बी.आर.जी.एफ. योजना के
कार्य
1. ( *क्र. 106 ) श्री नारायण
सिंह पँवार : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या
ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में सामुदायिक भवन, पुलिया, आंगनबाड़ी, भवन, पंचायत भवन,
गोडाउन, ई-पंचायत भवन, आदि के निर्माण कार्य हेतु बैकवर्ड रीजन ग्रांट फंड
(बी.आर.जी.एफ.) से स्वीकृति दी जाती थी ? यदि हां, तो क्या भारत सरकार द्वारा
उक्त योजना को बंद कर दिया गया है ? (ख) यदि हां, तो कंडिका (क) में वर्णित कार्य
भविष्य में किस मद से स्वीकृत किये जावेंगे ?
पंचायत मंत्री ( श्री
गोपाल भार्गव ) : (क)जी हाॅ। बीआरजीएफ योजना वर्ष 2015-16 से केन्द्रीय सहायता
से मुक्त कर भारत शासन स्तर से बंद कर दी गई है। जानकारी परिशिष्ट-‘‘अ‘‘
अनुसार।(ख)शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
परिशिष्ट
एक सिंगल सुपर फास्फेट उत्पादन कम्पनियों की गुणवत्ता जांच
2. ( *क्र. 62 ) श्री
शैलेन्द्र पटेल : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे
कि(क) भोपाल संभाग में 12 जनवरी 2014 से 30 जनवरी 2015 तक निम्नांकित कम्पलियों
के सिंगल सुपर फॉस्फेट उर्वरक के कितने सेंपल परीक्षण हेतु लिये गये ?जिलेवार एवं
कंपनीवार बतावें ?(1) श्रीराम फर्टिलाईजर एण्ड केमिकल लिमिटेड(2) रामा फास्फेट
लिमिटेड(3)दत्ता एग्रो प्रोडक्ट लिमिटेड (4)बसंत एग्रो प्रायवेट लिमिटेड(5)
खेतान केमिकल्स एण्ड फर्टिलाईजर्स लिमिटेड(6) अरिहंत फर्टिलाईजर्स एण्ड केमिकल
इंडिया लिमिटेड (7) महाधन फास्फेट लिमिटेड(8) इंडियन फास्फेट लिमिटेड(9)
कोरोमण्डल इंटरनेशनल लिमिटेड(ख) प्रश्नांश (क) में नामित कंपनियों के प्रयोगशाला
जाँच के बाद कितने-कितने सैंपल किस-किस कंपनी के अमानक स्तर के पाए गए ।
कंपनीवार ब्यौरा देवें ? (ग) अमानक प्रमाण के बाद किस-किस कंपनी ने पुन: सैंपल
जाँच के लिए आवेदन किया ? कंपनीवार ब्यौरा देवें ? (घ) प्रश्नांश (क) अंतर्गत
सैंपल जाँच उपरांत किस-किस कंपनी के सैंपल मानक स्तर के पाए गए ? कंपनीवार
ब्यौंरा देवें ?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर चतुर्भुज बिसेन )
: (क)जानकारी पुस्तकालय मे रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 1 अनुसार है।(ख)जानकारी
पुस्तकालय मे रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 2 अनुसार है।(ग)जानकारी पुस्तकालय मे रखे
परिशिष्ट के प्रपत्र 3 अनुसार है।(घ) जानकारी पुस्तकालय मे रखे परिशिष्ट के
प्रपत्र 4 अनुसार है।
कसरावद विधानसभा क्षेत्र में प्रधान मंत्री
ग्रामीण सड़क का निर्माण
3. ( *क्र. 964 ) श्री सचिन
यादव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) कसरावद
विधानसभा क्षेत्रांतर्गत प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना व मुख्यमंत्री ग्रामीण
सड़क योजना के अंतर्गत विगत 5 वर्षों से प्रश्न दिनांक तक कितनी व कौन-कौन सी
सड़कें स्वीकृत की गई है ? साथ ही स्वीकृत/निर्मित सड़कों का निरीक्षण किन-किन
अधिकारियों द्वारा कब-कब किया गया ? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में इनमें से
कितनी सड़कों का कार्य पूर्ण हो चुका है व कितनी अपूर्ण हैं तथा कितनी सड़कों का
कार्य प्रारंभ नहीं कराया गया है और नहीं कराये जाने के क्या कारण हैं ? साथ ही
उक्त सड़कों के कार्यों को पूर्ण कराये जाने की समय सीमा क्या थी ? (ग) उक्त
प्रश्नांशों के संदर्भ में कितनी-कितनी राशि स्वीकृत की गई व लंबित सीयूपीएल की
सड़कों के प्रस्तावों को कब तक स्वीकृति प्रदान की जाकर कार्य प्रारंभ कराया
जायेगा ?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) कसरावद
विधानसभा क्षेत्रांतर्गत प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना एवं मुख्यमंत्री ग्राम सड़क
योजना के अंतर्गत विगत 5 वर्षो से प्रश्न दिनांक तक क्रमशः 10 एवं 27 सड़के स्वीकृत
की गई है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
(ख)प्रश्नांश (क) के संदर्भ में सभी सड़कों का कार्य पूर्ण हो चुका है। उक्त सड़कों
को पूर्ण कराये जाने की अनुबंधानुसार समय-सीमा की जानकारी पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग)
जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। सीयूपीएल के
अंतर्गत किसी भी सड़क निर्माण कार्य का प्रस्ताव लंबित नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित
नहीं होता।
मनरेगा के स्वीकृत कार्य
4. ( *क्र. 77 ) कुँवर सौरभ
सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या म.प्र.
शासन द्वारा पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग अंतर्गत कटनी जिले में मनरेगा अंतर्गत
वर्ष 2013-14,2014-15 एवं 2015-16 प्रश्न दिनांक तक किस-किस विभाग के
कनवर्जेन्स से कितने-कितने कार्य स्वीकृत किये गये है स्वीकृत कार्यो की
वर्षवार विभागवार पृथक-पृथक जानकारी दें ?(ख) प्रश्नांश (क) में कन्वर्जेन्स से
कार्य होने के कारण राशि के अभाव में कितने कार्य आज दिनांक तक अपूर्ण हैं, कितने
कार्य स्वीकृति उपरांत अप्रारंभ हैं, कितने कार्यों के पूर्णता प्रमाण पत्र जारी
हो चुके हैं ? अप्रारंभ एवं अपूर्ण कार्यों को कब तक पूर्ण कराया जावेगा ? (ग)
प्रश्नांश (क) एवं (ख) के अनुसार स्वीकृत, अपूर्ण, अप्रारंभ एवं पूर्ण कार्य
कितनी-कितनी राशि के हैं ? किन-किन कार्यों में कितनी राशि व्यय हुई है ? क्या
इन कार्यों में मनरेगा के तहत सामग्री एवं मजदूरी का निर्धारित अनुपात
(कन्वर्जेन्स) में ही भुगतान हुआ है ? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) में
वर्णित कार्यों में अपूर्ण एवं अप्रारंभ कार्यों के लिये दोषी कौन है ? दोषियों पर
क्या कार्यवाही कब तक की जावेगी ? (ड.) प्रश्नांश (क) की अवधि के
कार्यों/निर्माण कार्यों में बरती गई अनियमितताओं की शिकायतें कब-कब किस-किस के
द्वारा की गई है ? उक्त शिकायतों की जांच कब किसके द्वारा की गई है तथा उक्त
प्रतिवेदन अनुसार पाये गये दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई है
?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) प्रश्नावधि में
महात्मा गांधी नरेगा एवं अन्य विभागीय योजनाओं के कन्वर्जेन्स से स्वीकृत
कार्यो की वर्षवार विभागवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) महात्मा
गांधी नरेगा अंतर्गत आवंटन कार्यवार न होकर आवश्यक राशि कार्य संपादन के उपरांत
सीधे मजदूरों व सामग्री प्रदायकर्ताओं के बैंक/पोस्टऑफिस खातों में फण्ड
ट्रांसफर ऑडर के माध्यम से PFMS प्रणाली से अंतरित की जाती है। योजना के तहत राशि
उपलब्ध है अत: राशि के अभाव में कार्य अपूर्ण रहने एवं अप्रारंभ रहने की स्थिति
नहीं है। स्वीकृत अप्रारंभ एवं पूर्ण कार्यो के पूर्णता प्रमाण पत्र जारी किये
जाने की जानकारी का विवरण परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जानकारी परिशिष्ट के कॉलम नं.
५ व ६ के अनुसार है। जी हॉ महात्मा गांधी नरेगा के तहत निर्धारित मजदूरी सामग्री
अनुपात ६०:४० का संधारण कार्यवार न होकर पूरे वित्तीय वर्ष में सभी कार्यो के
लिये किये जाने का प्रावधान है। (घ) महात्मा गांधी नरेगा मद के अभिसरण से
स्वीकृ़त कार्यो की पूर्णता जॉबकार्डधारी परिवारों द्वारा की गई रोजगार की मांग
पर निर्भर होने से अपूर्ण एवं अप्रारंभ कार्यो हेतु कोई दोषी न होने से शेष
प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ड) उत्तरांश (क) अनुसार प्रश्नावधि में स्वीकृत
कार्यो में कोई शिकायत संज्ञान में नहीं होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं
होता।
परिशिष्ट
दो रीवा जिला सहकारी बैंक डभौरा शाखा में गबन पर कार्यवाही
5. ( *क्र. 285 ) श्री बाला
बच्चन : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) रीवा जिला
सहकारी बैंक डभौरा के गबन मामले में कितने आरोपी हैं ? इनके नाम, पदनाम, गबन राशि
सहित बतावें ? (ख) गबन के आरोपी महाप्रबंधक आर.के. पचौरी को निर्धारित योग्यता न
होने के बाद भी किसके आदेश से महाप्रबंधक बनाया गया ? संबंधित अधिकारी पर कब तक
कार्यवाही की जावेगी ?(ग) N.E.F.T. के माध्यम से जिन खातों में गबन की राशि
ट्रांसफर हुई उनकी पूरी जानकारी देवें ? इस संबंध में उठाए गए कदम की जानकारी
देवें ?(घ) पचौरी की गिरफ्तारी होने पर उन्हें निलंबित न करने वाले अधिकारियों पर
शासन कब तक कार्यवाही करेगा, जबकि बैंक सेवा नियम की धारा 53.1 के तहत गिरफ्तार
कर्मचारी 48 घंटे में निलंबित होना चाहिये ?
पंचायत मंत्री ( श्री
गोपाल भार्गव ) : (क) अनुसंधान विभाग, पुलिस मुख्यालय, भोपाल के अनुसार 23,
जिनकी संख्या विवेचना के दौरान कम या अधिक हो सकती है. विवेचना के दौरान राशि
रूपये 16.14 करोड़ का गबन का तथ्य प्रकाश में आया है, विवेचना उपरान्त कितनी रकम
का गबन किन-किन अधिकारी/कर्मचारी/खातेदार द्वारा किया गया है, की जानकारी दी जा
सकेगी, शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 1 अनुसार है. (ख) श्री
आर.के. पचौरी के उपलब्ध सेवा अभिलेख के आधार पर निर्धारित योग्यता धारण करने से
तत्कालीन प्रबंध संचालक, अपेक्स बैंक द्वारा जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित,
रीवा में महाप्रबंधक के पद पर पदस्थ किया गया था. सेवा अभिलेख में उपलब्ध शैक्षणिक
योग्यता संबंधी अभिलेख पर शंका उत्पन्न होने से जांच आदेशित की गई है, शेष जांच
निष्कर्षाधीन. (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 2 अनुसार है.
जिन खातों में एन. ई. एफ. टी. के माध्यम से राशि ट्रांसफर हुई है, उन खातों में
आहरण/अंतरण पर रोक लगाने हेतु संबंधित बैंकों को लिखा गया है, राशि वसूली हेतु
सहकारी अधिनियम की धारा 64 में विवाद प्रस्तुत कर सहकारी अधिनियम की धारा 68 के
तहत अटैचमेंट बीफोर अवार्ड के आदेश कराये गये हैं. (घ) शीर्ष बैंक के कर्मचारी
सेवानियम की धारा 53.1 में प्रश्न में उल्लेखित प्रावधान नहीं है, अपितु कर्मचारी
सेवानियम क्रमांक 51(4) के प्रावधान के अंतर्गत पुलिस विभाग से श्री राजकुमार
पचौरी की गिरफ्तारी की अधिकारिक सूचना दिनांक 17.11.2015 को प्राप्त होने पर उसी
दिन श्री पचौरी को निलंबित कर दिया गया था. अतएव कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं
होता.
प्रश्न स.क्र. 75 (क्र. 711) दि. 08.12.2014 से संबंधित
6. ( *क्र. 418 ) श्रीमती
शकुन्तला खटीक : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) परि.
अता. प्रश्न संख्या 75 (क्र. 711) दिनांक 08 दिसम्बर 2014 के उत्तर (क) में
करैरा, जिला शिवपुरी में सागर गैस ऐजेंसी संचालित होकर श्रीमती नीति मांझी इसकी
संचालिका हैं ? (ख) यदि हां तो क्या करैरा जिला शिवपुरी सागर गैस ऐजेंसी अनुसूचित
जन जाति को आरक्षित होकर दी जानी थी ? (ग) यदि हां तो क्या श्रीमती नीति मांझी
अनुसूचित जन जाति वर्ग की श्रेणी में आती हैं ? (घ) यदि सागर गैस ऐजेंसी करैरा
जिला शिवपुरी संचालिका की जाति अनुसूचित जनजाति में नहीं आती है, तो क्या उनकी
ऐजेंसी को निरस्त कर उनके खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज किया जावेगा ? यदि हां तो कब
तक ?
खाद्य मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हॉ।, (ख) जी
हॉ। करैरा जिला शिवपुरी में अनुसूचित जनजाति की श्रेणी में एलपीजी
डिस्ट्रीब्यूटरशिप हेतु ऑयल कंपनी द्वारा विज्ञापन जारी किया गया था।, (ग)
नायब तहसीलदार जिला दतिया द्वारा सागर गैस ऐजेंसी करैरा की संचालिका श्रीमती नीति
पति श्री अनिल कुमार निवासी ग्राम एरई जिला दतिया को अनुसूचित जनजाति श्रेणी का
प्रमाण पत्र जारी किया गया है।, (घ) प्रश्नांश (ग) के उत्तर के
परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सांसद ग्राम
कस्बारेंज में पंचायत भवन का निर्माण
7. ( *क्र. 28 ) श्री महेन्द्र
सिंह कालूखेडा : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क)
प्रधानमंत्री योजना के अंतर्गत चयनित सांसद ग्राम कस्बारेंज तहसील मूंगावली जिला
अशोक नगर का क्या पंचायत भवन नहीं है तथा खुली जेल भवन के छोटे-छोटे कमरों में
कार्यालय लगता है ? ग्राम पंचायत की 4 जुलाई 2015 को ग्राम सभा के प्रस्ताव
अनुसार डिपो भवन कब सौपेंगे ?(ख) ग्राम पंचायत कस्बारेंज के डिपो भवन बंगले को
विधान सभा चुनाव 2013 में क्या शासन ने खाली करा लिया था यदि हां तो उस पर किसका
कब्जा उस दौरान किस आधार पर था ? उसका कब से कब तक किस आधार पर किराया
प्राप्त्ा किया गया है ?(ग) क्या कस्बारेंज ग्राम पंचायत की साधारण सभा
ग्रामसभा में 4 जुलाई 2015 को पिछली पंचायत के सचिव व सरपंच के फर्जी किरायेनामें
की कार्यवाही की जांच कर उसे निरस्त कर डिपो भवन ग्राम पंचायत को कार्यालय हेतु
सौंपने का प्रस्ताव किया था इस संबंध में प्रश्नकर्ता ने कब-कब जिलाधीश,
एस.डी.एम. व मुख्य कार्यपालन अधिकारी को किस-किस दिनांक को पत्र लिखा व प्रकरण
किस-किस के पास कितने समय लंबित रहा ? (घ) किरायेदारों के नाम व किराये की राशि
बतावे कब तक उन्हें हटाकर ग्राम पंचायत को भवन सौंप दिया जावेगा
?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क)सांसद आदर्श ग्राम
योजना के अंतर्गत चयनित ग्राम कस्बारेंज में शासकीय पंचायत भवन नही है। खुली जेल
भवन के कमरों में ग्राम पंचायत का कार्यालय लगता है। 04 जुलाई 2015 को ग्रामसभा
में पारित प्रस्ताव अनुसार डिपो भवन ग्राम पंचायत को उपलब्ध करानें हेतु अपील
प्रकरण न्यायालय अनुविभागीय अधिकारी मुंगावली में प्रचलित है।(ख)ग्राम पंचायत
कस्बारेंज के डिपो भवन बंगले को (जो हरिजन कल्याण विभाग की भूमि पर निर्मित है)
विधानसभा निर्वाचन 2013 में आचार संहिता के दौरान प्राप्त शिकायत पर तहसीलदार
मुगांवली द्वारा उक्त डिपो भवन को खाली कराया जाकर भवन की चाबी जिला संयोजक आदिम
जाति कल्याण विभाग जिला अशोकनगर को सौंप दी गई थी। उक्त डिपो भवन ग्राम पंचायत
कस्बारेंज के ठहराव प्रस्ताव क्र. 03 दिनांक 26.01.2014 द्वारा श्री जगदीश ओझा को
रू. 325.00 मासिक किराये पर दिया गया है। माह फरवरी 2014 से जनवरी 2015 तक 12 माह
की किराया राशि रू 3900.00 ग्राम पंचायत द्वारा श्री जगदीश ओझा से जमा कराई गई
है।(ग)ग्राम पंचायत कस्बारेंज के ग्रामसभा प्रस्ताव क्र. 04 दिनांक 04.07.2015
द्वारा डिपो भवन ग्राम पंचायत के कार्यालय उपयोग हेतु प्रस्ताव पारित किया गया है।
इस संबंध में किरायेदारी निरस्त करनें हेतु न्यायालय अनुविभागीय अधिकारी मुंगावली
में अपील प्रस्तुत की गई है, जो प्रचलित है।(घ)पूर्व में यह भवन ग्राम पंचायत
द्वारा पंचायत के प्रस्ताव क्र. 03 दिनांक 26.01.2014 द्वारा श्री जगदीश ओझा
निवासी अशोकनगर को रू. 325.00 मासिक पर किराये पर दिया गया था। श्री जगदीश ओझा
द्वारा माह जनवरी 2014 से जनवरी 2015 तक किराया राशि रू. 3900.00 ग्राम पंचायत में
जमा की गई है। किरायानामा निरस्त करनें के लिए ग्राम पंचायत के प्रस्ताव क्र. 03
दिनांक 26.01.2014 द्वारा न्यायालय अनुविभागीय अधिकारी मुंगावली मंे अपील प्रस्तुत
की गई है, जो अपील प्रकरण क्रमांक 2-2015-16 दर्ज होेकर प्रचलित है। अपीलीय निर्णय
उपरांत आगामी कार्यवाही की जा सकेगी।
दोषियों के विरूद्ध
कार्यवाही
8. ( *क्र. 297 ) श्री
सुन्दरलाल तिवारी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क)
रीवा जिले के जनपद पंचायत रायपुर कर्चुलियान एवं जनपद पंचायत रीवा सहित अन्य
जनपदों में इन्द्रा गांधी वृद्धा पेंशन, इन्द्रा गांधी विधवा पेंशन, सामाजिक
सुरक्षा पेंशन, नि:शक्त पेंशन, बहुविकलांग पेंशन, कन्या अभिभावक पेंशन कितने
हितग्राहियों को वर्ष 2013-14 में स्वीकृत कर भुगतान की कार्यवाही की गई ? (ख)
यह कि प्रश्नांश (क) के संदर्भ में वर्ष 2013-14 में स्वीकृत भिन्न-भिन्न
प्रकार के पेंशनों का भुगतान कब-कब किया गया तथा कितने ऐसे हितग्राही हैं जिनको
एक वर्ष से अधिक समय बीतने के बाद भी पेंशनों का भुगतान वर्ष 2014-15 में नहीं हुआ
? (ग) क्या ग्राम पंचायत जल्दर, जनपद पंचायत रायपुर कर्चुलियान के रामनिहोर
साकेत, ग्राम पंचायत इटार के शिवशंकर सोंधिया पिता समाली सोंधिया की मृत्यु पेंशन
का भुगतान समय में न होने से हुई ? इसी तरह अन्य पंचायतों में भी बहुत सारे
हितग्राहियों की मृत्यु हुई ? (घ) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में ग्राम पंचायत
इटार के पूनम जयसवाल पति राकेश जयसवाल, पंचवती शर्मा पति छोटेलाल शर्मा, आशा
सोंधिया पति कामता सोंधिया, हीरालाल वर्मा पिता जमुना वर्मा ग्राम पंचायत इटार एवं
नीलम पाण्डेय पिता हीरालाल पाण्डेय, उमाशंकर पटेल, कुसुमकली पति रामखेलावन ग्राम
पंचायत दुआरी सहित बहुत सारे हितग्राहियों का एक वर्ष से प्रश्नांश (क) के
पेंशनधारियों का भुगतान नहीं हुआ ? (ड.) प्रश्नांश (क) के अनुसार भिन्न-भिन्न
पेंशनधारियों को समय पर पेंशन के भुगतान न होने एवं उनकी मृत्यु हो जाने के लिए
दोषी अधिकारी/कर्मचारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही करेंगे साथ ही पेंशनधारियों
के एरियर्स के भुगतान की क्या व्यवस्था करेंगे भुगतान की समय सीमा दें
?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क)एवं
(ख)जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-1 अनुसार।(ग) जी नहीं।(घ)जानकारी
पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-2 अनुसार।(ड)पेंशन के कारण किसी की मृत्यु नहीं हुई
है।समय पर पेंशन का भुगतान नहीं होने के कारण दोषी अधिकारी/कर्मचारी के विरुद्ध
कार्यवाही की जावेगी।शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-1 अनुसार
है।परिशिष्ट
तीन मनरेगा में मजदूरी के पैसे का सामग्री में भुगतान करना
9. ( *क्र. 193 ) श्री विश्वास
सारंग : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या मनरेगा
के तहत होने वाले कार्यों में मजदूरी और सामग्री भुगतान का अनुपात 60:40 का है ?
क्या मजदूरों का भुगतान प्राथमिकता से करने के निर्देश आयुक्त मनरेगा द्वारा जारी
किए गए हैं ? यदि हां, तो प्रदेश के किस-किस जिले में इस नियम का पालन नहीं किया
जा रहा है ? जिलेवार जानकारी दें ? (ख) प्रश्नांश (क) के तहत क्या मनरेगा
आयुक्त ने 10 सितंबर 15 को सभी जिलों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को केन्द्र
से प्राप्त राशि का उपयोग मजदूरों के भुगतान में किए जाने के निर्देश दिए थे ?
क्या उन्होंने सामग्री के भुगतान पर रोक लगा दी थी ? यदि हां, तो उक्त निर्देश
के बाद प्रश्न दिनांक तक केन्द्र से कुल कितनी राशि प्राप्त हुई ? मजदूरी में
कितना भुगतान किया, तथा सामग्री का भुगतान कितना किया ? जिलेवार जानकारी दें ? (ग)
प्रश्नांश (क) व (ख) के तहत किस-किस पदनाम/नाम के अधिकारी ने नियमों और निर्देश
का पालन नहीं किया है ? क्या ऐसे अधिकारी के खिलाफ कोई कार्रवाई की जायेगी ? यदि
नहीं, तो क्यों ? कारण देते हुए जिलावार, पदनामवार, नामवार जानकारी दें
?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हॉ। मजदूरी सामग्री
अनुपात कार्यवार न होकर पूरे वित्तीय वर्ष में समग्र रूप से संधारित किया जाता
है। जी हॉ। प्रदेश के सभी जिलों में इस निर्देश का पालन किया जा रहा है। (ख) जी
हॉ। जी हॉ। राज्य के मनरेगा खाते में पर्याप्त धन राशि नही होने से सामग्री मद
में भुगतान पर रोक दिनांक 10 सितम्बर 2015 से दिनांक 28 सितम्बर 2015 तक लगाई गई
थी। उक्त अवधि में मजदूरी में राशि रूपये 46.95 करोड एवं सामग्री मद से कोई
भुगतान नही हुआ है। केन्द्र से दिनांक 10.09.2015 से प्रश्न दिनांक तक कुल राशि
रूपये 751.2337 करोड प्राप्त हुई है। भुगतान राशि की जिलेवार जानकारी परिशिष्ट-
1 पर संलग्न है। (ग) उत्तरांश क एवं ख के संदर्भ में कोई प्रकरण संज्ञान में नही
आने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
परिशिष्ट
चार कृषि उपज मंडी समिति में प्रतिनियुक्ति
10. ( *क्र. 39 ) श्री
यादवेन्द्र सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे
कि(क) प्रश्नोत्तरी दिनांक 20.07.2015 में मुद्रित परि.अता.प्रश्न संख्या 3
(क्रमांक 52) में प्रश्नांश (क) से (घ) की जानकारी एकत्रित कर ली गई है तो प्रदाय
करें ? यदि नहीं की गई तो अब तक एकत्र न करने के लिए कौन उत्तरदायी है बताएं ?
(ख) क्या कृषि उपज मंडी समिति कटनी के वर्तमान सचिव जो प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ
है उनको 10 वर्ष से बिना दोनों विभागों की सहमति प्राप्त किये प्रतिनियुक्ति के
मार्गदर्शी सिद्धांतो के विपरित पदस्थ रखा गया है तथा वे मंडी बोर्ड में आने के
बाद गंभीर कदाचरण के दोषी पाए जाकर अर्थदण्ड एवं अनेकों दण्डों से दंडित किया
गया है यदि हां तो कब-कब, क्या-क्या दण्ड दिए गए है बताएं ?(ग) क्या उक्त
सचिव की प्रतिनियुक्ति अवधि समाप्त कर विभागीय जांच संस्थित की जावेगी यदि हां तो
कब तक यदि नहीं तो क्यों कारण बताएं ? (घ) कटनी पदस्थापना अवधि में उक्त सचिव
की कितनी शिकायतें प्राप्त हुई है क्या विशेष दल निश्चित समय सीमा में भेजकर
कराई जावेगी ?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर चतुर्भुज बिसेन ) :
(क)जी हॉं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अ अनुसार है। अत:
शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता है।(ख)माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर व्दारा याचिका
क्रमांक डब्ल्यु0पी0 10696/2015 में पारित अंतरिम आदेश दिनांक 13.07.2015 व्दारा
श्री राजेश गोयल सचिव कृषि उपज मंडी समिति कटनी की सेवाऍ प्रतिनियुक्ति से वापिस
लेने संबंधी पैतृक संस्था एम0पी0 स्टेट को-ऑपरेटिव्ह डेयरी फेडरेशन लिमिटेड भोपाल
के आदेश दिनांक 24.04.2015 के प्रभाव पर रोक लगाते हुऐ उन्हे वर्तमान पद पर निरंतर
रखने हेतु प्रदत्त निर्देश के अंतर्गत वर्तमान में वह मंडी बोर्ड में
प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत है।शेष प्रश्नागत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र ब अनुसार है।(ग)उत्तरांश (ख) अनुसार प्रतिनियुक्ति से संबंधित मामला
माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में विचाराधीन होने से टीप निरंक है।(घ)श्री राजेश
गोयल सचिव, कृषि उपज मंडी समिति कटनी में पदस्थापना दिनांक 16.04.2015 से प्रश्न
दिनांक तक की अवधि में 24 शिकायतें प्राप्त हुई है, जिसमें से 14 शिकायतों पर
विशेष जॉच दल गठित कर प्रारंभिक जॉच कराई जा रही है तथा शेष 10 शिकायतें प्रारंभिक
जॉच हेतु उप संचालक आंचलिक कार्यालय मंडी बोर्ड जबलपुर को सौंपी गई
है।
पंचायतों को देय अनुदान राशि
11. ( *क्र. 243 ) श्री
जितेन्द्र गेहलोत : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क)
वर्ष 2012 से आज दिनांक तक रतलाम जिले की जनपद पंचायतों को किस-किस योजना के तहत
कितना-कितना अनुदान राशि प्रदान की गई ? जनपदवार ब्यौरा दें ? (ख) क्या अनुसूचित
जाति बाहुल्य पंचायतों को विशेष योजना मद में सहायता प्रदान की गई है ? यदि हां,
तो तत्संबंधी 2012 से अब तक का वर्षवार जनपद पंचायतवार ब्यौरा क्या है ? (ग)
उपरोक्त (क) और (ख) में आवंटित राशि के व्यय में अनियमितता की शिकायतें किन-किन
जनपद पंचायतों को प्राप्त हुई, तथा शासन ने उन पर क्या कार्यवाही की
?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क)
जनपदवार योजनावार अनुदान राशि की जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अ अनुसार है। (ख)
जी हाँ। वर्षवार जनपद पंचायतवार जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ब अनुसार है। (ग)
उपरोक्त प्रश्नांश क और ख में आवंटित राशि के व्यय में अनियमितता की शिकायतें
जनपद पंचायत बाजना एवं जावरा को प्राप्त हुई है। शिकायतों पर कार्यवाही जिला
पंचायत रतलाम द्वारा पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र स के कॉलम 06 अनुसार की गई
है।
शासकीय उचित मूल्य की दुकानों से खाद्यान्न
का उठाव
12. ( *क्र. 310 ) श्री
फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे
कि(क) क्या अनूपपुर जिले में लीड संस्था राजेन्द्रग्राम द्वारा माह अप्रैल 2015
में आवंटित खाद्य का समय पर उठाव नहीं किया गया ? यदि नहीं तो किन-किन शासकीय उचित
मूल्य की दुकानों के खाद्यान्न नहीं उठाये गये, दुकान का नाम एवं प्रति दुकान
आवंटित उठाव चावल, गेहूँ,शकर, केरोसीन, नमक की मात्रा सहित जानकारी दें ? (ख)
क्या समय में उठाव न करने से उपभोक्ताओं को खाद्यान्न प्रदान नहीं किया जा सका
? इस संबंध में किस अधिकारी के द्वारा जांच की गई तथा क्या कार्यवाही की गई ? (ग)
क्या प्रश्नांश (ख) अनुसार लीड का यह कृत्य उपयोजन की श्रेणी में आता है यह सही
है कि लीड द्वारा प्रस्तुत जांच अधिकारी के समस्त बिलों की कापियों में बिना
किसी के हस्ताक्षर के भी खाद्यान्न भेजना दर्शाया गया है जो कि गलत है तथा
कालाबाजारी की श्रेणी में आता है ? (घ) क्या जांच अधिकारी द्वारा लीड संस्था
राजेन्द्रग्राम के प्रभारी श्री रामयज्ञ शर्मा को संस्था से हटाये जाने की
सिफारिश की गई थी ? प्रश्न दिनांक तक यह हटाये गये या नहीं, कब तक हटा दिया
जायेंगे ?
खाद्य मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) लीड
संस्था राजेन्द्रग्राम द्वारा माह अप्रैल, 2015 हेतु आवंटित राशन सामग्री के
विरूद्ध गेहूं, शक्कर, नमक एवं केरोसीन का उठाव समय-सीमा में कर उचित मूल्य
दुकानों पर प्रदाय किया गया है। केवल राजेन्द्रग्राम लीड संस्था के अंतर्गत आने
वाली 20 उचित मूल्य दुकानों पर माह अप्रैल, 2015 के आवंटन के विरूद्ध चावल का
प्रदाय नहीं किया गया है। जिन 20 उचित मूल्य दुकानों पर चावल का प्रदाय नहीं किया
गया है, उनके नाम एवं मात्रा की जानकारी संलग्न
परिशिष्ट-अ अनुसार है। (ख) राजेन्द्रग्राम लीड संस्था
की 20 उचित मूल्य दुकानों पर माह अप्रैल, 2015 हेतु आवंटित चावल का प्रदाय माह
मई, 2015 हेतु आवंटित सामग्री के साथ किया गया है। प्रदाय चावल की जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट-ब अनुसार है। समय-सीमा में चावल प्रदाय
न करने के संबंध में जांच कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी, पुष्पराजगढ़ द्वारा की गई।
जांच प्रतिवेदन के आधार पर लीड संस्था राजेन्द्रग्राम के लीड प्रबंधक को हटाने
के लिए अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) पुष्पराजगढ़ द्वारा उपायुक्त सहकारिता
अनूपपुर एवं महाप्रबंधक जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक शहडोल को लिखा गया है।
(ग) जी नहीं। लीड संस्था द्वारा बिलो पर बिना हस्ताक्षर के खाद्यान्न
भेजना नहीं पाया गया है। सभी उचित मूल्य दुकानों पर देयक अनुसार खाद्यान्न भेजा
गया है। अत्एव कालाबाजारी का प्रश्न ही उत्पन्न नहीं होता। (घ) जी हां।
जांच प्रतिवेदन के आधार पर अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) पुष्पराजगढ़ द्वारा
उपायुक्त सहकारिता अनूपपुर एवं महाप्रबंधक जिला सहकारी केन्द्री बैंक शहडोल को
लीड संस्था प्रबंधक राजेन्द्रग्राम को पद से हटाने हेतु लिखा गया है। उनके
द्वारा विधिसंगत कार्यवाही की जाएगी।
परिशिष्ट
पांच कृषि उपज मंडी खरगोन का ऑडिट
13. ( *क्र. 253 ) श्री विजय
सिंह सोलंकी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क)
विगत 3 वर्षों में कृषि उपज मंडी खरगोन में कब-कब आडिट करवाया गया ? (ख) मंडी खरगोन
द्वारा विगत 3 वर्षों में कितने अनुज्ञा पत्र जारी किए ? कितने सत्यापन हेतु
प्राप्त हुए वर्षवार बतावें ? ऐसे कितने अनुज्ञा पत्र हैं जो 3 माह से सत्यापन
हेतु लंबित हैं, इनका निराकरण कब तक होगा ? समय सीमा बतावें ?(ग) विगत 5 वर्षों
में कितने सफाईकर्मी रखे गये ? (घ) वर्तमान में कार्यरत सफाईकर्मियों की सूची
देवें ।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर चतुर्भुज बिसेन ) :
(क)जानकारी संलग्न परिशिष्ट अ अनुसार है।(ख)वर्ष 12-13 में 7005, वर्ष 13-14
में 8881 एवं वर्ष 14-15 में 7001 अनुज्ञा पत्र जारी हुये है।क्रमश: से इन वर्षो
में 5443, 6972 एवं 5454 अनुज्ञा पत्र सत्यापन हेतु प्राप्त हुये है।मंडी में
प्राप्त हुये अनुज्ञा पत्रों में से तीन माह से अधिक सत्यापन हेतु लंबित नही
है।(ग)मंडी समिति खरगोन द्वारा विगत 5 वर्षो में कोई सफाई कर्मी नहीं रखा गया
है।(घ)प्रश्नांश "ग" के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
परिशिष्ट
छ: योजनाओं का क्रियान्वयन एवं हितग्राहियों को अनुदान
14. ( *क्र. 454 ) श्री
राजेन्द्र पाण्डेय : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा
करेंगे कि(क) क्या जावरा विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत किसानों के कल्याण एवं कृषि
विकास हेतु शासन/विभाग द्वारा विभिन्न योजनाओं का क्रियान्वयन किया जा रहा है ?
(ख) यदि हॉं तो वर्ष 2013-14 एवं वर्ष 2014-15 के प्रश्न दिनांक तक उक्त हेतु
कितना बजट स्वीकृत होकर कितना व्यय हुआ ? (ग) क्या स्वीकृत प्राप्त बजट के
विभिन्न योजनाओं पर व्यय का भौतिक सत्यापन किया गया ? (घ) यदि हां तो कृपया
उक्त विधान सभा क्षेत्र केअन्तर्गत योजनाओं से कितने कृषकों को लाभांवित किया
गया ?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर चतुर्भुज बिसेन ) :
(क)जी हां।(ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।(ग)जी हां।(घ)जावरा
विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत विभिन्न योजनाओं में 7845 कृषकों को लाभांवित किया
गया।
परिशिष्ट
सात कृषि रथ का संचालन
15. ( *क्र. 387 ) श्रीमती
पारूल साहू केशरी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे
कि(क) सागर जिले के सुरखी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत वर्ष 2015 में कृषि रथ किस-किस
ग्राम में किस-किस दिनांक को पहुंचा ?(ख) कृषि रथ के ग्राम भ्रमण के दौरान विधान
सभा क्षेत्र में शासन द्वारा किन-किन योजनाओं का लाभ किसानों को दिये जाने का
उददेश्य निर्धारित था ? योजनाओं की जानकारी सहित विस्तृत ब्यौरा देवें ? कितने
किसानों को किस-किस योजना के तहत क्या-क्या लाभ दिया गया है ?(ग) क्या कृषि रथ
के ग्राम भ्रमण के दौरान अधिकारियों द्वारा हजारों किसानों की मिट्टी परीक्षण
किया, परन्तु उन सभी किसानों को प्रश्न दिनांक तक मिट्टी परीक्षण रिपोर्ट नहीं
दी गई है? कितने किसानों की मिट्टी परीक्षण रथ भ्रमण दिनांक को ही किया गया ?
