मध्यप्रदेश
विधान सभा
प्रश्नोत्तर-सूची
जुलाई-अगस्त, 2025 सत्र
गुरुवार, दिनांक 07
अगस्त, 2025
भाग-1
तारांकित
प्रश्नोत्तर
नगरीय
निकाय नगर
परिषद में
हितग्राहियों
को पट्टों का वितरण
[नगरीय
विकास एवं
आवास]
1.
( *क्र. 2956 ) श्री
रजनीश हरवंश
सिंह : क्या
नगरीय विकास
एवं आवास
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) सिवनी
जिले की
केवलारी
विधानसभा
क्षेत्रांतर्गत
नगर परिषद, केवलारी
एवं नगर परिषद, छपारा में
वर्ष 2023 से
प्रश्न
दिनांक तक
किस-किस वार्ड
में
कितने-कितने
हितग्राहियों
को स्थायी पट्टे
वितरित किये
गये हैं तथा
ऐसे कितने
हितग्राही हैं, जिन्हें
स्थायी पट्टे
दिये जाने
हेतु चिन्हित
किया गया है? (ख) प्रश्नांश
(क) के
परिप्रेक्ष्य
में क्या
विभाग में नगर
परिषद
क्षेत्रांतर्गत
सम्मिलित किये
गये ग्रामीण
क्षेत्रों
में
हितग्राहियों
को स्थायी पट्टे
वितरित किये
जाने हेतु कोई
प्रस्ताव
विभाग के
समक्ष विचाराधीन
है? यदि
हाँ, तो
बताएं। (ग) कितने
स्थाई
पट्टेदार ऐसे
हैं,
जिनके पट्टों
के नवीनीकरण, शर्त उल्लंघन
एवं अपालन के
मामले लंबित
हैं? पूर्णतः
जानकारी
देवें।
नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री (
श्री कैलाश
विजयवर्गीय ) : (क) सिवनी
जिले की
केवलारी
विधानसभा
अंतर्गत नगर
परिषद
केवलारी में 31 एवं नगर
परिषद छपारा
में 226
हितग्राहियों
को स्थाई
पट्टा वितरित
किया गया है
तथा नगर परिषद
केवलारी में 63 तथा नगर
परिषद छपारा
में 522
हितग्राहियों
को स्थाई
पट्टा दिये
जाने हेतु
चिन्हित किया
गया है। जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
अनुसार है। (ख) जी
नहीं, प्रश्नांकित
अनुसार प्रस्ताव
विभाग के
समक्ष
विचाराधीन
नहीं है, परंतु उत्तरांश
(क) अनुसार
नगर परिषद
केवलारी में 63 एवं नगर
परिषद छपारा
में 522
प्रकरण जिला
प्रशासन के
समक्ष
विचाराधीन है।
(ग) जिला
प्रशासन के
पास स्थाई
पट्टेदारों
के प्रश्नांकित
अनुसार ऐसे
कोई मामले
लंबित नहीं हैं।
मुख्यमंत्री
अधोसंरचना
विकास योजना
[नगरीय
विकास एवं
आवास]
2.
( *क्र. 1319 ) श्री
बिसाहूलाल
सिंह : क्या
नगरीय विकास
एवं आवास
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) म.प्र.
नगरीय
प्रशासन
विभाग में नगर
पालिका एवं
नगर परिषदों
को चौथे चरण
में मुख्यमंत्री
अधोसंरचना
योजना में
कितनी-कितनी राशि
स्वीकृत की
गई है? स्वीकृत
राशि, निकाय
का नाम एवं
दिनांक सहित
जानकारी
देवें। (ख) मुख्यमंत्री
अधोसंरचना
में किन-किन
निकायों ने ऋण
अनुबंध किया
है? निकाय
का नाम, अनुबंध
दिनांक तथा
उत्तर
दिनांक तक
अनुबंध
अनुसार राशि
रिलीज करने की
पूर्ण
जानकारी
देवें? (ग) क्या
मुख्यमंत्री
के नाम से
संचालित
योजना के
क्रियान्वयन
व राशि रिलीज
करने में
विलंब जनहित व
शासन हित में
है? यदि
नहीं, तो
प्रदेश के
मुख्यमंत्री
इस योजना के
समय-सीमा में
क्रियान्वयन
के लिये जिम्मेदारी
तय करेंगे? (घ) क्या
योजना में
अनुबंध राशि
रिलीज में
विलंब से नगरीय
विकास
प्रभावित
होने के साथ
ही लागत मूल्य
बढ़ने पर कौन
जिम्मेदार
होगा? क्या
म.प्र. शासन
मुख्यमंत्री
के नाम से
संचालित
योजना के
क्रियान्वयन
में समय-सीमा निर्धारित
कर राशि रिलीज
करायेंगे? यदि नहीं, तो अपूर्ण
कार्य व
प्रदेश की
अपूर्णीय
क्षति के लिये
कौन जिम्मेदार
होगा?
नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री (
श्री कैलाश
विजयवर्गीय ) : (क) जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) योजना
में ऋण राशि
म.प्र. अर्बन
डेवलपमेंट
कंपनी के
माध्यम से
वित्तीय/शासकीय
संस्थाओं/राष्ट्रीयकृत
अनुसूचित
अथवा निजी
बैंकों/हुडको
से लिये जाने
का प्रावधान
है। म.प्र.
अर्बन
डेवलपमेंट
कंपनी द्वारा
ऋण हेतु निविदा
प्रक्रिया
उपरांत चयनित
वित्तीय संस्था
हाउसिंग एण्ड
अर्बन
डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन
(हुडको) के साथ
अनुबंध
दिनांक 25.08.2024 को
निष्पादित
किया गया। वित्त
विभाग द्वारा
प्रावधानित ऋण
राशि रु. 954.80 करोड़ की
शासकीय
प्रत्याभूति
वित्त विभाग के
आदेश क्र. A1146/434/2024/B-7/DMC/IV,
दिनांक
05.11.2024 को जारी की
गई है। वित्त
विभाग द्वारा
हुडको को
हस्ताक्षरित
प्रत्याभूति
विलेख दिनांक 03.02.2025 को जारी किया
गया। ऋण राशि
हुडको के
माध्यम से उपलब्ध
कराई जा रही
है। ऋण एवं इस
पर लगने वाले
ब्याज का
शत-प्रतिशत
पुनर्भुगतान
राज्य शासन द्वारा
किया जाना है।
योजना की अवधि
मार्च 2025 में
समाप्त होने
से योजना की
निरंतरता
हेतु मंत्रि-परिषद
से स्वीकृति
प्राप्त की जा
रही है। (घ) परियोजनाओं
में प्राईस
एडजस्टमेंट
का प्रावधान
नहीं होने से
ऋण राशि विमुक्त
होने में हुए
विलंब से
अनुबंध लागत
में वृद्धि
होने का प्रश्न
उपस्थित नहीं होता
है। निकायों
की मांग एवं
परियोजना की
प्रगति के आधार
पर अनुदान
राशि विमुक्त
की गई है। मंत्रि-परिषद
से योजना की
निरंतरता की
स्वीकृति उपरांत
समय-सीमा निर्धारित
कर ऋण राशि
विमुक्त की जायेगी।
शेषांश का प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है।
बानमोर
नगर परिषद का
नगर पालिका
में उन्नयन
[नगरीय
विकास एवं
आवास]
3.
( *क्र. 2575 ) श्री
दिनेश गुर्जर
: क्या
नगरीय विकास
एवं आवास
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
नगर परिषद
बानमोर (जिला
मुरैना) को
नगर पालिका
घोषित करने
हेतु शासन
स्तर पर क्या
कार्रवाई की
गई है? क्या
इस विषय में
प्रारंभिक
जांच/सर्वेक्षण
अथवा सक्षम
प्राधिकरण की
कोई अनुशंसा
प्राप्त हुई
है? (ख) क्या
बानमोर की
जनसंख्या
वर्ष 2011 की
जनगणना के
अनुसार 32,388 थी और
वर्तमान G.I.S. सर्वे के
अनुसार 70,000 से अधिक हो
चुकी है, जिसमें 13,396 मकानों का
भौगोलिक
सत्यापन दर्ज
है? यदि
हाँ, तो
क्या यह
संख्या नगर
पालिका हेतु
निर्धारित
मानकों को
पूर्ण करती है? यदि हाँ, तो बानमोर
को नगर पालिका
क्यों नहीं बनाया
जा रहा? (ग) क्या
म.प्र. नगर
पालिका
अधिनियम, 1961 की धारा 5 के
अंतर्गत
बानमोर नगर
परिषद को नगर
पालिका में
रूपांतरित
करने हेतु कोई
विभागीय
परीक्षण या
औचित्य
मूल्यांकन
किया गया है? यदि हाँ, तो
जानकारी
देवें? यदि नहीं, तो क्या
कारण है? (घ) क्या
नगरीय प्रशासन
विभाग द्वारा
बानमोर की
भौगोलिक
स्थिति, शहरी
सुविधाएं एवं N.H.A.I. संपर्कता
के आधार पर
कोई
सर्वेक्षण/रिपोर्ट
तैयार की गई
है? यदि
नहीं, तो
इसे कब तक
प्रस्तावित
किया जायेगा?
नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री (
श्री कैलाश
विजयवर्गीय ) : (क) जी
हाँ। नगर
परिषद बानमोर
जिला मुरैना
का नगर पालिका
परिषद के रूप में
उन्न्यन
किये जाने के
संबंध में
कलेक्टर
जिला मुरैना
से विधिवत
प्रस्ताव
चाहा गया है। जी
नहीं। (ख) जी
नहीं। जनगणना 2011 अनुसार
नगर परिषद
बानमोर की
जनसंख्या 32838 थी। वर्तमान
जी.आई.एस.
सर्वे में नगर
परिषद में
स्थित
संपत्तियों
की संख्या 13396 है। जी.आई.एस.
सर्वे में
जनसंख्या की
गणना नहीं की
गई है, शेषांश
का प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (ग) एवं (घ) उत्तरांश
'क' के
परिप्रेक्ष्य
में प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है।
खेतों
पर जाने हेतु
समानान्तर
रास्ते की
सुविधा
[लोक
निर्माण]
4.
( *क्र. 1410 ) श्री भैरो
सिंह बापू : क्या लोक
निर्माण
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश
में दिल्ली
मुबंई एक्सप्रेसवे
8 लाईन के
निर्माण में
गरोठ तहसील
क्षेत्र, जिला
मंदसौर में
एक्सप्रेसवे
के समानान्तर
रास्ते न होने
से किसानों को
अपने खेतों तक
पहुंचने का
रास्ता नहीं मिल
रहा है, किसानों
को अपने खेतों
तक पहुंचने के
लिये समानान्तर
रास्ते की
आवश्यकता है, उक्त
समस्या के
निराकरण हेतु
विभाग द्वारा क्या-क्या
कार्यवाही की
जा रही है? (ख) प्रश्नांश
(क) अनुसार
किसानों को अपने
खेतों पर जाने
हेतु समानान्तर
रास्ते की
सुविधा कब तक
मिल सकेगी?
लोक
निर्माण
मंत्री ( श्री
राकेश सिंह ) : (क) एवं
(ख) मध्यप्रदेश
में दिल्ली
मुबंई
एक्सप्रेसवे 8 लाईन का
निर्माण
कार्य भारतीय
राष्ट्रीय
राजमार्ग प्राधिकरण
द्वारा किया
जा रहा है। भारतीय
राष्ट्रीय
राजमार्ग
प्राधिकरण
परियोजना निर्देशक
इकाई रतलाम से
प्राप्त
उत्तर पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट अनुसार है।
सूत्र
सेवा योजना में
आवंटित व
संचालित वाहन
[नगरीय
विकास एवं
आवास]
5.
( *क्र. 2632 ) डॉ.
हिरालाल
अलावा : क्या
नगरीय विकास
एवं आवास
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) अर्बन
डेवलपमेंट
अथॉरिटी ने
एग्रीमेंट
करके इंदौर, उज्जैन
एवं भोपाल
संभाग में
क्लस्टर पर
संचालन के लिये
बसें आवंटित
की,
जिसके तहत
वाहनों को 40% सब्सिडी
दी गई है, ऐसे समस्त
वाहनों की
जानकारी देवें।
(ख) इंदौर, उज्जैन, भोपाल
संभाग
अंतर्गत
क्लस्टर में
कितने वाहनों
का आवंटन किया
गया है? कितने
क्लस्टरों पर
कितने परमिट
स्वीकृत किये गये
हैं एवं
वर्तमान में
कितने
क्लस्टर
रिक्त हैं? (ग) वर्तमान
में इंदौर, भोपाल एवं
उज्जैन संभाग
में चल रहे
वाहनों की स्थिति
सरेंडर
वाहनों के
टैक्स की स्थिति
एवं वाहन कब
से सरेंडर है? उसकी
जानकारी
देवें। (घ) टैक्स
बकाया की
स्थिति में वाहनों
पर क्या कार्यवाही
की गई? (ड.) सूत्र
सेवा के योजना
के संपूर्ण
नियम और
कार्ययोजना
की जानकारी
एवं सब्सिडी किस
नियम में दी
गई, की
जानकारी
बतावें। प्रश्न-दिनांक
तक सूत्र सेवा
में प्रदेश
में कितने
वाहनों की
खरीदी हुई? इन वाहनों
से सरकार को
कितना राजस्व
मिला, कितना
बकाया है? (च) चार्टेड
बस प्राइवेट
लिमिटेड और
चार्टेड
स्पीड
प्राइवेट
लिमिटेड
कंपनियों को
स्वीकृत
क्लस्टर
वाहनों की जानकारी
देवें। वर्तमान
में कितने
परमिटों एवं
वाहनों को
सरेंडर किया
है? टैक्स
की जानकारी और
इन कंपनियों
पर वर्तमान
में कितना
टैक्स बकाया
है?
नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री (
श्री कैलाश
विजयवर्गीय ) : (क) अर्बन
डेवलपमेंट
अथॉरिटी नाम
से कोई अथॉरिटी
नहीं है, शेषांश का
प्रश्न
उत्पन्न नहीं
होता है। (ख) इंदौर
उज्जैन, भोपाल
संभाग
अंतर्गत
क्लस्टर में
कोई वाहन आवंटन
नहीं किये गये
हैं। शेषांश
का प्रश्न
उत्पन्न नहीं
होता है। (ग) वर्तमान
में इंदौर, भोपाल एवं
उज्जैन संभाग
में चल रहे
वाहनों की स्थिति की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-1 अनुसार है। भोपाल द्वारा
सरेंडर
वाहनों के
टैक्स की
स्थिति एवं
वाहन कब से
सरेंडर हैं कि
जानकारी
क्षेत्रीय
परिवहन
कार्यालय से संकलित
की जा रही है। इन्दौर
शहर की परिवहन
कंपनी द्वारा वाहनों
के टैक्स की
स्थिति एवं
वाहन कब से
सरेंडर की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र 2 अनुसार है। देवास, खण्डवा
एवं
बुरहानपुर
शहर की परिवहन
कंपनी द्वारा
सरेंडर
वाहनों के
टैक्स की जानकारी
संकलित की जा
रही है एवं
वाहन कब से
सरेंडर की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-1 अनुसार है। (घ) इन्दौर
शहर की परिवहन
कंपनी द्वारा
टैक्स बकाया
की स्थिति में
वाहनों पर की
गई कार्यवाही के
संबंध में जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-2 अनुसार है। भोपाल, देवास, खण्डवा
एवं
बुरहानपुर
शहर की परिवहन
कंपनी द्वारा
जानकारी
क्षेत्रीय
परिवहन
कार्यालय से संकलित
की जा रही है। (ड.) सूत्र
सेवा के योजना
के संपूर्ण
नियम और
कार्ययोजना
एवं सब्सिडी
की जानकारी पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-3 अनुसार है। सूत्र
सेवा अंतर्गत
प्रदेश में
वाहनों की खरीदी
निकायों
द्वार नहीं की
गई है। अत:
शेषांश का प्रश्न
उत्पन्न नहीं
होता है। खण्डवा, बुरहानपुर
एवं देवास में
वाहनों से
सरकार को कोई
भी राजस्व
प्राप्त नहीं
हुआ एवं कोई
बकाया नहीं है।
भोपाल एवं
इन्दौर में
वाहनों से
प्राप्त राजस्व
एवं बकाया की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-4 अनुसार है। (च) इन्दौर
शहर की परिवहन
कंपनी
अंतर्गत
चाटर्ड बस
प्रा.लि. और
चार्टर्ड
स्पीड
प्राईवेट
लिमिटेड को
स्वीकृत
क्लस्टर वाहनों
की सूची एवं
वाहनों की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र 5 अनुसार है। परमिट, वर्तमान
में संचालित
परमिट की जानकारी
संकलित की जा
रही है। भोपाल
शहर की परिवहन
कंपनी
अंतर्गत
चाटर्ड बस
प्रा.लि. और
चार्टर्ड
स्पीड
प्राईवेट
लिमिटेड को
स्वीकृत
वाहनों की
सूची पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-6 अनुसार है। इन्दौर
शहर की परिवहन
कंपनी
अंतर्गत
चाटर्ड बस
प्रा.लि. और
चार्टर्ड
स्पीड
प्राईवेट
लिमिटेड पर
टैक्स संबंधी जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-2 अनुसार है। भोपाल
शहर की परिवहन
कंपनी
अंतर्गत
परमिट, वर्तमान
में संचालित
परमिट, वर्तमान
में कितने
परमिटों एवं
वाहनों को सरेंडर
किया, टैक्स
की जानकारी और
कंपनी पर वर्तमान
में कितना
टैक्स बकाया
संबंधी जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र- 7 अनुसार है। क्षेत्रीय
परिवहन
कार्यालय, इन्दौर
एवं उज्जैन की
जानकारी
संकलित की जा
रही है।
प्रधानमंत्री
आवास योजना
[नगरीय
विकास एवं
आवास]
6. ( *क्र. 3135 ) श्री
प्रेमशंकर
कुंजीलाल
वर्मा : क्या
नगरीय विकास
एवं आवास
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) प्रधानमंत्री
आवास योजना
अंतर्गत
सिवनी-मालवा,
नगर पालिका
में आज दिनांक
तक कितने
प्रधानमंत्री
आवास वितरित किये
गये हैं? (ख) कितने
हितग्राहियों
को आवास
स्वीकृत हैं
एवं कितने
पात्र
हितग्राही
प्रतीक्षा
सूची में हैं? (ग)
क्या
नगर पालिका
द्वारा
प्रधानमंत्री
आवास योजना
अंतर्गत
मल्टी आवास का
निर्माण किया
जा रहा है? (घ)
यह
मल्टी आवास
निर्माण
कार्य कब शुरू
किया गया था
एवं कब तक
पूर्ण हो जायेगा?
जानकारी दें।
नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री (
श्री कैलाश
विजयवर्गीय ) : (क) एवं
(ख) जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी
हाँ। (घ) जी
हाँ। कार्य
प्रारंभ करने
का दिनांक 20.04.2018 एवं कार्य
पूर्ण करने का
दिनांक 30.11.2025 है।
उज्जैन-जावरा
टू-लेन रोड का
चौड़ीकरण
[लोक
निर्माण]
7.
( *क्र. 2175 ) डॉ.
रामकिशोर
दोगने : क्या लोक
निर्माण
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) आगामी
उज्जैन
सिंहस्थ व बढ़ते
यातायात को
देखते हुए एम.पी.आर.डी.सी.
द्वारा उज्जैन-जावरा
टू-लेन रोड को 5-5 फीट चौड़ा करने
हेतु विभाग क्या
कार्यवाही कर
रहा है? विवरण दें।
(ख) वर्ष
2021 से 2025 तक
उज्जैन-जावरा
रोड पर ब्लैक
स्पॉट व अन्य
कारणों से
कितनी
दुर्घटना हुई
व दुर्घटना
में कितने लोग
मृत/घायल हुए? जिनके
प्रकरण
भैरूगढ़, उन्हेल, नागदा
मण्डी, बिरलाग्राम, खाचरौद, बडावदा, जावरा
थानों में
दर्ज है? वर्षवार, थानावार
विवरण दें। (ग) आगामी
सिंहस्थ को
देखते हुए
उज्जैन-जावरा
बी.ओ.टी. रोड पर
नागदा बायपास
के रेल्वे
ओव्हर ब्रिज से
श्रीराम
कॉलोनी व शहर
को जोड़ने
हेतु नये मार्ग
के निर्माण के
लिये 500
बाय 12
मीटर की
अधिग्रहित
भूमि पर
सर्विस रोड के
निर्माण करने
हेतु
जनप्रतिनिधियों
द्वारा कब-कब
पत्र लिखकर
मांग की गई? विभाग
द्वारा इस पर
क्या
कार्यवाही की
गई? विभाग
द्वारा कब तक
इसकी
स्वीकृति
प्रदान कर दी जायेगी? (घ) क्या
जिला मार्ग नागदा
से
गिदगढ़-मोकड़ी
पर निनावटखेड़ा
में चम्बल नदी
पर ब्रिज
बनाने हेतु
टेण्डर आमंत्रित
किये गये हैं? यदि नहीं, तो क्यों? टेण्डर कब
तक आमंत्रित किये
जायेंगे? (ड.) औद्योगिक
रिंगरोड पर
फाटक क्र. 02 पर रेल्वे
ओव्हर ब्रिज
बनाने हेतु
विभाग क्या
कार्यवाही कर
रहा है? कार्यवाही
कब तक पूर्ण
कर ली जायेगी?
लोक
निर्माण
मंत्री ( श्री
राकेश सिंह ) : (क) उज्जैन-जावरा
2-लेन रोड को 5-5 फीट चौड़ा
करने हेतु कोई
कार्यवाही
वर्तमान में
प्रचलित नहीं
है। अत: शेष का
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (ख) जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) जानकारी
पुस्तकालय में रखे
प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (घ) जी
नहीं। उक्त
कार्य न तो
किसी योजना
में स्वीकृत
है एवं न ही
प्रस्तावित
है। अत: शेष का
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (ड.) उक्त
कार्य न तो
किसी योजना
में स्वीकृत
है एवं न ही
प्रस्तावित
है। अत: शेष का
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
R.D.S.S. योजनांतर्गत
कराये गये कार्य
[ऊर्जा]
8.
( *क्र. 3127 ) श्री
सिद्धार्थ
सुखलाल
कुशवाहा : क्या
ऊर्जा मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) सतना
जिला अंतर्गत R.D.S.S. योजना में
चल रहे
विद्युतीकरण
कार्यों को
पूर्ण करने की
समयावधि क्या
है? क्या
समयावधि में
वृद्धि की गई? यदि की गई
तो कितने माह
की और क्यों? कार्यों
में देरी का
कारण क्या है? समय पर
कार्य पूर्ण
क्यों नहीं
कराया गया? (ख) सतना
जिला अंतर्गत R.D.S.S. योजना में
कितने
ट्रान्सफार्मर
किस आधार पर कौन-कौन
से ग्राम
पंचायतों के
लिये स्वीकृत
किये गये हैं? उक्त
स्वीकृत
ट्रान्सफार्मरों
में से कितने
ट्रान्सफार्मर
किन-किन
स्थानों पर
लगाये गये हैं? प्रत्येक
ट्रान्सफार्मर
में कितने-कितने
कनेक्शनधारी
हैं और कितना-कितना
राजस्व
प्राप्त होता
है,
कितने
ट्रान्सफार्मर
लगाया जाना
शेष है? विधानसभावार, ग्राम
पंचायतवार, ट्रान्सफार्मरवार
अलग-अलग
जानकारी
उपलब्ध करायें। (ग) उक्त
योजना के तहत
जो
ट्रान्सफार्मर
लगाये जाते
हैं,
उनके तकनीकी
मापदण्ड क्या
हैं? कौन
तय करता है
किस आधार पर
कौन सा
ट्रान्सफार्मर
कहां लगाया
जायेगा? क्या उपभोक्ताओं
की मांग के
आधार पर
ट्रान्सफार्मर
लगाया जाता है या कोई
अन्य मापदण्ड
या तकनीकी
पैमाना है,
ट्रान्सफार्मर
लगाने का? एम.पी.ई.बी.
के कौन से
अधिकारी तय
करते हैं कि
किस ग्राम में
किस स्थान पर
किस उपभोक्ता
के यहां
ट्रान्सफार्मर
लगाया जायेगा? (घ) विद्युत
विभाग सतना
द्वारा
विद्युत
लाइन/तार चोरी
के कितने
प्रकरण दर्ज
करायें हैं? कहां-कहां
कितने-कितने
लाइनों की
चोरी हुई है? क्या
विद्युत
विभाग के पास
जानकारी है? क्या
विद्युत
विभाग द्वारा
रिपोर्ट दर्ज
कराई गई? यदि हाँ, तो
कहां-कहां
कब-कब रिपोर्ट
दर्ज कराई गई? विगत 3 वर्षों की
सूची दें।
ऊर्जा
मंत्री ( श्री
प्रद्युम्न
सिंह तोमर ) : (क) जिला
सतना में
आर.डी.एस.एस.
अंतर्गत
विद्युत अधोसंरचना
के सुदृढ़ीकरण
के कार्यों को
पूर्ण करने की
अवधि कार्यादेश
की दिनांक से 24 माह है। जी
हाँ, शेष
कार्यों को
पूर्ण किये
जाने हेतु
विभिन्न
कारणों को
दृष्टिगत
रखते हुए समय
अवधि में
वृद्धि की गई
है। समय अवधि
में की गई
वृद्धि की
विलंब के
कारणों सहित जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) विद्युत
मंत्रालय, भारत
सरकार द्वारा
वित्तीय रूप
से साध्य एवं
परिचालन में
दक्ष वितरण
क्षेत्र के
माध्यम से
उपभोक्ताओं
को गुणवत्तापूर्ण
और विश्वसनीय
विद्युत
आपूर्ति के
उद्देश्य से
सुधारों से
जुड़े परिणाम
आधारित वितरण
क्षेत्र
योजना ''रिवेम्प्ड
डिस्ट्रीब्यूशन
सेक्टर स्कीम'' लागू की गई
है। योजना का
मुख्य
उद्देश्य
वितरण
कंपनियों की
समग्र तकनीकी
एवं
वाणिज्यिक
हानियों को कम
करना तथा
बिजली की
प्रति यूनिट
लागत तथा
राजस्व के
अंतर को समाप्त
करना है। सतना
जिला अंतर्गत
आर.डी.एस.एस.
योजना के तहत
मुख्यत: 33/11 के.व्ही.
नवीन विद्युत
उपक्रेन्दों
की स्थापना, 33 के.व्ही.
लाईन का इंटर कनेक्शन
एवं विस्तार, नवीन
कैपेसिटर
बैंक की स्थापना
तथा 11
के.व्ही.
फीडरों के
विभक्तिकरण
के कार्य किये
जाना स्वीकृत
हैं। उक्त
कार्यों का
सर्वे
पंचायतवार/ग्रामवार
नहीं, अपितु
पूर्व से
स्थापित
विद्युत
अधोसंरचना के
सुदृढ़ीकरण, परिचालन
सुगमता तथा
घरेलू एवं
कृषक उपभोक्ताओं
को क्रमशः 24 घंटे एवं 10 घंटे
निर्बाध
विद्युत
प्रदाय करने
के अनुरूप
किया गया है। अतः
शेष प्रश्न
नहीं उठता है।
(ग) उत्तरांश
(ख) में उल्लेखानुसार
तथा
क्षेत्रांतर्गत
भार प्रबंधन
हेतु तकनीकी
साध्यता के
आधार पर
योजनांतर्गत
वितरण
ट्रांसफार्मरों
के कार्य
प्रस्तावित
किये गये हैं, जिस हेतु
क्षेत्र में
संबंधित
वितरण केन्द्र
प्रभारी/कनिष्ठ
अभियंता के
द्वारा स्थापित
विद्युत अधोसंरचना
का सर्वे कर
आवश्यकता के
आधार पर वितरण
ट्रांसफार्मर
के कार्य
प्रस्तावित
किये गये हैं।
(घ) जिला
सतना में
विद्युत
लाईनों के
तारों के चोरी
होने के 55 प्रकरणों
में विभिन्न
थानों में
रिपोर्ट दर्ज
कराने हेतु
प्राथमिक
सूचना
प्रेषित की गई, विगत 3 वर्षों की
अवधि में
विद्युत
लाइनों के
चोरी होने एवं
रिपोर्ट दर्ज
संबंधी स्थान
सहित जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट के
प्रपत्र 'ब' अनुसार है।
अल्पसंख्यक
शिक्षण संस्थाओं
में आर.टी.ई. से
प्रवेश
[पिछड़ा
वर्ग एवं
अल्पसंख्यक
कल्याण]
9.
( *क्र. 100 ) डॉ.
सीतासरन
शर्मा : क्या
राज्यमंत्री, पिछड़ा
वर्ग एवं
अल्पसंख्यक
कल्याण
महोदया यह
बताने की कृपा
करेंगी कि (क) प्रदेश
में अल्पसंख्यक
शिक्षण संस्थानों
की जिलावार
संख्या (ईसाई/मुस्लिम/सिख/जैन/बौद्ध
एवं अन्य
पृथक-पृथक) बताते
हुए
नर्मदापुरम
जिले की नाम
सहित जानकारी
देते हुए
बतावें कि किस
आधार पर उक्त
संस्थाओं को
अल्पसंख्यक
की सुविधा है? (ख) अल्पसंख्यक
शिक्षण संस्थानों
और सामान्य
शिक्षण संस्था
में किन
मापदंडों के
आधार पर
मूलभूत अतंर है, अल्पसंख्यक
संस्थान को
शासन की ओर से
कौन-कौन से
छूट/लाभ/सहायता
दी जाती है
एवं ऐसी संस्थाओं
के कौन से
विशेषाधिकार
है? (ग) क्या अल्पसंख्यक
शिक्षण संस्था
में शिक्षा के
अधिकार के
अंतर्गत
निर्धन छात्रों
को प्रवेश की
पात्रता नहीं
है? यदि
हाँ, तो
क्यों एवं
किन
प्रावधानों
के अंतर्गत। (घ)
क्या शासन
सुनिश्चित
करेगा कि अल्पसंख्यक
शिक्षण संस्थाओं
में विद्यार्थियों
को प्रवेश
दिया जा सके, जिससे
अधिक से अधिक
संख्या में
निर्धन
श्रेणी के
विद्यार्थियों
उक्त योजना
का लाभ उठा
सके। (ड.) नर्मदापुरम
जिले की अल्पसंख्यक
शिक्षण संस्थाओं
में अल्पसंख्यक
समुदाय के
कितने छात्र
अध्ययनरत हैं, इस संबंध
में शासन के
निर्देशों की
प्रति उपलब्ध
करावें।
राज्यमंत्री, पिछड़ा
वर्ग एवं
अल्पसंख्यक
कल्याण (
श्रीमती
कृष्णा गौर ) : (क) प्रदेश
में अल्पसंख्यक
शिक्षण संस्थानों
की विभागांतर्गत
जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट अनुसार
है, जिसमें
नर्मदापुरम
जिले की कोई
भी संस्था
विभाग द्वारा
अल्पसंख्यक
मान्यता
प्रमाण पत्र
प्राप्त
नहीं है। (ख) अल्पसंख्यक
शिक्षण संस्थानों
को शिक्षा के
अधिकार के
अंतर्गत
नियमों में
लाभ/सहायता की
पात्रता है, जो शिक्षा
विभाग से
संबंधित है। शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (ग) एवं
(घ) प्रश्नांश
(ख) के
परिप्रेक्ष्य
में प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (ड.) नर्मदापुरम
जिले की कोई
भी संस्था
विभाग द्वारा
अल्पसंख्यक
मान्यता
प्राप्त
नहीं है। यदि
संस्थाओं
द्वारा राष्ट्रीय
अल्पसंख्यक
शैक्षणिक
संस्थान
आयोग द्वारा
अल्पसंख्यक
मान्यता
प्रमाण पत्र
लिया गया है, तो प्रश्न
राष्ट्रीय
अल्पसंख्यक
शैक्षणिक
संस्थान
आयोग से
संबंधित है।
ग्राम
पंचायत
चंदेरा का नगर
परिषद में उन्नयन
[नगरीय
विकास एवं
आवास]
10.
( *क्र. 3371 ) श्री
हरिशंकर खटीक
: क्या
नगरीय विकास
एवं आवास
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) टीकमगढ़
जिले के जनपद
पंचायत जतारा
के ग्राम पंचायत
चंदेरा को नगर
परिषद में
उन्नयन करने विभाग
में क्या
प्रस्ताव
लंबित हैं? (ख) प्रश्नांश
(क) के आधार पर
बतायें कि प्रश्नकर्ता
द्वारा क्या
इससे संबंधित
प्रश्न करके
शासन का
ध्यानाकर्षित
कराया गया था
तो कौन से प्रश्न
क्रमांक
द्वारा एवं कब? (ग) क्या
जनहित में
विभाग चंदेरा
को नगर परिषद
बनाये जाने
हेतु विभाग
विचार कर रहा
है? अगर
हाँ तो प्रश्नकर्ता
के प्रश्न के
आधार पर शासन
कब तक ग्राम
चंदेरा को नगर
परिषद
बनायेगा? निश्चित
समय-सीमा सहित
बतायें।
नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री (
श्री कैलाश
विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ।
ग्राम पंचायत
चंदेरा, जिला
टीकमगढ़ को
नगर परिषद
बनाये जाने के
संबंध में
कलेक्टर जिला
टीकमगढ़ से
विधिवत
प्रस्ताव
चाहा गया है। कार्यवाही
प्रक्रियाधीन
है। (ख) जी हाँ।
पूर्व में प्रश्न
क्रमांक 4285,
सत्र जुलाई 2024
द्वारा शासन
का ध्यान
आकर्षित किया
गया था। (ग) ग्राम
पंचायत
चंदेरा जिला
टीकमगढ़ में
नगर परिषद के
गठन के संबंध
में
कार्यवाही
प्रक्रियाधीन
होने से समय-सीमा
बताया जाना
संभव नहीं है।
म.प्र.
राज्य
कर्मचारी
आवास निगम के
भूखण्डों का हस्तांतरण
[नगरीय
विकास एवं
आवास]
11.
( *क्र. 2676 ) श्री
विपीन जैन : क्या
नगरीय विकास
एवं आवास
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) मध्य
प्रदेश राज्य
कर्मचारी
आवास निगम
अधीनस्थ
ग्राम भून्याखेड़ी, जिला
मंदसौर में
मूल आवंटी से
अन्य को भूखंड
हस्तांतरण का
कितना शुल्क
निर्धारित है? भूखंड
साइज वार
विवरण देवें। (ख) वर्ष
2010 से
वर्तमान तक
विभिन्न आकार
के कितने
भूखंडों का
हस्तांतरण
मूल आवंटी से
अन्य को किया
गया एवं कितना
शुल्क वसूला
गया? सूची
देवें। क्या
इसमें नियम से
कोई भिन्नता
है? यदि
हाँ, तो
कारण सहित
अवगत करायें। (ग) क्या
निगम के
प्रचलित
नियमों के
अनुसार उक्त योजना
में नियम से
अधिक वसूले गये
शुल्क का
प्रावधान है? क्या अधिक
वसूली गई राशि
को
उपभोक्ताओं
को लौटाया जायेगा
तथा संबंधित
के विरुद्ध कोई
कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक और
नहीं तो क्यों? (घ) कर्मचारी
आवास निगम
विभाग
रजिस्ट्री से
तीन वर्ष तक
नामांतरण
नहीं करने के
नियम का हवाला
देकर कई लोगों
को परेशान
किया जा रहा
है,
जबकि नियम आवंटन
से तीन वर्ष
का है, हाउसिंग
बोर्ड व विकास
प्राधिकरण
में भी यही
नियम है, स्थिति को
स्पष्ट करें। (ड.) समस्त
प्रकार की
राशियां
विभाग द्वारा
वसूलने के
बावजूद भी
कॉलोनी को नगर
पालिका में
हस्तानांतरित
क्यों नहीं
किया जा रहा
है?
नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री (
श्री कैलाश
विजयवर्गीय ) : (क) मध्य
प्रदेश राज्य
कर्मचारी
आवास निगम की
योजना ग्राम
भून्याखेड़ी, मंदसौर
में मूल आवंटी
से अन्य को
भूखण्ड हस्तांतरण
के निर्धारित
शुल्क के
संबंध में
आदेश क्रमांक 15925/कर्म.आ.नि/2000, दिनांक 04.11.2000
प्रभावशील है।
उक्त आदेश की
कंडिका 4 अनुसार
निर्धारित
शुल्क की
जानकारी सभी
साईज के भूखण्डों
के लिये समान
रूप से
निर्धारित है।
जानकारी पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) वर्ष 2010 से
वर्तमान तक
मूल आवंटी से
अन्य को हस्तांतरण
किये गये
विभिन्न
आकार के भूखण्डों
की सूची पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र 'ब' अनुसार है।
सभी से
20 प्रतिशत
हस्तांतरण
शुल्क की
राशि वसूल की
गई है। (ग) जी
नहीं। अधिक
राशि वसूल
नहीं किये
जाने से
कार्यवाही का
प्रश्न उत्पन्न
नहीं होता है।
(घ) उत्तरांश
'क' में
उल्लेखित
आदेश की
कंडिका 2 अनुसार
भूखण्ड
आवंटन/विक्रय
विलेख दिनांक
के 03
वर्ष पश्चात
ही अन्य किसी
को हस्तांतरण
किये जाने का
प्रावधान है। नियमों
में स्पष्टता
है। किसी को
परेशान करने
का प्रश्न
उत्पन्न
नहीं होता है।
हाउसिंग
बोर्ड/विकास
प्राधिकरणों
में यह नियम
नहीं है। (ड.) एक
व्यक्ति
द्वारा
माननीय न्यायालय
से सिविल दावा
में डिक्री
प्राप्त
किये जाने से
आवासीय योजना
के 13
आवंटियों के
भूखण्ड निजी
स्वामित्व
की भूमि में
आने से उन्हें
अभी तक नवीन
भूखण्ड
प्रदाय नहीं किये
जा सकें है। इस
कारण से उक्त
कॉलोनी को नगर
पालिका
मंदसौर में
हस्तांतरित
नहीं किया गया
है।
इंदरगढ़
में बायपास
मार्ग
स्वीकृत किया
जाना
[लोक
निर्माण]
12.
( *क्र. 3162 ) श्री
प्रदीप
अग्रवाल : क्या लोक
निर्माण
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) दतिया
सेवड़ा रोड
स्टेट हाईवे
नंबर एक पर
स्थित नगर
इंदरगढ़ के
मुख्य बाजार
से जाने वाला
मार्ग किन-किन
नगरों एवं
धार्मिक
स्थलों को
जाता है, इस पर
प्रतिदिन
कितनी वाहनों
का आवागमन है? (ख) क्या
इंदरगढ़
मुख्य बाजार
में प्रतिदिन
घंटे तक जाम
लगता है, जिससे
गंभीर
बीमारों की
एंबुलेंस एवं
श्रद्धालु
तथा आमजनों के
साथ
अप्रत्याशित
घटनाएं हो रही
हैं? यदि
नहीं, तो
जांच करायें? यदि हाँ, तो इसके लिये
सरकार की क्या
योजना है? (ग) क्या
एम.पी.आर.डी.सी.
द्वारा इस नगर
में बाईपास
बनाये जाने
हेतु 62
करोड़ का
एस्टीमेट
बनाकर विभाग
को स्वीकृति हेतु
प्रस्ताव
भेजा है? यदि हाँ, तो उस
प्रस्ताव की
कब तक
स्वीकृति
होगी? जानकारी
दी जाये। (घ) क्या
इंदरगढ़ में
जाम के कारण
होने वाली
अप्रत्याशित
घटनाओं पर रोक
लगाने हेतु
जनहित में यहां
प्रस्तावित
बाईपास मार्ग
जो अति आवश्यक
है, को
स्वीकृत करने
हेतु आश्वासन
देने की कृपा
करेंगे? यदि हाँ, तो कब तक
स्वीकृति
होगी?
जानकारी
देवें।
लोक
निर्माण
मंत्री ( श्री
राकेश सिंह ) : (क) जानकारी
संलग्न अनुसार
है। (ख) जी हाँ। इन्दरगढ़
शहरी भाग में
मुख्य बाजार
होने से यहां
जाम लगने से
यातायात अवरूद्ध
रहता है, यातायात
के उचित
प्रबंधन एवं
सुरक्षित
आवागमन हेतु
इन्दरगढ़
बायपास का
निर्माण
प्रस्तावित किया
गया है, जिसकी स्वीकृति
अपेक्षित है। (ग) जी
हाँ। प्रस्ताव
विचाराधीन है।
अत: समयावधि
बताया जाना
संभव नहीं है।
(घ) बजट
में सम्मिलित
होने के
उपरान्त स्वीकृति
दिया जाना
संभव होगा, निश्चित
समय-सीमा
बताया जाना
संभव नहीं है।
मुख्यमंत्री
अंधोसंरचना
विकास योजनांतर्गत
स्वीकृत राशि
[नगरीय
विकास एवं
आवास]
13.
( *क्र. 1486 ) श्री अजय
अर्जुन सिंह : क्या
नगरीय विकास
एवं आवास
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे कि
(क) मुख्यमंत्री
अधोसंरचना
विकास योजना
के अंतर्गत पिछले
वित्तीय
वर्ष में
विभिन्न
जिलों के नगरीय
निकायों के
किन-किन
कार्यों की
मुख्यमंत्री
की घोषणाओं के
बाद मंजूरी दी
गई थी? (ख) उपरोक्त
कार्यों के लिये
पिछले वित्तीय
वर्ष
कितनी-कितनी
राशि स्वीकृत
की गई थी? (ग) पिछले
वित्तीय
वर्ष में
उपरोक्त
कार्यों के लिये
स्वीकृत
राशि में
कितनी-कितनी
राशि रिलीज की
गई? (घ) क्या
इनमें से
अधिकांश
कार्य
पर्याप्त धन
राशि न मिलने
के कारण अधूरे
पड़े हैं? (ड.) यदि
हाँ, तो
पर्याप्त
राशि रिलीज न
करने का क्या
कारण है?
नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री (
श्री कैलाश
विजयवर्गीय ) : (क) से
(ग) जानकारी
संलग्न परिशिष्ट
अनुसार है। (घ) जी
नहीं, निकायों
की मांग एवं
प्रगति
अनुसार राशि
विमुक्त की गई
है। (ड.)
उत्तरांश
'घ' के
परिप्रेक्ष्य
में प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है।
नियम
विरूद्ध
सामग्री क्रय
एवं व्यय
[नगरीय
विकास एवं
आवास]
14.
( *क्र. 2369 ) सुश्री
मंजू राजेन्द्र
दादू : क्या
नगरीय विकास
एवं आवास
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) नगर
पालिका परिषद
नेपानगर
अन्तर्गत
वर्ष 2022 से
जून 2025 तक कब-कब, कौन सी
सामग्री, किन नियम
निर्देशों के
तहत खरीदी गई? (ख) क्या
वर्ष 2022 से
जून 2025 तक
खरीदी गई सामग्री
के उपयोग
पश्चात्
भौतिक
सत्यापन
कराया गया? यदि हाँ, तो किन
स्तर के
अधिकारियों
से सत्यापन
कराया गया? आदेश एवं
जांच रिपोर्ट
की प्रमाणित
प्रति उपलब्ध
करायें। (ग) वर्ष
2021-22 से जून 2025 तक नगर
पालिका
परिषद्
नेपानगर में
कब-कब, किन
विषयों पर
प्रशिक्षण
कार्यक्रम
हुआ, किन
अधिकारियों
के द्वारा
कितने दिनों
का प्रशिक्षण
दिया गया है
एवं प्रशिक्षण
में कितना
खर्च किन नियम
निर्देशों के
तहत् किया गया? विस्तृत
पूर्ण
जानकारी
देवें। (घ) प्रश्नांश
(क),
(ख) एवं (ग) के
संदर्भ में
नियम विरूद्व
कार्यवाही
करने पर क्या
संबंधितों से
राशि वसूली
एवं उन पर उचित
कार्यवाही की
जावेगी? यदि हाँ, तो दोषी
अधिकारी के
नाम एवं पदनाम
सहित कब तक
क्या
कार्यवाही की
जावेगी?
नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री (
श्री कैलाश
विजयवर्गीय ) : (क) जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जी
हाँ। जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र 'अ' एवं ब' अनुसार है। (ग) जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र 'स' अनुसार है। (घ) प्रश्नांश
(क), (ख) एवं (ग) के
संदर्भ में
अधीक्षण
यंत्री, नगरीय
प्रशासन एवं
विकास, इंदौर
संभाग इंदौर
द्वारा पत्र
क्र./या.प्र./न.प्र./2025/1218, दिनांक 27.07.2025 से जांच
समिति का गठन
किया गया है। जांच
उपरांत
गुणदोष के
आधार पर
नियमानुसार
कार्यवाही की
जावेगी।
परिसीमन
में ग्राम
मड़ियापन गढ़ा
को सम्मिलित
किया जाना
[नगरीय
विकास एवं
आवास]
15.
( *क्र. 2349 ) श्री जयंत
मलैया : क्या
नगरीय विकास
एवं आवास
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि क्या दमोह
नगर पालिका
परिसीमन में
ग्राम पंचायत
कुवंरपुर
खैजरा के
ग्राम
मड़ियापन गढ़ा
को सम्मिलित
नहीं गया गया
है, इसी
ग्राम में
नवीन बस
स्टैण्ड का
निर्माण हो रहा
है? इस
हेतु प्रश्नकर्ता
द्वारा
पत्राचार
किया गया था, परन्तु
कोई जानकारी
प्राप्त नहीं
हुई? क्या
उक्त ग्राम को
न.पा. क्षेत्र
में जोड़े जाने
हेतु कोई
कार्यवाही की
गई? यदि
हाँ, तो
विवरण दें।
नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री (
श्री कैलाश
विजयवर्गीय ) : ग्राम
पंचायत
कुवंरपुर
खेजरा की
ग्राम सभा की
बैठक दिनांक 05.08.2019 के प्रस्ताव
क्रमांक 03 में ग्राम
सभा द्वारा
ग्राम मढ़ियापनगढ़ा
को ग्राम
पंचायत
कुवंरपुर
खेजरा में ही
यथावत रखे
जाने तथा नगर
पालिका परिषद
दमोह की सीमा
में शामिल
नहीं किये
जाने का
निर्णय लिये
जाने के कारण
उक्त ग्राम
को नगर पालिका
परिषद, दमोह की
सीमा में
सम्मिलित
नहीं किया गया
है। जानकारी
संलग्न परिशिष्ट
के प्रपत्र 'अ' अनुसार है।
माननीय
विधायक जी
द्वारा
माननीय
मंत्री जी
नगरीय विकास
एवं आवास
विभाग के
समक्ष दिनांक 13.05.2024 एवं 22.02.2025 को उक्त
संबंध में
पत्र प्रस्तुत
किये गये थे, तदक्रम
में विभागीय
पत्र दिनांक 21.03.2025 द्वारा
निज सहायक
माननीय
विधायक को
अवगत कराया
गया है, जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट के
प्रपत्र 'ब' अनुसार है।
शेषांश
का प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है।
स्वीकृत
एवं रिक्त
पदों की
जानकारी
[ऊर्जा]
16.
( *क्र. 3154 ) श्री
ओमकार सिंह
मरकाम : क्या
ऊर्जा मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) विद्युत
वितरण कम्पनी
पूर्व
क्षेत्र, मध्य
क्षेत्र, पश्चिम
क्षेत्र के
वृत्त संभाग, विकासखण्ड, जिला स्तर
में कुल कितने
नियमित पद, कितने
स्थाई पद, कितने अस्थाई
पद, कितने
संविदा के पद
स्वीकृत हैं? स्वीकृत
पद के विरुद्ध
कितने भरे हैं? वृत्तावार, संभागवार, जिलावार, विकासखण्डवार
जानकारी दें। (ख) क्या
जितने आदमियों
व
कर्मचारियों
की आवश्यकता
है,
उतने नहीं हैं? अगर हाँ तो, कर्मचारियों
की भर्ती कब
तक होगी? अगर नहीं तो
आउटसोर्स
क्या है, उसकी
परिभाषा
बतावें। (ग) क्या
आउटसोर्स के
माध्यम से
काम करने वालो
को बहुत कम
पैसा दिया जाता
है,
अगर हाँ तो
पैसा कम क्यों
दिया जाता है? अगर नहीं तो
आउटसोर्स में
कितने श्रेणी
में काम करने
वाले हैं, इन्हें कितनी-कितनी
राशि दी जाती
है?
श्रेणीवार
बतावें। (घ) आउटसोर्स
की कौन-कौन सी कंपनी
में कहां-कहां, कब-कब से
कार्यरत रहे
हैं? कंपनीवार
जानकारी दें।
ऊर्जा
मंत्री ( श्री
प्रद्युम्न
सिंह तोमर ) : (क) प्रदेश
की विद्युत
वितरण
कंपनियों यथा
म.प्र. पूर्व
क्षेत्र
विद्युत
वितरण कंपनी
लिमिटेड, जबलपुर (म.प्र.), मध्य
क्षेत्र
विद्युत
वितरण कंपनी
लिमिटेड, भोपाल एवं
म.प्र. पश्चिम
क्षेत्र
विद्युत वितरण
कंपनी
लिमिटेड, इन्दौर
अंतर्गत माह
जून, 2025
की स्थिति में
स्वीकृत
संगठनात्मक
संरचना में
संभाग/जिला/विकासखण्ड
स्तर पर पद स्वीकृत
नहीं हैं। तथापि
वितरण
कंपनियों
अंतर्गत
नियमित एवं संविदा
के स्वीकृत/भरे/रिक्त
पदों की
कार्यालयवार/वृत्तवार
जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जी
हाँ। विद्युत
वितरण
कंपनियों के
अंतर्गत सीधी
भर्ती के रिक्त
पदों के विरूद्ध
भर्ती किये
जाने की
कार्यवाही
प्रचलन में है।
अत: वर्तमान
में निश्चित
समय-सीमा
बताया जाना संभव
नहीं है। विद्युत
वितरण
कंपनियों में
कार्य की आवश्यकता
अनुसार
निर्धारित
प्रक्रिया के
तहत निश्चित
समयावधि के
लिये निविदा
प्रक्रिया चयनित
बाह्य स्त्रोत
सेवा प्रदाता
एजेंसियों के
माध्यम से
आऊटसोर्स
कार्मिकों का
नियोजन किया
जाता है, जो कि
बाह्य स्त्रोत
सेवा प्रदाता
के कार्मिक
होते हैं। (ग) जी
नहीं। विद्युत
वितरण
कंपनियों के
अंतर्गत
आऊटसोर्स
कार्मिकों को
पारिश्रमिक
का भुगतान
बाह्य सेवा
प्रदाता
एजेंसियों के
माध्यम से
निविदा में
निहित
प्रावधान
अनुसार एवं राज्य
शासन द्वारा
समय-समय पर
निर्धारित
दरों अनुसार
किया जाता है।
बाह्य स्त्रोत
कार्मिकों को
उनकी श्रेणी
अनुसार पारिश्रमिक
के भुगतान की जानकारी
पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट के
प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (घ) वितरण
कंपनियों
अंतर्गत
बाह्य स्त्रोत
सेवा प्रदाता
एजेंसियों
एवं बाह्य स्त्रोत
कार्मिकों की
संचालन/संधारण
वृत्तवार
एवं वितरण
कंपनीवार
संख्या सहित जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र 'स' अनुसार है।
चुंगी
क्षतिपूर्ति
की राशि
[नगरीय
विकास एवं
आवास]
17.
( *क्र. 3073 ) श्री
निलेश
पुसाराम उईके
: क्या
नगरीय विकास
एवं आवास
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
प्रदेश की नगर
निगमों, नगर
पालिकाओं एवं
नगर परिषदों
में कार्यरत
अधिकारी कर्मचारियों
को किस तिथि
तक वेतन
भुगतान के
शासन के आदेश
हैं? (ख) क्या
प्रदेश की नगर
निगमों, नगर
पालिकाओं एवं
नगर परिषदों
को वेतन
भुगतान हेतु
नियत तिथि से
पूर्व चुंगी
क्षतिपूर्ति
की राशि
प्रदाय की जा
रही है? (ग) विगत
एक वर्ष में कौन-कौन
सी तिथि को
चुंगी
क्षतिपूर्ति
की राशि
प्रदेश के नगर
निगमों, नगर
पालिकाओं एवं
नगर परिषदों
को प्रदाय की
गई है? माहवार
जानकारी दें। (घ) क्या
प्रदेश की नगर
निगमों, नगर
पालिकाओं एवं
नगर परिषदों
में कार्यरत
अधिकारी/कर्मचारियों
के वेतन
अनुरूप चुंगी
की राशि प्रदाय
की जा रही है? यदि नहीं, तो क्यों? (ड.) क्या
आगामी समय में
चुंगी क्षति
पूर्ति की
राशि में
बढ़ोत्तरी कर
प्रदेश की नगर
निगमों, नगर
पालिकाओं एवं
नगर परिषदों
में प्रदाय की
जावेगी? (च) म.प्र.
की कितनी नगर निगमों, नगर
पालिकाओं एवं
नगर परिषदों
में माह
अप्रैल 2025 से
अधिकारी एवं
कर्मचारियों
को वेतन
भुगतान किया
जाना शेष है?
नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री (
श्री कैलाश
विजयवर्गीय ) : (क) प्रदेश
की नगर निगमों, नगर
पालिकाओं एवं
नगर परिषदों
में माह के
प्रथम दिवस
एवं अवकाश
होने पर आगामी
दिवस में भुगतान
किये जाने के
आदेश हैं। (ख) जी
हाँ। (ग) जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट के
प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (घ) प्रदेश
की नगरीय
निकायों को
मध्यप्रदेश
शासन, नगरीय
विकास एवं
पर्यावरण
विभाग के आदेश
क्रमाक एफ-10-54/2015/18-2,
दिनांक 13.11.2015 में
दिये गये
निर्देशानुसार
निकाय की
पात्रता
अनुसार
विभागीय बजट
में प्राप्त
आवंटन अंतर्गत
चुंगी क्षतिपूर्ति
की राशि
प्रदाय की जा
रही है, जिससे
निकायों में
कार्यरत
अधिकारी/कर्मचारी
का कोई संबंध
नहीं है। (ड.) पांचवें
राज्य वित्त
आयोग की
अनुशंसा 14
प्रतिशत
चुंगी क्षतिपूर्ति/प्रवेश
कर में वृद्धि
पर राज्य
शासन द्वारा
प्रवेश कर के
संबंध में
नगरीय निकायों
को प्रदाय की
जा रही सहायता
को वर्ष 2020-21 के स्तर
पर स्थिर रखा
गया है। जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट के
प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (च) म.प्र.
की 20 नगरीय
निकायों में
माह अप्रैल 2025 से
अधिकारी एवं
कर्मचारियों
को वेतन
भुगतान किया
जाना शेष है।
बड़वानी
नगर पालिका के
ऑडिटेड
वित्तीय लेखे
[नगरीय
विकास एवं
आवास]
18.
( *क्र. 3082 ) श्री राजन
मण्डलोई : क्या
नगरीय विकास
एवं आवास
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) नगर
पालिका, बड़वानी
की वर्ष 2022-23 ऑडिटेड
वित्तीय लेखे
के परिशिष्ट-1 में क्र. 1 में दर्ज
वाउचर न. 412, दिनांक 16.09.2022 तिरूपति
इंडस्ट्रीज
रू. 239900/- तथा
क्र. 2
वाउचर नं. 414, दिनांक 16.09.2022 तिरूपति
इंडस्ट्रीज
रू. 475000/- में
नगर पालिका
अध्यक्ष के
हस्ताक्षर
नहीं है? अगर ''हां'' तो मुख्य नगर
पालिका
अधिकारी का यह
कृत्य म.प्र. नगर
पालिका (मेयर
इन
कौंसिल/प्रेसिडेंट
इन कौंसिल के
कामकाज का
संचालन तथा
प्राधिकारियों
की शक्तियां
एवं कर्तव्य) नियम
1998 के नियम 5 (2) तथा
मध्यप्रदेश नगर
पालिका (वित्त
एवं लेखा) नियम
2018 के नियम 239 अनुसार नगर
पालिका की स्थिति
में मुख्य नगर
पालिका
अधिकारी को 1 लाख रू. तक
के वित्तीय
अधिकार दिये
हैं, बगैर
स्वीकृति, वित्तीय
अधिकारिता से
बाहर जाकर
नियम विरूद्ध
भुगतान के लिये
जिम्मेदार
कौन-कौन हैं? नाम-पदनाम
सहित बतायें। जिम्मेदारों
पर क्या कार्यवाही
की जावेगी? (ख) नगर
पालिका, बड़वानी
की वर्ष 2023-24 ऑडिटेड
वित्तीय लेखे
के परिशिष्ट-2 में क्र.1 में दर्ज
वाउचर नं. 29, 30, 56, 103,
104, 130, 131, 152, 837
द्वारा
किन-किन
कार्यों के
विरूद्ध
भुगतान किया
गया, जानकारी
देवें तथा
उक्त वाउचर
नं. की
सत्यापित
छायाप्रतियां
देवें।
नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री (
श्री कैलाश
विजयवर्गीय ) : (क) जी
हाँ, नगर
पालिका
अध्यक्ष के
हस्ताक्षर
नहीं हैं। मध्यप्रदेश
वित्त एवं
लेखा नियम 2018 के नियम 165 (1) अनुसार
राजस्व व्यय
अंतर्गत
दिन-प्रतिदिन
की
गतिविधियों
हेतु निकाय के
मुख्य नगर
पालिका
अधिकारी एवं
लेखा एवं
वित्त के प्रमुख
को हस्ताक्षर
किये जाने
हेतु अधिकृत किया
गया है। नगर
पालिका अध्यक्ष
एवं मुख्य
नगर पालिका
अधिकारी के
संयुक्त हस्ताक्षर
नियम 165 (2) अनुसार
गैर आवर्ती व्यय, पूंजीगत
व्यय एवं नगर
पालिका की
परियोजनाओं
हेतु किया
जाना
प्रावधानित
है। (ख) जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट
अनुसार है।
उज्जैन
संभागांतर्गत
कार्यरत
दैनिक वेतन
भोगी
कर्मचारी
[नगरीय
विकास एवं
आवास]
19.
( *क्र. 3143 ) श्री
दिनेश जैन बोस
: क्या
नगरीय विकास
एवं आवास मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) उज्जैन
संभाग
अंतर्गत नगर
पालिका एवं नगर
परिषदों में
कुल कितने
दैनिक वेतन
भोगी किस
दिनांक से
कार्यरत हैं? नगर
पालिका एवं नगर
परिषदवार
कर्मचारियों
के नाम सहित
जानकारी
देवें। (ख) सामान्य
प्रशासन
विभाग के पत्र
क्रमांक एफ 3/1/2/0022/2025-
GAD-8-01,
दिनांक 28.02.2025 के अनुसार
विभाग/निकाय
द्वारा दैनिक
वेतन भोगी
कर्मचारियों
को विनियमित
किये जाने
संबंधी क्या
कार्यवाही की
गई? कितने
कर्मचारियों
को विनियमित
हेतु पात्र माना
गया है? निकायवार
कर्मचारियों
के नाम सहित
सूची उपलब्ध
करावें। माननीय
सर्वोच्च न्यायालय
के आदेश
अनुसार दैनिक
वेतन भोगी
कर्मचारियों
को कब तक
विनियमित/नियमित
किया जायेगा? (ग) प्रश्नांश
(क) के संदर्भ
में नगर
पालिका/नगर
परिषदों
द्वारा दैनिक
वेतन भोगी
कर्मचारियों
का श्रम विभाग
के आदेश
अनुसार पी.एफ.
जमा किया जाता
है? निकायवार
बतावें। यदि नहीं, तो क्यों? (घ) प्रश्नांश
(ख) में दिये
आदेश का पालन
समय-सीमा में किये
जाने हेतु
आदेशित किया
गया है? समय-सीमा में
कार्यवाही
नहीं करने
वाले अधिकारियों
पर क्या
कार्यवाही की
गई?
अगर नहीं की
गई तो कब तक की
जावेगी?
नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री (
श्री कैलाश
विजयवर्गीय ) : (क) उज्जैन
संभाग की कुल 64 निकायों
में कुल 6738 दैनिक
वेतन भोगी
कार्यरत हैं। जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के प्रपत्र
''अ'' अनुसार है। (ख) सामान्य
प्रशासन
विभाग के
निर्देशों के
अनुक्रम में
पत्र क्र. एक/05/284/2025/10187
से
संबंधी जानकारी
संकलित की जा
रही है। जानकारी
उपलब्ध कराने
हेतु भेजे गये
पत्र की प्रति
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
समय-सीमा बताया
जाना संभव
नहीं है। (ग) कुल
64 निकायों
में से 17 निकायों
में पी.एफ. जमा
हो रहा है। शेष
47 निकायों
की वित्तीय
स्थिति ठीक
नहीं होने से
पी.एफ. जमा
नहीं हो रहा
है। जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (घ) जी
हाँ। प्रश्नांश
''क'' के
संबंध में
सामान्य
प्रशासन
विभाग के पत्र
के अनुक्रम
में दैनिक
वेतन भोगी एवं
अस्थायी
कर्मचारियों
की जानकारी संकलित
की जा रही है। शेषांश
का प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
सड़कों
का निर्माण
एवं चौड़ीकरण
[लोक
निर्माण]
20.
( *क्र. 3269 ) श्री अनिल
जैन : क्या
लोक निर्माण
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) लोक
निर्माण
विभाग द्वारा
वर्ष 2014 से
प्रश्न
दिनांक तक
निवाड़ी
विधानसभा
क्षेत्र में
कितनी सड़कें
कितनी-कितनी
लागत की
स्वीकृत की गईं? (ख) वर्तमान
में सड़कों के
निर्माण
कार्य की
स्थिति क्या
है? निर्माण
प्रारंभ किया
गया है या
नहीं? (ग) क्या
विधानसभा
क्षेत्र
निवाड़ी
अंतर्गत ग्राम
उबौरा-पुछीकरगुआं
मार्ग का
निर्माण तथा
निवाड़ी
टेहरका मार्ग
का चौड़ीकरण
प्रस्तावित
है? यदि
हाँ, तो
उक्त कार्यों
के निर्माण के
लिये कब तक
निविदा जारी
की जावेगी? यदि नहीं, तो क्या
उक्त सड़कों को
आगामी बजट में
शामिल कर
स्वीकृत किया जायेगा? (घ) प्रश्नांश
(ग) में वर्णित
ग्राम
उबौरा-पुछीकरगुआं
मार्ग
निर्माण
कार्य के लिये
प्रश्नकर्ता
के द्वारा
पूर्व में भी
पत्राचार
किये गये? यदि हाँ, तो उन पर
क्या
कार्यवाही की गई?
लोक
निर्माण
मंत्री ( श्री
राकेश सिंह ) : (क) जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र 'अ' एवं 'अ-1' अनुसार है। (ख) उत्तरांश
'क' अनुसार।
(ग) जी
नहीं। वर्तमान
में कार्य न
तो स्वीकृत है, न ही किसी
योजना में
सम्मिलित है। अतः
शेष का प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (घ) जी
हाँ। कार्य न
तो स्वीकृत है, न ही किसी
योजना में
सम्मिलित है। अतः
शेष का प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
हरित
क्षेत्रों
में
राष्ट्रीय
हरित ट्रिब्यूनल
(N.G.T.) नियमों
का उल्लंघन
[नगरीय
विकास एवं
आवास]
21.
( *क्र. 1765 ) श्री महेश
परमार : क्या
नगरीय विकास
एवं आवास
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) उज्जैन
में सप्तसागर
और शिप्रा नदी
के आसपास हरित
क्षेत्रों
में पर्यावरण
संरक्षण
अधिनियम, 1986 (धारा 3, 5) और N.G.T. दिशा-निर्देशों
(N.G.T.
आदेश, 20 अप्रैल, 2023) का
पालन
सुनिश्चित
करने हेतु
पर्यावरण
विभाग द्वारा
क्या कदम उठाए
गये? क्या
सीवेज और
औद्योगिक
अपशिष्ट
प्रबंधन हेतु
कार्ययोजना
लागू की गई? (ख) क्या
शिप्रा नदी
में औद्योगिक
अपशिष्ट
रसायन और जल प्रदूषण
की खबरें हैं? क्या म.प्र.
प्रदूषण
नियंत्रण
बोर्ड (M.P.P.C.B.) द्वारा
जिम्मेदार
उद्योगों और
अधिकारियों की
जाँच की गई? यदि नहीं, तो कारण
बताएँ? (जल
प्रदूषण
निवारण
अधिनियम, 1974, धारा 25, वायु
प्रदूषण
निवारण अधिनियम, 1981,धारा 21) (ग) क्या
उज्जैन में
अमृत 2.0 के
तहत सीवरेज
उपचार
संयंत्र (S.T.P.) की
स्थापना और
संचालन हेतु
समयबद्ध
कार्ययोजना
लागू की गई? यदि नहीं, तो
लापरवाही के लिये
जिम्मेदार
कौन है? (म.प्र. नगर
पालिका
अधिनियम, 1961, धारा 323) (घ) N.G.T. सेंट्रल बेंच
(13 जुलाई 2023) के
आदेशानुसार
शिप्रा नदी
प्रदूषण की
जाँच हेतु
संयुक्त
समिति की
रिपोर्ट में
शिप्रा नदी
में अपशिष्ट
पदार्थ एवं
औद्योगिक
रसायनों को
प्रवाहित
करने वाले
दोषी
अधिकारियों
और उद्योगों
पर क्या
कार्यवाही
हुई? समय-सीमा
सहित विवरण
दें। (N.G.T. एक्ट, 2010, धारा 14, 15) (ड.) सप्तसागर
और हरित
क्षेत्रों के
संरक्षण हेतु
स्वतंत्र
जाँच समिति कब
तक गठित होगी? क्या
पर्यावरण
विभाग शिप्रा
नदी प्रदूषण
रोकथाम हेतु
तत्काल कदम
उठायेगा? (म.प्र. सिविल
सेवा (आचरण) नियम, 1965, नियम 3, पर्यावरण
प्रभाव आकलन
अधिसूचना, 2006 (च) उज्जैन
शहर के 18 नाले
शिप्रा को
प्रदूषित कर
रहे हैं? क्षिप्रा
नदी में मल
मूत्र
अपशिष्ट
पदार्थ मिलने
एवं नदी
किनारे स्थित
कितने होटलों, रिसोर्ट
और मैरिज
गार्डनों में
एस.टी.पी. प्लांट
हैं या नहीं? विवरण दें।
प्रदूषण
रोकने की
होटलों में
क्या
व्यवस्था है?
नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री (
श्री कैलाश
विजयवर्गीय ) : (क) जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जी
नहीं, वर्तमान
में कोई
शिकायत नहीं
है। उत्तरांश
के
परिप्रेक्ष्य
में शेषांश का
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (ग) जी
हाँ। उत्तरांश
के
परिप्रेक्ष्य
में शेषांश का
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (घ) उज्जैन
व देवास में
स्थित
औद्योगिक इकाइयों
क्रमश: मेसर्स
आसमेड
फार्मुलेशन
प्रा.लिमि., औद्योगिक
क्षेत्र मक्सी
रोड, उज्जैन
व मेसर्स राज
पायोनियर
लेबोरेटरीज
इंडिया प्रा.लिमि.
औद्योगिक
क्षेत्र
क्रमांक-1, ए.बी. रोड को
देवास को
सूचना पत्र/कारण
बताओ नोटिस
जारी किये गये
थे, जिनके
परिप्रेक्ष्य
में संबंधित
उद्योगों
द्वारा
सुधारात्मक
कार्यवाही
पूर्ण कर ली
गई है। शेषांश
का प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (ड.) माननीय
राष्ट्रीय
हरित अधिकरण (N.G.T.) के निर्देश
अनुसार सप्तसागर
और हरित क्ष्ोत्रों
में प्रदूषण
की रोकथाम
हेतु समय-समय
पर दिये गये
दिशा-निर्देशों
का पालन किया
जा रहा है। उत्तरांश
के
परिप्रेक्ष्य
में शेषांश का
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (च) जी
नहीं। जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। सम्मति
प्राप्त
होटलों, रिसोर्ट
एवं मेरिज
गार्डन में
एस.टी.पी. स्थापित
कराकर शून्य
निस्त्राव
की स्थिति
सुनिश्चित
कराई गई है।
नवीन
33/11
के.व्ही.
विद्युत
उपकेन्द्र की
स्वीकृति
[ऊर्जा]
22.
( *क्र. 2896 ) श्री कालु
सिंह ठाकुर : क्या ऊर्जा
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे कि
(क) क्या
धार जिले की
धरमपुरी
विधानसभा में
बगड़ी विद्युत
वितरण केंद्र
अंतर्गत
ग्राम मेवास जामनिया
(सेतालिसपुरा)
में रबी सीजन
में 11 के.व्ही.
फीडर ओवरलोड
होने से ट्रिपिंग, तार टूटना
और वोल्टेज की
अत्यधिक
समस्या होती
है? (ख) प्रश्न (क)
अनुसार यदि
हाँ, तो
बगड़ी विद्युत
वितरण केंद्र
अंतर्गत ग्राम
मेवास
जामनिया (सेतालिसपुरा)
में नवीन 33/11 के.व्ही.
विद्युत
उपकेन्द्र
स्वीकृत किये
जाने हेतु
विभाग द्वारा
शासन स्तर पर
प्रस्ताव
भेजा गया है? (ग) प्रश्न
(ख) अनुसार यदि
हाँ, तो
विभाग द्वारा
शासन स्तर पर
प्रस्ताव कब
भेजा गया है? प्रस्ताव
की छायाप्रति
उपलब्ध करावें
और यह भी
बतावें की
शासन द्वारा
क्या
कार्यवाही की
गई है और यदि
प्रस्ताव
नहीं भेजा गया
है तो कब तक
भेज दिया
जायेगा?
ऊर्जा
मंत्री ( श्री
प्रद्युम्न
सिंह तोमर ) : (क) जी
नहीं। (ख) उत्तरांश (क) के
परिप्रेक्ष्य
में प्रश्न
नहीं उठता है।
(ग) प्रश्नाधीन
क्षेत्र में 11 के.व्ही.
फीडर के
अतिभारित
होने की समस्या
नहीं है। तथापि
भविष्य की
विद्युत मांग
के दृष्टिगत
धार जिले के
विद्युत
वितरण केंद्र
बगड़ी के
अंतर्गत
ग्राम मेवास
जामनिया (सेतालिसपुरा)
में विद्युत
प्रणाली के
सुदृढ़ीकरण
हेतु नवीन 33/11 के.व्ही.
विद्युत
उपकेंद्र के
निर्माण हेतु
एस.एस.टी.डी.
योजनांतर्गत
अधीक्षण
यंत्री (संचा.-संधा.), वृत्त
धार के पत्र
क्रमांक 1493, दिनांक 17.07.2025 के माध्यम
से प्रस्ताव मुख्य
अभियंता (इं.क्षे.), इंदौर को
प्रेषित किया
गया है, जिसकी छायाप्रति
संलग्न परिशिष्ट
अनुसार है। प्रस्ताव
का तकनीकी
परीक्षण
प्रक्रियाधीन
है।
आर.डी.डी.एस.
योजना का
क्रियान्वयन
[ऊर्जा]
23.
( *क्र. 3141 ) श्रीमती
सेना महेश
पटेल : क्या
ऊर्जा मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) अलीराजपुर
जिले में आर.डी.डी.एस.
योजनान्तर्गत
किस-किस ग्राम
में कार्य
कितनी लागत के
स्वीकृत किये
हैं? कौन
से कार्य
पूर्ण हुए और
कितना व्यय
किया है? स्वीकृत
एवं पूर्ण
कार्य की सूची
देवें। (ख) क्या
स्वीकृत
किये गये
कार्य अपूर्ण
हैं?
हाँ तो अपूर्ण
कार्य पर
कितनी राशि
व्यय हुई है? अपूर्ण
कार्य कब तक
पूर्ण होंगे? अवधि
बतावें। (ग) जिले
ऐसे ग्राम एवं
फलिये हैं, जिन्हें आर.डी.डी.एस.
योजना से
वंचित हैं? क्या कारण
है। वंचित
ग्राम एवं
फलियों को कब
तक पूर्ण रूप
से योजना में
शामिल किया जायेगा? अवधि
बतावें। (घ) जिले
आर.डी.डी.एस.
योजना में
स्वीकृत
कार्य
एजेन्सी के
माध्यम से
कार्य करवाये
जा रहे हैं? यदि हाँ, तो कार्य
पूर्ण करने की
अनुबंध अवधि
रखी गई थी? स्वीकृत
अवधि में
पूर्ण नहीं
होने पर
एजेन्सी पर विलंब
होने के कारण
क्या
कार्यवाही की
गई है?
ऊर्जा
मंत्री ( श्री
प्रद्युम्न
सिंह तोमर ) : (क) अलीराजपुर
जिले में
आर.डी.एस.एस.
योजना अंतर्गत
विभिन्न
ग्रामों में
राशि रु. 68.15 करोड़ के
विद्युत
अधोसंरचना
सुदृढ़ीकरण
के कार्य
स्वीकृत किये गये
हैं। उक्त स्वीकृत
कार्यों की
ग्रामवार, कार्यवार
एवं लागत सहित
जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र 'अ' अनुसार है। उक्त
स्वीकृत
कार्यों में
से 189
कार्य पूर्ण
हो चुके हैं, जिस पर
राशि रु. 26.29 करोड़ का
व्यय हुआ है। उक्त
पूर्ण
कार्यों की व्यय
की गई राशि
सहित जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) में
स्वीकृत
कार्यों में
से 611
कार्य
अपूर्ण/प्रगतिरत
हैं। उक्त
कार्यों की
अनुमानित
लागत रू. 41.85 करोड़ है
एवं उक्त
कार्यों को
माह मार्च, 2026 तक पूर्ण
किया जाना
संभावित है, जिसकी जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र 'स' अनुसार है। (ग) आर.डी.एस.एस.
योजनान्तर्गत
कार्यों को
क्षेत्रान्तर्गत
भार प्रबंधन
हेतु तकनीकी
साध्यता एवं
विद्युत
अधोसंरचना
सुदृढ़ीकरण
के आधार पर प्रस्तावित
किया गया है, कार्यों
को ग्रामवार
प्रस्तावित
नहीं किया गया
है। अत: शेष
प्रश्न नहीं
उठता। (घ) जी
हाँ, अलीराजपुर
जिलान्तर्गत
आर.डी.एस.एस.
योजना
अंतर्गत
स्वीकृत
कार्य टर्न-की
कॉन्ट्रेक्टर्स
के माध्यम से
करवाये जा रहे
हैं। स्वीकृत
कार्य पूर्ण
करने हेतु
अनुबंध
दिनांक से 2 वर्ष की
अवधि रखी गई
थी। स्वीकृत
अवधि में
कार्य पूर्ण
नहीं होने एवं
कार्यों में विलंब
होने के कारण
निविदा के
नियम एवं
शर्तों के
अनुसार लिक्विडेटेड
डैमेज की राशि
का कटौत्रा
किया जा रहा
है।
एजी
रिपोर्ट में बी.सी.सी.एल.
की निविदाओं
पर आपत्ति
[नगरीय
विकास एवं
आवास]
24.
( *क्र. 3183 ) श्री
जयवर्द्धन
सिंह : क्या
नगरीय विकास
एवं आवास
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) बी.सी.सी.एल.
द्वारा
दिनांक 01 अक्टूबर, 2023 से
प्रश्न
दिनांक तक
कितना जी.एस.टी.
किस मद से जमा
कराया गया है? संपूर्ण
गौशवारा
बनाकर बतायें। (ख) कितने
कर्मचारियों/अधिकारियों
के विरुद्ध शिकायतें
प्राप्त हुई
हैं? उन
पर कब और क्या
कार्यवाही
हुई है? शिकायतों
की संपूर्ण
जानकारी का
गौशवारा
बनाकर बतायें।
(ग) क्या
दिनांक 01 जनवरी, 2022 से
प्रश्न
दिनांक तक
भारत के
नियंत्रक
महालेखाकार
एवं परीक्षक
द्वारा
संचालनालय
नगरीय प्रशासन
को निविदा
क्र. 78
एवं अन्य किसी
भी निविदा में
आपत्ति
संज्ञान में
लाई है? उक्त
आपत्ति पर
विभाग ने कब, क्या
कार्यवाही कर
किस माध्यम से
प्रत्युत्तर
दिया? निविदा
के लिये कौन
सा सॉफ्टवेयर
अधिकारिक है, उसका नाम, मान्यता, मान्यता
देने वाले
अधिकारी का
नाम, पदनाम, मान्यता
के आदेश की
प्रति दें? मान्यता
नहीं है तो
साफ्टवेयर की
अधिकारिता कैसे
है,
कारण बतायें? (घ) दिनांक
01 जनवरी, 2021 से
प्रश्न दिनांक
तक अमृत योजना
में बी.सी.सी.एल.
को कितनी राशि
प्रदाय की गई? कितनी, किस
प्रयोजन से
व्यय की गई? समस्त
जानकारी का
गौशवारा
बनाकर बतायें।
नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री (
श्री कैलाश
विजयवर्गीय ) : (क) जानकारी पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जी
नहीं। क्योंकि
कार्यालय
प्रधान
महालेखाकार (लेखा-परीक्षा-1) मध्यप्रदेश
द्वारा की गई
जांच की
रिपोर्ट
प्राप्त
नहीं है। शेषांश
का प्रश्न
उत्पन्न नहीं
होता। निविदा
क्र. 78
अंतर्गत
निष्पादित
अनुबंध
अनुसार
एजेंसी द्वारा
संचालित
सॉफ्टवेयर
एप्लीकेशन/वेब
सॉल्यूशन्स
(Chalo
App, MPass.chalo.com, Recon.chalo.com, app. periscopedata.com) है। अधिकारिता
सॉफ्टवेयर की
मान्यता का
आदेश संबंधी
दस्तावेज
पृथक से
उपलब्ध नहीं
है। बी.सी.एल.एल.
द्वारा
समय-समय पर
उक्त वेब
सॉल्यूशन के
आधार पर सक्षम
स्वीकृति
प्राप्त कर बस
ऑपरेटरों के
भुगतान
संबंधी
कार्यवाही
उक्त सॉफ्टवेयर
से प्राप्त
रिपोर्ट
अनुसार की गई
है। अतः
शेषांश का प्रश्न
उत्पन्न नहीं
होता। (घ) जानकारी पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-3 अनुसार है।
जिला
अशोकनगर में
पदस्थ पशु
चिकित्सक
[पशुपालन
एवं डेयरी]
25.
( *क्र. 2329 ) श्री जगन्नाथ
सिंह रघुवंशी
: क्या राज्य
मंत्री, पशुपालन
एवं डेयरी
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) जिला
अशोकनगर में
कितने पशु
चिकित्सक
पदस्थ हैं
एवं किस
दिनांक से
पदस्थ हैं? पशु
चिकित्सालय
का नाम, चिकित्सक
का नाम पदस्थ
होने की
दिनांक की
जानकारी सारणीवार
देवें। (ख) प्रश्नांश
(क) में
वर्णित
चिकित्सकों
की भ्रमण
डायरी उनके
पदस्थ होने
की दिनांक से
उपलब्ध
करावें एवं जानकारी
दें कि चिकित्सकों
द्वारा फील्ड
विजिट करके
कितने पशुओं
का उपचार किया
गया है? फील्ड पर
जाकर उपचार न
करने वाले डॉक्टर्स
पर विभाग
द्वारा क्या
कार्यवाही की
जायेगी? (ग) जिला
अशोकनगर में
पशुपालन
विभाग द्वारा
कितनी
गौशालाओं को
अनुदान के रूप
में राशि दी
जाती है? वर्ष 2020 से प्रश्न
दिनांक तक
प्रत्येक
गौशाला का नाम
एवं प्रदाय राशि
एवं राशि
प्रदाय करने
के उद्देश्य
की जानकारी
सारणीवार
देवें। (घ) प्रश्नांश
(ग) में उल्लेखित
गौशालाओं में
वर्षवार
गौवंश की संख्या
की जानकारी भी
उपलब्ध
करावें एवं क्या
समय-समय पर
विभाग द्वारा
गौशालाओं का
निरीक्षण
किया जाता है? वर्ष 2020 से प्रश्न
दिनांक तक
निरीक्षण
प्रतिवेदन की
छायाप्रति
उपलब्ध
करावें। निरीक्षण
करने वाले
अधिकारी का
नाम व पदनाम बतावें।
राज्य
मंत्री, पशुपालन
एवं डेयरी (
श्री लखन पटैल
) :
(क) जानकारी
संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) से (घ) जानकारी
एकत्रित की जा
रही है।
भाग-2
नियम 46 (2) के
अंतर्गत
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
के रुप में
परिवर्तित
तारांकित प्रश्नोत्तर
फ्लाई
ओवर निर्माण
कार्य की
प्रगति
[लोक
निर्माण]
1.
( क्र. 129 ) श्री अशोक
ईश्वरदास
रोहाणी : क्या लोक
निर्माण
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) जबलपुर
जिले में लोक
निर्माण
विभाग द्वारा
वर्ष 2023 से
प्रश्न
दिनांक तक कितनी
राशि के विकास
कार्य प्रगति
पर है? कृपया
जानकारी दें। (ख)
केंट
विधानसभा में
कुल कितनी
राशि के विकास
कार्य स्वीकृत
हुये? कृपया
जानकारी दें। (ग) केंट
विधानसभा
अंतर्गत
एम्पायर से वाय.एम.सी.ए.
रोड तक एवं
शहीद बिरसा
मुण्डा चौक के
फ्लाई ओवर
निर्माण की
क्या प्रगति
है? कृपया
जानकारी दें। (घ) यदि
फ्लाई ओवर के
निर्माण का
कार्य
प्रारंभ नहीं
हुआ है, तो कब
प्रारंभ होगा? कृपया
जानकारी दें।
लोक
निर्माण
मंत्री ( श्री
राकेश सिंह ) : (क) जानकारी
पुस्तकालय में रखे
प्रपत्र-अ, 'अ-1' एवं 'अ-2' अनुसार है। (ख) जानकारी
पुस्तकालय में रखे
प्रपत्र-ब, 'ब-1', 'ब-2' एवं 'ब-3' अनुसार है। (ग) एम्पायर
से वाय.एम.सी.ए. (भारत
माता चौक से
पेंटी नाका
चौक) तक फ्लाई
ओवर निर्माण
कार्य आर्मी
केन्ट की
भूमि होने के
कारण भूमि हस्तांतरण
कार्यवाही
प्रक्रियाधीन
होने के कारण
तथा शहीद
बिरसा मुण्डा
चौक के फ्लाई
ओवर निर्माण
भारत सरकार, सड़क
परिवहन एवं राजमार्ग
मंत्रालय नई
दिल्ली से स्वीकृति
अपेक्षित
होने के कारण
कार्य अप्रारंभ
है। (घ) उत्तरांश
(ग) अनुसार।
सड़कों
का निर्माण
कार्य
[लोक
निर्माण]
2.
( क्र. 141 ) श्री
प्रहलाद लोधी
: क्या लोक
निर्माण
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) पन्ना
जिले में वर्ष
2022 से प्रश्न
दिनांक तक
कितनी सड़कों
का निर्माण
विभाग द्वारा
कराया गया
कार्यों की
भौतिक स्थिति
क्या है? कितने
कार्य पूर्ण
हुए हैं कितने
अपूर्ण है? (ख) प्रश्नांश
(क) के संदर्भ
में उपरोक्त
सड़क निर्माण
किन
एजेंसियों
कराये गये एवं
उनकी गुणवत्ता
की जांच किन
सक्षम
अधिकारियों
द्वारा की गई? (ग) प्रश्नांश
(क) के संदर्भ
में क्या
उपरोक्त
सड़कों के
शोल्डर
फीलिंग का
कार्य पूर्ण
कराया गया है यदि
नहीं, तो
शोल्डर
फीलिंग के
बगैर इनका
भौतिक सत्यापन
क्यों नहीं
किया गया? (घ) पवई
से सलेहा मार्ग
का कार्य
पूर्ण होने की
समयावधि क्या
थी क्या
ठेकेदार
द्वारा
समयावधि के
अंदर सड़क का
निर्माण
कराया जा रहा
है यदि नहीं, तो क्यों
नहीं? समयावधि
में कार्य न
करने पर दोषी
ठेकेदार के खिलाफ
क्या
कार्यवाही की
जा रही है। (ड.) पवई
विधानसभा
अंतर्गत निर्माणाधीन
सड़क मार्ग
करिया से
महोड़ कला एवं
बम्होरी से
मढि़या सड़क
मार्गों के
निर्माण गुणवत्ता
विहीन कार्य
किये जाने की
शिकायतें
प्राप्त
होती रही हैं, इनकी जांच
एवं भौतिक सत्यापन
किन
अधिकारियों
के द्वारा
कराया जा रहा है
शासन द्वारा
इनके
ठेकेदारों के
खिलाफ क्या कार्यवाहियां
की गई या की
जाएंगी?
लोक
निर्माण
मंत्री ( श्री
राकेश सिंह ) : (क) एवं
(ख) जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-अ
एवं 'अ-1' अनुसार है। (ग) सड़कों
का निर्माण
कार्य पूर्ण
घोषित करने के
पूर्व शोल्डर
फीलिंग का
कार्य कराया
जाता है। अतः
शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (घ) 18 माह थी। जी
नहीं। भूमि
विवाद एवं
भू-अर्जन के
कारण सड़क निर्माण
समय-सीमा में
नहीं कराया जा
सका। लम्बाई 12.49 कि.मी. को
भारत सरकार
सड़क परिवहन
एवं राजमार्ग
मंत्रालय
द्वारा डिस्कोप
(निरस्त) कर
अनुबंध
समाप्त कर
दिया गया है। अत:
संविदाकार के
खिलाफ
कार्यवाही
करने का प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (ड.) जी
नहीं। कोई
शिकायत
प्राप्त नहीं
हुई है। अतः
शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
विद्युत
चलित वाहनों
हेतु
चार्जिंग स्टेशन
[नगरीय
विकास एवं
आवास]
3.
( क्र. 225 ) श्री आशीष
गोविंद शर्मा
: क्या
नगरीय विकास
एवं आवास
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
भारत में
विद्युत चलित
वाहनों का
निर्माण कई
कंपनियां उच्च स्तर
पर कर रही है
एवं उक्त
वाहनों की
मांग भी बढ़ रही है
जिसके कारण
प्रदूषण पर
रोक लगी है? (ख) क्या
म.प्र. में भी
हजारों लाखों
लोग विद्युत
चलित वाहनों का
उपयोग कर रहे
है जिसके कारण
पेट्रोल डीजल
पर होने वाले
खर्च में कमी
आई है? (ग) म.प्र. में
विद्युत चलित
वाहनों की
संख्या में
अगर और बढ़ोत्तरी
हुई तो उन्हें
चार्ज किये
जाने संबंधी
परेशानी आ
सकती है तो
शासन इस पर
विचार करेगा। (घ) क्या
म.प्र. में
विद्युत चलित
वाहनों को
चार्ज हेतु
चार्जिंग स्टेशन
बनेंगे? अगर ऐसा
होता है तो कई
युवाओं को
रोजगार मिलेगा
एवं विद्युत
चलित वाहनों
से यात्रा
करने वाले
लोगों को वाहन
चार्ज करने
में भी परेशान
नहीं होना
पड़ेगा।
नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री (
श्री कैलाश
विजयवर्गीय ) : (क) एवं
(ख) संबंधित
नहीं।
(ग) विभाग
द्वारा
मध्यप्रदेश
इलेक्ट्रिक
व्हीकल (EV) पॉलिसी-2025 का
अनुमोदन
राज्य
केबिनेट से
दिनांक 18.02.2025 को
प्राप्त किया
गया। संलग्न परिशिष्ट
अनुसार EV पॉलिसी-2025 की कंडिका 12.4 अंतर्गत
विभिन्न
प्रकार के
इलेक्ट्रिक
चार्जिंग
स्टेशन
स्थापित करने
हेतु
प्रोत्साहन
का प्रावधान
किया गया है। (घ)
जानकारी उत्तरांश
(ग) अनुसार है।
सड़कों
एवं फ्लाई ओवर
का निर्माण
[लोक
निर्माण]
4.
( क्र. 272 ) श्री लखन
घनघोरिया : क्या लोक
निर्माण
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) जबलपुर
शहर को
महानगरीय
पहचान व
यातायात व्यवस्था
में सुधार जाम
की समस्या से
निजात दिलाने
हेतु सड़कों
का निर्माण, सुधार, उन्नयन, फ्लाई ओवर
का निर्माण
कराने की क्या
कार्य योजना
बनाई गई है। इसके
तहत प्रदेश शासन
एवं
केन्द्रीय
शासन ने
कितनी-कितनी
राशि आवंटित
की है एवं
कितनी-कितनी
राशि व्यय हुई? वर्ष 2022-23 से 2025-26 तक की
जानकारी
देवें। (ख) प्रश्नांकित
कार्य योजना
के तहत शहर की
कौन-कौन सी
मुख्य सड़कों
का निर्माण, सुधार, उन्नयन
कराना ख) स्वीकृत/प्रस्तावित
है एवं
कहां-कहां पर कितने-कितने
कि.मी. के
फ्लाई ओवर का
निर्माण हेतु
कितनी-कितनी
राशि स्वीकृत
एवं आवंटित की
है एवं
कितनी-कितनी
राशि व्यय हुई? (ग) क्या
प्रदेश का
सबसे बड़ा मदन
महल से
दमोहनाका 7.50 कि.मी.
लम्बे पलाई
ओवर का
निर्माण राशि 1100 करोड़ से
पूर्णता पर है? यदि हाँ, तो इस
मार्ग को
जोड़ने वाले
शहर के मुख्य
मार्ग
गोहलपुर शहीद
अब्दुल हमीद
चौक (रद्दी
चौकी) से लेकर
डॉ. बाबा
भीमराव
अम्बेडकर (तहसीली
चौक) जबलपुर
तक फ्लाई ओवर
का निर्माण
हेतु
पूर्ववर्ती
कांग्रेस शासन
काल वर्ष 2019 में
सैद्धांतिक
स्वीकृति
प्रदान करने
तथा इसके लिये
दिनांक 28/07/2022 को राशि 259.22 करोड़ की
डी.पी.आर.
तैयार कर शासन
को स्वीकृति
हेतु भेजी गई
हैं? यदि
हाँ, तो
शासन ने इस पर
क्या
कार्यवाही की
हैं एवं इसके
लिये कितनी
राशि का बजट
प्रावधान
किया है? यदि नहीं, तो क्यों? क्या इसका
निर्माण
कराने से शहर
की यातायात व्यवस्था
में सुधार व
जाम की समस्या
से निजात मिलने
पर शहर की
महानगरीय
पहचान पर क्या
प्रभाव
पड़ेगा?
लोक
निर्माण
मंत्री ( श्री
राकेश सिंह ) :(क) एवं
(ख) जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-अ
एवं 'अ-1' अनुसार है। (ग) जी
हाँ, परिक्षेत्र
अंतर्गत
जबलपुर शहर
में निर्मित
फ्लाई ओवर की
लंबाई एवं
लागत की जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-अ
अनुसार है। मुख्य
मार्ग
गोहलपुर शहीद
अब्दुल हमीद
चौक (रद्दी
चौकी) से लेकर
डॉ. बाबा
भीमराव
अम्बेडकर (तहसीली
चौक) जबलपुर
तक फ्लाई ओवर
का निर्माण
हेतु पूर्ववर्ती
कांग्रेस
शासन काल वर्ष
2019 में सेतु
निर्माण
परिक्षेत्र
को कोई सैद्धांतिक
स्वीकृति
नहीं प्राप्त
हुई है और न ही
राशि रूपये 259.22 करोड़ का
डी.पी.आर.
तैयार कर शासन
को भेजा गया
है। शेष प्रश्नांश
का प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
स्मार्ट
सिटी
प्रोजेक्ट
जबलपुर की
स्थिति
[नगरीय
विकास एवं
आवास]
5. ( क्र. 273 ) श्री
लखन घनघोरिया
: क्या
नगरीय विकास
एवं आवास
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) जबलपुर
शहर को
स्मार्ट लुक
देने, झुग्गी
झोपड़ी मुक्त
करने हेतु
स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट
के तहत शहर की
कितनी स्लम
बस्तियों को
चिंहित कर
उनके लिये
कितने स्लम
हाउस तैयार
करने की कब
क्या योजना
तैयार की गई
है। इसके तहत
कौन-कौन सी
सुविधाएं
उपलब्ध कराना
सुनिश्वित
किया गया था? मूल
योजना क्या
है। वर्तमान
में इस
प्रोजेक्ट की
क्या स्थिति
है। इसे अभी
तक
क्रियांवित न
किये जाने का
मूल कारण क्या
है। क्या इस
प्रोजेक्ट को
बंद कर दिया
गया है? यदि
हाँ, तो क्यों? (ख) क्या केन्द्रीय
शासन से
झुग्गी झोपड़ी
बस्ती
उन्मूलन के
तहत चिंहित
स्मार्ट सिटी
को टारगेट
मिला था? यदि
हाँ, तो क्या
शासन इस
प्रोजेक्ट को
क्रियांवित न
करने के लिये
दोषी
अधिकारियों
पर कार्यवाही
करेगा? (ग) स्मार्ट
सिटी
प्रोजेक्ट के
तहत कितने
प्रोजेक्ट
तैयार कर लांच
किये गये हैं।
इनमें से कितने-कितने
प्रोजेक्ट
क्रियांवित
किये गये। कितने-कितने
प्रोजेक्ट
पूर्ण, निर्माणाधीन, अपूर्ण
व आप्रारंभ
है। इन पर
कितनी राशि
व्यय हुई।
कितने
प्राजेक्ट
असफल, उपयोगहीन
हो गये हैं
एवं क्यों? सूची
दें। (घ) नगर
निगम जबलपुर
द्वारा स्लम
बस्तियों को
पक्के मकान
देने हेतु
कहां-कहां पर
लॉन्च किये गये
प्रोजेक्ट के
तहत कहां-कहां
पर क्या-क्या सुविधाएं
उपलब्ध कराई
गई है।
कहां-कहां पर
कितने-कितने
आवासों का
निर्माण
कितनी-कितनी
राशि में
कराया गया तथा
कितने स्लम
बस्तियों के कितने-कितने
हितग्राहियों
को कहां-कहां
पर आवास
आवंटित किये
गये हैं?
नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री (
श्री कैलाश
विजयवर्गीय ) :(क) जबलपुर
स्मार्ट सिटी
लिमिटेड
द्वारा जबलपुर
शहर को
स्मार्ट लुक
देने झुग्गी झोपड़ी
मुक्त करने
हेतु स्मार्ट
सिटी
प्रोजेक्ट के तहत
शहर की किसी
भी स्लम
बस्तियों को
चिन्हित कर
उनके लिए स्लम
हाउस तैयार
करने की कोई
भी योजना
तैयार नहीं की
गई है। शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं होता
है। (ख) जबलपुर
स्मार्ट सिटी
लिमिटेड को
केन्द्रीय शासन
से झुग्गी झोपड़ी
बस्ती
उन्मूलन के
लिए कोई भी
टारगेट नहीं
मिला था। शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं होता
है। (ग) जबलपुर
स्मार्ट सिटी
प्रोजेक्ट के
तहत तैयार 120
प्रोजेक्ट को
क्रियान्वित
कर सभी
प्रोजेक्ट
पूर्ण किये जा
चुके है। पूर्ण
किये गये
कार्यों की जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट- अ अनुसार
है। कोई
भी प्रोजेक्ट
अप्रारम्भ, निर्माणधीन
या अपूर्ण
नहीं है। इन
प्रोजेक्ट पर
व्यय की गई
राशि की जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट-अ अनुसार है। उपयोगहीन
प्रोजेक्ट की
जानकारी व
कारण पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट-ब अनुसार है। (घ) नगर
निगम जबलपुर
द्वारा स्लम
बस्तियों को
पक्के मकान
देने हेतु
लॉन्च किये
गये प्रोजेक्ट
की जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट-स अनुसार है। प्रोजेक्ट
के तहत उपलब्ध
सुविधाओं की
जानकारी पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट-द अनुसार है। आवासों
का निर्माण
में व्यय राशि
की जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट-इ अनुसार है। हितग्राहियों
को आवंटित
आवास की जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट-फ अनुसार है।
एम.पी.
पॉवर
ट्रांसमिशन
पैकेज
लिमिटेड के
विरुद्ध शिकायतें
[ऊर्जा]
6. ( क्र. 638 ) श्री
रामेश्वर
शर्मा : क्या
ऊर्जा मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश
में टैरिफ
आधारित
प्रतिस्पर्धा
बोली के
माध्यम से
मध्यप्रदेश
में अंतर
राज्य पारेषण कार्य
का विकास:
पैकेज–1
योजनान्तर्गत
कितना काम और
किसे, कितना
भुगतान हुआ है? प्रत्येक
लाइन रूट
अनुसार, जिलावार
बतावें। (ख) उक्त
योजनान्तर्गत
भोपाल, बैतूल
एवं
नर्मदापुरम
जिलों में
निर्माणाधीन
ट्रांसमिशन
लाइनों का रूट
सर्वे किन
अधिकारियों
द्वारा, किस
लाइन का, किस
दिनांक को, किन
भूस्वामियों
एवं राजस्व
अधिकारियों
की मौजूदगी
में किया गया
था? संबंधित
को जारी
सूचनापत्र की
पावती और विस्तृत
जानकारी सहित
सूची, दस्तावेज
उपलब्ध
करावें। (ग) ट्रांसमिशन
लाइन रूट
सर्वे हेतु
वैधानिक प्रावधान
क्या हैं? प्रभावित
भूस्वामियों
को रूट सर्वे
के पूर्व
सूचना न दी गई
हो तो क्या ऐसा
रूट सर्वे वैध
है? (घ) एम. पी.
पॉवर
ट्रांसमिशन
पैकेज-1
लिमिटेड के
विरुद्ध
प्रदेश में
कितनी शिकायतें
प्राप्त हुई
हैं? शिकायतों
और की गई
कार्यवाही के
विवरण सहित जानकारी
देवें।
ऊर्जा
मंत्री ( श्री
प्रद्युम्न सिंह
तोमर ) : (क) भारत
सरकार, विद्युत
मंत्रालय
द्वारा
ट्रांसमिशन
परियोजनाओं
में प्रतिस्पर्धा
को बढ़ावा
देने, निजी
क्षेत्र की
भागीदारी को
प्रोत्साहित
करने एवं
प्रक्रिया
में
पारदर्शिता लाने
हेतु जारी
टैरिफ आधारित
प्रतिस्पर्धी
बोली पद्धति
के
दिशा-निर्देश
के अन्तर्गत, न्यूनतम
विद्युत दरों
की बोली से
चयनित विकासक मेसर्स
एम.पी. पॉवर
ट्रांसमिशन
पैकेज-1
लिमिटेड
द्वारा
प्रदेश में
अन्तर्राज्यीय
पारेषण
प्रणाली के
विकास के लिये
आदेशित 17 अति
उच्च दाब
उपकेन्द्र
एवं उनसे
संबंधित अति
उच्च दाब
लाईनों का
निर्माण किया
जा रहा है, जिसकी
लाईन रूटवार, जिलावार
प्रगति की जानकारी
पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट के
प्रपत्र-'अ' अनुसार है।
उक्त कार्य
पूर्ण होने के
उपरान्त
उनके द्वारा 25
वर्षों के
लिये
संचालन/संधारण
का कार्य भी
किया जाएगा।
टैरिफ आधारित
प्रतिस्पर्धी
बोली के माध्यम
से किए जाने
वाले निर्माण
कार्यों का
संपूर्ण व्यय
विकासक के
द्वारा वहन
किए जाने के
दृष्टिगत
विभाग द्वारा
आज तक किसी भी
तरह का भुगतान
नहीं किया गया
है। (ख) भारत
सरकार, विद्युत
मंत्रालय
द्वारा जारी
टैरिफ आधारित
प्रतिस्पर्धी
बोली पद्धति
के
दिशा-निर्देश
के अन्तर्गत
प्रदेश के साथ
ही प्रश्नाधीन
क्षेत्र
यथा-भोपाल, बैतूल
एवं
नर्मदापुरम
जिलों में
योजनान्तर्गत
निर्माणाधीन
ट्रांसमिशन
लाईनों के रूट
सर्वे में
मौजूद
अधिकारियों
की लाईनवार, दिनांकवार
जानकारी
पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट के
प्रपत्र-'ब' अनुसार है।
उक्त
कार्यों हेतु
निर्धारित
प्रक्रिया के
तहत जारी
सूचना पत्र
एवं उनसे
संबंधित दस्तावेज पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट के
प्रपत्र-'स' अनुसार
है।
(ग) भारत
सरकार, विद्युत
मंत्रालय
द्वारा जारी
टैरिफ आधारित
प्रतिस्पर्धी
बोली पद्धति
के
दिशा-निर्देशों
के अंतर्गत ट्रांसमिशन
कंपनी लाईन
रूट सर्वे
हेतु वैधानिक
प्रावधान से
संबंधित
पृष्ठों की
प्रति पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-'द' अनुसार है।
ट्रांसमिशन
लाईन रूट के
निर्धारण
हेतु विद्युत
अधिनियम, 2003 की
धारा 63, 68 एवं 164 के
अंतर्गत
सार्वजनिक
सूचना पत्र
जारी किए गए
हैं। विभिन्न
समाचार
पत्रों में
प्रकाशित
सार्वजनिक सूचनाओं
की छायाप्रति पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट के
प्रपत्र-'स' अनुसार है।
अत: शेष प्रश्नांश
नहीं उठता। (घ) प्रश्नाधीन
कंपनी मेसर्स
एम.पी. पॉवर
ट्रांसमिशन पैकेज-1
लिमिटेड के
विरूद्ध
प्रदेश में 21
शिकायतें
प्राप्त हुई
हैं, जिसकी
शिकायतवार
जानकारी एवं
उन पर कृत
कार्यवाही की जानकारी
पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट के
प्रपत्र-'इ' अनुसार
है।
33
के.व्ही. सब-स्टेशन
में डबल सप्लाई
[ऊर्जा]
7.
( क्र. 974 ) श्री
सुशील कुमार
तिवारी : क्या
ऊर्जा मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
घाना, बरेला, धनपुरी
आदि ग्रामों
में विद्युत
सप्लाई
बाधित होने पर
दिन-दिन भर
बिजली बंद
रहती है? (ख) क्या
33 के.व्ही.
सबस्टेशन
में 33
के.व्ही. की
डबल सप्लाई
करने से
विद्युत व्यवस्था
में सुधार
संभावित है? (ग) यदि
हाँ, तो
क्या ऐसे
सबस्टेशनों
में डबल सप्लाई
करने हेतु
योजना है? (घ) यदि
हाँ, तो
ऐसे कितने
सबस्टेशन है
जहां डबल सप्लाई
का कार्य होना
है?
ऊर्जा
मंत्री ( श्री
प्रद्युम्न
सिंह तोमर ) : (क) जी
नहीं। उल्लेखनीय
है कि विद्युत
लाईनों/अद्योसंरचना
के रख-रखाव
हेतु पूर्व
निर्धारित
शट-डाउन लेने
तथा तकनीकी
कारणों/प्राकृतिक
आपदा से आये
आकस्मिक व्यवधानों
जैसी
अपरिहार्य
स्थिति के
कारण कतिपय
अवसरों पर
विद्युत
प्रदाय बाधित
होता है, जिसमें
आवश्यक
रख-रखाव/सुधार
कार्य कर
विद्युत
प्रदाय शीघ्र
ही सुचारू कर
दिया जाता है।
(ख) जी
हाँ। (ग) एवं (घ) प्रश्नाधीन
क्षेत्रांतर्गत
आर.डी.एस.एस. योजना
के तहत 33/11 के.व्ही.
विद्युत
उपकेन्द्र
बघराजी, 33/11 के.व्ही.
विद्युत
उपकेन्द्र
उरदवा एवं 33/11 के.व्ही.
विद्युत
उपकेन्द्र
बिसेंदी में 33 के.व्ही.
की डबल सप्लाई
का कार्य
प्रचलन में है।
न.पा.
लहार में हुए
भ्रष्टाचार
की शिकायतें
[नगरीय
विकास एवं
आवास]
8.
( क्र. 1158 ) श्री
देवेन्द्र
रामनारायन
सखवार : क्या
नगरीय विकास
एवं आवास
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) मुख्य
नगर पालिका
अधिकारी नगर
पालिका परिषद
लहार के
विरूद्ध किन-किन
व्यक्तियों, संस्थाओं
या नगर पालिका
परिषद लहार ने
आयुक्त
नगरीय
प्रशासन एवं
विकास म.प्र.
भोपाल प्रमुख
सचिव, नगरीय
प्रशासन एवं
विकास म.प्र.
मुख्य सचिव
मध्यप्रदेश
शासन को कब-कब
शिकायतें की
गई। (ख) उक्त
शिकायतों की
जांच किन-किन
अधिकारियों
से कराई गई? जांच
प्रतिवेदन
प्रस्तुत
करें। (ग) क्या
मध्यप्रदेश
शासन, नगरीय
विकास एवं
पर्यावरण
विभाग
मंत्रालय के
पत्र क्र./एफ-6-18/10/18-3/7814 भोपाल
दिनांक 17.06.2016 के द्वारा
ई-टेंडरिंग व्यवस्था
लागू करने के
पारित आदेश
में एक कार्य
के लिए 1.00 लाख से
अधिक की खरीदी
टेंडरिंग से
की जानी है। परन्तु
प्रभारी मुख्य
नगर पालिका
अधिकारी लहार
द्वारा वर्ष 2024 में भ्रष्टाचार
करते हुए एक
ही माह में एक
ही कार्य के लिए
अलग-अलग
तारीखों में
बाजारू मूल्य
से अधिक भाव
में वाटर कूलर
खरीद कर भ्रष्टाचार
किया था। यदि
हाँ, तो
क्या इसकी
शिकायत होन के
बाद भी अभी तक
क्या
कार्यवाही की
गई। यदि नहीं, तो क्यों? (घ) क्या
नगर पालिका
परिषद लहार ने
सर्वसम्मति से
प्रभारी मुख्य
नगर पालिका
अधिकारी लहार
विरूद्ध वित्तीय
अनियमितताएं
एवं भ्रष्टाचार
करने पर निंदा
प्रस्ताव
पारित कर
म.प्र. शासन, नगरीय
प्रशासन एवं
विकास भोपाल
को भेजा था।
यदि हाँ, तो उस पर
अभी तक कोई
कार्यवाही न
कर निर्वाचित
परिषद के
अधिकारों का
हनन किया जा
रहा है। यदि
नहीं, तो
अभी तक क्या
कार्यवाही की
गई विस्तृत
विवरण दें।
नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री (
श्री कैलाश
विजयवर्गीय ) : (क) मुख्य
नगरपालिका
अधिकारी, नगरपालिका
परिषद, लहार के
विरूद्ध पद का
दुरूपयोग कर
वित्तीय
अनियमितताएं
किए जाने के
संबंध में डॉ.
गोविंद सिंह
पूर्व नेता
प्रतिपक्ष
द्वारा माननीय
लोकायुक्त
महोदय के
समक्ष दिनांक 25.09.2024 को शिकायत
की गई थी, जिसे
लोकायुक्त
कार्यालय
द्वारा
जां.प्र. 0317/ई/24 के
रूप में दर्ज
किया गया है। (ख) संचालनालय, नगरीय
प्रशासन एवं
विकास, मध्यप्रदेश, भोपाल
द्वारा
दिनांक 06.11.2024 को संयुक्त
संचालक, नगरीय
प्रशासन एवं
विकास, संभाग-ग्वालियर/चंबल
को उक्त
शिकायत की
जांच कर
प्रतिवेदन उपलब्ध
कराने के
निर्देश दिए
गए हैं, जिस पर
जांच की
कार्रवाई
प्रचलित है। (ग) जी
हाँ, उक्त
शिकायत
लोकायुक्त
जां.प्र. 0317/ई/24
में उल्लेखित
है, जिस
पर जांच की
कार्रवाई
प्रचलित है। (घ) परिषद्
द्वारा निंदा
प्रस्ताव के
संबंध में
पारित ठहराव
क्रमांक 1 दिनांक 16.07.2024 को कलेक्टर
(जिला शहरी
विकास अभिकरण), जिला-भिण्ड
द्वारा आदेश
क्रमांक डूडा/2024/1444 दिनांक 23.09.2024 के माध्यम
से निलंबित कर
दिया गया है। अत:
शेषांश का प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
सड़कों
की गुणवत्ता
सुधार
[लोक
निर्माण]
9.
( क्र. 1295 ) श्री अजय
विश्नोई : क्या लोक
निर्माण
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या जबलपुर
जिले की पाटन
विधानसभा में
वर्ष 2024
में निर्मित
सड़कें 1. उड़ना से
सकरा, 2. चंदवा से
महगवां, 3. करैया से
भूलन माता, 4. कैरया से
मझगवां का
निर्माण किया
गया है। (ख) क्या, विभाग इस
तथ्य से
परिचित है कि
पहली दो
सड़कों का
निर्माण वैष्णव
एसोसियेट ने
किया है और
दूसरी दो
सड़कों का काम
शर्मा
एसोसियेट को
मिला था परन्तु
निर्माण वैष्णव
एसोसियेट ही
ने किया। (ग) क्या, विभाग
सहमत है कि
उपरोक्त
सड़कों के कामों
में गुणवत्ता
का आभाव हैं। ठेकेदार
पर
अधिकारियों
का नियंत्रण
नहीं है। (घ) क्या, विभाग
खराब सड़कों
को सुधारने, खराब
सड़कों का
निर्माण करने
वाली, एजेंसी
के खिलाफ
प्रभावी कार्यवाही
करेगा ताकि
भविष्य में
प्रदेश में
इतनी खराब
सड़कें नहीं
बने और विभाग
की छवि खराब न
हो।
लोक
निर्माण
मंत्री ( श्री
राकेश सिंह ) :(क) जी
हाँ, विस्तृत
जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट
अनुसार है। (ख) जी
नहीं, उक्त
4 सड़कों में
से केवल तीन
सड़क (1) उड़ना से
सकरा (2) चंदुआ
से महगवां एवं
(3)
करैया
से महगवां
मार्ग का
निर्माण
कार्य वैष्णव
एसोसिएट्स
द्वारा किया
गया एवं एक
सड़क करैया से
भूलन माता का
एस.एस.
कंस्ट्रक्शन
कंपनी
नरसिंहपुर द्वारा
किया गया है। (ग) जी
नहीं,
कार्यों को
गुणवत्तापूर्वक
किया गया है
एवं समय-समय पर
उपयोग में की
गई
सामग्रियों
का परीक्षण
किया गया है। (घ) कार्य
गुणवत्तापूर्वक
कराया गया है।
अतः
कार्यवाही का
प्रश्न ही
नहीं उठता।
सर्वे
से हटकर कार्य
कराने की जांच
के साथ पत्रों
पर कार्यवाही
[ऊर्जा]
10.
( क्र. 1339 ) श्री अभय
मिश्रा : क्या
ऊर्जा मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
उर्जा विभाग
द्वारा
आरडीएसएस
योजना के तहत
विद्युतीकरण
हेतु कराये
गये
सर्वे/ड्राईंग/डीपीआर
की प्रति रीवा
जिले की देंवे? बतावें की
इस अनुसार
कितने कार्य
कराये गये सेमरिया
विधान सभा के
विभिन्न वितरण
केन्द्रों
से संबंद्ध
कितने ग्राम, मजरे, टोले, पंचायतों को
इस योजना में
नहीं जोड़ा
गया? उनके
जोडे़ जाने बावत्
क्या
निर्देश
देंगे? बतावें। (ख) प्रश्नांश
(क) के तारतम्य
में प्रश्नकर्ता
सदस्य
द्वारा पत्र
क्रमांक 319 दिनांक 06.05.2024, पत्र
क्रमांक 325 दिनांक 22.05.2024, पत्र
क्रमांक 326 दिनांक 22.05.2024, पत्र
क्रमांक 390 दिनांक 18.07.2024, पत्र
क्रमांक 499 दिनांक 21.09.2024 पत्र
क्रमांक 341
22.06.2024 पत्र
क्रमांक 359 दिनांक 19.06.24 पत्र
क्रमांक 390 दिनांक 18.07.2024 पत्र 499 दिनांक 21.09.24 पत्र 520 दिनांक 26.09.2024, पत्र
क्रमांक 521 दिनांक 26.09.2024, पत्र
क्रमांक 541 दिनांक 04.10.2024, पत्र
क्रमांक 545 दिनांक 26.9.2024, पत्र
क्रमांक 547 दिनांक 09.10.2024, पत्र
क्रमांक 561 दिनांक 09.10.2024, पत्र
क्रमांक 600 दिनांक 16.10.2024, पत्र
क्रमांक 640 दिनांक 26.10.2024, पत्र
क्रमांक 661 दिनांक 01.11.2024, पत्र
क्रमांक 664 दिनांक 06.11.2024, पत्र
क्रमांक 703 दिनांक 16.11.2024, पत्र
क्रमांक 715 दिनांक 28.11.2024, पत्र
क्रमांक 734 दिनांक 26.12.2024, पत्र
क्रमांक 808 दिनांक 01.02.2025, पत्र
क्रमांक 948 दिनांक 11.05.2025, पत्र
क्रमांक 1001 दिनांक 29.05.2025 पत्र
क्रमांक 1002 दिनांक 30.05.2025 पत्र
क्रमांक 1015 दिनांक 05.06.25 के द्वारा आरडीएसएस
योजना के तहत
विद्युतीकरण/ट्रांसफार्मर
बावत् पत्र
लिखे गये सब
पर कार्यवाही
का विवरण
देवें। (ग) प्रश्नांश
(क) अनुसार सर्वे
व ड्राईंग से
हटकर
बनकुईंया
सबस्टेशन
अंतर्गत
ग्राम मरहा
में दिव्या
शर्मा पति
अभिमन्यु
शर्मा ग्राम
दादर में
बाबूलाल पाण्डेय
के खेत में
अवैधानिक विद्युतीकरण
ग्राम कुईयाँ
में राजेश
यादव के खेत
के लिये 30-40 पोल
गाड़कर
विद्युतीकरण
दादर में मीना
पाण्डेय एवं
अरूण पाण्डेय
ग्राम पंचायत बम्हौरी
में भारत पाठक
के फार्महाऊस
एवं अन्य जगह
में डी.पी.आर.
से हटकर कार्य
कराये गये जिसकी
जांच/कार्यवाही
के निर्देश जिम्मेदारों
पर देंगे, बतावें
नहीं तो क्यों।
ऊर्जा
मंत्री ( श्री
प्रद्युम्न
सिंह तोमर ) : (क) रीवा
जिलान्तर्गत
म.प्र. पूर्व
क्षेत्र
विद्युत
वितरण कंपनी
द्वारा
आर.डी.एस.एस.
योजना के तहत
विद्युत अद्योसंरचना
सुदृढ़ीकरण
कार्य हेतु
कराये गये
सर्वे/डी.पी.आर.
की प्रति पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-'अ' अनुसार है। उल्लेखनीय
है कि
आर.डी.एस.एस.
योजनांतर्गत
कार्यों को
क्षेत्रांतर्गत
भार प्रबंधन हेतु
तकनीकी साध्यता
एवं विद्युत
अधोसंरचना
सुदृढ़ीकरण
के आधार पर
प्रस्तावित
किया गया हैं, ग्रामों/मजरों/टोलों
के आधार पर
नहीं। अत: शेष
प्रश्न नहीं
उठता। (ख) उत्तरांश (क) के
परिप्रेक्ष्य
में माननीय
प्रश्नकर्ता
विधायक महोदय
से आर.डी.एस.एस.
योजना के
अंतर्गत विद्युतीकरण/वितरण
ट्रांसफार्मर
स्थापना
हेतु प्रश्नांश
में उल्लेखित
विभिन्न
पत्रों पर की
गई कार्यवाही
का विवरण पुस्तकालय में रखे
परिशष्ट के
प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ग) जी
नहीं। आर.डी.एस.एस.
योजनांतर्गत
प्रश्नाधीन
क्षेत्रों
में फीडर
विभक्तिकरण
हेतु प्रस्तावित
कार्य सर्वे
अनुसार ही
पूर्ण करवाये
जा रहे हैं, तथापि
कार्य के
दौरान मार्ग
के अधिकार (आर.ओ.डब्ल्यू.)
की समस्या
आने पर तकनीकी
साध्यता एवं
अधिकतम
उपभोक्ताओं
को लाभान्वित
करने के
उदे्दश्य से
आंशिक परिवर्तन
कर पी.एम.ए., टी.के.सी.
एवं प्रभारी
कनिष्ठ
अभियंता
द्वारा सहमति
प्रदान किये
जाने के उपरांत
ही प्रश्नांश
में उल्लेखित
लाईन निर्माण
का कार्य
भविष्य में
अस्थाई
कनेक्शनों की
मांग की
पूर्ति एवं
लाईनों को अन्य
ग्रामों में
कृषि कार्य
हेतु भविष्य
में विस्तारित
किये जाने की
आवश्यकता को
ध्यान में
रखकर कराया
गया है। अत:
शेष प्रश्न
नहीं उठता।
पत्रों
पर कार्यवाही
कर निराकरण न
करने पर कार्यवाही
[लोक
निर्माण]
11.
( क्र. 1340 ) श्री अभय
मिश्रा : क्या लोक
निर्माण
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
प्रश्नकर्ता
सदस्य ने
पत्र 833
दिनांक 18.02.25 मुख्य
सचिव म.प्र.
शासन भोपाल, पत्र 834 दिनांक 18.02.25 मुख्य
सचिव म.प्र.
शासन भोपाल, पत्र 845 दिनांक 20.02.25 (21.02.2025)
मुख्य
सचिव म.प्र.
शासन भोपाल, पत्र क्र. 782 दिनांक 15.01.2025 मुख्य
सचिव म.प्र. शासन
भोपाल को पत्र
लिखकर
कार्यवाही का
आग्रह किया
गया था जिस पर
कार्यालय
मुख्य सचिव
वल्लभ भवन
भोपाल द्वारा
अपर मुख्य
सचिव लोक
निर्माण
विभाग को
कार्यवाही कर
अवगत कराने का
लेख किया गया
था लेकिन आज
दिनांक तक
कार्यवाही की
जानकारी
अपेक्षित है, कार्यवाही
की प्रति/जांच
प्रतिवेदन की
प्रति के साथ
जानकारी देवें।
(ख) प्रश्नांश
(क) के स्वीकृत
कार्यों एवं
अन्य में की
गई अनियमितता
के लिये पदस्थ
कार्यापालन
यंत्री, अनुविभागीय
अधिकारी एवं
उपयंत्रियों
की अपरोक्ष
रूप से कराये
गये एवं कराये
जा रहे निर्माण
कार्यों में
हिस्सेदारी
होने से कार्य
गुणवत्ताविहीन
मानक प्राक्कलन
एवं तकनीकी स्वीकृति
अनुसार नहीं
कराये गये
अधिकांश कार्यों
में गुणवत्ताविहीन
सामग्री का
उपयोग कर
कार्य कराये
गये जिसकी उच्च
स्तरीय
समिति बनाकर
जांच कराने व
कार्यवाही बाबत्
क्या
निर्देश
देंगे? अगर नहीं
तो क्यों? (ग) प्रश्नांश
(क) में उल्लेखित
पत्रों एवं प्रश्नांश
(ख) अनुसार
उल्लेखित
कार्य जिन
अधिकारियों
एवं
कर्मचारियों
के
मार्गदर्शन
में कराये जा
रहे हैं उनकी
पदस्थापना
अवधि रीवा
जिले में
कितनी वर्षों
की हो चुकी
हैं उनमें से
किन के
विरूद्ध
विभागीय/लोकायुक्त/ईओडब्लू
में जांच
लंबित हैं, के नाम व
पदनाम सहित का
विवरण देते
हुये बतावें। इनके
अन्यत्र
पदस्थ किये
जाने एवं
कार्यालयीन
कार्य से जांच
के दौरान मुक्त
किये जाने
बाबत् क्या
निर्देश
देंगे? बतावें। अगर
नहीं तो क्यों? (घ) प्रश्नांश
(क),
(ख) एवं (ग) में उल्लेखित
आधारों व
पत्रों पर
सामान्य
प्रशासन
विभाग के जारी
आदेश
क्रमांक/एफ 19-76/2007/1/4 भोपाल
दिनांक 19 जुलाई 2019 का पालन कर
समय पर पत्रों
पर कार्यवाही
न करने
निराकरण न
करने के
कौन-कौन उत्तरदायी
हैं? पदनाम
सहित जानकारी
देते हुय उन
पर क्या
कार्यवाही
प्रस्तावित
करेंगे? बतावें। साथ
ही पत्रों के
निराकरण के क्या
निर्देश
देंगे? बतावें। अगर
नहीं तो क्यों?
लोक
निर्माण
मंत्री ( श्री
राकेश सिंह ) :(क) जी
हॉं। विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-अ अनुसार
है। जाँच
कार्यवाही
प्रक्रियाधीन
है। (ख) जाँच
कार्यवाही
प्रक्रियाधीन
है। (ग) जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-ब
अनुसार है। वर्तमान
में जांच
प्रचलन में है।
अत: प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (घ) जांच
की कार्यवाही
प्रक्रियाधीन
है। वर्तमान
में उत्तरदायित्व
का निर्धारण
किया जाना
संभव नहीं है।
ओम
कंस्ट्रक्शन
कंपनी इंडिया
प्रायवेट
लिमिटेड की
जानकारी
[लोक
निर्माण]
12.
( क्र. 1478 ) श्री
यादवेन्द्र
सिंह : क्या लोक
निर्माण
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
ओम
कंस्ट्रक्शन
कंपनी इंडिया
प्राईवेट
लिमिटेड, इंन्द्रपुरी
कॉलोनी, टीकमगढ़
को कार्यालय
मुख्य
अभियंता लोक
निर्माण
परिक्षत्र
सागर म.प्र.
ज्ञाप.क्र. 2941 सा/पंजीयन/कालीसूची/2023-24 सागर
दिनांक 11/11/2024 द्वारा
काली सूची में
दर्ज किया गया
था? (ख) क्या
मुख्य
अभियंता
म.प्र. अर्बन डेवलपमेंट
कॉर्पोरेशन
जोन भोपाल
द्वारा
बैलेंस वर्क
की प्रमाणित
प्रति भेजने
हेतु ओम
कंस्ट्रक्शन
कंपनी, टीकमगढ़
को लेख किया
था, किन्तु
कंपनी द्वारा
आदेश का पालन
नहीं किया? यदि हाँ, तो? (ग) क्या
कार्यपालन
यंत्री लोक
निर्माण
विभाग टीकमगढ़
द्वारा अभिमत के
आधार मान्य
नहीं है जो
दिनांक 16.07.2024 को लेख
किया, यदि
हाँ, तो? (घ) ऐसी
क्या नवीन
परिस्थिति
उत्पन्न हुई
कि ओम कंस्ट्रक्शन
कंपनी को
कार्यालय
प्रमुख अभियंता
लोक निर्माण
विभाग भोपाल
ने अपने आदेश
दिनांक 21/11/2024 को पंजीयन
निलम्बन से
बहाल कर दिया, विस्तृत
विवरण दें?
लोक
निर्माण
मंत्री ( श्री
राकेश सिंह ) :(क) जी
हां, आदेश
की प्रति पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ख) जी
नहीं। संबंधित
विभाग से
प्राप्त पत्र
की प्रति पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट-2 अनुसार है। (ग) जी
हां। पत्र की
प्रति पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट-3 अनुसार है। (घ) संविदाकार
द्वारा
प्रस्तुत
अपील पर
सहानुभूति
पूर्वक विचार
करते हुये
मानवीय
त्रुटि एवं
ठेकेदार के
पूर्व अनुभव
को देखते हुये
प्रमुख
अभियंता
द्वारा
पंजीयन बहाल
किया गया है।
कायाकल्प
योजनांतर्गत
नगरीय
निकायों को
राशि का आवंटन
[नगरीय
विकास एवं
आवास]
13.
( क्र. 1487 ) श्री अजय
अर्जुन सिंह : क्या
नगरीय विकास
एवं आवास
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) प्रदेश
में 01
जनवरी 2023 से प्रश्न
दिनांक तक कायाकल्प
योजना के
अंतर्गत
कॉलोनियों को
मुख्य सड़क से
जोड़ने के लिए
किन-किन नगरीय
निकायों को कितनी-कितनी
राशि आवंटित
की गई है? (ख) क्या
उपरोक्त
सड़कों का
निर्माण
स्थानीय जन प्रतिनिधियों
की मांग के
आधार पर किया
जा रहा है? यदि हाँ, तो किन-किन
नगरीय
निकायों
द्वारा
स्थानीय जन प्रतिनिधियों
से प्रस्ताव
लिए गये हैं? (ग) यदि
नहीं, तो
इसका क्या
कारण है?
नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री (
श्री कैलाश
विजयवर्गीय ) : (क) जी
नहीं, म.प्र.
शासन, नगरीय
विकास एवं
आवास विभाग, मंत्रालय, भोपाल के
आदेश क्रमांक
एफ-2/1/11/0001/2023/18-2
दिनांक 06/09/2023 से
कायाकल्प
योजना नगरीय
निकायों की
सड़कों के
उन्नयन/निर्माण
के लिए स्वीकृत
हुई है। उत्तरांश
के
परिप्रेक्ष्य
में प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (ख) योजना
का
क्रियान्वयन
म.प्र. नगर
पालिका अधिनियम, 1956, म.प्र. नगर
पालिका
अधिनियम, 1961 तथा इसके
तहत बनाये गये
लेखा एवं
वित्त नियम, 2018 के उपबंध
एवं राज्य
सरकार से
प्रसारित
दिशा-निर्देशों
के अनुसार
निकायों
द्वारा किया
जायेगा, प्रावधानित
है। उत्तरांश
के
परिप्रेक्ष्य
में शेषांश का
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (ग) उत्तरांश
(ख) के
परिप्रेक्ष्य
में शेषांश का
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है।
वर्क
आर्डर होने के
बाद कार्य
नहीं किया
जाना
[नगरीय
विकास एवं
आवास]
14.
( क्र. 1585 ) श्री
सुशील कुमार
तिवारी : क्या
नगरीय विकास
एवं आवास
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
नगर निगम
जबलपुर
द्वारा जोन
क्र. 15 के
अंतर्गत 11 कार्यों के
8.58 करोड़
राशि के स्वीकृति
आदेश जारी कर
ठेकेदारों से
अनुबंध पश्चात
वर्क आर्डर
जारी किये गये
हैं? (ख) क्या वर्क
आर्डर जारी
होने के पश्चात
ठेकेदारों के
द्वारा कार्य
प्रारंभ नहीं
किये गये हैं? (ग) यदि
हाँ, तो
क्यों? (घ) प्रश्नांश
(ख) के
अंतर्गत कब तक
कार्य
प्रारंभ किये
जायेंगे?
नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री ( श्री
कैलाश
विजयवर्गीय ) : (क) जी
हाँ। (ख) नगर
पालिक निगम
जबलपुर
द्वारा 4 कार्यों
को प्रारंभ
कराया गया है
एवं 7
कार्यों को
प्रारंभ करने
के लिए
संविदाकारों
को सूचना पत्र
दिया गया है। (ग) उत्तरांश
(ख) अनुसार
है। (घ) उत्तरांश
(ख) अनुसार, समय-सीमा
बताया जाना संभव
नहीं है।
मार्कण्डेय
घाट पुल
निर्माण
कार्य
[लोक
निर्माण]
15.
( क्र. 1646 ) डॉ. राजेन्द्र
कुमार सिंह : क्या लोक
निर्माण
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) मैहर
जिले के
रामनगर में
मार्कण्डेय
घाट से उमरिया
जिले की
मानपुर तहसील
के ग्राम
इंदवार तक
महानदी पर
बनने वाले पुल
की लागत प्रश्न
तिथि तक क्या
अनुमानित की
गई है? उक्त
पुल का
निर्माण
कार्य कब शुरू
किया जाएगा? (ख) बरही
से ताला
मानपुर तक का
महानदी का पुल
क्या जीर्ण-शीर्ण
अवस्था में
है और इस
मार्ग पर
आवागमन चालू
है या नहीं? अगर चालू
है तो कितने
पहिए के वाहन
आ जा रहे हैं? (ग) प्रश्नांश
(ख) में
वर्णित पुल के
नए निर्माण की
क्या प्रस्ताव
राज्य शासन
के पास लंबित
हैं? क्या
उक्त पुल के
पाये पूरी तरह
गल चुके हैं? क्या ये
पुल कभी भी
टूट सकता हैं? आम जनता के
लिए राज्य
सरकार उक्त
दोनों पुल के निर्माण
के लिये कब तक
स्वीकृति
देगी?
लोक
निर्माण
मंत्री ( श्री
राकेश सिंह ) : (क) मैहर
जिले के
रामनगर में
मार्कण्डेय
घाट से उमरिया
जिले की
मानपुर तहसील
के ग्राम
इंदवार तक
महानदी पर बनने
वाला पुल की
लगभग राशि
रूपये 473.55 करोड़
अनुमानित की
गई है। यह
कार्य न तो
किसी योजना
में
प्रस्तावित
है और न ही स्वीकृत
है। अतः
निर्माण
कार्य की निश्िचत
समय-सीमा
बताया जाना
संभव नहीं है।
(ख) उक्त
पुल लोक
निर्माण
विभाग के अधीन
नहीं है, अपितु जल
संसाधन विभाग
के अधीन है।
जी हां। पुल
पर हल्के
वाहनों का
आवागमन यथा
मोटर साइकिल, कार/जीप
आदि का आवागमन
जारी है। (ग) विषयांकित
पुल लोक
निर्माण
विभाग से सम्बंधित
नहीं है। जल
संसाधन से
प्राप्त जानकारी
संलग्न परिशिष्ट
अनुसार है।
धार
विधानसभा में
निर्माणाधीन
इण्डोरामा फ्लाय
ओवर
[लोक
निर्माण]
16.
( क्र. 1660 ) श्रीमती
नीना विक्रम
वर्मा : क्या लोक
निर्माण
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
पीथमपुर नगर
के इण्डोरामा
में महू-नीमच फोरलेन
हाईवे पर
फ्लाय ओवर का
निर्माण
मध्यप्रदेश
सड़क विकास
निगम लिमिटेड
के माध्यम से
हो रहा है? (ख) इस
फ्लाय ओवर का
निर्माण किस
तारीख से
प्रारंभ हुआ
है तथा अनुबंध
की शर्तों के
अनुसार इसे
बनाने की
समयावधि
क्या है? क्या
निर्माण की
गति
अपेक्षाकृत
धीमी होने से
यह निर्माण समयावधि
में पूर्ण होने
की संभावनाए
कम है? (ग) क्या
प्रदेश के
सबसे बडे़
औद्योगिक
क्षेत्र के
भारी यातायात
दबाव को
दृष्टिगत
रखते हुए विभाग
द्वारा
संबंधित
एजेन्सी से
इण्डोरामा में
निर्माणाधीन
फ्लाय ओवर के
साईड में
महू-नीमच
फोरलेन की
चारों लेन
हेतु पक्की
दो-दो सर्विस
लेन का
निर्माण
करवाया गया है? (घ) यदि
नहीं, तो
सर्विस लेन का
प्रावधान
करने में किस
स्तर पर चुक
हुई तथा प्रतिदिन
लगने वाली
वाहनों की लम्बी
कतार व बारिश
में वाहनों के
जाम के लिये
जिम्मेदारी
तय की जावेगी? (ड.) वर्तमान
में सर्विस
लेन की
व्यवस्थित
व्यवस्था
करने हेतु
विभाग क्या
कोई ठोस कदम
उठायेगा तथा निर्माण
कार्य की
प्रगति में
वांछित गति
प्रदान करने
हेतु क्या
कार्रवाई की
जावेगी?
लोक
निर्माण
मंत्री ( श्री
राकेश सिंह ) :(क) जी
हाँ। (ख) जानकारी
संलग्न परिशिष्ट
अनुसार है। शेष
का प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (ग) जी
हाँ। उक्त
फ्लाय ओवर के
दोनों साईड
कुल 857
मीटर लंबाई
में 2
लेन डामरीकृत
सर्विस रोड का
प्रावधान है। (घ) उत्तरांश
''ग'' के
संदर्भ में
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (ड.) वर्तमान
में सर्विस रोड
पर यातायात
दबाव अधिक
होने से
डामरीकृत
सर्विस रोड के
स्थान पर
कांक्रीट
सर्विस रोड
बनाने का
प्रस्ताव
परीक्षणाधीन
है। निर्माण
कार्य को गति
प्रदान करने
हेतु समय-समय
पर वरिष्ठ
अधिकारियों
द्वारा स्थल
निरीक्षण कर
ठेकेदार को
आवश्यक
निर्देश जारी
किये जाते है।
विभाग
से स्वीकृत
कार्यों की
जानकारी
[नवीन एवं
नवकरणीय
ऊर्जा]
17. ( क्र. 1766 ) श्री
राजेश कुमार
वर्मा : क्या
नवीन एवं
नवकरणीय
ऊर्जा मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) पन्ना
जिले में नवीन
एवं नवकरणीय
ऊर्जा के क्षेत्र
में कार्य
करने के लिए
विभाग द्वारा
कितना बजट
स्वीकृत किया
गए है एवं
वर्तमान में
क्या-क्या
कार्य किए जा
रहे हैं? विधानसभावार
जानकारी
देवें। (ख) पन्ना
जिले में वर्ष
2019 से प्रश्न
दिनांक तक
कितने
हितग्राहियों
को सिंचाई कार्य
हेतु सोलर पंप
स्थापित कर लाभांवित
किया गया हैं? विधानसभावार
एवं नामवार
जानकारी
देवें। (ग) प्रश्नांश
(ख) अनुसार
सोलर पंप
लगाने हेतु
कितने
हितग्राहियों
के आवेदन
प्राप्त हुये? कितने
हितग्राहियों
को लाभांवित
किया गया? वर्षवार, विधानसभावार
जानकारी
उपलब्ध
कराएं। जिन हितग्राहियों
को लाभांवित
नहीं किया गया
उसका क्या
कारण है? (घ) पन्ना
जिले में शहरी
एवं ग्रामीण
घरों में सोलर
पैनल के
माध्यम से
विद्युत
प्रदाय करने
के लिए क्या
कार्य किया
गया है? विधानसभावार
जानकारी
देवें।
नवीन एवं
नवकरणीय
ऊर्जा मंत्री
( श्री राकेश शुक्ला
) : (क) नवीन
एवं नवकरणीय
ऊर्जा विभाग
को आवंटित बजट
प्रावधान
जिलेवार नहीं
होकर, योजनावार
दिया जाता है।
अत: प्रश्न
अनुसार
जानकारी दिया
जाना संभव
नहीं है। प्रधानमंत्री
सूर्यघर
मुफ्त बिजली
योजना की जानकारी
पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट के
प्रपत्र-अ
अनुसार है एवं
कुसुम-ब योजना
''प्रधानमंत्री
कृषक मित्र
सूर्य योजना'' के
नाम से
संचालित
योजना की
वर्तमान जानकारी
पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट के
प्रपत्र-ब
अनुसार है। (ख) पन्ना
जिले में वर्ष
2019 से प्रश्न
दिनांक तक कुल
52
हितग्राहियों
को सिंचाई
कार्य हेतु
सोलर पंप स्थापित
कर लाभान्वित
किया गया है, जिसकी जानकारी
पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट के
प्रपत्र-ब
अनुसार है। (ग) पन्ना
जिले में सोलर
पंप लगाने
हेतु 553
हितग्राहियों
के आवेदन
प्राप्त
हुये है जिसकी
जानकारी
पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट के
प्रपत्र-स
अनुसार है, इसके
अलावा वर्ष 2019 से
प्रश्न
दिनांक तक 52
हितग्राहियों
को लाभान्वित
किया गया है।
वर्षवार, विधानसभावार
जानकारी
पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट के
प्रपत्र-ब
अनुसार है।
कृषकों की
पात्रता व पमप
स्थापना
हेतु स्थल की
उपयुक्ता के
आधार पर पंप
की स्थापना
की जाती है। वर्ष
2019-20 में दरें
उपलब्ध न
होने तथा
कोविड-19
महामारी के
कारण मार्च 2019 से
लॉकडाउन होने
के कारण वर्ष 2020-21 की
लगभग दो
तिमाहियों
में सोलर पम्प
स्थापना की
प्रगति शून्य
रही। वर्ष 2020-21, 2021-22
एवं 2022-23 में उन
कृषकों को
सोलर पम्प स्थापित
किये गये, जिन्होंने
सोलर पम्प स्थापना
हेतु पूर्ण
राशि जमा कर
दी थी तथा शेष
कृषक जिनके
द्वारा केवल
पंजीयन राशि
जमा की गई थी, उनके
यहां सोलर पम्प
स्थापित
नहीं किये जा
सके थे। इसके
बाद वर्ष 2023-24
में SECI नई
दिल्ली
द्वारा केन्द्रीय
निविदा की गई, जिसमें
मध्यप्रदेश
राज्य के लिए
केवल 10 HP पंपों
की दरें
प्राप्त
हुई। इसके बाद
केन्द्र
सरकार के
निर्देशानुसार
10,000 सौर
पंपों की स्थापना
हेतु राज्य
स्तरीय
निविदा जारी
की गई जो L-1 ईकाई
द्वारा
अनुबंध न करने
के कारण निरस्त
कर दी गई। अत:
सौर पंपों की
स्थापना
नहीं हो सकी।
वर्तमान में
इस योजनान्तर्गत
कुल 52000 नग
सोलर पंप स्थापना
का लक्ष्य MNRE भारत
सरकार से
प्राप्त है।
जिसकी निविदा
पूर्ण होकर 36
ईकाइयां empanelled हुई
है। योजना के
तहत पूर्व से
पंजीकृत
हितग्राहियों
को प्रथमत:
उनकी पात्रता
व स्थापना स्थल
की उपयुक्ता
अनुसार सोलर
पंप की स्थापना
के लिए LoA जारी
करना प्रारंभ
कर दिए है। (घ) पन्ना
जिले में शहरी
एवं ग्रामीण
क्षेत्रों के
लिए
प्रधानमंत्री
सूर्यघर
मुफ्त बिजली
योजना भारत
सरकार द्वारा
प्रारंभ की गई
है। जिसमें
घरों की छतों
पर सौर
संयंत्र स्थापना
करने पर भारत
सरकार द्वारा
अनुदान
प्रदान किया जा
रहा है।
लाभार्थियों
की जानकारी
पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट के
प्रपत्र-अ
अनुसार है।
P.I.U. पन्ना
द्वारा स्वीकृत
निर्माण
कार्य
[लोक
निर्माण]
18.
( क्र. 1767 ) श्री
राजेश कुमार
वर्मा : क्या लोक
निर्माण
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) पन्ना
जिले की गुनौर
विधानसभा में
वर्ष 2020 से
प्रश्न
दिनांक तक पी.आई.यू.
जिला पन्ना
द्वारा कितने
निर्माण
कार्य स्वीकृत
किये गये है? प्रत्येक
कार्य का नाम, कार्यादेश
का क्रमांक
एवं दिनांक, अनुबंधित
अवधि का
दिनांक कार्य
की वर्तमान
स्थिति का
विवरण देवें। (ख) क्या
प्रश्नांश
(क) से
संबंधित
कार्य
अनुवंधित
अवधि में
पूर्ण कर लिये
गये है? यदि नहीं, तो क्या
शासन से ऐसे
कोई निर्देश
प्राप्त
हुये है, जिसके
कारण कार्यों
में विलम्ब
किया जा रहा
है? यदि
नहीं, तो
इसके लिये कौन
दोषी है? दोषियों
पर क्या
कार्यवाही की
जावेगी? क्या
कार्यों में
विलम्ब होने
पर कोई
कार्यवाही न
करना सिविल
सेवा आचरण
नियमों के
अनुकूल है? (ग) क्या
प्रश्नांश
(क) से
संबंधित
कार्यों का
किस अधिकारी
द्वारा कितनी
बार स्थल
निरीक्षण
किया गया? समयावधि
में कार्य
पूर्ण न होने
पर क्या
कार्यवाही की
गई? किस
ठेकेदार को
किस कार्य के
लिये स्वीकृत
राशि के
विरूद्ध
कितना भुगतान
किया गया? दिनांक
सहित विवरण
देवें।
लोक
निर्माण
मंत्री ( श्री
राकेश सिंह ) :(क) जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट
अनुसार है। (ख) जी
नहीं। जी नहीं।
सविंदाकार
दोषी। समयावधि
में कार्य
पूर्ण न होने
के कारण अनुबंधानुसार
पेनाल्टी की
राशि की वसूली
संविदाकार से
की गई है, जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार
है। शेष का
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (ग) जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार
है।
ट्रांसफार्मर
लगाए जाना
[ऊर्जा]
19.
