मध्यप्रदेश विधान सभा
प्रश्नोत्तर-सूची
फरवरी-मार्च, 2018 सत्र
बुधवार, दिनांक 07 मार्च 2018
भाग-1
तारांकित
प्रश्नोत्तर
शासकीय
भूमियों का
निजी भूमि में
हस्तांतरण
[राजस्व]
1. ( *क्र. 757 ) श्री अजय सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. शासन राजस्व विभाग मंत्रालय वल्लभ भवन के ज्ञाप क्रमांक एफ 16-36/20/2013/सात/शा. 2 ए, भोपाल दिनांक 17.01.2014 के अनुसार भूमि स्वामी के हक में आवंटित भूमि के शासकीय पट्टेदारों द्वारा व्यक्तिगत परिस्थितियों के कारण भूमि विक्रय/अंतरण के संबंध में दिशा-निर्देश जारी किये गये हैं, उसके अनुसार संहिता की धारा 165 (7) ख में प्रावधान है कि धारा 158 (3) के सभी भूमि स्वामी अपने धारणाधिकार की ऐसी कृषि भूमि को बिना कलेक्टर की आज्ञा से 10 वर्षों तक विक्रय नहीं कर सकते हैं? (ख) प्रश्नांश (क) हाँ तो कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी सतना के आदेश क्र./राजस्व/2017/87 सतना दिनांक 22.03.2016 के निर्देशों का पालन तहसील रघुराजनगर के ग्राम रामस्थान में एक हजार एकड़ से अधिक की शासकीय भूमि को खुर्द-बुर्द किये जाने के प्रकरणों में हुई शिकायतों पर कब-कब कार्यवाही की गयी? प्रकरणवार बतायें। (ग) क्या तहसीलदार, तहसील रघुराजनगर के पत्र क्रमांक 306/आ.क्र./तह.रघु/2017, दिनांक 31.08.2017 के जरिये क्या 04 शासकीय भूमियों के अवैध कब्जाधारियों को नोटिस जारी कर प्रकरण पंजीबद्ध किया गया है? क्या हल्का पटवारी रामस्थान द्वारा प्रिज्म सीमेंट, अल्ट्राट्रेक, अमीरे कोल सहित उक्त ग्राम के 50 अवैध कब्जाधारियों के विरूद्ध तहसीलदार के हस्ताक्षरित नोटिसों को क्या प्रश्न तिथि तक तामील करवाया गया है? अगर तामील करवाया गया है तो क्या प्रश्न तिथि तक उन्हें तहसीलदार के कार्यालय में जमा करवाया गया है? तामील हुये सभी नोटिसों की एक-एक प्रति दें। (घ) प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित भूमियों को राज्य शासन कब तक निष्क्रांत संपत्तियों का अंतरण अवैधानिक मानते हुये शासकीय संपत्ति भू-अभिलेखों में दर्ज करेगा? अगर नहीं करेगा तो क्यों? कारण व नियम उपलब्ध करायें।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित भूमि-स्वामी हक में आवंटित भूमि/शासकीय पट्टेदार के क्रय विक्रय के संबंध में कोई शिकायत कार्यालय को प्राप्त नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। पत्र क्रमांक 306, दिनांक 31.08.2017 के जरिये 04 व्यक्तियों को नोटिस जारी कर उनके स्वत्व के संबंध में जानकारी चाही गयी थी न कि शासकीय भूमि में अवैध कब्जाधारियों के संबंध में। इसके अलावा अन्य 16 व्यक्तियों को नोटिस तैयार कर तामिली हेतु कार्यवाही की जा रही है, जिसमें प्रिज्म सीमेन्ट, अल्ट्राटेक, अमीरे कोल सहित अन्य 13 व्यक्ति शामिल हैं। तामील हुई नोटिस की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) उत्तरांश (ग) में वर्णित भूमियों निष्क्रांत भूमियां नहीं है। वर्ष 1958-59 की खतौनी अधिकार अभिलेख में शासकीय भूमियां थी, जिनका नियमानुसार बंटन/व्यवस्थापन किया गया है।
परियोजनावार प्रबंधक के पद की पूर्ति
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
2. ( *क्र. 1518 ) श्री शंकर लाल तिवारी : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या पी.एच.ई. विभाग द्वारा जल निगम का गठन किया गया है? यदि हाँ, तो क्या जल निगम में परियोजनावार प्रबंधक के पद पर प्रचार-प्रसार हेतु नये सिरे से विज्ञापन जारी किये गये थे? (ख) यदि हाँ, तो कब-कब किस परियोजना के लिए कितने पद स्वीकृत थे? नियमावली क्या थी? क्या इसमें कोई संशोधन किया गया था? यदि किया गया था तो क्यों? स्पष्ट कारण बताएं। किसका चयन किया गया है, उसका पूर्ण विवरण साक्षात्कार के प्राप्त अंक सहित देंवे। (ग) क्या पी.एच.ई. विभाग से जिला सलाहकार (आई.ई.सी.) को जल निगम में प्रबंधक के पद पर प्रतिनियुक्ति पर लिया जा सकता था? यदि नहीं, तो क्यों नहीं? यदि हाँ, तो जल निगम में प्रबंधक के पद पर विज्ञापन जारी करने की क्या आवश्यकता थी? (घ) क्या जल निगम द्वारा संविदा पर नियुक्त प्रबंधकों को भविष्य में स्थाई किया जाएगा? यदि नहीं, तो क्यों नहीं? यदि हाँ, तो कब तक?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी हाँ। जी नहीं, परियोजना क्रियान्वयन इकाई स्तर पर प्रबंधक (जनसहभागिता) के पद हेतु विज्ञापन जारी किये गए थे। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। संविदा कर्मी को प्रतिनियुक्ति पर लिए जाने का कोई प्रावधान नहीं है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी नहीं। संविदा कर्मी को स्थाई किए जाने का प्रावधान नहीं है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
जहांगीराबाद थाने में दर्ज अपराध पर कार्यवाही
[गृह]
3. ( *क्र. 1618 ) एडवोकेट सत्यप्रकाश सखवार : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अपराध क्रमांक 889/2013 में थाना जहांगीराबाद, भोपाल द्वारा जिला एवं सत्र न्यायालय भोपाल में चालान किस दिनांक को प्रस्तुत किया गया? प्रस्तुत चालान में किस-किस आरोपी द्वारा नियमित जमानत प्राप्त की गयी है? प्रत्येक का तिथिवार विवरण दें। (ख) उक्त अपराध के संबंध में उच्च न्यायालय में प्रस्तुत एम.सी.आर.सी. 3267/2014 में स्थगन किस दिनांक को जारी किया गया है? स्थगन में किसे आदेशित किया गया है? चालान प्रस्तुत होने के पश्चात् एफ.आई.आर. पर स्थगन किस तरह प्रभावशील होगा? (ग) जिला अभियोजन अधिकारी किस विभाग के अधीन है? उसके द्वारा उक्त प्रकरण में जिला न्यायालय के समक्ष एफ.आई.आर. पर दिये गये स्थगन को किस आधार पर न्यायालयीन कार्यवाही के लिये स्थगन के रूप में समर्थित किया जा रहा है? (घ) जिन विधिक कार्यवाहियों में कार्यवाही अंतिम हो जाती है, तो ऐसे प्रकरणों में कार्यवाही अंतिम होने के पश्चात् जारी/प्राप्त न्यायालयीन स्थगन की प्रभावशीलता के नियमों की प्रति उपलब्ध करावें।
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) थाना जहांगीराबाद, जिला भोपाल के अपराध क्रमांक 889/13 में चालान दिनांक 10.04.2014 को माननीय न्यायालय में पेश किया गया है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) माननीय उच्च न्यायालय, जबलपुर द्वारा एम.सी.आर.सी. क्र. 3267/2014 में दिनांक 11.04.2014 को स्थगन जारी किया गया है। माननीय उच्च न्यायालय ने यह स्थगन आगामी समस्त कार्यवाहियों हेतु जारी किया गया है, जो सभी पक्षकारों के लिये प्रभावशील है। माननीय न्यायालय से संबंधित होने से टिप्पणी करना न्यायसंगत नहीं होगा। (ग) जिला अभियोजन अधिकारी, गृह विभाग के अधीन है। प्रश्नांश विवेचना/न्यायालयीन प्रक्रिया से संबंधित होने से उत्तर दिया जाना न्यायसंगत नहीं होगा। (घ) न्यायालयीन प्रक्रिया से संबंधित होने से उत्तर दिया जाना न्यायसंगत नहीं होगा।
आदिवासी की भूमि का नामांतरण
[राजस्व]
4. ( *क्र. 1545 ) श्री कल सिंह भाबर : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आदिवासी वर्ग के नाम की कृषि भूमि सामान्य वर्ग के नाम पर की जा सकती है? यदि नहीं, तो झाबुआ जिले के ग्राम मेघनगर तहसील मेघनगर सर्वे नम्बर 332 क्षेत्रफल 1.35 हेक्टेयर कृषि भूमि, जो वर्ष 2010-11 तक आदिवासी वर्ग के व्यक्ति के नाम पर थी, वह वर्ष 2011-12 में अचानक सामान्य वर्ग के व्यक्ति के नाम पर कैसे की गई? (ख) क्या ऐसे मामलों की जाँच कर आदिवासी वर्ग की भूमि गैर आदिवासी के नाम पर करने वाले अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध कोई कार्यवाही की जावेगी।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 165 (6) के उपबंधों के अध्यधीन अधिसूचित क्षेत्रों में अ.ज.जा. की भूमि का गैर अ.ज.जा को अंतरण प्रतिबंधित है। ग्राम मेघनगर स्थित सर्वे नं. 332 रकबा 1.35 हेक्टर कृषि भूमि राजस्व रिकॉर्ड में वर्ष 2010-11 में अनुसूचित जनजाति के सदस्य श्री सोमला पिता कुवरा जाति पटलिया के नाम दर्ज थी। वर्ष 2011-12 में यह भूमि राजस्व रिकार्ड खसरा के कालम नं. 12 कैफियत में अनुविभागीय अधिकारी राजस्व थांदला के प्रकरण क्रमांक 2/अ-23/2007-08 आदेश दिनांक 09.04.2009 द्वारा नामांतरण होकर गैर अनुसूचित जनजाति की सदस्य सुगरा बेवा अब्दुलरहीम के नाम दर्ज होना पाई गई है। (ख) जी हाँ तहसीलदार मेघनगर के न्यायालय में प्रकरण क्रमांक 0007/अ-6 (अ)/2017-18 पंजीबद्ध कर जाँच प्रारंभ की गई है। जाँच उपरांत अग्रिम कार्यवाही की जावेगी।
किसानों की फसल का मुआवजा भुगतान
[राजस्व]
5. ( *क्र. 708 ) श्री दीवानसिंह विट्ठल पटेल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दिनांक 07.09.2017 एवं 10.10.2017 को विकासखण्ड पानसेमल जिला बड़वानी में तेज बारिश एवं आंधी तूफान से किसानों की खड़ी फसल खराब हुई है? (ख) यदि हाँ, तो क्या विभाग के द्वारा प्रभावित क्षेत्र का दौरा किया गया है? सर्वे में कितने किसानों की फसल खराब होने की जानकारी प्राप्त हुई? प्रभावित किसानों की सूची उपलब्ध करायें। (ग) क्या प्रस्तुत रिपोर्ट के आधार पर प्रभावित किसानों को शासकीय नियमानुसार मुआवजा प्रदान किया गया है? यदि हाँ, तो ऐसे किसानों की सूची उपलब्ध करावें? यदि नहीं, तो कब तक किसानों को मुआवजा प्रदान किया जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। आंशिक क्षति हुई है। (ख) जी हाँ। राजस्व एवं कृषि विभाग के अधिकारियों द्वारा विकासखण्ड पानसेमल के ग्राम जाहूर, भड़गोन, बबुलताड़, मोरतलाई, कानसुल, निसरपुर में सर्वे किया गया। सर्वे अनुसार कुल 210 किसानों की फसल को आंशिक क्षति हुई है। आंशिक प्रभावित किसानों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। सर्वे अनुसार फसल क्षति का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) राजस्व पुस्तक परिपत्र खण्ड छ: क्रमांक 4 (आर.बी.सी. 6-4) के नियमानुसार फसल क्षति 25 प्रतिशत से कम होने से आर्थिक सहायता राशि दिये जाने के प्रावधान नहीं हैं। शेष प्रश्नांश उदभूत नहीं।
व्ही.आई.पी. सुरक्षा में तैनात सुरक्षाकर्मी के साथ अभद्र व्यवहार
[गृह]
6. ( *क्र. 559 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि व्ही. आई.पी. की सुरक्षा में तैनात सुरक्षाकर्मी का कार्य शासकीय कार्य की श्रेणी में आता है या नहीं? यदि हाँ, तो फिर प्रश्नकर्ता के अंगरक्षक के साथ दिनांक 08.01.2016 को मांगलिया टोल प्लाजा कर्मचारियों द्वारा की गई मारपीट की घटना होने पर पुलिस थाना क्षिप्रा में धारा 341, 323, 294, 506, 34 भा.द.वि. के तहत् दर्ज अपराध क्र. 09/16 में प्रश्नकर्ता द्वारा नियमानुसार धारा 353 बढ़ाने के संबंध में पूछे गये प्रश्न क्रमांक 1186, दिनांक 20.07.2016 के उत्तर में किस नियम के तहत उक्त अपराध शासकीय कार्य में बाधा उत्पन्न करने वाला नहीं बताया जाकर धारा 353 एवं 332 भा.द.वि. की श्रेणी में नहीं होना बताया गया है? नियम की प्रति उपलब्ध करावें।
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : जी हाँ। प्रकरण में अनुसंधान के दौरान यह पाया गया था कि घटना दिनांक को धरमपुरी धार के माननीय विधायक श्री कालुसिंह अपनी प्रायवेट कार से क्षिप्रा होते हुए धरमपुरी जा रहे थे। वाहन पर विधायक पास नहीं था और न ही वाहन पर विधायक लिखा था। गनमेन आरक्षक श्री मोतीलाल, सुरक्षा वाहिनी, भोपाल सादे कपड़ों में था। इस कारण टोल कर्मचारियों का विवाद हुआ था। वर्तमान में थाना क्षिप्रा के अप.क्र. 09/16 का प्रकरण न्यायालय में धारा 294, 332, 353, 341 एवं 506 भाग-2 के अंतर्गत विचारण में है।
नवीन हैण्डपंपों का उत्खनन
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
7. ( *क्र. 2236 ) सुश्री मीना सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जिला उमरिया अंतर्गत मानपुर विधानसभा क्षेत्र में विभाग द्वारा वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक नवीन हैण्डपंप उत्खनन हेतु वित्तीय एवं भौतिक लक्ष्य कितना था? विकासखण्डवार जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या दिये गये वित्तीय वर्षों में हैण्डपंप उत्खनन हेतु दिये गये भौतिक लक्ष्यों के अनुसार ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल हेतु व्यवस्था पूर्ण की जा सकेगी? यदि नहीं, तो शासन द्वारा हैण्डपंप उत्खनन के लक्ष्यों को पूर्ण करने हेतु क्या कार्यवाही की जा रही है? (ग) मानपुर विधान सभा क्षेत्र में पूर्व से स्थापित/स्वीकृत नल जल की भौतिक स्थिति क्या है? पूर्व में बंद नल-जल योजनाओं को पुन: चालू करने के लिये शासन द्वारा क्या कोई कार्यवाही की गई है? (घ) क्या विधानसभा क्षेत्र मानपुर अंतर्गत पूर्व में स्वीकृत योजना ग्राम पंचायत को हस्तांतरित नहीं की गई है? उन्हें कब तक पूर्ण कर संबंधित ग्राम पंचायतों को हस्तांतरित कर दिया जायेगा?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) वित्तीय एवं भौतिक लक्ष्य जिलेवार दिये जाते हैं, विधानसभा क्षेत्रवार नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) कुल 102 नल-जल योजनाएं चालू एवं 38 योजनाएं बंद हैं तथा 3 प्रगतिरत हैं। बंद योजनाओं को चालू करने हेतु संबंधित ग्राम पंचायतों को राशि उपलब्ध करवाई जाकर विभाग द्वारा तकनीकी सहयोग दिया जा रहा है। (घ) अपूर्ण योजनाओं को छोड़कर सभी पूर्ण योजनाएं हस्तांतरित कर दी गई हैं। निश्चित समयावधि बताया जाना संभव नहीं है।
भवन निर्माण हेतु भूमि आवंटन
[राजस्व]
8. ( *क्र. 1514 ) श्री पुष्पेन्द्र नाथ पाठक : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र बिजावर अंतर्गत कितने ऐसे प्रकरण हैं, जिनमें शासन द्वारा भवन निर्माण स्वीकृत कर दिया है, परंतु विभाग द्वारा भूमि उपलब्ध नहीं कराई गई है? ऐसे प्रकरणों की सूची उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में उक्त भवनों के निर्माण की स्वीकृति कब प्राप्त हुई? विभाग अथवा एजेंसी द्वारा भूमि आवंटन हेतु कब-कब पत्राचार किया गया? उपरोक्त पत्राचार पर क्या कार्यवाही की गई? भवन निर्माण हेतु भूमि आवंटन कब तक कर दी जायेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
कुंडालिया परियोजना अंतर्गत डूब क्षेत्र की भूमि
[राजस्व]
9. ( *क्र. 1445 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कुंडालिया बाँध परियोजना अंतर्गत सुसनेर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत डूब क्षेत्र में कौन-कौन से ग्रामों की भूमि है? ग्रामवार सर्वे नम्बर वार जानकारी उपलब्ध करावें। उक्तानुसार भूमि में कौन-कौन सी सिंचित है एवं कौन सी असिंचित? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित जमीन के डूब क्षेत्र में आने से पूर्व असिंचित होने एवं बाद में सिंचित करने या इसके विपरीत अर्थात् सिंचित से असिंचित करने संबंधी कोई शिकायत प्राप्त हुई है या कोई प्रकरण संज्ञान में आए हैं? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की गई? (ग) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा पत्र क्रमांक 958, दिनांक 09.11.2017 से प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संबंध में अनुविभागीय अधिकारी सुसनेर से जानकारी चाही गयी थी एवं कार्यवाही हेतु लेख किया था? पत्र के संदर्भ में क्या कार्यवाही की गई? पूर्ण विवरण देवें। (घ) क्या प्रश्नांश (ख) एवं (ग) के संदर्भ में जवाबदारी सुनिश्चित की जाकर ठोस कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो क्या व कब तक? क्या दोषियों पर उचित कार्यवाही की जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) कुंडालिया बांध परियोजना अंतर्गत सुसनेर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत डूब क्षेत्र में कोठडी, पिपल्या सोगनरा, रोजडी ढाबला सोनगरा, पटना भीलखेडी, भण्डावद, गडिया, गोयल, महेन्दी, बिसनी, दात्या, कचनारिया, टिकोन, सामरी, लटूरीउमठ, लाडोन, कनाली, पनाली, पनाला, गुंजारिया, गोकुलपूर, धनोरा, मोल्याखेडी, गोठडा, बेरछाखेडी ग्रामों की भूमि है। ग्रामवार सर्वे नंबरवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''क'' अनुसार है। सिंचित व असिंचित अभिनिर्धारित करने के संबंध में प्रकरणों में भूमि अर्जन अधिनियम 2013 की धारा 19 के प्रकाशन की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है, धारा 20 की प्रक्रिया में सुनिश्चित होगा कि कौन-सी भूमि सिंचित अथवा असिंचित है, ग्राम कोठडी, मोल्याखेडी, गोठडा (सहायक बांध) एवं गोठडा की कुछ भूमियों को आपसी सहमति से क्रय नीति से लिया गया है, सर्वे की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "ख" अनुसार है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। चाही गई जानकारी के संबंध में चूंकि भू-अर्जन प्रकरणों में धारा 19 के प्रकाशन की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है तथा धारा 20 की प्रक्रिया में विनिश्चय होगा, अत: तदनुसार जानकारी उपलब्ध होगी। (घ) प्रश्नांश (क) से (ग) के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उत्पन्न नहीं होता।
नाप तौल निरीक्षकों की नियुक्ति में अनियमितता
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
10. ( *क्र. 2156 ) श्री मुकेश नायक : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2012 के पश्चात् व्यापम द्वारा प्रदाय की गई सूची के आधार पर क्या नाप तौल निरीक्षकों की नियुक्ति की गई थी? यदि हाँ, तो व्यापम द्वारा प्रदाय की गई सूची की प्रति बतायें। (ख) उक्त सूची में से शैक्षणिक योग्यता प्रमाण पत्रों के सत्यापन हेतु कौन-कौन से उम्मीदवारों को बुलाया गया था, चयन सूची/प्रतीक्षा सूची के मेरिट क्रम में उनके नाम तिथि सहित बतायें और उनमें से कौन-कौन उपस्थित हुये थे? (ग) उपरोक्त सूची में से दस्तावेजों के सत्यापन उपरांत कौन-कौन से उम्मीदवार पात्र पाये गये थे, उनके नाम, पते बतायें तथा किस-किस के नियुक्ति आदेश जारी किये गये थे? (घ) सत्यापन के पश्चात् पात्र पाये गये कौन-कौन से उम्मीदवारों के नियुक्ति आदेश जारी नहीं किये गये? उनका नाम तथा कारण बतायें। (ड.) नियुक्ति आदेश जिन-जिन के जारी हुए थे, उनमें से किस-किस ने कार्यभार ग्रहण नहीं किया? उनके नाम पते सहित बतायें। (च) क्या नियुक्ति आदेश रजिस्टर्ड डाक से नहीं भेजे गये थे और न ही उन्हें विभागीय पोर्टल/वेबसाईट पर अपलोड कर प्रचारित किया गया? यदि हाँ, तो ऐसा क्यों? यदि नहीं, तो सभी के रजिस्ट्री क्रमांक, दिनांक बतायें।
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। (ग) पात्र उम्मीदवारों को नियुक्ति आदेश जारी किये गये थे, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (घ) सत्यापन के पश्चात् ऐसे उम्मीदवार जिनके नियुक्ति आदेश जारी नहीं किये गये, उनकी सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'द' अनुसार है। (च) सभी पात्र उम्मीदवारों को नियुक्ति आदेश स्पीड पोस्ट के माध्यम से भेजे गये थे। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ई' अनुसार है। आदेश विभागीय पोर्टल/वेबसाईट पर अपलोड नहीं किये गये।
सोयाबीन/धान की फसलों की क्षतिपूर्ति
[राजस्व]
11. ( *क्र. 813 ) श्री रजनीश सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सिवनी जिले में सूखे से प्रभावित नष्ट हुई सोयाबीन की फसलों एवं धान की फसलों के लिये क्षति का आंकलन किया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार यदि हाँ, तो उक्त क्षति पर शासन द्वारा कितना-कितना मुआवजा दिया गया, विकासखण्डवार बताएं। (ग) यदि सर्वे कर आंकलन नहीं किया गया तो क्यों? स्पष्ट करें। मुआवजे की राशि कब तक वितरित की जायेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी नहीं, सूखा मैन्युअल 2016 के अनुसार जिला सिवनी में वैज्ञानिक मापदण्डों की पूर्ति नहीं होने से जिला सिवनी को सूखाग्रस्त घोषित नहीं किया गया हैं। अत: प्रश्न उदभूत नहीं होता। (ख) एवं (ग) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उदभूत नहीं होता।
यात्री बसों को स्थाई/अस्थाई परमिट का प्रदाय
[परिवहन]
12. ( *क्र. 1850 ) श्री जतन उईके : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या छिंदवाड़ा जिले में परिवहन विभाग द्वारा जिलों में यात्री बसों का स्थाई एवं प्रतिमाह अस्थाई परमिट दिया जाता है? (ख) क्या सभी यात्री बसों को अस्थाई परमिट प्रतिमाह दिया जा रहा है? यदि हाँ, तो किन-किन यात्री बसों को प्रतिमाह दिया जा रहा है? (ग) क्या छिंदवाड़ा जिले में बिना परमिट की अवैध रूप से यात्री बसें भी चलाई जा रही हैं? यदि हाँ, तो कितनी बसें चल रही हैं? प्रश्नांश (ख) अवधि में निरीक्षण के दौरान बिना परमिट अथवा वैधता समाप्त होने के बाद भी चलती पाई गई यात्री बसों पर क्या कार्यवाही किस अधिकारी के द्वारा की गई? यदि कोई अर्थदण्ड वसूला गया तो कितनी राशि वसूली गई, वसूली राशि का क्या उपयोग किया गया? (घ) क्या विभाग द्वारा बस मालिकों को जो परमिट जारी किये जाते हैं, उसमें वाहन की क्या कंडीशन है, क्या यह भी दर्शाई जाती है कि विभाग द्वारा कितने वर्ष पुराने वाहन को यात्री बसों के संचालन हेतु परमिट दिया जाता है?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जिला परिवहन अधिकारी छिंदवाड़ा द्वारा अस्थायी परमिट जारी किये जाते हैं तथा स्थायी परमिट क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकार जबलपुर द्वारा स्वीकृति के पश्चात् आर.टी.ओ. जबलपुर द्वारा जारी किये जाते हैं। (ख) जिन बस संचालकों द्वारा अस्थाई अनुज्ञापत्र मार्ग पर प्राप्ति हेतु विहित फीस एवं टैक्स निर्धारित प्रपत्रों को संलग्न कर प्राधिकार के समक्ष आवेदित किये जाते हैं, उन्हें गुण-दोष के आधार पर नियमानुसार अनुज्ञापत्र स्वीकृत कर जारी किये जाते हैं। अस्थाई अनुज्ञापत्रों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ग) जी नहीं। परिवहन एवं पुलिस विभाग द्वारा समय-समय पर निरंतर विशेष अभियान चलाकर अवैध रूप से बिना परमिट चल रही वाहनों की चैकिंग की जाती है। अवैध रूप से चल रही वाहनों से राशि रूपये 15000/- की शास्ति अधिरोपित की गई है। अधिरोपित राशि शासकीय कोष में जमा कराई गई। (घ) जी हाँ। मध्यप्रदेश शासन के राजपत्र दिनांक 24.11.2010 के अनुसार 15 वर्ष तक की आयु तक के यात्री वाहनों को स्टेज कैरिज के स्थाई/अस्थाई परमिट दिये जाते है। परिपत्र की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है।
पूर्व निर्मित पानी की टंकियों से जल प्रदाय
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
13. ( *क्र. 571 ) श्री दिव्यराज सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विकासखण्ड जवा अंतर्गत ग्राम पंचायत अतरैला में विभाग के द्वारा 04 वर्ष पूर्व दो टंकियों का निर्माण किस उद्देश्य के तहत कराया गया था? क्या कारण है कि उक्त ग्राम पंचायत क्षेत्र में पूर्व से निर्मित दोनों पानी की टंकियों से अभी तक पंचायतवासियों को पेयजल प्रदाय व्यवस्था सुनिश्चित नहीं की जा सकी है? (ख) उक्त कार्य में की गई लापरवाही में लिप्त अधिकारियों/कर्मचारियों के विरुद्ध विभाग स्तर पर क्या कार्यवाही की जावेगी? (ग) ग्राम पंचायत अतरैला के निवासियों को कब तक नल-जल योजना का लाभ, उक्त टंकियों के माध्यम से, दिलाया जा सकेगा?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) प्रश्नांकित पंचायत में केवल एक टंकी का निर्माण पर्याप्त दबाव से जलप्रदाय करने हेतु किया गया था। योजना स्त्रोत में पानी की कमी से टंकी के माध्यम से जलप्रदाय नहीं किया जा रहा था, परन्तु वर्तमान में सफल स्त्रोत निर्मित कर टंकी के माध्यम से जलप्रदाय किया जा रहा है। (ख) एवं (ग) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
ऑनलाईन आई.टी.आई. परीक्षा प्रणाली में संशोधन
[तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोज़गार]
14. ( *क्र. 1750 ) श्री सुदर्शन गुप्ता (आर्य) : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में आई.टी.आई. परीक्षा ऑनलाईन ली जाती है? यदि हाँ, तो क्या यह सही है कि ऑनलाईन परीक्षा के कारण अधिकांश ग्रामीण क्षेत्र के बच्चे परीक्षा पास नहीं कर पाते हैं और बीच में ही आई.टी.आई. छोड देते हैं? (ख) यदि हाँ, तो शासन इसके लिये क्या कार्यवाही कर रहा है?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक कैलाश जोशी ) : (क) जी हाँ। जी नहीं। (ख) प्रश्न उदभूत नहीं होता।
सूखाग्रस्त घोषित जिलों को आवंटित राशि का वितरण
[राजस्व]
15. ( *क्र. 1175 ) श्री रामनिवास रावत : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2017 में अवर्षा, अल्पवर्षा के कारण किन-किन जिलों की कितनी-कितनी तहसीलों को सूखाग्रस्त घोषित किया गया है? सूखाग्रस्त तहसीलों में नष्ट हुई फसलों की मुआवजा (राहत) राशि वितरण हेतु जिला कलेक्टरों द्वारा कितनी-कितनी राशि की मांग शासन से की गयी? जिलेवार बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में कितनी-कितनी राशि किस-किस जिले को प्रश्नांकित दिनांक तक आवंटित की गयी है? आवंटित राशि के विरुद्ध किस-किस जिले में कितनी-कितनी राशि आहरित कर कितने-कितने किसानों को फसल नुकसानी की मुआवजा (राहत) राशि के रूप में वितरित किया गया है? जिलेवार जानकारी दें। श्योपुर जिले की जानकारी तहसील का नाम, प्रदाय राशि सहित दें? यदि नहीं, तो क्यों एवं कब तक वितरित कर दी जावेगी? (ग) क्या प्रदेश सरकार द्वारा सूखाग्रस्त जिलों में राहत पहुंचाने हेतु राशि रु. 3705.95 करोड़ का मेमोरेंडम दिनांक 02.11.2017 को केंद्र सरकार को भेजा गया है? यदि हाँ, तो उक्त दिनांक के पश्चात् और कितनी-कितनी राशि की मांग कब-कब की है एवं मांग के विरुद्ध अभी तक कितनी राशि प्रदेश शासन को केंद्र सरकार से प्राप्त हुई है?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) नवीन सूखा मैन्युअल 2016 के अनुसार प्रदेश के 18 जिलों की 133 तहसीलों को सूखा प्रभावित क्षेत्र घोषित किया गया है। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। सूखाग्रस्त तहसीलों में नष्ट हुई फसलों की मुआवजा राशि हेतु सूखा घोषित जिलों से प्राप्त मांग एवं सूखा राहत राशि के आवंटन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्नांकित दिनांक तक आवंटित राशि की उपरोक्तानुसार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। सूखाग्रस्त जिलों में मुआवजा राशि आहरित करने की कार्यवाही प्रचलित है तथा श्योपुर जिले की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। (ग) जी हाँ, प्रदेश सरकार द्वारा सूखाग्रस्त जिलों में राहत पहुंचाने हेतु राशि रू. 3705.95 करोड़ का मेमोरेंडम दिनांक 02.11.2017 को केन्द्र सरकार को भेजा गया है। प्रदेश सरकार द्वारा भेजे गए मेमोरण्डम के विरूद्ध भारत सरकार से अभी तक कोई राशि प्राप्त नहीं हुई है।
सामूहिक बलात्कार की घटित घटनाएं
[गृह]
16. ( *क्र. 9 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पुलिस मुख्यालय में संधारित/उपलब्ध जानकारी के अनुसार माह नवम्बर 2017 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में प्रदेश के किस-किस जिले के किन-किन थानों के अंतर्गत महिलाओं/बच्चियों के साथ सामूहिक बलात्कार किये जाने एवं हत्या किये जाने तथा जिंदा जलाने के प्रकरण कब-कब किन-किन के विरूद्ध पंजीबद्ध किये गये? (ख) उक्त पंजीबद्ध प्रकरणों में से किन-किन प्रकरणों में सभी अपराधियों की गिरफ्तारी किन-किन कारणों से नहीं हो सकी है? उनकी गिरफ्तारी हेतु क्या प्रयास किये जाने हैं? किन-किन प्रकरणों में पुलिस विवेचना पूर्ण की जाकर चालान माननीय न्यायालय में कब-कब प्रस्तुत किये गये हैं? अपराध क्रमांक, दिनांक सहित पूर्ण विवरण दें। (ग) क्या राज्य सरकार द्वारा 12 वर्ष से कम उम्र की बच्चियों के साथ बलात्कार करने पर आरोपियों को फांसी दिये जाने का प्रावधान किये जाने हेतु विगत विधान सभा सत्र में कानून में संशोधन किया गया है? उसके बावजूद भी प्रदेश में बच्चियों के साथ सामूहिक बलात्कार की घटनाओं में लगातार वृद्धि हो रही है तथा बलात्कार करने के बाद पीड़ित महिला/बच्ची की हत्या कर सबूत मिटाने का काम कर रहे हैं? यदि हाँ, तो इस हेतु सरकार ने क्या ठोस प्रयास किये हैं?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
फोरलेन निर्माण हेतु भूमि अधिग्रहण
[राजस्व]
17. ( *क्र. 1688 ) श्री अनिल जैन : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न दिनांक को प्रदेश में एन.एच. फोरलेन निर्माण किये जाने हेतु किसानों की भूमि अधिग्रहीत किये जाने के लिये कौन-कौन से अधिनियम, बिल, अध्यादेश प्रचलन में हैं? उनके नाम व प्रभावशीलता की तिथि स्पष्ट बतायी जाये। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार भूमि अधिग्रहण हेतु प्रचलित अधिनियम, बिल, अध्यादेश अनुसार प्रदेश में फोरलेन निर्माण हेतु भूमि अधिग्रहण करने पर किसानों को मुआवजा राशि देने हेतु प्रश्न दिनांक को कितनी-कितनी दरें कब से प्रभावशील हैं? भूमि वर्गवार जानकारी दी जावे। (ग) एन.एच. 76 झांसी-खजुराहो फोरलेन निर्माण हेतु विधानसभा क्षेत्र निवाड़ी के किन-किन किसानों की कितनी-कितनी भूमि का अंतिम रूप से अधिग्रहण किस अधिकारी के आदेश के द्वारा कब किया गया है? विवरण सहित बतावें तथा प्रश्नांश (क) में प्रचलित अधिनियम, बिल, अध्यादेश क्या एन.एच. 76 झांसी-खजुराहो फोरलेन पर भी लागू होते हैं? यदि नहीं, तो कारण बताया जावें। (घ) विधानसभा क्षेत्र निवाड़ी में उक्त प्रश्नांकित फोरलेन में यदि भूमि अधिग्रहीत की गई हो तो मुआवजा राशि की क्या दरें निर्धारित की गई हैं? कारण सहित बतावें तथा यह भी बतावें कि इस फोरलेन में मुआवजा राशि प्रदेश में वर्तमान प्रचलित दरों पर क्यों नहीं दी जा रही है?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) प्रदेश में एन.एच. फोरलेन निर्माण किये जाने हेतु नेशनल हाईवेज एक्ट 1956 प्रचलन में है, जिसकी प्रभावशीलता 15.4.1957 से है। (ख) भूमि अधिग्रहण हेतु प्रचलित अधिनियम नेशनल हाईवेज एक्ट 1956 के प्रावधान 3 जी के अनुसार कृषकों को मुआवजा राशि का निर्धारण सक्षम प्रधिकारी द्वारा किया जाता है। (ग) एन.एच. 76 झांसी खजुराहों फोर लेन निर्माण हेतु विधानसभा क्षेत्र निवाड़ी के प्रभावित किसानों की अधिग्रहण की गई भूमि की ग्रामवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। उक्त ग्रामों का अवार्ड अनुविभागीय अधिकारी एवं भू-अर्जन अधिकारी निवाड़ी द्वारा किया गया है। ग्रामवार विवरण निम्नानुसार है :-
ग्राम का नाम
|
पारित अवार्ड का दिनांक
|
निवाडीखास |
20.06.2017 |
निवाडीभाटा |
20.06.2017 |
मुडारा |
20.06.2017 |
देवेन्द्रपुरा |
20.06.2017 |
नैगुवां |
20.06.2017 |
उरदौरा |
20.04.2017 |
घूघसीखास |
20.06.2017 |
घूघसीग्रंट |
20.04.2017 |
प्रतापपुरा |
20.12.2017 |
बबेडीजंगल |
20.12.2017 |
जी हाँ। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) विधानसभा क्षेत्र निवाड़ी में उक्त प्रश्नांकित फोरलेन में भूमि अधिग्रहीत की गई है, मुआवजा राशि की दर का विवरण निम्नानुसार है :-
ग्राम का नाम |
निर्धारित मुआवजा की दर |
|
सिंचित
|
असिंचित
|
|
निवाडीखास |
406000 |
203000 |
निवाडीभाटा |
380000 |
190000 |
मुडारा |
406000 |
203000 |
देवेन्द्रपुरा |
380000 |
190000 |
नैगुवां |
306000 |
153000 |
उरदौरा |
306000 |
153000 |
घूघसीखास |
356000 |
178000 |
घूघसीग्रंट |
330000 |
165000 |
प्रतापपुरा |
860000 |
660000 |
बबेडीजंगल |
847000 |
847000 |
फोरलेन में मुआवजा राशि का निर्धारण प्रदेश में अधिग्रहीत भूमि के मुआवजे के निर्धारण हेतु प्रचलित अधिनियमों, निहित प्रावधानों के आधार पर किया गया है। उक्त ग्रामों के अवार्ड में सिर्फ अर्जित की गई भूमि के अवार्ड पारित किये गये हैं। अर्जित की गई भूमि पर स्थित परिसम्पत्तियों, मकान, वृक्ष, कुआं, बोर बेल आदि का सत्यापन एवं सर्वे कार्य जारी है, जिसका निर्धारण शीघ्र ही किया जायेगा।
नियमों के विपरीत उप निरीक्षकों को थाना प्रभारी का प्रभार
[गृह]
18. ( *क्र. 789 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल जिले में कौन-कौन से निरीक्षक स्तर के थाने हैं? दिनांक 01.01.2015 से 31.12.2017 के दौरान किस नाम/पदनाम के निरीक्षक उक्त थानों में स्टेशन हाउस ऑफिसर या टी.आई. या नगर निरीक्षक के पद पर तैनात रहे या वर्तमान में हैं? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित थानों में एवं समयानुसार किस-किस थानों में उप निरीक्षक पद के अधिकारी/कर्मचारी को थाना प्रभारी या प्रभारी थाना प्रभारी का चार्ज दिया गया? थानावार/नाम/पदनामवार जानकारी दें। जब उपनिरीक्षक प्रभारी थाना प्रभारी थे, तब किस-किस नाम के इंस्पेक्टर पुलिस लाईन में पदस्थ रहे? प्रश्नांश (क) में उल्लेखित जानकारी दिनांकवार/माहवार/वर्षवार/समयवार दें। (ग) भोपाल जिले के थाना बजरिया में प्रश्न तिथि तक थाना प्रभारी उप निरीक्षक हैं या निरीक्षक? उक्त कर्मचारी/अधिकारी किस दिनांक से उक्त थाने में थाना प्रभारी के रूप में पदस्थ हैं? उक्त थाना प्रभारी ने भोपाल जिला पुलिस बल में किस दिनांक से किस दिनांक तक किस थाना क्षेत्र में किस पद पर अपनी सेवायें प्रश्नतिथि तक दी हैं? (घ) प्रश्नांश (क) (ख) (ग) में वर्णित पुलिस अधिकारियों एवं कर्मचारियों की भोपाल जिला पु. बल में प्रश्नतिथि तक तीन वर्षों की लगातार सेवायें एवं कुल सेवाकाल भोपाल जिला पुलिस बल में कितना है? थानावार/समयवार/पदवार/नामवार जानकारी दें।
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) भोपाल जिले में कुल 36 निरीक्षक स्तर के थाने एवं इनके अतिरिक्त महिला थाना, अजाक थाना, अपराध थाना एवं यातायात थाना भी निरीक्षक स्तर के थाने हैं। दिनांक 01.01.2015 से दिनांक 31.12.2017 के दौरान उक्त थानों में पदस्थापना की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार। (ग) भोपाल जिले में थाना स्टेशन बजरिया में प्रश्नतिथि तक थाना प्रभारी उपनिरीक्षक (उप निरीक्षक श्री दिनेश प्रताप सिंह) है, जो दिनांक 11.08.2016 से थाना स्टेशन बजरिया में पदस्थ है। श्री दिनेश प्रताप सिंह दिनांक 23.08.2014 को जिला भोपाल में आमद उपरांत दिनांक 9/2014 से 8/2016 तक थाना हबीबगंज में उप निरीक्षक के पद पर कार्यरत रहें हैं। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार।
आमला विधान सभा क्षेत्रांतर्गत संचालित नल-जल योजनाएं
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
19. ( *क्र. 2109 ) श्री चेतराम मानेकर : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) वर्ष 2008 से आज दिनांक तक आमला विधान सभा क्षेत्र में कितनी नल-जल योजनाएं स्वीकृत हुईं? (ख) पूर्णरूपेण संचालित नल-जल योजनाओं की सूची उपलब्ध करायें। (ग) बंद नल-जल योजनाएं कब तक पूर्णरूपेण संचालित करा दी जायेंगी? (घ) वर्तमान में आमला विधान सभा क्षेत्र की कितनी नल-जल योजनाएं प्रस्तावित की गई हैं? प्रस्तावित योजनाएं कब तक स्वीकृत करा ली जायेंगी?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) 32 नल-जल योजनाएं। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) निश्चित समयावधि नहीं बताई जा सकती है। (घ) 10 नल-जल योजनाएं। निश्चित तिथि नहीं बताई जा सकती है।
शासकीय भूमि से अतिक्रमण हटाया जाना
[राजस्व]
20. ( *क्र. 2226 ) श्रीमती शकुन्तला खटीक : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या करेरा जिला शिवपुरी की शासकीय भूमि सर्वे क्रमांक 1537 जो सब्जी मण्डी हेतु आवंटित की जा चुकी थी, जिस पर कुछ भू-माफियाओं द्वारा लम्बे समय से जबरन अतिक्रमण कर भवन निर्माण भी कर लिये गये हैं तथा इस अतिक्रमण को हटाने हेतु प्रश्नकर्ता विधायक द्वारा कई बार शासन को मौखिक रूप से व पत्र क्रमांक 68/एम.एल.ए./2017 दिनांक 31.07.2017 द्वारा अनुविभागीय अधिकारी राजस्व करेरा को दिया गया, परन्तु प्रश्न दिनांक तक कोई कार्यवाही नहीं की गई एवं जवाब भी नहीं दिया गया? क्या माननीय विधायकों के पत्र का जवाब न देते हुये शासन के नियमों व माननीय विधायकों के विशेषाधिकारों का भी उल्लंघन किया है? (ख) यदि हाँ, तो अभी तक उपरोक्त भू-माफियाओं से अतिक्रमण क्यों नहीं हटाया गया, जबकि करेरा में तहसील एवं एस.डी.एम. के कार्यालय भी हैं व राजस्व विभाग के समस्त अमले को उपरोक्त अतिक्रमण की जानकारी भी है? (ग) क्या मध्यप्रदेश शासन राजस्व विभाग के भोपाल मंत्रालय के उच्च अधिकारियों द्वारा जाँच कराई जाकर करेरा की बेशकीमती भूमि को भू-माफियाओं से मुक्त कराकर उक्त स्थान में सब्जी मण्डी स्थापित कराई जावेगी, जिससे सब्जी के व्यापारी अपना करोबार सुचारू रूप से चला सकें? यदि हाँ, तो कब तक?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। सब्जी मण्डी हेतु भूमि आरक्षित की गई है। अतिक्रमण हटाने हेतु माननीय विधायक का पत्र प्राप्त हुआ है। पत्र पर कार्यवाही कर प्रारंभिक जाँच पश्चात् न्यायालय तहसीलदार करेरा में अतिक्रमण हटाने हेतु प्रकरण क्रमांक 3/2017-18/अ-68 दर्ज किया गया है। जिसमें आगामी सुनवाई दिनांक 06.03.2018 को नियत है, अत: उक्त कार्यवाही के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर अनुसार प्रकरण में न्यायालयीन कार्यवाही प्रचलित है। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
भोपाल, होशंगाबाद संभाग में गौ-शालाओं का संचालन
[पशुपालन]
21. ( *क्र. 2094 ) श्री आरिफ अकील : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या गौ-शालाओं की गायों की खुराक हेतु शासन द्वारा राशि निर्धारित की गई है? यदि हाँ, तो एक दिन में एक गाय की खुराक के लिए कितनी राशि प्रदाय किए जाने का प्रावधान है? (ख) भोपाल, होशंगाबाद संभाग में कहाँ-कहाँ, किन-किन के संचालन में गौ-शालाएं संचालित की जा रही हैं और उनमें कितनी-कितनी गायों के लिए वित्तीय वर्ष 2010-11 से 2017-18 तक कितनी-कितनी राशि शासन द्वारा प्रदाय की गई? जिलेवार गौशालावार बतावें। (ग) क्या गौ-शालाओं के अतिरिक्त आवारा एवं दान की गई (खुले रूप से घूमने वाली गाय) गायों की खुराक के लिए राशि आवंटित किए जाने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो एक दिन में कितनी राशि किसको आवंटित किए जाने का प्रावधान है? भोपाल, होशंगाबाद संभाग में घूम रही आवारा गायों के लिए वित्तीय वर्ष 2016-17 एवं 2017-18 में कितनी-कितनी राशि आवंटित की गई? यदि नहीं, तो इस लापरवाही के लिए कौन-कौन जिम्मेदार हैं?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जी हाँ। राशि रूपये 10 प्रतिदिन प्रति गौवंश निर्धारित किया गया है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता।
सोहागपुर तहसील अंतर्गत नजूल की भूमि
[राजस्व]
22. ( *क्र. 1966 ) श्री रामपाल सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शहडोल जिले के सोहागपुर तहसील अंतर्गत राजस्व निरीक्षक मण्डल सोहागपुर नंबर 1 पटवारी हल्का नंबर 78 शहडोल नगर के खसरा नंबर 215/547, रकबा 0.12 एकड़ नजूल भूमि है? (ख) यदि प्रश्नांश (क) हाँ तो प्रश्नांकित भूमि के भूमि स्वामी का नाम एवं पता बताया जाये। क्या वर्तमान में भूमि स्वामी का उक्त आराजी पर पूर्णतया कब्जा है, यदि हाँ, तो जानकारी उपलब्ध करायी जाये। (ग) प्रश्नांकित भूमि के चारों दिशा में कौन-कौन से खसरा नबरों की भूमि लगी हुई है? भूमियों की रकबे सहित जानकारी उपलब्ध करायी जावे।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी नहीं। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में कोई प्रश्न उत्पन्न नहीं होता। (ग) वर्तमान नक्शे में ख.न. 547 के दक्षिण एवं पूर्व में ख.न. 391 रकबा 0.085 हे. नजूल शासकीय, उत्तर में खसरा नम्बर 385 रकबा 0.113 हे. सड़क शासकीय तथा पश्चिम में ख.न. 392 रकबा 0.121 हे. शासकीय दर्ज अभिलेख है।
गैरखाते में सार्वजनिक प्रयोजन के लिए दर्ज दखल रहित भूमि
[राजस्व]
23. ( *क्र. 223 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीहोर जिले में भू-राजस्व संहिता 1956 की धारा 237 (1) के तहत आरक्षित कितनी-कितनी भूमि वर्तमान में किस-किस राजस्व अभिलेखों में दर्ज है? (ख) धारा 237 में क्या प्रावधान किए गए हैं? उनमें किस दिनांक को क्या संशोधन किए गए एवं वर्तमान में क्या प्रावधान हैं? (ग) धारा 237 (1) में किन-किन प्रयोजनों के लिए आरक्षित एवं राजस्व अभिलेखों में किन-किन मदों में दर्ज जमीनों को निजी उद्योगों, निजी परियोजनाओं, निजी संगठनों एवं निजी संस्थाओं को किन-किन कार्यों के लिए आवंटित किए जाने का भू-राजस्व संहिता 1959 की किस धारा में क्या प्रावधान है? (घ) यदि प्रावधान नहीं हैं, तो इन भूमियों को निजी उद्योगों, निजी परियोजना, निजी संगठन एवं निजी संस्थाओं को आवंटित करने का क्या कारण है? इसके लिए कौन जिम्मेदार हैं?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) सीहोर जिले में भू राजस्व संहिता 1956 की धारा 237 (1) के तहत आरक्षित भूमि वर्तमान में (2016-2017) निम्नलिखित अभिलेखों में दर्ज है :-
मद |
अमराई
अन्य फल
उद्ययान |
आबादी |
बड़े झाड़ का जंगल |
छोटे झाड़ का जंगल |
पानी के अन्तर्गत |
पहाड़ों व चट्टान |
सड़क तथा इमारतों के अंतर्गत |
क्षेत्रफल हे.मे. |
8.0 |
4456.00 |
8806.00 |
2863.7 |
18432.00 |
7850.00 |
13965.00 |
(ख) धारा 237 का प्रावधान एवं संशोधन का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) भू-राजस्व संहिता में धारा 237 (1) की भूमियों को निजी उद्योगों, निजी परियोजनाओं, निजी संगठनों एवं निजी संस्थाओं के लिए प्रावधान नहीं है। (घ) शासकीय भूमियां समय-समय पर विभिन्न शासकीय परिपत्रों के तहत आंवटित की जाती हैं शेष प्रश्न उदभूत नहीं होता।
बसों के संचालन हेतु फिटनेस प्रमाण पत्र जारी करने के नियम
[परिवहन]
24. ( *क्र. 2245 ) श्री जितू पटवारी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) स्कूल/यात्री बसों के संचालन हेतु फिटनेस प्रमाण पत्र किन-किन शर्तों व नियमों के तहत दिया जाता है? नियमों की जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) 15 वर्षों से पुरानी बसों के संचालन हेतु क्या नियम हैं? नियम की प्रति देवें व इन्दौर जिले में संचालित कितनी बसें हैं जो 15 वर्ष पुरानी हैं, किन्तु स्कूलों/यात्रियों के परिवहन में लगी हैं? (ग) दिनांक 01.01.2017 से प्रश्न दिनांक तक इन्दौर, उज्जैन संभाग में ओवर लोडिंग तेज रफ्तार/15 वर्ष पुरानी बसों पर शासन ने क्या-क्या कार्यवाही की व कितनी बसों के फिटनेस निरस्त किये गये? जिलेवार, वाहनवार जानकारी देवें। (घ) इन्दौर में DPS स्कूल की बस दुर्घटना की शासन द्वारा की गई जाँच की रिपोर्ट उपलब्ध करायें व दुर्घटना के लिए कौन जिम्मेदार था और उन पर क्या कार्यवाही की गई? अवगत करावें। (ड.) प्रदेश में इस तरह की दुर्घटना यात्री बसों/स्कूल/कॉलेज बसों में नहीं हो, इसके लिए शासन क्या प्रयास करने जा रहा है?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) मोटरयान अधिनियम 1988 की धारा 56, केन्द्रीय मोटरयान नियम, 1989 के नियम 62 एवं मध्यप्रदेश मोटरयान नियम 1994 के नियम 48 में विहित प्रावधानों के अनुसार परिवहन यानों के संचालन हेतु फिटनेस प्रमाण-पत्र जारी किया जाता है। इसके अतिरिक्त शैक्षणिक संस्थान वाहनों के रूप में पंजीकृत परिवहन यानों को फिटनेस प्रमाण-पत्र जारी करने हेतु माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा जारी गाईड लाईन का पालन भी किया जा रहा है। आदेश/नियमों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ए' अनुसार है। (ख) 15 वर्षों से पुरानी बसों के संचालन के संबंध में विभागीय अधिसूचना दिनांक 24.11.2010 द्वारा मध्यप्रदेश मोटरयान नियम, 1994 के नियम-77 में संशोधन किया गया है। शैक्षणिक संस्था बसों के संचालन के संबंध में विभागीय परिपत्र क्रमांक एफ 22-12/2011, दिनांक 14.07.2012 द्वारा निर्देश जारी किये गये हैं, जिनकी प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'बी' अनुसार है। इंदौर जिले में 813 बसें 15 वर्ष पुरानी हैं। (ग) वांछित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'सी' एवं 'डी' अनुसार है। (घ) इन्दौर में DPS स्कूल की बस दुर्घटना की जाँच रिपोर्ट की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ई' अनुसार है। गृह विभाग से प्राप्त जानकारी अनुसार दुर्घटना के लिये प्रकरण में जिम्मेदार चालक राहुल पिता रामलाल सिसोदिया उम्र 30 साल, निवासी ग्राम कनाडिया की घटना दिनांक को ही मृत्यु हो गई है तथा घटना में अन्य जिम्मेदार व्यक्ति 01 नीरज पिता स्व. भावानी शंकर अग्निहोत्री उम्र 45 साल, निवासी 104 बी स्कीम नं. 103, केशरबाग रोड, इंदौर 2. जलज पिता शंकर, उम्र 28 साल, निवासी गली नं. 5, अनिल नगर बर्फानीधाम इंदौर 3. चेतन पिता रघुवीर कुमावत, उम्र 56 साल, निवासी 218 सुदामा नगर, इंदौर एवं डी.पी.एस स्कूल प्रचार्य सुदर्शन सोनार पिता डॉ. मिट्ठूलाल सोनार, उम्र 51 साल, निवासी डी 34 अपोलो डीबी सिटी निपानिया को गिरफ्तार किया गया। प्रकरण विवेचनाधीन है। (ड.) प्रदेश में यात्री बसों एवं स्कूल कॉलेज बसों में इस तरह की दुर्घटना की पुनरावृत्ति न हो उसे रोकने हेतु विभागीय परिपत्र क्रमांक 157/128/2018/आठ, दिनांक 17.01.2018 द्वारा सर्व संबंधितों को निर्देशित कर दिया गया है, जिसकी प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'एफ' अनुसार है।
सिहोरा में नवीन आई.टी.आई. की स्थापना
[तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोज़गार]
25. ( *क्र. 100 ) श्रीमती नंदनी मरावी : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के पत्र पर मा. मंत्री जी द्वारा पत्र क्रमांक 2616, दिनांक 06.09.2017 को संचालक कौशल विकास को सिहोरा में नवीन आई.टी.आई. खोले जाने के निर्देश दिये गये थे? (ख) औद्योगिक क्षेत्र सिहोरा में प्रशिक्षित युवाओं की जरूरत को देखते हुये नवीन आई.टी.आई. वर्ष 2018-19 में कब तक प्रारंभ कर दी जावेगी तथा कौन-कौन से व्यवसाय का प्रशिक्षण उपलब्ध हो सकेगा?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक कैलाश जोशी ) : (क) जी हाँ। (ख) समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
भाग-2
नियम
46 (2) के
अंतर्गत
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
के रुप में
परिवर्तित
तारांकित
प्रश्नोत्तर
कर्ज से तंग
आकर किसानों
द्वारा आत्महत्या
किया जाना
[गृह]
1. ( क्र. 10 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पुलिस मुख्यालय में संधारित/उपलब्ध जानकारी के अनुसार प्रदेश में 01 अप्रैल 2017 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में किस-किस जिले में कितने-कितने किसानों/मजदूरों ने फसल के खराब हो जाने/कर्ज आदि के कारण आत्महत्याएं कर ली हैं? जिलेवार ब्यौरा दें। (ख) क्या प्रदेश में कर्ज आदि के कारण किसानों द्वारा आत्महत्या किये जाने के मामलों में वृद्धि हो रही है? यदि नहीं, तो किन कारणों से किसान आत्महत्या कर रहे हैं? (ग) क्या माह जनवरी 2018 में टीकमगढ़ जिले के बलदेवगढ़ विकासखण्ड के ग्राम बाबाखेड़ा में किसान हजारी आदिवासी ने घर के आंगन में लगे पेड़ पर आत्महत्या कर ली? क्या आत्महत्या से पहले किसान ने दीवार पर कर्ज का हिसाब लिखा था? इसी तरह से नीमच जिले के मनासा विकासखण्ड के अल्हेड़ गांव के विनोद पाटीदार उम्र 34 वर्ष ने साहूकारों के कर्ज़ व प्रताड़ना से तंग आकर जहर खाकर आत्महत्या कर ली? आत्महत्या के पूर्व एक वीडियो में मृत किसान ने साहूकारों के द्वारा कर्ज के कारण परेशान करने आदि की बात कही थी तथा कर्ज से परेशान होकर प्रधानमंत्री कार्यालय से इच्छा मृत्यु की भी गुहार लगाई थी? (घ) यदि हाँ, तो इन दोनों प्रकरणों में पुलिस द्वारा किन-किन धाराओं में प्रकरण पंजीबद्ध कर किन-किन के विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गई तथा मृतक किसान के परिजन को राज्य शासन द्वारा क्या-क्या सहायता उपलब्ध करायी गई?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) से (घ) जानकारी संकलित की जा रही है।
ऑनलाईन खसरा खतौनी नकल
[राजस्व]
2. ( क्र. 73 ) श्री भारत सिंह कुशवाह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्तमान में किसानों को खसरा खतौनी की नकल ऑनलाईन मिल रही है? क्या इसमें किसानों को हो रही कठिनाइयों की शिकायतें विभाग को प्राप्त हुई हैं? यदि हाँ, तो उन कठिनाइयों को दूर करने के लिये विभाग द्वारा क्या कदम उठाये जा रहे हैं? (ख) क्या किसानों के रकबे में अंतर आ रहा है?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी नहीं। वर्तमान में भू-अभिलेख प्रतिलिपियों का प्रदाय NIC सॉफ्टवेयर से किया जा रहा है। (ख) वर्तमान में सभी जिलों में एन.आई.सी. सॉफ्टवेयर से अभिलेख अद्यतन किया जा रहा है। अत : शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आवासीय पट्टे की स्वीकृति
[राजस्व]
3. ( क्र. 75 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्यारसपुर, त्योंदा, बासौदा तहसील अन्तर्गत कुल कितने राजस्व ग्राम है और कितने वन ग्राम हैं? क्या दखल रहित म.प्र.शासन की भूमि पर आबादी बनाकर भूमिहीन व्यक्ति जो पुश्तैनी से काबिज है, उन्हें आवासीय पट्टा देने का प्रावधान है? (ख) यदि हाँ, तो वर्ष 2015, 2016 एवं 2017 में प्रश्नकर्ता द्वारा किन-किन ग्रामों के आवासीय भूमिहीन व्यक्तियों को आवासीय पट्टा वितरित किये जाने की मांग की गई? (ग) उक्त मांग पर पात्र व्यक्तियों को आवासीय पट्टा वितरण किया गया है या नहीं? यदि हाँ, तो जानकारी देवें कि किन-किन व्यक्तियों को पट्टा स्वीकृत किया गया है? यदि नहीं, तो क्या कारण रहा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) ग्यारसपुर, त्योंदा, बासौदा, अंतर्गत राजस्व व वन ग्राम निम्नानुसार है :-
क्र |
तहसील |
राजस्व ग्राम |
वनग्राम |
1. |
ग्यारसपुर |
128 |
0 |
2. |
त्योंदा |
101 |
1 |
3. |
बासौदा |
186 |
0 |
कुल |
415 |
1 |
जी
हाँ, मध्यप्रदेश
ग्रामों के
दखल रहित भूमि
(विशेष उपबंध) अधि
1970 के
तहत आवासीय
पट्टा देने के
प्रावधान है (ख) (1) प्रश्नकर्ता
के पत्र क्र. 4751
दिनांक 10.10.2016 द्वारा
ग्राम पंचायत
पचपीपरा के
ग्राम हांसुआ
में आवास
योजना की
आबादी घोषित
करने बावत।
(2) प्रश्नकर्ता
के पत्र क्र. 4757
दिनांक 16.11.2016 द्वारा
ग्राम
भिदवासन में
अनुसूचित
जाति वर्ग
आवेदक श्री
रामा पुत्र
खुमान
अहिरवार को पट्टा
स्वीकृत करने
की मांग की
गयी थी।
(3) प्रश्नकर्ता
के पत्र
दिनांक 22.10.2016 से ग्राम
पंचायत
आकाडोडा के ग्राम
डबरी के
आदिवासी को
सर्वे कराकर
पट्टे स्वीकृत
करने हेतु
लिखा गया था। (ग)
(1) ग्राम
पंचायत
पचपीपरा के
ग्राम हांसुआ
में 2
प्रतिशत से
अधिक चरनोई
भूमि का रकबा
न होने से
आबादी घोषित
नहीं की गई है
एवं पट्टा वितरण
नहीं किया जा
सका। (2)
आवेदक
का ग्राम
भिदवासन में
एक मकान निजी
भूमि में एवं
एक मकान
शासकीय सुरक्षित
चरनोई मद में
होने से आवेदक
को पट्टे की
पात्रता नहीं
होने से पट्टा
नहीं दिया जा
सका। (3)
सचिव
ग्राम पंचायत
आकाडोडा
द्वारा
प्रस्तुत
जानकारी
अनुसार उक्त
पत्र में
उल्लेखित मांग
पर ग्राम
पंचायत
आकाडोडा
द्वारा धन्नू
को छोड़ श्री
उमराव, गुलाब, रामदयाल, रूपसिंह
एवं अमरसिंह
को आवासीय
पट्टे जारी कर
दिए गए हैं।
गंजबासौदा को जिला घोषित करना
[राजस्व]
4. ( क्र. 76 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विदिशा जिले के विकासखंड गंजबासौदा के निवासी पिछले 20 वर्षों से गंजबासौदा के चतुर्मुखी विकास की संभावना को देखते हुये क्षेत्र के नागरिक, संगठनों द्वारा जिला बनाने की मांग निरन्तर करते आ रहे हैं? (ख) प्रश्नांश (क) का उत्तर हाँ तो किस-किस के द्वारा जिला बनाने की मांग की गई? मांग/ज्ञापन पत्रों की प्रति उपलब्ध करावें? (ग) उक्त मांग पर जिला प्रशासन द्वारा प्रस्ताव शासन को प्रेषित किया गया है या नहीं? यदि हाँ, तो प्रस्ताव की प्रति उपलब्ध करावें, यदि नहीं, तो क्यों? (घ) क्या गंजबासौदा भौगोलिक, जनसंख्या, राजस्व-आय की दृष्टि से जिला बनने की श्रेणी में आता है? यदि हाँ, तो जिला बनाने की घोषणा कब तक की जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ग) जी नहीं। प्रस्ताव अपेक्षित है। (घ) प्रस्ताव प्राप्त होने पर परीक्षण किया जा सकेगा। शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता।
नानाजी देशमुख चिकित्सा महाविद्यालय हेतु विधायक के चयन
[पशुपालन]
5. ( क्र. 85 ) श्री लखन पटेल : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पिछले सत्र में नानाजी देशमुख चिकित्सा महाविद्यालय की समिति हेतु विधायक का चयन कर विधानसभा में पत्र/प्रस्ताव भेजा गया था। (ख) क्या उक्त चयन अनुसार विभाग से नियुक्ति के आदेश हो गये थे? यदि नहीं, तो आदेश कब तक होगें? (ग) यदि आदेश होने में विलम्ब हुआ तो इसका दोषी कौन है और इसके विरूद्ध कोई कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की जावेगी?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं, माननीय मुख्यमंत्री जी के अनुमोदन उपरांत प्रस्ताव माननीय राज्यपाल महोदय को आगामी कार्यवाही हेतु भेजा गया है। (ग) प्रश्नांश 'ख' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
बंद नल-जल योजनाओं का क्रियान्वयन
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
6. ( क्र. 91 ) श्री लखन पटेल : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र पथरिया में कितनी नल-जल योजनाएं (सभी मदों की) हैं इनमें से कितनी नल-जल योजनाएं चालू हैं व कितनी बंद हैं? बंद होने का कारण स्पष्ट बतावें? (ख) बंद नल-जल योजनाओं को चालू कराने हेतु आज दिनांक तक क्या-क्या कार्य कहाँ-कहाँ कराये गये? ग्राम पंचायतवार बतायें। क्या वर्ष 2016-17 व 2017-18 में बंद पड़ी नल जल योजनाओं को चालू कराने हेतु राशि उपलब्ध करायी गई? यदि हाँ, तो कितनी व उस राशि से कितनी नल-जल योजनाओं का सुधार हुआ व क्या-क्या कार्य कराया गया? क्या ये नल-जल योजनाएं सुचारू रूप से चालू हैं? यदि हाँ, तो कौन-कौन सी चालू है? ग्राम पं./ग्रामवार बतावें। (ग) क्या बंद पड़ी नल-जल योजनाओं को आगामी ग्रीष्म काल को देखते हुए चालू कराने हेतु विभाग द्वारा कोई योजना बनायी गई है? यदि हाँ, तो क्या योजना है?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) 89 नल-जल योजनाएं। 76 चालू एवं 13 बंद हैं। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। जी हाँ, शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 एवं 3 अनुसार है। (ग) जी हाँ। बंद नल-जल योजनाएं यथाशीघ्र चालू की जा सके इस हेतु शासन द्वारा प्रत्येक जिले में कलेक्टर की अध्यक्षता में जिला स्तरीय समिति गठित की है जिसे रु. 20.00 लाख तक के स्वीकृति के अधिकार सौपें गये हैं।
अवैध कब्जाधारियों को हटाये जाना
[राजस्व]
7. ( क्र. 101 ) श्रीमती नंदनी मरावी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिहोरा विकासखण्ड के अंतर्गत ग्राम पंचायत टिकरिया पुरानी के अधीन बरनू तिराहा के पास किवलारीहार ख.नं. 85/2 भूमि किसके नाम पर हैं? प्रति उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) भूमि में वास्तविक भूमि स्वामी के अतिरिक्त किन-किन लोगों ने कब्जा कर रखा है? अवैध रूप से किये गये कब्जे को अभी तक क्यों नहीं हटाया गया? कब्जाधारियों से भूमि को मुक्त कराकर वास्तविक भू-स्वामी को कब तक भूमि सौंप दी जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जिले के सिहोरा विकासखण्ड के अंतर्गत ग्राम पंचायत टिकरिया पुरानी के अधीन बरनू तिराहा के पास किवलारीहार ख.नं. 85/2 पूरन सिंह वल्द डुमारी सिंह जाति मरावी साकिन छपरा तहसील कुण्डम भूमि स्वामी के नाम दर्ज है। प्रति संलग्न परिशिष्ट पर है। (ख) प्रश्नांश '’क’’ भूमि में वास्तविक भूमि स्वामी के अतिरिक्त मोहम्मद कलीम पिता मुहम्मद असरफ सा. गोसलपुर एवं राजेश पिता रामनाथ पटेल सा. केवलारी एवं संभव जैन पिता चेतराम जैन निवासी ग्राम किवलारी ने कब्जा कर रखा है। इन कब्जाधारियों को हटाये जाने के आदेश के विरूद अनावेदक गणों द्वारा न्यायालय अनुविभागीय अधिकारी राजस्व सिहोरा के न्यायालय में अपीलीय प्रकरण विचाराधीन होने से अवैध कब्जाधारियों से भूमि को मुक्त नहीं कराया जा सका है। प्रकरण के निराकरण पश्चात आदेश का पालन सुनिश्चित किया जायेगा। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
बंद नल-जल योजनाओं की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
8. ( क्र. 139 ) श्रीमती उमादेवी लालचंद खटीक : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) हटा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत किन-किन ग्रामों में नल-जल योजनाएं हैं एवं चालू या बंद किस स्थिति में हैं? (ख) क्या वहां 75% नल जल योजनाएं बंद पड़ी है तथा वहां सूखे की स्थिति है? क्या नल-जल योजनाएं सुधरवायी जाएंगी एवं युद्ध स्तर पर सुधार कार्य कराया जावेंगे?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं, सूखे की स्थिति निर्मित होने के उपरांत भी मात्र 13 प्रतिशत ही बंद हैं। बंद नल-जल योजनाओं में विभाग तथा कलेक्टर की अध्यक्षता में जिला स्तरीय समिति के माध्यम से स्वीकृति उपरांत सुधार कार्य कराये जा रहे हैं।
जिला दमोह के हटा नगर में निष्क्रान्ति भूमि
[राजस्व]
9. ( क्र. 140 ) श्रीमती उमादेवी लालचंद खटीक : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला दमोह के हटा नगर के मध्य में (कंसोडियम प्रापर्टी) निष्क्रान्ति भूमि कितनी है? खसरा नक्शा सहित उपलब्ध करावें। (ख) उक्त भूमि पर अतिक्रमण किन-किन व्यक्तियों के द्वारा किया गया? क्या यह अतिक्रमण हटाया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जिला दमोह के हटा नगर में निष्क्रान्त भूमि खसरा नंबर 272/1, 278/1 रकबा क्रमशः 0.862, 0.258 कुल 1.120 हे. है। खसरा, नक्शा की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) उक्त भूमि पर 52 व्यक्तियों द्वारा अतिक्रमण किया गया है। सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर है। नियमानुसार अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही की जायेगी।
खाद्यान्न पर्ची से वंचित एस.सी. एवं एस.टी. परिवार
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
10. ( क्र. 189 ) श्री दिनेश कुमार अहिरवार : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला टीकमगढ़ के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में खाद्यान्न पर्ची वितरण का क्या आधार है? विधानसभा क्षेत्र जतारा के जनपद-जतारा, जनपद पलेरा में वर्ष 2014 से 2017 तक जिला खाद्य अधिकारी द्वारा कितनी खाद्यान्न पर्ची जारी की गई? (ख) म.प्र. शासन के आदेश अनुसार एस.सी., एस.टी. परिवारों को जाति प्रमाण पत्र के आधार पर खाद्यान्न पर्ची जारी करने के आदेश हैं, तो वर्ष 2014 से 2017 तक कितने एस.सी., एस.टी. परिवारों को कितनी खाद्यान्न पर्ची जारी की गई? (ग) अगर एस.सी., एस.टी. परिवारों को खाद्यान्न पर्ची जारी की गई तो ऐसे 10% परिवार आज भी खाद्यान्न पर्ची से वंचित क्यों है? 10% शेष रह गये परिवारों को खाद्यान्न पर्ची कब तक जारी होगी?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 की धारा-3 के अंतर्गत प्रदेश हेतु निर्धारित सीमा जनगणना-2011 की अनुसार 75 प्रतिशत आबादी को पात्र हितग्राहियों के रूप में चिन्हांकित कर लाभांवित किया जा सकता है। अधिनियम अंतर्गत राज्य के लिए हितग्राहियों की अधिकतम सीमा निर्धारित है। इस सीमा से अधिक हितग्राहियों को लाभांवित करने का प्रावधान अधिनियम की धारा-3 के अंतर्गत न होने के कारण शेष आवेदकों की पात्रता नहीं बनती है। वर्तमान में सम्मिलित पात्र परिवारों में से हितग्राही की मृत्यु होने, विवाह होने से, अन्य स्थान पर निवास करने एवं पात्रता श्रेणी में न रहने के कारण हितग्राही की पात्रता में परिवर्तन होना एक निरंतर प्रक्रिया है। तदनुसार नवीन पात्रता पर्ची निर्धारित सीमा में जारी की जाती है। विधानसभा क्षेत्र जतारा के जनपद जतारा में अप्रैल, 2014 की स्थिति में 28,771 पात्रतापर्ची धारी थे, जो बढ़कर दिसम्बर, 2017 में 36,787 हो गये। इसी प्रकार जनपद पलेरा में अप्रैल, 2014 की स्थिति में 21,305 पात्रता पर्चीधारी थे, जो बढ़कर दिसम्बर, 2017 में 31,261 हो गये। (ख) जी हाँ। टीकमगढ़ जिले में अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति श्रेणी अंतर्गत कुल 35717 परिवारो को पात्रता पर्ची जारी की गयी है। इसके अतिरिक्त अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति श्रेणी के परिवारो को अन्य 23 श्रेणियों में भी सत्यापित किया जाकर पात्रता पर्ची जारी की गई है। (ग) अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति श्रेणी के प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय अधिकारी/कर्मचारी तथा आयकरदाताओं को पात्रता पर्ची जारी नहीं की जाती है। टीकमगढ़ जिले में माह जनवरी 2018 तक अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति श्रेणी अंतर्गत सत्यापित सभी परिवारों को पात्रता पर्ची जारी की जा चुकी है। पात्र परिवारों का सत्यापन, उन्हें पात्रता पर्ची जारी करना एवं अपात्र परिवारों का विलोपन एक सतत् प्रक्रिया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शासकीय उचित मूल्य की दुकानों से घासलेट का विक्रय
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
11. ( क्र. 224 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश शासन द्वारा शासकीय उचित मूल्य की दुकानों से घासलेट का तेल (केरोसीन) विक्रय किया जाता है? यदि हाँ, तो किन-किन वर्ग के उपभोक्ताओं को कितनी-कितनी मात्रा में प्रतिमाह प्रदान किया जाता है? (ख) क्या शासकीय उचित मूल्य की दुकानों से सामान्य स्तर के उपभोक्ताओं को भी घासलेट का तेल विक्रय किया जाता है? यदि हाँ, तो प्रतिमाह कितना? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या सीहोर जिले में फ्री-सेल घासलेट विक्रय किया जाता है? यदि हाँ, तो किन-किन स्थानों पर प्रतिमाह कितना-कितना घासलेट विक्रय किया जाता है? विगत एक वर्ष के दौरान विक्रय का माहवार, स्थानवार उपभोक्ताओं का ब्यौरा दें। (घ) क्या शासन द्वारा शासकीय उचित मूल्य की दुकानों के माध्यम से अन्य उपभोक्ता सामग्रियों का विक्रय कराने की योजना है? यदि हाँ, तो ब्यौरा दें? यदि नहीं, तो कब तक क्रियान्वयन की योजना है?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जी हाँ। अंत्योदय एवं प्राथमिकता परिवार के उपभोक्ताओं को केरोसीन प्रतिमाह क्रमश: 5 लीटर एवं 2 लीटर प्रति परिवार के मान से प्रदाय किया जा रहा है। (ख) प्रश्नांश 'क' के उत्तर में उल्लेखित हितग्राहियों के अतिरिक्त अन्य किसी को केरोसीन प्रदाय नहीं किया जाता है। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अंतर्गत चिन्हित पात्र परिवारों को ही सार्वजनिक वितरण प्रणाली का केरोसीन वितरित किया जाता है। (ग) जी नहीं। वर्तमान में गैर पी.डी.एस. केरोसीन का वितरण सीहोर जिले में नहीं हो रहा है। दिसम्बर-2014 में सीहोर जिले में 12 के.एल. गैर पी.डी.एस. केरोसीन का उठाव सीहोर एवं आष्टा के थोक विक्रेताओं के द्वारा किया गया था। जिसका तत्समय विक्रय मूल्य 60.50 से 61 रूपये तक प्रति लीटर निर्धारित किया गया था। भारत सरकार के द्वारा 19 जनवरी 2015 को केरोसीन (उपयोग पर निर्बंधन और अधिकतम कीमत नियतन) आदेश, 1993 में संशोधन कर समानान्तर विपणनकर्ता और केरोसीन के थोक व्यापारियों को गैर पी.डी.एस. केरोसीन की आपूर्ति क्रियाकलाप, विपणन, व्यवसाय या वाणिज्य को उपरोक्त नियंत्रण आदेश के उपबंधों से छूट दी गई है। वर्तमान में कोई भी समानान्तर विपणनकर्ता जो केरोसीन (उपयोग पर निर्बंधन और अधिकतम कीमत नियतन) आदेश, 1993 के उपबंधों का पालन कर रहे हैं एवं सरकारी तेल कंपनी द्वारा नियुक्त किए गये थोक व्यापारी मध्यप्रदेश केरोसीन व्यापारी अनुज्ञापन आदेश, 1979 के अंतर्गत अनुज्ञप्ति प्राप्त कर गैर पी.डी.एस. केरोसीन का व्यापार कर सकते हैं। (घ) वर्तमान में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा के अधीन गेहूं, चावल के अतिरिक्त नमक, उपलब्धता के आधार पर मोटा अनाज, ज्वार/बाजरा एवं मिट्टी का तेल का ही वितरण किया जा रहा है।
4-जी पी.ओ.एस. मशीन
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
12. ( क्र. 245 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जबलपुर जिले में पी.ओ.एस. मशीन में 2जी सिम चल रही है? (ख) क्या 2जी सिम होने के कारण स्पीड कम मिलती है? जिससे उपभोक्ताओं को खाद्यान्न पर्ची के लिये अधिक इंतजार करना पड़ता है? (ग) क्या शासन हाईस्पीड व्यवस्था हेतु 4जी पी.ओ.एस. मशीन उपलब्ध करायेगा? (घ) यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्यों?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जी हाँ। (ख) डाटा का साईज अत्यन्त कम होने से 2जी सिम से सर्वर पर डाटा भेजे जाने में स्पीड पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) पी.ओ.एस. मशीन में सभी जनरेशन की सिम लगाए जाने की व्यवस्था है। प्रश्नांश (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में 4जी सिम लगाने की आवश्यकता प्रतीत नहीं होती। (घ) प्रश्नांश (ख) एवं (ग) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सोलर पम्प स्थापित करना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
13. ( क्र. 274 ) श्री
भारत सिंह
कुशवाह : क्या
लोक
स्वास्थ्य
यांत्रिकी
मंत्री महोदया
यह बताने की
कृपा करेंगी
कि (क) भारत
सरकार से मध्यप्रदेश
को कितने सोलर
पम्प स्थापित
करने के लक्ष्य
पर सहमति किस
दिनांक को
प्रदान की गई? (ख) संपूर्ण
म.प्र. में
वॉटर सप्लाई
हेतु कितने
सोलर पम्प स्वीकृत
हुये हैं? किस-किस
जिले में सोलर
पम्प पर
कार्य
प्रारंभ किया
गया है? शेष जिलों में
कब तक सोलर
पम्प का
कार्य
प्रारंभ किया
जावेगा? (ग) एक
सोलर पम्प स्थापित
करने में लगभग
कितनी राशि
खर्च की जायेगी
एवं सोलर पम्प
के साथ-साथ इस
प्रोजेक्ट
में क्या-क्या
कार्य
सम्मिलित
किये गये हैं? (घ) ग्वालियर
जिले में
कितने सोलर
पम्प स्वीकृत
किये गये हैं? किस-किस
गांव एवं
किस-किस स्थान
में? सोलर
पम्प स्थापित
करने हेतु क्या
मापदण्ड
निर्धारित
किये गये हैं?
लोक
स्वास्थ्य
यांत्रिकी
मंत्री (
सुश्री कुसुम
सिंह महदेले ) : (क)
भारत
सरकार के
सहमति पत्र
दिनांक 17.09.2012 तथा स्वीकृति
आदेश दिनांक 28.03.2013,24.03.2015 एवं 30.03.2015 तथा
पत्र दिनांक 14.10.2014 से
कुल 2,903
सोलर पंप के
लक्ष्य
प्राप्त। (ख) भारत
सरकार द्वारा
कुल 2,903
सोलर पंप
स्वीकृत। सभी
जिलों में कार्य
किए गए हैं। वर्ष
2017-18
हेतु जारी
लक्ष्यों के
अनुरूप
डी.पी.आर.
तैयार कराने
की कार्यवाही
की जा रही है, निश्चित
तिथि बताना
संभव नहीं है।
(ग) एक सोलर
पम्प योजना पर
नवीन
मापदंडानुसार
अनुमानित
खर्च रू. 10.00 लाख।
सोलर पंप
आधारित योजना
की डी.पी.आर.