जानकारी ग्रामवार देवें ?(घ) यदि नहीं तो सुरखी विधान सभा क्षेत्र अन्तर्गत आने
वाली ग्राम पंचायतों में जिन किसानों का मिट्टी परीक्षण किया जाकर मिट्टी परीक्षण
रिपोर्ट दी गई है? उनकी जानकारी उपलब्ध कराये ?
किसान कल्याण मंत्री (
श्री गौरीशंकर चतुर्भुज बिसेन ) : (क)सागर जिले के सुरखी विधानसभा क्षेत्र
अंतर्गत वर्ष 2015 में कृषि रथ पहुंचने की ग्रामवार एवं दिनांकवार जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अ अनुसार है।(ख)कृषि रथ के ग्राम भ्रमण के
दौरान शासन व्दारा योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ब
अनुसार है एवं सुरखी विधानसभा अंतर्गत किसानों को योजना के लाभ की जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र स अनुसार है।(ग)कृषि रथ भ्रमण के दौरान
मिटटी परीक्षण हेतु नमूने एकत्रित किये गये, एवं प्रश्न दिनांक तक 797 कृषकों को
मिटटी परीक्षण की रिपोर्ट प्रदाय की गयी है।कृषि रथ भ्रमण दिनांक को ही मिटटी
परीक्षण नहीं किया गया है।(घ)सुरखी विधानसभा अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत में
जिन कृषकों को मिटटी परीक्षण की जाकर रिपोर्ट प्रदाय की है।उनकी जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र द अनुसार है।
(N.R.G.S)
योजना के तहत किये गये कार्य
16. ( *क्र. 133 ) श्री
चम्पालाल देवड़ा : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क)
महात्मा गांधी मनरेगा से देवास जिले के कन्नौद एवं बागली विकासखण्ड अन्तर्गत
वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक सुदूर ग्राम सम्पर्क व खेत सड़क उपयोजना से
कुल कितने सड़क मार्ग स्वीकृत हुए इनमें से कितने पूर्ण हुए और कितने अपूर्ण हैं
? (ख) प्रश्नांकित प्रत्येक मार्ग हेतु कितनी-कितनी राशि स्वीकृत की गई थी व
कितनी-कितनी राशि प्रत्येक मार्ग पर व्यय की गई है ? मार्गवार जानकारी दें ? (ग)
प्रश्नांश (क) मार्ग का भौतिक सत्यापन किन-किन अधिकारियों द्वारा कब-कब किया गया
? उक्त मार्गों के निर्माण में कितनी शिकायते प्राप्त हुई ? किन-किन अधिकारियों
ने शिकायतों का परीक्षण किया, जांच प्रतिवेदन में क्या निष्कर्ष दिये गये ?(घ)
प्रश्नांकित मार्ग कब तक पूर्ण करा लिये जायेगें ?
पंचायत मंत्री ( श्री
गोपाल भार्गव ) : (क) महात्मा गांधी नरेगा से देवास जिले के कन्नौद एवं
बागली विकासखण्ड अन्तर्गत वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक सुदूर ग्राम
सम्पर्क व खेत सडक उपयोजना के कुल २४९ कार्य स्वीकृत किये गये है। स्वीकृत
कार्यो में से २४ सडक कार्य क्रियान्वयन एजेंसियों द्वारा कार्य नहीं करने के
कारण यथास्थिति बंद किये गये है। शेष २२५ कार्य प्रगतिरत है। (ख) वांछित जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (क) के मार्गो का भौतिक
सत्यापन के संबंधित उपयंत्री के मूल्यांकन करने के पश्चात सहायक यंत्री द्वारा
किया जाता है। मार्गो के निर्माण से संबंधित दो सामान्य शिकायतें प्राप्त हुई थी
जिनकी जांच सहायक यंत्री श्री आर व्ही कुलकर्णी से कराई गई। जांच में शिकायतें
असत्य पाई गई। (घ) महात्मा गांधी योजनांतर्गत कार्यो की पूर्णता जॉबकार्डधारी
परिवारों द्वारा कार्य की मॉग पर निर्भर होने से अपूर्ण कार्यो को पूर्ण कराये
जाने की निश्चित समय सीमा बताया जाना संभव नहीं
है।
किसानों को शून्य प्रतिशत पर कृषि ऋण
17. ( *क्र. 56 ) श्री
कमलेश्वर पटेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क)
क्या किसानों को शून्य प्रतिशत पर कृषि ऋण दिया जा रहा है ? (ख) यदि हां, तो
किसानों को वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में कितना ऋण दिया गया ? (ग) कितने किसानों
ने समय पर ऋण वापस किया एवं कितने डिफाल्टर घोषित हुए ?
पंचायत मंत्री
( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जिला सहकारी केन्द्रीय बैंकों से संबद्ध प्राथमिक
कृषि साख सहकारी संस्थाओं द्वारा किसानों को राशि रूपये 3.00 लाख तक का अल्पावधि
फसल ऋण देय तिथि तक जमा करने पर शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर दिया जा रहा है. (ख)
वर्ष 2014-15 में राशि रूपये 13557.90 करोड़ तथा वर्ष 2015-16 में दिनांक
13.11.2015 तक कुल राशि रूपये 10792.85 करोड़. (ग) वर्ष 2014-15 में 1756518
किसानों ने समय पर ऋण वापस किया तथा 1007875 किसान डिफाल्टर हुए हैं. वर्ष 2015-16
में वितरित ऋण की ड्यू डेट 28 मार्च 2016 होने से जानकारी दी जाना संभव नहीं है.
महिदपुर विधानसभा क्षेत्र की संचालित सहकारी सोसायटियां
18. ( *क्र. 262 ) श्री बहादुर
सिंह चौहान : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क)
महिदपुर विधानसभा क्षेत्र की बैजनाथ सोसायटी और खेड़ा खजूरिया सोसायटी में कितने
कृषक हैं ? वर्षवार ऋण राशि सहित जानककारी दिनांक 1.1.2012 से 1.11.2015 तक के
संदर्भ में देवें ? (ख) ग्राम राजू निपानिया के ऐसे कितने कृषक हैं, जिन्होंने
बैजनाथ एवं खेड़ा खजूरिया दोनों सोसायटियों से ऋण ले रखा है ? नाम, ऋण राशि सहित
बतावें ? (ग) (ख) अनुसार दोनों स्थानों से ऋण लेने वाले संबंधितों पर शासन कब तक
कार्यवाही करेगा ? समय सीमा बतावें ? (घ) (ख) अनुसार संबंधित अधिकारियों पर शासन
कब तक कार्यवाही करेगा ?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क)
बैजनाथ सोसायटी में 2552 तथा खेड़ा खजूरिया सोसायटी में 1761 कृषक हैं. शेष
जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र अनुसार है. (ख) निरंक. शेष का प्रश्न उपस्थित
नहीं होता. (ग) उत्तरांश ’’ख’’ के परिप्रेक्ष्य में कार्यवाही करने का प्रश्न
उपस्थित नहीं होता. (घ) उत्तरांश ’’ख’’ के परिप्रेक्ष्य में कार्यवाही करने का
प्रश्न उपस्थित नहीं होता.
परिशिष्ट
आठ गंभीर वित्तीय अनियमितता के दोषी के विरूद्ध कार्यवाही
19. ( *क्र. 354 ) श्री
सुखेन्द्र सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे
कि(क) रीवा जिले में वर्ष 2012-13, 2013-14 एवं 2014-15 में रबी एवं खरीफ सीजन में
किसानों को वितरित किये जाने वाले बीज वितरण अनुदान व बीज उत्पादन अनुदान का
कितना-कितना भुगतान किया गया ? (ख) क्या रीवा जिले में उक्त अनुदान का भुगतान
समितियों को किया गया है ? यदि हां, तो किस समिति को कितनी राशि उक्त अवधि में
प्रदाय की गई ? क्या समितियों द्वारा उक्त अनुदान का वितरण कृषकों को किया गया ?
क्या इसका सत्यापन कराया गया है ? यदि नहीं, तो क्यों कारण स्पष्ट बतावें
?(ग) प्रश्नांश (ख) में वर्णित अनुदान भुगतान के मामले में की गई आर्थिक
अनियमितताओं, किसानों को भुगतान प्राप्त न होने व अनुदान भुगतान में गड़बड़ी की
क्या विस्तृत जांच कराई जाकर प्रश्नकर्ता सदस्य को वास्तविक स्थिति से अवगत
कराया जावेगा ? उक्त गंभीर वित्तीय अनियमितता में लिप्त शासकीय सेवकों के
विरूद्ध क्या दण्डात्मक कार्यवाही की जावेगी ? यदि हां, तो समय-सीमा बतावें एवं
यदि नहीं, तो क्यों कारण स्पष्ट बतावें ?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री
गौरीशंकर चतुर्भुज बिसेन ) : (क)रीवा जिले में वर्ष 2012-13, 2013-14 एवं
2014-15 में रबी एवं खरीफ सीजन में किसानों को वितरित किये जाने वाले बीज वितरण
अनुदान व बीज उत्पादन अनुदान की जानकारी संलग्न परिशिष्ट क अनुसार है।(ख)रीवा
जिले में उक्त अनुदान का भुगतान समितियों को नहीं किया गया है।(ग)प्रश्नांश (ख)
में वर्णित अनुदान भुगतान समितियों को न करने के कारण आर्थिक अनियमितताओं का
प्रश्न ही नहीं है।
परिशिष्ट
नौ गृह निर्माण संस्थाओं/समितियों के विरूद्ध जांच
20. ( *क्र. 476 ) श्री हर्ष
यादव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) भोपाल एवं
सागर संभाग में उपायुक्त सहकारिता के यहां वर्तमान में किन-किन गृह निर्माण
संस्थाओं/समितियों के विरूद्ध किसी भी प्रकार की जांच प्रचलित/लंबित है ?
प्रकरणवार विवरण दें ?(ख) गृह निर्माण संस्थाओं समितियों के विरूद्ध विगत पॉच
वर्षो से प्रचलित जांचों में अब तक समितिवार क्या-क्या निष्कर्ष प्राप्त हुए
है? जांचों के लंबित रहने के क्या-क्या कारण हैं ?(ग) क्या विभाग अनियमितता
करने वालों के विरूद्ध कार्यवाही को लेकर गंभीर है ? यदि हां, तो प्रश्नांश (क)
वर्णित प्रकरणों में अब तक समुचित कार्यवाही न हो पाने के क्या-क्या कारण हैं
?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) भोपाल एवं सागर संभाग
की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 01 एवं 02 अनुसार है. (ख)
जानकारी संकलित की जा रही है. (ग) जी हां. जानकारी संकलित की जा रही
है.
व्यापारियों के फर्जी लायसेंस बनाकर भ्रष्टाचार करने वाले
कर्मचारियों के विरूद्ध कार्यवाही
21. ( *क्र. 96 ) श्रीमती ममता
मीना : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या
कृषि उपज मण्डी समिति गुना में मंडी समिति गुना के तत्कालीन सचिव श्री
आर.आर.पचौरी द्वारा मण्डी समिति के प्रस्ताव के विरूद्ध भ्रष्टाचार कर
व्यापारी लायसेंस बनाये गये थे ? (ख) क्या तत्कालीन कार्यवाहक सचिव श्री मनोज
शर्मा, मण्डी समिति, गुना द्वारा प्रेषित पत्र क्र. 3080 दिनांक 24.02.2014 के
संदर्भ में तत्कालीन सचिव श्री एस.डी गुप्ता से जांच कराई गई ? (ग) क्या जांच
प्रतिवेदन के आधार पर मण्डी समिति, गुना के सहायक उपनिरीक्षक श्री त्रिपाठी को
आदेश क्र.मण्डी/कार्मिक/अ-2/1264/720 भोपाल दिनांक 30-09-2014 से निलंबित किया
गया ? (घ) क्या जब जांच में फर्जी व्यापारी के लायसेंस बनाना पाया गया तो जिस
तत्कालीन सचिव श्री आर.आर पचौरी जिसने भ्रष्टाचार कर गलत लायसेंस जारी किया उस
पर क्या कार्यवाही की गई एंव जो गलत व्यापारी लायसेंस जारी किये गए उन व्यापारी
लाईसेंसो पर क्या कार्यवाही की गई ? यदि नहीं की गई तो कब तक करेंगे
?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर चतुर्भुज बिसेन ) :
(क)प्रकरण अंतर्गत जांच उपरांत प्रथम दृष्टया पाई गई स्थिति पर कारण बताओ
सूचना पत्र जारी किये गये है।(ख)जी हॉ।(ग)जी हॉ।(घ)श्री आर0आर0पचौरी तत्कालीन सचिव
कृषि उपज मंडी समिति गुना को कार्यालयीन पत्र दिनांक 14.09.2015 से कारण बताओ
सूचना पत्र जारी किया गया है।शेष के संदर्भ में उत्तर प्राप्त होने पर गुण दोष के
आधार पर नियमानुसार निर्णय लिया जावेगा।
जांच एवं कार्यवाही
22. ( *क्र. 177 ) श्री संजय
पाठक : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क)
तारांकित प्रश्न क्र.89 दिनांक 10.12.2014 में मुद्रित प्रश्नांश (क) का उत्तर
जी हां प्रश्नांश (ख) से (ड.) का उत्तर बिन्दुवार जांच हेतु पत्र क्र. 1216
दिनांक 19.11.2014 द्वारा संयुक्त संचालक जबलपुर से जांच करवाई जाकर प्रतिवेदन
अनुसार गुण-दोष के आधार पर कार्यवाही की जावेगी ? दिया गया है, तो क्या जांच
प्रतिवेदन प्राप्त हुआ क्या जांच में संबंधित अधिकारी दोषी पाये गये यदि हां तो
क्या-क्या अनुशासनात्मक कार्यवाही की गई बताये तथा जांच प्रतिवेदन की कापी
देवें ? यदि प्रश्न दिनांक तक जांच पूर्ण नहीं हुई है तो उसके लिये कौन अधिकारी
जिम्मेदार है ? (ख) अतारांकित प्रश्न क्र. 316 दिनांक 19.02.2015 में मुद्रित
प्रश्नांश (क) एवं (ख) का उत्तर परिशिष्ट एक एवं दो में प्रश्नांश (क) एवं (घ)
का उत्तर जांच उपरांत नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी ? दिया गया है, तो किस-किस
अधिकारी से जांच कराई गई ? क्या संबंधित जांच प्रतिवेदन अधिकारी द्वारा प्रस्तुत
किया गया ? यदि हां, तो कौन-कौन अधिकारी जांच में दोषी पाये गये ? क्या कार्यवाही
की गई ? (ग) प्रश्नांश (क) से (घ) की जांच एवं जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत न करने
के लिए कौन-कौन अधिकारी दोषी हैं बतायें ?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री
गौरीशंकर चतुर्भुज बिसेन ) : (क)संचालनालयीन पत्र क्रमांक 1216 दिनांक
19.11.14 व्दारा संयुक्त संचालक जबलपुर को जॉंचकर्ता अधिकारी नियुक्त किया गया
था, पत्र क्रमांक स्था.3/शिका/2014-15/2760-61 दिनांक 22.11.2014 व्दारा जॉंच
कमेटी का गठन किया गया था।जानकारी संलग्न परिशिष्ट अ अनुसार है।संयुक्त संचालक
कृषि जबलपुर का स्थानांतरण एवं जॉंच कमेटी के अध्यक्ष का स्थानांतरण होने के
कारण पुन: जॉंच कमेटी का गठन किया गया है।जानकारी संलग्न परिशिष्ट ब अनुसार हैा
जॉंच प्रक्रियाधीन है, जॉंच प्रतिवेदन प्राप्त होने पर सूक्ष्म परीक्षण, एवं
गुणदोष के आधार पर कार्यवाही की जावेगी।(ख)संचालनालय के आदेश क्रमांक
अ-10-3/विआ/15-16/864 दिनांक 8.7.2015 व्दारा जॉंच कमेटी का गठन किया गया। जॉंच
प्रक्रियाधीन है।जानकारी संलग्न परिशिष्ट स अनुसार है।(ग)जॉंच प्रक्रियाधीन
है।
परिशिष्ट
दस सी.एम. हेल्प लाईन में प्राप्त शिकायतें
23. ( *क्र. 150 ) श्री आरिफ
अकील : क्या परिवहन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या
प्रदेशवासियों की समस्या के समाधान हेतु सी.एम. हेल्पलाईन सेवा प्रारम्भ की है
? यदि हां तो कब प्रारम्भ की है और प्रारम्भ दिनांक से प्रश्न दिनांक की स्थिति
में किस-किस जिले से कुल कितनी-कितनी शिकायतें प्राप्त हुई और कितनी शिकायतों का
निराकरण हुआ है ? वर्षवार जिलेवार बतावें ? (ख) क्या सी.एम. हेल्पलाईन में
नागरिक अपनी समस्या के समाधान की अपेक्षा समस्या में उलझने एवं धरातल की अपेक्षा
कागजी रिकार्ड में समाधान होने के कारण शिकायतों में कमी आई है ? (ग) यदि नहीं तो
इंदौर के मल्हारगंज की शिक्षिका, पन्ना जिले के सिमरी गांव और लहारपुर मुकेश बेन
आदि की शिकायतकर्ताओं को हुई परेशानियों के क्या कारण है ? क्या शिकायतकर्ताओं
की समस्या का समाधन धरातल पर हुआ है या मात्र कागजी रिकार्ड में ? (घ) प्रश्नांश
(क-ग) के परिप्रेक्ष्य में सी.एम. हेल्पलाईन पर लग रहे आक्षेप को दृष्टिगत रखते
हुए धरातल पर कार्यवाही करने की अपेक्षा कागजी रिकार्ड बनाने वाले एवं एक किसान का
सर्वे नहीं करने संबंधी शिकायत की तो पटवारी कहता है कि मेरे घर पर आ जाओ मैं
तुम्हारा सर्वे कर दूँगा ऐसे लोगों के विरूद्ध कार्यवाही करेगें ? यदि हां तो कब
तक यदि नहीं तो क्यों कारण सहित बतावें ?
परिवहन मंत्री ( श्री
भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हॉ ।
दिनांक 31 जुलाई,
2014 से प्रारंभ। (वर्षवार एवं जिलेवार जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट
'क'
अनुसार) (ख) जी
नहीं, शिकायतो की सतत मॉनिटरिंग के कारण
शिकायतो की संख्या में कमी आई है । (ग) वर्णित
शिकायतों के विवरण के अभाव मे जानकारी देना संभव नही
है। (घ) शिकायत के निराकरण से शिकायतकर्ता के
असंतुष्ट होने पर वरिष्ठ स्तर के अधिकारी द्वारा
निराकरण का प्रयास किया जाता है । प्रश्न उपस्थित नहीं
होता ।
ग्राम पंचायतों के कम्प्यूटर सिस्टम एवं
एल.ई.डी. की जानकारी
24. ( *क्र. 90 ) श्री ओमकार
सिंह मरकाम : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क)
डिण्डौरी जिले के ग्राम पंचायतों को किस मद से कम्प्यूटर सिस्टम एवं एल.ई.डी.
दिया गया है कृपया मद का नाम, कंपनी का नाम, मूल्य राशि, क्रय एजेंसी, क्रय करने
की प्रक्रिया, क्रय की वर्ष, राशि भुगतान की वर्ष, भुगतान की राशि बतावें ? (ख)
प्रश्नांक (क) अनुसार क्या सभी कम्प्यूटर एवं एल.ई.डी. संचालित (चालू) है ? अगर
नहीं तो बतावें किस-किस पंचायत के कम्प्यूटर चालू नहीं है चालू नहीं होने के
कारण बतावें ?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क)डिण्डौरी
जिले की ग्राम पंचायतों को ई-पंचायत कार्यक्रम के अन्तर्गत 13वें वित्त आयोग से
कम्प्यूटर सिस्टम एवं एल.ई.डी. दिया गया है। अन्य जानकारी निम्नवत हैंः- मद का
नाम- ई-पंचायत कार्यक्रम 13वा वित्त आयोग।कंपनी का नाम- म.प्र. लघु उद्योग निगम के
वेण्डर मेसर्स एसर इंडिया (प्रा.) लिमिटेड, भोपाल। मूल्य राशि-1,04,931.00
एवं 13 प्रतिशत टैक्स को मिलाकर राशि रू. 1,18,572.00। क्रय एजेंसी- म.प्र.
लघु उद्योग निगम, भोपाल। क्रय प्रक्रिया- भण्डार क्रय प्रक्रिया नियमों के तहत
म.प्र. लघु उद्योग निगम की निविदा द्वारा प्राप्त रेट काॅन्ट्रेक्ट के आधार पर।
क्रय वर्ष-2013-14, भुगतान वर्ष-2013-14 एवं 2014-15। भुगतान राशि-रू.
3,93,41,120.00(ख)जी हाँ। शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
एस.सी./एस.टी. परिवारों को जारी खाद्यान्न पर्ची
25. ( *क्र. 214 ) श्री निशंक
कुमार जैन : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या
प्रदेश सरकार की प्रदेश के अनुसूचित जाति एवं जनजाति के व्यक्तियों के शासकीय
योजनानुसार बी.पी.एल., ए.पी.एल. कार्ड एवं अन्य कार्ड बनाने की योजना है ? (ख)
प्रश्नांक (क) के संदर्भ में क्या विदिशा जिले के विकासखंड बासौदा/ग्यारसपुर के
जनपद/नगरीय क्षेत्र में कितने अनुसूचित जाति, जनजाति के परिवार निवासरत है, कितने
परिवारों को खाद्यान्न पर्ची जारी कर दी गई है, कितने शेष है ? शेष परिवारों की
पर्ची कब तक जारी की जावेगी ? (ग) ग्राम पंचायत गंज, चौरावर, खामखेड़ा, भिलाय, एवं
नगर पालिका बासौदा के वार्ड-4, 9 एवं 10 में निवासरत अनुसूचित जाति एवं जनजाति के
कितने परिवार ऐसे है जिनकी पात्रता पर्ची अभी तक जारी नहीं की गई है, इसके लिये
कौन अधिकारी/कर्मचारी दोषी है, उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी
?
खाद्य मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा
अधिनियम, 2013 के प्रावधान अंतर्गत लक्षित र्सावजनिक वितरण प्रणाली के प्राथमिकता
परिवार श्रेणी में प्रदेश के समस्त अनुसूचित जाति/जनजाति के परिवारों (आयकरदाता
एवं प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय श्रेणी के अधिकारी/कर्मचारी को छोड़कर) को सम्मिलित
किया गया है, इन परिवारों को सत्यापन उपरांत लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली के
अंतर्गत राशन सामग्री प्राप्त करने हेतु ई-राशनकार्ड (पात्रता पर्ची) जारी करने
की योजना है। (ख) विदिशा जिले के विकासखण्ड गंजबासौदा, ग्यारसपुर एवं नगर
पलिका गंजबासौदा में अनुसूचित जाति/जनजाति के 27,342 परिवार निवासरत है, इन
परिवारों में से 25,951 परिवारों को सत्यापन उपरांत ई-राशनकार्ड पात्रता पर्ची
जारी की गई है। 157 परिवार आयकरदाता होने के कारण पात्रता श्रेणी में नहीं आते
हैं। शेष 1,234 परिवारों से आयकरदाता एवं प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय श्रेणी के
अधिकारी एवं कर्मचारी न होने संबंधी घोषणा-पत्र/जाति प्रमाण-पत्र प्रस्तुत करने
पर पात्र पाए जाने की स्थिति में ई-राशनकार्ड पात्रता पर्ची जारी की जाएगी। पात्र
परिवारों के सत्यापन उपरांत उन्हें ई-राशनकार्ड (पात्रता पर्ची) जारी करना एक
सतत् प्रक्रिया है। (ग) ग्राम पंचायत गंज, चौरावर, खामखेड़ा, भिलाय एवं नगर
पालिका बासौदा के वार्ड-4, 9 एवं 10 में निवासरत अनुसूचित जाति/जनजाति के 124
परिवारों द्वारा आयकरदाता एवं प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय श्रेणी के अधिकारी एवं
कर्मचारी न होने संबंधी घोषणा-पत्र/जाति प्रमाण-पत्र प्रस्तुत न किए जाने के कारण
ई-राशनकार्ड (पात्रता पर्ची) जारी नहीं की जा सकी है। इसके लिए कोई
अधिकारी/कर्मचारी दोषी नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नियम 46(2) के अंतर्गत अतारांकित प्रश्नोत्तर के रुप में
परिवर्तित तारांकित प्रश्नोत्तरसहकारी बैंकों द्वारा ऋण की
वसूली एवं ऋण प्रदाय
1. ( क्र. 1 ) श्री रामनिवास
रावत : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या प्रदेश
में वर्ष 2014-15 में रबी की पकी फसल में भारी ओलावृष्टि होने से भारी क्षति हुई ?
यदि हां, तो क्या शासन द्वारा सहकारी बैंकों के के.सी.सी. ऋण व खाद बीज पर किसान
द्वारा लिए गए ऋण की वसूली प्रभावित किसानों से स्थगित कर लघु अवधि ऋण को मध्यम
व दीर्घ अवधि ऋण में परिवर्तित करने के आदेश दिए गए ? यदि हां, तो आदेश की प्रति
उपलब्ध करावें ? (ख) क्या वर्तमान में (2015-16) सूखे से प्रभावित जिलों में
किसानों द्वारा लिए गए लघु अवधि ऋण को मध्यम एवं दीर्घ अवधि ऋण में परिवर्तित किए
जाने के आदेश जारी किए गए हैं ? यदि हां तो आदेशों की प्रति उपलब्ध करावें ? (ग)
प्रश्नांश (क) व (ख) के अनुसार किन-किन जिलों की किन-किन तहसीलों की ऋण वसूली
स्थगित की गई व कितने ओला एवं सूखा प्रभावित किसानों को पुन: ऋण प्रदाय किए गए ?
जिलेवार बतावें ? (घ) क्या जिला सहकारी बैंक मुरैना द्वारा वर्ष 2015-16 के लिए
किसानों को के.सी.सी. ऋण जमा कराने के पश्चात् पुन: ऋण नहीं दिए गए हैं ? यदि हां
तो क्यों नहीं ? यदि नहीं तो कहां-कहां के किसानों को 2015 में के.सी.सी. ऋण
प्रदाय किए गए ?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) प्रदेश
में रबी 2014-15 में ओलावृष्टि से हुई क्षति के आधार पर 18 जिला सहकारी केन्द्रीय
बैंकों द्वारा प्रभावित कृषकों को राशि रूपये 3111.08 लाख के अल्पावधि फसल ऋण को
मध्यावधि ऋण में परिवर्तन किया गया है. संचालनालय संस्थागत वित्त द्वारा ऋण
परिवर्तन के संबंध में जारी निर्देश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के
प्रपत्र -01 अनुसार है. (ख) जी हां, निर्देश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र -02 अनुसार है. (ग) रबी 2014-15 की जिलेवार, तहसीलवार जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -03 अनुसार है तथा खरीफ 2015 (वर्ष
2015-16) के ऋण परिवर्तन की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है. (घ) जी नहीं, शेष जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -04 अनुसार है.
वित्त
पोषित परियोजनाओं, किसान मेला तथा अनुसंधान पर व्यय
2. ( क्र. 10 ) कुँवर विक्रम
सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) विभाग
में छतरपुर जिले में वित्त पोषित परियोजनाओं पर वर्ष 2012-13 से प्रश्न दिनांक
तक वर्षवार कितनी राशि का व्यय किन-किन संस्थाओं के माध्यम से किया गया ? (ख)
किसान मेला व कृषक संगोष्ठी पर वर्ष 2012-13 से प्रश्न दिनांक तक किस आधार पर
व्यय किया गया, सूची सहित व्यय का विवरण दें ?(ग) बुन्देलखण्ड अंचल में
टीकमगढ़ एवं छतरपुर, पन्ना जिलों में वर्ष 2012-13 से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन
से अनुसंधान कार्य किये गये तथा कितना व्यय हुआ ?(घ) शासन का जो व्यय किया गया
उसका भौतिक सत्यापन कौन-कौन से अधिकारियों द्वारा किया गया नाम पद सहित बतायें
?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर चतुर्भुज बिसेन ) :
(क)जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अ अनुसार है।(ख)जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ब अनुसार है।(ग)जानकारी पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट के प्रपत्र स अनुसार है।(घ)जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के
प्रपत्र द अनुसार है।
स्वीकृत निर्माण कार्यों की समय-सीमा
3. ( क्र. 11 ) कुँवर विक्रम
सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) ग्रामीण
यांत्रिकी संवा संभाग छतरपुर में वर्ष 2012 से प्रश्न दिनांक तक कितने निर्माण
कार्य पूर्ण हुए ? (ख) क्या स्वीकृत निर्माण कार्यों की समय-सीमा निर्धारित की
गई थी ? यदि हां, तो अब तक कितने अपूर्ण हैं ?(ग) क्या सचिव/आयुक्त द्वारा
समय-सीमा के संबंध में छतरपुर के ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग को पत्र दिये गये,
किंतु उनका पालन अब तक नहीं हुआ ?(घ) शासन हित में कार्य समय पर पूर्ण न होने के
कारण अब तक क्या कार्यवाही की गई ?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव
) : (क)
ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभाग छतरपुर में वर्ष 2012 से प्रश्न दिनांक तक 591
निर्माण कार्य पूर्ण हुए। (ख) जी हॉं। अब तक 135 कार्य अपूर्ण हैं। (ग) आयुक्त
द्वारा जिला स्तरीय बैठकों में निर्माण कार्य शीघ्र पूर्ण कराने के निर्देश दिये
गये। निर्देशो के पालन का पूर्ण प्रयास किया गया। (घ) कार्य समय पर पूर्ण न करने
वाले ठेकेदारो को समय-समय पर अनुबंधानुसार नोटिस जारी किए गए एवं देयकों से
अर्थदण्ड काटा गया।
लोक सेवा गारंटी योजना के प्रकरणों का
निराकरण
4. ( क्र. 63 ) श्री
शैलेन्द्र पटेल : क्या परिवहन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क)
भोपाल संभाग में पिछले 1 वर्ष के दौरान लोक सेवा गारन्टी के तहत कितने
प्रकरणों/आवेदनों का निराकरण किया गया जिलेवार, अनुविभागवार ब्यौरा दें ? लोक
सेवा गारंटी में कितने ऐसे प्रकरण/आवेदन प्राप्त हुए जो स्वप्रेषित रूप से
निराकृत करने वाले विभागों से संबंधित थे ? (ख) भोपाल संभाग में पिछले 1 वर्ष के
दौरान विभागों द्वारा स्वप्रेषित रूप से कितने प्रकरणों/आवेदनों का निराकरण कर
प्रमाण पत्र जारी किए गए ? विभागों द्वारा क्या आवेदन प्राप्त किए जा रहे हैं ?
(ग) तहसील कार्यालयों द्वारा स्वप्रेषित रूप से कितने आवेदन प्राप्त कर आय,
जाति, मूलनिवास प्रमाण पत्र के प्रकरण निराकृत किए तहसीलवार ब्यौरा दें ? (घ)
क्या लोक सेवा गारंटी केन्द्रों के द्वारा फर्जी प्रमाण पत्र बनाने की शिकायतें
आई हैं ? यदि हां, तो संबंधित मामलों में क्या कार्यवाही हुई है
?
परिवहन मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) भोपाल संभाग
में पिछले 01 वर्ष के दौरान लोक सेवा गारण्टी के तहत 1785671 प्रकरणों/ आवेदनों
का निराकरण किया गया। राजगढ -446939, विदिशा-292492, रायसेन-350295, भोपाल- 264424
तथा सीहोर-431521 जिलेवार/ अनुविभागवार प्रकरणों/ आवेदनों का निराकरण किया गया।
विस्तृत विवरण संलग्न परिशिष्ट- 1,2,3,4, तथा 5 अनुसार संलग्न हैं। (ख)
भोपाल संभाग में पिछले 1 वर्ष के दौरान विभागों द्वारा स्वप्रेषित
रूप से 304371 (राजगढ -102391, विदिशा-52660, रायसेन-15945, भोपाल- 119493 तथा
सीहोर-13882)प्रकरणों/आवेदनों का निराकरण कर प्रमाण पत्र जारी किए गए हैं। जी हां।
आवेदन पत्र प्राप्त किये जा रहे हैं। (ग) तहसील कार्यालयों द्वारा
स्वप्रेषित रूप से कुल 238317 (राजगढ-218129, विदिशा-12058 एवं रायसेन-8130)
आवेदन प्राप्त कर आय, मूल एवं जाति के प्रमाण पत्रो का निराकरण किया गया है।
भोपाल एवं सीहोर जिले में आय जाति मूल निवास प्रमाण पत्र हेतु तहसील कार्यालयों
द्वारा स्वप्रेषित रूप से आवेदन प्राप्त नही किये जाते हैं आवेदन लोक सेवा
केन्द्रों पर प्राप्त कर प्रकरण तहसीलदार द्वारा निराकृत किऐ गयें। विस्तृत
विवरण संलग्न परिशिष्ट- 6 अनुसार संलग्न हैं। (घ) लोक सेवा केन्द्रों के
द्वारा फर्जी प्रमाण पत्र बनाये जाने की शिकायतें प्राप्त नहीं हुर्इ हैं। शेष
प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
परिशिष्ट
ग्यारह अधिकारियों का स्थानांतरण
5. ( क्र. 89 ) श्री रामलाल
रौतेल : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क)
अनूपपुर जिले में जो अधिकारी 80 एवं 90 के दशक से पदस्थ हैं ? जिसमें से कुछ
अधिकारियों का स्थानांतरण किया गया था ? स्थानांतरण निरस्त करने का कारण क्या
है ? क्या उक्त अधिकारी को स्थानीय स्तर पर व्यवसाय करने हेतु विभाग का
संरक्षण प्राप्त है ? (ख) विभाग में 80 एवं 90 के दशक में कुल कितने अधिकारी
पदस्थ है ? कृपया नाम पद नाम निवास स्थान सहित विवरण प्रदान करें
?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर चतुर्भुज बिसेन ) : (क)जिले
में 80 एवं 90 के दशक से वर्ग-1 एवं वर्ग-2 के कोई अधिकारी पदस्थ नहीं है।शेष का
प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।(ख)प्रश्नांश ''क'' के उत्त्ार के परिप्रेक्ष्य
में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़क
योजनांतर्गत पुल पुलियों का निर्माण
6. ( क्र. 107 ) श्री नारायण
सिंह पँवार : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क)
प्रश्नकर्ता के ता. प्रश्न संख्या-7 (क्रमांक 322) दिनांक 20 जुलाई 2015 के
उत्तर की कंडिका (ख) में बताया गया था कि मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के
प्रथम व द्वितीय चरण में स्वीकृत मार्गों पर पुल-पुलियों का निर्माण दिसम्बर
2015 तक पूर्ण कराये जाने का लक्ष्य है ? तो उक्त योजना के प्रथम व द्वितीय चरण
में स्वीकृत किन-किन मार्गों पर प्रश्न दिनांक तक पुल-पुलियों का निर्माण करा
दिया गया अथवा कराया जाना है, तथा क्या निर्धारित समय-सीमा में निर्माण कार्य
पूर्ण करा लिया जावेगा ? यदि नहीं, तो क्यों ? (ख) क्या वित्तीय वर्ष 2015-16
में उक्त योजनांतर्गत विधानसभा क्षेत्र ब्यावरा की 10 ग्रामीण सड़कों की
स्वीकृति प्रदान की गई है ? यदि हां, तो क्या उनके कार्यादेश जारी किये जा चुके
हैं ? यदि नहीं, तो क्यों तथा कब तक उक्त स्वीकृत सड़कों का निर्माण कार्य
प्रारंभ करवा दिया जावेगा ?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) :
(क) विधानसभा
तारांकित प्रश्न संख्या-7 (क्रमांक 322) दिनांक 20 जुलाई 2015 के उत्तर की
कंडिका (ख) में मुख्यमंत्री ग्राम सडक योजना के प्रथम व द्वितीय चरण में स्वीकृत
मार्गो पर पुल-पुलिया का निर्माण दिसम्बर 2015 तक पूर्ण करने का लक्ष्य बताया
गया था। प्रथम व द्वितीय चरण में स्वीकृत पुल-पुलियों के पूर्ण/अपूर्ण कार्यो की
जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। जी हां। कार्य निर्धारित समय-सीमा दिसम्बर
2015 में पूर्ण करा लिया जावेगा। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) वित्तीय वर्ष
2015-16 में विधानसभा क्षेत्र ब्यावरा की 08 ग्रामीण सड़को की स्वीकृति प्रदान
की गई हैं। जी नहीं। अभी कार्यादेश जारी नहीं किये गये अत: निर्माण कार्यो को
प्रारंभ करने की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।परिशिष्ट
बारह जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक द्वारा संचालित शाखायें
7. ( क्र. 134 ) श्री चम्पालाल
देवड़ा : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) देवास जिले
में कुल कितनी शाखायें जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक द्वारा संचालित की जा रही है ?