( क्र. 1786 ) श्री
घनश्याम
चन्द्रवंशी : क्या
ऊर्जा मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) शाजापुर
जिले की
विधानसभा
कालापीपल में मजरे
टोले के सर्वे
कब हुए व वहां
पर ट्रांसफार्मर
कब तक लगेंगे? (ख) विधानसभा
में ओवर लोड
ट्रांसफार्मर
का लोड कब तक
बढ़ाने की
योजना है? विधानसभा
की समस्त ओवर
लोड
ट्रांसफार्मर
की सूची
उपलब्ध
करावें।
ऊर्जा
मंत्री ( श्री
प्रद्युम्न
सिंह तोमर ) : (क) शाजापुर
जिले की
कालापीपल
विधानसभा
क्षेत्र के 366
मजरों/टोलों
के सर्वे का
कार्य लगभग 01 वर्ष पूर्व
किया गया था। किन्तु
तत्समय
विद्युतीकरण
की कोई योजना
प्रचलन में नहीं
होने के कारण
उक्त
मजरों/टोलों
हेतु
विद्युतीकरण
के कार्य स्वीकृत
नहीं हुए थे। वर्तमान
में राज्य
शासन के पत्र
दिनांक 05.05.2025 के द्वारा
अविद्युतीकृत
घरों/बसाहटों/मजरों/टोलों
के विद्युतीकरण
के संबंध में
दिशा-निर्देश
जारी किये गये
है। उक्त
निर्देशों के
तारतम्य में
म.प्र. पश्िचम
क्षेत्र
विद्युत
वितरण कंपनी
क्षेत्रान्तर्गत
अविद्युतीकृत
मजरों/टोलों
के विद्युतीकरण
कार्य हेतु
विस्तृत
सर्वे कार्य
किया जा रहा
है। सर्वे
उपरान्त
अविद्युतीकृत
मजरों/टोलों/बसाहटों
के
विद्युतीकरण
के कार्य हेतु
विस्तृत
कार्य योजना
तैयार कर नोडल
एजेंसी मेसर्स
पी.एफ.सी., विद्युत
मंत्रालय, भारत
सरकार को
प्रेषित की
जानी है। अत:
वर्तमान में
विद्युतीकरण
हेतु निश्िचत
समय-सीमा बताया
जाना संभव
नहीं है। (ख) प्रश्नाधीन
क्षेत्र में (संचा./संधा.)
संभाग, शुजालपुर
अंतर्गत माह
जून,2025
की स्थिति में
248 वितरण
ट्रांसफार्मर
अतिभारित हैं, जिनकी
सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट
अनुसार है। वितरण
ट्रांसफार्मर
अतिभारित
पाये जाने की स्थिति
में समय-समय
पर नियमानुसार
प्रणाली सुदृढ़ीकरण
योजना अथवा
सामान्य
विकास योजना
के तहत तकनीकी
साध्यता
अनुसार
क्षमता वृद्धि
अथवा अतिरिक्त
वितरण
ट्रांसफार्मर
की स्थापना
के प्रस्ताव
पर सक्षम स्वीकृति
उपरांत वितरण
ट्रांसफार्मर
स्थापना की
कार्यवाही की
जाती है, जो कि एक
सतत्
प्रक्रिया है।
नगर
पालिक निगम
सागर की सीमा
वृद्धि
[नगरीय
विकास एवं
आवास]
20.
( क्र. 1790 ) श्री
शैलेन्द्र
कुमार जैन : क्या
नगरीय विकास
एवं आवास
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
नगर पालिक
निगम सागर की
सीमा वृद्धि
का कोई
प्रस्ताव
शासन के समक्ष
विचाराधीन है? यदि हाँ, तो अब तक
क्या
कार्यवाही
प्रचलन में है? (ख) क्या
नगर पालिक
निगम सागर की
सीमा वृद्धि
हेतु अनेक
वर्षों से
मांग की जा
रही है एवं इस
संबंध में
अनेक बार
प्रस्ताव नगर
पालिक निगम
सागर द्वारा
शासन को भेजे
गये, परन्तु
अब तक इस पर
किसी प्रकार
की कार्यवाही नहीं
हो पाने का
क्या कारण है? (ग) क्या
सीमा वृद्धि न
हो पाने के
कारण अन्य
निगमों की
भांति सागर नगर
का पूर्ण
विस्तार नहीं
हो पा रहा है, तो क्या
शासन नगर
पालिक निगम
सागर की सीमा
वृद्धि कराये
जाने हेतु
शीघ्र उचित
कार्यवाही कर
स्वीकृति
प्रदान करेगा
तथा कब तक?
नगरीय विकास
एवं आवास
मंत्री ( श्री
कैलाश
विजयवर्गीय ) : (क) जी
नहीं। शेषांश
का प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (ख) जी
नहीं। वर्ष 2014 में सीमा वृद्धि
के प्रस्ताव
को दावें/आपत्तियों
पर
विचारोपरांत
अमान्य किया
गया है। जानकारी
संलग्न परिशिष्ट
अनुसार है। (ग) उत्तरांश
(क) एवं (ख) के
परिप्रेक्ष्य
में प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है।
अवन्तीपुर
बड़ोदिया को नगर
परिषद का
दर्जा
[नगरीय
विकास एवं
आवास]
21.
( क्र. 1802 ) श्री घनश्याम
चन्द्रवंशी : क्या
नगरीय विकास
एवं आवास
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि विधानसभा
कालापीपल
क्षेत्र के
ग्राम
अवन्तीपुर
बड़ोदिया को
माननीय पूर्व
मुख्यमंत्री
जी द्वारा
घोषणा की गई
थी कि
अवन्तीपुर बड़ोदिया
को नगर परिषद
का दर्जा दिया
जाएगा? क्या
विभाग के पास
इसका
प्रस्ताव
लंबित है? यदि हाँ, तो क्या
अगले आने वाले
निकाय के
चुनाव में
अवन्तीपुर
बड़ोदिया को
नगर परिषद बना
दिया जायेगा? यदि नहीं, तो कब तक
अवन्तीपुर
बड़ोदिया को
नगर परिषद का
दर्जा
प्राप्त होगा?
नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री (
श्री कैलाश
विजयवर्गीय ) : जी हाँ। दिनांक
12.04.2023
को तत्कालीन
माननीय मुख्यमंत्रीजी
द्वारा अवन्तीपुर
बड़ोदिया जिला
शाजापुर में
नगर परिषद का
गठन किये जाने
की घोषणा की
गई थी। घोषणा
का क्रमांक
सी- 2199 है।
अवन्तीपुर
बड़ोदिया में
नगर परिषद गठन
हेतु
निर्धारित
मापदण्ड
पूर्ण नहीं होने
से
मंत्रिपरिषद
की बैठक
दिनांक 04 अक्टूबर 2023 के माध्यम
से नियमों को
शिथिल करते
हुये नगर
परिषद गठन की
स्वीकृति
प्राप्त की
गई थी तथा मध्यप्रदेश
नगर पालिका
अधिनियम 1961 की धारा 5-क के
अंतर्गत नगर
परिषद गठन की
स्वीकृति
हेतु नस्ती
माननीय राज्यपाल
महोदय को
प्रेषित की गई
थी, जिस
पर मापदण्ड
पूर्ण होने के
उपरांत प्रस्ताव
प्रेषित करने
के निर्देश
प्राप्त
हुये हैं। तदक्रम
में अवन्तीपुर
बड़ोदिया में
नगर परिषद गठन
का प्रस्ताव
अमान्य हो
गया है। निर्धारित
मापदण्ड
पूर्ण होने पर
ही नगर परिषद
का गठन किया
जाना संभव
होगा। समय-सीमा
बताया जाना
संभव नहीं है।
मध्यप्रदेश
में ई-वेस्ट
मैनेजमेंट की
स्थिति
[नगरीय
विकास एवं
आवास]
22.
( क्र. 1938 ) डॉ. अभिलाष
पाण्डेय : क्या
नगरीय विकास
एवं आवास
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) मध्यप्रदेश
सरकार ने
ई-वेस्ट मैनेजमेंट
के लिए क्या
व्यवस्था की
है, जिसमें
ई-वेस्ट
कलेक्शन, रीसाइक्लिंग
और डिस्पोजल
की व्यवस्था
शामिल है? (ख) मध्यप्रदेश
में ई-वेस्ट
प्रबंधन
नियमों का पालन
कैसे किया जा
रहा है, विशेष रूप
से ई-वेस्ट के
अवैध डंपिंग
और जलने पर
रोक लगाने के
लिए क्या नियम
है? गत 02 वर्षों
में इनके उल्लंघन
के कितने
प्रकरण स्वतः
संज्ञान में
लेते हुए दर्ज
किए गए? (ग) मध्यप्रदेश
में ई-वेस्ट
रीसाइक्लिंग यूनिट्स
की स्थिति
क्या है, कितनी
यूनिट्स
स्थापित की गई
हैं और वे
कितनी क्षमता
में काम कर
रही हैं? किन जिलों
में स्थापित
किया जाएगा? क्या
इनमें जबलपुर
शामिल है? (घ) मध्यप्रदेश
में ई-वेस्ट
मैनेजमेंट
में जन जागरूकता
के लिए क्या
कदम उठाए गए
हैं और ई-वेस्ट
नियमों का
उल्लंघन करने
वालों के
विरुद्ध क्या
कार्रवाई की
गई है? गत 01 वर्ष में
की गई
कार्यवाही की
जानकारी
देवें।
नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री (
श्री कैलाश
विजयवर्गीय ) : (क) पयार्वरण, वन एवं
जलवायु
परिवर्तन
मंत्रालय, भारत
सरकार द्वारा
पर्यावरण (संरक्षण)
अधिनियम, 1986 की धारा 6 के
प्रावधानों
के तहत
अधिसूचना
क्रमांक
सा.का.नि. 801 (अ) दिनाक 02.11.2022 के माध्यम
से ई-वेस्ट
प्रबंधन नियम, 2022 जारी किये
गये हैं, जो कि
दिनांक 01.04.2023 से पूरे
देश में
प्रभावशील है, जिसमें ई-वेस्ट
कलेक्शन, रीसाइकिल
एय डिस्पोजल
की व्यवस्था
शामिल है। (ख) मध्यप्रदेश
में ई-अपशिष्ट
(प्रबंधन) नियम, 2022 में
वर्णित
प्रावधानों
के अनुसार
ई-अपशिष्ट उत्पन्न
करने वाले
संस्थानों, बड़े
उपभोक्ता, नगरीय
निकायों एवं
शासन के
विभिन्न
विभागों के
दायित्व
निर्धारित
हैं जिनके
अनुसार राज्य
में ई-अपशिष्ट
का प्रबंधन
किया जा रहा
है। ई-अपशिष्ट
(प्रबंधन) नियम, 2022, पर्यावरण (संरक्षण)
अधिनियम, 1986 की धारा 6 के
अंतर्गत लागू
हुए हैं, इन नियमों
का उल्लंघन
करने पर
पर्यावरण (संरक्षण)
अधिनियम, 1986 की धारा 15 में
वैधानिक
कार्यवाही के
प्रावधान है। स्वत:
संज्ञान से
दर्ज किए गए
प्रकरणों की
संख्या निंरक
है। (ग) जानकारी
संलग्न परिशिष्ट पर है। शेष
जानकारी
निरंक है। (घ) म.प्र.
प्रदूषण
नियंत्रण बोर्ड
द्वारा
ई-वेस्ट मैनेजमेंट
में
जन-जागरूकता
के लिये पम्पलेट
वितरण, समाचार
पत्रों में आम
सूचनाओं का
प्रकाशन, डिजिटल
डिस्प्ले के
माध्यम से
सूचनाओं का प्रसारण
तथा विभिन्न
कार्यशालाओं
का आयोजन किया
गया है।
ई-अपशिष्ट के
उल्लंघन की
शिकायतें
निंरक होने से
शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है।
नर्मदापुरम
के प्रधानमंत्री
आवास योजना
में
अनियमितता
[नगरीय
विकास एवं
आवास]
23.
( क्र. 1946 ) डॉ.
सीतासरन
शर्मा : क्या
नगरीय विकास
एवं आवास
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) नर्मदापुरम्
के
प्रधानमंत्री
आवास योजना में
किये गये
घोटाले के
संबंध में
पूछे गये प्रश्नकर्ता
के प्रश्न
क्रमांक 1205 दिनांक 19.12.2024 के प्रश्नांश
(ग) में
जानकारी दी
गयी थी कि
योजना के
अंतर्गत निर्धारित
राशि से अधिक
राशि जारी
किये जाने के
लिए
उत्तरदायी
अधिकारियों/कर्मचारियों
को कारण बताओ
सूचना पत्र
जारी किये गये
है? यदि
हाँ, तो
किन-किन को, नाम सहित
जानकारी दें। (ख) अधिक
भुगतान की गयी
राशि में से
कितनी राशि वापस
जमा की जा
चुकी है एवं
कितनी जमा होना
शेष है? (ग) क्या
प्रश्नांश
(क) में वर्णित
घोटाले की
नगरीय
प्रशासन एवं
विकास विभाग
के वरिष्ठ
अधिकारियों
की जाँच में जिन
लोगों को
उत्तरदायी
पाया गया था
उनमें से किन-किन
को कारण बताओ
नोटिस किन
कारणों से
नहीं दिये गये?
नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री (
श्री कैलाश
विजयवर्गीय ) : (क) जी
हाँ। उपरोक्त
के पश्चात
उत्तरदायी
अधिकारियों/कर्मचारियों
के विरूद्ध
आरोप पत्र भी
जारी किये गये
है। विवरण संलग्न परिशिष्ट
अनुसार है। (ख) अधिक
भुगतान की गई
राशि में से
राशि रू. 14.92 लाख वापस
जमा की जा
चुकी है एवं
राशि रू. 09.75 लाख जमा
होना शेष है। (ग) तत्कालीन
अध्यक्ष एवं
सेवानिवृत्त
सहायक यंत्री
के विरूद्ध
कारण बताओ
सूचना
पत्र/आरोप
पत्र जारी
किये जाने की
कार्यवाही
परीक्षणाधीन
है।
एन.एच.-69 औबेदुल्लागंज
बैतूल पर
बनाया गया टोल
[लोक
निर्माण]
24.
( क्र. 1968 ) श्री
विजयपाल सिंह
: क्या लोक
निर्माण
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) एन.एच.
69
औबेदुल्लागंज-बैतूल
पर बनाये गये
टोल के संबंध
में शासन
द्वारा क्या
मापदंड एवं शर्तें
रखी गई है? एक टोल से
दूसरे टोल की
दूरी क्या है? नियमों की
प्रति हिन्दी
भाषा में
उपलब्ध करावें? (ख) एन.एच.
69
औबेदुल्लागंज-बैतूल
पर जो टोल
टैक्स बनाये गये
है उसमें एक
टोल
औबेदुल्लागंज
में बनाया गया
है जबकि यह
टोल
औबेदुल्लागंज
से नीचे की तरफ
बरेली रोड पर
बनाया जाना था
यह
त्रुटिपूर्ण
बनाया गया है? यदि हाँ, तो क्या यह
टोल वर्तमान
स्थान से
हटाया जायेगा? दूसरा टोल
बघवाड़ा
शाहगंज तहसील
बुधनी जिला सीहोर
(एनएच 69) पर
बनाया गया है
जिसकी दूरी एक
टोल से दूसरे
टोल तक मात्र 35 कि.मी. है
जबकि एनएचआई
की टोल शर्तों
में एक टोल से
दूसरे टोल की
दूरी लगभग 70 कि.मी. की
दूरी रहती है? इस मार्ग
पर दो बार टोल
टैक्स क्यों
वसूला जा रहा
है इसकी
विस्तृत
जानकारी
उपलब्ध कराई
जाये? (ग) एन.एच. 69 मार्ग पर बरखेड़ा
बुधनी के बीच
फॉरेस्ट
एरिया का 12.5 कि.मी.
मार्ग फोरलेन
नहीं हुआ है
फिर भी इस
मार्ग का टोल
लिया जा रहा
है यह किस
आधार पर लिया
जा रहा है
विस्तृत
जानकारी
उपलब्ध करावें? वर्तमान
में जो टोल
बनाया गया है
क्या यह सही जगह
बनाया गया है? जबकि
नर्मदापुरम
बुधनी होते
हुये भोपाल की
दूरी मात्र 70 कि.मी. है
इस हिसाब से
नर्मदापुरम
से भोपाल के बीच
में मात्र एक
टोल बनना था
लेकिन दो-दो
टोल बना दिये
गये है और
उसके बाद भी
मिसरोद से
भोपाल आने के
लिये नगर निगम
क्षेत्र के
बीआरटीएस की रोड
है उस हिसाब
से भी दूरी
नर्मदापुरम
से बुधनी होते
हुये मिसरोद
की दूरी लगभग 45 कि.मी. होती
है। दो-दो टोल
टैक्स होने के
कारण जनता को
अधिक टैक्स
देना पड़ रहा
है इस स्थिति
में विभाग
द्वारा क्या
कार्यवाही की
जा रही है?
लोक
निर्माण
मंत्री ( श्री
राकेश सिंह ) : (क) भारतीय
राष्ट्रीय
राजमार्ग
प्राधिकरण से
संबंधित है, जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट
अनुसार है। (ख) भारतीय
राष्ट्रीय
राजमार्ग
प्राधिकरण से
संबंधित है, जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट अनुसार
है। जी
नहीं। एनएच-46 औबेदुल्लागंज
पर टोल प्लाजा
का निर्माण
अनुबंध में
निहित
प्रावधान अनुसार
किया गया है। भारत
सरकार के
राजपत्र
दिनांक 17 अगस्त 2021 की प्रति पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट अनुसार।
(ग) भारतीय
राष्ट्रीय
राजमार्ग
प्राधिकरण से
संबंधित है, जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट अनुसार
है।
पुल
निर्माण के कार्यों
की जानकारी
[लोक
निर्माण]
25.
( क्र. 1983 ) श्री
विवेक विक्की
पटेल : क्या लोक
निर्माण
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) सेतु
निर्माण
उपसंभाग
बालाघाट के
अंतर्गत प्रश्न
दिनांक से
विगत 5
वर्षों में
कुल कितने पुल
कहां-कहां
स्वीकृत किए
गए हैं? संपूर्ण
जानकारी मय
रिकॉर्ड
प्रदान की जाए? (ख) प्रश्नांश
(क) में पुलों
के निर्माण की
समय-सीमा क्या
थी? कितने
पुलों का
निर्माण
समय-सीमा
व्यतीत हो
जाने पश्चात
हुआ? क्या
इस विलंब के
लिए संबंधित
ठेकदारों/कंपनी
के विरुद्ध
आर्थिक दंड
अधिरोपित
किया गया? यदि हाँ, तो कितनी? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) प्रश्नांश
(ख) में यदि दंड
अधिरोपित
नहीं किया गया
है तो इससे
शासन को कितनी
आर्थिक क्षति
हुई? क्या
इस लापरवाही
के कारण
संबंधित
अधिकारियों
के विरुद्ध
कोई
अनुशासनात्मक
कार्यवाही की
जाएगी? यदि हाँ, तो कब तक
समय-सीमा बताएं?
लोक
निर्माण
मंत्री ( श्री
राकेश सिंह ) :(क) एवं
(ख) जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट
अनुसार है। (ग) भू-अर्जन
प्रक्रिया
में विलम्ब
होने के कारण
ठेकेदार पर
दण्ड
अधिरोपित
नहीं किया गया।
शासन को कोई
हानि नहीं हुई।
शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है।
लंबित
निर्माण
कार्यों का
भुगतान
[लोक
निर्माण]
26. ( क्र. 2031 ) श्री
सुरेश राजे : क्या
लोक निर्माण
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) अनुबंध
क्र.97/टी.सी./2023-24
दिनांक 06/07/2023
ठेकेदार श्री
परमालसिंह
राशि 10,60,359 /- रूपए। (2) अनुबंध
क्र.161/टी.सी./2023-24/दिनांक
29/09/2023 ठेकेदार
लोकेन्द्र
सिंह राशि 11,69,139-/ रूपए।
(3) अनुबंध
क्र.162/टी.सी./2023-24/दिनांक
29/09/2023 ठेकेदार
लोकेन्द्र
सिंह राशि 11,07,161-/ रूपए
कुल तीनों
अनुबंधों की
राशि 33,36,659-/ रूपए
होती है यह
कार्य
तत्कालीन
माननीय विधायक
श्री लाखन
सिंह यादव
(पूर्व
मंत्री) की
विधायक निधि
से अनुशंसा कर
लोक निर्माण
विभाग संभाग
क्र.01
ग्वालियर
द्वारा करवाए
गए थे उक्त
कार्य अनुबंध
के अनुसार
क्या यह समय-सीमा
में पूर्ण
करवा दिए गए
थे? यदि
हाँ, तो कार्य
पूर्णता
प्रमाण
पत्र/राशि
उपयोगिता
प्रमाण
पत्रों की
प्रतियाँ
देवें, उक्त
निर्माण
कार्यों का
भुगतान अभी तक
क्यों नहीं
किया गया? इसके
लिए कौन-कौन
कर्मचारी/अधिकारी
दोषी है? अब इन
निर्माण
कार्यों का कब
तक सम्बंधित
एजेंसी को
भुगतान किया
जायेगा? (ख) प्रश्नांश
(क) के निर्माण
कार्यों के
सम्बंध में
माननीय लाखन
सिंह यादव
द्वारा अनुशंसित
विधायक निधि
सम्बंधित
एजेंसी के
द्वारा करवाए
गए निर्माण
कार्यों के
भुगतान हेतु
कार्यपालन
यंत्री
ग्वालियर, प्रमुख
अभियंता लोक
निर्माण
विभाग भोपाल
को कब-कब पत्र
लिखे गये? पत्रों
की प्रतियाँ
उपलब्ध
करवाएं।
प्रश्न
दिनांक तक उन
पत्रों पर
क्या
कार्यवाही की
गई?
लोक
निर्माण
मंत्री ( श्री
राकेश सिंह ) : (क) जी
हाँ, जी
हाँ, जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट-1 अनुसार है। कार्य
पूर्ण होने के
पश्चात
आर्थिक एवं
सांख्यिकी
विभाग से
आवंटन प्राप्त
नहीं होने के
कारण भुगतान
नहीं हुआ। इसलिये
कोई
कर्मचारी/अधिकारी
दोषी नहीं है।
आर्थिक एवं
सांख्यिकी
विभाग से
आवंटन प्राप्त
होने पर
भुगतान किया
जावेगा। समय-सीमा
बताना संभव
नहीं है। (ख) जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट-2 अनुसार है। प्राप्त
पत्रों पर
विभाग द्वारा
की गई
कार्यवाही की जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट-3 अनुसार है।
तीस
करोड़ की
फर्जी
सामग्री क्रय
में दोषियों
के विरूद्ध
कार्यवाही
[लोक
निर्माण]
27.
( क्र. 2053 ) श्री
श्रीकान्त
चतुर्वेदी : क्या लोक
निर्माण
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) लोक
निर्माण
विभाग संभाग
टीकमगढ़
अंतर्गत कार्यरत
यंत्रियों को 30 करोड़
रूपये की
फर्जी
सामग्री
खरीदी की
शिकायत की जांच
में दोषी पाया
गया हैं? यदि हाँ, तो किन-किन
कर्मचारियों/अधिकारियों
को कारण बताओ
नोटिस/आरोप-पत्र
शासन/प्रशासनिक
विभाग द्वारा कब-कब
जारी किये गये, पदनाम
सहित विवरण
बताया जाये। (ख) प्रश्नांश
(क) के प्रकाश
में कारण बताओ
सूचना
पत्रों/आरोप पत्रों
का जवाब किस-किस
अधिकारी/कर्मचारी
द्वारा कब-कब
और किसको दिया
गया तथा संबंधितों
के जवाब पश्चात
विभाग/शासन
द्वारा प्रश्नोत्तर
दिनांक तक क्या
कार्यवाही की
गयी, विवरण
सहित जानकारी
दी जावें। (ग) प्रश्नांश
(क) एवं (ख) अनुसार
परिस्थितियों
की क्या
कार्यालय
प्रमुख
अभियंता लोक
निर्माण विभाग
भोपाल के पत्र
क्रमांक 227/शि./सागर/2024/877 दिनांक 10.09.2024 से राशि 334.48 लाख रूपये
का गबन होना
पाया गया था? यदि हाँ, तो उक्त
पत्र के
तारतम्य में
दोषियों के
विरूद्ध आज
दिनांक तक क्या
कार्यवाही की
गयी? विवरण
सहित बतायें? (घ) प्रश्नांश
(क) में दोषी
पाये गये
अधिकारी/कर्मचारी
के विरूद्ध
विभाग उन्हें
उनके पदस्थ
स्थान से
हटाकर अन्य
जिलों के
कार्यालयों
में क्या
संलग्न
करेगा? यदि हाँ, तो कब तक
समय-सीमा बतायी
जाये? यदि
नहीं, तो
क्यों? कारण सहित
जानकारी दी
जावें?
लोक
निर्माण
मंत्री ( श्री
राकेश सिंह ) : (क) जी
हाँ। जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट अनुसार। (ख) जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के कालम-6 के अनुसार। कार्यवाही
प्रचलित है। (ग)
जी हाँ। प्रमुख
अभियंता
कार्यालय के
पत्र दिनांक 10.09.2024 नहीं
अपितु पत्र
दिनांक 18.09.2024 से राशि रू.
334.48 लाख की
गंभीर
अनियमितता
पाई जाने से
दोषी अधिकारियों
को विभागीय
पत्र दिनांक 29.11.2024 द्वारा
आरोप पत्र
जारी किया गया
है। कार्यवाही
प्रचलन में है।
(घ) वर्तमान
में स्थानांतरण
पर प्रतिबंध
है। निश्िचत
समय-सीमा बताया
जाना संभवन
नहीं है। शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
निर्माण
कार्यों की
अनियमित स्वीकृति
[लोक
निर्माण]
28.
( क्र. 2054 ) श्री
श्रीकान्त
चतुर्वेदी : क्या लोक
निर्माण
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) वर्ष
2021-22 से वर्ष 2024-25 तक लोक
निर्माण
विभाग, टीकमगढ़
अंतर्गत डिवाइन
इन्फ्रास्ट्रक्चर
कम्पनी, टीकमगढ़
एवं अग्रवाल
कंस्ट्रक्शन
कंपनी, टीकमगढ़
ने क्या-क्या
कार्य किये, जानकारी
उपलब्ध
करायी जावें। (ख) प्रश्नांश
(क) अनुसार
कम्पनियों
द्वारा 2021-22 एवं वर्ष 2024-25 तक कराये
गये निर्माण
कार्यों की
जानकारी उपलब्ध
करायी जाये? (ग) प्रश्नांश
(क) एवं (ख) अनुसार
वर्ष 2021-22
से वर्ष 2024-25 तक कुल
कितनी राशि की
पूरक स्वीकृति
इन दोनों कम्पनियों
के अनुबंध पर
की गयी? पूरक स्वीकृति
प्रदान करने
हेतु किस स्तर
के विभागीय
अधिकारी को
कितनी राशि तक
की स्वीकृति
देने के
अधिकार शासन
द्वारा प्रदत्त
हैं? तत्संबंधी
शासनादेश की
प्रति उपलब्ध
करायें। (घ) प्रश्नांश
(ग) अनुरूप
नियम विरूद्ध
तरीके से पूरक
स्वीकृतियां
प्रदान कर
शासन को क्षति
पहुंचाने
वाले दोषी
अधिकारियों
पर कब तक और क्या
कार्यवाही की
जावेगी? समयावधि
बतायी जाय। साथ
ही दोनों
कम्पनियों को
वर्ष 2021-22
से वर्ष 2024-25 तक कुल
कितनी राशि की
पूरक स्वीकृतियां
दी गई, अनुशंसावार
जानकारी दी
जावें?
लोक
निर्माण
मंत्री ( श्री
राकेश सिंह ) : (क) जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-अ
अनुसार है। वर्ष 2021-22 से वर्ष 2024-25 तक लोक
निर्माण
विभाग
अंतर्गत भवन
विकास निगम
जिला टीकमगढ़
में डिवाईन
इन्फ्रास्ट्रक्चर
कंपनी द्वारा
सांदीपनि
विद्यालय स्थल
जतारा, 50 बिस्तरीय
क्रिटिकल
केयर
हॉस्पिटल ब्लॉक
स्थल टीकमगढ़
का निर्माण
कार्य कराया
जा रहा है। सांदीपनि
विद्यालय
खरगापुर का
कार्य तत्कालिक
समय पर भूमि
उपलब्ध न
होने के कारण
अप्रारंभ है। अनुबंधों
एवं
कार्यादेशों
की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट-1, 2 एवं 3 अनुसार है। (ख) जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-अ
अनुसार है। जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट-1, 4 एवं 5 अनुसार है। (ग) प्रश्नांश
अवधि में पूरक
स्वीकृतियों
की जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-ब
अनुसार है। म.प्र.
शासन लोनिवि
भोपाल के पत्र
क्र. 2257/2331/18/19/यो/भोपाल
दिनांक 01.06.2018 से जारी
निर्देशों के
तहत मुख्य
अभियंता को निर्माण
कार्यों में
अनुबंधित
राशि का 10 प्रतिशत
तक एवं अधिक
राशि हेतु
प्रमुख अभियंता
को अधिकार
प्रदत्त है। जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट-6 एवं 7 अनुसार है। (घ) वर्तमान
में जांच
प्रक्रियाधीन
है, जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट-8 अनुसार है। शेष जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-ब
अनुसार है।
ताप विद्युत
इकाइयों की
क्षमता
[ऊर्जा]
29.
( क्र. 2070 ) श्री
नारायण सिंह
पट्टा : क्या
ऊर्जा मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश पावर
जनरेटिंग
कम्पनी
लिमिटेड की
कुल उत्पादन
क्षमता
बतावें। इसमें
कितनी
विद्युत
इकाइयां
म.प्र. में
स्थापित हैं
एवं कितनी
प्रदेश से
बाहर स्थापित
हैं? मध्यप्रदेश
पावर
जनरेटिंग
कंपनी
लिमिटेड की ताप विद्युत
इकाइयों की
क्षमता एवं
पी.एल.एफ का विवरण
वर्ष 2018-2019 से 2024-2025 तक
वर्षवार एवं
अप्रैल 2025 से जून 2025 तक माहवार
बतायें। इसी
अवधि में ताप
विद्युत
इकाइयों की
गृहवार (टैरिफ
अनुसार) उपलब्धता
एवं इसके
विरूद्ध
कितनी राशि फिक्स
कास्ट
प्राप्त हुई
की जानकारी
उपलब्ध
करायें। (ख) एम.पी.
पावर
मैनेजमेंट
कंपनी
लिमिटेड
द्वारा म.प्र.
स्थापित
कितनी
प्राईवेट ताप
विद्युत इकाइयों
से कितने
मेगावॉट
बिजली खरीदी
हेतु अनुबंध
किये गये है? क्या
एम.पी. पावर
मैनेजमेंट
कंपनी
लिमिटेड इन प्रायवेट
ताप विद्युत इकाइयों
से समस्त
बिजली क्रय कर
लेती है? साथ ही
इनमें से
कितनी निजी
ताप विद्युत
उत्पादन
कंपनियों से
बिजली क्रय की
है बिना फिक्स
कास्ट अदा
करती है, उनकी सूची
बतावें। नहीं
तो इनमें से
कितनी इकाइयों
से प्रश्नांश
(क) की अवधि
अनुसार एम.पी.
पावर
मैनेजमेंट
कंपनी लिमिटेड
को कितनी फिक्स्ड
कास्ट राशि
चुकानी पड़ी है? वर्षवार
एवं कुल राशि
विवरण बतावें।
(ग) वर्तमान
में म.प्र.का सेन्टर
सेक्टर से एलोकेटिड
कोटा एवं
अनऐलोकेटिड
एवं कुल कोटा कितना
है। मेगावॉट
में बतावें। क्या
म.प्र. बिजली
उत्पादन में
आत्मनिर्भर
हो गया है? प्रश्नांश
(क) अनुसार की
अवधि में
कितनी मिलियन
यूनिट बिजली
किस दर से
कब-कब अन्य
राज्यों को
बेची गयी अथवा
कितनी किस दर
से क्रय की
गयी? विस्तृत
विवरण देवें। क्या
राज्य में खपत
से अधिक बिजली
उपलब्ध है? यदि हाँ, तो प्रदेश
में अघोषित
बिजली कटौती
क्यों की जा
रही है? जनवरी 2025 से जून 2025 तक 11 के.व्ही.
फीडरों पर
जिलेवार
माहवार औसतन
विद्युत प्रदाय
की जानकारी
एवं अघोषित
बिजली कटौती की
जानकारी
उपलब्ध
करायें।
ऊर्जा
मंत्री ( श्री
प्रद्युम्न
सिंह तोमर ) : (क) मध्यप्रदेश
पॉवर
जनरेटिंग
कंपनी
लिमिटेड की कुल
विद्युत उत्पादन
क्षमता 5492 मेगावाट
है। म.प्र.
पॉवर
जनरेटिंग
कंपनी
लिमिटेड की
वर्तमान में
संचालित कुल 39 इकाइयों (12-ताप
विद्युत, 26-जल
विद्युत एवं 1-सौर ऊर्जा
संयंत्र) में
से 37 इकाइयाँ
मध्यप्रदेश
में स्थापित
हैं तथा पेंच
जल विद्युत
गृह तोतलाडोह की
80 मेगावाट
क्षमता की 02 इकाइयाँ
मध्यप्रदेश
के बाहर
तोतलाडोह, नागपुर (महाराष्ट्र)
में स्थापित
है। मध्यप्रदेश
पॉवर
जनरेटिंग
कंपनी लिमिटेड
के समस्त ताप
विद्युत इकाइयों
की क्षमता एवं
विद्युत
गृहों का वर्ष
2018-19 से वर्ष 2024-25 एवं
अप्रैल, 2025 से जून, 2025 तक का
इकाईवार/वर्षवार
पी.एल.एफ (%) की जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-'अ' अनुसार है। साथ ही
विद्युत
गृहवार (नियामक
आयोग द्वारा
निर्धारित
टैरिफ अनुसार)
उपलब्धता (पी.ए.एफ.)
एवं उक्त
अवधि से
संबंधित स्थाई
प्रभार (फिक्स्ड
कॉस्ट) का
विवरण पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ख) एम.पी.
पॉवर
मैनेजमेंट
कंपनी
लिमिटेड
द्वारा म.प्र.
में स्थापित 7 निजी ताप
विद्युत उत्पादन
इकाइयों से 2963 मेगावॉट
क्षमता के
विद्युत क्रय
अनुबंध निष्पादित
किए गए हैं। जी
नहीं, एम.पी.
पॉवर
मैनेजमेंट
कंपनी
लिमिटेड
द्वारा विद्युत
इकाइयों के
साथ निष्पादित
विद्युत क्रय
अनुबंधों के
आधार पर ही बिजली
क्रय की जाती
है। उल्लेखनीय
है कि
पारंपरिक
विद्युत उत्पादन
इकाइयों से
विद्युत क्रय
अनुबंध होने
की दशा में
विद्युत क्रय
न किए जाने पर
स्थायी
प्रभार (फिक्स्ड
कॉस्ट) का
भुगतान
विद्युत
नियामक आयोग
द्वारा जारी विनियमनों
के आधार पर
किया जाना
होता है। विद्युत
क्रय किए बिना
ताप विद्युत इकाइयों
को दिए गए स्थायी
प्रभार की जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-'स' अनुसार है। अत: शेष
प्रश्न नहीं
उठता। (ग) वर्तमान
में मध्यप्रदेश
को सेंट्रल
सेक्टर से
एलोकेटिड/अनएलोकेटिड/कुल
कोटा का विवरण पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-'द' अनुसार है। विद्युत
क्षेत्र में
मध्यप्रदेश
वर्ष 2013
में आत्म
निर्भर हुआ है।
प्रश्नांश
(क) में उल्लेखित
अवधि में अन्य
प्रदेशों को
क्रय/विक्रय
नहीं, अपितु
पॉवर एक्सचेंज
के माध्यम से
क्रय/विक्रय
की गई विद्युत
की जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-'इ' अनुसार है। प्रदेश
हेतु विभिन्न
क्षेत्रों
यथा-राज्य
क्षेत्र, संयुक्त
क्षेत्र के
केन्द्रीय
क्षेत्र, निजी
क्षेत्र एवं
अपारंपरिक
ऊर्जा स्त्रोतों
में कुल 24683 मेगावाट
विद्युत उत्पादन
क्षमता उपलब्ध
है। रबी एवं
खरीफ मौसम में
विद्युत मांग
में भिन्नता
के दृष्टिगत
खरीफ मौसम में
दूसरे प्रदेशों
के साथ
बैंकिंग की गई
विद्युत को
रबी मौसम में
विद्युत मांग
में हुई
वृद्धि की
पूर्ति हेतु
वापस लिया
जाता है। साथ
ही भविष्य
में विद्युत
मांग में
वृद्धि होने
के दृष्टिगत
परंपरागत/अपरंपरागत
स्त्रोतों
से क्रय अनुबंध
निष्पादित
किए गए हैं
एवं आवश्यकतानुसार
लगातार नए
अनुबंध किए जा
रहे हैं। प्रदेश
में किसी भी
प्रकार की
अघोषित
विद्युत
कटौती नहीं की
जा रही है। अपरिहार्य
कारणों से आए
आकस्मिक
अवरोधों को छोड़कर
प्रदेश के
समस्त घरेलू
एवं कृषि
उपभोक्ताओं
को प्रतिदिन नियमानुसार
क्रमश: 24 घंटे एवं 10 घंटे
विद्युत
आपूर्ति की जा
रही है। जनवरी, 2025 से जून, 2025 तक 11 के.व्ही.
फीडरों पर
जिलेवार, माहवार
औसतन विद्युत
प्रदाय की जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-'फ' अनुसार है।
अविद्युतीकृत
मजरे टोलों का
विद्युतीकरण
[ऊर्जा]
30.
( क्र. 2106 ) श्री
ब्रजेन्द्र
प्रताप सिंह : क्या
ऊर्जा मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
पन्ना
विधानसभा
अन्तर्गत 157
अविद्युतीकृत
मजरे टोलों के
विद्युतीकरण
किये जाने का
प्रस्ताव
तैयार कर
डीएमएफ मद से
आवंटन उपलब्ध
कराने हेतु
जिला
अभियन्ता, विद्युत
विभाग, पन्ना
द्वारा
कार्यवाही
प्रस्तावित
की थी? यदि
हाँ, तो
उक्त संबंध
में क्या
कार्यवाही की
गई?
(ख) प्रश्नांश
(क) अनुसार
मजरे टोलों के
विद्युतीकरण
हेतु शासन
द्वारा विशेष
आवंटन उपलब्ध
कराया जावेगा
अथवा वर्तमान
में चल रही
आरडीएसएस
योजना के तहत सम्मिलित
कराया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों
कारण बतावें? (ग) क्या
तहसील अजयगढ़
अन्तर्गत
ग्राम खोरा
में लो
वोल्टेज की
समस्या को
देखते हुए प्रश्नकर्ता
द्वारा
माननीय
मंत्री जी को
पत्र क्रमांक 581 दिनांक 11.03.2025.को खोरा
में विद्युत
सबस्टेशन
बनाये जाने के
संबंध में
प्रेषित किया
था? क्या
खोरा विद्युत
सब स्टेशन की
स्वीकृति का प्रस्ताव
प्रबंध
निदेशक, जबलपुर
कार्यालय में
स्वीकृति
हेतु लंबित है? यदि हाँ, तो उक्त
संबंध में क्या
कार्यवाही की
गई? कब
तक खोरा
सबस्टेशन
स्वीकृत किया
जावेगा
बतावें? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) पन्ना
विधानसभा
अन्तर्गत
पन्ना नगर जो
काफी बड़ा
क्षेत्र है, अक्सर लो
वोल्टेज एवं
विद्युत कट की
समस्या बनी
रहती है। क्या
उक्त समस्या
के निराकरण
हेतु पन्ना
नगर के बायपास
पर विद्युत सब
स्टेशन बनाया
जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक, यदि नहीं, तो क्यों?
ऊर्जा
मंत्री ( श्री
प्रद्युम्न
सिंह तोमर ) : (क) जी
हाँ, विधानसभा
पन्ना
क्षेत्रांतर्गत
157
अविद्युतीकृत
मजरों/टोलों
के
विद्युतीकरण हेतु
जिला खनिज
प्रतिष्ठान
मद से राशि
आवंटन उपलब्ध
कराने हेतु
प्रस्ताव, अधीक्षण
अभियंता (संचा-संधा), पन्ना के
पत्र दिनांक 31.07.2023 के माध्यम
से कलेक्टर, जिला पन्ना
को प्रेषित
किया गया था। कलेक्टर
जिला, पन्ना
द्वारा उक्त
प्रस्ताव
दिनांक 31.07.2023 को खनिज
साधन विभाग, को
प्रेषित किया
गया। (ख) उत्तरांश (क) के
परिप्रेक्ष्य
में 157
अविद्युतीकृत
मजरों/टोलों
के प्रस्ताव
पर वर्तमान
में
प्रशासकीय
विभाग से अनुमोदन
अप्राप्त है।
तथापि राज्य
शासन के पत्र
दिनांक 05.05.2025 के द्वारा
अविद्युतीकृत
घरों/बसाहटों/मजरों/टोलों
के
विद्युतीकरण
के संबंध में
दिशा-निर्देश
जारी किये गये
है। उक्त
निर्देशों के
तारतम्य में
उत्तरांश (क) में उल्लेखित
मजरों/टोलों
सहित म.प्र.
पूर्व
क्षेत्र विद्युत
वितरण कंपनी
क्षेत्रान्तर्गत
अविद्युतीकृत
मजरों/टोलों
के विद्युतीकरण
कार्य हेतु
विस्तृत
सर्वे कार्य
किया जा रहा
है। सर्वे
उपरान्त
अविद्युतीकृत
मजरों/टोलों/बसाहटों
के
विद्युतीकरण
के कार्य हेतु
विस्तृत
कार्य योजना
तैयार कर नोडल
एजेंसी मेसर्स
पी.एफ.सी., विद्युत
मंत्रालय, भारत
सरकार को
प्रेषित की
जानी है। (ग) जी
हाँ। वर्तमान
में प्रचलित
आर.डी.एस.एस.योजना
अंतर्गत प्रश्नाधीन
स्थान पर स्वीकृत
कार्यों के
दृष्टिगत
ग्राम खोंरा
में 33/11
के.व्ही.
नवीन विद्युत
उपकेन्द्र
बनाने हेतु
तकनीकी
परीक्षण किया
जा रहा है। परीक्षणोपरांत
तकनीकी साध्यता
एवं वित्तीय
उपलब्धता के
आधार पर
नियमानुसार
आवश्यक
कार्यवाही की
जावेगी, जिस हेतु
वर्तमान में निश्िचत
समय-सीमा बताया
जाना संभव
नहीं हैं। (घ) विधानसभा
क्षेत्र पन्ना
अंतर्गत पन्ना
नगर में लो
वोल्टेज एवं
विद्युत
आपूर्ति की
समस्या नहीं
है। उल्लेखनीय
है कि विद्युत
लाईनों/अद्योसंरचना
के रख-रखाव
हेतु पूर्व
निर्धारित
शट-डाउन लेने तथा
तकनीकी
कारणों/प्राकृतिक
आपदा से आये
आकस्मिक व्यवधानों
जैसी
अपरिहार्य
स्थिति के
कारण कतिपय
अवसरों पर
विद्युत
प्रदाय बाधित
होता है, जिसमें
आवश्यक
रख-रखाव/सुधार
कार्य कर
विद्युत
प्रदाय शीघ्र
ही सुचारू कर
दिया जाता है।
प्रश्नाधीन
क्षेत्र में
आकस्मिक
अवरोधों को
छोड़कर नियमानुसार
कृषि प्रयोजन
हेतु 10
घंटे एवं गैर
कृषि
उपभोक्ताओं
को 24
घंटे विद्युत
आपूर्ति की जा
रही है। अत:
पन्ना नगर के
बायपास पर
नवीन 33/11
के.व्ही.
विद्युत
उपकेन्द्र
बनाया जाना
वर्तमान में
विचारधीन
नहीं हैं।
गौ-अभ्यारण्य
एवं गौशाला की
स्थापना
[पशुपालन
एवं डेयरी]
31.
( क्र. 2108 ) श्री
ब्रजेन्द्र
प्रताप सिंह : क्या राज्य
मंत्री, पशुपालन
एवं डेयरी
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
पन्ना जिले के
पवई अंतर्गत
गौ-सदन पवई को
गौ-अभ्यारण्य
बनाने की कोई
योजना लंबित
है? यदि
हाँ, तो
उक्त संबंध
में क्या
कार्यवाही की
गई? कब
तक कार्यवाही
पूर्ण कर
गौ-अभयारण्य
बनाया जावेगा? (ख) पन्ना
विधानसभा का
अधिकतम भाग
ग्रामीण क्षेत्र
है एवं
ग्रामीण
क्षेत्रों
में गौवंश की
संख्या अधिक
है एवं उनके
अनुपात में
गौशालाओं की
संख्या कम है? क्या
गौवंश की
संख्या को
देखते हुये
नवीन गौ-शालायें
स्वीकृत की
जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? कारण
बतावें।
राज्य
मंत्री, पशुपालन
एवं डेयरी (
श्री लखन पटैल
) :
(क) जी नहीं। प्रदेश
में ''मध्यप्रदेश
राज्य में स्वावलंबी
गौशालाओं (कामधेनू
निवास) की स्थापना
की नीति 2025'' दिनांक 16.04.2025 को जारी की
गई हैं। जिसके
तहत न्यूनतम 5000 गौवंश
हेतु स्वावलंबी
गौशाला की स्थापना
हेतु 130
एकड़ भूमि
संबंधित
कलेक्टर
द्वारा विभाग
को आवंटित
किया जाना
प्रावधानित
हैं। कलेक्टर
पन्ना
द्वारा स्वावलंबी
गौशाला की स्थापना
हेतु ग्राम
पवई, विकासखण्ड
पवई में गौसदन
की 74.70
हेक्टेयर
भूमि विभाग को
आवंटित करने
की कार्यवाही
जी जा रही है
भूमि आवंटन
पश्चात
नियमानुसार
कार्यवाही की
जा सकेगी। (ख) गौशालाओं
का निर्माण
पशुपालन एवं
डेयरी विभाग
द्वारा नहीं
कराया जाता
हैं। गौशालाओं
की स्वीकृति
एवं निर्माण
कार्य पंचायत
एवं ग्रामीण
विकास विभाग
द्वारा कराया
जाता है। शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
ग्रामीण
आबादी में 24 घंटे
विद्युत का प्रदाय
[ऊर्जा]
32.
( क्र. 2163 ) श्री ऋषि
अग्रवाल : क्या
ऊर्जा मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) गुना
जिले की बमोरी
विधानसभा
क्षेत्रातंर्गत
आबादी (घरेलू) 24 घंटेवाली
विद्युत से
छूटे हुए
अविद्युतीकृत
आवास, मजरा, टोला में
विद्युतीकरण
कार्य की
योजना क्या है? यदि है तो
क्या इनका
सर्वे कराया
गया है अगर
कराया गया है तो
पंचायतवार, ग्रामवार, मजरा, टोलावार, सर्वे की
सूची, उपलब्ध
करावें। (ख) बमोरी
विधानसभा
अंतर्गत जो
लोग ग्रामों
की आबादी क्षेत्र
के बाहर या
खेतों में
निवासरत है, उनको 24 घंटे वाली
विद्युत व्यवस्था
से जोड़ने की
क्या योजना
है? यदि
नहीं, तो
क्यों कारण
बतावे। यदि
हाँ, तो
क्या इन घरो
में
विद्युतीकरण
के लिए सर्वे
किया गया है
सर्वे सूची उपलब्ध
करावें। (ग) RDSS एवं अन्य
योजना के
अंतर्गत
बमोरी
विधानसभा
क्षेत्र में
किन-किन
गांवों में
कौन-कौन से
कार्य किन-किन
एजेंसियों
के द्वारा
कराये जा रहें
है? एजेंसीवार, ग्रामवार, कार्यवार, लागत, व्यय, कार्य की
भौतिक स्थिति, पूर्ण, अपूर्ण, आप्रारंभ
एवं कार्य की
अवधि की
जानकारी
उपलब्ध
करायें।
ऊर्जा
मंत्री ( श्री
प्रद्युम्न
सिंह तोमर ) : (क) गुना
जिले के बमोरी
विधानसभा
क्षेत्र सहित
प्रदेश में
विद्युतीकरण
हेतु
निर्धारित
नीति अनुसार
सर्वप्रथम
प्रदेश के सभी
राजस्व
ग्रामों के
विद्युतीकरण
का कार्य एवं
तदुपरांत
राजस्व
ग्रामों के
चिन्हित
मजरों/टोलों
के विद्युतीकरण
का कार्य वित्तीय
उपलब्धता
अनुसार क्रमश:
केन्द्र
शासन की
विभिन्न विद्युतीकरण
की योजनाओं
यथा-राजीव
गांधी
ग्रामीण
विद्युतीकरण
योजना एवं
दीनदयाल
उपाध्याय
ग्राम ज्योति
योजना में
किया गया। तदुपरांत
सौभाग्य
योजना के
प्रावधानों
के अंतर्गत
शत-प्रतिशत
घरों के
विद्युतीकरण
का कार्य किया
गया, किन्तु
इस योजना के
दिशा-निर्देशों
के अनुसार खेतों
में दूर-दूर
अवस्थित घरों
को तकनीकी एवं
वित्तीय
साध्यता
नहीं होने के
कारण योजना
में सम्मिलित
नहीं किया गया।
उल्लेखनीय
है कि नवीन
मजरों/टोलों/फल्यों/बसाहटों/घरों
का निर्माण
होना एक सतत्
प्रक्रिया है।
केन्द्र
शासन की
पी.एम.जनमन
योजना के
अंतर्गत
बमोरी
विधानसभा
क्षेत्रान्तर्गत
कुल 1311
घरों के
विद्युतीकरण
के कार्य स्वीकृत
हुए हैं, जिसमें से
प्रश्न
दिनांक तक की
स्थिति में
कुल 1286
घरों के
विद्युतीकरण
का कार्य
पूर्ण हो चुका
है। इसी
प्रकार केन्द्र
शासन की धरती
आबा जनजातीय
ग्राम उत्कर्ष
अभियान के
अंतर्गत प्रश्नाधीन
क्षेत्र के
जनजातीय
परिवारों के
कुल 211
घरों के
विद्युतीकरण
कार्यों हेतु
स्वीकृति
प्रदान की गई
है। उक्त के
अतिरिक्त
राज्य शासन
के पत्र
दिनांक 05.05.2025 के द्वारा
अविद्युतीकृत
घरों/बसाहटों/मजरों/टोलों
के
विद्युतीकरण
के संबंध में
दिशा-निर्देश
जारी किये गये
है। उक्त
निर्देशों के
तारतम्य में
म.प्र. मध्य
क्षेत्र
विद्युत
वितरण कंपनी
क्षेत्रान्तर्गत
अविद्युतीकृत
मजरों/टोलों
के
विद्युतीकरण
कार्य हेतु
विस्तृत
सर्वे कार्य
किया जा रहा
है। सर्वे
उपरान्त
अविद्युतीकृत
मजरों/टोलों/बसाहटों
के
विद्युतीकरण
के कार्य हेतु
विस्तृत
कार्य योजना
तैयार कर नोडल
एजेंसी मेसर्स
पी.एफ.सी., विद्युत
मंत्रालय, भारत
सरकार को प्रेषित
की जानी है। उक्त
दिशा-निर्देश
की प्रति पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-'अ' अनुसार है। योजनांतर्गत
विस्तृत
सर्वे कार्य
प्रगतिरत है। अत:
शेष प्रश्न
नहीं उठता। (ख) वर्तमान
में आबादी
क्षेत्र के
बाहर खेतों में
निवासरत
लोगों को
आबादी फीडर (24 घण्टे
वाली विद्युत
सप्लाई) से
जोड़ने की कोई
योजना प्रचलन
में नहीं है। उल्लेखनीय
है कि राज्य
शासन के
निर्देशों के
तहत प्रदेश के
समस्त घरेलू, उद्योग
सहित सभी गैर
कृषि उपभोक्ताओं
को 24
घंटे एवं कृषि
उपभोक्ताओं
को कृषि
प्रयोजन हेतु 10 घंटे
विद्युत प्रदाय
किया जाना है।
तदनुसार
खेतों में
निवासरत
लोगों को
विद्यमान
कृषि फीडरों
से ही विद्युत
प्रदाय करने
के दिशा-निर्देश
हैं। अत: शेष
प्रश्न नहीं
उठता। (ग) प्रश्नाधीन
क्षेत्रान्तर्गत
आर.डी.एस.एस. (लॉस
रिडक्शन) एवं
अन्य
योजनाएं
यथा-एस.एस.टी.डी., पी.एम.जनमन-।
,
पी.एम.
जनमन-।
एवं धरती
आबा-जनजातीय
ग्राम उत्कर्ष
अभियान के तहत
किये जा रहे
कार्यों की एजेंसीवार, ग्रामवार, कार्यवार, लागत राशि
व्यय की गई
राशि एवं
कार्य की
भौतिक स्थिति, पूर्ण, अपूर्ण/प्रगतिरत, अप्रारंभ
तथा कार्य
पूर्णता की जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-'अ-1', 'अ-2', 'अ-3', 'अ-4', 'ब-1', 'ब-2', 'ब-3' एवं 'ब-4' अनुसार है।
मजरा
टोलों में
विद्युतीकरण
[ऊर्जा]
33.
( क्र. 2166 ) सुश्री
रामश्री (बहिन
रामसिया
भारती) राजपूत
: क्या
ऊर्जा मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) जिला
छतरपुर के
विधान सभा
क्षेत्र बड़ामलहरा
अन्तर्गत कई
ग्रामों के मजरों
टोलों में
विजली व्यवस्था
नहीं हो पाई
है। (ख) क्या ग्राम
बोकना के मजरा
किटालडाई
पुरवा सडवा के
मजरा सुन्दरपुर, वीरमपुरा
के मजरा
चदुआभाटा एवं
राजस्व
ग्राम पंछी
में बिजली व्यवस्था
नहीं हो सकी
है क्या
बिजली व्यवस्था
के लिये शासन
योजना बना रही
है। यदि हाँ, तो कब तक यदि
नहीं, तो
कारण स्पष्ट
करें। (ग) वर्ष
2024 से
वर्तमान
बिजली बितरण
कंपनी द्वारा
कितने ट्रान्सफार्मर रखवाये
गये एवं कहां-कहां जानकारी
दें। (घ) क्या
भविष्य में
शासन द्वारा
नये ट्रान्सफार्मर रखवाने की
योजना है। यदि
हाँ, तो
कब और
कहां-कहां?
ऊर्जा
मंत्री ( श्री
प्रद्युम्न
सिंह तोमर ) : (क) विद्युतीकरण
हेतु
निर्धारित
नीति अनुसार सर्वप्रथम
प्रदेश के प्रश्नाधीन
क्षेत्र सहित
सभी राजस्व
ग्रामों के
विद्युतीकरण
का कार्य एवं
तदुपरांत
राजस्व
ग्रामों के
चिन्हित
मजरों/टोलों
के विद्युतीकरण
का कार्य वित्तीय
उपलब्धता
अनुसार क्रमश:
केन्द्र
शासन की
विभिन्न
विद्युतीकरण
की योजनाओं
यथा राजीव
गांधी ग्रामीण
विद्युतीकरण
योजना एवं
दीनदयाल उपध्याय
ग्राम ज्योति
योजना में
किया गया। तदुपरांत
सौभाग्य
योजना के
प्रावधानों
के अंतर्गत शत्-प्रतिशत
घरों के
विद्युतीकरण
का कार्य किया
गया, किन्तु
इस योजना के
दिशा-निर्देशों
के अनुसार खेतों
में दूर-दूर
अवस्थित घरों
को तकनीकी एवं
वित्तीय
साध्यता
नहीं होने के
कारण योजना
में सम्मिलित
नहीं किया गया।
समय-समय पर
नये
मजरे/टोले/फलिये
का सृजन होना एक
सतत्
प्रक्रिया है।
उल्लेखनीय
है कि राज्य
शासन के पत्र
दिनांक 05.05.2025 के द्वारा
अविद्युतीकृत
घरों/बसाहटों/मजरों/टोलों
के
विद्युतीकरण
के संबंध में
दिशा-निर्देश
जारी किये गये
हैं। उक्त निर्देशों
के तारतम्य
में म.प्र.
पूर्व
क्षेत्र
विद्युत
वितरण कंपनी
अंतर्गत
घरों/बसाहटों/मजरों/टोलों
के विद्युतीकरण
कार्य हेतु
विस्तृत
सर्वे कार्य
किया जा रहा
है। सर्वे
उपरान्त
अविद्युतीकृत
पाए गए
घरों/बसाहटों/मजरों/टोलों
के
विद्युतीकरण
के कार्य हेतु
विस्तृत
कार्य योजना
तैयार कर नोडल
एजेंसी मेसर्स
पी.एफ.सी., विद्युत
मंत्रालय, भारत
सरकार को
प्रेषित की
जानी है। उक्त
के अतिरिक्त
प्रश्नाधीन
क्षेत्र के 23 ग्रामों
के
मजरों/टोलों
में निवासरत
जनजातीय
परिवारों के
अविद्युतीकृत
घरों के
विद्युतीकरण
का कार्य धरती
आबा जनजातीय
ग्राम
उत्कर्ष
अभियान के
अंतर्गत स्वीकृत
किया गया है। (ख) ग्राम
बोकना के मजरा
किटालडाई
पुरवा, ग्राम
सडवा के मजरा
सुन्दरपुर
एवं ग्राम
वीरमपुरा के
मजरा
चदुआभाटा आंशिक
रूप से
अविद्युतीकृत
हैं। राजस्व
ग्राम नहीं, अपितु वन
ग्राम पंछी
पूर्व से सौर
ऊर्जा से
विद्युतीकृत
है। प्रश्नाधीन
क्षेत्र के
अविद्युतीकृत
मजरों/टोलों/घरों
के
विद्युतीकरण
हेतु उत्तरांश (क) में
दर्शाए
अनुसार
कार्यवाही की
जा रही है। (ग) प्रश्नाधीन
क्षेत्र में
वर्ष 2024 से
प्रश्न
दिनांक तक की
स्थिति में
केन्द्र
शासन की
आर.डी.एस.एस. योजनान्तर्गत
स्वीकृत
मिश्रित
फीडरों के
विभक्तिकरण
के कार्य अन्तर्गत
50 वितरण
ट्रांसफार्मर
स्थापित
किये जा चुके
हैं, जिनकी
प्रश्नाधीन
चाही गई स्थानवार
जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट के
प्रपत्र-'अ' अनुसार है। उक्त
के अतिरिक्त
कार्य योजना
वर्ष 2024-25
में बक्स्वाहा
वितरण केन्द्र
के ग्राम
सेडारा में 100 के.व्ही.ए.
एवं ग्राम
मड़देवरा में 63 के.व्ही.ए.
का वितरण
ट्रांसफार्मर
स्थापित
किया गया है। (घ) प्रश्नाधीन
क्षेत्र हेतु
कार्य योजना
वर्ष 2025-26
में 7
वितरण
ट्रांसफार्मरों
की स्थापना
के कार्य
सम्मिलित किये
गये हैं, जिसे
वर्तमान वित्तीय
वर्ष में ही
पूर्ण किया
जाना
प्रावधानित है
एवं जिनकी स्थानवार
सूची संलग्न परिशिष्ट के
प्रपत्र-'ब' अनुसार है।
मुख्य
नगर पालिका
अधिकारी के
विरूद्ध दण्डात्मक
कार्यवाही
[नगरीय
विकास एवं
आवास]
34. ( क्र. 2176 ) डॉ.
रामकिशोर
दोगने : क्या
नगरीय विकास
एवं आवास
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) मुख्य
नगर पालिका
अधिकारी हरदा
कमलेश पाटीदार
के विरूद्ध
वित्तीय
अनियमित्ता व
प्रोटोकॉल
उल्लंघन करने
संबंधी कितनी
शिकायतें
प्राप्त हुई
है व प्राप्त
शिकायतों पर
क्या-क्या
कार्यवाही की
गई है? जानकारी
उपलब्ध
करावे। (ख) तत्कालीन
हरदा कलेक्टर
द्वारा मुख्य
नगर पालिका
अधिकारी हरदा
कमलेश
पाटीदार के
विरूद्ध
प्राप्त हुई
शिकायत के
संबंध में
जाँच दल गठित
किया गया था।
गठित जाँच दल
की जाँचोपरांत
मुख्य नगर
पालिका
अधिकारी
कमलेश पाटीदार
दोषी पाए गए
परन्तु दोष
सिद्ध होने के
उपरांत भी
प्रश्न
दिनांक तक
संबधित के
विरूद्ध
दंण्डात्मक कार्यवाही
क्यों नहीं की
गई है? कारण
स्पष्ट करे
एवं
कार्यवाही कब
तक की जावेगी? समय-सीमा
बतावें। (ग) सहायक
महानिरीक्षक
(अपराध) हेतु
महानिदेशक आ.अप.
प्रकोष्ठ E.O.W. भोपाल
द्वारा
प्रमुख सचिव, नगरीय
विकास एवं
आवास विभाग
भोपाल को
प्रेषित किए
गए पत्र
क्रमांक/अपराध/भोपाल/आवक क्र.-2736 (24)/2024
दिनांक 09/10/2024 एवं
पत्र
क्रमांक/अपराध/
भोपाल/आवक क्र.-2736, 3220 (24)/2024 दिनांक 11/12/2024 पर
क्या
कार्यवाही की
गई है? जानकारी
उपलब्ध
करावें।
नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री (
श्री कैलाश
विजयवर्गीय ) : (क) जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी
हाँ। जांचोपरांत
श्री कमलेश पाटीदार
के उत्तरदायी
पाए जाने पर
आयुक्त,नर्मदापुरम
संभाग द्वारा
आदेश क्रमांक 284/स्थापना/2025 दिनांक 20.01.2025 के माध्यम
से श्री
पाटीदार के
विरूद्ध
विभागीय जांच संस्थित
की गई थी, जो कि
प्रचलित है। अत:
शेषांश का प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (ग) नगरपालिका
परिषद्, हरदा में
आर्थिक
अनियमितताएं
किए जाने के
संबंध में आर्थिक
अपराध
प्रकोष्ठ
में दर्ज
शिकायती
आवेदन आवक
क्रमांक 2736/2024 एवं 3220/24 के संबंध
में
संचालनालय, नगरीय
प्रशासन एवं
विकास, मध्यप्रदेश, भोपाल
द्वारा
दिनांक 23.05.2025 एवं 17.07.2025 को संयुक्त
संचालक, नगरीय
प्रशासन एवं
विकास, संभाग-नर्मदापुरम
को जांच
प्रतिवेदन
उपलब्ध
कराने के
निर्देश दिए
गए हैं, जिस पर
कार्रवाई
प्रचलित है।
बैतूल
जिले में पुनर्घनत्वीकरण
नीति का उल्लंघन
[नगरीय
विकास एवं
आवास]
35.
( क्र. 2218 ) श्री
सुनील उईके : क्या
नगरीय विकास
एवं आवास
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) राज्य
में
पुनर्घनत्वीकरण
नीति कब से
लागू की गई
नीति के
अनुसार शहरी
सम्पत्ति के
बदले ग्रामीण
क्षेत्र में
निर्माण का क्या-क्या
प्रावधान
किया जाकर इस
बाबत् क्या-क्या
उल्लेख किया
है। (ख) बैतूल जिला
जेल की सम्पत्ति
के बदले ग्राम
कढ़ाई के किस
खसरा नम्बर
का कितना रकबा
किस प्रकरण
क्रमांक आदेश
दिनांक से
किसे आवंटित
किया गया। (ग) शहरी
सम्पत्ति के
बदले ग्रामीण
क्षेत्र में
निर्माण की
अनुमति देने, निर्माण
हेतु भूमि
आवंटित करने
के लिए शासन किसे
जिम्मेदार
एवं दोषी
मानता है पद व
नाम सहित
बतावे। (घ) ग्रामीण
क्षेत्र में
करवाए जाने
रहे निर्माण
को रोकने एवं
भूमि का आवंटन
निरस्त करने
हेतु शासन क्या
कर रहा है कब
तक करेगा?
नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री (
श्री कैलाश
विजयवर्गीय ) : (क) राज्य
में शहरी
क्षेत्रों
में स्थित
शासकीय
भवन/परिसरों
के लिए पुनर्घनत्वीकरण
की योजना के
संबंध में
पुनरीक्षित
मार्गदर्शी
निर्देश 2005 दिनांक 28 नवम्बर 2005 से लागू की
गयी थी। विभागीय
परिपत्र
क्रमांक 3-57/15/18-5 दिनांक 20/04/2016 द्वारा
शहरी
क्षेत्रों
में स्थित
शासकीय भवन/परिसरों
के लिए पुनर्घनत्वीकरण
नीति 2016
लागू की गयी
थी। वर्तमान
में शहरी
क्षेत्रों
में स्थित
शासकीय
भवन/परिसरों
के लिए पुनर्घनत्वीकरण
नीति 2022
दिनांक 18/04/2022 से लागू है।
नीति 2016
एवं 2022 की
कंडिका
क्रमांक- 2 (2.1) में
प्रावधान है
की यह योजना
सामान्यत:
नगर तथा ग्राम
निवेश
अधिनियम 1973 की धारा-13 के
अंतर्गत
घोषित किये
गये निवेश
क्षेत्र में
मुख्यत: लागू
होगी। किन्तु
नोडल विभाग
द्वारा पृथक
से किसी
परियोजना विशेष
हेतु उपरोक्तानुसार
घोषित निवेश
क्षेत्र के
बाहर भी परियोजना
क्रियान्वित
करने की
अनुमति दी जा
सकेगी। (ख) बैतूल
स्थित जिला
जेल के पीछे
की स्थित 23000 वर्गमीटर
खुली भूमि के
एवज में ग्राम
कढ़ाई जिला
बैतूल में
खसरा नं.-123/1 की 7.499 हेक्टेयर
भूमि 123/2
की 4.000
हेक्टेयर
भूमि, 123/3
की 2.430
हेक्टेयर
भूमि एवं 176/2 की 2.430 हेक्टेयर
कुल रकबा 16.359 हेक्टेयर
भूमि प्रकरण
क्रमांक आरसी/0034/अ-20 (3) 2022-23
आदेश क्रमांक 10766 दिनांक 16/09/2022 को जिला
नजूल
निर्वर्तन
समिति के
निर्णय पश्चात
जेल विभाग को
आवंटित की गई।
(ग) उत्तरांश
(क)
के
परिप्रेक्ष्य
में शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (घ) उत्तरांश
(क) के परिप्रेक्ष्य
में निर्माण
कार्य को
रोकने एवं
भूमि का आवंटन
निरस्त करने
का प्रश्न
उपस्थित नहीं होता
है।
नाले
के ऊपर पक्का
निर्माण
[नगरीय
विकास एवं
आवास]
36.
( क्र. 2229 ) श्री आरिफ
मसूद : क्या
नगरीय विकास
एवं आवास
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
होशंगाबाद
रोड, भोपाल
पर वार्ड क्र. 52, जोन 13 के समीप
स्थित स्नेह
नगर एवं
मोहनीदीप
रहवासी
कॉलोनियों से
लगा हुआ
जाटखेड़ी
शासकीय नाला, जो कि अरण्या
वैली हाउसिंग
की भूमि से
गुजरता है, का अरण्या
वैली हाउसिंग
सोसायटी
द्वारा बहाव
परिवर्तन एवं
चैनेलाइजेशन
कर नाले के
ऊपर एवं अंदर
पक्का
निर्माण कर
नाले को बंद
कर दिया गया
हैं? (ख) यदि
हाँ, तो
उक्त प्रश्नांश
के
परिप्रेक्ष्य
में हाउसिंग
सोसायटी
द्वारा नाले
का चैनेलाइजेशन
कर नाले को
बंद करने के
संबंध में ले-आउट
में परिवर्तन
कर नाले को
बंद करने हेतु
टाउन एवं
कंट्री प्लानिंग
को कोई आवेदन
प्राप्त हुआ
है? यदि
हाँ, तो
आवेदन पत्र कब
प्राप्त हुआ
एवं उस पर ले-आउट
परिवर्तन कर
नाले का चैनेलाइजेशन
कर बंद करने
की अनुमति कब
एवं किन-किन
शर्तों के
आधार पर
प्रदान की गई? (ग) यदि
नहीं, तो
उक्त
हाउसिंग सोसायटी
द्वारा नियम
विरूद्ध नाले
का चैनेलाइजेशन
कर पक्का
निर्माण कर
नाले को बंद
करने की जांच
कराकर
हाउसिंग
सोसायटी
संचालक/पदाधिकारियों
के विरूद्ध
कार्यवाही की
जाएगी एवं
नाले पर कराए गए
पक्के
निर्माण को
हटाया जाकर, नाले का
बहाव पूर्ववत
रखा जाएगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री (
श्री कैलाश
विजयवर्गीय ) : (क) होशंगाबाद
रोड, भोपाल
में वार्ड
क्रमांक 52, जोन-13 के अरण्या
वैली हाउसिंग
सोसायटी
द्वारा नगर तथा
ग्राम निवेश, जिला
कार्यालय
भोपाल द्वारा
स्वीकृत
अभिन्यास
अनुसार जाटखेड़ी
शासकीय नाला
को 6.0 मी. X 3.5 मी. आकार
में चैनलाईज
किया गया है, जिस पर
लगभग 80 मी.
लंबाई में व 4.00 मी. चौड़ाई
में ऊपर से स्लेब
डाला गया है। (ख) जी
नहीं। शेषांश
का प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (ग) अरण्या
वैली हाउसिंग
सोसायटी संस्था
द्वारा चैनलाईज
किये गये नाले
पर लगभग 80 मीटर
लंबाई में व 4.00 मी. चौड़ाई
में स्लेब
डालकर उपर से
बंद किये जाने
के कारण संस्था
सचिव/अध्यक्ष
को कारण बताओ
सूचना पत्र
दिया गया है। संस्था
का उत्तर
प्राप्त
होने पर
नियमानुसार
कार्यवाही की
जायेगी। इसके
अतिरिक्त
संस्था के विरूद्ध
वैधानिक
कार्यवाही
करने हेतु
थाना प्रभारी मिसरोद
को शिकायती
पत्र भेजा गया
है, जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट अनुसार है।
समय-सीमा
बताया जाना
संभव नहीं है।
बैगा
प्रोजेक्ट
अंतर्गत
विद्युतीकरण
[ऊर्जा]
37.
( क्र. 2290 ) श्री शरद
जुगलाल कोल : क्या
ऊर्जा मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) शहडोल
जिले अंतर्गत
तहसील
जयसिंहनगर की
ग्राम पंचायत ढोढ़ा
के अंतर्गत ग्राम
कोईलारी, गढ़ई टोला, बैगान
मोहल्ला में
निवासरत बैगा
जनजाति के
लगभग 17 से 20 परिवारों
के लिये बैगा
प्रोजेक्ट
के तहत
विद्युतीकरण
कार्य की स्वीकृति
शासन द्वारा
दी गई थी? आज दिनांक
तक उक्त स्थान
का
विद्युतीकरण
क्यों नहीं
किया गया? जबकि
आदेशित किया
जा चुका है? (ख) उक्त
बैगा परिवार आज
भी बिजली सुविधा
से वंचित है, ऐसे में
शासन द्वारा
अब तक क्या-क्या
वैकल्पिक व्यवस्था
की गई एवं नवीन
कार्ययोजना
की क्या
समय-सीमा है
जानकारी दें? (ग) प्रश्नांश
(क) व (ख) के
संदर्भ में क्या
शासन को कार्य
पूर्ण दिखाकर
गुमराह किया गया? यदि हाँ, तो इसकी
जांच किस स्तर
पर हुई एवं
उत्तरदायी
अधिकारियों, एजेंसियों
पर क्या-क्या
कार्यवाही की
गई?
(घ) प्रश्नांश
(क) के संदर्भ
में इस प्रकरण
से संबंधित
प्रस्ताव, स्वीकृत
आदेश, कार्य
आदेश, भुगतान
विवरण, निरीक्षण
रिपोर्ट
प्रति
रिकार्ड सहित
उपलब्ध
करावें।
ऊर्जा
मंत्री ( श्री
प्रद्युम्न
सिंह तोमर ) : (क) जी
हाँ, शहडोल
जिलांतर्गत
जयसिंहनगर
तहसील में
पी.एम. जनमन
योजना के तहत
ग्राम पंचायत
ढोढ़ा के ग्राम
ढोढ़ा एवं
कोईलारी के
मोहल्ला/मजरा/टोला
में निवासरत
बैगा जनजाति
के अविद्युतीकृत
घरों के
विद्युतीकरण
हेतु स्वीकृति
प्रदान की गई
है। ग्राम
कोईलारी में
उक्त कार्य
पूर्ण किया जा
चुका है एवं
ग्राम ढोढ़ा
के मोहल्ला/मजरा/टोला
यथा - गढ़ई
टोला, बैगान
टोला एवं अन्य
के
विद्युतीकरण
का कार्य
वर्तमान में
प्रगतिरत है। (ख) उत्तरांश (क) में उल्लेखानुसार
पी.एम. जनमन
योजनान्तर्गत
प्रगतिरत विद्युतीकरण
का कार्य माह
अगस्त– 2025 तक पूर्ण
किया जाना
संभावित है। अत:
शेष प्रश्न
नहीं उठता। (ग) जी
नहीं। उत्तरांश (क) एवं (ख) के सन्दर्भ
में लेख है कि
पी.एम. जनमन
योजना के तहत
पूर्व में
जनजातीय
कार्य
मंत्रालय, भारत
सरकार से
प्राप्त
चिन्हित
ग्रामों की
सूची के
अनुसार
विद्युत
मंत्रालय, भारत
सरकार के पत्र
दिनांक 12.01.2024 एवं पत्र
दिनांक 14.03.2024 के माध्यम
से
योजनांतर्गत
प्रेषित
कार्य योजना
की स्वीकृति, म.प्र.
पूर्व
क्षेत्र
विद्युत
वितरण कंपनी
को प्राप्त
हुई। उक्त स्वीकृत
कार्ययोजना
अनुसार बैगा, सहरिया
एवं भारिया
जनजाति के कुल
12180
अविद्युतीकृत
घरों के
विद्युतीकरण
का कार्य
पूर्ण किया जा
चुका है। तदुपरांत
जनजातीय
कार्य
मंत्रालय, भारत
सरकार द्वारा
चिन्हित
अतिरिक्त
ग्रामों की
सूची मेसर्स
पी.एफ.सी. के
पत्र दिनांक 08.05.2025 के माध्यम
से म.प्र.
पूर्व
क्षेत्र
विद्युत
वितरण कंपनी
को प्राप्त
हुई है, जिसके
अनुसार सर्वे
उपरान्त 1687 बैगा
जनजाति के
अविद्युतीकृत
घरों को चिन्हित
किया गया है, उक्त
विद्युतीकरण
का कार्य
वर्तमान में
प्रचलन में है।
अत: किसी
अधिकारी/एजेंसी
के दोषी होने
अथवा किसी के
विरूद्ध
कार्यवाही
किये जाने का
प्रश्न नहीं
उठता। (घ) उत्तरांश (क) के
परिप्रेक्ष्य
में संबंधित
प्रस्ताव
यथा स्वीकृत
प्राक्कलन
एवं कार्य
आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट
अनुसार है। उक्त
कार्य का
निरीक्षण एवं
भुगतान किया
जाना अभी लंबित
है, अत:
शेष प्रश्न
नहीं उठता।
लोक
निर्माण
विभाग हरदा से
संबंधित
जानकारी का प्रदाय
[लोक
निर्माण]
38. ( क्र.
2312 ) कुँवर
अभिजीत शाह : क्या
लोक निर्माण
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) लोक
निर्माण
विभाग, हरदा
को पिछले 2
वर्षों में
ठेकेदारों के
विरूद्ध
कितनी लिखित
शिकायतें
प्राप्त हुई
है। जिसके ऊपर
विभाग द्वारा
कब-कब, क्या-क्या
कार्यवाही की
गई? विभागीय
कार्यवाही की
सम्पूर्ण
जानकारी
उपलब्ध
करवाई जावे। (ख) प्रश्नकर्ता
के विधानसभा
क्षेत्रान्तर्गत
लोक निर्माण
विभाग, हरदा
द्वारा विगत
दो वर्षों में
कितनी निविदा
जारी कर
सड़कों का
निर्माण किया
गया है। इन कार्यों
का विभाग
द्वारा विगत 2
वर्षों में
कब-कब
निरीक्षण
किया गया है तथा
टेस्टिंग
हेतु
प्रयोगशाला
भेजा गया हैं?
विस्तृत
जानकारी
देवें। (ग) लोक
निर्माण
विभाग द्वारा
सभी मार्गों
की कोर
टेस्टिंग,स्टेक
टेस्टिंग एवं
गुणवत्ता
परीक्षण हेतु
क्या नियम
एवं मापदण्ड
निर्धारित
हैं एवं शासन
के क्या
निर्देश हैं। क्या
निर्माण/निर्माणधीन
सड़कों की
गुणवत्ता
परीक्षण
हेतु विभिन्न
प्रकार की
टेस्टिंग
कराई जा रही
है। यदि हाँ, तो
जिला हरदा में
विगत 2 वर्षां में
निर्मित/निर्माणधीन
सड़कों की
टेस्टिंग रिपोर्ट गुणवत्ता
अनुसार न पाये
जाने पर कृत
कार्यवाही,
जांचकर्ता
अधिकारी का नाम-पदनाम
जानकारी
उपलब्ध
करावे? (घ) ठेकेदार
द्वारा
लापरवाही
करने पर विभाग
द्वारा क्या
कार्यवाही की
गई हैं? यदि
कोई
कार्यवाही की
गई है, तो किये
गये
पत्राचारों
की छायाप्रति
देवें। यदि
नहीं, तो ऐसे
अधिकारी के
विरूद्ध
विभाग मुख्यालय
द्वारा क्या
कार्यवाही की
है।
लोक
निर्माण
मंत्री ( श्री
राकेश सिंह ) :(क) जानकारी पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-अ, 'अ-1' एवं 2, 3, 4, 5 अनुसार है। (ख) जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-ब
एवं 6
अनुसार है। (ग) जी
हाँ। पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट-1 एवं 7 अनुसार है। जिसके
अनुसार सभी
निर्माण
कार्यों की टेस्टिंग
फ्रिक्वेंसी
के अनुसार
करायी गई, निर्माण
कार्यों में टेस्टिंग
रिर्पोट मापदण्डानुसार
पायी गई है। शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (घ) उत्तरांश
''ग'' के
परिप्रेक्ष्य
में प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
रोलगांव
पुल एवं भायली
पुलिया
निर्माण
[लोक
निर्माण]
39.
( क्र. 2313 ) कुँवर
अभिजीत शाह : क्या लोक
निर्माण
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता
द्वारा
विधानसभा
टिमरनी
अंतर्गत सिराली
एवं हरदा
मार्ग को
जोड़ने वाले
रोलगांव पुल
एवं टिमरनी से
भायली के
मार्ग में
पड़ने वाली
भायली पुलिया
के निर्माण
हेतु पूर्व
में भी
विधानसभा प्रश्न, ध्यानाकर्षण, याचिका
एवं विभागीय
मंत्री जी से
पत्राचार
किये जाने के
उपरांत भी उक्त
टूटे हुए
पुलों का
पुनर्निर्माण
नहीं किया गया
हैं? क्यों, कारण सहित
बतायें? इन पुलों
के निर्माण की
वर्तमान
स्थिति क्या
हैं? इनका
निर्माण कब तक
करा लिया
जावेगा? समय-सीमा सहित
बतायें? (ख) प्रश्नांश
(क) में उल्लेखित
दोनों पुल एवं
पुलिया के
निर्माण
कार्य किस-किस
एजेंसी/ठेकेदार
को प्रदान
किया गया है, इसकी
संपूर्ण
जानकारी यथा-अनुबंध, कार्यादेश
की प्रति, शासन
द्वारा जारी
बजट, निर्माण
एजेंसी को
प्रदान की गई
राशि, डी.पी.आर., समस्त
दस्तावेजों
की छायाप्रति
सहित जानकारी
उपलब्ध
करावें? (ग) प्रश्नांश
(क) में उल्लेखित
पुल एवं
पुलिया के
निर्माण
कार्य पूर्ण
नहीं किये
जाने हेतु किस
स्तर पर
लापरवाही
बरती जा रही
हैं? इनके
विरूद्ध
विभाग द्वारा
क्या
कार्यवाही की
जा रही है? क्या
ठेकेदार से
अर्थदण्ड
वसूली की गई
है एवं
अधिकारियों के
विरूद्ध
कार्यवाही की
गई हैं? यदि हाँ, तो क्या
तथा नहीं तो
क्यों? (घ) प्रश्नांश
(क) में उल्लेखित
पुल एवं
पुलिया के
निर्माण नहीं
होने से
विद्यार्थियों, राहगीरों, आमजन, लोकसेवकों
एवं
रोगी-मरीजों
को आवागमन में
हो रहे मानसिक, शारीरिक
एवं आर्थिक
नुकसान की
भरपाई कौन
करेगा? इस कार्य
में विलम्ब
हेतु कौन उत्तरदायी
हैं?
लोक
निर्माण
मंत्री ( श्री
राकेश सिंह ) : (क) जी
हाँ। क्षतिग्रस्त
रोलगाँव पुल
के स्थान पर
नवीन पुल
निर्माण हेतु
निविदा की
कार्यवाही
प्रचलन में है।
अतः निश्िचत
समय-सीमा बताया
जाना संभव
नहीं है तथा टिमरनी
से भायली
मार्ग में
टिमरन नदी पर
निर्मित
क्षतिग्रस्त
रपटा लोक
निर्माण
विभाग से संबंधित
नहीं है, अपितु
ग्रामीण
यांत्रिकी
सेवा संभाग
हरदा से
संबंधित है। जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट-1 अनुसार है। शेष का
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (ख) उत्तरांश
"क" अनुसार
उक्त दोनों
पुलों में से 01 पुल
मसनगॉव
रोलगॉव
सिराली मार्ग
पर माचक नदी पर
जलमग्नीय पुल
निर्माण
कार्य का
डी.पी.आर. तैयार
किया गया
निविदा की
कार्यवाही
प्रचलन में है।
जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट-2 अनुसार है। (ग) नवीन
पुल निर्माण
हेतु निविदा
कार्यवाही
प्रचलन में है।
शेष का प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (घ) उत्तरांश
"क" के परिप्रेक्ष्य
में प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है।
निर्माणाधीन
सब स्टेशन के
बंद कार्य की
जानकारी
[ऊर्जा]
40.
( क्र. 2391 ) श्री
हरिबाबू राय
[इंजीनियर] : क्या
ऊर्जा मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) ग्राम
करैया राय में
निर्माणाधीन
सब स्टेशन का
कार्य बंद क्यों
हैं जानकारी
देवें। (ख) प्रश्नांश
(क) में
अनुबंधित
ठेकेदार
द्वारा कार्य
अधूरा किया है, विगत 2 वर्ष से
कार्य बंद हैं।
कब तक चालू
होगा? जानकारी
देवें। (ग) यदि
ठेकेदार
द्वारा कार्य
बंद कर दिया
गया है तो
निर्माण
एजेन्सी पर
अब तक कोई
कार्यवाही क्यों
नहीं की गई? जानकारी
दें।
ऊर्जा
मंत्री ( श्री
प्रद्युम्न
सिंह तोमर ) : (क) जी
नहीं। ग्राम
करैयाराय में
निर्माणाधीन 33/11 के.व्ही.
विद्युत
उपकेन्द्र (सब
स्टेशन) का
कार्य बंद
नहीं है, अपितु उक्त
विद्युत
उपकेन्द्र
हेतु कन्ट्रोल
रूम का आंशिक
कार्य हो गया
है एवं शेष कार्य
प्रगति पर है।
(ख) जी
नहीं। उल्लेखनीय
है कि प्रश्नाधीन
विद्युत
उपकेन्द्र
के कार्य हेतु
म.प्र. मध्य
क्षेत्र
विद्युत
वितरण कंपनी
लिमिटेड
द्वारा
कार्यादेश
दिनांक 18.09.2024 को जारी
किया गया था, कार्यादेश
की प्रति पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-'अ' अनुसार है। अनुबंधित
ठेकेदार
द्वारा धीमी
गति से कार्य किये
जाने के
परिप्रेक्ष्य
में
उपमहाप्रबंधक, एस.टी.सी., अशोकनगर
के पत्रों
दिनांक 09.12.2024, दिनांक 06.03.2025 एवं
दिनांक 29.04.2025 के माध्यम
से कार्य को
पूर्ण करने
हेतु ठेकेदार
को सूचना पत्र
जारी किये गये
हैं। पत्रों
की प्रति पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-'ब' अनुसार है। इसके
अतिरिक्त
महाप्रबंधक (संचा./संधा.)
वृत्त अशोकनगर
द्वारा
दिनांक 10.07.2025 के माध्यम
से ठेकेदार को
15 दिवस में
कार्य पूर्ण
करने हेतु
अंतिम नोटिस जारी
किया गया है। पत्र
की प्रति पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-'स' अनुसार है। (ग) ठेकेदार
द्वारा कार्य
धीमी गति से
किया जा रहा
है, जिस
हेतु उत्तरांश (ख) में उल्लेखानुसार
कार्यवाही की
गयी है। ठेकेदार/एजेंसी
द्वारा
निविदा में
उल्लेखित
नियम एवं
शर्तों के
अनुरूप कार्य
नहीं किये
जाने पर
निविदा की
कंडिका GCC 29.1 (Termination for Contractor's
default) में
निहित
प्रावधानों
के अनुसार
ठेकेदार के विरूद्ध
कार्यवाही की
जावेगी। उक्त
की प्रति पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-'द' अनुसार है।
रिंग
रोड एवं
गौशाला से
रूसल्ला
मार्ग की
डी.पी.आर.
[लोक
निर्माण]
41.
( क्र. 2392 ) श्री
हरिबाबू राय
[इंजीनियर] : क्या लोक
निर्माण
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
अशोकनगर शहर
के चारों और
रिंग रोड बनाने की
शासन की कोई
योजना है यदि
हाँ, तो कब तक रोड तैयार हो
जाएगा। (ख) प्रश्नांश
(क) वर्णित
रोड कार्य की
डी.पी.आर.
तैयार हुई या
नहीं और नहीं
हुई तो क्यों और कब तक
तैयार हो
जाएगी
जानकारी दें? (ग) गौशाला
से रूसल्ला
तक सड़क
निर्माण की
कोई योजना है, यदि हाँ, तो कब तक
बनकर तैयार
होगी। जानकारी
दें।
लोक
निर्माण
मंत्री ( श्री
राकेश सिंह ) : (क) जी नहीं। अतः
शेष का प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (ख) जी
नहीं। उत्तरांश
(क) के परिप्रेक्ष्य
में प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (ग) गौशाला
से रूसल्ला तक
सड़क निर्माण
की विभाग अंतर्गत
वर्तमान में
कोई योजना
प्रचलन में नहीं
है। अतः शेष
का प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है।
विद्युत
विभाग द्वारा
किए गए कार्य
[ऊर्जा]
42.
( क्र. 2471 ) श्री सतीश
मालवीय : क्या
ऊर्जा मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) उज्जैन
जिले के
घट्टिया
विधानसभा
क्षेत्र अंतर्गत
नार्मल
डेवलेपमेंट
स्कीम के तहत
विगत दो
वर्षों में
कितने
विद्युत
वितरण ट्रांसफार्मर
कहां-कहां
कितनी कितनी 11 के.व्ही
विद्युत लाइन
के साथ स्थापित
किए गए? विद्य़त
वितरण
केन्द्र
अनुसार
लोकेशनवार
जानकारी
उपलब्ध
करावें। (ख) प्रश्नांश
(क) के संदर्भ
में
ट्रांसफार्मर
के जमा राशि
का दिनांक, कार्यादेश
क्रमांक एवं
दिनांक तथा
कार्य पूर्णता
के दिनांक
क्या रहें? सम्पूर्ण
जानकारी
उपलब्ध
करावें। (ग) कार्य
का सर्वे
जी.आई.एस
पद्धति से
अनिवार्यतः
किया जाना था।
अतः
प्रकरणवार
सर्वे की
रिपोर्ट/प्रिंट
उपलब्ध
करावें। (घ) कार्य
का संपादन जमा
राशि के
दिनांक के
वरियता क्रम
में क्यों
नहीं किया गया? इसके लिए
जिम्मेदार
वृत्त
प्रभारी पर
क्या कार्रवाई
की गई? सम्पूर्ण
जानकारी
उपलब्ध
करावें। (ड.) प्रश्नांश
(क) के संदर्भ
में
कार्यपालन
यंत्री, निर्माण, संभाग
उज्जैन के
द्वारा आहरित
निर्माण सामग्री
के लेखा-जोखा
का ऑडिट क्यों
नहीं किया गया? इनके
द्वारा
कौन-कौन सी
कितनी-कितनी
सामग्री मुख्य
अभियंता (उक्षे)
के साथ
मिलीभगत कर
बाहर विक्रय
कर दी। दोषी
अधिकारियों
पर विभाग कब
तक कार्यवाही
करेगा?
ऊर्जा
मंत्री ( श्री
प्रद्युम्न
सिंह तोमर ) : (क) उज्जैन
जिले के
घट्टिया
विधानसभा
क्षेत्र अंतर्गत
नार्मल
डेवलेपमेंट
स्कीम के तहत
विगत दो वित्तीय
वर्षों एवं
वर्तमान वित्तीय
वर्ष में 79 स्थानों
पर वितरण
ट्रांसफार्मर
एवं संबंधित 11 के.व्ही.
विद्युत लाईन
की स्थापना
का कार्य किया
गया है, जिनकी प्रश्नाधीन
चाही गयी स्थानवार
(लोकेशनवार) जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) के
संदर्भ में
वितरण
ट्रांसफार्मर
की स्थापना
हेतु जमा राशि
की दिनांक, कार्यादेश
क्रमांक एवं
दिनांक तथा
कार्य पूर्णता
की दिनांक
सहित जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ग) उत्तरांश (क) में उल्लेखित
कार्यों हेतु
प्रश्नाधीन
क्षेत्र
अंतर्गत
सर्वे
जी.आई.एस.
पद्धति से
किया गया है। उक्त
सर्वे की
प्रकरणवार
रिपोर्ट पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-'स' अनुसार है। (घ) उत्तरांश (क) के सन्दर्भ
में प्रश्नाधीन
क्षेत्र में
कार्य का
संपादन वितरण
केन्द्रवार
वरीयता के
क्रम में ही
किया गया है। सामान्यतः
कार्य का
संपादन कार्य
के स्थान, भौतिक
परिस्थिति
एवं
सामग्री/क्षमतानुसार
वितरण
ट्रांसफार्मर
की उपलब्धता
के आधार पर किया
जाता है। कुल 12 प्रकरणों
में
आर.ओ.डब्ल्यू.
की समस्या
होने एवं
सामग्री की
अनुपलब्धता
से कार्य संपादन
में विलम्ब
हुआ है। अत:
शेष प्रश्न
नहीं उठता है।
(ड.) उत्तरांश
(क) के संदर्भ
में
कार्यपालन
यंत्री, निर्माण-संभाग, उज्जैन के
द्वारा आहरित
निर्माण
सामग्री के लेखा-जोखा
का ऑडिट
समय-समय पर
किया गया है।
निर्माण
संभाग के ऑडिट
के दौरान
सामग्री
विक्रय का
प्रकरण अथवा किसी
प्रकार की
अनियमितता
नहीं पाई गई। अतः
शेष प्रश्न
नहीं उठता है।
विमुक्त, घुमन्तु, अर्द्धघुमन्तु
जनजाति को
शासकीय योजना
का लाभ
[विमुक्त, घुमन्तु
और
अर्द्धघुमन्तु
कल्याण]
43.
( क्र. 2507 ) श्री बृज
बिहारी
पटैरिया : क्या
राज्य मंत्री, विमुक्त, घुमन्तु
और
अर्द्धघुमन्तु
कल्याण
महोदया यह
बताने की कृपा
करेंगी कि (क) सागर
जिले की देवरी
विधानसभा
अंतर्गत
विमुक्त
घुमंतु
अर्द्धघुमन्तु
जनजाति को
ग्रामों एवं
बस्तियों में
सामुदायिक
भवन रोड, पेयजल, स्वास्थ्य एवं आवास
के लिये कब-कब
प्रश्नकर्ता
द्वारा जिला
कार्यालय को
एवं मा.मंत्री/राज्य
शासन को मांग
पत्र दिये गये।
उन पर वर्ष 2024-25 एवं 2025-26 वित्तीय
वर्ष में कौन-कौन
से कार्य स्वीकृत
किये गये। विवरण
देवें। (ख) क्या
विमुक्त, घुमंतु,
अर्द्धघुमंतु
जनजाति को
ग्रामों एवं
बस्तियों में
आवास योजना के
वंचितों को
विभाग द्वारा
आज दिनांक तक
सर्वे नहीं
किया गया यदि
हाँ, तो
कब तक सर्वे
कराकर
आवासहीनों को
आवास स्वीकृत करा दिये
जायेंगे। सूची
उपलब्ध
करायें, समय-सीमा बतायें।
नहीं तो क्यों।
(ग) वि.स.
क्षेत्र
देवरी के
विमुक्त, घुमंतु,
अर्द्धघुमंतु
जनजाति के
ग्रामों के
लिये विगत 2 वर्षों
में जून 2025 तक किन-किन
ग्रामों के लिये
मूलभूत
सुविधाओं के
लिये योजना
जिला कलेक्टर
कार्यालय से
बनाकर राज्य
शासन को भेजी
गई हैं, विवरण
देवें। यदि
नहीं, तो
क्यों। लापरवाह
अधिकारियों
के विरूद्ध
शासन कोई कार्यवाही
करेगा। यदि
हाँ, तो
कब तक नहीं तो
क्यों, विवरण
देवें।
राज्य
मंत्री, विमुक्त, घुमन्तु
और
अर्द्धघुमन्तु
कल्याण (
श्रीमती
कृष्णा गौर ) : (क) प्रश्नकर्ता
द्वारा सहायक
संचालक
पिछड़ा वर्ग
एवं विमुक्त, घुमन्तु,
अर्द्धघुमन्तु
जनजाति विभाग
जिला सागर मध्यप्रदेश
के कार्यालय
में पत्र
क्रमांक 109 दिनांक 28.10.2024 भेजा गया। उक्त
पत्र के संबंध
में कार्यालय
कलेक्टर (विमुक्त, घुमन्तु
और
अर्द्धघुमन्तु
कल्याण
विभाग) जिला
सागर मध्यप्रदेश
के पत्र
क्रमांक/वि.घु.अर्द्ध.घु./2024-25/125 दिनांक 17.02.2025 द्वारा संलग्न परिशिष्ट अनुसार प्रस्ताव
भेजा गया। वित्तीय
वर्ष में स्वीकृति
जारी नहीं की
गई। (ख) विभाग अन्तर्गत
किसी भी
प्रकार की
आवास योजना
संचालित नहीं
है। शेष प्रश्न
उद्भूत नहीं
होता है। (ग) विधानसभा
क्षेत्र
देवरी के
विमुक्त, घुमन्तु
और
अर्द्धघुमन्तु
समुदाय के
ग्राम सिलारी
एवं केसली में
मूलभूत
सुविधाओं के
बस्ती विकास
योजना अन्तर्गत
प्रस्ताव
जिला कलेक्टर
द्वारा
प्राप्त हुए
है। जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट अनुसार शेष का प्रश्न
नहीं।
अधोसंरचना
मद की राशि का
उपयोग
[नगरीय
विकास एवं
आवास]
44.
( क्र. 2533 ) श्री
नितेन्द्र
बृजेन्द्र
सिंह राठौर : क्या
नगरीय विकास
एवं आवास
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि विधानसभा
क्षेत्र
पृथ्वीपुर
अन्तर्गत नगर परिषद
पृथ्वीपुर
द्वारा वर्ष 2022 से 2024 तक अधोसंरचना
मद की राशि का
व्यय किन-किन कार्यों
में एवं कितना-कितना
किया गया? वर्षवार
विवरण दिया
जाये? क्या
अन्य मदों में
राशि व्यय
करने के नियम
है? यदि
नहीं, तो
दोषियों पर
क्या
कार्यवाही की
गई?
नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री (
श्री कैलाश
विजयवर्गीय ) : जानकारी
संलग्न परिशिष्ट
अनुसार है। जी
नहीं। शेषांश
का प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है।
अवैध
कॉलोनाइजर पर कार्यवाही
[नगरीय
विकास एवं
आवास]
45.
( क्र. 2552 ) श्रीमती
अनुभा
मुंजारे : क्या
नगरीय विकास
एवं आवास
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) बालाघाट
जिले में वर्ष
2021 से प्रश्न
दिनाँक तक
कितनी अवैध
प्लाटिंग व
कॉलोनियों का
निर्माण हुआ है? कितनी कॉलोनियों
को वैध एवं
अवैध घोषित
किया गया है? सम्पूर्ण
विवरण
प्रस्तुत
करें। क्या
शासन द्वारा
जिले में कभी
अवैध
प्लाटिंग पर
रोक लगाई गई
है, यदि
हाँ, तो
कब, यदि
नहीं, तो
क्यों? (ख) बालाघाट
विधानसभा के
नगरीय/ग्रामीण
क्षेत्र में
कॉलोनाइजर
एवं अवैध
प्लाटिंग के
खिलाफ जिला
प्रशासन को
वर्ष 2021 से
प्रश्न
दिनांक तक
कितनी शिकायत
प्राप्त हुई
है? शिकायत
व प्रश्नकर्ता
के पत्र दि. 01/09/2024 एवं दि. 05/02/2025
पर क्या
कार्यवाही व
निराकरण किया
हैं? नहीं
तो क्यों? (ग) प्रश्नांश
(क) अनुसार
प्रश्नकर्ता
के नगरीय/ग्रामीण
क्षेत्र में
कितने अवैध
प्लाटिंग करने
वाले
कॉलोनाइजरों
के खिलाफ
कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, तो क्यों? यदि हाँ, तो कब। प्रश्न
दिनांक तक
कितनों के
खिलाफ प्रकरण
दर्ज किया गया
है। यदि नहीं, तो क्यो? कब तक
कार्यवाही
हेतु प्रकरण
दर्ज किया
जाएगा? नामवार, स्थानवार, वर्षवार, दिनांकवार
सूची सहित
जानकारी
उपलब्ध करावे।
(घ) प्रश्नांश
(क) एवं (ख) अनुसार
अवैध
प्लाटिंग/कॉलोनी
का निर्माण
किया जाता है
तो इसकी जिम्मेदारी
किस पर होती
है? अवैध
प्लाट की
रजिस्ट्री
किस नियम के
तहत की गई है? इसके लिये
दोषी कौन हैं? प्रशासन
अवैध
कॉलोनाइजर के
विरुद्ध कोई
कार्यवाही
करेगा? यदि नहीं, तो क्यों? कब तक
करेगा, समय-सीमा
बतायें।
नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री (
श्री कैलाश
विजयवर्गीय ) : (क) बालाघाट
जिले में प्रश्नांकित
अवधि में कुल 339 अवैध प्लाटिंग
व कॉलोनियों
का निर्माण
हुआ है। 18 कॉलोनियां
वैध है एवं 339 कॉलोनियों
को अवैध घोषित
किया गया है। जिले
के बालाघाट
अनुभाग में 02 वैध एवं 174 अवैध, बारासिवनी
अनुभाग में 14 वैध एवं 117 अवैध, कंटगी
अनुभाग में 20 अवैध, बैहर
अनुभाग में 02 वैध एवं 15 अवैध, लांजी
अनुभाग में 08 अवैध, किरनापुर
अनुभाग में 05 अवैध कॉलोनियां
है। वैध कॉलोनी
की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार एवं अवैध कॉलोनी
की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है।
अनुमति
प्राप्त किए
बिना अनधिकृत कॉलोनियों
का निर्माण
करने का कृत्य
संज्ञेय
अपराध की
श्रेणी में
होना, अधिनियम
में उपबन्धित
है एवं इस
अपराध के लिए अधिनियम
में दण्डात्मक
कार्यवाही के
उपबन्ध हैं। उक्त
प्रावधान
अनुसार राज्य
सरकार द्वारा
अवैध कॉलोनियों
के निर्माण को
रोकने एवं
इनके भू-स्वामी/विकासकर्ताओं
के विरूद्ध
दण्डात्मक
कार्यवाही
करने के लिए
सक्षम
प्राधिकारी घोषित
किए जाने से
पृथक से रोक
लगाने का प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। उत्तरांश
के परिप्रेक्ष्य
में शेषांश का
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (ख) बालाघाट
विधानसभा के
नगरीय/ग्रामीण
क्षेत्र में
कॉलोनाईजर
एवं अवैध प्लाटिंग
के खिलाफ प्रश्नांकित
अवधि में
अनुभाग
बालाघाट के
अंतर्गत 06 शिकायतें
प्राप्त हुई
थी। प्राप्त 06 शिकायतों
में से 03 शिकायतों
का निराकरण
जिला प्रशासन
द्वारा किया
गया है। शेष 03 शिकायतों
में जांच की
कार्यवाही
प्रचलित है। प्राप्त
शिकायतों की जानकारी
पुस्तकालय रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार है।
प्रश्नांकित
दिनांक के
पत्रों के
निराकरण की
कार्यवाही
जिले में
प्रचलित है। कार्यवाही
प्रचलित होने
से शेषांश का
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (ग) उत्तरांश
''क'' अनुसार
बालाघाट के
नगरीय/ग्रामीण
क्षेत्र में 14, बारासिवनी
में 01
एवं लांजी में
08 कॉलोनाईजर
एवं अवैध प्लाटिंग
करने पर म.प्र.
नगरपालिका
अधिनियम, 1961 की धारा 339 (ग) एवं
म.प्र. पंचायत
एवं ग्राम स्वराज
अधिनियम की
धारा 61-घ
के तहत सक्षम
प्राधिकारी
द्वारा
कार्यवाही
करते हुये
प्रत्येक पर
राशि रू. 5.00 लाख का
अर्थदण्ड
अधिरोपित कर
अपराध
पंजीबद्ध
करने हेतु आदेशित
किया गया है। जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''द'' अनुसार है।
(घ) अवैध
प्लाटिंग/कॉलोनी
निर्माण किये
जाने की जिम्मेदारी
कॉलोनी के
भू-स्वामी/विकासकर्ता
की होती है
एवं इनके
विरूद्ध
कार्यवाही
करने के लिए
जिले के नगर
पालिका परिषद/नगर
परिषद
क्षेत्र में
जिला कलेक्टर
तथा ग्रामीण
क्षेत्र में
अनुविभागीय
अधिकारी (राजस्व)
सक्षम
प्राधिकारी
है। अवैध
विक्रित प्लाट
की रजिस्ट्री
के संबंध में
पृथक से कोई
नियम नहीं है।
उत्तरांश के
परिप्रेक्ष्य
में प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। जिला
प्रशासन
द्वारा अवैध
कालोनाईजर के
विरूद्ध
कार्यवाही की
जा रही है। वैधानिक
प्रक्रिया
होने के कारण समय-सीमा
बताया जाना
संभव नहीं है।
फ्लाई
ओवर का
निर्माण
[लोक
निर्माण]
46.
( क्र. 2577 ) श्री
दिनेश गुर्जर
: क्या लोक
निर्माण
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
सरकार को
बानमोर नगर
परिषद चौराहे, जो कि
राष्ट्रीय
राजमार्ग पर
स्थित है, पर
अत्यधिक ट्रैफिक
जाम की गंभीर
समस्या की
जानकारी है? यदि हाँ, तो इस
संबंध में अब
तक राज्य
सरकार द्वारा
कौन-कौन से
प्रयास किए गए
हैं? (ख) क्या
राज्य सरकार
ने बानमोर
चौराहे पर
फ्लाईओवर
निर्माण हेतु
भारतीय
राष्ट्रीय
राजमार्ग
प्राधिकरण (NHAI) या केंद्र
सरकार को कोई
प्रस्ताव
भेजा है? यदि हाँ, तो उसकी
स्थिति एवं
विवरण
प्रस्तुत
किया जाए। (ग) क्या
राज्य सरकार
बानमोर नगर
परिषद चौराहे
पर राष्ट्रीय
राजमार्ग पर
ट्रैफिक दबाव
को देखते हुए
फ्लाईओवर
निर्माण हेतु NHAI से शीघ्र
स्वीकृति
प्राप्त करने
हेतु पत्राचार
कर रही है या
करने जा रही
है? यदि
हाँ, तो
संबंधित
पत्राचार की
जानकारी दी
जाए। (घ) जब
तक NHAI द्वारा
बानमोर
चौराहे पर
फ्लाईओवर
निर्माण कार्य
प्रारंभ नहीं
होता, तब
तक वहाँ
ट्रैफिक
प्रबंधन एवं
नागरिकों को राहत
देने हेतु क्या
राज्य सरकार
द्वारा
तात्कालिक
वैकल्पिक उपाय
किए जा रहे
हैं?
लोक
निर्माण
मंत्री ( श्री
राकेश सिंह ) : (क) प्रश्नांश
भारतीय
राष्ट्रीय
राजमार्ग
प्राधिकरण के कार्यक्षेत्र
अंतर्गत है। परियोजना
निर्देशक
भारतीय
राष्ट्रीय
राजमार्ग
प्राधिकरण
परियोजना
कार्यावयन
ईकाई ग्वालियर
से प्राप्त
उत्तर संलग्न परिशिष्ट
अनुसार है। (ख) जी
नहीं। शेष का
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (ग) एवं (घ) जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट अनुसार है।
टीकमगढ़
नगर में
जलभराव
[नगरीय
विकास एवं
आवास]
47.
( क्र. 2582 ) श्री
यादवेन्द्र
सिंह : क्या
नगरीय विकास
एवं आवास
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या यह
सही है कि
दिनांक 03.07.25 को रात्रि
में बारिश
होने से
टीकमगढ़ नगर
की ब्राम्हण
कॉलोनी, कौशलपुरी
कॉलोनी, शिवशक्ति
कॉलोनी, शिवनगर, हवेली रोड
आदि जल मग्न
हो गई और
अधिकांश घरों
में पानी भर
गया? (ख) यदि हाँ, तो कब तक यह
प्रबंध कर
दिया जायेगा
कि नगर में जल
भराव की
स्थिति न बने
और आमजन
सुविधा से
निवास कर सकें? (ग) क्या
प्रश्नकर्ता
ने कलेक्टर
टीकमगढ़ एवं
सी.एम.ओ. नगर पालिका
से समय रहते प्रश्नांश
(क) में वर्णित
कॉलोनियों से
अतिक्रमण
हटाने हेतु
पत्र
क्र.-एम.एल.ए./टी.के.जी./11-892/2025 दिनांक 30.05.2025 लिखा था, ताकि जल
भराव की
स्थिति न बने? (घ) प्रश्नांश
(ग) में वर्णित
पत्र पर
कार्यवाही न
होने के लिये
कौन-कौन दोषी
है?
नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री (
श्री कैलाश
विजयवर्गीय ) : (क) जी
हाँ। जी हाँ। (ख) नगर
पालिका परिषद
टीकमगढ़ में
अतिवृष्टि के कारण
निचली बस्तीयों
में जल भराव
हुआ है। बारिश
रूकने के पश्चात
निर्मित
नालियों से जल
का निकास हो
गया है। नगर
पालिका परिषद
टीकमगढ़
द्वारा
उत्तरांश (घ) अनुसार समय-समय
पर कार्यवाही
की जाती है। (ग) माननीय
विधायक जी
द्वारा पत्र
क्रमांक
एम.एल.ए./टी.के.जी./11-892/2025 दिनांक 30.05.2025 कलेक्टर, जिला
टीकमगढ़ को
लिखा गया था
इस पत्र को
कलेक्टर, जिला
टीकमगढ़
द्वारा मुख्य
नगर पालिका
अधिकारी, टीकमगढ़
को भेजा गया
है। जी हाँ। (घ) नगर
पालिका परिषद
टीकमगढ़
द्वारा जिला
प्रशासन से
समन्वय स्थापित
कर शहर के
बीचों बीच
स्थित बण्डा
नाला (लंबाई 1.50 कि.मी.) को
पूरी तरह
अतिक्रमण
मुक्त किये
जाने का कार्य
किया गया है। बण्डा
नाले की व्यापक
सफाई कराई गई
एवं शहर के 40 स्थायी
अतिक्रमण
हटाये गए है। उत्तरांश
के
परिप्रेक्ष्य
में शेषांश का
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है।
33/11
के.व्ही.
उपकेन्द्र की
स्थापना
[ऊर्जा]
48.
( क्र. 2607 ) श्री
भूपेन्द्र
सिंह : क्या
ऊर्जा मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
खुरई
विधानसभा
क्षेत्र अन्तर्गत
बरोदियाकलां
में किसानों
की सुविधा हेतु
33/11 के.व्ही.
नवीन
उपकेन्द्र की
स्थापना एवं
लोंगर में
स्थापित 33/11 के.व्ही.
उपकेन्द्र
में एक
अतिरिक्त 5 एम.व्ही.ए.
(MVA)
पॉवर
ट्रांसफार्मर
स्थापना की
आवश्यकता विगत
कुछ वर्षों से
सीजन के दौरान
महसूस की जा रही
है? (ख) यदि हाँ, तो
बरोदियाकलां
में नवीन 33/11 के.व्ही.
उपकेन्द्र
एवं लोंगर में
अतिरिक्त पॉवर
ट्रांसफार्मर
की स्वीकृति
देने के संबंध
में विभाग की
क्या योजना है? (ग) खुरई
शहर में बिजली
सुधार कार्य
हेतु लोडर जीप
की माँग विभाग
द्वारा काफी
समय से की जा
रही है? यदि हाँ, तो लोडर
जीप कब तक
प्रदान कर दी
जायेगी?
ऊर्जा
मंत्री ( श्री
प्रद्युम्न
सिंह तोमर ) : (क) खुरई
विधानसभा
क्षेत्र
अंतर्गत
बरोदियाकलां
में विद्युत
सप्लाई 33/11 के.व्ही.
विद्युत
उपकेन्द्र
रजवांस से
निर्गमित 11 के.व्ही.
सेसाई घरेलू
फीडर से की जा
रही है। रजवांस
से
बरोदियाकलां
फीडर की दूरी
लगभग 10
कि.मी. होने
तथा फीडर पर
वोल्टेज
रेग्यूलेशन
मानक अनुरूप
होने के कारण
बरोदियाकलां
में नवीन 33/11 के.व्ही.
विद्युत
उपकेन्द्र
का निर्माण
किया जाना
तकनीकी रूप से
साध्य नहीं
है। तथापि
विद्यमान 33/11 के.व्ही.
विद्युत
उपकेन्द
लोंगर में 3.15 एम.व्ही.ए.
क्षमता का
अतिरिक्त
पॉवर
ट्रांसफार्मर
स्थापित
करना तकनीकी
रूप से साध्य
पाया गया है। (ख) बरोदियाकलां
में नवीन 33/11 के.व्ही.
विद्युत
उपकेन्द्र
की स्थापना
तकनीकी रूप से
साध्य नहीं
है एवं 33/11 के.व्ही.
विद्युत
उपकेन्द्र
लोंगर में 3.15 एम.व्ही.ए.
क्षमता का
अतिरिक्त
पावर
ट्रांसफार्मर
स्थापित
किये जाने के
कार्य की स्वीकृति
वितरण कंपनी
की कार्य
योजना वर्ष 2025-26 में
प्रदान की गई
है। स्वीकृति
अनुसार
प्राक्कलन
तैयार कर
कार्यादेश
जारी किया जा
चुका है। (ग) जी
नहीं, अत:
शेष प्रश्न
नहीं उठता है।
विद्युत
उपकेन्द्र की
स्थापना
[ऊर्जा]
49.
( क्र. 2608 ) श्री
भूपेन्द्र
सिंह : क्या
ऊर्जा मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) खुरई
विधानसभा
क्षेत्र
अन्तर्गत
रजवांस में 132/33 के.व्ही.
विद्युत
उपकेन्द्र की
स्थापना हेतु
प्रश्नकर्ता
द्वारा कब-कब
विभागीय
अधिकारियों
को पत्र
द्वारा अवगत
कराया गया? (ख) क्या
33/11 के.व्ही.
उपकेन्द्र
उजनेट, रजवांस, पाली एवं
बांदरी 33 के.व्ही. लाइनों
के अंतिम छोर (किनारे)
पर होने के
कारण इन
उपकेन्द्रों
पर रबी सीजन के
दौरान
वोल्टेज की
कमी रहती है? क्या सीजन
के दौरान 33 के.व्ही. के
स्थान पर 27 के.व्ही. से
भी कम वोल्टेज
मिलता है? यदि हाँ, तो क्या
कारण है? (ग) प्रश्नांश
(क) अनुसार
सीजन के दौरान
रजवांस, पाली, उजनेट व
बांदरी
उपकेन्द्रों
के 100
ग्रामों के
करीब 2600
स्थाई एवं
करीब 5000
अस्थाई
उपभोक्ताओं
सहित 16000
घरेलू
उपभोक्ताओं
की सुविधा
हेतु रजवांस
में 132/33
के.व्ही.
उपकेन्द्र की
स्थापना कब तक
कर दी जावेगी?
ऊर्जा
मंत्री ( श्री
प्रद्युम्न
सिंह तोमर ) : (क) खुरई
विधानसभा
क्षेत्रांतर्गत
रजवांस में 132/33 के.व्ही.
विद्युत
उपकेन्द्र
स्थापना के
संबंध में
माननीय प्रश्नकर्ता
विधायक महोदय
द्वारा
विभाग/विद्युत
कंपनियों को
प्रेषित
पत्रों एवं उन
पर की गई कार्यवाही
की जानकारी
संलग्न परिशिष्ट
अनुसार है। (ख) जी
नहीं, खुरई
विधानसभा
क्षेत्र
अंतर्गत 33/11 के.व्ही.
विद्युत
उपकेन्द्र
उजनेट, रजवांस
एवं पाली
क्षेत्र को
अति उच्च दाब
उपकेन्द्र
खिमलासा से
निर्गमित 33 के.व्ही.
रजवांस फीडर
से एवं 33/11 के.व्ही.
बांदरी
उपकेन्द्र
को अति उच्च
दाब उपकेन्द्र
सागर से
निर्गमित 33 के.व्ही.
मोठी फीडर से
निर्धारित
मानक अनुसार
विद्युत
आपूर्ति की
जाती है। तथापि
प्रश्नाधीन
क्षेत्र में
रबी सीजन के
दौरान कृषि
हेतु प्रदाय
किए गए अस्थायी
विद्युत
संयोजनों के
कारण भार बढ़
जाने से कतिपय
स्थानों में
वोल्टेज की
समस्या आती
है। (ग) उक्त
वोल्टेज
संबंधी समस्या
के दृष्टिगत 33 के.व्ही.
रजवांस फीडर
के विभक्तिकरण
का कार्य
तकनीकी रूप से
साध्य पाया
गया है। उक्त
कार्य किए
जाने हेतु
केन्द्र
शासन की
आर.डी.एस.एस.
योजना
अंतर्गत 33/11 के.व्ही.
विद्युत
उपकेन्द्र
तलापार से 33/11 के.व्ही.
विद्युत
उपकेन्द्र
उजनेट तक नवीन
33 के.व्ही. उच्च
दाब विद्युत लाइन, स्वीकृत
की गई है, जिसे अगस्त
2025 तक पूर्ण
किया जाना
संभावित है। उक्त
कार्य पूर्ण
हो जाने के
उपरांत प्रश्नाधीन
क्षेत्र में
विद्युत
प्रदाय की
गुणवत्ता
में और अधिक
सुधार के साथ
ही संबंधित
फीडरों का भार
प्रबंधन एवं
वोल्टेज
संबंधी समस्याओं
का निराकरण हो
सकेगा। साथ ही
रजवांस में
नवीन 132/33
के.व्ही. अति उच्च
दाब
उपकेन्द्र की
स्थापना की
आवश्यकता भी
नहीं होगी।
आउटसोर्सिंग
एजेंसी के
माध्यम से
कर्मचारियों
की नियुक्ति
[ऊर्जा]
50.
( क्र. 2625 ) श्रीमती
कंचन मुकेश
तनवे : क्या
ऊर्जा मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) म.प्र.
पश्चिम
क्षेत्र
विद्युत
वितरण कंपनी लिमिटेड
संचालन-संधारण
वृत्त खंडवा
में ब्राह्य
स्त्रोत (आउटसोर्स)
के माध्यम से
आउटसोर्स
कर्मचारी
नियोजित करने
हेतु किन-किन
एजेंसियों के
साथ एग्रीमेंट
किया गया है? पिछले तीन
वर्षों में इन
एजेंसियों को
वर्षवार और
एजेंसीवार
कितना भुगतान
किया गया? अनुबंध की
कॉपी उपलब्ध कराएं।
(ख) प्रश्नांश
(क) अनुसार
पिछले तीन
वर्षों में
ब्राह्य स्त्रोत
प्रदाता
एजेंसी के
माध्यम से
कुल कितने
आउटसोर्स
कर्मचारी
नियोजित किये
गये हैं की
वर्षवार, श्रेणीवार
संख्यात्मक
जानकारी
देवें। प्रत्येक
श्रेणी के
कर्मचारियों
के लिए
निर्धारित
शैक्षणिक
योग्यता
बतावें। कार्य
के दौरान
विद्युत
दुर्घटना या
मृत्यु की
स्थिति में
कर्मचारी के
परिवार को
विद्युत
वितरण कंपनी
द्वारा
अनुबंधित एजेंसी
द्वारा किस
योजना या फंड
के तहत सहायता
दी जाती है? उक्त
कर्मचारियों
से कितनी
शिफ्ट में
कार्य लिया
जाता है एवं
उनकी
उपस्थिति/कार्य
निगरानी के
लिए कोई ऐप
उपयोग होता है? यदि हाँ, तो ऐप का
विवरण और
प्रभावशीलता बताएं। (ग) प्रश्नांश
(ख) अनुसार
पिछले तीन
वर्षों में
कितने
आउटसोर्स
कर्मचारियों
को कुशल से
अर्धकुशल या
अन्य श्रेणी
में समायोजित
किया गया? वर्षवार, श्रेणीवार
संख्यात्मक
जानकारी एवं
नियम और कारण
बतायें। आउटसोर्सिंग
एजेंसी, चयन, भुगतान या
नियुक्ति में
अनियमितता/भ्रष्टाचार
की शिकायतें
मिलीं? यदि हाँ, तो
कार्रवाई का
विवरण दें। (घ) क्या
आउटसोर्स
कर्मचारियों
के लिए
न्यूनतम वेतन, पी.एफ., ई.एस.आई.
जैसे श्रम
कानूनों का
पालन होता है? यदि नहीं, तो उल्लंघन
करने पर
विद्युत
वितरण कंपनी
द्वारा ब्राह्य
स्त्रोत
सेवा प्रदाता
एजेंसी के
विरूद्ध क्या
कार्यवाही की
जाएगी? समय-सीमा
बताएं।
ऊर्जा
मंत्री ( श्री
प्रद्युम्न
सिंह तोमर ) : (क) म.प्र.
पश्चिम
क्षेत्र
विद्युत
वितरण कंपनी लिमिटेड
के
संचालन-संधारण
वृत्त खंडवा
अंतर्गत
बाह्य स्रोत
सेवा प्रदाता
एजेंसियों के
माध्यम से
बाह्य स्रोत
कार्मिकों को
नियोजित करने
हेतु
एजेंसियों के
साथ किये गये
एग्रीमेंट (अनुबंध)
की जानकारी
तथा विगत तीन
वर्षों में
उक्त
अनुबंधित
एजेंसियों को
किये गये
भुगतान की प्रश्नाधीन
चाही गयी
एजेंसीवार, वर्षवार जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-अ अनुसार है। उक्त
एजेंसियों के
साथ किये गये
अनुबंध (अप्रैल, 2022 से मार्च, 2025 तक की अवधि
हेतु) की प्रति
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-ब
अनुसार है। (ख) उत्तरांश
(क) अनुसार
पिछले तीन
वर्षों में
ब्राह्य स्त्रोत
सेवा प्रदाता
एजेंसियों के
माध्यम से
नियोजित किये
गये आउटसोर्स
कार्मिकों की
एजेंसीवार, वर्षवार
एवं
श्रेणीवार
संख्यात्मक
जानकारी पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-स
अनुसार है।
आउटसोर्स
कार्मिकों के
लिए
श्रेणीवार
निर्धारित
शैक्षणिक
योग्यता की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-द
अनुसार है। म.प्र.
पश्चिम
क्षेत्र
विद्युत
वितरण कंपनी अंतर्गत
बाह्य स्रोत
सेवा प्रदाता
एजेंसी द्वारा
निविदा एवं
श्रम नियमों
के
प्रावधानों के
अनुसार बाह्य
स्त्रोत
कार्मिकों को
बोनस एवं
जोखिम भत्ता
(लागू होने की
स्थिति में), ई.पी.एफ. एवं
ई.एस.आई.सी. तथा ग्रुप
बीमा योजना की
सुविधा
प्रदान की
जाती है। इसके
अतिरिक्त
म.प्र. पश्चिम
क्षेत्र
विद्युत
वितरण कंपनी
के परिपत्र
दिनांक 01.08.2018 के
परिपालन में
विद्युतीय
घातक
दुर्घटना में
मृत व्यक्ति
के
परिवार/निकटतम
वारिस को
आर्थिक सहायता
अनुदान राशि
रू. चार लाख (नियमानुसार)
एवं शारीरिक अंग
हानि
(40 प्रतिशत
से 60
प्रतिशत तक
विकलांगता पर)
पर अनुदान
राशि रू. 59100/- तथा 60 प्रतिशत
से अधिक
विकलांगता
होने पर
अनुदान राशि
रू. दो लाख का
भुगतान किया
जाता है। बाह्य
स्रोत आउटसोर्स
कार्मिकों से
निविदानुसार/श्रम
नियमानुसार
ही शिफ्टवार
कार्य लिया जाता
है। कंपनी के
एप (डबल्यू.जेड.
अटेंडेंस) के
माध्यम से ऑनलाइन
उपस्थिति ली
जाती है, जिससे
पारदर्शिता
बनी रहती है। (ग) संचालन-संधारण
वृत्त
खण्डवा
अंतर्गत
बाह्य स्रोत
सेवा प्रदाता एजेंसी
द्वारा पिछले
तीन वर्षों
में कुशल से
अर्द्धकुशल
या अन्य
श्रेणी में आउटसोर्स
कार्मिकों को
समायोजित
नहीं किया गया
है। अतः शेष
प्रश्न नहीं
उठता है। जी
हाँ, वर्ष
2021-22 में बाह्य
स्रोत सेवा
प्रदाता
एजेंसी मेसर्स
ओरियान सिक्युरिटी
सोल्यूशंन
प्राईवेट
लिमिटेड
द्वारा
लगातार विलंब से
वेतन भुगतान
एवं निविदा
में उल्लेखित
कंडिकाओं/शर्तों
का परिपालन
नहीं करने के
संबंध में
शिकायत
प्राप्त हुई
थी। जांचोपरांत
उक्त एजेंसी
का अनुबंध
संचा./संचा.
वृत्त खंडवा
द्वारा
टर्मिनेट
किया गया था, उक्त
आदेश की प्रति
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-ई
अनुसार है। (घ) जी
हाँ। निविदा
में उल्लेखित
शर्तों के
अनुसार
न्यूनतम वेतन, पी.एफ.
ई.एस.आई.सी. एवं
श्रम कानूनों
का पालन किया
जाता है। उल्लंघन
किये जाने पर
बाह्य
स्त्रोत सेवा
प्रदाता
एजेंसी पर
निविदा की
शर्तों के
अनुसार म.प्र.
पश्चिम
क्षेत्र
विद्युत वितरण
कंपनी द्वारा
नियमानुसार
कार्यवाही की
जाती है।
निर्माण
कार्यों में
लगने वाली गौण
खनिज की रॉयल्टी
[नगरीय
विकास एवं
आवास]
51.
( क्र. 2682 ) श्री
सुनील उईके : क्या
नगरीय विकास
एवं आवास
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) नगरीय
निकाय द्वारा
किए जाने वाले
निर्माण
कार्यों में
लगने वाली गौण
खनिज की रॉयल्टी
के संबंध में मध्यप्रदेश
शासन खनिज
साधन विभाग
भोपाल ने पत्र
क्रमांक एफ 14-10/ 2018/12/1 दिनांक 15/03/2018 में क्या-क्या
निर्देश दिए
जाकर नगरीय
निकायों के
किस अधिकारी
की क्या-क्या
जिम्मेदारी
बताई है? (ख) छिन्दवाड़ा, पाण्ढुर्णा
एवं बैतूल
जिले के
किस-किस नगरीय
निकाय ने पत्र
दिनांक 15/03/2018 से प्रश्नांकित
दिनांक तक
किसी भी
अनुबन्धकर्ता
से किन-किन
कारणों से रॉयल्टी
चुकता प्रमाण
पत्र प्राप्त
किए बिना ही
किस-किस
दिनांक को
अंतिम बिल का भुगतान
किया है? (ग) शासन को
पहुँचाई गई रॉयल्टी
की हानि के
लिए शासन किसे
जिम्मेदार
मानता है? उसके
विरूद्ध कब तक
क्या
कार्यवाही की
जावेगी? समय-सीमा बताएं।
नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री (
श्री कैलाश
विजयवर्गीय ) : (क) मध्यप्रदेश
शासन खनिज
साधन विभाग
मंत्रालय के
पत्र क्रमांक 14-10/2018/12/1 दिनांक 15/03/2018 से शासकीय
निर्माण
कार्यों के
ठेकेदारों
द्वारा ऑनलाइन
रॉयल्टी
चुकता प्रमाण
पत्र प्राप्त
किये जाने के
निर्देश जारी
किये गये हैं
एवं नगरीय
निकाय के
अधिकारी/कर्मचारियों
की जिम्मेदारी
उक्त जारी
पत्र की
कंडिका-4 अनुसार है।
(ख) कार्यपालन
यंत्री, नगरीय
प्रशासन एवं
विकास, जबलपुर
एवं
नर्मदापुरम
संभाग के
अनुसार जानकारी
निरंक है, उत्तरांश
के परिप्रेक्ष्य
में प्रश्न
उपस्थित नहीं होता
है। (ग) उत्तरांश 'ख' के परिप्रेक्ष्य
में प्रश्न
उपस्थित नहीं होता
है। शेषांश का
प्रश्न
उपस्थित नहीं होता
है।
मोहल्ला
समिति का गठन
[नगरीय
विकास एवं
आवास]
52.
( क्र. 2683 ) श्री
सुनील उईके : क्या
नगरीय विकास
एवं आवास
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
नगरीय
निकायों की
सीमा में आने
वाली वन भूमि
से संबंधित वन
अधिकार कानून 2006 के अनुसार व्यक्तिगत
वन अधिकार एवं
सामुदायिक वन
अधिकारों के
लिए मोहल्ला
समिति गठित
करने के शासन
ने निर्देश
दिए है? (ख) यदि
हाँ, तो
मोहल्ला
समिति बनाने
बाबत् क्या-क्या
निर्देश शासन
ने किस-किस
दिनांक को दिए
हैं, उसके
अनुसार छिन्दवाड़ा
एवं बैतूल
जिले में
किस-किस दिनांक
को कितने सदस्यों
की मोहल्ला
समिति गठित की
गई?
सूची सहित
बताने का कष्ट
करें। (ग) किस
मोहल्ला
समिति के
समक्ष प्रश्नांकित
दिनांक तक
कितनी वन भूमि
से संबंधित
कितने व्यक्तिगत
वन अधिकार
दावे एवं
कितने
सामुदायिक वन
अधिकार दावे
प्राप्त हुए? उनमें से कितने
मान्य, अमान्य
हुए, आदिवासी
एवं गैर
आदिवासी की
पृथक-पृथक
जानकारी दें। (घ) मोहल्ला
समिति बनाकर
कब तक दावे
आमंत्रित किए
जावेंगे? समय-सीमा सहित
बताएं।
नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री (
श्री कैलाश
विजयवर्गीय ) : (क) जी
हाँ। (ख) निर्देशों
की जानकारी पुस्तकालय
रखे परिशिष्ट
अनुसार है। छिन्दवाड़ा
एवं बैतूल जिले
में वन अधिकार
संबंधी मोहल्ला
समितियों का
गठन नहीं किया
गया है। (ग) उत्तरांश
(ख) के
परिप्रेक्ष्य
में प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (घ) कार्यवाही
प्रक्रियाधीन
होने से
समय-सीमा बताया
जाना संभव नहीं
है।
आर.डी.एस.एस.
योजनांतर्गत
किये गए
कार्यों की
जानकारी
[ऊर्जा]
53.
( क्र. 2724 ) श्री
नरेन्द्र
प्रजापति
[इंजीनियर] : क्या
ऊर्जा मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) आर.डी.एस.एस.
योजना का
कार्य मनगवां 73 विधानसभा
में किन-किन
संविदाकारों
द्वारा काम
किया जा रहा
है? किस
आधार पर लाइन
एवं
ट्रांसफार्मर
का मापदंड तय
किया गया है? समय-सीमा
में बतलाने की
कृपा करें। (ख) जो
विद्युतीकरण
का कार्य
आर.डी.एस.एस.
योजनान्तर्गत
किया गया है, खींची गई लाइनों
एवं
ट्रांसफार्मरों
का किस आधार
पर निर्धारण
किया गया है, कि वह उचित
स्थानों पर
लगे है या
नहीं? इसका
कार्य शासन के
मापदण्ड
अनुसार किया
गया है या
नहीं? वर्तमान
स्थिति में
खींची गई
समस्त डी.सी.
के अन्तर्गत
आने वाले
समस्त
कार्यों की
जानकारी से
अवगत कराएं
एवं बचे
कार्यों को कब
तक पूरा कर
लिया जाएगा? समय-सीमा
से अवगत कराने
की कृपा करें। (ग) मनगवां
73 विधानसभा
अंतर्गत
आर.डी.एस.एस.
योजनान्तर्गत
कई ग्रामों के
कार्य छूटे
हुए हैं, जैसे - तिवनी
फीडर, दुबहई, सहेवा, हिनौता, सूरा, आलमगंज, बेलवा
पैकान, सरई आदि
ऐसे सैकड़ों
गांव है
जो भारत सरकार
की
महत्वपूर्ण
योजना आर.डी.एस.एस.
से वंचित हैं? उनको
योजना में
क्यों नहीं जोड़ा गया? क्या
लापरवाह
लोगों के
विरूद्ध कोई
कार्यवाही की
जाएगी या नहीं? यदि हाँ, तो कब तक
लाभ दिया
जाएगा? समय-सीमा
बतलाने की
कृपा करें। (घ) मनगवां
73 विधानसभा
अन्तर्गत नगर परिषद्
मनगवां 73 में तथा
कस्बा के
इलाकों में लालगांव गढ़ एवं गंगेव में
बड़ा बाजार है
और व्यापारिक
दृष्टिकोण से
दिन भर में
हजारों लोगों
का आवागमन
होता है। शाम
होते ही इन
स्थानों में
अंधेरा छा
जाता है जिसमें
स्ट्रीट लाइट
कराने की आवश्यकता
है। उक्त
कार्य को किया
जाये। यदि हाँ, तो कब तक? समय-सीमा
बतलाने की
कृपा करें।
ऊर्जा
मंत्री ( श्री
प्रद्युम्न
सिंह तोमर ) : (क) मनगवां
विधानसभा
क्षेत्र में
आर.डी.एस.एस.
योजनान्तर्गत
कार्यों के
क्रियान्वयन
से संबंधित
प्रश्नाधीन
चाही गयी
संविदाकारों
की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-'अ' अनुसार है।
आर.डी.एस.एस.
योजनान्तर्गत, योजना
के
दिशा-निर्देशों
एवं
प्रावधानों
के तहत वास्तविक
सर्वे उपरान्त
वर्तमान
विद्युत भार
के दृष्टिगत
स्थापित
विद्युत
अधोसंरचना के
सुदृढ़ीकरण, परिचालन
सुगमता तथा
घरेलू एवं
कृषक विद्युत उपभोक्ताओं
को क्रमश: 24
घंटे एवं 10
घंटे निर्बाध
विद्युत
प्रदाय किये
जाने के
अनुरूप कार्यों
को निर्धारित
कर प्रस्तावित
किया गया है।
योजनांतर्गत
कार्यादेश की
दिनांक से 24
माह की अवधि
में कार्य
पूर्ण करने का
प्रावधान है। (ख) विद्युत
मंत्रालय, भारत
सरकार द्वारा
वित्तीय रूप
से साध्य एवं
परिचालन में
दक्ष वितरण
क्षेत्र के
माध्यम से
उपभोक्ताओं
को गुणवत्तापूर्ण
और विश्वसनीय
विद्युत
आपूर्ति के
उद्देश्य से
सुधारों से
जुड़े परिणाम
आधारित वितरण
क्षेत्र
योजना ''रिवेम्प्ड
डिस्ट्रीब्यूशन
सेक्टर स्कीम'' लागू
की गई है।
योजना का मुख्य
उद्देश्य
वितरण कंपनियों
की समग्र
तकनीकी एवं
वाणिज्यिक
हानियों को कम
करना तथा
बिजली की
प्रति यूनिट
लागत तथा
राजस्व के
अंतर को समाप्त
करना है।
मनगवां
विधानसभा
क्षेत्र सहित
जिला रीवा
अंतर्गत
आर.डी.एस.एस.
योजना के तहत
मुख्यत: 33/11
के.व्ही. नवीन
विद्युत
उपकेन्दों
की स्थापना, 33
के.व्ही.
लाइनों का
इंटरकनेक्शन
एवं विस्तार, नवीन
कैपेसिटर
बैंक की स्थापना
तथा 11
के.व्ही.
फीडरों के
विभक्तिकरण
के कार्य किये
जाना स्वीकृत
है। उक्त
कार्यों का
सर्वे पूर्व
से स्थापित
विद्युत
अधोसंरचना के
सुदृढ़ीकरण, परिचालन
सुगमता तथा
घरेलू एवं
कृषक उपभोक्ताओं
को क्रमशः 24
घंटे एवं 10
घंटे निर्बाध
विद्युत
प्रदाय करने
के अनुरूप
किया गया है।
उक्तानुसार
क्षेत्रांतर्गत
भार प्रबंधन
हेतु तकनीकी
साध्यता के
आधार पर
योजनांतर्गत
विद्युत
लाइनों/वितरण
ट्रांसफार्मरों
के कार्य
प्रस्तावित
किये गये हैं, जिस
हेतु क्षेत्र
में संबंधित
वितरण केन्द्र
प्रभारी/कनिष्ठ
अभियंता के
द्वारा स्थापित
विद्युत
अधोसंरचना का
सर्वे कर
आवश्यकता के
आधार पर कार्य
प्रस्तावित
किये गये हैं।
तद्नुसार
कार्यों को संपादित
किया जा रहा
है। तथापि
आर.ओ.डब्ल्यू./वन
बाधा इत्यादि
के कारण प्रस्तावित
लाइनों, वितरण
ट्रांसफार्मरों
के स्थान में
सक्षम
अनुमोदन
उपरान्त ही
परिवर्तन
किया जाता है।
प्रश्नाधीन
क्षेत्रान्तर्गत
आर.डी.एस.एस.
योजना के तहत
किये गये कार्यों
एवं शेष बचे
कार्यों को
पूर्ण किये
जाने संबंधी जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-'ब' अनुसार है।
(ग) उत्तरांश (ख) में
उल्लेखानुसार
आर.डी.एस.एस.
योजनान्तर्गत
कार्यों को
क्षेत्रांतर्गत
भार प्रबंधन
हेतु तकनीकी
साध्यता एवं
विद्युत
अधोसंरचना
सुदृढ़ीकरण
के आधार पर
प्रस्तावित
किया गया है, ग्रामवार
कार्यों को
प्रस्तावित
नहीं किया गया
है। अत: शेष
प्रश्न नहीं
उठता। (घ) नगर
परिषद्
मनगवां में
स्ट्रीट लाइट
लगाने का
कार्य नगर
परिषद्
मनगवां एवं
कस्बा के इलाके
लालगांव गढ़
एवं गंगेव में
स्ट्रीट लाइट
लगाने का
कार्य
संबंधित नगर
पंचायत एवं
ग्राम पंचायत
द्वारा किया
जाना है, जिस
हेतु निश्चित
समय-सीमा
बताया जाना
संभव नहीं
है।
बरगी
से बरगी नगर
तक सड़क का निर्माण
[लोक
निर्माण]
54.
( क्र. 2783 ) श्री नीरज
सिंह ठाकुर : क्या लोक
निर्माण
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
बरगी
विधानसभा में
बरगी से बरगी
नगर डैम/रानी
अवंती बाई
लोधी सागर
परियोजना डैम
तक की सड़क
बनाने का
प्रस्ताव विभाग
स्तर पर लंबित
है? (ख) क्या
एन.व्ही.डी.ए.
विभाग द्वारा
उक्त सड़क जिसकी
लम्बाई लगभग 10 कि.मी. है, को लोक
निर्माण
विभाग को
हस्तांतरित
करने का प्रस्ताव
कब भेजा है? यदि हाँ, तो उक्त
सड़क कब तक
हस्तांतरित
हो जायेगी? यदि नहीं, तो क्या
आगामी समय में
इस अति
महत्वपूर्ण
डैम तक की सड़क
को विभाग
द्वारा
हस्तांतरण कर
निर्मित किया
जायेगा?
लोक
निर्माण
मंत्री ( श्री
राकेश सिंह ) : (क) जी
नहीं, कोई
प्रस्ताव
लंबित नहीं है।
(ख) जी
हाँ। जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट-1 अनुसार है। मुख्य
अभियंता, लोक
निर्माण
विभाग, परिक्षेत्र
जबलपुर
द्वारा
संबंधित
विभाग को
प्रेषित
प्रस्ताव के
संबंध में
मार्ग का तथ्यात्मक
विवरण चाहा
गया है। जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट-2 अनुसार है। वर्तमान
में मार्ग
हस्तांतरण की
कार्यवाही प्रचलन
में है। उक्त मार्ग
बजट एवं अन्य
किसी योजना
में स्वीकृत न
होने के कारण
निर्माण
संबंधी
समय-सीमा
बताया जाना
संभव नहीं है।
बिजली
मीटर लगाने में
अनियमितता की
शिकायतें
[ऊर्जा]
55.
( क्र. 2799 ) श्री जगन्नाथ
सिंह रघुवंशी
: क्या
ऊर्जा मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
मध्यप्रदेश
मध्य
क्षेत्र
विद्युत
वितरण कंपनी
में बिजली मीटर
लगाने में कोई
फर्जीवाड़ा
या अनियमितता
की कुल कितनी
शिकायतें
प्राप्त हैं? पिछले तीन
वर्षों में इन
शिकायतों पर
कितने मामले
दर्ज किए गए
हैं और इनकी
जाँच की
स्थिति क्या
है? (ख) क्या
प्रबंध निदेशक
(MD) और संबंधित
अधिकारियों
के खिलाफ ऐसी
अनियमितताओं
में
संलिप्तता के
आरोपों की
जाँच की गई है? यदि हाँ, तो जाँच के
निष्कर्ष
क्या हैं और
यदि नहीं, तो ऐसी
जाँच क्यों
नहीं की गई? (ग) बिजली
मीटर लगाने के
फर्जीवाड़े
को रोकने के लिए
सरकार और मध्य
क्षेत्र विद्युत
वितरण कंपनी
लिमिटेड
द्वारा क्या
कदम उठाए गए
हैं? क्या
कोई नई नीति
या तकनीकी
उपाय लागू किए
गए हैं? (घ) उपरोक्त
मामलों में
दोषी पाए गए
व्यक्तियों के
खिलाफ क्या
कार्रवाई की
गई है और क्या
कोई उच्च
अधिकारी
इसमें
संलिप्त पाए
गए हैं? यदि हाँ, तो उनके
खिलाफ क्या
कार्यवाही की
गई?
ऊर्जा
मंत्री ( श्री
प्रद्युम्न
सिंह तोमर ) : (क) मध्यप्रदेश
मध्य क्षेत्र
विद्युत
वितरण कंपनी
के अंतर्गत
विद्युत मीटर
स्थापित करने
में
फर्जीवाड़े
या अनियमितता
की कोई भी
शिकायत, उपलब्ध
अभिलेखों के
अनुसार
प्राप्त नहीं
हुई है। अतः
शेष प्रश्न
नहीं उठता है।
(ख) उत्तरांश
(क) के
परिप्रेक्ष्य
में प्रश्न
नहीं उठता है।
(ग) उत्तरांश
(क) के
परिप्रेक्ष्य
में प्रश्न
नहीं उठता है।
तथापि
वर्तमान में
स्मार्ट
मीटरों को स्थापित
किये जाने के
कार्यों को
कुशलतापूर्वक
संपादित करने
हेतु म.प्र.
मध्य
क्षेत्र
विद्युत
वितरण कंपनी
अंतर्गत स्मार्ट
मीटर ''डब्ल्यू.एफ.एम.
(वर्क फोर्स
मैनेजमेंट)'' ऐप
के माध्यम से
लगाये जा रहे
हैं, जिसमें
नवीन स्मार्ट
मीटर की स्थापना
करने के पूर्व
पुराने मीटर
एवं पुराने मीटर
की रीडिंग की
फोटो ली जाती
है तथा स्मार्ट
मीटर स्थापित
करने के
उपरांत स्मार्ट
मीटर एवं स्मार्ट
मीटर की
रीडिंग की भी
फोटो ली जाती
है। निकाले
गये पुराने
मीटरों की
जांच की जाती
है। इसके
अतिरिक्त
डब्ल्यू.एफ.एम.
ऐप में दर्ज
की गई पुराने
एवं नये स्मार्ट
मीटर की
रीडिंग एवं
फोटो का सत्यापन
तीन स्तरों
पर किया जा
रहा है। (घ) उत्तरांश
(क) एवं (ख) के
परिप्रेक्ष्य
में प्रश्न
नहीं उठता है।
सहायक
आयुक्त एवं प्रभारी
सहायक आयुक्त
की पदस्थापना
[पिछड़ा
वर्ग एवं
अल्पसंख्यक
कल्याण]
56.