स्वीकृत होने
पर वास्तविक
लागत राशि का
आंकलन किया जा
सकेगा। सोलर
पंप के साथ
पंपिंग मेन, भण्डारण
हेतु टंकी, टंकी
स्थापना हेतु
स्टेजिंग, जल
वितरण
नलिकाओं आदि
आवश्यक कार्य
किये जावेंगे।
(घ) भारत
सरकार द्वारा
प्रदेश को
दिये गये
लक्ष्य के
विरूद्ध
ग्वालियर
जिले को 55 सोलर पंप
आधारित
योजनाओं का
लक्ष्य दिया
गया है। स्थापना
हेतु स्थल निर्धारण
प्रक्रियाधीन
है। सोलर पंप
आधारित नल-जल
योजना के
क्रियान्वयन
हेतु
निर्धारित दिशा-निर्देश
जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-1 एवं 2
अनुसार है।
गोदामों से
खाद्यान्न
वितरण में की
जा रही
अनियमितता
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
14. ( क्र. 284 ) श्री तरूण भनोत : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माह दिसम्बर 2017 में कलेक्टर जबलपुर द्वारा खाद्य आपूर्ति मामले से संबंधित बैठक में नागरिक आपूर्ति निगम के अधिकारियों को निर्देशित किया था कि राशन उठाव के मामलों में गंभीरता बरतते हुये इस कार्य को तेजी से पूर्ण करने के साथ-साथ अधिकारी प्रत्येक माह राशन दुकानों पर समय-सीमा के भीतर अनाज पहुँचाने की व्यवस्था करें? (ख) यदि वर्णित (क) सही तो क्या राशन वितरण के लिये जिला प्रशासन द्वारा तय की गई समय-सीमा पूर्ण होने के पश्चात् जबलपुर जिले की सैकड़ों दुकानें ऐसी हैं जहां प्रश्न दिनांक तक अनाज पहुँच नहीं पा रहा है? (ग) क्या शासन के नियमानुसार अगले माह बांटे जाने वाले राशन की सप्लाई एक माह पूर्व माह की 15 से 25 तारीख के बीच करनी होती है अर्थात् फरवरी माह में बांटे जाने वाले राशन की सप्लाई जनवरी की 15 से 25 तारीख के बीच करने के नियम हैं? (घ) यदि वर्णित (क), (ख), (ग) सत्य तो जबलपुर में गोदामों से राशन उठवाकर राशन दुकानों तक पहुँचाने की लचर व्यवस्था के दोषी अधिकारियों पर शासन क्या दण्डात्मक कार्यवाही करेगा?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। जबलपुर जिले में खाद्यान्न का उठाव युक्तियुक्त एवं तकनीकी कारणों से निर्धारित तिथि तक नहीं होने के कारण 3.1.2018 तक खाद्यान्न उठाव की तिथि में वृद्धि की गई थी। (ग) मध्यप्रदेश सार्वजनिक वितरण प्रणाली (नियंत्रण) आदेश 2015 की कंडिका 12 (3) अनुसार आगामी माह के राशन सामग्री का प्रदाय पूर्ववर्ती माह की अंतिम तारीख तक करने का नियम है। फिर भी राशन सामग्री को जल्दी पहुँचाने हेतु पूर्व माह की 15 से 25 तारीख के बीच राशन सामग्री पहुँचाने के निर्देश दिये गए हैं। (घ) प्रश्नांश (ख) के उत्तर में निर्धारित तिथि तक सामग्री पहुँचाए जाने से प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
पीड़ितों को पट्टा प्रदाय में विषमता
[राजस्व]
15. ( क्र. 285 ) श्री तरूण भनोत : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2011 में मेडिकल कॉलेज जबलपुर के समीप बालसागर निवासियों को जिला प्रशासन द्वारा विस्थापित कर शांतिनगर परसवारा महाराणा प्रताप वार्ड में बसाया था एवं क्या शांतिनगर परसवारा क्षेत्र का पट्टा प्रदाय हेतु सर्वे करवाया जाकर पीड़ितों को पर्ची भी प्रदाय की गई है? (ख) यदि हाँ, तो क्या जिन गरीब पीड़ितों को स्थापित क्षेत्र में पट्टा प्रदाय किया था वहां शासकीय शाला भवन निर्मित किया गया है जबकि उक्त पट्टे के आधार पर पीड़ित द्वारा समस्त प्रकार के टैक्सों का भुगतान किया जा रहा है? पूर्ण जानकारी दी जावें। (ग) क्या महाराणा प्रताप वार्ड स्थित शांतिनगर, परसवारा क्षेत्र के अनेक पीड़ितों को आज दिनांक तक पट्टा प्रदाय हेतु सर्वे के उपरांत भी पट्टा प्रदाय नहीं किया गया है? (घ) यदि वर्णित (क) एवं (ग) सही है तो जिला प्रशासन द्वारा इस तरह की विषमताओं को कैसे पृथक करेगा व गरीब पीड़ित नागरिकों को कैसे राहत प्रदान करेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। (ख) उत्तराशं ''क'' में उल्लेखानुसार जिन गरीब पीड़ितों को स्थापित क्षेत्र में पट्टा प्रदाय किया गया था वहां उपलब्ध अन्य शासकीय भूमि पर नगर निगम द्वारा गरीब पीड़ितों विस्थापित परिवार के बच्चों के पढ़ाई हेतु शासकीय नवीन प्राथमिक पाठशाला बाल सागर (परसवारा) भवन का निर्माण किया गया है। (ग) जी नहीं। सर्वे उपरांत म.प्र. के भूमिहीन व्यक्तियों को (पट्टा धृति अधिकारों का प्रदान किया जाना) अधिनियम 1984 यथा संशोधित के अनुसार 31 दिसम्बर 2014 तक की स्थिति में पात्र पायेगये सभी व्यक्तियों को नियमानुसार पट्टा प्रदाय किया गया है। (घ) विषमता परिलक्षित नहीं है। स्थल पर निवासरत व्यक्तियों को शासन के नियमानुसार पट्टा प्रदाय किया गया है।
खसरा नं. विलोपित होने एवं राजस्व रिकार्ड से भूमि कम होने की जाँच
[राजस्व]
16. ( क्र. 303 ) श्रीमती प्रतिभा सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्र. 1619 दि. 29.11.17 के उत्तर (क) एवं (ख) में बताया था कि जबलपुर नगर के ग्राम लक्ष्मीपुर नं. बं. 643 हे. ने 25/31 स्थित ख.नं. 223/1क वर्तमान सर्वे कं. 223/8 का रकबा 1.817 हे. से कम होकर 1.637 हे. होने एवं ख.नं. 223/1क विलोपित होने की जाँच अनु.अधि. (रा.) कोतवाली से करायी जा रही है एवं जाँच अनुसार कार्यवाही की जावेगी? तो क्या प्रश्न दिनांक तक उक्त प्रकरण की जाँच करा ली गयी है? जाँच में खसरा की गुम भूमि 0.18 हेक्टेयर कहाँ गयी एवं विलोपित ख.न. विलोपित क्यों किया गया? रकबे से गुम हुयी 0.18 हे. भूमि कब तक वापस दर्ज की जावेगी? अनु.अधि. की जाँच रिपोर्ट की प्रति दें। प्रकरण में कौन-कौन दोषी है? (ख) उपरोक्त ख.नं. 223/1 क वर्तमान सर्वे क्र. 223/8 एवं 225 की शास.शिक्षक कर्म. के नाम दर्ज 1.817 हे. भूमि का नक्शे में बटान/सीमा कब तक दर्ज की जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। शासकीय शिक्षक कर्मचारी सहकारी गृह निर्माण समिति के नाम दर्ज कुल खसरा नम्बरों का रकबा वर्ष 1983-84 में रकबा 1.822 हे. अभिलेख में दर्ज है। खसरा नं. 223/1/क का रकबा वर्ष 1983-84 में 0.169 हे. था, जिसमें से संस्था के द्वारा वर्गफिट में विक्रय किये जाने के उपरांत वर्तमान बटांकों का योग करने पर रकबा पूर्ण हो जाता है। खसरा नं. 223/8 का रकबा वर्ष 1983-84 में रकबा 0.097 हे. दर्ज था तथा 2017-18 में भी 0.097 हे. दर्ज है। अतः उक्त खसरा नम्बर पर रकबा की कमी नहीं पाई जाती है। खसरा नं. 223/1/क से संस्था के द्वारा भू-खंड विक्रय किये जाने के उपरांत उक्त खसरा नम्बर के कुल 17 नवीन बटांक कायम किये जा चुके है, जिनके बटांक 223/1/क/1 से लगायत 223/1/क/13 एवं 223/29, 223/30, 223/32 तथा 223/35 है। अतः उक्त मूल खसरा नम्बर विलोपित नहीं हुआ है बल्कि, उसके बटांक उपरोक्तानुसार कायम किये गये है। जाँच में पाया गया है कि, खसरा नं. 223/12 का रकबा 0.097 हे. संस्था के नाम दर्ज था, जो कि, लिपिकीय त्रुटिवश 0.092 हे. वर्ष 1993-94 में अंकित हो गया है, जिसे तहसीलदार कोतवाली के प्रकरण क्रमांक 0018/अ-6-अ/2017-18 में पारित आदेश दिनांक 20/02/2018 में सुधार किया जाकर खसरा अद्यतन करा दिया गया है। उक्त त्रुटि लिपिकीय त्रुटि थी। अतः जाँच के उपरांत कोई दोषी नहीं पाया गया है। जाँच प्रतिवेदन पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उपरोक्त खसरा नम्बर एवं शासकीय शिक्षक गृह निर्माण सहकारी संस्था के नाम वर्तमान भूमि का सीमांकन जरिये प्रकरण क्रमांक 0001/अ-12/2015-16 में पारित आदेश दिनांक 21.03.2016 को किया जा चुका है। संस्था द्वारा उक्त सीमांकन के पश्चात् बटांकन एवं सीमांकन हेतु कोई आवेदन पत्र पेश नहीं किया गया है। आवेदन प्रस्तुत होने पर नियमानुसार बटांकन एवं सीमांकन किया जायेगा।
नल-जल योजनाओं का संधारण
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
17. ( क्र. 339 ) श्री हरवंश राठौर : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विधानसभा क्षेत्र बण्डा में किन-किन पंचायतों में संचालित नल-जल योजनाओं को पी.एच.ई. विभाग द्वारा पंचायतों को सुपुर्दगी में दिया है? (ख) पंचायतों के माध्यम से सरपंचों एवं सचिवों के प्रमाणीकरण के आधार पर बतावें कि पी.एच.ई. विभाग द्वारा पंचायतों को सुपुर्द की गई नल-जल योजनाओं का लाभ ग्रामीण जनता को मिल रहा है या नहीं? (ग) बण्डा विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत कौन-कौन सी नल-जल योजनाएं बंद हैं एवं चालू हैं? (घ) बण्डा विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत विगत वर्ष 2017-18 में स्वीकृत नल-जल योजनाओं के निविदा उपरांत कितनी नल-जल योजनाओं के कार्य प्रारंभ किए गए हैं? यदि नहीं, तो कब तक कार्य प्रारंभ किए जाएंगे?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) से (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) कोई नवीन योजना स्वीकृत नहीं हुई है, अपितु विगत वित्तीय वर्ष 2016-17 एवं इस वित्तीय वर्ष 2017-18 में 51 जीर्णशीर्ण/बंद योजनाओं को चालू करने की स्वीकृति दी गई है, जिसके अंतर्गत निविदा आमंत्रण की कार्यवाही की गई है। निश्चित समयावधि नहीं बताई जा सकती है।
राजस्व प्रकरणों का निराकरण
[राजस्व]
18. ( क्र. 365 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत प्रश्न दिनांक तक नामांतरण, फोती, बंटवारा, सीमांकन एवं बटांक के कितने प्रकरण लंबित हैं? (ख) क्या प्रश्नाधीन राजस्व प्ररकणों के निराकरण हेतु शासन ने कोई दिशा निर्देश जारी किए हैं? दिशा निर्देशों में जारी समय अवधि में कितने प्रकरणों का निराकरण नहीं हो पाया है? इसके लिए कौन दोषी है? (ग) क्या शासन निर्धारित समय-सीमा में कृषकों के लंबित नामांतरण, फोती, बंटवारा, सीमांकन एवं बटांक प्रकरणों के निपटान हेतु त्वरित कार्यवाही करेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) सागर विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत प्रश्नांश दिनांक तक नामांतरण एवं फौती नामांतरण के 158 प्रकरण, नक्शा के बटांकन के 33 प्रकरण, बंटवारा के 29 प्रकरण एवं सीमांकन का 01 प्रकरण लंबित है। (ख) जी हाँ। प्रश्नाधीन लंबित प्रकरणों के निराकरण में विलंब पक्षकारों के मध्य विवाद होने से, राजस्व प्रकरणों के तकनीकी, प्रक्रियात्मक एवं वैधानिक उपबंधों के परिपालन की बाध्यता के कारण हुआ है अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ।
पं.दीनदयाल उपाध्याय निर्माण पीठ श्रमिक आश्रय (शेड) की स्वीकृति
[श्रम]
19. ( क्र. 390 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या राज्यमंत्री, श्रम महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिले में पं.दीनदयाल उपाध्याय निर्माण पीठ श्रमिक आश्रय (शेड) वर्ष 2013-14, 2014-15, 2015-16, 2016-17 में कितने शेडों की स्वीकृति प्राप्त हुई? विकास खण्डवार जानकारी देवें? (ख) उपरोक्त शेडों की स्वीकृति के लिए विभाग द्वारा क्या मापदण्ड तय किया गया था? (ग) नरयावली विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत सागर एवं राहतगढ़ विकासखण्ड की किसी भी पंचायत में उपरोक्त शेड़ स्वीकृत क्यो नहीं हुए? (घ) क्या नरयावली विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत सागर एवं राहतगढ़ विकासखण्ड की वृहद ग्राम पंचायतों में उपरोक्त शेड स्वीकृति का कोई प्रस्ताव है? यदि है? तो जानकारी देवें।
राज्यमंत्री, श्रम
( श्री
बालकृष्ण
पाटीदार ) : (क) सागर
जिले में
पंडित दीनदयाल
उपाध्याय
निर्माण पीठा
श्रमिक आश्रय
(शेड) योजना
अंतर्गत वर्ष 2013-14, 2014-15, 2015-16, 2016-17
में किसी भी
विकासखण्ड
से कोई प्रस्ताव
स्वीकृति
हेतु प्राप्त
न होने से स्वीकृत
शेडों की संख्या
निरंक है।
(ख)
पंडित
दीनदयाल
उपाध्याय
निर्माण पीठा
श्रमिक आश्रय
(शेड) योजना के
प्रावधान
अनुसार
ग्रामीण
क्षेत्रों
में जनपद
पंचायत मुख्यालय
अथवा ब्लॉक
मुख्यालय/ग्राम
पंचायत
द्वारा ऐसे स्थानों
का चयन कर, जहाँ नियमित
रूप से
निर्माण
कार्य में
कार्यरत पीठा
श्रमिक कार्य
की खोज में
एकत्रित होते
है, शेड
निर्माण हेतु
विस्तृत
प्रस्ताव
संबंधित जिले
के सहायक
श्रमायुक्त/ श्रमपदाधिकारी/सहायक
श्रमपदाधिकारी
को प्रेषित
किया जावेगा, जिसमें
स्थान की
उपयुक्तता, भूमि
की उपलब्धता, शेड का
नक्शा एवं
क्षेत्रफल
तथा उसमें
पेयजल व
प्रसाधन जैसी
सुविधाओं की
व्यवस्था
और निर्माण लागत
तथा भविष्य
में संधारण
आदि की जानकारी
सम्मिलित
होगी यह प्रस्ताव
प्राप्त
होने पर
संबंधित जिले
के सहायक
श्रमायुक्त/श्रमपदाधिकारी/सहायक
श्रमपदाधिकारी
द्वारा परीक्षण
कर वांछित
अनुमति
संबंधित जनपद
पंचायत अथवा
ब्लॉक मुख्यालय/ग्राम
पंचायत को
प्रेषित करने
का प्रावधान
है। (ग) नरयावली
विधान सभा
क्षेत्रांतर्गत
सागर एवं
राहतगढ़
विकासखण्ड
की किसी भी
पंचायत से उक्त
योजना
अंतर्गत शेड
निर्माण का
प्रस्ताव
प्राप्त न
होने से शेड
स्वीकृति
संबंधी प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (घ) जी
नहीं। नरयावली
विधानसभा
क्षेत्रान्तर्गत
सागर एवं
राहतगढ़
विकासखण्ड
की वृहत ग्राम
पंचायतों में उपरोक्त
शेड स्वीकृत
हेतु कोई भी
प्रस्ताव
कार्यालय को
प्राप्त
नहीं है।
नल-जल योजना का क्रियान्वयन
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
20. ( क्र. 391 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नरयावली विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत ग्रांम पंचायत कर्रापुर विकासखण्ड सागर में नल-जल योजना के लिए कितनी राशि कब स्वीकृत की गई थी? (ख) उपरोक्त योजना में कौन-कौन से कार्य प्रस्तावित थे? क्या सभी कार्य पूर्ण हो गये हैं? (ग) यदि उपरोक्त योजना में प्रस्तावित कार्यों में जल स्त्रोत के कार्य पूर्ण कर लिए गए हैं तो शेष कार्य कब तक पूर्ण किए जाएंगे? (घ) उपरोक्त नल-जल योजना कब तक प्रारंभ की जावेगी?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) राशि जिलेवार आवंटित की जाती है, योजनावार नहीं। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ग) शेष कार्यों हेतु निविदा आमंत्रण की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है, निश्चित समयावधि नहीं बताई जा सकती है। (घ) उत्तरांश ’’ग’’ के परिप्रेक्ष्य में निश्चित समयावधि नहीं बताई जा सकती है।
प्रदेश में कृषकों की अप्राकृतिक मौतें
[गृह]
21. ( क्र. 404 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर जिले में वित्त वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक कहाँ-कहाँ के कितने कृषकों की मौत अप्राकृतिक ढंग से हुई? नाम, पते सहित वर्षवार सूची देवें एवं यह भी बतलावें कि मौत के समय इन कृषकों एवं उनके परिवार पर कितनी-कितनी राशि का कर्ज था वर्षवार संपूर्ण सूची देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अप्राकृतिक तरीके से मृत कृषकों के परिवार को कब-कब प्रदेश सरकार द्वारा किस प्रकार की सहायता प्रदान की गई? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित मृत कृषकों के फांसी लगाने/कीटनाशक पीकर आत्महत्या करने के क्या कारण थे एवं इन कृषकों को कर्ज वसूली हेतु किन बैंकों एवं किन फायनेंस कंपनियों के अधिकारियों/कर्मचारियों द्वारा कर्ज वसूली हेतु प्रताड़ित किया गया तथा आत्महत्या हेतु मजबूर करने वाले किन-किन अधिकारियों/फायनेंस कंपनियों पर कब क्या कार्यवाही की गई?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) से (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार।
पेयजल हेतु कार्य योजना की स्वीकृति
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
22. ( क्र. 435 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या अल्पवर्षा के कारण सूखा व जल अभाव क्षेत्र घोषित श्योपुर जिले में प्रश्न दिनांक तक भू-जल स्तर 200 से 450 फिट तक गिर जाने के कारण पी.एच.ई. विभाग के अभिलेखों अनुसार कुल स्थापित 6024 हैण्डपम्पों में से लगभग 400 सूख जाने, एक हजार से अधिक अपर्याप्त पानी देने, लगभग 500 हैण्डपम्प मेंटेनेन्स के अभाव व भरे पटे होने के कारण बन्द पड़े हैं? (ख) क्या जिले में संचालित 194 नल-जल/मुख्यमंत्री नल-जल/स्पॉट सोर्स योजनाओं में से उपरोक्त/अन्य कारणों से 30 योजनाएं बंद पड़ी हैं? शेष अपर्याप्त पानी दे रही है? यदि नहीं, तो क्या शासन जाँच करवाएगा? (ग) क्या उक्त स्थिति के मद्देनजर ई.ई. पी.एच.ई. श्योपुर द्वारा राहत आयुक्त भोपाल को 713.10 लाख की जो कार्य योजना स्वीकृति हेतु भेजी हैं व कब, इसमें पेयजल की समस्या हेतु किन-किन उपायों का उल्लेख हैं? क्या शासन इसे वर्ष 2018-19 के बजट में शामिल करके अविलम्ब स्वीकृति प्रदान करेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी नहीं, 5948 कुल स्थापित हैण्डपंपों में से 5630 चालू एवं 318 बंद हैं, जिसमें 275 जलस्तर नीचे जाने से एवं 43 साधारण खराबी से बंद है। (ख) जी नहीं, 194 कुल स्थापित नल-जल योजनाओं में से 173 चालू एवं 21 बंद हैं, जिसमें 02 स्त्रोत सूखने से, 8 मोटरपंप खराबी से, 1 पाईप लाईन क्षतिग्रस्त एवं 10 योजनाएं पंचायत द्वारा नहीं चलाने के कारण बंद है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ, दिनांक 7.10.2017 को जिसमें आंशिक पूर्ण श्रेणी की बसाहटों में नवीन नलकूपों का खनन कर हैण्डपंप स्थापना, जलस्तर नीचे जाने वाले हैण्डपंपों में राइजर पाइप बढ़ाना एवं सिंगलफेस मोटर पंप स्थापित करना, कम जल आवक क्षमता वाले नलकूपों में हाइड्रोफ्रैक्चरिंग कार्य एवं पेयजल परिवहन आदि कार्य प्रस्तावित हैं। वित्तीय संयोजन उपरांत स्वीकृत की जा सकेगी।
भूमि आवंटन हेतु प्रस्ताव की स्वीकृति
[राजस्व]
23. ( क्र. 436 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या श्योपुर जिले के ग्राम जाखदा जागीर में उपलब्ध 1200 हेक्टेयर भूमि केन्द्रीय रक्षा मंत्रालय के रक्षा अनुसंधान एवं विकास संस्थान (डी.आर.डी.ओ.) नई दिल्ली के लिए रक्षा यूनिट की स्थापना हेतु आवंटित करने के वास्ते कलेक्टर श्योपुर ने प्रस्ताव शासन को स्वीकृति हेतु भेजा है यदि हाँ, तो कब। (ख) उक्त प्रस्ताव अनुसार उक्त आवंटित भूमि के बदले कलेक्टर की गाईड लाईन के अनुसार डी.आर.डी.ओ. से प्राप्त राशि से बड़ौदा में 100 बिस्तरीय अस्पताल एवं श्योपुर स्टेडियम में स्वीमिंग पुल सहित क्या-क्या अन्य निर्माण कार्य कितनी-कितनी राशि से कराये जाना प्रस्तावित हैं? (ग) क्या शासन ने केन्द्रीय रक्षा मंत्रालय को पत्र लिखकर अवगत कराया है कि प्रदेश के भिण्ड जिले में नवीन सैनिक स्कूल स्थापित किए जाने की शर्त पर ही डी.आर.डी.ओ. को उक्त भूमि आवंटित की जा सकेगी? यदि हाँ, तो श्योपुर जिले के साथ ऐसा क्यों किया जा रहा है? (घ) जिले के विकास के मद्देनजर क्या शासन उक्त शर्त को वापस लेगा तथा कलेक्टर श्योपुर के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान कर डी.आर.डी.ओ. उक्त भूमि आवंटित कर इसे धरातल पर रक्षा यूनिट की स्थापना की अनुमति प्रदान करेगा व कब तक यदि नहीं, तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। दिनांक 08.09.2017 को प्राप्त हुआ। (ख) जी नहीं। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नांश (ग) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। कलेक्टर श्योपुर का प्रस्ताव विचाराधीन है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
पेयजल उपलब्धता
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
24. ( क्र. 481 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विभाग द्वारा रीवा जिले में घट रहे जल स्तर को देखते हुए आने वाले गर्मी के मौसम में पेय जल संकट से निपटने बावत् क्या कार्य योजना तैयार की है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में विभाग द्वारा खनन कराये गये नलकूपों में पानी का जल स्तर क्या है? इनमें रायजर पाइपों की संख्या कितनी है, विभाग द्वारा तय मापदण्ड अनुसार कितनी रायजर पाइप नलकूपों (हैण्डपम्पों) में डालने के नियम हैं, मापदण्ड अनुसार रायजर पाइप डालने पर बोरबेल (हैण्डपम्पों) पर पानी न निकलने की स्थिति पर पानी उपलब्धता आमजनता को हो सके इस पर क्या कार्यवाही करेगें? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के तारतमय में जिले के कितने ऐसे बोरबेल (हैण्डपम्प) है, जो पानी की कमी से सूख चुके है, उनसे पानी निकलना बंद हो चुका है, ऐसे नलकूपों की गहराई क्या थी? अनुबंध अनुसार क्या इनका खनन किया गया? (घ) प्रश्नांश (क) अनुसार पेय जल संकट से निपटने की तैयारी (योजना) शासन द्वारा तैयार नहीं की गयी, बोरबेल (हैण्डपम्प) का जल स्तर नीचे जा चुका है, आम जन को पानी नहीं मिल रहा, इस पर क्या कार्यवाही/योजना तैयार कर पानी उपलब्ध करावेगें? अगर नलकूपों का खनन अनुबंध अनुसार न कर कम गहराई के किये गये, तो इसके लिए जबावदारों की पहचान कर क्या कार्यवही करेंगे?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जिले हेतु सूखा राहत मद अंतर्गत रूपये 1172.50 लाख की कार्ययोजना तैयार की गई है। (ख) औसतन 26 मीटर। सामान्यतः 10 नग से 15 नग। मापदण्ड अनुसार 10 नग एवं जलस्तर अधिक नीचे होने की स्थिति में राइजर पाइप का विस्तार तथा आवश्यकतानुसार सिंगलफेस सबमर्सिबल पम्प से पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की जाती है। (ग) 72 हैण्डपंप, शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। अनुबंध अनुसार ही नलकूपों का खनन किया जाता है। (घ) उत्तरांश-'क' अनुसार कार्य योजना तैयार की गई है स्वीकृति एवं आवंटन उपरांत कार्यवाही की जा सकेगी। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
श्रमिकों का पंजीयन
[श्रम]
25. ( क्र. 483 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या राज्यमंत्री, श्रम महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रीवा जिले में जनपद पंचायतों के द्वारा भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल के तहत श्रमिकों के पंजीयन स्वप्रमाणित शपथ पत्र के आधार पर प्राप्त आवेदन अनुसार किये गये एवं वर्ष 2014 से प्रश्नांश दिनांक तक कितने परिचय पत्र जारी कर वितरित किये गये? जनपदवार जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या यह सही है कि श्रमिकों के परिचय पत्र श्रम विभाग के जारी परिपत्र दिनांक 09.03.2015 के तारतम्य में नवीन पंजीयन एवं नवीनीकरण के पोर्टल से जारी किये गये, उन में से कई हितग्राहियों की जानकारी पोर्टल पर नहीं दी गयी, जिससे हितग्राही लाभ से वंचित हो रहे हैं क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार क्या जनपद पंचायत रायपुर कर्चुलियान के पाँच हितग्राहियों को परिचय पत्र जारी किये गये लेकिन पोर्टल पर ऑनलाईन जानकारी न दिये जाने से विवाह सहायता का लाभ प्रकरण स्वीकृत के बाद भी नहीं मिल सका? इस पर क्या कार्यवाही करेंगे? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) अनुसार मुख्य कार्यपालन अधिकारियों एवं अन्य जिम्मेवारों द्वारा परिचय पत्र जारी करने के बाद आज तक पोर्टल पर ऑनलाईन करने की कार्यवाही का सत्यापन न करने, हितग्राहियों का लाभ से वंचित किये जाने, समय पर पंजीयन न करने के जिम्मेवारों पर क्या कार्यवाही करेंगे? अगर नहीं तो क्यों?
राज्यमंत्री, श्रम ( श्री बालकृष्ण पाटीदार ) : (क) जी हाँ। रीवा जिले के जनपद पंचायतों द्वारा म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल के अंतर्गत निर्माण श्रमिकों के पंजीयन स्वप्रमाणित शपथ पत्र के आधार पर पात्रतानुसार किये गये हैं। रीवा जिले की वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक तक जनपद पंचायतवार जारी परिचय पत्र की जानकारी निम्नानुसार है-
क्र. |
जनपद पंचायत का नाम |
ऑनलाईन पोर्टल द्वारा जारी पंजीयन |
1 |
जनपद पंचायत रीवा |
2983 |
2 |
जनपद पंचायत सिरमौर |
1152 |
3 |
जनपद पंचायत गंगेव |
884 |
4 |
जनपद पंचायत नईगढ़ी |
2312 |
5 |
जनपद पंचायत हनुमना |
1302 |
क्र. |
जनपद पंचायत का नाम |
ऑनलाईन पोर्टल द्वारा जारी पंजीयन |
6 |
जनपद पंचायत त्यौंथर |
329 |
7 |
जनपद पंचायत जवा |
00 |
8 |
जनपद पंचायत मउगंज |
3319 |
9 |
जनपद पंचायत रायपुर कर्चुलियान |
397 |
(ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में निर्माण श्रमिकों के परिचय-पत्र (नवीन पंजीयन एवं नवीनीकरण) पोर्टल के माध्यम से जारी किये गये हैं। पोर्टल से पंजीयन/नवीनीकरण जारी होने के पश्चात स्वत: ही निर्माण श्रमिक की जानकारी पोर्टल में दर्ज हो जाती है। अत: प्रश्नांश की शेष जानकारी का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्नांश में उल्लेखित सभी 05 हितग्राहियों को विशेष प्रकरण के तहत विवाह सहायता राशि का भुगतान किया जा चुका है। (घ) रीवा संभाग के सभी पदाभिहित अधिकारियों द्वारा पात्र हितग्राहियों के पंजीयन पोर्टल के माध्यम से ऑनलाईन जारी किये जा रहे हैं।
अपराधियों को गिरफ्तारी
[गृह]
26. ( क्र. 535 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या थाना सिविल लाईन रीवा में अपराध क्र. 536/17 धारा 419, 420, 467, 468, 471, 120बी, 34 के तहत दिनांक 17.08.2017 को दर्ज किया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो उक्त अपराध में लिप्त आरोपियों की गिरफ्तारी प्रश्न दिनांक तक क्यों नहीं की गई एवं कब तक की जावेगी? (ग) प्रश्नांश (क) और (ख) के परिप्रेक्ष्य में पीड़ित सज्जन सिंह परिहार वास्ते विनय सिंह निवासी एल.आई.जी. 57 बोदाबांग जिला रीवा द्वारा दिनांक 25.11.2017 को पुलिस महानिदेशक पुलिस मुख्यालय भोपाल को शिकायत की गई थी? यदि हाँ, तो उक्त शिकायत पर उल्लेखित आरोपियों के विरूद्ध प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई है? अवगत करावें। यदि नहीं, की गई तो कब तक की जावेगी?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रकरण विवेचनाधीन है। समय-सीमा बताना संभव नहीं। (ग) जी नहीं। अन्य दिनाँकों में प्राप्त आवेदन पत्रों पर नियमानुसार कार्यवाही जारी हैं। समय-सीमा बताना संभव नहीं।
भू-खण्डों का मूल्य निर्धारण
[राजस्व]
27. ( क्र. 536 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ध्यानाकर्षण सूचना क्रमांक 305 नवम्बर, दिसम्बर, 2017 सत्र में दिये गये उत्तर में महानिरीक्षक पंजीयन भोपाल द्वारा अनुमोदित कलेक्टर गाईड लाईन वर्ष 2015-16 के बिन्दु क्रमांक 4.4 के अनुसार अपवर्तित कृषि भूमि, आवासीय भू-खण्ड दर से 300 वर्गमीटर यानी 0.030 हेक्टेयर का प्रतिकर गाईड लाईन में अंकित नगरीय क्षेत्र के अंतर्गत विशिष्ट ग्राम सड़वा एवं नामतारा में भूखण्डों का मूल्य प्रतिवर्ग मीटर की दर से निर्धारित दर प्रतिकर का निर्धारण किया गया है। शेष 19 सामान्य ग्राम होने के कारण शासन द्वारा अनुमोदित गाईड लाईन के अनुसार भूमि अर्जन पुनर्व्यवस्थापना में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता का अधिकार अधिनियम 2013 की धारा 23 (2) के प्रावधानों के अनुसार प्रतिकर का निर्धारण किया गया, उत्तर दिया गया है? (ख) यदि हाँ, तो ललितपुर खजुराहों, पन्ना-सतना रेल लाईन के भू-अर्जन में भू-अर्जन अधिकारी द्वारा गाईड लाईन के बिन्दु क्रमांक 6 एवं 9 में स्पष्ट उल्लेख है कि 300 वर्गमीटर तक के भू-खण्डों का मूल्यांकन प्रतिवर्ग मीटर की दर से मान्य किया जाएगा? शेष की गणना 300 वर्गमीटर के बाद हेक्टेयर में की जाएगी किन्तु भू-अर्जन अधिकारी नागौद द्वारा मनमानी गणना कर मुआवजा का निर्धारण किया जा रहा है? (ग) क्या शासन भू-अर्जन अधिकारी नागौद जिला सतना को 300 वर्गमीटर तक के भू-खण्डों को वर्गमीटर की दर से भुगतान कब-तक कराएगा और अब-तक न करने के लिए दोषी भू-अर्जन अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी तथा भू-अर्जन/पुनर्स्थापन एवं प्रतिकर अधिनियम 2013 की धारा 33 को संज्ञान में लेते हुए पारित अवार्डों को संशोधन करते हुए रीवाइज कब तक किया जावेगा? (घ) विधान सभा प्रश्न क्रमांक 216 दिनांक 29.11.2017 के प्रश्नांश (ख) में प्रश्नकर्ता के पत्रों को कलेक्टर रीवा, सतना, सिंगरौली, सागर एवं छतरपुर को कार्यवाही हेतु भेजा गया था। उस पर प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई है? की गई कार्यवाही से अवगत करावें।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। (ख) (जिला सतना के भू-अर्जन अधिकारी नागौद द्वारा शासन द्वारा अनुमोदित कलेक्टर गाईड लाईन के अनुसार भूमि अर्जन, पुनर्व्यवस्थापन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता का अधिकार अधिनियम 2013 के प्रावधानों के अनुसार प्रतिकर का निर्धारण किया गया है। (ग) (जिला सतना के भू-अर्जन अधिकारी नागौद द्वारा भूमि अर्जन पुर्नव्यवस्थापन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता का अधिकार अधिनियम 2013 के प्रावधानों के अनुसार ही प्रतिकर निर्धारण किया गया है। प्रतिकर भुगतान प्रक्रियाधीन है। इसके लिए कोई अधिकारी दोषी नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) सतना जिले में प्रचलित गाईड लाईन के अनुसार भू-अर्जन प्रकरण में प्रतिकर का निर्धारण कर कार्यवाही की गई है। सिंगरौली जिला अंतर्गत रीवा-सीधी-सिंगरौली रेल लाईन परियोजना हेतु कुल 22 ग्रामों में म.प्र. भूमि अर्जन, पुनर्वासन और पुर्नव्यवस्थापन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता का अधिकार अधिनियम, 2013 के अनुसार धारा-11 के तहत अधिसूचना का प्रकाशन किया गया है। धारा 19 के तहत कार्यवाही जारी है। रीवा जिले में नियमानुसार मुआवजा एवं सलोशियम ब्याज राशि का भुगतान अवार्ड धारियों को किया गया है। कुल 17 गावों में 506 खातेदार कुल राशि 179665475 राशि का भुगतान किया गया। भुगतान हेतु शेष राशि निरंक है। संदर्भित पत्र अनुसार सतना रीवा सिंगरौली छतरपुर में कार्यवाही की गई है जबकि सागर जिले के किसी ग्राम की भूमि अर्जन का 541 कि.मी. रेल मार्ग निर्माण में न होने से पत्रानुसार कोई कार्यवाही अपेक्षित नहीं है।
धान खरीदी केन्द्रों द्वारा कृषकों को भुगतान
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
28. ( क्र. 574 ) श्री दिव्यराज सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र सिरमौर अंतर्गत कितने धान खरीदी केन्द्र बनाये गए थे? खरीदी केन्द्रों के माध्यम से खरीदी गयी धान के फसल की मूल्य का भुगतान 01 माह व्यतीत हो जाने के उपरांत भी कृषकों को न मिल पाने का क्या कारण है? (ख) खरीदी केन्द्रों के माध्यम से खरीदी गयी धान के मूल्य का पूर्ण भुगतान कृषकों को कब तक कर दिया जावेगा?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) खरीफ विपणन वर्ष 2017-18 में समर्थन मूल्य पर धान उपार्जन हेतु सिरमौर विधानसभा क्षेत्र में 8 खरीदी केन्द्र बनाए गए थे। खरीदी केन्द्र के माध्यम से खरीदी गई एफ.ए.क्यू. धान की मात्रा 17569.04 मे.टन है जिसकी राशि रूपये 25,79,93,147/- कृषकों को दे दी गई है। (ख) खरीदी केन्द्र द्वारा उपार्जित एफ.ए.क्यू. धान का कोई भी भुगतान लंबित नहीं है।
आलोट तहसील मुख्यालय पर विभागीय उपखण्डीय कार्यालय
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
29. ( क्र. 589 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या रतलाम एवं उज्जैन जिले में तहसील स्तर पर प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी उपखण्डीय कार्यालय स्थापित हैं? विशेषकर आलोट जिला रतलाम में क्यों नहीं स्थापित है? (ख) क्या शासन के नियम व प्रावधान अनुरुप प्रत्येक तहसील (विधानसभा क्षेत्र) पर लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मुख्यालय/उपखण्डीय कार्यालय स्थापित होना अनिवार्य नहीं है? यदि हाँ, तो आलोट के क्षेत्र वासियों की सुविधा हेतु उपखण्डीय कार्यालय क्यों नहीं प्रारंभ किया गया? (ग) शासन विधानसभा क्षेत्र आलोट में पी.एच.ई. मुख्यालय/उपखण्ड कार्यालय कब तक प्रारंभ कर देगा? यदि नहीं, तो क्यों नहीं.
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी नहीं, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नहीं, सामान्यत: एक, दो अथवा तीन विकासखण्डों को शामिल कर एक उपखण्ड स्थापित किया जाता है। तहसील अथवा विधानसभा क्षेत्रवार उपखण्ड स्वीकृत नहीं है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश 'क' एवं 'ख' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
उद्योग प्रबंधक को भूमि आवंटन
[राजस्व]
30. ( क्र. 590 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन ने ग्रेसिम उद्योग प्रबंधकों को चंबल नदी के आस-पास की शासकीय भूमियां वृक्षारोपण या अन्य कार्यों हेतु दी है अथवा देने की प्रक्रिया जारी की है? यदि हाँ, तो किन नियमों एवं शर्तों पर प्रदान की है या की जाना है? मय दस्तावेज पूर्ण ब्यौरा दें. (ख) क्या भूमि आवंटन पर आपत्तियां प्राप्त हुई थी? यदि हाँ, तो कितनी एवं कौन-कौन सी? जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (क) स्थान में उद्योग स्थापना से अब तक शासन ने ग्रेसिम व अन्य उद्योग समूहों को किन-किन प्रयोजनार्थ कितनी व कौन-कौन सी भूमियां कहाँ-कहाँ प्रदान की हैं तथा क्या उक्त भूमि का आवंटन शर्तानुसार ही हो रहा है?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जिला उज्जैन में ग्रीन बेल्ट का विकास कर पर्यावरण सुधार हेतु चम्बल नदी के आसपास की भूमियों पर जनपद पंचायत खाचरौद के माध्यम से ग्रेसिम उद़योग को वृक्षारोपण करने की अनुमति आदेश दिनांक 10-01-2018 द्वारा दी गई जिसे कलेक्टर उज्जेन ने पुनर्विलोकन आदेश दिनांक 15-02-18 से निरस्त किया गया है। आदेशों की प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जिला उज्जैन में निम्नांकित तीन से आपत्तियां प्राप्त हुई थी जिनका निराकरण किया (1) सर्वहारा समाज शिक्ष समिति नागदा (2) सरपंच ग्राम पंचायत एवं ग्रामवासी परमार खेडी (3) अभय चोपडा एवं नाहरू खां निवासीगण नागदा (ग) प्रश्नांश (क) स्थान में ग्रेसिम व अन्य उद्योग समूहों को भूमियां आवंटित नहीं की गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शासकीय भूमि को निजी स्वामित्व में करने वालों पर एफ.आई.आर. कायम न होना
[गृह]
31. ( क्र. 758 ) श्री अजय सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगर पुलिस अधीक्षक सतना के द्वारा क्र./न.पु.अ./सतना/182ए/17 दिनांक 24.08.2017 की जाँचकर्ता अधिकारी राजस्व निरीक्षक एवं पदेन नायब तहसीलदार रघुराजनगर सतना का कथन लेकर अपने पत्र क्रमांक 182 से थाना प्रभारी कोलगवां जिला सतना को निर्देश दिया था कि शासकीय भूमियों को कूट रचित दस्तावेजों के आधार पर बेचने वाले व्यक्तियों एवं शासकीय कर्मचारियों के विरूद्ध आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध करें? उपरोक्त पत्र की एक प्रतिलिपि एवं नायब तहसीलदार के नगर पुलिस अधीक्षक को दिये गये कथन की एक प्रतिलिपि उपलब्ध करायें? प्रश्नतिथि तक प्रकरण क्या पंजीबद्ध हुआ? अगर नहीं तो क्यों? प्रकरण कायम न करने वाले टी.आई. को कब तक शासन निलंबित करेगा? (ख) क्या सतना जिले में 31 मार्च 2015 से प्रश्नतिथि तक करोड़ों रूपये मूल्य की शासकीय भूमियों को कूट रचित दस्तावेजों से निजी भूमियों में बदलकर उन्हें बेचे जाने के कई प्रकरणों में थाना कोलगवां एवं थाना सिटी कोतवाली में एफ.आई.आर.दर्ज हुई है? सभी एफ.आई. आरों की एक-एक प्रति दें? कलेक्टर सतना के द्वारा इसी तारतम्य में जारी आदेश क्रमांक/राजस्व/2016/87 दिनांक 22.03.2016 के पत्र की एक प्रतिलिपि उपलब्ध करायें? (ग) क्या शासकीय भूमियों को कूट रचित दस्तावेजों के आधार पर खुर्द-बुर्द करने के प्रकरणों में दोष सिद्ध होने के बाद भी जिला पुलिस अपराधियों पर एफ.आई.आर. दर्ज न कर मामले को टालने एवं भटकाने मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव राजस्व/पुलिस महानिदेशक/ए.डी.जी.अ.अ.वि. को पत्र लिखकर मार्गदर्शन मांग रही है? दिनांक 01.01.2017 से प्रश्नतिथि तक लिखे गये सभी पत्रों की एक-एक प्रति दें? अगर नहीं तो एफ.आई.आर. दर्ज क्यों नहीं की गयी? कारण दें। नियमों की एक प्रति दें? (घ) प्रश्न तिथि तक किस-किस शासकीय कर्मचारियों/भूमाफियाओं के विरूद्ध कब-कब किस की अपराध क्रमांकों से प्रकरण दर्ज हुये? कौन-कौन गिरफ्तार हुये? किस-किस की गिरफ्तारी अभी शेष है?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। अपराध क्रमांक 168/2016 थाना कोलगंवा में एवं अप. क्रं. 169/2017 सिटी कोतवाली सतना में अपराध पंजीबद्ध कर विधिवत अनुसंधान में लिया। इनके कथन की आवश्यकता उपरोक्त अपराधों में लिया जाना विधि संगत नहीं पाया गया है अतः कथन उपलब्ध करा पाना संभव नहीं है। विधि संगत कार्यवाही किये जाने के फलस्वरूप किसी को निलंबित किये जाने का प्रश्न ही नहीं उठता। (ख) जी हाँ। थाना कोलगंवा में अपराध क्रमांक 168/2016 एवं थाना कोतवानी सतना में अपराध क्रमांक 169/2017 पंजीबद्ध कर अनुसंधान किया जा रहा है, अनुसंधान से संबंधित होने से एफ.आई.आर की प्रति देना संभव नहीं है। कलेक्टर सतना का आदेश क्रमांक 2016/87, दिनांक 22/03/016 की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। ऐसी सूचनाएं थानों में प्राप्त होने पर गुण-दोषों के आधार पर दोषियों के विरूद्ध अपराधों का पंजीयन किया जा रहा है। उपरोक्त दोनो अपराध इस बात के प्रमाण है। उल्लेखित पदाधिकारियों द्वारा कोई मार्गदर्शन नहीं मांगा गया है न ही किसी प्रकार का प्रत्राचार ही किया गया है। ऐसी स्थिति में प्रति उपलब्ध करा पाना संभव नहीं है। (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
खतरनाक अपराधियों की सूची एवं उन पर कार्यवाही
[गृह]
32. ( क्र. 790 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नरेला विधानसभा क्षेत्र भोपाल के अंतर्गत आने वाले थाना क्षेत्रों में दि. 01/01/2016 से 31/12/2017 के दौरान किस किस नाम के जेबकट/अड़ीबाज/निगरानी बदमाश/जिला बदर को सूची में रखा गया? थानावार/अपराधवार/सूचीनाम एवं पतेवार उपलब्ध करायें? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित समयानुसार एवं थाना क्षेत्रों में किस-किस नाम के पते वाले अपराधी के द्वारा 5 या उससे अधिक गंभीर अपराध किये गये जिससे उसे जिला बदर करना चाहिये था? जिला बदर की कार्यवाही किस किस थाना क्षेत्रों में किस किस नाम/पते वाले आरोपी की प्रचलित है अथवा कर दी गयी है? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित समयानुसार एवं थाना क्षेत्रों में धोखाधड़ी/लूट/हत्या/हत्या के प्रयास/चेन लूटने/बलात्कार/महिला को छोड़ने/ मारपीट/अड़ीबाजी/जुयें/सट्टे/आत्महत्या/नाबालिग एवं बालिग महिला के साथ विभिन्न अपराधों के प्रकरण कायम हुये? ? (घ) प्रश्नतिथि तक नरेला विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले थाना क्षेत्रों में 01/01/16 से 31/12/2017 के दौरान किन किन अपराध क्रमांकों एवं धाराओं के प्रकरण लंबित है? प्रकरणों के लंबित होने का कारण क्या है? लंबित होने के कारण किस नाम/पदनाम को शासन दोषी मानता है? उन पर कब व क्या कार्यवाही की जायेगी?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) से (घ) जानकारी संकलित की जा रही है।
खरगापुर विधान सभा-47 में सूखे के कारण किसानों के कर्ज माफ किये जाना
[राजस्व]
33. ( क्र. 878 ) श्रीमती चन्दा सुरेन्द्र सिंह गौर : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या खरगापुर विधान सभा सहित टीकमगढ़ जिले एवं प्रदेश के 18 जिलों की 133 तहसीलों को सूखा प्रभावित क्षेत्र घोषित किया है जिसमें सरकार के द्वारा राजस्व पुस्तक 6-4 के मापदण्डों अनुसार आर्थिक अनुदान सहायता राशि तथा पेयजल परिवहन हेतु राशि आवंटित की जाती है? यदि हाँ, तो खरगापुर विधान सभा क्षेत्र में सूखा घोषित दिनांक से प्रश्न दिनांक तक कितने किसानों को तहसील पलेरा, खरगापुर, बल्देवगढ़, में सूखा राहत राशि प्रदाय की गई है। तहसीलवार ग्रामवार किसानों की संख्यात्मक जानकारी उपलब्ध कराएं। (ख) क्या खरगापुर विधान सभा क्षेत्र में सूखा होने के कारण किसानों को भारी मुसीबत का सामना करना पड़ रहा है तथा किसानों की आर्थिक स्थिति अत्यंत दयनीय है क्या ऐसी स्थिति में किसानों के बैकों के कर्जे एवं खाद बीज के कर्जे तथा बिजली के बिलों को माफ किये जाने का सरकार के पास कोई प्रावधान है? यदि हाँ, तो जानकारी से अवगत करायें? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें कि किसानों के बैंकों के कर्जे खाद बीजों के कर्जे एवं बिजली के बिलों को माफ क्यों नहीं किया जा सकता है? (ग) क्या पूरे प्रदेश में किसानों को भावान्तर योजना का लाभ दिये जाने की बात सरकार द्वारा की जा रही है यदि हाँ, तो खरगापुर विधान सभा क्षेत्र में कितने किसानों को इस योजना का लाभ दिया गया है? सम्पूर्ण विधान सभा क्षेत्र में लाभान्वित किसानों की संख्यात्मक जानकारी उपलब्ध करायें तथा भावान्तर योजना से वंचित कितने किसान खरगापुर विधान सभा में शेष है उनकी भी संख्यात्मक जानकारी उपलबध करायें।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ, खरगापुर विधानसभा सहित टीकमगढ़ जिले की 11 तहसीलों को सूखा प्रभावित क्षेत्र घोषित किया गया है। जिसमें सरकार के द्वारा राजस्व पुस्तक परिपत्र 6 (4) के मापदण्ड अनुसार आर्थिक अनुदान सहायता राशि तथा पेयजल परिवहन हेतु राशि आबंटित की जाती है। खरगापुर विधानसभा क्षेत्र में सूखा घोषित दिनांक से प्रश्न दिनांक तक सूखा से प्रभावित किसानों को संलग्न परिशिष्ट अनुसार राहत राशि का वितरण किया गया है। (ख) विधान सभा क्षेत्र खरगापुर के अंतर्गत बैंक की खरगापुर, पलेरा एवं बल्देवगढ़ की प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों के माध्यम से वित्तीय वर्ष 2017-18 में के.सी.सी. ऋण 4249 सदस्यों को राशि रूपये 468.93 लाख का ऋण वितरण किया गया। शासन द्वारा क्षेत्र सूखाग्रस्त घोषित किया गया है। शासन द्वारा राजस्व वसूली स्थगित की जाने तथा कलेक्टर द्वारा जारी प्रमाणपत्र अनावरी के अनुसार 50 प्रतिशत से अधिक फसल क्षतिवाले ग्रामों की सूची प्रदान करने पर प्रभावित कृषकों के चालू अल्पकालीन ऋणों को मध्यकालीन ऋण में परिवर्तित किये जाने का प्रावधान है। (ग) जी हाँ, खरगापुर विधानसभा क्षेत्र में मुख्यमंत्री भावांतर भुगतान योजना के तहत कुल 12120 कृषकों द्वारा पंजीयन कराया गया। जिसमें से 8733 कृषकों को योजना का लाभ दिया गया है तथा शेष 3387 पंजीकृत किसानों द्वारा जिन्स नहीं बेचे जाने के कारण लाभान्वित नहीं किया जा सका।
दतिया जिले में नियम विरूद्ध स्थानांतरण
[राजस्व]
34. ( क्र. 894 ) श्री घनश्याम पिरोनियाँ : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कार्यालय कलेक्टर जिला दतिया के आदेश क्रमांक क्यू/भू-अभि/स्था/2017/714-24 दिनांक 10.07.17 के द्वारा 16 पटवारियों के स्थानांतरण किये गये थे जो कि स्थानांतरण नीति 2017 के विरूद्ध किये गये थे? (ख) क्या इन पटवारियों से वरिष्ठ पटवारियों को जो कई वर्षों से एक ही तहसील में जमे हुऐ हैं उन्हें छोड़कर तीन साल से भी कम समय के पटवारियों को स्थानांतरण किया गया जिनमें विकलांगों/मान्यता प्राप्त कर्मचारी संघों के पदाधिकारीयों को भी नहीं बक्शा गया? (ग) क्या उपरोक्त नियम विरूद्ध स्थानांतरित पटवारियों में से कितने पटवारियों के स्थानांतरण निरस्त किए गये और क्यों? नियम विरूद्ध स्थानांतरण करने के लिए कौन दोषी है?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। सभी स्थानांतरण, स्थानांतरण नीति वर्ष 2017 के प्रावधानों के अंतर्गत किए गए है। (ख) स्थानांतरण नीति 2017, न्यायालयीन संदर्भ, प्रशासनिक आवश्यकता, टी.एस.एम., राजस्व विभाग, ई-गवर्नेंस की आवश्यकता और नये आयाम पटवारियों की कुशलता तथा कार्यक्षमता आदि समस्त बिन्दुओं का संतुलन रखते हुए मीटिंग के माध्यम से किया गया है। जो विधि अनुरूप है। एवं स्थानांतरण नीति 2017 की कण्डिका 8.19 के नीति अनुरूप किये गये। इसके साथ जिला कार्यालय में गठित (स्टॉफ कमेटी) छानबीन समिति का प्रतिवेदन संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) सभी स्थानांतरण, स्थानांतरण नीति 2017 के अंतर्गत किए गए। 10 पटवारियों में से 05 पटवारियों के स्थानांतरण मान. उच्च न्यायालय के आदेश के संदर्भ में निरस्त किये गए, जिससे अन्य 05 पटवारियों के स्थानांतरण प्रभावित होने से संशोधित किये गये। मान. उच्च न्यायालय के द्वारा किसी को दोषी नहीं माना गया है अत: कोई दोषी नहीं है।
परिशिष्ट- ''दस''
समर्थन मूल्य पर किसानों से धान खरीदी
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
35. ( क्र. 945 ) श्री गिरीश गौतम : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा में समर्थन मूल्य पर खरीदी हेतु कुल कितने खरीदी केन्द्र बनाये गये हैं वर्ष 2017 में धान बिक्री के लिए कुल कितने किसानों का पंजीयन किया गया तथा निर्धारित तिथि तक कितने किसानों द्वारा धान खरीदी केन्द्र में विक्रय किया और कितने क्विंटल धान की खरीदी की गयी? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित उपार्जित धान का कुल मूल्य कितना हुआ तथा प्रश्न दिनांक तक कुल कितने किसानों को कितनी राशि का भुगतान किया गया? प्रश्न दिनांक तक कुल कितने किसानों का कितनी राशि का भुगतान शेष है और उसका भुगतान कब तक कर दिया जायेगा?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
मुख्यमंत्री पेयजल योजना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
36. ( क्र. 946 ) श्री गिरीश गौतम : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मुख्यमंत्री ग्रामीण पेयजल योजना अंतर्गत रीवा जिले के तहसील मऊगंज, नईगढ़ी, मनगवां एवं रायपुर कर्चु. में किन-किन ग्रामों को वर्ष 2016-17 में चयनित किया गया है? चयन के मापदण्ड क्या हैं तथा यह योजना कब से लागू है? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित तहसीलों में मुख्यमंत्री पेयजल योजना अंतर्गत जनवरी 2016 से दिसम्बर 2017 तक किन-किन ग्रामों में ट्यूबवेल का खनन किया गया है? उनकी गहराई कितनी है तथा खोदे गये कितने ट्यूबवेल में पर्याप्त पानी की उपलब्धता प्राप्त हुई तथा ट्यूबवेल खनन के स्थान का चयन किस तरीके से किया गया? (ग) मुख्यमंत्री पेयजल योजना में खोदे गये ट्यूबवेल का किन-किन ठेकेदारों को कितनी राशि का भुगतान किया गया है? (घ) प्रश्नांश (क) में वर्णित तहसीलों में जनवरी 2016 से दिसम्बर 2017 तक मुख्यमंत्री पेयजल योजना से अब तक कितने लोगों को पेयजल प्राप्त हो रहा है?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) कोई नहीं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। वित्तीय वर्ष 2017-18 से लागू है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। ट्यूबवेल खनन के स्थान का चयन भू-जलविद की अनुशंसा एवं रेजिस्टिविटी सर्वे के अनुसार किया गया है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (घ) उत्तरांश-'क' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
शाजापुर जिले में भू-जलस्तर घटने से उत्पन्न हुई पेयजल संकट
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
37. ( क्र. 982 ) श्री अरूण भीमावद : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या शाजापुर जिले को जल अभावग्रस्त क्षेत्र घोषित किया गया है? पेयजल स्त्रोत एवं हैण्डपंपों का जलस्तर नीचे जाने के कारण बंद होने की संख्या में निरंतर वृद्धि हो रही है? (ख) यदि हाँ, तो आगामी ग्रीष्मकालीन अवधि में शाजापुर जिले की जनता को पेयजल संकट को दूर करने की क्या-क्या योजनाएं शासन स्तर पर लागू की जानी हैं? (ग) क्या पेयजल संकट में शासन के मापदण्डों के अलावा निर्वाचित जनप्रतिनिधियों एवं जनता की मांग पर अतिरिक्त नलकूप खनन एवं सिंगल फेस मोटर की उपलब्धता होगी? (घ) यदि हाँ, तो शाजापुर जिले की विधानसभावार विस्तृत जानकारी या निर्देश उपलब्ध करावें।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। (ख) विभाग द्वारा आगामी ग्रीष्मकाल में पेयजल व्यवस्था सुनिश्चित करने हेतु अनुमानित लागत रूपये 250.88 लाख की कार्ययोजना बनाई गई है, जिसके अंतर्गत नवीन नलकूपों का खनन कर हैण्डपंप स्थापना का कार्य, स्थापित हैण्डपंपों में राइजर पाइप बढ़ाने का कार्य एवं सिंगलफेस मोटर पंप स्थापित करने, कम जल आवक क्षमता वाले नलकूपों में हाइड्रोफ्रैक्चरिंग कार्य एवं पेयजल परिवहन आदि कार्य प्रस्तावित किये गये हैं। (ग) पेयजल संकटग्रस्त ग्रामों में समुचित पेयजल व्यवस्था हेतु जनप्रतिनिधियों की मांग को प्राथमिकता देते हुए आवश्यकतानुसार सर्वेक्षण उपरांत नलकूप खनन कर हैण्डपंप एवं सिंगलफेस मोटर पंप स्थापना का कार्य करवाया जाता है। (घ) उत्तरांश-'ख' एवं 'ग' के परिप्रेक्ष्य में पृथक से निर्देश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
आगजनी की घटना पर कार्यवाही
[गृह]
38. ( क्र. 1089 ) कुँवर विक्रम सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भिण्ड जिले के थाना लहार से लगभग 100 मीटर की दूरी पर दिनांक 23 एवं 29 दिसम्बर 2017 की रात्रि में मिट्टी के तेल से कपड़ा (पढ्ढा) भिगोकर दुकानों में आग लगाई थी? यदि हाँ, तो किन-किन की दुकानों में आग लगाई गई एवं किन-किन के विरूद्ध किस-किस धारा में प्रकरण दर्ज किया गया? अपराध क्रमांक एवं दिनांक सहित विवरण दें। (ख) उपरोक्त अग्निकांड में जलकर नष्ट हुई दुकानों के मालिकों को कितनी-कितनी राशि क्षतिपूर्ति के रूप में प्रदान की गई? प्रत्येक का अलग-अलग विवरण दें। (ग) उपरोक्त घटना में अभी तक किन-किन अपराधियों को गिरफ्तार किया गया? यदि नहीं, तो थाने के ठीक सामने दुकानों में आग लगाकर अशांति फैलाने की योजना बनाने वालों का पता लगाकर दोषियों के विरूद्ध कब तक कार्यवाही की जावेगी? समयावधि बतायें। (घ) उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में क्या भिण्ड नगर में ब्लॉक कालोनी के पीछे विनय नगर में दिनांक 25 जनवरी 2018 को प्रात: काल श्री रामबाबू सिंह चौहान की हत्या की गई थी? यदि हाँ, तो किन-किन के विरूद्ध अपराध पंजीबद्ध किया गया एवं उनकी अभी तक गिरफ्तारी न किये जाने के क्या कारण हैं और कब तक गिरफ्तारी की जायेगी?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। जिन दुकानों में आग लगाई गई जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ’अ’ अनुसार है। इस संबंध में दर्ज किये गये प्रकरणों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ’ब’ अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-’अ’ में समाहित है। (ग) दर्ज प्रकरणों में अभी तक किसी भी आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। शेष जानकारी विवेचना से संबंधित होने से जानकारी दिया जाना न्याय संगत नहीं है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (घ) यह सही नहीं है, कि प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में दिनाँक 25.01.2018 को श्री राम बाबू सिंह चौहान की हत्या की गई थी। श्री राम बाबू सिंह चौहान की हत्या के संबंध में थाना सिटी कोतवाली भिण्ड में अपराध क्रमांक- 33/2018 धारा 302 भारतीय दण्ड विधान पंजीबद्ध हुआ है। जानकारी विवेचना से संबंधित होने से दी जाना न्याय संगत नहीं है।
बसों का अनियमित परिचालन
[परिवहन]
39. ( क्र. 1100 ) श्री मधु भगत : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बालाघाट जिले से अन्य प्रदेश में जो बसें आती-जाती हैं वे कौन-कौन सी हैं? मालिक का नाम, परमिट क्रमांक, समय सारणी और दिनांक अवधि बताते हुए यह भी बताये कि एक परमिट पर कुछ बसे निर्धारित सीमा से अधिक चक्कर लगा रही है? यदि हाँ, तो वे कौन-कौन सी है? (ख) क्या मलाजखंड-नागपुर बस का परमिट इस प्रकार का है कि उसे नागपुर हाल्ट कर वापस हो जाती है जिसके बार में परिवहन विभाग के अधिकारियों को विभिन्न माध्यम से सूचना संज्ञान में लाई गई थी? यदि हाँ, तो उस बस ऑपरेटर पर क्या कार्यवाही की गई? (ग) क्या परिवहन विभाग के अधिकारियों/कर्मचारियों की लापरवाही के कारण अनियमित प्रचालन और दुर्घटनायें हो रही हैं? यदि नहीं, तो फिर दुर्घटनाओं का क्या कारण है और कौन जिम्मेदार है?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) चाही गई जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’अ’, ’ब’, ’स एवं ’द’ अनुसार है। जी नहीं। (ख) मार्ग मलाजखण्ड से नागपुर पर म.प्र. एवं महाराष्ट्र राज्य के परिवहन करार के अंतर्गत 02 परमिट 02 फेरे के प्रावधान के अंतर्गत 02 अस्थाई अनुज्ञाएं महाराष्ट्र राज्य से प्रति हस्ताक्षर कराये जाने की शर्त पर वैधता दिनांक 31.08.2016 तक के लिये म.प्र. से जारी की गई थी। इस परमिट के समयचक्र के संबंध में महाराष्ट्र प्राधिकार द्वारा पत्र दिनांक 12 फरवरी 2016 से समयचक्र वापसी के प्रतीत होने की सूचना दी गई, जिसकी प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-च अनुसार है। इस पर कार्यवाही करते हुये सचिव, एस.टी.ए. म.प्र. द्वारा अपने आदेश दिनांक 05.07.2016 से नवीन संशोधित समयचक्र जारी कर परमिटधारियों को संशोधित समयचक्र पर ही संचालन हेतु निर्देशित किया गया, आदेश प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-’छ’ अनुसार है। इसकी सूचना भी महाराष्ट्र प्राधिकार को पत्र क्रमांक 81 दिनांक 11.07.2016 द्वारा दी गई प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-’ज’ अनुसार है। आगामी अस्थाई अनुज्ञाएं संशोधित समयचक्र पर ही जारी की गई है। (ग) जी नहीं, परिवहन विभाग द्वारा दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाने की दृष्टि से समय-समय पर सघन जाँच की जाती है व नियम विरूद्ध संचालन करने वाले वाहन मालिकों के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जाती है। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
भरवेल माइन्स से वायु प्रदूषण
[पर्यावरण]
40. ( क्र. 1101 ) श्री मधु भगत : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पर्यावरण विभाग के उत्तरदायित्व अधिकार और कर्तव्य क्या-क्या हैं तथा बालाघाट जिले के लिए यह सब कार्य कौन देखता है? नाम/पदनाम बतायें। (ख) जिले की भरवेली माइन्स से वायु प्रदूषण कौन-कौन से गांवों तक होता है और उस प्रदूषण की जाँच, नियंत्रण तथा प्रदूषण से हुए नुकसान के लिए माइनिंग प्रशासन क्या-क्या कार्यवाही करता है, क्या उस पर विभाग द्वारा मानीटरिंग की गयी है, समीक्षा की गई है? माईनिंग प्रबंधक से भेंट की गई है? बैठकें की गयी हैं? यदि हाँ, तो पिछले 3 वर्षों का ब्यौरा बतायें। यदि नहीं, तो क्यों? (ग) उन ग्रामों के निवासियों को वायु प्रदूषण से हो रही बीमारियों की जाँच के लिए क्या उपाय किसके द्वारा किये गये? जिन ग्रामों में प्रदूषण का प्रभाव पड़ रहा है उन गांवों की आबादी क्या है तथा कुल कितने लोगों को इलाज (उपचार) दिया गया? ग्रामवार संख्या बतायें।
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) मध्य प्रदेश शासन, पर्यावरण विभाग के अंतर्गत म.प्र.प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का गठन जल (प्रदूषण निवारण एवं नियत्रण) अधिनियम 1974 की धारा-4 के अन्तर्गत हुआ है तथा बोर्ड द्वारा जल (प्रदूषण निवारण एवं नियत्रण) अधिनियम 1974, वायु (प्रदूषण निवारण एवं नियत्रण) अधिनियम 1981 एवं पर्यावरण (सरंक्षण) अधिनियम 1986 एवं इन अधिनियमों के अन्तर्गत निर्गमित नियमों को लागू कराने का उत्तरदायित्व है। जल (प्रदूषण निवारण एवं नियत्रण) अधिनियम 1974 की धारा 17 एवं वायु (प्रदूषण निवारण एवं नियत्रण) अधिनियम 1981 की धारा 17 में राज्य बोर्ड के कार्य स्पष्ट किये गये है जो संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं 2 अनुसार है। मुख्यतः बोर्ड द्वारा प्रदूषण नियंत्रण हेतु आवश्यक व्यवस्थायें स्थापित करवाने, प्रदूषण की जाँच/मानिटरिंग कर पर्यावरण की गुणवत्ता के मानकों का पालन सुनिश्चित कराने का कार्य सम्पादित किया जाता है। अधिनियमों/नियमों के प्रावधान अन्तर्गत उल्लंघनकर्ता इकाईयों/संस्थानों के विरूद्ध विधिसम्मत कार्यवाही करने एवं न्यायालयीन परिवाद दायर करने हेतु भी बोर्ड अधिकृत है। पर्यावरण विभाग के अंतर्गत एप्को द्वारा प्रदेश की पर्यावरण नीति का निर्माण, राज्य के पर्यावरणीय संसाधनों के संरक्षण हेतु अंतर्विभागीय समन्वय,पर्यावरण संरक्षण विषय पर शोध अध्ययन,प्रशिक्षण एवं जन जागरूकता संबंधी कार्यक्रम तथा पर्यावरणीय अधिनियमों के अंतर्गत विभिन्न प्रावधानों का नियमन किया जाता है। बालाघाट जिला बोर्ड के क्षेत्रीय कार्यालय, म.प्र.प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, जबलपुर के कार्यक्षेत्र में है, जिसमें श्री एस.एन. द्विवेदी, क्षेत्रीय अधिकारी पदस्थ हैं। (ख) मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा बालाघाट जिले की मैगनीज ओर आफ इंडिया लिमिटेड,भरवेली माइंस में माइन परिसर एवं नजदीकी गांवों भरवेली,तवेझरी एवं माझंरा में वायु गुणवत्ता की जाँच की गई है, परिणाम निर्धारित मानकों के अनुरूप पाये गये है। माइंस में वायु प्रदूषण नियंत्रण की सक्षम व्यवस्था स्थापित व संचालित होने के कारण आसपास के गांवों में वायु प्रदूषण जैसी स्थिति नहीं है, अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) बालाघाट जिले की भरवेली माइंस के आस-पास के ग्रामों में वायु प्रदूषण से संबंधित किसी भी प्रकार की बीमारी होने संबंधी जानकारी प्राप्त नहीं हुई है, अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नागदा शहर को जिला का दर्जा देना
[राजस्व]
41. ( क्र. 1128 ) श्री दिलीप सिंह शेखावत : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे किनागदा शहर जनसंख्या, रेल मार्ग, सड़क मार्ग एवं राजस्व प्राप्ति में अहम् स्थान रखते हुए भी अभी तक जिला नहीं बन पाया है, जबकि आगर जैसे छोटे शहर को जिला बनाया गया हैं, जिले की अर्हता में किन-किन कमियों की वजह से नागद शहर जिला नहीं बन पा रहा हैं?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : जी हाँ। नागदा को जिला बनाने हेतु कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।
उद्योगों से निकलने वाले प्रदूषित पानी की रोकथाम
[पर्यावरण]
42. ( क्र. 1129 ) श्री दिलीप सिंह शेखावत : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नागदा नगर में स्थापित उद्योगों से निकलने वाले प्रदूषित पानी जो कि चम्बल नदी में मिलता है, इस कारण चम्बल नदी के आसपास के ग्रामों का भू-जल स्तर दूषित हो चुका है, इस कारण ग्रामीणजनों को पेयजल एवं सिंचाई के पानी का गंभीर संकट उत्पन्न हो चुका है, इस स्थिती के समाधान के लिये शासन स्तर पर क्या योजना बनाई जा रही है? यह योजना कब तक स्वीकृत हो जावेगी? (ख) यदि नहीं, बनाई गई है तो कब तक बना ली जायेगी?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा चंबल नदी के किनारे स्थित 14 ग्राम एवं रास्ते के 08 गाँव इस प्रकार कुल 22 ग्रामों में जल आपूर्ति के स्थाई समाधान हेतु रूपये 29.29 करोड़ की समूह नल-जल योजना बनाई गई है, जिसकी प्रशासकीय स्वीकृति जारी की गई है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) प्रश्नांश ''क'' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
शासकीय भूमि एवं निजी भूमि पर निवासरत लोगों को भू-अधिकार पत्र का प्रदाय
[राजस्व]
43. ( क्र. 1145 ) श्री रामलाल रौतेल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शहडोल संभाग में निवासरत कितने ग्रामीणों को अभी तक भू-अधिकार पत्र प्रदान किया गया है? सभी पात्र बेघर परिवारों को भू-खण्ड का अधिकार प्रदान करने हेतु शहडोल संभाग के किन-किन जिलों में कितने-कितने लोगों के लिए अब तक पहल की गई है? जिलावार एवं तहसीलवार संख्यात्मक जानकारी प्रदान करें। (ख) क्या अभी तक लोगों को भू-अधिकार पत्र प्रदान नहीं किए गये हैं? यदि हाँ, तो क्या कारण हैं? पात्र परिवारों कों कब तक भू-अधिकार पत्र प्रदान कर दिये जावेंगे।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जिला अनूपपुर के अंतर्गत 26 जनवरी 2018 से चालू अभियान अंतर्गत अभी तक 18 लोगों को पट्टा प्रदान किया गया है। सर्वेक्षण उपरान्त 1384 आवेदन पत्र प्राप्त हुए है जो परीक्षणाधीन हैं। जिला उमरिया के अंतर्गत अभी तक 29557 लोगों को पट्टा प्रदान किया गया है। सर्वेक्षण उपरान्त 45178 आवेदन पत्र प्राप्त हुए है। जिला शहडोल अंतर्गत कुल 116811 निवासरत ग्रामीणों को अभी तक भू-अधिकार पत्र प्रदान किये गये है। जिलावार एवं तहसीलवार प्राप्त आवेदन पत्रों का विवरण निम्नानुसार है:-
क्र. |
जिला |
तहसील |
आवेदन संख्या |
1 |
अनुपपुर |
अनूपपुर |
446 |
2 |
अनुपपुर |
जैतहरी |
23 |
3 |
अनुपपुर |
कोतमा |
75 |
4 |
अनुपपुर |
पुष्पराजगढ़ |
840 |
योग |
1384 |
||
1 |
उमरिया |
बांधवगढ़ |
11720 |
2 |
उमरिया |
पाली |
3447 |
3 |
उमरिया |
मानपुर |
15843 |
4 |
उमरिया |
चंदिया |
9983 |
5 |
उमरिया |
नौरोजाबाद |
3255 |
6 |
उमरिया |
करकेली |
930 |
योग |
45178 |
||
1 |
शहडोल |
व्यौहारी |
18694 |
2 |
शहडोल |
जयसिंहनगर |
26727 |
3 |
शहडोल |
गोहपारू |
15286 |
4 |
शहडोल |
सोहागपुर |
22454 |
5 |
शहडोल |
बुढार |
8267 |
6 |
शहडोल |
जैतपुर |
25383 |
योग |
116811 |
||
कुल योग |
163373 |
(ख) जिला अनूपपुर में कार्यवाही प्रचलित है। जिला उमरिया में समस्त पात्र परिवारों को भू-अधिकार पत्र प्रदान किये गये। जिला शहडोल में सर्वे में प्राप्त पात्र परिवारो को भू-अधिकार पत्र प्रदान किये गये है। कार्यवाही की गई है एवं निरंतर की जा रही है।
एम.पी. समाधान पोर्टल में दर्ज शिकायत का निराकरण
[राजस्व]
44. ( क्र. 1150 ) श्री रामलाल रौतेल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या एम.पी. समाधान पोर्टल में दर्ज जन शिकायत क्रमांक 10128772 दिनांक 05.09.2017 एवं जन शिकायत क्रमांक 10129248 दिनांक 18.09.2017 निराकरण हेतु प्रमुख सचिव (राजस्व) की ओर प्रेषित की गई थी? (ख) यदि हाँ, तो प्रमुख सचिव (राजस्व) द्वारा शिकायत निराकरण के सम्बन्ध में अभी तक क्या कार्यवाही की गई?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। (ख) दोनों ही शिकायतकर्ताओँ द्वारा शासकीय भूमि पर अतिक्रमण कर कृषि की जा रही है, जिनके विरुद्ध बेदखली के आदेश पारित किये गये। शीघ्र ही इनको बेदखल किया जावेगा।
प्रदेश में किसान आत्महत्या की घटनाएँ
[गृह]
45. ( क्र. 1176 ) श्री रामनिवास रावत : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के परि.अता. प्रश्न क्र.276 दिनांक 27.02.17 के उत्तर में दिनांक 16 नवम्बर 2016 से 24 जनवरी 2017 तक प्रदेश में कुल 1761 आत्महत्या की घटनाएँ घटित होने जिनमें से 287 (कृषक एवं कृषक मजदूर) तथा 160 छात्र थे, की जानकारी दी गई थी? (ख) यदि हाँ, तो दिनांक 01 फरवरी 2017 से प्रश्नांकित दिनांक तक की अवधि में प्रदेश में आत्महत्या की कुल कितनी घटनाएँ घटित हुई? जिलेवार बतावें। इनमें से कितने कृषक, कृषि मजदूर व छात्र थे? पृथक-पृथक जिलेवार संख्यात्मक जानकारी दें? (ग) प्रश्नांश (ख) की अवधि में आत्महत्या करने वाले कृषक, कृषक मजदूर एवं छात्रों के द्वारा आत्महत्या करने के कारणों सहित उनके नाम, पिता का नाम, उम्र, पता सहित जिलेवार जानकारी दें? (घ) छात्र/छात्राओं द्वारा की जा रही आत्महत्याओं के संबंध में विधान सभा द्वारा गठित समिति की रिपोर्ट पर शासन द्वारा अभी तक क्या-क्या कार्यवाही की है?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) से (घ) जानकारी संकलित की जा रही है।
नल-जल योजना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
46. ( क्र. 1187 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) 1 फरवरी 2018 की स्थिति में भितरवार विधानसभा क्षेत्र में क्या सभी पंचायतों में नल-जल योजनायें है? यदि नहीं, तो किस किस पंचायतों में नल-जल योजनायें नहीं हैं? उन पंचायतों के नाम बतावें व किस कारण सें नल-जल योजनाओं से इन पंचायतों को वंचित रखा है? (ख) विधान सभा क्षेत्र की किन-किन ग्राम पंचायतें में नल-जल योजनाएं चालू हैं तथा कहाँ-कहाँ किस कारण से बन्द हैं? जहाँ चालू हैं उन ग्राम पंचायतों की प्रत्येक पंचायतवार कुल कितनी जनसंख्या है? क्या इस पूरी जनसंख्या को इन नल-जल योजना से पेयजल हेतु पर्याप्त पानी उपलब्ध हो रहा हैं? यदि नहीं, तो कुल कितनी जनसंख्या को इस नल-जल योजना से पानी मिल रहा है? शेष बची जनसंख्या के लिये इस गम्भीर स्थिति में पेयजल की क्या ठोस व्यवस्था की गई है? अलग-अलग प्रत्येक पंचायतवार जानकारी दें। बन्द पडी नल-जल योजनाओं को कब तक चालू कर दिया जावेगा। एक निश्चित समय-सीमा बतावें। (ग) भितरवार विधानसभा क्षेत्र में आने वाली पंचायतें जो घाटीगाँव जनपद क्षेत्र में आती हैं, क्या उनका वाटर लेवल बहुत नीचे चला गया है? यदि हाँ, तो पिछले तीन वर्षों का तुलनात्मक वाटर लेवल बतावें? क्या इतने नीचे चले गये वाटर लेवल की स्थिति में पैदा हो रहे गम्भीर पेयजल संकट से निपटने की विभाग द्वारा कोई ठोस योजना बनाई है? यदि हाँ, तो क्या? विस्तृत रूप से प्रत्येक पंचायतवार बतावें? (घ) भितरवार विधानसभा क्षेत्र में पी.एच.ई. विभाग में कौन-कौन कर्मचारी/अधिकारी पदस्थ हैं उनका नाम, पद, मुख्यालय तथा कार्यक्षेत्र पंचायतवार बतावें।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी नहीं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। वित्तीय उपलब्धता की स्थिति में प्राथमिकता अनुसार ग्राम पंचायतों की सहमति एवं जल की उपलब्धता के आधार पर नल-जल योजनाओं का क्रियान्वयन किया जाता है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। पर्याप्त पेयजल व्यवस्था हेतु ग्रामों में नल-जल योजना के अतिरिक्त हैण्डपंप भी स्थापित हैं जिनसे ग्रामीणों को पर्याप्त पेयजल उपलब्ध हो रहा है। बंद नल-जल योजनाओं को यथाशीघ्र चालू कराने का प्रयास किया जा रहा है, निश्चित समयावधि बताना संभव नहीं है। (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। जी हाँ, विभाग की कार्ययोजना पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। जिले हेतु योजना बनाई जाती है पंचायतवार नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-5 अनुसार है।
शासकीय भूमि पर अवैध अतिक्रमण
[राजस्व]
47. ( क्र. 1188 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) तहसीलदार चीनौर के प्रकरण क्रमांक अ/14-15/अ-70 के आदेश दिनांक 25/4/2015 की प्रति उपलब्ध करावें। उक्त आदेश में धारा 250 की कार्यवाही हेतु आदेश दिनांक से प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही तहसीलदार चीनौर द्वारा की गई है? की गई कार्यवाही के पत्रों की प्रतियां दें। क्या आदेश के पालन कराने के बदले में भूमिस्वामी से तहसीलदार चीनौर द्वारा अवैध रूपयों की माँग की जाती रही? यदि नहीं, तो अभी तक आदेश का पालन न कराने के लिये क्या तहसीलदार दोषी है? यदि हाँ, तो क्या दोषी के प्रति कोई दण्डात्मक कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो क्या और कब तक? अब कब तक उक्त आदेश का पालन कर वास्तविक व्यक्तियों को कब्जा दिला दिया जावेंगा? एक निश्चित समय-सीमा बतावें। (ख) ग्राम चीनौर की सर्वे न. 1551/1,1554,1424 की शासकीय करोड़ों रूपयों की भूमि पर क्या तहसीलदार चीनौर द्वारा अवैध अतिक्रमणधारियों से अवैध वसूली कर अवैध कब्जा कराया गया है? यदि नहीं, तो उक्त भूमि पर अवैध कब्जा करने के सम्बन्ध में शिवराम पुत्र रामप्रसाद कुशवाह ग्राम चीनौर द्वारा शिकायत के बाद भी अवैध कब्जा हटाने की कार्यवाही क्यों नहीं की गई? क्या इसी प्रकार के प्र.क. 96/2016-17/अ-68 आदेश दिनांक 14/11/2017 में अतिक्रमणकारी तहसीलदार के मांगने पर अवैध राशि नहीं देते हैं तो तुरन्त कार्यवाही कर कब्जा हटवा दिया जाता है? क्या यह सत्य है? यदि नहीं, तो क्या तहसीलदार चीनौर द्वारा बड़े स्तर पर शासकीय भूमि पर अवैध कब्जा कराने की जाँच हेतु भोपाल से वरिष्ठ अधिकारियों की टीम गठित कर प्रश्नकर्ता विधायक के समक्ष जाँच कराई जा सकती है? यदि हाँ,? तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? कारण सहित बतावें।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) प्रश्नांश ''क'' में उल्लेखित प्रकरण क्रमांक अ/14-15/अ-70 के दायरे में दर्ज प्रकरणों में उल्लेखित नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नहीं। प्रश्नाधीन भूमि के संबंध में न्यायालय में जाँच की जा रही है। प्र.क्र. 96/16-17/अ-68 आ.दि 14.11.17 में तहसीलदार चीनोर द्वारा नियमानुसार आदेश का पालन कर शासकीय भूमि से अवैध कब्जा हटवा दिया गया है। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता।
नल-जल योजनाएं
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
48. ( क्र. 1217 ) श्री रामप्यारे कुलस्ते : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मण्डला जिले की निवास विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत ग्राम पौनिया छिंदगांव, मोहगांव, सिंगपुर, सलैया, मगरधा गिठार, लावर मुढिया बनार मझगांव एवं मेढी में योजनाएं बनी हैं लेकिन बनकर ही रह गई हैं, आज दिनांक तक प्रारंभ नहीं हो सकी हैं इसके क्या कारण हैं? (ख) क्या उक्त योजनाओं को प्रारंभ करने का विभाग कोई प्रयास कर रहा है? किन कारणों से योजनाएं प्रारंभ नहीं हो सकी हैं? योजनाएं कब तक चालू कर दी जावेंगी?