देवास जिले में कितने अधिकारियों/कर्मचारियों पर विगत पांच वर्षों से विभागीय
जांच, न्यायिक जांच अन्य ऐजेन्सी की जांच चल रही अथवा आरोपित है ? प्रकरणवार
जानकारी दें ।(ख) प्रश्नांकित आरोपित अधिकारियों/कर्मचारियों को किसी संस्था या
बैंक का प्रभार दिये जाने का क्या प्रावधान है तथा ऐसे कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी
है, जिन्हें आरोप/जांच के दौरान प्रभार दिया गया है ? क्यों व किसके आदेश से
?(ग) प्रश्नांकित जांच की वर्तमान स्थिति बतायें तथा कौन-कौन अधिकारी जांच कर रहे
हैं ?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) 20 शाखायें. 16
विभागीय जांच, 01 अन्य जांच (लोकायुक्त) तथा निरंक न्यायिक जांच. प्रकरणवार
जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अनुसार है. (ख) जांच के दौरान
आरोपित बैंक कर्मचारियों/अधिकारियों को किसी संस्था या बैंक का प्रभार देने के
संबंध में बैंक सेवा नियमों में कोई नियम/प्रावधान नहीं है. उत्तरांश "क" में
उल्लेखित कुल 17 प्रकरणों में से 02 प्रकरण में क्रमश: श्री मदनलाल रैकवाल
तत्कालीन शाखा प्रबंधक बागली को लोकायुक्त प्रकरण के कारण शाखा बागली से हटाकर
बैंक मुख्यालय तथा श्री दिलीप नागर समिति प्रबंधक संस्था बांगर को गबन/ अनियमितता
के कारण संस्था से हटाकर शाखा मंडीप्रांगण में लिपिकीय कार्य हेतु मुख्य कार्यपालन
अधिकारी, जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित, देवास के आदेश से पदस्थ किया गया
है, 03 प्रकरणों में संबंधित अधिकारी/ कर्मचारी निलंबित होने से कोई प्रभार नही
दिया गया है तथा शेष 12 प्रकरणों में संबंधित कर्मचारी/ अधिकारी के पास जांच से
पूर्व का प्रभार यथावत है. (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र
अनुसार है.
सहकारी सेवा समितियों एवं विभागीय अधिकारियों की
मिलीभगत से किसानों को घटिया खाद्य-बीज की सप्लायी
8. ( क्र. 151 ) श्री आरिफ
अकील : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क)
मध्यप्रदेश राज्य बीज प्रमाणीकरण संस्था भोपाल में कौन-कौन लोग किस-किस पद पर
कब-कब से पदस्थ है तथा इनके द्वारा किस-किस संस्था/समिति को कितना-कितना अनुदान
देकर कौन-कौन सा व कितना-कितना बीज बनवाया गया और बीज की गुणवत्ता की जांच किस
फर्म द्वारा वर्ष 2010 से प्रश्न दिनांक की स्थिति में कब-कब की गई ? (ख)क्या
भोपाल जिलान्तर्गत सहकारी सेवा समितियों द्वारा घटिया खाद,बीज सप्लाय दवाईया तथा
डी.पी. विक्रय किये जाने से किसानों के बीज खराब होने संबंधी विभाग को शिकायतें
प्राप्त हुई हैं तथा मामला प्रकाश में आया है ? (ग) यदि हां तो भोपाल की सहकारी
सेवा समितियों द्वारा वर्ष 2012 से प्रश्न दिनांक की स्थिति में जो खाद-बीज
सप्लाय किया गया है उससे जिले के कितने किसानों के बीज खराब होने की शिकायत
प्राप्त हुई और घटिया बीज सप्लाय करने वालों के विरूद्ध प्रश्न दिनांक तक क्या
कार्यवाही की गई यदि नहीं तो क्यों कारण सहित वर्षवार बतावें ?
किसान
कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर चतुर्भुज बिसेन ) : (क)म प्र राज्य बीज
प्रमाणीकरण संस्था के भोपाल जिले में पदस्थ सहायक बीज प्रमाणीकरण अधिकारियों की
जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 1 अनुसार है। साथ ही संस्था के
प्रधान कार्यालय में पदस्थ अधिकारियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के
प्रपत्र 2 अनुसार है।इस संस्था व्दारा बीज उत्पादक संस्थाओं/समितियों को अनुदान
दिये जाने का कोई प्रावधान नहीं है।वर्ष 2010 से प्रश्न दिनांक की स्थिति तक सहायक
बीज प्रमाणीकरण अधिकारियों व्दारा भोपाल जिले के अंतर्गत पंजीकृत बीज उत्पादक
संस्थाओं/समितियों की प्रमाणित बीज की इन सभी वर्षों की कुल मात्रा 1,62,735.68
क्विं. है।जिसकी सीजन एवं फसलवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 2
अनुसार है।इस संस्था व्दारा बीज के प्रमाणीकरण के पूर्व विभिन्न निर्धारित मानकों
का परीक्षण, संस्था की भोपाल, इन्दौर, उज्जैन एवं जबलपुर बीज परीक्षण प्रयोगशालाओं
में संबंधित सीजन में किया जाकर निर्धारित गुणवत्ता के मानकों की जांच उपरांत मानक
स्तरीय पाये गये बीज को प्रमाणित किया गया जिसकी सीजन एवं फसलवार जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 3 अनुसार है।(ख)जी हां।भोपाल जिला अंतर्गत
सेवा सहकारी समिति आदमपुर छावनी विकासखण्ड फन्दा से बीज तथा सेवा सहकारी समिति
मिसरौद से उर्वरक खराब होने संबंधी शिकायत प्राप्त हुई है।(ग)वर्ष 2012 से प्रश्न
दिनांक की स्थिति तक भोपाल की सेवा सहकारी समिति आदमपुर छावनी विकासखण्ड फन्दा से
सप्लाई किये गये सोयाबीन बीज में अन्य किस्मों के सोयाबीन बीज के मिलावट होने की
शिकायत प्राप्त हुई थी,जिस पर 14 कृषकों के हस्ताक्षर थे।उक्त बीज
आई.एफ.एफ.डी.सी.संस्था व्दारा समिति को प्रदाय किया गया था।उक्त संस्था का भोपाल
जिले में बीज विक्रय प्रतिबंधित किया जाकर संस्था का लायसेंस निलंबित किया गया
है।बीज परीक्षण प्रयोगशाला, ग्वालियर व्दारा बीजों की गुणवत्ता की जांच हेतु वर्ष
2012-13 से वर्ष 2015-16 तक विश्लेषित नमूनों के आधार पर अमानक के विरूद्ध की गई
कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 4 अनुसार
है।
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अपूर्ण कार्यो का निर्माण
9. ( क्र. 161 ) श्री दिनेश
राय : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) सिवनी जिले के
सिवनी विधानसभा क्षेत्र में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत किन वर्षो
में घटते क्रम की संख्या के किन जनसंख्या के ग्रामों के कितनी दूरी के मार्गो
को कब किनके द्वारा स्वीकृतियां प्रदान की गई है और उनकी निविदाओं, निविदाकारों
तथा निर्माण की स्थिति क्या है ? (ख) प्रश्नांश क्षेत्र में प्रधानमंत्री ग्राम
सड़क योजनांतर्गत वर्ष 2001 की जनगणना की जनसंख्या के 50 प्रतिशत से अधिक
आदिवासी जनसंख्या वाले पात्र ग्राम कौन है और उनमें से किन्हें मुख्यमार्ग से
जोड़ने हेतु प्रशासकीय स्वीकृतियां प्राप्त हो गई हैं ? (ग) प्रश्नांश (क) (ख)
मार्गो के निर्माण की निर्धारित समय सीमा क्या है और किन मार्ग के जर्जर होने पर
उनका पुर्ननिर्माण और मरम्मत कार्य पूर्ण किया गया है ? (घ) प्रश्नांश (क) से
(ग) के ऐसे कौन से मार्ग हैं, जो अन्य विभागीय मार्गों से मिश्रित हैं और
किन्हें लोक निर्माण विभाग को हस्तांतरित कर दिया गया है ?
पंचायत
मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क)जानकारी पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के प्रपत्र अ अनुसार है। सभी सड़कों की स्वीकृति भारत सरकार
द्वारा प्रदान की गयी। (ख)प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के मार्गदर्शी दिशा
निर्देशों के अनुसार आदिवासी विकासखण्डों में 250 जनसंख्या (वर्ष 2001 की जनगणना)
के ऐसे सभी ग्रामों को जो पक्की सड़कों से 500 मीटर से अधिक दूरी पर स्थित है को
पक्की सड़कों से जोडने हेतु पात्र माना है। 50 प्रतिशत से अधिक आदिवासी जनसंख्या
वाले ग्रामों को पात्र मानकर प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान नहीं की जाती है। शेष
प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग)प्रश्नांश में निर्धारित समयसीमा क्या थी की
जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अ अनुसार है। एवं
योजनांतर्गत निर्मित सड़कों के क्रस्ट उन्नयन एवं बी.टी. सतह के नवीनीकरण की
जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ब अनुसार है।
(घ)सिवनी-छिन्दवाडा मार्ग पर कातलबोडी ग्राम से दिघौरी सड़क लोक निर्माण विभाग से
मिश्रित मार्ग है, जिसमें कातलबोडी से घोटी एवं एनएच 7 से दिघौरी सड़क प्रधानमंत्री
ग्राम सड़क योजना एवं घोटी से दिघौरी लोक निर्माण विभाग के अंतर्गत है। सिवनी
विधानसभा क्षेत्र में किसी भी मार्ग को योजनांतर्गत निर्माण पश्चात् लोक निर्माण
विभाग को हस्तांतरित नहीं किया गया है
खवासा चैक पोस्ट व
सेलटैक्स जांच चौकी में अवैध वसूली
10. ( क्र. 162 ) श्री दिनेश
राय : क्या परिवहन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या मेटेवानी
खवासा बेरियर में हो रही अवैध वसूली की शिकायतों को संज्ञान में लेते हुए
प्रश्नकर्ता द्वारा दिनांक 01 व 02 नवंबर, 2015 को निरीक्षण करने संबंधित
विभागीय अमले सहित खवासा परिवहन चैक पोस्ट व सेलटैक्स जांच चौकी और चैक पोस्ट
का निरीक्षण किया ? यदि हां, तो निरीक्षण के दौरान कौन-कौनसी अनियमितताएं पाई गई ?
(ख) क्या मेटेवानी खवासा बेरियर में गेट पास के नाम पर प्रत्येक वाहनों से पैसा
वसूल किया जाता है तथा रबर स्टाम्प लगाने के अलग से पैसे वसूल किए जाते है ? यदि
हां, तो किस नियम के तहत उक्त वसूली की पात्रता दी गई ? प्रति देवें ? (ग)
प्रश्नांश (क) निरीक्षण तिथि एवं अन्य दिनों की राजस्व वसूली में कितना अंतर
रहा ? स्पष्ट करें ? ऐसे गैर कानूनी ढंग से हो रही अवैध वसूली को रोकने एवं
भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने वाले जिम्मेदार अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही
करेगा ?
परिवहन मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) :
(क) प्रश्नाकर्ता माननीय विधायक जी द्वारा दिनॉक
01-11-2015 (5:00PM) से 02-11-2015 (7:00PM) तक परिवहन जॉच चौकी मेटेवानी
खवासा बेरियर पर परिवहन अमले के साथ मौजूद रहकर वाहनों के अावागमन एवं गतिविधियों
का अवलोकन किया गया । परिवहन जॉच चौकी खवासा (सेटेवानी) कम्प्यूटरीकृत
इलेक्ट्रोनिक जॉच चौकी है, यहॉ से गुजरने वाले प्रत्येक भारवाही वाहनों को चैक
किया जाता है तथा मोटरयान अधिनियम में प्रस्तावित धाराओं के अंतर्गत
उल्लंघन पाये जाने पर नियमानुसार चालान बनाये जाते है । बैरियर पर किसी प्रकार की
अनियमितताएं नही होती है । इस संबंध में माननीय विधायक जी से प्राप्त
शिकायत पत्र दिनॉक 04-11-2015 पर जॉच की कार्यवाही की जा रही है ।
(ख) प्रश्नांश में चाही गयी जानकारी के अनुसार परिवहन
जॉच चौकी खवासा पर कोई भी गेट पास जारी नही होता । यहॉ जो वाहन तौल कॉटे पर अाती
है उसे कम्प्यूटर ऑपरेटरों द्वारा समस्त कागजातों को चैक कर कॉटा पर्ची दी जाती
है । चालक उस पर्ची को लेकर परिवहन कार्यालय में चैक कराता है और जो कमियां
एवं जो शास्ति राशि होती है उतनी ही राशि की शासकीय राजस्व की रसीद वाहन स्वामी
को प्रदाय की जाती है । चालक को कॉटा पर्ची में सील लगाकर वाहन रिलीज कर दिया जाता
है । सील लगाने के एवज में कोई भी पृथक से राशि नही ली जाती है
।
(ग) प्रश्नांश में चाही गई जानकारी के क्रम में
प्रश्नांश्ा 'क' के संदर्भ में निरीक्षण तिथि एवं अन्य दिनॉक की राजस्व
वसूली का अंतर जो MPBCDCL एकीकृत तौल कॉटे के कम्प्यूटर रिकार्ड के
अनुसार
जानकारी संलग्न परिशिष्ट 'अ' अनुसार
है । वाहनों के अावागमन में कोई त्यौहार /हडताल या अतिवृष्टि या
किसी प्रकार की प्राकृतिक कठिनाई होती है तो कमी या वृद्धि वाहन संचालन की होती
है । इस कारण वसूला जाने वाला राजस्व भी प्रभावित होता है । उससे प्रतिदिन अंतर
आना स्वभाविक है । आलोच्य अवधि (01-02/11/2015) में राजस्व आय में विशेष
अंतर नही पाया गया है । परिवहन चैकपोस्ट पर पदस्थ अधिकारी/कर्मचारी गैर
कानूनी ढंग से हो रही अवधि के संबंध में प्रश्नांश 'क' के उत्तर अनुसार जॉच
उपरान्त आगामी कार्यवाही की जा सकेगी ।
परिशिष्ट
तेरह सोसायटी कर्मचारियों द्वारा सोसायटी के पैसों का गबन
11. ( क्र. 194 ) श्री विश्वास
सारंग : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) प्राथमिक
कृषि साख सहकारी समिति मर्यादित जामगढ़, जिला रायसेन के किस-किस कर्मचारी ने गबन
कर या अन्य कारण से कितनी-कितनी राशि अपने पास कब से रखे हुए हैं ? कर्मचारी
पदनाम/नामवार, राशिवार, दिनांकवार जानकारी दें ? (ख) प्रश्नांश (क) के तहत समिति
और जिला सहकारी बैंक रायसेन ने प्रश्न दिनांक तक उन पर क्या-क्या कार्रवाई की
है ? (ग) प्रश्नांश (क) व (ख) के तहत प्रश्न दिनांक तक उक्तों से कितनी-कितनी
राशि की वसूली की गई है ? यदि नहीं की गई है, तो क्यों ? कारण दें । नियम बताएं ।
क्या बैंक प्रबंधन/सहकारिता के अधिकारियों की सांठ-गांठ के चलते उनसे वसूली नहीं
हो रही है ?(घ) प्रश्नांश (क), (ख) व (ग) के तहत क्या उक्तों के खिलाफ
एफ.आई.आर. दर्ज करायी गई है ? यदि हां, तो किस धाराओं के तहत किस-किस के खिलाफ
किस-किस थाने में ? यदि नहीं, तो क्यों नहीं करायी ? कारण दें । कब तक करायी
जायेगी ?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) :
(क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है. (ख)
राशि जमा करने हेतु दोषी 5 कर्मचारियों को दिनांक 20.08.2015 को राशि जमा कराये
जाने तथा राशि जमा नहीं होने की स्थिति में एफ.आई.आर. दर्ज करने के नोटिस जारी
किये गये हैं. संस्था के प्रभारी संस्था प्रबंधक को बैंक द्वारा दिनांक 24.11.2015
को संबंधितों के विरूद्ध सहकारी अधिनियम की धारा 64 के अंतर्गत वसूली का प्रकरण
दायर करने के निर्देश दिये गये है. (ग) वसूली की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार
है. शेष वसूली की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है. उत्तरांश ‘‘ख’’ अनुसार दोषियों के
विरूद्ध कार्यवाही करने में विलंब करने में लापरवाही किये जाने के संबंध में
संयुक्त आयुक्त, सहकारिता, संभाग भोपाल से जांच कराई जा रही है. शेष प्रश्न जांच
के निष्कर्षाधीन. (घ) जी नहीं. राशि जमा न होने की स्थिति में एफ.आई.आर. दर्ज
कराये जाने के निर्देश बैंक द्वारा दिये गये है. समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं
है.
परिशिष्ट
चौदह शौचालय निर्माण में अनियमितता
12. ( क्र. 215 ) श्री निशंक
कुमार जैन : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या
जिला रायसेन के अन्तर्गत शौचालय निर्माण में भारी अनियमितताओं का मामला माह
मई-जून 2015 में प्रकाश में आया है या नहीं ? यदि हां तो प्रशासन द्वारा
क्या-क्या कार्यवाही की गई, इसके लिये प्रथम दृष्टा किस अधिकारी एवं कर्मचारी
को दोषी माना गया है ? (ख) क्या दोषी अधिकारी एवं कर्मचारी के विरूद्ध राशि जमा
कराने के आदेश दिये गये थे ? यदि हां तो आदेश की प्रति उपलब्ध कराते हुये किस-किस
अधिकारी/कर्मचारी से शौचालय निर्माण की राशि वापिस जमा कराई गई है ? सूची उपलब्ध
करावे ? इन दोषी कर्मचारी के विरूद्ध राशि वसूली के अतिरिक्त कोई शास्ति एवं
वैधानिक कार्यवाही की गई या नहीं ? (ग) रायसेन जिला अन्तर्गत किस-किस जनपद पंचायत
में किस-किस अधिकारियों से शौचालय निर्माण का भौतिक सत्यापन कराया जा रहा है ?
यदि हां तो भौतिक सत्यापन में कितने शौचालय निर्मित पाये गये कितने नहीं ? सूची
उपलब्ध करावे ? (घ) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में विदिशा जिले में निर्मित शौचालय
निर्माण का भौतिक सत्यापन कराने के आदेश प्रदाय किये जावेगें या नहीं ? यदि हां
तो कब तक नहीं तो क्यों ?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) :
(क) जी हॉं। अनुविभागीय राजस्व रायसेन द्वारा कार्य एजेंसी ग्राम पंचायत के
सरपंच/ सचिव को प्रथम दृष्टा दोषि माना गया है तथा पंचायतराज एवं ग्राम स्वराज
अधिनियम 1993 की धारा 92 ख के तहत वसूली की कार्यवाही की गई है। (ख) जी हॉं।
आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अ अनुसार है। राशि वापसि
की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ब अनुसार है। दोषि 06 कर्मचारी
ग्राम पंचायत सचिव के विरूद्ध निलंबन की कार्यवाही की गई है। (ग) शौचालय
निर्माण का भौतिक सत्यापन मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत, सहायक यंत्री
मनरेगा, ब्लाक समन्वयक स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण), उपयंत्री, ए.डी.ई.ओ. एवं
पी.सी.ओ. द्वारा कराया जा रहा है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के
प्रपत्र स अनुसार है। (घ) जी हॉं। जिला पंचायत विदिशा के आदेश क्र. 4084
दिनांक 29-04-2015 द्वारा शौचालय निर्माण के भौतिक सत्यापन कराने के निर्देश
मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत समस्त जिला विदिशा को दिये गये है।
महिदपुर विधानसभा क्षेत्र में स्वीकृत बलराम तालाबो
13. ( क्र. 263 ) श्री बहादुर
सिंह चौहान : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क)
महिदपुर विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2012-13 से अब तक कितने बलराम तालाब स्वीकृत
किये गये ? वर्षवार, स्वीकृत राशि सहित बतावें ? (ख) कितने तालाब पूर्ण हो गये
हैं, कितने अपूर्ण हैं ? (ग) (ख) अनुसार इनमें राशि आवंटन का विवरण भी देवें ?
पूर्ण, अपूर्ण को आवंटित राशि, शेष राशि पृथक-पृथक बतावें ? (घ) अपूर्ण कार्यो,
बिना कार्य के राशि आहरण के लिए संबंधित अधिकारियों पर कब तक कार्यवाही की जावेगी ?
कार्य कब तक पूर्ण होंगे ? समय सीमा बतावें ?
किसान कल्याण मंत्री (
श्री गौरीशंकर चतुर्भुज बिसेन ) : (क)महिदपुर विधानसभा क्षेत्र में वर्ष
2012-13 से अब तक कुल 116 बलराम तालाब राशि रू0 224.71 लाख की स्वीकृत किये गये
है।जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र एक अनुसार है।(ख)49 बलराम
तालाब पूर्ण तथा 23 बलराम तालाब निर्माणाधीन है। जानकारी पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के प्रपत्र दो अनुसार है।(ग)प्रश्नांश(ख)अनुसार जानकारी पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट के प्रपत्र दो अनुसार है।(घ)उपसंभाग महिदपुर में बलराम तालाब
योजनांतर्गत अपूर्ण कार्यो, बिना कार्य के राशि आहरण के संबंध में सहायक भूमि
संरक्षण अधिकारी महिदपुर श्री अश्वनी झारिया को कारण बताओं सूचना पत्र जारी किया
गया है।वर्तमान में आहरित राशि में से कोई राशि शेष नहीं है।बलराम ताल का निर्माण
कार्य स्वयं कृषक द्वारा कराया जाता है।समय सीमा बताया जाना संभव नहीं
है।
दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही
14. ( क्र. 298 ) श्री
सुन्दरलाल तिवारी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क)
27 जुलाई, 2015 के परि.अता. प्रश्न संख्या-82 (क्रमांक 1947) के (क) से (ग) जी
हां, (घ) शिकायत व्यापक स्वरूप की होकर अधीक्षण यंत्री ग्रामीण यांत्रिकी सेवा
रीवा द्वारा 326 कार्यों में से 28 कार्यों का निरीक्षण किया जाकर प्रतिवेदन
आयुक्त रीवा संभाग को प्रेषित किया गया । प्रकरण में पाई गयी तकनीकी कमियों के
दृष्टिगत शेष कार्यों की जांच हेतु आयुक्त रीवा संभाग के आदेश क्र. 277 दिनांक
01.07.2015 द्वारा पुन: 9 सदस्यीय जांच दल का गठन किया गया है । जांच में वित्तीय
अनियमितताएं पाये जाने पर दोषियों के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जा सकेगी ?
निश्चित समय सीमा बताया जाना संभव नहीं है ? (ड.) उत्तरांश (घ) के परिप्रेक्ष्य
में कार्यवाही का स्वरूप बताया जाना संभव नहीं है ? बताया गया है ? (ख) यदि
प्रश्नांश (क) हां तो क्या अधूरी पी.सी.सी. रोडों के संबंध में रायपुर
कर्चुलियान के सहायक यंत्री, उपयंत्री सरपंच सचिवों द्वारा दिनांक 24.05.2013 को
कमिश्नर रीवा को पुन: जांच हेतु आवेदन दिया था, जिसके संबंध में अधीक्षण यंत्री
ग्रामीण यांत्रिकी सेवा ने अपने पत्र क्रमांक 855 दिनांक 11.07.2014 के माध्यम से
स्पष्ट रूप से कमिश्नर रीवा को पत्र लिखा था कि जांच विधिवत एवं संबंधितों को
सूचना देकर की गई थी एवं इसकी जांच दो वर्ष बाद कराना व्यवहारिक रूप से उचित नहीं
है ? (ग) प्रश्नांश (ख) हां तो क्या अधीक्षण यंत्री ग्रामीण यांत्रिकी सेवा रीवा
के निरीक्षण प्रतिवेदन क्रमांक 357 दिनांक 05.03.2013 पर कार्यवाही न कर पुन:
आयुक्त रीवा संभाग रीवा द्वारा अपने आदेश क्रमांक 277 दिनांक 01.07.2015 पर पुन:
जांच कराकर दोषियों को बचाने का प्रयास है, जिससे कार्यवाही में विलंब हो । क्या
दिनांक 01.07.2015 के आदेश पर गठित दल द्वारा जांच प्रतिवेदन प्राप्त हुआ, अगर
हां तो जांच प्रतिवेदन का विवरण उपलब्ध कराये और जांच में कौन-कौन दोषी हैं ? (घ)
प्रश्नांश (ख) एवं (ग) के आधार पर दोषियों के विरूद्ध किस स्वरूप की कार्यवाही
कब तक करेंगे ?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हॉ ।
(ख) जी हॉ । विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है । (ग) जी नहीं । जी हॉ, विवरण
संलग्न परिशिष्ट अनुसार है । (घ) विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। वसूली
निर्धारित कर दी गई है।
परिशिष्ट
पंद्रह तालाब निर्माण संबंधी
15. ( क्र. 311 ) श्री
फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे
कि(क) अनूपपुर जिले के विधानसभा क्षेत्र पुष्पराजगढ़ में मनरेगा योजना से
वित्तीय वर्ष 2013-14,2014-15 एवं 2015-16 में किन-किन ग्राम पंचायतों में
कितने-कितने हेक्टेयर का और कितनी-कितनी राशि से ग्राम पंचायतों द्वारा तालाब
निर्माण कराया गया ? (ख) विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत मनरेगा अंतर्गत किन-किन
ग्राम पंचायतों के तालाबों का गहरीकरण किया जाना आवश्यक है ? क्या इसका
आंकलन/सर्वेक्षण किया गया है ? यदि हां, तो ग्राम व ग्राम पंचायत का नाम सहित
जानकारी दें यदि नहीं तो क्या विभाग इनका सर्वेक्षण कराकर गहरीकरण की दिशा में
कार्यवाही करेगा जिससे ये जनहित में उपयोगी साबित हो सके ? (ग) प्रश्नांश (क)
अनुसार तालाबों में घाट निर्माण किये या नहीं ? क्या तालाबों में घाट निर्माण के
संबंध में महात्मा गांधी नरेगा अन्तर्गत कोई उपयोजना शासन स्तर पर विचाराधीन है
यदि हां तो क्या निर्माण भी कराये जायेगें ? (घ) क्या तालाबों में घाट निर्माण
न होने के कारण कई अप्रिय घटनायें घटित हुई हैं, तथा बच्चों के तालाब में डूबने
की भी जानकारी है ? जनहित में तालाब में घाट निर्माण कब तक कराया जायेगा
?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) अनूपपुर जिले के
विधानसभा क्षेत्र पुष्पराजगढ में मनरेगा योजना से वित्तीय वर्ष २०१३-१४
२०१४-१५ एवं २०१५-१६ तक १८ ग्रामों में तालाब निर्माण के कार्य कराये गये हैं।
स्वीकृत निर्माण कार्यो में जल भराव क्षेत्र १९.७५ हेक्टयर है तथा स्वीकृत
कार्यो की लागत राशि रूपये २४५.९४ लाख है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
(ख) मनरेगा अंतर्गत ग्राम पंचायतों के तालाबों का गहरीकरण आवश्यक है अथवा नहीं
इसका निर्णय ग्राम सभा के अनुमोदन उपरांत संबंधित विभाग के तकनीकी अधिकारियों
द्वारा आंकलन/सर्वेक्षण के आधार पर किया जा सकता है। ग्राम पंचायतों के प्रस्ताव
प्राप्त होने पर नियमानुसार कार्यवाही की जा सकेगी। (ग) जी हॉ प्रश्नांश (क)
अनुसार विधानसभा क्षेत्र पुष्पराजगढ के अंतर्गत नवीन तालाब निर्माण सह स्नानघाट
गणेश आश्रम ग्राम धरहरकला एवं नवीन तालाब निर्माण सह स्नानघाट निर्माण
ग्राम सल्हरो में घाट निर्माण किया गया है। जी नहीं। महात्मा गांधी नरेगा में
तालाबों में घाट निर्माण की उपयोजना शासन स्तर से विचाराधीन नहीं है। (घ) जी
नहीं। तालाबों में घाट निर्माण न होने से बच्चों के तालाब में डूबने की कोई घटना
संज्ञान मे नहीं है।
परिशिष्ट
सोलह कृषक प्रशिक्षण में पाई गई अनियमितताए
16. ( क्र. 318 ) श्री
दुर्गालाल विजय : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे
कि(क) श्योपुर जिले में आत्मा योजनान्तर्गत वर्ष 2014-15, 2015-16 में किसान
कल्याण एवं कृषि विकास विभाग अंतर्गत कृषि विस्तार प्रशिक्षण केन्द्र द्वारा
कितने चयनित प्रशिक्षणार्थियों को प्रशिक्षण दिया इस हेतु कितनी राशि
प्राप्त/व्यय हुई जानकारी प्रशिक्षणवार बतावें ? (ख) श्योपुर में 20 से 22
अगस्त 2015 तक आयोजित प्रशिक्षण के दूसरे दिन प्रश्नकर्ता द्वारा प्रशिक्षण स्थल
का आकस्मिक निरीक्षण किया था के दौरान पाया कि प्रशिक्षण में 11 अचयनित
प्रशिक्षणार्थी जिनमें दो शासकीय कर्मचारी भी फर्जी कृषक बनकर बैठे थे । प्रशिक्षण
केन्द्र के प्राचार्य अनुपस्थित मिले । अभिलेखों के निरीक्षण अनुसार पहले दिन 20
अचयनित कृषक आना बताये गये में से दूसरे दिन उनके स्थान पर नये प्रशिक्षणार्थी
बैठे मिले प्रशिक्षण तिथियां सार्वजनिक नहीं की गई चयनित प्रशिक्षणार्थियों को
प्रशिक्षण की सूचना नहीं दी गई ? प्रशिक्षण रजिस्टर में तीनों दिन आने वाले
प्रशिक्षणार्थियों के नामों की जगह रिक्त पड़ी थी ये अनियमितताएं पाई ? (ग) उक्त
अनियमितताओं के कारण चयनित प्रशिक्षार्थी प्रशिक्षण से वंचित रहे ? विगत वर्ष
आयोजित प्रशिक्षण में भी उक्त अनियमिततायें पाई गई थी ? (घ) क्या शासन उक्त
समस्त अनियमितताओं की जांच करायेगा यदि नहीं तो क्यों ?
किसान कल्याण
मंत्री ( श्री गौरीशंकर चतुर्भुज बिसेन ) : (क)आत्मा योजनान्तर्गत वर्ष
2014-15, 2015-16 में प्रशिक्षण हेतु राशि प्रदाय नहीं की गई। शेष का प्रश्न नहीं
उठता।(ख) जी नहीं, शासकीय कर्मचारी फर्जी कृषक बनकर नहीं
बैठे थे।दिनांक 20 से 22 अगस्त 2015 में आयोजित प्रशिक्षण में, कृषक उपस्थिति पंजी
के अनुरूप दूसरे दिन 13 चयनित प्रशिक्षणार्थी उपस्थित हुए थे। 3 दिवसीय प्रशिक्षण
कार्यक्रम में प्रथम दिवस में 20, व्दितीय दिवस में 13 एवं तृतीय दिवस में 21
चयनित अनुसूचित जाति के कृषक मित्र प्रशिक्षणर्थियों ने भाग लिया।प्रशिक्षण तिथि
की सूचना प्राचार्य द्वारा पत्र दिनांक 14-08-2015 से ब्लॉक टेक्नोलोजी मैनेजर
विकास खण्ड श्योपुर कराहल, एवं विजयपुर के व्दारा कृषकों/प्रशिक्षणार्थियों को
सूचना दी गई थी। संचालनालय के पत्र दिनांक 10-08-2015 के अनुसार कौशल विकास की
समीक्षा बैठक में दिनांक 22-08-2015 को नियत होने से दिनांक 21-08-2015 को भोपाल
के लिये प्रस्थान किया, अनियमितता नहीं की गई।(ग)प्राचार्य कृषि विस्तार एवं
प्रशिक्षण केन्द्र श्योपुर व्दारा निर्धारित प्रावधान अनुसार कृषकों को प्रशिक्षण
में भाग लेने हेतु सूचित किया गया था, एवं प्रशिक्षण में उपस्थित
प्रशिक्षणार्थियों को योजनानुसार प्रशिक्षण दिया गया।उक्त प्रशिक्षण में किसी
प्रकार की अनियमितता नहीं पाई गई।(घ)उक्त प्रशिक्षण का आयोजन के योजना के अनुसार
किया गया है।इसमें कोई अनियमितता नहीं पाई गई। विगत वर्षो के प्रशिक्षणों में
अनियमितता होने संबंधी शिकायत प्राप्त नहीं हैा अत: जॉच का प्रश्न ही नहीं उठता
है।
नलकूप खनन के लक्ष्य में कमी
17. ( क्र. 319 ) श्री
दुर्गालाल विजय : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे
कि(क) श्योपुर जिले में आरकेव्हीवाय योजनान्तर्गत सामान्य वर्ग के कृषकों को
नलकूप खनन हेतु वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में कितनी-कितनी राशि प्रदाय की इस अवधि
में योजना का निर्धारित लक्ष्य व लक्ष्य के विरूद्ध किन-किन पंजीकृत कृषकों के
नलकूप खनन कार्य स्वीकृत किये वर्षवार जानकारी देवें ? (ख) उक्त अवधि में कितने
कृषकों के आवेदन प्राप्त हुए कितनों का पंजीयन कर कितने पंजीकृत कृषकों के नलकूप
खनन कार्य स्वीकृत किये ? (ग) क्या वर्ष 2014-15 में उक्त योजनान्तर्गत
पर्याप्त आवंटन, आवेदन एवं पंजीकृत कृषक उपलब्ध थे के बावजूद विभागीय अमले की
उदासीनता के कारण लक्ष्यानुसार 40 की जगह 32 कृषक लाभान्वित हुए शेष को वंचित रखा
गया व क्यों ? (घ) क्या वर्ष 2015-16 में भी विभागीय अमले की उदासीनता के कारण
वर्तमान तक योजना की प्रगति शून्य बनी हुई हैं ? यदि हां तो कौन उत्तरदायी हैं ?