( क्र. 2807 ) श्री गौरव
सिंह पारधी : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा
वर्ग एवं
अल्पसंख्यक
कल्याण
महोदया यह
बताने की कृपा
करेंगी कि (क) सहायक आयुक्त/प्रभारी
सहायक आयुक्त
को गृह जिले
में पदस्थापना
का प्रावधान
है या नहीं? (ख) एक जिले
में सहायक आयुक्त/प्रभारी
सहायक आयुक्त
की अधिकतम
कितने वर्षों
तक पदस्थ रह
सकता है? (ग) प्रदेश
में गृह जिले
में पदस्थ सहायक
आयुक्त (पिछड़ा
वर्ग) एवं 3 वर्ष से
अधिक समय से
एक ही जिले
में पदस्थ सहायक
आयुक्त/प्रभारी
सहायक आयुक्तों
का विवरण
प्रदान करें।
राज्यमंत्री, पिछड़ा
वर्ग एवं
अल्पसंख्यक
कल्याण (
श्रीमती
कृष्णा गौर ) : (क) विभाग
अंतर्गत
सहायक आयुक्त/प्रभारी
सहायक आयुक्त
के पद निर्मित
न होने के
कारण प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (ख) एवं
(ग) उत्तरांश
''क'' के
परिप्रेक्ष्य
में प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
भोपाल
सिटी लिंक
लिमिटेड से
संबंधित
पत्रों पर
कार्यवाही
[नगरीय
विकास एवं
आवास]
57.
( क्र. 2815 ) श्री
सुरेन्द्र
सिंह हनी बघेल
: क्या
नगरीय विकास
एवं आवास
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) प्रश्नकर्त्ता
का पत्र क्र. 1252, 1254, 1256,
1258, 1260, 1262
दिनांक 07/02/25 जो मुख्य
सचिव को
प्रेषित किये
गये एवं पत्र क्र.
1250,
1251, 1253, 1255, 1257, 1259, 1261, 1263
दिनांक 07/02/25 जो पी.एस.
नगरीय विकास
एवं आवास
विभाग, भोपाल को
प्रेषित किये
गये थे।
प्राप्ति
दिनांक से प्रश्न
दिनांक तक
क्या
कार्यवाही
सा.प्र.वि. के
आदेश क्रमांक
एफ 19-76/2007/1/4
भोपाल दिनांक 22.3.2011 में उल्लेखित
पांचों
बिन्दुओं एवं
परिशिष्टों (1, 2) का पालन
सुनिश्चित कर किया
गया है? क्या-क्या
कार्यवाही
सुनिश्चित की
गई? संबंधित
अधि./कर्म. का
नाम, पदनाम सहित
बतायें। (ख) क्या
पत्रों पर कृत
कार्यवाही से
प्रश्नकर्त्ता
को संपूर्ण
जानकारी
उपलब्ध करा दी
गई है? यदि
नहीं, तो
सा.प्र.वि. के
आदेश के
बिन्दु क्र. 5 एवं
सा.प्र.वि. के
आदेश क्र. एफ 19-76/2007/1/4 दिनांक 19/07/2019 के
अन्तर्गत
संबंधित
अधिकारी/कर्मचारी
की जबावदेही
निर्धारित
करते हुये
उनके विरूद्ध
आचरण या सेवा
के नियमों के
अधीन अवचार
समझा जाकर
अनुशासनात्मक
कार्यवाही कर
निलंबन किया
गया? यदि
नहीं, तो
क्यों? (ग) क्या
प्रदेश की SPV's के लिए
आयुक्त नगरीय
प्रशासन
द्वारा जारी
कार्यवाही
विवरण (आदेश) दिनांक
09/05/2015 में
बिन्दु क्र. 1 एवं 11 क्या सही
है? हाँ
अथवा नहीं? क्या इस
कार्यवाही के
तहत भोपाल की
सभी JNNURM के
तहत संचालित
बस का रिफर्बिशमेंट
होना था? हाँ अथवा
नहीं?
नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री (
श्री कैलाश
विजयवर्गीय ) : (क) एवं
(ख) अंशतः
जी हाँ। (ग) जी
हाँ। आयुक्त
नगरीय
प्रशासन
द्वारा जारी
कार्यवाही
विवरण (आदेश) दिनांक
09/05/2015 के बिन्दु
क्र. 11
में लेख है कि ''शहरों में SPV के माध्यम
से संचालित
बसों को
यथावश्यक
चरणवार Refurbish करने की
कार्यवाही की
जाये।"
भोपाल
सिटी लिंक
लिमिटेड की
निविदा
[नगरीय
विकास एवं
आवास]
58.
( क्र. 2816 ) श्री
सुरेन्द्र
सिंह हनी बघेल
: क्या
नगरीय विकास
एवं आवास
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या बी.सी.एल.एल.
का पत्र क्र. 6187 दिनांक 25/11/2024 एवं पत्र
क्र. 6298
दिनांक 17/12/2024 या इन
दोनों पत्रों
की नोटशीट
बोर्ड/चेयरमैन
को प्रेषित या
प्रतिलिपि दी
गई? हाँ
अथवा नहीं? इन पत्रों
में अंकित जो
आर.टी.ओ. टैक्स
है, क्या
इसी आर.टी.ओ.
टैक्स के लिए
मैनेजर
एडमिनिस्ट्रेशन
द्वारा उच्च
न्यायालय के
प्रकरण क्र.
डब्लू.पी. 26472/22 में
शपथ-पत्र जमा
कर जवाब में
लिखा गया है
कि आर.टी.ओ.
विभाग द्वारा
यह टैक्स गलत
अध्यारोपित
किया गया है? हाँ अथवा
नहीं? (ख) क्या 30वीं BOD बैठक दिनांक
25/01/2020 के बिन्दु
क्र. (3) में
बसों के रिफर्बिशमेंट
के लिए
निर्देशित
किया गया? हाँ अथवा
नहीं? बोर्ड
के उपरान्त रिफर्बिशमेंट
के कितने
टेण्डर निकले? क्या रिफर्बिशमेंट
की निविदा
क्रमांक 134 गलत जारी
की गई? हाँ
अथवा नहीं? (ग) क्या
निविदा क्र. 13 से
संबंधित
नोटशीट
क्रमांक 7, 8, 9 दिनांक 06/09/2022, 07/09/2022 एवं 21/07/2022 में दोनों
मैनेजर
इंजीनियरिंग
एवं एकाउंट सेक्शन
द्वारा
निविदाकार पर
कोई बकाया न
होना लिखा गया, हाँ अथवा
नहीं? (घ) क्या पत्र
क्र.
बी.सी.एल.एल./2025/6414 दिनांक 10/01/2025 में दर्शित
2.33 करोड़ की
पेनाल्टी
क्या बी.सी.एल.एल.
की
बैलेन्सशीट
एवं आई.टी.आर.
वर्ष 2022-23/2023-24
में अंकित है? हाँ अथवा
नहीं? निविदा
क्र. 13 की
एक्सटेंशन
सहित निविदा
की अंतिम तिथि
क्या थी?
नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री (
श्री कैलाश
विजयवर्गीय ) : (क) जी
नहीं। बी.सी.एल.एल.
द्वारा पत्र
क्र. 6187
दिनांक 25/11/2024 एवं पत्र
क्र. 6298
दिनांक 17/12/2024 के माध्यम
से बस ऑपरेटर
केपीटल
रोडवेज को आर.टी.ओ.
टैक्स से
संबंधित राशि
रू. 48, 98, 247/- कार्यालय
में जमा करने
हेतु
निर्देशित
किया गया था, जो कि एक
सामान्य
कार्यालयीन
प्रक्रिया
होने के
फलस्वरूप
उक्त पत्रों
की प्रतिलिपि चेयरमैन
को प्रेषित
नहीं की गई थी।
जी हाँ। बस
ऑपरेटर
केपीटल
रोडवेज
द्वारा
संचालित बसों
का क्षेत्रीय
परिवहन
कार्यालय में
टैक्स बकाया
होने एवं
क्षेत्रीय
परिवहन
कार्यालय द्वारा
वसूली न किये
जाने के संबंध
में माननीय
उच्च
न्यायालय में
श्री भूपेन्द्र
कुमार जैन
द्वारा
प्रस्तुत
याचिका अंतर्गत
दर्ज प्रकरण
क्र. डब्ल्यू.पी.
26472/22 में बी.सी.एल.एल.
की ओर से
ओ.आई.सी.
मैनेजर
एडमिनिस्ट्रेशन
द्वारा
जवाबदावे में
यह उल्लेख
किया गया था
कि क्षेत्रीय
परिवहन
कार्यालय
द्वारा सिटी
बसों के मान
से टैक्स
अधिरोपित
नहीं करते
हुये
इंटरसिटी
बसों के मान
से गलत टैक्स
अध्यारोपित
किया गया है। (ख) जी
हाँ। आयुक्त, नगरीय
प्रशासन
द्वारा जारी
कार्यवाही
विवरण दिनांक 09/05/2015 के बिन्दु
क्र. 11
में लेख है कि ''शहरों में SPV के माध्यम
से संबंधित
बसों को
यथावश्यक
चरणवार Refurbish करने की
कार्यवाही की
जाये''। उक्त
के संबंध में 30वीं बोर्ड
बैठक में
उपरोक्त के
पालन करने हेतु
निर्देशित
किया गया था।
रिफर्बिशमेंट
हेतु 7
निविदाएं
जारी कि गई। जी
नहीं। (ग) जी
हाँ। निविदा
क्र. 13
अंतर्गत
तत्कालीन अपर
मुख्य
कार्यपालन
अधिकारी
द्वारा
केपीटल रोडवेज
के आर.ए.एफ., समस्त
प्रकार के पास
की राशि, बसों पर
विज्ञापन, बीमा
एडवांस, आर.टी.ओ. का
बकाया
इत्यादि की
जानकारी
प्राप्त करने
हेतु लेखा
शाखा, तत्कालीन
पी.आर.ओ., मैनेजर
इंजीनियर्स
एवं मैनेजर
एडमिनिस्ट्रेशन
को निर्देशित
किया गया था, जिसके
पालन में बी.सी.एल.एल.
के उक्त
कर्मचारियों/अधिकारियों
द्वारा
केपीटल
रोडवेज से
प्राप्त की
जाने वाली
बकाया राशि के
संबंध में
तत्कालीन अपर
मुख्य
कार्यपालन
अधिकारी को
जानकारी
प्रदाय की गई, जिसमें
लेखा शाखा एवं
मैनेजर
इंजीनियर्स
द्वारा तत्समय
समायोजन होने
के कारण
केपीटल
रोडवेज पर कोई
बकाया नहीं
होने का
उल्लेख किया
गया तथा मैनेजर
एडमिनिस्ट्रेशन
एवं तत्कालीन पी.आर.ओ.
द्वारा
केपीटल
रोडवेज पर आर.टी.ओ.
टैक्स बकाया
होने के संबंध
में उल्लेख
किया गया। (घ) जी
नहीं। केपीटल
रोडवेज
द्वारा बस
संचालन की अवधि
में अनुबंध का
पालन नहीं
किये जाने के
फलस्वरूप
अनुबंध
अनुसार
पेनाल्टी की
गणना कर पत्र
क्र. बी.सी.एल.एल./
2025/6414 दिनांक 10/01/2025 द्वारा
राशि रू. 2.33 करोड़ की
पेनाल्टी
अधिरोपित की
गई थी। उक्त
पत्र जनवरी-2025 में जारी
किये जाने के
फलस्वरूप
विगत वर्षां
की
बैलेन्सशीट
में अंकित
नहीं है। निविदा
क्र. 13 की
एक्सटेंशन
सहित निविदा
की अंतिम तिथि
26/09/2023 तक थी।
मंडला
जिले में
विद्युत की
आपूर्ति
[ऊर्जा]
59.
( क्र. 2822 ) श्री
नारायण सिंह
पट्टा : क्या
ऊर्जा मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
मंडला जिले की
बिछिया
विधानसभा के
दूरस्थ
ग्रामों में
विद्युत
आपूर्ति की
गंभीर समस्या
क्यों है? इस हेतु
विभाग द्वारा
क्या-क्या
कार्यवाही की
गई है? माह
मई एवं जून 2025 के दौरान
बिछिया
विधानसभा
अंतर्गत 33 के.व्ही. व 11 के.व्ही.
फीडर में
कितने घंटे तक
विद्युत
आपूर्ति
बाधित रही है
एवं क्यों? विद्युत
आपूर्ति को
साधारण बनाने
के लिए शासन
द्वारा
कौन-कौन सी
योजनाएं चल
रही हैं? कोई योजना
संचालित है तो
उसका नाम, लागत और
प्रारंभिक
स्थिति, वर्तमान प्रगति, संभावित
पूर्णता तिथि
की जानकारी भी
प्रदान करें। (ख) विभाग
द्वारा मंडला
जिले में
स्मार्ट मीटर
लगाने का क्या
उद्देश्य है, जबकि कुछ
समय पहले ही
इलेक्ट्रॉनिक
मीटर लगाए गए
थे? क्या
विभाग द्वारा
राजस्व घाटे
को कम करने एवं
उपभोक्ताओं
से अधिक वसूली
के उद्देश्य
से स्मार्ट
मीटर लगाए जा
रहे हैं? स्मार्ट
मीटर की लागत
क्या है? क्या यह
राशि
उपभोक्ताओं
से वसूली जा
रही है या
वसूली जाएगी? क्या इन
मीटरों को
उपभोक्ताओं
की अनुमति लेकर
लगाया जा रहा
है या फिर
बिना अनुमति
ही लगा दिया
जा रहा है? (ग) क्या
मंडला जिले
में सौभाग्य
योजना में
पूर्व में हुए
भ्रष्टाचार
में आरोपी
अधिकारियों से
विभाग द्वारा
गबन की राशि
वसूल कर ली गई
है? यदि
हाँ, तो
किस-किस से
कितनी राशि अब
तक वसूल की गई
है? यदि
नहीं, तो
क्यों? क्या कुछ
आरोपी
अधिकारी
वर्तमान में
मंडला जिले
में ही पदस्थ
हैं? यदि
हाँ, तो
उनके नाम एवं
वर्तमान
पदस्थापना कहाँ
है?
क्या उन्हें
अभी निर्माण
कार्य का
जिम्मा दिया
गया है? यदि हाँ, तो क्यों? (घ) मंडला
जिले में
कितने
अधिकारी हैं
जो मंडला जिले
के रहने वाले
हैं?
कितने वर्षों
से मंडला में
कार्यरत हैं? क्या यह
सही है कि
उनके
रिश्तेदार
विभाग में ठेकेदारी
कर रहे हैं? (छ) क्या
मंडला में चल
रहे सीवर लाइन
कार्य
अंतर्गत
सम्बंधित
विभाग द्वारा
मंडला बायपास
में
विद्युतीकरण
का कार्य किया
जा रहा है? क्या इस
कार्य हेतु
नेशनल हाइवे
के किनारे पोल
लगाए जा रहे
हैं? क्या
नेशनल हाइवे
से एन.ओ.सी. ली
गई है? एन.एच.एआ.ई.
द्वारा इस हाइवे
के चौड़ीकरण
का कार्य
प्रस्तावित
किया गया है
जिसमें उक्त
पोल यदि सड़क
निर्माण में
बाधा बनेंगे
तो क्या
इन्हें फिर से
शिफ्ट किया
जाएगा?
ऊर्जा
मंत्री ( श्री
प्रद्युम्न
सिंह तोमर ) : (क) जी
नहीं। मंडला
जिले की
बिछिया
विधानसभा
क्षेत्रांतर्गत
दूरस्थ
ग्रामों में
म.प्र. पूर्व
क्षेत्र
विद्युत वितरण
कंपनी द्वारा
नियमानुसार
विद्युत
आपूर्ति की जा
रही है, परन्तु
उक्त
क्षेत्र में
विद्युत
लाईनें घने
वनों एवं अति
दुर्गम रास्तों
से होकर
गुजरती हैं। अति
वर्षा, तेज आंधी
और तूफान के
कारण पेड़ एवं
डालियाँ इन
विद्युत लाइनों
के कंडक्टर/तारों
पर गिरती है, साथ ही
आकाशीय बिजली
गिरने के कारण
लाइनों के
इंसुलेटर/उपकरण
खराब होने से
विद्युत प्रवाह
बाधित होता है।
विद्युत लाइनों
में आई खराबी
को तत्काल
ढूँढ़कर आवश्यक
सुधार कार्य
किये जाते हैं।
म.प्र. पूर्व
क्षेत्र
विद्युत
वितरण कंपनी
द्वारा समस्त
स्थापित
विद्युत अधोसंरचना
यथा विद्युत लाइनों
एवं खंबों के रख-रखाव
का कार्य
मानसून पूर्व
एवं मानसून
अवधि के पश्चात
करने के अलावा
विद्युत व्यवधानों/दुर्घटनाओं
को कम करने के
उद्देश्य से
पूरे वर्ष सतत
रूप से किया
जा रहा है। माह
मई, 2025
एवं माह जून, 2025 के दौरान
बिछिया विधानसभा
क्षेत्रान्तर्गत
33 के.व्ही.
एवं 11
के.व्ही.
फीडर में
उपरोक्त उल्लेखित
कारणों से
विद्युत
प्रवाह
अवरूद्ध होने
की कुल अवधि
की जानकारी पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-'अ' एवं 'ब' अनुसार है। वर्तमान
में विद्युत
अधोसंरचना के
सुदृढ़ीकरण
हेतु आर.डी.एस.एस.
योजना के तहत
विद्युत
अधोसंरचना के
कार्य स्वीकृत
किये गये हैं, जिनकी
लागत, कार्य
की वर्तमान
स्थिति एवं
संभावित
पूर्णता तिथि
की जानकारी पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-'स' अनुसार है। (ख) म.प्र.
पूर्व
क्षेत्र
विद्युत
वितरण कंपनी
द्वारा मण्डला
जिले सहित
कंपनी
क्षेत्रांतर्गत
सभी जिलों में
बिजली उपभोक्ताओं
के लिए
स्मार्ट मीटर
स्थापना का
कार्य केन्द्र
सरकार की
योजना
आर.डी.एस.एस.
अंतर्गत जारी
किये गये
दिशा-निर्देशों/अनुमोदन
के परिपालन
में पारदर्शी
बिलिंग, मीटर
रीडिंग
प्रणाली में
सुधार और सटीक
ऊर्जा लेखांकन
के उद्देश्य
से किया जा
रहा है। आर.डी.एस.एस.
योजनांतर्गत
प्राप्त
अनुमोदन अनुसार
रूपये 6 हजार
प्रति
उपभोक्ता
मीटर, रूपये
23 हजार
प्रति
डी.टी.आर. मीटर
व रूपये 42 हजार
प्रति फीडर
मीटर
अपेक्षित
जीवन चक्र इकाई
लागत (Expected Life cycle unit cost) तय की गई है।
योजनांतर्गत
पुराने
विद्युत मीटर
बदलकर लगाए जा
रहे स्मार्ट
मीटर का शुल्क/लागत
उपभोक्ताओं
से लेने का
प्रावधान
नहीं है। योजनांतर्गत
उपभोक्ता
परिसर में
स्मार्ट मीटर
लगाने की
सूचना
उपभोक्ता को
विभिन्न माध्यम
से दी जा रही
है, तथापि
इस कार्य हेतु
उपभोक्ता से
पूर्व अनुमति
का प्रावधान
नहीं है। (ग) मण्डला
जिले में
सौभाग्य
योजना
अंतर्गत किये
गये
विद्युतीकरण
कार्यों में
गबन संबंधी
अनियमितता
हेतु नहीं, अपितु
कर्तव्य
निष्पादन
में बरती गई
लापरवाही
हेतु प्रथम
दृष्टया
दोषी पाये गये
कुल 18
में 14
कार्मिकों के
विरूद्ध
विभागीय जांच
उपरांत
दण्डादेश
जारी किये गये
हैं। 03
प्रकरणों में
विभागीय जांच
प्रक्रियाधीन
है एवं 01 प्रकरण
में विभागीय
जांच में
माननीय उच्च
न्यायालय
द्वारा स्थगन
प्रदान किया
गया है। उपरोक्त
14
कार्मिकों के
विरूद्ध जारी
दण्डादेशों
की जानकारी पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-'द' अनुसार है। सौभाग्य
योजना
अंतर्गत
विद्युतीकरण
कार्यों में
बरती गई
लापरवाही
हेतु प्रथम
दृष्टया दोषी
पाये गये सभी 18
कार्मिकों का
वर्ष 2019-20
में तत्समय ही
मण्डला जिले
से हटाकर अन्यत्र
स्थानांतरण
कर दिया गया
था। वर्तमान
में केवल श्री
राकेश अमपुरी, तत्कालीन
सहायक
अभियंता, संचारण/संधारण
उप संभाग, नैनपुर को
वर्ष 2024 से
उनकी पत्नी के
मण्डला जिले
में कार्यरत
होने के कारण
पति-पत्नी
समायोजन नीति
के दृष्टिगत
कार्यपालन
अभियंता (चालू
प्रभार) के पद
पर कार्यपालन
अभियंता
(एस.टी.एम.-एस.टी.सी.)
संभाग, मण्डला
में पदस्थ
किया गया है। (घ) वर्तमान
में मण्डला
जिले में 07 अधिकारी
पदस्थ हैं, जो मण्डला
जिले के रहने
वाले हैं। तथापि
उक्त
अधिकारी
मुख्यत: मण्डला
मुख्यालय में
कार्यरत न
रहते हुए मण्डला
जिले अंतर्गत
विभिन्न
कार्यालयों
में कार्यरत
रहे हैं, जिनकी
पदस्थापना की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-'इ' अनुसार है। उक्त
में से एक
अधिकारी के
रिश्तेदार
द्वारा
ठेकेदारी
करना संज्ञान
में आया है। (छ)
जी हाँ। मण्डला
में नगर
पालिका
द्वारा सीवर
ट्रीटमेंट प्लांट
हेतु उच्च
दाब कनेक्शन
के लिए 33 के.व्ही. लाइन
का कार्य स्वीकृत
है। उक्त
कार्य नगर
पालिका
द्वारा जमा
योजना (5 प्रतिशत
सुपरविजन) के
अंतर्गत
कराया जा रहा
है एवं लाइन
विस्तार
हेतु समग्र
एन.ओ.सी. इत्यादि
नगर पालिका
द्वारा ली गई
है। वर्तमान
में एन.एच. के
शोल्डर से
हटकर लाइन
विस्तार
किया जा रहा
है। भविष्य
में फोर-लेन
निर्माण के
दौरान लाइन
विस्थापन
हेतु एन.एच.
द्वारा आवेदन
दिये जाने के
उपरांत ही
शिफ्ट किये
जाने से
सबंधित
जानकारी दिया
जाना संभव हो
सकेगा।
आवंटित
एवं स्वीकृत
सड़कों की
जानकारी
[लोक
निर्माण]
60.
( क्र. 2826 ) श्रीमती
अनुभा
मुंजारे : क्या लोक
निर्माण
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) बालाघाट
विधानसभा
क्षेत्र
अंतर्गत विगत 05 वर्षों
में MPRDC (लोक
निर्माण
विभाग) के
अंतगर्त
कितनी सड़कें
है? विभाग
द्वारा 05 वर्षों
में कितनी सड़कों
का आवंटन
प्राप्त हुआ व
(खनिज मद सहित) स्वीकृति
दी गई एवं
किस-किस
ठेकेदारों को
नवीन
सड़क/मरम्मत
कार्य/WBM सड़कों का
कार्य आदेश
जारी हुआ है? जानकारी
उपलब्ध
करायें। (ख) बालाघाट
विधानसभा
क्षेत्र
अंतर्गत
लालबर्रा से
समनापुर सड़क
का निर्माण
वर्ष 2016
में MPRDC द्वारा
किस ठेकेदार
से कराया गया
है? शेष
600 मीटर का
कार्य क्यों
पूर्ण नहीं
हुआ? सम्पूर्ण
जानकारी
देवें। उक्त
सड़क की
निविदा कब
आमंत्रित की
गयी? ठेकेदार
के अनुबंध में
यदि हो तो BELOW का FDR एवं
अनुबंध की शर्तों
की प्रति
देवें। (ग) प्रश्नांश
(ख) अनुसार
ठेकेदार को
निविदा में
सड़क पूर्ण
करने हेतु
कितना समय
दिया गया? समय में
कार्य पूर्ण
किया गया? यदि कार्य
पूर्ण नहीं हुआ
तो ठेकेदार के
विरूद्ध की गई
कार्यवाही की
जानकारी
देवें। (घ) प्रश्नांश
(क) व (ख) अनुसार
बिल भुगतान की
माप-पुस्तिका
व भुगतान के
पूर्व क्यूब
कटिंग/लैब की
रिपोर्ट आदि
की जानकारी
देवें।
लोक
निर्माण
मंत्री ( श्री
राकेश सिंह ) : (क) कुल
05 सड़कें है।
म.प्र. सड़क
विकास निगम
अंतर्गत खनिज
मद में आवंटित
एवं स्वीकृत
सड़कों की
जानकारी
निरंक। शेष जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-अ
अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-ब
अनुसार है। उक्त
मार्ग के
अनुबंध में BELOW का FDR का
प्रावधान
नहीं था। अत:
शेष का प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (ग) 609 दिवस। जी
नहीं, राइट
ऑफ वे की
अनुपलब्धता
के कारण
समयावृद्धि
दी गई तथा 600 मीटर का
कार्य पूर्ण
नहीं हो सका। ठेकेदार
का दोष न होने
के कारण
कार्यवाही का
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (घ) जानकारी पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-अ
एवं ''ब'' अनुसार
है।
पुल
के निर्माण
कार्य में
अनियमितता
[लोक
निर्माण]
61.
( क्र. 2836 ) सुश्री
रामश्री (बहिन
रामसिया
भारती) राजपूत
: क्या लोक
निर्माण
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) जिला
छतरपुर की
विधान सभा
क्षेत्र
बड़ामलहरा
में कुटौरा से
ककरवाहा
मार्ग पर धसान
नदी (गुर्जन) धार
जल मागनिया
पुल का
निर्माण किया
जा रहा है? यदि हाँ, तो कितनी
लागत से किस
कंपनी द्वारा
बनाया जा रहा
है? (ख) क्या
ठेकेदार
द्वारा प्लांट
वन विभाग की
भूमि में
लगाया है, साथ ही
जिसकी विभाग
द्वारा
परमिशन नहीं
ली गई? (ग) क्या
पायलिंग चल
रही है, जिसमें
प्राक्कलन
अनुसार गहराई
नहीं की गई है
और मिट्टी पर
भी पायलिंग की
जा रही है? क्या कम
ग्रेड का
मटेरियल डाला
जा रहा है? (घ) यदि
नहीं, तो
क्या उक्त
पुल निर्माण
कार्य की जांच
कराई जा सकती
है? यदि
हाँ, तो
कृपया
समय-सीमा
बतायें।
लोक
निर्माण
मंत्री ( श्री
राकेश सिंह ) : (क) जी
हाँ। जानकारी
संलग्न परिशिष्ट
अनुसार है। (ख) जी
नहीं। शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (ग) जी
नहीं। जी नहीं।
जी नहीं। (घ) जी
हाँ, आवश्यकतानुसार
कराई जा सकती
है। अत: शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
विकास
कार्यों का
बजट प्रावधान
[नगरीय
विकास एवं
आवास]
62. ( क्र. 2863 ) डॉ.
राजेन्द्र
पाण्डेय : क्या
नगरीय विकास
एवं आवास
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
नगर पालिका
परिषद्, जावरा
एवं नगर
परिषद्, पिपलोदा
अंतर्गत
शासन/विभाग
द्वारा अनेक
कार्यों को
वर्ष 2015-16 से 2020-21 तक
अनेक प्रकार
के
स्वीकृतियां
दी गईं? (ख) यदि
हाँ, तो
उपरोक्त
उल्लेखित
दोनों
निकायों में
किस-किस योजना
अंतर्गत
किन-किन
कार्यों को
कितनी-कितनी
बजट राशि की
स्वीकृति दी
जाकर, उन पर
कितना व्यय
होकर, कितना
भुगतान हुआ? वर्षवार
जानकारी दें। (ग) उपरोक्त
उल्लेखित
वर्षों में
स्वीकृत किए
गए कार्य
कब-कब प्रारंभ
होकर कितने
कार्य पूर्ण
हुए, कितने
अपूर्ण रहे, कितने
कार्य
अप्रारंभ रहे, तो
किन कारणों से? साथ
ही कितने
कार्य
प्रारंभ होकर
बंद पड़े हैं
तो किन कारणों
से एवं कब तक
किए जा सकेंगे? (घ)
अप्रारंभ
और अपूर्ण के
साथ ही बंद
पड़े कार्यों
में गुणवत्ता विहीन
किये जा रहे
कार्यों को
समयानुसार
एवं उच्च
गुणवत्ता से
किए जाने हेतु
कब-कब, किस-किस
सक्षम
अधिकारी के
द्वारा आकलन
एवं भौतिक
सत्यापन कर
जांच की गई
एवं क्या-क्या
कार्यवाहियां
की गई? साथ ही
प्राप्त
शिकायतों पर
किस-किस
प्रकार की कार्यवाही
की गई? दोनों
निकायों की
समस्त
कार्यवाही
एवं जानकारी
दें।
नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री (
श्री कैलाश
विजयवर्गीय ) : (क) जी
हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। (घ) प्रश्नांकित
कार्यों की
शिकायत
प्राप्त
नहीं होने से
जांच नहीं
कराई गई, उत्तरांश
के
परिप्रेक्ष्य
में शेषांश का
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है।
सड़क, पुल-पुलिया
एवं भवन
निर्माण की
स्वीकृतियां
[लोक
निर्माण]
63.
( क्र. 2864 ) डॉ. राजेन्द्र
पाण्डेय : क्या लोक
निर्माण
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
शासन/विभाग
द्वारा जावरा
विधानसभा
क्षेत्र अंतर्गत
अनेक कार्य
स्वीकृत होकर
किया जा रहे
हैं? (ख) यदि हाँ, तो वर्ष 2020-21 से लेकर
प्रश्न
दिनांक तक किन-किन
सड़कों, पुल-पुलियाओं, भवनों की
स्वीकृतियां कितनी-कितनी
लागत की दी
जाकर उनमें से
कितने कार्य
पूर्ण हुए, कितने
अपूर्ण रहे, कितने
कार्य
अप्रारंभ
होकर लंबित
हैं, तो
किन कारणों से? किए गए एवं
चल रहे
कार्यों पर
कितना व्यय
हुआ? कार्यवार
जानकारी दें। (ग) उपरोक्त
उल्लेखित
वर्षों के
अंतर्गत
किन-किन जर्जर
सड़कों की
मरम्मत एवं रख-रखाव
हेतु किस-किस
प्रकार के
कार्य किए गए? उन पर
कितना व्यय
हुआ, कितने
पूर्ण, कितने
अपूर्ण रहे? (घ) जावरा
चौपाटी स्थित फोर-लेन
पिपलोदा शहर
मार्ग के
स्थान पर
फ्लाई ओवर
ब्रिज अथवा
रोटरी बनाई
जाने की मांग
अनेक
दुर्भाग्यपूर्ण
दुखद घटनाएं
होने के कारण
की जाती रही
हैं तो इस
एक्सीडेंटल
ब्लैक स्पॉट
हेतु क्या कार्ययोजना
बनाई जाकर, कब तक
स्वीकृति दी
जा सकेगी?
लोक
निर्माण
मंत्री ( श्री
राकेश सिंह ) : (क) जी
हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-अ, 'अ-1' एवं 'अ-2' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-ब
एवं 'ब-1' अनुसार है। (घ) निवेशकर्ता
कम्पनी
द्वारा इस
स्थल पर लघुकालीन
परिशोधन
कार्य कर दिया
गया था एवं
माननीय सुप्रीम
कोर्ट द्वारा
गठित समिति
में वर्ष-2024 (2022-2023-2024)
की
ब्लैक स्पॉट
की सूची में
दुर्घटनाओं
में कमी होने
के कारण इस
ब्लैक स्पॉट
को सूची से हटा
दिया गया है, अत: शेष का
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है।
आवारा
पशुओं से
नागरिकों को
हो रही
परेशानी
[नगरीय
विकास एवं
आवास]
64.
( क्र. 2887 ) चौधरी
सुजीत मेर
सिंह : क्या
नगरीय विकास
एवं आवास
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
चौराई नगर में
बेसहारा
पशुओं के कारण
नागरिकों को परेशानी
हो रही है? (ख) यदि
हाँ, तो
इनके संरक्षण
एवं नियंत्रण
हेतु कांजी
हाउस का निर्माण
या अन्य
कार्यवाही की
गई? (ग) क्या
पशुओं के कारण
व्यक्तियों
की मृत्यु या
शारीरिक
दुर्घटना हो
चुकी है? यदि हाँ, तो नगर
पालिका चौरई द्वारा
इस हेतु क्या
समाधान निकाल
रही है?
नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री (
श्री कैलाश
विजयवर्गीय ) : (क) जी
नहीं। (ख) जी
नहीं। नगर
पालिका परिषद्
चौरई के वार्ड
क्रमांक-10 में कांजी
हाउस पूर्व से
निर्मित है। निकाय
द्वारा आवारा
पशुओं को पकड़
कर अस्थायी
रूप से कांजी
हाउस में रखा
जाता है एवं समय-समय
पर उन्हें
निकटवर्ती
गौशालाओं में
पहुंचाया
जाता है। (ग) जी
नहीं। नगर
पालिका परिषद्
चौरई में
पशुओं के कारण
व्यक्तियों
की मृत्यु या
शारीरिक
दुर्घटना
नहीं हुई है। शेषांश
का प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
ब्रिज
के निर्माण
कार्य में
विलंब
[लोक
निर्माण]
65.
( क्र. 2888 ) चौधरी
सुजीत मेर
सिंह : क्या लोक
निर्माण
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
चौरई
विधानसभा
क्षेत्र के
जनप्रतिनिधियों
द्वारा सांख
ब्रिज के निर्माण
हेतु मांग
पत्र सौंपे गए? यदि हाँ, तो अब तक
शासन स्तर पर
क्या
कार्यवाही की
गई? (ख) क्या इसके
लिए कोई डी.पी.आर.
तैयार की गई
है और बजट
स्वीकृत हुआ
है? (ग) यदि
हाँ, तो
कितनी राशि
स्वीकृत हुई
और कब हुई? (घ) निर्माण
कार्य में
देरी के क्या
कारण हैं और
इसे कब तक
पूरा करने की
योजना है?
लोक
निर्माण
मंत्री ( श्री
राकेश सिंह ) : (क) जी
हाँ। बजट में
स्वीकृत न
होने के कारण
कोई भी कार्यवाही
किया जाना
संभव नहीं है।
(ख) जी
हाँ, जी
नहीं। (ग) प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
(घ) बजट
में शामिल न
होने से
निर्माण
कार्य की निश्चित
समय-सीमा
बताया जाना
संभव नहीं है।
शासन
द्वारा
आवंटित राशि
से कराये गए
कार्य
[लोक
निर्माण]
66.
( क्र. 2931 ) श्री मधु
भगत : क्या
लोक निर्माण
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) सेतु
संभाग
बालाघाट में
विगत 4
वर्षों में
विभाग को जिला
स्तर एवं
राज्य स्तर पर
विधानसभा 110 परसवाड़ा
में पुल, पुलिया
निर्माण हेतु
किन-किन
जनप्रतिनिधि
द्वारा
कौन-कौन से
प्रस्ताव
प्राप्त हुए? जिला स्तर
एवं राज्य
स्तर पर विभाग
प्रमुख द्वारा
कितने
प्रस्ताव तैयार
कर शासन को
भेजे गए? विवरण
देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में
वर्णित समस्त
पुल, पुलिया
निर्माण के
प्रस्ताव में
कितने स्वीकृत
किए गए तथा
कितने की
प्रशासकीय
स्वीकृति प्रदान
नहीं की गई, क्यों? स्वीकृत
पुल, पुलिया
निर्माण की
एस्टीमेट, डी.पी.आर.
सहित तकनीकी
स्वीकृति एवं
बिल भुगतान के
दस्तावेज
उपलब्ध करावें। (ग) सेतु
संभाग
बालाघाट
द्वारा विगत 4 वर्षों
में शासन से
आवंटित राशि
किस-किस कार्य
हेतु कब-कब
आहरित की गई? तिथिवार, कार्यवार, विकासखंडवार
उपलब्ध करावें।
लोक
निर्माण
मंत्री ( श्री
राकेश सिंह ) : (क) प्राप्त
प्रस्तावों
की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के प्रपत्र-अ
अनुसार है। पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-अ में
उल्लेखित
कार्य विभाग
की किसी योजना
में न तो
स्वीकृत है
एवं न ही
प्रस्तावित
है। (ख) उत्तरांश
"क" के
परिपेक्ष्य
में प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (ग)
जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-ब
अनुसार है।
कार्यों
की जानकारी व
कार्यवाही
[ऊर्जा]
67.
( क्र. 2932 ) श्री मधु
भगत : क्या
ऊर्जा मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) समस्त
बालाघाट जिले
में विभाग में
विगत 3
वर्षों में
पोल विद्युतीकरण
में
एल्युमिनियम
तार की जगह
केबल लगाने का
कार्य किया जा
रहा है? यदि हाँ, तो किन-किन
स्थानों पर
लगाया जा चुका
है और कहाँ पर
नहीं? क्यों? (ख) जिले
में समस्त
कार्यालय में
कौन-कौन लोक
सेवक कब से
पदस्थ है? निश्चित
समयावधि के
पश्चात 3 वर्षों से
अधिक अवधि से
पदस्थ लोक सेवकों
को अन्यत्र
स्थान पर
पदस्थ क्यों
नहीं किया गया? पदस्थ लोक सेवकों
की कालमवार
जानकारी देवें। (ग) विभाग
में समस्त
कार्यालय में
विगत 3
वर्षों में
किस-किस कार्य
हेतु कितनी
राशि शासन से
आवंटित हुई
तथा किसे, कब, कितना
भुगतान क्यों
किया गया?
ऊर्जा
मंत्री ( श्री
प्रद्युम्न
सिंह तोमर ) : (क) विगत
3 वर्षों
में जिला
बालाघाट
अंतर्गत
आर.डी.एस.एस.
में स्वीकृत/चिन्हित
विद्यमान
निम्नदाब लाइनों
के केबलीकरण
का कार्य किया
जा रहा है। उक्त
कार्यों के
पूर्ण/प्रगतिरत
होने संबंधी
स्थानवार जानकारी
पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। योजनांतर्गत
प्रगतिरत
केबलीकरण के
कार्य, कार्य
पूर्णता अवधि
विस्तार के
उपरांत माह
दिसम्बर–2025 तक पूर्ण
किये जाने है।
अत: शेष प्रश्न
नहीं उठता है।
(ख) बालाघाट
जिले के
अंतर्गत
म.प्र. पूर्व
क्षेत्र
विद्युत
वितरण कंपनी
के समस्त
कार्यालयों
में पदस्थ
अधिकारियों/ कर्मचारियों
की जानकारी पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। कंपनी
अंतर्गत पदस्थ
अधिकारियों/कर्मचारियों
को प्रशासनिक
आवश्यकताओं
के दृष्टिगत
समय-समय पर स्थानांतरित
किया जाता है, तथापि
कंपनी अंतर्गत
लागू पदस्थापना
नीति के
अनुसार कनिष्ठ
अभियंता से
लेकर अधीक्षण
अभियंता तक के
अधिकारियों
एवं
कर्मचारियों
की पदस्थापना
सामान्यत: एक
ही जिले में 15 वर्ष तक
एवं अन्य
कर्मचारियों
की पदस्थापना
एक ही जिले
में 20
वर्ष से अधिक
रखे जाने का
प्रावधान है। (ग) विगत
3 वर्षों
में जिला
बालाघाट हेतु
आर.डी.एस.एस. योजना
के प्रथम
चरण-लॉस रिडक्शन
हेतु राशि रू. 303.71 करोड़ की
स्वीकृति
प्रदान की गई
है। उपरोक्त
योजनांतर्गत
पूर्ण
कार्यों की
भुगतान संबंधी
जानकारी पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-'स' अनुसार है। एस.एस.टी.डी.
योजनान्तर्गत
नवीन 33/11
के.व्ही.
विद्युत
उपकेन्द्र, अतिरिक्त
पॉवर
ट्रांसफार्मर
की स्थापना, पॉवर
ट्रांसफार्मर
की क्षमता
वृद्धि, 33 के.व्ही.
एवं 11
के.व्ही. लाइनों
के कार्य, अतिरिक्त
वितरण
ट्रांसफार्मर
की स्थापना, वितरण
ट्रांसफार्मरों
की क्षमता
वृद्धि इत्यादि
कार्य किये
जाते हैं। प्रश्नाधीन
क्षेत्र हेतु
प्रश्नाधीन
अवधि में
एस.एस.टी.डी.
योजनान्तर्गत
स्वीकृत
राशि, व्यय
राशि एवं
प्राप्तकर्ता
फर्मों के नाम
सहित जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-'द' अनुसार है।
ऊर्जा
विभाग द्वारा
नवीन सड़कों पर
विद्युत
लाइनों का
निर्माण
[ऊर्जा]
68.
( क्र. 2935 ) श्री सतीश
मालवीय : क्या
ऊर्जा मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) विधानसभा
क्षेत्र
घट्टिया
अंतर्गत उज्जैन
से (घट्टिया
घोंसला तक) जो
नवीन सड़क
(नेशनल हाइवे)
द्वारा बनाई
गई है, (जो
कि पूर्ववत
सड़क विकास
निगम की थी)
उक्त सड़क निर्माण
में किस-किस
वोल्टेज की
लाइनों को हटाकर
नई लाइनों का
निर्माण किया
गया है? उसकी
लम्बाई कितनी
है,
किस एजेन्सी
द्वारा उक्त
कार्य को किया
गया है? उक्त एजेन्सी
को किस कार्य
हेतु आज
दिनांक तक
कितना भुगतान
किया गया है? बिलवार, दिनांकवार
सम्पूर्ण
जानकारी
उपलब्ध करावें।
(ख) विधानसभा
क्षेत्र
घट्टिया
अंतर्गत
पुरानी लाइन
को
डिस्मेन्टल
कर निकाला गया।
पुराना सामान -
लोहे के पोल, तार (कन्डक्टर), इन्सुलेटर, अन्य लोहे
के उक्त
निकाले गये
सामान क्षेत्रीय
भण्डारण को
कुल कितनी
मात्रा में
लौटाया गया है? प्राक्कलन
में लौटाये
जाने वाले
सामान की
मात्रा और वास्तव
में
क्षेत्रीय
भण्डारण में
लौटाये सामान
में कितना
अन्तर था? सम्पूर्ण
जानकारी
उपलब्ध
करावें। (ग) विधानसभा
क्षेत्र
घट्टिया
अंतर्गत नवीन लाइन
में उपयोग
लाये गये
सामान जैसे - लोहे
के पोल, तार (कन्डक्टर),
इन्सुलेटर
आदि का
परीक्षण, गुणवत्ता
की जांच
निर्माण के
पूर्व किस-किस
अधिकारी
द्वारा कब की
गई?
तारीखवार
जांच रिपोर्ट
की कॉपी
उपलब्ध
करावें। (घ) विधानसभा
क्षेत्र
घट्टिया
अंतर्गत उक्त लाइनों
के निर्माण के
दौरान किये
जाने वाले
निरीक्षण
किस-किस
अधिकारियों
के द्वारा
किया गया? निरीक्षण
रिपोर्ट
उपलब्ध
करावें।
ऊर्जा
मंत्री ( श्री
प्रद्युम्न
सिंह तोमर ) : (क) घट्टिया
विधानसभा
क्षेत्र
अन्तर्गत प्रश्नाधीन
सड़क निर्माण
में 33
के.व्ही. एवं 11 के.व्ही.
तथा निम्नदाब
(एल.टी.) विद्युत
लाइनों को
हटाकर (शिफ्ट
कर) नई लाइनों
का निर्माण
कार्य किया
गया है, जिसमें 33 के.व्ही., 11 के.व्ही.
एवं निम्नदाब
लाइनों की कुल
लंबाई क्रमश: 3.78 किलोमीटर, 14.84 किलोमीटर
एवं 10.5
किलोमीटर है। उक्त
कार्य
एन.एच.ए.आई. द्वारा
5 प्रतिशत
सुपरविजन
चार्ज जमा
योजनान्तर्गत
कराया गया है।
उक्त योजना
अनुसार
एन.एच.ए.आई.
द्वारा
प्राक्कलन
स्वीकृत
कराकर 5 प्रतिशत
सुपरविजन
चार्ज म.प्र.
पश्चिम क्षेत्र
विद्युत
वितरण कंपनी
में जमा किया
गया है एवं
एन.एच.ए.आई.
द्वारा
अनुबंधित
फर्म जी.एच.व्ही.
अहमदाबाद को
कॉन्ट्रेक्ट
देकर उनके
अनुबंधित
ठेकेदार
मेसर्स पटेल ब्रदर्स, निकास रोड
उज्जैन के
माध्यम से
शिफ्टिंग
कार्य कराया
गया है। उक्त
एजेंसी को
म.प्र. पश्चिम
क्षेत्र
विद्युत
वितरण कंपनी
द्वारा किसी
भी प्रकार का
भुगतान नहीं
किया गया है। अतः
शेष प्रश्न
नहीं उठता है।
(ख) प्रश्नाधीन
क्षेत्र
अंतर्गत
पुरानी लाइन
को
डिस्मेन्टल
कर निकाला गया।
पुराना सामान
जैसे - लोहे के
पोल, तार
(कन्डक्टर), इन्सुलेटर, अन्य लोहे
के सामान को
क्षेत्रीय
भण्डार, उज्जैन
में
प्राक्कलन
अनुसार कुल 9190
किलोग्राम
मात्रा में
लौटाया गया है।
प्राक्कलन
में लौटाये
जाने वाली
सामग्री की मात्रा
एवं वास्तव
में
क्षेत्रीय
भण्डार, उज्जैन को
लौटायी गई
सामग्री की
मात्रा में कोई
अन्तर नहीं है।
(ग) प्रश्नाधीन
क्षेत्र के
अन्तर्गत
नवीन लाइन में
उपयोग लाये
गये सामान
जैसे - लोहे के
पोल, तार
(कन्डक्टर) एवं
इन्सुलेटर
आदि का
परीक्षण संबंधित
फर्म द्वारा
एन.ए.बी.एल. लैब
में कराया गया
है। एन.ए.बी.एल.लैब
की निरीक्षण
रिपोर्ट पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। अतः
शेष प्रश्न
नहीं उठता है।
(घ) प्रश्नाधीन
क्षेत्र के
अन्तर्गत
उक्त नवीन लाइनों
के निर्माण के
दौरान
संबंधित
वितरण
केन्द्र प्रभारियों
द्वारा
निरीक्षण
किया गया। निरीक्षण
रिपोर्ट की प्रति
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-'ब' अनुसार है।
मार्ग
का चौड़ीकरण
एवं नवीनीकरण कार्य
[लोक
निर्माण]
69.
( क्र. 2957 ) श्री
रजनीश हरवंश
सिंह : क्या लोक
निर्माण
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) केवलारी
विधानसभा
क्षेत्रांतर्गत
केवलारी
वि.खं. के
ग्राम बंदेली
से व्याहा
छींदा से पिण्डरई
मार्ग अत्यंत
ही जर्जर एवं
सकरा है? क्या
विभाग के पास
उक्त सड़क के
चौड़ीकरण एवं नवीनीकरण
हेतु कोई
प्रस्ताव
लंबित है? यदि हाँ, तो बतायें।
(ख) प्रश्नांश
(क) अनुसार
उक्त सड़क
मार्ग में कब
से मरम्मत कार्य
नहीं हुआ है? मरम्मत
कार्य नहीं
होने के क्या
कारण हैं? (ग) उक्त
सड़क मार्ग
में आवागमन के
दौरान आये दिन
दुर्घाटनाएं
हो रही हैं
जिसका
जिम्मेदार
कौन? क्या
विभाग द्वारा
सड़क का
मरम्मत कार्य
कराकर आवागमन
हेतु बना दिया
जावेगा? यदि हाँ, तो
समयावधि
बतायें। (घ) प्रश्नकर्ता
विधायक
द्वारा पिछले
सत्र में भी
प्रश्न के
माध्यम से
उक्त सड़क के
मरम्मत कार्य
हेतु मांग की
गई,
जिस पर विभाग
द्वारा क्या
कार्यवाही की
गई?
लोक
निर्माण
मंत्री ( श्री
राकेश सिंह ) : (क) जी
नहीं, मार्ग
जर्जर स्थिति
में नहीं है, विद्यमान
मार्ग सिंगल
लेन 3.75
मीटर चौड़ाई
का है। जी
नहीं, विभाग
के पास कोई
प्रस्ताव
लंबित नहीं है। (ख) जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी
नहीं, मार्ग
में कोई
दुर्घटनायें
नहीं हो रही
हैं। मार्ग की
स्थिति
संतोषजनक है। वर्तमान
में मार्ग परफॉरमेंस
गांरटी के
अंतर्गत है। समय-समय
पर
मरम्मत/सुधार
कार्य
संबंधति ठेकेदार
द्वारा किया
जाता है। (घ) जी
हाँ, मार्ग
में समय-समय
पर मरम्मत
कार्य कराया
गया है।
शताब्दीपुरम
योजनांतर्गत भूखण्डों
के विकास
कार्य की
स्थिति
[नगरीय
विकास एवं
आवास]
70.
( क्र. 2966 ) श्री
फूलसिंह
बरैया : क्या
नगरीय विकास
एवं आवास
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) ग्वालियर
जिले की
शताब्दीपुरम
आवासीय-सह व्यावसायिक
योजना में
प्राधिकरण
द्वारा जिन भूखण्डों
का विकास
कार्य पूरा
नहीं हुआ है, उन भूखण्डों
पर भी भवन
निर्माण
विलंब पेनाल्टी
हितग्राहियों
से क्यों
मांगी जा रही
है? स्पष्ट
जानकारी से
अवगत करावें। (ख) प्रश्न
दिनांक तक
कितने
हितग्राहियों
से आगे का लीज रेंट
व संधारण शुल्क, वो भी
ब्याज सहित
मांगा जा रहा
है? (ग) जिन
हितग्राहियों
का शुल्क
पूर्व में 10 साल का जमा
है, जब
उन भूखण्डों
का विकास
कार्य प्रश्न
दिनांक तक
क्यों पूर्ण
नहीं किया गया, शुल्क
शासन के किस
नियम अनुसार
मांगा जा रहा
है?
नियम की कॉपी सहित
समस्त
जानकारी
उपलब्ध
करावें। (घ) हितग्राहियों
द्वारा
प्राधिकरण को
पिछले 5-6 वर्षों
में कई पत्र
लिख जा चुके
हैं,
जिन
हितग्राहियों
को भवन
निर्माण करना
है,
विकास कार्य
पूर्ण किये
जाने हेतु
विभाग को कितने
आवेदन दिये
तथा विकास
कार्य प्रश्न
दिनांक तक
क्यों पूर्ण
नहीं किये गये
हैं?
नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री (
श्री कैलाश
विजयवर्गीय ) : (क) ग्वालियर
विकास
प्राधिकरण
द्वारा विकास
स्कीम का
विकास कार्य
किया जाता है, भूखण्डों
का नहीं। शताब्दीपुरम
योजना के तहत
प्रथम एवं
द्वितीय चरण
में विकास
कार्य पूर्ण तथा
तृतीय चरण में
90 प्रतिशत
विकास कार्य
पूर्ण कराये
जा चुके हैं। इन
तीन चरणों में
हितग्राहियों
से पेनाल्टी, मध्यप्रदेश
विकास
प्राधिकरणों
की
संपत्तियों
का प्रबंधन
एवं व्ययन
नियम 2018
यथा संशोधित 2021 के नियम 23 के
अंतर्गत ली जा
रही है। चौथे
चरण में विकास
कार्य लंबित
है एवं इसमें किसी
प्रकार के
शुल्क नहीं
लिये जा रहे
हैं। (ख) जी
नहीं, अग्रिम
लीज रेंट व
संधारण शुल्क
पर ब्याज
नहीं मांगा जा
रहा है, अत: शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं होता
है। (ग) जिन
हितग्राहियों
की लीज रेंट
शुल्क 10 वर्ष तक
जमा है उनका
पट्टा अवधि तक
लीजरेंट नहीं
लिया जा रहा
है। शताब्दीपुरम
योजना फेस-3 अंतर्गत
सम्मिलित कुछ
भूमियों पर
माननीय न्यायालय
में प्रचलित
प्रकरणों में
स्थगन होने
से एवं
किसानों
द्वारा
वांछित भूमि समर्पित
न करने की वजह
से विकास कार्य
पूर्ण नहीं हो
सके हैं। शुल्क
मध्यप्रदेश
विकास
प्राधिकरणों
की
संपत्तियों
का प्रबंधन
एवं व्ययन
नियम 2018
यथा संशोधित 2021 के नियम 23 के
अंतर्गत लिया
जा रहा है। नियम
के भाग की प्रति
संलग्न
परिशिष्ट
अनुसार है। (घ) हितग्राहियों
द्वारा
प्राधिकरण को
भवन अनुमति
हेतु जो पत्र
लिखे गये हैं
उन पर नियमानुसार
कार्यवाही की
जाती है जो एक
सतत् प्रक्रिया
है। उक्त
आवेदनों की
पृथक से नस्ती
संधारित नहीं
है।
इंटीग्रेटेड
ट्रैफिक
मैंनेजमेंट
सिस्टम का
संचालन
[नगरीय
विकास एवं
आवास]
71.
( क्र. 2969 ) श्री उमंग
सिंघार : क्या
नगरीय विकास
एवं आवास
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
प्रदेश भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर
शहरों में
तेजी से बढ़ती
वाहनों की संख्या, अव्यवस्थित
बाजार व
अपर्याप्त
सड़क नेटवर्क
के कारण
लगातार
ट्रैफिक जाम की
स्थिति बनी
रहती है? (ख) प्रश्नांश
(क) के प्रकाश
में ट्रैफिक
प्रबंधन, पार्किंग
व्यवस्था, स्मार्ट
रोड, मास
ट्रांजिट आदि
के लिए क्या
योजनाएं लागू
की गई? (ग) क्या
विभाग ने भविष्य
के शहरीकरण को
ध्यान में
रखते हुए कोई
मास्टर प्लान
या
इंटीग्रेटेड
ट्रैफिक
मैंनेजमेंट
सिस्टम (ITMS) तैयार
किया है? यदि हाँ, तो
कार्यान्वयन
की समय-सीमा
बताएं।
नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री (
श्री कैलाश
विजयवर्गीय ) : (क) जी
नहीं। (ख) प्रश्नांश
(क) के प्रकाश
में ट्रैफिक
प्रबंधन हेतु ITMS परियोजना
संचालित है।
स्मार्ट सिटी
परियोजना
अंतर्गत उक्त
शहरों में
मल्टीलेवल
पार्किंग
तैयार की गई
है तथा
पार्किंग
व्यवस्था का संचालन
नगर निगम
द्वारा किया
जाता है। उक्त
शहरों में
स्मार्ट सिटी
परियोजना
अंतर्गत
स्मार्ट रोड
का निर्माण
किया गया है। मास
ट्रांजिट
अंतर्गत
विभिन्न
परिवहन कंपनियों
द्वारा शहरी व
अंतर्शहरी
बसों का संचालन
किया जा रहा
है। साथ ही
मध्यप्रदेश
मेट्रो रेल
कम्पनी लिमिटेड
द्वारा भोपाल
और इंदौर में
मेट्रो रेल
परियोजना
संबंधी
कार्यवाही की
जा रही है। उज्जैन
में देवास बस
स्टैंड से
महाकाल लोक तक
रोपवे का काम
शुरू हो गया
है। (ग) ITMS प्रणाली
पूर्व से
संचालित है।
शेषांश का प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है।
नगरीय
संस्थाओं
में कार्यरत
कर्मचारी एवं
क्रय सामग्री
की जानकारी
[नगरीय
विकास एवं
आवास]
72.
( क्र. 2996 ) श्री राजेन्द्र
भारती : क्या
नगरीय विकास
एवं आवास
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) विभाग
द्वारा नगर
पंचायत/नगर
निगम में
स्थाई अस्थाई, संविदा
एवं दैनिक
वेतन भोगी
कर्मचारियों
की भर्ती के
संबंध में
क्या-क्या
नियम/निर्देश/मापदण्ड
हैं? कृपया
नियम/निर्देशों
की प्रतियां
उपलब्ध कराते
हुए बतायें कि
पेयजल योजना
में (वॉटर
सप्लाई) एवं
अन्य कार्यों
में
कंसलटेन्सी
में आउटसोर्स
कर्मचारी
नियुक्त किये
जाते हैं। यदि
हाँ, तो
कृपया नियम
निर्देशों की
प्रतियां
उपलब्ध करायें।
(ख) दतिया
जिला अंतर्गत
नगर पंचायत
बडौनी, सेवढ़ा, भाण्डेर, इंदरगढ़
एवं नगर
पालिका दतिया
में
कितने-कितने
कर्मचारी स्थाई, अस्थाई, संविदा, दैनिक
वेतन भोगी
कार्यरत हैं
तथा
कितनी-कितनी
अवधि से
कार्यरत हैं? कृपया
अलग-अलग
जानकारी देते
हुये बताएं कि
उक्त
कर्मचारियों
को नियमित
करने की क्या-क्या
नियम एवं शर्तें
हैं? उक्त
कर्मचारीगण
नियमित होने
की पात्रता रखते
हैं या नहीं? कृपया
अलग-अलग विवरण
दें। क्या
दैनिक वेतन
भोगियों को
वर्तमान में
कलेक्टर रेट
से कम वेतन
दिया जा रहा
है? यदि
हाँ, तो
क्यों? कृपया
कारण सहित
कर्मचारियों
के नाम, पद एवं
वेतन पत्रक
उपलब्ध
करायें। (ग) वर्ष
2015 से प्रश्न
दिनांक तक नगर
पंचायत बडौनी, सेवढ़ा, भाण्डेर, इंदरगढ़
एवं दतिया नगर
पालिका
द्वारा कितने-कितने
व्यक्तियों
को भूमि एवं
भूखंड
संपत्ति (मकान
आदि) के संबंध
में
स्वामित्व/अनापत्ती
एवं नामांतरण
प्रमाण पत्र
जारी किये गये
हैं? कृपया
उक्त नगरीय संस्थाओं
के वर्षवार
अलग-अलग
पंजीबद्ध
रजिस्टर और
आदेश की
प्रतियां
उपलब्ध करायें।
(घ) वर्ष
2015 से प्रश्न
दिनांक तक
उक्त नगरीय
संस्थाओं में
एक लाख या
उससे कम लागत
राशि से
निर्माण
कार्य क्रय
सामग्री/उपकरण
की खरीदी की
गई है। यदि
हाँ, तो
कृपया
संस्थावार
वर्षवार अलग-अलग
व्यय की गई
राशि के बिल
वाउचर और कैशबुक
उपलब्ध करायें।
क्या शासन
प्रश्नांश (क), (ख), (ग) एवं (घ) में की
गई
अनियमितताओं, गड़बड़ियों, भ्रष्टाचार
के संबंध में
जांच की गई? यदि नहीं, तो क्यों
तथा क्या जांच
की जायेगी तथा
दोषियों के
विरूद्ध कार्यवाही
की जायेगी? यदि नहीं, तो क्यों? कारण सहित
बतायें। यदि
हाँ, तो
कब तक
कार्यवाही की
जायेगी?
नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री (
श्री कैलाश
विजयवर्गीय ) : (क) नगरीय
निकायों में
स्थायी
कर्मचारियों
की भर्ती मध्यप्रदेश
नगर पालिका (कर्मचारी
भर्ती तथा
सेवा शर्तें) नियम, 1968 एवं
अधिकारियों
एवं सेवकों की
भर्ती नियम, 2000 तथा
संविदा आधार
पर व्यक्तियों
की भर्ती
म.प्र. संविदा (अनुबंध
तथा सेवा की
शर्तें) सेवा
नियम, 2021
में उपबंधित
प्रावधान एवं
मध्यप्रदेश
नगरपालिका (लेखा
एवं वित्त) नियम
2018 के तहत अस्थायी
एवं आकस्मिक
कार्यों के
लिए श्रमिकों
की सेवाएं ली
जाती हैं। उक्त
नियम 119 (2) अनुसार
मानव शक्ति
नियोजन किये
जाने के प्रावधान
है। जानकारी पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट ''द'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। निकायों
में कार्यरत
पात्र दैनिक
वेतन भोगी
कर्मचारियों
को मध्यप्रदेश
शासन सामान्य
प्रशासन
विभाग के
परिपत्र
क्रमांक/एफ 5-3/2006/1/3 भोपाल
दिनांक 16 मई 2007 के
प्रावधानों
की पात्रता
अनुसार
नियमित किये
जाने की
कार्यवाही
पूर्ण की जा
चुकी है। उल्लेखित
निकायों में
कार्यरत
दैनिक वेतन भोगी
कर्मचारियों
को शासन
द्वारा
निर्धारित
कलेक्टर दर
से कम वेतन
भुगतान नहीं
किया जाता है (ग) जानकारी पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट ''स'' अनुसार है। जी नहीं।
उल्लेखित
संबंधित
कार्यों की
शिकायत
प्राप्त न होने
से जाँच नहीं की
गई है। शेषांश
का प्रश्न
उपस्थित नहीं होता
है।
म.प्र.
राजपत्र के
ज्ञापन का परिपालन
[नगरीय
विकास एवं
आवास]
73.
( क्र. 2997 ) श्री
राजेन्द्र
भारती : क्या
नगरीय विकास
एवं आवास
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) म.प्र.
हाउसिंग बोर्ड
द्वारा
शासकीय एवं
निजी भूमि पर
आवासीय कॉलोनी
के अंतर्गत
मकान एवं
भूखंड बनाये
जाने एवं
आवंटित करने
के संबंध में
क्या क्या
नियम एवं
मापदंड
निर्धारित है? कृपया
नियम
निर्देशों की
प्रतियां
उपलब्ध
करायें। (ख) क्या
दतिया जिले
में भी
हाउसिंग
बोर्ड द्वारा निजी
एवं शासकीय
भूमि पर
आवासीय मकान
और भूखंड
बनाये जाकर आवंटित
किये गये हैं? यदि हाँ, तो क्या
दतिया नगर में
हाउसिंग
बोर्ड द्वारा
बस स्टेण्ड
के पास सुरैयन
कॉलोनी के नाम
से कॉलोनी भवन
निर्माण एवं
भूखंड आवंटित
किया गया था? क्या
कार्यालय
जिलाध्यक्ष
जिला दतिया
द्वारा आदेश
दिनांक नजूल 19/115/82/4/288 दतिया
दिनांक 29 जनवरी 1981 में भूमि आवंटन
की गई थी तथा
म.प्र. गृह
निर्माण मंडल
के ज्ञापन
क्र. 3796 भू
एवं विधि/70/70 दिनांक 08/05/70 के संदर्भ
में गृह
निर्माण मंडल
को भूमि सर्वे
नं. 2458/1, 2460/1, तत्कालीन
डिप्टी
कलेक्टर
एम.एम. नागर
एवं रणवीर
सिंह सहायक
यंत्री के हस्ताक्षर
से कब्जा
देने की रसीद 26/05/1970 को जारी
हुई थी? यदि हाँ, तो आवंटन
एवं कब्जा
देने की प्रति
प्रदान करते
हुए बतायें की
उक्त कॉलोनी
में कितने-कितने
व्यक्तियों
को आवासीय
मकान एवं
भूखंड दिये
गये? कृपया
नाम,
पता सहित
प्रमाणित
सूची प्रदान
करें। (ग) क्या
कलेक्टर
द्वारा-
आवंटित उक्त
भूमि को राजस्व
विभाग (तहसीलदार)
द्वारा खसरा, खतौनी (राजस्व
पत्रक) में स्वामी
अधिकार प्रविष्टि
की गई हैं? यदि हाँ, तो खसरा
खतौनी की
प्रतियां
उपलब्ध
करायें। यदि
नहीं, तो
क्या कलेक्टर
दतिया द्वारा
म.प्र.
राजपत्र (असाधारण)
क्र. 395
दिनांक 24 सिसम्बर 2020 में
प्रकाशित
म.प्र. शासन
राजस्व
विभाग के
संदर्भित
ज्ञाप के अध्याय
8 अनुसार स्थाई
पट्टे का भू-स्वामी
अधिकार में संपरिवर्तन
के प्रावधान
के अनुसार भू-स्वामी
अधिकार राजस्व
पत्रकों में
प्रविष्टि
कराई जायेगी? यदि नहीं, तो क्यों? कारण सहित
बतायें। यदि
हाँ, तो
कब तक? कृपया
जानकारी
प्रदान करते
हुए की गई
कार्यवाही से
अवगत करायें।
नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री (
श्री कैलाश
विजयवर्गीय ) : (क) म.प्र.
गृह निर्माण
एवं अधोसंरचना
विकास मण्डल
द्वारा
शासकीय एवं
निजी भूमि पर
आवासीय कॉलोनी
के अंतर्गत
मकान एवं
भूखण्ड
बनाने हेतु
संबंधित
निवेश
क्षेत्र की
विकास योजना (यदि
लागू हो) एवं ''म.प्र. भूमि
विकास नियम-2012'' में नियम
एवं मापदण्ड
निर्धारित है।
मकान एवं
भूखण्ड
आवंटित करने
के लिए मण्डल
परिपत्र
क्रमांक 23/15 दिनांक 16/04/2015 के तहत मण्डल
की
संपत्तियों
को पंजीयन के
माध्यम से व्ययन
के लिए जारी
की जाने वाली
नियमावली/निर्देश
की प्रति
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट-अ
अनुसार है। (ख) जी
हाँ। जी हाँ। जी
हाँ। जी हाँ। उक्त
कॉलोनी में व्यक्तियों
को आवंटित
आवासीय मकान
एवं भूखण्डों
की संलग्न सूची पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट-ब
अनुसार है। (ग) जी
नहीं, राजस्व
विभाग द्वारा
क्रियान्वयन
संस्थाओं को
परियोजनाओं
हेतु भूमि
पट्टे पर आवंटित
की जाती है
तथा मण्डल
द्वारा पट्टे
पर आवंटित
भूमि कॉलोनी
का विकास करने
के उपरान्त
भूखण्डों का
आवंटन भी
पट्टे पर किया
जाता है। मध्यप्रदेश
नजूल भूमि
निर्वर्तन
निर्देश, 2020 के
अंतर्गत
क्रियान्वयन
संस्थाओं
द्वारा स्थाई
पट्टे पर
प्राप्त
भूमि को
भूमिस्वामी
अधिकार में
संपरिवर्तित
कराया जा सकता
है, परन्तु
क्रियान्वयन
संस्थाओं
द्वारा स्थाई
पट्टे पर
प्राप्त
भूमि को
पट्टाधिकार
में अन्य व्यक्तियों
को आवंटित
किया जाता है
तो ऐसे व्यक्ति
क्रियान्वयन
संस्था से
अनापत्ति
प्रमाण-पत्र
प्राप्त
करने के
उपरान्त
राजस्व
विभाग से
संपरिवर्तन
कराने के लिये
पात्र है। मण्डल
परिपत्र
क्रमांक 08 दिनांक 10/05/2021 के
परिप्रेक्ष्य
में भूमिस्वामी
संपरिवर्तन
हेतु मंडल
द्वारा
हितग्राही को
एन.ओ.सी.
प्रदान की
जाती है एवं
एन.ओ.सी. के आधार
पर हितग्राही
कलेक्टर
कार्यालय (राजस्व
विभाग) से
भूखण्ड फ्री
होल्ड करा
सकता है एवं
तदोपरांत
संपरिवर्तन
के प्रावधान
अनुसार भू-स्वामी
अधिकार की
प्रविष्टियॉ
राजस्व
पत्रकों में
किए जाने की
अधिकारिता
संबंधित जिला
के कलेक्टर
को प्रदत्त
है। उक्त
निर्देश 2020 के
परिप्रेक्ष्य
में प्रश्नांश
का शेष भाग
उपस्थित नहीं
होता है।
नगरीय
निकायों को चुंगी
क्षर्तिपूर्ति
राशि का
प्रदाय
[नगरीय
विकास एवं
आवास]
74.
( क्र. 3029 ) श्री सचिन
सुभाषचंद्र
यादव : क्या
नगरीय विकास
एवं आवास
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
नगरीय
निकायों को
चुंगी
क्षर्तिपूर्ति
राशि प्रदान
की जाती है? अगर हाँ तो
इसके क्या
मापदण्ड है? (ख) प्रश्नांश
(क) अनुसार नगर
निगम, नगर
पालिका, नगर परिषद्
में समान
मापदण्ड
अनुसार राशि
प्रदान की जाती
है? अगर
हाँ तो
निकायों को
प्रदान की
जाने वाली
राशि में अंतर
क्यों है? (ग) यदि
यह एक
क्षतिपूर्ति
है तो इसमें
किसी प्रकार
का सरकार कोई
अन्य कटौत्रा
करती है? अगर हाँ तो
शासन द्वारा
जारी आदेश की
प्रति उपलब्ध
कराएं। (घ) क्या
चुंगी
क्षतिपूति की
राशी से
निकायों के कर्मियों
का वेतन
भुगतान किया
जाता है? अगर हाँ तो
कर्मचारियो
को समय पर
वेतन भुगतान
हो रहा है? (ड.) प्रश्नांश
(घ) अनुसार
निकाय में कार्यरत
कर्मचारियो
को सरकार की
आदर्श कार्मिक
संरचना के
अनुसार वेतन
दिया जा रहा
है? यदि
हाँ, तो
विवरण देवें। नहीं
तो कारण
बतावें।
नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री (
श्री कैलाश
विजयवर्गीय ) : (क) जी
हाँ।
क्षतिपूर्ति
की राशि मध्यप्रदेश
शासन, नगरीय
विकास एवं
पर्यावरण
विभाग के आदेश
क्रमाक एफ-10-54/2015/18-2
दिनांक 13.11.2015 में
दिये गये
निर्देशानुसार
प्रदान की
जाती है। जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ख) जी
हाँ। नगरीय
निकायों को 2011 की
जनगणना को
आधार मानकर
मध्यप्रदेश
शासन, नगरीय
विकास एवं
पर्यावरण
विभाग के आदेश
क्रमाक एफ-10-54/2015/18-2
दिनांक 13.11.2015 में
दिये गये
निर्देशानुसार, पात्रता
अनुरूप राशि
प्रदाय की
जाती है। (ग) जी
हाँ। नगरीय
निकायों को
प्रदाय किये
जाने वाली
चुंगीक्षतिपूर्ति
राशि से शासन
द्वारा जारी
दिशा निर्देशों
के अनुसार
कटौत्रा किया
जाता है। इसके
अतिरिक्त
वित्त विभाग
से राशि
विद्युत
देयकों की
राशि का कटौत्रा
कर स्वीकृति
प्रदान की
जाती है।
इसलिये
कटौत्रा किया
जाता है। जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। (घ) जी
हाँ। निकायों
द्वारा चुंगी
क्षतिपूर्ति
से प्राप्त
राशि स्वयं की
आय एवं अन्य
कतिपय मदों
में प्राप्त
राशि से
निकायों में
पदस्थ
कर्मचारियों
को वेतन
भुगतान किया
जा रहा है।
कभी-कभी
निकायों में
पर्याप्त
राशि उपलब्ध
नहीं होने से
समय पर वेतन
भुगतान नहीं
हो पाता है, जिसे
राशि उपलब्ध
होने पर कर
दिया जाता है।
(ड.) जी हाँ।
नगरीय
निकायों में
कार्यरत
निकाय कर्मचारियों
को शासन की
आदर्श
कार्मिक
संरचना अनुसार
स्वीकृत
पदों के
विरूद्ध
समय-समय पर
शासन द्वारा
स्वीकृत
वेतनमानों के
अनुसार
पदानुरूप
वेतन भुगतान
किया जा रहा
है।
कसरावद
क्षेत्र में
सड़कों की
जानकारी
[लोक
निर्माण]
75.
( क्र. 3030 ) श्री सचिन
सुभाषचंद्र
यादव : क्या लोक
निर्माण
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) विधानसभा
क्षेत्र
कसरावद के
ग्राम
खलबुजुर्ग से
महाराष्ट्र
सीमा पाल
राष्ट्रीय
राजमार्ग 347-सी को टू-लेन
मार्ग बनाने
की कोई योजना
प्रचलन में है? (ख) प्रश्नांश
(क) अनुसार सड़क
परिवहन
राजमार्ग
मंत्रालय
भारत सरकार नई
दिल्ली एवं
प्रश्नकर्ता
द्वारा इस
मार्ग को टू-लेन
करने हेतु
विभाग को कोई
पत्र प्राप्त
हुआ है? अगर हाँ तो
उस पर कोई
कार्यवाही की
गई है? अगर
हाँ तो क्या? नहीं तो
क्यों नहीं? (ग) विभाग
द्वारा पूर्व
में और
वर्तमान में
बनाये जाने
वाली नवीन
सड़कों के
अंतर्गत आने
वाले ग्रामीण
एवं शहरी
क्षेत्रों
में नाली
निर्माण कराने
का प्रावधान
किया जाता है? अगर नहीं
तो प्रावधान
किया जाना
चाहिए। (घ) प्रश्नकर्ता
द्वारा मार्ग
निर्माण
बहादपुरा (देवला)
से औझरा, रायपुरा
से सिपटान
व्हाया शाला
भवन, रसवा
से डाबरी, सुर्वा से
ललनी व्हाया
दोदवाडा और
सगुर से भोपाड़ा
मार्ग
निर्माण के
लिए प्रश्नकर्ता
द्वारा कब-कब
पत्राचार
किया गया? उन पर क्या
कार्यवाही की
गई? कब
तक स्वीकृति
प्रदान की
जाएगी?
लोक
निर्माण
मंत्री ( श्री
राकेश सिंह ) : (क) जी
हाँ, ग्राम
खलबुजुर्ग
(खलघाट) से
सरवरदेवला
मार्ग रा.रा.
क्रं 347सी
को टू-लेन विथ
पेव्हड
शोल्डर में
चौड़ीकरण कार्य
दिनांक 15.03.2023 को पूर्ण
किया जा चुका
है एवं
सरवरदेवला से
पाल
महाराष्ट्र
बॉर्डर मार्ग
रा.रा. क्रं 347सी टू-लेन
विथ पेव्हड
शोल्डर में
चौड़ीकरण
कार्य
स्वीकृत है। (ख) जी
हाँ, खलघाट
से सरवरदेवला
मार्ग को
यातायात
घनत्व के
अनुसार टू-लेन
विथ पेव्हड
शोल्डर में
चौड़ीकरण के
कार्य को दिनांक
15.03.2023 को पूर्ण
किया जा चुका
है। सरवरदेवला
से पाल
महाराष्ट्र
बॉर्डर मार्ग में
राशि रू. 461.23 करोड़
भारत सरकार
एवं सड़क
परिवहन एवं
राजमार्ग मंत्रालय
द्वारा
स्वीकृत किया
जा चुका है, जिसकी
निविदा
स्वीकृत की
जाकर दिनांक 17.05.2025 को जारी
किया गया है। माननीय
मंत्री श्री
नितिन गडकरी
जी, भारत
सरकार सड़क परिवहन
एवं राजमार्ग
मंत्रालय, नई दिल्ली
द्वारा अवगत
कराया गया है
कि इस मार्ग
में भविष्य
में यातायात
बढ़ने पर
आवश्यकतानुसार
फोर-लेन में
चौड़ीकरण के
कार्य पर
विचार किया
जायेगा। जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट के
प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) जी
हाँ। सड़क
निर्माण के
दौरान वर्षा
के पानी की
निकासी हेतु
आवश्यकतानुसार
बसाहट
क्षेत्रों
में नाली का
प्रावधान
किया जाता है।
(घ) जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट के
प्रपत्र-2 अनुसार है। संलग्न
प्रपत्र-2 में
वर्णित मार्ग
नवीन मार्ग है, जो
वर्तमान में
किसी योजना
में
स्वीकृत/प्रस्तावित
नहीं है और न
ही बजट में
सम्मिलित है। अतः
निश्चित
समय-सीमा
बताया जाना
संभव नहीं है।
विद्युत
आपूर्ति और
लो-वोल्टेज की
समस्या
[ऊर्जा]
76.
( क्र. 3038 ) डॉ.
हिरालाल
अलावा : क्या
ऊर्जा मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
प्रश्नकर्ता
ने विधानसभा
क्षेत्र
मनावर के
अंतर्गत
मनावर एवं
उमरबन
विकासखंड
अंतर्गत
विद्युत फीडर
विभक्तिकरण (सेपरेशन), विद्युत
उपकेन्द्र (ग्रिड)
की क्षमता
वृद्धि, नवीन
विद्युत
वितरण ट्रांसफार्मर
की स्थापना
एवं पूर्व संस्थापित
विद्युत
वितरण
ट्रांसफार्मर
के उन्नयन
हेतु वित्तीय
वर्ष 2022-23
से जून 2025 तक
संचालन-संधारण
वृत्त
कार्यालय धार
एवं
संचालन-संधारण
संभाग मनावर
तथा विद्युत
वितरण केन्द्र
मनावर के
कार्यालयों
को विभिन्न
पत्र लिखे हैं।
प्रश्नकर्ता
के लिखे प्रत्येक
पत्र पर अंतिम रूप से
विद्युत
वितरण कंपनी
सक्षम
अधिकारियों
ने क्या
कार्यवाही
प्रश्न-दिनांक
तक की? संपूर्ण
जानकारी एवं
की गई
कार्यवाही के
संबंध में किए
गए पत्राचार
की प्रतियां
देवें। (ख) क्या
प्रश्नकर्ता
के
विधानसभा-क्षेत्र
मनावर में
किसानों को
विगत छह वर्षों
से लो-वोल्टेज
की समस्या का
सामना करना
पड़ रहा है? यदि नहीं, तो विगत छह
वर्षों में
विभाग द्वारा
कब-कब लो-वोल्टेज
को रिकॉर्ड
किया गया? उक्त
लो-वोल्टेज
रिकॉर्ड की
छायाप्रतियां
देवें एवं
लो-वोल्टेज
समस्या को दूर
करने हेतु विभाग
ने क्या-क्या
कार्यवाही की? संपूर्ण
की
छायाप्रतियां
देवें। (ग) क्या
प्रश्नकर्ता
के विधानसभा क्षेत्र
मनावर में 100 प्रतिशत
किसानों को
विद्युत
आपूर्ति एवं
घरेलू फीडरों
में 100
प्रतिशत
विद्युत
आपूर्ति हेतु
अपने अधीनस्थ
अधिकारियों-कर्मचारियों
को आदेश जारी
करेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) क्या
प्रश्नांश
(क) में
उल्लेखित सभी
पत्रों पर
निर्धारित
समय-सीमा में
अंतिम रूप से
कार्यवाही
हेतु आदेश जारी
करेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
ऊर्जा
मंत्री ( श्री
प्रद्युम्न
सिंह तोमर ) : (क) जी
हाँ। धार जिले
के विधानसभा
क्षेत्र
मनावर के
मनावर एवं उमरबन
विकासखंड
अंतर्गत नवीन
वितरण
ट्रांसफार्मर
की स्थापना
एवं पूर्व से
स्थापित
वितरण ट्रांसफार्मरों
के उन्नयन
हेतु प्रश्नाधीन
अवधि में
संचालन-संधारण
वृत्त
कार्यालय धार, संचालन-संधारण
संभाग मनावर
तथा विद्युत
वितरण केन्द्र
मनावर को
माननीय प्रश्नकर्ता
विधायक महोदय
के प्राप्त
पत्रों एवं
म.प्र. पश्चिम
क्षेत्र
विद्युत वितरण
कंपनी द्वारा
उक्त प्राप्त
पत्रों पर की
गई कार्यवाही
की जानकारी पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। उक्त
पत्रों एवं की
गई कार्यवाही
से संबंधित
पत्राचार की प्रति
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। माननीय
प्रश्नकर्ता
विधायक महोदय
से प्रश्नाधीन
अवधि में फीडर
विभक्तिकरण (सेपरेशन), 33/11 के.व्ही.
विद्युत
उपकेन्द्र (ग्रिड)
की क्षमता
वृद्धि के
कार्य हेतु
पत्र प्राप्त
नहीं हुए है। (ख) जी
नहीं। अत: शेष
प्रश्न नहीं
उठता है। (ग) विधानसभा
क्षेत्र
मनावर में
अपरिहार्य
कारणों से आए
आकस्मिक
अवरोधों को
छोड़कर
नियमानुसार
कृषि प्रयोजन
हेतु समस्त
कृषि उपभोक्ताओं
को प्रतिदिन 10 घंटे एवं
समस्त घरेलू
सहित गैर कृषि
उपभोक्ताओं
को प्रतिदिन 24 घंटे
विद्युत
आपूर्ति की जा
रही है। अतः
प्रश्न नहीं
उठता। (घ) उत्तरांश
(क) में उल्लेखित
समस्त
पत्रों पर
कार्यवाही की
गई है। अतः
प्रश्न नहीं
उठता।
एम.पी.एम.आर.सी.एल.
में
नियमितीकरण
एवं पदोन्नति
की शिकायतों
की जांच
[नगरीय
विकास एवं
आवास]
77.
( क्र. 3040 ) डॉ.
हिरालाल
अलावा : क्या
नगरीय विकास
एवं आवास
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या एम.पी.
मेट्रो रेल
कॉर्पोरेशन
लिमिटेड
(एम.पी.एम.आर.सी.एल.)
की वरिष्ठ उप महाप्रबंधक
(मानव संसाधन) सुश्री
सुनैना शर्मा
के विरूद्ध
सतर्कता जांच
चल रही है? क्या
उन्हें
प्रारंभ में
अल्प वेतन पर
अनुबंध
कर्मचारी के
रूप में
नियुक्त किया
गया,
बाद में DoPT दिशा
निर्देशों के
उल्लंघन में
अनियमित वेतन-निर्धारण
एवं पूर्व
प्रभाव से पदोन्नति
द्वारा
वरिष्ठ
कार्यकारी
प्रबंधन पद पर
नियमित किया
गया? यदि
हाँ, तो
सतर्कता-रिपोर्ट
पर अब तक क्या
कार्रवाई की
गई? प्रति
सहित बताएं। निलंबन, एफ.आई.आर.
क्यों नहीं की? (ख) क्या
सुश्री
सुनैना शर्मा
ने स्वयं को
तथा अपने
सहयोगियों को
अनधिकृत वेतन
संशोधन व पदोन्नति
से अनुचित लाभ
पहुंचाया, जिससे
उनका वेतन 3-4 गुना बढ़
गया? इन
मामलों में
वसूली की क्या
कार्रवाई की
गई? यदि
नहीं, की
तो क्यों? (ग) क्या
एम.पी.एम.आर.सी.एल.
में कई
सेवानिवृत्त
अधिकारियों
को वित्तीय एवं
नीतिगत
निर्णयों
जैसे
संवेदनशील
पदों पर
पुनर्नियुक्त
किया गया और उनके
सेवा-विस्तार
की फाइलें
सुनैना शर्मा
द्वारा
प्रसंस्कृत
की जा रही हैं जिससे
जांच-प्रक्रिया
में हितों का
टकराव उत्पन्न
हो रहा है? (घ) क्या
जांच शुरू
होने पश्चात
सुनैना शर्मा
द्वारा जारी
भर्ती
विज्ञापन एवं
नीति-निर्णयों
को वैध माना
जा सकता है
अथवा नियमों
का उल्लंघन है? (ङ) क्या
उक्त
अनियमितताएं, हितों के टकराव
एम.पी. मेट्रो
परियोजना की
धीमी प्रगति
के लिए उत्तरदायी
है? इस
क्षति को
रोकने तथा
परियोजना को
समय पर पूर्ण
करने बाबत्
क्या कदम उठाए
गए?
नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री (
श्री कैलाश
विजयवर्गीय ) : (क) जी
नहीं।
श्रीमति
सुनैना शर्मा
की एम.पी.एम.आर.सी.एल.
में प्रारंभिक
नियुक्ति
एकमुश्त वेतन
पर प्रबंधक-एच.आर.
के पद पर
अनुबंध के
आधार पर हुई
थी तथा वर्तमान
में श्रीमति
सुनैना शर्मा
वरिष्ठ उप महाप्रबंधक
(एडमिन) के पद
पर कार्यरत
हैं। सतर्कता
शाखा द्वारा
एम.पी. मेट्रो
रेल कॉर्पोरेशन
लिमिटेड
(एम.पी.एम.आर.सी.एल.)
में नियमितीकरण
एवं पदोन्नति
संबंधित
शिकायतों की
जांच की गई
जिसके अनुसार
एक आंतरिक
समिति बनाई गई
है। (ख) कॉर्पोरेशन
को प्राप्त
रिपोर्ट के
संबंध में एक
आंतरिक समिति
बनाई गई है, समिति
की अनुशंसा (Recommendation) के
अनुसार
अग्रिम
कार्रवाई की
जाएगी। प्रश्न
उत्पन्न नहीं
होता। (ग) एम.पी.एम.आर.सी.एल.
में
सेवानिवृत्त
अधिकारियों
की नियुक्ति
एवं उनके सेवा
विस्तार
सम्बंधित
नीति प्रचलन
में है।
एम.पी.एम.आर.सी.एल.
के मानव
संसाधन विभाग
द्वारा उनकी
नियुक्ति एवं
सेवा विस्तार
नियमानुसार
एवं
निर्धारित
प्रक्रिया के
अनुसार
प्रसंस्कृत
किये जाते
हैं। अतः हितों
के टकराव का
प्रश्न
उत्पन्न नहीं
होता (घ) एम.पी.एम.आर.सी.एल.
द्वारा भर्ती
की नीति है
एवं नियमानुसार
निर्धारित
प्रक्रिया के
अनुसार
भर्तियां की
जाती है। (ड.) उत्तरांश
(ग)
एवं (घ) अनुसार
प्रश्न
उत्पन्न नहीं
होता।
बिना
पट्टे आवंटित
किये
हितग्राहियों
को आवास का
प्रदाय
[नगरीय
विकास एवं
आवास]
78.
( क्र. 3047 ) श्री नीरज
सिंह ठाकुर : क्या
नगरीय विकास
एवं आवास
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) प्रधानमंत्री
आवास निर्माण
स्वीकृत किये
जाने हेतु
शासन के क्या दिशा-निर्देश
एवं मापदण्ड
हैं? आदेश
की प्रति
उपलब्ध
करावें। (ख) क्या
नगर परिषद्
शहपुरा के
पत्र
क्र./न.परि./PMAY/551/2021 के बिन्दु
क्र. 8 के
अनुसार वार्ड
क्र. 4
शहपुरा में
शासकीय भूमि
पर बिना
प्रशासकीय अनुमति
प्राप्त लगभग 700
हितग्राहियों
के
प्रधानमंत्री
आवास निर्मित/निर्माणाधीन
है? यदि
हाँ, तो
किस अधिकार से
नागरिकों को
इस स्थान पर
बसाया जा रहा
है?
कॉलोनी किसकी
अनुमति से
निर्मित की गई? (ग) प्रश्नांश
(ख) अनुसार कॉलोनी
में कितने
हितग्राहियों
को पट्टे
आवंटित किये
गये? कितने
हितग्राहियों
को बिना पट्टे
आवंटित किये
मकान दे दिये
गये? (घ) ऐसे
कितने
हितग्राही है, जिनका नाम
आज भी ग्राम
पंचायतों में
दर्ज है और वो
नगर परिषद्
में भी
योजनाओं का
लाभ ले रहे
हैं? क्या
प्रधानमंत्री
आवास योजना की
गाइड-लाइन के
अनुसार ही
आवासों का
निर्माण
कराया जा रहा
है? यदि
नहीं, तो
क्यों? दोषियों
के विरुद्ध कब
तक कार्यवाही
की जावेगी।
नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री (
श्री कैलाश
विजयवर्गीय ) : (क) प्रधानमंत्री
आवास योजना (शहरी)
के दिशा-निर्देश, मापदण्ड
एवं आदेश की प्रति
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट अनुसार
है। (ख) जी
नहीं। नगर परिषद्-शहपुरा
(भिटौनी) में
निम्न विवरण
अनुसार भूमि
दान दाताओं
द्वारा निकाय
को आवास के
प्रयोजन से
दान में दी गयी
है। (1) श्री
गनपत पिता
श्री रल्ली
कोरी (खसरा
नंबर-1) रकबा-0.0450 हेक्टेयर, (2) श्री गनपत
पिता श्री
रल्ली कोरी (खसरा
नंबर-2) रकबा-0.9140 हेक्टेयर, (3) श्री
राजकुमार
पिता श्री
रामचरण (खसरा
नंबर-11) रकबा-1.1450 हेक्टेयर।
निकाय को आवास
हेतु दान में
प्राप्त
भूमि कुल रकबा
2.1040 हेक्टेयर
पर परिषद् के
संकल्प
क्रमांक-5 दिनांक 18.05.2018 एवं पी.आई.सी.
संकल्प
क्रमांक-5 दिनांक 22.10.2019 के निर्णय
अनुसार जिला-कलेक्टर
द्वारा
अनुमोदित
सूची के
आवासहीन, भूमिहीन, चयनित
पात्र
हितग्राहियों
को लाभान्वित
किया गया है। मध्यप्रदेश
शासन, नगरीय
विकास एवं
आवास विभाग के
आदेश क्र. एफ-10-47/2015/18-2 दिनांक 03.04.2018 की
कण्डिका-4 में
उपरोक्तानुसार
लाभ दिये जाने
का प्रावधान
है। (ग) उत्तरांश ''ख'' अनुसार
दान दी गयी
भूमि पर
आवासों का
निर्माण किया
गया है, पट्टे
प्रदान नहीं
किये गये है। योजना
के घटक 4 लाभार्थी
आधारित आवास
निर्माण के
प्रावधान अनुसार
हितग्राहियों
ने स्वयं आवास
का निर्माण
किया गया है। (घ) जी
नहीं, ऐसे
किसी भी
हितग्राही को
नगर परिषद्
शहपुरा
द्वारा
योजनाओं का
लाभ नहीं दिया
जा रहा है, जिनके नाम
ग्राम
पंचायतों में
दर्ज है। प्रधानमंत्री
आवास योजना
शहरी की गाइड-लाइन
अनुसार ही
आवासों का
निर्माण
कराया जा रहा
है, जिससे
शेषांश का प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है।
निर्माण
कार्यों में
की गई
अनियमितता
[नगरीय
विकास एवं
आवास]
79. ( क्र.
3049 ) श्री
बाबू जन्डेल
: क्या
नगरीय विकास
एवं आवास
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) नगर
पालिका परिषद्
श्योपुर एवं
नगर परिषद्
बडौदा जिला
श्योपुर तथा
नगर परिषद्
बनगंवा एवं
नगर परिषद्
डूमर कछार, जिला
अनूपपुर
अंतर्गत 1 अप्रैल
2022
से प्रश्न
दिनांक तक कितनी-कितनी
राशि
भिन्न-भिन्न
मदों में
आवंटित हुई
तथा स्वीकृत
की गई एवं
व्यय की गई? मदवार
निकायवार
जानकारी
उपलब्ध करावें।
(ख)
प्रश्नांश
(क) के संदर्भ
में उक्त नगर
पालिका एवं
परिषदों में
कितने
निर्माण कार्य
एवं अन्य
समस्त कार्य
स्वीकृत
आवंटित किए गए
हैं? कार्य
पूर्णता
दिनांक,
ठेकेदार का
नाम, भुगतान
राशि सहित
बतावें।
वर्षवार
गौशवार बनाकर
जानकारी दें।
वर्ष 2022 से
वर्तमान तक
कुल कितनी
राशि के
निर्माण कराये
गये? (ग) प्रश्नांश
(क) के संदर्भ
में प्रश्नांकित
अवधि तक एक
लाख से कम एवं
एक लाख तक के
प्रत्येक
व्यय में लेखा
नियम व शासन
के दिशा-निर्देश
का अक्षरशः
पालन किया गया
है? यदि
नहीं, तो प्रश्न
अंकित अवधि तक
किए कार्यों
भुगतानों की
विशेष जांच दल
का गठन कर
अपव्यय व
भ्रष्टाचार
पर संबंधित के
विरुद्ध
समय-सीमा में
कार्रवाई की
जाएगी?
नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री (
श्री कैलाश
विजयवर्गीय ) : (क) जानकारी पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट 'अ' अनुसार है।
(ख) जानकारी पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट 'ब' अनुसार है।
(ग) नगर
पालिका
श्योपुर, नगर
परिषद् बडौदा, नगर
परिषद्
बनगंवा एवं
नगर परिषद्
डूमर कछार में
योजनान्तर्गत
स्वीकृत राशि
से एक लाख से कम
के कार्य नहीं
कराया गया है, जिससे
शेषांश का
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है।
निर्माणाधीन
राष्ट्रीय
राज्य मार्ग
के कार्य में
अनियमितता
[लोक
निर्माण]
80.
( क्र. 3051 ) श्री बाबू
जन्डेल : क्या लोक
निर्माण
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे कि
(क) गोरस
से श्यामपुर
तक
निर्माणाधीन
राष्ट्रीय
राज्य मार्ग (552) की कुल
लम्बाई एवं
लागत राशि
कितनी है तथा
इसको कौन सी
कम्पनी
द्वारा बनाया
जा रहा है? (ख) प्रश्नांश
(क) के क्रम
में डामरीकृत
एवं सी.सी. रोड
एवं नाली के
देयकों के
भुगतान से
पूर्व मार्ग
की गुणवत्ता
को सुनिश्चित
किये जाने
हेतु उपयोग
में लाई गई
सामग्री
मिट्टी, गिट्टी, मुरूम, जी.एस.बी., डामर एवं
क्यूब टेस्ट, कोर कटर
टेस्ट आदि की
कोई जाँच
करवाई गई? यदि हाँ तो
समस्त जाँच
रिर्पोट की
प्रमाणित
छायाप्रति
उपलब्ध
करावें। यदि नहीं
तो क्यों? (ग) प्रश्नांश
(क) के
डामरीकृत
मार्ग एवं
सी.सी. रोड तथा
नाली में
उपयोग की जा
रही सामग्री
की उच्च
स्तरीय जाँच
सदन में उत्तर
दिये जाने से
पूर्व प्रश्नकर्ता
समक्ष सेम्पल
लेकर मिट्टी
के सी.बी.आर., पी.एल., पी.आई. के
टेस्ट तथा डब्ल्यू.बी.एम.
की ग्रेडिंग
एवं कॉम्पेक्शन
तथा डामर के
प्रतिशत की जाँच
तथा क्यूब
टेस्ट, कोर कटर
टेस्ट प्रश्नकर्ता
के समक्ष किया
जाकर चलित लैब
टेस्ट कराया
जावेगा? यदि हाँ तो
पूर्व में
कराई गई लैब
एवं विभागीय लैब
को छोड़कर
किसी अन्य
अधिकृत लैब या
संस्था के
माध्यम से
टेस्ट करवाई
जाकर रिर्पोट
की छायाप्रति
उपलब्ध
करावें। (घ) प्रश्नांश
(क) अनुसार
प्राप्त
आवंटन व्यय की
जानकारी के साथ-साथ
किये गये
भुगतानों की
समस्त नोटशीट, बिल एवं
व्हाउचरों के
साथ बिल
मेजरमेन्ट की
माप-पुस्तिकाओं
की प्रमाणित
छायाप्रति
उपलब्ध कराएं।
लोक
निर्माण
मंत्री ( श्री
राकेश सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-अ
अनुसार है। (ख) जी
हाँ। जांच
रिर्पोट पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) जी
नहीं। शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। प्रगतिरत
कार्य की
निर्धारित
आवृत्ति
अनुसार
कार्यस्थल पर
स्थापित प्रयोगशाला
में टेस्ट
किये जाते हैं, जिनमें
माननीय
विधायक जी, लैब पर
अपनी सुविधा
अनुसार टेस्ट
में साक्षी हो
सकते है। (घ) कार्यवार
पृथक से आवंटन
प्राप्त नहीं
होता है, प्रश्नांश
दिनांक तक
कार्य पर
रुपये 17.05 करोड़ का व्यय
किया गया है। किये
गये व्यय हेतु
देयकों एवं
व्हाउचरों, माप-पुस्तिका
इत्यादि हेतु जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-2 अनुसार है।
सीवरेज
परियोजना की
डी.पी.आर.
[नगरीय
विकास एवं
आवास]
81.
( क्र. 3054 ) श्री पंकज
उपाध्याय : क्या
नगरीय विकास
एवं आवास
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे कि
(क) मुरैना
जिले में अमृत
मिशन-1 तथा 2 में
वास्तुशिल्प
प्रोजेक्ट्स
एंड कंसल्टेंट्स
प्रा.लि.
द्वारा
किस-किस शहर
के सीवरेज प्रोजेक्ट
के लिए डी.पी.आर.
तैयार की गई? चयन किस
प्रक्रिया से
किया गया? उसे
कितना-कितना
भुगतान किया
गया? (ख) प्रश्नांश
(क) अनुसार
शहरों में
टेंडर लागत, ठेकेदार
की स्वीकृत
लागत, ठेकेदार
का नाम एवं
भुगतान की गई
कुल राशि की जानकारी
दें। (ग) प्रश्नांश
(क) अनुसार
सभी शहरों में
डिफेक्ट लायबिलिटी
पीरियड तथा
संचालन
संधारण की
अवधि कब से कहाँ
तक की है? किस-किस
शहर में सड़क
का पुनर्भरण
की विभिन्न कैटेगरी, विभिन्न
साइज के पाइप
की लंबाई, सर्कुलर
टाइप मैनहोल, हाउस
सर्विस चैंबर, मकानों की
संख्या
जिन्हें सीवर
लाइन से
जोड़ना था, एस.टी.पी. की
संख्या आदि
में डी.पी.आर.
तथा अनुबंध से
कितना-कितना
विचलन हुआ तथा
इस विचलन के
कारण क्या है? (घ) प्रश्नांश
(क) अनुसार
शहरों में
ठेकेदार ने
डिजाइन तथा
ड्राइंग
अनुबंध के
कितने दिन बाद
दी? अनुबंधों
के सेक्शन-3 (जी.सी.सी.) के
अनुसार
समयावधि के
अनुसार कार्य
हुआ की नहीं? किस-किस
अनुबंध में
केंद्र शासन
द्वारा कितनी
ग्रांट दिए
जाने का
उल्लेख है? प्रत्येक
शहर अनुसार
जानकारी दें।
नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री (
श्री कैलाश
विजयवर्गीय ) : (क) मुरैना
जिले के किसी
भी नगरीय
निकाय में
सीवरेज
परियोजना की
डी.पी.आर.
मेसर्स वास्तुशिल्पी
प्रोजेक्ट्स
एण्ड
कन्सल्टेन्ट्स
प्रा.लि.
द्वारा तैयार
नहीं की गई है।
शेषांश का प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (ख) से
(घ) उत्तरांश
(क) के
परिप्रेक्ष्य
में प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है।
सड़कों
के निर्माण
कार्य में
अनियमितता
[नगरीय
विकास एवं
आवास]
82.
( क्र. 3055 ) श्री पंकज
उपाध्याय : क्या
नगरीय विकास
एवं आवास मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) सड़कों
के कायाकल्प
योजना के तहत
नगर परिषद्
कैलारस
अंतर्गत
योजना के आरंभ
से प्रश्न
दिनांक तक
कितनी सड़कों
का निर्माण
कार्य स्वीकृत
हुआ है एवं
उनके भुगतान
एवं निर्माण
की वर्तमान
स्थिति क्या
है? जानकारी
सूचीबद्ध
उपलब्ध कराएं।
(ख) क्या
नगर परिषद्
कैलारस
अंतर्गत प्रश्नांश
(क) अनुसार
सड़कों के
निर्माण
उपरान्त कई
भवनों का स्तर
सड़क से नीचे
रह गया है? यदि हाँ, तो ऐसी
कितनी सड़कें
है एवं उनके
संबंध में
कितनी
शिकायतें
प्राप्त हुईं
हैं एवं उन पर
क्या
कार्रवाई की
गयी है? शिकायतवार
जानकारी
उपलब्ध कराएं।
(ग) क्या
प्रश्नांश
(ख) अनुसार
सड़कों का
निर्माण
पूर्व से
निर्मित सड़क
के दोनों ओर
बने भवनों के
स्तर को ध्यान
में रखते हुए, पुरानी
सड़क को खोद
कर किया जाना
चाहिए था? यदि हाँ, तो इसकी
जिम्मेदारी
किसकी थी? (घ) क्या
नगर परिषद्
कैलारस अंर्तगत
पूर्व से
निर्मित कई
सड़कों की
स्थिति सही
होने के
उपरांत भी
उन्हें तोड़
कर फिर से निर्माण
करा दिया गया
है? यदि
हाँ, तो
ऐसी कितनी
सड़कें है, जिन्हें
तोड़ कर
निर्माण
कराया गया है? लागत सहित
सूचीबद्ध
जानकारी दें। (ङ)
क्या प्रश्नांश
(ख) अनुसार
सड़कों के निर्माण
के दौरान
समय-समय पर
गुणवत्ता
परिक्षण किया
गया? यदि
हाँ, तो
दस्तावेज
उपलब्ध
करायें।
नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री (
श्री कैलाश
विजयवर्गीय ) : (क) जानकारी पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट ''अ''अनुसार है। (ख) जी
नहीं। शेषांश
का प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (ग) तकनीकी
रूप से आवश्यक
होने पर सड़कों
को खोदकर
निर्माण
कराया गया है।
शेषांश का प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (घ) जी
नहीं। शेषांश
का प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (ड.) जी
हाँ। जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है।
अमृत
योजना
अन्तर्गत
कार्यों की
स्थिति
[नगरीय
विकास एवं
आवास]
83.
( क्र. 3059 ) श्री मोहन
सिंह राठौर : क्या
नगरीय विकास
एवं आवास
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
नगरीय
क्षेत्र में
अमृत भारत
योजना अन्तर्गत
स्वच्छ पेयजल
उपलब्ध कराने, वॉटर
ट्रीटमेंट, टंकी
निर्माण, पाइप-लाइन
डालने का
कार्य कराये
जाने हेतु
कितना-कितना
बजट प्रावधान
वर्ष 2024-25
एवं 2025-26
में किया गया
है? वर्षवार
जानकारी दें। (ख) ग्वालियर
जिले की
भितरवार
विधानसभा
क्षेत्र के
कौन-कौन से
नगरीय
क्षेत्र प्रश्नांश
(क) में
उल्लेखित
योजना में
शामिल किया गए
है? नगर
परिषद्वार
जानकारी दें। (ग) प्रश्नांश
(क) में
उल्लेखित वर्षों
में
कितना-कितना
बजट भितरवार
विधानसभा
क्षेत्र की
नगर परिषदों
को किया गया
है? कितना
कार्य हुआ है? कितनी
राशि व्यय हुई
है? कार्यवार, वर्षवार
जानकारी दें। (घ) प्रश्नांश
(ख) में
उल्लेखित
विधानसभा क्षेत्र
में निर्माणाधीन
पेयजल
योजनाओं के
कार्यों की
वर्तमान स्थिति
क्या है? क्या
योजना में किए
जा रहे
कार्यों में
गति धीमी एवं
गुणवत्तापूर्ण
नहीं है? यदि हाँ, तो समय पर
कार्य पूर्ण
हो,
उच्च
गुणवत्ता के
हों,
क्या इस हेतु
शासन द्वारा
कोई
कार्यवाही की
है? यदि
हाँ, तो
क्या? यदि
नहीं, तो
क्यों?
नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री (
श्री कैलाश
विजयवर्गीय ) : (क) अमृत
2.0
(मिशन
अवधि अक्टूबर-2021 से अक्टूबर-2026) योजनांतर्गत
प्रदेश में जल
प्रदाय
परियोजनाओं
हेतु राशि
रूपये 5850.30 करोड़ का
प्रावधान है। (ख) ग्वालियर
जिले की
भितरवार
विधानसभा की
दो नगरीय
निकायों नगर परिषद्, भितरवार
एवं नगर परिषद्, मोहना में
अमृत 2.0
योजनांतर्गत जल
प्रदाय
योजनायें स्वीकृत
है। (ग) जानकारी
संलग्न परिशिष्ट
अनुसार है। (घ) जानकारी
संलग्न परिशिष्ट
अनुसार है। जी हाँ, शासन
द्वारा
कार्यों के
सुपरविजन हेतु
राज्य स्तर
पर राज्य मिशन
प्रबंधन इकाई
(एस.एस.एम.यू.) एवं
निकाय स्तर
पर परियोजना
विकास एवं
मॉनिटरिंग
कंसल्टेंट (PDMC) कार्यरत
है, जिनके
द्वारा
कार्यों में
सतत्
पर्यवेक्षण किया
जाता है।
ऊर्जा
विभाग में
रिक्त एवं
आउटसोर्स से
भरे पदों की
जानकारी
[ऊर्जा]
84.
( क्र. 3060 ) श्री मोहन
सिंह राठौर : क्या
ऊर्जा मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) ऊर्जा
विभाग में
जिला
ग्वालियर में
कितने पद
स्वीकृत है, कौन-कौन सी
श्रेणी के हैं? स्वीकृत पदों
में कितने पद
भरे हैं एवं
कितने रिक्त
हैं? पदवार, श्रेणीवार
जानकारी दें। (ख) स्वीकृत
पदों में जिला
केडर के कौन
से पद है? पदवार
जानकारी दें। (ग) क्या
जिला केडर के
विभिन्न पदों
पर बिना योग्यता
परीक्षण अयोग्य
उम्मीदवार को
आउटसोर्स
कंपनियों के माध्यम
से नियुक्ति
दी जा रही है? यदि हाँ, तो कौन-कौन
सी आउटसोर्स
एजेन्सियों
से कौन-कौन से
कर्मचारियों
को नियुक्ति
दी गई है? आउटसोर्स
एजेन्सीवार, पदवार
निर्धारित
योग्यतावार, कर्मचारीवार
जानकारी दें। (घ) क्या
मेन पावर उपलब्ध
कराने वाली
आउटसोर्स
कम्पनी शासन
द्वारा
निर्धारित
सभी मानकों की
पूर्ति कर
शासन नियमों
का पालन कर
रही है? यदि हाँ, तो
निर्धारित
मानक-मापदण्डों
की जानकारी दें।
क्या
कंपनियों
द्वारा भर्ती
में आरक्षण
नियमों/रोस्टर
का पालन नहीं
किया जा रहा? यदि हाँ, तो ऐसी
कंपनियों के विरूद्ध
विभाग
कार्यवाही
करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
ऊर्जा
मंत्री ( श्री
प्रद्युम्न
सिंह तोमर ) : (क) एवं (ख) ऊर्जा
विभाग के
अंतर्गत
कार्यरत
म.प्र. मध्य
क्षेत्र
विद्युत
वितरण कंपनी
क्षेत्रान्तर्गत
जिला
ग्वालियर
हेतु माह जून-2025 की स्थिति
में स्वीकृत
पदों, भरे
पदों एवं
रिक्त पदों की
प्रश्नाधीन
चाही गई पदवार
एवं
श्रेणीवार जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। उल्लेखनीय
है कि राज्य
शासन से
अनुमोदित
संगठनात्मक
संरचना में
जिला केडर के
अनुरूप कोई पद
स्वीकृत
नहीं है। अत:
शेष प्रश्न
नहीं उठता। (ग) उत्तरांश (ख) के
परिप्रेक्ष्य
में प्रश्न
नहीं उठता। तथापि
वितरण कंपनी
के अंतर्गत
निविदा प्रक्रिया
के माध्यम से
चयनित बाहय स्त्रोत
सेवा प्रदाता
कंपनी द्वारा
निविदा में
उल्लेखित
नियम एवं शर्तों
तथा
निर्धारित
योग्यता/अहर्ता
अनुसार ही
बाहय स्त्रोत
कार्मिकों को
नियोजित किया
जाता है। अत:
शेष प्रश्न
नहीं उठता। (घ) जी
हाँ। म.प्र. मध्य
क्षेत्र
विद्युत
वितरण कंपनी
द्वारा निविदाओं
के माध्यम से
चयनित विभिन्न
बाह्य स्त्रोत
सेवा-प्रदाता
एजेंसियों
द्वारा आउटसोर्स
कार्मिकों का
नियोजन किया
जाता है। निविदाओं
में उल्लेखित
नियम एवं
शर्तें, राज्य
शासन द्वारा
समय-समय पर
जारी किये
जाने वाले
नियमों के
अनुरूप
निर्धारित की
जाती है एवं सेवा-प्रदाता
एजेंसी
द्वारा इसी के
अनुरूप आउटसोर्स
कार्मिकों का
नियोजन किया
जाता है। निविदा
में
निर्धारित
मानक-मापदण्डों
से संबंधित
नियम/शर्तों
की छायाप्रति
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। उल्लेखनीय
है कि आउटसोर्स
कार्मिक
वितरण कंपनी
के कार्मिक
नहीं है, अत: बाह्य
स्त्रोत
प्रदाता
एजेंसी
द्वारा
नियोजित आउटसोर्स
कार्मिकों के
नियोजन में
आरक्षण
नियमों/रोस्टर
का पालन करने
अथवा किसी
कंपनी के
विरूद्ध कार्यवाही
किये जाने का
प्रश्न नहीं
उठता है।
वित्तीय
अनियमितता के
प्रकरण में
कार्यवाही
[लोक
निर्माण]
85.
( क्र. 3061 ) श्री
कैलाश
कुशवाहा : क्या लोक
निर्माण
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
शिवपुरी जिले
के PWD डिवीजन
वन में 07 करोड़ का
घोटाला करके
ट्रेजरी से
अपने खातों में
भुगतान
वित्तीय वर्ष 2018-19 से 2023 की अवधि
में किया है? यदि हाँ, तो किन-किन
अधिकारियों
के कार्यकाल
में किन-किन
स्थाई एवं
आउटसोर्स
कर्मचारियों
द्वारा
कितनी-कितनी
राशि का उक्त
गड़बड़झाला
किया है, किस-किस के
बैंक खातों
में घोटाले की
कितनी-कितनी
राशि का
भुगतान, कब-कब किया
है? अधिकारियों/कर्मचारियों
के नाम एवं पद
सहित संपूर्ण
जानकारी दें। (ख) शासन
द्वारा उक्त 07 करोड़ के घोटाले
की राशि में
से
कितनी-कितनी
राशि, किस-किस
अधिकारी/कर्मचारी
से वसूल की गई? यदि राशि
वसूल नहीं की
गई तो क्यों? उक्त
अधिकारियों/कर्मचारियों
के विरूद्ध गंभीर
वित्तीय
घोटाले के
प्रकरण में
प्रश्न
दिनांक तक
क्या-क्या
कार्यवाही, किस-किस के
विरूद्ध, कब-कब की गई? यदि कार्यवाही
नहीं की गई तो
कब तक की जाएगी? (ग) प्रश्नाधीन
वर्णित
घोटाला
किन-किन
अधिकारियों
की अनदेखी के
कारण होता रहा? आरोपी
अधिकारियों/कर्मचारियों
से गबन की गई राशि
संबंधित की
चल-अचल
सम्पत्ति से
कब-तक वसूल की
जावेगी और दोषियों
के विरूद्ध
कौन सी कठोर
दण्डात्मक
कार्यवाही की
जावेगी? (घ) प्रश्नाधीन
वर्णित
घोटाला किन के
द्वारा कब एवं
कैसे उजागर
किया गया? घोटला
उजागर होने के
दिनांक से
क्या-क्या पत्राचार
किन-किन के
द्वारा
किस-किस से
किया गया? किये गये
पत्राचार की
छायाप्रति
संलग्न कर जानकारी
दें।
लोक
निर्माण
मंत्री ( श्री
राकेश सिंह ) : (क) जी
हाँ। जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-"अ"
अनुसार। (ख) वर्तमान
में पुलिस
थाना, शिवपुरी
में अपराध
कमांक-242/2025, दिनांक 26/3/2025 दर्ज होकर
प्रकरण
विवेचनाधीन
है, वसूली
का प्रश्न उपस्थित
नहीं होता। आयुक्त, ग्वालियर
संभाग, ग्वालियर
एवं कलेक्टर, जिला
शिवपुरी
द्वारा प्रथम दृष्टया
दोषियों के
विरूद्ध
निलंबन की
कार्यवाही की
गयी है। जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-1, 2, एवं
3
अनुसार
है। (ग) जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र
"ब" अनुसार। उत्तरांश
"ख" के
परिप्रेक्ष्य
में प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। प्रकरण
विवेचनाधीन
होने के कारण
समय-सीमा बताया
जाना संभव
नहीं है। (घ) जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र
"स" अनुसार।
जी.आर.पी.
पाइप-लाइन की
गुणवत्ता की
जांच
[नगरीय
विकास एवं
आवास]
86. ( क्र. 3062 ) श्री
कैलाश
कुशवाहा : क्या
नगरीय विकास
एवं आवास
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
शिवपुरी शहर
में
मड़ीखेड़ा
डैम से संचालित
जल प्रदाय
परियोजना
अंतर्गत
जी.आर.पी. पाइप
लाइन डाली गई? यदि
हाँ, तो
जी.आर.पी. पाइप
लाइन की
गुणवत्ता की
जांच किस
प्रयोगशाला से
करायी गई? प्रयोगशाला
की जांच
रिपोर्ट
संलग्न कर
जानकारी दें
कि क्या पाइप
लाइन बदलने के
उपरांत आवश्यक
हाइड्रो
टेस्ट कराये
गये? यदि
नहीं, तो
बिना हाइड्रो
टेस्ट के
भुगतान क्यों
किया गया? तृतीय
पक्ष के
विरूद्ध क्या
कार्यवाही की
गई? कार्यवाही
की प्रति
संलग्न कर
जानकारी दें। (ख) क्या
परियोजना
अंतर्गत पुन: 66
करोड़ की
डी.आई. पाइप
लाइन डाली गई
है? यदि
हाँ, तो
पूर्व में
जी.आर.पी. लाइन 59
करोड़ की डाली
गई थी, जो
अत्यंत घटिया
थी? उक्त
घटिया
जी.आर.पी. लाइन
को तृतीय पक्ष
द्वारा मानक
स्तर का किस
आधार पर बताया? यदि
जी.आर.पी. लाइन
मानक स्तर की
थी तो बार-बार
उक्त लाइन में
लीकेज क्यों
एवं कैसे हुआ? (ग)
क्या
शिवपुरी जिले
की बैराड़ नगर
पंचायत की जलावर्धन
योजना का
कार्य पूर्ण
होने की संभावित
तिथि माननीय
मंत्री महोदय
द्वारा 30.06.2024 बताई
गई थी, यदि
हाँ, तो
उक्त
जलावर्धन
योजना का
कार्य पूर्ण
कब हुआ? यदि
नहीं, हुआ तो
कब तक होगा? (घ)
क्या
बैराड़ योजना
की निर्माण
एजेंसी की राशि
रू. 2.54 करोड़
रोकी गई है? यदि
हाँ, तो
उक्त राशि में
से विलंब राशि
कटोत्रा कितना
एवं कब किया
गया?
नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री (
श्री कैलाश
विजयवर्गीय ) : (क) जी
हाँ। पाइप लाइन
की गुणवत्ता
की जांच थर्ड
पार्टी
एजेंसी एस.जी.एस.
से कराई गई है।
जाँच रिपोर्ट
की प्रति
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट-'अ' अनुसार है। जी हाँ।
शेषांश का प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (ख) जानकारी पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट-'ब' अनुसार है। (ग) जी
हाँ। योजना का
कार्य दिनांक 25.10.2024 को पूर्ण
किया गया है। शेषांश
का प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (घ) जी
हाँ। निर्माण
एजेंसी का
अंतिम देयक
तैयार नहीं होने
से विलंब की
गणना अनुसार
कटोत्रा की
राशि बताया
जाना संभव
नहीं है।
मीटर
रीडिंग में
अनियमितता
[ऊर्जा]
87.
( क्र. 3065 ) श्री
दिनेश राय
मुनमुन : क्या
ऊर्जा मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) विभाग
द्वारा नगर
एवं ग्रामीण
क्षेत्र में घरेलू
विद्युत मीटर
रीडिंग हेतु
क्या नियम है? क्या माह
की एक निश्चित
दिनांक को
रीडिंग ली
जाती है? यदि हाँ, तो तिथि
बतावें। (ख) प्रश्नांश
''क'' में
यदि नही है तो
यदि उपभोक्ता
का बिल 30 दिन में 150 यूनिट आना
था और उसको
राज्य शासन
के द्वारा दी
जाने वाली
सब्सिडी का
लाभ मिलता
लेकिन रीडर
द्वारा किसी
माह में 30 दिन में
रीडिंग न होने
पर 32
दिन में रीडिंग
ली गई। ऐसे
में उपभोक्ता
का विद्युत
बिल 160
यूनिट का आया
और उपभोक्ता
सब्सिडी का
लाभ नहीं ले
पाया, तो
क्या मीटर
रीडर की
त्रुटि मानकर
उपभोक्ता को
सब्सिडी का
लाभ दिया जाता
है या नहीं? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) सिवनी
विधानसभा
क्षेत्र में
नगर एवं
ग्रामीण
क्षेत्र में
घरेलू
विद्युत मीटर
रीडिंग
किस-किस तिथि
को की जाती है।
(घ) किसी माह
रीडिंग न लेने
की दशा में
अगले माह होने
वाली रीडिंग
के क्या
नियम/दिशा-निर्देश
हैं?
ऊर्जा
मंत्री ( श्री
प्रद्युम्न
सिंह तोमर ) : (क) प्रदेश
की विद्युत
वितरण
कंपनियों के
अंतर्गत ''मध्यप्रदेश
विद्युत
प्रदाय
संहिता, 2021'' के
प्रावधानों
के अनुसार
घरेलू उपभोक्ताओं
की मीटर
रीडिंग प्रत्येक
बिलिंग चक्र
में एक माह की
अवधि के
अंतराल में न्यूनतम
एक बार लिए
जाने का
प्रावधान है। उक्त
प्रावधानों
से संबंधित
पृष्ठों की छायाप्रति
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
अनुसार है। जी
नहीं। अत: शेष
प्रश्न नहीं
उठता है। (ख) अटल
गृह ज्योति
योजना
अंतर्गत ऐसे
सभी घरेलू
उपभोक्ताओं (ग्रामीण
एवं शहरी) को
लाभ दिया जा
रहा है, जिनकी
मासिक खपत 150 यूनिट तक
है। इस हेतु
दो रीडिंग की
तिथियों के
बीच के अंतर
के आधार पर आनुपातिक
मासिक खपत
पात्रता के
रूप में निर्धारित
किये जाने का
प्रावधान है। उदाहरण
के लिए 27 दिन में
रीडिंग होने
पर पात्रता
हेतु मासिक खपत
135 यूनिट
होगी एवं 32 दिन में
रीडिंग होने
पर पात्रता
हेतु मासिक खपत
160 यूनिट
होगी। उपरोक्तानुसार
प्रत्येक
मासिक रीडिंग
हेतु
निर्धारित
मासिक खपत पात्रता
यूनिट मानी
जाती है।
तद्नुसार
प्रदेश में
उपभोक्ताओं
को अटल गृह ज्योति
योजना का लाभ
दिया जा रहा
है। अत: शेष
प्रश्न नहीं
उठता। (ग) सिवनी
विधानसभा
क्षेत्र के
अंतर्गत
प्रत्येक माह
की 23
तारीख से
आगामी माह की 07 तारीख के
मध्य मीटर
रीडिंग की
जाती है। (घ) किसी
माह विद्युत
उपभोक्ता के
परिसर के बंद (लॉक)
होने की
स्थिति में अथवा
अन्य किसी
कारण से यदि
मीटर रीडिंग
किया जाना संभव
नहीं हो, तो ऐसी
स्थिति में उपभोक्ता
को न्यूनतम
राशि का विद्युत
देयक जारी
किया जाता है।
अगले माह मीटर
रीडिंग होने
के पश्चात
पिछले एवं
वर्तमान माह
की विद्युत
खपत की बिलिंग
एक साथ होती
है (दो माह की
खपत मानते हुए)
एवं पिछले माह
जारी विद्युत
देयक के
विरूद्ध किये
गए भुगतान की
राशि का
समायोजन करते
हुए विद्युत
देयक जारी
किया जाता है।
विभिन्न
विभागों
द्वारा क्रय
की गई सामग्री
की जानकारी
[नगरीय
विकास एवं
आवास]
88.
( क्र. 3066 ) श्री
दिनेश राय
मुनमुन : क्या
नगरीय विकास
एवं आवास
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) सिवनी
जिले के
अंतर्गत आने
वाली नगर
पालिका/नगर परिषद्
में विगत 5 वर्षों
में निकाय की
विभिन्न
शाखाओं जैसे
स्वास्थ्य, उद्यान, भण्डार, योजना, जल प्रदाय, लोक
निर्माण, नियोजन के
द्वारा
कौन-कौन सी
सामग्री एवं
फोटोग्राफी प्रचार-प्रसार
हेतु किस दर
से खरीदी एवं
बनवाई गई है? निकायवार
जानकारी
देवें। (ख) क्या
समस्त
शाखाओं का स्टॉक
रजिस्टर
पूर्ण है अथवा
नहीं? सम्पूर्ण
दस्तावेजों
की जानकारी स्पष्ट
करें। (ग) प्रश्नांश
(क) के संदर्भ
में स्वच्छ
एवं सुंदर
रखने हेतु कितने
कचरा वाहनों
का उपयोग किया
जाता है? कुल
वाहनों की
संख्या
कितनी है? चालू एवं
बंद कितने हैं? किराए के
वाहन कितने हैं? प्रतिदिन
वाहनों में
कितना डीजल व्यय
होता है? कितने टन
कचरा
प्रतिदिन
एकत्रित होता
है? एक
वाहन पर कितने
कर्मचारी
कार्यरत है? क्या सभी
वाहनों की लॉगबुक
पूर्ण है अथवा
नहीं? वाहन
नम्बर सहित
निकायवार
जानकारी
देवें। (घ) स्वच्छ
भारत मिशन
अंतर्गत प्रश्नांश
(क) में उल्लेखित
संस्थाओं
में कौन सी
एन.जी.ओ. संस्था
द्वारा कार्य
किया जा रहा
है और उसे
कार्य देने की
निविदा
प्रक्रिया क्या
अपनाई गई? निविदा
प्रक्रिया की
कार्यवाही
में प्रस्तुत
सम्पूर्ण
दस्तावेजों
की सत्य
प्रतिलिपि
निकायवार
उपलब्ध कराएं।
नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री (
श्री कैलाश
विजयवर्गीय ) : (क)
जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट-अ
अनुसार है। (ख) जी
हाँ। (ग)
जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट-ब
अनुसार है। (घ) नगर
पालिका सिवनी
द्वारा
एन.जी.ओ. नियुक्त
किया गया है। जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट-स
अनुसार है, शेष
निकायों की
जानकारी
निरंक है।
विद्युत
उत्पादन की
तुलनात्मक
जानकारी एवं
प्रतिशत
वृद्धि
[ऊर्जा]
89.
( क्र. 3069 ) श्री
उमाकांत
शर्मा : क्या
ऊर्जा मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश
में वर्ष 2003 में
विद्युत
उत्पादन
कितना है तथा वर्ष
2025 की स्थिति
में कितना है? विद्युत
उत्पादन, थर्मल, जल विद्युत, सौर, पवन आदि
सहित
तुलनात्मक
तथा कितने
प्रतिशत वृद्धि
हुई? (ख) प्रश्नांश
(क) के संदर्भ
में वर्ष 2003 एवं वर्ष 2025 की स्थिति
में
निम्नानुसार
तुलनात्मक, वृद्धि दर
की जानकारी
देवें। मध्यप्रदेश
शासन द्वारा
नियंत्रित
विद्युत
उत्पादन
इकाइयों की
संख्या व
श्रेणी
बतावें। राज्य
में कितने
विद्युत
उपकेन्द्र कितने-कितने
वोल्टेज के
स्थापित थे
एवं ट्रांसमिशन
लाइन की वर्ष 2003 की तुलना
में वर्ष 2025 में कितने
किलोमीटर की
वृद्धि हुई? (ग) वर्तमान
में
मध्यप्रदेश
हेतु
प्रतिदिन कितना
औसत विद्युत
उत्पादन हो
रहा है तथा
प्रतिदिन औसत विद्युत
खपत हो रही है तथा क्या
मध्यप्रदेश
दूसरे
राज्यों में
भी विद्युत
निर्यात कर
रहा है? यदि हाँ, तो कितना
और विद्युत
निर्यात से
कितना लाभ हो रहा
है? (घ) म.प्र. मध्य
क्षेत्र
विद्युत
वितरण कंपनी
अंतर्गत स्मार्ट
मीटर लगाने के
क्या नियम
निर्देश हैं? कौन-कौन से
जिलों में
स्मार्ट मीटर
लगाया जाना
स्वीकृत है? प्रशासकीय
स्वीकृति, तकनीकी
स्वीकृति, निविदा, लागत, कार्यादेश
सहित जानकारी
उपलब्ध
करावें। स्मार्ट
मीटर क्रय
करने के क्या
नियम निर्देश
हैं? छायाप्रति
उपलब्ध
करावें। स्मार्ट
मीटर लगाने
हेतु कब-कब
निविदाएं आमंत्रित
की गईं? छायाप्रति
उपलब्ध
करावें तथा
कौन-कौन सी
एजेन्सियों/कम्पनियों/फर्मों
द्वारा
निविदाओं में
भागीदारी की
गई? निविदा
प्रक्रिया
उपरांत कौन सी
एजेन्सियों/कम्पनियों/फर्मों
की स्वीकृति
हुई? विदिशा
जिले में
स्मार्ट मीटर
लगाने हेतु कौन
सी
कम्पनी/एजेन्सी
को स्वीकृति
प्राप्त हुई? (ड.) क्या
स्मार्ट मीटर
क्रय करने के
संबंध म.प्र. मध्य
क्षेत्र
विद्युत वितरण
कंपनी
अंतर्गत
शिकायतें
प्राप्त हुईं? यदि हाँ, तो उन पर
क्या
कार्यवाही की
गई?
ऊर्जा
मंत्री ( श्री
प्रद्युम्न
सिंह तोमर ) : (क) मध्यप्रदेश
हेतु वर्ष 2003
एवं वर्ष 2025 के
लिये विभिन्न
स्त्रोतों
यथा-थर्मल, जल
विद्युत, सौर, पवन
आदि से
विद्युत उत्पादन
की तुलनात्मक
जानकारी एवं
प्रतिशत
वृद्धि का विवरण पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) वर्ष 2003
एवं वर्ष 2025 की
स्थिति में
मध्यप्रदेश
शासन द्वारा
नियंत्रित
म.प्र. पॉवर
जनरेटिंग
कंपनी की
विद्युत उत्पादन
इकाइयों की
संख्या एवं
श्रेणी की
तुलनात्मक
एवं वृद्धि दर
की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-'ब' अनुसार है
तथा राज्य
में स्थापित
विभिन्न
वोल्टेज के
विद्युत
उपकेन्द्रों
की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-'स' एवं
'स-1' अनुसार है।
ट्रांसमिशन
लाइन की वर्ष 2003 की
तुलना में
वर्ष 2025 में
किलोमीटर
वृद्धि एवं
प्रतिशत
वृद्धि की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-'द' अनुसार है।
(ग) मध्यप्रदेश
हेतु
प्रतिदिन औसत
विद्युत उत्पादन
तथा प्रतिदिन
औसत विद्युत
खपत की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र 'इ' अनुसार है।
वर्तमान वित्तीय
वर्ष 2025-26 के माह
अप्रैल 2025 से जून 2025 तक
की अवधि में 1248
मिलियन यूनिट
विद्युत अन्य
राज्यों को
बैंकिंग के
आधार पर
निर्यात की गई, जिसका
105 प्रतिशत (1310
मिलियन यूनिट)
रबी सीजन के
दौरान (नवम्बर
2025 से फरवरी-2026 की
अवधि में)
प्रदेश की
बढ़ी हुई
विद्युत मांग
की पूर्ति
हेतु इन राज्यों
से वापिस
प्राप्त
होगी। (घ) म.प्र.
मध्य
क्षेत्र
विद्युत
वितरण कंपनी
स्मार्ट
मीटर केन्द्रीय
विद्युत
प्राधिकरण, विद्युत
मंत्रालय, भारत
सरकार की
अधिसूचना
दिनांक 23.12.2019 के
विनियम-4 एवं
विद्युत
मंत्रालय, भारत
सरकार की
अधिसूचना
दिनांक 31
दिसम्बर, 2020 के
विनियम-5 ''मीटरिंग'' तथा
मध्यप्रदेश
विद्युत
प्रदाय
संहिता-2021 के
अध्याय-8 ''विद्युत
मापन तथा
बिलिंग'' के
दिशा-निर्देशों
के अनुपालन
में
आर.डी.एस.एस.
योजना के
अंतर्गत
पारदर्शी
बिलिंग, मीटर
रीडिंग
प्रणाली में
सुधार और सटीक
ऊर्जा
लेखाकंन के
लिए लगाए जा
रहे हैं। उक्त
नियमों/आदेशों
की छायाप्रति
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के प्रपत्र
'फ' अनुसार है।
म.प्र. मध्य
क्षेत्र
विद्युत
वितरण कंपनी
अंतर्गत भोपाल, सीहोर, विदिशा, रायसेन, राजगढ़, बैतूल, नर्मदापुरम, ग्वालियर, गुना, शिवपुरी, श्योपुर, दतिया, भिंड, मुरैना
एवं अशोकनगर
में स्मार्ट
मीटर लगाया
जाना स्वीकृत
है। स्मार्ट
मीटर से
संबंधित
प्रशासकीय/
तकनीकी स्वीकृति
की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-'फ-1' अनुसार है
तथा निविदा, लागत, कार्यादेश
की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-'फ-2' अनुसार है।
स्मार्ट मीटर
क्रय करने के
नियम निर्देश की
प्रति
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-'फ-3' अनुसार है।
स्मार्ट
मीटर लगाने
हेतु निविदा
क्र. 798
दिनांक 27.07.2022 एवं
निविदा क्र. 962
दिनांक 07.08.2023 को
जारी की गई, जिसकी
प्रति
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-'फ-4' एवं
'फ-5' अनुसार है।
निविदा क्र. 798
दिनांक 27.07.2022 के
माध्यम से
जारी की गई
निविदा में 05
फर्मों
यथा-मेसर्स
अडानी
ट्रांसमिशन
अहमदाबाद, मेसर्स
अल्फनार
कंपनी सऊदी
अरब, मेसर्स
जीनस पावर
जयपुर, मेसर्स
इंडिया पावर
कारर्पोरेशन
कोलकाता एवं
मेसर्स
अप्रावा
एनर्जी प्रा.लि.
मुम्बई
द्वारा भाग
लिया गया, जिसमें
मेसर्स
अप्रावा
एनर्जी
प्रा.लि. अहमदाबाद
को म.प्र. मध्य
क्षेत्र
विद्युत
वितरण कंपनी
लिमिटेड के पत्र
क्र. MD/MK/04/TS-798/3419
दिनांक 09.10.2024 के
द्वारा
कार्यादेश
जारी किया गया
एवं निविदा
क्र. 962
दिनांक 07.08.2023 के
माध्यम से
जारी की गई
निविदा में 06
फर्मों
यथा-मेसर्स
अडानी एनर्जी
गुजरात, मेसर्स
अप्रावा
एनर्जी प्रा.
लि. मुम्बई, मेसर्स
अल्फनार
पावर गुरुग्राम, मेसर्स
एच.आई. प्रिन्ट
टेक्नोलॉजी
जयपुर, मेसर्स
मोन्टेकार्लो
लिमि. गुजरात
एवं मेसर्स
टेक्नो
इलेक्ट्रिक
एण्ड इंजि.
कं.लि.
गुरुग्राम
द्वारा भाग
लिया गया, जिसमें
मेसर्स अल्फनार
पावर
प्रा.लिमि.
गुरुग्राम को
म.प्र. मध्य
क्षेत्र
विद्युत
वितरण कंपनी
लिमिटेड के
पत्र क्र. MD/MK/04/TS-962/3244 दिनांक 10.01.2024 के
द्वारा
कार्यादेश
जारी किया
गया। कार्यादेशों
की प्रति
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-'फ-6' एवं
'फ-7' अनुसार है।
विदिशा जिले
में मेसर्स
अल्फनार पावर
प्रा. लिमिटेड
एवं मेसर्स
अप्रावा
एनर्जी पावर
प्रा. लिमिटेड
द्वारा स्मार्ट
मीटर लगाये जा
रहे हैं। (ड.) स्मार्ट
मीटर क्रय
करने के संबंध
में म.प्र. मध्य
क्षेत्र
विद्युत
वितरण कंपनी
अंतर्गत कोई भी
शिकायतें
प्राप्त
नहीं हुई हैं।
अत: शेष प्रश्न
नहीं उठता।
गुणवत्ताविहीन
कार्यों की
जांच
[लोक
निर्माण]
90.
( क्र. 3072 ) श्री
उमाकांत
शर्मा : क्या लोक
निर्माण
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) 1 अप्रैल 2014 से प्रश्नांकित
अवधि तक
विदिशा जिले
में
मध्यप्रदेश
सड़क विकास
निगम
(एम.पी.आर.डी.सी.) अंतर्गत
कौन-कौन सी
सड़क स्वीकृत
हुई? जानकारी
उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश
(क) के संदर्भ
में MPRDC अंतर्गत
स्वीकृत
सड़कों के
विरूद्ध
कितनी सड़कें
अप्रारंभ हैं? कितने
अपूर्ण हैं? अपूर्ण
एवं अप्रारंभ
के क्या कारण
हैं? सड़कों
के
निरीक्षण/परीक्षण
के क्या
नियम/निर्देश
हैं? अधिकारियों
द्वारा कब-कब
सड़क का
निरीक्षण
किया गया? निरीक्षण
के दौरान
क्या-क्या
कमियां पाई गई? कितने
सेम्पल
कलेक्ट किए गए? सेम्पलों
की जांच किस
लैब में कब
कराई गई? जांच में
कौन दोषी पाए
गए? दोषियों
पर क्या
कार्यवाही की
गई? यदि
नहीं, तो
क्यों तथा
कब-तक की
जावेगी? (ग) प्रश्नांश
(क) के संदर्भ
में
सिरोंज-इमलानी-ऐंचदा-सोमवारा-गुरोद-गंजबासौदा
मार्ग कब
स्वीकृत हुआ
था? कार्य
एजेन्सी को
कितनी-कितनी
राशि का कब-कब
भुगतान किया
गया, क्या
गुणवत्ताविहीन
कार्य की प्रश्नकर्ता
के पत्र क्र.194/बीपीएल/2024 दिनांक 09.04.2024 तथा अन्य
व्यक्तियों
द्वारा की गई
शिकायतें
विभाग के
अधिकारियों
को प्राप्त
हुई? यदि
हाँ, तो
उक्त पत्र पर
क्या
कार्यवाही की
गई? कौन-कौन
से
अधिकारियों
द्वारा जांच
कब-कब की गई? जांच में
क्या कमियां
पाई गईं? क्या
मार्ग पुराने
रास्तों को
छोड़कर निजी भूमि
में बनाया गया? यदि हाँ, तो क्या
संबंधित को
मुआवजा दिया
गया? यदि
हाँ, तो
बतावें तथा यदि
नहीं, तो
क्यों? कितने
किलोमीटर पर
निर्माण
पूर्ण नहीं
हुआ है? बिना
पूर्ण
निर्माण
कितना भुगतान
किया गया? (घ) प्रश्नांश
(क),
(ख) के
संदर्भ में
विदिशा जिले
में कितनी
सड़कों का
मरम्मतीकरण
किया जाना है? मार्ग के
नाम सहित
जानकारी
उपलब्ध
करावें।
लोक
निर्माण
मंत्री ( श्री
राकेश सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-अ
अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-अ
एवं 'ब' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-स
अनुसार है। (घ) म.प्र.
सड़क विकास
निगम अंतर्गत
विदिशा जिले में
03 मार्गों
क्रमश:
भोपाल-बैरसिया-सिरोंज, बासोदा-सिरोंज
एवं
विदिशा-अहमदपुर
का मरम्मतीकरण
किया जा रहा
है।
स्मार्ट
विद्युत मीटर
लगाए जाने से
उत्पन्न स्थिति
[ऊर्जा]
91.
( क्र. 3078 ) श्री आतिफ
आरिफ अकील : क्या
ऊर्जा मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) प्रदेश
में विद्युत
उपभोक्ताओं
के यहां स्मार्ट
मीटर क्यों
लगाने की
आवश्यकता
पड़ी और मीटर
किस कंपनी के
लगाया जा रहे
हैं? (ख) उक्त प्रश्नांश
के परिप्रेक्ष्य
में पूर्व में
लगाए गए
इलेक्ट्रॉनिक
विद्युत मीटर
क्या मानक पर
खरे नहीं है? यदि हाँ, तो क्या वर्ष 2000 में
साधारण
विद्युत मीटर
की जगह
इलेक्ट्रॉनिक
मीटर लगाए गए
थे तब विपक्ष
ने भारी विरोध
किया था एवं
मीटर लगाने का
शुल्क भी वसूल
किया गया? बाद में
माननीय उच्च
न्यायालय ने
इस पर रोक
लगाई थी? (ग) यदि
हाँ, तो
क्या स्मार्ट
मीटर लगाने का
शुल्क उपभोक्ताओं
से किश्तों
में वसूल किया
जाएगा? यदि हाँ, तो
इलेक्ट्रिसिटी
एक्ट 2003 और
एमपी
इलेक्ट्रिसिटी
सप्लाई कोड 2021 के तहत
बिजली कंपनी
को किस
शर्त/आधार पर
मीटर बदलने का
अधिकार है? (घ) उपरोक्त
प्रश्नांश
के
परिप्रेक्ष्य
में क्या जिन
विद्युत उपभोक्ताओं
के यहां लगाए
गए विद्युत
मीटरों में बिल
चार गुना अधिक
आ रहे हैं, के संबंध
में
उपभोक्ताओं
द्वारा कड़ा
विरोध एवं
लिखित
शिकायतें की
जा रही है? यदि हाँ, तो क्या
जनहित में
शासन कोई निर्णय
लेगा? यदि
नहीं, तो
क्यों?
ऊर्जा
मंत्री ( श्री
प्रद्युम्न
सिंह तोमर ) : (क) प्रदेश
में विद्युत
वितरण
कंपनियों
अंतर्गत शहरी
क्षेत्रों
में स्मार्ट
मीटर केन्द्रीय
विद्युत
प्राधिकरण, विद्युत
मंत्रालय, भारत
सरकार की
अधिसूचना
दिनांक 23.12.2019 के विनियम-4 एवं
विद्युत
मंत्रालय, भारत
सरकार की
अधिसूचना
दिनांक 31 दिसम्बर, 2020 के विनियम-5 ''मीटरिंग'' तथा
मध्यप्रदेश
विद्युत
प्रदाय
संहिता-2021 के अध्याय-8 ''विद्युत
मापन तथा
बिलिंग'' के
दिशा-निर्देशों
के अनुपालन
में
आर.डी.एस.एस.
योजना के
अंतर्गत
पारदर्शी
बिलिंग, मीटर
रीडिंग
प्रणाली में
सुधार और सटीक
ऊर्जा लेखांकन
के लिए लगाए
जा रहे हैं। प्रदेश
अंतर्गत
विद्युत
वितरण
कंपनियों के क्षेत्रान्तर्गत
लगाये जा रहे
स्मार्ट
मीटरों से
संबंधित
कंपनियों की
चाही गई जानकारी
संलग्न परिशिष्ट
अनुसार है। (ख) जी
नहीं, अपितु
निर्धारित
मानकों के
अनुरूप सतत
रूप से होने
वाले तकनीकी
विकास के
परिप्रेक्ष्य
में उपलब्ध
नवीनतम तकनीक
पर आधारित
मीटरों/विद्युत
उपकरणों का
उपयोग
विद्युत
प्रणाली के
संचालन, नियंत्रण (कंट्रोल)
एवं मापन हेतु
किया जाता है
ताकि गुणवत्तापूर्ण
विद्युत
प्रदाय उपलब्ध
कराने के
साथ-साथ
विद्युत के
उपयोग की
मात्रा की भी
सटीक गणना की
जा सके तथा
तकनीकी विकास
के दृष्टिगत
मानव हस्तक्षेप
को कम करते
हुए उपभोक्ता
को बेहतर
सुविधाएं
उपलब्ध कराई
जा सकें। उल्लेखनीय
है कि पूर्व
में स्थापित
मीटरों में
रियल टाइम
डाटा, नियंत्रण
केंद्र पर
प्राप्त
करने की
सुविधा नहीं
थी परंतु स्मार्ट
मीटर में रियल
टाइम डाटा
जैसे कि प्रत्येक
15 मिनट का
लोड सर्वे
डाटा, प्रतिदिन
की खपत, मासिक खपत, विद्युत
व्यवधान, विद्युत
भार एवं
टी.ओ.डी के
अनुसार खपत की
जानकारी
प्राप्त की
जा सकती है। स्मार्ट
मीटर बगैर
किसी मानवीय
हस्तक्षेप
के स्वचालित
तरीके से खपत
दर्ज करता है।
इससे विद्युत
कंपनी को
उपभोक्ता की
वास्तविक
खपत प्राप्त
होती है जिससे
विद्युत बिल
में त्रुटि
होने की
संभावना नगण्य
होती है। (ग) स्मार्ट
मीटरों हेतु
विद्युत
उपभोक्ताओं
से शुल्क
लेने का प्रावधान
नहीं है। विद्युत
मंत्रालय, भारत
सरकार द्वारा
आर.डी.एस.एस.
