मध्यप्रदेश विधान सभा
प्रश्नोत्तर-सूची
फरवरी-मार्च
2017 सत्र
मंगलवार, दिनांक 07 मार्च 2017
भाग-1
तारांकित
प्रश्नोत्तर
मुख्य
कार्यपालन
अधिकारी की
स्थाई
पदस्थापना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
1. ( *क्र. 1423 ) श्री हरवंश राठौर : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बंडा विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत जनपद पंचायत बंडा में विगत एक वर्ष से स्थाई मुख्य कार्यपालन अधिकारी की पदस्थापना न होने से प्रभारी मुख्य कार्यपालन अधिकारी द्वारा सप्ताह में एक दो दिवस का समय देकर कार्यों का संपादन किया जा रहा है, जिससे संबंधित प्रभारी अधिकारी द्वारा दो-दो जगहों का कार्य संपादन करने के पश्चात् जनपद पंचायत बंडा का कार्य संपादित किया जाता है, जिसके कारण समस्त जनपद पंचायत के प्रतिनिधि एवं सरपंचों के कार्य समयावधि में न होने एवं अधिकारी के न मिलने के कारण त्रस्त हैं? (ख) क्या जिला स्तर के अधिकारी को स्वयं के प्रभार के साथ-साथ दो-दो जनपदों का प्रभारी बनाया जा सकता है? प्रावधान बताया जाए। (ग) जनपद पंचायत बंडा में स्थाई मुख्य कार्यपालन अधिकारी की पदस्थापना कब तक की जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जनपद पंचायत बंडा में मुख्य कार्यपालन अधिकारी की पूर्णकालिक पदस्थापना दिनांक 15/12/2016 को की गई थी। मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत के दिनांक 09/01/2017 से निलंबित होने से जिला स्तर के अधिकारी को प्रभार सौंपा गया है। (ख) जी हाँ। जिला स्तर के अधिकारियों को स्वयं के प्रभार के साथ जनपद पंचायतों का प्रभारी बनाये जाने पर निषेध नहीं है। (ग) लोक सेवा आयोग से चयनित मुख्य कार्यपालन अधिकारियों के प्रशिक्षण उपरांत मार्च 2017 में पदस्थापना की जाना संभावित है।
प्रस्तावित स्टेडियम का निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
2. ( *क्र. 2411 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र सारंगपुर अंतर्गत ग्राम बख्यतायपुरा में निर्माणाधीन खेल परिसर के अंतर्गत क्या-क्या कार्य होना है एवं निर्धारित समय-सीमा तक क्या-क्या कार्य हो चुका है? कार्य के प्राक्कलन से तुलनात्मक जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) खेल परिसर के निर्माण कार्य को प्रारम्भ करने एवं पूर्ण करने हेतु निर्धारित तिथि क्या है? क्या निर्धारित तिथि में कार्य पूर्ण हो गया है? यदि नहीं हुआ तो विलंब हेतु कौन जिम्मेदार है? विलंब के लिये ठेकेदार के विरुद्ध क्या कार्यावाही की गयी एवं कार्य कब तक पूर्ण हो जावेगा? (ग) निर्माणाधीन कार्य की गुणवत्ता की जाँच किस-किस अधिकारी द्वारा किस-किस दिनांक को की गयी है? अधिकारी का नाम एवं पद सहित जानकारी देवें। बतावें की कार्य पूर्ण गुणवत्ता का किया गया है या नहीं? यदि नहीं, तो ठेकेदार के विरुद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गयी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) विधानसभा क्षेत्र सारंगपुर अंतर्गत ग्राम बख्यतायपुरा में निर्माणाधीन खेल परिसर के अंतर्गत पवेलियन, खेल मैदान, बाउन्ड्रीवॉल एवं गेट निर्माण का कार्य प्राक्कलन अनुसार निर्धारित समयावधि में कराया गया है। (ख) कार्य दिनांक 30/04/2016 को प्रारंभ किया गया। कार्य अनुबंधानुसार पूर्ण कराने की निर्धारित तिथि 29/04/2017 है, कार्य समय-सीमा में पूर्ण हो गया है। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता।
सीधी भर्ती के प्राध्यापकों की परिवीक्षा अवधि की समाप्ति
[उच्च शिक्षा]
3. ( *क्र. 2071 ) श्री कुंवर सिंह टेकाम : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में संचालित शासकीय महाविद्यालयों के लिये विभिन्न विषयों में वर्ष 2010-11 में मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा प्राध्यापकों की सीधी भर्ती की गई है? यदि की गई है तो विषयवार/वर्गवार प्राध्यापकों की सूची उपलब्ध करावें। (ख) क्या वर्ष 2010-11 में सीधी भर्ती के प्राध्यापकों को दो वर्ष की परिवीक्षा अवधि पर नियुक्त किया गया है? यदि हाँ, तो उनकी परिवीक्षा अवधि समाप्त करने के नियम/निर्देश क्या हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में क्या सीधी भर्ती के प्राध्यापकों की परिवीक्षा अवधि समाप्त कर दी गई है? यदि हाँ, तो परिवीक्षा अवधि समाप्त किये गये विषयवार प्राध्यापकों की सूची उपलब्ध करायें? (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में यदि सीधी भर्ती के प्राध्यापकों की परिवीक्षा अवधि अभी तक समाप्त नहीं की गई है तो कारण सहित जानकारी देवें। उनकी परिवीक्षा अवधि कब तक समाप्त कर आदेश जारी कर दिये जायेंगे?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी हाँ। वर्ष 2010-11 में 115 प्राध्यापकों की सीधी भर्ती की गई। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जी हाँ। मध्यप्रदेश शैक्षणिक सेवा (महाविद्यालयीन शाखा) भर्ती नियम 1990 के बिन्दु 22 की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (घ) सीधी भर्ती से नियुक्त प्राध्यापकों की नियुक्ति के संबंध में प्राप्त शिकायतों की जाँच प्रचलित है। परिवीक्षा अवधि समाप्त करने के संबंध में प्राध्यापक संघ द्वारा याचिका क्रमांक डब्ल्यू.पी. 17095/2015 माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में दायर की गई है, जिसमें पारित आदेश दिनांक 01.12.2016 के तारतम्य में वैधानिक परीक्षण किया जा रहा है। न्यायालयीन प्रकरण के परिप्रेक्ष्य में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
सीधी एवं सिंगरौली जिले में अधूरे निर्माण कार्य
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
4. ( *क्र. 4184 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग अन्तर्गत जनपद पंचायत सिहावल, सीधी जिले में निर्माण कार्य विगत दस वर्षों से स्वीकृत होकर अधूरे हैं? यदि हाँ, तो इसके लिये कौन-कौन जिम्मेदार है? (ख) ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग अन्तर्गत विगत पाँच वर्षों में जनपद पंचायत सिहावल में कितने कार्य स्वीकृत किये गये? कितने प्रारंभ, अपूर्ण, पूर्ण एवं अप्रारंभ हैं? जनपद सिहावल अन्तर्गत गेरूआ कुढेरी नाला रपटा एवं पुलिया कितने वर्षों से बंद है? क्यों बंद हैं? कार्य पूर्ण नहीं कराने में कौन दोषी है एवं क्या कार्यवाही की गई है? व्यौहारखांड रोड व लौआरबिछरी रोड ग्राम सोनवर्षा में सामुदायिक भवन इत्यादि कार्यों की जानकारी देवें। (ग) जनपद पंचायत सिहावल जिला सीधी में ग्रामीण यांत्रिकी सेवा अन्तर्गत मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़क खेत सड़क के कितने कार्य स्वीकृत किये गए उनमें से कितने प्रारंभ, अप्रारंभ, पूर्ण, अपूर्ण हैं? अप्रारंभ एवं अपूर्ण का क्या कारण है? उक्त के संबंध में क्या कार्यवाही की गई है? (घ) क्या शासन स्तर से ग्रामीण यांत्रिकी सेवा में नये कार्यों की स्वीकृति पर प्रतिबंध लगाया गया है? यदि हाँ, तो क्यों? प्रतिबंधित कार्य जो अधूरे हैं, क्या उन्हें पूर्ण कराया जावेगा? कार्यों के लंबित भुगतान किये जायेगें? यदि हाँ, तो कब तक?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। निर्माणाधीन कार्यों की अपूर्णता के कारण निजी भूमि, भूमि विवाद होना, सामग्री-मजदूरी का अनुपात असंतुलन एवं निविदा में ठेकेदारों की अरूचि है। (ख) प्रश्नाधीन अवधि में जनपद पंचायत सिहावल में 06 कार्य स्वीकृत हुए। 02 कार्यों की प्रशासकीय स्वीकृति निरस्त। 04 कार्य अपूर्ण हैं। प्रश्नांश की शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) ग्रामीण यांत्रिकी सेवा के अंतर्गत जनपद पंचायत सिहावल में मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के 07 कार्यों में से 04 कार्य एम.पी.आर.आर.डी.ए. को अंतरित किये गये। 02 कार्य भूमि उपलब्ध नहीं होने से निरस्त हुये। 01 कार्य ठेकेदारों द्वारा निविदा में भाग न लेने के कारण विभागीय तौर पर किया जा रहा है। यह कार्य पूर्णता पर है। (घ) जी नहीं। ग्रामीण यांत्रिकी सेवा में भुगतान संबंधी कोई कठिनाई नहीं है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
घोड़ाडोंगरी ब्लॉक में भूमि का नवीनीकरण
[वन]
5. ( *क्र. 3742 ) श्री मंगल सिंग धुर्वे : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बैतूल जिले के वर्तमान घोड़ाडोंगरी ब्लॉक के अन्तर्गत वन विभाग ने अधिक अन्न उपजाओं योजना के अन्तर्गत 1965-66 में जिन जमीनों को राजस्व विभाग को अन्तरित किया है, उन जमीनों का राजपत्र में प्रश्नांकित दिनांक तक भी नवीनीकरण वन विभाग ने नहीं किया? (ख) यदि हाँ, तो घोड़ाडोंगरी ब्लॉक के किस ग्राम की कितनी भूमि संरक्षित वन सर्वे में शामिल कर वनखण्डों में अधिसूचित की गई? कितनी भूमि किन कारणों से वनखण्डों के बाहर छोड़ी गई? इसमें कितनी भूमि किस आदेश क्रमांक, दिनांक से अन्तरित की गई? कितनी भूमि किस दिनांक को राजपत्र में निर्वनीकृत की गई? (ग) वनखण्डों के बाहर छोड़ी गई किस ग्राम की कितनी भूमि का किन-किन कारणों से प्रश्नांकित दिनांक तक भी निर्वनीकरण नहीं किया गया? इन भूमियों को निर्वनीकृत किए जाने के प्रस्ताव वनमंडल एवं वनवृत से किस दिनांक को प्रेषित किए? यदि प्रस्ताव प्रेषित नहीं किए हों तो उसका कारण बताएं? (घ) भारत सरकार एवं सर्वोच्च अदालत से निर्वनीकरण की अनुमति प्राप्त की जाकर वन भूमि का निर्वनीकरण किए जाने पर किस दिनांक को किसने रोक लगाई है? यदि नहीं, लगाई तो अनुमति के प्रस्ताव प्रेषित क्यों नहीं किए? कब तक प्रस्ताव प्रेषित कर दिए जावेंगे?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) परिशिष्ट के कॉलम-7 में दर्शित संरक्षित वनभूमियों के निर्वनीकरण की कार्यवाही माननीय सर्वोच्च न्यायालय की याचिका क्रमांक 337/1995 में पारित आदेश दिनांक 13.11.2000 द्वारा निर्वनीकरण पर अस्थाई रूप से रोक लगाये जाने के कारण लंबित है। (घ) भारत सरकार एवं माननीय सर्वोच्च न्यायालय से अनुमति लेकर निर्वनीकरण पर कोई रोक नहीं लगाई गई है। प्रकरण विशेष में आवश्यक होने पर माननीय सर्वोच्च न्यायालय की अनुमति हेतु प्रकरण भारत सरकार को प्रेषित किया जाता है। वनखण्डों के बाहर छोड़ी गई वनभूमियों के निर्वनीकरण की समय-सीमा बतायी जाना संभव नहीं है।
प्रधानमंत्री आवास योजना का क्रियान्वयन
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
6. ( *क्र. 3680 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रधानमंत्री आवास योजना के ग्रामीण क्षेत्रों में क्रियान्वयन के क्या दिशा-निर्देश हैं एवं आवास स्वीकृति हेतु पात्रता के क्या पैमाने हैं एवं इस हेतु क्या प्रक्रिया अपनाई जा रही है? सन् 2022 तक सबको आवास उपलब्ध कराने हेतु मध्यप्रदेश में योजनान्तर्गत इस वर्ष कितना आवंटन प्राप्त हुआ है? जिलेवार विवरण देवें। (ख) आगर जिला अंतर्गत इस वर्ष कितना आवंटन/लक्ष्य प्रधानमंत्री आवास योजनान्तर्गत प्राप्त हुआ है? प्राप्त आवंटन/लक्ष्य/मध्यप्रदेश को प्राप्त आवंटन/लक्ष्य का कितना प्रतिशत है? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित पात्रता/पैमाने अनुसार प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत कितने लोग आवास योजना अंतर्गत पात्र हैं? ग्रामवार सूची उपलब्ध करावें। इनमें से कितने लोगों को आवास स्वीकृत किये जाकर प्रथम किस्त जारी की जा चुकी है एवं शेष हितग्राहियों को कब तक आवास स्वीकृत होंगे? (घ) क्या आवास हेतु पात्र व्यक्तियों/परिवारों के परीक्षण हेतु अधिकारी/कर्मचारी के दल द्वारा निरीक्षण किया था? यदि हाँ, तो क्या निरीक्षण दल ने प्रश्नांश (क) में उल्लेखित प्रावधान अनुसार जाँच की है? यदि नहीं, तो क्या जाँच में विसंगतियों का स्वतः संज्ञान लिया जाकर पात्र व्यक्तियों को आवास उपलब्ध कराने हेतु प्रभावी कार्यवाही की जावेगी व जिम्मेदारों पर कार्यवाही की जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एवं (ख) प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के तहत् हितग्राहियों का चयन सामाजिक आर्थिक जाति जनगणना-2011 (SECC-2011) में सूचीबद्ध परिवारों की परस्पर वंचितता की तीव्रता के आधार पर करने के दिशा-निर्देश हैं। सर्वोच्च प्राथमिकता आवासहीन परिवारों को, दूसरी प्राथमिकता शून्य कक्ष कच्चा परिवारों को एवं तीसरी प्राथमिकता एक कक्ष कच्चा श्रेणी आवास परिवारों को वंचितता की तीव्रता के क्रम से देने की है। SECC-2011 के अनुसार मध्यप्रदेश में 23,023 आवासहीन 53,562 शून्य कक्ष कच्चा आवास एवं 29,22,647 एक कक्ष कच्चा आवास वाले परिवार हैं। भारत सरकार ने वर्ष 2019 तक के लिए मध्यप्रदेश के लिए 11.78 लाख आवास निर्माण का लक्ष्य निर्धारित किया है, जिसमें से वर्ष 2016-17 के लिए 4.48 लाख व वर्ष 2017-18 के लिए 4.96 लाख आवास का लक्ष्य निर्धारित है। इसके विरूद्ध प्रदेश में विभिन्न ग्रामों के लिए 9.44 लाख लक्ष्य देते हुए हितग्राहियों के भौतिक सत्यापन पश्चात् पात्र पाये जाने वाले परिवारों को स्वीकृति के निर्देश दिये गये हैं। (ग) सुसनेर विधानसभा क्षेत्र के ग्रामों में लक्षित हितग्राही संख्या 3509 है, जिनमें से 1024 हितग्राहियों को प्रथम किश्त की राशि जारी की गई है। शेष हितग्राहियों की पात्रता का भौतिक सत्यापन एवं भारत सरकार की वेबसाईट पर स्वीकृति की प्रकिया पूरी होने पर स्वीकृति संभव है। स्वीकृत प्रकरणों की ग्रामवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) SECC-2011 में सूचीबद्ध परिवारों की पात्रता का भौतिक सत्यापन कराये जाने के उपरांत अपात्रों को चिन्हित कर पात्रता क्रम में अगले परिवार का चयन करने की प्रकिया अपनाई गई है। SECC-2011 में सूचीबद्ध परिवारों में नाम जोड़ना अथवा संशोधन करना राज्य शासन के क्षेत्राधिकार में नहीं है।