यदि नहीं तो क्या शासन उक्त अवधि में लक्ष्य पूर्ति न होने, एवं योजना की
प्रगति शून्य रहने के कारणों की जांच करवाएगा यदि नहीं तो क्यों
?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर चतुर्भुज बिसेन ) :
(क)श्योपुर जिलें में आर0के0व्ही0वाय0 योजनांतर्गत सामान्य वर्ग के कृषकों को
नलकूप खनन की वर्षवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट एक अनुसार है।वर्ष 2014-15 में
नलकूप खनन स्वीकृत कृषकों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट दो अनुसार है। वर्तमान में
वर्ष 2015-16 में जिलों में नलकूप खनन निरंक है।(ख)वर्षवार जानकारी संलग्न
परिशिष्ट तीन अनुसार है।(ग)वर्ष 2014-15 में उक्त योजनांतर्गत राशि रू0 7.83 लाख
प्राप्त हुआ था।48 कृषकों के आवेदन में से 32 कृषकों के आवेदन पंजीयन किया गया।16
प्रकरण अपूर्ण होने से अनुविभागीय कृषि अधिकारी को वापस कर पंजीकृत 32 कृषकों में
18 कृषकों को भुगतान कर लाभांवित किया गया।शेष 14 प्रकरण कृषकों व्दारा खनन न
कराये जाने के कारण निरस्त किये गये।तथा किसी भी कृषक को लाभ से वंचित नहीं रखा
गया।विभागीय अमले व्दारा कोई उदासीनता नही बरती गई है।(घ)वर्ष 2015-16 में भौतिक
लक्ष्य 40 के विरूद्ध 15 प्रकरण कृषकों के आवेदन नलकूप खनन हेतु प्राप्त हुए।केवल
12 कृषकों के नलकूप खनन करने हेतु पंजीयन किया गया।3 प्रकरण अपूर्ण होने से
अनुविभागीय कृषि अधिकारी श्योपुर को वापिस किये गये है।योजना में आगे प्रगति जारी
है।इसी वित्त वर्ष में ल्क्ष्यों की शतप्रतिशत पूर्ति कर ली जावेगी।जांच करवाये
जाने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
परिशिष्ट
सत्रह किसानों को लाईट एवं उपकरण का प्रदाय
18. ( क्र. 335 ) श्री जितू
पटवारी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क)
केन्द्रीय कृषि मंत्रालय भारत सरकार द्वारा जारी परिपत्र में दिये गये निर्देशों
के परिपालन में म.प्र. शासन कृषि विभाग द्वारा किसानों को लाईट टेप उपकरण (खेतों
में कीड़ों को नष्ट करने वाला उपकरण) नि:शुल्क वितरित करने का निर्णय लिया गया
है ?(ख) क्या संचालनालय कृषि विभाग म.प्र. शासन द्वारा राष्ट्रीय समेकित नाशीजीव
प्रबंधन केंद्र (NCIPMC) नई दिल्ली की फ्रेन्जाईज कंपनी में फाईन टेप यवतमाल को
रू. 1800/- प्रतिनग में एक लाख लाईट टेप उपकरण प्रदान करने के आदेश सीधे प्रदान
किये गये हैं ?(ग) क्या केन्द्रीय कृषि मंत्रालय भारत सरकार द्वारा जारी परिपत्र
NCIPMC में नई दिल्ली द्वारा विकसित अथवा अनुशंसित लाईट टेप उपकरण क्रय करने के
ही निर्देश दिये गये हैं ?(घ) यदि प्रश्नांश (ग) का उत्तर हां में है, तो
केंद्रीय कृषि मंत्रालय भारत सरकार के उपरोक्त परिपत्र की प्रति उपलब्ध करावाये
एवं नहीं तो संचालनालय कृषि विभाग म.प्र. शासन द्वारा NCIPMC नई दिल्ली की
फ्रेन्जाईज कंपनी में फाईन टेप यवतमाल को लाईट टेप प्रदान करने के आदेश क्यों
जारी किये गये हैं, जबकि उपरोक्त उपकरण का समरूप उपकरण एम.पी. एग्रो फेडरेशन
द्वारा रू. 1130/में टेण्डर प्रक्रिया सहित वर्षों से किसानों को उपलब्ध करवाया
जा रहा है ?(ड.) संचालनालय कृषि विभाग म.प्र. शासन द्वारा उपरोक्त क्रय आदेश जारी
करने के पूर्व टेण्डर प्रक्रिया क्यों नहीं अपनाई गई ? किस आधार पर डायरेक्ट
NCIPMC की फ्रेन्जाईज कंपनी में फाईन टेप यवतमाल को आदेश जारी किया गया है ? कारण
स्पष्ट करें ?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर चतुर्भुज बिसेन )
: (क)जी हॉ।राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन, राष्ट्रीय तिलहन एवं आईलपॉम मिशन,
कृषि प्रोघोगिकी प्रबंधन समिति,आदि योजनाओं के फसल प्रदर्शन में "लाईट ट्रेप सेफर
टू बेनिफिशियल इनसेक्टस एंड लाईट ट्रेप फॉर मैनेजिंग इनसेक्ट
(विदाउट ब्लास्ट)" राष्ट्रीय तिलहन एवं आईलपॉम
मिशन योजना के मार्गदर्शिका के पैरा क्रमांक 9.1.3.1 में दी गई सिफारिश अनुसार एवं
राष्ट्रीय समेकित नाशीजीव प्रबंधन केंद्र
(एन0सी0आई0पी0एम0) नई दिल्ली कृषि एवं सहकारिता
विभाग कृषि मंत्रालय नई दिल्ली के जारी परिपत्र के पालन में राष्ट्रीय समेकित
नाशीजीव प्रबंधन केंद्र (एन0सी0आई0पी0एम0) से
प्राप्त करने के निर्देश जिलों को दिये गये है।जानकारी पुस्तकालय में रखे
परिशिष्टके प्रपत्र 1 अनुसार है।(ख)जी नही।(ग)जी हॉ।(घ) जानकारी पुस्तकालय में
रखे परिशिष्टके प्रपत्र 2 अनुसार है।शेष प्रश्न ही नहीं उठता।(ड़)संचालनालय किसान
कल्याण तथा कृषि विकास म0प्र0 व्दारा क्रय करने के आदेश जारी नहीं किये गये
है।अपितु राष्ट्रीय तिलहन एवं आईलपॉम मिशन योजना के मार्गदर्शिका के पैरा क्रमांक
9.1.3.1 में दी गई सिफारिश तथा राष्ट्रीय समेकित नाशीजीव प्रबंधन केंद्र नई
(एन0सी0आई0पी0एम0) दिल्ली के पत्र एवं भारत
सरकार के पत्र के पालन में तथा कृषि वैज्ञानिकों की सिफारिश पर जिलों को "लाईट
ट्रेप सेफर टू बेनिफिशियल इनसेक्टस एंड लाईट ट्रेप फॉर मैनेजिंग इनसेक्ट
(विदाउट ब्लास्ट)" एन0सी0आई0पी0एम0 से प्राप्त
करने हेतु निर्देश जिलों को जारी किये गये है जिसमें जिलों को यह भी निर्देश दिये
गये है, कि संबंधित योजना की गाईड लाईन एवं मार्गदर्शी निर्देर्शो का पालन किया
जावे जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 3 अनुसार
है।
ठेकेदार के विरूद्ध कार्यवाही
19. ( क्र. 390 ) श्रीमती
पारूल साहू केशरी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क)
क्या यह सच है कि प्रश्नकर्ता द्वारा जुलाई 2015 में विधानसभा तारांकित प्रश्न
क्रमांक 1804 परिवर्तित अतारांकित प्रश्न संख्या-67 दिनांक 27.7.2015 के उत्तर
में 2 वर्ष से अधिक अवधि के निर्माणाधीन मार्ग की जानकारी दी गई है ? कृपया
प्रश्न के उत्तर के साथ संलग्न परिशिष्ट अनुसार निर्माणाधीन मार्ग किस दिनांक
से निर्माण हेतु लंबित पड़े हुये हैं ? लंबित रहने की अवधि सहित, समय-समय पर की
गयी कार्यवाही सहित कार्यवार जानकारी देवें । (ख) प्रश्नांश कंडिका (ख) के उत्तर
में ठेकेदार के विरूद्ध अनुबंध अनुसार कार्यवाही करने का लेख है ? बतावें कि
प्रश्न दिनांक तक अनुबंध अनुसार किस-किस अधिकारी एवं ठेकेदार के विरूद्ध क्या
कार्यवाही की गई है ?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क)जी
हां। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख)
जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। अधिकारियों द्वारा
विलम्ब से कार्य करने वाले ठेकेदारों के विरूद्ध अनुबंधानुसार कार्यवाही की है,
अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही किये जाने की स्थिति नहीं पाई
गई।
ड्रिप स्प्रिकलर योजना में आर्थिक अनियमितता
20. ( क्र. 400 ) डॉ. गोविन्द
सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) धार,
रतलाम एवं सतना जिले में वर्ष 2014-15 में ड्रिप स्प्रिंकलर योजना अनुदान में
आर्थिक अनियमितताऍ किए जाने की जॉच में आर्थिक अनियमितता पाई जाने पर किन-किन के
विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई ? (ख) क्या प्रमुख सचिव, किसान कल्याण द्वारा
उक्त अनियमितताओं की जांच रिपोर्ट माह नवम्बर 2015 में भेजने हेतु जिला
कलेक्टरों को निर्देशित किया गया है ? (ग) यदि हां तो उक्त अनुदान अनियमितताओं
की जांच निष्कर्षो के आधार पर किन किन दोषी अधिकारियों के विरूद्ध क्या-क्या
कार्यवाही की गई? (घ.) उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में क्या किसानों की
भलाई के लिए विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत अनुदान दिए जाने हेतु सामग्री खरीदी हेतु
ऑनलाईन व्यवस्था किए जाने का निर्णय लिया गया था एवं इस योजना के प्रारंभ में
केवल पायलट योजनान्तर्गत तीन जिलों को रखा गया था बाद में संपूर्ण प्रदेश में
लागू किए जाने की व्यवस्था की गई है ? यदि हां तो ऑनलाईन की व्यवस्था का
बार-बार निर्णय बदले जाने के कारण क्या है ?
किसान कल्याण मंत्री (
श्री गौरीशंकर चतुर्भुज बिसेन ) : (क)किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग में
ड्रिप स्प्रिंकलर योजना वर्ष 2014-15 में संचालित थी।आर्थिक अनियमितताऍ की जांच
हेतु शासन द्वारा जांच दल का गठन किया गया था।जांच दल द्वारा प्रस्तुत जांच
प्रतिवेदन में दोषी पाये गये अधिकारियों के विरूद्ध आरोप पत्रादि जारी किये गये
है।जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अ, ब अनुसार है।(ख)जी
हॉ।(ग)उत्तरांश (क) अनुसार।(घ)कृषि यंत्रों एवं सिंचाई उपकरणों की ऑनलाइन व्यवस्था
पाईलेट आधार पर ग्वालियर, इंदौर एवं जबलपुर का चयन किया गया था, लेकिन उक्त
यंत्रों व उपकरणों के वितरण में परिदर्शिता बनाये रखने व कृषकों को सुगमता से
युक्त सामग्री उपलब्ध करवाने की दृष्टि से प्रदेश के समस्त जिलों में ऑन लाईन की
व्यवस्था लागू किये जाने का निर्णय लिया गया है।
भिण्ड जिले में
निर्माण कार्य की जांच
21. ( क्र. 401 ) डॉ. गोविन्द
सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) जिला भिण्ड
की जनपद पंचायत अध्यक्ष लहार ने शासकीय अधिकारियों सहित वर्ष 2015 में निर्माण
कार्यो का निरीक्षण करने पर किन-किन पंचायतों में गुणवत्ताहीन, अपूर्ण एवं बिना
कार्य कराये जाने पर कितनी-कितनी राशि वसूली के नोटिस कब-कब दिये गये ? प्रत्येक
पंचायत का अलग-अलग विवरण दें ?(ख) उपरोक्त प्रश्नांश के परिपेक्ष्य में
प्रश्नकर्ता के तारांकित प्रश्न संख्या 20 (क्र. 196) दिनांक 20.7.2015 के (घ)
एवं (ड) के उत्तर के कारण बताओं सूचना पत्र का जवाब न देने वाली पंचायतों पर
सूचना पत्र का जवाब आने पर कार्यवाही करना बताया है ?(ग) क्या जवाब प्रस्तुत न
करने वाले शासकीय राशि की हेराफेरी करने, हड़प करने वाले सरपंच/सचिव के विरूद्ध
मध्यप्रदेश भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत कार्यवाही न करने वाले दोषी
अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी ? यदि नहीं तो क्यों ?(घ) प्रश्न
दिनांक तक गड़बड़ी करने वाले सरपंच/सचिव के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई ? राशि
वसूल कब तक कर ली जावेगी ?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) :
(क)भिण्ड जिले की जनपद पंचायत लहार के अध्यक्ष द्वारा दिनांक 18.06.2015 से
29.06.2015 तक ग्राम पचंायत अजनार, मड़ोरी एवं मेहरावुजुर्ग का भ्रमण किया गया,
जिसमें ग्राम पंचायत मेहरावुजुर्ग के सभी कार्य गुणवत्तापूर्ण पाये गये, जबकि
ग्राम पंचायत अजनार एवं मड़ोरी के कार्यो को गुणवत्ताहीन, अपूर्ण एवं बिना कार्य
के भुगतान होने का प्रतिवेदन अध्यक्ष जनपद पंचायत द्वारा दिया गया है, जिस पर जनपद
पंचायत लहार के पत्र क्रमांक 1445 दिनांक 30.06.2015, पत्र क्रमांक 1564 दिनांक
01.07.2015 को सरपंच एवं सचिव को पत्र जारी किए गए एवं सहायक यंत्री तथा उपयंत्री
को पत्र क्रमांक 1772 दिनांक 15.07.2015 के माध्यम से ग्राम पंचायत अजनार, मड़ोरी
की जांच हेतु लेख किया गया। जांच के दौरान कोई भी कार्य गुणवत्ताहीन एवं बिना
कार्य के मूल्यांकन बगैर भुगतान नहीं किया गया की जांच रिपोर्ट सहायक यंत्री एवं
उपयंत्री द्वारा प्रस्तुत किया गया।(ख)लहार जनपद पंचायत के अंतर्गत ग्राम पंचायत
अजनार के सरपंच, सचिव द्वारा दिनांक 18.07.2015 एवं ग्राम पंचायत मड़ोरी के सरपंच,
सचिव द्वारा दिनांक 14.07.2015 को उत्तर प्रस्तुत किया गया। उपयंत्री द्वारा
दिनांक 18.07.2015 को एवं सहायक यंत्री द्वारा दिनांक 24.07.2015 को जांच रिर्पोट
प्रस्तुत की गई। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-‘‘अ‘‘ अनुसार। सर्वशिक्षा
अभियान के अंतर्गत ग्राम पंचायत अजनार में अतिरिक्त कक्ष निर्माण का उपयंत्री
द्वारा मूल्यांकन कर कार्य समाप्ति प्रमाण पत्र जारी किया गया जबकि ग्राम पंचायत
मड़ोरी द्वारा कार्य न कराये जाने पर जनपद पंचायत लहार द्वारा रा’िा रूपये
102500.00 (एक लाख दो हजार पांच सौ रूपये) जमा करने हेतु पत्र जारी किया गया,
जिसके परिपालन में ग्राम पंचायत वाउचर क्रमांक 1 दिनांक 09.07.2015 से खाता
क्रमांक 31457874752 जमा करा दी गई। कारण बताओं नोटिस के उत्तर से संतुष्ट होने के
कारण कोई अन्य कार्यवाही नही की गई।(ग) लहार जनपद क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम पंचायत
अजनार एवं मड़ोरी मेंं महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी के कार्यो
में अध्यक्ष, जनपद पंचायत द्वारा सामग्री एवं कार्यो पर वगैर कार्य किये भुगतान का
लेख किया गया जबकि मूल्यांकन के विरूद्ध ही रा’िा आहरित की गई थी। चूंकि उक्त
कार्यो में कोई भी अनियमितता नहीं पाई गई एवं मात्र कार्य अपूर्ण एवं प्रगतिरत है,
जबकि केवल ग्राम पंचायत मड़ोरी द्वारा सर्व ’िाक्षा अभियान की रा’िा रू. 102500.00
(एक लाख दो हजार पांच सौ रूपये) का आहरण बिना कार्य कराये कर लिया गया था जिससे
सरपंच, सचिव ग्राम पंचायत मड़ोरी द्वारा ग्राम पंचायत के सर्व ’िाक्षा अभियान के
ग्राम पंचायत के खाता क्रमांक 31457874752 में रा’िा रू. 102500.00 जमा कर दी गई।
चूंकि कार्य गुणवत्तापूर्ण होने से अधिकारियों, कर्मचारियों पर कार्यवाही करने की
आव’यकता नहीं हुई।(घ)ग्राम पंचायत अजनार, मड़ोरी के महात्मा गांधी राष्ट्रीय
ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के कार्यो में कोई भी गड़वड़ी नहीं पाई
गई।
जांच के निष्कर्ष तथा उन पर कार्यवाही
22. ( क्र. 407 ) श्री मधु
भगत : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) दिनांक 20
जुलाई 2015 के ता. प्रश्न संख्या-9 (क्रमांक 510) में शिकायत की जांच में क्या
निष्कर्ष प्राप्त हुए और जांच किसके द्वारा की गई नाम पद, आदेश की प्रति सहित
बताये ? (ख) यदि जांच पूर्ण नहीं हो सकी तो इसके लिये कौन जिम्मेदार है ? विभाग
ने सहकारिता नियमों के आधार पर समिति के विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही कब-कब की ?
(ग) संस्था द्वारा क्या सदस्यता पंजी बनाई गई थी ? उसमें संशोधन तथा
प्रविष्टियां किस आधार पर की गई ? (घ) संस्था द्वारा विगत 05 वर्षो में कब-कब
बैठक की गई एजेन्डा की प्रतियां तथा निर्णय के अनुमोदन की प्रति बतायें और
संस्था का आडिट कब-कब किया गया ?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव )
: (क) जांच प्रतिवेदन प्राप्त, प्रतिवेदन परीक्षणाधीन है. श्री एन.के.शाक्य,
सहायक आयुक्त (अंकेक्षक), सहकारिता, जिला भोपाल, की अध्यक्षता में गठित जांच दल
एवं श्री अखिलेश चौहान, सहायक आयुक्त सहकारिता (प्रशासन) जिला भोपाल के द्वारा की
गई है. आदेश की प्रति संलग्न परिशिष्ट 01 एवं 02 अनुसार है. (ख) जांच पूर्ण हो
चुकी है. विभाग द्वारा दिनांक 15.05.2015 को म.प्र. सहकारी सोसायटी अधिनियम की
धारा 57(1) एवं दिनांक 28.11.2015 को धारा 56(3) के तहत कार्यवाही प्रारंभ की गई.
(ग) संस्था का रिकार्ड अप्राप्त होने से जानकारी दिया जाना संभव नही हो पा रहा है.
रिकार्ड प्राप्त करने हेतु मध्यप्रदेश सहकारी सोसायटी अधिनियम की धारा 57 के तहत
कार्यवाही किये जाने के पश्चात भी रिकार्ड प्राप्त न हो सकने से संस्था प्रबंधन को
समुचित वैधानिक कार्यवाही करने के निर्देश दिये गये है. (घ) संस्था का रिकार्ड
अप्राप्त होने से जानकारी दिया जाना संभव नही हो पा रहा है, जिसके लिये उत्तरांश
(ख) एवं (ग) अनुसार कार्यवाही प्रक्रियाधीन है.
परिशिष्ट
अठारह आर.टी.ओ कार्यालय में प्राप्त शिकायतों पर कार्यवाही
23. ( क्र. 408 ) श्री मधु
भगत : क्या परिवहन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) बालाघाट तथा
सिवनी आर.टी.ओ. कार्यालय के अन्तर्गत पिछले 2 वर्षों में कितनी शिकायतें जिला
स्तर आयुक्त स्तर तथा शासन स्तर पर प्राप्त हुई, उन पर क्या कार्यवाही की
गई ?(ख) उक्त कार्योलयों के अंतर्गत, कितनी राशि की वसूली उक्त अवधि में की जाना
था ? उसके विरूद्ध कितनी राशि की वसूली की गई, शेष वसूली के लिये कौन जिम्मेदार
हैं ?(ग) उक्त कार्यालयों में कौन-कौन, कार्यपालन पदों पर अधिकारी/कर्मचारी उक्त
अवधि में पदस्थ रहे है ? तथा किस-किस के द्वारा राजस्व में कितने रूपये की राशि
जमा की गई ?
परिवहन मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) सिवनी
आरटीओ कार्यालय के कर्मचारियों से संबंधित सिवनी कार्यालय में 01 शिकायत प्राप्त
हुई है,जिसका विवरण
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार
है । परिवहन आयुक्त कार्यालय/शासन स्तर पर सिवनी कार्यालय से संबंधित
01 शिकायत प्राप्त हुई है, जिसका विवरण
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट 'ब' अनुसार है । बालाघाट आरटीओ कार्यालय की जानकारी निरंक
है । (ख) बालाघाट एवं सिवनी कार्यालयों हेतु राजस्व प्राप्ति एवं
बकाया बसूली हेतु निर्धारित एवं बसूल की गई राशि का कार्यालय वार व वर्षवार विवरण
निम्नानुसार है:-
कार्यालय का नाम |
वर्ष 2014 |
वर्ष 2015 (प्रश्न
दि. तक) |
निर्धारित राजस्व |
प्राप्त राजस्व |
निर्धारित राजस्व |
प्राप्त राजस्व |
बालाघाट |
23.99 करोड |
23.28 करोड |
15.79 करोड |
14.27 करोड |
सिवनी |
36.33 करोड |
33.12 करोड |
10.07 करोड |
9.74
करोड |
राजस्व
वसूली निरंतर चलने वाली कार्यवाही है। अत:शेष वसूली हेतु जिम्मेदारी निर्धारण का
प्रश्न उपस्थित नही होता है। (ग) प्रश्नांकित
अवधि वर्ष 2014 एवं 2015 (प्रश्न दिनांक तक) कार्यालयवार
पदस्थ अधिकारी एवं कर्मचारियों की
जानकारी पुस्ताकालय में रखे
परिशिष्ट 'स' एवं 'द' अनुसार है। प्राप्त एवं वसूल की गई शासकीय
राजस्व राशि व्यक्तिगत नामों से जमा नही की जाती है, शासकीय राशि संबंधित
कार्यालयों द्वारा कोषालय में जमा कराई जाती है। अत: नाम से जमा राजस्व की
जानकारी दी जाना अपेक्षित नही है। वर्षवार प्राप्त राजस्व का विवरण प्रश्नांश ख
के उत्तर में दर्शित है।
घोड़ाडोंगरी क्षेत्र में संचालित
उचित मूल्य दुकान
24. ( क्र. 415 ) श्री सज्जन
सिंह उईके : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क)
घोड़ाडोंगरी खण्ड में कितनी उचित मूल्य दुकान संचालित हैं ? (ख) क्या ग्राम
रामपुर, बंजारीढाल, खापा के आदिवासी 30 कि.मी. दूर से खाद-बीज लाते है ? (ग) क्या
आदिवासियों को शासन सुविधा देगी ? (घ) क्या म.प्र. सहकारिता नई समिति/पंजीयन को
मान्यता नहीं दे रहा है ?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) :
(क) 62. (ख) जी हां, आदिवासी किसानों को ध्यान में रखते हुये नजदीकी सुविधाजनक
क्षेत्र में खाद, बीज वितरण हेतु उपकेन्द्र खोले जाने के निर्देश उप आयुक्त,
सहकारिता, जि़ला बैतूल द्वारा दिये गये हैं. (ग) प्राथमिक कृषि साख सहकारी
संस्थाएं अपने कार्यक्षेत्र के सभी सदस्यों को खाद, बीज, कृषि ऋण आदि सुविधाएं
उपलब्ध करवा रही है, साथ ही उप केन्द्र खोले जाने के निर्देश भी दिये गये है.
(घ) प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थाओं के पुनर्गठन के मापदंड में संशोधन की
कार्यवाही प्रक्रियाधीन है. मापदंड संशोधन उपरांत बैतूल जिले की प्राथमिक कृषि साख
सहकारी संस्थाओं के पुनर्गठन की कार्यवाही की जा सकेगी.
जिला
पंचायत उज्जैन में संचालित योजनाएं
25. ( क्र. 441 ) श्री सतीश
मालवीय : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) दिनांक 01
जनवरी 2015 से प्रश्न दिनांक तक जिला पंचायत उज्जैन में कौन-कौन सी योजनाएं
संचालित हो रही हैं ? इन योजनाओं में 01 जनवरी 2015 से प्रश्न तिथि तक
कितनी-कितनी राशि स्वीकृत हुई ? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित समयानुसार एवं
योजनावार कितनी-कितनी राशि किन-किन कार्यो पर व्यय हुई? (ग) प्रश्नांश (क) में
उल्लेखित समयानुसार एवं योजनावार स्वीकृत राशि दूसरे मद में कितनी-कितनी किस
सक्षम कार्यालय के आदेशानुसार व्यय की गई ? क्या एक मद में स्वीकृत राशि दूसरे
मद में व्यय की जा सकती है ? अगर हां, तो राज्य शासन के द्वारा जारी आदेश की
प्रति उपलब्ध करावें ? (घ) क्या राज्य शासन एक मद में स्वीकृत राशि को दूसरे
मद में व्यय करने वाले अधिकारी को चिन्हित कर विभागीय जांच संस्थापित करेगा ?
अगर नहीं, तो क्यों ?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) :
(क)जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-‘‘अ‘‘ अनुसार।(ख)जानकारी पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट-‘‘ब‘‘ अनुसार।(ग)जिला पंचायत उज्जैन में एक मद की राशि दूसरे मद में
व्यय नहीं की गई है।(घ)उत्तरांश ‘‘ग‘‘ के परिपेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं
होता।
स्वच्छ भारत अभियान अंतर्गत शौचालय निर्माण
26. ( क्र. 442 ) श्री सतीश
मालवीय : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या जनपद
पंचायत घट्टिया जिला उज्जैन अंतर्गत शौचालय निर्माण के लिये जारी राशि (प्रति
शौचालय 12000/-) जिन ग्राम पंचायतों को जारी हुई, उस संबंध में जनपद पंचायत
घट्टिया से मांग पत्र प्राप्त किया गया ? यदि नहीं, तो क्यों ? क्या बिना मांग
पत्र के ही राशि जारी कर दी गई थी ? (ख) जनपद क्षेत्रांतर्गत ग्राम पंचायतों को
राशि जारी करने के मापदंड क्या थे ? क्या राशि जारी करने में नियमों का
पूर्णरूपेण पालन किया गया ? जिन पंचायतों को राशि जारी की गई क्या उनमें पूर्व
में प्रदाय राशि के कार्य पूर्ण किये जा चुके थे एवं पूर्णता एवं उपयोगिता प्रमाण
पत्र पंचायतों द्वारा प्रस्तुत किया गया था ? यदि नहीं, तेा यह राशि किस आधार पर
जारी की गई ?(ग) क्या मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत घट्टिया के द्वारा
प्रस्तुत मांगपत्र पर फर्जी हस्ताक्षर पाए गए ? यदि हां, तो उत्तरदायी
अधिकारी/कर्मचारी पर आज दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई ? यदि कोई कार्यवाही नहीं
की गई तो क्यों ? इन पर कार्यवाही कब तक की जावेगी ?
पंचायत मंत्री (
श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हॉ। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख)
म0प्र0शासन पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के पत्र क्र. 11772 दिनांक 10-10-2014
एवं राज्य जल एवं स्वच्छता मिशन विकास आयुक्त कार्यालय म0प्र0 भोपाल के पत्र
क्र. 2531 दिनांक 12-03-2014 के निर्देश एवं मापदंडानुसार ग्राम पंचायतों को जनपद
पंचायत की अनुशंसा के आधार पर राशि जारी करने के निर्देश थे। पूर्णता प्रमाण-पत्र
जनपद पंचायत स्तर पर संधारित किये गये है। मु.का.अधि. जनपद पंचायत की अनुशंसा के
आधार पर राशि जारी की गई। (ग) मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत घटिया के
द्वारा प्रस्तुत मांग पत्र पर फर्जी हस्ताक्षर के सबंध में जॉच प्रक्रियाधीन है
जांच में दोषी पाये जाने पर संबंधित के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही की
जावेगी।
खाद्यान्न आवंटन की जांच
27. ( क्र. 448 ) श्री
सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे
कि(क) मुरैना जिले की जौरा तहसील के ग्राम आलापुर को वर्ष 2008 से 2013 तक कितने
राशन कार्डों, सामान्य, बी.पी.एल. व अन्य के अनुसार खाद्यान्न का आवंटन दिया
गया था ? (ख) क्या वर्जित समय में जनपद जौरा से प्राप्त कार्डों की संख्या से
भिन्न आवंटन दिया गया था, क्यों ? तथ्यों सहित पूर्ण जानकारी दी जावे । (ग)
क्या शासन उक्त समयावधि में हुए अत्याधिक खाद्यान्न के आवंटन की जांच किसी
सक्षम अधिकारी से करायेगा ? यदि हां, तो कब तक ।
खाद्य मंत्री ( कुँवर
विजय शाह ) : (क) मुरैना जिले की जौरा तहसील के ग्राम पंचायत आलापुर को वर्ष
2008 से 2013 तक खाद्यान्न आवंटन में उल्लेखित राशनकार्डों की जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट-'अ' अनुसार है। (ख) जी हॉं।
वर्ष 2008 से 2013 तक ग्राम पंचायत आलापुर की उचित मूल्य दुकान को वास्तविक
राशनकार्ड संख्या से अधिक राशनकार्ड पर राशन सामग्री का आवंटन जारी किया गया था।
मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद जौरा, ग्राम पंचायत सचिव आलापुर द्वारा ग्राम
पंचायत आलापुर में प्रचलित राशनकार्ड से अधिक राशनकार्ड की जानकारी देने तथा खाद्य
शाखा के लिपिक श्री कंचन सिंह यादव द्वारा ग्राम पंचायत आलापुर में प्रचलित
राशनकार्डों से अधिक राशनकार्ड की जानकारी आवंटन में प्रविष्ट करने के कारण अधिक
खाद्यान्न आवंटन जारी हुआ है। प्रचलित एवं आवंटन में उल्लेखित राशनकार्डों की
जानकारी संलग्न
परिशिष्ट-ब अनुसार है। (ग) जनपद जौरा की ग्राम
पंचायत आलापुर में संचालित उचित मूल्य दुकान को वास्तविक राशनकार्ड से अधिक
राशनकार्ड पर आवंटित खाद्यान्न की जांच तत्कालीन जिला आपूर्ति नियंत्रक,
ग्वालियर से दिनांक 04.12.2013 को कराई गई।
परिशिष्ट
उन्नीस सुमावली विधानसभा में BPL कार्डों की संख्या
28. ( क्र. 449 ) श्री
सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे
कि(क) जौरा तहसील (मुरैना) के ग्राम आलापुर में वर्ष 2011 से 2013 तक सामान्य,
बीपीएल राशन कार्डों की कितनी संख्या थी ? जनपद द्वारा जारी सूची के अनुसार
जानकारी दी जावे । (ख) उक्त पंचायत को राशन कार्डों का कितना खाद्यान्न आवंटित
किया गया ? इसका वितरण कहां किया जाता था ? (ग) क्या जनपद जौरा द्वारा सूची से
भिन्न संख्या का आंवटन आलापुर तहसील जौरा को वर्णित वर्षों में प्राप्त होता
रहा, क्यों ?
खाद्य मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जौरा तहसील
(मुरैना) के ग्राम आलापुर में जनपद द्वारा जारी सूची के अनुसार वर्ष 2011 में 936
सामान्य, 295 बीपीएल एवं 15 अन्त्योदय; वर्ष 2012 में 936 सामान्य, 326 बीपीएल
एवं 15 अन्त्योदय एवं वर्ष 2013 में 936 सामान्य, 341 बीपीएल एवं 15
अन्त्योदय राशनकार्ड प्रचलित थे। (ख) वर्ष 2011 से वर्ष 2013 तक ग्राम पंचायत
आलापुर की उचित मूल्य दुकान को 9206.60 क्विंटल खाद्यान्न आवंटित किया गया,
जिसका वितरण शासकीय उचित मूल्य दुकान, आलापुर से किया गया। (ग) जी हॉं। वर्ष 2011
से वर्ष 2013 तक ग्राम पंचायत आलापुर की उचित मूल्य दुकान को वास्तविक राशनकार्ड
संख्या से अधिक राशनकार्ड पर राशन सामग्री का आवंटन जारी किया गया था। मुख्य
कार्यपालन अधिकारी, जनपद जौरा, ग्राम पंचायत सचिव आलापुर द्वारा ग्राम पंचायत
आलापुर में प्रचलित राशनकार्ड से अधिक राशनकार्ड की जानकारी देने तथा खाद्य शाखा
के लिपिक श्री कंचन सिंह यादव द्वारा ग्राम पंचायत आलापुर में प्रचलित राशनकार्डों
से अधिक राशनकार्ड की जानकारी आवंटन में प्रविष्ट करने के कारण अधिक खाद्यान्न
आवंटन जारी हुआ है।
सरपंचों एवं सचिवों के विरूद्ध शिकायतें
29. ( क्र. 455 ) श्री
राजेन्द्र पाण्डेय : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे
कि(क) जावरा जनपद एवं पिपलौदा जनपद अन्तर्गत आने वाली ग्राम पंचायतों में योजनाओं
के क्रियान्वयन एवं निर्माण कार्यों की गुणवत्ता में लापरवाही बरती जा रही है ?
(ख) यदि हां, तो क्या इनके विरूद्ध लगातार शिकायतें प्राप्त हो रही है ?(ग) यदि
हां, तो वर्ष 2012-13, वर्ष 2013-14 एवं वर्ष 2015 के प्रश्न दिनांक तक उपरोक्त
क्षेत्र की ग्राम पंचायतों के सरपंचों एवं सचिवों के विरूद्ध कितनी शिकायतें
प्राप्त हुई ? (घ) साथ ही प्राप्त शिकायतों पर किस-किस प्रकार की कब-कब
क्या-क्या कार्यवाही की गई ?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) :
(क)जी नहीं।(ख)जनपद पंचायत जाबरा एवं पिपलोदा की कुछ ग्राम पंचायतों में
योजनाओं के क्रियान्वयन एवं निर्माण कार्य की गुणवत्ता संबंधी शिकायतें प्राप्त
हुई है।(ग)जनपद पंचायत जाबरा एवं पिपलोदा क्षेत्रांतर्गत वर्षवार प्राप्त शिकायतों
की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-‘‘अ‘‘ अनुसार।(घ)प्राप्त शिकायतों पर की गई
कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-‘‘ब‘‘
अनुसार।
फसल बीमा योजना में मुआवज़ा/क्षतिपूर्ति का वितरण
30. ( क्र. 477 ) श्री हर्ष
यादव : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) वर्ष
2013-14 एवं 2014-15 में सागर जिले में तहसीलवार रबी एवं खरीफ फसलों की वास्तविक
उपज क्या रही ? क्या उक्त आंकड़ें शासन द्वारा समय पर एग्रीकल्चरल
इन्श्योरेंस कंपनी को उपलब्ध कराये गये ? यदि नहीं तो क्यों ?(ख) प्राकृतिक
आपदा व अन्य कारणों से फसल नुकसानी के उक्त आंकड़ों के आधार पर जिले के किसानों
को कितना मुआवज़ा/क्षतिपूर्ति देय होती है ? इसके विपरीत कंपनी द्वारा कितनी-कितनी
राशि तहसीलवार किसानों को उपलब्ध कराई गई ? कंपनी द्वारा अधिकतम क्षतिपूर्ति
कृषकों को दिलाने हेतु विभाग व जिला प्रशासन द्वारा क्या-क्या प्रयास किये गये
?(ग) फसल बीमा योजना को किसान हितैषी व पारदर्शी बनाये जाने हेतु राज्य शासन
द्वारा क्या-क्या प्रयास किये जा रहे हैं ?
किसान कल्याण मंत्री (
श्री गौरीशंकर चतुर्भुज बिसेन ) : (क)राष्टीय कृषि बीमा योजनान्तर्गत खरीफ
2013, रबी 2013-14, खरीफ 2014 रबी 2014-15 मौसम हेतु फसल कटाई प्रयोगों के
परिणामों पर आधारित मुख्य फसलों की उपज आयुक्त भू-अभिलेख ग्वालियर की वेबसाइट से
प्राप्त जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र एक अनुसार है।शासन
व्दारा समय पर आंकडे एग्रीकल्चर इन्श्योरेंस कंपनी को उपलब्ध कराये
गये।(ख)राष्टीय कृषि बीमा योजनान्तर्गत सागर जिले की खरीफ 2013, रबी 2013-14, खरीफ
2014, रबी 2014-15 व खरीफ 2015 की बीमा आवरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के प्रपत्र दो अनुसार है।(ग) प्रदेश में राष्टीय कृषि बीमा योजना यथावत
लागू है, जो किसान हित में लाभकारी साबित हो रही है।नवीन फसल बीमा योजना तैयार
करने की दृष्टि से योजना प्रारूप तैयार किया जा रहा है।भारत सरकार व्दारा भी नवीन
फसल बीमा योजना प्रक्रियाधीन है।
साधिकार अभियान अंतर्गत
हितग्राहियों को योजना का लाभ
31. ( क्र. 654 ) श्री कुँवरजी
कोठार : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या जिला
राजगढ़ अंतर्गत विधान सभा क्षेत्र सारंगपुर में 02.10.2015 से साधिकार अभियान
सप्ताह प्रारंभ किया गया था ? उक्त अभियान के तहत चिन्हीत हितग्राही मूलक 20
योजनाओं का लाभ प्राप्त करने हेतु किस-किस ग्राम से किन-किन योजनाओं हेतु
कितने-कितने आवेदन प्राप्त हुये ? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार प्राप्त आवेदनों
में से किस-किस योजनाओं में किस-किस ग्राम के कितने-कितने हितग्राहियों को
लाभांवित किया गया ? (ग) क्या साधिकार अभियान संपन्न होने के पश्चात शासन की
चिन्हित 20 हितग्राहीमूलक योजनाओं के लाभ के लिये कोई पात्र हितग्राही शेष नहीं है
? यदि हां, तो ग्रामवार, योजनावार हितग्राहियों की संख्या बतावें ?(घ) शेष पात्र
हितग्राहियों को शासन की उक्त योजनाओं से कब तक लाभांवित किया जावेगा ? यदि नहीं
तो क्या साधिकार अभियान दल से पात्र हितग्राहियों का शासन की कोई योजनाओं से
लाभांवित किया जाना शेष नहीं है, का प्रमाण पत्र प्राप्त किये गये हैं, यदि हां,
तो प्रमाण पत्र की प्रति देवें ?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) :
(क)जी
हॅा।उक्त अभियान के तहत चिन्हॅाकित हितग्राहीमूलक 20 योजनाओं के तहत 2875 आवेदन
पत्र प्राप्त हुए।विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1
अनुसार है।(ख)उत्तरांश-’’क’’ अनुसार प्राप्त आवेदन पत्रों में 1437 हितग्राही
पात्र पाये गये है, जिन्हें 15 दिवस के अंदर लाभांवित किया जायेगा।विस्तृत जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।(ग) एवं (घ)प्रश्न दिनांक तक
कोई पात्र हितग्राही चयनित किया जाना शेष नहीं है।यह एक सतत प्रक्रिया है। शेष
प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पूर्व प्रश्न क्र. 677 तारांकित
पंचायत विभाग द्वारा भेजी गई जानकारी बावत्
32. ( क्र. 737 ) श्री राजेश
सोनकर : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) पूर्व
तारांकित प्रश्न क्रमांक 677 दिनांक 27.07.2015 में पंचायत विभाग द्वारा भेजी गई
जानकारी (पुस्तकालय परिशिष्ट) अनुसार वर्ष 2014-15 में विभिन्न मदों में विकास
कार्यों के लिए सांवेर विधान सभा हेतु राशि रुपये 2481.24 स्वीकृत की गई थी ?
