति कब तक प्रदान कर दी जायेगी? (ग) प्रश्नकर्ता द्वारा छिन्दवाड़ा जिले को संभाग बनाये जाने के संबंध में अनेकों पत्र माननीय मुख्यमंत्री जी को प्रेषित किए गये हैं। जिन पत्रों पर विभाग द्वारा अभी तक क्या कार्यवाही की गई है?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (ग) जी हाँ। प्रकरण प्रक्रियाधीन है।
किसानों को मुआवज़ा राशि का भुगतान
[राजस्व]
96. ( क्र. 1047 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या परासिया विधानसभा क्षेत्र में अत्याधिक वर्षा होने के कारण किसानों की फसलें नष्ट हुई है तथा बाढ़ के कारण किसानों के खेत बह गये हैं, जिसके संबंध में प्रश्नकर्ता द्वारा माननीय मुख्यमंत्री जी को पत्र प्रेषित किया गया था और किसानों को मुआवज़ा राशि प्रदान किए जाने हेतु निवेदन किया गया था? यदि हाँ, तो उपरोक्त संबंध में विभाग द्वारा अभी तक क्या कार्यवाही की गई है? (ख) क्या अन्य विकासखण्डों की अपेक्षा परासिया विकासखण्ड में अतिवर्षा के कारण किसानों की सबसे ज्यादा फसलें खराब हुई है? अगर हाँ, तो किसानों को मुआवज़ा राशि प्रदान किए जाने के संबंध में विभाग द्वारा अभी तक क्या कार्यवाही की गई है? (ग) किसानों को मुआवज़ा राशि प्रदान किए जाने में विभाग द्वारा काफी विलम्ब किया जा रहा है, जिसका क्या कारण है? कब तक किसानों को मुआवज़ा राशि प्रदान कर दी जायेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) हाँ अतिवृष्टि से परासिया विधान सभा क्षेत्र में मक्का फसल प्रभावित हुई है। जिसमें 50 प्रतिशत से अधिक फसल क्षति पाई गई, जिसका मुआवजा कृषकों को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत दिया जाना है। जिस हेतु किसान कल्याण एवं कृषि विभाग को लिखा जा चुका है। अतिवृष्टि के कारण खेत की मिट्टी कटाव होने से 07 कृषक प्रभावित हुये हैं। प्रभावित कृषकों का राजस्व पुस्तक परिपत्र 6-4 प्रावधानों के तहत अनुदान सहायता राशि राशि 1,06,875/- रू प्रदाय की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र–1 अनुसार। (ख) हाँ, परासिया तहसील के साथ छिंदवाड़ा जिले की अन्य तहसील चांद, छिंदवाड़ा और मोहखेड़ में भी अतिवृष्टि से 50 प्रतिशत से अधिक फसल क्षति हुई हैा फसल क्षति होने पर प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की कण्डिका-12 के अंतर्गत किसानों को मुआवजा स्वीकृती हेतु प्रभावितों को अनुदान सहायता राशि राजस्व पुस्तक परिपत्र 6-4 के प्रावधानों अनुसार दी गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र–2 अनुसार। । (ग) किसानों को मुआवजा राशि प्रदान किये जाने में विभाग द्वारा कोई विलम्ब नहीं किया गया है। प्रभावितों को राजस्व पुस्तक परिपत्र 6-4 के मापदण्ड अनुसार अनुदान सहायता राशि दी जा चुकी है।
माईनिंग एवं अन्य नॉन पी.पी.टी. पाठ्यक्रमों के लिये प्रवेश परीक्षा
[तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास]
97. ( क्र. 1048 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता द्वारा माननीय मंत्री महोदय को पत्र के माध्यम से छात्र/छात्राओं की सुविधा हेतु, पॉलिटेक्निक महाविद्यालयों में माईनिंग संकाय में प्रवेश पी.पी.टी. प्रवेश परीक्षा के माध्यम से किए जाने हेतु पत्र प्रेषित किये गये थे, जिस पर विभाग द्वारा अभी तक क्या कार्यवाही की गई है? (ख) क्या पॉलिटेक्निक महाविद्यालयों में माईनिंग संकाय में प्रवेश, पी.पी.टी. प्रवेश परीक्षा के माध्यम से, आगामी सत्र 2017-18 में किये जायेंगे? (ग) क्या यह सही है कि अगर माईनिंग एवं अन्य नॉन पी.पी.टी. पाठ्यक्रमों के लिये पी.पी.टी. प्रवेश परीक्षा लागू की जाती है तो छात्र/छात्राओं को प्रवेश संबंधी कठिनाईयों पर विराम लगेगा और पंजीकरण शुल्क, चयन प्राथमिकता और ऑनलाईन शुल्क व अन्य शुल्कों पर पड़ने वाले आर्थिक बोझ से राहत मिल सकेगी?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक जोशी ) : (क) जी हाँ। माननीय विधायक श्री सोहन लाल बाल्मीक जी के प्रस्ताव पर कार्यवाही की गयी है। प्रस्ताव को गठित समिति के समक्ष प्रस्तुत किया गया जिस पर समिति द्वारा अनुशंसा की जा चुकी है। (ख) जी हाँ। कार्यवाही प्रचलन में है। (ग) जी हाँ। कार्यवाही प्रचलन में है।
सिहोरा में आई.टी.आई. की स्वीकृति
[तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास]
98. ( क्र. 1063 ) श्रीमती नंदनी मरावी : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जबलपुर जिले की सिहोरा तहसील प्रदेश की सबसे महत्वपूर्ण एवं बड़ी तहसील मानी जाती थी तथा यहाँ पर मध्यप्रदेश शासन द्वारा हरगढ़ में सेज की स्थापना भी की गई है? लेकिन आई.टी.आई. न होने से स्थानीय युवा रोजगार से वंचित रहते हैं? (ख) प्रश्नांश (क) तहसील में प्रश्नकर्ता द्वारा अनेकों बार आई.टी.आई. खोले जाने की मांग की जाती रही है? क्या अन्य छोटी-छोटी तहसीलों में आई.टी.आई. केन्द्र खोले जा चुके हैं? किन्तु आज भी सिहोरा इससे वंचित है यदि हाँ, तो कब तक आई.टी.आई. केन्द्र खोल दिया जावेगा?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक जोशी ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। जिन विकासखण्डों शासकीय अथवा प्राईवेट आई.टी.आई. संचालित नहीं हैं उन विकासखण्डों में शासकीय आई.टी.आई. खोलने की शासन की प्राथमिकता है। विकासखण्ड सीहोरा में एक प्राईवेट आई.टी.आई. हिन्द संचालित है। विकासखण्ड सीहोरा सर्विस्ड की श्रेणी में है। वर्तमान सीहोरा में शासकीय आई.टी.आई. खोले जाने की योजना नहीं है।
भूमि का हस्तांतरण
[राजस्व]
99. ( क्र. 1065 ) श्रीमती नंदनी मरावी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के अतारांकित प्रश्न संख्या 25 (क्रमांक 426), दिनांक 22.07.2016 में अवगत कराया गया था कि जल संसाधन विभाग से राजस्व विभाग में भूमि के हस्तांतरण हेतु अभिमत की कार्यवाही चल रही है? (ख) प्रश्नांश (क) में प्राप्त अभिमत की प्रति उपलब्ध करायें तथा यह भी बतायें के हस्तांतरण की कार्यवाही कब तक पूर्ण कर ली जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
लहार नगर में परिवहन कार्यालय प्रारंभ किया जाना
[परिवहन]
100. ( क्र. 1089 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड जिले के लहार नगर में परिवहन विभाग का कामकाज कब से प्रारंभ किया गया? आदेश की प्रति दें। (ख) 01 जनवरी, 2016 से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन से कर्मचारी/अधिकारी किस-किस दिनांक को लहार कार्यालय में उपस्थित रहकर कितने वाहनों के पंजीयन एवं ड्रायविंग लायसेंस स्वीकृत किये? प्रत्येक माह का विस्तृत विवरण दें। (ग) माननीय मंत्री परिवहन द्वारा लहार में एक नियमित कर्मचारी पदस्थ करने की घोषणा की थी? यदि हाँ, तो अभी तक नियमित लिपिक की पदस्थापना न करने का कारण बतायें? (घ) लहार कार्यालय में प्रति सप्ताह एक दिन जिले के परिवहन अधिकारी एवं नियमित लिपिक की उपस्थिति कब तक सुनिश्चित कर दी जावेगी?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) भिण्ड जिले के लहार नगर में परिवहन विभाग का कैम्प दिनांक 10-03-2016 से प्रारंभ किया गया है। आदेश की प्रति संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। यह कैम्प प्रति सप्ताह गुरूवार को आयोजित किया जाता है तथा प्रश्न दिनाँक तक 34 कैम्प आयोजित किये गये है। (ख) 10-03-2016 से 24-11-2016 तक प्रत्येक कैम्प में श्री हितेन्द्र बहादुर, सहायक ग्रेड-3 नियमित रूप से रहे हैं। उपरोक्त अवधि में वाहनों के पंजीयन 07 तथा चालक लायसेंस 204 स्वीकृत किये गये है। प्रत्येक माह का विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) विभाग में अधिकारियों की कमी के चलते क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी कार्यालय भिण्ड तथा परिवहन चैक पोस्ट का प्रभार दोनो दायित्व एक ही अधिकारी पर है। प्रति सप्ताह कैम्प में लिपिक की उपस्थिति सुनिश्चित की जाती है। विभाग में अधिकारियों की कमी के बावजूद जिला परिवहन अधिकारी की कैम्प में उपस्थिति के प्रयास किये जाते हैं।
मंदिर की कृषि भूमि पर अतिक्रमण
[राजस्व]
101. ( क्र. 1090 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भिण्ड जिले की तहसील लहार के ग्राम मडौरी स्थित नारदेव मंदिर की कृषि भूमि पर ग्राम मड़ोरी एवं केशवगढ़, गोहद तहसील के ग्राम इटायदां कलां तथा दतिया जिले के ग्राम बिजौरा, गुमानपुरा एवं कुंअरपुरा में अनेक वर्षों से ग्रामवासियों द्वारा राजस्व विभाग के अधिकारी/कर्मचारियों के साथ मिलीभगत कर कब्जा कर खेती का कार्य किया गया है? (ख) यदि हाँ, तो क्या तहसीलदार गोहद जिला भिण्ड ने अपने पत्र क्र./क्यू/रीडर/2015/1501, दिनांक 21.09.2015 द्वारा अनुविभागीय अधिकारी लहार जिला भिण्ड को अतिक्रमण मुक्त कराए जाने के संबंध में अवगत कराया गया था? यदि हाँ, तो मंदिर के पुजारी/ट्रस्ट को कब एवं किसके समक्ष कब्जा दिया गया एवं अतिक्रमणकर्ताओं से कितनी-कितनी राशि वसूल की गई? (ग) क्या दतिया जिले में अतिक्रमणकर्ताओं द्वारा मंदिर की भूमि पर अनेक वर्षों से अतिक्रमण किए जाने पर उनके विरूद्ध आपराधिक प्रकरण दर्ज कराए गए? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) मंदिर की भूमि को कब तक अतिक्रमण से मुक्त करा लिया जाएगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
बंद नल-जल योजनाओं पर व्यय राशि
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
102. ( क्र. 1109 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सत्र 2015-16 एवं 2016-17 में 30 अगस्त तक विधान सक्षा क्षेत्र भगवानपुरा जिन बंद नल-जल योजनाओं को स्त्रोत निर्माण कर चालू किया गया था, योजनावार स्थान सहित सूची देवें? (ख) उक्त नल-जल योजनाओं में लगने वाले रिपेयरिंग सामग्री एवं अन्य खर्च की गई राशि का ब्यौरा दें? (ग) उक्त रिपेयरिंग के भौतिक सत्यापनकर्ता एवं मूल्यांकनकर्ता अधिकारी के नाम, पद एवं सत्यापन की सूची देवें? (घ) उक्त रिपेयरिंग में प्रयुक्त सामग्री किन दुकानों से खरीदी गई, जानकारी दें?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांकित अवधि में विभाग द्वारा रिपेयरिंग कार्य नहीं किया गया है। अन्य खर्च की गई राशि का ब्यौरा संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) उत्तरांश-‘ख‘ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) उत्तरांश-‘ख‘ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
अर्जित भूमि के बदले अन्य भूमि देना
[राजस्व]
103. ( क्र. 1110 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला धार में महावीर जलाशय मोहनखेड़ा में अर्जित की गई भूमियों की भू-स्वामी के पूरे नाम, पता, भूमि का सर्वे नं, रकबा सहित सूची देवें? अर्जित भूमि के बदले भू-स्वामियों को प्रदान की गई राशि, भूमि की सूची राशि, प्रदत्त भूमि का सर्वे नं, खसरा एवं रकबा सहित भू-स्वामीवार देवें? (ख) उक्त अर्जित भू-स्वामियों को प्रदान की गई राशि या अन्य भूमि देने के कितने प्रकरण किस स्तर पर लंबित हैं? कारण सहित प्रकरणवार बतायें? (ग) जिला कलेक्टर धार, प्रमुख सचिव/अवर सचिव/सचिव राजस्व विभाग को प्रश्नकर्ता के कितने पत्र/मेल प्राप्त हुए? इन पत्रों/मेल के कब-कब जवाब किस माध्यम से प्रेषित किये गये? यदि नहीं, तो कारण बतायें। (घ) नारायण पिता मोती को भूमि देने विषयक कितने पत्र विभाग को किसी भी स्तर पर प्राप्त हुए तथा इन पत्रों पर की गई कार्यवाही की जानकारी पत्रवार देवें?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित कृषकों को राहत राशि का वितरण
[राजस्व]
104. ( क्र. 1126 ) श्री रजनीश सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत 03 वर्षों में सिवनी जिला में कितनी प्राकृतिक आपदायें हुई हैं? इन प्राकृतिक आपदाओं से कौन-कौन सी फसलों को क्षति हुई है? प्रभावित फसलों का हेक्टेयर भी बतायें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार सन् 2013 से 2016 तक आई प्राकृतिक आपदाओं में केवलारी विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत कितने कृषकों को फसल क्षति का मुआवजा/राहत, कितनी राशि का वितरण किया गया? अलग-अलग आपदाओं एवं उन पर कृषकों को दिया गया मुआवज़ा/एवं राहत राशि का विवरण विकास खण्डवार देवें? मुआवज़ा एवं राहत राशि का वितरण किस माध्यम से किया गया, उसका भी विवरण देवें? (ग) फसल क्षति का मुआवज़ा देने के क्या मापदण्ड निर्धारित किये गये थे? किस मापदण्ड अनुसार कृषकों को राशि प्रदान की गई? क्या सूखा राहत राशि का वितरण सिंचित क्षेत्र में नहीं किया गया है? (घ) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में जिले में ऐसे कितने प्रभावित किसान हैं, जिनका मुआवज़ा राशि में नाम होने के बाद भी उन्हें राहत राशि क्यों नहीं मिल पाई है? राशि नहीं मिलने का कारण बतायें? इन कृषकों को कब तक इनकी फसल क्षति का मुआवज़ा मिल जायेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) सिवनी जिले में विगत 03 वर्षों में ओलावृष्टि, अतिवृष्टि, कीट प्रकोप एवं सूखा से सोयाबीन, उड़द, धान, गेहूँ, चना, मसूर, बटरा एवं अन्य फसल क्षति हुई है। प्रभावित फसलों का रकबा फसलवार एवं वर्षवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'क' अनुसार है। (ख) वर्ष 2013 से 2016 तक आई प्राकृतिक आपदाओं में प्रभावितों को दी गई अनुदान सहायता राशि का वितरण विकासखण्डवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ख' अनुसार है। राहत राशि का वितरण प्रभावितों को बैंक खाते/ई-पेंमेन्ट के माध्यम से किया गया। (ग) राजस्व पुस्तक परिपत्र 6 (4) में निहित प्रावधानों के अंतर्गत निर्धारित मानदण्ड अनुसार किसानों को अनुदान सहायता राशि प्रदाय की गई है। (घ) विधानसभा क्षेत्र केवलारी के अंतर्गत प्रभावितों को अनुदान सहायता राशि वितरण किये जाने हेतु कोई प्रभावित शेष नहीं है।
वाहनों के रजिस्ट्रेशन के कागजात भेजने का डाक खर्च
[परिवहन]
105. ( क्र. 1151 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वाहनों के रजिस्ट्रेशन संबंधी कागजात वाहन मालिक के पते पर भेजने हेतु डाकखर्च के नाम पर कितनी राशि ली जाती है? (ख) क्या रजिस्ट्रेशन के कागजात विभाग द्वारा डाक द्वारा न भेजकर डाक खर्च हेतु ली गयी, राशि का भ्रष्टाचार किया जा रहा है? (ग) यदि नहीं, तो बालाघाट डी.टी.ओ. ऑफिस द्वारा इस नियम के लागू होने के बाद रजिस्टर्ड वाहनों के हिसाब से डाक टिकट खरीदने तथा डाक से भेजने संबंधी कागजात उपलब्ध करावें? (घ) बालाघाट सहित प्रदेश के अन्य जिलों में डाक खर्च घोटाले की जाँच क्या शासन कराएगा?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) वाहनों के रजिस्ट्रेशन प्रमाण-पत्र भेजने हेतु वाहन स्वामी से स्वंय का पतायुक्त पंजीकृत लिफाफा समुचित मूल्य के डाक टिकट तथा पावती सहित संलग्न कराया जाता है। पृथक से डाक खर्च की राशि नहीं ली जाती है। (ख) जी नहीं। (ग) परिवहन कार्यालय बालाघाट द्वारा रजिस्टर्ड वाहनों के हिसाब से कोई डाक टिकट पृथक से पंजीयन कार्ड भेजने हेतु नहीं खरीदे गये है। वाहन स्वामी द्वारा आवेदन के साथ संलग्न पंजीकृत लिफाफे के माध्यम से ही रजिस्टर्ड कार्ड भेजे जाते है। (घ) प्रश्नांश (ख) एवं (ग) के उत्तर के प्रकाश में कोई कार्यवाही अपेक्षित नहीं है।
आई.टी. एक्ट के तहत दर्ज एफ.आई.आर
[गृह]
106. ( क्र. 1152 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 24-25 सितम्बर, 2016 की दरमियानी रात में थाना बैहर, जिला बालाघाट में आई.टी. एक्ट के तहत जो एफ.आई.आर. दर्ज करायी गयी थी, उसकी जानकारी एस.एम.एस. सहित दें? (ख) क्या उक्त दिनांक को ही पुलिस अधिकारियों तथा कर्मचारियों के विरूद्ध भी क्या धारा 307 के तहत कार्यवाही की गयी? पुलिस वालों पर जिस घटना के तहत कार्यवाही की गयी थी, तो पीडि़त व्यक्ति की एम.एल.सी. रिपोर्ट थानें में कब प्राप्त हुई? (ग) एम.एल.सी. रिपोर्ट के बगैर क्या धारा 307 लगायी जा सकती है? यदि नहीं, तो बिना एम.एल.सी. रिपोर्ट का अध्ययन किये 307 कैसे लगायी गयी? (घ) 307 धारा गैर कानूनी तरीके से लगाने वाले अधिकारी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जायेगी?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) दिनांक 25.09.2016 की रात 21:35 बजे थाना बैहर, जिला बालाघाट में फरियादी जावेद खान निवासी बैहर की रिपोर्ट पर सुरेश यादव के विरूद्ध अप.क्र. 201/16, धारा 153 (क), 295 (क) भा.द.वि. का अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। प्रकरण विवेचनाधीन होने से एस.एम.एस. की छायाप्रति दिया जाना संभव नहीं है। प्रथम सूचना पत्र की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) जी नहीं। दिनांक 26.09.2016 को फरियादी सुरेश यादव की रिपोर्ट पर पुलिस अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध थाना बैहर में अपराध क्रमांक 202/16, धारा 323, 294, 506, 147, 307, 392, 452 भा.द.वि. का दर्ज किया गया है। पीडि़त की एम.एल.सी. रिपोर्ट 26.09.2016 के 00:05 बजे प्राप्त हुई।
म.प्र. शासन द्वारा व्यापम सहित अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की जानकारी
[गृह]
107. ( क्र. 1180 ) श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश शासन द्वारा व्यापम एवं अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं में शामिल हेतु म.प्र. शासन राज्य के बाहर अन्य प्रदेशों के प्रतियोगियों को भाग लेने हेतु कितना प्रतिशत आरक्षण कोटा का प्रावधान है? प्रति सहित उपलब्ध करावें। (ख) क्या म.प्र. शासन के गृह विभाग द्वारा दिनांक 17/07/2016 आरक्षक पद की चयन परीक्षा में जिला मुरैना में म.प्र. के बाहर के प्रतियोगी परीक्षा में प्रदेश के बाहर के अनगिनत व्यक्तियों द्वारा भाग लिया जिस पर प्रदेश के प्रतियोगियों ने परीक्षा में व्यवधान भी पैदा किया? (ग) यदि हाँ, तो इस परीक्षा में प्रदेश के बाहरी कितने व्यक्ति थे? (घ) क्या म.प्र. शासन म.प्र. के बेरोजगार युवाओं की समस्या को देखते हुए प्रदेश के बाहर के लोगों को परीक्षा में शामिल होने से रोकने हेतु कोई नीति निर्धारित करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) कोई प्रावधान नहीं है। (ख) म.प्र.शासन के गृह विभाग द्वारा दिनांक 17.07.2016 को आरक्षक पद की चयन परीक्षा जिला-मुरैना में आयोजित नहीं की गई है। अतः यह कहना गलत है कि प्रदेश के प्रतियोगियों ने परीक्षा में व्यवधान पैदा किया। (ग) प्रश्नांश ‘ख’ के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र क्रमांक-सी-3-11/2012/1/3, दिनांक-13.01.2016 द्वारा मध्यप्रदेश के मूल निवासियों के लिए राज्य शासन की सेवाओं में भर्ती हेतु आयु सीमा 40 वर्ष तथा मध्यप्रदेश राज्य के बाहर के आवेदकों की आयु सीमा 35 वर्ष निर्धारित कर राज्य के मूल निवासियों को वरीयता दी गई है।
भूकम्प पीडि़त परिवार को सहायता राशि का भुगतान
[राजस्व]
108. ( क्र. 1182 ) श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दिनांक 19 मई 2015 को ग्राम किर्राइच मजरा दुर्गादास की घड़ी तहसील अम्बाह जिला मुरैना में भूकम्प से प्रभावित परिवार श्री वाचाराम, श्री आशाराम, श्री शिवनारायन सभी पुत्रगण श्री जगन्नाथ प्रसाद उपाध्याय के तूफान के कारण मकान की दीवाल पेड़ पौधे, टीन शेड गिर जाने के साथ-साथ मकान से लगा शंकर जी का मंदिर भी ढह गया व इसकी विधिवत् सूचना भी तहसील कार्यालय को दी गई? सूचना उपरांत पटवारी द्वारा क्षति की जाँच की जाकर प्रतिवेदन भी प्रति तहसील कार्यालय में प्रस्तुत कर दिया गया परन्तु कोई राशि उपलब्ध नहीं कराई गई? (ख) क्या सहायता राशि उपलब्ध न होने पर प्रश्नकर्ता विधायक द्वारा पत्र क्रं. 32/वि.दि/राहत राशि/2016 दिनांक 29/09/2016 को एस.डी.एम./एस.डी.ओ. अम्बाह जिला मुरैना को भी पत्र प्रस्तुत किया गया परन्तु प्रश्न प्रस्तुत दिनांक तक न तो पत्र प्राप्ति की सूचना न राहत राशि उपलब्ध कराई गई जो शासन के नियमों का उल्लंघन एवं माननीय विधायकों के विशेषाधिकारों का हनन भी है? (ग) म.प्र. शासन प्रश्नांश (क) में वर्णित परिवार को कब तक राहत राशि उपलब्ध करायेगा व राशि न देने हेतु कौन-कौन अधिकारी-कर्मचारी दोषी हैं?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) दिनांक 19.05.15 को ग्राम किराईच (मजरा दुर्गादास की गढी) तहसील अम्बाह जिला मुरैना में कोई भूकम्प नहीं आया था। आंधी आई थी, आवासीय मकान एवं समीप शंकर जी के मंदिर में कोई क्षति नहीं होने के कारण कोई राशि उपलब्ध नहीं कराई गई है। (ख) प्रश्नकर्ता विधायक द्वारा पत्र क्र.32/वि.दि./राहत-राशि/2016 दि. 29.09.2016 के संदर्भ में क्र./रीडर-1/2016/862/1 दिनांक 17.10.16 से अनुविभागीय अधिकारी अम्बाह जिला मुरैना को संबंधित कार्यालय द्वारा अवगत कराया गया था। किन्तु कोई क्षति नहीं होने से आर्थिक सहायता प्रदाय नहीं की गई है (ग) क्षति नहीं होने से आर्थिक सहायता नहीं दी जा सकती है।
नगर परिषद् करैरा में अतिक्रमित भूमि की जाँच
[राजस्व]
109. ( क्र. 1199 ) श्रीमती
शकुन्तला
खटीक : क्या
राजस्व
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
नगर परिषद्
करैरा में
स्थित भूमि
सर्वे
क्रमांक 2723/2
अतिक्रमित
भूमि जो
शासकीय स्वत्व
की होकर राजस्व
रिकार्ड में
दर्ज है?
क्या
उल्लेखित
सर्वे नम्बर
पर कुछ
भू-माफिया
द्वारा बेजा
अतिक्रमण कर भवन
निर्माण भी कर
लिए गये हैं, जिनका व्यवसायिक
रूप में उपयोग
हो रहा है? (ख) क्या
उक्त सर्वे
नम्बर पर
शिकायतें
होने पर राजस्व
अमले द्वारा
स्थल
निरीक्षण भी
किया गया व
अतिक्रमण को
लेकर
अतिक्रमणकारियों
के खिलाफ
राजस्व
विभाग ने
अतिक्रमण
हटाने के
नोटिस जारी
किये? यदि
हाँ, तो
नोटिस में
किन-किन व्यक्तियों
को अतिक्रामक
के रूप में
पाया गया व उनके
खिलाफ प्रश्न
दिनांक तक क्या
कार्यवाही
हुई? यदि
नहीं, तो
क्यों?
जानकारी
के साथ
अतिक्रामक व्यक्तियों
को प्रदाय नोटिस
का विवरण भी
उपलब्ध
कराये।
राजस्व
मंत्री ( श्री
उमाशंकर
गुप्ता ) : (क) नगर
पंचायत करैरा
स्थित कस्बा
करैरा में स्थित
भूमि सर्वे
नंबर 2723/2
रकवा 1.83
हेक्टेयर
भूमि शासकीय
दर्ज है
जिसमें से 0.800
हेक्टेयर
भूमि पर
राष्ट्रीय
राजमार्ग
अंकित है। जी
हाँ। उक्त
सर्वे नंबर
में पाँच
व्यक्तियों
द्वारा भवन
निर्माण किये
गये है उनमें
से अतिक्रामक
कोमल साहू
द्वारा मैरिज गार्डन
किचन के रूप
में
व्यवसायिक
उपयोग किया जा
रहा है। (ख) जी
हाँ। शिकायत
प्राप्त होने
पर कस्बा
करैरा में सर्वे
नंबर 2723/2 का
पटवारी टीम
द्वारा स्थल
निरीक्षण
किया गया तथा
कस्बा पटवारी
द्वारा
अतिक्रमणकारियों
के विरूद्ध
अतिक्रमण
रिपोर्ट पेश
की गई। पटवारी
रिपोर्ट के
आधार पर
अतिक्रमणकर्ताओं
के विरूद्ध
अतिक्रमण
हटाने हेतु
दिनांक 22-07-2016 को
नोटिस जारी
किये गये थे।
निम्न
व्यक्तियो का
अतिक्रमण
पाया गयाः-
1. कोमल
पुत्र
भैयालाल साहू 45x220=9900
वर्गफीट एवं 30x45=1350
वर्गफीट (कमरा
एवं बाउन्डरी)
2. राकेश
पुत्र
मुन्नालाल
कलार 22x50=1000 वर्गफीट
(तिकोना मकान)
3. नरेन्द्र
पुत्र
शिवनारायण
कलार 16x55=880 वर्गफीट
(तिकोना मकान)
4. शिवनारायण
पुत्र
मुन्नालाल
कलार 25x63=1575 वर्गफीट
(मकान)
5. सुभाष
पुत्र
नाथूराम कलार 20x30=600
वर्गफीट (कमरा
एवं बाउन्डरी)
उपरोक्त अतिक्रमणकर्ताओं के विरूद्ध म.प्र.भू-राजस्व संहिता, 1959 की धारा 248 के तहत कार्यवाही कर, आदेश दिनांक 05-08-2016 के द्वारा अर्थदण्ड आरोपित कर बेदखली आदेश पारित किया गया है। अतिक्रमक कोमल साहू पुत्र भैयालाल साहू द्वारा कलेक्टर न्यायालय के आदेश दिनांक 05-08-2016 के विरूद्ध मान. राजस्व मण्डल, ग्वालियर में निगरानी पेश की गयी। मान. राजस्व मण्डल द्वारा प्रकरण क्रमांक 3650/11/16 दिनांक 22-10-2016 के द्वारा इस न्यायालय का प्र.क्र. 70/15-16/अ-68 मंगाया गया जो दिनांक 28-10-2016 को मान. राजस्व मण्डल ग्वालियर की ओर भेजा गया। अनावेदकगण रोकश पुत्र मुन्नालाल, नरेन्द्र पुत्र शिवनारायण, शिवनारायण पुत्र मुन्नालाल परिवार सहित निवास करते है। वर्तमान में एक मूल प्रकरण मान. राजस्व मण्डल में प्रचलित होने एवं सम्पूर्ण अतिक्रमित भूमि एक ही सर्वे क्रं. 2723/2 का भाग होने से अतिक्रमित भूमि के संबंध में मान. राजस्व मण्डल में प्रस्तुत निगरानी प्रकरण निराकरण होने के पश्चात् मान. राजस्व मण्डल के आदेश के पालन में कार्यवाही की जावेगी।
पटवारियों की पदस्थापना
[राजस्व]
110. ( क्र. 1200 ) श्रीमती शकुन्तला खटीक : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजस्व विभाग द्वारा पटवारियों को एक ही हल्के पर कितने समय तक पदस्थ रहने का क्या प्रावधान है? (ख) क्या तहसील पोरसा, जिला मुरैना के हल्का नम्बर 33 ग्राम रजौधा में पदस्थ पटवारी निजामुद्दीन खान लगभग 15 वर्षों से पदस्थ हैं? यदि हाँ, तो किन नियमों के तहत लगातार पदस्थापना की है? पदस्थापना संबंधी नियम की प्रति उपलब्ध करावें? (ग) लगातार पदस्थ पटवारी का जनहित में कब तक स्थानांतरण कर दिया जायेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी स्थानांतरण नीति वर्ष 2015-16 की कण्डिका 8.7 में जिलों में पदस्थ तृतीय श्रेणी कार्यपालिक अधिकारियों एवं कर्मचारियों का भी एक ही स्थान पर सामान्यतः 03 वर्ष या उससे अधिक पदस्थापना की अवधि पूर्ण कर लेने के कारण स्थानांतरण किया जा सकेगा। (ख) जी नहीं। श्री निजामुद्दीन खान लगभग 10 वर्षों से पदस्थ है। इनके जिले की अन्य तहसील में स्थानांतरण के निर्देश दिये जा रहे है। (ग) कलेक्टर मुरैना को नियमानुसार जिले की अन्य तहसील में स्थानांतरण करने के निर्देश दिये जा रहे हैं।
शासकीय भूमि पर अतिक्रमण
[राजस्व]
111. ( क्र. 1219 ) श्रीमती पारूल साहू केशरी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिले के राजस्व हल्का तिली में शासकीय भूमि किस-किस शासकीय विभाग को कब-कब कितनी-कितनी किस-किस कार्य हेतु आवंटित की गयी अथवा लीज पर दी गयी है और कितनी शासकीय भूमि बची हुई है? जानकारी खसरा नं. एवं रकबा सहित दी जावे। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या विभागीय मिलीभगत से अधिकांश भूमि पर अनाधिकृत लोगों ने कब्जा एवं अतिक्रमण कर रखा है? (ग) राजस्व अनुविभाग सागर द्वारा सरकारी जमीन का सीमांकन कर कम से कम मुख्य मार्ग के आजू-बाजू की जमीन सुरक्षित करने और अतिक्रमण से मुक्त कराने तथा अनाधिकृत लोगों का कब्जा हटाने का क्या लक्ष्य रखा गया है? कब तक और क्या कार्यवाही की जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) सागर जिले के राजस्व हल्का तिली माफी में शासकीय विभागों को कुल 116.885 हेक्टेयर शासकीय भूमि आवंटित की गई है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार एवं मौजा तिली में कुल 91.385 हेक्टेयर शासकीय भूमि शेष बची है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ख) जी नहीं। शासकीय भूमि पर अतिक्रमण करने वाले व्यक्तियों के विरूद्ध म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 के तहत कार्यवाही प्रकरण दर्ज कर प्रचलित है। अतिक्रमण करने वालों व्यक्तियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (ग) शासकीय भूमि का सीमांकन कर अनाधिकृत अतिक्रमण से मुक्त कराने एवं कब्जा हटाने की कार्यवाही प्रचलित है। मुख्य मार्ग के आजू बाजू के अतिक्रमणों का चिन्हांकन कर समयावधि में प्रकरणों का निराकरण किया जावेगा।
अपराधिक घटनाएं
[गृह]
112. ( क्र. 1252 ) श्री अशोक रोहाणी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा केंट (जबलपुर) के पुलिस थाना सदर केंट व रांझी जबलपुर में स्वीकृत व पदस्थ पुलिस बल कितना-कितना है? कौन-कौन से कितने पद रिक्त हैं एवं क्यों? इन रिक्त पदों की पूर्ति हेतु जिला पुलिस प्रशासन व शासन ने क्या कार्यवाही की है? किन-किन पदों पर कब से कौन-कौन पदस्थ हैं? सूची दें। (ख) प्रश्नांकित किन-किन थानांतर्गत घटित हत्या, हत्या का प्रयास, बलात्कार, अपहरण, लूट, चोरी डकैती, राहजनी व गुमशुदा की दर्ज कितनी शिकायतों की जांचें चल रही हैं? कितनी शिकायतों को नस्तीबद्ध किया गया तथा कितने गंभीर आपराधिक मामलों का निराकरण नहीं हुआ है? इनमें लिप्त कितने अपराधियों को गिरफ्तार नहीं किया गया है एवं क्यों वर्ष 2014-15 से 2016-17 तक घटित घटनाओं की जानकारी दें। (ग) प्रश्नांश (क) में पुलिस थाना रांझी एवं केंट अंतर्गत कहाँ-कहाँ पर पुलिस चौकी की आवश्यकता है? कहाँ-कहाँ पुलिस चौकी खोलना प्रस्तावित/स्वीकृत है? इसके लिये जिला पुलिस प्रशासन ने शासन को प्रस्ताव कब भेजा है तथा कब तक पुलिस चौकी की स्थापना कर दी जावेगी?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार। थाना सदर केंट एवं रांझी जबलपुर में क्रमशः उनि-05,प्र.आर.-07, आरक्षक-20 एवं उनि-05, सउनि-02, आरक्षक-14 उप निरीक्षक-05, सउनि-02, आरक्षक-14 पद रिक्त हैं। उप निरीक्षक एवं आरक्षक के सीधी भर्ती के पद की चयन प्रक्रिया प्रचलन में हैं तथा वर्तमान में पदोन्नति की प्रक्रिया माननीय उच्चतम न्यायालय में विचाराधीन याचिका के परिप्रेक्ष्य में स्थगित है। पदस्थ अधिकारियों/कर्मचारियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ’’ अनुसार। (ख) थाना सदर कैंट व रांझी के अंतर्गत हत्या, हत्या का प्रयास, बलात्कार, अपहरण, लूट, चोरी डकैती, राहजनी व गुमशुदा की वर्ष 2014,2015 एवं 2016 में कोई भी शिकायत प्राप्त नहीं हुई है और न ही कोई शिकायत जाँच में लंबित है। गंभीर आपराधिक मामलों के निराकरण सम्बंधी जानकारी पुस्कालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ब’’ अनुसार। (ग) थाना रांझी अंतर्गत ग्राम मानेगांव लाला लाजपत राय वार्ड क्र.-70 में नवीन पुलिस चौकी की स्थापना का प्रस्ताव दिनांक 25.05.2016 को प्राप्त हुआ था जो शासन द्वारा निर्धारित मापदण्ड के अनुरूप नहीं पाये जाने से अमान्य कर दिया गया। वर्तमान में संचालित पुलिस चौकी गौरा बाजार थाना कैंट को उन्नयन कर नवीन पुलिस थाना बनाये जाने संबंधी प्रस्ताव को 6250 नवीन पदों के प्रस्ताव में सम्मिलित करते हुए दिनांक 23.11.2016 को आदेश जारी किये गये।
छात्राओं के साथ घटित घटनाएं
[गृह]
113. ( क्र. 1253 ) श्री अशोक रोहाणी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर जिले में कितनी स्कूल/कॉलेजों की छात्राओं की मृत्यु हुई? कितनी छात्राओं की हत्या की गई? कितनी छात्राओं ने आत्महत्या की है, कितनी छात्राओं का अपहरण हुआ है तथा कितनी छात्राएं लापता एवं गुमशुदा है? थानावार पंजीकृत प्रकरणों की जानकारी वर्ष 2013-14 से 2016-17 तक की देवें। (ख) प्रश्नांकित पंजीकृत कितने प्रकरण में कितने दोषियों को गिरफ्तार कर उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? कितने प्रकरणों में कितने अपराधियों को गिरफ्तार नहीं किया गया है एवं क्यों? आवारा लड़कों/शोहदों की छेड़खानी-अश्लील हरकतों से परेशान होकर आत्महत्या करने से संबंधित पंजीकृत कितने प्रकरणों में कितने अपराधियों को गिरफ्तार करके जेल भेजा गया है? थानावार जानकारी दें। (ग) प्रश्नांश (क) में दुष्कर्म, दुष्कर्म व हत्या, हत्या का प्रयास, अपहरण व दुष्कर्म, यौन-शोषण उत्पीड़न, ब्लेकमेलिंग से संबंधित पंजीकृत कितने प्रकरणों में दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? कितने प्रकरणों में न्यायालय में चालान प्रस्तुत किया गया? बतलावें। (घ) प्रश्नांकित कितने प्रकरणों में जिला प्रशासन व शासन ने छात्राओं के परिजनों को कितनी राशि की आर्थिक सहायता दी है? जिला पुलिस प्रशासन ने छात्राओं की सुरक्षा व उनके साथ घटित होने वाली घटनाओं को रोकने हेतु स्कूल/कॉलेजों के लगने/छूटने के समय पर पुलिसकर्मियों की तैनाती की क्या व्यवस्था की है?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जबलपुर जिले में स्कूल/कॉलेज में वर्ष-2013 से 15.11.2016 तक की अवधि में कुल 36 छात्राओं की मृत्यु हुई। जिनमें वर्ष 2013 में 01 छात्रा की हत्या हुई। 35 छात्राओं ने आत्महत्या की है, 536 छात्राओं का अपहरण हुआ है तथा 536 छात्राओं की गुमशुदगी दर्ज की गई है। थानावर पंजीकृत प्रकरणों की जानकारी वर्ष 2013 से 15.11.2016 तक की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ‘ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब‘ अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (क) में दुष्कर्म के 67 प्रकरण, दुष्कर्म व हत्या का 01 प्रकरण, हत्या का प्रयास के 00, अपहरण व दुष्कर्म के 160 प्रकरण, यौन शोषण उत्पीड़न के 61 प्रकरण तथा ब्लेकमेलिंग 02 इस प्रकार कुल 291 प्रकरण पंजीबद्ध किये गये जिसमें से दुष्कर्म के 65 प्रकरण व हत्या के 01 प्रकरण में, अपहरण व दुष्कर्म के 158 प्रकरण में, यौन शोषण उत्पीड़न के 60 प्रकरण में, ब्लेकमेलिंग के 02 प्रकरणों में इस प्रकार कुल 286 प्रकरणों में चालान माननीय न्यायालय में प्रस्तुत किये गये है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘स‘ अनुसार है। (घ) प्रश्नांकित प्रकरणों में छात्राओं के परिजनों को आर्थिक सहायता प्रदान नहीं की गई है। छात्राओं की सुरक्षा एवं उनके साथ घटित होने वाली घटनाओं को रोकने के लिए जिला स्तर पर निर्भया मोबाइल को स्कूल एवं कॉलेज के लगने और छूटने के समय सतत् निगरानी एवं कार्यवाही हेतु लगाया गया है। जिनके द्वारा छेड़छाड़ एवं अश्लील हरकत करने वालों के विरुद्ध समुचित कार्यवाही की जाती है। निर्भया मोबाइल का प्रभारी अधिकारी उप निरीक्षक स्तर की महिला को नियुक्त किया गया है। इसके अतिरिक्त यातायात पुलिस के द्वारा भी स्कूल एवं कॉलेज के लगने एवं छूटने के दौरान पुलिस प्वाइंट लगाये जाते है तथा जिले के विभिन्न थानों के द्वारा भी स्कूल एवं कॉलेजों के लगने एवं छूटने के समय पुलिस गश्त की व्यवस्था सतत् की जा रही है।
सरपंच से मारपीट की शिकायत पर कार्यवाही
[गृह]
114. ( क्र. 1276 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सुमावली विधानसभा मुरैना की ग्राम पंचायत देवरी के सरपंच द्वारा स्वयं की मारपीट करने, गाली-गलौच, जातिसूचक शब्द कहने का आवेदन दिनांक 31/08/2016 एवं 15/09/2016 व 16/09/2016 को मुरैना अनुसूचित जाति कल्याण पुलिस स्टेशन मुरैना को दिया गया था? उस पर क्या कार्यवाही की गई। (ख) क्या अनुसूचित वर्ग के जनप्रतिनिधि देवरी सरपंच का विवाद शासकीय विद्यालय सागौरिया का पुरा के सीमांकन बाबत् हुआ था। जिसकी बाउण्ड्रीवॉल पंचायत द्वारा बनाई जा रही थी? (ग) अनुसूचित वर्ग के प्रतिनिधि सरपंच की रिपोर्ट पर एफ.आई.आर. दर्ज नहीं करने के क्या कारण रहे। उनकी शिकायत प्रदेश के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को किसके द्वारा, कब-कब की गई। उन शिकायतों पर क्या कार्यवाही की गई, पूर्ण जानकारी दे जावें। (घ) क्या अनुसूचित जाति जनजाति की सुरक्षा हेतु बनाई गई शासन की नीतियों पर अधिकारियों द्वारा उदासीनता प्रदर्शित की गई? क्यों?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी नहीं, जी नहीं। दिनांक 15.09.2016 का हस्ताक्षरित आवेदन पत्र दिनांक 16.09.2016 को थाना अजाक मुरैना पर उप पुलिस अधीक्षक अजाक थाना मुरैना के नाम संबोधित आवेदक सुरेश जाटव, सरपंच सगोरियापुरा द्वारा स्कूल की बाउण्ड्रीवॉल निर्माण कार्य कराने के दौरान अंकित पुत्र रामप्रकाश द्वारा गालियां देने व जातिगत गालियां देकर मारने की धमकी देने का लेख किया गया था। क्रमांक/उपुअ/अजाक/मुरैना/124/16 दिनांक 16.09.2016 पर आमद कर जाँच उप पुलिस अधीक्षक अजाक मुरैना द्वारा की गई। जाँच पर आवेदन पत्र असत्य पाया गया। शांति सुरक्षा व्यवस्था बनाये रखने हेतु प्रतिबंधात्मक कार्यवाही इस्तगासा क्र. 29/16 धारा 107, 116 जा.फौ के तहत तहसील न्यायालय मुरैना में पेश किया गया। (ख) अनुसूचित जाति वर्ग के जनप्रतिनिधि श्री सुरेश जाटव सरपंच का विवाद शासकीय विद्यालय सगोरियापुरा के सीमांकन बाबत् नहीं होना पाया गया। तहसीलदार मुरैना, द्वारा बताया गया कि स्कूल एवं खेल मैदान की भूमि सर्वे क्र 2714 रकबा 0314 शासकीय माध्यमिक विद्यालय सगोरियापुरा स्कूल एवं खेल मैदान हेतु पूर्व से आरक्षित थी। उक्त भूमि का दिनांक 22.09.2016 को सीमांकन करने पर शासकीय भूमि पर कोई अतिक्रमण नहीं पाया गया। (ग) एवं (घ) उत्तरांश ‘क‘ के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कच्चे मार्ग को शासकीय अभिलेखों में चिन्हित करने हेतु
[राजस्व]
115. ( क्र. 1277 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सुमावली विधानसभा क्षेत्र मुरैना के ग्राम ठेह, कैमारी, मुरान, जग्गू के पुरा का सैंकड़ों वर्ष पुराना कच्चा मार्ग शासकीय अभिलेखों में वर्ष 2016 तक अंकित नहीं होने का क्या कारण हैं? (ख) क्या उक्त ग्रामों के स्वीकृत सड़क मार्ग को कुछ लोगों द्वारा शासकीय अभिलेख में कच्चा मार्ग चिन्हित नहीं होने के कारण सड़क मार्ग नहीं बनने दिया था। (ग) क्या उक्त कच्चे मार्ग को शासकीय अभिलेखों में चिन्हित करने हेतु प्रशासन को जनप्रतिनिधि द्वारा पत्र लिखा गया था। दिनांक सहित उक्त पत्र पर क्या कार्यवाही की गई है, पूर्ण विवरण दिया जाये। (घ) उक्त मार्ग को कब तक शासकीय घोषित कर दिया जायेगा, ताकि सड़क मार्ग निर्माण हो सके।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) प्रश्नाधीन भूमि में सैकड़ों वर्ष पुराना कच्चा मार्ग अधिकांशत: भूमि स्वामियों की निजी भूमि में से होकर गुजरता है। अत: उक्त कच्चा मार्ग अभिलेखों में अंकित नहीं किया जा सका है। (ख) प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में सुमावली जौरा रोड से कैमारी मार्ग वर्ष 2009-2010 में स्वीकृत हुआ था। राजस्व विभाग द्वारा सीमांकन कराये जाने पर मार्ग के शुरूआत में 1200 मीटर निजी भूमि होने से मार्ग का निर्माण नहीं कराया जा सका। (ग) उक्त मार्ग को शासकीय अभिलेख में चिन्हित करने हेतु जनप्रतिनिधि द्धारा लिखा गया पत्र कार्यालय को प्राप्त नहीं है। वस्तुत: उक्त कच्चा मार्ग अधिकांशत: निजी भूमि स्वामियों की भूमि से होकर गुजरने के कारण शासकीय अभिलेख में चिन्हित नहीं किया जा सका है। (घ) उत्तरांश 'ख' के परिप्रेक्ष्य में संभव नहीं है।
मार्गों पर अतिक्रमण
[राजस्व]
116. ( क्र. 1284 ) श्री रामेश्वर शर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश के विभिन्न मार्गों पर अतिक्रमण को मुक्त कराने हेतु कोई योजना बनाई गई है? हुजूर विधानसभा क्षेत्र के किन किन रास्तों पर अतिक्रमण है? इन्हें कब तक हटाया जाएगा? उक्त रास्तों पर अतिक्रमण न हो इसके लिए कोई ठोस रणनीति तैयार की जाएगी? अतिक्रमण होने पर कोई जिम्मेदारी तय की जाएगी? (ख) भोपाल जिले में उद्योगों के लिए आवंटित भूमि के कितने डायवर्सन प्रकरण लंबित हैं पूरी सूची उपलब्ध करवायें। (ग) इन लंबित प्रकरणों का समाधान कब तक कर दिया जाएगा? इसके निराकरण की नियमानुसार समय-सीमा क्या है? समय-सीमा में निराकरण न करने वाले अधिकारियों पर क्या कार्यवाही की गई है?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
भूमि गौठान एवं भूदान की भूमि
[राजस्व]
117. ( क्र. 1293 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर एवं कटनी जिले में कुल कितनी भूमि गौठान एवं भूदान की है, जिलेवार, विधानसभा क्षेत्रवार, भूमि के रकबा, स्थल सहित जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) की भूमि पर किन-किन का कब्जा कब से चला आ रहा है तथा कब्जेदार द्वारा उक्त भूमियों का क्या उपयोग किया जा रहा है तथा इन कब्जेदारों से उक्त भूमि कब तक खाली करवाई जावेगी तथा कब्जेदारों पर क्या कार्यवाही की जावेगी? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार भूमियों के नामांतरण की कार्यवाही की गई है तो भूमिवार, नामांतरण करने वाले अधिकारीवार जानकारी उपलब्ध करावें तथा इन भूमियों पर विधि विरूद्ध नामांतरण करने वाले अधिकारी पर क्या कार्यवाही की जावेगी? (घ) प्रश्नांश (ख) एवं (ग) के परिप्रेक्ष्य में दोषी अधिकारी/कर्मचारी एवं कब्जेदार का नाम बतायें एवं उन पर क्या कार्यवाही कब तक की जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
प्रवर श्रेणी वेतनमान स्वीकृती हेतु भेजे गये पत्र
[तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास]
118. ( क्र. 1314 ) श्री संजय उइके : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा मध्यप्रदेश के इंजीनियरिंग/पॉलिटेक्निक महाविद्यालयों में कार्यरत् ग्रंथपाल/सहायक संचालक शारीरिक शिक्षा को प्रवर श्रेणी वेतनमान स्वीकृत करने हेतु बैठक आयोजित करने बाबत् माननीय मंत्रीजी एवं प्रमुख सचिव, तकनीकी शिक्षा एवं प्रशिक्षण विभाग को पत्र लिखा गया था? (ख) यदि हाँ, तो माननीय मंत्रीजी एवं प्रमुख सचिव द्वारा किस अधिकारी को अंकित/निर्देशित किया गया एवं किन-किन अधीनस्थ अधिकारी/कर्मचारियों को पत्र कब-कब प्राप्त हुआ और कब-कब आगे कार्यवाही हेतु अंकित किया गया? (ग) प्रश्नकर्ता का पत्र वर्तमान में किस अधिकारी/कर्मचारी के पास लंबित है और कब तक कार्यवाही की जावेगी?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक जोशी ) : (क) जी हाँ। (ख) माननीय मंत्री जी एवं प्रमुख सचिव के द्वारा संचालक तकनीकी शिक्षा को कार्यवाही हेतु निर्देश दिनांक 03.08.2016 को दिये गये। संचालनालय द्वारा दिनांक 17.08.2016 को प्रस्ताव प्रेषित किये गये। (ग) गठित समिति के समक्ष परीक्षणाधीन। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं हैं।
छोटे झाड़ के जंगल
[राजस्व]
119. ( क्र. 1315 ) श्री संजय उइके : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजस्व रिकार्ड/दस्तावेजों में छोटे झाड़ के जंगल दर्ज किया गया है? (ख) यदि हाँ, तो छोटे झाड़ के जंगल की परिभाषा सहित राजस्व दस्तावेजों/रिकार्ड में किस आदेश/निर्देश/अधिनियम के तहत कब से दर्ज किया गया है? (ग) मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता 1959 की किस धारा में छोटे झाड़ के जंगल का उल्लेख किया गया है?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
मकसूदनगढ़ तहसील में राजस्व अनुभाग का लिंक न्यायालय बनाना
[राजस्व]
120. ( क्र. 1335 ) श्रीमती ममता मीना : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या गुना जिले का मकसूदनगढ़ कस्बे में तहसील स्थापित हैं? उक्त तहसील का परगना क्या चाचौड़ा विधानसभा छोड़कर अन्य विधानसभा राघौगढ़ में एस.डी.ओ. राजस्व न्यायालय लगता है? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो क्या राघौगढ़ से मकसूदनगढ़ की दूरी 50 कि.मी. से अधिक है? क्या मकसूदनगढ़ में एस.डी.ओ. राजस्व न्यायालय के लिए दो दिवसीय लिंक न्यायालय बनाई जा सकती है? (ग) यदि प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित तथ्य सत्य है तो बताये कि चाचौड़ा विधानसभा क्षेत्र की मकसूदनगढ़ तहसील का राजस्व अपील न्यायालय अन्य विधानसभा की मकसूदनगढ़ तहसील का राजस्व अपील न्यायालय अन्य विधानसभा में अधिक दूरी से आमजन को सुविधा देना शासन का अधिकार है? (घ) यदि प्रश्नांश (क) (ख) के तथ्य सत्य हैं तो कब तक परगना राघौगढ़ के एस.डी.ओ. राजस्व न्यायालय को सप्ताह में दो दिवस के लिए लिंक न्यायालय घोषित करायेंगे, अवगत करायें?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
उचित मूल्य की दुकानों का संचालन
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
121. ( क्र. 1353 ) श्री संजय शर्मा : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रायसेन जिले के विकासखण्ड बेगमगंज सिलवानी में कहाँ-कहाँ पर राशन की दुकानें संचालित हैं तथा उक्त दुकानों से उपभोक्ताओं को किन-किन दिन किस दर से क्या-क्या सामग्री का वितरण किनके द्वारा किया जाता है? (ख) उचित मूल्य की दुकानों पर खाद्यान्न एवं केरोसिन तेल पहुंचाने हेतु शासन के क्या-क्या निर्देश हैं? उनकी प्रति दें। प्रश्नांश (क) की दुकानों पर खाद्यान्न एवं केरोसिन तेल किस संस्था या व्यक्ति द्वारा पहुंचाया जाता है? (ग) क्या प्रश्नांश (क) की दुकानों पर खाद्यान्न एवं केरोसिन तेल शासन द्वारा निर्धारित समय पर नहीं पहुंचाया जाता है? यदि हाँ, तो कारण बतायें? (घ) क्या प्रश्नांश (क) की दुकानों पर खाद्यान्न एवं केरोसिन तेल का वितरण अलग-अलग दुकानों से किया जाता है? यदि हाँ, तो कारण बतायें?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) रायसेन जिले के विकासखण्ड बेगमगंज एवं सिलवानी के लिए दुकानों के विक्रेताओं एवं उनके खुलने के दिन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। उक्त दुकानों से वितरित होने वाली सामग्री एवं उसके दर की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ख) शासकीय उचित मूल्य की दुकानों पर खाद्यान्न, शक्कर एवं नमक द्वार प्रदाय योजना अंतर्गत मध्यप्रदेश स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन द्वारा पहुंचाने का प्रावधान मध्यप्रदेश सार्वजनिक वितरण प्रणाली (नियंत्रण) आदेश, 2015 में किया गया है, जिसकी प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार तथा केरोसीन पहुंचाने के निर्देश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'द' अनुसार है। प्रश्नांश (क) के उत्तर में उल्लेखित परिशिष्ट में अंकित दुकानों पर खाद्य सामग्री का प्रदाय मध्यप्रदेश स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन के परिवहनकर्ता द्वारा पहुंचाया जाता है जबकि केरोसीन का प्रदाय विकासखण्ड सिलवानी में भोपाल सर्विस, रायसेन द्वारा एवं विकासखण्ड बेगमगंज में मेसर्स भंवर ऑयल एजेन्सी, रायसेन द्वारा किया जाता है। (ग) अपवाद की स्थिति को छोड़कर सामान्यत: सभी दुकानों पर खाद्यान्न एवं केरोसीन समय पर पहुंचाया जाता है। (घ) जी नहीं। शेष भाग का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
नल-जल योजनाएं
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
122. ( क्र. 1386 ) श्रीमती झूमा सोलंकी : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) भीकनगांव विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत कुल कितने ग्रामों में नल-जल योजना स्थापित हैं? कृपया ग्रामों की सूची उपलब्ध करावें। इन ग्रामों में से कितने ग्रामों में वर्तमान में नल-जल योजनाओं के माध्यम से जल प्रदाय हो रहा है? ग्रामों की सूची उपलब्ध करावें। (ख) ऐसे कितने शेष ग्राम है जहाँ पर नल-जल योजना स्थापित होने के उपरान्त नल-जल योजना के माध्यम से जल वितरण नहीं हो पा रहा है? ग्रामों की सूची उपलब्ध करावें। क्या इस प्रकार की योजना बनाई गई है जिसमें की समस्त स्थापित नल-जल योजनाओं का क्रियान्वयन सहीं ढंग से होकर पेय-जल ग्रामीणों को उपलब्ध हो सके? यदि हाँ, तो क्या योजना है? विवरण दें?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) कुल 94 ग्रामों में। 80 ग्रामों में। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) 14 ग्राम, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। जी हाँ, ”नल से जल-आज और कल“ ग्राम सभा कार्यक्रम के अंतर्गत सर्वेक्षण एवं ग्राम पंचायत से सहमति उपरांत सुदृढ़ीकरण हेतु पेय-जल योजनाएं बनाई गई हैं। इन 14 ग्रामों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
विकासखण्ड झिरन्या में औद्योगिक प्रशिक्षण संस्था में बालिकाओं को ट्रेनिंग
[तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास]
123. ( क्र. 1388 ) श्रीमती झूमा सोलंकी : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भीकनगांव विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग अन्तर्गत विकासखण्ड झिरन्या में औद्योगिक प्रशिक्षण संस्था अंतर्गत मात्र इलेक्ट्रीशियन एवं वेल्डर दो ही व्यवसाय हेतु विषय सम्मिलित हैं? (ख) क्या इन विषयों में बालिकाएं भी ट्रेनिंग ले रही हैं? नहीं तो बालिकाओं को ट्रेनिंग हेतु उनसे सम्बंधित विषय जैसे-कम्प्यूटर ऑपरेटर एवं प्रोसेसिंग असिस्टेंट या अन्य विषय क्यों नहीं सम्मिलित किए गए हैं? क्या भविष्य में इस प्रकार के बालिकाओं से सम्बंधित विषय पर ट्रेनिंग हेतु सम्मिलित किऐ जाऐंगे? हाँ, तो कब तक?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक जोशी ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता हैं।
विधानसभा क्षेत्र जौरा में अपूर्ण हैण्डपंपों को पूर्ण किया जाना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
124. ( क्र. 1391 ) श्री सूबेदार सिंह रजौधा : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विधानसभा क्षेत्र जौरा में वर्ष २०१५-१६ व २०१६-१७ में प्रश्न दिनांक तक कितने नवीन हैण्डपंपों का खनन किया गया है और उनमें कितने हैण्डपंप पूर्ण होकर जल प्रदाय कर रहे हैं और कितने हैण्डपंप सामग्री के अभाव में चालू नहीं हो सके विवरण देवें? (ख) क्या विभागीय अधिकारियों की लापरवाही व ठेकेदारों की उदासीनता के कारण विधानसभा में किए गए नवीन खनित हैण्डपंपों के प्लेटफॉर्म, हैड, सिलेण्डर व पाईप नहीं डाले गए हैं जिससे आम नागरिकों को पेय-जल संबंधी समस्या का समाधान नहीं हो पा रहा है? (ग) प्रश्नांश (क) में वर्णित समयावधि में किए गए हैण्डपंप खनन के लिए विभाग द्वारा कितनी कितनी मात्रा में सामग्री मुहैया कराई गई है और कितनी राशि का भुगतान किया गया है ग्रामवार जानकारी दी जावेगी? (घ) विभाग पर हैण्डपंप संधारण हेतु सामान की कमी है यदि है तो सामान उपलब्धता कब तक कराकर खनन किए गए हैण्डपंपो का संचालन कराया जा सकेगा यदि नहीं, तो अधूरे पड़े हैण्डपंपो का कारण स्पष्ट करेंगे?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नियम विरूद्ध व्यवस्थापन करने वाले अधिकारियों पर कार्यवाही
[राजस्व]
125. ( क्र. 1392 ) श्री सूबेदार सिंह रजौधा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि क्या परि.अ.प्र.सं.३६ (2903) दिनांक १७-०३-२०१६ एवं अतारांकित प्रश्न क्रंमाक १८१० दिनांक २२-०७-२०१६ के उत्तरांश में यह अवगत कराया गया है कि जानकारी एकत्रित की जा रही है यदि हाँ, प्रश्न दिनांक तक जानकारी एकत्रित की जा चुकी है यदि हाँ, तो विवरण देवें यदि नहीं, तो समय-सीमा तय की जा सकेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : जानकारी एकत्रित की जा रही है।
युवाओं को प्रशिक्षण एवं रोजगार
[तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास]
126. ( क्र. 1403 ) श्री
दीवानसिंह
विट्ठल पटेल :
क्या राज्यमंत्री, तकनीकी
शिक्षा महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क)
बड़वानी जिले
में कुल कितने
कौशल विकास
केंद्र एवं आई.टी.आई.
संस्था
संचालित हैं? उनका
संचालन
कहाँ-कहाँ हो
रहा है l (ख) वर्तमान
में प्रत्येक
कौशल विकास
केंद्र में
कितने युवाओं
को कौन कौन से
कार्य का
प्रशिक्षण
दिया जा रहा
है? विकासखंडवार
युवाओं के नाम
सहित जानकारी
देवें? कितने
युवाओं को
उक्त
केन्द्रों
द्वारा रोजगार
प्रदाय
करवाया गया है
l (ग) क्या
पानसेमल विधानसभा
में कई उच्च
शिक्षा
प्राप्त युवा
बेरोजगार हैं? रोजगार
के अभाव में
मानसिक रूप से
व्यथित हैं? क्या
विभाग
विकासखंड
शिविर लगाकर
ऐसे युवाओं को
चिन्हित कर
स्वयं सेवी
संस्थाओं में
रोजगार
दिलवाएगा? यदि हाँ, तो कब तक
और नहीं तो
क्या कारण है?