योजनान्तर्गत
जारी की गई
गाइड-लाइन एवं
अनुमोदन
अनुसार
स्मार्ट
मीटरों के
पूर्ण रूप से
प्री-पेड होने
के पश्चात आज
की स्थिति में
प्रति
उपभोक्ता
मीटर कुल रू. 900/- का अनुदान
केन्द्र
सरकार की ओर
से प्राप्त
होना है एवं
शेष राशि
विद्युत वितरण
कंपनी द्वारा
वहन किये जाने
के प्रावधान है।
मध्यप्रदेश
विद्युत
प्रदाय
संहिता-2021 के अध्याय-8 ''विद्युत
मापन तथा
बिलिंग'' के
दिशा-निर्देशों/प्रावधानों
के आधार पर स्मार्ट
मीटर लगाये जा
रहे हैं। (घ) जी
नहीं। स्मार्ट
मीटर लगने के
बाद कतिपय
प्रकरणों में
विद्युत बिल
अधिक आने की
शिकायतें
प्राप्त हुई
हैं, जिसका
मुख्य कारण
है कि स्मार्ट
मीटर के माध्यम
से विद्युत
उपभोक्ता की
वास्तविक
खपत अनुसार
परदर्शी
बिलिंग होती
है। अत: शेष
प्रश्न नहीं
उठता है।
बिल्डिंग
निर्माण में
सिविल तथा
इलेक्ट्रिकल
सामग्री का
उपयोग
[लोक
निर्माण]
92.
( क्र. 3084 ) श्री राजन
मण्डलोई : क्या लोक
निर्माण
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) विभाग
अंतर्गत
विभिन्न
बिल्डिंग
निर्माण कार्य
में सिविल तथा
इलेक्ट्रिकल
सामग्री के उपयोग
हेतु कोई
दिशा-निर्देश
जारी किये हैं
या कोई पर्टिकुलर
मेक लिस्ट
तैयार की है? सत्यापित
छायाप्रति
सहित जानकारी
देवें। (ख) बड़वानी
जिले में
विभिन्न
बिल्डिंग
निर्माण
कार्यों में
विभाग द्वारा
निर्देशित
सिविल तथा
इलेक्ट्रिकल
सामग्री के
अलावा अन्य
सामग्री के उपयोग
की कोई शिकायत
या विभागीय
अधिकारियों के
संज्ञान में
कोई प्रकरण
आया हैं? अगर हाँ तो
जानकारी
देवें। (ग) बड़वानी
जिले में
वर्तमान में
कितने
बिल्डिंग
निर्माण
कार्य, कितनी
लागत मूल्य के
चल रहे हैं? कार्य का
नाम, स्थान
सहित प्रगति
की जानकारी
देवें। (घ) बड़वानी
जिले में
वर्तमान में
कितने सड़क निर्माण
कार्य या सड़क
मरम्मत कार्य, कितनी
लागत मूल्य के
चल रहे हैं? कार्य का
नाम, स्थान
सहित कार्य
प्रगति की
जानकारी
देवें।
लोक
निर्माण
मंत्री ( श्री
राकेश सिंह ) : (क) जी
हाँ। जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट-1, 2, 3 एवं 4 अनुसार है। (ख) जी
नहीं। (ग) जानकारी पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-'अ-1' एवं 'अ-2' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-अ
अनुसार है।
रतलाम
नगर निगम में
सीवरेज योजना
के टेंडर
[नगरीय
विकास एवं
आवास]
93.
( क्र. 3085 ) श्री
प्रताप
ग्रेवाल : क्या
नगरीय विकास
एवं आवास
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) अमृत
मिशन-दो में
रतलाम नगर
निगम में सीवरेज
योजना के
टेंडर कितनी
राशि के किस
दिनांक को
निकाले गए, कितनों ने
भाग लिया तथा
क्या-क्या
राशि ऑफर की? किस का चयन
क्यों किया
गया? अनुबंध
की प्रति
देवें। (ख) सीवरेज
योजना दो में
किस वार्ड के, किस
मोहल्ले में, कितने
मकान को
फ्रंटलेन तथा
कितने को
बेकलेन से
जोड़ा जाएगा? किस वार्ड
के किस
मोहल्ले में, कितने
हाउस सर्विस
चैंबर तथा
कितने
सर्कुलर टाइप
में होल बनाए
जाएंगे? उन
मोहल्ले में
पहली योजना
में कितने
मकान को फ्रंटलेन
तथा कितनों को
बेकलेन से
जोड़ा गया था
तथा कितने
हाउस सर्विस
चैंबर तथा
सर्कुलर टाइप
मेनहोल बनाए
गए थे? (ग) रतलाम नगर
निगम में किस
वार्ड में
कितने मकान हैं
तथा उस वार्ड
के कितने मकान
को सीवरेज
योजना एक में
फ्रंटलेन तथा
कितने को
बेकलेन से
सीवर लाइन से
जोड़ा गया था? (घ) कंसल्टेंट
चयन हेतु क्या
प्रक्रिया
अपनाई गई? किस फर्म
का चयन क्यों
किया गया? उसे कितना
भुगतान किया
गया या किया
जाना है।
डी.पी.आर. की
समस्त प्रति
सारे संबंधित
नक्शे सहित
उपलब्ध
करावें। (ड.) अनुबंध
किस दिनांक
को हुआ? ठेकेदार
ने डिजाइन और
ड्राइंग किस
दिनांक को सबमिट
की? डिजाइन
तथा ड्राइंग
की प्रति
देवें।
नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री (
श्री कैलाश
विजयवर्गीय ) : (क) अमृत
मिशन 2.0
अंतर्गत
सीवरेज योजना
हेतु रतलाम
नगर निगम द्वारा
ई-निविदा राशि
रुपये 4778.46 लाख
दिनांक 31.12.2024 को जारी की
गई। उक्त
निविदा में 02
निविदाकारों
द्वारा भाग
लिया गया। मेसर्स
सागर
कंस्ट्रक्शन, जिला
नाशिक
महाराष्ट्र द्वारा
वित्तीय
प्रस्ताव
में राशि रू. 50, 30, 36.391/-
तथा
मेसर्स
कृष्णा
कंस्ट्रक्शन
कम्पनी, अहमदाबाद
द्वारा राशि
रू. 50, 54, 17, 714/- प्रस्तुत
की गई। जिसमें
से न्यूनतम
दर प्रस्तुत
करने वाले
निविदाकार
मेसर्स सागर
कंस्ट्रक्शन
का चयन किया
गया। अनुबन्ध
की जानकारी पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट-अ अनुसार है। (ख) योजना
की
प्रारम्भिक
डी.पी.आर.
अनुसार
सम्पूर्ण शहर
में लगभग 11, 000 फ्रंटलेन
कनेक्शन एवं
लगभग 1600
बैकलेन
कनेक्शन किये
जाना संभावित
है। वर्तमान
में
कार्यादेश
उपरांत
अनुबन्ध अनुसार
निविदाकार
द्वारा सर्वे का
कार्य किया जा
रहा है, जिसके
उपरांत
फ्रंटलेन एवं
बैकलेन
कनेक्शन, हाउस
सर्विस चेम्बर
तथा मैनहोल की
संख्या का
निर्धारण हो
सकेगा। अमृत
मिशन 1.0
अंतर्गत
फ्रंटलेन एवं
बैकलेन
कनेक्शन, हाउस
सर्विस चेम्बर
तथा मैनहोल की
वार्डवार जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। (ग) जानकारी
उत्तरांश (ख) अनुसार
है। (घ) अमृत 2.0 अंतर्गत
डी.पी.आर.
तैयार करने
हेतु, राज्य
स्तर से
निविदा
आमंत्रित कर कंसल्टेंट
का इम्पैनलमेंट
किया गया है। नगर
पालिक निगम
रतलाम हेतु
अनुबन्धित कंसल्टेंट
मेसर्स
वास्तुशिल्पी
प्रोजेक्ट्स
एंड कंसल्टेंट
प्रा.लि.
भोपाल को
वर्तमान तक
राशि रूपये 33, 08, 114/-
का
भुगतान किया
गया। डी.पी.आर.
की प्रति मय
नक्शे सहित
की जानकारी पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट-स अनुसार
है। (ड.)
दिनांक
02.06.2025 को अनुबंध
संपादित किया
गया है।
वर्तमान में
निविदाकार
द्वारा अनुबन्ध
अनुसार सर्वे
का कार्य किया
जा रहा है, सर्वे
उपरांत
ठेकेदार
द्वारा
डिजाइन और ड्राइंग
प्रस्तुत की
जायेगी।
शेषांश का
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है।
प्रदेश
में मार्गों
के निर्माण पर
खर्च राशि
[लोक
निर्माण]
94.
( क्र. 3087 ) श्री
प्रताप
ग्रेवाल : क्या लोक
निर्माण
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) वर्ष 2023-24 से 2024-25 तक
राष्ट्रीय
राजमार्ग, राज्य
राजमार्ग, मुख्य
जिला मार्ग, ग्रामीण
मार्ग एवं
अन्य जिला
मार्ग की
लंबाई
वर्षवार
बताएं। उक्त
अवधि में
प्रतिवर्ष उपरोक्त
वर्गीकरण
सड़क मार्ग
में कितने किलोमीटर
निर्माण किया
गया तथा कितने
किलोमीटर
उन्नयन का
कार्य कितनी-कितनी
राशि से किया
गया। (ख) वार्षिक
प्रतिवेदन
में बजट क्यों
नहीं दिया जाता? पारदर्शिता
का उल्लंघन कर
क्या
भ्रष्टाचार और
आर्थिक
गोलमाल को
छिपाना चाहते
हैं? वर्ष
2023-24 से 2024-25 का बजट एवं
अनुपूरक
मुख्य शीर्ष, योजना
कोड, योजना
का नाम, सेगमेंट
कोड, प्रावधान
तथा व्यय सहित
बतावें। (ग) वर्ष 2023-24 से 2024-25 तक में
सामान्य, जनजाति
उपयोजना तथा
अनुसूचित
जाति उपयोजना के
अंतर्गत
निर्मित सड़क
का नाम, व्यय तथा
लंबाई, जिन
सड़कों का
उन्नयन किया
गया, उनका
नाम, व्यय
तथा लंबाई तथा
विविध प्रमुख
खर्च की जानकारी
दें। (घ) वर्ष 2023-24 से 2024-25 तक
वार्षिक
प्रतिवेदन
में बीओटी
योजना की लंबाई
के साथ उसकी
निर्माण लागत
भी दिखाई जा
रही है। क्या
निर्माण का
पैसा शासन ने
लगाया? कुल टोल
कलेक्शन तथा
उससे शासन को
प्राप्त राशि
क्यों नहीं
दिखाई जाती? सभी टोल
रोड पर
प्रारंभ
दिनांक से 30 जून 2025 तक टोल
कलेक्शन तथा
शासन को
प्राप्त
राजस्व की
जानकारी दें।
जून 2025 तक
कितने वर्ष
तथा माह में
लागत का कितने
प्रतिशत टोल
कलेक्शन हुआ।
लोक
निर्माण
मंत्री ( श्री
राकेश सिंह ) :
(क) वर्ष 2023-24 एवं 2024-25 में
सड़कों की
लम्बाई एवं
निर्माण तथा
उन्नयन एवं
व्यय की जानकारी
पुस्तकालय
में
रखे परिशिष्ट के
प्रपत्र-''अ'',
''अ-1'',
''अ-2''
एवं
''ब''
अनुसार है। (ख) वार्षिक
प्रतिवेदन
में बजट
आवंटन/व्यय का
उल्लेख किया
जाता है, जी
नहीं, वर्ष 2023-24 से
वर्ष 2024-25 तक की जानकारी
पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट-''1'' एवं ''2''
अनुसार है। (ग)
जानकारी
पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट के
प्रपत्र-''स'' एवं ''स-1''
अनुसार है। (घ) जी हाँ।
बीओटी
योजनांतर्गत
ग्रांट
आधारित
परियोजनाओं
में शासन
द्वारा
निवेशकर्ता
को ग्रांट की
राशि प्रदान
की जाती है।
वार्षिक
प्रतिवेदन
में बजट आवंटन,
व्यय
एवं प्रगति का
लेखा-जोखा
प्रदर्शित
किया जाता है।
शेष जानकारी
पुस्तकालय
में
रखे परिशिष्ट के
प्रपत्र-''द''
अनुसार है।
ओवरलोडेड
ट्रांसफार्मर
की स्थिति का
समाधान
[ऊर्जा]
95. ( क्र.
3089 ) डॉ.
तेजबहादुर
सिंह चौहान : क्या
ऊर्जा मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) नागदा
खाचरोद
विधानसभा में
गत वित्तीय
वर्ष 2024-25 में ऐसे
कितने
ट्रांसफार्मर
हैं जो ओवरलोड
थे और नए
वित्तीय वर्ष 2025-26 में
विधानसभा
क्षेत्र के
लिए ओवरलोड
ट्रांसफार्मर
के समाधान के
संदर्भ में
क्या
कार्रवाई की
गई है? (ख) इसमें ऐसे
कितने
ट्रांसफार्मर
हैं जो 24 घंटे
बिजली देने
वाले हैं और
ऐसे कितने
ट्रांसफार्मर
हैं जो खेत
में बिजली
देने वाले हैं
और ओवरलोडेड
है? (ग)
इस
वित्तीय वर्ष 2025-26 में
कितने नए
ट्रांसफार्मर
लगाने के लिए
स्वीकृति दी
गई है और उनकी
लगाने की दिशा
में क्या
कार्रवाई की
गई है? (घ) कार्रवाई
नहीं की गयी,
तो
क्यों?
ऊर्जा
मंत्री ( श्री
प्रद्युम्न
सिंह तोमर ) : (क) नागदा-खाचरौद
विधानसभा
क्षेत्र में
विगत वित्तीय
वर्ष 2024-25
में 849
वितरण
ट्रांसफार्मर
अतिभारित थे, जिनमें से
आर.डी.एस.एस.
योजना के
प्रथम चरण में
स्वीकृत 141 अतिरिक्त
वितरण
ट्रांसफार्मरों
की स्थापना
के कार्य तथा
एस.एस.टी.डी. योजना
में स्वीकृत 06 अतिरिक्त
वितरण
ट्रांसफार्मरों
की स्थापना
एवं 20
वितरण
ट्रांसफार्मरों
की
क्षमतावृद्धि
के कार्यों को
वित्तीय
वर्ष 2024-25
में पूर्ण
किया गया है।
प्रश्नाधीन
क्षेत्रांतर्गत
शेष 211
अतिरिक्त
वितरण
ट्रासंफार्मर
का कार्य एवं 471 वितरण
ट्रांसफार्मरों
की
क्षमतावृद्धि
के कार्य केन्द्र
शासन की
आर.डी.एस.एस.
योजना के
द्वितीय चरण-सिस्टम
मॉडर्नाईजेशन
के तहत प्रस्तावित
करते हुए
कार्य योजना
तैयार कर नोडल
एजेंसी
मेसर्स
पी.एफ.सी., नई दिल्ली
को स्वीकृति
हेतु प्रेषित
की गई।
योजनांतर्गत
उक्त
कार्यों की स्वीकृति
प्रश्न
दिनांक तक
अप्राप्त
है। (ख) उत्तरांश (क) में उल्लेखित
अतिभारित
वितरण
ट्रासंफार्मरों
में से 468 वितरण
ट्रांसफार्मर
24 घंटे
विद्युत
प्रदाय से
संबंधित हैं
एवं 381
वितरण
ट्रांसफार्मर
खेतों में
सिंचाई हेतु 10 घंटे
विद्युत
प्रदाय से
संबंधित है। (ग) प्रश्नाधीन
क्षेत्र हेतु
वर्तमान
वित्तीय वर्ष 2025-26 में प्रश्न
दिनांक तक की
स्थिति में
नवीन वितरण
ट्रांसफार्मर
स्थापित
किये जाने के
कार्य स्वीकृत
नहीं है। अत:
शेष प्रश्न
नहीं उठता है।
(घ) प्रश्नाधीन
क्षेत्र के
अतिभारित
वितरण
ट्रांसफार्मरों
के समाधान
हेतु उत्तरांश (क) में की
गई कार्यवाही
के
परिप्रेक्ष्य
में अन्य कोई
कार्यवाही
प्रस्तावित
नहीं है।
नगर
पालिका परिषद
नागदा के
जीर्णशीर्ण
भवन का
निर्माण
[नगरीय
विकास एवं
आवास]
96. ( क्र.
3090 ) डॉ.
तेजबहादुर
सिंह चौहान : क्या
नगरीय विकास
एवं आवास
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) नगर
पालिका परिषद,
नागदा
का भवन
वर्तमान में
जीर्णशीर्ण
होने के कारण
विगत 5-6 वर्षों से
परिषद का
संचालन अन्य
भवन से संचालित
हो रहा है।
वर्तमान
परिषद
जीर्णशीर्ण
हो चुके भवन
को तोड़कर नया
भवन का
निर्माण करना
चाहती है क्या
कारण है कि
विगत 5 से 6 वर्ष
बीतने के बाद
भी इस दिशा
में कोई
प्रभावी
कार्यवाही आज
तक क्यों नहीं
हुई? (ख) शासन
कब तक नवीन
भवन निर्माण
की आवश्यक
प्रक्रिया पूर्ण
कर लेगा और
नगर पालिका,
नागदा
को भवन
निर्माण की
अनुमति
प्रदान कर देगा?
नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री (
श्री कैलाश
विजयवर्गीय ) : (क) जी
हाँ। जी हाँ।
नगर पालिका
परिषद, नागदा
द्वारा
कार्यालय भवन
निर्माण
कराये जाने के
लिए
प्रारंभिक
डी.पी.आर.
तैयार करा ली
गई है। तैयार
डी.पी.आर. का
स्ट्रक्चरल
डिजाइन अनुमोदन
हेतु
इंजीनियरिंग
कॉलेज को भेजा
जाना है। (ख) नगर
पालिका परिषद, नागदा
द्वारा
कार्यालय भवन
निर्माण
कार्य निकाय
निधि से कराया
जाना है।
निकाय के पास
राशि
उपलब्धता
अनुसार सक्षम
स्वीकृति
हेतु
प्रस्ताव
प्राप्त होने
पर
नियमानुसार
अनुमति दी जा
सकेगी।
उज्जैन
विकास
प्राधिकरण (UDA) द्वारा
नियम-विरुद्ध
कार्य
[नगरीय
विकास एवं
आवास]
97. ( क्र. 3094 ) श्री
महेश परमार : क्या
नगरीय विकास
एवं आवास
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) उज्जैन
में सिंहस्थ
हेतु स्थायी
रूप से लैंड पूलिंग
योजना के तहत 2378
हेक्टेयर
जमीन
अधिग्रहण की
प्रक्रिया
क्या है? क्या
यह प्रक्रिया
भूमि
अधिग्रहण, पुनर्वास
और
पुनर्स्थापन
में उचित
मुआवजा और
पारदर्शिता
का अधिकार
अधिनियम, 2013
(RFCTLARR, धारा
4, 11) और म.प्र.
नगर तथा ग्राम
निवेश
अधिनियम, 1973 (धारा 50) का
पालन करती है? यदि
नहीं, तो
नियम-विरुद्ध
कार्यों का
विवरण दें। (ख) UDA द्वारा
लैंड पूलिंग
हेतु किसानों
की 50% जमीन
अधिग्रहण के
निर्णय की
अधिसूचना की
प्रमाणित
प्रति उपलब्ध
कराएँ। क्या
सामाजिक प्रभाव
आकलन (SIA) और
ग्रामसभाओं
से परामर्श
किया गया? (RFCTLARR अधिनियम, 2013, धारा
5, 7; म.प्र.
सिंहस्थ मेला
अधिनियम, 2015, धारा 12) (ग)
समाचार
और सोशल
मीडिया में
उज्जैन में
किसानों के
विरोध
प्रदर्शन
(प्रभात फेरी, 30
मार्च 2025) की
खबरें हैं।
क्या UDA द्वारा
किसानों को
उचित मुआवजा
और पुनर्वास
की गारंटी दी
गई? यदि
नहीं, तो दोषी
अधिकारियों
के खिलाफ क्या
कार्यवाही
हुई? (म.प्र.
नगर पालिका
अधिनियम, 1961, धारा 323) (घ)
क्या
UDA द्वारा
नियम-विरुद्ध
अधिग्रहण से
किसानों के
अधिकारों का
हनन हुआ? यदि
हाँ, तो RFCTLARR अधिनियम, 2013 (धारा
24) और म.प्र.
नगर तथा ग्राम
निवेश
अधिनियम, 1973 (धारा 56) के
उल्लंघन हेतु
जिम्मेदार
अधिकारियों
पर क्या
कार्यवाही
प्रस्तावित
है? समय-सीमा
सहित बताएँ।
(म.प्र.सिविल
सेवा (आचरण) नियम, 1965, नियम
3) (ड.) क्या
अधिग्रहण की
अधिसूचना के
पूर्व 80
प्रतिशत सिंहस्थ
क्षेत्र के
प्रभावित
किसानों की
लिखित सहमति
शासन ने
प्राप्त कर ली
थी? यदि
हाँ, तो
प्रतियाँ
देवें और यदि
नहीं, तो
दोषी
अधिकारियों
के खिलाफ क्या
कार्यवाही
हुई? (म.प्र.नगर
पालिका
अधिनियम, 1961, धारा 323) (च)
उपरोक्त
अनियमितताओं
की जाँच हेतु
स्वतंत्र समिति
कब तक गठित
होगी? क्या
सरकार
किसानों के
हित में
तत्काल कदम उठाएगी? (म.प्र.सिंहस्थ
मेला अधिनियम, 2015, धारा
15)
नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री (
श्री कैलाश
विजयवर्गीय ) : (क) सिंहस्थ
हेतु स्थाई
रूप से लैंड
पुलिंग योजना
के तहत
संपूर्ण 2378 हेक्टेयर
भूमि का अधिग्रहण
नहीं किया
जाकर भूमि का
नगर तथा ग्राम
निवेश
अधिनियम 1973 (संशोधन 2019) के
प्रावधानों
के अंतर्गत
पुनर्गठन कर
स्थाई
अधोसंरचना का
विकास किया
जाना
प्रस्तावित है।
यह प्रक्रिया
भूमि
अधिग्रहण पुनर्वास
और
पुनर्स्थापन
में उचित
मुआवजा और
पारदर्शिता
का अधिकार अधिनियम
2013
(RFCTLARR, धारा-4 (11) ) के
अंतर्गत नहीं
की जा रही है।
जी हाँ, मध्य
प्रदेश नगर
तथा ग्राम
निवेश
अधिनियम 1973 (संशोधन 2019) की धारा 50 के
अंतर्गत
निर्धारित
प्रक्रिया का
पालन किया जा
रहा है, अत: शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (ख) अधिसूचना
की प्रति पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट अनुसार है। मध्य
प्रदेश नगर
तथा ग्राम
निवेश अधिनियम
1973
(संशोधन
2019)
की
धारा 49
एवं 50 के
अंतर्गत
सिंहस्थ मेला
क्षेत्र में
नगर विकास
योजनाओं के
क्रियान्वयन
के लिए (SIA) और
ग्रामसभाओं
से परामर्श का
प्रावधान
नहीं है। (ग) मध्य
प्रदेश नगर
तथा ग्राम
निवेश
अधिनियम 1973 की धारा 50 के अनुसार
भूस्वामी को
कुल भूमि का 50 प्रतिशत
भूमि अंतिम
विकसित
भूखण्ड के रूप
में प्राप्त
होगी जो कि
मूल भूमि के
कुल मूल्य के
समतुल्य
प्रतिकर के
रूप में
भू-स्वामी के
पास रहेगी, अत: शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (घ) जी
नहीं। उज्जैन
विकास
प्राधिकरण
द्वारा नगर
विकास योजना
के
क्रियान्वयन
से किसानों के
अधिकारों का
हनन नहीं हो
रहा है अपितु
विकास में उन्हें
भागीदार
बनाया जा रहा
है। अत: शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (ङ) जी
नहीं। मध्य
प्रदेश नगर
तथा ग्राम
निवेश
अधिनियम 1973 की धारा 49 व 50 के
अंतर्गत नगर
विकास
योजनाएं
क्रियान्वित की
जा रही है, जिसमें
किसानों की
लिखित सहमति
लिये जाने का प्रावधान
नहीं है किन्तु
मध्य प्रदेश
नगर तथा ग्राम
निवेश
अधिनियम में
उनकी सहमति से
ही इस योजना
का क्रियान्वयन
किया जा रहा
है। (च) उत्तरांश
(क),
(ख) एवं (ग)
के
परिप्रेक्ष्य
में नगर विकास
योजनाओं के
क्रियान्वयन
में
अनियमितता
नहीं होने से
जांच किए जाने
का विषय
उपस्थित नहीं
होता है, अत: शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है।
टोल
वसूली और
जी.एस.टी.राजस्व
का उपयोग
[लोक
निर्माण]
98. ( क्र.
3095 ) श्री
महेश परमार : क्या
लोक निर्माण
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) राष्ट्रीय
और राज्य
मार्गों का
बीओटी संचालन-
मध्यप्रदेश
से गुजरने
वाले
राष्ट्रीय
राजमार्ग (NH)
और
राज्य मार्ग (SH)
में से
कितने
बिल्ड-ऑपरेट-ट्रांसफर
(बीओटी) मॉडल
के तहत
संचालित हैं?
इनके
नाम, स्थान और
ठेकेदारों की
सूची प्रदान
करें। (ख) टोल वसूली
से जीएसटी
राजस्व-
जीएसटी लागू
होने (1 जुलाई 2017)
से
प्रश्न
दिनांक (9 जुलाई
2025) तक
राष्ट्रीय और
राज्य
मार्गों पर
टोल वसूली से
मध्यप्रदेश
सरकार को
विभिन्न टोल
कंपनियों से
जीएसटी के रूप
में कितना
राजस्व
प्राप्त हुआ?
वर्षवार
(2017-2025) विवरण
प्रदान करें। (ग) जीएसटी
राजस्व से
सड़क निर्माण
और नवीनीकरण- जीएसटी
राजस्व से
मध्यप्रदेश
लोक निर्माण विभाग
द्वारा कितनी
नवीन सड़कों
का निर्माण और
पुरानी
सड़कों का
नवीनीकरण हुआ?
वर्षवार
(2017-2025) सड़कों
की संख्या,
लंबाई,
लागत
और ठेकेदारों
का विवरण दें।
(घ)
ग्रामीण
सड़कों का
रखरखाव और
बजट-
प्रधानमंत्री
ग्राम सड़क
योजना (PMGSY) और
मुख्यमंत्री
ग्रामीण सड़क
योजना की गारंटी
अवधि समाप्त
होने के बाद
रखरखाव, मरम्मत,
सुदृढ़ीकरण
और डामरीकरण
के लिए
जी.एस.टी.
राजस्व से
कितनी राशि
आवंटित की गई?
वर्षवार
(2017-2025) विवरण
दें। यदि राशि
आवंटित नहीं
हुई, तो
प्रत्येक
विधानसभा
क्षेत्र के
लिए सड़क उन्नयन
और नवाचार
हेतु बजट
प्रावधान कब
तक होगा? कारण
स्पष्ट करें। (ड.) कार्रवाई
और
पारदर्शिता-
उपरोक्त
कार्यों में
अनियमितताओं
की शिकायतों
पर क्या
कार्रवाई हुई?
कितनी
एफ.आई.आर.
(आईपीसी धारा 420,
467, भ्रष्टाचार
निवारण
अधिनियम, 1988, धारा 13)
दर्ज
हुईं? यदि नहीं,
तो
कारण बताएं।
लोक
निर्माण
मंत्री ( श्री
राकेश सिंह ) : (क) लोक
निर्माण
विभाग के
अंतर्गत कुल 41 (राष्ट्रीय
राजमार्ग एवं
राज्य
राजमार्ग)
बिल्ड-ऑपरेट-ट्रांसफर
(बी.ओ.टी) मॉडल
परियोजना के
तहत संचालित
है। जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है।
भारतीय
राष्ट्रीय
राजमार्ग
प्राधिकरण से
प्राप्त
उत्तर पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट-''1'' अनुसार है। (ख) विभाग
में जानकारी
निरंक है।
भारतीय
राष्ट्रीय
राजमार्ग
प्राधिकरण से
प्राप्त
उत्तर पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट-''1'' अनुसार है। (ग) जी.एस.टी.
राजस्व से
सड़क निर्माण
और नवीनीकरण
हेतु विभाग में
योजना
प्रचलित नहीं
है। (घ) जी.एस.टी.
राजस्व से
ग्रामीण सड़कों
के रख रखाव
हेतु कोई
आवंटन प्राप्त
नहीं हुआ।
वर्तमान में
विभाग
अंतर्गत योजना
प्रचलन में
नहीं होने से
समय-सीमा
बताया जाना
संभव नहीं है। (ड.) उत्तरांश
(ग) एवं
(घ) के
परिप्रेक्ष्य
में प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
लोक
निर्माण
विभाग एवं पी.आई.यू.
द्वारा कराए
गये निर्माण
कार्य
[लोक
निर्माण]
99. ( क्र. 3099 ) श्री
कमलेश्वर
डोडियार : क्या
लोक निर्माण
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) जिले
में लोक
निर्माण
विभाग एवं
पी.आई.यू. द्वारा
वर्ष 2020 से
प्रश्न
दिनांक तक में
कौन-कौन से
कार्य
स्वीकृत किये
गये व स्वीकृत
किए कार्य का
नाम, स्वीकृत
राशि, व्यय
की गई राशि, कार्य
की वर्तमान
में
पूर्ण/अपूर्ण
तथा प्रशासकीय
एवं तकनीकी
स्वीकृति
जारी करने
वाले सक्षम
अधिकारियों
के नाम सहित
सूची वर्षवार
बतावें? (ख) क्या
सैलाना
विधानसभा
अंतर्गत
खीरपुर केलकच्छ
माही नदी पुल
क्षतिग्रस्त
हो गया है? यदि
हाँ, तो उसका
कार्य किस
एजेंसी और
ठेकेदार
द्वारा कराया
गया है तथा
उसमें कितनी
राशि स्वीकृत
हुई है? इसमें
दोषी
अधिकारियों व
सम्बंधित
एजेंसी, ठेकेदारों
पर क्या
कार्यवाही
हुई है? (ग) जिला
रतलाम में
विभाग द्वारा
विगत पाँच
वर्षों में
अनेक निर्माण
कार्य जैसे
सड़क निर्माण, पुल-पुलिया, शासकीय
भवन, स्कूल
भवन, स्वास्थ्य
भवन, छात्रावास, सामुदायिक
भवन आदि का
निर्माण
कार्य किया गया
है? यदि
हाँ, वर्ष 2020 से
प्रश्न
दिनांक तक
विभाग द्वारा
कुल कितने
निर्माण कार्य
कराए गए हैं, उनकी
सूची वर्षवार, कार्यवार, स्थान, स्वीकृत
राशि, व्यय
राशि, ठेकेदार
का नाम सहित
प्रदान करें।
इन कार्यों की
गुणवत्ता
जाँच एवं
तकनीकी
निरीक्षण किन एजेंसियों
द्वारा किया
गया? निर्माण
कार्यों में
शिकायत/जांच
प्रकरण दर्ज
हैं? यदि
हाँ, तो
उसकी जानकारी
वर्षवार
बतावें ? क्या
कार्यों में
सड़कें व अन्य
क्षतिग्रस्त
हो गई हैं? उनकी
सूची, ठेकेदारों
के नाम आदि की
जानकारी
वर्षवार बतावें।
लोक
निर्माण
मंत्री ( श्री
राकेश सिंह ) : (क) जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-''अ'', ''अ-1'',''अ-2'' एवं ''अ-3'' अनुसार है। (ख) लोक
निर्माण
विभाग से सम्बंधित
नहीं है, अपितु मध्यप्रदेश
ग्रामीण सड़क
विकास
प्राधिकरण
रतलाम से सम्बंधित
है, जिनसे
प्राप्त उत्तर पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट-''1'' अनुसार है। (ग) जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-''ब'' एवं ''अ-2'' अनुसार है।
कार्यों की
गुणवत्ता
जांच एवं
तकनीकी
निरीक्षण
विभाग के
अधिकारी, एस.क्यू.सी.
द्वारा किया
गया। जी नहीं, शेष प्रश्नांश
उपस्थित नहीं
होता है।
रतलाम
नगर पालिका को
प्राप्त
राशि का विवरण
[नगरीय
विकास एवं
आवास]
100.
( क्र. 3100 ) श्री कमलेश्वर
डोडियार : क्या
नगरीय विकास
एवं आवास
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) जिला
रतलाम
अंतर्गत आने
वाली
नगरपालिका, परिषद में
वर्ष 2022 से
प्रश्न
दिनांक तक किस
मद में कितनी
राशि शासन
द्वारा जारी
की गई? जानकारी
वर्षवार
उपलब्ध
करावें? (ख) प्रश्नांश
(क) में
उल्लेखित
जिले की
निकायों ने
क्या-क्या
निर्माण
कार्य, खरीदी
कार्य/अन्य
कार्य किये, जानकारी
बतावें? (ग) प्रश्नांश
(क) में
उल्लेखित
राशि से
निर्माण
कार्य हुआ तो
संपूर्ण
निर्माण
कार्य की
जानकारी निर्माण
एजेंसी, कार्य
प्रारंभ एवं
पूर्ण करने की
दिनांक तथा
किस-किस
तकनीकी/प्रशासनिक
अधिकारी द्वारा
निरीक्षण
किया गया, जानकारी उपलब्ध
करावें? (घ) क्या
जिला रतलाम
में निकायों
द्वारा
एजेंसी का लेबर
लाइसेंस, श्रम
विभाग के नियम
अनुसार
श्रमिकों/अन्य
कर्मचारियों
को ठेकेदार
द्वारा सुविधाओं
की
जानकारी/निर्माण
कार्य की
गुणवत्ता हेतु
निकाय द्वारा
किस-किस
दिनांक को
कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी
ने टेस्ट
सैम्पल लिए
तथा किस
प्रयोगशाला
में गुणवत्ता
की जांच हुई, जांच
रिपोर्ट की
कॉपी उपलब्ध
करावें? (ङ)
क्या निकाय
द्वारा
निर्माण
कार्यों में
एवं अन्य सामग्री
क्रय कार्य
में वित्तीय
अनियमितता की है? यदि हाँ, तो, दोषी
अधिकारियों
पर की गई
कार्यवाही की
जानकारी
बतावें? यदि नहीं, तो क्यों
नहीं जानकारी
बतावें?
नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री (
श्री कैलाश
विजयवर्गीय ) : (क) जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है। (ग) जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट-''स'' अनुसार है। (घ) ठेकेदार
द्वारा लेबर
लाइसेंस, श्रम
विभाग से
प्राप्त
किया जाता है, श्रम
विभाग द्वारा
समय-समय पर
कार्य स्थल
पर लगे
श्रमिकों का
निरीक्षण
किया जाकर, श्रमिकों
से पूछताछ की
जाती है।
संविदाकार
द्वारा नियमों
के पालन की
जिम्मेदारी
ठेकेदार की
होती है। जांच
रिपोर्ट की प्रति पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट-''द'' अनुसार है। (ङ) जी
नहीं। उत्तरांश
के
परिप्रेक्ष्य
में शेषांश का
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है।
फोरलेन
सड़कों पर
स्पीड ब्रेकर
के नियम
[लोक
निर्माण]
101.
( क्र. 3103 ) श्री
दिलीप सिंह
परिहार : क्या लोक
निर्माण
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) फोरलेन
सड़कों पर
स्पीड ब्रेकर
बनाने के क्या
नियम हैं? नियमों की
प्रतिलिपि
दें। (ख) लेबड़
से जावरा एवं
जावरा से
नयागांव
संपूर्ण रोड
पर कुल कितने
स्पीड ब्रेकर
कहाँ-कहाँ पर
हैं? इन
ब्रेकरों के
नियम विरुद्ध
निर्माण के
संबंध में
विभाग को
कब-कब
शिकायतें
प्राप्त हुईं एवं
विभाग द्वारा
उन पर क्या
कार्यवाही की
गई? स्पीड
ब्रेकर की ऊँचाई
एवं आकार (शेप)
को लेकर विभाग
की क्या गाइड-लाइन
है? (ग) क्या उक्त
सड़क पर जिस
स्थान पर भी
दुर्घटना होती
है, वहाँ
पर विभाग
द्वारा
सुरक्षा की
अनदेखी कर सिर्फ
स्पीड ब्रेकर
बनाकर
खानापूर्ति
की जा रही है? (घ) क्या
प्रश्नांश
(ग) संदर्भित
फोरलेन पर
उक्त स्थानों
पर ओवरब्रिज
बनाने की
विभाग की कोई
कार्ययोजना
प्रचलन में है? यदि हाँ, तो अवगत
कराएँ।
लोक
निर्माण
मंत्री ( श्री
राकेश सिंह ) : (क) फोरलेन
सड़कों पर
स्पीड ब्रेकर
बनाने हेतु
इण्डियन रोड कांग्रेस
(आई.आर.सी.) 99-2018 की गाइड-लाइन पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट-''1'' अनुसार है एवं
राष्ट्रीय
राजमार्गों
पर स्पीड
ब्रेकर के
संबंध में
भारत सरकार
सड़क परिवहन
एवं राजमार्ग
मंत्रालय
द्वारा जारी परिपत्र
दिनांक 29.08.2016 पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट-''2'' अनुसार है। (ख) जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट-''3'' अनुसार है। स्पीड
ब्रेकर में
सुधार हेतु 01 पत्र
दिनांक 01.06.2022 को
प्राप्त हुआ
था, जिस
पर
निवेशकर्ता
द्वारा
कार्यवाही
करते हुए
ब्रेकर को
मानक अनुसार
पुनः बनाया
गया। इण्डियन
रोड कांग्रेस
(आई.आर.सी.) 99-2018 अनुसार। (ग) जी
नहीं, अनुबन्धानुसार
एवं
आवश्यकतानुसार
सुरक्षा प्रबंध
किये जाते है।
(घ) जी
नहीं, लेबड़
से जावरा एवं
जावरा से
नयागांव
मार्ग पर
विभाग द्वारा
वर्तमान में
ओवर ब्रिज
बनाने की कोई
योजना नहीं
है। अत: शेष का
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
घरेलू
सौर ऊर्जा संयंत्र
योजना
[नवीन एवं
नवकरणीय
ऊर्जा]
102.
( क्र. 3105 ) श्री
दिलीप सिंह
परिहार : क्या नवीन
एवं नवकरणीय
ऊर्जा मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) नीमच, मंदसौर
एवं रतलाम
जिले में
घरेलू सौर
ऊर्जा के लिए
कौन-कौन सी
रजिस्टर्ड
कम्पनियां
कार्य कर रही
है? इनकी
सूची उपलब्ध
कराएं। (ख) उक्त
जिलों में
घरेलू सौर
ऊर्जा योजना
के प्रारंभ
होने की तिथि
से प्रश्न-दिनांक
तक कितने
उपभोक्ताओं
ने सौर ऊर्जा
हेतु आवेदन
किया है? प्रश्न दिनांक
तक कितने घरों
में सौर ऊर्जा
संयंत्र लगाए
जा चुके हैं
तथा कितने
आवेदन किन
कारणों से
लंबित हैं? (ग) 1 जनवरी 2022 के पश्चात
नीमच जिले में
ऊर्जा विभाग
को इस योजना
के संबंध में
किस-किस
व्यक्ति से
किस-किस
प्रकार की
शिकायतें
प्राप्त हुईं
तथा विभाग
द्वारा उन पर
क्या
कार्यवाही की
गई? (घ) क्या नीमच
जिले में शासन
की
महत्वपूर्ण
योजना के
संबंध में
ऊर्जा विभाग
के अधिकारी
उपभोक्ताओं
को अनावश्यक
रूप से परेशान
कर
अनियमितताएँ
कर रहे हैं? इस संबंध
में उच्च
अधिकारियों
को कितनी शिकायतें
प्राप्त हुई
हैं? इसकी
जांच किस
सक्षम
अधिकारी ने की
है।
नवीन
एवं नवकरणीय
ऊर्जा मंत्री
( श्री राकेश शुक्ला
) :
(क)
जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के
प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। (ग) 01 जनवरी 2022 के पश्चात
नीमच जिले में
ऊर्जा विभाग
को इस योजना
के संबंध में
श्री रमेशचन्द्र
वर्मा द्वारा
वेण्डर
डी.आर.सोलर
एण्ड कंसल्टेंट
प्रो. श्री
जितेन्द्र
चोरडिया के विरुद्ध
शिकायत की गई
थी, जिसका
संतुष्टिपूर्वक
निराकरण कर
दिया गया है, जिसकी
विस्तृत जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-''स'' अनुसार है। (घ) नीमच
जिले में
योजना के
संबंध में
ऊर्जा विभाग
के अधिकारी उपभोक्ताओं
को अनावश्यक
रूप से परेशान
कर
अनियमितताएं
करने संबंधी
कोई शिकायत
प्राप्त
नहीं हुई अत:
जानकारी
निरंक है।
एक
भवन में एक से
अधिक विद्युत
कनेक्शन दिया
जाना
[ऊर्जा]
103.
( क्र. 3114 ) डॉ. सतीश
सिकरवार : क्या
ऊर्जा मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) कई
परिवार
संयुक्त रूप
से एक ही भवन
में निवास
करते है, जिनके
मध्य
पारिवारिक
विवाद होने से
अन्य परिवारों
को नवीन
विद्युत
कनेक्शन की
आवश्यकता
होती है, एक भवन में
एक से अधिक
विद्युत
कनेक्शन लिये
जाने की क्या
प्रक्रिया है? नियम की
प्रति उपलब्ध
करावें। (ख) क्या
प्रदेश में एक
भवन में एक से
अधिक विद्युत
कनेक्शन दिये
जा रहे है? यदि नहीं, तो क्यों। (ग) आपके
विभाग द्वारा 31 मार्च 2025 तक एक
परिसर में एक
से अधिक
विद्युत
कनेक्शन दिये
जा रहे थे, लेकिन
वर्तमान में
यह कार्य बंद
कर दिया गया
है? क्यों।
(घ) क्या
भवन में एक से
अधिक विद्युत
कनेक्शन की प्रक्रिया
फिर से शुरू
की जायेगी? यदि हाँ तो
समय-सीमा बताई
जावे।
ऊर्जा
मंत्री ( श्री
प्रद्युम्न
सिंह तोमर ) : (क) एवं (ख) एक
''परिसर'' (भवन/मकान/घर)
में एक से
अधिक
परिवारों के
विभिन्न व्यावहारिक
कारणों से
अलग-अलग निवास
करने किन्तु
उनके मध्य
विधिक
बंटवारा नहीं
होने के कारण
एक परिसर में
एक से अधिक
विद्युत
कनेक्शन
दिये जाने के
संदर्भ में
वर्तमान में
कोई प्रक्रिया
संचालित नहीं
है। अत: शेष
प्रश्न नहीं
उठता है। (ग) राज्य
शासन के आदेश
दिनांक 15/03/2024 एवं आदेश
दिनांक 11/12/2024 द्वारा एक ''परिसर'' में विधिक
बंटवारा नहीं
होने/अन्य के
कारण से एक से
अधिक अलग-अलग
निवासरत परिवारों
को पृथक-पृथक
स्वतंत्र
विद्युत
कनेक्शन
दिये जाने के
लिए विद्युत
वितरण
कंपनियों के
क्षेत्रीय
मुख्य
अभियंताओं के
मुख्यालयों
यथा- भोपाल, ग्वालियर, उज्जैन, इंदौर, जबलपुर, रीवा, सागर एवं
शहडोल में Pilot
Project के तहत
व्यवस्था
दिनांक 31/03/2025 तक लागू की
गई थी। उक्त
योजना के
परिणामों के
विश्लेषण
उपरांत उक्त
योजना की अवधि
का विस्तार
नहीं किया गया
है। (घ) वर्तमान
में ऐसा कोई
प्रस्ताव
विचाराधीन
नहीं है।
विनियमित
कर्मचारियों का
वेतनमान
[नगरीय
विकास एवं
आवास]
104.
( क्र. 3116 ) डॉ. सतीश
सिकरवार : क्या
नगरीय विकास
एवं आवास
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) नगर
निगम
ग्वालियर में
वर्तमान
स्थिति में कितने
विनियमित
कर्मचारी
किस-किस
श्रेणी के पदस्थ
है? संख्या
एवं श्रेणी
सहित जानकारी
दी जावे। (ख) विनियमित
कर्मचारियों
के किस-किस
श्रेणी के
कर्मचारी को
वर्तमान में
कितना वेतन
एवं महगांई
भत्ता किस
वेतनमान अनुसार
दिया जा रहा
है? वेतनमान
एवं देय वेतन
राशि सहित जानकारी
दी जावे। (ग) क्या
प्रश्नांश (ख) में अंकित
विनियमित
कर्मचारियों
को वर्तमान
में पांचवे
वेतनमान
अनुसार वेतन
एवं महगांई
भत्ता 6 वें
वेतनमान
अनुसार दिया
जा रहा है? ऐसा क्यों? यदि हाँ, तो किस
नियम/आदेश
अनुसार दिया
जा रहा है। (घ) नगर
निगम
ग्वालियर की
एम.आई.सी
द्वारा
संकल्प क्रमांक
178,
179
दिनांक 25.09.2023 एवं परिषद
द्वारा ठहराव
क्रमांक 83, 84 दिनांक 03.10.2023 पारित कर, निगम के
कर्मचारियों
को 7 वाँ
वेतनमान दिये
जाने का
प्रस्ताव
भेजा गया है। इसकी
स्वीकृति कब
तक दी जायेगी।
यदि नहीं, दिया
जायेगा तो
क्यों?
नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री (
श्री कैलाश
विजयवर्गीय ) : (क) नगर
निगम
ग्वालियर में
वर्तमान में
कुल 2667
विनियमित
कर्मचारी
कार्यरत हैं।
श्रेणीवार
विवरण
निम्नानुसार
हैः- कुशल-651, अर्द्धकुशल-122, अकुशल-1894 (ख) सामान्य
प्रशासन
विभाग के
परिपत्र क्र.
एफ 5-1/2013/1/3
दिनांक 07.10.2016 अनुसार
कुशल श्रेणी
को 5000-100-8000, अर्द्धकुशल
श्रेणी को 4500-90-7500,
अकुशल
श्रेणी को 4000-80-7000 कुल राशि
रूपये 5,22,80,996 प्रतिमाह
का भुगतान
वेतन के रूप
में किया जा रहा
है। (ग) विनियमित
कर्मचारियों
को पांचवे
अथवा छठवें
वेतनमान
अनुसार वेतन
भुगतान नहीं
किया जा रहा
है। सामान्य
प्रशासन
विभाग के
परिपत्र
अनुसार विनियमित
कर्मचारियों
के लिये पृथक
से श्रेणीवार
वेतनमान
स्वीकृत किया
गया है। तत्समय
छठवें
वेतनमान में
देय महंगाई
भत्ता 125 प्रतिशत
भुगतान किये
जाने का
प्रावधान
किया गया था। तद्नुसार
समय-समय पर
छठवें
वेतनमान में
देय मंहगाई
भत्ते की
वृद्धि
अनुसार
भुगतान किया
जा रहा है। (घ) जी
हाँ। प्राप्त
प्रस्ताव
प्रक्रियाधीन
है।
निविदा
आमंत्रण में
अनियमितता
[नगरीय
विकास एवं
आवास]
105. ( क्र. 3120 ) श्रीमती
अनुभा
मुंजारे : क्या
नगरीय विकास
एवं आवास
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
नगर पालिका
परिषद
बालाघाट में
दिनांक 23/06/2025 को
विद्युत शाखा
अंतर्गत बिड
संख्या GAM/2025/B/6367453,
GAM/2025/B/6367595, GAM/2025/B/6374425 निविदा
के रूप में
आमंत्रित की
गई थी यदि हां? तो
किसकी
स्वीकृति/आदेश
पर निविदा
आमंत्रित की
गई? किस
उपयंत्री की
आईडी का उपयोग
किया गया? वर्तमान
में वह
उपयंत्री किस
जिले में
पदस्थ हैं? उपयंत्री
को किस दिनांक
को बालाघाट से
भारमुक्त
किया गया है
एवं विद्युत
शाखा का
प्रभार किसे दिया
गया? विस्तृत
जानकारी
देवें। (ख) प्रश्नांश
(क) अनुसार
उपयंत्री की
आईडी नगर
पालिका परिषद
बालाघाट में
कौन उपयोग कर
रहा है? निविदा
से सम्बंधित
कोई शिकायत
प्राप्त हुई? यदि
हां? तो
शिकायत पर
क्या
कार्यवाही की
गई? विस्तृत
जानकारी
देवें। (ग) क्या
उपरोक्त निविदा
निरस्त कर दी
गई थी? यदि
हाँ, तो किस
दिनांक को एवं
क्यों एवं
पुनः निविदा आमंत्रित
की गई तो किस
दिनांक को? जानकारी
उपलब्ध
कराएं। (घ) प्रश्नांश
(क) अनुसार
पूर्व में GAM पोर्टल
पर निविदा
आमंत्रित की
गई फिर पुन: 08/07/2025 को
एमपी ऑनलाईन
के माध्यम से
आमंत्रित की
गई जो यह
दर्शाता है कि
विद्युत शाखा
नगर पालिका
परिषद
बालाघाट में
अनियमितता हो
रही है जिसकी
जांच होना
अति-आवश्यक है
जिससे शासन को
हो रहे आर्थिक
नुकसान से
बचाया जा सके।
उक्त प्रकरण
की जाँच कब तक
की जावेगी एवं
जाँच में दोषी
अधिकारी/कर्मचारी
पर क्या कार्यवाही
की जावेगी?
समय-सीमा
बतावें।
नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री (
श्री कैलाश
विजयवर्गीय ) : (क) जी
हाँ। अध्यक्ष
नगर पालिका
परिषद
बालाघाट से
सक्षम स्वीकृति
प्राप्त कर, श्री दीपक
बिसेन
उपयंत्री, उज्जैन
विकास
प्राधिकरण
विभाग उज्जैन
जिले में पदस्थ
है। दिनांक 05/06/2025 को नगर
पालिका परिषद
बालाघाट जिला
बालाघाट से
भारमुक्त
गया। श्री
दीपक बिसेन
उपयंत्री के
स्थानांतरण
पश्चात
विद्युत शाखा
का प्रभार
वर्तमान तक
किसी को नहीं
दिया गया है। (ख) वर्तमान
में श्री दीपक
बिसेन
(उपयंत्री) की
आई.डी. का किसी
के द्वारा उपयोग
नहीं किया जा
रहा है। जी
हाँ, नगर
पालिका परिषद
बालाघाट स्तर
पर शिकायत
प्राप्त
हुई। शिकायत
के परीक्षण
उपरांत निविदा
की प्रक्रिया
में त्रुटि
पाये जाने पर
उक्त तीनों
निविदाएं
दिनांक 07/07/2025 को निरस्त
कर दी गई। (ग) जी
हाँ। दिनांक 07/07/2025 को निरस्त
कर दी गई है।
निविदा में स्थानांतरित
उपयंत्री GEM ID का उपयोग
होने के कारण
निविदा निरस्त
की गई। पुन:
निविदा
दिनांक 08/07/2025 को
आमंत्रित की
गई। जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट
अनुसार है। (घ) जी
नहीं। प्रश्नांश
(क) में
उल्लेखित
निविदाओं को
त्रुटिपूर्ण
पाये जाने से
निरस्त कर दी
गई है। उत्तरांश
के
परिप्रेक्ष्य
में शेषांश का
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है।
स्थाई
स्त्रोत से
पेयजल की आपूर्ति
[नगरीय
विकास एवं
आवास]
106.
( क्र. 3123 ) श्री
इंजीनियर
प्रदीप
लारिया : क्या
नगरीय विकास
एवं आवास
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
नगर पालिका
परिषद, मकरोनिया
में वर्तमान
में पेयजल
आपूर्ति नगर
पालिक निगम, सागर
द्वारा की जा
रही है। यदि
हाँ, तो
विस्तृत
जानकारी देवें।
(ख) क्या
नगर पालिक
निगम, सागर
द्वारा नगर
पालिका परिषद, मकरोनिया
को प्रदाय की
जा रही जल
प्रदाय आपूर्ति
को एक निश्चित
समय उपरांत
पेयजल
आपूर्ति बंद
करने/जल
प्रदाय न करने
के संबंध में
कोई पत्र/कार्यवाही
की गई है। यदि
हाँ, तो
जानकारी
देवें? (ग) क्या
नपा मकरोनिया
ने पेयजल
आपूर्ति के
लिए कोई स्थाई
स्त्रोत से
वार्ड में जल
प्रदाय हेतु
कोई योजना तैयार
की गई है या
अमृत 2.0 जल
प्रदाय योजना
प्रस्तावित
की गई है। यदि
हाँ, तो
जानकारी
देवें एवं
प्रश्न
दिनांक तक
शासन स्तर से
क्या
कार्यवाही की
गई है। (घ) नगर
पालिका परिषद
मकरोनिया
क्षेत्र में
एम.पी.यू.डी.सी
द्वारा 24 X 7
ए.डी.प्रोजेक्ट
पेयजल
परियोजना
निर्माणाधीन
है। प्रश्न
दिनांक तक
किन-किन
वार्डों में कार्य
किया गया है? जानकारी
देवें तथा
किन-किन वार्डों
में कार्य
निर्माणाधीन
है एवं
किन-किन वार्डों
में कार्य
पूर्ण हो गया
है। जानकारी
देवें तथा जिन
वार्डों में
कार्य पूर्ण
हो गया है उन
वार्डों में
पेयजल सप्लाई
की जा रही है
जानकारी
देवें?
नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री (
श्री कैलाश
विजयवर्गीय ) : (क) नगर
पालिक निगम
सागर एवं नगर
पालिका परिषद, मकरोनिया
की पेयजल
आपूर्ति
राजघाट बांध
परियोजना से
संयुक्त जल
स्त्रोत से की
जा रही है। (ख) जी
हाँ। नगर
पालिक निगम
सागर के निगम
परिषद् का साधारण
सम्मेलन के
प्रस्ताव
क्रमांक 07 दिनांक 27.08.2024 के अनुसार
मकरोनिया नगर
पालिका आगामी 02 वर्षों
में अपने
स्वयं के
जलस्त्रोत
तैयार करने का
प्रस्ताव पारित
किया गया है।
कार्यवाही संलग्न परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है। (ग) जी
हाँ। अमृत 2.0 के स्वेप
के अंतर्गत 5.78 करोड़
स्वीकृत किये
गये हैं।
निकाय दवारा
बावेर मठिया
बांध से पेयजल
आपूर्ति हेतु
प्रारंभिक
सर्वेक्षण
रिपोर्ट
तैयार कर
प्रमुख अभियंता
संचालनालय, नगरीय प्रशासन
एवं विकास को
प्रेषित गई
है। प्रस्तावित
योजना में
पेयजल
आपूर्ति के
लिये पाईप
लाईनों का
विस्तार एवं
ओव्हर हेड
टंकी निर्माण
का कार्य लिया
गया है। (घ) नगर
पालिका परिषद
मकरोनिया
क्षेत्र में
एमपीयूडीसी द्वारा
24x7 एडीबी
प्रोजेक्ट पेयजल
परियोजना का
निर्माण
कार्य पूर्ण
किया जा चुका
है। नगर
पालिका परिषद
मकरोनिया
क्षेत्र
अंतर्गत
समस्त 18 वार्डों
में कार्य
किया गया है
एवं समस्त 18 वार्डों
में कार्य
पूर्ण कर लिया
गया है। वार्ड
वार पेयजल
सप्लाई की जानकारी
संलग्न परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है। पेयजल
सप्लाई समस्त
वार्डों में
सुचारू रूप से
किया जा रहा
है।
धसान
नदी पर
नगना-ढांगा
मार्ग पर पुल
निर्माण कार्य
[लोक
निर्माण]
107.
( क्र. 3124 ) श्री
इंजीनियर
प्रदीप
लारिया : क्या लोक
निर्माण
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) धसान
नदी पर
नगना-ढांगा
मार्ग
लुहर्रा
मार्ग के
कि.मी. 4/2 पर
पुल निर्माण
कार्य
निर्माणाधीन
है। यदि हाँ, तो उक्त
कार्य की
निविदा कब
जारी की गई
थी/निविदा
अनुबंध कब
किया गया था
तथा कार्य
पूर्णता की
तिथि सहित
संपूर्ण
जानकारी
देवें। (ख) क्या
प्रश्नांश (क) में
वर्णित कार्य
एजेन्सी
द्वारा
अनुबंध अनुसार
कार्य किया
गया कार्य
एजेन्सी
द्वारा कार्यपूर्णता
किया गया। यदि
नहीं, तो
कार्य
एजेन्सी के
विरुद्ध
विभाग द्वारा
क्या-क्या
कार्यवाही की
गई? (ग) क्या
निर्माण
कार्य करते
समय कार्य
एजेन्सी ने
ब्लास्टिंग
कार्य किया था
यदि हाँ, तो क्या
कार्य
एजेन्सी
द्वारा
अनुमति ली गई
थी? यदि
हाँ, तो
फोटोप्रति
उपलब्ध
करावें तथा
निर्माण कार्य
करते समय
गिट्टी, मुरम एवं
अन्य खनिज गौण
का उपयोग किया
गया है। तो
कार्य एजेन्सी
ने रॉयल्टी
जमा की है।
यदि हाँ, तो
फोटोप्रति
उपलब्ध
करावें। (घ) क्या
कार्य
एजेन्सी ने
प्रश्नांश
(ग) में वर्णित
रॉयल्टी जमा
की है उसी अनुपात
में ही मुरम, गिट्टी/अन्य
खनिज गौण
पदार्थ उपयोग
किये गये है
तथा कार्य
एजेन्सी के विरुद्ध
कार्यवाही कर
शेष रॉयल्टी
राशि को कब तक
जमा करायेंगे?
लोक
निर्माण
मंत्री ( श्री
राकेश सिंह ) : (क) जी
हाँ। जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट के
प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। (ख) जी
हाँ। कार्य
अनुबंधित
समय-सीमा में
प्रगतिरत है। शेष
का प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (ग) जी
नहीं, प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। (घ) जी
नहीं।
ठेकेदार
द्वारा
गिट्टी रेत, मुरम की रॉयल्टी
जमा नहीं करने
के कारण उनके
चल देयकों से
रॉयल्टी
काटी गई है। जानकारी
संलग्न परिशिष्ट
के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है।
स्मार्ट
सिटी के
कार्यों की
जानकारी
[नगरीय
विकास एवं
आवास]
108.
( क्र. 3128 ) श्री
सिद्धार्थ
सुखलाल
कुशवाहा : क्या
नगरीय विकास
एवं आवास
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) स्मार्ट
सिटी सतना
अंतर्गत
स्मार्ट सिटी
प्रोजेक्ट के
तहत कौन-कौन
से कार्य
कहां-कहां कराए
गए उनकी लागत
राशि क्या है? राशिवार
कार्यवार
अलग-अलग
जानकारी
उपलब्ध कराएं? क्या उक्त
कार्यों में
उपयोग की गई
सामग्री एनएबीएल
अप्रूव्ड लैब
से कराई गई? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) सतना
स्मार्ट सिटी
अंतर्गत
स्मार्ट सिटी
फंड से कितने
भी कार्य किए
गए बेहद
गुणवत्ता
विहीन और बिना
किसी पैमाने
के किए गए
निम्न
गुणवत्ता के
होने की वजह
से आए दिन
शिकायतें आती
रहती हैं
स्मार्ट सिटी के
तहत जितने भी
प्रधानमंत्री
आवास बनाए गए
हैं उनमें
दरारें आ गए
हैं सीलन है
इसी तरह जो
नया बस स्टैंड
बना है बेहद
गुणवत्ता
विहीन है इसी तरह
स्टेडियम और
जो भी तालाबों
के कार्य हुए
हैं उन सब की
गुणवत्ता
बहुत ही खराब
है क्या इन सब
में उपयोग की
गई सामग्री
एनएबीएल
टेस्टिंग लैब
से प्रमाणित
कराई गई है
यदि हाँ, तो फिर जो
कार्य किए गए
उनमें ऐसी
शिकायतें क्यों
आ रही हैं? क्या
विधानसभा एक
समिति बनाकर
अपनी निगरानी में
उक्त सभी
कार्यों की
जांच कराएगी।
यदि हाँ, तो कब तक
यदि नहीं, तो क्यों? क्या
एनएबीएल लैब
से अप्रूव्ड
सामग्री में
ऐसी शिकायतें
संभव हैं। यदि
नहीं, तो फिर
स्मार्ट सिटी
सतना में जो कार्य
कराए गए उनमें
ऐसी शिकायत
क्यों आ रही
हैं?
नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री (
श्री कैलाश
विजयवर्गीय ) : (क) सतना
स्मार्ट सिटी
अन्तर्गत
स्मार्ट सिटी
प्रोजेक्ट के
तहत किये गये
कार्यों की
सूची, लागत
राशि एवं
स्थान का
विवरण संलग्न परिशिष्ट
अनुसार है। जी हाँ, उल्लेखित
कार्यों में
उपयोग की गई
सामग्री की
जांच
संविदाकार
द्वारा
मान्यता
प्राप्त एन.ए.बी.एल.
लैब से कराई
गई है। विवरण संलग्न परिशिष्ट
अनुसार है, जिसमें
अंकित सरल
क्रमांक 53 से 71
तक में
उल्लेखित
कार्यों में
टेस्टिंग
रिपोर्ट की
आवश्यकता
नहीं होने से
एन.ए.बी.एल. लैब
से टेस्टिंग
नहीं करायी
गयी है। (ख) सतना
स्मार्ट सिटी
अन्तर्गत
स्मार्ट सिटी
फंड से कराये
गए सभी कार्य
गुणवत्तापूर्ण
मानक अनुरूप
कराये गये है।
स्मार्ट सिटी
योजना के
अंतर्गत
प्रधानमंत्री
आवास निर्मित
नहीं किये गए
है। अत: शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। सतना
स्मार्ट सिटी
अंतर्गत नया बस
स्टैण्ड, स्टेडियम
तथा तालाबों
का विकास
कार्य गुणवत्ता
मानकों के
अनुरूप कराया
गया है तथा
उपरोक्त
कार्यों में
उपयोग की गई
सामग्री की
टेस्टिंग
एन.ए.बी.एल. लैब
से कराई गई
है। उपरोक्त
कार्यों में
गुणवत्ता से
संबंधित कोई
भी शिकायत प्राप्त
नहीं है, शेषांश का
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है।
C.M. Rise स्कूल के
निर्माण की क्वालिटी
[लोक
निर्माण]
109. ( क्र. 3130 ) डॉ.
विक्रांत
भूरिया : क्या
लोक निर्माण
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) झाबुआ
जिले में
निर्माण हो
रहे सभी C.M. Rise स्कूल
में निम्न
स्तर के
निर्माण
कार्य का आकलन
किस प्रकार
किया जा रहा
है,
इस
प्रकार के सभी
पूर्ण, अपूर्ण
निर्माण
कार्य की
विभाग/अन्य
एजेंसी ने जो
भी जाँच वर्ष 2022 से
2025 तक की है,
उसकी विस्तृत
जाँच रिपोर्ट
प्रदान करें। (ख) क्या
सभी C.M. Rise स्कूल
के निर्माण
कार्य में
"डायरेक्टर
जनरल फायर
सर्विस, सिविल
डिफेन्स"
के दिशा
निर्देश
"नेशनल बिल्डिंग
कोड ऑफ इंडिया
2016" के अनुसार
"फायर और लाइफ
सेफ्टी" के
सभी मानक का
पालन किया गया
है?
संपूर्ण
जानकारी सभी
स्कूल की
प्रदान करें।
लोक
निर्माण
मंत्री ( श्री
राकेश सिंह ) : (क) लोक
निर्माण
विभाग (भवन)
झाबुआ जिले के
अंतर्गत सीएम
राइज स्कूल
में निर्माण
कार्य की
गुणवत्ता का
आकलन BIS Code के
मानक, NBC के तय
मापदण्डानुसार, विभाग
के वरिष्ठ
अधिकारी, विभाग
द्वारा
नियुक्त SQM तथा
SQC द्वारा
समय-समय पर
किया जाता है।
सांदीपनि स्कूल
(सीएम राइज स्कूल)
की विस्तृत
जांच रिपोर्ट पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट-
''1'', ''2'', ''3'', ''4'', ''5'' एवं ''6''
अनुसार है। (ख) जी
हाँ। सभी C.M. Rise स्कूलों
के निर्माण
कार्य में
एप्को के माध्यम
से नियुक्त
वास्तुविदों
द्वारा
"डायरेक्टर
जनरल फायर
सर्विस, सिविल
डिफेन्स'' के
दिशा निर्देश
"नेशनल
बिल्डिंग कोड
ऑफ इंडिया 2016'' के
अनुसार "फायर
और लाइफ
सेफ्टी'' के सभी
मानकों का
पालन किया गया
है। "03
निर्माण
कार्यों में
फायर और लाइफ
सेफ्टी" का
कार्य पूर्ण
हो चुका है
एवं 04 कार्य
प्रगतिरत है
जिसमें फायर
और लाइफ सेफ्टी
का कार्य किया
जाना शेष है।
पूर्ण कार्य
की सूची:- (1) सांदीपनि स्कूल
(सीएम राइज स्कूल)
पेटलावद (2) सांदीपनि स्कूल
(सीएम राइज स्कूल)
मेघनगर (3) सांदीपनि स्कूल
(सीएम राइज स्कूल)
खवासा।
प्रगतिरत
कार्य की
सूची:- (1) सांदीपनि स्कूल
(सीएम राइज स्कूल)
झाबुआ (2) सांदीपनि स्कूल
(सीएम राइज स्कूल)
रजला (3) सांदीपनि स्कूल
(सीएम राइज स्कूल)
थांदला (4) सांदीपनि स्कूल
(सीएम राइज स्कूल)
झाबुआ कल्याणपुरा।
विद्युत
केन्द्रों की
स्थापना
[ऊर्जा]
110.
( क्र. 3136 ) श्री
प्रेमशंकर
कुंजीलाल
वर्मा : क्या
ऊर्जा मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) इस
वित्तीय वर्ष 2025-26 में सिवनी
मालवा
विधानसभा
क्षेत्र में
कितने 132 K.V.A. विद्युत
केंद्र एवं
कितने सब
सेंटर
कहां-कहां
स्वीकृत किए
गए हैं? (ख) क्या
स्वीकृत
विद्युत
केन्द्रों का
निर्माण
कार्य पूर्ण
हो चुका है? नहीं तो कब
तक होगा? (ग) क्या
आवश्यकतानुसार
तालपुरा, हिरनखेड़ा, बाईखेड़ी
ग्रामों में
कब तक विद्युत
उपकेंद्र
स्वीकृत किए
जाएंगे?
ऊर्जा
मंत्री ( श्री
प्रद्युम्न
सिंह तोमर ) : (क) वित्तीय
वर्ष 2025-26
में सिवनी
मालवा
विधानसभा
क्षेत्रांतर्गत
ग्राम
डुडुगांव में 132 के.व्ही.
विद्युत
उपकेन्द्र की
स्वीकृति
प्रदान की गई
है तथा कोई भी 33/11 के.व्ही.
विद्युत
उपकेन्द्र
स्वीकृत
नहीं किया गया
है। (ख) जी नहीं।
ग्राम
डुडुगांव में
स्वीकृत 132 के.व्ही.
विद्युत
उपकेन्द्र
का निर्माण
कार्य अभी
प्रारंभ नहीं
हुआ है। भूमि
एवं वित्तीय
उपलब्धतानुसार
आगामी वित्तीय
वर्षों की
पारेषण
कार्ययोजना
में उक्त
विद्युत
उपकेन्द्र
के निर्माण
कार्य को
शामिल किया
जाना प्रस्तावित
है। अत:
समय-सीमा
बताया जाना
संभव नहीं है।
(ग) ग्राम
तालपुरा, हिरनखेड़ा
एवं बाईखेड़ी
में भविष्य
की विद्युत
आवश्यकताओं
के दृष्टिगत 5 एम.व्ही.ए.
क्षमता के
नवीन 33/11
के.व्ही.
विद्युत
उपकेन्द्रों
की स्थापना
का कार्य
आर.डी.एस.एस.
योजनान्तर्गत
भाग-2 (मॉडर्नाइजेशन)
में प्रस्तावित
है, जिसकी
स्वीकृति
भारत सरकार से
अपेक्षित है।
राष्ट्रीय
मार्ग
क्रमांक-56 के
निर्माण की स्वीकृति
[लोक
निर्माण]
111.
( क्र. 3142 ) श्रीमती
सेना महेश
पटेल : क्या लोक
निर्माण
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) अलीराजपुर
जिले में
राष्ट्रीय
राजमार्ग क्रमांक
56 अंतर्गत
अम्बुआ से
सेजावाड़ा तक 28 कि.मी. सड़क
निर्माण हेतु
राशि 370.59
करोड़ की
स्वीकृति
प्रदान की गई
थी, जिसका
भूमि पूजन
केंद्रीय
सड़क परिवहन
मंत्री
माननीय नितिन
गडकरी जी
द्वारा
दिनांक 21.01.2024 को वीडियो
कॉन्फ्रेंसिंग
के माध्यम से
किया गया था
इस परियोजना
का कार्य आज
तक प्रारंभ क्यों
नहीं हुआ? इसके पीछे
क्या कारण हैं? (ख)
भूमि पूजन
उपरांत भी
निर्माण
कार्य प्रारंभ
नहीं हुआ है
तो उसके लिए
कौन उत्तरदायी
है? (ग) शासन
द्वारा इस
कार्य को
प्रारंभ करने
हेतु क्या
प्रयास किए जा
रहे हैं तथा
यह कार्य कब
तक प्रारंभ
होगा? कृपया
अवधि बताएं।
लोक
निर्माण
मंत्री ( श्री
राकेश सिंह ) : (क)
जी हाँ।
जी हाँ। इस
परियोजना के
कार्य हेतु
निविदाएं
आमंत्रित की
जाकर तकनीकी
मूल्यांकन
हेतु
कार्यवाही
प्रचलन में है
एवं इस परियोजना
के अंतर्गत
अर्जित की
जाने वाली भूमि
के
भू-स्वामियों
को मुआवजा
राशि की
कार्यवाही
प्रगतिरत है, समस्त
कार्यवाही
प्रक्रियाधीन
होने के कारण
कार्य
प्रारंभ किया
जाना संभव
नहीं हो पाया
है। (ख) निरंतर
संबंधित
विभागीय
अधिकारियों
द्वारा
स्वीकृत
परियोजना के
अंतर्गत निविदा
मूल्यांकन
एवं अर्जित की
जाने वाली भूमि
के
भू-स्वामियों
को मुआवजा
राशि के वितरण
एवं समस्त
आवश्यक
कार्यवाही की
जा रही है, अतः इस
हेतु कोई
उत्तरदायी
नहीं है। (ग) भू-अर्जन
एवं निविदा
स्वीकृति की
कार्यवाही
पूर्ण न होने
पर भारत सरकार
सड़क परिवहन
एवं राजमार्ग
मंत्रालय के
जारी दिशा
निर्देशों के
क्रम में
चयनित
संविदाकार को एल.ओ.ए.
जारी कर
अनुबंध की
कार्यवाही की
जावेगी, इस कारण
कार्य
प्रारंभ करने
की निश्चित
समयावधि
बताया जाना
संभव नहीं है।
दूध
उत्पादन
बढ़ाने के लिए
अनुबंध
[पशुपालन
एवं डेयरी]
112.
( क्र. 3145 ) श्री संजय
उइके : क्या राज्य
मंत्री, पशुपालन
एवं डेयरी
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
राष्ट्रीय
डेयरी विकास
बोर्ड एवं
म.प्र. राज्य
सहकारी डेयरी
फेडरेशन के
साथ राज्य में
दूध उत्पादन
बढ़ाने के लिए
समझौता/अनुबंध
हुआ है? (ख) यदि
हाँ, तो
अनुबंध/समझौता
अनुसार
किन-किन जिलों
के कौन-कौन सी
ग्राम
पंचायतों में
दुग्ध संकलन
केन्द्र स्थापित
किये गये, दुग्ध
समितियां
कहां-कहां
बनाई गई? अनुबंध की
प्रति उपलब्ध
करावें? (ग) क्या
सभी दुग्ध
संघों में
पदस्थ मुख्य
कार्यपालन
अधिकारी
डेयरी विशेषज्ञ
है?
हाँ तो
कौन-कौन से
अधिकारी कहां-कहां
पदस्थ कब से
है और उनको
डेयरी संचालन
का कितने
वर्षों का
अनुभव है? बतावें? (घ) जबलपुर
दुग्ध संघ का
कार्य
क्षेत्र अधिक
होने के कारण
विगत कुछ
वर्षों में
बालाघाट, सिवनी, छिन्दवाड़ा
जिलों में
दुग्ध संकलन
में कमी आई है? तो क्या
विभाग उक्त
तीनों जिलों
को मिलाकर नया
दुग्ध संघ
प्रारम्भ
करने पर विचार
करेगा?
राज्य
मंत्री, पशुपालन
एवं डेयरी (
श्री लखन पटैल
) :
(क) जी हाँ।
दिनांक 13 अप्रैल 2025 को अनुबंध
निष्पादित
हुआ है। (ख) जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट अनुसार
है।
(ग) जी
हाँ। समस्त
दुग्ध संघों
के मुख्य
कार्यपालन
अधिकारीगणों
ने दिनांक 13.04.2025 को
कार्यभार
ग्रहण कर लिया
था। समस्त
दुग्ध संघों
में पदस्थ
मुख्य
कार्यपालन
अधिकारी, राष्ट्रीय
डेयरी विकास
बोर्ड के
वरिष्ठ
अधिकारी है
तथा डेयरी
क्षेत्र में
कार्य का अनुभव
है। (a) भोपाल
दुग्ध संघ-
श्री प्रीतेश
जोशी, डेयरी
क्षेत्र में
कार्य अनुभव- 17 वर्ष। (b) इंदौर
दुग्ध संघ-
श्री बलवीर
शर्मा, डेयरी
क्षेत्र में
कार्यअनुभव- 13 वर्ष। (c) उज्जैन
दुग्ध संघ-
श्री धनराज
खत्री, डेयरी
क्षेत्र में
कार्य अनुभव- 17 वर्ष। (d) ग्वालियर
दुग्ध संघ-
मोहम्मद
राशिद, डेयरी
क्षेत्र में
कार्यअनुभव- 16 वर्ष। (e) जबलपुर
दुग्ध संघ-
श्री राहुल
त्रिपाठी, डेयरी
क्षेत्र में
कार्य अनुभव- 15 वर्ष। (f) बुंदेलखण्ड
दुग्ध संघ-
श्री संजय
यादव, डेयरी
क्षेत्र में
कार्य अनुभव- 17 वर्ष। (घ) जी
हाँ। दुग्ध
संकलन में कमी
आई है। उक्त
तीन जिलों को
मिलाकर नया
दुग्ध संघ
प्रारंभ करने
के संबंध में
कोई योजना नहीं
है।
सागर
स्मार्ट सिटी योजनांतर्गत
प्रस्तावित निर्माण
कार्य
[नगरीय
विकास एवं
आवास]
113.
( क्र. 3148 ) श्री
शैलेन्द्र
कुमार जैन : क्या
नगरीय विकास
एवं आवास
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) सागर
नगर में
स्मार्ट सिटी
योजनांतर्गत
कौन-कौन से
कार्य किये
जाना प्रस्तावित
थे एवं अब तक
क्या-क्या
कार्य पूर्ण कर
लिये गये? पूर्ण
किये गये
कौन-कौन से
कार्यों पर
कितनी-कितनी
राशि व्यय की
गई? विस्तृत
जानकारी
देवें। (ख) प्रश्न
दिनांक तक
सागर नगर में
स्मार्ट सिटी
द्वारा
प्रस्तावित
कार्यों में
से कितनी राशि
के कौन-कौन से
कार्य किये
जाना शेष है
तथा वर्तमान
तक कौन-कौन से कार्य
है, जो
प्रारंभ ही
नहीं हो पाये
है? इसका
क्या कारण है
और कब तक
प्रारंभ कर
पूर्ण कर लिये
जावेगें?
नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री (
श्री कैलाश
विजयवर्गीय ) : (क) सागर नगर
में स्मार्ट
सिटी
योजनांतर्गत
कुल 106 कार्य
किये जाना
प्रस्तावित
थे, प्रस्तावित
कार्यों की जानकारी
पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है।
उक्त में से 90 कार्य
पूर्ण कर लिए
किये गए हैं।
पूर्ण कार्य व
उन पर व्यय की
गयी राशि की जानकारी
पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है। (ख) प्रश्न
दिनांक तक
सागर नगर में
स्मार्ट सिटी
द्वारा प्रस्तावित
कार्यों में
से शेष कार्य
एवं उनके पूर्ण
किये जाने की जानकारी
पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट-''स'' अनुसार है।
वर्तमान तक
सभी
प्रस्तावित
कार्य प्रारंभ
किये जा चुके
है। अत:
शेषांश का
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है।
कम्पनियों
आउटसोर्स की
जानकारी
[नगरीय
विकास एवं
आवास]
114.
( क्र. 3153 ) श्री
ओमकार सिंह
मरकाम : क्या
नगरीय विकास
एवं आवास
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) नगर
निगम जबलपुर, नगर निगम
भोपाल, नगर निगम
इंदौर में
किस-किस कार्य
के लिए
कितने-कितने
मेनपॉवर हेतु
कौन-कौन सी
आउटसोर्स
कम्पनियों को कब-कब, कहां-कहां
ठेका दिया गया
है? (ख) प्रश्नांक
(क) अनुसार
आउटसोर्स के
माध्यम से
कार्य करने
वालों को
कितनी-कितनी
राशि मानदेय व
वेतन के रूप
में किस-किस
श्रेणी के आधार
पर निर्धारण की
गयी है
श्रेणीवार, राशिवार
विस्तृत
जानकारी दें। (ग) क्या
आउटसोर्स में
काम करने
वालों को बहुत
कम राशि दी
जाती है अगर
हाँ तो कारण
बतावें, अगर नहीं
तो वही काम
करने वाले
नियमित
व्यक्ति का और
आउटसोर्स के
माध्यम से
कार्य करने
वाले की
राशियों की
तुलनात्मक
जानकारी दें।
नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री (
श्री कैलाश
विजयवर्गीय ) : (क) एवं
(ख) जानकारी पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट अनुसार
है। (ग) जी नहीं।
कलेक्टर दर
पर भुगतान
किया जाता है।
शेषांश का
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है।
स्मार्ट
सिटी के अन्तर्गत
आवंटित
दुकानों का
विस्थापन
[नगरीय
विकास एवं
आवास]
115.
( क्र. 3165 ) डॉ. राजेन्द्र
कुमार सिंह : क्या
नगरीय विकास
एवं आवास
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) दिनांक 29.06.2000 को श्री
सुखेन्द्र
प्रताप सिंह
को राजीव गांधी
स्वावलंबन
योजना के तहत
माता मंदिर, अवंति बाई
चौराहा भोपाल
में दुकान
क्र. 1 की
अनुमति
(एन.ओ.सी) दी गई
थी? क्या
6X8 की
अनुमति/एन.ओ.सी
कार्यालय नगर
निगम भोपाल, जोन
क्रमांक-6, हर्षवर्धन
शॉपिंग कॉम्प्लेक्स
से क्रमांक 370/स्टेनो/जो./6 भोपाल
दिनांक 29.01.2000 से नगर
निगम, आयुक्त
महोदय के
अनुमोदन पश्चात
जारी की थी
उक्त आदेश की
एक प्रति
उपलब्ध
करायें? (ख) क्या
गुमटीधारी के
पास उक्त
दुकान का वैध
बिजली का
कनेक्शन था? जो कि बिना
नोटिस दिये
काट दिया गया
है? अगर
नोटिस जारी
किया गया है
तो प्रति दें? (ग) क्या
उक्त दुकान को
स्मार्ट सिटी
प्रोजेक्ट के
तहत् हटाया जा
रहा है? अगर हाँ तो
क्या
विस्थापन के
पहले वैध रूप
से आवंटित
दुकान गुमटी
की जो गत 25 वर्षों से
किसी परिवार
का पेट
आजीविका चला
रही है अन्य
किस स्थान पर
जगह आवंटित की
है? अगर
जगह आवंटित
नहीं की है तो
क्यों? किस नियम
अधिनियमों के
तहत् किसी
गरीब को सताया
जा रहा है? (घ) राज्य
शासन ऐसे
संवेदनशील
प्रकरणों में
क्या किसी वैध
आवंटन को
हटाये जाने के
पूर्व
स्थल/दुकान
आवंटन की
प्रक्रिया को
अपनायेंगे? अगर हाँ तो
कब तक? अगर
नहीं तो क्यों? कारण व
नियम दें?
नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री (
श्री कैलाश
विजयवर्गीय ) : (क) प्रश्नांश
में अंकित
दुकान क्रमांक
01 की अनुमति/NOC की नस्ती
जोन कार्यालय
व मुख्यालय पर
उपलब्ध न होने
से जाँच कर
आवश्यक
कार्यवाही
करने हेतु शिकायती
पत्र थाना
कमला नगर
भोपाल को भेजा
गया है। पत्र
की प्रति पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है। नस्ती
उपलब्ध होने
पर ही उत्तर
दिया जाना
संभव होगा। (ख) म.प्र.
मध्य क्षेत्र विद्युत
वितरण कम्पनी
भोपाल द्वारा
उल्लेखित
दुकान में
दिनांक 07.12.2010 को स्थायी
विद्युत
कनेक्शन क्र.
एन 2606008132
प्रदान किया
गया था, जो कि
वर्तमान में
सुचारू रूप से
चालू है। शेषांश
का प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (ग) जी
हाँ। नगर
पालिक निगम
भोपाल द्वारा
वैध आवंटन के
विस्थापन के
संबंध में
म.प्र. नगर
पालिका (अचल
संपत्ति
अंतरण) नियम 2016 यथा
संशोधित के
अनुसार
कार्यवाही की
जाना है।
शेषांश का
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (घ) जी
हाँ। वैध
आवंटन के
विस्थापन के
संबंध में अचल
संपत्ति
अंतरण नियम 2016 यथा
संशोधित के
अनुसार
कार्यवाही
किये जाने के
प्रावधान है।
नियम की प्रति पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार
है। शेषांश
का प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है।
पात्र
हितग्राहियों
को पट्टे
विवरण किये जाने
की वर्तमान
स्थिति
[नगरीय विकास
एवं आवास]
116.
( क्र. 3166 ) श्री
हरदीप सिंह
डंग : क्या
नगरीय विकास
एवं आवास
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) सुवासरा
विधानसभा
क्षेत्रान्तर्गत
नगर परिषद्
सुवासरा के
वार्ड नंबर 1 से वार्ड
नंबर 15
में निवासरत्
पात्र
हितग्राहियों
को पट्टे देने
हेतु
सर्वेक्षण का
कार्य कितने
वर्षों से चल
रहा है तथा
उक्त कार्य की
वर्तमान
स्थिति की
जानकारी
देवें। (ख) पात्र
हितग्राहियों
को पट्टे
प्रदान करने
हेतु और कितने
वर्षों तक
सर्वेक्षण का
कार्य चलाया
जाएगा? (ग) सुवासरा
नगर परिषद्
में कुल कितने
पात्र हितग्राहियों
को पट्टे हेतु
चिन्हित किया
गया है, वार्ड
नंबर एवं
हितग्राही के
नाम सहित
जानकारी
देवें। (घ) उपरोक्त
पात्र
हितग्राहियों
को कब तक
पट्टे वितरण
कर दिए जाएंगे?
नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री (
श्री कैलाश
विजयवर्गीय ) : (क) सुवासरा
नगर में
आवासीय पट्टे
हेतु सर्वेक्षण
का कार्य मई 2023 में
प्रारंभ किया
गया था।
सर्वेक्षण दल
द्वारा
सर्वेक्षण
उपरांत 167 पात्र
हितग्राहियों
की सूची
अनुविभागीय
अधिकारी
राजस्व
सीतामउ को
प्रेषित की गई
थी, जिसका
अनुविभागीय
अधिकारी
(राजस्व)
सीतामउ
द्वारा
तहसीलदार
सुवासरा के
माध्यम से
पुन: परीक्षण
कराया जा रहा
है। (ख) कार्यालय
कलेक्टर
(जिला शहरी
विकास अभिकरण)
जिला मदंसौर
द्वारा
अनुविभागीय
अधिकारी
(राजस्व)
सीतामउ को
सर्वेक्षण
कार्य
समय-सीमा में
पूर्ण किये
जाने हेतु
निर्देशित
किया गया है। (ग) वर्तमान
में नगर
परिषद्
सुवासरा में
पट्टा वितरण
हेतु प्राप्त
सूची के
परीक्षण का
कार्य
प्रचलित होने
से प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (घ) उतरांश
(क) एवं (ख) के
परिप्रेक्ष्य
में समय-सीमा
बताया जाना
संभव नहीं है।
एल.टी.लाईन
के पुराने एवं
खराब तारों को
बदलना
[ऊर्जा]
117.
( क्र. 3167 ) श्री
हरदीप सिंह
डंग : क्या
ऊर्जा मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) सुवासरा
विधानसभा
क्षेत्र में
वर्षों पुराने
एल.टी. लाईन
तारों की
ग्रामवार एवं
विद्युत
वितरण
केन्द्र वार
पृथक-पृथक
जानकारी
देवें तथा
अंतिम बार किस
वर्ष में बदले
गए थे? (ख) एल.टी. लाईन
पुराने होने के
कारण किस-किस
वितरण
केन्द्र के
ग्रामों में
कम वॉल्टेज
की समस्या आती
रहती है? (ग) कंपनी
द्वारा
पुराने एवं
खराब तारों को
बदलने हेतु
क्या कोई
योजना तैयार
की गई है? (घ) उपरोक्त
ग्रामों में
वॉल्टेज
सुचारू रूप से
प्राप्त हो सके
इस हेतु कब तक
पुराने तारों
के स्थान पर
नए तार लगा
दिए जाएंगे? जानकारी
देवें।
ऊर्जा
मंत्री ( श्री
प्रद्युम्न
सिंह तोमर ) : (क) सुवासरा
विधानसभा
क्षेत्र
अंतर्गत
वर्षों पुराने
निम्नदाब
(एल.टी.) लाईन के
तारों की प्रश्नाधीन
चाही गयी
ग्रामवार एवं
वितरण केन्द्रवार
जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट
अनुसार है।
निम्नदाब
लाईन के तारों
एवं केबलों के
टूटने की
शिकायतें
प्राप्त
होने पर
त्वरित रुप से
कार्यवाही
करते हुए सुधार
कार्य कर दिया
जाता है एवं
खराब पाये जाने
पर उपलब्धता
अनुसार बदल
दिया जाता है।
वर्तमान में
आर.डी.एस.एस.
योजना
अंतर्गत
स्वीकृत
विद्युत लाईनों
के तार बदलने
का कार्य
प्रक्रियाधीन
है। (ख) निम्न दाब
(एल.टी.) लाईनों
के पुराने
होने के कारण
वोल्टेज की
समस्या नहीं
आती है। तथापि
कतिपय
प्रकरणों में
निम्नदाब
लाईन के अंतिम
छोर पर
संयोजित
विद्युत उपभोक्ताओं
को वोल्टेज
की समस्या आ
सकती है। (ग) केन्द्र
शासन की
आर.डी.एस.एस.
योजनान्तर्गत
प्रश्नाधीन
क्षेत्र के
पुराने एवं
खराब तारों को
बदलने एवं
उनकी क्षमता वृद्धि
हेतु स्वीकृत
कार्य
प्रक्रियाधीन
हैं। (घ) प्रश्नाधीन
क्षेत्र में
भविष्य की
भार वृद्धि
एवं अधिक
गुणवत्तापूर्ण
विद्युत
आपूर्ति
सुनिश्चित
किये जाने के
लिये
आर.डी.एस.एस.
योजना के तहत
विभिन्न
कार्य
यथा-अतिरिक्त
वितरण
ट्रांसफार्मरों
की स्थापना, कंडक्टर
की क्षमता वृद्धि, निम्नदाब
(एल.टी.) लाईन का
केबलीकरण, उच्चदाब
फीडरों का विभक्तिकरण
एवं 33/11
के.व्ही. नवीन
विद्युत
उपकेन्द्र
की स्थापना
के कार्यों की
स्वीकृति
उपरांत उनका
क्रियान्वयन
प्रगति पर है।
उक्त
कार्यों में
से 33/11
के.व्ही.
विद्युत
उपकेन्द्र
बसई का
निर्माण
कार्य पूर्ण
किया जा चुका है।
उक्त के
अतिरिक्त
एस.एस.टी.डी.
योजनान्तर्गत
नवीन 33/11
के.व्ही.
विद्युत
उपकेन्द्र
बाजखेडी की स्वीकृति
प्राप्त हो
चुकी है, जिसके
निर्माण हेतु
भूमि आवंटन की
कार्यवाही
प्रक्रियाधीन
है। इस प्रकार
सुवासरा विधानसभा
क्षेत्रान्तर्गत
विद्युत
अधोसंरचना
सुदृढ़ीकरण
के कार्यों
हेतु राशि रू. 1241 लाख के
कार्य स्वीकृत
हैं। उक्त स्वीकृत
कार्यों का
क्रियान्वयन
विभिन्न
चरणों में है, जिनके
पूर्ण होने की
निश्चित
समय-सीमा
बताया जाना
वर्तमान में
संभव नहीं है।
कुसुम
योजना के
अंतर्गत सोलर
पम्प की
जानकारी
[नवीन एवं
नवकरणीय
ऊर्जा]
118.
( क्र. 3171 ) श्री उमंग
सिंघार : क्या नवीन
एवं नवकरणीय
ऊर्जा मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) म.प्र.
ऊर्जा विकास
निगम ने 1 एचपी से 10 एचपी तक
सोलर पम्प
प्रदान करने
हेतु कुसुम ए, बी एवं सी
योजना कब
प्रारंभ की? (ख) प्रश्नांश
(क) के प्रकाश
में प्रदेश के
कितने हितग्राहियों
ने पंजीयन
कराया, कितनों से
राशि कितने
एचपी के लिये
राशि जमा
करायी गई तथा
कितनों को
सोलर पम्प
प्रदाय किये? संख्या
बतायें? (ग) जिन्हें
सोलर पंप नहीं
दिये गये
उन्हें राशि वापस
की गई? यदि
नहीं, तो
क्यों ? इसके लिये
कौन दोषी है? उनके विरुद्ध
क्या कार्यवाही
की गई?
नवीन
एवं नवकरणीय
ऊर्जा मंत्री
( श्री राकेश शुक्ला
) :
(क) प्रधानमंत्री
किसान ऊर्जा
सुरक्षा एवं
उत्थान
महाभियान
(पी.एम.कुसुम-ब)
योजना केन्द्र
शासन द्वारा
वर्ष 2019
में लागू की
गई, इस
योजना का
उद्देश्य
भारत में
किसानों के
लिये ऊर्जा
सुरक्षा
सुनिश्चित
करना है।
प्रदेश में
कुसुम-ब योजना
''प्रधानमंत्री
कृषक मित्र
सूर्य योजना'' के नाम से
संचालित है।
कुसुम-ब के
अन्तर्गत
कृषकों के
यहां ऑफ ग्रिड
सोलर पम्पों
की स्थापना
की जाती है।
योजना की जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। (ख) प्रश्नांश
(क) के प्रकाश
में कुसुम-ब
योजना के तहत
प्रदेश में
पंजीयन राशि
रू.5000/- सहित
वर्तमान में
पोर्टल
अनुसार जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-''स'' अनुसार है।
वर्तमान में 3856
हितग्राहियों
के द्वारा
पोर्टल पर
कार्यवाही की
जाना शेष है।
इनमें से 7131
हितग्राहियों
के यहां सोलर
पम्प स्थापना
की जा चुकी
है। इसके
अतिरिक्त
लगभग 23000
हितग्राही
बिना पंजीयन
राशि के
पंजीकृत है। कृषकों
की पात्रता व
पम्प स्थापना
हेतु स्थल की
उपयुक्तता
के आधार पर
पम्प की स्थापना
की जाती है।
वित्तीय
वर्ष 2025-26 में 30.06.2025 की स्थिति
में सोलर पम्प
योजना हेतु
संचालित खाते
में कृषकों
द्वारा जमा की
गई कुल राशि
रू. 18,10,82,694/- (अठारह
करोड़ दस लाख
बयासी हजार छ:
सौ चौरानवे)
है। (ग) प्रश्नांश
(ख) अनुसार
पूर्व में
पंजीकृत
हितग्राहियों
के आवेदन, जिन्होने
रू. 5000/- पंजीयन
राशि जमा कराई
गई है पर
वर्तमान में
सोलर पंप स्थापना
हेतु पात्र
पाये जाने पर
पंप लगाने की
कार्यवाही की
जा रही है।
अपात्र पाये
जाने पर उनकी
राशि उन्हें
वापस की
जायेगी। जिन
कृषकों
द्वारा राशि वापसी
की मांग की गई
है उन्हें
निगम द्वारा
राशि वापस कर
दी गई है।
वर्ष 2025
में पोर्टल
कुछ समय के
लिए अप्रैल
एवं नियमित
रूप से जून
में खोला गया
है। नवीन
आवेदन पर योजना
में
निर्धारित
समय-सीमा
अनुसार कार्य प्रचलित
है। इस वित्तीय
वर्ष में कोई
भी राशि वापस
नहीं की गई
है।
ए.आई.सी.टी.एस.एल.
के होर्डिंग
टेंडर में
अनियमितता
[नगरीय
विकास एवं
आवास]
119.
( क्र. 3172 ) श्री उमंग
सिंघार : क्या
नगरीय विकास
एवं आवास
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या वर्ष 2018-19 के दौरान ए.आई.सी.टी.एस.एल.
इंदौर ने
विज्ञापन
हेतु
होर्डिंग
टेण्डर जारी
कर इसका कार्य
एन.एस.
पब्लिसिटी
इंडिया प्रा.लिमिटेड
जयपुर को दिया
गया? यदि
हाँ, तो
स्पष्ट
जानकारी दें? (ख) उक्त
अवधि अनुबंध
की शर्तों के
अनुसार कार्य कब
समाप्त होना
था? (ग) क्या
ए.आई.सी.टी.एस.एल.
इंदौर
द्वारा 30 करोड़
रूपये की छूट
एन.एस.
पब्लिसिटी
इंडिया प्रा.
लि., जयपुर
को दी गई।
जबकि
फोटोग्राफी व
वित्तीय साक्ष्यों
से यह तथ्य
सामने आये हैं
कि महामारी के
दौरान
विज्ञापन
जारी रहे व
ठेकेदार ने राजस्व
अर्जित किया? (घ) क्या
ठेकेदार को
अनुबंध की
शर्तों के
आधार पर सकल
आय पर 4
प्रतिशत कर का
भुगतान करना
अनिवार्य था, जिसे नहीं
किया गया।
इससे शासन को
कितनी राजस्व
की हानि हुई? (ड.) क्या
नगरीय विकास
एवं आवास
विभाग ने
दिनांक 05 जुलाई 2024 के आदेश
में प्रश्न (ग) में
उल्लेखित छूट
को अमान्य
किया है? (च)
उपरोक्त
प्रश्नों के
प्रकाश में
प्रकरण में कौन-कौन
दोषी है? उनके विरुद्ध
क्या
कार्यवाही की
गई।
नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री (
श्री कैलाश
विजयवर्गीय ) : (क) जी
हाँ। इन्दौर
एस.पी.वी ए.आई.सी.टी.एस.एल.
द्वारा
बी.आर.टी.एस. कॉरिडोर
पर विज्ञापन
के
प्रचार-प्रसार
हेतु निविदा के
माध्यम से
मेसर्स एन.एस.
पब्लिसिटी
इंडिया
प्राईवेट
लिमिटेड को
नियुक्त किया
गया था, विज्ञापन
संबंधित
समस्त जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट-''अ'' अनुसार
है। (ख) ए.आई.सी.टी.एस.एल.
द्वारा
बी.आर.टी.एस. कॉरिडोर
पर विज्ञापन
के
प्रचार-प्रसार
हेतु अनुबंध दिनांक
06/03/2019 को
संपादित किया
गया था एवं
कार्य
प्रारंभ
दिनांक 01/06/2019 से हुआ था।
वैश्विक
महामारी
कोविड-19, प्रवासी
भारतीय दिवस
एवं स्वच्छ
भारत मिशन के
दौरान कुल 22 माह की समय
वृद्धि की गई
थी, जो
दिनांक 31/03/2026 तक
प्रभावशील थी, किन्तु
बी.आर.टी.एस.एस. कॉरिडोर
को हटाए जाने
के माननीय
उच्च
न्यायालय के
आदेश के क्रम
में 17/04/2025
को अनुबंध
समाप्त किया
जा चुका हैं। (ग) जी
नहीं।
ए.आई.सी.टी.एस.एल.
द्वारा 30 करोड़ रू.
की छूट मेसर्स
एन.एस.
पब्लिसिटी
इंडिया प्रा.लि.
को नहीं दी
गयी। शेषांश
का प्रश्न
नहीं उठता। समय-समय
पर
नियमानुसार
प्रशासनिक स्वीकृति
उपरांत
विज्ञापन
हेतु
समयवृद्धि की
गई है। (घ) अनुबंध
की शर्तों के
अनुसार सकल आय
पर 04
प्रतिशत का
भुगतान जैसा
कोई प्रावधान
उल्लेखित
नहीं था। शेषांश
का प्रश्न
नहीं उठता। (ड.) जी
नहीं।
ए.आई.सी.टी.एस.एल.
से संबंधित न
होकर नगर
पालिक निगम, जबलपुर से
संबंधित है जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है। अत:
शेषांश का
प्रश्न
उपस्थिति
नहीं होता। (च) उक्त
समस्त प्रश्नों/प्रकरणों
पर इंदौर
एस.पी.वी.
ए.आई.सी.टी.एस.एल.
द्वारा
विधिवत
क्रियान्वयन
किया गया है, कार्यवाही
का प्रश्न
नहीं उठता है।
मध्यप्रदेश
मध्य क्षेत्र
विद्युत
वितरण कंपनी
द्वारा कराये गए
कार्य
[ऊर्जा]
120.
( क्र. 3186 ) श्री
हेमंत
सत्यदेव
कटारे : क्या
ऊर्जा मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश
मध्य क्षेत्र
विद्युत
वितरण कंपनी लि.
द्वारा फर्म XtraNet
Technologies Pvt. Ltd. को
वर्ष 2013 से
वर्ष 2018 तक
की अवधि में
कितनी राशि के
कितने
वर्कऑर्डर
जारी किये गये
है एवं
कितनी-कितनी
राशियों का
भुगतान किया
गया है? वर्षवार
जानकारी दी
जाये। (ख) उपरोक्त
फर्म को
आलोच्य अवधि
में कंपनी
द्वारा जो भी
कार्यादेश
दिये गये है
उन सभी टेण्डर
प्रक्रिया में
किन-किन
फर्मों ने भाग
लिया? तकनीकी
रूप से
कौन-कौन सी
फर्म योग्य
एवं कौन सी
अयोग्य रही? अयोग्य
होने के कारण, टेण्डर
राशि क्या थी
एवं इसके
विरुद्ध
कितनी राशि का
वर्कआर्डर
जारी किया गया
तथा कार्योपरान्त
कितनी राशि का
भुगतान किया
गया? वर्षवार, प्रत्येक
टेण्डर की
जानकारी सहित
टेण्डर
डॉक्यूमेंट
की छायाप्रति
उपलब्ध कराएं? (ग) आलोच्य
अवधि में
कंपनी द्वारा
उपरोक्त फर्म से
बिना निविदा
आमंत्रित
किये कौन-कौन से
कार्य
स्वीकृत कर
कराये गये? वर्षवार
जानकारी
जिसमें कार्य
का नाम, कार्य की
राशि, स्वीकृत
दिनांक, स्वीकृतकर्ता
अधिकारी का
नाम व पद एवं
स्वीकृत करने
का आधार (जिस
नियम के
अंतर्गत
कार्य की
स्वीकृति दी)
व भुगतान की
गई राशि व
दिनांक सहित
प्रत्येक
कार्यवार
पृथक-पृथक
जानकारी दी
जाये। (घ) उक्त
फर्म के विरुद्ध
आलोच्य अवधि
में विभाग को
कितनी
शिकायतें
प्राप्त हुई? प्राप्त शिकायत
एवं जाँच
प्रतिवेदनों
की
छायाप्रतियों
सहित की गई
कार्यवाही की
पूर्ण
जानकारी दी जाये?
ऊर्जा
मंत्री ( श्री
प्रद्युम्न
सिंह तोमर ) : (क) म.प्र.मध्य
क्षेत्र
विद्युत
वितरण कंपनी
लिमिटेड द्वारा
मेसर्स
एक्सट्रानेट
टेक्नोलोजिस
प्रा.लि. को
वर्ष 2013 से 2018 तक की अवधि
में जारी वर्क
ऑर्डर
(कार्यादेश) एवं
भुगतान की गई
राशि की
वर्षवार जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। (ख) म.प्र.मध्य
क्षेत्र
विद्युत
वितरण कंपनी
लिमिटेड द्वारा
उपरोक्त अवधि
में मेसर्स
एक्सट्रानेट
टेक्नोलोजिस
प्रा.लि. को
जारी
कार्यादेश, टेंडरों
में भाग लेने
वाली फर्मों, तकनीकी
रूप से योग्य
एवं अयोग्य
फर्म, अयोग्य
होने के कारण, टेंडर
राशि, कार्यादेश
राशि एवं
कार्य उपरांत
भुगतान की गयी
राशि की जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-''ब'' अनुसार है।
टेंडर/इंक्वायरी
डॉक्यूमेंट
की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-''स'' अनुसार है। (ग) म.प्र.मध्य
क्षेत्र
विद्युत
वितरण कंपनी
लिमिटेड द्वारा
उपरोक्त अवधि
में मेसर्स
एक्सट्रानेट
टेक्नोलोजिस
प्रा.लि. को
बिना निविदा
आमंत्रित
किये स्वीकृत
कार्य की राशि, स्वीकृत
दिनांक, स्वीकृतकर्ता
अधिकारी का
नाम एवं पद, स्वीकृत
करने का आधार
का विवरण एवं
मेसर्स एक्सट्रानेट
टेक्नोलोजिस
प्रा.लि. को
कार्यवार
भुगतान की गयी
राशि की
जानकारी एवं
भुगतान की
दिनांक पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-''द'' अनुसार है। (घ) प्रश्नाधीन
अवधि में
म.प्र.मध्य
क्षेत्र
विद्युत
वितरण कंपनी
लिमिटेड में मेसर्स
एक्सट्रानेट
टेक्नोलोजिस
प्रा.लि. के
संबंध में कोई
शिकायत
प्राप्त नहीं
हुई है। अतः
शेष प्रश्न
नहीं उठता।
अवैध
कॉलोनियों का
नियमितीकरण
[नगरीय
विकास एवं
आवास]
121.
( क्र. 3187 ) श्री हेमंत
सत्यदेव
कटारे : क्या
नगरीय विकास
एवं आवास
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
प्रदेश में
अवैध कॉलोनियों
के
नियमितीकरण
हेतु मध्यप्रदेश
नगर पालिका (कॉलोनी
विकास) नियम 2021 के तहत दिनांक
31.12.2016 के पूर्व
की चिन्हित
अवैध कॉलोनी
को नियमित करने
के लिये किये
गये प्रावधान
को बदला जाकर दिनांक
31.12.2022 तक की अवैध
कॉलोनी को
सम्मिलित
करने का किया गया
है? यदि
हाँ, तो
पूर्ण
जानकारी दी
जाये। (ख) प्रश्नांश
(क) में
वर्णित नियम
के तहत
नियमितीकण
कार्य हेतु
क्या नगर निगम
रीवा में पृथक
से सेल गठित
कर दिनांक 31.12.2016 के पूर्व
की एवं 31.12.2022 तक की
कॉलोनियों को
चिन्हित किया
गया? यदि
हाँ, तो
सेल के नोडल
अधिकारी के
नाम, पद
सहित
पृथक-पृथक
सूची उपलब्ध
कराते हुये बताएं
कि आज दिनांक
तक किन-किन
कॉलोनी के
नियमितीकरण
संबंधी ले-आउट
किस दिनांक को
जारी हुआ? शेष रही
कॉलोनी की
सूची उपलब्ध
कराते हुये बताएं
नियमितीकरण
नहीं होने का
क्या कारण था? लापरवाही
करने वाले
दोषी
अधिकारियों
के विरुद्ध
क्या
कार्यवाही की
जावेगी? समय-सीमा
बताएं। (ग) क्या
मध्यप्रदेश
नगर पालिका (कॉलोनी
विकास) नियम 2021 के नियम 'क' के
तहत नागरिक
अवसंरचना
हेतु भूमि छोड़ने
भूमि मूल्य का
अनुमान तय
करने हेतु
निर्धारित
नियम
प्रक्रिया का
पालन किया गया? इस
प्रक्रिया
में आज दिनांक
तक कितने
कॉलोनाईजर को
नोटिस तामील
कराये गये? क्या अवैध
कॉलोनी की
भूमि जो कि
वर्ष 2016 के
पूर्व की चिन्हित
है उन पर
कलेक्टर गाइड
लाइन 2023
अनुसार मूल्य
निर्धारित
किया जाना
न्यायोचित है? क्या
जनहित में इस
पर शासन से
मार्गदर्शन
प्राप्त कर
निर्णय लिया
जायेगा? यदि हाँ, तो स्पष्ट
किया जाये। (घ) नगर
निगम रीवा
द्वारा
निर्मित
सिरमौर चौराहा, बोदा बाग
की दुकानों को
हाउसिंग
बोर्ड द्वारा
किस कारण व
किसकी अनुमति
से तोड़ने की
कार्यवाही की
गयी? इन
दुकानों के
व्यवस्थापन
हेतु अन्य
स्थान पर
तैयार
दुकानों के
निर्माण के
पूर्व क्या नगर
तथा ग्राम
निवेश आदि से
अनुमति
प्राप्त की गयी? स्पष्ट
किया जाये। (ड.) दुकान
व्यवस्थापन
से सबंधित
आवंटन हेतु
पूर्ण
प्रक्रिया
अपनाई जायेगी? क्षेत्रफल
अनुसार
दुकानों का
मूल्य सहित पूर्ण
जानकारी
उपलब्ध करायी
जाये।
नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री (
श्री कैलाश
विजयवर्गीय ) : (क) जी
हाँ। म.प्र.
राजपत्र
(असाधारण) में
प्रकाशित
संशोधन
दिनांक 25/09/2023 की प्रति पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है। (ख) नगर
निगम रीवा में
पृथक से सेल
गठित नहीं
किया गया है, बल्कि नगर
निगम द्वारा
दिनांक 31/12/2016 के पूर्व
की 109
अनधिकृत कॉलोनियों
को म.प्र.
नगरपालिका (कॉलोनी
विकास) नियम, 2021 के अनुसार
नागरिक
अधोसंरचना एवं
भवन निर्माण
अनुज्ञा
प्रदान करने
के लिए चिन्हित
किया गया था
एवं दिनांक 31/12/2022 तक की
अनधिकृत कॉलोनियों
को चिन्हित
करने के लिए
सर्वेक्षण की
कार्यवाही
नगर निगम में
प्रचलित है।
उत्तरांश के
परिप्रेक्ष्य
में दिनांक 31/12/2016 के पूर्व
की चिन्हित 109 अनधिकृत
कॉलोनियों की
प्रश्नांकित
जानकारी
पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है। दिनांक 31/12/2022 तक की शेष
अनधिकृत कॉलोनियों
के सर्वेक्षण
की कार्यवाही
प्रचलित होने
से नगर निगम
में
नियमानुसार
नागरिक अधोसंरचना
एवं भवन
निर्माण
अनुज्ञा
प्रदान करने
की प्रक्रिया
आरम्भ नहीं
की गई है। उत्तरांश
के
परिप्रेक्ष्य
में शेषांश का
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (ग) जी
हाँ। जानकारी
पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट- ''ब'' अनुसार है। नागरिक
अधोसंरचना
एवं भवन
निर्माण
अनुज्ञा प्रदान
करने की
प्रक्रिया
वर्ष 2023
में होने से
वर्ष 2023 की
गाईड लाइन से
ही मूल्य
निर्धारित
किया जाना
नियमानुकूल
है। उत्तरांश
अनुसार राशि
संबंधित
अनधिकृत कॉलोनी
के भू-स्वामी/विकासकर्ता
से वसूल योग्य
होने से जनहित
का प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (घ) प्रश्नांकित
स्थल
प्रशासन की
पुनर्घनत्वीकरण
योजना स्वीकृत
होने से राज्य
स्तरीय
साधिकार
समिति द्वारा
लिए गए निर्णय
के परिप्रेक्ष्य
में प्रश्नांकित
कार्यवाही की
गई थी। जी हाँ, शासन की
पुनर्घनत्वीकरण
नीति के
अंतर्गत गठित
जिला स्तरीय
प्राधिकार
समिति में
सहायक संचालक, नगर तथा
ग्राम निवेश, रीवा सदस्य
है इस समिति
की बैठक
दिनांक 05/06/2023, दिनांक 28/07/023, दिनांक 08/09/2023 एवं
दिनांक 27/08/2024 में लिये
गये निर्णय
अनुसार
दुकानों का
निर्माण किया
गया है। (ड.) उत्तरांश (घ) अनुसार
राज्य स्तरीय
साधिकार
समिति द्वारा
लिये गये
निर्णय अनुसार
नगर निगम रीवा
द्वारा अपने
स्वामित्व
की 103
दुकानों का व्यवस्थापन
किया गया है।
नवीन निर्मित
दुकान का क्षेत्रफल
26.40 वर्गमीटर
है एवं 104 दुकानों
की निर्माण
लागत राशि रू. 500 लाख है।
अवैध
कॉलोनियों
में विद्युत
कनेक्शन
[ऊर्जा]
122.
( क्र. 3194 ) श्रीमती
ललिता यादव : क्या
ऊर्जा मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) अवैध
कॉलोनी में
परमानेंट
विद्युत
कनेक्शन
देने का क्या
प्रावधान हैं? (ख) क्या
अवैध कॉलोनी
में सिंगल
उपभोगता को
कनेक्शन
दिया जा सकता
हैं? (ग) अवैध कॉलोनी
में सिंगल
उपभोगता को
कनेक्शन किस
नियम व शर्त
पर दिया जाता
हैं? (घ) अवैध कॉलोनी
में सिंगल
उपभोगता को
कनेक्शन
हेतु जो शुल्क
लिया जाता हैं
वो किस मद में, कितना और
किस कार्य के
लिए कितना
शुल्क लिया
जाता है? (ड.) अवैध
कॉलोनी में
सिंगल कनेक्शन
के लिए क्या
कोई अतिरिक्त
शुल्क बिजली
विभाग उपभोक्ता
से लेता हैं? (च)
छतरपुर जिला
और भोपाल में
अवैध
कॉलोनियों में
प्रश्न
दिनांक तक
कितने कनेक्शन
हेतु आवेदन
आये व कितने
कनेक्शन
दिये जा चुके
हैं और जिनको
नहीं दिये
कारण सहित
बतायें।
पृथक-पृथक
बतायें।
ऊर्जा
मंत्री ( श्री
प्रद्युम्न
सिंह तोमर ) : (क) अवैध
कॉलोनी में स्थायी
नवीन विद्युत
कनेक्शन
दिये जाने
हेतु ''म.प्र.
विद्युत
प्रदाय
संहिता-2021'' के अध्याय 4 एवं ''मध्यप्रदेश
विद्युत
नियामक आयोग
(विद्युत प्रदाय
के प्रयोजन से
विद्युत लाईन
प्रदान करने अथवा
उपयोग किये
गये संयंत्र
हेतु व्ययों
तथा अन्य
प्रभारों की
वसूली)
(पुनरीक्षण
द्वितीय) विनियम
2022,
{आर.जी.-31 (II), वर्ष 2022}'' में निहित
प्रावधानों
के अनुसार
कार्यवाही की
जाती है, जिनकी प्रति पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र- ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। (ख) एवं (ग) जी
हाँ। ''मध्यप्रदेश
विद्युत
नियामक आयोग
(विद्युत
प्रदाय के
प्रयोजन से
विद्युत लाईन
प्रदान करने
अथवा उपयोग
किये गये
संयंत्र हेतु
व्ययों तथा
अन्य
प्रभारों की
वसूली)
(पुनरीक्षण
द्वितीय)
विनियम 2022, {आर.जी.-31 (II) वर्ष 2022}'' की कंडिका-4.6.2 में उल्लेखित
नियम/शर्तों
के अनुसार
अघोषित अवैध
कॉलोनी में
सिंगल उपभोक्ता
को कनेक्शन
दिया जा सकता
है। (घ) एवं (ड.) अघोषित
अवैध कॉलोनी
में उत्तरांश (ख) में
वर्णित
कंडिका-4.6.2 के अनुसार
सिंगल उपभोक्ता
को विद्युत
कनेक्शन
हेतु राशि रू. 15567 प्रति
किलोवाट की दर
से शुल्क
विद्युतीकरण
के कार्य हेतु
लिया जाता है।
उक्त के
अतिरिक्त
उपभोक्ता को
सर्विस कनेक्शन
शुल्क भी उत्तरांश (क) में
वर्णित
प्रावधानों
के अनुसार देय
होते हैं। (च)
छतरपुर एवं
भोपाल जिलान्तर्गत
अवैध
कॉलोनियों
में प्रश्न
दिनांक तक की
स्थिति में स्थाई
विद्युत
कनेक्शन
हेतु क्रमश:
कुल 392
एवं 1238
आवेदन
प्राप्त
हुये। उपरोक्त
प्राप्त
आवेदनों में
से क्रमश: कुल 154 एवं 1126 स्थाई
विद्युत
कनेक्शन
प्रदाय किये
जा चुके हैं।
दोनों जिलों
में शेष बचे
हुये आवेदनों
में उत्तरांश (क) में उल्लेखित
प्रावधानों, नियम एवं
शर्तों का
पालन नहीं होने
एवं
नियमानुसार
राशि जमा नहीं
होने के कारण
स्थाई
विद्युत
कनेक्शन
प्रदान नहीं
किये गये हैं।
प्रधानमंत्री
आवास योजना
में
हितग्राहियों
को भुगतान
[नगरीय
विकास एवं
आवास]
123. ( क्र. 3195 ) श्री
बाला बच्चन : क्या
नगरीय विकास
एवं आवास
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) प्रश्न
क्रमांक 1415
दिनांक 17.03.2025 के (घ) उत्तर
के परिशिष्ट-''द'' में
बताया गया है
कि समर्पित
किए गए
हितग्राहियों
को प्रदाय की
राशि की वसूली
से 68
हितग्राहियों
को भुगतान
किया जाएगा तो
ऐसे समर्पणकर्ता
हितग्राहियों
की सूची उनको
प्रदाय राशि, दिनांक, प्रश्न
दिनांक की
स्थिति में
वसूली हेतु
लंबित राशि
नाम, पता
सहित देवें। (ख) प्रश्नांश
(क) वर्णित
वसूली हेतु जो
नोटिस, पत्राचार
किया गया की
प्रमाणित
प्रति देवें।
कब तक यह राशि
वसूल कर 68
हितग्राहियों
को भुगतान
किया जाएगा?
समय-सीमा
देवें। समर्पणकर्ता
हितग्राहियों
को द्वितीय व
तृतीय किश्त
का भुगतान किस
आधार पर किया
गया की
जानकारी देवें।
(ग) प्रश्न
क्रमांक 1415 दिनांक
17.03.2025 के (ग) उत्तर
में केवल एक
हितग्राही को
अधिक भुगतान
का उल्लेख है
तो फिर 68
हितग्राहियों
को भुगतान के
लिए समर्पणकर्ता
से वसूली का
इंतजार क्यों
कराया जा रहा
हैं? विधानसभा
उत्तर में
भ्रामक
जानकारी देने
वाले ऐसे
अधिकारियों
पर कार्यवाही
कब तक की
जाएगी? (घ) राजपुर
नगर परिषद
जिला बड़वानी
में जगह-जगह कचरे
के ढेर होना, नालियों
की सफाई न
होना व अन्य
अव्यवस्थाओं
पर कब तक कार्यवाही
की जाएगी? इसके
उत्तरदायी
अधिकारियों
पर कब तक
कार्यवाही की
जाएगी?
नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री (
श्री कैलाश
विजयवर्गीय ) : (क) समर्पित
हितग्राहियों
की सूची की जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है।
(ख) उत्तरांश
(क) अनुसार 25 समर्पित हितग्राहियों
को वितरित
राशि 27.00
लाख में से
राशि रू. 13.00 लाख की
वसूली की जाकर
68
हितग्राहियों
में से भौतिक
प्रगति के
आधार पर किश्तों
का भुगतान
किया गया है। जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है। राशि
वसूली हेतु
जारी नोटिस
पत्राचार की प्रति पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट-''स'' अनुसार है। शेष
वसूली के
प्रयास
लगातार किये
जा रहे है। समय-सीमा
बताया जाना
संभव नहीं है।
समर्पित हितग्राहियों
को तृतीय किश्त
का भुगतान
नहीं किया गया
है, अपितु
03
हितग्राहियों
को त्रुटिवश
वितरित द्वितीय
किश्त की सम्पूर्ण
राशि की वसूली
की जा चुकी है।
(ग) जी
हाँ। 01
हितग्राही को
निर्धारित से
अधिक राशि का
भुगतान किया
गया था तथा
उत्तरांश (क) में
समर्पित 25
हितग्राहियों
को राशि रू. 27.00 लाख
भुगतान
प्रावधान
अनुसार किया
गया था। समर्पित
आवास वाले
हितग्राहियों
द्वारा विगत
वर्षों में
कार्य
प्रांरभ नहीं
किये जाने एवं
राशि वापस न
करने से ऐसी
स्थिति
निर्मित हुई।
ऐसे आवासों की
जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट-''अ'' में
दर्शाये
कारणों से
समर्पित किया
गया। इस प्रकार
प्रदाय राशि
की वसूली हेतु
उत्तरांश (ख) अनुसार कार्यवाही
की गई है। (घ) राजपुर
नगरीय
क्षेत्र में
सफाई व्यवस्था
सुचारू की गई।
अव्यवस्था
के संबंध में
मुख्य नगर
पालिका
अधिकारी को
कार्ययोजना
तैयार कर
नियमित कार्य
करने के
निर्देश दिये
है।
नगर
तथा ग्राम
निवेश की
अनुमति का उल्लंघन
[नगरीय
विकास एवं
आवास]
124.
( क्र. 3196 ) श्री बाला
बच्चन : क्या
नगरीय विकास
एवं आवास
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) कार्यालय
सहायक संचालक
नगर तथा ग्राम
निवेश जिला
कार्यालय
खरगोन एवं
बड़वानी के
पृ. क्रमांक 1534/पीपीपी-12/नग्रानि/2021 दिनांक 15.12.2021 जो बालाजी
हाइटेक सिटी
ठीकरी जिला
बड़वानी के
बिंदु क्रमांक
15 पर संलग्न
मानचित्र
अनुसार वायर
फेंसिंग का
उल्लेख है
इसके
परिप्रेक्ष्य
में कॉलोनाइजर
द्वारा अधूरी
बाउंड्रीवॉल
क्यों बनाई
गई? क्या
कारण है कि
बिंदु 15 का उल्लंघन
कर बाउंड्रीवॉल
10 से 30 फीट तक
अपूर्ण छोड़ा
गया हैं? इसके
भौतिक सत्यापन
की प्रमाणित
फोटो उपलब्ध
कराए? (ख) जब उपरोक्तानुसार
बिंदु 15 के तहत
वायर फेंसिंग
अनिवार्य है
तो प्रश्न क्रमांक
1416 दिनांक 17.03.2025 के (ख) उत्तर
में वर्णित है
कि बाउंड्रीवॉल
का निर्माण
कॉलोनाईजर के
विवेक पर
निर्भर है यह
कैसे सम्भव
है? जिन
अधिकारियों
ने नगर तथा
ग्राम निवेश
की अनुमतियों
के विरोध में
जाकर
कॉलोनाईजर को
इस प्रकार
मनमानी करने
की छूट दी
उनके नाम, पदनाम
देकर बताने कि
विभाग इसके
लिए उन पर कब तक
कार्यवाही
करेगा? (ग) कब
बाउंड्रीवॉल/वायर
फेसिंग के
नियम का
पूर्णत: पालन
करा लिया
जाएगा? यदि नहीं, तो नगर तथा
ग्राम निवेश
की शर्तों के
उल्लंघन
करने पर कब तक
इस कॉलोनी को
प्रदाय
अनुमति निरस्त
कर दी जाएगी? (घ) प्रश्नांश (क) वर्णित
नगर तथा ग्राम
निवेश के पत्र
में उल्लेखित
सभी बिंदुओं
के परिपालन के
भौतिक सत्यापन
की प्रमाणित प्रति
भी उपलब्ध
कराएं।
नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री (
श्री कैलाश
विजयवर्गीय ) : (क) जी
हाँ, कार्यालय
सहायक संचालक, नगर तथा
ग्राम निवेश, जिला
कार्यालय
खरगोन एवं बड़वानी
के पत्र
दिनांक 15/12/2021 के बिन्दु
क्रमांक 15 में खुले
क्षेत्रों को
वायर फेंसिंग
से सुरक्षित
रखने का उल्लेख
है, उक्त
बिन्दु में
बाउन्ड्रीवॉल
का उल्लेख
नहीं है। अत:
शेष प्रश्नांश
उपस्थित नहीं
होता है। (ख) उत्तरांश
(क) के
परिप्रेक्ष्य
में किसी
कार्यवाही का
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (ग) उत्तरांश
(क) के
परिप्रेक्ष्य
में अनुमति
निरस्त करने
का प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (घ) भौतिक
सत्यापन की प्रमाणित
छायाप्रति पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट अनुसार है।
नगरीय
निकायों को
जलप्रदाय का
दोहरा
विद्युत भार
[नगरीय
विकास एवं
आवास]
125.
( क्र. 3205 ) श्री अजय
विश्नोई : क्या
नगरीय विकास
एवं आवास
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या प्रश्नकर्ता ने पत्र
दिनांक 20.05.2025 के माध्यम
से मान. मुख्यमंत्री
जी को अवगत
कराया था कि
जबलपुर जिले के
नगर पालिका
सिहोरा एवं
पनागर तथा नगर
परिषद पाटन, कटंगी, मझौली, शहपुरा
एवं भेड़ाघाट
को जलप्रदाय
के लिये
दोगुना
विद्युत बिल
का भुगतान
करना पड़ रहा
हैं। (ख) क्या
प्रश्नकर्ता
ने इस पत्र के
माध्यम से
मान. मुख्यमंत्री
जी को अवगत
कराया था कि
उपरोक्त
नगरीय
निकायों की जल
प्रदाय योजना
आज भी अधूरी
है। (ग) यदि प्रश्नांश
(क) एवं (ख) सही है
तो कृपया
बतलायें कि क्या
विभाग उक्त
योजनाओं को
पूर्ण
करायेगा। यदि
हाँ, तो
कब तक? (घ) क्या, विभाग यह
सुनिश्चित
करेगा कि
योजना को पूरा
हो जाने तक
नगरीय
निकायों की
चुंगी
क्षतिपूर्ति
से ठेकेदार के
विद्युत बिल
प्रदाय करने
के लिये देने
वाली कटौती
नहीं की
जायेगी।
नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री (
श्री कैलाश
विजयवर्गीय ) : (क) एवं
(ख) जी
हाँ। (ग) जलप्रदाय
योजनाओं का
कार्य पूर्ण
किया जा चुका
है। जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट
अनुसार है। (घ) जलप्रदाय
योजनायें
पूर्ण हो चुकी
है, ऐसी
स्थिति में
शेषांश प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
जबलपुर
के कठोंदा
स्थित STP से
प्रभावित
भूमि
[नगरीय
विकास एवं
आवास]
126.
( क्र. 3207 ) श्री अजय
विश्नोई : क्या
नगरीय विकास
एवं आवास
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या प्रश्नकर्ता
विधायक ने
मान.
मुख्यमंत्री
जी को लिखे
पत्र क्रमांक 0024/00117 दिनांक 12.02.2025 एवं पत्र
क्रमांक 0373/00117 दिनांक 03.06.2024 के द्वारा
जबलपुर के
कठोंदा स्थित STP के कारण
प्रभावित 246 एकड़ भूमि
किसानों को
न्याय दिलाने
का आग्रह किया
है? (ख) क्या म.प्र.
प्रदूषण
नियंत्रण
बोर्ड जबलपुर
के पत्र
क्रमांक 1911 दिनांक 31.07.2012 एवं नगर
निगम जबलपुर
के पत्र
क्रमांक 101 दिनांक 21.07.2014 के द्वारा
स्पष्ट किया
है कि कठोंदा STP के बफर जोन
क्षेत्र में
अब उक्त 246 एकड़ भूमि
नहीं आ रही
है। (ग) क्या शासन
उक्त 246
एकड़ भूमि को
नो डेवलपमेंट
क्षेत्र से
बाहर करके
किसानों को
न्याय
दिलायेगा।
यदि हाँ, तो कब तक।
यदि नहीं, तो क्यों
नहीं?
नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री (
श्री कैलाश
विजयवर्गीय ) : (क) जी
हाँ। प्रश्नकर्ता
के पत्र
दिनांक 03/06/2024 द्वारा
जबलपुर के
मास्टर प्लान
में आंशिक
संशोधन तथा
पत्र दिनांक 12/02/2025 द्वारा
जबलपुर मास्टर
प्लान में
संशोधन करके
एस.टी.पी. से
पीड़ित
किसानों को न्याय
दिलाने का
अनुरोध किया
है। (ख) जी नहीं।
म.प्र.
प्रदूषण
नियंत्रण
बोर्ड जबलपुर
के पत्र
दिनांक 31/07/2012 एवं नगर
पालिक निगम
जबलपुर के
पत्र दिनांक 21/07/2014 में भूमि
का क्षेत्रफल
उल्लेखित
नहीं है। (ग) संचालनालय, नगर तथा
ग्राम निवेश, भोपाल
द्वारा
जबलपुर विकास
योजना-2021 का म.प्र.
नगर तथा ग्राम
निवेश
अधिनियम, 1973 की धारा-23 सहपठित
धारा-18 के
अंतर्गत
पुनर्विलोकन
कर जबलपुर
विकास योजना-2041 (प्रारूप)
तैयार किया जा
रहा है। विकास
योजना पुनर्विलोकन
के समय
प्रदूषण
नियंत्रण
बोर्ड के पत्र
दिनांक 31/07/2012 एवं नगर
पालिक निगम
जबलपुर के
पत्र दिनांक 21/07/2014 में दिए गए
सुझाव पर
गुण-दोष के
आधार पर निर्णय
लिया जा
सकेगा।
सी.सी.टी.वी.
कैमरों का
संचालन एवं
मरम्मत
[नगरीय
विकास एवं
आवास]
127.
( क्र. 3210 ) डॉ. अभिलाष
पाण्डेय : क्या
नगरीय विकास
एवं आवास
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) स्मार्ट
सिटी
परियोजना के
अंतर्गत
प्रदेश के विभिन्न
शहरों में
लगाए गए
सी.सी.टी.वी.
कैमरों में से
गत 6
माह में कितने
कैमरे, कब-कब और
कितने-कितने
समय तक बंद
रहे? कृपया
शहरवार विवरण
प्रदान किया
जाए। (ख) क्या
राज्य सरकार
अथवा संबंधित
एजेंसी
द्वारा ऐसे
बंद पड़े
कैमरों को
पुन: सुचारू
रूप से
संचालित करने
हेतु कोई कार्ययोजना
बनाई गई हैं? यदि हाँ, तो उस
योजना का
विवरण प्रस्तुत
किया जाए। (ग) कैमरे
बंद रहने की
स्थिति में, क्या
संबंधित
अनुबंधित
कंपनी को उन
अवधि के लिए भी
भुगतान किया
गया हैं अथवा
उस अवधि के
भुगतान में
कटौती की गई
हैं? (घ) यदि कैमरे
बंद रहने के
बावजूद कंपनी
को भुगतान
किया गया है, तो इसके
लिए जिम्मेदार
अधिकारी या
एजेंसी के
विरुद्ध क्या
कार्रवाई
प्रस्तावित
है या की गई
हैं?
नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री (
श्री कैलाश
विजयवर्गीय ) : (क) स्मार्ट
सिटी
परियोजना
अंतर्गत 07 शहर क्रमश:
भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर
उज्जैन, सागर एवं
सतना में लगाये
गये
सी.सी.टी.वी.
कैमरों की गत 6 माह में
कितने कैमरे, कितनी
अवधि तक बंद
रहे कि शहरवार
विवरण पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट
अनुसार है। (ख) संबंधित
स्मार्ट सिटी
स्पेशल परपज
व्हीकल (SPV) द्वारा
सी.सी.टी.वी.
कैमरों के
संचालन एवं
संधारण हेतु
अनुबंधित
एजेंसी से
अनुबंध की
शर्तों के
अनुसार बंद
पड़े कैमरों को
सुचारू रूप से
संचालित किया
जाता है। (ग) जी
नहीं। कैमरे
बंद रहने की
स्थिति में
संबंधित
एजेंसी से
अनुबंध के
प्रावधानों
अंतर्गत
भुगतान में
कटौती की
कार्यवाही की
जाती है। (घ) उत्तर
(ग) के परिप्रेक्ष्य
में प्रश्न उपस्थित
नहीं होता है।
ट्रैफिक
सिग्नलों की
विफलता नगण्य
की जाना
[नगरीय
विकास एवं
आवास]
128. ( क्र. 3211 ) डॉ.
अभिलाष
पाण्डेय : क्या
नगरीय विकास
एवं आवास
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) राज्य
में
इंटीग्रेटेड
ट्रैफिक
मैनेजमेंट
सिस्टम (ITMS) को
लागू किए जाने
की वर्तमान
स्थिति क्या
है तथा इसका
लाभ आम
नागरिकों को
किस रूप में
मिलेगा? (ख) क्या
कई स्थानों
पर ट्रैफिक
सिग्नल
चलते-चलते बीच
में ही बंद हो
जाते हैं, जिससे
सड़क
दुर्घटनाओं
की आशंका बनी
रहती है? यदि
हाँ, तो ऐसे
सिग्नल की
निगरानी हेतु
विभाग द्वारा
क्या कदम
उठाए जा रहे
हैं? (ग) क्या
विभाग
ट्रैफिक सिग्नल
की अचानक
विफलता को
नगण्य किए
जाने के
उद्देश्य से
कोई तकनीकी
योजना या
बैकअप सिस्टम
लागू करने जा
रहा है, ताकि
यातायात
नियंत्रण
सुचारू रूप से
जारी रहे? (घ)
क्या
ITMS के
अंतर्गत ऐसे
उन्नत तंत्र
स्थापित किए
जायेंगे, जिससे
ट्रैफिक सिग्नल
की रियल-टाइम
मॉनिटरिंग, फॉल्ट
डिटेक्शन और
त्वरित
सुधार की
सुविधा उपलब्ध
हो सके?
नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री (
श्री कैलाश
विजयवर्गीय ) : (क) राज्य
के 07 शहरों
में वर्तमान
में
इंटीग्रेटेड
ट्रैफिक
मैनेजमेंट
सिस्टम (ITMS) व्यवस्था
लागू है। ITMS की
वर्तमान
स्थिति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। ITMS के
माध्यम से
नागरिकों को
बेहतर एवं
सुव्यवस्थित
यातायात
प्रबंधन का
लाभ प्राप्त
हो रहा है। (ख) तकनीकी
कारणों से
कभी-कभी
ट्रैफिक
सिग्नल का
ऑपरेशन
प्रभावित
होता है
परन्तु सिग्नल
बंद होने से
दुर्घटना की
कोई जानकारी प्राप्त
नहीं हुई है।
सभी सिग्नल की
कमांड एवं
कंट्रोल
सेंटर (ICCC) से
एकीकृत
निगरानी की
जाती है।
एकीकृत होने के
कारण बंद हुये
सिंग्नल का
ऑन/ऑफ़ एवं
अन्य अलर्ट
तुरंत ही कमांड
एवं कंट्रोल
सेंटर में
प्राप्त हो
जाते है एवं
उनको सुधार कर
पुन:
क्रियाशील कर
दिया जाता है।
इसके
अतिरिक्त
ट्रैफिक
सिग्नल में यह
विकल्प भी
उपलब्ध रहता
है कि किसी भी
रख-रखाव की स्थिति
में इसे
मैन्युअली
ब्लिंकर (Manually Blinker) मोड में
सेट किया जा
सके। (ग) ट्रैफिक
सिग्नल की
कमांड
कंट्रोल
सेंटर के माध्यम
से सतत
निगरानी की
जाती है तथा
तकनीकी खराबी
को उत्तर (ख)
अनुसार
तत्काल सुधार
किया जाता है।
इसके
अतिरिक्त
अधिकांश
सिग्नलों पर सोलर
एवं पॉवर
बैकअप का
प्रावधान
किया गया है। (घ) रियल
टाइम
मॉनिटरिंग, फाल्ट
डिटेक्शन और
त्वरित सुधार
की सुविधा
वर्तमान
प्रचलित
प्रणाली में
भी है। नवीन
उन्नत तकनीक
को भी आवश्यकता
अनुसार ITMS में
समाहित किया
जाता है।
अनूपपुर
में चल रहे निर्माण
कार्य
[लोक
निर्माण]
129. ( क्र. 3214 ) श्री
फुन्देलाल
सिंह मार्को : क्या
लोक निर्माण
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) जिला
अनूपपुर
अंतर्गत लोक
निर्माण
विभाग (सड़क
एवं पीआईयू)
के समस्त
कार्यालयों
में 1
जनवरी 2022 से प्रश्न
दिनांक तक
किस-किस मद से, कौन-कौन
से कार्य हेतु
किस कार्य
एजेंसी को निविदा
प्रदान की गई, उक्त
कार्य किस
जनप्रतिनिधि
या अधिकारी की
अनुशंसा पर स्वीकृत
किये गये, जानकारी
उपलब्ध
करावें। (ख) अनूपपुर
जिले में
विभाग में
माननीय
मंत्री, माननीय
मुख्यमंत्री, प्रभारी
मंत्री या अन्य
संवैधानिक
पदाधिकारी
द्वारा
कौन-कौन से निर्माण
कार्य, अन्य
कार्य की
घोषणा की गई, प्रश्नांकित
अवधि का ब्यौरा
उपलब्ध
करावें, कितनी
घोषणायें
पूर्ण हो चुकी
हैं, कितनी
घोषणाएं बाकी
हैं, कब तक
घोषणायें
पूर्ण हो
सकेंगी, जानकारी
उपलब्ध करावें।
(ग) प्रश्नांश
(क) में उल्लेखित
कार्यों में
से कौन-कौन से
कार्य हेतु किस-किस
कार्य एजेंसी
को
कितनी-कितनी
राशि का भुगतान, किस
माध्यम से
किये गया चेक, बैंक
ड्राफ्ट अथवा
नगद की
जानकारी
उपलब्ध
करावें।
लोक
निर्माण
मंत्री ( श्री
राकेश सिंह ) : (क)
जानकारी
पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-''अ', ''अ-1'' एवं
''अ-2'' अनुसार है। (ख)
जानकारी
पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-''अ'', ''अ-1'' एवं
''ब'' अनुसार है। (ग)
जानकारी
पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-''अ'', ''अ-1'' एवं
''अ-2'' अनुसार है।
ग्रामों
में
विद्युतीकरण
[ऊर्जा]
130.
( क्र. 3215 ) श्री फुन्देलाल
सिंह मार्को : क्या
ऊर्जा मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश
शासन द्वारा
प्रदेश के हर
गांव मजरे-टोले
में विद्युत
सप्लाई, विद्युतीकरण
हेतु क्या
नीति
निर्धारण किया
गया है, इस हेतु
वर्तमान में
कोई नवीन नीति
बनाई गई है, यदि हाँ, तो उसकी
प्रति उपलब्ध
करावें। (ख) प्रश्नांश
(क) के संदर्भ
में जिला
अनूपपुर में 1 जनवरी 2022 से प्रश्न
दिनांक तक सभी
ग्रामों में, मजरे टोले
में विद्युत
सप्लाई हो
रही है, यदि नहीं, तो कब तक कर
दी जायेगी एवं
अविद्युतीकरण
गांव को कब तक विद्युतीकृत
कर लिया
जायेगा
विधानसभा
क्षेत्रवार, गांववार
जानकारी
उपलब्ध
करावें। (ग) क्या
पुष्पराजगढ़
विधानसभा
क्षेत्र में 24 घंटे
विद्युत
प्रदाय हेतु
विद्युतीकरण
का कार्य
पूर्ण होना
शेष है, वंचित
ग्रामों की
सूची उपलब्ध
करावें तथा 24 घंटे
विद्युत
प्रदाय हेतु
विद्युतीकरण
का कार्य कब
तक पूर्ण कर
दिया जायेगा। (घ) प्रश्नांकित
अवधि तक
डीआरएसएस एवं
एसएसटीडी
योजना में
संचालन-संधारण
हेतु जिला
अनूपपुर को कितनी
राशि का आवंटन
हुआ एवं कितनी
राशि व्यय की
गई, किये
गये कार्यों
की सूची विवरण
सहित उपलब्ध
करावें, कितने
कार्य पूर्ण
हुये, कितने
अपूर्ण हैं, सूची
प्रदान करें
तथा अपूर्ण
कार्यों को कब
तक पूर्ण कर
दिया जायेगा?
ऊर्जा
मंत्री ( श्री
प्रद्युम्न
सिंह तोमर ) : (क) विद्युतीकरण
हेतु
निर्धारित
नीति अनुसार सर्वप्रथम
प्रदेश के सभी
राजस्व
ग्रामों के
विद्युतीकरण
का कार्य एवं
तदुपरांत
राजस्व
ग्रामों के
चिन्हित
मजरों/टोलों
के विद्युतीकरण
का कार्य वित्तीय
उपलब्धता
अनुसार क्रमश:
केन्द्र
शासन की
विभिन्न
विद्युतीकरण
की योजनाओं
यथा राजीव
गांधी ग्रामीण
विद्युतीकरण
योजना एवं
दीनदयाल उपध्याय
ग्राम ज्योति
योजना में
किया गया।
तदुपरांत
सौभाग्य
योजना के
प्रावधानों
के अंतर्गत
शत-प्रतिशत
घरों के
विद्युतीकरण
का कार्य किया
गया, किन्तु
इस योजना के
दिशा-निर्देशों
के अनुसार खेतों
में दूर-दूर
अवस्थित घरों
को तकनीकी एवं
वित्तीय
साध्यता
नहीं होने के
कारण योजना
में सम्मिलित
नहीं किया गया।
उल्लेखनीय
है कि नवीन
मजरों/टोलों/फल्यों/बसाहटों/घरों
का निर्माण
होना एक सतत्
प्रक्रिया
है। राज्य
शासन के पत्र
दिनांक 05.05.2025 के द्वारा
अविद्युतीकृत
घरों/बसाहटों/मजरों/टोलों
के
विद्युतीकरण
के संबंध में
दिशा-निर्देश
जारी किये गये
है। उक्त
निर्देशों के
तारतम्य में
म.प्र. पूर्व
क्षेत्र
विद्युत
वितरण कंपनी
क्षेत्रान्तर्गत
अविद्युतीकृत
मजरों/टोलों
के विद्युतीकरण
कार्य हेतु
विस्तृत
सर्वे कार्य
किया जा रहा
है। उक्त
निर्देशों की
प्रति पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। उल्लेखनीय
है कि भारत
सरकार द्वारा
विशेष रूप से असुरक्षित
जनजातीय
समूहों की
सामाजिक-आर्थिक
स्थितियों
में सुधार के
लिए
प्रधानमंत्री
जनजातीय
आदिवासी न्याय
महा अभियान
(पी.एम.जनमन) की
शुरूआत की गई
है। उक्त
अभियान के
अंतर्गत अन्य
महत्वपूर्ण
गतिविधियों
के साथ
पी.वी.टी.जी.
समूहों की
बस्तियों/ घरों
का
विद्युतीकरण
भी सम्मिलित
है। प्रदेश की
3
जनजातियां, यथा-भारिया, बैगा एवं
सहरिया को
पी.वी.टी.जी.
समूह में शामिल
किया गया है।
उक्त योजना
के तहत कुल 26998 अविद्युतीकृत
घरों के
विद्युतीकरण
का कार्य स्वीकृत
किया गया है।
वर्तमान
स्थिति में
लगभग 24706
घरों के
विद्युतीकरण
का कार्य
पूर्ण किया जा
चुका है। इसी
अनुक्रम में
भारत सरकार की
वित्त पोषित
धरती आबा
जनजातीय
ग्राम
उत्कर्ष अभियान
अंतर्गत जनजातीय
कार्य विभाग
से आदिवासी
बहुल्य
ग्रामों की
प्राप्त
सूची अनुसार
सर्वे कर
कार्य योजना
भारत सरकार को
प्रेषित की गई
थी। उक्त
कार्य योजना
को विद्युत
मंत्रालय, भारत
सरकार द्वारा
स्वीकृति
प्रदान की गई
है। योजना
अंतर्गत कुल 55795 आदिवासी
घरों के
विद्युतीकरण
का कार्य किया
जाना है।
विद्युत सप्लाई
की प्रचलित
नीति अनुसार
गैर-कृषि
उपभोक्ताओं
को 24
घंटे तथा कृषि
उपभोक्ताओं
को 10
घंटे
प्रतिदिन
विद्युत
प्रदाय किया
जाना है। (ख) उत्तरांश (क) के
परिप्रेक्ष्य
में अनूपपुर
जिले के समस्त
राजस्व
ग्रामों एवं
उनके चिन्हित
मजरों/टोलों
में निवासरत
गैर कृषि
उपभोक्ताओं
को 24
घंटे तथा कृषि
उपभोक्ताओं
को 10
घंटे
प्रतिदिन
विद्युत
प्रदाय किया
जा रहा है।
अनूपपुर
जिलांतर्गत
कोई भी राजस्व
ग्राम
अविद्युतीकृत
नहीं है। अत:
शेष प्रश्न
नहीं उठता है।
(ग) म.प्र.