स्वीकृत राशि में से मात्र रुपये 1357.89 ही विभिन्न पंचायतों/ऐजेंसियों द्वारा
व्यय कर कार्य किये गये ? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में शेष स्वीकृत राशि से
कब तक विभिन्न पंचायतों में स्वीकृत कार्यों को आरंभ कराया जायेगा एवं कब तक
पूर्ण करा लिया जायेगा ? समय सीमा बताये ? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में
स्वीकृत राशि व्यय ना हो पाने के क्या कारण है ? स्पष्ट करे व कार्य को
प्रारंभ/पूर्ण ना कराये जाने की स्थिति में कौन-कौन अधिकारी जवाबदेह है ? क्या इन
जवाबदारों पर समय पर कार्य पूर्ण नहीं कराये जाने पर कोई कार्यवाही की जायेगी ?
यदि हो तो कब तक ?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क)जी
हाॅ। प्रश्न क्रमांक 677 के उत्तर दिनांक 15.07.2015 में रा’िा रूपये 1357.89 लाख
व्यय की गई थी।(ख)शेष स्वीकृत रा’िा में से रू. 70.57 लाख का और व्यय कर लिया गया
हैै इसके पश्चात शेष व्यय रा’िा रू.1052.78 लाख के प्रगतिरत कार्यो को वित्तीय
वर्ष 2015-16 के समाप्ति तक पूर्ण कराने का लक्ष्य है।(ग)पंचायत आम निर्वाचन वर्ष
2014-15 एवं नवनिर्वाचित सरपंचो द्वारा पदभार ग्रहण करने तथा वर्षा के कारण कार्यो
में विलंब हुआ है। अब कार्य तीव्र गति से कराये जाकर समय-सीमा में पूर्ण करा लिये
जायेंगें। कार्यो में विलंब के लिये निर्माण ऐजेन्सी ग्राम पंचायत जवाबदेह है।
कार्य पूर्ण न करने पर म.प्र.पंचायतराज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम 1993 की धारा 40
,89 ,92 के तहत कार्यवाही की जावेगी।
अतारांकित प्रश्नोत्तरसहकारी सोसाइटियों
द्वारा के.सी.सी.ऋण की वसूली
1. ( क्र. 5 ) श्री रामनिवास
रावत : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) वर्ष 2015 में
जिला मुरैना की जिला सहकारी बैंक मर्यादित द्वारा खरीफ/रबी की फसल हेतु कृषकों को
प्रदाय के.सी.सी के तहत ऋण राशि किन-किन सहकारी सोसाइटियों द्वारा कितनी-कितनी जमा
कराई गई है ?(ख) क्या राशि जमा कराने के पश्चात् आगामी रबी फसल हेतु किसानों को
के.सी.सी ऋण की राशि प्रदाय की गई है ? यदि हां, तो किन-किन सोसाइटियों द्वारा
कितने-कितने किसानों को ? सोसायटीवार बतावें ? (ग) क्या जिला मुरैना अन्तर्गत
किसानों द्वारा के.सी.सी ऋण राशि जमा करने के पश्चात् आगामी फसले हेतु ऋण राशि
नहीं दी जा रही है ? यदि हां, क्यों ? तथा इसके लिए जिम्मेदार
अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी ?
पंचायत
मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के
प्रपत्र -1 अनुसार है. (ख) जी हां. जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के
प्रपत्र-2 अनुसार है. (ग) जी नहीं, शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं
होता.
मनरेगा के तहत रोजगार प्रदाय, प्राप्त राशि एवं
आवंटन
2. ( क्र. 6 ) श्री रामनिवास
रावत : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) मनरेगा के तहत
बेरोजगारों को वर्ष में किस दर पर कितने दिन का रोजगार दिए जाने का प्रावधान है ?
मनरेगा के तहत केन्द्र सरकार द्वारा प्रदेश को वर्ष 2013-14, 2014-15 एवं 2015-16
में अभी तक कितनी राशि का आवंटन किया गया है ? (ख) वर्ष 2013-14, 2014-15 एवं
2015-16 में माह अक्टूबर तक मनरेगा के तहत चंबल संभाग में कितने बेरोजगारों को
कितने दिनों का रोजगार प्रदान कर कितनी मजदूरी का भुगतान किया गया ? वर्षवार,
जिलेवार बतावें ?(ग) क्या प्रदेश में मनरेगा के तहत नवीन कार्य स्वीकृत किए जाने
पर रोक लगाई गर्इ है ? यदि हां, तो इसका क्या कारण हैं ? यदि नहीं तो वित्तीय
वर्ष 2013-14, 2014-15 एवं 2015-16 में अभी तक जिला श्योपुर में मनरेगा के तहत
कौन-कौन से कार्य कितनी-कितनी राशि के स्वीकृत कर किसे एजेन्सी नियुक्त किया
गया ?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) मनरेगा के तहत
बेरोजगारों को वर्ष में 2015-16 में राशि रु. 159 की दर पर 100 दिवस का रोजगार
दिये जाने का प्रावधान है । मनरेगा के तहत केन्द्र सरकार द्वारा प्रदेश को वर्ष
2013-14 में राशि रु. 1838.8244 करोड वर्ष 2014-15 में राशि रु. 2451.6312 करोड
एवं वर्ष 2015 में प्रश्न दिनांक तक राशि रु. 2244.7573 करोड का आवंटन प्राप्त
हुआ है । (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट -1 अनुसार है । (ग) जी नहीं ।
श्योपुर जिला संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट -2 अनुसार है
।
बीजगुण नियंत्रण प्रयोगशाला एवं जैविक खेती प्रोत्साहन योजना
3. ( क्र. 14 ) कुँवर विक्रम
सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) बीजगुण
नियंत्रण कार्यक्रम तथा उर्वरक गुण नियंत्रण कार्यक्रम के अनुसार छतरपुर जिले में
वर्ष 2012-13 से प्रश्न दिनांक तक विभागीय अधिकारियों द्वारा किसान हित में क्या
प्रयास किये गये ?(ख) बीज अधिनियम 1966 की धारा 19 के अंतर्गत कार्यवाही किये जाने
का प्रावधान है ? यदि हां, तो अब तक क्या कार्यवाही की गई ? (ग) उर्वरकों के
नमूनों के परीक्षण हेतु प्रदेश में गुण नियंत्रण प्रयोग शालाओं को नमूने भेजे गये
? यदि हां, तो क्या परिणाम प्राप्त हुए ?(घ) जैविक खेती प्रोत्साहन योजना पर
वर्ष 2012-13 से प्रश्न दिनांक तक छतरपुर जिले में कितना व्यय किया गया
?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर चतुर्भुज बिसेन ) : (क)बीज
तथा उर्वरक गुण नियंत्रण के तहत छतरपुर जिले में वर्ष 2012-13 से प्रश्न दिनांक
18-11-2015 तक निरीक्षकों व्दारा शासकीय एवं निजी बीज,उर्वरक विक्रेताओं के नमूने
लिये जाकर परीक्षण हेतु प्रयोगशाला भेजे गये।परीक्षण प्रयोगशाला से विश्लेषित
नमूनों के प्राप्त परिणामों के अनुसार अमानक उर्वरक एवं बीज के लॉटों को भण्डारण
एवं विक्रय से तत्काल प्रभाव से प्रतिबंधित किया गया।इसके साथ विक्रेताओं की
दुकानों पर सघन निरीक्षण कर उच्च गुणवत्ता का बीज एवं उर्वरक, शासन से निर्धारित
दरों पर किसानों को उपलब्ध कराया गया।वर्ष 2012-13 से प्रश्न दिनांक 18-11-2015 तक
बीज एवं उर्वरक के लिये गये नमूनों एवं की गई कार्यवाही का विवरण संलग्न परिशिष्ट
अ अनुसार है।(ख)हां।छतरपुर जिले में बीज अधिनियम 1966 की धारा 19 के अंतर्गत
कार्यवाही नहीं की गई, किन्तु बीज गुण नियंत्रण 1983 का नियम-15 एवं 15 (क)(स) के
अंतर्गत विक्रय प्रतिबंधित, पंजीयन निलंबन तथा पंजीयन निरस्तीकरण की
कार्यवाही की गई।(ग)जी हां।उर्वरकों के नमूनें उर्वरक निरीक्षकों व्दारा लिये
जाकर उर्वरक गुण नियंत्रण प्रयोगशाला भेजे गये।विश्लेषण उपरांत प्राप्त परिणामों
की जानकारी संलग्न परिशिष्ट ब अनुसार है।(घ)छतरपुर जिले में जैविक खेती
प्रोत्साहन योजना संचालित नहीं है।अत: व्यय की जानकारी निरंक है।
परिशिष्ट
बीस कृषि उपज मंडी समिति कटनी में प्राप्त शिकायतों की जांच
4. ( क्र. 42 ) श्री
यादवेन्द्र सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे
कि(क) प्रश्नोत्तरी दिनांक 27.07.2015 में मुद्रित प्रश्न क्रमांक 2416 के
प्रश्नांश (घ) के उत्तर में वर्ष 2013 से जून 2015 तक मंडी कटनी से प्राप्त
शिकायतों एवं उनमें की गई कार्यवाही के परिप्रेक्ष्य में शीघ्र विशेष जांच दल
गठित कर जांचों को पूर्ण कर निश्चित समय सीमा में जांच कराई जावेगी (ख) अब तक की
गई जांचों को भ्रामक तरीके से कराने एवं करने वाले अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही
की जावेगी ? यदि हां तो क्या और कब तक ?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री
गौरीशंकर चतुर्भुज बिसेन ) : (क)मंडी समिति कटनी की प्राप्त शिकायतों में जॉच
अधिकारी नियुक्त करने के अलावा विशेष जॉच दल भी गठित किये गये है। जॉच उपरान्त
कार्यवाही शीघ्र की जावेगी।(ख)जॉच अधिकारियों के व्दारा नियमानुसार प्रक्रियाओं
का पालन करते हुये जांच की जाती है।जब कभी यह दृष्टिगत होता है कि जॉच में
जॉचकर्ता अधिकारी के व्दारा नियमों का पालन नहीं किया गया है तो संबंधित के
विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जाती है।चूंकि प्रश्नांश में शिकायत विशेष का
उल्लेख नहीं है जिसमें कथित रूप से भ्रामक जॉच की गई है।अत: कथित अधिकारी के
विरूद्ध कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
समग्र
स्वच्छता एवं निर्मल भारत अभियान में प्राप्त राशि
5. ( क्र. 49 ) श्री महेन्द्र
सिंह कालूखेडा : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क)
समग्र स्वच्छता एवं निर्मल भारत अभियान कब प्रारंभ हुआ तथा इसके तहत जिला अशोक
नगर एवं रतलाम को वर्ष 2012 से प्रश्न दिनांक तक कुल कितनी राशि प्राप्त हुई ?
(ख) अशोकनगर जिले के मुंगावली अशोकनगर, चंदरी व रतलाम जिले की जावरा विधानसभा के
किस-किस विकासखंडों को कितनी-कितनी राशि वर्ष 2012 से जारी की गई? संबंधित जनपद
पंचायत द्वारा कितने-कितने हितग्राहियों को योजना का लाभ दिया गया ? संख्यात्मक
जानकारी देवें ? (ग) उक्त योजना में प्रश्नांश (ख) जिले में कितने-कितने
ए.पी.एल. व बी.पी.एल. के हितग्राहियों को कितनी-कितनी राशि दी गई संख्यात्मक
बतावे? (घ) अशोक नगर एवं रतलाम जिले में शौचालय निर्माण की दो वर्ष में हुई
शिकायतों की संख्या बताएं तथा उन पर क्या कार्यवाही हुई ?
पंचायत
मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क)
समग्र स्वच्छता अभियान वर्ष 1999 एवं निर्मल भारत अभियान 01-04-2012 से प्रारंभ
हुआ तथा शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अ अनुसार
है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ब अनुसार
है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र स अनुसार
है। (घ) जिला अशोकनगर एवं रतलाम में शौचालय निर्माण से संबंधित प्राप्त
शिकायतें क्रमश: 166 एवं 09 है। जिसमें से क्रमश: 166 एवं 01 शिकायत का निराकरण
किया जा चुका है। शेष शिकायतों के निराकरण की कार्यवाही प्रचलन में
है।
जिला केन्द्रीय सहकारी बैंको की वित्तीय स्थिति
6. ( क्र. 58 ) श्री कमलेश्वर
पटेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या यह सही
है कि जिला केन्द्रीय सहकारी बैंको की वित्तीय स्थिति अच्छी है ?(ख) यदि हां तो
कितने बैंक लाभ में चल रहे हैं ?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) :
(क) जी हां, कतिपय जिला सहकारी केन्द्रीय बैंकों को छोडकर. (ख)
33.
यात्री बसों की जांच
7. ( क्र. 66 ) श्री
शैलेन्द्र पटेल : क्या परिवहन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क)
प्रदेश में परिवहन विभाग द्वारा यात्री वाहनों की जांच के लिये पृथक से अमला तैनात
किया गया है ? यदि हां, तो ब्यौरा देवें ?(ख) क्या यात्री वाहनों की निर्धारित
सीट के अनुसार टैक्स जमा किया जा रहा है ? यदि हां, तो वाहन की क्लास के अनुसार
ब्यौरा देवें ?(ग) क्या यात्री वाहनों की सीट क्षमता से कम सीटें दर्शाकर टैक्स
जमा किए जाने के मामले सामने आए हैं ? यदि हां, तो ब्यौरा दें ? संबंधित मामलों
में प्रचलित कार्यवाही का ब्यौरा दें ?
परिवहन मंत्री ( श्री भूपेन्द्र
सिंह ) : (क) प्रदेश में परिवहन विभाग द्वारा यात्री वाहनों
की जॉच के लिये संभाग स्तर पर 10 परिवहन विशेष जॉच दल स्थापित होकर कार्यरत है।
क्षेत्रीय/अतिरिक्ति क्षेत्रीय/जिला परिवहन अधिकारी द्वारा समय-समय पर यात्री
वाहनों की जॉच की कार्यवाही की जाती है । इसके लिये उनके कार्यालय में पृथक से
प्रवर्तन अमला पदस्थ है । (ख) जी हॉ, यात्री वाहनों में कर
मध्यप्रदेश मोटरयान कराधान अधिनियम 1991 की प्रथम अनुसूची के मद (चार) के
उपमद (घ),(ड),(च) अनुसार वर्णित है ,जिसकी जानकारी पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है । (ग) जी नही,
कम्प्यूटर द्वारा जारी पंजीयन पुस्तिका में उल्लेखित बैठक क्षमता के अनुसार ही
परमिट का कर निर्धारित दर से जमा कराया जाना सुनिश्चित किया जाता है ।
अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नही होता है ।
पंचायत सचिवों की
पदोन्नति
8. ( क्र. 67 ) श्री
शैलेन्द्र पटेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क)
पंचायत सचिवों से पंचायत समन्वय अधिकारी के पद पर पदान्नति के लिए क्या प्रावधान
हैं, तथा कब से लागू हैं ? (ख) पंचायत सचिवों की पदोन्नति के संबंध में अब तक
क्या कार्यवाही की गई ? (ग) वर्तमान में पंचायत समन्वय अधिकारी के कितने पद
रिक्त हैं ?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क)पंचायतराज
संचालनालय तृतीय श्रेणी (कार्यपालिक) सेवा भर्ती नियम, अनुसूची-दो अनुक्रमांक-2
अनुसार एवं अनुसूची-तीन के अनुक्रमांक-3, पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-‘‘अ‘‘
अनुसार।(ख)पंचायत सचिवों (स्नातक) की पदोन्नति हेतु पंचायतराज संचालनालय के ज्ञापन
क्रमांक प.रा.-पंचा.-1443-2015-12115 दिनांक 14.08.2015 द्वारा समस्त मुख्य
कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायतों को उनके गोपनीय प्रतिवेदन एवं वरिष्ठता सूची
संधारण हेतु निर्देश प्रसारित किये गये है। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-‘‘ब‘‘
अनुसार।(ग)पंचायत समन्वय अधिकारी, स्नातक (नाॅन डाईग केडर) के 2000 पद स्वीकृत है,
जिनमें से विभागीय भर्ती नियमानुसार 20 प्रतिशत पदों पर विभागीय परीक्षा, व्यवसायिक
परीक्षा मंडल के माध्यम से परीक्षा आयोजित कर स्नातक ग्राम पंचायतों से भरे जाने
का प्रावधान है। पंचायत समन्वय अधिकारी (स्नातक) के वर्तमान में 274 पद रिक्त
है।
स्थगन रिक्त कराने बाबत्
9. ( क्र. 78 ) कुँवर सौरभ
सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) कृषि
उपज मंडी समिति कटनी की अनुज्ञप्तिधारी फर्म श्री राम उद्योग माधवनगर कटनी के
चालीस लाख मंडी शुल्क चोरी के प्रकरणों में दोषी फर्म द्वारा माननीय उच्च
न्यायालय में दायर याचिका क्रमांक W.P. NO. 3912/2011/W.P. NO. 17385/2012/W.P.
NO. 15871/2010 में मान. न्यायालय द्वारा स्थगन कब जारी हुए ? उन स्थगनों को
रिक्त कराने हेतु कब-कब क्या-क्या कार्यवाही की गई ? उक्त याचिकों में मंडी
समिति कटनी एवं अन्य प्रतिवादियों द्वारा कब-कब प्रत्यावर्तन प्रस्तुत किए गए ?
(ख) प्रश्नांश (क) के प्रकरण में मंडी समिति कटनी के दोषी अधिकारियों द्वारा
माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में याचिका दायर कर पुलिस थाने में प्राथमिकी दर्ज
न हो इसलिए स्थगन प्राप्त कर लिया है, जबकि जांच एवं विभागीय जांच में दोषी पाए
गए हैं । उक्त विभागीय जांच आदेशों को लगाकर माननीय उच्च न्यायालय के स्थगन
रिक्त कराने एवं निर्णय कराने की विभाग द्वारा कब-कब क्या कार्यवाही की गई है ?
(ग) फर्म शारदा दालमिल कटनी में माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में दायर याचिका
क्रमांक w.p. no. 18590/2014 पर माननीय न्यायालय द्वारा जारी स्थगन को रिक्त
कराने की क्या कार्यवाही की गई ? (घ) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) के परिप्रेक्ष्य
में दोषियों के विरूद्ध कितनी शिकायतें प्राप्त हुईं, किसने की, कब जांच की गई और
उन पर क्या कार्यवाही की गई ? शिकायतवार कार्यवाहीवार विवरण दें
?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर चतुर्भुज बिसेन ) :
(क)जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अ अनुसार है।(ख)प्रश्नागत
मामलें में 04 कर्मचारियों द्वारा माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में दायर याचिका
क्रमांक डब्ल्यु0पी0 नं0 16514/2010, डब्ल्यु0पी0 नं0 16518/2010, डब्ल्यु0पी0
16524/2010, डब्ल्यु0पी0नं0 2602/2011 में अधिवक्ता के माध्यम से स्थगन रिक्त
कराने हेतु कार्यवाही प्रचलन में है।(ग)प्रश्नागत याचिका में माननीय उच्च न्यायालय
जबलपुर द्वारा अंतिम आदेश दिनांक 02.12.2014 को पारित किया गया है।(घ)जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ब अनुसार है।
हिन्द
एनर्जी वेयर हाऊस प्रकरण में दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही
10. ( क्र. 84 ) कुँवर सौरभ
सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या
प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा प्रबंधक स्टेट वेयर हाऊस कटनी क्रमांक 01 एवं 02
द्वारा हिन्द एनर्जी वेयर हाऊस कटनी को आर्थिक लाभ पहुंचाने एवं म.प्र. वेयर
हाऊसिंग एवं लॉजिस्टिक कॉर्पोरेशन वाणिज्य शाखा मुख्यालय भोपाल के पत्र क्रमांक
12015/7611/दिनांक 28.02.2015 के निर्देशों के विपरीत भण्डारण कराने की शिकायत की
गई थी, जिसकी जांच तत्कालीन क्षेत्रीय प्रबंधक, जबलपुर से कराई गई जो एकपक्षीय और
असत्य थी ? पुन: जांच कराये जाने हेतु मुख्य सचिव, म.प्र. शासन भोपाल को पत्र
क्रमांक 1850 दिनांक 20.08.2015 को लिखा था, जिस पर क्षेत्रीय प्रबंधक रीवा को
जांच सौंपी गई थी, जिसकी जांच आर.एम. रीवा द्वारा भी की गई थी ? क्या शिकायतकर्ता
सदस्य द्वारा जांच प्रतिवेदन की प्रति कार्यालयीन पत्र क्रमांक 2137 दिनांक
16.09.2015 से चाही गई थी, जो अप्राप्त है ? यदि हां, तो जांच प्रतिवेदन की प्रति
उपलब्ध करावें तथा प्रतिवेदन अनुसार की गई कार्यवाही संबंधी पत्राचार का विवरण
दें ? (ख) क्या प्रबंध संचालक, म.प्र. बेयर हाऊसिंग एण्ड लॉजिस्टिक कार्पोरेशन
भोपाल द्वारा कलेक्टर कटनी को पत्र क्रमांक
म.प्र.वे.लॉ.का./वाणिज्य/2015-16/2922 दिनांक 13.08.2015 लिखकर शाखा प्रबंधकों पर
कार्यवाही करने हेतु कलेक्टर कटनी के पत्र का स्पष्टीकरण असत्य एवं भ्रामक
पत्र लिखा है, जिस पर प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा मुख्य सचिव म.प्र. शासन को पत्र
क्रमांक 2157 दिनांक 21.09.2015 लिखकर माननीय लोकायुक्त से जांच कराये जाने का
अनुरोध किया था ? इस पर क्या कार्यवाही की गई ? (ग) क्या प्रश्नकर्ता के पत्र
क्रमांक 2157, दिनांक 21.09.2015 के पत्र पर कार्यवाही किये जाने के निर्देश
मुख्य सचिव ने पत्र क्रमांक 7296/वि.क.आ./मु.स./2015 दिनांक 16.10.2015 द्वारा
मुख्य सचिव खाद्य विभाग की ओर अंकित किया जाकर सूचना प्रश्नकर्ता को दी गई है
?(घ) प्रश्नांश (ग) का उत्तर यदि हां, तो प्रमुख सचिव खाद्य विभाग द्वारा क्या
कार्यवाही की गई है ? कार्यवाही संबंधी नोटशीट की प्रति एवं किये गये पत्राचार का
विवरण उपलब्ध करावें ? प्रश्नकर्ता द्वारा पत्र क्रमांक 2357 दिनांक 30.10.2015
द्वारा प्रबंधक आपूर्ति निगम कटनी को पत्र लिखकर जानकारी चाही गई है, जानकारी
उपलब्ध करावें ?
खाद्य मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी
हां। प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा की गई शिकायत की जांच क्षेत्रीय प्रबंधक म.प्र.
वेयर हाऊसिंग एण्ड लॉजिस्टिक्स कार्पोरेशन जबलपुर से कराई थी। क्षेत्रीय प्रबंधक
द्वारा प्रस्तुत जांच प्रतिवेदन पर शिकायतकर्ता द्वारा आपत्ति लिए जाने एवं पुन:
जांच कराए जाने की मांग के आधार पर उक्त शिकायत की जांच क्षेत्रीय प्रबंधक म.प्र.
वेयर हाऊसिंग एण्ड लॉजिस्टिक्स कार्पोरेशन रीवा से कराई गई। क्षेत्रीय प्रबंधक
जबलपुर द्वारा प्रस्तुत जांच प्रतिवेदन शिकायतकर्ता माननीय सदस्य को उपलब्ध करा
दिया गया है। क्षेत्रीय प्रबंधक रीवा द्वारा प्रस्तुत जांच प्रतिवदेन की मांग
हेतु मध्यप्रदेश वेअरहाउसिंग एवं लॉजिस्टिक्स कॉर्पोरेशन मुख्यालय में पत्र
प्राप्त होना नहीं पाया गया है। क्षेत्रीय प्रबंधक रीवा द्वारा प्रस्तुत जांच
प्रतिवेदन पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट-'अ'
अनुसार है। जांच प्रतिवेदन के निष्कर्ष के आधार पर दोषी व्यक्ति के विरूद्ध
कार्यवाही की जा रही है। (ख) जी हां। कलेक्टर कटनी के पत्र के
परिप्रेक्ष्य में प्रबंध संचालक म.प्र. वेयरहाऊसिंग एण्ड लॉजिस्टिक्स
कार्पोरेशन द्वारा पत्र क्रमांक/म.प्रवेलॉका/वाणिज्य/2015-16/2922 दिनांक
13.08.2015 के द्वारा कलेक्टर कटनी को उनके पत्र में उल्लेखित बिन्दुओं के
परिप्रेक्ष्य में भण्डारण के संबंध में शासन नीति से अवगत कराया गया है। मान.
सदस्य के पत्र पर कार्यवाही प्रश्नांश 'क' अनुसार प्रचलित होने से पृथक से अन्य
कार्यवाही की आवश्यकता नहीं है। (ग) जी, हॉं । (घ) विभाग द्वारा मान.
सदस्य के पत्र पर वेअरहाउसिंग कॉर्पोरेशन से तथ्यात्मक जानकारी चाही गई है।
नोटशीट एवं पत्राचार की प्रति पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट-'ब'
अनुसार है। माननीय सदस्य द्वारा जिला प्रबंधक, सिविल सप्लाईज कॉर्पोरेशन-जिला
कटनी से प्रश्नांकित पत्र द्वारा वांछित जानकारी उनके पत्र क्रमांक धान
मिलिंग/2015-16/998 कटनी, दिनांक 17.11.2015 से प्रेषित की जा चुकी है। प्रेषित
जानकारी की प्रति पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट-'स'
अनुसार है।
मुख्यमंत्री कन्यादान योजना
11. ( क्र. 102 ) श्रीमती ममता
मीना : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) गुना जिले में
मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत वर्ष 2013-14 एवं 2014-15 में कितनी कन्याओं
को आर्थिक सहायता प्रदान की गई ? निकायवार संख्या बतावें ।(ख) क्या उपरोक्त
सामूहिक विवाह सम्मेलनों में कन्याओं को प्रदान की गई सामग्री का क्रय शासन
द्वारा निर्धारित समिति द्वारा किया गया है ?(ग) प्रश्नांश (क) में वर्णित कितनी
कन्याओं के पक्ष में योजना के नियमानुसार राशि बैंक में सावधि जमा खाते में जमा
की गई ? निकायवार जानकारी दें ?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) :
(क)गुना जिले
में मुख्यंत्री कन्यादान योजना के तहत वर्ष 2013-14 में 1505 एवं वर्ष 2014
15 में 856 कन्याओं
को आर्थिक सहायता प्रदान की गई है।निकायवार जानकारी
संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।(ख)सम्मेलन में कन्याओं को प्रदाय की गई सामग्री
का क्रय खण्ड स्तरीय समिति द्वारा किया गया है।(ग)वर्ष 2013-14 में
कन्याओं के विवाह सम्मेलन दिनांक 01.01.2014 के
पूर्व होने से सावधि के नियम
प्रभावशील नहीं थे।वर्ष 2014-15 में 856 कन्याओं
के पक्ष में सावधि जमा
खाते में राशि जमा की गई है । निकायवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट
अनुसार है।परिशिष्ट
इक्कीस साधिकार समिति की बैठक
12. ( क्र. 116 ) श्री नारायण
सिंह पँवार : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क)
क्या यह सही है कि प्रश्नकर्ता के विधानसभा परि.अता. प्रश्न संख्या 28 (क्रमांक
327) दिनांक 20 जुलाई 2015 के उत्तर की कंडिका (क) में बताया गया था कि किसान
सड़क निधि के अंतर्गत गठित साधिकार समिति की बैठक की तिथि नियत नहीं होने से
विधानसभा क्षेत्र ब्यावरा के अंतर्गत चार ग्रामीण सड़कों के प्रस्तावों को
स्वीकृति नहीं मिल पाई है ? तो क्या प्रश्न दिनांक तक साधिकार समिति की बैठक
हेतु तिथि नियत हुई है अथवा नहीं ? (ख) उपरोक्तानुसार ब्यावरा विधानसभा
क्षेत्रान्तर्गत सम्मिलित चार ग्रामीण सड़कों की स्वीकृति कब तक प्रदान कर दी
जावेगी ?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर चतुर्भुज बिसेन ) :
(क)जी हॉ।किसान सड़क निधि के अंतर्गत गठित साधिकार समिति की बैठक की तिथि भी
नियत नहीं है।शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।(ख)साधिकार समिति की बैठक नहीं
होने से शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता समयावधि बताना संभव नहीं
है।
तकनीकी अमले की पदस्थी
13. ( क्र. 117 ) श्री नारायण
सिंह पँवार : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क)
प्रश्नकर्ता के ता. प्रश्न संख्या-12 (क्रमांक 2050) दिनांक 23 जुलाई 2015 के
उत्तर की कंडिका (ख) में बताया गया था कि कृषि उपज मण्डी समिति ब्यावरा में
मृदा परीक्षण प्रयोगशाला में मृदा परीक्षण हेतु तकनीकी अमले की संविदा नियुक्ति
करने हेतु कार्यवाही प्रचलित है ? तो क्या संविदा नियुक्ति हेतु कार्यवाही पूर्ण
कर ली गई है तथा क्या मृदा परीक्षण प्रयोगशाला ब्यावरा में तकनीकी अमले की
पदस्थापना कर दी गई है ? यदि नहीं तो क्यों ? (ख) उपरोक्तानुसार क्या शासन
उक्त मृदा परीक्षण प्रयोगशाला में तकनीकी अमले की पदस्थी करेगा ? यदि हां तो कब
तक ?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर चतुर्भुज बिसेन ) :
(क)म0प्र0 शासन, कृषि विकास विभाग के आदेश क्रमांक डी-6-5/2014/14-3 दिनांक
07.06.2015 व्दारा प्रदेश के 190 विकासखंडो में मिट्टी परीक्षण प्रयोगशाला
स्थापित करने की स्वीकृति प्रदान की गई है।जिसमें राजगढ़ जिलें के विकाखंड ब्यावरा
में मिटटी परीक्षण प्रयोगशाला स्थापित करना भी शामिल है।ब्यावरा में दोहरी
प्रयोगशाला स्थापित न हो सके इस कारण शासन की स्वीकृति के परिप्रेक्ष्य में म0प्र0
राज्य कृषि विपणन बोर्ड मुख्यालय भोपाल की पूर्व में स्वीकृत आदेश क्रमांक
बोर्ड/बी-7/2/मि0परी0/121-122 दिनांक 01.04.2011 से 54 कृषि उपज मंडी समितियों में
मिट्टी परीक्षण प्रयोगशाला स्थापित करने की स्वीकृति आदेश क्रमांक-46-47 दिनांक
13.10.2015 से निरस्त की गयी है।(ख)जी हॉ।निश्चित समयावधि बताया जाना संभव नहीं
है।
खेलकूद मैदान एवं सामुदायिक भवन का निर्माण के संबंध में
14. ( क्र. 130 ) श्री
यादवेन्द्र सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क)
प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा दिनांक 07.10.2015 को अनुविभागीय अधिकारी राजस्व नागौद
को 13वें वित्त आयोग से पत्र लिखकर परफार्मेन्स ग्रान्ट की राशि से ग्राम
पंचायत मढ़ीकला के अंतर्गत ग्राम कठवरिया में इण्डोर स्टेडियम एवं खेल मैदान
निर्मित किये जाने हेतु प्रस्ताव दिये जाने की सहमति दी गई थी ? (ख) प्रश्नांश
(क) के प्रस्ताव एवं अनुशंसा पर शासन द्वारा प्रश्नकर्ता सदस्य को अधिकृत किया
गया था कि प्रश्नकर्ता सदस्य के क्षेत्र में एक खेलकूद का मैदान इण्डोर
स्टेडियम निर्मित किया जावेगा ? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) का उत्तर यदि हां तो
शासन ने प्रश्नकर्ता सदस्य के उक्त प्रस्ताव पर क्या कार्यवाही की गई है ?
यदि नहीं तो कब तक की जायेगी ?(घ) प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा दिनांक 07.10.2015
को पत्र लिखकर अनुविभागीय अधिकारी राजस्व नागौद को बताया गया था कि सामुदायिक भवन
जनपद पंचायत नागौद ऊंचेहरा में दस लाख की लागत से स्वीकृत किये गये थे जिनका
निर्माण प्रश्न दिनांक तक प्रारंभ नहीं किया गया, कब तक प्रारंभ किया जायेगा और
अब तक प्रारंभ न करने के क्या कारण हैं इसके लिये कौन उत्तरदायी है
?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क)जी हां।(ख)जी हां।(ग)1.