लोक
स्वास्थ्य
यांत्रिकी
मंत्री (
सुश्री कुसुम
सिंह महदेले ) : (क)
जी
नहीं,
जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट
अनुसार है। (ख)
जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट अनुसार
है। निश्चित
समयावधि बताई
जाना संभव
नहीं है।
परिशिष्ट
- ''तेरह''
पर्वत शिखरों के आदिवासी ग्रामों को लघु जलप्रदाय योजना से लाभान्वित कराना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
49. ( क्र. 1224 ) श्री मोती कश्यप : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या वि.खं. बड़वारा व ढीमरखेड़ा के ग्राम कारीबराह, धीरपुर, अमराडांड, दादरसिंहुडी, मुखास, कारोपानी, मोहनपानी, कोकोडबरा, गौरी आदि अनेक ग्राम ऊंचे पर्वतों के शिखर पर अव्यवस्थित हैं और जो 75 प्रतिशत से अधिक किन्हीं प्रतिशत आदिवासी जनसंख्या के हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के ग्रामों की भूमि की स्थिति क्या है और वहां कितने हैण्डपम्प खनित किये गये हैं और उनके चालू रहने व बिगड़ने की स्थिति क्या है और किन ग्राम के लोगों को किन कारणों से गड्ढे (झिरिया) खोदकर पेयजल प्राप्त करना पड रहा है? (ग) प्रश्नांश (क) के किन ग्रामों में किन कारणों से किन वर्षों में आबादी के मान के विरूद्ध तथा बिना कोई राशि जमा कराये जलप्रदाय योजनायें प्रारंभ की गई हैं और जो सफल हैं? (घ) क्या प्रश्नांश (क) ग्रामों के ग्राम पंचायत मुख्यालयों से दूरियां 5-5 कि.मी. से अधिक हैं और उनकी ग्राम पंचायतों के पास विकास हेतु धनाभाव रहता है, जिससे वे 1 प्रतिशत राशि जमा करने में असमर्थ है? (ड.) क्या विभाग प्रश्नांश (क) ग्रामीण सभ्यता से दूर सुदूरवर्ती और वन-पर्वतीय क्षेत्रों के मानदण्ड से कम जनसंख्या वाले ग्रामों में मानवीय आधार अपनाकर लघु जलप्रदाय योजनायें स्वीकृत कर लाभान्वित करायेंगे?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रश्नांश 'क' में उल्लेखित ग्राम ऊँचाई पर स्थित हैं। इन ग्रामों में वर्तमान में पेयजल व्यवस्था की स्थिति की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है, हैण्डपंपों से पेयजल उपलब्ध हो रहा है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) ग्राम मुखास के अधिकांश हैण्डपंप ग्रीष्मऋतु में जलस्तर कम होने के कारण बंद हो जाते हैं फलस्वरूप गंभीर पेयजल संकट की स्थिति निर्मित होने के कारण 500 मीटर से अधिक दूर सफल स्त्रोत विकसित कर बिना जनभागीदारी की राशि के जलप्रदाय योजना बनाई गई है। (घ) ग्राम पंचायत को शासन के नियमानुसार पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के मापदण्डानुसार राशि दी जाती है। पंचायतों को दी गई राशि से अ.जा./अ.ज.जा. बाहुल्य बसाहटों की नल-जल योजनाओं हेतु 1% की राशि दिये जाने का प्रावधान नहीं है। (ड.) उपलब्ध संसाधनों के अनुसार कार्यवाही की जाएगी।
दर्ज अपराधों में दोषियों के विरुद्ध कार्यवाही
[गृह]
50. ( क्र. 1236 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सतना जिले के थाना कोलगवा में अपराध क्रमांक 168, 16 एवं सिटी कोतवाली में अपराध क्रमांक 169, 17 धारा 420,419,467, 468,34 ता.हि. के तहत कायमी की गई है? यदि हाँ, तो क्या उक्त दोनों अपराध का चालान धारा 173-8 के तहत कर दिया गया है? क्या उक्त अपराध में किसी भी राजस्व कर्मचारी/अधिकारी को दोषी नहीं माना गया है, जबकि राजस्व विभाग के पटवारियों का नाम सभी रिपोर्टकर्ताओं ने आवेदन में लिखा है? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो क्या पुलिस अधीक्षक सतना द्वारा क्र.-पु.अ. सतना, रीडर 438 दिनांक 23/07/2016 के तहत बिंदु क्रमांक दो में अधिकारी/कर्मचारी के नामों का उल्लेख है तथा बिंदु क्रमांक 3 में स्पष्ट लेख है कि शासकीय अभिलेखों में हेरा-फेरी किये जाने की बात प्रकाश में आती है तो तत्कालीन अधिकारी/कर्मचारी को आरोपी बनाया जाना सुनिश्चित करें साथ ही प्रकरण में भ्रष्टाचार की निहित धाराओं का समावेश करें? (ग) प्रश्नांश (क),(ख) यदि सही है तो उक्त दोनों थानों में दर्ज अपराधों की जाँच राज्यस्तरीय कमेटी बनाकर उक्त केसों की जाँच कारायेंगे तथा कूटरचित दस्तावेज तैयार कर शासकीय जमीन को खुर्द-बुर्द करने वाले राजस्व अधिकारी/कर्मचारी को कब तक आरोपी बनाया जावेगा? (घ) क्या उक्त प्रकरण में जिन लोगों के नाम 22 रजिस्ट्रियां हुई थीं जिन्हें आरोपी बनाया जाना चाहिये था, किन्तु मोटी रकम लेकर गवाह बना दिया गया है, क्यों?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। धारा 173 (8) द.प्र.सं. में विवेचना जारी है। प्ररकण विवेचनाधीन है, जिस कारण जानकारी देना न्यायसंगत नहीं है। (ख) प्रकरण विवेचनाधीन है, जिस कारण जानकारी देना न्यायसंगत नहीं होगा। (ग) वर्तमान में प्रकरण विवेचनाधीन होने से राज्यस्तरीय कमेटी की आवश्यकता प्रतीत नहीं होती। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
कॉलोनाईजर के विरुद्ध पारित निर्णय के अनुसार दंडात्मक कार्यवाही
[राजस्व]
51. ( क्र. 1237 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. उच्च न्यायालय जबलपुर में दायर रिट पिटीशन क्रमांक 3413 में माननीय न्याधिपति श्री जे.के. महेश्वरी द्वारा अपने निर्णय दिनांक 09/01/2018 के अंतरिम फैसले में किन बिन्दुओं का पालन करने के निर्देश कलेक्टर सतना को दिए गए हैं? क्या दिनांक 19/03/2018 तक दिए गए निर्देशों का पालन प्रतिवेदन न्यायालय में मगाया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो क्या उक्त निर्देशों का पालन प्रतिवेदन निर्धारित दिनांक तक उच्च न्यायालय को प्रस्तुत कर दिया जावेगा? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) (ख) यदि सही है तो क्या कॉलोनाईजर संजय कापड़ी द्वारा घनश्याम विहार कालोनी का निर्माण जो किया गया है वह शासन की गाइड लाइन के विपरीत है? यदि हाँ, तो क्या पूर्व में तत्कालीन कलेक्टर के प्र.क्र. 156/अ74/2015-16 दिनांक 09/02/2017 में पारित निर्णय अनुसार कब तक कॉलोनाईजर के विरुद्ध कार्यवाही की जावेगी तथा इनके विरुद्ध संबंधित थाने में कब तक एफ.आई.आर. दर्ज करा दी जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) प्रश्नाधीन प्रकरण में अंतरिम निर्णय में आयुक्त नगर निगम एवं उप संचालक नगर तथा ग्राम निवेश सतना से जाँच करायी जाकर प्रतिवेदन 03 माह के अन्दर प्रस्तुत करने के निर्देश दिये गये है। (ख) जी हाँ। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नाधीन प्रकरण में जाँच की कार्यवाही प्रचलित है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पी.डी.एस. खाद्यान्न की हेराफेरी
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
52. ( क्र. 1276 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2013-14 से आज दिनांक तक खंडवा जिले में उचित मूल्य दुकानों के खाद्यान्न का अवैध परिवहन एवं बिक्री के कितने प्रकरण बनाए गए? कौन-कौन सा खाद्यान्न कितनी मात्रा में जप्त किया जाना पाया गया? (ख) पी.डी.एस. की खाद्यान्न सामग्री के ऐसे मामलों में किन-किन अधिकारियों की जिम्मेदारी तय कर विभागीय दण्डात्मक कार्यवाही की गई? यदि हाँ, तो उन अधिकारियों के नाम एवं पदनाम की जानकारी दें? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या समिति प्रबंधक/सेल्समेन से लेकर अधिकारियों की मिलीभगत होने के कारण अधिकांश मामलों में परिवहनकर्ता को दोषी मानकर ब्लैक लिस्ट की कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) प्रश्नांश (क) के क्रम में वर्तमान में कितने प्रकरण न्यायालय में दर्ज हैं? पी.डी.एस. खाद्यान्न सामग्री की चोरी रोकने के लिए खाद्य विभाग की क्या भूमिका रहीं? क्या पी.डी.एस. खाद्यान्न चोरी/अवैध परिवहन को गैर जमानती अपराध माना जाकर दोषियों पर कार्यवाही की जाएगी?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जी हाँ। वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक खण्डवा जिले में उचित मूल्य दुकानों के खाद्यान्न का अवैध परिवहन एवं बिक्री के 02 प्रकरण प्रकाश में आए हैं जिनमें जब्त खाद्यान्न एवं दोषियों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट में दर्शित है। (ख) पी.डी.एस. के खाद्यान्न सामग्री के इन मामलों में कोई अधिकारी दोषी नहीं पाया गया है इस कारण प्रश्नांश के शेष भाग की जानकारी निरंक है। (ग) पी.डी.एस. के खाद्यान्न सामग्री के ऐसे मामलों में समिति प्रबंधक, सेल्समेन एवं अधिकारियों की मिली भगत होना जाँच में नहीं पाया गया। जाँच में परिवहनकर्ता के दोषी पाए जाने पर अभियोजन एवं ब्लैकलिस्ट की कार्रवाई की गई है। (घ) प्रश्नांश 'क' के 02 प्रकरण न्यायालय में दर्ज हैं। पी.डी.एस. खाद्यान्न सामग्री चोरी रोकने के लिए विभाग के अमले द्वारा उचित मूल्य दुकानों एवं परिवहनकर्ता की सतत् रूप से जाँच की जाती है। वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक 802 जाँच की गई हैं एवं आलोच्य अवधि में उचित मूल्य दुकानों में अनियमितता पाए जाने संबंधी 34 प्रकरण बनाए गए हैं। सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत राशन के व्यपवर्तन एवं अवैध परिवहन करने वाले व्यक्तियों/संस्थाओं के विरूद्ध अत्यावश्यक वस्तु अधिनियम 1955 के अंतर्गत म.प्र. सार्वजनिक वितरण प्रणाली आदेश 2015 में प्रावधान ए गए हैं। इसके अतिरिक्त चोर बाजारी निवारण अधिनियम 1980 के अंतर्गत दोषियों का निरूद्ध करने का भी प्रावधान है। आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 में संशोधन भारत सरकार की विषय वस्तु है।
व्यावसायिक वाहनों से टोल वसूली
[गृह]
53. ( क्र. 1287 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इंदौर इच्छापुर राजमार्ग पर विगत तीन वर्षों में कितनी वाहन दुर्घटनाएं हुई हैं? इससे कितनी मौतें हुई? क्या समाचार पत्रों में इसे किलर हाईवे का नाम दिया जा रहा है? (ख) क्या इस मार्ग पर टोल प्लाजा बंद होने से आगरा मुंबई फोरलेन मार्ग के हजारों वाहन प्रतिदिन टोल बचाने के लिए इस मार्ग से गुजर रहे है जिसके कारण इस संकरे राज्यमार्ग पर यातायात का दबाव अत्यधिक बढ़ जाने से ये दुर्घटनाएं हो रही है एवं प्रतिदिन घाट सेक्शन, बड़वाह, सनावद एवं मोरटक्का में जाम की स्थिति निर्मित हो रही है? (ग) यदि हाँ, तो क्या सरकार इस मार्ग पर व्यावसायिक वाहनों (यात्री परिवहन को छोड़कर) से टोल टैक्स वसूलना आरंभ करेगी ताकि इस मार्ग पर यातायात का अवांछित दबाव कम हो सके तथा दुर्घटनाओं में कमी हो? (घ) टोल बूथ नहीं लगाने की दशा में क्या लोक निर्माण विभाग इस मार्ग को अपने अधीन लेकर विभागीय स्तर से कर्मचारी तैनात करने एवं इससे होने वाली आय से इस मार्ग का संधारण करेगा? (ड.) क्या इस मार्ग को फोरलेन किये जाने का प्रस्ताव केन्द्र शासन को भेजा गया है? यदि हाँ, तो प्रदेश सरकार द्वारा इसे पूर्ण कराने के क्या प्रयास किये जा रहे हैं? क्या इस वर्ष इसका कार्य आरंभ हो पाएगा?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) इन्दौर इच्छापुर राजमार्ग पर विगत तीन वर्षों अर्थात वर्ष 2015, 2016 एवं 2017 में कुल 2209 वाहन दुर्घटनाएं हुई। इनमें 463 व्यक्तियों की मृत्यु हुई। कतिपय स्थानीय समाचार पत्रों में इंदौर-इच्छापुर हाईवे पर दुर्घटना के समाचार में ''किलर हाईवे'' शब्द का प्रयोग किया गया है। (ख) टोल बचाने के लिये हजारों वाहन इस मार्ग से गुजरते हैं इसका कोई आंकलन पुलिस विभाग द्वारा नहीं किया गया है। मध्यप्रदेश रोड डेव्हलपमेंट कार्पोरेशन लि. भोपाल से प्राप्त जानकारी के अनुसार कार्पोरेशन द्वारा भी कोई आंकलन नहीं किया गया है। दुर्घटनाओं का मुख्य कारण वाहन चालकों द्वारा तेज गति व लापरवाही पूर्वक वाहन चलाना पाया गया है। त्यौहारों के अवसर और यातायात बहुत अधिक होने पर ट्रैफिक जाम की स्थिति निर्मित होने पर यातायात व्यवस्था बनाये रखने के लिए पुलिस व्यवस्था लगायी जाती है। (ग) मध्यप्रदेश रोड डेव्हलपमेंट कार्पोरेशन लि. भोपाल से प्राप्त जानकारी के अनुसार वर्तमान में इस प्रकार की कोई योजना नहीं है। (घ) मध्यप्रदेश रोड डेव्हलपमेंट कार्पोरेशन लि. भोपाल से प्राप्त जानकारी के अनुसार वर्तमान में कोई प्रस्ताव नहीं। (ड.) मध्यप्रदेश रोड डेव्हलपमेंट कार्पोरेशन लि. भोपाल से प्राप्त जानकारी के अनुसार ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं भेजा गया। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
खाद्यान्न पात्रता पर्ची का वितरण
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
54. ( क्र. 1301 ) श्री कुंवर सिंह टेकाम : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीधी सिंगरौली जिले के अंतर्गत विकासखण्ड कुसमी, मझौली एवं देवसर में मुख्यमंत्री अन्नपूर्णा योजना के अन्तर्गत कितने परिवारों को खाद्यान्न पात्रता पर्ची जारी की गई है वर्गवार संख्या बतायें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में मुख्यमंत्री अन्नपूर्णा योजना के अंतर्गत विकासखण्ड कुसमी, मझौली एवं देवसर में कितने अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले पात्र परिवारों को खाद्यान्न पात्रता पर्ची अभी तक जारी नहीं की गई है वर्गवार संख्या बतायें। यदि पात्रता पर्ची जारी नहीं की गई है तो? कारण बतायें। (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में जिन पात्र परिवारों को पात्रता पर्ची अभी तक नहीं जारी की गई है, उन्हें कब तक खाद्यान्न पात्रता पर्ची जारी कर दी जाएगी? (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में पात्र परिवारों को अभी तक खाद्यान्न नहीं उपलब्ध कराया गया है, उसके लिये दोषी कौन है? दोषियों के विरूद्ध अभी तक क्या कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, तो क्यों? जानकारी देवें।
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) सीधी जिले के विकासखण्ड कुसमी में अन्त्योदय अन्न योजना के 4912 तथा प्राथमिकता श्रेणी के 14,871 तथा विकासखण्ड मझौली में अन्त्योदय अन्न योजना के 5,882 तथा प्राथमिकता श्रेणी के 22,943 परिवार है। सिंगरौली जिले के विकासखण्ड देवसर में अन्त्योदय अन्न योजना के 10,477 एवं प्राथमिकता परिवार श्रेणी के 61,907 परिवारों को पात्रता पर्ची जारी की गई है। (ख) सीधी सिंगरौली जिले के अंतर्गत विकासखण्ड कुसमी, मझौली एवं देवसर में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले समस्त सत्यापित परिवारों को पात्रता पर्ची जारी की जा चुकी है। पात्र परिवारों का सत्यापन एवं उन्हें पात्रता पर्ची जारी करना एक सतत् प्रक्रिया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) एवं (घ) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
बंद पड़ी नल-जल योजनाओं को चालू करना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
55. ( क्र. 1304 ) श्री सुदेश राय : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विधानसभा क्षेत्र सीहोर के अंतर्गत ग्राम पंचायतों में बंद पड़ी नल-जल योजनाओं को चालू किये जाने हेतु विभाग को बजट किस दिनांक को प्राप्त हुआ था। किन-किन स्थानों के टेण्डर हो गये हैं तथा कितने-कितने कार्य कराये गये? यदि नहीं, कराये गये हैं तो इसमें देरी का क्या कारण है तथा इसके लिये कौन उत्तरदायी है? ग्राम पंचायतवार पृथक-पृथक विवरण देवें? (ख) विभाग को वर्ष 2013-14 में शासन से कितने नवीन बोर खनन एवं सिंगल फेस मोटर की स्वीकृति प्राप्त हुई थी तथा उसके विरूद्ध कितने नवीन बोर खनन कराये तथा कितनी सिंगल फेस मोटर प्रदाय की गई एवं स्वीकृति के विरूद्ध कितने नवीन बोर खनन एवं सिंगल फेस मोटर विभाग के पास लंबित है जो नहीं कराये गये वर्ष बार पृथक-पृथक विवरण देवें।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) प्रदेश की बंद हस्तांतरित नल-जल योजनाओं को चालू करने हेतु विभाग को दिनांक 20.9.16 एवं 6.7.17 को बजट (आवंटन) प्राप्त हुआ। जिसमें से सीहोर जिले को दिनांक 17.11.16, 19.3.17, 17.8.17, 28.10.17, 18.12.17 एवं दिनांक 19.1.18 को आवंटन उपलब्ध कराया गया है जिसमें सीहोर विधानसभा क्षेत्र भी सम्मिलित है। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है, कार्य शीघ्र पूरा कराए जाने हेतु सतत् प्रयास किया जा रहा है अतः देरी के लिए उत्तरदायी होने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) प्रश्नांकित अवधि में 77 नवीन बोर खनन एवं 02 सिंगलफेस मोटर पंप की स्वीकृति प्राप्त हुई थी जिसमें सभी कार्य पूर्ण किये जा चुके हैं। कोई कार्य शेष नहीं है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
हैण्डपंप मैकेनिक एवं संसाधनों की उपलब्धता
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
56. ( क्र. 1312 ) श्री सुदेश राय : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जिला सीहोर के अन्तर्गत विकासखण्ड सीहोर में हैण्डपंप मैकेनिक के कितने पद स्वीकृत हैं, इनमें से कितने पद भरे एवं कितने पद रिक्त हैं? (ख) आगामी ग्रीष्म कालीन मौसम में हैण्डपंप के सुचारू रूप से संधारण एवं संचालन के लिये संसाधनों की क्या उपलब्धता है? क्या क्षेत्र में मांग अनुसार पर्याप्त संसाधनों की उपलब्धता है? यदि नहीं, तो क्यों नहीं तथा संसाधन कब तक उपलब्ध हो जावेगें? (ग) जहां पर हैण्डपंप मैकेनिक के पद रिक्त हैं उस क्षेत्र में हैण्डपंप के संचालन एवं संधारण हेतु विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है तथा कब तक व्यवस्था कर ली जावेगी? (घ) आगामी ग्रीष्म कालीन मौसम में वॉटर लेवल कम हो जाने से जिन हैण्डपंप में पर्याप्त पानी है, उसमें सिंगल फेस मोटर डालने हेतु विभाग द्वारा ऐसे कितने स्थानों को चिन्हित कर सिंगल फेस मोटर के प्रस्ताव शासन को भेजे गये हैं? यदि नहीं, तो कब तक प्रस्ताव शासन को प्रेषित किये जावेंगे?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जिला सीहोर के अन्तर्गत लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग उपखण्ड सीहोर (उपखण्ड सीहोर के कार्यक्षेत्र में विकास खण्ड सीहोर एवं इछावर सम्मिलित है) में नियमित स्थापना के अन्तर्गत हैण्डपंप मैकेनिक के 06 पद स्वीकृत है इनमें 02 पद भरे एवं 04 पद रिक्त है, कार्यभारित स्थापना के अन्तर्गत पदों की स्वीकृति जिलेवार प्राप्त है, संपूर्ण सीहोर जिले में कार्यभारित स्थापना में हैण्डपंप मैकेनिक के 10 पद स्वीकृत है, जिनमें 08 पद भरे एवं 02 पद रिक्त है। इन भरे 08 पदों में से 02 हैण्डपंप मैकेनिक विकासखण्ड सीहोर में कार्यरत है। (ख) आगामी ग्रीष्मकालीन मौसम में हैण्डपंपों के सुचारू रूप से संधारण एवं संचालन हेतु विकासखण्ड सीहोर में मानव संसाधन के रूप में 01 सहायक यंत्री, 04 उपयंत्री, 04 हैण्डपंप मैकेनिक (02 नियमित स्थापना एवं 02 कार्यभारित स्थापना) एवं 23 अन्य पदों पर पदस्थ शासकीय सेवक वर्तमान में हैण्डपंप संधारण के कार्य में कार्यरत है, वाहन संसाधन के रूप में 02 शासकीय परिवहन वाहन एवं 01 निरीक्षण वाहन उपलब्ध है। साथ ही विकासखण्ड सीहोर में आवश्यकता अनुसार हैण्डपंपों के संधारण कार्य के अन्तर्गत मय हैण्डपंप मैकेनिक के मजदूरी घटक का कार्य ठेकेदार के माध्यम से भी किया जा रहा है। संधारण कार्य हेतु आवश्यक मात्रा में स्पेयर्स पार्टस एवं राइजर पाइप उपलब्ध है। उपरोक्तानुसार संसाधन विकासखण्ड सीहोर के ग्रामीण क्षेत्रों में स्थापित हैण्डपंपों के अनुसार पर्याप्त है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ग) हैण्डपंप मैकेनिकों के रिक्त पदों के कारण हैण्डपंपों का संधारण कार्य प्रभावित न हो इस हेतु उपखण्ड सीहोर में अन्य पदों पर पदस्थ 23 शासकीय सेवक, जिनको हैण्डपंप संधारण कार्य का अनुभव है, उनसे हैण्डपंपों के संधारण कार्य की व्यवस्था की गई है एवं विभाग द्वारा आवश्यकतानुसार ठेकेदार के माध्यम से भी हैण्डपंपों का संधारण कार्य कराया जा रहा है। (घ) आगामी ग्रीष्मकाल मौसम में वाटर लेबल कम हो जाने से जिन हैण्डपंपों में अपर्याप्त पानी है, उनमें सिंगलफेस मोटर डालने हेतु बसाहटों/स्थानों को चिन्हित करने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
अतिरिक्त कार्य का भुगतान कब किस मद से
[तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोज़गार]
57. ( क्र. 1330 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत 5 वर्षों में खरगोन मुख्यालय स्थित शासकीय पॉलीटेक्निक संस्थान में कब-कब, क्या निर्माण कार्य किस एजेंसी के माध्यम से कराया गया? कार्यवार नाम, एजेंसी, ठेकेदार का नाम, स्वीकृत राशि एवं व्यय राशि सहित सूची देवें। (ख) उक्त कार्यों में से किस-किस कार्य में स्वीकृत राशि से अधिक राशि का कार्य किसके निर्देश पर कराया गया? निर्देश की प्रति देवें। इस अतिरिक्त कार्य का भुगतान कब किस मद से किया गया? यदि नहीं, किया गया है तो क्या यह भुगतान जनभागीदारी मद से किया जा सकता है? यदि हाँ, तो कब किया जावेगा? (ग) उक्त अतिरिक्त कार्य एवं अधिक राशि भुगतान संबंधित वरिष्ठ कार्यालय, एजेंसी, ठेकेदार के मध्य हुए पत्राचार की प्रति देवें। (घ) उक्त अतिरिक्त कार्य एवं ठेकेदार को भुगतान में अत्यधिक विलंब का दोषी कौन है तथा इनके विरूद्ध कार्यवाही कब की जावेगी?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक कैलाश जोशी ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) वित्तीय वर्ष 2015-16 में स्वीकृत कार्य आवासीय भवनों के विशेष मरम्मत कार्य के अंतर्गत स्वीकृत राशि से अधिक राशि का कार्य शासकीय पॉलीटेक्निक महाविद्यालय, खरगोन के अधिकारियों एवं कर्मचारियों के निवेदन (मौखिक आदेश) पर कराया गया। जी हाँ। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (घ) प्रक्रियात्मक कारणों से विलम्ब हुआ है अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
खसरा/नक्शा ऑनलाईन किये जाने में त्रुटि
[राजस्व]
58. ( क्र. 1332 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या खसरा नक्शा ऑनलाईन किये जाने हेतु पूर्व से प्रचलित एन.आई.सी. का सॉफ्टवेयर त्रुटिपूर्ण था? यदि नहीं, तो नया सॉफ्टवेयर हेतु प्रायवेट कम्पनी को कार्य दिये जाने का क्या कारण है? (ख) म.प्र. में कृषि नक्शों को ऑनलाईन किये जाने का कार्य किस कम्पनी को कितनी अवधि के लिये किस दर से दिया गया है? (ग) सम्बन्धित कम्पनी को खसरा नक्शा ऑनलाईन दर्ज किये जाने का भुगतान किये जाने से पूर्व कार्य का सत्यापन किस अधिकारी से कराया जाता है? (घ) क्या वर्तमान में कम्पनी द्वारा नक्शों को ऑनलाईन किये जाने के बाद भी उसमें त्रुटियां आ रही हैं जिससे कृषकों को के.सी.सी. फसल बीमा खाद्य क्रय व अन्य योजनाओं का लाभ प्राप्त नहीं हो पा रहा हैं, उसके लिये कौन जवाबदार हैं? सम्बन्धित जवाबदार पर क्या कार्यवाही की जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी नहीं। पूर्व से प्रचलित एन.आई.सी. सॉफ्टवेयर क्लाइन्ट/सर्वर आधारित ऑफलाइन सॉफ्टवेयर था। इससे नकल प्राप्त करने के लिए नागरिकों को शासकीय कार्यालय में जाना होता है। नया वेब बेस्ड जी.आई.एस. सॉफ्टवेयर वेब आधारित है। इससे नागरिकों को आवश्यकतानुसार कहीं से भी इन्टरनेट के माध्यम से नकल उपलब्ध हो सकेगी। साथ ही डाटा ऑनलाइन होने से अन्य विभागों के साथ डाटा शेयरिंग हो सकेगी। (ख) कृषि नक्शों को ऑनलाईन किए जाने का कार्य वेब बेस्ड जी.आई.एस. प्रोजेक्ट में M/s Bhopal E-Governance Ltd. को दिया गया है। यह प्रोजेक्ट पी.पी.पी. मॉडल आधारित है। सेवा के लिए शुल्क संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) नागरिकों को प्रदाय की गई नकल से प्राप्त सेवा शुल्क से भुगतान किया जाना है। वेण्डर द्वारा भुगतान हेतु प्रस्तुत किए गए इन्वाइस के परीक्षण उपरांत इस कार्यालय तथा कम्पनी के मध्य निष्पादित अनुबंध के प्रावधान अनुसार भुगतान किया जाना है। कम्पनी को कोई भुगतान नहीं किया गया है। (घ) जी नहीं। जी नहीं। प्रश्न उद्भूत नहीं होता है।
किसानों की कर्ज माफी
[राजस्व]
59. ( क्र. 1344 ) श्री दिनेश राय (मुनमुन) : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सिवनी विधानसभा क्षेत्र सहित पूरे सिवनी जिले में सूखा पड़ने से किसानों को मुसीबत का सामना करना पड़ रहा है तथा मध्यप्रदेश के ऐसे और कितने जिले हैं जो सूखे से प्रभावित हैं? (ख) क्या सूखा प्रभावित जिलों को एवं सिवनी जिले सहित सिवनी विधानसभा क्षेत्र के किसानों के बैंको के कर्जे एवं खाद-बीज के कर्ज माफ किये जाने का सरकार के पास कोई प्रावधान है? क्या किसानों के कर्ज माफ करेंगे? यदि हाँ, तो समयावधि बतायें? यदि नहीं, तो कारण सहित बतायें की किसानों के कर्ज माफ क्यों नहीं किये जा सकते हैं? (ग) क्या प्रदेश के ऐसे कितने जिले/तहसील हैं जो सूखा से ग्रसित हैं किसानों की समस्याओं का निराकरण तथा सूखे से निजात पाने हेतु सरकार की कौन सी योजनायें हैं जिससे सूखा की मार झेलने वाले किसानों को राहत मिल सके?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी नहीं, सूखा मैन्युअल 2016 के अनुसार जिला सिवनी में प्रचलित वैज्ञानिक मापदण्डों की पूर्ति नहीं होने से जिला सिवनी को सूखाग्रस्त घोषित नहीं किया गया हैं। नवीन सूखा मैन्युअल के अनुसार प्रदेश के 18 जिलों की 133 तहसीलों को सूखा प्रभावित क्षेत्र घोषित किया गया है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्राकृतिक आपदा से प्रभावित क्षेत्रों में जिला कलेक्टर द्वारा जारी अनावारी प्रमाण-पत्र अनुसार 33 प्रतिशत से अधिक फसल क्षति होने पर प्रभावित कृषकों के चालू अल्पकालीन फसल ऋणों को मध्यकालीन ऋण में परिवर्तित किये जाने का प्रावधान है। कृषकों को कर्ज माफी का कोई प्रावधान नहीं है। अत: शेष प्रश्न उपस्थिति नहीं होता। (ग) वर्ष 2017-18 के लिए म.प्र. के सूखा घोषित जिलों में राजस्व पुस्तक परिपत्र 6-4 के अनुसार प्रभावित किसानों हेतु जिलों को राहत राशि का आवंटन किया गया है, वितरण की कार्यवाही प्रचलित है।
पेयजल व्यवस्था हेतु कार्य योजना की स्वीकृति
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
60. ( क्र. 1345 ) श्री दिनेश राय (मुनमुन) : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या सिवनी जिले में औसत से कम वर्षा होने के कारण भू-जल स्तर 150 से 200 फिट नीचे जाने के कारण लगभग 300 हैण्डपंप सूख गये हैं? लाईन फंसने व भरे पटे एवं अन्य कारणों से भी 300 हैण्डपंप बंद पड़े हैं? नतीजन पेयजल समस्या गंभीर हो गई है तथा आगामी ग्रीष्मकाल आने तक ये अति गंभीर हो जावेगी? (ख) क्या जिले में निरंतर गिर रहे भू-जल स्तर के कारण तीव्र गति से स्थापित हैण्डपंप भी पानी छोड़ते जा रहे हैं? इस स्थिति से निपटने हेतु ई.ई.,पी.एच.ई. सिवनी ने करोड़ों रूपये की कार्ययोजना तैयार कर शासन को स्वीकृति हेतु भेजी है? इसमें किन-किन कार्यों को शामिल किया गया है? कार्ययोजना वर्तमान में किस स्तर पर परीक्षणाधीन है? परीक्षण कार्य पूर्ण करके इसे कब तक स्वीकृति प्रदान की जावेगी? (ग) क्या परीक्षण कार्य विलम्ब के कारण जिले वासियों को पर्याप्त पेयजल की उपलब्धता के अभाव में बहुत ही कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है? (घ) यदि हाँ, तो क्या शासन पेयजल की गंभीर समस्या के निदान हेतु उक्त कार्ययोजना को अविलम्ब स्वीकृत कर जिले में धरातल पर कार्ययोजना अनुसार आवश्यक कार्य प्रांरभ करवाएगा? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। जी नहीं, विद्यमान वैकल्पिक पेयजल स्त्रोत से पेयजल उपलब्ध कराया जा रहा है। जी नहीं। (ख) सूखे की स्थिति को देखते हुए कार्यपालन यंत्री द्वारा एक कार्य योजना बनाई गयी है और स्वीकृति हेतु भेजी है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं 2 अनुसार है। कार्य योजना परीक्षण उपरांत राहत आयुक्त भोपाल को दिनांक 7.10.2017 को प्रेषित की गई है। उक्त कार्यों की स्वीकृति की समय-सीमा नहीं बताई जा सकती है। (ग) जी नहीं। (घ) उत्तरांश-'ग' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
प्रदेश में सायबर अपराध की रोकथाम
[गृह]
61. ( क्र. 1354 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1जनवरी 2015 से प्रदेश के विभिन्न थानों में कुल कितने सायबर अपराध दर्ज किये? इनमें से कितने अपराधों में मुजरिमों को पकड़ा गया? विभाग ने गत 3 वर्षों में कितना-कितना बजट सायबर अपराध से निपटने के लिए कहाँ-कहाँ खर्च किया, इससे कितने प्रतिशत सायबर अपराधों में कमी आयी? (ख) प्रदेश में सोशल मीडिया के माध्यम से अपराध घटित होने की उक्त अवधि में कुल कितनी शिकायत प्राप्त हुई, प्रदेश में सोशल मीडिया के अपराध पर लगाम लगाने हेतु विभाग द्वारा क्या प्रयास किये जा रहे हैं? केंद्र सरकार ने उक्त अवधि में म.प्र पुलिस के साथ मिलकर सायबर अपराध कम करने के लिए क्या-क्या सुविधाएं प्रदान करते हुए कितनी राशी प्रदेश को दी, केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा संयुक्त रूप से सायबर एवं सोशल मीडिया पर हो रहे अपराध को रोकने के लिए उक्त अवधि में क्या-क्या प्रयास किये गये? प्रदेश में लगभग कुल कितने सोशल मीडिया उपयोग करने वाले उपभोक्ता हैं? (ग) क्या प्रदेश में सोशल मीडिया पर कई फर्जी आई.डी एवं मोबाईल नं. के माध्यम से अपराध किये जा रहे हैं? क्या फर्जी आई.डी एवं मोबाईल नंबर की जाँच के लिए उक्त अवधि में विभाग के आई.टी एक्सपर्ट ने मोबाईल कम्पनियों के साथ मिलकर कोई संयुक्त प्रयास किया है? यदि हाँ, तो बैठक के निर्णय से अवगत करायें?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
खराब पड़े हैण्डपम्पों का सुधार
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
62. ( क्र. 1361 ) श्रीमती चन्दा सुरेन्द्र सिंह गौर : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत टीकमगढ़ एवं कार्यपालन यंत्री लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग टीकमगढ़ को प्रश्नकर्ता द्वारा दिये गये पत्र क्र. 83 दिनांक 26.04.17 में विकासखण्ड बल्देवगढ़ में दिनांक 20.4.17 को पी.एच.ई. विभाग के साथ हुई बैठक में ग्राम पंचायतों के रोजगार सहायकों को क्षेत्र में खराब हैण्डपम्पों के सुधार हेतु ग्रामों तथा स्थानों के नाम बताये गये थे। क्या इसी आशय का पत्र प्रश्नकर्ता द्वारा वर्णित दिनांक को दिया गया था परन्तु पी.एच.ई. विभाग की लापरवाही से प्रश्न दिनांक तक सैपुरा में गढ़रियन मुहल्ला, खरीला में तालाब के पास वाले कुये में दवा डालने हेतु, ग्राम खेरा में ढिमरौला, बंशकार मुहल्ला, ग्राम खोड़ेरा में हरीसिंह के घर के पास प्राथ.शाला के पास, नन्नाई आदिवासी के घर के पास, कुलगुंवा में स्कूल के पास, ग्राम इमलाना में तिवारी मुहल्ला यादव मुहल्ला स्कूल के पास, ग्रामवार में तिगैलापर, वंशकार मुहल्ला गाम वरमें, ग्राम पंचायत वड़ाघाट, ग्राम पंचायत सतरई वड़ेरा ग्राम वुदौरा, ग्राम देवरदा ऊगढ़ वनयानी, ग्राम में किसी व्यक्ति द्वारा बाऊंड्रीवाल बनाकर शासकीय हैण्डपम्प मकान के भीतर कर लिया एवं ग्राम कछया खेरा, कन्नपुर, भिलौनी मड़ोरी, पिंपरा विलाई, छिदारी, भेलसी, हीरापुर नज.सरकनपुर, सरकनपुर, गुना मातौल, पथरगुंवा, देरी आदि पत्र में उल्लेखित स्थानों के हैण्डपम्पों में कोई सुधार नहीं किया गया? क्या ऐसे लापरवाह अधिकारी के विरूद्ध वैधानिक कार्यवाही करेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें। (ख) सूखे की चपेट में खरगापुर विधान सभा 47 आये की नल-जल योजनाओं का सुधार कब तक करा कर आम जनता को पेयजल उपलब्ध करा देंगे? (ग) क्या स्थानीय विधायक से बिना प्रस्ताव मंगाये अथवा जानकारी में दिये बिना कार्यपालन यंत्री द्वारा अपनी मनमर्जी के स्थानों पर नवीन हैण्डपंप खनन किया जा सकता है? यदि नहीं, तो क्या उक्त कार्यपालन यंत्री को आदेशित कर शीघ्र जल आपूर्ति हेतु निर्देश जारी करेंगे तथा लापरवाही करने वाले अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही करेंगे? यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) प्राप्त पत्र के तारतम्य में नियमानुसार कार्यवाही की जा रही है, हैण्डपंप सुधार कार्य की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) हस्तांतरित बंद योजनाओं में स्रोत के अभाव को छोड़कर अन्य कारणों से बंद योजनाओं को चालू करने का दायित्व संबंधित ग्राम पंचायतों का है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) आंशिक पूर्ण श्रेणी के ग्रामों की लक्षित बसाहटों में निर्धारित कार्य योजना एवं वार्षिक लक्ष्य अनुसार ही पेयजल आपूर्ति करने हेतु कार्य कराए जाते हैं। जनप्रतिनिधियों द्वारा लक्ष्य अंतर्गत आंशिकपूर्ण श्रेणी के अनुशंसित ग्रामों को प्राथमिकता दी जाती है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
दोषी पर कार्यवाही
[राजस्व]
63. ( क्र. 1391 ) श्रीमती शीला त्यागी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्राम लौरी पटवारी हल्का गढ़ के भूमि नं. 221 में अनुसूचित जाति, जनजाति के लोग निवासरत हैं? यदि हाँ, तो उक्त भूमि का रकबा क्या है तथा कुल कितने परिवार किस-किस नंबर में आबाद हैं? क्या आवासरत भूमि का पट्टा संबंधित जन को दिया गया है? यदि हाँ, तो भूमि संबंधी रिकार्ड, आवासरत लोगों की सूची देय पट्टे की प्रति के साथ जानकारी देवें? (ख) प्रश्नांश (क) भूमि में पुश्तैनी आवासरत लोगों को कतिपय लोगआए दिन मारपीट कर परेशान कर रहे हैं तथा उनका घर बाड़ी उजाड़ने में लगे हैं, जिसकी शिकायत नन्दलाल साकेत बाबूलाल साकेत ने कलेक्टर रीवा/पुलिस अधीक्षक रीवा से की है? (ग) यदि हाँ, तो उक्त शिकायतों पर कब क्या कार्यवाही की गई है? की गई कार्यवाही की प्रति के साथ जानकारी देवें? यदि कोई कार्यवाही नहीं की गई तो क्यों? इसमें कौन-कौन दोषी है? उसके विरूद्ध कब क्या कार्यवाही करेंगे? (घ) प्रश्नांश (क) भूमि में बसे लोगों को क्या जिन्हें आवास का पट्टा नहीं दिया गया है, उन्हे पट्टा प्रदान करेंगे? क्या परेशान करने वाले लोगों पर कोई दण्डात्मक कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब और क्या?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। ग्राम लौरी तीसर पटवारी हल्का लौरी की भूमि क्र 221/1 कुल रकबा 1.107 हे. में 66 परिवार को दखल रहित अधिनियम के तहत पट्टा दिया गया। सूची संलग्न परिशिष्ट पर है। (ख( प्रश्नांश (क) में उल्लेखित भूमि की माप की गई है। कोई विवाद की स्थिति नही है । )ग) प्रश्नांश 'क' एवं 'ख' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) उक्त आराजी में आवासरत कोई भी परिवार पट्टा प्रदाय किये जाने हेतु शेष नहीं है।
परिशिष्ट- ''बीस''
प्रति नियुक्ति समाप्त कर मूल पद विभाग को वापस किया जाना
[पशुपालन]
64. ( क्र. 1393 ) श्रीमती शीला त्यागी : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा संभाग में पशु चिकित्सा सहायक शल्यज्ञ अधिकारी एवं सहायक पशु चिकित्सा क्षेत्र अधिकारी के कितने पद स्वीकृत हैं, कितने भरे हैं, कितने रिक्त हैं, की जानकारी पदवार, पदस्थापनावार, अधिकारी का नाम, पद, पदस्थापना स्थान, उपस्थित होने का दिनांक अंकित कर जिलावार सूची देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित संभाग एवं पदों के किन-किन अधिकारियों को किन-किन अन्य विभागों में प्रतिनियुक्ति पर भेजा गया है? प्रतिनियुक्ति देने के नियम क्या हैं तथा किस अवधि तक प्रतिनियुक्ति दी गई है? इसमें कितने प्रतिनियुक्ति प्राप्तकर्ता अधिकारी हैं जिनकी अवधि पूरी हो गई है? सूची देवें। जिनकी प्रतिनियुक्ति अवधि पूरी हो गई वह वर्तमान में कहाँ कार्य कर रहे हैं? आदेश की प्रति के साथ वर्तमान पदस्थापना के साथ जानकारी देवें? (ग) प्रश्नांश (क) (ख) के संबंध में विभाग में उक्त पद के अधिकारियों की कमी है तो फिर भी अन्य विभागों में प्रतिनियुक्ति देने का क्या औचित्य है? क्या समस्त प्रतिनियुक्तियां समाप्त कर पशु चिकित्सा शल्यज्ञ एवं सहायक पशु चिकित्सा अधिकारियों की कमी पूरी करते हुए स्वीकृत पदों, रिक्त स्थानों पर पदस्थापना करेंगे? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के प्रतिनियुक्ति अवधि पूरी करने वाले अधिकारियों को मूल पदस्थापना को वापस न करने में कौन-कौन दोषी हैं? दोषी के विरूद्ध क्या कार्यवाही करेंगे?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) संभाग अन्तर्गत पशु चिकित्सा सहायक शल्यज्ञ के 160 पद स्वीकृत हैं, 69 कार्यरत हैं तथा 91 रिक्त हैं। सहायक पशु चिकित्सा क्षेत्र अधिकारी के 539 पद स्वीकृत हैं, 217 कार्यरत हैं एवं 322 रिक्त हैं, शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार। सामान्य प्रशासन विभाग के नियम एवं निर्देशों के अनुसार। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार। (ग) अन्य विभाग में प्रतिनियुक्ति विभागों की मांग एवं आवश्यकता के अनुरूप की गई है। रिक्त पदों की पूर्ति निरंतर प्रक्रिया है जो समय-समय पर पूर्ति की जाती हैं। (घ) प्रतिनियुक्ति सामान्य प्रशासन विभाग के नियम के अनुरूप की जाती हैं, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शासकीय कार्यक्रम में सुरक्षा में लगे पुलिस अधिकारियों की भोजन व्यवस्था
[गृह]
65. ( क्र. 1415 ) श्री प्रताप सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में समय-समय पर आयोजित होने वाले शासकीय कार्यक्रम में जिन पुलिस कर्मचारियों/अधिकारियों की ड्यूटी लगायी जाती है, उनके लिए खाने-पीने की पृथक से व्यवस्था हेतु शासन के क्या निर्देश हैं? (ख) विगत माह में दमोह जिले के पथरिया विकासखंड में माननीय मुख्यमंत्री के कार्यक्रम के दौरान ड्यूटी पर लगाये गये पुलिस अधिकारियों/कर्मचारियों के लिए खाने की व्यवस्था की गई थी अथवा नहीं? (ग) यदि नहीं, तो क्या संबंधित जिम्मेदार अधिकारी के विरूद्ध जाँच उपरांत विभागीय कार्यवाही की जावेगी?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) जी हाँ। (ग) उत्तरांश ’ख’ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सूखा राहत राशि का वितरण
[राजस्व]
66. ( क्र. 1419 ) श्री प्रताप सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्तमान में दमोह जिला सूखाग्रस्त घोषित किया गया है तथा सूखे से निपटने के लिए जिले में कार्ययोजना बनाई गई है? कौन-कौन से विभागीय कार्यों के लिए कितनी-कितनी राशि की कार्ययोजना है,। (ख) कृषकों को राहत राशि वितरित किये जाने हेतु कितना बजट आवंटन अभी तक उपलब्ध कराया गया है? (ग) प्राप्त बजट के अनुसार दमोह जिले की सातों तहसीलों में कितनी-कितनी राशि का वितरण कितने कृषकों को किया जा चुका है? राहत राशि प्राप्ति हेतु कितने कृषक आज भी वंचित हैं, इन कृषकों को राहत राशि का वितरण कब तक कर दिया जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ, सूखा मैन्युअल 2016 के वैज्ञानिक मापदण्डों अनुसार जिला दमोह को वर्ष 2017-18 हेतु सूखा घोषित किया गया है। जिले में सूखे से निपटने हेतु जिला पंचायत दमोह एवं लोक स्वास्थ यांत्रिकी विभाग दमोह द्वारा कार्य योजना तैयार की गई है। कार्य योजना संलग्न परिशिष्ट पर है। (ख) कृषकों को राहत राशि वितरित किये जाने हेतु जिले को 12442.00 लाख रूपये का आवंटन प्रदाय किया गया है। (ग) सूखा राहत राशि वितरित किये जाने हेतु कार्यवाही प्रचलित है।
अस्थाई अनुविभागीय अधिकारी राजस्व कार्यालय ब्यावरा को स्थाई घोषित करना
[राजस्व]
67. ( क्र. 1436 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 1388 दिनांक 29 नवम्बर 2017 के उत्तर में बताया गया था कि राजगढ़ जिले के अस्थाई अनुविभागीय अधिकारी राजस्व कार्यालय ब्यावरा को स्थाई करने के प्रस्ताव पर शासन स्तर पर कार्यवाही प्रक्रियाधीन है? तो क्या प्रश्न दिनांक उक्त अस्थाई अनुविभागीय अधिकारी राजस्व कार्यालय ब्यावरा को स्थाई घोषित कर दिया गया है? यदि हाँ, तो आदेश की प्रति उपलब्ध करावें। यदि नहीं, तो उक्त संबंध में क्या कार्यवाही पूर्ण की जा चुकी है तथा क्या कार्यवाही किया जाना शेष है? अद्यतन स्थिति बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में उक्त संबंध में माननीय मुख्यमंत्री महोदय द्वारा दिनांक 31 जनवरी 2017 को की गई घोषणा के परिपालन में कब तक अस्थाई ब्यावरा अनुविभागीय अधिकारी राजस्व कार्यालय को स्थाई घोषित कर दिया जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। जी नहीं कार्यवाही शेष है। (ख) कार्यवाही विचारण हेतु प्रचिलित है समय-सीमा दी जाना संभव नहीं है।
नक्शाविहीन ग्रामों के नक्शे तैयार करना
[राजस्व]
68. ( क्र. 1437 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 1389 दिनांक 29 नवम्बर 2017 के उत्तर में बताया गया था कि पत्र क्रमांक 2230 दिनांक 9.11.2017 से 10 ग्रामों के नक्शे डिजिटाइजेशन हेतु मेप आई.टी. को भेजे गये है। शेष 2 ग्रामों के नक्शे तैयार किये जाकर शीघ्र ही भेजे जायेगे। मेप आई.टी. से डिजिटाइज्ड नक्शे प्राप्त होते ही विभागीय वेबसाइट पर अपलोड कर दिये जायेंगे? तो क्या प्रश्न दिनांक तक उक्त ग्रामों के नक्शे मैप आई.टी. से तैयार कराये जाकर विभागीय वेबसाइट पर अपलोड कर दिये गये हैं? यदि नहीं, तो उक्त संबंध में अद्यतन स्थिति क्या है? (ख) उपरोक्तानुसार क्या शासन उक्त ग्रामों के नक्शे विभागीय साईट पर अपलोड कराने हेतु संबंधित विभाग को ठोस निर्देश प्रसारित करते हुये कार्यवाही पूर्ण करवाएगा? यदि हाँ, तो कब तक?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। मेप आई टी से डिजिटाईजेशन नक्शे प्राप्त किये जाकर विभागीय वेबसाईड पर अपलोड कर दिये गये हैं। शेष 02 ग्रामों के नक्शे मेप आई.टी. को कार्यालय के पत्र क्रमांक 201 दिनांक 06/02/2018 को डिजिटाईजेशन हेतु भेजे गये है। 02 ग्रामों के डिजिटाईजेशन नक्शे प्राप्त होते ही शीघ्र ही विभागीय वेबसाईड पर अपलोड कर दिये जायेंगे। (ख) जी हाँ समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
सोलर पंप वाली योजनाओं से जल प्रदाय
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
69. ( क्र. 1458 ) श्री राम लल्लू वैश्य : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विभाग द्वारा आय.ए.पी. योजना में किन-किन जिलों में कितनी-कितनी सोलर पंप वाली जल प्रदाय योजनायें क्रियान्वित की गई हैं? क्या इनमें लोहे के फ्रेम पर टंकी रखने का प्रावधान था? जिलेवार संख्या बतायें। (ख) प्रश्नांश (क) में स्थापित टंकियों में से कितनी टंकियों से जल प्रदाय चालू है तथा किन किन टंकियों से जल प्रदाय चालू नहीं हैं। (ग) सिंगरौली जिले में स्वीकृत इन स्टेजिंग का चयन कितने किलोग्राम का स्वीकृत किया गया था तथा कितना वजन पाया गया? इसका सत्यापन किस अधिकारी द्वारा किया गया है? (घ) स्वीकृत से कम वजन की सामग्री प्राप्त करने के लिये कौन कौन अधिकारी दोषी हैं? उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जा रही हैं?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। जी हाँ स्टेजिंग पर टंकी रखने का प्रावधान था। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) 773 टंकियों से जलप्रदाय चालू है वर्तमान में 139 टंकियों से योजनाएं बंद होने के कारण जलप्रदाय नहीं हो रहा है, बंद योजनाओं की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) निविदा शर्तों के अनुसार फर्म द्वारा दी गई डिजाइन-ड्राइंग के अनुसार कार्य करवाया गया है, निविदा में वजन की कोई शर्त नहीं थी, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। किये गये कार्यों का सत्यापन संबंधित सहायक यंत्रियों के द्वारा किया गया है। (घ) उत्तरांश-'ग' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
शून्यकाल सूचना क्र. 152, सत्र नवम्बर-दिसम्बर 2017 की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
70. ( क्र. 1462 ) श्री नीलांशु चतुर्वेदी : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) शून्यकाल सूचना क्र. 152 सत्र नवम्बर-दिसम्बर 2017 में बताया गया है कि सतना जिले के चित्रकूट विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत 3198 हैण्डपम्प स्थापित हैं जिसमें से 2971 हैण्डपम्प चालू होना तथा 227 बन्द है तथा 31 नल-जल योजनाओं में से 22 चालू तथा 9 हैं। नवम्बर 2017 में हैण्डपम्पों का जल स्तर 98% नीचे जाना दर्शाया गया है, पेयजल संकट निवारण किए जाने हेतु सूखा राहत कार्य योजना तथा अतिरिक्त विभागीय मद से पेयजल संकट दूर करने में प्रयास किए जायेंगे, ऐसा सूचना में विभागीय वक्तव्य दिया गया था? तो प्रश्न दिनांक तक की स्थिति में कितने हैण्डपम्प कहाँ-कहाँ के चलू हैं कहाँ-कहाँ के बन्द हैं, पंचायातवार, विवरण दें। बन्द पड़ी नल-जल योजनाएं किस पंचायत में, किस ग्राम की बन्द हैं और किस-किस पंचायत की कौन-कौन से ग्राम की चालू हैं, ग्रामवार, पंचायतवार विवरण दें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न दिनांक की स्थिति में जल स्तर कितने प्रतिशत नीचे चला गया है? कौन-कौन से हैण्डपम्प जल स्तर नीचे चले जाने से ड्राई हैं उनका विवरण दें। ड्राई हैण्डपम्प एवं खराब हैण्डपम्प एवं बन्द नल-जल योजनाओं को प्रारम्भ करने के लिए प्रश्न दिनांक तक की स्थिति में क्या-क्या कार्यवाही की गई पृथक-पृथक विवरण दें। (ग) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के परिप्रेक्ष्य में विभाग को कितनी शिकायतें, कितने प्रस्ताव प्राप्त हुए है, शिकायतवार, प्रस्ताव व कार्यवाहीवार विवरण दें।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी हाँ, परंतु जलस्तर नीचे जाने से बंद हैण्डपंपों की संख्या 98 बताई गई थी न कि हैण्डपंपों का जलस्तर 98 प्रतिशत नीचे जाना। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं 2 अनुसार है। (ख) प्रतिशत में जलस्तर की गिरावट की गणना की जानकारी का संधारण नहीं किया जाता है तथापि लगभग 12% हैण्डपंप जलस्तर नीचे जाने से बंद हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। ड्राई हैण्डपंपों को छोड़कर साधारण खराबी से बंद हैण्डपंपों को सतत् संधारण प्रक्रिया के तहत अधिकतम 15 दिवस में सुधारा जाता है तथा स्रोत के अलावा अन्य कारणों से बंद नल-जल योजनाओं के संधारण का दायित्व संबंधित ग्राम पंचायतों का है शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है।
नदियों का सीमांकन
[राजस्व]
71. ( क्र. 1463 ) श्री नीलांशु चतुर्वेदी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले के चित्रकूट नगर पंचायत क्षेत्र के अन्तर्गत मदांकिनी, पयस्वनी एवं सरयू नदी के राजस्व रिकार्ड अनुसार कितनी लम्बाई एवं चौड़ाई है तथा नदी क्षेत्र में कितने क्षेत्रफल में अतिक्रमण किया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) परिक्षेत्र में नदी क्षेत्र को अतिक्रमण मुक्त कराये जाने हेतु क्या-क्या कार्यवाही की गई है? (ग) प्रश्नांश (क) और (ख) के परिप्रेक्ष्य में विगत वर्ष 2010 से प्रश्न दिनांक की स्थिति में नदी सीमा पर हुए अतिक्रमण से संबंधित कितनी शिकायतें प्राप्त हुई। इन पर की गई कार्यवाही का विवरण दें।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) सतना जिले के चित्रकूट नगर पंचायत क्षेत्र अन्तर्गत प्रश्नांकित नदियों की लंबाई एवं चौड़ाई का विवरण निम्नानुसार है –
नदी का नाम |
लंबाई |
चौड़ाई |
मंदाकिनी |
12500मी. |
40-160मी. |
पयस्वनी |
2500मी. |
12-20मी. |
सरयू |
1500मी. |
06-12 मी. |
मंदाकिनी एवं पयस्वनी नदी में कोई अतिक्रमण नहीं है। सरयू नदी में 0.006 हे. में शिवचन्द्र पिता राम औतार केसरवानी एवं श्यामदीन पिता कुंजीलाल शर्मा द्वारा वर्ष 2014-15 में अतिक्रमण किया गया था। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 248 के तहत अतिक्रामकों को बेदखल किया गया है एवं अर्थदण्ड अधिरोपित किया गया है। (ग) प्रश्नांश (क) और (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में कोई शिकायत प्राप्त नहीं होने से कार्यवाही का प्रश्न उत्पस्थित नहीं होता।
तहसील का दर्जा प्रदान किया जाना
[राजस्व]
72. ( क्र. 1482 ) श्री नथनशाह कवरेती : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या छिंदवाड़ा जिले के अंतर्गत विधान सभा क्षेत्र जुन्नारदेव के दमुआ में उप-तहसील संचालित हैं? (ख) यदि हाँ, तो दमुआ के अंतर्गत कितनी पंचायत समाहित हैं? (ग) क्या 45-50 पंचायतें उप-तहसील दमुआ में हैं? यदि हाँ, तो क्या दमुआ को तहसील का दर्जा प्रदान किया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। (ख) 36 ग्राम पंचायतें समाहित हैं। (ग) उत्तरांश ( ख) अनुसार कार्यवाही विचारण में है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पशु चिकित्सालय एवं औषधालय केन्द्रों की जानकारी
[पशुपालन]
73. ( क्र. 1486 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक जिला अनूपपुर अंतर्गत पुष्पराजगढ़ विधान सभा क्षेत्र में नवीन पशु चिकित्सालय/औषधालय केन्द्र खोले जाने के कितने प्रस्ताव राज्य शासन को स्वीकृति हेतु भेजे गये? कितना बजट स्वीकृत हुआ? कितने पशु चिकित्सालय स्वीकृत हुये कितने लंबित हैं? वर्षवार जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या स्वीकृत पशु चिकित्सालय/औषधालय केन्द्र के भवन के निर्माण कार्य पूर्ण हो चुके हैं तथा कितने अपूर्ण हैं? अपूर्ण पशु चिकित्सालय/औषधालय केन्द्र का निर्माण कार्य कब तक की समय-सीमा में पूर्ण कर लिया जावेगा? (ग) प्रश्नांश (क) में स्वीकृत पशु चिकित्सालय/औषधालयों में कौन-कौन चिकित्सकों, कर्मचारियों की पदस्थापना की गई है? नाम एवं पदवार जानकारी उपलब्ध कराई जाये। रिक्त पदों की पूर्ति कब तक कर दी जायेगी?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) अमदरी में पशु औषधालय खोलने का प्रस्ताव शासन को स्वीकृति हेतु वर्ष 2013-14 में भेजा गया। संस्था हेतु 7.20 लाख बजट स्वीकृत हुआ। वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक पशु चिकित्सालय/पशु औषधालय केन्द्र स्वीकृति हेतु प्रस्ताव लंबित नहीं है। ख) स्वीकृति पशु औषधालय केन्द्र अमदरी के भवन का निर्माण कार्य पूर्ण हो गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं। (ग) स्वीकृति पशु औषधालय अमदरी में किसी चिकित्सक/कर्मचारी की पदस्थापना नहीं की गयी है। नजदीकी संस्था पशु औषधालय पड़मनिया के प्रभारी श्री अशीष कुमार गवले सहा.प.चि.क्षे.अधि. को अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। पदस्थापना निरंतर प्रक्रिया है, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
पी.डी.एस. गोदामों की जानकारी
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
74. ( क्र. 1487 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक अनूपपुर जिला अंतर्गत पुष्पराजगढ़ विधान सभा क्षेत्र में कितने पी.डी.एस. गोदामों का निर्माण किया गया? स्थान का नाम एवं स्वीकृति सहित जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार किन-किन स्थानों के पी.डी.एस. गोदाम के निर्माण कार्य पूर्ण हो गये हैं तथा किन के अभी भी निर्माणाधीन हैं। अपूर्ण पी.डी.एस. भवनों की प्रशासकीय स्वीकृति की छायाप्रति उपलब्ध करायें तथा यह भी जानकारी उपलब्ध करायें कि अपूर्ण पी.डी.एस. कब तक पूर्ण हो सकेंगे? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार क्या निर्माणाधीन पी.डी.एस. गोदाम निर्माण में लगे मजदूरों की मजदूरी का पूर्ण भुगतान कर दिया गया है? यदि नहीं, तो कब तक भुगतान कर दिया जायेगा? विलंब से भुगतान किये जाने के संबंध में क्या कोई शिकायत प्राप्त हुई थी? यदि हाँ, तो क्या संबंधित निर्माण ऐजेंसी के विरूद्ध कोई कार्यवाही की गई? यदि हाँ, तो क्या और यदि नहीं, तो मजदूरों की मजदूरी का भुगतान कब तक कर दिया जायेगा?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक अनूपपुर जिला अंतर्गत पुष्पराजगढ़ विधान सभा क्षेत्र में 44 पी.डी.एस. गोदामों का निर्माण स्वीकृत किया गया है। स्थान का नाम पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं स्वीकृति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार 24 स्थानों के पी.डी.एस. गोदाम के निर्माण कार्य पूर्ण हो गए हैं तथा 20 के अभी भी निर्माणाधीन हैं, जिसकी स्थानवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। अपूर्ण पी.डी.एस. भवनों की प्रशासकीय स्वीकृति की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। अपूर्ण पी.डी.एस. गोदामों का निर्माण कार्य चालू है तथा यथासंभव इस कैलेण्डर वर्ष 2018 में पूर्ण कराया जा सकेगा। (ग) जी हाँ। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। विलंब से मजदूरी भुगतान किए जाने के संबंध में प्रश्न दिनांक तक कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शासकीय विद्यालय परिसरों में पेयजल हेतु हैण्डपम्पों की स्थापना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
75. ( क्र. 1507 ) श्री अनिल फिरोजिया : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) शा. विद्यालय परिसरों में पेयजल हेतु हैण्डपम्प स्थापना हेतु विभाग की क्या योजना है? तराना विधान सभा क्षेत्र के ऐसे कितने विद्यालय हैं जहाँ पेयजल हेतु हैण्डपम्प खनन नहीं किया गया है? (ख) ग्रीष्मकाल में जल समस्या से जूझ रहे ग्रामों में बोर खनन कराये जाने का आधार क्या रहता है? (ग) तराना तहसील की कितनी नल-जल योजनाएं अपूर्ण या बन्द है? उक्त नल-जल योजनाओं के संधारण हेतु क्या कार्य कराये जा रहे हैं? (घ) अधिक गहराई तक भू-जल स्तर गिरने की स्थिति में मोटर पम्प स्थापना की क्या प्रक्रिया है? विभाग द्वारा क्रय की गई मोटर पम्प क्या 500-600 फीट गइराई से पानी खींचने में सक्षम है?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) संबंधित विभाग द्वारा निक्षेप मद में राशि जमा करने पर नलकूप खनन कर हैण्डपम्प स्थापना का कार्य करवाया जाता है। कोई भी नहीं। (ख) उपलब्ध आवंटन के आधार पर 55 लीटर प्रति व्यक्ति प्रतिदिन के मान से पेयजल उपलब्धता सुनिश्चित करने हेतु नलकूप खनन कर हैण्डपम्प स्थापना का कार्य करवाया जाता है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं 2 अनुसार है। (घ) नल-जल योजना के स्त्रोत हेतु जल स्तर/जल आवक क्षमता के आधार पर रूपांकित मोटरपम्प एवं हैण्डपम्पों के स्त्रोत में सिंगलफेस मोटरपम्प स्थापित करने की प्रक्रिया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
माईनिंग इंजीनियरिंग कॉलेज प्रारंभ किया जाना
[तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोज़गार]
76. ( क्र. 1539 ) श्री राम लल्लू वैश्य : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा माईनिंग इंजीनियरिंग कॉलेज सिंगरौली, जिला सिंगरौली में खोले जाने हेतु 14 फरवरी 2014 को घोषणा की गई थी एवं तकनीकी शिक्षा विभाग को भूमि भी आवंटित हो गयी है? (ख) यदि हाँ, तो बजट प्रावधान के साथ वित्त वर्ष 2018-19 में कॉलेज खोला जायेगा?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक कैलाश जोशी ) : (क) जी नहीं। जी हाँ। (ख) माईनिंग इंजीनियरिंग कॉलेज, सिंगरौली, जिला सिंगरौली में कॉलेज खोले जाने की कार्यवाही प्रचलन में है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
आबादी भूमि के पट्टों का वितरण
[राजस्व]
77. ( क्र. 1546 ) श्री कल सिंह भाबर : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या थांदला तहसील के ग्राम चेनपुरी में आबादी भूमि के पट्टे नियमानुसार आवासीय उपयोग के लिए आवासहीन व्यक्तियों को दिये गये हैं? यदि हाँ, तो इनकी सूची उपलब्ध करावें। (ख) यदि नहीं, तो ऐसे पट्टे देने वाले अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध कोई कार्यवाही की जाएगी अथवा नियम के विरूद्ध दिये गये पट्टे निरस्त किये जाएंगे?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
बी.एस.-3 यात्री बसों का पंजीयन
[परिवहन]
78. ( क्र. 1569 ) श्री कैलाश चावला : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सर्वोच्य न्यायालय द्वारा दिनांक 31-03-2017 के पश्चात् बी.एस.-3 यात्री बसों का पंजीयन न किए जाने हेतु आदेश पारित किया गया है? (ख) उक्त निर्णय के प्रकाश में परिवहन विभाग द्वारा निर्देश किस दिनांक को जारी किए गए? निर्देश की प्रतिलिपि उपलब्ध करावें। (ग) सर्वोच्य न्यायालय, के निर्णय दिनांक 31-03-2017 के पश्चात् उज्जैन संभाग में विभिन्न परिवहन अधिकारी द्वारा किस-किस दिनांक को बी.एस.-3 वाहनों का पंजीयन दिनांक 31-12-2017 तक किया गया? (घ) प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित परिवहन अधिकारी एवं पदस्थापना का स्थान बतावें तथा इनके द्वारा सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के विरूद्ध पंजीयन किए जाने पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। (ख) माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के परिपालन में परिवहन आयुक्त, मध्यप्रदेश ग्वालियर के पत्र क्रमांक 2081/तकनीकी/टीसी/2017, ग्वालियर दिनांक 31-03-2017 द्वारा निर्देश जारी किये गये हैं, पत्र की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के अनुपालन में दिनांक 31-03-2017 के पश्चात् विक्रय की गई बी.एस.-3 यात्री बसों का पंजीयन नहीं किया गया है। (घ) प्रश्नांश (ग) के उत्तर के क्रम में जानकारी निरंक है।
जेल निर्माण कार्य की जानकारी
[जेल]
79. ( क्र. 1589 ) श्री राजेश सोनकर : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के प्र.क्र. 1024, दिनांक 29, नवम्बर, 2017 में बताया गया था, कि लोक निर्माण विभाग द्वारा ( परियोजना क्रियान्वयन इकाई) द्वारा सांवेर रोड जेल का निर्माण रू. 30 करोड़ की लागत से 03 वर्षों में पूर्ण किया जायेगा? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या सांवेर रोड जेल के अधूरे निर्माण कार्य को प्रश्न दिनांक तक पुन: प्रारंभ किया गया है? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में यदि नहीं, तो जेल का निर्माण किन कारणों से प्रश्न दिनांक तक प्रारंभ नहीं किया गया? स्पष्ट कराएं (घ) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में कब तक कार्य को प्रारंभ किया जायेगा? कार्य प्रारंभ होने के पश्चात् कितने समय में कार्य पूर्ण किया जायेगा?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जी नहीं। विधान सभा प्रश्न क्रमांक-1024 में दिये गए उत्तर में सांवेर रोड में जेल की लागत का उल्लेख नहीं किया गया है, बल्कि यह उल्लेख किया गया है कि वर्ष, 2017-18 में राशि रूपये 30.00 करोड़ जेल निर्माण हेतु प्रावधानित की गई है। (ख) जी नहीं। सांवेर रोड जेल के अधूरे निर्माण कार्यों के विस्तृत प्राक्कलन राज्य मंत्रि-परिषद् के अनुमोदन हेतु प्रस्तुत किये गए हैं, जो विचाराधीन है। (ग) विस्तृत प्राक्कलन राज्य मंत्रि-परिषद् से अनुमोदन होने के उपरांत प्रशासकीय स्वीकृति जारी करने की कार्यवाही की जा सकेगी, तदुपरांत जेल का निर्माण प्रारंभ किया जा सकेगा। (घ) उत्तर (ग) के परिप्रेक्ष्य में उल्लेख किये अनुसार कार्यवाही पूर्ण होने पर कार्य को प्रारंभ किया जा सकेगा। कार्य प्रारंभ होने के पश्चात् लगभग 03 वर्ष का समय लगना परियोजना क्रियान्वयन इकाई द्वारा पूर्व में अवगत कराया जा चुका है।
राजस्व रिकार्ड की जानकारी
[राजस्व]
80. ( क्र. 1591 ) श्री घनश्याम पिरोनियाँ : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दतिया जिले के अंतर्गत दतिया गिर्द एवं अन्य गिर्दों का वर्ष 1943-44 से 1960-61 तक का राजस्व रिकार्ड सहित मूल नक्शा (अक्श) गायब/खुर्द-बुर्द हो गया है? यदि हाँ, तो यह तथ्य जिला प्रशासन के संज्ञान में कब आया है? (ख) क्या वर्ष 1943-44 से 1960-61 तक का राजस्व रिकार्ड गायब/खुर्द-बुर्द होने के बाद भी एस.डी.एम. एवं तहसीलदार दतिया द्वारा लगभग गत 3 वर्षों में कितने नामांतरण/बंटवारे/डायवर्सन एवं अनापत्ति प्रमाण पत्र आदि पर आदेश/स्वीकृति/अनुमति प्रदान की गई है? वर्षवार अलग-अलग जानकारी देते हुये बतायें कि उक्त वर्षों में तहसीलदार और एस.डी.एम. पद पर कौन कार्यरत रहे? (ग) क्या उक्त वर्षों के रिकार्ड गायब/खुर्द-बुर्द होने के संबंध में संज्ञान में आने के पश्चात् भी संबंधित अधिकारियों-कर्मचारियों द्वारा किस आधार पर भूमि का क्रय-विक्रय एवं नामांतरण/बंटवारा/डायवर्सन एवं अनापत्ति प्रमाण-पत्र जारी किये गये/किये जा रहे हैं?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
प्रदूषण फैलाने वाली इकाइयों पर कार्यवाही
[पर्यावरण]
81. ( क्र. 1605 ) श्रीमती नीना विक्रम वर्मा : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र के सेक्टर 1,2,3,4 व 5 में माह जनवरी 2018 में औसत वायु प्रदूषण का स्तर क्या था तथा यह मानक स्तर (नेशनल एयर क्वालिटी स्तर) से कितना अधिक रहा है? (ख) क्या विभाग द्वारा क्षेत्र में बढ़ते वायु प्रदूषण को दृष्टिगत रखते हुए वायु प्रदूषण के लिये उत्तरदायी इकाइयों का चिन्हांकन किया है? (ग) यदि हाँ, तो सर्वाधिक वायु प्रदूषण के लिये जिम्मेदार इकाइयों के नाम बतावें। (घ) यदि नहीं, तो विभाग द्वारा इस हेतु अब तक किन कारणों से इकाइयों के चिन्हांकन की पहल नहीं की गई है तथा अधिक वायु प्रदुषण हेतु जिम्मेदार इकाइयों का चिन्हांकन कब तक किया जावेगा? (ङ) वायु प्रदूषण फैलाने वाली इकाइयों पर किस प्रकार की कार्रवाई करने का प्रावधान है तथा प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में पिछले तीन वर्षों में क्या-क्या कार्रवाई किन-किन इकाइयों पर की गई है?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र के सेक्टर-2 एवं 3 में माह जनवरी, 2018 में की गई परिवेशीय वायु गुणवत्ता मापन एवं राष्ट्रीय मानक स्तर की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जी हाँ। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (घ) प्रश्नांश (ग) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ड.) वायु प्रदूषण फैलाने वाली इकाइयों के विरूद्ध वायु (प्रदूषण निवारण तथा नियंत्रण) अधिनियम, 1981 एवं पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम, 1986 के अन्तर्गत उद्योगों की उत्पादन प्रक्रिया बंद करने एवं न्यायालयीन वाद दायर करने के प्रावधान हैं। प्रश्नांश (ग) के संबंध में की गई कार्यवाही की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है।
आत्महत्या के प्रकरण
[गृह]
82. ( क्र. 1616 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में विगत 3 वर्षों में कृषि आमदानी पर निर्भर या कृषि मजदूरी आमदानी पर निर्भर वाले परिवार मुखिया/सदस्य की आत्महत्या प्ररकणों की संख्या जिलावार वर्षवार देवें। (ख) उक्त सूची में से खरगोन जिले के प्रकरणों में आत्महत्या के प्रकरण की जानकारी नाम, पता सहित देवें। (ग) विगत 3 वर्षों में खरगोन जिले में जिनिंग/मिल मजदूर की हादसे में मौत की प्रकरण नाम, पता, घटना स्थल, कारण सहित सूची देवें।
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) से (ग) जानकारी संकलित की जा रही है।
आदिवासी उपयोजना विशेष केंद्रीय सहायता मद की राशि की जानकारी
[पशुपालन]
83. ( क्र. 1629 ) एडवोकेट सत्यप्रकाश सखवार : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 01/04/2016 से दिनांक 31 जनवरी 2018 तक विशेष केंद्रीय सहायता, आदिवासी उपयोजना मद अंतर्गत किस-किस योजना में कितनी-कितनी राशि विभाग को प्राप्त हुई? योजनावार प्राप्त राशि एवं व्यय का विवरण दें? (ख) कंडिका (क) में उल्लेखित योजनाओं में हितग्राहियों का चयन किस प्रक्रिया के तहत किया गया है? (ग) पशुधन एवं कुक्कुट विकास निगम के द्वारा प्रदायित अनुदान/सामग्री का सत्यापन किस-किस अधिकारी द्वारा किया गया है? योजनावार एवं नामवार विवरण दें। (घ) आदिवासी उपयोजना विशेष केंद्रीय सहायता मद की राशि से पशुओं के डीवार्मिंग हेतु क्या कार्ययोजना है? योजना के सफल क्रियान्वयन हेतु जिम्मेदार अधिकारी का नाम बतावें?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार। (घ) योजनान्तर्गत चयनित विकासखंड के सभी गौ-भैंसवंशीय पशुओं की डिवार्मिंग एक बार वर्षा के पूर्व तथा एक बार वर्षा के पश्चात 02 बार की जाना है। यदि वर्षा के पूर्व डिवार्मिंग नहीं हो सकी है, तो प्रथम डिवार्मिंग के तीन माह के अंतराल के पश्चात दुबारा डिवार्मिंग की जाना है। डिवार्मिंग से दुग्ध उत्पादन में वृदि्ध, प्रजनन क्षमता में वृदि्ध तथा मृत्यु दर में 10 से 15 प्रतिशत कमी आयेगी। तथा योजना में सम्मिलित आदिवासी जिलों में गठित की जाने वाली आदिवासी महिला दुग्ध समितियों के महिला सदस्यों के पशुओं में डीवार्मिंग हेतु रू. 100.00 प्रति सदस्य का प्रावधान स्वीकृत है। योजना के सफल क्रियान्वयन हेतु प्रबंध संचालक, म.प्र. राज्य पशुधन एवं कुक्कुट विकास निगम, विभाग एवं निगम के मैदानी स्तर में पदस्थ अधिकारी/कर्मचारी, मैत्री, गौ-सेवक तथा मुख्य कार्यपालन अधिकारी, सहकारी दुग्ध संघ इन्दौर/जबलपुर आदि के सहयोग से सम्पादित किया जा रहा है।
उप-तहसील या टप्पा तहसील का दर्जा दिया जाना
[राजस्व]
84. ( क्र. 1663 ) श्री राजेन्द्र फूलचंद वर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा आम नागरिकों की राजस्व व अन्य तहसील संबंधी समस्या के निराकरण हेतु प्रदेश के ग्रामों व नगरों में टप्पा तहसील का दर्जा दिया जा रहा है? यदि हाँ, तो किस आधार पर? (ख) क्या शासन द्वारा सोनकच्छ व टोंकखुर्द तहसील से 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित ग्राम चौबारा धीरा को तहसील, उप-तहसील या टप्पा आदि दर्जा देने हेतु कोई कार्यवाही प्रचलित है? यदि हाँ, तो क्या? नहीं तो क्यों नहीं? (ग) क्या शासन चौबारा धीरा क्षेत्र में लगभग 20-25 ग्रामों के सैंकड़ों-हजारों क्षेत्रवासियों की समस्या के निराकरण हेतु चौबारा धीरा को टप्पा तहसील का दर्जा देने हेतु कोई कार्यवाही करेगा या नहीं? यदि नहीं, तो इन हजारों ग्रामीणों को हो रही परेशानियों का जिम्मेदार कौन होगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। क्षेत्र की भौगोलिक स्थिति, जनसुविधा, प्रशासनिक कार्य सुविधा एवं औचित्य आकलन कर आदि बिन्दुओं को ध्यान में रख कर प्रशासनिक इकाई के गठन का निर्णय लिया जाता है। (ख) जी नहीं। प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। (ग) वर्तमान में प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता।
फोरलेन निर्माण में अधिग्रहित भूमि की मुआवजा
[राजस्व]
85. ( क्र. 1689 ) श्री अनिल जैन : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधान सभा क्षेत्र निवाड़ी अन्तर्गत निर्माण हेतु विचाराधीन एन.एच. 76 झांसी-खजुराहो फोरलेन मार्ग के लिए आवश्यक किसानों की अधिग्रहित भूमि की मुआवजा राशि का भुगतान किसानों के खाते में किये जाने की प्रक्रिया प्रारम्भ हो गई है? यदि हाँ, तो यह बतावें कि किस अधिकारी के द्वारा किस बैंक के माध्यम से किस दिनांक से प्रारम्भ होकर कब तक भुगतान प्रक्रिया पूर्ण कर ली जावेगी? (ख) क्या ओरछा स्थित इण्डस बैंक शाखा द्वारा प्रश्नाधीन किसानों के जीरो बैलेन्स पर खाते जबरन खोले जा रहे हैं। यदि हाँ, तो कारण बताया जावे। (ग) क्या प्रदेश में फोरलेन के लिये भूमि अधिग्रहण की प्रचलित दरों से कम दरों पर प्रश्नांकित किसानों की भूमि का अधिग्रहण किया जा रहा है? यदि नहीं, तो तुलनात्मक जानकारी दी जावे। (घ) पुरानी दरों पर प्रश्न दिनांक को मुआवजा राशि भुगतान किये जाने के विरोध में विधान सभा क्षेत्र निवाड़ी के कितने किसानों द्वारा सक्षम प्राधिकारी को आपत्ति आवेदन प्रस्तुत किये गये हैं? उनमें से कितनों का निराकरण कराया गया हैं? ग्रामवार, किसानवार जानकारी दी जावे।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। अनुविभागीय अधिकारी एवं भू-अर्जन अधिकारी निवाड़ी के द्वारा भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण नई दिल्ली द्वारा अधिकृत इण्डस बैंक शाखा ओरछा के माध्यम से दिनांक 6.01.18 से भुगतान की प्रक्रिया प्रांरभ हो गई है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) विधान सभा क्षेत्र निवाड़ी के अंतर्गत फोरलेन के लिये भूमि अधिग्रहण राष्ट्रीय राजमार्ग अधिनियम 1956 में निहित प्रावधान अनुसार वर्ष 2010 में प्रचलित गाईड-लाईन अनुसार निर्धारण किया गया है। (घ) पुरानी दरों पर प्रश्न दिनांक को मुआवजा राशि भुगतान किये जाने के विरोध में विधान सभा क्षेत्र निवाड़ी के 73 किसानों द्वारा आपत्ति आवेदन प्रस्तुत किये गये हैं। निराकरण की कार्यवाही प्रचलित है। ग्रामवार/किसानवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
राजस्व भूमि पर अतिक्रमणधारियों को पट्टा दिया जाना
[राजस्व]
86. ( क्र. 1713 ) श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग गुना जिले में राजस्व भूमि पर अतिक्रमणधारियों को पट्टा, लीज आदि वितरण करने का प्रावधान करेगा? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित तथ्यों पर बतायें कि बमोरी विधान सभा क्षेत्र में आने वाले सभी गाँवों में राजस्व भूमि पर जो अतिक्रमण है, उन्हें मालिकाना हक (अधिकार) देने हेतु विगत समय कोई मांग, धरना आंदोलन हुआ था? यदि हाँ, तो विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? विवरण दें? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) में वर्णित तथ्यों पर विभाग और शासन द्वारा कोई वैधानिक कार्यवाही की है या करेगा? अतिक्रमणधारियों को विधिवत् मान्यता देने का क्या प्रावधान है? (घ) क्या विभाग प्रश्नाश (क), (ख) एवं (ग) में वर्णित तथ्यों का पालन करेगा या नहीं? यदि नहीं, तो विभाग यह बतायें कि उसके पास राजस्व भूमि पर अतिक्रमणधारियों के लिये क्या योजना है? वह उस पर कब तक अमल करेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) मध्यप्रदेश ग्रामों में की दखल रहित भूमि (विशेष उपबन्ध) अधिनियम 1970 के तहत प्रावधान है। (ख) माननीय विधायक, विधान सभा क्षेत्र-बमोरी द्वारा किसानों की समस्याओं के संबंध में गत वर्ष सितंबर 2017 में धरना प्रदर्शन किया गया था, प्रश्नांश (क) में उल्लेखित प्रावधान अनुसार पात्रों को पट्टा प्रदान किया जाता है। (ग) मध्यप्रदेश ग्रामों में की दखल रहित भूमि (विशेष उपबन्ध) अधिनियम 1970 के तहत प्रावधान है। (घ) मध्यप्रदेश ग्रामों में की दखल रहित भूमि (विशेष उपबन्ध) अधिनियम 1970 के तहत प्रावधान है। पालन सतत् किया जा रहा है।
स्वीकृत नल-जल योजनाओं की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
87. ( क्र. 1721 ) श्रीमती इमरती देवी : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) ग्वालियर जिले की डबरा विधान सभा क्षेत्र में पी.एच.ई. विभाग द्वारा ०१ अप्रैल २०१५ से प्रश्न दिनांक तक गत वित्तीय वर्षों में कितनी नल-जल योजनायें कहाँ-कहाँ स्वीकृत की गईं? वर्षवार नाम, पता सहित जानकारी देवें। (ख) स्वीकृत नल-जल योजनाओं में कितनी योजनायें सुचारू रूप से संचालित हैं? कितनी योजनायें आज दिनांक तक शुरू नहीं की गई हैं तथा कितनी योजनायें बंद हैं? बंद होने का क्या कारण है? ग्रामवार स्थान सहित जानकारी देवें एवं बंद नल-जल योजनायें कब तक प्रारम्भ करा दी जावेंगी?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) 11 योजनाएं स्वीकृत की गईं, जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
शासकीय भूमि में अतिक्रमणकर्ताओं के अतिक्रमण हटाया जाना
[राजस्व]
88. ( क्र. 1724 ) श्री संजय उइके : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बालाघाट जिले की बिरसा तहसील के अन्तर्गत जनपद पंचायत बिरसा की ग्राम पंचायत मानेगाँव में शासकीय भूमि में अतिक्रमणकर्ताओं के अतिक्रमण हटाने संबंधी नायब तहसीलदार/तहसीलदार बिरसा द्वारा पारित आदेश के क्रियान्वयन/पालन हेतु माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर का आदेश तहसीलदार बिरसा को प्राप्त हुआ है? (ख) यदि हाँ, तो माननीय उच्च न्यायालय का आदेश किस दिनांक को प्राप्त हुआ? आदेश के पालनार्थ हेतु क्या-क्या कार्यवाही कब-कब की गई? नहीं की गई तो किन कारणों से नहीं की गई? (ग) अतिक्रमण हटाने संबंधी आदेश नायब तहसीलदार द्वारा पारित किये जाने के बाद अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) बैहर न्यायालय अतिरिक्त कलेक्टर बालाघाट, न्यायालय कमिश्नर कार्यालय जबलपुर एवं सिविल न्यायालय बैहर, जिला न्यायालय बालाघाट एवं माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर द्वारा नायब तहसीलदार के आदेश को यथावत रखने एवं अतिक्रमण हटाने बाबद माननीय उच्च न्यायालय के आदेश के बावजूद भी किन कारणों से अतिक्रमण नहीं हटाया गया है और कब तक हटाया जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। (ख) माननीय उच्च न्यायालय के रिट पिटीशन क्रमांक 20909/2017 में आदेश दिनांक ०६-१२-२०१७ के पालन में प्रभारी अधिकारी/अनुविभागीय अधिकारी द्वारा दिनांक २३-०१-२०१८ को जवाब प्रस्तुत किया जा चुका है। (ग) प्रश्नांश (ग) के अनुसार वरिष्ठ न्यायालयों द्वारा नायब तहसीलदार के आदेश का यथावत रखा गया है एवं अधीनसथ न्यायालय द्वारा बेदखली वांरट जारी कर अतिक्रमण हटाने का प्रयास किया गया किंतु अतिक्रामक मौके से न हटने के कारण प्रकरण क्रमांक ०४४४ बी-१२१/२०१७-१८, अंतर्गत म.प्र. भू-राजस्व संहिता १९५९ की धारा २४८ (क) के तहत सिविल कारागार की कार्यवाही प्रस्तावित की गई है, जो अनुविभागीय अधिकारी के न्यायालय में विचाराधीन है। माननीय उच्च न्यायालय के रिट पिटीशन क्रमांक २०९०९/२०१७ में अनावेदक अतिक्रामक क्रमांक ६ से ११ तक को नोटिस जारी हो चुके है। शासन की ओर से अनुविभागीय अधिकारी/प्रभारी अधिकारी के माध्यम से दिनांक २३-०१-२०१८ को माननीय उच्च न्यायालय में जवाब प्रस्तुत किया गया। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
आवासीय पट्टों का वितरण
[राजस्व]
89. ( क्र. 1730 ) श्रीमती सरस्वती सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नोत्तरी दिनांक 29/11/2017 में मुद्रित प्रश्न क्रमांक 87 के प्रश्नांश (ख) का उत्तर आवासहीनों को दखल रहित एवं वासस्थान दखलकार अधिनियम के तहत प्रदाय पट्टों को खसरा अभिलेख कम्प्यूटरीकृत की कार्यवाही कराई जा रही है, दिया गया है तो प्रश्न दिनांक तक कितने पट्टों के अभिलेखों का कम्प्यूटरीकृत कर लिया गया है? सूची उपलब्ध करायें। (ख) यदि नहीं, किया गया तो कब तक किया जावेगा और अब तक न करने के लिये कौन दोषी है? बताएं।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जिला सिंगरौली के तहसील चितरंगी विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत आवासहीनों को मध्यप्रदेश दखल रहित अधिनियम के तहत 5669 पट्टे तथा वासस्थान दखलकार अधिनियम के तहत 247 पट्टे प्रदाय किये गये हैं। प्रदाय किये गये पट्टों को कम्प्यूटरीकृत खसरे में दर्ज किया जा चुका है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नलकूप एवं हैण्डपम्प उत्खनन की स्थिति
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
90. ( क्र. 1731 ) श्रीमती सरस्वती सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक की स्थिति में सिंगरौली जिले के चितरंगी विधान सभा क्षेत्रांतर्गत किस योजना से किस मद से कितने नलकूप उत्खनन किये गये हैं? पंचायतवार विवरण दें। (ख) प्रश्नांश (क) के नलकूपों में से कितने ड्राई हो गये हैं? कितने खराब हैं? कितने चालू हैं? प्रश्न दिनांक तक की स्थिति में बताएं। (ग) वर्तमान में चितरंगी विधान सभा क्षेत्र में जल का स्तर क्या है? जो ड्राई हैण्डपम्प हैं, जो खराब हैं, उनको ठीक करने की क्या कार्य योजना है? कब तक ठीक किया जाएगा? (घ) खनिज मद से चितरंगी विधान सभा क्षेत्र में हैण्डपम्प में कितनी राशि कहाँ-कहाँ व्यय की गई है? पृथक से विवरण दें।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) कोई नलकूप ड्राई नहीं हुआ है, 314 चालू एवं 12 खराब हैं। (ग) औसत जल स्तर 23.5 मीटर है। कोई हैण्डपम्प ड्राई नहीं हैं। साधारण खराबी से बंद हैण्डपम्पों को विभाग द्वारा सतत् संधारण प्रक्रिया के तहत् अधिकतम 15 दिवस में सुधारे जाने का प्रावधान है। निश्चित समयावधि नहीं बताई जा सकती है। (घ) व्यय रूपये 36.87 लाख, शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