राज्यमंत्री, तकनीकी
शिक्षा ( श्री
दीपक जोशी ) : (क) एवं
(ख) जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-1, 2
एवं 3
अनुसार है। (ग)
जी नहीं। जी
नहीं। प्रश्न
ही उपस्थित
नहीं होता।
होमगार्ड के जवानों का नियमितीकरण
[गृह]
127. ( क्र. 1404 ) श्री दीवानसिंह विट्ठल पटेल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में होमगार्ड जवानों की भर्ती के क्या प्रावधान है वर्तमान में प्रदेश में कितने होमगार्ड कार्यरत हैं? (ख) क्या आवश्यकता होने पर पुलिस भर्ती के प्रावधानानुसार होमगार्ड की भर्ती कर ली जाती है और कार्य संपन्न हो जाने पर उन्हें सेवामुक्त कर दिया जाता है? यदि हाँ, तो फिर ये युवा अपने परिवार का भरण पोषण कैसे करते हैं? क्या एक बार भर्ती कर इन्हें नियमित नहीं किया जा सकता है? (ग) क्या सिंहस्थ 2016 के तहत कई युवाओं को होमगार्ड के रूप में भर्ती किया गया था पर सिंहस्थ संपन्न होने पर उन्हें हटा दिया गया है? क्या उनके रोजगार हेतु विभाग की कोई योजना है? यदि हाँ, तो क्या और नहीं तो क्यों?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) एवं (ख) मध्यप्रदेश होमगार्ड नियम 2016 की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। वर्तमान में मध्यप्रदेश में होमगार्ड का बल 11986 है, जो शत्-प्रतिशत काल आउट होकर उपलब्ध है। उक्त नियम क अंतर्गत प्रावधान अनुसार। (ग) सिंहस्थ 2016 के लिए मार्च 2016 तक कानून एवं व्यवस्था कार्य के लिए अस्थायी स्वयंसेवकों की अस्थायी नामांकन और काल आउट केवल सिंहस्थ के विशेष प्रयोजन के लिए ही किया गया था। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कंजरों द्वारा अंजाम दी जा रही वारदातों के संबंध में
[गृह]
128. ( क्र. 1420 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मंदसौर जिले में सबसे ज्यादा कंजर प्रभावित क्षेत्र कौन-कौन से माने जाते हैं? (ख) इस वर्ष सुवासरा विधानसभा क्षेत्र के अजयपुर, खेताखेड़ा, ढिकनिया, नकेडिया, देवपुरा नागर, धनवाडा, बापच्या, बनी, कुरावन, इन ग्रामों या अन्य ग्रामों में कंजर वारदात कब-कब घटित हुई है? पुलिस के द्वारा, कंजरों की वारदातों को रोकने हेतु क्या-क्या योजनाऐं बनाई गई हैं? (ग) प्रश्नकर्ता द्वारा विगत विधानसभा सत्र दिनांक २०-०७-२०१६ को प्रश्न क्रमांक २३० तथा दिनांक २७-०७-२०१६ को प्रश्न क्रमांक 1895 में नवीन पुलिस चौकी की मांग की गई थी जिसके जवाब में मंत्री जी द्वारा लिखित में खेताखेड़ा, नकेडिया, में नवीन पुलिस चौकी के आदेश प्रदान किए गए थे वह कब तक प्रारंभ कर दी जावेंगी? (घ) इतने संवेदनशील क्षेत्रों में नवीन पुलिस चौकियों को प्रारंभ करने में विलंब होने से दिनांक ०६-११-२०१६ को ग्राम देवपुरा नागर, धनवाडा में कंजरों के द्वारा बड़ी घटनाओं को अंजाम दिया गया है तथा अन्य-कई वारदाते कंजरों के द्वारा घटित की जा चुकी है उक्त घटनाएं इसी प्रकार से निरंतर होती रही तो इसके लिए जिम्मेदार कौन होगा? बतावें।
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’अ’ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’ब’ अनुसार है। पुलिस के द्वारा कंजरों की वारदातों को रोकने हेतु 24वीं वाहिनी, वि.स.बल की ’ए’ कम्पनी का बल ग्राम बसई, थाना सुवासरा, ग्राम खेताखेड़ा थाना सीतामऊ, ग्राम खेजडि़या, थाना सीतामऊ, ग्राम भोलिया थाना अफजलपुर तथा ग्राम बनी थाना शामगढ़ पर 1-4 का बल लगाया गया। इसके अतिरिक्त कंजर गतिविधि की रोकथाम एवं नागरिकों की सुरक्षा के लिए रात्रि गश्त, चैकिंग नियमित रूप से की जा रही है। जिन-जिन ग्राम में कंजरों की आमद रफ्त है उन ग्रामों में पुलिस ग्राम रक्षा/नगर सुरक्षा समिति का गठन किया गया है तथा रक्षा समिति के सक्रिय सदस्यों की प्रतिमाह बैठक ली जाकर उनसे पुलिस कर्मियों का साथ गश्त एवं चैकिंग में सहयोग लिया जा रहा है। कंजर प्रभावित क्षेत्रों में निरंतर थाना मोबाइल एवं डायल 100 के माध्यम से गश्त तथा रोड पेट्रोलिंग नियमित रूप से की जा रही है। (ग) जी नहीं। समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (घ) दिनांक 06.11.2016 को ग्राम देवपुरा नागर में कंजरों द्वारा अपराध घटित करने पर आरोपियों के विरूद्ध थाना सुवासरा पर अपराध की 268/16 धारा 307, 34 भा.द.वि. एवं 25, 27 आर्म्स एक्ट का कायम कर आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। प्रकरण में विवेचना जारी है। शेष उत्तरांश ’ख’ में बताए अनुसार।
सुवासरा नगर में अतिक्रमण
[राजस्व]
129. ( क्र. 1421 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सुवासरा नगर के सर्वे क्रं. १०३५/१ व १०३५/२ की भूमि किसके नाम पर दर्ज है मय नक्शे के जानकारी देवें? (ख) विगत दो वर्षों से १०३५/२ चरनोई की भूमि पर किन-किन व्यक्तियों के द्वारा अतिक्रमण किया गया है? नाम सहित जानकारी देवें। किस पटवारी, तहसीलदार, अनुविभागीय अधिकारी के द्वारा अतिक्रमणकारियों को नोटिस जारी किए गए उन पटवारी, तहसीलदार, अनुविभागीय अधिकारियों के नाम बतावें? (ग) उक्त सर्वे भूमि पर अतिक्रमणकारियों को नोटिस जारी कर खाना पूर्ति की गई है या उक्त भूमि को अतिक्रमण से मुक्त कराया गया है? (घ) क्या प्रश्न दिनांक तक अतिक्रमणकारियों के द्वारा १०३५/२ चरनोई एवं अन्य भूमियों पर अतिक्रमण कर रखा है यदि हाँ, तो दोषी अधिकारियों के विरूद्ध कब तक कार्यवाही की जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
तहसील चीनौर जिला ग्वालियर के प्रकरण क्रमांक 19/15-16/अ-6 के संबंध में
[राजस्व]
130. ( क्र. 1424 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या तहसील चीनौर जिला ग्वालियर के प्रकरण क्रमांक 19/15-16/अ-6 चतुरी बनाम म.प्र. शासन में पारित आदेश दिनांक 26.08.2016 की जाँच कराने हेतु आयुक्त ग्वालियर संभाग ग्वालियर को श्रीमती नत्थोबाई पुत्री स्व. श्री भोजीराम पत्नी श्री हल्केराम जाटव निवासी ग्राम पुरा बनवार हाल निवासी चीनौर जिला ग्वालियर द्वारा आवेदन दिया था? यदि हाँ, तो आवेदन की प्रति उपलब्ध करावें? (ख) क्या प्रकरण की जाँच कराई गई यदि हाँ, तो प्रकरण में दर्ज शिकायत की बिन्दुवार क्या जाँच रिपोर्ट थी क्या तत्कालीन तहसीलदार श्रीमती शुभद्रा त्रिपाठी दोषी पाई गई यदि हाँ, तो दोषी के प्रति कोई दण्डात्मक कार्यवाही की गई यदि हाँ, तो क्या? यदि नहीं, तो क्यों? अब इस प्रकरण में क्या कार्यवाही की जावेगी स्पष्ट करें? (ग) भितरवार विधानसभा क्षेत्र के अतंर्गत राजस्व विभाग में कौन-कौन कर्मचारी/अधिकारी पदस्थ हैं उनका नाम, पद, पदस्थापना दिनांक स्पष्ट करें?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
दोषियों के विरूद्ध अपराधिक प्रकरण दर्ज कराने एवं वसूली
[गृह]
131. ( क्र. 1434 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले में खाद्यान्न की चोरी एवं कालाबाजारी की शिकायत के संबंध में तारांकित प्रश्न क्रमांक 4908 दिनांक 14/03/2016 में जानकारी दी गई थी, इसके बाद 05 अक्टूबर 2016 को हनुमना पुलिस द्वारा 425 क्विंटल गेहूँ नागरिक आपूर्ति निगम के अधिकारियों एवं खाद् विभाग के अधिकारियों की मिली भगत से उत्तरप्रदेश में बेचने के लिये ले जाया जा रहा था? जो हनुमना प्लाजा में पकड़ा गया। क्या जुलाई 2016 से सितम्बर 2016 तक शक्कर का भी आवंटन नहीं किया गया जिस कारण दुकानों द्वारा वितरण नहीं हुआ। क्या आवंटन प्राप्त हुआ और शक्कर दुकानों में नहीं पहुंचाई गई, बेच ली गई। (ख) प्रश्नांश 'क' के संदर्भ में हनुमना पुलिस द्वारा जप्त खाद्यान्न के आधार पर प्रकरण पंजीबद्ध किया गया जिस पावती के आधार पर प्रकरण पंजीबद्ध किया गया वह माह सितम्बर की थी? जबकि खाद्यान्न अक्टूबर माह में पकड़ा गया, क्या इससे ऐसा प्रतीत नहीं होता है कि नागरिक आपूर्ति एवं खाद्य विभाग संलिप्त है, तो वरिष्ठ अधिकारियों के विरूद्ध आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध नहीं किये गये क्यों? (ग) प्रश्नांश 'क' अनुसार शक्कर का आवंटन माह जुलाई से सितम्बर 2016 के बीच कब-कब, कितना-कितना सरकार द्वारा किस-किस दिनांक को किया गया? आवंटन अनुसार दुकानों में शक्कर किस-किस वाहन क्रमांक से किस-किस दिनांक को पहुंचाई गई अगर समय पर शक्कर दुकानों में नहीं पहुंचाई गई, बाजार में बेच ली गई तो संबंधितों के विरूद्ध जाँच उपरांत क्या आपराधिक प्रकरण दर्ज करायेंगे? (घ) प्रश्नांश 'क' के खाद्यान्न एवं शक्कर की काला बाजारी के लिये दोषी खाद्य नागरिक एवं आपूर्ति विभाग के अधिकारियों के विरूद्ध आपराधिक प्रकरण दर्ज कराते हुये वसूली की कार्यवाही कब तक प्रस्तावित करवायेंगे? अगर नहीं तो क्यों?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
दोषियों पर कार्यवाही
[राजस्व]
132. ( क्र. 1435 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक रीवा जिले के गुढ़ विधानसभा क्षेत्र के लोग अतिवृष्टि एवं बाढ़ से प्रभावित हुए, जिसके कारण उनके मकान एवं गृहस्थी के सामान की क्षति हुई? (ख) यदि हाँ, तो गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त पक्के मकान एवं कच्चे मकान जिनका नुकसान 50 प्रतिशत या अधिक हुआ ऐसे कितने प्रभावित लोग है, उनका विवरण तहसीलवार देते हुए बतावें कि इनको कितनी-कितनी सहायता राशि दी गई? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में 50 प्रतिशत से अधिक पक्के मकानों एवं कच्चे मकानों के नुकसानी पर शासन द्वारा प्रति मकान कितनी सहायता राशि देने का प्रावधान नियत किया है? कपड़ों, बर्तनों एवं खाद्यान्न सामग्री की क्षति पर भी क्या सहायत राशि देने का प्रावधान है? अगर है ता इस पर कितने प्रभावित लोगों को कितनी-कितनी सहायता प्रदान की गई, की जानकारी तहसीलवार देवें? (घ) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में अगर बाढ़ से मकान एवं गृहस्थी के सामान का नुकसान हुआ तो किसानों की फसलों का सर्वे कराकर फसल का नुकसान कितने किसानों को किस-किस मान से किस-किस फसल का दिया गया तहसीलवार बतावें? (ड.) प्रश्नांश (ख) एवं (ग) के प्रभावित बाढ़ पीड़ितों को शासन के जारी निर्देशानुसार पुन: सर्वे कराकर क्या सहायता राशि पात्र हितग्राहियों को उपलब्ध करायेंगे? ऐसा न कर पात्र हितग्राहियों को वंचित रखने के लिए दोषियों की पहचान कर क्या कार्यवाही करेंगे? जबकि मुख्यमंत्री महोदय द्वारा रीवा में क्षतिग्रस्त प्रति मकान 90 हजार रूपये देने की घोषणा की थी, इसी तरह प्रश्नांश (घ) के फसल नुकसानी का सर्वे कराकर किसानों को समुचित सहायता उपलब्ध करायेंगे? करायेंगे तो कब तक? अगर नहीं तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। (ख) ग्रामवार/व्यक्तिवार नाम एवं राशि की सूची तहसीलवार पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘क’ अनुसार है। (ग) आर.बी.सी. 6-4 के कंडिका (तीन) 50 प्रतिशत से अधिक पक्के मकान/कच्चे मकान के नुकसानी पर वास्तविक क्षति के आंकलन के आधार पर अधिकतम रू. 95100/- राशि प्रति मकान एवं झुग्गी/झोपड़ी वास्तविक क्षति के आंकलन के आधार पर 2000/- दिये जाने का प्रावधान है। कपड़ों, बर्तनों एवं खाने की सामग्री क्षति होने पर आर.बी.सी 6-4 के प्रावधानों के अन्तर्गत सहायता राशि देने का प्रावधान है अत: कोई राशि प्रदाय नहीं की गई है। तहसीलवार, ग्रामवार, व्यक्तिवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ख’ अनुसार है। (घ) बाढ़/अतिवृष्टि से प्रभावितों को आर.बी.सी. 6-4 के अन्तर्गत अनुदान सहायता राशि प्रदान की गई है। फसल क्षति का राजस्व विभाग एवं कृषि विभाग से सर्वे कराने पर तहसील हुजूर, गुढ़ एवं रायपुर (कर्चुलियान) में 10 से 15 प्रतिशत फसल क्षति होने से नियमानुसार अनुदान सहायता राशि प्रदान नहीं की गई है। (ड.) प्रश्नांश (ख) एवं (ग) के प्रभावित बाढ प्रभावितों को सर्वे पश्चात ही आर.बी.सी. 6-4 के प्रावधानों के अन्तर्गत अनुदान सहायता राशि प्रदाय की गई है। कोई भी पात्र राहत राशि से वंचित नहीं है।
थाना प्रभारी गोरखपुर जबलपुर द्वारा फर्जी केस तैयार किया जाना
[गृह]
133. ( क्र. 1444 ) श्री अंचल सोनकर : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या गोरखपुर थाना जबलपुर के अतंर्गत श्री माखन सोनकर को थाना प्रभारी द्वारा गिरफ्तार किया गया है। यदि हाँ, तो कब किस स्थान पर एवं किस जुर्म में? (ख) क्या थाना प्रभारी ग्वारीघाट ने माँ नर्मदा दर्शन करने जा रहे श्री माखन सोनकर को ग्वारीघाट में रोक कर उनकी कार एवं अन्य सामग्री जाँच की गई जाँच उपरांत उनके पास कोई भी अवैधानिक सामग्री जप्त नहीं हुई। यदि हाँ, तो उन्हें पुन: साउथ एवैन्यू मॉल के पास थाना प्रभारी गोरखपुर ने रोक कर श्री माखन को कार से उतार कर दूरी पर ले गये और कार की जाँच की एवं स्मैक एवं तेदुंए की खाल बरामद होना बता दिया गया? (ग) क्या श्री माखन सोनकर का पूर्व से किसी व्यक्ति से प्रापर्टी लेनदेन का विवाद चल रहा था। जिसमें तत्कालीन थाना प्रभारी गोरखपुर स्वयं शामिल है। यदि सत्य है तो प्रापटी से संबंधित विवाद किस से चल रहा था। थाना प्रभारी की इसमें क्या भूमिका थी बतावें? (घ) क्या तत्कालीन थाना प्रभारी गोरखपुर द्वारा श्री माखन सोनकर का प्रापर्टी विवाद को उनके अनुरूप सुलझाने का दबाव बनाया गया था और श्री माखन सोनकर ने इंकार कर दिया था। उसी विवाद के कारण थाना प्रभारी द्वारा श्री माखन सोनकर पर झूठा केस तैयार कर गिरफ्तार किया गया है। क्या इसकी उच्चस्तरीय जाँच कराई जावेगी तो कब तक बतावें?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी नहीं। थाना प्रभारी गोरखपुर द्वारा स्वयं किसी प्रकार की कार्यवाही नहीं की गई। माखन सोनकर को दिनांक 25.08.2016 के 00.25 बजे आदर्श नगर गोरखपुर जबलपुर में अपराध क्रमांक 565/16 धारा 09, 39 (3) ए, 44, 48ए, 49,49बी, 51, 52 वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 एवं अपराध क्रमांक 566/16 धारा 8/21 एनडीपीएस एक्ट के तहत चौकी रामपुर थाना गोरखपुर के प्रभारी उप निरीक्षक श्री आर.बी. मिश्रा द्वारा चीते की खाल एवं 50 ग्राम स्मैक जप्त कर गिरफ्तार किया गया। (ख) जी नहीं। यह सही नहीं है, दिनांक 24.08.2016 के 23.10 बजे रामपुर चौकी प्रभारी उप निरीक्षक श्री आर.बी. मिश्रा द्वारा नर्मदा रोड़ पर हीरा स्वीट्स के सामने चेकिंग में माखन सोनकर की वाहन की तलाशी में चीते की खाल व जामा तलाशी में 50 ग्राम स्मैक पाया जाने से प्रश्नांश “क“ के उत्तर में वर्णित अपराध दर्ज किये गये है। (ग) प्रश्नांश “क“ के उत्तर में वर्णित अपराध दर्ज होने के पूर्व थाना गोरखपुर में कोई जानकारी नहीं है एवं न ही थाना गोरखपुर में इस तरह की शिकायत दिनांक 24.08.2016 के पूर्व की गई है। (घ) यह कहना सही नहीं है कि थाना प्रभारी गोरखपुर द्वारा प्रापर्टी विवाद को उनके अनुरुप सुलझाने के लिये अनावश्यक दबाव बनाया गया एवं माखन सोनकर के इंकार करने पर झूठा प्रकरण तैयार किया गया। दोनों प्रकरणों के चालान माननीय न्यायालय में प्रस्तुत होकर विचाराधीन है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नरयावली को उप तहसील या टप्पा तहसील का दर्जा प्रदान करना
[राजस्व]
134. ( क्र. 1448 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नरयावली विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत नरयावली को उप तहसील या टप्पा तहसील का दर्जा पूर्व में प्राप्त था? (ख) क्या वर्तमान में नरयावली को उप तहसील या टप्पा तहसील को दर्जा देने के लिये जन प्रतिनिधियों एवं क्षेत्र की जनता द्वारा मांग की जा रही है? उक्त मांग पर शासन स्तर पर क्या कोई कार्यवाही की जा रही है? (ग) नरयावली को उप तहसील या टप्पा तहसील का दर्जा कब तक प्रदाय किया जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी नहीं। (ख) जी हाँ। (ग) निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं हैं।
कर्रापुर नल-जल आवर्द्धन योजना का क्रियान्वयन
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
135. ( क्र. 1449 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नरयावली विधानसभा क्षेत्र अतंर्गत ग्राम पंचायत कर्रापुर में विभाग द्वारा नल-जल आवर्द्धन योजना कब एवं कितनी लागत से स्वीकृत की गई थी? (ख) क्या कर्रापुर नल-जल आवर्द्धन योजना की निविदा भी जारी की जा चुकी है? यदि हाँ, तो कब और कितनी निविदा विभाग को प्राप्त हुई थी? (ग) निविदा जारी होने के बाद प्रश्न दिनांक तक कार्य ऐजेंसी को कार्य स्वीकृति आदेश क्यों प्रदाय नहीं किया जा रहा है? कारण बतावें? (घ) कर्रापुर नल-जल आवर्द्धन योजना प्रारंभ करने में विलंब का कारण व कब तक प्रारंभ की जावेगी?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) दिनांक 24.9.2013 को प्रशासकीय स्वीकृति लागत रूपये 1,57,42,000/- की प्रदान की गई थी। (ख) जी हाँ, दिनांक 8.5.2015 द्वारा एक निविदा प्राप्त हुई थी। (ग) योजना की प्राप्त निविदा शासन स्तर पर स्वीकृति हेतु प्रक्रियाधीन है, स्वीकृति उपरांत कार्य एजेन्सी (ठेकेदार) से अनुबंध कर कार्यादेश जारी किया जा सकेगा। (घ) योजना में सफल स्त्रोत विलंब से प्राप्त होने एवं परीक्षण उपरांत पुनरीक्षित प्राक्कलन तैयार किये जाने में विलंब होने के कारण योजना प्रारंभ करने में विलंब हुआ। निविदा स्वीकृति उपरांत योजना कार्य प्रारंभ कराये जा सकेंगे, निश्चित समयावधि बताना संभव नहीं है।
राजस्व विभाग के साफ्टवेयर के संबंध में
[राजस्व]
136. ( क्र. 1467 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पाटन विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत प्रश्न दिनांक तक कितने प्रकरण फौती दुरूस्त करने, नामांतरण करने, आपसी बंटवारा तथा राजस्व रिकार्ड दुरूस्त करने खसरा बटांकन करने तथा नक्शा काटने के कब से लंबित हैं तथा जनवरी 2015 से प्रश्न दिनांक तक कितने प्रकरण पटवारी रिपोर्ट/राजस्व निरीक्षक की रिपोर्ट के लिये लंबित हैं? ग्रामवार, तहसीलवार सूची उपलब्ध करावें। (ख) क्या एम.पी.डब्ल्यू.ई. बी.जी.आई.एस. साफ्टवेयर के माध्यम से हल्का पटवारियों द्वारा खसरा, बटांकन करने पर खसरा के कैफियत कालम नं. 12 की जानकारी जैसे कि अहस्तांतरणीय, बैंक बंधक, मकान, पेड़ पौधे खसरा से हट जाते हैं? खसरा कालम नं. 03 में सुधार करने/नामांतरण करने पर प्रबंधक कलेक्टर, बैंक बंधक खसरे से हट जाता है? क्या एम.पी.डब्ल्यू.ई. बी.जी.आई.एस. साफ्टवेयर खसरा के बटांक बढ़ने पर खसरा के अनुरूप नक्शे में नये बटांक करने का विकल्प बंद कर दिया गया है? क्या खसरे में फौती दुरूस्त करते समय बारसानों के नाम अधिक होने पर साफ्टवेयर द्वारा सभी बारसानों के नाम स्वीकार नहीं किये जाते हैं? क्या साफ्टवेयर में नक्शे में क्रमांक सुधार किये जाने के विकल्प न ही होना। क्या एम.पी.डब्ल्यू.ई. बी.जी.आई.एस. साफ्टवेयर के माध्यम से नामांतरण की प्रक्रिया में कई चरणों से गुजरना पड़ता है, जिससे एक नामांतरण करने में 25 से 30 मिनट लगता है? (ग) दिनांक 22 जुलाई 2016 के परि.अता. प्रश्न संख्या 38 (क्र. 832) में प्रश्नकर्ता द्वारा प्रश्न के माध्यम से प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित समस्याओं से अवगत कराने पर साफ्टवेयर में शीघ्र सुधार की बात की गई थी परन्तु अभी भी उक्त साफ्टवेयर के माध्यम से रिकार्ड दुरूस्त करने पर उपरोक्त समस्या का सामना करना पड़ रहा है? (घ) क्या शासन उपरोक्त समस्याओं के निदान हेतु अभी तक कोई संतोषजनक सुधार न किये जाने पर दोषी अधिकारियों के विरूद्ध शासन द्वारा कोई कार्यवाही की गई है अथवा की जावेगी? उल्लेखित साफ्टवेयर में सुधार किस प्रकार से कब तक कर लिया जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
नल-जल योजनाओं का संचालन
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
137. ( क्र. 1468 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) पाटन विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत पेय-जल आपूर्ति हेतु कहाँ-कहाँ पर नल-जल योजना संचालित है इन नल-जल योजनाओं के संचालन हेतु कहाँ-कहाँ जल संग्रहण टंकी का निर्माण किया गया था? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित पानी की टंकियां वर्तमान समय में किस स्थिति में हैं तथा इनमें से किन-किन का जल भंडारण में उपयोग हो रहा है तथा किन-किन में किन कारणों से जल भंडारण नहीं किया जा रहा है? सूची देवें। (ग) क्या पाटन विकासखण्ड अंतर्गत ग्राम बूढीकोनी ग्राम पंचायत कोनीकला तथा ग्राम गाडाघाट, ग्राम पंचायत गाडाघाट में पूर्व में नल-जल योजनाएं स्वीकृत हुईं परन्तु पानी की टंकी का निर्माण पैसा स्वीकृत होने के बावजूद भी नहीं कराया गया? यदि हाँ, तो इसके क्या करण हैं? उक्त स्थलों पर पानी की टंकी का निर्माण कब तक किस प्रकार से कर दिया जावेगा? (घ) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित घटिया पानी की टंकियों के निर्माण का उत्तरदायी कौन है तथा उन पर कब क्या कार्यवाही की गयी? प्रश्नांश (क) में उल्लेखित नल-जल योजनाओं के संचालन हेतु नवीन पानी की टंकियों का निर्माण किस प्रकार से कब तक कर दिया जावेगा?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) ग्राम बूढीकोनी में नल-जल योजना स्वीकृत नहीं है। ग्राम गाडाघाट योजना की स्वीकृति वर्ष 1997 में लागत रु. 7.65 लाख प्रदान की गयी थी, पर्याप्त निविदा आमंत्रण के अभाव में पानी की टंकी का निर्माण नहीं कराया गया। वर्तमान में संबंधित ग्राम पंचायत से आवर्धन योजना के प्रस्ताव तथा जनभागीदारी अंशदान प्राप्त होने पर स्वीकृति उपरांत विभाग में प्राप्त लक्ष्य एवं आवंटन के अनुसार कार्य कराया जाना संभव हो सकेगा। (घ) घटिया टंकियों का निर्माण नहीं किया गया हैं। अतः कार्यवाही का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
आदिवासी की जमीन पर भू-माफियाओं द्वारा कब्जा
[राजस्व]
138. ( क्र. 1480 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या गुढ़ तहसील जिला रीवा अन्तर्गत तमरादेश सहित रामनगर पहाड़ इटार पहाड़, बदवार पहाड़ एवं पाती में गरीब हरिजन आदिवासी की जमीनों का भू-माफियाओं द्वारा बिना किसी विधिक अधिकार एवं विक्रय पत्र से कूटरचित दस्तावेज से फर्जी नामान्तरण कराये जाने की दिनांक २७/९/१६ को शिकायत आयुक्त रीवा सम्भाग को की गयी है? (ख) यदि हाँ, तो उक्त संबंध में उच्च स्तरीय जाँच कराये जाने एवं आपराधिक प्रकरण दर्ज कराये जाने हेतु कई आवेदनों के उपरान्त भी उक्त संबंध में कोई भी कार्यवाही नहीं की गयी? (ग) क्या तमरादेश भूमि घोटाले में दोषी पाये गये आरोपियों के विरूद्ध गुढ़ थाने में दिनांक २५/११/१५ को तहसीलदार सहित १५ लोगों पर आपराधिक प्रकरण दर्ज किये गये परन्तु वर्तमान में सभी आरोपी भूमि घोटाला करने के बाबजूद भी फरार चल रहे हैं? (घ) प्रश्नांश (ग) में वर्णित आरोपियों के विरूद्ध कब तक कार्यवाही की जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। (ख) आवेदन की जाँच करायी गयी। उक्त आवेदन के संबंध में थाना गुढ़ में अपराधिक प्रकरण पूर्व से दर्ज है। (ग) एवं (घ) उक्त प्रकरण में प्राथमिकी थाना गुढ में 25.11.2015 को अपराध क्रमांक 211/15 धारा 420/467/471/120 बी के तहत प्रकरण पंजीबद्ध किया जाकर मामले की विवेचना की गयी, जिसमें आरोपीगणों की संलिप्तता पाई गई। आरोपी विपिन पिता रामसजीवन पटेल, मनीष पिता रामसजीवन पटेल, धर्मेन्द्र पिता हीरालाल पटेल, अशोक कुमार पिता मनमोहन, राजकुमारी पति भीमसेन, सुशीला पति मथुरा, प्रतिभा पति रावेन्द पटेल गेदिया पति राजमणि पटेल, सकुन्तला पति सुरेश पटेल, पंचायत सचिव राजकुमार पटेल एवं तत्कालीन पटवारी रामायण पाण्डेय की गिरफ्तारी की जा चुकी है, शेष आरोपी की तलाश एवं विवेचना की जा रही है।
नवीन हैण्डपंपों का उत्खनन
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
139. ( क्र. 1492 ) श्री रजनीश सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जिला सिवनी अंतर्गत विधानसभा क्षेत्र केवलारी में विभाग द्वारा वर्ष 2015-16 एवं वर्ष 2016-17 तक नवीन हैण्डपंप उत्खनन हेतु वित्तीय एवं भौतिक लक्ष्य कितना था? विकासखण्डवार जानकारी देवें? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार क्या दिये गये वित्तीय वर्षों में हैण्डपंप उत्खनन हेतु दिये गये भौतिक लक्ष्यों के अनुसार ग्रामीण क्षेत्रों में पेय-जल हेतु व्यवस्था पूर्ण की जा सकेगी? यदि नहीं, तो शासन द्वारा हैण्डपंप उत्खनन के लक्ष्यों को बढ़ाने की क्या कार्यवाही की जा रही है? (ग) केवलारी विधानसभा क्षेत्र में पूर्व से स्थापित/स्वीकृत नल-जल की भौतिक स्थिति क्या है? पूर्व में बंद नल-जल योजनाओं को पुन: चालू करने के लिये विभाग द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई है? (घ) क्या विधानसभा क्षेत्र केवलारी अंतर्गत पूर्व में स्वीकृत नल-जल योजना आज दिनांक तक विभाग द्वारा कार्य पूर्ण न होने के कारण संबंधित ग्राम पंचायत को हस्तांतरित नहीं की गई है? उन्हें कब तक पूर्ण कर संबंधित ग्राम पंचायतों को हस्तांतरित कर दी जावेगी?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) लक्ष्य जिलेवार दिये जाते हैं, विकासखण्डवार नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) उत्तरांश-‘क‘ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जी, हाँ। निश्चित समयावधि नहीं बताई जा सकती है।
किसानों को राहत राशि का वितरण
[राजस्व]
140. ( क्र. 1493 ) श्री रजनीश सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) केवलारी विधान सभा क्षेत्रांतर्गत विगत वर्ष 2015 में अल्प वर्षा एवं ओलावृष्टि के कारण तहसीलों में पटवारी हल्कावार कितनी-कितनी प्रतिशत कौन-कौन सी फसलों की नुकसानी का आंकलन किया गया? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित नुकसानी का कितना-कितना मुआवजा किस मान से प्रदान किया गया? पटवारी हल्कावार, ग्रामवार जानकारी देवें। क्या इस सूची में केवलारी विधान सभा क्षेत्र के सभी ग्राम सम्मिलित हैं? यदि नहीं, तो कौन-कौन से ग्राम किन कारणों से इस सूची में सम्मिलित नहीं हैं। (ग) उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में सूखा राहत राशि एवं ओलावृष्टि से पीडि़त किसानों को राहत राशि देने के लिए प्रश्न दिनांक तक केवलारी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत किन-किन विकासखण्डों को कितनी-कितनी राशि आवंटित की गई एवं विकासखण्डों में प्रशासन द्वारा कितनी-कितनी राशि किसानों को प्रश्न दिनांक तक राहत के लिये प्रदाय की गई है? (घ) क्या सूखा राहत राशि का वितरण अभी होना शेष है? यदि हाँ, तो कितने किसानों को कितनी राहत राशि का वितरण होना है? तहसीलवार सूची देवें।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) विगत वर्ष 2015 में अल्पवर्षा (सूखा) एवं ओलावृष्टि के कारण धान फसल एवं ओलावृष्टि से रबी की फसल क्षति 25 प्रतिशत से अधिक हुई है। सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-क अनुसार है। (ख) राजस्व पुस्तक परिपत्र 6 (4) में निर्धारित मानदण्डानुसार प्रभावितों को अनुदान सहायता राशि का वितरण किया गया। पटवारी हल्कावार, ग्रामवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र–ख अनुसार है। केवलारी विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत तहसील छपारा के 40 ग्रामों में ओलावृष्टि से फसल क्षति न होने के कारण अनुदान सहायता राशि वितरण नहीं किया गया, जिसकी सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ख अनुसार है। (ग) केवलारी विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत सभी प्रभावितों को राहत राशि प्रदाय की जा चुकी है। विकासखण्डवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ख अनुसार है। (घ) सभी प्रभावितों को राहत राशि वितरण की जा चुकी है, वितरण हेतु कोई भी प्रभावित शेष नहीं है।
नरेश यादव को बहादुरपुर थाने द्वारा जिला बदर की कार्यवाही
[गृह]
141. ( क्र. 1499 ) श्रीमती इमरती देवी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला पुलिस अधीक्षक के प्रश्नकर्ता को दिनांक १६-२-२०१६ को लिखे पत्र तथा उसके साथ अनुविभागीय अधिकारी पुलिस की दिनांक ३१-१२-२०१५ संलग्न की रिपोर्ट के अनुसार नरेश यादव द्वारा भूमि सर्वे नम्बर ६९६/१ रकवा १ हेक्टेयर शाला व उद्यान के रूप में अंकित है, पर अतिक्रमण करना व ग्रामवासियों की शिकायत के बाद भी अतिक्रमण नहीं हटाना संदिग्ध पाया गया तथा शासन का स्टे होने के बावजूद निर्माण कार्य रोकने के बाद भी नरेश यादव अथाईखेड़ा दिनांक ०१-०९-२०१५ को जीना व सीढि़यों का निर्माण करते हुये पाया गया तथा उसे सिविल जेल भेजने की कार्यवाही हेतु लिखा गया। (ख) क्या नरेश यादव को बहादुर पुर थाने द्वारा जिला बदर की कार्यवाही प्रचलित थी जो जिलाधीश प्रजापति ने रोक दी। क्या पुन: उसे उपरोक्त के आधार पर जिला बदर की कार्यवाही शुरू करेंगे व सिविल जेल भेजेंगे? (ग) एस.डी.ओ.पी. की रिपोर्ट के अनुसार नरेश ने कथन किया कि उसने यह जमीन नहीं खरीदी व अजय प्रताप यादव द्वारा ६९६/२ बिना जिलाधीश की अनुमति के छोटे सिंह ने राजेन्द्र शर्मा को व राजेन्द्र शर्मा से अजय प्रताप ने खरीदी तो नरेश के साथ-साथ अजय प्रताप सिंह को भी दोषी मानकर सिविल जेल की कार्यवाही करेंगे।
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
दोषियों के विरुद्ध दर्ज प्रकरणों पर कार्यवाही
[गृह]
142. ( क्र. 1502 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले के थाना कोलगंवा में दर्ज अपराध क्र. १६८/१६, ४२०, ४६४ एवं धारा ३४ के सम्बन्ध में तहसीलदार रघुराजनगर के पत्र क्र. १३९ दिनांक १२/०७/२०१६ में उल्लेखित नामों के विरुद्ध कार्यवाही नहीं की गई तो कार्यवाही में विलम्ब का स्पष्टीकरण देवें? (ख) क्या पुलिस अधीक्षक सतना के पात्र क्र. ८१५ बी दिनांक २२/०३/२०१६ एवं नगर पुलिस अधीक्षक सतना के पात्र क्र. २७५२ दिनांक १३/०८/२०१६ के द्वारा कलेक्टर सतना से ०९ बिन्दुओं में दस्तावेजी साक्ष्यों के साथ जानकारी चाही गई थी? यदि कलेक्टर सतना द्वारा जानकारी दी गई है तो उसकी प्रति उपलब्ध कराएं यदि नहीं, तो उक्त जानकारी देने में विलम्ब के लिए दोषी अधिकारी के विरुद्ध क्या कार्यवाही सुनिश्चित की जावेगी? (ग) क्या पुलिस अधीक्षक सतना के पत्र क्र. ४३८ दिनांक २३/०७/२०१६ के निर्देशानुसार नगर पुलिस अधीक्षक के द्वारा क्या कार्यवाही की गई अद्यतन जानकारी उपलब्ध करावें? यदि निर्देशों का पालन नहीं किया गया तो कब तक कार्यवाही सुनिश्चित की जावेगी? (घ) कलेक्टर सतना के पत्र क्र. २४५ दिनांक १३/०७/२०१६ द्वारा प्रमुख सचिव राजस्व को तारांकित प्रश्न क्र. २३५९ के जवाब एवं अनुविभागीय अधिकारी रघुराजनगर के द्वारा गठित जाँच समिति के जाँच प्रतिवेदन से स्पष्ट है की दोषी अधिकारी कर्मचारी को चिन्हित किया जा चुका है इसके बावजूद भी आरोपी क्यों नहीं बनाया गया? विवरण सहित जानकारी देवें।
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
अमान परिवर्तन परियोजना से प्रभावित परिवारों का पुनर्वास
[राजस्व]
143. ( क्र. 1509 ) प्रो. संजीव छोटेलाल उइके : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मण्डला जिले की नगर परिषद् बम्हनी बंजर के वार्ड क्र. 2 में रेल्वे के अमान परिवर्तन परियोजना से कितने परिवार प्रभावित हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या प्रभावितों का संपूर्ण पुर्नवास कर दिया गया है? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या प्रभावित भूमि म.प्र. राजस्व विभाग के मालिकाना हक में एवं रेल्वे की जैरे निगरानी में है? यदि हाँ, तो रेल्वे की उस राजस्व की भूमि से बेदखली का अधिकार है? (घ) क्या अमान परिवर्तन के लिये रेल्वे ने जैरे निगरानी की उक्त भूमि को स्थायी रूप से आवंटित करने की मांग की है? (ड.) क्या नगर परिषद् बम्हनी बंजर के द्वारा उक्त प्रभावित परिवारों के पुर्नवास हेतु राजस्व विभाग से उक्त भूमि की मांग की गयी है? यदि हाँ, तो अब तक क्या कार्यवाही की गयी और प्रभावितों का कब तक पुर्नवास हो जायेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
जेलों में अव्यवस्थाओं के सम्बन्ध में लिखे गए पत्र पर कार्यवाही
[जेल]
144. ( क्र. 1515 ) श्री रामनिवास रावत : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या केन्द्रीय जेल भोपाल सहित प्रदेश की जेलों में बंद खरतनाक सजायाफ्ता एवं विचाराधीन बंदियों के सम्बन्ध में सेवानिवृत्त अतिरिक्त जेल महानिरीक्षक श्री जी.के. अग्रवाल ने प्रदेश के तत्कालीन मुख्य सचिव श्री अंटोनी डिसा को माह जून 2014 में पत्र लिखा था? (ख) यदि हाँ, तो पत्र में किन-किन बिन्दुओं की ओर ध्यान आकर्षित किया था? किन-किन बिन्दुओं पर शासन द्वारा क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों? पत्र की प्रति उपलब्ध करावें? (ग) केंद्रीय जेल भोपाल के किन किन जेल प्रहरियों को किस के आदेश से जेल से बाहर कहाँ-कहाँ पर कब-कब से पदस्थ/तैनात किया गया है? क्या जेल से बाहर जेल प्रहरियों की पदस्थापना नियमानुकूल है? यदि नहीं, तो जिम्मेदार दोषियों के विरुद्ध अभी तक क्या कार्यवाही की गई? (घ) क्या दिनांक 30-31 अक्टूबर 2016 की रात्रि को सिमी संगठन के विचाराधीन 8 बंदी जेल से फरार हो गए थे? यदि हाँ, तो जेल प्रबंधन की किन किन कमियों के चलते फरार हुए थे? क्या इस सम्बन्ध में जाँच आदेशित की गई है? यदि हाँ, तो किस स्तर की जाँच किन किन बिन्दुओं पर आदेशित की जाकर जाँच की समय-सीमा क्या निर्धारित की गई है?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी हाँ। (ख) पत्र में मुख्य रूप से ड्यूटी पर उपस्थित प्रहरियों को चाय व नाश्ते के प्रावधान को समाप्त कर पौष्टिक आहार भत्ता देने तथा सिमी बंदी की मुलाकात, जेल भवन की संरचना आदि बिन्दु पर ध्यान आकर्षित किया गया था। मध्यप्रदेश शासन, जेल विभाग, मंत्रालय के आदेश क्रमांक-एफ-02 (बी) 24/2016/तीन/जेल, दिनांक 05/11/2016 द्वारा प्रदेश की समस्त 11 केन्द्रीय जेलों की सुरक्षा व्यवस्था के ऑडिट हेतु समिति का गठन किया गया है, जो संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। गठित समिति द्वारा प्रस्तुत आवेदन पत्र का परीक्षण किया जा रहा है। (ग) जेल परिसर से बाहर आवश्यकता अनुसार सिविल अस्पताल में भर्ती बंदियों एवं जेल मुख्यालय एवं जिला जेल परिसर की सुरक्षा व्यवस्था हेतु तैनात किये गए है। जेल से बाहर जेल प्रहरियों की पदस्थापना ड्यूटी हेतु पाबंदी किया जाना जेल मैन्युअल के अनुरूप नियमानुकूल है। (घ) जी हाँ। मध्यप्रदेश शासन, सामान्य प्रशासन विभाग, मंत्रालय वल्लभ भवन के आदेश क्रमांक-एफ 24-7/2016/1-10/भोपाल, दिनांक 07/11/2016 द्वारा उपर्युक्त विषयों की जाँच हेतु एकल सदस्यीय न्यायिक जाँच आयोग का गठन किया गया है। जाँच प्रतिवेदन प्रस्तुत करने हेतु तीन माह की समय-सीमा निर्धारित की गई है।
महिलाओं/बच्चों की मानव तस्करी
[गृह]
145. ( क्र. 1517 ) श्री रामनिवास रावत : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के परि.अता. प्रश्न संख्या 102 (क्र. 3153) दिनांक 27.07.16. में प्रदेश में 1 जनवरी 2014 से 1 जनवरी, 2016 तक की अवधि में महिलाओं/बच्चों की मानव तस्करी के 165, अपहरण के 14068 प्रकरण एवं गुमशुदगी के 37354 प्रकरण, कुल 51587 प्रकरण पंजीबद्ध किये जाने की जानकारी दी गई थी? तो प्रदेश में 2 जनवरी, 2016 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में महिलाओं/बच्चों के मानव तस्करी/अपहरण/ गुमशुदगी के कुल जिलेवार कितने प्रकरण पंजीबद्ध हुए? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में कितने महिलाएं/बच्चे अभी तक बरामद किये गए हैं? उक्त घटनाओं को अंजाम देने वाले कितने आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है? (ग) प्रदेश में मानव तस्करी की घटनाओं पर नियंत्रण हेतु क्या प्रयास किये जा रहे हैं? शासन के प्रयासों के बावजूद इन घटनाओं पर नियंत्रण न होने के क्या कारण है?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। प्रदेश में 02 जनवरी 2016 से 18 नवम्बर 2016 तक की अवधि में महिलाओं/बच्चों की मानव तस्करी के 52 प्रकरण, अहपहरण के 6789 प्रकरण एवं गुमशुदगी के 17573 प्रकरण (कुल 24414 प्रकरण) पंजीबद्ध हुए हैं। जिलेवार जानकारी पुस्तकालय में रखे गये परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में 8551 महिलाऐं एवं 7541 बच्चे अभी तक बरामद किये गये हैं। उक्त घटनाओं को अंजाम देने वाले 2577 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। (ग) मानव दुर्व्यापार की रोकथाम हेतु सभी जिलों में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षकों/उप पुलिस अधीक्षकों को मानव दुर्व्यापार के प्रकरणों की समीक्षा एवं पर्यवेक्षण हेतु नोडल अधिकारी नामांकित किया गया है। केन्द्रीय शासन के अनुमोदन उपरांत 24 मानव दुर्व्यापार निरोधी इकाइयों के साथ-साथ अन्य जिलों में भी अतिरिक्त पुलिस अधीक्षकों के निर्देशन में इन प्रकरणों की विवेचना की जाती है। सभी इकाईयों के साथ 02 स्वयंसेवी संगठन संबद्ध किये गये हैं। मानव दुर्व्यापार रोकने हेतु पुलिस मुख्यालय द्वारा उचित दिशा-निर्देश जारी किये गये हैं एवं पुलिस अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा इस कार्य में स्वयंसेवी संगठनों का सहयोग भी लिया जाता है। पुलिस मुख्यालय द्वारा नियमित अंतराल पर मानव तस्करी की रोकथाम, नियंत्रण व विवेचना आदि बिन्दुओं पर प्रशिक्षण कार्यक्रम, सेमिनार आदि आयोजित किये जाते हैं। मानव दुर्व्यापार के प्रकरणों में पुलिस द्वारा त्वरित एवं न्याय संगत कार्यवाही की जा रही है।
बन्द पड़ी नल-जल योजनाओं को चालू किया जाना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
146. ( क्र. 1521 ) श्री कुंवर सिंह टेकाम : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सीधी एवं सिंगरौली जिले के अंतर्गत विकासखण्ड कुसमी, मझौली एवं देवसर में कितनी नल-जल एवं कितनी मुख्यमंत्री पेय-जल योजनाएं संचालित हैं? सूची उपलब्ध करायें? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में संचालित पेय-जल योजनायें कितनी चालू एवं कितनी बंद पड़ी हैं बन्द पड़ी नल-जल योजनाओं को कब तक चालू कर दिया जावेगा? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में संचालित नल-जल योजना एवं मुख्यमंत्री पेय-जल योजनाओं का संचालन किसके द्वारा किया जाता है? लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के द्वारा अथवा ग्राम पंचायत के द्वारा संचालन किया जाता है? (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में यदि विभाग के द्वारा संचालन किया जाता है तो जानकारी देवें? यदि नहीं, तो क्या ग्राम पंचायत को नल-जल योजना संचालन हेतु लिखित में आदेश जारी किया गया है तो उसकी प्रति उपलब्ध कराये? क्या ग्राम पंचायत को नल-जल योजनाओं को संचालित किये जाने हेतु हस्तांतरित की गयी हैं? तो आदेश की प्रति उपलब्ध करायें?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 के अनुसार है। (ख) कुल 87 योजनाओं में से 65 चालू एवं 22 बंद हैं। निश्चित समय-सीमा नहीं बताई जा सकती। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 के अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 के अनुसार है।
पात्र हितग्राहियों को खाद्यान्न पात्रता पर्ची जारी का वितरण
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
147. ( क्र. 1522 ) श्री कुंवर सिंह टेकाम : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीधी एवं सिंगरौली जिले के अंतर्गत जनपद पंचायत कुसमी, मझौली एवं देवसर में गरीब पात्र हितग्राहियों को खाद्यान्न पात्रता पर्ची जारी की गई हैं यदि हाँ, तो कितने पात्र हितग्राहियों को जारी की गयी हैं? श्रेणीवार संख्या बताये। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में पात्र हितग्राहियों में छूटे पेंशनधारी, बी.पी.एल. कार्डधारी, संनिर्माण कर्मकार मण्डल कार्डधारी, मजदूर सुरक्षा कार्डधारी, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के परिवारों को खाद्यान्न पात्रता पर्ची नहीं जारी की गयी है? उनकी संख्या कितनी हैं? श्रेणीवार संख्या बतायें। (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में जिनको खाद्यान्न पात्रता पर्ची नहीं दी गयी है कारण बतायें। कब तक पात्रता पर्ची जारी कर दी जावेगी? (घ) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में जिन हितग्राहियों को पात्रता पर्ची जारी की गयी है? बीच-बीच में उनका पात्रता पर्ची से नाम काट दिया जाता है अथवा कट जाता है क्या कारण हैं? पात्रता पर्ची में पुन: नाम जोड़ने में आने वाले कठिनाईयों दूर करने के लिये शासन स्तर पर क्या कार्यवाही की जाती है?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जी हाँ। सीधी जिले की जनपद पंचायत कुसमी तथा मझौली एवं सिंगरौली जिले की जनपद पंचायत देवसर में श्रेणीवार जारी पात्रता पर्ची की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) समग्र पोर्टल पर पेंशनधारी, बी.पी.एल. कार्डधारी, संनिर्माण कर्मकार मण्डल कार्डधारी, मजदूर सुरक्षा कार्डधारी, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति श्रेणी के सत्यापित परिवार जिनकी पात्रता पर्ची जारी नहीं की गई है। उनकी जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत पात्र परिवार के रूप में सम्मिलित 24 श्रेणियों में से माह अगस्त, 2016 तक सत्यापित समस्त पात्र परिवारों को सत्यापन उपरांत पात्रता पर्ची जारी की गई है। माह सितम्बर, 2016 में सत्यापित पात्र परिवारों की जनसंख्या राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत निर्धारित जनसंख्या से अधिक होने तथा भारत सरकार द्वारा खाद्यान्न आवंटन की सीमा से अधिक खाद्यान्न की आवश्यकता होने के कारण माह सितम्बर, 2016 से सत्यापित नवीन परिवारों को पात्रता पर्ची जारी नहीं की गई है। पात्र परिवार के रूप में सम्मिलित परिवारों के डी-डुप्लीकेशन की कार्यवाही प्रचलित है उसके उपरांत अपात्र परिवारों को हटाने पर निर्धारित खाद्यान्न आवंटन की सीमा के अंतर्गत ही नवीन सत्यापित परिवारों को सम्मिलित किया जा सकेगा। (घ) राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत सम्मिलित परिवारों के डाटाबेस में स्थानीय निकाय के साथ-साथ अन्य विभागों द्वारा भी सत्यापन, विलोपन एवं संशोधन की कार्यवाही करने पर तकनीकी त्रुटि के कारण कुछ परिवार उचित मूल्य दुकानों से अनमेप होने की समस्या संज्ञान में आई है, जिसके निराकरण हेतु माह अक्टूबर, 2016 में पात्र परिवारों का डाटा स्थिर कर अन्य विभागों द्वारा अपडेशन की सुविधा बंद कर दी गई है। भविष्य में, पात्र परिवारों के डाटाबेस में स्थानीय निकाय के प्रस्ताव के आधार पर केन्द्रीकृत रूप से अपडेशन किया जाएगा, जिससे उक्त समस्या उत्पन्न नहीं होगी। जिन परिवारों के नाम तकनीकी एवं अन्य कारणों से अनमेप हुए है, ऐसे परिवारों का कारण सहित नाम पी.ओ.एस. मशीन पर उपलब्ध कराया गया है जिससे परिवार पात्र होने पर संबंधित निकाय से संपर्क कर पात्रता संबंधी दस्तावेज प्रस्तुत किये जा सके एवं ऐसे परिवारों के परीक्षण हेतु सूची जिलों को उपलब्ध कराई गई है।
दुर्घटना में मारे गए व्यक्ति
[परिवहन]
148. ( क्र. 1553 ) श्री जितू पटवारी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रतलाम के पास नामली में दिनांक 14.10.2016 को बस के खदान के गड्ढे में उतर जाने तथा पानी में दम घुटने से मृत 14 व्यक्तियों की घटना की जाँच हेतु गठित जाँच दल की रिपोर्ट की प्रति देवें? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित जाँच दल में खनिज अधिकारी को क्यों नहीं रखा गया तथा जाँच के बिंदुओं में उस खदान को क्यों नहीं शामिल किया गया, जिसके गड्डे के पानी में बस उतर गई थी? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित दुर्घटना में 14 व्यक्तियों की मृत्यु का कारण था तथा मृतकों को किस नियम के तहत कितना-कितना मुआवज़ा दिया गया? (घ) दुर्घटना की न्यायिक जाँच क्यों नहीं कराई गई तथा पूर्व विधायक के पत्र दिनांक 15.10.2016 में उल्लेखित मुद्दो का बिंदुवार उत्तर/स्पष्टीकरण देवें?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) कलेक्टर रतलाम द्वारा गठित जाँच दल की रिपोर्ट की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) बस दुर्घटना स्पष्टत: बस के अनियंत्रित होकर सड़क से नीचे उतरकर गड्ढे में गिरने से हुई थी। अत: जाँच के बिन्दुओं में बस के सड़क से नीचे उतरने के कारणों से संबंधित बिन्दुओं को शामिल किया गया एवं जाँच के दौरान सामने आने वाले अन्य आवश्यक बिन्दु भी रखे गये। अत: जाँच का दायरा दिये गये बिन्दुओं तक ही सीमित नहीं था। आवश्यकता अनुसार अपर कलेक्टर जो जाँच समिति के अध्यक्ष भी थे, किसी भी आवश्यक बिन्दु पर किसी भी विभागीय अधिकारी से आवश्यक दस्तावेज प्राप्त करने या कथन अंकित करने के लिये अधिकृत थे। उपरोक्त कारणों से खनिज अधिकारी को भी जाँच समिति में सदस्य नहीं बनाया गया। (ग) कार्यालय कलेक्टर जिला रतलाम से प्राप्त जानकारी अनुरूप दुर्घटना में 14 व्यक्तियों की मृत्यु पोस्टमार्टम रिपोर्ट अनुसार पानी में डूबने के कारण हुई है। मृतकों को मान. मुख्यमंत्री की घोषणा अनुसार दो लाख प्रत्येक के मान से (एक लाख रूपये राजस्व पुस्तक परिपत्र 6-4 के तहत तथा एक लाख रूपये मुख्यमंत्री कार्यालय से घोषणा के तहत) कुल 28 लाख रूपये मृतकों के परिजनों को दिये गये। (घ) दुर्घटना के कारण प्रत्यक्ष होने के कारण न्यायिक जाँच नहीं करायी गयी। पूर्व विधायक के दिनाँक 15.10.2016 का पत्र पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। पत्र में उल्लेखित मुद्दों की जाँच नगर पुलिस अधीक्षक रतलाम द्वारा खनिज अधिकारी रतलाम से माँगी गयी जानकारी का पत्र पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। प्रभारी अधिकारी खनिज शाखा, रतलाम द्वारा दी गई जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'द' अनुसार है। जिला अभियोजन अधिकारी, जिला रतलाम का अभिमत पत्र पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'य' अनुसार है। नगर पुलिस अधीक्षक रतलाम का जाँच प्रतिवेदन पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'र' अनुसार है। जाँच से खनिज अधिकारी के विरूद्ध प्रथम दृष्ट्या संज्ञेय अपराध घटित होना नहीं पाया गया।
दबंगों द्वारा महिलाओं पर अत्याचार की घटनाएं
[गृह]
149. ( क्र. 1555 ) श्री जितू पटवारी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत 3 वर्ष में मध्यप्रदेश के विभिन्न थाना क्षेत्रों में दबंगों द्वारा महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाने की कितनी घटनायें घटित हुई या प्रशासन द्वारा संज्ञान लिया गया, जानकारी जिलेवार देवें? (ख) प्रश्नांश (क) की अवधि में महिलाओं से संबंधित बलात्कार, महिला उत्पीडन, छेड़छाड़, दहेज उत्पीडन, दहेज के कारण हत्या और अन्य कारणों से कितने केस पुलिस ने रजिस्टर्ड किये है? (ग) राज्य महिला आयोग द्वारा इस संदर्भ में गृह विभाग के साथ क्या कोई कार्यवाही की गई है? उनके द्वारा महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाने की घटना पर क्या-क्या पत्र व्यवहार पुलिस महानिदेशक को किये गए की छायाप्रति उपलब्ध कराये? (घ) संबंधित जिलों के एस.पी. पर क्या अनुशासनात्मक कार्यवाही की गयी/उनकी CR में क्या टीप दर्ज की गई विवरण उपलब्ध करायें?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) एवं (ख) विगत 03 वर्ष में म.प्र. के विभिन्न थाना क्षेत्रों में दबंगों द्वारा महिलाओं को निर्वस्त्र कर, घुमाने की 03 घटनाऐं दर्ज हुई। वर्षवार, जिलेवार विस्तृत विवरण पुस्तकालय में रखे गये परिशिष्ट के प्रपत्र ’अ’ अनुसार है। (ग) जी नहीं। महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाने की घटनाओं पर जो पत्र व्यवहार पुलिस महानिदेशक को किये गये है, उनकी छायाप्रति पुस्तकालय में रखे गये परिशिष्ट के प्रपत्र ’ब’ अनुसार है। (घ) कोई अनुशासनात्मक कार्यवाही नहीं की गई। सी.आर. में कोई टीप दर्ज नहीं की गई।
चिट फण्ड कंपनियों के खिलाफ कार्यवाही
[गृह]
150. ( क्र. 1556 ) श्री जितू पटवारी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इंदौर, उज्जैन संभाग में पिछले तीन वर्षों में चिट फण्ड कंपनियों के खिलाफ दर्ज प्रकरणों की सूची जिलेवार प्रकरण क्रमांक, दिनांक आरोपियों के नाम सहित प्रदान करें? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित प्रकरणों में से किस-किस प्रकरणों में कितने-कितने आरोपियों को किन-किन दिनांक को गिरफ्तार किया गया तथा किस-किस प्रकरण में कितनी-कितनी सम्पत्ति/राशि जब्त की गई? (ग) चिट फण्ड कंपनी की धोखाधड़ी के किस-किस जिले में ऐसे कितने आवेदन विवेचना में हैं जिन पर अभी प्रकरण दर्ज किया जाना शेष है? उनके आवेदन की दिनांक सहित संपूर्ण जानकारी देवें? (घ) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित प्रकरणों में से किस-किस प्रकरण के न्यायालय में चालान किस दिनांक को प्रस्तुत किये गये?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’अ’ अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’ब’ अनुसार। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’अ’ अनुसार।
ग्रामीण अंचल में पेय-जल योजनाएं
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
151. ( क्र. 1609 ) श्री प्रताप सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) दमोह जिले की जबेरा विधानसभा क्षेत्र के अतर्गत वर्ष 2014-15 से विकासखंड तेन्दूखेड़ा एवं जबेरा में शासन की योजनाओं के तहत ग्रामीण अंचल में पेय-जल उपलब्ध कराने के उद्देश्य से कहाँ-कहाँ पर नल-जल योजनाएं प्रारम्भ से अभी तक किस-किस मद से स्वीकृत की गई है? (ख) प्रत्येक नल-जल योजना पर कितनी-कितनी राशि व्यय की गई है तथा वर्तमान में कितनी योजनाएं प्रारंभ हैं एवं कितनी बंद हैं? योजनाओं के बंद रहने का क्या कारण है तथा किस अवधि से बंद पड़ी हुई है, विभाग द्वारा अभी तक बंद योजनाओं को प्रांरभ करने में क्या प्रयास किये गये हैं? क्या जनवरी 2017 तक सभी बंद योजनाएं कार्यशील हो जावेंगी? (ग) क्या वर्ष 2016-17 में मुख्यमंत्री पेय-जल योजना के अतंर्गत नल-जल योजनाएं स्वीकृत की गई हैं यदि हाँ, तो कहाँ-कहाँ कितनी-कितनी लागत राशि की? योजनाओं की वर्तमान स्थिति क्या हैं?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) दमोह जिले की जबेरा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत वर्ष 2014-15 से विकासखण्ड तेन्दूखेड़ा एवं जबेरा में ग्रामीण अंचल में पेय-जल उपलब्ध कराने हेतु ग्राम मौसीपुरा एवं नोहटी की नल-जल योजनाऐं राष्ट्रीय ग्रामीण पेय-जल कार्यक्रम अंतर्गत स्वीकृत हुई हैं। (ख) ग्राम मौसीपुरा में 20.00 लाख रूपये एवं ग्राम नोहटी में 27.00 लाख की राशि व्यय की गई है तथा वर्तमान में दोनों योजनाऐं प्रगतिरत हैं। शेष प्रश्नांश ही उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्नांश ही उपस्थित नहीं होता।
प्रतिलिपि एवं मुद्रांक शुल्क
[राजस्व]
152. ( क्र. 1628 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या संचालक (प्रशासन) राज्य लोक सेवा अभिकरण मध्यप्रदेश के पत्र क्रमांक-143/एसएपीएसएमपी/2015 दिनांक-26-05-2015 अनुसार राजस्व विभाग के विभागीय प्रबंधक, सीनियर प्रोग्रामर (एसएपीएस) एवं एसपीएमयू टीम के साथ बैठक आयोजित कर प्रकरणों की नकल की प्रतिलिपि की राशि रू. 5/- एवं मुद्रांक राशि रू. 5/- से बढ़ाकर प्रतिशुल्क रू. 20/- एवं मुद्रांक शुल्क रू. 20/- किया गया है? इस प्रकार आवेदक को पूर्व में लग रहे रू. 10/- के स्थान पर रू. ४०/- की राशि प्रति पेज लगने लगी हैं। (ख) क्या सूचना के अधिकार के अंतर्गत प्रकरणों की नकल प्राप्त करने पर आवेदक को प्रति पेज रू. २/- वास्तविक लागत लग रही है? यदि हाँ, तो सूचना के अधिकार और राजस्व प्रकरण की नकल के दस्तावेज की प्रति पेज लागत में रू. 38/- का अंतर आ गया है? यदि हाँ, तो यह कहाँ तक उचित है एवं इस असमानता को दूर करने के लिये क्या कोई आदेश प्रदान किये जायेंगे? (ग) प्रश्नांश (क) के अंतर्गत क्या उल्लेखित पत्र एवं निर्णय लेने वाली टीम को यह अधिकार था? यदि हाँ, तो किस नियम के तहत, यदि नहीं, तो क्या इस विधि विरूद्ध निर्णय को निरस्त किया जाकर राज्य शासन की मंशानुसार वास्तविक लागत के आधार पर दरें निर्धारित की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक, यदि नहीं, तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी नहीं, राजस्व विभाग की सेवा क्रं. 4.9 राजस्व विभाग का परिपत्र क्रं. एफ 5-9/2014/सात-1, दिनांक 28/01/2014 एवं सेवा क्रं. 4.10 राजस्व विभाग का परिपत्र क्रं. एफ 5-10/2014/सात-1 दिनांक 28/01/2014 में अभिलेख प्रकोष्ठ में जमा प्रकरण के लिए प्रति पृष्ठ 20 रूपये मुद्रांक एवं 20 रूपये प्रतिलिपि शुल्क देय है। (ख) जी हाँ, नकल प्रदाय एवं सूचना के अधिकार के तहत प्रति देना दो पृथक-पृथक व्यवस्था होने से यह स्थिति है। (ग) उत्तरांश ’क’ एवं ’ख’ के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता है।
परिवहन कार्यालय भवन निर्माण
[परिवहन]
153. ( क्र. 1629 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी जिला परिवहन अधिकारी कार्यालय भवन निर्माण कार्य का कार्यादेश किस ठेकेदार को कब किया गया था एवं निर्माण कब तक पूर्ण होना था? (ख) प्रश्नांश (क) के तहत भवन निर्माण कार्य कब प्रारंभ किया गया एवं प्रश्न दिनांक तक कितना कार्य हुआ, निर्माण कार्य के कौन-कौन शासकीय सेवक प्रभारी रहे? नाम, पदनाम बतायें। इनके द्वारा कार्य का कब-कब निरीक्षण किया गया एवं क्या-क्या प्रतिवेदन दिये गये (ग) भवन निर्माण में अनियमितता को लेकर क्या-क्या कार्यवाही किन-किन शासकीय सेवकों द्वारा कब-कब किस सक्षम अधिकारी को प्रस्तावित की गई एवं किन वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा क्या-क्या कार्यवाही ठेकेदार पर की गई? (घ) क्या कलेक्टर कटनी द्वारा 22-10-2016 को कार्य का निरीक्षण किया गया था? यदि हाँ, तो निरीक्षण प्रतिवेदन क्या था और दिनांक 22-10-2016 में पाई गई अनियमितताएं पूर्व के विभागीय प्रतिवेदनों में उजागर न होने के क्या कारण रहे? (ड.) प्रश्नांश (क) से (घ) के परिप्रेक्ष्य में निर्माण कार्य में अनियमितताओं का एवं इसकी अनदेखी का कौन-कौन जिम्मेदार है? क्या इन पर कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो क्या और कब तक, यदि नहीं, तो क्यों?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) कार्यादेश मेसर्स विध्या कन्स्ट्रक्शन कंपनी सतना को दिनाँक 19.05.2014 को दिया गया था। निर्माण 18.09.2015 तक पूर्ण होना था। (ख) दिनाँक 15.09.2014 को। रूपये 73.84 लाख का कार्य। शासकीय सेवक एवं निरीक्षण प्रतिवेदन की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'क' अनुसार है। (ग) भवन निर्माण में कोई अनियमितता नहीं हुई। ठेकेदार के धीमी गति के कारण समय-समय पर कार्यवाही की गई है, विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'क' अनुसार है। (घ) जी हाँ। प्रतिवेदन परिशिष्ट के प्रपत्र 'ख' अनुसार है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ग' अनुसार है। (ड.) प्रश्नांश (घ) में उल्लेखित निर्माण के हिस्सों में दोषपूर्ण कार्य हेतु पूर्व निर्माण एजेंसी पूर्णत: दोषी है। अत: निर्माण एजेंसी का ठेका निरस्त कर उसे ब्लैक लिस्ट किया गया।
फसलों को हुए नुकसान की राहत राशि का वितरण
[राजस्व]
154. ( क्र. 1636 ) श्री दिनेश राय : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जनवरी, 2015 से प्रश्न दिनांक तक भीषण प्राकृतिक आपदा (आंधी, तूफान, अतिवृष्टि, ओलावृष्टि, तुषार आदि) से प्रदेश में हुई फसल हानि का सर्वे शासन द्वारा कराया गया? यदि हाँ, तो सर्वे अनुसार सिवनी जिले में फसलों को हुये नुकसान के आंकलन की जानकारी भूमि के रकबे एवं किसानों की संख्या सहित बतावें? राज्य सरकार द्वारा कब-कब कितनी-कितनी राशि केन्द्र सरकार से मांग की गई व कितनी-कितनी राशि केन्द्र सरकार द्वारा कब-कब प्रदाय की गई? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार हुई फसल हानि के आंकलन उपरांत कितनी-कितनी राहत कितने-कितने किसानों को वितरित की गई? कितने किसान ऐसे हैं जिनको राहत राशि वितरण किया जाना शेष है? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार फसलों को हुई हानि में से कितने किसानों को फसल का बीमा कराया गया था? इनमें कितने किसानों को कितनी-कितनी बीमा राशि प्रदाय की गई? कितनों को नहीं? कारण स्पष्ट करें?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ, सर्वे कराया गया। सिवनी जिले में फसलों को हुये नुकसान का भूमि का रकबा 2,96,317.47 हे. है, प्रभावित किसानों की संख्या 1,65,912 है। शेष प्रश्नांश की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘क’ अनुसार है। (ख) प्रश्नांश ‘क’ के अनुसार सिवनी जिले में 1,65,912 प्रभावितों को 1,13,74,09,311 रूपये अनुदान सहायता राशि का वितरण किया जा चुका है। तहसील छपारा के अंतर्गत 129 प्रभावितों को 6.36 लाख राहत राशि वितरण हेतु शेष है। (ग) उक्त जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ख’ अनुसार है।
जंगली जानवरों द्वारा किसानों की फसल को नुकसान
[राजस्व]
155. ( क्र. 1638 ) श्री दिनेश राय : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सिवनी विधानसभा क्षेत्र में वन क्षेत्र से लगे हुये ग्रामों में किसानों की फसलों को जंगली जानवरों द्वारा नुकसान पहुँचाया जाता हैं? (ख) सिवनी विधान सभा क्षेत्र में लगे हुये वन क्षेत्र के ग्रामों में जंगली जानवरों द्वारा किसानों की फसलों को नुकसान पहुँचाने के संबंध में 01/04/2014 से प्रश्नांकित दिनांक तक कितने एवं किन-किन ग्रामों के किसानों द्वारा आवेदन पत्र प्राप्त हुये एवं कितने किसानों द्वारा किन-किन वन परिक्षेत्र कार्यालयों में उपस्थित होकर किसानों द्वारा फसल नुकसान किये जाने के संबंध में अवगत कराया? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई एवं कितने किसानों के मुआवजा प्रकरण तैयार किये गये, कितने प्रकरणों में कितनी-कितनी मुआवजा राशि स्वीकृत की गई एवं स्वीकृत राशि किसानों को कब भुगतान की गई? (घ) सिवनी विधान सभा क्षेत्र में वन क्षेत्रों से लगे हुये ग्रामों में किसानों की फसलों को जंगली जानवरों द्वारा नुकसान नहीं किये जाने के संबंध में क्या कार्य योजना तैयार की गई है? योजना का क्रियान्वयन कब किया जावेगा एवं इसके क्या-क्या उपाय किये गये हैं?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
किसानों को राहत राशि का वितरण
[राजस्व]
156. ( क्र. 1643 ) श्री मुकेश पण्ड्या : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2015- 2016 में बड़नगर विधानसभा क्षेत्र में प्राकृतिक आपदा के तहत कितनी राहत राशि स्वीकृत हुई इसमें कितने किसान लाभान्वित हुए तथा प्रश्न दिनांक तक ऐसे कितने किसान हैं जिनको सूचीबद्ध होने के बाद भी राहत राशि का वितरण नहीं किया गया, उसका क्या कारण है। (ख) शेष बचे हुए किसानों को राहत राशि प्राप्त नहीं होने के लिये कौन अधिकारी एवं कर्मचारी जिम्मेदार हैं तथा क्या ऐसे अधिकारी और कर्मचारी के खिलाफ कोई कार्यवाही की जावेगी (ग) बड़नगर विधानसभा के बचे हुए किसानों को कब तक राहत राशि का वितरण किया जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) वर्ष 2015-16 में प्राकृतिक आपदा के तहत रू 61,72,06,738 (इक्सठ करोड़ बहत्तर लाख छ: हजार सात सौ अड़तीस) राहत राशि स्वीकृत कर वितरण किया गया तथा कुल 42587 किसान लाभान्वित हुए। राहत राशि में 487 कृषकों को राहत राशि वितरण शेष है। प्रक्रियात्मक त्रुटि के कारण राहत राशि का वितरण नहीं हो सका है। (ख) चूँकि प्रक्रियात्मक त्रुटि के कारण राहत राशि वितरण नहीं हो सकी, इस हेतु कोई अधिकारी एवं कर्मचारी जिम्मेदार नहीं है। (ग) बचे हुए किसानों को राहत राशि का वितरण शीघ्र किया जा रहा है।
नरसिंहपुर जिले में सट्टा, जुआ, स्मैक, शराब, मादक पदार्थ की बिक्री
[गृह]
157. ( क्र. 1650 ) श्री जालम सिंह पटेल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा नरसिंहपुर जिलो में सट्टा, जुआ, स्मैक, शराब, मादक पदार्थ बिकने के बाबत् जिले के पुलिस अधीक्षक एवं अधिकारियों को विगत 2 वर्षों में पत्र लिखे गए? (ख) यदि हाँ, तो उन पर क्या कार्यवाही की गई? (ग) उक्त सामाजिक बुराई की रोकथाम हेतु पुलिस विभाग की कोई योजना है?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। (ख) माननीय विधायक महोदय द्वारा पुलिस अधीक्षक एवं अन्य अधिकारियों को प्रेषित किये गये पत्रों पर जिला नरसिंहपुर में दिनांक 01.01.2015 से 18.11.2016 तक की अवधि में एन.डी.पी.एस.एक्ट के 04, आबकारी एक्ट के 10 तथा जुआ/सट्टा एक्ट के 23 आरोपियों के विरूद्ध जिला बदर एवं धारा 110 जा.फौ. की कार्यवाही की गई है। उक्त अवधि में एन.डी.पी.एस.एक्ट, आबकारी एक्ट, सट्टा एक्ट एवं जुआ एक्ट के प्रकरणों में की गई कार्यवाही का वर्षवार विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) उक्त सामाजिक बुराई की रोकथाम हेतु पुलिस विभाग द्वारा क्षेत्र के जन प्रतिनिधि तथा प्रतिष्ठित व्यक्तियों के साथ संयुक्त रूप से नशा प्रभावित व्यक्तियों के पुनर्वास हेतु प्रयास किये जा रहे हैं। पुलिस विभाग द्वारा नशा प्रभावित व्यक्तियों के पुनर्वास हेतु नशा मुक्ति जनचेतना शिविरों का भी आयोजन किया जा रहा है। सट्टा, जुआ, स्मैक, शराब, मादक पदार्थों की बिक्री करने वालों के खिलाफ भी समय-समय पर विशेष अभियान चलाया जाकर आवश्यक कानूनी कार्यवाही की जाती है।
किसान क्रेडिट कार्ड में लगने वाले कम्प्यूटराईज्ड नक्शे
[राजस्व]
158. ( क्र. 1657 ) श्री गिरीश भंडारी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन ने ऐसे निर्देश जारी किये हैं कि किसान क्रेडिट कार्ड में लगने वाले दस्तावेजों में भूमि संबंधी नक्शा, कम्प्यूटराईज लगाना आवश्यक है? यदि हाँ, तो निर्देश प्रति उपलब्ध करावें? (ख) राजगढ़ जिले की नरसिंहगढ़ विधानसभा क्षेत्र अतंर्गत ऐसे कितने ग्रामों के नक्शे अपलोड नहीं है? सूची उपलब्ध करावें? जिन ग्रामों के नक्शे अपलोड नहीं है उन ग्रामों में कृषकों को नामांतरण/बंटवारा सीमांकन जैसे कार्यों के लिए शासन द्वारा क्या व्यवस्था की गई है? (ग) यदि कृषकों को नक्शे लगाना आवश्यक नहीं है तो क्या शासन इस संबंध में बैंको को निर्देश जारी करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्यों नहीं?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) किसान क्रेडिट कार्ड में लगने वाले दस्तावेजों में भूमि संबंधी नक्शा कम्प्यूटराइज्ड लगाना आवश्यक नहीं है। यदि बैंक द्वारा कृषक से नक्शे की प्रति मांगी जाती है तो पटवारी द्वारा उपलब्ध हार्ड कॉपी से मेन्युअली उपलब्ध करा दी जाती है। (ख) राजगढ़ जिले की नरसिंहगढ तहसील के अन्तर्गत कुल 09 ग्रामों के नक्शे साफ्टवेयर की तकनीकी त्रुटि के कारण अपलोड नहीं हुये थे। साफ्टवेयर की तकनीकी त्रुटि ठीक कर दी गई है व 07 ग्रामों के नक्शे भी अपलोड कर दिये गये है। शेष 02 ग्रामों के नक्शे अपलोड किये जा रहे हैं। जिन ग्रामों के नक्शे अपलोड नहीं है उन ग्रामों में कृषकों को नामांतरण/बंटवारा, सीमांकन कार्यों के लिये तहसील में नक्शे के लिये आवेदन लगाने पर पटवारी पर उपलब्ध चालू नक्शे की हार्ड कॉपी से नक्शे की नकल उपलब्ध करा दी जाती है। मेन्युअल बंटवारा, नामांतरण, सीमांकन का कार्य लगातार प्रचलित है। (ग) उत्तरांश ‘क‘ के परिप्रेक्ष्य में आवश्यकता नहीं है।
खाद्यान्न पर्ची का आवंटन
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
159. ( क्र. 1658 ) श्री गिरीश भंडारी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नरसिंहगढ़ विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति/बी.पी.एल. कार्डधारी ऐसे कितने हितग्राही हैं जो खाद्यान्न पर्ची के लिए पात्रता रखते हैं? (ख) क्या सभी पात्र हितग्राहियों को खाद्यान्न पर्ची आवंटित कर दी गई व कम्प्यूटर पर जनरेट कर दी गई? (ग) जो पर्चियां जनरेट करने से रह गई हैं, कब तक जनरेट कर दी जावेगी व जो पर्चियां जनरेट करने से रह गई उन हितग्राहियों को बीच के माह का खाद्यान्न दिया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्यों नहीं?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) नरसिंहगढ़ विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति/बी.पी.एल. श्रेणी के सत्यापन उपरांत जारी पात्रता-पर्चीधारी परिवारों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर दर्शित है। (ख) राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत पात्र परिवार के रूप में सम्मिलित 24 श्रेणियों में से माह अगस्त, 2016 तक सत्यापित समस्त पात्र परिवारों को पात्रता पर्ची जारी की जा चुकी है। माह सितम्बर, 2016 में सत्यापित पात्र परिवारों की जनसंख्या राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत निर्धारित जनसंख्या से अधिक होने तथा भारत सरकार द्वारा खाद्यान्न आवंटन की सीमा से अधिक खाद्यान्न की आवश्यकता होने के कारण माह सितम्बर, 2016 से सत्यापित नवीन परिवारों को पात्रता पर्ची जारी नहीं की गई है। (ग) पात्र परिवार के रूप में सम्मिलित परिवारों के डी-डुप्लीकेशन की कार्यवाही प्रचलित है, उसके उपरांत अपात्र परिवारों को हटाने पर निर्धारित खाद्यान्न आवंटन की सीमा के अंतर्गत ही नवीन सत्यापित परिवारों को सम्मिलित किया जा सकेगा। स्थानीय निकाय द्वारा पात्र परिवारों के सत्यापन उपरांत पात्रता पर्ची जनरेट होने के आगामी माह से राशन सामग्री दिये जाने का प्रावधान है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
निलंबित पटवारियों की पदस्थापना
[राजस्व]
160. ( क्र. 1669 ) चौधरी मुकेश सिंह चतुर्वेदी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या निलंबित पटवारियों की निलंबन अवधि का निराकरण न होने तक उसके पटवारी हल्के पर किसी अन्य पटवारी की नियुक्ति नहीं की जा सकती है? यदि नहीं, तो नियम के प्रति उपलब्ध कराने का कष्ट करें। (ख) क्या भिण्ड जिले के अंतर्गत मई, 2015 में अनुभाग मेहगांव में निलंबित पटवारी के हल्के पर किसी अन्य पटवारी की पदस्थापना की गई? यदि हाँ, तो किस अधिकारी के द्वारा नाम बतायें? (ग) क्या विभाग उक्त अधिकारी के खिलाफ कोई कार्यवाही करेगा यदि हाँ, तो क्या और कब तक?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) निलंबित पटवारियों की निलंबन अवधि का निराकरण न होने तक उसके हल्के पर किसी अन्य पटवारी की नियुक्ति की जा सकती है। (ख) जी नहीं। (ग) जी नहीं। प्रश्नोत्तर (ख) के परिप्रेक्ष्य में कलेक्टर भिण्ड से स्पष्टीकरण प्राप्त किया जा रहा है।