विशेष औद्योगिक क्षेत्रों की स्थिति
[वाणिज्य, उद्योग एवं रोजगार]
7. ( *क्र. 4361 ) श्री चेतन्य कुमार काश्यप : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रतलाम में बांगरोद के 33.500 हेक्टेयर तथा करमदी के 18.150 हेक्टेयर क्षेत्र में निर्माणाधीन विशेष औद्योगिक क्षेत्रों की क्या स्थिति है? इसके उद्योग कब से प्रारंभ होंगे? (ख) करमदी में बन रहे नमकीन कलस्टर में अब तक कितना काम हो चुका है? यह कब तक पूरा होगा? (ग) इसमें अब तक कितने प्लॉट आवंटित किये जा चुके हैं?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) रतलाम जिले के औद्योगिक क्षेत्र बांगरोद एम.एस.एम.ई. विभाग के अधीन जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र रतलाम के आधिपत्य में है। विभाग के अंतर्गत रतलाम जिले के औद्योगिक क्षेत्र करमदी में 18.15 हेक्टेयर भूमि पर दिनांक 22.12.2015 को अधोसरंचना विकास कार्य प्रारंभ किये गये हैं। औद्योगिक क्षेत्र करमदी में दिसंबर 2018 तक उद्योग प्रारंभ होने की संभावना है। (ख) करमदी में बन रहे नमकीन क्लस्टर में अभी तक निम्न निर्माण कार्य पूर्ण किये गये हैं :- 3.0 कि.मी. सीमेंट कांक्रीट रोड, 2.5 कि.मी. स्ट्रॉम वाटर ड्रेन, जल प्रदाय हेतु 2.20 कि.मी. पाईप लाईन का कार्य, 2.72 कि.मी. सीवर लाईन, बॉटम डोम स्तर तक पानी की टंकी का कार्य, अपर डोम स्तर तक भूमि का सम्पवैल निर्माण कार्य। दिनांक 31.12.2017 तक कार्य पूर्ण होना संभावित हैं। (ग) नमकीन क्लस्टर करमदी जिला रतलाम में अभी तक 05 प्लाट आवंटित किये गये हैं।
मनरेगा के तहत् स्वीकृत कार्यों में मजदूरी का भुगतान
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
8. ( *क्र. 3690 ) श्री रामनिवास रावत : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) माह जनवरी, 2017 की स्थिति में श्योपुर जिले में मनरेगा के तहत् स्वीकृत कार्यों में कितने कार्य अपूर्ण एवं अप्रारम्भ हैं? अपूर्ण रहने के क्या कारण हैं। इन कार्यों में कितनी राशि का भुगतान क्रय की गई सामग्री एवं कितना मजदूरी का किया जाना शेष है? अपूर्ण कार्यों को पूर्ण कराने एवं मजदूरों को शेष राशि का भुगतान कब तक करा दिया जावेगा। जनपदवार जानकारी देवें। (ख) वर्ष 2016-17 में मनरेगा के तहत् कौन-कौन से कार्य, कितनी राशि के कब स्वीकृत कर किसे एजेंसी बनाया गया है? इन पर प्रश्न दिनांक तक कितना व्यय किया गया, कौन-कौन से कार्य स्वीकृत करने पर किस कारण से रोक लगी हुई है? (ग) क्या मनरेगा अधिनियम की अनुसूची II पैरा 29 के प्रावधानों के अनुरूप मजदूरी भुगतान में 15 दिनों से अधिक देरी से किये गए सभी भुगतानों के लिए क्षतिपूर्ति तुरंत प्रदान करने के आदेश हैं? यदि हाँ, तो उक्त आदेशों के क्रम में श्योपुर जिले में कुल कितनी क्षतिपूर्ति राशि दी जाना थी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) माह जनवरी 2017 की स्थिति में श्योपुर जिले में महात्मा गांधी नरेगा के तहत् स्वीकृत कार्यों में से 3419 कार्य अपूर्ण हैं। जिनकी जनपद वार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। योजना मांग आधारित होने से कार्यों का पूर्ण होना जॉबकार्डधारी श्रमिकों द्वारा रोजगार की मांग पर निर्भर है। इन कार्यों में सामग्री व मजदूरी का भुगतान शेष नहीं है। (ख) वर्ष 2016-17 में महात्मा गांधी नरेगा के तहत् खेल मैदान, शांतिधाम, आंगनवाड़ी, सुदूर सड़क एवं तालाब आदि 384 कार्य रू. 2114.56 लाख के स्वीकृत किए गए। क्रियान्वयन ऐजेन्सी संबंधित ग्राम पंचायत है। प्रश्न दिनांक तक राशि रू. 755.21 लाख व्यय किए गए। महात्मा गांधी नरेगा के तहत् मजदूरी मूलक कार्य जिनसे स्थाई परिसम्पत्तियों का निर्माण होता है, को छोड़कर शेष पर रोक है। (ग) जी हाँ। श्योपुर जिले में कोई क्षतिपूर्ति राशि अधिरोपित नहीं है।
वित्तीय अनियमितता के दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
9. ( *क्र. 4602 ) पं. रमेश दुबे : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में मनरेगा स्कीम के तहत् वित्तीय अपराध करने वाले अधिकारियों/कर्मचारियों/सरपंचों के विरूद्ध कार्यवाही हेतु किन नियमों में क्या प्रावधान हैं? नियम एवं आदेश-निर्देश की प्रति संलग्न करें। (ख) क्या ग्राम पंचायत जमुनिया विकासखण्ड चौरई जिला-छिन्दवाड़ा में मोक्षधाम निर्माण, फर्जी जॉब कार्ड के आधार पर मजदूरी में अनियमितता तथा नियम विरूद्ध पशु शेड निर्माण में हितग्राहियों का चयन, बिना तकनीकि स्वीकृति के भुगतान, स्वीकृत राशि से अधिक भुगतान के लिए पूर्व सरंपच, सचिव एवं इंजीनियर्स को वित्तीय अपराध का दोषी पाया गया है? यदि हाँ, तो दोषियों के नाम, पता एवं पदनाम सहित जानकारी दें? (ग) अभी तक दोषियों के विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज नहीं कराने के क्या कारण हैं? इसके लिए कौन जिम्मेदार है? क्या यह माना जाय कि जनपद पंचायत और जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी दोषियों को प्रश्रय दे रहे हैं? यदि नहीं, तो कब तक दोषियों के विरूद्ध थाने में समस्त सुसंगत दस्तावेजों सहित प्राथमिकी दर्ज करा दी जावेगी? (घ) क्या शासन, पृथक-पृथक समय पर तीन बार जाँच में ग्राम पंचायत जमुनिया के पूर्व सरपंच, सचिव व इंजीनियर्स को वित्तीय अपराध का दोषी पाये जाने पर भी उनके विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज नहीं करने, वित्तीय अपराधियों को प्रश्रय देने वाले अधिकारियों को भी वित्तीय अपराध के दोषियों के साथ सह आरोपी बनाते हुए उनके विरूद्ध थाने में प्राथमिकी दर्ज कराने का आदेश देगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) मध्यप्रदेश में महात्मा गांधी नरेगा योजना के तहत् वित्तीय अपराध करने वाले अधिकारियों/कर्मचारियों/सरपंचों के विरूद्ध कार्यवाही हेतु पृथक से कोई विशेष प्रावधान नहीं है। अत: शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। वित्तीय अपराध एवं अनियमितता की गंभीरता को देखते हुए भारतीय दण्ड संहिता, भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम (1988), पंचायतराज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम 1993, मध्यप्रदेश सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियम, 1966 एवं संबंधित अधिकारी/कर्मचारी की संविदाकर्मी की सेवा-शर्तों के तहत् यथोचित कार्यवाही करने की व्यवस्था है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) सिद्ध पायी गयी अनियमितता के लिए संलग्न परिशिष्ट अनुसार कार्यवाही की गयी है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) उत्त्ारांश (ग) अनुसार प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
स्कूल की भूमि पर अनाधिकृत निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
10. ( *क्र. 4884 ) श्रीमती प्रमिला सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या अनूपपुर जिले के नगर पंचायत जैतहरी के बालक हायर सेकेण्ड्री स्कूल जैतहरी की भूमि पर निकाय ने दुकान का निर्माण कराया है? यदि हाँ, तो दुकान निर्माण की लागत बताते हुए जानकारी देवें कि स्कूल की भूमि पर शासन या किस सक्षम अधिकारी से स्वीकृति उपरांत निर्माण कराया गया है तथा इस अवैधानिक कृत्य पर कलेक्टर का अभिमत देवें तथा सक्षम कार्यवाही से अवगत कराएं। (ख) क्या म.प्र. शासन व मुख्यमंत्री की घोषणा अनुसार हॉकर्स जोन के लिए वार्ड क्रमांक 8 हायर सेकेण्ड्री स्कूल के सामने स्थल चयन कर नगर के फेरीवाले हॉकर्स को परिचय प्रमाण पत्र निकाय द्वारा जारी किया गया है? यदि हाँ, तो उनके नाम, पता तथा जोन में निर्मित शाप किन-किन हॉकर्स को आवंटित की गयी है? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या फुटहा तालाब में विधायक निधि से वर्ष 2008-09 के मध्य घाट निर्माण कराया गया था? यदि हाँ, तो कितनी राशि व्यय की गयी थी? क्या घाट बिना किसी सक्षम स्वीकृति के अध्यक्ष व सी.एम.ओ. ने तोड़कर आर्थिक क्षति पहुँचाते हुए नियम विरूद्ध आचरण किया है? यदि हाँ, तो संयुक्त संचालक नगरीय प्रशासन रीवा के पत्र क्र. संस/संचा./शिका.शा./जैतहरी/2016/1247 रीवा दिनांक 25.06.2016 से जाँच प्रतिवेदन अवर सचिव, म.प्र. शासन, नगरीय विकास एवं पर्यावरण मंत्रालय वल्लभ भवन, भोपाल को भेजा है? यदि हाँ, तो जाँच प्रतिवेदन का विवरण उपलब्ध कराते हुए दोषी अध्यक्ष का वित्तीय अधिकार समाप्त कर अभियोजन की कार्यवाही की जाएगी? यदि नहीं, तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। दुकान निर्माण की लागत राशि रूपये 10.48 लाख है। स्कूल की भूमि पर (School Member of Development Comity) एस.एम.डी.सी. की बैठक दिनांक 01.07.2013 द्वारा पारित प्रस्ताव की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है तथा नगर परिषद् जैतहरी के संकल्प क्र. 53 दिनांक 12.08.2013 की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार दुकान निर्माण किया गया है, किन्तु शासन या कलेक्टर जिला अनूपपुर से कोई विधिवत अनुमति प्राप्त नहीं की गई, जो कि मध्यप्रदेश नगर पालिका अधिनियम 1961 की धारा 345 के अन्तर्गत अनिवार्य है। इस संबध में कलेक्टर से कोई अभिमत नहीं लिया गया। (ख) जी हाँ। शेषांश प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ। घाट निर्माण कार्य में राशि रूपये 3,68,135.00 का व्यय हुआ। जी हाँ, बिना परिषद् या शासन की सक्षम स्वीकृति के घाट तोड़ने की कार्यवाही की गई जो नियम विरूद्ध आचरण सम्मत नहीं है। जी हाँ। जाँच प्रतिवेदन के विवरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। जिसके परीक्षण उपरांत कार्यवाही की जा सकेगी।
दमोह जिले के वन परिक्षेत्र में स्वीकृत कार्य
[वन]
11. ( *क्र. 1450 ) श्री प्रताप सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दमोह जिले के किन-किन वन परिक्षेत्र में वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन से कार्य किस-किस मद से स्वीकृत किये गये हैं? कार्य का प्रकार, स्वीकृति की दिनांक, कार्य हेतु स्वीकृत राशि तथा सम्पादित कार्यस्थल का नाम आदि बतलावें? (ख) प्रश्नांश (क) में स्वीकृत कार्यों में से कितने कार्य पूर्ण हैं तथा कितने आज दिनांक तक अपूर्ण हैं? कार्य के अपूर्ण रहने का क्या कारण है? (ग) वन परिक्षेत्र तेजगढ़ की रिछायाउ बीट के कम्पार्टमेंट क्रमांक 50 में वर्ष 2016 में स्वीकृत प्लांटेशन कार्य की प्रत्येक तिमाही में प्राप्त आवंटन के विरूद्ध कौन-कौन से कार्य कितनी-कितनी राशि के सम्पादित किये गये? प्लांटेशन में कितने मीटर सी.पी.आर. पत्थर की खकरी प्रस्तावित थी तथा उसके विरूद्ध कितने मीटर निर्मित की जा चुकी है एवं कितने मीटर निर्मित होना शेष है? कार्य में संलग्न मजदूरों की बैंक खाता सूची एवं डी.पी.आर. की जानकारी उपलब्ध करावें। (घ) वन विभाग द्वारा विगत तीन वर्षों में कहाँ-कहाँ पर वृक्षारोपण कार्य किया गया है, प्रत्येक रोपणी में किस-किस प्रजाति के कितने-कितने पौधे रोपित किये गये हैं? प्रश्न दिनांक तक कितने पौधे जीवित हैं तथा कितने नष्ट हो गये हैं? पौधे नष्ट होने का क्या कारण रहा है एवं उन पर कितनी राशि व्यय की गई थी? इसके लिए कौन जिम्मेदार है? क्या विभाग द्वारा जाँच कर जिम्मेदारों पर कोई कार्यवाही की गई है अथवा नहीं?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2, 3 एवं 4 अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-5 एवं 6 अनुसार है।
मिनी इंडोर स्टेडियम का निर्माण
[खेल और युवा कल्याण]
12. ( *क्र. 2778 ) श्रीमती योगिता नवलसिंग बोरकर : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नगर परिसर पंधाना में प्रस्तावित मिनी इंडोर स्टेडियम निर्माण की क्या स्थिति है? (ख) कौन से कारणों से मिनी इंडोर स्टेडियम नहीं बन रहा है?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) नगर परिसर पंधाना में प्रस्तावित इण्डोर खेल परिसर निर्माण की योजना को भारत सरकार के पत्र क्र. 30-01/एम.वाई.ए.एस./आर.जी.के.ए./2015/6419/6428, दिनांक 05.11.2015 द्वारा योजना की पुनः समीक्षा के कारण स्थगित रखे जाने की जानकारी दी गई है। भारत सरकार का पत्र संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार।
जनपद पंचायत पवई एवं शाहनगर के अंतर्गत स्वीकृत निर्माण कार्य
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