तालाबों का सौंदर्यीकरण
[राजस्व]
91. ( क्र. 1733 ) श्री शंकर लाल तिवारी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र सतना के अंतर्गत कितने पुश्तैनी तालाब वर्तमान में सीमांकन के अंतर्गत हैं? (ख) क्या प्रत्येक तालाब सीमांकन के समय से तथा वर्तमान में एक जैसी हालत में निर्मित हैं? क्या प्रत्येक तालाबों का अतिक्रमण किया गया है? यदि हाँ, तो किसके द्वारा किया गया है? इस अतिक्रमण के लिए कौन-कौन दोषी हैं? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के प्रकाश में कब तक अतिक्रमण मुक्त करा दिया जायेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) विधान सभा क्षेत्र सतना तहसील रघुराजनगर अन्तर्गत पुश्तैनी शासकीय तालाबों की संख्या 65 है। उक्त तालाबों का सीमांकन नहीं है। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के प्रकाश तालाबों का सीमांकन नहीं होने के कारण शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पटवारियों के रिक्त पदों कि पूर्ति
[राजस्व]
92. ( क्र. 1737 ) श्री सचिन यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कसरावद विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत तहसीलों में कितने पद किस श्रेणी के स्वीकृत हैं? कितने कब से और क्यों रिक्त हैं? क्या रिक्त पदों के कारण उक्त तहसीलों एवं ग्रामीण क्षेत्रों से संबंधित सभी प्रकार के कार्य प्रभावित हो रहे हैं? (ख) कसरावद विधान क्षेत्र में कुल कितने पटवारी कार्यरत हैं? तहसीलवार पटवारी हल्के एवं उनमें पदस्थ पटवारियों की संख्यात्मक जानकारी दें। साथ ही बतायें कि उक्त क्षेत्र में पटवारी, हल्कों के अनुपात में पदस्थ पटवारियों की संख्या अत्यंत कम है? यदि हाँ, तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (ख) में दर्शित पटवारियों की कमी के कारण ग्रामीण क्षेत्र में राजस्व से संबंधित कार्य प्रभावित हो रहे हैं? यदि हाँ, तो तत्संबंध में प्रश्नांकित दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? जानकारी दें। (घ) क्या उक्त तहसीलों में ग्रामीण क्षेत्र की जनता से संबंधित कार्यों को समय-सीमा में निष्पादित करने के लिए उक्त रिक्त पदों की पूर्ति कब तक कर दी जायेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) कसरावद विधान सभा क्षेत्रांतर्गत तहसीलों में श्रेणीवार स्वीकृत एवं रिक्त पदों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। वर्तमान भरे पदों से ही शासकीय कार्य संपादित कराये जाने से कार्य प्रभावित नहीं हो रहा है। (ख) कसरावद विधान सभा क्षेत्र में कुल 41 पटवारी कार्यरत है। पटवारी हल्के एवं उनमें पदस्थ पटवारियों की संख्यात्मक जानकारी निम्नानुसार है:-
नाम तहसील |
पटवारी हल्के |
पदस्थ पटवारी |
कसरावद |
62 |
43 |
भीकनगाँव |
47 |
21 |
पटवारियों के पद संपूर्ण मध्यप्रदेश में रिक्त है। जी हाँ। कसरावद विधान सभा के साथ-साथ समस्त प्रदेश में पटवारी हल्को की तुलना में पदस्थ पटवारियों की संख्या कम है। यथाशीघ्र रिक्त पदों की पूर्ति हेतु कार्यवाही प्रचलित है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) रिक्त पदों की पूर्ति हेतु समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
सीमांकन, बंटवारा एवं नामांतरण के लंबित प्रकरणों का निराकरण
[राजस्व]
93. ( क्र. 1738 ) श्री सचिन यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में शासन के नियमान्तर्गत सीमांकन, बंटवारा एवं नामांतरण आवेदन प्रस्तुत करने उपरांत कितने समय में प्रकरण के निराकरण करने का प्रावधान है? तत्संबंध में क्या नियम/प्रावधान एवं दिशा-निर्देश जारी किये गए हैं? प्रति उपलब्ध करावें। (ख) जनवरी, 2014 से कसरावद विधान सभा क्षेत्रांतर्गत तहसीलों में प्राप्त सीमांकन, बंटवारा एवं नामांतरण के कितने प्रकरण आवेदन प्राप्ति दिनांक से प्रश्नांकित दिनांक तक लंबित हैं? लंबित प्रकरणों के निराकरण में विलंब के क्या कारण हैं? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) में दर्शित लंबित प्रकरणों को निश्चित समय-सीमा में निराकरण किये जाने हेतु शासन द्वारा दिशा-निर्देश जारी किये जायेंगे? यदि हाँ, तो बतायें। नहीं तो विलंब होने के कारणों पर उचित माध्यम से किस प्रकार कार्यवाही की जायेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) सिटीजन चार्टर के अनुसार :- (1) सीमांकन 30 दिवस, (2) अविवादित बंटवारा 90 दिवस, (3) विवादित बंटवारा 180 दिवस, (4) अविवादित नामांतरण 30 दिवस, (5) विवादित नामांतरण 120 में निराकरण करने का प्रावधान है। प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) सीमांकन, बंटवारा, नामांतरण के निम्न प्रकरण प्रश्न दिनांक तक लंबित है :-
मद |
भीकनगाँव |
कसरावद |
सीमांकन |
03 |
0 |
बंटवारा |
07 |
09 |
नामांतरण |
11 |
64 |
योग |
21 |
73 |
(ग) प्रकरण में न्यायालयीन प्रक्रिया प्रचलित है। प्रकरण न्यायालयीन प्रक्रिया में है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता।
हैण्डपम्प एवं नल-जल योजना की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
94. ( क्र. 1752 ) श्री महेन्द्र सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विधान सभा क्षेत्र गुनौर अन्तर्गत जनपद पंचायत पन्ना एवं गुनौर की प्रत्येक ग्राम पंचायत के प्रत्येक ग्राम में कितने हैण्डपम्प संचालित हैं व कितने बंद हैं एवं किन-किन ग्राम पंचायतों एवं ग्रामों में नल-जल योजना है तथा जिन ग्रामों में नल-जल योजना है, उनमें किन-किन ग्रामों में संचालित हैं एवं किन-किन ग्रामों बंद हैं एवं जिन ग्रामों में बंद हैं, उनका क्या कारण है? (ख) जिन ग्रामों में नल-जल योजना है, उनमें कितने ग्रामों में पानी की टंकी है और कितने में नहीं है एवं जिन ग्रामों पानी टंकी नहीं है, उसका क्या कारण है? (ग) क्या ज्यातर नल-जल योजनायें ट्यूबवेल में पानी न होने के कारण व पाईप लाईन खराब होने के कारण बंद पड़ी हैं, जिसमें आज दिनांक तक कोई सुधार कार्य नहीं कराया गया है? इसके लिये कौन जिम्मेदार है? (घ) वर्ष २०१७-१८ में विधान सभा क्षेत्र गुनौर अन्तर्गत कितने हैण्डपम्प किन ग्रामों में स्वीकृत किये गये हैं तथा जिन ग्रामों में स्वीकृत किये गये उनमें बोर खनन कर हैण्डपम्प लगा दिये गये हैं? यदि नहीं, लगाये गये तो कारण बतावें।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं 2 अनुसार है। (ख) 14 ग्रामों में। 119 ग्रामों में। स्पॉट-सोर्स योजना होने के कारण पानी की टंकी का प्रावधान नहीं है। (ग) मात्र 25 योजनायें स्त्रोत असफल होने से एवं 6 योजनाएं पाईप लाईन क्षतिग्रस्त होने से बंद हैं। बंद नल-जल योजनाएं यथाशीघ्र चालू की जा सके इस हेतु शासन द्वारा प्रत्येक जिले में कलेक्टर की अध्यक्षता में जिला स्तरीय समिति गठित की है जिसे रु. 20.00 लाख तक के स्वीकृति के अधिकार सौंपे गये हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है।
पैट्रोल पम्प की जाँच
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
95. ( क्र. 1796 ) डॉ. कैलाश जाटव : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधान सभा क्षेत्र गोटेगाँव में पैट्रोल पम्प संचालित किये जा रहे हैं? यदि हाँ, तो कितने एवं कहाँ-कहाँ पर? कब से, किनके द्वारा संचालित किये जा रहे हैं? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार यदि हाँ, तो क्या इन पैट्रोल पम्प के पैट्रोल वितरण एवं क्वालिटी की जाँच की जाती है? यदि हाँ, तो कब-कब एवं जाँच के नियम क्या हैं? किस स्तर के अधिकारी द्वारा जाँच की जाती है? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार विगत 3 वर्ष में विधान सभा क्षेत्र गोटेगाँव के कितने पैट्रोल पम्प के विरूद्ध अनियमितता की शिकायत विभाग को प्राप्त हुई? दिनांकवार, पम्पवार सूची प्रदान करें। प्राप्त शिकायतों के आधार पर कब-कब, किसके द्वारा पैट्रोल पम्प की जाँच की गई एवं क्या कार्यवाही की गई? दिनांकवार, पैट्रोल पम्पवार, जानकारी प्रदान करें। क्या समस्त शिकायतों का निराकरण कर दिया गया है? यदि नहीं, तो क्यों नहीं? इनका निराकरण कब तक कर दिया जावेगा? (घ) शिकायतों का निराकरण न हो पाने का क्या कारण है? जिम्मेदार अधिकारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जी हाँ। मध्य प्रदेश मोटर स्पिरिट एण्ड हाई स्पीड डीजल (अनुज्ञापन तथा नियंत्रण आदेश, 1980) के अंतर्गत खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी स्तर से अनिम्न स्तर, राजस्व विभाग के नायाब तहसीलदार के पद से अनिम्न स्तर एवं उप निरीक्षक के पद से अनिम्न स्तर के पुलिस अधिकारी द्वारा अपने क्षेत्राधिकार के अंतर्गत पंपों के निरीक्षण का प्रावधान है। नापतौल निरीक्षक द्वारा विधिक माप विज्ञान (सामान्य) नियम, 2011 के अंतर्गत अपने क्षेत्राधिकार में निरीक्षण करने का प्रावधान है। मोटर स्पिरिट तथा हाई स्पीड डीजल ऑयल (प्रदाय तथा वितरण का विनियमन और अनाचार निवारण) आदेश, 2005 के अंतर्गत केन्द्र अथवा राज्य शासन के राजपत्रित अधिकारी, उप पुलिस अधीक्षक स्तर से अनिम्न स्तर का कोई भी पुलिस अधिकारी, तेल कंपनी के सेल्स ऑफिसर से अनिम्न स्तर के अधिकारियों द्वारा अपने क्षेत्राधिकार के अंतर्गत पंपों के निरीक्षण करने का प्रावधान है। सक्षम अधिकारियों द्वारा आकस्मिक रूप से एवं शिकायत प्राप्त होने पर जाँच की जाती है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (घ) प्रश्नांश (ग) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
थानों/चौकियों में प्राप्त शिकायतों पर कार्यवाही
[गृह]
96. ( क्र. 1797 ) डॉ. कैलाश जाटव : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र गोटेगाँव के थानों/चौकियों में जनवरी 2014 से प्रश्न दिनांक तक कितनी शिकायतें प्राप्त हुई? इनमें से कितनी शिकायतों पर एफ.आई.आर. दर्ज की गई? सूची प्रदान करें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार पंजीबद्ध की गई एफ.आई.आर. में से कितने की जाँच की गई एवं कितने केस न्यायालय में प्रेषित किये गये? सूची प्रदान करें। कितने केस वर्तमान में लंबित हैं जिनकी जाँच पूर्ण नहीं की गई? सूची प्रदान करें। (ग) क्या थानों/चौकियों में अवैध शिकायतें पंजीबद्ध कराई जाती हैं? यदि हाँ, तो ऐसी कितनी एफ.आई.आर. पंजीबद्ध की गई जो अवैध थी एवं उन पर क्या कार्यवाही की गई? (घ) प्रश्नांश (ख) अनुसार लंबित अथवा अपूर्ण जाँच वाले प्रकरणों के लिए कौन अधिकारी जिम्मेदार हैं एवं इन पर शासन के द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) विधान सभा गोटेगाँव के थाना/चौकियों में जनवरी 2014 से प्रश्न दिनांक तक कुल 4401 शिकायतें प्राप्त हुई। इनमें से 24 शिकायतों पर जाँच उपरान्त एफ.आई.आर. दर्ज की गई। जानकारी पुस्तकालय में रखे गये परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार पंजीबद्ध किए गए सभी 24 प्रकरणों में विवेचना की गई तथा सभी 24 प्रकरण न्यायालय को प्रेषित किए गए। जानकारी पुस्तकालय में रखे गये परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। वर्तमान में कोई भी प्रकरण लंबित नहीं। (ग) थानों/चौकियों में अवैध शिकायतें पंजीबद्ध नहीं कराई जाती। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नांश (ख) अनुसार कोई प्रकरण लंबित नहीं है। अतः प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
एक पक्षीय भूमि का अधिग्रहण
[राजस्व]
97. ( क्र. 1800 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सर्वे क्र. 224, सर्वे क्र. 225, सर्वे क्र. 226 आजादी से पूर्व से लेकर नवाब काल अंतर्गत एवं देश की आजादी के बाद से लेकर विगत कई वर्षों तक शासकीय भूमि, नवाबी भूमि के रूप में राजस्व रिकार्ड में दर्ज रही? (ख) यदि हाँ, तो उक्त सर्वे नं. की भूमि जावरा नगर चौपाटी स्थित होकर इसमें से कुछ भाग आजादी के पूर्व नवाबी समय में विभिन्न कार्यों के लिए लीज पर दिए गए थे, जिस पर जिनिंग, प्रीमियर ऑईल मिल इत्यादि स्थापित हुए, उनका कर्ज बैंक का एवं सेल्स टैक्स का शेष होने से नीलामी की गई? (ग) यदि हाँ, तो क्या कर्ज के बकाया की वसूली मिल परिसर की मशीनरी, भवन इत्यादि की सामग्री विक्रय कर, की जाना थी, जो कि नहीं की गई? मिलीभगत से भूमि नीलाम हुई। बाद में षड्यंत्रपूर्वक अन्य नाम राजस्व रिकार्ड में दर्ज हुए हैं? (घ) यदि हाँ, तो क्या विगत वर्षों में जन आवश्यकताओं को दृष्टिगत रख शासन/विभाग द्वारा क्षेत्रीय बस स्टैण्ड हेतु भूमि अधिग्रहित की गई, जिस पर बस स्टैण्ड स्थापित है, तो वर्तमान में जन-आवश्यकताओं के नगर पालिका परिषद् जावरा के शॉपिंग कॉम्प्लेक्स एवं बस स्टैण्ड विस्तार हेतु एक पक्षीय भूमि का अधिग्रहण क्यों नहीं किया जा रहा है?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी नहीं। (ख) से (घ) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
इंजीनियरिंग कॉलेज व आई.टी.आई. प्रारंभ करने की घोषणा
[तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोज़गार]
98. ( क्र. 1801 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जावरा विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत 12 अक्टूबर, 2017 को माननीय मंत्री जी द्वारा पिपलौदा नगर में आई.टी.आई. इसी सत्र से प्रारम्भ करने की घोषणा की थी तथा साथ ही जावरा नगर में इंजीनियरिंग कॉलेज प्रारम्भ किये जाने के लिए परीक्षण किए जाने की घोषणा की थी? (ख) यदि हाँ, तो इसी के साथ क्या माननीय मुख्यमंत्री जी के दिनांक 29 नवंबर 2017 के जावरा नगर के कार्यक्रम में इंजीनियरिंग कॉलेज इसी आने वाले आगामी सत्र से प्रारम्भ किये जाने की घोषणा की है? (ग) यदि हाँ, तो शासन/विभाग द्वारा उपरोक्त प्रश्नांश (क) तथा (ख) के संदर्भ में माननीय मंत्री जी एवं माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा की गई घोषणाओं के संबंध में घोषणा होने के पश्चात क्या-क्या कार्यवाहियाँ की है? (घ) अवगत कराएं कि उपरोक्त दोनों संस्थानों का आने वाला वर्ष जिससे कार्य आरम्भ होगा, क्या इस हेतु शासन/विभाग द्वारा पूर्ण तैयारियां कर ली गयी हैं?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक कैलाश जोशी ) : (क) जी नहीं। जी नहीं। (ख) जी नहीं। माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा दिनांक 29.11.2019 को घोषणा की गई है। (ग) घोषणा के संबंध में कार्यवाही प्रचलन में है। (घ) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जाँच प्रकरणों का निराकरण
[राजस्व]
99. ( क्र. 1805 ) डॉ. मोहन यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले में कार्यरत अनुविभागीय अधिकारी एवं अपर कलेक्टर तथा कलेक्टर कार्यालय में जनवरी २०१५ से प्रश्न दिनांक तक बी-१२१ मद एवं जाँच के संबंध में कितने प्रकरण दर्ज किये गये? इसमें से कितने प्रकरणों का निराकरण किया गया एवं कितने प्रकरण लंबित हैं? प्रकरण लंबित रहने के क्या कारण हैं? (ख) प्रश्नांश (क) की जानकारी अनुसार जाँच प्रकरणों के निराकरण करने तथा जाँच में दोषी पाये जाने वाले कितने प्रकरणों में दोषियों के विरूद्ध एफ.आई.आर. एवं राजस्व वसूली के संबंध में प्रतिवेदन एवं निर्देश दिये गये? दिये गये निर्देशों एवं प्रतिवेदन पर अधीनस्थ एवं संबंधित विभाग एवं वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा कार्यवाही की गई अथवा नहीं? (ग) यदि नहीं, तो कार्यवाही नहीं किये जाने के पीछे क्या कारण रहे? न्यायालय के आदेश की अवहेलना करने के लिए कौन अधिकारी दोषी है? दोषियों के विरूद्ध कब तक कार्यवाही की जावेगी तथा निर्देशों एवं प्रतिवेदनों पर कब तक अमल किया जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। प्रकरण न्यायालयीन प्रक्रिया में प्रचलित है। (ख) किसी भी प्रकरण में एफ.आई.आर. दर्ज करने या राजस्व वसूली के निर्देश नहीं दिए गये। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
निर्माण कार्यों पर व्यय राशि
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
100. ( क्र. 1809 ) श्री सतीश मालवीय : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक घट्टिया विधान सभा क्षेत्र में किन-किन कार्यों हेतु किन-किन मदों में कुल कितनी राशि कहाँ-कहाँ से प्राप्त हुई है? प्राप्त राशि से कौन-कौन से कार्य कहाँ-कहाँ कराये गये हैं? उक्त कायों की एजेन्सी कौन-कौन-सी है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में कितने कार्य पूर्ण हो चुके हैं एवं कितने कार्य अपूर्ण हैं? अपूर्ण कार्य कब तक पूर्ण कर लिये जायेंगे? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में पूर्ण कार्यों की लागत राशि, कार्य की गुणवत्ता की जाँच किन सक्षम अधिकारियों द्वारा की गई?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) राशि जिलेवार प्राप्त होती है, विधान सभा क्षेत्रवार नहीं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1, 2 एवं 3 अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) अनुसार। (ग) एवं (घ) उत्तरांश (क) एवं (ख) अनुसार।
शिक्षकों एवं कार्यालीन स्टॉफ के पदों की स्वीकृत
[तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोज़गार]
101. ( क्र. 1821 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला छिन्दवाड़ा के शासकीय पॉलीटेक्निक कॉलेज खिरसाडोह (परासिया) में विगत लगभग 10 वर्षों पूर्व तीन अतिरिक्त डिप्लोमा कोर्स क्रमश: कम्प्यूटर साइंस, इलेक्ट्रॉनिक्स एंड टेलीकम्यूनिकेशन, इन्फरमेशन टेक्नोलॉजी प्रारम्भ किये गये परन्तु आज तक उनके लिये शिक्षकों एवं कार्यालीन स्टॉफ के पदों को उपलब्ध नहीं कराया गया? जिसके कारण महाविद्यालय में अध्ययनरत् छात्र-छात्राओं को अध्ययन करने में बहुत अधिक असुविधाओं एवं परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित शासकीय पॉलीटेक्निक कॉलेज खिरसाडोह (परासिया) में प्रारम्भ अतिरिक्त डिप्लोमा कोर्स हेतु शिक्षकों एवं कार्यालीन स्टॉफ के पदों को अभी तक विभाग द्वारा उपलब्ध नहीं कराया गया है और न ही पदों से सम्बंधित नियुक्ति की गई, जिसका क्या कारण है? कारण सहित जानकारी उपलब्ध करायें। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित प्रारम्भ अतिरिक्त डिप्लोमा कोर्स हेतु शिक्षकों एवं कार्यालीन स्टॉफ के पदों को कब तक विभाग द्वारा उपलब्ध करा दिया जायेगा एवं उपलब्ध कराये गये पदों पर कब तक नियुक्ति प्रक्रिया को सम्पन्न करा दिया जायेगा तथा अतिरिक्त डिप्लोमा कोर्स आवश्यक कक्षाओं हेतु प्रयोगशाला एवं कार्यालयीन कक्षों के निर्माण कार्य की स्वीकृति विभाग द्वारा कब तक प्रदान करते हुए निर्माण कार्यों को प्रारंभ करा दिया जाएगा?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक कैलाश जोशी ) : (क) जी हाँ। जी नहीं। महाविद्यालय में उपलब्ध शिक्षकों एवं रिक्त पदों के विरूद्ध गेस्ट फेकल्टी के माध्यम से अध्यापन कार्य संपादित कराया जा रहा है। (ख) जी हाँ। संस्था में प्रारंभ किये गये नवीन पाठयक्रमों के लिये पदों की स्वीकृति का प्रस्ताव शासन स्तर पर प्रक्रियाधीन है। (ग) समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
नवीन हैण्डपम्पों का खनन एवं प्रस्तावित कार्यों की स्वीकृति के प्रस्ताव
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
102. ( क्र. 1822 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) परासिया विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत वर्ष 2015-16, 2016-17 व 2017-18 में ग्रामीण क्षेत्रों में नवीन हैण्डपम्पों का खनन किन-किन योजनाओं के तहत किन-किन पंचायतों में किया गया है? हैण्डपम्प की लागत, खनन, सफल या असफल हुआ, हैण्डपम्प का फाउण्डेशन तैयार किया गया या नहीं, कार्यों की वर्तमान भौतिक स्थिति की जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) वर्ष 2015-16, 2016-17 व 2017-18 में उल्लेखित वर्षों में विधान सभा क्षेत्र परासिया अंतर्गत ऐसे कितने कार्य प्रस्तावित किये गये जिनकी स्वीकृति अपेक्षित है? ऐसे कार्यों के नाम, लागत कार्य से लाभान्वित ग्रामों के नाम की जानकारी सूची उपलब्ध करायें। वर्तमान में ऐसे प्रस्तावित कार्यों की स्वीकृति के प्रस्ताव किस अधिकारी के पास लंबित हैं? ऐसे प्रस्तावित कार्यों को अभी तक स्वीकृत नहीं किये जाने का क्या कारण है? (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित वर्षों में विधान सभा क्षेत्र परासिया अंतर्गत ऐसे कार्य जो प्रस्तावित किये गये हैं? जिनकी स्वीकृति अपेक्षित है, ऐसे कर्यों की स्वीकृति विभाग द्वारा कब तक प्रदान कर दी जायेगी?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांकित अवधि में प्रस्तावित कार्यों में से केवल ग्राम इटावा की मुख्यमंत्री ग्राम नल-जल योजना को छोड़कर सभी कार्य स्वीकृत हैं। ग्राम इटावा की नल-जल योजना अनुमानित लागत रूपये 91.33 लाख, प्रमुख अभियंता कार्यालय में परीक्षणाधीन है। (ग) उत्तरांश (ख) अनुसार। निश्चित समयावधि नहीं बताई जा सकती है।
औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थाओं की स्वीकृति
[तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोज़गार]
103. ( क्र. 1846 ) श्री सतीश मालवीय : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले में महानिदेशक (प्रशिक्षण) कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय भारत सरकार नई दिल्ली द्वारा मापदण्ड के अनुसार शासकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थाओं की स्वीकृति जारी करने के क्या नियम है? नियम की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या शासन तहसील स्तर तथा ग्रामीण क्षेत्रों में शासकीय आई.टी.आई. कॉलेज खोलने के लिए प्रतिबद्ध हैं? क्या घट्टिया विधान सभा क्षेत्र की घट्टिया तहसील में आई.टी.आई. कॉलेज प्रस्तावित है? यदि हाँ, तो कॉलेज खोलने की समय-सीमा बतावें। यदि नहीं, है तो घट्टिया तहसील में आई.टी.आई. कॉलेज खोलने की क्या योजना है? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में उज्जैन जिले में कहाँ-कहाँ पर शासकीय/अशासकीय आई.टी.आई. कॉलेज संचालित हो रहे हैं?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक कैलाश जोशी ) : (क) महानिदेशक (प्रशिक्षण) कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय, भारत सरकार नई दिल्ली द्वारा औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थाओं के एफिलियेशन के लिये जारी मापदंड 2017 की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ख) विभाग की नीति प्रत्येक विकासखण्ड में एक आई.टी.आई. खोलने की है। विकासखण्ड घटिया में वर्तमान में कोई भी शासकीय/प्राईवेट आई.टी.आई. संचालित नहीं है। प्रदेश में कुल 58 विकासखण्ड ऐसे हैं, जिसमें कोई भी शासकीय आई.टी.आई. नहीं है। वर्तमान में विकासखण्ड घटिया में नवीन आई.टी.आई. खोलने हेतु विभाग की कोई योजना नहीं है। (ग) उज्जैन जिले के अन्तर्गत संचालित शासकीय/प्राईवेट आई.टी.आई. की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है।
राजस्व विभाग की भूमि पर अवैध कब्जा
[राजस्व]
104. ( क्र. 1848 ) डॉ. मोहन यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन शहर में राजस्व विभाग, नजूल, सीलिंग की कितनी भूमि है? सर्वे क्रमांक एवं नक्शे सहित जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) में प्रदत्त जानकारी अनुसार उल्लेखित भूमि पर वर्तमान में किसका कब्जा है? (ग) प्रश्नांश (ख) की जानकारी अनुसार क्या राजस्व विभाग एवं शासकीय भूमि पर वैध एवं अवैध कॉलोनी काटने वाले लोगों एवं अन्य अनाधिकृत व्यक्तियों द्वारा अवैध कब्जा कर लिया गया है तथा नगर निगम द्वारा लापरवाहीपूर्वक उपरोक्त अवैधानिक कब्जों पर प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत ऋण भी प्रदत्त कर दिये गये हैं? यदि हाँ, तो उपरोक्तानुसार सूची प्रदान करें तथा उपरोक्त कृत के लिये कौन अधिकारी दोषी है? दोषी के विरूद्ध कब तक कार्यवाही की जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) उज्जैन शहर (कस्बा) में राजस्व विभाग की कुल भूमि रकबा 311.00 हे. भूमि है तथा इसमें से रकबा 1117.18 हे. गैर खाता एवं रकबा 1993.82 हे. खाते की भूमि है। रकबा 1117.18 हे. गैर खाते की भूमि में से रकबा 780.438 हे. नजूल भूमि एवं रकबा 86.678 हे. शहरी सीलिंग भूमि व रकबा 250.066 हे. शेष अन्य मदों की भूमि है। सर्वे क्रमांकवार सूची पुस्कालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है तथा नक्शा पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ख) वर्तमान में उल्लेखित भूमियों पर भू-अभिलेखों में दर्ज अनुसार कब्जा है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता।
बसाहटों में हैण्डपम्प खनन की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
105. ( क्र. 1900 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) बसाहटों में हैण्डपम्प खनन हेतु जिलो में प्रतिवर्ष जो लक्ष्य दिये जाते हैं उसके खनन जिले के विकासखण्डों अनुसार कैसे किया जाता है? इस संबंध में विभाग की कोई गाईड लाईन तय की गयी हो तो उसकी प्रति दें। (ख) क्या बालाघाट जिले की बसाहटों में हैण्डपम्प खनन हेतु २५० हैण्डपम्पों का लक्ष्य दिया गया था? इनमें से १५० हैण्डपम्प टेण्डर द्वारा प्राईवेट मशीनों से तथा १०० हैण्डपम्प विभागीय मेकेनिकल विभाग की मशीनों से खनन किये जाने थे? (ग) क्या बालाघाट जिले में २५० हैण्डपम्पों का लक्ष्य पूर्ण कर लिया गया है? यदि हाँ, तो विकासखण्ड तथा विधान सभा क्षेत्र सहित जानकारी देवें। (स्कीम बोर तथा प्राथमिक शाला एवं आंगनवाड़ी को छोड़कर) (घ) जिले के १० विकासखण्डों में प्रत्येक में १५ हैण्डपम्पों के खनन के टेण्डर निकालने के बावजूद किरनापुर तथा लांजी विकासखण्डों में हैण्डपम्प खनन किये बगैर लक्ष्य समाप्त करने के लिए दोषियों पर शासन क्या कार्यवाही करेगा?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जिले को प्रदायित लक्ष्य अंतर्गत राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम के मापदण्डानुसार विकासखण्डों की बसाहटों में नलकूप खनन कर हैण्डपम्प स्थापना के कार्य करवाये जाते हैं। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) बालाघाट जिले को कुल 250 बसाहटों में नलकूप खनन कर हैण्डपम्प स्थापना कार्य का लक्ष्य दिया गया था, जिसमें से 150 बसाहटों में सिविल एवं 100 बसाहटों में मेकेनिकल संकाय द्वारा कार्य किया जाना प्रस्तावित था। (ग) 250 बसाहटों में 262 नलकूपों का खनन किया गया तथा सभी 245 सफल नलकूपों पर हैण्डपम्प लगाये गए, शेष उत्तरांश-(ख) के परिप्रेक्ष्य में जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (घ) दिये गये लक्ष्यों के अंतर्गत विकासखण्ड किरनापुर एवं लांजी विकासखण्डों में विभागीय मशीनों द्वारा नलकूप खनन कर हैण्डपम्प स्थापना का कार्य किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नाबालिग बच्चियों के साथ बलात्कार की घटनाएं
[गृह]
106. ( क्र. 1901 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नवम्बर - दिसंबर 2017 सत्र में 14 वर्ष से कम उम्र की बच्चियों से बलात्कार अथवा सामूहिक बलात्कार के मामलों में फांसी की सजा दिये जाने संबंधी विधेयक को लाने से पूर्व प्रदेश में अब तक ऐसे कितने प्रकरण दर्ज हुए हैं तथा इनमें से कितने मामलों में सजा दिलाई गई की जानकारी क्या एकत्रित की गयी थी? यदि हाँ, तो जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) म.प्र. विधान सभा द्वारा उक्त विधेयक को पारित करने के बाद प्रश्न दिनांक तक 14 वर्ष से कम उम्र की बच्चियों के बलात्कार अथवा सामूहिक बलात्कार के कितने प्रकरण दर्ज हुए हैं तथा ऐसे कितने प्रकरण दर्ज हुए हैं जिनमें बलात्कार के पश्चात बच्चियों को मार दिया गया हैं? पूरे प्रदेश की जानकारी दें।
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
कृषकों को फसल बीमा राशि का वितरण
[राजस्व]
107. ( क्र. 1967 ) श्री रामपाल सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शहडोल जिले के जयसिंहनगर एवं ब्यौहारी तहसील को सूखाग्रस्त घोषित किया गया है? (ख) यदि प्रश्नांश (क) हाँ तो प्रश्नांकित तहसीलों में सूखा राहत से संबंधित कितनी राशि कितने कृषकों को उपलब्ध करायी गयी है? (ग) क्या प्रश्नांकित तहसीलों में फसल बीमा की राशि सूखाग्रस्त कृषकों को प्रदाय की जा चुकी है? यदि हाँ, तो कितने कृषकों की कितनी उपलब्ध करायी गई? यदि नहीं, तो क्यों और कब तक की जावेगा।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। सूखा मैन्युअल 2016 के वैज्ञानिक मापदण्डों के अनुसार शहडोल जिले के जयसिंहनगर एवं ब्यौहारी तहसील को सूखाग्रस्त घोषित किया गया है। (ख) प्रश्नांकित तहसीलों में सूखा राहत के अन्तर्गत कुल 28864 कृषकों को राशि रूपये 11,71,99,708/- (ग्यारह करोड़ इकहत्तर लाख निन्यानवे हजार सात सौ आठ रूपये मात्र) आर्थिक राहत राशि प्रदाय की गई है। (ग) कार्यवाही सतत् जारी है। निश्चित समयावधि बताया जाना संभव नहीं है।
निगरानी समितियों के कार्य
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
108. ( क्र. 1970 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खाद्य सुरक्षा अधिनियम एवं पी.डी.एस. एक्ट के तहत किन स्तरों पर निगरानी समितियों के गठन एवं कार्यों के क्या प्रावधान हैं और क्या कटनी जिले में विभिन्न स्तरों पर निगरानी समितियों का गठन किया गया है? यदि हाँ, तो इनका कब-कब गठन किया गया समितिवार बतायें। (ख) प्रश्नांश (क) के तहत निगरानी समितियों की बैठकों एवं निरीक्षण और सामग्री के सत्यापन के लिये कौन जिम्मेवार होता है? क्या कटनी जिले में समितियों के गठन उपरांत इनकी बैठकें आयोजित हुई? यदि हाँ, तो विगत एक वर्ष में किन समितियों की कब-कब बैठकें आयोजित हुई एवं इनमें कौन-कौन शामिल रहे और क्या निर्णय लिये गये? (ग) प्रश्नांश (ख) के तहत क्या राशन दुकान स्तरीय निगरानी समितियों द्वारा राशन दुकानों में आयी सामग्रियों एवं शेष रही सामग्रियों का सत्यापन किया गया? यदि नहीं, तो कारण बतायें। (घ) प्रश्नांश (ख) से (ग) के परिप्रेक्ष्य में निगरानी समितियों की बैठकें आयोजित न होने पर क्या कार्यवाही की जायेगी और क्या निगरानी समितियों से सामग्रियों का सत्यापन न होने के बाद भी नियम विपरीत तरीके से आगामी माह का आवंटन जारी करने पर संबंधित शासकीय सेवक पर कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो क्या और कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) से (घ) की जानकारी एकत्रित की जा रही है।
शासकीय पट्टों की भूमि का विक्रय
[राजस्व]
109. ( क्र. 1973 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दयाली तथा एक अन्य विरूद्ध महिला श्याम बाई तथा अन्य 2004 रा.नि. 183 (श्री एस.रावला, सदस्य मध्यप्रदेश राजस्व मंडल और कैलाश तथा अन्य विरूद्ध मध्यप्रदेश राज्य 2005 रा.नि. 66 (श्री एम.के. सिंह सदस्य मध्यप्रदेश राजस्व मंडल, प्रकरणों में आवंटन के दस वर्ष बाद आवंटित जमीन की ब्रिकी बिना कलेक्टर की अनुमति पर भूमि का विक्रय वैध माना गया था? यदि हाँ, तो प्रकरणों में इन आदेशों का पालन किया गया? (ख) क्या प्रश्नांश (क) अंतर्गत राजस्व मंडलों के निर्णयों के विरूद्ध शासन द्वारा कोई अपील/रिवीजन की गई है? यदि हाँ, तो अंतिम स्थिति एवं विवरण से अवगत करायें। यदि नहीं, तो क्यों राजस्व मंडल के निर्णयों के अनुसार जो कि अपील/रिवीजन न होने से शासन द्वारा स्वीकार्य होने के कारण, समस्त जिला कलेक्टरों को इसी प्रकृति के अन्य प्रकरणों में प्रश्नांश (क) आदेशों के पालनार्थ कार्यवाही करने के निर्देश दिये जायेंगे, (ग) प्रश्नांश (ख) यदि हाँ, तो क्या आदेश कब तक दिये जायेंगे? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। (ख) जी हाँ। जी नहीं। (ग) प्रकरण विशेष में पारित आदेश के आधार पर प्रकरण विशेष में पालन किया गया है।
भूमि बन्दोबस्त कार्य की जानकारी
[राजस्व]
110. ( क्र. 1978 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. में भूमि बन्दोबस्त कार्य में कितने प्रतिशत त्रुटि होने पर बन्दोबस्त कार्य को निरस्त करने का प्रावधान है? शाजापुर जिले की गुलाना तहसील की ग्राम पलसावद में सन् 1998-99 में क्या भूमि बन्दोबस्त कार्य किया गया था? क्या भूमि बन्दोबस्त से किसानों में असंतुष्टि है? क्या किसानों द्वारा बन्दोबस्त कार्य निरस्त करने की मांग की है? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित बन्दोबस्त कार्य में क्या जाँच दल गठित किये थे? यदि हाँ, तो जाँच दलों ने कितने-कितने प्रतिशत त्रुटियां निकाली गयी? क्या इन त्रुटियों को सुधारा जा सकता है? यदि नहीं, तो भूमि बन्दोबस्त को क्यों नहीं निरस्त किया गया? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित भूमि बन्दोबस्त में 50 प्रतिशत त्रुटि की गयी है, इसके लिए जवाबदारी किसकी है? क्या त्रुटि करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही की जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी नहीं। जी हाँ। जी हाँ। जी हाँ। (ख) जी हाँ। औसतन 50 % त्रुटियां पाई गयी थीं। जी हाँ। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) बंदोबस्त का कार्य तत्कालीन बंदोबस्त अधिकारियों/कर्मचारियों द्वारा किया गया है। त्रुटियों का पुनरीक्षण कर निराकरण किया जा रहा है। पुनरीक्षण उपरांत ही स्थिति स्पष्ट होगी। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
झूठी रिपोर्ट की जाँच
[गृह]
111. ( क्र. 1979 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शाजापुर जिले के थाना सलसलाई के अंर्तगत ग्राम पिपलौदा इस्माईल के धरमराज पिता बद्रीलाल द्वारा दिनांक 13.01.2018 को अपने साथ झगड़े की सूचना क्या डायल 100 पर की थी? क्या बाद में थाने पर आकर रिपोर्ट दर्ज करायी थी? क्या पुलिस ने धरमराज पिता बद्रीलाल का मेडिकल करवाया था? यदि हाँ, तो मेडिकल रिपोर्ट देवें। (ख) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित फरियादी के विरूद्ध भी दिनांक 13.01.2018 को प्रकरण पंजीबद्ध किया गया है? यदि हाँ, तो एफ.आई.आर. रिपोर्ट की प्रति एवं मेडिकल रिपोर्ट की प्रति उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित एफ.आई.आर. में क्या लीलाबाई पति बद्रीलाल निवासी पिपलौदा को मुल्जिम बनाया गया है? यदि हाँ तो लीलाबाई पति बद्रीलाल द्वारा दिनांक 15.01.2018 को झूठा नाम फंसाने की शिकायत पुलिस अधीक्षक शाजापुर को कराई गयी? यदि हाँ, तो जाँच प्रतिवेदन देवें।
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। जी हाँ, रिपोर्ट पर ''असंज्ञेय अपराध की सूचना'' की परिधि में पायी गई। जी हाँ। मेडिकल रिपोर्ट संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। प्रकरण विवेचनाधीन होने से एफ.आई.आर. एवं मेडिकल रिपोर्ट की प्रति प्रदाय करना न्यायसंगत नहीं है। (ग) प्रकरण विवेचनाधीन होने से जानकारी प्रदाय करना न्यायसंगत नहीं है। जी हाँ। जाँच जारी होने से प्रतिवेदन प्रदाय नहीं किया जा सकता।
सुवासरा नगर में घटित घटना की जानकारी
[गृह]
112. ( क्र. 1985 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सुवासरा नगर के बस स्टैण्ड पर दिनांक 31.01.2018 शाम को किन-किन व्यक्तियों के बीच क्या घटना घटित हुई थी? व्यक्तियों के नाम, व्यवसाय (नौकरी), निवास की जानकारी देवें। इस घटना में पुलिस की क्या भूमिका रही थी। (ख) सुवासरा नगर के बस स्टैण्ड पर घटना घटित होने के बाद थाने में जनता किसके पक्ष में आई थी और क्यों? जानकारी देवें। (ग) सुवासरा थाना पुलिस द्वारा 31.01.2018 एवं 01.02.2018 को कितने व्यक्तियों की पुलिस थाने पर घर से लाकर पिटाई कर गिरफ्तार किया गया? व्यक्तियों के नाम पते एवं धाराओं सहित जानकारी देवें। (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार पुलिस द्वारा जानबूझकर व्यक्तियों को चिन्हित कर पकड़ा गया और जिनको नहीं पकड़ा, उसका क्या आधार है? जिस आधार पर चिन्हित किया गया है, उसका साक्ष्य उपलब्ध करावें।
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) दिनांक 31.01.2018 को 1:30 बजे जुझार उर्फ जितेन्द्र मालवीय निवासी गुराडिया प्रताप (व्यवसाय-खेती) एवं सुल्तान सूर्यवंशी निवासी शिशु मंदिर रोड सुवासरा (व्यवसाय-बस एजेन्ट) के बीच बस स्टैण्ड सुवासरा पर सामान उठाने की बात को लेकर झगड़ा हो रहा था, जिसकी सूचना डायल 100 नोडल प्वाइंट रेलवे स्टेशन पर तैनात आरक्षक 596 नरेन्द्र सागोरे को मिलने पर उनके द्वारा मौके पर जाकर जुझार एवं सुल्तान को समझाया गया। सुल्तान शांत हो गया, किन्तु जुझार नहीं माना तथा उसने उत्तेजित होकर आरक्षक नरेन्द्र से झूमा झटकी कर उसकी वर्दी फाड़ दी तथा शासकीय कार्य में बाधा उत्पन्न की। घटना की सूचना थाना सुवासरा में प्राप्त होने पर मौके पर पुलिस बल ने पहुंच कर स्थिति को सामान्य किया तथा आरोपी जुझार मालवीय के विरूद्ध अप.क्र. 18/18 धारा 353, 332, 186 भा.द.वि. पंजीबद्ध किया गया। (ख) घटना घटित होने के बाद थाने में आरोपी जुझार उर्फ जितेन्द्र मालवीय तथा करीब 40-50 व्यक्तियों की भीड़ जुझार के पक्ष में थाने में आई थी। (ग) सुवासरा पुलिस द्वारा दिनांक 31.01.2018 एवं 01.02.2018 को किसी भी व्यक्ति को घर से लाकर पिटाई कर गिरफ्तार नहीं किया गया है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रकरण विवेचना में होने से जानकारी दी जाना न्यायसंगत नहीं है।
उद्योग क्षेत्र के कर्मचारियों/श्रमिकों के लिये चिकित्सा व्यवस्था
[श्रम]
113. ( क्र. 1989 ) श्रीमती नीना विक्रम वर्मा : क्या राज्यमंत्री, श्रम महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र में स्थापित विभिन्न उद्योगों में कार्यरत श्रमिकों व कर्मचारियों के वेतन से नियमानुसार/पात्रतानुसार ई.पी.एफ. (कर्मचारी भविष्य निधि संगठन) की राशि का कटौत्रा किया जाता है? (ख) यदि हाँ, तो पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र में श्रमिकों/कर्मचारियों के कल्याण हेतु कर्मचारी भविष्य निधि संगठन द्वारा क्या-क्या सुविधाएं विकसित की गई हैं? (ग) पीथमपुर प्रदेश का सबसे बड़ा औद्योगिक क्षेत्र है तथा यहां होने वाली औद्योगिक दुर्घटनाओं में घायल श्रमिकों/कर्मचारियों के ईलाज हेतु चिकित्सालय कर्मचारी भविष्य निधि संगठन द्वारा कहाँ पर स्थापित किया गया है तथा उस चिकित्सालय की इण्डारोमा क्षेत्र में स्थापित औद्योगिक इकाइयों से कितनी दूरी पर स्थापित है। (घ) क्या कर्मचारी भविष्य निधि संगठन पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र के मध्य चिकित्सालय स्थापित करने हेतु पहल करेगा? यदि हाँ, तो वर्तमान स्थिति से अवगत करावें। (ङ) यदि नहीं, तो क्या श्रमिकों/कर्मचारियों हेतु चिकित्सा व्यवस्था करना कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के द्वारा नहीं किया जाता है?
राज्यमंत्री, श्रम ( श्री बालकृष्ण पाटीदार ) : (क) प्रश्न कर्मचारी भविष्य निधि संगठन द्वारा की जाने वाले कटौत्रे एवं दी जाने वाली सुविधाओं से संबंधित है, जो भारत सरकार के अधीन है। अत: इस संबंध में चाही जा रही जानकारी राज्य शासन के स्तर से दिया जाना संभव नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) से (ड.) प्रश्नांश (क) के उत्तर के आलोक में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
क्रेशर उद्योग के प्रदूषण की जाँच
[पर्यावरण]
114. ( क्र. 2027 ) श्री मानवेन्द्र सिंह : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला छतरपुर में किन-किन क्रेशर उद्योगों से निकलने वाली धूल (Dust) के कण पर्यावरण मापदण्ड के अनुरूप नहीं हैं, इसकी जाँच, 1 जनवरी 2015 से प्रश्न दिनांक तक, कब-कब, किस-किस सक्षम अधिकारी ने की? (ख) छतरपुर जिले में क्रेशर उद्योग कॉलोनाईजर को लेकर कब-कब, किस-किस व्यक्ति संस्था द्वारा शिकायत दर्ज कराई गई? उस पर विभाग के किस-किस अधिकारी द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई? शिकायतकर्ता के नाम सहित जानकारी देवें। (ग) उक्त जिले के समस्त तहसीलों अंतर्गत कितने क्रेशर उद्योग हैं? नाम व रकबा सहित जानकारी देवें। जिनके समीप विद्यालय, बटालियन (पुलिस कैम्प) या अन्य रिहाइशी इलाके 1 किलोमीटर के अंतर्गत हैं? (घ) उक्त जिलों के ऐसे कितने उद्योग हैं जिनके द्वारा प्रदूषित पानी जमीन में उतारने के कारण आस-पास के पेयजल स्त्रोतों का पानी दूषित हो गया है? इसकी जाँच पर्यावरण विभाग द्वारा कब-कब की गई और उद्योगों पर क्या कार्यवाही की गई?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जानकारी निरंक है। जनवरी 2015 से प्रश्न दिनांक तक की गई जाँच की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) जिले के अंतर्गत समस्त तहसीलों में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड में पंजीकृत व वर्तमान में संचालित स्टोन क्रेशरों की संख्या-62 है। ऐसे स्टोन क्रेशर जिनके 1 किलोमीटर के अन्तर्गत विद्यालय, बटालियन (पुलिस कैम्प) या अन्य रिहाइशी इलाके हैं, उनके नाम व रकबा सहित सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (घ) जिले में किसी भी उद्योग को दूषित जल जमीन में उतारने की अनुमति नहीं है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मजरे-टोलों को राजस्व ग्राम बनाने की स्वीकृति
[राजस्व]
115. ( क्र. 2052 ) श्री राजकुमार मेव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग द्वारा ग्रामीण मजरे-टोलों को राजस्व ग्राम बनाने के लिए कोई मापदण्ड निर्धारित कर जिला कलेक्टरों को सर्वे किये जाने हेतु निर्देश किया गया है? यदि हाँ, तो वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक खरगोन जिले में क्या कार्यवाही हुई? तहसीलवार बताया जावे। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में खरगोन जिले की तहसील महेश्वर एवं बड़वाह की किन ग्राम पंचायतों के किन ग्राम के मजरों-टोलों को चिन्हित किया गया है, उसकी जनसंख्या, परिवार संख्या, कृषक इकाई संख्या, ग्राम से दूरी और रकबा कितना पाया गया? (ग) तहसील महेश्वर की ग्राम पंचायत आशापुर के मजरा-टोलों आवल्या, गोठानिया, होलीमाल, जिरात छोटी, जिरात बड़ी, काडीकुआ, करोंदिया आवार, धावडि़या बैडी, नादिया बैडी एवं तहसील बड़वाह की ग्राम पंचायत बडकी चौकी के मजरा-टोला आशाखों की जनसंख्या, अ.जा., अ.ज.जा. संख्या, परिवार संख्या, मतदाता संख्या, कृषक इकाई संख्या, रकबा और ग्राम से दूरी कितनी है? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के संदर्भ में उक्त मजरों-टोलों को स्वतंत्र ग्राम इकाई बनाये जाने की क्या कार्यवाही की गई है? यह प्रक्रिया किस स्तर पर लंबित है? कब तक मजरों-टोलों को ग्राम इकाई में परिवर्तित कर दिया जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। खरगोन जिले में तहसीलवार कार्यवाही की जाकर 47 राजस्व ग्राम बनाये गए हैं। (ख) तहसील महेश्वर में कोई मजरा टोला को चिन्हित नहीं किया गया है। तहसील बड़वाह में ग्राम पंचायत बडकी चौकी के मजरा आशाखों को चिन्हित किया गया है, जिसकी जनसंख्या 729 परिवार संख्या 145, कृषक इकाई संख्या 105, ग्राम से दूरी 2 कि.मी. तथा रकबा 1063.212 हे. है। (ग) तहसील महेश्वर का ग्राम काडीकुआ पूर्व से ही राजस्व ग्राम हैं। शेष मजरों टोलों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। शेष उत्तरांश (ख) अनुसार। (घ) उत्तरांश (ख) अनुसार एवं ग्राम पंचायत बडकी चौकी के मजरे आशाखों को राजस्व ग्राम घोषित किया गया है।
श्रमिकों को योजनाओं का लाभ
[श्रम]
116. ( क्र. 2059 ) श्री संजय शर्मा : क्या राज्यमंत्री, श्रम महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) फरवरी 2018 की स्थिति में रायसेन एवं नरसिंहपुर जिले में कर्मकार मण्डल में कितने श्रमिक पंजीकृत हैं? विकासखण्डवार नगरीय निकायवार संख्या बतायें। पंजीकृत श्रमिक को क्या-क्या सुविधायें मिलती हैं? (ख) 1 जनवरी 2017 से फरवरी 2018 की अवधि में उक्त जिलों में कितने श्रमिकों को किस-किस योजना में क्या-क्या लाभ मिला तथा किन-किन के आवेदन पत्र किस स्तर पर क्यों लंबित हैं? कब तक निराकरण होगा? (ग) श्रमिकों को उक्त योजनाओं का लाभ प्राप्त करने हेतु क्या-क्या कार्यवाही करना पड़ती है तथा इस संबंध में किस-किस अधिकारी की क्या-क्या भूमिका है? (घ) श्रमिकों के पंजीयन के कितने आवेदन पत्र किस स्तर पर कब से क्यों लंबित हैं? पंजीयन हेतु श्रमिक को क्या-क्या करना पड़ता है? इस हेतु किस-किस अधिकारी की क्या-क्या भूमिका है।
राज्यमंत्री, श्रम ( श्री बालकृष्ण पाटीदार ) : (क) मध्य प्रदेश भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल के अंतर्गत फरवरी 2018 की स्थिति में रायसेन जिले में कुल 20,187 एवं नरसिंहपुर जिले में कुल 29,774 निर्माण श्रमिक पंजीकृत हैं। विकासखण्डवार/नगरीय निकायवार संख्यात्मक जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '1' एवं '2' अनुसार है। पंजीकृत निर्माण श्रमिकों को मण्डल द्वारा वर्तमान में संचालित 21 योजनाओं के माध्यम से लाभान्वित किया जाता है। योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '3' अनुसार है। (ख) 1 जनवरी़, 2017 से फरवरी, 2018 की अवधि में रायसेन जिले एवं नरसिंहपुर जिले में पंजीकृत निर्माण श्रमिकों को योजनावार वितरित हितलाभ की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '4' एवं '5' अनुसार है। रायसेन एवं नरसिंहपुर जिले में कोई प्रकरण लंबित नहीं है। (ग) पंजीकृत निर्माण श्रमिकों को योजनाओं का लाभ प्राप्त करने हेतु संबंधित पदाभिहित अधिकारी के समक्ष आवेदन करने पर पात्रता जाँच उपरांत योजनाओं में हितलाभ वितरित किये जाने का प्रावधान है। योजनावार पदाभिहित अधिकारी की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '6' अनुसार है। (घ) रायसेन जिले में पंजीयन हेतु प्राप्त कोई भी आवेदन लंबित नहीं है। जिला नरसिंहपुर में नगर परिषद् तेंदूखेडा में 05 आवेदन निराकरण हेतु लंबित हैं। मण्डल के अंतर्गत पंजीयन लोक सेवा प्रदाय की गारंटी अधिनियम के अंतर्गत अधिसूचित सेवा है, जिसमें उक्त सेवा प्रदाय करने हेतु 30 दिन की समय-सीमा निर्धारित है। उक्त लंबित पांचों प्रकरण निर्धारित समय-सीमा बाह्य नहीं हैं। पंजीयन के लिये शहरी क्षेत्र हेतु आयुक्त, नगर पालिक निगम/मुख्य नगर पालिका अधिकारी, नगरीय निकाय एवं ग्रामीण क्षेत्र हेतु मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत, पदाभिहित अधिकारी हैं। पंजीयन हेतु संबंधित पदाभिहित अधिकारी के समक्ष निर्धारित प्रारूप में आवेदन मय आवश्यक दस्तावेजों यथा (आवेदक का फोटोग्राफ, आयु संबंधी प्रमाण-पत्र, 90 दिन कार्य करने बाबत् सादे कागज पर स्व-घोषित स्व-प्रमाणित शपथ-पत्र, बैंक पास-बुक की प्रति एवं समग्र आई.डी. की जानकारी) सहित रूपये 05 पंजीयन शुल्क एवं रूपये 10 पाँच वर्ष हेतु अभिदाय के रूप में प्रदाय कर आवेदन प्रस्तुत करने पर जाँच उपरांत पात्र पाये जाने की स्थिति में पंजीयन की कार्यवाही की जाती है।
प्रधान मंत्री उज्जवला योजनांतर्गत गैस कनेक्शन की जानकारी
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
117. ( क्र. 2060 ) श्री संजय शर्मा : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न दिनांक तक रायसेन जिले में प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के अंर्तगत कितने परिवारों को गैस कनेक्शन दिये गये? कितने आवेदन पत्र स्वीकृति हेतु कब से एवं क्यों लंबित हैं? उनका कब तक निराकरण होगा? (ख) पात्रता उपरांत भी हितग्राहियों को गैस कनेक्शन मिलने में विलंब क्यों हो रहा है? हितग्राहियों को जागरूक करने तथा प्रेरित करने हेतु विभाग के अधिकारियों ने क्या-क्या कार्यवाही की? (ग) जिला रायसेन में कितने हितग्राहियों के आवेदन पत्र निरस्त किये गये तथा क्यों? संबंधित हितग्राही को सूचना किसने कब दी? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) जिला खाद्य अधिकारी द्वारा हितग्राही को प्रेरित करने तथा शीघ्र कनेक्शन वितरित हो, इस हेतु क्या-क्या कार्यवाही की?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) रायसेन जिले में प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के अंतर्गत गैस कनेक्शन हेतु कुल 81,816 परिवारों के आवेदन जमा, 70,206 आवेदन क्लियर पाये गये जिसके विरूद्ध 67,899 गैस कनेक्शन जारी किये जा चुके हैं। 2,204 परिवारों के स्वीकृत आवेदन पर गैस कनेक्शन जारी करने की कार्यवाही प्रचलित है। शेष आवेदन में से 7,295 हितग्राहियों के आवेदन उनके पास पूर्व से गैस कनेक्शन होने के कारण निरस्त किये गये तथा 4,418 आवेदन डी-डुप्लीकेशन एवं हितग्राहियों की ओर से पूर्ण दस्तावेज प्रस्तुत न करने के कारण लंबित है। हितग्राहियों द्वारा आवश्यक जानकारी की पूर्ति करने पर गैस कनेक्शन जारी किए जा सकेंगे। (ख) सभी ऑयल कंपनियों के पास पर्याप्त मात्रा में एल.पी.जी. उपकरण उपलब्ध है। इसलिए कनेक्शन प्रदान करने में किसी प्रकार का विलंब नहीं हो रहा है। उज्जवला योजना के अंतर्गत कनेक्शन प्राप्त करने हेतु हितग्राहियों को के.वाय.सी. क्लीयर होने के पश्चात हितग्राही को संबंधित वितरक के पास जाकर अपने हस्ताक्षर कर एस.वी. प्राप्त करना होता है। जिसके पश्चात उसे कनेक्शन प्रदान किया जाता है। (ग) उज्जवला योजनांतर्गत रायसेन जिले में 7,295 हितग्राहियों के आवेदन, आवेदकों के पास पूर्व से कनेक्शन होने के कारण निरस्त किये गये। इस संबंध में वितरकों द्वारा हितग्राहियों को जानकारी दी जाती है। (घ) जिला आपूर्ति अधिकारी द्वारा हितग्राहियों को प्रेरित करने हेतु पर्याप्त प्रचार-प्रसार किया गया है। एजेन्सियों के माध्यम से हितग्राहियों के के.वाय.सी. फार्म भरवाए गये हैं। गैस एजेंसी वितरक/नगर पालिका के वार्ड प्रभारी/ग्राम पंचायत सचिव/उचित मूल्य दुकानों के विक्रेताओं के माध्यम से वार्ड/ग्राम पंचायत में जाकर हितग्राहियों से संपर्क कर शेष हितग्राहियों के के.वाय.सी. फार्म भरवाए जा रहे हैं। स्थानीय दैनिक समाचार पत्रों के माध्यम से भी हितग्राहियों को स्थानीय गैस एजेंसी में संपर्क कर कनेक्शन लेने के लिए फार्म भरने हेतु प्रेरित किया जा रहा है। ऑयल कंपनी के स्थानीय अधिकारियों से समन्वय कर/बैठक कर शीघ्र कनेक्शन जारी करने की कार्यवाही सतत् प्रक्रिया है।
ग्रामों में चकबन्दी की जानकारी
[राजस्व]
118. ( क्र. 2072 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मुरैना जिले की जौरा तहसील को पंचायत बुरावली मजरा रूध के पुरा में शासन की योजना के अंतर्गत वर्ष 1980 से 85 तक चकबन्दी योजना के तहत प्लाट बनाये गये थे? यह योजना तहसील की किन-किन पंचायतों में उक्त समय में लागू की गई थी? गाँव के नाम, रकबा सहित पूर्ण जानकारी दी जावे। (ख) क्या मजरा रूध के पुरा में जिन किसानों की स्वामित्व भूमि की अदला-बदली हुई है, उन्हें उनका रिकार्ड फरवरी 2018 तक नहीं दिया गया है, यदि हाँ, तो क्यों? किसानों के नाम अदला-बदली के सर्वे नम्बर, रकबा तथा किन किसानों को किन किसानों के भूमि सर्वे नम्बर आवंटित किये हैं? किसानों के नाम सहित पूर्ण जानकारी दी जावे। (ग) क्या उक्त अधूरी चकबन्दी के कारण किसानों को जिस जमीन पर आधिपत्य मिला है, उनका स्वामित्व अंकित नहीं होने के कारण, किसान क्रेडिट कार्ड, ऋण, खाद राजस्व मुआवजा नहीं मिल पा रहा है? यदि हाँ, तो शासन इसकी क्या व्यवस्था कर रहा है? (घ) क्या उक्त योजना हेतु किसानों ने आवेदन देकर चकबन्दी की मांग की गई थी? आवेदक किसानों के नाम, सन् सहित पूर्ण जानकारी दी जावे।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। तत्समय तहसील जौरा की अन्य पंचायतों में लागू की गई चकबन्दी योजना संबंधी विवरण निम्नानुसार है:- 1. सिंगरौली रकबा 1204 हेक्टेयर, 2. मंदीपुरा रकबा 193 हेक्टेयर, 3. सांटा रकबा 243 हेक्टेयर, 4. चेना रकबा 814 हेक्टेयर, 5. बरोली रकबा 166 हेक्टेयर, 6. चिन्नोनी चम्बल रकबा 1400 हेक्टेयर, 7. खेरली रकबा 524 हेक्टेयर, 8. बुढेरा, रकबा 410 हेक्टेयर, 9. टुडीला रकबा 619 हेक्टेयर, 10. उरहेडी रकबा 318 हेक्टेयर, 11. खनेता रकबा 788 हेक्टेयर, 12. जेतपुर रकबा 301 हेक्टेयर, 13. मई रकबा 339 हेक्टेयर, 14. जलालपुरा रकबा 332 हेक्टेयर, 15. सुजानगढी रकबा 808 हेक्टेयर, 16. सेंथरी रकबा 902 हेक्टेयर, 17. रूनीपुरा रकबा 410 हेक्टेयर, 18. इमलिया रकबा 449 हेक्टेयर, 19. जापथाप रकबा 348 हेक्टेयर, 20. जरैना रकबा 264 हेक्टेयर (ख) जानकारी वृहद स्वरुप की है, शोध कराया जा रहा है। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार प्राप्त निष्कर्ष अनुसार विधि मान्य कार्यवाही की जायेगी। (घ) प्रकरण पुराना होने से शोध कराया जा रहा है।
डी.एन.ए. टेस्टिंग लैब के निर्माण में विलंब
[गृह]
119. ( क्र. 2073 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्वालियर, इंदौर एवं भोपाल में डी.एन.ए. टेस्टिंग लैब फरवरी 2018 तक निर्मित नहीं हुई है? यदि हाँ, तो क्यों वर्तमान में लैब निर्माण कहाँ-कहाँ प्रस्तावित है? (ख) जिस ठेकेदार को लैब बनाने का ठेका दिया गया था, क्या वह ब्लैक लिस्टेड हो चुका है? अब कब तक पुन: टेण्डर निकाले जावेंगे? (ग) क्या लैब निर्माण नहीं होने से बावजूद विभाग द्वारा अनेक उपकरण खरीद लिये हैं जो काफी समय से बंद हैं? अभी तक कितने उपकरणों की किस-किस लैब के लिये खरीदी की गई है? स्थान का नाम, उपकरणों की संख्या, किस्म राशि सहित पूर्ण जानकारी दी जावें। (घ) क्या प्रदेश में डी.एन.ए. लैब नहीं होने के कारण बड़ी संख्या में आपराधिक प्रकरण लंबित हैं, जिनका निराकरण होने में काफी समय लगता है? अभी तक टेस्ट के अभाव में कितने लंबित है? संख्या सहित पूर्ण जानकारी दी जावे।
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। मध्यप्रदेश शासन द्वारा दिनांक 12.11.2014 को 1150 लाख की ही प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई थी जिसके अंतर्गत सिर्फ क्षेत्रीय न्यायालयिक विज्ञान प्रयोगशाला, भोपाल में उच्च क्षमता डी.एन.ए. लैब का निर्माण शामिल है। भोपाल में रीजनल फोरेंसिक साईंस लेबोरेट्री के निर्माण का ठेका कार्यादेश दिनांक 15.09.2016 अन्तर्गत मेसर्स अश्वा रियल इन्फ्रा प्रा.लि.मि. भोपाल को दिया गया था लेकिन ठेकेदार द्वारा कार्य पूर्णतः बंद कर दिए जाने के कारण अनुबंध की धारा 3 (सी) के अन्तर्गत दिनांक 01.12.17 को कार्य का अनुबंध निरस्त कर दिया गया। शेष कार्य की निविदा दिनांक 15.02.2018 को आमंत्रित की गई है, जिसका वित्तीय ऑफर दिनांक 05.03.2018 को खोला जाना प्रस्तावित है। (ख) जी हाँ। शेष कार्य को पूर्ण करने के लिए निविदा दिनांक 15.02.18 को आमंत्रित की गई है। जिसका वित्तीय ऑफर दिनांक 05.03.2018 को खोला जाना प्रस्तावित है। (ग) क्षेत्रीय न्यायालयिक विज्ञान प्रयोगशाला भोपाल के अंतर्गत निर्मित हो रही डी.एन.ए. टेस्टिंग लैब हेतु निम्न उपकरणों का क्रय कर लिया गया है, जिन्हें वर्तमान में राज्य न्यायालयिक विज्ञान प्रयोगशाला सागर की डी.एन.ए. प्रयोगशाला सागर में संस्थापित कर क्रय किये गए उपकरणों की सहायता से अपराधिक प्रकरणों का परीक्षण कार्य किया जा रहा है। क्षेत्रीय न्यायालयिक विज्ञान प्रयोगशाला भोपाल हेतु निम्नलिखित उपकरण क्रय किये गये है।
क्र |
स्थान का नाम |
उपकरण का किस्म |
संख्या |
राशि |
1 |
क्षेत्रीय न्यायालयिक विज्ञान प्रयोगशाला भोपाल |
जेनेटिक एनालाइजर |
1 |
131.12 लाख |
2 |
रियल टाइम पी.सी.आर. |
1 |
35.28 लाख |
|
3 |
ऑटोमेटेड डी.एन.ए. एक्सट्रैक्शन सिस्टम |
1 |
6.60 लाख |
(घ) प्रदेश में राज्य न्यायालयिक विज्ञान प्रयोगशाला, सागर के अंतर्गत डी.एन.ए. टेस्टिंग लैब कार्यशील है, जिसके द्वारा प्रारंभ दिनांक 16.02.2007 से लेकर आज दिनांक तक 5200 से अधिक अपराधिक प्रकरणों का निराकरण किया जा चुका है। प्रक्रियात्मक कार्यवाही हेतु लंबित प्रकरणों की जानकारी निम्न तालिकानुसार है :-
क्र. |
कुल लंबित प्रकरण |
दो माह के अंदर लंबित प्रकरण |
दो माह से अधिक के लंबित प्रकरण |
तीन माह से अधिक के लंबित प्रकरण |
सबसे पुरान लंबित प्ररकण दिनांक |
1 |
414 |
266 |
82 |
66 |
दिनांक 10.08.17 |
असत्य
चरित्र सत्यापन
प्रतिवेदन
[गृह]
120. ( क्र. 2090 ) श्री नरेन्द्र सिंह कुशवाह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दिनांक 26/07/17 में तारांकित प्रश्न क्र. 3162 के उत्तर में जानकारी दी गई है कि आरक्षक 318 भारत सिंह दिनांक 12.11.2012 को पहरा ड्यूटी के दौरान आरोपी अमरीश कसाना उम्र 30 साल जे.ए.एच. चिकित्सालय ग्वालियर में पुलिस अभिरक्षा से फरार हो गया? यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही हुई? (ख) थाना कम्पू जिला ग्वालियर में अपराध क्र. 533/12 धारा 224, 225 भा.द.वि. पंजीबद्ध में आरक्षक 318 भारत सिंह 20.5.2013 को गिरफ्तार किया गया। चालान क्र. 177/13 दि. 30.6.2013 प्रकरण क्र. 8220/13 दिनांक 4.9.2013 में क्या कार्यवाही हुई? (ग) क्या आरक्षक 318 भारत सिह के विरूद्ध विभागीय जाँच में दोषी पाया गया, थाना कम्पू जिला ग्वालियर में अपराध क्र. 533/12 धारा 224, 225 भा.द.वि. पंजीबद्ध था तथा दिनांक 12.11.12 से दिनांक 20.5.2013 तक प्रकरण में फरार रहा? यदि हाँ, तो कार्यवाही क्यों नहीं हो रही है? (घ) क्या भारत सिंह द्वारा दिनांक 1.6.2013 को उप निरीक्षक के पद पर नियुक्ति के समय प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) की जानकारी छिपाई गई तथा दिनांक 8.2.2013 को चरित्र सत्यापन प्रतिवेदन में जानकारी नहीं दर्शायी? अभी तक क्या कार्यवाही की गई? विवरण देवें।
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। विवेचना पूर्ण होने के उपरांत प्रकरण माननीय न्यायालय में विचाराधीन है। (ख) प्रकरण न्यायालय में विचाराधीन है। (ग) आरक्षक क्रमांक 318 भारत सिंह के विरूद्ध आरोपी अमरीश कंसाना को अस्पताल से भागने का अवसर प्रदान कर कर्तव्य के प्रति घोर लापरवाही एवं अनुशासनहींनता प्रदर्शित करने के आरोप में विभागीय जाँच की जाकर दण्डित किया गया है। फरारी/गैरहाजिरी अवधि का निराकरण किया जा चुका है। (घ) जी हाँ। प्राथमिक जाँच कराई जा चुकी है। जाँच प्रतिवेदन के आधार पर विभागीय अनुशासनात्मक कार्यवाही की जा रही है।
उप निरीक्षक के पद पर नियुक्ति के समय जानकारी छिपाना
[गृह]
121. ( क्र. 2091 ) श्री नरेन्द्र सिंह कुशवाह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आरक्षक क्र. 318 भारत सिंह थाना कम्पू जिला ग्वालियर में प्रकरण क्र. 533/12 भारतीय दण्ड विधान की धारा 224 व 225 में दोषी पाया गया? यदि हाँ, तो अभी तक क्या कार्यवाही हुई? (ख) प्रश्नांश (क) में प्रश्न दिनांक तक कोई कार्यवाही न करने के क्या कारण हैं? इसके लिए कौन दोषी है? (ग) दिनांक 1.6.2013 को भारत सिंह को उप निरीक्षक के पद पर नियुक्ति के लिए चरित्र सत्यापन प्रतिवेदन में प्रश्नांश (क) में वर्णित प्रकरण छिपाया गया है? यदि हाँ, तो क्यों? इसके लिए अभी तक क्या कार्यवाही की गई? (घ) क्या उप निरीक्षक भारत सिंह पर ग्वालियर में अपराध प्रकरण पंजीबद्ध है? क्या नियुक्ति के समय अधिकारियों को अवगत कराया गया?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। आरक्षक 318 भारत सिंह की दिनांक 12.11.2012 को पहरा ड्यूटी के दौरान अमरीश कंसाना उम्र 30 साल निवासी सीपी कॉलोनी मुरार जे.ए.एच. चिकित्सालय ग्वालियर में भर्ती था, जो पुलिस अभिरक्षा से फरार हो गया था। उस पर जिला ग्वालियर के थाना कम्पू में अपराध क्रमांक-533/12 धरा 224, 225 भा.द.वि. पंजीबद्ध कर विवेचना के दौरान आरोपी आरक्षक 318 भारत सिंह जिला भिण्ड का नाम बढ़ाया गया। दिनांक 20.5.2013 को आरक्षक भारत सिंह को गिरफ्तार किया जाकर प्रकरण में चालान क्रमांक-177/13 दिनांक 30.06.2013 को कता कर सक्षम न्यायालय ग्वालियर में प्रकरण क्रमांक 8220/13 पर दिनांक 04.09.2013 को पेश किया गया, जो न्यायालय में लंबित है। (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित घटना के संबंध में माननीय न्यायालय में प्रकरण लंबित है। विधिवत् कार्यवाही की गई है। (ग) जी हाँ। प्राथमिक जाँच कराई जा चुकी है, जाँच प्रतिवेदन के आधार पर विभागीय अनुशासनात्मक कार्यवाही की जा रही है। (घ) जी हाँ। जी नहीं।
दृष्टिबाधित दिव्यांगों के साथ अभद्र व्यवहार
[गृह]
122. ( क्र. 2095 ) श्री आरिफ अकील : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दृष्टिबाधित दिव्यांगों द्वारा अपनी मांगों को लेकर विगत लगभग डेढ़ माह से ज्यादा समय से नीलम पार्क में प्रदर्शन किया जा रहा है? यदि हाँ, तो दिव्यांगों की कौन-कौन सी मांगे हैं जो सरकार द्वारा पूर्ति नहीं की जा रही है? (ख) क्या दिनांक 30 जनवरी 2018 को प्रदर्शन कर रहे दिव्यांगों के साथ पुलिस द्वारा पुलिस प्रशासन एवं जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में लाठियों से बेरहमी से मारा-पीटा गया और उनके विरूद्ध ही प्रकरण पंजीबद्ध कर जेल भेज दिया गया? (घ) यदि हाँ, तो इन दिव्यांगों के साथ पुलिस कर्मियों द्वारा क्रूरतापूर्वक व्यवहार करने वालों सहित मौजूद जिला प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन के अधिकारियों के विरूद्ध शासन कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो क्या तथा कब तक और यदि नहीं, तो क्यों?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ख) दिनांक 30 जनवरी, 2018 को प्रदर्शन कर रहे दिव्यांगों को पुलिस द्वारा नहीं मारा पीटा गया। दिव्यांगों द्वारा प्रदर्शन के दौरान मार्ग अवरुद्ध किया गया एवं शासकीय वाहनों में तोड़-फोड़ की गई, इस पर थाना जहाँगीराबाद में प्रकरण पंजीबद्ध किया गया एवं प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार कर जमानत मुचलके पर छोड़ा गया। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
राजस्व के लंबित प्रकरणों का निराकरण
[राजस्व]
123. ( क्र. 2132 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पाटन विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत कहाँ-कहाँ पर पटवारियों के कितने पद स्वीकृत हैं तथा इन स्वीकृत पद अनुरूप कहाँ-कहाँ, कौन-कौन कब से पदस्थ हैं? सूची देवें तथा रिक्त पदों की पूर्ति किस प्रकार से कब तक कर दी जावेगी? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित पाटन विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत वित्त वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक कितने कृषकों ने नामांतरण, आपसी बंटवारा, फौती उठाने बटांक काटने एवं बैक बंधक समाप्त करने के आवेदन किये तथा इन प्राप्त आवेदनों में से कितनों का निराकरण किया गया एवं कितने आवेदन प्रश्न दिनांक तक लंबित है? राजस्व निरीक्षक मण्डलवार, ग्रामवार, हितग्राही की संख्या सहित सूची देवें? (ग) पाटन विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत कहाँ-कहाँ पर लोक सेवा केन्द्र संचालित हैं तथा इन संचालित लोक सेवा केन्द्रों में राजस्व विभाग से संबंधित किन-किन आवेदनों का निराकरण किया जाता है? वित्त वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक इन केन्द्रों में कितने आवेदन प्राप्त हुये? इन प्राप्त आवेदनों पर क्या कार्यवाही की गई? कितने आवेदन निरस्त किये गये? वर्षवार संख्यात्मक सूची देवें। (घ) प्रश्नांश (ख) एवं (ग) में लंबित प्रकरणों में विलंब का क्या कारण है? क्या शासन इन उल्लेखित लंबित प्रकरणों की जाँच कराकर विलंब के दोषियों पर कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो किस प्रकार से कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जिले की पाटन विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत तहसील पाटन के लिये 50 पद तथा तहसील मझौली के लिये 49 पद स्वीकृत हैं। इन स्वीकृत पदों के अनुरूप पदस्थी की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित पाटन विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक कृषकों से प्राप्त नामांतरण/फौती आपसी बंटवारा, बटांक काटने एवं बैंक बंधक न समाप्त करने के प्राप्त आवेदन एवं उनके निराकरण एवं प्रश्न दिनांक तक लंबित आवेदनों का न्यायालय संख्यात्मक जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार। (ग) जिले की पाटन विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत तहसील पाटन/मझौली में 1-1 लोक सेवा केन्द्र संचालित हैं। इन संचालित लोक सेवा केन्द्र में राजस्व विभाग से संबंधित निराकरण किये जाने वाले सेवाओं की सूची प्रारूप ''स' पृष्ठ-1 तथा वित्त वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक इन केन्द्रों में प्राप्त एवं निराकृत आवेदनों की संख्यात्मक जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार। (घ) प्रश्नांश (ख) में लंबित प्रकरणों का मुख्य कारण विवादित होने से साक्ष्य एकत्रीकरण में समय लगना साथ ही स्टॉफ की कमी है। प्राय: प्रकरण समय-सीमा में निराकृत किये जा रहे है, ऐसी दशा में विलंब के लिये कोई दोषी नहीं है।
पेयजल आपूर्ति हेतु हैण्डपम्प खनन एवं नवीन नल-जल योजनाओं की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
124. ( क्र. 2133 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) वित्त वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक पाटन विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत पेयजल आपूर्ति हेतु कहाँ-कहाँ पर हैण्डपम्प खनन एवं नवीन नल-जल योजना प्रारंभ करने के कितने प्रस्ताव प्रश्नकर्ता द्वारा शासन को प्रेषित किये गये एवं जिला योजना मण्डल जबलपुर द्वारा कितने-कितने हैण्डपम्प खनन एवं नवीन नल-जल योजना प्रारंभ करने के प्रस्ताव पास किये गये? वर्षवार संख्या देवें। (ख) वित्त वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक पेयजल आपूर्ति हेतु कितने नवीन हैण्डपम्प स्थापित किये गये तथा कितनी लागत से नवीन नल-जल योजनाएं प्रारंभ की गई? (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित हैण्डपम्पों एवं नल-जल योजनाओं में से कितनी प्रश्न दिनांक तक प्रारंभ हैं तथा कितने हैण्डपम्प एवं नल-जल योजनाएं किन कारणों से बंद हैं? इन बंद योजनाओं को किस प्रकार से कब तक प्रारंभ कर दिया जावेगा? (घ) वर्तमान वित्त वर्ष में जल स्त्रोत तेजी से गिर रहा है, ऐसी स्थिति में ग्रीष्म काल में पेयजल आपूर्ति हेतु विभाग की क्या कार्ययोजना है? वर्तमान समय में पेयजल आपूर्ति हेतु कितनी नवीन नल-जल योजनाएं प्रारंभ करने एवं हैण्डपम्प स्थापित करने के प्रस्ताव शासन स्तर पर लंबित हैं तथा उन्हें किस प्रकार से कब तक प्रारंभ किया जावेगा? (ड.) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित हैण्डपम्पों एवं नवीन नल-जल योजनाएं प्रारंभ करने की शासन की क्या कार्य योजना है? इन्हें अभी तक प्रारंभ न करने के क्या कारण हैं? शासन द्वारा इन्हें किस प्रकार से कब तक प्रारंभ किया जावेगा?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं 2 अनुसार है। (ख) 140 हैण्डपम्प स्थापित किए गए एवं लागत रूपये 27.53 लाख की खलरी नल-जल योजना प्रारंभ की गई। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 एवं 4 अनुसार है। नल-जल योजना चालू है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी हाँ। अल्पवर्षा के कारण ग्रीष्म ऋतु में संभावित पेयजल संकट निवारण हेतु जबलपुर जिले के लिये आकस्मिक कार्य योजना रूपये 1688.75 लाख की तैयार की गई है। कोई भी नहीं, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ड.) निर्धारित मापदण्डानुसार पात्र एवं उपयुक्त पाये जाने पर कार्य पूर्ण करने की कार्य योजना है। निश्चित समयावधि नहीं बताई जा सकती है।
जिले में पुलिस का अपहरण
[गृह]
125. ( क्र. 2157 ) श्री मुकेश नायक : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पन्ना जिले में श्री देवराज सिंह निवासी ग्राम हिनौता तहसील पवई द्वारा पुलिस का अपहरण कर उन्हें बंधक बना लिया गया था? यदि हाँ, तो उसके पश्चात पुलिस ने क्या-क्या कार्यवाही किस-किस तिथि को की थी? (ख) क्या उक्त व्यक्ति जिला बदर है और पहले भी उसके ऊपर हत्या का मुकदमा चल चुका है, तो वह व्यक्ति जिले में कब दाखिल हुआ और इसके लिये कौन दोषी है? (ग) क्या पुलिस द्वारा अपराधियों से मुठभेड़ होने की घटना को प्रचारित करवाया गया था? यदि हाँ, तो वह मुठभेड़ की घटना फर्जी है अथवा सही है? यदि सही है तो प्रमाण क्या है? (घ) क्या यह सही है कि उक्त व्यक्ति को राजनीतिक संरक्षण प्राप्त हैं? यदि नहीं, तो फिर वह व्यक्ति पन्ना जिले से टीकमगढ़ और टीकमगढ़ से पन्ना सुरक्षित रूप से बिना गिरफ्तार हुये कैसे पहुंचा? (ड.) क्या देवराज सिंह तथा युक्ति के मोबाईल न. से जो भी बातचीत घटनाक्रम से हुई है, उनकी छानबीन कर उसके संपर्कों और संरक्षण देने वालों की पहचान की जायेगी? यदि नहीं, तो क्यों? (च) क्या घटना के संबंध में अनेक अधिकारियों ने जिले के दौरे किये हैं? यदि हाँ, तो किस-किस ने किस-किस तिथि को? नाम, पद, तिथि बतायें और यदि उन्होंने जाँच प्रति दी हो, तो जाँच प्रति बतायें।
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। प्रकरण विवेचनाधीन होने से जानकारी प्रदाय करना न्यायसंगत नहीं। (ख) जी हाँ। जी हाँ। आरोपी देवराज सिंह दिनांक 28.01.18 को जिले में दाखिल होना ज्ञात हुआ है। दोषियों के संबंध में अनुविभागीय अधिकारी पुलिस गुनौर द्वारा जाँच की जा रही है। (ग) जी नहीं। मुठभेड़ की घटना सही है। मुठभेड़ की घटना के संबध में थाना देवेन्द्र नगर में अपराध क्रमांक 41/18 धारा 307,353,332,186 भारतीय दण्ड विधान सहपठित 25,27 आर्म्स एक्ट पंजीबद्ध होकर विवेचनाधीन है। (घ) जी नहीं। जिला बदर उल्लंघन करने पर अपराध क्रमांक- 86/18 धारा 188 भारतीय दण्ड विधान 14,15 मध्यप्रदेश राज्य सुरक्षा अधिनियम नियम 1980 पंजीबद्ध किया गया है। शेष के संबंध में प्रकरण विवेचनाधीन होने से जानकारी देना न्यायसंगत नहीं होगा। (ड.) विवेचना से संबंधित होने से जानकारी देना न्यायसंगत नहीं होगा। (च) जी हाँ। दिनांक 28.01.2018 को उप पुलिस महानिरीक्षक छतरपुर रेंज एवं दिनांक 30.01.2018 को पुलिस महानिरीक्षक, सागर जोन द्वारा भ्रमण किया गया है। भ्रमण प्रशासनिक दृष्टि से किये गये थे। जाँच के लिये नहीं थे।
शासकीय आई.टी.आई. संचालन की जानकारी
[तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोज़गार]
126. ( क्र. 2202 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में तकनीकी शिक्षा हेतु शासन द्वारा आई.टी.आई. महाविद्यालय संचालित हैं? यदि हाँ, तो क्या आई.टी.आई महाविद्यालय केवल जिला स्तर पर खोलने का प्रावधान है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या आई.टी.आई. महाविद्यालय तहसील स्तर पर खोलने की योजना नहीं है? ग्रामीण अंचल में तकनीकी शिक्षा हेतु महाविद्यालय खोलने के क्या मापदण्ड हैं? नियम निर्देशों की प्रतियां सहित विवरण दें। (ग) प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा प्रेषित पत्र के अनुक्रम में अवर सचिव, मध्यप्रदेश शासन तकनीकी शिक्षा के पत्र क्रमांक 1371/1009/42-2 दिनांक 28 जुलाई 2016 अनुसार विकासखण्ड रीठी में आई.टी.आई. खोलने की योजना कब तक लागू होगी? (घ) रीठी क्षेत्र के युवाओं से आई.टी.आई. शिक्षा के संबंध में भेदभाव किये जाने तकनीकी शिक्षा से वंचित रखे जाने का क्या औचित्य है? कारण बतावें।
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक कैलाश जोशी ) : (क) जी हाँ। जी नहीं। (ख) विभाग की नीति प्रत्येक विकासखण्ड में एक आई.टी.आई. खोलने की है। कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा आई.टी.आई. के एफिलियेशन के निर्धारित मापदंड 2017 की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) समय अवधि बताया जाना संभव नहीं है। (घ) कटनी जिले में 06 विकासखण्डों में से 04 विकासखण्डों क्रमश: कटनी, बहोरीबंद, बड़वारा एवं विजयराघवगढ़ में शासकीय आई.टी.आई. संचालित है। विकासखण्ड रीठी एवं ढीमरखेड़ा में शासकीय आई.टी.आई. संचालित नहीं है। वर्तमान में 119 विकासखण्ड ऐसे हैं, जिसमें कोई भी शासकीय आई.टी.आई. संचालित नहीं है। वर्तमान में विकासखण्ड रीठी में नवीन आई.टी.आई. खोलने हेतु विभाग की कोई योजना नहीं है।
अभियुक्तों के शस्त्र लायसेंस निरस्त किया जाना
[गृह]
127. ( क्र. 2203 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत 5 वर्षों में क्या कटनी जिले में आपराधिक प्रकरणों में लिप्त व्यक्तियों के शस्त्र के नवीन लायसेंस जारी किये? (ख) प्रश्नांश (क) का उत्तर हाँ है, तो जिले के किन-किन व्यक्तियों के किस-किस नवीन शस्त्र का अनुमोदन जिले द्वारा कब-कब किया गया है एवं ऐसे किन-किन व्यक्तियों के किस-किस नवीन शस्त्र का लायसेंस जारी किया जाना प्रक्रिया में है? वर्षवार पृथक-पृथक विवरण दें। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार आपराधिक प्रकरणों में लिप्त व्यक्तियों के नवीन शस्त्र का लायसेंस दिये जाने के लिये कौन दोषी हैं? दोषियों के विरूद्ध विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जावेगी? (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार अपराधिक मामलों में अभियुक्तों के स्वीकृत शस्त्र लायसेंस कितने दिनों में निरस्त किये जावेगें और अपने ऊपर आरोपित धाराओं के तथ्यों को छुपाकर लायसेंस पाने वाले व्यक्तियों/अभियुक्तों पर सरकार क्या दंडात्मक कार्यवाही करेगी? अगर हाँ तो कब तक?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
स्थायी नजूल पट्टों का नवीनीकरण
[राजस्व]
128. ( क्र. 2210 ) श्री बाला बच्चन : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या स्थायी पट्टों के नवीनीकरण के संबंध में राजस्व विभाग के परिपत्र दि. 11-07-2014 के बारे में आयुक्त, भोपाल संभाग, भोपाल द्वारा शासान से मार्गदर्शन मांगा गया है? यदि हाँ, तो मांगे गये मार्गदर्शन संबंधी पत्र की प्रति उपलब्ध करावें तथा शासन द्वारा दिये गये मार्गदर्शन की जानकारी देवें। (ख) स्थायी नजूल पट्टों के नवीनीकरण के लिए समय पर प्रस्तुत आवेदन पत्रों के निराकरण न होने से विलंब का दायित्व किस पर है? स्पष्ट किया जाए। (ग) राजस्व विभाग के परिपत्र दि. 11-07-2014 की कंडिका-4 के अनुसार प्राधिकृत अधिकारी द्वारा जिला भोपाल में स्वप्रेरणा से कितने एवं कौन से प्रकरणों पर संज्ञान लेकर कार्यवाही की गई है? (घ) यदि स्वप्रेरणा से प्रकरण नहीं लिये गये हैं, तो क्या इस संबंध में उत्तरदायित्व निर्धारित कर कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) स्थायी नजूल पट्टों के नवीनीकरण के लिये समय पर प्रस्तुत आवेदन पत्रों का निराकरण मध्यप्रदेश शासन राजस्व विभाग के परिपत्र दिनांक 11/07/2014 अनुसार किया जाता है। उक्त परिपत्र की कंडिका 6 अनुसार पट्टे की शर्त का कोई उल्लंघन/अपालन नहीं होने या शमन स्वीकृत हो जाने और पट्टेदार पर कोई बकाया शेष नहीं होने की स्थिति में ही पट्टे के नवीनीकरण किये जाने का प्रावधान है। वांछित दस्तावेजों के अभाव में भी प्रकरणों के निराकरण में विलंब होता है। अंत: प्रकरणों के निराकरण में लगने वाला समय प्रक्रियागत होने से विलंब का दायित्व निर्धारित नहीं किया जा सकता है। (ग) राजस्व विभाग के परिपत्र दिनांक 11/07/2014 की कंडिका 4 के अनुसार प्राधिकृत अधिकारी द्वारा जिला भोपाल में स्वप्रेरणा से 112 प्रकरणों का निराकरण किया जा चुका है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (घ) प्रश्नांश (ग) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