मान. विधायक नागौद के पत्र दिनांक 16.10.2014 के सहमति पत्र में जनपद पंचायत नागौद
की ग्राम पंचायत जसो की आरजी नं. 1012 रकवा 1.087 में इनडोर स्टेडियम (खेल मैदान)
निर्मित किये जाने हेतु प्रस्ताव दिया गया था, जो कि शासन के मापदण्ड अनुसार भूमि
उपलब्ध नहीं होने के कारण कार्यवाही नहीं की जा सकी।2. मान. विधायक के पत्र दिनांक
05.10.2015 एवं पत्र दिनांक 07.10.2015 के सहमति पत्र में जनपद पंचायत नागौद की
ग्राम पंचायत मढीकला के ग्राम कठवरिया में शासकीय भूमि रकवा 8.12 हे. में खेल कूल
मैदान बनाये जाने हेतु सहमति दी गई है। मान. विधायक के द्वारा
दिये गये प्रस्ताव पर कार्यपालन यंत्री ग्रा.यां.सेवा सतना के पत्र क्र. 1394 सतना
दिनांक 24.11.2015 के द्वारा भूमि का नक्शा, खसरा, साईड प्लान सहित भूमि आवंटन
संबंधी कार्यवाही किये जाने हेतु जिला पंचायत सतना एवं जिला खेल अधिकारी जिला सतना
को पत्र भेजा गया है। कार्यालय जिला पंचायत सतना के पत्र क्रमांक 7794 दिनांक
27.11.2015 द्वारा भी जिला खेल अधिकारी जिला सतना को पत्र लिखा गया है। भूमि आवंटन
के पश्चात आगामी कार्यवाही की जावेगी।(घ)जनपद पंचायत उचेहरा में शासन द्वारा 03
सामुदायिक भवन निर्माण कराये जाने हेतु निर्धारित किया गया है। मान. विधायक की
अनुशंसा पर सामान्य प्रशासन समिति की बैठक दिनांक 02.07.2015 के प्रस्ताव क्रमांक
02 में पारित निर्णय अनुसार ग्राम पंचायत आलमपुर एवं भटनवारा में सामुदायिक भवन
निर्माण कार्य हेतु अनुमोदन किया गया। उक्त दोनो सामुदायिक भवनों का कार्य
प्रगतिरत है। शेष 01 सामुदायिक भवन का अनुमोदन सामान्य प्रशासन समिति द्वारा अभी
तक नहीं किया गया है। सामान्य प्रशासन समिति के अनुमोदन पश्चात् किया जावेगा। जनपद
पंचायत नागौद मंे शासन द्वारा 04 सामुदायिक भवन निर्माण कराये जाने हेतु निर्धारित
किया गया है। सामान्य प्रशासन समिति की बैठक में सहमति के अभाव में सामुदायिक भवन
निर्माण कार्य का अनुमोदन नहीं हो पाया है, आगामी बैठक में अनुमोदन हेतु प्रस्तुत
किया जावेगा।
मजदूरों की राशि का अन्य कार्यों में उपयोग
15. ( क्र. 157 ) श्री आरिफ
अकील : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या मनरेगा
आयुक्त द्वारा क्रय सामग्री के भुगतान पर रोक लगाते हुए माह सितम्बर 2015 को सभी
जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को निर्देश दिये गये थे कि केन्द्र
से प्राप्त राशि का उपयोग मजदूरों के भुगतान के अतिरिक्त किसी अन्य मद में नहीं
किया जाय ? (ख) यदि हां, तो जारी निर्देश के पश्चात् किस-किस जिले द्वारा कब-कब
की मजदूरी एवं क्रय की गई सामग्री का भुगतान कब-कब किया गया ? (ग) क्या
प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में जारी निर्देश के विपरीत जाकर क्रय सामग्री का
भुगतान तथा जिस समय मजदूरी नहीं की गई उसकी कूटरचनाकर मजदूरी का रिकार्ड बनाकर
पुरानी तारीखों में भुगतान कर दिया गया है ? यदि हां, तो इस नियम विपरीत कार्यवाही
के लिए कौन-कौन दोषी है ? यदि नहीं तो क्या शासन द्वारा जांच कराकर दोषियों के
विरूद्ध कार्यवाही करेगा ? यदि हां, तो क्या तथा कब तक बतावें
?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हॉ । उपरोक्त रोक
दिनांक 10 सितम्बर 2015 से दिनांक 28 सितम्बर 2015 तक लगाई गई थी । (ख)
परिशिष्ट "अ" अनुसार संलग्न है । (ग) इस अवधि में कूट रचना कर मजदूरी का रिकार्ड
बनाकर पुरानी तारीखों में भुगतान करने का कोई प्रकरण संज्ञान में नहीं आया है ।
परिशिष्ट
बाईस निर्मल भारत अभियान अंतर्गत शौचालयों का निर्माण
16. ( क्र. 168 ) श्री दिनेश
राय : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या सिवनी
जिले में निर्मल भारत अभियान अंतर्गत जिन शौचालयों का निर्माण किया गया है उनकी
पूरी राशि जारी कर दी गई है ? यदि नहीं तो कारण बतावें ? विधानसभाक्षेत्र वार
जानकारी देवें ? (ख) क्या कुछ ग्राम पंचायतों में शौचालय बने भी नहीं और पूरी
राशि का भुगतान कर दिया गया है ? (ग) क्या उक्त संबंध में शिकायतें प्राप्त हुई
है ? यदि हां, तो अभी तक क्या कार्यवाही हुई है ? तथा इसके लिये कौन जिम्मेदार
हैं ? नाम बतायें ?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी
हॉ। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हॉ। ग्राम पंचायत बकौडी, जनपद
पंचायत कुरई में 144 शौचालय स्वीकृत किये थे. जिसमें 74 शौचालय पूर्ण हो चुके है
एवं 70 शोचालयों की राशि रूपये 259670.00 की वसूली की कार्यवाही प्रचलित
है। (ग) जी नहीं। समीक्षा के दौरान पाया गया कि ग्राम पंचायत बकौडी द्वारा
राशि का दुरूपयोग किया गया है। प्रश्नांश ख के संबंध में ग्राम पंचायत बकौडी के
सरपंच/सचिव के विरूद्ध वसूली की कार्यवाही अनुविभागीय दण्डाधिकारी (ग्रामीण)
सिवनी के कार्यालय में प्रचलित है।
वाहनों के पंजीयन आवेदनों का
निराकरण
17. ( क्र. 169 ) श्री दिनेश
राय : क्या परिवहन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) सिवनी जिले में
दिनांक 01-04-2013 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में मोटर साईकिल, फोरव्हीलर
गाड़ी, ट्रक, डम्पर व टेक्टरों के पंजीयन हेतु प्रतिमाह कितने आवदेन जिला परिवहन
कार्यालय में प्राप्त हुए ? (ख) उक्त में से कितने वाहनों के पंजीयन समय-सीमा
में किये गये कितने वाहनों के नहीं, इसके क्या कारण है ? इस हेतु कौन उत्तरदायी
है, के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी ? (ग) क्या कार्यालयीन अमले को दलालों
के जरिये जिन आवेदकों से अनियमित लाभ मिल जाता है, उनके वाहनों के पंजीयन शीघ्र कर
दिये जाते है शेष आवेदक पंजीयन हेतु महीनों तक चक्कर लगाते रहते है ? (घ) यदि
नहीं तो क्या शासन प्रश्नांश (क) में वर्णित अवधि में प्राप्त समस्त आवेदनों
के निराकरण में विलंब के कारणों की जांच करवायेगा व दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही
करेगा, यदि नहीं तो क्यों ?
परिवहन मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) :
(क) सिवनी जिले में दिनॉक 01-04-2013 से प्रश्नांश
दिनाॅक तक कुल पंजीकृत वाहनों की संख्या श्रेणीवार निम्नानुसार
है-
MCY |
LMV |
TRUCK |
DUMPER |
TRACTOR |
TOTAL |
27022 |
1308 |
216 |
393 |
2670 |
31509 |
विस्तृत माहवार जानकारी संलग्न
परिशिष्ट 'अ' अनुसार है ।
(ख) समस्त प्रकार के वाहनों
का पंजीयन वर्तमान में कम्प्यूटर पर आॅनलाइन प्रक्रिया के तहत किया जाता है ।
सभी पंजीयन समय सीमा में किये गये है। पंजीयन हेतु प्राप्त हुए आवेदनों एवं उनके
निराकरण संबंधी जानकारी निम्नानुसार है-
प्राप्त वाहनों के
आवेदनों की
संख्या |
निराकृत वाहनों के
आवेदनों की
संख्या |
लंबित वाहनेां
के आवेदनों की
संख्या |
31509 |
31509 |
निरंक |
(ग) शासन के निर्देशानुसार
वाहन स्वामियों द्वारा प्रस्तुत आवेदन पत्रों को सीधे परिवहन विभाग की वेब साइट
पर अपलोड किये जाने के उपरान्त सम्पूर्ण प्रक्रिया की पूर्ति के पश्चात् वाहन
के पंजीयन की कार्यवाही की जाती है। इसमें किसी व्यक्ति विशेष का कोई संबंध नही
है, और किसी प्रकार के लाभ-हानि का कोई विषय नही है। समस्त कार्य नियमानुसार तथा
शासन के निर्देशानुसार कम्प्यूटर के माध्यम से किया जाता है
।
(घ) कोई प्रकरण लंबित ही नही होने से कोई कार्यवाही अपेक्षित नही
है ।
परिशिष्ट
तेईस दोषी अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही
18. ( क्र. 184 ) श्री संजय
पाठक : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क)
विधानसभा परि.अता. संख्या- 144 प्रश्न संख्या (क्र. 5113) दिनांक 18.03.2015 के
में उत्तर कार्यवाही प्रक्रियाधीन है, बताया गया है ? तो क्या-क्या जांच
प्रतिवेदन प्राप्त हुए किन-किन अधिकारियों से जांच कराई गई ? (ख) क्या दोषी
अधिकारियों पर अनुशासनात्मक कार्यवाही का प्रस्ताव जांच अधिकारी द्वारा
प्रस्तावित हुआ है, यदि हां, तो अभी तक (क) से (ड.) तक क्या-क्या कार्यवाही की
गई ? दिनांकवार कार्यवाही का विवरण देवें ?(ग) प्रश्नांश (ख) में प्राप्त जांच
प्रतिवेदन में यदि संबंधित अधिकारी दोषी पाये गये हैं तो उनके ऊपर क्या-क्या
अनुशासनात्मक कार्यवाही की गई बताये ? क्या यह सही है कि संबंधित श्री जे.आर.
हेडाऊ उपसंचालक को हरदा जिले का स्वतंत्र प्रभार दिया गया है तथा उनके द्वारा उस
जिले में भी लगातार भ्रष्टाचार किया जा रहा है ?(घ) संबंधित के ऊपर अनुशासनात्मक
कार्यवाही करते हुए कब तक निलंबित किया जायेगा ? यदि नहीं तो क्यों
?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर चतुर्भुज बिसेन ) : (क)जी
हॉं, जॉंच अधिकारियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र
1 अनुसार है।(ख)जी हॉं, जॉंच प्रतिवेदन के आधार पर श्री जे0आर0हेडाउ तत्कालीन उप
संचालक कृषि कटनी के विरूद्ध शासन के पत्र क्र0 एफ-4-ए/30/2015/14-1 दिनांक
01.10.2015 के व्दारा आरोप पत्र अभिकथन पत्र, अभिलेख सूची एवं गवाह सूची जारी
किये गये है।जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 2 अनुसार है।(ग)
उत्तरांश (ख) अनुसार अनुशासनात्मक कार्यवाही की गई है।जी हॉं, हरदा जिले की
शिकायत की जॉंच हेतु जॉंच अधिकारी की नियुक्ति की गई है जॉंच प्रक्रियाधीन है। (घ)
विभागीय जॉंच में गुणदोष के आधार पर कार्यवाही की जावेगी।
सी.एम.
हेल्प लाईन में प्राप्त शिकायतों की संख्या
19. ( क्र. 203 ) श्री विश्वास
सारंग : क्या परिवहन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) 1 जनवरी 2015
से प्रश्न दिनांक तक सी.एम. हेल्प लाईन में समस्या निराकरण के लिए लेवल-1, 2, 3
व 4 को कितनी-कितनी शिकायतें प्राप्त हुईं ? लेवलवार, शिकायत संख्यावार जानकारी
दें ? (ख) प्रश्नांश (क) के तहत प्रत्येक लेवल पर कितनी-कितनी शिकायतों का
प्रश्न दिनांक तक निराकरण हो चुका है ? (ग) प्रश्नांश (क) व (ख) के तहत
प्रत्येक लेवल स्तर पर कितने शिकायतकर्ता समाधान से संतुष्ट रहे ? कितने
असंतुष्ट ? लेवलवार जानकारी दें ? (घ) प्रश्नांश (क) (ख) व (ग) के तहत किस-किस
विभाग ने प्रत्येक लेवल स्तर पर कितनी शिकायतों को स्पेशल क्लोज किया गया है ?
क्यों किया गया ? कारण सहित जानकारी दें ?
परिवहन मंत्री ( श्री
भूपेन्द्र सिंह ) : (क) 01
जनवरी, 2015 से प्रश्न दिनांक तक
लेवलवार, 1-(303259) 2-(186238) 3-(227522)
4-(147446) संख्यावार
कुल, 864465 शिकायते प्राप्त
है। (ख) प्रश्नांश (क) के तहत प्रत्येक लेवल
पर प्रश्न दिनांक तक लेवल -01 (291200) लेवल -02 (177645)
लेवल -03 (222897) लेवल -04 (142304) कुल 834046 शिकायतों का निराकरण
हो चुका है। (ग) प्रशनांश (क)
(ख) के तहत प्रत्येक स्तर पर समाधान से कुल 478599 शिकायतकर्ता संतुष्ट
हो चुके है, एवं
242471 शिकायतकर्ता असंतुष्ट है। (घ) प्रशनांश (क) (ख) (ग)
एवं (घ) के तहत विभागवार एवं लेवलवार स्पेशल क्लोज शिकायतो
की जानकारी परिशिष्ट
''घ'' पर
संलग्न है । स्पेशल क्लोज करने के अनेक कारण हो सकते
है, यथा शिकायतकर्ता का
पात्रता की श्रेणी में न आना, निराकरण संभव न
हो पाना आदि इन्ही आधारो पर लेवल -3 एवं लेवल -4 के अधिकारियों
द्वारा स्पेशल क्लोज किया जाता है।परिशिष्ट
चौबीस सोसायटी कर्मचारियों द्वारा गेहूँ खरीदी में अनियमितताएं
20. ( क्र. 204 ) श्री विश्वास
सारंग : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) प्राथमिक
कृषि साख सहकारी समिति मर्यादित जामगढ़, जिला रायसेन द्वारा वर्ष 2013, 14 व 15
में कितने-कितने क्विंटल गेहूँ की खरीदी की गई ? वर्षवार, क्विंटलवार जानकारी दें
?(ख) प्रश्नांश (क) के तहत खरीदे गए गेहूँ में तुलाई, बारदाना, परिवहन व अन्य मद
में कितना-कितना व्यय किया गया ? वर्षवार, मदवार व व्यय राशिवार जानकारी दें ।
क्या उक्त मदों में नियम से ज्यादा व्यय किया गया है ? यदि हां, तो क्यों ?
नियम बताएं ? (ग) प्रश्नांश (क) व (ख) के तहत एसडीएम/कलेक्टर या विभाग को गेहूँ
खरीदी में हुई अनियमितताओं की कितनी-कितनी, क्या-क्या शिकायतें प्राप्त हुईं ?
प्रश्न दिनांक तक उनका क्या-क्या निराकरण हुआ ? जांच प्रतिवेदन सहित जानकारी
दें ? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) व (ग) के तहत समिति के किस-किस कर्मचारी द्वारा
गेहूँ खरीदी के दौरान राशि का गबन कर कितनी राशि किस दिनांक से अपने पास रखे हुए
हैं ? प्रश्न दिनांक तक उस पर क्या-क्या कार्रवाई की गई है ? क्या ऐसे
कर्मचारी के खिलाफ एफ.आई.आर. दर्ज करायी गई है ? यदि नहीं, तो क्यों ? कारण दें
क्या अब कराई जायेगी ? कब तक ?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) :
(क) वर्ष 2012-13 में 28258.50 क्विं, वर्ष 2013-14 में 8996.00 क्विं. वर्ष
2014-15 में 9557.50 क्विं. (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है, जी हां
प्रथम दृष्टया व्यय अधिक पाया गया है, व्ययों के संबंध में जांच के निर्देश दिये
गये है, कार्रवाई जांच निष्कर्षो के अधीन. (ग) कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है,
शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता. (घ) सहायक समिति प्रबंधक से उपार्जन कार्य
समाप्ति के दिनांक पश्चात से वर्ष 2012-13, 2013-14 एवं 2014-15 में उपार्जन में
विभिन्न कारणों से आयी स्कंध एवं बारदाना की कमी की रोकी गयी राशि जमा करा ली गयी
है. प्रकरण में त्रुटिकर्ता बैंक/संस्था के सेवायुक्तों एवं प्रबंधन के विरूद्ध
उत्तरदायित्व निर्धारण आदि करते हुये जांच के आदेश दिये गये हैं, जांच प्रतिवेदन
के निष्कर्षों के अधीन कार्रवाई की जावेगी, समय सीमा बताया जाना संभव नहीं
है.
परिशिष्ट
पच्चीस सामग्री आवंटन
21. ( क्र. 218 ) श्री निशंक
कुमार जैन : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) वर्ष 1
जनवरी 2013 से जुलाई 2014 तक की स्थिति में नगरपालिका परिषद गंजबासौदा को विभाग
द्वारा AAY/BPL/APL राशन कार्डधारियों के विरूद्ध कितना आवंटन जारी किया गया है ?
(ख) विभाग के पास वर्ष 2013 से जनवरी 2014 तक की स्थिति में नगरपालिका परिषद
गंजबासौदा द्वारा जारी AAY/BPL/APL राशन कार्ड की संख्या उपलब्ध हो, तो निकायवार
बतावें ? (ग) क्या प्रश्नांश (क) एवं (ख) में उल्लेखित राशन कार्ड की संख्या
में अंतर है, यदि हां तो विवरण देवें ? अन्तर का कारण बताते हुए खाद्यान्न
स्टाक में उपलब्ध है या नहीं ?
खाद्य मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) :
(क) नगरपालिका परिषद गंजबासौदा में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत संचालित
उचित मूल्य दुकानों को वर्ष 1 जनवरी 2013 से जुलाई 2014 तक योजनावार आवंटित
खाद्यान्न की जानकारी
परिशिष्ट-'अ'
अनुसार है।, (ख) नगरपालिका परिषद गंजबासौदा में वर्ष 2013 से जनवरी 2014 तक प्रचलित
योजनावार एवं माहवार प्रचलित राशनकार्डों की जानकारी
परिशिष्ट-'ब'
अनुसार है।, (ग) जी हॉं। माह जून, जुलाई एवं अगस्त 2013 में प्रचलित राशनकार्डों
की जानकारी व आबंटन में उल्लेखित राशनकार्ड में अंतर है। नगरपालिका परिषद
गंजबासौदा से अद्यतन राशनकार्डों की जानकारी विलम्ब से प्राप्त होने के कारण
प्रचलित राशनकार्ड एवं आवंटन में सम्मिलित राशनकार्ड की संख्या में अंतर हुआ है।
प्रचलित राशनकार्ड से कम राशनकार्ड पर खाद्यान्न आवंटन जारी करने के कारण स्टॉक
शेष नहीं रहा है।
परिशिष्ट
छब्बीस गरीबी रेखा में नाम जोड़ने एवं स्कूली छात्रों के जाति
प्रमाण पत्र बाबत्
22. ( क्र. 219 ) श्री निशंक
कुमार जैन : क्या परिवहन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) विदिशा
जिले के अंतर्गत विगत एक वर्ष से लोक सेवा गारंटी केन्द्र में कितने प्रकरण गरीबी
रेखा में नाम जोड़ने एवं स्कूली छात्रों के जाति प्रमाण पत्र हेतु आवेदन पंजीबद्ध
हुये हैं ? लोक सेवा केन्द्रवार जानकारी देवें ? (ख) क्या पंजीबद्ध प्रकरणों में
विभाग द्वारा भौतिक सत्यापन किया जाता है ? यदि हां, तो कितने समय में एवं इसके
लिए विभाग के किस शासकीय सेवकों की जिम्मेदारी होती है ?(ग) प्रश्नांश (क) में
पंजीबद्ध प्रकरणों में से कितने पात्र एवं अपात्र किये गये हैं ? पात्र पाये गये
प्रकरणों में कब तक प्रमाण पत्र जारी किये जावेंगे ? अपात्र प्रकरणों की आवेदन
शुल्क राशि वापिस किये जाने का प्रावधान किया जावेगा या नहीं ? यदि हां, तो कब तक
? नहीं, तो क्यों ? केन्द्रवार जानकारी देवें ? (घ) पंजीबद्ध प्रकरणों में
समय-सीमा में कार्यवाही की गई या नहीं ? यदि नहीं, तो क्यों इसके लिए जिम्मेदार
शासकीय सेवकों पर क्या कार्यवाही की गई ?
परिवहन मंत्री ( श्री
भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ठ-एक अनुसार संलग्न
हैं। (ख) जी हां। पंजीबद्ध प्रकरणों का भौतिक सत्यापन किया जाता है। गरीबी
रेखा में नाम जोडे जाने हेतु 30 दिवस की समय सीमा निर्धारित है। गरीबी रेखा में
नाम जोडे जाने हेतु ग्रामीण क्षेत्र में संबंधित राजस्व अधिकारी/ कर्मचारी आवेदन
पत्र की जॉच कर निर्धारित सर्वे शेडयूल प्रारूप में अपनी रिपोर्ट अधिकतम 10
दिवस में पदाभिहित अधिकारी तहसीलदार/ नायब तहसीलदार/ अपर तहसीलदार तथा गरीबी रेखा
में नाम जोडे जाने हेतु शहरी क्षेत्र में अनुविभागीय अधिकारी राजस्व की
जिम्मेदारी होती है।
(ग) पात्र तथा अपात्र प्रकरणों का
विवरण संलग्न परिशिष्ट -एक अनुसार संलग्न हैं। ऑनलाईन प्रक्रिया होने के कारण
पदाभिहित अधिकारी द्वारा निराकरण करते ही प्रमाण पत्र ऑनलाईन जारी कर दिये जाते
हैं। विशेष अभियान के तहत जाति प्रमाण पत्र जारी किये जाने हेतु कोई शुल्क नहीं
लिया गया हैं। गरीबी रेखा में नाम जोडने हेतु लोक सेवा केन्द्र में आवेदन करने पर
अपात्र प्रकरणों में शुल्क वापिस किये जाने का वर्तमान में प्रावधान नहीं हैं तथा
यदि आवेदक सीधे पदाभिहित अधिकारी को आवेदन करता है, तो आवेदन नि:शुल्क रहता है।
शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
(घ) जी हां। पंजीबद्ध
प्रकरणों में समय सीमा में कार्यवाही की गई हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं
होता।
परिशिष्ट
सत्ताईस खरगोन जिले में स्वकराधान योजना में कराए गए कार्य
23. ( क्र. 255 ) श्री विजय
सिंह सोलंकी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) खरगोन
जिले की भगवानपुरा जनपद पंचायत में स्वकराधान योजना के तहत पंचायतों को उपलब्ध
कराई राशि पंचायतों द्वारा कराये गये कार्य जानकारी विगत 03 वर्षो के संबंध में
जनपद क्षेत्रानुसार वर्षवार ,पंचायतवार बतावें ?(ख) उपरोक्त समयावधि में
भगवानपुरा जनपद स्थित पंचायतों द्वारा स्वयं निर्माण, एजेंसी निर्माण कार्य की
जानकारी पृथक से देवें ?(ग) (क) व (ख) अनुसार इस योजना में प्राप्त राशि से किये
गये कार्यों का विवरण पृथक से देवें ?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल
भार्गव ) : क)जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-‘‘अ‘‘ अनुसार।(ख)जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-‘‘ब‘‘ अनुसार।(ग)जानकारी पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट-‘‘स‘‘ अनुसार।
महिदपुर वि.स. में स्मार्ट पंचायत के तहत
स्वीकृत कार्य
24. ( क्र. 268 ) श्री बहादुर
सिंह चौहान : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क)
महिदपुर वि.स. क्षेत्र में स्मार्ट पंचायत के तहत कितनी पंचायतों में कितने
कार्य, कितनी राशि के स्वीकृत किए गए ?(ख) प्रश्नांश (क) अनुसार उपरोक्त
कार्यों की स्वीकृति दिनांक, पूर्णता दिनांक तथा वर्तमान स्थिति भी बतावें ?(ग)
उपरोक्त कार्य तय समय पर पूर्ण न करने वाले संबंधित अधिकारियों पर शासन कब तक
कार्यवाही करेगा ?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) :
(क)सिंहस्थ, 2016 को दृष्टिगत रखते हुये सिंहस्थ क्षेत्र की चिन्हित पंचायतों
को स्मार्ट रुप से विकसित किया जाना प्रस्तावित है, इस कार्य हेतु पृथक से राशि
जारी नहीं की गई है।(ख)प्रश्न उपस्थित नहीं होता।(ग)प्रश्न उपस्थित नहीं
होता।
उज्जैन से महिदपुर सिटी बस का संचालन
25. ( क्र. 269 ) श्री बहादुर
सिंह चौहान : क्या परिवहन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क)
सिंहस्थ 2016 के लिये उज्जैन से महिदपुर सिटी बसें चलाने के लिये की गई कार्यवाही
से अवगत करावें ? नगर निगम उज्जैन में इसके लिये क्या कार्यवाही प्रचलन में है
?(ख) क्या कारण है कि उज्जैन से महिदपुर बसों के परमिट (सिंहस्थ 2016 के लिये)
जारी नहीं किए जबकि अन्य रूट के जारी कर दिये गये ?(ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार कब
तक ये परमिट जारी कर दिये जायेंगे ?
परिवहन मंत्री ( श्री भूपेन्द्र
सिंह ) : (क) नगरपालिक निगम उज्जैन द्वारा लोक परिवहन
व्यवस्था अंतर्गत क्रय की गई 50 डीजल बसों में से उज्जैन शहर में 30 सिटी बसे
तथा उपनगरीय क्षेत्रों में 19 बसों का संचालन विधिवत परमिट प्राप्त किया
जाकर निजी ऑपरेटर मेसर्स अर्थ कनेक्ट ट्रांसवे प्रा.लि. के माध्यम से किया जा
रहा है। शेष 1 बस के लिये उज्जैन से महिदपुर मार्ग पर संचालन हेतु क्षेत्रिय
परिवहन कार्यालय में परमिट प्रदाय करने हेतु आवेदन प्रस्तुत किया गया था। जिसके
क्रम में क्षेत्रिय परिवहन कार्यालय द्वारा उक्त 1 बस के लिये उज्जैन से
महिदपुर का परमिट प्रदान किया जा चुका है । उक्त मार्ग पर बस संचालन की कार्यवाही
प्रचलित है शीघ्र बस का संचालन प्रारंभ कर दिया जावेगा । सिंहंस्थ 2016
अतंर्गत उज्जैन से महिदपुर सिंटी बसे चलाये जाने हेतु वर्तमान में कार्यवाही
प्रचलित नही है (ख) सिंहस्थ 2016 के लिए प्रश्नाधीन
मार्ग हेतु अस्थाई अनुज्ञापत्र हेतु कोई अावेदन पत्र प्राप्त नही
होने से कोई आवेदन लंबित नही है । (ग) सिंहस्थ 2016 के
लिए परिवहन विभाग में नियमों के अंतर्गत जिन वाहन स्वामियों द्वारा बस परमिट हेतु
आवेदन पत्र प्रस्तुत किये जावेगें उनको नियमानुसार बस परमिट प्रदान किये
जाने की कार्यवाही की जावेगी । सिंहस्थ के समय समस्त रूट पर समस्त
वाहनों को फ्री पॉलिसी के अंतर्गत अस्थायी अनुज्ञापत्र सभी
क्षेत्रीय/जिला परिवहन कार्यालयों द्वारा जारी किये
जायेगें।
जनश्री बीमा योजना के लंबित प्रकरण
26. ( क्र. 291 ) श्री बाला
बच्चन : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) राजपुर
वि.स. क्षेत्र की ठीकरी जनपद पंचायत के जनश्री बीमा योजना 44 दावा क्लेम लंबित
प्रकरणों का निराकरण कब तक होगा ? (ख) ठीकरी जनपद पंचायत C.E.O को पत्र क्रं.
1175 दि. 16.07.2015 जारी किया गया इस पर क्या कार्यवाही की गई है
?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क)8
प्रकरण बीमा कंपनी स्तर पर विचाराधीन है।समय सीमा बताना संभव नही।(ख)जी हॅा।मुख्य
कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत ठीकरी को पत्र जारी किया गया था। जांच में पाया
गया कि प्रकरण भारतीय जीवन बीमा निगम इंदौर स्तर पर लंबित होने के कारण मुख्य
कार्यपालन अधिकारी, ठीकरी के विरुद्ध कार्यवाही नहीं की
गई।
म.प्र.ग्रामीण आजीविका परियोजनाओं के अंतर्गत संचालित
विभिन्न योजनाएं
27. ( क्र. 292 ) श्री बाला
बच्चन : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) दिनांक
01.04.2012 से प्रश्न दिनांक तक मध्यप्रदेश ग्रामीण आजीविका परियोजनाओं के
अंतर्गत संचालित होने वाली विभिन्न योजनाओं की जानकारी देने वाली पुस्तकों के
लेखन, संपादन, प्रकाशन के लिए किसको कितनी राशि का भुगतान किया गया, इसकी
पृथक-पृथक जानकारी देवें ? यदि सफलता की कहानियों की लघु फिल्म, सी.डी. आदि बनवाई
गई है तो प्रति लघु फिल्म निर्माण पर कितनी-कितनी राशि खर्च की गई, उसका नाम,
निर्देशक, संपादक, निर्माता, लेखक का नाम, पता सहित बतावें ? (ख) मध्यप्रदेश
ग्रामीण आजीविका परियोजना म.प्र. में किस दिनांक से प्रभावशील है, परियोजना के
कार्यों के प्रचार, प्रसार पर प्रारंभ से प्रश्न दिनांक तक हुए कार्यों की
जानकारी वर्षवार उपलब्ध करावें ? प्रचार-प्रसार करने वाले व्यक्ति, संस्था का
नाम-पता, किये गये अनुबंध, कार्य आदेश, भुगतान संबंधी आदेश का वर्षवार पृथक-पृथक
विवरण देवें ?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) :
(क) मध्यप्रदेश ग्रामीण आजीविका परियोजनाओं के
अन्तर्गत संचालित होने वाली विभिन्न योजनाओं से आशय स्पष्ट नहीं है क्योंकि
मध्यप्रदेश ग्रामीण आजीविका परियोजना के अंर्तगत कोई योजनाएं संचालित नहीं हैं,
फिर भी मध्यप्रदेश शासन पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अंर्तगत संचालित
विभिन्न योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट -1 अनुसार है। (ख)
मध्यप्रदेश ग्रामीण आजीविका परियोजना मध्यप्रदेश में वर्तमान में प्रभावशील नहीं
है।
परिशिष्ट
अट्ठाईस जांच उपरांत कार्यवाही बाबत
28. ( क्र. 306 ) श्री
सुन्दरलाल तिवारी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क)
क्या रीवा जिले के जिला सहकारी बैंक डभौरा शाखा में 17 करोड़ रूपये के सेन्ड्रीज
घोटाले की जानकारी समाचार पत्रों के माध्यम से हुई है, जिसमें मुख्य आरोपी
रामकृष्ण मिश्रा की गिरफ्तारी की जा चुकी है साथ ही तत्कालीन प्रबंधकों की भी
गिरफ्तारी हो चुकी है ? (ख) यदि हां तो रीवा जिले के इस घोटाले की जांच कब तक
पूरी कर ली जाएगी साथ ही अन्य सहकारी बैंकों की शाखाओं की भी क्या जांच कराई
जाकर किसानों के साथ किये जा रहे धोखाधड़ी को उजागर किया जाएगा ? (ग) प्रश्नांश
(क) के दोषी अधिकारियों के साथ जिला सहकारी बैंक के जिला अध्यक्षों की भूमिका की
भी जांच कराई जाकर उनके इस घोटाले में संलिप्तता को उजागर किया जाएगा ? (घ)
संबंधित दोषियों के विरूद्ध कब तक जांच उपरांत कार्यवाही की जाएगी
?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं, टाटा
कन्सलटेंसी सर्विसेस से दिनांक 30.01.2015 को ई-मेल से प्राप्त कोर बैकिंग
साल्यूशन से अंतिम शुक्रवार की रिपोर्ट, संयुक्त आयुक्त, सहकारिता रीवा के आदेश से
जांच प्रतिवेदन दिनांक 10.03.2015 तथा म.प्र. राज्य सहकारी बैंक के आदेश से जांच
प्रतिवेदन दिनांक 09.03.2015 के माध्यम से राशि रूपये 16.14 करोड़ के गबन की
जानकारी प्राप्त हुई. जी हां, आरोपी रामकृष्ण मिश्रा के साथ अमरनाथ पांडे एवं
राजकुमार पचौरी तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारियों की गिरफ्तारी की जा चुकी है.
(ख) प्रश्नांश ‘‘क’’ में उल्लेखित प्रकरण की जांच संयुक्त आयुक्त, सहकारिता रीवा
संभाग एवं म.प्र. राज्य सहकारी बैंक द्वारा पूर्ण कर ली गई है तथा पुलिस/सी.आई.डी.
द्वारा विवेचना/जांच की जा रही है. अन्य सहकारी बैंकों की शाखाओं में इस संबंध में
जांच कर कार्यवाही करने के निर्देश सभी जिला सहकारी केन्द्रीय बैंकों के मुख्य
कार्यपालन अधिकारियों को दिये गये हैं. (ग) प्रश्नांश के संबंध में जांच आदेशित की
गई है. शेष जांच निष्कर्षाधीन है. (घ) उत्तरांश ‘‘ख’’ एवं ‘‘ग’’ में जांच उपरांत
कार्यवाही के संबंध में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है.
ग्राम
पंचायतों में स्वच्छता संबंधी
29. ( क्र. 312 ) श्री
फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे
कि(क) अनूपपुर जिले के विधानसभा क्षेत्र पुष्पराजगढ की किन-किन ग्राम पंचायतों
में कब से स्वच्छ भारत अभियान, मर्यादा अभियान लागू किया गया है ? (ख) प्रश्न
(क) अनुसार ग्राम पंचायतों में बीपीएल/एपीएल हितग्राहियों की संख्या क्या है ?
पंचायतवार बीपीएल/एपीएल संख्या के अनुसार शौचालय निर्माण हेतु कितनी राशि
प्रत्येक ग्राम पंचायत को प्रदान की गई है ? प्रत्येक ग्राम पंचायतों में
कितने-कितने हितग्राहियों का शौचालय निर्माण कराया गया एवं कितने का निर्माण कराया
जाना शेष है ? (ग) ग्राम पंचायत द्वारा शौचालय निर्माण न कर पाने की दिशा में जिला
पंचायत को कितनी राशि वापस करनी पड़ी तथा फर्जी शौचालय निर्माण बताकर हितग्राहियों
की राशि हड़पी गई है ? क्या शासन इन निर्माण कार्यों की जांच करायेगा ? जांच
पश्चात दोषी अधिकारी से राशि वसूल की जायेगी ? (घ) ब्लाक समन्वयक मर्यादा
अभियान/स्वच्छ भारत अभियान पुष्पराजगढ़ द्वारा ग्राम पंचायत के सरपंचों, सचिवों
को अपने प्रभाव व दबाव से शौचालय निर्माण बिना पंचायतों से राशि - चेक फर्जी
प्रमाणित कर भुगतान कराया गया है ? ग्राम पंचायतों से राशि वसूली हुई लेकिन ब्लाक
समन्वयक मर्यादा अभियान पुष्पराजगढ़ की गलती पर क्या शासन कार्यवाही करेगा तथा
राशि वसूल करेगा ? लापरवाही सिद्ध होने के लिये जांच करायेगा और जांच उपरांत
अनुशासनात्मक कार्यवाही करेगा ?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) :
(क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अ अनुसार है। (ख)
जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ब अनुसार है। (ग) ग्राम
पंचायतों द्वारा शौचालय निर्माण न कर पाने की दशा में जिला पंचायत को वापस
की गई राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र स अनुसार है। जिला
पंचायत अनूपपुर द्वारा अंतर विकासखण्डों का जांच दल गठित कर जांच कराई गई। जांच
उपरांत राशि आहरण हेतु उत्तरदायी सरपंच सचिव के विरूद्ध धारा 92 की कार्यवाही
अनुविभागीय दण्डाधिकारी द्वारा की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र स अनुसार है। (घ) जी नहीं। शिकायत प्राप्त होने पर मुख्य
कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत पुष्पराजगढ द्वारा पत्र क्र 1096 दिनांक
10-09-2015 एवं पत्र क्र. 1302 दिनांक 14-10-2015 कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया
गया है एवं जिला पंचायत अनूपपुर द्वारा भी पत्र क्र. 3412 दिनांक 19-11-2015
द्वारा कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया है। विकासखण्ड समन्वयक से प्राप्त
कारण बताओ सूचना के उत्तर के परीक्षण उपरान्त लापरवाही सिद्ध नहीं होने के कारण
अनुशासनात्मक कार्यवाही करने का प्रश्न ही नहीं उठता है।
धान
क्रय विषयक
30. ( क्र. 317 ) श्री
फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे
कि(क) क्या म.प्र. शासन द्वारा कृषि उपज धान का क्रय किया जाता है ? यदि हां, तो
वर्ष 2013-14 एवं 2014-15 की अनूपपुर जिले की खरीदी बतायें ? (ख) म.प्र.शासन
द्वारा क्रय किया गया धान का मिलिंग, प्रसंस्करण कार्य कराने का जिले की मिलों से
प्रावधान है ? यदि हां, तो नियम की प्रति दें ? क्या मिलिंग/प्रसंस्करण कराने
का मिलिंग चार्ज एवं परिवहन व्यय (धान एवं चावल) की दर निर्धारित है ? यदि हां,
तो कितनी, पृथक-पृथक बतायें ? (ग) म.प्र.शासन द्वारा जिले के बाहर के मिलों से
मिलिंग/प्रसंस्करण का कार्य कराये जाने का भी प्रावधान है यदि हां, तो नियम एवं
प्राथमिकता बतायें ? परिवहन का भुगतान किसके द्वारा और कितना किया जाता है ? नियम
एवंदर बतायें ? म.प्र.शासन द्वारा उपरोक्त वर्षो में प्रदेश के बाहर से भी
मिलिंग/प्रसंस्करण का कार्य कराया गया है यदि हां तो नियम एवं प्राथमिकता बतायें
?(घ) प्रश्नांश (ग) में क्या जिला अधिकारी नागरिक आपूर्ति निगम एवं मार्कफेड
द्वारा स्वयं की स्वार्थपूर्ति हेतु प्रदेश के बाहर के मिलर्स से अनुबंध के
पूर्व एनओसी प्राप्त किये बगैर मिलिंग हेतु अनुबंध करना एवं उसका मिलिंग चार्ज
एवं परिवहन का भुगतान किया जाना प्रमाणित है ? यदि नहीं तो ऐसे अधिकारियों
जिन्होंने शासन के आदेश की अवहेलना की है ? शासन उनके खिलाफ कब तक क्या
कार्यवाही करेगा ?