13. ( *क्र. 3861 ) श्री मुकेश नायक : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनपद पंचायत पवई एवं शाहनगर के अंतर्गत वर्ष 2014 से दिसम्बर 2016 तक ऐसे कितने स्वीकृत निर्माण कार्य हैं, जो समय-सीमा में पूर्ण नहीं हुये हैं। (ख) स्वीकृत निर्माण कार्य समयावधि में पूर्ण नहीं होने पर उत्तरदायी अधिकारियों के विरूद्ध विभाग द्वारा अभी तक क्या कार्यवाही की गई है। (ग) अपूर्ण कार्यों से संबंधित अधिकारियों पर क्या कार्यवाही की गई है। (घ) अपूर्ण निर्माण कार्यों को कब तक पूर्ण किया जाएगा।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) से (घ) महात्मा गांधी नरेगा के अंतर्गत निर्माण कार्यों को पूर्ण कराना ग्राम पंचायतों में उपलब्ध श्रमिकों द्वारा रोजगार की मांग पर निर्भर होने से कार्यों को पूर्ण करने की समय-सीमा निर्धारित नहीं की जाती है। प्रश्नाधीन अवधि में जनपद पंचायत पवई एवं शाहनगर के अंतर्गत स्वीकृत कार्यों में से वर्तमान में 2431 कार्य अपूर्ण हैं। नये कार्य स्वीकृत करने के पूर्व अपूर्ण कार्यों को पूर्ण कराने के लिए समय-समय पर निर्देश दिए गए हैं। किसी अधिकारी के दोषी होने की स्थिति नहीं है।
धार्मिक स्थलों के निर्माण कार्य
[धार्मिक न्यास और धर्मस्व]
14. ( *क्र. 3519 ) श्री सचिन यादव : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) तारांकित प्रश्न क्रमांक 6294, दिनांक 15 मार्च 2016 एवं प्रश्न क्रमांक 1020, दिनांक 08 दिसम्बर 2016 के परिप्रेक्ष्य में की गई कार्यवाही का तत्संबंधी ब्यौरा क्या है? (ख) क्या उक्त कार्य धार्मिक स्थलों के लिए अति आवश्यक हैं और श्रद्धालुओं की भावनाओं से जुड़ा हुआ होने से उक्त कार्यों में विलंब क्यों किया जा रहा है? (ग) प्रश्नांकित दिनांक तक की स्थिति में तत्संबंधी ब्यौरा दें तथा उक्त कार्यों को कब तक प्रांरभ कर पूर्ण कर दिया जायेगा? सुनिश्चित कर तत्संबंधी ब्यौरा दें।
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) तारांकित प्रश्न क्रमांक 6292, दिनांक 15 मार्च 2016 एवं प्रश्न क्रमांक 1020, दिनांक 08 दिसम्बर 2016 के परिप्रेक्ष्य में जिला खरगोन के निम्नानुसार धार्मिक स्थलों को उनके नाम के सम्मुख दर्शाई राशि के प्रस्ताव कार्यालय कलेक्टर जिला खरगोन द्वारा संभागायुक्त इंदौर को प्रेषित किये गये हैं। (1) माता मंदिर ग्राम पानवा रू. 15.00 लाख (2) शालीवाहन मंदिर ग्राम नावडाटोडी रू. 15.00 लाख (3) श्री राम मंदिर कठोरा रू. 10.00 लाख (4) माता मंदिर ग्राम सगुर-भगुर रू. 10.00 लाख। (ख) एवं (ग) तकनीकी प्रस्ताव कलेक्टर/संभागायुक्त के माध्यम से विभाग को प्राप्त होने पर आवश्यक कार्यवाही की जायेगी। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
उद्योगों की स्थापना हेतु भूमि का अधिग्रहण
[वाणिज्य, उद्योग एवं रोजगार]
15. ( *क्र. 440 ) श्री बाबूलाल गौर : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के किन-किन जिलों में कितनी-कितनी भूमि विगत 5 वर्षों में उद्योगों की स्थापना हेतु अधिग्रहण की गई है? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अवधि में कितनी-कितनी भूमि किन-किन औद्योगिक इकाइयों को आवंटित की गई है? (ग) आवंटित भूमि में से किन-किन औद्योगिक इकाइयों द्वारा उद्योगों की स्थापना का कार्य पूर्ण कर लिया गया है? (घ) कितनी इकाइयों के भूमि आवंटन निरस्त किये गये? इसके क्या कारण हैं? इकाइयों के नाम सहित बताया जाये।
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) विगत 05 वर्षों में प्रदेश के 05 जिलों में 224.484 हेक्टेयर निजी भूमि एम.पी. ट्रायफेक के अधीनस्थ मध्यप्रदेश औद्योगिक केन्द्र विकास निगम/ आय.आय.डी.सी. ग्वालियर दवारा, भूमि अर्जन अधिनियम, 1894/भूमि अर्जन, पुनर्वासन और पुनर्व्यवस्थापन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता अधिकार अधिनियम, 2013 अंतर्गत की गई है। अधिग्रहित भूमि का जिलेवार विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में उद्योगों की स्थापना हेतु अधिग्रहित भूमि विकासाधीन होने के कारण यह भूमि औद्योगिक इकाइयों को आवंटित होने की स्थिति में नहीं है। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के संदर्भ में उद्योगों की स्थापना का कार्य पूर्ण होने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के संदर्भ में भूमि आवंटन निरस्त किये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
विधायक विकास निधि नियमावली में संशोधन
[योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी]
16. ( *क्र. 1082 ) श्रीमती चन्दा सुरेन्द्र सिंह गौर : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधायक विकास निधि पूर्व से संचालित नियमों के आधार पर प्रदाय होती आ रही है और नियमों को बनाये हुये शासन को काफी लम्बा समय हो गया है? क्या उक्त नियमावली में नये नियम शामिल किये जाने का प्रावधान है? (ख) क्या सभी विधायकों, मा. मंत्रियों के क्षेत्रों में शा. महाविद्यालय, हा.से. स्कूल, हाई स्कूल, मा. शालायें प्राथमिक शालायें, शा. अस्पताल तहसील कार्यालय, एस.डी.एम. कोर्ट, न्यायालय आदि बस स्टेण्ड, रेल्वे स्टेशन आदि कार्यालय हैं? इन स्थानों पर विधायक निधि से वाटर कूलर लगाये जाने का नियम विधायक निधि की नियमावली में शामिल करेंगे? यदि हाँ, तो कब तक समयावधि बतायें? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें? (ग) क्या विधायक निधि मंदिर, मस्जिद, गिरजाघर, गुरूद्वारा, चर्च आदि के लिये भी नहीं दी जा सकती है? क्या ऐसे वर्णित स्थानों के मरम्मत या सुधार कार्य के लिये राशि दी जा सकती है? यदि हाँ, तो आदेश जारी करें? यदि नहीं, तो कारण बतायें तथा वर्णित स्थानों की राशि किस प्रकार से दी जा सकती है?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र विकास योजना मार्गदर्शिका वर्ष 2013 में बनाये गये हैं। उक्त मार्गदर्शिका की कंडिका 4.4 के प्रावधान अनुसार संशोधन संभव है। (ख) विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र विकास योजना की जानकारी संलग्न परिशिष्ट में दी गई सूची के अनुसार कार्यों को किये जाने का प्रावधान है। वर्तमान में संशोधन का प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र विकास योजना की मार्गदर्शिका की जानकारी संलग्न परिशिष्ट में दी गई सूची के अनुसार कार्यों को किये जाने का प्रावधान है, अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
टीकमगढ़ जिले के प्राचीन मंदिरों का रख-रखाव
[धार्मिक न्यास और धर्मस्व]
17. ( *क्र. 2929 ) श्रीमती अनीता नायक : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) टीकमगढ़ जिले में विगत तीन वर्षों में विभाग के द्वारा कितनी-कितनी राशि प्राचीन मंदिरों के रख-रखाव हेतु दी गई? मंदिरवार, तहसीलवार, वर्षवार बतायें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित मंदिरों को जो राशि स्वीकृत की गई है, उससे कौन से कार्य स्वीकृत किये गये? कितनी राशि जारी की गई और कार्य की एजेंसी कौन है? (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित जो कार्य स्वीकृत हुये हैं, वह कब तक पूर्ण होंगे और समय-सीमा में कार्य पूर्ण न कराने के लिये कौन दोषी है, दोषी व्यक्ति के विरुद्ध क्या कार्यवाही की गई?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
गाडरवारा विधान सभा क्षेत्र में महाविद्यालय की स्थापना
[उच्च शिक्षा]
18. ( *क्र. 4632 ) श्री गोविन्द सिंह पटेल : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या गाडरवारा विधान सभा क्षेत्र में एक ही शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय है? क्या आबादी के अनुपात में यह पर्याप्त है? (ख) गाडरवारा तहसील अंतर्गत नगर पंचायत सांईखेड़ा में कई हाईस्कूल हैं तथा आबादी का घनत्व भी अत्यधिक है, उस अनुपात में महाविद्यालय क्यों नहीं खोला जा रहा है? (ग) क्या क्षेत्रीय जनता तथा जनप्रतिनिधियों द्वारा आवेदन के माध्यम से सांईखेड़ा में भी एक महाविद्यालय खोलने की मांग की गई है? यदि हाँ, तो कब तक महाविद्यालय खोला जाएगा।
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी हाँ। (ख) वर्तमान में सीमित वित्तीय संसाधनों को दृष्टिगत कर नवीन शासकीय महाविद्यालय खोले जाने में कठिनाई है। (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
स्वच्छ भारत मिशन अंतर्गत संचालित कार्य
[नगरीय विकास एवं आवास]
19. ( *क्र. 4797 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) स्वच्छ भारत मिशन (शहर) के तहत् योजना प्रारंभ दिनांक से प्रश्न दिनांक तक नगर पालिक निगम कटनी को कब-कब, कितनी-कितनी राशि/सहयोग किस विभाग/व्यक्ति/संस्था से प्राप्त हुई? इस अनुदान राशि को किस-किस कार्य में, कितना कब व्यय किया गया? इस समयावधि में नगर पालिक निगम, कटनी द्वारा इस योजनांतर्गत अपने कोष से कितना-कितना व्यय, किस-किस कार्य में कब किया गया? (ख) शासन की व्यक्तिगत शौचालय (अनुदान) योजनांतर्गत किस वार्ड के कितने व्यक्तियों ने शौचालय हेतु सहमति दी एवं उसमें से कितने व्यक्तियों ने अपने हिस्से की राशि जमा की तथा किस वार्ड में कितने-कितने शौचालय निर्माण पूर्ण हुए?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
वाटर शेड परियोजना का क्रियान्वयन
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
20. ( *क्र. 3234 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा जिले के वाटर शेड की कितनी परियोजनाएं वर्ष 2014-15 से वर्ष 2015-16 में स्वीकृत हुईं हैं? इनमें से कौन-कौन से कार्य प्रारंभ हुये एवं कौन-कौन से कार्य प्रारंभ नहीं हुए हैं? विधान सभा क्षेत्रवार जानकारी देवें। (ख) विधान सभा क्षेत्र गंजबासौदा की तहसील बासौदा, त्यौंदा एवं ग्यारसपुर में निर्माणाधीन वाटर शेड में किन-किन कार्यों हेतु कितना-कितना भुगतान किया गया है एवं कितने कार्य किए गये हैं? किन-किन अधिकारियों द्वारा किये गये कार्यों का भौतिक सत्यापन किया गया है? वाटर शेडवार जानकारी देवें। (ग) प्रश्नकर्ता के क्षेत्र में वित्तीय वर्ष 2016-17 में नई परियोजना स्वीकृत/प्रस्तावित है, तो जानकारी देवें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'ब' अनुसार है। (ग) जी नहीं।
भानपुर खंती के आसपास भूमिगत जल स्त्रोतों की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
21. ( *क्र. 3467 ) चौधरी मुकेश सिंह चतुर्वेदी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) भोपाल जिले के भानपुर खंती के आसपास स्थित हैण्डपंप/नलकूप/कुओं के जल का परीक्षण कब-कब किया? वर्ष 2014, 2015 व 2016 की जानकारी देते हुए रिपोर्ट की एक-एक प्रति दें। (ख) प्रश्नांश (क) के तहत् क्या 05 अप्रैल, 2016 को भोपाल नगर निगम ने एन.जी.टी. को मौजूद जलस्त्रोतों की रिपोर्ट सौंपी थी? क्या रिपोर्ट में जलस्त्रोतों का पानी पीने योग्य नहीं पाया गया? रिपोर्ट की प्रति देते हुए जानकारी दें। (ग) प्रश्नांश (क) व (ख) के तहत् उक्त क्षेत्र के नागरिकों का पेयजल का मुख्य स्त्रोत क्या है? क्या भोपाल नगर-निगम उक्त संपूर्ण क्षेत्र में पेयजल उपलब्ध करा रहा है? यदि नहीं, तो किन-किन क्षेत्रों में उपलब्ध नहीं हो पा रहा है? (घ) प्रश्नांश (क) व (ख) के तहत् क्या यहां के निजी नलकूपों के दूषित जल को निजी टैंकरों के माध्यम से सप्लाई किया जा रहा है? यदि हाँ, तो इसकी रोकथाम के क्या उपाए किए जा रहे हैं?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) भानपुर खंती के आसपास स्थित हैण्ड पंप/नलकूप का जल परीक्षण वर्ष 2015 एवं वर्ष 2016 में किया गया। जल परीक्षण की रिपोर्ट की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। जी हाँ। रिपोर्ट की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) उक्त क्षेत्र में नागरिकों के पेयजल का मुख्य स्त्रोत नर्मदा जल है। नगर निगम उक्त सम्पूर्ण क्षेत्र में नर्मदा जल वितरण नलिकाओं के माध्यम से उपलब्ध करा रहा है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी नहीं। निजी नलकूपों से दूषित जल का निजी टैंकरों के माध्यम से सप्लाई की जानकारी नगर निगम को नहीं मिली है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
मुख्यमंत्री कन्यादान योजनांतर्गत कराये गये विवाहों की जाँच
[नगरीय विकास एवं आवास]
22. ( *क्र. 1970 ) श्रीमती उमादेवी लालचंद खटीक : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नगर परिषद हिण्डोरिया जिला दमोह में वर्ष 2010-11 से प्रश्न दिनांक तक मुख्यमंत्री कन्यादान योजनान्तर्गत कितने विवाह कराये गये? (ख) क्या मुख्यमंत्री कन्यादान योजना में विवाहितों जिनके 2-2, 3-3 बच्चे हैं, उनकी भी शादियां कराई गईं? क्या इनकी जाँच समिति बनाकर कराई जाकर दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही कराना सुनिश्चित करायेंगे?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) वर्ष 2010-11 से प्रश्न दिनांक तक 740 विवाह मुख्य मंत्री कन्यादान योजनांतर्गत कराये गये। (ख) जी नहीं। शेषांश प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