शासकीय भूमि/माफी औकाफ की भूमि पर किए गये अतिक्रमण
[राजस्व]
161. ( क्र. 1670 ) चौधरी मुकेश सिंह चतुर्वेदी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड जिले को मेहगांव तहसील में शासकीय भूमि/माफी औकाफ की भूमि पर अतिक्रमण होने की शिकायतें शासन, जिला प्रशासन एवं अनुभाग स्तर पर विगत तीन वर्षों में प्रश्न दिनों तक कुल कितनी शिकायतें प्राप्त हुई? शिकायतकर्ता नाम, भूमि का विवरण, स्थानवार जानकारी दी जावे? (ख) क्या मेहगांव तहसील के अतंर्गत ग्राम पंचायत पचेरा, बरासों, कन्हारी एवं कस्बा मेहगांव के अतंर्गत शासकीय भूमि/माफी औकाफ की भूमि पर अतिक्रमण की जाँच जिला प्रशासन द्वारा करायी गई? जाँच में उक्त भूमि पर अतिक्रमण होना पाया गया? यदि हाँ, तो किस-किस का कितनी कितनी भूमि का? अतिक्रमण की नामवार, भूमिवार जानकारी दी जावे? (ग) क्या शासन द्वारा उक्त अतिक्रमित भूमि पर से अतिक्रामक व्यक्तियों के अतिक्रमण हटाये जाने की कार्यवाही कर अतिक्रमण हटाया जा चुका है? यदि हाँ, तो कब और किस-किस का? यदि नहीं, तो क्यों कारण बतावें? क्या शासन उक्त भूमि का अतिक्रमण कब तक हटायेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
ग्रामीणों को वितरित आवासीय पट्टे
[राजस्व]
162. ( क्र. 1681 ) श्री विष्णु खत्री : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र बैरसिया अंतर्गत आवासहीन परिवारों को आवासीय सुविधा उपलब्ध कराये जाने की दृष्टि से शासकीय भूमि पर काबिज परिवारों को आवासीय पट्टे पदान किये गये हैं अथवा नहीं? (ख) क्या पट्टे आवासहीन परिवारों को वितरित किये गये पट्टे पर जिन शासकीय भूमियों के पट्टे दिये गये हैं उनमें से कुछ भूमि राजस्व रिकार्ड में आबादी घोषित नहीं होकर, चरोखर भूमि या अन्य भूमि दर्शित है? (ग) क्या प्रश्नांश 'क' एवं 'ख' में दर्शित आवासीय पट्टों की भूमि राजस्व रिकार्ड में आबादी घोषित नहीं होने से इन पर काबिज पट्टेदारों को विभिन्न शासकीय योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है यदि हाँ, तो विभाग ऐसी भूमियों को कब तक आवासीय घोषित करेगा।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) प्रश्नाधीन शासकीय भूमि का काबिज परिवारों को मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत आबादी भूमि के मकानों के आवासीय भू-खण्ड प्रमाण पत्र प्रदाय किये गये है। (ख) जी नहीं। (ग) उत्तरांश ’’क’’ एवं ’’ख’’ अनुसार आबादी भूमि पर ही आवासीय भू-खण्ड प्रमाण पत्र दिये गये हैं।
मुख्यमंत्री पेय-जल योजना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
163. ( क्र. 1682 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जिला आगर अंतर्गत विगत 03 वर्षों में मुख्यमंत्री पेय-जल योजना हेतु किन-किन ग्राम पंचायत ने 3 प्रतिशत राशि जमा की हैं एवं इसके विरूद्ध किन-किन पंचायतों में पेय-जल योजना की स्वीकृति प्रदान की जाकर योजना प्रारम्भ हो चुकी हैं? (ख) विधानसभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत पूर्व से संचालित मुख्यमंत्री पेय-जल योजना एवं नवीन स्वीकृत पेय-जल योजना की ग्राम पंचायतवार जानकारी देवें। (ग) विधानसभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत ग्राम नाहरखेड़ा, सिरपोई, पायली में मुख्यमंत्री पेय-जल योजना का संचालन किस कारण से नहीं हो रहा हैं? क्या समीक्षा की जाकर बंद पड़ी पेय-जल योजना को प्रारम्भ करने हेतु कोई प्रभावी कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो क्या व कब तक? (घ) प्रदेश में कितनी पंचायतों में पूर्व से संचालित मुख्यमंत्री पेय-जल योजना वर्तमान स्थिति में बंद पड़ी हैं? जिलेवार जानकारी देवें।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) मुख्यमंत्री पेय-जल योजनांतर्गत जनभागादारी की राशि जमा कराने का प्रावधान नहीं था। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘1’’ एवं ‘‘2’’ अनुसार है। (ग) ग्राम सिरपोई एवं पायली की स्थल जल योजनाएं चालू हैं, जो मुख्यमंत्री पेय-जल योजना कार्यक्रम के अंतर्गत स्वीकृत नहीं हैं। ग्राम नाहरखेड़ा की योजना मुख्य मंत्री पेय-जल योजना कार्यक्रम के अंतर्गत स्वीकृत होकर वर्तमान में ट्रांसफार्मर जल जाने के कारण बंद है। ग्राम पंचायत को म.प्र.वि.वि. कंपनी से समन्वय कर योजना को चालू करने की सलाह दी गई है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘3’’ अनुसार है।
खाद्य पात्रता पर्चीयों का वितरण
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
164. ( क्र. 1683 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत विगत 02 वर्षों में कितने नवीन बी.पी.एल. राशन कार्ड बनाए गए हैं, निकायवार सूची उपलब्ध करावें? सक्षम अधिकारी तहसीलदार एवं अनुविभागीय अधिकारी द्वारा जारी आदेश की प्रमाणित छायाप्रतियां उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित राशन कार्ड में से कितने हितग्राहियों को पात्रता पर्ची प्रदान कर दी गई हैं एवं कितनों को पात्रता पर्ची नहीं दी गई हैं व किन कारणों से? (ग) विधानसभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत खाद्य पात्रता पर्ची हेतु पात्र परिवारों की संख्या एवं इनसे लाभान्वित सदस्य संख्या की निकायवार जानकारी देवें? (घ) क्या आधार कार्ड से लिंक न होने के कारण एवं अन्य कारणों से कुछ पात्रता पर्ची अस्थाई रूप से या स्थाई रूप से बंद या अनमेप कर दी गई हैं? यदि हाँ, तो कारण सहित पूर्ण विवरण देवें? (ड.) प्रश्नांश (घ) में उल्लेखित अनुसार अस्थाई रूप से बंद पात्रता पर्चियों को कब तक क्या पुनः प्रारम्भ किया जावेगा? पुनः प्रारम्भ किये जाने पर संबंधित हितग्राही को पूर्व में अनुपलब्ध राशन प्रदान किया जावेगा? सुसनेर विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत विगत 01 वर्ष में सार्वजनिक वितरण प्रणाली की राशन दुकानों को प्रदाय आवंटन एवं इसके विरूद्ध वितरण की दुकानवार जानकारी देवें?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) विधानसभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत विगत 02 वर्षों में 3,538 परिवारों को बी.पी.एल. राशनकार्ड जारी किए गए है। बी.पी.एल. सूची में जोड़े गए परिवारों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। बी.पी.एल. सूची में नाम जोड़ने हेतु तहसीलदार एवं अनुविभागीय अधिकारी द्वारा जारी आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ख) प्रश्नांश 'क' के उत्तर में उल्लेखित कुल 3,538 बी.पी.एल. परिवारों में से 2,461 परिवारों की स्थानीय निकाय द्वारा सत्यापन उपरांत पात्रता पर्ची जारी की जा चुकी है। माह अगस्त, 2016 तक सत्यापित समस्त पात्र परिवारों को पात्रता पर्ची जारी की जाकर राशन सामग्री का वितरण किया जा रहा है। माह सितम्बर, 2016 में सत्यापित पात्र परिवारों की जनसंख्या राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत निर्धारित जनसंख्या से अधिक होने तथा भारत सरकार द्वारा खाद्यान्न आवंटन की सीमा से अधिक खाद्यान्न की आवश्यकता होने के कारण माह सितम्बर, 2016 से सत्यापित नवीन परिवारों को पात्रता पर्ची जारी नहीं की गई है। पात्र परिवार के रूप में सम्मिलित परिवारों के डी-डुप्लीकेशन की कार्यवाही प्रचलित है उसके उपरांत अपात्र परिवारों को हटाने पर निर्धारित खाद्यान्न आवंटन की सीमा के अंतर्गत ही नवीन सत्यापित परिवारों को सम्मिलित किया जा सकेगा। (ग) विधानसभा क्षेत्र सुसनेर में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 अंतर्गत कुल 49,511 परिवार तथा 2,28,675 सदस्य लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत लाभांवित हो रहे हैं, जिनकी निकायवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (घ) जी हाँ। विधानसभा क्षेत्र सुसनेर में माह जुलाई, 2016 में पात्र परिवारों की पहचान सुनिश्चित करने के लिए नगरीय क्षेत्र के 3,290 परिवार जिनके द्वारा मांगे जाने के उपरांत भी परिवार के कम से कम एक सदस्य का आधार नंबर उपलब्ध नहीं कराया गया है ऐसे परिवारों के अस्तिव में न होने की संभावना को दृष्टिगत रखते हुए उन्हें सार्वजनिक वितरण प्रणाली की व्यवस्था से बाहर करने के लिए माह जुलाई, 2016 में राशन सामग्री वितरण हेतु पी.ओ.एस. मशीन में प्रदर्शित नहीं कराया गया है। इनमें से 2,459 परिवारों द्वारा आधार नंबर उपलब्ध कराए जाने पर उन्हें पुन: पात्र परिवारों के रूप सम्मिलित कर राशन वितरण किया जा रहा है। शेष 831 परिवारों द्वारा आज दिनांक तक आधार नंबर उपलब्ध न कराये जाने के कारण उनके अस्तित्व में होने की संभावना नगण्य है। रबी विपणन वर्ष 2016-17 में समर्थन मूल्य पर 50 क्विंटल से अधिक गेहूँ विक्रय करने वाले 257 संपन्न किसानों तथा 02 दोहरे परिवारों को खाद्यान्न आवंटन की सीमित उपलब्धता के कारण अस्थाई रूप से अनमेप किया गया है। (ड.) आधार नंबर उपलब्ध न कराने के कारण अस्थाई रूप से अनमेप किए गए परिवारों में से किसी परिवार द्वारा पहचान स्वरूप आधार नंबर उपलब्ध कराने पर उसे पुन: मेप कर पात्रता पर्ची जारी की जाएगी। शेष परिवारों को प्रश्नांश 'घ' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में सम्मिलित किये जाने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। विधानसभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत विगत एक वर्ष में लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत उचित मूल्य दुकानों को आवंटित एवं उनके द्वारा वितरित राशन सामग्री की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार है।
12.12.2016 को सांप्रदायिक हिंसा की घटना
[गृह]
165. ( क्र. 1684 ) श्री उमंग सिंघार : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या धार जिले के विकासखण्ड गंधवानी के ग्राम गंधवानी में दिनांक 12.10.2016 को सांप्रदायिक हिंसा हुई थी? उक्त हिंसक घटना में किन-किन लोगों पर किन-किन धाराओं में प्रकरण दर्ज किये गये? (ख) प्रश्नांकित (क) अनुसार उक्त घटना में दर्ज प्रकरण अनुसार कितने आरोपियों की गिरफ्तारी की जा चुकी है एवं कितने आरोपियों की गिरफ्तारी की जाना शेष है तथा शेष आरोपियों की गिरफ्तारी कब तक की जावेगी? क्या शेष आरोपियों को पुलिस संरक्षण प्राप्त है? (ग) क्या गंधवानी में सोशल मीडिया द्वारा सांप्रदायिक विवाद को लेकर भ्रमक प्रचार किया जा रहा है तथा जिससे गांव का माहौल विवादित हो रहा है? क्या ऐसे सोशल मीडिया Whats App Group के संचालक Group (Admin) पर पुलिस द्वारा साइबर क्राइम IT Act के तहत कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों नहीं की गई?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) दिनांक 12.10.2016 को धार जिले के विकास खण्ड गंधवानी के ग्राम गंधवानी में साम्प्रदायिक घटना हुई थी। उक्त घटना में कुल 8 प्रकरण कुल 104 आरोपियों के विरूद्ध पंजीबद्ध किये गये है। जो जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) संलग्न परिशिष्ट में दर्शाये अनुसार गिरफ्तार आरोपियों की सूची संलग्न है। शेष आरोपियों की गिरफ्तारी के प्रयास किये जा रहे है। आरोपियों को किसी भी प्रकार का पुलिस संरक्षण प्राप्त नहीं है। (ग) कस्बा गंधवानी में सोशल मीडिया द्वारा साम्प्रदायिक तनाव को लेकर भ्रामक प्रचार नहीं किया जा रहा है और न ही गंधवानी की घटना को लेकर गांव में विवादित माहौल उत्पन्न हो रहा है। उक्त घटना को लेकर सोशल मीडिया वाट्सअप ग्रुप एडमिन के खिलाफ पुलिस को कोई शिकायत नहीं मिली है इसलिये कोई कार्यवाही नहीं की गई है।
विभाग द्वारा संचालित योजनाएँ
[कुटीर एवं ग्रामोद्योग]
166. ( क्र. 1689 ) श्रीमती संगीता चारेल : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग द्वारा कुटीर एवं ग्रामोद्योग को बढ़ावा देने हेतु कौन-कौन सी योजनाएं संचालित की जा रही है? रतलाम जिले अंतर्गत वर्ष २०१३-१४ से प्रश्न दिनांक तक कितने हितग्राहियों को इन योजनाओं के माध्यम से लाभान्वित किया गया वर्षवार, योजनावार, हितग्राहियों की जानकारी मय लागत उपलब्ध कराए? (ख) प्रश्नांश (क) संबंध में क्या विभाग द्वारा आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र में इन योजनाओं का प्रचार प्रसार किया गया? यदि नहीं, तो क्यों? क्या विभाग के पास कोई ऐसी कार्ययोजना नहीं हे जिसके अंतर्गत विषेशकर आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र के हितग्राहियों को लाभान्वित किया जाए? (ग) सैलाना विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत विभाग की योजनाओं के माध्यम से कुल कितने हितग्राहियों को क्या क्या लाभ दिया गया तथा कितने प्रकरण प्राप्त हुए?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतरसिंह आर्य ) : (क) विभाग द्वारा मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना, मुख्यमंत्री आर्थिक कल्याण योजना, एकीकृत क्लस्टर विकास योजना, मलबरी रेशम विस्तार योजनाएं संचालित की जा रही है। रतलाम जिले के अंतर्गत वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक 798 हितग्राहियों को लाभान्वित किया गया। जानकारी पुस्तकालय में परिशिष्ट के प्रपत्र-एक पर है। (ख) जी हाँ। (ग) सैलाना विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत विभागीय योजनाओं में 37 प्रकरण प्राप्त हुये। 08 प्रकरण स्वीकृत हुये। विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो पर है।
पेय-जल उपलब्ध कराने हेतु संचालित योजनाएं
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
167. ( क्र. 1692 ) श्रीमती संगीता चारेल : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विभाग द्वारा ग्रामीण क्षेत्रो में पेय-जल उपलब्ध कराने हेतु कौन-कौन सी योजनाएं संचालित की जा रही है वर्ष २०१३-१४ से प्रश्न दिनांक तक सैलाना विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत इन योजनाओं के माध्यम से किन-किन ग्राम पंचायतों में क्या-क्या कार्य किया गया वर्षवार, योजनावार कार्यों की जानकारी मय लागत उपलब्ध करावें? (ख) क्या विभाग द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों के हैन्डपम्प संधारण का कार्य ठेकेदार के माध्यम से करवाया जा रहा हे? (ग) यदि हाँ, तो सैलाना विधानसभा अंतर्गत वर्ष २०१५-१६ एवं २०१६-१७ में कितने हैंड पम्प का संधारण ठेकेदार द्वारा किया गया तथा उन्हें कितनी राशि का भुगतान किया गया? ग्राम पंचायतवार जानकारी उपलब्ध कराए? (घ) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में क्या ठेकेदार की कार्य में लापरवाही या समय पर कार्य न करने सम्बन्धी कितनी शिकायतें प्राप्त हुई? विभाग द्वारा ठेकेदार के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) समूह नल-जल योजना, नल-जल योजना एवं हैण्डपंप योजना। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 के अनुसार है। (ख) विभागीय अमले एवं ठेकेदार के माध्यम से हैण्डपंप संधारण का कार्य करवाया जाता है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (घ) कोई गंभीर शिकायत प्राप्त नहीं हुई। अतः कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सार्वजनिक वितरण प्रणाली की दुकानें
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
168. ( क्र. 1730 ) श्री माधो सिंह डावर : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन के आदेशानुसार सार्वजनिक वितरण प्रणाली की दुकानें प्रत्येक पंचायत में खोलने के आदेश हैं? (ख) क्या प्रश्नांश (क) की दुकानों में 33 प्रतिशत आरक्षण महिला समूहों के लिए है? (ग) क्या खाद्य विभाग द्वारा अलीराजपुर जिले में सार्वजनिक वितरण प्रणाली की दुकानें प्रत्येक पंचायतों में आरक्षण अनुसार संचालित हैं। यदि नहीं, तो क्यों? (घ) अलीराजपुर जिले की कितनी पंचायतों में सार्वजनिक वितरण प्रणाली की दुकानें संचालित है व कितनी पंचायतों में दुकानें नहीं खोली गई हैं? (ड.) जिले की शेष पंचायतों में सार्वजनिक वितरण प्रणाली की दुकानें कब तक प्रारम्भ की जावेंगी?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ, प्रत्येक जनपद पंचायत/स्थानीय निकाय में यथासंभव एक तिहाई दुकानें महिला संस्थाओं को आवंटित करने का प्रावधान है। (ग) जी नहीं। अलीराजपुर में मध्यप्रदेश सार्वजनिक वितरण प्रणाली (नियंत्रण) आदेश, 2015 के प्रावधानानुसार उचित मूल्य दुकानों के आवंटन हेतु विज्ञप्ति के माध्यम से आवेदन पत्र आमंत्रित किये गए थे, परन्तु माननीय उच्च न्यायालय द्वारा वर्तमान में संचालित उचित मूल्य दुकानों के विरूद्ध कोई भी उत्पीड़क कार्यवाही न करने तथा वर्तमान अनुज्ञप्तिधारियों को आगामी सुनवाई तक दुकान संचालन जारी रखने संबंधी अंतरिम आदेश जारी किया गया है। इसलिये जिले में उचित मूल्य दुकान आवंटन की कार्यवाही लंबित है। (घ) अलीराजपुर जिले की 175 पंचायतों में उचित मूल्य दुकानें संचालित हैं। 113 पंचायतों में उचित मूल्य दुकानें स्थापित किया जाना शेष है। (ड.) माननीय उच्च न्यायालय की प्रधान पीठ में प्रकरण विचाराधीन है। माननीय उच्च न्यायालय के द्वारा सुनवाई उपरांत अंतिम आदेश पारित होने पर नियमानुसार आगामी कार्यवाही संभव हो सकेगी।
शासकीय भूमि को लीज पर दी गई भूमि की शर्तें
[राजस्व]
169. ( क्र. 1739 ) श्री मानवेन्द्र सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला छतरपुर के अंतर्गत नगर पालिका परिषद् छतरपुर, नौगांव, महाराजपुर, नगर परिषद् राजनगर, खजुराहों में कितनी शासकीय भूमि है? शासकीय कुल भूमि का कितने-कितने भाग पर क्या-क्या उपयोग किया जा रहा है? क्षेत्रफल, खसरा नंबर सहित जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) नगर पालिका परिषद् छतरपुर में राज्य शासन द्वारा जिला मुख्यालय में बी.एड. कॉलेज के बाजू में शासकीय भूमि सर्वे न. 3184/4 कुल रकबा 8.86 बंजर में से 45 x 35 = 1575 वर्गफिट राजस्व प्रकरण क्रं. 2/ए-20-1/86-87 मध्यप्रदेश शासन राज्य विभाग भोपाल के आदेश क्रं. ए-6-171/सात/सा 2 बी/88 दिनांक 19/09/1988 के अनुसार पार्टी कार्यालय हेतु भूमि आरक्षित की गई थी? यदि हाँ, तो आदेश की प्रति उपलब्ध करायें। (ग) प्रश्नांश 'ख' के संदर्भ में शासकीय लीज से संबंधित शर्तों का उल्लंघन करते हुये पार्टी कार्यालय का व्यावसायिक इस्तेमाल किया जा रहा है क्या नियमानुसार है? यदि नहीं, तो क्यों? क्या नियमों के विपरीत होने के कारण लीज निरस्त करने की कार्यवाही प्रस्तावित करेंगे यदि हाँ, तो समय-सीमा बतायें?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
लोक सेवा गारंटी केन्द्र के माध्यम से प्रमाणित प्रतिलिपियों का प्रदाय
[राजस्व]
170. ( क्र. 1741 ) श्री मानवेन्द्र सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले में नकल की प्रति का शासन द्वारा प्रति पृष्ठ क्या शुल्क निर्धारित किया गया है एवं लोक सेवा ग्यारंटी में किसान ऋण पुस्तिका करने हेतु कौन-कौन से दस्तावेज लिये जाने आवश्यक है एवं कितने समय में ऋण पुस्तिका दिये जाने का प्रावधान है? (ख) राजस्व न्यायालयों के प्रकरणों की प्रमाणित प्रतिलिपियों को लोक सेवा गारंटी केन्द्र के माध्यम से प्रदाय किये जाने का प्रावधान है अथवा नहीं? यदि नहीं, तो शासन नियम विरूद्ध राजस्व न्यायालयों के प्रकरणों की प्रतिलिपियां लोक सेवा गारंटी से क्यों दी जा रही है इस अवैध वसूली के विरूद्ध शासन क्या कार्यवाही करेगा? (ग) क्या छतरपुर जिले में पृष्ठ नग के 170, 180, 190 रूपये लिये जा रहे है? यदि हाँ, तो क्या एक पृष्ठ के 200 रूपये लिये जाना औचित्यपूर्ण है? यदि नहीं, तो नियम विरूद्ध रूपये लिये जाने का क्या कारण है? शासन इस ओर क्या कार्यवाही करेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) नकल के एकल पृष्ठ हेतु 10 रूपये एवं अतिरिक्त पृष्ठ के लिए 05 रूपये प्रति पृष्ठ निर्धारित है। ऋण पुस्तिका हेतु दस्तावेज-आवेदक को संबंधित खसरे का क्रमांक देते हुए सादे कागज पर आवेदन प्रस्तुत करना होगा। अन्य कोई दस्तावेज नहीं देना है। समय-सीमा-15 दिवस है। (ख) जी हाँ, प्रावधान है। (ग) राजस्व न्यायालयों के प्रकरणों के प्रमाणित प्रतिलिपि के प्रतिपृष्ठ 40 रूपये के मान से लोक सेवा केन्द्र द्वारा शुल्क जमा की जाती है और 30 रूपये लोक सेवा केन्द्र की फीस।
प्रक्रिया में खामी की जाँच
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
171. ( क्र. 1755 ) श्रीमती पारूल साहू केशरी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माननीय मुख्यमंत्री जी के पत्र क्रमांक 1868/CMS/MLA/ 037/2016, भोपाल दिनांक 12.08.2016 के द्वारा खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग को प्रश्नकर्ता का एक पत्र दिनांक 29.07.2016 कार्यवाही हेतु भेजा गया था? (ख) क्या शासन द्वारा उक्त पत्र पर आज तक कोई कार्यवाही नहीं की गयी है? (ग) यदि कार्यवाही की गयी है तो निष्कर्षों से प्रश्नकर्ता को अब तक अवगत क्यों नहीं कराया गया? कब तक अवगत कराया जावेगा और यदि नहीं, तो कारण बतावें?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जी, हाँ। (ख) पत्र में उल्लेखित तथ्यों का परीक्षण कर इसके लिए दोषी अधिकारी का स्पष्टीकरण प्राप्त कर भविष्य के लिए सचेत किया गया है तथा सर्विस प्रोवाईडर व सॉफ्टवेयर में गड़बड़ी के संबंध में कार्यवाही प्रचलित है। (ग) प्रश्नांश 'ख' के उत्तर अनुसार कार्यवाही की गई है। शेष के तथ्यों का परीक्षण व आवश्यकतानुसार कार्यवाही कर माननीय सदस्य को अवगत कराया जाऐगा। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कैदियों के एनकाउंटर
[जेल]
172. ( क्र. 1769 ) श्री आरिफ अकील : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) माह अक्टूबर 2016 को भोपाल की आई.एस.ओ. अवार्ड प्राप्त सेंट्रल जेल से किस दिनांक को किस-किस समय किस-किस धारा के कौन-कौन कैदी जेल की किस दिशा से फरार हुए और किस दिशा में व जेल से कितनी दूरी पर 8 फरार कैदियों का किस समय एनकाउंटर किया गया? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में जिन कैदियों का एनकांउटर किया गया है उनके विरूद्ध प्रदेश में कहाँ-कहाँ किस-किस धारा के कब-कब प्रकरण पंजीबद्ध हैं की अद्यतन स्थिति से अवगत कराते हुए बताएं कि किस-किस माननीय न्यायालय द्वारा किस-किस धारा के तहत कब-कब आतंकवादी करार दिया गया प्रकरणवार जानकारी उपलब्ध करावें? (ग) यदि माननीय न्यायालय द्वारा उक्त कैदियों को आतंकवादी करार नहीं दिया गया तो किस पहचान के तहत पुलिस को सूचना दी गई कि आतंकवादी यहाँ मौजूद हैं तथा यह भी अवगत करावें कि पूर्व में हुए एनकांउटर के आरोपियों की सूचना देने वाले मुखबिरों को राज्य शासन द्वारा कितनी-कितनी राशि इनाम/प्रोत्साहन स्वरूप प्रदान की गई थी और उक्त एनकांउटर के मुखबिरों को वर्तमान में कितनी-कितनी राशि के इनाम/प्रोत्साहन स्वरूप प्रदान किए गए? (घ) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में 8 फरार कैदियों का एनकांउटर सही एवं नियमानुसार हुआ है तो क्या शासन सुप्रीम कोर्ट या दूसरे प्रदेश के सेवारत मजिस्ट्रेट या सी.बी.आई. से जाँच कराएगा? यदि नहीं, तो क्यों? यह अवगत करावें कि उक्त कैदियों के एनकाउंटर करने वाली टीम में कौन-कौन अधिकारी व कर्मचारी तैनात किए गए उनके नाम व पद बतावें?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) एनकाउंटर की घटना से संबंधित अपराध विवेचनाधीन होने से प्रकरण के विशिष्ट तथ्यों की जानकारी प्रदान करना दंड प्रकिया संहिता के प्रावधानों के अनुरूप नहीं है। (ख) फरार बंदियों के विरूद्ध प्रदेश में पंजीबद्ध अपराधों की अद्यतन स्थिति की उपलब्ध जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्रश्नांश-''क'' में उल्लेखित सभी कैदियों पर विधि विरूद्ध क्रियाकलाप (निवारण) अधिनियम, 1967 के अंतर्गत आतंकवादी गतिविधियों में संलिप्तता के विभिन्न प्रकरणों में आरोप थे तथा सभी संबंधित प्रकरणों में उपरोक्त मृत कैदियों पर उपलब्ध साक्ष्य के आधार पर संबंधित विचारण न्यायालय में आरोपों का निर्धारण भी हो चुका था। उपरोक्त कारण से जेल से मृत कैदियों के संबंध में 8 आतंकियों के प्रधान सुरक्षा प्रहरी की हत्या कर फरार होने की सूचना दी गई थी तथा तद्नुसार ही सूचना उनके तलाशी अभियान हेतु प्रसारित की गई थी। स्थानीय लोगों द्वारा संदिग्धों के देखे जाने की सूचना पुलिस को दी थी। पूर्व में खतरनाक अपराधियों को गिरफ्तार करने के प्रयास में हुई मुठभेड़ की घटनाओं में मुखबिरों को ईनामी राशि दिये जाने की परम्परा रही है। समय-सीमा न होने से राशि की जानकारी दिया जाना संभव नहीं है। वर्तमान मुठभेड़ की घटना के संबंध में कोई ईनामी राशि किसी मुखबिर को नहीं दी गई है। (घ) फरार कैदियों की पुलिस से हुई मुठभेड़ की घटना से संबंधित प्रकरण की विवेचना सर्वोच्च न्यायालय के दिशा निर्देशानुसार अपराध अनुसंधान विभाग के विशेष अनुसंधान दल द्वारा की जा रही है। विचाराधीन बंदियों के जेल से हत्या कर भागने से लेकर उनकी पुलिस मुठभेड़ होने तक के सम्पूर्ण घटनाक्रम की जाँच करने हेतु उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश श्री एस.के. पाण्डे की अध्यक्षता में एकल सदस्यीय न्यायिक जाँच आयोग का गठन म.प्र. शासन द्वारा किया गया है। मुठभेड़ की घटना में सम्मिलित पुलिस अधिकारियों के नाम अभिलेख पर हैं। विवेचनाधीन प्रकरण के विशिष्ट तथ्यों की जानकारी प्रदान करना दण्ड प्रक्रिया संहिता के प्रावधानों के अनुरूप नहीं है।
बाढ़ पीड़ितों को मुआवजा एवं राशन वितरण में अनियमितता
[राजस्व]
173. ( क्र. 1770 ) श्री आरिफ अकील : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्षा ऋतु 2016 में भोपाल की 1. बैरसिया, 2. नरेला, 3. उत्तर, 4. मध्य, 5. दक्षिण पश्चिम, 6. हुजूर, 7. गोविन्दपुरा विधान सभा क्षेत्र के सर्वे के आधार पर कुल कितने-कितने बाढ़ पीडि़त पात्र पाए गए और उनमें से कितने-कितने पीड़ितों को कुल कितनी-कितनी राशि एवं कितनी राशि का राशन वितरित किया गया तथा कितने-कितने लोग कितनी-कितनी राशि का मुआवजा एवं राशि प्राप्त करने हेतु शेष हैं? विधानसभावार बतावें। (ख) भोपाल उत्तर विधान सभा क्षेत्रांतर्गत बाढ़ से कितने लोग प्रभावित हुए और सर्वे के आधार पर कितने लोग पात्र पाये गये? उनमें से कितने लोगों को कितनी-कितनी राशि का मुआवजा एवं राशन वितरित किया गया? (ग) मुआवजा एवं राशन प्राप्त करने हेतु कितने लोग शेष हैं तथा शेष रहने के क्या कारण हैं और कब तक मुआवजा तथा राशन वितरित कर दिया जावेगा? यदि नहीं, तो क्यों? कारण सहित बतावें। (घ) क्या बाढ़ पीड़ितों से सर्वे के नाम पर एक-एक हजार रूपये लिये जाने की शिकायत हुई है? यदि हाँ, तो किन-किनके द्वारा और उस पर प्रश्न दिनांक की स्थिति में किस-किसके विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गई ऐसे कितने बाढ़ पीडि़त हैं जिन्हें मुआवजा मिल गया तो राशन पर्ची नहीं दी गई या जिन्हें राशन दे दिया गया तो उन्हें मुआवजा राशि प्राप्त नहीं हुई? इस लापरवाही के लिए किन-किन के विरूद्ध क्या कार्यवाही कब तक की जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों? कारण सहित बतावें।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) वर्षा ऋतु 2016 में भोपाल जिले में अतिवृष्टि से कुल प्रभावितों की संख्या 83,705 है इस संबंध में भोपाल जिला प्रशासन द्वारा बाढ़ प्रभावित लोगों का सर्वे किया गया था, जिसमें कुल 83,705 प्रभावित पात्र पाये गये, पात्र पाये गये हितग्राहियों को अनुदान सहायता राशि रूपये 43,21,47,000/- का वितरण किया जा चुका है। उक्त बाढ़ प्रभावितों का सर्वे एवं राहत राशि वितरण का कार्य भोपाल जिले की प्रशासनिक संरचना के अनुसार तहसीलवार किया गया है। कोई भी प्रभावित राहत राशि वितरण हेतु शेष नहीं हैं। (ख) भोपाल उत्तर विधान सभा क्षेत्र तहसील शहर एवं बैरागढ के अन्तर्गत आती है जिनकी जानकारी निम्नानुसार है-
क्र. |
तहसील |
प्रभावित परिवार |
प्रदाय की गई अनुदान सहायता राशि |
1. |
शहर |
2013 |
10,065,000/-रू. |
2. |
बैरागढ़ |
11826 |
5,91,30,000/-रू. |
कुल |
13839 |
6,91,95,000/-रू. |
(ग) राहत राशि एवं राशन प्राप्त करने हेतु कोई प्रभावित शेष नहीं है। (घ) बाढ़ पीड़ितों से सर्वे के नाम पर 1000/- रू. लिये जाने की कोई शिकायत प्राप्त नहीं है।
कर्मचारियों/अधिकारियों की पदस्थापना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
174. ( क्र. 1787 ) श्री प्रदीप अग्रवाल : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) अतारांकित प्रश्न क्रमांक 7223 दिनांक 30/03/2016 के उत्तर में पुस्तकालय परिशिष्ट में श्री एस.के. दुबे केमिस्ट दैनिक वेतन भोगी को वर्ष 1997 में अंबिकापुर से स्थानान्तरण पर जाना बताया गया, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग में दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों के स्थानान्तरण के संबंध में क्या नियम है नियम की छायाप्रति उपलब्ध करायें? (ख) इसी प्रश्न के उत्तर में कार्यभारित स्थापना की सूची में श्री धीरज कुमार क्लीनर, श्री अशोक सिंह हेल्पर, श्री विवेक सिंह राजपुर स्टोर क्लर्क अनुकम्पा नियुक्ति बताई गई इनकी अनुकम्पा नियुक्ति किस अधिकारी के द्वारा की गई उसका नाम/पद के साथ-साथ आदेश की छायाप्रति उपलब्ध करायें। (ग) श्री विनोद कुमार वायरमैन, श्री सेवाराम हेल्पर को स्थानान्तरण से आना बताया गया उसके स्थानान्तरण आदेश की छायाप्रति उपलब्ध कराये क्या कंडिका 'ख' 'ग' में वर्णित कर्मचारियों की सेवायें समाप्त की गई यदि हाँ, तो कब एवं क्यों तथा किसके द्वारा की गई। क्या उक्त कर्मचारियों की फर्जी तरीके से भर्ती कर उन्हें कई वर्षों तक वेतन देकर तथाकथित अधिकारियों द्वारा शासन को लाखों का चूना लगाया गया, जब इन्हें इन कर्मचारियों से लाभ मिलना बंद हुआ तो इन्हें बिना किसी कार्यवाही के हटा दिया गया यदि नहीं, तो जानकारी दें कि इस प्रक्रिया में कौन-कौन दोषी है उनके खिलाफ क्या कार्यवाही की जायेगी।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी हाँ। दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों के स्थानांतरण के संबंध में विभाग ने नियम जारी नहीं किये हैं। (ख) श्री धीरज कुमार क्लीनर एवं श्री अशोक सिंह हेल्पर तथा विवेक सिंह राजपूत स्टोर क्लर्क की अनुकंपा नियुक्ति मुख्य अभियंता लोक स्वास्थ्य यात्रिकी विभाग ग्वालियर परिक्षेत्र ग्वालियर द्वारा की गई थी। आदेशों की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 1, 2 एवं 3 अनुसार है। (ग) श्री विनोद कुमार वायरमैन एवं श्री सेवाराम हेल्पर के स्थानांतरण आदेशों की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 4 एवं 5 अनुसार हैं। कंडिका ‘‘ख‘‘ एवं ‘‘ग‘‘ में वर्णित उपरोक्त कर्मचारी माह फरवरी 2010 से बिना किसी पूर्व सूचना एवं बिना अनुमति के अपने कार्य से आज दिनांक तक अनुपस्थित हैं। जांचोंपरांत ही बताया जा सकेगा।
पुलिस थानों/चौकियों के प्रस्तावित स्वीकृतियाँ
[गृह]
175. ( क्र. 1792 ) श्री सचिन यादव : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खरगोन जिले से गृह विभाग द्वारा कितने नये थाने, चौकियों एव चौकियों को थाने में परिवर्तित करने के प्रस्ताव राज्य शासन व विभागीय स्तर पर भेजे गये हैं? कितने प्रस्तावों पर स्वीकृति प्रदान की गई? कितने लंबित है और क्यों? (ख) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा प्रश्नांश (क) में दर्शित विषय के संबंध में शासन एवं विभागीय स्तर पर गृह विभाग को भेजे गये पत्रों पर की गयी कार्यवाही से अवगत न कराये जाने के क्या कारण हैं? कौन-कौन से प्रस्ताव स्वीकृति हेतु प्रक्रियाधीन हैं? कौन-कौन से स्वीकृत हैं और क्यों कारण सहित जानकारी दें? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या वर्तमान जनसंख्या और मानदण्ड के अनुसार थानों और चौकियों की समीक्षा की गई है? हाँ तो कब नहीं तो क्यों और कब तक की जायेगी?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जिला खरगोन से तीन चौकियों-चौकी बिस्टान, चौकी खलटाका, चौकी बेडिया का थाने में उन्नयन तथा एक नवीन पुलिस चौकी बमनाला खोले जाने का प्रस्ताव शासन को प्रेषित 6250 नवीन पदों के प्रस्तावों में शामिल कर विभाग को प्राप्त हुए थे। इन सभी के संबंध में विभाग द्वारा आदेश दिनांक 23.11.2016 को जारी किए जा चुके हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) उत्तरांश ’क’ अनुसार। (ग) जी हाँ। उपलब्ध विहीत संसाधनों, अपराधों एवं जनसंख्या के आधार पर समय-समय पर आवश्यकतानुसार कार्यवाही की जाती है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पुलिस थानों के निर्माण कार्यों के बजट
[गृह]
176. ( क्र. 1793 ) श्री सचिन यादव : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के पुलिस थानों में बुनियादी सुविधाओं, भवन निर्माण, भवनों के रिपेरिंग कार्य, थाना संचालित करने हेतु स्वयं के भवन एवं पुलिस को आधुनिकीकरण के लिए जनवरी 2013 से प्रश्न दिनांक तक प्रतिवर्ष कितना कितना बजट किस-किस कार्ययोजना के अतंर्गत आवंटित किया, कितनी राशि खर्च की गई एवं कितनी शेष है और क्यों वर्षवार, खर्चवार एवं शेष राशिवार जानकारी दें? (ख) प्रश्नांश (क) में दर्शित राशि से किस-किस जिला अंतर्गत थानों में कितनी राशि खर्च की गई, जिलेवार आवंटित राशि बतायें? (ग) शासन व गृह विभाग द्वारा थानों में पदस्थ पुलिस कर्मचारियों/अधिकारियों की मूलभूत सुख सुविधाओं के लिए क्या कोई नीति बनाई गई है हाँ तो बतायें नहीं तो क्यों?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’अ’ अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’ब’ अनुसार। (ग) मूलभूत सुख सुविधाओं के लिए उपलब्ध संसाधन एवं बजट की उपलब्धता को दृष्टिगत रखते हुए मुख्यमंत्री आवास योजना अंतर्गत हुडको से ऋण लेकर आगामी पाँच वर्षों में 25000 आवासों के निर्माण तथा प्रशासनिक भवनों की परियोजना परीक्षणाधीन हैं। इसके अतिरिक्त फिटनेस सेन्टर, शुद्ध जल हेतु आर.ओ वाटर संयत्र, ओवर हेड, टेन्क का निर्माण, बाउण्ड्रीवॉल का निर्माण, महिलाओं के लिए पृथक कक्ष/प्रसाधन, झूला घर का निर्माण इत्यादि की मूलभूत सुविधाएं प्रदाय किये जाने की व्यवस्था भी की जा रही है।
अर्जित भूमि के मुआवजा वितरण में अनियमितता
[राजस्व]
177. ( क्र. 1800 ) पं. रमेश दुबे : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छिंदवाड़ा जिले के पेंच परियोजना माचागोंरा के डूब क्षेत्र हेतु ग्राम बारह बरियारी की भूमियों/परिसम्पत्तियों का मुआवजा निर्धारण किन-किन राजस्व प्रकरणों के माध्यम से कब-कब किया गया? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में पारित अवार्ड आदेश के पश्चात किन-किन की मुआवजा राशि के भुगतान हेतु किस आधार पर कब रोक लगायी गयी? किस आधार पर बाद में किस-किस को राशि भुगतान के आदेश दिये गये? (ग) क्या मौजा बारहबरियारी के कृषक ओंमकार, सुरेश पिता बालकराम गोड़ के भमियों/परिसम्पत्तियों का पेंच बांध के डूब क्षेत्र हेतु अधिग्रहण किया गया है? क्या बिना किसी बैध दस्तावेजों के अधिग्रहित भमि पर स्थिति परिसम्पत्तियों पर आपत्ति प्रस्तुत करने पर भूमि/भवन स्वामियों को बिना सुने परिसम्पत्तियों की मुआवजा राशि आपत्तिकर्ता फूलसिंह उईके को भुगतान किया गया है? यदि हाँ, तो आपत्ति, सुनवाई का पूरा विवरण, भुगतान आदेश की प्रति संलग्न करें। (घ) क्या शासन, बिना विधिक दस्तावेजों के और बिना भूमि/भवन स्वामी को सुने प्रतिकर निर्धारण पत्रक में अंकित भूमि/भवन स्वामी से पृथक व्यक्ति को मुआवजा भुगतान करने के लिए कौन दोषी है? क्या शासन मुआवजा राशि वसूल कर वास्तविक भूमि स्वामियों को भुगतान किये जाने का आदेश देगा? यदि नहीं, तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
राहत राशि का वितरण
[राजस्व]
178. ( क्र. 1811 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मैहर विधानसभा क्षेत्रांतर्गत विगत दो वर्षों में सूखा राहत बाढ़ पीड़ितों, भू-अर्जन से प्रभावित कितने भू-स्वामियों, कृषकों आदि को कितनी राहत राशि/मुआवजा राशि स्वीकृत की गई? (ख) प्रश्नांश (क) वर्णित राहत/मुआवजा राशि किस माध्यम से हितग्राहियों को दी गई? (ग) क्या सहकारी बैंको/समितियों के माध्यम से उपलब्ध कराई गई राशि अब तक हितग्राहियों तक नहीं पहुंची है? इसके क्या कारण हैं व कौन-कौन उत्तरदायी है? कब तक सभी प्रभावित/पीड़ित कृषकों/हितग्राहियों को पूर्ण राशि उपलब्ध करा दी जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) मैहर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत वर्ष 2015-16 में सूखा राहत हेतु कुल 20,04,40,401/- तथा वर्ष 2016-17 में अतिवृष्टि से प्रभावित व्यक्तियों हेतु 5,36,50,000/- रूपये स्वीकृत किए गए। इसी प्रकार विगत 2 वर्षों में भू-अर्जन के तहत पूरक अवार्ड स्वीकृत किया गया है जिसमें कुल 28 ग्रामों में प्रभावित हितग्राही संख्या-205 है। कुल पारित अवार्ड राशि-1,88,20,780/- रूपये जिसका अवार्ड दिनांक 11.01.2015 को पारित किया गया है। (ख) प्रश्नांश (क) वर्णित राहत राशि का वितरण आर.टी.जी.एस. एवं सेवा सहकारी समितियों के माध्यम से एवं मुआवजा राशि चेक एवं आर.टी.जी.एस. के माध्यम से दी गई है। (ग) वर्ष 2015-16 में सूखा से प्रभावित 45735 कृषकों को सहायता राशि 18,95,48,215/- रू. सेवा सहकारी समितियों के माध्यम से पहुंच गई है। कोई राशि वितरण हेतु शेष नहीं है। इसी प्रकार भू-अर्जन से प्रभावित 58 हितग्राहियों द्वारा मुआवजा राशि से असंतुष्ट होने के कारण राशि नहीं ली गयी है जिसमें संबंधित हितग्राहियों द्वारा आयुक्त, रीवा के न्यायालय में आर्बिट्रेशन प्रकरण दायर किए गए है।
मैहर में पालीटेक्निक कालेज की स्थापना
[तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास]
179. ( क्र. 1812 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मैहर जिला सतना में पालीटेक्निक कालेज खोले जाने की क्या योजना है? क्या वर्ष 2016-17 के सत्र से यह कालेज आरंभ किया जाना था, यदि हाँ, तो प्रवेश न दिये जाने क क्या कारण रहे हैं? (ख) आगामी सत्र से मैहर में पालीटेक्निक कालेज खोले जाने, प्रवेश दिये जाने क्षेत्रीय आवश्यकताओं को देखते हुए विषयों का चयन किये जाने, भवन निर्माण आदि हेतु विभाग द्वारा क्या-क्या तैयारी की गई है? की गई कार्यवाही का विवरण पत्राचार, आदेश की प्रतियां सहित उपलब्ध करावें? (ग) सतना जिले में संचालित निजी आई.टी.आई. संस्थाओं में प्रशिक्षण शिक्षा की गुणवत्ता नियंत्रण हेतु क्या व्यवस्था है? क्या जिले में यह व्यवस्था संतोषजनक है?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक जोशी ) : (क) जी नहीं। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) उत्तरांश ‘क’ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता हैं। (ग) प्रदेश की निजी आई.टी.आई. के निरीक्षण के लिये कौशल विकास संचालनालय, जबलपुर द्वारा आदेश दिनांक 14.7.2016 द्वारा समिति का निर्धारण किया गया है, जिसमें कलेक्टर के प्रतिनिधि तथा विभागीय अधिकारी सम्मिलित हैं। निर्धारित समिति द्वारा किये गये निरीक्षण में 02 संस्थायें बंद पाई गई तथा 01 प्रायवेट आई.टी.आई. मानदण्डों के अनुसार वर्कशाप का क्षेत्रफल कम पाया गया। समिति द्वारा उक्त तीनों संस्थाओं को डी-एफिलियेट करने की अनुशंसा की हैं।
सागर जिले में सिंचाई परियोजना में अधिग्रहीत भूमि
[राजस्व]
180. ( क्र. 1816 ) श्री हर्ष यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिले की देवरी, केसली राहतगढ़ सागर खुदई बंडा तहसीलों में वर्ष 2012-13 से 2015-16 तक जल संसाधन विभाग के बांध, नहर, तालाब निर्माण हेतु कितने किसानों की कितने हेक्टेयर भूमि अर्जित की गई है? । (ख) प्रश्नांश (क) संदर्भ कितने हेक्टेयर भूमि सिंचित कितने हेक्टेयर भूमि असिंचित भूमि राजस्व अभिलेखों में दर्ज थी? कितने किसानों की भूमि पहले राजस्व अभिलेख में असिंचित दर्ज थी? बाद में मौके पर जाँच उपरांत सिंचित दर्ज की गई कितने किसानों की जमीन मौके पर जाँच उपरांत सिंचित से असिंचित दर्ज की गई? (ग) क्या अर्जित सिंचित भूमि में, सभी कृषकों के खसरा नंबर में जल स्त्रोत स्वयं का दर्ज था (कूप, नलकूप आदि) यदि हाँ, तो कृषक संख्या बताये? (घ) क्या प्रश्नांश (क) समयावधि में सिंचित भूमि को असिंचित बताकर एवं असंचित भूमि को सिंचित बताकर किसानों एवं शासन को आर्थिक हानि पहुंचाई गई है? यदि नहीं, तो राजस्व एवं जल संसाधन विभाग का मौके पर संयुक्त सर्वे क्यों नहीं किया गया? भू-अर्जन गफलत में शासन किसान को हानि पहुंचाने वालों पर क्या कार्यवाही की जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
खाद्यान्न वितरण में अनियमितता
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
181. ( क्र. 1817 ) श्री हर्ष यादव : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) देवरी विधानसभा क्षेत्र में खाद्यान्न प्राप्त करने हेतु किस-किस श्रेणी के कितने-कितने उपभोक्ता/हितग्राही वर्तमान में हैं? उन्हें किस-किस मात्रा में क्या-क्या सामग्री उपलबध कराई जाती है? (ख) पात्र हितग्राहियों की पर्चियां/कूपन बार-बार रिजेक्ट हो जाने के क्या-क्या कारण हैं? तकनीकी कारणों, रोजगार सहायकों की भूल से प्रविष्टि में गड़बड़ी से व अन्य कारणों से उत्पन्न हो रही व्यवहारिक समस्याओं के निराकरण/निदान हेतु विभाग की क्या योजना है? (ग) क्या विभाग अभियान क्षेत्र में अभियान चलाकर त्रुटि सुधार व अन्य समस्याओं का निराकरण करायेगा, ताकि कोई भी पात्र हितग्राही खाद्यान्न प्राप्त करने से वंचित न हो सकें? यदि हाँ, तो कब तक?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) वर्तमान में देवरी विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत अन्त्योदय अन्न योजना के 6,633 एवं प्राथमिकता श्रेणी के 49,373 परिवार इस प्रकार कुल 56,006 परिवारों को राशन सामग्री प्राप्त करने हेतु पात्रता पर्ची जारी की गई है। लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत अन्त्योदय परिवार को 35 किलोग्राम एवं प्राथमिकता परिवारों को 05 किलोग्राम प्रति सदस्य खाद्यान्न तथा शक्कर 01 किलोग्राम, नमक 01 किलोग्राम एवं केरोसीन अन्त्योदय परिवारों को 04 लीटर व प्राथमिकता परिवारों को 02 लीटर प्रतिमाह दिया जा रहा है। (ख) राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत सम्मिलित श्रेणियों में से पात्र परिवारों का सत्यापन, विलोपन एवं संशोधन का कार्य स्थानीय निकाय द्वारा समग्र पोर्टल के डाटाबेस में किया जाता है। उनके द्वारा किये गये डाटा अपडेशन के आधार पर पात्र परिवारों को राशन सामग्री का आवंटन जारी किया जाता है। समग्र पोर्टल पर दर्ज परिवारों के डाटाबेस में अन्य विभागों द्वारा भी विलोपन एवं संशोधन की कार्यवाही करने पर तकनीकी त्रुटि के कारण कुछ परिवार उचित मूल्य दुकानों से अनमेप होने की समस्या संज्ञान में आई है जिसके निराकरण हेतु माह अक्टूबर, 2016 में पात्र परिवारों का डाटा स्थिर कर अन्य विभागों द्वारा अपडेशन की सुविधा बंद कर दी गई है तथा अपात्रता/अनमेप होने का कारण POS मशीनों में प्रदर्शित कराया गया है। भविष्य में पात्र परिवारों के डाटाबेस में स्थानीय निकाय के प्रस्ताव के आधार पर केन्द्रीकृत रूप से अपडेशन किया जाएगा। जिससे उक्त समस्या उत्पन्न नहीं होगी। (ग) प्रश्नांश 'ख' के उत्तर में उल्लेखित कार्यवाही उपरांत परिवारों के स्वत: अनमेप की समस्या समाप्त हो गई है एवं अनमेप हुए परिवारों के पुन: सत्यापन की कार्यवाही प्रचलित है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आत्महत्या के प्रकरण
[गृह]
182. ( क्र. 1831 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कुक्षी विधान सभा क्षेत्र के ग्राम बड़गांव स्कूलपुरा में दिनांक 8/11/2016 को एक नाबालिग लड़की द्वारा आत्महत्या की गई थी? (ख) यदि हाँ, तो क्या मृतका लड़की के परिवार वालों द्वारा पुलिस थाना कुक्षी में पदस्थ महिला पुलिस अधिकारी द्वारा लड़की को बलात्कार के प्रकरण में बयान बदलने हेतु दबाव बनाया गया, जिसके चलते उसने आत्महत्या की, का आरोप लगाया गया? (ग) यदि हाँ, तो क्या संबंधित महिला पुलिस अधिकारी के विरूद्ध लड़की को आत्महत्या के लिये प्रेरित करने का प्रकरण दर्ज किया जावेगा? यदि नहीं, तो क्यों नहीं? (घ) इस प्रकरण के संबंध में समस्त दस्तावेज एवं जाँच प्रतिवेदन का विवरण उपलब्ध करावें।
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। मर्ग क्रमांक 114/16 धारा-174 जा.फौ. के दौरान मृतिका की माँ राधाबाई के कथन में किसी पुलिस अधिकारी पर मृतिका को आत्महत्या करने हेतु आरोपित नहीं किया गया है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
गोठान की जमीन पर किए गए अतिक्रमण
[राजस्व]
183. ( क्र. 1839 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी जिले के विजयराघवगढ़ तहसील के ग्राम सिनगौडी पटवारी हल्का 26 के अंतर्गत विजयराघवगढ़ तहसील की ओर जाने वाला मार्ग खसरा नं. 2306 का रकबा 0.45 एवं खसरा क्र. 1309 का रकबा 0.540 हेक्टर खसरा न. 130 का रकबा 0.540 एवं खसरा क्र. 0.200 हेक्टर एवं अन्य कौन-कौन से खसरों में गोठान मद में भूमि राजस्व रिकार्ड में दर्ज है? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो उक्त शासकीय भूमि, गोठान मद की भूमि पर दवाई की दुकान, बिल्डिंग की दुकान, होटल, मकान बनाकर अतिक्रमण किया गया है। शासन द्वारा उक्त अतिक्रमणकर्ताओं को कर्जवार जुर्माना भी किया है। उक्त भूमि पर जो अतिक्रमणकर्ता अतिक्रमण किये हैं। उनके नाम अवधि तथा कितना जुर्माना कब-कब कितना-कितना किया गया? (ग) प्रश्नांश 'क' एवं 'ख' की गोठान शासकीय भूमि जो किसी को आवंटित नहीं की जा सकती उस पर जिन व्यक्तियों द्वारा अतिक्रमण किया गया है। उसके संबंध में शासन/प्रशासन की जानकारी होने बाद भी प्रश्न दिनांक तक क्यों नहीं हटाया गया है? कब तक हटाया जायगा और अब तक न हटाए जाने के लिये कौन दोषी है? (घ) प्रश्नांश 'क' की भूमि पर किन-किन लोगों द्वारा प्रकरण, न्यायलय में चलाया? उसके क्या परिणाम रहें? प्रकरणवार अद्यतन स्थिति बताएं?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जिला कटनी की तहसील विजयराघवगढ़ अन्तर्गत ग्राम सिनगोडी प.ह. नं. 26 स्थित भूमि खसरा नं. 2306 रकबा 0.45 है एवं खसरा नं. 2718 रकबा 2.35 है., राजस्व रिकार्ड में गोठान दर्ज है। खसरा नं. 1309 रकबा 0.540 है. तालाब मद में दर्ज है। खसरा नं. 130 रकबा 0.91 है., रतिया वल्द समई शासकीय पट्टेदार के नाम दर्ज है। प्रश्न में वर्णित शेष रकबा 0.2.00 है. का खसरा नंबर अंकित नहीं होने से जानकारी दी जाना संभव नहीं है। (ख) जी हाँ, उक्त भूमि के अतिक्रमणकर्ता का नाम, अवधि, किये गये जुर्माना, की जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। (ग) सभी अतिक्रमणकर्ताओं के विरूद्ध म.प्र. भू-राजस्व संहिता की धारा 248 के तहत न्यायालयीन कार्यवाही की जा कर बेदखली आदेश पारित किया जा चुका है। मौके से बेदखली की कार्यवाही की जा रही है। अतिक्रमण हटाया जाना न्यायालयीन प्रक्रिया है। (घ) प्रकरणवार सूची उपरोक्त संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
नवलखा बीज कंपनी महिदपुर की जाँच
[गृह]
184. ( क्र. 1851 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नवलखा बीज कंपनी महिदपुर के संबंधित जाँच में जाँच दल द्वारा अग्रलिखित किसानों की जाँच उनके बीज प्रोग्राम एवं राजस्व रिकार्ड के आधार पर की गई है? इन किसानों के बीज प्रोग्राम व राजस्व रिकार्ड की जानकारी देवें। (ख) जीतेन्द्र सिंह शंभुसिंग कंथारिया, हीरालाल भंवरसिंग झारड़ा हाकमसिंग, बापूसिंग डोलनीबुजुर्ग, भुवन जी घीसा जी मेंढकी, भगवान सिंह रणछोड़ जी दिनपुरा पदमसिंग भेल रावतखेड़ी, पुरालाल गिरवर छिकरिया, प्रहलादसिंग, अमरसिंग धनोडि़या, अंबाराग कानाजी आक्याधागा, आत्मराम भागीरथ आक्याधागा, गोवालदि गंगाराम ढाबलसिया-इनकी जानकारी प्रश्नांश (क) अनुसार दे दी? (ग) इस अंतर से यह सिद्ध होता है कि नवलखा बीज कंपनी महिदपुर ने कूटरचित दस्तावेज तैयार कर बीज तैयार किये? इस पर कार्यवाही कब तक की जावेगी?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) विशेष जाँच दल द्वारा प्रश्नांश ’ख’ में उल्लेखित 12 कृषकों में से 1- आत्माराम पिता भागीरथ निवासी ग्राम आक्याधागा, 2- गोपाल पिता गंगाराम ऑजना निवासी ढाबलासिया, 3- पूरालाल पिता गिरवर ऑजना निवासी ठिकरिया, 4- भुवानजी पिता घीसाजी निवासी मेढकी के बीज प्रमाणीकरण एवं राजस्व रिकार्ड संकलित किया गया है। प्रकरण विवेचनाधीन होने से जानकारी प्रकट किया जाना दण्ड प्रक्रिया संहिता के अनुरूप नहीं है। (ख) प्रश्नांश ’क’ में समाहित है। शेष किसानों के संबंध में विवेचना जारी है। (ग) प्रकरण में विवेचना अ.अ.वि. द्वारा गठित विशेष दल द्वारा की जा रही है। विवेचना पर आयी साक्ष्य का विश्लेषण कर वैधानिक कार्यवाही विधि अनुसार की जावेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
श्रमिक कार्ड
[श्रम]
185. ( क्र. 1889 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनपद पंचायत सिहावल एवं सीधी सिंगरौली जिले के वर्तमान तक कितने श्रमिकों का कार्ड निरस्त किया गया है और क्यों? कितने का नवीनीकरण किया गया है, कितनों का शेष है और क्यों? (ख) कितने प्रकार के श्रमिकों को कार्ड जारी किया जाता है क्या नियम है? उक्त नियम से कितने श्रमिक पात्र हैं? क्या हितग्राहियों का चिन्हांकन कराया गया है? यदि नहीं, तो क्यों? चिन्हांकित श्रमिकों को विभिन्न योजनाओं जैसे खाद्यान्न, रसूत आदि का लाभ दिया जा रहा है?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जनपद पंचायत सिहावल सहित सीधी जिले में मध्यप्रदेश भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल के अंतर्गत वर्तमान तक कुल 32059 निर्माण श्रमिकों का पंजीयन कार्ड निरस्त किया गया है। पंजीयन कार्ड निर्माण श्रमिक की मृत्यु, नियत की गई आयु सीमा 60 वर्ष से अधिक हो जाने एवं हितग्राहियों द्वारा समय पर नवीनीकरण नहीं कराये जाने की अवधि समाप्त हो जाने के कारण जिले के पदाभिहित अधिकारियों द्वारा पंजीयन कार्ड निरस्त किया गया है। जिले में 6691 निर्माण श्रमिकों के पंजीयन कार्ड का नवीनीकरण किया गया है। जनपद पंचायत सिहावल सहित जिले में 33800 निर्माण श्रमिकों के पंजीयन का नवीनीकरण किया जाना शेष है। पंजीयन कार्ड नवीनीकरण हेतु निर्माण श्रमिक द्वारा समय पर आवेदन प्रस्तुत नहीं किये जाने के कारण पंजीयन कार्डों का नवीनीकरण नहीं हुआ है। पदाभिहित अधिकारियों के कार्यालयवार पंजीकृत/निरस्त/नवकृत तथा न नवकृत हेतु शेष पंजीयन कार्डों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। सिंगरौली जिले के अंतर्गत किसी पंजीबद्ध निर्माण श्रमिक का कार्ड निरस्त नहीं किया गया है। जिले में 2292 पंजीकृत श्रमिकों का आवेदन प्राप्त होने पर कार्ड का नवीनीकरण किया गया है। नवीनीकरण हेतु कोई भी आवेदन पत्र शेष नहीं है। (ख) मध्यप्रदेश भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल के अंतर्गत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार सूचीनुसार निर्माण श्रमिकों का पंजीयन किया जाता है। पंजीयन हेतु नियमानुसार निर्माण श्रमिक की आयु 18-60 वर्ष के बीच होनी चाहिए तथा उसके द्वारा गत 01 वर्ष में कम से कम 90 दिवस निर्माण श्रमिक के रूप में कार्य करने का प्रमाण/स्व-प्रमाणीकरण प्रस्तुत करने पर पंजीयन किया जाता है। जिले में निर्माण श्रमिकों को चिन्हांकित कर पंजीयन की कार्यवाही की जाती है। पंजीकृत निर्माण श्रमिकों को मण्डल द्वारा संचालित विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से लाभान्वित किया जाता है।
मुख्य मंत्री पेय-जल योजना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
186. ( क्र. 1903 ) श्रीमती योगिता नवलसिंग बोरकर : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) पंधाना विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत कितनी मुख्य मंत्री पेय-जल योजनाएं कब से चल रही हैं? (ख) कितनी योजनाएं अधूरी हैं? कितनी पूर्ण होकर हैण्ड ओव्हर की जा चुकी हैं? (ग) अधूरी एवं अपूर्ण पेय-जल योजनाओं पर की गई शिकायतों पर क्या कार्य हुए?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) 19 योजनाएं वर्ष 2010-11 से कार्यक्रम लागू रहने तक की अवधि से। (ख) सभी योजनाएं पूर्ण होकर हैण्ड ओव्हर की जा चुकी है। (ग) अधूरी एवं अपूर्ण पेय-जल योजना की शिकायतें प्राप्त नहीं हुई।
मुख्य मंत्री पेय-जल योजना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
187. ( क्र. 1904 ) श्रीमती योगिता नवलसिंग बोरकर : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) पंधाना विधान सभा क्षेत्र अन्तर्गत अहमदपुर खैगांव, रूस्तमपुर, चमाटी, सिलोदा, कोहदड़, पंधाना आदि गांवों में आज तक मुख्य मंत्री ग्रामीण पेय-जल योजनाएं पूर्ण क्यों नहीं हो पा रही हैं? (ख) ठेकेदारों की निर्धारित समय-सीमा क्या है? क्या उसको बढ़ाया गया? (ग) यदि हाँ, तो क्यों? कब तक पूर्ण होगी?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) प्रश्नांकित ग्रामों में मुख्यमंत्री पेय-जल योजनाएं स्वीकृत नहीं है, अतः योजना पूर्ण करने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) उत्तरांश-‘क‘ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश-‘क‘ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
भोपाल जेल ब्रेक घटना की जाँच
[जेल]
188. ( क्र. 1905 ) श्री बाला बच्चन : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) 31 अक्टूबर 2016 भोपाल जेल ब्रेक घटना की जाँच किससे कराई जा रही है? (ख) क्या माननीय मुख्यमंत्री जी ने घटना के बाद एन.आई.ए. से जाँच कराने की घोषणा की थी? इस संबंध की गई समस्त प्रक्रिया की जानकारी किए गए पत्र-व्यवहार की छायाप्रति सहित देवें? (ग) यदि एन.आई.ए. से जाँच नहीं कर्रवाई जा रही है तो फिर इसकी घोषणा क्यों की गई? (घ) एनकाउंटर में मारे गये लोगों के पास से क्या-क्या सामग्री बरामद की गई पूरी? सूची देवें।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) मध्यप्रदेश शासन, सामान्य प्रशासन विभाग, मंत्रालय की अधिसूचना क्रमांक एफ-24-7/2016/1-10 दिनांक 07.11.2016 द्वारा एकल सदस्यीय न्यायिक जाँच आयोग गठित किया गया है। जो संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) एन.आई.ए. अधिनियम, 2008 के तहत जेल ब्रेक एवं पुलिस मुठभेड़ दोनों घटनाओं की सूचना गृह मंत्रालय, भारत सरकार एवं एन.आई.ए. को दी गई है। पत्राचार की छायाप्रतियाँ संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जानकारी प्रश्नांश ''ख'' में समाहित है। (घ) एनकाउंटर की घटना से संबंधित अपराध विवेचनाधीन होने से प्रकरण के विशिष्ट तथ्यों की जानकारी प्रदान करना दंड प्रकिया संहिता के प्रावधानों के अनुरूप नहीं है।
नजूल भूमि की लीज नवीनीकरण के प्रकरणों के निराकरण
[राजस्व]
189. ( क्र. 1906 ) श्री बाला बच्चन : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनुविभागीय अधिकारी टी.टी.नगर वृत्त भोपाल में नजूल भूमि का लीज नवीनीकरण के संबंध में लंबित प्रकरणों में प्रत्येक प्रकरण के आवेदक, क्षेत्रफल तथा प्रकरण लंबित रहने की अवधि की जानकारी दी जाए? (ख) जिन प्रकरणों में लीज नवीनीकरण नहीं हो रहा है उनमें कितने भू-भाटक तथा दण्ड राशि की शासन को क्षति हुई है? (ग) लीज नवीनीकरण में हो रहे विलंब के लिए उत्तदायी अधिकारी का नाम, पद बताया जावे तथा क्या शासन लीज नवीनीकरण नहीं होने के लिए उत्तरदायी अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) लीज नवीनीकरण हेतु प्रस्तुत आवेदन के मामले में लीज की शर्तों का उल्लंघन होने से प्रकरण के निराकरण में विलम्ब होता है, किन्तु म.प्र.राजपत्र दिनांक 11 जुलाई, 2014 के अनुसार विलम्ब पर (दण्ड/शास्ति) ब्याज इत्यादि राशि की गणना कर राशि जमा कराई जाती है। राशि जमा करने पर ही नवीनीकरण होने से राशि की क्षति का प्रश्न उद्भूत नहीं होता। (ग) भू-खण्डधारियों द्वारा लीज की शर्तों का उल्लंघन किये जाने से प्रकरण के निराकरण में विलम्ब होता है। लीज की शर्तों के उल्लंघन होने के लिए लीजधारी स्वंय उत्तरदायी होता है। शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता।
स्कूलों में वाटर प्यूरीफायर
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
190. ( क्र. 2027 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) शासकीय स्कूलों में शुद्ध पेय-जल देने हेतु जलमणि योजना के तहत भोपाल संभाग के किस किस जिले के किन-किन स्कूलों में पेय-जल व्यवस्था की गई है संख्यात्मक जानकारी देवें? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या उक्त योजना अतंर्गत केन्द्र सरकार द्वारा भी राशि दी जा रही है? यदि हाँ, तो कितनी राशि प्रदेश सरकार को वर्ष 2013 से प्रश्नांश दिनांक तक प्राप्त हुई व विदिशा जिले हेतु इस योजना से कितनी राशि दी गई वर्षवार जानकारी देवें? (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित योजना/राशि से विदिशा जिले के किस-किस विद्यालयों में कौन सी कंपनी के वाटर प्यूरीफायर लगाये गये थे कितने स्कूलों में नहीं? लगाये गये प्यूरीफायरों में से कितने बंद अथवा खराब हो गये हैं? (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में वाटर प्यूरीफायर बंद होने की स्थिति में शुद्ध पेय-जल की क्या व्यवस्था की गई है? प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र बासौदा अतंर्गत शेष रहे विद्यालय में कब तक प्यूरीफायर लगाने की व्यवस्था की जावेगी?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं, उक्त योजनांतर्गत केन्द्र सरकार द्वारा वर्तमान में राशि नहीं दी जा रही है। प्रश्नाधीन अवधि में उक्त योजना अंतर्गत विभाग को कोई राशि प्राप्त नहीं हुई है। (ग) प्रश्नाधीन अवधि में विभाग द्वारा विदिशा जिले में किसी भी विद्यालय में संयत्र स्थापित नहीं किया गया है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (घ) उत्तरांश-‘ग‘ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
भाग-3
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
ड्रायविंग
लायसेंस हेतु
नवीन नियम
[परिवहन]
1. ( क्र. 13 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गियर एवं बिना गियर वाले टू व्हीलर, फोर व्हीलर वाहनों को चलाने के लिए कितनी-कितनी उम्र के पश्चात् लायसेंस दिए जाने का प्रावधान है? नियम की प्रतिलिपि सहित जानकारी देवें? (ख) प्रश्नांश (क) के सन्दर्भ में क्या विभाग लायसेंस देने की उम्र कम करने पर विचार कर रहा है? यदि हाँ, तो कब तक? क्या कम उम्र में वाहन चलाने पर दंडात्मक कार्यवाही को लेकर नवीन निर्देश जारी किये गये हैं? यदि हाँ, तो नियमों की प्रतिलिपि देवें। (ग) टू व्हीलर, फोर व्हीलर लायसेंस बनाने हेतु सामान्यत: विभाग द्वारा कितना शुल्क लिया जाता है विभागीय लापरवाही के चलते विभिन्न यातायात एजेंसियां लायसेंस बनाने के लिए रतलाम, मंदसौर, नीमच जिले में 5 गुना से अधिक पैसे वसूल रही है? इसकी जाँच कब-कब की गयी? (घ) क्या विभाग दवारा यातायात एजेंसियों को टू व्हीलर, फोर व्हीलर लायसेंस बनाने के लिए कोई शुल्क दर निर्धारित है? यदि नहीं, तो क्यों? यदि हाँ, तो अवगत कराये? (ड.) 1 जनवरी, 2013 के पश्चात् रतलाम मंदसौर जिले में कितनी-कितनी बसों के फिटनेस, परमिट किस किस दिनांक को जारी किये गये? बस मालिक के नाम सहित जानकारी देवें?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) केन्द्रीय मोटरयान नियम 1988 की धारा 3 एवं 4 के अंतर्गत गियर वाले 2 व्हीलर वाहनों को चलाने के लिये 18 वर्ष की आयु पूर्ण करने पर एवं बिना गियर वाले (50 सी.सी. अनाधिक क्षमता के साथ बिना गियर वाले मोटर सायकल के लिये) चलाने के लिये 16 वर्ष की आयु पूर्ण करने एवं आवेदन पर माता, पिता या आवेदक के संरक्षक की सहमति के हस्ताक्षर किये जावेंगे ऐसा प्रावधानित है। नियम की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जी नहीं, यह विषय भारत सरकार से संबंधित है। कम उम्र पर वाहन चलाने पर मोटरयान अधिनियम 1988 की धारा 181 में निर्धारित दण्ड राशि का जुर्माना परिवहन विभाग एवं यातायात विभाग द्वारा कार्यवाही कर वसूल किया जाता हैं। वर्तमान में कोई नवीन निर्देश प्राप्त नहीं हुये है। (ग) सभी वाहनों के लिये शिक्षार्थी अनुज्ञप्ति शुल्क रूपये 40 उसके पश्चात् प्रत्येक वर्ग के लिये रूपये 30 प्रति वर्ग शुल्क देय है। चालन अनुज्ञप्ति के लिये प्रथम वर्ग हेतु रूपये 250 उसके पश्चात् प्रत्येक वर्ग के लिये रूपये 50 शुल्क देय है। महिलाओं से शिक्षार्थी एवं चालन अनुज्ञप्ति हेतु कोई शुल्क नहीं लिया जाता हैं। विभिन्न यातायात एजेंसियों द्वारा अधिक राशि वसूल किए जाने संबंधी कोई शिकायत कार्यालय में प्राप्त नहीं हुई है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) विभाग द्वारा यातायात एजेंसियों को टू व्हीलर, फोर व्हीलर लायसेंस बनाने के लिये अधिकृत नहीं किया गया है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ड.) प्रश्नाधीन अवधि में जिला परिवहन कार्यालय रतलाम एवं मंदसौर में जारी किये गये फिटनेस एवं परमिट्स की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है।
राजस्व ग्राम
[राजस्व]
2. ( क्र. 14 ) श्री पुष्पेन्द्र नाथ पाठक : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र बिजावर में ऐसे कितने मजरा, टोला आदि हैं जिनकी आबादी 100 से ज्यादा है और वह राजस्व ग्राम घोषित नहीं हैं? नाम सहित जानकारी प्रदाय करें। (ख) मजरा टोला को राजस्व ग्राम घोषित करने के लिए नियम एवं प्रक्रिया क्या है? (ग) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में उपरोक्त मजरा, टोला को राजस्व ग्राम घोषित करने हेतु क्या-क्या कार्यवाही की गई?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) विधान सभा क्षेत्र बिजावर में कुल 26 मजरा टोले है। जिनकी आबादी 100 से अधिक है तथा जिन्हें पृथक राजस्व ग्राम घोषित नही किया गया है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ’अ’ अनुसार है। (ख) मजरा-टोलों को राजस्व ग्राम घोषित करने के लिये निर्धारित मापदण्डों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' में उल्लेखित मजरा-टोला निर्धारित मानकों की प्रतिपूर्ति नहीं करते हैं।
शासकीय उचित मूल्य की दुकानों से राशन का वितरण
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
3. ( क्र. 18 ) श्री सुदर्शन गुप्ता (आर्य) : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश की शासकीय उचित मूल्य की दुकानों (कन्ट्रोल) से आम जनता को राशन का वितरण पी.ओ.एस. मशीन के माध्यम से किया जाता है? (ख) क्या इन मशीनों के बन्द (कभी सर्वर डाउन, कभी नेटवर्क नहीं से) होने के कारण उपभोक्ताओं को समय पर राशन वितरण नहीं हो पाता है? यदि हाँ, तो इस हेतु शासन द्वारा क्या कार्यवाही की जा रहीं है?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जी हाँ। (ख) भोपाल, इन्दौर एवं खण्डवा नगर निगम क्षेत्र को छोड़कर शेष क्षेत्र में पी.ओ.एस. मशीन के माध्यम से पात्र परिवारों को राशन के वितरण के लिए निरंतर सर्वर से कनेक्ट होना एवं नेट कनेक्टीविटी माह में केवल एक बार पात्र परिवारों की हकदारी डाउनलोड एवं अपलोड करने को छोड़कर उपलब्ध होना अनिवार्य नहीं है। भोपाल, इन्दौर एवं खण्डवा नगर निगम क्षेत्रों में नेट कनेक्टीविटी की उपलब्धता सुलभ है। एनआईसी के सर्वर पर अधिक लोड होने के कारण भोपाल एवं इन्दौर नगर निगम क्षेत्र में पात्र परिवारों को राशन वितरण करने में कुछ समस्या आई है जिसके निराकरण हेतु इन दोनों नगर निगम क्षेत्रों में माह दिसम्बर, 2016 से पात्र परिवारों का डाटा पी.ओ.एस. मशीन में ही संग्रहित कर आधार एथेंटिकेशन के आधार पर राशन वितरण की व्यवस्था लागू की जा रही है। जिससे उक्त समस्या का निराकरण हो जाएगा साथ ही एन.आई.सी. के सर्वर की क्षमता बढ़ाई जाने की कार्यवाही भी की जा रही है। पीओएस मशीन के खराब होने पर उसके सुधार कार्य हेतु 48 घंटे की समय-सीमा निर्धारित की गई है, यदि किसी कारण से पी.ओ.एस. मशीन का सुधार कार्य न होने से राशन वितरण नहीं हो पाता है तो उस दुकान से वितरण पंजी के आधार पर राशन वितरण की अनुमति दी जाती है।
पान-गुटखा, तंबाकू सिगरेट की दुकानों का संचालन
[गृह]
4. ( क्र. 22 ) श्री सुदर्शन गुप्ता (आर्य) : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश में तंबाकू नियंत्रण कानून-2003 के तहत सार्वजनिक स्थल (ऑडिटोरियम, अस्पताल भवन, ऐतिहासिक स्थल, न्यायालय भवन, स्कूल, कॉलेज, रेस्तरां, शॉपिंग मॉल, हवाई अड्डा, बैंक, रेलवे स्टेशन, बस अड्डा, सिनेमाघर और पंचायत भवन आदि) से 200 मीटर के दायरे में पान-गुटखा, तंबाकू सिगरेट की दुकाने संचालित किया जाना प्रतिबंधित है? (ख) यदि हाँ,तो क्या इन्दौर जिले में इसका पालन किया जा रहा है? यदि नहीं, तो इन दुकानदारों के विरूद्ध पुलिस प्रशासन द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। दिनांक 01.01.2016 से 15.11.2016 तक की अवधि में अधिनियम का उल्लंघन करने वाले सार्वजनिक स्थलों पर धूम्रपान करने वाले 462 व्यक्तियों के विरूद्ध चालानी कार्यवाही की गई है तथा 06 दुकानदारों के विरूद्ध प्रकरण पंजीबद्ध कर कार्यवाही की गई है।
अशोक नगर के तालाब के डूब क्षेत्र के राजस्व रिकार्ड में हेराफेरी
[राजस्व]
5. ( क्र. 32 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अशोक नगर के तालाब तुलसी सरोवर के डूब क्षेत्र के सर्वे क्रमांक 623 व 624 को राजस्व रिकार्ड में हेराफेरी कर कब्जे व नामांतरण की शिकायत मुख्यमंत्री जी, जिलाधीश अशोकनगर को किस तिथि को किस-किस व्यक्ति ने की? नामांतरण, ग्रामवार विस्तृत विवरण दें व उन पर क्या कार्यवाही की गई? (ख) क्या तुलसी सरोवर के पास की भूमि जो सिंचाई विभाग की है उसकी पटवारी रिकार्ड में हेरफेर कर आगे पीछे कर निजी लोगों को कॉलोनी बनाने के लिये देने की शिकायत पर सिंचाई विभाग ने क्या कार्यवाही की है?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
शमशान स्थल निर्माण हेतु भूमि आवंटन
[राजस्व]