खाद्य मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हां।
मध्यप्रदेश शासन द्वारा ई-उपार्जन परियोजनांतर्गत पंजीकृत किसानों से समर्थन
मूल्य पर धान का उपार्जन किया जाता है। अनूपपुर जिले में वर्ष 2013-14 में
23864.76 मे.टन तथा वर्ष 2014-15 में 18761.91 मे.टन धान का उपार्जन किया गया है।
(ख) समर्थन मूल्य पर उपार्जित धान की मिलिंग भारत सरकार द्वारा निर्धारित
समय-सीमा में कराई जाना होती है। जिलो में राईस मिल की मिलिंग क्षमता अनुसार जिलें
में उपार्जित धान की मिलिंग अनुबंधित मिलों से कराई जाती हैं। स्थानीय मिलों से
कार्य कराना बंधनकारी नहीं है। धान मिलिंग हेतु निर्धारित निर्देश की प्रति
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट-'अ'
अनुसार है। धान की मिलिंग कराने हेतु राईस मिलर्स को भारत सरकार द्वारा
निर्धारित रू. 15 प्रति क्विंटल (08 किलोमीटर तक धान एवं चावल के परिवहन व्यय
सहित) तथा राशि रू. 25 प्रति क्विंटल राज्य शासन द्वारा प्रोत्साहन राशि का
भुगतान किया जाता है। परिवहन की दर खुली निविदा के द्वारा निर्धारित की जाती है।
(ग) जी हां। प्रदेश में समर्थन मूल्य पर उपार्जित धान की मात्रा की तुलना में राईस
मिलर्स की मिलिंग क्षमता कम होने तथा निर्धारित समय सीमा में मिलिंग कराने हेतु
प्रदेश एवं जिले के बाहर स्थित राईस मिलर्स से धान की मिलिंग कराई गई हैं। मिलिंग
हेतु निर्धारित प्राथमिकता क्रम की जानकारी पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट-'ब'
अनुसार है। परिवहन दर का निर्धारण खुली निविदा के माध्यम से प्राप्त परिवहन
दर के आधार पर राज्य स्तरीय स्टेण्डिंग कमेटी द्वारा किया जाता हैं। निर्धारित
दर की जानकारी पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट-'स'
अनुसार है। (घ) प्रदेश के बाहर के मिलर्स से मिलिंग हेतु अनुबंध
करने के पूर्व एनओसी प्राप्त करने का प्रावधान नहीं है। उपार्जन ऐजेसिंयो के
अधिकारियों द्वारा धान मिलिंग में शासन निर्देशो की अवहेलना नहीं की गई हैं। शेष
प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
ग्राम पंचायत भवनों की स्वीकृति एवं
निर्माण
31. ( क्र. 324 ) श्री
दुर्गालाल विजय : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क)
श्योपुर विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत वर्तमान में कौन-कौन सी ग्राम पंचायत ऐसी हैं
जिनके भवन स्वीकृत एवं निर्माणाधीन हैं ये भवन कब किस-किस योजना मद से स्वीकृत
किये इनकी लागत/कार्य ऐजेन्सी व कार्य पूर्ण करने की अवधि क्या हैं भवनवार
बतावें ? (ख) उक्त भवनों का निर्माण कार्य प्रारंभ/निर्धारित अवधि के पश्चात् भी
पूर्ण, न कराने के क्या कारण हैं ? (ग) ग्राम दॉंतरदा व सौंईकला में पुराने
जीर्णशीर्ण व सुविधाविहीन छोटे पंचायत भवनों के स्थान पर नवीन भवनों की स्वीकृति
हेतु प्रश्नकर्ता द्वारा सीईओ जिला पंचायत श्योपुर को लिखे गये पत्रों पर क्या
कार्यवाही की गई, कब तक स्वीकृत किये जावेगें ? (घ) श्योपुर क्षेत्रान्तर्गत
किन-किन ग्राम पंचायतों के भवनों में वर्तमान तक विद्युत कनेक्शन नहीं हैं ?
क्या भवन/विद्युत कनेक्शनविहीन ग्राम पंचायतों में अभिलेखों को सुरक्षित रखने,
शासकीय कार्य सम्पादित करने सहित उन्हें प्रदाय किये गये कम्प्यूटर व आवश्यक
उपकरणों का उपयोग नहीं हो पा रहा हैं ?(ड़) यदि हां तो क्या शासन उक्त भवनों के
निर्माण कार्यों को प्रारंभ/पूर्ण कराने एवं विद्युत कनेक्शन कराने में विलम्ब
के कारणों की जांच करवायेगा एवं कब तक उक्त कार्यों को पूर्ण करवा लिया जायेगा
?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) श्योपुर विधानसभा
क्षेत्रान्तर्गत जनपद पंचायत कराहल की 03 ग्राम पंचायतों में एवं जनपद पंचायत
श्योपुर की 38 ग्राम पंचायतों में पंचायत भवन स्वीकृत अथवा निर्माणधीन है। जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार।(ख) स्वीकृत पंचायत भवनों में से दर्शित
पंचायत भवनों में 07 पूर्ण एवं 28 प्रगतिरत है। 06 पंचायत भवनों का निर्माण स्थल
अभाव, अतिक्रमरण एवं, निर्माण एजेंसी द्वारा कार्य में रूचि नहीं लेने के कारण समय
पर प्रारम्भ नहीं हो सके।(ग) यह सही है कि ग्राम पंचायत दांतरदा व सोईकाल में
स्थित पंचायत भवन अपर्याप्त है। इस संबंध मंे मान. विधायक के पत्र जिला पंचायत
श्योपुर को प्राप्त हुए है, किन्तु विगत वर्ष में उक्त दोनों ग्राम पंचायतों में
प्री-फेब्रीकेटेड ई-कक्षों का निर्माण कराया जा सका है इसलिए नवीन पंचायत भवन
स्वीकृत नहीं किये गये है।(घ) जनपद पंचायत श्योपुर एवं कराहल में परिशिष्ट-स के
काॅलम नं. 03 पर दर्शित ग्राम पंचायतों में भवन निर्माणाधीन होने के कारण विघुत
कनेक्शन नहीं है। इसके अतिरिक्त जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-स
अनुसार ग्राम पंचायतों में विघुत कनेक्शन नहीं है। जी नहीं, भवन, विद्युत कनेक्शन
विहीन पंचायतों में अभिलेखों को सुरक्षित रखने शासकीय कार्य संपादित करनें सहित
उन्हें प्रदाय किये गये कम्प्यूटर व आवश्यक उपकरणों का उपयोग अन्य सुरक्षित
स्थानों पर लगाकर किया जा रहा है।(ड) निर्माण कार्यो को वित्तीय वर्ष 2015-16 तक
पूर्ण करानें का प्रयास किया जावेगा।
वित्तीय अनियमितता की जांच
32. ( क्र. 362 ) श्री
सुखेन्द्र सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क)
क्या रीवा जिले के विकासखण्ड गंगेव अंतर्गत ग्राम पंचायत बसौली नं. 2 में विगत
पांच वर्षों से प्रश्न प्रस्तुति दिनांक तक रोजगार सहायक के द्वारा मेढ बन्धान,
पशु शेड, मर्यादा अभियान शौचालय, शांतिधाम, ग्रेवल रोड़, बी.आर.जी.एफ. के कार्यों,
आंगनवाड़ी भवन निर्माण, खेत सड़क मेढ, नाली निर्माण, पी.सी.सी. रोड निर्माण,
स्टाप डैम, खेल मैदान, स्कूल भवन, सांसद एवं विधायक निधि के कार्यों, बी.पी.एल.,
ए.पी.एल. कार्ड बनाने, वृद्धावस्था पेंशन, इन्दिरा आवास में व्यापक अनियमितता की
जांच कराने हेतु श्री अम्बिका पटेल, श्री राकेश सिंह एवं अन्य के द्वारा मुख्य
कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत गंगेव, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत रीवा
को शिकायत समय-समय पर की गई है ? एवं तत्संबंध में कार्यालय जनपद पंचायत गंगेव
द्वारा अपने पत्र क्र. 658/शि./ज.पं./गंगेव द्वारा शिकायत में जांच कराने हेतु
पत्राचार भी किया गया है ? (ख) यदि हां तो क्या ग्राम पंचायत बसौली नं. 2 द्वारा
किये गये व्यापक पैमाने पर वित्तीय अनियमितता की जांच कराकर दोषी के विरूद्ध
दण्डात्मक कार्यवाही की जावेगी ? यदि हां तो कब तक ? यदि नहीं तो क्यों
?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हॉ । (ख)जॉच करा ली
गई है। जॉच दल के द्वारा वित्तीय अनियमितता करने के लिए किसी को दोषी नही पाया
गया। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता ।
जानकारी प्रदाय करने
बावत्
33. ( क्र. 363 ) श्री
सुखेन्द्र सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क)
क्या रीवा जिले में जनपद पंचायत मऊगंज के ग्राम पंचायत बरहटा के ग्राम बरहटा में
रोजगार गारंटी योजना के अन्तर्गत कपिलधारा कूप निर्माण हेतु जनपद पंचायत मऊगंज
द्वारा दिनांक 27.02.2009 को मस्टर रोल जारी किया गया था ? यदि हां तो क्या इस
कूप को पूर्ण कराया गया ? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में उक्त कपिलधारा कूप
को पूर्ण करने हेतु म.प्र. राज्य रोजगार गारंटी परिषद् भोपाल, कलेक्टर जिला
रीवा, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत रीवा द्वारा कितने पत्र प्रश्न
दिनांक तक प्रेषित किये गये ? प्रेषित पत्रों के तारतम्य में प्रश्न दिनांक तक,
कितने पत्रों में क्या-क्या कार्यवाही की गई ? की गई कार्यवाही के क्या परिणाम
निकले ? (ग) यदि पत्रों में कार्यवाही नहीं हुई तो इस हेतु कौन-कौन अधिकारी
कर्मचारी दोषी हैं ? क्या उनके विरूद्ध शासन कठोर कार्यवाही करेगा ? यदि हां तो
कब तक ? एवं यदि नहीं तो क्यों ?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव )
: (क) जी हॉ, स्वीकृत कूप पूर्ण नहीं है। (ख) उत्तरांश (क) अनुसार मुख्य
कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत मऊगंज द्वारा सरपंच/सचिव ग्राम पंचायत बरहटा को
दिनांक 10.05.2010 को
संलग्न परिशिष्ट-1 अनुसार तथा मुख्य
कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत रीवा द्वारा मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत
मऊगंज को दिनांक 26.04.2011 को
संलग्न परिशिष्ट-2 अनुसार
द्वारा कार्य पूर्ण कराने हेतु पत्र प्रेषित किये गये। जिनके तारतम्य में
क्रियान्वयन एजेंसी ग्राम पंचायत के पत्र दिनांक 28.03.2011
संलग्न
परिशिष्ट-3 अनुसार द्वारा हितग्राही श्री इन्द्र बहादुर सिंह एवं अन्य
ग्रामीणों द्वारा निर्माण कार्य में अवरोध के कारण कार्य न कराये जा सकने के संबंध
में सूचित किया गया। (ग) उत्तरांश (ख) के परिपेक्ष्य में कार्यवाही का प्रश्न
उपस्थित नहीं होता। जिला स्तर से स्थल निरीक्षण कराया जाकर कार्य पूर्णता के
संबंध में समुचित कार्यवाही की जा सकेगी।
परिशिष्ट
उनतीस किसानों को डी.ए.पी./यूरिया की आपूर्ति
34. ( क्र. 366 ) श्री
चम्पालाल देवड़ा : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क)
क्या जिला सहकारी बैंक रायसेन द्वारा डी.ए.पी./यूरिया उधार नहीं दिया जा रहा है न
ही के.सी.सी. बनाये जा रहे हैं ? यदि हां तो क्यों ? (ख) उक्त कारणों के निदान
हेतु संचालक मंडल तथा बैंक के अधिकारियों द्वारा क्या-क्या प्रयास कार्यवाही की
गई ? मान. मंत्री जी को इस संबंध में किन-किन सांसद/विधायकों के पत्र कब-कब
प्राप्त हुए तथा उन पर क्या-क्या कार्यवही की गई ? (ग) क्या रायसेन जिले में
सैल्समैन/समिति सेवकों द्वारा स्वाधान-केरोसिन तेल वितरण की राशि जमा न करके
स्वयं उपयोग कर रहे हैं ? यदि हां तो क्यों ?(घ) उक्त राशि कब तक वसूल की
जायेगी तथा इस संबंध में महा प्रबंधक जिला सहकारी बैंक द्वारा कार्यवाही क्यों
नहीं की गई ?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) :
(क) जी नही. प्रश्न उद्भूत नही होता. (ख)
उत्तरांश ‘‘ख’’ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नही होता. माननीय श्री
सुरेन्द्र पटवा, राज्य मंत्री, पर्यटन एवं संस्कृति की नोटशीट दिनांक 27.11.2014,
माननीय श्री रामपाल सिंह, मंत्री, राजस्व एवं पुनर्वास का पत्र दिनांक 08.10.2015
को एवं नोटशीट दिनांक 13.11.2015 को प्राप्त हुई है. पत्र में की गई अपेक्षा अनुसार
बैंक द्वारा कार्यवाही की जा रही है. (ग) सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत
गेहूं, चावल, शक्कर तथा केरोसीन हेतु एक साथ लिमिट स्वीकृत की जाती है तथा राशि
जमा भी एकजाई की जाती है ऐसी स्थिति में पृथक से केरोसीन तेल वितरण की राशि जमा न
करने की जानकारी दी जाना संभव नहीं है. रायसेन जिले में सेल्समेन/समिति प्रबंधकों
द्वारा सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत वितरित सामग्री की राशि रूपये 134.46
लाख रोकी गई है. दोषी कर्मचारियों द्वारा नियम विरूद्ध राशियां रोकी गई है. (घ)
राशि वसूली के संबंध में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है. मध्यप्रदेश सार्वजनिक
वितरण प्रणाली (नियंत्रण) आदेश 2015 के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में उचित मूल्य
दुकानों के आवंटन हेतु सहकारिता विभाग द्वारा दिनांक 22 अगस्त, 2015 को निर्देश
जारी किये गये है, जिसमें ऐसी प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्था जिनमें सार्वजनिक
वितरण प्रणाली के व्यवसाय हेतु बैंक से प्राप्त साख सीमा में डिफाल्ट किया गया हो,
को दुकान आवंटन हेतु आवेदन करने की पात्रता नहीं होगी. दोषी सेल्समेन/ समिति
प्रबंधकों को महाप्रबंधक, जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित, रायसेन द्वारा
नोटिस जारी कर वसूली की कार्यवाही की जा रही है.
जिला पंचायत
रायसेन को प्राप्त राशि
35. ( क्र. 367 ) श्री
चम्पालाल देवड़ा : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क)
जिला पंचायत रायसेन को वर्ष 2012-13 से 2015-16 तक की अवधि में किन-किन मदों
योजनाओं में कितनी राशि प्राप्त हुई तथा उक्त राशि में से कितनी राशि लैप्स हुई
तथा क्यों कारण बतायें ? स्वीकृत कौन-कौन से कार्य अपूर्ण तथा अप्रारंभ है
क्यों कार्यवार कारण बतायें ? (ख) जिला रायसेन में वाटरशेड के अंतर्गत वर्ष
2014-15 से 2015-16 की अवधि में क्या-क्या कार्य कराये गये कौन-कौन से कार्य
अपूर्ण है? कार्य स्थल पर सूचना पटल(बोर्ड) क्यों नहीं लगवाये गये ? (ग) जिला
रायसेन में वर्ष 2014-15 से 2015-16 की अवधि में इंदिरा आवास वन भूमि के पट्टे की
योजनाओं में कितने-कितने कुटीर स्वीकृत किये गये? उनमें से किन-किन को प्रथम
किश्त क्यों नहीं दी गई कारण बतायें तथा कब तक देगें ? (घ) जिला रायसेन में
किन-किन ग्राम पंचायतों में पंचायत सचिव तथा रोजगार सहायक के पद कब से एवं क्यों
रिक्त है ? उक्त रिक्त पदों की पूर्ति हेतु CEO जिला पंचायत द्वारा क्या-क्या
कार्यवाही की गई ?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क)
योजनावार वर्षवार प्राप्त राशि एवं लेप्स राशि की जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अ अनुसार है। स्वीकृत
कार्य में से अपूर्ण, अप्रारंभ कार्यों की कार्यवार कारण
की जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ब अनुसार है।(ख)
वर्षवार जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र स अनुसार है। कार्य
स्थल पर सूचना पटल बोर्ड नहीं लगे होने की जानकारी परिशिष्ट स के कॉलम नम्बर 9 में
उल्लेखित है।(ग) इंदिरा आवास योजना के अंतर्गत वर्ष 2014-15 में 2097 आवास
स्वीकृत किये गये जिनमें से 412 आवासों में प्रथम किश्त प्राप्त नहीं हुई तथा वर्ष
2015-16 में आवास स्वीकृत की जानकारी निरंक है। वर्ष 2014-15 एवं 2015-16
में इंदिरा आवास वन भूमि के पट्टे की योजनांतर्गत शासन से लक्ष्य प्राप्त नहीं
होने के कारण कुटीर स्वीकृत नहीं किये गये हैं। इंदिरा आवास योजनांतर्गत प्रथम
किश्त प्राप्त नहीं होने की जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र द अनुसार है। प्रथम
किश्त की राशि वित्तीय वर्ष में उपलब्ध करा दी जावेगी।(घ) सचिव तथा ग्राम रोजगार
सहायक के रिक्त पदों की जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ई अनुसार है। मुख्य
कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत द्वारा रोजगार सहायकों के रिक्त पदों की पूर्ती
हेतु जनपद पंचायतों को कार्यालयीन पत्र क्र0 3313 दिनांक 02-06-2015, पत्र क्र0
5275 दिनांक 31-08-2015 एवं पत्र क्र0 5738 दिनांक 23-09-2015 द्वारा निर्देश दिये
गये है, जिसके तारतम्य में जनपद पंचायतों द्वारा विज्ञप्ति जारी की गई। पंचायत
सचिव के भर्ती हेतु जिला स्तर से पत्र क्र0 6896 दिनांक 27-10-2014 से विज्ञप्ति
जारी कर आवेदन पत्र प्राप्त किये गये हैं।
मुख्यालय पर
निवासरत अधिकारी/कर्मचारी
36. ( क्र. 391 ) श्रीमती
पारूल साहू केशरी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क)
क्या सागर जिले के जनपद पंचायत जैसीनगर में मुख्य कार्यपालन अधिकारी प्राय: अपने
मुख्यालय पर नहीं रहते हैं तथा लम्बे अवकाश पर लगातार बने रहते हैं और इसी तरह
जनपद के पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अन्तर्गत समस्त अधिकारी/कर्मचारी भी
मुख्यालय पर निवासरत नहीं रहते हैं ? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित
अधिकारियों/कर्मचारियों के मुख्यालय पर न मिलने के कारण शासन की हितग्राही मूलक
पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की योजनाओं में विलंब, निर्माण कार्य की प्रगति
में विलम्ब एवं पेंशनधारियों को कई माहों से पेंशन न मिलने का कारण बन गया है ?
यदि हां, तो दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गयी ? (ग) यदि नहीं, तो
1.4.2015 से अब तक विकासखंड जैसीनगर अंतर्गत पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के
अन्तर्गत योजनाओं की, निर्माण कार्यों की प्रगति की पंचायतवार तथा हितग्राही
मूलक योजनाओं से लाभान्वित हितग्राहियों की जानकारी उपलब्ध करावें
?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क)
जी नहीं। (ख) जी नहीं । प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता । (ग) जानकारी पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट अनुसार है ।
मुख्यमंत्री ग्रामीण
सड़क
37. ( क्र. 392 ) श्रीमती
पारूल साहू केशरी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क)
क्या ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग द्वारा मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत
बनवायी जा रही सड़कों की गुणवत्ता के पालन के लिये सागर जिले के सुरखी विधानसभा
क्षेत्र में कोई कन्सल्टेंट नहीं है ?(ख)क्या इन मार्गों का, पुल पुलियों का
निर्माण गुणवत्ता हीन है ? कई पैकेज में मार्गों की पुल पुलियों के निर्माण किये
बिना ही ठेकेदार को पूरे कार्य का भुगतान कर दिया गया है ? क्या ठेकेदार के
विरूद्ध कोई पेनाल्टी एवं अनुबंध अनुसार कार्यवाही नहीं की गई है ? क्यों ?(ग)
सागर जिले में ऐसे कितने मार्ग हैं, जिन पर अभी तक बोर्ड/शिलालेख भी नहीं लगे हैं
एवं मार्ग अप्रारंभ और अधूरे पडे हुये हैं, ऐसे मार्गो के नाम पुल पुलियों सहित
अधूरे एवं अप्रारंभ रहने के कारण ,ठेकेदार को भुगतान सबंधी जानकारी देते हुये यह
भी बतायें कि अब तक ऐसे मामलों में किस-किस ठेकेदार के विरूद्ध अनुबंध अनुसार
क्या कार्यवाही की गई है ?(घ) प्रश्नांश (ग) के अनुसार जिन मार्गों पर विलंब के
कारण विगत 02 वर्षों में री टेन्डर किये गये थे, उन मार्गों में पूर्व ठेकेदारों
से कितनी रिस्क एवं कास्ट राशि की वसूली की गयी ?
पंचायत मंत्री (
श्री गोपाल भार्गव ) : (क)
सुरखी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत प्रथम एवं द्वितीय चरण के कार्यो हेतु
कन्सल्टेंट नियुक्त किये गये थे। कंसल्टेंट के अनुबंध की समय-सीमा समाप्त हो
जाने से वर्तमान कंसल्टेंट कार्यरत नहीं है। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित
कार्यो में पुल-पुलियों का कार्य गुणवत्ता के साथ किया गया है एवं ठेकेदारों को
उनके द्वारा किये गये कार्यो का ही भुगतान किया गया है, अत: शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं होता है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जिन कार्यो
में विंलब के कारण री-टेण्डर किये गये है, उन ठेकेदारों के देयकों से रू. 40.48
लाख देयकों से रिस्क एवं कास्ट की वसूली हेतु रोके गये है।परिशिष्ट
तीस प्रदेश में जैविक कृषि को प्रोत्साहन दिया जाना
38. ( क्र. 402 ) डॉ. गोविन्द
सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) प्रदेश
में जैविक कृषि कितने हेक्टेयर क्षेत्र में एवं कितने प्रतिशत में की जा ररही हैं
एवं देश में जैविक कृषि के क्षेत्र में प्रदेश का कौन सा स्थान है ? (ख) उपरोक्त
प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में क्या राज्य जैविक प्रमाणीकरण संस्था में जैविक
खेती करने वाले कृषकों का पंजीयन किया जाता है ? यदि हां तो संस्था के गठन के
दिनांक से प्रश्न दिनांक तक कितने किसानों का पंजीयन किया गया है ? (ग) क्या
विभाग द्वारा प्रदेश में जैविक कृषि के क्षेत्र में कार्य कर रही संस्थाओं का भी
जैविक खेती हेतु पंजीयन किया गया है ? यदि हां तो प्रश्न दिनांक तक भिण्ड जिले
कि कितने किसानों का पंजीयन कराया गया हैं ? (घ) उपरोक्त प्रश्नांश (ख) में
उल्लेखित प्रमाणीकरण संस्था को उसके गठन दिनांक से प्रश्न दिनांक तक राज्य
सरकार द्वारा कितनी-कितनी राशि आवंटित की गई एवं आवंटित राशि के विरूद्ध संस्था
द्वारा जैविक खेती को बढ़ावा देने एवं उसके प्रचार-प्रसार के लिए किस-किस कार्य पर
कितना-कितना व्यय किया गया ? (ड.) क्या माननीय राज्यपाल महोदय का अभिभाषण
दिनांक 18 फरवरी 2015 के द्वितीय पेराग्राफ में जनसंकल्प 2013 एवं दृष्टिगत 2018
को ध्यान में रखकर इस एक साल में तेजी से काम किये जाने का उल्लेख किया गया है ?
यदि हां तो जनसंकल्प 2013 में उल्लेखित जैविक फसल प्रमोशन काउंसिल की स्थापना
कर दी गई हैं ? यदि हां तो कब ?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर
चतुर्भुज बिसेन ) : (क)प्रदेश में लगभग 5,60,097 हेक्टैयर क्षेत्र में एवं
5.26 प्रतिशत में जैविक कृषि की जा रही है।देश में जैविक कृषि के क्षेत्र में
प्रदेश का प्रथम स्थान है।(ख)मध्यप्रदेश राज्य जैविक प्रमाणीकरण संस्था व्दारा
राष्ट्रीय जैविक उत्पादन कार्यक्रम के अन्तर्गत राष्ट्रीय अधिमान्यता बोर्ड,
एपीडा, नई दिल्ली से प्राप्त अधिमान्यतानुसार ऑपरेटरों/कृषकों व्दारा जैविक
प्रमाणीकरण के लिए आवेदन प्राप्त होने पर पंजीयन किया जाता है।संस्था का गठन
दिनांक 10-08-2006 में किया गया था।संस्था का एपीडा, नई दिल्ली से दिनांक
01-10-2011को अधिमान्यता प्राप्त हुई है।अत: संस्था को अधिमान्यता दिनांक
01-10-2011 से वर्तमान तक 28 कृषकों एवं 22 ऑपरेटरों सहित कुल 50 कृषकों/ऑपरेटरों
का पंजीयन किया गया है।(ग)जी हॉ।जैविक कृषि के प्रमाणीकरण के लिए संस्था व्दारा
पंजीयन किया जाता है।जैविक प्रमाणीकरण बावत ही संस्थाओं के आवेदन पर नियमानुसार
पंजीयन किया जाता है।संस्था में वर्तमान में 15 शासकीय संस्थायें एवं 07 निजि
संस्थाएं जैविक प्रमाणीकरण हेतु पंजीकृत है।भिण्ड जिले में किसानों के पंजीयन की
जानकारी निरंक है।(घ)मध्यप्रदेश राज्य जैविक प्रमाणीकरण संस्था को उसके गठन दिनांक
से प्रश्न दिनांक तक राज्य शासन व्दारा दी गयी राशि की जानकारी संलग्न परिशिष्ट
अ,ब अनुसार है।मध्यप्रदेश राज्य जैविक प्रमाणीकरण संस्था व्दारा राष्ट्रीय जैविक
उत्पादन कार्यक्रम के अन्तर्गत राष्ट्रीय अधिमान्यता बोर्ड, एपीडा, नई दिल्ली से
प्राप्त अधिमान्यता अनुसार प्रमाणीकरण का कार्य किया जाता है।(ड)जी हॉ, म प्र
राज्य जैविक खेती विकास परिषद की दिनांक 11-03-2014 को स्थापना की गई।
परिशिष्ट
इकतीस भिण्ड जिले के विकासखण्ड रौन में पंचायतो द्वारा कराये
गये कार्यों की जांच
39. ( क्र. 403 ) डॉ. गोविन्द
सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) भिण्ड जिले
के विकासखण्ड रौन की ग्राम पंचायत अलचपुरा, चाचीपुरा, असनेट में माह अप्रैल 2012
से दिसम्बर 2014 तक सम्पन्न निर्माण कार्यो में कौन-कौन से कार्य
गुणवत्ताविहिन, अपूर्ण एवं बिना कार्य कराये उत्तरदायी सरपंच एवं सचिवों से राशि
वसूली की क्या कार्यवाही की गई ?(ख) प्रश्नकर्ता के ता. प्रश्न संख्या - 20
(क्रमांक 196) दिनांक 20.7.15 (ग) के उत्तर में धारा 92 के तहत कार्यवाही प्रचलित
रहना बताया है तो 08 माह से अधिक समय व्यतीत होने के बाद भी राशि वसूली न करने का
कारण बतायें ?(ग) उपरोक्त प्रश्नांश के परिपेक्ष्य में सहायक यंत्री जनपद
पंचायत रौन जिला भिण्ड सहित 4 अधिकारियों के जांच दल द्वारा ग्राम पंचायत अचलपुरा
के विरूद्ध माह जून 2015 में सरपंच/सचिव के विरूद्ध राशि 1993230/- रूपये वसूली का
प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के बाद भी वसूली न करने वाले अधिकारियों के विरूद्ध कब
तक कार्यवाही की जावेगी ? यदि नहीं तो क्यों ?
पंचायत मंत्री ( श्री
गोपाल भार्गव ) : (क) भिण्ड जिले की विकासखण्ड रौन की ग्राम
पंचायत अचलपुरा,चाचीपुरा एवं असनेहट में स्वीकृत कार्य निम्नवत हैं ः-
अचलपुरा वर्ष 2012-13-120 कार्य, 2013-14-08 कार्य, 2014-15-55 कार्य, कुल योग-183
कार्य, चाचीपुरा वर्ष 2012-13-01 कार्य, 2013-14-07 कार्य, 2014-15-00 कार्य कुल
योग-08 कार्य, एवं असनेहट वर्ष 2012-13-05 कार्य, 2013-14-37 कार्य, 2014-15-04
कार्य कुल योग-46 कार्य, संपन्न निर्माण कार्यों मेें कोई भी कार्य गुणवत्ता विहीन
नही था, ऐसी ग्राम पंचायतें जिनके द्वारा अधिक राशि आहरित करने के उपरांत कार्य
नही कराया गया है। उनके सरपंच, सचिव के विरूद्ध वसूली की कार्यवाही हेतु अनुभागीय
अधिकारी राजस्व लहार को प्रकरण प्रेषित किया गया है, जिनमें ग्राम पंचायत अचलपुरा
के विरूद्ध राशि रूपये 1993230.00 पत्र क्र-1173, दिनंाक 27.06.2015 द्वारा, ग्राम
पंचायत चाचीपुरा के विरूद्ध राशि रूपये 179500.00 पत्र क्र-2944, दिनंाक
24.11.2015 एवं ग्राम पंचायत असनेहट के सरपंच एवं सचिव द्वारा वित्तीय अनियमितता
किये जाने के विरूद्ध राशि रूपये 419000.00 क्र-2943, दिनंाक 24.11.2015 द्वारा
कार्यवाही हेतु प्रेषित किया गया है।(ख)न्यायालय अनुविभागीय अधिकारी लहार में
ग्राम पंचायत अचलपुरा का प्रकरण क्र-1-15-16 धारा 92 के तहत दर्ज है, जिसमें पेशी
दिनंाक 01.12.2015 को नियत की गई है। प्रकरण न्यायालय में विचाराधीन
है।(ग)न्यायालय अनुविभागीय अधिकारी लहार में प्रकरण का निराकरण होने पर वसूली की
कार्यवाही नियमानुसार की जावेगी। शेष का प्रश्न उपस्थित नही होता
है।
खाद्य वितरण में अनियमितता
40. ( क्र. 413 ) श्री मधु
भगत : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) विभाग के क्या
क्रियाकलाप है ? उनके अनुसार वर्ष 2014-15 में कौन-कौन सी सामग्री बालाघाट जिले को
कितनी मात्रा में प्राप्त हुई ? (ख) विभाग द्वारा वितरित विक्रय की जाने वाली
सामग्री में से प्रश्नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत कितनी सामग्री
प्रदान की गई ? वर्ष 2014 तथा वर्ष 2015 का ब्यौरा देते हुए बताये ? (ग) विधान
सभा क्षेत्र के अंतर्गत कौन से ग्राम में, कितने प्राथमिकता परिवार धारक है ?
ग्राम पंचायतवार सूची दें तथा कितने वंचित हैं, जिनके आवेदन विचाराधीन है ? (घ)
क्या खाद्यान्न वितरण में अनियमितता की शिकायतें, उक्त अवधि में प्राप्त हुई
थी उस पर जो कार्यवाही की गई है उसका विवरण बतायें ?
खाद्य मंत्री (
कुँवर विजय शाह ) : (क) खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण
विभाग द्वारा राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत लक्षित सार्वजनिक
वितरण प्रणाली का क्रियान्वयन, आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 एवं विधिक माप
विज्ञान अधिनियम, 2009 के अंतर्गत बने नियंत्रण आदेशों/नियम का परिपालन कराना,
किसानों से समर्थन मूल्य पर खाद्यान्न का उपार्जन तथा उपभोक्ता संरक्षण से
संबंधित गतिविधियों का संचालन किया जाता है। वर्ष 2014-15 में बालाघाट जिले को
लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत गेहूं 26,913; चावल 45,030; मक्का
4,290; शक्कर 3,008 एवं नमक 2,977 मे.टन एवं केरोसीन 12,144 के.एल. का
आबंटन प्राप्त हुआ है।, (ख) विधानसभा क्षेत्र परसवाड़ा में लक्षित
सार्वजनिक वितरण प्रणाली अंतर्गत वर्ष 2014 में (माह अप्रेल 2014 से मार्च, 2015)
गेहूं 6,407; चावल 10,492; मक्का 825; शक्कर 722 एवं नमक 722 मे.टन एवं केरोसीन
3,230 के.एल. का प्रदाय तथा वर्ष 2015 में (माह अप्रेल 2015 से नवम्बर, 2015)
गेहूं 4,087; चावल 7,145; मक्का 832; शक्कर 487 एवं नमक 487 मे.टन एवं केरोसीन
2,727 के.एल. का प्रदाय किया गया है।, (ग) परसवाड़ा विधानसभा
क्षेत्रांतर्गत कुल 46,549 प्राथमिकता परिवार हैं। ग्रामपंचायतवार प्राथमिकता
परिवारों के नामों की जानकारी विभागीय वेबसाईट www.food.mp.gov.in पर उपलब्ध है।
परसवाड़ा विधानसभा क्षेत्रांतर्गत पात्र परिवार श्रेणी में सम्मिलित सत्यापित
समस्त परिवारों को पात्रता पर्ची का वितरण किया जा चुका है। आठ आवेदन
प्रक्रियाधीन है। पात्र परिवारों का सत्यापन एवं उनको पात्रता पर्ची जारी करना एक
सतत् प्रक्रिया है।, (घ) परसवाड़ा विधानसभा क्षेत्रांतर्गत खाद्यान्न
वितरण में अनियमितता के संबंध में प्राप्त शिकायतों तथा उस पर की गई कार्यवाही की
जानकारी
परिशिष्ट-'अ'
अनुसार है।
परिशिष्ट
बत्तीस सरपंचों से वसूली
41. ( क्र. 416 ) श्री सज्जन
सिंह उईके : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) जनपद
पंचायत शाहपुरा जिला बैतूल में कितने सरपंचों से वसूली के प्रकरण लंबित है ? (ख)
कितने सरपंच से राशि वसूल की गई है ? (ग) कितनी पंचायतों में उपयंत्री/सहायक यंत्री
ने मूल्यांकन में गड़बड़ी की है ? (घ) सहायक यंत्री श्री रघुवंशी शाहपुरा को
निलंबन किया गया था ?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) :
(क)जनपद पंचायत शाहपुर के अंतर्गत 12 सरपंचों/सचिवों से वसूली
के प्रकरण लंबित है। जानकारी पुस्कालय में रखे परिशिष्ट-‘‘अ‘‘
अनुसार।(ख)19 सरपंचों/सचिवों से राशि वसूल की गई है। जानकारी
पुस्कालय में रखे परिशिष्ट-‘‘ब‘‘ अनुसार।(ग)किसी भी
उपयंत्री/सहायक यंत्री द्वारा मूल्यांकन में गड़बड़ी नहीं की गई
है।(घ)जी हाॅ।आयुक्त नर्मदापुरम् संभाग होशंगाबाद के आदेश
क्रं.592/वि.ज./विकास/2014 दिनांक 07.02.2014 द्वारा सहायक यंत्री श्री चैन सिंह
रघुवंशी को पूर्ण हो गये कार्यो का समय पर मूल्यांकन नहीं करने एवं कर्तव्यो एवं
दायित्वों में उदासीनता एवं लापरवाही बरते जाने के कारण निलंबित किया
गया।
घोड़ाडोंगरी फूड कूपन क्षेत्र में वितरण
42. ( क्र. 417 ) श्री सज्जन
सिंह उईके : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) म.प्र.
खाद्य विभाग द्वारा घोड़ाडोंगरी क्षेत्र में कितने फुड कूपन बने है ? (ख)
अ.जा./अ.ज.जा. के फुड कूपन धारी की संख्या देवे ? (ग) गरीबी रेखा कार्डधारी
सामान्य वर्ग की संख्या देवे ? (घ) म.प्र. शासन की योजना से घोड़ाडोंगरी में
कितने सामान्य वर्ग को लाभ मिला है ?
खाद्य मंत्री ( कुँवर विजय शाह )
: (क) राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत मुख्यमंत्री
अन्नपूर्णा योजना के तहत घोड़ाडोंगरी जनपद क्षेत्र में कुल 24,776 पात्र परिवारों
को पात्रता पर्ची (ई-राशनकार्ड) जारी की गई है। (ख) घोड़ाडोंगरी जनपद
क्षेत्र में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के पात्रता पर्चीधारी
(ई-राशनकार्डधारी) कुल 18,772 परिवार हैं। (ग) घोड़ाडोंगरी जनपद क्षेत्र में
गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन करने वाले परिवारों में से सामान्य वर्ग के पात्रता
पर्चीधारी (ई-राशनकार्डधारी) 1,905 परिवार हैं। (घ) घोड़ाडोंगरी जनपद
क्षेत्र में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत मुख्यमंत्री
अन्नपूर्णा योजना के तहत अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के परिवारों के
अतिरिक्त अन्य पात्रता श्रेणी के 6,004 परिवार राशन सामग्री का लाभ प्राप्त कर
रहें है।
निजी बसों के संचालन हेतु अनुज्ञापत्र
43. ( क्र. 426 ) श्रीमती
शकुन्तला खटीक : क्या परिवहन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क)
मध्यप्रदेश शासन द्वारा निजी वाहन संचालन हेतु अनुज्ञापत्र देने के क्या-क्या
नियम प्रक्रियाएं व नीति वर्तमान में प्रचलन में है ? (ख) क्या मार्ग
शिवपुरी-झांसी वाया करैरा, करैरा-ग्वालियर, करैरा-इंदौर (वीडियोकोच) में संचालित
बसों में अनुज्ञा पत्र नियमानुसार दिये गये हैं ? व इन मार्गो पर किन-किन बस
मालिकों को अनुज्ञा पत्र प्रदाय किये गये हैं ? (ग) क्या कुछ बसों में नियमों की
अनदेखी करते हुये आवश्यक द्वार आदि जैसी अति अवश्यक सुविधाएं उपलब्ध नहीं हैं ?