दोषी सचिव के विरूद्ध कार्यवाही
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
23. ( *क्र. 4708 ) श्रीमती शीला त्यागी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सी.एम. हेल्प लाईन के शिकायत क्र. 1169148, दिनांक 13-08-2015 की जाँच मुख्य कार्यपालन अधिकारी गंगेव से कराई गई, जिसमें सचिव को दोषी पाया गया, फलस्वरूप जिला पंचायत रीवा के पत्र क्र. 5661 रीवा दिनांक 14-01-2016 द्वारा दोषी पर कार्यवाही हुई। उक्त पत्र का पालन हुआ की नहीं, नहीं तो क्यों, कौन दोषी है। (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो उक्त सचिव के पदस्थापना अवधि में कितने कार्य कराये गये। क्या कार्यों के न होने के बावजूद भी स्वीकृत राशि आहरित कर ली गई। क्या उक्त कार्यों की जाँच उच्चस्तरीय समिति गठित कर करायेंगे तथा दोषी के विरूद्ध एफ.आई.आर. दर्ज की जायेगी। (ग) यदि प्रश्नांश (क) एवं (ख) हाँ तो उक्त सचिव से आहरित राशि की वसूली कराकर दोषी के विरूद्ध दण्डात्मक कार्यवाही कब तक की जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
महाविद्यालयों में रिक्त पदों की पूर्ति
[उच्च शिक्षा]
24. ( *क्र. 3697 ) श्री गोपालसिंह चौहान (डग्गी राजा) : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्रांतर्गत आने वाले महाविद्यालयों में प्राचार्य सहित प्राध्यापकों एवं कार्यालयीन स्टॉफ के पद लंबे समय से खाली हैं? क्या इन महाविद्यालयों में छात्र/छात्राओं की संख्या 700 से अधिक है? (ख) इन दोनों महाविद्यालयों में रिक्त पदों की पूर्ति कब तक कर दी जावेगी।
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी हाँ। क्षेत्रांतर्गत शासकीय महाविद्यालय चंदेरी तथा ईसागढ़ में शैक्षणिक एवं अशैक्षणिक संवर्ग में स्वीकृत, कार्यरत एवं रिक्त पदों की महाविद्यालयवार, विषयवार एवं तृतीय-चतुर्थ की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। केवल शासकीय माधव महाविद्यालय चन्देरी में छात्र/छात्राओं की कुल संख्या 734 है तथा शासकीय महाविद्यालय ईसागढ़ में छात्र/छात्राओं की संख्या 315 है। (ख) शैक्षणिक रिक्त पदों की पूर्ति हेतु लोक सेवा आयोग से दिनांक 19.02.2016 को विषयवार विज्ञापन जारी किया जा चुका है। लोक सेवा आयोग से चयनित अभ्यर्थियों की सूची प्राप्त होने पर रिक्त पदों की पूर्ति प्राथमिकता के आधार पर की जावेगी। तृतीय संवर्ग में रिक्त पदोन्नति के पदों की पूर्ति स्थानांतरण/पदोन्नति से की जावेगी तथा तृतीय तथा चतुर्थ श्रेणी संवर्ग के स्वीकृत आउट सोर्स के पदों की पूर्ति हेतु दिनांक 05.02.2017 को विज्ञप्ति जारी की गई है। अतः पदों की पूर्ति हेतु निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
अमानगंज में अवैध उत्खनन
[खनिज साधन]
25. ( *क्र. 3289 ) श्री विजयपाल सिंह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पन्ना जिले की तहसील अमानगंज के ग्राम भरकुआ में श्री नरेन्द्र बागरी निवासी फुलदरी के नाम के किसी व्यक्ति का खदान एवं क्रशर यूनिट स्वीकृत एवं संचालित है? (ख) यदि हाँ, तो इस क्रशर यूनिट एवं खदान के संबंध के संचालन की म.प्र. प्रदूषण नियंत्रक बोर्ड सागर की अनुमति/अनापत्ति किस आदेश क्र. एवं दिनांक से जारी हुई? क्या बिना पर्यावरण विभाग के अनुमति के क्रशर एवं खदान संचालन का कार्य प्रारंभ किया जा सकता है? (ग) यदि नहीं, तो ग्राम भरकुआ के निवासियों द्वारा अवैध उत्खनन एवं क्रशर संचालन बन्द करने के लिये दिये गये आवेदन दिनांक 30.02.2017 पर प्रशासन द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? (घ) यदि क्रशर यूनिट बिना पर्यावरण की अनुमति/अनापत्ति के संचालित हैं तो उसके लिये कौन दोषी हैं? अवैध रूप से संचालित क्रशर यूनिट संचालक एवं दोषी अधिकारियों के विरूद्ध कब तक कार्यवाही करेंगे?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी हाँ। प्रश्नाधीन क्षेत्र में प्रश्नाधीन व्यक्ति के नाम क्रशर द्वारा गिट्टी निर्माण हेतु पत्थर खनिज का उत्खनिपट्टा स्वीकृत है। वर्तमान में स्वीकृत खदान एवं क्रशर संचालित नहीं है। (ख) प्रश्नाधीन क्रशर यूनिट को मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा पत्र क्रमांक 3845, 3846 दिनांक 06.03.2014 को जल एवं वायु सम्मति तथा सिया द्वारा पर्यावरण स्वीकृति दिनांक 17.05.2013 से प्राप्त हुई थी। मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा दी गई सम्मति की वैधता दिनांक 15.07.2016 तक थी। जी नहीं। (ग) प्रश्नानुसार प्राप्त शिकायत की जाँच राजस्व एवं खनिज विभाग द्वारा की गई। जिसमें क्रशर तथा मौके पर उत्खनन कार्य संचालित होना नहीं पाया गया। मौके पर पूर्व में उत्खनन कार्य किया जाना पाया गया। (घ) प्रश्नांश (ग) में दिये उत्तर अनुसार क्रशर यूनिट संचालित नहीं है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
भाग-2
नियम
46
(2) के
अंतर्गत
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
के रुप में
परिवर्तित
तारांकित
प्रश्नोत्तर
आलोट
महाविद्यालय
में विज्ञान
संकाय प्रारंभ
करना
[उच्च शिक्षा]
1. ( क्र. 66 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जनवरी २०१६ में माननीय मुख्यमंत्री जी ने आलोट महाविद्यालय में विज्ञान संकाय प्रारंभ करने की घोषणा की थी? विभाग ने उक्त घोषणा के अमल पर अब तक क्या कार्यवाही की? (ख) क्या एक वर्ष बीत जाने के बाद भी महाविद्यालय में विज्ञान संकाय के टीचर्स नहीं आये व विज्ञान संकाय प्रारंभ नहीं किया गया? यदि हाँ, तो क्या कारण है? (ग) माननीय मुख्यमंत्री जी की घोषणा पर कब तक पूर्ण अमल होगा? घोषणा पालन में देरी के लिए कौन जिम्मेदार है? उन पर क्या कार्यवाही की गई?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी हाँ। आलोट महाविद्यालय में विज्ञान संकाय प्रारंभ करने की अनुमति मध्यप्रदेश शासन, उच्च शिक्षा विभाग, मंत्रालय के आदेश क्रमांक एफ 23-1/2016/38-2, दिनांक 07.09.2016 के द्वारा प्रदान की गई है, जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) विज्ञान संकाय में वर्तमान में कोई भी छात्र/छात्राओं ने प्रवेश नहीं लिया है, इस कारण टीचर्स की नियुक्ति नहीं की गई है। (ग) प्रश्नांश 'क' एवं 'ख' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मध्यान्ह भोजन पकाने हेतु गैस कनेक्शन
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
2. ( क्र. 108 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासकीय शालाओं में स्व-सहायता समूह द्वारा लकड़ी जलाकर चूल्हों पर मध्यान्ह भोजन पकाया जाता हैं? (ख) क्या शालाओं में चूल्हों के धुएं से प्रदूषण होता है? (ग) यदि हाँ, तो क्या शासन इन समूहों को गैस कनेक्शन प्रदाय करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? (घ) यदि नहीं, तो क्या समूहों के लिये गैस कनेक्शन लेने की अनिवार्यता की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) रसोई गैस एवं जलाऊ लकड़ी से भोजन पकाया जाता है। (ख) चूल्हों में लकड़ी जलाने पर धुएं से वायु प्रदूषित होती है। (ग) उपलब्ध वित्तीय संसाधनों से 32850 गैस कनेक्शन हेतु राशि जारी की गई है। (घ) वर्तमान में कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।
स्व रोजगार योजना अंतर्गत ऋण के लक्ष्य का निर्धारण
[सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम]
3. ( क्र. 109 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या राज्यमंत्री, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या उद्योग विभाग द्वारा बैंकों को लक्ष्यों के अनुसार स्वरोजगार योजना के अंतर्गत ऋण प्रकरण भेजे जाते हैं? (ख) यदि हाँ, तो पनागर विधानसभा के अंतर्गत विकासखंड पनागर एवं बरेला में गत ३ वर्षों के बैंकवार लक्ष्य एवं पूर्ति की जानकारी देवें?
राज्यमंत्री, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम ( श्री संजय पाठक ) : (क) जी हाँ। (ख) विकासखण्ड पनागर एवं बरेला में गत 3 वर्षों में तैयार बैंकवार लक्ष्य एवं पूर्ति की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
ग्राम वन समितियों की भूमिका एवं कार्य
[वन]
4. ( क्र. 126 ) श्री हितेन्द्र सिंह ध्यान सिंह सोलंकी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खरगोन जिले में वन विभाग द्वारा विगत ५ वर्षों में कहां-कहां वन समिति बनाई गई है व इसमें कौन-कौन से व्यक्तियों को शामिल किया गया है? उसकी सूची दी जाये। (ख) प्रश्नांश के सन्दर्भ में ग्रामवन समिति को विगत ५ वर्षों में बड़वाह विधान सभा क्षेत्र में क्या-क्या कार्य कराये गए हैं उस पर कितना-कितना खर्च हुआ समितिवार बतावें। इन कार्यों का भूमिपूजन किस प्रतिनिधि द्वारा कराया गया, यदि नहीं, तो क्यों नहीं कराया गया। (ग) बड़वाह वन विभाग में किन-किन मदों में कितनी कितनी राशि से क्षेत्रों के विभिन्न मदों में क्या-क्या कार्य जनता एवं वन सुरक्षा हेतु किए गए? जनता एव वनों की सुरक्षा हेतु क्रय की गई सामग्री विगत ५ वर्षों में कहाँ-कहाँ से क्रय की गई? सामग्री क्रय की निविदा की प्रति देवें। क्या व्यय की गई सामग्री पर वन समिति से ठहराव प्रस्ताव प्राप्त किया गया है? यदि हाँ, तो प्रस्ताव की कॉपी दी जावे। (घ) निर्माण अथवा किसी प्रकार के भुगतान में समिति की क्या भूमिका होती है? बड़वाह मंडल में ऐसे कितने प्रकरण हैं जिसमे बिना समिति के अथवा भूमिका के सामग्री क्रय कर ली गई अथवा कोई निर्माण कर लिया गया है, उसकी सूची देवें।
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) खरगोन जिले में वन विभाग द्वारा विगत 5 वर्षों में खरगोन वन मण्डल में 35 एवं बड़वाह वनमंडल में 32 वन समिति बनाई गई हैं जिनमें मध्यप्रदेश राजपत्र दिनांक 22.10.2001 के संकल्प के बिन्दु 6 के अनुसार उपरोक्त अवधि में गठित वन समितियों के कार्यकारिणी की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में बड़वाह विधान सभा क्षेत्र में ग्राम वन समिति के द्वारा विगत 5 वर्ष में वन सुरक्षा कार्य कराये गये हैं। वन सुरक्षा कार्य पर रूपये 5,97,295/- व्यय हुए हैं। समितिवार किए गए व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। सुरक्षा कार्य हेतु भूमिपूजन आवश्यक नहीं है। (ग) बड़वाह वनमंडल अन्तर्गत वनसुरक्षा मद में ग्राम वन समितियों के माध्यम से वन सुरक्षा कार्य किए गए हैं। जनता एवं वनों की सुरक्षा हेतु समितियों के माध्यम से विगत पाँच वर्षों में कोई सामग्री क्रय नहीं की गयी है। शेष प्रश्नांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (घ) निर्माण अथवा किसी प्रकार के भुगतान में मध्यप्रदेश शासन वन विभाग, मंत्रालय, वल्लभ भवन, भोपाल के आदेश क्रमांक/एफ 16-4/1991/10-2, दिनांक 19.05.2014 के बिन्दु क्रमांक-05 (ब) अनुसार समिति के खाते की राशि समिति द्वारा स्वयं अर्जित राशि होती है। अत: इस राशि का आहरण संबंधित संयुक्त वन प्रबंधन समिति के अध्यक्ष एवं सचिव के संयुक्त हस्ताक्षर से किया जाता है। समिति के खाते की राशि का आहरण आम सभा में लिये गये निर्णय अनुसार किये गये कार्यों के भुगतान हेतु किया जाता है। आम सभा की बैठक में संबंधित वन क्षेत्र में प्रभारी वनरक्षक/वनपाल एवं पदेन सदस्य की उपस्थिति अनिवार्य होगी, पत्र की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। बड़वाह वनमंडल में ऐसा कोई प्रकरण नहीं है जिसमें बिना समिति के अथवा भूमिका के सामग्री क्रय कर ली गई अथवा कोई निर्माण कर लिया गया है।
बड़वाह उद्योग विभाग की भूमि पर स्थापित कारखानों की स्थिति
[सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम]
5. ( क्र. 161 ) श्री हितेन्द्र सिंह ध्यान सिंह सोलंकी : क्या राज्यमंत्री, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र, बड़वाह में निजी व्यवसायियों को उद्योग स्थापित करने के लिये शासन द्वारा कितनी भूमि उपलब्ध कराई गई है? उसका सर्वे नंबर रकबा सहित सम्पूर्ण जानकारी दी जावे। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार उपलब्ध कराई गई भूमि पर शासन द्वारा कितने उद्योगों को कितनी-कितनी (स्केअर फीट सहित) भूमि कब-कब दी गई वर्षवार, तिथिवार जानकारी दी जावे। उद्योग मालिकों द्वारा कब उद्योग प्रारम्भ किया गया? किस वस्तु का निर्माण किया जा रहा है? उद्योग की जानकारी के साथ ही मालिकों की जानकारी दी जावे। उद्योग संचालित किये जा रहे हैं तो पिछले एक वर्ष की प्रतिमाह विद्युत व्यय की जानकारी दी जावे? (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुसार जिन उद्योगपतियों को भूमि आवंटित की गई है उनके द्वारा क्या वर्तमान में उद्योगों का संचालन किया जा रहा है? क्या जिस उद्देश्य से दिया गया है वे ही उपयोग कर रहे हैं। यदि नहीं, तो उद्योग कब से बंद है? इन बंद उद्योगों को शासन द्वारा भूमि रिक्त कराये जाने के क्या प्रावधान हैं? कितने व्यवसायियों को सूचना-पत्र जारी कर भूमि रिक्त कराने के प्रकरण सामने आये हैं? कितने प्रक्रियाधीन हैं?