6. ( क्र. 39 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला आगर मालवा तहसील नलखेड़ा के अंतर्गत ग्राम खेलागांव में शमशान हेतु कितनी भूमि वर्ष 2014-2015 में आवंटित की गई थी? (ख) प्रश्नांकित भूमि पर शमशान स्थल निर्माण हेतु शासन द्वारा कब कितनी राशि स्वीकृति की गई है? क्या यह शमशान स्थल निर्माण हेतु स्वीकृति की गई राशि का उपयोग किया जा चुका है? शमशान स्थल का निर्माण कार्य आवश्यक सुविधाओं सहित पूर्ण करवाया जा चुका है? यदि नहीं, तो इसके लिये कौन दोषी है? (ग) क्या प्रश्नांकित शमशान स्थल निर्मित नहीं होने के कारण ग्रामीणजनों को अपने परिजनों का दाह संस्कार नाले की भूमि पर करना पड़ रहा है? ऐसी स्थिति में शासन द्वारा प्रश्नांकित शमशान स्थल का निर्माण कार्य कब तक पूर्ण करवा लिया जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) प्रश्नाधीन अवधि में ग्राम खेलागांव में शमशान हेतु कोई भूमि आवंटित नहीं की गई थी। बन्दोबस्त के समय से ही भूमि शमशान, कब्रिस्तान दर्ज है। (ख) ग्राम खेलागांव में स्थित सर्वे क्र. 268 रकबा 0.20 हेक्टेयर पर शमशान निर्माण हेतु वर्ष 2015-16 में 9.45 लाख की राशि मनरेगा अंतर्गत स्वीकृत की गई है। वर्तमान में निर्माण कार्य प्रचलित है। जिसमें सी.पी.टी. एवं समतलीकरण का कार्य पूर्ण हो चुका हैं। सड़क एवं शेड निर्माण होना शेष है। पूर्व में मनरेगा अंतर्गत राशि का आवंटन प्राप्त नहीं होने से कार्य बाधित हुआ है, जिसके लिये कोई दोषी नहीं है। (ग) जीं हां। दाह संस्कार नाले की खुली शासकीय भूमि पर किया जा रहा है। शमशान स्थल निर्माण कार्य शीघ्र पूर्ण करा लिया जावेगा।
उद्योगों में गैस निर्माण अनुमति एवं अनुमति नवीनीकरण
[पर्यावरण]
7. ( क्र. 50 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नागदा जिला उज्जैन स्थित ग्रेसिम, केमिकल डिव्हीजन, लैंक्सेस, आर्केमा उद्योगों में किस-किस गैस बनाने, बनने की अनुमति भारत सरकार से कब-कब प्राप्त की? उद्योगवार ब्यौरा दें। (ख) प्रश्नांश (क) में ली गई अनुमति का कब-कब पुनर्नवीनीकरण किया गया वर्ष 2001 से अब तक का ब्यौरा दें। (ग) जिन उद्योगों में गैस निर्माण अनुमति अथवा नवीनीकरण नहीं करवाया, उन पर कब-कब जाँच व कार्यवाही 2001 से अब तक की गई? ब्यौरा दें।
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतरसिंह आर्य ) : (क) मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा जल (प्रदूषण निवारण तथा नियंत्रण) अधिनियम, 1974 एवं वायु (प्रदूषण निवारण तथा नियंत्रण) अधिनियम, 1981 के तहत नागदा स्थित उद्योगों को गैस उत्पादन हेतु जारी सम्मति की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ‘‘ अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ब‘‘ अनुसार है। (ग) प्रश्नांश ‘‘ख‘‘ के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
मल्टीनेशन कंपनियों एवं उद्योग एजेंसियों द्वारा किए गए पर्यावरण संबंधी अनुबंध
[पर्यावरण]
8. ( क्र. 51 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मल्टीनेशन कंपनियों को नागदा व उज्जैन संभाग में पर्यावरण, प्रदूषण की दृष्टि से किन-किन शर्तों, अथवा सहमति के आधार पर उद्योग स्थापना की अनुमति दी गई? (ख) उक्त सहमति व शर्तों पर स्थापित उद्योगों में किस-किस एजेंसी ने विगत दस वर्षों में कब-कब जाँच की? जाँच में क्या-क्या निर्देश जाँच एजेंसियों ने दिये? जाँचवार ब्यौरा दें ।
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतरसिंह आर्य ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ‘‘ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ब‘‘ अनुसार है।
साप्ताहिक न्यायालय का संचालन
[राजस्व]
9. ( क्र. 59 ) श्री हरवंश राठौर : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या तत्कालीन कलेक्टर सागर द्वारा वर्ष 2015-16 में विधानसभा क्षेत्र बण्डा के ग्राम बहरोल एवं दलपतपुर में साप्ताहिक न्यायालय लगाने हेतु आदेश जारी किया गया था? (ख) आदेश जारी होने के दिनांक से प्रश्न दिनांक तक किन-किन तारीखों में बहरोल एवं दलपतपुर में साप्ताहिक न्यायालय नहीं लगे हैं तो कारण क्या हैं? (ग) उक्त दोनों सर्किलों के साप्ताहिक न्यायालयों में कितने प्रकरणों की सुनवाई की है? तारीखवार जानकारी दी जाए?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) साप्ताहिक शिविर लगाने के निर्देश दिये गए थे। (ख) आदेश जारी होने के दिनांक से प्रश्न दिनांक तक साप्ताहिक हेतु स्टाफ एवं संसाधनों के अभाव में ग्राम बहरौल एवं दलपतपुर में साप्ताहिक शिविर नहीं लगाया गया। (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुसार प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
बी.पी.एल. राशन कार्डों पर राशन का वितरण
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
10. ( क्र. 63 ) श्री हरवंश राठौर : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र बण्डा में ग्राम उदय से भारत उदय अभियान कार्यक्रम के तहत कितने बी.पी.एल. राशन कार्डधारियों को राशन का वितरण किया जाता रहा है? (ख) उक्त अभियान के बाद कितने बी.पी.एल. राशन कार्डधारियों को राशन वितरण करना बंद कर दिया है? ऐसे परिवारों के नाम विलोपित करने की सूची तथा राशन नहीं देने के आदेश किस विभाग द्वारा खाद्य विभाग को प्राप्त हुए हैं? (ग) क्या बी.पी.एल. राशन कार्डधारियों के नाम विलोपित (काटने) करने वाली टीम में राशन विक्रेता भी सदस्य था? (घ) वास्तविक गरीब परिवारों के नाम काट देने के कारण उनके नाम पुन: जोड़ने के लिए क्या विभाग से पुनरीक्षित सर्वेक्षण कराने की कोई योजना है?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) प्रश्नांकित विधानसभा क्षेत्र में प्रश्नांकित अभियान के अंतर्गत 37,892 बी.पी.एल. राशनकार्ड धारियों को राशन का वितरण किया जाता रहा है। (ख) उक्त अभियान के तहत कुल 1,851 बी.पी.एल. राशनकार्डधारियों का राशनकार्ड बंद किया गया। बी.पी.एल. सूची में नाम जोड़ने एवं काटने की एक सतत् प्रक्रिया है जो स्थानीय निकाय के तहसीलदार एवं अनुविभागीय अधिकारी द्वारा किया जाता है। विधानसभा क्षेत्र बण्डा अंतर्गत शहरी क्षेत्र में अनुविभागीय अधिकारी एवं ग्रामीण क्षेत्र में तहसीलदार के द्वारा अपात्र बी.पी.एल. परिवारों की सूची स्थानीय निकाय को उपलब्ध कराई गई थी। स्थानीय निकाय द्वारा उक्त अपात्र बी.पी.एल. परिवारों को राशन की पात्रता से पृथक करने के कारण उक्त बी.पी.एल. परिवारों का राशन बंद किया गया है। खाद्य विभाग को इनके नाम विलोपित करने की कोई सूची प्राप्त नहीं हुई है। (ग) जी नहीं। (घ) गरीबी रेखा की सूची में पात्र परिवारों के नाम जोड़ने एवं अपात्र परिवारों के नाम काटने की सतत् प्रक्रिया है। निर्धारित प्रक्रिया अनुसार आवेदक अपील कर अपना पक्ष सक्षम अधिकारी को प्रस्तुत कर पात्र होने पर नाम जुडवा सकता है।
विद्यार्थियों के लिये परिवहन व्यवस्था
[परिवहन]
11. ( क्र. 65 ) श्री हरवंश राठौर : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिले के ऐसे कितने ग्रामों में हाईस्कूल/हायर सेकेण्डरी स्कूल हैं, जहां पर यात्री बसें नहीं चलती हैं? (ख) विधान सभा क्षेत्र बण्डा में किस-किस रूट पर यात्रियों को बसों की सुविधा उपलब्ध है? (ग) क्या विद्यार्थियों को प्रतिदिन स्कूलों में या कॉलेजों तक आने जाने के लिये यात्री बसों में एम.एस.टी. बनाने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो अभी तक विगत एक वर्ष से बण्डा क्षेत्र में कितने विद्यार्थियों के यात्री बसों में एम.एस.टी. बनाए गए हैं?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) 68 (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) वर्तमान में प्रायवेट यात्री बसें संचालित है एवं प्रायवेट यात्री बसों में विद्यार्थियों को प्रतिदिन स्कूलो या कॉलेजो तक आने जाने के लिए एम.एस.टी. बनाने का प्रावधान नहीं है।
खनन हेतु व्यय की गई राशि
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
12. ( क्र. 75 ) श्री संजय उइके : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या बालाघाट जिले के आदिवासी उपयोजना क्षेत्र के विकास हेतु आबादी वाले टोलों एवं ग्रामों में हैण्डपम्प खनन (41-0009) योजना में वित्तीय वर्ष 2013-14 एवं 2014-15 में क्रमश: 321.32 लाख और 248.04 लाख राशि एवं पाईपों द्वारा ग्रामीण जल प्रदाय योजना (41-2580) में 1104.00 लाख और 1116.00 लाख राशि आवंटन की गयी थी? (ख) यदि हाँ, तो किन-किन कार्यों में कितनी-कितनी राशि कहाँ-कहाँ व्यय की गई?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी नहीं। (ख) उत्तरांश ‘क‘ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्रकरण में नाम दर्ज करने
[गृह]
13. ( क्र. 85 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 27 जुलाई, 2016 के अतारांकित प्रश्न संख्या 1 (क्र. 108) में (क) भाग के उत्तर में राजन पुत्र सुकवा कलावत की मृत्यु पर जो प्रकरण अपराध क्र.387/16 अशोकनगर में दर्ज किया है उसमें मृत को जलाने के बाद मृत्यु पूर्व बयान में चुनाव के पूर्व कुछ लाख रूपये दिये थे वह वापिस लेने पर हुए विवाद में जिला पंचायत सदस्य जो चुनाव लडे थे व जिसने पैसा लिया था उस पर क्या कार्यवाही हुई तथा विवेचना में कथन व तथ्यों के आधार पर जिला पंचायत का चुनाव लडे व राशि उधार लेने वाले के विरूद्ध क्या कार्यवाही की? (ख) क्या सत्येन्द्र कलावत जिला पंचायत सदस्य अशोकनगर ने जिला पंचायत का चुनाव लडने हेतु मृतक राजन कलावत से कुछ रूपये लिये थे तथा जब वह पैसा मांगने गया तो उसे पीटा व जला दिया गया तो उसका नाम प्रकरण में क्यों दर्ज नहीं किया गया?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) थाना कोतवाली, जिला अशोकनगर के अप.क्र. 387/16 में मृतक राजन कलावत का मृत्यु पूर्व बयान नहीं हुआ है। प्रकरण की विवेचना में वीडियों रिकार्डिग की वीडियों ट्रांसकिप्ट के आधार पर आई साक्ष्य के अनुसार राजू कलावत एवं छुट्टन पटवारी (सत्येन्द्र कलावत के पिता) द्वारा चुनाव के लिये पैसे लेने व मृतक राजन द्वारा पैसे वापिस मांगने के विवाद पर मृतक द्वारा स्वयं जलने के साक्ष्य आये है। विवेचना के दौरान आरोपी राजू कलावत की गिरफ्तारी हो चुकी है एवं छुट्टन पटवारी की तलाश जारी है। श्रीमती शीतल कलावत जो जिला पंचायत सदस्य का चुनाव लड़ी थी, के द्वारा पैसे लेने संबंधी साक्ष्य नहीं आए है। आरोपी छुट्टन पटवारी जो शीतल कलावत का ससुर है के द्वारा पैसे लेने के साक्ष्य आए है। (ख) जी नहीं। सतेन्द्र कलावत जिला पंचायत का सदस्य न होकर जिला पंचायत सदस्य श्रीमती शीतल कलावत का पति है। प्रकरण में सत्येन्द्र कलावत द्वारा चुनाव के लिए पैसा लेने संबंधी कोई साक्ष्य नहीं आए है। शेष जानकारी प्रश्नांश (क) के उत्तर में समाहित है।
पिपलौदा जीनिंग फैक्ट्री की भूमि
[राजस्व]
14. ( क्र. 86 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 2 मार्च, 2015 को प्रश्नकर्ता के अता. प्रश्न संख्या 13 (क्र. 782) के उत्तर देखे जिसमें आपने कहा था कि रतलाम रियासत सन् 1929-30 के अनुसार सर्वे क्र. 1820 व 1821 पर पंचनामा खसरा कॉलम नंबर 7 में जिनिंग फैक्ट्री तथा 1957-58 के खसरे में किसी के नाम से पक्का कृषक कैसे हो गया यह मालूम नहीं? (ख) क्या शासन का यह दायित्व नहीं है कि पक्का कृषक किसने दर्ज किया उस पटवारी, राजस्व निरीक्षक व तहसीलदार की पहचान कर खसरा में पक्का दर्ज कर जिनिंग फैक्ट्री लिखने व दोषियों की पहचान कर कब तक दण्डित करेंगे? (ग) उक्त पिपलौदा जिनिंग फैक्ट्री की भूमि पर कौन कॉलोनी बनाकर प्लाट बेच रहा है तथा उसे रोकने के बाद पुन: अनुमति क्यों दी गई वर्तमान स्थिति बताएं कितने प्लाट बेचे गये हैं?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) रतलाम रियासत सन् 1929-30 के अनुसार सर्वे क्र. 1820 व 1821 पर पंचनामा खसरा कॉलम नंबर 7 में ’’ खा. सरकार ’’ दर्ज अंकित है तथा कॉलम नं. 12 में नारायणदास सा. जावरा जिनिंग फेक्ट्री दर्ज है एवं केफियत के कॉलम नं. 24 के कुआ पुख्ता कारखाना जिनिंग फैक्ट्री एक दर्ज है एवं वर्ष 1957-58 में सर्वे नम्बर हाल नम्बर 1491 एवं 1492 पर खसरा के कॉलम नं. 6 में वासुदेव पिता नारायणदास जाति महाजन साकिन मंदसौर पक्का कृषक दर्ज है एवं मिसल बन्दोवस्त 1957-58 का अवलोकन करने पर समस्त कृषकों के समक्ष कॉलम नं. 6 में पक्का कृषक अंकित होना पाया गया। वर्ष 1929-30 के पश्चात् वर्ष 1956-57 में बन्दोवस्त होने से 1957-58 का रिकार्ड उपलब्ध है। वर्ष 1956-57 से पहले का रिकार्ड उपलब्ध नहीं है अतः बताया नहीं जा सकता की उक्त प्रविष्टि किस प्रकार दर्ज हुई। (ख) वर्ष 1929-30 से वर्ष 1957-58 की अवधि का भू-अभिलेख रिकार्ड उपलब्ध नहीं होने से किसके द्वारा पक्का कृषक दर्ज किया यह पहचान करना संभव नहीं है। तदापि इस संबंध में कलेक्टर रतलाम के न्यायालय में स्वमेव निगरानी प्रकरण क्र. 40/2007-2008 में दर्ज होकर प्रकरण विचाराधीन है। (ग) रतलाम रियासत सन् 1929-30 के अनुसार सर्वे क्र. 1820 व 1821 पर पंचनामा खसरा कॉलम नंबर 7 में ’’खा. सरकार ’’ दर्ज अंकित है तथा कॉलम नं. 12 में नारायणदास सा. जावरा जिनिंग फेक्ट्री दर्ज है एवं केफियत के कॉलम नं. 24 के कुआ पुख्ता कारखना जिनिंग फेक्ट्री एक दर्ज है एवं वर्ष 1957-58 में सर्वे नम्बर हाल नम्बर 1491 एवं 1492 पर खसरा के कॉलम नं. 6 में वासुदेव पिता नारायणदास जाति महाजन साकिन मंदसौर ’’पक्का कृषक’’ दर्ज हैं। कॉलोनी बनाकर प्लाट बेचने से रोकने संबंधी कोई आदेश जारी होना नहीं पाया गया है। प्रश्न ’’क’’ में दर्शाए गए सर्वे नं. 1820 एवं 1821 वर्तमान सर्वे नं. 1491 एवं 1492 रकबा क्रमशः 0.016, 1.226 हेक्टेयर भूमि रजि. विक्रय पत्र क्र. 1386 दिनांक 15.06.1990 द्वारा गौतम कुमार पिता वैकटेश प्रसादजी द्वारा संगीतादेवी पति प्रकाश चन्द्र कोठारी, सुशीलादेवी पति शांतिलालजी काठेर, चन्द्र प्रकाश पिता बाबूलालजी ओसवाल, तमन्ना पिता इन्दरमलजी टुकडिया द्वारा भूमि क्रय की जाकर न्याया. अनु. वि.अधि.रा. जावरा के प्र.क्र. 71-अ2/90-91 आ.दि. 11.11.1991 द्वारा व्यपवर्तन किया जाकर इन्ही के द्वारा प्लाट बेचे गए है। वर्तमान स्थिति में राजस्व रिकार्ड अनुसार 19 प्लाट बेचे गए है।
धान मिलिंग उपरान्त शेष धान का विक्रय
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
15. ( क्र. 88 ) श्री संजय उइके : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बालाघाट जिले में उपार्जित धान भण्डारन एवं मिलिंग हेतु मिलर्स को प्रदाय धान की मात्रा के बाद प्रतिवर्ष कितना धान शेष रहा? शेष धान का कब-कब, कितना-कितना, किस-किस दर से विक्रय किया गया? वित्तीय वर्ष 2012-13 से प्रश्न दिनांक तक की जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) उपार्जित धान के भण्डारन उपरान्त मिलर्स को धान प्रदाय करते समय नमी की जाँच की जाती है या नहीं, तत्संबंध में विभाग/शासन के क्या आदेश एवं निर्देश है? प्रति उपलब्ध करावें।
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) बालाघाट जिले में समर्थन मूल्य पर धान उपार्जन उपरांत भण्डारित मात्रा में से मिलिंग हेतु मिलर्स को प्रदाय मात्रा के बाद खरीफ विपणन वर्ष 2011-12 में 2536.59 क्विंटल वर्ष 2012-13 में 211412.68 क्विंटल वर्ष 2013-14 में 6064.07 क्विंटल धान शेष रही थी एवं निविदा के माध्यम से विक्रय की गई धान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जी हाँ। उपार्जित धान के भण्डारण उपरांत मिलर्स को प्रदाय के समय नमी की जाँच करने हेतु जारी निर्देश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।
शासकीय आवास का आवंटन
[गृह]
16. ( क्र. 94 ) श्री गोपाल परमार : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आगर जिले के अंतर्गत जिला/तहसील ब्लाक स्तर पर किन-किन विभागों के पास शासकीय आवास उपलब्ध हैं। विभागवार आवास का प्रकार बताते हुए सूची देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार ऐसे उपलब्ध आवासों को क्या शासकीय नियम के अंतर्गत आवंटित करने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो आवंटित करते समय किन-किन नियमों के तहत आवास आवंटित किये जाते है? क्या शासन द्वारा शासकीय आवास आवंटन में वरिष्ठता एवम् आरक्षण का प्रावधान रखा गया है? यदि हाँ, तो अनु. जाति, जनजाति को कितने प्रतिशत आवास आवंटन का प्रावधान है (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार उपलब्ध आवासों में से अधिकारियों कर्मचारियों को आवास आवंटित किये जाते समय क्या आरक्षण नियमों का पालन किया गया है? यदि हाँ, तो वरीयता क्रम में कितने आरक्षित कर्मचारियों को आवास आवंटित किये गए हैं तो सूची देवें। (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार आरक्षण नियमों का पालन नहीं किया गया है तो क्या आरक्षण नियमों का पालन किया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक? आरक्षण नियमों का पालन नहीं करने वाले अधिकारी के विरुद्ध शासन क्या कार्यवाही करेगा?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार। (ख) जी हाँ। शासकीय सेवकों को शासकीय आवास गृह पात्रता एवं उपलब्धता के आधार पर आवंटित किये जाते है। म.प्र. शासन, गृह (सामान्य) विभाग के ज्ञाप क्रमांक एफ-1-387/1998/दो-ए (3), दिनांक 01.01.1999 के अनुसार अनुसूचित जाति/जनजाति के कर्मचारियों के लिये सामान्य पूल के ''एफ'' एवं ''जी'' श्रेणी के आवास में 5 प्रतिशत तथा ''एच'' एवं ''आई'' श्रेणी के लिये 10 प्रतिशत का आरक्षण निश्चित किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार। (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार। (घ) प्रश्नांश (ग) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
खाद्यान्न वितरण
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
17. ( क्र. 97 ) श्री संजय उइके : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बालाघाट जिले की बैहर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत वित्तीय वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक प्रत्येक सहकारी समिति/लेम्सवार/ वनसमिति को किस-किस खाद्यान्नों का कितना-कितना आवंटन प्रत्येक उपभोक्तावार के मान से किया गया? (ख) सार्वजनिक वितरण प्रणाली की खाद्यान्न वितरण समिति द्वारा, इलेक्ट्रानिक तौल काटा के खराब होने की स्थिति में, खाद्यान का वितरण क्यों नहीं किया जा रहा है? (ग) समिति में उपलब्ध इलेक्ट्रॉनिक काटा खराब होने की स्थिति में शासन द्वारा खाद्यान्न वितरण के लिए क्या वैकल्पिक व्यवस्था की गई है?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। खाद्यान्न वस्तुओं के आवंटन का अनुपात पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ख) इलेक्ट्रानिक तौल कॉटा के खराब होने से वितरण कार्य नहीं होने संबंधी कोई शिकायत जिले को प्राप्त नहीं हुई है। (ग) इलेक्ट्रानिक तौल कॉटा के खराब होने की स्थिति में उसमें सुधार कराकर या अन्य इलेक्ट्रानिक तौल कॉंटे के माध्यम से वितरण कार्य किया जाता है।
बीट सूचना का सुदृढ़ीकरण
[गृह]
18. ( क्र. 111 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या उज्जैन, इंदौर संभाग में पुलिस द्वारा बीट सूचना अपडेट नहीं हो रही है? बीट सूचना के क्या नियम हैं? क्या कई थाना क्षेत्रों में बीट सूचना पट्ट ही नहीं है? बीट सूचना कब तक उक्त संभाग के थानों में सुदृढ़ कर दी जाएगी? (ख) उक्त संभागों की विभिन्न होटलों व रेस्टोरेंट में से कितने कर्मचारियों का पुलिस सत्यापन किया गया है? यदि नहीं, तो इसके लिए कौन दोषी है उन पर अब तक क्या कार्यवाही की गई? (ग) उक्त संभाग में कितने घरेलू नौकरों का पुलिस सत्यापन हुआ? क्या उक्त संभाग के कई थानों से रोग्स गेलरी गायब हो चुकी है? यदि हाँ, तो क्यों?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) उज्जैन एवं इंदौर संभाग के जिलों में पुलिस द्वारा बीट सूचना अपडेट हो रही है। बीट सूचना के अंतर्गत थाना क्षेत्रों को क्षेत्रानुसार बीटों में विभाजित किया जाता है। बीट सूचना पट संभाग के समस्त थाना क्षेत्रों में है। (ख) उज्जैन संभाग के जिले उज्जैन, शाजापुर, आगर, देवास, रतलाम, मंदसौर, नीमच स्थित होटलों व रेस्टोरेंट के कुल 5389 एवं इंदौर संभाग के जिले इंदौर, धार, झाबुआ, अलीराजपुर, खरगौन, खण्डवा, बडवानी, बुरहानपुर स्थित होटलों व रेस्टोरेन्ट के कुल 3949 कर्मचारियों का वर्तमान वर्ष 2016 में पुलिस सत्यापन किया गया। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उज्जैन संभाग के जिले उज्जैन, शाजापुर, आगर, देवास, रतलाम, मंदसौर, नीमच के कुल 5983 एवं इंदौर संभाग के जिले इंदौर, धार, झाबुआ, अलीराजपुर, खरगौन, खण्डवा, बड़वानी, बुरहानपुर के कुल 4366 घरेलू नौकरों का वर्तमान वर्ष 2016 में पुलिस सत्यापन किया गया। उज्जैन एवं इंदौर संभाग के जिलों में समस्त थानों में निगरानी बदमाश, गुण्डों एवं संपत्ति संबंधी अपराधियों की प्रोफाईल (रोग्स गैलरी) तैयार की जाकर सुरक्षित रखी गई है जिसका उपयोग आवश्यकता अनुसार अपराधिक मामलों में किया जाता है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 अंतर्गत खाद्यान्न वितरण
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
19. ( क्र. 130 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला राजगढ़ की विधान सभा क्षेत्र सारंगपुर अंतर्गत दिनांक 01.04.2016 से प्रश्न दिनांक तक कितने-कितने परिवारों के नाम बी.पी.एल. सूची से पृथक किये गये? ग्रामवार, अवगत करावें एवं कितने परिवारों की खाद्यान्न पात्रता पर्ची निरस्त की गई? ग्रामवार जानकारी देवें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार जिन हितग्राहियों के नाम काटे गये उनमें से कितने हितग्राहियों को खाद्यान्न पात्रता पर्ची उपलब्ध कराई गई? ग्रामवार जारी पात्रता पर्ची की जानकारी से अवगत करावें? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या विभाग जिन वास्तविक बी.पी.एल. कार्डधारियों के नाम त्रुटिवश कट गये हैं एवं जो ग्रामीण क्षेत्र में मजदूरी करते हैं एवं राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के अंतर्गत 24 श्रेणियों की पात्रता रखते हैं परन्तु उन परिवार को खाद्यान्न पर्ची से मुक्त रखा गया है? उनको कब तक खाद्यान्न पर्ची जारी की जाकर खाद्यान्न वितरण किया जावेगा? क्या विभाग ऐसे मैदानी अमले के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) विधानसभा क्षेत्र सारंगपुर अंतर्गत दिनांक 01.04.2016 से प्रश्न दिनांक तक 1148 बी.पी.एल. परिवारों को सूची से पृथक किया गया है। ग्रामवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। उक्त अवधि में 2043 परिवारों की पात्रता पर्ची निरस्त की गई है। जिसमें बी.पी.एल. के अतिरिक्त अन्य श्रेणी के परिवार भी सम्मिलित है। ग्रामवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) ग्राम उदय से भारत उदय अभियान के अंतर्गत अपात्र पाये गये बी.पी.एल. परिवारों के नाम सूची से हटाए गये है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत सम्मिलित 24 श्रेणी के परिवारों के स्थानीय निकाय द्वारा सत्यापन उपरांत पात्रता पर्ची जारी की गई है, माह सितम्बर, 2016 तक सत्यापित किसी भी श्रेणी के परिवारों को सत्यापन उपरांत पात्रता पर्ची से मुक्त नहीं रखा गया है। माह अक्टूबर, 2016 में सत्यापित पात्र परिवारों की जनसंख्या राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत निर्धारित जनसंख्या से अधिक होने तथा भारत सरकार द्वारा खाद्यान्न आवंटन की सीमा से अधिक खाद्यान्न की आवश्यकता होने के कारण माह अक्टूबर, 2016 से सत्यापित नवीन परिवारों को पात्रता पर्ची जारी नहीं की गई है। पात्र परिवार के रूप में सम्मिलित परिवारों के डी-डुप्लीकेशन की कार्यवाही प्रचलित है उसके उपरांत अपात्र परिवारों को हटाने पर निर्धारित खाद्यान्न आवंटन की सीमा के अंतर्गत ही नवीन सत्यापित परिवारों को सम्मिलित किया जा सकेगा। उक्त के परिप्रेक्ष्य में किसी के विरूद्ध कार्यवाही करने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्रधानमंत्री उज्जवला योजना
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
20. ( क्र. 132 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला राजगढ़ अंतर्गत विधानसभा क्षेत्र सारंगपुर में शासन द्वारा संचालित प्रधानमंत्री उज्जवला योजनांतर्गत नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्र में हितग्राहियों को लाभान्वित करने हेतु कौन-कौन सी गैस एजेन्सी चिन्हित की गई हैं? नगरीय क्षेत्र एवं ग्रामीण क्षेत्र की गैस एजेन्सीवार नगर/ग्रामों की जानकारी देवें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार योजना लागू होने से प्रश्न दिनांक तक किस-किस गैस एजेन्सी द्वारा प्रधानमंत्री उज्जवला योजना अंतर्गत ग्राम स्तर पर कितने कैम्प आयोजित कर कितने-कितने हितग्राहियों को किस-किस दिनांक को किन-किन जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति में लाभान्वित किया गया? (ग) क्या विधानसभा क्षेत्र सारंगपुर अंतर्गत गैस एजेन्सियों के द्वारा बी.पी.एल. परिवार में पति एवं बच्चों के नाम होने पर परन्तु साफ्टवेयर में पत्नी का नाम त्रुटिवश छूट जाने पर शासन की अति महत्वकांक्षी प्रधानमंत्री उज्जवला योजना से वंचित किया जा रहा है? यदि हाँ, तो ऐसे परिवार की पात्र महिलाओं को कब तक योजना से लाभान्वित किया जावेगा?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) प्रधानमंत्री उज्जवला योजना अंतर्गत गैस कनेक्शन प्राप्त करने की पात्रता रखने वाले परिवार के निवास क्षेत्र से संबंधित गैस एजेंसी से गैस कनेक्शन प्रदाय करने की व्यवस्था है। सारंगपुर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत योगिता गैस एजेंसी सारंगपुर, इण्डेन गैस एजेंसी तलेन, सगुन गैस एजेंसी पचोर एवं हरिओम गैस एजेंसी संडावता में गैस एजेंसी संचालित है। नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्र की गैस एजेंसीवार नगर एवं ग्रामों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) प्रधानमंत्री उज्जवला योजना अंतर्गत सारंगपुर विधानसभा क्षेत्र में गैस एजेंसीवार, दिनांकवार आयोजित कैंप, स्थान एवं कैंप में वितरित गैस कनेक्शन संख्या एवं जनप्रतिनिधियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय भारत सरकार द्वारा जारी दिशा निर्देश के अनुसार प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के अंतर्गत एस.ई.सी.सी. डाटा में दर्ज गरीब परिवार की महिलाओं को ही गैस कनेक्शन प्रदाय किया जाना है। एस.ई.सी.सी. डाटा में महिलाओं का नाम न होने पर गैस कनेक्शन प्रदाय करने का वर्तमान में कोई प्रावधान नहीं हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शासकीय भूमि पर अतिक्रमण
[राजस्व]
21. ( क्र. 171 ) श्री शंकर लाल तिवारी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता द्वारा विधान सभा प्रश्न संख्या 12 (क्रमांक 1191) दिनांक 10 मार्च, 2016 में सतना नगर निगम क्षेत्र अंतर्गत पटवारी हल्का, सतना, महदेवा, बरदाडीह, धवारी, अमौधाकला, कोलगंवा, धूरडांग, कपिलापुर एवं डिलौरा में शासकीय भूमि में निजी व्यक्तियों द्वारा अतिक्रमण/अवैध कब्जा/अवैध निर्माण का मुद्दा उठाया गया था? अब तक कितने मामलों में विभाग द्वारा कार्यवाही की गयी है? पटवारी हल्कावार, खसरावार, रकबावार अतिक्रमणकर्ताओं के नाम के साथ जानकारी दें? (ख) क्या कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी जिला सतना के आदेश क्रमांक 87/राजस्व/2016 दिनांक 22.03.2016 को वर्ष 1959 की भू-स्वामी या शासकीय स्थिति के आधार पर शासकीय भूमियों जो खुर्द-बुर्द हुए है उन्हें शासकीय घोषित करने के लिए सभी अनुभागों के अनुविभागीय अधिकारी की अध्यक्षता में जाँच समिति गठित की गयी थी तथा इस समिति को तीन माह के अंदर अपना प्रतिवेदन देना था? इस आदेश पर क्या कार्यवाही हुई? कितनी शासकीय भूमि खुर्द-बुर्द होना पाया गया? कितनी भूमि शासकीय घोषित की गयी? (ग) प्रश्नांश (क) में पूर्ण प्रतिवेदन दें। कब तक शासकीय भूमि अतिक्रमणकर्ताओं से मुक्त करा ली जायेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) शासकीय भूमि में निजी व्यक्तियों द्वारा अतिक्रमण/अवैध कब्जा/अवैध निर्माण की जानकारी पटवारी हल्कावार, खसरावार, अतिक्रमणकर्ताओं के नाम सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’अ’ अनुसार। (ख) जी हाँ, तहसील रघुराजनगर में सतना नगर-निगम क्षेत्र के आने वाले ग्रामों की 1958-59 की शासकीय स्थिति के आधार पर शासकीय भूमियों की जाँच हेतु समिति गठित की गयी थी। समिति द्वारा जाँच कर प्रतिवेदन दिया जा चुका है। ग्रामीण क्षेत्र के ग्रामों की जाँच पूर्ण नहीं हो पाई है। ग्राम सोनौरा में 18.38 एकड़ तथा कृपालपुर में 16.00 एकड़ भूमि को निजी स्वत्व से म.प्र. शासन घोषित किया गया है। (ग) सतना नगरीय क्षेत्र की सभी भूमियाँ नजूल भूमियाँ है। शासकीय भूमियों को अतिक्रमणकर्ताओं के विरूद्ध मुक्त कराए जाने हेतु न्यायालयीन प्रक्रिया के तहत कार्यवाही प्रचलित है।
थानों में संलग्नीकरण प्रथा
[गृह]
22. ( क्र. 177 ) श्री अंचल सोनकर : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर जिले के अंतर्गत ऐसे कितने थाने है जिनमें विभिन्न पदों के पुलिस कर्मचारियों को मूल पदस्थापना से हटा कर संलग्नीकरण किया गया है? थानावार विवरण देते हुए संलग्नीकरण के नियम बतायें। (ख) क्या थाना हनुमानताल में जिले के सबसे अधिक विभिन्न पदों के पुलिस कर्मचारियों को मूल पदस्थापना से हटा कर संलग्न किया गया है? यदि हाँ, तो क्यों कारण बतावें। क्या वर्तमान में जबलपुर जिले में पुलिस अमले की कमी है अथवा व्यक्ति विशेष को उपकृत करने के उद्देश्य से संलग्नीकरण किया है? यदि हाँ, तो किस नियम के तहत। (ग) क्या मूल पदस्थापना से हट कर संलग्नीकरण के तहत पदस्थ थानों के पुलिस अमले के कारण थानों में आराजकता फैलती जा रही है? यदि हाँ, तो इसका दोषी कौन है? उन पर क्या कार्यवाही की जा रही है? क्या संलग्नीकरण प्रथा समाप्त की जावेगी? हाँ तो कब तक बतावें।
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जबलपुर जिले के अंतर्गत किसी भी पुलिस थाने के किसी भी कर्मचारी को उसकी मूल पदस्थापना से हटा कर अन्यत्र संलग्न नहीं किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्नांश 'क' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश 'क' एवं 'ख' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
गोटेगांव में अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) कार्यालय की स्थापना
[राजस्व]
23. ( क्र. 186 ) डॉ. कैलाश जाटव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा बजट सत्र के दौरान माननीय मंत्री महोदय द्वारा गोटेगांव में अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) कार्यालय को जल्द खोले जाने हेतु आश्वासन दिया गया था जो कि वर्तमान में नहीं खोला गया है? (ख) मान. मंत्री महोदय के आश्वासन के बाद आज दिनांक तक उस पर क्या कार्यवाही की गई एवं विभाग कब तक कार्यवाही पूर्ण करेगा।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
म.प्र. के विधायकों को पी.एस.ओ./गनमेन की सुविधा
[गृह]
24. ( क्र. 198 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधायकों को 02 पी.एस.ओ./गनमेन की सुविधा दी गई हैं? (ख) क्या समय-समय पर पी.एस.ओ./गनमेन विभागीय प्रशिक्षणों में जाते हैं? (ग) क्या पी.एस.ओ./ गनमेन के प्रशिक्षण में जाने पर अतिरिक्त पी.एस.ओ./गनमेन की सुविधा नहीं दी जाती हैं? (घ) क्या भविष्य में विकल्प होने पर ही पी.एस.ओ./गनमेन को विभागीय प्रशिक्षणों में भेजा जायेगा?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) पी.एस.ओ./गनमेन के प्रशिक्षण में जाने पर उनके स्थान पर स्थानीय स्तर पर सुरक्षा दिये जाने हेतु निर्देश जारी किये जाते है। (घ) स्थानीय स्तर पर वैकल्पिक व्यवस्था किये जाने के निर्देशों के साथ ही पी.एस.ओ. को विभागीय प्रशिक्षण में बुलाया जाता है।
पनागर में हैण्ड पंप स्थापना एवं सुधार
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
25. ( क्र. 199 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा हैण्ड पंप लगाने के लक्ष्य निर्धारित किये जाते हैं? (ख) क्या बजट के अभाव में लक्ष्य अनुसार हैण्ड पंप स्थापित नहीं किये गये हैं? (ग) क्या वर्ष 2016-17 में लक्ष्यानुसार पर्याप्त बजट का प्रवधान किया गया है? तो कितना? राशि बतावें। (घ) यदि प्रश्नांश (ख) के अनुसार बजट की समस्या नहीं हैं, तो विधान सभा क्षेत्र पनागर के समस्याग्रस्त ग्रामों में वर्ष 2015-16 में लगभग 207 हैण्ड पंपों की स्थापना क्यों नहीं की गई? कारण बतावें।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। (ग) जी हाँ। रूपये 74.55 करोड़। (घ) लक्ष्यानुसार वर्ष 2015-16 एवं प्रश्न दिनांक तक मा. विधायक से प्राप्त 207 प्रस्तावों में से नवीन नलकूप खनन के 159 प्रस्तावों में से आंशिक पूर्ण श्रेणी की बसाहटों में 39 हैण्डपंपों का खनन किया गया है, शेष 120 नवीन नलकूप खनन के प्रस्ताव विभागीय मापदण्ड के अनुसार न होने से कार्यवाही नहीं की गई है। 207 प्रस्तावों में से शेष 48 प्रस्ताव में से 20 प्रस्ताव हैण्डपंप सुधार तथा 28 प्रस्ताव नलजल प्रदाय योजनाओं के कार्य से संबंधित हैं।
दतिया जिले के पशु औषधालय
[पशुपालन]
26. ( क्र. 218 ) श्री घनश्याम पिरोनियॉं : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दतिया जिले में किन-किन पशु औषधालय केन्द्रों पर नंदी एवं भैसा उपलब्ध है? (ख) यदि नहीं, तो उक्त केन्द्रों पर कब तक व्यवस्था की जावेगी? (ग) वर्ष 2013 से अभी तक विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत किन-किन स्वास्थ्य केन्द्रों पर कितनी राशि व्यय की गई है? कितने हितग्राहियों को कितनी-कितनी राशि अनुदान के रूप में दी गई? (घ) दतिया जिले के किन-किन केन्द्रों पर किन-किन कर्मचारियों की ड्यूटी है और उनका मुख्यालय कहाँ है? क्या वह मुख्यालय पर रहते हैं? कर्मचारियों की सूची उपलब्ध कराई जावे?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतरसिंह आर्य ) : (क) विभागीय मापदण्डानुसार किसी भी पशु औषधालय केन्द्रों पर नंदी एवं भैंसा उपलब्ध नहीं है। (ख) मापदण्डानुसार नंदी एवं भैंसा रखने का प्रावधान नहीं है। अत: समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (ग) योजनाओं के लक्ष्य जिलेवार निर्धारित किए जाते है, न कि स्वास्थ्य केन्द्रवार। अत: जिलेवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार। (घ) सभी कर्मचारी मुख्यालय पर निवास करते हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार।
हैण्डपंप खनन एवं संधारण
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
27. ( क्र. 219 ) श्री घनश्याम पिरोनियॉं : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) भाण्डेर विधानसभा क्षेत्र के विभिन्न ग्रामों के लिए वर्ष 2015 एवं 2016 में कितने हैण्डपंप खनन हेतु स्वीकृत हुए और उनमें से कितने लगाये जा चुके है और कितने लगाये जाना शेष है? उपरोक्त हैण्डपंपों के खनन का ठेका किनको दिया गया? (ख) क्या ग्राम रिछौरा में दस फीट खोदकर उसे अधूरा छोड़ दिया गया और आज दिनांक तक उसे पूर्ण नहीं किया गया? क्या ग्राम स्योरा, ग्राम जौरी आदि में विगत वर्षों के स्वीकृत हैण्डपंप अभी तक उत्खनन नहीं हो सके और जो उत्खनन भी किये उनमें कम्प्रेशर न लगाने के कारण या तो गंदा पानी आ रहा है या बंद पड़े हुऐ है। हैण्डपंपों के उत्खनन और संधारण हेतु कितनी-कितनी बार जनप्रतिनिधि ने अवगत कराया किंतु अभी तक आश्वासन ही दिया जाता रहा है? (ग) दतिया जिले में 1 जनवरी, 2013 से 31 अक्टूबर, 2016 तक हैण्डपंपों में कितने राईजर पाईप 32 एमएम के डाले गए, बदले गए ग्राम और हैण्डपंपवार जानकारी उपलब्ध कराई जाए। अनुपयोगी पाईप का क्या किया गया? (घ) भाण्डेर विधानसभा में अवशेष हैण्डपंपों का कब तक उत्खनन करा दिया जावेगा?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) वित्तीय वर्ष 2015-16 में कुल 47 हैण्डपंप स्वीकृत कर सभी 47 खनित कर स्थापित किये गये वर्ष 2016-17 में 22 हैण्डपंप स्वीकृत हुये जिनमें से 11 हैण्डपंप खनित किये गये एवं 11 हैण्डपंप खनित किये जाना शेष हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 (अ) एवं प्रपत्र-1 (ब) अनुसार है। (ख) ग्राम रिछौरा में नलकूप खनन कार्य प्रारंभ किया था, परन्तु मशीन खराब होने के कारण रोक दिया गया था। नलकूप खनन कार्य करवाया जायेगा। ग्राम सियोरा में कोई हैण्डपंप प्रस्तावित नहीं है, ग्राम जौरा में प्रस्तावित हैण्डपंप खनित किया जाना है। जी नहीं, कम्प्रेशर लगवाकर ही हैण्डपंप स्थापित किये जाते हैं। मान. विधायक से 15 हैण्डपंप उत्खनन के प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं जिनमें से 5 हैण्डपंप खनित कर दिये गये हैं। संधारण कार्य प्राथमिकता के आधार पर करवाये जाते हैं। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। अनुपयोगी पाईप भण्डार गृह में रखे जाते हैं। सक्षम समिति द्वारा आफसेट मूल्य निर्धारण करने के पश्चात् नीलामी की कार्यवाही की जाती है। (घ) लक्ष्यान्तर्गत शेष नलकूपों का खनन कार्य आवंटन की उपलब्धतानुसार करवाये जायेंगे।
गुरूद्वारा संघ सभा की जाँच
[गृह]
28. ( क्र. 254 ) श्रीमती शीला त्यागी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नोत्तरी दिनांक 27.07.2016 में मुद्रित प्रश्न संख्या 15 क्रमांक 1288 के प्रश्नांश (क) का उत्तर जी हाँ (ख) का उत्तर उक्त आवेदन पत्र की जाँच की गई? जिसमें किसी प्रकार जुर्म दस्तदाजी अपराध घटित होना नहीं पाया गया, साथ ही न्यायालय अनुविभागीय अधिकारी, कटनी द्वारा उक्त आवेदन पत्रों पर कार्यवाही करते हुये रा.प्र.क्र. 460-बी-121/2015-16 दर्ज कर सूचना पत्र जारी कर जाँच प्रचलित है? प्रकरण में प्रथमत: अधिकार क्षेत्र का निर्णय लिया जायेगा, दिया गया है? बताया गया है तो प्रकरण में दोनों पक्षों को कब-कब सुना गया और क्या निर्णय लिया गया? (ख) सिरी गुरू सभा के निर्वाचन अवैधानिक तरीके से किए गए है जिसकी शिकायतों का निराकरण अभी तक न करने के लिए कौन दोषी हैं तथा कब तक कर दिया जायेगा?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) यह सही है कि आवेदक श्री सतवीर सिंह एवं श्री जागीर सिंह भट्टी तथा अधिवक्ता श्री आर पी बबेले द्वारा एस.डी.एम. कटनी के समक्ष दिनांक 16.06.2016 को उपस्थित होकर आवेदन पत्र प्रस्तुत किया था जिसे एस.डी.एम. कार्यालय में म.प्र. लोक न्यास अधिनियम 1951 की धारा 26 के अतंर्गत प्रकरण क्र. 460/बी-121/15-16 दिनांक 16.06.2016 को पंजीबद्ध किया गया था। यह सही नहीं है कि वर्तमान में प्रकरण में जाँच प्रचलित है। वस्तुस्थिति यह है कि एस.डी.एम. न्यायालय कटनी में दिनांक 16.06.2016 को प्रकरण पंजीबद्ध करने के पश्चात् दिनांक 22.06.2016, 01.07.2016, 08.07.2016 एवं 25.07.2016 को सुनवाई की गयी। प्रकरण में उत्तरार्थी अधिवक्ता के उपस्थित होने तथा आवेदक के लगातार अनुपस्थित होने के कारण प्रकरण अदम पैरवी में दिनांक 25.07.2016 को खारिज किया गया है। (ख) श्री गुरुसिंघ सभा के अध्यक्ष का निर्वाचन गुरुसिंघ सभा के सदस्यों द्वारा गुरु सिंघ सभा द्वारा बनाये गये नियम के तहत सभा के सचिव एवं चुनाव अधिकारी श्री महेन्द्र सिंह लाम्बा द्वारा दिनांक 19.06.2016 को चुनाव प्रक्रिया सम्पन्न की गई है। प्राप्त शिकायतों का निराकरण समय-सीमा में किया गया है एवं किसी को भी दोषी नहीं पाया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
परिवहन बस/ट्रक की जाँच
[परिवहन]
29. ( क्र. 255 ) श्रीमती शीला त्यागी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला परिवहन कार्यालय रीवा में कितने बस एवं ट्रक आपरेटरों के ऊपर किस अवधि से किस अवधि का कितना-कितना रोड टैक्स बकाया है, की जानकारी वर्षवार, आपरेटरवार देवें, उक्त बकाया टैक्स के वसूली के लिए जिला परिवहन अधिकारी, रीवा द्वारा कब क्या कार्यवाही की गई है? (ख) जिला परिवहन अधिकारी, रीवा द्वारा वित्तीय वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक कब-कब चैकिंग की गई है तथा चैकिंग में कितने वाहन पकड़े गये? उनके विरूद्ध कार्यवाही से कितना राजस्व प्राप्त हुआ है? (ग) क्या प्रश्नांश (क) के जिन आपरेटरों के ऊपर परिवहन विभाग का टैक्स बकाया है? उन्हें नई परमिट देने तथा उनके वाहन जप्त न करने में जिला परिवहन अधिकारी रीवा दोषी है? यदि हाँ, तो उनके विरूद्ध कब क्या कार्यवाही करेंगे? (घ) जिला परिवहन अधिकारी, रीवा के कुल सेवाकाल में कितनी शिकायतें शासन विभाग को प्राप्त हुई है? उन पर कब क्या कार्यवाही की गई है? जानकारी देवें?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) रीवा जिले में स्थित क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय में पंजीकृत बसों के आपरेटरों के विरूद्ध बकाया रोड टैक्स की आपरेटरवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘अ’ अनुसार है एवं ट्रकों के विरूद्ध बकाया रोड टैक्स की आपरेटरवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘ब’ अनुसार हैं। क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी द्वारा वसूली के लिए निरंतर की गई कार्यवाही के उपरान्त बसों/ट्रकों के विरूद्ध बकाया कर वसूली की वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘स’ अनुसार है। (ख) क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी. रीवा एवं उनके अधीनस्थ परिवहन विशेष जाँच दल (उडनदस्ता) द्वारा वित्तीय वर्ष 2013-14 से अक्टूबर 2016 तक चेकिंग के दौरान पकड़े गये वाहनों तथा उनसे प्राप्त राजस्व की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘द’ अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (क) में वर्णित यात्री वाहनों/मालयानों के आपरेटरों पर बकाया टैक्स होने की स्थिति में उन्हे नवीन परमिट स्वीकृत नहीं किये जाते है। बकाया की स्थिति में नियमानुसार कार्यवाही की जाती है। इस कारण क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी को दोषी ठहराया नहीं जा सकता। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
म.प्र. सड़क निगम के संबंध में
[परिवहन]
30. ( क्र. 264 ) श्रीमती उमादेवी लालचंद खटीक : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. राज्य सड़क परिवहन निगम कब बंद किया गया था एवं उसके कर्मचारियों को किन-किन विभागों में समायोजन किया गया था? (ख) राज्य परिवहन निगम के कर्मचारियों को कितनी पेंशन प्रदाय की जाती है? क्या 1000 रूपये से कम पेंशन पाने वाले निगम के कर्मचारियों के परिवार का पालन-पोषण हो पावेगा?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) मध्यप्रदेश सड़क परिवहन निगम के परिसमापन का मध्यप्रदेश शासन द्वारा सैंद्धातिक निर्णय फरवरी 2005 में लिया गया था। अभी तक निगम के कर्मचारियों का किसी विभाग में समायोजन नहीं हुआ है। (ख) मध्यप्रदेश सड़क परिवहन निगम में विभागीय पेंशन योजना लागू नहीं है। वर्तमान में निगम के कर्मचारियों को चौथा वेतनमान प्राप्त हो रहा है। परिवहन निगम सेवानिवृत्त कर्मचारियों को श्रम एवं रोजगार तथा पेंशन मंत्रालय भारत सरकार के अंतर्गत कर्मचारी भविष्य निधि संगठन द्वारा पेंशन का निर्धारण एवं भुगतान किया जाता है। परिवहन निगम पेंशन का निर्धारिण नहीं करता है।
धारा 302 के तहत दर्ज प्रकरण की सी.आई.डी.जाँच
[गृह]
31. ( क्र. 277 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्वालियर जिले के ग्राम सातऊ थाना आतरी के निवासी रमेश पुत्र जगदीश गुर्जर के विरूद्ध थाना सुखाया जिला शिवपुरी पुलिस द्वारा फर्जी तरीके से धारा 302 के तहत प्रकरण दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार किया गया जबकि रमेश गुर्जर घटना दिनांक 4.8.2010 को शिवपुरी जेल में पुलिस हिरासत में था? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकरण में राजेन्द्र गुर्जर पूर्व सचिव राष्ट्रीय सचिव भाजपा मजदूर मोर्चा द्वारा ज्ञापन शासन एवं प्रशासन को दिनांक 6.8.2016 दिया गया है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में क्या शासन निष्पक्ष जाँच सी.आई.डी. से कराये जाने के निर्देश देगा? यदि हाँ, तो कब तक?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी नहीं, कल्ली उर्फ कल्लू उर्फ रमेश पुत्र जगदीश उर्फ जगन्नाथ गुर्जर निवासी ग्राम सातऊ, थाना आतरी, जिला ग्वालियर को थाना सुरवाया जिला शिवपुरी के अपराध क्रमांक 45/10 धारा 147, 148, 149, 307, 302 भा. द. वि. 25,27 आयुध अधिनियम, 1956 एवं 11, 13 एम.पी.डी.पी.के. एक्ट में फर्जी तरीके से गिरफ्तार नहीं किया गया है। उपरोक्त प्रकरण में विशेष सत्र न्यायालय (डकैती उन्मुलन) , शिवपुरी के द्वारा अभियुक्त के नाम से जारी किये गये स्थाई वारंट के निष्पादन हेतु प्रकरण में उपरोक्त अभियुक्त कल्ली उर्फ कल्लु उर्फ रमेश गुर्जर को गिरफ्तार किया गया था। यह सही है कि दिनांक 04.08.2010 को रमेश गुर्जर पुत्र जगदीश गुर्जर नामक व्यक्ति थाना आतरी, जिला ग्वालियर पर हिरासत में था। दोनो प्रकरणों में अभियुक्त के नाम की सादृश्यता के संबंध में जांच की जा रही है। (ख) जी हाँ (ग) अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक स्तर के अधिकारी द्वारा जाँच की जा रही है, अतः सी.आई.डी. जाँच कराने का औचित्य नहीं है।
शासकीय भूमि पर अतिक्रमण
[राजस्व]
32. ( क्र. 278 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सतना जिले के उचेहरा तहसील के अंतर्गत इचौल आर्ट आवासीय भवन निर्माण अनुज्ञा दी गई जबकि उसमें उक्त गैलरी के नाम से व्यावसायिक कार्य किया जाकर प्रवेश फीस 50/- प्रति व्यक्ति नियत की गई है? क्या उक्त गैलरी के पास शासकीय बाउली स्टेट टाइम से निर्मित है जिससे सिंचाई एवं पीने के पानी का उपयोग जनता करती थी जिन्हें इचौल आर्ट गैलरी के मालिक द्वारा बाउन्ड्रीवाल बनाकर बाउली एवं रिक्त शासकीय भूमि पर कब्जा/अतिक्रमण कर लिया है जिस पर शासन द्वारा जुर्माना भी किया गया और बाउली को आम जनता के लिए खोलने के निर्देश भी दिए गए, किंतु उसके द्वारा अतिक्रमण नहीं हटाया गया? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या पुलिस सहायता प्राप्त कर इचौल आर्ट मालिक के द्वारा किए गए अतिक्रमण को हटाया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक तथा इस अवैधानिक कार्य को करने पर इचौल आर्ट गैलरी के विरूद्ध पुलिस थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
आपराधिक व्यक्तियों के विरूद्ध कड़ी वैधानिक कार्यवाही
[गृह]
33. ( क्र. 288 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या धार जिले के माण्डव में आपराधिक प्रवृत्ति वाले परिवार के सदस्य इन्द्रिया, विशम्भर, नानक्या, धीरजसिंह, रमेश, विक्रम पिता जामसिंह व उनके पुत्रों मिथुन, विष्णु, नाना, गुंगा पिता इन्द्रिया एवं रवि, पवन पिता विशम्भर द्वारा पुलिस थाना माण्डव क्षेत्र में वर्षों से खुलेआम गुण्डागर्दी, लूटपाट, चोरी, डकेती, जबरन कब्जा आदि अनेकों आपराधिक गतिविधियां की जा रही है? जिन पर पुलिस थाना माण्डव में वर्ष 1981 से लेकर अब तक अनेकों अपराध दर्ज है जिनके अपराध क्र. इस प्रकार है :- 165/81, 44-144/82, 13-54/90 19/91, 80/92, 77/93, 10/97, 16-17-19/98, 94/01, 51/03, 09-40-44/06, 03-06-30/07, 10-28-29-44/08 57/09 49-59/10, 51/13, 04-05-08-36-65/15, 46-84/16 क्या संबंधितों के विरूद्ध दर्ज प्रकरणों पर कई बार सजा भी हो चुकी है? (ख) जिला/पुलिस प्रशासन द्वारा इतने अपराधों के बावजूद संबंधित आरोपियों के विरूद्ध रासुका एवं लंबी अवधि के लिये जिला बदल आदि कड़ी प्रतिबंधात्मक कानूनी कार्यवाही अब तक नहीं की गई है? क्या शासन इनके अपराधों की समीक्षा कर क्षेत्र के आम नागरिकों को इनकी गुण्डागर्दी से मुक्ति दिलवाने संबंधी कोई कड़ी कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी नहीं। आरोपियों की अपराधिक गतिविधियों पर अंकुश लगाया गया है। प्रश्नांश ’क’ में वर्णित अपराध क्र0 13/90, 77/93, 44/06, 03/07, 44/08, 04/15, 05/15, 08/15, 65/15 उल्लेखित आरोपियों से संबंधित नहीं है। आरोपियों के विरूद्ध दर्ज प्रकरणों में सजायाबी की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’अ’ अनुसार है। गुंगा पिता इन्दरसिंह भील एवं धीरज पिता जामसिंह भील के विरूद्ध कोई अपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध नहीं है। (ख) जी नहीं। आरोपियों के विरूद्ध की गई जिला बदर एवं अन्य प्रतिबंधात्मक कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’ब’ अनुसार है। आरोपियों की गतिविधि पर सतत् निगाह रखी जा रही है।
शासकीय भूमि पर अतिक्रमण
[राजस्व]
34. ( क्र. 289 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या धरमपुरी विधानसभा क्षेत्र के ग्राम नालछा की भूमि सर्वे नं. 722, रकबा 3.212 शासकीय होकर उक्त भूमि पर विश्व प्रसिद्ध पर्यटन नगरी माण्डू के लिये पक्की सड़क बनी हुई है? (ख) क्या उक्त भूमि के 1771 वर्गफिट क्षेत्र पर महेश पिता हीरालाल जाति पासी निवासी नालछा के द्वारा अतिक्रमण कर अर्द्ध पक्का भवन का निर्माण किया गया है? न्यायालय नायब तहसीलदार टप्पा नालछा तहसील धार में रा.प्र.क्र. 03/अ-68/12-13 दर्ज होकर अनावेदक को अतिक्रमण हटाने के लिये नोटिस क्रमांक 1750, दिनांक 10.12.2012 जारी किया गया है? लोक निर्माण विभाग उपसंभाग धार द्वारा भी अनावेदक को नोटिस जारी कर तत्काल अतिक्रमण हटाने की सूचना दिनांक 17.03.2016 को दी गई है? (ग) यदि हाँ, तो पर्यटन नगरी पहुंचने के मुख्य मार्ग की भूमि पर किये गये अवैध अतिक्रमण को अभी तक क्यों नहीं हटाया जा सका है? शासकीय भूमि पर विद्यमान प्रश्नांकित अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही कब तक पूर्ण कर ली जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
सुरक्षा सड़क सप्ताह
[गृह]
35. ( क्र. 309 ) श्रीमती सरस्वती सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिंगरौली जिले में वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक सुरक्षा सड़क सप्ताह व निर्माण कार्य के लिए प्रदेश सरकार के गृह विभाग द्वारा पी.एच.क्यू. सिंगरौली पुलिस को क्या राशि उपलब्ध कराया गया है? यदि हाँ, तो कब-कब और कहाँ-कहाँ प्रचार-प्रसार तथा निर्माण कार्य कराया गया है? (ख) सिंगरौली जिले के प्रत्येक थानों में कितने प्रायवेट/सरकारी वाहन गश्त में लगाये गये हैं? प्रत्येक थानों में लगाये गये वाहनों का विवरण, मालिक का नाम, साथ ही औद्योगिक कम्पनीवार जानकारी का विवरण दें। (ग) स्थानांतरण की नीति क्या है? सिंगरौली जिले में 3 वर्ष से अधिक समय से कितने पुलिस कर्मचारी/अधिकारी पदस्थ हैं? पदस्थापनावार जानकारी दें। (घ) सिंगरौली जिले में वर्ष 2015-16 से आज तक कितने अधिकारी/कर्मचारी निलंबित किये गये हैं?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’अ’ अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’ब’ अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’स’ एवं ’द’ अनुसार। (घ) सिंगरौली जिलें में वर्ष 2015-16 से आज दिनांक तक 49 अधिकारी/कर्मचारी निलंबित किये गये है।
टप्पा कार्यालय सुठालिया का भवन निर्माण
[राजस्व]
36. ( क्र. 333 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के परि. अता. प्रश्नसंख्या 106 (क्रमांक 2928) दिनांक 29 जुलाई 2016 के उत्तर की कंडिका (ख) में बताया गया था कि टप्पा कार्यालय सुठालिया के स्वयं के भवन निर्माण हेतु नियमानुसार प्रस्ताव प्राप्त कर विचार किया जावेगा? तो क्या शासन द्वारा उक्त संबंध में नियमानुसार प्रस्ताव प्राप्त करने हेतु संबंधित अधिकारियों को दिशा-निर्देश प्रदान कर दिये गये हैं? यदि हाँ, तो प्रति उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या प्रश्न दिनांक तक संबधित सक्षम अधिकारी द्वारा नियमानुसार प्रस्ताव तैयार कर शासन को प्रेषित कर दिया गया है अथवा नहीं? यदि हाँ, तो प्रति उपलब्ध करावें? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या शासन टप्पा कार्यालय सुठालिया के भवन निर्माण हेतु स्वीकृति प्रदान करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। प्रति संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' पर है। (ख) जी हाँ। प्रति संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' पर है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) कलेक्टर राजगढ़ से प्राप्त प्रस्ताव में कुछ विसंगतियाँ परिलिक्षित होने के कारण, कलेक्टर से पुन: संशोधित प्रस्ताव चाहा गया है। उक्त प्रस्ताव प्राप्त होने पर, नियमानुसार कार्यवाही पूर्ण कर, भवन निर्माण की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की जायेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
द्वितीय समयमान वेतनमान का लाभ
[पशुपालन]
37. ( क्र. 334 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग अंतर्गत डेयरी संवर्ग के अलिपकीय शासकीय सेवक प्रोक्योमेंट, आग्रेनाईजर, शीत केन्द्र प्रबंधक, तकनीकी सहायक, दुग्ध विस्तार सहायक, सहायक ग्रामीण दुग्ध उत्पादक संगठन एवं सहायक दुग्ध रसायनज्ञों को प्रथम, द्वितीय व तृतीय समयमान वेतनमान के लिये प्रमुख सचिव सामान्य प्रशासन विभाग की अध्यक्षता में गठित समिति को प्रस्ताव भेजे गये थे? यदि हाँ, तो प्रस्ताव में सम्मिलित शासकीय सेवकों के पदनाम की सूची देवें? (ख) क्या म.प्र. शासन वित्त विभाग भोपाल के पत्र क्रमांक एफ/11/1/2008/नियम/चार दिनांक 07.11.2009 एवं परिपत्र क्रमांक एफ/11/1/2008/नियम/चार दिनांक 13.11.2009 के बिन्दु क्रमांक 01 में स्पष्टीकरण जारी करने के उपरांत भी विभाग अंतर्गत डेयरी संवर्ग के सहायक दुग्ध रसायनज्ञों को प्रथम समयमान वेतनमान का लाभ दिया गया। परंतु सक्षम अधिकारी द्वारा द्वितीय समयमान वेतनमान का लाभ दिये जाने वंचित क्यों रखा जा रहा है? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार वंचित सहायक दुग्ध रसायनज्ञों को द्वितीय समयमान वेतनमान का लाभ कब तक दिया जावेगा? क्या इसी संवर्ग के अन्य शासकीय सेवक पारी प्रबंधक, उपसंचालक पशु चिकित्सा इंदौर को द्वितीय समयमान वेतनमान का लाभ दिया गया है लेकिन इसी वर्ग क सहायक दुग्ध रसायनज्ञों को क्यों वचित रखा गया है?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतरसिंह आर्य ) : (क) जी हाँ, संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) जी हाँ, परिशिष्ट में सहायक दुग्ध रसायनिज्ञ पदनाम सम्मिलित न होने के फलस्वरूप विभाग द्वारा वित्त विभाग से मार्ग दर्शन चाहा गया था, जो प्राप्त हो गया है। तदनुसार कार्यवाही जारी है। (ग) समय-सीमा बताना संभव नहीं। पारी प्रबंधक/सहायक ग्रामीण दुग्ध उत्पादक संगठक को लाभ दिया गया है। प्रश्नांश ''ख'' के उत्तर अनुसार कार्यवाही जारी है।
निर्माण कार्यों में अनियमितता
[गृह]
38. ( क्र. 353 ) श्री राजेश सोनकर : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इंदौर जिला अंतर्गत मध्यप्रदेश पुलिस हाउसिंग कॉर्पोरेशन लिमिटेड द्वारा कहाँ-कहाँ निर्माण कार्य कराये जा रहे है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में विगत 02 वर्ष में पुलिस हाउसिंग कॉर्पोरेशन लिमिटेड द्वारा किन-किन निर्माण कार्यों की स्वीकृति प्रदान की गई व कितनी-कितनी राशि की स्वीकृति दी गई? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में मध्यप्रदेश पुलिस हाउसिंग कॉर्पोरेशन लिमिटेड द्वारा कराये जा रहे निर्माण कार्यों की प्रमाणिकता की जाँच कब व किन-किन अधिकारियों/इंजीनियरों द्वारा की गई? क्या इन निर्माण कार्यों में इंदौर शहर में घटिया निर्माण कार्य की शिकायतें सामने आई थी? (घ) यदि हाँ, तो प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में क्या इंदौर शहर में मध्यप्रदेश पुलिस हाउसिंग कॉर्पोरेशन लिमिटेड द्वारा कराये गये निर्माण कार्यों में घटिया निर्माण के पीछे कौन-कौन जिम्मेदार है? क्या जिम्मेदारों पर कोई कार्यवाही की जायेगी?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ’अ’ अनुसार। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ’ब’ अनुसार। (ग) म.प्र पुलिस हाउसिंग कार्पो. लि. द्वारा कराये जा रहे निर्माण कार्यों की प्रमाणिकता की जाँच प्रायः प्रतिदिन उपयंत्री द्वारा, प्रति सप्ताह सहायक यंत्री द्वारा एवं प्रतिमाह परियोजना यंत्री द्वारा की जाती हैं। इन निर्माण कार्यों में इन्दौर शहर में घटिया निर्माण कार्य की कोई शिकायत सामने नहीं आयी हैं। अनुबंधानुसार ठेकेदार को निर्माण कार्य पूर्णता उपरांत दो वर्ष तक मरम्मत/रख-रखाव का कार्य करना होता हैं, किसी कार्य की शिकायत प्राप्त होने पर यह मरम्मत/रख-रखाव कार्य करवाया जाता हैं। (घ) प्रश्नांश ’ग’ के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
राशन दुकानों में अनियमितता
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
39. ( क्र. 354 ) श्री राजेश सोनकर : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सांवेर विधानसभा क्षेत्र में कितनी राशन की दुकानें हैं व कितने वर्षों से संचालित की जा रही है? ग्रामीण क्षेत्रों में किस नीति अंतर्गत कितने किलोमीटर के दायरे के ग्रामीणों को राशन दुकान से राशन उपलब्ध कराया जाता है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में प्रत्येक राशन दुकान पर कितने हितग्राहियों को राशन उपलब्ध कराया जाता है व कितना-कितना राशन प्रत्येक दुकानों को आवंटित किया जाता है? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में खाद्य नागरिक आपूर्ति विभाग द्वारा राशन दुकानों पर अनाज आदि पहुँचाने हेतु किस माध्यम से राशन/अनाज का परिवहन कराया जाता है व क्या नियमों, शर्तों के तहत कराया जाता है? (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में पिछले 03 वर्षों में खाद्य आपूर्ति विभाग म.प्र. शासन द्वारा किन-किन फर्मो/कंपनियों से उक्त अनाज/राशन का परिवहन कराया गया है?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) सांवेर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत 56 उचित मूल्य दुकानें संचालित हैं। 53 राशन दुकानों का संचालन 35-38 वर्षों से, 2 दुकानों का संचालन 5 वर्ष से एवं 1 दुकान का संचालन 13 वर्ष से किया जा रहा है। मध्यप्रदेश सार्वजनिक वितरण प्रणाली (नियंत्रण) आदेश, 2015 के प्रावधानानुसार प्रत्येक पंचायत में न्यूनतम 1 उचित मूल्य दुकान स्थापित की जाना है, परन्तु माननीय उच्च न्यायालय द्वारा वर्तमान में संचालित उचित मूल्य दुकानों के विरूद्ध कोई भी उत्पीड़क कार्यवाही न करने तथा वर्तमान अनुज्ञप्तिधारियों को आगामी सुनवाई तक दुकान संचालन जारी रखने संबंधी अंतरिम आदेश जारी किए गये हैं। अत: उचित मूल्य दुकान आवंटन की कार्यवाही वर्तमान में लंबित है। ग्रामीण क्षेत्र में उपभोक्ताओं द्वारा उचित मूल्य दुकान तक जाने के लिए दूरी का मापदण्ड नहीं है। (ख) माह नवम्बर, 2016 में सांवेर विधानसभा क्षेत्रांतर्गत उचित मूल्य दुकान से संबद्ध हितग्राहियों और उनको आवंटित राशन सामग्री की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) राज्य शासन द्वारा द्वार प्रदाय योजना अंतर्गत मध्यप्रदेश स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन से अनुबंधित परिवहनकर्ताओं के माध्यम से खाद्यान्न, शक्कर एवं नमक का परिवहन किया जाता है। जी हाँ। (घ) दिसम्बर, 2014 से पूर्व सांवेर सहकारी वितरण संस्था मर्यादित, सांवेर एवं देवी श्री अहिल्या सहकारी विपणन एवं प्रक्रिया संस्था, इन्दौर द्वारा सांवेर विधानसभा क्षेत्र की दुकानों में खाद्यान्न, शक्कर एवं नमक का प्रदाय किया जाता था। दिसम्बर, 2014 से यह कार्य मध्यप्रदेश स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन द्वारा परिवहनकर्ताओं के माध्यम से किया जा रहा है।
लंबित समयमान-वेतनमान प्रकरण का निराकरण
[राजस्व]
40. ( क्र. 380 ) श्री दिव्यराज सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कारण है कि राजस्व विभाग अन्तर्गत शासकीय क्षेत्रीय मुद्रणालय जिला रीवा से सेवानिवृत्त वृद्ध श्रीराम किंकर मिश्रा सीनियर बाइंडर के पद से सन् 2010 में सेवानिवृत्त हुये थे किन्तु पिछले 06 वर्षों से लगातार उच्चाधिकारी को पत्राचार कर अपने लंबित समयमान-वेतनमान प्रकरण के निराकरण हेतु भटक रहे है? श्रीराम किंकर मिश्रा का समयमान-वेतनमान प्रकरण कब तक निराकृत किया जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) दिनांक 09.08.16 को आयोजित बैठक में समिति ने परीक्षण किया परीक्षण उपरांत समिति ने निर्णय लिया कि इनकी वर्ष 2002-03 एवं 2003-04 की गोपनीय चरित्रावली उपलब्ध नहीं होने के कारण समिति द्वारा द्वितीय समयमान वेतनमान स्वीकृत नहीं किये जाने की अनुशंसा की गई है। श्री मिश्रा से प्राप्त अभ्यावेदन दि. 19.09.16 उप नियंत्रक शासकीय क्षेत्रीय मुद्रणालय रीवा को 09.11.16 को परीक्षण कर प्रस्ताव हेतु भेजा गया इसकी सूचना माननीय विधायक महोदय को 22.11.16 को दी गई। प्रस्ताव प्राप्त होने पर कार्यवाही की जावेगी।
ग्राम पंचायत भड़रा में खाद्यान्न वितरण
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
41. ( क्र. 381 ) श्री दिव्यराज सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कारण है कि सिरमौर विधानसभा की ग्राम पंचायत भड़रा में भवन की उपलब्धता है फिर भी खाद्यान्न वितरण ग्राम पंचायत से अन्यत्र दूरस्थ स्थान से कराया जा रहा है जिस कारण ग्रामवासियों को अत्यंत कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है? (ख) यह कि प्रश्नांश (क) के संदर्भ में ग्राम पंचायत भड़रा में खाद्यान्न वितरण किया जाना कब तक सम्भव हो सकेगा?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) सिरमौर विधानसभा की ग्राम पंचायत भड़रा का पंचायत भवन सुरक्षित स्थान पर न होने एवं सार्वजनिक वितरण प्रणाली की राशन सामग्री की चोरी के मद्देनजर उक्त दुकान का संचालन वर्तमान में समीपस्थ ग्राम पंचायत इटमा से किया जा रहा है। (ख) आगामी माह से उक्त दुकान का संचालन ग्राम पंचायत भड़रा में उपयुक्त एवं सुरक्षित स्थान पर स्थापित कर खाद्यान्न का वितरण कराया जाएगा।
पशु चिकित्सालयों में दवा/उपकरण की क्रय नीति
[पशुपालन]
42. ( क्र. 401 ) श्री शान्तिलाल बिलवाल : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पशुपालन विभाग के चिकित्सालयों में दवाई व उपकरण आदि की खरीदी के लिए क्या मापदण्ड नीति निर्धारित है? दवाओं व उपकरणों की गुणवत्ता की जाँच हेतु क्या प्रक्रिया अपनाई जाती है? (ख) झाबुआ जिले में तीन वर्ष में कहाँ-कहाँ, कितनी राशि से कब-कब दवाइयां व उपकरण किन-किन फर्मो से किस नियम, नीति, मापदण्ड से क्रय किये गये? क्या इसमें विभाग की क्रय नीति का पूर्णरूपेण पालन किया गया? दवाओं व उपकरणों की गुणवत्ता जाँच कब-कब किस संस्था से कराई?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतरसिंह आर्य ) : (क) जी हाँ। विभागीय औषधि क्रय नीति प्रचलन में है। औषधि क्रय नीति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ‘‘ अनुसार है। दवाई व उपकरणों की गुणवत्ता जाँच हेतु औषधि क्रय नीति की कंडिका 8 के बिन्दु क्रमांक 8.6, 8.7, 8.8, 8.9, 8.10, 8.11 अनुसार कार्यवाही की जाती है। (ख) झाबुआ जिले में तीन वर्षों में औषधि व उपकरण औषधि क्रय नीति अनुसार क्रय किए गए की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ब‘‘ अनुसार है। जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘स‘‘ अनुसार।
शिवपुरी नगर में निर्माणाधीन सीवर लाईन के कार्य की प्रगति
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
43. ( क्र. 418 ) श्री रामसिंह यादव : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या शिवपुरी शहर में सीवर लाईन बिछाने का कार्य प्रचलित है? यदि हाँ, तो दिनांक 31.10.2016 की स्थिति में शिवपुरी नगर में कहाँ-कहाँ पर कितनी-कितनी सीवर लाईन बिछाई गई है? कहाँ-कहाँ पर कितनी-कितनी सीवर लाईन बिछाया जाना शेष है? उक्त कार्य कब प्रारंभ हुआ था एवं कब तक पूर्ण होगा? क्या वर्तमान में लाईन बिछाने का कार्य बंद है? यदि हाँ, तो क्यों? (ख) उक्त योजना की कुल लागत कितनी है? 31 अक्टूबर, 2016 तक कितना भुगतान कितने कार्य के विरूद्ध किया जा चुका है? शेष राशि कितनी है? क्या शेष राशि से शेष कार्य पूर्ण हो जाएगा? यदि नहीं, तो शेष कार्य हेतु वांछित राशि कब तक उपलब्ध कराई जाएगी? अनुबंध अनुसार कार्य कब तक पूर्ण होना था? (ग) शिवपुरी नगर सीवर लाईन बिछाने हेतु डामर रोड, सी.सी. रोड, पेवर्स टाईल्स की खुदाई कहाँ से कहाँ तक की गई है? उक्त कितनी खुदाई कहाँ-कहाँ पर कहाँ से कहाँ तक किया जाना शेष है? जिन स्थानों पर सड़कें खोदी गई है? उन सभी स्थानों पर सड़कें कब तक बना दी जावेगी? (घ) उक्त सीवर लाईन से घरेलू एवं व्यवसायिक भवनों के कनेक्शन कब तक जोड़े जाएंगे? क्या उक्त कनेक्शन जोड़े बगैर खुदाई की गई सड़कों के स्थान पर नई सड़कें बनाने का कार्य किया जा रहा है? यदि हाँ, तो क्या सीवर लाईन से कनेक्शन जोड़ते समय सड़कों की फिर से खुदाई होगी? अथवा बगैर सड़क खुदाई किए ही कनेक्शन जोड़ दिए जाऐंगे?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’अ’’ अनुसार। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’ब’’ अनुसार। योजना के कार्य जुलाई 2013 से प्रारंभ एवं सितम्बर 2017 तक पूर्ण किया जाना है। जी नहीं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ख) शिवपुरी झील संरक्षण परियोजना की कुल लागत रू. 6951.00 लाख है। राशि रू.4926.54 लाख का भुगतान नॉनकोर आयटम के कार्य, सीवर लाइन बिछाने के कार्य तथा सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट निर्माण कार्य के विरूद्ध किया जा चुका है। राशि रू. 2024.46 लाख शेष है। उक्त राशि से शेष कार्य पूर्ण नहीं होगा। शेष कार्य पूर्ण कराने हेतु पुनरीक्षित योजना तैयार की जा रही है, जिसकी प्रशासकीय स्वीकृति उपरांत एवं आवंटन प्राप्त होने पर शेष कार्य पूर्ण कराए जा सकेंगे। निश्चित समयावधि बताया जाना संभव नहीं। सितम्बर 2017 तक। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’स’’ एवं ’’द’’ अनुसार। सड़क निर्माण का कार्य इस विभाग से सबंधित न होने के कारण निश्चित समयावधि बताया जाना संभव नहीं। (घ) सितम्बर 2017 तक। विभागीय कार्यों के निर्माण के दौरान ऐसे तकनीकी प्रावधान किए गये हैं जिससे घरेलू एवं व्यवसायिक भवनों के कनेक्शन करते समय सड़कों की पुनः खुदाई नहीं करना पड़ेगी।
शिवपुरी जिले में जारी की गई एन.ओ.सी.