भूमि पट्टे के नवीनीकरण में अनियमितता
[राजस्व]
129. ( क्र. 2211 ) श्री बाला बच्चन : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा मध्यप्रदेश हाउसिंग बोर्ड को शाहपुरा, भोपाल में आवासीय परियोजना के लिए भूमि आवंटित की गई थी? यदि हाँ, तो आवंटन की तिथि, कुल रकबा तथा लीज की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) आवंटन तिथि से 30 वर्ष की अवधि समाप्त होने के उपरांत क्या स्थायी पट्टे को नवीनीकृत किया गया है? यदि हाँ, तो इस संबंध में जारी आदेश की प्रति उपलब्ध करावें। (ग) शाहपुरा, भोपाल स्थिति हाउसिंग बोर्ड की कॉलोनी में बहुत से मकान गैर-आवासीय उपयोग में होने के बावजूद क्या रिहायशी दरों पर पट्टा नवीनीकृत किए जाने की कार्यवाही की गई है? क्या इस अनियमितता की जाँच कराई जाएगी? (घ) यदि हाँ, तो कब तक?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। शासन द्वारा म.प्र. हाउसिंग बोर्ड को शाहपुरा भोपाल में आवासीय परियोजना के लिए भूमि आवंटित की गई है। विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। साथ ही लीज की प्रति भी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। नजूल पट्टों के नवीनीकरण एवं अग्रिम आधिपत्य में प्रदाय की गई भूमि में के संबंध में शासन के निर्देशों के अनुसार पट्टों के नवीनीकरण की कार्यवाही की गई है। शासन द्वारा इस संबंध में जारी आदेशों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) नजूल वृत्त टी.टी. नगर द्वारा हाउसिंग बोर्ड को पट्टा प्रदाय किया गया है। तथा हाउसिंग बोर्ड की कालोनी में पट्टा नवीनीकरण की कार्यवाही हाउसिंग बोर्ड द्वारा उनके नियमों/परिपत्रों अनुसार की जाती है। (घ) गैर आवासीय उपयोग के मकानों के नवीनीकरण की जाँच कराई जावेगी। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं।
रेत का अवैध उत्खनन
[राजस्व]
130. ( क्र. 2214 ) पं. रमेश दुबे : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माह जून-जुलाई 2017 में ग्राम पंचगाँव, विकासखण्ड चौरई जिला छिन्दवाड़ा में कुछ ग्रामीणों पर रेत का अवैध उत्खनन व भण्डारण का दोषी मानकर उनके विरूद्ध तात्कालीन एस.डी.एम. श्री आर.के. बोहत द्वारा अर्थदण्ड अधिरोपित किये गये हैं? यदि हाँ, तो इन सभी प्रकरणों के आदेश पत्र, जाँच प्रतिवेदन, गवाहों के परीक्षण, प्रतिपरीक्षण, अवैध उत्खनन स्थल का सीमांकन प्रतिवेदन, नक्शा, फील्ड-बुक संलग्न करें। इनमें से कोई अभिलेख प्रकरण में मौजूद नहीं, तो इसका स्पष्ट उल्लेख करें। (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में क्या आरोपियों को रेत का अवैध उत्खनन करते हुए शासन पक्ष के किसी गवाह ने देखा, उन्हें मौके पर पकड़ा? यदि हाँ, तो इन आरोपियों के द्वारा कितनी लंबाई, गहराई व चौड़ाई में कितनी मात्रा में रेत का उत्खनन किया और क्या इसके साक्ष्य प्रकरणों में मौजूद है? यदि हाँ, तो संलग्न करें। नहीं तो फिर अवैध उत्खनन का किस आधार पर उन्हें दोषी मानकर अर्थदण्ड अधिरोपित किया गया? (ग) क्या दोषियों के समक्ष शासन पक्ष के गवाहों का परीक्षण कराया गया है? क्या दोषी ठहराये गये व्यक्तियों को शासन पक्ष के गवाहों का प्रतिपरीक्षण करने का अवसर दिया गया है? यदि नहीं, तो रेत भण्डारण को अवैध रेत उत्खनन मानकर सुनवाई का अवसर दिये बिना उन पर अर्थदण्ड अधिरोपित करना क्या शासन न्यायोचित मानता है? (घ) प्रश्नांश (ख) और (ग) का उत्तर यदि नहीं है, तो क्या शासन इन प्रकरणों को स्वप्रेरणा से निगरानी में लेकर अथवा इन प्रकरणों का सक्षम अधिकारियों से परीक्षण कराकर तात्कालीन एस.डी.एम. श्री आर.के. बोहत द्वारा सेवानिवृत्ति पूर्व विधि विरूद्ध दुर्भावनापूर्ण पारित किये गये आदेश को निरस्त करने का आदेश देगा? नहीं तो कारण स्पष्ट करें।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। माह जून-जुलाई 2017 में ग्राम पचगाँव विकासखण्ड चौरई जिला छिंदवाड़ा में कुछ ग्रामीणों पर रेत के अवैध भण्डारण का दोषी मानकर इनके विरुद्ध तत्कालीन एस.डी.एम. श्री आर.के. बोहत द्वारा अर्थ-दण्ड अधिरोपित किये गये हैं। प्रकरणों के आदेश पत्र, जाँच प्रतिवेदन, अवैध भण्डारण स्थल का प्रतिवेदन, पंचनामा, जप्तीनामा, नजरी नक्शा पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। गवाहों का परीक्षण प्रतिपरीक्षण, फील्ड-बुक संलग्न नहीं है। (ख) जी नहीं। प्रश्नांश (क) के प्रकाश में आरोपियों को रेत का अवैध उत्खनन करते हुए शासन पक्ष के किसी गवाह ने नहीं देखा और न ही मौके पर पकड़ा, अपितु हल्का पटवारी एवं तहसीलदार के द्वारा प्रस्तुत जाँच प्रतिवेदन, पंचनामा, जप्तीनामा के आधार पर प्रकरणों में अनावेदकों के विरूद्ध अवैध रेत भण्डारण का प्रकरण कायम किया गया है, जिसमें अनावेदकों को सुनवाई का अवसर दिये जाने के पश्चात दोषी पाये जाने पर नियमानुसार अनुविभागीय अधिकारी राजस्व चौरई द्वारा रेत भण्डारण का प्रकरण हल्का पटवारी के प्रतिवेदन एवं तहसीलदार चौरई की अनुशंसा के आधार पर प्रकरण दर्ज किया जाकर अर्थदण्ड अधिरोपित किया गया है। (ग) जी नहीं। प्रश्नाधीन प्रकरण न्यायालयीन प्रकरण है। अत: संबंधित न्यायालय द्वारा प्रदत्त अधिकारों के अधीन न्यायालयीन आदेश पारित किया गया है। न्यायलयीन आदेश के संबंध में टिप्पणी नहीं की जा सकती। अत: प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं। न्यायालयीन प्रकरण में अंतिम आदेश से परिवेदित पक्ष सक्षम न्यायालय में अपील कर सकता है
प्रकरण में विलंब कर आरोपियों को संरक्षण
[गृह]
131. ( क्र. 2219 ) श्री कमलेश शाह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कार्यालय उप पंजीयक इंदौर द्वारा थाना प्रभारी केन्द्र रावजी बाजार इंदौर को प्रेषित पत्र क्रमांक 127/उ.पं-2 2015 दिनांक 24/07/2017 पर प्रश्न दिनांक तक की गई कार्यवाही की जानकारी देवें। इससे संबंधित समस्त पत्राचार की प्रमाणित प्रति देवें। (ख) इसी विषयक श्री किशोर मोदी निवासी, इंदौर द्वारा थाना प्रभारी द्वारकापुरी, इंदौर को दिनांक 22/07/2017 को दिए पत्र पर की गई, कार्यवाही की जानकारी भी देवें। (ग) क्या कारण है कि प्रश्नांश (क) व (ख) अनुसार उचित कार्यवाही कर प्रकरण में विलंब करके आरोपियों को संरक्षण दिया जा रहा हैं? इसके जिम्मेदार अधिकारियों के नाम, पदनाम सहित देवें। (घ) इस प्रकरण में कब तक कार्यवाही कर आरोपियों की गिरफ्तारी की जाएगी?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) प्रश्नांकित पत्र थाना रावजी बाजार में प्राप्त नहीं हुआ है। (ख) प्रश्नांकित शिकायत के संबंध में थाना द्वारकापुरी में अपराध क्रमांक 345/17 धारा 420 भारतीय दण्ड विधान का पंजीबद्ध किया गया है। (ग) अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना की जा रही है। आरोपी को विलंब कर संरक्षण नहीं दिया जा रहा है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रकरण की विवेचना की जा रही है। आरोपियों के विरुद्ध साक्ष्य प्राप्त होने पर विधि अनुरुप गिरफ्तारी संबंधी कार्यवाही की जायेगी, समय-सीमा बताना संभव नहीं।
समूह जल प्रदाय योजना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
132. ( क्र. 2220 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नागदा विकासखंड के 22 ग्रामों की चंबल नदी पर आधारित समूह जल प्रदाय योजना की लागत कितनी है? जल निगम द्वारा क्रियान्वयन की जा रही इस योजना में कितने वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट लगाए गए हैं? (ख) इन 22 ग्रामों को कब तक इस योजना में वॉटर सप्लाई प्रारंभ होगी? (ग) नागदा जं. नगर पालिका के कितने वार्ड इससे लाभान्वित होंगे? (घ) इसके संधारण व देख-रेख की जिम्मेदारी किसकी रहेगी? इसकी लागत किसके द्वारा वहन की जा रही है?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) रूपये 29.29 करोड़। कोई नहीं। (ख) निश्चित समयावधि बताई जाना संभव नहीं है। (ग) कोई भी नहीं। (घ) आगामी 10 वर्षों तक क्रियान्वयन एजेन्सी की रहेगी। योजना की लागत शासन द्वारा वहन की जा रही हैं।
स्वीकृत कार्यों की अद्यतन स्थिति
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
133. ( क्र. 2221 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि प्र.क्र. 2980 दि. 26.07.17 में स्वीकृत कार्यों की अद्यतन स्थिति बतावें?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
कार्डधारियों को खाद्यान्न पर्ची का वितरण
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
134. ( क्र. 2227 ) श्रीमती शकुन्तला खटीक : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधान सभा क्षेत्र 23 करैरा में एक लम्बे समय से बी.पी.एल. (एस.सी./एस.टी. व अन्य) कार्डधारियों को खाद्यान्न पर्ची नहीं दी जा रही है, जिससे कार्डधारी खाद्य सामग्री नहीं ले पा रहे हैं जो कि उनके अधिकारों का हनन है? (ख) क्या उपरोक्त कार्डधारियों को पर्ची उपलब्ध कराने हेतु शासन संबंधित अधिकारी/कर्मचारियों को निर्देश जारी करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? (ग) उपरोक्त बी.पी.एल. (एस.सी./एस.टी. व अन्य) कार्डधारियों को खाद्यान्न पर्ची न देने हेतु कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी दोषी हैं व उनके खिलाफ कार्यवाही की जावेगी?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) विधान सभा क्षेत्र 23 करैरा में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत सम्मिलित पात्र परिवारों में से स्थानीय निकाय द्वारा नवीन सत्यापित बी.पी.एल., एस.सी./एस.टी. श्रेणी के सभी 1869 परिवारों की पात्रता पर्ची जारी की जा चुकी है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नल-जल योजनाओं की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
135. ( क्र. 2237 ) सुश्री मीना सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक उमरिया जिला अंतर्गत विधान सभा क्षेत्र मानपुर में कितनी नल-जल योजनायें राज्य शासन एवं केन्द्र शासन द्वारा संचालित हैं? योजनावार, ग्रामवार जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में कितनी नल-जल योजनायें बंद, कितनी पूर्ण एवं कितनी अपूर्ण हैं? इन बंद एवं अपूर्ण योजनाओं के संधारण एवं संचालन के लिये योजनावार कितनी राशि स्वीकृति की गई थी तथा स्वीकृति पश्चात भी योजना के अपूर्ण रहने के क्या कारण हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में बंद एवं अपूर्ण नल-जल योजनाओं के संचालन हेतु विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई एवं कब तक इन नल-जल योजनाओं को प्रारंभ कर दिया जायेगा? (घ) विधान सभा क्षेत्र मानुपर के अंतर्गत ग्राम पंचायत इंदवार पेज-जल योजना हेतु कब तक निविदायें आमंत्रित कर कार्य प्रारंभ करा दिया जायेगा? समय-सीमा के साथ ही योजना की अद्यतन स्थिति से भी अवगत करायें।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) 140 योजनायें। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) सभी योजनाएं पूर्ण। 38 योजनाएं बंद हैं। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) विभाग द्वारा संबंधित ग्राम पंचायतों को तकनीकी सहयोग दिया जाकर चालू करवाने का प्रयास किया जा रहा है। निश्चित समयावधि नहीं बताई जा सकती है। (घ) ग्राम पंचायत इंदवार पेयजल योजना की डी.पी.आर. तैयार की गई है। वित्तीय संयोजन की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। निश्चित समयावधि बताई जाना संभव नहीं है।
बुन्देलखण्ड पैकेज की राशि से कराये गये कार्यों में अनियमितता
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
136. ( क्र. 2268 ) श्री हर्ष यादव : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सागर जिले में बुन्देलखण्ड पैकेज की राशि से लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग में कुल कितने कार्य कितनी राशि के कराये गये हैं? (ख) क्या सागर जिले में बुन्देलखण्ड पैकेज की राशि से किये गये/कराये गये कार्यों में भारी गड़बड़ी होने की जाँच मुख्य तकनीकी परीक्षक ने की है? यदि नहीं, तो किस एजेंसी द्वारा जाँच कराई गई? कौन-कौन से कार्यों में गड़बड़ी और अनियमितता होने की बात सामने आई है? (ग) कौन-कौन अधिकारी दोषी पाये गये? उन पर क्या कार्यवाही की गई है? अब तक एफ.आई.आर. दर्ज क्यों नहीं कराई गई? क्या मामला ई.ओ.डब्लू् को सौंपा जायेगा? (घ) बुन्देलखण्ड पैकेज राशि के दुरूपयोग की गयी राशि क्या दोषी अधिकारियों से वसूली जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों? शासन को हुई आर्थिक हानि की भरपाई किससे कराई जावेगी?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) सागर जिले में बुन्देलखण्ड पैकेज की राशि से लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के अंतर्गत 350 कार्य राशि रूपये 30.48 करोड़ के कराये गये हैं। (ख) जी नहीं। विभाग द्वारा जाँच कर जाँच निष्कर्षों पर मुख्य तकनीकी परीक्षक सतर्कता द्वारा गठित समिति ने परीक्षण किया है। प्रथम दृष्ट्या पेयजल योजनाओं के अंतर्गत स्त्रोत निर्माण, कम आवक क्षमता, कूप निर्माण में स्टेनिंग कार्य की गुणवत्ता, स्त्रोत निर्माण हेतु गलत स्थल चयन, निम्न गुणवत्ता की सामग्री आदि कार्यों में गड़बड़ी एवं अनियमिततायें होने की बात सामने आई है। (ग) प्रथम दृष्ट्या अनियमितता पाए जाने पर 13 अधिकारियों के विरूद्ध आरोप पत्र जारी किये गये हैं। विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार। एफ.आई.आर. दर्ज करने अथवा प्रकरण ई.ओ.डब्ल्यू. को सौंपे जाने की आवश्यकता प्रतीत नहीं होती है। (घ) जाँच विचाराधीन है, जाँच निष्कर्ष परीक्षणोपरान्त गुण-दोष के आधार पर कार्यवाही की जाएगी।
नवीन पुलिस चौकियों की स्थापना
[गृह]
137. ( क्र. 2269 ) श्री हर्ष यादव : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर संभाग के अंतर्गत वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक कितनी पुलिस चौकी की स्थापना की गई है? जिला एवं विधान सभा क्षेत्रवार नवीन पुलिस चौकी स्थापना की जानकारी स्थान के नाम सहित देवें। (ख) क्या देवरी विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत ग्राम सहजपुर एवं देवरीनाहरमऊ (नन्हीदेवरी) में नवीन पुलिस चौकी स्थापना हेतु प्रश्नकर्ता द्वारा पत्र/ज्ञापन के माध्यम से विभाग को कब-कब मांग कर अवगत कराया गया है? (ग) क्या उक्त ग्रामों में नवीन पुलिस चौकी स्थापना की स्वीकृति विभाग द्वारा दे दी गई है? यदि हाँ, तो उक्त स्थान में पुलिस चौकी कब से प्रारंभ हो जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) सागर संभाग के अंतर्गत वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक कुल 04 पुलिस चौकियां स्थापित की गयी है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) प्रश्नकर्ता द्वारा पत्र दिनांक 13.06.2014, माह दिसम्बर 2015, 11.03.2016, 18.07.2016, 06.03.2017 एवं 23.07.2017 के माध्यम से विभाग को अवगत कराया गया है। (ग) जी नहीं।
साफ-सफाई एवं सिक्युरिटी टेंडर की जानकारी
[तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोज़गार]
138. ( क्र. 2273 ) श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मेसर्स कामथीन सिक्युरिटी सर्विसेस इन्दौर को राजीव गांधी विश्वविद्यालय द्वारा साफ-सफाई एवं सिक्युरिटी का टेण्डर विगत दो वर्ष पूर्व जारी किया गया था। (ख) क्या मेसर्स कामथीन सिक्युरिटी सर्विसेस द्वारा टेण्डर की शर्तों क्रमांक 4,13,20 एवं 26 का उल्लंघन किया गया है? यदि हाँ, तो क्या इनसे धरोहर की राशि राजसात करने की कार्यवाही की गई? यदि हाँ, तो कुल कितनी राशि राजसात की गई? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या मेसर्स कामथीन सिक्युरिटी सर्विसेस को निविदा अवधि में चेतावनी पत्र भी जारी किये गये हैं? यदि हाँ, तो कब-कब एवं कितने? (घ) क्या मेसर्स कामथीन सिक्युरिटी सर्विसेस द्वारा निविदा की शर्तों का उल्लंघन करने के उपरांत भी राशि का भुगतान किया गया है? यदि हाँ, तो कुल कितनी राशि का और भुगतान के लिए कौन-कौन अधिकारी दोषी है? क्या प्रकरण की जाँच कर दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही करते हुए अनियमितता की राशि की वसूली संबंधितों से की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक, नहीं तो क्यों? (ड.) क्या कुलपति द्वारा निविदा निरस्तीकरण के अनुमोदन के उपरांत भी कुल सचिव द्वारा निविदा निरस्तीकरण आदेश पर हस्ताक्षर नहीं किये गये?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक कैलाश जोशी ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। धरोहर राशि राजसात करने हेतु नोटिस जारी किये गये थे। धरोहर की राशि रूपये 1,50,000/- वापिस नहीं की गई है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ। विश्वविद्यालय के पत्र दिनांक 09.09.2016, 17.08.2016 तथा 15.07.2017 द्वारा कुल तीन चेतावनी पत्र जारी किये गये। (घ) जी नहीं, माह मार्च से 25 जुलाई, 2017 तक का भुगतान विश्वविद्यालय द्वारा नहीं किया गया है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ड.) साफ-सफाई कार्य की निरन्तरता की नितान्त आवश्यकता के कारण निरस्तीकरण आदेश जारी नहीं हो सका।
जाँच समिति का गठन
[तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोज़गार]
139. ( क्र. 2274 ) श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग के पत्र क्रमांक 662/2017/42-1 दिनांक 05.05.2017 के द्वारा कुल सचिव राजीव गांधी प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय के विरूद्ध ई.ओ.डब्ल्यू. एवं लोकायुक्त कार्यालय तथा अन्य शिकायतों की जाँच करने हेतु कोई जाँच समिति का गठन किया गया है? यदि हाँ, तो कब? (ख) गठन के पश्चात् प्रश्न दिनांक तक समिति की कब-कब बैठक हुई? यदि बैठक नहीं हुई है, तो उसके क्या कारण हैं? (ग) क्या तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग के आदेश क्रमांक 1794 एवं पृष्ठांकन 1795/2098/2016/बयालीस (एक) दिनांक 05.12.2017 एवं विभाग के पत्र क्रमांक एफ-1/16/2017/बयालीस, दिनांक 23.12.2017 के द्वारा कुल सचिव के विरूद्ध कदाचरण के लिए विभागीय जाँच संस्थित की गई हैं? यदि हाँ, तो कब एवं वर्तमान में उक्त जाँचें किस स्तर पर किन कारणों से लंबित है? (घ) क्या वर्तमान कुल सचिव के पद पर बने रहते उक्त जाँचें पारदर्शी तरीके से हो सकेगी? इस हेतु कुल सचिव को हटाकर या अवकाश पर भेजकर उक्त जाँच पारदर्शी एवं शीघ्र कराने के निर्देश जारी करेंगे? यदि नहीं, तो कब तक एवं क्यों?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक कैलाश जोशी ) : (क) जी हाँ। विभागीय आदेश दिनांक ०५.०५.२०१७ द्वारा तीन सदस्यीय समिति का गठन किया गया। (ख) समिति की बैठक दिनांक १०.०७.२०१७ को की गई। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ। तथा विभागीय पत्र दिनांक 24.02.2017 द्वारा विभागीय जाँच का निर्णय लेते हुये जाँचकर्ता अधिकारी एवं प्रस्तुतकर्ता अधिकारी नियुक्त किये गये है। जाँच की कार्यवाही प्रचलित है। (घ) जाँच उपरांत गुण-दोष के आधार पर कार्यवाही की जावेगी।
रिक्त पदों की पूर्ति की जानकारी
[पशुपालन]
140. ( क्र. 2288 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले में पशु पालन विभाग के कौन-कौन से कार्यालय किस-किस स्थान पर कब से संचालित है? विधान सभा क्षेत्रवार बतावें। (ख) विभाग के उक्त कार्यालयों में किस-किस श्रेणी के कौन-कौन से कितने-कितने पद स्वीकृत हैं? श्रेणीवार बतावें। (ग) उक्त कार्यालयों में स्वीकृत पदों में से कितने पदों पर कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी कब से कार्यरत हैं? विधान सभावार बतावें। (घ) उक्त कार्यालयों में रिक्त पदों की पूर्ति कब तक की जावेगी?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार। (घ) रिक्त पदों की पूर्ति की जाना नियमित प्रक्रिया है, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
नवीन हैण्डपम्प एवं ट्यूबवेलों की स्थिति
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
141. ( क्र. 2289 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विभाग द्वारा राजगढ़ जिले की विधान सभा क्षेत्र राजगढ़ में दिनांक 1.1.2014 से प्रश्न दिनांक तक विभाग द्वारा कितने नवीन हैण्डपम्प एवं ट्यूबवेल लगवाये गये हैं? उनमें से वर्तमान में कितने चालू हैं तथा कितने बंद हैं? पंचायतवार बतावें। (ख) उक्त हैण्डपम्प एवं टयूबवैल बंद होने का क्या कारण है? (ग) उक्त ग्रामों में हैण्डपम्प नहीं होने से वर्तमान में पीने के पानी की क्या व्यवस्था है? (घ) क्या इस वर्ष राजगढ़ विधान सभा क्षेत्र में अल्प वर्षा होने से शासन ग्रामवासियों को पीने का पानी उपलब्ध कराये जाने हेतु राजगढ़ विधान सभा क्षेत्र हेतु 200 नवीन हैण्डपम्प एवं उनके लिये 100 पानी की मोटर उपलब्ध करायेगा? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) 339 सफल ट्यूबवेल खनित किये गये, जिसमें 293 हैण्डपम्प एवं 46 मोटर पम्प लगाये गये। इनमें से 266 हैण्डपम्प एवं 25 मोटरपम्प चालू हैं तथा 27 हैण्डपम्प एवं 21 मोटर पम्प बंद हैं, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) ग्रामों में विद्यमान चालू हैण्डपम्पों से पेयजल की आपूर्ति की जा रही है। (घ) जी नहीं। आवश्यकतानुसार उपलब्ध कराया जाता है।
शाला निर्माण हेतु दान की गई भूमि को सामुदायिक भवन के नाम दर्ज होना
[राजस्व]
142. ( क्र. 2312 ) श्रीमती ममता मीना : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या श्री पुरूषोत्तम बढ़ाई, निवासी ग्राम केदारपुरा द्वारा शाला भवन निर्माण हेतु दान-पत्र का रजिस्टर्ड संपादन कराया गया था? शाला भवन हेतु दान की गई उक्त भूमि को राजस्व अभिलेखों में सामुदायिक भवन के नाम से क्यों दर्ज किया गया है? (ख) क्या संबंधित व्यक्ति द्वारा शाला भवन हेतु रजिस्टर्ड दान-पत्र के आधार पर राजस्व अभिलेखों में शाला भवन के नाम से न करते हुये श्री पुरूषोत्तम बढ़ाई निवासी ग्राम केदारपुरा को व्यक्तिगत लाभ पहुंचाने के लिए वरिष्ठ जिला अधिकारियों को गुमराह करने के दृष्टिकोण से संबंधित तहसीलदार एवं पटवारी द्वारा राजस्व अभिलेखों में सामुदायिक भवन दर्ज करने वाले पटवारी एवं तहसीलदार कौन है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार राजस्व अभिलेखों में उक्त दान की गई भूमि को सामुदायिक भवन के नाम से इद्रांज करने वाले अधिकारियों एवं कर्मचारियों के विरूद्ध विभाग क्या कार्यवाही कब तक करेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ, श्री पुरूषोत्तम बढ़ाई निवासी ग्राम केदारपुरा द्वारा दिनांक २१-०४-२००५ को शाला भवन निर्माण हेतु दान-पत्र का रजिस्टर्ड संपादन कराया गया। उक्त दान-पत्र का ग्राम पंचायत के ठहराव प्रस्ताव क्रमांक १४ दिनांक १५/०८/२००६ से शासकीय भवन के नाम से नामांतरण दर्ज किया गया। सामुदायिक भवन निर्माण होने से राजस्व अभिलेख में तत्समय पटवारी द्वारा वर्ष २००६ में सामुदायिक भवन के नाम से दर्ज किया गया। (ख) सामुदायिक भवन निर्माण होने से तत्समय ग्राम केदारपुरा पर तत्कालीन पटवारी श्री हजारीलाल भील द्वारा राजस्व अभिलेख में सामुदायिक भवन दर्ज किया गया। तत्समय नायब तहसीलदार श्री नीरज शर्मा पदस्थ थे। (ग) उक्त दान की गई भूमि को सामुदायिक भवन के नाम से इद्रांज करने वाले तत्कालीन नायब तहसीलदार एवं पटवारी के विरुद्ध कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया हैं। प्राप्त उत्तर के आधार पर आगामी कार्यवाही की जाएगी।
जनभागीदारी से स्वीकृत कार्यों में अनियमितता करने वालों के विरूद्ध कार्यवाही
[गृह]
143. ( क्र. 2324 ) श्रीमती ममता मीना : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अपर कलेक्टर जिला गुना के जाँच प्रतिवेदन दिनांक 22.07.2016 में दोषी पाये गये तत्कालीन सरपंच श्रीमती गुलाब बाई, श्री दिलीप शर्मा सचिव एवं पुरूषोत्तम बाढ़ई निवासी ग्राम केदारपुर के विरूद्ध थाना मक्सूदनगढ़ जिला गुना में अपराध क्रमांक 43/17 दिनांक 04.09.2017 दर्ज किया गया है? यदि हाँ, तो दिनांक 04.09.2017 से प्रश्न दिनांक तक दोषियों को गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया है? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में वर्णित अपराध क्रमांक 43/17, दिनांक 04.09.2017 के अनुक्रम में पुलिस द्वारा किस दिनांक तक न्यायालय में चालान प्रस्तुत किया जावेगा? (ग) प्रश्नांश (क) में वर्णित अपराध क्रमांक 43/17, दिनांक 04.09.2017 में माह सितम्बर के प्रारम्भ से प्रश्न दिनांक तक विवेचना एवं चालान संबंधी कार्यवाही के लिये कौन-कौन दोषी हैं? दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही कब तक की जावेगी?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। प्रकरण विवेचनाधीन है। विवेचना में आये तथ्यों व साक्ष्य के आधार पर दोषियों के विरुद्ध विधि अनुरुप कार्यवाही की जाएगी। (ख) प्रकरण में विवेचना जारी है। समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं। (ग) कोई दोषी नहीं पाया गया है, इसलिए कार्यवाही का प्रश्न उत्पन्न नहीं होता।
मत्स्य विभाग की जनकल्याणकारी योजनाएं
[मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास]
144. ( क्र. 2380 ) डॉ. योगेन्द्र निर्मल : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. में मत्स्य विभाग द्वारा प्रदेश सरकार एवं केन्द्र सरकार द्वारा कौन-कौन सी जनकल्याणकारी योजनाओं का संचालन किया जा रहा है? नाम सहित जानकारी देवें। (ख) बालाघाट जिले के विकासखण्ड वारासिवनी एवं खैरलांजी अंतर्गत वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक किन-किन योजनाओं के तहत् कितने हितग्राहियों को लाभांवित किया गया? (ग) विभाग द्वारा प्रतिवर्षानुसार विकासखण्ड में किन-किन योजनाओं के तहत् कितना-कितना लक्ष्य आवंटित किया गया था? क्या आवंटित लक्ष्य से ज्यादा के आवंटन से हितग्राहियों को लाभांवित किया गया? यदि नहीं, तो समस्त दस्तावेजों का विवरण उपलब्ध करावें? (घ) विभाग द्वारा किन-किन योजनाओं में कितने लाभांवित हितग्राहियों का स्थल निरीक्षण किन-किन अधिकारियों द्वारा करवाया गया? स्थल निरीक्षण का विवरण उपलब्ध करावें।
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "अ" अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "ब" अनुसार है। (ग) प्रश्नाधीन विकासखण्डों में योजनाओं के तहत आवंटित लक्ष्य की पूति जिले के आवंटन से किया जाता है। जिला बालाघाट अंतर्गत आवंटन संबंधी लक्ष्यवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "स" अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "द" अनुसार है।
भाग-3
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
स्कूल
बसों में स्पीड
गर्वनर लगाये
जाना
[परिवहन]
1. ( क्र. 27 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नमामि देवी नर्मदे यात्रा के अमरकंटक में समापन समारोह के लिए माह मई 2017 में राजधानी भोपाल से कितनी स्कूल बसों का अधिग्रहण किया गया था? बसों के नंबर मॉडल सहित संचालकों के नाम पते सहित बतायें? (ख) क्या यह सही है कि उक्त अधिग्रहित की गई बसों में स्पीड गर्वनर लगे हुये थे? यदि हाँ, तो 40 की स्पीड से कुल कितने समय में भोपाल से अमरकंटक बसें गई? यदि इन बसों में लगे स्पीड गर्वनर हटवा दिये गये तो यह किसके आदेश पर हटाये गये हैं, इसके लिए जिम्मेदार कौन है? (ग) वर्तमान में भोपाल की पंजीकृत कुल कितनी स्कूली बसों में स्पीड गर्वनर लगे हुये हैं और कितने में किन कारणों से नहीं लगाये गये हैं तथा इन पंजीकृत बसों में से किन-किन को विभाग द्वारा फिटनेस प्रमाण पत्र दिया गया है तथा कौन-कौन सी स्कूली बसें जिन्हें फिटनेस प्रमाण पत्र नहीं दिया गया है किन्तु उन बसों को धड़ल्ले से चलाया जा रहा है? इसके लिए कौन-कौन जिम्मेदार है? (घ) उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में क्या विगत तीन वर्षों से जिला भोपाल की पंजीकृत अधिकांश बसों में स्पीड गर्वनर नहीं लगाये गये हैं एवं जिन बसों से स्पीड गर्वनर लगाये गये हैं वह घटिया क्वालिटी के हैं जिसका कोई औचित्य नहीं है? क्या स्पीड गर्वनर लगाने वाली कंपनियों से परिवहन विभाग के अधिकारियों की मिली भगत के कारण घटिया स्पीड गर्वनर लगाये गये हैं जिससे आये दिन तेज गति से चलने वाले वाहन दुर्घटनाग्रस्त हो रहे हैं? यदि हाँ, तो क्या जिन बसों में स्पीड गर्वनर लगाये गये हैं, उनकी जाँच करायी जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) नमामि देवी नर्मदे यात्रा के अमरकंटक में समापन समारोह के लिये माह मई 2017 में भोपाल से कुल 350 बसों का अधिग्रहण किया गया था। बसों के नम्बर माडल एवं संचालकों के नाम पते की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। शैक्षणिक संस्थाओं की बसों की स्पीड 40 नहीं थी। 60 की स्पीड से बसों को दिनांक 13.05.2017 को भोपाल से भेजा गया था। जो डिंडोरी/मंडला होते हुए दिनांक 15.05.2017 को अमरकंटक पहुची थी। वास्तविक समय बताया जाना इसलिये सम्भव नहीं है कि भिन्न-भिन्न वाहन स्वामियों/बस आपरेटरों द्वारा भिन्न-भिन्न समय वाहनों का प्रस्थान कराया गया। इन समस्त स्कूल बसों में स्पीड गर्वनर लगे हुए थे। इन स्कूल बसों के स्पीड गर्वनर नहीं हटाये गये तथा समस्त शैक्षणिक संस्थाओं की बसे स्पीड गर्वनर के साथ गंतव्य स्थान तक गई थी। (ग) इस कार्यालय में पंजीकृत कुल 1720 स्कूल बसों में से जो वर्तमान में संचालित है उन समस्त स्कूल बसों में स्पीड गर्वनर लगाये गये है। जिन बसों को इस कार्यालय द्वारा फिटनेस प्रमाण पत्र विगत 2014 से जारी किया गया है। उन समस्त बसों में स्पीड गर्वनर लगाये गये है। वर्तमान में ऐसी कोई स्कूल बस संज्ञान में नहीं है। जिन्हें फिटनेस प्रमाण-पत्र नहीं दिया गया है। यदि संज्ञान में पाई जाती है तो उन स्कूल बसों पर नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी। (घ) जी नहीं। विगत तीन वर्षों में इस कार्यालय में पंजीकृत स्कूल बसों में स्पीड गवर्नर लगाये गये है। स्पीड गर्वनर घटिया क्वालिटी के लगाने के सम्बंध में कोई भी शिकायत इस कार्यालय को प्राप्त नहीं हुई है। शिकायत प्राप्त होने पर नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी।
अपराधियों को फांसी की सजा देने के लिए जल्लादों की कमी
[जेल]
2. ( क्र. 28 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जेल मुख्यालय में संधारित/उपलब्ध जानकारी के अनुसार वर्तमान में प्रदेश की केन्द्रीय जेल भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर सहित अन्य किन-किन केन्द्रीय जेलों में मानीय न्यायालय द्वारा किन-किन आरोपियों को फांसी की सजा दिये जाने के बाद से कौन-कौन से कैदी इन जेलों में कब-कब से बंद है? (ख) प्रदेश की किन-किन केन्द्रीय जेलों में फांसी की सजा वाले अपराधियों को फांसी देने की व्यवस्था है? इस हेतु प्रदेश में कुल कितने जल्लाद उपलब्ध हैं? यदि जल्लाद उपलब्ध नहीं हैं तो अपराधियों को फांसी देने हेतु क्या व्यवस्था है? (ग) उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में प्रदेश में विगत 10 वर्षों में किस वर्ष में किस जेल में किस अपराधी को किस अपराध में फांसी दी गई थी? (घ) क्या प्रदेश में फांसी देने का कानून तो बनाया गया है किन्तु प्रदेश में फांसी देने वाले जल्लाद उपलब्ध नहीं हैं? ऐसी स्थिति में जल्लाद की व्यवस्था हेतु राज्य शासन ने क्या कदम उठाये हैं?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। प्रदेश की केन्द्रीय जेल इन्दौर एवं जबलपुर में फाँसी देने की व्यवस्था है। प्रदेश में वर्तमान में कोई जल्लाद उपलब्ध नहीं है, अन्य राज्यों से वैकल्पिक व्यवस्था की जाती है। (ग) जानकारी निरंक है। (घ) जी हाँ, जल्लाद उपलब्ध नहीं है। पड़ोसी राज्यों से वैकल्पिक व्यवस्था की जाती है।
परिशिष्ट - ''अड़तीस''
दंगा पीड़ित परिवारों को मुआवजा राशि का भुगतान
[गृह]
3. ( क्र. 77 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश सरकार ने वर्ष 1984 के सिख विरोधी दंगों से प्रभावित कितने पीड़ित सिख परिवारों को मुआवजा प्रदान किया है? विदिशा जिले के गंजबासौदा तहसील के सिख विरोधी दंगों से प्रभावित परिवारों की जानकारी नामवार दी जावे? (ख) क्या यह सही है कि विदिशा जिले के गंजबासौदा तहसील में सिक्खों विरोधी दगों से प्रभावित परिवारों को मुआवजा नहीं दिया गया है, जबकि तत्कालीन तहसीलदार/अनुविभागीय अधिकारी गंजबासौदा द्वारा सर्वे रिपोर्ट दिनांक-07.11.1984 को कलेक्टर विदिशा को प्रेषित की गई है? मुआवजा नहीं दिए जाने का क्या कारण रहा है? सर्वे रिपोर्ट की प्रति उपलब्ध करावें? (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित पीड़ित परिवारों को कब तक मुआवजा राशि का भुगतान किया जावेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) प्रदेश सरकार ने वर्ष 1984 के पीडि़त कुल 2812 परिवारों को मुआवजा प्रदान किया है। विदिशा जिले की तहसील गंजबासौदा में वर्ष 1984 के सिक्ख विरोधी दंगों से प्रभावित परिवारों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) समय-समय पर प्राप्त शासन निर्देशानुसार नियत राशि का भुगतान एक पीडि़त स्व. श्री बलवंत सिंह ऊर्फ प्रदीप निवासी बासौदा की वारिसान मधुदेवी मंडल पत्नि नर्वदाप्रसाद को छोड़कर सर्व संबंधितों को किया जा चुका है। (ग) कार्यवाही प्रचलित है।
परिशिष्ट - ''उनतालीस''
गौ-शालाओं को उपलब्ध सुविधाएँ
[पशुपालन]
4. ( क्र. 78 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र बासौदा अन्तर्गत किन-किन स्थानों पर विगत 3 वर्षों में कितनी गौ-शालाएं स्थापित हैं? (ख) उक्त गौ-शालाओं में वर्तमान में कितनी-कितनी गायें रखी गई है? क्या इन गौ-शालाओं के स्थापना हेतु भूमि अथवा अन्य सुविधा उपलब्ध कराई गई है? गौ-शालावार जानकारी दी जाए? (ग) शासन द्वारा विगत तीन वर्षों में गौ-शालाओं को प्रति गाय प्रतिदिन के मान से कितनी-कितनी आर्थिक सहायता एवं अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं? (घ) प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र बासौदा के नगरीय क्षेत्र में आवारा पशुओं को उक्त गौशाला में रखे जाने के क्या नियम व मापदंड हैं, आवारा पशुओ का सर्वे कराये जाने का क्या मापदंड है, जानकारी उपलब्ध करावें?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ’’अ’’ अनुसार। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ’’ब’’ अनुसार। (घ) बेसहारा निराश्रित गौवंश को नगरीय निकाय द्वारा गौशालाओं में पहुंचाने पर उसे गौशाला समिति रखती है, भारत सरकार के निर्देशानुसार प्रति 5 वर्षों में पशु संगणना अंतर्गत आवारा पशुओं की गणना की जाती है।
परिशिष्ट - ''चालीस''
शासकीय भूमि पर अतिक्रमण
[राजस्व]
5. ( क्र. 128 ) श्री हितेन्द्र सिंह ध्यान सिंह सोलंकी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खरगोन जिले की कसरावद तहसील के पटवारी हल्का नम्बर 2 की भूमि सर्वे नम्बर 476 व 521 पर अतिक्रमण की सूचना दिनांक 01 मार्च 2014 से प्रश्न दिनांक तक तहसील कार्यालय कसरावद एवं जिला प्रशासन को शिकायत की गई? उसकी तिथिवार सम्पूर्ण कार्यवाही की जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के सम्बन्ध में शिकायतवार बतावें की कौन-सी शिकायत पर किस अवधि में क्या कार्यवाही करने की जवाबदेही किस अधिकारी/कर्मचारी की थी और वह जवाबदेही पूरी नहीं करने पर वरिष्ठ अधिकारियों ने कोई अनुशासनात्मक कार्यवाही क्यों प्रारंभ नहीं की? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के सम्बन्ध में क्या जनहित याचिका की सुनवाई करते हाई कोर्ट इंदौर ने वर्ष 2016 में उक्त शासकीय भूमि को अतिक्रमण मुक्त करने के आदेश दिए थे? हाई कोर्ट के आदेश के पालन में प्रशासन द्वारा कृत कार्यवाही की दिनांकवार जानकारी देवें। (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के सम्बन्ध में बतावें कि क्या अतिक्रमण हटाने का कोई लिखित प्रतिवेदन किसी अधिकारी या कर्मचारी ने दिया है? क्या उक्त सर्वे नंबर वर्तमान में अतिक्रमण में है? अतिक्रमण की अनेकों शिकायतों के बाद भी अतिक्रमण मुक्त न करने पर अधिकारी/कर्मचारी पर क्या कार्यवाही की जावेगी? समय-सीमा बताई जावें।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) दिनांक 1 मार्च 2014 से प्रश्न दिनांक तक कुल 2 शिकायतें सरपंच चिचली द्वारा अनुविभागीय अधिकारी एवं जिला कार्यालय में प्रस्तुत की गई। प्रथम शिकायत सरपंच चिचली द्वारा दिनांक 16.02.15 को तहसील कार्यालय में द्वितीय शिकायत कलेक्टर कार्यालय में दिनांक 21.05.16 को की गई थी। प्रथम शिकायत अनुविभागीय अधिकारी कसरावद के समक्ष दिनांक 16.02.15 को प्रस्तुत हुई जिसे अनुविभागीय अधिकारी कार्यालय के जावक क्रमांक 92/12.05.15 द्वारा तहसीलदार कसरावद को भेजा गया। द्वितीय शिकायत दिनांक 21.05.16 को प्राप्त होने पर कलेक्टर के पत्र क्रमांक 1532/वाचक-1/2016 दिनांक 21.06.16 से तहसीलदार कसरावद को भेजा गया जाकर सर्वे नं. 476 व 521 के में से रकबे पर से अतिक्रमण हटाने का निर्देश दिया गया था जिसके पालन में दिनांक 23.11.17 को अतिक्रमण हटा दिया गया है। (ख) प्राप्त शिकायत पर कार्यवाही की गई है, अत: शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता। (ग) माननीय उच्च न्यायालय द्वारा रिट पिटीशन में पारित आदेश दिनांक 11.04.16 के पालन में निराकरण हेतु कलेक्टर न्यायालय में आवेदन प्रस्तुत किया गया जिसे संज्ञान में लेकर दिनांक 09.12.16 को आदेश पारित कर अप्राधिकृत कब्जा हटाने हेतु निर्देशित किया गया जिसके पालन में दिनांक 23.11.17 को मौके पर से राजस्व अमले द्वारा कब्जा हटा दिया गया है। (घ) जी हाँ। वर्तमान में उक्त सर्वे नम्बर में कोई अतिक्रमण नहीं है। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता।
राजनगर तहसील अंतर्गत भू अधिग्रहण
[राजस्व]
6. ( क्र. 165 ) कुँवर विक्रम सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले में राजनगर तहसील अंतर्गत वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक किस भूमि की शासन द्वारा अथवा उसकी एजेन्सी द्वारा अधिग्रहण की कार्यवाही की गई? ग्राम का नाम, खसरा क्रमांक, रकबा, अधिग्रहण की गई भूमि का रकबा, भूमि स्वामी और मुआवजा राशि का भुगतान कब और किस आधार पर किया गया? किस-किस का किस कारण से शेष है? (ख) क्या अधिग्रहण की कार्यवाही/मुआवजे के विरूद्ध कौन-कौन प्रभावित अथवा भूमि स्वामी कब-कब न्यायालय की शरण में गये हैं? उनका नाम बताते हुए यह भी बतायें कि शासन ने इस बारे में क्या नीति अपनाई अथवा कार्यवाही की है जिससे कि उक्त व्यक्ति न्यायालय की शरण में जाने को बाध्य हुए? क्या शासन इस बात का परीक्षण करेगा कि अधिग्रहण में, मुआवजे में कोई अनियमितता की गई है? यदि हाँ, तो औपचारिक आदेश जारी कब तक किये जावेंगे? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) भू अधिग्रहण के संबंध में शासन के कौन-कौन से अधिनियम परिपत्र प्रचलित एवं लागू हैं और इनकी वैधानिकता क्या हैं?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) छतरपुर जिले में राजनगर तहसील अन्तर्गत वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक निजी भू-धारकों की भूमि शासन द्वारा- (1) एन.टी.पी.सी. बरेठी परियोजना (2) ललितपुर-सिंगरौली रेलवे परियोजना (3) जल संसाधन परियोजना की उर्मिल दायीं नहर तथा भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के पक्ष में अधिग्रहित की गई है। अधिग्रहित की गई भूमि की ग्राम वार खसरा क्रमांकवार भूमि स्वामीवार एवं रकवावार आदि मुआवजा राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र (अ) अनुसार है। मुआवजा राशि का भुगतान अवार्ड पारित होने के उपरान्त अधिग्रहण से प्रभावित कृषक को भू-अर्जन अधिनियम के प्रावधानों के तहत् किया गया है। कुछ प्रभावित कृषकों को मुआवजा राशि का भुगतान उनके आपसी परिवारिक विवाद एवं न्यायालयीन प्रकरणों में विवाद एवं उनका सही बैंक खाता नं. प्राप्त नहीं होने के कारण शेष है एवं उपरोक्त परियोजना में से एन.टी.पी.सी. परियोजना बरेठी की कोयला आपूर्ति हेतु पारित किये गये अवार्ड की पुनर्वास अनुदान की राशि एन.टी.पी.सी. से प्राप्त न होने से पुनर्वास अनुदान का भुगतान किया जाना शेष है। (ख) जी हाँ। मुआवजे के विरूद्ध जो भूमि स्वामी न्यायालयों की शरण में गये है उनकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र (ब) अनुसार है। मान. उच्च न्यायालय जबलपुर द्वारा याचिकाकर्ताओं की याचिकाओं को समेकित करते हुये दिनांक 29.11.16 को पारित निर्णय के तहत् उन्हें रिफरेंस कोर्ट में जाने हेतु निर्देशित किया गया। इस कार्यालय द्वारा सक्षम रिफरेंस न्यायालय में कार्यवाही किये जाने हेतु प्रभारी अधिकारी की नियुक्ति की जा चुकी है जो प्रक्रियाधीन है। याचिकाकर्ता बन्दी तनय गुटुवा साहू की मुआवजा राशि का भुगतान मान. उच्च न्यायालय जबलपुर के आदेशानुसार किया जा चुका है। इस प्रकार याचिकाकर्ताओं की जिन न्यायालयों में याचिका अथवा प्रकरण लंबित है उन न्यायालयों द्वारा आदेश उपरांत आदेशानुसार भुगतान की कार्यवाही सुनिश्चित की जावेगी। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) राष्ट्रीय राजमार्ग हेतु निजी भूमियों के अधिग्रहण के संबंध में राष्ट्रीय राजमार्ग अधिनियम 1956 तथा अन्य परियोजनाओं हेतु भूमि अधिग्रहण के संबंध में भू-अर्जन पुनर्वासन और पुनर्व्यवस्थापन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता का अधिकार अधिनियम 2013 प्रचलित है एवं दिनांक 01 जनवरी 2014 से लागू है।
परिवहन कार्यालय में पदस्थ स्टॉफ
[परिवहन]
7. ( क्र. 229 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीहोर जिला परिवहन कार्यालय में कुल कितने पद स्वीकृत हैं? सेक्शनवार स्वीकृत पद तथा प्रश्न दिनांक तक पदस्थ अधिकारी व कर्मचारियों का ब्यौंरा दें। (ख) क्या सीहोर जिला परिवहन कार्यालय में पदस्थ अधिकारियों द्वारा अनाधिकृत व्यक्तियों को स्वयं के खर्च पर दैनिक मजदूरी पर रखकर कार्य कराए जाने का मामला सामने आया है? यदि हाँ, तो इस संबंध में क्या कार्यवाही की गई है? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार जिला परिवहन अधिकारी पर शासन द्वारा कोई कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो क्या? यदि नहीं, तो क्यों। (घ) सीहोर जिला परिवहन कार्यालय में पदस्थ सभी अधिकारी और कर्मचारी जिला मुख्यालय पर निवास करते हैं अथवा अन्यत्र स्थानों से आवागमन करते हैं? निवास स्थान सहित पूर्ण ब्यौरा दें।
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जिला परिवहन कार्यालय सीहोर के लिये स्वीकृत पद एवं कार्यालय में पदस्थ अधिकारी एवं कर्मचारियों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। (ग) जी नहीं। कार्यालय में पदस्थ अधिकारी एवं कर्मचारियों का विवरण निम्नानुसार है :-
1. श्री अनुराग शुक्ला, जिला परिवहन अधिकारी, पता-एफ 3 ऑफिसर कॉलोनी सीहोर। 2. श्री बी.डी. गर्ग सहायक वर्ग-2 पता- वीर दुर्गाराज राठौर मोहल्लागंज सीहोर। 3. श्रीमती कीर्ति पाठक, सहायक वर्ग-2 पता-124 नारायण दास कम्पाउण्ड छावनी एक्सप्रेस सीहोर। 4. श्री सतीश पाठक, सहा. वर्ग-3 पता- 89 नवल मोहल्ला बंजरंग चौराहा सीहोर। 5.श्री सुदामा प्रसाद गैरोला, सहायक वर्ग-3 गीता टॉकेज के पास सीहोर 6. कुं. भगवानी हरसिंघानी सहायक वर्ग-2 पता-45 नारायणदास कम्पाउण्ड छावनी, सीहोर। 7. श्री प्राण सिंह सेन भृत्य पता- 82 कुम्हार मोहल्लागंज सीहोर।
नगरों में प्रदूषण नियंत्रण
[पर्यावरण]
8. ( क्र. 230 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश के बड़े नगरों में प्रदूषण मापा गया है? यदि हाँ, तो भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, कटनी, खंडवा, सागर, उज्जैन, सतना आदि स्थानों पर प्रदूषण का क्या स्तर है? विगत 03 सालों का ब्यौरा दें। (ख) बड़े नगरों में प्रदूषण नियंत्रण के लिए सरकार द्वारा क्या-क्या प्रयास किए जा रहे हैं? ब्यौरा दें। (ग) बड़े नगरों में प्रदूषण नियंत्रण के लिए सीसा रहित इंधन की बिक्री की जा रही है अथवा नहीं? यदि नहीं, तो इस संबंध में क्या कार्यवाही प्रचलित है? (घ) प्रदेश के किन-किन नगरों में सी.एन.जी. गैस पंप स्थापित हैं और कहाँ-कहाँ सी.एन.जी. गैस प्रदाय की जा रही है? अन्य बड़े नगरों में सी.एन.जी. गैस उपलब्ध कराने की दिशा में प्रदेश सरकार द्वारा प्रयास किए गए हैं? यदि हाँ, तो ब्यौरा दें यदि नहीं, तो क्यों?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रदूषण नियंत्रण हेतु जल (प्रदूषण निवारण तथा नियंत्रण) अधिनियम 1974 के तहत् शहरी मल-जल के प्रदूषण नियंत्रण हेतु स्थानीय संस्थाओं से कार्यवाही कराई जाना, वायु (प्रदूषण निवारण तथा नियंत्रण) अधिनियम् 1981 के अंतर्गत जिला परिवहन अधिकारी/ट्रेफिक पुलिस के माध्यम से वाहन जनित वायु प्रदूषण की रोकथाम हेतु कार्यवाही, जीव चिकित्सा अपषिष्ठ (प्रबंधन एवं हथालन) नियम 2016 अंतर्गत अस्पतालों से उत्पन्न होने वाले जीव चिकित्सा अपषिष्ट का प्रबंधन, नगरीय ठोस अपषिष्ठ (प्रबंधन एवं हथालन) नियम् 2016 के अंतर्गत स्थानीय संस्थाओं से नगरीय ठोस अपषिष्ट प्रबंधन कराया जाना, प्लास्टिक कचरे के प्रबंधन हेतु स्थानीय संस्थाओं से कार्यवाही कराना, शहरी क्षेत्रों में किसी भी प्रकार के प्रदूषण नियंत्रण हेतु जिला प्रशासन/म.प्र. शासन/ को सलाह एवं तकनीकी सहयोग उपलब्ध कराना, विभिन्न कार्यशालाओं, सेमीनारों, पोस्टरों रेडियों, टेलीविजन इत्यादि प्रचार माध्यमों से जन-जागृति पैदा करना, शहरी परिवेशीय गुणवत्ता की निगरानी तथा प्रशासन को सुधारात्मक कार्यवाही हेतु सुझाव देना इत्यादि कार्य किए जा रहे हैं। इसके अतिरिक्त केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा प्रदेष के 05 शहरों (भोपाल, इंदौर, देवास, उज्जैन एवं सागर) की परिवेशिय वायु गुणवत्ता में पी.एम.-10 का स्तर निर्धारित मानक से अधिक पाये जाने के कारण नॉन अटेनमेन्ट शहर की श्रेणी में रखा गया है। इन शहरों में परिवेषीय वायु प्रदूषण नियंत्रण हेतु शासन के विभिन्न विभागों के समन्वय से कार्य योजना बनाकर केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, दिल्ली को प्रेषित की गयी है। इस कार्य योजना के क्रियान्वयन में प्रदेश के जिला प्रशासन, लोक निर्माण विभाग, स्थानीय नगरीय निकाय, यातायात विभाग, उद्योग विभाग, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड कृषि विभाग इत्यादि शामिल है। (ग) प्रदेश के अधिकाधिक पेट्रोल पंपों पर सीसा रहित ईंधन की बिक्री की जा रही है, अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) वर्तमान में देवास में 02, ग्वालियर में 04, उज्जैन में 02 एवं इंदौर में 06 इस प्रकार कुल 14 स्थानों पर सी.एन.जी. गैस पंप स्थापित है। सी.एन.जी. गैस की उपलब्धता भारत सरकार द्वारा की जाती है। पर्यावरण विभाग के अंतर्गत सी.एन.जी. गैस उपलब्ध कराये जाने के संबंध में कोई योजना वर्तमान में विचाराधीन नहीं है।
अंत्येष्टि एवं अनुग्रह सहायता राशि
[श्रम]
9. ( क्र. 247 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या राज्यमंत्री, श्रम महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म. प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल द्वारा निर्माण श्रमिकों की दुर्घटना में मृत्यु होने पर सहायता राशि रू.2 लाख देने की योजना है? (ख) यदि हाँ, तो विधानसभा क्षेत्र पनागर के अंतर्गत वर्ष 2017-18 में कितने श्रमिक परिवारों को दुर्घटना में मृत्यु होने पर राशि रू.2 लाख दिये गये? (ग) प्रश्नांश (ख) अंतर्गत कितने प्रकरण लंबित हैं? कारण सहित उल्लेख कर बतायें।
राज्यमंत्री, श्रम ( श्री बालकृष्ण पाटीदार ) : (क) जी नहीं। मध्य प्रदेश भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल द्वारा संचालित मृत्यु की दशा में अंत्येष्टि एवं अनुग्रह राशि भुगतान योजना के अंतर्गत:-
1. सामान्य मृत्यु की दशा में-
(i) निर्माण श्रमिक की आयु 45 वर्ष या कम होने पर रूपये 02 लाख।
(ii) निर्माण श्रमिक की आयु 45 वर्ष या अधिक होने पर रूपये 01 लाख।
2. दुर्घटना में मृत्यु होने पर रूपये 04 लाख।
3. दुर्घटना में स्थायी अपंगता पर रूपये 02 लाख।
तथा अंत्येष्टि सहायता के रूप में रूपये 5000/- दिये जाने का प्रावधान है। निर्माण स्थल पर कार्य के दौरान दुर्घटना में अपंजीकृत श्रमिक की मृत्यु/अपंगता की दशा में अंत्येष्टि एवं अनुग्रह राशि भुगतान योजना के अंतर्गत:-
1. निर्माण कार्य के दौरान घटित दुर्घटना में मृत्यु होने पर रूपये 4 लाख।
2. निर्माण कार्य के दौरान घटित दुर्घटना में स्थाई अपंगता पर रूपये 2 लाख।
तथा अंत्येष्टि सहायता के रूप में रूपये 3000/- दिये जाने का प्रावधान है। (ख) निरंक। (ग) कोई भी प्रकरण लंबित नहीं है।
विवाह सहायता राशि का भुगतान
[श्रम]
10. ( क्र. 248 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या राज्यमंत्री, श्रम महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र पनागर के अंतर्गत म.प्र.भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल द्वारा निर्माण श्रमिकों के लिये विवाह सहायता राशि रू. 25 हजार देने की योजना है? (ख) यदि हाँ, तो विधानसभा क्षेत्र पनागर के अंतर्गत वर्ष 2017-18 में कितने विवाह सहायता राशि के आवेदन प्राप्त हुये? (ग) प्रश्नांश (ख) अंतर्गत कितने श्रमिकों को विवाह सहायता राशि दी गई है? (घ) कितने प्रकरण लंबित है? लंबित होने का कारण बतायें.
राज्यमंत्री, श्रम ( श्री बालकृष्ण पाटीदार ) : (क) जी हाँ। (ख) म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल के अंतर्गत विधान सभा क्षेत्र पनागर में वर्ष 2017-18 में विवाह सहायता के कुल 217 आवेदन पत्र प्राप्त हुए है। (ग) प्रश्नांश (ख) अंतर्गत पंजीकृत निर्माण श्रमिकों से प्राप्त कुल 217 आवेदन प्राप्त हुए जिसमें से 208 प्रकरणों में निर्माण श्रमिकों को लाभान्वित कर सहायता राशि वितरित की गई है। शेष 9 प्रकरण विभिन्न कारणों से अपात्र होने के कारण निरस्त किए गए है। (घ) कोई प्रकरण लंबित नहीं है।
पेयजल उपलब्ध करवाना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
11. ( क्र. 322 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विभाग द्वारा विधानसभा क्षेत्र सारंगपुर में कितने ग्रामों में पानी की टंकी/स्टॉप डेम/ कूप निर्माण स्वीकृत किये गये हैं वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक स्वीकृत किये गये निर्माण कार्यों की ग्रामवार, स्वीकृति राशि, क्रियान्वयन एजेन्सी सहित जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) क्या ग्राम पंचायतों में विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत प्रश्नांश (क) की अवधि में निर्मित पानी की टंकियों से ग्रामीणजनों को पेयजल उपलब्ध कराया जाता है? यदि नहीं, तो क्यों नहीं? कब तक समस्त निर्मित पानी की टंकियों से ग्रामों में पेयजल उपलब्ध करवाया जाने लगेगा?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) 21 ग्रामों में उच्चस्तरीय टंकी तथा 11 ग्रामों में स्टॉपडेम एवं 7 ग्रामों में कूप निर्माण कार्य स्वीकृत एवं पूर्ण है। वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक मात्र ग्राम सण्डावता की आवर्धन नलजल योजना स्वीकृत हुई जिसकी लागत रूपये 107.30 लाख है तथा इसकी क्रियान्वयन एजेन्सी मेसर्स साई अंबे आर्गेनाइजर मेसाना गुजरात है। (ख) प्रश्नाधीन अवधि में एकमात्र ग्राम सण्डावता की टंकी स्वीकृत हुई है, जो प्रगतिरत है। निश्चित समयावधि नहीं बताई जा सकती है।
हितग्राही मूलक योजनाओं की जानकारी
[तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोज़गार]
12. ( क्र. 324 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. शासन द्वारा संचालित दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना लागू होने की दिनांक से विधानसभा क्षेत्र सारंगपुर के कितने हितग्राहियों को किस-किस योजना अंतर्गत लाभान्वित किया गया? तहसीलवार वर्षवार योजनाओं से लाभान्वित हितग्राहियों की संख्यात्मक जानकारी दें? (ख) शासन द्वारा सारंगपुर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत प्रधानमंत्री कौशल केन्द्र किस-किस स्थान पर कब से संचालित किये जा रहे हैं? उनके द्वारा विभिन्न पाठ्यक्रमों के लिए वर्ष में कितनी-कितनी अवधि के कितने-कितने सेशन चलाए गये? अवगत करावें एवं प्रारंभ दिनांक से प्रश्न दिनांक तक विभिन्न पाठ्यक्रमों में कितने-कितने प्रशिक्षणार्थियों को प्रशिक्षण दिया गया वर्षवार, पाठ्यक्रमवार प्रशिक्षणार्थियों की संख्या से अवगत करावें। (ग) मुख्यमंत्री कौशल विकास योजना म.प्र. में कब से लागू है? योजना लागू होने की दिनांक से विधानसभा क्षेत्र सारंगपुर के कितने हितग्राहियों को योजना अंतर्गत लाभान्वित किया गया? तहसीलवार, योजनाओं से लाभान्वित हितग्राहियों की जानकारी दें?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक कैलाश जोशी ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
राजस्व ग्राम बनाया जाना
[राजस्व]
13. ( क्र. 459 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्योपुर विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत ग्राम/मजरे आबादी पंजाबी टपरा (प्रताप नगर) को कलेक्टर श्योपुर के आदेश क्रमांक 13 दिनांक 09.03.2017 द्वारा पृथक राजस्व ग्राम घोषित किया है, की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) क्या उक्त मजरे को राजस्व ग्राम बनाने का प्रस्ताव कार्यालयीन पत्र क्रमांक 902 दिनांक 16.05.2017 द्वारा धारा 108 के अंतर्गत अधिसूचना जारी कराने के वास्ते शासन को भेजा है तथा अधिसूचना जारी किए जाने की कार्यवाही वर्तमान तक प्रक्रियाधीन है? इस प्रक्रियाधीन कार्यवाही को कब तक पूर्ण किया जावेगा? (ग) उक्त मजरे को राजस्व ग्राम घोषित हुए 10 माह व्यतीत हो जाने के बावजूद प्रश्न दिनांक तक उक्त मजरे के नक्शे, अधिकार अभिलेखों का निर्माण व अन्य कार्य लंबित पड़े हैं? उक्त अधिसूचना भी जारी नहीं हो पाई नतीजन उक्त ग्राम धरातल पर पृथक से राजस्व ग्राम के रूप में अस्तित्व में नहीं आ पाया है? (घ) क्या उक्त कारण से उक्त गांव/मजरे के निवासी वर्तमान तक शासन की समस्त कल्याणकारी योजनाओं का समुचित लाभ से वंचित बने हुए हैं? यदि हाँ, तो क्या शासन उक्त लंबित कार्य को एक निश्चित समय में पूर्ण कराएगा? यदि नहीं, तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। छायाप्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। जी नहीं। पूर्ण कर लिया गया। छायाप्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ अधिसूचना जारी होने से शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता। (घ) जी नहीं जिला स्तर से नवीन अभिलेख निर्माण (आर.ओ.आर.) बनाये जाने की कार्यवाही प्रचलित है।
परिशिष्ट - ''तैंतालीस''
कॉलेज के विद्यार्थियों को बस किराए में रियायत
[परिवहन]
14. ( क्र. 460 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या श्योपुर महाविद्यालय में वर्तमान में लगभग 2200 विद्यार्थी अध्ययनरत हैं एवं इनमें से लगभग 1000 से अधिक विद्यार्थी श्योपुर के आसपास विद्यमान दर्जनों ग्रामों से महाविद्यालय में प्रतिदिन पढ़ने हेतु यात्री बसों से आते जाते हैं? (ख) क्या ये भी सच है कि उक्त विद्यार्थियों से निजी यात्री बसों के मालिक व स्टॉफ द्वारा पूरा अथवा मनमाना किराया वसूला जाता है ऐसी स्थिति में समस्त विद्यार्थियों विशेष रूप से आर्थिक दृष्टि से कमजोर विद्यार्थियों को कई प्रकार की समस्याओं का सामना भी करना पड़ता है तथा ये विद्यार्थी किराये में आधी छूट देने हेतु शासन/ प्रशासन से निरंतर मांग भी कर रहे हैं? (ग) क्या बजट सत्र 2017-18 में सदन में घोषणा भी की थी कि प्रतिदिन गांव से शहर में कॉलेज की पढ़ाई हेतु आने जाने वाले विद्यार्थियों को यात्री बसों में आधे किराये की छूट दी जावेगी अथवा किराया नहीं देना पड़ेगा? (घ) यदि हाँ, तो विद्यार्थियों की मांग व उक्त घोषणा के पालन में क्या शासन श्योपुर जिले के आर.टी.ओ. अथवा निजी बस मालिकों को उक्त विद्यार्थियों से प्रतिदिन आधा किराया लेने अथवा उन्हें नि:शुल्क आवागमन की सुविधा प्रदान करने के निर्देश जारी करेगा व निर्देशों का कड़ाई से पालन करवाएगा? यदि नहीं, तो क्यों?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) यह सही है कि वर्तमान सत्र में महाविद्यालय में अध्ययनरत विद्यार्थियों की संख्या 2287 हैं जिनमें से लगभग 50 प्रतिशत विद्यार्थी श्योपुर के आसपास से गांव में पढ़ने हेतु यात्री बसों से आते जाते हैं। (ख) जी नहीं। छात्र संगठनों/ जनप्रतिनिधियों द्वारा विद्यार्थियों को किराये में छूट बाबत ज्ञापन कलेक्टर जिला श्योपुर के समक्ष प्रस्तुत किये गये हैं। (ग) गृह एवं परिवहन मंत्री द्वारा दिनांक 23.03.2017 को आश्वासन दिया गया था, कि महाविद्यालयों में आने-जाने वाले छात्र-छात्राओं हेतु यात्री बसों में निःशुल्क व्यवस्था की जायेगी। (घ) इस संबंध में कार्यवाही प्रचलित है।
जिम्मेवारों पर कार्यवाही
[राजस्व]
15. ( क्र. 494 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले में गुढ़ विधान सभा क्षेत्र की ग्राम पंचायतों में उपलब्ध शासकीय राजस्व भूमियों में से पंचायतों के विकास व अधोसंरचना निर्माण बावत् कितनी-कितनी जमीन आरक्षित की गयी है? पंचायतवार आराजी खसरा नं. सहित बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में शान्तिधाम, खेल के मैदान एवं जानवरों के खड़े होने (खरकौनी) के लिए कितनी-कितनी जमीनें आरक्षित की गयी हैं? खसरा नं. सहित विवरण देवें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार पंचायतों के विकास एवं विभिन्न अधोसंरचना निर्माण बावत् भूमि आरक्षित नहीं की गयी, पंचायतों के पास निर्माण एवं अन्य विकास बावत् जमीनें उपलब्ध नहीं है, इसके लिए जबावदारों पर क्या कार्यवाही करेंगे एवं प्रश्नांश (क) एवं (ख) पर कार्यवाही के आदेश कब तक जारी करेंगे?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) रीवा जिले के गुढ़ विधानसभा क्षेत्र में आरक्षित की गई भूमियो की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) शांति धाम, खेल के मैदान एवं जानवरों के लिए आरक्षित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। मांग अनुसार भूमि उपलब्ध कराई जाती है।
समयपालक की वरिष्ठता का निर्धारण
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
16. ( क्र. 495 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग रीवा में कार्यरत दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों के वरीयता सूची माह-अप्रैल, 2008 कार्यपालन यंत्री रीवा द्वारा जारी की गयी थी, जिस पर सरल क्रमांक 21 पर श्री रामसलोने वर्मा दैनिक वेतन भोगी कुशल श्रेणी (समयपालक) के पद पर कार्यरत थे, जिनका नाम वरिष्ठता सूची के सरल क्र. 21 पर हायर सेकेन्ड्री उत्तीर्ण के साथ दर्ज था, जिनकी प्रथम नियुक्ति दिनांक 02.08.82 है। जिनको दिनांक 01.08.87 को समय पालक का दर्जा देकर वेतन भी भुगतान किया जाने लगा? (ख) यदि हाँ, तो इस सूची के सरला क्र. 28, 29, 30 तथा 32 पर दर्ज कर्मचारियों को जो श्री वर्मा से जूनियर थे, को समयपालक का वेतन दिया जाने लगा, जबकि श्री वर्मा को चौकीदार का वेतन दिया जाने लगा? इसके संबंध में क्या प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा प्रमुख सचिव लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग मध्यप्रदेश शासन को भी पत्र क्र. 62 दिनांक 10.01.2018 द्वारा लिखा गया था, जिस पर कार्यवाही की जानकारी अप्राप्त है? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) अनुसार जारी वरिष्ठता सूची से हटकर मुख्य अभियंता लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग जबलपुर परिक्षेत्र जबलपुर द्वारा 2013 में जारी वरिष्ठता सूची में श्री वर्मा को चौकीदार बताया गया, जबकि सरल क्रमांक 166, 169, 183 तथा 187 को नियुक्ति दिनांक से ही समयपालक मानकर सूची जारी की गयी, जबकि इन कर्मचारियों की नियुक्ति चौकीदार के पद पर हुई थी? इस तरह मुख्य अभियंता कार्यालय से की गयी अनियमितता पर क्या सुधार के आदेश जारी करेंगे? जबकि कार्यपालन यंत्री लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग खण्ड रीवा ने अपने पत्र क्रमांक 173 दिनांक 10.01.2013 एवं पत्र क्र. 8215 दिनांक 31.12.2012 द्वारा भी श्री वर्मा के पद नाम संशोधन का पत्र लिखा गया फिर भी कार्यवाही कर पद नाम का संशोधन नहीं किया गया क्यों? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) अनुसार कार्यवाही कर मुख्य अभियंता लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग जबलपुर द्वारा श्री वर्मा के पद नाम संशोधन बार-बार पत्राचार करने पर भी न किये जाने एवं कर्मचारी की हो रही आर्थिक क्षति के जिम्मेवारों की पहचान कर क्या उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही करेंगे? साथ ही पदनाम संशोधन हेतु निर्देश जारी करेंगे तो कब तक अगर नहीं तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग, जबलपुर परिक्षेत्र, जबलपुर के अधीन कार्यपालन यंत्री लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी खण्ड, रीवा द्वारा दिनांक 31.12.88 के पूर्व के कार्यरत दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों की वरीयता सूची माह-अप्रैल 2008 में जारी की गई थी। श्री रामसलोने वर्मा को दिनांक 2.8.1982 से दैनिक वेतन भोगी चौकीदार के रूप में कार्य पर रखा गया था, कोई नियुक्ति नहीं दी गई थी, तत्समय में कार्यपालन यंत्री खण्ड रीवा की छानबीन समिति द्वारा श्री रामसलोने वर्मा को दिनांक 1.8.1987 से समयपालक दैनिक वेतन भोगी के रूप में परिवर्तित कर समयपाल कुशल श्रेणी का भुगतान किया जाने लगा। (ख) प्रश्नांश 'क' अनुसार सूची के सरल क्र 28,29,30 एवं 32 पर उल्लेखित कर्मचारियों का नाम वरिष्ठता सूची में समयपालक दैनिक वेतन भोगी के रूप में अंकित होनें के कारण शासना देशों के तहत दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को विनियमित करने की योजना के तहत समयपाल पद का वेतन दिया गया तथा श्री रामसलोने वर्मा दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी का नाम मुख्य अभियंता परिक्षेत्र जबलपुर के आदेश क्रमांक 20 दिनांक 16.2.2018 द्वारा दिनांक 1.4.2013 की स्थिति में दिनांक 1.8.1987 से समयपाल के पद पर सरल क्रमांक 162 'अ’ पर निर्धारित की गई है। श्री रामसलोने वर्मा के पदनाम में संशोधन संबंधी विधि संगत कार्यवाही किए जाने हेतु प्रश्न में अंकित माननीय विधायक महोदय का पत्र विभाग में प्राप्त हुआ है जिसे नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही हेतु प्रमुख अभियंता को भेजा गया है। (ग) जी नहीं। यह परिक्षेत्र कार्यालय वर्ष जुलाई 1990 से अस्तित्व में आया है। कार्यालय में उपलब्ध अभिलेखों के परीक्षण करने पर यह पाया गया है कि कार्यपालन यंत्री खण्ड रीवा के पत्र क्रमांक 6434/दिनांक 2.12.97 द्वारा मुख्य अभियंता परिक्षेत्र जबलपुर को प्रेषित वरिष्ठता सूची में सरल क्रमांक 175 पर श्री रामसलोने वर्मा को चौकीदार के पद पर दर्शाया गया था, जिसमें कर्मचारी के नाम के सम्मुख रिमार्क में दिनांक 1.8.1987 से समयपालक अंकित है। मुख्य अभियंता परिक्षेत्र जबलपुर के आदेश क्रमांक 20 दिनांक 16.2.2018 द्वारा दिनांक 1.4.2013 की स्थिति में श्री रामसलोने वर्मा की वरिष्ठता दिनांक 1.8.1987 समयपाल के पद पर सरल क्रमांक 162 'अ’ पर निर्धारित की गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्तरांश (ख) एवं (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
अतिक्रमण हटाने के संबंध में
[राजस्व]
17. ( क्र. 543 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सतना जिले के नागौद तहसील के अंतर्गत पटवारी हल्का मुगहर राजस्व नि.म. रहिकवारा ग्राम मुगहर की आरजी नं. 416, 465, 465, 466, 467, 471 में शासकीय तालाब मद दर्ज है, जिसमें राजकुमार मिश्रा द्वारा एक बोर कराकर 4-5 एकड़ में खेती कर रहा है, जिसकी शिकायतें लगातार वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक जनप्रतिनिधियों ग्रामीणवासियों, सरपंच, पंच द्वारा अनुविभागीय अधिकारी नागौद, कलेक्टर सतना को की गई है। (ख) क्या सतना जिले की बिरसिंहपुर तहसील वृत जैतवारा तहसील के अंतर्गत ग्राम रेऊहान से लगी तालाब मद की भूमि पर कई दबंगों द्वारा मकान बनाकर अतिक्रमण कर लिया है, जिसकी शिकायत ग्रामीणवासियों द्वारा दिनांक 03.08.2017 को मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव राजस्व म.प्र. शासन भोपाल, कलेक्टर सतना नायब तहसीलदार वृत जैतवारा तहसील बिरसिंहपुर जिला सतना को गई है। (ग) क्या माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर द्वारा निर्णय पारित करते हुए सभी कलेक्टरों को निर्देश दिए गए हैं कि तालाब के किनारे शासकीय भूमि पर किए गए अतिक्रमण 60 दिन के अंदर हटाये जाये? (घ) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) यदि हाँ, तो उक्त स्थानों पर अतिक्रमण अभी तक क्यों नहीं हटाए गए? कब तक हटाए जायेंगे और अब तक कोई कार्यवाही न करने के लिए दोषी कौन है? उसके विरूद्ध कब तक कार्यवाही करेंगे?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) सतना जिले के तहसील नागौद अन्तर्गत पटवारी हल्का मुगहर की आ.क्र. 416 रकवा 0.293हे., 465 रकवा 0.188हे., किता 02 कुल रकवा 0.481हे. रास्ता मद में दर्ज खसरा अभिलेख है एवं आराजी क्रमांक 466 रकवा 3.616हे., 467 रकवा 1.285हे. किता 02 कुल रकवा 4.901हे. प्रशासकीय तालाब दर्ज खसरा अभिलेख है एवं आ.क्र. 471 रकवा 0.679हे. म.प्र. शासन शमशान दर्ज खसरा अभिलेख है। आराजी क्रमांक 471 में राजकुमार मिश्रा द्वारा बोर कराया गया था जो बंद पड़ा है। राजकुमार द्वारा उक्त आराजी को जोता गया था, किन्तु उसमें फसल नहीं लगी हुई है। मौके से भूमि खाली जोती हुई पडी है। जी हाँ। (ख) सतना जिले की बिरसिंहपुर तहसील वृत जैतवारा तहसील के अंतर्गत ग्राम रेऊहान की आराजी क्रमांक 377 रकबा 6.593हे. म.प्र.शासन अन्य धार्मिक स्थल दर्ज कागजात है। यह भूमि तालाब के बगल से लगी है। पूर्व में उक्त भूमि पर 10 व्यक्तियों द्वारा कब्जा किया गया था। उनके खिलाफ प्रकरण दर्ज किया जाकर बेदखली की कार्यवाही कर अर्थदण्ड आरोपित किया गया था। वर्तमान समय में उक्त आराजी में 20 लोगों द्वारा पुन: मकान, मढईया, छप्पर, गोमती बनाकर अतिक्रमण कर लिया गया है। (ग) जी नहीं। (घ) नायब तहसीलदार वृत्त जसो तह. नागौद के रा.प्र.क्र. 11अ68/2016-17 आदेश दिनांक 27-03-2017 के द्वारा अतिक्रामक राजकुमार ब्रा0 तनय लालजी ब्रा0 को अतिक्रमण हटाने का आदेश पारित किया गया है। वर्तमान में राजकुमार मिश्रा द्वारा अतिक्रमण हटा लिया गया है। तहसील बिरसिंहपुर वृत्त जैतवारा ग्राम रेउहान के अतिक्रामकों के खिलाफ धारा 248 की कार्यवाही की जा रही है। कार्यवाही प्रचलित है, अत: शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता।
शासकीय जमीनों की खुर्दबुर्द करने वालों पर कार्यवाही
[राजस्व]
18. ( क्र. 544 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कलेक्टर सतना द्वारा तहसील रघुराजनगर के अंतर्गत पटवारी हल्का सिजहरा के मौजा सौनौरा की आराजियों को रा.प्र.क. 1294ए 74, 2015-16 प्रकरण प्र.क्र. 33ए (iii) 2015-16 दिनांक 5.4.2016 के तहत शासकीय मद में दर्ज करने का आदेश दिया गया था? इसी तरह पटवारी हल्का कृपालपुर की आराजी 1285 आदेश क्र. 1217 अ-74/2015-16 कलेक्टर के मामला क्र. 32 अ 19 (iii) 2015-16 दिनांक 28.03.2016 के तहत आराजी 1285 रकबा 19.14 एकड़ आराजी को शासकीय घोषित किया गया। इसके अतिरिक्त रघुराजनगर तहसील जिला सतना की कौन-कौन सी आराजी रकबा सहित शासकीय घोषित की गई है? (ख) क्या तत्कालीन कलेक्टर सतना द्वारा पत्र क्र. 87 दिनांक 22.03.2016 के तहत समस्त जिले के एस.डी.एम.ओ. को निर्देशित किया था कि शासकीय जमीन को खुर्दबुर्द करने वाले अधिकारी/कर्मचारी एवं भू-माफियाओं के खिलाफ पुलिस थाने में प्राथमिकी दर्ज करावे? (ग) प्रश्नांश (ख) यदि हाँ, तो किन-किन के विरूद्ध प्रश्न दिनांक तक किस-किस एस.डी.एम. द्वारा पुलिस थाने में एफ.आई.आर. दर्ज कराई गई है? यदि हाँ, तो एफ.आई.आर. की प्रति उपलब्ध करावें? यदि नहीं, तो कब तक की जावेगी? (घ) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) यदि हाँ, तो राज्य शासन द्वारा उच्च स्तरीय समिति गठित कर सतना जिले में शासकीय जमीनों का फर्जीवाड़ा व्यापक स्तर में किया गया है, उसकी जाँच कराई जाएगी? यदि हाँ, तो कब तक?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। इसके अतिरिक्त न्यायालय कलेक्टर सतना के रा.प्र.क्र. 43अ19 (। । ।) 2015-16 में पारित आदेश दिनांक 26-04-16 द्वारा पटवारी हल्का माधवगढ़ के मौजा माधवगढ़ आ.क्र. 527/1 रकवा 0.53 ए. म.प्र. शासन घोषित किया गया तथा आदेश के पालन में न्यायालय तहसीलदार रघुराजनगर के रा.प्र.क्र. 699अ74/2008-09 में पारित आदेश दिनांक 30-04-16 द्वारा राजस्व अभिलेखों में संशोधन कर म.प्र. शासन दर्ज किया गया। न्यायालय कलेक्टर सतना के प्रकरण क्रमांक 02/स्वे.प्र.निग./2014-15 में पारित आदेश दिनांक 28-12-16 द्वारा पटवारी हल्का कोलगवां के मौजा सोनौरा चेक उतैली के आ.क्र. 91/6/8 रकवा 2.00 ए. को म.प्र. शासन घोषित किया गया आदेश के पालन में न्यायालय तहसीलदार रघुराजनगर के रा.प्र.क्र. 1412अ74/2015-16 में पारित आदेश दिनांक 13-01-17 द्वारा संबंधित राजस्व अभिलेख में संशोधित कर म.प्र. शासन दर्ज किया गया। (ख) जी हाँ। (ग) संबंधित दोषियों के विरुद्ध नियमानुसार वैधानिक कार्यवाही की जा रही है। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
पुलिस कर्मचारियों को समान वेतन
[गृह]
19. ( क्र. 652 ) श्री रामपाल सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में सुरक्षा व्यवस्था की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी पुलिस प्रशासन की है? (ख) यदि प्रश्नांश (क) हाँ तो महत्वपूर्ण सुरक्षा व्यवस्था करने वाले पुलिस कर्मचारियों को अन्य विभाग के समान पद पर पदस्थ कर्मचारियों से कम वेतन क्यों दिया जा रहा है? (ग) क्या अन्य विभाग के समान पद वाले कर्मचारियों की भांति पुलिस विभाग के कर्मचारियों को भी समान वेतन मुहैया करायी जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक। यदि नहीं, तो क्यों।
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। (ख) एवं (ग) अन्य विभाग के समान पद वाले कर्मचारियों से कम प्राप्त होने की स्थिति समक्ष में नहीं आई है।
कार्यभारित हैंडपंप मेकेनिकों की वेतनमान विसंगति
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
20. ( क्र. 683 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रश्नकर्ता के अतारांकित प्रश्न क्रमांक 5781 दिनांक 27 मार्च 2017 एवं तारांकित प्रश्न क्रमांक 2905 दिनांक 6 दिसंबर के सन्दर्भ में क्या विभाग ने वित्त विभाग को स्पीकिंग आदेश जारी करने हेतु कोई प्रस्ताव भेजा है? यदि "हाँ" तो कब, दिनांक सहित जानकारी देते हुए अद्यतन स्थिति से अवगत करायें। (ख) उक्त स्पीकिंग आदेश के अभाव में विभाग द्वारा मा. न्यायालय के 23/3/1998 के पारित निर्णय के तहत नियुक्ति दिनांक से दिए वेतनमान 1150-1800 को इंदौर परिक्षेत्र में आने वाले उज्जैन/इंदौर सम्भागों के जिले के किन-किन कार्यपालन यंत्री द्वारा कम करके वेतनमान 950-1530 किया गया है? स्पष्ट जानकारी जिलेवार देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) संदर्भित विभाग के इस निर्णय के खिलाफ कितने कार्यभारित हैंडपंप मेकेनिकों द्वारा मा.न्यायालय में क्या कोई अपील की गयी है? यदि हाँ, तो उन जिलों के नाम बतायें?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी नहीं। न्यायालयीन निर्णय के परिप्रेक्ष्य में कार्यभारित हैण्डपंप मैकेनिकों को नियुक्ति दिनांक से उन्नयन वेतनमान का लाभ दिये जाने हेतु प्रमुख अभियंता से प्राप्त प्रस्ताव अनुसार प्रकरण सहमति हेतु वित्त विभाग को भेजा गया था। वित्त विभाग से प्राप्त मत के परिप्रेक्ष्य में प्रकरण परीक्षणाधीन है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जिलेवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
परिशिष्ट - ''चौवालीस''
नवीन तहसील की घोषणा
[राजस्व]
21. ( क्र. 720 ) श्री गोविन्द सिंह पटेल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गाडरवारा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत सांईखेड़ा में मुख्यमंत्री जी की नयी तहसील की घोषणा उपरांत क्या इसकी अधिसूचना जारी हो चुकी है? यदि हाँ, तो अधिसूचना की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) नवीन तहसील के स्वरूप में कार्यालय भवन/स्टॉफ हेतु क्या-क्या व्यवस्थाएं की जा रही है? यदि नहीं, तो कब तक नवीन तहसील में संपूर्ण स्टॉफ एवं भवन आदि की व्यवस्था कर दी जायेगी? (ग) नवीन तहसील में कितने अधिकारियों एवं कर्मचारियों की पदस्थापना कब तक कर दी जायेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हां। जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। (ख) विचाराधीन है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) पदों का सृजन किया गया है। उपलब्धता अनुसार पदस्थापना की जाती है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
डायवर्सन शुल्क के संबंध में
[राजस्व]
22. ( क्र. 744 ) श्री सूबेदार सिंह रजौधा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगर पंचायत जौरा के रहवासियों को डायवर्सन शुल्क जमा करने के लिये नोटिस दिये गये हैं, जिन्हें लाखों रूपये की राशि का उल्लेख कर मांग की गई है? यदि हाँ, तो शुल्क की गणना किस आधार पर की गई? (ख) नगर पंचायत जौरा में दिये गये नोटिसों में सबसे अधिक राशि का एवं सबसे न्यून राशि का नोटिस किस-किस भू-भवन स्वामी को दिया गया है और उसके डायवर्सन शुल्क की गणना का आधार क्या है? (ग) क्या डायवर्सन शुल्क की राशि इतनी अधिक हो रही है कि भू-भवन स्वामी उसे वहन करने में असहज महसूस कर रहे हैं? क्या डायवर्सन शुल्क की पुनर्गणना कर भू-भवन स्वामियों को शुल्क में राहत प्रदान की जा सकेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। मध्यप्रदेश भूराजस्व संहिता, १९५९ की धारा ५९ के साथ पठित धारा २५८ के तहत निर्धारण के परिवर्तन और प्रीमियम के अधिरोपण से संबंधित नियम के अनुसार गणना की जाती है। इस नियम के अन्तर्गत म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 59 एवं 172 के तहत निराकृत प्रकरणों में विधिसम्मत अर्थदण्ड आरोपित कर उनकी बसूली हेतु मांग पत्र जारी किये गये है। (ख) नगर पंचायत जौरा में श्री लक्ष्मीकान्त पुत्र रामजीलाल जाति ब्राम्हण निवासी ग्राम अलापुर को ग्राम अलापुर की भूमि सर्वे क्रमांक 951 में से 1000 वर्ग मीटर व्यवसायिक प्रयोजन हेतु कृषि भूमि को कृषि भिन्न आशय में व्यववर्तित किये जाने पर सबसे अधिक राशि 236800/- रुपये निर्धारित कर वसूली हेतु नोटिस जारी किया गया है एवं सबसे न्यून राशि का नोटिस श्री सुल्तान पुत्र अंगद सिंह जाति कुशवाह निवासी ग्राम टिकटोली गुर्जर को राशि 1929 रुपये का दिया गया है। मध्यप्रदेश भूराजस्व संहिता, १९५९ की धारा ५९ के साथ पठित धारा २५८ के तहत निर्धारण के परिवर्तन और प्रीमियम के अधिरोपण से संबंधित नियम के अनुसार गणना की गई हैं। (ग) जी नहीं। शासन नियमानुसार विधिसम्मत राशि की बसूली हेतु मांग पत्र जारी किये गये हैं। अत : शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नरहेला वाटर प्रोजेक्ट