राज्यमंत्री, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम ( श्री संजय पाठक ) : (क) विधानसभा क्षेत्र बड़वाह में औद्योगिक क्षेत्रों की स्थापना हेतु शासन द्वारा उपलब्ध कराई गई भूमि का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) औद्योगिक क्षेत्र नर्मदा रोड बड़वाह में जिन इकाइयों को भूमि आंवटित की गई है, उनकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। औद्योगिक क्षेत्र सिरलाय में जिन इकाइयों को भूमि आंवटित की गई है, उनकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। विभाग द्वारा इकाइयाँ के प्रतिमाह विद्युत व्यय की जानकारी संधारित नहीं की जाती है। (ग) औद्योगिक क्षेत्र नर्मदा रोड बड़वाह में बंद इकाइयाँ तथा की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार है। औद्योगिक क्षेत्र सिरलाय में बंद इकाइयों तथा की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ई अनुसार है।
कालोनाईजर द्वारा विकसित कॉलोनी
[नगरीय विकास एवं आवास]
6. ( क्र. 193 ) श्री कैलाश चावला : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नीमच जिले के मनासा विधानसभा क्षेत्र के मनासा नगर के आस-पास 8 किलोमीटर क्षेत्र में विगत 15 वर्षों से कितनी कालोनियों का निर्माण किस-किस कालोनाईजर द्वारा किया गया। (1) कालोनाईजर का नाम (2) कालोनी का क्षेत्रफल (3) कालोनाईजर का लायसेंस नम्बर (4) नगर एवं ग्रामीण निवेश से प्राप्त अनुमति (5) डायर्वसन की तारीख बतावें। (ख) उक्त कालोनाईजर द्वारा कालोनी विकास के टीएनसी एवं कालोनाईजर लायसेंस देते समय की विकास की शर्तों का क्या पूर्ण पालन किया गया है? (ग) क्या उक्त कालोनी पूर्ण विकसित की जाकर नगर परिषद् अथवा पंचायत को हैण्डओव्हर कर दी गई है? यदि हाँ, तो दिनांक बतावें। (घ) क्या इन कालोनाईजर द्वारा कालोनी का पूर्ण विकास नहीं किया गया? उनके विकास हेतु बंधक रखे गये प्लाटों को मुक्त कर दिया गया है। यदि हाँ, तो कालोनाईजर की जानकारी प्लाट मुक्त होने की दिनांक से तथा पूर्ण विकसित होने वाले प्रमाण पत्र की दिनांक व छायाप्रति देवें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। (ग) एवं (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
उद्योग स्थापना
[सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम]
7. ( क्र. 265 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या राज्यमंत्री, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन संभाग में किन-किन जिलों में उद्योग स्थापना हेतु उद्योगपतियों के लिये निर्धारित कितने-कितने प्लॉट्स विगत तीन वर्षों से अब तक खाली पड़े हैं? (ख) विगत तीन वर्षों में उक्त प्लॉटों का कितना-कितना प्रीमियम जमा हुआ? जिलेवार ब्यौरा दें. (ग) रतलाम जिले के आलोट क्षेत्र में लघु उद्योग स्थापना क्षेत्र अब तक क्यों नहीं बना? अनुसूचित जाति आरक्षित क्षेत्र की अनदेखी क्यों की जा रही है? कब तक औद्योगिक क्षेत्र स्थापित होगा?
राज्यमंत्री, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम ( श्री संजय पाठक ) : (क) उज्जैन संभाग के जिलों में स्थापित औद्योगिक क्षेत्रों में विगत तीन वर्षों से अब तक खाली पड़े प्लाट्स की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) खाली प्लाटों पर प्रीमियम लिये जाने का कोई प्रावधान नहीं है। (ग) औद्योगिक क्षेत्र की स्थापना क्षेत्रीय निवेश पर्याप्त भूमि की उपलब्धता तथा क्षेत्र की मांग के आधार पर की जाती है। आलोट क्षेत्र में निवेश की संभावना एवं क्षेत्रीय मांग न होने से औद्योगिक क्षेत्र की स्थापना नहीं की गई।
पंचायत सचिव एरियर्स घोटाला
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
8. ( क्र. 284 ) श्री चम्पालाल देवड़ा : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) देवास जिले की बागली जनपद पंचायत में कुल कितने पंचायत सचिव पदस्थ हैं, पंचायत सचिवों के एरियर्स भुगतान की प्रक्रिया क्या है? कौन-कौन अधिकारियों, कर्मचारियों के प्रतिवेदन, गणना, अनुशंसा, हस्ताक्षर से एरियर्स का भुगतान किया जाता है? जनवरी 2014 के बाद कितने सचिवों को एरियर्स भुगतान किया गया है? प्रश्नांकित दिनांक तक सचिव वार जानकारी बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) पंचायत सचिवों के एरियर्स भुगतान के प्रावधान क्या हैं? क्या बागली जनपद में जनपद व जिला पंचायत की मिलीभगत से उनके वास्तविक भुगतान से कई गुणा अधिक राशि कमीशन लेकर डाल दी गई है? अगर हाँ तो इस प्रकरण में दोषी अधिकारियों, कर्मचारियों के खिलाफ क्या कार्यवाही की गई, जाँच अधिकारी कौन-कौन थे, जाँच प्रतिवेदन में क्या बताया गया? (ग) क्या विगत कई वर्षों से पंचायत सरपंच, पंच, जनपद प्रतिनिधि का मानदेय व बैठक में दी जाने वाली राशि जनपद के द्वारा नहीं दी गई है व इन सारे मदों की राशि कमीशन प्राप्त कर एरियर्स के रूप में बांट दी गई है, अगर हाँ तो प्रकरण में निष्पक्ष जाँच कब तक की जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जनपद पंचायत बागली की 118 ग्राम पंचायतों में 109 सचिव पदस्थ हैं। एरियर्स की गणना मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत के अधीन उपलब्ध अमले द्वारा की जाती है और परीक्षण उपरान्त स्वीकृति देने के अधिकार मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत को है। जनवरी 2014 के बाद 33 ग्राम पंचायत सचिवों को एरियर्स का भुगतान किया गया है जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार हैं। (ख) एवं (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। जनपद पंचायत बागली में प्रश्नाधीन शासन आदेश दिनांक 24.07.2013 की गलत व्याख्या कर त्रुटिपूर्ण गणना कर कई गुना अधिक राशि का भुगतान एरियर्स के रूप में किया गया है। श्री जितेन्द्र सिंह ठाकुर, मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत बागली के विरूद्ध विभागीय जाँच संस्थित की गई है और उन्हें निलम्बित किया गया है। लिपिक श्री जगदीश शाक्यवार को निलम्बित कर उनके विरूद्ध पुलिस थाना, बागली में एफ.आई.आर. दायर कराई गई है। जनपद पंचायत बागली द्वारा पंचायत पदाधिकारियों को अगस्त 2016 तक की अवधि का मानदेय का भुगतान किया जाना प्रतिवेदित है। विस्तृत जाँच के लिए अपर संचालक (वित्त), पंचायतीराज संचालनालय को निर्देशित किया गया है।
वन ग्रामों में मूलभूत सुविधाएं
[वन]
9. ( क्र. 291 ) श्री जतन उईके : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर संभाग में कुल कितने वन ग्राम हैं? तहसीलवार वन परिक्षेत्र वन ग्रामों की जानकारी देवें? (ख) क्या वन ग्रामों में सड़क, बिजली, पानी इत्यादि जैसी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध हैं? यदि हाँ, तो बतावें नहीं तो कारण सहित जानकारी देवें? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में कौन-कौन से उक्त वन ग्राम प्रश्नांश (ख) में दर्शित सुविधाओं से वंचित हैं और इनके लिए शासन स्तर पर क्या कार्यवाही की जा रही है? (घ) विद्युत विहीन वन ग्रामों में कब तक विद्युत सुविधा उपलब्ध करा दी जायेगी एवं सड़कविहीन वनग्रामों में सड़क मार्ग निर्माण कराकर उन्हें कब तक मुख्यधारा से जोड़ा जायेगा?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) से (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। सुविधा विहीन वनग्रामों में सुविधा प्रदाय हेतु वनमंडल स्तर पर संबंधित विभागों से सम्पर्क स्थापित कर कार्यवाही की जा रही है। (घ) विद्युत एवं सड़क विहीन वनग्रामों में व्यवस्था हेतु वनमंडल स्तर पर विद्युत विभाग एवं लोक निर्माण विभाग से सम्पर्क स्थापित कर कार्यवाही की जा रही है।
वन भूमि पर निर्माण कार्य एवं वृक्षारोपण
[वन]
10. ( क्र. 292 ) श्री जतन उईके : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छिन्दवाड़ा जिले के पांढुर्णा विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत आने वाले वन परिक्षेत्रों में वन विभाग की कितनी वन भूमियां होकर उन पर शासन, विभाग द्वारा वर्तमान वर्ष 2014-15, 2015-16, 2016-17 में क्या-क्या कार्य किये गये हैं? (ख) क्या वन विभाग की उपरोक्त स्थलों पर भूमियां शासन विभाग के संरक्षण में होकर सुरक्षित हैं? क्या इन भूमियों पर किसी प्रकार का अतिक्रमण भी है? यदि हाँ, तो अतिक्रमण रोकने के लिए क्या-क्या कदम उठाए जा रहे हैं? (ग) क्या पिछले तीन वर्षों में उक्त वन भूमि पर भिन्न-भिन्न प्रकार के कार्य कराये गये हैं? यदि हाँ, तो किस-किस प्रकार के कार्य किन-किन स्थानों पर किए गए? (घ) वर्ष 2010-11 से लेकर प्रश्न दिनांक तक वन क्षेत्रों में कार्यों के लिए प्राप्त शासन विभागीय बजट की राशि/व्यय की जानकारी देवें?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। इन भूमियों पर किसी प्रकार का अतिक्रमण नहीं है। (ग) एवं (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
विधायक कप टूर्नामेंट
[खेल और युवा कल्याण]
11. ( क्र. 420 ) श्री भारत सिंह कुशवाह : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रदेश में 2015-16 के विधायक कप टूर्नामेंट में कितने खिलाड़ियों ने भाग लिया? जिलावार संख्या बतावें। (ख) क्या विजेता टीम के खिलाड़ियों को खेल विभाग की तरफ से कोई प्रमाण पत्र दिये गये? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या विधायक कप के विजेता टीम को प्रदेश स्तर पर खिलाने की कोई योजना है? क्या मुख्यमंत्री कप के रूप में टूर्नामेंट की योजना नहीं होना चाहिए? (घ) विधायक कप टूर्नामेंट को विभाग की तरफ से कितनी राशि दी गई है? क्या यह राशि पर्याप्त है?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। (ख) जी नहीं। विजेता टीम के खिलाड़ियों को विभाग द्वारा ट्रॉफी एवं मेडल प्रदाय किए गए थे। (ग) जी नहीं। जी हाँ, मुख्यमंत्री कप के रूप में विगत 02 वर्षों से प्रतियोगिता का आयोजन विभाग द्वारा किया जा रहा है। (घ) प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र को विधायक कप के आयोजन हेतु राशि रू. 30,000/- का आवंटन प्रदान किया गया था। जी हाँ।
दिये गये ज्ञापन
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
12. ( क्र. 422 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पिछले 2 वर्षों में प्रदेश के जिला पंचायतों व जनपद पंचायतों के अध्यक्ष, सदस्यों ने तथा सरपंचों व सचिवों ने कितने-कितने ज्ञापन कब-कब कहाँ-कहाँ अपनी मांगों को लेकर दिये उन पर शासन ने क्या आश्वासन दिये एवं क्या कार्यवाही की गई? (ख) भारत शासन एवं म.प्र. शासन ने संविधान में संशोधन कर जो अधिकार पंचायतों को दिये थे, इनकों प्रभावित करते हुये कब-कब और क्या-क्या शासकीय आदेश शासन ने किये? जिसे लेकर पंचायतों के प्रतिलिपियां देते हुये बतायें कि ऐसे संशोधित आदेश जारी करने का क्या कारण है? (ग) उपरोक्त प्रश्नों के संदर्भ में जो मांगे पंचायतों के निर्वाचित प्रतिनिधियों की है, क्या उनकी मांगे पूरी कर ली गई है? कौन-कौन सी मांगे लंबित है? कौन सी मांगे किस कारण से जायज नहीं हैं, जिसके कारण उन्हें पूरी नहीं की जा सकती है? विवरण देवें।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) शासन को ज्ञापन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है और दिए गए आश्वासन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ख) मध्यप्रदेश पंचायतराज, स्वराज एवं ग्रामीण स्वराज अधिनियम में ऐसा कोई प्रावधान नहीं किया गया है जिससे पंचायतों के अधिकारी विपरीत रुप से प्रभावित होते हों। (ग) जानकारी उत्तरांश-'क' अनुसार है।
वॉलीबॉल कॉलोनी एवं कस्बारेज कॉलोनी को मुंगावली नगरपालिका में शामिल करना
[नगरीय विकास एवं आवास]