[पर्यावरण]
44. ( क्र. 419 ) श्री रामसिंह यादव : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शिवपुरी जिले में कारखानों, फर्सी-पत्थर खदानों, खण्डा-बोल्डर खदानों एवं स्टोन क्रेशर हेतु 31 अक्टूबर-2016 की स्थिति में लागू कोई पर्यावरण एन.ओ.सी. जारी की गई है? यदि हाँ, तो किन-किन के लिए कब-कब पर्यावरण एन.ओ.सी. जारी की गई? किस आवेदन एवं दस्तावेज के आधार पर एन.ओ.सी. जारी की? (ख) क्या शिवपुरी जिले के अंतर्गत 01 अप्रैल, 2011 से 31 अक्टूबर, 2016 की स्थिति में कोई पर्यावरण एन.ओ.सी. जारी की गई है? यदि हाँ, तो किन-किन को किस-किस उद्देश्य के लिए तथा कब तक के लिए पर्यावरण एन.ओ.सी. जारी की गई है? (ग) पर्यावरण एन.ओ.सी. जारी करने की गाइडलाईन क्या है? गाइडलाईन की प्रति संलग्न कर जानकारी दें कि क्या उक्त पर्यावरण एन.ओ.सी. गाइडलाईन के दिशा-निर्देशों की पूर्ति के उपरांत ही दी गई है? यदि नहीं, तो कौन-कौन सी एन.ओ.सी. दिशा-निर्देशों के पूर्ति के बगैर दी गई है? (घ) पर्यावरण एन.ओ.सी. जारी करने का क्या उद्देश्य है? क्या प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने जो एन.ओ.सी. जारी की है? उनमें एन.ओ.सी. जारी होने के उपरांत क्या कभी संबंधित प्रतिष्ठान का निरीक्षण किया है? की उसमें पर्यावरण को क्षति नहीं पहुंच रही है एवं प्रदूषण नहीं फैल रहा है? यदि निरीक्षण नहीं किया गया है तो निरीक्षण कब तक किया जावेगा?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतरसिंह आर्य ) : (क) एवं (ख) पर्यावरण एन.ओ.सी. का नियमों में कोई प्रावधान नहीं है। मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा जल (प्रदूषण निवारण तथा नियंत्रण) अधिनियम,1974 एवं वायु (प्रदूषण निवारण तथा नियंत्रण) अधिनियम,1981 के अंतर्गत सम्मति जारी की जाती है। प्रश्नाधीन अवधि में बोर्ड द्वारा जारी की गई सम्मति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) एवं (घ) प्रश्नांश ‘‘क‘‘ एवं ‘‘ख‘‘ के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
प्राकृतिक प्रकोप से होने वाली हानि पर सहायता स्वीकृत
[राजस्व]
45. ( क्र. 436 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्राकृतिक प्रकोप से होने वाली विभिन्न प्रकार की हानि (फलदार पेड़, पशु हानि नष्ट हुये मकान खाद्यान्न कपड़ों बर्तन आदि की क्षति मृत व्यक्ति के परिवार आदि) के लिये शासन द्वारा दी जाने वाली सहायता राशि और उसके लिये निर्धारित मापदण्डों की प्रति उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र बासौदा अंतर्गत प्रश्नांश (क) में उल्लेखित विभिन्न प्रकार की हानि के कितने हितग्राहियों के आवेदन प्रश्नकर्ता के माध्यम एवं सीधे हितग्राही के माध्यम से वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 प्राप्त हुये थे तथा प्राप्त आवेदन पत्रों को पंजी पर दर्ज किया गया या नहीं? नहीं तो कारण बतावें? (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित कितने प्रकरण में कितनी-कितनी सहायता राशि स्वीकृत हुई, कितने प्रकरण अमान्य किये तथा कितने शेष है, शेष प्रकरणों में कब तक सहायता राशि स्वीकृत की जावेगी? (घ) स्वीकृत प्रकरणों में हितग्राहियों को वास्तविक रूप से सहायता राशि का भुगतान किस दिनांक को किस माध्यम से किया गया है? शेष का भुगतान कब तक कर दिया जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
ग्रामों में दर्ज चरनोई भूमि
[राजस्व]
46. ( क्र. 437 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र बासौदा अंतर्गत किस-किस ग्रामों में राजस्व रिकार्ड में कितनी चरनोई भूमि दर्ज है, ग्रामवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित चरनोई में से किस-किस ग्राम की कितनी भूमि पर अतिक्रमण है? अतिक्रमणकर्ता का नाम व पते सहित जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित भूमि पर राजस्व विभाग द्वारा अतिक्रमण से मुक्त कराने हेतु कब-कब क्या कार्यवाही की गई है? (घ) क्या चरनोई भूमि पर आवारा पशुओं को सुरक्षित चारागाह बनाने की योजना है?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
प्राप्त आवंटन एवं व्यय तथा लंबित ऑडिट कंडिकाएं
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
47. ( क्र. 466 ) कुँवर विक्रम सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण आयोग के अंतर्गत मांग संख्या 39 शीर्ष 2908 खाद्य भंडारण एवं 629 उपभोक्ता संरक्षण प्रकोष्ट के तहत वर्ष 2013 से छतरपुर जिलों में कितना आवंटन प्राप्त हुआ और कितना व्यय किया गया वर्षवार विवरण दें। (ख) भण्डारण पर विभागीय अधिकारियों ने किस आधार पर व्यय किया गया? क्या विभागीय परीक्षण में कमियां पाई गईं? यदि हाँ, तो क्या? (ग) क्या ऑडिट रिपोर्ट में भी उल्लेख किया गया? जिसकी कंडिकाएं लंबित हैं? क्या महालेखाकार ग्वालियर द्वारा की गई ऑडिट की कंडिकाएं भी लंबित पड़ी हैं? (घ) शासन की राशि का अपव्यय किया गया और कार्यवाही नहीं की, जिसकी जिम्मेदार कौन हैं? उनके पद सहित नाम बतायें।
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जानकारी निम्नानुसार है :-
वित्तीय वर्ष |
आवंटित बजट रू. |
व्यय रू. |
समर्पित राशि रू. |
2013-14 |
32,05,179 |
31,91,506 |
13,673 |
2014-15 |
37,20,022 |
36,76,615 |
43,407 |
2015-16 |
17,95,983 |
17,89,633 |
6,350 |
2016-17 |
12,91,594 |
11,99,639 |
91,955 |
(ख) भण्डारण पर कोई व्यय नहीं किया गया है। विभागीय परीक्षण में कोई कमियां नहीं पाई गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) ऑडिट रिपोर्ट में वित्तीय अनियमितता संबंधी कोई उल्लेख नहीं किया गया है और न ही कोई कंडिका लंबित है। महालेखाकार द्वारा किये गये ऑडिट की कोई कंडिका लम्बित नहीं है। (घ) प्रश्नांश 'ख' व 'ग' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य के प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पंजीकृत मछुआ समितियों को सूखा राहत राशि का प्रदाय
[मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास]
48. ( क्र. 491 ) श्रीमती चन्दा सुरेन्द्र सिंह गौर : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विगत वर्ष खरगापुर विधान सभा क्षेत्र सहित टीकमगढ़ जिले भारी सूखा की स्थिति उत्पन्न हुई थी और किसानों को सूखा राहत दी जा रही है? इसी तरह खरगापुर विधान सभा क्षेत्र एवं टीकमगढ़ जिले में लगभग काफी तालाबों के सूख जाने की स्थिति निर्मित हुई थी और पंजीकृत मछुआ समितियों द्वारा तालाबों में मछलियों की बीज डाले गये थे तथा तालाब सूख जाने के कारण समितियों को काफी नुकसान हुआ है? (ख) यदि हाँ, तो क्या ऐसी समितियों को राहत राशि प्रदाय किये जाने की शासन की कोई योजना है? यदि हाँ, तो उक्त ऐसी पंजीकृत समितियों को कब तक राशि उपलब्ध करा देंगे? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें? (ग) क्या ऐसी समितियों का चयन करके उक्त पंजीकृत समितियों को राशि प्रदाय करा देंगे? यदि हाँ, तो समयावधि बतायें? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतरसिंह आर्य ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। नैसर्गिक आपदा यथा सूखा, अतिवृष्टि, बाढ़, भूस्खलन एवं भूकम्प आदि से मछली पालने वालो को मछली बीज नष्ट हो जाने पर प्रभावित को रूपये 8200/- तक प्रति हेक्टेयर के मान से सहायता अनुदान दिया जाएगा, अनुदान की यह राशि उन मामलो में देय नहीं होगी जिनमें मछली पालन विभाग की योजना के अंतर्गत एक बार दिये गये आदान-अनुदान (सबसिडी) के अतिरिक्त सरकार की किसी अन्य योजना के अंतर्गत सहायता/अनुदान दिया गया है। 32 प्रकरणों में राहत राशि रूपये 16,12.964/- स्वीकृत कर समितियों के खातो में अंतरित कर दी गई है। (ग) पंजीकृत समितियों को राशि प्रदाय कर दी गई है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
गाडरवारा तहसील में उपजेल की स्थापना
[जेल]
49. ( क्र. 510 ) श्री गोविन्द सिंह पटेल : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नरसिंहपुर जिले में अभी तक कितनी जेल हैं। (ख) क्या गाडरवारा तहसील के अंतर्गत अपर सत्र न्यायाधीश एवं अनुविभागीय दण्डाधिकारी के कई न्यायालय संचालित है जहां पर जिला जेल से प्रतिदिन सैकड़ो विचाराधीन कैदी आते-जाते है तथा इसमें असुविधा का भय भी होता है और कैदियों के भगाने का भी डर रहता है। (ग) गाडरवारा में नई जेल खोलने हेतु विभिन्न जनप्रतिनिधियों एवं अधिवक्ता संघों द्वारा समय-समय पर मांग की जाती रही है? जनहित को देखते हुए गाडरवारा में उप जेल खोलने पर क्या विभाग कार्यवाही करेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) नरसिंहपुर जिले में एक जेल-केन्द्रीय जेल कार्यरत है। (ख) जी नहीं। गाडरवारा तहसील के अंतर्गत अपर सत्र न्यायाधीश के 02, न्यायिक दण्डाधिकारी, प्रथम श्रेणी के 03 एवं एस.डी.एम./कार्यपालिक दण्डाधिकारी का 01 इस प्रकार कुल 06 न्यायालय संचालित हैं, जहाँ पर केन्द्रीय जेल से प्रतिदिन औसतन 15-20 विचाराधीन कैदी पेशी पर आते हैं, जिनकी आवश्यक सुरक्षा जिला पुलिस द्वारा की जाती है। (ग) जी हाँ। गाडरवारा तहसील में उप जेल निर्मित किये जाने हेतु जेल विभाग के पर्सपेक्टिव प्लान के द्वितीय चरण की योजनांतर्गत भारत सरकार को वर्ष, 2013 में प्रस्ताव प्रेषित किया गया था, जो मान्य नहीं किया गया।
तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास की संस्थाएं
[तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास]
50. ( क्र. 511 ) श्री गोविन्द सिंह पटेल : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नरसिंहपुर जिले की गाडरवाडा विधानसभा क्षेत्र में तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग की कितनी संस्थायें सरकारी एवं गैर सरकारी संचालित हैं? उनका स्थान एवं नाम सहित जानकारी देवे? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार संचालित संस्थाओं में शिक्षा ग्रहण कर रहे विद्यार्थियों की संख्या कितनी-कितनी है संस्थावार जानकारी उपलब्ध करायें? (ग) संचालित संस्थाओं में प्रशिक्षित प्रशिक्षण देने वाले कर्मचारी/अधिकारियों की कितनी संख्या है? सूची उपलब्ध करायें। (घ) संचालित संस्थाओं में क्या स्वयं के भवन हैं तथा कितनी संस्थाएं भवन विहीन हैं?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक जोशी ) : (क) नरसिंहपुर जिले की गाडरवारा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत एक शासकीय आई.टी.आई. (गाडरवारा) तथा चार प्रायवेट आई.टी.आई. (1. महाराणा प्रताप आई.टी.आई., स्नातकोत्तर महाविद्यालय के पीछे शनि मंदिर के पास साई कॉलोनी, गाडरवारा, 2. मारूति नंदन आई.टी.आई., एल.आई.सी. बिल्डिंग सिविल कोर्ट के सामने सिविल लाईन स्टेशन रोड, गाडरवारा, 3. ब्रज आई.टी.आई. प्रशांति निलयम कॉलोनी, जमाडा रोड, गाडरवारा तथा 4. एस.एन.एम. आई.टी.आई. कठल पेट्रोल पंप के पीछे गाडरवारा) संचालित है। (ख) जानकारी निम्नानुसार है:-
क्र. |
शासकीय/प्रायवेट आई.टी.आई. का नाम एवं पूर्ण पता सहित |
विद्यार्थियों की संख्या |
1 |
शासकीय आई.टी.आई. गाडरवारा जिला नरसिंहपुर. |
246 |
2 |
महाराणा प्रताप प्रायवेट आई.टी.आई., स्नातकोत्तर महाविद्यालय के पीछे शनि मंदिर के पास साई कॉलोनी, गाडरवारा. |
174 |
3 |
मारूति नंदन प्रायवेट आई.टी.आई., एल.आई.सी. बिल्डिंग सिविल कोर्ट के सामने सिविल लाईन स्टेशन रोड, गाडरवारा. |
50 |
4 |
ब्रज प्रायवेट आई.टी.आई. प्रशांति निलयम कॉलोनी, जमाडा रोड, गाडरवारा. |
197 |
5 |
एस.एन.एम. प्रायवेट आई.टी.आई. कठल पेट्रोल पंप के पीछे गाडरवारा. |
39 |
(ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) शासकीय आई.टी.आई. गाडरवारा का भवन निर्माणधीन है। समस्त प्राईवेट आई.टी.आई. किराये के भवन में संचालित है।
गाडरवारा तहसील में पटवारी हल्का की जानकारी
[राजस्व]
51. ( क्र. 512 ) श्री गोविन्द सिंह पटेल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नरसिंहपुर जिले की गाडरवारा तहसील में कितने पटवारी हल्का हैं तथा कितने पटवारी कार्यरत हैं? पटवारी हल्का की नामवार जानकारी देवें? (ख) क्या एक पटवारी के पास दो या तीन हल्कों का कार्य होने के कारण किसानों का काम समय पर पूरा नहीं होता है उसे एक कार्य के लिये कई बार पटवारी के पास चक्कर लगाने पड़ते है? (ग) विभाग पटवारियों की कमी की पूर्ति हेतु क्या कार्यवाही कर रहा है? पटवारियों के रिक्त पद कब तक भर दिये जायेंगे? (घ) गाडरवाडा तहसील में कितने राजस्व निरीक्षक मंडल हैं? क्या प्रत्येक राजस्व निरीक्षक मंडल में आर.आई. पदस्थ है तथा कितने मंडल रिक्त है? रिक्त पदों की पूर्ति कब तक कर दी जायेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
नल-जल/स्थलजल व पेयजल योजनाएं
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
52. ( क्र. 517 ) श्री प्रहलाद भारती : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) पोहरी विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत 01 जनवरी, 2012 से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन सी नलजल/पेयजल/स्थलजल या पेयजल संबंधी अन्य कोई योजनाएं स्वीकृत की गयी है? उक्त योजनाओं में से कौन-कौन सी योजनाएं वर्तमान में चालू व बंद है व किस कारण से? समस्त योजनाओं की जानकारी विकासखण्डवार उपलब्ध कराते हुए उनकी अद्यतन स्थिति से अवगत करावें? (ख) पोहरी विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत 01 जनवरी, 2012 से प्रश्न दिनांक तक पेयजल हेतु कुल कितने हैण्डपम्प कहाँ-कहाँ, किस-किस योजना के अन्तर्गत स्थापित किए गये? उक्त हैण्डपम्पों की अद्यतन स्थिति से अवगत कराते हुए जानकारी, विकासखण्डवार, स्थानवार उपलब्ध करावें?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) कुल 664 हैण्डपंप स्थापित किये गये। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
जयतुनिया बैगा की हत्या की सी.आई.डी. से जाँच
[गृह]
53. ( क्र. 522 ) श्रीमती सरस्वती सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सिंगरौली जिले के थाना जैतुनिया बैगा की हत्या का अपराध क्र. 19/2014 दर्ज किया जाकर विवेचना सुश्री प्रभा किरण द्वारा की जा रही है? (ख) प्रश्नांश (क) की हत्या के प्रकरण में विवेचना अधिकारी सुश्री प्रभाकिरण को बदलने के लिए श्री केदारनाथ शुक्ला विधानसभा सदस्य द्वारा दिनांक 22.7.16 को गृहमंत्री को पत्र लिखा था एवं रमाशंकर पाठक चितरंगी दिनांक 23.01.15 को गृह मंत्री जी को पुलिस महानिरीक्षक इत्यादि को पत्र लिखा है कि जाँच अधिकारी को अपराधियों से सांठ-गांठ होने के कारण असली अपराधियों को नहीं पकड़ती तथा निर्दोष लोगों को पकड़कर प्रताड़ित कर रही है, उक्त पत्रों पर क्या कार्यवाही की गई? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष में हत्या के दोषी को पकड़ने हेतु सी.आई.डी. में जाँच के निर्देश कब-तक दिये जायेंगे।
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी नहीं। वर्तमान में प्रश्नांश में वर्णित अपराध की विवेचना पुलिस मुख्यालय भोपाल के आदेशानुसार पुलिस अधीक्षक सिंगरौली के द्वारा दिनांक 14.09.2016 को अति. पुलिस अधीक्षक सिंगरौली के नेतृत्व में गठित विशेष अनुसंधान दल द्वारा की जा रही है। (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में विवेचना अधिकारी सुश्री किरण को बदलने हेतु विधानसभा सदस्य श्री केदार नाथ शुक्ल द्वारा दिनांक 22.07.2016 को एवं श्री रमाशंकर पाठक चितरंगी द्वारा दिनांक 23.01.2016 को माननीय गृहमंत्री म.प्र. को संबोधित पत्र देना पाया गया। प्रेषित आवेदन पत्र पर पुलिस मुख्यालय भोपाल के आदेशानुसार पुलिस अधीक्षक सिंगरौली के द्वारा दिनांक 14.09.2016 को अति. पुलिस अधीक्षक जिला सिंगरौली के मार्गदर्शन में विशेष अनुसंधान दल गठित किया गया। जिसके द्वारा प्रकरण का अनुसंधान किया जा रहा है। गठित टीम द्वारा की गई विवेचना के दौरान प्राप्त साक्ष्य के आधार पर दिनांक 19.09.2016 को आरोपी पप्पू उर्फ संतोष पाठक पिता नर्मदा प्रसाद पाठक उम्र 35 वर्ष निवासी ग्राम चितंरगी को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमाण्ड पर भेजा गया है। (ग) प्रकरण की विवेचना विशेष अनुसंधान दल अति. पुलिस अधीक्षक सिंगरौली के नेतृत्व में की जा रही है, अतः सी.आई.डी. से जाँच कराये जाने का कोई औचित्य नहीं है।
नवीन आई.टी.आई. भवन की स्वीकृति
[तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास]
54. ( क्र. 533 ) श्री दिलीप सिंह शेखावत : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माननीय मुख्यमंत्री महोदय द्वारा खाचरौद में दिनांक 10 जनवरी, 2016 को औद्योगिक शहर नागदा में नवीन आई.टी.आई. का भवन स्वीकृत करने की घोषणा की थी एवं पूर्व के विधान सभा सत्र में अगले शिक्षा सत्र अगस्त 2016 से नवीन भवन में कक्षाएं प्रारम्भ करने का आश्वासन दिया था। (ख) भवन हेतु भूमि आवंटन की प्रक्रिया पूर्ण कर ली गयी है? आई.टी.आई. का नवीन भवन कब तक तैयार हो जावेगा?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक जोशी ) : (क) जी हाँ। घोषणा के परिपालन में सत्र अगस्त 2016 से नागदा में आई.टी.आई. प्रारंभ की गई है। (ख) जी नहीं। समयावधि बताना संभव नहीं हैं।
अकुशल श्रमिकों को न्यूनतम वेतन लाभ
[श्रम]
55. ( क्र. 534 ) श्री दिलीप सिंह शेखावत : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या केन्द्र सरकार द्वारा अकुशल ठेका श्रमिकों को 350/- रूपये प्रतिदिन न्यूनतम वेतन देने की घोषणा की है? (ख) यदि हाँ, तो इस योजना का लाभ म.प्र. के ठेका श्रमिकों को कब से दिया जावेगा?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) केन्द्र शासन से संबंधित है। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सिहंस्थ मेले में पदस्थ होमगार्ड सैनिकों को नियमित किया जाना
[गृह]
56. ( क्र. 561 ) श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सिंहस्थ मेले हेतु होमगार्ड विभाग में सैनिकों की भर्ती की गई थी? यदि हाँ, तो कब तक कितने-कितने सैनिक जिलेवार भर्ती किये गये? (ख) क्या इन होमगार्ड सैनिकों को सिंहस्थ मेले में पदस्थ किया जा कर इनकी सेवायें ली गई है? (ग) क्या माननीय मुख्यमंत्री जी ने दिनांक 11 जुलाई, 2016 को इन सैनिकों को नियमित सेवा में लेने हेतु घोषणा की गई थी? यदि हाँ, तो इन सैनिकों को कब तक नियमित किया जायेगा? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) क्या वर्तमान में भी होमगार्ड में नियुक्त सैनिकों की सेवायें आगे भी ली जा रही है या इन्हें सेवा से पृथक कर दिया गया है? यदि हाँ, तो किस कारण से इनकी सेवायें समाप्त की है? क्या इन्हें पुन: सेवा में लिया जायेगा?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'ब' अनुसार। (ख) जी हाँ। (ग) जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) सिंहस्थ 2016 के लिए मार्च 2016 से 31 मई 2016 तक कानून एवं व्यवस्था कार्य के लिए अस्थायी स्वयं सेवकों की अस्थायी नामांकन और कॉल आउट केवल सिंहस्थ के विशेष प्रयोजन के लिए ही किया गया था। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
डायवर्शन (भूमि परिवर्तन) के प्रकरणों का निराकरण
[राजस्व]
57. ( क्र. 563 ) श्री गोपाल परमार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आगर मालवा के अंतर्गत आगर अनुभाग में अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) आगर-बड़ोद द्वारा वर्ष 2000 से आज दिनांक तक डायवर्शन (भूमि परिवर्तन) के कितने प्रकरणों का निराकरण (आदेश ) किया गया व कितने प्रकरणों को निरस्त किया गया? (ख) निराकृत प्रकरणों में किस किस विभाग से रिपोर्ट प्रकरण में प्राप्त हुई, प्रकरण का निराकरण सम्पूर्ण रिपोर्ट आने के बाद ही किया गया या रिपोर्ट नहीं होने के बाद भी निराकरण किया गया? प्रकरण नंबर, नाम व आदेश दिनांक सहित बतावें? कितने प्रकरणों में किस विभाग की रिपोर्ट प्राप्त हुई किसकी रिपोर्ट प्राप्त नहीं हुई? (ग) डायवर्शन के जो प्रकरण निरस्त किये गए वह किन प्रकरणों के चलते निरस्त किये गए, क्या निरस्त किये जाने से राजस्व की हानि हुई या नहीं? प्रकरण नंबर पक्षकार का नाम सहित बतावें? (घ) जिन डायवर्शन प्रकरणों में आदेश पारित होकर शुल्क निर्धारित किया गया है उसकी वसूली की कार्यवाही की गयी है या नहीं? यदि हुई है तो कितनी राशि की वसूली हुई है व कितनी शेष है यदि शेष है तो उसकी वसूली की क्या कार्यवाही की गई है? (ड.) यदि समय-सीमा में वसूली नहीं हुई तो उसके लिए जिम्मेदार अधिकारी कौन है, उसके विरुद्ध कोई कार्यवाही की गई है या नहीं?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
फसल मुआवजा राशि का वितरण
[राजस्व]
58. ( क्र. 578 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मन्दसौर जिले में वर्ष २०१६-१७ में फसल मुआवजा हेतु कितनी राशि शासन द्वारा उपलब्ध कराई गई है? (ख) मन्दसौर जिले में तहसीलवार स्वीकृत फसल मुआवजा राशि की जानकारी देवें। क्या यह राशि आर बी सी ६.४ के नवीन प्रावधानों के तहत वितरण की गई है? (ग) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में किस गांव में कितनी राशि वितरित गई है? ग्रामवार जानकारी देवें। (घ) कितने किसानों के आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिन्हें मुआवजा राशि प्राप्त नहीं हुई है? नाम एवं ग्राम बतावें तथा उन्हें कब तक मुआवजा राशि वितरित कर दी जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : मंदसौर जिले में वर्ष 2016-17 फसल मुआवजा हेतु राशि रुपये 90,00,00,000/- करोड उपलब्ध कराया गया है। (ख) मंदसौर जिले में तहसीलवार स्वीक़ृत फसल राहत राशि की जानकारी निम्नानुसार है-
मंदसौर - 16,15,88,000/-
दलोदा - 8,70,00,000
मल्हारगढ - 17,04,56,983
सीतामउ - 16,19,83,816
सुवासरा - 7,80,48,491
शामगढ - 8,36,95,051
गरोठ - 7,55,35,321
भानपुर - 8,15,72,510
हाँ-
उक्त राशि
आर.बी.सी. 6-4
के नवीन
प्रावधानों
तहत वितरित की
गई है।
(ग)
सुवासरा
विधानसभा
क्षेत्र में
ग्रामवार
वितरित की गई
राशि की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट
अनुसार है। (घ)
पात्र
किसानों को
राहत राशि का
भुगतान कर
दिया गया है।
जिलें में
राहत राशि
हेतु कोई
आवेदन पत्र
लंबित नहीं है।
सिवनी जिले में धान की खरीदी
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
59. ( क्र. 579 ) श्री दिनेश राय : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिले में वर्ष 2015-16 में कितने किंव्टल धान खरीदी हुई? सन 2015-16 में सिवनी जिले के स्थानीय मिल्स ने कितने लाख किंव्टल की कस्टम मिलिंग की? (ख) प्रश्नांश अवधि में सिवनी जिले के बाहर के मिलर्स ने कितने लाख की कस्टम मिलिंग की? (ग) मध्यप्रदेश राज्य के बाहर के कितने मिलर्स ने कितने लाख किंव्टल की मिलिंग की? (घ) सिवनी जिले के बाहर एवं प्रदेश के बाहर के मिलर द्वारा जो धान परिवहन किया गया, उसका परिवहन व्यय कितना हुआ एवं किन अधिकारियों के आदेश से स्थानीय मिलर्स को छोड कर बाहर के मिलर्स से अनुबंध किया गया? बाहर के मिलर्स द्वारा परिवहन से जो शासन का नुकसान हुआ उसका जिम्मेदार कौन है? क्या जिम्मेदार अधिकारी कर्मचारी के विरूद्ध कोई कार्यवाही होगी, यदि हाँ, तो कब तक?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) सिवनी जिले में खरीफ विपणन वर्ष 2015-16 में समर्थन मूल्य पर 16,27,438.50 क्विंटल धान का उपार्जन किया गया एवं स्थानीय मिलर्स द्वारा 14,40,956.30 क्विंटल धान की कस्टम मिलिंग की गई है। (ख) जिले के बाहर के म.प्र. के मिलर्स से 93,901.18 क्विंटल धान की कस्टम मिलिंग कराई गई। (ग) मध्यप्रदेश राज्य के बाहर के मिलर्स से 62,751.29 क्विंटल धान की मिलिंग कराई गई। (घ) सिवनी जिले के बाहर एवं प्रदेश के बाहर के मिलर्स से मिलिंग कराने हेतु धान की किये गये परिवहन पर रू. 86,91,578 व्यय हुआ है। प्रदेश में उपार्जित धान की मात्रा की तुलना में मिलिंग क्षमता न होने से तथा भारत सरकार द्वारा निर्धारित समय-सीमा में मिलिंग कराने हेतु भारत सरकार से अनुमति उपरांत प्रदेश के बाहर के मिलर्स से धान की मिलिंग कराई गई है। विगत वर्षों में समय-सीमा में मिलिंग न होने के कारण धान निविदा द्वारा विक्रय करने के लिये विवश होना पड़ा है। अत: समय-सीमा में धान की मिलिंग कराने हेतु अन्य जिलो एवं प्रदेश के बाहर के मिलर्स से धान की मिलिंग कराई गई। समय-सीमा में धान की मिलिंग न होने पर उसके भण्डारण, रख-रखाव, ब्याज़ आदि पर होने वाले संभावित व्यय की तुलना में जिले एवं प्रदेश के बाहर के मिलर्स से मिलिंग कराने हेतु धान के किये गये परिवहन पर हुआ व्यय कम है। इस प्रकार शासन को नुकसान नहीं हुआ है। प्रकरण में किसी अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
जिला टीकमगढ़ में हैंडपंप का खनन
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
60. ( क्र. 587 ) श्री दिनेश कुमार अहिरवार : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या जिला टीकमगढ़ में 2 वर्ष से कम बारिश होने के कारण जल स्तर काफी नीचे चला गया है तथा इस वर्ष भी बारिश कम हुयी है? यदि हाँ, तो आने वाले 1-2 महीनों बाद जनता को पीने के पानी के संकट के समाधान के लिये सरकार द्वारा कोई ठोस योजना बनाई गयी है? (ख) जनता को समय पर पानी मिल सके, उसके लिये सरकार ने क्या उपाए किए हैं? नवीन हैंडपंप उत्खनन की स्वीकृति क्यों नहीं दी जा रही है? क्या मंजरा टोलों की जनता को 1-2 किलोमीटर दूर से पानी लाना पड़ रहा है। यदि हाँ, तो टीकमगढ़ जिले हैण्डपंप खनन कर दिए जावेंगे।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी हाँ, जी हाँ। जी हाँ। (ख) भूजल संवर्धन हेतु रिचार्ज शॉफ्ट का निर्माण, नलजल योजनाओं में स्रोत विकसित करना, नवीन हैण्डपंप स्थापना, सिंगलफेस मोटरपंप एवं सोलर पंप की स्थापना आदि उपाय किये गये हैं। आंशिक पूर्ण श्रेणी की बसाहटों में आवश्यकता एवं आवंटन की उपलब्धता अनुसार नवीन हैण्डपंप खनन किये जाते हैं। जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
उपभोक्ताओं को खाद्यान्न सामग्री उपलब्ध कराई जाना
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
61. ( क्र. 604 ) श्री राजकुमार मेव : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बी.पी.एल. तथा अन्य 24 श्रेणी के उपभोक्ताओं/परिवारों को मुख्यमंत्री अन्न योजना के तहत पात्रता पर्ची जारी की गई है? यदि हाँ, तो कुल कितनी पात्रता पर्ची जारी की गई है एवं अभी भी कितनी पात्रता पर्ची जारी की जाना शेष है? जिलेवार एवं जनपदवार जानकारी उपलब्ध कराई जावे? (ख) क्या कभी-कभी पी.ओ.एस. मशीन द्वारा पात्रता पर्चियों को अमान्य कर दिया जाता है एवं पात्रता पर्ची में सिर्फ कुछ ही सामग्री प्रदर्शित होती है एवं कुछ छूट जाती है? इसे ठीक करने हेतु जिला एवं जनपद स्तर पर क्या व्यवस्थाएं की गई हैं? (ग) क्या उपभोक्ता यदि एक माह में खाद्यान्न पर्ची के माध्यम से खाद्यान्न अथवा अन्य सामग्री नहीं ले पाता है तो उसे आगामी माह में खाद्यान्न अथवा सामग्री लेने की पात्रता है किंतु पी.एस.ओ. मशीन द्वारा इस तरह का कोई भी शेष खाद्यान्न या सामग्री दिये जाने का विकल्प उपलब्ध नहीं है? जिसके कारण उपभोक्ता योजना के लाभ से वंचित रह जाता है? क्या इसमें कोई सुधार किया जावेगा? (घ) क्या समस्याओं एवं कठिनाईयों के निराकरण हेतु जिला स्तर एवं जनपद स्तर पर टोल फ्री नं. अथवा कोई वैकल्पिक प्रशासकीय व्यवस्था की गई है? यदि हाँ, तो क्या? यदि नहीं, तो कब तक व्यवस्था की जावेगी, ताकि उपभोक्ताओं की समस्याओं का तत्काल निराकरण कर उन्हें समय पर सामग्री प्राप्त की जा सके?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जी हाँ। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत पात्र परिवार के रूप में सम्मिलित 24 श्रेणियों के परिवारों में से सत्यापित परिवारों को पात्रता पर्ची जारी की गयी है। माह नवम्बर 2016 तक 1,18,21,099 परिवारों को पात्रता पर्ची जारी की गई हैं। जिन परिवारों की पात्रता पर्ची जारी की जाना शेष है उसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। माह सितम्बर, 2016 से सत्यापित पात्र परिवारों की जनसंख्या राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत निर्धारित जनसंख्या से अधिक होने तथा भारत सरकार द्वारा खाद्यान्न आवंटन की सीमा से अधिक खाद्यान्न की आवश्यकता होने के कारण माह सितम्बर, 2016 से सत्यापित नवीन परिवारों को पात्रता पर्ची जारी नहीं की गई है। पात्र परिवार के रूप में सम्मिलित परिवारों के डी-डुप्लीकेशन की कार्यवाही प्रचलित है उसके उपरांत अपात्र परिवारों को हटाने पर निर्धारित खाद्यान्न आवंटन की सीमा के अंतर्गत ही नवीन सत्यापित परिवारों को सम्मिलित किया जा सकेगा। (ख) राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत सम्मिलित परिवारों के डाटाबेस में स्थानीय निकाय के साथ साथ अन्य विभागों द्वारा भी सत्यापन, विलोपन एवं संशोधन की कार्यवाही करने पर तकनीकी त्रुटि के कारण कुछ परिवार उचित मूल्य दुकानों से अनमेप होने की समस्या संज्ञान में आई थी, जिसके निराकरण हेतु माह अक्टूबर, 2016 में पात्र परिवारों का डाटा स्थिर कर अन्य विभागों द्वारा अपडेशन की सुविधा बंद कर दी गई है। भविष्य में, पात्र परिवारों के डाटाबेस में स्थानीय निकाय के प्रस्ताव के आधार पर केन्द्रीयकृत रूप से अपडेशन किया जाएगा, जिससे उक्त समस्या उत्पन्न नहीं होगी। साथ ही अनमेप हुए परिवारों की जानकारी पी.ओ.एस. मशीन पर भी कारण सहित प्रदर्शित करायी गयी है जिसके आधार पर हितग्राही संबंधित निकाय में जाकर अपने डाटाबेस में संशोधन करा सके एवं ऐसे परिवारों की पात्रता का परीक्षण करने हेतु सूची जिलों को उपलब्ध करायी गयी। (ग) यदि किसी पात्र परिवार द्वारा किसी माह की राशन सामग्री प्राप्त नहीं की जाती है, तो उसे अगले माह में चालू माह की राशन सामग्री के साथ-साथ विगत माह की शेष सामग्री भी प्रदाय करने हेतु पी.ओ.एस. मशीन में पात्रता प्रदर्शित विगत माहों में करायी गयी है। किसी कारणवश पी.ओ.एस. मशीन में डबल पात्रता प्रदर्शित न होने की स्थिती में वितरण पंजी के माध्यम से भी शेष राशन सामग्री वितरण की विशेष अनुमति दी गयी है। (घ) जी हाँ। पी.ओ.एस. मशीन में तकनीकी खराबी के संबंध में शिकायत दर्ज कराने हेतु मध्यप्रदेश इलेक्ट्रॉनिक डेव्लपमेंट कार्पोरेशन में कॉल सेंटर स्थापित कर टोल फ्री नंबर उपलब्ध कराया गया है तथा जिला स्तर पर मशीनों के सुधार हेतु सेवा प्रदाता द्वारा तकनीकी अमला पदस्थ किया गया है, साथ ही राशन सामग्री न मिलने संबंधी शिकायतें सीएम हेल्पलाईन टोल फ्री नंबर 181 पर दर्ज कराने की व्यवस्था की गयी है जिसका निराकरण विभागीय अमले के माध्यम से समय-सीमा में कराया जाता है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मत्स्य बीज उत्पादन केन्द्रों की जानकारी
[मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास]
62. ( क्र. 605 ) श्री राजकुमार मेव : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बीज उत्पादन केन्द्रों की खरगोन जिले में कितने मत्स्य बीज उत्पादन केन्द्र हैं? इन केन्द्रों में कितना मत्स्य बीज उत्पादन होता है? मत्स्य पालन एवं बीज उत्पादन का कार्य कौन-कौन से तालाबों में किया जा रहा है? तालाबवार जानकारी देवें? (ख) शासन द्वारा मत्स्य पालन एवं बीज उत्पादन को प्रोत्साहन देने हेतु खरगोन जिले में क्या-क्या प्रयास किये गये है? यदि नहीं, तो, क्यों नहीं? (ग) खरगोन जिले में वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक कितने ठेकेदारों/समूहों को तालाब में मछली पकड़ने का ठेका दिया गया है एवं शासन को इससे कितना राजस्व प्राप्त हुआ? तालाबवार जानकारी दी जावें? (घ) क्या महेश्वर विधानसभा क्षेत्र में बडे तालाबों में मत्स्य बीज उत्पादन प्रक्षेत्र खोलने हेतु विभाग के पास कोई योजना है? यदि हाँ, तो इस योजना को कब तक कार्य रूप में वर्णित किया जावेगा?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतरसिंह आर्य ) : (क) 9 मत्स्य बीज उत्पादन केन्द्र वर्ष 2016-17 में 568 लाख स्टेण्डर्ड फ्राई उत्पादन हुआ है। तालाबों में मत्स्य बीज उत्पादन का कार्य नहीं होता है, मत्स्य पालन के तालाबों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) मत्स्य पालन एवं बीज उत्पादन को प्रोत्साहन देने हेतु विभागीय योजनाएं संचालित है, जिससे 25 तालाबों 25 हेक्टेयर में 90 प्रतिशत् अनुदान पर मत्स्य आहार प्रदाय किया गया, 4 तालाबो 6 हेक्टेयर में पौण्ड कल्चर योजना से ऋण/अनुदान उपलब्ध कराया गया तथा निजी क्षेत्र में 50 प्रतिशत् अनुदान पर 9 हितग्राहियों को 9 हेक्टेयर मत्स्य बीज संबर्धन प्रक्षेत्र का निर्माण कराया गया है। (ग) प्रश्नांश अनुसार तालाबो को ठेके पर नहीं दिया जाता है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी नहीं।
राशन कार्डों एवं खाद्यान्न पर्चियों का वितरण
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
63. ( क्र. 621 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जावरा नगर पिपलौदा तहसील एवं जावरा तहसील अंतर्गत किस-किस प्रकार के कुल कितने राशन कार्डधारी होकर उनके हेतु कितना-कितना खाद्यान्न प्राप्त होता है? (ख) उपरोक्त स्थानों के अंतर्गत बनाए गये राशन कार्डधारियों को क्या खाद्यान्न पर्चियां प्राप्त नहीं होने की शिकायतें/आवेदन विगत वर्षभर से शासन/विभाग को प्राप्त हो रहा है? (ग) यदि हाँ, तो विगत एक वर्ष में किन-किन स्थानों पर बनाए गये कुल राशन कार्डों के विरूद्ध कुल कितनी खाद्यान्न पर्चियां प्रदान की गई? उनमें से कुल कितने राशन कार्डधारी खाद्यान्न पर्चियों से वंचित रहे वार्ड/ग्रामवार संख्या बताएं? (घ) तहसील जावरा एवं पिपलौदा को सूखाग्रस्त तहसील घोषित किये जाने पर शासन/विभाग द्वारा दी गई राहत का सस्ता अनाज समस्त प्रभावित कृषक परिवारों को प्राप्त हुआ? कितने किन-किन स्थानों पर वंचित रहे? इस हेतु क्या किया जा रहा है?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जावरा नगर में अन्त्योदय श्रेणी के 1,029 तथा प्राथमिकता परिवार श्रेणी में 9,229 परिवार, पिपलौदा तहसील में अन्त्योदय श्रेणी के 1,614 तथा प्राथमिकता परिवार श्रेणी में 21,776 परिवार, जावरा तहसील में अन्त्योदय श्रेणी के 2,180 तथा प्राथमिकता परिवार श्रेणी में 28,520 परिवारों को खाद्यान्न की पात्रता पर्ची जारी की गई है। अन्त्योदय अन्न योजना के परिवारों हेतु 35 किलो प्रति परिवार एवं प्राथमिकता परिवारों हेतु 5 किलोग्राम प्रति सदस्य के मान से 14,897.50 क्विंटल खाद्यान्न का आवंटन माह नवम्बर, 2016 में प्रदाय किया गया है। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित क्षेत्रों में कुल 64,348 परिवारों को पात्रता पर्ची जारी की गई है। पात्रता पर्ची जारी न होने के संबंध में कुल 94 आवेदन/शिकायतें प्राप्त हुई हैं। (ग) विगत एक वर्ष में पात्रता पर्ची जारी करने के संबंध में प्राप्त शिकायतों में से 56 शिकायतों में पात्रता पर्ची जारी कर दी गई है तथा 14 शिकायतकर्ता अपात्र पाए गए। 24 आवेदनों में पात्रता पर्ची जारी होना शेष है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट पर है। (घ) प्राकृतिक आपदा से 50 प्रतिशत् या इससे अधिक क्षति वाले प्रभावित पात्र किसानों को स्थानीय निकाय द्वारा सत्यापन उपरांत तहसील जावरा में 5,314 एवं पिपलौदा में 2,788 कृषकों को पात्रता पर्ची जारी कर राशन सामग्री का वितरण किया जा रहा है। कोई पात्र कृषक परिवार खाद्यान्न प्राप्त करने से वंचित नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
यात्री परिवहन की व्यवस्था
[परिवहन]
64. ( क्र. 622 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या व्यवसायिक रूप से यात्री परिवहन किये जाने हेतु विभिन्न प्रकार के माडलों के वाहनों सहित बड़ी छोटी बसों के परमिट जारी किये जाते हैं? (ख) यदि हाँ, तो रतलाम-मंदसौर एवं नीमच जिला अंतर्गत (क) प्रश्नानुसार किस-किस प्रकार के कौन-कौन से कितने वाहन पंजीकृत कर निर्धारित समय एवं निर्धारित मार्गों पर यात्री परिवहन किये जाने हेतु परमिट जारी किये गये हैं? (ग) निर्धारित समय एवं निर्धारित मार्गों पर चलायमान वाहनों की चैकिंग, फिटनेस, परमिट वाहन लायसेंस इत्यादि की जाँच कब-कब, किस-किस प्रकार की जाती है तथा कब-कब विभाग द्वारा की गई? (घ) कितने समय के अंतराल से उसी निर्धारित मार्ग पर अन्य वाहन को परमिट दिया जाता है तथा वाहनों के फिटनेस की जाँच जिले में निर्धारित किस स्थान पर, किसके द्वारा कब की जाती है वर्ष 2012-13 से लेकर प्रश्न दिनांक तक कब-कब जाँच की गई, जानकारी दें।
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। (ख) जिला रतलाम, मन्दसौर, नीमच के अंर्तगत पंजीकृत यात्री वाहनों के परमिट निर्धारित मार्गो के अस्थाई परमिट निम्नानुसार जारी किये गये है :-
जिले का नाम |
जारी परमिटों की संख्या |
रतलाम |
480 |
मंदसौर |
410 |
नीमच |
1735 |
शेषांश की जानकारी एकत्रित की जा रही है (ग) जिला परिवहन कार्यालय रतलाम, मन्दसौर, नीमच में निर्धारित मार्गों पर चल रहे यात्री वाहनों की समय-समय पर क्षेत्रीय परिवहन अधिकारियों/विशेष चैकिंग दस्ता, परिवहन चैकपोस्टो पर पदस्थ अधिकारियों द्वारा मोटरयान अधिनियम 1988 के अंर्तगत की जाती है। नियमों के उल्लंघन की दशा में मोटरयान कर/समझौता शुल्क वसूला जाता है। (घ) पूर्व में संचालित यात्री वाहनों एवं अन्य वाहनों को वाहन स्वामियों की मांग के अनुसार एवं जनता की सुविधा को दृष्टिगत रखते हुये समय-समय पर अस्थाई परमिट जारी किये जाते है वर्ष 2012-13 से लेकर प्रश्न दिनांक तक प्रश्नांश क, ख, ग में वर्णित अनुसार वाहनों की फिटनेस की जाँच निम्नानुसार की गई है:-
जिला |
वाहनों की चैकिंग संख्या |
फिटनेस निरस्त किये गये वाहनो की संख्या |
रतलाम |
1920 |
09 |
मन्दसौर |
20541 |
16 |
नीमच |
7148 |
- |
मन्दसौर जिले के 120 वाहनों के समय पर फिटनेस न कराये जाने के कारण समझौता शुल्क रूपये 5,15,510/- वसूल किया गया। शेषांश की जानकारी एकत्रित की जा रही है।
तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास केन्द्र की स्थापना
[तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास]
65. ( क्र. 641 ) श्री अरूण भीमावद : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. शासन विकास खण्ड स्तर पर युवाओं के रोजगार हेतु तकनीकी शिक्षा के अंतर्गत कौशल विकास केन्द्र खोले जाने की कार्य योजना प्रस्तावित है? (ख) यदि हाँ, तो विकासखण्ड मोहन बड़ोदिया जिला शाजापुर क्षेत्र के युवाओं के लिए तकनीकी शिक्षा के अंतर्गत कौशल विकास केन्द्र खोले जाने के प्रावधान है? (ग) यदि कौशल विकास केन्द्र खोले जाते हैं तो विकास खण्ड मोहन बड़ोदिया क्षेत्र के युवाओं को रोजगार उपलब्ध हो सकेगा?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक जोशी ) : (क) अनसर्विस्ड ब्लाक में कौशल विकास केन्द्र खोले गये है। (ख) विकासखण्ड मोहन बडोदिया जिला शाजापुर क्षेत्र के अन्तर्गत गुलाना में पूर्व से ही कौशल विकास केन्द्र संचालित है। वर्तमान में विकासखण्ड मोहन बडोदिया के अन्तर्गत कौशल विकास केन्द्र खोले जाने की योजना नहीं है। (ग) जी हाँ।
अवैध रेत/गिट्टी से राजस्व वसूली
[गृह]
66. ( क्र. 654 ) श्री नरेन्द्र सिंह कुशवाह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनवरी 2015 से पुलिस विभाग भिण्ड द्वारा रेत/गिट्टी के ट्रेक्टर/डम्फर/ट्रक ओव्हरलोड के उद्देश्य से कहाँ-कहाँ पर चेक की गई? कितना राजस्व प्राप्त हुआ कितनी शास्ती अधिरोपित की गई? (ख) प्रश्नांश (क) के अतंर्गत ओव्हरलोड वाहनों से रेत/गिट्टी निकाली गई? यदि हाँ, तो कहाँ पर रखी हुई है उस पर क्या कार्यवाही की जायेगी? (ग) प्रश्नांश (क) और (ख) के अतंर्गत रेत/गिट्टी के प्रकरण बनाये गये? यदि हाँ, तो शासन को क्या राजस्व प्राप्त हुआ? किस चालान से कहाँ पर जमा करवाया गया? (घ) क्या पुलिस विभाग भिण्ड द्वारा रेत /गिट्टी वाहनों से जबरदस्ती उतरवाकर निजी उपयोग में ली गई, प्रकरण तैयार न करके शासन को क्षति पहुंचाई गई? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की जायेगी?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) कुल 13 स्थानों पर चैकिंग हुई है। कुल रूपये 25,98,000/- (रूपये पच्चीस लाख अन्ठानवे हजार) राजस्व की प्राप्ति हुई। स्थानों की सूची संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ’अ’ अनुसार। (ख) जी नहीं। वाहनों से रेत/गिट्टी नहीं निकाली गई। (ग) जी हाँ। 364 प्रकरण बनाये गये है, 25,98,000/- (रूपये पच्चीस लाख अन्ठानवे हजार) राजस्व प्राप्त हुआ। चालानों की सूची संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ’ब’ अनुसार। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
17वीं वाहिनी भिण्ड में मैरिज हाउस का निर्माण
[गृह]
67. ( क्र. 655 ) श्री नरेन्द्र सिंह कुशवाह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कमाण्डेट 17वीं वाहिनी भिण्ड में पेट्रोल पम्प पर कौन-कौन कब से पदस्थ हैं जिला मुख्यालय पर कौन, कब से पदस्थ हैं? (ख) कमाण्डेंट 17वीं वाहिनी भिण्ड द्वारा मैरिज हाउस का कृषि भूमि पर 17वीं वाहिनी भिण्ड परिसर किसके आदेश से किस मद से निर्माण कार्य करवाया जा रहा है? निर्माण एजेंसी कौन है कितनी लागत है कितनी आय का आंकलन किसके द्वारा किया गया है? तकनीकी प्रतिवेदन किसके द्वारा बनाया गया है? जानकारी दें? (ग) प्रश्नांश (ख) के अंतर्गत मैरिज हाउस निर्माण के लिए किस विभाग से कब लायसेंस प्राप्त किया गया किस विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र लिया गया है? कब तक निर्माण पूर्ण हो जायेगा? (घ) जनवरी 16 से प्रश्न दिनांक तक किस स्तर के अधिकारी द्वारा कब निरीक्षण किया गया निरीक्षण प्रतिवेदन की छायाप्रति सहित जानकारी दें?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) वर्तमान में 17वीं वाहिनी भिण्ड के पेट्रोल पंप में सउनि (विसबल) सुरेन्द्र सिंह भदौरिया दिनांक 18.08.2016 से प्रभारी के रूप में पदस्थ है। इनके अतिरिक्त पेट्रोल पंप चलाने, वाहनों में पेट्रोल डालने का कार्य करने हेतु निम्नलिखित व्यक्ति मानदेय पर रखे गये हैः- (1) अभिषेक सिंह (2) राघवेन्द्र सिंह (3) मोहित सिंह (4) राधामोहन सिंह (5) धमेन्द्र जाटव (6) रामनरेश जाटव सहित सभी कर्मचारी दिनांक 01/09/2016 से पदस्थ है। (ख) 17वीं वाहिनी भिण्ड में कृषि भूमि नहीं है। वाहिनी की सहकारी साख संस्था के सदस्यों द्वारा संस्था द्वारा अर्जित लाभ की राशि से दिनांक 05.03.2015 को कार्य-कारणी की बैठक में संस्था के सदस्यों के पुत्र/पुत्रियों की शादी हेतु मैरिज हाउस बनवाने का प्रस्ताव प्रस्तुत किया गया था, जिसे कार्यकारणी द्वारा अनुमोदित कर आम सभा में पास कराया गया है। जिसकी अनुमति उपायुक्त सहकारिता भिण्ड से प्राप्त की गई है। मैरिज हाउस के निर्माण हेतु इकाई के अधिकारियों/कर्मचारियों की एक समिति का गठन किया गया है। उपरोक्त समिति द्वारा अपनी देख-रेख में उक्त निर्माण कार्य संपन्न कराया जा रहा है। भवन के निर्माण कार्य में 34,50,000/- रूपये की लागत से कार्य कराया जा रहा है। निर्माण कार्य प्रगति पर है, पूर्ण होने पर अनुमोदित संस्था से आंकलन कराया जावेगा। मैरिज हाउस का प्राक्कलन नगर पालिका के इंजीनियर के द्वारा तैयार किया गया है। (ग) उपायुक्त सहकारिता जिला भिण्ड से अनुमति प्राप्त की गई है। निर्माण कार्य वित्तीय वर्ष 2016-17 में पूर्ण होना संभावित है। (घ) कार्य पूर्ण होने पर निरीक्षण कराया जावेगा।
थाना/कोतवाली के निर्माण में गंभीर अनियमितता
[गृह]
68. ( क्र. 656 ) श्री नरेन्द्र सिंह कुशवाह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड जिले में पुलिस विभाग द्वारा थानों/कोतवाली/कार्यालयों में नवीन निर्माण कार्य/सौन्दर्यीकरण का कार्य जनवरी 16 से प्रश्न तक करवाया गया है? किस कार्य एजेंसी से कितना निर्माण कार्य प्रस्तावित है? स्थानवार जानकारी दें? (ख) प्रश्नांश (क) अंतर्गत निर्माण कार्य करवाने के लिए शासन द्वारा क्या मापदण्ड निर्धारित किए गए हैं? निर्माण कार्य करवाने से पूर्व निविदा आमन्त्रित की गई? यदि नहीं, तो क्यों? इसके लिए कौन दोषी हैं? (ग) रक्षित निरीक्षण पुलिस लाईन भिण्ड में वर्ष 2014 से प्रश्नांश दिनांक तक किस मद में कितना बजट प्राप्त हुआ कहाँ पर व्यय किया गया? किस एजेंसी द्वारा क्या सामग्री क्रय की गई? (घ) क्या भिण्ड जिले में पुलिस विभाग द्वारा शासन द्वारा निर्धारित प्रक्रिया के अनुरूप कार्य न करते हुए गंभीर अनियमितता की गई? यदि हाँ, तो इसके लिए दोषी व्यक्ति के विरूद्ध अभी तक क्या कार्यवाही की गई?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) नवीन निर्माण कार्य/सौन्दर्यीकरण का कार्य जनवरी 2016 से प्रश्न दिनांक तक नहीं करवाया गया है। पुलिस मुख्यालय मध्यप्रदेश भोपाल के पत्र क्रमांक पुमु/अपर संचालक (वित्त) /पीए/190-ए/ए-6/2016 दिनांक 05.05.2016 अनुसार केवल थाना/कार्यालयों/आवासों में मरम्मत कार्य स्थानीय स्तर पर कराए गए है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’अ’ अनुसार। (ख) जी हाँ। भण्डार क्रय नियमों में निम्नानुसार प्रावधान सुनिश्चित किये गये है़-
क्र. |
कार्य एवं सामग्री क्रय करने की राशि |
निविदा आमंत्रण का प्रकार |
1 |
20000/- |
बिना निविदा |
2 |
20000/-से 100000/- |
क्रय समिति द्वारा |
3 |
100000/-से 500000/- |
सीमित निविदा |
4 |
500000/- ऊपर |
खुली निविदा |
उपर्युक्त प्रावधान अनुसार मरम्मत कार्य करवाने हेतु आवश्यक कार्यवाही की गई। कराये गये कार्यों की महालेखाकार, मध्यप्रदेश के लेखा परीक्षक दल द्वारा माह अक्टूबर 2016 में आडिट किया गया है। लेखा परीक्षक दल द्वारा किसी प्रकार कोई भी अनियमितता नहीं पाई गयी है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’ब’ अनुसार। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सिंगरौली जिले के सभी थानों में दर्ज मामले
[गृह]
69. ( क्र. 662 ) पं. रमाकान्त तिवारी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिंगरौली जिले के सभी थानों में जुलाई 2014 से प्रश्न दिनांक तक कितने लूट, डकैती, चोरी, जुआं-सट्टा, मारपीट, हत्या, बलात्कार व महिला उत्पीड़न के मामले दर्ज हुए है? थानेवार जानकारी दें? (ख) प्रश्नांश (क) के तहत प्रश्न दिनांक तक कितने प्रकरणों को विवेचना पूर्ण हो चुकी है और कितने मुल्जिम गिरफ्तार हुए हैं? कितने मामले न्यायालय में प्रस्तुत हुए हैं, कितने मामलों की विवेचना जारी है? (ग) क्या प्रश्नांश (क) में वर्णित प्रकरणों में पीड़ितों की एफ.आई.आर. दर्ज करने में संबंधित थानों में देरी की जाती है? यदि हाँ, तो क्या इस प्रकार की शिकायतें पुलिस अधीक्षक सिंगरौली को प्राप्त हुई हैं? यदि हाँ, तो किस-किस थानें की?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) सिंगरौली जिले में घटित अपराधों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ‘ अनुसार। (ख) प्रकरणों की अद्यतन स्थिति की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब‘ अनुसार। (ग) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नवीन जेल भवन का निर्माण
[जेल]
70. ( क्र. 676 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या राजगढ़ जिले की विधानसभा क्षेत्र राजगढ़ के जिला मुख्यालय पर रियासत काल में निर्मित जेल भवन संचालित हैं? (ख) यदि हाँ, तो क्या उक्त जेल भवन जीर्णशीर्ण हो चुका है जिससे कभी भी जनहानि होने की संभावना है? (ग) क्या वर्तमान में जेल का भवन राजगढ़ नगर में नगर के मध्य संचालित होने से क्या उसमें बन्द कैदियों की सुरक्षा की पूर्ण व्यवस्था हैं? (घ) यदि नहीं, तो क्या राजगढ़ जिले की विधानसभा क्षेत्र राजगढ़ के जिला मुख्यालय पर रियासत काल से निर्मित जेल भवन के स्थान पर नवीन जेल भवन अन्यत्र सुरक्षित स्थान स्वीकृत किया जाकर निर्माण कार्य कराया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। (ग) जी हाँ, बंदियों की पूर्ण सुरक्षा व्यवस्था है। (घ) राजगढ़ में नवीन जेल भवन निर्मित किये जाने हेतु पर्सपेक्टिव प्लान के द्वितीय चरण की योजनांतर्गत भारत सरकार को वर्ष, 2013 में प्रस्ताव प्रेषित किया गया था, जो मान्य नहीं किया गया।
राजगढ़ विधानसभा के पुलिस थानों व चौकी का उन्नयन
[गृह]
71. ( क्र. 677 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले की विधानसभा क्षेत्र राजगढ़ अन्तर्गत किन-किन स्थानों पर कब से पुलिस थाना एवं पुलिस चौकी संचालित है? (ख) उक्त पुलिस थानों एवं पुलिस चौकी में कुल कितने पद स्वीकृत है। कितने पद रिक्त हैं। पदस्थ स्टॉफ की जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) राजगढ़ जिले की विधानसभा क्षेत्र राजगढ़ में किला अमरगढ़ एवं पिपलोदी चौकी में उनके स्वयं के शासकीय भवन है? यदि हाँ, तो क्या पुलिस चौकी के उक्त भवन जीर्णशीर्ण स्थिति में है। (घ) राजगढ़ जिले की विधानसभा क्षेत्र राजगढ़ की तहसील खिलचीपुर के राजस्थान सीमा पर संचालित पपडेल पुलिस चौकी को पुलिस थाने में उन्नयन किया जावेगा यदि हाँ, तो कब तक?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ’अ’ अनुसार। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ’ब’ अनुसार। (ग) चौकी किला अमरगढ़ में स्वयं का शासकीय भवन नहीं है एवं पिपलोदी चौकी शासकीय भवन में संचालित हो रही है। भवन की स्थिति जीर्णशीर्ण स्थिति में होने के कारण नवीन भवन निर्माण हेतु स्वीकृत किया गया है। (घ) निर्धारित मापदण्ड में नहीं आने के कारण पुलिस चौकी को थाने में उन्नयन किये जाने का प्रस्ताव अमान्य किया गया है।
शहीद सैनिक के परिजन को सहायता
[गृह]
72. ( क्र. 747 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वित वर्ष 2016-17 में ग्राम खुडावल विकासखण्ड मझौली जिला जबलपुर का एक वीर सैनिक शरहद में देश की रक्षा करते हुये शहीद हुआ था? (ख) यदि हाँ, तो शहीद के परिजन को राज्य सरकार द्वारा किस प्रकार की कितनी सहायता प्रदान की गई यदि नहीं, की गई तो कब तक किस प्रकार की सहायता के परिजन को करने की शासन की मंशा है? (ग) वित्त वर्ष 2016-17 में जबलपुर जिले के कितने सैनिक देश की रक्षा करते हुये शहीद हुये तथा उन्हें शासन द्वारा किस प्रकार की सहायता प्रदान की गई? सूची देवें। (घ) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित शहीद के परिवार को क्या शासन द्वारा कृषि हेतु शासकीय जमीन तथा अन्य शासकीय सुविधाएं प्रदान की जावेगी? यदि हाँ, तो किस प्रकार से कब तक यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) ग्राम खुडावल विकासखण्ड मंझौली जिला जबलपुर का निवासी सैनिक रामेश्वर पटेल की मृत्यु हुयी है। सैनिक की मृत्यु के संबंध में जानकारी सेना मुख्यालय से प्राप्त की जा रही है। (ख) प्रश्नांश 'क' के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश 'क' के अनुसार। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। समय-सीमा बताना संभव नहीं।
हैण्ड पंप उखाड़ने के संबंध में
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
73. ( क्र. 791 ) श्री महेन्द्र सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या गुनौर विधानसभा क्षेत्रांतर्गत वर्ष 2016 माह अप्रैल-मई में जल स्तर नीचे जाने के कारण कुछ हैण्ड पंप बंद हो गये थे? क्या ऐसे हैण्ड पंप जो बंद हो गये थे, उन्हें उखाड़ने के आदेश शासन द्वारा दिए गए थे? यदि हाँ, तो आदेश की प्रति उपलब्ध करावें? यदि शासन द्वारा हैण्ड पंप उखाड़ने के आदेश नहीं दिये गये तो क्या हैण्ड पंप उखाड़ने के लिये दोषी अधिकारियों व ठेकेदारों की समिति बनाकर जाँच कर उनके खिलाफ कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में जनपद पंचायत गुनौर में 98 हैण्ड पंप उखाड़े गये हैं? यदि हाँ, तो क्या ग्रामवासियों की पेय जल व्यवस्था हेतु उस स्थान पर वैकल्पिक व्यवस्था एवं पेय जल हेतु अन्य हैण्ड पंप लगाये गये हैं? यदि हाँ, तो प्रत्येक ग्रामवार बतावें? (ग) क्या पन्ना जिले की अन्य जनपद पंचायतों में भी हैण्ड पंप सुधार कार्य में हैण्ड पंप उखाड़े गये हैं? यदि हाँ, तो किस-किस जनपद पंचायतों के कितने हैण्ड पंप उखाड़े गये जनपदवार, ग्रामवार बतावें? (घ) क्या पन्ना जिले की विभिन्न जनपद पंचायतों में जो हैण्डपंप उखाड़े गये वह पुन: उसी स्थान पर लगाये जायेंगे? यदि हाँ, तो अभी तक क्यों नहीं लगाये गये हैं? उखाड़े गये हैण्ड पंप कब तक लगाये जावेंगे? क्या इस कार्य में शासन की राशि का दुरूपयोग नहीं हुआ है?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार। शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ख) 95 हैण्डपंप उखाड़े गए हैं, उसी स्थान पर हैण्डपंप लगाने का प्रावधान नहीं है निर्धारित मापदण्ड अनुसार पेयजल की पूर्ति हेतु आवश्यक हैण्डपंप लगाये गये हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (घ) जी नहीं। उत्तरांश-‘ख‘ परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। जी नहीं।
मजरो टोलों के आवागमन हेतु शासकीय रास्तों का निर्माण
[राजस्व]
74. ( क्र. 792 ) श्री महेन्द्र सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र गुनौर अंतर्गत तहसील देवेन्द्रनगर, गुनौर, अमानगंज के ऐसे राजस्व ग्राम व पुराने मजरा-टोला है जो विगत सैकड़ों वर्षों से अस्तित्व में होने के बाद भी आज दिनांक तक इन ग्रामों में शासकीय आम रास्ता आम जनता के लिये नहीं है? (ख) क्या कई गांवों के लिये शासकीय रिकार्ड में रास्ता है लेकिन बीच में निजी भूमि होने के कारण उन ग्रामों में कच्ची रोड भी शासकीय राशि से नहीं बन सकती है? (ग) क्या प्रश्नांश (क) से संबंधित ग्रामों व मजरा टोलों की नामवार जानकारी दें, जिसमें निवासरत जनता रास्ते के अभाव में बुनियादी सुविधाओं जैसे शिक्षा, स्वास्थ्य से आज भी वंचित है? (घ) क्या प्रश्नांश (क) से संबंधित ग्रामों व मजरा टोलों के लिये रास्ता निजी भूमि से होने के कारण रास्ता निर्माण शासकीय राशि से संभव नहीं है? क्या शासन के पास ऐसी कोई योजना है, जिससे जनता के हित को ध्यान में रखकर शासकीय रास्तों के बीच की निजी भूमि जो शासकीय रास्तों को जोड़ने में अवरोध है, को अधिग्रहित की जाकर रास्ता निर्माण किया जा सकता है? यदि हाँ, तो क्या भूमि का अधिग्रहण कर रास्तों का निर्माण कराया जाएगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
सेवारत/भूतपूर्व सैनिकों को शासन द्वारा भूमि आवंटन एवं बेदखल
[राजस्व]
75. ( क्र. 806 ) श्री तरूण भनोत : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर शहर में कितने सेवारत/भूतपूर्व सैनिक कल्याणार्थ भूमिहीन सैनिकों को वर्ष 01 जनवरी, 2016 से 01 अक्टूबर, 2016 तक भूमि आवंटित की गई है? (ख) क्या राजस्व पुस्तक खण्ड चार क्रमांक 1 के तहत भूतपूर्व सैनिकों को भूमि का आवंटन केवल ग्रामीण क्षेत्र की कृषि भूमियों को किया जाता है? (ग) यदि वर्णित (ख) हाँ तो क्या मीठा सिद्ध नगर महारानी लक्ष्मीबाई केन्ट जबलपुर के निवासी कितने सैनिकों को भूमि प्रदान की गई? (घ) क्या वर्णित (क) के सैनिकों को भूमि से बेदखल किया जा रहा है?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
फ्री सेल करोसिन वितरण व्यवस्था
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
76. ( क्र. 807 ) श्री तरूण भनोत : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. में विगत 50 वर्षों से फ्री सैल करोसिन का वितरण किया जाता रहा है? यदि हाँ, तो क्या दिनांक 10.11.2014 से म.प्र. सुरक्षा द्वारा राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के अतंर्गत कैरोसिन का फ्री सेल वितरण समाप्त कर दिया है? (ख) यदि वर्णित (क) सत्य है तो क्या जो लोग गांव से मजदूरी करने रिक्शा चलाने या अन्य व्यवसाय करने हेतु शहर आते है व जिन गरीबो के पास राशन कार्ड उपलब्ध नहीं है उन्हें किस प्रकार कैरोसिन हाकरों से मिट्टी तेल आवश्कतानुसार उपलब्ध हो जाता रहा था? (ग) यदि वर्णित (क) (ख) हाँ तो कब तक पूर्व की भांति कैरोसिन व्यवस्था हॉकरों के माध्यम से करवाई जावेगी?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जी हाँ, 09 अक्टूबर, 2014 के पूर्व हॉकरों के माध्यम से फ्री-सेल केरोसीन वितरण की व्यवस्था प्रचलित थी। जी नहीं, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अंतर्गत नहीं अपितु मध्यप्रदेश केरोसीन व्यापारी अनुज्ञापन आदेश, 1979 में संशोधन उपरांत फ्री-सेल केरोसीन वितरण व्यवस्था को समाप्त किया गया है। (ख) जी हाँ, परन्तु प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित श्रमिकों अथवा रिक्शा चालकों एवं निर्धन वर्ग के व्यक्तियों द्वारा यदि प्राथमिकता श्रेणी में चिन्हांकन कराया जाता है, तो उनके द्वारा भी सत्यापन उपरांत सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत केरोसीन का लाभ प्राप्त किया जा सकता है। उल्लेखनीय है कि भारत सरकार से प्राप्त होने वाला केरोसीन केवल सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत चिन्हांकित परिवारों के लिए ही है, अन्य व्यक्तियों के लिए नहीं। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर अनुसार।
अविवादित दाखिला नामांतरण
[राजस्व]
77. ( क्र. 821 ) श्रीमती रेखा यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. शासन के नियम व निर्देशों के अनुसार रजिस्टर्ड विक्रय पत्र के पश्चात् क्रेता को अविवादित दाखिला नामांतरण पंजी में दर्ज कराने के लिये किन-किन दस्तावेजों की सत्यप्रति लगाकर कहाँ-कहाँ आवेदन लगाने का प्रावधान रखा गया है? (ख) क्या प्रश्नांश (क) के अनुसार 1000 वर्गमीटर अविवादित दाखिला नामांतरण के पूर्व डायवर्सन होना अनिवार्य है या नहीं? यदि हाँ, तो उक्त नियम व निर्देशों की प्रमाणित प्रति प्रस्तुत की जावे? (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुसार यदि नहीं, तो क्यों? जिला छतरपुर तहसील छतरपुर में डायवर्सन होने के उपरांत ही दाखिला नामांतरण पंजी में दर्ज किया जाता है? कारण सहित बतायें? (घ) क्या शासन विधि सम्मत कार्यवाही न करने वाले अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही करने के आदेश जारी करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
आपराधिक प्रकरण की जाँच
[गृह]
78. ( क्र. 822 ) श्रीमती रेखा यादव : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला छतरपुर थाना सिविल लाईन अपराध क्र. 344/13, दिनांक 06.10.2013 के संबंध में किसी सर्जिकल विशेषज्ञ डॉ. द्वारा ईलाज एवं आंतरिक रोगी टिकिट के पृष्ठ भाग पर गनशॉट इन्ज्यूरी लेख किया गया था? उक्त डॉक्टर का नाम व किसके विशेषज्ञ हैं, बतायें? (ख) क्या प्रश्नांश (क) के संबंध में थाना सिविल लाईन द्वारा पत्र क्रमांक 2117, दिनांक 08.10.2013 को जिला मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को पत्र लिखा गया था? यदि हाँ, तो उक्त पत्र का जवाब आंतरिक रोगी टिकिट के पृष्ठ भाग पर गनशॉट इन्ज्यूरी लेख करने वाले डॉक्टर द्वारा दिया गया था या नहीं? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुसार यदि नहीं, तो उक्त पत्र का जवाब किस विशेषज्ञ डॉक्टर द्वारा किस नियम व निर्देशों के तहत दिया गया था? कारण सहित बतायें। उक्त डॉक्टर का नाम व किसके विशेषज्ञ है? बतायें। (घ) प्रश्नांश (ग) के अनुसार उक्त डॉक्टर द्वारा शासन के नियम व निर्देशों के तहत ही उक्त पत्र का जवाब दिया गया था या नहीं? यदि नहीं, तो क्यों? क्या शासन विधि सम्मत कार्यवाही न करने वाले डॉक्टर के विरूद्ध कार्यवाही करने के आदेश जारी करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। डॉक्टर आर.के. चौरसिया, सर्जिकल विशेषज्ञ, जिला अस्पताल, छतरपुर। (ख) जी हाँ। जी नहीं। माननीय उच्च न्यायालय, जबलपुर की याचिका क्रमांक 2820/2015 का उल्लेख करते हुए डॉ. अभय कुमार सिंह, जिला चिकित्सा अधिकारी, छतरपुर जिन्होंने वर्णित पत्र का जवाब दिया है, ने लेख किया है कि विशेषज्ञ एम.एल.सी. संबंधित कार्य नहीं करते हैं। (ग) प्रश्नांश का उत्तर प्रश्नांश ’ख’ के उत्तर में समाहित है। (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
भूमि हस्तान्तरण
[राजस्व]
79. ( क्र. 830 ) श्री अनिल जैन : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र निवाड़ी अंतर्गत ओरछा तहसील के ग्राम ओरछा में स्थित शासकीय भूमि खसरा नं. 455/9 रकबा 2.023 हेक्टेयर जो कि 1972-73 में भगवान दास तनय हरपे निवासी ओरछा को पट्टे पर दी गई थी और जिसे वर्ष 1985-86 में पट्टा निरस्त होकर पुन: शासकीय अभिलेख में दर्ज हो गई थी, में से रकबा 1.966 हेक्टेयर भूमि आवासीय परिसर के लिये आवंटित हुई है? (ख) प्रश्नगत खसरा नंबर में से शेष 0.057 हेक्टेयर भूमि क्या राजस्व मण्डल ग्वालियर के द्वारा किन्हीं व्यक्तियों के नाम दर्ज कराने हेतु कोई आदेश पारित किया गया है? यदि हाँ, तो संदर्भ आदेश की छाया प्रति सहित उसका आधार एवं औचित्य बतायें?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ (ख) जी नहीं।
निवाड़ी में पोलीटेक्निक अथवा आई.टी.आई. की स्थापना
[तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास]
80. ( क्र. 837 ) श्री अनिल जैन : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र निवाड़ी में शासन द्वारा क्या कभी पोलीटेक्निक संस्था की स्वीकृति दी गई थी? यदि हाँ, तो उसे जिले की अन्य तहसीलों में कब और कैसे परिवर्तित किया गया? कारण सहित बताया जावें। (ख) वर्तमान में शासन द्वारा विधान सभा क्षेत्र निवाड़ी में क्या पोलीटेक्निक अथवा आई.टी.आई. विद्यालय खोले जाने हेतु विचार किया जा रहा है? यदि हाँ, तो कब तक यह संस्था खोल दी जावेगी?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक जोशी ) : (क) जी नहीं। शेष का प्रश्न नहीं। (ख) विधानसभा क्षेत्र निवाडी में पोलीटेकनिक महाविद्यालय खोले जाने की कोई योजना नहीं है। विभागीय नीति अनुसार प्रत्येक विकासखण्ड में 01 आई.टी.आई. खोलने की योजना है। संदर्भित विकासखण्ड में एक शासकीय आई.टी.आई. ओरछा तथा 01 प्राइवेट आई.टी.आई., निवाडी में संचालित है। अतएव निवाडी एक सर्विस्ड विकासखण्ड है। अत: निवाडी में शासकीय आई.टी.आई. खोलने की कोई योजना नहीं है।
पेयजल सुविधा हेतु हैण्डपंप तथा ओवर हेड टैकों का निर्माण
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
81. ( क्र. 849 ) श्री रामपाल सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या शहडोल जिले के ब्यौहारी एवं जयसिंहनगर जनपद पंचायत अंतर्गत पेयजल सुविधा हेतु हैण्डपंप तथा ओवर हेड टैकों का निर्माण कराया गया है। (ख) यदि हाँ, तो उक्त जनपद पंचायतों में कितनें हैण्डपंप किन-किन ग्रामों में किस-किस जगह स्थापित हैं और उनकी वर्तमान स्थित क्या है तथा किस मद से स्थापित कराये गये हैं। (ग) इसी तरह किन ग्रामों में ओवर हैड टैंक स्थापित हैं और उनकी वर्तमान स्थिति क्या है। चालू या बंद की जानकारी उपलब्ध करायी जावे।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 (क) एवं 1 (ख) के अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 के अनुसार है।
ग्रामीण क्षेत्रों में बने आवासों का स्वामित्व
[राजस्व]
82. ( क्र. 850 ) श्री रामपाल सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शहडोल जिले में म.प्र. शासन के नीति अनुसार ग्रामीण क्षेत्रों में बने आवासों के स्वामित्व देनें की कार्यवाही की गई है। (ख) यदि प्रश्नांश (क) हाँ तो उक्त जिले के विभिन्न तहसीलों के प्रत्येक ग्राम में कितने मकान मालिकों को स्वामित्व के अधिकार प्रदान किये गये हैं। स्वामित्व प्राप्त व्यक्तियों की ग्रामवार जानकारी उपलब्ध करायी जावे।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
सहायक आपूर्ति अधिकारी को प्रभारी जिला आपूर्ति अधिकारी छतरपुर बनाया जाना
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
83. ( क्र. 869 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कार्यालय कलेक्ट्रेट/खाद्य जिला छतरपुर के पृ. क्रमांक १४६५ दिनांक २०/९/१२ को कलेक्टर द्वारा सहायक आपूर्ति अधिकारी को प्रभारी जिला आपूर्ति अधिकारी बनाया गया था? यदि हाँ, तो क्या प्रभारी जिला अधिकारी को जिला आपूर्ति अधिकारी की शक्तियाँ स्वत: प्राप्त हो जाती है? प्रश्नांश से संबंधित उक्त निर्देशों की प्रतियाँ पटल पर उपलब्ध करावें? (ख) यदि नहीं, तो प्रभारी जिला आपूर्ति अधिकारी द्वारा ७/९/१२ से ११/८/१३ तक कितने प्रकरणों के निराकरण कर आदेश जारी किये गये थे उक्त आदेश की प्रति उपलब्ध करावें? (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुसार उक्त अधिकारी द्वारा म.प्र. शासन के नियम व निर्देशों का उल्लंघन कर पद के दुरूपयोग की श्रेणी में आता है या नहीं यदि हाँ, तो उक्त अधिकारी के विरूद शासन क्या कार्यवाही करेगा?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जी हाँ। जिला आपूर्ति अधिकारी के कर्तव्यों का निर्वहन हेतु ही सहायक आपूर्ति अधिकारी को प्रभारी जिला आपूर्ति अधिकारी का प्रभार दिया गया था। कलेक्टर, छतरपुर द्वारा जारी आदेश की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) कलेक्टर, छतरपुर द्वारा जारी आदेशानुसार सहायक आपूर्ति अधिकारी को प्रभारी जिला आपूर्ति अधिकारी का प्रभार सौंपा गया था, इस कारण नियम व निर्देशों का उल्लंघन कर पद के दुरूपयोग का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी को वेतन भुगतान
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
84. ( क्र. 875 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश स्टेट वेयरहाउसिंग कार्पोरेट लिमिटड रीवा की शाखा मऊगंज में संचालित है? यदि हाँ, तो सन् 2010 से वेयर हाउसिंग कापोरेशन लिमिटेड की शाखा मऊगंज में दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी के रूप में क्या वंशमणि सिंह पिता श्री रघुवर सिंह ग्राम तेंदुआ सेंगरान तहसील हनुमना जिला रीवा पदस्थ हैं? (ख) यदि हाँ, तो क्या उक्त वेतनभोगी कर्मचारी को वेतन जुलाई 2012 तक कैश भुगतान के द्वारा एवं जुलाई 2012 से मध्यान्चल ग्रामीण बैंक शाखा घुरेहटा मऊगंज रीवा के खाता क्रमांक 8080031344 में सितम्बर 2016 तक भुगतान किया गया है? (ग) प्रश्नांश (क) (ख) के प्रकाश में यदि हाँ, तो उक्त दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी को माह अक्टूबर 2016 में अनुपस्थित बताकर भुगतान नहीं किया जा रहा है, जबकि उक्त कर्मचारी मसुरिहा टोल नाका पर पकड़े गये खाद्यान्न को गोदाम नं.-8 को मसुरिहा में स्थित है? जमा कराया गया जिस पर खाद्य निरीक्षक राजेश पटेल एवं शाखा प्रबंधक नागरिक आपूर्ति निगम शाखा मऊगंज के हस्ताक्षर मौजूद है? यदि हाँ, तो फिर उक्त कर्मचारी को अनुपस्थित क्यों बताया जा रहा है? (घ) नागरिक आपूर्ति निगम शाखा मऊगंज में कितने दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी कार्यरत है? नाम, कार्य पर रखने का दिनांक, योग्यता, पूर्ण पता सहित सूची उपलब्ध करावें? इनमें से कितने को अनुपस्थित दिखाकर कार्य से पृथक करने का षड्यन्त्र रचा जा रहा है? सूची उपलब्ध करावें?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जी हाँ। श्रमिक के रूप में कलेक्टर दर पर श्री वंशमणि सिंह से गोदाम की साफ-सफाई एवं सुरक्षा व्यवस्था का कार्य लिया गया है। (ख) जी हाँ। श्री वंशमणि सिंह को जुलाई, 2012 तक कलेक्टर दर पर राशि का भुगतान कैश द्वारा किया गया है एवं माह अगस्त, 2012 से श्रमिकों का भुगतान कार्यरत श्रमिक के बैंक खाते के माध्यम से किया गया है। (ग) अक्टूबर, 2016 में श्री वंशमणि सिंह द्वारा श्रमिक के रूप में कार्य किया गया है। उन्हें अक्टूबर, 2016 का भुगतान कलेक्टर दर पर खाता के माध्यम से किया गया है। किराये की गोदाम के रिक्त हो जाने के कारण एवं गोदाम में श्रमिकों की आवश्यकता कम होने के कारण श्री वंशमणि सिंह श्रमिक से माह नवम्बर, 2016 से कार्य नहीं लिया जा रहा है। शेष भाग का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) मध्यप्रदेश स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन की शाखा मउगंज में कोई भी दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी कार्यरत नहीं हैं। मध्यप्रदेश स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन के मुख्यालय द्वारा एम.पी. कॉन के माध्यम से आउटसोर्स कर श्री सचिन श्रीवास्तव ग्राम व पोस्ट बहुटी तहसील हनुमना जिला रीवा को डाटा ऑपरेटर के रूप में रखा गया है।
शहीद को आर्थिक सहायता स्वीकृत करने
[गृह]