पूर्व
क्षेत्र
विद्युत
वितरण कंपनी
क्षेत्रांतर्गत
वर्तमान में
कोई भी राजस्व
ग्राम एवं
संसूचित
मजरे/टोले
विद्युत विहीन
नहीं है। अत:
शेष प्रश्न
नहीं उठता है।
उल्लेखनीय
है कि नवीन
मजरों/टोलों/फल्यों/बसाहटों/घरों
का निर्माण
होना एक सतत्
प्रक्रिया
है। उक्त के
परिप्रेक्ष्य
में राज्य
शासन के पत्र
दिनांक 05.05.2025 के द्वारा
अविद्युतीकृत
घरों/बसाहटों/मजरों/टोलों
के
विद्युतीकरण
के संबंध में
दिशा-निर्देश
जारी किये गये
हैं। उक्त
निर्देशों के
तारतम्य में
म.प्र. पूर्व
क्षेत्र
विद्युत
वितरण कंपनी
क्षेत्रान्तर्गत
अविद्युतीकृत
मजरों/टोलों
के विद्युतीकरण
कार्य हेतु
विस्तृत
सर्वे कार्य
किया जा रहा
है। सर्वे
उपरान्त
अविद्युतीकृत
मजरों/टोलों/बसाहटों
के विद्युतीकरण
के कार्य हेतु
विस्तृत
कार्य योजना
तैयार कर नोडल
एजेंसी मेसर्स
पी.एफ.सी., विद्युत
मंत्रालय, भारत
सरकार को
प्रेषित की
जानी है। (घ) आर.डी.एस.एस.
योजनांतर्गत
लॉस रिडक्शन
के कार्यों
हेतु जिला
अनूपपुर हेतु
राशि रू. 51.23 करोड़ का
आवंटन प्राप्त
हुआ है। उक्त
कार्यों हेतु
प्रश्न
दिनांक तक
राशि रू. 7.63 करोड़ का
व्यय हुआ है।
योजनांतर्गत
जिला अनूपपुर
में प्रस्तावित
कार्यों की
पूर्णता/अपूर्णता/प्रगतिरत/अप्रारंभ
एवं
प्रगतिरत/अपूर्ण/अप्रांरभ
कार्यों को
पूर्ण किये
जाने संबंधी जानकारी
पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट के
प्रपत्र-''अ-1'' अनुसार है।
आर.डी.एस.एस.
योजनान्तर्गत
कार्यों को
कार्यादेश की
दिनांक से 24 माह की
अवधि में
पूर्ण किया
जाना है।
प्रश्नाधीन
अवधि में जिला
अनूपपुर
अंतर्गत
एस.एस.टी.डी. योजना
अंतर्गत
आवंटित एवं व्यय
राशि,
कार्यों की
पूर्णता/अपूर्णता/अप्रारंभ
की स्थिति की जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-''ब'' अनुसार हैं।
अवैध
कॉलोनियों को
वैध किया जाना
[नगरीय
विकास एवं
आवास]
131.
( क्र. 3220 ) श्री
देवेन्द्र
पटेल : क्या
नगरीय विकास
एवं आवास
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) प्रदेश
के नगरीय
निकायों में
निर्मित की गई
अवैध कॉलोनियों
को वैध किया
जाकर वहां के
रहवासियों को
मूलभूत
सुविधाएं
उपलब्ध
कराये जाने को
लेकर
शासन/विभाग ने
क्या नीति
नियम निर्देश
तय किये हैं? विस्तृत
जानकारी दें। (ख) नगर
पालिका निगम, भोपाल
अंतर्गत
कितनी व
कौन-कौन सी
अवैध कॉलोनियों
को कब-कब वैध
घोषित कर वहां
मूलभूत
सुविधाओं की
जिम्मेदारी
नगर निगम ने
ली हैं? (ग) भोपाल
के कोलार रोड
में डी-मार्ट
के पीछे स्थित
सांई
रेसीडेंसी कॉलोनी
क्या वैध हैं? यदि नहीं, तो इसे कब
तक वैध किया
जाकर यहां
मूलभूत सुविधाएं
विकसित की
जावेंगी? नहीं तो क्यों
कारण बतावें।
नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री (
श्री कैलाश
विजयवर्गीय ) : (क) प्रदेश
के नगरीय
क्षेत्र में
निर्मित
अनधिकृत कॉलोनियों
को वैध करने
के लिए कोई
नीति या नियम
नहीं है, अपितु
अनधिकृत कॉलोनियों
के रहवासियों
को नागरिक
अधोसंरचना
एवं भवन निर्माण
अनुमति
प्रदान करने
के लिए म.प्र.
नगरपालिका (कॉलोनी
विकास) नियम, 2021 में
प्रावधान किए
गए है। नियम, 2021 की प्रति पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार
है। (ख) उत्तरांश (क) अनुसार
नगर पालिक
निगम भोपाल
क्षेत्रान्तर्गत
230 अनधिकृत कॉलोनियों
में नागरिक
अधोसंरचना
एवं भवन
निर्माण अनुमति
प्रदान करने
की प्रक्रिया
पूर्ण की गई
है। 230
अनधिकृत कॉलोनियों
की सूची पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है। (ग)
प्रश्नांकित
कॉलोनी नगर
पालिक निगम
भोपाल की
विकास अनुमति
प्राप्त
(वैध) कॉलोनी
की सूची में
नहीं है। उत्तरांश (क) के
परिप्रेक्ष्य
में प्रश्नांकित
कॉलोनी को वैध
करने का प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है, यद्यपि
म.प्र.
नगरपालिका (कॉलोनी
विकास) नियम, 2021 के अनुसार
पात्र पाए
जाने पर नगर
निगम द्वारा कॉलोनी
में नागरिक
अधोसंरचना
प्रदान करने
नियमानुसार
विहित
प्रक्रिया व
पर्याप्त
संसाधन उपलब्ध
होने, परिषद
में स्वीकृत
होने पर विचार
किया जाना
प्रस्तावित
है। उत्तरांश
के
परिप्रेक्ष्य
में शेषांश का
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है।
सी.एम.
राइस स्कूल
भवन का गुणवत्ताहीन
निर्माण
[लोक
निर्माण]
132.
( क्र. 3221 ) श्री
देवेन्द्र
पटेल : क्या लोक
निर्माण
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) रायसेन
जिले के
बेगमगंज में
निर्माणधीन
सी.एम.राइज
विद्यालय व खेल
मैदान के निर्माण
की निर्माण
एजेंसी कौन है? कितनी
लागत के क्या-क्या
कार्य सीएम
राइज स्कूल
भवन के लिए स्वीकृत
किये गये थे? कौन-कौन से
कार्य पूर्ण
कर लिए गए हैं? (ख) प्रश्नांश
(क) उल्लेखित
भवन अत्यंत
गुणवत्तहीन
बनाया जा रहा
हैं, क्यों? तकनीकी
पर्यवेक्षण
किसके द्वारा
किया जा रहा
हैं? घटिया
निर्माण हेतु
कौन उत्तरदायी
हैं? (ग) सी.एम. राइज
स्कूल
बेगमगंज में
खेल मैदान का
निर्माण शुरू
न होने के क्या
कारण हैं? कब कार्य
शुरू किया
जाकर इसे कब
तक पूर्ण करा लिया
जायेगा? (घ) क्या
प्रश्नांश (क)
उल्लेखित
भवन की गुणवत्ता
की जाँच वरिष्ठ
तकनीकी
अधिकारियों
से कराई जाएगी? नहीं तो क्यों?
लोक
निर्माण
मंत्री ( श्री
राकेश सिंह ) : (क) जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट-''1'' अनुसार है। (ख) जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट-''2'' अनुसार है। (ग) जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट-''3'' अनुसार है। (घ) जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट-''4'' अनुसार है।
मुख्य
नगर पालिका
अधिकारी गोहद
का प्रभार
[नगरीय
विकास एवं
आवास]
133. ( क्र. 3226 ) श्री
केशव देसाई : क्या
नगरीय विकास
एवं आवास
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) नगर
पालिका गोहद
जिला भिण्ड
में पदस्थ
सुरेन्द्र
शर्मा
प्रभारी मुख्य
नगर पालिका
अधिकारी पर
पुलिस
प्राथमिकी 0750
दिनांक 09.11.2024
धाराओं 409, 420, 467,
468, 120-बी, 13 (1) (डी)
पुलिस थाना
भिण्ड
कोतवाली में
दर्ज हैं। यदि
हाँ, तो उक्त
मामलों में आज
दिनांक तक क्या-क्या
कार्यवाही
हुई है। यदि
नहीं, हुई हैं
तो कब की
जावेगी,
समय-सीमा
बतायें। क्या
उक्त मामलों
में सुरेन्द्र
शर्मा फरार
है।
कार्यवाही कब
तक की जावेगी।
(ख) आर्थिक
भ्रष्टाचार
के मामलों में
सुरेन्द्र
शर्मा पर
एफ.आई.आर. दर्ज
एवं फरार होने
पर भी नगर
पालिका, गोहद
सीएमओ का
प्रभार दिया
गया है। किस
नियम के तहत
दिया गया है, नियमों
की प्रति
उपलब्ध
करायें। (ग) क्या
नगर पालिका
परिषद, गोहद
सीएमओ का
प्रभार
आर्थिक भ्रष्टाचार
के मामलों में
संलिप्त एवं
फरार आरोपी
सुरेन्द्र
शर्मा से हटाया
जाएगा, यदि
नहीं, तो कारण
बतायें, यदि हाँ, तो
कब तक, समय-सीमा
बतायें।
नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री (
श्री कैलाश
विजयवर्गीय ) :
(क) जी
हाँ। नगर
पुलिस
अधीक्षक जिला
भिण्ड द्वारा
जांच की जा
रही है, समय-सीमा
बताया जाना
संभव नहीं है।
जी नहीं। श्री
सुरेन्द्र शर्मा
वर्तमान में
प्रभारी
मुख्य
नगरपालिका अधिकारी
नगरपालिका
परिषद, गोहद
जिला भिण्ड
में पदस्थ
होकर नियमित
सेवारत है।
प्रकरण में
जांच प्रचलित
होने से शेष का
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (ख) श्री
सुरेन्द्र
शर्मा, फरार
नहीं थे, नगर
परिषद मिहोना
जिला भिण्ड
में राजस्व
उपनिरीक्षक
के पद पर
पदस्थ थे,
म.प्र.
शासन नगरीय
विकास एवं
आवास विभाग
मंत्रालय
भोपाल के आदेश
क्रमांक/477/2154490/2024/18-1 भोपाल
दिनांक 06.02.2025 के
द्वारा श्री
शर्मा को
प्रशासनिक
आधार पर स्थानांतरित
कर प्रभारी
मुख्य
नगरपालिका अधिकारी
नगर पालिका
परिषद गोहद
जिला भिण्ड
पदस्थ किये
जाने से श्री
सुरेन्द्र
शर्मा द्वारा
दिनांक 07.02.2025 को
कार्यभार
ग्रहण किया
गया है। शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (ग) संबंधित
प्रकरण में
पुलिस द्वारा
जांच की जा रही
है। जांच
उपरांत
निष्कर्ष के
आधार पर कार्यवाही
की जावेगी।
समय-सीमा
बताया जाना
संभव नहीं है।
विवाह
सहायता योजना
के लाभान्वित हितग्राहियों
की जानकारी
[नगरीय
विकास एवं
आवास]
134.
( क्र. 3227 ) श्री केशव
देसाई : क्या
नगरीय विकास
एवं आवास
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) दिनांक 19.12.2024 को
विधानसभा के तारांकित
प्रश्न
क्रमांक 1583 के प्रश्नांश
(ख) में दिये
गये उत्तर
में विवाह
सहायता योजना
के
लाभार्थियों की सूची
प्रदाय की गई
है। उक्त
सूची के प्रत्येक
हितग्राही का
पता, हितग्राही
का आधार कार्ड, बैंक खाते, विवाहित
कन्या के
आधार कार्ड, विवाह के निमंत्रण
पत्र की सत्यापित
छायाप्रतियां
उपलब्ध
करायें।
नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री (
श्री कैलाश
विजयवर्गीय ) : (क) दिनांक
19.12.2024
को विधानसभा
के तारांकित प्रश्न
क्रमांक 1583 के प्रश्नांश
(ख) के उत्तर
में प्रदाय
विवाह सहायता योजना
लाभार्थियों की
सूची के
प्रत्येक हितग्राही
का पता, हितग्राही
का आधारकार्ड, बैंक खाते, विवाहित
कन्या के
आधारकार्ड, विवाह के
निमंत्रण
पत्र की
छायाप्रति
एवं सूची पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट
अनुसार है।
भोपाल
सिटी लिंक
लिमिटेड
द्वारा लिए गए
अभिमत
[नगरीय
विकास एवं
आवास]
135. ( क्र.
3230 ) श्री
चैन सिंह
वरकड़े : क्या
नगरीय विकास
एवं आवास
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) बी.सी.एल.एल.
द्वारा NIT-13 से
संबंधित जो
महाधिवक्ता
से Legal Opinion दिसम्बर 2024 में
लिया गया,
क्या
इस Opinion में
महाधिवक्ता/Lawyer
को BOD
की 40वीं
बोर्ड बैठक के
बिन्दु
क्रमांक 08 के
बारे में
लिखित/अधिकारिक
तौर पर बताया
गया? हाँ अथवा
नहीं? (ख) उपरोक्त
(क)
अनुसार हाँ
तो Correspondence (पत्राचार/Notesheet)
की
छायाप्रति
प्रदान करें।
यदि नहीं, तो क्या
यह कृत बोर्ड
के
आदेश/निर्णय
को धूमिल करने
के लिए किया
गया। हाँ अथवा
नहीं? यदि हाँ, तो क्यों
स्पष्ट
कारण बताएं।
यदि नहीं, तो यह Legal
Opinion क्यों
लिया गया?
स्पष्ट
कारण बताएं। (ग) क्या जो
बोर्ड के
निर्णय के
विपरीत
उपरोक्त
अनुसार
महाधिवक्ता
द्वारा Legal Opinion दिया
गया, उसके आधार
पर पत्र
क्रमांक 6414
दिनांक 10/01/2025 जारी
होना था? हाँ
अथवा नहीं?
यदि
हाँ, तो Legal Opinion का
बिन्दु
बताएं। क्या
बी.सी.एल.एल.
विभाग, जो
विभिन्न
निविदाओं के
लिए विधिक
अभिमत लेता है,
उसे
निर्णय/पत्राचार
में सम्मिलित
करता है, हाँ
अथवा नहीं?
(घ) निविदा-13 में संबंधित
जनवरी 2024 से
कितने Legal Opinion लिए गए?
क्यों
लिए गए और
उनके आधार पर
क्या
कार्यवाही की
गई, का
स्पष्ट
कारण बताएं।
क्या High Court Jablapur
में
प्रकरण
क्रमांक AC107/2024,
निविदा
क्र.-13 की NON-AC Buses से
संबंधित
प्रकरण था, हाँ
अथवा नहीं?
नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री (
श्री कैलाश
विजयवर्गीय ) : (क) जी
हाँ। (ख) जी
हाँ।
पत्राचार की
छायाप्रति संलग्न परिशिष्ट
अनुसार है। शेषांश
का प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (ग) 40वीं बोर्ड
बैठक के
बिन्दु
क्रमांक 08 में
निर्णय
अनुसार
निविदा क्र. 13 अंतर्गत
मेसर्स केपीटल
रोडवेज की एडजस्टेबल
सिक्यूरिटी
डिपॉजिट के
संबंध में
अनुबंध
अनुसार बस
ऑपरेटर को भुगतान
किये जाने
संबंधी
कार्यवाही 15 दिवस में
प्रस्तुत
करने हेतु
निर्देशित
किया गया।
राशि भुगतान
की कार्यवाही
के संबंध में
केपीटल
रोडवेज
द्वारा
माननीय उच्च
न्यायालय में
दायर याचिका
के संबंध में
महाधिवक्ता
द्वारा दिये
गये लीगल
ओपिनियन में
न्यायालयीन
प्रकरण
प्रचलन में
होने के कारण
न्यायालय से
प्रकरण का
निराकरण
उपरांत
कार्यवाही
किये जाने का अभिमत
दिया गया है।
अतः यह लीगल
ओपिनियन बोर्ड
के निर्णय के विरुद्ध
नहीं है। जी हाँ।
(घ) निविदा-13 में जनवरी 2024 से चार Legal
Opinion लिए
गये। निविदा
क्र. 13
अंतर्गत
मेसर्स
केपीटल
रोडवेज
द्वारा एडजस्टेबल
सिक्यूरिटी
डिपॉजिट की
राशि वापस
चाही गई थी, इस राशि का
भुगतान
अनुबंध की
शर्तों के
अनुरूप होने
के संबंध में
तीन अभिमत
लिये गये।
उक्त प्राप्त विधिक
अभिमतों को 40वीं बोर्ड
बैठक दिनांक 30.09.2024 में
प्रस्तुत
किया गया, जिसमें
बोर्ड द्वारा
अनुबंध
अनुसार
भुगतान किये
जाने संबंधी
कार्यवाही 15 दिवस में
प्रस्तुत
करने हेतु
निर्देशित
किया गया।
मेसर्स
केपीटल
रोडवेज
द्वारा
आर्बिट्रेशन
के माध्यम से
प्रकरण का
निराकरण किये
जाने हेतु
आर्बिट्रेटर
की नियुक्ति
के सम्बन्ध
में माननीय
उच्च
न्यायालय में
प्रकरण दायर
किये जाने के
फलस्वरूप एडजस्टेबल
सिक्यूरिटी
डिपॉजिट की
राशि को वापस
किये जाने के
सम्बन्ध में
पुनः
महाधिवक्ता
से लीगल
ओपिनियन लिया
गया। बीसीएलएल
की 41वीं
बोर्ड बैठक
दिनांक 04.04.2025 में एडजस्टेबल
सिक्यूरिटी
डिपॉजिट के
संबंध में लिए
गए निर्णय
अनुसार
प्रकरण में
पुनः परीक्षण
की कार्यवाही
किये जाने
हेतु निर्देशित
किया गया। जी
हाँ।
बी.सी.एल.एल.
द्वारा की गई
कार्यवाही
[नगरीय
विकास एवं
आवास]
136. ( क्र.
3231 ) श्री
चैन सिंह
वरकड़े : क्या
नगरीय विकास
एवं आवास
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) 01 जनवरी
2023
से प्रश्न
दिनांक तक
बी.सी.एल.एल.
द्वारा कितने
विधिक अभिमत
लिए गए, कितनों
के आधार पर
बोर्ड या
विभाग ने
निर्णय लिया,
कितनों
में
कार्यवाही
पूर्ण की गई,
कितने
निर्णय अभी
लंबित है और
क्यों लंबित
है, का
गौशवारा
बनाकर मय समस्त
दस्तावेज
प्रदान करें। (ख) यदि मान्य
नहीं तो विभाग
विधिक अभिमत
क्यों लेता
है? स्पष्ट
कारण बताएं।
उपरोक्त
समयावधि में
विधिक अभिमत
के कितने बिल
प्राप्त हुए
और कितने
भुगतान हुए,
की
जानकारी मय
दस्तावेज
प्रदाय करें। (ग) यदि विधिक
अभिमत की
विभाग के
निर्णय में कोई
आवश्यकता या
अहमियत नहीं
है तो विभाग
को हुई आर्थिक
क्षति (विधिक
अभिमतों के किए
गए भुगतान) की Recovery
C.E.O. या
Commissioner से
की जाएगी? हाँ
अथवा नहीं?
यदि
हाँ, तो कब तक और
किससे? यदि
नहीं, तो क्यों?
(घ) 01 जनवरी
2024
से 31 दिसम्बर 2024 तक
भोपाल सिटी
लिंक लिमिटेड
के
निविदाकर्ता एवं
वेण्डर्स के विरुद्ध
पेनाल्टी Show
Cause Notice के
लिए जारी
पत्रों की सत्यापित
छायाप्रति
प्रदान करें।
क्या यह
पेनाल्टी
निविदाकर्ताओं
द्वारा विभाग
में जमा कर दी
गई है, हाँ अथवा
नहीं। विभाग
द्वारा इन्हीं
निविदाकर्ताओं
के 1 जनवरी 2025 से
प्रश्न
दिनांक तक किए
गए राशि
भुगतान की
जानकारी-निविदाकार
का नाम, भुगतान
राशि, भुगतान मद
एवं अधिकारी
जिन्होंने
भुगतान किया,
का नाम
प्रदान करें।
नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री (
श्री कैलाश
विजयवर्गीय ) : (क) 01 जनवरी 2023 से प्रश्न
दिनांक तक
बी.सी.एल.एल.
द्वारा कुल 09 अभिमत
लिये गए शेष जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट-''1'' अनुसार है। (ख) विधिक
अभिमत एक
परामर्श होता
है, जो
की बंधनकारी
नहीं होता है।
उपरोक्त
समयावधि में
विधिक अभिमत
के 8
बिल प्राप्त
हुए जिसमें से
किसी बिल का
भुगतान नहीं
हुआ है।
शेषांश का
प्रश्न
उत्पन्न नहीं
होता है। (ग) जी
नहीं। विभाग
को कोई आर्थिक
क्षति नहीं
हुई है।
न्यायालयीन/अनुबंधित
प्रकरणों में
अग्रिम
कार्यवाही के
मार्गदर्शन
हेतु विधिक
अभिमत आवश्यकता
अनुसार लिया
जाता है।
किन्तु यदि
विभाग को यह
लगता है कि
विधिक अभिमत
के विरुद्ध
जाने पर विभाग
के हितों की
रक्षा/विभाग
के हित में
होगा तो विधिक
अभिमत से
प्राप्त
परामर्श के
अनुसार एवं
प्रकरण के गुण-दोष
के आधार पर
निर्णय लिया
जाता है। अतः
शेष प्रश्नांश
उपस्थित नहीं
होता। (घ) जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''2'' अनुसार है। अंशत:
जी हाँ। कुछ
देयकों में
अधिरोपित पेनाल्टी
का समायोजन
किया जा चुका
है तथा अधिरोपित
पेनाल्टी के
संबंध में
संबंधित
निविदाकर्ताओं
को समय-समय पर
स्मरण पत्र
भी जारी किये
गये हैं।
पेनाल्टी
जमा किये जाने
हेतु
कार्यवाही
निरंतर जारी
है। जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''3'' अनुसार है।
सड़कों
का निर्माण
एवं रेस्टोरेशन
की जानकारी
[नगरीय
विकास एवं
आवास]
137.
( क्र. 3251 ) श्री
देवेन्द्र
कुमार जैन : क्या
नगरीय विकास
एवं आवास
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) नगरपालिका
परिषद
शिवपुरी में
विगत 03
वर्षों (2022-23, 2023-24, 2024-25) में
किन-किन
वार्डों में
कितनी लंबाई व
राशि की सीसी
एवं डामर रोड
निर्माण
कार्यों की
स्वीकृति हुई? किन
फर्मों को सड़कों
के निर्माण
कार्यों के कब
कार्य आदेश
जारी हुए? कार्य कब
तक पूर्ण होना
था? कितना-कितना
प्रतिशत
निर्माण हो
चुका है व कितना
प्रतिशत
कार्य शेष है
व क्यों? कार्यों
का कितना
भुगतान
किस-किस को कब
किया गया व
किन-किन का
कितना भुगतान
शेष है? (ख) नगरपालिका
परिषद
शिवपुरी में
विगत 05
वषों में
किन-किन
वार्डों में
कहां-कहां, कितनी-कितनी
लंबाई व राशि
के रोड
रेस्टोरेशन कार्यों
की स्वीकृति
हुई? किन
फर्मों को रोड
रेस्टोरेशन
के कार्य आदेश
कब-कब जारी हुए? कार्य कब
तक पूर्ण करना
था? कितना-कितना
प्रतिशत
रेस्टोरेशन
कार्य पूर्ण
हो चुका है व
कितना
प्रतिशत
कार्य अभी भी
शेष है व
क्यों? कार्यों
का
कितना-कितना
भुगतान
किस-किस को कब-कब
किया गया व
किन-किन का
कितना भुगतान
शेष है? (ग) नगरपालिका
परिषद
शिवपुरी को
वर्ष 2015 से
रोड
रेस्टोरेशन
कार्य हेतु अब
तक कुल कितनी, राशि कब-कब, कहां-कहां
से प्राप्त
हुई है? रेस्टोरेशन
कार्य पर कुल
कितनी राशि
व्यय हो चुकी
है व कितनी
राशि शेष है? वर्षवार
जानकारी दें?
नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री (
श्री कैलाश
विजयवर्गीय ) : (क) जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है। (ग) जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''स'' अनुसार है।
स्वीकृत
कार्य एवं
उनका भुगतान
[नगरीय
विकास एवं
आवास]
138. ( क्र.
3252 ) श्री
देवेन्द्र
कुमार जैन : क्या
नगरीय विकास
एवं आवास
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) नगरपालिका
परिषद
शिवपुरी में
विगत 03 वर्षों (2022-23,
2023-24, 2024-25) में
किस-किस मद
में कितनी-कितनी
राशि कहां-कहां
से प्राप्त
हुई? उक्त राशि
का भुगतान कब
कब, कितना-कितना
व किस-किस को
किया गया?
जानकारी
उपलब्ध
करावें? कार्यों
की प्रशासकीय
स्वीकृति तथा
भुगतान की
स्वीकृति
संबंधी
दस्तावेज
उपलब्ध
करावें? (ख) प्रश्नांश
(क) के अनुसार
नगरपालिका
परिषद
शिवपुरी में
विगत तीन
वर्षों में
कितने भवनों
से संपत्तिकर,
कितनी
दुकानों से
किराया, कितने
उपभोक्ताओं
से जल कर सहित
किन-किन अन्य
समस्त स्त्रोतों
के माध्यम से
कितनी-कितनी
राशि का राजस्व
प्राप्त हुआ?
जानकारी
उपलब्ध
करावें। (ग) नगर पालिका
परिषद
शिवपुरी में
विगत 03 वर्षों
में जोनल वर्क,
मुरम,
कत्तल,
वाहन
मरम्मत, वाहनों
के टायरों की
खरीदी, वाहनों
के संचालन
हेतु
डीजल/पेट्रोल
क्रय, विद्युत
एवं प्रकाश
व्यवस्था,
टेंट
एवं शामियाना
एवं वर्कशाप
आदि कार्यों पर
कितनी-कितनी
राशि के
कौन-कौन से
कार्यों की
स्वीकृतियां
कब-कब, किन-किन के
द्वारा की गईं
तथा इस हेतु
किन-किन को कितनी-कितनी
राशि का कब-कब
भुगतान किया
गया?
नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री (
श्री कैलाश
विजयवर्गीय ) : (क) जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है। (ग) जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''स'' अनुसार है।
सड़क/पुल
निर्माण की स्वीकृति
[लोक
निर्माण]
139. ( क्र.
3262 ) श्री
भैरो सिंह
बापू : क्या
लोक निर्माण
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) वर्ष
2023
से प्रश्न
दिनांक तक
सुसनेर
विधानसभा
क्षेत्र जिला
आगर मालवा
अंतर्गत
कौन-कौन से
नवीन रोड निर्माण/मजबूतीकरण
एवं उन्नयन के
कार्य स्वीकृत
किए जाने हेतु
प्रस्ताव
शासन को
प्राप्त हुए
है? मार्गवार
विवरण देवें?
(ख) प्रश्नांश
(क) के संदर्भ
में कितने
मार्गों की
प्रशासकीय स्वीकृति
जारी हो चुकी
है एवं कितने
मार्गों की स्वीकृति
होना शेष है?
(ग) तारांकित
प्रश्न
क्रमांक 1314
दिनांक 17/03/2025 के
परिप्रेक्ष्य
में माननीय
मंत्रीजी
द्वारा दिये
गए उत्तर/आश्वासन
अनुसार ग्राम
मैना से
सुसनेर के बीच
कंठाल नदी पर
पुल निर्माण
हेतु सर्वे
किया गया?
यदि
हाँ, तो उक्त पुल
की स्वीकृति
कब तक कर दी
जायेगी तथा
इसी प्रश्न
के परिप्रेक्ष्य
में ग्राम
लालुखेड़ी से
रूपारेल तक
परीक्षण
करवाकर सड़क
स्वीकृति
हेतु माननीय
मंत्री
द्वारा आश्वस्त
किया गया था
क्या उक्त
सड़क की स्वीकृति
की जा चुकी है
यदि नहीं, तो क्यों?
(घ) विधानसभा
क्षेत्र
सुसनेर
अंतर्गत
कौन-कौन से
मार्ग गांरटी
अवधि में है?
मार्ग
का नाम
ठेकेदार/कंपनी
का नाम सहित
जानकारी
देवें? गांरटी
अवधि की कितनी
सड़कों का
निर्माण प्रश्न
दिनांक तक
किया गया?
लोक
निर्माण
मंत्री ( श्री
राकेश सिंह ) :
(क) एवं (ख)
जानकारी
पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-''अ'' एवं ''अ-1''
अनुसार है। (ग) ग्राम
मैना से
सुसनेर के बीच
कंठाल नदी पर
पुल निर्माण
कार्य का
सर्वे कार्य
किया जा रहा
है। कार्य
वर्तमान में
विभाग की किसी
भी योजना में
न तो स्वीकृत
है, न
ही
प्रस्तावित
है। स्वीकृति
की निश्चित समय-सीमा
बताया जाना
संभव नहीं है।
लालुखेड़ी से
रूपारेल
मार्ग
वर्तमान में
विभाग की किसी
भी योजना में
न तो स्वीकृत
है, न
ही
प्रस्तावित
है। शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (घ)
जानकारी
पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-''ब'' एवं ''ब-1''
अनुसार है।
बस
स्टैंड
निर्माण व
तालाब का
सौंदर्यीकरण
[नगरीय
विकास एवं
आवास]
140. ( क्र.
3268 ) श्री
अनिल जैन : क्या
नगरीय विकास
एवं आवास
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) जिला
निवाड़ी के नगर
परिषद निवाड़ी
अंतर्गत बड़े
तालाब, छोटे
तालाब सहित अड़जार
तालाब
सौंदर्यीकरण
एवं अन्य
कार्य हेतु कोई
कार्ययोजना
प्रस्तावित
है यदि हाँ, तो
उक्त कार्य के
लिए कब तक
राशि स्वीकृत
की जाकर
निविदा जारी
की जाएगी?
समय-सीमा
बतावें, यदि
नहीं, तो क्या
उक्त तालाबों
के
सौंदर्यीकरण
के लिए पृथक
से बजट
स्वीकृत किया
जावेगा? (ख) निवाड़ी
जिला
मुख्यालय पर
सर्वसुविधायुक्त
बस स्टैंड
निर्माण किये
जाने हेतु क्या
कोई
कार्ययोजना
तैयार की गई
है यदि हाँ, तो
उक्त निर्माण
कार्य कब तक
प्रारंभ किया
जावेगा।
जानकारी दें। (ग) उक्त
निर्माण
कार्यों के
सम्बंध में
प्रश्नकर्ता
के द्वारा
पूर्व में भी
पत्राचार किये
गए, यदि
हाँ, तो उन पर
क्या कार्यवाही
की गई?
नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री (
श्री कैलाश
विजयवर्गीय ) :
(क) जी हाँ।
नगर परिषद
निवाड़ी में
अमृत 2.0
योजनांतर्गत
बड़े तालाब पर
पार्क
निर्माण राशि
रु. 27,97,000.00 एवं छोटे
तालाब पर
गहरीकरण
पिचिंग एवं
घाट निर्माण
राशि रु. 82,24,217.00
स्वीकृत होकर
कार्य
प्रगतिरत है।
अड़जार तालाब
उत्तरप्रदेश
एवं
मध्यप्रदेश
की सीमा पर
स्थित है जहां
पूर्व से घाट
निर्मित होने
से कोई योजना तैयार
नहीं की गई
है। (ख) जी
हाँ। नगर
परिषद
निवाड़ी
द्वारा DPR तैयार
की गई है।
भूमि आवंटन की
कार्यवाही
प्रक्रियाधीन
है। समय-सीमा बताया
जाना संभव
नहीं है। (ग) जी हाँ।
उत्तरांश (क)
एवं (ख) अनुसार
शेषांश का
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है।
हरित
क्षेत्र का विकास
[नगरीय
विकास एवं
आवास]
141. ( क्र.
3360 ) डॉ.
अभिलाष
पाण्डेय : क्या
नगरीय विकास
एवं आवास
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या जबलपुर
जिले में विगत
5
वर्षों में
हरित क्षेत्र
(ग्रीन बेल्ट,
पार्क,
सार्वजनिक
उद्यान) की
कुल
क्षेत्रफल
में कमी आई है?
यदि
हाँ, तो कृपया
वर्षवार
आंकड़ें और
प्रभावित
क्षेत्रों की
सूची
प्रस्तुत की
जाए। (ख) वर्ष 2020 से 2025 के
बीच जबलपुर
नगर निगम क्षेत्र
में कितने नए
सार्वजनिक
पार्क विकसित
किए गए हैं और
उनमें लगाए गए
पौधों की
प्रजातियाँ व
संख्या क्या
हैं? (ग) क्या
इन पार्कों की
संधारण
व्यवस्था (maintenance)
के लिए
कोई निजी
एजेंसी या
स्वयंसेवी
संस्था नियुक्त
की गई है? इसमें
पर्यावरण
विभाग की
भूमिका क्या
रही? (घ) क्या
जबलपुर जिले
में शहरी
ग्रीन बेल्ट
के विस्तार
हेतु कोई
दीर्घकालिक
योजना (Master Plan) स्वीकृत
की गई है? यदि
हाँ, तो उसके
क्रियान्वयन
की वर्तमान
स्थिति क्या
है तथा कितने
लक्ष्य पूरे
हुए हैं? (ड.) जबलपुर
शहर में पिछले
3
वर्षों में
विकास
कार्यों (जैसे
सड़क, भवन
निर्माण आदि)
के कारण कुल
कितने
वृक्षों की
कटाई हुई है?
इस
कटाई की
पूर्ति हेतु
कितने वृक्ष
पुनः रोपे गए
तथा उनकी
जीवित रहने की
दर (survival rate) क्या है?
विभाग
द्वारा उक्त
हेतु क्या
निगरानी
तंत्र बनाया
हुआ है?
नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री (
श्री कैलाश
विजयवर्गीय ) :
(क) जी
नहीं। शेषांश
का प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (ख)
जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट अनुसार है। (ग) इन
पार्कों की
संधारण व्यवस्था
नगर निगम,
जबलपुर
द्वारा स्वयं
के संसाधनों
से किया जाता
है। वर्तमान
में कोई निजी संस्था,
स्वयंसेवी
संस्था या
विभाग इस
प्रयोजन हेतु
नियुक्त
नहीं है।
शेषांश का
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (घ) जी नहीं,
जबलपुर
जिले ने शहरी
ग्रीन बेल्ट
के विस्तार
हेतु कोई
दीर्घकालिक
योजना स्वीकृत
नहीं की है।
यद्यपि
देश/प्रदेश व्यापी
अभियान जैसे-
एक पेड़ माँ
के नाम, अमृत
हरित
महाअभियान
आदि के
अंतर्गत
प्रदेश के सभी
नगरीय
निकायों की
सक्रिय
भूमिका है। (ड.) पिछले 3
वर्षों में
नगर निगम,
जबलपुर
के उद्यान
विभाग द्वारा 735
वृक्षों की
कटाई-छटाई की
अनुमति दी गई
है। नगर सीमा
अंतर्गत लगभग 14000 पौधे
रोपित किये गये
हैं, जिनके
जीवित रहने की
दर लगभग 80
प्रतिशत है।
इस प्रयोजन
हेतु नियुक्त
अमले द्वारा
नियमित देख-रेख
एवं रख-रखाव
का कार्य किया
जाता है।
विद्युत
उपकेन्द्र
की स्वीकृति एवं
रिक्त पदों
की पूर्ति
[ऊर्जा]
142. ( क्र.
3372 ) श्री
हरिशंकर खटीक
: क्या
ऊर्जा मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) टीकमगढ़
जिले के
संचालन/संधारण
अंतर्गत विभागीय
मद से निर्माण
कार्य जनवरी 2022 से
प्रश्न दिनांक
तक कब-कब 11
के.व्ही. उच्च
दाब लाईन,
वितरण
ट्रांसफर,
33/11
के.व्ही.
विद्युत उप
केन्द्र में पॉवर
ट्रांसफार्मर
क्षमता
वृद्धि/अतिरिक्त
पॉवर
ट्रांसफार्मर
की स्थापना के
कार्यों की वर्षवार,
स्थानवार,
व्यय
राशिवार
सम्पूर्ण
जानकारी
उपलब्ध करायें।
(ख)
प्रश्नांश
(क) के आधार पर
बतायें कि
जिले में इसी
समयावधि में
वर्षवार
कितनी-कितनी
राशि, कहाँ-कहाँ
से कहाँ-कहाँ
के कौन-कौन से
कार्य कराने हेतु
भेजी गई है?
कृपया
स्पष्ट एवं
सम्पूर्ण
जानकारी
प्रदाय करें। (ग) प्रश्नांश
(क) एवं (ख) के
आधार पर बतायें
कि टीकमगढ़
जिले की
ग्रामीण एवं
शहरी
उपभोक्ताओं
एवं अन्य के
इसी समयावधि
में वर्षवार
कुल कितना-कितना
बिजली का बिल
बकाया था?
प्रश्न
दिनांक तक
वर्षवार
कितना-कितना
उपभोक्ताओं
एवं अन्य का
कुल
कितना-कितना
बिल जमा किया
गया है? (घ) प्रश्नांश
(क), (ख)
एवं (ग) के
आधार पर बतायें
कि इसी
समयावधि में
प्रश्न
दिनांक तक
कार्यालय
प्रबंध
संचालक
म.प्र.पू.वि.वि.क्षे.कं.लि.
जबलपुर
द्वारा जिले
में कौन-कौन
से जनहित के
सराहनीय
कार्य जनता की
एवं जनप्रतिनिधियों
की मांग
अनुसार किये
गये है? कब तक
टीकमगढ़ जिले
के जतारा
विधानसभा
क्षेत्र के
जतारा, पलेरा,
चंदेरा,
लिधौरा
एवं दिगोड़ा,
बमोरीकलां
में उपयंत्री
की पदस्थापना
करते हुए
जनहित में कब
तक खरो एवं
उपरारा में 33/11
के.व्ही.
विद्युत
उपकेन्द्र
स्वीकृत कर
दिये जावेंगे?
निश्चित
समय-सीमा सहित
बतायें।
ऊर्जा
मंत्री ( श्री
प्रद्युम्न
सिंह तोमर ) :
(क) टीकमगढ़
जिले के
संचालन/संधारण
वृत्त
अंतर्गत माह
जनवरी, 2022 से
प्रश्न
दिनांक तक 11 के.व्ही.
उच्च दाब
लाईन, वितरण
ट्रांसफार्मर
एवं 33/11 के.व्ही.
विद्युत
उपकेन्द्र
में पॉवर
ट्रांसफार्मर
क्षमतावृद्धि/अतिरिक्त
पॉवर
ट्रांसफार्मर
स्थापना के
कार्यों की
वर्षवार, स्थानवार,
व्यय
राशि सहित
विस्तृत जानकारी
पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट के
प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। (ख) उत्तरांश
(क)
के आधार पर
कार्यों में
व्यय राशि का
विवरण पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट के
प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। (ग) टीकमगढ़
जिला अंतर्गत
ग्रामीण/शहरी
उपभोक्ताओं एवं
अन्य पर
जनवरी, 2022 से
प्रश्न
दिनांक तक
वर्षवार
बिजली बिल की
बकाया राशि एवं
जमा राशि की जानकारी
पुस्तकालय
में
रखे परिशिष्ट के
प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। (घ) टीकमगढ़
जिला अंतर्गत
जनहित के
सराहनीय कार्यों
हेतु वितरण
क्षेत्रों
में विद्युत
आपूर्ति की
गुणवत्ता में
सुधार करने
एवं
उपभोक्ताओं
को बेहतर
सेवायें
प्रदान करने
हेतु केन्द्र
शासन की
आर.डी.एस.एस.
योजनांतर्गत
कार्य संपादित
किये जा रहे
हैं।
आर.डी.एस.एस.
योजना के अंतर्गत
टीकमगढ़ जिले
में कैपेसिटर
बैंक, नवीन 33/11 के.व्ही.
विद्युत
उपकेन्द्र,
33
के.व्ही. एवं 11 के.व्ही.
लाईन के
इंटरकनेक्शन/
विभक्तिकरण
के कार्य
कराये जा रहे
हैं/कराये जाने
हैं।
म.प्र.पूर्व
क्षेत्र
विद्युत वितरण
कंपनी
अंतर्गत
कनिष्ठ
अभियंताओं के
रिक्त पदों
को भरे जाने
हेतु सीधी
भर्ती के माध्यम
से चयन
प्रक्रिया
प्रारम्भ
है। चयन
उपरांत रिक्त
पदों पर
नियुक्ति की
जावेगी। अत:
समय-सीमा
बताया जाना
संभव नहीं है।
टीकमगढ़ जिले
अंतर्गत खरों
एवं उपरारा
में नवीन 33/11
के.व्ही.
विद्युत
उपकेन्द्र
तकनीकी रूप से
साध्य नहीं
होने के कारण
स्वीकृत
नहीं किए गए
हैं। अत: शेष
प्रश्न नहीं
उठता।
भाग-3
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
इन्दौर
में एयर
प्यूरिफायर
का संधारण
[नगरीय
विकास एवं
आवास]
1. ( क्र. 3 ) श्री
महेन्द्र
हार्डिया : क्या
नगरीय विकास
एवं आवास
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) इन्दौर
में वायु गुणवत्ता
सूचकांक
(एक्यूआई) का
मासिक औसत
क्या है? (ख) क्या
कुछ वर्ष
पूर्व इन्दौर
के प्रमुख
चौराहों पर
अवंतिका गैस
लिमिटेड
द्वारा
सी.एस.आर. के
तहत एयर
प्यूरिफायर
लगाए गए हैं।
यदि हाँ तो
उनकी वर्तमान
स्थिति क्या
हैं? उनके
फिल्टर कब
बदलवाए गए है।
क्या उनका
वार्षिक
संधारण किया
जा रहा है?
यदि
नहीं, तो क्यों?
नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री (
श्री कैलाश
विजयवर्गीय ) :
(क) इन्दौर
में वायु
गुणवत्ता
सूचकांक (एक्युआई)
का मासिक औसत 73 है, जो कि
संतोषजनक
श्रेणी में
आता है। (ख) जी
हाँ। वर्तमान
में एयर प्यूरिफायर
चलित अवस्था
में है। एयर
प्यूरीफायर
का संधारण
प्रदायकर्ता
(सप्लायर)
संस्था
द्वारा किया
जा रहा है।
अग्नि
सुरक्षा
उपकरणों की
वैधता
[नगरीय
विकास एवं
आवास]
2. ( क्र. 4 ) श्री
महेन्द्र
हार्डिया : क्या
नगरीय विकास
एवं आवास
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
इन्दौर में
बहुमंजिला
भवनों, व्यवसायिक
ईमारतों, व्यवसायिक
प्रतिष्ठानों
पर अग्नि
सुरक्षा उपकरण
रखे जाने के
आदेश दिए गए
है। (ख) यदि हाँ तो
क्या प्रमुख
अग्नि
सुरक्षा
उपकरण में
एबीसी पावडर
के बॉटल रखे
जा रहे है। (ग) क्या
एबीसी पावडर
के बॉटल की
वैधता दक्षिण
भारतीय
राज्यों में
तीन वर्ष है
और मध्यप्रदेश/इन्दौर
में एक वर्ष
की वैधता है। (घ) यदि हाँ
तो
मध्यप्रदेश
की जनता पर
प्रतिवर्ष अतिरिक्त
आर्थिक भार से
बचाने हेतु
दक्षिण भारतीय
राज्यों की
तरह ही
मध्यप्रदेश
में एबीसी
पावडर के बॉटल
की वैधता तीन
वर्ष किए जाने
के आदेश कब
दिए जावेंगे।
नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री (
श्री कैलाश
विजयवर्गीय ) :
(क) एवं (ख) जी
हाँ। (ग) जी नहीं,
अपितु
वैधता भारतीय
मानक ब्यूरो
द्वारा निर्धारित
मापदण्ड
अनुसार होती
है। (घ) उत्तरांश
(ग) के
परिप्रेक्ष्य
में प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
आर.आर.आर.डी.एस.
योजनान्तर्गत
किये गये
कार्य
[ऊर्जा]
3. ( क्र. 88 ) श्री
महेंद्र
रामसिंह यादव
: क्या
ऊर्जा मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) कोलारस
विधानसभा
क्षेत्र में
योजना दिनांक से
प्रश्न
दिनांक
आर.आर.आर.डी.एस.
योजनान्तर्गत
किस-किस ग्राम
में कौन-कौन
से कार्य
स्वीकृत किये
गये हैं, जानकारी
ग्रामवार,
पंचातयवार,
कार्यवार
विकासखण्डवार
पृथक-पृथक
उपलब्ध करावें।
(ख) प्रश्नांश
(क) अनुसार
स्वीकृत
कार्यों में
से कौन-कौन से
कार्य
प्रारंभ किये
गये है व
कौन-कौन से कार्य
अप्रारंभ है?
कौन-कौन
से कार्य पूर्ण
कर लिये गये
है व कौन-कौन
से कार्य
किस-किस कारण
से अपूर्ण है
व किस कारण से?
अपूर्ण
कार्य कब तक
पूर्ण कर लिये
जावेंगे? जानकारी
ग्रामवार,
पंचायतवार,
कार्यवार,
विकासखण्डवार
पृथक-पृथक
उपलब्ध कराते
हुए उनकी
अद्यतन
स्थिति से
अवगत करावें।
ऊर्जा
मंत्री ( श्री
प्रद्युम्न
सिंह तोमर ) :
(क) कोलारस
विधानसभा
क्षेत्रांतर्गत
आर.डी.एस.एस.
योजना के
प्रथम फेज
(लॉस रिडक्शन)
में प्रश्नाधीन
अवधि में स्वीकृत
कुल 567 कार्यों की
ग्रामवार,
पंचायतवार,
कार्यवार,
विकासखण्डवार
जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) उत्तरांश
(क) के
संदर्भ में
आर.डी.एस.एस.योजना
के तहत प्रश्नाधीन
क्षेत्रांतर्गत
स्वीकृत कुल 567
कार्यों में
से 418 पूर्ण किये
जा चुके है,
65
कार्य प्रगति
पर (अपूर्ण
नहीं) है तथा
शेष 84 अप्रारंभ
कार्य शीघ्र
प्रारंभ कर
निर्धारित
समय-सीमा में
पूर्ण कराने
की कार्यवाही
की जा रही है,
जिनका
प्रश्नाधीन
चाहा गया
ग्रामवार
पंचायतवार,
कार्यवार,
विकासखंडवार
विवरण पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-'ब'-, 'स' एवं 'द' अनुसार है।
अधिग्रहीत
भूमि का
मुआवजा
[लोक
निर्माण]
4. ( क्र. 110 ) डॉ.
सीतासरन
शर्मा : क्या
लोक निर्माण
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
न्यास
कॉलोनी
इटारसी से
एन.एच.69 मार्ग हेतु 16
नागरिकों की
भू-अर्जन की
राशि 362.24 लाख रूपये
(जो उप पंजीयक
इटारसी
द्वारा
निर्धारित की
गयी है) दिये
जाने के संबंध
में अधीक्षण
यंत्री लोक निर्माण
मंडल
नर्मदापुरम
द्वारा पत्र
क्रमांक 128/138/तक/पुनरीक्षित
तकनीकी/
प्रशासकीय
स्वीकृति/23-24
नर्मदापुरम दिनांक 19.01.2024 से मुख्य
अभियंता लोक
निर्माण
विभाग भोपाल
को लिखा गया
था। (ख) भू-अर्जन की
कितनी राशि कब
भू-अर्जन
अधिकारी इटारसी
को दी गई। यदि
नहीं, तो कब तक दी
जावेगी। (ग)
शेष राशि कब
तक दी जावेगी?
(घ) जिनकी
भूमि अर्जित
की गयी उन्हें
कब तक मुआवजा
मिल सकेगा?
लोक
निर्माण
मंत्री ( श्री
राकेश सिंह ) :
(क) जी हाँ। (ख)
जी नहीं।
कार्यवाही
प्रचलन में
है।
(ग) एवं (घ)
उत्तरांश 'ब' अनुसार।
टोल
नाकों पर फास्ट
टैग
[लोक
निर्माण]
5. ( क्र. 111 ) डॉ.
सीतासरन
शर्मा : क्या
लोक निर्माण
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) प्रदेश
में कुल कितने
टोल नाके है?
इनमें
कितने किस
राष्ट्रीय
राजमार्ग पर
एवं कितने किस
प्रादेशिक मार्ग
पर है? (ख) क्या
राष्ट्रीय
राजमार्गों
पर 3000 रूपये में
एक वर्ष तक
फास्ट टैग
चलाने की
योजना प्रस्तावित
है? (ग) यदि हाँ, तो क्या
प्रादेशिक
मार्गों पर
उक्त योजना
लागू की
जावेगी?
लोक
निर्माण
मंत्री ( श्री
राकेश सिंह ) :
(क) से (ग) भारतीय
राष्ट्रीय
राजमार्ग
प्राधिकरण से
संबंधित है, जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट
अनुसार है।
मंजरा
टोला ग्राम
अंतर्गत
विद्युत लाइन
विस्तार एवं
मेंटेनेंस
[ऊर्जा]
6. ( क्र. 149 ) श्री
महेन्द्र
नागेश : क्या
ऊर्जा मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
गोटेगाँव
विधानसभा के
ग्राम मंजरा
टोला में विद्युत
लाइन का
विस्तार
वर्षों से
लंबित है एवं
मौजूदा
विद्युत
लाइनें
अत्यंत जर्जर
स्थिति में
हैं, जिससे आए
दिन विद्युत
आपूर्ति
बाधित होती है?
(ख) यदि हाँ,
तो
विद्युत लाइन
विस्तार हेतु
अब तक क्या
कार्यवाही की
गई है? पुराने
जर्जर तारों
एवं खंभों के
मेंटेनेंस या
बदलने की क्या
योजना है?
कार्य
पूर्ण होने की
संभावित तिथि
क्या है?
ऊर्जा
मंत्री ( श्री
प्रद्युम्न
सिंह तोमर ) :
(क) एवं
(ख) जी
नहीं।
विद्युतीकरण
हेतु
निर्धारित
नीति अनुसार
सर्वप्रथम
प्रदेश के सभी
राजस्व
ग्रामों के
विद्युतीकरण
का कार्य एवं
तदुपरांत
राजस्व
ग्रामों के
चिन्हित
मजरों/टोलों
के विद्युतीकरण
का कार्य वित्तीय
उपलब्धता
अनुसार क्रमश:
केन्द्र
शासन की
विभिन्न
विद्युतीकरण
की योजनाओं
यथा राजीव
गांधी ग्रामीण
विद्युतीकरण
योजना एवं
दीनदयाल उपध्याय
ग्राम ज्योति
योजना में
किया गया।
तदुपरांत
सौभाग्य योजना
के
प्रावधानों
के अंतर्गत
शत-प्रतिशत घरों
के
विद्युतीकरण
का कार्य किया
गया, किन्तु इस
योजना के
दिशा-निर्देशों
के अनुसार खेतों
में दूर-दूर
अवस्थित घरों
को तकनीकी एवं
वित्तीय
साध्यता
नहीं होने के
कारण योजना
में सम्मिलित
नहीं किया
गया। समय-समय
पर नये मजरे/टोले/फलिये
का सृजन होना
एक सतत्
प्रक्रिया
है। उल्लेखनीय
है कि राज्य
शासन के पत्र
दिनांक 05.05.2025 के
द्वारा
अविद्युतीकृत
घरों/बसाहटों/मजरों/टोलों
के
विद्युतीकरण
के संबंध में
दिशा-निर्देश
जारी किये गये
हैं। उक्त
निर्देशों के
तारतम्य में
म.प्र. पूर्व
क्षेत्र
विद्युत
वितरण कंपनी
अंतर्गत घरों/बसाहटों/मजरों/टोलों
के
विद्युतीकरण
कार्य हेतु
विस्तृत
सर्वे कार्य
किया जा रहा
है। सर्वे
उपरान्त
अविद्युतीकृत
घरों/
बसाहटों/मजरों/टोलों
के
विद्युतीकरण
के कार्य हेतु
विस्तृत
कार्य योजना
तैयार कर नोडल
एजेंसी मेसर्स
पी.एफ.सी., विद्युत
मंत्रालय,
भारत
सरकार को
प्रेषित की
जानी हैं।
म.प्र. पूर्व
क्षेत्र
विद्युत
वितरण कंपनी
द्वारा समस्त
स्थापित
विद्युत
अधोसंरचना
यथा विद्युत
लाईनों एवं
खम्बों के
रखरखाव का
कार्य मानसून
पूर्व एवं मानसून
अवधि के पश्चात
करने के अलावा
विद्युत व्यवधानों/दुर्घटनाओं
को कम करने के
उद्देश्य से
पूरे वर्ष
सतत् रूप से
किया जा रहा
है।
पशु
चिकित्सालय
का सुधार
[पशुपालन
एवं डेयरी]
7. ( क्र. 155 ) श्री
महेन्द्र
नागेश : क्या
राज्य
मंत्री, पशुपालन
एवं डेयरी
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
गोटेगाँव नगर
में स्थित पशु
चिकित्सालय
का भवन
वर्तमान में
अत्यंत जर्जर
एवं
जीर्ण-शीर्ण
अवस्था में है,
जिसकी
दीवारें टूटी
हुई हैं, छत
टपकती है तथा
समुचित भवन
संरचना न होने
से उपचार हेतु
आने वाले
पशुओं एवं
उनके पालकों को
असुविधा का
सामना करना
पड़ता है?
(ख) क्या
शासन के
संज्ञान में
यह तथ्य है कि
भवन की खस्ताहाल
स्थिति के
कारण पशु
चिकित्सा
सेवाओं का
संचालन
प्रभावित हो
रहा है? (ग) यदि हाँ,
तो
क्या शासन
द्वारा उक्त
पशु
चिकित्सालय
भवन की मरम्मत,
नवीनीकरण
या नवीन भवन
निर्माण हेतु
कोई प्रस्ताव
स्वीकृत किया
गया है? (घ) यदि
नहीं, तो क्या
शासन शीघ्र
कोई ठोस
निर्णय लेकर
गोटेगाँव में
एक
सुव्यवस्थित
एवं आधुनिक
पशु चिकित्सालय
भवन निर्माण
हेतु आवश्यक
कदम उठाएगा,
जिससे
क्षेत्रीय
पशुपालकों को
बेहतर सेवाएं
मिल सकें?
राज्य
मंत्री, पशुपालन
एवं डेयरी (
श्री लखन पटैल
) : (क) जी नहीं।
पशु चिकित्सालय
गोटेगांव भवन 20.09.2014 को
निर्मित होकर
वर्तमान में
क्रियाशील
है। भवन की
स्थिति
संतोषप्रद
है। पशु
चिकित्सालय
में पशु
चिकित्सकीय
कार्य सुचारू
रूप से
संचालित है। (ख) से (घ) उत्तरांश
(क) अनुसार
है।
साइड
शोल्डर
निर्माण न
होना
[लोक
निर्माण]
8. ( क्र. 157 ) श्री
महेन्द्र
नागेश : क्या
लोक निर्माण
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
झाँसीघाट से
दादा महाराज
डोकरघाट तक के
मार्ग का
मेंटेनेंस
कार्य
एम.पी.आर.डी.सी.
द्वारा कराया
गया है, इसके
बावजूद मार्ग
पर अनेक
स्थानों पर
बड़े-बड़े
गड्ढे बने हुए
हैं, जिससे
आवागमन में
अत्यधिक
कठिनाई हो रही
है? (ख) क्या
उक्त मार्ग पर
साइड शोल्डर
का निर्माण नहीं
किया गया,
जिससे
दुर्घटना की
संभावनाएं
बनी रहती है?
(ग) क्या इस
मार्ग की
गुणवत्ता एवं
पूर्णता की कोई
तकनीकी जांच
कराई गई है?
यदि
नहीं, तो कब तक
जांच कराई
जाएगी और
कार्य अपूर्ण
पाए जाने की
स्थिति में
संबंधित
ठेकेदार या
एजेंसी पर
क्या
कार्रवाई की
जाएगी? (घ) क्या यह
तथ्य है कि
मार्ग की
जर्जर स्थिति
को लेकर
आमजनता में
भारी आक्रोश
व्याप्त है?
(ड.) मार्ग
की शीघ्र
मरम्मत एवं
साइड शोल्डर
निर्माण हेतु
विभाग द्वारा
क्या
कार्यवाही की
गई है तथा कार्य
पूर्ण करने की
क्या समय-सीमा
निर्धारित की
गई है?
लोक
निर्माण
मंत्री ( श्री
राकेश सिंह ) :
(क) जी हाँ।
वर्षाकाल के
दौरान कुछ
स्थानों पर पेच
निर्मित हुए
हैं, जिनका सतत्
रूप से सुधार
किया जा रहा
है। मार्ग पर
यातायात
सुचारू रूप से
चल रहा है। (ख) जी नहीं,
वर्ष-2006 में
मार्ग
निर्माण के
दौरान शोल्डर
का निर्माण
किया गया है,
जिसका
सतत् रूप से
आवश्यकता
अनुसार
संधारण भी
किया जा रहा
है, अतः
दुर्घटना
जैसी कोई
संभावनाएं
नहीं है। (ग) मार्ग
वर्तमान में
संधारण
अंतर्गत है,
अत:
संधारण के
कार्यों की
तकनीकी जांच
विभागीय अधिकारियों
द्वारा
समय-समय पर की
जाती है। अतः शेष
का प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (घ) जी नहीं,
मार्ग
मोटरेबल
स्थिति में है
एवं मार्ग पर
यातायात
सुचारू रूप से
चल रहा है,
अतः
आमजनता के
आक्रोश का
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (ड.)
मार्ग पर जोनल
अनुबंध के
माध्यम से
मरम्मत कार्य
प्रगतिरत है।
मार्ग के कुछ
भाग में साइड
शोल्डर का
मरम्मत कार्य
किया गया था।
संधारण एक
सतत्
प्रक्रिया
है। अत:
समय-सीमा
बताया जाना
संभव नहीं है।
निर्माण
कार्यों के
लंबित
प्रकरणों की
स्वीकृति
[लोक
निर्माण]
9. ( क्र. 162 ) श्री
निलेश
पुसाराम उईके
: क्या
लोक निर्माण
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
प्रदेश के
जिला-पांढुर्णा
में लोक निर्माण
विभाग (भवन/पथ)
सम्भाग
द्वारा
क्षेत्र के विभिन्न
स्थानों के
मार्ग/पुल/पुलिया
निर्माण व भवन
मरम्मत हेतु शासन/विभाग
में तकनीकी व
प्रशासकीय
स्वीकृति
हेतु प्रकरण
लंबित है?
यदि
हाँ, तो वे
कौन-कौन से है
और उन्हें कब
तक स्वीकृति प्रदान
कर दी जावेगी?
(ख) प्रदेश
के
जिला-पांढुर्णा
व छिंदवाड़ा
में लोक
निर्माण
विभाग (भवन)
सम्भाग
द्वारा वर्ष 2018 से आज
दिनांक तक
निर्मित/निर्माणाधीन
कार्यों की
जानकारी
स्थान, लागत
राशि, कार्य का
नाम, कार्य
प्रारंभ/पूर्णतः
तिथि व कार्य
की वर्तमान
स्थिति की
जानकारी
उपलब्ध
करावे। (ग) प्रदेश
के
जिला-पांढुर्णा
व छिंदवाड़ा के
लोक निर्माण
विभाग (भवन)
सम्भाग में
वर्ष 2018 से आज
दिनांक तक
पदस्थ अधिकारियों/कर्मचारियों
की जानकारी
उनके मूल पद,
प्रभार
के पद, उक्त अवधि
में निर्वहित
पद सहित देवे।
क्या उक्त
अवधि में
संभाग के
संभाग प्रमुख
द्वारा अपने
जिलों
(पांढुर्णा व
छिंदवाड़ा) में
चल रहे निर्माण
कार्यों का
निरीक्षण
किया गया था?
यदि
हाँ, निरीक्षण
टीप व इसका पालन
प्रतिवेदन की
जानकारी देवे?
लोक
निर्माण
मंत्री ( श्री
राकेश सिंह ) :
(क) जी नहीं,
शेष
प्रश्नांश
उपस्थित नहीं
होता। (ख)
जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-अ
अनुसार है। (ग)
जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-ब एवं
'स'
अनुसार है।
बिजवाड़
से एम.डी.आर.
रोड दिजगांव
तक के गांवों
में नाली
निर्माण
[लोक
निर्माण]
10. ( क्र. 240 ) श्री
आशीष गोविंद
शर्मा : क्या
लोक निर्माण
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) बिजवाड़
से दिजगांव तक
एम.डी.आर, सड़क का
निर्माण
कितनी लागत से
किस वर्ष में
कौन सी कम्पनी
द्वारा किया
गया वर्ष एवं
कम्पनी का
नाम बतावे। (ख) एम.डी.आर.
सड़क के
अंतर्गत
प्रश्नकर्ता
विधानसभा
क्षेत्र के
ग्राम भूरिया,
जामुनिया
जियागांव एवं
ग्राम
कांकरिया में मौजूदा
चौड़ाई के साथ
बगैर नाली के
बनाया गया है
क्यों? (ग) इन
चारों गांवों
में सड़क की
चौड़ाई
पर्याप्त
नहीं हैं और न
ही इन ग्रामों
में नाली का
निर्माण किया
गया है जिसके
कारण कीचड़
गंदगी बनी रहती
हैं एवं
आवागमन भी
बाधित होता है
इसके लिए कौन
जवाबदार है?
(घ) क्या इन
गांवों में
पर्याप्त
चौड़ाई एवं
नाली निर्माण
के साथ
सीमेन्ट
कांक्रिट रोड का
निर्माण
कार्य करवाये
जाने सम्बंधी
कोई प्रस्ताव
विभाग के पास
लंबित हो तो बतावें।
लोक
निर्माण
मंत्री ( श्री
राकेश सिंह ) :
(क) बिजवाड़
से दीपगांव
मार्ग, लम्बाई 75 कि.मी. का
निर्माण वर्ष-2014 में
मेसर्स
जी.वी.आर. कांटाफोड़
बिजवाड़ रोड़
प्रोजेक्ट
प्रा.लि. द्वारा
किया गया,
जिसकी
अनुबन्धानुसार
01
अन्य मार्ग
सहित संयुक्त
रूप से लागत
राशि रू. 196.47 करोड़
है। (ख) मार्ग
निर्माण के
समय भूमि की
अनुपलब्धता
एवं अतिक्रमण
के कारण
थुरिया/कुसमानिया
ग्राम में
नाली निर्माण
नहीं किया जा
सका। ग्राम
जियागांव में
नाली निर्माण
मूल अनुबंध
में
प्रावधानित
नहीं था एवं
ग्राम
काकरिया में
भूमि की
अनुपलब्धता
एवं अतिक्रमण
के कारण
प्रावधानित 700 मी.
लंबाई में से
केवल 340 मी. लंबाई
में नाली
निर्माण का
कार्य किया जा
सका। (ग) उत्तरांश
(ख) अनुसार
भूमि उपलब्धता
के अनुसार ही
सड़क
चौड़ीकरण एवं
नाली निर्माण
का कार्य किया
गया, अत:
जवाबदेही का
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (घ) थुरिया
ग्राम में
वर्तमान में
पर्याप्त
भूमि उपलब्ध
होने के कारण
नाली निर्माण
का कार्य स्वीकृति
उपरांत
प्रगतिरत है।
शेष 03 ग्रामों
में नाली
निर्माण एवं
उपरोक्त
समस्त
ग्रामों में
सीमेंट
कांक्रीट रोड
निर्माण हेतु
कोई प्रस्ताव
लंबित नहीं
है।
स्मार्ट
मीटर लगाये
जाने की अनिवार्यता
[ऊर्जा]
11. ( क्र. 291 ) श्री
लखन घनघोरिया
: क्या
ऊर्जा मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
प्रदेश में
विद्युत
कम्पनियों
द्वारा उपभोक्ताओं
के लिए लगाये
जाने वाले
स्मार्ट मीटर
सभी
उपभोक्ताओं
के लिए लगाना
अनिवार्य है?
(ख) यदि
नहीं, तो क्या
प्रत्येक
उपभोक्ता से
उसकी सहमति लेकर
स्मार्ट मीटर
लगाये जा रहे
हैं? (ग) क्या
स्मार्ट मीटर
लगने के बाद
बिजली का
ज्यादा बिल
आने की शिकायतें
मिली हैं यदि
हाँ, तो इसका
क्या कारण है?
(घ) क्या
पांच प्रतिशत
स्मार्ट मीटर
की गुणवत्ता
की जांच की जा
रही है? यदि हाँ, तो किस
लैब में जांच
की जा रही है
और क्या उक्त लैब
के पास इसका
लायसेंस है?
ऊर्जा
मंत्री ( श्री
प्रद्युम्न
सिंह तोमर ) :
(क) एवं
(ख) प्रदेश
में विद्युत
वितरण
कंपनियों
अंतर्गत शहरी
क्षेत्रों
में स्मार्ट
मीटर केन्द्रीय
विद्युत
प्राधिकरण,
विद्युत
मंत्रालय,
भारत
सरकार की
अधिसूचना
दिनांक 23.12.2019 के
विनियम-4 एवं
विद्युत
मंत्रालय,
भारत
सरकार की
अधिसूचना
दिनांक 31
दिसम्बर, 2020 के
विनियम-5 ''मीटरिंग''
तथा
मध्यप्रदेश
विद्युत
प्रदाय
संहिता-2021 के
अध्याय-8 ''विद्युत
मापन तथा
बिलिंग'' के
दिशा-निर्देशों
के अनुपालन
में
आर.डी.एस.एस.
योजना के
अंतर्गत
पारदर्शी
बिलिंग, मीटर
रीडिंग
प्रणाली में
सुधार और सटीक
ऊर्जा
लेखाकंन के
लिए लगाए जा
रहे हैं। उक्त
वैधानिक
प्रावधानों
के अनुसार
सहमति लिया जाना
आवश्यक नहीं
है। (ग) स्मार्ट
मीटर लगने के
बाद कतिपय
प्रकरणों में
विद्युत बिल
अधिक आने की
शिकायतें
मिली हैं। शिकायतों
के परीक्षण
में यह पाया
गया है कि स्मार्ट
मीटर के माध्यम
से विद्युत
उपभोक्ता की
वास्तविक
खपत अनुसार
पारदर्शी
बिलिंग होती
है, जो कि
शिकायतों का
मुख्य कारण
है। (घ) विद्युत
वितरण कंपनी
अंतर्गत 5
प्रतिशत नहीं,
अपितु
100
प्रतिशत
स्मार्ट
मीटरों की
गुणवत्ता की
जांच की जा
रही है। सर्व
प्रथम
स्मार्ट मीटर
की गुणवत्ता
की जांच
मानकों के अनुरूप
आवश्यक
सैम्पलिंग
मात्रा में
मीटर निर्माणकर्ता
के परिसर में
स्थित लैब में
वितरण कंपनी
के द्वारा
नामित
अधिकारी की
उपस्थिति में
की जाती है,
इसके
पश्चात
स्मार्ट मीटर
प्राप्त होने
पर स्मार्ट
मीटर की
गुणवत्ता की
जांच थर्ड
पार्टी
एन.ए.बी.एल.
मान्यता
प्राप्त लैब
में
एक्सेप्टेंस
टेस्ट, टाइप
टेस्ट एवं
कम्युनिकेशन
टेस्ट कर जांच
की जा रही है।
इसके
अतिरिक्त
विद्युत
वितरण कंपनी
की
एन.ए.बी.एल/एल.टी.एम.टी.
लैब में 100
प्रतिशत
स्मार्ट
मीटरों का
परीक्षण करने
के उपरांत ही
मीटर स्थापित
किये जा रहे
हैं। जी हाँ,
टाइप
टेस्ट एवं
एक्सेप्टेंस
टेस्ट
एन.ए.बी.एल.
एक्रेडीटेड
लेबों में ही
निष्पादित
किये जाते हैं,
जो
कि इस हेतु
अधिकृत हैं।
डेयरी
स्टेट
प्रोजेक्ट
की स्थापना
[पशुपालन
एवं डेयरी]
12. ( क्र. 292 ) श्री
लखन घनघोरिया
: क्या
राज्य
मंत्री, पशुपालन
एवं डेयरी
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) प्रदेश
शासन की
प्रदेश का
एकमात्र पहला
डेयरी स्टेट
प्रोजेक्ट
की स्थापना
जबलपुर जिला
के बरेला के
खमरिया ग्राम में
कितने एकड़
में करने हेतु
इसका कब
उद्घाटन किया
गया? मूल
उद्देश्य
एवं लक्ष्य
एवं लक्ष्य
क्या हैं। इस
संबंध में
मान. म.प्र.
उच्च
न्यायालय
जबलपुर एवं
नेशनल ग्रीन
ट्रिब्यूनल
ने कब क्या
दिशा-निर्देश
जारी किये हैं?
शासन
ने इसके लिये
कब कितनी राशि
का बजट प्रावधान
किया है एवं
कब कितनी राशि
आवंटित की है?
कब
से कितनी राशि
का आवंटन नहीं
किया गया एवं
क्यों? (ख) प्रश्नांश
(क) में मूल
योजना के तहत
कितनी- कितनी
राशि के कौन-कौन
से विकास एवं
निर्माण
कार्य कब
कराये गये हैं?
योजना
के तहत कितने
डेयरी
संचालकों को
प्लाट आवंटित
किये गये हैं।
कितने डेयरी
संचालकों/व्यवसायियों
ने
रजिस्ट्रेशन
कराने के
पश्चात अभी तक
डेयरी स्टेट
में शिफ्ट
नहीं हुये
हैं। इस पर
जिला प्रशासन
ने कब-कब
किस-किस पर
क्या
कार्यवाही की
हैं? यदि नहीं, तो
क्यों? (ग) क्या
परियट नदी एवं
गौर नदी के
किनारे
स्थापित हो
गया है और यही
प्रदूषित जल
नर्मदा नदी में
सीधे समाहित
होने से
नर्मदा नदी भी
प्रदूषित हो
रही हैं? यदि हाँ, तो शासन
इन डेयरियों
को कब तक
डेयरी स्टेट
में शिफ्ट
करेगा? (घ) प्रश्नांकित
डेयरी स्टेट
प्रोजेक्ट के
संचालन की किस
स्तर पर क्या
व्यवस्था की
गई है।
स्वीकृत एवं
पदस्थ स्टाफ
की क्या
स्थिति है?
राज्य
मंत्री, पशुपालन
एवं डेयरी (
श्री लखन पटैल
) : (क) प्रदेश
का एकमात्र
पहला डेयरी
स्टेट प्रोजेक्ट
की स्थापना
जबलपुर जिला
के बरेला के
ग्राम खमरिया
में 49.50 एकड़ में की
गई है एवं
इसका उद्घाटन 24 फरवरी 2022 को किया
गया है। इस
योजना का
मुख्य
उद्देश्य
प्रदेश में
डेयरी
उद्यमिता को
बढ़ावा देने
के लिए एक ही
स्थान पर सभी
मूलभूत सुविधाएं
उपलब्ध
करवाना है,
जिससे
प्रदेश के दूध
उत्पादन में
वृद्धि होगी
एवं दूध
उत्पादन की
लागत में कमी
आएगी। साथ ही
दूध व्यवसाय
को असंगठित
क्षेत्र को
संगठित
क्षेत्र में
लाना भी इस
योजना का
उद्देश्य
है। इस
सम्बन्ध में
मान.म.प्र
उच्च न्यायालय
जबलपुर
द्वारा
याचिका
क्रमांक 1219/1998
में दिनांक 30.10.2013
को पारित आदेश
में नगर निगम
जबलपुर को
निर्देशित
किया है की
परियट नदी के
अलावा अन्य
वैकल्पिक
भूमि का चयन
किया जाए उक्त
आदेश के
परिपालन में
कलेक्टर
जबलपुर
द्वारा अपने आदेश
क्रमांक
3260/प्र.वा, कले-2/2014/जबलपुर,
दिनांक
28/04/2014 के द्वारा
ग्राम खमरिया
में पशुपालन
विभाग को
डेयरी स्टेट
की स्थापना
हेतु 19.40 हेक्टेयर
भूमि आवंटित
की गई थी जिस
पर डेयरी स्टेट
संचालित है।
शासन ने
संचालनालय
पशुपालन विभाग
के माध्यम से
इस योजना में
राशि 999.00 लाख का
बजट प्रावधान
किया है एवं
समय-समय पर
आवंटित की गई
राशि का विवरण
निम्नानुसार
है :-
|
क्र |
वर्ष |
राशि (लाख
में) |
|
1. |
2010-11 |
60.00 |
|
2. |
2011-12 |
65.00 |
|
3. |
2012-13 |
75.50 |
|
4. |
2015-16 |
234.00 |
|
5. |
2016-17 |
517.50 |
|
6. |
2017-18 |
47.00 |
|
|
कुल राशि |
999.00 |
वर्ष
2018-19 से किसी भी
प्रकार की
राशि का आवंटन
नहीं किया
गया। (ख) इस
योजना
अंतर्गत
आवंटित राशि
रूपये 999.08 लाख के
कार्यों का
विवरण निम्नानुसार
है।
|
क्र |
निर्माण
कार्यों का
विवरण |
राशि |
|
1. |
पशु
चिकित्सालय
तथा
प्रशासकीय
भवन का
निर्माण |
8500000/- |
|
2. |
एफ
टाइप आवास का
निर्माण |
4620000/- |
|
3. |
दाना
गोडाउन शेड
का निर्माण |
2280000/- |
|
4. |
चारा
गोडाउन का
निर्माण |
3630000/- |
|
5. |
12 मीटर
सी.सी. रोड का
निर्माण |
12530000/- |
|
6. |
7.5 मीटर
सी.सी. रोड का
निर्माण |
12060000/- |
|
7. |
आर
सी.सी. ड्रेन |
11098000/- |
|
8. |
हूम
पाइप कल्वर्ट |
1660000/- |
|
9. |
पानी
सप्लाई
वर्क |
12760000/- |
|
10. |
फैसिंग
वर्क |
7115000/- |
|
11. |
बाहरी
बिजली का
कार्य |
10000000/- |
|
12. |
बायोगैस
प्लांट का
निर्माण |
8000000/- |
|
13. |
3
प्रतिशत
वर्क चार्ज
कन्टनजेंसी |
2827590/- |
|
14. |
3
प्रतिशत वस्तुस्थिति
की फीस |
2827590/- |
|
|
कुल राशि |
99908180/- |
निर्माण
कार्य वर्ष 2017
से 2022 तक कराये
गये है। डेयरी
स्टेट ग्राम
खमरिया
जबलपुर में
कुल 68 भूखण्ड
है। जिसमें से
45 भूखण्ड
आवंटित कर
दिये गये है
एवं 38 भूखण्ड
की रजिस्ट्री
की जा चुकी
है। कुल 04
डेयरी का
निर्माण किया
जा चुका है
एवं 02 का निर्माण
कार्य चल रहा
है। आवंटन
हेतु 23 भूखण्ड
अभी भी रिक्त
है जिन पर
वितरण
कार्यवाही
प्रचलित है
एवं 39 भूखण्डों
के डेयरी
संचालकों ने
रजिस्ट्रेशन
करने के
पश्चात् भी
अभी तक डेयरी
शिफ्ट नहीं की
है। जिला
प्रशासन
द्वारा
समय-समय पर
कार्यवाही की
गई है। (ग) जी नही,
डेयरी
स्टेट की स्थापना
परियट नदी एवं
गौर नदी के
किनारे नहीं
की गई है।
समस्त
डेयरियों का
डेयरी स्टेट
में शिफ्टिंग
का कार्य
प्रक्रियाधीन
है। (घ) डेयरी
स्टेट की
संचालन
व्यवस्था
हेतु समस्त आवंटित
हितग्राहियों
को सम्मिलित
करते हुए एक
सहकारी समिति
का गठन किया
जाएगा।
परियोजना संचालन
हेतु एक समिति
गठित की जाएगी,
जिसमें
सहकारी समिति
के अध्यक्ष
तथा सचिव सदस्य
रहेंगे।
वर्तमान में
चार सुरक्षा
गार्ड आउटसोर्स
के माध्यम से
पदस्थ है।
33 के.व्ही.
उपकेन्द्रों
को सौर ऊर्जा
से जोड़ा जाना
[नवीन
एवं नवकरणीय
ऊर्जा]
13. ( क्र. 975 ) श्री
सुशील कुमार
तिवारी : क्या
नवीन एवं
नवकरणीय
ऊर्जा मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
33/11
के.व्ही.
उपकेन्द्रों
को सौर ऊर्जा
से जोड़ने की
योजना है? (ख) यदि हाँ, तो
कौन-कौन से उप
केन्द्रों
को योजना में
शामिल किया
गया है? (ग) प्रश्नांश
(ख) के
अंतर्गत
कौन-कौन से उप
केन्द्रों
पर कार्य चल
रहा है?
नवीन
एवं नवकरणीय
ऊर्जा मंत्री
( श्री राकेश शुक्ला
) : (क) जी हाँ। 33/11 के.व्ही.
उपकेन्द्रों
को सौर ऊर्जा
से जोड़ने की
कुसुम-अ योजना
है। राज्य
शासन द्वारा
सूर्य मित्र
कृषि फीडर योजना
अंतर्गत 33/11 के.व्ही.
उपकेन्द्रों
की 11 के.व्ही.
साइट को सौर
संयंत्रों से
जोड़ने की
योजना लागू की
जा रही है,
जिसमें
भारत शासन की
कुसुम-सी
योजना भी
शामिल है। (ख) कुसुम-अ
में एवं सूर्य
मित्र कृषि
फीडर योजना में
शामिल उपकेन्द्रों
(Substations) की वर्तमान जानकारी
पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट के
प्रपत्र-अ
अनुसार है। (ग) कुसुम-अ
एवं कुसुम-स
में जिन
उपकेन्द्रों
(Substations) में कार्य
चल रहा है
उसकी जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-ब
अनुसार है।
पत्र
क्र. 7599 दिनांक 23.04.2025 का
निराकरण
[नगरीय
विकास एवं
आवास]
14. ( क्र. 1324 ) श्री
बिसाहूलाल
सिंह : क्या
नगरीय विकास
एवं आवास
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
आयुक्त, नगरीय
प्रशासन एवं
आवास ने पत्र
क्रमांक 7599 दिनांक 23.04.2025 को तत्कालीन
प्रभारी
सी.एम.ओ. नगर
परिषद गुढ़
जिला रीवा के
विरूद्ध
विभागीय जांच
संस्थित किया
हैं? यदि हाँ, तो जांच
आदेश व किस
अवधि तक
कार्यवाही
पूर्ण करने का
आदेश हैं?
(ख) क्या
प्रश्नांश
(क) के आरोपी
प्रभारी
सी.एम.ओ. किस
दिनांक को
सेवानिवृत्त
हुये हैं तथा
आरोपी ने सभी
कथित आरोपों
का बिन्दुवार
जवाब जांच अधिकारी
को पक्ष
समर्थन सहित
दिया हैं?
यदि
हाँ, तो
सेवानिवृत्त
कर्मचारी को
कितनी अवधि तक
विभागीय जांच
लंबित रखकर
प्रताड़ित
करने का
प्रावधान हैं?
(ग) क्या
अनूपपुर
क्षेत्र के
विधायक व
पूर्व मंत्री
ने विभागीय
जांच का
निपटारा
शीघ्र करने
मंत्री, नगरीय
प्रशासन व
आयुक्त को
तथा भाजपा के
पूर्व जिला
अध्यक्ष
अनिल कुमार
गुप्ता ने भी
मंत्री व
प्रमुख सचिव
को तथ्यों सहित
पत्र लिखा हैं?
यदि
हाँ, तो पत्र की
प्रति उपलब्ध
कराते हुये
बताये कि कब
तक विभागीय
जांच कार्यवाही
पूर्ण होगी?
(घ) क्या अनुकंपा
नियुक्ति
प्रकरण के दोष
में विभागीय
जांच संस्थित
हैं? यदि हाँ, तो
अनुकंपा
प्रकरण में
पात्रता का
निर्धारणकर्ता
सी.एम.ओ. तथा
नियुक्ति
आदेश
जारीकर्ता सी.एम.ओ.
के नाम सहित
जानकारी
देवें? (ड.) क्या
यह सत्य है
कि प्रश्नांश
(क) के आरोपी
प्रभारी
सी.एम.ओ.
संयुक्त
संचालक रीवा
के द्वारा
निर्धारित
चयन तिथि को
ही गुढ़
सी.एम.ओ. के पद का
प्रभार ग्रहण
किया था? यदि हाँ, तो इनके
ज्वाईनिंग
के पूर्व
सी.एम.ओ. ने
पात्रता
निर्धारण
संबंधी समस्त
अभिलेख बनाये
है? पूर्ण
जानकारी देते
हुये विभागीय
जांच कब तक पूर्ण
होगी?
नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री (
श्री कैलाश
विजयवर्गीय ) :
(क) जी हाँ,
जांच
आदेश की प्रति पुस्तकालय में
रखे
परिशिष्ट-अ अनुसार है। (ख)
प्रभारी
मुख्य नगर
पालिका
अधिकारी
दिनांक 30.06.2024 को
सेवानिवृत्त
हुए हैं। जी
हाँ विभागीय
जांच की
कार्रवाई प्रचलित
है, समय-सीमा
बताई जाना
संभव नहीं है।
(ग) जी हां,पत्रों
की प्रति पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट-ब अनुसार है,
समय-सीमा बताई
जाना संभव
नहीं है। (घ) जी
हाँ। जिला चयन
समिति (श्री
आर.पी. सोनी
अध्यक्ष,
सुश्री
सुषमा मिश्रा
वरिष्ठ सदस्य
एवं श्री अजय
कुमार गुप्ता
सचिव) की बैठक
दिनांक 08.03.2019 में श्री
राहुल शुक्ला
को सहायक
राजस्व
निरीक्षक के
पद पर अनुकंपा
नियुक्ति के
लिए पात्र पाए
जाने पर समिति
के सदस्यों
द्वारा सर्व
सम्मति से
अनुकंपा
नियुक्ति
प्रदान किए
जाने की अनुशंसा
की गई थी।
उपरोक्त के
अनुक्रम में
श्री भूपेन्द्र
सिंह तत्कालीन
प्रभारी मुख्य
नगर पालिका
अधिकारी, नगर
परिषद्, गुढ़
द्वारा
दिनांक 04.09.2019 को
नियुक्ति
आदेश जारी
किया गया था।
(ड.) जी हाँ।
श्री अजय
कुमार गुप्ता
के प्रभारी
मुख्य नगर
पालिका
अधिकारी के
रूप में नगर
परिषद्, गुढ़
में दिनांक 08.03.2019 को
कार्यभार
ग्रहण करने के
पूर्व से ही
श्री राहुल
शुक्ला को
अनुकंपा
नियुक्ति
प्रदान किए
जाने से संबंधित
कार्रवाई
प्रचलित थी,
जिसके
उपरांत जिला
चयन समिति
द्वारा
दिनांक 08.03.2019 को
सर्वसम्मति
से श्री शुक्ला
को अनुकंपा
नियुक्ति
प्रदान किए
जाने की अनुशंसा
की गई थी, जो कि
मध्यप्रदेश
शासन, सामान्य
प्रशासन
विभाग द्वारा
जारी किए गए
निर्देशों के
विपरीत थी।
अत: उक्त
अनुकंपा
नियुक्ति के
लिए उत्तरदायी
पाए गए
अधिकारियों
के विरूद्ध
विभागीय जांच
प्रचलित है,
जिसकी
समय-सीमा बताई
जाना संभव
नहीं है।
स्थानांतरण
के साथ
कार्यवाही
[ऊर्जा]
15. ( क्र. 1355 ) श्री
अभय मिश्रा : क्या
ऊर्जा मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) रीवा
एवं मऊगंज
जिले में
ऊर्जा विभाग
में कितने
अधिकारी/कर्मचारियों
के पद किन-किन
कार्यालयों
में रिक्त
हैं? इनमें से
कितने भरे
हुये हैं?
इनमें
कार्यरत
कर्मचारियों
की पदस्थापना
अवधि का विवरण
देते हुये
बतावें कि
इनकी पदस्थापना
अवधि एक स्थान
व
कार्यालयों/जिलों
में कितने
वर्षों की हो
चुकी है इनके
स्थानांतरण
बाबत् शासन के
क्या
निर्देश हैं?
प्रति
देते हुये
बतावें। (ख) प्रश्नांश
(क) के तारतम्य
में कार्यरत
अधिकारियों/कर्मचारियों
में कितनों के
विरूद्ध
विभागीय/आपराधिक
प्रकरण एवं
जांच लंबित
हैं? उनका विवरण
देते हुये
बतावें इनसे
किस तरह के कार्य
लिये जा रहे
हैं। क्या
शासन के
निर्देशों के
पालन में इनको
कार्य आवंटन
कर कार्य लिये
जा रहे हैं
अथवा नहीं तो इसके
लिये कौन उत्तरदायी
हैं? उनके विरूद्ध
क्या
कार्यवाही
करेंगे एवं
कार्य से पृथक
किये जाने
बाबत् क्या
निर्देश
देंगे? (ग) प्रश्नांश
(क) के
अधिकारियों/कर्मचारियों
को जारी शासन
के स्थानांतरण
नीति 2025 अनुसार
जिनकी पदस्थापना
अवधि एक स्थान
व कार्यालय
में 03 वर्षों से
ज्यादा की है
उसके स्थानांतरण बाबत्
कार्यवाही
नहीं की गई तो
क्यों? इसके
लिये कौन-कौन
उत्तरदायी
हैं? उनके पदनाम
का विवरण देते
हुये उनके
विरूद्ध कार्यवाही
बाबत् क्या
निर्देश
देंगे? साथ ही
इनको स्थानांतरित
कब तक करेंगे
एवं प्रश्नांश
(ख) अनुसार
इनके विरूद्ध
विभागीय
जांच/आपराधिक
प्रकरण लंबित
हैं उनके स्थानांतरण
एवं प्रभार से
मुक्त किये
जाने बाबत् क्या
निर्देश
देंगे? अगर
नहीं तो क्यों?
ऊर्जा
मंत्री ( श्री
प्रद्युम्न
सिंह तोमर ) :
(क) म.प्र.
पूर्व
क्षेत्र
विद्युत
वितरण कंपनी
अंतर्गत रीवा
एवं मऊगंज
जिलों के
कार्यालयों में
अधिकारी/कर्मचारियों
के रिक्त एवं
भरे पदों की
कार्यालयवार जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-'अ' अनुसार है।
कार्यरत
अधिकारियों/कर्मचारियों
की पदस्थापना
संबंधी प्रश्नाधीन
चाही गयी
कार्यालय एवं
अवधि की जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-'ब' अनुसार है।
म.प्र. पूर्व
क्षेत्र
विद्युत
वितरण कंपनी
अंतर्गत लागू
स्थानांतरण
नीति एवं पदस्थापना
नीति की प्रति पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट के
प्रपत्र-'स' एवं 'द' अनुसार है। (ख) उत्तरांश
(क) के
तारतम्य में
कार्यरत
अधिकारियों/कर्मचारियों
के विरूद्ध
लंबित विभागीय/
आपराधिक
प्रकरण
संबंधी जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-'इ' अनुसार है। उक्त
कार्मिकों को
कार्य आवंटन
के संबंध में
राज्य शासन
के निर्देशों
का पालन
सुनिश्चित
किया गया है।
अत: शेष प्रश्न
नहीं उठता है।
(ग) म.प्र.
पूर्व
क्षेत्र
विद्युत
वितरण कंपनी
अंतर्गत
कंपनी की स्थानांतरण
नीति एवं पदस्थापना
नीति लागू है,
जिसके
प्रावधानों
के अनुरूप
म.प्र. पूर्व
क्षेत्र
विद्युत
वितरण कंपनी
अंतर्गत
कार्मिकों के
स्थानान्तरण
एवं पदस्थापना
की जाती है।
अत: शेष प्रश्न
नहीं उठता है।
उत्तरांश
(ख) के
अनुसार
विभागीय
जांच/आपराधिक
प्रकरण लंबित
कार्मिकों से
संबंधित जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-'इ' अनुसार है।
योजनाओं
के लाभ से
वंचित करने पर
कार्यवाही
[पशुपालन
एवं डेयरी]
16. ( क्र. 1356 ) श्री
अभय मिश्रा : क्या राज्य
मंत्री, पशुपालन
एवं डेयरी
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
पशुपालन तथा
डेयरी विभाग
द्वारा राज्य
ग्रामीण
अजीविका मिशन
में पंजीकृत
स्व-सहायता
समूह की महिला
सदस्यों को
पशुपालन
गतिविधियों
के लिए A-HELP के रूप
में कितने पशु
सखियों का चयन
कर सूचीबद्ध
कर प्रशिक्षण
दिया गया का
विवरण रीवा
संभाग का
जिलेवार, जनपदवार,
तिथिवार
देवें इस हेतु
व्यय राशि का
विवरण
प्रशिक्षणवार
देवें। पिछले 5 वर्षों
की प्रश्नांश
दिनांक तक की
देवें। (ख) प्रश्नांश
(क) के संदर्भ मुख्यमंत्री
पशुपालन
विकास योजना
अनुसार किसान
क्रेडिट
कार्ड से 02 लाख तक
ऋण कितने
पशुपालकों को
रीवा संभाग के
विभिन्न
जिलों में
दिलाये गये का
विवरण
जनपदवार देवें
इनमें से
कितने आवेदन
किन-किन
बैंकों में लंबित
हैं इनके
निराकरण कब तक
करा देवेंगे
बतावें नहीं
तो क्यों कि
जानकारी
बैंकवार
जनपदवार
देवें आवेदन
किन योजनाओं
से संबंधित है
यह भी बतावें इन
योजनाओं हेतु
कितनी राशि
एवं लक्ष्य
शासन द्वारा
निहित किये
गये है का
विवरण देवें
लक्ष्य एवं
राशि शेष रहें
इस पर
कार्यवाही क्या
करेंगे
बतावें। सभी
जानकारी 5 वर्ष से
प्रश्नांश
दिनांक तक की
देवें। (ग) प्रश्नांश
(क) एवं (ख) अनुसार
पशुपालकों/किसानों
के आवेदन समय
पर निराकृत
नहीं किये गये
एवं A-HELP का
प्रशिक्षण
सखियों का चयन
कर नहीं दिया
गया राशि का
गबन कर योजना
को प्रभावित
किया गया इसके
लिये किन पर
कार्यवाही
प्रस्तावित
करेंगे
बतावें। अगर
नहीं तो क्यों।
राज्य
मंत्री, पशुपालन
एवं डेयरी (
श्री लखन पटैल
) : (क) पशुपालन
एवं डेयरी
विभाग द्वारा
राज्य में
कुल 1047 पशु सखियों
को A-HELP का
प्रशिक्षण
दिया जा चुका
है, जिसका चयन
राज्य
ग्रामीण
आजीविका मिशन
द्वारा किया
जाता है। रीवा
संभाग की जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट-अ
अनुसार
है। (ख) जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट- 'ब', 'स', 'द' अनुसार है। (ग) किसान
क्रेडिट
कार्ड
(पशुपालन) के
आवेदनों का स्वीकृति
संबंधी
निराकरण बैंक
द्वारा किया
जाता है एवं A-HELP
प्रशिक्षण
हेतु राशि,
राज्य
ग्रामीण
आजीविका मिशन
द्वारा
प्रेषित मांग
पत्र अनुसार,
प्रशिक्षण
केन्द्रों
को प्रदाय की
गई, जानकारी
पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट-अ
अनुसार है। शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है।
अवैध
कॉलोनियों का
विकास
[नगरीय
विकास एवं
आवास]
17. ( क्र. 1386 ) श्री
मोहन शर्मा : क्या
नगरीय विकास
एवं आवास
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
विधानसभा
क्षेत्र
नरसिंहगढ़
अंतर्गत नगर
एवं ग्रामीण
क्षेत्र में
कालोनाईजर
द्वारा
आवासीय
कालोनियों का
निर्माण
कार्य किया गया
है? जिसमें से
कितनी वैध हैं
तथा कितनी
अवैध हैं?
पृथक-पृथक
नगर तथा
ग्रामवार
(कॉलोनी का
नाम, कालोनाईजर
का नाम एवं
कॉलोनी का
क्षेत्रफल)
बताएं? (ख) यदि हाँ, तो कौन
से नगर एवं
ग्रामीण
क्षेत्र में
कॉलोनियों का
निर्माण किया
गया है।
कॉलोनियों का
नाम (जहां
कॉलोनी स्थित
हैं), कॉलोनाईजर
का नाम एवं
कॉलोनी का
क्षेत्रफल सहित
बताए? (ग) क्या
कॉलोनाईजर
द्वारा अपनी वैध
कॉलोनी का
कार्य
पूर्णतः
प्रमाण पत्र
सक्षम
अधिकारी से
प्राप्त किया
गया हैं? यदि
कॉलोनाईजर
द्वारा कार्य
पूर्णतः
प्रमाण पत्र
प्राप्त नहीं
किया गया हैं
तो शासन द्वारा
कालोनाईजर के
विरूद्ध क्या
कार्यवाही की
गई हैं बताए?
(घ) क्या
विधानसभा
क्षेत्रांतर्गत
अवैध
कॉलोनियों के
निर्माण में
शासन द्वारा
कालोनाईजर के
विरूद्ध क्या
कार्यवाही की
गई हैं? (ड.) क्या
शासन द्वारा
अवैध
कॉलोनियों के
भू-खण्ड विक्रय
एवं नामांतरण
पर रोक लगाई
गई हैं? यदि हाँ, तो कब से
बताए?
नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री (
श्री कैलाश
विजयवर्गीय ) :
(क) जी हाँ।
नगरीय
क्षेत्र की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार एवं
ग्रामीण
क्षेत्र की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। (ख) से (घ)
जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
'अ'
एवं
'ब' अनुसार
है। (ड.) विभाग
द्वारा अवैध
कॉलोनियों के
भूखण्डों के
विक्रय की
रजिस्ट्री
या नामान्तरण
में रोक नहीं
लगाई गई है।
शेषांश का
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है।
इंदौर
विकास
प्राधिकरण
द्वारा जारी
प्लाट की
जानकारी
[नगरीय
विकास एवं
आवास]
18. ( क्र. 1430 ) श्री
सुरेन्द्र
सिंह हनी बघेल
: क्या
नगरीय विकास
एवं आवास
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे कि
(क) क्या
आर.सी.एम. स्कीम
नंबर 140 जोन
क्रमांक 19/50 प्लॉट
नंबर 7 एवं 9 किस नाम
से अलॉट किये
गये हैं? क्या
उक्त प्लाट
आवासीय रूप
में आवंटित
किए गए हैं?
(ख) प्रश्नांश
(क) के अनुसार
यदि हाँ, तो
वर्तमान में प्लाट
मालिकों
द्वारा
ग्राउंड
फ्लोर पर स्टूडियो
अपार्टमेंट
के नाम से
कमर्शियल
शोरूम एवं
फर्स्ट
फ्लोर से टॉप
फ्लोर तक
आवासीय भूखंड
के नाम पर
कमर्शियल
ऑफिस के लिए
भूखंड बेचे जा
रहे हैं व
रजिस्ट्री
स्टूडियो
अपार्टमेंट
फ्लैट के नाम
कराकर विक्रय
किए जा रहे हैं
यदि नहीं, तो क्या
शासन स्तर पर
इसकी जांच
करवाई जाएगी
और यदि हाँ, तो
संबंधित पर आज
दिनांक तक
कार्यवाही क्यों
नहीं की गई?
(ग) क्या
यहां फर्स्ट
फ्लोर से टॉप
फ्लोर तक
रेसिडेंशियल
एरिया था? हाँ या
नहीं यदि हाँ, तो उक्त
प्लाटों में
कमर्शियल
ऑफिस किनकी
अनुमति से
खोले गए हैं।
संबंधित प्लाट
मालिकों पर आज
दिनांक तक
कार्यवाही क्यों
नहीं की गई?
(घ) प्रश्नांश
(ग) के अनुसार 7 और 9 फ्लोर
पर कमर्शियल
ऑफिस का उपयोग
किया जा रहा
है। यदि हाँ, तो क्या
इंदौर विकास
प्राधिकरण के
आदेश का
खुलेआम उल्लंघन
किया जा रहा है
रेसिडेंशियल
एरिया का
कमर्शियल
उपयोग करने
वालों
संबंधितों
एवं बिल्डर
पर
कार्यावाही
हेतु प्रश्नकर्ता
द्वारा मई 2025 में
मुख्य सचिव,
प्रमुख
सचिव नगरीय
प्रशासन
महोदय को पत्र
दिया गया था
यदि हाँ, तो उस पर
आज दिनांक तक
क्या
कार्यवाही की
गई? यदि नहीं, तो कारण
स्पष्ट
करें।
नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री (
श्री कैलाश
विजयवर्गीय ) :
(क) जी नहीं,
स्कीम
नंबर 140 में
आर.सी.एम.-7 मेसर्स
पशुपतिनाथ
बिल्डकॉन को
एवं आर.सी.एम.-9 साहिल
इन्फ्रा को
आवासीय सह
वाणिज्यिक
उपयोग हेतु
आवंटित किया
गया है। (ख) उत्तरांश
''क''
के
परिप्रेक्ष्य
में
कार्यवाही का
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (ग) उत्तरांश
''क''
अनुसार
आर.सी.एम.-7 एवं
आर.सी.एम.-9 में
आवासीय सह
वाणिज्यिक
उपयोग की
अनुमति दी गयी
है। उपरोक्त
भवनों में फस्ट
फ्लोर से टॉप
फ्लोर पर
कमर्शियल
ऑफिस खोलने की
अनुमति
प्रदान नहीं
की गई है, अत: शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (घ) जी
नहीं। प्लाट
नं. 7 एवं 9 पर
आवासीय सह
वाणिज्यिक
उपयोग हेतु
जारी की गई है
तथा भवन
निर्माण
अनुमति
अनुसार
निर्मित भवनों
में वर्तमान
में पूर्णत:
अधिभोग प्रारंभ
नहीं हुआ है,
जारी
भवन निर्माण
अनुमति के विपरीत
अधिभोग उल्लंघन
की स्थिति में
मध्य प्रदेश
विकास
प्राधिकरणों
की
संपत्तियों का
प्रबंधन तथा
व्ययन नियम 2018 में
कार्यवाही का
प्रावधान है।
प्रश्नकर्ता
द्वारा मई 2025 में
मुख्य सचिव,
प्रमुख
सचिव, नगरीय
प्रशासन को
प्रेषित पत्र
पर विभागीय पत्र
दिनांक 03/06/2025, दिनांक 20/06/2025 एवं 23/07/2025 द्वारा
आयुक्त सह
संचालक, नगर तथा
ग्राम निवेश,
मध्य
प्रदेश भोपाल
एवं आयुक्त,
नगरीय
प्रशासन एवं
विकास
संचालनालय,
भोपाल
को प्रेषित
किया गया है।
भवनों का पूर्ण
अधिभोग होने
के पश्चात ही
उल्लंघन की
स्थिति में
कार्यवाही का
प्रावधान है।
अत: आगामी
कार्यवाही
करने का प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है।
अलग-अलग
जिलों में
गायों की संख्या
की जानकारी
[पशुपालन
एवं डेयरी]
19. ( क्र. 1495 ) श्री
अजय अर्जुन
सिंह : क्या
राज्य
मंत्री, पशुपालन
एवं डेयरी
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) वर्ष
2018-19
में प्रदेश के
अलग-अलग जिलों
में गायों की
संख्या
कितनी-कितनी
थी? (ख) वर्ष 2024-25 में
प्रदेश के
अलग-अलग
जिलों में
गायों की संख्या
कितनी-कितनी
पाई गई? (ग) क्या
उपरोक्त
पांच वर्षों
में प्रदेश
में गायों की
संख्या में
कमी होना पाया
गया है? यदि हाँ, तो यह
कमी कितने
प्रतिशत है और
इसका क्या
कारण है? (घ) क्या
राज्य सरकार
ने आवारा
मवेशियों की
समस्या से
किसानों को
छुटकारा
दिलाने और
सड़कों पर
गौवंश की
मौजूदगी शून्य
करने के लिए
कोई
कार्ययोजना
बनाई है?
राज्य
मंत्री, पशुपालन
एवं डेयरी (
श्री लखन पटैल
) : (क)
जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट अनुसार है। (ख) भारत
सरकार द्वारा
प्रत्येक 05 वर्ष
में पशु
संगणना करवाई
जाती है, वर्तमान
में 21 वीं पशु
संगणना वर्ष 2024-25 सम्पन्न
हुई है।
आंकड़े भारत
सरकार द्वारा
अनुमोदित
होना है। (ग) 21 वीं पशु
संगणना के आंकड़े
भारत सरकार
द्वारा
अनुमोदित
होना है। शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (घ) जी हाँ।
प्रदेश की 2792
गौशालाओं में 4.21 लाख
निराश्रित
गौवंश को
आश्रय दिया
गया है। मध्य
प्रदेश
पंचायत राज
एवं ग्राम स्वराज
अधिनियम 1993 की धारा 49
(क) खंड
(दो) के अनुसार,
ग्राम
पंचायतों के
अन्य
कार्यों में
गौशाला तथा
कांजी हाउस स्थापित
करना तथा उनका
प्रबंध करना
और भटके हुए पशुओं
की उचित
देखरेख करने
का प्रावधान
है मध्यप्रदेश
नगर पालिका
(रजिस्ट्रीकरण
तथा आवारा
पाशुओं का
नियंत्रण)
नियम 2023 के अनुसार
नगर निगम एवं
नगर पालिका
क्षेत्र की
सीमाओं के
भीतर लोक
मार्गों अथवा
स्थानों पर
आवारा पशुओं
के समुचित
नियंत्रण के लिए
नगरीय विकास
एवं आवास
विभाग द्वारा
कार्यवाही के
प्रावधान है।
राज्य शासन
द्वारा
मंत्रि परिषद
के निर्णय
अनुसार
पशुपालन एवं
डेयरी विभाग
अंतर्गत
प्रदेश में
निराश्रित
गौवंश की समस्या
के निराकरण के
उपायों की
पूर्ति के
अनुक्रम में ''मध्यप्रदेश
राज्य में स्वावलंबी
गौशालाओं
(कामधेनू
निवास) की स्थापना
की नीति 2025'' की स्वीकृति
16
अप्रैल 2025 को
प्रदान की गई
है, जिसके
अंतर्गत 130 एकड़
भूमि पर 5000 गौवंश
का पालन किया
जावेगा। उक्त
भूमि का आवंटन
विभाग को
संबंधित
कलेक्टर
द्वारा किया
जाना
प्रावधानित
है। इसके अतिरिक्त
1000
गौवंश क्षमता
वृद्धि पर 25 एकड़
अतिरिक्त
भूमि का
प्रावधान है।
दुग्ध
संघ की जाँच
एवं वैधानिक
कार्यवाही
[पशुपालन
एवं डेयरी]
20. ( क्र. 1633 ) श्रीमती
चंदा
सुरेन्द्र
सिंह गौर : क्या
राज्य
मंत्री, पशुपालन
एवं डेयरी
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
बुन्देलखण्ड
सहकारी दुग्ध
संघ मर्यादित
सागर दुग्ध
शीत केन्द्र
जतारा काफी
लम्बे समय से
संचालित है और
क्षेत्रीय
दुग्ध उत्पादकों
को लाभान्वित
किया जाता है
तथा प्राप्त जानकारी
के अनुसार 30 कि.मी. के
क्षेत्र में
दूसरा दुग्ध
संघ नहीं खोला
जा सकता है?
इसके
नियम क्या है?
(ख) क्या
जतारा से 10 कि.मी.
दूरी पर
महिषाणा दुग्ध
केन्द्र
संचालित किया
जा रहा है?
यह
किसकी अनुमति
से प्रारंभ
किया गया?
आदेश
की छायाप्रति
उपलब्ध
करायें तथा
महिषाणा
दुग्ध
केन्द्र किस
संस्था से
सम्बद्ध है और
म.प्र. में
इसकी कितनी
संस्थायें
संचालित हैं
तथा म.प्र.
सरकार ने इनकी
संस्था को कब
रजिस्टर्ड
किया? रजिस्ट्रेशन
की छायाप्रति
एवं म.प्र.
शासन की अनुमति,
जिला
कलेक्टर की
अनुमति सहित
समस्त
दस्तावेजों
की प्रमाणित
प्रतियां
उपलब्ध
करायें। (ग) क्या
महिषाणा
दुग्ध संघ
द्वारा शीत
केन्द्र बनाया
है या नहीं
तथा ग्रामीण
क्षेत्रों
में डेयरी
खोले जाने
हेतु कई
हितग्राहियों
से पैसे भी
लिये गये हैं
तथा जतारा शीत
केन्द्र पर
दूध देने वाले
हितग्राहियों
को परेशान
किया जाता है?
क्या
ऐसी स्थिति
निर्मित करने
वाले दुग्ध संघ
महिषाणा की
जाँच कर
वैधानिक
कार्यवाही
करेंगे? यदि हाँ, तो कब तक?
यदि
नहीं, तो क्यों?
राज्य
मंत्री, पशुपालन
एवं डेयरी (
श्री लखन पटैल
) : (क) जी हाँ।
शीत केन्द्र
जतारा बुन्देलखण्ड
दुग्ध संघ की
स्थापना के
वर्ष 2016 से ही
संचालित हो
रहा है इसके
पूर्व यह
म.प्र. को-ऑपरेटिव
डेयरी
फेडरेशन के
अंतर्गत ग्वालियर
दुग्ध संघ के
अंतर्गत वर्ष 2010-11 से
संचालित है।
दुग्ध संघ
द्वारा शीत
केन्द्रों
को दूरी 40 से 50 कि.मी. की
दूरी पर स्थापित
किया जाता है।
(ख) जी हाँ।
जतारा दुग्ध
शीत केन्द्र
से 10 कि.मी. की
दूरी पर
हरपुरा
तिराहा हृदय
नगर में महिषाणा
डेयरी द्वारा
दुग्ध शीत
केन्द्र
संचालित किया
जा रहा है।
दुग्ध संघ
द्वारा उक्त
संबंध में
सहकारिता
विभाग को अवगत
कराया गया था
एवं सहकारिता
विभाग से
प्राप्त
जानकारी
अनुसार इसकी
अनुमति नहीं
ली गई। महिषाणा
दुग्ध शीत
केन्द्र
सागर डेयरी
गुजरात से
संबद्ध है।
रजिस्ट्रेशन
प्रक्रिया की
जानकारी दुग्ध
संघ से
संबंधित नहीं
है। शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (ग) जी हाँ।
ग्रामीण
क्षेत्र में
डेयरी खोले
जाने हेतु
हितग्राहियों
से पैसे लिए
जाना एवं हितग्राहियों
को परेशान
किये जाने के
संबंध में
विभाग में कोई
शिकायत
प्राप्त
नहीं हुई है।
शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है।
अवैध
निर्माण पर
कार्यवाही
[नगरीय
विकास एवं
आवास]
21. ( क्र. 1768 ) श्री
राकेश शुक्ला
: क्या
नगरीय विकास
एवं आवास
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) नगर
निगम इन्दौर
विधानसभा
क्षेत्र
क्रमांक 03 में
वर्ष 2023 से 2025 तक कितने
शासकीय एवं
अशासकीय भूमि
पर अवैध निर्माण
अतिक्रमण के
नोटिस दिए गए
हैं। (ख) यदि
दिये गए तो
कितनों पर
कार्रवाई की
गई है। (ग) ऐसे
कितने नोटिस
है जिन पर
कार्रवाई
नहीं की है
कारण सहित
सूची उपलब्ध
करवाए।
नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री (
श्री कैलाश
विजयवर्गीय ) :
(क) जी हाँ, विधानसभा
क्षेत्र क्रमांक
03 में
वर्ष 2023 से 2025 तक शासकीय
एवं अशासकीय
भूमि पर अवैध
निर्माणकर्ताओं
को कुल 617 नोटिस
जारी किये। (ख) 68
नोटिसों पर
कार्यवाहियां
की गई हैं। (ग) शेष 549 नोटिस
पर कार्यवाही
प्रचलन में
है। जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट अनुसार
है।
इंदौर
नगर निगम में
कार्यरत
कर्मचारियों
की जानकारी
[नगरीय
विकास एवं
आवास]
22. ( क्र. 1770 ) श्री
राकेश शुक्ला
: क्या
नगरीय विकास
एवं आवास
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) इंदौर
विधानसभा
क्षेत्र 03 के
झोन क्रमांक 3,11,12 एवं 18 में
कितने
कर्मचारी
कार्यरत है
कार्यरत
कर्मचारियों
में कितने
कर्मचारी नियमित
एवं कितने
विनियमित है?
(ख) इन्दौर
विधानसभा
क्षेत्र
क्रमांक 3 के
नियमित, विनियमित
एवं एन.जी.ओ. के
माध्यम से
कार्यरत कर्मचारियों
की सूची, नाम, पते एवं
पद सहित
उपलब्ध
करावे।
नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री (
श्री कैलाश
विजयवर्गीय ) :
(क) इंदौर
नगर निगम के
झोन क्रमांक 03,
11, 12 एवं 18 में
नियमित 94 एवं
विनियमित 159
कर्मचारी कुल 253
कर्मचारी
कार्यरत है। (ख)
जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट अनुसार है।
वार्षिक
बैठकों की
जानकारी
[पिछड़ा
वर्ग एवं
अल्पसंख्यक
कल्याण]
23. ( क्र. 1804 ) श्री
घनश्याम
चन्द्रवंशी : क्या
राज्यमंत्री,
पिछड़ा
वर्ग एवं
अल्पसंख्यक
कल्याण
महोदया यह
बताने की कृपा
करेंगी कि
(क) शाजापुर
जिले में विगत
पाँच वर्षों
में अल्पसंख्यक
कल्याण बोर्ड
की बैठक कितनी
बार आयोजित कि
गई समस्त बैठक
की जानकारी
उपलब्ध करावें।
(ख) अंतिम
बार बैठक किस
दिनांक को
सम्पन्न हुई
एवं इसमें
कितने सदस्य
उपस्थित थे
सभी की सूची सहित
जानकारी
उपलब्ध करावे?
राज्यमंत्री,
पिछड़ा
वर्ग एवं
अल्पसंख्यक
कल्याण (
श्रीमती
कृष्णा गौर ) :
(क) जानकारी
निरंक। (ख) अंतिम
बार विगत बैठक
दिनांक 21.08.2017 को
आयोजित की गई
थी उक्त बैठक
के कार्यवाही
विवरण की
जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट अनुसार
है।
सौर
ऊर्जा लाभ की
जानकारी
[ऊर्जा]
24. ( क्र. 1807 ) श्री
घनश्याम
चन्द्रवंशी : क्या
ऊर्जा मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि शाजापुर
जिले में हर
घर मुफ्त
बिजली योजना
अंतर्गत
कितने
प्रकल्प चल
रहे है? वर्तमान
में कितने
घरों में सौर
ऊर्जा का लाभ मिल
रहा है? यदि हाँ, तो
विधानसभावार
जानकारी
उपलब्ध करावे?
यदि
नहीं, तो क्या
शासन की कोई
योजना है
जिससे आमजन को
सौर ऊर्जा का
लाभ मिलेगा?
ऊर्जा
मंत्री ( श्री
प्रद्युम्न
सिंह तोमर ) : शाजापुर
जिले में
वर्तमान में
पी.एम. सूर्य
घर मुफ्त
बिजली योजना
(हर घर मुफ्त
बिजली योजना नहीं)
के अंतर्गत
कुल 325 आवेदन
प्राप्त हुए हैं,
जिनमें
से 239
हितग्राहियों
के घरों में
सौर ऊर्जा का
लाभ मिल रहा
है।
लाभान्वित
हितग्राहियों
की प्रश्नाधीन
चाही गयी
विधानसभा
क्षेत्रवार जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट
अनुसार है।
अत: शेष प्रश्न
नहीं उठता है।
दुग्ध
संयंत्र
जामली सेंधवा
[पशुपालन
एवं डेयरी]
25. ( क्र. 1820 ) श्री
मोंटू सोलंकी
: क्या
राज्य
मंत्री, पशुपालन
एवं डेयरी
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) सेंधवा
विधानसभा
क्षेत्र 187 ग्राम
पंचायत जामली
में स्थित
शासकीय दुग्ध
संयंत्र का
संचालन
वर्तमान में
किसके द्वारा
किया जा रहा
है तथा उक्त
संचालन की
अवधि कब से कब
तक की है तथा उक्त
संचालनकर्ता
कंपनी के साथ
शासकीय अनुबंध
संचालन आदेश
की जानकारी
देवें। (ख) सेंधवा
विधानसभा 187
अन्तर्गत
संचालित
शासकीय दुग्ध
संयंत्र में
वर्तमान में
कार्यरत कुशल/
अकुशल
कर्मचारियों
की जानकारी
तथा उन्हें दिये
जाने वाले
वेतन भत्तों
एवं सुविधाओं
की जानकारी की
प्रमाणित
प्रति
कर्मचारी के
नाम सहित
उपलब्ध करावे?
सेंधवा
विधानसभा के
कितने
कर्मचारी
कार्य कर रहे
है नाम सहित
सूचि उपलब्ध करावें।
(ग) उपरोक्त
प्रश्न
अनुसार दुग्ध
संयंत्र में
क्षमता क्या
है तथा
वर्तमान में
उक्त संयंत्र
में कितना
दुग्ध
संग्रहीत/विक्रय
किया जा रहा
है तथा उक्त
संयंत्र
द्वारा
सेंधवा
विधानसभा के
किस ग्राम से
कितना दुग्ध
क्रय किया जा
रहा है?
राज्य
मंत्री, पशुपालन
एवं डेयरी (
श्री लखन पटैल
) : (क) सेंधवा
विधानसभा
क्षेत्र 187 ग्राम
पंचायत जामली
में स्थित
सहकारी दुग्ध
संयंत्र का
संचालन
वर्तमान में
इंदौर सहकारी
दुग्ध संघ
मर्यादित इन्दौर
द्वारा किया
जा रहा है।
उक्त दुग्ध
संयंत्र का
संचालन
दिनांक 06.02.2020 से निरन्तर
किया जा रहा
है। चूंकि
संयंत्र का
संचालन इन्दौर
दुग्ध संघ
द्वारा स्वयं
किया जा रहा
है। अत:
अनुबंध की
आवश्यकता
नहीं। (ख) दुग्ध
संयंत्र में
वर्तमान में
श्रमिक
ठेकेदार अंतर्गत
कार्यरत
कर्मचारियों
की सूची उनके
वेतन की जानकारी
संलग्न परिशिष्ट ''अ''
एवं
सेंधवा विधान
सभा के
कार्यरत
कर्मचारियों
की सूची एवं
उनके वेतन की जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट ''ब'' अनुसार हैं।
श्रमिक
ठेकेदार के
माध्यम से
नियमित ठेका
श्रमिकों को
नियमानुसार EPF,
ESI बोनस,
ओव्हर
टाईम एवं श्रम
नियमों के
अंतर्गत
पात्रता अनुसार
अन्य सुविधाएं
प्रदान की
जाती हैं। (ग) 1.
दुग्ध
संयंत्र की
क्षमता
प्रतिदिन 40000 लीटर की
है। 2. वर्तमान
में उक्त
संयंत्र पर
दुग्ध
समितियों से
प्रतिदिन औसत 10000 लीटर
दूध संग्रहित
हो रहा है।
इसके अतिरिक्त
दुग्ध शीत
केन्द्र
बड़वानी से 7000 लीटर
दूध एवं मुख्य
संयंत्र
इंदौर से 8000 लीटर
दूध प्रतिदिन
सेंधवा
संयंत्र पर
प्रोसेसिंग
हेतु प्राप्त
हो रहा है। इस
प्रकार कुल
औसत 25000 लीटर दूध
प्रोसेसिंग
हेतु
संग्रहित हो
रहा है। 3. वर्तमान
में उक्त
संयंत्र में 20784 लीटर
दूध प्रतिदिन
विक्रय किया
जा रहा है। 4.
सेंधवा
विधानसभा के
बलवाड़ी
ग्राम में
दुग्ध
सहकारी समिति
गठित की गई
है। जिसमें
औसत 60 लीटर दूध
प्रतिदिन
संकलित किया
जा रहा है।
स्वीकृत
सड़कों का
निर्माण
[नगरीय
विकास एवं
आवास]
26. ( क्र. 1930 ) श्री
सुशील कुमार
तिवारी : क्या
नगरीय विकास
एवं आवास
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
जबलपुर के नगर
निगम संभाग
क्र. 15 के अंतर्गत
गत 2 वर्षों में
नये वार्डों
की अत्यंत
जर्जर एवं
क्षतिग्रस्त
11
सड़कों के
निर्माण हेतु
राशि रू. 651 लाख की
निविदायें स्वीकृत
की गई हैं?
(ख) यदि हाँ, तो क्या
वर्क आर्डर
जारी किये गये
हैं? (ग) यदि
नहीं, तो क्यों?
(घ) प्रश्नांश
(क) के
अंतर्गत
क्षतिग्रस्त
जर्जर सड़कों
का निर्माण कब
तक होगा?
नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री (
श्री कैलाश विजयवर्गीय
) : (क) नगर
पालिक निगम
जबलपुर के
संभाग के 15 के
अंतर्गत
क्षतिग्रस्त 11 सड़कों
एवं नाली के
निर्माण हेतु
राशि रु. 657.30 लाख की
निविदायें
स्वीकृत की गई
है। (ख) नगर पालिक
निगम जबलपुर
द्वारा राशि
रू. 215.09 लाख के पांच
कार्यों का
वर्क आर्डर
एवं शेष राशि
रू. 442.21 लाख के छः
कार्यों का
एल.ओ.ए. जारी
किया गया है। (ग) उत्तरांश
'ख'
के
परिप्रेक्ष्य
में प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (घ) उत्तरांश
'ख'
अनुसार,
समय-सीमा
बताया जाना
संभव नहीं है।
प्रदेश
में ठोस
अपशिष्ट
प्रबंधन
[नगरीय
विकास एवं
आवास]
27. ( क्र. 1939 ) डॉ.
अभिलाष
पाण्डेय : क्या
नगरीय विकास
एवं आवास
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) मध्यप्रदेश
में ठोस
अपशिष्ट
प्रबंधन हेतु
वर्तमान में
कौन-कौन सी
नीतियाँ और
योजनाएँ प्रचलित
हैं? (ख) क्या अनेक
नगरीय
निकायों में
कचरा संग्रहण,
पृथक्करण
एवं निस्तारण
की प्रक्रिया
अभी भी
पर्याप्त रूप
से प्रभावी
नहीं हो पाई
है? यदि हाँ,
तो
इसके प्रमुख
कारण क्या हैं
तथा इस संबंध
में सरकार
द्वारा
कौन-कौन से
सुधारात्मक
कदम उठाए जा
रहे हैं? (ग) क्या
सरकार निकट
भविष्य में
ठोस अपशिष्ट
प्रबंधन की
प्रक्रिया को
और अधिक वैज्ञानिक
एवं स्थायी
बनाने हेतु
कोई नई योजना
लागू करने पर
विचार कर रही
है? यदि हाँ,
तो
उसका विस्तृत
विवरण दे।
नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री (
श्री कैलाश
विजयवर्गीय ) :
(क) मध्यप्रदेश
में ठोस
अपशिष्ट
प्रबंधन हेतु
ठोस अपशिष्ट
प्रबंधन नियम-2016
निर्माण एवं
विध्वंश नियम-2016 एवं
प्लास्टिक
अपशिष्ट
प्रबंधन नियम-2016 एवं
योजना
अंतर्गत
स्वच्छ भारत
मिशन (शहरी) -2.0 एवं
मुख्यमंत्री
शहरी
स्वच्छता
मिशन योजना प्रचलित
है। (ख) जी नहीं,
प्रदेश
के नगरीय
निकायों में
कचरा संग्रहण,
पृथक्करण
एवं निस्तारण
की प्रक्रिया
पर्याप्त रूप
से प्रभावी
है। शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (ग) जी हाँ।
ठोस अपशिष्ट
प्रबंधन
अंतर्गत
भविष्य की आवश्यकताओं
एवं नवीन
वैज्ञानिक
पद्धतियों को लागू
करने हेतु
परियोजनाएं
तैयार कर भारत
सरकार से
अनुमोदन
प्राप्त किया
गया है। 346 नगरीय
निकायों में
ठोस अपशिष्ट
प्रबंधन की 2026 की
आवश्यकताओं
के अनुसार
अधोसंरचनाओं
की क्षमताओं
में वृद्धि
करने, क्षीण हो
चुके
अधोसंरचनाओं
की मरम्मत एवं
मशीनों
द्वारा
प्रसंस्करण
के स्तर को
बढ़ाने हेतु
परियोजनाएं
अनुमोदित है।
ठोस अपशिष्ट प्रबंधन
की नवीन
वैज्ञानिक
पद्धतियों
अंतर्गत 09
कम्प्रेस्ड
बायोगैस और 02
अपशिष्ट से
बिजली
संयंत्र
परियोजनाएं
(क्लस्टर +
स्टैंडअलोन
मोड) स्वीकृत
हैं और
क्रियान्वयन
के विभिन्न
चरणों में
हैं।
प्रसंस्करण के
पश्चात इनर्ट
के निपटान
हेतु 39 क्लस्टर
पद्धति से
वैज्ञानिक
लैंडफिल एवं 5 बड़े
नगर निगमों
में एकल
पद्धति से वैज्ञानिक
लैंडफिल के
निर्माण की
परियोजनाएं अनुमोदित
है।
चुरहट
अमिलिया
मार्ग का
चौड़ीकरण
[लोक
निर्माण]
28. ( क्र. 1960 ) श्री
अजय अर्जुन
सिंह : क्या
लोक निर्माण
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
सीधी जिले के
चुरहट
अमिलिया
मार्ग के चौड़ीकरण
हेतु वर्ष 2023 में
वित्तीय
प्रस्ताव
सम्मिलित
किया गया था?
(ख) क्या
उपरोक्त
मार्ग के
चौड़ीकरण
हेतु प्रशासकीय
स्वीकृति
जारी की गई है?
(ग) यदि
नहीं, तो
प्रशासकीय
स्वीकृति न
दिये जाने का
क्या कारण है?
(घ) क्या
विभाग इस
मार्ग का
उपयोग करने
वाले ग्रामवासियों
की कठिनाइयों
को ध्यान में
रखते हुए
तत्काल
प्रशासकीय
स्वीकृति
जारी कर चुरहट
अमिलिया
मार्ग का चौड़ीकरण
किये जाने
हेतु
कार्यवाही
करेगा?
लोक
निर्माण
मंत्री ( श्री
राकेश सिंह ) :
(क) जी हाँ।
वर्ष 2023-24 के प्रथम
अनुपूरक बजट
में सम्मिलित
है। (ख) जी नहीं। (ग) प्रस्ताव
विचाराधीन
है। (घ) उत्तरांश 'ग' अनुसार।
अपूर्ण
मार्ग को
पूर्ण किया
जाना
[लोक
निर्माण]
29. ( क्र. 1971 ) श्री
विजयपाल सिंह
: क्या
लोक निर्माण
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता
विधानसभा
क्षेत्र
सोहागपुर के
अंतर्गत
शोभापुरा से
माछा, शोभापुर
से भटगांव,
शोभापुर
से
रेवाबनखेड़ी,
सेमरी
से महुआखेड़ा
अजबगांव गजनई
मार्ग एवं सिरवाड़
फुरतला पाटनी
सांगाखेड़ाखुर्द
मार्ग लोक
निर्माण
विभाग की
एडीबी योजना
के अंतर्गत
बनाये गये है,
जिनका
कार्य अभी तक
किस कारण से
पूर्ण नहीं हो
पाया है? इन
मार्गों के साथ
कितनी
पुल-पुलिया
बनाये जाने का
प्रावधान था?
विस्तृत
जानकारी
उपलब्ध
करावें? (ख) क्या
उक्त मार्गों
का निर्माण
गुणवत्ताहीन हुआ
है विगत 5 वर्षों
से काम चल रहा
है परन्तु अभी
तक पूर्ण नहीं
हो पाया है और
विभाग द्वारा
कार्य पूर्ण बताकर
पैसे निकाल
लिये गये है
एवं पुल
पुलिया भी
निर्धारित
शर्तों के
आधार पर नहीं
बनी है? पुल
पुलिया के
बॉक्स कलवर्ट
शर्तों से कम
बनाये गये है
और इनकी भी
राशि पूरी
निकाल ली गई
है। साईट
शोल्डर भी
निर्धारित
मापदंड के तहत
नहीं बनाये
गये है? (ग) प्रश्नांश
(क) एवं (ख) के
संबंध में
विभाग द्वारा
क्या
कार्यवाही की
गई है? इसमें कौन
जिम्मेदार है
उपरोक्त
मार्गों का निर्माण
कब तक पूर्ण
कर लिया
जायेगा?
लोक
निर्माण
मंत्री ( श्री
राकेश सिंह ) :
(क)
जानकारी
संलग्न परिशिष्ट
के प्रपत्र-अ
एवं 'ब' अनुसार है। (ख) जी
नहीं। कार्य
पूर्ण किया जा
चुका है जिसकी
पूर्णता
दिनांक संलग्न
परिशिष्ट के
प्रपत्र-अ में
है। विभाग
द्वारा कार्य
पूर्ण बताकर
कोई अनियमित
भुगतान नहीं
किया गया है
एवं
पुल-पुलियां
भी संलग्न
परिशिष्ट के प्रपत्र-ब
अनुसार
निर्धारित
शर्तों के
अनुसार बनाई
गयी है। संलग्न
परिशिष्ट के प्रपत्र-ब
अनुसार 14 बॉक्स
कलवर्ट
स्वीकृत थे
एवं 14 ही बॉक्स
कलवर्ट बनाये
गये। साईड
शोल्डर का कार्य
भी निर्धारित
मापदण्डानुसार
किया गया है। (ग) उत्तरांश
(क)
एवं (ख) के संबंध
में शेष का
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
किराये
के वाहनों की
जानकारी
[ऊर्जा]
30. ( क्र. 1987 ) श्री
प्रणय प्रभात
पांडे : क्या
ऊर्जा मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) म.प्र.पूर्व
क्षेत्र
विद्युत
वितरण
कंम्पनी में
किराये पर लगे
वाहनों के
संबंध में
क्या नियम
दिशा-निर्देश
है। समय-समय
पर इन नियमों
पर किए गये
संसोधनों सहित
सम्पूर्ण
जानकारी
देवें। (ख) प्रश्नांश
(क) के
संदर्भ में
क्या किराये
पर लगे वाहन
की अवधि एक
वर्ष की होती
है, इसके बाद इस
किराये की
अवधि पुनः 1-1 वर्ष की
बढ़ाकर 4 वर्ष
(कुल 5 वर्ष) तक
रहती है, इसके
बाद वाहन को
किराये से अलग
कर नया टेण्डर
जारी कर दिया
जाता है। (ग) प्रश्नांश
(ख) के
संदर्भ में
क्या 5 वर्ष का
नियम उस समय
से चला आ रहा
है, जब वाहन की
स्थिति बहुत
अच्छी नहीं
होती थी, आज जबकि
सभी कंपनी के
वाहन आ गये है,
जिसमें
वाहन का
रखरखाव और
अन्य खर्च
बहुत कम हो गये
है? (घ) शिक्षित
बेरोजगारों
द्वारा बैंक
ऋण लेकर वाहनों
को किराये पर
लगाया जाता है,
किराये
से अलग हो
जाने पर वाहन
को उन्हें आधी
कीमत पर बेचने
पर मजबूर होना
पड़ता है,
क्या
विभाग वाहन
मालिकों की
परेशानियों
एवं वाहन की
अच्छी स्थति
में नियमों
में संसोधन कर
समयावधि में
वृद्धि करेगा,
उत्तर
में यदि हाँ, तो किस
प्रकार से कब
तक यदि नहीं, तो
क्यों नहीं
बतलावें।
ऊर्जा
मंत्री ( श्री
प्रद्युम्न
सिंह तोमर ) :
(क) म.प्र.पूर्व
क्षेत्र
विद्युत
वितरण कम्पनी
द्वारा
परिपत्र
क्रमांक 290 दिनांक 21.02.2023 में दिए
गए
दिशा-निर्देशों
अनुसार ही
वाहन किराए पर
लगाए जाते हैं,
जिसकी
प्रति पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट के
प्रपत्र-'अ' अनुसार है।
समयानुरूप
परिपत्रों
में यथा आवश्यक
संशोधन किए
जाते हैं
उदाहरण के तौर
पर कंपनी के
परिपत्र 1146,
दिनांक
03.05.2016
में संशोधन कर
परिपत्र
क्रमांक 290 दिनांक 21.02.2023 जारी
किया गया,
जिसकी
प्रति पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ख) जी हाँ।
वाहन किराए पर
एक वर्ष हेतु
लगाए जाते
हैं। वाहन की
स्थिति सही
होने पर
अनुबंध की सेवा
शर्तों के
नियमानुसार
वाहन की
अनुबंध अवधि 1-1 वर्ष
बढ़ाकर
अधिकतम 4 वर्ष तक
बढ़ायी जा
सकती है। (ग) वाहन
अनुबंध हेतु 5 वर्ष का
नियम म.प्र.
पूर्व
क्षेत्र
विद्युत वितरण
कंपनी के पत्र
क्रमांक 413 दिनांक 17.01.2009 के
तारतम्य में
पालन किया जा
रहा है, जिसकी
प्रति पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-'स' अनुसार है। (घ) वर्तमान
में किराये के
वाहनों की
अधिकतम 5 वर्ष की
अवधि को
बढ़ाये जाने
का प्रस्ताव
विचाराधीन
नहीं है।
पिछड़ा
वर्ग एवं
अल्पसंख्यक
कल्याण विभाग
की योजना
[पिछड़ा
वर्ग एवं
अल्पसंख्यक
कल्याण]
31. ( क्र. 1988 ) श्री
प्रणय प्रभात
पांडे : क्या
राज्यमंत्री,
पिछड़ा
वर्ग एवं
अल्पसंख्यक
कल्याण
महोदया यह
बताने की कृपा
करेंगी कि
(क) पिछड़ा
वर्ग एवं
अल्पसंख्यक
कल्याण विभाग
अंतर्गत
कौन-कौन सी
कितनी
योजनाएं
प्रचलन में है?
सम्पूर्ण
योजनाओं के
विवरण सहित
सूची देवें। (ख) प्रश्नांश
''क''
में
उल्लेखित
योजनाओं से
लाभांवित
होने के क्या
नियम दिशा-निर्देश
है बतलावे
नियमों की
छायाप्रति
देवें। (ग) वित्त
वर्ष 2022-23 से प्रश्न
दिनांक तक
प्रश्नांश ''क'' में
उल्लेखित
योजनाओं से
बहोरीबंद
विधानसभा
क्षेत्र अंतर्गत
कहां-कहां पर
कौन-कौन सी
कितनी लागत की
योजनाएं
स्वीकृत की गई?
सम्पूर्ण
सूची देवें। (घ) उत्तरांश
''ग''
में
उल्लेखित
योजनाओं में
योजनावार
कितनी राशि
स्वीकृत हुई
एवं उस पर
कितना अनुदान
दिया गया?
योजनावार
हितग्राही के
नाम सहित सूची
देवें।
राज्यमंत्री,
पिछड़ा
वर्ग एवं
अल्पसंख्यक
कल्याण (
श्रीमती कृष्णा
गौर ) : (क) पिछड़ा
वर्ग तथा अल्पसंख्यक
कल्याण
विभाग
अंतर्गत
संचालित
योजनाओं की जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ
अनुसार है। (ख) प्रश्नांश
(क) में उल्लेखित
योजनाओं के
नियमों की
प्रति पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट-ब
अनुसार है। (ग) कटनी
जिले अंतर्गत
वित्तीय
वर्ष 2022-23 से प्रश्न
से दिनांक तक
प्रश्नांश (क) में उल्लेखित
योजनाओं में
से लागत
आधारित योजना
की जानकारी
निरंक है। (घ) प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
गुना
को नगर निगम
बनाया जाना
[नगरीय
विकास एवं
आवास]
32. ( क्र. 2044 ) श्री
पन्नालाल
शाक्य : क्या
नगरीय विकास
एवं आवास
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
किसी ग्राम की
असहमति से उसे
नगर निगम में शामिल
नहीं किया
जाता है, वर्तमान
में गुना नगर
पालिका
द्वारा गुना
को नगर निगम
बनाये जाने का
जो प्रस्ताव
भेजा गया है,
उसमें
गुना नगर
पालिका से लगे
हुये ग्राम
पंचायत
हरिपुर के
सरपंच द्वारा
असहमति व्यक्त
करे तो क्या
उसे नहीं
जोड़ा
जावेगा। (ख) प्रश्नांश
(क) में
वर्णित ग्राम
को नगर निगम
में शामिल
नहीं किया
जाता है तो
प्रश्नकर्ता
भी गुना के
जनप्रतिनिधि
के नाते गुना
को नगर निगम में
शामिल नहीं
किया जाता है
तो प्रश्नकर्ता
द्वारा भी
गुना के
जनप्रतिनिधि
के नाते गुना
को नगर निगम न
बनाये जाने के
संबंध में
आपको एवं गुना
कलेक्टर को
जो पत्र लिखे
गये है उस पर
आपके द्वारा
क्या विचार
किया गया अवगत
करावें। (ग) प्रश्नांश
(क) में
वर्णित ग्राम
को नगर निगम
में शामिल
नहीं किये
जाने से गुना
विधानसभा के
अन्य
ग्रामों जैसे
ग्राम
विनायकखेड़ी,
सकतपुर, खेजरा,
महूगढ़ा,
डांगदेवरी,
कंचनपुरा,
बिलोनिया
हिलगना, कुडी
मंगवार, मावन
एवं अन्य
ग्रामों में
भी नगर निगम में
शामिल न होने
का विरोध शुरू
हो गया है,
गुना
विधानसभा में
इस प्रकार का
माहौल बनाने वाले
अधिकारियों
को पुरूस्कृत
किया जाना
चाहिये।
नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री (
श्री कैलाश
विजयवर्गीय ) :
(क) जी
नहीं। मध्यप्रदेश
नगर पालिक
निगम अधिनियम 1956 की धारा 7 सहपठित
धारा 405 के
प्रावधानों
के तहत किसी
ग्राम पंचायत
को नगर निगम
में शामिल
किये जाने के
पूर्व ग्राम पंचायत
या निवास करने
वाले किसी व्यक्ति
को आपत्ति
करने का
अधिकार है
किन्तु आपत्ति
को मान्य
किया जाना
विधिक रूप से
आवश्यक नहीं
है। (ख) कलेक्टर
जिला गुना द्वारा
अपने पत्र
क्रमांक/डूडा/2025/436 दिनांक 02.06.2025 के माध्यम
से प्रेषित
संशोधित
प्रस्ताव
में माननीय
सदस्य के
पत्र क्रमांक
वि.स. 029/ गुना/237 दिनांक 15.05.2025 को
विचार में
लिया गया है।
उक्त प्रस्ताव
का विधिवत
परीक्षण कर
विभाग को टीप
क्रमांक 13917 दिनांक 09.07.2025 को
प्रेषित किया
गया है।
प्रकरण
परीक्षणाधीन
है। (ग) प्रस्तावित
नगर निगम गुना
का प्रकरण
प्रक्रियाधीन
होने के कारण
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
ग्रामों
को मुख्यमार्ग
से जोड़ा जाना
[लोक
निर्माण]
33. ( क्र. 2055 ) श्री
श्रीकान्त
चतुर्वेदी : क्या
लोक निर्माण
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) मैहर
विधानसभा
क्षेत्र के
देल्हा
करइया मुख्य
मार्ग को
कैमोर पहाड़
की तराई से
होते हुए अमरपाटन-रामनगर
मुख्य मार्ग
में जोड़ने के
संबंध में
प्रस्तुत
याचिका में
कार्यवाही के
लिये
कार्यपालन
यंत्री, लोक
निर्माण
विभाग (भ/स)
संभाग सतना
म.प्र. के पत्र
क्रमांक 2137/कार्य/4-92/ विधानसभा
याचिका/2024-25, सतना
दिनांक 11/07/2024 के
द्वारा
अनुविभागीय
अधिकारी (भ/स),
लोक
निर्माण
विभाग, मैहर की
ओर क्या
पत्राचार
किये गये थे?
(ख) प्रश्नांश
(क) के संबंध
में यदि हाँ, तो अभी
तक क्या
कार्यवाही
उक्त मार्ग
निर्माण के
लिये की गयी?
कृत
कार्यवाही की
अद्यतन
स्थिति की
जानकारी उपलब्ध
करायी जाये?
(ग) प्रश्नांश
(क) एवं (ख) के
प्रकाश में क्या
क्षेत्रीय
जनापेक्षाओं
एवं सुविधा की
दृष्टि से उक्त
मार्ग का
निर्माण
कराया जाना आवश्यक
हैं? यदि हाँ, तो
मार्ग का
निर्माण
कराये जाने की
प्रक्रिया कब
तक पूर्ण की
जावेगी? समयावधि
बतावें? यदि
नहीं, तो क्यों?
लोक
निर्माण
मंत्री ( श्री
राकेश सिंह ) :
(क) जी हाँ।
पत्र की
छायाप्रति संलग्न परिशिष्ट
अनुसार है। (ख) वर्तमान
में बजट में
सम्मिलित न
होने के कारण
मार्ग
निर्माण
सम्बंधी कार्यवाही
किया जाना
संभव नहीं है।
(ग) जी हाँ।
वर्तमान में
मार्ग
निर्माण
कार्य बजट में
न तो अंकित है
एवं न ही
प्रस्तावित
है। अतः
समयावधि
बताया जाना
संभव नहीं है।
शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
रोड
निर्माण एवं
मुआवजे का
भुगतान
[लोक
निर्माण]
34. ( क्र. 2060 ) श्री
श्रीकान्त
चतुर्वेदी : क्या
लोक निर्माण
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
सतना जिलान्तर्गत
लोक निर्माण
विभाग सतना
द्वारा बनाई
गयी रोड मांद
बस्ती मलाहन
टोला हनुमान
जी पहुंच
मार्ग मानक एवं
प्राक्कलन
के आधार पर क्या
निर्मित की
गयी हैं? यदि हाँ,
तो
मिट्टी एवं
सी.आर.एम. की
लम्बाई, चौड़ाई
तथा कांक्रीट
के मापदण्ड
क्या हैं?
(ख) प्रश्नांश
(क) अनुसार
रोड का
निर्माण
कार्य क्या
मापदण्डों
के अनुरूप
किया गया है?
यदि
नहीं, तो इसके
लिये कौन-कौन
से अधिकारी
जिम्मेवार
हैं और जिम्मेवार
अधिकारियों
के विरूद्ध क्या
कार्यवाही की
जावेगी? जानकारी
दी जावे। (ग) प्रश्नांश
(क) के प्रकाश
में क्या उक्त
मार्ग से
संबंधित
किसानों को
मुआवजा राशि का
भुगतान किया
जा चुका हैं?
यदि
नहीं, तो कब तक
किया जावेगा?
समयावधि
बताएं। यदि
हाँ, तो मुआवजा
भुगतान की
किसानवार
राशि सहित जानकारी
दी जावे।
लोक
निर्माण
मंत्री ( श्री
राकेश सिंह ) :
(क) जी हाँ।
मिट्टी लंबाई 4.40 कि.मी.,
औसत
चौड़ाई 8.50 मीटर
एवं सी.आर.एम. 4.40 कि.मी.,
चौड़ाई
4.40
कि.मी. तथा
कांक्रीट एम-30 में
चौड़ाई 3.75 मीटर है,
जो
एम.ओ.आर.टी.एण्ड.एच.
तथा आई.आर.सी.