13. ( क्र. 424 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) अशोक नगर जिले के मुंगावली शहर में स्थित वॉलीबॉल कॉलोनी जिसके लिये नगरपालिका मुंगावली ने शामिल करने का निर्णय लिया तथा प्रस्ताव शासन को भेजा है उस प्रस्ताव को शासन कब स्वीकृति देगा ताकि यह कॉलोनी वैध हो सकें तथा वहां के नागरिकों को शासकीय योजनाओं का लाभ मिल सकें? (ख) वॉलीबॉल कॉलोनी जो शहर के मध्य में है, नगरपालिका भवन से लगी हुई है, के कई मतदाताओं के नाम कस्बारेंज ग्राम पंचायत में आते है जिनको कब तक नगरपालिका की मतदाता सूची में जोड़ा जायेगा? (ग) ग्राम पंचायत कस्बारेंज जो कि मुंगावली शहर के चारों ओर फैली हुई है को मुंगावली नगरपालिका में शामिल करने हेतु प्रस्ताव नगरपालिका ने किया है। उस पर कब स्वीकृति मिलेगी व कस्बारेंज ग्राम पंचायत को मुंगावली नगरपालिका में कब तक शामिल किया जायेगा? (घ) इस संबंध में प्रश्नकर्ता ने जो पत्र लिखे उस पर कब तक कार्यवाही की जायेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) माननीय विधायक, मुंगावली श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा की मांग अनुसार मुंगावली जिला-अशोकनगर की पालीवाल कॉलोनी की मुंगावली नगर परिषद् में शामिल करने की मांग पर नगर परिषद् मुंगावली द्वारा प्रस्ताव क्रमांक 106 दिनांक 24.09.2016 के अनुसार कलेक्टर अशोकनगर को प्रथम प्रकाशन हेतु दिनांक 23.02.2017 को सीमा वृद्धि हेतु भेजा गया है। (ख) पालीवाल कॉलोनी को नगर परिषद् सीमा में शामिल होने के उपरांत ही उक्त कॉलोनी के मतदाताओं का नगर परिषद् की मतदाता सूची में शामिल किया जा सकेगा। (ग) कलेक्टर, अशोकनगर द्वारा नगर परिषद् मुंगावली का सीमा वृद्धि के प्रस्ताव के प्रथम प्रकाशन की सीमावधि 30 दिवस के पश्चात् कलेक्टर से प्राप्त होने पर शासन द्वारा अंतिम प्रकाशन किया जायेगा। (घ) माननीय विधायक जी का पत्र प्राप्त हुआ था, कलेक्टर अशोकनगर द्वारा नगर परिषद् मुंगावली की सीमा वद्धि समय-सीमा 30 दिवस की अवधि के पश्चात् कलेक्टर से प्राप्त होने पर अंतिम प्रकाशन किया जायेगा।
मेट्रो परियोजना का क्रियान्वयन
[नगरीय विकास एवं आवास]
14. ( क्र. 441 ) श्री बाबूलाल गौर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के तारांकित प्रश्न संख्या 14 (क्र. 9) दिनांक 8.12.2016 में बताया गया था कि भोपाल एवं इंदौर में प्रस्तावित मेट्रो परियोजना का प्रस्ताव भारत सरकार को प्रेषित किया गया है तो प्रेषित करने का दिनांक बताया जाये। (ख) भारत सरकार द्वारा उक्त प्रस्ताव पर अभी तक क्या कार्यवाही की गई है? (ग) मेट्रो रेल परियोजना के क्रियान्वयन हेतु भोपाल एवं इन्दौर में कितनी-कितनी निजी एवं शासकीय भूमि के अधिग्रहण का प्रस्ताव है? (घ) क्या जायका कंपनी द्वारा मेट्रो रेल परियोजना हेतु ऋण देने से इंकार किया गया है? यदि हाँ, तो शासन द्वारा धनराशि की व्यवस्था हेतु क्या कार्यवाही की जा रही है? (ड.) विभाग द्वारा मेट्रो रेल परियोजना के क्रियान्वयन का कार्य कब तक प्रारंभ कर दिया जायेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) भोपाल एवं इंदौर में प्रस्तावित मेट्रो परियोजना का प्रस्ताव भारत सरकार को दिनांक 01-03-2016 को प्रेषित किया गया। (ख) भारत सरकार द्वारा उक्त प्रस्ताव पर की गई कार्यवाही के संबंध में जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) मेट्रो परियोजना के क्रियान्वयन हेतु भोपाल में 32.5 हेक्टेयर शासकीय भूमि एवं इंदौर में 21.43 हेक्टेयर शासकीय भूमि प्राप्त किये जाने का प्रस्ताव है। (घ) भारत सरकार के माध्यम से अवगत कराया गया है कि जायका द्वारा मेट्रो परियोजना हेतु वित्तपोषण करने से इंकार किया गया है। भोपाल एवं इंदौर मेट्रो रेल परियोजना के लिये धन राशि की व्यवस्था के संबंध में भारत सरकार का अंशदान एवं अन्य बाइलैटरल/मल्टीलैटरल एजेंसियों से आर्थिक सहायता प्राप्त करने की कार्यवाही प्रचलित है। (ड.) विभाग द्वारा मेट्रो रेल परियोजनाओं का क्रियान्वयन वित्तीय वर्ष 2017-18 से प्रारंभ किया जाना प्रस्तावित है।
उज्जैन जिले में रेत/पत्थर खदानों की नीलामी
[खनिज साधन]
15. ( क्र. 479 ) श्री सतीश मालवीय : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले में वर्ष जनवरी २०१५ से जनवरी २०१७ तक कितने खनिजों कि लीज़ दी गई और कितनी नीलामी बोली में गौण खनिज की नीलामी की गई? क्या नीलामी की गई रेत खदानों का एग्रीमेंट हुआ है? विवरण विधानसभा एवं फर्म/व्यक्तिवार दिया जाए। (ख) उज्जैन जिले में कितनी रेत खदानों की विगत पाँच वर्षों से आज दिनांक तक नीलामी नहीं हुई है? खदानवार जानकारी उपलब्ध करावें। क्या जिले में अवैध उत्खनन और परिवहन जारी है इससे शासन को करोड़ों रूपए की राजस्व की हानि हुई है? इस ओर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है? (ग) क्या उज्जैन जिले में कई पत्थर की खदानों की लीज़ नियमों के प्रतिकूल दी गई है एवं क्रेशर भी अवैध रुप से संचालित है? कई लीज़ सार्वजनिक स्थलों, जल स्त्रोतों, स्कूल भवन आदि के नजदीक है? यदि ऐसा नहीं है तो सदन को सत्यपित कर अवगत करावें कि एक भी लीज़ सार्वजनिक स्थल के नजदीक नहीं है? सभी लीज़ शासन द्वारा निर्धारित दूरी पर ही है?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रश्नानुसार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं ब अनुसार है। (ख) प्रश्नाधीन जिले में रेत खनिज की 19 खदानों को 05 बार नीलामी में रखा गया था। परन्तु इन खदानों पर कोई भी बोलीदार द्वारा बोली नहीं लगाने से यह खदानें वर्तमान में नीलामी हेतु शेष है। प्रश्नानुसार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स में दर्शित है। जिले में खनिजों के अवैध उत्खनन एवं परिवहन के प्रकरण प्रकाश में आने पर उसके विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जाती है। वर्ष 2015-16 में अवैध उत्खनन के 16 एवं अवैध परिवहन के 307 प्रकरण प्रकाश में आये थे। जिसमें नियमानुसार रूपये 54.89 लाख का अर्थदण्ड वसूल किया गया है। इसी प्रकार वर्ष 2016-17 में (जनवरी 2017 तक) अवैध उत्खनन के 22 एवं अवैध परिवहन के 176 प्रकरण प्रकाश में आये हैं। जिसमें रूपये 38.580 लाख का अर्थदण्ड वसूल किया गया है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। लीज स्वीकृति के पूर्व मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 के प्रावधान अनुसार विभिन्न विभागों से जानकारी प्राप्त कर क्रेशर द्वारा गिट्टी निर्माण हेतु पत्थर खनिज का उत्खनिपट्टा स्वीकृत किया गया है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
घट्टीया विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत निर्माणाधीन सड़कें
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
16. ( क्र. 480 ) श्री सतीश मालवीय : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत घटि्टया विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत कितनी सड़कें निर्माणाधीन हैं? उनकी वर्तमान में क्या स्थिति है? कितनी सड़कें पूर्ण हो चुकी है? कितनी सड़कें प्रगतिरत हैं एवं कितनी सड़कों पर कार्य प्रारंभ होने के बाद बंद हैं? (ख) निर्माणाधीन प्रधानमंत्री सड़कों की गुणवत्ता के सम्बंध में उच्च स्तरीय अधिकारी द्वारा सड़कों का कब-कब निरीक्षण किया गया है? उनमें क्या-क्या कमियां पाई गई? सड़कवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) क्या घटि्टया विधानसभा क्षेत्र की निर्माणाधीन सड़क गुणवत्ताहीन बनाई जा रही है? क्या उक्त निर्माणाधीन सड़कों की जाँच राज्य स्तरीय समिति से की गई? यदि हाँ, तो कब-कब? सड़कवार जानकारी उपलब्ध करावें।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) निर्माणाधीन सड़कों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। 78 सड़कों का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है। कोई कार्य बंद नहीं है। (ख) निर्माणाधीन सड़कों की गुणवत्ता का निरीक्षण स्टेट क्वालिटी मॉनीटर द्वारा किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) निरीक्षण पर पाई गुणवत्ता संतोषजनक है। कमियों का समाधान कराया जाता है। राज्य स्तरीय समिति बनाकर जाँच कराने की आवश्यकता उत्पन्न नहीं हुई है।
स्वच्छता अभियान पर व्यय राशि
[नगरीय विकास एवं आवास]
17. ( क्र. 570 ) श्री तरूण भनोत : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नगर निगम जबलपुर द्वारा वर्ष 2016 में चलाये गये स्वच्छता अभियान के प्रचार-प्रसार में 01 जनवरी 2016 से प्रश्न दिनांक तक कितना व्यय किया गया? जानकारी शासन के द्वारा प्राप्त आवंटन की राशिवार बताई जावे? (ख) वर्णित (क) की संस्था के स्वच्छता अभियान के तहत क्या-क्या कार्य कितनी-कितनी राशि के कराये गये? जानकारी आयटमवार, मदवार राशिवार पृथक-पृथक रूप से देवें?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) नगर निगम जबलपुर द्वारा दिनांक 01-01-2016 से प्रश्नांश दिनांक तक 62,25,566.00 प्रचार-प्रसार में व्यय किये गये। राज्य शासन द्वारा स्वच्छ भारत मिशन अंतर्गत 47,56,300.00 अनुदान प्रदान किया गया है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को उपयंत्री पद के कार्यभार से मुक्त कराना
[नगरीय विकास एवं आवास]
18. ( क्र. 571 ) श्री तरूण भनोत : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नगर निगम में उपयंत्री पद का कार्यभार देने के नियम क्या हैं? किस श्रेणी एवं पद के कर्मचारी को उपयंत्री पद का कार्यभार शासन के नियमानुसार दिया जा सकता है? (ख) जबलपुर नगर-निगम में विभागवार, संभागवार, कौन-कौन से दैनिक वेतनभोगी चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी एवं निचले पदों पर कार्यरत किन-किन पदों के कर्मचारी उपयंत्री का कार्य कर रहे है? नाम, पद अवधि स्थान/संभागवार सहित जानकारी देवें? (ग) वर्णित (ख) की संस्था में नियम विरूद्ध दैनिक वेतन भोगी चतुर्थ श्रेणी, वैक्सीनेटर आदि पदों के कर्मचारियों को उपयंत्री पद से कब तक हटाया जावेगा ताकि नं. 1 शहर में गुणवत्तापूर्ण कार्य हो सके?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) उपयंत्री पद का प्रभार शैक्षणिक योग्यता डिग्री/डिप्लोमाधारी कर्मचारी को पूर्णत: अस्थायी रूप से कार्य की आवश्यकता के अनुसार दिया जा सकता है। (ख) वर्तमान में दैनिक वेतन भोगी/चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी, प्रभारी उपयंत्री का कार्य नहीं कर रहे हैं। एक मात्र दैनिक वेतन कर्मचारी, श्री पवन श्रीवास्तव की नियुक्ति माननीय उच्च न्यायालय के द्वारा सिविल अपील क्रमांक 5023 वर्ष 1999 में पारित निर्णय दिनांक 13.09.1999 के परिपालन में कार्यालयीन आदेश दिनांक 05.10.1999 के अनुसार प्रभारी उपयंत्री के रूप में दैनिक वेतन भोगी कार्यरत हैं। उपयंत्री दैनिक वेतन भोगी के पद पर होने से जबलपुर नगर निगम के संभाग क्रमांक-13 में कार्यरत हैं। (ग) माननीय उच्च न्यायालय के आदेशानुसार प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित श्री पवन श्रीवास्तव को छोड़कर नगर पालिक निगम, जबलपुर में नियम विरूद्ध दैनिक वेतन भोगी/चतुर्थ श्रेणी/वेक्सीनेटर आदि पदों के कर्मचारी प्रभारी उपयंत्री पद पर कार्यरत नहीं हैं।
महाविद्यालय के रिक्त पदों की पूर्ति
[उच्च शिक्षा]