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
23. ( क्र. 745 ) श्री सूबेदार सिंह रजौधा : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या विधानसभा जौरा में कार्याधीन नरहेला वाटर प्रोजेक्ट के अंतर्गत परागा बांध से विभिन्न ग्रामों में पेयजल आपूर्ति के लिये डाली गई लाइनों के कारण से विभिन्न ग्रामों में सीसी खरंजा एवं अन्य मार्ग को खोदकर क्षतिग्रस्त किया गया है? क्या उन्हें पुन: निर्माण करने की जवाबदेही विभाग की है? यदि हाँ, तो कब तक उनका निर्माण कराया जावेगा? यदि नहीं, तो जवाबदेह कौन होगा? (ख) प्रोजेक्ट के अंतर्गत कितने ग्राम लाभान्वित किये गये हैं एवं वर्तमान में कितने ग्रामों में कार्यपूर्ण कर लिया गया है और कितने ग्रामों में कार्य जारी है? उन्हें कब तक पूर्ण कर लिया जावेगा? (ग) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में विभिन्न ग्रामों में क्षतिग्रस्त सीसी खरंजा एवं अन्य मार्ग की वजह से आम रास्ता अवरुद्ध हो रहे है जिससे आम ग्रामजनों को परेशानी हो रही है? उक्त क्षतिग्रस्त मार्गों को कब तक पुन: निर्माण करवा दिया जावेगा?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी हाँ। जी नहीं, उक्त कार्य करने की जवाबदेही संबंधित एजेन्सी की है। कार्य प्रगतिरत है, इसे मार्च 2018 तक पूर्ण किया जाना लक्षित है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ख) 34 ग्राम लाभान्वित किये जाना है। 32 ग्रामों में पाईप लाईन बिछाने का कार्य पूर्ण कर लिया गया है एवं नल कनेक्शन का कार्य प्रगति पर है, 02 ग्रामों में पाईप लाईन बिछाने का कार्य एवं नल कनेक्शन का कार्य प्रगति पर है। मार्च 2018 तक पूर्ण करना लक्षित है। (ग) क्षतिग्रस्त मार्गों का सुधार कार्य प्रगतिरत है, मार्च 2018 तक पूर्ण किया जाना लक्षित है।
माननीय मुख्यमंत्री की घोषणाओं का पालन
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
24. ( क्र. 746 ) श्री सूबेदार सिंह रजौधा : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जौरा विधानसभा क्षेत्र में माननीय मुख्यमंत्री जी के द्वारा कौन-कौन से ग्रामों में नल-जल योजना स्थापित करने की घोषणा की गई है? (ख) माननीय मुख्यमंत्री जी की घोषणा अनुसार उक्त ग्रामों में नल जल योजना स्थापित करने के लिये विभाग की क्या कार्य योजना है? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) में तारतम्य में घोषणाओं के पालन में विभाग द्वारा कब तक कार्य प्रारंभ किया जावेगा?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) ग्राम गहतोली, निचली बहराई, माली बाजना, कहारपुरा एवं सागोरिया। (ख) डी.पी.आर. बनाने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ग) निश्चित समयावधि नहीं बताई जा सकती है।
कार्यवाही एवं पंजीबद्ध प्रकरणों की जानकारी
[राजस्व]
25. ( क्र. 778 ) श्री अजय सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले की रघुराज नगर, रामपुर बघेलान एवं मैहर तहसील की एक अप्रैल 2014 से प्रश्नतिथि तक जिले के किन राजस्व अनुविभागों में शासकीय एवं नजूल की भूमियों में बदले जाने की क्या-क्या शिकायतें नायब तहसीलदारों/तहसीलदारों/अनुविभागीय अधिकारियों/एडीएम/जिला दंडाधिकारी एवं कलेक्टर/आयुक्त राजस्व रीवा/प्रमुख सचिव राजस्व/मुख्य सचिव म.प्र. शासन को किस-किस पटवारी हल्कों की प्राप्त हुई? शिकायतवार/प्रकरणवार/पटवारी हल्कावार/अनुविभागवार/कार्यालयोंवार जानकारी दें? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित भूमियों के फर्जीवाड़े में वर्णित समयानुसार एवं कार्यालयों के द्वारा प्रश्नतिथि तक किस-किस प्रकरण में किस-किस पटवारी हल्के की, कितने-कितने रकबे की किस आराजी क्रमांकों को शासकीय/नजूल की पुन: घोषित कर आदेश जारी किये गये? जारी सभी आदेशों की एक एक प्रति दें? किन किन प्रकरणों में कार्यवाही प्रगति पर है? पटवारी हल्कावार/ प्रकरणवार जानकारी दें? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) में वर्णित उपरोक्त शासकीय/नजूल की भूमियों को कूट रचित दस्तावेजों के आधार पर निजी स्वामित्व में बदले जाने वाले किस-किस नाम/पदनाम के अधिकारी/कर्मचारी राज्य शासन/मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव राजस्व/कलेक्टर सतना के कार्यालय द्वारा प्रश्नतिथि तक चिन्हित किये गये हैं? उन पर किन किन आपराधिक धाराओं में प्रश्नतिथि तक प्रकरण पंजीबद्ध किये जा चुके हैं? प्रकरणवार जानकारी दें? (घ) किन-किन नाम के भू- माफियाओं पर प्रकरण प्रश्नतिथि तक दर्ज किये गये हैं? भूमाफियाओं के नाम प्रकरणवार उपलब्ध करायें?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) सतना जिले की तहसील रघुराजनगर, रामपुर बाघेलान एवं मैहर में शासकीय एवं नजूल भूमियों के फर्जी दस्तावेजों के आधार पर निजी स्वामित्व की भूमियों में बदले जाने की शिकायतें प्रकाश में नहीं आयीं। राजस्व दस्तावेजों के अवलोकन एवं परीक्षण उपरांत तहसील रघुराजनगर के अन्तर्गत कुछ प्रकरण स्वप्रेरणा से लेकर निजी स्वामित्व की भूमियों को शासकीय घोषित किया गया है जिनका उल्लेख प्रश्नांश (ख) में उल्लिखित है। (ख) तहसील रघुराजनगर अन्तर्गत न्यायालय कलेक्टर सतना के रा.प्र.क्र.33 अ19 (। । । ) 2015-16 में पारित आदेश दिनांक 05-04-2016 द्वारा तहसील रघुराजनगर अन्तर्गत पटवारी हल्का सेजहटा के मौजा सोनौरा की आराजी क्रमांक 44, रकवा 3.38ए, आ.नं. 329/342/3 रकवा 5.00ए., आ.नं. 329/ 342/2 रकवा 5.00ए., आ.नं. 309/2 रकवा 5.00ए. कुल किता 04 रकवा 18.38,ए. म.प्र. शासन घोषित किया गया। तदुपरान्त न्यायालय तहसीलदार रघुराजनगर के रा.प्र.क्र. 1294 अ74/2015-16 में पारित आदेश दिनांक 18-04-2016 द्वारा आदेश के पालन में संबंधित राजस्व अभिलेखों में संशोधन कर म.प्र. शासन दर्ज किया गया। न्यायालय कलेक्टर सतना के रा.प्र.क्र. 32अ19 (। । । ) 2015-16 में पारित आदेश दिनांक 28-03-2016 द्वारा पटवारी हल्का कृपालपुर मौजा कृपालपुर की आ.नं. 1285/1ख रकवा 2.00ए., आ.नं. 1285/1ड/1 रकवा 5.00ए., आ.नं. 1285/1घ रकवा 2.00ए., आ.नं. 1285/2 रकवा 4.00ए., आ.नं. 1285/1ग रकवा 3.00ए. कुल किता 06 रकवा 16.00 ए. म.प्र. शासन घोषित किया गया तदपुरान्त न्यायालय तहसीलदार रघुराजनगर के रा.प्र.क्र. 1217अ74/2015-16 में पारित आदेश दिनांक 18-04-2016 द्वारा आदेश के पालन में संबंधित राजस्व अभिलेखों में संशोधन कर म.प्र. शासन दर्ज किया गया। इसके अतिरिक्त न्यायालय कलेक्टर सतना के रा.प्र.क्र. 43अ19 (। । । ) 2015-16 में पारित आदेश दिनांक 26-04-16 द्वारा पटवारी हल्का माधवगढ़ के मौजा माधवगढ़ आ0क्र0 527/1 रकवा 0.53ए. म.प्र. शासन घोषित किया गया तथा आदेश के पालन में न्यायालय तहसीलदार रघुराजनगर के रा.प्र.क्र. 699अ74/2008-09 में पारित आदेश दिनांक 30-04-16 द्वारा राजस्व अभिलेखों में संशोधन कर म.प्र. शासन दर्ज किया गया। न्यायालय कलेक्टर सतना के प्रकरण क्रमांक 02/स्वे0प्र0निग0/2014-15 में पारित आदेश दिनांक 28-12-16 द्वारा पटवारी हल्का कोलगवां के मौजा सोनौरा चेक उतैली के आ0क्र0 91/6/8 रकवा 2.00ए. को म.प्र. शासन घोषित किया गया। आदेश के पालन में न्यायालय तहसीलदार रघुराजनगर के रा.प्र.क्र. 1412अ74/2015-16 में पारित आदेश दिनांक 13-01-17 द्वारा संबंधित राजस्व अभिलेख में संशोधित कर म.प्र. शासन दर्ज किया गया। तहसील रामपुर बाघेलान एवं मैहर के अन्तर्गत कोई प्रकरण प्रकाश में नहीं आने से निजी स्वामित्व की भूमि म.प्र. शासन/नजूल घोषित करने के आदेश पारित नहीं किए गए। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) संबंधित व्यक्ति द्वारा न्यायालय में प्रमाणित सत्य प्रतियाँ प्रस्तुत किए जाने पर निजी स्वामितव से भूमि का परिवर्तन पाया गया है। जांचोपरान्त तत्कालीन कलेक्टर सतना द्वारा उत्तरांश (ख) में वर्णित राजस्व प्रकरणों के माध्यम से संबंधित भूमियों को पुन: म.प्र. शासन दर्ज करने के आदेश पारित किए गए तथा पारित आदेश में किसी अधिकारी/कर्मचारी को दोषी नहीं ठहराया गया है। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता। (घ) प्रश्न तिथि तक उपरोल्लेखित प्रकरणों के संदर्भ में कोई प्रकरण दर्ज नहीं कराए गए है।
थानों के अंतर्गत हुये अपराधों की जानकारी
[गृह]
26. ( क्र. 791 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र नरेला जिला भोपाल के अंतर्गत कितने व कौन-कौन से थाने आते हैं? नाम देते हुए बताये कि उक्त थाना क्षेत्रों के अंतर्गत दिनांक 01.01.2015 से 31.12.2017 के दौरान नाबालिक एवं बालिका बच्चियों (महिलाओं) के गायब होने, आत्महत्या करने, यौन शोषण, बलात्कार, हत्या, हत्या के प्रयास, तेजाब डालने, छेड़छाड़, मारपीट, ब्लैक मेलिंग, अश्लील एम.एम.एस. बनाने, अश्लील एस.एम.एस. करने, साईबर क्राईम किये जाने की शिकायते कब-कब प्राप्त हुई? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित समयानुसार शिकायतों में कब कब एफ.आई.आर. दर्ज हुई? कौन-कौन सी शिकायतें प्रश्नतिथि तक किस नाम/पते की शिकायत विचाराधीन/पेंडिंग हैं वर्षवार प्रश्न तिथि तक की जानकारी दें? (ग) प्रश्नतिथि तक उक्त शिकायतें पेंडिंग रहने के कारण पुलिस अधीक्षकों/उप पुलिस महानिरीक्षक/ पुलिस महानिरीक्षक के द्वारा अपने निरीक्षणों/क्राईम मीटिंग/समीक्षा बैठकों के दौरान किस पत्र क्रमांकों/दिनांकों से किस-किस थानों के किस नाम/पदनाम के विरूद्ध क्या कार्यवाही किस प्रकार की? (घ) विधानसभा क्षेत्र नरेला के अंतर्गत आने वाले थानों में किस नाम/पदनाम के आरक्षक/ प्रधानाध्यापक/ए.एस.आई./उप निरीक्षक/उप पुलिस अधीक्षक प्रश्न तिथि तक तीन वर्ष से ज्यादा समय से पदस्थ हैं? थानावार/नामवार/पदवार दें?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
फरार आरोपियों की गिरफ्तारी
[गृह]
27. ( क्र. 792 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कार्यालय पुलिस अधीक्षक सतना के पत्र क्रमांक पु.अ./सतना/ओ.एम./विसप्र/28-ए/16 दिनांक 23.07.2016 में उल्लेखित अपराध क्र. 168/2016 में उल्लेखित सभी आरोपियों को प्रश्नतिथि तक गिरफ्तार कर प्रकरण की केस डायरी न्यायालय में चालान सहित पेश की जा चुकी है? अगर नहीं तो कौन-कौन से फरार आरोपियों को प्रश्नतिथि तक नहीं पकड़ा गया है? नामवार/पतेवार/आरोपवार विवरण दें। (ख) क्या उक्त जमीनों की धोखाधड़ी के प्रकरण में धर्मेन्द्र कुशवाहा पिता रामसिया कुशवाहा, निवासी पुष्पराज कालोनी को भी पुलिस द्वारा संरक्षण प्रदान कर उसे गिरफ्तार नहीं किया जा रहा है, जबकि उक्त धर्मेन्द्र कुशवाह की जमानत याचिका जिला न्यायालय एवं उच्च न्यायालय से खारिज हो चुकी है? (ग) क्या इसी प्रकार सतीश सुखेजा नामक व्यक्ति के परिवार द्वारा भी जमीन की धोखाधड़ी की गई जिसकी कई शिकायतें एस.पी., ए.एस.पी., टी.आई., कोलगंवा एवं सिटी कोतवाली में कई सालों से लंबित हैं पर कोई आपराधिक प्रकरण कायम नहीं किया गया है? कब से उक्त शिकायतें लंबित हैं? अगर एफ.आई.आर. हो गई है तो प्रति दें। (घ) कब तक सौनौरा/राजस्थान की शासकीय भूमि घोटाले के आरोपियों के विरूद्ध पुलिस प्रकरण कायम कर उन्हें गिरफ्तार करेगी? माननीय डीजीपी के अभिमत का उल्लेख करें।
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) थाना कोलगंवा जिला सतना के अपराध क्रमांक 168/2016 में आरोप सिद्ध पाये गये आरोपियों की गिरफ्तारी की जाकर चालान एवं केश डायरी न्यायालय में प्रस्तुत की गई है। गिरफ्तार नहीं किए गए आरोपियों के संबंध में प्रकरण विवेचना में होने से जानकारी प्रदाय करना न्यायसंगत नहीं। (ख) प्रकरण विवेचनाधीन होने से जानकारी प्रदाय करना न्यायसंगत नहीं होगा। (ग) सतीश सुखेजा नामक व्यक्ति के परिवार द्वारा जमीन की धोखाधड़ी की जाँच नगर पुलिस अधीक्षक, सतना द्वारा दिनांक 17.10.2017 से की जा रही है। जाँच में पाए गए तथ्यों के आधार पर वैधानिक कार्यवाही की जाएगी। (घ) समय-सीमा बताना संभव नहीं।
पुनर्वास क्षेत्रों में नामांतरण
[राजस्व]
28. ( क्र. 940 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पुनर्वास नीति के तहत भूमि प्राप्त करने वाले भू-स्वामी की मृत्यु के पश्चात् उसके वारिसों के नाम भूमि का नामांतरण करने के पूर्ण नियमों की जानकारी देवें। (ख) धार एवं बड़वानी जिले में उपरोक्तानुसार ऐसे कितने आवेदन लंबित हैं? जिलावार आवेदक नाम, मृतक नाम सहित देवें। (ग) विगत वर्षों में ऐसे कितने नामांतरण किए गए जिलावार देवें। (घ) प्रश्नांश (ख) अनुसार लंबित प्रकरणों का निराकरण कब तक कर दिया जाएगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) पुनर्वास नीति के तहत भूमि प्राप्त करने वाले भूमि स्वामी की मृत्यु के पश्चात उनके वारिसान के नाम भूमि का नामान्तरण के अधिकार भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 109, 110 के तहत तहसीलदार/ग्राम सभा को है। (ख) जिला धार में पुनर्वास क्षेत्र मनावर एवं कुक्षी होकर, कुक्षी पुनर्वास क्षेत्र में एक कृषक नटवरलाल पिता चम्पालाल महाजन के स्वामित्व की संयुक्त खाते की भूमि ग्राम निसरपुर अन्तर्गत डूब से प्रभावित होने से भूमि के अवार्ड के दौरान मृत्यु होने से तहसीलदार द्वारा जारी वारिसान प्रमाण पत्र के आधार पर उनके वारिस पुत्र सुरेश कुमार, प्रहलाद पिता स्वर्गीय नटवरलाल को संयुक्त रूप से भूमि आवंटित कर कब्जा दिया गया हैं। जिले में नामान्तरण से शेष आवेदन पत्र लम्बित नहीं हैं। जिला बड़वानी में पुनर्वास नीति के तहत भूमि प्राप्त करने वाले भू-स्वामी की मृत्यु के पश्चात् उसके वारिसों के नाम भूमि का नामांतरण करने के कोई भी प्रकरण लंबित नहीं है। (ग) जानकारी निरंक है। (घ) प्रश्नांश (ग) के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उत्पन्न नहीं होता।
औद्योगिक स्वास्थ्य एवं सुरक्षा अधिकारी के रिक्त पदों की पूर्ति
[श्रम]
29. ( क्र. 1030 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या राज्यमंत्री, श्रम महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश के ५१ जिलों में औद्योगिक स्वास्थ्य एवं सुरक्षा अधिकारी के पद कहाँ-कहाँ एवं कितने/स्वीकृत हैं? किन-किन जिलों में अब तक इन अधिकारियों की नियुक्तियां किस कारण से नहीं है तथा कितने व कहाँ-कहाँ पद रिक्त हैं? (ख) औद्योगिक स्वास्थ्य एवं सुरक्षा जैसे अति महत्वपूर्ण पद लंबे समय से जिलों में रिक्त होने का क्या कारण है? (ग) शासन कब तक जिलों में रिक्त पदों पर इन अधिकारियों की नियुक्ति कर देगा? किस प्रकार? पूर्ण विवरण दें।
राज्यमंत्री, श्रम ( श्री बालकृष्ण पाटीदार ) : (क) प्रश्नांश में निहित विभिन्न कार्यालयों में स्वीकृत एवं रिक्त पदों से संबंधित जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। विभिन्न कार्यालयों में सीधी भर्ती से भरे जाने वाले सहायक संचालक, औद्योगिक स्वास्थ्य एवं सुरक्षा के रिक्त पदों हेतु भर्ती की प्रक्रिया प्रचलित हैं। (ख) अनेक अधिकारियों की सेवानिवृत्ति एवं सहायक संचालकों की सीधी भर्ती हेतु प्रक्रिया प्रचलित होने से उक्त पद रिक्त हैं। (ग) सहायक संचालक, औद्योगिक स्वास्थ्य एवं सुरक्षा के रिक्त पदों पर सीधी भर्ती की प्रक्रिया प्रचलित हैं।
जाँच आयोग के प्रतिवेदन
[गृह]
30. ( क्र. 1032 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले के बड़नगर, बालाघाट एवं पेटलावद में हुए विस्फोट/आग/धमाके/पटाखों आदि से दुर्घटना की जाँच आयोग की रिपोर्ट क्या है? पूर्ण जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) में कितने एवं कौन-कौन दोषी पाये गये? इसमें कितने अधिकारी दोषी पाए गए? सभी दोषियों पर अब तक की गई कार्यवाहियों का पूर्ण ब्यौरा दें? (ग) प्रश्नांश (क) घटनाओं में मृतकों को दिये मुआवजे, अब तक मुआवजा राशि ना मिल पाने वालों का ब्यौरा क्या है? माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा मृतकों के परिजनों को अनुकंपा नियुक्ति की घोषणा पर कितना अमल अब तक हुआ? कितने पात्र परिवारों को अब तक नौकरी मिली? कितनों को नहीं? किस कारण? पूर्ण ब्यौरा दें।
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) बड़नगर, जिला उज्जैन एवं बालाघाट की घटना में जाँच आयोग का गठन नहीं हुआ। केवल पेटलावद, जिला झाबुआ की घटना पर गठित जाँच आयोग के प्रतिवेदन पर कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। इसलिए इस संबंध में जानकारी देना न्यायसंगत नहीं होगा। (ख) पेटलावद जाँच आयोग रिपोर्ट प्राप्त होने के पश्चात् कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। इसलिए जानकारी देना न्यायसंगत नहीं होगा। (ग) बड़नगर, जिला उज्जैन की घटना में प्रत्येक मृतक को रूपये 1,50,000/- तथा घायल को रूपये 50,000 कुल रूपये 27,50,000/- (सत्ताईस लाख पचास हजार रूपये) मुआवजा दिया गया। दि. 07.06.2017 को जिला बालाघाट स्थित खैरी पटाखा फैक्ट्री में हुए विस्फोट की घटना में मृतक एवं घायलों के परिजनों को मुख्यमंत्री स्वेच्छानुदान, आर.बी.सी.6-4, प्रधानमंत्री सहायता कोष, रेडक्रास द्वारा कुल राशि रूपये 2,16,95,000/- (दो करोड़ सोलह लाख पिन्चयान्वें हजार रूपये) का मुआवजा दिया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ’ अनुसार। पेटलावद विस्फोट हादसे में 73 मृतकों को कुल राशि रूपये 3.60 लाख (तीन करोड़ 60 लाख रूपये) का मुआवजा राशि प्रदाय की गई तथा 02 व्यक्तियों को प्रकरण मान. न्यायालय में विचाराधीन होने के कारण मुआवजा प्रदाय नहीं किया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब’ अनुसार तथा 31 मृतक के आश्रितों को अनुकम्पा नियुक्ति दी गई। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स’ अनुसार। मा.मुख्यमंत्री जी द्वारा कोई घोषणा नहीं की गई है। शेष जानकारी निरंक है।
अधिगृहित भूमि के मुआवजा का भुगतान
[राजस्व]
31. ( क्र. 1050 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या धरमपुरी विधानसभा क्षेत्र से गुजर रहे राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 03 (बाम्बे आगरा मार्ग) के चौड़ीकरण-फोरलेन निर्माण में क्षेत्र के किसानों की अधिगृहित भूमि हेतु पारित अवार्ड के विरूद्ध सर्व प्रथम न्यायालय अपर आयुक्त एवं आर्बिट्रेटर संभाग इन्दौर में अपील की गई थी जिसमें उपरोक्त न्यायालय द्वारा दिनांक 13 अगस्त 2009 को किसानों के पक्ष में निर्णय देते हुए मय 9 प्रतिशत ब्याज सहित मुआवजा भुगतान करने के लिये आदेशित किया गया था? (ख) तदोपरांत रा.रा.प्रा. इन्दौर के द्वारा पुनः किसानों के विरूद्ध न्यायालय-बारहवें अपर जिला न्यायाधीश, इन्दौर में परिवाद प्रस्तुत किया गया था? जिस पर उपरोक्त न्यायालय द्वारा भी दिनांक 14 सितंबर 2016 को किसानों के पक्ष में ही निर्णय पारित कर रा.रा.प्रा. इन्दौर को कब्जा दिनांक से मय 9 प्रतिशत वार्षिक ब्याज सहित मुआवजा भुगतान करने के आदेश दिये गये? (ग) न्यायालय के निर्णय के पालन में सक्षम प्राधिकारी एवं अनुविभागीय अधिकारी, धरमपुरी के खाते में मुआवजा राशि जमा होने के एक वर्ष 10 माह पश्चात् भी किसानों को अभी तक भुगतान नहीं किया गया है? इसका क्या कारण है? निर्णयानुसार मय ब्याज सहित मुआवजा कब तक संबंधित किसानों को भुगतान कर दिया जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा प्रदत्त जानकारी अनुसार माननीय बारहवे अपर जिला न्यायाधीश इन्दौर द्वारा पारित निर्णय के विरूद्ध राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा अब माननीय उच्च न्यायालय खण्डपीठ इन्दौर में अपील क्रमांक 15/17 प्रस्तुत की है। उक्त अपील अभी विचाराधीन होने से भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा अनुविभागीय अधिकारी राजस्व एवं सक्षम प्राधिकारी मनावर के कार्यालय में राशि जमा नहीं की गई है। माननीय न्यायालय से निर्णय होने/भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा राशि जमा कराए जाने की स्थिति में संबंधित कृषकों को राशि का भुगतान किया जा सकेगा।
सिंहस्थ के दौरान रखे गये अस्थाई होम गार्डों की नियुक्ति
[गृह]
32. ( क्र. 1058 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता द्वारा मा. गृह मंत्री म.प्र. शासन भोपाल को लिखे गये पत्र क्रमांक 357 दिनांक 08/04/2017 जिसकी प्रतिलिपि मा. मुख्यमंत्री म.प्र., मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव गृह विभाग म.प्र. शासन भोपाल को प्रेषित की गई थी, पर क्या कार्यवाही की गई? (ख) क्या म.प्र. में सिंहस्थ महाकुम्भ के दौरान भर्ती किये गये होमगार्ड सैनिकों को प्रशिक्षण एवं ड्यूटी में लगभग दो वर्ष का समय लगा व सिंहस्थ ड्यूटी एवं बाढ़ आपदा के बाद उनकी सेवायें समाप्त कर दी गई तथा इस दौरान बहुत से होमगार्ड ओवर ऐज हो गये तो क्या उन्हें पुलिस भर्ती में प्राथमिकता दी जावेगी? (ग) क्या उक्त प्रशिक्षित सैनिक जो सिंहस्थ महाकुम्भ में अपनी सेवाएं दे चुके हैं, को पुनः सेवा में रखे जाने के संबंध में विभाग द्वारा कोई योजना अथवा प्रस्ताव पारित किया गया है? (घ) यदि हाँ, तो जानकारी उपलब्ध करावें। यदि नहीं, तो उसका क्या कारण है?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) माननीय विधायक के पत्र दिनांक 08.04.2017 पर महानिदेशक, होमगार्ड तथा नागरिक सुरक्षा मुख्यालय से अभिमत प्राप्त किया गया है, जिस पर कार्यवाही विचाराधीन है। (ख) ऐसा कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। (ग) एवं (घ) प्रस्ताव विचाराधीन है।
सुरक्षाकर्मी के साथ दुर्व्यवहार किया जाना
[गृह]
33. ( क्र. 1069 ) श्री जितू पटवारी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मुख्यमंत्री जी की जनवरी 2018 में सरदारपुर जिला धार के नगरीय निकाय चुनाव में किसी सुरक्षा कर्मी से दुर्व्यवहार की घटना घटित हुई? यदि हाँ, तो घटना की दिनांक, समय तथा सुरक्षा कर्मी का नाम, पद बतावें? (ख) मुख्यमंत्री की सुरक्षा में इस तरह की गंभीर चूक होना कि माननीय को उत्तेजित होना पड़ा, इसके लिये कौन सुरक्षा अधिकारी जिम्मेदार है ऐसी घटना घटित होने के क्या कारण है तथा भविष्य में ऐसी घटना न हो उसके लिये क्या कदम उठाये गये है? (ग) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित घटना की विभागीय जाँच की गई है यदि नहीं, तो क्यों? यदि हाँ, तो जाँच रिपोर्ट से अवगत करावे तथा बतावें कि क्या मीडिया में प्रसारित यह खबर सच है या झूठ है? यदि गलत/ झूठा है तो न्यूज चैनलों तथा सोशल मीडिया पर क्या-क्या कार्यवाही की गई? (घ) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित घटना पर गृह विभाग द्वारा प्रेषित रिपोर्ट की प्रति देवें?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी नहीं। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) से (घ) प्रश्नांश ''क'' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
लहार परिवहन कार्यालय में कर्मचारी की पदस्थापना की जाना
[परिवहन]
34. ( क्र. 1090 ) कुँवर विक्रम सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2014 से 2015 के बीच माननीय परिवहन मंत्री ने भिण्ड जिले के नगर लहार में प्रति सप्ताह में एक दिवस नियमित रूप से ड्रायविंग लायसेंस आदि कार्यों हेतु एक लिपिक कर्मचारी पदस्थ करने की घोषणा सदन में की थी? यदि हाँ, तो विभाग ने कब से लहार में प्रति सप्ताह एक कर्मचारी लहार में कार्य करने का आदेश दिया था? आदेश की प्रति दें। (ख) 1 अप्रैल, 2017 से 31 जनवरी, 2018 तक किस-किस कर्मचारी ने प्रति सप्ताह किस-किस दिनांक को परिवहन कार्यालय में लहार में बैठकर किन-किन व्यक्तियों के ड्रायविंग लायसेंस हेतु आवेदन प्राप्त किये? (ग) क्या वर्तमान में लहार परिवहन कार्यालय अनेक माह से बन्द है? यदि हाँ, तो आदेश का उल्लंघन करने का कारण बतायें। (घ) नियमित रूप से लहार में परिवहन विभाग से संबंधित कार्य करना पुन: कब से प्रारम्भ किया जावेगा?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) परिवहन मंत्री जी के निर्देशानुसार प्रभारी जिला परिवहन अधिकारी भिण्ड को दिनांक 22-12-2015 को निर्देशित किया गया था कि वे सप्ताह में एक दिन भिण्ड कार्यालय की तहसील लहार में बैठकर इस तहसील से संबंधित कार्य संपादित करेगें ताकि आम जनता को सुविधा प्राप्त हो सकें। निर्देश की प्रति संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) श्री हितेन्द्र बहादुर सहायक वर्ग-3 को दिनांक 01 अप्रैल, 2017 से 31 जनवरी, 2018 तक नगर लहार कैम्प में 52 ड्रायविंग लाइसेंसों के आवेदन प्राप्त हुए है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) एवं (घ) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
पेयजल की कार्य योजना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
35. ( क्र. 1106 ) श्री मधु भगत : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जिला बालाघाट में अल्प वर्षा को दृष्टिगत रखते हुये आगामी ग्रीष्म ऋतु में पेयजल की समस्या के निदान हेतु विभाग की क्या कार्य योजना हैं? यदि विभाग के द्वारा कोई कार्य योजना तैयार की गई है तो कौन-कौन से कार्य कितनी-कितनी लागत के प्रस्तावित किए गए हैं? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार जिला बालाघाट के विधान सभा क्षेत्र परसवाड़ा में क्या-क्या कार्य प्रस्तावित किए गए हैं? कार्यवार विवरण देवें। (ग) जिला बालाघाट की बंद नल जल प्रदाय योजना एवं जल स्तर कम होने से बंद हैंडपम्पों के चालू करने की क्या कार्य योजना है? कितने हैंडपंप वर्तमान स्थिति में बंद पड़े हैं और क्यों? कारण सहित स्पष्ट करें। इन्हें कब तक चालू कर दिया जावेगा?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) बंद नलजल योजनाएं यथाशीघ्र चालू की जा सके इस हेतु शासन द्वारा प्रत्येक जिले में कलेक्टर की अध्यक्षता में जिला स्तरीय समिति गठित की है जिसे रु. 20.00 लाख तक के स्वीकृति के अधिकार सौपें गये है। जलस्तर कम होने से बंद हैण्डपंप में राईजर पाइप बढ़ाकर एवं आवश्यकता अनुसार सिंगल फेस मोटर पंप डालकर चालू करने की कार्य योजना है। 152 हैण्डपंप सामान्य खराबी से बंद हैं। बंद हैण्डपंपों को विभाग द्वारा सतत् संधारण प्रक्रिया के तहत् अधिकतम 15 दिवस में सुधारे जाने का प्रावधान हैं।
परिशिष्ट - ''अड़तालीस''
शासकीय भूमि पर अतिक्रमण
[राजस्व]
36. ( क्र. 1107 ) श्री मधु भगत : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बालाघाट जिले के परसवाड़ा विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत शासकीय भूमि पर कहाँ-कहाँ कब से किस रूप में कितने रकबे में किसके द्वारा अतिक्रमण है? (ख) उपरोक्त अतिक्रमण के खिलाफ कार्यवाही करने हेतु विगत 3 वर्षों में किसे-किसे, कब-कब नोटिस जारी किए गये? (ग) परसवाड़ा विधानसभा क्षेत्र में विगत 3 वर्षों में कृषि भूमि पर बिना आवासीय भूमि में डायवर्सन कराये कौन-कौन सी भूमि पर किसके द्वारा प्लाट बेचे गये? उनका भूस्वामी कौन है? उसका नाम/पता बतायें? (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार जिस भूमि पर बिना डायवर्सन कराये निर्माण कार्य है वह कौन-कौन सी कहाँ-कहाँ पर है? रकबा, खसरा क्रमांक, ग्राम का नाम भूस्वामी का नाम बतायें?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जिले में शासकीय भूमि पर तहसीलवार अतिक्रमण निम्नानुसार है :-
तहसील का नाम |
अतिक्रामकों की संख्या |
कैफियत |
बालाघाट |
३०५ |
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। |
तिरोड़ी |
१९ |
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। |
कटंगी |
१५ |
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। |
किरनापुर |
१५५ |
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। |
वारासिवनी |
१७६ |
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। |
बैहर |
३० |
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। |
बिरसा |
६६ |
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। |
खैरलांजी |
६४ |
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। |
लालबर्रा |
१४ |
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। |
परसवाड़ा |
१६ |
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। |
लांजी |
३२ |
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। |
(ख) उपरोक्त अतिक्रमण के खिलाफ की गई कार्यवाही संबंधित सूची तहसीलवार पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एम पर है। (ग) बालाघाट जिले की तहसील लालबर्रा में कृषि भूमि पर बिना आवासीय भूमि में डायवर्सन कराये भूमि स्वामी, नाम, पता संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) बिन्दु '’ग’’ अनुसार पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
निर्माण कार्य की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
37. ( क्र. 1149 ) श्री रामलाल रौतेल : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि जिला अनूपपुर अंतर्गत निर्माण एजेन्सी लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी द्वारा जनवरी 2015 से दिसम्बर 2017 तक हुये निर्माण कार्य का प्रकार ग्राम पंचायत का नाम, जनपद पंचायत का नाम, प्राप्त आवंटन, व्यय राशि, कार्य की भौतिक स्थिति की वर्षवार जानकारी प्रदाय करें।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : जिले को निर्माण कार्यों के लिए मदवार आवंटन दिया जाता है, कार्यवार नहीं, शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
स्वीकृत/संचालित नल-जल योजनाएं
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
38. ( क्र. 1164 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) धरमपुरी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत निवासरत ग्रामीणों को शुद्ध पेयजल सुविधा उपलब्ध कराने हेतु विभाग द्वारा विगत पाँच वर्षों में कितनी नल-जल योजना स्वीकृत की गई? स्वीकृत नल-जल योजनाओं में से कितने कार्य पूर्ण कर लिये गये? उनमे से कितनी नल-जल योजनाऐं पूर्णता उपरांत ग्राम पंचायतों को सौंपी गई? (ख) नल-जल योजनाओं के सफल संचालन एवं संधारण हेतु विगत पाँच वर्षों में धरमपुरी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत ग्राम पंचायतों को शासन द्वारा प्रदाय आवंटन राशि का विवरण देवें?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) 2 योजनाएं। दोनों योजनाओं के कार्य पूर्ण। दोनों योजनाएं ग्राम पंचायतों को सौंप दी गई हैं। (ख) विभाग द्वारा कोई राशि नहीं दी गई है।
प्रदेश में महिलाओं के साथ दुष्कर्म/सामूहिक दुष्कर्म की घटनाएँ
[गृह]
39. ( क्र. 1177 ) श्री रामनिवास रावत : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 822 दिनांक 19.07.17 के उत्तर में दिनांक 01 जनवरी, 2017 से 20 जून, 2017 तक प्रदेश में कुल 2291 महिलाओं के साथ दुष्कर्म की घटनाएँ घटित होने जिसमें 1046 वयस्क एवं 1245 अवयस्क महिलाऐं तथा 131 महिलाओं के साथ सामूहिक दुष्कर्म की घटनाएँ घटित होने की जानकारी दी गई थी? (ख) यदि हाँ, तो दिनांक 21 जून, 2017 से प्रश्नांकित दिनांक तक की अवधि में प्रदेश में कितनी महिलाओं के साथ दुष्कर्म/सामूहिक दुष्कर्म की घटनाएँ घटित हुई? कृपया अ.जा., अ.ज.जा., पिछड़ा वर्ग एवं सामान्य वर्ग तथा वयस्क/अवयस्क महिलाओं सहित जिलेवार जानकारी दें? इनमें से कितनी महिलाओं की हत्या हुई एवं कितनों ने आत्महत्या की? (ग) क्या शासन के लाख प्रयासों के बावजूद प्रदेश में महिलाओं पर बढ़ते अपराध एवं दुष्कर्म की घटनाओं में लगातार वृद्धि हो रही है? यदि हाँ, तो उक्त अपराधों पर नियंत्रण के लिए शासन द्वारा क्या विशेष प्रयास किये जा रहे हैं? (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में दुष्कर्म पीड़िताओं को आर्थिक सहायता प्रदान करने के सम्बन्ध में शासन के क्या नियम एवं निर्देश हैं एवं अभी तक कितनी पीड़िताओं को कितनी सहायता राशि उपलब्ध कराई गयी है?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
आवासीय पट्टों का वितरण
[राजस्व]
40. ( क्र. 1178 ) श्री रामनिवास रावत : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विजयपुर विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत कुल कितने राजस्व ग्राम एवं कुल कितने वन ग्राम हैं वनग्रामों के नाम बतावें? क्या दखल रहित म.प्र. शासन की भूमि पर आबादी बनाकर भूमिहीन व्यक्ति जो पुस्तैनी रूप से काबिज हैं, उन्हें आवासीय पट्टा देने का प्रावधान हैं? (ख) यदि हाँ, तो तहसील विजयपुर, वीरपुर एवं कराहल के किन-किन ग्रामों के आवेदकों के आवासीय पट्टा प्राप्त दिए जाने हेतु कितने आवेदन लंबित है? भूमिहीन व्यक्तियों के आवेदन प्राप्त होने के बावजूद भी आवासीय पट्टा वितरण नहीं किये जाने के क्या कारण है? (ग) क्या राजस्व ग्रामों के अंतर्गत आबादी भूमि के अतिरिक्त अन्य शासकीय भूमि पर निवास करने वाले लोगों को भी आवासीय पट्टे प्रदाय किये गए हैं? यदि हाँ, तो कितने ग्रामों के कितने व्यक्तियों को? तहसीलवार संख्यात्मक जानकारी दें? (घ) क्या वन ग्रामों के अंतर्गत वन भूमि होने के कारण आवासीय पट्टे नहीं दिए जाने से वनवासी आवासहीन होते हुए भी आवास प्राप्त करने की योजना का लाभ प्राप्त करने से वंचित हैं? यदि हाँ, तो क्या वन ग्रामों के अंतर्गत वन भूमि पर पीढ़ी दर पीढ़ी बसे चले आ रहे लोंगों को शासन आवासीय पट्टे प्रदान करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) विजयपुर विधान सभा क्षेत्रांतर्गत कुल 329 राजस्व ग्राम हैं एवं वन ग्राम नहीं हैं। जी हाँ। मध्यप्रदेश ग्रामों में की दखल रहित भूमि (विशेष उपबन्ध) अधिनियम 1970 के तहत आवासीय पट्टा देने का प्रावधान हैं। (ख) विधान सभा क्षेत्रांतर्गत तहसील विजयपुर, वीरपुर, कराहल के आवेदकों के आवासीय पट्टा प्राप्त करने के कोई आवेदन लंबित नहीं हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) आबादी भूमि के अतिरिक्त अन्य शासकीय भूमि पर कोई पट्टा प्रदाय नहीं किये गये हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
कृषकों की भूमि को कम्प्यूटर पर ऑन लाईन दर्ज करना
[राजस्व]
41. ( क्र. 1189 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या तहसील भितरवार जिला ग्वालियर के ग्राम पंचायत लुहारी के मजरा हरिजन कॉलोनी के कृषक श्री नरेन्द्र पुत्र चरना जाटव, गुडडी पत्नी अशोक जमादार, संतोष पुत्र बावू जाटव, कल्लू पुत्र गोपाल, अंगद पुत्र लालू, बाबू पुत्र भजना, भागीरथ पुत्र सुन्दू, रामदास पुत्र जानकी, बब्लू तोताराम पुत्र हरदयाल तथा भूरीबाई इत्यादि सभी अनुसूचित जाति के हैं तथा ग्राम पंचायत लुहारी के ही ग्राम खडीचा के अनुसूचित जनजाति के कृषक श्रीराजू पुत्र वैजू, लल्लू पुत्र करनसिंह, वीरसिंह पुत्र मंगू, हरीराम पुत्र रामप्रसाद, रामदास पुत्र पहलू, राजावेटी पत्नी संतोष, रमेश पुत्र अमरू, सुमित्रा वेबा पहलू, गीता पत्नी पुन्ना, राजेन्द्र पुत्र मंगी, भग्गों वेवा प्रीतम, रामदुलारी पत्नी कैलाश, मोहनलाल पुत्रमौलवी, पार्वती वेवा रामचरन, वल्लू पुत्रपुन्ना, लखनलाल पुत्र रामचरन, जगराम पुत्र खैरा वल्लू पुत्र रामचरन, मुन्ना पुत्र सब्दल, पुनिया वेवा वादाम, राकेश पुत्र पुन्ना, कमला वेवा मंगी, खेमा पुत्र करनसिंह एवं सावों वेवा करनसिंह इत्यादि लगभग 26 कृषक जिनकों भूमि आवंटित की गई थी, इनके पास भू-अधिकार एवं ऋण पुस्तिकायें हैं तथा भूमि आवंटित दिनांक से वह खेती कर रहे हैं, किन्तु कई बार तहसीलदार एस.डी.एम. भितरवार एवं कलेक्टर ग्वालियर को आवेदन देने के बाद भी इन गरीब अनु. जाति तथा जनजाति के कृषकों की भूमि को कम्प्यूटर पर ऑन लाईन दर्ज नहीं किया गया है जिस कारण वह शासकीय योजनाओं के लाभ से वंचित हैं। यदि हाँ, तो इसके लिये कौन-कौन कर्मचारी/अधिकारी दोषी हैं? उनके नाम बतावें? क्या दोषियों के प्रति कोई दण्डात्मक कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो क्या और कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) प्रश्नांश (क) के अनु. जाति एवं अनु. जनजाति के भूमिस्वामी कृषकों का नाम कब तक कम्प्यूटर में ऑन लाईन दर्ज करा दिया जावेंगा? एक निश्चित समय-सीमा बतावें।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) तहसील भितरवार जिला ग्वालियर के ग्राम पंचायत लुहारी एवं खडीचा के अनुसूचित जनजाति एवं जनजाति के जिन लगभग 26 क़ृषकों को भूमि आवंटित किया जाना बताया है उनमें से 7 कृषकों के प्रकरण अमल कार्यवाही हेतु न्यायालय में प्रचलित है, जिनके प्रकरण क्रमांक निम्नानुसार है:-
1 प्र0क्र0 61/16-17/अ6अ संतोष पुत्र बाबूलाल जाटव ग्राम लुहारी
2. प्र0क्र0 57/16-17/अ6अ भागीरथ पुत्र सुन्दू ग्राम लुहारी
3. प्र0क्र0 60/16-17/अ6अ बाबूलाल पुत्र भजना जाटव ग्राम लुहारी
4. प्र0क्र0 62/16-17/अ6अ रामदास पुत्र जानकी जाटव ग्राम लुहारी
5. प्र0क्र0 54/16-17/अ6अ नरेन्द्रसिंह पुत्र चरना ग्राम लुहारी
6 प्र0क्र0 58/16-17/अ6अ कल्लू पुत्र गोपाल ग्राम लुहारी
7. प्र0क्र0 55/16-17/अ6अ अंगद पुत्र लालू ग्राम लुहारी
उपरोक्त आवेदकों की मूल पट्टे संबंधी फाईल का शोध किया जाकर विधि अनुसार अमल की कार्यवाही की जा रही है। शेष आवेदकों से आवेदन एवं उनके पट्टों की कॉपी तथा जाँच रिपोर्ट प्राप्त करने बावत हल्का पटवारी को निर्देशित किया गया है। आवेदन प्राप्त कर प्रकरणों में विधि अनुसार कार्यवाही की जायेगी। प्रश्नांश (क) के प्रथम भाग के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
मुख्यमंत्री अन्नपूर्णा योजना का क्रियान्वयन
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
42. ( क्र. 1190 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भितरवार विधानसभा क्षेत्र में कितने सदस्यों को पात्रता श्रेणी के तहत मुख्यमंत्री अन्नपूर्णा योजना का खाद्यान्न मिल रहा है? लाभार्थियों की संख्या श्रेणी की प्रोजेक्ट जनसंख्या का कितने प्रतिशत है? विकासखण्डवार बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार 1 अप्रैल, 2016 से प्रश्न दिनांक तक कितने-कितने परिवार जोड़े गये एवं कितने अपात्र परिवार घटाए गये? पृथक-पृथक घटाये गये तथा जोड़े गये परिवारों की सूची दें। राशन दुकानवार, क्षेत्रवार पात्रता श्रेणी के कितने परिवार और सदस्य सत्यापन उपरान्त पात्रता पर्ची से वंचित हैं और क्यों? (ग) क्या बी.पी.एल. कार्डधारियों को प्रधानमंत्री उज्जवला योजनांतर्गत गैस कनेक्शन प्रदान किये गये हैं? यदि हाँ, तो बतायें कि भितरवार विधानसभा क्षेत्र में कितने हितग्राहियों को पंचायत क्षेत्रवार गैस वितरण कब किसके द्वारा किया गया? (घ) ग्वालियर जिले के विधानसभा क्षेत्रों में गैस वितरण की संख्या अलग-अलग विधानसभा क्षेत्रवार बतावें? क्या शासन द्वारा विधानसभा क्षेत्रवार कोई लक्ष्य निर्धारित किया था? यदि नहीं, तो यह बतावें कि भितरवार विधानसभा क्षेत्र में जिले के अन्य विधानसभा क्षेत्र की तुलना में गैस वितरण कम क्यों किया गया? इस हेतु दोषियों पर क्या कार्यवाही की जावेंगी?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत मुख्यमंत्री अन्नपूर्णा योजना के तहत भितरवार विधानसभा क्षेत्र के 2,00,154 हितग्राहियों को खाद्यान्न का वितरण किया जा रहा है, जिसमें विकासखण्ड बरई के 81,509 एवं भितरवार के 1,18,645 में हितग्राही हैं। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत सम्मिलित 25 श्रेणियों के समस्त हितग्राहियों का विभाग द्वारा सर्वे नहीं कराए जाने के कारण श्रेणी की प्रोजेक्ट जनसंख्या दी जाना सम्भव नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) भितरवार विधानसभा क्षेत्रांतर्गत 1 अप्रैल, 2016 से अभी तक जोड़े गए 7,069 नवीन परिवारों को जोड़ा गया है एवं 4,435 अपात्र परिवारों का विलोपन किया गया है। जोड़े गए एवं विलोपित परिवारों की सूची विस्तृत होने के कारण बताया जाना सम्भव नहीं है। भितरवार विधानसभा क्षेत्रांतर्गत 8 आवेदकों के 45 सदस्यों के आवेदन पात्रता पर्ची जारी किए जाने हेतु लंबित है। दुकानवार लंबित आवेदकों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत भारत सरकार द्वारा राज्य के लिए हितग्राहियों की अधिकतम सीमा निर्धारित है। इस सीमा से अधिक हितग्राहियों को लाभांवित करने का प्रावधान अधिनियम की धारा-3 के अंतर्गत न होने के कारण शेष आवेदकों को सम्मिलित नहीं किया गया है। वर्तमान में सम्मिलित पात्र परिवारों में से हितग्राही की मृत्यु होने, विवाह होने से, अन्य स्थान पर निवास करने एवं पात्रता श्रेणी में न रहने के कारण हितग्राही की पात्रता में परिवर्तन होना एक निरंतर प्रक्रिया है। तदनुसार नवीन पात्रता पर्ची निर्धारित सीमा में जारी की जा रही है। जिले में 01 मई, 2017 की स्थिति में सदस्यों की संख्या के विरूद्ध विलोपन योग्य सदस्यों को पोर्टल पर विलोपित किया जाकर, उतनी ही संख्या में संबंधित जिले के नवीन सत्यापित सदस्यों को सम्मिलित किया जा रहा है। (ग) प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजनांतर्गत सामाजिक-आर्थिक एवं जाति जनगणना, 2011 में सर्वेक्षित परिवार के अंतर्गत ऐसे परिवार जो निर्धारित 7 श्रेणियों में से किसी भी एक वंचित श्रेणी के अंतर्गत आने वाले परिवारों को ही गैस कनेक्शन दिये जाने का प्रावधान है। भितरवार विधानसभा क्षेत्र के 14,131 परिवारों को गैस कनेक्शन जारी किए गए हैं। माननीय स्थानीय सासंदजी की अध्यक्षता में दिनांक 04.09.2016 जिला स्तर पर आयोजित कार्यक्रम में भितरवार एवं अन्य विधानसभा क्षेत्र के हितग्राहियों को भी गैस कनेक्शन का वितरण किया गया है। गैस एजेंसियों द्वारा संबंधित हितग्राहियों को सतत् रूप से गैस कनेक्शन का वितरण किया जा रहा है। (घ) प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजनांतर्गत सामाजिक-आर्थिक एवं जाति जनगणना, 2011 में सर्वेक्षित परिवार के अंतर्गत ऐसे परिवार जो निर्धारित 7 श्रेणियों में से किसी भी एक वंचित श्रेणी के अंतर्गत आने वाले परिवारों को ही गैस कनेक्शन दिये जाने का प्रावधान है। ग्वालियर जिले में कुल 44,181 (भितरवार-14,131, ग्वालियर ग्रामीण-7931, ग्वालियर-2276, ग्वालियर पूर्व-2867, ग्वालियर दक्षिण-740 एवं डबरा विधानसभा क्षेत्र में-15511) परिवारों को गैस कनेक्शन जारी किए गए हैं। विधानसभा क्षेत्रवार लक्ष्य का निर्धारण नहीं किया गया है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नवीन नल-जल योजना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
43. ( क्र. 1200 ) श्री गोपालसिंह चौहान (डग्गी राजा) : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग अशोकनगर द्वारा पत्र क्रमांक 1996 दिनांक 30.09.2015 को ईसागढ़ जनपद अन्तर्गत ग्राम पंचायत कदवाया की नवीन नल-जल योजना स्कीम तैयार करने हेतु पत्र जारी किया गया था? (ख) यदि हाँ, तो नवीन नल-जल योजना स्कीम कब तक तैयार कर ली जायेगी? (ग) ग्राम में माँ बीजासन मंदिर एवं पुरातत्व नगरी होने से जनता का आवागमन बहुत अधिक रहता है इसलिए नवीन नल-जल योजना स्वीकृत होना अनिवार्य है, क्या विभाग इस बारे में कार्ययोजना बना रहा है? समय-सीमा सहित बताएं।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी हाँ। (ख) निश्चित समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है। (ग) ग्राम पंचायत द्वारा ठहराव प्रस्ताव एवं आवश्यक औपचारिकताएं पूर्ण होने के पश्चात योजना तैयार की जा सकेगी। निश्चित समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
अवैध उत्खनन के दोषियों पर कार्यवाही
[गृह]
44. ( क्र. 1238 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पुलिस अधीक्षक सतना ने पत्र क्रमांक/पु.अ. सतना ओ.एम., वि.स.प्र.23/2017/दिनांक 18/07/2017 द्वारा नगर पुलिस अधीक्षक एवं उप पुलिस अधीक्षक मुख्यालय सतना को पत्र जारी कर ग्राम रामास्थान के लीजधारक श्रवणकुमार पाठक एवं ए.आर.टी. कम्पनी के संचालक राममनोहर सिंह मैहर द्वारा खनिज एवं परिवहन क्षेत्र के नियमों का खुला उल्लंघन कर शासन को पहुँचाई जा रही क्षति की जाँच करने हेतु 8 बिन्दुओं में प्रस्तुत करने हेतु निर्देशित किया गया था? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो क्या पुलिस अधीक्षक के निर्देश के तहत 8 बिन्दुओं की जाँच कर ओव्हरलोडिंग की चालानी कार्यवाही कर आर.टी.ओ. एवं न्यायालय में प्रकरण भेजे गए? यदि हाँ, तो पूर्ण विवरण सहित जानकारी देवें। (ग) क्या पुलिस मुख्यालय (अपराध अनुसंधान विभाग) भोपाल के पत्र क्रमांक/वि.स. मानसून सत्र 2017 ध्याना.,87,17 दिनांक18/07/2017 के द्वारा पुलिस अधीक्षक सतना को कार्यवाही करने के निर्देश दिए गए थे? यदि हाँ, तो 6 माह बीत जाने के बाद भी आज दिनांक तक कोई कार्यवाही क्यों नहीं की गई? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) यदि हाँ, तो कोलगवा थाना के अंतर्गत बाबूपुर चौकी प्रभारी द्वारा पत्र क्रमांक117, 299 दिनांक 05/09/2017 के द्वारा आर.टी.ओ. सतना को पत्र जारी कर 03/07/2017 से 07/07/2017 तक के ई.टी.पी. सिस्टम की डिटेल दे कर वहां मालिकों एवं कम्पनी संचालक के ऊपर विधि अनुसार रिकवरी एवं चलानी कार्यवाही हेतु लेख किया गया था? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की गई? विवरण सहित की गई कार्यवाही का ब्योरा देवें।
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। उक्त निर्देश के परिप्रेक्ष्य में जिलें में कार्यवाही ओवर लोडिंग पर की जाकर आवश्यकतानुसार आर.टी.ओ. एवं न्यायालय को भेजे जा रहे हैं। विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। पुलिस मुख्यालय अ.अ.वि. भोपाल के विधानसभा मानसून सत्र-2017 के प्राप्त होने के परिप्रेक्ष्य में जिले में कार्यवाही हो रही है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट में समाहित है। (घ) जी हाँ। जानकारी परिवहन विभाग से संबंधित है।
परिशिष्ट - ''पचास''
भू-अभिलेखागार के निर्माण
[राजस्व]
45. ( क्र. 1255 ) श्री योगेन्द्र सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सिवनी जिले में किसानों के अभिलेखों की नकल को कम्प्यूटरीकृत किये जाने हेतु आधुनिक भू-अभिलेखागारों का निर्माण किया गया है? यदि हाँ, तो इसकी तिथि व लागत तथा उपलब्ध संसाधनों की जानकारी से अवगत करावें। (ख) यदि आधुनिक भू-अभिलेखागारों का निर्माण कराया गया है तो विगत 3-4 वर्षों से तैयार आधुनिक भू-अभिलेखागार प्रारंभ नहीं कराये जाने वाले अधिकारियों पर कब तक क्या कार्यवाही की जावेगी और किसानों को कब तक कम्प्यूटर युक्त नकल प्रदाय की जावेगी? (ग) क्या सिवनी जिले में राजस्व रिकार्ड/अन्य रिकार्ड का तहसीलवार स्थानांतरण आदेश विभाग द्वारा दिये गये थे? यदि हाँ, तो उक्त आदेश का अब तक पालन नहीं करने वाले अधिकारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी नहीं। विद्यमान (existing) अभिलेखागार भवन का केवल रिनोवेशन कराया गया है। वर्ष 2012 में जिले में कार्य प्रारम्भ करने के कार्यादेश दिए गए थे। जिले के प्रत्येक तहसील अभिलेखागार भवन के रिनोवेशन, आई.टी. एवं नॉन आई.टी. इन्फ्रास्ट्रक्चर की स्थापना पर प्रति अभिलेखागार रुपए 21,60,433/- व्यय हुआ है। (ख) प्रशिक्षित कर्मचारियों की अनुपलब्धता एवं तकनीकी समस्याओं के कारण आधुनिक अभिलेखागारों से कृषकों को नकल प्रदाय कार्य स्थगित है। (ग) जी नहीं। भारत सरकार की गाइड लाइन अनुसार विद्यमान तहसील अभिलेखागार भवन को कार्य अनुसार तीन क्षेत्रों में विकसित कराया गया है। 1. भण्डारण क्षेत्र 2. ऑपरेशनल एरिया 3. नागरिक सेवा क्षेत्र। तदनुसार ही इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रदाय किए गए हैं एवं अभिलेखों की स्केनिंग करायी गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
डायवर्सन के लंबित प्रकरणों का निराकरण
[राजस्व]
46. ( क्र. 1256 ) श्री योगेन्द्र सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिले में किसानों की कृषि भूमि के डायवर्सन के कितने प्रकरण लंबित है एवं क्यों? क्या डायवर्सन के प्रकरण में रोक लगाई गई है? यदि हाँ, तो कब से? यदि नहीं, तो कब तक डायवर्सन कार्य प्रारंभ किया जावेगा? (ख) सिवनी जिले के विधानसभा क्षेत्र लखनादौन अंतर्गत वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक तक कितने डायवर्सन प्रकरणों का निराकरण किया गया तथा कितने प्रकरण लंबित हैं? उनका निराकरण कब तक किया जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) सिवनी जिले में डायवर्सन के 208 प्रकरण लंबित है, जो समय-सीमा के भीतर नियमानुसार विहित प्रक्रिया के अनुरूप प्रचलित है। जी नहीं। डायवर्सन प्रकरणों का नियमानुसार विहित प्रक्रिया का अनुसरण कर निराकरण किया जा रहा है। (ख) विधानसभा क्षेत्र लखनादौन के अंतर्गत वर्ष 2014 से 326 प्रकरणों का निराकरण किया गया है तथा वर्तमान में 68 प्रकरण समय-सीमा के भीतर लंबित है जिनका विहित प्रक्रिया के अनुरूप निराकरण किया जायेगा।
लोक अभियोजन संचालनालय में वित्तीय अनियमितता की जाँच
[गृह]
47. ( क्र. 1259 ) श्री योगेन्द्र सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. शासन गृह विभाग के आदेश क्र. 1556/7058/13/बी.4/दो दिनांक 7.5.2013 द्वारा लोक अभियोजन संचालनालय में कीर, माझी के फर्जी जाति प्रमाण-पत्र के सहायक ग्रेड 1 जो वर्तमान में सहायक अधीक्षक (स्टोर प्रभारी वर्तमान में) के विरूद्ध शिकायत प्राप्त हुई है उस पर क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, की गई तो क्यों? दोषी कर्मचारी के विरूद्ध कब तक में क्या कार्यवाही की जावेगी? (ख) उक्त कर्मचारी का बिना सूचना के लगभग छ: माह अनुपस्थित रहने की जो शिकायत प्राप्त हुई है उस पर कब तक क्या कार्यवाही की जावेगी? गंभीर शिकायत के बाद भी क्या सहायक अधीक्षक के पद पर पदोन्नति की गई है? कारण बतायें। (ग) विगत तीन वर्ष में संचालनालय लोक अभियोजन की कंडम नीलामी क्रय सामग्री साइन बोर्ड बनवाने आदि के आडिट रिपोर्ट की जानकारी से अवगत करावें।
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। श्री कमलेश शर्मा सहायक ग्रेड-1 स्थापना शाखा, लोक अभियोजन संचालनालय को स्थापना शाखा से तत्काल हटाकर अन्य शाखा में पदस्थ करने एवं भविष्य में उन्हें स्थापना शाखा में पदस्थ नहीं किए जाने के निर्देश संचालक, लोक अभियोजन, म.प्र. को दिए गए। तद्नुसार श्री शर्मा को स्थापना शाखा से हटाकर अन्यत्र पदस्थ किया गया है। (ख) श्री कमलेश शर्मा के विरूद्ध दिनांक 22.2.2018 को जाँच संस्थित की गई है। तत्समय विभागीय जाँच संस्थित न होने एवं पदोन्नति हेतु अन्य शर्तों की पूर्ति किए जाने के कारण, सहायक अधीक्षक के पद पर इन्हें पदोन्नति मार्च 2016 में दी गई है। (ग) अनुपयोगी कार्यालयीन सामग्री की नीलामी की कार्यवाही मई 2017 में की गई है। एजीएमपी ग्वालियर द्वारा वर्ष 2017-18 का ऑडिट अभी नहीं किया गया है। विगत तीन वर्षों में वर्ष 2016 में एजी.एम.पी. कार्यालय द्वारा ऑडिट किया गया था। भण्डार क्रय नियम के अनुसार ही साइन बोर्ड बनवाया गया है एवं कम्प्यूटर/अन्य सामग्री लोक अभियोजन संचालनालय द्वारा क्रय की गई है।
राजस्व प्रकरणों का निराकरण
[राजस्व]
48. ( क्र. 1261 ) श्री योगेन्द्र सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) एस.डी.एम. कार्यालय सिरमौर जिला रीवा में विगत तीन वर्ष में कितने प्रकरणों का पंजीयन किया गया, कितने प्रकरणों का निराकरण किया गया, कितने राजस्व प्रकरण लंबित हैं? (ख) उपरोक्त प्रकरणों का निराकरण नहीं होने पर वर्तमान एस.डी.एम. के विरूद्ध क्या कार्यवाही कब तक की जावेगी? (ग) ग्राम पूरबा, ग्राम पंचायत देवास, जिला रीवा का आराजी नं. 86/2 का इस उच्च न्यायालय के अंतिम निर्णय के बाद किस नियम के तहत एस.डी.एम. सिरमौर द्वारा पुन: अपील स्वीकार कर निर्णय दिया गया है? क्या इस प्रकरण की जाँच उच्च स्तरीय करायेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) उपरोक्त प्रकरण की जाँच तथा प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में एस.डी.एम. के विरूद्ध कब तक क्या कार्यवाही की जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) अनुविभागीय अधिकारी राजस्व कार्यालय सिरमौर जिला रीवा में प्रश्नाधीन अवधि में कुल 3283 प्रकरण का पंजीयन किया गया एवं 1036 प्रकरणों को निराकरण किया गया है। कुल 2247 पकरण निराकरण हेतु शेष है। (ख) प्रकरणों का निराकरण निरन्तर चलने वाली कार्यवाही है, अतः कार्यवाही का प्रश्न उत्पन्न नहीं होता। (ग) ग्राम पुर्वा ग्राम पंचायत देवास जिला रीवा की आराजी नम्बर 86/2 के संबंध में माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर द्वारा अपने पिटीशन क्रमांक 12520/2016 आदेश दिनांक 20.09.2016 द्वारा आदेशित किया गया था कि तहसीलदार सिरमौर 03 माह की समय-सीमा के तहत प्रकरण का निराकरण करें, किन्तु माननीय उच्च न्यायालय ने कोई निष्कर्ष नहीं दिया है। तदानुसार तहसीलदार सिरमौर द्वारा माननीय उच्च न्यायालय के आदेशानुसार 03 माह में सहमति को आधार मानकर आदेश पारित कर प्रकरण समाप्त किया गया। तहसीलदार के आदेश से परिवेदित पक्ष द्वारा अपीलीय न्यायालय अनुविभागीय अधिकारी सिरमौर के समक्ष अपील प्रस्तुत की गई है, जिसे गुण-दोष के आधार पर निराकृत किया गया है। प्रकरण की जाँच की आवश्यकता नहीं है, क्योकि माननीय उच्च न्यायालय के आदेश का उलंघन नहीं हुआ है। (घ) प्रश्नांश (ग) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पुलिस की गोली से घायल युवक
[गृह]
49. ( क्र. 1323 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खरगोन जिले में कसरावद नगर में जनवरी 2018 में पुलिस की गोली से घायल युवक वाले प्रकरण पर पुलिस विभाग द्वारा की गई किसी भी स्तर पर रिर्पोटिंग/पत्राचार की प्रति देवे। (ख) वर्तमान में घायल युवक को प्रदान की गई सहायता/सुविधाओं की जानकारी देवें। घायल युवक/ परिवार को विभाग के किसी भी स्तर पर कोई आश्वासन प्रदान किया गया है तो जानकारी देवें। (ग) उक्त घटना संबंधित कोई पुलिस प्रकरण दर्ज है? इस घटना के घटक की जानकारी देवें। (घ) क्या उक्त घटना की जाँच कराई गई है, तो जाँच दल को जारी पत्र की प्रति देवें। जाँच प्रतिवेदन की प्रति देवें। घटना के दोषियों पर क्या एवं कब कार्यवाही की जावेगी?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) प्रकरण विवेचना/जाँच में होने से दस्तावेज प्रदाय किया जाना न्याय संगत नहीं है। (ख) घायल युवक श्री शिवा पिता श्री परमानन्द बलाई निवासी कसरावद को चिकित्सीय सहायता प्रदाय किये जाने बावत् पुलिस अधीक्षक खरगोन द्वारा पत्र क्र.-पुअ/खर/ ओएम/72/18 दिनांक 13.02.2018 जिला दण्डाधिकारी खरगोन को लेख किया गया है। घायल युवक/ परिवार को पुलिस विभाग के किसी भी स्तर से कोई आश्वासन नहीं दिया गया है। (ग) जी हाँ। घटना इस प्रकार है कि दिनाँक 21.1.18 को थाना नसरूल्लागंज जिला सीहोर के अप.क्र. 862/17 धारा 420 भा.द.वि. के आरोपी शाहरूख एवं सद्दाम की तलाश में नसरूल्लागंज थाने से 3 सदस्यों का पुलिस दल कसरावद बस स्टैण्ड पहुँचा था, जिन्होंने आरोपी शाहरूख को पकड़ लिया था एवँ दूसरा आरोपी सद्दाम बस स्टैण्ड से भाग गया था, तब बस स्टैण्ड पर अज्ञात व्यक्तियों की भीड़ ने पुलिस दल पर हमला कर दिया एवं पथराव कर मारपीट कर आरोपी शाहरूख को छुड़ा लिया। इस घटनाक्रम में पुलिस द्वारा अपने बचाव में हवाई फायर करने हेतु पिस्टल निकाली। हमलावर भीड़ द्वारा पुलिस दल के साथ झूमा-झटकी करने से सहायक उप निरीक्षक की पिस्टल से गोली चल गई, जो शिवा पिता परमानंद बलाई निवासी कसरावद् के पैर में लग गई। घटना के संबंध में थाना कसरावद में अपराध क्रमांक 42/18 धारा- 353, 332, 224, 147, 149, 427 भा.द.वि. पंजीबद्ध किया गया। (घ) उक्त घटना के संबंध में अनुविभागीय अधिकारी पुलिस मंडलेश्वर से जाँच कराई जा रही है। जाँच अभी अपूर्ण है, जाँच पूर्ण होने पर पाये गये तथ्यों के आधार पर विधि अनुरूप कार्यवाही की जावेगी।
भगवानपुरा एवं सेंगाव तहसील में स्थायी तहसीलदार की पदस्थी
[राजस्व]
50. ( क्र. 1331 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खरगोन जिले की समस्त तहसीलों में विगत 10 वर्षों से पदस्थ/प्रभारी तहसीलदारों के नाम व पद सहित समयावधि की सूची देवें। (ख) वर्तमान में भगवानपुरा एवं सेंगाव तहसील में स्वीकृत एवं रिक्त पदों की रिक्तता दिनांक सहित पदवार सूची देवें। (ग) विगत 5 वर्षों में क्या भगवानपुरा एवं सेंगाव तहसील में स्थायी तहसीलदार अन्य तहसीलों की तुलना में सबसे कम समयावधि तक ही रहे हैं? क्या सर्वाधिक समय तक इन दोनों तहसीलों में प्रभारी तहसीलदार ही कार्यरत रहे। इन पदों पर स्थायी नियुक्ति नहीं देने का कारण बतायें। इन पदों पर स्थायी तहसीलदार कब तक नियुक्त किये जावेंगे। (घ) वर्तमान में खरगोन जिले की समस्त तहसीलों में प्रचलित प्रकरणों की संख्या तहसीलवार बतायें।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) खरगोन जिले की 10 तहसीलों में विगत 10 वर्षों से पदस्थ/प्रभारी तहसीलदारों के नाम व पद सहित तहसीलदार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) तहसील भगवानपुरा एवं तहसील सेगांव में तहसीलदार के स्वीकृत एवं रिक्तता की स्थिति निम्नानुसार है:-
पदनाम |
तहसील भगवानपुरा |
तहसील सेगांव |
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स्वीकृत |
रिक्त |
रिक्तता दिनांक |
स्वीकृत |
रिक्त |
रिक्तता दिनांक |
|
1 |
2 |
3 |
4 |
5 |
6 |
7 |
तहसीलदार |
01 |
01 |
15.06.17 |
01 |
01 |
04.08.15 |
ना.तसीलदार |
-- |
-- |
-- |
-- |
-- |
-- |
(ग) जी नहीं। राजस्व अनुविभाग खरगोन अंतर्गत चार तहसीले होने से (खरगोन, सेगांव, भगवानपुरा एवं गोगावां) प्रदेश में तहसीलदारों के रिक्त पदों की स्थिति के परिप्रेक्ष्य में जिले में तहसीलदार की उपलब्धता अनुसार संतुलन बनाए रखते हुए पदस्थापना होती रही है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) खरगोन जिले की तहसीलों में वर्तमान में प्रचलित प्रकरणों की संख्या 1529 है। तहसीलवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र–दो अनुसार है।
डायवर्सन प्रकरणों का निराकरण
[राजस्व]
51. ( क्र. 1346 ) श्री दिनेश राय (मुनमुन) : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी विधान सभा क्षेत्र में दिनांक 01/04/2014 से प्रश्न दिनांक तक डायवर्सन के कितने प्रकरणों का निराकरण किया गया? इनमे से कितने प्रकरण स्वीकृत हुये एवं कितने अस्वीकृत हुये? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित प्रकरणों में अस्वीकृति के क्या कारण हैं?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) सिवनी विधानसभा क्षेत्र में दिनांक 01/04/014 से प्रश्न दिनांक तक डायवर्सन के कुल 935 प्रकरणों का निराकरण किया गया है। इनमें से 478 प्रकरण स्वीकृत हुये हैं एवं 457 प्रकरण अस्वीकृत हुये हैं। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अस्वीकृत प्रकरणों की अस्वीकृति के निम्न कारण है :-
1- सिवनी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत 24 ग्राम टाउन प्लानिंग के आते हैं, जिसमें व्यपवर्तन हेतु प्राप्त होने वाले आवेदन पत्रों में सहायक संचालक नगर एवं ग्राम निवेश छिन्दवाड़ा से अनापत्ति प्राप्त की जाती है। आवेदक के द्वारा अनापत्ति प्रस्तुत न करने के कारण।
2- विक्रेता के द्वारा कृषि भूमि को प्रावधानों के विपरीत कॉलोनाईजर लाइसेंस प्राप्त किये बिना अवैध रूप से छोटे-छोटे भूखंडों में विक्रय किया गया है, जिससे मौके पर अवैध कालोनी निर्मित होने की संभावना को देखते हुये सहायक संचालक नगर एवं ग्राम निवेश छिन्दवाड़ा द्वारा अनापत्ति प्रदान नहीं की जा रही है।
खरीदी केन्द्रों द्वारा व्यय राशि
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
52. ( क्र. 1347 ) श्री दिनेश राय (मुनमुन) : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिले के जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक शाखा की किन-किन समितियों को धान, गेहूँ तथा मक्का खरीदी केन्द्र बनाये गये हैं? इन समितियों के खरीदी केन्द्र संचालन हेतु वर्ष 2016 से प्रश्न दिनांक तक में वर्षवार, वस्तुवार, बैक शाखावार प्रासंगिक व्यय हेतु कितनी-कितनी राशि दी गई है? समितिवार वस्तुवार जानकारी देवें? (ख) प्रश्नांश (क) खरीदी केन्द्रों में प्रासंगिक व्यय जीन्सवार कितने रूपये प्रति क्विंटल करने का नियम है? नियम की प्रति के साथ समितियों को देय राशि अंकित कर जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (क) व (ख) के संबंध में क्या यह नियम है कि जिले की समितियों में संचालित खरीदी केन्द्रों द्वारा एक दर से प्रासंगिक राशि व्यय की जावेगी? (घ) प्रश्नांश (ग) यदि हाँ, तो उक्त खरीदी केन्द्रों में प्रासंगिक राशि भिन्न-भिन्न राशि व्यय कर खर्च की गई? उक्त भिन्नता के लिये कौन अधिकारी दोषी है? उनके विरूद्व कौन सी दण्डात्मक कार्यवाही की जावेगी?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) सिवनी जिले में वर्ष 2016-17 से धान, मक्का एवं गेहूं उपार्जन हेतु जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक, सिवनी की जिन समितियों को उपार्जन केन्द्र बनाया गया है, उनके नामों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। वर्ष 2017-18 में मक्का को भावांतर भुगतान योजनांतर्गत सम्मिलित किए जाने के कारण मक्का उपार्जन हेतु खरीदी केन्द्र नहीं बनाए गए हैं। वर्ष 2016-17 से धान, मक्का एवं गेहूं उपार्जन हेतु बैक शाखावार एवं समितिवार भुगतान की गई प्रासंगिक व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ख) जी हाँ। प्रासंगिक व्यय के भुगतान के संबंध में जारी नियम की प्रति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। समितियों को भुगतान की गई प्रासंगिक व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) उपार्जन समितियों को समर्थन मूल्य पर उपार्जित खाद्यान पर किए गए प्रासंगिक व्यय के अंकेक्षण लेखों के अनुसार वास्तविक व्यय राशि अथवा निर्धारित राशि में से जो राशि कम हो, उसका भुगतान किया जाता है। प्रासंगिक व्यय के अंतर्गत उपार्जित खाद्यान के भराई, तुलाई, सिलाई, छापा आदि कार्य हेतु कृषि उपज मंडी द्वारा हम्माली एवं तुलावटी दर का निर्धारण किया जाता है, जो कि मंडीवार पृथक-पृथक दर होना संभावित है। (घ) राशि व्यय करना वास्तविक व्यय पर आधारित है। उत्तर 'ग' के संदर्भ में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जल प्रदाय योजनाओं का कार्य प्रारंभ कराये जाने
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
53. ( क्र. 1362 ) श्रीमती चन्दा सुरेन्द्र सिंह गौर : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या खरगापुर विधान सभा क्षेत्र में वान सुजारा समूह जल प्रदाय योजना में सम्मिलित 526 ग्राम लागत-974,52 करोड़ की योजना 8/6/16 को म.प्र. की केबिनेट में स्वीकृत की जा चुकी है, साथ ही पलेरा में गर्रोली (धसान) से समूह जल प्रदाय योजना भी 258 ग्रामों को शामिल करते हुये लागत-525,11 करोड़ की स्वीकृति केबनिट द्वारा की जा चुकी है? क्या संपूर्ण खरगापुर विधान सभा क्षेत्र सूखे की चपेट में है पेयजल की स्थिति विकराल होती जा रही है? इन स्वीकृति योजनाओं का कार्य कब से प्रारंभ किया जावेगा? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें। (ख) उक्त योजनाओं के लिये जब केबिनेट के द्वारा राशि स्वीकृत कर दी गई है तो धरातल पर इन दोनों योजनाओं का कार्य प्रारंभ किये जाने में कौन सी कठिनाई हो रही है?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी हाँ, केबिनेट द्वारा प्रश्नांकित योजनाएं अनुमोदित की गई हैं। जी हाँ। जी नहीं, पेयजल की स्थिति विकराल नहीं है। योजनाओं के क्रियान्वयन हेतु आवश्यक जल आवंटन एवं वित्तीय संयोजन उपरांत कार्य प्रारंभ किया जा सकेगा। निश्चित समयावधि बताया जाना संभव नहीं है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
कुम्हार गड्ढों को सुरक्षित किये जाने
[राजस्व]
54. ( क्र. 1366 ) श्रीमती चन्दा सुरेन्द्र सिंह गौर : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खरगापुर विधान सभा क्षेत्र में ऐसी कितनी ग्राम पंचायतें हैं, जिनमें कुम्हार गड्ढें है तथा ऐसी कितनी ग्राम पंचायतें हैं, जिनमें कुम्हार गड्ढे नहीं है। (ख) क्या पूर्व में शासकीय भूमि पर हर गाँव में कुम्हार गड्ढों के नाम से भूमि थी, जिससे कुम्हार जाति के लोग मिट्टी खोदकर उससे मिट्टी के बर्तन, खिलौने आदि बनाकर बेचते थे, जिससे कई परिवारों में रोजी-रोटी चलकर उदर पूर्ति होती थी, परन्तु प्रश्नांश (क) स्थानमे कई स्थानों में ग्राम पंचायतों में उक्त कुम्हार गड्ढों पर अतिक्रमण कर कुम्हार गड्ढों को हटा दिया गया है, जिससे कुम्हार जाति के लोग परेशानी में हैं? (ग) यदि हाँ, तो कुम्हार गड्ढों को सुरक्षित किये जाने हेतु शासन द्वारा क्या प्रयास किये गये? जिन स्थानों पर कुम्हार गड्ढों पर अतिक्रमण कर लिया गया उन स्थानों को सुरक्षित करा कर कुम्हारों को मिट्टी खोदने हेतु कब तक आदेश जारी कर दिये जावेंगे। यदि नहीं, तो क्यों? कारण स्पष्ट करें।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) खरगापुर विधानसभा क्षेत्र में 68 ग्राम पंचायतों में कुम्हार गड्ढे है। शेष 36 ग्राम पंचायतों में कुम्हार गड्ढे नहीं है। (ख) जी नहीं विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत आने वाले पंचायतों में कोई अतिक्रमण नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उत्पन्न नहीं होता।
दोषी पर कार्यवाही किये जाने
[गृह]
55. ( क्र. 1396 ) श्रीमती शीला त्यागी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जीतेन्द्र तिवारी पिता सूर्यबली तिवारी उम्र 20 वर्ष निवासी ग्राम छीड़ा पोस्ट लूक थाना अतरैला की हत्या 10 मई, 2017 को पनवार थाना अंतर्गत लटियार से भउठी के मध्य हुई थी जो पनवार थाना में अज्ञात हत्या का प्रकरण पंजीबद्ध किया गया था? थाना प्रभारी कब-कब इस प्रकरण की जाँच किए हैं? रोजनामचा प्रति के साथ जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) हॉ है तो क्या उक्त मृतक के पिता द्वारा हत्या से संबंधित संलिप्त लोगों के बारे में कुछ संदेही लोगों के नाम शिकायती पत्र में अंकित कर जिलों के पुलिस अधिकारियों को आवेदन किया था? यदि हाँ, तो उक्त शिकायत पत्रों एवं दर्ज अपराध पर संबंधित अधिकारी/थाना प्रभारी द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? की गई कार्यवाही की प्रति के साथ जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या मृतक द्वारा घटना के एक घण्टे पूर्व अपने रिश्ते के फूफा एवं अन्य को उसके साथ मारपीट करने वाले लोगों का नाम, पता बताया था जिसकी जानकारी मृतक के पिता एवं संगे संबंधियों द्वारा दी गई थी फिर भी थाना प्रभारी पनवार द्वारा संदेहियों से पूछताछ नहीं की? यदि हाँ, तो क्यों? यदि पूछताछ की है तो कब-कब? रोजनामचा की प्रति के साथ जानकारी देवें। (घ) क्या प्रश्नांश (क) के प्रकरण की जाँच एडीशनल एस.पी. रीवा से कराते हुए आरोपियों की गिरफ्तारी करते हुए दोषी थाना प्रभारी को कठोर दण्डात्मक कार्यवाही से दण्डित करायेंगे?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी नहीं। दिनांक 10.05.2017 को जितेन्द्र तिवारी लटियार से भउठी के मध्य घायल अवस्था में पुलिस को मिले थे, जिनकी इलाज के दौरान दिनांक 11.05.2017 को मृत्यु हो गई थी। घटना के संबंध में थाना पनवार में मर्ग क्र0 07/2017 धारा-174 जा.फौ. पंजीबद्ध कर जाँच उपरांत प्रकरण दुर्घटना में मृत्यु होने का पाया जाने से थाना पनवार में अपराध क्र0 27/18 धारा-279, 304 (ए) पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया है। प्रकरण विवेचना में होने से दस्तावेज प्रदाय करना न्यायसंगत नहीं है। (ख) मृतक के पिता सूर्यबली तिवारी द्वारा उसके पुत्र की हत्या की शंका होने संबंधी आवेदन पत्र पुलिस महानिरीक्षक, रीवा जोन को दिया गया था जिसक जाँच अनुविभागीय अधिकारी, पुलिस डभौरा द्वारा की गई थी। तत्समय मर्ग जाँच जारी थी। (ग) प्रकरण विवेचना में होने के कारण जानकारी दी जाना न्यायसंगत नहीं है। (घ) अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, रीवा को प्रकरण की जाँच करने हेतु निर्देशित किया गया है। जाँच पर प्राप्त निष्कर्षों के अनुसार कार्यवाही की जायेगी।
जिले में हत्या और हत्या के मामलों की जानकारी
[गृह]
56. ( क्र. 1401 ) श्री प्रताप सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे किमाननीय गृह मंत्री महोदय मैं बताने की कृपा करेंगे कि- (क) दमोह जिले में वर्ष 2016 से प्रश्न दिनांक तक कहाँकहाँ वैध-अवैध शस्त्रों से गोली मारकर हत्या की गई अथवा हत्या करने का प्रयास किया गया, प्रकरणवार जानकारी उपलब्ध कराएं? (ख) गोली मारकर हत्या करने वाले तथा हत्या का प्रयास हेतु गोली चलाने वाले कितने आरोपी गिरफ्तार किए गए हैं तथा कितने फरार है? फरार आरोपियों के अभी तक न पकड़े जाने का क्या कारण है तथा किस अवधि से यह फरारी काट रहे है, प्रकरणवार जानकारी देवे? (ग) दमोह जिले में अभी तक प्रश्नांश (क) अवधि के दौरान अपराधों की रोकथाम हेतु क्या नियम/कार्य योजना बनाई गई है बतलाएं?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट में समाहित है। (ग) जिला दमोह में हत्या एवं हत्या के प्रयास के घटित होने वाले अपराधों की रोकथाम हेतु लगातार कार्यवाही की जा रही है। वैध हथियारों से घटित अपराधों में लायसेंस निरस्त कराये जाते हैं। अवैध हथियारों की धड़पकड़ हेतु समय-समय पर जिले में अभियान चलाकर अवैध शस्त्रों को जब्त कर आरोपियों के विरुद्ध वैधानिक कार्यवाही की जाती है।
पुलिस थानों में महिला शौचालयों की सुविधा
[गृह]
57. ( क्र. 1414 ) श्री प्रताप सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में पुलिस विभाग (गृह) के द्वारा पुलिस थानों में महिला पुलिस/कैदी प्रसाधन के लिए पृथक से महिला शौचालय बनाये जाने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो प्रदेश के किन-किन थानों में उक्त सुविधा मुहैया करायी गई है? (ख) क्या प्रदेश के जिन थानों में प्रश्नांश (क) में दर्शायी सुविधा उपलब्ध नहीं है, तो उसकी पूर्ति के लिए बजट उपलब्ध कराया जावेंगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) शेष थानों में उपरोक्त सुविधा उपलब्ध कराने के लिए कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। समय-सीमा बताना संभव नहीं।
औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान ब्यावरा में आवश्यक संसाधनों की पूर्ति
[तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोज़गार]
58. ( क्र. 1438 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 1090 दिनांक 11 जुलाई, 2017 के उत्तर में दी गई पुस्तकालय जानकारी के प्रपत्र अ एवं ब अनुसार राजगढ़ जिले के औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान ब्यावरा में रिक्त पदों एवं विद्युतकार ट्रेड में 56 प्रकार की, फिटर ट्रेड में 109 प्रकार की, वेल्डर ट्रेड में 75 प्रकार की, डीएमसी ट्रेड में 37 प्रकार की तथा आरएसी ट्रेड में 109 प्रकार की आवश्यक सामग्री/उपकरण/मशीन की कमी की संख्यावार जानकारी दी गई थी? यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक विभाग द्वारा उक्त वर्णित रिक्त पदों की पूर्ति एवं आवश्यक संसाधनों के कमी की पूर्ति करने के लिये क्या कार्यवाही की गई? ट्रेडवार जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या प्रश्न दिनांक तक आई.टी.आई. ब्यावरा में रिक्त पदों की पूर्ति न होने तथा ट्रेडवार आवश्यक संसाधनों की कमी पूर्ति नहीं किये जाने से छात्र-छात्राएं कौशल प्रशिक्षण का पूर्ण लाभ लेने से वंचित हो रहे है? यदि हाँ, तो क्या शासन उपरोक्तानुसार रिक्त पदों एवं ट्रेडवार आवश्यक संसाधनों की पूर्ति करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक कैलाश जोशी ) : (क) जी हाँ। पदों के संबंध में जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 1 अनुसार है। एवं सामग्री, उपकरण/मशीन से संबंधित जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र २ अनुसार है। (ख) प्रशिक्षक के कार्यरत पद प्रशिक्षण संचालित करने के लिए पर्याप्त है। केवल उपकरणों/मशीन की आंशिक कमी के कारण प्रायोगिक प्रशिक्षण में कमी है, जिसकी पूर्ति आगामी परीक्षा के पूर्व की जावेगी। समय अवधि बताना संभव नहीं है।
परिशिष्ट - ''इक्यावन''
ब्यावरा नगर में यातायात थाना स्थापित करना
[गृह]
59. ( क्र. 1439 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगर ब्यावरा राजगढ़ जिले का सबसे बड़ा नगर होकर तीन राष्ट्रीय राज मार्गों क्रमश: आगरा-बाम्बे राजमार्ग, जयपुर-भोपाल राजमार्ग तथा ब्यावरा-सिरोंज-विदिशा राजमार्ग के संगम पर स्थित होकर नगर में रेल मार्ग सुविधा भी उपलब्ध है? (ख) यदि हाँ, तो क्या नगर ब्यावरा के मुख्य मार्ग पर प्रतिदिन दुपहिया, छोटे-बड़े चार पहिया, ट्रेक्टर-ट्रॉली से यातायात का भारी दवाब बना रहता है, लेकिन नगर में यातायात को नियंत्रित करने हेतु न तो पुलिस थाना में पर्याप्त पुलिस बल है और न ही यातायात थाना है, जिससें प्रतिदिन निरंतर कई घंटों तक आवागमन बाधित होता है तथा जिला प्रशासन द्वारा सप्ताह में एक-दो बार यातायात पुलिस की अस्थाई व्यवस्था से भी स्थिति नियंत्रण में नहीं आ पाती है? यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक उक्त समस्या के स्थाई हल हेतु विभाग द्वारा कोई कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो क्या? (ग) उपरोक्तानुसार क्या शासन राजगढ़ जिले के व्यापरिक केन्द्र नगर ब्यावरा में यातायात व्यवस्था सुचारू संचालित करने हेतु यातायात थाना स्थापित करने की स्वीकृति प्रदान करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। (ख) जिला मुख्यालय राजगढ़ में यातायात थाना स्थित है, जिसका अधिकारिता क्षेत्र सम्पूर्ण, जिला राजगढ़ है। ब्यावरा शहर तहसील स्तर का कस्बा है जहाँ पर यातायात थाना राजगढ़ द्वारा यातायात व्यवस्था संभालने हेतु दो सहायक उपनिरीक्षक, एक प्रधान आरक्षक, चार आरक्षक का पर्याप्त बल थाना ब्यावरा शहर को प्रदाय किया गया है। यह कहना सही नहीं है कि प्रतिदिन निरन्तर कई घण्टों तक आवागमन बाधित होता है। प्रत्येक दिन थाना यातायात राजगढ़ एवं थाना ब्यावरा से पर्याप्त पुलिस बल यातायात को सुचारू रखने हेतु लगाया जाता है। पुलिस मुख्यालय द्वारा शासन को प्रेषित नवीन पद के प्रस्ताव में 12 नवीन पद जिला राजगढ़ यातायात बल वृद्धि हेतु शामिल किये गये है। (ग) प्रस्ताव प्राप्त होने पर नियमानुसार परीक्षणोपरान्त आवश्यक कार्यवाही की जाएगी।
अतिक्रमणकर्ता द्वारा मकान निर्माण कराया जाना
[राजस्व]
60. ( क्र. 1440 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सतना जिले की तहसील रघुराजनगर अंतर्गत नगर निगम क्षेत्र मौजा सतना सर्किल सतना प्रथम (स्थित जयस्तम्म चौक कम्युनिटी हाल के पीछे गली में) की शासकीय आराजी नंबर 396 रकवा 1.09 एकड़ के जुज भाग 60x60 बराबर 3600 वर्गफिट बेसकीमती जमीन पर संतोष कुमार अग्रवाल स्टाम्प वेंडर जिला न्यायालय परिसर सिविल लाइन सतना द्वारा अतिक्रमण कर लिया गया है? (ख) क्या उक्त शासकीय आराजी में अतिक्रमणकर्ता द्वारा मकान निर्माण कार्य प्रारंभ करते समय, शिकायतकर्ता हरिशंकर अग्रवाल, निवासी डालीबाबा चौक सतना की शिकायत के आधार पर तत्कालीन कलेक्टर सतना द्वारा पत्र क्रमांक 8472 दिनांक 11/12/2002 के अनुसार शहर के अन्दर की बेसकीमती जमीन से विधिवत अतिक्रमण हटाये जाने का आदेश पारित किया गया था? (ग) क्या पारित आदेश का पालन अतिक्रामक एवं नजूल विभाग के अधिकारियों/ कर्मचारियों द्वारा किया गया? यदि नहीं, तो क्या विगत 15 वर्षों से अतिक्रामक द्वारा शासकीय आराजी में अपना कब्जा कर रखा है? (घ) क्या शासकीय आराजी से अतिक्रमण हटाये जाने के संबंध में अप्रैल 2016 में राज्य शासन के निर्देश एवं स्थानीय विधायक की उपस्थिति में अभियान चलाया गया था तथा तत्कालीन एस.डी.एम. की अध्यक्षता में जाँच दल गठित किया गया था, जिसमें सदस्य तत्कालीन तहसीलदार एवं समन्वयक, अधीक्षक भू-अभिलेख को भी शिकायतकर्ता द्वारा दिनांक 01/04/2016 को शिकायती पत्र प्रस्तुत करने पर आज दिनांक तक कार्यवाही क्यों नहीं की गई? कब तक अतिक्रमण हटाया जावेगा? समय-सीमा बताएं।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) एवं (ख) जी नहीं। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। जी नहीं। (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