85. ( क्र. 880 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल के सैनिक डी.आई.ओ.पी. डीपो-14 हीरौल मैग्जीन में सेवारत सैनिकों की दिनांक 09.02.2006 को पोस्टें किरन जिला दन्तेवाड़ा छत्तीसगढ़ में नक्सलियों से मुठभेड़ हुई थी? यदि हाँ, तो श्री उमेश प्रसाद शुक्ला पिता श्री उग्रसेन शुक्ला निवासी ग्राम पोस्ट केउंटी जिला रीवा सैनिक भी नक्सलियों के मुठभेड़ में शामिल होते हुये शहीद हो गया था? (ख) यदि हाँ, तो उनके आश्रित पत्नी एवं बच्चों को शासन के प्रावधान अनुसार वित्तीय सहायता स्वीकृत किये जाने हेतु कलेक्टर रीवा के कार्यालयीन पत्र क्र. 700/व.लि.-1/2014 रीवा दिनांक 28.08.2014 के द्वारा प्रमुख सचिव मध्यप्रदेश शासन गृह (सामान्य) विभाग मंत्रालय भोपाल भेजे गये प्रस्ताव में शासन के द्वारा पत्र क्र. 243/21501/2014/2ए/3 भोपाल दिनांक 21.10.2014 द्वारा अनुग्रह अनुदान की पात्रता न होने का उल्लेख कर आवेदन पत्र को अमान्य कर दिया गया था कि यह छत्तीसगढ़ से संबंधित है, इसलिये यहां पात्र नहीं है? (ग) क्या नायब सूबेदार श्री पुष्पराज सिंह ग्राम लभौली पोस्ट खैर तहसील सिरमौर जिला रीवा 39 राष्ट्रीय रायफल्स (ग्रेनेडियर) मार्फत 56 ए.पी.ओ. में घातक प्लाटून कमाण्डर के पद पर दिनांक 16 मार्च, 2003 से जिला पुंछ (जम्मू कश्मीर) में सेवारत रहते हुये 24 मार्च, 2003 को सेवा के दौरान हार्ट अटैक होने से उक्त जे.सी.ओ. की मृत्यु हो गई थी? (घ) प्रश्नांश (ख) एवं (ग) में यदि हाँ, तो प्रश्नांश (ख) के शहीद सैनिक को प्रश्नांश (ग) अनुसार मध्यप्रदेश शासन द्वारा अनुकम्पा नियुक्ति एवं आर्थिक सहायता क्यों नहीं दी गई? दी जायेगी तो कब तक, समय-सीमा बतावें? नहीं दी जायेगी तो क्यों? क्या कार्यालय कलेक्टर जिला रीवा के पत्र क्रमांक 387/व.लि.-1/2016 रीवा दिनांक 21.10.2016 को आर्थिक सहायता माननीय मुख्यमंत्री स्वेच्छा अनुदान मद से स्वीकृत करने हेतु अनुशंसा पत्र भेजा गया था? यदि हाँ, तो अब तक उन्हें स्वेच्छा अनुदान प्राप्त नहीं हुआ क्यों कारण स्पष्ट करें? दिया जावेगा तो कब तक समय-सीमा बतावें?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। (ख) गृह विभाग के परिपत्र क्रमांक 31-1/2013/दो-ए (3) , दिनांक 19/03/2013 द्वारा यु्द्ध अथवा सैनिक कार्यवाही के साथ-साथ आतंकवादी, नक्सलवादी तथा आंतरिक सुरक्षा कार्यवाही के दौरान शहीद अथवा विकलांग होने वाले सेना व केन्द्रीय अर्द्धसैनिक बलों के अधिकारियों तथा सैनिकों के लिए वित्तीय सहायता एवं अन्य सहायता के संबंध में परिपत्र जारी किया गया है। घटना दिनांक 09/02/2006 की होने के कारण नक्सली मुठभेड़ में मृत सैनिकों के आश्रितों को वित्तीय सहायता व अन्य सहायता दिए जाने का प्रकरण विचारोपरान्त अमान्य किया गया है। (ग) जी हाँ। (घ) प्रश्नांश 'ख' के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। प्रश्नांश 'ग' के संबंध में शहीद श्री पुष्पराज सिंह के पुत्र श्री अनिल कुमार सिंह को विशेष नियुक्ति दिए जाने का निर्णय लिया जाकर कलेक्टर, रीवा को निर्देश दिए गए हैं। कलेक्टर रीवा के पत्र दिनांक 21/10/2016 द्वारा मुख्यमंत्री स्वेच्छा अनुदान से आर्थिक सहायता दिए जाने का प्रकरण परीक्षणाधीन है।
जानकारी प्रदाय करने बाबत्
[मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास]
86. ( क्र. 882 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के अता. प्रश्न क्रमांक 1068 उत्तर दिनांक 20 जुलाई, 2016 को रीवा जिले के सहायक संचालक, मत्स्योद्योग को वर्ष 2010-11 से प्रश्न दिनांक तक समस्त योजनाओं में राज्य योजना मण्डल एवं अन्य विभिन्न मदों की राशि से स्वीकृत कार्यों के मूल्यांकन की प्रदाय सूची में मूल्यांकन बुक के मूल्यांकित कार्यों की विवरण उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में अप्रारंभ कार्यों, प्रजातिरत कार्यों, प्रक्रिया में कार्यों के लिए अब तक क्या पत्र व्यवहार किया गया? पत्र व्यवहार के पत्रों के प्रति देवें? (ग) प्रश्नांश (ख) के प्रकाश में कार्यों की प्रगति न होने के लिए कौन-कौन उत्तरदायी है? उत्तरदायी के खिलाफ क्या कार्यवाही की गई? कार्यवाही की प्रतियां उपलब्ध करावें? यदि कार्यवाही नहीं की गयी तो क्यों कारण स्पष्ट करें? (घ) प्रश्नांश में प्रकाश में निर्माण कार्यों की पूर्णता जारी करने वाले पूर्णता प्रमाण पत्र की प्रति उपलब्ध करावें?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतरसिंह आर्य ) : (क) प्रश्नाधीन राज्य योजना मण्डल एवं अन्य विभिन्न मदों की राशि से स्वीकृत कार्यों के मूल्याकंन का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) निर्माण कार्यों के संबंध में किये गये पत्राचार के पत्रों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) सहायक संचालक मत्स्योद्योग रीवा द्वारा आंशिक उपलब्ध राशि से जरमोरा तालाब के समीप पेरीफेरल पोण्ड बनाने के कार्य स्थल से संबंधित कृषकों द्वारा भूमि उपलब्ध कराये जाने में अवरोध उत्पन्न किए जाने के कारण कार्य प्रारम्भ नहीं हो सका। अत: इसके लिये कोई उत्तरदायी नहीं है। फलस्वरूप किसी के खिलाफ कार्यवाही का प्रश्न नहीं उठता। चूंकि निर्माण कार्य के संबंध में कोई कार्यवाही नहीं की गई, अत: कार्यवाही विवरण की प्रतियां दिये जाने का प्रश्न ही नहीं उठता, कृषकों के द्वारा भूमि उपलब्ध कराये जाने में अवरोध उत्पन्न किए जाने के कारण तथा मत्स्योद्योग विभाग द्वारा आंशिक राशि प्रदाय करने के कारण कार्य प्रारम्भ नहीं किया जा सका। (घ) निर्माण कार्यों की पूर्णता के प्रमाण पत्र पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है।
गेहूँ खरीदी व भण्डारण
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
87. ( क्र. 903 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वित्तीय वर्ष 2011-12, 2012-13, 2013-14 एवं 2015-16 में सहकारी समितियों के माध्यम से कितनी मात्रा में गेहूँ खरीदी की गई जिलावार ब्यौरा दें? (ख) वित्तीय वर्ष 2011-12, 2012-13, 2013-14 एवं 2015-16 में सहकारी समितियों के माध्यम से कितनी मात्रा में धान खरीदी की गई जिलावार, ब्यौरा दें? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार वेयर हाउसों में जमा कराए गए गेहूँ की मात्रा का ब्यौरा जिलावार, दें? (1) प्रश्नांश (ख) अनुसार वेयर हाउसों जमा कराए गए धान की मात्रा का जिलावार ब्यौरा दें? (घ) क्या सहकारी समिति के खरीदी केन्द्र और वेयर हाउस में जमा कराए गए गेहूँ व धान की मात्रा में अंतर सामने आया है? यदि हाँ, तो प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार वर्षवार ब्यौरा दें?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) प्रश्नांकित अवधि में समर्थन मूल्य पर उपार्जित गेहूँ की वेयर हाउस में जिलेवार जमा मात्रा की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स में एवं धान की भण्डारित मात्रा की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार है। (घ) जी हाँ। वर्षवार गेहूँ की उपार्जित मात्रा एवं भण्डारित मात्रा में अंतर की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ई एवं धान की उपार्जित मात्रा एवं भण्डारित मात्रा की अंतर की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-फ अनुसार है।
मजदूरों का पंजीयन
[श्रम]
88. ( क्र. 904 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा नगरीय क्षेत्रों में मजदूरों का पंजीयन कराया जा रहा है? यदि हाँ, तो योजना का पूर्ण विवरण दें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार भोपाल संभाग में कितने मजदूरों का पंजीयन किया गया है? नगरीय निकायवार ब्यौरा दें? (ग) क्या मजदूरों के पंजीयन के लिए ठेकेदारों की अनुशंसा भी ली गई है? यदि हाँ, तो सीहोर जिले में अनुशंसा करने वाले ठेकेदार व मजदूरों की संख्या प्रदान करें (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार सीहोर नगरपालिका में मजदूर पंजीयन के लिए अनुशंसा करने वाले ठेकेदारों की सूची व श्रेणी का ब्यौरा दें?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जी हाँ। म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल द्वारा पंजीकृत निर्माण श्रमिकों के लिए वर्तमान में संचालित योजनाओं का विस्तृत विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार भोपाल संभाग में कुल 108151 निर्माण श्रमिकों का पंजीयन किया गया है। नगरीय निकायवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) निर्माण श्रमिकों के पंजीयन हेतु ठेकेदारों की अनुशंसा आवश्यक नहीं है। निर्माण श्रमिक द्वारा स्वप्रमाणित शपथ-पत्र के आधार पर पंजीयन अधिकारी द्वारा पंजीयन जारी किया जाता है। (घ) प्रश्नांश (ग) परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मिनौरा फार्म में पशुचिकित्सा महाविद्यालय खोले जाना
[पशुपालन]
89. ( क्र. 919 ) श्री के. के. श्रीवास्तव : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टीकमगढ़ में पशुपालन एवं भेड़ प्रजनन प्रक्षेत्र मिनौरा में वर्तमान में कौन-कौन से पशु किस-किस नस्ल के कितनी संख्या में हैं? (ख) मिनौरा स्थित फार्म को शासन द्वारा कितनी भूमि का आवंटन किया गया है तथा इसका उपयोग किस प्रयोजन हेतु किया जा रहा है? (ग) उक्त फार्म में दुग्ध का कितना उत्पादन प्रतिवर्ष किया जा रहा है तथा विभाग को कितनी आय प्रतिवर्ष हुई? विगत 3 वर्षों की जानकारी दें? (घ) विगत 3 वर्षों में कितना बजट किस-किस प्रयोजन हेतु दिया गया तथा कितना किस मद में व्यय किया? अलग-अलग जानकारी देते हुये बतायें कि क्या इतने विशाल फार्म पर पशु चिकित्सा महाविद्यालय खोले जाने की कोई योजना शासन स्तर पर विचाराधीन है? अथवा खोला जा सकता है?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतरसिंह आर्य ) : (क) हरियाणा पशुधन गौवंश-248, भेड़ में संकर कारीडेल-278, बकरी जमुनापारी-900 पशु है। (ख) मिनौरा प्रक्षेत्र के पास 714.5 एकड़ भूमि है। इस भूमि का उपयोग प्रक्षेत्र के पशुओ के लिए चारा उत्पादन एवं चारागाह में किया जा रहा हैं। (ग) फार्म का दुग्ध उत्पादन वर्ष 2013-14 में 18250 लीटर वर्ष 2014-15 में 16386 लीटर वर्ष 2015-16 में 18443 लीटर रहा। फार्म की विगत तीन वर्षों में आय वर्ष 2013-14 में रूपये 627516/- वर्ष 2014-15 में रूपये 768523/- वर्ष 2015-16 में रूपये 1163589/- रही। (घ) संलग्न परिशिष्ट अनुसार। जी नहीं।
पुलिस चौकियों की स्थापना
[गृह]
90. ( क्र. 920 ) श्री के. के. श्रीवास्तव : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टीकमगढ़ में विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत कितनी पुलिस चौकी और पुलिस सहायता केन्द्र खोले जाने की योजना शासन के समक्ष विचाराधीन है? अलग-अलग नाम सहित अवगत करायें? (ख) क्या ग्राम ककरवाहा में पुलिस चौकी और समर्रा में पुलिस सहायता केन्द्र स्थापित किये जाने हेतु कोई प्रस्ताव विभाग के पास लंबित है? यदि हाँ, तो उस पर कब तक निर्णय लिया जायेगा? (ग) मवई में प्रस्तावित पुलिस चौकी कब तक प्रारंभ कर ली जायेगी?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) ग्राम ककरवाहा में नवीन पुलिस चौकी की स्थापना का प्रस्ताव शासन द्वारा निर्धारित मापदण्ड के अनुरूप नहीं पाये जाने से अमान्य किया गया है। पुलिस सहायता केन्द्र खोले जाने का अधिकार पुलिस अधीक्षक को दिया गया है। ग्राम समर्रा में पुलिस सहायता केन्द्र खोले जाने का कोई प्रस्ताव शासन स्तर पर लंबित नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) ग्राम मवई से ग्राम मंजना की दूरी मात्र 06 किलोमीटर है। ग्राम मंजना में पुलिस चौकी की अधिक उपयोगिता को देखते हुये पुलिस चौकी स्थापित किये जाने का आदेश दिनांक 23.11.2016 को जारी किए जा चुके है। अतः मवई पुलिस चौकी स्थापित किए जाने का कोई प्रस्ताव नहीं है।
उप तहसील बनाने का आधार
[राजस्व]
91. ( क्र. 932 ) श्री महेश राय : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उप तहसील बनाने हेतु जनसंख्या के आधार बनाने का क्या प्रावधान है? (ख) विधान सभा क्षेत्र बीना अन्तर्गत ग्राम-मंडीवामोरा जिनकी जनसंख्या लगभग 20,000 है वहां उप तहसील क्यों नहीं बनायी गयी कारण सहित अवगत करावें? (ग) क्या ग्राम भानगढ़ को उप तहसील का दर्जा प्राप्त है? यदि हाँ, तो संबंधित विभाग का कार्यालय एवं अधिकारी/स्टॉप उपलब्ध है? यदि हाँ, तो जानकारी देवें।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
नल-जल योजना की स्वीकृति
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
92. ( क्र. 933 ) श्री महेश राय : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सागर जिले में विगत 03 वर्षों में कितनी नलजल एवं नल उत्खनन (हैण्डपंप) योजनायें स्वीकृत की गयी हैं एवं विधानसभा क्षेत्र बीना के लिये कितनी आवंटित की गयी हैं विगत वर्षों से जर्जर हालत में संचालित नल-जल/हैण्डपंप योजनाओं के नवीनीकरण हेतु क्या प्रावधान है? कब तक नवीनीकरण कर दिया जाएगा। (ख) ग्राम खिमलासा एवं मंडीवामोर की जर्जर हालत में संचालित नलजल योजना के नवीनीकरण या नवीन नलजल योजना स्वीकृत करने हेतु विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गयी है? (ग) विधान सभा क्षेत्र बीना में बंद पड़ी नल-जल योजनाओं के प्रारंभ कराने हेतु विभाग द्वारा क्या कार्यवाही प्रस्तावित की है?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) प्रश्नांकित अवधि में 3 नलजल एवं 906 हैण्डपंप योजनाएं। 105 हैण्डपंप योजनाएं। “नल से जल आज और कल” कार्यक्रम के अंतर्गत सर्वेक्षण में पाइप लाइन टूटी-फूटी योजनाओं को सुधार कार्य प्रस्तावित किया है। पंप में हेड, पेडेस्टेल, राइजर पाइप इत्यादि खराब होने पर बदलने का प्रावधान है। निश्चित अवधि बताना सम्भव नहीं है। (ख) ग्राम खिमलासा एवं मंडीवामोरा की नलजल योजनाएं वर्तमान में चालू होने से विभाग द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई है। (ग) ”नल से जल-आज और कल“ कार्यक्रम के अंतर्गत बंद पड़ी योजनाओं को चालू करने हेतु प्राक्कलन बनाये जाकर लघु सुधार हेतु ग्राम पंचायतों को राशि दी गई है।
गंधवानी तहसील कार्यालय का अनुविभाग (राजस्व) कार्यालय में उन्नयन
[राजस्व]
93. ( क्र. 958 ) श्री उमंग सिंघार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार जिले का गंधवानी तहसील को तहसील कार्यालय से अनुविभाग (राजस्व) कार्यालय में उन्नयन करने हेतु क्या कार्यवाही की गई? (ख) प्रश्नांकित (क) अनुसार गंधवानी तहसील को तहसील से अनुविभाग (राजस्व) में उन्नयन करने की स्वीकृति कब तक दी जायेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
भवन निर्माण संकर्म
[श्रम]
94. ( क्र. 971 ) श्री मधु भगत : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परसवाड़ा विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत भवन निर्माण संकर्म श्रमिक कार्ड से कितने मजदूर किस-किस ग्राम में लाभान्वित हुये तथा पंचायत स्तर पर कितने श्रमिकों के पंजीयन लंबित है? (ख) बालाघाट जिला श्रम विभाग द्वारा पदस्थ मजदूरों को उपचार हेतु दी गई एम्बुलेंस से वर्ष 2014 से अब तक कितने मजदूर लाभान्वित होकर उपचार हेतु नागपुर या अन्य शहरों में भिजवा कर लाभान्वित हुये? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) समस्त संबंधित एजेंसी से श्रमिक हित में ली जा रही एक प्रतिशत उपकर राशि का वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक तक लाभान्वित हितग्राहियों का संख्यात्मक ब्यौरा प्रस्तुत करें?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल के अंतर्गत परसवाड़ा विधानसभा क्षेत्र में 57 ग्राम पंचायतों के 579 पंजीकृत निर्माण श्रमिक लाभांवित हुए है ग्रामवार लाभांवित निर्माण श्रमिकों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है तथा जनपद पंचायत स्तर पर वर्तमान तक किसी भी पात्र निर्माण श्रमिक का पंजीयन हेतु प्रकरण लंबित नहीं है। (ख) प्रश्नांकित अवधि में बालाघाट जिले में मध्यप्रदेश भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल के अंतर्गत किसी भी पंजीबद्ध निर्माण श्रमिक द्वारा नागपुर या अन्य शहरों में उपचार हेतु एम्बुलेंस ले जाने के लिये न ही मांग की गई एवं न ही किसी प्रकार का आवेदन पत्र प्रस्तुत किया गया है। अतः जानकारी निरंक है। (ग) प्रश्नांकित अवधि में बालाघाट जिले को विभिन्न निर्माण संस्थाओं के माध्यम से उपकर राशि रू. 05,97,39,450/- (पाँच करोड़ सन्तानवे लाख उन्चालिस हजार चार सौ पचास रू. मात्र) प्राप्त हुई तथा 52,212 पंजीकृत निर्माण श्रमिकों को मण्डल की विभिन्न योजनांतर्गत लाभान्वित किया गया है।
शिकायतों पर कार्यवाही
[परिवहन]
95. ( क्र. 974 ) श्री मधु भगत : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला परिवहन कार्यालय बालाघाट में विगत 05 वर्षों में कार्यालय प्रमुख के पद पर कौन, कब से पदस्थ है उन्होंने पदस्थापना अवधि में कहाँ-कहाँ दौरा किये और क्या-क्या कार्यवाही किस-किस के विरूद्ध की? तिथिवार ब्यौरा देवें? (ख) प्रश्नांश (क) अवधि में कौन-कौन से विषय से संबंधित आवेदन प्रकरण शिकायतें क्लेम्स लंबित थे तथा उपरोक्त अनुसार कौन-कौन से प्रश्न दिनांक तक प्राप्त हुये? क्या इनका निराकरण नियमानुसार निश्चित समयावधि के अंदर और विधि अनुसार कार्यालयन प्रक्रिया को अपनाते हुये किया गया? (ग) लायसेंस प्रक्रिया के दौरान दलालों की भूमिका को समाप्त करने एवं रोकथाम करने के लिये विभागीय अधिकारी ने कौन से उपाय किये है?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) श्री जी.डब्ल्यू तिग्गा-25.05.10 से 31.05.12, श्री पी.के. हरदेनिया-05.06.12 से 30.08.14, श्री सुभाष सोना-01.09.14 से 30.09.14, श्री एम.डी.मिश्रा-01.10.14 से 08.12.14, श्री आर.डी. दक्ष (प्रभारी)-08.12.14 से 17.04.14, श्री संतोष पाल-20.04.15 से 01.06.15, श्री अजय मार्को (प्रभारी)-02.06.15 से 06.04.16, श्री आर.एस.चिकवा (प्रभारी)-06.04.16 से 30.09.16, श्री पी.एस. भिलाला (प्रभारी)-30.09.16 से वर्तमान, शेषांश की जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ख) प्रश्नाधीन अवधि में, पूर्व में पदस्थ जिला परिवहन अधिकारियों द्वारा प्राप्त शिकायतों का समय समय पर निराकरण किया गया है, पुरानी कोई शिकायत लंबित नहीं है। वर्तमान में पदस्थ जिला परिवहन अधिकारी द्वारा भी प्राप्त शिकायतों का समयावधि में निराकरण नियमानुसार किया जा रहा है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) म.प्र. शासन द्वारा परिवहन कार्यालय के समस्त कार्य से संबंधित आवेदन ऑनलाइन ही किया जाना अनिवार्य किया जा चुका है जिससे आवेदक ऑनलाइन शासन की वेबसाइट http://www.mptransport.org से स्वयं आवेदन कर निश्चित दिनाँक एवं समय में स्वयं उपस्थित होने पर लायसेंस बनाए जाने की प्रक्रिया पूर्ण की जाती है।
यात्री बसों के समय चक्र में अंतराल
[परिवहन]
96. ( क्र. 977 ) श्रीमती नीना विक्रम वर्मा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सितम्बर 2016 में म.प्र. बस आनर्स ऐसोसिएशन द्वारा विभिन्न मांगों को लेकर हड़ताल का आव्हान किया था? (ख) यदि हाँ, तो इस हड़ताल के संबंध में म.प्र. बस आनर्स ऐसोसिएशन तथा परिवहन मंत्री महोदय के मध्य 6 सितम्बर को बैठक उपरांत इस प्रायोजित हड़ताल को ऐसोसिएशन स्थगित किया गया था? (ग) यदि हाँ, तो प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में क्या आयोजित बैठक में परिवहन मंत्री महोदय द्वारा म.प्र. बस आनर्स ऐसोसिएशन को आश्वासन दिया गया था कि एक मार्ग (रूट) पर एक ही समय में एक से अधिक बस (यात्री वाहनों) को परमीट नहीं दिया जावेगा व उनके मध्य अंतराल रखा जावेगा? (घ) क्या प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में परिवहन विभाग द्वारा प्रदेश के समस्त आर.टी.ओ. को इस संदर्भ में आदेशित/निर्देशित किया गया है तथा समय चक्र में न्यूनतम कितने समय का अंतराल निर्धारित किया गया है?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी परिपत्र
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
97. ( क्र. 988 ) डॉ. मोहन यादव : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) म.प्र. शासन सामान्य प्रशासन विभाग के पत्र क्रमांक एफ-5-1/2013/1/3 दिनांक 7 अक्टूबर, 2016 के पालन में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग उज्जैन द्वारा क्या कार्यवाही की गई? की गई कार्यवाही की प्रति उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) की जानकारी अनुसार संबंधित कार्यालय द्वारा शासन के महत्वपूर्ण परिपत्र एवं आदेश का पालन नहीं करने के लिए कौन-कौन अधिकारी दोषी है? जिन अधिकारियों द्वारा उक्त आदेश का पालन नहीं किया है? उनके विरूद्ध विभाग द्वारा कब तक कार्यवाही की जावेगी?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) उत्तरांश "क" के परिप्रेक्ष्य में कोई अधिकारी दोषी नहीं है, अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पुलिस लाईन में खेल सुविधाएं
[गृह]
98. ( क्र. 989 ) डॉ. मोहन यादव : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन पुलिस लाईन में खेल मैदान एवं पर्याप्त मूलभूत सुविधाओं को उपलब्ध कराने के लिये विभाग ने क्या कार्य योजना बनाई है? (ख) यदि कोई योजना नहीं बनाई गई है तो कब तक योजना बना ली जावेगी?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) पुलिस लाईन उज्जैन में खेल मैदान एवं मूलभूत सुविधाओं हेतु क्रिकेट मैदान की दर्शक गैलरी ड्रेसिंग चैंबर के निर्माण की विभाग द्वारा कार्य योजना बनाई गई है। जिसके परिप्रेक्ष्य में 18.13 लाख रूपये संचालनालय खेल एवं युवा कल्याण विभाग द्वारा स्वीकृत किये गये है। (ख) उत्तरांश ’क’ के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
फोरेंसिक मोबाईल यूनिट में रिक्त पदों पर पदस्थापना
[गृह]
99. ( क्र. 1037 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में वर्ष 2011-12 से वर्तमान तक की अवधि में न्यायालयीन प्रयोगशाला सागर, क्षेत्रीय प्रयोगशाला भोपाल, इंदौर व ग्वालियर तथा श्योपुर सहित 13 किन 2 जिलों में फोरेन्सिक मोबाईल यूनिट की स्थापना हेतु 184 पद स्वीकृत किये गये है इन्हें अब तक न भरे जाने का कारण क्या है व कब तक भरा जावेगा? (ख) क्या उक्त चारों प्रयोगशाला में स्टॉफ के अभाव में वर्तमान की स्थिति में हत्या, बलात्कार व अन्य जघन्य अपराधों के लगभग 15 हजार सैम्पल जाँच हेतु लंबित पड़े हैं श्योपुर सहित कई जिलों में फोरेन्सिक जाँच हेतु सैम्पल लेने व उक्त प्रयोगशालाओं में भिजवाने हेतु एफ.एस.एल. की टीम अन्य जिलों से बुलवाकर सैम्पल एकत्र कर उक्त लेबों में भिजवाने में काफी समय बर्वाद होता है? (ग) क्या श्योपुर सहित अन्य 13 जिलों में फोरेन्सिक मोबाईल यूनिट स्थापित कर दिये जाने की स्थिति में उक्त गंभीर अपराधों के सैम्पल एकत्र कर भिजवाने में विलंब नहीं होगा एवं जाँच परिणाम भी शीघ्र मिलने लगेगें? (घ) यदि हाँ, तो क्या शासन प्रश्नांश (क) में वर्णित स्वीकृत पदों पर नवीन पदस्थापना करके श्योपुर सहित अन्य 13 जिलों में फोरेन्सिक मोबाईल यूनिट की पदस्थापना शीघ्र करवाएगा? यदि नहीं, तो क्यों?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) आदेश दिनांक 27 अक्टूबर, 2010 से संयुक्त निदेशक से लेकर आरक्षक (एम) तक के 184 पद राज्य न्यायालयिक विज्ञान प्रयोगशाला, सागर, क्षेत्रिय न्यायालयिक विज्ञान प्रयोगशाला, भोपाल, ग्वालियर, इन्दौर तथा नवगठित 12 जिलों के साथ जिला सागर के लिये स्वीकृत किये गये हैं। संयुक्त निदेशक का 01 पद, वैज्ञानिक अधिकारी के 49 पद, सहायक उप निरीक्षक (अ) के 03 पद, आरक्षक (चालक) के 16 पद एवं आरक्षक (एम) के 16 पद की पूर्ति की जा चुकी है। शेष रिक्त पदों की पूर्ति की कार्यवाही प्रचलित हैं। समयावधि बताया जाना संभव नहीं हैं। (ख) जी नहीं। लंबित प्रकरणों की संख्या 3706 हैं। जी नहीं। (ग) जी हाँ। (घ) उपलब्धता के आधार पर कार्यवाही की जा सकेगी। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
ग्राम, मजरे-टोलों को राजस्व ग्राम बनाना
[राजस्व]
100. ( क्र. 1038 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्योपुर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत वर्तमान की स्थिति में ऐसे कौन-कौन से गांव मजरे टोले हैं जो राजस्व गांव मजरे टोलों की श्रेणी में नहीं हैं इनके नाम व जनसंख्या सहित सूची उपलब्ध करावें? इस संबंध में शासन के क्या निर्देश है? (ख) उक्त ग्रामों मजरों टोलो को वर्तमान तक राजस्व ग्राम घोषित न करने के क्या कारण हैं? कब तक घोषित किया जावेगा? इस हेतु वर्तमान तक क्या कार्यवाही की गई यदि नहीं, तो क्यों? (ग) वर्ष 2014-15 से वर्तमान तक प्रश्नकर्ता द्वारा किन-किन ग्रामों मजरों टोलों को राजस्व ग्राम घोषित करने हेतु विभाग को कब-कब पत्र लिखे? इन पर क्या कार्यवाही वर्तमान तक की गई यदि नहीं, तो क्यों? (घ) क्या उक्त क्षेत्रान्तर्गत वर्तमान में अघोषित ग्रामों मजरों टोलों को राजस्व ग्राम घोषित न करने के कारण इनमें निवासरत ग्रामीण शासन की समस्त कल्याणकारी योजनाओं व अन्य कई शासकीय सुविधाओं से वंचित बने हुए हैं नतीजन उन्हें कठिनाईयां आती है? (ड.) यदि हाँ, तो क्या शासन अघोषित ग्रामों मजरों टोलों को राजस्व ग्राम मजरे टोले घोषित करवाने हेतु अविलंब प्रस्ताव तैयार कराकर स्वीकृत कर कब तक इन्हें राजस्व ग्राम मजरे टोले घोषित करेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) श्योपुर विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत वर्तमान की स्थिति में ऐसे मजरे टोले जो राजस्व ग्राम की श्रेणी में नहीं आते हैं, जिनकी सूची नाम व जनसंख्या की जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। मजरे-टोलों को राजस्व ग्राम बनाये जाने के संबंध में निम्नानुसार निर्देश है-
1. मूल राजस्व ग्राम से मजरा टोले की दूरी 2 कि.मी. से कम न हो,
2 राजस्व ग्राम बनाने के लिये रकबा 200 एकड़ से कम न हो,
3 जनसंख्या 200 से कम न हो।
(ख) तहसील श्योपुर के पंजाबी टपरा को राजस्व ग्राम बनाने का प्रस्ताव प्रचलित है। शेष मजरे टोले राजस्व ग्राम बनाने की पात्रता में नहीं आते हैं। (ग) प्रश्नकर्ता द्वारा ग्राम चिमलका को राजस्व ग्राम घोषित करने बाबत दिनांक 30.10.2014 व आबादी पंजाबी को राजस्व ग्राम घोषित करने बाबत दिनांक 04.10.2016 को पत्र प्राप्त हुए है, चिमलका में कोई भी मजरा टोला राजस्व ग्राम की पात्रता में नहीं आता है। ग्राम वर्धाबुजुर्ग के मजरा पंजाबी को राजस्व ग्राम बनाये जाने हेतु कार्यवाही प्रचलित है। (घ) जी नहीं, ग्रामों के मजरों टोलों में निवासरत ग्रामीणों को शासन की सभी कल्याणकारी योजनाओं एवं शासन की अन्य सुविधाओं का लाभ मिल रहा है एवं उन्हें कोई कठिनाई नहीं आती है। (ड.) उत्तरांश ‘ख‘ के संदर्भ में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पुलिस चौकी रावनवाड़ा का उन्नयन
[गृह]
101. ( क्र. 1057 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परासिया विधानसभा क्षेत्रांतर्गत पुलिस चौकी रावनवाड़ा का थाना में उन्नयन किए जाने का प्रस्ताव विभाग (पुलिस महानिदेशक) द्वारा राज्य शासन को स्वीकृति हेतु भेजा जा चुका है? उपरोक्त स्वीकृति को प्रदान किए जाने हेतु शासन द्वारा अभी तक क्या कार्यवाही की गई है? (ख) पुलिस चौकी रावनवाड़ा का थाना में उन्नयन किए जाने में शासन द्वारा काफी विलम्ब किया जा रहा है, जिसका क्या कारण है? शासन द्वारा पुलिस चौकी रावनवाड़ा का थाना में उन्नयन कब तक कर दिया जायेगा? (ग) सम्पूर्ण छिंदवाड़ा जिले में ऐसी कौन-कौन सी पुलिस चौकी हैं, जिनका उन्नयन थाने में किया जा सकता है? प्रत्येक विधानसभावार जानकारी उपलब्ध करायें?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) पुलिस चौकी रावनवाड़ा का थाने में उन्नयन किये जाने संबंधी आदेश दिनांक 23.11.2016 को जारी किये जा चुके है। (ख) उत्तरांश ’क’ के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) केवल पुलिस चौकी रावनवाड़ा।
उपजेल प्रारंभ किये जाने
[जेल]
102. ( क्र. 1058 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) परासिया विधानसभा क्षेत्रांतर्गत उपजेल खोले जाने हेतु विभाग द्वारा अभी तक क्या कार्यवाही की गई है? (ख) क्या परासिया विधानसभा क्षेत्र में उपजेल खोले जाने में विभाग द्वारा काफी विलम्ब किया जा रहा है, जिसका क्या कारण है? विभाग द्वारा उपजेल खोले जाने की स्वीकृति कब तक प्रदान कर दी जायेगी? (ग) प्रश्नकर्ता द्वारा परासिया विधान सभा क्षेत्रांतर्गत उपजेल खोले जाने के संबंध में प्रेषित पत्रों पर विभाग द्वारा अभी तक क्या कार्यवाही की गई है?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) परासिया में उप जेल के निर्माण हेतु भूमि आरक्षित करने की कार्यवाही की गई है। (ख) वर्तमान में उक्त उप जेल का निर्माण विचाराधीन नहीं है। (ग) उत्तर ''ख'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नलजल योजना की स्वीकृति
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
103. ( क्र. 1070 ) श्रीमती नंदनी मरावी : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल निराकरण हेतु नलजल योजनायें स्वीकृत किये जाने के क्या मापदण्ड हैं? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार जिला जबलपुर के विकासखण्ड सिहोरा एवं कुण्डम में जनवरी 2014 से प्रश्न दिनांक तक किन-किन ग्रामों में नलजल योजना आरंभ किये जाने के प्रस्ताव प्राप्त हुये हैं? प्रश्नांश (क) अनुसार कहाँ-कहाँ योजनायें स्वीकृत की जा चुकी हैं? कहाँ-कहाँ स्वीकृत की जाना प्रस्तावित हैं, सूची उपलब्ध करावें?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) नलजल योजनाओं की स्वीकृति दिये जाने के संबंध में मापदण्ड संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
कटरा को राजस्व ग्राम घोषित करना
[राजस्व]
104. ( क्र. 1075 ) श्रीमती नंदनी मरावी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न संख्या 22 क्रमांक 423, दिनांक 22.07.16 में अवगत कराया गया था कि विकासखण्ड सिहोरा के ग्राम कटरा को राजस्व ग्राम घोषित किये जाने के संबंध में कलेक्टर से प्राप्त जानकारी अस्पष्ट है? (ख) क्या स्पष्ट जानकारी प्राप्त हो गई? हाँ तो जानकारी की प्रति उपलब्ध करायें और यह भी बतायें कि ग्राम कटरा को कब तक राजस्व ग्राम घोषित कर दिया जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी नहीं। (ख) कटरा को राजस्व ग्राम घोषित नहीं किया जाना है। क्योंकि ग्राम खमरिया (कटरा) पूर्व से ही राजस्व ग्राम घोषित है। ग्राम खमरिया (कटरा) का नाम परिवर्तन कर ग्राम खमरिया (कटरा) के स्थान पर कटरा (खमरिया) करने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
स्वास्थ्य विभाग के नाम पर राजस्व रिकार्ड में दर्ज भूमि
[राजस्व]
105. ( क्र. 1077 ) श्रीमती नंदनी मरावी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दिनांक 17.03.16 को प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 74 (क्र.4713) के जवाब में जानकारी एकत्रित की जा रही है बताया गया था? (ख) यदि जानकारी एकत्रित हो गई हो तो उपलब्ध करावें। (ग) विषयान्तर्गत कोई प्रगति हुई है एवं कोई कदम उठाये गये है तो वह क्या है?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
पशु चिकित्सकों की गोकुल महोत्सव शिविर में पदस्थी
[पशुपालन]
106. ( क्र. 1096 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर जिले के अंतर्गत पशु चिकित्सा संस्थाओं एवं कार्यालयों में कार्यरत किन-किन द्वितीय श्रेणी पशु चिकित्सकों एवं प्रथम श्रेणी अधिकारियों को गोकुल महोत्सव के शिविर में ड्यूटी से मुक्त रखा गया था? (ख) ग्वालियर जिले में पशु चिकित्सकों द्वारा गोकुल महोत्सव शिविर में सम्पादित किए गए कार्यों का प्रति चिकित्सक क्या औसत था? जिलेवार अलग-अलग विवरण दें? (ग) क्या ग्वालियर जिले में गोकुल महोत्सव आयोजन हेतु निर्धारित दिशा-निर्देशों के उल्लंघन की शिकायत विभाग को प्राप्त हुई? यदि हाँ, तो उन शिकायतों पर क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) क्या संयुक्त संचालक ग्वालियर द्वारा पशु चिकित्सकों को गोकुल महोत्सव शिविर में भेजने के नाम पर युक्तियुक्तकरण का प्रयास किया गया है?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतरसिंह आर्य ) : (क) ग्वालियर जिला अंतर्गत पशु चिकित्सा संस्थाओं एवं कार्यालय में निम्नानुसार द्वितीय श्रेणी पशु चिकित्सकों एवं प्रथम श्रेणी अधिकारियों को गोकुल महोत्सव के शिविर में ड्यूटी से मुक्त रखा गयाः-
द्वितीय श्रेणीः-
1. डॉ. बी. के. दुबे, पशु चिकित्सक, पशु चिकित्सालय हुजरात, ग्वालियर।
2. डॉ. सुमन शर्मा, पशु चिकित्सक कार्यालय उपसंचालक पशु चिकित्सा सेवाएँ, ग्वालियर।
प्रथम श्रेणीः-
1. डॉ. के.बी. शर्मा, पशु प्रजनन कार्यक्रम अधिकारी, कृत्रिम गर्भाधान केन्द्र, ग्वालियर।
2. डॉ. रश्मि शुक्ला, उपसंचालक,पशु चिकित्सा सेवाएँ, रोग अनुसंधान शाला, ग्वालियर।
3. डॉ. के. के. शर्मा, उपसंचालक,पशु चिकित्सा सेवाएँ, पशु रोग नियंत्रण, ग्वालियर।
4. डॉ. विजय दुबे, सिविल सर्जन, संभागीय पशु चिकित्सालय, ग्वालियर।
(ख) ग्वालियर जिले में पशु चिकित्सकों द्वारा गोकुल महोत्सव शिविर में दिनांक 19.11.2016 तक सम्पादित किए गए कार्यों का प्रति चिकित्सक औसत निम्नानुसार हैः-
1. पशु उपचार - 724
2. टीकाकरण - 2849
3. बधियाकरण - 42
4. बांझपन निवारण - 112
5. औषधि वितरण - 2679
6. कृत्रिम गर्भाधान - 17
(ग) जी हाँ। गोकुल महोत्सव के आयोजन के संबंध में पूर्व विधायक, माननीय श्री ब्रजेन्द्र तिवारी, पूर्व विधायक-गिर्द से प्राप्त शिकायत की जांच संयुक्त संचालक, पशु चिकित्सा सेवाएँ, संभाग ग्वालियर से कराई गई। जाँच में दिशा निर्देशों के उल्लंघन बाबत अनियमितता नहीं पाई गई। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी हाँ। सीमित अवधि के लिए लगाई गई है।
केन्द्रीय जेल भोपाल में कुप्रबंधन से उत्पन्न स्थिति
[जेल]
107. ( क्र. 1098 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या दिनांक 30 एवं 31 अक्टूबर, 2016 की दरमियानी रात्रि को केन्द्रीय जेल भोपाल से सिमी संगठन के विचाराधीन 08 कैदी फरार हो गए थे? यदि हाँ, तो उनका नाम, पिता का नाम एवं पते सहित विवरण दें? (ख) उक्त फरार बंदियों पर किस-किस अपराध क्रमांक से किन-किन जिलों के किन-किन थानों में कौन-कौन सी धाराओं में प्रकरण पंजीबद्ध हैं? (ग) केन्द्रीय जेल भोपाल की सुरक्षा हेतु मुख्य प्रहरी एवं जेल प्रहरी के कुल कितने पद स्वीकृत हैं, उनमें से कितने एवं किन-किन जेल प्रहरियों को जेल परिसर से बाहर कब-कब, किस-किस के आदेश से पदस्थ किया गया है? (घ) क्या जेल मेन्युअल के अनुसार जेल प्रहरियों को जेल से बाहर पदस्थ किये जाने के नियम हैं? यदि हाँ, तो बताएं? यदि नहीं, तो जेल-मेन्युअल के प्रावधानों के विपरीत जेल से बाहर अन्य स्थानों पर जेल प्रहरियों को पदस्थ करने हेतु जिम्मेदार अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही की जाएगी? (ड.) घटना दिनांक को केन्द्रीय जेल में कौन-कौन मुख्य प्रहरी एवं जेल प्रहरी तैनात थे?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी हाँ। विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। (ख) फरार बंदियों के विरूद्ध उपलब्ध आपराधिक अभिलेख की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। (ग) केन्द्रीय जेल भोपाल की सुरक्षा हेतु मुख्य प्रहरी के 50 एवं प्रहरी के 250 पद स्वीकृत हैं। जेल प्रहरियों को जेल परिसर से बाहर आवश्यकता अनुसार सिविल अस्पताल में भर्ती बंदियों, जिला जेल एवं जेल मुख्यालय परिसर की सुरक्षा व्यवस्था हेतु तैनात किया गया है। (घ) जी हाँ। जेल मैन्युअल के नियम, 178 ''क'' में प्रावधान होने के कारण प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ड.) केन्द्रीय जेल भोपाल से सिमी संगठन के 08 कैदी दिनांक 31/10/2016 की रात्रि में फरार होने की घटना की राज्य शासन द्वारा न्यायिक जाँच आदेश क्रमांक-एफ 24-7/2016/1-10/भोपाल, दिनांक 07/11/2016 से आदेशित की गई है। प्रश्नागत जानकारी न्यायिक प्रक्रिया के अधीन है।
पोलीटेक्निक संस्थानों में रिक्त पदों की भर्ती
[तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास]
108. ( क्र. 1116 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में कितने शासकीय/स्वशासी/महिला पॉलिटेक्निक संचालित हो रहे है? इनमें पदस्थ प्राचार्य/प्रभारी प्राचार्य के नाम, शैक्षणिक योग्यता वर्तमान पदस्थापना दिनांक सहित सूची देवें? क्या पदस्थ प्रभारी प्राचार्य/प्राचार्य से वरिष्ठ लेक्चरर/अधिकारी/विभागाध्यक्ष उसी संस्था में कार्यरत हैं, तो संस्थावार वरिष्ठ लेक्चरर/ अधिकारी/विभागाध्यक्ष की नाम, पद, शैक्षणिक योग्यता वर्तमान पदस्थापना दिनांक सहित सूची देवें? (ख) उक्त शैक्षणिक संस्थानों में से किन-किन संस्थानों में कोर ब्रांच सिविल, मेकेनिकल, इलेक्ट्रीकल, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं कम्यूनिकेशन ब्रांच वर्तमान में उपलब्ध नहीं है? संस्थावार चल रही ब्रांच सहित सूची देवें? (ग) उक्त संस्थानों ने शासन से ब्रांच बढ़ाने हेतु अंतिम आवेदन किस दिनांक को दिया गया था? ब्रांच सहित सूची देवें? (घ) उक्त संस्थानों में स्वीकृत, रिक्त विभागाध्यक्षों के पदों की संख्या संस्थावार, ब्रांचवार बतायें? रिक्त पदों को भरे जाने की समय-सीमा बतायें?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक जोशी ) : (क) प्रदेश में 63 शासकीय/ स्वशासी/महिला पोलीटेकनिक महाविद्वालयों का संचालित है। इन संस्थाओं में पदस्थ प्राचार्य/प्रभारी प्राचार्य से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 1/2 अनुसार है। (ख) शासकीय/स्वशासी पोलीटेकनिक संस्थान जिनमें कोर ब्रांच नहीं है की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 3 अनुसार है एवं संस्थावार ब्रांच सहित समस्त शासकीय एवं स्वशासी पोलीटेकनिक महाविद्वालय की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 4 अनुसार है। (ग) संस्थानों द्वारा शासन से ब्रांच बढ़ाने हेतु अंतिम आवेदन दिनांक 16 मई 2016 को प्रस्तुत किया गया है। ब्रांच सहित सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 5 अनुसार है। (घ) प्रदेश के शासकीय/स्वशासी महिला पोलीटेकनिक महाविद्वालय में विभागाध्यक्षों के स्वीकृत रिक्त पदों की संख्या संस्थावार, ब्रांचवार पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 6 अनुसार है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
बंद नलजल योजनाओं की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
109. ( क्र. 1119 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जिला खरगोन में विभाग द्वारा वर्ष 2012 से 2016 तक कितनी बंद नलजल योजनाओं में स्त्रोत निर्माण आदि कर कार्य चालू कराया गया? इनके कार्यस्थल ग्राम का नाम, ग्राम पंचायत, ब्लॉक, रिपेयरिंग में खर्च राशि, रिपेयरिंग में लगा सामान, रिपेयरिंग दिनांक, सत्यापनकर्ता अधिकारी का नाम व पद, कार्य के मूल्यांकनकर्ता का नाम व पद सहित वर्षवार सूची देवें? (ख) जिला स्तरीय शासकीय बैठकों में भेजी जाने वाली जानकारी किस अधिकारी के द्वारा वेरिफाई, जांची, हस्ताक्षरित की जाती है? क्या उक्त अधिकारी का नाम व पद बतायें? विगत 2 वर्षों में भेजी गई, जिला योजना समिति में भेजी गई की हस्ताक्षरित प्रति देवें? (ग) खरगोन जिले की सभी नलजल योजनाओं की सूची उनके ग्राम, ब्लॉक सहित देवें? इन नलजल योजनाओं में कब-कब किस अधिकारी द्वारा अन्तिम बार चेक किया गया? नाम, पद एवं दिनांक बतायें?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) विभाग द्वारा रिपेयरिंग कार्य नहीं किया गया है। अन्य कार्यों पर व्यय की गई राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘‘1’’ अनुसार है। (ख) जिला स्तरीय शासकीय बैठकों में भेजी जाने वाली जानकारी कार्यपालन यंत्री के द्वारा भेजी जाती है। विगत 2 वर्षों के दौरान कार्यपालन यंत्री के पद पर श्री यू.एस.वर्मा, श्री बी.एस.अचाले, श्री एच. कुमरे एवं श्री बी.एस.अचाले कार्यरत रहे हैं। ई-मेल के माध्यम से संकलित जानकारी भेजी गई है। जिला योजना समिति को प्रस्तुत की गई जानकारी की सत्यापित प्रतियाँ कार्यपालन यंत्री लो.स्वा.खण्ड खरगोन द्वारा उनके पत्र क्र. 4937 दिनांक 30.11.16 द्वारा मा. विधायक, विधानसभा क्षेत्र भगवानपुरा जिला खरगोन को प्रेषित की गई है। पत्र की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘‘2’’ अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘‘3’’ अनुसार है।
मुख्य अभियंता जबलपुर परिक्षेत्र के विरूद्ध जाँच
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
110. ( क्र. 1160 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मुख्य अभियंता जबलपुर परिक्षेत्र पी.के. मेडमवार के विरूद्ध विभागीय तथा लोकायुक्त की कौन-कौन सी जांचें चल रही हैं? (ख) क्या जबलपुर परिक्षेत्र के अंतर्गत ही अधीक्षण यंत्री रहते हुए जाँच चलने के बावजूद उन्हें जबलपुर परिक्षेत्र के मुख्य अभियंता का चार्ज दिया गया? (ग) यह देखते हुए कि वे मुख्य अभियंता के प्रभार में रहते हुए अपने विरूद्ध चल रही जाँच को प्रभावित कर सकते हैं? क्या उन्हें इस प्रभार से तत्काल हटाया जाएगा? (घ) सारी जानकारी होने के बावजूद श्री मेडमवार को मुख्य अभियंता का प्रभार देने वाले अधिकारियों पर शासन क्या कार्यवाही करेगा?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) श्री पी.के. मैदमवार, प्रभारी मुख्य अभियंता, जबलपुर परिक्षेत्र, जबलपुर के विरूद्ध लोकायुक्त प्रकरण क्रमांक स्वा/10/19/11-12 एवं जां.प्र. 482/12 में विभागीय जाँच प्रचलित है। (ख) जी हाँ। (ग) चूंकि जाँचकर्ता अधिकारी मुख्य अभियंता, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग, भोपाल परिक्षेत्र भोपाल हैं, अत: जाँच प्रभावित होने की सम्भावना नहीं है। (घ) तात्कालिक व्यवस्था के अंतर्गत वरिष्ठता के आधार पर श्री मैदमवार को मुख्य अभियंता जबलपुर परिक्षेत्र का प्रभार दिया गया है, अत: कार्यवाही करने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नजूल भूमि के आवंटन
[राजस्व]
111. ( क्र. 1161 ) सुश्री
हिना लिखीराम
कावरे : क्या
राजस्व
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) बालाघाट
शहर में विगत पाँच
वर्षों में पाँच
सौ स्कवायर
फुट या उससे
अधिक जमीन
किन-किन व्यक्तियों
को तथा कब-कब
आवंटित की गयी
है? (ख) जिन
व्यक्तियों
को मकान बनाने
हेतु 500
sq. फुट
या उससे अधिक
जमीन मकान
हेतु दी गयी
है, क्या
उनके पास पहले
से मकान नहीं
हैं? (ग) क्या
उक्त व्यक्तियों
द्वारा
आवंटित जमीन
पर झोपड़ी बनाकर
कब्जा करने
संबंधी शपथ-पत्र
दिये गये हैं?
राजस्व
मंत्री ( श्री
उमाशंकर
गुप्ता ) : (क) बालाघाट
शहर में पिछले
पाँच वर्षों
में पाँच सौ
स्कवायर फुट
या उससे अधिक
जमीन किन्हीं
भी
व्यक्तियों
को आवंटित
नहीं की गयी
है। (ख) एवं (ग) उत्तरांश
’’क’’
के
प्रकाश में
शेष प्रश्न
उद्भूत नहीं
होता।
सिंहोनिया में उप तहसील कार्यालय खोलना
[राजस्व]
112. ( क्र. 1190 ) श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. शासन द्वारा सिंहोनिया तहसील अम्बाह जिला मुरैना में उप तहसील कार्यालय प्रारंभ किया गया था? यदि हाँ, तो तहसील उप कार्यालय की स्वीकृति के आदेश की प्रति उपलब्ध करावें? (ख) क्या तहसील उप कार्यालय सिंहोनिया में नायब तहसीलदार पदस्थ होकर कार्य प्रारंभ भी कर दिया था? (ग) क्या प्रश्न प्रस्तुत दिनांक के समय तक वहां वर्तमान में न तो कोई नायब तहसीलदार है और न अन्य कोई कर्मचारी रहकर कार्य कर रहे हैं एवं उप कार्यालय भी बंद है? (घ) यदि हाँ, तो प्रश्नांश (क) में वर्णित तहसील उप कार्यालय को पुन: जनहित में कब तक प्रारंभ कर दिया जायेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
श्रमिकों की सवेतन पुन: पदस्थापना
[श्रम]
113. ( क्र. 1191 ) श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) औद्योगिक इकाइयों में पदस्थ स्थाई/अस्थाई कर्मचारियों को सेवा से पृथक करने हेतु शासन के क्या नियम (दिशा-निर्देश) हैं? नियमों की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) क्या जे.के. टायर औद्योगिक इकाई बानमौन जि. मुरैना द्वारा स्थाई/ अस्थाई संख्या लगभग 700 कर्मचारियों को अकारण परेशान करने के उद्देश्य से जून 2016 से पृथक कर दिया गया है? (ग) क्या म.प्र. शासन श्रम विभाग द्वारा प्रथम आदेश दिनांक 30/04/2016 बंद करने के विरूद्ध पुन: प्रारंभ हेतु भी आदेश क्र. एफ-1 (ए)/02/2016/ए-16 दिनांक 24/05/2016 को पुन: प्रारंभ हेतु निर्देश दिये गये थे? (घ) क्या उपरोक्त (क) के परिप्रेक्ष्य में निकाले गये स्थाई/अस्थाई कर्मचारियों को श्रमिकों के हित में पुन: कब तक सवेतन पदस्थ किया जायेगा? (ड.) किस नियम के आधार पर दिनांक 24/05/2016 के आदेश के बाद श्रमिकों का वेतन रोका गया है? स्पष्ट कारण व नियम सहित बतावें।
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) औद्योगिक इकाइयों में कार्य करने वाले स्थाई/अस्थाई कर्मचारियों को सेवा से पृथक करने हेतु म.प्र. औद्योगिक नियोजन (स्थाई आदेश) अधिनियम 1961 एवं सहपठित नियम 1963 के अंतर्गत निर्मित मानक स्थाई आदेश क्र. 10, 11 एवं 12 में प्रक्रिया निर्धारित है। इसके अतिरिक्त औद्योगिक विवाद अधिनियम, 1947 की धारा 25-एफ, 25-एफ. एफ., 25-एफ.एफ.ए., 25-एन एवं 25-ओ के अंतर्गत छंटनी, बंदीकरण अथवा आंशिक बंदीकरण किये जाने पर कर्मचारी सेवा से पृथक होते हैं। म.प्र. औद्योगिक नियोजन (स्थाई आदेश) नियम 1963 के अंतर्गत निर्मित मानक स्थाई आदेश के प्रावधान पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार एवं औद्योगिक विवाद अधिनियम, 1947 के संबंधित उपर्युक्त प्रावधान पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ख) जे.के.टायर एण्ड इण्डस्ट्रीज लिमिटेड बामौर जिला मुरैना द्वारा 700 कर्मचारियों को परेशान करने के उद्देश्य से 1 जून, 2016 से सेवा से पृथक नहीं किया गया है, बल्कि प्रबंधन द्वारा बायस टायर ईकाई के बंदीकरण के लिये औद्योगिक विवाद अधिनियम 1947 की धारा 25 (3) के तहत शासन से दिनांक 30.04.2016 को अनुमति प्राप्त करके पूरी ईकाई बंद की गई है। शासन द्वारा औद्योगिक विवाद अधिनियम, 1947 म.प्र. संशोधन की धारा 25 (6) के अंतर्गत अनुमति संबंधी आदेश को दिनांक 24.05.2016 को अपास्त कर दिया गया है। जे.के. टायर प्रबंधन द्वारा शासन के अनुमति अपास्त करने संबंधी आदेश के विरूद्ध माननीय उच्च न्यायालय, जबलपुर में याचिका क्र. 9343/16 प्रस्तुत की गई है जिसमें माननीय उच्च न्यायालय द्वारा दिनांक 31.05.2016 के आदेश द्वारा स्थगन आदेश दिये गये है। (ग) जी हाँ, शासन द्वारा अपने पूर्व आदेश को अपास्त कर दिया गया हैं। (घ) प्रबंधन द्वारा शासन के आदेश दिनांक 24.05.2016 के विरूद्ध माननीय उच्च न्यायालय, मुख्य पीठजबलपुर में एक याचिका क्रमांक 9343/2016 दायर की गई है, जिसमें दिनांक 31.05.2016 को माननीय उच्च न्यायालय, जबलपुर द्वारा स्थगन आदेश पारित किया गया है। जिससे फिलहाल बायस विभाग का बंदीकरण दिनांक 30.04.2016 पुनर्जीवित हो गया है। कर्मचारियों को सवेतन पदस्थ कब किया जावेगा। इस बाबत् कोई निर्धारित समय-सीमा नहीं बताई जा सकती, क्योंकि प्रकरण माननीय उच्च न्यायालय में विचाराधीन है। (ड.) दिनांक 24.05.2016 के बाद श्रमिकों का वेतन माननीय उच्च न्यायालय से स्थगन आदेश प्राप्त होने से भुगतान नहीं किया जा रहा है।
थानों में दर्ज अपराधों पर कार्यवाही
[गृह]
114. ( क्र. 1209 ) श्रीमती शकुन्तला खटीक : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 01 जनवरी 2014 से अक्टूबर 2016 तक अनुविभागीय अधिकारी पुलिस कार्यालय करैरा जिला शिवपुरी के अंतर्गत थानों में कितने लूट, डकैती, चोरी, जुआ-सट्टा, मारपीट, बलात्कार, महिला उत्पीड़न, अपहरण की घटनाऐं घटित होकर कितने मामले दर्ज हुए? थाना व पुलिस चौकीवार जानकारी दी जावे। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित प्रकरणों की प्रश्न प्रस्तुत दिनांक तक कितने प्रकरणों की विवेचना किस-किस अधिकारी/ कर्मचारियों द्वारा की गई? अभी तक कितने प्रकरणों का निराकरण हो चुका है व कितने लंबित हैं? इस हेतु कौन-कौन विवेचना अधिकारी जिम्मेदार हैं? । (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित अपराधों की केस डायरी संबंधित न्यायालय को कब-कब किस-किस दिनांक को प्रस्तुत की गई?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) दिनांक 01.01.2014 से 31.10.2016 तक की अवधि में पुलिस अनुविभाग करेरा में लूट, डकैती, चोरी, जुआ, सट्टा, मारपीट, बलात्कार, महिला, उत्पीड़न एवं अपहरण के पंजीबद्ध अपराध कुल 3067 है। थानावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’अ’ अनुसार है। (ख) प्रश्नांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’ब’ अनुसार है। प्रश्नांश ’क’ के उत्तर में उल्लेखित कुल प्रकरणों में से 2915 प्रकरणों का निकाल हो चुका है एवं शेष 152 विवेचना में लंबित है। प्रकरणों का त्वरित निकाल होने से शेषांश का प्रश्न ही नहीं उठता। (ग) दण्ड प्रक्रिया संहिता में निहित प्रावधानों एवं माननीय न्यायालय द्वारा निर्देश दिये जाने पर प्रकरणों की केस डायरी न्यायालय में पेश की जाती है।
सीमांकन, बंटवारा एवं नामांतरण के प्रकरणों का निराकरण
[राजस्व]
115. ( क्र. 1210 ) श्रीमती शकुन्तला खटीक : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजस्व विभाग द्वारा सीमांकन, बंटवारा एवं नामान्तरण के निराकण हेतु क्या नियम-निर्देश प्रचलन में हैं? (ख) तहसील करैरा व नरवर जिला शिवपुरी में जनवरी 2014 से अक्टूबर 2016 तक कितने प्रकरण सीमांकन, बंटवारा एवं नामांतरण के आवेदकों द्वारा प्रस्तुत किये गये? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) में प्रस्तुत आवेदनों का निराकरण निर्धारित सीमा के अंतर्गत हो चुका है? यदि नहीं, तो क्यों? कारण बताते हुए शेष आवेदन कितने हैं व शेष आवेदनों का कब तक निराकरण कर दिया जायेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
नलकूप खनन
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
116. ( क्र. 1235 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) खंडवा जिले में विगत तीन वर्षों में विभाग द्वारा कितने नलकूप खनन जनपद पंचायतवार स्वीकृत किये गये हैं? निविदा शर्तों के अनुसार कितने नलकूपों का खनन ठेकेदारों द्वारा समय-सीमा में किया गया? (ख) उक्त स्वीकृत नलकूपों में कितने नलकूपों का खनन समय-सीमा में नहीं हो पाया? शर्तों के उल्लंघन के दोषी कितने ठेकेदारों/एजेंसी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की है? कितनी राशि का अर्थदण्ड वसूला गया? (ग) क्या ऐसे नलकूपों के री-टेंडर होने पर उन ठेकेदारों द्वारा पुन: अधिक दरों पर निविदा प्रक्रिया में भाग लिया है? यदि हाँ, तो क्या यह नियमानुकूल है? (घ) प्रश्नांश (ग) के क्रम में ऐसे कौन-कौन से ठेकेदार एवं विभाग के अधिकारी/कर्मचारी दोषी हैं, जिन्होंने अप्रत्यक्ष रूप में शासन को आर्थिक रूप से हानि पहुंचाने का कार्य किया है?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। 1175 नलकूपों का खनन ठेकेदारों द्वारा समय-सीमा में किया गया है। (ख) 63 नलकूपों का खनन समय-सीमा में न होकर विलंब से हुआ। 06 ठेकेदारों के विरूद्ध शास्ति अधिरोपित करने की कार्यवाही की गई है। राशि रूपये 24300.00। (ग) उत्तरांश-‘ख‘ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) उत्तरांश-‘ख एवं ग‘ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
पशु पालकों को बीमा का लाभ
[पशुपालन]
117. ( क्र. 1239 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पशुपालन विभाग में अनुदान/ऋण प्रकरण वाले पशुओं के बीमा कराने का क्या प्रावधान है? क्या यह बीमा योजना पशुपालकों के हित में है? (ख) क्या ऐसे पशुओं को बीमा कंपनी द्वारा टेग लगाकर चिन्हित किया जाता है? यदि हाँ, तो क्या ये टेग गुणवत्तायुक्त होते हैं? (ग) जंगल में चरनोई पर जाने से एवं पानी में डूबने आदि कारणों से हुई मौतों के दौरान पशु का टेग तकनीकी खामी से गिरने पर क्या बीमा कंपनी द्वारा पशुधन की हानि के पशुपालकों को बीमा राशि का भुगतान किया जाता है? (घ) यदि नहीं, तो क्यों? क्या बीमित पशुओं को चिन्हित करने की पद्धति में सुधार किया जायेगा? क्या बीमा कंपनियों को पशुपालकों के हितों के संरक्षण संबंधी योजना बनाने के निर्देश दिये जायेंगे? यदि हाँ, तो कब तक?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतरसिंह आर्य ) : (क) पशुपालन विभाग में अनुदान प्रकरण वाली योजनाएं जैसे- उन्नत नस्ल का नर बकरा प्रदाय योजनान्तर्गत एक वर्ष हेतु 2.75 प्रतिशत की दर से, नन्दीशाला योजना (उन्नत गौ नस्ल के साण्ड प्रदाय) में तीन वर्ष हेतु 6.4 प्रतिशत की दर से बीमा का प्रावधान है। इसी प्रकार ऋण एवं अनुदान पर संचालित योजनाएं जैसे- बकरी इकाई प्रदाय अन्तर्गत 10.35 प्रतिशत की दर से 5 वर्ष हेतु एवं आचार्य विद्यासागर गौ संवर्धन योजनान्तर्गत 3 वर्षों के लिए 7.50 प्रतिशत की दर से बीमा का प्रावधान है। जी हाँ। (ख) जी हाँ। जी हाँ। (ग) जी नहीं, बीमा कम्पनी के द्वारा मृत पशु का बीमा दावा भुगतान ‘‘नो टेग नो क्लेम’’ के सिद्धान्त पर किया जाता है। (घ) बीमित पशु की पहचान ईयर टेग से होती है, ईयर टेग के बिना मृत पशु बीमित था, प्रमाणीकरण सम्भव नहीं है। जंगल में चरनोई के दौरान अथवा किन्ही परिस्थितियों में पशु के टेग गिरने पर ‘‘री-टेगिंग’’ (पुनः टेग लगाना) द्वारा पुनः चिन्हित किए जाने की व्यवस्था है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
राजस्व अधिकारियों के शासकीय आवास
[गृह]
118. ( क्र. 1241 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में शासकीय अधिकारी एवं कर्मचारियों को उनके पद एवं वर्तमान की श्रेणी अनुसार सामान्य प्रशासन विभाग के शासकीय आवासगृह आवंटन के क्या निर्देश है? क्या इसका पालन जिलों में किया जा रहा है? (ख) यदि हाँ, तो क्या जिले में राजस्व अधिकारियों के लिए निर्धारित आवास गृह अन्य विभागों के निम्न श्रेणी कर्मचारियों को आवंटित किये गये है? यदि हाँ, तो क्या वे नियमानुसार पात्र है? क्या ऐसे इयरमार्क शासकीय आवासगृह अन्य कर्मचारियों को आवंटित करने के शासन निर्देश हैं? (ग) क्या राजस्व अधिकारियों के लिए निर्धारित आवासगृह अन्य कर्मचारियों का आवंटित होने से राजस्व अधिकारियों को किराये के मकानों अथवा अन्य स्थानों पर निवास करना पड़ रहा है? (घ) यदि हाँ, तो ऐसे नियम विरूद्ध आवंटित शासकीय आवासगृहों को कब तक रिक्त कराकर पात्र राजस्व अधिकारियों को आवंटित किये जाने के आदेश जारी किये जाएंगे?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। जी हाँ। (ख) एवं (ग) राज्य/संभाग/जिलास्तर पर पूल के शासकीय आवास गृह सभी विभागों के अधिकारियों/कर्मचारियों को पात्रता एवं उपलब्धता के आधार पर आंवटित किये जाते है। (घ) प्रश्नांश 'ख' एवं 'ग' के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नागदा स्थित कृष्णा जिनिंग फैक्ट्री की भूमि का आधिपत्य
[राजस्व]
119. ( क्र. 1243 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नागदा स्थित कृष्णा जिनिंग फैक्ट्री सर्वे क्र. 438 का आधिपत्य शासन ने प्राप्त कर लिया है? यदि हाँ, तो कब किया गया? (ख) क्या शासन नगर के विकास हेतु नगर पालिका नागदा व विभिन्न शासकीय विभागों द्वारा कृष्णा जिनिंग की भूमि सौंपने की मांग करने पर क्या शासन उन्हें भूमि उपलब्ध करायेगा? यदि हाँ, तो क्या प्रक्रिया होगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। दिनांक 30-05-2014 से तत्समय अधिपत्य प्राप्त कर लिया है। (ख) जी हाँ। भूमि की मांग प्राप्त होने पर नियमानुसार आवंटन पर विचार किया जावेगा।
राशन कार्डों का नवीनीकरण
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
120. ( क्र. 1254 ) श्री अशोक रोहाणी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर निगम जबलपुर क्षेत्रांतर्गत स्थित कितनी शासकीय सस्ते मूल्य की राशन दुकानों में पंजीकृत कितने कार्डधारी उपभोक्ताओं के राशन कार्डों का नवीनीकरण न होने से वे राशन वितरण से वंचित है? वार्डवार, दुकानवार जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) में किन-किन राशन दुकान संचालकों को पुरानी लिस्ट के हिसाब से कब से कितना-कितना खाद्यान्न शक्कर कैरोसिन आदि का आवंटन किया जा रहा है वर्ष 2015-16 से 2016-17 अक्टूबर 2016 तक माहवार कितना-कितना आवंटित किया गया है? (ग) प्रश्नांश (क) में जिला प्रशासन ने राशन से वंचित ऐसे उपभोक्ताओं जिनकी मैपिंग पूर्ण हो गई है, परन्तु राशन वितरण लिस्ट अपडेट न होने से उनके लिए राशन वितरण की क्या व्यवस्था की है? यदि नहीं, तो क्यों?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) नगर निगम, जबलपुर क्षेत्रांतर्गत शासकीय उचित मूल्य दुकानों से सम्बद्ध पात्र परिवारों के राशनकार्डों के नवीनीकरण की प्रक्रिया प्रचलित नहीं है। हितग्राहियों को पात्रता पर्ची पर सामग्री प्राप्त हो रही है। शेष भाग का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ख) जबलपुर के नगर निगम क्षेत्र एवं केंट बोर्ड के अंतर्गत संचालित दुकानों में संलग्न आत्योदय परिवारों की संख्या एवं प्राथमिकता परिवार के सदस्यों की संख्या के मान से खाद्यान्न शक्कर, नमक एवं केरोसीन का आबंटन किया जा रहा है। खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के लागू होने के पूर्व उचित मूल्य दुकानों से संलग्न राशनकार्ड की पुरानी लिस्ट के आधार पर खाद्यान्न, शक्कर एवं केरोसीन का आबंटन जारी नहीं किया जा रहा है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) शासन के पत्र क्रमांक एफ 7-32/2013/29-1, भोपाल दिनांक 13/10/2016 के अनुसार ऐसे हितग्राही जिनकी पात्रता पर्ची है, किन्तु तकनीकी कारणों से समग्र आई.डी. प्रदर्शित नहीं हो रही है, उन्हें वितरण रजिस्टर में दर्ज कर सामग्री वितरण के निर्देश दिये गए हैं। सितम्बर, 2016 एवं उसके पश्चातवर्ती माहों के सत्यापित नवीन पात्र परिवारों को जोड़ने पर उनकी जनसंख्या राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अंतर्गत निर्धारित जनसंख्या से अधिक होने तथा भारत सरकार द्वारा जारी खाद्यान्न आवंटन की सीमा से अधिक खाद्यान्न की आवश्यकता होने के कारण नवीन परिवारों को पात्रता पर्ची जारी नहीं की गई है।
स्वीकृत पद संरचना व अनुसार पदों की पूर्ति
[तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास]
121. ( क्र. 1255 ) श्री अशोक रोहाणी : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासकीय इंजीनियरिंग महाविद्यालय जबलपुर में कौन-कौन से कितने शिक्षण विभाग संचालित हैं? इनमें अध्ययनरत छात्र/छात्राओं की दर्ज संख्या कितनी है? इनमें स्वीकृत पद संरचना के तहत कौन-कौन से कितने पद भरे/रिक्त हैं? नियमित कौन-कौन से कितने पद रिक्त हैं एवं क्यों? शिक्षण विभागवार पृथक-पृथक जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) में प्रशासनिक कौन-कौन से कितने पद रिक्त हैं? अध्यापकों के स्वीकृत कितने पद रिक्त हैं? इनमें नियमित कितने पद रिक्त हैं एवं क्यों? इन रिक्त पदों की पूर्ति हेतु शासन ने क्या प्रयास किये हैं? किन पदों के प्रभार में कब से कौन-कौन पदस्थ हैं? इनका मूल पद क्या है? (ग) प्रश्नांश (क) में यू.जी. और पी.जी. के तहत छात्र/अध्यापक अनुपात में कितने अध्यापक होना चाहिए तथा वर्तमान में कुल कितने अध्यापक किस अनुपात में पदस्थ हैं? अतिथि अध्यापक कितने पदस्थ हैं? (घ) प्रश्नांश (क) में दर्ज छात्र संख्या और जरूरत के अनुसार अध्यापकों के पदों की समीक्षा कब से नहीं की गई है एवं क्यों? इससे ए.आई.सी.टी.ई. के मानक और स्वीकृत पदों के बीच कितना अंतर है? शासन स्वीकृत रिक्त पदों की पूर्ति कब तक करेगा? अध्यापकों की पदोन्नति कब से नहीं की गई है एवं क्यों?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक जोशी ) : (क) इंजीनियरिंग महाविद्यालय जबलपुर में 11 शैक्षणिक विभाग संचालित है, जिनमें अध्ययनरत् छात्र-छात्राओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 1 अनुसार है। नियमित शिक्षकीय स्वीकृत, भरे एवं रिक्त पदों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 2 अनुसार है। सेवानिवृत्ति, स्वेच्छिक सेवानिवृत्ति एवं सीधी भरती के अभाव में पद रिक्त है। (ख) महाविद्यालय में प्राचार्य-01, रजिस्ट्रार-01 एवं टी.पी.ओ.-01 प्रशासनिक पद रिक्त है। अध्यापकों के स्वीकृत एवं रिक्त पद जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 2 अनुसार है। तकनीकी संवर्ग में सहायक प्राध्यापकों के भरती की प्रक्रिया संपादित की गई है। शेष रिक्त पदों पर भरती की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। पदों के प्रभार से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 3 अनुसार है। (ग) ए.आई.सी.टी.ई. के प्रावधानानुसार छात्र अध्यापक अनुपात यू.जी. 1:15 एवं पी.जी. में 1:12 निर्धारित है। वर्तमान में कुल 88 अध्यापक, 1:41 के अनुपात में पदस्थ है। संस्था में 68 अतिथि अध्यापक कार्यरत है। (घ) पदों की समीक्षा समय-समय पर की जाती रही है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। ए.आई.सी.टी.ई. के मानक एवं स्वीकृत पदों के बीच 68 पदों के अंतर है। रिक्त पदों की पूर्ति की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं हैं। वर्तमान के प्रचलित सेवा भरती नियमों में शिक्षकीय पदों पर पदोन्नति का प्रावधान नहीं है।
मुरैना जिले में नदी, तालाब व नहरों में डूबकर मरने वालो की संख्या
[राजस्व]
122. ( क्र. 1281 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुरैना जिले में जून 2016 से नवम्बर 2016 तक नदी, तालाब व नहरों में डूब कर कितने लोगों की मृत्यु हुई है? विधानसभा क्षेत्रवार, माह सहित जानकारी दी जावे। (ख) उक्त मृतक परिवारजनों को शासन नीति के अनुसार कितने लोगों को आर्थिक सहायता प्राप्त हुई है तथा कितने शेष रहे हैं? (ग) उक्त घटनाओं के कितने प्रकरण ऐसे है, जिनमें जाँच विचारधीन है? उन्हें कब तक पूर्ण कर लिया जायेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
भूखण्ड की जानकारी
[राजस्व]
123. ( क्र. 1283 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला मुरैना की तहसील मुरैना के पटवारी हल्का जौरा खुर्द के सर्वे क्रमांक 755/2 मिन में वर्ष 1990 से 1998 तक किस संस्था/विक्रेता द्वारा आवासीय भूखण्डों को बिक्री कर रजिस्ट्रियां की गई, विक्रता का नाम, पता सहित पूर्ण जानकारी दी जावे। (ख) सर्वे क्रमांक 755/2 मिन में जिस संस्था/विक्रेता द्वारा आवासीय भूखण्डों की रजिस्ट्रियां क्रेताओं को की गई हैं, ऐसे आवासीय भूखण्डों के क्रेता, परिवारों के नाम, पिता का नाम, पता एवं आवासीय भूखण्डों की माप सहित पूर्ण जानकारी दी जावे। (ग) क्या सर्वे क्रमांक 755/2 मिन में विक्रेता द्वारा बेचे गये भूखण्डों में से कुछ परिवारों, व्यक्तियों को मौके पर कब्जा दिया गया है? यदि हाँ, तो ऐसे परिवारों की संख्या, नाम सहित जानकारी दें एवं ऐसे कितने परिवार/व्यक्ति हैं, जिसके नाम राजस्व रिकार्ड में दर्ज हैं, लेकिन मौके पर उन्हें भूखण्डों का कब्जा नहीं दिया गया है? संख्या, नाम, पते सहित जानकारी दी जावे। (घ) क्या शासन/प्रशासन ऐसे परिवार जिनको मौके पर आवासीय भूखण्डों का कब्जा नहीं दिया गया है उनके हितों को ध्यान में रखकर आवासीय भूखण्डों का कब्जा दिलाने की प्रशासनिक कार्यवाही करेगा, यदि हाँ, तो कब तक?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
पेयजल आपूर्ति के सम्बन्ध में
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
124. ( क्र. 1285 ) श्री रामेश्वर शर्मा : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) हुजूर विधानसभा के ग्रामों में पेयजल आपूर्ति की क्या व्यवस्था है? पूरी सूची ग्राम के नाम और उपलब्ध पेयजल के साधनों एवं संख्या का उल्लेख करते हुए उपलब्ध करावें? (ख) विभाग द्वारा हुजूर विधानसभा क्षेत्र में वित्तीय वर्ष 2015-16 और 2016-17 में पेयजल सरंक्षण एवं जल संवर्द्धन हेतु क्या-क्या कार्य किए गए हैं। उपलब्ध करावें? विभाग द्वारा स्वयं या निविदा से करवाए जा रहे कार्यों में एक वर्ष या अधिक अवधी से लंबित कार्यों की पूरी सूचि उपलब्ध करवायें, इन लंबित कार्यों को कब तक पूर्ण कर लिया जाएगा?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) प्रश्नांकित अवधि में अक्रियाशील नलकूपों को रिचार्ज शॉफ्ट बनाकर पेयजल संरक्षण/संवर्धन का कार्य पूर्ण करवाया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
कटनी जिले में राशन कार्ड से अधिक आवंटन पर कार्यवाही
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
125. ( क्र. 1294 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कटनी जिले में राशन कार्ड से अधिक आवंटन की जाँच अभिलेख प्राप्त न होने के आधार पर दिनांक 09.04.2013 से मुख्य सचिव की ''टी.एल.'' में होते हुए भी लंबित है? (ख) क्या जनपद पंचायत ढीमरखेड़ा की फरवरी 2009 की राशन कार्डों की जानकारी क्रमांक 814 दिनांक 20.03.2009 खाद्य कार्यालय में आई खादय निरीक्षक ने तदानुसार सुधार की रिपोर्ट दी? (ग) क्या जनपद पंचायत बहोरीबंद की राशन कार्ड की जानकारी दिनांक 24.09.2011 खाद्य कार्यालय में आई है? जो अनेक आवेदकों को सूचना के आधार के तहत दी गई है? मगर तदानुसार आवंटन में दर्ज कार्ड संख्या में सुधार नहीं किया गया है? (घ) क्या प्रश्नांश (ख) एवं (ग) की जानकारियां एवं इस अवधि के दूकानवार आवंटन की जानकारी सूचना के अधिकार के तहत दी गई है मगर जाँचकर्ताओं से छिपाई गई? यदि हाँ, तो रू. 32.71 करोड़ के घोटाले की जाँच प्रभावित करने हेतु कौन-कौन दोषी है? शासन दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही और कब तक करेगा?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जी नहीं, मुख्य सचिव की 'टी-एल.' में प्रकरण लंबित नहीं है। शासन द्वारा प्राप्त शिकायत अनुसार जिला कटनी में वर्ष 2007 से 2012 तक की अवधि में राशनकार्ड से अधिक आवंटन के संबंध में जाँच करवाई गई। जाँच में अनियमितता पाई गई परन्तु माननीय उच्च न्यायालय खण्डपीठ जबलपुर द्वारा प्रकरण में अंतिम आदेश पारित करने पर वर्तमान में रोक लगाई गई है, जिससे प्राप्त अभिलेखों के आधार पर वसूली योग्य राशि की वसूली की कार्यवाही लंबित है। (ख) जी हाँ, जनपद पंचायत ढीमरखेड़ा की फरवरी 2009 की राशन कार्डों की जानकारी पत्र क्रमांक 814 दिनांक 20.03.2009 द्वारा खाद्य कार्यालय में प्रस्तुत की गई। जी नहीं, तदानुसार कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी द्वारा सुधार हेतु प्रतिवेदन कार्यालय जिला कलेक्टर (खाद्य) , जिला कटनी में प्रस्तुत नहीं किया है। (ग) जी हाँ। जी हाँ। जी नहीं, तदानुसार आवंटन में दर्ज कार्ड संख्या में सुधार किया गया है। (घ) जी नहीं, उपलब्ध जानकारी को जाँचकर्ताओं से नहीं छिपाया गया है। अत: जाँच प्रभावित करने एवं दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही का प्रश्न नहीं उठता है।
राजस्व विभाग के रिक्त पदों की पूर्ति
[राजस्व]
126. ( क्र. 1299 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी जिले में नायब तहसीलदार, तहसीलदार, अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) के कितने पद स्वीकृत हैं? कितने भरे हैं, कितने रिक्त हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के पद रिक्त होने से शासकीय कार्य प्रभावित हुआ या नहीं? यदि कार्य प्रभावित नहीं हुआ तो रिक्त पदों की आवश्यकता न होने के कारण उक्त पद समाप्त किए जायेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? (ग) सतना जिले की बिरसिंहपुर तहसील के अंतर्गत कितने पटवारी गृह जिले में पदस्थ हैं, उनके नाम बताएं तथा उन्हें गृह तहसील से अन्य जगह कब स्थानान्तरित किया जायेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) कटनी जिले अंतर्गत नायब तहसीलदार, तहसीलदार अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) के निम्नानुसार पद स्वीकृत/भरे/रिक्त हैं-
क्र. |
पदनाम |
स्वीकृत पद |
भरे पद |
रिक्त पद |
1. |
नायब तहसीलदार |
08 |
03 |
05 |
2. |
तहसीलदार |
08 |
06 |
05 |
3. |
अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) |
04 |
04 |
---- |
(ख) जी नहीं। प्रमुख राजस्व आयुक्त मध्यप्रदेश भोपाल के परिपत्र क्रमांक एफ स्था-1/ प्रराआ/2016/3608 भोपाल दिनांक 12.05.16 तथा मध्यप्रदेश राजस्व विभाग की अधिसूचना क्रमांक एफ 1-57/स्था./प्रराआ/2016 दिनांक 12.05.16 के द्वारा मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 24 (1) के अंतर्गत राजस्व निरीक्षकों को नायब तहसीलदारों के कर्तव्य निर्वहन हेतु तहसीलदार की शक्तियां प्रदान किये जाने के अनुक्रम में रिक्त नायब तहसीलदार के पद पर राजस्व निरीक्षक को अधिकृत्त किया जाकर शासकीय व आम जनों के कार्य संपादित कराये जा रहे हैं। तहसीलदार/नायब तहसीलदारों के रिक्त पदों की आवश्यकता है। अतः पद समाप्त करने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) सतना जिले की बिरसिंहपुर तहसील के अंतर्गत परिशिष्ट “क” के अनुसार 19 पटवारी गृह जिले में पदस्थ है। उक्त 19 पटवारियों में से 06 पटवारी गृह तहसील में पदस्थ है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पंजीबद्ध गंभीर अपराध
[गृह]
127. ( क्र. 1302 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर संभाग अंगर्तत विगत 03 वर्षों में धारा 302, 307 भा.द.वि. व अन्य गंभीर अपराध के कुल कितने अपराध पंजीबद्ध हुये? इनमें से कितने अपराध लाईसेंस वैपन से हुये और कितने बिना लाईसेंस वैपन से? संख्या बतायें। (ख) जबलपुर संभाग अंतर्गत कुल कितने आवेदन लाइसेंसी वैपन पिता से पुत्र के प्राप्त हुये, इनमें से कितने स्वीकृत व निरस्त हुये, संख्या बतायें एवं स्वीकृत एवं निरस्त थानेवार संख्या बतायें? (ग) मध्यप्रदेश राजपत्र (असाधारण) भोपाल दिनांक 14 जनवरी 2016 में भारतीय स्टाम्प (मध्यप्रदेश संशोधन) अधिनियम 2016 अंतर्गत रिवाल्वर एवं पिस्तौल अनुज्ञप्ति का नवीनीकरण हेतु निर्धारित स्टाम्प शुल्क 2000 रूपये का निर्धारण किस आधार पर किया गया है?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
कटारा हिल्स पर नवीन थाने की स्थापना .