19. ( क्र. 738 ) श्री रामकिशन पटेल : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रायसेन जिले अंतर्गत शासकीय महाविद्यालय बरेली एवं शासकीय महाविद्यालय उदयपुरा में स्वीकृत पद संरचना के विरूद्ध रिक्त पदों की पूर्ति हेतु प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? क्या शासकीय महाविद्यालय उदयपुरा में केवल एक ही सहायक प्राध्यापक कार्यरत है और वह भी प्राचार्य के प्रभार में हैं? शेष सभी संकाय के विषयों पर अतिथि विद्वानों से अध्ययन कार्य कराया जा रहा है, जिसमें अनुभवी सहायक प्राध्यापक नहीं होने से छात्र-छात्राओं का अध्ययन कार्य प्रभावित होता है? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या विगत कई वर्षों से उक्त महाविद्यालय में प्रभारी प्राचार्य होने से कॉलेज प्रबंधन का कार्य भी प्रभावित हो गया है? महाविद्यालय में न तो सुव्यवस्थित लायब्रेरी, प्रयोगशाला, रंगाई-पुताई कार्य, जनभागीदारी से होने वाले विकास कार्यों की स्थिति वर्तमान में नगण्य है? (ग) यदि हाँ, तो क्या शासन द्वारा उक्त महाविद्यालयीन गतिविधियों के सुचारू संचालन के लिये स्थाई प्राचार्य अथवा अन्य किसी सहायक प्राध्यापक को प्रभारी प्राचार्य बनाया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) उक्त महाविद्यालय के शैक्षणिक संवर्ग के रिक्त पदों की पूर्ति हेतु लोक सेवा आयोग से दिनांक 19.02.2016 को विज्ञापन जारी हो चुका है तथा तृतीय एवं चतुर्थ वर्ग के आउट सोर्स के रिक्त पदों की पूर्ति हेतु विज्ञप्ति दैनिक समाचार-पत्रों में दिनांक 30.11.2016 एवं 05.02.2017 को प्रकाशित हो चुकी है। जी हाँ। जी नहीं। (ख) जी नहीं। महाविद्यालय में लायब्रेरी, प्रयोगशाला सुव्यवस्थित है एवं रंगाई-पुताई का कार्य इसी माह फरवरी-2017 में लोक निर्माण विभाग से पूर्ण कराया जा चुका है। (ग) प्रश्नांश 'ख' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
समग्र स्वच्छता अभियान में अनियमितता
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
20. ( क्र. 739 ) श्री रामकिशन पटेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) समग्र स्वच्छता अभियान अन्तर्गत रायसेन जिले के उदयपुरा विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2011 से शौचालय निर्माण हेतु प्रश्न दिनांक तक कितनी राशि व्यय की गई? (ख) बाड़ी एवं उदयपुरा विकासखण्ड के तहत वर्ष 2011 से 2016 तक शासन की राशि का दुरूपयोग/अनियमितताएं की गई और वसूली हेतु नोटिस दिये गये? उनके नाम सहित विवरण दें? (ग) ब्लॉक समन्वयकों ने वर्ष 2011 से 2016 तक मानीटरिंग सही ढंग से क्यों नहीं की? शासन की राशि के गबन में शामिल अधिकारियों के विरूद्ध कठोर कार्यवाही न करने के अब तक क्या कारण रहे?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) प्रश्नाधीन अवधि में शौचालय निर्माण के लिए जनपद पंचायत उदयपुरा की 68 ग्राम पंचायतों में 10072 शौचालयों के लिए प्रोत्साहन राशि रूपये 886.14 लाख तथा जनपद पंचायत बाडी में 75 ग्राम पंचायतों में 4725 शौचालयों के निर्माण के लिए प्रोत्साहन राशि रूपये 355.85 लाख जारी की गई। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर में वर्णित राशि में से रूपये 3.55 लाख के दुरूपयोग के लिए अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व), बरेली में ग्राम पंचायत सांईखेडा के सरपंच श्रीमती बसंतीबाई लोधी तथा श्री जगदीश प्रसाद लोधी और सचिव श्री महेश लोधी एवं श्री दुर्गा प्रसाद लोधी से वसूली के लिए प्रकरण संस्थित किया गया है। (ग) सतत् मॉनिटरिंग से प्रश्नांश (क) के उत्तर में उल्लेखित शौचालयों का निर्माण संभव हो सका है। धनराशि के दुरूपयोग के प्रकरण में प्रश्नांश (ख) के उत्तर में उल्लेखित कार्रवाई की गई है।
ग्राम पंचायत का नगर पंचायत में उन्नयन
[नगरीय विकास एवं आवास]
21. ( क्र. 808 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मध्यप्रदेश की ऐसी कौन-कौन सी ग्राम पंचायत हैं जिन्हें वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक उन्नयन कर नगर पंचायत का दर्जा दिया गया है? उन्नयन नगर पंचायत का नाम बतावें। (ख) क्या ग्राम पंचायत का उन्नयन कर नगर पंचायत का दर्जा दिये जाने के पश्चात् उक्त नगर में नगर पंचायत भवन निर्माण किये जाने हेतु विभाग द्वारा भवन निर्माण की स्वीकृति प्रदान की गई है? अगर हाँ तो नगरों के नाम बतावें। (ग) देवास जिला अंतर्गत जिन ग्राम पंचायतों का उन्नयन नगर पंचायत में किया गया है क्या उक्त नगर पंचायतों में सेटअप के मान से स्वीकृत पदों पर अधिकारी/कर्मचारी कार्यरत हैं या नहीं? (घ) खातेगांव विधान सभा क्षेत्र की ग्राम पंचायत नेमावर को भी नगर पंचायत का दर्जा प्राप्त हुआ है? उक्त नगर पंचायत द्वारा विभाग को कार्य योजना संबंधी जो प्रस्ताव भेजे है उन पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) मध्यप्रदेश में वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक ग्राम पंचायत का उन्नयन कर 25 नगर परिषद् का गठन किया गया है, उन्नयन नगर परिषद् का नाम जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) प्रश्नांश के खण्ड ''क'' के संदर्भ में ग्राम पंचायत का उन्नयन कर नगर परिषद् का दर्जा दिये जाने के पश्चात् 15 नगर परिषद् को पृथक-पृथक राशि नगर परिषद् भवन निर्माण किये जाने हेतु राशि जारी की गई है। नगरों के नाम जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) देवास जिले अंतर्गत ग्राम पंचायतों का उन्नयन किया गया है, उक्त नगर परिषद् में सेटअप के मान से स्वीकृत पदों पर अधिकारी/कर्मचारी कार्यरत नहीं है। (घ) जी हाँ, नगर परिषद्, नेमावर द्वारा कार्ययोजना संबंधी क्रमश: नगर में विकास कार्य, शमशान घाट निर्माण एवं नर्मदा तट पर घाट सुदृढ़ीकरण एवं सौंदर्यीकरण कार्य हेतु प्राप्त हुये हैं, जो परीक्षणाधीन है।
नर्मदा की सहायक नदियों के क्षेत्रों में सघन वनीकरण
[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]
22. ( क्र. 921 ) श्री मोती कश्यप : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नमामि देवी नर्मदे अभियान अंतर्गत नर्मदा सेवा यात्रा का शुभारंभ किस दिनांक को किसके द्वारा कहाँ से किया गया है और व कितने ठहराव के बाद कहाँ पहुंच गई है और उसका कब समापन होगा तथा क्या उसके उद्देश्य में विभागीय किन्हीं गतिविधियों के माध्यम से नर्मदा नदी की जल समृद्धि और प्रदूषण से मुक्ति सम्मिलित है? (ख) क्या नर्मदा नदी के उद्गम स्थल से राज्य की सीमा तक दोनों दिशाओं में कितने किलोमीटर बहकर संगम करने वाली कोई नदियां हैं, जो नर्मदा के जल को समृद्ध करती है? (ग) क्या विभाग द्वारा नर्मदा जल की समृद्धि की दिशा में प्रश्नांश (ख) सहायक नदियों को जल समृद्ध बनाने की दिशा में विगत किन्हीं वर्षों में वन घनत्वीकरण की कोई योजनाएं बनाई गई हैं और किन जिलों की किन नदियों के कितने किलोमीटर तक कितने वृक्षरोपित किये गये हैं? (घ) क्या विभाग प्रश्नांश (क) उद्देश्य की पूर्ति हेतु आगामी वर्ष में जिला एवं नदीवार किस प्रकार की प्रभारी योजना बनायेगी?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) नर्मदा सेवा यात्रा का शुभारंभ दिनांक 11 दिसम्बर 2016 को मान. मुख्यमंत्री जी, मध्यप्रदेश शासन के द्वारा अमरकंटक से किया गया। 424 ठहराव के बाद दिनांक 21.2.2017 तक जिला धार में पहुंच गई है। यात्रा का समापन दिनांक 11 मई 2017 को है। जल समृद्धि और प्रदूषण से मुक्ति के लिये किये जा रहे कार्यों की जानकारी नर्मदा सेवा यात्रा से जोड़े गये विभिन्न विभागों से संबंधित है। विभागों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर है। (ख) नर्मदा नदी के उद्गम स्थल से राज्य की सीमा तक दोनों दिशाओं में 3127.7 किलो मीटर बहकर संगम करने वाली 85 सहायक नदियां है जो नर्मदा जल को समृद्ध करती है। (ग) नर्मदा जल की समृद्धि की दिशा में प्रश्नांश-ख में सहायक नदियों को जल समृद्ध बनाने की दिशा में विगत वर्षों में वन घनित्वीकरण की विशिष्ट योजना प्रचलित नहीं है। नर्मदा नदी के किनारे स्थित वन क्षेत्रों में जिले की कार्य आयोजना अनुसार नियमित उपचार कार्य ''कार्य आयोजना क्रियान्वयन'' तथा अन्य प्रचलित योजनाओं के अन्तर्गत नियमित वृक्षारोपण कार्य कराया जाता है। विगत वर्षों में 6 जिलों की 17 सहायक नदियों के 14.90 किलो मीटर लंबाई में 1098196 पौधे रोपित किए गए जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (घ) विषय विचाराधीन है।
दिव्यांग व्यक्तियों को पेंशन योजना का लाभ
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
23. ( क्र. 955 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पंचायत एवं सामाजिक कल्याण विभाग अन्तर्गत हरदा जिले में वर्ष 2013-14, 14-15 एवं 15-16 में किस-किस योजनान्तर्गत कितने हितग्राहियों को कौन-कौन सी सहायता उपलब्ध करायी गई है। (ख) हरदा जिले में वर्तमान तक कितने दिव्यांग (विकलांग) व्यक्तियों का पंजीयन विभाग द्वारा किया गया है? (ग) हरदा जिले में पंजीकृत दिव्यांग (विकलांग) व्यक्तियों को विकलांग पेंशन योजना का लाभ विगत एक वर्ष से नहीं दिया जा रहा है, उसका क्या कारण है? (घ) प्रश्नांश (क) अवधि में हरदा जिले में कितने व्यक्तियों/हितग्राहियों द्वारा विभाग को कितने आवेदन अथवा शिकायतें प्राप्त हुई हैं व कितनी शिकायतों का निराकरण विभाग द्वारा किया गया है व शेष शिकायतों का निराकरण कब तक कर दिया जावेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण विभाग जिला हरदा अन्तर्गत 6253 निःशक्तजनों का पंजीयन किया गया। (ग) पंजीकृत निःशक्तजनों में 3225 को पात्रता के अनुसार पेंशन इंदिरा गांधी राष्ट्रीय निःशक्त पेंशन एवं राज्य शासन की सामाजिक सुरक्षा पेंशन का लाभ प्रदाय किया जा रहा है। शेष हितग्राही निर्धारित पात्रता के मापदण्ड में नहीं होने से सहायता राशि का लाभ नहीं दिया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नांश (क) अवधि में किसी भी पात्र हितग्राही के आवेदन पत्र जिले में लंबित नहीं है। आवेदन प्राप्त होने पर पात्रता के आधार पर निराकरण कर लिया जाता है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नवीन गर्ल्स कॉलेज की स्वीकृति
[उच्च शिक्षा]
24. ( क्र. 1029 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या श्योपुर जिले में वर्तमान तक एक ही शासकीय पीजी कालेज संचालित है जबकि जिले में प्रतिवर्ष लगभग 3 हजार छात्राएं इन्टर पास आउट होती है? नतीजन वे कॉलेज शिक्षा से वंचित रह जाती है? (ख) क्या जिलेवासियों द्वारा नवीन गर्ल्स कॉलेज स्वीकृत करने की मांग की जा रही है? (ग) यदि हाँ, तो बतावे कि उक्त कॉलेज की स्थापना के प्रक्रियाधीन प्रस्ताव को स्थाई परियोजना परीक्षण समिति के समक्ष विचारार्थ भेजने में विलंब का कारण व कब तक भेजा जावेगा? (घ) क्या शासन उक्त प्रक्रियाधीन प्रस्ताव को उक्त समिति के समक्ष अविलंब भेजेगा तथा समिति द्वारा लिये गए निर्णय को जिलेवासियों की मांग के अनुरूप परिवर्तित करके इसे बजट में शामिल करेगा व श्योपुर में उक्त कॉलेज स्वीकृत करने के आदेश जारी करेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी हाँ। जी नहीं। वर्ष 2016-17 में श्योपुर जिले में लगभग 1200 छात्राओं ने इण्टर की परीक्षा उत्तीर्ण की थी। शासकीय पी.जी. महाविद्यालय श्योपुर एवं अशासकीय आदर्श महाविद्यालय श्योपुर तथा अशासकीय राजीव गांधी महाविद्यालय बड़ौदा जिला श्योपुर में संचालित है। जहां पर छात्रायें अध्ययन कर सकती हैं। (ख) जी हाँ। (ग) वर्तमान में उपलब्ध सीमित वित्तीय संसाधनों के कारण प्रस्ताव का अनुमोदन सम्भव नहीं है। (घ) प्रश्नांश 'ग' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नवीन महाविद्यालय की स्वीकृति
[उच्च शिक्षा]
25. ( क्र. 1030 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या श्योपुर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत बड़ौदा तहसील मुख्यालय पर वर्तमान में एक भी शासकीय कॉलेज संचालित नहीं हैं, एक मात्र राजीव गांधी अशासकीय महाविद्यालय संचालित है जिसमें शिक्षा महंगी होने के कारण गरीब माता पिता अपने बच्चों को नहीं पढ़ा पाते? (ख) बड़ौदा नगर व क्षेत्र के विद्यार्थीयों के हित में क्या शासन बड़ौदा में नवीन महाविद्यालय प्रारंभ कराने हेतु गंभीरता से विचार करेगा व इस हेतु विभाग से प्रस्ताव तैयार कराकर प्रस्ताव से संबंधित सभी कार्यवाहिया पूर्ण कराने उपरांत इसे बजट में शामिल कर स्वीकृति प्रदान करेगा? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) इस संबंध में प्रश्नकर्ता द्वारा चालू वित्त वर्ष में विभागीय मंत्री को प्रेषित पत्रों पर क्या कार्यवाही की गई?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी हाँ, जी नहीं। बड़ौदा से 25 कि.मी. की दूरी पर शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय श्योपुर स्थित है, जहाँ पर विद्यार्थी अध्ययन कर सकते है। (ख) जी नहीं। वर्तमान में सीमित संसाधनों को दृष्टिगत कर बड़ौदा में नवीन महाविद्यालय की स्थापना किये जाने में कठिनाई है। (ग) प्रश्नकर्ता द्वारा चालू वित्त वर्ष में विभागीय मंत्री जी को प्रेषित पत्र में बड़ौदा में नवीन महाविद्यालय की स्थापना की मांग की गयी है तथा इसे 2016-17 के वार्षिक बजट में शामिल कर स्वीकृत करने का लेख किया गया है, उत्तर प्रश्नांश 'ख' अनुसार है।