फर्जी विज्ञापन साईट्स के दर्ज प्रकरण
[गृह]
61. ( क्र. 1443 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में OLX एवं अन्य फर्जी विज्ञापन साईट पर कार व अन्य सामग्री बेचने के कितने प्रकरण 1 जनवरी, 2015 के पश्चात किस-किस थाने में दर्ज किये गये? जिलेवार जानकारी देवें। (ख) उक्त प्रकरणों में विभाग द्वारा कितने अपराधियों को गिरफ्तार कर उनके खिलाफ प्रकरण दर्ज किया गया? प्रकरणों की अद्यतन स्थिति क्या है? मा. न्यायालय द्वारा कितनो को सजा सुनाई गयी प्रकरणवार जिलेवार जानकारी उक्त अवधि की देवें। (ग) प्रदेश में ऑन लाइन शापिंग में फर्जीवाड़े के कितने प्रकरण उक्त अवधि में किस-किस थाने में दर्ज किये गये? प्रकरणों की संख्या बताये। (घ) क्या राज्य विधि विज्ञान प्रयोगशाला में सायबर क्राइम एवं अपराधिक मामलों में प्रदेश के विभिन्न थानों से मोबाईल की जाँच हेतु मोबाईल भिजवाये जाते हैं? यदि हाँ, तो प्रयोगशाला में 1 जनवरी, 2017 से प्रश्न दिनाकं तक कुल कितने मोबाइल प्रयोग शाला में आये? कितनों की जाँच कितनी अवधि में की गयी? क्या मोबाइल जाँच देरी का मुख्य कारण मोबाइल एक्सपर्ट की कमी है? यदि हाँ, तो प्रकरणों की अधिकता को देखते हुये कितने पदों की और आवश्यकता है?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’अ’ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’ब’ अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’स’ अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’द’ अनुसार है।
मछली पालन हेतु जलाशयों पर पट्टों का आवंटन
[मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास]
62. ( क्र. 1446 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जलाशयों पर मत्स्य पालन हेतु पट्टे आवंटित किए जाते हैं? यदि हाँ, तो पट्टा आवंटन हेतु क्या मापदण्ड, प्रक्रिया एवं शर्ते हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में विधानसभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत कौन-कौन से जलाशयों पर पट्टे आवंटित किए गए हैं? जलाशयों की सूची एवं पट्टेधारी के पूर्ण विवरण सहित जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) पट्टा आवंटन हेतु जलाशय क्षेत्र के लोगों को प्राथमिकता देने संबंधी कोई नियम हैं? यदि हाँ, तो प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित पट्टे आवंटन में नियम का पालन किया गया? यदि नहीं, तो क्या कार्यवाही की जावेगी? (घ) विगत 04 वर्षों में आगर एवं शाजापुर जिला अंतर्गत पट्टा आवंटन से संबंधित कितनी शिकायतें प्राप्त हुई हैं एवं प्राप्त शिकायतों पर क्या कार्यवाही की गई हैं? शिकायतवार पूर्ण विवरण देवें।
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ" अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब" अनुसार है। (ग) जी हाँ। नियमों का पालन किया गया है। अत: शेष प्रश्न उद्भुत नहीं होता है। (घ) कुल 04 शिकायते। शिकायतों पर की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "स" अनुसार है।
पेयजल संकट के निवारण हेतु बोर खनन
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
63. ( क्र. 1447 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विगत 03 वर्षों में आगर एवं शाजापुर जिला अंतर्गत बोर खनन हेतु कितना लक्ष्य प्राप्त हुआ है एवं लक्ष्य के विरूद्ध कितने बोर किए गए हैं? इनमें से कितने सफल एवं कितने असफल हुए हैं? पूर्ण विवरण देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में विधानसभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत किए गए कार्यों की पूर्ण सूची उपलब्ध करावें। (ग) आगामी ग्रीष्मकाल में पेयजल संकट से निपटने हेतु विभाग की क्या योजना हैं? आगर/शाजापुर जिले में बोर खनन/हैंडपम्प स्थापना हेतु कितना लक्ष्य आवंटित किया गया हैं अथवा किया जावेगा? विवरण देवें। (घ) प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित कार्ययोजना के संदर्भ में विधानसभा क्षेत्र सुसनेर की सम्पूर्ण विवरणात्मक जानकारी उपलब्ध करावें। यदि कार्ययोजना नहीं बनी है तो क्या पेयजल संकट से निपटने हेतु शीघ्र कार्ययोजना बनाकर कार्य किया जावेगा?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) 530 बसाहटों, 144 शालाओं तथा 153 आंगनवाड़ियों में नलकूप खनन कर पेयजल व्यवस्था हेतु लक्ष्य प्राप्त हुआ, शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 एवं 4 अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-5 अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नल-जल योजनाओं की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
64. ( क्र. 1492 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक अनूपपुर जिला अंतर्गत विधानसभा क्षेत्र पुष्पराजगढ़ में कितनी नल-जल योजनायें (मुख्यमंत्री पेयजल योजना सहित) संचालित है? योजनावार ग्रामवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में कितनी नल-जल योजनायें बंद, कितनी पूर्ण एवं कितनी अपूर्ण हैं? इन बंद एवं अपूर्ण योजनाओं के संधारण एवं संचालन के लिये योजनावार कितनी राशि स्वीकृत की गई थी तथा स्वीकृति पश्चात् भी योजना के अपूर्ण रहने के कारण की जानकारी उपलब्ध करायें। (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में बंद एवं अपूर्ण नल-जल योजनाओं के संचालन हेतु विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई एवं कब तक इन नल-जल योजनाओं को प्रारंभ कर दिया जायेगा? (घ) विधानसभा क्षेत्र पुष्पराजगढ़ के ग्राम दमेहड़ी में जल प्रदाय योजना हेतु मुख्यमंत्री जी की घोषणा के पश्चात् योजना की अद्यतन स्थिति से भी अवगत करायें।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) 66 योजनाएं। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) 13 योजनाएं बंद, सभी पूर्ण। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है, निश्चित समयावधि नहीं बताई जा सकती है। (घ) दमेहड़ी-1 समूह जलप्रदाय योजना लागत रूपये 109.22 करोड़ की प्रशासकीय स्वीकृति शासन के पत्र क्रमांक एफ-08-10/2017/2/34 भोपाल, दिनांक 20.02.2018 द्वारा जारी की गई है।
परिशिष्ट - ''बावन''
परिवहनकर्ता को ब्लैक लिस्टेड किया जाना
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
65. ( क्र. 1493 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला शहडोल के मध्यप्रदेश स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन लिमिटेड के पत्र क्रमांक उपार्जन/2017-18/645, दिनांक 12/12/2017 के तहत सुनील कुकार कुकरेती परिवहनकर्ता को ब्लैक लिस्टेड किये जाने की अनुशंसा जिला प्रबंधक, शहडोल द्वारा की गई थी? यदि हाँ, तो क्या उक्त परिवहनकर्ता को ब्लैक लिस्टेड किया जा चुका है? यदि हाँ, तो आदेश की छायाप्रति उपलबध करायें। यदि नहीं, तो कारण बतायें। (ख) क्या उक्त परिवहनकर्ता के विरूद्ध शहडोल जिले के अलावा प्रदेश के अन्य जिलों जैसे अनूपपुर, उमरिया जिलों में भी परिवहन कार्य करने पर गड़बड़ी की शिकायत जनप्रतिनिधियों द्वारा की गई है? यदि हाँ, तो उन शिकायतों पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, तो विभाग द्वारा कार्यवाही कब तक कर दी जायेगी? यदि विभाग द्वारा कार्यवाही नहीं की गई तो उसके कारण बतायें।
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। आदेश की छायाप्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जनप्रतिनिधियों द्वारा शहडोल जिले के अलावा अनूपपुर एवं उमरिया जिले में श्री सुनील कुमार कुकरेती परिवहनकर्ता के विरूद्ध परिवहन कार्य में गड़बड़ी की शिकायत प्राप्त होना नहीं पाया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जेल एवं उप जेल के भवनों का संधारण
[जेल]
66. ( क्र. 1504 ) श्री अनिल फिरोजिया : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले की किस-किस जेल में कितने कैदी बंदी है किन-किन जेलों में कितने कैदी रखने की क्षमता है? (ख) उक्त उप जेलों के भवन संधारण हेतु कब-कब, क्या-क्या कार्य कराये गये? (ग) जिले की जेल/उप जेलों के पास कितनी-कितनी भूमि उपलब्ध है? (घ) क्या उक्त उप जेलों में से किसी को अस्थाई रूप से बंद किये जाने की कोई योजना प्रस्तावित है? यदि हाँ, तो क्यों? (ड.) प्रश्नांश (घ) अन्तर्गत पुराने भवन के स्थान पर नवीन भवन कब तक स्वीकृत कर दिये जावेंगे?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) उज्जैन जिले की स्थित जेलों में बंदियों की क्षमता एवं परिरूद्ध बंदियों की संख्या निम्नानुसार है :-
क्रमांक |
जेल का नाम |
बंदी क्षमता |
परिरूद्ध बंदियों की संख्या |
1 |
केन्द्रीय जेल उज्जैन |
1210 |
2480 |
2 |
उप जेल महिदपुर |
30 |
32 |
3 |
उप जेल तराना |
20 |
60 |
4 |
उप जेल खाचरौद |
130 |
139 |
5 |
उप जेल बड़नगर |
50 |
निर्माणाधीन |
(ख) उज्जैन जिले की जेलों के भवन संधारण हेतु कराये गए कार्यों का विवरण निम्नानुसार है:-
क्रमांक |
जेल का नाम |
कराये गए कार्यों का विवरण |
1 |
केन्द्रीय जेल उज्जैन |
लोक निर्माण विभाग के माध्यम से स्वच्छता व्यवस्था में सुधार कार्य प्रगतिरत हैं। |
2 |
उप जेल महिदपुर |
सेप्टिक टेंक एवं पृथक मुलाकात कक्ष का निर्माण किया गया। |
3 |
उप जेल तराना |
वर्ष, 2016-17 में पाकशाला एवं राशन गोदाम में कोटा स्टोन व आऊटरवाल पर डी का निर्माण वर्ष, 2017-18 में मैनगेट पर कोटा स्टोन का कार्य कराया गया। |
4 |
उप जेल खाचरौद |
निरंक। |
5 |
उप जेल बड़नगर |
महिला सेल, महिला बैरक, डॉक्टर रूम का कार्य प्रगति पर है। |
(ग) उज्जैन जिले की जेलों के पास उपलब्ध भूमि की जानकारी निम्नानुसार है :-
क्रमांक |
जेल का नाम |
उपलब्ध भूमि का विवरण |
1 |
केन्द्रीय जेल उज्जैन |
38.934 एकड़ |
2 |
उप जेल महिदपुर |
01 हैक्टेयर |
3 |
उप जेल तराना |
4.5 हैक्टेयर |
4 |
उप जेल खाचरौद |
540690 वर्गफीट |
5 |
उप जेल बड़नगर |
08 एकड़ |
(घ) फिलहाल ऐसी कोई योजना प्रस्तावित नहीं है। प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ड.) प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
राशन घोटाले की जाँच
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
67. ( क्र. 1515 ) श्री संजय उइके : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बालाघाट एवं भोपाल जिले में पिछले सत्र 2016-17 से प्रश्न दिनांक तक राशन की काला बाजारी से संबंधित कितनी शिकायतें प्राप्त हुई शिकायतों का विवरण तथा विभाग द्वारा की गई कार्यवाही का विवरण जिलेवार देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार प्राप्त शिकायतों में दोषियों (दुकानदार, माल ढोने वाले विभाग के अधिकारियों, कर्मचारियों) के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? (ग) बालाघाट एवं भोपाल जिले में उक्त अवधि में उजागर हुए राशन घोटाले में विभाग द्वारा इन जिलों में पदस्थ खाद्य विभाग के अधिकारियों के विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गई? (घ) क्या भोपाल जिले में कल्याणकारी योजनाओं के राशन को मण्डी में बेचने की शिकायत प्राप्त हुई थी? यदि हाँ, तो उक्त घोटाले में खाद्य विभाग के अधिकारियों की भूमिका की जाँच की गई? यदि नहीं, तो क्यों? क्या विभाग द्वारा खाद्य विभाग के अधिकारियों की भूमिका की जाँच न कर दोषियों को बचाया जा रहा है?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) बालाघाट जिले में प्रश्नांकित अवधि में राशन की कालाबाजारी से संबंधित 01 मौखिक शिकायत दूरभाष पर तथा भोपाल जिले में 07 शिकायतें प्राप्त हुई। शिकायत का विवरण एवं उस पर की गई कार्रवाई की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार प्राप्त शिकायतों में दोषियों के विरूद्ध की गई कार्रवाई का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट में उल्लेखित अनुसार है। (ग) संबंधित कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारियों को कारण बताओं सूचना पत्र जारी किए जाकर जवाब के आधार पर भविष्य के लिए सचेत किया गया। (घ) जी हाँ। पर्यवेक्षण कार्य में शिथिलता के कारण खाद्य विभाग के अधिकारियों को कारण बताओं सूचना पत्र जारी किए गए हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
लोक स्वास्थ्य विभाग द्वारा स्वीकृत कार्य
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
68. ( क्र. 1570 ) श्री कैलाश चावला : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मनासा विधानसभा क्षेत्र में विगत तीन वर्षों में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा कौन-कौन से कार्य स्वीकृत किए गए हैं? स्वीकृत कार्य का नाम स्वीकृति दिनांक लागत, कार्य की वर्तमान स्थिति वर्षवार, मदवार बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कार्यों में कितने कार्य लंबित हैं तथा लंबित कार्य कब तक पूर्ण कर लिए जावेंगे? कितने कार्य वर्तमान में किया जाना प्रस्तावित हैं एवं प्रस्तावित कार्यों को कब तक स्वीकृत कर लिया जावेगा?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 के अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं 2 के अनुसार है।
तकनीकी शिक्षा विभाग द्वारा स्वीकृत कार्य
[तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोज़गार]
69. ( क्र. 1573 ) श्री कैलाश चावला : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मनासा विधानसभा क्षेत्र में विगत पाँच वर्षों में तकनीकी शिक्षा विभाग द्वारा मनासा एवं रामपुरा आई.टी.आई. में कौन-कौन से कार्य स्वीकृत किए गए हैं? स्वीकृत कार्य का नाम, स्वीकृति दिनांक, राशि, कार्य की वर्तमान स्थिति वर्षवार मदवार बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कार्यों में कितने कार्य लंबित हैं तथा लंबित कार्य कब तक पूर्ण कर लिए जावेंगे। कितने कार्य वर्तमान में किए जाने प्रस्तावित हैं एवं प्रस्तावित कार्यों को कब तक स्वीकृत कर लिया जावेगा?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक कैलाश जोशी ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) आई.टी.आई. रामपुरा में चार कार्य प्रगतिरत् है एवं 03 कार्यों के लिये निविदा की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। निम्नानुसार 05 कार्य प्रस्तावित है:-
(राशि लाख में)
सं.क्रं. |
संस्था/कार्य का नाम |
राशि |
1. |
आई.टी.आई. रामपुरा जिला नीचम में स्टोर रूम का निर्माण |
19.54 |
2. |
आई.टी.आई. रामपुरा में 05 थ्योरी कक्षाओं का निर्माण |
56.74 |
3. |
आई.टी.आई. रामपुरा में एप्रोच रोड़ का निर्माण कार्य |
72.06 |
4. |
आई.टी.आई. रामपुरा में बाउण्डीवाल का निर्माण कार्य |
59.06 |
5. |
आई.टी.आई. रामपुरा में सीएनसी लैब का निर्माण कार्य |
17.98 |
समय-सीमा
बताया जाना
संभव नहीं है।
परिशिष्ट - ''पचपन''
आचार्य विद्या सागर योजना
[पशुपालन]
70. ( क्र. 1575 ) श्री कैलाश चावला : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मनासा विधानसभा क्षेत्र में विगत दो वर्षों में पशुपालन विभाग द्वारा आचार्य विद्या सागर योजना के तहत कितने प्रकरण बनाए गए? सूची, राशि सहित उपलब्ध करावें। (ख) उक्त स्वीकृत प्रकरणों में से किस-किस को बैंकों द्वारा वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई गई? (ग) क्या इस योजना में बैंकों द्वारा वित्तीय सहायता उपलब्ध नहीं कराये जाने की शिकायतें प्राप्त हो रही है? (घ) विभाग के उच्च अधिकारियों द्वारा इसकी समीक्षा कब-कब की गई व हितग्राहियों को वित्तीय सहायता प्राप्त हो सके, इस हेतु क्या कदम उठाए गए?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) 51 प्रकरण। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’अ’’ अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’ब’’ अनुसार। (ग) जी नहीं। (घ) जिला स्तर, संभाग स्तर एवं राज्य स्तर पर उच्च अधिकारियों द्वारा समय-समय पर समीक्षा बैठकों एवं वीडियो कान्फ्रेन्स के माध्यम से समीक्षा की जाती है। नोंडल बैंक के माध्यम से ऑन लाईन मांग पत्र प्राप्त कर हितग्राहियों को समय-सीमा में मार्जिन मनी सहायता राशि उपलब्ध कराई जाती है।
शासन को करोडों रूपये की हानि पहुँचाने
[राजस्व]
71. ( क्र. 1590 ) श्री राजेश सोनकर : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या इन्दौर जिला अन्तर्गत अनुविभागीय अधिकारी राजस्व द्वारा विकास/निर्माण के लिये कॉलोनियों में अनुमति दी गई है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या बगैर अनुमति के कॉलोनीनाईजर द्वारा कॉलोनियों में विकास/निर्माण आदि कार्य करा लिया गया है? इसके लिये संबंधित तत्कालीन/वर्तमान अधिकारियों द्वारा कॉलोनियों के खिलाफ क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में क्या कहीं पर कॉलोनाईजर द्वारा निजी जमीन पर कालोनी का निर्माण/विकास अनुमति प्राप्त की गई है? उक्त भूमि से लगी शासकीय भूमि जैसे चरनोई, काबिल कास्त शासकीय कांकड शासकीय सीलिंग की भूमि पर रोड,बाउण्ड्रीवॉल, नाले आदि को शामिल कर स्वयं की भूमि बचा ली गई व शासन को हानि पहुँचाई गई है? कॉलोनियों के नाम खसरा नंबर, रकबा की जानकारी देवें। (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में ओमेक्स-1-2, ग्रेड भगवती होटल, काउंटिवाग, एम्पा़यर स्टेट, रूचि सोया, डीएलएफ, गोल्फ ग्रीन गोल्फ लिंक, साकार सिटी, अग्रवाल नगर, सम्पत फार्म, ओएसएस, ओएसएस इंफिनिटी,शालीमार टाउनशिप, सहारा सिटी, मोरिया हिल्स, सिल्वर स्प्रींग, ऋषभ विहार, मुंडला नायता, केलिफोर्निया सिटी, इन्दौर उज्जैन रोड पर विकसित कालोनियों/टाउनशिपों आदि के भी खसरे रकबे की भी संपूर्ण जानकारी देवें।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) इंदौर जिला अंतर्गत ग्रामीण एवं नगर परिषद क्षेत्रों में तत्समय पदस्थ अनुविभागीय अधिकारी द्वारा विकास/निर्माण की अनुमतियाँ पिछले 10 वर्षों में दी गई है। नगर निगम इंदौर की कॉलोनी सेल एवं अनुविभागों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-(A) पर है। (ख) इंदौर जिले के ग्रामीण क्षैत्र में स्थित कॉलोनियों/टाउनशिपों में जारी अनुमति संबंधी प्रकरणों पर बिना अनुमति विकास/निर्माण नहीं है। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता। (ग) कॉलोनाईजरो द्वारा कॉलोनी का निर्माण निजी स्वत्व की भूमि पर ही किया जाता है। नगर पालिका निगम इंदौर सीमा क्षेत्र के ग्राम पिपल्याकुमार स्थित भूमि पर तुलसीनगर नामक कॉलोनी की संस्था द्वारा शासकीय नाले व अन्य शासकीय मद की भूमि पर निर्माण एवं अन्य अनियमितता संबंधी प्रकरण में कॉलोनाईजर के विरूद्ध पुलिस प्राथमिकी प्रकरण दर्ज किया गया है एवं कॉलोनी के अभिन्यास पर रोक लगाते हुए निगम द्वारा कॉलोनी को अवैध घोषित किया गया है। (घ) प्रश्न में उल्लेखित कॉलोनियाँ एवं इंदौर उज्जैन रोड पर विकसित कॉलोनियो/टाउनशिपों के खसरे रकबे की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-(B) पर है।
फर्जी जाति-प्रमाण पत्रों पर कार्यवाही
[गृह]
72. ( क्र. 1628 ) एडवोकेट सत्यप्रकाश सखवार : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग अन्तर्गत कितने लोक सेवकों के विरूद्ध फर्जी जाति प्रमाण-पत्र की जाँच की कार्यवाही प्रचलन में है? विभाग ने संबंधित छानबीन समितियों को कब-कब लिखा है? (ख) गत 5 वर्षों में भोपाल तथा विदिशा जिले के कितने फर्जी जाति प्रमाण-पत्र के प्रकरणों में छानबीन समिति के निर्णय कार्यवाही हेतु पुलिस अधीक्षकों को प्राप्त हुए हैं? (ग) कंडिका (ख) के उल्लेखानुसार किन-किन अनावेदकों के द्वारा न्यायालय से स्थगन प्राप्त किया है? ऐसे स्थगन छानबीन समिति के निर्णय के कितने दिन बाद मिले हैं? प्रकरणवार विवरण दें। (घ) न्यायालयीन स्थगन हटाने हेतु प्रकरणवार की गई कार्यवाही का विवरण दें?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) से (घ) जानकारी संकलित की जा रही है।
सोशल मीडिया में आपत्तिजनक पोस्ट पर कार्यवाही
[गृह]
73. ( क्र. 1645 ) श्री सुरेन्द्रनाथ सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दिनांक 19 जुलाई के प्रश्न क्रमांक 1306 के उत्तर (ख) अनुसार क्या जाँच पूर्ण कर ली गई है? (ख) क्या उक्त संबंधित चिकित्सक द्वारा थाना प्रभारी कोहेफिजा भोपाल पर राजनैतिक/व्यक्तिगत दबाव बनाकर प्रश्न दिनांक तक अपने विरूद्ध एफ.आई.आर. दर्ज नहीं होने दी जा रही है? यदि नहीं, तो प्रश्न दिनांक तक उक्त प्रकरण में मुख्य आरोपी चिकित्सक के विरूद्ध एफ.आई.आर. दर्ज क्यों नहीं की गई? स्पष्ट कारण बताएं। (ग) क्या विभाग के उच्च अधिकारी संबंधित थाना प्रभारी पर बन रहे राजनैतिक/व्यक्तिगत दबाव को हटाते हुए सोशल मीडिया में एक समुदाय विशेष के विरूद्ध आपत्तिजनक पोस्ट डालने वाले मुख्य आरोपी चिकित्सक डॉ.दीपक मरावी के विरूद्ध एफ.आई.आर. दर्ज कर विधि सम्मत कार्यवाही करेंगे? यदि नहीं, तो क्यों? कारण स्पष्ट बताएं।
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। जाँच में अनावेदक डॉ. दीपक मरावी या किसी अन्य के द्वारा सोशल मीडिया पर आपत्ति जनक पोस्ट डालना निश्चित न हो सकने, सुसंगत संपुष्टिकारक साक्ष्य नहीं मिलने से अपराध पंजीबद्ध नहीं किया गया। (ग) जानकारी प्रश्नांश ’ख’ के उत्तर में समाहित है।
मुख्यमंत्री नल-जल योजना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
74. ( क्र. 1671 ) श्री राजेन्द्र फूलचंद वर्मा : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सोनकच्छ विधान सभा क्षेत्र में अभी तक कितनी नवीन मुख्यमंत्री नल-जल योजनाएं स्वीकृत हुई हैं? ग्रामवार जानकारी दें। (ख) क्या सभी चयनित ग्रामों में सफल नलकूप खनन का कार्य पूर्ण हो चुका है? ग्रामवार नलकूप खनन की जानकारी दें। (ग) कितने ग्रामों की नल-जल योजना के अंतर्गत योजनाएं बन चुकी हैं एवं कितने की स्वीकृति प्राप्त हो चुकी है? (घ) उक्त योजनाएं कब तक पूर्ण हो जावेंगी?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) कोई भी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) 8 ग्रामों की योजनाएं। स्वीकृति की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (घ) स्वीकृति के पश्चात् कार्य कराया जा सकेगा, पूर्ण होने की निश्चित समयावधि बताया जाना संभव नहीं है।
परिशिष्ट - ''छप्पन''
शिक्षकों के रिक्त पदों की पूर्ति
[तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोज़गार]
75. ( क्र. 1699 ) श्री अशोक रोहाणी : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासकीय स्वशासी इंजीनियरिंग महाविद्यालय रांझी जबलपुर में अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (ए.आई.सी.टी.ई.) के मापदण्ड के तहत शिक्षकों के कितने नियमित पद भरे/ रिक्त हैं? कितने रिक्त पदों की कब से पूर्ति नहीं की गई है एवं क्यों? क्या इन नियमित रिक्त पदों की भर्ती करना आवश्यक है या नहीं? (ख) प्रश्नांश (क) में कितने शिक्षक संविदा पर पदस्थ हैं? सूची दें। प्रदेश में नियमित शिक्षकों के रिक्त कितने पदों की भर्ती कब से नहीं की गई है एवं क्यों? इनकी भर्ती हेतु शासन ने क्या प्रयास किये हैं? (ग) क्या ए.आई.सी.टी.ई. के मापदण्ड के आनुसार इंजीनियरिंग कॉलेज में 15 छात्रों पर एक शिक्षक होना जरूरी है? यदि हाँ, तो प्रश्नांकित इंजीनियरिंग महाविद्यालय में संचालित किन-किन कोर्सों में प्रवेशित छात्र/छात्राओं के अनुपात में कितने नियमित शिक्षक पदस्थ हैं? (घ) क्या इंजीनियरिंग महाविद्यालय जबलपुर में नियमित शिक्षकों की कमी के कारण पढ़ाई की गुणवत्ता में गिरावट हो रही है तथा स्नातकोत्तर (पी.जी. कोर्स) को बंद करने की स्थिति उत्पन्न हो गई है? यदि हाँ, तो शासन महाविद्यालय में रिक्त शिक्षकों की पूर्ति कब तक सुनिश्चित करेगा?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक कैलाश जोशी ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 1 अनुसार है। विभाग द्वारा रिक्त पदों की पूर्ति वर्ष 2016 में की गई थी। जी हाँ। रिक्त पदों की पूर्ति एक सतत् प्रक्रिया है। (ख) वर्तमान में जनवरी 2018 में टी.ई.क्यू.आई.पी. के तहत एन.पी.आई.यू. द्वारा संस्था में 44 शिक्षकों की संविदा के आधार पर भर्ती की गई है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 2 अनुसार है। (ग) जी नहीं। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं। जी नहीं। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विवेचना अधिकारियों की नियुक्त
[गृह]
76. ( क्र. 1700 ) श्री अशोक रोहाणी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर जिले में आपराधिक मामलों की विवेचना करने के लिये विवेचना अधिकारियों के कितने स्वीकृत पद भरे/रिक्त हैं? थानावार जानकारी दें। (ख) क्या संगीन आपराधिक मामलों जैसे हत्या, हत्या का प्रयास लूट चोरी, डकैती की विवेचना का अधिकार थाना प्रभारी को रहता है? यदि हाँ, तो जबलपुर नगर निगम सीमा अन्तर्गत स्थित किन-किन थानान्तर्गत ऐसी कितनी-कितनी संगीन घटित घटनाओं की विवेचना थाना प्रभारी ने स्वयं की है तथा कितने संगीन मामलों की विवेचना किस स्तर के किन-किन राजपत्रित अधिकारियों एस.आई,. ए.एस.आई., हवलदार ने की है वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक की थानावार जानकारी दें। (ग) प्रश्नांश (ख) में किन-किन थाना प्रभारियों एस.आई. ए.एस.आई. व हवलदार को कितने-कितने गंभीर मामले विवेचना हेतु मिले हैं? इसमें से किस-किस ने कितने-कितने मामलों की विवेचना कर न्यायालयों में अभियोजन की कार्यवाही हेतु प्रकरण प्रस्तुत किया है? कितने-कितने प्रकरण विवेचना हेतु लंबित हैं एवं क्यों? थानावार व माहवार प्रकरणों की जानकारी दें। (घ) प्रदेश शासन ने जबलपुर जिले के थानों में पुलिस बल की कमी को दूर करने व विवेचना अधिकारियों की पूर्ति हेतु क्या प्रयास किये हैं?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’अ’ अनुसार है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’ब’ अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’ब’ में समाहित है। (घ) मध्यप्रदेश पुलिस में वर्तमान में 14088 आरक्षकों का चयन किया गया है तथा उप निरीक्षक के समस्त संवर्ग के 611 पदों हेतु चयन प्रक्रिया अंतिम चरण में है। उक्त पदों में से जिला जबलपुर में रिक्तियों के अनुसार पदों की पूर्ति की जायेगी। विभाग में निरीक्षक, सहायक उप निरीक्षक एवं प्रधान आरक्षक के 100 प्रतिशत एवं उप निरीक्षक के 50 प्रतिशत पदों की पूर्ति पदोन्नति से की जाती है। पदोन्नति में आरक्षण संबंधी प्रकरण माननीय सर्वोच्च न्यायालय में विचाराधीन होने से पदोन्नति की प्रक्रिया वर्तमान में बाधित है। माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय उपरांत पदोन्नति से भरे जाने वाले पदों की पूर्ति हो सकेगी।
संविदा हैण्डपंप मैकेनिको का मानदेय
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
77. ( क्र. 1707 ) श्री गिरीश भंडारी : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मध्यप्रदेश में वर्ष 2010 में नियुक्त संविदा हैण्डपंप मैकेनिक जो कि जिला कलेक्टर समिति के माध्यम से 10+2 एवं आई.टी.आई उत्तीर्ण हैं को कितना मानदेय दिया जा रहा है? क्या उक्त मानदेय श्रम विभाग के वर्तमान राजपत्र अनुसार अर्द्धकुशल/कुशल/उच्च कुशल श्रमिक का है? यदि नहीं, तो क्यों नहीं कारण बतावें? (ख) प्रश्न की कंडिका (क) अनुसार वर्ष 2010 में नियुक्त संविदा हैण्डपंप मैकेनिकों का सामाजिक सुरक्षा योजना (P.F) में कटौत्रा किया जा रहा है? यदि नहीं, तो क्यों नहीं? P.F कटोत्रा कब से काटा जावेगा? (ग) वर्ष 2010 में नियुक्त हैण्डपंप मैकेनिकों की सितम्बर 2014 में की गई हड़ताल खत्म कराने में माननीय मंत्री जी द्वारा दिये गये आश्वासन कि संविदा हैण्डपंप मैकेनिकों को वर्कचार्ज में किया जावेगा, इस संबंध में सितम्बर 2014 से प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? मैकेनिकों को कब तक वर्कचार्ज में किया जावेगा?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के अंतर्गत वर्ष 2010 में संविदा पर नियुक्त हैण्डपंप मैकेनिकों को अनुबंध के आधार पर अब अधिकतम 120 हैण्डपंप के लिए रूपये 75/- प्रति हैण्डपंप प्रतिमाह की दर से स्वीकृत किया गया है। संविदा हैण्डपंप मैकेनिक के पद पर नियुक्ति अनुबंध के आधार पर की जाती है, अतः श्रम विभाग के वर्तमान राजपत्र अनुसार अर्द्धकुशल/कुशल/उच्च कुशल का मानदेय दिये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नहीं। वर्ष 2010 में नियुक्त संविदा हैण्डपंप मैकेनिकों का सामाजिक सुरक्षा (पी.एफ.) में कटौत्रा नियुक्ति अनुबंध में प्रावधान नहीं होने के कारण नहीं किया जा रहा है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) संविदा हैण्डपंप मैकेनिकों को वर्कचार्ज में किए जाने का कोई प्रावधान नहीं है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
खाद्य सुरक्षा कानून प्रावधानों की जानकारी
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
78. ( क्र. 1708 ) श्री गिरीश भंडारी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विषयांकित कानून के तहत कितनी आबादी को केन्द्र सरकार द्वारा सब्सिडी पर दिये जा रहे अनाज का लाभ दिया जा सकता है? क्या यह संख्या शहरी तथा ग्रामीण क्षेत्रों के लिए अलग-अलग है? यदि हाँ, तो अलग-अलग बतावें? (ख) राजगढ़ जिले की नरसिंहगढ़ विधानसभा क्षेत्र में वर्तमान में ऐसे कितने पात्र परिवार हैं जिन्हें सब्सिडी वाले खादयान्नों का लाभ दिया जाना है तथा ऐसे कितने परिवार हैं जो पात्र हैं किंतु विगत कई महीनों से लाभ से वचित हैं? क्या सम्पूर्ण पात्र परिवारों को केन्द्र से प्राप्त खाद्यान्न के अतिरिक्त सम्पूर्ण कीमत का खाद्यान्न वितरित करने के बजाए शासन अनावश्यक रूप से अपने ही द्वारा बनाऐ गये पात्र परिवारों के नाम से जबरन कटौती कर रहा है? (ग) पात्रता श्रेणी बनाते समय विषयांकित कानून में निर्धारित संख्या का ध्यान न रखने के लिऐ कौन जिम्मेदार है? क्या शासन जिम्मेदारों पर कार्यवाही करेगा अथवा पूरी कीमत का खाद्यान्न खरीदकर समस्त पात्र परिवारों को खाद्यान्न उपलब्ध करायेगा?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के अंतर्गत वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार प्रदेश की 75.26 प्रतिशत आबादी को रियायती दर का खाद्यान्न दिए जाने की अधिकतम सीमा निर्धारित है जिसमें ग्रामीण क्षेत्र की 80.10 प्रतिशत एवं नगरीय क्षेत्र की 62.61 प्रतिशत जनसंख्या को लाभांवित किए जा सकने का प्रावधान है। (ख) राजगढ़ जिले की नरसिंहगढ़ विधानसभा क्षेत्र में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के अंतर्गत सम्मिलित 25 श्रेणी के परिवारों को स्थानीय निकाय द्वारा सत्यापन उपरांत 41,333 परिवारों को पात्रता पर्ची जारी कर खाद्यान का वितरण किया जा रहा है, जो कि वर्ष 2011 की जनगणना अनुसार 75.88 प्रतिशत है। बी.पी.एल. एवं अनुसूचित जाति/जनजाति के समस्त नवीन सत्यापित परिवारों को पात्रता पर्ची जारी की जा चुकी है। भारत सरकार द्वारा अधिनियम के अंतर्गत निर्धारित सीमा तक ही हितग्राहियों को लाभांवित किया जा सकता है, जो पूर्ण कर ली गई है। वर्तमान में सम्मिलित परिवारों में से अपात्र परिवारों का विलोपन कर उतने ही नवीन पात्र परिवारों को सम्मिलित करने की सुविधा जिला स्तर पर दी गई है। पात्र परिवारों का सत्यापन, उन्हें पात्रता पर्ची जारी करना एवं अपात्र परिवारों का विलोपन एक सतत् प्रक्रिया है। वैध पात्रता पर्चीधारी परिवारों को नियमित रूप से राशन का वितरण किया जा रहा है। अधिनियम के अंतर्गत पात्र हितग्राहियों की निर्धारित सीमा से अधिक हितग्राहियों को लाभांवित करने की कोई योजना नहीं है। (ग) राज्य शासन द्वारा राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत प्राथमिकता परिवार में आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को योजना का लाभ देने हेतु श्रेणियाँ चिन्हित की गई है। चूंकि पात्रता श्रेणी के नवीन परिवार निर्मित होना जनसंख्या वृद्धि की सामान्य स्थिति है। अत: किसी के जिम्मेदार होना व कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
स्वीकृत नवीन हैण्ड पम्पों का खनन
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
79. ( क्र. 1722 ) श्रीमती इमरती देवी : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) ग्वालियर जिले में PHE विभाग द्वारा ०१ जनवरी २०१६ से प्रश्न दिनांक तक कितने नवीन हैण्ड पम्प खनन हेतु स्वीकृत किये गये हैं? विधानसभा क्षेत्रवार जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) स्वीकृत किये गये हैण्ड पम्पों में से कितने का खनन करा दिया गया है, कितने खनन हेतु शेष हैं? शेष का खनन क्यों नहीं कराया गया है तथा कब तक खनन कराया जावेगा? (ग) ग्वालियर जिले में पूर्व से खनन किये गये हैण्ड पम्पों में से कितने हैण्ड पम्प वर्तमान में चालू हैं, कितने बंद हैं? विधानसभा क्षेत्रवार जानकारी देवें। बंद हैण्ड पम्पों को कब तक चालू कर दिया जावेगा? डबरा विधान सभा क्षेत्र में हैण्ड पम्प संधारण हेतु क्या PHE विभाग द्वारा कार्य किया जा रहा है अथवा नहीं? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) 210 हैण्डपंप। विधानसभा क्षेत्र भितरवार, डबरा एवं ग्वालियर ग्रामीण में क्रमशः 138, 19 एवं 53 हैण्डपंप स्वीकृत किये गये हैं। (ख) सभी हैण्डपंपों का खनन करा दिया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। बंद हैण्डपंपों को विभाग द्वारा सतत् संधारण प्रक्रिया के तहत अधिकतम 15 दिवस में सुधारे जाने का प्रावधान है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
मछली पालन हेतु तालाबों को पट्टे पर दिया जाना
[मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास]
80. ( क्र. 1723 ) श्रीमती इमरती देवी : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मत्स्य पालन विभाग द्वारा मछली पालन हेतु तालाबों को पट्टे पर दिये जाने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो निर्देश की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) ग्वालियर जिले में मत्स्य विभाग द्वारा दिनांक ०१ अप्रैल २०१५ से प्रश्न दिनांक तक किन-किन तालाबों को मछली पालन हेतु पट्टे पर दिया गया? (ग) उक्त मछली पालन हेतु दिये गये तालाबों को किन-किन संस्थाओं/समितियों को कितनी-कितनी अवधि के लिये कितनी राशि पर पट्टे पर दिये गये हैं? (घ) उक्त पट्टे पर मछली पालन हेतु दिये गये तालाबों की संस्थाओं/समितियों के पंजीयन दिनांक, पंजीयन क्रमांक, पंजीयन की अवधि क्या है? नाम, पता सहित जानकारी देवें।
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) ककेटो जलाशय को। (ग) अनुसूचित जनजाति मत्स्योद्योग सहकारी संस्था मर्यादित मोहना को जून 2015 से 10 वर्ष के लिये लीज राशि रूपये 35438/- वार्षिक पर। (घ) अनुसूचित जनजाति मत्स्योद्योग सहकारी संस्था मर्यादित मोहना विकासखण्ड घाटीगांव जिला ग्वालियर का पंजीयन क्रमांक DK/GWR/397 दिनांक 24-06-2016 है। संस्था के पंजीयन की अवधि निर्धारित नहीं होती है।
केन्द्र एवं राज्य सरकार से विभिन्न योजनाओं में प्राप्त राशि
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
81. ( क्र. 1725 ) श्री संजय उइके : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या विभाग को केन्द्र एवं राज्य सरकार से विभिन्न योजनाओं में राशि प्राप्त हुई है? (ख) यदि हाँ, तो वित्तीय वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक कितनी-कितनी, राशि किन-किन योजनाओं में प्राप्त हुई थी?, किन-किन योजनाओं में कितना-कितना व्यय किया गया, जानकारी उपलब्ध करावें? (ग) क्या आदिवासी उपयोजना क्षेत्र के विकास हेतु भी विभाग को राशि प्राप्त होती है? यदि हाँ, तो प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित वर्षों में कितनी-कितनी राशि प्राप्त हुई एवं किन-किन कार्यों में व्यय की गयी?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) जी हाँ, जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
जेलों में सुविधाएं
[जेल]
82. ( क्र. 1729 ) डॉ. मोहन यादव : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले में स्थित जेलों में कितने-कितने कैदियों को बंदी रखा जा सकता है? प्रत्येक जेल की पृथक–पृथक जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) की जानकारी अनुसार वर्ष २०१२-१३ से प्रश्न दिनांक तक बंदी रखे गये कैदियों का कब-कब मेडिकल परीक्षण करवाया गया एवं कितने कैदियों को कौन-कौन सी बीमारी होना पाई गई? असाध्य बीमार कैदियों के चिकित्सा के संबंध में विभाग द्वारा कौन-कौन सी कार्यवाही की गई? बंदी कैदियों की संख्या अनुसार खाद्य सामग्री का आवंटन किया गया अथवा नहीं? (ग) प्रश्नांश (ख) की जानकारी अनुसार क्या जेल में बंदी कैदियों को विभाग द्वारा समय पर चिकित्सा सुविधा एवं मेडिकल कैम्प नहीं लगाने के कारण गंभीर बीमारियों से पीड़ित होना पड़ रहा है तथा कैदियों की संख्या अनुसार खाद्य सामग्री का आवंटन नहीं होने से कैदियों की सेहत पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है? यदि हाँ, तो इसके लिए कौन दोषी है? दोषियों के विरूद्ध कब तक कार्यवाही की जावेगी?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) मध्यप्रदेश जेल नियमावली-1968 के नियम, 303 के अनुसार प्रत्येक बंदी का जेल प्रविष्टि के समय स्वास्थ्य परीक्षण कराया जाता है। इसके अतिरिक्त जेलों पर समय-समय पर स्वास्थ्य परीक्षण शिविर आयोजित किये गये हैं। बंदियों को विभिन्न बीमारियाँ जैसे-खुजली, पेट में गैस, मिर्गी, बुखार, मधुमेह, टी.बी., एच.आई.व्ही., हृदयरोग आदि होना पाया गया। केन्द्रीय जेल उज्जैन में दिनांक 19/02/2015 को आयुष विंग की भी स्थापना की गई है, जिसमें समय-समय पर आयुर्वेदिक/ होम्योपेथिक मेडिकल कैम्प आयोजित कर बंदियों को उपचार प्रदान किया जा रहा है। असाध्य बीमार बंदियों को चिकित्सक के परामर्श अनुसार जिला चिकित्सालय या उच्च चिकित्सा संस्थान उपचार हेतु भेजा गया है। बंदियों की संख्या के अनुसार जेल नियमावली में प्रावधानित मात्रा में खाद्य सामग्री आवंटित की गई है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
खाद्यान्न पर्ची जारी की जाना
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
83. ( क्र. 1732 ) श्रीमती सरस्वती सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिंगरौली जिले के चितरंगी विधान सभा क्षेत्रांतर्गत प्रश्न दिनांक तक की स्थिति में वर्गवार कुल कितने पात्र हितग्राही हैं? पृथक-पृथक विवरण दें? (ख) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में कुल हितग्राही में से कितने हितग्राही को खाद्यान्न पर्ची जारी की गई है? किन-किन को जारी नहीं की गई है? जिनको नहीं जारी की गई है उनको कब तक जारी कर दी जायेगी? अब तक जारी न करने के लिए कौन दोषी है और उनके हिस्से के खाद्यान्न, कैरोसीन किसको वितरण किया गया है? (ग) विगत दो वर्षों में प्रश्न दिनांक तक की स्थिति में प्रश्नकर्ता के क्षेत्र में खाद्यान्न एवं कैरोसीन चोरी की कितनी शिकायतें प्राप्त हुई हैं? शिकायतवार, कार्यवाही का विवरण दें।
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) सिंगरौली जिले की चितरंगी विधानसभा क्षेत्र में अन्त्योदय अन्न योजना के 11,865 एवं प्राथमिकता श्रेणी के 66,495 कुल 78,360 पात्र परिवार हैं। (ख) चितरंगी विधानसभा क्षेत्र में कुल 78,360 पात्र हितग्राही हैं, जिन्हें पात्रता पर्ची जारी की गई है। जिन पात्र परिवारों को पात्रता पर्ची जारी की गई है, उन्हें खाद्यान्न का वितरण किया जा रहा है। पात्रता पर्ची जारी होने के उपरांत ही हितग्राही हेतु खाद्यान्न का आवंटन जारी किया जाता है, इस कारण बगैर पात्रता पर्ची के खाद्यान्न एवं केरोसीन का आवंटन जारी न करने के कारण उसके वितरण का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। पात्र परिवारों का सत्यापन एवं उन्हें पात्रता पर्ची जारी करना एक सतत् प्रक्रिया है। (ग) विगत दो वर्ष में माननीय सदस्य के विधानसभा क्षेत्र की शासकीय उचित मूल्य दुकान क्योटली-ए से खाद्यान्न एवं केरोसीन चोरी संबंधी शिकायत प्राप्त हुई, जिसमें अभियोजन की कार्यवाही की गई है। वर्तमान में प्रकरण न्यायालय में विचाराधीन है।
मजरों-टोलों को राजस्व ग्राम घोषित करना
[राजस्व]
84. ( क्र. 1744 ) श्री सचिन यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला खरगोन की कसरावद विधानसभा क्षेत्र की तहसीलों के किस-किस पंचायत के अधीन कितने मजरे-टोले हैं? इन मजरे-टोलों के नाम एवं जनसंख्या सहित जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) क्या प्रदेश के मजरों-टोलों को राजस्व ग्राम घोषित करना माननीय मुख्यमंत्री जी की घोषणा है? हाँ तो क्या आयुक्त भू-अभिलेख एवं बंदोबस्त म.प्र. के पत्र क्रमांक 26/भू.प्र.11/म.टो.13, ग्वालियर दिनांक 03.01.2015 को समस्त जिला कलेक्टर को प्रेषित पत्र की प्रति उपलब्ध कराते हुए बतायें कि उक्त पत्र में शासन द्वारा क्या दिशा-निर्देश जारी किये गये थे? (ग) प्रश्नांश (ख) के तारतम्य में कसरावद विधानसभा क्षेत्र के किस-किस मजरे-टोलों को राजस्व ग्राम घोषित किया गया है एवं प्रश्नांकित दिनांक तक कितने शेष है? शेष के क्या कारण हैं और उन्हें कब तक राजस्व ग्राम घोषित किया जायेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) कसरावद विधानसभा क्षेत्र में 41 ग्राम पंचायतों के अन्तर्गत कुल 83 मजरे टोले है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र “क” अनुसार है। (ख) जी हाँ। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र “ख” अनुसार है। (ग) कसरावद विधानसभा क्षेत्र में शासन के निर्देशानुसार प्रश्नांकित दिनांक तक ग्राम बिलखेड खुर्द व पाडल्या गवली के मजरा टोला अदलपुरा व पोखरखुर्द को राजस्व ग्राम बनाया गया है एवं बिलीदड़, राघौदड़ एवं नांदला को आदेश क्रमांक 158/भू-अभि.8/दिनांक 02.02.2018 से राजस्व ग्राम घोषित किया जा चुका है। शेष 78 मजरे टोले पात्रता की श्रेणी में नहीं आते।
बी.पी.एल. योजना से लाभान्वित करने के संबंध में
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
85. ( क्र. 1745 ) श्री सचिन यादव : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कसरावद विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अंतर्गत ए.पी.एल., बी.पी.एल., एएवाय अन्त्योदय एवं समस्त बी.पी.एल. श्रेणी के वंचित परिवारों को लाभन्वित करने के लिए किस-किस दिनांक को किन-किन अधिकारियों/कर्मचारियों के द्वारा सर्वे किया गया? उनके पदनाम सहित जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) के सर्वे में कितने परिवारों को चिन्हांकित किया गया? ग्रामवार जानकारी दें। (ग) उक्त क्षेत्रान्तर्गत कितने परिवार प्रश्नांकित दिनांक तक उक्त योजनाओं के लाभ से वंचित हैं और क्यों? ग्रामवार एवं परिवारवार जानकारी दें। (घ) उक्त वंचित परिवारों को कब तक लाभान्वित किया जायेगा?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत भारत सरकार द्वारा राज्य के लिए जनगणना-2011 अनुसार 75 प्रतिशत आबादी को ही लाभ दिए जाने की अधिकतम सीमा निर्धारित है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियिम, 2013 के अंतर्गत भारत सरकार द्वारा निर्धारित आबादी की सीमा तक ही लाभ दिया जा सकता है। अधिनियम अंतर्गत राज्य के लिए हितग्राहियों की अधिकतम सीमा निर्धारित है। इस सीमा से अधिक हितग्राहियों को लाभांवित करने का प्रावधान अधिनियम की धारा-3 के अंतर्गत न होने के कारण शेष आवेदकों की पात्रता नहीं बनती है। वर्तमान में सम्मिलित पात्र परिवारों में से हितग्राही की मृत्यु होने, विवाह होने से, अन्य स्थान पर निवास करने एवं पात्रता श्रेणी में न रहने के कारण हितग्राही की पात्रता में परिवर्तन होना एक निरंतर प्रक्रिया है। तदनुसार नवीन पात्रता पर्ची निर्धारित सीमा में जारी की जा रही है। प्राथमिकता परिवार श्रेणी अंतर्गत ए.पी.एल. नामक पात्र परिवार की श्रेणी नहीं है। अधिनियम के अंतर्गत अन्त्योदय अन्न योजना एवं प्राथमिकता परिवारों को लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली का लाभ देने का प्रावधान है। अन्त्योदय अन्न योजनांतर्गत भारत सरकार द्वारा निर्धारित सीमा तक ही हितग्राहियों को लाभान्वित किया जा सकता है, जो पूर्ण हो चुकी है। बी.पी.एल. सूची में गरीब परिवारों के नाम जोड़ना एवं अपात्र हितग्राहियों का नाम विलोपित करने का कार्य स्थानीय निकाय के अमले द्वारा समग्र पोर्टल के माध्यम से किया जाता है जो एक सतत् प्रक्रिया है। विधानसभा क्षेत्र कसरावद के 53,846 परिवारों को योजनांतर्गत लाभान्वित किया जा रहा है। (ख) विगत 06 माह में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 अंतर्गत स्थानीय निकाय द्वारा समग्र पोर्टल पर जिन परिवारों को सत्यापित किया गया है, उनकी पात्रता पर्ची जारी की जा चुकी है। ग्रामवार पात्रता पर्ची की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत प्रदेश की जनगणना-2011 अनुसार 75 प्रतिशत आबादी को ही लाभांवित किए जाने की अधिकतम सीमा निर्धारित की गई है भारत सरकार द्वारा निर्धारित आबादी की सीमा तक ही लाभ दिया जा सकता है। जिसके अंतर्गत चिन्हित पात्र हितग्राहियों को लाभ दिया जा रहा है। इस सीमा से अधिक हितग्राहियों को लाभांवित करने का प्रावधान अधिनियम की धारा-3 के अंतर्गत न होने के कारण शेष आवेदकों की पात्रता नहीं बनती है। (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
रोजगार कार्यलयों में शिक्षित बेरोजगार युवकों का पंजीयन
[तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोज़गार]
86. ( क्र. 1749 ) श्री सुदर्शन गुप्ता (आर्य) : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा संचालित रोजगार कार्यालय में शिक्षित बेरोजगार युवकों का पंजीयन शासकीय सेवा में रोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए किया जाता है? यदि हाँ, तो विगत तीन वर्षों में इन्दौर जिले के रोजगार कार्यालय में कितने शिक्षित बेरोजगारो द्वारा पंजीयन किया गया श्रेणीवार (हायर सेकेण्डरी, स्नातक, स्नातकोत्तर) सूची उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार विभिन्न श्रेणीयों में बेरोजगार युवकों के द्वारा कराये गए पंजीयन के बाद कितने युवकों को शासकीय विभागों में रोजगार प्रदान किया गया है, इनकी सूची उपलब्ध करावें।
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक कैलाश जोशी ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 1 एवं 2 अनुसार है। (ख) जी नहीं।
राशन का वितरण पी.ओ.एस. मशीन के माध्यम से किया जाना
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
87. ( क्र. 1751 ) श्री सुदर्शन गुप्ता (आर्य) : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश की शासकीय उचित मूल्य की दुकानों (कन्ट्रोल) से आम जनता को राशन का वितरण पी.ओ.एस. मशीन के माध्यम से किया जाता है? यदि हाँ, तो क्या इन मशीनों के बन्द (कभी सर्वर डाउन, कभी नेटवर्क नहीं से) होने के कारण उपभोक्ताओं को समय पर राशन का वितरण नहीं हो पाता है? (ख) यदि हाँ, तो इस हेतु शासन द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जी हाँ। प्रदेश में लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली के कम्प्यूटराईजेशन परियोजनांतर्गत उचित मूल्य दुकानों पर पी.ओ.एस. मशीन लगाई जाकर उनके माध्यम पात्र परिवारों को राशन वितरण किया जा रहा है। नेट कनेक्टीविटी उपलब्धता संबंधी समस्या अथवा किसी हितग्राही का बायोमैट्रिक सत्यापन विफल होने पर ऐसे हितग्राही से पहचान के दस्तावेज प्राप्त कर राशन वितरण के निर्देश है। पी.ओ.एस. मशीन में किसी भी प्रकार की समस्या होने पर उपभोक्ताओ को राशन वितरण से वंचित नहीं किया जाता है। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
हितग्राहियों को खाद्यान पर्ची का वितरण
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
88. ( क्र. 1753 ) श्री महेन्द्र सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र गुनौर अन्तर्गत वर्ष २०१७-१८ में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जन जाति के कितने हिग्राहियों को खाद्यान पर्ची जारी की गई है? ग्रामवार हितग्राही संख्यावार विवरण उपलब्ध करावें। (ख) क्या अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जन जाति के हिग्राहियों को जो कर के दायरे में आते हैं, उनकों छोड़कर सभी को खाद्यान पर्ची दिये जाने के शासन के द्वारा दिशा-निर्देश दिये गये थे एवं जो बी.पी.एल. कार्डधारी नहीं है उन्हे भी खाद्यान पर्ची उपलब्ध कराना था परंतु गुनौर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत ग्राम पंचायत के प्रत्येक ग्राम में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जन जाति के कई हितग्राहियों को आज दिनांक तक खाद्यान पर्ची नहीं दी गई है, इसके लिये कौन जिम्मेदार है? क्या जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही की जावेगी एवं जो हितग्राही खाद्यान पर्ची से वंचित हैं? उन्हें पर्ची जारी की जावेगी? (ग) वर्ष २०१७-१८ में ग्राम उदय से भारत उदय अभियान चलाया गया था जिसमें गुनौर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत आवेदकों द्वारा खाद्यान पर्ची हेतु आवेदन दिये गये थे, उन आवेदनों में कितने आवेदकों को पर्ची जारी की गई है?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) वर्ष 2017-18 विधानसभा क्षेत्र गुनौर अंतर्गत अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति श्रेणी के 211 नवीन सत्यापित पात्र परिवारों को पात्रता पर्ची जारी की गई है ग्रामवार जारी पात्रता पर्ची का विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत भारत सरकार द्वारा राज्य के लिए जनगणना-2011 अनुसार 75 प्रतिशत आबादी को ही लाभ दिए जाने की अधिकतम सीमा निर्धारित है। अधिनियम अंतर्गत राज्य के लिए हितग्राहियों की अधिकतम सीमा निर्धारित है। इस सीमा से अधिक हितग्राहियों को लाभांवित करने का प्रावधान अधिनियम की धारा-3 के अंतर्गत न होने के कारण शेष आवेदकों की पात्रता नहीं बनती है। वर्तमान में सम्मिलित पात्र परिवारों में से हितग्राही की मृत्यु होने, विवाह होने से, अन्य स्थान पर निवास करने एवं पात्रता श्रेणी में न रहने के कारण हितग्राही की पात्रता में परिवर्तन होना एक निरंतर प्रक्रिया है। तदनुसार नवीन पात्रता पर्ची निर्धारित सीमा में जारी की जा रही है। स्थानीय निकाय द्वारा आवेदन प्रस्तुत करने वाले समस्त अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के परिवारों को सत्यापन उपरांत पात्रता पर्ची जारी कर लाभान्वित किया जा रहा है। पात्र परिवारों का सत्यापन एवं उनको पात्रता पर्ची जारी करना एक सतत् प्रक्रिया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) गुनौर विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2017-18 में अनुसूचित जाति/ जनजाति के सभी चिन्हित एवं सत्यापित पात्र परिवारों को पात्रता पर्ची जारी कर दी गई है।
ट्रान्सपोर्ट संचालक के विरूद्ध कार्यवाही
[गृह]
89. ( क्र. 1757 ) श्रीमती सरस्वती सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सतना जिले के अन्तर्गत रामस्थान में लीजधारक श्रवण कुमार, ए.आर.टी. कम्पनी के प्रबंध संचालक के द्वारा खनिज एवं परिवहन क्षेत्र के नियमों का खुला उल्लंघन किया जा रहा है? पुलिस अधीक्षक सतना के पत्र दिनांक 18-7-2017 द्वारा पुलिस अधीक्षक सतना एवं उप पुलिस अधीक्षक को 8 बिन्दुओं में जो प्रतिवेदन चाहा गया था उसमें क्या प्रतिवेदन दिया गया? प्रतिवेदन की प्रति उपलब्ध करायें। यदि नहीं, तो कब तक जाँच प्रतिवेदन देंगे? (ख) प्रश्नांश (क) कम्पनी के कितने 10 चक्का हाइवा जो प्रतिदिन ओव्हर लोड चल रहे हैं। जिनके विरूद्ध कार्यवाही करने के निर्देश पुलिस अधीक्षक द्वारा दिए गए थे, उस पर क्या कार्यवाही की गई है? (ग) क्या पुलिस मुख्यालय (अपराध अनुसंधान विभाग) म.प्र. भोपाल के पत्र क्रमांक अ.अ.वि. मानसून सत्र 2017 ध्यानाकर्षण, 87,17 दिनांक 18.7.2017 के तहत पुलिस अधीक्षक सतना के द्वारा कार्यवाही नहीं की गई? अगर की गई तो, क्या, कार्यवाही विवरण दें। (घ) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) यदि हाँ, तो क्या कोलगंवा थाना सतना के अन्तर्गत बाबूपुर चौकी प्रभारी द्वारा 117, 299 दिनांक 5/9/2017 के तहत आर.टी.ओ. सतना को पत्र जारी कर दिनांक 3/7/2017 से 7/7/2017 तक के ई.टी.पी. सिस्टम की डिटेल देकर वाहन मालिकों एवं कम्पनी संचालक के ऊपर विधि अनुसार रिकवरी एवं चालानी कार्यवाही हेतु पत्र लिखा था लेकिन थाना प्रभारी को स्वयं उक्त कार्यवाही करने के अधिकार प्राप्त हैं जिस दिनांक में ई.टी.पी. सिस्टम लागू है उस दिनांक से उक्त 22 हाइवो, मालिकों एवं एग्रीमेंट करने वाली विमला पटेल तथा ट्रान्सपोर्ट संचालक के विरूद्ध कार्यवाही प्रश्न दिनांक तक क्यों नहीं की गई? पुलिस थाने में कब तक प्राथमिकी दर्ज करा दी जावेगी?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
भूमि स्वामी कृषक एवं आधिपत्य कृषक
[राजस्व]
90. ( क्र. 1774 ) श्री चम्पालाल देवड़ा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजस्व विभाग के अंतर्गत कौन-कौन से कृषक आते हैं, भूमि स्वामी कृषक व आधिपत्य कृषक में क्या अंतर है? (ख) शासन द्वारा भूमि स्वामी कृषक व अधिपत्य कृषकों को दी जाने वाली सुविधाएं, अधिकार क्या-क्या हैं? (ग) क्या आधिपत्य कृषक को भूमि स्वामी कृषक बनाये जाने का प्रावधान है? अगर हाँ तो कितने वर्षों के उपरांत आधिपत्य कृषक से भूमि स्वामी बनाया जाता है? विगत 3 वर्षों में प्रश्नांकित दिनांक तक देवास जिले के बागली विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत कितने अधिपत्य कृषकों को भूमि स्वामी बनाया गया है?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) राजस्व विभाग के अऩ्तर्गत निम्नानुसार कृषक आते हैं-1- भूमि स्वामी कृषक 2- मौरूसी कृषक 3- भू-दान धारक कृषक 4- शासकीय पट्टेदार 5- सेवा खातेदार भूमि स्वामी कृषक भूमि का स्वामी होता है एवं आधिपत्य कृषक कब्जेदार होता है। (ख) समस्त भूमि स्वामियों को बैंक ऋण एवं भूमि के स्वामी होने से जुड़ी विभिन्न प्रकार की सुविधायें उपलब्ध होती हैं। आधिपत्य कृषकों को कोई सुविधायें उपलब्ध नहीं है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पशुओं के संक्रामक रोगों का उपचार
[पशुपालन]
91. ( क्र. 1775 ) श्री चम्पालाल देवड़ा : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) देवास जिले के बागली एवं कन्नौद विकासखण्ड में पशुपालन विभाग के कितन पशु चिकित्सालय कहाँ-कहाँ पर स्थापित हैं? पशु चिकित्सालयों में कौन-कौन सी दवाईयाँ शासन द्वारा मुहैया कराई जाती है? क्या पशु चिकित्सकों या अन्य स्टॉफ द्वारा पशुपालकों से उपचार करने के एवज में कोई शुल्क लिया जाता है? अगर हाँ तो कितना लिया जाता है? (ख) प्रश्नांश (क) में कितने प्रकार की दवाईयाँ/इंजेक्शन, टीके विगत 2015 से प्रश्नांकित, औषधालयों में कहाँ-कहाँ, कितनी-कितनी दवाईयाँ जिले से वितरित की गई या परिवहन की गई हैं? केन्द्रवार बतावें। विगत 3 माह में कौन सी संक्रामक बीमारी फैल रही है व उससे कितने पशुओं की मौतें हुई हैं?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’अ’’ अनुसार। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’ब’’ अनुसार। पशु चिकित्सा संस्थाओं पर पशुओं के उपचार करने के एवज में पशुपालकों से जिला रोगी पशु कल्याण समिति का शुल्क लिया जाता है। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’स’’ अनुसार। (ख) पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’ब’’ एवं ’’द’’ अनुसार। जानकारी निरंक।
हितग्राहियों को उपलब्ध कराई गई अनुदान राशि
[मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास]
92. ( क्र. 1792 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मत्स्य विभाग में जिला हरदा अन्तर्गत वर्ष 2014-15, 15-16, 16-17 एवं वर्ष 17-18 में प्रश्न दिनांक तक कितने व कौन-कौन से निर्माण कार्य कराये गये? लागत व कार्य की वर्तमान स्थिति क्या है? (ख) प्रश्नांश (क) में अंकित वर्षों में विभाग द्वारा किस-किस योजनान्तर्गत कितने हितग्राहियों को लाभान्वित किया गया? सूची उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (क) में अंकित वर्षों में विभाग द्वारा नीलक्रांति योजना सहित अन्य योजनांतर्गत कितने हितग्राहियों को कितना-कितना अनुदान लाभ उपलब्ध कराया गया है? (घ) प्रश्नांश (क) में अंकित वर्षों में विभाग द्वारा नर्मदा सेवा मिशन अन्तर्गत क्या-क्या कार्य किये? कितने हितग्राहियों को कौन-कौन सी सामग्री उपलब्ध कराई गई अथवा कितनी-कितनी अनुदान राशि उपलब्ध करायी गई?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "अ" अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "ब" अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "स" अनुसार है। (घ) जानकारी निरंक।
आवासीय पट्टे का प्रदाय
[राजस्व]
93. ( क्र. 1798 ) डॉ. कैलाश जाटव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नरसिंहपुर जिले के विधानसभा क्षेत्र गोटेगांव अंतर्गत मध्यप्रदेश शासन राजस्व विभाग के खसरे में प्रविष्ट शासकीय भूमि, पंचायतवार, ग्रामवार/टोला, मोहल्ला,पटवारी हल्का तथा खसरा नंबर सहित की सूची उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में प्रश्न दिनांक तक क्या उपरोक्त शासकीय भूमि अतिक्रमण से मुक्त है? यदि हाँ, तो उसे किस प्रयोजन के लिए सुरक्षित रखी गई है? यदि नहीं, तो किसके द्वारा किस रूप में अतिक्रमण किया गया है? ग्रामवार, पटवारी हल्का तथा खसरा नंबर सहित पृथक-पृथक अवगत करावें। (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या शासकीय भूमि भूमिहीन अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं अन्य को प्रधानमंत्री आवास योजना में मकान निर्माण हेतु आवंटित की जा सकती है? यदि हाँ, तो आवंटन के नियम व शर्तें बतावें। किस-किस ग्राम में आवंटन की प्रक्रिया प्रचलन में है? यदि आवंटन नहीं की जा सकती तो कारण बतावें। (घ) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या आवास हेतु पट्टा आवंटन की प्रक्रिया लंबित है? यदि हाँ, तो स्पष्ट करें। राजस्व भूमि पर मकान/झुग्गी, झोपड़ी बनाकर निवासरत अनु.जाति, अनु.जनजाति एवं अन्य को आवासीय पट्टे प्रदान किये जावेगें? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो कारण बतावें।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार। (ख) जी नहीं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार। (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) कार्यवाही प्रचलन में है। समय-सीमा दी जाना संभव नहीं है।
ग्रामों को राजस्व ग्राम घोषित करना
[राजस्व]
94. ( क्र. 1799 ) डॉ. कैलाश जाटव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्रामीण बसाहट को राजस्व ग्राम घोषित करने के क्या प्रावधान हैं? क्या इन क्षेत्रों में ग्रामीणों को मूलभूत सुविधाएं पाने का अधिकार है? (ख) क्या विधानसभा क्षेत्र गोटेगांव के ग्रामों को राजस्व ग्राम घोषित करने हेतु सूची मांगी गई थी जिसे शासन की ओर भेजा गया था? उस पर क्या कार्यवाही की गई? कितने ग्रामों को नवीन राजस्व ग्राम घोषित किया गया? (ग) विधानसभा क्षेत्र गोटेगाँव के ऐसे कितने ग्रामों के प्रस्ताव राजस्व ग्राम घोषित करने हेतु जिला प्रशासन/राजस्व विभाग द्वारा शासन को प्रेषित किए गए हैं? प्रेषित प्रस्तावों का विवरण उपलब्ध कराएं। (घ) उक्त प्रस्ताव किस स्तर पर एवं किन कारणों से लंबित हैं? ऐसे ग्रामीण क्षेत्रों को कब तक राजस्व ग्राम घोषित कर दिया जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) मध्यप्रदेश शासन के आदेशानुसार मजरा टोला को राजस्व ग्राम में परिवर्तन के लिये निम्नांकित मापदंड अपनाये गये हैं। 1- मूल राजस्व ग्राम से मजरा टोला की दूरी लगभग 2 किलामीटर या अधिक होनी चाहिये। 2- अलग बनाये जा रहे राजस्व ग्राम का क्षेत्रफल 200 एकड़ से कम नहीं होना चाहिये तथा अलग हुये उक्त ग्राम की आबादी 200 या अधिक होनी चाहिये। 3- अलग बनाये जा रहे राजस्व ग्राम की चतुर सीमायें मूल ग्राम से एवं अन्य सीमावर्ती ग्रामों से मिलनी चाहिये। मजरे टोलो अलग बनाये जा रहे राजस्व ग्राम की सीमायें मूल ग्राम की सीमाओं के अंदर ही स्थित न रहे। (ख) जी हाँ। विधानसभा गोटेगांव के अंतर्गत तहसील गोटेगांव में 38 व तहसील नरसिंहपुर में 17, इस प्रकार कुल 55 बसाहटें निर्मित हुई हैं। उक्त प्रश्नाधीन बसाहटें मजरा टोला से राजस्व ग्राम में परिवर्तन के मापदंड को पूरा नहीं करती हैं। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में राजस्व ग्राम घोषित करने का प्रश्न ही उद्भूत नहीं होता है। (घ) जानकारी निरंक है।
क्षेत्रीय राजस्व व नजूल भूमियों के संबंध में
[राजस्व]
95. ( क्र. 1802 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जावरा नगर, पिपलौदा तहसील एवं जावरा तहसील में आजादी के पूर्व से आजादी के पश्चात, मध्य भारत प्रांत एवं मध्यप्रदेश के गठन तक भी राजस्व एवं नजूल विभाग के आधिपत्य की शासनाधीन अनेक स्थानों पर कई भूमियां रही हैं तथा उनमें से अनेक भूमियाँ शासन द्वारा विभिन्न विभागों के विभागीय कार्यों हेतु विभागों को समर्पित की, जिनके माध्यम से जनकार्य किये जा रहे हैं? (ख) यदि हाँ, तो अवगत कराये कि जावरा नगर, पिपलौदा तहसील व जावरा तहसील अंतर्गत शासन द्वारा भूमियाँ समर्पित किये जाने के पश्चात शासन/विभाग के आधिपत्य में शासनाधीन किन-किन स्थानों पर कितनी-कितनी भूमियाँ रिक्त पड़ी हैं एवं वर्तमान आधिपत्य की स्थिति में स्थल पर क्या स्थिति है?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। (ख) अनुभाग जावरा अन्तर्गत तहसील जावरा एवं पिपलौदा में कुल शासकीय भूमि/नजूल 18936 हेक्टर में से 285 हेक्टर भूमि विभिन्न शासकीय विभागो को आवंटित की गई है तथा शेष 18651 हेक्टर भूमि रिक्त है जिसमें से लगभग 78 हेक्टर पर भूमि में अतिक्रमण कर लिया गया है जिसे समय-समय पर रिक्त कराया जाता है।
राशन कार्डों व खाद्यान्न पर्चियों का वितरण
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
96. ( क्र. 1803 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जावरा नगर, पिपलोदा तहसील एवं जावरा तहसील अंतर्गत सस्ता अनाज उपलब्ध कराएं जाने हेतु विभिन्न प्रकार के राशन कार्ड (कूपन) बनाये जाने के साथ ही क्षेत्रीय अनेक राशन दुकान (उचित मूल्य दुकान) के माध्यम से खाद्यान्न वितरित किया जा रहा है? (ख) यदि हाँ, तो क्या वर्ष 2016 से बनाये गए अनेक राशन कार्डों की खाद्यान्न पर्चियां उपभोक्ताओं को प्रश्न दिनांक तक प्राप्त नहीं हुई हैं? (ग) यदि हाँ, तो बताएं कि प्रश्नांश (ख) अवधि से प्रश्न दिनांक तक कुल कितने किस-किस प्रकार के राशन कार्ड बनाये गए, कितनों को खाद्यान्न पर्ची प्राप्त हुई? कितनों को नहीं हुई? साथ ही वर्तमान स्थिति में कितनी उचित मूल्य दुकानों से कितना खाद्यान्न वितरित किया जा रहा है? उन दुकानों पर राशन कार्ड की कितनी-कितनी संख्या है? (घ) अवगत कराएं कि कुल कितने परिवारों को खाद्यान्न पर्ची प्रश्न दिनांक तक प्राप्त नहीं हुई?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। जावरा अनुभाग की 111 उचित मूल्य दुकानों से अन्त्योदय अन्न योजना परिवारों को 35 किलोग्राम प्रति परिवार एवं प्राथमिकता परिवार को 5 किलोग्राम प्रति सदस्य के मान से प्रतिमाह खाद्यान्न का वितरण किया जा रहा है। दुकानवार पात्रता पर्ची (ई-राशनकार्ड) की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) अपात्र व्यक्तियों को पात्रता पर्ची से हटाना तथा नवीन पात्र पाए गए परिवारों को पात्रता पर्ची जारी करना राज्य को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 में दी गई सीमा अनुसार है, जो एक सतत् प्रक्रिया है।
खुली जेल के संबंध
[जेल]
97. ( क्र. 1804 ) डॉ. मोहन यादव : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन में खुली जेल प्रारम्भ करने के संबंध में विभाग की क्या कार्य योजना है? यदि वर्तमान में कोई योजना नहीं है तो भविष्य में खुली जेल खोले जाने के संबंध में क्या कार्यवाही की जा रही है? (ख) जनवरी २०१२ से प्रश्न दिनांक तक उज्जैन जिले में अच्छे आचरण के कारण कितने कैदियों की सजा कम कर उन्हें रिहा किया गया? रिहा करने के क्या मापदण्ड थे? जेल मैन्युअल अनुसार जानकारी प्रदान करें।
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) उज्जैन में खुली जेल के प्राक्कलन, नक्शे आदि तैयार करने की कार्यवाही प्रचलन में है। प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) आलोच्य अवधि में अच्छे आचरण के कारण सजा कम कर 302 पुरूष एवं 04 महिला बंदियों को रिहा किया गया है। मध्यप्रदेश जेल नियमावली, 1968 के नियम, 714 के तहत शासन द्वारा राष्ट्रीय पर्वों पर विशेष परिहार के अंतर्गत रिहा किया जाता है।
राजस्व ग्रामों की जानकारी
[राजस्व]
98. ( क्र. 1827 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छिन्दवाड़ा जिले की परासिया विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत कितने राजस्व ग्राम हैं? इनमें से कितने ग्राम वीरान हैं कितने ग्राम नगरीय सीमा में है कितने रैयतवाडी हैं? (ख) परासिया विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत कितने मजरे टोले ऐसे हैं जिन्हें राजस्व ग्राम बनाया जा सकता है? ऐसे मजरे टोलों को राजस्व ग्राम बनाये जाने के संबंध में अभी तक विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? (ग) परासिया विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत कितने मजरे टोलों को राजस्व ग्राम बनाये जाने के प्रस्ताव अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) परासिया द्वारा वर्ष 2015-16, 2016-17 व 2017-18 में शासन स्तर पर प्रेषित किये गये हैं? प्रेषित किये गये प्रस्ताव की प्रति सहित जानकारी उपलब्ध करायें। (घ) मजरे टोलों को राजस्व ग्राम बनाये जाने (घोषित किये जाने) के शासन के क्या प्रावधान है? प्रावधानों की जानकारी नियमावली सहित उपलब्ध करायें।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) छिन्दवाड़ा जिले की परासिया विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत 201 राजस्व ग्राम हैं। परासिया विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत वीरान ग्राम नहीं हैं परासिया विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत 07 ग्राम नगरीय सीमा में है एवं रैयतवाडी ग्रामों की संख्या 18 हैं। (ख) परासिया विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत ऐसे मजरे टोले नहीं हैं जिन्हें राजस्व ग्राम बनाया जा सकता है। शेष प्रश्नांश की जानकारी निरंक है। (ग) परासिया विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत मजरे टोलों को राजस्व ग्राम बनाये जाने के लिये अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) परासिया द्वारा वर्ष 2015-16, 2016-17 व 2017-18 में कोई प्रस्ताव प्रेषित नहीं किये गये। (घ) शासन के प्रावधान संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
राजस्व भूमि में सागौन वृक्षों की कटाई की अनुमति
[राजस्व]
99. ( क्र. 1887 ) श्री जतन उईके : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या छिन्दवाड़ा जिले में राजस्व भूमि में सागौन वृक्षों की कटाई हेतु पूर्व से निर्धारित 90 से.मी. गोलाई को बढ़ाकर 137 से.मी. करने के फैसले के बाद अनुमति देने की संख्या में कमी आई है? (ख) वनीकरण को प्रोत्साहित करने के लिये क्या शासन सागौन वृक्षों की कटाई की अनुमति हेतु निर्धारित गोलाई को पुन: 90 से.मी. अथवा 100 से.मी. करने पर विचार करेगा ताकि सागौन बेचने वालो को इसका लाभ मिले?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं।
बस संचालकों हेतु दिशा-निर्देश
[परिवहन]
100. ( क्र. 1888 ) श्री जतन उईके : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में यात्री बसों में सफर करने वाले यात्रियों की सुरक्षा हेतु शासन ने कोई दिशा-निर्देश बनाये हैं? यदि हाँ, तो कौन-कौन से हैं? (ख) क्या शासन द्वारा बसों में यात्रा करने वाले यात्रियों की सुविधा हेतु संचालकों को कोई दिशा-निर्देश दिये गये हैं? यदि हाँ, तो कौन-कौन से? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के अनुक्रम में विगत 2 वर्षों में क्या छिन्दवाड़ा जिले में शासन के उक्त दिशा-निर्देशों का पालन न करने वाले सभी बस संचालकों के विरूद्ध कार्यवही की गई है? (घ) बसों के संचालन एवं उनके निरीक्षण की जिम्मेदारी किन-किन विभाग एवं कौन-कौन से अधिकारियों की है?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ’ अनुसार है। (ख) यान संचालकों को यात्री बसों के ड्रायवरों के नेत्र परीक्षण प्रत्येक छः माह में कराये जाने, महिला यात्रियों को स्तन पान कराने के लिये केबिन बनाने है, यात्री बसों में महिलाओं/दिव्यागों के लिये सीटें आरक्षित किये जाने एवं विभाग द्वारा बसों में महिलाओं की सुरक्षा हेतु हेल्पलाइन नं 1090 अंकित किये जाने हेतु निर्देश जारी किये गये है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब’ अनुसार है। (ग) जी हाँ। जिला परिवहन अधिकारी छिन्दवाड़ा एवं पुलिस विभाग द्वारा विगत 02 वर्षों में समय-समय पर विशेष चैकिंग के दौरान 05 बसों से शासन के दिशा-निर्देश का पालन न करते पाये जाने पर रूपये 32000/- जुर्माना वसूल किया गया है। (घ) म.प्र मोटरयान कराधान अधिनियम में प्रावधानुसार बसों के संचालन एवं उनके निरीक्षण की जिम्मेदारी परिवहन एवं पुलिस विभाग के अधिकारियों की है।
सहकारी सोसाइटियों को शक्कर तथा केरोसीन का आवंटन
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
101. ( क्र. 1902 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग द्वारा बालाघाट जिले में सहकारी सोसाइटियों को शक्कर तथा केरोसीन वितरण हेतु आवंटित करने के क्या मापदण्ड हैं? (ख) क्या जिले में विगत कई माह से शक्कर तथा केरोसीन का वितरण निर्धारित मात्रा से या तो कम किया जा रहा है या बिल्कुल नहीं किया जा रहा हैं? इस संबंध में सोसाइटियों अनुसार विस्तृत जानकारी दें? यदि नहीं, दिया जा रहा है या कम दिया जा रहा हैं तो किस माह से? (ग) शक्कर तथा केरोसीन का आवंटन न होने या निर्धारित मात्रा से कम होने के पीछे क्या कारण हैं तथा यह भी बताएं कि रोका गया आवंटन उपलब्धता के बाद अतिरिक्त रूप से क्या सोसाइटियों को प्रदान किया जाएगा?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) प्रदेश में अन्त्योदय परिवारों को 5 लीटर, 89 अनुसूचित जनजाति बाहुल्य विकासखण्ड में 4 अथवा 3 अथवा 2 लीटर (भारत सरकार के त्रैमासिक आवंटन एवं उचित मूल्य दुकानों पर शेष बचे केरोसीन के मात्रा की उपलब्धता का दृष्टिगत रखते हुए) प्रतिमाह दिया जाता है। वर्तमान में शक्कर का वितरण नहीं किया जा रहा है। (ख) जिले में केरोसीन का वितरण निर्धारित मापदण्ड अनुसार किया जा रहा है। वर्तमान में संपूर्ण प्रदेश में शक्कर का वितरण नहीं किया जा रहा है। क्योंकि भारत शासन द्वारा सार्वजनिक वितरण प्रणाली में प्राथमिकता परिवारों को अनुदानित शक्कर की योजना को बंद किया गया है। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के उत्तर अनुसार। शेष भाग का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
लंबे समय से पदस्थ खाद्य निरीक्षकों की जानकारी
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
102. ( क्र. 1903 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बालाघाट जिले में एक ही स्थान पर लंबे समय से पदस्थ खाद्य निरीक्षकों की जानकरी पदस्थी दिनांक से दें? (ख) बालाघाट जिले में जिला खाद्य अधिकारी का पद कब से रिक्त है तथा यहाँ जिला खाद्य अधिकारी की नियुक्ति कब तक कर ली जाएगी? (ग) प्रश्नकर्ता विधायक द्वारा गोंदिया रोड पर नवेगांव नाके के पास स्थित अमर फ्यूल्स के संबंध में दिनांक 12/1/2018 को की गयी शिकायत (कलेक्टर बालाघाट को फोन द्वारा) के संबंध में की गयी कार्यवाही तथा लिए गये सेंपल की टेस्ट रिर्पोट की संबंध में संपूर्ण जानकारी दें? (घ) क्या बालाघाट में लंबे समय से पदस्थ खाद्य निरीक्षक का तत्काल स्थानान्तरण कर इस मामले में उनकी भूमिका की जाँच विभाग कराएगा?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) बालाघाट जिले में पदस्थ खाद्य निरीक्षकों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) खाद्य विभाग के आदेश क्रमांक एफ 2-01/2018/29-2 दिनांक 12.02.2018 द्वारा प्रभारी जिला आपूर्ति अधिकारी को पदस्थ कर रिक्त पद की पूर्ति की जा चुकी है। (ग) दिनांक 12.01.2018 को मौखिक शिकायत पर मेसर्स अमर फ्यूल्स पेट्रोल/डीजल पम्प नवेगांव की जाँच श्री संत कुमार भलावी, सहायक आपूर्ति अधिकारी द्वारा की गई। जाँच समय मौके पर फर्म में डीजल के भूमिगत टैंक के पास 200-200 लीटर क्षमता के दो बैरलों में कुल 400 लीटर डीजल भरा हुआ रखा पाया गया तथा 200 लीटर क्षमता का खाली बैरल डीजल के भूमिगत टैंक के इन्लेट के पास खाली रखा पाया गया। खाली रखे बैरल के संबंध में फर्म के प्रबंधक द्वारा बताया गया कि बैरल में रखे 200 लीटर डीजल को डीजल के भूमिगत टैंक में खाली कर लिया गया है। जाँच में अनियमितता पाए जाने के कारण दो बैरलों में रखा कुल 400 लीटर डीजल, सादा पेट्रोल 2910 लीटर, डीजल 841 लीटर एवं 200 लीटर क्षमता का खाली बैरल एक नग जप्त किया जाकर फर्म के प्रबंधक को सुपुर्दगी में दिया गया। मौके पर बैरलों में संग्रहित डीजल के तीन-तीन सील बन्द नमूने, सादा पेट्रोल के तीन सील बन्द नमूने, डीजल के तीन सील बन्द नमूने, पावर पेट्रोल के तीन सील बन्द नमूने लिए जाकर एक-एक नमूना फर्म के प्रबंधक को दिया गया। फर्म के प्रबंधक द्वारा डीजल के भूमिगत टैंक में नियम विरूद्ध डीजल पृथक से डालने के कारण डीजल टैंक एवं डीजल की डिस्पेंसिंग यूनिट को कपड़ा-चपड़ा से सीलबन्द कर दिया गया था। जाँच समय लिए गए पेट्रोल/डीजल के नमूनों को परीक्षण हेतु स्टेट लेवल को-आर्डिनेटर भोपाल को प्रेषित किया गया। परीक्षण रिपोर्ट स्टेट लेवल को-आर्डिनेटर भोपाल के पत्र दिनांक 29.01.2018 द्वारा प्रेषित की गई। जिसके अनुसार सेम्पलों में कोई भी मिलावट होना नहीं पाए जाने के फलस्वरूप डीजल टैंक/ डिस्पेंसिंग यूनिट में लगी सील दिनांक 01.02.2018 को खोली गई। प्रकरण कलेक्टर न्यायालय बालाघाट में प्रचलित है। (घ) प्रकरण में नियमानुसार कार्यवाही कर जाँच की गई है।
अनियमितता पर कार्यवाही
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