यदि हां, तो उन बस संचालकों के खिलाफ कब तक कार्यवाही की जाकर उनके अनुज्ञा पत्र
निरस्त कर दिये जावेंगे ?
परिवहन मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) :
(क) मोटरयानअधिनियम 1988 के अध्याय 5 में प्रावधानित धारा
70,71,72,80,81,84,87 तथा मध्यप्रदेश मोटरयान नियम 1994 में उक्त धाराओं के तहत
प्रक्रियाओं का उल्लेख है । इन प्रावधानों के तहत निर्धारित नीति के
अंतर्गत अर्द्धन्यायिक प्रक्रिया का पालन करते हुये अनुज्ञाऐं जारी की जाती है ।
उक्त अधिनियम एंव नियम परिवहन विभाग की वेबसाइट
mptransport.org
पर अपलोड है । (ख) जी हॉ, मार्ग शिवपुरी-झॉसी, करैरा-ग्वालियर के
लिये नियमानुसार
परमिट जारी किये गये है । बस मालिकों आदि सहित जारी परमिटों की सूची
संलग्न परिशिष्ट-अ एंव ब अनुसार है ।
करैरा-इन्दौर
(वीडियों कोच) हेतु कोई परिमट जारी नही किये गये है ।(ग)
शासन निर्देशानुसार अभियान चलाकर सघ्ान जॉच कर सभी वाहनेां में इमरजेंसी
द्वारा बनवाये जा चुके है, आकस्मिक जॉच के समय यदि कोई वाहन बिना
इमरजेंसी गेट के पाई जाती है तो नियमानुसार दण्डात्मक
कार्यवाही की जाती है
।परिशिष्ट
तैंतीस उज्जैन जिले में स्कूल बसों का
संचालन
44. ( क्र. 445 ) श्री सतीश
मालवीय : क्या परिवहन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या शासन
द्वारा स्कूल बसों के संचालन हेतु दिशा-निर्देश जारी किये गये है ? यदि हां तो
दिशा-निर्देश की प्रति उपलब्ध करावें ? उज्जैन जिले में कितने विद्यालयों द्वारा
बच्चों के आवागमन हेतु स्कूल बसों का संचालन किया जाता है, बसों की संख्यानुसार
स्कूलों की सूची उपलब्ध करावें ? (ख) क्या उज्जैन जिले में स्कूल बसों के
संचालन हेतु सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का पालन किया जा रहा है ? यदि नहीं तो
किन-किन विद्यालयों द्वारा निर्देशों का पालन नहीं किया जा रहा है और उन पर
संबंधित विभागों द्वारा क्या कार्यवाही की गई ? (ग) क्या शासन द्वारा बच्चों के
आवागमन हेतु दूरी के मान से स्कूल बसों का शुल्क निर्धारित किया गया है ? यदि
हां, तो दर की सूची उपलब्ध करावें ? क्या विभाग ने स्कूलों द्वारा मनमाना
शुल्क वसूलने के लिये उज्जैन जिले के विद्यालयों पर कोई कार्यवाही की है ? यदि
हां तो किन-किन स्कूलों पर कार्यवाही की गई उसकी सूची एवं कार्यवाही विवरण
उपलब्ध करावें ?
परिवहन मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) :
(क) जी हॉ, मध्यप्रदेश शासन के पत्र
क्र एफ 22-12/2011/आठ दिनॉक 17-06-2011 द्वारा भारत सरकार सडक परिवहन एवं राजमार्ग
मंत्रालय के परिपत्र क्र आरटी-11036/18/2011-एमव्हीएल दिनॉक 03.06.2011 के अुनसरण
में स्कूल बसों की सुरक्षा के संबंध में दिये गये निर्देशों के अुनपालन में
मापदण्ड निर्धारित किये गये है, जिसकी छायाप्रति पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट 'अ' अनुसार है । उज्जैन जिला
अंतर्गत स्कूल बसों को जारी किये गये अनुज्ञा पत्र अनुसार 447 विद्यालयों द्वारा
बच्चों के आवागमन हेतु स्कूल बसों का संचालन किया जा रहा है । जिसकी
सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार
है। (ख) स्कूल बसों के संबंध
में माननीय सर्वोच्च न्यायालय (सुप्रीम कोर्ट ) द्वारा निर्धारित
गाईडलाइन को भारत सरकार सडक परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय
के उपर्युक्त पत्र में दिये गये निर्दशों के परिपालन में
मध्यप्रदेश शासन के पत्र क्रमांक एफ 22-12/2011/आठ दिनॉक 17-06-2011 द्वारा
दिये गये दिशा निर्देशो का पालन किया जा रहा हैं तथा जिन स्कूल
वाहनों द्वारा नियमों का पालन नही किया जाता है उनके विरूद्ध समय-समय
पर चैकिंग के दौरान कार्यवाही की जाती है जिसके अंतर्गत 21 वाहनों के
विरूद्ध कार्यवाही की गई तथा रूपये 1,83,820 शमन शुल्क के रूप में
वसूल किये गये । जिसकी सूची पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट 'स' अनुसार है । (ग) शासन द्वारा बच्चो के आवागमन हेतु दूरी
के मान से स्कूल बसों का शुल्क निर्धारित नही किया गया है । हॉ, यह आवश्य
है कि मध्यप्रदेश शासन,परिवहन विभाग के आदेश क्रमांक 1987/2922/2015/आठ
भोपाल दिनॉक 23-06-2015 द्वारा स्कूल बसों के संचालन एवं किराया आदि के संदर्भ
में आने वाली शिकायतों के निराकरण हेतु जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में समिति
गठित की गयी है । स्कूल बसों द्वारा मनमाना किराया वसूलने के संबंध में इस विभाग
को कोई शिकायत प्राप्त नही हुई है । जिसके कारण कार्यवाही निरंक है
।
इन्द्रा आवास की बाकी राशि का भुगतान
45. ( क्र. 452 ) श्री
सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे
कि(क) वर्ष 2007-08 में ग्राम पंचायत सुमावली (मुरैना) में राम स्वरूप पुत्र देवी
लाल शर्मा को इन्द्राआवास स्वीकृत हुआ था ? उक्त आवास निर्मित होने के बाद भी
अभी तक आधा भुगतान ही हुआ है, क्यों ? प्रकरण की पूर्ण जानकारी दी जावे ?(ख)
क्या हितग्राही के मृत्यु के उपरांत उसके वारिस दिनेश शर्मा द्वारा आवास निर्माण
की पूर्णता जानकारी के बावजूद भी आधी धनराशि क्यों नहीं दी गई ? बी.पी.एल. वर्ग
के हितग्राहियों के प्रकरण में शासन की नीतियों के अनुरूप कार्य नहीं करने वालें
के खिलाफ कार्यवाही क्यों नहीं की गई, जानकारी दी जावे ?(ग) क्या मुख्य
कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत मुरैना द्वारा हितग्राही को अविलंब भुगतान हेतु
आदेशित करने के बावजूद आवास की द्वितीय किश्त अभी तक नहीं दी गई है ? क्या शासन
विलंब के लिये प्रकरण की जांच कर कार्यवाही करेगा ? यदि हां, तो कब तक
?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क)जी
हाँ। वर्ष 2007-08 में ग्राम पंचायत सुमावली (मुरैना) में श्री रामस्वरूप पुत्र
देवी लाल शर्मा को इंदिरा आवास स्वीकृत हुआ था। श्री रामस्वरूप व उसकी पत्नी की
मृत्यु उपरांत उसके पुत्र दिनेश शर्मा को 12,500/- प्रथम किश्त की राशि वर्ष 2011
में ग्राम पंचायत द्वारा प्रदाय की गई थी। किन्तु हितग्राही द्वारा उक्त राशि का
उपयोग आवास निर्माण में नहीं किया, इस कारण ग्राम पंचायत द्वारा द्वितीय किश्त की
राशि का भुगतान आज दिनांक तक नहीं किया गया। उल्लेखनीय है, कि तत्समय ग्राम पंचायत
के खाते में से ही राशि हितग्राहियाें को प्रदाय की जाती थी।(ख)श्री रामस्वरूप व
उसकी पत्नी की मृत्यु उपरान्त उसके पुत्र दिनेश शर्मा को 12,500/- प्रथम किश्त
राशि वर्ष 2011 में ग्राम पंचायत द्वारा प्रदाय की गई थी। किन्तु हितग्राही द्वारा
उक्त राशि का उपयोग आवास निर्माण मेंं नहीं किया गया, इस कारण ग्राम पंचायत द्वारा
द्वितीय किश्त राशि का भुगतान आज दिनांक तक नहीं किया गया।(ग)हितग्राही द्वारा
प्रथम किश्त राश्ाि का उपयोग आवास निर्माण में नही किया गया, इस कारण ग्राम
पंचायत द्वारा द्वितीय किश्त राशि का भुगतान आज दिनांक तक नहीं किया
गया।
बीहड़ कटाव रोकने की योजना
46. ( क्र. 453 ) श्री
सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा
करेंगे कि(क) क्या सुमावली विधान सभा (मुरैना) के ग्राम देवगढ़ की बस्ती के अनेक
भवन कटाव के कारण गिरने की कगार पर पहुंच चुके हैं ?(ख) क्या विधान सभा क्षेत्र
के अनेक गांवों में बीहड़ कटाव तेजी से बढ़ रहा है ? शासन द्वारा समस्या के
समाधान हेतु 2015 तक क्या कार्यवाही, योजना बनाई गई है ?(ग) क्या शासन चंबल
किनारे के बसे गांवों में कटाव रोकने सुरक्षा दीवाल बनाने हेतु कोई प्रावधान बना
रहा है, यदि हां, तो क्या ?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर
चतुर्भुज बिसेन ) : (क)सुमावली विधानसभा जिला मुरैना के ग्राम देवगढ़ की बस्ती
के हवेली एवं उसके आस-पास निवासरत ग्रामवासियों के भवनों के नजदीक, तक भूमि कटाव आ
चुका है, परंतु वर्तमान में भवन गिरने जैसी कोई स्थिति नहीं है।(ख)जी हॉ, विधानसभा
क्षेत्र सुमावली के अनेक गांव में बीहड़ कटाव निरंतर बढ़ रहा है।मध्यप्रदेश शासन
किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग के पत्र क्रमांक पी0एस0/एफ0डब्ल्यु0/एंड
ए0डी0/2015/411 दिनांक 01.07.2015 व्दारा चंबल संभाग के 68833 हेक्टेयर क्षेत्र
के बीहड़ सुधार हेतु राशि रू0 1200.00 करोड़ की योजना स्वीकृति हेतु भारत सरकार को
प्रेषित की गई है।(ग)जी नही।
विकलांगों को मोटराईज्ड ट्रायसिकल का
प्रदाय
47. ( क्र. 463 ) श्री
राजेन्द्र पाण्डेय : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे
कि(क) क्या शासन / विभाग द्वारा केन्द्र/राज्य प्रवर्तित योजनाओं के माध्यम से
विकलांगों को मोटराईज्ड ट्रायसिकल प्रदान की जाती है ? (ख) यदि हां, तो क्या
रतलाम जिला अंतर्गत विकलांगों द्वारा इस हेतु समस्त कार्यवाही कर आवेदन किए गए
हैं ? (ग) यदि हां, तो कुल कितने आवेदन वर्ष 2012-13, वर्ष 2013-14 एवं वर्ष 2015
के प्रश्न दिनांक तक प्राप्त हुए ?(घ) उक्त वर्षों में प्राप्त आवेदनों पर
कितने विकलांगों को मोटराईज्ड ट्रायसिकल प्राप्त हुई ? कितने शेष हैं, अवगत
करावें ?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हॉ (ख) जी
हॉ (ग) 103 आवेदन मोटराईज्ड ट्रायसाईकिल हेतु प्राप्त हुए। (घ) 24 आवेदकों को
मोटराईज्ड ट्रायसाईकिल वितरण की गई।79 प्रकरण शेष हैं।
शासन कार्ड
एवं खाद्यान्न पर्ची का वितरण
48. ( क्र. 464 ) श्री
राजेन्द्र पाण्डेय : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे
कि(क) क्या शासन/विभाग द्वारा उपभोक्ताओं के खाद्यान्न हेतु राशन कार्ड बनाए गए
हैं / बनाए जा रहे हैं ?(ख) यदि हां, तो वर्ष 2015 की स्थिति में जावरा विधानसभा
क्षेत्र अंतर्गत कुल कितने किस-किस प्रकार के राशन कार्ड बनाए गए हैं ? साथ ही इस
हेतु कितना क्या-क्या खाद्यान्न प्राप्त होता है ?(ग) साथ ही क्या समस्त
राशन कार्डधारियों को खाद्यान्न पर्चियां प्राप्त हो गई हैं ?(घ) यदि हां, तो
कृपया वर्ष 2015 को प्रश्न दिनांक तक की उपरोक्त समस्त स्थितियों से अवगत
करावें ?
खाद्य मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क)
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 प्रावधान अनुसार लक्षित सार्वजनिक
वितरण प्रणाली के उपभोक्ताओं को खाद्यान्न प्राप्त करने हेतु
पात्रता श्रेणी में सम्मिलित परिवारों को सत्यापन उपरांत ई-राशनकार्ड (पात्रता
पर्ची) जारी किए गए है। (ख) माह नवम्बर, 2015 की स्थिति में जावरा विधानसभा
क्षेत्रांतर्गत 4,181 परिवारों को अन्त्योदय अन्न योजना तथा 44,648 परिवारों को
प्राथमिकता परिवार श्रेणी के ई-राशनकार्ड (पात्रता पर्ची) जारी किए गए है।
अन्त्योदय अन्न योजना के परिवारों को 35 किलो (30 किलो गेहूं; 5 किलो चावल)
प्रति परिवार तथा प्राथमिकता परिवारों को 5 किलो प्रति सदस्य (4 किलो गेहूं एवं 1
किलो चावल) के मान से खाद्यान्न प्रतिमाह दिया जा रहा है। (ग) राष्ट्रीय
खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत सम्मिलित पात्रता श्रेणी के अंतर्गत आवेदन
करने वाले सत्यापित समस्त परिवारों को ई-राशनकार्ड (पात्रता पर्ची) का वितरण
किया जा चुका है। पात्र परिवारों के सत्यापन उपरांत उन्हें ई-राशनकार्ड (पात्रता
पर्ची) जारी करना एक सतत् प्रक्रिया है। (घ) प्रश्नांश (ग) के उत्तर
अनुसार।
विभागीय जांच पर कार्यवाही
49. ( क्र. 478 ) श्री हर्ष
यादव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) विगत पांच
वर्षों में सागर संभाग में जिला व जनपद पंचायतों में पदस्थ/कार्यरत अधिकारियों
कर्मचारियों के विरूद्ध किन-किन कारणों से विभागीय जांच संस्थित की गई ? प्रकरणवार
विवरण दें ? (ख) प्रश्नांश (क) उल्लेखित विभागीय जांच में प्रकरणवार अब तक
क्या-क्या कार्यवाही/ निष्कर्ष के आधार पर की गई है ? यह भी बताये कि जांच के
दौरान किन-किन दोषियों/आरोपियों पर निलंबन/बर्खास्तगी की कार्यवाही की गई है,
किन-किन पर नहीं और क्यों ?(ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) उल्लेखित विभागीय जांच व
नियमानुसार कार्यवाही में विलंब के क्या-क्या कारण रहे हैं ? इस हेतु कौन-कौन
उत्तरदायी हैं ? विभाग द्वारा गड़बड़ी व अनियमितता के दोषियों के विरूद्ध
निश्चित समय-सीमा में कार्यवाही कराये जाने को लेकर क्या प्रयास किये जा रहे हैं
?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) :
(क)जानकारी संकलित की जा रही है।(ख)जानकारी
संकलित की जा रही है।(ग)जानकारी संकलित की जा रही
है।
फर्जी यात्रा भुगतान के प्रकरण में कार्यवाही
50. ( क्र. 479 ) श्री हर्ष
यादव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या रायसेन
जिले में वर्ष 2012-13 में अपने पदस्थी के दौरान तत्कालीन लेखाधिकारी (मनरेगा)
द्वारा फर्जी यात्रा देयक का भुगतान प्राप्त किया गया है ? अब तक उनके विरूद्ध
क्या कार्यवाही की गई है ? क्या इस प्रकरण में बर्खास्तगी की जाकर F.I.R. दर्ज
कराई गई ? नहीं तो क्यों ? कब तक समुचित कार्यवाही की जावेगी ?(ख) क्या रायसेन
जिले में मनरेगा अंतर्गत डबल पेमेन्ट के भुगतान हेतु परिषद स्तर से जांच की गई
भी, जिसमें जनपद एवं जिला पंचायत के कर्मचारियों को दोषी माना गया था ? दोषी माने
गये कर्मचारियों के नाम व उन पर अब तक की गई कार्यवाही का विवरण दें ? (ग) क्या
वर्ष 2012-13 में रायसेन जिले में मनरेगा अंतर्गत पदस्थ लेखाधिकारी द्वारा फर्जी
अनुभव प्रमाण-पत्र लगाकर नौकरी प्राप्त की गई थी ? यदि हां, तो मामले में क्या
कार्यवाही की गई ?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जॉच
की कार्यवाही प्रचलित है।(ख)जी हॉ। विकास खण्ड बेगमगंज में वित्तीय वर्ष 2012-13
की लंबित मजदूरी का भुगतान एफ.टी.ओ. एवं आर.टी.जी.एस. के माध्यम से राशि रूपये
117834/- का दोहरा भुगतान होना पाया गया था। राशि वसूल की जाकर जनपद पंचायत बेगमगंज
द्वारा जिले के नोडल खाते में जमा करा दी गई है। जॉच में तत्कालीन मुख्य
कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत बेगमगंज श्री के.बी. मालवीय एवं सहायक लेखाधिकारी
श्री भूपेन्द्र जाटव की ऋटि पायी गई। परिषद द्वारा योजना के बैंक खाते से दिनांक
09.10.2013 तक बहार रही राशि पर 4 प्रतिशत की दर से ब्याज राशि रूपये 1194/-
आरोपित की गई थी। यह राशि समान रूप से त्रुटिकर्ता अधिकारियों से वापस योजना के
बैंक खाते में जमा करायी जा चुकी है। जनपद पंचायत उदयपुरा में राशि रूपये 73460/-
का डबल पेमेन्ट एफ.टी.ओ. के लॉगिन में दिनांक 10.04.2014 को रिजेक्शन में
प्रर्दशित होने के कारण डबल पेमेन्ट होना पाया गया। इस कारण किसी भी
अधिकारी/कर्मचारी की जानबूझकर त्रुटि होना प्रतिवेदित नहीं किया गया। शेष जनपद
पंचायतों की जॉच कार्यवाही प्रचलित है।(ग)जॉच की कार्यवाही प्रचलित
है।
परियोजना में नये टीम लीडर/टीम सदस्य की
नियुक्ति
51. ( क्र. 642 ) श्री प्रताप
सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) प्रदेश में
आई.डब्ल्यू.एम.पी. परियोजनाओं में नये टीम लीडर/टीम सदस्य की नियुक्ति हो जाने
के पश्चात अन्य विभागों के संलग्न अधिकारी जो टीम लीडर/टीम सदस्य का कार्य देख
रहे थे, उन्हें मूल विभाग में वापिस भेजने के आदेश संचालक आर.जी.एम. द्वारा क्या
जारी किये गये थे ?(ख) यदि हां, तो अभी तक किन-किन जिलों में उल्लेखित आदेश का
पालन नहीं किया गया ? यदि किया गया है, तो किन-किन संलग्न अधिकारियों को उनके मूल
विभाग में वापिस भेजा गया है, नाम, पदनाम सहित बतलावें ?(ग) आदेश का पालन न करने
वाले संबंधित अधिकारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही कब तक की जावेगी
?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क)संचालक,राजीव
गांधी जल ग्रहण प्रबंधन मिशन ने अपने पत्र क्रमांक
9700/22/वि-9/आरजीएम/आई.डब्ल्यू.एम.पी./2013, दिनांक 29.08.2013 द्वारा इस आशय के
निर्देश जारी किये थे कि जिन परियोजनाओं में संविदा टीम लीडर को दायित्व सौंपा गया
है, उनमें अन्य शासकीय विभाग परियोजना क्रियान्वयन एजेंसी के दायित्व से स्वमेव
भारमुक्त हो जायेगें। संचालक द्वारा किसी भी अधिकारी/कर्मचारी को उनके मूल विभाग
में वापस भेजने के कोई आदेश जारी नहीं कियें गये है।(ख)प्रश्नांश ‘‘क’’ के उत्तर
के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।(ग)प्रश्नांश ‘‘क’’ के उत्तर के
परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं
होता।
विकलांगों/विधवाओं के आवास की व्यवस्था
52. ( क्र. 644 ) श्री प्रताप
सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) प्रदेश में
जिलास्तर पर शासन से प्राप्त लक्ष्य के विरूद्ध विकलांगों/विधवाओं तथा
प्राकृतिक आपदाओं से जिनके आवास नष्ट हो गये थे, ऐसे हितग्राहियों को कुटीर/आवास
स्वीकृत किये जाने के संबंध में शासन के अद्यतन क्या निर्देश हैं ? निर्देशों की
छायाप्रति उपलब्ध करावें ?(ख) दमोह जिले में वर्ष 2012-13 से 2015-16 तक इंदिरा
आवास योजना सामान्य एवं होमस्टेट योजना के अंतर्गत विकलांगों/विधवाओं को
प्राप्त लक्ष्य के विरूद्ध कितनी-कितनी कुटीरें स्वीकृत की गई ? क्या
त्रिस्तरीय कमेटी के पदाधिकारियों की सहमति एवं हस्ताक्षरित उपरांत सूची जारी की
जाती है ?(ग) दमोह जिले में वर्ष 2012-13 से 2015-16 तक विकलांग/विधवाओं के कुटीर
प्राप्ति हेतु कितने आवेदन प्राप्त हुए तथा स्वीकृत करने में क्या प्रक्रिया
अपनायी गई ? क्या त्रिस्तरीय कमेटी के समक्ष समस्त प्राप्त आवेदन पत्रों की
इकजाई सूची प्रस्तुत की गई या नहीं ? उनमें से कितने हितग्राही का चयन किस आधार
पर किया गया ? प्रश्नांश दिनांक तक कितने आवेदन विचाराधीन हैं, इन आवेदनों का कब
तक निराकरण किया जावेगा ?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) :
(क)प्रदेश
में जिला स्तर पर शासन से प्राप्त लक्ष्य के विरूद्ध 3 प्रतिशत विकलांग व्यक्तियों
को आवास दिये जाने के निर्देश हैं तथा शत् प्रतिशत विधवा महिलाओं को जो आवासहीन
एवं प्रतीक्षा सूची में हैं उन्हें वरियता अनुसार आवास स्वीकृत करने के निर्देश
हैं। प्राकृतिक आपदाओं से नष्ट आवासों को पुनः निर्माण हेतु भारत सरकार स्तर पर 5
प्रतिशत निधि आरक्षित रखी जाती है। जिन राज्यों/जिलो में प्राकृतिक आपदायें आती
हैं, वहाँ आवासों के पुनः निर्माण हेतु स्पेशल प्रोजेक्ट स्वीकृत किया जाता है।
शासन के निर्देश संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अ अनुसार
है। (ख)शासन के निर्देशानुसार इंदिरा आवास योजना/होमस्टेड मे विकलांग/विधवा मद में
प्राप्त वार्षिक कुल लक्ष्य का 03 प्रतिशत विकलांग/विधवा मद में निर्धारित किये
जाने के निर्देश हैं। जिले को प्राप्त लक्ष्य एवं विकलांग/विधवा मद में
निर्धारित/स्वीकृत की जा रही कुटीराें की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के
प्रपत्र ब अनुसार है। विकलांग/विधवा मद में चयनित हितग्राहियाें का चयन जिला
स्तरीय त्रिस्तरीय कमेटी के माध्यम से स्वीकृत की जाती है। जिसमें अध्यक्ष जि.पं
कलेक्टर एवं मु.का.अधि.जि.पं के संयुक्त हस्ताक्षर से सूची जारी की जाती है।(ग)
दमोह जिले में वर्ष 2012-13 से 2015-16 तक 820 आवेदन विकलांग/विधवा कुटीर हेतु
प्राप्त हुये हैं। जिसमें वर्ष 2012-13 से 2014-15 तक 198 हितग्राहियाें को कुटीर
स्वीकृत की गई हैं तथा प्रश्न दिनांक तक 622 आवेदन विचाराधीन हैं। जिले को
प्राप्त लक्ष्य में विकलांग/विधवा हितग्राहियों का चयन, जिला स्तरीय त्रिस्तरीय
कमेटी के माध्यम से किया जाता है तथा अध्यक्ष जि.पं, कलेक्टर एवं मु.का.अधि.जि.पं
के संयुक्त हस्ताक्षर से सूची जारी की जाती है। भारत शासन से लक्ष्य प्राप्त होने
पर ही लंबित आवेदनों का निराकरण किया जावेगा।
दमोह जिले में
वर्ष 2013-14 में कृषि/उद्यान के योजनाओं की स्वीकृति
53. ( क्र. 648 ) श्री प्रताप
सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) दमोह
जिले में वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक उपसंचालक कृषि/उद्यान को किस-किस
योजना मद में कितनी-कितनी राशि शासन से प्राप्त हुई, उसे किन-किन कार्यों में
व्यय किया गया ?(ख) प्रश्नांश (क) में राज्य के अंदर एवं राज्य के बाहर कृषक
भ्रमण कार्यक्रम कब से कब तक कितने दिवसीय आयोजित किये गये, इसमें कितने कृषकों
एवं किन-किन अधिकारियों ने भाग लिया तथा उन पर कितनी राशि किन-किन कार्यों हेतु
व्यय हुई, इसका सत्यापन किस अधिकारी द्वारा किया गया है ?(ग) जिले में कृषि
महोत्सव/मेला तथा राज्य के अंदर एवं राज्य के बाहर कितने कृषक भ्रमण हेतु
कहां-कहां गये, कितने वाहनों को किस दर पर लिया गया तथा किराये की कितनी-कितनी
राशि का भुगतान कब-कब किसे किया गया ? भुगतान की गई राशि का सत्यापन किस अधिकारी
द्वारा कब किया गया ? वाहन स्वामी का नाम, पता, वाहन का प्रकार एवं पंजीयन
क्रमांक, सवारी क्षमता तथा चेक क्रमांक जिससे राशि भुगतान की गई आदि जानकारी सहित
बतलावें ?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर चतुर्भुज बिसेन ) :
(क)जिले में संबंधित कार्यालयवार योजनावार जानकारी निम्नानुसार है:-1 कार्यालय
उप संचालक किसान कल्याण तथा कृषि विकास जिला दमोह की जानकारी पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के प्रपत्र क अनुसार है।2 कार्यालय सहायक संचालक उद्यान जिला दमोह की
जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र क अनुसार है।(ख)कार्यालयवार
जानकारी निम्नानुसार है:-1 कार्यालय उप संचालक किसान कल्याण तथा कृषि विकास जिला
दमोह की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र क अनुसार है।2 कार्यालय
परियोजना संचालक आत्मा दमोह की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ख
अनुसार है। 3 कार्यालय सहायक संचालक उद्यान जिला दमोह की जानकारी पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट के प्रपत्र क अनुसार है।(ग)कृषक भ्रमण में बुलोरो फोर्स गामा (तुफान)
ट्रेक्स टवेरा बस आदि वाहनों का प्रयोग कर वाहर प्रकार अनुसार रूपये 10 से रूपये
38 प्रति किलोमीटर दर से भुगतान किया गया। कार्यालयवार योजनावार भ्रमणवार जानकारी
निम्नानुसार है:- 1 कार्यालय उप संचालक किसान कल्याण तथा कृषि विकास जिला दमोह की
जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ख अनुसार है।2 कार्यालय परियोजना
संचालक आत्मा दमोह की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ख अनुसार है
3 कार्यालय सहायक संचालक उद्यान जिला दमोह की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र क अनुसार है।4 कार्यालय सहायक कृषि अभियांत्रिकी दमोह की जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ग अनुसार है।
दमोह जिले
में खाद्यान्न का आवंटन
54. ( क्र. 652 ) श्री प्रताप
सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) जिला दमोह में
विधानसभा क्षेत्रवार कितना-कितना खाद्यान्न का आवंटन वर्ष मार्च,2014 से प्रश्न
दिनांक तक किया गया है ?(ख) जिले में विकासखण्डवार वितरण समिति/उचित मूल्य की
दुकानों द्वारा कितना-कितना खाद्यान्न उठाया गया तथा प्रश्न (क) में उल्लेखित
अवधि के दौरान कितना वितरण किया गया ? आवंटित खाद्यान्न में से बी.पी.एल. सूची के
कार्डधारियों को कितना खाद्यान्न वितरण किया गया है ?(ग) दमोह जिले में
विकासखण्डवार प्रश्न में उल्लेखित अवधि तक केरोसिन का कितना आवंटन प्राप्त हुआ
तथा कितना वितरण किया गया ? प्राप्त आवंटन में से प्राथमिकता परिवार कार्डधारियों
को कितना केरोसिन वितरण किया गया ?(घ) क्या खाद्यान्न एवं केरोसिन वितरण में
अनियमितता संबंधी अनेक शिकायतें उपभोक्ताओं द्वारा की गई थी, यदि हां, तो शिकायत
का क्या निराकरण किया गया ? वितरित खाद्यान्न एवं केरोसिन की जांच कब-कब किस-किस
अधिकारी द्वारा की गई ? जांच के दौरान कहां-कहां क्या-क्या अनियमितताएं पायी गई
तथा संबंधितों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई ? यदि नहीं की गई तो क्यों
?
खाद्य मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) दमोह जिले में माह
मार्च, 2014 से विधानसभा क्षेत्रवार आवंटित खाद्यान्न की जानकारी पुस्तकालय में
रखे
परिशिष्ट-'अ'
अनुसार है। (ख) प्रदेश में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के
अंतर्गत मुख्यमंत्री अन्नपूर्णा योजना का क्रियान्वयन दिनांक 01 मार्च, 2014 से
किया गया है जिसके अंतर्गत लाभांवित परिवारों की 2 श्रेणी हैं- अन्त्योदय अन्न
योजना एवं प्राथमिकता परिवार। बीपीएल परिवारों को प्राथमिकता परिवार श्रेणी में
सम्मिलित किया गया है इस प्रकार बीपीएल परिवारों को आवंटित एवं वितरित खाद्यान्न
का रिकार्ड पृथक से न रखे जाने के कारण बीपीएल परिवारों को आवंटित एवं वितरित
खाद्यान्न की जानकारी पृथक से दी जाना सम्भव नहीं है। माह मार्च, 2014 से
विकासखण्डवार उचित मूल्य दुकानों को प्रदाय एवं उनके द्वारा वितरित खाद्यान्न
की जानकारी पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट-'ब'
अनुसार है। (ग) माह मार्च, 2014 से अक्टूबर, 2014 तक दमोह जिले में
विकासखण्डवार आवंटित एवं वितरित केरोसीन मात्रा की जानकारी पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट-'स'
अनुसार है। प्राथमिकता परिवारों को वितरित केरोसीन की मात्रा की जानकारी पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट-'द'
अनुसार है।
(घ) जी हां। खाद्यान्न एवं केरोसीन वितरण के संबंध में
प्राप्त शिकायतों, जांचकर्ता अधिकारी का नाम एवं की गई कार्यवाही की जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट-'इ'
अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सहकारिता विभाग
द्वारा ऑडिट विषयक
55. ( क्र. 744 ) श्री राजेश
सोनकर : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) आयुक्त
सहकारिता एवं पंजीयक/भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा प्रदेश की सहकारी संस्था/बैकों
हेतु विभागीय अंकेक्षकों के साथ (चार्टर्स एकाउंटेन्ट) सनदी लेखापाल/फर्म को भी
सांविधिक सम्परीक्षा हेतु अधिकृत करते हुए इनका पेनल अनुमोदित किया है ? यदि हां
तो सनदी लेखापाल/फर्म (मे. स्वान. असोसिएट) किसे पेनल में अनुमोदित किया है ? (ख)
क्या इन्दौर स्थित नागरिक सहकारी बैंक लिमिटेड के अंकेक्षण कार्य सनदी लेखापाल
द्वारा अंकेक्षण प्रतिवेदन वर्ष 2013- व 2014-15 का विभाग को प्रस्तुत किया है ?
प्रस्तुत अंकेक्षण प्रतिवेदन के आधार पर त्रुटियों के लिए विशेष प्रतिवेदन
प्रस्तुत करने हेतु संयुक्त आयुक्त इन्दौर के पत्र दिनांक 16/07/2014,
03/01/2015 का पालन किया है ? और यदि नहीं तो क्यों ? (ग) क्या रजिस्ट्रार के
निर्देशों के पालन हेतु सनदी लेखापाल बाध्य नहीं है ? और यदि है तो उपरोक्त
(चार्टर्स एकाउंटेंट) सनदी लेखापाल के विरूद्ध निर्देशों के अपालन के विरूद्ध जारी
की गयी अनुमोदित पेनल में से ब्लैकलिस्ट (काली सूची) करते हुए उनके विरूद्ध
दण्डात्मक कार्यवाही की जावेगी ? यदि हां तो कब तक और क्या कार्यवाही होगी ?
(घ) आयुक्त सहकारिता मध्यप्रदेश के पत्र दिनांक 04/12/2014 के निर्देश के अनुसार
धारा 58-बी/ख के प्रकरण दर्ज नहीं करने के लिये कौन उत्तरदायी है ? और उनके
विरूद्ध कौन सी कार्यवाही एवं कब तक कार्यवाही की जावेगी ?
पंचायत
मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हां. क-श्रेणी (ख) जी हां. जी नहीं.
संबंधित सनदी लेखापाल फर्म को विशेष प्रतिवेदन प्रस्तुत नहीं करने के फलस्वरूप
कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया है. (ग) जी नहीं, सनदी लेखापाल फर्म आयुक्त
सहकारिता के निर्देशों का पालन करने के लिये बाध्य है. संबंधित फर्म पर कार्रवाई
प्रक्रियाधीन है. प्राप्त उत्तर के आधार पर संज्ञान में आने वाले तथ्यों के
परिप्रेक्ष्य में कार्रवाई की जायेगी. समय सीमा बताना संभव नहीं है. (घ) प्रकरण
पंजीबद्ध किया जा चुका है, अत: उत्तरदायित्व का प्रश्न उद्भूत नहीं होता.
उत्तरांश 'ग' अनुसार.
कसरावद विधानसभा क्षेत्र में बलराम तालाब की
स्वीकृति
56. ( क्र. 969 ) श्री सचिन
यादव : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) कसरावद
विधानसभा क्षेत्रांतर्गत कृषकों को पृथक-पृथक विकासखंडवार कुल कितने बलराम तालाब
कब-कब स्वीकृत किए गए ? विगत पांच वर्षों की जानकारी दें । (ख) उक्त समयावधि में
कितने कृषकों के आवेदन पत्र प्रश्न दिनांक तक प्राप्त हुए ? कितने स्वीकृत किये
गये और कितने किये जाना शेष है ? कितने अस्वीकृत किये गये ? कारण बतायें ?(ग) शेष
आवेदनों पर वर्ष के अंत तक क्या बलराम तालाब स्वीकृत कर दिये जायेंगे ? नहीं, तो
कारणों का उल्लेख करें । साथ ही अब तक कुल तालाबों की स्वीकृति की संख्या
बतायें ?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर चतुर्भुज बिसेन ) :
(क)कसरावद विधानसभा क्षेत्रांतर्गत वर्ष 2010-11 से 2015-16 तक विकासखंड
कसरावद में 105 कृषकों को एवं विकासखंड भीकनगांव में 22 कुल 127 कृषकों के बलराम
तालाब स्वीकृत किये गये।जानकारी पुस्तकालय में रखे संलग्न परिशिष्ट अनुसार
है।(ख)उक्त समयावधि में 127 कृषकों के आवेदन पत्र प्रश्न दिनांक तक पत्र प्राप्त
हुए, सभी 127 आवेदन पत्र स्वीकृत किये गये।कोई भी आवेदन पत्र स्वीकृत किया जाना
शेष नही है।अत: आवेदन अस्वीकृत किये जाने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।(ग)सभी
आवेदन स्वीकृत किये गये है।कोई भी आवेदन स्वीकृति हेतु प्रश्न दिनांक तक शेष नहीं
है।कुल 127 बलराम तालाब स्वीकृत किये गये।