के मापदण्ड अनुसार
है। (ख) जी हाँ। शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (ग) जी
नहीं। कार्य
यथास्थिति
बंद कर दिया
है। शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है।
भ्रष्टाचार
एवं
अनियमितता की
जांच
[लोक
निर्माण]
35. ( क्र. 2091 ) श्री
विवेक विक्की
पटेल : क्या
लोक निर्माण
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) जिला
बालाघाट
अंतर्गत लोक
निर्माण (भवन)
में पदस्थ
प्रभारी
सहायक यंत्री
कमलेश मंडराह
की शिकायत
अध्यक्ष, सिविल
कान्ट्रैक्टर
एसोसिएशन,
मध्यप्रदेश
ने माननीय
मंत्री जी,
प्रमुख
अभियंता एवं
अपर मुख्य
सचिव को दिनांक
20/02/2025
को की थी, इसके
अतिरिक्त
कार्यपालन
यंत्री (भवन)
लोक निर्माण
विभाग, बालाघाट
द्वारा
प्रभारी
सहायक यंत्री
कमलेश मंडराह
के विरूद्ध
म.प्र. सिविल
सेवा आचरण
नियम 1965 के तहत
अनुशासनात्मक
कार्यवाही
करने हेतु ज्ञापन
क्रमांक/489/स्था./भवन/लो.नि.वि./2025
बालाघाट, दिनांक 07/03/2025 द्वारा
मुख्य
अभियंता (भवन)
को पत्र
प्रेषित किया
गया था? यदि हाँ, तो इन
पत्रों पर
विभाग द्वारा
क्या-क्या
कार्यवाहियां
की गई? क्या
संबंधित पर
कोई दंडात्मक
कार्यवाही हुई?
यदि
नहीं, तो क्यों
एवं कब तक की
जाएगी? (ख) प्रश्नांश
(क) अंतर्गत
संबंधित
प्रभारी
सहायक यंत्री
की शिकायतें
भ्रष्टाचार,
रिश्वतखोरी
कर शासन की महत्वांकाक्षी
योजनाओं को
पलीता लगाने, भवन
निर्माण
कार्यों की
वास्तुविद
कार्यालय से
स्वीकृत
ड्राइंग
डिजाइन में
संशोधन कर अपनी
मनमर्जी से
निर्माण
कार्य कराने
जैसी गंभीर
प्रकृति की
हैं? यदि हाँ, तो इन
शिकायतों को
त्वरित
संज्ञान में
लेकर संबंधित
के विरूद्ध
दंडात्मक
कार्यवाही कब
तक की जाएगी?
लोक
निर्माण
मंत्री ( श्री
राकेश सिंह ) :
(क) जी हाँ।
कार्यवाही
मुख्य
अभियंता
जबलपुर स्तर
पर, प्रचलन में
है। प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
समय-सीमा
बताना संभव नही।
(ख) जी हाँ।
प्रश्नांश 'क' अनुसार।
समय-सीमा
बताना संभव
नहीं।
आउटसोर्सिंग
एजेंसी के
माध्यम से
कर्मचारियों
की नियुक्ति
[ऊर्जा]
36. ( क्र. 2164 ) श्री
ऋषि अग्रवाल : क्या
ऊर्जा मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) गुना
जिले में
आउटसोर्सिंग
के लिए
किन-किन एजेंसियों
के साथ
एग्रीमेंट
किया? पिछले तीन
वर्षों में इन
एजेंसियों को
वर्षवार और
एजेंसीवार
कितना भुगतान
किया गया?
अनुबंध
की कॉपी सहित
जानकारी
उपलब्ध
कराएं। (ख) प्रश्नांश
(क) के सम्बंध
में आउटसोर्स
कर्मचारियों
की सूची, उनके पद,
नियुक्ति
स्थान व तिथि
और मोबाईल नम्बर
सहित प्रदान
करें। क्या
आउटसोर्स
कर्मचारियों के
लिए न्यूनतम
वेतन, ईपीएफ, ईएसआई
जैसे श्रम
कानूनों का
पालन होता है?
क्या
आउटसोर्स के
लिए न्यूनतम
वेतन ईपीएफ,
ईएसआई
जैसे श्रम
कानूनों का
पालन होता है।
दुर्घटना या
मृत्यु की
स्थिति में
कर्मचारी के
परिवार को
शासन/एजेंसी
द्वारा किस
योजना या फंड
के तहत सहायता
दी जाती है?
(ग) प्रश्नांश
(क) एवं (ख) के
संबंध में
कर्मचारियों
का ड्यूटी
चार्ट कैसे
तैयार होता है?
क्या
उपस्थिति/कार्य
निगरानी के
लिए कोई ऐप
उपयोग होता है?
यदि
हाँ, तो ऐप का
विवरण और
प्रभावशीलता
बताएं। (घ) पिछले
तीन वर्षों
में कितने
कर्मचारियों
को कुशल से
अर्ध-कुशल या
अन्य श्रेणी
में समायोजित
किया गया नाम,
नियम
और कारण बताए।
आउटसोर्सिंग
एजेंसी का चयन,
भुगतान
या नियुक्ति
में
अनियमितता/भ्रष्टाचार
की शिकायतें
मिली? यदि हाँ, तो
कार्यवाही का
विवरण दें।
ऊर्जा
मंत्री ( श्री
प्रद्युम्न
सिंह तोमर ) :
(क) म.प्र.
मध्य
क्षेत्र
विद्युत
वितरण कंपनी
लिमिटेड के गुना
जिले के
अंतर्गत
बाह्य स्रोत
सेवा प्रदाता
एजेंसियों के
माध्यम से
बाह्य स्रोत
कार्मिकों को
नियोजित करने
हेतु
एजेंसियों के
साथ किये गये
एग्रीमेंट
(अनुबंध) की
जानकारी तथा
विगत तीन
वर्षों में
उक्त
अनुबंधित
एजेंसियों को
किये गये
भुगतान की
प्रश्नाधीन
चाही गयी
एजेंसीवार,
वर्षवार
जानकारी
पुस्तकालय
में
रखे परिशिष्ट
के
प्रपत्र-'अ' अनुसार है। उक्त
एजेंसियों के
साथ किये गये
अनुबंध की
प्रति पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ख) उत्तरांश
(क) अनुसार
पिछले तीन
वर्षों में
बाह्य स्त्रोत
प्रदाता
एजेंसियों के
माध्यम से
नियोजित किये
गये आऊटसोर्स
कार्मिकों की
प्रश्नाधीन चाही
गयी सूची मय
पद, कार्य का स्थान,
नियोजन
की तिथि एवं
मोबाईल नंबर
सहित जानकारी
पुस्तकालय
में
रखे परिशिष्ट के
प्रपत्र-'स' अनुसार है। जी
हाँ। म.प्र.
मध्य
क्षेत्र
विद्युत
वितरण कंपनी
अंतर्गत बाह्य
स्रोत
सेवाप्रदाता
एजेंसी
द्वारा निविदा
एवं श्रम
नियमों के
प्रावधानों
के अनुसार बाह्य
स्त्रोत
कार्मिकों को
न्यूनतम
मानदेय, ई.पी.एफ.,
ई.एस.आई.सी.
एवं ग्रुप
बीमा योजना की
सुविधा प्रदान
की जाती है,
इसके
अतिरिक्त
म.प्र. मध्य
क्षेत्र
विद्युत
वितरण कंपनी
के परिपत्र दिनांक
20.03.2018
एवं परिपत्र
दिनांक 19.11.2020 के
परिपालन में
विद्युतीय
घातक
दुर्घटना में
मृत व्यक्ति
के
परिवार/निकटतम
वारिस को
आर्थिक सहायता
अनुदान राशि
रू. चार लाख
(नियमानुसार)
एवं शारीरिक
अंगहानि (40
प्रतिशत से 60
प्रतिशत तक
विकलांगता पर)
पर अनुदान
राशि रू. 59100/- तथा 60
प्रतिशत से
अधिक
विकलांगता
होने पर
अनुदान राशि
रू. दो लाख का
भुगतान किया
जाता है। (ग) बाह्य
स्रोत
आऊटसोर्स
कार्मिकों से
निविदानुसार/श्रम
नियमानुसार
ही शिफ्टवार
कार्य लिया
जाता है। जी
हाँ, कंपनी में
वर्तमान में
उपस्थिति के
लिये ई-अटेन्डेंस
ऐप का उपयोग
होता है, जिसके
माध्यम से
सभी आऊटसोर्स
कार्मिक, जिओ
पोजीशनल
लोकेशन से
उपस्थिति
दर्ज करते है।
ऐप के उपयोग
से कार्मिकों
की प्रभावी
रूप से
उपस्थिति
पंजीबद्ध
होती है एवं
प्रतिदिन
कार्मिकों का
कार्य पर आने
एवं जाने का
समय अंकित
होता है। (घ) म.प्र.
मध्य
क्षेत्र
विद्युत
वितरण कंपनी
के गुना जिले के
अन्तर्गत
बाह्य स्रोत
प्रदाता
एजेंसी
द्वारा पिछले
तीन वर्षों
में कुशल से
अर्द्धकुशल
या अन्य
श्रेणी में आऊटसोर्स
कार्मिकों को
समायोजित
नहीं किया गया
है।
कार्मिकों के
एक श्रेणी से
दूसरी श्रेणी
में समायोजन
के कोई नियम
नहीं हैं। अत:
शेष प्रश्न
नहीं उठता है।
आउटसोर्सिंग
एजेंसी का चयन,
भुगतान
या नियुक्ति
के संबंध में
कोई अनियमितता/भ्रष्टाचार
की शिकायतें
नहीं मिली
हैं। अत: शेष
प्रश्न नहीं
उठता।
सहायक
पशु चिकित्सक
की पदोन्नति
[पशुपालन
एवं डेयरी]
37. ( क्र. 2167 ) सुश्री
रामश्री (बहिन
रामसिया
भारती) राजपूत
: क्या
राज्य
मंत्री, पशुपालन
एवं डेयरी
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
पशुपालन एवं
डेयरी विभाग में
सहायक पशु
चिकित्सक
क्षेत्र
अधिकारी गांव-गांव
जाकर सभी
विभागीय
कार्य करते है
परन्तु इस
केडर का
पंजीकरण करने
की कोई
व्यवस्था है
या नही। यदि
नहीं, तो क्यों,
जानकारी
दें। (ख) क्या
पंजीकरण हेतु
अपर सचिव
पशुपालन
विभाग मध्य
प्रदेश के
पत्र क्रमांक 23-227/2002/34/दिनांक 28/11/2002 एवं
पत्र क्रमांक 4695/6030/2004/34 दिनांक 20/12/2004 जारी
किया गया था।
यदि हाँ, तो अभी
तक जो भी
कार्यवाही की
गई है उसकी
जानकारी दे।
यदि नहीं, तो कारण
स्पष्ट
करे। (ग) क्या
पंजीकरण के
लिये
पेरामेडीकल
विटनरी की तर्ज
पर
पेरामेडीकल
विटनरी
काउन्सलिंग
की योजना बना
रही है। (घ) विभाग
के कार्यरत
सहायक पशु
चिकित्सक के
अधिकारियों
को पशु सहायक
शल्यनज्ञ पर 8
प्रतिशत
प्रमोशन के
संबंध में
राजपत्र वर्ष 2019 में
जारी किया गया
था। परन्तु
नियम अनुसार
नहीं है।
डिप्लोमा
होल्डर्स
सहायक पशु
चिकित्सक
क्षेत्र के
विटनरी कॉलेज
में डिग्री के
लिये कैसे जावेंगे।
उनका नियम एवं
चयन कैसे
होगा। कृपया विस्तार
से बताये।
राज्य
मंत्री, पशुपालन
एवं डेयरी (
श्री लखन पटैल
) : (क) जी हाँ।
विभाग में इस
केडर के
पंजीकरण का
कोई प्रावधान
नहीं है। शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (ख) प्रश्नांश
''ख''
में
संदर्भित
पत्रों
द्वारा पशु
चिकित्सकों
के पंजीकरण का
प्रावधान है,
न कि
सहायक पशु
चिकित्सा
क्षेत्र
अधिकारियों
का। अत: शेष का
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (ग) जी
नहीं। (घ) जी हाँ।
जारी
प्रावधान
नियमानुसार
है। सहायक पशु
चिकित्सा
क्षेत्र
अधिकारी
जिनकी योग्यता
बी.एस.सी.
प्रथम वर्ष
उत्तीर्ण हो,
को
स्नातक
डिग्री कराने
का प्रावधान
था किन्तु
वर्ष 2012-13 से सहायक
पशु चिकित्सा
क्षेत्र
अधिकारी के
सीधी भर्ती से
डिग्रीधारी
उम्मीदवार
प्राप्त
होने पर विभाग
द्वारा डिप्लोमाधारियों
को स्नातक हेतु
नहीं भेजा जा
रहा है।
सी.एम.ओ.
की
कार्यप्रणाली
की जानकारी
[नगरीय
विकास एवं
आवास]
38. ( क्र. 2213 ) श्री
बाला बच्चन : क्या
नगरीय विकास
एवं आवास
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) शासन
द्वारा नगर
परिषद के मुख्य
नगर पालिका
अधिकारी
(सी.एम.ओ.) को एक
माह में कितनी
बार और कितनी
राशि का भुगतान
एकल हस्ताक्षर
से बिना नगर
परिषद अध्यक्ष
के अनुमोदन के
करने की
शक्तियां
प्राप्त है?
इस
संबंध में
शासन द्वारा
जारी समस्त
आदेशों की
प्रतियां
प्रदान करें। (ख) दिनांक 01.12.2021 से
प्रश्न
दिनांक तक
नगर परिषद,
धामनोद
के बैंक स्टेटमेंट
की छायाप्रति,
प्रत्येक
भुगतान की
नोटशीट, बिल,
वाउचर,
कैशबुक
और लेजर सहित
अभिलेख
प्रदान करें।
इन अभिलेखों
के आधार पर
बताएं कि
सी.एम.ओ.
श्रीमती माया
मंडलोई
द्वारा प्रश्नांश
(क) में उल्लेखित
नियमों के
विपरीत
टुकड़ों में
कितनी राशि
नियम विरूद्ध
आहरित की गई?
आहरण
की तिथिवार
जानकारी दें। (ग) क्या
नियम विरूद्ध
आहरित राशि का
संज्ञान लेकर उच्च
स्तरीय जांच
दल गठित कर
सी.एम.ओ.
श्रीमती माया
मंडलोई को
धामनोद नगर
परिषद के पद
से तत्काल
निलंबित
करेंगे? यदि हाँ, तो कब तक?
यदि
नहीं, तो क्यों
नहीं?
नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री (
श्री कैलाश
विजयवर्गीय ) :
(क) नगर
परिषद के
मुख्य नगर
पालिका
अधिकारी को
म.प्र. नगर
पालिका (लेखा
एवं वित्त)
नियम 2018 में
प्रदत्त
वित्तीय
अधिकारों के
अंतर्गत भुगतान
हेतु कोई
संख्या
निर्धारित
नहीं है। जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट
''अ'' अनुसार है। (ख)
जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है।
श्रीमति माया
मण्डलोई
द्वारा प्रश्नांश
(क) में
उल्लेखित
नियमों के
विपरीत
टुकड़ों में कितनी
राशि नियम
विरूद्ध
आहरित की गई
जांच उपरांत
बताया जाना
संभव होगा। (ग) संचालनालय
आदेश क्रमांक 16900 दिनांक 16.08.2024 द्वारा 03 सदस्य
समिति का गठन
किया गया है। जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट ''स'' अनुसार है।
जांच समिति
द्वारा प्रश्नाधीन
प्रकरण को भी
जांच में
सम्मिलित
किया गया है।
समय-सीमा
बताया जाना
संभव नहीं है।
नगरीय
निकाय में
वित्तीय
अनियमितता
[नगरीय
विकास एवं
आवास]
39. ( क्र. 2341 ) श्री
बिसाहूलाल
सिंह : क्या
नगरीय विकास
एवं आवास
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) म.प्र.
नगर पालिका
अधिनियम 1961 के लेखा
नियम 2018 अनुसार एक
माह में एक
लाख सीमा के
अंदर कोटेशन
के माध्यम से
कितने कार्य
किये जा सकते
हैं? क्या एक ही
प्रकृति के
कार्य एक से
अधिक बार कोटेशन
से कराया जाना
वैधानिक हैं?
(ख) शहडोल
संभाग की नगर
पालिकाओं में
जनवरी 2021 से जून 2025 तक एक
लाख से कम
लागत के कितने
कार्य कराये
गए हैं? प्रत्येक
कार्य का नाम,
माह,
लागत,
ठेकेदार
का नाम, मापपुस्तिका
की छायाप्रति,
मूल्यांकनकर्ता
का नाम एवं पद,
भुगतान
राशि, भुगतान
दिनांक, भुगतानकर्ता
अध्यक्ष एवं
सी.एम.ओ. के नाम
सहित पूर्ण
जानकारी दिनांक
अनुसार देवे?
(ग) क्या
प्रश्नांश
(क) के तारतम्य
में नगर
पालिका
अधिनियम 1961 के लेखा नियम
2018 का
उल्लंघन व
अनियमितता की
श्रेणी में
आता हैं? यदि हाँ, तो दोषी
अधिकारियों/पदाधिकारियों
पर समय-सीमा
में वित्तीय
अनियमितता के
लिए
कार्यवाही की
जायेगी? यदि
नहीं, तो क्यों?
(घ) क्या
संभाग में
सर्वाधिक
वित्तीय
अनियमितता
वाली नगर
पालिका के
विरूद्ध राज्य
शासन विशेष
जांच दल गठित
कर समय-सीमा
में अपराध
पंजीबद्ध
कराते हुए
वैधानिक
कार्यवाही करेंगे?
यदि
हाँ, तो वित्तीय
अनियमितता के लिए कौन
जिम्मेदार
हैं?
नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री (
श्री कैलाश
विजयवर्गीय ) :
(क)
जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट ''अ'' अनुसार
है। (ख) जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार
है। माप
पुस्तिका की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार
है। (ग) जी हाँ।
प्रश्नांश
के संबंध में
शिकायत
प्राप्त
होने पर जांच
करायी जाती
है। उत्तरांश
के
परिप्रेक्ष्य
में प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (घ) जानकारी
उत्तरांश
(ग) अनुसार
है। उत्तरांश
के
परिप्रेक्ष्य
में प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है।
वर्ष
2016 तक की
वैध एवं अवैध
कॉलोनियों की
जानकारी
[नगरीय
विकास एवं
आवास]
40. ( क्र. 2368 ) सुश्री
मंजू राजेन्द्र
दादू : क्या
नगरीय विकास
एवं आवास
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) बुरहानपुर
जिले में वर्ष
2016 तक
की कितनी
कॉलोनियों को
विभाग द्वारा
अवैध माना गया
था। उन
कॉलोनियों की
सूची जिसमें
स्वामित्व का
नाम, भूमि का
स्थान सहित
पूर्ण
जानकारी
देवें। (ख) प्रश्नांश
(क) के संदर्भ
में उनमें से
कितनी कॉलोनी
को शासन द्वारा
यथावत् वैधता
प्रदान की गई
थी? सूची
उपलब्ध
करावें तथा
वर्ष 2016 तक की शेष
अवैध
कॉलोनियों को
नियमित करने
हेतु शासन
द्वारा
क्या-क्या कदम
उठाए जा रहे
हैं विस्तृत
जानकारी
देवें। (ग) वर्ष 2016 तक शेष
बची अवैध
कॉलोनियों
में कितनी
कॉलोनियों की
रजिस्ट्री पर
प्रतिबंध है?
कृपया
जानकारी
देवें। (घ) प्रश्नांश
(ग) के संदर्भ
में
रजिस्ट्री पर
प्रतिबंध के
बावजूद कितनी
रजिस्ट्री
विभाग द्वारा
क्यों व किन
नियमों के
तहत् की गई
विस्तृत
जानकारी देवें।
नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री (
श्री कैलाश
विजयवर्गीय ) :
(क) बुरहानपुर
जिले के नगरीय
क्षेत्र
बुरहानपुर
में वर्ष 2016 तक
अस्तित्व
में आई 24
अनधिकृत
कॉलोनियां
चिन्हित की गई
है जिले के अन्य
नगरीय
क्षेत्र
नेपानगर एवं
शाहपुर में
वर्ष 2016 तक की कोई
अनधिकृत
कॉलोनी
चिन्हित नहीं
है। जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट अनुसार है। (ख) नगरीय
क्षेत्र की
अनधिकृत
कॉलोनियों को
वैधता प्रदान
करने के
प्रावधान
नहीं है, अपितु
उत्तरांश ''क'' अनुसार
चिन्हित सभी 24
अनधिकृत
कॉलोनियों
में सक्षम
प्राधिकारी अर्थात
आयुक्त नगर
पालिक निगम
द्वारा म.प्र.
नगर पालिका
(कॉलोनी
विकास) नियम,
2021 के
नियम 23 के अनुसार
नागरिक
अधोसंरचना
एवं भवन
निर्माण
अनुमति
प्रदान करने
की प्रक्रिया
पूर्ण कर ली
गई है। जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट अनुसार है। उत्तरांश
के
परिप्रेक्ष्य
में शेषांश का
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (ग) उत्तरांश
''ख''
अनुसार
वर्ष 2016 तक की कोई
अनधिकृत
कॉलोनी शेष
नहीं है एवं
अनधिकृत
कॉलोनियों
में रजिस्ट्री
पर प्रतिबंध
नहीं लगाया
है। उत्तरांश
के
परिप्रेक्ष्य
में शेषांश का
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (घ) उत्तरांश
''ग''
के
परिप्रेक्ष्य
में प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है।
गौ
अभयारण्य स्वीकृति
दी जाना
[पशुपालन
एवं डेयरी]
41. ( क्र. 2393 ) श्री
हरिबाबू राय
[इंजीनियर] : क्या
राज्य
मंत्री, पशुपालन
एवं डेयरी
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे
कि (क) प्रश्नकर्ता
द्वारा पिछले
सत्र में विधानसभा
क्षेत्र
अशोकनगर में
गौ अभयारण्य हेतु
प्रश्न क्र. 1646 द्वारा
आग्रह किया
था। परंतु अभी
तक कोई कार्यवाही
नहीं हुई, जबकि कम
से कम 5000
गौमाता
विधानसभा
क्षेत्र
अशोकनगर की
सड़कों पर
मारी-मारी फिर
रही है, दुर्घटना
हो रही, भूखी
प्यासी फिर
रही है। अभी
तक की
कार्यवाही की
जानकारी दें। (ख) वर्तमान
में कई
गौशालायें
ऐसी हैं, जिनके
छत का सारा
बारिश का पानी
अंदर भर जाता है, टीन छेद
वाले, कबाड़े से
खरीदकर लगाये
गये हैं। कई
गायों की अंदर
मौतें हो चुकी
हैं, बारिश
शुरू हो गयी
हैं, परंतु
स्थिति ज्यों
की त्यों है।
(ग) गुणवत्ताहीन
गौशाला में
निर्माण के
लिए किसे
दण्डित या
अपराधी बनाया
है या
पंजीबद्ध है, कृपया
गौशालाओं के
साथ उनके नाम
सूचीबद्ध
देने की कृपा
करे। (घ) विधानसभा
अशोकनगर में
गौ अभयारण्य
के लिए उपयुक्त
राजस्व भूमि
के नाम प्रश्नकर्ता
के प्रश्नांश
(क) के उत्तर
में दिये गये
थे जिसके
संबंध में अभी तक
कोई भी
कार्यवाही
नहीं की गयी
है क्यों
जानकारी दें।
राज्य
मंत्री, पशुपालन
एवं डेयरी (
श्री लखन पटैल
) : (क) जी हाँ।
यह सही है कि
माननीय
विधायक श्री हरिबाबू
राय इंजीनियर
द्वारा
विधानसभा क्षेत्र
अशोकनगर में
गौ अभयारण्य
हेतु प्रश्न
क्र. 1646
लगाया गया था, जिस पर
राजस्व एवं
पशुपालन
विभाग द्वारा
ग्राम
पिपरियाराय, तलोली, पठारी
और करियाराय
के बीच स्थित
अनुशंसित
भू-भाग का
निरिक्षण
किया गया, इसमें
सरपंच एवं
ग्रामवासी भी
उपस्थित थे। इसी
दौरान माननीय
विधायक श्री
जगन्नाथ
सिंह रघुवंशी
द्वारा शासन
की मंशा अनुरूप
विकासखण्ड
ईसागढ़ के
गांव सिरसोद, इंदौर
में अनुशंसा
की गई। माननीय
विधायक द्वारा
उक्त दोनों
ग्रामों का स्वयं
एवं राजस्व
पशुपालन
विभाग के साथ
दोनों
ग्रामों का
निरीक्षण
किया। प्रदेश
में ''मध्यप्रदेश
राज्य में स्वावलंबी
गौशालाओं की
स्थापना की
नीति 2025'' जारी
की गई है, जिसके
अंतर्गत 130 एकड़
भूमि पर 5000
गौवंश का पालन
किया जावेगा।
उक्त भूमि का
आवंटन
संबंधित जिले
के कलेक्टर
द्वारा किया
जावेगा। (ख) जी
नहीं।
वर्तमान में
किसी भी गौशला
के छत का पानी
बारिश में
अंदर भरने
जैसी कोई
शिकायत प्राप्त
नहीं हुई है, ना ही
अधिक वर्षा से
किसी गाय की
मौत की सूचना प्राप्त
हुई। बारिश को
दृष्टिगत
रखते हुये सभी
गौशालाओं में
आवश्यक व्यवस्था
उपलब्ध है
एवं सभी
सावधानियां
रखी जा रही
है। (ग) जिले
की सभी
गौशालाओं का
निर्माण
विभाग द्वारा
जारी
दिशा-निर्देश
एवं तकनीकी
प्राक्कलन
अनुसार किया
गया है।
प्राकृतिक
आपदा जैसे
बारिश आदि एवं
ग्रामवासियों
द्वारा क्षति पहुंचाने
की शिकायत
प्राप्त
होने पर तत्काल
गौशालाओं के
टीन, दीवार
आदि की मरम्मत
कराई जाती है।
उक्त संबंध
में सतत्
सावधानी बरती
जा रही है।
अतएव किसी को
दण्डित या
अपराधी मानने
का प्रश्न ही
नहीं उठता। (घ) जिला
अशोकनगर में 105
शासकीय/अशासकीय
गौशाला
संचालित हैं, जिनमें 13000
निराश्रित
गौवंश को
आश्रय दिया
गया है एवं नरेगा
से निर्मित 06 गौशाला
जो
निर्माणाधीन
है और जिसके
पंजीयन लंबित
है उनकी
क्षमता भी 900 से 1000 गौवंश
की है। 20 वीं
पशुगणना के
अनुसार कुल
निराश्रित
गौवंश संख्या
19000 है।
नगर
पंचायत,
शाढ़ौरा
का बजट व कार्य
[नगरीय
विकास एवं
आवास]
42. ( क्र. 2399 ) श्री
हरिबाबू राय
[इंजीनियर] : क्या
नगरीय विकास
एवं आवास
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) नगर
पंचायत, शाढ़ौरा
को शासन से
विभिन्न
योजनांतर्गत
विकास कार्य
के लिये वर्ष 2020 से आज
दिनांक तक स्वीकृत,
प्राप्त
बजट की राशि
की जानकारी
योजनावार एवं
वर्षवार
देवें। (ख) प्रश्नांश
(क) वर्णित नगरीय
निकाय में
पदस्थ
कर्मचारी,
मस्टरकर्मी,
संविदा
आधार, आउटसोर्स
आधार सभी के
नाम पद इन्हें
आवंटित कार्य
की जानकारी
सहित प्रत्येक
की सूची उपलब्ध
करावें। (ग) प्रश्नांश
(क) वर्णित
नगरीय
निकाय में
संपत्तिकर,
विकास
शुल्क, जलकर
आदि से कितनी
राशि प्राप्त
हुई है? वर्षवार
बतावें एवं
किस-किस मद
में कितना व्यय
किया गया हैं,
बतावें।
मदवार
जानकारी
देवें। (घ) निकाय
में कार्यरत
सफाई
कर्मचारियों
को कलेक्टर
रेट पर भुगतान
नहीं किया जा
रहा है। कई
वर्षों से
कार्यरत
कर्मचारियों
को कब तक
कलेक्टर रेट
पर भुगतान
करेंगे, कर्मचारियों
के नाम सहित
जानकारी दें।
नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री (
श्री कैलाश
विजयवर्गीय ) :
(क)
जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ख)
जानकारी
पुस्तकालय
में
रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। (ग)
जानकारी
पुस्तकालय
में
रखे परिशिष्ट 'स' अनुसार है। (घ) नगर
परिषद
शाढ़ौरा की
परिषद द्वारा
एक निश्चित
मानदेय पर
कर्मचारियों
को रखकर कार्य
कराया जा रहा
है। उत्तरांश
के
परिप्रेक्ष्य
में शेषांश का
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है।
कर्मचारियों
के नाम पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट 'ब' अनुसार है।
इंदौर
शहर में
टी.डी.आर.
पॉलिसी
[नगरीय
विकास एवं
आवास]
43. ( क्र. 2467 ) श्रीमती
मालिनी लक्ष्मण
सिंह गौड़ : क्या
नगरीय विकास
एवं आवास
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
इंदौर शहर के
विभिन्न
क्षेत्रों
में टी.डी.आर.
पॉलिसी का लाभ
देना
प्रस्तावित
है। यदि हाँ, तो सेलर
एरिया एवं
बॉयर एरिया की
जानकारी उपलब्ध
करवाएं? (ख) इंदौर
के टी.डी.आर.
पॉलिसी के
लाभार्थी
(जिनका नाम
प्रस्तावित)
की सूची मय
नाम, पता, मोबाइल
नंबर उपलब्ध
करवाने का कष्ट
करें? (ग) प्रश्न
दिनांक तक किन
लाभार्थियों
को इस पॉलिसी
से संबंधित
प्रमाण पत्र
प्राप्त हो गए
इनकी सूची भी
नाम, पता, मोबाइल
नंबर सहित
उपलब्ध
करवाने का
कष्ट करें?
नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री (
श्री कैलाश
विजयवर्गीय ) :
(क) जी हाँ।
म.प्र. हस्तांतरणीय
विकास अधिकार
नियम, 2018 में सेलर
एरिया एवं
वॉयर एरिया का
कोई प्रावधान
नहीं है, वस्तुत:
नियमों में 'उत्पादन
क्षेत्र' एवं 'प्राप्ति
क्षेत्र' का
प्रावधान है। (ख) टी.डी.आर.
पॉलिसी के
प्रस्तावित
लाभार्थी की
जानकारी
पुस्तकालय
में
रखे
परिशिष्ट-अ
अनुसार है। (ग) टी.डी.आर.
पोर्टल के
माध्यम से
जारी किये गये
प्रमाण पत्र
से संबंधित सूची
पुस्तकालय
में
रखे परिशिष्ट-ब
अनुसार है।
सौर
ऊर्जा के
माध्यम से
लगाये गये
विद्युत पंप
[नवीन
एवं नवकरणीय
ऊर्जा]
44. ( क्र. 2515 ) श्री
संजय
सत्येन्द्र
पाठक : क्या
नवीन एवं
नवकरणीय ऊर्जा
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे कि
(क) क्या सौर
ऊर्जा से
विद्युत पंप
स्थापना हेतु केन्द्र
एवं राज्य
शासन से
अनुदान पर
किसानों को
उपलब्ध कराये
जाने का
प्रावधान है?
यदि
हाँ, तो
विकासखंड
सौहावल जिला
सतना में
योजना प्रारंभ
से किन-किन
गांवों में
कितने-कितने
आवेदन
प्राप्त हुये?
स्वीकृत
पश्चात किस
खसरा नंबर में
सौर ऊर्जा विद्युत
पंप स्थापित
कर
कितने-कितने
रकबा की सिंचाई
बढ़ाई गई
कृषकवार, ग्रामवार
जानकारी
देवें? (ख) प्रश्नांश
(क) यदि हाँ, तो
किन-किन
किसानों ने
स्वीकृत खसरा
नंबर पर पंप
स्थापना की और
कितने किसानों
ने दूसरे खसरा
नंबर में पंप
की स्थापना की?
यदि
हाँ, तो किस
सक्षम
अधिकारी की
अनुमति से
जानकारी दें?
क्या
कुछ किसानों
द्वारा खेत की
सिंचाई कार्य
न कर घरेलू
विद्युत
ऊर्जा में
उपयोग किया जाता
है? यदि हाँ, तो ऐसे
कितने किसान
है? क्या
संबंधितों से
अनुदान राशि
की वसूली कर
नियमानुसार
कार्यवाही
करेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो
क्यों?
नवीन
एवं नवकरणीय
ऊर्जा मंत्री
( श्री राकेश शुक्ला
) : (क) जी हाँ।
प्रधानमंत्री
किसान ऊर्जा
सुरक्षा एवं
उत्थान
महाभियान
(पी.एम.कुसुम-ब)
योजना केन्द्र
शासन द्वारा
वर्ष 2019 में लागू की
गई। इस योजना
का उद्देश्य
भारत में
किसानों के
लिये ऊर्जा
सुरक्षा सुनिश्चित
करना है।
प्रदेश में
कुसुम-ब योजना
''प्रधानमंत्री
कृषक मित्र
सूर्य योजना''
के
नाम से
संचालित है।
कुसुम-ब के
अन्तर्गत
कृषकों के
यहां ऑफ ग्रिड
सोलर पंपों की
स्थापना की
जाती है।
योजनान्तर्गत
विकासखण्डवार
जानकारी
संधारित नहीं
है। सतना जिले
अन्तर्गत
प्राप्त
आवेदनों की जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-अ
अनुसार है एवं
लाभांवित
कृषकों की जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-ब
अनुसार है। (ख) 64
किसानों के यहां
सोलर पंप स्थापना
आवेदित खसरा
नंबर पर की गई
है। किसानों द्वारा
खेत की सिंचाई
कार्य न कर
घरेलू विद्युत
ऊर्जा में
उपयोग करने की
सूचना की
जानकारी निरंक
है। सोलर
पंपों की स्थापना
उपरांत
हितग्राही को
सौंप दिया
जाता है। 5 वर्ष तक
रख-रखाव की
जिम्मेदारी
संबंधित स्थापनाकर्ता
ईकाई की होती
है। रख-रखाव
की अवधि के
दौरान
हितग्राही
द्वारा पंप को
अन्यत्र स्थानांतरित
करने की
स्थिति में
संयंत्र वारण्टी
से बाहर हो
जायेगा। 5 वर्ष
बाद सोलर पंप
की जिम्मेदारी
स्वयं
हितग्राही की
होती है।
पशु
चिकित्सालय
के भवन एवं
स्टाफ की
जानकारी
[पशुपालन
एवं डेयरी]
45. ( क्र. 2520 ) श्री
भंवर सिंह
शेखावत : क्या
राज्य
मंत्री, पशुपालन
एवं डेयरी
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
प्रदेश में
पशुपालन एवं
डेयरी विभाग
द्वारा
संचालित पशु
चिकित्सालयों
की संख्या,
उनकी
स्थिति, रिक्त
पदों की
जानकारी एवं
भवनों की
स्थिति
निम्नानुसार
है? यदि हाँ,
तो
कृपया
निम्नानुसार
विवरण सहित
जानकारी उपलब्ध
कराई जाए :- (1)
प्रदेश
में वर्तमान
में कितने पशु
चिकित्सालय
स्थापित होकर
संचालित हैं?
चिकित्सालयों
के नाम, संबंधित
स्थान सहित
सूची प्रदान
की जाए। (2) क्या
वर्तमान में
इन
चिकित्सालयों
में पर्याप्त
संख्या में
पशु चिकित्सक
एवं अन्य
सहायक स्टाफ
उपलब्ध हैं?
यदि
हाँ, तो कितना
स्टाफ पदस्थ
है? कृपया
विवरण दें।
यदि नहीं,
तो
कितने पद
रिक्त हैं?
रिक्त
पदों की
श्रेणीवार
जानकारी (जैसे
:- पशु चिकित्सा
अधिकारी, पैरावेट,
सहायक,
आदि)
उपलब्ध कराई
जाए। शासकीय
स्तर पर इन
रिक्त पदों की
पूर्ति कब तक
की जाएगी?
(ख) प्रदेश
में संचालित
पशु
चिकित्सालयों
के भवनों की
वर्तमान
स्थिति क्या
है? निम्न
बिंदुओं के
अनुसार
जिलेवार
जानकारी प्रदान
की जाए :- (1) कितने
चिकित्सालय
भवनों की
आवश्यकता है?
(2) कितने
भवन उपलब्ध
हैं? (3) कितने
चिकित्सालय
बिना भवन के
संचालित हो रहे
हैं? (4) कितने भवन
जर्जर/डिस्मेंटल
योग्य घोषित
हैं और उनके
स्थान की
जानकारी? (5) प्रस्तावित
नए भवनों का
निर्माण कब तक
पूर्ण होगा?
राज्य
मंत्री, पशुपालन
एवं डेयरी (
श्री लखन पटैल
) : (क) एवं (ख)
जानकारी
एकत्रित की जा
रही है।
लोक
निर्माण
विभाग
अंतर्गत
निर्माण
कार्यों की
जानकारी
[लोक
निर्माण]
46. ( क्र. 2522 ) श्री
भंवर सिंह
शेखावत : क्या
लोक निर्माण
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
इंदौर संभाग
में लोक
निर्माण विभाग
के अंतर्गत
वर्तमान में
विभिन्न
निर्माण कार्य
प्रगतिरत हैं?
यदि
हाँ, तो इंदौर
संभाग में लोक
निर्माण
विभाग के अंतर्गत
वर्तमान में
प्रगतिरत
निर्माण
कार्यों की
कुल संख्या
एवं उन पर अब
तक व्यय की गई
स्वीकृत राशि
का कार्यवार
विवरण। (ख) क्या
प्रत्येक
निर्माण कार्य
की पूर्णता
हेतु समय-सीमा
निर्धारित की गई
है? यदि हाँ,
तो
उसके संबंध
में जानकारी
प्रदान की
जाए। (ग)
क्या
कुछ निर्माण
कार्य
निर्धारित
समय-सीमा में
पूर्ण नहीं
हुए हैं? यदि हाँ,
तो
ऐसे कार्यों
के संबंध में
निम्नलिखित
जानकारी
कार्यवार
प्रदान की
जाए। कार्य का
नाम, कार्य स्थल,
स्वीकृति
की तिथि, निर्धारित
पूर्णता तिथि,
कार्य
की वर्तमान
स्थिति, कार्य
अपूर्ण रहने
का कारण। क्या
कार्य की अपूर्णता
के कारण शासन
को वित्तीय
हानि हुई है तथा
शासन/योजना का
उद्देश्य
अपूर्ण रहा
है। कार्य
समय-सीमा में
पूर्ण न होने
हेतु उत्तरदायी
अधिकारियों/ठेकेदारों
के नाम क्या
उनके विरूद्ध
कोई वैधानिक
कार्रवाई
प्रस्तावित/प्रचलित
है? यदि हाँ,
तो
विवरण दिया
जाए, अन्यथा
कारण बताया
जाए।
लोक
निर्माण
मंत्री ( श्री
राकेश सिंह ) : (क) जी हाँ।
कुल 8 कार्य। जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-अ,
'अ-1',
'अ-2'
एवं
1
अनुसार है। (ख)
जी
हाँ। जानकारी
पुस्तकालय
में
रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-अ,
'अ-1',
'अ-2'
एवं
2
अनुसार है। (ग)
जी
हाँ। जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-'अ-2', 'ब' एवं 3 अनुसार है।
अवैध
संरक्षण देकर,
भ्रष्टाचार
करने पर
कार्यवाही
[नगरीय
विकास एवं
आवास]
47. ( क्र. 2550 ) श्री
निलेश
पुसाराम उईके
: क्या
नगरीय विकास
एवं आवास
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
बैतूल जिले के
मुलताई शहर की
आवासीय कॉलोनी
ड्रीमलैंड
सिटी के
कॉलोनाइजर ने
स्वीकृत
अभिन्यास के
विपरीत नाला
मद की सरकारी
भूमि में
भूखंड बनाकर
भूखंड क्र. 213,
214, 243, 244
धोखे से
विक्रय किये
हैं? (ख) यदि हाँ, तो क्या
कलेक्टर
बैतूल ने
कॉलोनाइजर के
विरूद्ध
दिनांक 01/09/24 को भा.
दं.सं. की धारा 120
B, 420, 467, 468, 471
में
प्राथमिकी
क्र. 639/2024 दर्ज कराई है?
जिसकी
जाँच पुलिस
द्वारा प्रश्न
दिनांक तक भी
नहीं की गई है?
जाँच
कब तक पूर्ण
होगी, समय-सीमा
बतावें? जाँच
लंबित रखने के
लिए कौन दोषी
हैं? (ग) क्या
उच्च
न्यायालय में
प्रस्तुत
याचिका क्र. 32848/2024 में
स्थगन होने के
बावजूद
कलेक्टर
बैतूल द्वारा
न्यायालय की अवमानना
करते हुए
कॉलोनाइजर को
विकास कार्य पूर्ण
करने हेतु
नियम विपरीत
अनुमति जारी
की है? यदि हाँ, तो
कलेक्टर के
प्रति क्या और
कब तक
कार्यवाही की
जावेगी? (घ) क्या
वर्ष 2016 के पश्चात्
कॉलोनी का
कार्य
पूर्णता
प्रमाण पत्र
जारी नहीं
होने से प्रश्नांकित
कॉलोनी का
रेरा पंजीयन
कराने के बाद
कॉलोनी विकास
नियमों के
अनुसार
रहवासियों को मूलभूत
सुविधाएं
उपलब्ध करायी
जावेगी?
समय-सीमा
बतावें।
नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री (
श्री कैलाश
विजयवर्गीय ) :
(क) बैतूल
जिले के
मुलताई नगर की
आवासीय
कालोनी ड्रीम
लैण्ड सिटी
के कालोनाईजर
द्वारा नगर
तथा ग्राम निवेश
से स्वीकृत
अभिन्यास
में दर्शित
प्रश्नांकित
भू-खण्डों की
सीमा में नाला
मद की शासकीय
भूमि खसरा नम्बर
04
रकबा 0.134 हेक्टेयर
के अंश भाग को
अतिक्रमण कर
शामिल कर लिया
गया था जिसे
तहसीलदार के
रा.प्र.
क्रमांक 00007/अ-68 वर्ष 2023 में
पारित आदेश
दिनांक 06/03/2023 द्वारा
कालोनाईजर को
राशि रू. 10 हजार के
अर्थदण्ड से
दण्डित कर
बेदखल किया
गया है। (ख) जी
हाँ। जी नहीं,
पुलिस
द्वारा जांच
की गई है
प्रकरण की
विवेचना के
दौरान उत्तरांश
''क''
अनुसार
कालोनाईजर
द्वारा
शासकीय भूमि
के दुरूपयोग
किया जाना
पाये जाने पर
दिनांक 20/01/2025 को
प्रकरण में
धारा 467, 468 एवं 471 भारतीय
दण्ड विधान
बढ़ाई गई है
प्रकरण की
विवेचना जारी
है। समय-सीमा
बताया जाना
संभव नहीं है।
उत्तरांश के
परिप्रेक्ष्य
में शेषांश का
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (ग) जी
नहीं, विकास
कार्य पूर्ण
करने हेतु
अनुमति जारी
नहीं की गई है
अपितु प्रश्नांकित
याचिका में
अपर कलेक्टर
बैतूल द्वारा
कालोनाईजर के
विरूद्ध जारी आदेश
दिनांक 29/08/2024 एवं
इसके
परिप्रेक्ष्य
में प्रश्नांकित
कालोनी के बन्धक
भू-खण्डों को
नीलाम करने के
लिए नगर
पालिका
मुलताई द्वारा
जारी निविदा
सूचना दिनांक 07/10/2024 में स्थगनादेश
होने के बाद
कालोनाईजर
द्वारा कालोनी
के शेष विकास
कार्य पूर्ण
करने के लिए
आवेदन दिनांक 06/02/2025 प्रस्तुत
करने पर अपर
कलेक्टर
बैतूल द्वारा
कालोनीवासियों
की समस्याओं
के दृष्टिगत
कालोनी विकास
कार्यों के संधारण
एवं शेष विकास
कार्य 45 दिन में
पूर्ण करने की
शर्त के साथ
अनापत्ति प्रमाण
पत्र दिनांक 20/03/2025 जारी
किया गया था।
चूंकि प्रश्नांकित
याचिका के
याचिकाकर्ता
कालोनाईजर के
ही आवेदन पर
जनहित में अनापत्ति
प्रमाण पत्र
जारी किया गया
था इसलिए माननीय
उच्च न्यायालय
के स्थगनादेश
की अवमानना का
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। उत्तरांश
के
परिप्रेक्ष्य
में शेषांश का
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (घ) जी
हाँ, प्रश्नांकित
याचिका में
माननीय उच्च
न्यायालय के
अंतिम निर्णय
अनुसार
कार्यवाही की
जाएगी। प्रश्नांकित
याचिका
माननीय उच्च
न्यायालय
में प्रचलित
होने से
समय-सीमा
बताया जाना
सम्भव नहीं
है।
बानमोर
चौराहे पर फुट
ब्रिज
निर्माण
[नगरीय
विकास एवं
आवास]
48. ( क्र. 2576 ) श्री
दिनेश गुर्जर
: क्या
नगरीय विकास
एवं आवास
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे कि
(क) क्या नगरीय
प्रशासन
विभाग के
संज्ञान में
है कि बानमोर
नगर का मुख्य
चौराहा
अत्यधिक ट्रैफिक
दबाव वाला
क्षेत्र है,
जहाँ
स्कूली
बच्चों, महिलाओं
और बुजुर्गों
को जान जोखिम
में डालकर
सड़क पार करनी
पड़ती है?
(ख) क्या
बानमोर
चौराहे पर अब
तक कई
दुर्घटनाएं
हो चुकी हैं
और वहाँ न तो
फुट ब्रिज न
व्यवस्थित
ट्रैफिक
सिग्नल जैसी
मूलभूत
सुरक्षा
सुविधाएं उपलब्ध
नहीं हैं?
(ग) क्या
विभाग ने
बानमोर
चौराहे पर फुट
ब्रिज निर्माण
के लिए कोई
सर्वेक्षण,
तकनीकी
परीक्षण या
बजट प्रस्ताव
तैयार किया है?
यदि
नहीं, तो कब तक
तैयार किया
जाएगा? यदि हाँ,
तो
उसकी स्थिति
क्या है और अब
तक क्या
कार्यवाही
हुई है? (घ) क्या
सरकार आगामी
वित्तीय वर्ष
में बानमोर चौराहे
को संवेदनशील
क्षेत्र
घोषित कर वहाँ
फुट ब्रिज
निर्माण, ट्रैफिक
प्रबंधन व CCTV
निगरानी
जैसे कार्यों
की समयबद्ध
योजना बना रही
है? यदि हाँ, तो
विवरण दें।
नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री (
श्री कैलाश
विजयवर्गीय ) :
(क) जी हाँ।
(ख) जी
हाँ, जी
हाँ। (ग) जी
नहीं, बानमौर
चौराहा
एन.एच.ए.आई. न. 44 (राष्ट्रीय
राजमार्ग) में
स्थित है, फुट ब्रिज
निर्माण एवं
ट्रॉफिक सिग्नल
के लिए
एन.एच.ए.आई. को
पत्र क्र. 478 दिनांक 28/03/2025 तथा
पत्र क्र. 835 दिनांक 04/06/2025 को लिखा
गया है, उत्तरांश
के
परिप्रेक्ष्य
में प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (घ) उत्तरांश (ग) के
परिप्रेक्ष्य
में विभाग से
कार्यवाही करने
का प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है।
पद
का दुरूपयोग
[नगरीय
विकास एवं
आवास]
49. ( क्र. 2587 ) श्री
यादवेन्द्र
सिंह : क्या
नगरीय विकास
एवं आवास
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
नगर पालिका
परिषद में पद
पर रहते हुये
परिषद के
नियमों के
विपरीत अथवा
अनैतिक लाभ
कमाये या किसी
परिजन को पहुंचाये
तो उसके
विरूद्ध नगर
पालिका
अधिनियम में
दण्ड का
प्रावधान है
यदि हाँ, तो विस्तृत
विवरण दें?
(ख) क्या
टीकमगढ़ नगर
पालिका परिषद
में अध्यक्ष
पद पर रहते
हुये सन् 2010 से 2014 की अवधि
में श्री
राकेश गिरी
एवं सन् 2014 से 2019 तक की
अवधि में
श्रीमती
लक्ष्मी
गिरी ने
करोड़ों
रूपयों की
अनियमिततायें
की जिनका उल्लेख
अंकेक्षण
आपत्तियों
में दर्ज है।
उनके विरूद्ध
क्या
कार्यवाही की
गई है? (ग) क्या
परिषद को
करोड़ों
रूपये की हानि
पदाधिकारी के
द्वारा नगर
टीकमगढ़ की
कलेक्टर
द्वारा घोषित
अवैध कॉलोनी
जैसे लक्ष्मीनगर,
गणेशपुरम
फेस-3, एन.आर. कैम्पस,
बालाजीपुरम,
गजाननपुरम,
बालाजीपुरम
फेस-2, वृंदावन
नगर, इंद्रपुरी
गोस्वामी
कॉलोनी, रोरईया
दरवाजा, सिद्धि
विनायक आदि
में नगर
पालिका परिषद
टीकमगढ़ की
राशि से
करोड़ों
रूपये के
निर्माण
कार्य कराये
गये हैं
तो
ऐसे पदधारी को
नियमानुसार
निर्वाचन
लड़ने के
अयोग्य
घोषित किया
जाता है यदि
हाँ, तो कब तक?
(घ) प्रश्नांश
(ख) में
वर्णित
अंकेक्षण
संक्षेपिकाओं
में अनेकों
करोड़ों की
अनियमितताएं
परिलक्षित हो
रही है, फिर
कार्यवाही न
होने का क्या
कारण है?
नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री (
श्री कैलाश
विजयवर्गीय ) :
(क) जी हाँ।
मध्यप्रदेश
नगर पालिका
अधिनियम, 1961 की धारा - 35क में
भूतपूर्व अध्यक्ष,
उपाध्यक्ष
को निरर्हित
करने एवं धारा
84 में
संविदा या
नियोजन में
हित रखने पर
शास्ति के
संबंध में
प्रावधान है। (ख) संपरीक्षा
प्रतिवेदन के
अनुसार वित्तीय
अनियमितताएं
किए जाने की
शिकायत पर
दर्ज लोकायुक्त
जां.प्र. 02/ई/24 के
संबंध में
संचालनालय,
नगरीय
प्रशासन एवं
विकास, मध्यप्रदेश,
भोपाल
द्वारा
दिनांक 26.04.2024 को
संयुक्त
संचालक, नगरीय
प्रशासन एवं
विकास, संभाग-सागर
को जांच
प्रतिवेदन
उपलब्ध
कराने के
निर्देश दिए
गए हैं, जिस पर
कार्रवाई
प्रचलित है। (ग) जी नहीं,
उक्त
कॉलोनियों
में निर्माण
कार्य के
संबंध में वर्ष
2010 से 2014 तक
कार्यालय में
उपलब्ध
अभिलेखों के
अनुसार कोई भी
निर्माण
कार्य नहीं
कराए गए हैं।
अत: शेषांश का
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (घ) उत्तरांश
(ख) के
परिप्रेक्ष्य
में प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
शिकायतों
पर कार्यवाही
[नगरीय
विकास एवं
आवास]
50. ( क्र. 2588 ) श्री
यादवेन्द्र
सिंह : क्या
नगरीय विकास
एवं आवास
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या यह
सही है कि
प्रश्नकर्ता
द्वारा बजट
सत्र 2025 दिनांक 17.03.2025
तारांकित
प्र.क्र. 1567 किया था?
(ख) यदि हाँ, तो
प्रश्न क्र. 1567 के
परिशिष्ट "अ"
अनुसार 1 लगायत 12
शिकायतों का
उल्लेख कर
जांच की जा
रही है या जांच
कमेटी बनाई गई
है, उत्तर दिया
था। (ग) क्या प्रश्नांश
(ख) में
वर्णित
पत्रों में
प्रकरण का
प्रकार उल्लेख
कर शिकायत
क्र.-1 सामान्य,
2-लोकायुक्त
प्रकरण, 3-सामान्य,
4- सामान्य,
6-सामान्य,
7-सामान्य,
8
सामान्य, 9-सामान्य,
10-ई.ओ.डब्ल्यू.
11-ई.ओ.डब्ल्यू.
एवं 12 सामान्य
उल्लेख कर
जांच की जा
रही है, उत्तर
दिया था। (घ) यदि हाँ, तो
प्रश्नांश
(ख) एवं (ग) में
वर्णित
शिकायतों पर
अब तक क्या
कार्यवाही
हुई? शिकायतवार
पृथक-पृथक
अवगत करावें।
नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री (
श्री कैलाश
विजयवर्गीय ) :
(क) से
(ग) जी हाँ। (घ)
जानकारी
पुस्तकालय
में
रखे परिशिष्ट
अनुसार है।
फोरलेन
मार्ग का
निर्माण
[लोक
निर्माण]
51. ( क्र. 2602 ) श्री
आरिफ मसूद : क्या
लोक निर्माण
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
भोपाल शहर में
बस स्टाप 7 नंबर से 10 नंबर
होते हुए
दानापानी तक
के मार्ग पर
यातायात
घनत्व
अत्यधिक हो
गया है एवं इस
मार्ग का
विस्तारीकरण
किया जाना
आवश्यक है?
(ख) यदि
प्रश्नांश
(क) का वर्णित
मार्ग के
विस्तारीकरण
के लिए क्या विभाग
द्वारा
ट्रैफिक
सर्वे एवं प्राथमिक
आंकलन किये
जाने की कोई
कार्यवाही की
गई है? (ग) प्रश्नांश
(क) वर्णित
मार्ग तथा ई-7,
अरेरा
कालोनी, भोपाल
में 1100 क्वाटर्स,
हनुमान
मंदिर के
सामने का
मार्ग के
विस्तारीकरण
के लिए बजट
में स्वीकृत
प्रावधान के
बावजूद अभी तक
निर्माण
कार्य नहीं
करने का क्या
कारण है? (घ) प्रश्नांश
(ग) वर्णित
मार्ग का
निर्माण
कार्य नहीं
किये जाने के
लिए क्या
विभाग द्वारा
संबंधित के विरूद्ध
कार्यवाही की
जावेगी, यदि हाँ, तो कब तक?
लोक
निर्माण
मंत्री ( श्री
राकेश सिंह ) :
(क) जी हाँ। (ख) जी हाँ।
सर्वे एवं
डी.पी.आर.
कार्य प्रगति
पर है। (ग) प्रश्नांश
''क''
में
वर्णित
कार्यवाही के
अतिरिक्त
भोपाल में 1100
क्वाटर्स
हनुमान मंदिर
के सामने के
मार्ग के
विस्तारीकरण
(ब्लैक स्पॉट
समाप्ति हेतु)
के लिये शासन
के पत्र क्र.
एफ-43/ 13/2025/19/यो/862/भोपाल,
दिनांक
29.03.2025
द्वारा राशि
रू.98.77 लाख की
प्रशासकीय
स्वीकृति
प्रदान की गई
है। जिसके
अनुक्रम में
प्रथम बार
आमंत्रित की
गई निविदा में
किसी ठेकेदार द्वारा
भाग नहीं लिये
जाने के कारण
निविदा द्वितीय
बार आमंत्रित
की जाकर
दिनांक 30.07.2025 को खोली
जावेगी। (घ) उत्तरांश
''ग''
के
परिप्रेक्ष्य
में प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
रोड
निर्माण की
जानकारी
[लोक
निर्माण]
52. ( क्र. 2619 ) डॉ.
विक्रांत
भूरिया : क्या लोक
निर्माण
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) झाबुआ
विधान सभा के
ग्राम पंचायत
खेड़ी ( नेशनल
हाईवे) के
साइड से शुरू
होकर ग्राम
पंचायत कालाखुट
(नेशनल हाईवे)
मुख्य मार्ग
रानापुर शहर
मेन रोड के
पास से शुरू
होकर ग्राम
पंचायत मातासुला
(छायन
सेंमलखेडी) से
गाँव डाबतलाई
के मुख्य
मार्ग तक,
रोड
निर्माण की
विभाग की क्या
कार्य योजना
है। ये रोड कब
तक निर्मित हो
जाएगी। यदि
ऐसी कोई कार्य
योजना नहीं है
तब क्यों नहीं
है? (ख) झाबुआ
शहर के अंदर
से जाने वाले
(रानापुर- झाबुआ-
मेघनगर) मुख्य
मार्ग को
बायपास (By Pass) रोड के
निर्माण की
क्या कार्य
योजना है। यदि
इस प्रकार की
कोई कार्य
योजना नहीं है,
तब
किन कारणों से
नहीं है?
लोक
निर्माण
मंत्री ( श्री
राकेश सिंह ) :
(क) जी नहीं,
ये
नवीन मार्ग है
जो न तो किसी
योजना में
स्वीकृत है और
न ही बजट में
सम्मिलित है।
अतः शेष का
प्रश्न उपस्थित
नहीं होता। (ख) रानापुर-झाबुआ-मेघनगर
मुख्य मार्ग
के बायपास की
कोई भी योजना
प्रचलित नहीं
है। रानापुर-झाबुआ
मार्ग पर
ट्रैफिक का
दबाव सामान्य
होने से
बायपास
निर्माण की
आवश्यकता
उत्पन्न न
होने से कार्य
योजना
प्रस्तावित
नहीं की गई।
दोष
सिद्ध होने के
बाद भी
कार्यवाही न
करना
[लोक
निर्माण]
53. ( क्र. 2662 ) श्री
नागेन्द्र
सिंह : क्या
लोक निर्माण
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
श्री
शफीउल्लाखान
पिता अब्दुला
खान लोक
निर्माण उप
संभाग चुरहट
जिला सीधी से
वर्ष 2006 के पूर्व
एस.डी.ओ. पद से
सेवानिवृत्त
हुऐ थे? (ख) प्रश्नांश
(क) अनुसार
यदि हाँ, तो क्या
जनवरी 2006 में
बुढ़ार जिला
शहडोल निवासी
सिन्ट छावड़ा ने
प्रश्नांश
(क) में
वर्णित
रिटायर
एस.डी.ओ.
द्वारा भ्रष्टाचार
से अर्जित
रूपये 05 करोड़
की चल अचल
सम्पत्ति की 15
बिन्दुओं की
शिकायत जाँच
हेतु डी.जी.पी. E.O.W..
पुलिस
भोपाल में की
गई थी? यदि हाँ, तो क्या
तत्कालीन
डीजीपी E.O.W. पुलिस
भोपाल द्वारा
पुलिस
अधिक्षक E.O.
रीवा
से वर्ष 2007 में उक्त
वर्णित
भ्रष्टाचार
की जाँच कराई
गई थी? (ग) प्रश्नांश
(ख) अनुसार
यदि हाँ, तो क्या
पुलिस
अधीक्षक E.O.W.
रीवा
ने अपने जाँच
प्रतिवेदन
क्रमांक 484 दिनांक 02/08/2007 भ्रष्टाचार
के 15 बिन्दुओं
के आरोप में
बिन्दुओं के
क्रमांक 1,2,4,6 के आरोप
सही पाए गये?
यदि
हाँ, तो संबंधित
मामले में की
गई कार्यवाही
का पूर्ण
विवरण उपलब्ध
करायें। (घ) प्रश्नांश
(ग) अनुसार
यदि हाँ, तो क्या
आर्थिक अपराध
क्रमांक 24/06 के
बिन्दु
क्रमांक 1,2,4,
एवं 6 के सत्य
पाए जाने पर
आरोपी
शफीउल्लाखान
रिटायर के
विरूद्ध
विधिक
कार्यवाही व
भ्रष्टाचार
से अर्जित
सम्पत्ति
राजसात की
जाएगी यदि हाँ, तो कब तक?
यदि
नहीं, तो क्यों?
लोक
निर्माण
मंत्री ( श्री
राकेश सिंह ) :
(क) से (घ)
जानकारी
एकत्रित की जा
रही है।
नदी
नालों पर पुल
निर्माण
[लोक
निर्माण]
54. ( क्र. 2727 ) श्री
नरेन्द्र
प्रजापति
[इंजीनियर] : क्या
लोक निर्माण
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) विधानसभा
क्षेत्रान्तर्गत
मनगवां 73 में
लगातार म.प्र.
सरकार के अपर
मुख्य सचिव
को पत्र लिखकर
सड़क
रपटा/पुलिया
निर्माण हेतु
पत्राचार
किया गया एवं
पत्राचार के पश्चात
कई स्मरण
पत्र भी भेजे
गये किन्तु
अभी तक
रपटा/पुलिया/सड़क
निर्माण हेतु
कोई कार्यवाही
नहीं की गई?
मनगवां
73
विधानसभा
क्षेत्र
अनुसूचित
जाति वर्ग के
लिए आरक्षित
है, अनुसूचित
जाति वर्ग की
सुविधाओं एवं
विकास को
दृष्टिगत
रखते हुए दिए
गए पत्रों में
उल्लेखित
सड़क/रपटा/पुलिया
को जुलाई के
अनुपूरक बजट
में शामिल
करवाकर
निविदा
प्रकाशन कब तक
कराया जाएगा? (ख) मनगवां 73
विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत
पूर्व में
बनाई गई सड़के
जिन्हें लोक
निर्माण
विभाग ने ए.आर.
मद से सड़क
निर्माण की
निविदा
प्रकाशित की
गई थी लेकिन
वह पूरे नहीं
हो सके हैं।
उनका कार्य कब
तक पूरा कर लिया
जाएगा, समय-सीमा
बतावें एवं
खराब सड़कों
की मरम्मत
जिनके विभाग
द्वारा कब-कब
कराई गई, उसमें
कितना व्यय
हुआ, सड़क
निर्माण, सड़क का
नाम प्रकाशित
निविदा
दिनांक एवं व्यय
राशि की
जानकारी से
अवगत करायें
एवं खराब सड़कों
की मरम्मत कब
तक करा ली
जाएगी?
लोक
निर्माण
मंत्री ( श्री
राकेश सिंह ) :
(क) जी हाँ। जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-अ
अनुसार है। (ख) जी
नहीं। बी.टी.
रिन्यूअल
(नवीनीकरण) मद
अन्तर्गत
दिनांक 12.06.2023 को
प्रकाशित की
गई। जी नहीं।
अनुबंध के
अंतर्गत सभी
कार्य पूर्ण
कराए गए।
समय-सीमा का
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। मरम्मत
कार्य
संविदाकार
द्वारा किया
गया, उसमें से देवास-क्यूटी
मार्ग लम्बाई 5.10 कि.मी.
में नवीनीकरण
का कार्य
कराया गया,
जिस
पर कुल व्यय
रू. 61.84 लाख का हुआ
है। प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। विवरण पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-ब
अनुसार है।
निर्माण
कार्यों की
प्रगति
[नगरीय
विकास एवं
आवास]
55. ( क्र. 2738 ) श्री
वीरेन्द्र
सिंह लोधी : क्या
नगरीय विकास
एवं आवास
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) जुलाई-2022 से
प्रश्न
दिनांक की
अवधि में नगर
परिषद बण्डा
एवं न.प. शाहगढ़
में निकाय
निधि एवं
राज्य शासन
निधि अंतर्गत
किये गये
निर्माण
कार्यों एवं
उक्त अवधि में
प्रस्तावित
प्रत्येक
निर्माण कार्य
की प्रगति की
जानकारी एवं
कार्य हेतु कुल
प्राप्त राशि,
कुल
व्यय राशि,
कुल
शेष राशि,
कार्य
अपूर्ण/अप्रारम्भ
होने पर
विलम्ब का क्या
कारण है। (ख) प्रस्ताव
उपरांत लंबित
कार्यों में
प्रत्येक
कार्य हेतु
जारी समस्त सूचना
पत्रों की
संख्या तथा
उनकी प्रति
उपलब्ध करवायें।
(ग) संचालनालय
नगरीय
प्रशासन के
पत्र क्र.2781/योप्रा/07/2024 दिनांक 27.02.24 द्वारा
स्वीकृत राशि
पर प्रश्नांश
(क) अनुसार
जानकारी
प्रस्तुत कर
विलम्ब का
कारण स्पष्ट
करें। (घ) क्या
निर्माण
कार्य हेतु
भूमि-आवंटन के
बगैर एन.आई.टी.
जारी करने का
प्रावधान है?
नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री (
श्री कैलाश
विजयवर्गीय ) :
(क)
जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ख)
जानकारी
पुस्तकालय
में
रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। (ग)
जानकारी
पुस्तकालय
में
रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। नगर
परिषद बण्डा
को प्रश्नांकित
पत्र से मुख्यमंत्री
नगरीय
क्षेत्र
अधोसंरचना
विकास योजना
के अंतर्गत स्वीकृत
स्टेडियम
निर्माण
कार्य के लिये
भूमि आवंटन नहीं
हुई है एवं
सागर-कानपुर
रोड का सौन्दर्यीकरण
कार्य के लिए
एन.एच.ए.आई. से
अनापत्ति
प्राप्त
नहीं हुई है।
जिससे
निर्माण
कार्यों में
विलंब हो रहा
है। (घ) जी नहीं।
विद्युत
दुर्घटना से
बचाव के उपाय
[ऊर्जा]
56. ( क्र. 2741 ) श्री
वीरेन्द्र
सिंह लोधी : क्या
ऊर्जा मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) विधानसभा
सत्र दिसम्बर
2024 के
अतारांकित
प्रश्न क्र.1458 के
प्रश्नांश
(क) में नगरीय
क्षेत्र
बण्डा में 42
आवासों
के ऊपर या
समीप से 11 के.व्ही.
एवं 33 के.व्ही.
लाइनें होना
उत्तरित किया
है, ऐसे आवासों
में आवासरत
समस्त लोगों
की सूची
प्रदान करें। (ख) उक्त
आवासों में से
किन-किन के
निर्माण के
लिये
विद्युत-विभाग
ने एनओसी नहीं
दी है? (ग) उक्त
प्रश्न क्र.1458 के
प्रश्नांश
(ख) एवं (ग) में 7-स्कूलों
एवं शासकीय
भवनों के अंदर
या निकट वितरण
ट्रांसफार्मर
स्थापित होना
उत्तरित है,
ऐसे
भवनों एवं कार्यालयों
के नाम, पते की
सूची प्रदान
करें। (घ) उक्त
प्रश्नांश
(क) एवं (ग) में
वर्णित
आंकड़ों के
अनुसार
आवासों
स्कूलों एवं
शासकीय भवनों के
ऊपर, निकट या
अंदर से
विद्युत
लाइनों तथा
वितरण ट्रांसफार्मर
स्थापित होने
से कितने
लोगों की जीवन
सुरक्षा खतरे
में होने की
संभावना है इस
पर अपना
प्रतिवदेन
देने का कष्ट
करें। (ड.)
स्थानीय
विभाग के
मौखिक आश्वासन
अनुसार
स्कूलों से
लाइनों एवं
ट्रांसफारमर
को भवनों से
बाहर
सुरक्षित
जगहों पर क्यों
स्थानांतरित
नहीं किया गया
है? (च) क्या
शास. स्कूलों
एवं
निजी-आवासों
के निकट विद्युत
उपकरण व
लाइनों को
सुरक्षित जगह
स्थनांतरित न
करके अधिनियम
का हवाला देकर
टालना लोगों
की सुरक्षा की
उपेक्षा नहीं
है? अगर नहीं तो
भविष्य में
किसी
दुर्घटना के
लिये कौन
जवाबदेह माना
जायेगा?
ऊर्जा
मंत्री ( श्री
प्रद्युम्न
सिंह तोमर ) :
(क) जी हाँ।
विधानसभा सत्र
दिसम्बर,
2024 के
अतारांकित
प्रश्न
क्रमांक-1458 के उत्तरांश
(क) में
उल्लेखित
नगरीय
क्षेत्र बण्डा
अन्तर्गत 42 आवासों,
जिनके
ऊपर अथवा समीप
से पूर्व से
स्थापित 11 के.व्ही.
एवं 33 के.व्ही.
विद्युत
लाईने गुजर
रही हैं, में
निवासरत
लोगों/परिवारों
की सूची संलग्न
परिशिष्ट
के
प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) म.प्र.
पूर्व
क्षेत्र
विद्युत
वितरण कंपनी
द्वारा उत्तरांश
(क) में
उल्लेखित
आवासों के
निर्माण हेतु
कोई भी एन.ओ.सी. जारी
नहीं की है। (ग) उत्तरांश
(क) के
सन्दर्भ में 7 स्कूल
एवं अन्य
शासकीय परिसर,
जिनके
अन्दर एवं
निकट, विद्युत
अद्योसंरचना
स्थापित हैं,
की
सूची संलग्न
परिशिष्ट
के
प्रपत्र-'ब' अनुसार
है। (घ) उत्तरांश
(क)
एवं (ख) के सन्दर्भ
में लेख है कि
विद्युत
अधोसंरचना
यथा- पोल, वितरण
ट्रांसफार्मर,
निम्नदाब
लाईन, 11 के.व्ही./33 के.व्ही.
लाईनों की स्थापना
करते समय
निर्धारित
सुरक्षा
मानकों का
पूर्ण रूप से
ध्यान रखा
जाता है।
पूर्व से
विद्यमान 33 एवं 11 के.व्ही./निम्नदाब
विद्युत
लाईनों के
नीचे/निकट
कालांतर में
अनाधिकृत तौर
पर घरों/भवनों
का निर्माण/विस्तार
किया जाना,
केन्द्रीय
विद्युत
प्राधिकरण,
विद्युत
मंत्रालय,
भारत
सरकार द्वारा
अधिसूचित
केन्द्रीय
विद्युत
प्राधिकरण
(सुरक्षा तथा
विद्युत
आपूर्ति
संबंधी उपाय)
विनियम-2010 एवं तत्पश्चात
संशोधित किये
गए विनियम के
अन्तर्गत
निहित
प्रावधानों
का उल्लंघन
है। (ड.) एवं (च)
केन्द्रीय
विद्युत
प्राधिकरण के
उक्त
विनियमों के
अनुसार
विद्युत
लाईनों के समीप
निर्माण के
पूर्व
निर्माणकर्ताओं
को इसकी जानकारी
विद्युत
आपूर्तिकर्ता
को देना आवश्यक
है। लाईन में
फेरबदल की
आवश्यकता
होने तथा
तकनीकी रूप से
विस्थापन
साध्य पाए
जाने एवं
मार्ग के
अधिकार
(आर.ओ.डब्ल्यू.)
की आवश्यकता
पूरी होने की
स्थिति में
फेरबदल की
आपूर्तिकर्ता
द्वारा आंकी
गई लागत की
राशि आवेदक/अन्य
संबंधित संस्थाओं
(सड़क
निर्माण/विस्तारीकरण
से संबंधित
संस्थाएं
तथा नगरीय
निकाय) द्वारा
जमा करने पर
अथवा आवेदक
द्वारा लाईन
विस्थापित
करने हेतु स्वीकृत
प्राक्कलन
की 5 प्रतिशत
राशि
सुपरविजन
चार्ज के रूप
में वितरण कम्पनी
में जमा करते
हुए स्वयं 'अ' श्रेणी
के ठेकेदार से,
इन
विद्युत
लाईनों के
विस्थापन
हेतु
कार्यवाही की
जा सकती है।
उपरोक्तानुसार
औपचारिकताएं
पूर्ण करने पर
विद्युत लाईन
के विस्थापन
की कार्यवाही
की जा सकती
है। विद्युत
लाईनों के विस्थापन
हेतु भारत
सरकार द्वारा
अधिसूचित
विनियमों के
अनुरूप वितरण
कंपनियों
द्वारा कार्यवाही
की जाती है।
उक्त
वैधानिक
प्रावधानों
के
परिप्रेक्ष्य
में प्रश्नाधीन
उल्लेखित
विद्युत
अधोसंरचना के
विस्थापन का
कार्य विभाग
द्वारा स्वयं
के व्यय पर
किये जाने का
कोई प्रस्ताव
वर्तमान में
विचाराधीन
नहीं है। अत:
शेष प्रश्न
नहीं उठता है।
योजनाओं
की जानकारी
[ऊर्जा]
57. ( क्र. 2742 ) श्री
चन्दरसिंह
सिसौदिया : क्या
ऊर्जा मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) वर्ष
2020-21
से मई 2025 तक मन्दसौर
जिले में
ऊर्जा विभाग
की कौन-कौन सी
योजनाएं
क्रियांवित
की जा रही है?
योजनावार
पूर्ण विवरण
दें। (ख) उपरोक्त
योजनाओं में
कार्य पर अनुबंधित
ठेकेदारों व
कर्मचारियों
की योजनावार
जानकारी दें?
(ग) योजनाओं
पर वर्षवार
आय-व्यय का ब्यौरा
क्या है?
ऊर्जा
मंत्री ( श्री
प्रद्युम्न
सिंह तोमर ) :
(क) म.प्र.
पश्चिम
क्षेत्र
विद्युत
वितरण कंपनी अंतर्गत
प्रश्नाधीन
अवधि में
मंदसौर जिले
में प्रचलित
योजनाओं की जानकारी
पुस्तकालय
में
रखे परिशिष्ट
के
प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) मुख्यमंत्री
कृषक मित्र
योजना एवं
एस.एस.टी.डी. योजना
के तहत कार्य
म.प्र. पश्चिम
क्षेत्र
विद्युत
वितरण कंपनी
अंतर्गत
विभागीय तौर
पर संपादित
कराये जाते
है। धरती आबा
जनजातीय
ग्राम उत्कर्ष
अभियान योजना
के तहत कार्य
लेबर अवार्ड जारी
कर सम्पादित
करवाये जाते
हैं।
आर.डी.एस.एस.
योजना अंतर्गत
स्वीकृत
कार्यों के
क्रियान्वयन
हेतु निविदा
प्रक्रिया के
माध्यम से
चयनित टर्न-की
के माध्यम से
चयनित टर्न-की
ठेकेदार
एजेंसियों को
कार्यादेश
जारी किये गये
है, जिसका
विवरण पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ग) उक्त
योजनाओं पर
वर्षवार व्यय
का ब्यौरा
पुस्तकालय
में
रखे परिशिष्ट के
प्रपत्र-'स' अनुसार है।
वक्फ
संपत्ति का
अंतरण
[पिछड़ा
वर्ग एवं
अल्पसंख्यक
कल्याण]
58. ( क्र. 2744 ) श्री
चन्दरसिंह
सिसौदिया : क्या
राज्यमंत्री,
पिछड़ा
वर्ग एवं
अल्पसंख्यक
कल्याण
महोदया यह
बताने की कृपा
करेंगी कि
(क) म.प्र.
वक्फ बोर्ड
की कुल कितनी
एवं कौन-कौन
सी संपत्ति कहां-कहां
है? ब्यौरा
दें। (ख) वर्ष 2000-2001 से अब तक
कितनी
संपत्ति
अंतरित अथवा
विक्रय हुई?
पूर्ण
विवरण दें। (ग) प्रदेश
में कितनी एवं
कौन-कौन सी
सम्पत्ति पर
अवैध कब्जा,
अतिक्रमण है,
किस-किस
के द्वारा
किया गया?
कहां-कहां है? पूर्ण
विवरण दें। (घ) प्रदेश
में विगत पांच
वर्षों में
कितनी वक्फ
जायदादों से
अवैध कब्जे
हटायें गये?
ब्यौरा
दें।
राज्यमंत्री,
पिछड़ा
वर्ग एवं
अल्पसंख्यक
कल्याण (
श्रीमती
कृष्णा गौर ) :
(क) म.प्र.
वक्फ बोर्ड
की कुल कितनी
एवं कौन-कौन
सी सम्पत्ति
कहां-कहां है
उक्त जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-1 अनुसार
है। (ख) वर्ष 2000-2001 से अब तक
कितनी सम्पत्ति
अंतरित अथवा
विक्रय हुई
है। उक्त जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-2 अनुसार
है। (ग) प्रदेश
में कितनी एवं
कौन-कौन सी
सम्पत्ति पर
अवैध कब्जा
अतिक्रमण है,
किस-किस
के द्वारा
किया गया है
एवं कहां-कहां
है, इस संबंध
में कार्यालय
वक्फ बोर्ड
में वक्फ एक्ट
1995 की
धारा 54 के अंतर्गत
प्रचलित
प्रकरणों की
संलग्न सूची पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-3 अनुसार
है। (घ) म.प्र.वक्फ
बोर्ड में
उपलब्ध
रिकार्ड
अनुसार
जानकारी
निरंक है।
स्वीकृत
सड़क एवं
निर्माण
[लोक
निर्माण]
59. ( क्र. 2745 ) श्री
चन्दरसिंह
सिसौदिया : क्या
लोक निर्माण
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) लोक
निर्माण
द्वारा वर्ष 2022 से
प्रश्न
दिनांक तक
मंदसौर जिले
में कितनी एवं
कौन-कौन सी
सड़कें स्वीकृत
की तथा उनकी
वित्तीय स्वीकृति,
लागत
की सड़कवार
जानकारी क्या
है? विधानसभावार
पूर्ण विवरण
दें। (ख) उपरोक्त
उल्लेखित
(क) सड़कों
में कितनी
सड़कें पूर्ण
बन चुकी है एवं
कितनी स्वीकृति
उपरांत भी अब
तक किस कारण
निर्मित नहीं
हुई? ब्यौरा
दें। (ग) मंदसौर
जिले में
कितनी सड़कें
आगामी अनुपूरक
बजट के लिए
प्रस्तावित
है? विधानसभावार
जानकारी दें।
लोक
निर्माण
मंत्री ( श्री
राकेश सिंह ) :
(क) एवं (ख)
जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के प्रपत्र-अ
एवं 'अ-1' अनुसार है। (ग) मंदसौर
जिले में
वर्तमान में
आगामी
अनुपूरक बजट
हेतु प्रस्तावित
सड़कों की
जानकारी
निरंक है।
आवासीय
कालोनी की
जानकारी
[नगरीय
विकास एवं
आवास]
60. ( क्र. 2793 ) श्री
मथुरालाल
डामर : क्या
नगरीय विकास
एवं आवास
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) रतलाम
जिले में
कितनी
कालोनियां
विकसित है और
कितनी
अविकसित है l
अविकसित
कालोनियों को
विकसित करने
के संबंध में
क्या नियम है?
विवरण
देवें।
(ख) रतलाम
ग्रामीण
अन्तर्गत सन 2013-14 से
प्रश्न
दिनांक तक
कितनी आवासीय
कालोनी
कौन-कौन से क्षेत्र
में विकसित हुई है?
क्या
इसमें शासकीय
नियमों का
पालन किया गया
एवं इनसे
कितने प्रकार
का शुल्क शासन
को जमा कराया
गया? यदि हाँ, तो
आवासीय
कालोनी की
संख्यानुसार
सम्पूर्ण
विवरण देवें। (ग) क्या
कालोनाइजर
द्वारा
शासकीय भूमि
पर आवासीय
कालोनी के
रास्ते एवं
बगीचों का
निर्माण किया
गया है? यदि हाँ, तो इस
संबंध में
प्राप्त
शिकायतों पर
अभी तक क्या-क्या
कार्यवाही की
गयी है? इसके
लिए कौन दोषी
है और उन पर
क्या
कार्यवाही की
गयी? (घ) रतलाम
बंजली हवाई
पट्टी के
नजदीक विकसित आवासीय
कालोनी के
संबंध में
क्या शासन के
नियमों का
पूर्णरूपेण
पालन किया गया
यदि हाँ, तो
जानकारी
उपलब्ध
करावें नहीं
तो क्यों नहीं?
नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री (
श्री कैलाश
विजयवर्गीय ) :
(क) रतलाम
जिले के नगरीय
क्षेत्र की जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार एवं
ग्रामीण
क्षेत्र की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार
है। नगरीय
क्षेत्र के
लिए प्रचलित
म.प्र.
नगरपालिका
(कॉलोनी
विकास) नियम,
2021 में
कॉलोनी के
आंतरिक विकास
कार्य पूर्ण
होना सुनिश्चित
किये जाने
हेतु
भू-खण्ड/भवन
को बंधक रखने
के प्रावधान
किये गये हैं
एवं
कालोनाईजर
द्वारा विहित
समयावधि के
भीतर विकास
कार्य पूर्ण न
करने अर्थात
कॉलोनी के
अविकसित रहने
पर संबंधित
कॉलोनी में
बंधक रखे गये
भू-खण्डों/भवनों
को राजसात कर
नियमानुसार
विक्रय से प्राप्त
राशि से विकास
कार्य पूर्ण
करने के प्रावधान
है। (ख)
जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार
है। (ग) जी नहीं।
प्रश्नांश
से संबंधित
शिकायत रतलाम
जिले के कॉलोनी
सेल में
प्रचलित नहीं
है। उत्तरांश
के
परिप्रेक्ष्य
में शेषांश का
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (घ) जी
हां। बंजली
हवाई पट्टी के
नजदीक ग्राम
पलसोडा में जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट ''स'' के सरल
क्रमांक 17,
18, 19, 21, 22, 25, 26, 27, 32 एवं 36 में अंकित 10 में से 07 आवासीय
कॉलोनियों
में
नियमानुसार
विकास कार्य
पूर्ण किया
गया है एवं 03 आवासीय
कॉलोनियों
में विकास
कार्य
प्रगतिरत है।
सामग्री
क्रय का कार्य
[नगरीय
विकास एवं
आवास]
61. ( क्र. 2796 ) श्री
निलेश
पुसाराम उईके
: क्या
नगरीय विकास
एवं आवास
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
नगर परिषद
बनगवाँ व
डूमरकछार
जिला अनूपपुर
एवं नगर परिषद
मानपुर जिला
उमरिया में
रु. 1 हजार से
अधिक किन्तु
रु. 1 लाख से कम
मूल्य की
सामग्री क्रय
कार्य व सेवा
कार्य
निर्माण
कार्य करवाए
जा रहे है?
यदि
हाँ, तो नगर
परिषद बनगवाँ
व डूमरकछार का
दिनाँक 01/04/2021 से
दिनाँक 08/07/2025 तक एवं
नगर परिषद
मानपुर जिला
उमरिया का
दिनांक 01/04/2023 से 08/07/2025 के मध्य
उक्त रु. 1 हजार से
रु. 1 लाख के
समस्त
सामग्री क्रय
व सेवा कार्य
निर्माण
कार्यों की
निम्न
प्रतियाँ
प्रदान करें- भाव
पत्र आमंत्रण
की सूचना,
निविदा
पत्र राशि
रसीद, टेक्निकल
स्वीकृति (TS)
अमानत
राशि रशीद,
तुलनात्मक
विवरण पत्रक,
वित्तीय
बिड
मूल्यांकन
समिति की
कार्यवाही,
कार्यादेश,
संबंधित
कार्य का चेक
वाउचर
ठेकेदार
द्वारा प्रस्तुत
बिल एवं उक्त
कालखंड की
(प्रेसिडेंट
इन काउंसिल पंजी)
पि आई सी
रजिस्टर की
प्रति, भंडार
पंजी उपलब्ध
करावें। (ख) उक्त
व्यय में लेखा
नियम व शासन
के
दिशा-निर्देश
का अक्षर सह
पालन किया गया
है? यदि नहीं, तो
विशेष जांच दल
गठन कर अव्यय
एवं
भ्रष्टाचार
पर संबंधित के
विरुद्ध
समय-सीमा में
कार्यवाही की
जाएगी? उक्त
दिनांक तक
तीनों निकाय
से किए गए
इंटरनेट
बैंकिंग
द्वारा समस्त
भुगतानों के
विवरण तथा
(निर्माण एवं
अन्य कार्यों
से संबंधित
समस्त नस्ती)
की सत्यापित
प्रतिलिपि
उपलब्ध कराए।
नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री (
श्री कैलाश
विजयवर्गीय ) :
(क)
जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ख) जी हाँ। जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट 'ब' अनुसार है।
प्रदेश
में फायर
सेफ्टी एक्ट
लागू किया
जाना
[नगरीय
विकास एवं
आवास]
62. ( क्र. 2804 ) डॉ.
अभिलाष
पाण्डेय : क्या नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) विधानसभा
प्रश्न
क्रमांक 2613 दिनांक 11/07/2024 और
प्रश्न
क्रमांक 1576 दिनांक 19/12/2024 में यह
स्वीकार किया
गया है कि
फायर सेफ्टी एक्ट
की कार्यवाही
प्रक्रियाधीन
है, तो
इसे अब तक
लागू क्यों
नहीं किया गया
है? (ख) क्या
आपदा प्रबंधन
की
प्रभावशीलता
सुनिश्चित करने
तथा आगजनी की
घटनाओं को
रोकने हेतु
क्या फायर
सेफ्टी एक्ट
को शीघ्र लागू
किया जाना
आवश्यक नहीं
है? (ग) क्या
बिना विधिक
ढांचे (जैसे
फायर सेफ्टी
एक्ट) के
जबलपुर उत्तर
विधानसभा
क्षेत्रांतर्गत
विभिन्न
व्यावसायिक, शैक्षणिक
और स्वास्थ्य
संस्थानों
में अग्नि
सुरक्षा
मानकों का
पालन
सुनिश्चित
किया जा सकता
है? (घ) जबलपुर
उत्तर
विधानसभा के
सघन बाजार
सहित राज्य
में बार-बार
होने वाली
अग्नि
दुर्घटनाओं
को देखते हुए, क्या
सरकार फायर
सेफ्टी एक्ट
लागू करने की
प्रक्रिया
में
अतिशीघ्रता
लाते हुए इस
जन उपयोगी
एक्ट को लागू
किया जाएगा? यदि हाँ, तो कब तक?
नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री (
श्री कैलाश
विजयवर्गीय ) :
(क) फायर
एक्ट लागू
करने की
वैधानिक
कार्यवाही
प्रक्रियाधीन
है। (ख) जी
हाँ, आवश्यक
है। (ग) जी
हाँ, फायर
सेफ्टी एक्ट
के अभाव में
म.प्र. भूमि
विकास नियम, 2012 में
किये गये
प्रावधान
अनुसार अग्नि
सुरक्षा
मानकों का
पालन सुनिश्चित
कराया जा रहा
है। (घ) जी
हाँ, वैधानिक
प्रक्रिया
होने के कारण
समय-सीमा बताया
जाना संभव
नहीं है।
कुक्षी
से डही सड़क
का निर्माण
[लोक
निर्माण]
63. ( क्र. 2820 ) श्री
सुरेन्द्र
सिंह हनी बघेल
: क्या
लोक निर्माण
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
कुक्षी से डही
सड़क निर्माण कार्य
में यातायात
आवागमन का
आंकलन योजना
और डिजाइन
अनुसार किया
या नहीं? गाइड
लाइन उपलब्ध
करवाएं। (ख) क्या
सड़क निर्माण
में जो मिट्टी
का कार्य से खुदाई
कर उसको
समतलीकरण और
मिट्टी से
मजबूतीकरण
गुणवत्तापूर्ण
नहीं किया गया
है? सब बेस और
बेस कोर्स का
निर्माण कार्य
में बजरी,
कुचल
पत्थर, से परते
को मजबूती के
साथ नहीं
जोड़ा गया
समतलीकरण और
सही प्रकार से
कंपैक्ट नहीं
किया गया जो
फुटपाथ का
निर्माण किया
गया है उसका
संबंध लिकरण
और आवश्यक
सामग्री को
मापदंड
अनुसार नहीं
बिछाया गया है?
सड़क
पर लगने वाली
मार्किंग की
क्या स्थिति
है? (ग) क्या
साइंनेज
कार्य और
आवश्यक
सुविधाएं अपूर्ण
है? सड़क
निर्माण
कार्य
निर्धारित
तिथि निकल जाने
के उपरांत भी
अपूर्ण है?
साथ
ही सुसारी की
मुख्य पुलिया
अभी भी अधूरी
पड़ी हुई है,
यदि
हाँ, तो कारण
स्पष्ट करें। (घ) क्या
उक्त मार्ग
में
भ्रष्टाचार
हुआ है? यदि
नहीं, तो इसकी
गुणवत्ता की
जांच कब-कब की
गई थी गुणवत्ता
के प्रतिलिपि
उपलब्ध करवाए
और हाँ, तो इसकी
जांच कर
संबंधितों पर
क्या
कार्यवाही की
जाएगी?
लोक
निर्माण
मंत्री ( श्री
राकेश सिंह ) : (क) जी हां।
गाइड लाइन पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ख) जी
नहीं।
गुणवत्तापूर्वक
किया गया है।
सबबेस एवं बेस
कोर्स कार्य
में प्रयुक्त
निर्माण सामग्री
का अधिकृत
प्रयोगशाला
में परीक्षण उपरांत
निर्माण
कार्य में
प्रयोग किया
गया है।
फुटपाथ
निर्माण का
कार्य
स्वीकृत
प्राक्कलन
में सम्मिलित
नहीं है एवं
उसका निर्माण
भी नहीं किया
गया है। सभी
निर्माण
कार्य
मापदण्डानुसार
किया जा रहा
है एवं रोड
मार्किंग
कार्य
वर्तमान में
शेष है। (ग) निर्माण
कार्य का
कार्यादेश
दिनांक 16.03.2024 को जारी
किया है।
कार्य पूर्ण
करने की
अनुबंधित
अवधि 25.09.2025 तक है।
निर्माण
कार्य लगभग 80% पूर्ण
हो चुका है।
साइनेज कार्य
किया जाना शेष
है। ग्राम
सुसारी में
मुख्य पुलिया
का कार्य
पूर्ण कर दिया
गया है। (घ) जी
नहीं। किये
गये कार्य के
परीक्षण के
परिणाम पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट-2 अनुसार है।
कार्य
गुणवत्तापूर्वक
किया जा रहा
है। अतः
कार्यवाही का
प्रश्न उपस्थित
नहीं होता है।
जीआईएस
आधारित
मानचित्र एवं
सर्वेक्षण
[नगरीय
विकास एवं
आवास]
64. ( क्र. 2823 ) श्री
नारायण सिंह
पट्टा : क्या
नगरीय विकास
एवं आवास
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) मंडला
जिले में जीआईएस
आधारित
मानचित्र
तैयार कर
संपत्ति कर के
दायरे तथा
वसूली में
वृद्धि किए
जाने के उद्देश्य
से संपत्ति
सर्वेक्षण
कार्य किस-किस
एजेंसी
द्वारा
किस-किस
दिनांक से
किया जा रहा
है? एजेंसियों
को इस कार्य
के लिए
कितना-कितना
भुगतान किया
जाना है तथा
कितना कर दिया
गया है? डीपीआर
तथा एजेंसियों
के साथ हुए
अनुबंध की
प्रति देवें?
(ख) मंडला
जिले की जिन नगर
निगम में
सर्वेक्षण का
कार्य पूर्ण
हो चुका है
उसकी एजेंसी
द्वारा दी गई
रिपोर्ट की
प्रति देवें?
एजेंसी
द्वारा
संपत्ति
सर्वेक्षण
में गलती होने
की संभावना है
या नहीं? क्या
एजेंसी
द्वारा किए गए
भवनों के
सर्वेक्षण का
अधिकारी
कर्मचारी
स्तर पर
प्रमाणीकरण
नहीं करना है?
(ग) क्या
एजेंसी
द्वारा भवनों
के सर्वेक्षण
की रिपोर्ट
सार्वजनिक
सूचना पटल पर
लगाना जरूरी है
या नहीं? भवन
मालिक को पत्र
देकर जानकारी
देना है या नहीं?
भवन
मालिक को
आपत्ति लेने
एवं न्यायालय
में चुनौती
देने का अवसर
देना है या
नहीं? (घ) क्या
एजेंसी
द्वारा किए
गये भवनों के
सर्वेक्षण के
अनुसार
संपत्ति कर की
वसूली में नगर
पालिका
अधिनियम 1956 में
उल्लेखित
धाराओं का
पालन किया
जाना जरूरी है
या नहीं? (ड.) मंडला
जिले की
किस-किस नगर
निगम में
एजेंसी द्वारा
किए गए सर्वे
के आधार पर
संपत्ति कर
वसूलने का
कार्य
प्रारंभ हो
गया है? किस नगर
में अधिनियम
की धाराओं के
उल्लंघन को लेकर
आपत्तियां
तथा लीगल
नोटिस
प्राप्त हुआ है?
नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री (
श्री कैलाश
विजयवर्गीय ) :
(क) जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार
है। (ख) मंडला जिले
में कोई भी
नगर निगम नहीं
आता है। अपितु
मंडला जिले
अन्तर्गत 05
नगरपालिका/नगरपरिषद
है। जिन
निकायों में
कार्य पूर्ण
हो गया है,
उनकी
रिपोर्ट की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार
है। जी हां, सर्वेक्षण
के दौरान
त्रुटि की संभावना
रहती हैं तथा
त्रुटि दूर
करने हेतु निकाय
स्तर से
सर्वेक्षण
कार्य का
सत्यापन किया
जाता है। जी
हां, सर्वेक्षण
का निकाय के
अधिकारियों/कर्मचारियों
के द्वारा
प्रमाणीकरण
किया जाता है।
(ग) जी नहीं,
सूचना
नगरीय निकाय
द्वारा
प्रदाय की
जाती हैं। जी
हां, भवन मालिक
को सर्वेक्षण
से प्राप्त
डाटा पर आपत्ति
लेने एवं
न्यायालय में
चुनौती देने
का अधिकार
हैं। (घ) जी हां,
(ड.)
जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट ''द'' अनुसार
है।
गोलघर
ऐतिहासिक
संरचना को
ध्वस्त किये
जाने
[लोक
निर्माण]
65. ( क्र. 2829 ) श्री
सुरेश राजे : क्या
लोक निर्माण
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
ग्वालियर में
पुराने RTO कार्यालय
के समीप स्थित
गोलघर
ऐतिहासिक भवन
(संरचना) लोक
निर्माण
विभाग की
परिसंपत्ति
है? (ख) यदि हाँ,
तो
क्या इस
संरचना को
कथित संगठन
मध्यप्रदेश
डिप्लोमा
इंजीनियर्स
एसोसिएशन संघ
इकाई
ग्वालियर के
द्वारा
ध्वस्त कर
नवीन भवन
निर्मित
करवाया गया?
(ग) यदि हाँ,
तो
कथित संगठन
द्वारा
ध्वस्त करने
की अनुमति क्या
लोक निर्माण
विभाग से
प्राप्त की गई
या नहीं? (घ) यदि
नहीं, तो कथित
संगठन
मध्यप्रदेश डिप्लोमा
इंजीनियर्स
एसोसिएशन संघ
इकाई ग्वालियर
के पदाधिकारी
जिनके द्वारा
अवैध रूप से
बिना सक्षम
अनुमति के इस
भवन को ध्वस्त
किया गया है
के विरुद्ध
क्या आपराधिक
प्रकरण (FIR) दर्ज
करवाए गए?
यदि
करवाए गए तो
प्रति उपलब्ध
करवाएं तथा
बिना सक्षम
अनुमति के
अवैध रूप से
बनाए गए भवन
को लोक
निर्माण
विभाग द्वारा अपने
अधीन लेने
हेतु क्या
कार्यवाही की
गई?
लोक
निर्माण
मंत्री ( श्री
राकेश सिंह ) :
(क) एवं (ख) जी हां। (ग) जी
नहीं। (घ) कार्यपालन
यंत्री
द्वारा
दिनांक 11.07.2025 को
एफ.आई.आर. दर्ज
करने की
कार्यवाही की
गई है। म.प्र.
डिप्लोमा
इंजी.
एसोसिऐशन
द्वारा गोलघर
के आवंटन
निरस्त किये
जाने के संबंध
में माननीय उच्च
न्यायालय
खण्डपीठ, ग्वालियर
से स्थगन आदेश
प्राप्त किये
गये हैं।
स्थगन आदेश
समाप्त होने
के उपरांत
उक्त भवन को
लोक निर्माण
विभाग द्वारा
आधिपत्य में लिये
जाने की
कार्यवाही की
जावेगी।
संचालित
योजनाओं की
जानकारी
[पिछड़ा
वर्ग एवं
अल्पसंख्यक
कल्याण]
66. ( क्र. 2830 ) श्री
सुरेश राजे : क्या
राज्यमंत्री,
पिछड़ा
वर्ग एवं
अल्पसंख्यक
कल्याण
महोदया यह
बताने की कृपा
करेंगी कि
(क) पिछड़ा
वर्ग एवं
अल्पसंख्यक
विभाग में
संचालित
योजनाओं के
क्रियान्वयन
हेतु जिला
ग्वालियर में
जिलास्तर की
समिति का गठन
किया गया है?
यदि
हाँ, तो आदेश की
प्रति देवें
जिसमें
कौन-कौन अध्यक्ष/सचिव/सदस्य
हैं? यदि गठन
नहीं किया गया
है तो क्या
कारण है? इस
विभाग की
योजनाओं के
कार्य किस
सक्षम अधिकारी
की स्वीकृति
से किये जा
रहे हैं? आदेश की
प्रति देवें। (ख) मध्यप्रदेश
शासन द्वारा
पिछड़ा वर्ग
एवं अल्पसंख्यकों
के कल्याण
हेतु कौन-कौन
सी योजनाएं
संचालित की जा
रही हैं? इनके
क्रियान्वयन
सम्बन्धी
नियम/आदेश की
प्रति उपलब्ध
करवाएं एवं
वर्ष 2022-23 से 2024-25 में जिला
ग्वालियर को
योजनावार
कितनी-कितनी
राशि प्राप्त
हुई? प्राप्त
राशि से
योजनावार
किन-किन
हितग्राहियों
को किस कार्य
हेतु कितनी
राशि किस
दिनांक को
स्वीकृत की गई?
कितनी
अनुदान राशि
किस दिनांक को
प्रदान की गई?
योजनावार
एवं वर्षवार
हितग्राहियों
की विस्तृत
सूची उपलब्ध
करवाएं।
राज्यमंत्री,
पिछड़ा
वर्ग एवं
अल्पसंख्यक
कल्याण (
श्रीमती
कृष्णा गौर ) :
(क) जी
नहीं। शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
विभागीय
नियमों में जिला
स्तर की
समिति गठन किए
जाने का
प्रावधान
नहीं है। शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (ख) विभागीय
योजनाओं की जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट-अ के
प्रपत्र एक
अनुसार है। नियम/आदेश
की प्रति पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट-अ के
प्रपत्र दो
अनुसार है। वर्ष 2022-23 से 2024-25 में
जिला ग्वालियर
को योजनावार
राशि की जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट-ब
अनुसार है। योजनावार
एवं वर्षवार
हितग्राहियों
को स्वीकृत
राशि की जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट-स
अनुसार है।
नवीन
एवं नवकरणीय
ऊर्जा योजना
का क्रियान्वयन
[नवीन
एवं नवकरणीय
ऊर्जा]
67. ( क्र. 2831 ) श्री
सुरेश राजे : क्या
नवीन एवं
नवकरणीय
ऊर्जा मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश
शासन द्वारा
नवीन एवं
नवकरणीय ऊर्जा
योजना के
क्रियान्वयन
हेतु कृषि पंप
एवं घरेलू
ऊर्जा की
स्थापना एवं
अनुदान
संबंधी कौन-कौन
सी योजनाएं
संचालित हैं?
उनके
नियम/आदेश की
सत्यापित
प्रति देवें। (ख) प्रश्नांश
(क) के अनुसार
वर्ष 2023-24 एवं 2024-25 में जिला
ग्वालियर
अंतर्गत कृषि
पंप मकानों
हेतु कुल
कितने-कितने
आवेदन
प्राप्त हुए?
जिनमें
से किस-किस
हितग्राही के
कितनी-कितनी राशि
के प्रकरण
स्वीकृत किये
गए? इन्हें किस
दिनांक को
कितनी-कितनी
अनुदान राशि
प्रदाय की गई?
वर्षवार
एवं कार्यवार
हितग्राहियों
की पृथक-पृथक
सूची उपलब्ध
करवाएं।
नवीन
एवं नवकरणीय
ऊर्जा मंत्री
( श्री राकेश शुक्ला
) : (क) प्रश्नांश
(क) के संबंध
में कृषि पंप
हेतु
प्रधानमंत्री
कुसुम-ब
प्रदेश में ''प्रधानमंत्री
कृषक मित्र
सूर्य योजना''
के
नाम से
संचालित है।
इस योजना के
अंतर्गत कृषकों
के यहां ऑफग्रिड
सोलर पंपों की
स्थापना की
जाती है, जिसके
नियम एवं आदेश
की सत्यापित
प्रति पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-अ
अनुसार है।
घरेलू (आवासीय
उपभोक्ता)
सोलर रूफटॉप
की स्थापना
के लिए
प्रधानमंत्री
सूर्य घर
मुफ्त बिजली
योजना
संचालित है,
जिसके
नियम आदेश की
सत्यापित
प्रति पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-ब
अनुसार है। (ख) प्रश्नांश
(क) के अनुसार
वर्ष 2023-24 एवं 2024-25 में
जिला ग्वालियर
अंतर्गत कृषि
पंप हेतु
प्राप्त
आवेदन निरंक
है। उक्त
अवधि में नये
आवेदन प्राप्त
नहीं किये
गये। मकानों
में
प्रधानमंत्री
सूर्य घर
मुफ्त बिजली
योजना
अंतर्गत
घरेलू (आवासीय
उपभोक्ता)
सोलर रूफटॉप
वर्ष 2023-24 एवं 2024-25 में कुल 5521 आवेदन
भारत सरकार के
ऑनलाईन
पोर्टल पर
प्राप्त
होना
प्रदर्शित
होते है। उक्त
सौर
संयंत्रों की
लागत राशि
पोर्टल पर
प्रदर्शित
नहीं होती है।
तथापि भारत
सरकार द्वारा
प्रदान की गई
अनुदान की
राशि हितग्राहियों
की जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-स
अनुसार है।
राशि
का व्यय
[विमुक्त,
घुमन्तु
और
अर्द्धघुमन्तु
कल्याण]
68. ( क्र. 2841 ) श्री
भंवर सिंह
शेखावत : क्या
राज्य मंत्री,
विमुक्त,
घुमन्तु
और
अर्द्धघुमन्तु
कल्याण
महोदया यह
बताने की कृपा
करेंगी कि
(क) क्या
विमुक्त, घुमन्तु
और
अर्द्धघुमन्तु
समुदायों के
सामाजिक और
आर्थिक
उत्थान हेतु
शासन द्वारा
विभिन्न
योजनाएं
संचालित की जाती
हैं? (ख) यदि हाँ,
तो
विगत 5 वर्षों
(वर्षवार) में
उक्त समुदाय
के कल्याण हेतु
कितनी-कितनी
राशि व्यय की
गई तथा
किन-किन मदों
में व्यय की
गई, कृपया
विवरण सहित
अवगत कराएं। (ग) उक्त
अवधि में कुल
कितने
व्यक्तियों
या परिवारों
को योजनाओं से
लाभान्वित
किया गया?
कृपया
योजनावार एवं
वर्षवार
जानकारी दी
जाए। (घ) इन
समुदायों के
बच्चों को
शिक्षा एवं
स्वास्थ्य
सेवाएं किस
प्रकार से
उपलब्ध कराई
जाती हैं?
(ड.) क्या
शासन के पास
विमुक्त, घुमन्तु
एवं
अर्द्धघुमन्तु
समुदायों के
दीर्घकालिक
और स्थायी
विकास हेतु
कोई विशेष
नीति या समाधान
प्रस्तावित/प्रचलित
है? (च) यदि हाँ,
तो
कृपया विवरण
दें और यदि
नहीं, तो इसका
क्या कारण है?
राज्य
मंत्री, विमुक्त,
घुमन्तु
और
अर्द्धघुमन्तु
कल्याण (
श्रीमती
कृष्णा गौर ) :
(क) जी हां। (ख) एवं (ग)
जानकारी संलग्न
परिशिष्ट अनुसार
है। (घ) इन
समुदायों के
बच्चों को
शिक्षा हेतु
विभाग द्वारा
प्राथमिक शिक्षा
छात्रवृत्ति,
कन्याओं
के शिक्षण
हेतु प्रोत्साहन,
सैनिक
स्कूल में
विद्यार्थियों
के शिक्षण
शुल्क की
प्रतिपूर्ति,
पोस्ट
मेट्रिक
छात्रवृत्ति,
कक्षा
6 से 10 तक के
लिए विभिन्न
छात्रवृत्ति
योजनाएं एवं 117 विमुक्त
जाति
छात्रावास/आश्रम/सामुदायिक
कल्याण केन्द्र
संचालित है।
विभाग द्वारा
संचालित छात्रावासों
में प्रवेशित
विद्यार्थियों
का स्वास्थ्य
परीक्षण
समय-समय पर स्वास्थ्य
विभाग द्वारा
किया जाता है।
(ड.) विभाग
द्वारा
संचालित सभी
योजनाएं
(संलग्न परिशिष्ट अनुसार) विमुक्त, घुमन्तु
एवं
अर्द्धघुमन्तु
समुदायों के
दीर्घकालीक
एवं स्थाई
विकास हेतु
प्रचलित है। (च)
जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट अनुसार
है।
संचालित
योजनाओं की
जानकारी
[पशुपालन
एवं डेयरी]
69. ( क्र. 2849 ) श्री
पन्नालाल
शाक्य : क्या
राज्य
मंत्री, पशुपालन
एवं डेयरी
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) पशुपालन
विभाग जिला
गुना में
कितनी व
कौन-कौन सी
योजनाएं
संचालित की जा
रही है? (ख) संचालित
योजनाओं में
कौन-कौन
हितग्राही
पात्र-अपात्र
की श्रेणी में
आते है? योजना
की नियमावली
की प्रति
उपलब्ध
करावें। (ग) गुना
जिले में
पशुपालन
विभाग
अंतर्गत 01 अप्रैल 2022 से
प्रश्न
दिनांक तक कुल
कितना बजट
कौन-कौन से मद
में प्राप्त
हुआ? (घ) जारी
किये गये बजट
से कौन-कौन से
कार्य किये गये
है, सारणीवार
जानकारी
उपलब्ध
करावें एवं
जितने भी
हितग्राहियों
को किसी भी
योजना से
कौन-कौन से
पशु प्रदाय
किये गये है,
पशुओं
की नस्ल के
साथ उन
हितग्राहियों
के नाम, स्थान
सहित
ग्रामवार
जानकारी उपलब्ध
करावें।
राज्य
मंत्री, पशुपालन
एवं डेयरी (
श्री लखन पटैल
) : (क)
जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख)
जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। (ग)
जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट ''स'' अनुसार है। (घ)
जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट ''द'' अनुसार है।
स्वीकृत
प्रस्तावों
की जानकारी
[विमुक्त,
घुमन्तु
और
अर्द्धघुमन्तु
कल्याण]
70. ( क्र. 2865 ) डॉ.
राजेन्द्र
पाण्डेय : क्या
राज्य मंत्री,
विमुक्त,
घुमन्तु
और
अर्द्धघुमन्तु
कल्याण
महोदया यह
बताने की कृपा
करेंगी कि
(क) क्या
रतलाम जिले के
प्रस्ताव के
साथ ही जावरा विधानसभा
क्षेत्र के भी
विभिन्न
प्रकार के विभिन्न
विभागीय
कार्यों को
स्वीकृति दिए
जाने हेतु
शासन/विभाग को
प्रस्ताव
अग्रेषित किए
गए हैं? (ख) यदि हाँ, तो वर्ष 2022-23 से लेकर
प्रश्न
दिनांक तक
उपरोक्त
अनुसार
उल्लेखित
प्रश्नांश
(क) अंतर्गत
आने वाले जिले
एवं जावरा
विधानसभा क्षेत्र
के अग्रेषित
प्रस्ताव को
स्वीकृति कब
तक दी जा
सकेगी? (ग) जावरा
विधानसभा
क्षेत्र
अंतर्गत
विमुक्त घुमक्कड़
(बाछड़ा
समुदाय) वर्ग
की अत्यधिक
जनसंख्या के
कारण
छात्र-छात्राओं
की कठिनाई के
निराकरण हेतु
छात्रावास की
आवश्यकता है
तो कब तक
स्वीकृति दी
जा सकेगी?
(घ) पूर्व
में पिपलोदा
तहसील
अंतर्गत
जातिगत बाहुल्य
क्षेत्र
ग्राम
चिकलाना एवं
जावरा तहसील
अंतर्गत
ग्राम
पिपलिया
जोधा/मोयाखेड़ा
एवं ग्राम
परवलिया में
नवीन
छात्रावास
खोले जाने
हेतु
प्रस्ताव अग्रेषित
किये, तो उन्हें
स्वीकृति कब
तक दी जा
सकेगी?
राज्य
मंत्री, विमुक्त,
घुमन्तु
और
अर्द्धघुमन्तु
कल्याण (
श्रीमती
कृष्णा गौर ) :
(क) जी हां। (ख) निर्माण
कार्यों के
प्राप्त
प्रस्तावों
में से
कार्यों की आवश्यकता
एवं
प्राथमिकता
को दृष्टिगत
रखते हुए सीमित
बजट संसाधनों
अंतर्गत स्वीकृति
प्रदान की
जाती है।
समय-सीमा
बताना संभव
नहीं है। (ग) जिला
रतलाम में
जावरा
विधानसभा
क्षेत्र अंतर्गत
आवश्यकतानुसार
विमुक्त,
घुमन्तु
एवं
अर्द्धघुमन्तु
समुदाय के
लिये 02 विमुक्त
जाति कन्या
आश्रम एवं 01 बालक
सामुदायिक
कल्याण केन्द्र
पूर्व से
संचालित हैं। (घ) जिला
रतलाम में
जावरा
विधानसभा
क्षेत्र अंतर्गत
पिपलोदा
तहसील में
ग्राम
चिकलाना में विमुक्त
जाति बाछड़ा
कन्या आश्रम
पूर्व से
संचालित है।
प्रश्नांश
के शेष भाग की
समय-सीमा
बताना संभव
नहीं है।
ट्रांसफार्मर
की स्थापना
[ऊर्जा]
71. ( क्र. 2866 ) डॉ.
राजेन्द्र
पाण्डेय : क्या
ऊर्जा मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
शासन/विभाग
द्वारा जावरा
विधानसभा क्षेत्र
अंतर्गत
केंद्र/राज्य
परिवर्तित
योजनाओं के
माध्यम से
क्षमता
वृद्धि के
कार्यों सहित
अनेक प्रकार
के कार्य किये
जा रहे हैं?
(ख) यदि हाँ, तो वर्ष 2023-24 से
प्रश्न
दिनांक तक
नवीन ग्रिड
स्थापना, ट्रांसफार्मर
क्षमता
वृद्धि, विद्युत
लाइनों का
विस्तारीकरण,
नवीन
एवं अतिरिक्त
ट्रांसफार्मर
की स्थापना के
साथ ही नवीन
विद्युत लाईन
इत्यादि अन्य
प्रकार के कोई
और भी कार्य
किए गए, तो
स्थानवार,
कार्यवार
जानकारी दें। (ग) उपरोक्त
उल्लेखित
वर्षों के
अंतर्गत
किन-किन
कार्यों को
किन-किन
स्थानों पर
प्रारंभ किया
गया? उनमें से
कितने कार्य
पूर्ण, कितने
अपूर्ण रहे,
तो
किन कारणों से
तथा जो अप्रारंभ
हैं तो किन
कारणों से?
समस्त
कार्य कब
पूर्ण किए जा
सकेंगे? उक्त
कार्यों को
किए जाने हेतु
कितनी बजट राशि
स्वीकृत होकर
कितना व्यय
हुआ? स्थानवार,
कार्यवार
जानकारी दें। (घ) आरआरआरडीएस
एवं एसएसटीडी
योजना
अंतर्गत तथा
अन्य किसी और
योजना
अंतर्गत भी
कितने कार्य
किन-किन
स्थानों पर
प्रस्तावित
होकर उन्हें
कब तक
स्वीकृति दी
जा सकेगी?
साथ
ही पिपलोदा
तहसील
अंतर्गत
ग्राम पंचायत आंबा
एवं
उम्मेदपुरा
के अंतर्गत
आने वाले विद्युतविहीन,
एक
बत्ती
कनेक्शनविहीन
ग्रामों, मजरों,
टोलों
का
विद्युतीकरण
कार्य कब तक
किया जा सकेगा?
ऊर्जा
मंत्री ( श्री
प्रद्युम्न
सिंह तोमर ) :
(क) जी हाँ। (ख) वित्तीय
वर्ष 2023-24 से प्रश्न
दिनांक तक की
अवधि में
प्रश्नाधीन
क्षेत्र में
केन्द्र
प्रवर्तित
आर.डी.एस.एस.
योजना एवं
राज्य
प्रवर्तित
एस.एस.टी.डी.
योजना
अंतर्गत
विद्युत
अधोसंरचना के
कार्य यथा
नवीन 33/11 के.व्ही.
विद्युत
उपकेन्द्र
(ग्रिड) की
स्थापना, ट्रांसफार्मर
क्षमतावृद्धि,
विद्युत
लाइनों का
विस्तारीकरण,
नवीन
एवं अतिरिक्त
ट्रांसफार्मर
की स्थापना
इत्यादि
कार्य किये
गये है, जिनकी
स्थानवार,
कार्यवार
जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ग) प्रश्नाधीन
अवधि में
एस.एस.टी.डी.
योजना एवं
आर.डी.एस.एस.
योजना
अंतर्गत
प्रश्नाधीन
क्षेत्र में 613 कार्य
प्रारंभ किये
गये हैं, जिसमें
से 552 कार्य
पूर्ण किये जा
चुके हैं,
पूर्ण
किये गये
कार्यों की
सूची पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है एवं 61 कार्य
प्रगतिरत हैं,
जिनकी
सूची पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-'ब' अनुसार है तथा 13 कार्य
अप्रारम्भ
हैं। उक्त
कार्यों के
प्रारंभ नहीं
होने के कारण
सहित सूची पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-'स' अनुसार है।
समस्त उल्लेखित
कार्यों हेतु
स्वीकृत एवं
व्यय राशि से
संबंधित चाही
गयी जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-'अ', 'ब' एवं 'स' अनुसार है। (घ) एस.एस.टी.डी.
योजना
अंतर्गत
विभिन्न
कार्यों के
प्रस्तावों
की स्वीकृति,
कार्यों
के तकनीकी एवं
वित्तीय
परीक्षण के पश्चात
योजनान्तार्गत
वित्तीय
उपलब्धता तथा
इसी प्रकार के
अन्य
कार्यों की
वरीयता को
दृष्टिगत
रखते हुए किया
जायेगा। अत:
इन कार्यों की
स्वीकृति की
कार्यवाही
हेतु समय-सीमा
बताया जाना
संभव नहीं है।
उक्त
प्रस्तावित
कार्यों की
सूची पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-'द' अनुसार है।
आर.डी.एस.एस.
योजना
अंतर्गत
कार्यों की स्वीकृति
वित्तीय
वर्ष 2021-22 में प्राप्त
हो चुकी है।
पिपलोदा
तहसील
अंतर्गत
ग्राम पंचायत
आम्बा एवं
उम्मेदपुरा
के अंतर्गत
आने वाले
ग्रामों के अविद्युतीकृत
6
मजरों/टोलों
के
विद्युतीकरण
के कार्य,
धरती
आबा जनजातीय
ग्राम
उत्कर्ष
अभियान के तहत,
राशि
रु. 30.20 लाख के
स्वीकृत हैं।
उक्त
स्वीकृत
कार्यों को एक
वर्ष में
पूर्ण किया जाना
संभावित है।
वोल्टेज
की समस्या
[ऊर्जा]
72. ( क्र. 2889 ) चौधरी
सुजीत मेर
सिंह : क्या
ऊर्जा मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
चौरई
विधानसभा
क्षेत्र में
विद्युत उपभोताओं
बढ़ती संख्या
के दृष्टिगत
नए विद्युत
उपकेंद्र
स्थापित करने
का कोई
प्रस्ताव है?
(ख) क्या
चोरई विधान
सभा क्षेत्र
के ऐसे गाँव
जहाँ अब भी लो
वोल्टेज की
समस्या है
उनके नाम देवें
एवं क्या
विभाग द्वारा
समाधान के लिए
कोई योजना
बनाई गई है?
(ग) क्या
चौरई
विधानसभा
क्षेत्र के
सभी सरकारी अस्पतालों
एवं
स्वास्थ्य
केन्द्रों
में निर्बाध
बिजली
आपूर्ति के
लिए बैकअप
(जैसे जनरेटर
या सौर ऊर्जा)
की व्यवस्था
की गई है?
ऊर्जा
मंत्री ( श्री
प्रद्युम्न
सिंह तोमर ) :
(क) विधानसभा
क्षेत्र चौरई
अंतर्गत नवीन 33/11 के.व्ही.
विद्युत
उपकेन्द्र
स्थापित
किया जाना
वर्तमान में
प्रस्तावित
नहीं है। (ख) विधानसभा
क्षेत्र चौरई
अंतर्गत किसी
भी ग्राम/क्षेत्र
में सतत् रूप
से वोल्टेज
की समस्या
नहीं है।
तथापि रबी
सीजन में कृषि
कार्यों हेतु
अस्थायी
कृषि पम्पों
के कारण भार
में वृद्धि
होने से कतिपय
स्थलों पर
वोल्टेज की
समस्या उत्पन्न
होती हैं।
वोल्टेज की
समस्या के
निदान हेतु
विधानसभा
क्षेत्र चौरई
में आर.डी.एस.एस.
योजना के तहत 22
कैपेसिटर
बैंक स्थापना
के कार्य एवं 33 के.व्ही.
लाईनों के
इंटरकनेक्शन/वाईफरकेशन
के स्वीकृत 6
कार्यों में
से 4 के कार्य
पूर्ण किये जा
चुके हैं तथा 23
मिश्रित
फीडरों के
विभक्तिकरण
के कार्यों में
से 4 मिश्रित
फीडरों के विभक्तिकरण
का कार्य प्रगतिरत
हैं। (ग) चौरई
विधानसभा
क्षेत्र के
सरकारी अस्पतालों
एवं स्वास्थ्य
केन्द्रों
में निर्बाध
बिजली
आपूर्ति के
लिए बैकअप
जैसे जनरेटर
अथवा सौर
ऊर्जा की व्यवस्था
के संबंध में
चौरई तथा
बिछुआ
विकासखण्ड
के संबंधित
चिकित्सा
अधिकारी से
प्राप्त जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट
अनुसार है।
सड़कों
के निर्माण
हेतु बजट
प्रावधान
[लोक
निर्माण]
73. ( क्र. 2890 ) चौधरी
सुजीत मेर
सिंह : क्या
लोक निर्माण
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
चौरई विधान
सभा क्षेत्र
में लोक
निर्माण
विभाग द्वारा
आगामी वर्षों
के लिए कोई
मास्टर प्लान
तैयार किया
गया है? (ख) यदि हाँ, तो उसका
विवरण दें। (ग) क्या
चौरई विधान
सभा क्षेत्र
में सड़कों
की मरम्मत और
नवीनीकरण के
कार्यों के
लिए विशेष बजट
प्रस्तावित
किया गया है?
लोक
निर्माण
मंत्री ( श्री
राकेश सिंह ) :
(क) जी
नहीं। (ख) प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (ग) जी नहीं,
अपितु
मरम्मत व
नवीनीकरण के
लिये विशेष
मजबूतीकरण
एवं संधारण मद
में स्वीकृत
कार्यों की जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट
अनुसार है।
कर्मचारियों
का वेतन
[नगरीय
विकास एवं
आवास]
74. ( क्र. 2897 ) श्री
कालु सिंह
ठाकुर : क्या
नगरीय विकास
एवं आवास
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
धार जिले की
धरमपुरी
विधानसभा में
नगर परिषद
मांडव, धरमपुरी
और धामनोद में
विगत कई माह
से कर्मचारियों
को वेतन नहीं
दिया जा रहा
है? (ख) प्रश्नांश
(क) अनुसार
यदि हाँ, तो उक्त
कर्मचारियों
को कब तक वेतन
प्रदान कर
किया जायेगा?
समय-सीमा
बतावे? (ग) क्या
धार जिले की
धरमपुरी
विधानसभा में
नगर परिषद मांडव,
धरमपुरी
और धामनोद में
वर्ष 2024-25 और 2025-26 में
कौन से कार्य
स्वीकृत हुए
है? कार्यवार,
राशिवार
सूची उपलब्ध
करावें।
नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री (
श्री कैलाश
विजयवर्गीय ) :
(क)
जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट अनुसार है। (ख) एवं (ग) उत्तरांश
(क) में
समाहित है।
अवैध
बिजली कनेक्शनों
की जानकारी
[ऊर्जा]
75. ( क्र. 2944 ) श्री
पन्नालाल
शाक्य : क्या
ऊर्जा मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) गुना
विधानसभा में
जिन बस्तियों
में प्रश्न
दिनांक बिजली
नहीं पहुंची
है क्या उन
बस्तियों में
रहने वाले
लोगों के
बिजली कनेक्शन
कर दिये गये
है और नियमित
बिजली के बिल
आ रहे है, क्या
बिना बिजली के
भी बिल आते है
यदि हाँ, तो किस
नियम के तहत आ
रहे है और यदि
नहीं, तो क्यों आ
रहे है? (ख) प्रश्नांश
(ख) में वर्णित
समस्या के
बारे अवगत
कराना चाहता
हूं कि गुना
विधानसभा के
ग्राम पंचायत
विनायकखेडी
के ग्राम सोजना
की क्रेशरद
बस्ती में
प्रश्न
दिनांक तक
बिजली नहीं
पहुची है ओर
कनेक्शन
करके बिजली
बिल दिये जा
रहे है, इस कारण
से बस्ती में
रहने वाले
लोगों को
परेशानियो का
सामना करना
पड़ रहा है।
ऐसी स्थिति
विधानसभा में
अन्य जगह भी
है, क्या उक्त
समस्या की
जांच
करवायेंगे? (ग) प्रश्नांश
(ख) में
वर्णित समस्या
की जांच में
जो
अधिकारी/कर्मचारी
दोषी पाये
जायेंगे उनके
विरूद्ध क्या
कार्यवाही
प्रस्तुत की
जावेगी?
ऊर्जा
मंत्री ( श्री
प्रद्युम्न
सिंह तोमर ) :
(क) जी
नहीं। प्रश्नाधीन
क्षेत्र में
विद्युत
कनेक्शन
दिये बिना
विद्युत देयक
नहीं दिये जा
रहे है। अत:
शेष प्रश्न नहीं
उठता है। (ख) एवं
(ग) जी
नहीं। ग्राम
सौजना की
क्रेशर बस्ती
में पूर्व से
क्रेशर हेतु
वितरण
ट्रांसफार्मर
विद्यमान था,
जिससे
क्रेशर बस्ती
के रहवासियों
को तत्समय
विद्युत
कनेक्शन
दिये गये थे
एवं तदनुसार
ही विद्युत
कनेक्शन
धारकों को
विद्युत बिल
दिये जा रहे
थे। तदोपरांत
उक्त उपभोक्ताओं
को सौजना
ग्राम में स्थापित
वितरण
ट्रांसफार्मर
से विद्युत
प्रदाय
सुचारू रूप से
किया जा रहा
है। प्रश्नाधीन
क्षेत्र के
अन्य जगहों
पर प्रश्नांश
में उल्लेखित
समस्या के
संबंध में कोई
जानकारी
म.प्र. मध्य
क्षेत्र
विद्युत वितरण
कंपनी के
संज्ञान में
नहीं है।
तथापि भविष्य
में कोई
जानकारी
संज्ञान में
आती है तो
नियमानुसार
जांच कराई जा
सकेगी।
जल
आवर्धन
योजनांतर्गत
कार्यों की
जानकारी
[नगरीय
विकास एवं
आवास]
76. ( क्र. 2947 ) श्री
सुनील उईके : क्या
नगरीय विकास
एवं आवास
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) नगर
पालिक निगम
छिंदवाड़ा
में अमृत
योजना-1 के
अंतर्गत
क्या-क्या
कार्य करवाए
गए हैं? कार्य
का नाम, स्वीकृत
राशि, व्यय राशि
एवं वर्तमान
भौतिक स्थिति
के साथ, जानकारी
प्रदान करें। (ख) नगर
पालिक निगम
छिंदवाड़ा
में अमृत-1 योजना
के अंतर्गत
कराए गए
कार्यों में
कब-कब, कितनी-कितनी
राशि का
भुगतान किया
गया है? (ग) नगर
पालिक निगम
छिंदवाड़ा
में अमृत-1,
योजना
के कार्यों के
लिए निर्माण
एजेंसी/ठेकेदार
का चयन किए
जाने संबंधी
निविदा कब
जारी की गई
एवं निविदा
में आई दरों
के तुलनात्मक
विवरण उपलब्ध कराने
की कृपा करें।
(घ) नगर
पालिक निगम
छिंदवाड़ा
नगर निगम बनने
पूर्व में नगर
पालिका परिषद
छिंदवाड़ा के
रूप में
विद्यमान था
उस दौरान नगर
पालिका परिषद
छिंदवाड़ा
में जल आवर्धन
योजना
स्वीकृत हुई
थी। जल आवर्धन
योजना के
अंतर्गत
क्या-क्या
कार्य करवाए
गए, वर्तमान भौतिक
स्थिति के साथ,
कराए
गए कार्यों
में कब-कब,
कितनी-कितनी
राशि का
भुगतान किया
गया है?
नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री (
श्री कैलाश
विजयवर्गीय ) :
(क) नगर
पालिक निगम,
छिन्दवाड़ा
में अमृत-1 योजना
अन्तर्गत
कराये गये
कार्यों की जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट-अ
अनुसार है। (ख) अमृत-1 योजना
अंतर्गत
कराये गये
कार्यों के
भुगतान संबंधी
जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट-ब
अनुसार है। (ग) अमृत-1 योजना
अंतर्गत
निर्माण
एजेंसी के चयन
हेतु निविदा
जारी करने की
दिनांक का
विवरण निविदा
में प्राप्त
दरों के
तुलनात्मक
विवरण संबंधी
दस्तावेज
जानकारी पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट-स पर
हैं।
(घ) नगर
पालिका परिषद,
छिन्दवाड़ा
में जल आर्वधन
योजना के
अंतर्गत कराये
गये कार्यों
एवं भुगतान
संबंधी जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट-द
अनुसार है।
दैनिक
वेतन भोगी
कर्मचारियों
को नियमितीकरण
[नगरीय
विकास एवं
आवास]
77. ( क्र. 2952 ) श्री
भैरो सिंह
बापू : क्या
नगरीय विकास
एवं आवास
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) उज्जैन
संभाग
अंतर्गत नगर
पालिका एवं
नगर परिषदों
में कुल कितने
दैनिक वेतन
भोगी किस
दिनांक से
कार्यरत है? नगर
पालिका एवं
नगर परिषदवार
कर्मचारियों
के नाम सहित
जानकारी
देवें।
(ख) सामान्य
प्रशासन
विभाग के पत्र
क्रमांक एफ 3/1/2/0022/2025-
GAD-8-01
दिनांक 28/02/2025 के
अनुसार
विभाग/निकाय
द्वारा दैनिक
वेतन भोगी
कर्मचारियों
को विनियमित
किये जाने
संबंधी क्या
कार्यवाही की
गई? कितने कर्मचारियों
को विनियमित
हेतु पात्र
माना गया है?
निकायवार
कर्मचारियों
के नाम सहित
सूची उपलब्ध
करावें। माननीय
सर्वोच्च न्यायालय
के आदेश
अनुसार दैनिक
वेतन भोगी
कर्मचारियों
को कब तक
विनियमित/नियमित
किया जायेगा?
(ग) प्रश्नांश
(क) के सन्दर्भ
में नगर पालिका/नगर
परिषदों
द्वारा दैनिक
वेतन भागी
कर्मचारियों
का श्रम विभाग
के आदेश
अनुसार पीएफ
जमा किया जाता
है? निकायवार
जानकारी
देवें यदि
नहीं, तो क्यों?
नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री (
श्री कैलाश
विजयवर्गीय ) :
(क) उज्जैन
संभाग की कुल 64
निकायों में
कुल 6738 दैनिक वेतन
भोगी कार्यरत
हैं। जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) सामान्य
प्रशासन
विभाग के
निर्देशों के
अनुक्रम में
पत्र क्र. एक/05/284/
2025/10187, दिनांक
19.05.2025
को समस्त
आयुक्त, नगर
पालिक निगम
एवं समस्त
संयुक्त
संचालक, नगरीय
प्रशासन एवं
विकास को
जानकारी
संकलित कर
भेजने हेतु
जारी किया गया
है। जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है।
समय-सीमा
बताया जाना
संभव नहीं है।
(ग) कुल 64
निकायों में
से 17 निकायों
में पीएफ जमा
हो रहा है।
शेष 47 निकायों की
वित्तीय
स्थिति ठीक
नहीं होने से
पीएफ जमा नहीं
हो रहा है। जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट ''स'' अनुसार है।
सौन्दर्यीकरण
एवं विकास
कार्य कराये
जाने
[नगरीय
विकास एवं
आवास]
78. ( क्र. 2967 ) श्री
फूलसिंह
बरैया : क्या
नगरीय विकास
एवं आवास
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) उज्जैन
जिले के वार्ड
क्रमांक-51,
महानंदा
नगर शॉपिंग
कॉम्प्लेक्स
के पीछे ए सेक्टर
गली 17 और 18 के सामने
वाले पार्क की
रख-रखाव के
लिए प्रश्नांश
दिनांक तक
क्या कदम उठाए
गए हैं? (ख) प्रश्नांश
दिनांक तक
वार्ड के
पार्क के
सौंदर्यीकरण
के लिए पार्षद
द्वारा कितनी
राशि खर्च की
गई है? (ग) प्रश्नांश
दिनांक तक
पार्क से लगे
नाले और बारिश
के पानी की
निकासी के लिए
कौन-कौन से
कदम उठाए गए हैं?
(घ) प्रश्नांश
दिनांक तक
पार्क की
स्थिति, सफाई,
फेंसिंग
का काम, झूले,
घास
काटने, मवेशियों
का बैठना और
बाउंड्री
फेंसिंग के
काम के बारे
में क्या-क्या
कदम उठाए गए
हैं?
नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री (
श्री कैलाश
विजयवर्गीय ) :
(क) वार्ड
क्रमांक 51,
महानंद
नगर शॉपिंग
कॉम्पलेक्स
के पीछे पार्क
का विकास
कार्य की
ई-निविदा
क्रमांक 2025_UAD_438234_1 दिनांक 18/07/2025 जारी की
गई है। (ख) पार्षद
द्वारा प्रश्न
दिनांक तक कोई
प्रस्ताव
प्रेषित नहीं
किया गया है। (ग) प्रश्नांश
में वर्णित
पार्क तथा गली
नं. 16 में एक
पक्की नाली
बनाई गई है।
स्वास्थ्य
विभाग द्वारा
समय-समय पर
नालियों की
सफाई का कार्य
भी किया जाता
है। (घ) समय-समय पर
उक्त पार्क की
आवश्यकतानुसार
साफ-सफाई,
ट्रिमिंग
आदि की जाती
है। घास काटने
का कार्य समय-समय
पर किया जाता
है। मवेशियों
के पार्क में
बैठने पर
उन्हें हटाने
की कार्यवाही
की जाती है।
तार फेंसिंग
आदि कार्य
स्वीकृत होने
के उपरांत
मवेशियों के
बैठने पर रोक
लगाई जा
सकेगी।
नेशनल
फोरम में असत्य
शपथ पत्र
[नगरीय
विकास एवं
आवास]
79. ( क्र. 3002 ) श्री
राजेन्द्र
भारती : क्या
नगरीय विकास
एवं आवास
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
सागर स्थित
मकरोनिया में
भी हाउसिंग बोर्ड
द्वारा
हाउसिंग
कॉलोनियॉं
बनाई गई है?
यदि
हाँ, तो क्या ई.
टाईप बंगला
नं.-1 वर्तमान
में रिक्त
(खाली पड़ा
हुआ है) यदि
हाँ, तो कब से
रिक्त है तथा
किसके नाम से
आवंटित है?
कृपया
जानकारी दें। (ख) क्या
हाउसिंग
बोर्ड संभाग
सागर द्वारा
पत्र कमांक 546/टीएस/दिनांक
12.2.1996
में निर्मित
भवन टाईप ई-2 खाली
होने के संबध
में तत्कालीन
हाउसिंग बोर्ड
मेम्बर को
अवगत कराया
गया था? यदि हाँ, तो क्या
कार्यालय
वाणिज्यकर
आयुक्त म.प्र.
द्वारा पत्र
कमांक 16/85/15-ई/छ:/क्वा.सी
दिनांक 28.01.98 के
माध्यम से अपर
आयुक्त गृह
निर्माण
भोपाल को अवगत
कराया गया था
कि उक्त बंगलो
की आवश्यकता
विभाग को नहीं
है? यदि हाँ, तो क्या
यह भी सच है कि
बोर्ड द्वारा
पत्र क्रमांक
एफ/19/26/2000/बत्तीस-1,
दिनांक
01
नवम्बर, 2001
तत्कालीन
मेबर को उक्त
बंगला क्रय
करने के संबंध
में संपत्ति
अधिकारी
म.प्र. बोर्ड
सागर द्वारा
क्रमाक 10153/स.प्र/सागर/2003 दिनांक 06.09.2003 द्वारा
लेख किया गया
था कि
तत्कालीन
मेंबर को
बंगला आवंटित
करने के संबंध
में मूल्य
निर्धारण 17,16,580/-
रूपये
राशि जमा करने
का आदेश के
संदर्भ में पत्र
क्रमांक 8965/रा.प्र./
सागर/2003 दिनांक 10.11.2004 द्वारा
मूल्य
निर्धारण
राशि के विरुद्ध
2,49,070/- राशि जमा
कराई गई थी?
यदि
हाँ, तो कृपया
अवगत कराये। (ग) क्या यह
सत्य है कि
जिला
उपभोक्ता/प्रतितोषण
फोरम सागर
म.प्र. द्वारा
प्रकरण
क्रमांक 22/2005/आदेश
दिनाक 19 दिसंबर, 2007 में
आदेश पारित
किया गया था।
यदि हाँ, तो अवगत
कराये कि उक्त
आदेश के विरुद्ध
राज्य
उपभोक्ता
फोरम द्वारा
प्रकरण क्रमांक
1/08/607/2008 में प्रकरण
को 26.02.2013 में की गई
अपील को
डिसमिस कर
दिया गया था?
यदि
हाँ, तो उक्त के
विरुद्ध
राष्ट्रीय
नेशनल फोरम
द्वारा रिवीजन
पिटीशन नं. 2404/2013 में
आदेश दिनांक 24.09.2013 द्वारा
हाउसिंग बोर्ड
पर 25000/- की कॉस्ट
लगाई गई थी?
यदि
हाँ, तो उसके
लिये
जिम्मेदार
अधिकारी कौन
है? कृपया नाम, पदनाम
सहित संपूर्ण
विवरण दें। (घ) क्या यह
सत्य है कि
म.प्र. राज्य
उपभोक्ता फोरम
द्वारा
हाउसिंग
बोर्ड के
प्रकरण एफ.ए.
नं 660/2008 में आदेश
दिनांक 25.02.2021 एवं
दिनांक 26.03.2021 में
दिये गये
निर्देशों के
परिपालन में
म.प्र.
हाउसिंग
बोर्ड सागर
द्वारा दोनों
पक्षकारों
द्वारा
समझौता बैठक
दिनांक 22.11.2021 के
अनुसार भवन का
मूल्य 27,88,918/- रूपये
निर्धारित
किया था? जिसके
संबंध में
कार्यपालन
यंत्री सागर
द्वारा पत्र
क्रमांक 2804/क्रय/सं.प्र./नस्ती
क्रमांक सागर 2021 दिनांक 22.11.2021 द्वारा
उपायुक्त
सागर द्वारा
मुख्य संपदा अधिकारी
भोपाल के पत्र
क्रमांक 3147/3148/उपा./सं.प्र/नस्ती-सागर/2021 दिनांक 23.11.2021 द्वारा
निराकरण हेतु
अनुरोध किया
गया था? क्या यह
भी सत्य है कि
राज्य
उपभोक्ता
आयोग द्वारा
प्रकरण
क्रमांक 22/2005 में
आदेश दिनांक 20.02.2024 में
स्पष्ट रूप से
जिला
उपभोक्ता
फोरम के आदेश
की कंडिका 10.2 को
यथावत रखा गया
है? यदि हाँ, तो राज्य
उपभोक्ता
फोरम द्वारा
अवधि पश्चात्
नेशनल फोरम
में अपील करने
की आवश्यकता
क्यों आ गई?
कृपया
कारण सहित
बताये कि
आवेदिका द्वारा
जमा राशि 2,49,070/-
मांगी
गई है? कृपया
आवेदिका के
आवेदन पत्र की
प्रमाणित प्रति
उपलब्ध
करायें।
नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री (
श्री कैलाश
विजयवर्गीय ) :
(क) जी हाँ।
जी नहीं। उक्त
भवन किसी के
नाम पर आवंटन
नहीं है। वस्तुस्थिति
यह है कि, मण्डल
द्वारा
निक्षेप
कार्य के
अंतर्गत वाणिज्यिक
कर विभाग के
लिए वर्ष 1990 में 02 ई टाईप,
12 एफ
टाईप, 16 जी टाईप कुल
30 भवन
निर्मित किये
गये थे।
वाणिज्यिक कर
विभाग द्वारा
मण्डल को
पूर्ण राशि
उपलब्ध नहीं
कराने के कारण
एक ई टाईप भवन
उन्हें सौंपा
नहीं गया था।
उक्त ई टाईप
भवन में मण्डल
के तत्कालीन
सदस्य वर्ष 1996 से बिना
आवंटन के
वर्तमान तक
अनाधिकृत रूप
से निवासरत
है। (ख) जी
हाँ। अंशतः जी
हाँ। विभागीय
पत्र दिनांक 01/12/2001 द्वारा
तत्कालीन
मण्डल सदस्य
को पदमाकर कॉलोनी
स्थित भवन
क्रमांक ई/2 को क्रय
करने के संबंध
में मण्डल में
आवेदन प्रस्तुत
करने हेतु
सूचित किया
गया था। जी
हाँ। जी हाँ।
जी हाँ। (ग) जी
हाँ। जी हाँ।
जी हाँ। उक्त
कास्ट प्रकरण
को रिस्टोर
करने के एवज
में लगाई गई
थी। अतः प्रश्न
उद्भूत नहीं
होता है। (घ) जी
हाँ। जी हाँ।
जी हाँ, मण्डल
अधिवक्ता के
विधिक अभिमत
के आधार पर माननीय
राज्य
उपभोक्ता
आयोग मध्य
प्रदेश भोपाल
के निर्णय के
विरुद्ध
माननीय नेशनल
उपभोक्ता
आयोग में अपील
प्रस्तुत
करने हेतु
मण्डल निर्णय
लेने बावत
स्वतंत्र है,
जिसके
तहत अपील की
गई थी। माननीय
राष्ट्रीय
उपभोक्ता
आयोग नई
दिल्ली द्वारा
दिनांक 14/02/2025 को
अंतरिम आदेश
पारित कर एक
माह के अंदर
आवेदिका द्वारा
जमा राशि
रूपये 2,49,070.00 वापस कर
माननीय
राष्ट्रीय
उपभोक्ता
आयोग नई दिल्ली
को सूचित किये
जाने हेतु
आदेश पारित किया
गया। उक्त
आदेश के
परिपालन में
आवेदिका की
जमा राशि वापस
की गई है।
माननीय आयोग द्वारा
अपने आदेश में
स्पष्ट
निर्देश दिये
गये थे कि
आवेदिका की
जमा राशि एक
माह के अन्दर वापस
की जावे, जिसके
परिपालन में
आवेदिका की ओर
से कोई भी आवेदन
प्राप्त किये
जाने का प्रश्न
नहीं उठता है
और न ही
आवेदिका
द्वारा कोई
आवेदन
प्रस्तुत
किया गया।
नगर
पंचायत
मगरोनी में
अनियमितताएं
[नगरीय
विकास एवं
आवास]
80. ( क्र. 3003 ) श्री
राजेन्द्र
भारती : क्या
नगरीय विकास
एवं आवास
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) नगर
पंचायत
मगरोनी 3 ग्राम
पंचायतें
किशनपुर, मगरोनी
निजामपुर से
मिलकर बनी है
नगर पंचायत
किस दिनांक माह
एवं वर्ष से
अस्तित्व में
आई? इन ग्राम
पंचायतों में
कौन-कौन
कर्मचारी किस-किस
दिनांक से
किस-किस पद पर
पदस्थ थे?
(ख) नगर
पंचायत
मगरोनी में
वर्तमान में
कौन-कौन कर्मचारी
किस-किस पद पर
पदस्थ है एवं
किस-किस कर्मचारी
को किस-किस
सक्षम
अधिकारी ने
नियुक्त
(पदस्थ) किया,
किस
आधार पर किया
क्या यह
कर्मचारी
ग्राम पंचायतों
में पहले से
पदस्थ थे?
(ग) क्या
ग्राम पंचायत
में एक सचिव
एक रोजगार सहायक
यदि नल जल
योजना ग्राम
में संचालित
है तो एक पम्प
ऑपरेटर सहित
समस्त
कर्मचारी
फर्जी तरीके
से ग्राम
पंचायतों में
नाम लिखकर रखा
जिसका कोई
रिकॉर्ड नहीं
है यदि हाँ, तो
कृपया
कर्मचारियों
की रिकार्ड के
रजिस्टर की
छायाप्रति
उपलब्ध
करायें। (घ) प्रश्नांश
(क), (ख)
एवं (ग) के
संदर्भ में
नगर पंचायत
मगरोनी में
पंचायतों के
सरपंचों ने
फर्जी तरीके
से ग्राम पंचायतों
में नाम लिखकर
कर्मचारी
बनाया वही कर्मचारी
आज नगर पंचायत
मगरोनी को चला
रहे है जो गलत
है नगर पंचायत
मगरोनी में
भारी तादात में
भ्रष्टाचार
हुआ उपकरण
खरीदने मे,
निर्माण
कार्यों में,
कार्य
किए नहीं गये
और पैसा निकाल
लिया गया है
जिससे जनता
में भारी
आक्रोश है
इससे कभी भी
विस्फोटक
स्थिति पैदा
हो सकती है।
क्या इस
भ्रष्टाचार
एवं
अनियमितताओं
की जाँच उच्च
स्तर से करायी
जावेगी यदि
हाँ, तो कब तक? यदि
नहीं, तो क्यों? कृपया
कारण बताये।
नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री (
श्री कैलाश
विजयवर्गीय ) :
(क) जी हां।
म.प्र. राजपत्र
(असाधरण) में
प्रकाशित
अधिसूचना
क्रमांक 519 दिनांक 26 सितम्बर
2018 के
अनुसार गठन
हुआ है। निकाय
गठन से पूर्व
ग्राम पंचायत
मगरोनी में
कार्यरत
कर्मचारियों
की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार
है। (ख) जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार
है। (ग) एवं (घ) जी
नहीं। शेषांश
का प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है।
नगर
परिषद मनगवां
में भ्रष्टाचार
की जाँच
[नगरीय
विकास एवं
आवास]
81. ( क्र. 3009 ) श्री
नरेन्द्र
प्रजापति
[इंजीनियर] : क्या
नगरीय विकास
एवं आवास
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे कि
(क) विधानसभा
मनगवां 73 के नगर
परिषद मनगवां
में
लोकायुक्त
प्र.क. 162/2017 पंजीबद्ध
है। पर अभी तक
कार्यवाही
नहीं हुई क्यों?