[गृह]
128. ( क्र. 1304 ) श्री रामेश्वर शर्मा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या हुजूर विधानसभा क्षेत्र के कटारा हिल्स क्षेत्र में पुलिस थाना खोलने हेतु विधानसभा में घोषणा की गई थी? (ख) यदि हाँ, तो बताएं कि इस संबंध में अभी तक क्या कार्यवाही की गई है? (ग) क्या पुलिस थाना खोलने हेतु जमीन और भवन निर्माण के संबंध में कोई निर्णय लिया जा चुका है?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। (ख) थाना खोलने बावत् दिनांक 23.11.2016 को आदेश जारी हो चुके है। (ग) दिनांक 12.05.2016 से कलेक्टर जिला भोपाल की ओर भूमि आवंटन के प्रस्ताव की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
तहसीलदार पद की पूर्ति
[राजस्व]
129. ( क्र. 1311 ) श्री चन्दरसिंह सिसौदिया : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश शासन के नियमान्तर्गत सीमांकन, बंटवारा व नामांतरण आवेदन प्रस्तुत करने के उपरान्त कितनी समय-सीमा में प्रकरण के निराकरण करने का प्रावधान है? (ख) जनवरी 2015 से प्रश्न दिनांक तक विधानसभा क्षेत्र गरोठ जिला मंदसौर में कितने प्रकरण किन कारणों से नामातंरण, सीमांकन एवं बंटवारा के लंबित हैं तथा शेष लंबित प्रकरणों का निराकरण कब तक कर दिया जायेगा? (ग) तहसील भानपुरा एवं गरोठ तहसीलदार का पद कब से रिक्त हैं क्या तहसीलदार के अभाव में राजस्व के कई कार्य प्रभावित हो रहे है? (घ) यदि हाँ, तो शासन दोनों तहसील में तहसीलदार को कब तक पदस्थ करेगा। (ड.) माननीय मुख्यमंत्री महोदय द्वारा गरोठ सब-डिवीजन पर अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी एवं अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक की पदस्थापना एवं कार्यालय स्थापना की घोषणा की है? यदि हाँ, तो क्या दोनों कार्यालय मय पद के प्रारंभ हो गये हैं यदि नहीं, तो कब तक प्रारंभ होगे?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
गुना जिले के मकसूदनगढ़ कस्बे की पुलिस चौकी को पुलिस थाना घोषित करना
[गृह]
130. ( क्र. 1342 ) श्रीमती ममता मीना : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या गुना जिले के मकसूदनगढ़ कस्बा चांचौड़ा विधानसभा क्षेत्र क्र.30 में आता है एवं क्या मकसूदनगढ़ में तहसील एवं कृषि उपज मंडी संचालित है तथा क्या मकसूदनगढ़ क्षेत्र अन्य विधानसभा के पुलिस थाना क्षेत्रांतर्गत है? (ख) यदि हाँ, तो मकसूदनगढ़ कस्बे को पुलिस थाना घोषित कर संचालित करने के लिये कौन-कौन से नियम और प्रक्रिया लागू हैं? मकसूदनगढ़ क्षेत्र में हो रहे अपराधों का नियंत्रण चांचौड़ा विधानसभा क्षेत्र के कौन से अधिकारी करते हैं या नहीं? (ग) मकसूदनगढ़ क्षेत्र जो चांचौड़ा विधानसभा क्षेत्र में शामिल है इस क्षेत्र में आने वाले गांवों में वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक औसत कितने अपराध दर्ज होकर निराकृत हुए हैं? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के बिंदु सत्य है तो क्या गुना जिले के मकसूदनगढ़ कस्बे की पुलिस चौकी को पुलिस थाना घोषित कर स्टाफ की स्थापना कर कब तक संचालित करायेंगे?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। (ख) पुलिस चौकी मकसूदनगढ़ को पुलिस थाना घोषित करने के मापदण्ड संलग्न परिशिष्ट अनुसार। मापदण्ड गृह (पुलिस) विभाग के परिपत्र क्रमांक एफ.2 (क) -39/2010/बी-3/दो, दिनांक 25.11.2010 द्वारा निर्धारित है। मकसूदनगढ़ क्षेत्रांतर्गत अपराधों का नियंत्रण चौकी प्रभारी मकसूदनगढ़ थाना प्रभारी जामनेर, अनुविभागीय अधिकारी (पुलिस) चांचौड़ा तथा तहसीलदार एवं अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) चांचौड़ा, द्वारा किया जाता है। (ग) जानकारी निम्नानुसार हैः-
क्रमांक |
वर्ष |
कुल प्रकरण |
निराकृत |
1 |
2013 |
107 |
107 |
2 |
2014 |
117 |
116 |
3 |
2015 |
125 |
124 |
4 |
2016 |
116 |
76 |
(घ) पुलिस चौकी मकसूदनगढ़ को थाने में उन्नयन किये जाने के आदेश दिनांक 23.11.2016 को जारी किए गये। नवीन थाने में स्टाफ की पदस्थापना बल उपलब्धता के अनुसार की जावेगी।
जिले में राजस्व विभाग में विगत 5-6 वर्षों से लिपिकीय संवर्ग की पदोन्नति न होना
[राजस्व]
131. ( क्र. 1343 ) श्रीमती ममता मीना : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गुना जिले में राजस्व विभाग में सहायक ग्रेड-3 से सहायक ग्रेड-2 पर अंतिम पदोन्नति के किस वर्ष में कितने लिपिकों की गई थी? गुना जिले में सहायक ग्रेड-3 से सहायक ग्रेड-2 एवं भृत्यों की सहायक ग्रेड-3 के पद पत्र विगत 6 वर्षों में कितनी बार पदोन्नति की गई, पदोन्नति प्राप्त कर्मचारियों की सूची उपलब्ध करावें? (ख) वर्तमान में गुना जिले में राजस्व विभागों में सहायक ग्रेड-2 एवं सहायक ग्रेड-3 के कितने पद पदोन्नति हेतु आरक्षणवार रोस्टर सहित रिक्त हैं वर्गवार बतावें? क्या प्रत्येक वर्ष पदोन्नति हेतु रोस्टर तैयार किये गये हैं, तो रोस्टर की प्रति उपलब्ध करावें? (ग) क्या गुना जिले में राजस्व विभाग के समस्त वर्गों की पदक्रम सूची 2013 से जारी की गई है तो अंतिम पदक्रम सूची आपत्तियों के निराकरण उपरांत वर्गवार पदक्रम सूची उपलब्ध करावें? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) अनुसार कार्यवाही नहीं करने वाले दोषी अधिकारी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी एवं भृत्यों/सहाकय ग्रेड-3 के पदों पर पदस्थ कर्मचारियों को कब तक पदोन्नति लाभ दिया जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) गुना जिले में राजस्व विभाग में सहायक ग्रेड-3 से सहायक ग्रेड-2 पर वर्ष 2007 में 07 लिपिकों को पदोन्नत किया गया था। विगत 06 वर्षों में किसी भी सहायक ग्रेड-3 को सहायक ग्रेड-2 पर एवं भृत्यों को सहायक ग्रेड-3 पर पदोन्नति नहीं की गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) माह 01 नवंबर 2016 की स्थिति में आरक्षणवार रोस्टर अनुसार निम्नानुसार सहायक ग्रेड-2 एवं सहायक ग्रेड-3 के पद रिक्त हैं-
सहायक ग्रेड-3 से सहायक ग्रेड-2 पर पदोन्नति हेतु- |
||||
विवरण |
अ.जा. |
अज.जा. |
अना. |
कुल |
स्वीकृत्त |
05 |
06 |
22 |
33 |
भरे |
01 |
05 |
05 |
11 |
रिक्त |
04 |
01 |
17 |
22 |
भृत्य से सहायक ग्रेड-3 पर पदोन्नति हेतु- |
||||
विवरण |
अ.जा. |
अज.जा. |
अना. |
कुल |
स्वीकृत्त |
03 |
04 |
15 |
22 |
भरे |
02 |
02 |
02 |
06 |
रिक्त |
01 |
02 |
13 |
16 |
जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-“एक” अनुसार। (ग) गुना जिले में राजस्व विभाग के समस्त वर्गों की पदक्रम सूची 2013 में जारी की गई है तथा तृतीय श्रेणी कर्मचारियों की वर्ष 2015 की अंतिम पदक्रम सूची का प्रकाशन किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-“दो” अनुसार। (घ) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) के अनुसार कार्यवाही नहीं करने वाले अधिकारी के संबंध में जाँच की जा रही है। शासन द्वारा वर्तमान प्रभावशील पदोन्नति नियम 2002 के संबंध में माननीय सर्वोच्च न्यायालय में याचिका विचाराधीन है, याचिकाओं के निराकरण के पश्चात आदेश/ नवीन पदोन्नति नियम जारी होने के पश्चात् पदोन्नति का लाभ दिया जावेगा।
गौ शालाओं हेतु भूमि आवंटन
[राजस्व]
132. ( क्र. 1362 ) श्री संजय शर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गौ शालाओं को भूमि आवंटन के सबंध में शासन के क्या-क्या निर्देश है, उसकी प्रति दें। आवेदन प्राप्ति के कितने दिन के भीतर प्रकरण का निराकरण होना चाहिए? (ख) नवम्बर 16 की स्थिति में नरसिंहपुर जिले की किन-किन गौशालाओं के भूमि आवंटन के प्रकरण कब से एवं क्यों लंबित है? (ग) उक्त प्रकरणों का कब तक निराकरण होगा? (घ) गौशालाओं के भूमि आवंटन के प्रकरणों का निराकरण समय-सीमा में हो, इस हेतु विभाग क्या – क्या कार्यवाही करेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
मतस्य पालन हेतु समीतियों से अनुबंध
[मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास]
133. ( क्र. 1387 ) श्रीमती झूमा सोलंकी : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भीकनगांव विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत मत्स्य पालन नीती 2008 के अनुसार तालाब/जलाशय आवंटन हेतु कुल कितने जलाशय तालाब हैं जिनको मत्स्य पालन हेतु अनुबंध किया गया है तथा वह किस स्तर के हैं? ग्राम पंचायत/जनपद पंचायत/जिला पंचायत? स्तर सहित तालाबों की सूची उपलब्ध करावें? (ख) क्या सभी तालाबों का मत्स्य पालन हेतु अनुबंध हो गया है? यदि हाँ, तो इनकी अनुबंध समाप्त होने की अंतिम तिथि क्या है? तालाबवार जानकारी उपलब्ध करावें? (ग) वर्तमान में संचालनकर्ता समिति कौन सी हैं? उनके अध्यक्ष एवं सदस्यों के नाम सहित तालाबवार जानकारी उपलब्ध करावें। (घ) क्या अपरवेदा डेम तथा जेतगड तालाब अन्तर्गत डूब प्रभावितों को मत्स्य पालन हेतु अनुबंध किया है? नहीं तो क्या कारण है तथा इस संबंध में कोई शिकायत प्राप्त हुई है,? हॉ, तो उसका क्या निराकरण किया गया है?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतरसिंह आर्य ) : (क) प्रश्नाधीन विधान सभा क्षेत्र अन्तर्गत 47 तालाब एवं 24 जलाशयों को मत्स्य पालन हेतु आवंटित कर अनुबंध त्रिस्तरीय पंचायतों द्वारा किया है। तालाब एवं जलाशय ग्राम, जनपद एवं जिला पंचायत स्तर के है। पंचायतवार तालाबों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। तालाबवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) तालाब समितियों का पट्टे पर नहीं है, अत: तालाबवार समिति की जानकारी निरंक है। (घ) अपरवेदा डेम तथा जेतगड तालाब के कार्यक्षेत्र की डूब प्रभावित सदस्यों के सम्मिलित पंजीकृत मत्स्य सहकारी संस्थाओं को मत्स्य पालन हेतु पट्टे पर दिया जाकर संबंधित जिला पंचायत ने अनुबंध किया है। शेष जानकारी निरंक है।
तहसील जौरा के ग्राम अलापुर में पट़टे की शर्तों का उल्लंघन
[राजस्व]
134. ( क्र. 1393 ) श्री सूबेदार सिंह रजौधा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परि.ता.प्र.सं. ३० (क्र.१८११) दिनांक २९-०७-२०१६ के प्रश्नांश (क), (ख), (ग), (घ) के संबंध में उत्तरांश में यह अवगत कराया गया है कि जानकारी एकत्रित की जा रही है? (ख) यदि जानकारी एकत्रित की जा चुकी है तो ब्यौरा देवें। यदि नहीं, तो जानकारी एकत्रित करने में विलंब के क्या कारण है? स्पष्ट करें।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
भू अभिलेख में फर्जी प्रविष्टियां अंकित किए जाना
[राजस्व]
135. ( क्र. 1396 ) श्री सूबेदार सिंह रजौधा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष २०१४-१५ में तहसील मुरैना का पासवर्ड हैक कर कम्प्यूटराईजड भू अभिलेख में फर्जी प्रविष्टियां अंकित किए जाने का तथ्य संज्ञान में आया था व जाँच आयुक्त चंबंल संभाग से कराई गई थी? यदि हाँ, तो जाँच उपरात क्या कार्यवाही की गई? (ख) क्या तहसील मुरैना के ग्राम खिरावली के सर्वे क्र. २९०, ३०५, १०८३, १०८४, २८८/२ व २८९ में फर्जी प्रकरण क्रं ३/२०१२-१३/अ१८ आदेश दिनांक २४-०५-२०१३ में राजस्व निरीक्षक एवं नायब तहसीलदार के फर्जी हस्ताक्षर व पदमुद्रा युक्त संसोधन कर कम्प्यूटर रिकॉर्ड में निजी भूमि स्वामियों की भूमि पर अन्य व्यक्तियों का कब्जा अंकित कर दिया गया था? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के संबंध में प्रथम दृष्ट्या दोषी पटवारी के विरूद क्या कोई कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो विवरण दें? यदि नहीं, तो क्यों उक्त पटवारी मुरैना तहसील में कौन-कौन से हल्के में पदस्थ रहकर पूर्ववत हल्कों में भी किया गया है? (घ) क्या प्रश्नांश (ख) में की गई अवैध प्रविष्टियां आज दिनांक तक यथावत हैं उसे पूर्ववत क्यों नहीं किया गया है? उक्त अभिलेखों के पूर्ववत् कराये जाने हेतु कौन-कौन पदाधिकारी उत्तरदायी हैं?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। (ख) जी हाँ। (ग) प्रश्नांश ‘‘क’’ ‘‘ख’’ के संबंध में तत्कालीन पटवारी प्रथम दृष्टया दोषी नहीं पाया गया था, उक्त पटवारी द्वारा आयुक्त महोदय के प्रकरण क्रमांक 01/2015-15/विविध में 2912/2015 को समक्ष में उपस्थित होकर कथन अंकित कराये थे कि उसके कूटरचित हस्ताक्षर बनाकर पी-02 संशोधन फार्म दिया गया था जिस पर उसकी हस्तालिखित राइटिंग भी नहीं है। उक्त पटवारी तत्समय पटवारी हल्का गुलेन्द्रा पर पदस्थ होकर अन्य पटवारी हल्का नं. 99 रांसू 100 खिरावली, 101 रंचैली, 86 धनेला प्रभार में रहें एवं वर्तमान में पटवारी हल्का नंबर 90 पर पदस्थ है। (घ) जी नहीं। उप तहसील बानमौर के प्रकरण क्रमांक 40/2015-16/बी-121 आदेश दिनांक 25/01/2016 से उक्त अवैध प्रविष्टियां निरस्त कर पूर्ववत स्थिति कायम की जा चुकी है। उक्त प्रविष्ठि पूर्ववत की जा चुकी है। इसलिए कोई पदाधिकारी उत्तरदायी नहीं है।
कर्मचारियों को शासकीय आवास आवंटन किया
[गृह]
136. ( क्र. 1414 ) डॉ. योगेन्द्र निर्मल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला कलेक्टर कार्यालय डिण्डौरी के अधीन कार्यरत अधिकारी/कर्मचारियों के लिए आवास आवंटन के क्या नियम हैं? नियम की छायाप्रति देवें? (ख) विगत २ वर्षों में विभिन्न जनप्रतिनिधियों जिला पंचायत अध्यक्ष/सदस्य/नगरपालिका पार्षद एवं माननीय विधायको द्वारा किन-किन कर्मचारियों को शासकीय आवास आवंटन हेतु कब-कब अनुशंसा की गई? (ग) क्या संविदा कर्मचारियों को भी शासकीय आवास आवंटित किए गए हैं? यदि हाँ, तो क्यो? किस नियम के तहत? जिले के प्रभारी मंत्री के द्वारा सिविल लाईन स्थित आवंटन हेतु किसको कब पत्र/फैक्स के माध्यम से प्राप्त हुआ था? उक्त पत्र पर प्रश्न दिनांक तक विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? क्या पत्र अनुसार संबंधित कर्मचारी को आवास आवंटित कर दिया गया हैं, यदि नहीं, तो क्यों?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार। (ग) जिलों में सामान्य पूल के शासकीय आवास गृहों का आवंटन कलेक्टर द्वारा किया जाता है। डिण्डौरी जिले में संविदा कर्मचारियों को आवास रिक्त होने से आवंटित किये गये है। मान. प्रभारी मंत्री द्वारा अनुशंसित कर्मचारियों को आवास रिक्त न होने से आंवटित नहीं किये गये है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
दोषी व्यक्तियों के प्रति कार्यवाही
[गृह]
137. ( क्र. 1425 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्राम चीनौर एवं थाना चीनौर में अमरचन्द पुत्र सुम्मेरा के नाम की दिनांक 20/06/2016 को फर्जी वसीयत तैयार कर जमीन हड़पने के संबंध मैं श्रीमती नत्थोबाई पुत्री स्व. श्री भोजीराम पत्नि श्री हल्केराम जाटव निवासी ग्राम पुरा बनवार हाल निवासी चीनौर जिला ग्वालियर के द्वारा श्रीमान पुलिस अधीक्षक जिला ग्वालियर को दिनांक 26/09/2016 को शिकायती आवेदन दिया था यदि हाँ, तो आवेदन की प्रति उपलब्ध करावें? (ख) क्या आवेदन में लिखित तथ्यों की जाँच कराई गई यदि हाँ, तो इस प्रकरण में कौन-कौन दोषी है क्या दोषियों के प्रति कोई दण्डात्मक कार्यवाही की गई यदि हाँ, तो क्या? यदि नहीं, तो क्यों कारण सहित स्पष्ट करें। (ख) भितरवार विधानसभा क्षेत्र में आने वाले थानों में कौन-कौन पुलिस कर्मचारी/अधिकारी पदस्थ है उनका नाम, बैच न. पद तथा पदस्थापना दिनांक स्पष्ट करें।
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। आवेदन पत्र की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ‘ अनुसार। (ख) जी हाँ। आवेदिका श्रीमती नत्थोबाई द्वारा दिये गये आवेदन पत्र की जाँच जारी है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब‘ अनुसार है।
पूर्व मंत्रियों को सुरक्षा के मापदण्ड
[गृह]
138. ( क्र. 1428 ) श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश शासन द्वारा मध्यप्रदेश शासन के पूर्व मंत्रियों को उनकी सुरक्षा हेतु सुरक्षा गार्ड देने के क्या-क्या मापदण्ड हैं? (ख) मध्यप्रदेश में कितने पूर्व मंत्रियों को उपरोक्त सुरक्षा व्यवस्था हेतु पी.एस.ओ. उपलब्ध कराये गये हैं जिन पूर्व मंत्रियों को सुरक्षा व्यवस्था नहीं दी जा रही है? तो क्यों? इन्हें कब तक सुरक्षा व्यवस्था दी जाएगी?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) पुलिस रेग्यूलेशन की कंडिका 494 के अंतर्गत निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार सुरक्षा कारणों का परीक्षण कर आवश्यक सुरक्षा उपलब्ध करायी जाती है। (ख) राज्य सुरक्षा समिति के अनुमोदन उपरांत 07 पूर्व मंत्रियों को सुरक्षा कारणों से सुरक्षा उपलब्ध करायी गई है। पुलिस रेग्यूलेशन की कंडिका 494 के अंतर्गत निर्धारित प्रक्रिया अनुसार सुरक्षा कारणों का परीक्षण कर पी.एस.ओ. उपलब्ध कराये जाते है।
योजना के संचालन में कमी के लिए दोषियों पर कार्यवाही
[श्रम]
139. ( क्र. 1440 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नोत्तरी दिनांक 18 जुलाई 2016 के ता. प्रश्न क्रमांक 09 (क्रमांक 260) के उत्तर (क) एवं (ख) प्रश्न में जानकारी आपेक्षित नहीं है? भवन एवं कर्मकार मण्डल के अतंर्गत रीवा जिले के जनपद पंचायतों/नगर पंचायतों द्वारा कुल 42889 पंजीकृत निर्माण श्रमिकों को विभिन्न योजनाओं के अतंर्गत लाभान्वित किया गया है जिसकी सूची परिशिष्ट अनुसार है। प्रश्नांकित अवधि में योजनावार कोई भी प्रकरण लंबित नहीं है जिन पंजीकृत श्रमिकों ने प्रत्येक वर्ष में 90 दिन निर्माण क्षेत्र में कार्य किया है एवं प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया, उनके परिचय पत्र नवीनीकरण किये गए है (घ) प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता? (ख) यदि प्रश्नांश (क) हाँ तो परिशिष्ट अनुसार संलग्न सूची में दर्शाये योजना शौचालय निर्माण, औजार उपकरण, सायकल योजना, मोटर सायकल योजना अतंर्गत कितने हितग्राहियों को रीवा जिले में संबंधित कार्यालयों द्वारा कब-कब किन-किन हितग्राहियों को लाभान्वित किया गया, का विवरण देवे? 90 दिन के निर्माण क्षेत्र में कार्य करने के प्रमाण पत्र बावत् किस संस्था/कंपनी अथवा व्यक्तिगत रूप से निर्माण कार्यों में कार्य करने पर प्रमाण पत्र को मान्य कर परिचय पत्रों का नवीनीकरण कराया जावेगा अथवा किसके प्रमाण पत्र पर नवीनीकरण हो सकेगा? (ग) प्रश्नांश (ख) के पात्र श्रमिकों के परिचय पत्र का नवीनकरण नहीं किया गया एवं पात्र हितग्राही वंचित है इस बावत् क्या शासन द्वारा सरलीकरण कर परिचय पत्रों का नवीनीकरण करने का कार्य करायेंगे, जिससे श्रमिक का ज्यादा समूह लाभान्वित हो सके? (घ) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में कितने ऐसे श्रमिक हैं जिनका पंजीकरण उपरांत खाद्यान पर्चियां जारी की जाकर खाद्यान एवं मिट्टी का तेल, शक्कर उपलब्ध कराया जा रहा है जनपदवार विवरण देवें? (ड.) यदि प्रश्नांश (ख) की योजना का लाभ पंजीकृत श्रमिकों को नहीं दिलाया गया, श्रमिक योजना के लाभ से वंचित रहे तो इसके लिए किनको दोषी मानकर अनुशासनात्मक कार्यवाही करेंगे? करेंगे तो कब तक? अगर नहीं तो क्यों? साथ ही परिचय पत्र के नवीनीकरण न करने के लिए किनको दोषी मानते हुए कार्यवाही करेंगे?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जी हाँ। (ख) रीवा जिले में म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल के अंतर्गत विभिन्न योजनाओं में वितरित हितलाभ एवं लाभान्वित श्रमिकों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। पंजीबद्ध निर्माण श्रमिकों द्वारा नवीनीकरण हेतु आवेदन, मूल पंजीयन एवं वर्ष में 90 दिवस कार्य किये जाने का स्वप्रमाणीकरण (शपथ पत्र) प्रस्तुत किए जाने पर नवीनीकरण किया जाता है। (ग) रीवा जिले में पंजीबद्ध निर्माण श्रमिकों द्वारा नवीनीकरण हेतु आवेदन, मूल पंजीयन एवं वर्ष में 90 दिवस कार्य किये जाने का स्वप्रमाणीकरण (शपथ पत्र) प्रस्तुत किए जाने पर नवीनीकरण किया जाता है। (घ) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल में वर्तमान में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है। (ड.) प्रश्नांश (ख) के परिपेक्ष में पंजबीद्ध निर्माण श्रमिक द्वारा आवेदन करने पर योजनाओं में नियमानुसार हितलाभ प्रदान किया जाता है। अतः अनुशासनात्मक कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। पंजीबद्ध निर्माण श्रमिकों द्वारा नवीनीकरण हेतु आवेदन, मूल पंजीयन एवं वर्ष में 90 दिवस कार्य किये जाने का स्वप्रमाणीकरण (शपथ पत्र) प्रस्तुत किए जाने पर नवीनीकरण किया जाता है। अतः कार्यवाही का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
खाद्यान्न पर्ची जारी कराकर खाद्यान्न उपलब्ध न कराने पर कार्यवाही
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
140. ( क्र. 1441 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नोत्तरी दिनांक 14 मार्च 2016 के प्रश्न क्रमांक 4907 के उत्तर में 224394 किसानों की जानकारी प्रकृतिक आपदा से प्रभावित होने की दी गई थी जिसमे सिर्फ शासन के जारी निर्देशानुसार 9674 कृषकों को खाद्यान्न पर्ची जारी कराकर खाद्यान्न आवंटित किया गया था? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में खाद्यान्न पर्ची के कारण खाद्यान्न से वंचित किसानों को खाद्यान्न शासन के जारी निर्देशानुसार विगत माह से उपलब्ध कराने की व्यवस्था कब तक की जावेगी? अगर नहीं तो क्यों? प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा आयुक्त रीवा संभाग रीवा राजस्व को दिनांक 09.07.2016 को खाद्यान से वंचित किसानों को खाद्यान उपलब्ध कराये जाने का आग्रह किया गया था? (ग) क्या बाढ़ एवं अतिवृष्टि से प्रभावित रीवा जिला को प्रभावित लोगों को खाद्यान एवं मिट्टी के तेल उपलब्ध कराने के लिए निर्देश शासन ने जारी किये थे यदि दिये गये थे तो इस हेतु शासन द्वारा अतिरिक्त आवंटन कब-कब किस-किस दिनांक को प्रदान किया गया? खाद्यान एवं तेल की लीडवार एवं दुकानवार आवंटन एवं वितरण की जानकारी बतावें? (घ) प्रश्नांश (क) के अनुसार खाद्यान पर्ची के कारण जिन किसानों को खाद्यान से वंचित होना पड़ा उसके लिए कौन-कौन दोषी हैं? दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? पिछले खाद्यान से वंचित माहों का खाद्यान्न उपलब्ध कराये जाने बाबत् शासन क्या कार्यवाही करेगा? (ड.) प्रश्नांश (ख) के अनुसार बाढ़ एवं अतिवृष्टि से प्रभावित किसानों को तेल एवं खाद्यान उपलब्ध नहीं कराया गया तो इसके लिए दोषियों की पहचान कर किस तरह की कार्यवाही करेंगे? अगर कार्यवाही करेंगे तो कब तक? अगर नहीं तो क्यों?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जी हाँ। (ख) रीवा जिले में 2,24,394 सूखा प्रभावित किसानों में से 40,594 किसानों को सूखा प्रभावित श्रेणी के अंतर्गत सत्यापित किया जाकर पात्रता पर्ची जारी की गई है। शेष सूखा प्रभावित परिवार अन्य पात्रता परिवार श्रेणियों में सत्यापित होने के कारण उनके द्वारा पूर्व से योजना का लाभ दिया जा रहा है। स्थानीय निकाय द्वारा पात्र परिवारों के सत्यापन उपरांत पात्रता पर्ची जनरेट होने के आगामी माह से राशन सामग्री दिये जाने का प्रावधान है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। यह सही है कि प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा आयुक्त रीवा संभाग रीवा को दिनांक 09.07.2016 को खाद्यान्न से वंचित किसानों को खाद्यान्न उपलब्ध कराये जाने का आग्रह किया गया था। (ग) जी हाँ। रीवा जिले में अतिवृष्टि के कारण बाढ़ से प्रभावित लोगों को खाद्यान्न एवं मिट्टी तेल आरबीसी 6 (4) के अंतर्गत उपलब्ध कराया गया है। प्रभावित परिवारों को खाद्यान्न मध्यप्रदेश स्टेट सिविल सप्लाईज़ कार्पोरेशन से आर्थिक लागत पर प्राप्त कर तथा जिले को आवंटित केरोसीन के वितरण पश्चात शेष रही मात्रा में से वितरण कराया गया है। इस कारण शासन द्वारा खाद्यान्न एवं केरोसीन आवंटन की अतिरिक्त आवश्यकता न होने के कारण पृथक से आवंटन जारी नहीं किया गया है। जिले में लीड संस्थाऐं संचालित नहीं है। दुकानवार जारी खाद्यान्न एवं केरोसीन आवंटन तथा वितरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जिले में माह मार्च, 2016 में पंचायत सचिव/रोजगार सहायक की अनिश्तिकालीन हड़ताल होने से रीवा जिले के प्राकृतिक आपदा से प्रभावित किसानों का सत्यापन समग्र पोर्टल पर नहीं किया जा सका था। जिनका बाद में सत्यापन कराया गया है। माह अप्रैल, 2016 से जून, 2016 तक पात्र परिवार के रूप में सम्मिलित परिवारों का डी-डुप्लीकेशन की कार्यवाही प्रचलित होने के कारण इस अवधि में सत्यापित परिवारों की पात्रता पर्ची जारी नहीं की गई थी। इन परिवारों की 22 जून, 2016 पात्रता पर्ची जारी कर माह जुलाई, 2016 से खाद्यान्न उपलब्ध कराया गया है। उक्त के लिए कोई भी दोषी नहीं है। स्थानीय निकाय द्वारा पात्र परिवारों के सत्यापन उपरांत पात्रता पर्ची जनरेट होने के पश्चात राशन सामग्री दिये जाने का प्रावधान होने से विगत माहों के राशन की पात्रता नहीं है। (ड.) रीवा जिले में बाढ़ एवं अतिवृष्टि से प्रभावित किसानों का चिन्हांकन किया जाकर टोकन/सूची के आधार पर प्रति परिवार 50 किलोग्राम खाद्यान्न एवं 5 लीटर केरोसीन उपलब्ध कराया गया है। वितरित खाद्यान्न एवं केरोसीन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। प्रभावित परिवारों को राशन उपलब्ध कराए जाने से किसी के विरूद्ध कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सी.डी.पी.टी. परियोजना
[तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास]
141. ( क्र. 1459 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासकीय पॉलिटेक्निक महाविद्यालय सागर में सी.डी.पी.टी. परियोजना (कम्यूनिटी डेव्लपमेंट थ्रू पॉलिटेक्निक स्कीम) कब से शुरू की गई थी? (ख) शासकीय पॉलिटेक्निक महाविद्यालय सागर द्वारा सी.डी.पी.टी. परियोजना कितने ग्रामों में संचालित की गई? कौन-कौन से ट्रेड संचालित थे? कितने ग्रामीण छात्र-छात्राओं को रोजगार उन्मुखी प्रशिक्षण प्राप्त हुआ? ट्रेडवार वर्षवार जानकारी देवें। (ग) शासकीय पॉलिटेक्निक महाविद्यालय सागर अंतर्गत संचालित सी.डी.पी.टी. परियोजना में कितने प्रशिक्षक एवं अन्य कर्मचारी कार्यरत थे एवं इनके वेतन, कर्मचारी पेंशन योजना के तहत काटी गई राशि की जानकारी माहवार एवं वर्षवार प्रदान करें? (घ) वर्तमान में शासकीय पॉलिटेक्निक महाविद्यालय सागर में सी.डी.पी.टी. परियोजना बंद होने का क्या कारण है एवं शासन एवं महाविद्यालय द्वारा सी.डी.टी.पी. परियोजना को पुन: शुरू करने हेतु क्या कार्यवाही की जा रही है?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक जोशी ) : (क) प्रश्नांकित योजना मई 2010 से प्रांरभ की गई थी। (ख) शासकीय पोलीटेकिनक महाविद्यालय सागर द्वारा सी.डी.टी.पी. योजना 12 ग्रामों में संचालित की गई थी। जानकारी निम्नानुसार है:-
Trade |
Persons Trained ( Trade Wise) |
|||
2010-11 |
2011-12 |
2012-13 |
2013-14 |
|
Computer Application |
40 |
102 |
67 |
90 |
Computer DTP |
34 |
87 |
68 |
95 |
Mobile Repair |
27 |
85 |
63 |
71 |
Garments Making |
32 |
89 |
65 |
87 |
Hindi Typing |
31 |
83 |
53 |
78 |
Electrical Application Repair |
30 |
72 |
16 |
38 |
House Wiring |
30 |
69 |
41 |
67 |
Motor Winding |
27 |
90 |
23 |
86 |
Welding & Febrication |
25 |
89 |
55 |
75 |
(ग) परियोजना में 9 प्रशिक्षक एवं 3 अन्य कर्मचारी मानदेय पर कार्यरत थे। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता 4 है। (घ) मानव संसाधन विकास मंत्रालय भारत सरकार से अनुदान राशि प्राप्त नहीं होने के कारण योजना वर्तमान में स्थगित की गई है। योजना प्रारम्भ किए जाने के लिए अनुदान राशि की मांग हेतु मानव संसाधन विकास मंत्रालय भारत सरकार से संस्था एवं शासन द्वारा सतत् पत्राचार किया जा रहा है।
कर्मचारियों का नियमितीकरण एवं क्रमोन्नति/समयमान का लाभ
[पशुपालन]
142. ( क्र. 1460 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. शासन कार्मिक प्रशासनिक सुधार एवं प्रशिक्षण विभाग के एफ क्र. सी-3-4/89/3/49 भोपाल दिनांक 24.1.1989 के परिपालन में संचालनालय पशु चिकित्सा सेवायें म.प्र. के आदेश क्र. 10774-75 स्था. ब/एफ-55 ए/89-90 भोपाल दिनांक 31.08.1989 के द्वारा तदर्थ रूप से अलिपिकीय पदों पर कार्यरत 09 कर्मचारियों को आगामी आदेश तक दिनांक 28.02.1989 से नियमित किया गया जबकि उसके अगले आदेश क्र. 10776-77 दिनांक 31.08.1989 द्वारा 77 तदर्थ कर्मचारियों को 31.08.1989 से आगामी आदेश तक नियमित किया गया? ऐसा भेदभाव क्यों? जानकारी कारण सहित स्पष्ट करें। (ख) उपरोक्त 09 कर्मचारियों को किस दिनांक से क्रमोन्नति/समयमान का लाभ दिया गया एवं 77 कर्मचारियों को किस दिनांक से क्रमोन्नति/समयमान का लाभ दिया गया? (ग) यदि उपरोक्त 09 एवं 77 कर्मचारियों को अलग-अलग दिनांकों से क्रमोन्नति/समयमान का लाभ दिया गया है तो क्या सभी कर्मचारियों को समान लाभ दिये जाने हेतु कार्यवाही की जावेगी? हाँ तो समय-सीमा बतायें।
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतरसिंह आर्य ) : (क) मध्यप्रदेश शासन कार्मिक प्रशासनिक सुधार एवं प्रशिक्षण विभाग के परिपत्र क्रमांक सी-3-4/89/ 3/49/दिनांक 24.01.89 के परिपालन में संचालनालय के आदेश क्रमांक 7576/स्था.ब/अलिपिक/173/2001/ दिनांक 12.07.2001 द्वारा संचालनालय के आदेश क्रमांक 10774/दिनांक 31.8.89 निरस्त किया जाकर संचालनालय के आदेश क्रमांक 27382/स्था.ब./87/दिनांक 30.12.87 को यथावत रखा गया है। जिसके अनुसार दिनांक 01.01.84 के पूर्व तदर्थ रूप से भर्ती किये गये दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को दिनांक 30.12.87 से नियमित किया गया है। संचालनालय के आदेश क्रमांक 10776/स्था.ब/दिनांक 31.08.89 द्वारा 31.03.86 के पूर्व तदर्थ रूप से नियुक्त एवं इस दिनांक को तदर्थ रूप से अलिपिकीय पदों पर कार्यरत 77 कर्मचारियों को 31.08.89 से नियमित किया गया है। इस प्रकार उक्त आदेशो में क्रमशः 01.01.84 के पूर्व नियुक्त एवं 31.03.86 के पूर्व नियुक्त कर्मचारियों का नियमितीकरण किया गया है। इसमें कोई भेदभाव नहीं किया गया। (ख) क्रमोन्नति/समयमान वेतनमान का लाभ उनके नियमितीकरण दिनांक से नियमानुसार दिया गया है। (ग) जी नहीं।
आरक्षक पद पर पदोन्नति के नियम
[गृह]
143. ( क्र. 1473 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या किसी भूमि के विक्रय एग्रीमेंट एवं रजिस्ट्री में हस्ताक्षर करने वाले किसी गवाह को बेचने वाले पर फर्जी रजिस्ट्री का प्रकरण दर्ज होने पर क्या गवाह को भी पुलिस द्वारा मुजरिम बनाया जा सकता है? यदि हाँ, तो नियम की छायाप्रति देवें। (ख) पुलिस सेवा में आरक्षक से प्रधान आरक्षक पद पर पदोन्नति के शासन के क्या नियम है? क्या 20 वर्ष पूर्ण होने पर प्रमोशन दिया जाना अनिवार्य है? यदि पाँच वर्ष के अंदर सजा प्राप्त होती है तो क्या प्रमोशन नहीं दिया जाता? नियम की छायाप्रति देवें।
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) प्रकरण में अनुसंधान के दौरान गवाह के अपराध में संलिप्तता प्रमाणित होने पर भा.द.वि. की उपयुक्त धाराओं के अंतर्गत अभियुक्त बनाया जा सकता है। (ख) आरक्षक से प्रधान आरक्षक के पद पर शासन द्वारा अनुमोदित जी.ओ.पी. 138/12 में दिये प्रावधान अनुसार रिक्त पदों पर वरिष्ठता-सह-उपयुक्तता के आधार पर पदोन्नति प्रदान की जाती है। ऐसी कोई अनिवार्यता नहीं है कि 20 वर्ष पूर्ण होने पर पदोन्नति दी जाए। अगर पिछले पाँच वर्ष में कोई बड़ी सजा हो तो पदोन्नति की पात्रता नहीं होती है। साथ ही पिछले पाँच वर्ष में वेतन वृद्धि असंचयी प्रभाव से रोके जाने संबंधी छोटी सजा या दण्ड का प्रभाव समाप्त होने तक पदोन्नति की पात्रता नहीं होती है। नियम की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार।
शमशान-कब्रिस्तान की भूमि में अतिक्रमण
[राजस्व]
144. ( क्र. 1474 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पाटन विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत कौन-कौन से ग्रामों की कितनी-कितनी शासकीय भूमि शमशान-कब्रिस्तान मद में दर्ज है? ग्रामवार, रकबा, खसरा नम्बर सहित सूची देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित भूमि में वर्तमान समय में किसका कब्जा है एवं उक्त आरक्षित भूमि का वर्तमान समय में किस प्रकार से क्या उपयोग किया जा रहा है? उल्लेखित भूमि में से कितनी भूमि पर अतिक्रमणकारियों का कब्जा है तथा शासन द्वारा इसकी बेदखली हेतु क्या कदम उठाये गये? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित शमशान, कब्रिस्तान में दर्ज भूमि में जाने-आने वाले रास्ते पर किन-किन ग्रामों में अतिक्रमण होने से फसल के समय आने-जाने में रूकावट होती है? क्या शासन शमशान, कब्रिस्तान मद में दर्ज इन शासकीय भूमियों तथा उक्त स्थल पर पहुंच मार्गों को चिन्हित कर एवं उसका सीमांकन कर अतिक्रमण मुक्त करने की कोई योजना बनावेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों नहीं? (घ) पाटन विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत कौन-कौन से ग्राम, मजरा टोले राजस्व ग्राम घोषित नहीं हैं? राजस्व ग्राम, घोषित करने की शासन की क्या प्रक्रिया एवं नियम हैं तथा इन ग्रामों एवं मजरों टोलों को किस प्रकार से कब तक राजस्व ग्राम घोषित किया जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) ग्रामवार रकबा, खसरा नंबर संबंधी सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) में 273.01 हे. उल्लेखित भूमि में से वर्तमान समय में 270.05 हे. भूमि शासन के कब्जे में होकर शमशान-कब्रिस्तान के प्रयोजन में है तथा 2.96 हे. में फसल बोकर विभिन्न व्यक्तियों के कब्जे में है जिस पर नियमानुसार कार्यवाही की जा रही है। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित शमशान-कब्रिस्तान में दर्ज भूमि में जाने-आने वाले रास्ते में किन्ही भी ग्रामों में अतिक्रमण नहीं है। (घ) मजरा टोलो को राजस्व ग्राम बनाने के लिये पाटन विधान सभा क्षेत्र के ग्रामों के मजरा टोले शासन के निर्धारित मापदण्डों के अनुरूप नहीं होने से राजस्व ग्राम घोषित किए जाने की कार्यवाही प्रचलन में नहीं है। राजस्व ग्राम घोषित करने के नियम एवं प्रक्रिया की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
जंवारे विसर्जन समारोह में घटित दुर्घटना
[परिवहन]
145. ( क्र. 1494 ) श्री रजनीश सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सिवनी जिला में लखनादौन थाना अंतर्गत परासिया ग्राम में 10 अक्टूबर 2016 को जंवारे विसर्जन कार्यक्रम में एक डम्पर अनियंत्रित होकर समारोह में प्रवेश कर गया था? यदि हाँ, तो उल्लेखित दुर्घटना से कितनी जनहानि हुई एवं कितने लोग आहत हुये? नाम ग्राम सहित सूची देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में दुर्घटना से आहत हुये लोगों को शासन द्वारा क्या सहायता दी गई? मृतकों एवं गंभीर रूप से घायल व्यक्तियों को अन्य माध्यम से कितना-कितना मुआवजा/सहायता प्रदान की गई? (ग) क्या प्रशासन द्वारा व्यस्ततम राष्ट्रीय राजमार्ग नं. 07 पर ऐसे चल समारोह के लिये सुरक्षा व्यवस्था नहीं बनाई गई थी? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) क्या शासन दुर्घटना की जाँच कराकर दोषियों पर कार्यवाही करते हुये मृतकों एवं आहतों को प्रदान की गई मुआवजा राशि में वृद्धि करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्यों नहीं?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। उल्लेखित घटना में 08 लोगों की मृत्यु हुई तथा 18 लोग आहत हुए। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) दुर्घटना में मृतकों के परिजनों को तात्कालिक सहायता राशि 5-5 हजर रूपये वितरण किया गया तथा मृतक मनोहर सिंह पिता डालचंद चैरसिया उम्र 60 वर्ष निवासी आदेगांव एवं मृतक शालिकराम पिता दिप्पू साहू उम्र 60 वर्ष निवसी आदेगांव के परिजन सक्षम होने से तात्कालिक सहायता राशि 5-5 हजार रूपये लेने से इंकार किये जाने से राशि वितरण नहीं की गई। मुख्यमंत्री स्वेच्छानुदान से 07 मृतकों के परिजनों को 2,00,000/- रूपये (प्रत्येक को) एवं 05 गंभीर घायलों को 50,000/- रूपये (प्रत्येक को) एवं 06 साधारण घायलों को 10000/- रूपये (प्रत्येक को) मुआवजा राशि स्वीकृत की गई है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) प्रश्नांश में राष्ट्रीय राजमार्ग क्र. 07 का उल्लेख किया गया है, जबकि उक्त घटना राष्ट्रीय राजमार्ग क्र.26 पर स्थित ग्राम परासिया के पास स्थित बंजारी मंदिर के पास घटित हुई है। थाना लखनादौन क्षेत्रांतर्गत एन एच 26 लखनादौन-नरसिंहपुर रोड ग्राम परासिया के पास बंजारी मंदिर में जवारे स्थापना/विसर्जन के संबंध में विसर्जन के संबंध में बंजारी मंदिर समिति द्वारा निर्धारत कार्यक्रम की दिनांकवार लिखित/मौखिक जानकारी थाना पर नहीं दी गई थी जिससे पुलिस बल नहीं लगाया गया। (घ) घटना के संबंध में थाना लखनादौन में वाहन ट्रक क्र. एन.एल. 02 एन 8300 के चालक के विरूद्ध अपराध क्रमांक 499/2016 धारा 279, 337, 304ए, 304 भा.द.वि. के अंतर्गत पंजीबद्ध किया गया। दिनांक 23.11.2016 को आरोपी ट्रक चालक महबूब पिता अब्दुल मुसलमान 24 साल निवासी भदेका तह. पहाडी थाना गोपालगढ जिला भरतपुर राजस्थान को गिरफ्तार किया गया है। प्रकरण का वैधानिक निराकरण किया जा रहा है। दोषियों के विरूद्ध वैधानिक कार्यवाही की जा रही है। मुख्यमंत्री स्वेच्छानुदान से सहायता राशि स्वीकृत की जा चुकी है।
गंगा गृह निर्माण समिति धवारी सतना के पदाधिकारियों के विरुद्ध कार्यवाही
[गृह]
146. ( क्र. 1507 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या गंगा गृह निर्माण सहकारी समिति मर्यादित सतना के अध्यक्ष श्री अनिल कुमार द्विवेदी पिता कमलाकांत द्विवेदी निवासी हालमुकाम वार्ड क्र. ३३ धवारी गली न. ५ सतना के विरुद्ध रामनरेश पाण्डेय चांदमारी रोड गली न. ०१ अ.जा. बस्ती वार्ड क्र. ३२-३३ सतना द्वारा सिटी कोतवाली सतना में दिनांक १६/०१/२०१६ को मय दस्तावेज के शिकायत की गई थी? यदि हाँ, तो क्या प्रकरण पंजीबद्ध किया गया? प्रथम सूचना रिपोर्ट की प्रति देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित शिकायत में आपराधिक प्रकरण में किन-किन आरोपियों के नाम हैं, उन पर किन-किन धाराओं के तहत प्रकरण कायम किया गया है? क्या शिकायतकर्ता द्वारा पुलिस अधीक्षक सतना को भी इस आशय की शिकायतें समय-समय पर दी गई हैं? यदि हाँ, तो जानकारी देवें? (ग) क्या प्रश्नांश (क) में वर्णित अपराधियों की गिरफ़्तारी हो चुकी है? यदि हाँ, तो किस-किस की? यदि नहीं, तो कौन कब से फरार चल रहा है? (घ) क्या उक्त प्रकरण का चालान समय-सीमा में न्यायालय में प्रस्तुत किया गया? क्या फरारी के दौरान आरोपियों का चालान प्रस्तुत हुआ? यदि नहीं, तो समय-सीमा में चालान प्रस्तुत न होने एवं फरारी में चालान पेश न होने के लिए कौन-कौन दोषी है? शासन इन पर कब व क्या कार्यवाही करेगा?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। दिनांक 16.01.2016 को श्री रामनरेश पाण्डेय निवासी सतना ने सिटी कोतवाली सतना में गंगा गृह निर्माण सहकारी समिति मर्यादित सतना के अध्यक्ष श्री अनिल कुमार द्विवेदी के विरुद्ध आवेदन पत्र दिया था। जिसकी जाँच की जाकर अप. क्र. 782/16 धारा 420, 467, 468, 471 भा.द.वि. पंजीबद्ध किया गया है। प्रथम सूचना प्रतिवेदन की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) प्रश्नांश ‘क‘ में वर्णित अपराध के आरोपियों व धाराओं की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। प्रश्नांश ‘क‘ में वर्णित शिकायत के अतिरिक्त अन्य शिकायत दिनांक 21.03.2016 को दी गई है। (ग) एवं (घ) अपराध वर्तमान में विवेचनाधीन है। विवेचना में नामजद आरोपियों के विरुद्ध मूल दस्तावेज एवं परीक्षण प्रतिवेदन संबंधित विभागों से प्राप्त होना शेष है। साक्ष्य संकलन की कार्यवाही की जा रही है। अभी किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नल-जल योजना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
147. ( क्र. 1510 ) प्रो. संजीव छोटेलाल उइके : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या मण्डला विधान सभा क्षेत्र के वि.ख. मण्डला एवं नैनपुर में कितनी बारहमासी प्रवाहित नदिया एवं बांध हैं उनके तटीय, समीपवर्ती और परस्पर जुड़े कितनी जनसंख्या के ग्राम व नगर हैं? (ख) क्या प्रश्नांश (क) के ग्रामों व नगरों में नदी आधारित नलजल योजना सर्वेक्षित की गयी या बनायी गयी है? उन्हें कब तक प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान कर दी जायेगी? (ग) क्या प्रश्नांश (क) एवं (ख) में किसी स्वरूप का वाटर ट्रीटमेंट प्लांट व ओवरहेड टैंक के निर्माण का प्रावधान किया गया है? (घ) प्रश्नांश (क) से (ग) तक की योजनायें कब से संचालित कर दी जायेगी?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के अनुसार है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) उत्तरांश -‘ख‘ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) उत्तरांश -‘ ख एवं ग‘ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
कौशल विकास योजना
[तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास]
148. ( क्र. 1511 ) प्रो. संजीव छोटेलाल उइके : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कौशल विकास योजनांतर्गत मण्डला जिले में वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक तक किन-किन एन.जी.ओ./संस्थाओं को कितने व्यक्तियों के कौशल उन्नयन का कार्य, किस दर पर, कितनी राशि का दिया गया? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित एन.जी.ओ./संस्थाओं ने (क) वर्णित समय में कितने हितग्राहियों का कौशल उन्नयन का प्रशिक्षण किस-किस फेकल्टी में दिया गया? (ग) प्रश्नांश (क) के तहत वर्णित संस्थाओं/एन.जी.ओ. को प्रश्नांश (ख) के तहत किये गये भुगतान की नियम/शर्तें क्या थीं? क्या नियमों/शर्तों के अनुसार भुगतान किया गया? नियमों का पालन अनुश्रवण एवं मूल्यांकन किस प्रकार से, किस प्रकार के पदनाम, नाम के अधिकार द्वारा किया गया? (घ) प्रश्नांश (क) व (ख) के तहत प्रशिक्षण उपरांत कितने हितग्राहियों को रोजगार प्राप्त हुआ?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक जोशी ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
तहसील विजयपुर के ग्राम मोहनपुरा में प्रदाय किये गए शासकीय भूमि के पट्टे
[राजस्व]
149. ( क्र. 1516 ) श्री रामनिवास रावत : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या श्योपुर जिले की विजयपुर तहसील के पटवारी हल्का विजयपुर के ग्राम मोहनपुरा के भूमि सर्वे क्रमांक 17/11 मि. 1, रकवा 0.418 में श्री प्रभुदयाल पुत्र ओंकार लाल वैश्य एवं श्री वनवारी लाल वैश्य जो की सबलगढ़ तहसील के निवासी है, को तथा सर्वे क्र. 17/11 मिन 2 रकवा 0.418 हेक्टे. में श्री रामस्वरूप पुत्र श्री नेहने राम वैश्य व्यापारी परिवार से तथा श्री राधेश्याम पुत्र श्री रामभरोसी जाति ब्राह्मण जो कि पटवारी परिवार से है तथा विजयपुर के बाहर के निवासी हैं, को शासकीय भूमि के पट्टे प्रदाय किये गए? यदि हाँ, तो कब एवं किसके आदेश से? पट्टा प्रदाय किये जाने की शर्तें क्या थी? (ख) क्या प्रश्नांश (क) अनुसार पट्टा प्राप्त करने वाले व्यक्ति अन्यत्र के निवासी होने तथा पटवारी परिवार के होने के कारण उक्त भूमि के पट्टे प्राप्त करने की पात्रता नहीं रखते है? (ग) प्रश्नांश (ख) यदि हाँ, तो उक्त, अपात्र व्यक्तियों को प्रदाय किये पट्टे को क्या शासन निरस्त करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
प्रदेश में आत्महत्या की घटनाएँ
[गृह]
150. ( क्र. 1518 ) श्री रामनिवास रावत : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के अता.प्रश्न संख्या 36 (क्र. 799) , दिनांक 20.07.16 के उत्तर में दिनांक 01 फरवरी 16 से 30 जून 16 तक प्रदेश में कुल 3597 आत्महत्या की घटनाएँ घटित होने जिनमें से 1164 (कृषक एवं कृषक मजदूर) तथा 298 छात्र थे, की जानकारी पुस्तकालय साहित्य में दी गई थी? तो दिनांक 1 जुलाई 2016 से प्रश्नांकित तिथि तक की अवधि में प्रदेश में आत्महत्या की कुल कितनी घटनाएँ घटित हुई? जिलेवार बतावें? उक्त आत्महत्याओं के क्या-क्या कारण रहे? (ख) प्रश्नांश (क) की अवधि में जिला श्योपुर अन्तर्गत विधान सभा क्षेत्र विजयपुर में आत्महत्या करने वालों का व्यवसाय क्या था? इनमें से कितने कृषक, कृषि मजदूर व छात्र थे? कृपया नाम, पता, उम्र एवं आत्महत्या करने के कारणों सहित कृषक, मजदूर एवं छात्रों के नाम सहित जानकारी दें? (ग) आत्महत्या करने वाले कृषक, कृषि मजदूर एवं छात्रों के परिवारों के स्वावलंबन के लिए सरकार द्वारा क्या प्रयास किये है?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी नहीं। प्रश्नांश के वर्णित प्रश्न के उत्तर में कुल आत्महत्या की घटनाएँ 3957 प्रश्नांश अवधि 01.07.2016 से प्रश्नांकित दिनांक तक प्रदेश में 3469 आत्महत्या की घटनाएँ घटित हुई है जिसमें से 252 कृषक, 279 कृषक मजदूर तथा 281 छात्र थे। आत्महत्याओं के अधिकतर मुख्य कारण पारिवारिक कलह एवं बीमारी आदि है। इसकी जिलेवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र “अ“ अनुसार। (ख) प्रश्नांश अवधि में जिला श्योपुर अंतर्गत विधानसभा क्षेत्र विजयपुर से आत्महत्या की कोई घटना घटित नहीं हुई। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र “ब“ अनुसार।
वर्ष 1958-59 की जमाबंदी खतौनी की अभिलेखागार में उपलब्धता
[राजस्व]
151. ( क्र. 1519 ) श्रीमती ऊषा चौधरी, (श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल) : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले की तहसील रघुराजनगर के अंतर्गत नगर निगम सतना के मौजा बगहा, उमरी, मटेहना, बरदाडीह, शुक्ला, बम्हनगवां, घूरडांग, बदखर, बमुरहा, कोलगंवा, सोनौरा चेक उतैली, क्रपालपुर, डेलौरा, सतना, धवारी, महदेवा, अमौधाकला, अमौधाखुर्द में से किन-किन ग्रामों की वर्ष 1958-59 की जमाबंदी खतौनी अभिलेखागार में उपलब्ध है? किन-किन ग्रामों की जमाबंदी खतौनी अभिलेखागार में उपलब्ध नहीं है बताएँ? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित ग्रामों की वर्ष 1958-59 की जमाबंदी खतौनी अभिलेखागार में कब से उपलब्ध नहीं है और क्यों बताएँ? (ग) प्रश्नांश (ख) में वर्णित जिन ग्रामों की वर्ष 1958-59 की जमाबंदी खतौनी अभिलेखागार में उपलब्ध नहीं है तो इसके लिए कौन-कौन पटवारी, तहसीलदार जिम्मेदार हैं जिनके समय में 58-59 की खतौनी गायब की गई है? (घ) दोषी पटवारी तहसीलदार के विरुद्ध अभी तक क्या कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, तो क्यों कब तक कार्यवाही की जाएगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) सतना जिले की तहसील रघुराजनगर के रिकार्ड रूम में वर्ष 1958-59 की जमाबंदी खतौनी नगर निगम सतना के क्षेत्र अन्तर्गत प्रश्नांश अनुसार निम्न मौजों की खतौनी उपलब्ध है:-
1. मौजा-बगहा, उमरी, मटेहना, बरदाडीह, शुक्ला, बदखर, बमुरहा, कोलगवां, सोनौरा, चेक, उतैली, डेलौरा, सतना, अमौधाकलां, अमौधाखुर्द। प्रश्नानुसार जिन मौजों की खतौनी अभिलेखागार में उपलब्ध नहीं है निम्नानुसार है-
2. मौजा बम्हनगवां, कृपालपुर, धवारी, महदेवा है। (ख) उत्तरांश (क) के पैरा 2 में वर्णित जमाबन्दी खतौनी तहसील रिकार्ड रूम में अनुपलब्ध है (ग) इसकी जाँच कराई जायेगी। जाँच उपरान्त स्पष्ट हो सकेगा कि किन कारणों से उपलब्ध नहीं है। यदि इसमें कोई अधिकारी/कर्मचारी उत्तरदायी पाए जाएगें तो नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी। (घ) जाँच प्रतिवेदन प्राप्त होने पर नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी।
भूमि स्वामियों के नाम भू-अभिलेख कम्प्यूटर में दर्ज किये जाना
[राजस्व]
152. ( क्र. 1523 ) श्री कुंवर सिंह टेकाम : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीधी एवं सिंगरौली जिले के अंतर्गत तहसील कुसमी, मझौली एवं देवसर के पट्टेधारी भूमि स्वामियों का नाम राजस्व रिकार्ड में दर्ज है लेकिन कम्प्यूटर में भूमि स्वामियों का नाम दर्ज नहीं है, अभी भी भूमि स्वामियों के नाम के स्थान पर मध्यप्रदेश शासन दर्ज हैं? भूमि स्वामियों के नाम दर्ज करने हेतु शासन स्तर पर कोई निर्देश जारी किये गये है? यदि हाँ, तो आदेश की प्रति उपलब्ध करायें? (ख) क्या प्रश्नांश (क) के संदर्भ में जिन भूमि स्वामियों का नाम राजस्व रिकार्ड में पट्टेधारी के रूप में दर्ज है क्या उन भूमि स्वामियों का नाम कम्प्यूटर में दर्ज कराया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक नाम दर्ज करा दिया जावेगा? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में जिन भूमि स्वामियों की मृत्यु हो चुकी है तो उनके उत्तराधिकारियों के नाम नामांतरण/वारसाना किये जाने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो बतायें। वारसाना/नामांतरण किये जाने की समय-सीमा कितने दिन की है? क्या समय-सीमा के अंतर्गत नामांतरण/वारसाना किया जाता है? यदि नहीं, तो दोषी अधिकारी कर्मचारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही किये जाने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो क्या प्रावधान है? कितने दोषियों के खिलाफ कार्यवाही की गई है? (घ) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में आपसी बंटवारा के लिये क्या ग्राम पंचायतों को अधिकार दिये गये हैं? यदि हाँ, तो आदेश की प्रति उपलब्ध करायें? ग्राम पंचायतों के द्वारा नामांतरण/वारसाना के साथ आपसी बंटवारा नहीं किया जाता है? क्या पुन: इस संबंध में आदेश जारी किये जायेंगे?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
किसानों को क्षतिपूर्ति/मुआवजा का भुगतान
[राजस्व]
153. ( क्र. 1524 ) श्री कुंवर सिंह टेकाम : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीधी एवं सिंगरौली जिले के अंतर्गत तहसील कुसमी, मझौली एवं देवसर के किसानों को वर्ष 2015-16 में सूखे से प्रभावित कितने किसानों का सूखा राहत राशि का प्रकरण तैयार किया गया था एवं कितनी राशि का मुआवजा वितरण किया गया था? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में कितने किसानों को सूखा राहत राशि का मुआवजा का भुगतान बैंक के द्वारा किया गया है एवं कितने किसानों को भुगतान अभी तक नहीं किया गया है? राहत राशि का जिन किसानों को अभी तक बैंक के माध्यम से भुगतान नहीं किया गया है उन्हें कब तक भुगतान कर दिया जावेगा? (ग) सीधी एवं सिंगरौली जिले अंतर्गत तहसील कुसमी, मझौली के किसानों को वर्ष 2016-17 में अतिवृष्टि से प्रभावित कितने घर कितने कूप एवं कितनी फसल की नुकसानी का प्रकरण स्वीकृत किया गया है? तहसीलवार प्रकरणों की संख्या एवं स्वीकृत राशि बतायें? (घ) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में अतिवृष्टि से किसानों के घर कूप एवं फसलों के नुकसानी का राहत राशि/मुआवजा कब तक भुगतान कर दिया जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘क’ पर है। (ख) जिला सीधी के अन्तर्गत तहसील कुसमी/मझौली में सूखा राहत राशि ई-पेमेंट बैंक के माध्यम से दिया गया है इसी प्रकार सिंगरौली जिले के देवसर तहसील में 13,985 प्रभावितों को सूखा राहत राशि बैंक के माध्यम से दी गई थी। कोई भी प्रभावित राहत राशि वितरण हेतु शेष नहीं है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ख’ पर है। (घ) सीधी जिले के तहसील कुसमी/मझौली अन्तर्गत अतिवृष्टि से किसानों के मकान एवं कूप क्षति की कोई भी राहत राशि दिया जाना शेष नहीं है।
प्रदेश में सुरक्षा कर्मियों की जानकारी
[गृह]
154. ( क्र. 1559 ) श्री जितू पटवारी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में सशस्त्र बल (SAF) और सुरक्षा वाहिनियों में कुल कितने जवान हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार कितने जवान आई.ए.एस., आई.पी.एस. और अन्य अधिकारियों की सुरक्षा में पदस्थ हैं? अधिकारी वार जानकारी देवें। (ग) क्या मध्यप्रदेश पुलिस रेगुलेशन नियमावली में आई.ए.एस. एवं आई.पी.एस. व अन्य अधिकारियों को निजी सुरक्षा अधिकारी PSO या गनमैन देने का प्रावधान है? (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार यदि हाँ, तो उसकी छायाप्रति उपलब्ध करावें यदि नहीं, तो दी गई जवानों की सुविधा कब तक खत्म कर दी जाएगी?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) मध्य प्रदेश विशेष सशस्त्र बल की वाहिनियों में कुल-3609 जवान तथा सुरक्षा वाहिनी में कुल-399 अधिकारी/कर्मचारी पदस्थ है। (ख) एवं (ग) कार्य की महत्ता को देख कर समय-समय पर कर्मचारी लगाये जाते है। (घ) पुलिस रेग्यूलेशन के पैरा 494 की छायाप्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। समय-समय पर सक्षम अधिकारी द्वारा समीक्षा की जाती है।
भोपाल सेंट्रल जेल से भागे कैदियों की जानकारी
[जेल]
155. ( क्र. 1560 ) श्री जितू पटवारी : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) भोपाल सेन्ट्रल जेल पर कैदियों की निगरानी के लिये कुल कितने प्रहरी को नियुक्त किया गया है? (ख) भोपाल सेन्ट्रल जेल पर जनवरी 2016 को कैदियों की निगरानी के लिये कुल कितने प्रहरी नियुक्त थे उनकी सूची दें तथा बतावें कि उनमें से कितने प्रहरी जेल पर पहरा देने के स्थान पर मंत्रियों एवं अधिकारियों के बंगले पर सेवा दे रहे थे उनका नाम तथा पद सहित सूची देवें? (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित सूची में दर्ज प्रहरी किसके आदेश से बंगलों पर सेवा दे रहे थे आदेश की प्रति देवें तथा बतावें कि भोपाल जेल प्रहरी की सेवा का स्थान तथा समय तय करने की जिम्मेदारी किस अधिकारी की है? (घ) क्या प्रहरी के अन्य स्थानों पर नियुक्ति करने से दिनांक 1 नवम्बर 2016 को 8 विचाराधीन कैदी भागने में सफल रहे? यदि हाँ, तो क्या इस प्रकरण की उच्च स्तरीय जाँच की जावेगी?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) भोपाल सेन्ट्रल जेल पर कैदियों की निगरानी के लिये वर्तमान में 229 प्रहरी कार्यरत् है। (ख) जनवरी, 2016 में कुल 155 प्रहरी नियुक्त थे। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। जेल परिसर से बाहर सिविल अस्पताल में भर्ती बंदियों, जेल मुख्यालय एवं जिला जेल परिसर की सुरक्षा व्यवस्था हेतु तैनात थे। समस्त प्रहरी शासकीय सेवा में सेवारत थे। (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी नहीं। 08 कैदियों की फरारी की घटना के संबंध में मध्यप्रदेश शासन, सामान्य प्रशासन विभाग, मंत्रालय वल्लभ भवन के आदेश क्रमांक-एफ-24-7/2016/1-10, दिनांक 07/11/2016 द्वारा एकल सदस्यीय न्यायिक जाँच आयोग का गठन किया गया है।
सागर संभाग में सड़क दुर्घटनाओं की संख्या
[परिवहन]
156. ( क्र. 1620 ) श्री प्रताप सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर संभाग में 01 जनवरी 2015 से प्रश्न दिनांक तक दुर्घटनाओं में कितने लोगों की मृत्यु हुई तथा कितने घायल हुए? दुर्घटना में मृतकों के परिवारजनों को शासन द्वारा कितनी सहायता किस-किस को दी गई, प्रकरणवार बतलावें? क्या दुर्घटना में घायल हुए व्यक्तियों को भी चिकित्सा/आर्थिक सहायता देने का प्रावधान है, यदि है, तो ऐसे कितने घायल व्यक्तियों को कितनी-कितनी सहायता दी गई? (ख) संभाग में अज्ञात वाहनों से प्रश्नांश (क) में कितने व्यक्तियों की मृत्यु हुई है, उनको सहायता राशि क्यों नहीं दी गई? (ग) क्या सरकार सड़क दुर्घटनाओं को रोकने हेतु कोई ठोस कार्ययोजना पर विचार कर रही है, यदि हाँ, तो क्या? सड़क दुर्घटनाओं में घायल हुए व्यक्ति जो अपंग एवं अपाहित जो गये हैं, उनके पुनर्वास के लिए शासन की क्या नीति है?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) सागर संभाग में 1 जनवरी 2015 से प्रश्न दिनांक तक दुर्घटनाओं में 1712 लोगों की मृत्यु हुई है तथा 7240 व्यक्ति घायल हुये है। सहायता राशि का विवरण जिलेवार पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ’’ अनुसार है। जी हाँ, विवरण जिलेवार पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ’’ अनुसार है। (ख) सागर संभाग में अज्ञात वाहनों से प्रश्नांश ‘क‘ में 175 व्यक्तियों की मृत्यु हुई है। इसमें 26 व्यक्यितों को सहायता राशि दी गई है। शेष प्रकरणों में सहायता राशि नहीं दिये जाने के संबंध में विवरण जिलेवार पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग ) शासन द्वारा सड़क दुर्घटनाओं को रोकने हेतु लगातार प्रयास किया जा रहा है। राज्य सड़क सुरक्षा नीति 2016 लाई गयी है। संभाग में, संभावित खतरनाक मोड़ों, वाहन दुर्घटना के स्थलों को चिन्हित कर यातायात सिग्नल, यातायात बोर्ड एवं अन्य यातायात संकेतक लगाये जाकर जनता को यातायात एवं दुर्घटनाओं के संबंध में जानकारी दी जाकर सचेत करते हुये जागरूक किया जा रहा है। शराब पीकर वाहन चलाने वालो पर, ओव्हर लोंडिग वाहनों पर बिना परमिट चलने वाले वाहनों पर आर.टी.ओ. एवं जिला पुलिस के माध्यम से मोटर व्हीकल एक्ट के अंतर्गत अधिक से अधिक चालानी कार्यवाही की जा कर दुर्घटनाओं के रोकथाम एवं सुचारू यातायात व्यवस्था के लिये निरंतर प्रयास जारी है। स्कूल तथा कॉलेजों में भी छात्र एवं छात्राओं को यातायात के संबंध में अधिक से अधिक जागरूकता लाने तथा दुर्घटनाओं से संबंधित जानकारी पर व्याख्यान दिये जा रहे है। यातायात के संबंध में चित्र रूपण कर, जागरूकता लाई जाकर साथ ही यातायात सप्ताह आयोजित कर सभी वर्गों को एवं सभी नागरिकों को कार्यक्रम में शामिल कर तथा विभिन्न समय पर यातायात कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है। जनभागीदारी के माध्यम से यातायात व्यवस्थित एवं सुचारू करने के साथ ही साथ यातायात के दौरान होने वाली दुर्घटनाओं को नियंत्रित एवं कम करने के लिये शासन द्वारा सतत़ प्रयास जारी है। सड़क दुर्घटनाओं में घायल हुए अपंग एवं अपाहिज व्यक्तियों के पुनर्वास हेतु पृथक से नीति न होकर इन्हे निःशक्त व्यक्ति (समान अवसर, अधिकार संरक्षण और पूर्ण भागीदारी) अधिनियम 1995 के अंतर्गत बने नियमों के तहत पात्रतानुसार सहायता प्रदान की जाती है।
हैण्डपंप लगाये जाने के मापदंड
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
157. ( क्र. 1623 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विभाग द्वारा कौन-कौन से स्थानों पर हैण्डपंप लगाऐ जा सकते हैं? कार्य क्षेत्र की जानकारी देवें? (ख) बस स्टैण्ड, धार्मिक स्थल, चौपाटी, सत्संग भवन, धर्मशाला, प्रतीक्षालय, मुक्तिधाम, कब्रिस्तान आदि पर दूर तक पेयजल उपलब्ध नहीं होने पर विभाग द्वारा हैण्डपंप लगाऐ जाते है या नहीं? (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित स्थानों पर अगर विभाग द्वारा हेण्डपंप लगाए जाते हैं तो सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में विगत 3 वर्ष में किन-किन स्थानों पर विभाग द्वारा हैण्डपंप लगाकर जनता को सुविधा दी गई? (घ) जिन स्थानों पर पानी उपलब्ध नहीं है उन स्थानों पर विभाग द्वारा जनता को पेयजल मिल सके हैण्डपंप लगाऐ जा सकेंगे या नहीं?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय केराष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम के अंतर्गत निर्धारित 55 लीटर प्रति व्यक्ति प्रतिदिन जलप्रदाय के मापदण्ड के अनुसार पेयजल की आपूर्ति हेतु ग्रामीण क्षेत्रों की आंशिक पूर्ण बसाहटों में हैण्डपंप लगाये जाते हैं। (ख) यदि ग्रामीण बसाहटें आंशिक पूर्ण श्रेणी की बसाहट है तो ऐसे स्थानों पर हैंडपंप लगाये जा सकते हैं। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (घ) पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम के लिए निर्धारित मापदण्ड की पूर्ति करने वाले स्थानों पर आवंटन की उपलब्धता होने पर हैण्डपंप लगाने की कार्यवाही की जा सकेगी।
भूमि सर्वे नं १००५/१४९६/१ के बारे में जानकारी
[राजस्व]
158. ( क्र. 1624 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर पंचायत सुवासरा स्थित नजूल आबादी भूमि सर्वे नं १००५/१४९६/१ की भूमि वर्ष १९६५ के पूर्व किसके स्वामित्व में थी तथा वर्तमान समय में किसके स्वामित्व में है? (ख) उपरोक्त भूमि सर्वे नं. १००५/१४९६/१ का कोई प्रकरण म.प्र. के माननीय न्यायालयों में प्रश्न दिनांक से पूर्व विचाराधीन था या नहीं? यदि हाँ, तो उक्त भूमि के संबंध में म.प्र. के माननीय न्यायालयों के आदेश की प्रतिलिपि उपलब्ध करावें? (ग) किन-किन व्यक्तियों के द्वारा भूमि सर्वे नं १००५/१४९६/१ पर नगरीय परिषद, माननीय न्यायालय में आपत्ति लगाई गई है आपत्तिकर्ता का नाम, आपति, की गई कार्यवाही की जानकारी देवें? (घ) नगर परिषद सुवासरा दिनांक ३०-०९-२०१६ को परिषद द्वारा भूमि सर्वे नं १००५/१४९६/१ के ४०*३८ ८५*२३ प्लाट के नामांतरण पर क्या निर्णय लिया किन-किन व्यक्तियों के द्वारा क्या आपत्ति दर्ज कराई तथा क्या कार्यवाही की गई?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) राजस्व अभिलेखानुसार नगर पंचायत सुवासरा स्थित भूमि सर्वे नं. 1005/1496/1 वर्ष 1965 से पूर्व आबादी मंडी मद में अंकित थी। वर्तमान अभिलेख में यह आबादी नजूल मद में अंकित है। (ख) जी हाँ। उक्त भूमि से संबंधित अतिक्रमण का प्रकरण नायब तहसीलदार सुवासरा के न्यायालय में प्रकरण क्रमांक 226/अ-68/1995-96 चला था जिसमें पुनर्विलोकन की अनुमति अनुविभागीय अधिकारी सीतामऊ के द्वारा दिनांक 27.07.1996 को दी गई। इस अनुमति के विरूद्ध निगरानी आयुक्त उज्जैन के समक्ष प्रकरण क्रमांक 118/96-97 प्रस्तुत की गई। इसके विरूद्ध अपील राजस्व मण्डल,ग्वालियर के समक्ष प्रकरण क्रमांक 232/111/97 प्रस्तुत की गई जिसमें अनुविभागीय अधिकारी को प्रत्यावर्तित किया गया। प्रकरण क्रमांक 20/बी-121/2010-11 से पुनर्विलोकन अनुमति को सही माना। इस आदेश की अपील अपर कलेक्टर मंदसौर के न्यायालय में प्रकरण क्रमांक 04/अपील/2010-11 प्रस्तुत की गई जिसमें प्रकरण को पुनः अनुविभागीय अधिकारी सीतामऊ को प्रत्यावर्तित किया गया। अनुविभागीय अधिकारी, सीतामऊ के द्वारा प्रकरण क्रमांक 75/बी-121/ 2010-11 दर्ज कर निर्णय पारित किया गया। (ग) सम्पत्ति कर रजिस्टर क्रमांक 1041 पर प्लाट दर्ज होने पर भूमि सर्वे नं. 1005/1496/1 पर नगर परिषद् सुवासरा में श्री सत्यनारायण पाटीदार, संजय पत्रकार, समस्त प्रेस क्लब एवं अलका व्यास द्वारा आपत्ति ली गई है तथा सुषमा व अजीत कुमार के प्रकरण पर 3 आपत्तियां प्राप्त हुई है। सत्यनारायण पाटीदार, संजय पत्रकार एवं समस्त प्रेस क्लब निकाय द्वारा उक्त प्रकरण को परिषद् की बैठक में रखा गया है परिषद् द्वारा शासकीय अधिवक्ता से विधिक राय प्राप्त करने हेतु निर्णय लिया गया। परिषद् के निर्णय अनुसार निकाय द्वारा शासकीय अधिवक्ता को नगर परिषद् सुवासरा के पत्र क्रमांक 2930/16 दिनांक 24-10-2016 लिखा गया है प्रकरण शासकीय अधिवक्ता के पास प्रचलित है। (घ) नगर परिषद् सुवासरा में नामान्तरण प्रकरण अजीत कुमार पिता सागरमल और सुषमा पति अजीत कुमार, अजीत कुमार पिता सागरमल के प्रकरण में 4 आपत्तियां प्राप्त हुई है तथा सुषमा व अजीत कुमार के प्रकरण पर 3 आपत्तियां प्राप्त हुई है। सत्यनारायण पाटीदार, संजय पत्रकार एवं समस्त प्रेस क्लब निकाय द्वारा उक्त प्रकरण को परिषद् की बैठक में रखा गया है परिषद् द्वारा प्रस्ताव क्रमांक 109 दिनांक 30.09.2016 को पारित किया जाकर उपरोक्त प्रकरणों में शासकीय अधिवक्ता से विधिक राय प्राप्त करने हेतु पत्र क्रमांक 2930/16 दिनांक 24-10-2016 लिखा गया है प्रकरण शासकीय अधिवक्ता के पास प्रचलित है।
नाप-तौल विभाग द्वारा की गई जाँच एवं कार्यवाही
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
159. ( क्र. 1630 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कार्यालय नियंत्रक नाप-तौल के पत्र क्रं-1216/नातौ/एफ-290/11 दिनांक 13-04-2011 से डिब्बा बंद वस्तु पी.सी.आर. नियम-1977 के तहत सीमेंट फैक्ट्री (परिसर) में नेट कंटेंट की मासिक जाँच के निर्देश दिये गये हैं (ख) यदि हाँ, तो विगत तीन वर्षों में जबलपुर संभाग अंतर्गत किन-किन सीमेंट फैक्ट्रियों की कब-कब जाँच की गई, जाँच में क्या पाया गया? जाँच के परिणाम बतायें। (ग) कटनी जिले में नाप-तौल विभाग द्वारा कितनी जाँच करने का मासिक लक्ष्य रखा गया है और फैक्ट्रियों, पेट्रोल पंपों, गैस एजेंसियों एवं अन्य के उपकरणों की जाँच हेतु क्या-क्या विभागीय निर्देश दिये गये हैं? (घ) कटनी जिले में संचालित फैक्ट्रियों, पेट्रोल पंपों, गैस एजेंसियों के नाप-तौल के उपकरणों की वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक शासनादेशों/ विभागीय निर्देशों के पालन में किन-किन दिनांकों में जाँच की गई? जाँच में क्या पाया गया? अनियमितता पाये जाने पर क्या कार्यवाही की गई? प्रतिष्ठानवार बतायें (ड.) प्रश्नांश (क) से (ग) के परिप्रेक्ष्य में क्या कटनी जिले में लक्ष्य अनुरूप जाँच एवं कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो किस प्रकार, यदि नहीं, तो क्या कार्यवाही की जायेगी?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जी हाँ। (ख) जबलपुर संभाग के अंतर्गत आने वाले जिलों में मण्डला, डिण्डोरी, नरसिंहपुर एवं जबलपुर में सीमेंट फैक्ट्रियां नहीं है। इस संभाग के अंतर्गत केवल कटनी जिले में सीमेंट फैक्ट्री है। अत: कटनी जिले की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ग) कटनी जिले में प्रति निरीक्षक क्षेत्र में नाप-तौल विभाग द्वारा कुल 250 जाँच करने का मासिक लक्ष्य रखा गया है। जाँच हेतु जारी निर्देशों की प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। (ड.) जिले में दो निरीक्षक कार्यरत् हैं उनके द्वारा लक्ष्य के अनुरूप जाँच करने का प्रयास किया गया है। लक्ष्य अनुसार जाँच करने के पुन: निर्देश प्रसारित किये गये हैं।
बिल्डर के विरूद्ध प्राप्त शिकायत पर पुलिस कार्यवाही
[गृह]
160. ( क्र. 1635 ) श्री दिनेश राय : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जबलपुर जिला उपभोक्ता फोरम द्वारा बिल्डर शंकर मंछानी के विरूद्ध गिरफ्तारी के वारंट जारी होने के बाद भी जबलपुर पुलिस ने आज दिनांक तक उसे गिरफ्तार कर अदालत में पेश नहीं किया? (ख) जबलपुर के किन-किन थानों में कितनी शिकायतें बिल्डर शंकर मंछानी के विरूद्ध प्राप्त हुई, कितनी शिकायतों पर प्राथमिकी दर्ज करवायी गई और क्या कार्यवाही की गई? थानावार जानकारी देवें?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) बिल्डर शंकर मंछानी के विरुद्ध थाना ओमती जिला जबलपुर में दिनांक 01.02.2016 एवं 14.03.2016 को जबलपुर जिला उपभोक्ता फोरम द्वारा प्रकरण क्रमांक 114/14 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 की धारा 27 के अंतर्गत गिरफ्तारी वारंट प्राप्त हुये थे, किंतु गिरफ्तारी नहीं होने के कारण नियत दिनांक को अदम तामिल वारंट माननीय न्यायालय को वापस भेजे गये। (ख) जिला जबलपुर में बिल्डर शंकर मंछानी के विरुद्ध प्राप्त शिकायतें एवं उन पर की गई कार्यवाही की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार।
सिवनी जिले में बढ़ते आपराधिक प्रकरणों पर कार्यवाही
[गृह]
161. ( क्र. 1637 ) श्री दिनेश राय : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पिछले 03 वर्षों में सिवनी जिले में चोरी, डकैती, जुऐ एवं सट्टे के कितने प्रकरण पंजीबद्ध हुये हैं? उपरोक्त दर्ज प्रकरणों में से कितने प्रकरणों में न्यायालय में चालान प्रस्तुत कर दिया गया है एवं कितने प्रकरणों में चालान प्रस्तुत किया जाना शेष हैं? (ख) जिन प्रकरणों में अनुसंधान पूर्ण नहीं होने के कारण चालान प्रस्तुत नहीं हो पायें हैं, ऐसे प्रकरणों में क्या संबंधित अनुसंधान अधिकारियों के विरूद्ध कोई कार्यवाही की गई हैं? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या सिवनी शहर में पिछले तीन वर्षों में आये दिन दस-पन्द्रह चोरियां हो रही हैं? सिवनी शहर चोरों का अड्डा बन गया हैं और दिन दहाड़े चोरियां हो रही हैं? (घ) यदि प्रश्नांश (ग) का उत्तर हाँ, है तो पुलिस द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? थानावार पकड़े गये चोरों या चोरी की दर्ज रिपोर्ट की जानकारी दी जाये? सिवनी शहर को चोरों के आतंक से मुक्त करने की दिशा में पुलिस प्रशासन द्वारा क्या कोई ठोस कार्यवाही की जायेगी?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) चोरी, डकैती, जुआ, सट्टा के प्रकरणों में पुलिस द्वारा समय में विवेचना पूर्ण कर चालान माननीय न्यायालय पेश किया जा रहा है। चोरी के कुछ ऐसे प्रकरण जिनमें अज्ञात आरोपी एवं माल की पतारसी नहीं हो सकी है, की समीक्षा संबंधित अनुविभागीय अधिकारी द्वारा की जाती है। इस अवधि में ऐसे प्रकरण परिलक्षित नहीं हुए हैं जिनमें अनुसंधान पूर्ण नहीं होने के कारण चालान प्रस्तुत नहीं हो पाये हों तथा अनुसंधान अधिकारियों को दण्डित करने की परिस्थिति निर्मित हुई हो। (ग) एवं (घ) जी नहीं। सिवनी शहर में चोरी की घटनाओं पर अंकुश लगाने की दिशा में सिवनी पुलिस प्रशासन निरंतर क्रियाशील है। रात्रि में नियमित पुलिस गश्त लगाई जा रही है। जाहिरा चोर, निगरानी बदमाशों की नियमित निगरानी कराई जा रही है। चोरी के प्रकरण दर्ज कर पतासाजी के हर संभव प्रयास किये जा रहे हैं।
ग्राम की जमीन का नक्शा निर्मित करना