103. ( क्र. 1922 ) श्री रामलाल रौतेल : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रबंध संचालक, म.प्र.स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन लि.भोपाल द्वारा दिनांक 13.12.2017 को दिये गये प्रतिवेदन में कार्यालय क्षेत्रीय प्रबंधन म.प्र.स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन अनूपपुर में अनियमितता होने का उल्लेख किया गया था? (ख) यदि हाँ, तो क्या अनियमितता में लिप्त अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध कार्यवाही प्रस्तावित की गई?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) प्रबंध संचालक, म.प्र. स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन के आदेश दिनांक 13/12/2017 में जिला प्रबंधक अनूपपुर की रिपोर्ट पर अनूपपुर के सेक्टर अनूपपुर में परिवहन कार्य में अनुबंध का पालन न करने के लिए सेक्टर अनूपपुर के परिवहनकर्ता को काली सूचिबद्ध किया गया। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नवीन भवन एवं सेटअप अनुसार स्टॉफ की पूर्ति
[राजस्व]
104. ( क्र. 1958 ) श्री प्रहलाद भारती : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पोहरी विधानसभा क्षेत्र की बैराड तहसील के नवीन भवन निर्माण तथा अन्य तहसीलों की भांति सेटअप अनुसार स्टॉफ की स्वीकृति हो चुकी है? यदि हाँ, तो किस दिनांक तक नवीन भवन का निर्माण तथा स्टॉफ की पूर्ति कर ली जावेगी? (ख) क्या बैराड तहसील में वर्षा मापक यंत्र लगा दिया गया है? यदि नहीं, तो इसे कब तक लगा दिया जावेगा? समयावधि बताएं।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। भवन निर्माण कार्य हेतु प्रस्ताव विचाराधीन है। स्टॉफ स्वीकृति की जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) जी हाँ। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
खाद्य गोदामों का संचालन
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
105. ( क्र. 1968 ) श्री रामपाल सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शहडोल जिले में उचित मूल्य दुकान संचालन हेतु ग्राम पंचायतों में खाद्य गोदाम का निर्माण कराया जाकर दुकान का संचालन किया जा रहा है? (ख) यदि हाँ, तो क्या जयसिंहनगर जनपद के ग्राम बिजहा में गोदाम का निर्माण होने के बाद भी दुकान का संचालन अन्यत्र किया जा रहा है? यदि हाँ, तो क्यों? (ग) क्या ग्राम पंचायत गजवाही में निर्मित गोदाम का उपयोग न किया जाकर छकता में तथा ग्राम पंचायत हिडवाह का दुकान हुडरहा में संचालित किया जा रहा है? यदि हाँ, तो क्यों? उक्त दुकानें शासकीय निर्मित होने के बावजूद भी अन्यत्र संचालित क्यों की जा रही है? उक्त लापरवाही के लिये जिम्मेदार अधिकारियों एवं कर्मचारियों के खिलाफ कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जी हाँ। जिन ग्राम पंचायतों में गोदाम IAP के तहत निर्मित हुए हैं उन्हें पंचायतों को हैंडओवर होने के पश्चात उन गोदामों में उचित मूल्य दुकानों का संचालन किया जा रहा है। (ख) जी नहीं। ग्राम पंचायत विजहा का गोदाम ग्राम भैंसहा में बना हुआ है उसी गोदाम से दुकान संचालित की जा रही है। (ग) ग्राम पंचायत गजवाही में निर्मित गोदाम ग्राम पंचायत को हैंडओवर नहीं होने से उचित मूल्य की दुकान किराये के गोदाम से संचालित की जा रही है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। ग्राम पंचायत हिडवाह में कोई गोदाम नहीं होने से वन विभाग के अतिरिक्त भवन से उचित मूल्य दुकान संचालित की जा रही है। दुकान संचालन के स्थल में किसी भी अधिकारी/कर्मचारी द्वारा कोई लापरवाही नहीं होने से कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पेयजल उपलब्धता
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
106. ( क्र. 1969 ) श्री रामपाल सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या शहडोल जिले की ब्यौहारी एवं जयसिंहनगर तहसील अल्प वर्षा के कारण सूखा प्रभावित घोषित है? (ख) यदि हाँ, तो उक्त क्षेत्र में पेयजल उपलब्धता की स्थति क्या हैं। क्या उक्त क्षेत्र में नल जल योजनांतर्गत ग्राम करकी, सपटा सहित कई गामों में योजनाओं का संचालन बंद है? उक्त तहसील अंतर्गत और कितनी नल जल योजनाएं बंद पड़ी हैं, की जानकारी उपलब्ध करायी जावे एवं कब तक व्यवस्था दुरस्त कर ली जावेगी? (ग) इसी प्रकार उक्त तहसील अंतर्गत कितने हैण्ड पंप चालू हालत में हैं और कितने बंद पड़े हैं की जानकारी उपलब्ध करायी जावे।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी हाँ। (ख) हैण्डपंपों एवं नलजल प्रदाय योजनाओं के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्र में वर्तमान में समुचित पेयजल की उपलब्धता है। ग्राम करकी एवं सपटा की नलजल योजना वर्तमान में चालू है। 13 योजनाएं बंद हैं। निश्चित समयावधि नहीं बताई जा सकती है। (ग) प्रश्नांकित तहसीलों में कुल 4152 हैण्डपंप चालू हैं और 267 हैण्डपंप बंद हैं।
कटनी जिले में लंबित राजस्व प्रकरण
[राजस्व]
107. ( क्र. 1971 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भूमि का सीमांकन, लोक सेवाओं के प्रदाय की गांरटी-अधिनियम के तहत अधिसूचित है? यदि हाँ, तो प्रश्नकर्ता के विधानसभा प्रश्न क्रमांक-1058 दिनांक-22/07/2015 के प्रश्नांश (ड.) का दिया गया उत्तर किस प्रकार सही है? स्प्ष्ट करें और प्रकरणों के समय-सीमा में निराकृत न होने पर, लोक-सेवाओं के प्रदाय की गांरटी अधिनियम के प्रावधानानुसार कार्यवाही न करने एवं स्वप्रेरणा से अपीलीय कार्यवाही न होने का कारण बतायें? (ख) प्रश्नांश (क) विधानसभा प्रश्न क्रमांक-1058 के प्रश्नांश (ग) के उत्तरानुसार क्या शेष रहे-994-प्रकरणों का निराकरण हो गया है? यदि हाँ, तो इन प्रकरणों के आवेदन/पंजीयन एवं सीमाकंन किन-किन दिनांकों को किये गये? प्रकरणवार बतायें, यदि नहीं, तो क्यों? कारण बतायें। (ग) क्या प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा अनुविभागीय अधिकारी महोदय कटनी को पत्र क्रमांक-2042/6/2017-18 दिनांक-01/04/2017 से न्यायालय के आदेश के पालन हेतु एवं कलेक्टर-महोदय कटनी को पत्र-क्रमांक-2315/1/12017-18 दिनांक 03/08/2017 से सीमांकन हेतु लिखे गये पत्रों पर कार्यवाही पूर्ण हो चुकी है,यदि हाँ, तो की गयी कार्यवाही बतायें, यदि नहीं, तो कारण बतायें। (घ) प्रश्नांश (ख) से (ग) के परिप्रेक्ष्य में आवेदनों/ प्रकरणों के समय-सीमा में निराकृत न होने पर, लोक सेवाओं के प्रदाय की गांरटी अधिनियम के प्रावधानों के तहत कार्यवाही और माननीय मुख्यमंत्री महोदय की घोषणा अनुसार जुर्माना अधिरोपित किया जायेगा? यदि हाँ, तो किस प्रकरण में किन-किन शासकीय सेवकों पर कितना-कितना? यदि नहीं, तो क्यों? कारण बतायें?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। प्रश्नांश (ड.) का तत्समय उत्तर की जानकारी एकत्रित की जा रही है, दिया गया था। प्रश्नाधीन प्रकरणों में वर्षाकाल में खेत में फसल खड़ी होने के कारण सीमांकन हो पाना संभव नहीं था जोकि म.प्र. राजस्व विभाग के पत्र क्रमांक एफ 5.12/ 2014/त.1 भोपाल दिनांक 28/01/2014 के अनुसार समय-सीमा बाहय नहीं होगें। ऐसे आवेदनों पर पुन: तिथि का निर्धारित करने उपरांत समय-सीमा में सीमांकन किये गये है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्नांश (क) में तत्तसमय ''जानकारी एकत्रित की जा रही है'' उत्तर दिया गया था। जी हाँ। प्रकरणवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ। माननीय प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा जारी पत्र क्रमांक 2042/6/2017.18 दिनांक 01/04/2017 के अनुसार कार्यालय के पत्र क्रमांक 1094/अविअ/2017 कटनी दिनांक 01/04/2017 के अनुसार तहसीलदार बडवारा को कार्यवाही किये जाने हेतु पत्र लेख किया गया है। प्रश्नाधीन प्रकरण में आवेदक द्वारा पुन: आवेदन पत्र पेश नहीं किये जाने के कारण कोई पश्चात वर्ती न्यायालयीन कार्यवाही नहीं की जा सकी। कलेक्टर को जारी पत्र क्रमांक 2315/01/17-18 दिनांक 03/08/17 के पालन हेतु कलेक्टर के द्वारा पत्र दिनांक 04/08/17 के द्वारा अ.वि.अ. कटनी को प्रेषित किया गया था, जिसके आधार पर अविअ के पत्र क्रमांक 1725/अविअ/17 कटनी दिनांक 14/08/17 के द्वारा तहसीलदार कटनी को कार्य पूर्ण कर प्रतिवेदन पेश करने हेतु निर्देशित किया गया था। प्रश्नाधीन प्रकरण में मूल खसरा नंबरों का सीमांकन किया गया है तथा शेष नंबरों में बंटाकन/तरमीम न होने के कारण बटांकन की कार्यवाही हेतु आवेदक को सलाह दी गई है। (घ) प्रश्नांश (ख) एवं (ग) के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विधानसभा प्रश्नों के अपूर्ण उत्तर
[राजस्व]
108. ( क्र. 1972 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता सदस्य के विधानसभा प्रश्न क्रमांक-2239 दिनांक 27/02/2017 के प्रश्नांश (क) का दिया गया उत्तर किस प्रकार सही है, जबकि प्रश्नांश (क) में कार्यपूर्णता प्रमाण-पत्र एवं अभिस्वीकृति उपलब्ध कराने का उल्लेख था, स्पष्ट करें और क्या प्रश्न का अपूर्ण एवं भ्रामक उत्तर दिये जाने पर कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो क्या एवं कब तक, यदि नहीं, तो क्यों? (ख) प्रश्नांश (ख) विधानसभा प्रश्न क्रमांक-2239 दिनांक 27/02/2017 के प्रश्नांश (ख) के उत्तरानुसार विगत एक वर्ष में किन-किन तकनीकी अवरोधों के चलते, किन-किन अभिलेखागारों से कब-कब मैन्युअली नकलें प्रदाय की गई? प्रश्नांश (ग) का उत्तर जी नहीं देने तथा प्रश्नकर्ता की उपस्थिति में अभिलेखागारों के संचालन का सत्यापन/जाँच न करवाने का कारण बतायें?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जिले की तहसीलों में स्थापित किए गए मॉडर्न अभिलेखागार से स्कैन किए गए पुराने स्थायी प्रकार के अभिलेखों की स्केण्ड अभिलेख की प्रति आवेदकों द्वारा आवेदन किए जाने पर प्रदाय की जाती है। तहसीलवार वेंडर द्वारा किए गए कार्यों के संबंध में तहसीलदारों से प्राप्त प्रमाण-पत्र की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। चूंकि उत्तर त्रुटि पूर्ण नहीं है। अतः कार्यवाही का प्रश्न ही नहीं है। (ख) उपकरणो में तकनीकी अवरोधो के कारण मैनुअल नकले प्रदाय नहीं की गयी है। उक्त स्थिति में लोक सेवा केन्द्रों के माध्यम से नकलें प्रदाय की जाती है। मान. प्रश्नकर्ता विधायक द्वारा तिथि नियत करने पर उनकी उपस्थिति में अभिलेखागारों के संचालन का सत्यापन कराया जा सकता है।
शासकीय भूमि पर अतिक्रमणकर्ताओं पर कार्यवाही
[राजस्व]
109. ( क्र. 1980 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शाजापुर जिले की तहसील अवन्तिपुर बड़ोदिया ग्राम पगरावद कलॉ की शासकीय भूमि सर्वे क्र. 1692/1, 1692/2, 1692/4, 1692/5 में से परंपरागत मार्ग को रोकने के संबंध में शिकायत धीरज कुमार अरूण कुमार पिता मोहनलाल ने तहसीलदार अवन्तिपुर बड़ोदिया को की गई थी? क्या जिस पर तहसीलदार अवन्तिपुर बड़ोदिया ने प्रकरण दर्ज कर रास्ता खोलने का आदेश पारित किया गया है? यदि हाँ, तो स्थल निरीक्षण पंचनामा की प्रति देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित भूमि में से परम्परागत रास्ता होने के बाद भी अतिक्रमण कर रास्ते को बाधित किया, फिर भी अतिक्रमणकर्ताओं के विरूद्ध सिविल जेल की कार्यवाही क्यों नहीं की तथा रास्ता क्यों नहीं खोला? क्या शासकीय जमी़न से अतिक्रमण हटाने के लिए न्यायालयीन प्रक्रिया में गवाह आदि की आवश्यकता होती है? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित किसानों के कृषि भूमि के रास्ते को कब तक खोला जावेगा तथा अतिक्रमण कर रास्ता बाधित करने वालों के विरूद्ध जेल की कार्यवाही कब तक की जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। पंचनामा की प्रति प्रश्नाधीन प्रकरण अपर आयुक्त न्यायालय में विचाराधीन होने से दिया जाना अभी संभव नहीं है। (ख) प्रकरण अपर आयुक्त न्यायालय में विचाराधीन होने से कार्यवाही निर्णय अनुसार की जावेगी। जी हाँ। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) उत्तरांश (ख) अनुसार।
पृथक राजस्व ग्राम बनाना
[राजस्व]
110. ( क्र. 1981 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शाजापुर जिले की तहसील कालापीपल के ग्राम मोहम्मदपुर मछनई के मजरे टोले सुभाष नगर को तथा तहसील शुजालपुर के ग्राम उचोद के मोहल्ले रतनपुरा, शोभापुरा को पृथक राजस्व ग्राम बनाने की मांग वहाँ के निवासियों ने की है? यदि हाँ, तो कब? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित मजरे टोलों को पृथक राजस्व ग्राम बनाने की क्या-क्या कार्यवाही की है? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित गांवों में मजरे टोलों को पृथक राजस्व ग्राम कब तक घोषित कर दिया जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी नहीं। शाजापुर जिले की तहसील कालापीपल के ग्राम मोहम्मदपुर, मछनई के मजरे टोले सुभाषनगर तथा तहसील शुजालपुर के ग्राम उचोद के मोहल्ले रतनपुरा, शोभापुरा को पृथक राजस्व ग्राम बनाने की माँग ग्रामवासियो द्वारा नहीं की गयी। परन्तु ग्राम पंचायत उचोद द्वारा दिनांक 05.01.2018 व माननीय विधायक श्री इंदरसिह परमार द्वारा कार्यालयीन पत्र क्रमांक 878 दिनांक 20.12.2017 एवं पत्र क्रमांक 887 दिनांक 11.02.2018 से माँग की गई है। (ख) तहसीलदार कालापीपल द्वारा मोहम्मदपुर, मछनई का प्रकरण तैयार किया जाकर अनुविभागीय अधिकारी शुजालपुर के माध्यम से प्राप्त ङुआ है। ग्राम उचोद की कार्यवाही तहसीलदार स्तर पर म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 73 के अन्तर्गत मजरे टोलो को पृथक राजस्व ग्राम बनाने की कार्यवाही की जाती है। (ग) निर्धारित मापदण्ड के अनुरुप पाये जाने वाले मजरे टोलों को पृथक राजस्व ग्राम बनाने संबंधी वैधानिक कार्यवाही की जायेगी। समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है।
खाद्यान्न पात्रता पर्ची
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
111. ( क्र. 1983 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) किन-किन व्यक्तियों को खाद्यान सामग्री हेतु पात्र माना गया है? (ख) पात्रता पर्ची प्राप्त करने हेतु किसी व्यक्ति को मजदूरी का प्रमाणीकरण किसके द्वारा दिया जाता है? (ग) प्रश्न दिनांक से विगत दो वर्षों में सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में कितनी पात्रता पर्ची बनाई गई हैं? (घ) किसी पात्र व्यक्ति को खाद्यान्न सामग्री हेतु आवेदन के कितने दिनों बाद पात्रता पर्ची जारी की जाती हैं?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत सम्मिलित 25 पात्रता श्रेणियों के परिवारों जिनको स्थानीय निकाय द्वारा सत्यापन उपरांत वैध पात्रता पर्चीधारी परिवारों को रियायती दर पर खाद्यान्न प्राप्त करने की पात्रता है। पात्र परिवार के रूप में सम्मिलित श्रेणियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) मुख्यमंत्री मजदूर सुरक्षा योजनांतर्गत भूमिहीन खेतीहर मजदूर के पंजीयन का मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत द्वारा किया जाता है। पंजीयन प्रमाण-पत्र के आधार पर समग्र पोर्टल पर स्थानीय निकाय द्वारा पात्र परिवारों के रूप में सत्यापन किया जाता है। (ग) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में विगत दो वर्षों में 2320 परिवारों को पात्रता पर्ची जारी की गई। (घ) समग्र पोर्टल पर पात्र परिवारों का स्थानीय निकाय द्वारा सत्यापन किये जाने के पश्चात् उसकी मेपिंग निकटतम उचित मूल्य दुकान से की जाती है। इसके पश्चात् आगामी माह में भारत सरकार द्वारा निर्धारित खाद्यान्न आवंटन सीमा के अंतर्गत ही पात्र परिवारों को आनलाईन पात्रता पर्ची एवं खाद्यान्न आवंटन जारी किया जाता है। पात्र परिवारों का सत्यापन एवं उनको पात्रता पर्ची जारी करना एक सतत् प्रक्रिया है।
कृत्रिम गर्भधान केन्द्र
[पशुपालन]
112. ( क्र. 1984 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत 3 वर्षों में पशुपालन विभाग द्वारा ग्वालियर जिले की डबरा तहसील में कितने कृत्रिम गर्भाधान केन्द्रों के भवन निर्माण हेतु राशि स्वीकृत की गई व निर्माण एजेंसी का नाम बतावें। (ख) डबरा तहसील के ग्राम भगेह और सालवाई में पशु कृत्रिम गर्भाधान केन्द्र के भवन निर्माण का कार्य किस कंपनी के द्वारा किया जा रहा है व कार्य किस स्तर पर है? (ग) स्वीकृत गर्भाधान केन्द्र भगेह और सालवाई की स्वीकृत राशि में से पशुपालन विभाग द्वारा लोक निर्माण विभाग संभाग 2 ग्वालियर को कितनी राशि का भुगतान किस मद से कब किया गया है? (घ) भगेह और सालवाई गर्भाधान केन्द्र के भवन निर्माण की राशि का भुगतान कब तक किया जावेगा?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) 2 कृत्रिम गर्भाधान उपकेन्द्रों के भवन निर्माण। लोक निर्माण विभाग। (ख) लोक निर्माण विभाग संभाग क्रमांक 2 ग्वालियर द्वारा किया जा रहा है व कार्य लगभग 90 प्रतिशत पूर्ण हो चुका है। (ग) स्वीकृत राशि 10.00 लाख सीधे लोक निर्माण विभाग संभाग क्रमांक 2 ग्वालियर को भुगतान न करते हुये, प्रावधान अनुसार प्रमुख अभियंता लोक निर्माण विभाग भोपाल के बी.सी.ओ. कोड में, योजना क्रमांक 5093- पशुचिकित्सालयों का सुदृढ़ीकरण अन्तर्गत अक्टूबर 2017 में उपलब्ध कराई गई है। (घ) भगेह और सालवाई कृत्रिम गर्भाधान उपकेन्द्र के भवन निर्माण की राशि का भुगतान लोक निर्माण विभाग द्वारा किया जाना है।
हैण्डपंप एवं बोर खनन
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
113. ( क्र. 2039 ) श्री मानवेन्द्र सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) दिनांक 01 अप्रैल, 2015 से प्रश्न दिनांक तक छतरपुर जिले के विधान सभा क्षेत्र महाराजपुर के किस-किस ग्राम पंचायतों में कितनी नल-जल योजनायें कितने-कितने हैण्डपंप और कितने-कितने बोर स्वीकृत किये गये? कितनों के कार्य पूर्ण हो चुके हैं तथा कितनों के कार्य आज दिनांक तक अपूर्ण हैं वर्षवार जानकारी देवें। (ख) इनमें से जिन कार्यों को पूर्ण किया जा चुका है उनमें से प्रश्न दिनांक तक कितनी ग्राम पंचायतों की कौन-कौन सी नल-जल योजनायें, हैण्डपंप और बोर किन कारणों से बंद हैं? (ग) क्या पी.एच.ई. विभाग के अलावा जनपद पंचायत नौगांव में 1 अप्रैल, 2017 से प्रश्न दिनांक तक 14वें वित्त आयोग की राशि से भी हैण्डपंपों एवं बोरों के कार्य किये गये हैं? यदि हाँ, तो कितने हैण्डपंप एवं बोर किये गये? (घ) प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में कराये गये कार्यों की तकनीकी स्वीकृति दिनांक प्रशासकीय स्वीकृति दिनांक, मूल्यांकन दिनांक, भुगतान की गई राशि के विवरण सहित जानकारी देवें।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) नलजल योजना एक भी नहीं, हैण्डपंप 123 एवं कुल बोर 161 स्वीकृत किये गये। सभी के कार्य पूर्ण। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) नुना पंचायत का एक हैण्डपंप ग्रीष्मकाल में जलस्तर अत्यधिक कम हो जाने से बंद हो जाता है तथा वर्षा ऋतु के उपरांत चालू हो जाता है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
जेल में कैदियों की मृत्यु
[जेल]
114. ( क्र. 2078 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर, चम्बल संभाग की जेलों में दो वर्षों 2016 एवं 2017 में कितने लोगों की मृत्यु हुई? उनकी संख्या, नाम, जेल का नाम सहित जानकारी दी जाये। (ख) उक्त मृत कैदियों की किन कारणों से मृत्यु हुई है? बीमारी से मृत्यु जिन कैदियों की हुई है, उन्हें क्या बीमारी थी? उनका प्राथमिक उपचार मृत्यु दिनांक से कब प्रारंभ हुआ? पूर्ण जानकारी दी जावे। (ग) उक्त मृतक कैदियों की बीमारी की जानकारी उनके परिवारजनों को कब दी गई?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र कॉलम-2 एवं 3 अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र कॉलम-5 एवं 6 अनुसार है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र कॉलम-7 अनुसार है।
मुरैना में पानी में डूबने से मृत्यु
[राजस्व]
115. ( क्र. 2079 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुरैना जिले में वर्ष 2016-17 में कितने लोगों की नदी, तालाब, नहरों में डूबकर मृत्यु हुई है? उनके नाम, दिनांक सहित संख्या सहित जानकारी दी जावे। (ख) उक्त लोगों के मृतक परिवारजनों को शासन की नीति के अनुसार आर्थिक सहायता प्राप्त हुई या नहीं? कितने प्रकरणों में सहायता राशि उपलब्ध कराई गई है? (ग) जिले में ऐसे कितने प्रकरण आर्थिक सहायता के लंबित हैं, जिनकी आर्थिक सहायता प्रकरणों में विलम्ब हो रहा है?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) मुरैना जिले में वर्ष 2016-17 में नदी, तालाब, नहरों में डूबकर कुल 37 व्यक्तियों की मृत्यु हुई है उनके नाम व घटना दिनांक की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में मृत्क के परिजनों को शासन की नीति के अनुसार आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई गई है। (ग) जिला मुरैना में उपरोक्त अवधि में नदी, तालाब, नहरों में डूबकर मृत्यु होने से आर्थिक सहायता दिये जाने के कोई प्रकरण लंबित नहीं है।
परिशिष्ट - ''छियासठ''
प्रथम सूचना रिपोर्ट 0075 पर कार्यवाही
[गृह]
116. ( क्र. 2093 ) श्री नरेन्द्र सिंह कुशवाह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रथम सूचना रिपोर्ट धारा 154 भारतीय दण्ड विधान शासकीय रेलवे थाना ग्वालियर प्रथम सूचना रिपोर्ट 0075 दिनांक 02.11.2017 में प्रश्नांश दिनांक तक क्या कार्यवाही हुई? कार्यवाही न करने के क्या कारण हैं? कौन दोषी है? (ख) भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 धारा 13-1 डी के अंतर्गत दोषी व्यक्तियों के विरूद्ध प्रश्नांश दिनांक तक क्या कार्यवाही हुई? (ग) क्या प्रश्नांश (क) और (ख) में दोषी व्यक्तियों को बचाया जा रहा है? यदि हाँ, तो क्यों? किस स्तर से अधिकारी द्वारा विवेचना की गई? छाया प्रति सहित जानकारी दें। (घ) प्रश्नांश (क), (ख) और (ग) में शासकीय रेलवे थाना ग्वालियर में कार्यवाही समय-सीमा में न करने के क्या कारण हैं?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) एफ.आई.आर. क्र. 75/17 के संबंध में लेख है कि उक्त अपराध धारा 13 (1) डी भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 के तहत पंजीबद्ध किया गया। उक्त अपराध में साक्षी टिंकू उर्फ हरीश एवं दिलीप मेहता के कथन होना शेष है। विवेचना लगातार की जा रही है। विवेचना में किसी विवेचक का कोई दोष नहीं है। (ख) आरोपियों के विरूद्ध पूर्ण साक्ष्य एकत्रित किये जा रहे हैं। आरोपियें को दिनांक 03.11.2017 को निलंबित किया गया है। (ग) जी नहीं। प्रकरण की विवेचना अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रेल, श्रीमती नीतू डाबर द्वारा की जा रही है। (घ) साक्ष्य अनुसार कार्यवाही नियमानुसार की जा रही है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
अधिकारियों/कर्मचारियों का स्थानांतरण
[गृह]
117. ( क्र. 2096 ) श्री आरिफ अकील : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पुलिस मुख्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार क्या दिनांक 30 सितम्बर, 2017 को आरक्षक से लेकर उपनिरीक्षक तक के अधिकारी व कर्मचारी, जो एक ही थाने में विगत 4 वर्षों से निरंतर पदस्थ हैं, को अन्यत्र थानों में स्थानांतरित किये जाकर स्थानांतरण की सूची दिनांक 15 जनवरी, 2018 तक पुलिस मुख्यालय कार्मिक शाखा को उपलब्ध कराने हेतु पुलिस महानिदेशक द्वारा आदेश जारी किए गए हैं? (ख) यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक की स्थिति में यह अवगत करावें कि पुलिस महानिदेशक महोदय के आदेश के पालन में आरक्षक से लेकर उपनिरीक्षक तक के अधिकारियों एवं कर्मचारियों को स्थानांतरित किया जाकर पुलिस मुख्यालय कार्मिक विभाग को सूची उपलब्ध कराई गई है? (ग) यदि नहीं, तो किन-किन कारणों से तथा इस लापरवाही के लिए कौन-कौन दोषी है? उनके विरूद्ध क्या तथा कब कार्यवाही की जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। समस्त पुलिस अधीक्षकों द्वारा आदेश पालन में पुलिस मुख्यालय कार्मिक विभाग को सूची/पालन प्रतिवेदन उपलब्ध कराया जा चुका है। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
आई.पी.एस. अधिकारियों के बंगलों पर पदस्थ किया जाना
[गृह]
118. ( क्र. 2097 ) श्री आरिफ अकील : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पुलिस अधिनियम में आई.पी.एस. एवं सेवानिवृत्त आई.पी.एस. के बंगलों पर म.प्र. पुलिस, एस.ए.एफ. एवं होमगार्ड के वह आरक्षक, सी.टी.एम. (अर्दली) एवं वाहन चालक पदस्थ किए जाने का प्रावधान है? (ख) यदि हाँ, तो प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अधिनियम के अनुसार अधिकारियों के बंगले पर कितने-कितने व किस-किस स्तर के कर्मचारियों को पदस्थ किए जाने का प्रावधान है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में अवगत करावें कि किस-किस आई.पी.एस. एवं सेवानिवृत्त आई.पी.एस. अधिकारियों के बंगलों पर पात्रता से अधिक किस-किस स्तर के कर्मचारी पदस्थ हैं? क्या शासन पात्रता से अधिक कर्मचारियों का अनैतिक लाभ लेने वाले अधिकारियों से तैनात कर्मचारियों को दिये गये वेतन की राशि वसूली जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक और यदि नहीं, तो कारण सहित बतावें?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। पुलिस रेग्यूलेशन के पैरा-61 के अनुसार आई.पी.एस. अधिकारियों को अर्दली रखने का प्रावधान है। सेवानिवृत्त आई.पी.एस. अधिकारियों के बंगलों पर अर्दली/वाहन चालक रखने का प्रस्ताव नहीं है। (ख) पुलिस रेग्यूलेशन के पैरा-61 के अनुसार अधिकारियों को निम्नानुसार अर्दली रखने का प्रावधान है:- (1) महानिरीक्षक- 01 प्रधान आरक्षक, 03 आरक्षक, (2) उपमहानिरीक्षक- 01 प्रधान आरक्षक, 02 आरक्षक, (3) पुलिस अधीक्षक/ सेनानी-02 आरक्षक, (4) सहायक पुलिस अधीक्षक- 01 आरक्षक, (5) उप पुलिस अधीक्षक- 01 आरक्षक, (6) निरीक्षक- 01 आरक्षक (ग) पात्रता अनुसार अर्दली तैनात किए जाने से प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
कटनी जिले अंतर्गत संचालित राइस मिल
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
119. ( क्र. 2138 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी जिला अंतर्गत कितनी-कितनी राइस मिलें कब-कब से कहाँ-कहाँ स्थापित हैं वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक उनकी मिलिंग क्षमता क्या है वर्षवार, मिलवार बतलावें। सूची देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित मिलों द्वारा शासन के समर्थन मूल्य पर क्रय धान की कस्टम मिलिंग करने कहाँ-कहाँ से कब-कब, किस-किस राइस मिलर ने कितनी-कितनी मात्रा का अनुबंध किया, पृथक-पृथक विवरण देवें? (ग) प्रश्नांश (ख) की मिलों द्वारा धान उठाने के पहले अग्रिम चावल, किस-किस मिल ने कितना-कितना, कब-कब जमा किया, विवरण देवें तथा अग्रिम जमा का प्रावधान बतायें? (घ) शासन से प्राप्त धान का बाजार में विक्रय करने, घटिया चावल बिहार एवं उत्तर प्रदेश से क्रय कर शासन को देने एवं निर्देशित राइस मिल के स्थान अन्य राइस मिल में धान सप्लाई करने की किस-किस के विरूद्ध कौन-कौन सी शिकायतें, जिला प्रशासन से जनवरी 2015 से प्रश्न दिनांक तक किस-किस के द्वारा कब-कब की गई एवं सप्लाई चावल के कितने लाट किसके-किसके कब फेल हुये तथा प्रश्नांश अवधि में शासन को सप्लाई चावल के कब-कब, किसके-किसके नमूने खाद्य एवं औषधि प्रशासन द्वारा लिये गये? परिणाम सहित सूची देवें एवं यह भी बतलावें की शासन द्वारा कथित दुराचरण के विरूद्ध अभियोजन की क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) वर्ष 2015 से कटनी जिले में स्थापित राईस मिल एवं उनकी मिलिंग क्षमता की मिलवार एवं वर्षवार की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) समर्थन मूल्य पर उपार्जित धान की कस्टम मिलिंग हेतु किए गए अनुबंध की दिनांकवार एवं मिलवार मात्रा की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) जिले में राईस मिलर्स को एफ.डी.आर./बैंक गारंटी के आधार पर मिलिंग हेतु धान प्रदाय की गई है। मिलर्स से अग्रिम चावल जमा नहीं कराया गया है। (घ) धान के बाजार में विक्रय करने, घटिया चावल बिहार एवं उत्तर प्रदेश से क्रय कर शासन को देने एवं निर्देशित राईस मिल के स्थान पर अन्य राईस मिल में धान सप्लाई करने संबंधी शिकायतों का संकलन किया जा रहा है। अब तक संकलित शिकायतों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। वर्ष 2015-16 में कटनी जिले में चावल के 116 लाट फेल किए गए थे, जिनका मिलवार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार है। प्रश्नाधीन अवधि में खाद्य एवं औषधि प्रशासन जिला कटनी द्वारा चावल के लिए गए नमूने एवं परिणाम सहित सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-इ अनुसार है। वर्ष 2015-16 में जिन फर्मों के चावल मानक स्तर के नहीं पाए गए, उनके अमानक चावल के लाटों को मध्यप्रदेश स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन द्वारा अपग्रेड कराया गया तथा अमानक चावल जमा कराने के दोषी श्री एम.एल. अहिरवार, गुणवत्ता निरीक्षक को निलंबित कर विभागीय जाँच संस्थित की गई।
राजस्व विभाग अंतर्गत कार्यरत खंड लेखकों के संदर्भ में
[राजस्व]
120. ( क्र. 2139 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी जिले में राजस्व विभाग अंतर्गत खण्ड लेखकों (सेक्शन राईटर्स) के कहाँ-कहाँ पर कब से पद कब से स्वीकृत है, सूची देवें? (ख) क्या खण्ड लेखकों को माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर द्वारा दायर रिट अपील 1202/2010 के साथ विभिन्नप याचिकाओं में एक साथ पारित आदेश दिनांक 15/12/2010 के अनुसार सभी सेक्शन राइटरों को सहायक ग्रेड-3 के पद पर नियुक्ति करने के आदेश दिये गये थे? यदि हाँ, तो समय-समय पर माननीय उच्च न्यायालय द्वारा राजस्व विभाग में कार्यरत सेक्शन राईटरों को ग्रेड तीन के पद नियुक्ति करने संबंधी आदेशों की छायाप्रति देवें? (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित माननीय उच्च न्यायालय के आदेशों के परिप्रेक्ष्य में कटनी जिले में कार्यरत सेक्शन राईटर सहायक ग्रेड 3 के पद पर नियुक्ति की पात्रता रखते हैं? यदि हाँ, तो इन सेक्शन राईटरों को सहायक ग्रेड 3 के पद पर नियुक्ति प्रदान न किये जाने के क्या कारण हैं। किस प्रकार से कब तक सहायक ग्रेड तीन के पद पर नियुक्त कर दिया जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी नहीं। खण्ड लेखक के पद स्वीकृत नहीं है। (ख) मान. उच्च न्यायालय के पारित निर्णय के प्रकाश में कार्यवाही प्रचलित है। (ग) प्रश्नांश (ख) के आलोक में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
वर्ष 2014 के पूर्व बसे गरीबों को पट्टे का प्रदाय
[राजस्व]
121. ( क्र. 2154 ) श्री तरूण भनोत : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जबलपुर स्थित मदन महल पहाड़ी पर वर्ष 2014 के पूर्व से विगत 25-30 वर्षों से गरीब पीड़ित निवासरत है? क्या माननीय मुख्यमंत्री जी के घोषणा के अनुरूप शासकीय नजूल भूमि पर वर्ष 2014 के पूर्व निवासरत समस्त गरीब पीड़ितों को पट्टा पदाये हेतु घोषणा की गई थी? (ख) यदि वर्णित (क) हाँ तो क्या शासन द्वारा पूर्व में विधान सभा में यह विधेयक पारित किया था कि शासकीय नजूल भूमि पर बसें लोगों को उसका मालिकाना हक दिया जावेगा? (ग) वर्तमान में पश्चिम विधान सभा क्षेत्र जबलपुर अंतर्गत शासकीय नजूल भूमि पर कितने गरीब पीड़ित निवासरत है एवं अभी तक कितनों को पट्टा प्रदाय कर दिया गया है एवं कितने शेष हैं? जानकारी वर्ष 1 जनवरी, 2014 से प्रश्न दिनांक तक बताई जावे?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ परन्तु उक्त स्थान के संबंध में वर्तमान में डब्ल्यू.पी.11270/2012 माननीय उच्च न्यायालय में विचाराधीन है जिसके परिप्रेक्ष्य में माननीय उच्च न्यायालय के निर्देशानुसार कार्यवाही की जाना है। (ख) जी नहीं। (ग) सर्वे उपरांत म.प्र. के भूमिहीन व्यक्तियों को (पट्टाधृति अधिकारों का प्रदान किया जाना) अधिनियम 1984 यथा संशोधित के अनुसार 31 दिसम्बर, 2014 तक की स्थिति में पात्र पाये गये 1350 व्यक्तियों को पट्टा प्रदाय किया गया है।
पिंजरापोल गौशाला ट्रस्ट की भूमि की जानकारी
[राजस्व]
122. ( क्र. 2155 ) श्री तरूण भनोत : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पिंजरापोल गौशाला ट्रस्ट जबलपुर की पंजीयन के समय कितनी एवं कहाँ-कहाँ भूमियाँ थी? जानकारी स्थानवार, खसरावार, रकवावार सहित देवें। (ख) उक्त भूमियों में से कितनी एवं कौन-कौन सी भूमियाँ किन-किन को कब-कब विक्रय/हस्तांतरित या लीज पर दी गई एवं क्यों? (ग) वर्णित (क) के ट्रस्ट की वर्तमान में कितनी-कितनी भूमियाँ कहाँ-कहाँ हैं? खसरा नं. रकवा सहित नये एवं पुराने खसरा नं. सहित जानकारी देवें।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जिले में पिंजरापोल गौशाला ट्रस्ट की पंजीयन के समय ट्रस्ट के कब्जे में विभिन्न अधिकारों में भूमियाँ थी जिनकी जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र '’अ’’ अनुसार है। (ख) उक्त भूमियों में से विक्रय/हस्तांतरण/लीज पर दी गई की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र '’ब’’ पर है। (ग) ट्रस्ट के नाम वर्तमान में ग्राम सुभाषनगर तहसील कोतवाली जबलपुर शीट नं. 71 प्लाट नं. 268/1 रकबा 37201.33 वर्गफुट भूमि है। नंबर में बदलाव नहीं हुआ है, मात्र बटांकन हुआ है।
अवैध निर्माण को तोड़ा जाना
[राजस्व]
123. ( क्र. 2159 ) श्री मुकेश नायक : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) पवई जिला पन्ना के पत्र क्रमांक 1345/रीडर 01/2016 दिनांक 28.06.2016 के साथ कार्यालन रा.नि.म. पवई और पत्र दिनांक 31.03.2016 में अवगत कराया गया है कि, मौजा पवई का आ.ना. 4216/1क/3/1 रकवा 0.055/4216/1क/3/2 रकवा 0.037/4216/ 1क/1/2 ख रकवा 0.032 किता 3 कुल रकवा 0.124 हे. की जाँच मुस्ताकिल सीमा चिन्हों से मिलान कर जरीब से नाप की गयी, उक्त सम्पूर्ण रकवे पर अभिराज पैलेस (बरात घर) निर्मित होना पाया है? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो बताये कि नगर पंचायत पवई जिला पन्ना भूमि स्वामी नत्थु सिंह के आवेदन दिनांक 09.12.2011 के संदर्भ में भूमि क्रमांक 4216/1क/3/1 रकवा 0.055 कुल का जुज रकवा 175 बाई 138 कुल 24150 वर्गफीट में भवन निर्माण की अनुमति दी गई है और न्यायालय अनुविभागीय अधिकारी पवई जिला पन्ना के आदेश दिनांक 30.09.2011 द्वारा भूमि खसरा नं. 4216/1क/3 रकवा 0.055 हे. भूमि का कृषि प्रयोजन से आवासीय प्रयोजन हेतु व्यपवर्तित करने की स्वीकृति दी गई है? (ग) यदि प्रश्नांश (क) और (ख) का उत्तर सही है तो बताये कि राजस्व निरीक्षक मंडल पवई के पत्र दिनांक 31.03.2016 के अनुसार जाँच में 0.124 हेक्टेयर पर बरात घर (अभिराज पैलेस) का निर्मित होना पाया गया है, जबकि प्रश्नांश (ख) के अनुसार भूमि का डायवर्सन और भवन निर्माण की अनुमति रकवा 0.055 में दी गई थी। यदि हाँ, तो 0.055 के अतिरिक्त रकवे पर बने हुये अवैध भवन को कब तक धराशाही किया जायेगा यदि नहीं, तो क्यों? (घ) जिस अवधि में उक्त बरात घर बनाया गया उस समय नगर परिषद में कौन-कौन पदस्थ था? नाम पद बतायें और क्या यह सही है कि डायवर्सन इस शर्त पर किया गया था कि, लो.नि.वि. की सड़क के पार्श्व से भूमि होने की स्थिति में 50 फीट भूमि छोड़कर निर्माण कार्य किया जायेगा तथा भवन निर्माण की अनुमति भी इसी शर्त के आधार पर दी गई थी? यदि हाँ, तो क्या शर्त के अनुसार उसकी दूरी सड़क से 50 फीट है? यदि नहीं, तो क्या अवैध निर्माण तोड़ा जायेगा? (ड.) क्या दिनांक 30.09.2011 के आदेश द्वारा कृषि भूमि से आवासीय प्रयोजन हेतु भूमि का व्यपवर्तन किया गया था, परन्तु उस पर बरातघर बना कर उसका व्यवसायिक उपयोग किया जा रहा है? अर्थात नियमों और शर्तों का उल्लंघन किया जा रहा है? यदि हाँ, तो शर्त के अनुसार शर्त 5.5 के अनुसार म.प्र. विनिर्दिष्ट भ्रष्टाचार, निवारण अधिनियम 1982 के प्रावधानों का पालन करते हुये आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो/पुलिस में मामला कब तक दर्ज किया जाएगा? यदि नहीं, तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) एवं (ख) जी हाँ (ग) हाँ यह सही है कि प्रश्नांश (क) अनुसार राजस्व निरीक्षक मण्डल पवई के पत्र दिनांक 31.03.2016 जो तहसीलदार पवई को संबोधित है, में कुल रकवा 0.124 हे. पर अभिराज पैलेस निर्मित होना पाये जाने संबंधि प्रतिवेदन भेजा गया है। प्रश्नांश (ख) के अनुसार भूमि व्यपवर्तन की अनुज्ञा पूर्व में 0.055 हे0 पर दी गई थी, परंतु आवेदक के आवेदन पर भूमि खसरा नं0 4216/1क/3 रकवा 0.055 हे0 के साथ साथ भूमि खसरा नं0 4216/1/क/3/2 रकवा 0.037 हे0 कुल रकवा 0.092 हे0 के व्यावसयिक प्रयोजन हेतु भूमि व्यपवर्तित करने की अनुज्ञा जारी किये जाने वावत प्रस्तुत आवेदन पर राजस्व प्रक्ररण क्रमांक 13/अ-2/2015-16 में पारित आदेश दिनांक 31.05.2016 द्वारा अनुज्ञा जारी की गई तथा भूमिस्वामी खातेदार नत्थू सिंह के द्वारा उपरोक्त भूमि के जुज भाग पर स्थित भूमि खसरा नं0 4216/1/क/1/2क/2 रकवा 0.130 हे0 के व्यावसायिक प्रयोजन हेतु भूमि व्यपवर्तन की अनुज्ञा जारी की गई है। व्यावसायिक प्रयोजन हतु भूमि व्यपवर्तन होने से खातेदार की भूमि बिना डायवर्सन के निर्माण किये जाने की श्रेणी में नहीं है। (घ) जिस अवधि में प्रश्नाधीन भूमि पर निर्माण की अनुमति नगर परिषद के द्वारा जिस समय दी गई थी, उस समय श्री एस.एस. बुंदेला प्रभारी मुख्य नगरपालिका अधिकारी के पद पर पदस्थ थे, श्री अयोध्या प्रसाद पटेल सहायक राजस्व निरीक्षक एवं श्री देवेन्द्र सोनी उपयंत्री के पद पर पदस्थ थे। यह सही है कि सड़क के मध्य से 50 फीट भूमि छोड़कर निर्माण कार्य करने की शर्त पर डायवर्सन अनुज्ञा जारी की गई थी। वर्तमान में खातेदार के द्वारा जो निर्माण किया गया है, सड़क मध्य से 50 फीट की दूरी के बाहर है। शेष प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होता। (ड.) व्यावसायिक प्रयोजन हेतु भूमि व्यपवर्तन की अनुज्ञा जारी की गई है। अतः खातेदार की भूमि व्यावसायिक उपयोग हेतु भूमि व्यपवर्तन की अनुज्ञा वर्तमान में होने से शर्तों का उल्लंघन नहीं है। शेष प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होता है।
अवैध अतिक्रमण
[राजस्व]
124. ( क्र. 2160 ) श्री मुकेश नायक : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला पन्ना के अन्तर्गत ग्राम पंचायत शाहनगर तहसील शाहनगर खसरा क्रमांक 20/1/क का रकवा अभिलेखों के अनुसार कितना है, खसरे की नकल एवं नक्शे में अंकित करते हुये यह भी बताये कि, उक्त भूमि पर किस-किस के निर्माण कार्य हैं? उनके नाम बताये तथा रकवा बतायें? (ख) उक्त भूमि पर जिस-जिस के निर्माण कार्य हैं अथवा कब्जे हैं उनकी वैधानिकता क्या है? उसकी प्रमाणित करने वाले दस्तावेजों की प्रति बताये? (ग) क्या उक्त भूमि पर विधायक निधि से सामुदायिक भवन बनाने की राशि दी गई थी, यदि हाँ, तो कितने रकवे पर निर्माण हो सका और कितने रकवे पर निर्माण नहीं हो सका? क्या कारण हैं? इसके लिये कौन जिम्मेदार है?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जिला पन्ना अंतर्गत ग्राम शाहनगर व ग्राम पंचायत शाहनगर का खसरा क्रमांक 20/1क अभिलेख में नहीं है। वस्तुत: ग्राम शाहनगर की मूल आराजी 20 रकवा 0.089 हे. निजी भूमि है, जो मुन्ना लाल पिता मिरखू रजक के नाम दर्ज है। उक्त भूमि पर कोई निर्माण कार्य नहीं है। (ख) जी नहीं। उक्त भूमि पर कोई निर्माण कार्य नहीं है। भूमिस्वामी मुन्नालाल रजक का कृषि भूमि पर कब्जा है। भूमिस्वामी एवं कब्जा की वैधानिकता के प्रमाणित दस्तावेज के रूप में अधिकार अभिलेख एवं खसरा की सत्यापित नकल पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता।
श्रम अधिनियम अंतर्गत कराये गये निरीक्षण
[श्रम]
125. ( क्र. 2208 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या राज्यमंत्री, श्रम महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्रमायुक्त कार्यालय (मुख्यालय स्तर) से म.प्र. शासन इंदौर द्वारा रेण्डम पद्धति के आधार पर विभिन्न श्रम अधिनियमों में कुल कितने निरीक्षण कराये गये हैं? अधिनियमवार जानकारी देवें। उल्लंघन की स्थिति में अभियोजन की कार्यवाही कितने प्रकरणों में की गई है? प्रकरणवार, तिथिवार, विवरण दें। (ख) क्या श्रमायुक्त म.प्र. शासन इंदौरा द्वारा यह आदेश पारित किया गया है कि म.प्र. दुकान स्थापना अधिनियम 1958 के अंतर्गत जारी किये जा रहे पंजीयन का स्थल सत्यापन नहीं किया जाना है? यदि हाँ, तो फर्जी दस्तावेजों के आधार पर जारी पंजीयन प्रमाण-पत्र को प्रस्तुत कर बैंक से ऋण एवं अन्य वित्तीय लाभ प्राप्त करने तथा पंजीयन प्रमाण-पत्र के दुरूपयोग की स्थिति में कौन उत्तरदायी है? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार उत्तरदायी विभाग/अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही का क्या प्रावधान है? कब तक कार्यवाही की जावेगी?
राज्यमंत्री, श्रम
( श्री
बालकृष्ण
पाटीदार ) : (क) श्रमायुक्त
कार्यालय (मुख्यालय
स्तर) से
रेण्डम
पद्वति के
आधार पर
विभिन्न
श्रम
अधिनियमों
में कुल 4470 निरीक्षण
कराये गये एवं
उल्लंघन की
स्थिति पाये
जाने पर कुल 1010
अभियोजन
विभिन्न श्रम
अधिनियमों
में दायर किये
गये। अधिनियमवार
निरीक्षण एवं
अभियोजन की जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट
अनुसार है।
(ख)
जी
हाँ, जारी
पंजीयन
प्रमाण-पत्र
पर यह महत्वपूर्ण
सूचना अंकित
है कि यह
प्रमाण-पत्र
स्थापना का
पंजीयन मात्र
है जो केवल
आपके द्वारा
अपलोड किये गए
दस्तावेजों
एवं जानकारी
के अवलोकन के
आधार पर जारी
किया गया है। इस
हेतु किसी भी
तरह का भौतिक
सत्यापन/निरीक्षण
नहीं किया गया
है। यदि इन
दस्तावेजों
में किसी भी
प्रकार की
अनियमितता
पाई जाती तो
विभाग द्वारा
प्रदत्त
पंजीयन रद्द
करने तथा
आवेदक के
विरूद्ध
आपराधिक दंडात्मक
कार्यवाही की
जा सकती है।
पंजीयन
प्रमाण-पत्र
के माध्यम से
बैंक लोन, स्वामित्व
एवं संपत्ति
विवाद, न्यायालय
में जमानत, GST पंजीयन
प्राप्त करने
या अन्य
प्रयोजन के लिए
उपयोग करने पर
श्रम विभाग
उत्तरदायी
नहीं होगा। यह
पंजीयन व्यवसाय
करने की
अनुमति नहीं
है। इस हेतु
सक्षम
प्राधिकारी
से पृथक से
अनुमति प्राप्त
करना होगी। (ग) प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
नलजल योजनाओं एवं पाईप लाईनों का विस्तार
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
126. ( क्र. 2209 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) कटनी जिले में कितनी नलजल योजनायें संचालित हैं? इनमें से कितनी योजनाएं चालू हैं? कितनी योजनायें किन-किन कारणों से बंद हैं वर्ष 2015-16 से वर्षवार विकासखण्डवार पृथक-पृथक विवरण दें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार बंद योजनाओं को कब तक प्रांरभ कराया जावेगा? बंद योजनाओं के वृहद सुधार, कम सुधार, पाईप लाईन विस्तारीकरण हेतु जिले को कितनी-कितनी राशि प्राप्त हुई? कितनी राशि का उपयोग हुआ वर्ष 2015-16 से वर्षवार विकासखण्डवार पृथक-पृथक विवरण दें? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार राशि का उपयोग किस-किस संस्था, विभाग, ग्राम पंचायत द्वारा किया गया? व्यय राशि का मूल्यांकन, सत्यापन किसके द्वारा किया गया? (घ) प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा विभाग को प्रेषित पत्रों पर क्या कार्यवाही हुई? पत्रवार, तिथिवार, कार्यवाहीवार पृथक-पृथक विवरण दें।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) कुल 288। वर्तमान में 197 चालू एवं 91 बंद हैं। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) निविदा आमंत्रण एवं स्वीकृति की कार्यवाही पूर्ण की जाकर कार्य प्रारंभ करने की कार्यवाही की जा रही है, निश्चित समयावधि नहीं बताई जा सकती है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 एवं 3 अनुसार है। (ग) राशि का उपयोग विभाग तथा ग्राम पंचायतों द्वारा किया जा रहा है। कार्यों का मूल्यांकन संबंधित उपयंत्री एवं सत्यापन संबंधित सहायक यंत्री द्वारा किया जा रहा है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है।
सुसनेर गौ अभ्यारण में गायों की मौत होना
[पशुपालन]
127. ( क्र. 2212 ) श्री बाला बच्चन : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सुसनेर गौ अभ्यारण में दि. 01.01.15 से 31.01.18 तक गायों की माहवार संख्या की जानकारी देवें? इस अविध में मृत गायों की जानकारी भी माहवार देवें? (ख) इस अवधि में गायों की खाद्य सामग्री किन-किन फर्मों द्वारा सप्लाई की गई? सप्लाई करने वाले फर्म नाम, सामग्री नाम भुगतान राशि/लंबित राशि, बैंक खाता नंबर, T.D.S. कटौत्रा सहित देवें? इस सामग्री की कब-कब जाँच की गई? इस जाँच परिणाम की प्रमाणित प्रति भी देवें? (ग) विगत 4 माह में हुई गायों की मौत पर शासन ने क्या कार्यवाही की है? क्या कारण है कि खाद्य सामग्री में अमानक पदार्थ, जैसे रेत आदि पाये जाने पर विभाग ने ठेकेदार पर F.I.R. अभी तक नहीं कराई है, इसकी जाँच कौन कर रहा है? नाम, पदनाम देवें। (घ) इसके जिम्मेदार अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) गौ अभ्यारण्य में दिनांक 08.04.2016 से उपाध्यक्ष, गौसंवर्धन बोर्ड भोपाल की उपस्थिति में अनौपचारिक रूप से श्री कालेश्वर महादेव गौशाला के 418 गौवंश को रखा गया था। तत्पश्चात दिनांक 27.09.2017 को विधिवत् उद्घाटन के समय कुल 4052 गौवंश था। माहवार गौवंश की संख्या एवं मृत गौवंश की माहवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’अ’’ अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’ब’’ अनुसार। (ग) गौ अभ्यारण्य स्थल पर गौवंश की सुरक्षा हेतु समुचित व्यवस्था की गई है। नवीन गौवंश के प्रवेश पर प्रतिबंध, खाद विश्लेषण प्रयोगशाला भोपाल एवं पशुपालन महाविद्यालय महु के जाँच प्रतिवेदन में अमानक पदार्थ नहीं पाये जाने से ठेकेदार पर FIR नहीं कराई गई। (घ) कमिश्नर, संभाग उज्जैन द्वारा संबंधित अधिकारियों के विरूद्ध विभागीय जाँच संस्थित की गई है।
अनुबंधित वाहनों की जानकारी
[पशुपालन]
128. ( क्र. 2213 ) श्री बाला बच्चन : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्र.क्र. 1730 दि. 29.11.17 के (घ) उत्तर में वर्णित बड़वानी, खरगोन एवं धार जिलों में जिन वाहनों की जानकारी दी गई, उनके नंबर, अनुबंध पत्र की छायाप्रति भुगतान राशि, वाऊचर/बैंक खाता नंबर, T.D.S. कटौत्रा राशि सहित वाहन मालिक नामवार, जिलावार वर्षवार देवें। (ख) क्या ये जिला स्तर/संभाग स्तर/प्रदेश स्तर पर अनुबंधित किए गए? इसके लिए जिन अखबारों में विज्ञप्ति निकाली गई, उनका विवरण देवें। (ग) इन वाहनों का उपयोग जिन अधिकारियों के भ्रमण या अन्य कार्यों के लिए किया गया? उनके नाम देवें एवं चलित अस्पताल/एंबुलेंस के रूप में किया गया की जानकारी वाहनवार वर्षवार, जिलावार देवें।
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’अ’’ अनुसार है तथा अनुबंध की छायाप्रति भी पुस्तकालय में रखी है। (ख) चल पशु चिकित्सा इकाइयों के संचालन हेतु अनुबंध जिला स्तर पर किया जाता है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’ब’’ अनुसार। (ग) इन वाहनों का उपयोग अनुबंधित चल पशु चिकित्सा इकाइयों के स्टॉफ द्वारा पशु चिकित्सा सेवायें प्रदाय करने हेतु किया जाता है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’अ’’ अनुसार।
नवलखा बीज के महिदपुर के संबंध में
[गृह]
129. ( क्र. 2222 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नवलखा बीज कम्पनी महिदपुर जिला उज्जैन के संबंध में भोपाल स्तर की जो समिति जाँच कर रही है, इस जाँच की अद्यतन स्थिति बतावें। (ख) इसमें विलंब के कारण बतावें। इसके जवाबदेह अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा? (ग) यह जाँच कब तक पूर्ण होगी?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) माननीय उच्च न्यायालय खण्डपीठ, इन्दौर में दर्ज MCRC क्र. 6742/16 में पारित आदेश दिनाँक 20.1.2017 के द्वारा प्रथम सूचना प्रतिवेदन एवं अंतिम प्रतिवेदन खारिज किया गया है। इस निर्णय के विरूद्ध माननीय उच्चतम न्यायालय, में शासन की ओर से विशेष अनुमति याचिका दायर की गई है। (ख) विलंब होना नहीं पाये जाने से कार्यवाही किये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रकरण माननीय उच्चतम न्यायालय, में विचाराधीन होने से समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
नागदा जं. स्थित लेंक्सस समुह की प्रदूषण जाँच
[पर्यावरण]
130. ( क्र. 2223 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नागदा जं. जिला उज्जैन स्थित लेंक्सस उद्योग समूह की विभाग द्वारा विगत 02 वर्ष में जल, वायु एवं अन्य कितनी जांचें की गई? माहवार पृथक-पृथक बतावें। (ख) प्रत्येक जाँच की निरीक्षण टीप की छायाप्रति भी देवें। (ग) कचरा एवं वेस्ट निष्पादन की प्रक्रिया की जाँच के संबंध में भी प्रश्नांश (क) (ख) अनुसार बतावें। यह भी बताये कि कमियां एवं प्रदूषण पाये जाने पर विभाग ने क्या-क्या कार्यवाही की हैं? (घ) यदि नहीं, तो क्यों? कब तक कार्यवाही की जावेगी?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। प्रश्नाधीन अवधि में दिनांक 15-16/09/2017,19/11/2017 एवं 21/11/2017 को उद्योग का विस्तृत निरीक्षण भी अधिकारियों द्वारा किया गया। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। अधिकारियों द्वारा किये गये निरीक्षणों की रिपोर्ट पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''स'' (1,2,3) अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। पाये गये उल्लघंनों के फलस्वरूप उद्योग व उद्योग के समस्त जिम्मेदार कर्ताधर्ताओं के विरूद्व जल (प्रदूषण निवारण तथा नियंत्रण) अधिनियम,1974 की धारा-44 के तहत मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी, उज्जैन के न्यायालय में प्रकरण क्रमांक 4903/2017 पंजीबद्व कराया गया है, जो कि वर्तमान में माननीय न्यायालय, उज्जैन में प्रक्रियाधीन है। जाँच के दौरान पाई गई कमियों के बाबत् जल (प्रदूषण निवारण तथा नियंत्रण) अधिनियम,1974 की धारा-33'क' एवं वायु (प्रदूषण निवारण तथा नियंत्रण) अधिनियम,1981 की धारा-31 'क' के तहत दिनांक 4/12/2017 तथा पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम, 1986 की धारा-5 के तहत् दिनांक 23/12/2017 को नोटिस जारी किये गये। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
धार जिले के उद्योगों के वेस्ट का निपटान
[पर्यावरण]
131. ( क्र. 2224 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार जिले के पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र, राऊक्षेत्र, महू क्षेत्र में स्थित उद्योगों द्वारा वेस्ट निपटान की कितनी जाँच किन-किन अधिकारियों द्वारा की गई? दिनांक 01.01.2016 से 31.12.2017 तक के संदर्भ में जानकारी देवें। (ख) इन जांचों की निरीक्षण टीप की छायाप्रति उद्योगवार, दौरावार देवें। (ग) इस पर की गई कार्यवाही की जानकारी भी देवें। यदि कार्यवाही नहीं की गई है तो क्यों एवं कब तक की जावेगी?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) से (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
कुक्षी विधानसभा क्षेत्र में स्वीकृत योजनाएं
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
132. ( क्र. 2225 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) कुक्षी विधानसभा क्षेत्र में दिनांक 01/01/2014 से 31/01/2018 तक कितनी योजनाएं कितने कार्य कहाँ-कहाँ स्वीकृत किये गए? कार्य/योजना नाम, स्थान लागत, स्वीकृति दिनांक सहित देवें? यह भी बतावें कि इनमें से कितने कार्य पूर्ण/अपूर्ण हैं। अपूर्ण कार्यों में आहरित राशि देवें। (ख) अपूर्ण कार्य कब तक पूर्ण होंगे?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। सभी कार्य पूर्ण हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
अनुविभाग पुलिस करैरा के अपराधों की सूचना
[गृह]
133. ( क्र. 2231 ) श्रीमती शकुन्तला खटीक : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) करैरा अनुविभाग के अंतर्गत आने वाले थानों की जनवरी, 2016 से जनवरी 2018 तक कितने अपराध जैसे लूट, चोरी, डकैती, चलते राहगीरों महिलाओं की चैन की झपटमारी व पुरूषों की जेब से पैसे व मोबाईल छीन लेना व अपहरण जुआ, सट्टे आदि की घटनायें घटित हुई? (ख) कितने प्रकरणों में सफलता प्राप्त हुई व कितनों में नहीं? शेष प्रकरणों का कब तक निराकरण कर दिया जायेगा? (ग) क्या कुछ प्रकरणों में पुलिस अधिकारी कर्मचारी रूचि न लेते हुये लापरवाही बरत रहे हैं? क्या शासन समय पर विवेचना न करने वालों के खिलाफ कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट में समाहित। समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (ग) उपरोक्त प्रकरणों की विवेचना में किसी पुलिस अधिकारी/कर्मचारी की कोई लापरवाही नहीं पायी गयी। अतः कार्यवाही किए जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
औषधालय केन्द्र खोले जाने के संबंध में
[पशुपालन]
134. ( क्र. 2240 ) सुश्री मीना सिंह : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक जिला उमरिया अंतर्गत मानपुर विधान सभा क्षेत्र में नवीन पशु चिकित्सालय/औषधालय केन्द्र खोले जाने के कितने प्रस्ताव राज्य शासन को स्वीकृति हेतु भेजे गये, कितना बजट स्वीकृत हुआ, कितने पशु चिकित्सालय स्वीकृत हुये, कितने लंबित है वर्षवार जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में स्वीकृत पशु चिकित्सालय/औषधालय केन्द्र भवन के निर्माण कार्य पूर्ण हो चुके हैं तथा कितने अपूर्ण हैं? अपूर्ण पशु चिकित्सालय/औषधालय केन्द्र का निर्माण कार्य कब तक की समय-सीमा में पूर्ण कर लिया जायेगा? (ग) प्रश्नांश (क) में स्वीकृत पशु चिकित्सालयों/औषधालयों में कौन-कौन चिकित्सकों, कर्मचारियों की पदस्थापना की गई है? नाम एवं पदवार जानकारी उपलब्ध कराई जाये। रिक्त पदों की पूर्ति कब तक कर दी जायेगी?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) वर्ष 2013-14 में पशु औषधालय चन्सुरा के पशु चिकित्सालय में उन्नयन का प्रस्ताव शासन को स्वीकृति हेतु भेजा गया। संस्था हेतु 9.60 लाख बजट स्वीकृत हुआ। वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक पशु चिकित्सालय/पशु औषधालय केन्द्र स्वीकृति हेतु प्रस्ताव लंबित नहीं है। (ख) स्वीकृति पशु चिकित्सालय चन्सुरा के भवन का निर्माण कार्य पूर्ण हो गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं। (ग) स्वीकृति पशु चिकित्सालय चन्सुरा में नजदीकी संस्था पशु चिकित्सालय अमरपुर के प्रभारी डॉ लोकश बेलवंशी, पशु चिकित्सा सहायक शल्यज्ञ को अतिरिक्त प्रभार दिया गया है एवं श्री अशोक कोरी, सहायक पशु चिकित्सा क्षेत्र अधिकारी पदस्थ है, पदस्थापना निरंतर प्रक्रिया है, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
नामांतरण/बंटवारा/सीमांकन प्रकरणों का निराकरण
[राजस्व]
135. ( क्र. 2241 ) सुश्री मीना सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला उमरिया के मानपुर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत 1 जनवरी, 2015 से प्रश्न दिनांक तक नामांतरण, बंटवारे एवं सीमांकन के कितने आवेदन प्राप्त हुये एवं इनके नामांतरण, बंटवारा, सीमांकन के प्रकरणों का निराकरण किन-किन के द्वारा किया गया? तहसीलवार जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) क्या मानपुर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत नामांतरण/बंटवारा/सीमांकन के प्रकरणों का निराकरण शासन द्वारा निर्धारित अवधि में नहीं किया गया? यदि हाँ, तो निर्धारित अवधि में कितने प्रकरणों का निराकरण नहीं किया गया? (ग) प्रश्नांकित वर्णित अवधि में प्राप्त आवेदनों में से कितने आवेदन प्रश्न दिनांक की स्थिति में निराकरण हेतु लंबित थे? लंबित प्रकरणों का निराकरण कब तक कर दिया जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जिला उमरिया के मानपुर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत नामांतरण बंटवारे एवं सीमांकन के प्रकारणों का निम्नानुसार निराकरण किया गया :-
स.क्रं. |
तहसील का नाम |
नामांतरण |
बंटवारा |
सीमांकन |
निराकृत अधिकारी का नाम |
01 |
पाली |
244 |
262 |
234 |
तहसीलदार श्री आर.बी.द्विवेदी, श्री वीर सिंह अवसिया, श्री रामबाबू देवांगन, नायब तहसीलदार श्री राजेश पाण्डे श्रीमती भावना डेहरिया, श्री दिलीप सिंह चौरसिया, रा.नि.मं पाली श्री बी.एन.पाण्डेय, रा.नि.म.अमिलिहा श्री कौशलेन्द्र मिश्रा, श्री विशाल रत्नम |
02 |
मानपुर |
3664 |
931 |
368 |
तहसीलदार श्री शाहिद खान, श्री यश्वंत कुल्हाड़ा, श्री रमेश कोल, श्री जी.आर.सलामें, श्री रमेश रावत, नायब तहसीलदार श्री एन.के.उपाध्याय,श्री राजेश पाण्डेय, श्री दिलीप सिंह चौरसिया, श्री प्रवीण जैन, श्री के.के.गुप्ता, श्री निर्मल सिंह राठौर, सुश्री नेहा जैन, श्रीमती गुंजा परस्ते, श्री छत्रपाल सिंह (सशक्त नायब तह0), श्री चंद्र सिंह मरावी (सशक्त नायब तह0) |
|
कुल योग |
3908 |
1193 |
602 |
|
(ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रशनांकित वर्णित अवधि में प्राप्त 5703 आवेदनों में से प्रश्न दिनांक की स्थिति में 323 प्रकरण निराकरण हेतु लंबित है जो कि नियमानुसार समयावधि के भीतर है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
प्याज खरीदी की राशि के संबंध में
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
136. ( क्र. 2246 ) श्री जितू पटवारी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जून 2017 से अगस्त 2017 तक प्याज खरीदने वाले व्यापारी की बिक्रीत प्याज के विरूद्ध शेष राशि तथा परिवहन वेयर हाउस तथा अन्य सामग्री विक्रय करने वाले की शेष राशि की सूची प्रस्तुत करें तथा बतावें कि सात माह बाद भी भुगतान क्यों नहीं किया गया क्या शेष राशि का ब्याज सहित भुगतान किया जायेगा? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) जून 2017 से अगस्त 2017 तक प्याज खरीदी में किस जिले में किस व्यापारी को बिना अग्रिम राशि प्राप्त किये बिना या अग्रिम राशि से अधिक मूल्य का बिक्रीत किया गया मण्डी/शहर का नाम व्यापारी का नाम, मात्रा दर तथा शेष राशि की सूची देवें तथा बतावें कि इसके लिये कौन जिम्मेदार है तथा सात माह बाद की उनसे राशि की वसूली क्यों नहीं हो पाई? (ग) जून 2017 से अगस्त 2017 तक प्याज खरीदी/बिक्री में सारे मद के खर्च जोड़ने के बाद कुल कितनी हानि हुई इस हानि की राशि को किस विभाग के किस मद में समायोजन किया गया तथा इस हेतु वित्त विभाग से कब स्वीकृति प्राप्त की गई इस हानि की वसूली किससे की जावेगी?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) विधानसभा प्रश्न क्र. 1757 का उत्तर मध्यप्रदेश विधानसभा को प्रेषित किया जा चुका है। (ख) एवं (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
किसान आंदोलन में दर्ज प्रकरणों की जानकारी
[गृह]
137. ( क्र. 2247 ) श्री जितू पटवारी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जून २०१७ में किसान आंदोलन से संबंधित प्रदेश के किस-किस जिले में कौन-कौन से प्रकरण दर्ज किये गये? जिले का नाम प्रकरण क्रमांक प्रकरण दिनांक धाराएं तथा अज्ञात आरोपियों की संख्या सहित सूची देवें तथा बतावें कि कुल कितने प्रकरण तथा आरोपी (ज्ञात एवं अज्ञात है) हैं? जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित आरोपियों में किस-किस आरोपी को किस-किस दिनांक को गिरफ्तार किया गया तथा कितनों को प्रश्न दिनांक तक जमानत नहीं हुई तथा कितनों की जमानत किस-किस दिनांक को हुई? आरोपी का नाम, प्रकरण क्रमांक थाने का नाम, सहित जानकारी देवें। (ग) मंदसौर के बड़वन ग्राम के घनश्याम धाकड़ की मृत्यु की मजिस्ट्रीयल जाँच में मुख्यत: क्या-क्या तथ्य पाये गये? जाँच रिपोर्ट किस दिनांक को प्रस्तुत की गई उसके आधार पर क्या कार्यवाही की गई? जाँच रिपोर्ट की प्रति समस्त संबंधित दस्तावेज सहित उपलब्ध करावें। (घ) मंदसौर जिला चिकित्सालय में दिनांक ७ जून २०१७ को गोलीचालन में जिन ५ किसानों की मृत्यु हुई थी उनके पोस्टमार्टम की कार्यवाही की वीडियोग्राफी करवाई गयी थी या नहीं? यदि करवाई गई थी तो बतावें कि पोस्टमार्टम के दौरान मृतकों के शरीर से जो बंदूक की गोलिया पाई गई थी वह कहाँ सुरक्षित हैं।
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
आई.टी.आई. घुनवारा को पुन: आरंभ किये जाने
[तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोज़गार]
138. ( क्र. 2266 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माननीय मुख्यमत्री महोदय की घोषणा क्रमांक 1187 दिनांक 26/09/2015 के परिपालन में मैहर के ग्राम घुनवारा में आई.टी.आई. आरंभ की गई थी? यदि हाँ, तो कब? (ख) किन परिस्थितियों में उक्त आई.टी.आई. को बंद किया गया है और क्यों? उक्त आई.टी.आई. को पुन: आरंभ किये जाने हेतु प्रश्नकर्ता द्वारा कब-कब लेख कर मांग की गई? इन पत्रों पर किसके द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई? की गई सम्पूर्ण कार्यवाही का विवरण छायाप्रतियों सहित दें। (ग) क्या विशेष प्रकरण के रूप में आई.टी.आई. घुनवारा को पुन: आरंभ किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक कैलाश जोशी ) : (क) जी हाँ। दिनांक 01.08.2016 से आई.टी.आई. प्रारंभ की गई थी। (ख) मंत्रि-परिषद् की बैठक दिनांक 21.12.2016 में निर्णय लिया गया कि आई.टी.आई. धुनवारा में हुई घोषणा के परिप्रेक्ष्य में संबंधित विकासखण्ड में पूर्व से संचालित आई.टी.आई. मेहर में तीन अतिरिक्त व्यवसायों के लिये आवश्यक भवन निर्मित किया जाये। इसी आधार पर तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग के आदेश क्रमांक एफ 15-1/2016/42-2, दिनांक 21.12.2016 द्वारा भवन निर्माण की प्रशासकीय स्वीकृति तथा पदों के सृजन की स्वीकृति जारी की गई है। प्रश्नकर्ता द्वारा पत्र क्रमांक 3506, दिनांक 05.06.2017 के माध्यम से माननीय मुख्यमंत्रीजी को लिखे गये पत्र के परिप्रेक्ष्य में मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा प्रमुख सचिव, तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग को पत्र क्रमांक 654/मु.म.क./एक/2017, दिनांक 22.06.2017 द्वारा नियमानुसार कार्यवाही कर मुख्यमंत्री कार्यालय एवं माननीय विधायक को अवगत कराने बाबत् सूचित किया गया। मुख्यमंत्री कार्यालय की नोटशीट क्रमांक 1236/सीएमएस/ यूएडी/2017, दिनांक 21.07.2017 द्वारा विभाग को घोषणा के परिप्रेक्ष्य में की गई कार्यवाही का फालोअप दर्ज कराने तथा मुख्यमंत्री कार्यालय एवं माननीय विधायक को अवगत कराने हेतु सूचित किया गया। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पेयजल योजनाओं की स्थिति
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
139. ( क्र. 2267 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक मैहर विधान सभा क्षेत्र में कितने हैण्डपम्प खनित किये गये? कितनी पेयजल योजनायें कितनी लागत से निर्मित की गई? (ख) वर्तमान में कितने हैण्डपम्प व नलजल योजनायें चालू हैं? कितने बंद है और क्यों? ग्रीष्मकालीन पेयजल संकट से निपटने हेतु वर्तमान में विभाग की क्या योजना है? (ग) क्षेत्र में वर्तमान में कितनी पेयजल योजनाओं का संधारण किया जाना है, इस हेतु क्या कार्यवाही की जा रही है? आज और कल नल और जल योजना में संधारण हेतु कितनी राशि प्राप्त हुई है? यह संधारण कार्य कब तक पूर्ण करा लिये जावेंगे? (घ) जिला खनिज प्रतिष्ठान से क्षेत्र की कितनी नलजल योजनाओं हेतु स्वीकृति प्राप्त हुई है? ये कार्य कब तक पूर्ण कराये जावेंगे वर्तमान में खराब हैण्डपम्पों का कब तक संधारण कर लिया जायेगा? (ड.) मैहर क्षेत्र की कौन-कौन सी पेयजल योजनाओं की स्वीकृति किस स्तर पर लंबित है एवं क्यों?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) 251 नलकूप खनित कर हैण्डपंप स्थापित किए। 4 योजनाएं लागत रूपये 39.64 लाख। (ख) 2564 हैण्डपंप एवं 33 नलजल योजनाएं। 534 हैण्डपंप जलस्तर की कमी, साधारण खराबी एवं असुधार योग्य होने से बंद हैं। इसी प्रकार 6 योजनाएं पंचायत द्वारा नहीं चलाये जाने से एवं एन.एच. फोरलेन निर्माण के कारण बंद हैं। ग्रीष्मकाल में जलस्तर से बंद हैण्डपंपों में राइजर पाइप बढ़ाने,/बदलने, सिंगलफेस मोटरपंप डालने, हाइड्रोफ्रैक्चरिंग एवं नवीन नलकूप खनन की योजनाऐं है। (ग) 06 योजनाओं का। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। सतना जिले को कुल रूपये 415.09 लाख। निश्चित समयावधि नहीं बताई जा सकती है। (घ) 9 नलजल योजनाओं का अनुमोदन प्राप्त हुआ है, निविदा आमंत्रण की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। बंद हैण्डपंपों को विभाग द्वारा सतत् संधारण प्रक्रिया के तहत् अधिकतम 15 दिवस में सुधारे जाने का प्रावधान हैं। निश्चित समयाविध नहीं बताई जा सकती है। (ड.) कोई भी नहीं।
पशु चिकित्सालयों में पदपूर्ति व भवन निर्माण
[पशुपालन]
140. ( क्र. 2270 ) श्री हर्ष यादव : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र देवरी के अंतर्गत कितने पशु चिकित्सालय कौन-कौन से नगर/ग्रामों में स्वीकृत हैं? (ख) ऐसे कौन-कौन से ग्राम/नगर हैं, जहां पर पशु चिकित्सालय हैं, किन्तु चिकित्सा अधिकारी कार्यरत नहीं हैं? स्वीकृत पद एवं कार्यरत कर्मचारी की सूची देवें। (ग) ऐसे कौन-कौन से ग्राम/नगर हैं जहां पर पशु चिकित्सालय का भवन नहीं है एवं ऐसे कौन-कौन से पशु चिकित्सालय हैं, जिनका निर्माण कार्य प्रगति पर है या निर्माण बंद पड़े हुए हैं? अगर निर्माण कार्य बंद हैं, तो क्यों? (घ) ऐसे कौन-कौन से ग्राम/नगर है, जहां पर पशु चिकित्सालय भवन निर्माण की स्वीकृति प्राप्त हो चुकी है, किन्तु प्रश्नांश दिनांक तक कार्य प्रारंभ नहीं किया गया है?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ’’अ’’ अनुसार। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ’’ब’’ अनुसार। (ग) देवरी विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत संचालित पशु चिकित्सालयों के भवन हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं। (घ) पशु चिकित्सालय महाराजपुर में अतिरिक्त निर्माण हेतु स्वीकृति प्राप्त हुई है। कार्य आरंभ होना शेष है।
जिला जेल रायसेन में व्याप्त अव्यवस्था
[जेल]
141. ( क्र. 2271 ) श्री हर्ष यादव : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला जेल रायसेन में किस जिले के कौन-कौन कुल कितने सजायाफ्ता कैदी कब से हैं? (ख) जेल में कैदियों के लिए भोजन या आहार के लिए व्यक्तिगत मानक क्या है? क्या सजायाफ्ता कैदियों के लिए प्रदाय किये जाने वाले भोजन/आहार समयानुसार/मेन्यू अनुसार प्रदाय किया जाता है? यदि हाँ, तो समयवार मेन्यू उपलब्ध कराया जायें। (ग) क्या विगत वर्षों में सजायाफ्ता कैदियों के लिए प्रदाय किये जाने वाले भोजन/आहार की गुणवत्ता की जाँच की गई है? यदि हाँ, तो विगत दो वर्षों में किसके द्वारा कब-कब जाँच की गई? यदि नहीं, तो क्यों नहीं? इस जेल में भोजन की गुणवत्ता सुधार हेतु क्या कार्यवाही कब तक की जावेगी?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) बंदियों को प्रदाय किये जाने वाले भोजन की प्रतिदिन वितरण के पूर्व उप जेल अधीक्षक द्वारा तथा समय-समय पर अंशकालीन चिकित्सक द्वारा जाँच की जाती है। विगत दो वर्षों में भोजन/आहार की गुणवत्ता की जाँच करने वाले अधिकारियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
स्वीकृत हैण्डपंपों की शेष राशि का भुगतान
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
142. ( क्र. 2283 ) श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या माननीय विधायकों द्वारा अपने-अपने विधान सभा क्षेत्र में प्रस्तावित हैण्डपंप जिनकी प्रशासकीय स्वीकृति के बाद 80 प्रतिशत राशि क्रियान्वयन एजेंसी ग्राम पंचायत को सीधे खाते में भेज दी जाती है। शेष 20 प्रतिशत राशि का कार्य पूर्ण होने के सी.सी. (पूर्णता प्रमाण-पत्र) के बाद ग्राम पंचायतों को राशि दिए जाने का प्रावधान है? (ख) क्या विधान सभा क्षेत्र 07 दिमनी जिला मुरैना में स्वीकृत हैण्डपंप ग्राम पंचायतों द्वारा पूर्ण कर दिये गये हैं व पूर्ण होने के बाद भी पी.एच.ई.डी. खण्ड मुरैना स्थल निरीक्षण नहीं कर रहे हैं व कार्य को पी.एच.ई.डी. का नहीं होने का उल्लेख किया गया हैं। यदि हाँ, तो विभाग द्वारा क्या इस हेतु कोई आदेश/निर्देश भेजे हैं? यदि हाँ, तो उसकी प्रति उपलब्ध करावें? यदि नहीं, तो क्या विभाग स्थल निरीक्षण करने का आदेश भेजे जाने संबंधी आदेश जारी करेगा, जिससे राशि (20 प्रतिशत) एजेंसी को मिल सके?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी नहीं, विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र विकास योजना की मार्गदर्शिका की कंडिका 3.12 के अनुसार स्वीकृत कार्यों की राशि जारी करने के संबंध में कार्य की प्रकृति को दृष्टिगत रखते हुये किश्तों का निर्धारण जिला कलेक्टर द्वारा किया जाता है। (ख) निक्षेप मद में अन्य विभाग से प्राप्त राशि के कार्यों का अनुश्रवण विभाग द्वारा किया जाता है। पंचायतों के कार्यों के तकनीकी सहयोग हेतु पंचायतों में पदस्थ तकनीकी अमला एवं ग्रामीण यांत्रिकी सेवा का तकनीकी अमला उपलब्ध है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
कृषक वर्ग को आय में वृद्धि हेतु भैस गाय आदि उपलब्ध कराने
[पशुपालन]
143. ( क्र. 2284 ) श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माननीय मुख्यमंत्री जी की घोषणा एवं शासन की नीति के तहत कृषि की आय में वृद्धि हेतु पशुपालन विभाग का भी बड़ा योगदान है? (ख) यदि हाँ, तो पशुपालन विभाग द्वारा कोई नीति निर्देश प्रचलन में है? यदि हाँ, तो प्रति उपलब्ध करावें? (ग) क्या कृषक वर्ग को पशुपालन के प्रकरण स्वीकृति उपरांत सीधे बैंक को भेज दिये जाते हैं व बैंक तरह-तरह के ऋण स्वीकृत करने में अड़चन पैदा करती है जिससे ऋण स्वीकृत नहीं हो पाते हैं व कृषक/पशुपालन योजना से वंचित रह जाते हैं? (घ) क्या मध्यप्रदेश शासन वित्त विभाग, कृषक/पशु पालकों को बैंक पर निर्भर न रहते हुये पशुपालन विभाग को सीधी राशि उपलब्ध कराएगा? यदि हाँ, तो कब तक?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। । (ग) जी हाँ। जी नहीं। विभागीय अमले द्वारा संबंधित बैंक से निरंतर संपर्क कर प्रकरण स्वीकृत कराने की कार्यवाही की जाती है। (घ) जी नहीं। विभाग की सिर्फ दो योजनाओं यथा आचार्य विद्यासागर गौसंवर्धन योजना तथा बैंक ऋण एवं अनुदान पर बकरी पालन की योजना, बैंक से ऋण आधारित होने के कारण बैंक के माध्यम से ही योजना का क्रियान्वयन किया जाता है। शेष विभागीय योजनाओं में पशुपालक के खाते में सीधी राशि जमा की जाती है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
राजगढ़ विधान सभा की पपड़ेल पुलिस चौकी थाने में उन्नयन
[गृह]
144. ( क्र. 2290 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजगढ़ जिले की विधान सभा क्षेत्र राजगढ़ के विकासखण्ड खिलचीपुर के ग्राम पपड़ेल में पुलिस चौकी संचालित है? यदि हाँ, तो कब से? (ख) क्या उक्त पुलिस चौकी राजस्थान सीमा से लगी होने के कारण अपराध होने की संभावना अधिक रहती हैं? (ग) यदि हाँ, तो क्या शासन की उक्त पपड़ेल की पुलिस चौकी को पुलिस थाने में उन्नयन किये जाने की कोई योजना है? (घ) यदि हाँ, तो उक्त पपड़ेल पुलिस चौकी का पुलिस थाने में कब तक उन्नयन किया जावेगा और यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। पपडेल पुलिस चौकी 1953 से संचालित है। (ख) जी हाँ। (ग) चौकी से थाने का उन्नयन प्रस्ताव निर्धारित मापदंडों के अनुरूप न होने से अमान्य किया गया है। (घ) प्रश्नांश (ग) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
राजगढ़ विधानसभा क्षेत्र में खाद्यान्न पर्ची की स्थिति
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
145. ( क्र. 2291 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न दिनांक को राजगढ़ जिले की विधानसभा क्षेत्र राजगढ़ में कितने हितग्राहियों के पास खाद्यान्न पर्ची है? ग्रामवार संख्या बतायें। (ख) क्या राजगढ़ जिले के विधानसभा क्षेत्र राजगढ़ में कुछ हितग्राही ऐसे हैं जिनकी खाद्यान्न की पर्ची कट गई है? यदि हाँ, तो ग्रामवार संख्या बतायें? पर्ची कटने का क्या कारण है? (ग) क्या उक्त हितग्राहियों की राशन पर्ची काटे जाने से उनके परिवार को राशन नहीं मिल पा रहा है? (घ) यदि हाँ, तो उक्त हितग्राहियों की राशन पर्ची कब तक बनाई जावेगी? बतावें यदि नहीं, तो क्यों कारण बतावें।
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) राजगढ़ विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत वैध पात्रता पर्चीधारी कुल 64744 परिवार हैं। ग्रामवार पात्रता पर्चीधारी परिवारों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अ अनुसार है। (ख) पात्र परिवारों को सम्मिलित करने एवं अपात्र परिवारों के विलोपन एक सतत् प्रक्रिया है। राजगढ़ विधानसभा अंतर्गत 1220 अपात्र परिवारों को पोर्टल से विलोपित किया गया है। अपात्रता के कारण परिवारों के नाम विलोपित किए गए हैं। ग्रामवार विलोपित किए गए परिवारों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत चिन्हांकित पात्र परिवारों को ही राशन देने का प्रावधान है। (घ) प्रश्नांश (ग) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
भवन एवं संनिर्माण कर्मकार मंडल अंतर्गत संचालित योजनाएं
[श्रम]
146. ( क्र. 2381 ) डॉ. योगेन्द्र निर्मल : क्या राज्यमंत्री, श्रम महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बालाघाट जिले में म.प्र.भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल अंतर्गत ग्रामीण एवं नगरीय निकायों हेतु कितनी-कितनी राशि आवंटित की गई है? विगत 03 वर्षों का पृथक-पृथक ब्यौरा देवें? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार आवंटित राशि से जनपद पंचायतों/नगरपालिका परिषद् वारासिवनी द्वारा कितने-कितने हितग्राहियों को कितनी-कितनी राशि विवाह सहायता, प्रसूति सहायता, मृत्यु/ अन्त्येष्टि सहायता, शिक्षा सहायता, मेघावी छात्र, चिकित्सा सहायता हेतु व्यय की गई वर्षवार ग्रामवार व नगरपालिका वार्डवार पृथक-पृथक बताएं? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार सहायतार्थ कितने-कितने प्रकरण कब से किस स्तर पर लंबित हैं? इन लंबित प्रकरणों का निराकरण कब तक किया जावेगा? प्रकरण अभी तक लंबित रहने का क्या कारण है? इसके लिये दोषी कौन है? दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी?
राज्यमंत्री, श्रम ( श्री बालकृष्ण पाटीदार ) : (क) बालाघाट जिले में म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल के अंतर्गत ग्रामीण एवं नगरीय निकायों हेतु विगत 03 वर्षों में आवंटित राशि की वर्षवार जानकारी निम्नानुसार है-
क्रं |
वर्ष |
10 जनपद पंचायतों को जारी आवंटन |
06 नगरीय निकायों को जारी आवंटन |
01 |
02 |
03 |
04 |
1 |
2015-16 |
4,91,69,300 |
2,00,000 |
2 |
2016-17 |
4,06,70,000 |
135,00,000 |
3 |
2017-18 |
8,46,00000 |
86,00,000 |
(ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार आवंटित राशि से जनपद पंचायतो/नगर पालिका परिषद् वारासिवनी द्वारा हितग्राहियों को विवाह सहायता, प्रसूति सहायता, मृत्यु की दशा में अंत्येष्टि एवं अनुग्रह सहायता, शिक्षा हेतु प्रोत्साहन राशि, मेधावी छात्र/छात्राओं को नगद पुरूस्कार सहायता, चिकित्सा सहायता वितरित सहायता राशि की वर्षवार/ग्रामवार/नगरपालिकावार/वार्डवार चाही गई जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) कोई भी प्रकरण लंबित नहीं है।