कब
तक की जायेगी? कृपया
समय-सीमा
बतलाने की
कृपा करें। (ख) पार्षदों
द्वारा की गई
नियम विरुद्ध
अनियमितता
एवं अपने
चहेतों को दी
गई नियुक्ति
पर कलेक्टर
रीवा को कई
बार अवगत
कराया गया पर
कलेक्टर रीवा
के द्वारा अभी
तक कार्यवाही
क्यों नहीं
की गई? क्या
पार्षदों के
विरूद्ध नगर
पालिका नियमावली
के विरूद्ध
किये गये
भ्रष्टाचार
पर कब तक कार्यवाही
की जायेगी और
नगर परिषद में
व्याप्त
भ्रष्टाचार
की जांच
उपरांत
कार्यवाही की
जायेगी? कृपया
समय-सीमा
बतलाने की
कृपा करें। (ग) नगर
परिषद मनगवां 73 में
लगातार यह
जानकारी
क्षेत्र के
कार्यकर्ताओं
और आमजनों
द्वारा दी जा
रही है कि नगर
परिषद मनगवां
में वर्ष 2022-23 से
जितने
निर्माण कार्य
किये गये है
उनमें नियमों
की अनदेखी की
गई है। वर्ष 2022 से आज तक
जितने निविदा
सप्लाई आर्डर,
वर्कआर्डर
किये गये है,
उसकी
पूरी जानकारी
दी जाये साथ
में जांच दल
प्रदेश स्तर
से बनाकर यह
जांच कराई
जाये? क्या जिन
कार्यों के
निर्माण/भुगतान
किया गया है
वह गुणवत्तापूर्ण
है, उनमें
भुगतान सही
हुआ है और नगर
पालिका अधिनियम
का पालन किया
गया है या
नहीं, इसकी जांच
शासन स्तर से
कराई जाये?
कृपया
समय-सीमा
बतलाने की
कृपा करें। (घ) नगर
परिषद मनगवां 73 में
प्रभारी
सी.एम.ओ. को
नियुक्त किया
गया है? क्या
जिले में कोई
वरिष्ठ अधिकारी
नहीं है? मध्यप्रदेश
राजपत्र कैडर
फीडर नियम के
अनुसार
वरिष्ठ
अधिकारी को
प्रभार दिया
जाये, पर ऐसा नहीं
किया गया तो
क्यों? नगर
परिषद मनगवां
में वरिष्ठ
अधिकारी की
नियमित
सी.एम.ओ. की
पदस्थापना कब
तक कर दी
जायेगी? समय-सीमा
बतलाने की
कृपा करें।
नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री (
श्री कैलाश
विजयवर्गीय ) :
(क) जी हाँ,
लोकायुक्त
जां.प्र. 162/17
पंजीबद्ध था, जिस
पर कार्यवाही
पूर्ण होने के
उपरांत उक्त
प्रकरण संगठन
स्तर से
समाप्त किया
गया है। (ख)
कलेक्टर, रीवा
द्वारा
उपरोक्त
शिकायती
प्रकरणों पर
की गई जांच का
प्रतिवेदन
दिनांक 01.10.2024 को
आयुक्त, नगरीय
प्रशासन एवं
विकास, मध्यप्रदेश, भोपाल को
आवश्यक
कार्यवाही के
लिए प्रेषित
किया गया था।
जांच
प्रतिवेदन के
अनुसार उत्तरदायी
पाए गए
पदाधिकारियों/अधिकारियों/कर्मचारियों
के विरूद्ध
मध्यप्रदेश
नगरपालिका
अधिनियम, 1961
में वर्णिंत
प्रावधानों
के अंतर्गत
कारण बताओ सूचना
पत्र एवं आरोप
पत्रादि के
प्रारूप प्रेषित
करने के
निर्देश
दिनांक 03.03.2025 को
परियोजना
अधिकारी, जिला
शहरी विकास
अभिकरण, रीवा
को दिए गए
हैं। अत:
शेषांश का
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (ग) जी
नहीं। वर्ष 2022 से आज दिनांक
तक की गई
निविदा, सप्लाई
ऑर्डर एवं
वर्क ऑर्डर की जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट
अनुसार है। नगर
परिषद, मनगंवा
में नियुक्ति, संविदा
भर्ती, निर्माण
कार्य तथा
क्रय में की
गई अनियमितताओं
की शिकायतों
की जांच के
लिए आयुक्त, नगरीय
प्रशासन एवं
विकास, मध्यप्रदेश, भोपाल
द्वारा
दिनांक 20.08.2024 को
संभागीय
संयुक्त
संचालक की अध्यक्षता
में जांच
समिति का गठन
किया है।
समय-सीमा बताई
जाना संभव
नहीं है। (घ) जी
हाँ, क्योंकि
तत्समय जिले
के वरिष्ठ
मुख्य
नगरपालिका
अधिकारी श्री
संजय सिंह, नगर परिषद
चाकघाट में
पदस्थ थे एवं
मनगंवा से
चाकघाट की कुल
दूरी 52
कि.मी. है तथा
श्री संजय
सिंह द्वारा
स्वास्थ्य
संबंधी
कारणों से
दूरभाष पर
अतिरिक्त
प्रभार लिए
जाने से मना
कर दिया गया
था। विभाग
द्वारा
सामान्यत:
मुख्य
नगरपालिका
अधिकारी की
पदोन्नति के
फीडर कैडर में
आने वाले
कर्मचारियों
को प्रभारी
मुख्य
नगरपालिका
अधिकारी के
रूप में पदस्थ
किया जाता है।
अत: उपरोक्त
के दृष्टिगत
नगर परिषद
मनगंवा में
नियमित मुख्य
नगरपालिका
अधिकारी की
पदस्थापना
किए जाने के
संबंध में
समय-सीमा बताई
जाना संभव
नहीं है।
सहकारी
दुग्ध संघों
की जानकारी
[पशुपालन
एवं डेयरी]
82. ( क्र. 3031 ) श्री
सचिन
सुभाषचंद्र
यादव : क्या
राज्य
मंत्री, पशुपालन
एवं डेयरी
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) नेशनल
डेयरी
डेवलपमेंट
बोर्ड के साथ
अनुबंध के बाद
एम.पी. स्टेट
को ऑपरेटिव
डेयरी
फेडरेशन और
प्रदेश के
सहकारी दुग्ध
संघों में
कौन-कौन से
प्रशासनिक
बदलाव किये
गये हैं? (ख) क्या
सहकारी दुग्ध
संघों के लिए
दूध कलेक्शन,
दूध
सप्लाई और
दुग्ध
उत्पादकों को
जोड़ने के लिए
नये लक्ष्य
निर्धारित
किये गये हैं?
यदि
हाँ, तो विवरण
दें। (ग) वर्तमान
में प्रदेश के
सभी छह दुग्ध
संघों में
अलग-अलग
कितना-कितना
दूध कलेक्शन
और दूध सप्लाई
किया जाता है
तथा
कितने-कितने
दुग्ध उत्पादक
उनसे जुड़े हैं?
(घ) विगत
वित्तीय वर्ष
में दुग्ध
संघों के लाभ
हानि की क्या
स्थिति है?
(ड.) खरगोन
जिले में
कितने सहकारी
दुग्ध संघ और
दुग्ध
संग्रहण
केन्द्र हैं?
तहसीलवार
विवरण दें।
राज्य
मंत्री, पशुपालन
एवं डेयरी (
श्री लखन पटैल
) : (क) म.प्र.
शासन, एमपीसीडीएफ/संबद्ध
सहकारी दुग्ध
संघ एवं राष्ट्रीय
डेयरी विकास
बोर्ड, आणंद के
मध्य निष्पादित
सहकार्य
अनुबंध में
वर्णित
प्रावधानों
के अनुक्रम
में
एम.पी.सी.डी.एफ.
एवं संबंधित दुग्ध
संघों में
प्रबंध
संचालक/मुख्य
कार्यपालन
अधिकारी के पद
तथा अन्य
महत्वपूर्ण
प्रबंधकीय
पदों पर राष्ट्रीय
डेयरी विकास
बोर्ड द्वारा
आवश्यकता
अनुसार 26
अधिकारियों
को सेकण्डमेंट
(secondment) के आधार पर
पदस्थ किया
गया है, जिनके
वेतन का
भुगतान राष्ट्रीय
डेयरी विकास
बोर्ड द्वारा
किया जा रहा है।
इसके अतिरिक्त
प्रशासनिक
आवश्यकता के
दृष्टिगत 11
अधिकारियों
का स्थानांतरण
किया गया है। (ख) जी हाँ।
प्रदेश के
सहकारी दुग्ध
संघों के लिये
वर्ष 2025-26 के दौरान
दूध कलेक्शन,
दूध
सप्लाई तथा
दुग्ध उत्पादकों
हेतु
निर्धारित
लक्ष्यों की जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट ''अ'' अनुसार
हैं। (ग) वर्तमान
में प्रदेश के
दुग्ध संघों
के दूध कलेक्शन,
दूध
सप्लाई तथा
दुग्ध उत्पादकों
की जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट ''ब'' अनुसार
है। (घ) दुग्ध
संघों के
पिछले वित्तीय
वर्ष 2024-25 के वित्तीय
पत्रक
अंतिमिकरण
प्रकियाधीन
हैं। (ड.) इन्दौर
सहकारी दुग्ध
संघ द्वारा
खरगौन जिले के
खरगौन में
मिनी डेयरी प्लांट
एवं बडवाह में
दुग्ध
शीतकेन्द्र
संचालित किया
जा रहा है।
खरगौन जिले
में 197 दुग्ध उत्पादन
सहकारी
समितियों
(दुग्ध
संग्रहण केन्द्र)
कार्यरत है।
तहसीलवार जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट ''स'' अनुसार हैं।
उपकेन्द्रों
की स्थापना
[ऊर्जा]
83. ( क्र. 3032 ) श्री
सचिन
सुभाषचंद्र
यादव : क्या
ऊर्जा मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) विधानसभा
क्षेत्र
कसरावद के
ग्राम
गोपालपुरा
एवं बिटनेरा
में आरडीएसएस
योजना के
प्रथम चरण में
स्वीकृत हुए
नवीन 33/11 का कार्य कब
तक पूर्ण होगा?
(ख) प्रश्नकर्ता
द्वारा 13 फरवरी 2024 को
विधानसभा
प्रश्न क्र. 1396 के
उत्तर में
उक्त कार्य
क्रमशः 10 फरवरी 2024 और 15 फरवरी 2024 को
कार्य
प्रारंभ करने
का आश्वासन
मंत्रीजी द्वारा
दिया गया था?
अगर
हाँ तो कार्य
आज दिनांक तक
प्रारंभ
क्यों नहीं
हुआ? (ग) उपरोक्तानुसार
कार्य कब तक
प्रारंभ कर
दिया जावेगा?
ऊर्जा
मंत्री ( श्री
प्रद्युम्न
सिंह तोमर ) :
(क) विधानसभा
क्षेत्र
कसरावद के
ग्राम
गोपालपुरा
एवं बिटनेरा
में
आर.डी.एस.एस.
योजना अंतर्गत
प्रथम चरण में
स्वीकृत हुए
नवीन 33/11 के.व्ही.
विद्युत
उपकेन्द्रों
के निर्माण का
कार्य टर्न की
आधार पर मेसर्स
एस्पॉन
इन्फ्रास्ट्रक्चर
लिमिटेड, नई दिल्ली
द्वारा किया
जाना है, नवीन 33/11 के.व्ही.
विद्युत
उपकेन्द्रों
के निर्माण
कार्य हेतु
म.प्र. पश्चिम
क्षेत्र
विद्युत
वितरण कंपनी द्वारा
लगातार
प्रयास किये
जा रहे हैं।
उक्त नवीन
विद्युत
उपकेन्द्रों
का कार्य
मार्च, 2026 तक
पूर्ण होना
संभावित है। (ख) जी हाँ।
तत्संबंध में
म.प्र. पश्चिम
क्षेत्र विद्युत
वितरण कंपनी
द्वारा कार्य
प्रारंभ करने
हेतु
क्रियान्वयन
एजेंसी को
निर्देशित
किया गया है।
उल्लेखनीय
है कि म.प्र.
पश्चिम
क्षेत्र
विद्युत वितरण
कंपनी
अंतर्गत उक्त
फर्म को
आर.डी.एस.एस.
योजनांतर्गत 33/11 के.व्ही
के 24 नवीन
विद्युत
उपकेन्द्रों
के निर्माण
हेतु
कार्यादेश
जारी किया गया
है, जिसमें से 14
विद्युत
उपकेन्द्रों
का कार्य उक्त
फर्म द्वारा
पूर्ण किया जा
चुका है। शेष 10
विद्युत
उपकेन्द्रों
जिनमें प्रश्नांकित
विद्युत
उपकेन्द्र
भी सम्मिलित
है, को माह
मार्च, 2026 तक
पूर्ण किये
जाने की
संभावना है।
एजेंसी के
द्वारा
आवश्यक
सामग्री को
क्रय करने में
विलंब होने के
कारण, कार्य
प्रारंभ नहीं
हो पाये है। (ग) एजेंसी
को उपरोक्त
नवीन विद्युत
उपकेन्द्रों
के कार्य
शीघ्र
प्रारंभ करने
हेतु म.प्र.
पश्चिम
क्षेत्र
विद्युत
वितरण कंपनी
द्वारा
निर्देशित
किया जा रहा
है/किया गया
है। आगामी 02 माह में
कार्य
प्रारंभ होने
की संभावना
है।
(AICTSL)
एवं (AICTSL)
की जानकारी
[नगरीय
विकास एवं
आवास]
84. ( क्र. 3037 ) डॉ.
हिरालाल
अलावा : क्या
नगरीय विकास
एवं आवास
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) इंदौर
में संचालित
अटल इंदौर
सिटी
ट्रांसपोर्ट
के माध्यम से
इंदौर से सिटी
के बाहर कितनी
बसों का
संचालन किया
जा रहा है? (ख) वर्तमान
की किन-किन
रूटों पर AICTSL
से
बसे संचालित
की जा रही है
और किन
मार्गों पर
संचालन बन्द
है, उनकी प्रति
सहित जानकारी
देवें। (ग) बसों का
संचालन किस
आधार पर और
किस नियम के
तहत किया जा
रहा है? (घ) वर्तमान
में कितने
रूटों का
संचालन किया
जा रहा है और
कितने रूटों
पर संचालन बंद
है? उन रूटों की
जानकारी
देवें। (ङ)
वर्तमान में
बसों के
संचालन से AICTSL
को
कितनी राशि
रॉयल्टी के
रूप में मिल
रही हैं और
जिन बसों का
संचालन बन्द
है उन
संचालकों से
कितना पैसा
लेना बाकी है?
रुट
अनुसार
संचालक के नाम
और बकाया राशि
सहित जानकारी
देवें। (च)
भविष्य में
किन-किन
मार्गों पर
बसों के सिटी से
बाहर संचालन
की
कार्ययोजना
है? उसकी
जानकारी
देवें। (छ) AICTSL
से
शहर से अन्य
शहरों की ओर
बसों के
संचालन के लिए
क्या
नियमावली है?
नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री (
श्री कैलाश
विजयवर्गीय ) :
(क) इन्दौर
एस.पी.वी. अटल
इन्दौर सिटी
ट्रांसपोर्ट
सर्विसेस
लिमिटेड, द्वारा
शहर के
नागरिकों/रहवासियों/पर्यटकों/श्रृद्धालुओं
को सुगम, विश्वसनीय
एवं
दीर्घकालील
लोक परिवहन
सेवा उपलब्ध/प्रदान
कराने के
उद्देश्य से
अंर्तशहरी/
अंर्तराज्जीय
कुल 130 बसों का
संचालन किया
जा रहा है। (ख) इन्दौर
एस.पी.वी. अटल
इन्दौर सिटी
ट्रांसपोर्ट
सर्विसेस
लिमिटेड, इन्दौर
से संचालित
अंर्तशहरी/अंर्तराज्जीय
बस एवं मार्ग
संबंधित
विवरण की
जानकारी
संलग्न परिशिष्ट-अ
अनुसार है। (ग) ए.आई.सी.टी.एस.एल.
द्वारा
संचालित
अंर्तशहरी/अंर्तराज्जीय
बसों का
संचालन
निविदा के
माध्यम से
पी.पी.पी मॉडल
के आधार पर किया
जा रहा है।
मध्यप्रदेश
राज्य में 2006 से
पूर्व शासन के
अधीन संचालित
संस्थागत
(Institutional) लोक परिवहन
सेवा उपलब्ध
नहीं होने
कारण यात्रियों
को हो रही
असुविधाओं को
देखते हुए नगर
पालिक निगम,
इन्दौर
एवं इन्दौर
विकास
प्राधिकरण के
सुयक्त
प्रयासों से
इन्दौर
एस.पी.वी. अटल
इन्दौर सिटी
ट्रांसपोर्ट
सर्विसेस
लिमिटेड
द्वारा बसों
का संचालन किया
जा रहा है। (घ)
जानकारी
संलग्न परिशिष्ट-अ अनुसार है। (ड.) इन्दौर
एस.पी.वी.
ए.आई.सी.टी.एस.एल.
द्वारा संचालित
अंर्तशहरी/
अंर्तराज्जीय
बसों से
प्राप्त
प्रीमीयम
राशि रूपये/- संबंधित
विवरण की जानकारी
संलग्न परिशिष्ट-ब अनुसार है। (च) इन्दौर
एस.पी.वी.
ए.आई.सी.टी.एस.एल.
द्वारा भविष्य
में
प्रस्तावित
अंर्तशहरी/
अंर्तराज्जीय
मार्गों पर
बसों के
संचालन हेतु
की गई कार्ययोजना
संबंधित
विवरण की जानकारी
संलग्न परिशिष्ट-स अनुसार है। (छ) मध्यप्रदेश
राज्य में 2006 से
पूर्व शासन के
अधीन संचालित
संस्थागत (Institutional)
लोक
परिवहन सेवा
उपलब्ध नहीं
होने कारण
यात्रियों को
हो रही
असुविधाओं को
देखते हुए नगर
पालिक निगम,
इन्दौर
एवं इन्दौर
विकास
प्राधिकरण के संयुक्त
प्रयासों से
इन्दौर
एस.पी.वी. अटल
इन्दौर सिटी
ट्रांसपोर्ट
सर्विसेस
लिमिटेड द्वारा
बसों का
संचालन किया
जा रहा है।
गौशालाओं
का संचालन
[पशुपालन
एवं डेयरी]
85. ( क्र. 3044 ) श्री
नीरज सिंह
ठाकुर : क्या
राज्य
मंत्री, पशुपालन
एवं डेयरी
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) जबलपुर
जिले में कुल
कितनी
गौशालाएं
संचालित हो
रही हैं, विगत 5 वर्षों
में कुल कितनी
नई गौशालाएं
मध्य प्रदेश
में प्रारंभ
हुई हैं? सूची
प्रदान करें। (ख) उक्त
गौशालाओं में
कितनी-कितनी
गौधन का पालन हो
रहा है? प्रदेश
में उक्त
गौशालाओं में
गौधन आहार के
लिए
गौशालावार
सरकार द्वारा
कितना भुगतान
किया गया है?
(ग) सरकार
द्वारा विगत 5 वर्षों
में किन-किन
संस्थाओं को
गौशाला निर्माण
के लिए
कितनी-कितनी जमीन
कब-कब आवंटित
की गई है? सूची
प्रदान करें। (घ) जबलपुर
जिले में कुल
कितनी
गौशालाओं का
निर्माण
अधूरा है?
अधूरा
निर्माण कब तक
पूर्ण हो
जाएगा?
समय-सीमा
बताएं।
(ड.) जबलपुर
जिले में अब
तक निर्मित
गौशालाओं की क्या
क्षमता है?
उक्त
क्षमता के
विरुद्ध
कितनी गौधन इन
गौशालाओं में
रखी गई है?
गौशालावार
सूची उपलब्ध
कराएं।
(च) जबलपुर
जिले में
पूर्ण
निर्मित
गौशालाओं का संचालन
किन-किन
संस्थाओं के
द्वारा किया
जा रहा है?
जहां
संचालन नहीं
हो पा रहा है
वहां कब और
कैसे संचालन
प्रारंभ होगा?
राज्य
मंत्री, पशुपालन
एवं डेयरी ( श्री
लखन पटैल ) :
(क) जबलपुर
जिले में कुल 45
गौशालाएं
संचालित हो
रही हैं।
प्रदेश में विगत
5
वर्षों में नई
प्रारंभ हुई जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट ''अ'' अनुसार।
(ख) विगत 5 वर्षों
में मध्यप्रदेश
में प्रारंभ
हुई गौशालाओं
में गौवंश
संख्या की
जिलेवार जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट ''अ'' अनुसार। गौधन
आहार के लिए
वर्ष 2019 से रू. 20/- प्रतिगौवंश
प्रतिदिवस के
मान से राशि
प्रदाय किए
जाने का
प्रावधान था
जो बजट की
उपलब्धता
अनुसार
गौशालावार
गौवंश संख्यावार
प्रदाय की गई।
1
अप्रैल, 2025 से
अनुदान राशि
रू. 20/- से बढ़ाकर,
रू. 40/-
प्रतिगौवंश
प्रतिदिवस के
मान से प्रदाय
की जा रही है। (ग) संस्थाओं
को गौशाला
निर्माण के
लिए पशुपालन
एवं डेयरी
विभाग द्वारा
भूमि आवंटन
नहीं की जाती
है। शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (घ) जबलपुर
जिला अंतर्गत
मनरेगा योजना
से निर्माणाधीन,
3
गौशालाओं का
निर्माण
कार्य अधूरा
है, जो कि लगभग 1 माह में
पूर्ण हो
जावेगा। (ड.)
एवं (च) जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट ''ब'' अनुसार।
भ्रष्टाचार
की जांच
[नगरीय
विकास एवं
आवास]
86. ( क्र. 3048 ) श्री
नीरज सिंह
ठाकुर : क्या
नगरीय विकास
एवं आवास मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) नगर
परिषद शहपुरा
में कलेक्टर
जबलपुर द्वारा
प्रधानमंत्री
आवास हेतु
प्रथम सूची
दिनांक 25/8/2017 एवं
द्वितीय सूची
दिनांक 23/2/2018 में
कितने
हितग्राहियों
को चयनित कर
सूची अनुमोदित
की गई? अनुमोदित
सूची अनुसार
कितने हितग्राहियों
को आवास का
लाभ दिया गया? (ख) क्या
कलेक्टर
द्वारा
अनुमोदित
प्रथम एवं द्वितीय
सूची के नामों
में छेड़छाड़ कर
अनुमोदित हितग्राहियों
के नामों को
हटाकर अन्य
लोगों के नाम
जोड़े गये? यदि हाँ,
तो
उक्त प्रकरण
में किस
अधिकारी
द्वारा जांच कब-कब
की गई? जांच प्रतिवेदन
की प्रति
उपलब्ध
करावें। (ग) कार्यालय
लोक आयुक्त
संगठन प्रकरण
क्रमांक/जा.प्र.428/20 का जांच
प्रतिवेदन
दिनांक 07 मई 2022 के
अनुसार दोषी
क्र. 01 से लेकर 06 तक
दोषियों पर
क्या
कार्यवाही की
गई? कार्यवाही
लंबित होने का
क्या कारण है? कब तक
कार्यवाही की
जावेगी?
समय-सीमा
बतायें। (घ) क्या
तात्कालीन
मुख्य नगर
पालिका
अधिकारी नगर
परिषद शहपुरा
के पत्र क्र. 2444 दिनांक 11/08/2020 के
अनुसार 634
हितग्राहियों
का नाम
कलेक्टर की
अनुमोदित सूची
में नहीं था
उन्हें रू. 193275000 की राशि
प्रदान की गई?
यदि
हाँ, तो उक्त
प्रकरण पर अभी
तक क्या
कार्यवाही की
गई?
नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री (
श्री कैलाश
विजयवर्गीय ) :
(क) नगर
परिषद-शहपुरा
(भिटौनी) में
प्रधानमंत्री
आवास योजना
(शहरी) के
क्रियान्वयन
में कलेक्टर
जबलपुर
द्वारा
दिनांक 25.08.2017 तथा 23.02.2018 को
अनुमोदित
प्रथम एवं
द्वितीय सूची
क्रमशः 789 तथा 1514 कुल 2303
हितग्राहियों
की सूची का
अनुमोदन
प्रदान किया
गया।
अनुमोदित
सूची में से 1623
हितग्राहियों
को लाभ दिया
गया। (ख) जी हाँ।
उत्तरांश (क) अनुसार
अनुमोदित
सूची के
अतिरिक्त 16 अन्य
आवेदकों के
नाम भी
लाभार्थियों
की सूची में
जोड़े गये।
उक्त प्रकरण
की जांच
संचालनालय,
नगरीय
प्रशासन एवं
विकास
मध्यप्रदेश
भोपाल के आदेश
पत्र क्रमांक
या.प्र./07/2020/2701 भोपाल
दिनांक 08.03.2021 द्वारा
संभागीय
संयुक्त
संचालक, नगरीय
प्रशासन एवं
विकास, संभाग-जबलपुर
की अध्यक्षता
में गठित
समिति द्वारा
जांच
प्रतिवेदन
दिनांक 10.03.2021 को
प्रस्तुत
किया गया।
जांच
प्रतिवेदन की
प्रति पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है। (ग) कार्यालय
लोक आयुक्त
संगठन प्रकरण
क्रमांक/जा.प्र.428/20 का जांच
प्रतिवेदन
दिनांक 07 मई, 2022 के
अनुसार दोषी
क्रमांक 01 के
संबंध में
विभाग के आदेश
क्रमांक UDH/6/3/0009/2023/18-3 दिनांक 08-02-2024 द्वारा
विधिक
प्रावधानों
के अन्तर्गत
जारी
आदेशानुसार
तत्कालीन
अध्यक्ष के
विरूद्व कारण
बताओं सूचना
पत्र निरस्त
करते हुये
प्रकरण
निराकृत किया
गया। क्रमांक 02,
03 एवं 04 के
संबंध में
संचालनालय के
आदेश दिनांक 04-12-2024 के
द्वारा
वर्णित
प्रावधानों
के अन्तर्गत
आगामी एक वेतन
वृद्वि
असंचयी
प्रभाव से
रोकने की
कार्यवाही कर
लघुशस्ति
आरोपित कर प्रकरण
निराकृत किया
गया। क्रमांक 05 के
संबंध में
संचालनालय के
आदेश दिनांक 04-12-2024 के
द्वारा
सेवानिवृत्ति
होने के कारण
विधिक
प्रावधानों
के अन्तर्गत
जारी शासन
द्वारा जारी
कारण बताओं
सूचना पत्र
निरस्त किया
जाकर प्रकरण
निराकृत किया
गया। क्रमांक 06 के
संबंध में
निकाय के
पीआईसी के
पारित संकल्प
क्रमांक 03 दिनांक 11-09-2023 के
द्वारा
वर्णित
प्रावधानों
के अन्तर्गत
आगामी एक वेतन
वृद्वि
असंचयी
प्रभाव से
रोकने की
कार्यवाही कर
प्रकरण
निराकृत किया
गया। विस्तृत जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है। (घ) तत्कालीन
मुख्य नगर
पालिका
अधिकारी
शाहपुरा के
पत्र क्रमांक 2444 दिनांक 11.08.2020 में
उल्लेखित सभी
हितग्राहियों
की जांच
संभागीय
संयुक्त
संचालक, नगरीय
प्रशासन एवं
विकास, संभाग-जबलपुर
की
अध्यक्ष्यता
में गठित दल
द्वारा की गयी
है। जिसमें
केवल 16
हितग्राहियों
को कलेक्टर
अनुमोदित
सूची से बाहर
का पाया गया
है। इन सभी
हितग्राहियों
को समर्पित
किया गया तथा
प्रदाय की गयी
राशि नगर पालिका
के योजना खाते
में जमा कराई
गयी। उक्त के
संबंध में की
गयी
कार्यवाही
उत्तरांश (ख) तथा
(ग) अनुसार है।
निर्माण
कार्यों में
की गई
अनियमितता
[नगरीय
विकास एवं
आवास]
87. ( क्र. 3050 ) श्री
बाबू जन्डेल
: क्या
नगरीय विकास
एवं आवास
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) वर्ष 2019 से
वर्तमान अवधि
तक क्या न.पा.
श्योपुर एवं
न.पा. बडौदा
न.पा. बनगवा
एवं न.पा. डूमर
कछार जिला अनूपपुर
द्वारा फाइल
बनाकर एक लाख
से कम रुपए की
खरीदी लेखा
नियम को ताक
पर रखकर
बार-बार की गई है
यदि हाँ, तो इस
नियम विरुद्ध
कार्य के लिए
जिम्मेदार
मुख्य नगर
पालिका
अधिकारी पर
क्या कार्यवाही
की जाएगी। (ख) नगर
पालिका
श्योपुर एवं
नगर परिषद
बडौदा तथा नगर
परिषद बनगवा
नगर एवं परिषद
डूमर कछार जिला
अनूपपुर की
स्वयं की एवं
अन्य मद
अनुसार कितनी
निधि 2019 से वर्तमान
अवधि तक
विभिन्न बैंक
खातों मदवार
जानकारी एवं
उक्त खातो की
मदवार भुगतान
की जानकारी देवे
एवं क्या
प्रश्नांकित
अवधि तक
उपरोक्त
परिषदो
द्वारा समस्त
भुगतान SAP के
माध्यम से किए
जाते हैं यदि
हाँ, तो विवरण
उपलब्ध कराए
यदि नहीं, तो क्यो
इसका कारण
क्या है? (ग) 2019 से
प्रश्नांकित
अवधि तक उक्त
नगर परिषदो
द्वारा
संचालित
विभिन्न बैंक
खातों से इंटरनेट
बैंकिंग के
माध्यम से किए
गए समस्त निर्माण
कार्य एवं
निकाय द्वारा
क्रय की गई
समस्त भुगतान
की सत्यापित
बैंक
स्टेटमेंट
सहित विवरण
दें तथा PIC पंजी
एवं भंडार
पंजी की
प्रमाणित
प्रति वर्षवार
गौशवार बनाकर
विवरण दें। (घ) प्रश्नांश
(ख) अनुसार
वर्ष 2019 से वर्तमान
तक रायल्टी की
राशि खनिज
विभाग में जमा
की गई है? यदि
नहीं, तो क्यो?
नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री (
श्री कैलाश
विजयवर्गीय ) :
(क) नगर
पालिका श्योपुर,
नगर
परिषद बड़ौदा,
नगर
परिषद बनगवां,
नगर
परिषद डूमर
कछार में एक
लाख से कम के
कार्यों की
शिकायत
प्राप्त
नहीं होने से
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (ख)
जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट
''अ''
अनुसार है। (ग)
जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट
''ब''
अनुसार है। (घ) म.प्र.
शासन, खनिज साधन
विभाग, मंत्रालय
के आदेश
क्रमांक एफ14-10/2018/12/1दिनांक 15.03.2018 के
अनुसार प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है।
देयकों
का भुगतान
[लोक
निर्माण]
88. ( क्र. 3052 ) श्री
बाबू जन्डेल
: क्या
लोक निर्माण
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) म.प्र.
सड़क विकास
निगम श्योपुर
द्वारा
प्रेमसर से
मूण्डला सड़क
एवं अन्य
समस्त
निर्माणाधीन
एवं पूर्ण कार्यों
की कुल लम्बाई
एवं लागत राशि
कितनी है?
पृथक-पृथक
गौशवारा सहित
जानकारी
प्रस्तुत करें
तथा इसको कौन
सी कम्पनी या
विभाग द्वारा
बनाया जा रहा
है? (ख) प्रश्नांश
(क) के क्रम
में डामरीकृत
एवं सी.सी. रोड
एवं नाली तथा
पुलिया के
देयकों के
भुगतान से
पूर्व मार्ग
की गुणवत्ता
को सुनिश्चित
किये जाने
हेतु उपयोग
में लाई गई
सामग्री
मिट्टी, गिट्टी,
मोरम,
जीएसबी,
डामर
एवं क्यूव
टेस्ट, कोर कटर
टेस्ट आदि की
कोई जांच
करवाई गई?
यदि
हाँ, तो समस्त
जांच रिर्पोट
की प्रमाणित
छायाप्रति
उपलब्ध
करावें। नहीं
तो क्यों?
(ग) प्रश्नांश
(क) अनुसार
समस्त
डामरीकृत
मार्गों एवं
सी.सी. रोड तथा
नाली पुलिया
में उपयोग की
जा रही सामग्री
की उच्च
स्तरीय जांच
सदन में उत्तर
दिये जाने से
पूर्व प्रश्नकर्ता
समक्ष सेम्पल
लेकर मिट्टी
के सी.बी.आर.,
पीएल,
पी
आई के टेस्ट
तथा डब्लू
बीएम की
ग्रेडिंग एवं
कौम्पेक्षन
तथा डामर के
प्रतिशत की
जांच तथा
क्यूव टेस्ट,
कोर
कटर टेस्ट
प्रश्नकर्ता
के समक्ष किया
जाकर चलित लेब
टेस्ट कराया
जावेगा? यदि हां
तो पूर्व में
कराई गई लेब
एवं विभागीय
लेब को छोड़कर
किसी अन्य
अधिकृत लेब या
संस्था के
माध्यम से टेस्ट
करवाई जाकर
रिर्पोट की
छायाप्रति
उपलब्ध
करावें।
लोक
निर्माण
मंत्री ( श्री
राकेश सिंह ) :
(क)
जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-अ
अनुसार है। (ख) जी हां। जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट-1 अनुसार है। अत:
शेष का प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (ग) जी
नहीं।
प्रावधानित
नहीं है। अत:
शेष का प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है।
पुल
एवं मार्गों
की जानकारी
[लोक
निर्माण]
89. ( क्र. 3053 ) श्री
पंकज
उपाध्याय : क्या
लोक निर्माण
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे कि
(क) क्या लोक
निर्माण
विभाग संभाग
ग्वालियर अंतर्गत
धोबनी से
सिकरावली
मार्ग
स्वीकृत हो चुका
है? क्या उक्त
मार्ग के
निर्माण हेतु
निविदा जारी
की जा चुकी थी?
(ख) क्या
प्रश्नांश
(क) अनुसार
मार्ग के
निर्माण हेतु
किसी अन्य
विभाग से
अनापत्ति एवं
भूमि आवंटन की
प्रक्रिया
प्रचलन में है?
यदि
हाँ, तो निविदा
जारी किए जाने
से पूर्व यह
कार्यवाही
पूर्ण क्यों
नहीं की गई?
क्या
इस लापरवाही
से मार्ग के
निर्माण
कार्य में
अनावश्यक
विलम्ब हुआ?
यदि
हाँ, तो इसकी
जिम्मेदारी
किसकी थी?
सम्पूर्ण
जानकारी
दस्तावेजों
सहित उपलब्ध
कराएं। (ग) क्या
जिला मुरैना
अंतर्गत
ग्राम खेरली
से गुजरना
मार्ग
निर्माण
कार्य पूर्व
में स्वीकृत
हो चुका था?
क्या
उक्त मार्ग
निर्माण
कार्य निरस्त
कर दिया गया?
यदि
हाँ, तो क्या
कारण रहा?
सविस्तार
जानकारी दें। (घ) क्या
जिला मुरैना
अंतर्गत
विधानसभा
क्षेत्र जौरा
में ग्राम
सिमरोदा
जलालपुर में
सोन नदी पर
पुल निर्माण
कार्य शासन से
स्वीकृत हो
चुका है? यदि हाँ, तो
प्रशासकीय
स्वीकृति
आदेश की प्रति
उपलब्ध कराएं?
पुल
निर्माण
कार्य के
संबंध में
प्रश्नकर्ता
द्वारा
माननीय
मंत्री, लोक निर्माण
विभाग को
प्रेषित पत्र
क्रमांक 451 दिनांक 19.12.24 के क्रम
में विभाग में
क्या
कार्यवाही
प्रचलन में है?
संपूर्ण
जानकारी
दस्तावेज
सहित दें।
लोक
निर्माण
मंत्री ( श्री
राकेश सिंह ) :
(क) जी हां।
जी हां। (ख) जी हां।
निविदा जारी
किये जाने से
पूर्व वन विभाग
से अनुमति
हेतु
प्रस्ताव
ऑनलाईन वन
विभाग को प्रस्तुत
किया गया था
किन्तु वन
विभाग से अनुमति
अपेक्षित है।
वन विभाग की
अनुमति नहीं
मिलने के कारण
कार्य नहीं हो
सका। चूंकि
अनुमति वन
विभाग से
प्राप्त
नहीं हुई
इसलिए शेष का
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (ग) जी हां,
अनुबंध
से प्रश्नांकित
मार्ग को हटा
दिया गया,
क्योंकि
अनुबंध
दिनांक 28.07.2020 में हुआ
था जिसका
अनुबंधित समय 12 माह था।
किन्तु
दिनांक 28.12.2023 तक भूमि
उपलब्ध नहीं
होने के कारण
दिनांक 21.03.2024 को
अनुबंध से
प्रश्नांकित
मार्ग को हटा
दिया गया। (घ) जी नहीं।
उक्त कार्य
वर्तमान में न
तो स्वीकृत है
न ही किसी
योजना में
प्रस्तावित
है। अतः शेष का
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। पुल
निर्माण
कार्य के
संबंध में
प्रश्नांश
में उल्लेखित
पत्र क्रमांक 451 दिनांक 19.12.2024 इस
कार्यालय को
प्राप्त नहीं
हुआ है अपितु
माननीय
मंत्रीजी की
टीप क्रमांक 933 दिनंक 08.08.2024 के
द्वारा प्रश्नकर्ता
का पत्र
क्रमांक 155/2024 दिनांक 25.06.2024
प्राप्त हुआ
है, जिस पर
कार्यवाही
प्रचलन में
है। जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट
अनुसार है।
कर्मचारियों
की भर्ती
[नगरीय
विकास एवं
आवास]
90. ( क्र. 3056 ) श्री
पंकज
उपाध्याय : क्या
नगरीय विकास
एवं आवास
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) नगर
परिषद कैलारस
में स्थायी,
अस्थायी,
संविदा,
दैनिक
वेतनभोगी एवं
आउटसोर्स आदि
कुल कितने
कर्मचारी
कार्यरत हैं?
नाम,
पता,
नियुक्ति,
दिनांक,
पद
एवं वर्तमान
दायित्व सहित
कैटेगरीवार
जानकारी
सूचीबद्ध
उपलब्ध
कराएं।
(ख) क्या
वर्ष 2023 में नगर
परिषद कैलारस
में कार्यरत
कई कर्मचारियों
को छंटनी कर
सेवा से पृथक
किया गया था?
यदि
हाँ, तो सूची
उपलब्ध
कराएं। (ग) प्रश्नांश
(ख) अनुसार
हटाए गए कितने
कर्मचारियों
में से कितने
कर्मचारियों
को पुनः सेवा
पर रखा गया?
सूची
उपलब्ध
करायें। (घ) वर्ष 2023 में
कर्मचारियों
की छंटनी के
उपरान्त
प्रश्न
दिनांक तक नगर
परिषद कैलारस
में कितने
कर्मचारियों
की भर्ती
कब-कब की गयी?
नियुक्ति
आदेश की
प्रतियाँ
उपलब्ध
कराएं। (ङ)
क्या नगर
परिषद कैलारस
द्वारा वर्ष 2023 में
वित्तीय भार
के कारण
कर्मचारियों
को सेवा से
किया गया था?
यदि
हाँ, तो उसके
उपरान्त
कर्मचारियों
की निरंतर भर्ती
क्यों की जा
रही है?
नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री (
श्री कैलाश
विजयवर्गीय ) :
(क)
जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख)
जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। (ग)
जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट ''स'' अनुसार है। (घ) मात्र 12
श्रमिकों को
आवश्यकता
अनुसार रखा गया
है। (ङ) जी
हां।
उत्तरांश 'ग' अनुसार
है। मात्र 12
श्रमिकों को
आवश्यकता
अनुसार रखा
गया है।
सड़कों
की मरम्मत एवं
पुल पुलियाओं
का निर्माण
[लोक
निर्माण]
91. ( क्र. 3057 ) श्री
मोहन सिंह
राठौर : क्या
लोक निर्माण
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) वर्ष
2024-25
एवं 2025-26 में सड़कों
की मरम्मत,
डामरीकरण
एवं
पुल-पुलियाओं
के निर्माण
हेतु कितना-कितना
बजट प्रावधान
किया गया है?
वर्षवार,
मदवार
जानकारी दें। (ख) ग्वालियर
जिले की
भितरवार
विधानसभा
क्षेत्र के
ग्रामों को
मुख्य सड़क
मार्गों से
जोड़ने वाली
कितनी सड़के है?
ग्रामवार
मुख्य
मार्गों से
जोड़नेवार
जानकारी दें।
क्या इनमें
कुछ सड़के
मरम्मत योग्य
है? सड़कवार
जानकारी दें। (ग) प्रश्नांश
(ख) में
उल्लेखित
सड़कों में से
कितनी सड़को का
मरम्मत कार्य
किया गया है?
सड़कवार
किये कार्य
एवं व्यय राशि
सहित विवरण
वर्षवार दें। (घ) क्या
भितरवार
विधानसभा
क्षेत्र की
सड़कों के डामरीकरण,
पुल-पुलिया
निर्माण
मरम्मत के
प्रस्ताव विभाग
को प्राप्त
हुए है? यदि हां
तो कौन-कौन से?
प्रस्ताव
अनुसार कार्य
स्वीकृत कर कब
तक प्रारम्भ
किये जायेगे?
यदि
नहीं, तो क्यों?
लोक
निर्माण
मंत्री ( श्री
राकेश सिंह ) :
(क)
जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-'अ-1' एवं 1 अनुसार है। (ख) एवं (ग)
जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-अ
अनुसार है। (घ)
जानकारी पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-ब
अनुसार है।
राशि
का भुगतान
[पिछड़ा
वर्ग एवं
अल्पसंख्यक
कल्याण]
92. ( क्र. 3058 ) श्री
मोहन सिंह
राठौर : क्या
राज्यमंत्री,
पिछड़ा
वर्ग एवं
अल्पसंख्यक
कल्याण
महोदया यह
बताने की कृपा
करेंगी कि
(क) प्रदेश
में पिछड़ा
वर्ग एवं
अल्पसंख्यक
कल्याण की
कौन-कौन सी
योजनाएं
संचालित की जा
रही है? योजनाओं
की जानकारी
एवं योजनाओं
का लाभ कैसे लिया
जा सकता है?
नियम
एवं
निर्देशों की
प्रति उपलब्ध
कराये। (ख) ग्वालियर
जिला को प्रश्नांश
(क) योजनाओं
में वर्ष 2024-25 एवं 2025-26 में
कितनी-कितनी
राशि उपलब्ध
कराई गई एवं
कितनी-कितनी
व्यय की गई?
योजनावार,
प्रश्न
दिनांक तक की
जानकारी दें। (ग) कौन-कौन
सी
छात्रवृत्तियां
विभाग द्वारा
दी जा रही है?
छात्रवृत्तिवार,
लाभान्वित
विद्यार्थियों
की संख्यावार,
व्यय
राशिवार
जानकारी दें। (घ) क्या
पिछड़ा वर्ग के
विद्यार्थियों
के लिए निजी
संस्थाओं
द्वारा कोचिंग
दी जा रही है?
यदि
हाँ, तो कौन-कौन
सी संस्थाओं
द्वारा, कितने-कितने
विद्यार्थियों
को किस-किस
परीक्षा की
तैयारी कराई
गई है? प्रश्नांकित
एवं वर्षों
में
कितनी-कितनी
राशि का भुगतान
किया गया है?
संख्यावार
जानकारी दें।
राज्यमंत्री,
पिछड़ा
वर्ग एवं
अल्पसंख्यक
कल्याण (
श्रीमती
कृष्णा गौर ) :
(क) प्रदेश
में पिछड़ा
वर्ग एवं अल्पसंख्यक
कल्याण
विभाग
अंतर्गत
संचालित
योजनाओं की जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट-अ के
प्रपत्र एक
अनुसार है। योजनाओं
से संबंधित
नियम एवं
निर्देशों की जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट-अ के
प्रपत्र-दो
अनुसार है। (ख) पिछड़ा
वर्ग एवं अल्पसंख्यक
कल्याण
विभाग जिला ग्वालियर
द्वारा
संचालित
योजना की जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट-ब
अनुसार है। (ग) विभाग
द्वारा दी जा
रही
छात्रवृत्तियों
की जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट-स
अनुसार है। (घ) जी
नहीं। शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
स्वीकृति
गौशाला भवनों
की जानकारी
[पशुपालन
एवं डेयरी]
93. ( क्र. 3063 ) श्री
कैलाश
कुशवाहा : क्या
राज्य
मंत्री, पशुपालन
एवं डेयरी
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) शिवपुरी
जिले में वर्ष
2022 से
वर्तमान तक,
बकरी
पालन, भैंस पालन,
गाय
पालन, डेयरी
यूनिट, पशु शेड
निर्माण आदि
कौन-कौन सी
योजनाएं संचालित
थी? उक्त
योजनाओं के
अंतर्गत
वर्षवार
कौन-कौन, कहां-कहां
के एवं किस
वर्ग के
लाभार्थियों
को लाभान्वित
किया गया?
(ख) उक्त
योजनाओं में
वर्णित अवधि
में कितने आवेदन
प्राप्त हुए,
कितने
स्वीकृत हुए
एवं कितने
निरस्त किये
गये प्रकरणों
का विवरण तथा
निरस्त
आवेदनों में त्रुटि
सुधार कर पुनः
स्वीकृति
देने पर विभाग
की नीति/नियम
की जानकारी
दें? (ग) विधानसभा
पोहरी
क्षेत्र में
वर्गवार (SC/ST/OBC/GEN)
कितने
आवेदन
प्राप्त हुए,
कितने
स्वीकृत हुए?
कितने
निरस्त हुए व
कितने
आवेदकों को ऋण
सुविधा
उपलब्ध करायी
गई? उक्त सभी
की सूची
संलग्न कर
जानकारी दें। (घ) शिवपुरी
जिले में जून 2025 की
स्थिति में
गौशालाएं
कहां-कहां पर
संचालित हैं,
कितने
गौशाला भवन
कार्यरत है एवं
कितने
निर्माणाधीन
है, कितने
गौशाला भवन
स्वीकृत है
तथा कितने
गौशाला भवन
स्वीकृति
हेतु लंबित है?
(ङ)
शिवपुरी जिले
में संचालित
गौशालाओं में
पशुओं की
संख्या
कितनी-कितनी
है? गौशालावार
तथा शिवपुरी
जिले की सीमा
में जो गौवंश
सड़क पर बैठा
रहता है उनकी
सड़क दुर्घटना
में मृत्यु हो
जाती है क्या
ऐसे गौवंशों
को पड़ोस की
गौशाला में
शिफ्ट किये
जाने की
व्यवस्था की
जायेगी, यदि हाँ, तो कब तक?
राज्य
मंत्री, पशुपालन
एवं डेयरी (
श्री लखन पटैल
) : (क) वर्तमान
में जिले में
बैंक ऋण एवं
अनुदान पर
बकरी इकाई (10+1)
प्रदाय
योजना, आचार्य
विद्यासागर
गौसंवर्धन
योजना, मुख्यमंत्री
दुधारू पशु
प्रदाय योजना,
समुन्नत
(मुर्रा पाड़ा
प्रदाय) योजना,
नंदीशाला
योजना, डॉ.
भीमराव अम्बेडकर
कामधेनु
योजना (नवीन),
मुख्यमंत्री
डेयरी प्लस
योजना (नवीन),
संचालित
है। जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट ''क'' अनुसार है। (ख)
जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट ''ख'' अनुसार है।
प्राप्त
आवेदन बैंक
द्वारा स्वीकृत
किए जाते है
एवं सिविल
खराब होने एवं
अन्य कारणों
से बैंक
द्वारा स्वीकृत
नहीं किए जाते
है। निरस्त
आवेदनों की
संख्या
निरंक है। (ग)
जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट ''ग'' अनुसार है। (घ) वर्तमान
में जिले में 87
गौशालाएं
संचालित है
जिसमें 74 शासकीय
एवं 13 अशासकीय
गौशालाएं
सम्मिलित है।
मनरेगा योजनांतर्गत
जिले में कुल 158 गौशाला
भवन स्वीकृत
है जिनमें से 09 गौशाला
भवन
निर्माणाधीन
है। कोई
गौशाला भवन स्वीकृति
हेतु शेष
नहीं। जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट ''घ'' अनुसार। (ड.) जिले
में संचालित
गौशालाओं में
कुल 10601 गौवंश
आश्रित है। जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट ''ड'' अनुसार है।
शिवपुरी जिले
की सीमा में
जो गौवंश सड़क
पर बैठा रहता
है उनको समीप
की गौशालाओं
में शिफ्ट
करने का कार्य
एवं दुर्घटना
में मृत गौवंश
के निष्पादन
का कार्य
संबंधित नगर
पालिका, नगर
परिषद, नगर
पंचायत तथा
ग्राम पंचायत
द्वारा किया
जाता है।
विभाग द्वारा
दुर्घटनाग्रस्त
एवं घायल
गौवंश को समुचित
उपचार की
सेवायें दी जा
रही है।
छात्रावास
का निर्माण
[पिछड़ा
वर्ग एवं
अल्पसंख्यक
कल्याण]
94. ( क्र. 3064 ) श्री
कैलाश
कुशवाहा : क्या
राज्यमंत्री,
पिछड़ा
वर्ग एवं
अल्पसंख्यक
कल्याण
महोदया यह
बताने की कृपा
करेंगी कि
(क) शिवपुरी
जिले में
पिछड़ा वर्ग
एवं अल्पसंख्यक
कल्याण विभाग
की कौन-कौन सी
योजनाएं संचालित
है? संचालित
योजनाओं के
अंतर्गत
विधानसभा
क्षेत्र
पोहरी एवं
शिवपुरी के
अंतर्गत वर्ष 2021-22 से वर्ष 2024-25 तक, किन-किन
संस्थाओं एवं
व्यक्तियों
को, कितना-कितना
भुगतान
किस-किस
उद्देश्य से
कब-कब किया
गया? संचालित
योजनाओं की
प्रति संलग्न
कर जानकारी
दें। (ख) प्रश्नाधीन
वर्णित
योजनाओं के
अंतर्गत
विधानसभा क्षेत्र
पोहरी एवं
शिवपुरी में
क्या-क्या कार्य,
कितनी-कितनी
राशि के
कहां-कहां पर
उक्त अवधि में
कराये गये?
उक्त-
कार्यों की
वर्तमान
स्थिति क्या
है? (ग) भारत सरकार
द्वारा
पिछड़ा वर्ग
को 27 प्रतिशत
आरक्षण
शासकीय
सेवाओं में
दिया जा रहा
है
मध्यप्रदेश
सरकार द्वारा
शासकीय सेवाओं
में वर्तमान
में 14 प्रतिशत
आरक्षण को
बढ़ाकर
केन्द्र के
समान 27 प्रतिशत
आरक्षण देने
पर क्या विचार
करेगी? यदि हाँ,
तो
कब तक जानकारी
दें। (घ) क्या
पोहरी
विधानसभा
क्षेत्र
अंतर्गत
पिछड़ा वर्ग
के
विद्यार्थियों
के शिक्षण
हेतु छात्रावास
निर्माण हेतु
प्रस्ताव
विचाराधीन है
यदि हाँ, तो उक्त
प्रस्ताव कब
तक स्वीकृत
किया जायेगा?
यदि
नहीं, तो क्या
विभाग नया
प्रस्ताव
प्रेषित किये
जाने हेतु
संबंधित को
निर्देशित
करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
यदि
नहीं, तो क्यों?
राज्यमंत्री,
पिछड़ा
वर्ग एवं
अल्पसंख्यक
कल्याण (
श्रीमती
कृष्णा गौर ) :
(क) पिछड़ा
वर्ग तथा अल्पसंख्यक
कल्याण
विभाग द्वारा
संचालित
योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट
अनुसार है। (ख) पिछड़ा
वर्ग तथा अल्पसंख्यक
कल्याण
विभाग
शिवपुरी में
प्रश्नावधि 2021-22 से 2024-25 तक की
जानकारी
निरंक है। (ग) जी हां।
सामान्य
प्रशासन
विभाग की
अधिसूचना
दिनांक 14.08.2019 द्वारा
पिछड़े वर्ग
को आरक्षण 14
प्रतिशत से
बढ़ाकर 27
प्रतिशत स्थापित
किया गया है। (घ)
जिला स्तर
पर छात्रावास
निर्माण की
योजना
संचालित है।
विधानसभा
क्षेत्र
अंतर्गत
पिछड़ा वर्ग के
विद्यार्थियों
के शिक्षण
हेतु
छात्रावास निर्माण
की कोई योजना
संचालित नहीं
है। शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
विद्युत
व्यवस्था
से जुड़ी समस्याओं
का निराकरण
[ऊर्जा]
95. ( क्र. 3067 ) श्री
दिनेश राय
मुनमुन : क्या
ऊर्जा मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) सिवनी
विधानसभा
क्षेत्र के
कितने शासकीय
अस्पतालों,
शासकीय
विद्यालयों,
शासकीय
महाविद्यालयों,
आंगनवाड़ी
केन्द्र,
पंचायत
भवनों, शासकीय
मंदिरों एवं
अन्य शासकीय
भवनों के
परिसर/समीप
विद्युत
ट्रांसफार्मर/विद्युत
लाईन/विद्युत
पोल पूर्व से स्थापित
हैं? (ख) क्या
अनेक शासकीय
भवनों के
परिसर/ समीप
ट्रांसफार्मर/विद्युत
लाईन/विद्युत
पोल होने से
अनेक स्थानों
पर
जनहानि/अप्रिय
घटना हुई है?
अन्य
शासकीय
विभागों के
पास उक्त
शिफ्टिंग
कार्य हेतु
बजट नहीं होने
के चलते उक्त
विभाग कार्य
करने में
असमर्थ रहता
है? क्या
विद्युत
विभाग कार्य
योजना बनाकर
चिन्हित स्थानों
पर लगे जनहानि
को देखते हुये
उन्हें अन्यंत्र
स्थान पर
शिफ्टिंग
किये जाने की
व्यवस्था
करेगा? यदि हां,
तो
कब तक? (ग) सिवनी
विधानसभा
क्षेत्र
अंतर्गत
कितने ट्रांसफार्मर
ओवरलोड है एवं
क्षमतावृद्धि
की जाना है
एवं कितने
क्षेत्र में
एलटी लाईन एवं
अन्य लाईन के
तार पोल जो
खराब हो चुके
है जिसे बदला
जाना है? स्थानवार
सूची उपलब्ध
करायें।
विभाग द्वारा
इन्हें कब तक
दुरूस्त
किया जावेगा?
ऊर्जा
मंत्री ( श्री
प्रद्युम्न
सिंह तोमर ) :
(क) म.प्र.
पूर्व
क्षेत्र
विद्युत
वितरण कंपनी
अंतर्गत
सिवनी
विधानसभा
क्षेत्र में
विभिन्न
भवनों
यथा-शासकीय
अस्पतालों,
शासकीय
विद्यालयों/महाविद्यालयों,
आंगनवाड़ी
केन्द्रों,
पंचायत
भवनों, शासकीय
मंदिरों एवं
अन्य शासकीय
भवनों के परिसर/समीप
34 स्थानों
पर विद्युत
अधोसंरचना
(विद्युत
वितरण ट्रांसफार्मर/विद्युत
लाईन/विद्युत
पोल) पूर्व से
स्थापित हैं। (ख) जी
नहीं। उत्तरांश
(क) के
सन्दर्भ में
शासकीय भवनों
के समीप
विद्युत अधोसंरचना
से
जनहानि/अप्रिय
घटना घटित
होने से संबंधित
कोई भी प्रकरण
म.प्र. पूर्व
क्षेत्र विद्युत
वितरण कंपनी
के संज्ञान
में नहीं आया
है। म.प्र.
पूर्व
क्षेत्र
विद्युत
वितरण कंपनी
के क्षेत्रांतर्गत
विद्युत
अधोसंरचना
(वितरण ट्रांसफार्मर,
विद्युत
लाईन, विद्युत
पोल) की स्थापना
करते समय
निर्धारित
सुरक्षा
मानकों का
पूर्ण रूप से
ध्यान रखा
जाता है।
पूर्व से
विद्यमान
विद्युत अधोसंरचना
के नीचे/निकट
कालांतर में
अनाधिकृत तौर
पर भवनों का
निर्माण/विस्तार
किया जाना,
केन्द्रीय
विद्युत
प्राधिकरण,
विद्युत
मंत्रालय,
भारत
सरकार द्वारा
अधिसूचित
केन्द्रीय
विद्युत
प्राधिकरण
(सुरक्षा तथा
विद्युत
आपूर्ति संबधी
उपाय) विनियम-2010 एवं तत्पश्चात
संशोधित किये
गए विनियम के
अन्तर्गत
निहित
प्रावधानों
का उल्लंघन
है। विद्युत
अधिनियम, 2003 की धारा 177 द्वारा
प्रदत्त
शक्तियों का
प्रयोग करते
हुए केन्द्रीय
विद्युत
प्राधिकरण,
विद्युत
मंत्रालय,
भारत
सरकार द्वारा
विद्युत
आपूर्ति और
सुरक्षा से
संबंधित उपाय
के लिये
विनियम
दिनांक 20.09.2010 को
अधिसूचित एवं
तत्पश्चात
संशोधित किये
गये हैं, जिनके
अनुसार
विद्युत
अधोसंरचना से
असुरक्षित
दूरी पर
निर्माण करना
अवैधानिक है।
उक्तानुसार
अवैधानिक
निर्माण के
लिये संबंधितों
को समय-समय पर
विद्युत
अधोसंरचना से
सुरक्षित
दूरी रखने
हेतु सूचित
किया जाता है।
विद्युत
अधोसंरचना
में फेरबदल की
आवश्यकता
होने तथा
तकनीकी रूप से
विस्थापन
साध्य पाए
जाने एवं
मार्ग के
अधिकार (आर.ओ.डब्ल्यू.)
की आवश्यकता
पूरी होने की
स्थिति में
फेरबदल की
आपूर्तिकर्ता
द्वारा आंकी
गई लागत की
राशि आवेदक/अन्य
संबंधित संस्थाओं
(शासकीय अस्पतालों/विद्यायलों/
महाविद्यालयों/आंगनवाड़ी
केन्द्रों/पंचायत
भवनों एवं अन्य
संस्थाओं)
द्वारा जमा
करने पर अथवा
आवेदक द्वारा
विद्युत
अधोसंरचना
विस्थापित
करने हेतु स्वीकृत
प्राक्कलन
की 5 प्रतिशत
राशि
सुपरविजन
चार्ज के रूप
में वितरण
कंपनी में जमा
करते हुए स्वयं
'अ'
श्रेणी
के ठेकेदार से,
विद्युत
अधोसंरचना के
विस्थापन
हेतु
कार्यवाही की
जा सकती है।
उपरोक्तानुसार
औपचारिकताएँ
पूर्ण करने पर
विद्युत
अधोसंरचना के
विस्थापन की
कार्यवाही
भारत सरकार
द्वारा अधिसूचित
विनियमों के
अनुरूप
म.प्र.पूर्व
क्षेत्र विद्युत
वितरण कंपनी
द्वारा की
जाती है। (ग) सिवनी
विधानसभा
क्षेत्रान्तर्गत
53
ओवरलोड वितरण
ट्रांसफार्मरों
को चिन्हित किया
गया है, जिनकी
वितरण केन्द्रवार,
स्थानवार
एवं
क्षमतावार जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट
अनुसार है।
उक्त वितरण
ट्रांसफार्मरों
की
क्षमतावृद्धि
का कार्य,
कार्ययोजना
वित्तीय
वर्ष 2025-26 के तहत
सम्मिलित
किया गया है।
उक्त कार्य
वित्तीय
वर्ष 2025-26 में पूर्ण
किया जाना
संभावित है।
वर्तमान में
प्रश्नाधीन
क्षेत्र में
एल.टी. लाईन
एवं अन्य
लाईनों के
तार/पोल खराब
होने की संख्या
निरंक है। अत:
शेष प्रश्न
नहीं उठता है।
टोल
दरों की
विसंगतियां
[लोक
निर्माण]
96. ( क्र. 3068 ) श्री
दिनेश राय
मुनमुन : क्या
लोक निर्माण
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) जबलपुर
संभाग की
किस-किस रोड
के कितने
किलोमीटर के
लिये किस-किस
स्थान पर
किसके द्वारा
टोल बनाया
जाकर किस दर
से किस प्रकार
के वाहन से
टोल वसूली
वर्तमान में की
जा रही है? इस टोल
वसूली का
अनुबंध किस
दिनांक से किस
दिनांक तक के
लिये किससे
कैसे किया गया
है? (ख) टोल स्थल
के कितने
कि.मी. के
दायरे में आने
वाले निवासियों
के वाहनों से
किस दर से टोल
की वसूली किये
जाने के क्या-क्या
प्रावधान हैं?
इस
प्रावधानों
के अनुसार टोल
पर वाहनों का
पंजीयन
करवाये जाने
की क्या-क्या
प्रक्रिया
निर्धारित कर
क्या व्यवस्था
की गई है? प्रति
सहित बतावें। (ग) जबलपुर
सिवनी मार्ग
के अंतर्गत 20 कि.मी.
दायरे में आने
वाले ग्रामीणों
के कितने
वाहनों पर टोल
पर पंजीयन कर
उनसे किस दर
से वर्तमान
में वसूली की
जा रही है?
20
कि.मी. के
दायरे आने
वाले
निवासियों के
वाहनों को टोल
की छूट नहीं
दिये जाने का
क्या कारण है?
लोक
निर्माण
मंत्री ( श्री
राकेश सिंह ) :
(क) भारतीय
राष्ट्रीय
राजमार्ग
प्राधिकरण से
संबंधित है,
जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट-'1'
एवं 'अ' अनुसार
है। (ख) एवं (ग) भारतीय
राष्ट्रीय
राजमार्ग
प्राधिकरण से
संबंधित है, जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट-'1'
अनुसार
है।
निर्माण
कार्यों की
जांच
[ऊर्जा]
97. ( क्र. 3070 ) श्री
उमाकांत
शर्मा : क्या
ऊर्जा मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश
में विभाग की
कौन-कौन सी
योजनाएं संचालित
हैं? योजना का
नाम सहित
विस्तृत
विवरण उपलब्ध
करावें। (ख)
प्रश्नांश
(क) के संदर्भ
में 1 अप्रैल, 2020 से
प्रश्नांकित
अवधि तक
कौन-कौन सी
योजनाओं के
तहत कौन-कौन
से कार्य,
किस-किस
मद में, कितनी-कितनी
लागत, कौन-कौन सी
मद, किस-किस
श्रेणी के
कार्य
स्वीकृत किए
गए? श्रेणीवार,
कार्य
का नाम, प्रशासकीय
स्वीकृति,
तकनीकी
स्वीकृति,
लागत
राशि, निविदा
प्रक्रिया,
कार्य
एजेन्सी, कार्यादेश
सहित जानकारी
उपलब्ध
करावें। (ग) प्रश्नांश
(क) एवं (ख) के
सदर्भ में
विद्युतीकरण,
लाइन
विस्तार, उप
केन्द्र
निर्माण, टॉवर
निर्माण, पोल
स्थापना, स्मार्ट
मीटरिंग आदि
कौन-कौन से
कार्य स्वीकृत
हैं? कितने
कार्य
प्रारंभ हो गए
हैं? कितने
अप्रारंभ हैं?
कितने
अपूर्ण हैं?
अपूर्ण
तथा अप्रारंभ
के क्या कारण
हैं? कारण सहित
जिलेवार
जानकारी
उपलब्ध
करावें। (घ) प्रश्नांश
(क) एवं (ख) के
संदर्भ में
उपरोक्त
निर्माण
कार्यों की जांच,
निरीक्षण,
मूल्यांकन
हेतु किन-किन
अधिकारियों
ने कब-कब निरीक्षण
किया? अधिकारी का
नाम, निरीक्षण
दिनांक
जिलेवार जानकारी
उपलब्ध
करावें तथा
निरीक्षण के
दौरान क्या-क्या
कमियां पाई गई
तथा कौन-कौन
अधिकारी/कर्मचारियों
पर कार्यवाही
की गई? (ङ) प्रश्नांश
(क) एवं (ख) के
संदर्भ में
विदिशा जिले
में में
गुणवत्तविहीन
निर्माण
कार्य, गुणवत्ताविहीन
सामग्री क्रय
करने में तथा
कार्यों में
लापरवाही तथा
अनियमितता
कितनी
शिकायतें प्राप्त
हुई? उन पर क्या
कार्यवाही की
गई? कितनी-कितनी
जांचें, किन-किन
अधिकारियों
द्वारा की गई?
कौन-कौन
दोषी पाए गए?
जांच
प्रतिवेदन
उपलब्ध
करावें तथा
लंबित जांचों
को पूर्ण कब
तक कर लिया
जावेगा? (च) किसान
उपभोक्ताओं
के हित में
कौन-कौन सी
योजनाएं
संचालित हैं?
2003 की
तुलना में
हितग्राहियों
को
कितनी-कितनी राशि
की प्रश्नांकित
अवधि तक
सब्सिडी
प्रदान की गई?
तुलनात्मक,
वृद्धि
दर सहित
योजनावार,
जिलावार
जानकारी
उपलब्ध
करावें।
ऊर्जा
मंत्री ( श्री
प्रद्युम्न
सिंह तोमर ) :
(क) से (च) जानकारी
एकत्रित की जा
रही है।
दोषियों
पर कार्यवाही
[नगरीय
विकास एवं
आवास]
98. ( क्र. 3071 ) श्री
उमाकांत
शर्मा : क्या
नगरीय विकास
एवं आवास
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) 1 अप्रैल, 2020 से
प्रश्नांकित
दिनांक तक
विदिशा जिले
को विभाग
द्वारा
किस-किस मद से
कितनी-कितनी
राशि स्वीकृत
की गई? प्रशासकीय
स्वीकृति,
तकनीकी
स्वीकृति,
लागत,
निविदा
प्रक्रिया,
कार्यादेश निकायवार
उपलब्ध
करावें। (ख) प्रश्नांश
(क) के संदर्भ
में उक्त राशि
से कौन-कौन से
निर्माण
कार्य
स्वीकृत हुए?
मद,
कार्य
का नाम, लागत,
ठेकेदार
का नाम, निविदा
दिनांक, कार्यादेश
दिनांक, मूल्यांकन
दिनांक एवं
मूल्यांकनकर्ता
का नाम, भुगतान
दिनांक, कार्यपूर्णता
दिनांक सहित
जानकारी
देवें तथा यदि
कार्य
समय-सीमा में
पूर्ण नहीं
हुआ तो इसके
लिए कौन दोषी
है एवं
किस-किस कार्य
की राशि विभाग
से प्राप्त
नहीं हुई है?
निकायवार
जानकारी
देवें। (ग) 1 अप्रैल, 2018 से
प्रश्नांकित
दिनांक तक ऐसी
कौन-कौन सी मद
एवं योजनाएं
है, जिसका
क्रियान्वयन
विदिशा जिले
के नगरीय निकायों
ने कार्य
प्रारंभ नहीं
करवाया जिस
कारण राशि
विभाग द्वारा
वापिस ले ली गई
है, निकायवार
जानकारी
उपलब्ध
करावें। इसके
लिए कौन-कौन
से अधिकारी,
कर्मचारी
दोषी हैं एवं
दोषियों पर
क्या कार्यवाही
की गई? (घ) प्रश्नांकित
अवधि तक नगरीय
निकाय के
अध्यक्ष एवं मुख्य
नगरपालिका
अधिकारी को
म.प्र. शासन के
नियमानुसार
कितनी राशि के
बिल स्वीकृत
करने के
अधिकार हैं?
नियम
की छायाप्रति
उपलब्ध
करावें तथा 1 अप्रैल, 2020 से
प्रश्नांकित
अवधि तक कितने
बिल, किस-किस
कार्य के
अध्यक्ष एवं
सीएमओ द्वारा
आहरण किए गए?
निकायवार,
प्रत्येक
बिल की
छायाप्रति
सहित जानकारी
देवें। (ङ)
विदिशा जिले
में नगरीय
निकायों में
गुणवत्ताविहीन
कार्य एवं
अन्य कार्यों
की कौन-कौन सी
शिकायतें
प्राप्त हुई?
उन
पर क्या
कार्यवाही की
गई? कौन-कौन से
अधिकारियों
ने जांच की?
जांच
प्रतिवेदन की
छायाप्रति
देवें। यदि कार्यवाही
नहीं की गई,
तो
इसके लिए दोषी
कौन है? दोषियों
पर कार्यवाही
कब तक की
जावेगी? खरीदी
में
अनियमितता की
कितनी
शिकायतें
प्राप्त हुई?
क्या
कार्यवाही की
गई?
नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री (
श्री कैलाश
विजयवर्गीय ) :
(क) निकायवार
जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट ''अ''अनुसार है।
संबंधित दस्तावेजों
की प्रति पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट ''अ-1'' अनुसार है। (ख)
जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है।
संबंधित दस्तावेजों
की प्रति पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट ''अ-1'' अनुसार है। (ग)
जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट ''ब'' एवं ''स'' अनुसार है। (घ) निकाय
के अध्यक्ष
एवं मुख्य
नगर पालिका अधिकारी
को बिल स्वीकृत
करने के संबंध
में म.प्र.
शासन द्वारा वैष्ठित
वित्तीय स्वीकृति
संबंधी म.प्र.
राजपत्र
(असाधारण)
दिनांक 22 अगस्त, 2023 से
प्रकाशित
नियम अनुसार
है। संबंधित
दस्तावेजों
की प्रति पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट ''द'' अनुसार है। (ड.) विदिशा
जिले की नगर
पालिका परिषद
सिरोंज में
एस.डी.आर.एफ. मद
अंतर्गत
वार्ड
क्रमांक 10 में
नाला निर्माण
कार्य की
शिकायत
प्राप्त हुई
थी। जिसके
संबंध में
संचालनालय,
नगरीय
प्रशासन एवं
विकास, द्वारा
जांच समिति
गठित की गई,
जांच
कार्यवाही
प्रचलन में
है। जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट ''इ'' अनुसार है।
शेषांश का
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है।
नवीन
मार्ग का
निर्माण
[लोक
निर्माण]
99. ( क्र. 3074 ) श्री
निलेश
पुसाराम उईके
: क्या
लोक निर्माण
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
विधानसभा
क्षेत्र
क्रमांक-128,
पांढुर्ना
के
विकासखण्ड-पांढुर्ना
के ग्राम उत्तमडेरा
से डोलनखापा,
ग्राम
नोंनछापर से
छिंदगोह एवं
तहसील मोहखेड़
में ग्राम
डोडिया से
डोडियाढाना,
ग्राम
प्रधान घोघरी
मेन रोड से
निम्बूखेड़ा,
ग्राम
मेंहलारी
वाकुल से
जायदेही व
ग्राम कोहट से
बिजागौरा तक
के नवीन मार्ग
निर्माण करने
हेतु स्थानीय
जनप्रतिनिधियों
व ग्रामीण जनो
द्वारा
शासन/विभाग/
जिला प्रशासन को
कोई
पत्र/ज्ञापन
प्राप्त हुये
हैं? यदि हाँ, तो इस पर
क्या
कार्यवाही की
गई? यदि नहीं, तो कब तक
कि जावेगी?
(ख) क्या
प्रश्नांश
(क) में
वर्णित
ग्रामों के
मध्य के मार्ग
में वर्तमान
वर्षाकाल व
अन्य समय
ग्रामीणजनों/छात्र/छात्राओं
को आवागमन में
भारी परेशानी
का सामना करना
पड़ता हैं?
यदि
हाँ, तो
शासन/विभाग
द्वारा उक्त
परेशानी के
निदान हेतु
क्या
कार्यवाही की
गई? यदि नहीं, तो
क्यों? क्या
उक्त ग्रामों
के मध्य के
मार्गों को
नवीन सी.सी./डामरीकृत
मार्ग बनाने
हेतु
शासन/विभाग
द्वारा
कार्यवाही/राशि
स्वीकृत की
जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
(ग) क्या
प्रदेश के
सिवनी-जिले
में 'बंडोल से
कोहका' मार्ग
निर्माण में
अनियमितता व
निर्माण स्थल
में मजदूरों
को मिलने वाली
सुविधा के
अभाव के संबंध
में दिनांक 21.05.2024 को
प्रमुख
अभियंता
लो.नि.वि.
भोपाल एवं 05.09.2023 को
कार्यपालन
यंत्री
लो.नि.वि.
सम्भाग सिवनी को
मजदूर
संघ-सिवनी से
कोई पत्र
प्राप्त हुआ है?
यदि
हाँ, तो उस पर
क्या
कार्यवाही की
गई? यदि नहीं, तो
क्यों और कब
तक कि जावेगी?
लोक
निर्माण
मंत्री ( श्री
राकेश सिंह ) : (क) जी हां। जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट-अ
अनुसार है। (ख) जी हां।
नवीन
कार्य/मार्ग
स्वीकृत
किये जाने
हेतु विभाग की
बजटीय प्रक्रिया
में शामिल
होना आवश्यक
है।
प्रस्तावित मार्ग
बजट में
सम्मिलित
नहीं है एवं
विभाग की किसी
योजना में
स्वीकृत न होने
के कारण
निर्माण
कार्य की
निश्चित समय-सीमा
बताया जाना
संभव नहीं है।
(ग) जी हां।
विभाग द्वारा
की गई
कार्यवाही जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट-ब
अनुसार है।
मंत्री
बंगलों की
साज-सज्जा पर
व्यय राशि
[लोक
निर्माण]
100. ( क्र. 3079 ) श्री
आतिफ आरिफ
अकील : क्या
लोक निर्माण
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) वर्ष
2021 से 30 जून, 2025 की अवधि
में प्रदेश के
माननीय
मंत्रीगणों
का भोपाल में
आवंटित
शासकीय
आवासों की साज-सज्जा
अतिरिक्त
निर्माण
कार्यों पर
कितनी राशि
व्यय की गई?
कृपया
मंत्रीगणवार
आवास क्रमांक
सहित जानकारी
दें।
(ख) प्रश्नांश
(क) के
परिप्रेक्ष्य
में शासकीय
आवासों पर
अप्रैल 2021 से 30 जून, 2025 की अवधि
में अतिरिक्त
निर्माण
कार्य, साज
सज्जा
कार्यों पर
कितनी राशि
व्यय की गई?
लोक
निर्माण
मंत्री ( श्री
राकेश सिंह ) :
(क) सिविल
कार्य हेतु जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-अ एवं
विद्युत
कार्य हेतु जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-ब
अनुसार है। (ख) शासकीय
आवासों पर
अप्रैल 2021 से 30 जून, 2025 की अवधि
में सिविल
कार्य
अंतर्गत
अतिरिक्त निर्माण
पर रू. 1387.84 लाख एवं
साज-सज्जा पर
रू. 379.92 लाख तथा
विद्युत
कार्य
अंतर्गत
अतिरिक्त निर्माण
पर रू. 127.20 लाख एवं
साज-सज्जा पर
रू. 324.04 लाख का व्यय
किया गया।
नगर
परिषद् में
क्रय वाहनों
का उपयोग
[नगरीय
विकास एवं
आवास]
101. ( क्र. 3080 ) श्री
आतिफ आरिफ
अकील : क्या
नगरीय विकास
एवं आवास
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) भोपाल
संभाग
अंतर्गत नगर
निगम/नगर
पालिका/नगर
परिषद द्वारा
वर्ष जनवरी 2021 से 30 जून, 2025 तक 2 पहिया,
3
पहिया, 4 पहिया,
6
पहिया, 10 पहिया
एवं तीन पहिया
साइकिल
किस-किस योजना
अंतर्गत कब-कब
क्रय किये गए
है? वर्षवार,
योजनावार,
वहां
के
प्रकार/मॉडल
सहित क्रय किए
गए वाहनों की
कुल संख्या
बतावें। (ख) क्या
नगर निगम/नगर
पालिका/नगर
परिषद द्वारा
के क्रय किए
गए वाहनों में
कर नीति अपनाई
जाकर निविदा
प्रक्रिया के
माध्यम से
वाहन क्रय किए
गए हैं? यदि हाँ, तो
निविदा
संबंधित
संपूर्ण
नस्ती उपलब्ध
करावें। (ग) प्रश्नांश
(क) के
परिप्रेक्ष्य
में क्रय किये
गए प्रश्न
दिनांक की
स्थिति में नगर
निगम/नगर
पालिका/नगर
परिषद में
किस-किस प्रयोजन/कार्य
हेतु उपयोग
किया जा रहा
है? क्षेत्रवार,
जोनवार,
वार्डवार,
कार्यनुसार
पृथक-पृथक
सूची उपलब्ध
करावें।
नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री (
श्री कैलाश
विजयवर्गीय ) :
(क)
जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट-अ
अनुसार है। (ख) जी हां। जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट-ब
अनुसार है। (ग)
जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट-अ
एवं 'स' अनुसार है।
क्रय
सामग्री की
गुणवत्ता
[नगरीय
विकास एवं
आवास]
102. ( क्र. 3081 ) श्री
राजन मण्डलोई
: क्या
नगरीय विकास
एवं आवास
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) वर्ष
2022-23
से प्रश्न
दिनांक तक
नगरपालिका
परिषद, बड़वानी
में क्या-क्या
निर्माण
कार्य हुए हैं?
उन
निर्माण
कार्यों के
प्रशासकीय/वित्तीय
स्वीकृति,
उपलब्ध
करायें। (ख) निर्माण
कार्य की
गुणवत्ता की जांच/निरीक्षण
के प्रतिवेदन
उपलब्ध
करायें। (ग) निर्माण
कार्य एवं
क्रय सामग्री
की गुणवत्ता
की
जांच/निरीक्षण
के प्रतिवेदन
उपलब्ध करायें।
नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री (
श्री कैलाश
विजयवर्गीय ) :
(क)
जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट-'अ' अनुसार है।
प्रशासकीय/वित्तीय
स्वीकृति पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट-'ब' अनुसार है। (ख) एवं (ग)
जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट-'स' अनुसार है।
ठेकेदार
फर्म की
जानकारी
[नगरीय
विकास एवं
आवास]
103. ( क्र. 3083 ) श्री
राजन मण्डलोई
: क्या
नगरीय विकास
एवं आवास
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) वर्ष 2020-21 से
प्रश्न
दिनांक तक
नगरपालिका,
बड़वानी
में
आपूर्तिकर्ता
फर्म श्रीनाथ
इंडस्ट्रीज
तथा तिरुपति
इंडस्ट्रीज
को कितने कार्यादेश
हुए तथा कितना
भुगतान किया
गया है? (ख) वर्ष 2020-21 से
प्रश्न
दिनांक तक
नगरपालिका
बड़वानी में आपूर्तिकर्ता
फर्म श्रीनाथ
इंडस्ट्रीज
तथा तिरुपति
इंडस्ट्रीज
को दिए गए
किन-किन निविदाओं
के विरुद्ध
कार्यादेश
प्राप्त हुए,
अनुबंध
पत्र, नगरपालिका
द्वारा दोनों
फर्म को दिए
कार्यादेश
बतावें। (ग) वर्ष 2020-21 से
प्रश्न
दिनांक तक
नगरपालिका,
बड़वानी
में फर्म डिवाईन
वेस्ट
मैनेजमेंट
सर्विस को
कितने कार्यादेश
हुए तथा कितना
भुगतान किया
गया है? (घ) वर्ष 2020-21 से
प्रश्न
दिनांक तक
नगरपालिका,
बड़वानी
में डिवाईन
वेस्ट
मैनेजमेंट
सर्विस को
किन-किन निविदाओं
के विरुद्ध
कार्यादेश
प्राप्त हुए,
ठेकेदार
फर्म द्वारा
प्रत्येक निविदा
हेतु जमा किये
सम्पूर्ण
जानकारी देवें।
नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री (
श्री कैलाश
विजयवर्गीय ) :
(क) वर्ष 2020-21 से
प्रश्न
दिनांक तक नगर
पालिका, बड़वानी
में
आपूर्तिकर्ता
फर्म श्रीनाथ
इण्डस्ट्रीज
तथा तिरूपति
इंडस्ट्रीज
को कुल 101
कार्यादेश
एवं कुल राशि
रूपये 2,67,71,124/- का
भुगतान किया
गया है। (ख)
जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ग) वर्ष
2020-21
से प्रश्न
दिनांक तक नगर
पालिका, बड़वानी
में फर्म
डिवाईन वेस्ट
मैनेजमेंट
सर्विस को कुल
04
कार्यादेश
एवं कुल राशि
रूपये 1,74,93,000/- का भुगतान
किया गया है। (घ)
जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट 'ब' अनुसार है।
नगर
पालिक द्वारा
की गई
कार्यवाहीयां
[नगरीय
विकास एवं
आवास]
104. ( क्र. 3086 ) श्री
प्रताप
ग्रेवाल : क्या
नगरीय विकास
एवं आवास
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) नगर
निगम, रतलाम
द्वारा
अधिनियम की
धाराओं के
विपरीत बाजार
बैठक वसूली का
प्रस्ताव एवं
बजट पुस्तिका
में 104 मदों में
भ्रामक
आंकड़े देने
की पूर्व
विधायक पारस
सकलेचा की
शिकायत पर
संभागीय
संयुक्त संचालक,
उज्जैन
द्वारा
प्रकरण में
विवेचना कर
भेजे गये
प्रतिवेदन की
प्रति देवें। (ख) संपत्ति
कर के संदर्भ
में आयुक्त,
नगर
निगम, रतलाम को
दिए गए ज्ञापन
दिनांक 7.3.2025 तथा
पूर्व विधायक
पारस सकलेचा
का पत्र क्रमांक
217
दिनांक 27/3/2025 के
दिये गये
उत्तर की
प्रति दें। (ग) पूर्व
विधायक पारस
सकलेचा
द्वारा
प्रमुख सचिव,
नगरीय
विकास, भोपाल को
भेजे (स्पीड
पोस्ट
आर्टिकल EI
439072931
डिलीवर्ड ऑन 22/4/2025)
पत्र
क्रमांक 243 दिनांक 17/4/2025 के
दिये गये
उत्तर की
प्रति देवें। (घ) राजपत्र
क्रमांक 46 दिनांक 13/11/2020 के नियम 15 के
अनुसार क्या
नगर पालिका
अधिनियम 1956 की
धाराएं 143, 145, 146, 147 तथा 148
विलोपित हो गई
हैं? (ड.) प्रमुख
सचिव, आयुक्त,
नगरीय
प्रशासन
भोपाल तथा
आयुक्त, नगर
निगम रतलाम को
संपत्ति कर
वसूली को लेकर
दिनांक 2/6/2025 को
पंजीकृत डाक
से भेजा गया
लीगल नोटिस जो
आयुक्त रतलाम
को 6/6/2025 को प्राप्त
हो गया, उस पर की
गई कार्यवाही
से अवगत करावें।
नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री (
श्री कैलाश
विजयवर्गीय ) :
(क) प्रतिवेदन
की प्रति पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट-अ
अनुसार है। (ख)
जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट-ब
अनुसार है। (ग)
जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट-स
अनुसार है। (घ) जी
नहीं।
मध्यप्रदेश नगर
पालिक निगम
अधिनियम की
धारा 143,145,146,147 एवं 148 म.प्र.
राजपत्र
(असाधारण) में
प्रकाशित
अधिसूचना
क्रमांक 192 दिनांक 03.04.2021 से
विलोपित किया
गया है।
अधिसूचना की प्रति पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट-द
अनुसार है। (ड.) लीगल
नोटिस पर नगर
पालिक निगम
रतलाम में
कार्यवाही
प्रकियाधीन
है।
नल
कनेक्शन एवं
गंदे पानी की
समस्या
[नगरीय
विकास एवं
आवास]
105. ( क्र. 3088 ) श्री
प्रताप
ग्रेवाल : क्या
नगरीय विकास
एवं आवास
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) रतलाम
नगर निगम में 1 जनवरी, 2025 को
प्रत्येक
वार्ड में कितने
मकान में नल
कनेक्शन है
तथा कितने में
नहीं है? (ख) राष्ट्रीय
हरित
न्यायाधिकरण
द्वारा रतलाम के
मोहल्लों में
अशुद्ध जल के
वितरण पर
पार्षद सलीम
मोहम्मद
बागवान की
पिटीशन में
आदेश अनुसार
अमृत मिशन दो
में गंदे पानी
की समस्या
वाले किस-किस
मोहल्ले की
पाइप लाइन को
बदल दिया है,
उन
मोहल्ले में
नलों में गंदा
पानी आना बंद
हुआ या नहीं
तथा पानी का
टेस्ट किस-किस
दिनांक को कराया
गया? उसकी
रिपोर्ट दें। (ग) रतलाम नगर
निगम सीमा में
कई मोहल्लों
में गंदा पानी
के समाचार
जनवरी से 10 जुलाई, 2025 तक
समाचार पत्र
पत्रिका, भास्कर,
नई
दुनिया में
किस-किस
दिनांक को
प्रकाशित हुए? समाचार
की प्रति
देवें तथा
बतावें कि
समाचार के बाद
उन मोहल्लों
में क्या
कार्यवाही की
गई? (घ) नगर निगम
रतलाम द्वारा
जनवरी से जून 2025 तक
वितरित जल में
भौतिक, रासायनिक,
जैविक
और जीवाणु
संबंधी
मापदंडों की
परीक्षण की
रिपोर्ट
देवें। इन
चारों
मापदंडों का परीक्षण
करने के लिए
प्रयोगशाला
में कौन-कौन से
उपकरण है? वे
किस-किस
दिनांक को
खरीदें गए थे?
उनके
बिलों की
प्रति देवें।
(ड.) पार्षद
सलीम मोहम्मद
बागवान
द्वारा जून
तथा जुलाई 2025 में चार
मोहल्लों में
वितरित पानी
का जिला पानी
परीक्षण
प्रयोगशाला (DWTL)
में
परीक्षण
करवाया गया?
प्रयोगशाला
से उन चारों
रिपोर्ट को
प्राप्त कर
उसके परिणाम
से अवगत
करावें।
नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री (
श्री कैलाश
विजयवर्गीय ) : (क) रतलाम
नगर निगम में
नल कनेक्शन
की जानकारी
वार्डवार
संधारित नहीं
है। 01 जनवरी, 2025 तक 49
वार्डों में
कुल 48775 नल कनेक्शन
हैं। कितने
मकानों में
कनेक्शन नहीं
हैं, की जानकारी
निगम रिकॉर्ड
में दर्ज नहीं
की जाती है। (ख) पार्षद
सलीम मोहम्मद
बागवान की
पिटीशन के संदर्भ
में गंदे पानी
की समस्या के
संबंध में
अमृत 2.0 जलप्रदाय योजना
के अंतर्गत
मोहल्लों में
डाली गयी नवीन
पाइप लाइन की जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट-अ अनुसार है।
नवीन पाइप
लाइन डालने के
पश्चात इन
मोहल्लों में
पानी की
गुणवत्ता में
सुधार हुआ एवं
गंदे पानी की
शिकायतें भी
विलोपित हुई
हैं। नगर निगम
रतलाम द्वारा
नियमित रूप से
वितरित जल की
जनवरी से जून 2025 तक की
टेस्ट
रिपोर्ट पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट-ब अनुसार है।
अमृत मित्रों
द्वारा
वार्डवार
किये जा रहे
सैम्पल
टेस्टिंग की जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट-स अनुसार है। (ग) नगर
निगम रतलाम के
पास उपलब्ध
समाचार
पत्रों की
प्रति पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट-द
अनुसार है।
समाचार
पत्रों में
प्रकाशित
गंदे पानी की
समस्या के
निराकरण के
लिये अमृत 2.0 योजना
में नई पाइप
लाइन बिछायी
गयी एवं जगह-जगह
ट्रायल पिट
खोदकर गंदे
पानी के रिसाव
को जलप्रदाय
की लाइन में
मिलने से रोका
गया है। जिन
मोहल्लों
में सीवरेज
लाइन डाली गयी,
वहां
पर सीवरेज
चैम्बरों की
सफाई करवायी
गयी। पुराने
एवं क्षतिग्रस्त
घरेलू नल
कनेक्शन जो
ड्रेनेज लाइन
के नजदीक थे,
उन्हे
ट्रेस करके
विच्छेद किया
गया है। (घ) नगर
निगम रतलाम
द्वारा जल
गुणवत्त्ता
से संबंधित
रिपोर्ट का
विवरण उत्तरांश
(ख)
में दिया गया
है।
परीक्षणों से
भौतिक, रासायनिक,
जैविक
और जीवाणु
संबंधी
मापदंडों की
परीक्षण हेतु
टर्बिडिटीमीटर,
पी.एच.
मीटर, इनक्युबेटर,
आटोक्लेव,
लेमीनेर
एयरफ्लो, हाटप्लेट,
कंडक्टिविटी
मीटर उपलब्ध
हैं। इन
उपकरणों की
खरीदी
ई-निविदा के
माध्यम से की
गई है, जिसका
विवरण
मेजरमेंट बुक
में दिनांक 18.09.2023 एवं 03.11.2023 में
दर्ज है।
मेजरमेंट बुक
की प्रति पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट-इ
अनुसार है। (ड.) उक्त
टेस्ट
रिपोर्ट नगर
निगम रतलाम के
रिकार्ड में
उपलब्ध नहीं
हैं।
सिविल
हॉस्पिटल का
निर्माण
[लोक
निर्माण]
106. ( क्र. 3091 ) डॉ.
तेजबहादुर
सिंह चौहान : क्या
लोक निर्माण
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) नागदा
नगर में PIU के
माध्यम से
वर्तमान में
निर्माणाधीन
सिविल
हॉस्पिटल के
निर्माण को
पूर्ण करने की
समय-सीमा कब
तक की है? (ख) क्या
निर्धारित
समय-सीमा में
निर्माण
कार्य पूरा कर
लिया जाएगा?
(ग) वर्तमान
में विभाग से
संबंधित
अधिकारी द्वारा
चल रहे
निर्माण
कार्य की
गुणवत्ता का
निरीक्षण कब
किया गया था?
लोक
निर्माण
मंत्री ( श्री
राकेश सिंह ) :
(क) अनुबंधानुसार
दिनांक 01.09.2024 तथा
पुनरीक्षित
कार्य
योजनानुसार
माह 03/2026। (ख) जी हां।
पुनरीक्षित
कार्य
योजनानुसार
बजट उपलब्ध
होने पर। (ग) वर्तमान
में विभाग से
संबंधित
अधिकारी कार्यपालन
यंत्री (भवन)
द्वारा चल रहे
निर्माण कार्य
की गुणवत्ता
का निरीक्षण
विगत माह में
दिनांक 21.06.2025 एवं 01.07.2025 को किया
गया था।
संचालित
योजनाओं की
जानकारी
[विमुक्त,
घुमन्तु
और
अर्द्धघुमन्तु
कल्याण]
107. ( क्र. 3092 ) डॉ.
तेजबहादुर
सिंह चौहान : क्या
राज्य मंत्री,
विमुक्त,
घुमन्तु
और
अर्द्धघुमन्तु
कल्याण
महोदया यह
बताने की कृपा
करेंगी कि
(क) विमुक्त,
घुमन्तु
और
अर्द्धघुमन्तु
जनों की कुल
आबादी नागदा
खाचरोद
विधानसभा क्षेत्र
में कितनी हैं?
(ख) उनके
विकास
पुनर्वास के
साथ-साथ
स्थानीय मुख्य
धारा में
जोड़ने की
दिशा में शासन
के द्वारा
क्या-क्या
प्रयास किए गए
हैं? (ग) इन वर्ग
के लोगों के लिए
शासन द्वारा
कौन-कौन सी
महत्वपूर्ण
योजनाएं
संचालित हो
रही हैं?
राज्य
मंत्री, विमुक्त,
घुमन्तु
और
अर्द्धघुमन्तु
कल्याण (
श्रीमती
कृष्णा गौर ) :
(क) सर्वे
के अभाव में
अधिकृत
जानकारी दी
जाना संभव
नहीं है। (ख) इनके
विकास
पुनर्वास के
साथ-साथ स्थानीय
मुख्य धारा
में जोड़ने की
दिशा में इन
समुदायों के
व्यक्तियों
के रोजगार के
लिये मुख्यमंत्री
स्वरोजगार
योजना, बसाहटों
में आधारभूत
संरचनाओं के
लिये बस्ती
विकास योजना
एवं अन्य
योजनाएं
संचालित की जा
रही है। जानकारी
संलग्न परिशिष्ट अनुसार
है। (ग) जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट अनुसार
है।
शासकीय
पशु
चिकित्सालयों
में
अनियमितताएं
[पशुपालन
एवं डेयरी]
108. ( क्र. 3096 ) श्री
महेश परमार : क्या
राज्य
मंत्री, पशुपालन
एवं डेयरी
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) दवाइयों
के अवैध
भंडारण की
शिकायतें
विगत तीन
वर्षों (2022-2025) में
उज्जैन जिले
के किन शासकीय
पशु चिकित्सालयों
में एक वर्ष
पुरानी
एक्सपायरी
डेट की दवाइयों
के अवैध
भंडारण की
शिकायतें
दर्ज हुईं?
शिकायतों
की प्रतियां उपलब्ध
करावें। यदि
शिकायतें
दर्ज नहीं हुईं,
तो
इसका कारण
क्या है? (ख) दवाइयों
के रिकॉर्ड
में हेराफेरी
और एफ.आई.आर.-
दवाइयों के
रिकॉर्ड में
हेराफेरी और
अवैध भंडारण
के कितने
मामलों में FIR
दर्ज
हुईं? यदि
एफ.आई.आर. दर्ज
हुई, तो उनकी
प्रतियां
प्रदान करें।
यदि नहीं,
तो
कारण स्पष्ट
करें। (ग) स्वास्थ्य
जांच और
रिकॉर्ड का
निरीक्षण- पशुओं
के इलाज, सर्जरी,
आपातकालीन
सेवाओं, नियमित
स्वास्थ्य
जांच और
टीकाकरण के
रिकॉर्ड क्या
सभी
चिकित्सालयों
में निरीक्षण
के दौरान
दुरुस्त पाए
गए? यदि
रिकॉर्ड
अद्यतन में
लापरवाही पाई
गई तो कितने
कारण बताओ
नोटिस जारी
हुए? उनकी
संख्या और
प्रतियां
प्रदान करें। (घ) गौशाला
परियोजना
समिति की
बैठकें- 6 फरवरी, 2019 से
प्रश्न
दिनांक तक
जिला स्तरीय
गौशाला
समन्वय समिति
और अनुविभाग
स्तरीय
क्रियान्वयन
समिति की बैठकें
कब-कब हुईं?
वर्षवार
कार्यवाही
विवरण प्रदान
करें। (ड.)
रोगी कल्याण
समिति की आय
और उपयोग-
विगत तीन वर्षों
में रोगी
कल्याण
समितियों की
ओ.पी.डी. शुल्क
रसीदबुक के
अनुसार
उज्जैन के सभी
चिकित्सालयों
की आय कितनी
थी? आय का उपयोग
कहां-कहां हुआ?
केश
बुक, वाउचर, ऑडिट और
स्टॉक
रजिस्टर
(स्थाई और
अस्थाई) की
फोटोकॉपी
प्रदान करें।
मध्यप्रदेश
रोगी कल्याण
समिति नियम,
2007 के
तहत आय-व्यय
का पारदर्शी
लेखा-जोखा
अनिवार्य है।
राज्य
मंत्री, पशुपालन
एवं डेयरी (
श्री लखन पटैल
) : (क)
जानकारी पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट ''अ'' अनुसार। (ख) जी
नहीं। शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (ग) जी
नहीं। 03 कारण
बताओं नोटिस
जारी हुए, जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट ''ब'' अनुसार। (घ) जिला स्तरीय
गौशाला समन्वय
समिति और
अनुविभाग स्तरीय
क्रियान्वयन
समिति की
बैठके दिनांक 08.07.2019,
11.02.2022, 19.01.2023, 07.03.2024 एवं 28.03.2025 एवं
अनुभाग स्तर
में दिनांक 26.07.2024 एवं 07.07.2025 को
आयोजित की गई।
विस्तृत जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट ''स'' अनुसार। (ड.)
जानकारी पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट ''द'' अनुसार।
सोलर
प्लांट की
योजनाएं
[नवीन
एवं नवकरणीय
ऊर्जा]
109. ( क्र. 3098 ) श्रीमती
झूमा डॉ.
ध्यानसिंह
सोलंकी : क्या
नवीन एवं
नवकरणीय
ऊर्जा मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) किसान
अपनी निजी
जमीन पर सोलर
प्लांट
स्थापित कर
बिजली
उत्पादन करना
चाहता है तथा
विदयुत विभाग
को विक्रय
करना चाहता है
तो उसके लिए
क्या योजना है?
कृपया
योजना के
संबंध में
नियमावली
प्रदाय करने
का कष्ट करें
तथा अधिकतम
कितनी भूमि
पर प्लांट
लगाया जा सकता
है तथा इसके
लिए कहां
आवेदन करना
होता है? कृपया
आवेदन का
प्रारूप एवं
लगने वाले
आवश्यक
दस्तावेज की
जानकारी
प्रदाय करें। (ख) क्या
उक्त प्लांट
लगाने पर शासन
द्वारा
सब्सीडी
प्रदाय की
जाती है? हाँ तो
कितनी तथा
क्या प्लांट
लगाने हेतु
बैंक द्वारा
ऋण प्रदाय
किया जाता है? हाँ तो
इस संबंध में
कितना ऋण
प्रदाय किये
जाने का
प्रावधान है
तथा यह भी
बताएं कि
भीकनगॉव
विधानसभा
क्षेत्रान्तर्गत
कितने प्लांट
के कार्य
प्रगतीरत है
तथा कितने एकड
में स्थापित
किये जा रहे है
और किसके
द्वारा किये
जा रहे है?
नवीन
एवं नवकरणीय
ऊर्जा मंत्री
( श्री राकेश शुक्ला
) : (क) प्रधानमंत्री
कुसुम घटक-अ
के अंतर्गत
किसान अपनी
जमीन पर सौर
प्लांट स्थापित
कर संयंत्र से
बिजली का उत्पादन
कर सकता है।
संयंत्र
द्वारा उत्पादित
विद्युत का
विक्रय
म.प्र.पॉवर
मैनजमेंट
कंपनी
लिमिटेड को कर
सकते है। उक्त
योजना के
क्रियान्वयन
हेतु निगम
द्वारा पत्र
क्रमांक- MPUVN/KUSUM-A/2023-24/1227 दिनांक 02.07.2024 के माध्यम
से भारत सरकार
के
दिशा-निर्देशों
के अनुरूप
प्रधानमंत्री
कुसुम-अ योजना
में पंजीयन की
नवीन सरलीकृत
पारदर्शी एवं
प्रतिस्पर्धात्मक
चयन
प्रक्रिया
जारी की गई है,
जिसकी जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट अनुसार है। i.
संयंत्र
की स्थापना
हेतु लगभग 4 एकड़
प्रति
मेगावॉट भूमि
की आवश्यकता
होती है। ii.
संयंत्र
की स्थापना
हेतु म.प्र.
ऊर्जा विकास
निगम लिमिटेड
के पोर्टल पर
ऑनलाईन आवेदन
करना होता,
जिसकी
सूचना निगम
द्वारा
वेबसाइट पर
प्रदर्शित की
जाती है। iii.
आवश्यक
दस्तावेजों
की जानकारी
उपरोक्त चयन
प्रक्रिया
में दर्शित
है। सूर्य
मित्र कृषि
फीडर योजना
जिसमें पी.एम.कुसुम-स
समाहित है,
सोलर
प्लांट स्थापित
किया जाता है।
इस योजना के
तहत निविदा जारी
की गई है, जिसकी
जानकारी मध्यप्रदेश
ऊर्जा विकास
निगम लिमिटेड
के अधिकारिक
पोर्टल https://mpuvn.mp.gov.in/#m7ITENDERLIST पर
उपलब्ध है। (ख) प्रश्नांश
(ख) की कुसुम-अ
एवं कुसुम-स
की जानकारी
निम्नानुसार
है:- कुसुम-अ जी नही।
पीएम कुसुम
घटक-अ के
अंतर्गत
संयंत्र की स्थापना
हेतु शासन
द्वारा सब्सीडी
देने का
प्रावधान
नहीं है। सौर
संयंत्र की स्थापना
हेतु बैंक
द्वारा
परियोजना
लागत का 70% तक ऋण
प्रदाय किये
जाने का
प्रावधान है।
भीकनगांव
विधानसभा
क्षेत्रान्तर्गत
अभी प्लांट
की स्थापना
का कार्य
प्रांरभ नहीं
है। कुसुम-स केन्द्र
सरकार द्वारा
रू.1.05 करोड़
प्रति
मेगावाट की
सब्सिडी
योजनानुसार
प्रदाय करने
का प्रावधान
है। कुसुम-स
योजना में ऋण
प्रदाय करने
का प्रावधान
नहीं है, परंतु
आवेदक सौर प्लांट
लगाने हेतु स्वयं
की Creditability पर
बैंकसे आपसी
संबंधी
अनुसार
कार्यवाही कर सकते
है। भीकनगांव
विधानसभा में
कुसुम-स अंतर्गत
6.8
मेगावॉट का एक
प्लांट
मेसर्स लोकमत
मिडिया
प्राइवेट
लिमिटेड
द्वारा निजी भूमि
पर किया जा
रहा है।
स्वीकृत
आवासों की
जानकारी
[नगरीय
विकास एवं
आवास]
110. ( क्र. 3101 ) श्री
कमलेश्वर
डोडियार : क्या
नगरीय विकास
एवं आवास
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) जिला
रतलाम में
नगरीय विकास
एवं आवास
विभाग द्वारा
वर्ष 2020 से प्रश्न
दिनांक तक
विभिन्न
योजनाओं जैसे
प्रधानमंत्री
आवास योजना
(शहरी), अमृत योजना,
स्मार्ट
सिटी, जलप्रदाय
योजना, सड़क
निर्माण, नाली
निर्माण, सॉलिड
वेस्ट
मैनेजमेंट,
स्ट्रीट
लाइटिंग एवं
सौंदर्यीकरण
इत्यादि के
अंतर्गत
कार्य कराए गए
कार्यों की
जानकारी
पृथक-पृथक
वर्षवार
अनुसार
उपलब्ध
करावें? (ख) प्रश्नांश
(क) में
उल्लेखित
नगरीय
निकायवार सभी
योजनाओं के
अंतर्गत कराए
गए कार्यों की
जानकारी (कार्य
का नाम, स्थान,
स्वीकृत
राशि, व्यय राशि,
कार्य
की स्थिति
सहित)
पृथक-पृथक
वर्षवार अनुसार
उपलब्ध
करावें? (ग) जिला
रतलाम में
प्रधानमंत्री
आवास योजना
(शहरी)
अंतर्गत कुल
कितने
हितग्राहियों
को आवास स्वीकृत
किए गए हैं,
कितने
पूर्ण हुए हैं
तथा कितने
अपूर्ण हैं,
जानकारी
पृथक-पृथक
वर्षवार
अनुसार
उपलब्ध करावें?
कार्यों
में से किसी
में
भ्रष्टाचार,
अनियमितता
या तकनीकी
त्रुटियों की
शिकायत प्राप्त
हुई है? यदि हाँ,
तो
उसकी जांच,
कार्यवाही
एवं दोषियों
पर की गई
कार्रवाई की जानकारी
उपलब्ध
करावें।
नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री (
श्री कैलाश
विजयवर्गीय ) :
(क) एवं (ख) निकायवार,
वर्षवार,
योजनावार
जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट-"अ" अनुसार है। (ग)
जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट-"ब" एवं
शिकायत जांच
संबंधी जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट-"स" अनुसार है।
खराब
ट्रांसफार्मर
की शिकायतें
[ऊर्जा]
111. ( क्र. 3102 ) श्री
कमलेश्वर
डोडियार : क्या
ऊर्जा मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) जिला
रतलाम के
सैलाना
विधानसभा
क्षेत्र अंतर्गत
आदिवासी
बाहुल्य
क्षेत्र में
ऊर्जा विभाग
द्वारा वर्ष 2018 से
प्रश्न
दिनांक तक में
विद्युत
आपूर्ति
व्यवस्था सुदृढ़
करने हेतु
विभिन्न
विकास कार्य
जैसे ट्रांसफार्मर
स्थापना, विद्युत
लाइन विस्तार,
खराब
लाइन व पोलों
का सुधार,
नवीन
कनेक्शन
वितरण, किसानों
को विद्युत
पंप कनेक्शन
आदि किए गए हैं?
जानकारी
उपलब्ध
करावें। (ख) सैलाना
विधानसभा
क्षेत्र में
ऊर्जा विभाग द्वारा
किए गए समस्त
कार्यों की जानकारी
पृथक-पृथक
वर्षवार अनुसार
उपलब्ध
करावें? क्षेत्र
में कितने
गांव अब भी
विद्युत
आपूर्ति से
वंचित हैं तथा
उनके
विद्युतीकरण
हेतु क्या
कार्यवाही की
गई है? (ग) क्या
सैलाना
विधानसभा
क्षेत्र में
किसी कार्य
में लापरवाही,
भ्रष्टाचार,
घटिया
निर्माण
सामग्री या
बार-बार
ट्रांसफार्मर
खराब होने की
शिकायतें
प्राप्त हुई
हैं? यदि हाँ,
तो
दोषियों के
विरुद्ध की गई
कार्यवाही की
जानकारी
बतावें। (घ) क्या
किसानों को
कृषि पंप
कनेक्शन के
लिए प्रतीक्षा
सूची में रखा
गया है? यदि हाँ,
तो
कितने आवेदन
लंबित हैं,
उनकी
स्थिति क्या
है? जानकारी
पृथक-पृथक
वर्षवार अनुसार
उपलब्ध
करावें?
ऊर्जा
मंत्री ( श्री
प्रद्युम्न
सिंह तोमर ) :
(क) जी हाँ,
जिला
रतलाम के
सैलाना
विधानसभा
क्षेत्र अंतर्गत
आदिवासी
बाहुल्य
क्षेत्र में
प्रश्नाधीन
अवधि में
विद्युत
आपूर्ति व्यवस्था
सुदृढ़ करने
हेतु प्रश्नांश
में उल्लेखित
विद्युत अधोसंरचना
विकास के
कार्य किए गए
हैं, जिनकी
वर्षवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के
प्रपत्र-अ
अनुसार है। (ख) सैलाना
विधानसभा
क्षेत्र में
प्रश्नाधीन
अवधि में किए
गए समस्त
कार्यों की
वर्षवार जानकारी
संलग्न परिशिष्ट के
प्रपत्र-अ में समाहित
है। सैलाना
विधानसभा
क्षेत्र के
समस्त राजस्व
ग्राम एवं
संसूचित
मजरों/टोलों/बस्तियों
को समय-समय पर
प्रचलित
विद्युतीकरण
योजनाओं के
अंतर्गत
पूर्व में
विद्युतीकृत
किया जा चुका
है। कोई भी
राजस्व ग्राम विद्युत
आपूर्ति से
वंचित नहीं
है। अत: शेष प्रश्न
नहीं उठता है।
(ग) जी
नहीं। अत: शेष
प्रश्न नहीं
उठता है। (घ) सैलाना
विधानसभा
क्षेत्र में
मुख्यमंत्री
कृषक मित्र
योजना
अंतर्गत
किसानों से
कृषि पंप
कनेक्शन
हेतु वित्तीय
वर्ष 2024-25 में कुल 2681 आवेदन
प्राप्त हुए
थे, जिनसे
संबंधित जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट के
प्रपत्र-ब
अनुसार है। उक्त
के अतिरिक्त
प्रश्नाधीन
अवधि में किसी
भी वर्ष में
कृषि पम्प कनेक्शन
हेतु आवेदन
लंबित नहीं
है।
व्यय
राशि की
जानकारी
[नगरीय
विकास एवं
आवास]
112. ( क्र. 3104 ) श्री
दिलीप सिंह
परिहार : क्या
नगरीय विकास
एवं आवास
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) प्रदेश
में विभिन्न
नगरीय
निकायों में
शिक्षा उपकर
के संबंध में
शासन की क्या
नीति है? (ख) 1 जनवरी, 2020 के
पश्चात
उज्जैन-इंदौर
संभाग की नगर
परिषदों, नगरपालिका
परिषदों और
नगर निगमों
द्वारा
शिक्षा उपकर
के रूप में
वर्षवार कुल
कितनी राशि
वसूली गई?
वर्षवार
यह राशि
शिक्षा के
किन-किन
कार्यों पर
व्यय की गई?
वर्तमान
में निकायों
के पास
वर्षवार कुल
कितनी राशि
जमा है? (ग) 1 जनवरी, 2020 के
पश्चात
विभिन्न
नगरीय
निकायों में
शिक्षा उपकर
की राशि खर्च
करने के संबंध
में सक्षम अधिकारी/ऑडिटर
द्वारा
निकायों की
क्या कमियाँ
इंगित की गईं
तथा किनके
विरुद्ध क्या
कार्यवाही की
गई?
नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री (
श्री कैलाश
विजयवर्गीय ) :
(क) मध्यप्रदेश
नगरपालिक
निगम अधिनियम 1956 की धारा 132
(6) (ओ) की
तथा मध्यप्रदेश
नगरपालिका
अधिनियम 1961 की धारा 127
(6) (ओ) के
प्रावधान के
तहत विभागीय
ज्ञापन क्र.4050/18-3/99 दिनांक 07.10.1999 एवं 605/740/18-3/2000 दिनांक 15.03.2000 में
जारी निर्देश
के अनुक्रम
में शिक्षा
उपकर का
अधिरोपण, वसूली
एवं व्यय
नगरीय निकाय
द्वारा किया
जाता है। (ख) एवं
(ग) इन्दौर
संभाग की
नगरीय निकाय
की समस्त जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट-अ
अनुसार है। उज्जैन
सभांग की
नगरपालिका
एवं नगर
परिषदों की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट-ब
अनुसार है, नगरपालिक
निगम रतलाम,
उज्जैन
एवं देवास की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट-स
अनुसार है।
अग्निशमक
यंत्र
स्थापना के
नियम
[नगरीय
विकास एवं
आवास]
113. ( क्र. 3106 ) श्री
दिलीप सिंह
परिहार : क्या
नगरीय विकास
एवं आवास
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) नीमच,
मंदसौर
तथा रतलाम
जिलों के
विभिन्न
नगरीय
निकायों में
मॉल, मल्टीप्लेक्स,
कोचिंग
सेंटर, रिसोर्ट,
होटल
आदि में नए
नियमानुसार
अग्निशमन
हेतु कौन-कौन
से
पंजीकरण/अनुमतियाँ
आवश्यक हैं?
(ख) नीमच,
मंदसौर
तथा रतलाम
जिलों के
विभिन्न
नगरीय निकायों
में कितनी
मंजिल तक के
भवन निर्माण
की अनुमति आवश्यक
है? तय सीमा से
अधिक
बहुमंजिला
इमारतों के
निर्माण पर 1 जनवरी, 2020 के
पश्चात
कहाँ-कहाँ,
किस-किस
तरह की
कार्यवाही की
गई? (ग) प्रश्नांश
(क) व (ख) संदर्भित
जिलों में भवन
एवं
बहुमंजिला
इमारतों में
लिफ्ट की
अनुमति के
क्या नियम हैं?
उक्त
जिलों में
कितनी लिफ्ट
पंजीकृत हैं
तथा कितनी
लिफ्ट 5 वर्ष से
अधिक समय से
संचालित हैं?
उनकी
जाँच किस-किस
सक्षम
अधिकारी ने की?
नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री (
श्री कैलाश
विजयवर्गीय ) :
(क) म.प्र.
भूमि विकास
नियम, 2012 के
प्रावधान
अनुसार नगरीय
निकाय
क्षेत्र अंतर्गत
भवनों में
अग्निशमन
हेतु
अग्निशमन
प्राधिकारी
से भवन का फायर
सेफ्टी प्लान
का अनुमोदन
एवं फायर
सेफ्टी
सर्टिफिकेट प्राप्त
करना आवश्यक
है। (ख) नगरीय
निकायों में
भवन के प्रत्येक
मंजिल (तल) के
निर्माण के
लिये भवन
निर्माण की
अनुमति आवश्यक
है एवं प्रश्नांकित
जिले के नगरीय
निकायों में
म.प्र. भूमि
विकास नियम,
2012 के
प्रावधान एवं
स्वीकृत तल
क्षेत्र
अनुपात
(एफ.ए.आर.) के
आधार पर भवन
निर्माण के
लिये भवन की
मंजिल (तल) की
संख्या
निर्धारित की
जा सकती है। जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार
है। (ग) म.प्र. भूमि
विकास नियम,
2012 में
लिफ्ट की व्यवस्था
एवं संचालन की
अनुमति
प्राप्त
करने के लिए
प्रावधान किए
गए हैं। जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार
है।
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट ''ब''
की
जानकारी
अनुसार सक्षम
प्राधिकारी
द्वारा लिफ्ट
की जांच किया
जाना नहीं पाए
जाने पर जिले
के नगरीय
निकायों को
म.प्र. भूमि
विकास नियम,
2012 के
प्रावधान
अनुसार
विभिन्न
भवनों में
संचालित
लिफ्ट के
संचालन की
अनुमति एवं
लिफ्ट की
सुरक्षा की
जांच
सुनिश्चित करने
के निर्देश
जारी किए गए
हैं।
सौर
ऊर्जा की
विभिन्न
योजनाओं से
किसानों को
लाभ
[नवीन
एवं नवकरणीय
ऊर्जा]
114. ( क्र. 3107 ) श्री
जगन्नाथ
सिंह रघुवंशी
: क्या
नवीन एवं
नवकरणीय
ऊर्जा मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश
में किसानों
के लिये सौर
ऊर्जा की कितनी
योजनाएं चलाई
गई है।
सारणीवार
जानकारी देवें।
उपरोक्त
योजनाओं में
किसानों को क्या
लाभ प्राप्त
होगा।
(ख) क्या
शासन किसानों
को प्रश्नांश
(क) में
वर्णित
योजनाओं का
लाभ प्रदाय
करने हेतु प्रचार-प्रसार
के लिये क्या-क्या
कदम उठाये गये
है एवं
प्रचार-प्रसार
पर कितनी राशि
व्यय की गई
है। (ग) घरेलू
और कृषि उपयोग
हेतु सोलर
पैनल लगाने
हेतु मध्यप्रदेश
शासन द्वारा
कितनी
एजेंसियां
निर्धारित की
गई है अथवा
कितने
लाइसेंस जारी
किये गये है।
नाम सहित
जानकारी
देवें।
नवीन
एवं नवकरणीय
ऊर्जा मंत्री
( श्री राकेश शुक्ला
) : (क) जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) सौर
ऊर्जा हेतु
प्रचलित
योजनाओं तथा
कृषक मित्र
सूर्य योजना,
कुसुम-अ,
कुसुम-स
के क्रियान्वयन
हेतु आयोजित
सेमिनार, संगोष्ठि
आदि पर वर्ष 2025-26 में
दिनांक 15 जुलाई, 2025 तक रू.9,01,754/-
का
व्यय किया
गया है। ''प्रधानमंत्री
कृषक मित्र
सूर्य योजना''
के
तहत पूर्व में
पंजीकृत
हितग्राहियों
के लिये
प्रक्रिया
प्रारंभ होने
के संबंध में
प्रादेशिक
समाचार पत्र
में विज्ञापन
जारी किया गया,
जिस
हेतु राशि रू.3,38,537/-
का
भुगतान किया
जाना है, साथ ही
निगम के सभी
जिला
अधिकारियों,
सभी
जिला के कलेक्टरों
को पत्र के
माध्यम से
संबंधित
जिलों के कृषि
अधिकारी व अन्य
संबंधित
विभागों को
योजना के
संबंध में अवगत
कराये जाने
बाबत लिखा
गया। (ग) प्रधानमंत्री
सूर्यघर
मुफ्त बिजली
योजनांतर्गत
घरेलू सौर
संयंत्र
लगाये जाने की
जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-अ
अनुसार है।
कृषि उपयोग के
लिए कुसुम-ब
(प्रधानमंत्री
कृषक मित्र
सूर्य योजना)
योजनांतर्गत
सोलर पंप स्थापित
करने हेतु
रजिस्टर्ड
वेंडर की
जानकारी
पुस्तकालय
में
रखे परिशिष्ट के
प्रपत्र-ब
अनुसार है।
प्रधानमंत्री
कुसुम-घटक-अ
परियोजना
कृषि उपयोग
हेतु सोलर
पैनल लगाने
हेतु मध्यप्रदेश
शासन, नवीन एवं
नवकरणीय
ऊर्जा विभाग
के अधीन मध्यप्रदेश
ऊर्जा विकास
निगम लिमिटेड
द्वारा एजेन्सियां
निर्धारित
नहीं है।
लाइसेंस जारी
नहीं किये
गये। ''प्रधानमंत्री
कृषक मित्र
सूर्य योजना''
प्रधानमंत्री
कुसुम-ब के
तहत प्रदेश
में सौर पंप
स्थापना
हेतु 36 ईकाइयां
पैनलबद्ध है।
जिसकी जानकारी
पुस्तकालय
में
रखे परिशिष्ट
के
प्रपत्र-स
अनुसार है।
घरेलू उपयोग
हेतु सोलर
पैनल लगाने
हेतु म.प्र.शासन
द्वारा रजिस्टर्ड
वेंडर्स की जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-द
अनुसार है।
चन्देरी
नगरपालिका को
विशेष
नगरपालिका का
दर्जा प्रदाय
करना
[नगरीय
विकास एवं
आवास]
115. ( क्र. 3108 ) श्री
जगन्नाथ
सिंह रघुवंशी
: क्या
नगरीय विकास
एवं आवास
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) अशोकनगर
जिले में नगर
पालिका/नगर
निगम क्षेत्र
में कितने
पर्यटन स्थल
आते है।
जानकारी
देवें। (ख) प्रश्नांश
(क) में आने
वाली नगर
पालिकाओं/नगर
निगमों को पर्यटकों
की सुविधाओं
को बढ़ाने
हेतु कितने
विकास कार्य
स्वीकृत एवं
कितनी राशि
विगत 05 वर्षों में
आवंटित की गई
है। (ग) नगर
पालिका परिषद
चन्देरी भी
एक पर्यटन
नगरी है। क्या
शासन नगर
पालिका परिषद
चन्देरी पर
विशेष ध्यान
देकर इसकी
आर्थिक
स्थिति मजबूत
करने हेतु क्या-क्या
कार्यवाही
करेगा। यदि
हाँ, तो कब तक
यदि नहीं, तो क्यों
नहीं।
नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री (
श्री कैलाश
विजयवर्गीय ) :
(क) अशोकनगर
जिले में एक
मात्र नगर
परिषद चंदेरी में
पर्यटन स्थल
है। (ख) जानकारी
संलग्न परिशिष्ट
अनुसार है। (ग) जी हां,
नगर
पालिका परिषद
चंदेरी को
उत्तरांश '’ख'’ अनुसार
राशि उपलब्ध
कराई जाकर
विकास कार्य कराये
गये हैं/कराये
जा रहे हैं।
उत्तरांश के परिप्रेक्ष्य
में शेषांश का
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है।
टू
लेन रोड की
स्वीकृति
[लोक
निर्माण]
116. ( क्र. 3111 ) श्री
कालु सिंह
ठाकुर : क्या
लोक निर्माण
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
धार जिले की
धरमपुरी
विधानसभा में
धार गुजरी
मार्ग से गुजरी
फाटा से
भीलतलवाड़ा
उमरबन तक टू
लेन रोड की
स्वीकृति
हेतु शासन
स्तर पर
प्रस्ताव भेजे
गये है? (ख) प्रश्नांश
(क) अनुसार
यदि हाँ, तो इन
कार्यों की
स्वीकृति कब
तक कर की
जावेगी और यदि
नहीं, तो क्यों?
लोक निर्माण
मंत्री ( श्री
राकेश सिंह ) :
(क) जी
नहीं। यह
मार्ग प्रमुख
अभियंता, लोक
निर्माण
विभाग से
संबंधित नहीं
हैं, अपितु
मार्ग म.प्र.
ग्रामीण सड़क
विकास प्राधिकरण
परियोजना
क्रियान्वयन
इकाई-1 धार के अधीन
है। पत्र की
छायाप्रति संलग्न
परिशिष्ट
अनुसार है। (ख)
जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट अनुसार
है।
नवीन
विद्युत
कनेक्शन दिया
जाना
[ऊर्जा]
117. ( क्र. 3115 ) डॉ. सतीश
सिकरवार : क्या
ऊर्जा मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) नवीन
विद्युत
कनेक्शन दिये
जाने के संबंध
में क्या
प्रावधान है,
नियम/आदेश
की प्रति
उपलब्ध कराई
जावें। (ख) सामान्य
क्षेत्र में
विद्युत
विभाग द्वारा 2200 रूपये
प्रति
किलोवॉट एवं
अवैध
कॉलोनियों में
15,600/- के
लगभग प्रति किलोवॉट
राशि एवं
अतिरिक्त
कनेक्शन
चार्ज लिया जा
रहा है। यदि
हां, तो क्यों?
(ग) अवैध
कॉलोनियों
में निवासरत
परिवारों को
विद्युत
कनेक्शन लिये
जाने पर लगभग 45,000/- राशि
अतिरिक्त
देना होती है,
जिससे
निम्न वर्ग के
परिवारों पर
अतिरिक्त भार
पड़ता है। एक
ही विभाग में
विद्युत
कनेक्शन पर
पृथक-पृथक
राशि लिया जाना
न्याय संगत
नहीं है। गरीब
वर्ग पर पड़
रहे अतिरिक्त
भार को ध्यान
में रखते हुये
विभाग द्वारा
इसमें संशोधन
किये जाने का
प्रस्ताव विभाग
में प्रचलित
है? यदि हां, तो इस पर
कब तक निर्णय
लिया जावेगा,
समय-सीमा बताई
जावें।
ऊर्जा
मंत्री ( श्री
प्रद्युम्न
सिंह तोमर ) :
(क) नवीन
विद्युत
कनेक्शन
दिये जाने
हेतु ''म.प्र.
विद्युत
प्रदाय
संहिता-2021''
के
अध्याय 4 एवं ''मध्यप्रदेश
विद्युत
नियामक आयोग
(विद्युत प्रदाय
के प्रयोजन से
विद्युत लाईन
प्रदान करने अथवा
उपयोग किये
गये संयंत्र
हेतु व्ययों
तथा अन्य
प्रभारों की
वसूली)
(पुनरीक्षण
द्वितीय)
विनियम 2022,
{आर.जी.-31 (II) वर्ष 2022}'' में
निहित
प्रावधानों
के अनुसार
कार्यवाही की
जाती है, जिनकी
प्रति
पुस्तकालय
में
रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र 'अ' एवं
'ब' अनुसार
है। (ख) एवं (ग) जी
नहीं। उल्लेखनीय
है कि वैध
कॉलोनियों
हेतु
नियमानुसार
अधोसंरचना
विस्तार
कार्य उपरांत
सामान्य
क्षेत्रांतर्गत
नवीन विद्युत
कनेक्शन लिए
जाने हेतु ''मध्यप्रदेश
विद्युत
नियामक आयोग
(विद्युत प्रदाय
के प्रयोजन से
विद्युत लाईन
प्रदान करने अथवा
उपयोग किये
गये संयंत्र
हेतु व्ययों
तथा अन्य
प्रभारों की
वसूली) (पुनरीक्षण
द्वितीय)
विनियम 2022,
{आर.जी.-31 (II) वर्ष 2022 }'' की
कंडिका 4.1.4 में
विद्युत
प्रभारों के
अनुसार शुल्क
लिये जाने का
प्रावधान
हैं। अघोषित
अवैध कॉलोनियों
में ''मध्यप्रदेश
विद्युत
नियामक आयोग
(विद्युत प्रदाय
के प्रयोजन से
विद्युत लाईन
प्रदान करने
अथवा उपयोग
किये गये
संयंत्र हेतु
व्ययों तथा
अन्य
प्रभारों की
वसूली)
(पुनरीक्षण
द्वितीय)
विनियम 2022,
{आर.जी.-31 (II) वर्ष 2022}'' की
कंडिका क्र. 4.6.2 (अघोषित
अवैध
कॉलोनियों) के
अनुसार
कार्यवाही
किये जाने का
प्रावधान है।
उपरोक्त
विनियमों के
परिप्रेक्ष्य
में की जा
कार्यवाही
में अन्य कोई
संशोधन का
प्रस्ताव
वर्तमान में
विचाराधीन
नहीं है। अत:
शेष प्रश्न
नहीं उठता।
पत्रों
में की गई
कार्यवाही की
जानकारी
[ऊर्जा]
118. ( क्र. 3117 ) श्री
नागेन्द्र
सिंह : क्या
ऊर्जा मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
RDSS योजनान्तर्गत
उपयोग की जा
रही सामग्री
के मटेरियल
सैम्पलिंग का
प्रावधान है?
यदि
हाँ, तो रीवा
जिले में
योजना लागू
दिनांक से
प्रश्न
दिनांक तक
मटेरियल
सैम्पलिंग का
कार्य कहाँ–कहाँ पर
किस स्तर के
अधिकारियों द्वारा
किया गया?
किये
गए समस्त
प्रकार के
मटेरियल
सैम्पलिंग का
विवरण उपलब्ध
करायें, वितरण
केन्द्रवार/फीडरवार
विवरण एवं
पारित किये गए
बिलों की
प्रतियाँ
उपलब्ध
करायें। (ख) वर्ष 2024 से
प्रश्न
दिनांक तक
पूर्व संभाग,
म.प्र.पू.क्षे.वि.वि.कं.लि.
रीवा अंतर्गत
वितरण केंद्र
रायपुर
कर्चुलियान
के किस–किस
गाँव में कौन–कौन से
कार्य कराये
गए? विवरण
उपलब्ध
करायें, किस
संविदाकार
द्वारा कराये
गए? कार्यादेशों
एवं भुगतान की
प्रतियाँ
उपलब्ध कराएँ,
मेनडेज
के कार्य किस
संविदाकार
द्वारा कराये
गए? कार्यादेशों
एवं भुगतान का
विवरण उपलब्ध
कराएँ। (ग) प्रश्नकर्ता
द्वारा
कार्यपालन
अभियंता
पूर्व संभाग
को प्रेषित
पत्र क्रमांक 417
– 18
रीवा, दिनांक 08/08/2022 एवं 327 रीवा,
दिनांक
02/04/2025, अधीक्षण
अभियंता रीवा
को प्रेषित
पत्र क्रमांक 772 रीवा,
दिनांक
12/09/2024
एवं अतिरिक्त
प्रमुख सचिव,
ऊर्जा
विभाग म.प्र.
शासन को
प्रेषित पत्र
क्रमांक 1090 रीवा,
दिनांक
25/12/2024
में प्रश्न
दिनांक तक
क्या
कार्यवाही की
गई?
ऊर्जा
मंत्री ( श्री
प्रद्युम्न
सिंह तोमर ) :
(क) जी हाँ।
रीवा जिलान्तर्गत
आर.डी.एस.एस.
योजना के
प्रारंभ दिनांक से
प्रश्न
दिनांक तक की
अवधि में किये
गये मटेरियल
सैम्पलिंग
एवं उक्त
कार्य हेतु
संबंधित
अधिकारियों
का विवरण पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र–'1' अनुसार है।
आर.डी.एस.एस.
योजना के तहत
किये गये
कार्यों हेतु
पारित किये गए
बिलों से
संबंधित
वितरण केन्द्रवार/फीडरवार
जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र– '2' अनुसार है। (ख) वर्ष
2024 से
प्रश्न
दिनांक तक की
अवधि में
पूर्व संभाग, म.प्र.पूर्व
क्षेत्र
विद्युत
वितरण कंपनी, रीवा
अंतर्गत
आर.डी.एस.एस.
योजना के तहत
वितरण केंद्र
रायपुर
कर्चुलियान में
ग्रामवार
नहीं, अपितु
फीडरवार
कार्य करवाये
गये है। उक्त
कार्यों का
संविदाकारवार
विवरण एवं
कार्यादेश की
प्रतियां पुस्तकालय
में
रखे परिशिष्ट के
प्रपत्र–'3' एवं '4' अनुसार है।
वितरण केन्द्र
रायपुर
कर्चुलियान
में
आर.डी.एस.एस.
योजना
अंतर्गत
पूर्ण कार्यों
के देयक
ठेकेदार
द्वारा प्रस्तुत
नहीं किये गए
है, अत:
शेष प्रश्न
नहीं उठता है।
वार्षिक
कार्य योजना
वित्तीय
वर्ष 2024-25 में
वितरण केन्द्र
रायपुर
कर्चुलियान
में किये गये
कार्य का
विवरण पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र–' 5' अनुसार है।
वितरण केन्द्र
रायपुर
कर्चुलियान
अंतर्गत
मेनडेज का कार्य
आदेश क्रमांक 63347 दिनांक 13/06/2024 से
संविदाकार
मेसर्स रजनीश
प्रसाद
द्विवेदी
ग्राम/पोस्ट
अतरेला
जिला-रीवा
(म.प्र.) एवं
आदेश क्रमांक 65348 दिनांक 08/11/2024 से
मेनडेज का
कार्य
संविदाकार
मेसर्स रजनीश प्रसाद
द्विवेदी
ग्राम/पोस्ट
अतरैला
जिला-रीवा
(म.प्र.) के
द्वारा किया
गया है, जिसकी
जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र– '6' अनुसार है। उक्त
कार्यों के
कार्यादेशों
एवं भुगतान की
प्रतियां पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र–'7' अनुसार है। (ग) माननीय
प्रश्नकर्ता
विधायक महोदय
द्वारा प्रश्न
में उल्लेखित
म.प्र. पूर्व
क्षेत्र
विद्युत
वितरण कंपनी
को प्रेषित
पत्रों पर की
गई कार्यवाही
का विवरण पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र–'8' अनुसार है।
माननीय प्रश्नकर्ता
विधायक महोदय
द्वारा विभाग
को प्रेषित
पत्र क्रमांक-1089 (1090 नहीं)
दिनांक 25/12/2024 पर
नियमानुसार
कार्यवाही
करने हेतु
म.प्र. पूर्व
क्षेत्र
विद्युत
वितरण कंपनी
को निर्देशित
किया गया है।
विभाग
द्वारा कराये
गए कार्यों की
जानकारी
[नवीन
एवं नवकरणीय
ऊर्जा]
119. ( क्र. 3118 ) श्री
नागेन्द्र
सिंह : क्या
नवीन एवं
नवकरणीय
ऊर्जा मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) रीवा
जिले के गुढ़
में स्थापित
अल्ट्रा मेगा
सोलर पावर
प्लांट के
तीनों
इकाइयों की
विकास संचालनकर्ता
कम्पनियां
कौन–कौन सी हैं?
नाम,
पते
एवं
रजिस्ट्रेशन
की जानकारी
उपलब्ध करायें।
(ख) प्रश्नांश
(क) अनुसार
तीनों
इकाइयों के
संचालन हेतु
प्रबंधन से
लेकर श्रमिक
तक इकाईवार
कितने पद
स्वीकृत हैं?
स्वीकृत,
भरे,
रिक्त
पदों की पूर्ण
विवरण उपलब्ध
करायें। (ग) प्रश्नांश
(ख) अनुसार
तीनों
इकाइयों में
नियोजित
नियमित एवं
आउटसोर्स
एजेंसियों के
माध्यम से
नियोजित
कर्मचारियों
के नाम, पदनाम,
श्रेणी,
पत्राचार
के पते, संपर्क
नंबर, वेतनपर्ची
एवं पी.एफ. से
संबंधित
इलेक्ट्रॉनिक
चालान सह
रिटर्न (ECR की
प्रतियाँ) की
जानकारी
उपलब्ध
करायें। (घ) क्या
प्रश्नांश
(क) अनुसार
तीनों
इकाइयों में
स्थानीय युवाओं
को नियमित
आधार पर
नियोजित किया
गया है? यदि हाँ, तो
नियोजित
कर्मचारियों
के नाम, पदनाम,
श्रेणी,
पत्राचार
के पते, संपर्क
नंबर, वेतनपर्ची
एवं पी.एफ.से
सम्बंधित
इलेक्ट्रॉनिक
चालान सह
रिटर्न (ECR की
प्रतियाँ) की
जानकारी
उपलब्ध
करायें।
नवीन
एवं नवकरणीय
ऊर्जा मंत्री
( श्री राकेश
शुक्ला ) :
(क) रीवा
जिले के गुढ़
में स्थापित
अल्ट्रा
मेगा सोलर
पॉवर प्लांट
के तीनों
इकाइयों की
विकासक
कंपनियों की
जानकारी
पुस्तकालय
में
रखे परिशिष्ट
के
प्रपत्र-अ
अनुसार है। (ख) तीनों
इकाइयों का
संचालन
संबंधित सौर
विकासक
कंपनियों (SPD)
द्वारा
स्वयं के
निवेश से किया
जा रहा है।
जिसमें कोई शासकीय
कर्मचारी
संबद्ध नहीं
है। अत: प्रश्नांश
लागू नहीं है।
(ग) तीनों
इकाइयों का
संचालन
संबंधित सौर
विकासक
कंपनियों (SPD)
द्वारा
स्वयं के
निवेश से किया
जा रहा है।
जिसमें कोई शासकीय
कर्मचारी
संबद्ध नहीं
है। अत: प्रश्नांश
लागू नहीं है।
(घ) सौर
विकासक
कंपनियों
द्वारा
साधारणतया
रोजगार
(नियमित/ संविदा/आउटसोर्स/या
अन्य कोई भी)
नियोजन के समय
स्थानीय व्यक्तियों
को उनकी उपलब्धता
एवं अर्हता के
अनुसार
प्राथमिकता
दी जाती है।
तीनों विकासक
इकाइयों
द्वारा स्थानीय
व्यक्तियों
के नियोजन की जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-ब
अनुसार है।
विद्युत
यांत्रिकी
संभाग रीवा
द्वारा निर्माण
कार्य
[लोक
निर्माण]
120. ( क्र. 3119 ) श्री
नागेन्द्र
सिंह : क्या
लोक निर्माण
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) लोक
निर्माण
विभाग
विद्युत
यांत्रिकी
संभाग रीवा
द्वारा वर्ष 2022
– 23 से
प्रश्न
दिनांक तक
रीवा जिले में
समस्त मदों से
कितने कार्य
पूर्ण कराये
गये? वर्षवार,
मदवार,
पूर्ण
विवरण उपलब्ध
करायें। (ख) प्रश्नांश
(क) अनुसार
कार्यों हेतु
आमंत्रित
निविदा/कोटेशन,
प्राप्त
निविदा/कोटेशन,
तैयार
किये गये
तुलनात्मक
पत्रक, जारी
किये गये
कार्यादेश
एवं पूर्णता
संबंधी
दस्तावेजों
की प्रतियाँ
उपलब्ध
करायें। (ग) क्या
प्रश्नांश
(क) से
सम्बंधित
कार्यों का
मूल्यांकन,
निरीक्षण,
सत्यापन
कार्यपालन
यंत्री, सहायक
यंत्री, उपयंत्री
द्वारा किया
जाता है? यदि हाँ, तो किये
गये संबंधी
मूल्यांकन,
निरीक्षण,
सत्यापन
संबंधी
दस्तावेजों
की प्रतियाँ
उपलब्ध
करायें, यदि
नहीं, तो उपरोक्त
के सम्बन्ध
में शासन के
दिशा–निर्देशों
की प्रतियाँ
उपलब्ध
करायें।
लोक
निर्माण
मंत्री ( श्री
राकेश सिंह ) :
(क) लोक
निर्माण
विभाग वि/यां
संभाग रीवा
द्वारा वर्ष 2022-23 से
प्रश्न
दिनांक तक
रीवा संभाग के
अंतर्गत कुल 610 कार्य
पूर्ण कराये
गये है। विवरण
पुस्तकालय में रखे
प्रपत्र-अ
अनुसार है। (ख) कार्यों
के तुलनात्मक
पत्रक की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट-1 एवं कार्य
पूर्णता सम्बंधी
दस्तावेजों
की माप
पुस्तिका की जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट-2 अनुसार
है। (ग) कार्यों
का मूल्यांकन
अनुविभागीय
अधिकारी एवं
उपयंत्री
द्वारा माप
पुस्तिका में
किया जाता है।
इसके उपरांत
ही कार्यपालन
यंत्री द्वारा
10
प्रतिशत
कार्य मूल्यांकन
कर भुगतान
किया जाता है।
जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट-2 अनुसार
है।
नगर
पालिका परिषद
बालाघाट
अंतर्गत
जानकारी एवं
कार्यवाही
[नगरीय
विकास एवं
आवास]
121. ( क्र. 3121 ) श्रीमती
अनुभा
मुंजारे : क्या
नगरीय विकास
एवं आवास
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) नगर
पालिका परिषद
बालाघाट में 8 अगस्त, 2022 से
प्रश्न
दिनांक तक
शहरी क्षेत्र
में वैध एवं
अवैध कॉलोनी
सहित नगर में
कितने भवनों
का बिना अनुज्ञा
प्राप्त
असेसमेंट
(निर्धारण)
किया गया है?
जिससे
शासन/नगर
पालिका को
कितनी राशि का
जुर्माना
प्राप्त हुआ
है? संपूर्ण
जानकारी
वार्डवार नाम
सहित सूची प्रदान
करें। (ख) क्या
शासन द्वारा
बिना अनुज्ञा
के निर्माण भवनों
के लिए कौन से
नियम बनाए गए
हैं? क्या नगर
पालिका उन
नियमों का
पालन कर रही
है या नहीं?
नियमावली
उपलब्ध
करवाएं। (ग) पूर्व
मुख्यमंत्री
मध्यप्रदेश
शासन शिवराज
सिंह चौहान
द्वारा घोषणा
स्वरूप सब्जी
विक्रेताओं/रेहड़ी
वाले/हाथ ठेला
धकेलने वाले
एवं फुटपाथ पर
व्यापार करने
वाले से कोई शुल्क
नहीं लेने की
घोषणा की गई
थी? क्या कारण
है कि नगर
पालिका
बालाघाट
द्वारा ठेका
देकर गरीब
मजदूरों से
राशि वसूली की
जा रही है?
जानकारी
देते हुये
बतावें की
नगरीय
क्षेत्र बालाघाट
में चिल्लर
सब्जी
विक्रेताओं
के लिए शासन/नगर
पालिका
बालाघाट
द्वारा स्थान
सुनिश्चित
किया गया है
अथवा नहीं?
यदि
हाँ, तो उक्त
भूमि किसी
विभाग के
अंतर्गत
शामिल है एवं
प्रबंधक कौन
है। जानकारी
स्पष्ट करें। (घ) क्या नगर
पालिका को
अस्थाई दखल के
रूप में
चिल्लर सब्जी
विक्रेताओं
के लिए
आरक्षित भूमि
का नामांतरण
करने का
अधिकार दिया
गया है? यदि हाँ, तो किस
नियमों के तहत
नगर पालिका यह
अधिकार दिया
गया है? जानकारी
स्पष्ट करें।
नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री (
श्री कैलाश
विजयवर्गीय ) :
(क) नगर
पालिका
बालाघाट
क्षेत्र में
प्रश्नांकित
अवधि में बिना
अनुज्ञा
प्राप्त
भवनों में सम्पत्तिकर
असिस्मेंट
(निर्धारण)
एवं प्राप्त
राशि की जानकारी
पुस्तकालय
रखे परिशिष्ट
''अ''
अनुसार
है। (ख) बिना
अनुज्ञा के
निर्मित
भवनों के
अपराध का प्रशमन
के लिये म.प्र.