[राजस्व]
162. ( क्र. 1645 ) श्री मुकेश पण्ड्या : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बड़नगर तहसील के ग्राम मसवाड़िया धार में बंदोबस्त वर्ष 90-91 के दौरान सम्पूर्ण ग्राम की जमीन का नक्शा निर्मित किया था किन्तु उपरोक्त नक्शा त्रुटीपूर्ण होने कारण मिलान नहीं हो पा रहा है तथा इस संदर्भ में पिछले कई वर्षों से ग्रामीण जन इस त्रुटी के निराकरण के लिये कई बार आवेदन दे चुके है? (ख) आज दिनांक तक इस सदंर्भ में विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है तथा इस मानचित्र को ठीक करने के लिये कब-कब क्या-क्या आदेश जारी किये गये है? (ग) क्या इस सदंर्भ में अधिसूचना जारी कर दी गई है? यदि हाँ, तो कब और नहीं तो कब तक जारी कर दी जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अन्तर्गत खाद्यान्न का आवंटन
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
163. ( क्र. 1647 ) श्री मुकेश पण्ड्या : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अन्तर्गत शासन के द्वारा प्रदाय योजना का खाद्यान्न आवंटन प्रति माह कितना कितना प्राप्त होता है? माह में योजना के अनुसार कितना-कितना खाद्यान्न प्रतिमाह वितरित किया जाता है तथा किसके द्वारा प्रदाय किया जा रहा है? (ख) बड़नगर विधान सभा क्षेत्र की दुकानों के लिये माह में कब आवंटन प्राप्त होता है तथा दुकानों को कितनी समयावधि में प्रदाय किया जाता है? दुकानों की माहवार जानकारी देवें।
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत राशन सामग्री का आवंटन प्रतिमाह सत्यापित पात्र परिवारों एवं सदस्यों की संख्या के आधार पर जारी किया जाता है। यह आवंटन सामान्यत: माह की 7 तारीख से 26 तारीख तक आगामी माह के लिए जारी किया जाता है। उक्त आवंटन अनुसार खाद्यान्न, शक्कर एवं नमक का प्रदाय द्वार प्रदाय योजना अंतर्गत मध्यप्रदेश स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन द्वारा उचित मूल्य दुकानों पर किया जाता है। द्वार प्रदाय योजना अंतर्गत आवंटन एवं वितरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) बड़नगर विधानसभा क्षेत्र सहित पूरे प्रदेश में आवंटन जारी होने के पश्चात उसकी प्रविष्टि सी.एस.एम.एस. साफ्टवेयर में कर 15 से 20 दिवस में उक्त सामग्री उचित मूल्य दुकानों पर पहुंचाई जाती है। उचित मूल्य दुकान पर खाद्य वस्तुओं के प्रदाय की अप्रैल 2016 से 17 नवम्बर, 2016 तक की दुकानवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है।
गोटेगांव में यामना नाले पर अतिक्रमण
[राजस्व]
164. ( क्र. 1652 ) श्री जालम सिंह पटेल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा नरसिंहपुर जिले की गोटेगांव तहसील में यामना नाले पर अतिक्रमण होने की जानकारी पत्र क्रं. JSP/2016/1963 दिनांक 11/ 09/2016 को अनुविभागीय अधिकारी एवं पत्र क्रं. 1964 दिनांक 12/09/2016 द्वारा कलेक्टर नरसिंहपुर को दी गई? (ख) यदि हाँ, तो उस पर क्या कार्यवाही की गई? (ग) यदि कार्यवाही नहीं की गई तो कब तक और क्या कार्यवाही की जाएगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। (ख) प्राप्त शिकायत पत्रों पर तहसीलदार गोटेगांव द्वारा जाँच की गई जिसमें श्री सुरेन्द्र राय का शासकीय भूमि पर अतिक्रमण नहीं होना पाया गया। निर्माण कार्य निजी भूमि पर पाया गया। (ग) उत्तरांश के 'ख' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उद्भूत नहीं होता है।
नरसिंहगढ़ विधानसभा क्षेत्र की तहसील कार्यालय कम्पयूटर अपडेशन
[राजस्व]
165. ( क्र. 1660 ) श्री गिरीश भंडारी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नरसिंहगढ़ तहसील कार्यालय में कुछ ग्रामों के नक्शे बंदोबस्त नंबरों से नहीं हो पा रहे हैं? कुछ छोटे ग्राम का पूरा नक्शा अपलोड ना किया जाकर अधूरा अपलोड किया गया है? क्या कारण है? अधूरा अपलोड नक्शे को कब तक पूरा अपलोड किया जावेगा? (ख) क्या कुछ कृषकों द्वारा माह जुलाई में नकलें निकाल ली गईं थीं, लेकिन कुछ कृषक नकलें निकालने से वंचित रह गये थे, क्या उनके द्वारा वर्तमान में आवेदन करने पर उनकी भूमि शासकीय दर्ज होकर निकल रही है? यदि हाँ, तो? भूमि कृषकों के नाम कब तक दर्ज होगी? (ग) नरसिंहगढ़ तहसील कार्यालय में कुछ नक्शे ऑनलाईन उपलब्ध है, उनमें कुदान व उड़ान नं. नहीं आ रहे हैं? उन नक्शों में पुन: संशोधित करने के लिये शासन द्वारा क्या निर्देश जारी किये जा रहे?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) राजगढ़ जिले की नरसिंहगढ़ तहसील के अन्तर्गत कुल 09 ग्रामों के नक्शे साफ्टवेयर की तकनीकी त्रुटि के कारण अपलोड नहीं हुये थे। सॉफ्टवेयर की तकनीकी त्रुटि ठीक कर दी गई है व 07 ग्रामों के नक्शें भी अपलोड कर दिये गये हैं। शेष 02 ग्रामों के नक्शें अपलोड किये जा रहे हैं। (ख) जी हाँ। (ग) नरसिंहगढ़ तहसील कार्यालय में कुछ नक्शें ऑनलाईन उपलब्ध है, उनमें कुदान व उडान न. दर्ज करने के संबंध में वेब जी. आई. एस. सॉफ्टवेयर में नया माड्यूल प्रारंभ कर दिया गया है, जिससे कुदान व उडान नं. में संशोधन किया जा सकता है।
पटवारियों की पदस्थापना
[राजस्व]
166. ( क्र. 1673 ) चौधरी मुकेश सिंह चतुर्वेदी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश भू-अभिलेख नियमावली भाग-1 व 2 के प्रावधान एवं म.प्र. स्थानांतरण नीति वर्ष 2015-16 के अनुसार प्रभारी मंत्री एवं कलेक्टर अनुमोदन उपरांत अनुभाग स्तर पर पटवारियों की पदस्थापना (हल्का) परिवर्तन के अधिकार केवल अनुविभागीय अधिकारी को है? (ख) क्या भिण्ड जिले के अंतर्गत मई, 2015 में अनुभाग मेंहगांव में पदस्थ पटवारियों की हल्का परिवर्तन व्यापक स्तर पर बगैर प्रभारी मंत्री व कलेक्टर के अनुमोदन प्राप्त कर हल्का परिवर्तन के आदेश जारी किये गये? यदि हाँ, तो किस नाम, पदनाम के अधिकारी के द्वारा? (ग) क्या विभाग उक्त अधिकारियों के खिलाफ कोई कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो क्या और कब तक?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
स्थायी वर्गीकृत दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी की सेवानिवृत्ति
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
167. ( क्र. 1674 ) चौधरी मुकेश सिंह चतुर्वेदी : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) भिण्ड जिले के कुल स्थायी वर्गीकृत दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी कार्यरत थे जिनको दिनांक 31.12.15 को सेवानिवृत्त किये जाने का आदेश 17.09.15 को जारी किया गया था? कर्मचारी के नामवार जानकारी दी जावे? (ख) क्या उक्त आदेश के विरूद्ध उक्त कर्मचारियों के द्वारा पृथक-पृथक माननीय उच्च न्यायालय में याचिकायें प्रस्तुत की गई है, जिनमें पारित आदेशों के क्रम में किन-किन कर्मचारियों को पुन: कार्य पर रख लिया गया है और किन-किन को नहीं? पृथक-पृथक नामवार जानकारी दी जावे? (ग) कार्य पर न लिये जाने वाले कर्मचारियों को कब तक कार्य पर लिया जायेगा?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) भिण्ड जिले में कुल 161 स्थाई वर्गीकृत दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी कार्यरत हैं। 17.9.2015 को श्री कमलेश कुमार शर्मा दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी को सेवानिवृत्त आदेश जारी किया गया था। (ख) उक्त आदेश पर कर्मचारी द्वारा माननीय उच्च न्यायालय खण्डपीठ ग्वालियर में प्रकरण क्रमांक डब्ल्यू.पी.7017/2015 दायर की गई। माननीय उच्च न्यायायल द्वारा पारित आदेश दिनांक 26.10.2015 के परिपालन में कार्यपालन यंत्री लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी खण्ड भिण्ड के पत्र क्रमांक 2592 दिनांक 28.6.2016 द्वारा श्री कमलेश कुमार शर्मा को पुनः सेवा में लिया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश "ख" के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
यात्री बसों से होने वाली दुर्घटनाएं
[परिवहन]
168. ( क्र. 1687 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इन्दौर कोटा राजमार्ग पर विगत 02 वर्षों में कितनी यात्री बसों की दुर्घटनायें म.प्र. राजस्थन सीमा चवली से इन्दौर के मध्य हुई हैं? दुर्घटना उपरांत क्या कार्यवाही की गई एवं दुर्घटना को रोकने के लिए क्या कदम उठाये गये? प्रकरणवार विवरण देवें। (ख) जिला आगर अंतर्गत सोयतकलां, सुसनेर एवं आगर से चलने वाली यात्री बसों को आवंटित परमिट की जानकारी वाहनवार उपलब्ध करावें? (ग) सोयतकलां से उज्जैन/इन्दौर चलने वाली यात्री बसों या सुसनेर से उज्जैन/इन्दौर चलने वाली यात्री बसों के परमिट कितनी अवधि के एवं कितने अवधि अंतराल के जारी किए गए हैं? (घ) क्या कम अवधि अंतराल के एवं कम अवधि के जारी परमिटों से दुर्घटनाओं की संख्या बढ़ी हैं? यदि हाँ, तो इस ओर सुधारात्मक कार्यवाही किये जाने के लिए समीक्षा कर उचित कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो क्या व कब तक? (ड.) प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत गुराड़ी बंगला के निकट हुई सड़क दुर्घटना में शामिल यात्री बस पर क्या कार्यवाही की गई, बस के परमिट की क्या स्थिति हैं?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) इन्दौर-कोटा राजमार्ग अन्तर्गत इन्दौर उज्जैन, आगर (मालवा) जिले की सड़क निकलती हैं। संबंधित पुलिस अधीक्षकों से प्राप्त जानकारी अनुसार प्रश्नाधीन अवधि में इन्दौर जिले के अन्तर्गत 54, उज्जैन जिले के अन्तर्गत 10 एवं आगर (मालवा) जिलान्तर्गत 28 दुर्घटनाएं घटित हुईं। दुर्घटना के लिये जिम्मेदार चालकों के विरूद्ध आपराधिक प्रकरण दर्ज किये गये। दुर्घटनाओं को रोकने के लिये मार्ग पर संकेतक, गतिअवरोधक आदि लगाये गये। संबंधित पुलिस अधीक्षकों से प्राप्त सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) प्रश्नांश ”क“ में वर्णित इन्दौर कोटा अन्तर्प्रान्तीय मार्ग अंतर्गत सोयतकला सुसनेर एवं आगर से चलने वाली 57 बसों को परिवहन कार्यालय उज्जैन से परमिट जारी किये गये है, जिसकी वाहनवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) सोयतकला सुसनेर उज्जैन एवं इन्दौर तक जिन बसों को परिवहन कार्यालय उज्जैन से परमिट जारी किये गये है वह मार्ग पर यात्रियों को परिवहन सुविधा प्रदान करने हेतु दिये गये है। 42 बसों को 5 वर्ष की अवधि के लिये स्थाई परमिट एवं 15 बसों को अस्थाई परमिट 30.11.16 तक के लिये स्वीकृत किये गये है वर्णित मार्ग पर संचालित बसों के मध्य कितना अंतराल होना आवश्यक है, इस संबध में मोटरयान अधिनियम 1988 में प्रावधान यद्यपि निर्धारित नहीं है उसके उपरांत भी बसों के मध्य समय चक्रों का परस्पर टकराव निर्मित नहीं हो इस सिद्धांत को ध्यान में रखकर ही परमिट जारी किये गये है। (घ) बस परमिटों के समय चक्रों के अंतराल का संबंध दुर्घटनाओं से नहीं होता है, इसलिये परमिट जारी करने के कारण दुर्घटनाओं की संख्या में वृद्धि होने का प्रश्न ही उत्पन्न नहीं होता है। बस संचालन संबंधी नियमों की समीक्षा कर शासन द्वारा जनसुविधा को दृष्टिगत रखते हुए सतत रूप से आवश्यक कदम उठाये जाते है। (ड.) यात्री बस पर रूपये 80,700 /- रसीद क्रमांक 3031089 बुक क्रमांक 60622 दिनांक 03.11.2015 द्वारा जुर्माना किया गया। वाहन बिना परमिट के थी। वाहन टैक्स रूपये 12,730/- रसीद क्रमांक 9115171951402 दिनांक 03.11.2015 के द्वारा जमा कराया गया है।
औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान के व्यवस्थापन व पॉलिटेक्निक महाविद्यालय की स्थापना
[तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास]
169. ( क्र. 1688 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत निर्माणाधीन नवीन आई.टी.आई. भवन सुसनेर के निर्माण कार्य की मानीटरिंग किन-किन शासकीय सेवकों द्वारा कब कब की गई निरीक्षण प्रतिवेदन की सत्यापित प्रति प्रस्तुत करें। (ख) औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान सुसनेर में वर्तमान में कौन-कौन सी ट्रेण्ड संचालित हैं एवं इनमें कितने छात्र अध्ययनरत हैं एवं कितने पद स्वीकृत हैं एवं कितने पद भरे हैं? रिक्त पदों की पदपूर्ति या व्यवस्था की क्या स्थिति हैं (ग) प्रश्नकर्ता द्वारा विधानसभा क्षेत्र में नवीन पॉलिटेक्निक महाविद्यालय प्रारम्भ किये जाने हेतु कोई प्रस्ताव भेजा था या मांग की थी? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की गई? क्या प्रभावी कार्यवाही कर शीघ्र नवीन पॉलिटेक्निक महाविद्यालय प्रारम्भ किया जावेगा?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक जोशी ) : (क) लोक निर्माण विभाग, पी.आई.यू. संभाग आगर मालवा से प्राप्त जानकारी अनुसार आई.टी.आई. सुसनेर के भवन निर्माण कार्य के निरीक्षण निम्न शासकीय सेवाकों द्वारा किया गया:-
स.क्रं. |
निरीक्षणकर्त्ता अधिकारी का नाम |
पदनाम |
निरीक्षण की अवधि |
1 |
श्री सुनिल कुमार मालवीय |
संभागीय परियोजना यंत्री |
24.2.2015 से 16.4.2015 |
2 |
श्री शिवेन्द्र सिंह |
संभागीय परियोजना यंत्री |
16.4.2015 से आज दिनांक तक |
3 |
श्री मनोज कुमार शर्मा |
परियोजना यंत्री |
01.4.2015 से 08.9.2015 |
4 |
श्री राजेश शर्मा |
परियोजना यंत्री |
08.9.2015 से आज दिनांक तक |
5 |
श्री रामजी शरण गुप्ता |
सहायक परियोजना यंत्री |
01.4.2015 से आज दिनांक तक |
6 |
श्री बी.पी. पटेल |
अतिरिक्त परियोजना संचालक |
24.4.2016 |
7 |
श्री सुरेन्द्रराव गौरखेडे |
संयुक्त परियोजना संचालक |
29.6.2016 |
निरीक्षण
प्रतिवेदन की
प्रतियों की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र -अ
अनुसार है। (ख)
औद्योगिक
प्रशिक्षण
संस्था
सुसनेर में वेल्डर, इलेक्ट्रिशियन
एवं फिटर व्यवसाय
संचालित है
एवं 104
प्रशिक्षणार्थी
प्रशिक्षणरत्
है। पदों की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-ब
अनुसार है। (ग)
जानकारी
उपलब्ध
नहीं। विभाग
की नीति
अनुसार प्रत्येक
जिले में
पोलीटेकनिक
महाविद्यालय
प्रारंभ किये
जाना हैं।
प्रस्ताव पर
सैद्धांतिक
सहमति हैं।
शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
पशुपालन की योजनाएं
[पशुपालन]
170. ( क्र. 1693 ) श्रीमती संगीता चारेल : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग द्वारा पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए अदिवासी बाहुल्य क्षेत्र में कौन-कौन सी योजनाएं संचालित की जा रही हैं? सैलाना विधानसभा अंतर्गत वर्ष २०१३-१४ से प्रश्न दिनांक तक कितने हितग्राहियों को किन-किन योजनाओं के माध्यम से क्या-क्या लाभ दिया गया? (ख) क्या विभाग द्वारा बारिश के मौसम में पशुओं में होने वाली बीमारियों की रोकथाम के लिए निःशुल्क टीकाकरण या दवाइयों का वितरण किया जाता है? यदि हाँ, तो इसके प्रचार प्रसार के लिए विभाग द्वारा क्या-क्या प्रयास किए जाते है? यदि नहीं, तो क्या विभाग इस सबंध में कोई कार्य योजना बनायेंगे?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतरसिंह आर्य ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-‘‘अ‘‘ अनुसार। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-‘‘ब‘‘ अनुसार। (ख) जी हाँ। इसका प्रचार-प्रसार विभिन्न माध्यमों द्वारा विभागीय शिविरों, विभागीय प्रदर्शिनी आदि में किया जाता है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र के श्रमिकों के कल्याण हेतु संचालित योजनाएं
[श्रम]
171. ( क्र. 1694 ) श्रीमती संगीता चारेल : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र के श्रमिकों के कल्याण हेतु संचालित योजनाओं के संबंध में विभाग द्वारा कौन-कौन सी योजनाएं संचालित की जा रही है? (ख) विगत एक वर्ष में सैलाना विधानसभा अंतर्गत कितने श्रमिकों को क्या-क्या लाभ किन-किन के माध्यम से उपलब्ध कराया गया? (ग) सैलाना विधानसभा अंतर्गत कुल कितने श्रमिक पंजीकृत हैं? पंजीयन की क्या प्रक्रिया है तथा इसके लिए क्या नियम है? (ग) पंजीकृत श्रमिकों को शासन की कौन-कौन सी योजनाओं के लाभ की पात्रता है?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल द्वारा पंजीकृत निर्माण श्रमिकों हेतु संचालित योजनाओं की जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। (ख) प्रश्नांकित अवधि में सैलाना विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत पंजीकृत निर्माण श्रमिकों को निम्न योजनांतर्गत हितलाभ की राशि वितरित की गई हैः (ग) सैलाना विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत वर्तमान में कुल 22,443 निर्माण श्रमिक पंजीकृत है। पंजीयन हेतु नियमानुसार निर्माण श्रमिक की आयु 18-60 वर्ष के बीच होनी चाहिए तथा उसके द्वारा गत 01 वर्ष में कम से कम 90 दिवस निर्माण श्रमिक के रूप में कार्य करने का प्रमाण/स्व-प्रमाणिकरण प्रस्तुत करने पर पंजीयन किया जाता है। ग्रामीण क्षेत्रों के लिये मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत एवं शहरी क्षेत्रों के लिए नगरीय निकाय के अधिकारी पंजीयन हेतु पदाभिहित अधिकारी नियुक्त है। 05 रू. पंजीयन शुल्क तथा रू. 10 पाँच वर्षों के लिए अभिदाय के रूप में लिये जाने का प्रावधान है। (घ) पंजीकृत निर्माण श्रमिकों को मंडल द्वारा वर्तमान में संचालित विभिन्न योजनाओं के माध्यम से हितलाभ प्रदाय किया जाता है जिसकी जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है।
बोर खनन एवं नल-जल योजना का क्रियान्वयन
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
172. ( क्र. 1706 ) श्री सुदेश राय : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जिला सीहोर के अंतर्गत विधान सभा क्षेत्र 159 सीहोर में वर्ष 2013-14 से आज दिनांक तक विभिन्न योजना के तहत कितने नवीन बोर खनन कराये गये वर्षवार नवीन बोर खनन की सूची मय स्थान सहित वर्षवार बतावें। (ख) वर्ष 2013-14 से आज दिनांक तक कितनी सिंगल फेस की कितनी मोटरें उपलब्ध करायी गई हैं वर्षवार सूची मय स्थान सहित वर्षवार बतावें। (ग) वर्ष 2013-14 से आज दिनांक तक कितनी नवीन नल-जल योजना स्वीकृत की जाकर पूर्ण की गई है तथा कितनी और प्रस्तावित है तथा राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल योजना के तहत नल-जल योजना के बोर खनन किन-किन स्थानों पर कराये गये हैं वर्षवार सूची मय स्थान सहित बतावें।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) 317 नवीन बोर खनन कराये गये हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार। (ख) 64 सिंगलफेस मोटरे, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार। (ग) 5 नवीन नलजल योजनाएं स्वीकृत 2 योजनाएं पूर्ण। भारत शासन द्वारा नवीन योजनाओं पर प्रतिबंध होने के कारण कोई योजना प्रस्तावित नहीं है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार।
रिक्त पद एवं प्रतिनियुक्ति
[पशुपालन]
173. ( क्र. 1726 ) श्री सुरेन्द्रनाथ सिंह : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग के कितने पशु चिकित्सक पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग में कितने वर्षों से प्रतिनियुक्ति पर हैं? उनके नाम बतायें? प्रतिनियुक्ति पर उनसे क्या काम कराया जा रहा है, बतायें? (ख) कंडिका (क) अनुसार प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ पशु चिकित्सक की प्रतिनियुक्ति अवधि कितनी बार बढ़ाई गई? (ग) क्या प्रतिनियुक्ति पर पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग में पदस्थ अधिकारियों (पशु चिकित्सक) की विभाग को आवश्यकता नहीं है? विभाग में पशु चिकित्सक के कितने पद रिक्त हैं तथा प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत पशु विभाग में कब तक वापस बुलाये जायेंगे?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतरसिंह आर्य ) : (क) 6 पशु चिकित्सक। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है तथा प्रतिनियुक्ति पर संबंधित विभाग द्वारा कार्य लिया जाता है। (ख) संलग्न परिशिष्ट में संबंधित अधिकारी के सामने दर्शायी गई अवधि से निरंतर प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत है। (ग) पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग में प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ अधिकारियों की विभाग को आवश्यकता है। विभाग में पशु चिकित्सा सहायक शल्यज्ञ के 543 पद रिक्त है। प्रतिनियुक्ति से वापस बुलाने की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
नामजद आरोपियों के विरूद्ध न्यायालय में चालान पेश किया जाना
[गृह]
174. ( क्र. 1740 ) श्री मानवेन्द्र सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रीवा जिले के थाना देवतालाब अंतर्गत ग्राम कुंजबिहारी सिमरिया निवासी बिहारीलाल कुशवाहा पिता रामस्वरूप कुशवाहा के आवेदन पर दिनांक 16.07.2016 में अपराध क्रमांक 148/16 धारा 303 भा.द.वि. का मुकदमा नामजद आरोपियों के विरूद्ध कायम किया गया? यदि हाँ, तो एफ.आई.आर की प्रति उपलब्ध कराये? (ख) क्या उपरोक्त नामजद आरोपीगणों के विरूद्ध दर्ज मुकदमा अपराध क्रमांक 148/16 का चालान न्यायालय में आज दिनांक तक पेश हुआ है या नहीं? यदि नहीं, तो पेश न होने का क्या कारण है? (ग) क्या उपरोक्त अपराध क्रमांकों के सभी आरोपियों की गिरफ्तारी आज दिनांक तक की गई है या नहीं यदि नहीं, तो गिरफ्तार न करने एवं इतना समय बीत जाने का क्या कारण है? (घ) क्या पुलिस द्वारा घोर लापरवाही करते हुए प्रभावशील एवं सरहंगों के दबाव के कारण न्यायालय में चालान पेश न किये जाने के कारण फरियादी न्याय से वंचित है? यदि हाँ, तो पुलिस प्रशासन के खिलाफ कार्यवाही करेंगे यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी नहीं। दिनांक 16.07.2016 को श्री बिहारीलाल पिता श्री रामस्वरुप कुशवाह निवासी कुंजबिहारी सिमरिया के आवेदन पर थाना देवतालाब, जिला रीवा अन्तर्गत संदेहियों श्रीमती रेखा पत्नी श्री रमेश कुशवाह एवं सुश्री संगीता पुत्री श्री राम पगार कुशवाह, सभी निवासी सिमरिया कुंजबिहारी के विरुद्ध अपराध क्रमांक 148/16 धारा 303 भा.द.वि. का नहीं बल्कि 363 भा.द.वि. पंजीबद्ध किया गया। प्रथम सूचना प्रतिवेदन की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) जी नहीं। अभी तक नामजद संदेहियों के विरुद्ध पर्याप्त साक्ष्य न मिलने एवं अपह्ता के बरामद नहीं होने से अंतिम प्रतिवेदन नहीं भेजा गया है। विवेचना के आधार पर अग्रिम कार्यवाही की जा रही है। (ग) जी नहीं। शेष उत्तरांश “ख“ अनुसार। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नामांतरण संबंधित कार्य ग्राम पंचायतों को सौंपा जाना
[राजस्व]
175. ( क्र. 1745 ) श्री मानवेन्द्र सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नामांतरण प्रकरण में हो रही देरी को रोकने के लिये विभाग द्वारा क्या कार्य योजना बनाई जा रही है? क्या नामांतरण संबंधित समस्त कार्य ग्राम पंचायतों को सौंपने की कार्ययोजना प्रस्तावित है? यदि हाँ, तो उक्त संबंध में समस्त जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) की जानकारी अनुसार क्या ग्राम पंचायतों को नामांतरण के ही अधिकार दिये जा रहे हैं? ऐसी स्थिति में क्या राजस्व अभिलेखों में नामांतरण प्रविष्टि दर्ज कराने में कृषकों को पटवारियों द्वारा परेशान नहीं किया जावेगा एवं भ्रष्टाचार की संभावना नहीं बनेगी? (ग) यदि हाँ, तो नामांतरण की प्रविष्टि को राजस्व अभिलेखों में अमलदरामद कर खसरा एवं बी-1 की प्रति कृषकों को सुगमता से उपलब्ध कराये जाने के संबंध में विभाग द्वारा क्या कोई नवीन योजना बनाई जा रही है अथवा प्रस्तावित है?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 109 एवं 110 के तहत कार्यवाही
[राजस्व]
176. ( क्र. 1756 ) श्रीमती पारूल साहू केशरी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 109 एवं 110 के तहत किस प्रकार की और कौन-कौन सी कार्यवाहियां करने हेतु किसे अधिकृत किया गया है? (ख) सागर जिले की तहसील सागर में 1.10.2015 से प्रश्न दिनांक तक भू-राजस्व संहित 1959 की धारा 109 एवं 110 के तहत हल्का पटवारियों के द्वारा अपने-अपने प्रभार क्षेत्र में कितनी-कितनी रजिस्ट्री, फौती, नाबालिग से बालिगी, अविवादित बंटवारा की कितनी प्रविष्टियां दर्ज करायी गयी हैं एवं इसके विपरीत कितनी प्रविष्टियां राजस्व अधिकारी/पीठासीन अधिकारी द्वारा पारित की गयी है? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार कितनी शेष प्रविष्टियां को दर्ज करने के लिये क्या लक्ष्य रखा गया है और किस स्तर के अधिकारी के द्वारा इसकी नियमित समीक्षा की जावेगी? क्या समीक्षा की नियमित जानकारी स्थानीय विधायकों को भी नियमित उपलब्ध करायी जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
पत्र पर कार्यवाही
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
177. ( क्र. 1757 ) श्रीमती पारूल साहू केशरी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा मुख्य सचिव मध्यप्रदेश शासन को लिखे गये पत्र दिनांक 1 अगस्त 2016 पर कार्यवाही हेतु उक्त पत्र मुख्य सचिव म.प्र. शासन द्वारा प्रमुख सचिव खाद्य विभाग को पत्र क्रमांक 6040/अ.स./मु.स./2016 भोपाल दिनांक 9 अगस्त 2016 को भेजा गया था? (ख) यदि हाँ, तो प्रमुख सचिव खाद्य विभाग द्वारा उक्त पत्र पर अब तक क्या कार्यवाही की गई है?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जी हाँ। (ख) माननीय सदस्य द्वारा दिये गये पत्र पर कार्यवाही कर प्रतिवेदन मध्यप्रदेश स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन से चाहा गया है।
आई.एस.ओ. अवार्ड प्राप्त भोपाल जेल से फरार कैदी
[जेल]
178. ( क्र. 1773 ) श्री आरिफ अकील : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या माह अक्टूबर 2016 को भोपाल की आई.एस.ओ. अवार्ड प्राप्त सेंट्रल जेल से किस दिनांक को किस-किस समय किस-किस धारा के कौन-कौन कैदी जेल की किस दिशा में फरार हुए तथा कब-कब से बंद थे और कैदियों के फरारी के समय जेल में जेल प्रशासन सहित एस.ए.एफ. के किन-किन लोगों की ड्यूटी थी तथा किन-किन जेल अधिकारियों एवं कर्मचारियों के विरूद्ध किन-किन आधारों पर क्या-क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों कारण सहित बतावें? (ख) जेल मैनुअल के अनुसार रात्रि के समय जेल की बैरकों/सेल में कब-कब ताला डाला जाता है तथा उसकी चाबी सुरक्षा की दृष्टि से कहाँ जमा होती है और जो कैदी फरार हुए वह किस-किस सेल में बंद थे, उन्होंने बैरकों के तालों की चाबी कैसे बनाई या ताला कैसे खोला तथा कैदियों के फरार होने के उपरांत जाँच अधिकारियों के द्वारा उनके बैरकों से क्या-क्या सामग्री प्राप्त हुई तथा प्राप्त पत्रों में क्या-क्या लिखा हुआ था, बतावें? (ग) क्या सुरक्षा की दृष्टि से वर्ष 2014 में जेल प्रशासन के आला अधिकारियों द्वारा जेल में बल की कमी व अन्य खामियों से शासन को पत्र लिखकर अवगत कराया था? यदि हाँ, तो शासन द्वारा समय रहते कार्यवाही नहीं करने के क्या कारण इस लापरवाही के लिये कौन-कौन दोषी है, उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) माह अक्टूबर, 2016 में दिनांक 30-31 अक्टूबर, 2016 की दरमियानी रात केन्द्रीय जेल भोपाल से 08 सिमी विचाराधीन बंदी फरार हुए। इन बंदियों के नाम, अपराध धारा, जेल प्रवेश दिनांक तथा घटना में लापरवाही के लिये प्रथम दृष्ट्या दोषी अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) मध्यप्रदेश जेल नियमावली, 1968 के नियम-315 (11) के अनुसार रात्रि के समय जेल की बैरिकों/सेल में लॉकप पश्चात् ताला लगाया जाता है तथा चाबियों को मेनगेट पर स्थित की-बॉक्स में जमा किया जाता है। मध्यप्रदेश शासन, सामान्य प्रशासन विभाग, मंत्रालय की अधिसूचना क्रमांक-एफ-24-7/2016/1-10, दिनांक 07/11/2016 द्वारा एकल सदस्यीय न्यायिक जाँच आयोग गठित किया गया है। प्रश्नांश बाबत जानकारी न्यायिक जाँच उपरांत प्राप्त होगी। (ग) जेल मुख्यालय स्तर से जेलों की सुरक्षा व्यवस्था हेतु उप जेल अधीक्षक, सहायक जेल अधीक्षक, मुख्य प्रहरी एवं प्रहरी के नवीन पदों के निर्माण की स्वीकृति बाबत प्रस्ताव दिनांक 20/01/2014 द्वारा मंत्रालय, जेल विभाग को प्रेषित किया गया था। उक्त प्रस्ताव के अनुक्रम में मध्यप्रदेश शासन, जेल विभाग, मंत्रालय के आदेश क्रमांक-एफ-02 (बी) 13/2014/तीन/जेल, दिनांक 15/10/2014 द्वारा प्रथम चरण वर्ष, 2014-15 के लिये उप जेल अधीक्षक के 05, सहायक जेल अधीक्षक के 36, मुख्य प्रहरी के 185 एवं प्रहरी के 670 पद तथा द्वितीय चरण वर्ष 2016-17 के लिये उप जेल अधीक्षक के 05, सहायक जेल अधीक्षक के 36, मुख्य प्रहरी के 184 एवं प्रहरी के 670 नवीन पदों की स्वीकृति तथा पदों को भरने की अनुमति प्रदान की गई। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्रदेश की जेलों में डाक्टर सहित स्टॉफ की कमी की पूर्ति
[जेल]
179. ( क्र. 1774 ) श्री आरिफ अकील : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या प्रदेश की अधिकांश जेलों में डॉक्टरों के पद स्वीकृत होने के बावजूद पूर्ति करने की अपेक्षा अंशकालिक डॉक्टरों से काम लिया जा रहा है? यदि हाँ, तो पूर्ति नहीं करने के क्या कारण हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रदेश की किन-किन जेलों में कितने-कितने डॉक्टरों के पद कब स्वीकृत हुए और कब-कब से रिक्त हैं इसी प्रकार प्रदेश की जेलो में कितने-कितने कैदियों को रखने की क्षमता है और वर्तमान में कितने-कितने कैदियों को रखा गया है? सेंट्रल जेल व उनके अधीनस्थ जेलो के नाम सहित बतावें? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के परिप्रेक्ष्य में डाक्टरों की कमी की पूर्ति एवं जेलो में क्षमता से अधिक कैदियों को रखने के लिए कौन-कौन जिम्मेदार है उनके विरूद्ध शासन द्वारा क्या कार्यवाही की जावेगी यदि नहीं, तो क्यों कारण सहित बतावें? (घ) जेल मुख्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार वर्ष 2010 से प्रश्न दिनांक की स्थिति में प्रदेश की किन-किन जेलो में कैदियों द्वारा आत्महत्या करने, फरार होने एवं समय पर खाना नहीं मिलने एवं खाने की गुणवत्ता अच्छी नहीं होने की प्राप्त शिकायतों पर जेल मुख्यालय द्वारा किन-किन के विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गई यदि नहीं, तो क्यो तथा कब तक की जावेगी?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी हाँ। जेलों हेतु स्वीकृत डॉक्टरों के पदों पर पदस्थापना लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा प्रतिनियुक्ति से की जाती है। समय-समय पर चिकित्सा अधिकारियों के रिक्त पदों की पूर्ति हेतु लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग को लिखा गया है। लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा पूर्ति न किये जाने के कारण अंशकालिक डॉक्टरों द्वारा परिरूद्ध बंदियों का स्वास्थ्य परीक्षण एवं उपचार किया जा रहा है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। (ग) जेलों पर डॉक्टरों की पदस्थापना हेतु लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग से अनुरोध किया गया है। माननीय न्यायालय के आदेशानुसार बंदियों को जेलों पर रखा जा रहा है। जिम्मेदारी का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''स'', ''द'' एवं ''ई'' अनुसार है।
1 जनवरी, 2013 से पशुपालन विभाग द्वारा कार्यक्रम
[पशुपालन]
180. ( क्र. 1790 ) श्री प्रदीप अग्रवाल : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दतिया जिले में पशुपालन विभाग द्वारा 1 जनवरी, 2013 के उपरांत कौन-कौन से कार्यक्रम जनता के बीच किस-किस दिनांक को किन-किन स्थानों पर आयोजित कराये गये? विकासखण्डवार जानकारी उपलब्ध कराये? (ख) कंडिका (क) में वर्णित कार्यक्रमों के लिये विभाग द्वारा कितनी-कितनी राशि किस-किस मद में व्यय की गई जानकारी विकासखण्डवार/कार्यक्रमवार/मदवार उपलब्ध कराई जावें? (ग) कंडिका (क) में वर्णित कार्यक्रमों में किन-किन जनप्रतिनिधियों की आमंत्रित किया गया कार्यक्रमवार आमंत्रण संबंधी साक्ष्य की छायाप्रति सहित जानकारी उपलब्ध कराई जावें? (घ) क्या दतिया जिले में पशुपालन विभाग द्वारा फर्जी दस्तावेज बनाकर कार्यक्रमों के नाम पर शासन के लाखों रूपये व्यय दर्शाकर भ्रष्टाचार कर शासन के खजाने को लूटा जा रहा है यदि हाँ, तो इसमें कौन-कौन अधिकारी दोषी है उनके खिलाफ क्या कार्यवाही की जायेगी यदि नहीं, तो कार्यक्रमों के नाम पर व्यय राशि की जाँच प्रदेश स्तरीय टीम बनाकर प्रश्नकर्ता के समक्ष कराई जावेंगी?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतरसिंह आर्य ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ’’ अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’ब’’ अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’स’’ अनुसार। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पशु पालन विभाग में रिक्त पदों की जानकारी
[पशुपालन]
181. ( क्र. 1795 ) श्री सचिन यादव : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खरगोन जिले में पशुपालन विभाग में सभी श्रेणियों के रिक्त पदों की पूर्ति नहीं किये जाने के क्या कारण हैं? क्या इससे क्रियान्वित योजनाओं के कार्य प्रभावित नहीं हो रहे हैं और ग्रामों में दी जाने वाली सुविधाएं प्रभावित नहीं हो रही हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में प्रश्नकर्ता द्वारा दिये गये पत्रों पर कार्यवाही कर अवगत नहीं कराये जाने के क्या कारण हैं? उक्त रिक्त पदों की पूर्ति विगत कई वर्षों से नहीं करने के कारणों का उल्लेख करें।
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतरसिंह आर्य ) : (क) नवीन पद स्थापना तथा स्थानांतरण के माध्यम से खरगोन जिले में समय-समय पर रिक्त पदों की पूर्ति की जाती रहीं है। अधिकारियों/कर्मचारियों की कमी होने के कारण पद रिक्त है। जी नहीं रिक्त संस्थाओं का प्रभार नजदीकी संस्थाओं के अधिकारियों को अतिरिक्त प्रभार सौंपकर योजनाओं का क्रियान्वयन तथा सुविधाएं प्रदान की जा रही है। (ख) प्रश्नांश ''क'' के संबंध में प्रश्नकर्ता के पत्र प्राप्त नहीं हुए है। खरगोन जिलें में विगत 3 वर्षों में पशु चिकित्सा सहायक शल्यज्ञ का 1 पद तथा सहायक पशु चिकित्सा क्षेत्र अधिकारी के 9 पद तथा भृत्य के 6 पदों की पूर्ति की गई। शेष प्रश्न उपसिथत नहीं होता है।
जेल की सुरक्षा
[जेल]
182. ( क्र. 1796 ) श्री सचिन यादव : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) भोपाल सेंट्रल जेल की सुरक्षा को लेकर राज्य सरकार, मुख्य सचिव एवं विभागीय उच्चाधिकारियों को कितने-कितने पत्र किस-किस अधिकारी, संबंधित विभाग के तात्कालीन अधिकारी एवं सेवा निवृत्त अधिकारियों द्वारा लिखे गये? उन पत्रों पर क्या कार्यवाही की गई? प्राप्त पत्रों और की गई कार्यवाहीवार जानकारी दें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार समय-समय पर कार्यवाही नहीं किये जाने में किनके द्वारा किस प्रकार की लापरवाही की गई और राज्य सरकार ने उस पर क्या कार्यवाही की? (ग) उक्त जेल में दिनांक 30 अक्टूबर की रात घटित घटना में किस प्रकार की लापरवाही हुई और उनमें कौन-कौन दोषी हैं, के खिलाफ क्या कार्यवाही की गई?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) विगत वर्षों में समय-समय पर विभाग द्वारा राज्य शासन को जेलों की सुरक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करने हेतु प्रस्ताव प्रेषित किये गये एवं राज्य शासन द्वारा उस पर कार्यवाही करते हुए सुरक्षा अमले में 23 जेल अधीक्षक, 15 उप जेल अधीक्षक, 90 सहायक जेल अधीक्षक, 476 मुख्य प्रहरी एवं 1974 प्रहरी के नवीन पद सृजित किये गए हैं। (ख) ''क'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) राज्य शासन द्वारा न्यायिक जाँच आदेश क्रमांक-एफ-24-7/2016/1-10/भोपाल, दिनांक 07/11/2016 से आदेशित की गई है। प्रश्नागत जानकारी न्यायिक प्रक्रिया के अधीन है।
खसरा नंबरों को बदला जाना
[राजस्व]
183. ( क्र. 1797 ) श्री जालम सिंह पटेल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अता. प्रश्न संख्या 97 (क्र. 2678) दिनांक 29.07.2016 को उत्तर के परिप्रेक्ष्य में ग्राम ओरछा रा.नि.म. ओरछा, तहसील निवाड़ी जिला टीकमगढ़ के खसरा नं. 456 और 457 बंदोबस्त सम्वत 1940-41, 1945-46 प्रविष्टी क्या-क्या थी तथा उक्त भूमि/आबादी/किस-किस के नाम दर्ज थी? (ख) क्या उक्त खसरा नंबरों को नये नंबर परिवर्तित किये गये? यदि हाँ, तो कब-कब, किस प्राधिकारी के आदेश से? क्रमांक दिनांक प्रति सहित बतायें? (ग) क्या उक्त खसरा नंबरों की स्वामित्व बदली गई है? यदि हाँ, तो क्यो और किस प्राधिकारी के आदेश से बदली गई? आदेश का क्रमांक, तिथि तथा आदेश की प्रति बताये?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) ग्राम ओरछा स्थित भूमि खसरा नम्बर 456 रकबा 0.287 हेक्टेयर बन्दोबस्त सम्बत् 1940-41, 1945-46 में श्री चतुर्भुज मन्दिर के नाम दर्ज थी। खसरा नम्बर 457 रकबा 2.016 हेक्टेयर आबादी में दर्ज थी। (ख) प्रश्नांश ’क’ में वर्णित नम्बरों को नये खसरा नम्बर में परिवर्तित नहीं किया गया। (ग) ग्राम ओरछा स्थित भूमि खसरा नम्बर 456 रकबा 0.287 हेक्टेयर बन्दोबस्त सम्बत् 1940-41, 1945-46 में श्री चर्तुभुज मन्दिर के नाम दर्ज थी तथा वर्तमान राजस्व अभिलेख में भी चतुर्भुज मंदिर के नाम दर्ज है। इस खसरा नम्बर में कोई भी ’’बदली’’ नहीं की गई है। खसरा नं 457 रकबा 2.016 हेक्टेयर के संबंध में माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में दायर याचिका क्रमांक 19231/2012 कृष्ण कुमार विरूद्ध म.प्र.शासन एवं अन्य में कलेक्टर टीकमगढ़ को ग्राम ओरछा स्थित भूमि खसरा नम्बर 457 के संबंध में जाँच कर निराकरण किये जाने के निर्देश दिये गये थे। आदेश के पालन में न्यायालय कलेक्टर टीकमगढ़ के प्रकरण क्रमांक 52/बी-121/2013-14 दिनांक 05.04.2016 में आदेश पारित अनुसार प्रश्नाधीन भूमि खसरा नम्बर 457 के संबंध में दर्ज प्रविष्टि मंदिर प्रांगण म.प्र. शासन को सही माना गया है। आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
लीज का निर्धारण
[राजस्व]
184. ( क्र. 1798 ) श्री
जालम सिंह
पटेल : क्या
राजस्व
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) दिनांक 17/03/2016 के
अता.प्र.क्र. 5999 के प्रश्नांश
(क) से (घ) में
जानकारी एकत्रित
की जा रही, उत्तर
दिया है,
तो
क्या
जानकारी
एकत्रित कर ली
गई है? यदि
हाँ, तो
उपलब्ध
कराएं? (ख) यदि
नहीं, तो
भोपाल जिलान्तर्गत
संबंधी
जानकारी
एकत्रित न हो
पाने का क्या
कारण है?
इसके
लिए कौन दोषी
है? (ग) विलंब
के दोषियों पर
क्या
कार्यवाही कब
तक की जाएगी? (घ) कब
तक प्र.क्र. 5999 के
प्रकरणों का
निराकरण कर
दिया जाएगा? यदि नहीं, तो क्यों? इसमें क्या
व्यवधान
शासन को आ रहा
है?
राजस्व
मंत्री ( श्री
उमाशंकर
गुप्ता ) : (क) से (घ)
जानकारी
एकत्रित की जा
रही है।
अधिग्रहित भूमियों के मुआवज़ा में अनियमितता
[राजस्व]
185. ( क्र. 1805 ) पं. रमेश दुबे : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. में कृषि भूमियों/भवनों के किसी विवाद के संबंध में विवादों के निराकरण का अधिकार किन अधिनियमों/नियमों में किन प्रावधानों के तहत किसे प्राप्त है? आदेश निर्देश की प्रति सहित जानकारी दें? (ख) क्या म.प्र. में किन्हीं योजनाओं में अर्जित की गयी कृषि भूमियों/भवनों का अधिग्रहण व प्रतिकर निर्धारण के पश्चात व मुआवज़ा राशि भुगतान के पूर्व अधिग्रहित भूमियों/भवनों का अंश बंटवारा, हक व अधिकार को लेकर उत्पन्न विवाद का निराकरण व मुआवज़ा राशि का भुगतान का कोई अधिकार भू-अर्जन अधिनियम में भू-अर्जन अधिकारी को प्राप्त है? यदि हाँ, तो ऐसे अधिनियम/नियम की प्रति संलग्न करें? (ग) क्या अर्जित कृषि भूमियों/भवनों के मुआवजा भुगतान के पूर्व ऐसी भूमियों के हक व अधिकार को लेकर उपखण्ड अधिकारी राजस्व के समक्ष आपत्ति अथवा आवेदन प्रस्तुत करने पर इन आपत्तियों/आवेदनों के निराकरण करने का क्या कोई अधिकार उपखण्ड अधिकारी को प्राप्त है? यदि हाँ, तो किन संहिता में अथवा किन नियमों अधिनियमों में? संलग्न करें? (घ) प्रश्नांश (क) व (ख) का उत्तर यदि ना है तो किन अधिकारों का उपयोग करते हुए अनुविभागीय अधिकारी राजस्व चौरई जिला छिन्दवाड़ा अर्जित भूमियों का प्रतिकर निर्धारण के पश्चात् मुआवज़ा भुगतान पर प्राप्त होने वाले आपत्तियों/आवेदनों पर सुनवाई, उनके स्तर पर भूमियों/भवनों का हक व अंश बंटवारा कर मुआवज़ा राशि का तदनुसार भुगतान किया जा रहा है? क्या यह कार्यवाही विधिसंगत है?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
अधिग्रहित भूमियों के मुआवजा भुगतान में आपत्तियां और उनका निराकरण
[राजस्व]
186. ( क्र. 1806 ) पं. रमेश दुबे : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पेंच बांध परियोजना माचागोरा, विकासखण्ड चौरई, जिला छिन्दवाड़ा हेतु विकासखण्ड चौरई के किन-किन ग्रामों की कितनी-कितनी कृषि भूमियां और कितनी शासकीय भूमियां अर्जित की गयी ग्रामवार, व्यक्तियों की संख्या प्रतिकर की राशि सहित जानकारी दें? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में प्रतिकर निर्धारण के पश्चात् विगत दो वर्षों में कितनों के प्रतिकर पर भुगतान हेतु कितनी से आपत्तियां प्राप्त हुई? क्या निराकरण हुआ? कितने लोगों को कितनी-कितनी राशि का भुगतान किया गया? प्रतिकर पत्रक से विलग किसी व्यक्ति को भुगतान हुआ हो तो ऐसे व्यक्तियों के पक्ष में सक्षम न्यायालय के आदेश अथवा ऐसे आदेश पर दुरूस्त अभिलेख की प्रति, प्रतिकर पत्रक सहित जानकारी ग्रामवार एवं प्रकरणवार दें? (ग) प्रश्नांश (क) व (ख) के संदर्भ में क्या विगत 2 वर्षों में मुआवजा प्रकरणों में प्रतिकर निर्धारण के पश्चात् मुआवजा भुगतान पर प्राप्त आपत्ति का बिना सुनवाई किये बिना किसी आधार के पहले भुगतान पर स्टे लगाना, बाद में दलालों के माध्यम से भ्रष्टाचार कर भारी भरकम राशि प्राप्त कर आपत्ति का यथावत निराकरण कर राशि भुगतान करने, भू-अर्जन अधिकारी के कार्यालय में दलालों के सक्रीय रहने के मामले प्रकाश में आये है या समाचार पत्रों में प्रकाशित हुए है? (घ) क्या शासन आपत्तियों के निराकरण में भ्रष्टाचार होने, दलालों द्वारा भोले-भाले किसानों से रूपये ऐठने की शिकायत प्रत्येक आपत्तियों के प्रकरण में संबंधित हितग्राहियों के प्रश्नकर्ता की उपस्थित में साक्ष्य अंकित कर जाँच, कराने का आदेश देगा? नहीं तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
अतिक्रमण हटाया जाना
[राजस्व]
187. ( क्र. 1814 ) श्री
नारायण
त्रिपाठी :
क्या राजस्व
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) ग्राम
बरांव तह.
हनुमना,
राजस्व
अनुभाग मऊगंज
जिला रीवा के
गणेशधाम, उर्रमलिया
टोला के
रहवासियों ने
कतिपय लोगों
द्वारा ग्राम
के शासकीय
तालाब की
मेंढ़ पर
बाउण्ड्रीवॉल
व पेड़ लगाकर
आम शासकीय
रास्ता बंद
किये जाने को
लेकर कब-कब
विभागीय
अधिकारियों
को लेख किया
अथवा आवेदन
पत्र देकर
मांग की गई? क्या
उक्त समस्या
का निराकरण कर
दिया गया है? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) क्या उक्त
अतिक्रमण न
हटाये जाने के
कारण
ग्रामीणों का
आना-जाना दूभर
हो गया है? बच्चे
स्कूल नहीं
जा पा रहे हैं? मान. न्यायालय
द्वारा भी उक्त
अतिक्रमण
हटाये जाने के
निर्देश के
बावजूद जनहित
में इस समस्या
का निराकरण अब
तक न किये
जाने के क्या-क्या
कारण रहे हैं? (ग) इस
हेतु विभाग के
कौन-कौन
अधिकारी उत्तरदायी
हैं? कब
तक उक्त समस्या
का निराकरण कर
आम रास्ता
खुलवा दिया
जावेगा?
राजस्व
मंत्री ( श्री
उमाशंकर
गुप्ता ) : (क) कोई
शिकायत/आवेदन
पत्र किसी भी
अधिकरी से प्राप्त
नहीं हुआ है। (ख)
जी नहीं, मौके
पर अतिक्रमण नहीं
है। रास्ता
चालू है। (ग) उत्तरांश
’’ख’’
के
प्ररिप्रेक्ष्य
में प्रश्न
उद्भूत नहीं होता।
खाद्यान्न पर्चियों/कूपनों में गड़बडि़यां
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
188. ( क्र. 1815 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मैहर विधानसभा क्षेत्र में क्या सभी श्रेणियों के पात्र हितग्राहियों को खाद्यान्न प्राप्त हो रहा है? विगत 5 माह में कितने हितग्राहियों के कूपन निरस्त हुए और क्यों? इनमें तकनीकी कारणों से निरस्त सभी कूपनों को क्या पुन: जारी कर दिया गया है, नहीं तो क्यों? (ख) विधानसभा क्षेत्र में पात्र हितग्राहियों के कूपन निरस्त होने, कूपन में गलत फीडिंग, ग्राम रोजगार सहायकों द्वारा की गई गड़बडि़यों के कारण उत्पन्न स्थितियों के कारण खाद्यान्न न मिल पाने व व्याप्त अनियमितताओं के निराकरण के लिये क्या किसी वरिष्ठ अधिकारी के मार्गदर्शन में अभियान चलाकर हितग्राहियों के हित में कार्यवाही की जाएगी? यदि नहीं, तो फिर किस प्रकार अनियमितताओं को रोका जाएगा? (ग) तकनीकी कारणों व अन्य अनियमितताओं के कारण पात्र हितग्राहियों के साथ हो रही समस्याओं के समाधान हेतु विभाग की क्या योजना है? क्षेत्र में खाद्यान्न वितरण व गलत जारी कूपनों को सुधारे जाने व अन्य व्याप्त समस्याओं के निराकरण हेतु विभाग त्वरित रूप से क्या कार्यवाही कब तक करेगा?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) मैहर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत पात्र परिवार के रूप में 24 श्रेणियों के परिवारों में से सत्यापित एवं पात्रता पर्चीधारी 67,546 परिवारों को खाद्यान्न का वितरण किया जा रहा है। मैहर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत विगत 5 माह में 1851 अपात्र हितग्राहियों के नाम पात्रता श्रेणी से अनमेप कर उनकी पात्रता पर्ची निरस्त की गयी है। तकनीकी कारण से अनमेप हुए 234 परिवारों की पात्रता पर्ची पुन: जारी की जा चुकी है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) मैहर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत तकनीकी कारणों से अनमेप हुए परिवारों को पुन: सम्मिलित किया जाकर राशन वितरण किया जा रहा है। इस कारण किसी वरिष्ठ अधिकारी के मार्गदर्शन में अभियान चलाये जाने की आवश्यकता नहीं है। समग्र पोर्टल पर दर्ज पात्र परिवारों के डाटाबेस में स्थानीय निकाय के साथ-साथ अन्य विभागों द्वारा भी विलोपन एवं संशोधन की कार्यवाही करने पर तकनीकी कारणों से कुछ परिवार उचित मूल्य दुकानों से अनमेप होने की समस्या संज्ञान में आई है जिसके निराकरण हेतु माह अक्टूबर, 2016 में पात्र परिवारों का डाटा स्थिर कर अन्य विभागों द्वारा अपडेशन की सुविधा बंद कर दी गई है। भविष्य में पात्र परिवारों के डाटाबेस में स्थानीय निकाय के प्रस्ताव के आधार पर केन्द्रीकृत रूप से पात्र परिवारों के डाटाबेस में अपडेशन किया जाना प्रस्तावित है, जिससे उक्त समस्या उत्पन्न नहीं होगी। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तरानुसार।
आगजनी घटना पर मुआवजा का वितरण
[राजस्व]
189. ( क्र. 1828 ) श्री कमलेश शाह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दि. 29-10-16 को अमरवाड़ा जिला छिंदवाड़ा के पटाखा बाजार में आगजनी की घटना पर कितना मुआवजा शासन द्वारा दिया गया? (ख) यदि नहीं, दिया गया तो कब तक दिया जायेगा? कितने लोगों को कितना दिया जायेगा? (ग) क्या जिन 26 पटाखा व्यवसायियों को लाईसेंस दिए गए उनमें नाबालिग भी थे? इनकी पूरी सूची लाईसेंस धारकों द्वारा प्रदत्त दस्तावेजों सहित देवें। (घ) इसके दोषी अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
पुलिस कार्यवाही
[गृह]
190. ( क्र. 1832 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या श्री केशव सैनी पुत्र स्व. श्री सुंदरलाल सैनी निवासी करोंद चौराहा गोया कॉलोनी, करोंद भोपाल द्वारा आई.जी. पुलिस भोपाल को दिनांक 30.09.2016 को मारपीट के संबंध में शिकायती पत्र दिया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में यदि हाँ, तो उस शिकायत पर अभी तक कोई कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो क्या? यदि नहीं, तो क्यों नहीं? (ग) इस प्रकरण में कार्यवाही कब तक की जावेगी? यह भी बतायें कि आवेदक को किस कारण से परेशान किया जा रहा है, जबकि उस पर किसी भी प्रकार का आरोप सिद्ध नहीं हो रहा है?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी नहीं। बल्कि आवेदन पत्र दिनांक 30.09.2016 के बजाय 30.10.2016 को दिया गया था। (ख) प्रश्नांश ’क’ में उल्लेखित शिकायत पत्र की जाँच अति. पुलिस अधीक्षक, जोन-4, भोपाल द्वारा की गई जिसमें मारपीट किये जाने की पुष्टि नहीं हुई। पुलिस अधीक्षक (उत्तर) भोपाल द्वारा यह पाया गया कि सहायक उप निरीक्षक संतराम खन्ना, थाना निशातपुरा, भोपाल, ने प्रकरण में प्रक्रियात्मक त्रुटि करने से निन्दा से दण्डित किया गया है तथा आरक्षक संतोष दांगी को थाना निशातपुरा से संबद्धता समाप्त कर उसकी मूल पदस्थापना थाना गांधीनगर वापस किया गया है। (ग) प्रश्नांश ’ग’ का उत्तर प्रश्नांश ’ख’ के उत्तर में समाहित है। यह कहना गलत है कि आवेदक केशव सैनी को परेशान किया जा रहा है, अपितु आवेदक श्री केशव सैनी के विरूद्ध थाना निशातपुरा में दिनांक 26.09.2016 को अपराध क्रमांक 762/16 धारा 4 (क) सट्टा अधिनियम पंजीबद्ध हुआ था जो न्यायालय में विचाराधीन है। पुलिस द्वारा श्री केशव सैनी के विरूद्ध विधि अनुरूप कार्यवाही की गई है।
साम्प्रदायिक दंगे में हुए नुकसान का मुआवजा
[गृह]
191. ( क्र. 1835 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कुक्षी विधानसभा क्षेत्र के ग्राम पिपल्या में माह अक्टूबर 2016 में हुए साम्प्रदायिक दंगे में कितने लोगों का कितना नुकसान हुआ? शासन द्वारा इस संबंध में बनाये गये नुकसानी पंचनामे की छायाप्रति देवें? (ख) इस संबंध में मुआवजा निर्धारण किस प्रकार किया जाता है? क्या नुकसान की मात्रा के आधार पर मुआवजा दिया जाता है या नुकसान के कम ज्यादा होने पर भी एक नियत मुआवजा दिये जाने का प्रावधान हैं? (ग) मुआवजा प्राप्त करने वाले लोगों की सूची मुआवजा राशि सहित देवें?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) कुक्षी विधानसभा क्षेत्र के ग्राम पिपल्या में माह अक्टूबर 2016 में हुए साम्प्रदायिक दंगे में 41 लोगों का नुकसान हुआ। म.प्र. शासन, गृह (सी-अनुभाग) विभाग मंत्रालय भोपाल के पत्र क्र. एफ 44-09/2015/दो-सी-1, दिनांक 26.09.2015 द्वारा इस संबंध में बनाये गये नियम अनुसार स्वीकृति दी गई है। कुल 41 प्रभावित व्यक्तियों को रूपये 7,40,000/- का भुगतान किया गया है। पंचनामे की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’स’’ अनुसार। (ख) म.प्र. शासन गृह (सी-अनुभाग) विभाग मंत्रालय भोपाल के पत्र क्रमांक एफ 44-09/2015/दो-सी-1, दिनांक 26.09.2015 द्वारा इस संबंध में बनाये गये नियमानुसार नुकसानी राशि की स्वीकृति दी गई है। नियमानुसार सहायता राशि का भुगतान किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’ब’’ अनुसार। (ग) ग्राम पिपल्या तहसील कुक्षी के 41 प्रभावित व्यक्तियों को रूपये 7,40,000/- मुआवजा राशि भुगतान की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’अ’’ अनुसार।
आई.टी.आई. कॉलेज में पदों की पूर्ति
[तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास]
192. ( क्र. 1854 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) महिदपुर I.T.I. कॉलेज में कितने पद स्वीकृत हैं? कितने पद रिक्त हैं? (ख) रिक्त पदों की पूर्ति कब तक कर दी जायेगी? (ग) वर्तमान में संचालित कोर्सेस की जानकारी देवें तथा कितने अतिथियों द्वारा शिक्षण कार्य कराया जा रहा है?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक जोशी ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) समयावधि बताना संभव नहीं है। (ग) आई.टी.आई. महिदपुर में 03 व्यवसाय क्रमश: इलेक्ट्रिशियन, फिटर एवं इलेक्ट्रानिक्स संचालित है। प्रशिक्षण का कार्य 03 नियमित प्रशिक्षण अधिकारी, 04 अतिथि (मेहमान प्रवक्ता) एवं 01 रिसोर्स पर्सन (संविदा) द्वारा संपादित किया जा रहा है।
उचित मूल्य की दुकानों की स्थापना
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
193. ( क्र. 1855 ) श्री हेमन्त विजय खण्डेलवाल : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैतूल जिले में उचित मूल्य की दुकान कहाँ-कहाँ स्थापित है? (ख) क्या सरकार हर पंचायत/मुख्यालय पर उचित मूल्य दुकान खोलने का निर्णय ले रही है? (ग) यदि हाँ, तो दुकानें कब तक खोल दी जाएगी?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ, शासन द्वारा प्रत्येक पंचायत में न्यूनतम 1 दुकान स्थापित करने का निर्णय लिया गया है। (ग) माननीय उच्च न्यायालय द्वारा वर्तमान में संचालित उचित मूल्य दुकानों के विरूद्ध कोई भी उत्पीड़क कार्यवाही न करने तथा वर्तमान अनुज्ञप्तिधारियों को आगामी सुनवाई तक दुकान संचालन जारी रखने संबंधी अंतरिम आदेश जारी किया गया है। अत: उचित मूल्य दुकान आवंटन की कार्यवाही वर्तमान में लंबित है। माननीय उच्च न्यायालय की प्रधान पीठ द्वारा सुनवाई उपरांत अंतिम आदेश पारित होने पर नियमानुसार दुकान आवंटन की कार्यवाही संभव हो सकेगी।
सामूहिक नल-जल योजना का क्रियान्वयन
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
194. ( क्र. 1856 ) श्री हेमन्त विजय खण्डेलवाल : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या बैतूल जिले में पारसडोह से सामूहिक नलजल योजना बनाया जाना प्रस्तावित है? (ख) यदि हाँ, तो यह योजना किस-किस ग्राम के लिए बनाई जा रही है? ग्रामों के नाम सहित जानकारी देवें? (ग) उक्त योजना पर कार्य कब से प्रारंभ कर दिया जायेगा?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जल आवंटन, वित्तीय संयोजन एवं प्रशासकीय स्वीकृति प्राप्त होने पर। निश्चित समयावधि नहीं बताई जा सकती।
राजस्व विभाग में पदस्थापना हेतु
[राजस्व]
195. ( क्र. 1870 ) श्री जतन उईके : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर संभाग के अतंर्गत छिन्दवाड़ा जिले की पांढुर्णा तहसील में लगभग विगत 01 से डेढ़ वर्ष से तहसीलदार की पदस्थापना नहीं होने से ग्रामीण जनता एवं शहरी जनता को परेशानी हो रही है एवं न्यायालयीन कार्य प्रभावित हो रहा है? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में पांढुर्णा तहसील में तहसीलदार की पदस्थापना कब तक कर दी जायेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जबलपुर संभाग के अंतर्गत छिन्दवाड़ा जिले की पाण्ढुर्ना तहसील में कुमारी ज्योति ठोके, नायब तहसीलदार की पदस्थापना प्रभारी तहसीलदार के रूप में जुलाई 2015 में की गई है। जनवरी 2016 में श्री भरत सिंह बट्टे, सहायक अधीक्षक भू-अभिलेख छिन्दवाड़ा को तहसील पाण्ढुर्ना में राजस्व कार्य संपादन हेतु पदस्थ किया गया है। अतः तहसील पाण्ढुर्ना में राजस्व न्यायालयों के कार्य सुचारू रूप से संचालित हो रहे हैं। (ख) समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं।
अ.जा. एवं अ.ज.जा. वर्ग जाति प्रमाण पत्र बनवाना
[राजस्व]
196. ( क्र. 1871 ) श्री जतन उईके : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर संभाग के अंतर्गत छिन्दवाड़ा जिले के सातों विधानसभा क्षेत्र में निवासरत् अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति वर्ग कितने जाति प्रमाण पत्र बनाये गये हैं? विधानसभावार संख्या बतायें? (ख) क्या मध्यप्रदेश के गठन के पूर्व के निवासियों को भी 1950 का रिकॉर्ड मांगा जा रहा है? यदि हाँ, तो जब मध्यप्रदेश का गठन 01 नवंबर, 1956 को हुआ है, तो किस आधार पर 1950 का रिकॉर्ड मांगा जा रहा है? शासन की आदेश की प्रति उपलब्ध करायें? (ग) प्रश्नांश (क) में शासन द्वारा किसी प्रकार के संशोधन किये गये तो वे कौन से नियम है? क्या वर्तमान में उन नियमों का पालन कर जाति प्रमाण-पत्र प्रदान किये जा रहे हैं?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) छिन्दवाड़ा जिले में निवासरत जाति एवं अनुसूचित जनजाति वर्ग के बनाये गये जाति प्रमाण पत्र विवरण विकासखंडवार निम्नानुसार हैं-
क्र. |
विकासखंड का नाम |
एस.सी. |
एस.सी. |
1. |
छिन्दवाड़ा |
7699 |
11892 |
2. |
चौरई |
3897 |
8329 |
3. |
अमरवाडा |
4448 |
14579 |
4. |
परासिया |
6927 |
19246 |
5. |
जामई |
4957 |
27868 |
6. |
सौंसर |
3395 |
6335 |
7. |
पांढुर्णा |
3192 |
13887 |
8. |
तामिया |
1387 |
23285 |
9. |
हर्रई |
2609 |
27443 |
10. |
मोहखेड़ |
2758 |
13465 |
11. |
बिछुआ |
2145 |
13305 |
|
कुल योग |
43414 |
179634 |
(ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) संशोधित नियम संलग्न परिशिष्ट अनुसार।
खाद्य सुरक्षा अधिनियम
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
197. ( क्र. 1893 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खाद्य सुरक्षा अधिनियम की क्या स्थिति है? (ख) खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अंतर्गत कितने प्रकार के लोगों को कूपन की पात्रता है और कितनों को मिल रहा है? (ग) सीधी जिले में कितने एस.सी./एस.टी. हितग्राही कूपन प्राप्त कर रहे हैं और कितने की मेपिंग शेष है और कितनों को खाद्यान्न नहीं मिल रहा है? (घ) पात्र हितग्राही जो खाद्यान्न से वंचित है, उन्हें कब तक लाभांवित किया जावेगा?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 का क्रियान्वयन प्रदेश में 01 मार्च, 2014 से किया गया है। (ख) राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत पात्र परिवार के रूप में 24 श्रेणी के परिवारों को सम्मिलित किया गया है जिसकी सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। सीधी जिले में 24 श्रेणियों के परिवारों में से 2,09,310 परिवारों को सत्यापन उपरांत पात्रता पर्ची जारी की गई है। (ग) जिले में अनुसूचित जाति/जनजाति श्रेणी अंतर्गत 22,163 परिवारों को पात्रता पर्ची जारी की गई है। अनुसूचित जाति/जनजाति श्रेणी अंतर्गत सत्यापित परिवारों में से कोई परिवार मैपिंग हेतु शेष नहीं है जिले के सत्यापित सभी 22,163 अनुसूचित जाति/ जनजाति श्रेणी के पात्रता पर्चीधारी परिवारों को खाद्यान्न दिया जा रहा है। (घ) जिले में सत्यापन उपरांत जिन परिवारों को पात्रता पर्ची जारी की गई है एवं वह वर्तमान में पात्रता रखते है उनमें से कोई परिवार खाद्यान्न से वंचित नहीं है। माह अगस्त, 2016 तक सत्यापित समस्त पात्र परिवारों को पात्रता पर्ची जारी की जाकर राशन सामग्री का वितरण किया जा रहा है। माह सितम्बर, 2016 में सत्यापित पात्र परिवारों की जनसंख्या राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत निर्धारित जनसंख्या से अधिक होने तथा भारत सरकार द्वारा खाद्यान्न आवंटन की सीमा से अधिक खाद्यान्न की आवश्यकता होने के कारण माह सितम्बर, 2016 से सत्यापित नवीन परिवारों को पात्रता पर्ची जारी नहीं की गई है। पात्र परिवार के रूप में सम्मिलित परिवारों के डी-डुप्लीकेशन की कार्यवाही प्रचलित है उसके उपरांत अपात्र परिवारों को हटाने पर निर्धारित खाद्यान्न आवंटन की सीमा के अंतर्गत ही नवीन सत्यापित परिवारों को सम्मिलित किया जा सकेगा।
उचित मूल्य की दुकानों के संबंध में
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
198. ( क्र. 1894 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीधी जिले की जनपद पंचायत सिंहावल में कुल कितनी उचित मूल्य की दुकान हैं और कितना आवंटन प्राप्त होना है और कितने हितगाहियों को खाद्यान्न प्राप्त होता है? (ख) ऐसे कितने हितग्राही हैं जिनका खाद्यान्न उचित मूल्य की दुकान में आता है किन्तु पात्र पर्ची न होने के कारण सेल्समेन द्वारा खाद्यान्न नहीं दिया जाता है? क्या उक्त हितग्राहियों का खाद्यान्न सुरक्षित रहता है या स्टॉफ पंजी में बैंलेस रहता है? विगत दो वर्षों में कितना खाद्यान्न बैंलेस हुआ है? माहवार बतायें।
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) सीधी जिले की जनपद पंचायत सिंहावल में कुल 103 उचित मूल्य की दुकानें हैं। उन्हें गेहूँ, चावल, शक्कर, नमक एवं केरोसीन क्रमश: 831.46 मे.टन, 510.74 मे.टन, 50.31 मे.टन, 50.31 मे.टन एवं 117.23 के.एल. नवम्बर, 2016 में आवंटित किया गया है। उक्त आवंटन 50,314 परिवारों के 2,46,735 सदस्यों हेतु प्रदाय किया गया है। (ख) दुकानवार आवंटन प्रतिमाह वैध पात्रता पर्ची के आधार पर ही जारी किया जाता है, जिनको पात्रता पर्ची जारी नहीं की जाती है, उनको आवंटन भी जारी नहीं होता है। विगत दो वर्ष में सीधी जिले में उपभोक्ताओं द्वारा सामग्री नहीं ले जाने के कारण शेष मात्रा की माहवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
अस्थाई पट्टों का नवीनीकरण
[राजस्व]
199. ( क्र. 1898 ) श्री हेमन्त विजय खण्डेलवाल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बैतूल जिले में अस्थायी पट्टों के नवीनीकरण में वर्ष 1993-94 में 100 वर्गफीट के लिए 700/- की दर थी वही 2013-14 में 97580/- हो गई? (ख) यदि हाँ, तो क्या यह गाईड/लाईन तर्कसंगत व छोटे व्यापारियों के हित में हैं? (ग) क्या भू-भाटक दरों में कई गुणा वृद्धि होने से 30 से 40 वर्ष के अस्थायी पट्टों का नवीनीकरण नहीं हो पा रहा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
नल-जल के योजना का क्रियान्वयन
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
200. ( क्र. 1900 ) श्री मंगल सिंग धुर्वे : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) घोड़ाडोंगरी विधानसभा क्षेत्र में किस ग्राम में नल-जल योजनाएं संचालित है? (ख) क्या संचालित नलजल योजनाओं में से कुछ नल-जल योजनाएं बंद है यदि हाँ, तो इसके क्या कारण हैं तथा कब तक इन्हे पुन: चालू कर दिया जाएगा? (ग) क्या अधिकांश नल-जल योजनाओं के पाइप क्षतिग्रस्त हो चुके हैं यदि हाँ, तो किस-किस ग्राम में है कब तक बदले जाएंगे?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 के अनुसार है। (ख) जी हाँ, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 के अनुसार है। निश्चित समयावधि नहीं बताई जा सकती। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। निश्चित समयावधि नहीं बताई जा सकती।
सिंहस्थ 2016 की विभागीय खरीदी
[गृह]
201. ( क्र. 1909 ) श्री बाला बच्चन : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा प्रश्न अता. कमांक-1522 दिनांक 20-07-2016 के अनुसार सिंहस्थ 2016 में विभाग द्वारा क्रय की गई दवाओं की सूची, क्रय मूल्य सहित देवें? जिन फर्मों द्वारा सप्लाई दी गई उनके द्वारा प्रस्तुत बिल की छायाप्रति देवें? (ख) इसी प्रश्न के अनुसार उज्जैन में जिन 134 स्थानों पर सी.सी.टी.वी. सर्विलांस सिस्टम लगाये गये उनसे कितनी रिकार्डिंग की गई सभी 134 स्थानों की रिकार्डिंग की पृथक-पृथक सी.डी. दी जाए? (ग) इसी प्रश्न के अनुसार उप लेखा शीर्ष 35-000 के तहत 34,59,500 रू एवं 2,74,250 रू. विज्ञापन एवं प्रचार प्रसार के तहत तय किए गए समस्त बिलों की छायाप्रति देवें? (घ) इसी प्रश्नानुसार उप लेखा शीर्ष 22-008 के तहत 7,99,727 रू. एवं 49,99,960 अन्य आकस्मिक व्यय मद में भुगतान किये गये व्यय बिलों की जानकारी के साथ देवें?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे गए परिशिष्ट के प्रपत्र ’क’ एवं ’ख’ अनुसार। (ख) उज्जैन में 134 लोकेशन पर स्थापित सी.सी.टी.व्ही. सर्विलेंस सिस्टम से सिंहस्थ 2016 की सम्पूर्ण मेला अवधि (22 अप्रैल 2016 से 21 मई 2016 तक) तक रिकार्डिंग की गई है। वर्तमान में भी रिकार्डिंग जारी है। रिकार्डिंग हेतु आवश्यक स्टोरेज की सीमा के दृष्टिगत पुरानी रिकार्डिंग स्वतः ही डिलिट होती रहती है। सिंहस्थ अवधि की रिकार्डिग वर्तमान में उपलब्ध रिकार्डिंग को पृथक-पृथक सी.डी. में प्रदाय करना संभव नहीं है। उक्त रिकार्डिंग का बेकअप पृथक से संग्रहीत करने हेतु 600 टेराबाईट स्टोरेज डिवाईस एवं डिवाईस को संचालित करने हेतु विशेष साफ्टवेयर की आवश्यकता होगी जिस पर लगभग राशि रू 1.20 करोड़ का व्यय आवेगा। उक्त रिकार्डिंग का जो भी हिस्सा अब उज्जैन स्थित सी.सी.टी.व्ही. कन्ट्रोल रूम के सिस्टम में रिकार्ड है। उसे वही पर आवश्यकता अनुसार सक्षम स्तर पर देखा जा सकता है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’ग’ अनुसार। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’घ’ अनुसार।
सिक्योरिटी फर्मों में कार्यरत कर्मचारियों के पी.एफ. एकाउंट की राशि
[श्रम]
202. ( क्र. 1912 ) श्री बाला बच्चन : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रकाश सिक्योरिटी सर्विस ग्वालियर आर.आर.एस सिक्योरिटी ग्वलियर, डी.पी.एफ. सिक्योरीटी ग्वालियर, आधार सिक्योरिटी सर्विस ग्वालियर में दिनांक 01-01-15 से 30-09-16 तक कार्यरत कर्मचारियों की जानकारी उनके पी.एफ. नंबर सहित देवें? (ख) उपरोक्त अवधि में ब्राईट स्टार इंडस्ट्रीयल सिक्योरिटी ग्वालियर, सन शाईन सिक्योरिटी ग्वालियर, स्मार्ट सिक्योरिटी ग्वालियर में कार्यरत कर्मचारियों के पी.एफ. नंबर सहित देवें? (ग) यही जानकारी भारत पेट्रो महू, ए.डब्ल्यू.सी महू, आईशर मोटर्स महू, आशापुरी सिक्योरिटी उज्जैन, गजानंद सिक्योरिटी सर्विस इंदौर, जी.आर.एस.इंदौर के संबंध में भी देवें। (घ) प्रश्नांश (क), (ख) व (ग) फर्मों द्वार इन कर्मचारियों के पी.एफ. अकाउंट में कितनी राशि जमा करवाई गई, की जानकारी भी पृथक-पृथक देवें।
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) भविष्य निधि संगठन से संबंधित है। भविष्य निधि संगठन के संबध में समुचित सरकार केन्द्र सरकार है। भविष्य निधि आयुक्त से दी गई जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। क्षेत्रीय भविष्य निधि आयुक्त-II ग्वालियर द्वारा दी गई जानकारी अनुसार में डी.पी.एफ. सिक्योरिटी ग्वालियर उनके कार्यालय के अंतर्गत व्याप्त नहीं है। (ख) भविष्य निधि संगठन से संबंधित है। भविष्य निधि संगठन के संबंध में समुचित सरकार केन्द्र सरकार है। भविष्य निधि आयुक्त से दी गई जानकारी प्रश्नांश ‘क’ अनुसार पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ग) भविष्य निधि संगठन से संबंधित है। भविष्य निधि संगठन के संबंध में समुचित सरकार केन्द्र सरकार है। भविष्य निधि आयुक्त द्वारा दी गई जानकारी अनुसार सभी संस्थापनाएं कर्मचारी भविष्य निधि एवं विविध प्रकीर्ण अधिनियम 1952 के अंतर्गत इंदौर कार्यालय तथा उपक्षेत्रीय कार्यालय, उज्जैन में व्याप्त नहीं है, अतः इस बाबद जानकारी उपलबध नहीं कराई जा सकती। (घ) भविष्य निधि आयुक्त द्वारा उत्तर (क) एवं (ख) के अनुसार दी गई जानकारी पुस्तकालय में दिये अनुसार संलग्न है।
फ्लोराइड एवं अन्य मदों की राशि का प्रदाय
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
203. ( क्र. 2026 ) श्री उमंग सिंघार : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विगत दो वर्ष में धार जिले में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग संभाग धार को फ्लोराइड मद एवं अन्य मदों में कितनी राशि प्रदाय की गई? फ्लोराइड मद में जल प्रदाय एवं मजदूरी एवं अन्य कार्यों हेतु टेण्डर प्रक्रिया का पालन किया गया है, अगर हाँ, तो किस एजेन्सी द्वारा कार्य संचालन किया जा रहा है एव नहीं तो विभाग द्वारा मजदूरी एवं अन्य कार्यों पर कितनी-कितनी राशि खर्च की गई है, माहवार जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांकित (क) अनुसार धार जिले के उप संभागों में फ्लोराइड एवं अन्य मदों अनुसार उप खण्डों को कितनी-कितनी राशि प्रदाय की जाती है एवं इन्हें कहाँ-कहाँ खर्च किया गया है? खर्च की गई राशि का खण्डवार एवं मदवार, ग्रामवार, बिन्दूवार जानकारी उपलब्ध करावें? (ग) प्रश्नांकित (क) अनुसार संभाग एवं उप संभाग के अधिकारियों को भ्रमण हेतु किन वाहनों की स्वीकृति प्रदाय की गई है एवं इनके टेण्डर बुलाये गये? अगर बुलाये गये है तो संभाग एवं उपसंभाग में लगाये गये वाहन एवं वाहन मालिक एवं रजिस्ट्रेशन की जानकारी उपलब्ध करावे? (घ) प्रश्नांकित (क) अनुसार संभाग एवं उप संभाग में माहवार डीजल एवं वाहन किराये पर कितना-कितना खर्च किया जाता है? जानकारी बिन्दुवार उपलब्ध करावें?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) धार जिले में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग को फ्लोराइड मद में रूपये 2238.74 लाख एवं अन्य मदों में रूपये 3941.76 लाख इस प्रकार विगत दो वर्षों में कुल रू. 6180.50 लाख की राशि प्राप्त हुई हैं। फ्लोराइड मद से क्रियान्वित की गई वृह्द जल प्रदाय योजनाओं के संचालन हेतु किसी एजेन्सी को नियुक्त नहीं किया गया हैं। विभाग द्वारा उक्त योजनाओं का संचालन एवं संधारण कार्य किया जा रहा हैं। मजदूरी एवं अन्य कार्यों पर किये गये व्यय का माहवार विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार उपसंभाग स्तर पर राशि प्रदाय नहीं की गई। अतः खर्च की गई राशि का प्रश्न ही नहीं उठता है। (ग) प्रश्नांश (क) के अनुसार उपसंभाग स्तर पर अधिकारीयों के भ्रमण हेतु वाहनो को किराये पर लिये जाने हेतु निविदा आमंत्रण संबधी प्रक्रिया पूर्ण की गई। संभाग एवं उपसंभाग में अधिकारियों के भ्रमण हेतु लगाये गये वाहनो के वाहन मालिक एवं रजिस्ट्रेशन की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (घ) प्रश्नांश (क) के अनुसार उपसंभाग में किराये पर लिये गये वाहनों का डीजल एवं किराये पर किये गये खर्च की माहवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है।