नगर पालिका
(अनुज्ञा के
बिना भवनों के
संनिर्माण के
अपराधों का
प्रशमन, शुल्क
एवं शर्तें)
नियम, 2016 प्रचलित
है। जी हां। जानकारी
पुस्तकालय
रखे
परिशिष्ट
''ब''
अनुसार
है। (ग) जी हां, घोषणा
के
परिप्रेक्ष्य
में विभागीय
परिपत्र
दिनांक 15/06/2023 जारी कर
तहबाजारी का
प्रतिदिन
शुल्क की
दरों के स्थान
पर
अर्द्धवार्षिक/वार्षिकी
दरों का निर्धारण
करने के लिए
परिषद का
विशेष सम्मेलन
आहूत कर
निर्णय लेने
के
दिशा-निर्देश
प्रसारित किए
गए थे, परन्तु
निकाय द्वारा
विभागीय
दिशा-निर्देश
का पालन नहीं
किया जाना पाए
जाने पर निकाय
को विभागीय
दिशा-निर्देश
के अनुसार
कार्यवाही
सुनिश्चित
करने के निर्देश
दिए गए है। जी
हां, निकाय
क्षेत्र में
सब्जी
विक्रेताओं
के लिए गुजरी
बाजार, इतवारी
बाजार एवं
सरेखा बाजार
में स्थान
निर्धारित
किया गया है।
राजस्व
अभिलेख में
भूमि म.प्र.शासन
के नाम दर्ज
है एवं गुजरी
बाजार, इतवारी
बाजार की भूमि
का प्रबंधन
नगर पालिका के
पास है। (घ) जी हां,
पट्टे
पर दी गई अचल
संपत्ति के
नामांतरण का
अधिकार नगर
पालिका को है
एवं नगर
पालिका
द्वारा चिल्लर
सब्जी
विक्रेताओं
को आवंटित
चबूतरों का
नियमानुसार
नामांतरण
किया जाता है।
म.प्र. नगर
पालिका (अचल
संपत्ति का
अंतरण) नियम,
2016 के
नियम 4 में पट्टे
पर दी गई अचल
संपत्ति के
नामांतरण की
प्रक्रिया
विहित की गई
है।
अल्पसंख्यक
समुदाय की
योजनाएं एवं
प्रशासकीय
स्वीकृति
[पिछड़ा
वर्ग एवं
अल्पसंख्यक
कल्याण]
122. ( क्र. 3122 ) श्रीमती
अनुभा
मुंजारे : क्या
राज्यमंत्री,
पिछड़ा
वर्ग एवं
अल्पसंख्यक
कल्याण
महोदया यह
बताने की कृपा
करेंगी कि
(क) विभाग
के द्वारा
बालाघाट जिले
में अल्पसंख्यक
समुदाय के लिए
वर्ष 2020 से 2025 तक
क्या-क्या
योजनाएं लायी
गई हैं? सूची
देवें। विगत 05 वर्षों
में योजना में
बालाघाट जिले
में राशि
आवंटन एवं प्रशासनिक
स्वीकृति
दिया गया हैं?
समस्त
की प्रति
देवें। (ख) बालाघाट
जिले में वर्ष
2020 से 2025 तक के
सालों में
मध्यप्रदेश
शासन स्तर एवं
शहरी राशि
(खनिज निधि) से
निर्माण
कार्य आदि की
प्रशासनिक
स्वीकृति का
लेटर, निर्माण
कार्य की
टी.सी. की
स्वीकृति एवं
किन-किन कार्य
स्वीकृत हुए, सूची
उपलब्ध
करायें। (ग) प्रश्नांश
(क) व (ख) अनुसार
विभाग द्वारा
वर्ष 2023 -2024 एवं 2024- 25 में
बालाघाट जिले
में निर्माण
एवं सप्लाई सामग्री
संबंधी कार्य
आदि प्रदान
किया गया हैं?
समस्त
कार्यों की
सूची देवें। (घ) बालाघाट
जिले में
विभाग द्वारा
वर्ष 2023 -2024 एवं 2024-25 में
जहां-जहां
प्रशासकीय
स्वीकृति
प्रदान की गई
उन समस्त
निविदा
प्रक्रिया
संबंधी अभिलेख,
माप
पुस्तिका एवं
ठेकेदार को
ऑफलाइन/ऑनलाइन
निविदा के
माध्यम से
कार्य दिया
गया उन समस्त कार्यों
की सूची
ठेकेदारवार
जानकारी
उपलब्ध करायें।
राज्यमंत्री,
पिछड़ा
वर्ग एवं
अल्पसंख्यक
कल्याण (
श्रीमती
कृष्णा गौर ) :
(क) विभाग
के द्वारा
बालाघाट जिले
में अल्पसंख्यक
समुदाय की
केन्द्र
सरकार द्वारा
संचालित
योजना की
जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार
है। उक्त
योजनाओं में
केन्द्र
सरकार द्वारा
डीबीटी के
माध्यम से
विद्यार्थियों
के एकल बैंक
खातों में राशि
हस्तांतरित
की जाती है। (ख) अल्पसंख्यक
समुदाय के लिए
जिला स्तरीय
त्रिरत्न
बौध्द बिहार,
बौध्द
नगर, कोसमी
जिला-बालाघाट
को कार्य की
प्रशासकीय स्वीकृति
प्राप्त हुई
है। आदेश की
प्रति पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-'ब' अनुसार
है। (ग) अल्पसंख्यक
समुदाय
द्वारा
जिला-बालाघाट
में जिला स्तरीय
त्रिरत्न
बौध्द बिहार,बौध्द
नगर, कोसमी जिला
बालाघाट के
जीर्णोद्धार
के अधूरे
कार्य को पूर्ण
करने हेतु स्वीकृति
प्रदाय की गयी
है। जानकारी
पुस्तकालय
में
रखे परिशिष्ट
के
प्रपत्र-'स' अनुसार
है। (घ) कार्यालय
आयुक्त, पिछड़ा
वर्ग तथा अल्पसंख्यक
कल्याण
विभाग के
अंतर्गत
संचालनालय स्तर
से बीसीओ लोक
निर्माण
विभाग में
राशि हस्तांतरित
कर कार्यालय,
कार्यपालन
यंत्री, लोक
निर्माण
विभाग संभाग
क्रमांक-01
बालाघाट (म.प्र.)
को
निर्माण
एजेंसी
नियुक्त
किया गया है। जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-'द' अनुसार
है।
घरेलू
एवं
व्यावसायिक
विद्युत मीटर
की जानकारी
[ऊर्जा]
123. ( क्र. 3125 ) श्री
इंजीनियर
प्रदीप
लारिया : क्या
ऊर्जा मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) विभाग
द्वारा घरेलू
एवं
व्यावसायिक
विद्युत मीटर
में विभाग
द्वारा कब-कब
परिवर्तन/नये
विद्युत मीटर
उपभोक्ताओं
के कब-कब
स्थापित मीटरों
को नये
विद्युत मीटर
में परिवर्तन
या स्थापित
किया गया।
वर्षवार
जानकारी
देवें? (ख) क्या
विभाग द्वारा
विगत एक वर्ष
से नये विद्युत
मीटर विद्युत
उपभोक्ताओं
के यहां
स्थापित किये
जा रहे है।
यदि हाँ, तो
वर्तमान में
स्थापित मीटर
को नये मीटर
में क्यों
परिवर्तित
किया जा रहा
है। (ग) प्रश्नांश
(ख) में
वर्णित नये विद्युत
मीटर नगर
पालिका परिषद,
मकरोनिया
क्षेत्र के
किन-किन
वार्डों में
प्रश्न
दिनांक तक
कितने मीटर
स्थापित किये
गये है तथा
कितने
विद्युत
उपभोक्ताओं
के यहां नवीन
विद्युत मीटर
स्थापित करने
शेष रह गये
हैं? (घ) क्या
वर्तमान में
विद्युत
उपभोक्ता
द्वारा उपयोग
किया जा रहा
मीटर (पुराना
मीटर) के
स्थान पर नया
विद्युत मीटर
स्थापित किया
जाना/बदला
जाने का क्या
प्रावधान/नियम
है?
ऊर्जा
मंत्री ( श्री
प्रद्युम्न
सिंह तोमर ) :
(क) भारत
सरकार तथा
विद्युत
नियामक आयोग
के दिशा निर्देशों
के अनुरूप
स्थापित होने
वाले घरेलू
एवं व्यावसायिक
विद्युत मीटर
में समय-समय
पर परिवर्तन
हुए है, जिसमें
सर्वप्रथम
इलेक्ट्रोमैकेनिकल
मीटर स्थापित
किये गए। इसके
उपरांत
एनर्जी मीटर की
तकनीक विकसित
होने पर
विद्युत
नियामक आयोग
के
दिशा-निर्देशों
के अंतर्गत
स्टेटिक (इलेक्ट्रोनिक)
मीटर स्थापित
किये गए।
तदोपरांत
स्मार्ट मीटर
तकनीक आने पर,
केन्द्र
शासन की
आर.डी.एस.एस.
स्कीम
अंतर्गत
घरेलू एवं
व्यावसायिक
स्मार्ट
विद्युत मीटर
स्थापित किये
जा रहे हैं।
घरेलू एवं
व्यावसायिक इलेक्ट्रोमैकेनिकल
मीटर को
स्टेटिक मीटर
से बदलने का
कार्य वर्ष 1999-2000 से
प्रारंभ किया
जा चुका था।
इसके पश्चात
वर्ष 2005-2006 से स्टेटिक
मीटर में
एल.सी.डी.
डिस्प्ले के
साथ आई.आर.डी.ए.
पोर्ट वाले
मीटर तथा वर्ष
2016-2017
से डी.एल.एम.एस. कंप्लेंट मीटर
आप्टिकल
पोर्ट के साथ
स्थापित
किये गए। वर्ष
2021-2022
से
ए.एम.आई.एस.पी.
के माध्यम से
स्मार्ट मीटर स्थापित
करने का कार्य
प्रारंभ किया
गया, जो कि
वर्तमान में
भी जारी है। (ख) जी हां।
विद्युत
कंपनियों के
अंतर्गत शहरी
क्षेत्रों
में स्मार्ट
मीटर केन्द्रीय
विद्युत
प्राधिकरण,
विद्युत
मंत्रालय,
भारत
सरकार की
अधिसूचना
दिनांक 23.12.2019 के
विनियम-4 एवं
विद्युत मंत्रालय,
भारत
सरकार की
अधिसूचना
दिनांक 31
दिसम्बर, 2020 के
विनियम-5 ''मीटरिंग''
तथा
मध्यप्रदेश
विद्युत
प्रदाय
संहिता-2021 के
अध्याय-8 ''विद्युत
मापन तथा
बिलिंग'' के
दिशा-निर्देशों
के अनुपालन
में
आर.डी.एस.एस.
योजना के
अंतर्गत
पारदर्शी
बिलिंग, मीटर
रीडिंग प्रणाली
में सुधार और
सटीक ऊर्जा
लेखाकंन के लिए
लगाए जा रहे
हैं। (ग) नगर
पालिका परिषद
मकरोनिया में
वार्ड अनुसार
नहीं अपितु
फीडरवार मीटर
लगाने का
कार्य किया जा
रहा हैं, जिसके
तहत प्रश्नाधीन
क्षेत्र के
कुल 21680 विद्युत
उपभोक्ताओं
में से 17352 उपभोक्ताओं
के परिसरों
में पुराने
मीटरों के
स्थान पर स्मार्ट
मीटर स्थापित
किये जा चुके
हैं एवं 4328
उपभोक्ताओं
के मीटर बदलना
शेष हैं। (घ) जानकारी
उत्तरांश
(ख)
में समाहित
है।
गलत
तरीके से की
गई अनुकंपा
नियुक्ति की
जानकारी
[नगरीय
विकास एवं
आवास]
124. ( क्र. 3126 ) श्री
सिद्धार्थ
सुखलाल
कुशवाहा : क्या
नगरीय विकास
एवं आवास
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
नगर-परिषद में
कार्यरत
चतुर्थ
श्रेणी कर्मचारियों
के निधन
उपरांत
आश्रितों को
अनुकंपा
नियुक्ति दिए
जाने का
प्रावधान/नियम
है? यदि हाँ, तो नियम
की प्रति दें?
यदि
नहीं, तो सतना
जिले की
रामपुर-बघेलान
नगर-परिषद में
श्रीपाल सिंह
नाका (भृत्य)
चतुर्थ
श्रेणी कर्मचारी
के
लकवाग्रस्त
होने पर 2016-17 में
छोटे बेटे
प्रहलाद सिंह
को
कंप्यूटर-ऑपरेटर
के पद पर और
निधन के बाद
बड़े बेटे
पंजाब सिंह को
राजस्व
उपनिरीक्षक
के पद पर कैसे
और किस आधार
पर दो-दो
लोगों को
अनुकंपा नियुक्ति
दी गई? (ख) स्वर्गीय
श्रीपाल सिंह
के छोटे बेटे
प्रहलाद सिंह
के सेवा में
रहने के
उपरांत श्री
आर.पी. सोनी
तत्कालीन
संयुक्त
संचालक
द्वारा पंजाब
सिंह (बड़े
बेटे) को
चौकीदार के पद
पर अनुकंपा
नियुक्ति दिए
जाने का आदेश
किया गया और
पुनः अपने ही
आदेश को परिवर्तित
करके सहायक
राजस्व
निरीक्षक के
पद पर नियुक्त
किए जाने का
आदेश किस आधार
पर और किस नियम
के तहत जारी
किया गया?
नियम
सहित कारण
स्पष्ट करें?
(ग) क्या
श्री आर.पी. सोनी,
तत्कालीन
संयुक्त
संचालक रीवा
द्वारा गलत तरीके
से पंजाब सिंह
को नगर-परिषद
रामपुर-बघेलान
में सहायक
राजस्व
निरीक्षक के
पद पर की गई
मूल नियुक्ति
एवं राजस्व
उपनिरीक्षक
के पद पर की गई
गलत पदोन्नति
को निरस्त
किया जाकर
वेतन के रूप
में भुगतान की
गई राशि को
वसूला जाएगा?
यदि
हाँ, तो कब तक?
यदि
नहीं, तो क्यों?
क्या
नियम विरुद्ध
गलत एवं फर्जी
अनुकंपा नियुक्ति
देने वाले
संयुक्त
संचालक श्री
आर.पी. सोनी जैसे
अधिकारी एवं
गलत/फर्जी
अनुकंपा नियुक्ति
से दो-दो भाई
नौकरी पाने
वाले, पंजाब सिंह
को सरकार ऐसे
ही संरक्षण
देगी?
नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री (
श्री कैलाश
विजयवर्गीय ) :
(क) जी हां। जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार
है।
शेषांश का
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (ख) जी
नहीं।
स्वर्गीय
श्रीपाल सिंह
के छोटे बेटे
श्री प्रहलाद
सिंह को
दिनांक 20.06.2014 से नगर
परिषद, रामपुर
बघेलान जिला
सतना में
संविदा
कम्प्यूटर
ऑपरेटर
(कलेक्टर दर)
के पद पर रखा
गया है। नियम एवं
आदेश की जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार
है।
स्वर्गीय
श्रीपाल सिंह
के बड़े बेटे
श्री पंजाब
सिंह कि
अनुकम्पा
नियुक्ति,
सहायक
राजस्व
निरीक्षक के
पद पर संयुक्त
संचालक, नगरीय
प्रशासन एवं
विकास, रीवा
एवं शहडोल
संभाग रीवा
(म.प्र.) के पत्र
दिनांक 13.10.2016 से
अनुकंपा
नियुक्ति
किये जाने
हेतु गठित जिला
चयन समिति कि
बैठक दिनांक 13.10.2016 के
कार्यवाही
विवरण अनुसार
सर्वसम्मति
से अनुकंपा
नियुक्ति
प्रदान किये
जाने की अनुशंसा
की गई है। जानकारी
पुस्तकालय
में
रखे परिशिष्ट- ''स'' अनुसार
है।
सामान्य
प्रशासन
विभाग द्वारा
अनुकम्पा नियुक्ति
हेतु जारी
परिपत्रों के
निर्देश के पालन
में ही
अनुकम्पा
नियुक्ति की
गई है। शेषांश
का प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (ग) जी
नहीं।
उत्तरांश
(क)
एवं (ख) के
तारतम्य में
सामान्य प्रशासन
विभाग द्वारा
अनुकम्पा
नियुक्ति
हेतु जारी
परिपत्रों के
निर्देश के
पालन में ही
अनुकम्पा
नियुक्ति की
गई है। जो
तत्समय श्री
टी. एस. कुमरे
(सेवानिवृत्त)
दिनांक 30.09.2021
तत्कालीन
संभागीय
संयुक्त
संचालक, नगरीय
प्रशासन एवं
विकास, रीवा
एवं शहडोल
संभाग रीवा मध्यप्रदेश
द्वारा की गई
थी। श्री
पंजाब सिंह,
सहायक
राजस्व
निरीक्षक,
नगर
परिषद रामपुर
बघेलान की
पदोन्नति
राजस्व
उपनिरीक्षक
के पद पर
मध्यप्रदेश
नगरपालिका
अधिनियम 1961 के
अंतर्गत बनें
मध्यप्रदेश
नगरपालिका
सेवा (वेतनमान
एवं भत्ता)
नियम 1967 के नियमों
के तहत निकाय
में राजस्व उप
निरीक्षक का
एकल पद होने
के कारण किया
गया था। जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट-''द'' अनुसार
है।
शेषांश का
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है।
निर्माण
कार्य की
गुणवत्ता
[लोक
निर्माण]
125. ( क्र. 3129 ) डॉ.
विक्रांत
भूरिया : क्या
लोक निर्माण
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) झाबुआ
जिले में
विभाग के
कितने कार्य
निर्माण
कार्य वर्ष 2021 से 2025 तक
पूर्ण हो चुके
है, कितने
अपूर्ण है और
किन कारणों से
तय समय में पूर्ण
नहीं हुए। (ख) प्रश्नांश
(क) के संबंध
में ऐसे सभी
निर्माण
कार्य जो
टेंडर की समय-सीमा
में पूरे नहीं
हुए, विभाग ने
संबंधित
ठेकेदार पर
क्या
कार्यवाही की,
सम्पूर्ण
जानकारी
प्रदान करें।
लोक
निर्माण
मंत्री ( श्री
राकेश सिंह ) :
(क)
जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-अ,
'अ-1'
एवं 'अ-2' अनुसार
है।
इसके अतिरिक्त
भवन विकास
निगम के
अंतर्गत
झाबुआ जिले
में 01 कार्य
अपूर्ण है,
जिला
चिकित्सालय
झाबुआ में 100 बिस्तरीय
एम.सी.एच. भवन
एवं 50 बिस्तरीय
क्रिटिकल
केयर
हॉस्पिटल ब्लॉक
के एकीकृत भवन
निर्माण
कार्य
समय-सीमा में
प्रगतिरत
है। (ख)
जानकारी
पुस्तकालय
में
रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-अ,
'अ-1'
एवं 'अ-2' अनुसार
है।
प्रधानमंत्री
आवास योजना 2.0 के अन्तर्गत
शहरी
हितग्राहियों
को लाभ
[नगरीय
विकास एवं
आवास]
126. ( क्र. 3131 ) श्री
ठाकुर दास
नागवंशी : क्या
नगरीय विकास
एवं आवास
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
यह सही है कि
प्रधानमंत्री
आवास योजना
(शहरी) 2.0 अन्तर्गत
भवन निर्माण
हेतु शासन
द्वारा जारी
दिशा
निर्देशों
में यह भी
निर्देश हैं
कि नगरी क्षेत्र
में निवास
करने वाले
पात्र
हितग्राही का
प्लॉट/भूखण्ड
यदि नगरीय
क्षेत्र की
सीमा से लगे
पंचायती (ग्रामीण)
क्षेत्र में
हैं तो उसे
डी.पी.आर. में
सम्मिलित कर
हितग्राही को
लाभांवित
किया जा सकता
हैं। (ख) यदि हाँ, तो जिला
नर्मदापुरम
की नगर
पालिका/नगर
परिषदों में
उक्त योजना
अन्तर्गत स्वीकृत
डी.पी.आर. में
नगरीय सीमा से
लगे पंचायती
(ग्रामीण)
क्षेत्र में
हितग्राही का
प्लॉट/भूखण्ड
आदि हैं तो क्या
इन्हें भवन
निर्माण हेतु
राशि स्वीकृत
की जावेगी?
(ग) क्या
कोई गरीब व्यक्ति
जो नगरीय सीमा
में प्लॉट/भूखण्ड
क्रय करने में
सक्षम नहीं
हैं यदि वह
नगर की सीमा
से लगे
पंचायती
ग्रामीण
क्षेत्र में
प्लाट/भूखण्ड
क्रय कर मकान
आदि का
निर्माण करता
है, तो क्या
शासन द्वारा
उक्त योजना
के दिशा
निर्देशों
में संशोधन कर
लाभ प्रदान
किया जावेगा?
(घ) क्या
वर्तमान में
प्रदेश की
प्रत्येक
नगरपालिकाओं
व नगर परिषदों
में उक्त
योजना के तहत
आवेदन प्राप्त
हुये हैं यदि
हाँ, तो इन
प्राप्त
आवेदनों में
कितने आवेदन
ऐसे
हितग्राहियों
के हैं जिनके
प्लॉट/भूखण्ड
नगरीय सीमा से
लगे पंचायती
ग्रामीण
क्षेत्र में
स्थित हैं,
सूची
उपलब्ध
करावें।
नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री (
श्री कैलाश
विजयवर्गीय ) :
(क) जी
नहीं। (ख) उत्तरांश
''क'' के
परिप्रेक्ष्य
में प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (ग) जी
नहीं। (घ) जी हां।
शासन के आदेश
क्र. UDH/9/0001/2025/18-2 दिनांक 14.02.2025 तथा
आदेश क्र. FUDH/9/0009/2025/18-2 दिनांक 17-03-2025 के
प्रावधान
अनुसार
अपात्र होने
से ऐसे आवेदनों
का कोई
रिकार्ड
संधारित नहीं
किया गया है।
विद्युत
केन्द्रों
में
ठेकेदारों के
माध्यम से
कराये गये
कार्य
[ऊर्जा]
127. ( क्र. 3133 ) श्री
भूपेन्द्र
सिंह : क्या
ऊर्जा मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) खुरई
विधानसभा
क्षेत्र
अन्तर्गत
विभाग द्वारा
विभिन्न
वितरण
केन्द्रों
अन्तर्गत वर्ष
2022-23
से वर्ष 2024-25 तक किन-किन
ठेकेदारों के
माध्यम से
कौन-कौन से
कार्य कराए जा
रहे हैं? (ख) प्रश्नांश
(क) अनुसार
इनमें से
कौन-कौन से
कार्य कब-कब
पूर्ण होना थे?
कार्य
अपूर्ण होने
के क्या-क्या
कारण हैं?
अपूर्ण
कार्य कब तक
पूर्ण करा
लिये जायेंगे?
विस्तृत
ब्यौरा दें?
ऊर्जा
मंत्री ( श्री
प्रद्युम्न
सिंह तोमर ) :
(क) खुरई
विधानसभा
क्षेत्र में
म.प्र. पूर्व
क्षेत्र
विद्युत
वितरण कंपनी
द्वारा प्रश्नाधीन
अवधि में
विभिन्न
विद्युत
वितरण केन्द्रों
अन्तर्गत
वार्षिक
कार्य योजना
एवं आर.डी.एस.एस
योजना
अंतर्गत किये
गये कार्यों
की प्रश्नाधीन
जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' एवं 'ब' अनुसार है। (ख) उत्तरांश
(क) में
उल्लेखित
कार्यों की
पूर्णता/अपूर्णता
की स्थिति तथा
अपूर्ण होने
का कारण एवं
पूर्ण कराये जाने
संबंधी जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' एवं 'ब' अनुसार है।
पशु
औषधालयों में
रिक्त पदों की
पूर्ति एवं आवंटन
[पशुपालन
एवं डेयरी]
128. ( क्र. 3134 ) श्री
भूपेन्द्र
सिंह : क्या
राज्य
मंत्री, पशुपालन
एवं डेयरी
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) खुरई
विधानसभा
क्षेत्र
अन्तर्गत
किन-किन पशु
औषधालयों में
किस-किस श्रेणी
के कौन-कौन से
पद स्वीकृत
हैं? स्वीकृत
पदों के
विरूद्ध
वर्तमान में
किन-किन
औषधालयों में
कितने-कितने
पद रिक्त हैं?
रिक्त
पदों की
पूर्ति कब तक
कर दी जावेगी?
(ख) प्रश्नांश
(क)
अनुसार
वर्ष 2024-25 एवं चालू
वित्तीय वर्ष
में उक्त
औषधालयों में
आवंटित कराई
गई दवाओं एवं
राशि का
ब्यौरा क्या
है? आवंटित
राशि का उपयोग
किन-किन
कार्यों में
किया गया?
राज्य
मंत्री, पशुपालन
एवं डेयरी (
श्री लखन पटैल
) : (क)
जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट ''अ'' अनुसार। चयन
उपरांत रिक्त
पदों की
पूर्ति की
कार्यवाही की
जाती है। समय-सीमा
बताना संभव
नहीं हैं
(ख)
जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- ''ब'' अनुसार।
नर्मदापुरम
से टिमरनी तक
स्वीकृत सड़क
एवं पुल-पुलियों
का निर्माण
[लोक
निर्माण]
129. ( क्र. 3137 ) श्री
प्रेमशंकर
कुंजीलाल
वर्मा : क्या
लोक निर्माण
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) नर्मदापुरम
(होशंगाबाद)
से टिमरनी तक 10 मी. बजट
में स्वीकृत
सड़क की लंबाई
एवं स्वीकृत
राशि क्या है?
(ख) इस सड़क
में कितने पुल
निर्माण एवं
सीमेंट सड़क
कितने
किलोमीटर
बनाना है?
(ग) क्या
उक्त स्वीकृत
सड़क की टेंडर
प्रक्रिया हो
गई है? (घ) सड़क
निर्माण कब तक
पूर्ण किया जा
सकेगा?
लोक
निर्माण
मंत्री ( श्री
राकेश सिंह ) : (क) नर्मदापुरम
(होशंगाबाद)
से टिमरनी तक 10 मीटर
चौड़ाई में
बजट में
प्रावधानित
सड़क की लंबाई
72.00
कि.मी. एवं
राशि रु. 405.00 करोड़
है। (ख) वर्तमान
में प्रचलित
डीपीआर
अनुसार इस
सड़क पर 02 नग वृहद
पुल, 25 नग मध्यम
पुल तथा 93 नग
पुलियां
निर्माण एवं 14.55 किमी.
सीमेन्ट
सड़क प्रस्तावित
है। (ग) जी नहीं।
प्रशासकीय स्वीकृति
अपेक्षित।
प्रशासकीय स्वीकृति
उपरांत ही
निविदा
प्रक्रिया
किया जाना
संभव होगा। (घ) प्रशासकीय
स्वीकृति
अपेक्षित।
समय-सीमा
बताया जाना
संभव नहीं।
आउटसोर्स
कर्मचारी के
संबंध में
आवश्यक जानकारी
[ऊर्जा]
130. ( क्र. 3144 ) श्री
भंवर सिंह
शेखावत : क्या
ऊर्जा मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) वर्तमान
में कंपनी के
अंतर्गत
पश्चिम क्षेत्र
में कुल कितने
आउटसोर्स
कर्मचारी
कार्यरत हैं? (ख) इन
कर्मचारियों
से किस-किस
प्रकार का
कार्य लिया जा
रहा है? (ग) क्या इन
आउटसोर्स
कर्मचारियों
को विद्युत विभाग
से संबंधित
कार्यों हेतु
कोई प्रशिक्षण
प्रदान किया
जाता है? यदि हाँ,
तो
कृपया
प्रशिक्षण की
प्रकृति एवं
अवधि बताई जाए
और यदि नहीं,
तो
क्यों नहीं?
(घ) इन
कर्मचारियों
को कंपनी
द्वारा
क्या-क्या सुविधाएँ
प्रदान की
जाती हैं?
यदि
नहीं, तो कारण
स्पष्ट किया
जाये। (ङ)
क्या बदनावर
(जिला धार)
विधानसभा
अंतर्गत, ग्राम
तीखी निवासी
श्री मुकेश
पिता कालू भूरिया
एवं ग्राम
तिलगारा निवासी
श्री पंकज
मुनिया नामक
आउटसोर्स कर्मचारियों
की विगत माह
ड्यूटी के
दौरान मृत्यु
हो गई? यदि हाँ,
तो
कंपनी द्वारा
उनके परिजनों
को अब तक
क्या-क्या
सहायता एवं
मुआवजा
प्रदान किया
गया है? यदि कोई
सहायता नहीं
दी गई, तो कृपया
कारण स्पष्ट
किया जाए।
ऊर्जा
मंत्री ( श्री
प्रद्युम्न
सिंह तोमर ) :
(क) वर्तमान
में म.प्र.
पश्चिम
क्षेत्र
विद्युत वितरण
कंपनी, इंदौर
अंतर्गत कुल 18410
आउटसोर्स
(बाह्य
स्त्रोत)
कार्मिक
कार्यरत हैं। (ख) बाह्य
स्त्रोत
कार्मिकों से
कार्य की
आवश्यकतानुसार
एवं नियोजित
पद की श्रेणी
के अनुरूप तकनीकी
एवं
गैर-तकनीकी
कार्य यथा-33/11 के.व्ही.
विद्युत
उपकेन्द्र
के संचालन
हेतु ऑपरेटर,
मीटर
रीडिंग, विद्युत
लाईनों के
कार्य में
सहायक, कम्प्यूटर
ऑपरेटर, वाहन
चालक एवं अन्य
कार्य लिये
जाते हैं। (ग) बाह्य
स्त्रोत
कार्मिक
विद्युत
वितरण कंपनी
के कार्मिक
नहीं होकर,
बाह्य
स्त्रोत
एजेंसी के
कार्मिक होते
हैं, जिन्हें
निविदा की
शर्तों के
अनुरुप
शैक्षणिक
योग्यता के
आधार पर कार्य
की
आवश्यकतानुसार
बाह्य
स्त्रोत सेवा
प्रदाता
एजेंसी के माध्यम
से नियोजित
किया जाता है
तथापि बाह्य
स्त्रोत
कार्मिक जो कि
विद्युत लाईन
एवं विद्युत
उपकेन्द्र के
संचालन-संधारण
संबंधी विद्युत
कार्यों में
नियोजित हैं,
के
लिए
प्रतिवर्ष 03 दिवसीय
सुरक्षा
प्रशिक्षण
दिया जाता है।
(घ) बाह्य
स्त्रोत
कार्मिकों को
निविदा में
उल्लेखानुसार
ई.पी.एफ., ई.एस.आई.सी,
ग्रुप
इंश्योरेंस
एवं दुर्घटना
बीमा आदि सुविधा
प्रदान की
जाती है। अत:
शेष प्रश्न
नहीं उठता है।
(ड.) जी हाँ।
म.प्र. पश्चिम
क्षेत्र
विद्युत
वितरण कंपनी
द्वारा प्रश्नांश
में उल्लेखित
बाह्य
स्त्रोत
कार्मिकों के
परिजनों को
नियमानुसार
मुआवजा राशि
रू. 4,00,000/-का भुगतान
किया गया,
जिसका
विवरण संलग्न
परिशिष्ट
अनुसार है। अत: शेष
प्रश्न नहीं
उठता है।
फर्जी
फाइलों के
माध्यम से
ड्रेनेज
घोटाला
[नगरीय
विकास एवं
आवास]
131. ( क्र. 3150 ) श्री
सुनील उईके : क्या
नगरीय विकास
एवं आवास
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) नगर
पालिक निगम
इंदौर में
विगत वर्ष
प्रकाश में आए
फर्जी फाइलों
के माध्यम से
हुए ड्रेनेज घोटाले
में किन-किन
वार्डों के
किस-किस कार्य
के नाम से
फर्जी फाइलें
एवं फर्जी बिल
बनाए गए हैं?
(ख) नगर
पालिक निगम
इंदौर में हुए
इस घोटाले में
दर्शाए गए कार्यों
में कब-कब,
कितनी-कितनी
राशि का
भुगतान किया
गया है? भुगतान
पत्रक के साथ
भुगतान किए गए
बिल वाउचर की
छायाप्रति भी
प्रदान करें। (ग)
नगर पालिक
निगम इंदौर
में फर्जी
फाइलों के माध्यम
से हुए इस
ड्रेनेज
घोटाले के बाद
क्या अन्य नगर
निगमों में भी
ऐसा कोई मामला
प्रकाश में
आया है? (घ) फर्जी
फाइलों के
माध्यम से कोई
अन्य नगरी निकाय
में इस तरह का
भ्रष्टाचार
ना हो सके इस
संबंध में
राज्य सरकार
ने अब तक क्या
कार्रवाई की
है? जानकारी
दें।
नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री (
श्री कैलाश
विजयवर्गीय ) :
(क) जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट-'अ' अनुसार
है। (ख)
जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट-'अ' अनुसार
है, भुगतान
पत्रक, बिल
वाउचर की
प्रति पुस्तकालय
में
रखे परिशिष्ट- 'ब' अनुसार
है। (ग) जी
नहीं। (घ) प्रदेश
की नगरीय
निकायों में
भुगतान की
प्रक्रिया
ई-नगर पालिका
के माध्यम से
ऑनलाईन लागू
किया गया है।
संविदाकार
के ऊपर की गई
कार्यवाही
[नगरीय
विकास एवं
आवास]
132. ( क्र. 3151 ) सुश्री
रामश्री (बहिन
रामसिया
भारती) राजपूत
: क्या
नगरीय विकास
एवं आवास
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
नगर पंचायत
बक्सवाहा
स्थित शासकीय
भूमि खसरा न. 701/8
रकबा 0.486 हेक्टेयर
जो कि चिल्ड्रन
पार्क हेतु
आराक्षित है
बिना किसी अधिकारिता
एवं आवंटन के
निविदा जारी
कर दुकान निर्माण
कराये जाने का
प्रस्ताव
परिषद बैठक
दिनांक 11/04/2022
विधि सम्मत
है? (ख) क्या
बिना किसी
अधिकारिता
एवं आवंटन के
दिनांक 07/01/2016 को
श्री लखन पटेल
को 25 दुकान
निर्माण
कराये जाने का
कार्य आदेश
विधि सम्मत
है। (ग) क्या
दिनांक 15/09/2017 को
तहसीलदार बक्सवाहा
जिला छतरपुर
के द्वारा
शासकीय भूमि
खसरा न. 701/8 जो कि
चिल्ड्रन
पार्क हेतु
आरक्षित है पर
नगर परिषद बक्सवाहा
के कार्य आदेश
पर संविदाकार
द्वारा कराये
जा रहे
दुकानों के
निर्माण पर
रोक एवं नगर
परिषद बक्सवाहा
द्वारा उक्त
भूमि पर
अतिक्रमण से
बेदखल करते
हुए 3,42,000/- का
अर्थदण्ड
अधिरोपित
होने के आदेश
के वाबजूद नगर
परिषद बक्सवाहा
द्वारा
दिनांक 14/04/2022 को
संविदाकार की
एसडी राशि,
अमानत
राशि एवं
परफॉर्मेंस
गांरटी राशि
राजसात किये
जाने एवं
संविदाकार को ब्लैक
लिस्टेड
किये जाने का
आदेश विधि सम्मत
है। (घ) क्या
तहसीलदार बक्सवाहा
के आदेश
दिनांक 15/09/2017
द्वारा नगर
परिषद को अतिक्रमण
कारी मानते
हुए अर्थदण्ड
3,42000/- का
आदेश पारित
होने के
बावजूद पुन:
नगर पालिका
द्वारा दुकान
निर्माण
कराये जाने की
प्रक्रिया
विधि सम्मत
है।
नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री (
श्री कैलाश
विजयवर्गीय ) :
(क) जी हां।
जी नहीं। (ख) से (घ) जी
नहीं।
गुना
नगरपालिका
में संचालित
योजनाओं की
जानकारी
[नगरीय
विकास एवं
आवास]
133. ( क्र. 3152 ) श्री
पन्नालाल
शाक्य : क्या
नगरीय विकास
एवं आवास
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) वर्ष 2020 से
प्रश्न
दिनांक तक
नगरपालिका
गुना में
कौन-कौन सी योजनाओं
में कितना आवंटन
प्राप्त हुआ
और उस बजट से
क्या-क्या
कार्य हुये?
वर्षवार
उपलब्ध
करायें। (ख) गुना
विधानसभा में
वर्ष 2020 से प्रश्न
दिनांक तक
गुना
नगरपालिका
में सोलर लाइट
के लिये कितना
आवंटन प्राप्त
हुआ, प्राप्त
बजट से कितने
सोलर लाइट
कौन-कौन से
वार्ड में
लगाई गयी
उसमें किये
गये व्यय की
जानकारी
उपलब्ध
करायें। (ग) प्रश्नांश
(क) एवं (ख) में
दर्शित
कार्यों में
अनियमितता को
लेकर कितनी
शिकायते
प्राप्त हुई?
क्या उनकी
जांच की गयी
यदि हाँ, तो जांच
रिपोर्ट और
अनियमितता पर
क्या
कार्यवाही की
गयी, जानकारी
उपलब्ध
करायें। (घ) प्रश्नांश
(ग) में कार्यों
में
अनियमितता
करने वालो पर
क्या
कार्यवाही की
जावेगी?
नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री (
श्री कैलाश
विजयवर्गीय ) :
(क)
जानकारी
संलग्न परिशिष्ट
अनुसार है। (ख) नगर
पालिका परिषद,
गुना
को सोलर लाइट
के लिये आवंटन
प्राप्त नहीं
हुआ है। उत्तरांश
के
परिप्रेक्ष्य
में शेषांश का
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (ग) एवं
(घ) कोई भी
शिकायत
प्राप्त नहीं
होने से
शेषांश का
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है।
सोलर
कुसुम योजना
की जानकारी
[नवीन
एवं नवकरणीय
ऊर्जा]
134. ( क्र. 3157 ) श्री
ओमकार सिंह
मरकाम : क्या
नवीन एवं
नवकरणीय
ऊर्जा मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) कुसुम
(सोलर) योजना
के नियम क्या
है? कुसुम A
एवं
कुसुम B की विस्तृत
जानकारी दें। (ख)
प्रश्नांश
"क" योजनान्तर्गत
वर्ष 2023, 2024 एवं 2025
किसने-किसने,
कब-कब,
कितनी-कितनी
राशि के प्रोजेक्ट
का प्रकरण
प्रस्तुत
किया, प्रकरणवार
जानकारी दें। (ग) प्रश्नांश
'’ख’'
अनुसार
प्रस्तुत
प्रकरण
कहां-कहां की
है, किस-किस
जमीन में
प्रोजेक्ट
लगेगा, कौन-कौन
के प्रोजेक्ट
स्वीकृत हुए,
कब-कब
स्वीकृत हुए,
कितनी-कितनी
बिजली उत्पादन
करेंगे, किस-किस
दर से सरकार
खरीदेगी, प्रकरणवार
जानकारी दें। (घ) कहां-कहां
के प्रोजेक्ट
चालू हो गये,
कितनी-कितनी
प्रतिदिन
बिजली पैदा कर
रहे है। प्रोजेक्टवार
जानकारी दें।
नवीन
एवं नवकरणीय
ऊर्जा मंत्री
( श्री राकेश
शुक्ला ) :
(क) प्रधानमंत्री
कुसुम-अ की जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट
के
प्रपत्र-अ
अनुसार है एवं
प्रधानमंत्री
कुसुम-ब की
जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट
के
प्रपत्र-ब
अनुसार है। (ख) प्रधानमंत्री
कुसुम-अ
योजनान्तर्गत
वर्ष 2023,2024 एवं
2025 की
प्रोजेक्ट
की जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-अ
अनुसार है।
प्रधानमंत्री
कुसुम-ब योजना
में सोलर पंप
लगाये जाते
है। (ग) प्रधानमंत्री
कुसुम योजना
की जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट
के
प्रपत्र-अ
अनुसार है।
प्रधानमंत्री
कुसुम घटक-अ
के अन्तर्गत
स्थापित
सोलर
संयंत्रों से Capacity
Utilization Factor (CUF) के अनुमान
से लगभग 4 हजार
यूनिट प्रति
मेगावॉट
प्रतिदिन
विद्युत का
उत्पादन
होता है।
वर्तमान में
म.प्र. पॉवर
मैनेजमेंट
कंपनी
लिमिटेड
द्वारा रू. 3.25 प्रति यूनिट
की दर से
विद्युत का
क्रय किया
जाना प्रावधानित
है। (घ) प्रधानमंत्री
कुसुम घटक-अ
के अन्तर्गत
चालू
प्रोजेक्टवार
जानकारी
पुस्तकालय
में
रखे परिशिष्ट के
प्रपत्र-स
अनुसार है।
एन.एल.एम.
एवं डेयरी
विकास योजना
की जानकारी
[पशुपालन
एवं डेयरी]
135. ( क्र. 3158 ) श्री
ओमकार सिंह
मरकाम : क्या
राज्य
मंत्री, पशुपालन
एवं डेयरी
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) एन.एल.एम
एवं डेयरी
विकास
योजनान्तर्गत
वर्ष 2023, 2024 एवं 2025 में
किसने-किसने
फार्म जमा
किये? कितनी-कितनी
राशि के
प्राक्लन
बनाये, फार्म
जमा करने
वालों की पता
सहित जानकारी
दें। (ख) प्रश्नांश
(क) अनुसार
कब-कब फार्म
जमा किये थे
उसमें कब-कब,
किसका-किसका
प्रकरण, कितनी-कितनी
राशि का
स्वीकृत हुआ,
उसमें
कितनी-कितनी
राशि अनुदान
का है, अनुदान के
राशि
कितना-कितना
भुगतान किया
जा चुका है,
कितना-कितना
शेष है? प्रकरणवार
जानकारी दें। (ग) जिनके-जिनके
प्रकरण स्वीकृत
है जिन्हें
अनुदान दिया
जा चुका है
उनकी वर्तमान
में भौतिक
स्थिति कैसी
है? प्रकरणवार
जानकारी दें।
राज्य
मंत्री, पशुपालन
एवं डेयरी (
श्री लखन पटैल
) : (क)
जानकारी
पुस्तकालय
में
रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार
है। (ख) एवं (ग)
जानकारी
पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार
है।
निर्माण
कार्यों एवं
व्यय से
संबंधित
जानकारियां
[नगरीय
विकास एवं
आवास]
136. ( क्र. 3164 ) श्री
विवेक विक्की
पटेल : क्या
नगरीय विकास
एवं आवास
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) विधानसभा
वारासिवनी
अंतर्गत
नगरपालिका परिषद
वारासिवनी
में दिनांक 10/08/2022 से
प्रश्न
दिनांक तक
मध्यप्रदेश
शासन, केंद्र
सरकार एवं
स्वयं के
राजस्व से
प्राप्त आय की
मदवार
जानकारी
प्रदान करें?
उक्त
अवधि में
परिषद द्वारा
किए गए
भुगतानों की
जानकारी
मदवार, वर्षवार,
भुगतान
प्राप्तकर्तावार
एवं राशिवार
बिल की
प्रतियों
सहित प्रदान
करें? (ख) नगरपालिका
वारासिवनी
में अमृत 2.0 मिशन के
तहत पेयजल
योजना हेतु
कितनी राशि
स्वीकृत हुई?
स्वीकृत
निविदा
ठेकेदार/कंपनी
का क्या नाम
है? संबंधित
ठेकेदार
द्वारा नगर
में किस-किस
वार्ड में
कितनी लंबी
पाइप लाइन
बिछाई गई है
एवं जानी हैं?
पाइप
लाइन कितने
किलोमीटर की
है? संपूर्ण
जानकारी
प्रदान करें?
(ग) प्रश्नांश
(ख) अंतर्गत
वारासिवनी से
बालाघाट
मुख्यमार्ग पर
पाइप लाइन
शिफ्टिंग की
निविदा बुलाई
गई है? क्या रेट
प्राप्त हुए
हैं? निविदा किस
ठेकेदार/कंपनी
को मिला? कार्य
पूर्ण करने की
समय-सीमा क्या
है? (घ) जल गंगा
संवर्धन
अभियान
अंतर्गत 01 जून, 2024 से 30 जून, 2025 तक
क्या-क्या
कार्य
स्वीकृत हुए?
कितना-कितना
कार्य हुआ?
कितनी
राशि भुगतान
की गई? कार्य की
भौतिक स्थिति
का निरीक्षण
कब-कब, किन-किन
अधिकारियों/जनप्रतिनिधियों
द्वारा किया
गया? निरीक्षण
पंजी में दर्ज
अभिमत की
छायाप्रतियां
प्रदान करें?
नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री (
श्री कैलाश
विजयवर्गीय ) :
(क)
जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट- 'अ' एवं 'ब' अनुसार
है। (ख)
जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट- 'स' अनुसार
है। (ग) प्रश्नांश
'’ख’'
के
अंतर्गत अमृत 2.0 योजना
में
वारासिवनी से
बालघाट मुख्य
मार्ग पर पाइप
लाइन
शिफ्टिंग
हेतु निविदा आमंत्रित
नहीं की गई
है। (घ) जल गंगा
संवर्धन
अभियान
अंतर्गत तालाब,
कुएं,
हैंडपंप
तथा पाइप लाइन
लिकेज का
सुधार एवं मरम्मत
कार्यों का
संचालन नगर
पालिका
अधिकारी/कर्मचारियों
के साथ संयुक्त
रूप से
सामाजिक संस्थानों/जनप्रतिनिधिगण/एनजीओ
की सहभागिता
से कराया गया
है। पृथक से
अभियान
अंतर्गत कोई
कार्य स्वीकृत
नहीं कराया
गया है एवं न
ही कोई भुगतान
किया गया है।
शेषांश का
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है।
प्रशिक्षित
गौ सेवक
मैत्रियों की
जानकारी
[पशुपालन
एवं डेयरी]
137. ( क्र. 3168 ) श्री
विपीन जैन : क्या
राज्य
मंत्री, पशुपालन
एवं डेयरी
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) पशुपालन
एवं डेयरी
विभाग मध्य
प्रदेश
द्वारा
प्रशिक्षित
गौ सेवक
मैत्रियों को
कौन-कौन सी
सुविधाएं
विभाग द्वारा
प्रदाय की जा
रही है? (ख) क्या
पंचायत स्तर
पर गर्भाधान
हेतु गौ सेवक
मैत्रियों की
सेवाएं ली जा
रही है यदि
नहीं, तो क्यों इस
संबंध में
क्या
प्रक्रिया
प्रस्तावित
है। (ग) प्रदेश की
गौशालाओं में
प्राथमिक
उपचार एवं टीकाकरण
कार्य के लिए
गौ-सेवक
मैत्री की
सेवाएं क्यों
नहीं ली जा
रही हैं? (घ) उनकी
सेवाएं कब ली
जाएगी और
गौ-सेवक
मैत्री का नाम
बदलकर
पशुपालन
विभाग द्वारा
प्रस्तावित
बहुत
उद्देश्य पशु
स्वास्थ्य
कार्यकर्ता कब
रखा जाएगा?
राज्य
मंत्री, पशुपालन
एवं डेयरी (
श्री लखन पटैल
) : (क)
जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट
अनुसार
है। (ख) पंचायत
स्तर पर
मैत्रियों से
कृत्रिम
गर्भाधान
कार्य कराया
जाता है। शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (ग) प्रदेश
की गौ-शालाओं
में आवश्यकता
अनुसार
प्राथमिक
उपचार एवं
टीकाकरण कार्य
के लिए गौशाला
संचालकों
द्वारा
गौ-सेवक/मैत्री
की सेवाएं
समय-समय पर ली
जाती है। (घ) उत्तरांश
(ग) के
परिप्रेक्ष्य
में प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है।
गौ-सेवक
मैत्री का नाम
बदलने की
समय-सीमा
बताया जाना
संभव नहीं है।
विमुक्त,
घुमंतू
और अर्ध
घुमंतू
कल्याण
बाहुल्य ग्रामों
में विकास
कार्य
[विमुक्त,
घुमन्तु
और
अर्द्धघुमन्तु
कल्याण]
138. ( क्र. 3169 ) श्री
विपीन जैन : क्या
राज्य मंत्री,
विमुक्त,
घुमन्तु
और
अर्द्धघुमन्तु
कल्याण
महोदया यह
बताने की कृपा
करेंगी कि
(क) विमुक्त,
घुमंतू
और अर्ध
घुमंतू
कल्याण विभाग
द्वारा मंदसौर
जिले अंतर्गत
बाहुल्य
ग्रामों में वर्ष
2015 से
कितनी राशि
स्वीकृत होकर
कौन-कौन से
निर्माण
कार्य करवाए
गए हैं विवरण
देवें। (ख) मंदसौर
विधानसभा
क्षेत्र
अंतर्गत
प्रश्न
दिनांक तक
कितने
निर्माण
कार्य के
प्रस्ताव
स्वीकृति
हेतु भोपाल
प्रेषित किए
गए हैं। (ग) उक्त
निर्माण
कार्यों के
प्रस्ताव कि
प्रशासकीय
स्वीकृति कब
तक जारी कर दी
जाएगी।
राज्य
मंत्री, विमुक्त,
घुमन्तु
और
अर्द्धघुमन्तु
कल्याण (
श्रीमती
कृष्णा गौर ) :
(क)
जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट- 'अ' अनुसार
है। (ख)
जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट- 'ब' अनुसार
है। (ग) प्राप्त
निर्माण
कार्यों के
प्रस्तावों
में से
कार्यों की
आवश्यकता
एवं
प्राथमिकता
को दृष्टिगत
रखते हुए,
सीमित
बजट संसाधनों
अन्तर्गत स्वीकृति
प्रदान की
जाती है।
समय-सीमा
बताना संभव
नहीं है।
विद्युत
आपूर्ति की
जानकारी
[ऊर्जा]
139. ( क्र. 3175 ) श्री
उमंग सिंघार : क्या
ऊर्जा मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) राज्य में
विद्युत
आपूर्ति से
संबंधित मेंटेनेंस
कार्यों की
गुणवत्ता, पारदर्शिता
एवं
समयबद्धता
सुनिश्चित
करने हेतु
क्या किसी
स्वतंत्र
निगरानी
एजेंसी की नियुक्ति
की गई है? (ख) शहरी
क्षेत्रों
में
मेंटेनेंस के
नाम पर की
जाने वाली
बिजली कटौती
की अधिकतम
स्वीकृत अवधि
क्या निर्धारित
की गई है? क्या
राज्य सरकार
यह सुनिश्चित
कर रही है कि वितरण
कंपनियां इस
सीमा का
प्रभावी पालन
करें? (ग) 31 मार्च, 2024 से 1 अप्रैल, 2025 की
अवधि के दौरान
राज्य के
ग्रामीण एवं
शहरी
क्षेत्रों
में औसतन
प्रतिदिन कितने
घंटे बिजली
आपूर्ति
बाधित रही? (घ) क्या
मेंटेनेंस
कार्यों के
संबंध में
बिजली कटौती
की पूर्व
सूचना (Advance
Notification) देने
हेतु कोई
अनिवार्य
तंत्र लागू
किया गया है? यदि हां, तो क्या
उक्त
व्यवस्था का
सभी जिलों में
पालन
सुनिश्चित
किया जा रहा
है? यदि
नहीं, तो
क्यों?
ऊर्जा
मंत्री ( श्री
प्रद्युम्न
सिंह तोमर ) :
(क) जी
नहीं। तथापि
प्रदेश की
विद्युत
वितरण कंपनियों
यथा म.प्र.
पूर्व
क्षेत्र
विद्युत वितरण
कंपनी, जबलपुर,
म.प्र.
मध्य क्षेत्र
विद्युत
वितरण कंपनी,
भोपाल
एवं म.प्र.
पश्चिम
क्षेत्र
विद्युत
वितरण कंपनी,
इंदौर
क्षेत्रांतर्गत
विद्युत
आपूर्ति से संबंधित
मेंटेनेंस
कार्यों की
गुणवत्ता,
पारदर्शिता
एवं
समयबद्धता
सुनिश्चित
किये जाने
हेतु
मेंटेनेंस
कार्यों की
जानकारी निष्ठा
ऐप/SPEC पोर्टल पर
दर्ज की जाती
है, जिसकी समीक्षा
संबंधित
अधिकारियों
द्वारा सतत
रूप से की
जाती है। (ख) विद्युत
वितरण
कंपनियों में
शहरी क्षेत्र
में विद्युत
अद्योसंरचना
के आवश्यक
रखरखाव कार्य
हेतु लिए जाने
वाले शटडाउन की
कोई अधिकतम
अवधि
निर्धारित
नहीं है।
शटडाउन की
निर्धारित
समय-सीमा में
मेंटेनेंस
कार्य पूर्ण
करने का
प्रयास किया
जाता है।
(ग) प्रश्नाधीन
अवधि में
राज्य के
ग्रामीण एवं
शहरी क्षेत्रों
में औसतन
प्रतिदिन
विद्युत
आपूर्ति
बाधित रहने की
विद्युत
वितरण
कंपनीवार जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट
अनुसार है। (घ) जी हाँ।
जी हाँ।
विद्युत
वितरण
कंपनियों में
मेंटेनेंस (रखरखाव)
कार्य के
परिमाण के
अनुसार
प्री-प्लान
कर मेंटेनेंस
ऐप/पोर्टल में
प्रविष्टि
कर मेंटेनेंस
कार्य किया
जाता है, जिसकी
पूर्व सूचना
संबंधित
क्षेत्र के
विद्युत
उपभोक्ताओं
को सिस्टम
जनरेटेड
मैसेज
(एस.एम.एस), समाचार
पत्रों एवं
सोशल मीडिया
के माध्यम से
दी जाती है।
तहसील
खुरई में
वैध-अवैध
कॉलोनी के
विरूद्ध कार्यवाही
[नगरीय
विकास एवं
आवास]
140. ( क्र. 3176 ) श्री उमंग
सिंघार : क्या
नगरीय विकास
एवं आवास
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) जिला
सागर की तहसील
खुरई में
वर्तमान में
कितनी वैध तथा
अवैध कॉलोनी
है? सूची दें। (ख) विगत
पांच वर्षों
में कितनी
अवैध
कॉलोनियों के
विरुद्ध
कार्यवाही
एफ.आई.आर. की गई
है? (ग) क्या
वार्ड
क्रमांक 07
रविन्द्रनाथ
टैगोर वार्ड
में गढ़ौला
नाका के समीप
मौजा खुरई
खसरा नं. 525/4/1 रकबा 0.012
हेक्टेयर एवं
खसरा नं. 525/4/2 रकबा 0.217
हेक्टेयर पर
नगर पालिका
परिषद खुरई
द्वारा विकास
कार्य किया
गया है? यदि हाँ, तो इस
कॉलोनी के
विरुद्ध
एफ.आई.आर. करने
का क्या
औचित्य है?
क्या
नगर पालिका
परिषद खुरई ने
इस संबंध में
प्रस्ताव
पारित किया है?
(घ) क्या
प्रश्नांश
(ग) के प्रकाश
में संबंधित
के विरूद्ध
आपराधिक प्रकरण
दर्ज किया
जाना
प्रासंगिक है,
तो
स्पष्ट करें।
यदि नहीं, तो क्या
विवेचना
उपरान्त
प्रकरण
खात्मा किया
जावेगा?
नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री (
श्री कैलाश
विजयवर्गीय ) :
(क) सागर
जिले के तहसील
खुरई के नगरीय
क्षेत्र खुरई
में विकास
अनुमति
प्राप्त 08 एवं
अनुमति
प्राप्त किए
बिना अनधिकृत
रूप से
निर्मित 153
कॉलोनियां
है। विकास
अनुमति
प्राप्त
कॉलोनियों की
जानकारी
पुस्तकालय रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार
है एवं अनुमति
प्राप्त किए
बिना
अनाधिकृत रूप
से निर्मित
कॉलोनियों की जानकारी
पुस्तकालय रखे परिशिष्ट- ''ब'' अनुसार
है। (ख) प्रश्नांकित
अवधि में
नगरीय
क्षेत्र खुरई
में 108 अनधिकृत
कॉलोनियों के
भू-स्वामी/विकासकर्ताओं
के विरूद्ध
कार्यवाही
हेतु पुलिस थाने
में शिकायत
प्रेषित की गई
थी एवं पुलिस
थाने से
प्राप्त
जानकारी के
अनुसार 08
अनाधिकृत
कॉलोनियों की
भूमि के एक ही
भू-स्वामी
गुरभेज सिंह
चावला एवं 01 अन्य
अनधिकृत
कॉलोनी की
भूमि के भू-स्वामी
कैलाश सिंह
परिहार के
विरूद्ध
एफ.आई.आर. दर्ज
की गई है। (ग) जी हाँ।
प्रश्नांकित
वार्ड के
प्रश्नांकित
खसरा नम्बर
की भूमि पर
अनुमति
प्राप्त किए
बिना
अनाधिकृत रूप
से कॉलोनी
निर्मित करने
का अपराध
कारित होने के
कारण दण्डात्मक
कार्यवाही के
लिए एफ.आई.आर.
दर्ज की गई
है। जी नहीं,
एफ.आई.आर.
करने के लिए
परिषद द्वारा
प्रस्ताव
पारित नहीं
किया गया है। (घ) जी हाँ।
उत्तरांश के
परिप्रेक्ष्य
में प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है।
गोविन्दगढ़
से भैसरहा
सड़क निर्माण
[लोक
निर्माण]
141. ( क्र. 3180 ) डॉ.
राजेन्द्र
कुमार सिंह : क्या
लोक निर्माण
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
एम.पी.आर.डी.सी.
द्वारा
गोविन्दढ़
मार्ग से
भैसरहा व्हाया
जिगना झिन्ना
मार्ग का
कार्यादेश
जारी हुआ है?
उक्त
मार्ग का जारी
कार्यादेश की
एक प्रति
उपलब्ध
कराते हुय
बतायें कि
कितने
निर्धारित
समय-सीमा में उक्त
सड़क मार्ग का
क्या-क्या
कार्य
ठेकेदार
कंपनी को पूरा
करना था? सभी
नियमों/मापदण्डों/शर्तों
की एक-एक
प्रति दें। (ख) क्या
उक्त मार्ग में
भैसरहा तरफ से
मर्यादपुर की
ओर 13.800 कि.मी. से
किलोमीटर 10.900 से
मर्यादपुर
एवं झिन्ना
की भूमि का
अधिग्रहण कर
बदल मार्ग का
निर्माण किया
जाना है जिससे
मुख्यमार्ग
पर स्थित
मर्यादपुर
एवं झिन्ना,
जष्ठहा,
देवरहा
आदि ग्राम
पंचायतों की 15000 आबादी
मुख्य मार्ग
से पृथक हो
जायेगी? (ग) क्या
एम.पी.आर.डी.सी.
के एम.डी. को
ग्राम झिन्ना,
ग्राम
मर्यादपुर,
ग्राम
जष्ठहा सहित
अन्य
ग्रामवासियों
ने जो आवेदन
दिया था उस पर
कब व क्या
विचार या
निर्णय प्रश्नतिथि
तक लिया गया
हैं? (घ) प्रश्नांश
(क) में
वर्णित सड़क
मार्ग की
प्रश्नतिथि
तक क्या
स्थिति हैं?
कितने
प्रतिशत
कार्य पूर्ण हो चुका
हैं? कितने
प्रतिशत बाकी
हैं? कितने
प्रतिशत एवं
कितना भुगतान
ठेकेदार को हो
चुका हैं?
राशि
बतायें? कब तक
कार्य पूर्ण
होगा? समय पर
कार्य पूर्ण न करने
वालों पर राज्य
शासन ने प्रश्न
तिथि तक क्या
कार्यवाही की
हैं? बिंदुवार
जानकारी दें?
अगर
नहीं की और
पेनाल्टी
नहीं लगाई तो
क्यों?
लोक
निर्माण
मंत्री ( श्री
राकेश सिंह ) :
(क) जी हां।
कार्यादेश की
प्रति पुस्तकालय
में
रखे परिशिष्ट-1 अनुसार
है।
समयावधि पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-अ
अनुसार है। जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट-2 अनुसार
है। (ख) जी हां,
बायपास
निर्माण किया
जाना है। जी
नहीं, अपितु
पूर्व से
निर्मित
विद्यमान
मार्ग लंबाई
लगभग 3 कि.मी. का
मजबूतीकरण
कार्य पृथक से
किया जाना स्वीकृत
है। (ग) जी हां।
पूर्व से
निर्मित
विद्यमान
मार्ग लंबाई
लगभग 3 कि.मी. के
मजबूतीकरण
हेतु पृथक से
प्रशासकीय स्वीकृति
दिनांक 24.06.2025 के माध्यम
से प्रदाय की
गई है। (घ)
जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-अ
अनुसार है।
अवैध
होर्डिंग एवं
आवासीय भूमि
का व्यावसायिक
उपयोग
[नगरीय
विकास एवं
आवास]
142. ( क्र. 3184 ) श्री
जयवर्द्धन
सिंह : क्या
नगरीय विकास
एवं आवास
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) मार्च 2020 से
प्रश्न
दिनांक तक नगर
निगम भोपाल
अन्तर्गत
होर्डिंग
लगाने के लिये
क्या नियम
शर्तों का
पालन करते
हुये कितने
स्थानों पर
किन
फर्म/एजेन्सी
(नाम, पता, मोबाईल
नम्बर, लाइसेंस
की प्रति,
बैंक
डिटेल, अनुबंध
की प्रति) को
कितने
होर्डिंग किस
साईज के लगाने
की अनुमति किस
दर पर कितनी
अवधि के लिये
किस स्थान पर
दी गई? इन
होर्डिंग्स
पर उक्त अवधि
में कितने
शासकीय, अशासकीय
व अन्य
होर्डिंग
लगाकर कितना
राजस्व
होर्डिंग
संचालकों ने
प्राप्त किया?
समस्त
जानकारी का
गौशवारा
बनाकर
बतायें। उक्त
अवधि में
कितने वैद्य
एवं कितने
अवैध
होर्डिंग
संचालित होने
की कार्यवाही
विभाग द्वारा
की गई है? यदि
नहीं, तो क्यों?
(ख) क्या
एमपी नगर जोन 1 एवं 2 अरेरा
कॉलोनी समस्त
सेक्टर, कोटरा
सुल्तानाबाद
पुराने थाने
के सामने व आसपास
संचालित
मार्केट, दुकानों
एवं कार्यालय,
कोचिंग
सेन्टर की
बिल्डिंगों
की बिल्डिंग
परमिशन क्या
दी गई एवं
उसकी अद्यतन
स्थिति में
क्या उपयोग
किया जा रहा
है? बतायें।
उपरोक्त
स्थानों पर
कितना राजस्व
नगर निगम
द्वारा किन
आवश्यक
अनुमतियों के
पश्चात् लिया
जा रहा है?
नाम,
पता,
मोबाईल
नं., क्षेत्रफल
वर्गफीट में,
प्रयोजन,
आवश्यक
अनुमति (नक्शा,
फॉयर
एनओसी, टीएनसीपी,
रेरा),
राजस्व
शुल्क
(व्यावसायिक/सामान्य)
कितने आवासीय
से
व्यावसायिक
परिवर्तन
हुये सहित समस्त
जानकारी दें?
नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री (
श्री कैलाश
विजयवर्गीय ) :
(क) मार्च 2020 से
प्रश्न
दिनांक तक
म.प्र. आउटडोर
विज्ञापन मीडिया
नियम, 2017 के अनुक्रम
में अनुमति
प्रदान किये
गये होर्डिंग
के संबंध में
प्रश्नानुसार
गौशवारा की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट
अनुसार है। शेष
प्रश्नांश
के संबंध में
निगम से
अनुबंधित
होर्डिंग
संचालकों से
संपादित
अनुबंध में
संचालकों द्वारा
होर्डिंग से
प्राप्त होने
वाले राजस्व
तथा बैंक डिटेल
की जानकारी
नगर निगम को
देने के संबंध
में प्रावधान
न होने से
उक्त जानकारी
निरंक है। वैध
होर्डिंगों
पर नगर निगम
द्वारा म.प्र.
आउटडोर
विज्ञापन
मीडिया नियम,
2017 के
तहत पंजीयन
उपरांत
अनुमति जारी
की जाती है।
होर्डिंग
संचालकों के
माध्यम से
भोपाल नगर
निगम द्वारा 559 वैध
होर्डिंगों
का संचालन
किया जा रहा
है। वर्ष 2020 से
प्रश्न
दिनांक तक 3650 अवैध
होर्डिंगों
को हटाने की
कार्यवाही की
गई है। (ख) भोपाल
विकास योजना 2005 में
स्वीकृत
भू-उपयोग
अनुसार व नगर
तथा ग्राम
निवेश एवं
जिला
कार्यालय
भोपाल द्वारा
स्वीकृत अभिन्यास
अनुसार
निर्माण की
स्वीकृति दी
जाती है। उक्त
क्षेत्र के
समस्त भवनों
के उपयोग,
अनुज्ञा,
राजस्व
से संबंधित जानकारी
संकलित की जा
रही है।
बिजली
के बकायदारों
पर कार्यवाही
[ऊर्जा]
143. ( क्र. 3185 ) श्री
जयवर्द्धन
सिंह : क्या
ऊर्जा मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) 20 मार्च, 2020 से
प्रश्न
दिनांक तक
कितने प्रकरण
बिजली चोरी के
पंजीबद्ध
हुये है? कितने
प्रकरण
न्यायालय में
पेश किये गये,
कितनी
राशि
जुर्माने की
वसूली गई,
कितने
प्रकरण खारिज
हुये, कितने
प्रकरण में
जेल भेजा गया नियम
आदेश की प्रति
सहित बतायें। (ख) ग्लोबल
मीट 2025 से 10 दिन पूर्व
एवं मीट समापन
के दो दिन बाद
तक कितनी खपत
थी? अधिक खपत
होने पर उस
माह जारी किये
गये बिजली के
बिलों का
भुगतान
प्राप्त हो
गया है? मीट
अवधि में
शासकीय
विभागों से बिजली
बिल की वसूली
(नगर निगम
भोपाल, लोक
निर्माण
विभाग, सीपीए,
अन्य)
से पूर्ण कर
ली गई है? संपूर्ण
जानकारी मय
दस्तावेजों
के दें। (ग) 01 जनवरी, 2025 से
प्रश्न
दिनांक तक
प्रतिदिन
राजधानी
भोपाल में बिजली
कटने एवं सही
होने के मैसेज
दिये जाते है?
कुल
कितने दिनों
में कितने
घण्टे बिजली
कटौती की गई?
क्या
उपरोक्त की
जानकारी
कार्यालय के
वरिष्ठ
अधिकारी एवं
विभागीय
मंत्री जी
सहित समस्त जिम्मेदारों
को दी जाती है?
यदि
हाँ, तो कब और क्या
जानकारी दी गई?
यदि
नहीं, तो क्यों?
ऊर्जा
मंत्री ( श्री
प्रद्युम्न
सिंह तोमर ) :
(क) प्रश्नाधीन
अवधि में
प्रदेश की
विद्युत
वितरण कंपनियों
यथा म.प्र.मध्य
क्षेत्र
विद्युत
वितरण कंपनी,
भोपाल,
म.प्र.पश्चिम
क्षेत्र
विद्युत
वितरण कंपनी,
इंदौर
एवं
म.प्र.पूर्व
क्षेत्र
विद्युत वितरण
कंपनी, जबलपुर
अंतर्गत
विद्युत चोरी
के पंजीबद्ध प्रकरणों
की संख्या,
न्यायालय
में पेश किये
गये प्रकरणों
की संख्या,
पंजीबद्ध
प्रकरणों में
वसूली गई
जुर्माने की
राशि, खारिज हुये
प्रकरणों की
संख्या एवं
जेल भेजे जाने
संबंधी
प्रकरणों की
संख्यात्मक जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-'अ' अनुसार है।
उपभोक्ता/उपयोगकर्ता
द्वारा
विद्युत चोरी
करते हुए पाए जाने
पर की जाने
वाली
कार्यवाही के
प्रावधान विद्युत
अधिनियम, 2003 की धारा 135 एवं मध्यप्रदेश
विद्युत
प्रदाय
संहिता 2021 के अध्याय-10 में
निहित है।
विद्युत चोरी
के अपराध के
प्रशमन के
प्रावधान
विद्युत
अधिनियम, 2003 की धारा 152 में
निहित है। उक्त
धारा 152 में उल्लेखित
प्रशमन की दरे
मध्यप्रदेश
राजपत्र
(असाधारण)
दिनांक 30.06.2006 एवं
दिनांक 21.08.2008 अनुसार
है। विद्युत
चोरी के
प्रकरणों को
विद्युत
अधिनियम, 2003 की धारा-153 के तहत
राज्य शासन
द्वारा गठित
विशेष न्यायालय
में पेश किए
जाने का
प्रावधान है।
उक्त नियमों
से संबंधित
पृष्ठों की
प्रति पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-'अ-1' अनुसार है। (ख) ग्लोबल
मीट 2025 के आयोजन
संबंधी
विद्युत खपत
एवं शासकीय
विभागों यथा
नगर निगम
भोपाल, लोक
निर्माण
विभाग, सी.पी.ए.,
स्मार्ट
सिटी तथा टेंट
सिटी हेतु लिए
कनेक्शनों
के बिलों के
भुगतान
संबंधी जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ग) जी हाँ,
म.प्र.
मध्य
क्षेत्र
विद्युत
वितरण कंपनी
अंतर्गत द्वारा
राजधानी
भोपाल के
उपभोक्ताओं
को फीडरवार
नियोजित
शटडाउन की
जानकारी फीडर
से संबद्ध
उपभोक्ताओं
को उनके
पंजीकृत
मोबाईल नंबर
पर एस.एम.एस. के
माध्यम से दी
जाती है एवं
विद्युत
बहाली की
जानकारी
मैसेज के माध्यम
से भेजने की
व्यवस्था
नहीं है।
प्रश्नांकित
अवधि में
राजधानी
भोपाल में
विद्युत की
मांग एवं
आपूर्ति में
अंतर होने के
कारण भार राहत
प्रबंधन हेतु
कोई भी विद्युत
प्रदाय बाधित
नहीं किया गया
है। अत: शेष
प्रश्न नहीं
उठता है।
यद्यपि स्थानीय
मेंटेनेंस
एवं
प्राकृतिक
आपदाओं के कारण
दिनांक 01 जनवरी,
2025 से
प्रश्न
दिनांक तक
राजधानी
भोपाल में हुऐ
विद्युत व्यवधानों
की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-'स' अनुसार है।
ऊर्जा
संबंधी
कार्यों के
अनुबंध/भुगतान
की जानकारी
[ऊर्जा]
144. ( क्र. 3190 ) श्री
हेमंत
सत्यदेव
कटारे : क्या
ऊर्जा मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) ऊर्जा
विभाग
अंतर्गत
म.प्र. पावर
जनरेटिंग
कंपनी, ट्रांसमिशन
कंपनी लि. एवं
म. प्र. पूर्व
क्षेत्र, मध्य
क्षेत्र एवं
पश्चिम
क्षेत्र
विद्युत वितरण
कंपनी लि.
द्वारा फर्म XtraNet
Technologies Pvt. Ltd., Business Automation (I) Pvt. Ltd.& V S N
International Pvt. Ltd. को वर्ष 2010 से
प्रश्न
दिनांक तक की
अवधि में
कितनी राशि के
कितने
वर्कऑर्डर जारी
किये गये हैं
एवं
कितनी-कितनी
राशियों का
भुगतान किया
गया हैं? वर्षवार
जानकारी दी
जायें। (ख) उपरोक्त
तीनों फर्मों
को उपरोक्त
अवधि में
ऊर्जा विभाग
की सभी
कंपनियों
द्वारा जो भी
कार्यादेश
दिये गये हैं
उन सभी टेण्डर
प्रक्रिया
में किन-किन
फर्मों ने भाग
लिया? तकनीकी
रूप से
कौन-कौन सी
फर्म योग्य
एवं कौन-सी
अयोग्य रही?
अयोग्य
होने के कारण,
टेण्डर
राशि क्या थी
एवं इसके
विरूद्ध
कितनी राशि का
वर्कआर्डर
जारी किया गया
तथा
कार्योंपरांत
कितनी राशि का
भुगतान किया
गया? वर्षवार,
प्रत्येक
टेण्डर की
जानकारी सहित
टेण्डर डॉक्यूमेंट
की छायाप्रति
उपलब्ध
कराएं? (ग) उपरोक्त
अवधि में
ऊर्जा विभाग
की सभी
कंपनियों
द्वारा
उपरोक्त
तीनों फर्मों
से बिना
निविदा
आमंत्रित किये
कौन-कौन से
कार्य स्वीकृत
कर कराये गये?
वर्षवार
जानकारी जिसमें
कार्य का नाम,
कार्य
की राशि, स्वीकृत
दिनांक, स्वीकृतकर्ता
अधिकारी का
नाम व पद एवं
स्वीकृत
करने का आधार
(जिस नियम के
अंतर्गत कार्य
की स्वीकृति
दी) व भुगतान
की गई राशि व
दिनांक सहित प्रत्येक
कार्यवार
पृथक-पृथक
जानकारी दी
जाये। (घ) उक्त
तीनों फर्मों
के संबंधमें
आलोच्य अवधि
में विभाग को
कितने
शिकायतें
प्राप्त हुई?
प्राप्त
शिकायत एवं
जांच
प्रतिवेदनों
की छायाप्रतियां
सहित की गई
कार्यवाही की
पूर्ण
जानकारी दी
जावें। (ड.) ऊर्जा
विभाग की
उपरोक्त सभी
कंपनियों की
आईटी विभाग
में प्रथम,
द्वितीय
एवं तृतीय
श्रेणी के
कितने
अधिकारी, जो कि
टेण्डर
प्रक्रिया
में सम्मिलित
होते हैं
(जैसे कि टेण्डर
डॉक्यूमेंट
बनाया, टेक्निकल
स्पेसिफिकेशन,
नियम
एवं शर्तें
बनाया इत्यादि)
विगत तीन
वर्षों से
अधिक अवधि से
आईटी विभाग
में पदस्थ
होकर कार्यरत
है, की जानकारी
नाम, पदनाम, आईटी
विभाग में
पदस्थ
दिनांक सहित
जानकारी दी
जाये। लंबे
समय से पदस्थ
इन
कर्मचारी/अधिकारी
को कब तक स्थानांतरित
किया जायेगा?
समय-सीमा
बताएं।
ऊर्जा
मंत्री ( श्री
प्रद्युम्न
सिंह तोमर ) :
(क) म.प्र.मध्य
क्षेत्र
विद्युत
वितरण कंपनी
लिमिटेड, भोपाल
द्वारा मेसर्स
एक्सट्रानेट
टेक्नोलोजिस
प्रा.लि., मेसर्स
बिजनेस
ऑटोमेशन (I)
प्रा.लि.
एवं मेसर्स व्हीएसएन
इंटरनेशनल
प्रा. लिमि. को
प्रश्नाधीन
अवधि में जारी
वर्कऑर्डर
(कार्यादेश) एवं
वर्षवार
भुगतान राशि
की जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-'अ' अनुसार है।
म.प्र.पूर्व
क्षेत्र
विद्युत
वितरण कंपनी
लिमिटेड, जबलपुर
द्वारा
उपरोक्त
फर्मों को
प्रश्नाधीन
अवधि में जारी
किये गये वर्क
आर्डर एवं वर्क
आर्डर के
अंतर्गत
भुगतान की
राशि का विवरण पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-'अ-1' अनुसार है।
म.प्र.पश्चिम
क्षेत्र
विद्युत
वितरण कंपनी
लिमिटेड, इंदौर
द्वारा
उपरोक्त
फर्मों को
प्रश्नाधीन
अवधि में जारी
किए गए
कार्यादेश की
राशिवार एवं
वर्षवार जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-'अ-2' अनुसार है तथा
भुगतान की गई
राशि की
फर्मवार, वर्षवार
जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-'अ-3' अनुसार है। म.प्र.
पावर
ट्रांसमिशन
कंपनी
लिमिटेड, जबलपुर
द्वारा
उपरोक्त
फर्मों को
प्रश्नाधीन
अवधि में जारी
किये गये वर्क
आर्डर, वर्क
आर्डर की राशि
एवं भुगतान की
जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-'अ-4' अनुसार है। म.प्र.
पावर
जनरेटिंग
कंपनी
लिमिटेड, जबलपुर
की जानकारी
निरंक है। (ख) म.प्र.मध्य
क्षेत्र
विद्युत
वितरण कंपनी
लिमिटेड, भोपाल,
द्वारा
उपरोक्त
अवधि में उत्तरांश
(क) में
उल्लेखित
तीनों फर्मों
को जारी
कार्यादेश,
टेंडरों
में भाग लेने
वाली फर्मों,
तकनीकी
रूप से योग्य
एवं अयोग्य
फर्म, अयोग्य
होने के कारण,
टेंडर
राशि, कार्यादेश
राशि एवं
कार्य उपरांत
भुगतान की गयी
राशि की जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-'ब' अनुसार है।
टेंडर/इंक्वायरी
डॉक्यूमेंट
की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-'ब-1' अनुसार है।
म.प्र.पूर्व
क्षेत्र
विद्युत
वितरण कंपनी के
सन्दर्भ में
चाही गयी
प्रश्नाधीन जानकारी पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-'ब-2' एवं 'ब-3' अनुसार है।
म.प्र.पश्चिम
क्षेत्र
विद्युत
वितरण कंपनी के
सन्दर्भ में
चाही गयी
प्रश्नाधीन जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-'ब-4' एवं 'ब-5' अनुसार है। म.प्र.
पावर
ट्रांसमिशन
कंपनी के सन्दर्भ
में प्रश्नाधीन
चाही गयी जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-'ब-6' एवं 'ब-7' अनुसार है। (ग) म.प्र.मध्य
क्षेत्र
विद्युत
वितरण कंपनी
द्वारा
उपरोक्त
अवधि में
तीनों फर्मों
से बिना
निविदा आमंत्रित
किये गये स्वीकृत
कार्य की
कार्यवार,
राशि,
स्वीकृत
दिनांक, स्वीकृतकर्ता
अधिकारी का
नाम एवं पद,
स्वीकृत
करने के नियम
का विवरण,
कार्यवार
भुगतान की
दिनांक सहित
वर्षवार जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-'स' अनुसार है।
म.प्र.पूर्व
क्षेत्र
विद्युत
वितरण कंपनी,
म.प्र.पश्चिम
क्षेत्र
विद्युत
वितरण कंपनी,
म.प्र.
पावर
ट्रांसमिशन
कंपनी एवं
म.प्र. पावर जनरेटिंग
कंपनी के
संबंध में
जानकारी
निरंक है। (घ) उक्त
तीनों फर्मों
के संबंध में
आलोच्य अवधि
में कोई भी
शिकायत
प्राप्त
नहीं हुई है।
अत: शेष प्रश्न
नहीं उठता है।
(ड.) म.प्र. मध्य
क्षेत्र
विद्युत
वितरण कंपनी,
म.प्र.
पूर्व
क्षेत्र
विद्युत
वितरण कंपनी,
म.प्र.
पश्चिम
क्षेत्र
विद्युत
वितरण कंपनी एवं
म.प्र. पॉवर
ट्रांसमिशन
कंपनी के अन्तर्गत
टेण्डर
प्रक्रिया
में सम्मिलित
होने वाले
अधिकारियों
की जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-'द' अनुसार है।
प्रदेश
में विद्युत
इकाइयों
द्वारा किया
गया उत्पादन
[ऊर्जा]
145. ( क्र. 3191 ) श्री
हेमंत
सत्यदेव
कटारे : क्या
ऊर्जा मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश
पावर जनरेटिंग
लिमिटेड की
समस्त
थर्मल/हायडल
(जल) पॉवर
जनरेटिंग
इकाइयों की वर्ष
2015-16
से वर्ष 2024-25 तक
विद्युत उत्पादन
की क्षमता क्या
थी तथा कितनी
विद्युत का
उत्पादन
किया गया वर्षवार/इकाईवार
जानकारी दी
जाये। वर्ष 2015-16 से वर्ष 2023-24 तक
वर्षवार
कंपनी की
थर्मल एवं
हायडल (जल) पावर
की प्रति
यूनिट उत्पादन
लागत क्या
आयी। (ख) आलोच्य
अवधि में
प्रदेश हेतु
किस-किस निजी
कंपनी से
कितनी
विद्युत किस
दर पर क्रय की
गई तथा उसे कितने
राशि का
भुगतान किया
गया? किस निजी
कंपनी को
अनुबंध के
कारण बिना
विद्युत
प्राप्त
किये कितनी
राशि का
भुगतान किया
गया? वर्षवार
जानकारी देते
हुये बताएं इन
वर्षों में
निजी कंपनी से
विद्युत
खरीदी पर हमें
प्रति यूनिट
कितनी राशि
भुगतान करना
पड़ी? (ग) जून-2025 की
स्थिति में
किस-किस निजी
कंपनी से,
किस
दर से कितनी
मात्रा में
आवश्यक रूप
से विद्युत
खरीदने का
अनुबंध है?
अनुबंध
किस दिनांक को,
कितनी
अवधि के लिये
किया गया?
क्या
पूर्व के
वर्षों में
अधिक राशि में
प्रति यूनिट
बिजली खरीदने
के अनुबंध को
हम निरस्त
नहीं कर सकते?
यदि
नहीं, तो क्यों
पूर्ण
जानकारी दी जाये।
(घ) जनवरी-2015 से जून-2025 तक
किस-किस अवधि
के लिये किस
प्रकार के
उपभोक्ताओं
को सभी चार्ज
मिलाकर प्रति
यूनिट विद्युत
किस दर से
उपलब्ध
करायी गयी?
बताएं।
(ड.) किस-किस
विद्युत
वितरण कंपनी
को वर्ष 2015-16 से वर्ष 2024-25 तक
प्रतिवर्ष
कितनी हानि
अथवा लाभ हुआ
तथा इन वर्षों
के 31 मार्च की
स्थिति में
ऊर्जा विभाग
पर शासन का कितना-कितना
कर्ज था? वर्षवार
जानकारी दी
जाये।
ऊर्जा
मंत्री ( श्री
प्रद्युम्न
सिंह तोमर ) :
(क) म.प्र.
पॉवर
जनरेटिंग
कंपनी
लिमिटेड की
समस्त
थर्मल/हाईडल
(जल) पॉवर
जनरेटिंग
इकाइयों की वर्ष
2015-16
से वर्ष 2024-25 तक उत्पादन
क्षमता एवं
विद्युत उत्पादन
की
वर्षवार/इकाईवार
जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-'अ' अनुसार है। वर्ष 2015-16 से वर्ष 2023-24 तक
वर्षवार
कंपनी की
थर्मल/हाईडल
पावर की प्रति
यूनिट उत्पादन
लागत की जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ख) आलोच्य
अवधि में
प्रदेश हेतु
निजी
कंपनियों से
वर्षवार (2015-16 से वर्ष 2024-25 तक) क्रय
की गयी
विद्युत, औसत दर
एवं भुगतान
राशि का विवरण
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-'स' अनुसार है। जिन
निजी
कंपनियों को
अनुबंध के
कारण बिना
विद्युत
प्रदाय किये
स्थायी लागत
के रूप में
राशि का
भुगतान किया
गया, उनको
भुगतान की गई
कुल राशि का
वर्षवार विवरण पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-'द' अनुसार है। (ग) जून 2025 की
स्थिति में
जिन निजी
कंपनियों से
बिजली खरीदने
हेतु अनुबंध
किये गये हैं,
इन
अनुबंधों की
दर, अनुबंधित
क्षमता
(मात्रा), अनुबंध
दिनांक एवं
अवधि का विवरण पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-'इ' अनुसार है। सौर
ऊर्जा, पवन
ऊर्जा, न्यूक्लियर
ऊर्जा तथा
हाइड्रो पावर
प्लांटों से
जब भी विद्युत
उत्पादन हो
रहा हो तब
विद्युत क्रय
किया जाना
आवश्यक होता
है। जी नहीं,
विद्युत
उत्पादन
संयंत्र एक
पूंजी प्रधान
परियोजना
होती है, जिसका
लगभग 70 प्रतिशत
भाग वित्तीय
संस्थानों के
माध्यम से
दीर्घावधि
वित्त पोषित
होता है।
सामान्यतः
विद्युत
उत्पादन
संयंत्रों का
वित्तीय समापन
(फाइनेंशियल
क्लोजर) तभी
संभव होता है,
जब
इसकी कुल
उत्पादन
क्षमता का
दीर्घावधि विद्युत
क्रय अनुबंध
विद्युत के
क्रेताओं से हो
गये हो।
वित्तीय
संस्थानों
द्वारा
दीर्घावधि
विद्युत क्रय
अनुबंध के
आधार पर ही
वित्त पोषण
अथवा ऋण का
भुगतान किया
जाता है।
तदनुसार
सामान्यतः
किसी भी
विद्युत क्रय
अनुबंध को विद्युत
दरे अधिक होने
के आधार पर
निरस्त नहीं किया
जा सकता है। (घ) जनवरी 2015 से जून 2025 तक
विद्युत
उपभोक्ताओं
को उपलब्ध
कराई गई
विद्युत की
प्रति यूनिट
दर (समस्त
चार्ज सहित)
की जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-'फ' अनुसार है। (ड.)
ऊर्जा विभाग
अंतर्गत
कार्यरत समस्त
विद्युत
वितरण
कंपनियों
यथा-म.प्र.
पूर्व क्षेत्र
विद्युत
वितरण कंपनी
लिमिटेड, म.प्र.
मध्य
क्षेत्र
विद्युत
वितरण कंपनी
लिमिटेड एवं म.प्र.
पश्चिम
क्षेत्र
विद्युत
वितरण कंपनी लिमिटेड
की वर्ष 2015-16 से 2024-25 तक
प्रतिवर्ष
लाभ/हानि एवं 31 मार्च
की स्थिति में
शासन के कर्ज
संबंधी जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-'ज' अनुसार है।
इंदौर
नगर निगम में
अनुमतियां
[नगरीय
विकास एवं
आवास]
146. ( क्र. 3197 ) श्री
बाला बच्चन : क्या
नगरीय विकास एवं
आवास मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) इंदौर
के विजय नगर
सेक्टर बी स्कीम
नंबर 74 सी के
रहवासी
क्षेत्र के
प्राइवेट हॉस्टल
प्रारंभ करने
की अनुमति क्यों
दी जा रही है?
इसे
कब तक निरस्त
कर रहवासी
क्षेत्र की
शांति व्यवस्था
को बनाए रखा
जाएगा? (ख) नगर तथा
ग्राम निवेश
अधिनियम 1973 की धारा 16 के तहत 01 जून 2022 से 31/12/2024 तक कुल
कितने प्रकरण
राज्य नगर
नियोजन संस्थान
(भोपाल)
द्वारा इंदौर
में स्वीकृत
किए गए? स्वीकृत
प्रकरणों की
मिनिट्स ऑफ
मिटिंग की जानकारी
प्रकरणवार
देवें। इनमें
कितने प्रकरणों
में पहुंच
मार्ग के
संबंध में
राजस्व
अभिलेखों में
दर्ज चरनोई
एवं सेवाभूमि
की भूमि पर से
अनुमति
प्रदान की गई
है प्रकरणवार
देवें। क्या
इसके लिए कोई
लिखित
अनुमति/आदेश
प्राप्त
किया गया है
यदि हाँ, तो इसकी
प्रमाणित
प्रति
प्रकरणवार देवें।
यदि नहीं, तो क्यों?
(ग) उपरोक्त
प्रश्नांश
(ख) अनुसार
नालों पर
निर्माण की
अनुमति की
प्रमाणित
प्रति भी
प्रकरणवार
देवें। यदि
अनुमति नहीं
ली गई तो
कॉलोनीवार
बतावें कि
इसके उत्तरदायी
लोगों पर कब
तक कार्यवाही
की जाएगी?
नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री (
श्री कैलाश
विजयवर्गीय ) :
(क) आवासीय
भूखण्ड पर हॉस्टल
अनुमति योग्य
नहीं है। (ख) इंदौर
के वृद्धित
निवेश
क्षेत्र में
मध्यप्रदेश
नगर तथा ग्राम
निवेश
अधिनियम 1973 की धारा-16 के
अंतर्गत
विकास
अनुज्ञा जारी
करने हेतु गठित
समिति की
संपन्न
बैठकों का
प्रकरणवार
कार्यवाही
विवरण पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट
अनुसार
है।
विभागीय
परिपत्र
दिनांक 13/06/2022 एवं मध्यप्रदेश
भूमि विकास
नियम 2012 के नियम 14
(4) एवं 16 में
धारा-16 के अंतर्गत
विकास
अनुज्ञा के
लिए आवेदन के
साथ आवश्यक
दस्तावेज
एवं
प्रक्रिया
निर्धारित है,
उसी
के तहत
परीक्षणोपरांत
भूमि पर पहुंच
मार्ग उपलब्ध
होने की
स्थिति में ही,
राजस्व
अभिलेखों में
दर्ज आवेदकों
के स्वामित्व
की भूमि पर
समिति की
अनुशंसा के
आधार पर सक्षम
प्राधिकारी
द्वारा धारा 16 के
अंतर्गत
अनुमति
प्रदान की
जाती है। अत:
शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (ग) विकास/निर्माण
कार्य करने के
पूर्व नाले पर
पुलियां
बनाने के लिए
सक्षम
अधिकारी से
स्वीकृति प्राप्त
करनी होगी,
ऐसी
शर्त के साथ
नगर तथा ग्राम
निवेश जिला
कार्यालय
इंदौर द्वारा
लागू
प्रकरणों में
अनुमति
प्रदान की गई
है, अत:
कार्यवाही का
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है।
नगर
पंचायत में
किये गये
निर्माण
कार्य
[नगरीय
विकास एवं
आवास]
147. ( क्र. 3201 ) श्री
रजनीश हरवंश
सिंह : क्या
नगरीय विकास
एवं आवास
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) जिला
सिवनी
क्षेत्र
अंतर्गत नगर
पंचायत केवलारी
एवं छपारा में
वित्तीय
वर्ष 2023-24 से आज
दिनांक तक
कितनी राशि
सड़क, नाली व मरम्मत
कार्य, नल-जल व्यवस्था,
स्ट्रीट
लाईट के लिए
जारी की गई?
(ख) प्रश्नांश
(क) अनुसार
उक्त
कार्यों की
मदवार सूची
उपलब्ध कराई
जाये? (ग) नगर
पंचायत में
आंतरिक मार्ग
व नालियां
पूर्णत: खराब
हो चुकी हैं?
क्या
शासन द्वारा
इन कार्यों को
प्राथमिकता
दी जाएगी?
यदि
हाँ, तो कब तक स्वीकृति
दी जाएगी व कब
तक कार्य
प्रारंभ होगा?
(घ) प्रश्नांश
(ख) अनुसार व्यय
की गई राशि की
मदवार सूची
उपलब्ध
करवायें?
नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री (
श्री कैलाश
विजयवर्गीय ) :
(क)
जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट- 'अ' अनुसार
है। (ख) मदवार
कार्यों की
सूची का विवरण
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट-'ब' अनुसार
है। (ग) जी नहीं,
नगर
परिषद
केवलारी एवं
छपारा में पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट 'ब' अनुसार कार्य
कराये गये है
साथ ही
समय-समय पर
नगर परिषद
केवलारी एवं
छपारा में
उपलब्ध बजट के
अनुसार
अवश्यकतानुसार
कार्य कराया
जाता है
समय-सीमा
बताया जाना
संभव नहीं है।
(घ)
जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट-'अ' अनुसार
है।
जिला
चिकित्सालयों
में चिकित्सकों
की पदस्थी
[पशुपालन
एवं डेयरी]
148. ( क्र. 3208 ) श्री
अजय विश्नोई
: क्या
राज्य
मंत्री, पशुपालन
एवं डेयरी
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) प्रदेश
के किस-किस
जिले में जिला
अस्पताल में
पशु चिकित्सा
की सभी सुविधाएं
उपलब्ध हैं। (ख) जिलावार
पशु चिकित्सालयों
में उपलब्ध
भवन, ऑपरेशन
थियेटर, एक्स-रे
और
सोनोग्राफी
जैसी मशीनों
की जानकारी भी
दें। (ग) जिला
पशु चिकित्सालय
में पदस्थ
चिकित्सक,
सर्जरी,
गायनिक,
मेडिसिन
जैसे विषयों
में
प्रशिक्षित
डॉक्टर हैं
या सामान्य
स्नातक
चिकित्सक
हैं। (घ) क्या
उच्च
शिक्षित
पी.जी. चिकित्सक
गांवों में
पदस्थ हैं और
जिला चिकित्सालय
को सामान्य
चिकित्सकों
के भरोसे छोड़
दिया गया है।
क्या विभाग
युक्ति-युक्तकरण
करके जिला
चिकित्सालय
में उच्च
शिक्षित योग्य
चिकित्सकों
की पदस्थापना
सुनिश्चित
करेगा। यदि
हाँ, तो कब तक?
राज्य
मंत्री, पशुपालन
एवं डेयरी (
श्री लखन पटैल
) : (क)
जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट
''अ''
अनुसार। (ख)
जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट ''ब'' अनुसार। (ग) जिला
चिकित्सालयों
में
प्रशिक्षित
चिकित्सक
एवं सामान्य
स्नातक
चिकित्सक
पदस्थ है। (घ) विभाग
के अंतर्गत
पशु चिकित्सालय
में विषय
विशेषज्ञ के
पद स्वीकृत
नहीं हैं। शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है।
पशु
औषधालय की स्वीकृति
[पशुपालन
एवं डेयरी]
149. ( क्र. 3212 ) डॉ.
अभिलाष
पाण्डेय : क्या
राज्य
मंत्री, पशुपालन
एवं डेयरी
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) जबलपुर
उत्तर
विधानसभा के
विजयनगर जैसे
घनी आबादी वाले
क्षेत्र में,
जहां
पालित पशुओं
एवं अन्य
जानवरों की
संख्या
लगातार बढ़
रही है, इस
क्षेत्र में पशु
औषधालय उपलब्ध
क्यों नहीं
हैं? (ख) बीमार
या घायल पशु
समय पर चिकित्सा
सुविधा न
मिलने के कारण
तड़पते हैं,
तब क्या
यह शासन की
जिम्मेदारी
नहीं बनती कि
प्रत्येक
ऐसे क्षेत्र
में प्राथमिक
पशु स्वास्थ्य
सुविधा
सुनिश्चित की
जाए? (ग) क्या
पशुपालक
समुदाय की
आवश्यकताओं
और क्षेत्रीय
पशुजन स्वास्थ्य
सुरक्षा को ध्यान
में रखते हुए
विजयनगर
क्षेत्र में
शीघ्र पशु
औषधालय (पशु
डिस्पेंसरी)
की स्वीकृति
प्रदान की जाएगी,
ताकि
पशुओं को समय
पर उपचार मिल
सके और उनकी देखभाल
बेहतर ढ़ंग से
हो सके?
राज्य
मंत्री, पशुपालन
एवं डेयरी (
श्री लखन पटैल
) : (क) विजयनगर
के समीपस्थ
क्षेत्र गढा
में विभागीय
चल पशु चिकित्सा
इकाई संचालित
है। संस्था
द्वारा
जबलपुर नगर
निगम क्षेत्र
अंतर्गत अपने
मुख्यालय से 8 किमी
परिधि में पशु
चिकित्सा
सेवायें
प्रदान की
जाती है। विजय
नगर क्षेत्र
संस्था से
मात्र 04 कि.मी. की
दूरी पर स्थित
है एवं संस्था
के माध्यम से
ही पशु
चिकित्सा
सेवाएं
प्रदान की जा
रही है।
पशुपालन
विभाग के आदेश
क्र. एफ 2-51/2012/35 भोपाल
दिनांक 03.10.2012 के
अनुसार पशु
औषधालय का
कार्यक्षेत्र
08
कि.मी.
निर्धारित है,
विजयनगर
मेंनवीन पशु
औषधालय की स्थापना
विभाग के
मापदंड
अनुसार नहीं
है। (ख) विभाग में
पशु चिकित्सा
सेवाएं सुलभ
कराने के
उद्देश्य से
पशु चिकित्सा
संस्थाओं के
साथ-साथ 1962 चलित
पशु चिकित्सा
इकाईयां (MVU)
भी
संचालित है।
जबलपुर जिला
मुख्यालय पर 01
MVU एवं
प्रत्येक
विकास खण्ड
में 01 MVU वाहन
संचालित है
जिसमें पशु
चिकित्सक
द्वारा पशु
उपचार संबंधी
समस्त
सुविधाएं
उपलब्ध कराई
जाती है। (ग) जी नहीं, विजय
नगर क्षेत्र
नवीन पशु
औषधालय की स्थापना
हेतु विभागीय
मापदण्ड की
पूर्ती नहीं करता
है।
स्थानांतरण
नीति की
जानकारी
[लोक
निर्माण]
150. ( क्र. 3213 ) डॉ.
अभिलाष
पाण्डेय : क्या
लोक निर्माण
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) लोक
निर्माण
विभाग में 1 जनवरी, 2012 से 30 जून, 2025 तक
सहायक
अभियंता/उप
यंत्री (Section Engineer) स्तर
के अधिकारी का
जिस स्थानांतरण
नीति के तहत
स्थानांतरण किया
गया, उसकी एक-एक
प्रमाणित
छायाप्रति
उपलब्ध
कराएं। (ख) प्रश्नांश
(क) के अन्तर्गत
भोपाल, ग्वालियर
और जबलपुर
जिले में ऐसे
कितने सहायक अभियंता/उप
यंत्री (Section Engineer) हैं जो 1 जनवरी, 2012 से 30 जून, 2025 तक एक ही
पद पर एक ही
कार्यालय में
पदस्थ हैं?
जिलेवार,
पदवार,
कार्यालयवार
उनकी सूची
उपलब्ध
कराएं। (ग) प्रश्नांश
(ख) के
परिप्रेक्ष्य
जानकारी दें
कि शासकीय स्थानांतरण
नीति के तहत
उपरोक्त
वर्णित अवधि
में कितने
सहायक
अभियंता/उप यंत्री
(Section Engineer) स्थानांतरण
होने के
बावजूद भी
कार्यमुक्त
नहीं किये गये
और कितने
सहायक
अभियंता/उप यंत्री
(Section Engineer) का स्थानांतरण
कभी नहीं किया
गया? दोनों
स्थिति के
कारणों की
जानकारी दें।
लोक निर्माण
मंत्री ( श्री
राकेश सिंह ) :
(क)
जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट-1
अनुसार। (ख)
जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-‘’अ’’
अनुसार। (ग) सभी
कार्य मुक्त
किये गये। जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र- ‘’ब’’
अनुसार।
नगरीय
निकाय में चल
रहे विकास
कार्य
[नगरीय
विकास एवं
आवास]
151. ( क्र. 3217 ) श्री
फुन्देलाल
सिंह मार्को : क्या
नगरीय विकास
एवं आवास
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) जिला
अनूपपुर में
विभाग
अंतर्गत
संचालित नगर
पालिका/परिषद
संस्थाओं के
अनुसार वित्तीय
वर्ष 2022-23 से प्रश्न
दिनांक तक
कौन-कौन सी
योजनाओं में,
किन
किन
निर्माण-विकास
एवं अन्य
निर्माण
कार्य हेतु
विभिन्न
मदों से कितनी-कितनी
राशि स्वीकृत
की गई, विधानसभा
क्षेत्रवार,
योजनावार,
मदवार,
कार्य
के नाम, कुल स्वीकृत
राशि, तकनीकी स्वीकृति
निविदा कार्यादेश
सहित जानकारी
उपलब्ध
करावें। (ख) प्रश्नांश
(क) के संदर्भ
में विभाग
द्वारा
विभिन्न
योजनाओं में
आवंटित राशि
के विरूद्ध
कितनी राशि व्यय
की गई, कितनी राशि
शेष है तथा
शेष राशि का
भुगतान कब तक
कर दिया
जावेगा, योजनावार,
मदवार
कार्य के नाम
सहित जानकारी
उपलब्ध
करावें। (ग) प्रश्नांश
(क) एवं (ख) के
संदर्भ में
क्या गुणवत्ताविहीन
निर्माण
कार्य, अनियमितता,
लापरवाही
के संबंध में
शिकायतें
प्राप्त हुई
हैं? यदि हाँ, तो
शिकायत का
विवरण दें तथा
उन पर क्या
कार्यवाही की
गई? शिकायत में
जांच पश्चात
कौन दोषी पाया
गया, उन पर क्या
कार्यवाही की
गई, अभी तक
कितनी जांच
लंबित हैं
उनका निराकरण
कब तक कर दिया
जायेगा?
नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री (
श्री कैलाश
विजयवर्गीय ) :
(क) एवं (ख) जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट- 'अ' अनुसार
है। (ग)
जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट- 'ब' अनुसार
है।
नवीन/अतिरिक्त
ट्रांसफार्मरों
की स्थापना
[ऊर्जा]
152. ( क्र. 3218 ) श्री
प्रीतम लोधी : क्या
ऊर्जा मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) शिवपुरी
जिले की पिछोर
विधानसभा
क्षेत्र व रायसेन
जिले की
सिलवानी
विधानसभा
क्षेत्र में वर्तमान
में प्रचलित
आर.डी.एस.एस.
योजना व उसके
घटकों के
अंतर्गत
कहां-कहां
कितने नवीन व
अतिरिक्त
वितरण
ट्रांसफार्मर
लगाये जाने की
योजना बनाई गई?
योजनानुसार
कहां-कहां
ट्रांसफार्मर
स्थापित
किये जा चुके
हैं व
कहां-कहां का
कार्य शेष हैं?
जानकारी
दें। शेष
कार्य कब तक
पूर्ण होगा?
(ख) प्रश्नांश
(क) उल्लेखित
क्षेत्रों
में विद्युत
आपूर्ति की गुणवत्ता
सुनिश्चित
करने हेतु
अधीनस्थ
कार्यालयों
द्वारा
कहां-कहां
नवीन/अतिरिक्त
ट्रांसफार्मर
लगाये जाने की
मांग/प्रस्ताव
दिये गये?
विगत
दो वर्षों में
की गई मांग व
प्राप्त प्रस्तावों
पर की गई
कार्यवाही की
जानकारी दें। (ग) प्रश्नांश
(क) उल्लेखित
क्षेत्रों
में किन-किन
ग्रामों/बसाहटों
के
ट्रांसफार्मर
प्रश्न
दिनांक की
स्थिति में
खराब/जले होकर
विद्युत
आपूर्ति
बाधित/बंद हैं?
इन्हें
कब तक लगाया
जाकर, बिजली
आपूर्ति
सुनिश्चित की
जावेगी?
ऊर्जा
मंत्री ( श्री
प्रद्युम्न
सिंह तोमर ) :
(क) शिवपुरी
जिले के पिछोर
विधानसभा
क्षेत्र एवं
रायसेन जिले
के सिलवानी
विधानसभा
क्षेत्र में
वर्तमान में
प्रचलित
आर.डी.एस.एस.
योजना के
प्रथम चरण-लॉस
रिडक्शन के
अंतर्गत
क्रमश: कुल 41 एवं कुल 379 नवीन एवं
अतिरिक्त
वितरण
ट्रांसफार्मरों
को स्थापित
किया जाना है।
प्रश्न
दिनांक की
स्थिति में
पिछोर
विधानसभा
क्षेत्र एवं
सिलवानी
विधानसभा
क्षेत्र में
क्रमश: कुल 36 एवं कुल 80 वितरण
ट्रांसफार्मर
स्थापित
किये जा चुके
हैं। प्रश्नाधीन
क्षेत्रों
हेतु योजनान्तर्गत
स्वीकृत/स्थापित
एवं स्थापना
हेतु शेष
वितरण
ट्रांसफार्मरों
की प्रश्नाधीन
चाही गयी स्थानवार
जानकारी मय
शेष कार्यों
को पूर्ण करने
की दिनांक
सहित पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-'अ-1' एवं 'अ-2' अनुसार है। (ख) उत्तरांश
(क) में
उल्लेखित
क्षेत्रों
में विद्युत
आपूर्ति की
गुणवत्ता
सुनिश्चित
करने हेतु
विगत 02 वर्षों में
नवीन/अतिरिक्त
वितरण
ट्रांसफार्मर
स्थापित
किये जाने के
प्रस्ताव
अधीनस्थ
कार्यालयों
द्वारा नहीं
भेजे गये हैं।
अत: शेष प्रश्न
नहीं उठता। (ग) प्रश्न
दिनांक की
स्थिति में
पिछोर विधानसभा
क्षेत्र अन्तर्गत
3
ग्रामों/बसाहटों
के 3 वितरण
ट्रांसफार्मर
जले/खराब हैं
तथा सिलवानी
विधानसभा
क्षेत्र
अंतर्गत 82
ग्रामों/बसाहटों
के 101, वितरण
ट्रांसफार्मर
जले/खराब हैं,
जिसकी
प्रश्नाधीन
चाही गयी स्थानवार
जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। उल्लेखनीय
है कि सिलवानी
विधानसभा क्षेत्र
के 101 वितरण
ट्रांसफार्मरों
से संबद्ध
उपभोक्ताओं
द्वारा
नियमानुसार
बकाया राशि का
भुगतान नहीं
करने के कारण
वितरण
ट्रांसफार्मर
बदलने हेतु
अपात्र हैं।
वितरण
ट्रांसफार्मर
के जलने/खराब
होने के
उपरान्त
संबद्ध
उपभोक्ताओं
द्वारा
नियमानुसार
विद्युत बिल
की बकाया राशि
का 10 प्रतिशत
जमा करने अथवा
50
प्रतिशत
उपभोक्ताओं
द्वारा बकाया
राशि जमा करने
पर संभागीय मुख्यालय
में 12 घंटे एवं
अन्य शहरी
क्षेत्रों
में 24 घंटे तथा
ग्रामीण
क्षेत्रों
में शुष्क
मौसम में 3 दिवस
तथा मानसून के
मौसम के दौरान
माह जुलाई से
सितंबर तक 7 दिवस
में जला/खराब
वितरण
ट्रांसफार्मर
बदलने अथवा
विद्युत
प्रदाय
पुनर्स्थापित
करने के
प्रावधान
हैं। तदनुसार
वितरण कंपनी
द्वारा पहुंच
मार्ग की
उपलब्धतानुसार
उक्त
निर्धारित
समयावधि में
जले/खराब
वितरण
ट्रांसफार्मर
बदलने की
कार्यवाही की
जाती है।
तथापि उक्त
ग्रामों/बसाहटों
में विद्युत
बिल का भुगतान
करने वाले
उपभोक्ताओं
का विद्युत
प्रदाय
वैकल्पिक व्यवस्था
अंतर्गत
ग्राम के अन्य
डी.टी.आर से
किया जा रहा
है।
दुग्ध
एवं दाना उत्पादन
इकाइयों की स्थापना
[पशुपालन
एवं डेयरी]
153. ( क्र. 3219 ) श्री
प्रीतम लोधी : क्या
राज्य
मंत्री, पशुपालन
एवं डेयरी
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) प्रदेश
में पशुपालन
को बढ़ावा
देने व दुग्ध
उत्पादन को
बढ़ाने हेतु
दुग्ध उत्पादन
व दाना उत्पादन
इकाइयों की स्थापना
हेतु विभाग की
कौन-कौन सी
योजनाएं
वर्तमान में
प्रचलित हैं?
योजनाओं
की विस्तृत
जानकारी दें व
बतावें कि ऐसी
स्थापना
करने वाले
हितग्राहियों
को विभाग द्वारा
क्या-क्या
सुविधाएं दी
जाती हैं?
(ख) प्रश्नांश
(क) उल्लेखित
योजनाओं में
प्रदेश में
विगत तीन वर्षों
में जिलावार
कहां-कहां
कितनी लागत से
दुग्ध उत्पादन
व दाना उत्पादन
इकाइयों की स्थापना
की गई हैं और
विभाग द्वारा
इन इकाइयों को
क्या-क्या
सुविधाएं दी
जा रही हैं?
(ग) क्या
पिछोर
विधानसभा
क्षेत्र में
पशु टीकाकरण संबंधी
कोई योजना
प्रचलित हैं?
यदि
हाँ, तो गत दो वर्षों
में क्षेत्र
में कितने
पशुओं को किस-किस
बीमारी के
टीके लगाये
गये? नहीं तो क्यों?
राज्य
मंत्री, पशुपालन
एवं डेयरी (
श्री लखन पटैल
) : (क) से (ग)
जानकारी
एकत्रित की जा
रही है।
पुलों
का घटिया
निर्माण
[लोक
निर्माण]
154. ( क्र. 3222 ) श्री
देवेंन्द्र पटेल
: क्या
लोक निर्माण
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) रायसेन
जिलांतर्गत
सिमरमऊ से
खमकुआं-प्रतापगढ़
मार्ग पर दो
पुलों के
निर्माण की स्वीकृति
कब, कितनी लागत
की दी गई? निर्माण
एजेंसी कौन है
व कार्य पूर्ण
किये जाने की
क्या
समय-सीमा तय
की गई है? (ख) प्रश्नांश
(क) उल्लेखित
पुलों का
निर्माण
गुणवत्ताहीन
किया जाकर
विभाग की राशि
बर्बाद की जा
रही हैं? इन
पुलों की
गुणवत्ता
नियंत्रण का
उत्तरदायित्व
किसका हैं?
क्या
इन पुलों के
घटिया
निर्माण की
उच्च स्तरीय
जांच कराई
जाकर दोषियों
को दण्डित
कराया जावेगा?
लोक
निर्माण
मंत्री ( श्री
राकेश सिंह ) :
(क)
जानकारी
संलग्न परिशिष्ट
अनुसार है। (ख) जी
नहीं। जानकारी
संलग्न परिशिष्ट
अनुसार है।
शेष का प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
नवनिर्मित
मार्ग पर अवैध
अतिक्रमण
[लोक
निर्माण]
155. ( क्र. 3223 ) श्री
देवेंन्द्र
पटेल : क्या
लोक निर्माण
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
मैहर जिले की
रामनगर तहसील
अंतर्गत
ग्राम जिगना
से हिनौती के
नवनिर्मित
मार्ग पर ग्राम
हिनौती में आम
लोगों द्वारा
मार्ग की भूमि
पर ही बाउण्ड्रीवाल
बनाकर
अतिक्रमण कर
लिया गया है?
यदि
हाँ, तो क्यों?
किन-किन
लोगों ने
अतिक्रमण
किया है? उक्त
अतिक्रमण को
कब तक हटा
लिया जावेगा?
(ख) क्या
विभाग मार्ग
एवं मार्ग की
भूमि का माप
कराकर ग्राम
हिनौती में
लागों द्वारा
किए गए
अतिक्रमण को
तोड़कर इसे
अतिक्रमण
मुक्त किया
जायेगा? ताकि
मार्ग पर
सुगमता से
यातायात
संचालित हो सके?
यदि
नहीं, तो क्यों?
लोक
निर्माण
मंत्री ( श्री
राकेश सिंह ) :
(क) जी
नहीं। शेष
प्रश्नांश
उपस्थित नहीं
होता। (ख) प्रश्नांश
(क) के
परिप्रेक्ष्य
में प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। मार्ग
पर यातायात
सुगमता से
संचालित है।
शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
उज्जैन
के
जयसिंहपुरा
स्थित
भूखंडों की
जानकारी
[नगरीय
विकास एवं
आवास]
156. ( क्र. 3225 ) श्री
फूलसिंह
बरैया : क्या
नगरीय विकास
एवं आवास
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) उज्जैन
के
जयसिंहपुरा
स्थित भूखण्ड
क्रमांक 2368/1,
2368/3 व 2352/1 नगर
निगम में
किन-किन व्यक्तियों
के नाम से
दर्ज हैं?
जानकारी
की प्रमाणित
प्रतिलिपि
देवें। (ख) क्या
जयसिंहपुरा
स्थित भूखण्ड
क्रमांक 2368/1,
2368/3 पर
किसी प्रकार
का बंटवरा या
प्लॉट की
बिक्री या
रजिस्ट्री
की गई है? यदि हाँ,
तो
इसकी जानकारी
की प्रमाणित
प्रतिलिपि
प्रदान की
जावे। (ग) क्या
जयसिंहपुरा
स्थित भूखण्ड
क्रमांक 2368/1,
2368/3 पर
नगर निगम की
ओर से किसी व्यक्ति
को पार्किंग
संचालन की स्वीकृति
प्रदान की गई
हैं? जानकारी
उपलब्ध
करावें। (घ) क्या
जयसिंहपुरा
स्थित भूखण्ड
क्रमांक 2368/1,
2368/3 पर
डायवर्सन
किया गया हैं?
यदि
हाँ, तो, जानकारी की
प्रमाणित
प्रतिलिपि
उपलब्ध
करावें।
नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री (
श्री कैलाश विजयवर्गीय
) : (क) उज्जैन
के
जयसिंहपुरा
स्थित भूखंड
क्रमांक 2368/1,
2368/3 व 2352/1 का नगर
पालिक निगम
उज्जैन के जोन
क्रमांक 03 व 06 में कोई
नामांकन दर्ज
नहीं होने से
जानकारी निरंक
है। (ख) जानकारी
एकत्रित की जा
रही है। (ग) जी
नहीं। शेषांश
का प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (घ)
जानकारी एकत्रित
की जा रही है।
लिपिक
के पद पर
अनियमित
नियुक्ति
[नगरीय
विकास एवं
आवास]
157. ( क्र. 3228 ) श्री
केशव देसाई : क्या
नगरीय विकास
एवं आवास
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
नगर पालिका
परिषद, अनूपपुर,
जिला
अनूपपुर मध्यप्रदेश
में लिपिक पद
पर पदस्थ
श्रीमती शशि
तिवारी जी की
नियुक्ति
नियम संगत है
अथवा नहीं?
यदि
नहीं, तो आज
दिनांक तक उन्हें
जांच कर सेवा
से पदच्युत
क्यों नहीं
किया गया?
(ख) श्रीमती
शशि तिवारी जी
के (नियुक्ति)
स्थापना से
संबंधित समस्त
अभिलेख उपलब्ध
कराएं।
नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री (
श्री कैलाश
विजयवर्गीय ) :
(क) प्रकरण
परीक्षणाधीन
है। (ख)
जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट
अनुसार
है।
भोपाल
सिटी लिंक
लिमिटेड की
निविदाओं में
अनियमितता
[नगरीय
विकास एवं
आवास]
158. ( क्र. 3234 ) श्री
चैन सिंह
वरकड़े : क्या
नगरीय विकास
एवं आवास
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) निविदा 183 में 6 करोड़
से अधिक की
राशि का
भुगतान कितनी
बसों के लिए
होना है? क्या
मात्र 40-50 बसें जो
संचालित हैं,
के
लिए इतना
भुगतान सही
हैं? हाँ अथवा
नहीं? भुगतान क्या
वैधानिक
प्रक्रिया से
किया गया? हाँ
अथवा नहीं?
यदि
हाँ, तो ऑडिट
रिपोर्ट एवं
प्रक्रिया
(सरकारी विभाग
द्वारा) की
जानकारी मय
दस्तावेज
प्रदाय करें। (ख) क्या
विभाग द्वारा 2021 से
प्रश्न
दिनांक तक
विभाग के
जीपीएस के लिए
कोई निविदा
निकाली गई है? हाँ
अथवा नहीं?
यदि
हाँ, तो निविदा
की छायाप्रति
प्रदान करें।
यदि नहीं, तो
पिछले 4 साल से
जिस आधार पर
निविदाकारों
को भुगतान हो
रहा है, वह वैध
हैं? हाँ अथवा
नहीं? यदि हाँ, तो
वैधता स्पष्ट
बताएं। (ग) निविदा
क्र. 148 में क्या 40वीं
बोर्ड बैठक से
पहले
निविदाकार पर
कोई पेनाल्टी
या नोटिस का
पत्र या
नोटशीट जारी
किए गए थे? हाँ
अथवा नहीं?
यदि
हाँ, तो पेनाल्टी
या नोटिस का
पत्र या
नोटशीट की
छायाप्रति प्रदाय
करें। यदि
नहीं, तो क्यों?
स्प्ष्ट
कारण बताएं। (घ) 1 जनवरी, 2024 से
प्रश्न
दिनांक तक
आई.एस.बी.टी.
में अनुरक्षक
शुल्क कलेक्शन
हेतु
बी.सी.एल.एल. के
किस
अधिकारी/कर्मचारी
को कार्य
सौंपा गया है,
का
नाम, पद, जमा राशि का
गौशवारा मय
दस्तावेज
एवं कार्य
आदेश के
जानकारी
प्रदाय करें।
नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री (
श्री कैलाश
विजयवर्गीय ) :
(क) बीसीएलएल
द्वारा
निविदा क्र. 183
अंतर्गत
अनुबंध के
प्रावधानुसार
निर्मित
आई.टी.एम.एस.
सॉफ्टवेयर
में कुल 1000 बसों तक
के
विस्तारिकरण की
सुविधा
सॉफ्टवेयर
में उपलब्ध
हैं। जी हां।
उपरोक्त
दिये गये विवरण
के
परिप्रेक्ष्य
में किया जाने
वाला भुगतान
सही है। जी
हां। नियमानुसार
परिक्षण कर
कंपनी द्वारा
अनुबंध के
प्रावधानुसार
भुगतान किया
गया। (ख) जी
नहीं। जी हां।
निविदाकारों
के साथ निष्पादित
अनुबंध में
उल्लेखित
प्रावधनुसार
भुगतान
संबंधी
कार्यवाही कि
जाती हैं। (ग) जी हां। जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-‘’1’’ अनुसार
है। (घ) 01 जनवरी, 2024 से
प्रश्न
दिनांक तक बीसीएलएल
द्वारा श्री
राकेश वर्मा,
लेखा
सहायक को
आई.एस.बी.टी.
में अनुरक्षण
शुल्क कार्य
सौंपा गया है।
आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- ‘’2’’ अनुसार
है।
भोपाल
सिटी लिंक
लिमिटेड की
निविदाएं
[नगरीय
विकास एवं
आवास]
159. ( क्र. 3235 ) श्री
चैन सिंह वरकड़े
: क्या
नगरीय विकास
एवं आवास
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) बी.सी.एल.एल.
विरूद्ध
मेसर्स आर्या
ओमनीटॉक बोर्ड
द्वारा
निर्देशित
जांच कितनी
समय अवधि में
होनी थी? जांच
आरंभ हुए
कितने वर्ष/महीने/दिन
हो गए? जांच कब तक
पूर्ण होगी?
समय
अवधि बताएं।
वर्तमान जांच
समिति के सदस्यों
के नाम एवं पद
बताएं। यह
जांच कमेटी
कौन-सी दिनांक
को गठित की गई
है? (ख) निविदा
क्र. 123 में जो राशि
रू. 1,20,70,854 जमा की
गई, वह कितने
महीने विलम्ब
से की गई हैं?
क्या
इस विलम्ब के
लिए
निविदाकार 123 पर
पेनाल्टी
लगाई? हाँ अथवा
नहीं? क्या आर्ब्रिट्रेशन
प्रकरण में आर्ब्रिट्रेशन
संभाग आयुक्त
भोपाल द्वारा
निविदा-123 में ब्लैक
लिस्टिंग
हटाने के लिए
लिखित आदेश
विभाग को दिए
गए हैं? हाँ
अथवा नहीं?
यदि
हाँ, तो
आदेश/नोटशीट
की छायाप्रति
प्रदान करें।
क्या ब्लैक
लिस्टिंग
हटाने के लिए
विधिक अभिमत
लिया गया? हाँ
अथवा नहीं। (ग) निविदा
क्र. 121/122 के तहत 149 बसों
में से कितनी
बसें वर्तमान
में बीसीएलएल
के डिपो में
हैं, की कुल
संख्या
बताएं। क्या
निविदाकार को
बसें ले जाने
के लिए विभाग
द्वारा लिखित
अनुमति दी गई
हैं? हाँ अथवा
नहीं? यदि हाँ, तो
अनुमति पत्र
की छायाप्रति
प्रदान करें
और निविदाकार
द्वारा कितनी
बसें ले जाई
जा चुकी हैं। (घ) निविदा 123 के तहत 01.01.2024 से
प्रश्न
दिनांक तक
पत्राचार
नोटशीट, ईमेल
एवं समस्त
दस्तावेज की
प्रति प्रदान
करें।
नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री (
श्री कैलाश
विजयवर्गीय ) :
(क) 02 माह की
समय अवधि में
जांच किया
जाना था। 03 वर्ष 15 दिन
हुये हैं।
जांच समिति
द्वारा जांच
कर अंतरिम
रिपोर्ट
दिनांक 30.01.2023 को
प्रस्तुत की
गई थी, जिसमें
बीसीएलएल
द्वारा
माननीय न्यायालय
के समक्ष की
गई अपील
संबंधी दस्तावेज
तथा बीसीसीएलएल
के
आई.सी.आई.सी.आई.
बैंक खातों को
फ्रीज/डीफ्रीज
किये जाने
संबंधी
पत्राचार
चाहे गए थे।
उक्त के
अनुक्रम में
माननीय न्यायालय
से दस्तावेज
प्राप्त हो
गए हैं तथा
आई.सी.आई.सी.आई.
बैंक से दस्तावेज
प्राप्त
करने हेतु
पुन: दिनांक 15.07.2025 के माध्यम
से दस्तावेज
प्रदान किये
जाने हेतु लेख
किया गया है।
अतः जांच
पूर्ण होने की
निश्चित
समयवधि बताया
जाना संभव
नहीं है। जांच
समिति द्वारा
प्रस्तुत
अंतरिम
रिपोर्ट पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-‘’1’’ अनुसार
है।
वर्तमान में
जांच समिति
गठित नहीं है।
शेष का प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (ख) निविदा
क्र. 123 में
बीसीएलएल एवं
एजेंसी के
मध्य उत्पन्न
विवाद के कारण
08 माह
के विलम्ब से
एजेंसी
द्वारा राशि
जमा कि गई। जी
नहीं। जी
नहीं। (ग) वर्तमान
में बीसीएलएल
के डिपो में
कुल 128 बसें
उपलब्ध हैं।
जी नहीं। शेष
का प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (घ)
जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-‘’2’’ अनुसार
है।
योजनाओं
के क्रियान्वयन
हेतु
हितग्राहियों
का चयन
[पशुपालन
एवं डेयरी]
160. ( क्र. 3245 ) श्री
साहब सिंह
गुर्जर : क्या
राज्य
मंत्री, पशुपालन
एवं डेयरी
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) पशुपालन
एवं डेयरी के
अंतर्गत
विभाग द्वारा क्या-क्या
योजनाएं
संचालित की जा
रही हैं? जानकारी
देवें? (ख) विभाग
के द्वारा
पशुपालन शुरू
करने के लिए
आर्थिक
सहायता, प्रशिक्षण
एवं अन्य लाभ
प्रदान किये
जाने की क्या-क्या
योजनाएं हैं?
हितग्राही
चयन के क्या
आधार एवं नियम
हैं तथा योजना
का लाभ दिये
जाने से पहले
किस स्तर के
अधिकारी/कर्मचारियों
द्वारा स्थल
निरीक्षण
अथवा
हितग्राही
सत्यापन की कार्यवाही
की जाती है
जानकारी
देवें? (ग) किसानों
को योजनाओं का
लाभ लेने के
लिए क्या पात्रता
निर्धारित की
गई है? क्या अपात्र
हितग्राहियों
को भी विभाग
द्वारा मात्र
कागजी खानापूर्ति
की जाकर
योजनाओं का
लाभ दिया जाना
दर्शाया जाकर
अधिकारियों
के निजी खातों
में राशि डाल
दी गई? इस हेतु
दोषियों के
विरूद्ध
विभाग द्वारा
क्या
कार्यवाही की
गई? जानकारी
देवें?
राज्य
मंत्री, पशुपालन
एवं डेयरी (
श्री लखन पटैल
) : (क)
जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट अनुसार
है। (ख) जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट अनुसार
है। योजनाओं का
लाभ दिये जाने
से पहले
संबंधित विकासखण्ड
के
अधिकारी/कर्मचारी
एवं उपसंचालक पशुपालन
एवं डेयरी
द्वारा स्थल
निरीक्षण/सत्यापन
की कार्यवाही
की जाती है। (ग)
जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट अनुसार
है।
शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
हरदा
एवं खिरकिया
में ओवरब्रिज
निर्माण
[लोक
निर्माण]
161. ( क्र. 3259 ) डॉ.
रामकिशोर
दोगने : क्या
लोक निर्माण
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
हरदा जिला
अंतर्गत हरदा
एवं खिरकिया
शहर में ओवरब्रिज
निर्माण
कार्य
स्वीकृत किया
गया है? यदि हाँ, तो कब और
इसका टेंडर
किस कम्पनी को
दिया गया है?
टेंडर
के नियम एवं
शर्तों की
विस्तृत
जानकारी
उपलब्ध
करावें। (ख) क्या
हरदा एवं
खिरकिया में
ओवरब्रिज
निर्माण
कार्य शुरू कर
दिया गया है?
यदि
हाँ, तो कितना व
कौन-कौन सा
कार्य किया जा
चुका है? जानकारी
उपलब्ध
करावें। यदि
नहीं, तो इसका
कारण स्पष्ट
करें? (ग) हरदा
एवं खिरकिया
में ओवरब्रिज
निर्माण कार्य
कब तक पूर्ण
कर लिया
जावेगा?
लोक
निर्माण
मंत्री ( श्री
राकेश सिंह ) :
(क) जी नहीं।
हरदा एवं
खिरकिया शहर
में से केवल
खिरकिया में
आर.ओ.बी. का
निर्माण लेवल
क्रॉसिंग क्रमांक-195 पर स्वीकृत
किया गया है।
अनुबंध की
प्रति नियम
एवं शर्तों की
जानकारी पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट
अनुसार है। (ख) खिरकिया
में ओवरब्रिज
का कार्य शुरू
कर दिया गया
है, बोंरिग का
कार्य पूर्ण
कर डिजाइन,
ड्राइंग
कार्य प्रगति
पर है एवं भू-अर्जन
की कार्यवाही
राजस्व
विभाग हरदा
द्वारा की जा
रही है। (ग) खिरकिया
में आर.ओ.बी. का
निर्माण
अनुबंधानुसार
पूर्ण करने
हेतु दिनांक 10.10.2026 तक की
तिथि नियत की
गई है।
ऊर्जा
उत्पादन,
वितरण
की जानकारी
[ऊर्जा]
162. ( क्र. 3260 ) डॉ.
रामकिशोर
दोगने : क्या
ऊर्जा मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) म.प्र.
में ऊर्जा
उत्पादन की
वर्तमान
स्थिति क्या
है? विभिन्न
ऊर्जा
स्त्रोत (जल
विद्युत, कोयला,
सौर,
पवन)
आदि से कितना
उत्पादन किया
जा रहा है और
कितनी खपत
होती है? विस्तृत
जानकारी
उपलब्ध
करावें। (ख) कई
शहरों में
विद्युत
विभाग द्वारा
स्मार्ट मीटर
लगाये जा रहे
है, जो कि 01 किलोवॉट
के लोड पर 04 किलोवॉट
के हिसाब से
बिजली बिल
बनाता है,
जिसके
कारण
उपभोक्ता
परेशान होते
है। उक्त समस्या
के निराकरण के
लिए क्या
प्रयास किए जा
रहे हैं? (ग) सामान्य
मीटर और
स्मार्ट मीटर
की कार्य प्रणाली
में क्या अंतर
है? (घ) विभिन्न
उपभोक्ता
वर्गों के लिए
बिजली की दरें
क्या-क्या है?
क्या
दरें उचित व
न्याय संगत है?
(ड.) क्या
कारण है कि
उद्योग धंधों
के लिए 24 घण्टे
बिजली प्रदाय
की जाती है और
किसानों को
कृषि कार्य
हेतु 07 से 08 घंटे बिजली
प्रदाय की जा
रही है? कारण
स्पष्ट करें।
ऊर्जा
मंत्री ( श्री
प्रद्युम्न
सिंह तोमर ) :
(क) मध्यप्रदेश
में वर्तमान
में विद्युत
उत्पादन के
विभिन्न स्त्रोतों
(जल विद्युत,
कोयला,
सौर,
पवन
इत्यादि) से
किये जा रहे
उत्पादन एवं
खपत की विस्तृत
जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) जी हाँ,
स्मार्ट
मीटर लगाए जा
रहे हैं, जिनमें
उपभोक्ता
द्वारा की जा
रही वास्तविक
खपत ही दर्ज
होती है। अत:
शेष प्रश्न
नहीं उठता है।
(ग) सामान्य
(पुराने) मीटर
और स्मार्ट
मीटर की कार्य
प्रणाली में
अन्तर
संबंधी जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (घ) विद्युत
अधिनियम 2003 के
प्रावधानों
के अंतर्गत
प्रदेश में
विद्युत की
दरों का
निर्धारण
म.प्र.
विद्युत
नियामक आयोग द्वारा
किया जाता है।
वर्तमान में
प्रदेश में विभिन्न
श्रेणियों/वर्गों
के विद्युत
उपभोक्ताओं
हेतु विद्युत
की दरें मध्यप्रदेश
विद्युत
नियामक आयोग
द्वारा जारी टैरिफ
आदेश दिनांक 29.03.2025 के
अनुसार हैं।
उक्त टैरिफ
आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-'स' अनुसार है।
उपरोक्तानुसार
विद्युत दरों
का निर्धारण
म.प्र. विद्युत
नियामक आयोग
द्वारा सभी
श्रेणी के
उपभोक्ताओं
के हितों को
ध्यान में
रखते हुए तथा
प्रतियोगिता,
दक्षता
एवं संसाधनों
के मितव्ययी
उपयोग को
बढ़ावा देने
के उद्देश्य
से वाणिज्यिक सिद्धांतों
के आधार पर व्यापक
जनसुनवाई के
उपरांत किया
जाता है, अत: शेष
प्रश्न नहीं
उठता है। (ड.)
विभिन्न
श्रेणी के
उपभोक्ताओं
की आवश्यकता
के दृष्टिगत
राज्य शासन
द्वारा
दिनांक 14 मई, 2010 को
विधानसभा में
संकल्प-2013 पारित
किया गया था,
जिसके
तहत प्रदेश के
समस्त घरेलू,
उद्योग
सहित सभी गैर
कृषि उपभोक्ताओं
को 24 घंटे एवं
कृषि उपभोक्ताओं
को कृषि
प्रयोजन हेतु 08 घंटे
(वर्तमान में
राज्य शासन
की मंशानुसार 10 घंटे)
विद्युत
प्रदाय किये
जाने का
प्रावधान है।
तदनुसार
अपरिहार्य
कारणों से आए
आकस्मिक
अवरोधों को छोड़कर
गैर-कृषि
उपभोक्ताओं
को प्रतिदिन 24 घंटे
एवं कृषि
उपभोक्ताओं
को प्रतिदिन 10 घंटे
विद्युत
प्रदाय किया
जा रहा है।
गौशालाओं
का संचालन
[पशुपालन
एवं डेयरी]
163. ( क्र. 3263 ) श्री
भैरो सिंह
बापू : क्या
राज्य
मंत्री, पशुपालन
एवं डेयरी
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) जिला
आगर-मालवा में
कुल कितनी
शासकीय/निजी/ट्रस्ट
द्वारा
गौशाला
संचालित है
गौशाला वार
जानकारी
देवें तथा उक्त
गौशालाओं में
गायों की संख्या
कितनी है?
कितनी
गौशाला बंद है?
(ख) प्रश्नांश
(क) अनुसार
वर्ष 2023 से प्रश्न
दिनांक तक
जिला आगर-मालवा
में प्रति
गौशाला कितनी
राशि शासन
द्वारा
गौशालाओं को
दी गई, गौशालावार
नाम सहित
जानकारी
देवें? (ग) क्या
शासन द्वारा
प्रति गाय 20 रू. से बढ़ाकर
40 रू.
प्रति गाय
गौशालाओं को
दिये जाने की
घोषणा विगत
वर्ष की गई थी?
आगर
जिले की प्रश्नांश
(क) अनुसार
कितनी गौशाओं
को बढ़ी हुई
राशि प्रश्न
दिनांक तक
जारी की गई
जानकारी
देवें यदि नहीं, तो क्यों?
राज्य
मंत्री, पशुपालन
एवं डेयरी (
श्री लखन पटैल
) : (क) जिला
आगर-मालवा में
शासकीय/ निजी/ ट्रस्ट
द्वारा
संचालित
गौशाला, गौवंश
संख्या एवं
बद गौशालाओं
की जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट अनुसार। (ख)
जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट
के
कॉलम 10,11,12,13 एवं 14
अनुसार। (ग) जी हां।
प्रश्न
दिनांक तक
बढ़ी हुई राशि
की जानकारी
गौशालावार
विवरण पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट
के
कॉलम 13 एवं 14
अनुसार।
23 एसटीपी
में रियल टाइम
मानिटरिंग
सिस्टम की जानकारी
[नगरीय
विकास एवं
आवास]
164. ( क्र. 3302 ) श्री
प्रताप
ग्रेवाल : क्या
नगरीय विकास
एवं आवास
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) नगरी
निकाय द्वारा
संचालित 68 सीवेज
ट्रीटमेंट
प्लांट जिनकी
क्षमता 1467.79 एम.एल.डी.
बताई गई है वह
प्लांट किस
शहर में
किस-किस
क्षमता के है
तथा इन एसटीपी
का परीक्षण,
इनके
द्वारा
उपचारित जल का
परीक्षण
दूषित जल की
मात्रा तथा
उपचारित
दूषित जल की
मात्रा का सत्यापन,
किस-किस
दिनांक को किस
प्रकार किया
गया एसटीपी
अनुसार
बताएं। (ख) किस-किस
नगरीय निकाय
द्वारा किस
दिनांक से किस-किस
क्षमता के 23 एसटीपी
में रियल टाइम
मानिटरिंग
सिस्टम स्थापित
किया जा चुका
है तथा किस
निकाय में
कितनी क्षमता
के एसटीपी में
रियल टाइम
मानिटरिंग सिस्टम
की स्थापना की
कार्यवाही
प्रचलन में है
रियल टाइम
मॉनिटरिंग
सिस्टम के लिए
नगरीय निकाय
को दिए गए
निर्देश की
प्रति देवें। (ग) नगरीय
निकाय को
एसटीपी
स्थापित करने
के लिए क्या
विभाग से
अनुमति लेना
होती है? यदि हाँ, तो
बताएं कि
प्रदेश में
किस-किस नगरीय
निकाय ने
अनुमति के लिए
कब-कब आवेदन
दिया तथा
उन्हें
अनुमति किस
दिनांक को
प्रदान की गई
दी, गई अनुमति की
प्रति देवें। (घ) नगरीय
निकाय द्वारा
स्थापित
एसटीपी में
विभाग द्वारा
दूषित जल तथा
उपचारित
दूषित जल की जांच
का रोस्टर
क्या है? यदि
नहीं, है तो क्यों?
क्या
उपचारित
दूषित जल को
नालों में
छोड़ा जा सकता
है?
नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री (
श्री कैलाश
विजयवर्गीय ) :
(क)
जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट-‘’अ’’ के कॉलम 02 से 06 के
अनुसार है। (ख)
जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट-‘’अ’’ के कॉलम 07 से 09 के
अनुसार है तथा
निर्देशों की
प्रति पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट-‘’ब’’ अनुसार
है। (ग) सीवरेज
योजना की
सक्षम स्वीकृति
उपरांत नगरीय
निकाय को
एसटीपी
स्थापित करने
के लिए विभाग
से पृथक से
अनुमति लेने
की आवश्यकता
नहीं होती है।
शेषांश का
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (घ) नगरीय
निकाय द्वारा
स्थापित
एसटीपी में
विभाग द्वारा
दूषित जल तथा
उपचारित
दूषित जल की प्रतिदिन
जांच की जाती
है।
निर्धारित
मानक अनुसार
शोधन उपरांत उपचारित
जल को नालों
में छोड़ा जा
सकता है।
टीकमगढ़
जिले में स्वीकृत
कार्यों की
जानकारी
[नगरीय
विकास एवं
आवास]
165. ( क्र. 3373 ) श्री
हरिशंकर खटीक
: क्या
नगरीय विकास
एवं आवास
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) टीकमगढ़
जिले की नगर
पालिका एवं
नगर परिषदों में
किस-किस मद
में कौन-कौन
से कार्य
कितनी-कितनी
लागत से कब-कब
जनवरी 2022 से
प्रश्न
दिनांक के
मध्य निर्माण
कार्य
स्वीकृत किये
गये? कार्य का
प्राक्कलन,
तकनीकी
स्वीकृति
प्रशासनिक
स्वीकृति
कितनी-कितनी
की थी एवं किस
अधिकारी एवं
कर्मचारी के
द्वारा दी गई
थी? कृपया उनके
नाम बतायें। (ख) प्रश्नांश
(क) के आधार पर
बतायें कि
उपरोक्त
कार्य कराने
कब-कब ऑनलाईन
एवं ऑफलाईन
टेण्डर
बुलाये गये थे?
किस-किस
के टेण्डर
प्राप्त हुये
थे, किस
ठेकेदार को
किस दर पर किस
समयावधि में
कार्य कराने
कुल कितनी
लागत से कार्य
कराने का
कार्य आदेश
दिया गया था?
सम्पूर्ण
जानकारी देते
हुए बतायें कि
संबंधित
ठेकेदार को
किस-किस
उपयंत्री
द्वारा किस-किस
माप पुस्तिका
पर
कितना-कितना
बिल अंकित करके
कब-कब कितना- कितना
भुगतान किया
गया है? क्या
कार्य पूर्ण
कर लिया गया
है? तो पूर्णतः
देने वाले
अधिकारी एवं
कर्मचारी का
नाम, पद सहित
बतायें। (ग) प्रश्नांश
(क) एवं (ख) के
आधार पर
बतायें कि इसी
समयावधि में
कौन-कौन सी
सामग्री किस
ठेकेदार एवं
फर्म से किस
दर पर
कितनी-कितनी
क्रय करके
कब-कब कितना
कितना भुगतान
किया गया है?
ठेकेदार
का नाम एवं
फर्म एजेन्सी
सहित स्पष्ट
एवं सम्पूर्ण
जानकारी
प्रदाय करें।
सम्पूर्ण
क्रय सामग्री
की जानकारी
सहित
भुगतानकर्ताओं
के नाम, पद सहित
सम्पूर्ण
जानकारी
प्रदाय करें। (घ) प्रश्नांश
(क), (ख)
एवं (ग) के आधार
पर बतायें कि
प्रश्न
दिनांक तक कितनी-कितनी
राशि का
निर्माण
कार्य पर एवं
क्रय की गई
सामग्री का
भुगतान करना
अभी शेष है तो
कितना कितना?
क्या
निकाय की
डिमाण्ड का
भुगतान करने
हेतु विभाग से
शासन की राशि
भेजी जावेगी
तो कब तक? निश्चित
समय-सीमा सहित
बतायें।
नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री (
श्री कैलाश विजयवर्गीय
) : (क) एवं (ख)
जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट-'अ' अनुसार
है। (ग) एवं (घ)
जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट-'ब' अनुसार
है।
लंबित
आवास
प्रकरणों की
स्वीकृति
[नगरीय
विकास एवं
आवास]
166. ( क्र. 3374 ) श्री
हरिशंकर खटीक
: क्या
नगरीय विकास
एवं आवास
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे कि
(क) टीकमगढ़
जिले में
प्रधानमंत्री
आवास योजना में
वर्ष 2021-22 से
प्रश्न
दिनांक तक
प्रत्येक
नगरीय निकाय
में कब-कब आवास
स्वीकृत करके
किस-किस को
उपरोक्त
योजना का लाभ
दिया जा चुका
है? (ख) प्रश्नांश
(क) के आधार पर बताये
कि प्रश्न
दिनांक तक
उनको
कितनी-कितनी
राशि कब-कब
निकाय से
प्रदाय की जा
चुकी है? शेष
राशि कब तक
हितग्राहियों
के खातों में
भेजी जावेगी। (ग) प्रश्नांश
(क) एवं (ख) के
आधार पर बताये
कि अभी
किस-किस के
केस स्वीकृति
की प्रत्याशा
में नगरीय निकाय
में, अनुविभागीय
कार्यालय
(राजस्व) में
कलेक्टर
कार्यालय या
आयुक्त नगरीय
विकास एवं
आवास
कार्यालय भोपाल
में लंबित रखे
है? इन आवास के
केसों को कब
तक स्वीकृत कर
प्रथम किश्त
डाली जावेगी
तो कब तक? (घ) प्रश्नांश
(क), (ख)
एवं (ग) के आधार
पर बताये कि
इन नगरीय
निकायों ने नगर
से राजस्व
भूमि के आवंटन
हेतु आवास
बनवाने भूमि की
मांग है तो
किस-किसने और
कितनी-कितनी
किस खसरा नंबर
में कितने-कितने
रकबा में यह
भूमि कब तक
जनहित में
आवंटित कर दी
जावेगी? यह भी
बताये कि
लंबित केसों
की स्वीकृति
कब तक कर दी
जावेगी?
नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री ( श्री
कैलाश
विजयवर्गीय ) :
(क) प्रश्नाधीन
अवधि में स्वीकृत
आवासों की
निकायवार जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट-"अ"अनुसार
है।
हितग्राहियों
की जानकारी
भारत सरकार
द्वारा
विकसित भुवन
पोर्टल- पर https://bhuvanapp1.nrsc.gov.in/hfa/housing_for_all.php
उपलब्ध
है। (ख) उत्तरांश
"क" अनुसार जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट-"ब" अनुसार
है। (ग) प्रधानमंत्री
आवास योजना
शहरी प्रथम
चरण की अवधि
स्वीकृत
योजनाओं को
पूर्ण करने
हेतु 31.12.2025 तक विस्तरित
की गई है।
मार्च 2023 के
उपरांत कोई भी
नई परियोजना
स्वीकृत
नहीं की गई।
ऐसी स्थिति
में निकाय स्तर
या अन्य किसी
स्तर पर
आवेदन प्राप्त
कर स्वीकृति
संबंधी की गई
समस्त
कार्यवाही
शून्य है। स्वीकृति
की प्रत्याशा
में कोई केस
लंबित नहीं।
शेषांश का
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (घ) टीकमगढ़
जिले में किसी
भी निकाय
द्वारा राजस्व
भूमि को आवास
हेतु चिन्हित
कर भूमि मांग
के प्रस्ताव
प्रस्तुत
नहीं होने से
शेषांश का
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है।