जैन कीर्ति स्तम्भ भिण्ड जमीन हस्तांतरण
[नगरीय विकास एवं आवास]
26. ( क्र. 1249 ) श्री नरेन्द्र सिंह कुशवाह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) परिवर्तित तारांकित प्रश्न संख्या 59 (क्र. 649), दिनांक 08.12.2016 जैन महावीर कीर्ति स्तम्भ भिण्ड को जमीन हस्तान्तरण नगर पालिका भिण्ड के संकल्प क्रमांक 53, दिनांक 29.03.1988 सर्वे क्रमांक 324 व 325 व नगर पालिका परिषद् भिण्ड का सम्मेलन क्र. 06 संकल्प क्रमांक 191, दिनांक 28.09.2013 में प्रश्नांश दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? (ख) मध्यप्रदेश राजस्व विभाग मंत्रालय भोपाल का पत्र क्रमांक 1612/2411/2016/सात 2ए, दिनांक 29.08.2016 के अंतर्गत प्रश्नांश दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? (ग) नगर पालिका परिषद् भिण्ड द्वारा जैन महावीर कीर्ति स्तम्भ भिण्ड को जमीन हस्तान्तरण हेतु क्या समस्या है, कब तक निराकरण होगा? विलंब क्यों हो रहा है? (घ) कलेक्टर कार्यालय भिण्ड का पत्र क्र. 1215, दिनांक 11.11.2014 सचिव मध्यप्रदेश शासन नगरीय विकास एवं पर्यावरण विभाग भोपाल को भेजा गया है? यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक समुचित कार्यवाही पूर्ण हो चुकी है? यदि नहीं, तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) मुख्य नगर पालिका अधिकारी, नगर पालिका परिषद्, भिण्ड से पत्र क्रमांक 415, दिनांक 11.11.2014 से मध्यप्रदेश नगर पालिका (अचल संपत्ति अंतरण) नियम, 1996 के अंतर्गत प्रस्ताव प्राप्त हुआ था, जिसमें कार्यवाही की जाकर मध्यप्रदेश नगर पालिका (अचल संपत्ति अंतरण) नियम, 1996 के नियम 7 के अंतर्गत मुख्य नगर पालिका अधिकारी, नगर पालिका भिण्ड को दिनांक 23.01.2015, 24.04.2015 एवं 25.02.2016 स्मरण पत्र भेजे गए थे, परन्तु मुख्य नगर पालिका अधिकारी, नगर पालिका परिषद्, भिण्ड के द्वारा प्रस्ताव संचालनालय को नहीं भेजा गया वर्तमान में मध्यप्रदेश नगर पालिका (अचल संपत्ति अंतरण) नियम, फरवरी 2016 प्रभावशील है, मुख्य नगर पालिका अधिकारी, नगर पालिका परिषद्, भिण्ड को उक्त नियम के तहत प्रस्ताव भेजने हेतु दिनांक 29.02.2016, 08.08.2016, 20.12.2016 को पत्र भेजा गया, मुख्य नगर पालिका अधिकारी, भिण्ड से दिनांक 22.02.2017 को प्रस्ताव प्राप्त हुआ है। (ख) पत्र प्राप्त होने के पश्चात् मुख्य नगर पालिका अधिकारी, नगर पालिका परिषद्, भिण्ड को मध्यप्रदेश नगर पालिका (अचल संपत्ति अंतरण) नियम, फरवरी 2016 के प्रावधानुसार प्रस्ताव भेजने हेतु दिनांक 20.12.2016 को स्मरण-पत्र जारी किया गया, मुख्य नगर पालिका अधिकारी, नगर पालिका परिषद्, भिण्ड से दिनांक 22.02.2017 को प्रस्ताव प्राप्त हुआ। (ग) कोई समस्या नहीं है, मुख्य नगर पालिका अधिकारी, नगर पालिका परिषद्, भिण्ड से दिनांक 22.02.2017 को प्रस्ताव प्राप्त हुआ है, जिसका परीक्षण किया जाकर विधि अनुसार कार्यवाही की जाएगी। (घ) मुख्य नगर पालिका अधिकारी, नगर पालिका परिषद्, भिण्ड से दिनांक 22.02.2017 को प्रस्ताव प्राप्त हुआ है, विधि अनुसार कार्यवाही प्रचलित है।
मुख्यमंत्री/प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
27. ( क्र. 1250 ) श्री नरेन्द्र सिंह कुशवाह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड जिले के अंतर्गत प्रधानमंत्री ग्रामीण विकास परियोजना और मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़क अंतर्गत प्रश्नांश दिनांक को कौन से कार्य निर्माणाधीन हैं? कब तक पूर्ण हो जायेंगे? (ख) भिण्ड विधानसभा के अंतर्गत वर्तमान में कौन से निर्माण कार्य निर्माणाधीन हैं वर्ष 2016 व 2017 में कौन से निर्माण स्वीकृत हो जायेंगे? (ग) किन ग्रामों को जोड़ने के लिए 2016 में क्या प्रयास किए जा रहे हैं? (घ) भिण्ड विधानसभा के अंतर्गत जनसंख्या 500 तक के ग्रामों को अभी तक सड़क मार्ग से नहीं जोड़ा गया है इसके लिए कौन उत्तरदायी है? कब तक जोड़ा जायेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। निर्माणाधीन सड़क निर्माण कार्यों को वर्ष 2017-18 में पूर्ण कराना लक्षित है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। स्वीकृत के लिये कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। (ग) पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- अ एवं ब में उल्लेखित ग्रामों को जोड़ने की कार्यवाही की गई है। (घ) भिण्ड विधानसभा के अंतर्गत वर्ष 2001 की जनगणना के अनुसार जनसंख्या घटते क्रम में 500 तक की जनसंख्या वाले शेष 7 ग्रामों को जोड़ने हेतु कार्य पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब में शामिल है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
निःसंतान दम्पत्ति को कन्या अभिभावक पेंशन की भांती पेंशन का प्रदाय
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
28. ( क्र. 1283 ) श्री दिलीप सिंह शेखावत : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्तमान में 60 वर्ष से अधिक उम्र के ऐसे दम्पत्ति जिनकी संतान मात्र कन्या ही है, ऐसे दम्पत्ति को शासन द्वारा 500/- रूपये प्रतिमाह पेंशन दी जाती है (ख) क्या 60 वर्ष से अधिक उम्र के ऐसे दम्पत्ति जो निःसंतान हैं, जिनका पालन-पोषण करने वाला कोई नहीं होता है एवं शारीरिक रूप से भी शक्त होते हैं, इनके लिये भी क्या शासन कन्या अभिभावक पेंशन की भांती पेंशन देने पर विचार कर रहा है? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो इनका पालन पोषण हेतु क्या योजना है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) 60 वर्ष से अधिक आयु के बी.पी.एल.एवं निराश्रित श्रेणी के हितग्राहियों को राज्य शासन की सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना के अंतर्गत सहायता देने का प्रावधान है। इसके अतिरिक्त भारत शासन की इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना के अंतर्गत भी 60 वर्ष से अधिक आयु के बी.पी.एल. व्यक्तियों को सहायता राशि देने का प्रावधान है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नवीन विकासखण्ड बनाने की प्रक्रिया
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
29. ( क्र. 1284 ) श्री दिलीप सिंह शेखावत : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में विगत 20 वर्षों में कितने नये विकासखण्ड बनाये गये हैं? नये विकासखण्ड बनाने हेतु न्यूनतम एवं अधिकतम कितनी पंचायतों को सम्मिलित किया जाना आवश्यक होता है? (ख) वर्तमान में नये विकासखण्ड बनाये जाने के कितने प्रस्ताव विचाराधीन हैं। राज्य शासन के द्वारा केन्द्रीय शासन को नये विकासखण्ड बनाये जाने के प्रस्ताव कब-कब भेजे गये? पत्र की प्रति उपलब्ध करावें। (ग) वर्ष 2004 से आज तक नागदा को विकासखण्ड बनाने हेतु कई बार बार मांग उठी है? क्या नागदा को विकासखण्ड का दर्जा प्रदान करने हेतु प्रस्ताव केन्द्र शासन को भेजा गया है? यदि हाँ, तो प्रति उपलब्ध करावे, यदि नहीं, भेजा गया है तो कब तक भेज दिया जावेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) नये विकासखण्ड नहीं बनाये गये हैं। विकासखण्ड निर्माण में पंचायतों की संख्या का निर्धारण नहीं है। (ख) एवं (ग) कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं हैं। विगत 02 वर्षों में नवीन विकासखण्ड बनाये जाने के प्रस्ताव केन्द्र शासन को नहीं भेजे गये हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होते है।
ग्राम पंचायत चिन्तौनी के नाला निर्माण में अनियमितता
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
30. ( क्र. 1401 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जनपद पहाड़गढ़ की ग्राम पंचायत चिन्नौनी में वर्ष 2016 में नाला निर्माण हेतु कितनी राशि स्वीकृत हुई उक्त कार्य का एस्टीमेंट कब बनाया? कार्य आदेश कब जारी हुआ? (ख) उक्त निर्माण किस एजेन्सी द्वारा कराया जा रहा हैं? अभी तक कितना कार्य हो चुका हैं? कितने मजदूरों को कितनी राशि भुगतान की गई है? (ग) क्या परिमाल के कुआँ से नदी किनारे तक कई किसानों के स्वामित्व की भूमि में शासकीय निर्माण बिना भूमि के दान पत्र के कराया जा रहा हैं, जो पूर्णत: अवैध है? (घ) उक्त निर्माण में क्या पंचायत से जानकारी ली गई हैं? स्थल का चयन बिना पंचायत की स्वीकृति के किस अधिकारी द्वारा किया गया हैं?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) राशि रू. 22.54 लाख की। प्राक्कलन दिनांक 23.03.2016 को बनाया गया। कार्य आदेश दिनांक 01.04.2016 को जारी हुआ। (ख) ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभाग, मुरैना। लगभग 50 प्रतिशत। 97 मजदूरों को रू. 5,33,321/- का भुगतान किया गया। (ग) प्रश्नाधीन कार्य में 4 किसानो की भूमि आती है जिस पर कार्य कराने हेतु उन्होंने शपथ पत्र पर सहमति दी है। (घ) प्रश्नाधीन स्वीकृति ग्राम पंचायत, चिन्नौनी के ठहराव प्रस्ताव क्र. 09 दिनांक 02.10.2015 तथा जनपद पंचायत के ठहराव प्रस्ताव क्र. 05 दिनांक 28.11.2015 के आधार पर दी गयी है। प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होता है।
प्रधानमंत्री आवास योजना का क्रियान्वयन
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
31. ( क्र. 1434 ) श्री हरवंश राठौर : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत प्रधानमंत्री आवास (ग्रामीण) योजना में लक्ष्य का आवंटन किस प्रक्रिया से किया गया हैं? (ख) प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) का लक्ष्य जो वित्तीय वर्ष 2016-17 में आवंटित किया है, क्या पंचायतों को समान रूप से दिया गया है? पंचायतों की सूची उपलब्ध कराई जावे। (ग) क्या उक्त आवास योजना को आवंटित लक्ष्य अनुसार पंचायतवार समान भाग में हितग्राहियों की पात्रता अनुसार समय-सीमा में आवंटित किए जाने का लक्ष्य निर्धारण किया गया है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के अन्तर्गत पात्र हितग्राहियों का चयन सामाजिक आर्थिक जाति जनगणना-2011 (SECC-2011) में से किया जाना बंधनकारी शर्त है। SECC-2011 का वाचन गत वर्ष ग्रामोदय से भारत उदय अभियान के दौरान ग्राम सभाओं में किया गया है। (ख) जी नहीं। लक्ष्य पंचायतवार निर्धारित नहीं है। (ग) जी नहीं।
हरियाली प्रोजेक्ट के तहत पंचायतों में वृक्षारोपण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
32. ( क्र. 1451 ) श्री प्रताप सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबेरा विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत हरयाली प्रोजेक्ट के तहत् वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक वृक्षारोपण के कौन से कार्य कराये गये? मनरेगा के तहत जिन ग्राम पंचायतों में वृक्षारोपण का कार्य कराया गया, उन ग्राम पंचायतों की नाम तथा स्थान,जहाँ वृक्षारोपण कराया गया है, जनपदवार बतलावें? (ख) प्रश्नांश (क) से संबंधित जिन ग्राम पंचायतों में वृक्षारोपण का कार्य कराया गया, उनमें कितने पौधे किस-किस ग्राम पंचायत में रोपित किये गये? रोपित किये गये पौधे किस नर्सरी अथवा रोपणी से कितनी-कितनी मात्रा में प्राप्त किये गये, जानकारी देवें? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) में जो पौधे लगाये गये हैं, उनमें कितने जीवित हैं और कितने नष्ट हो गये हैं? कितने श्रमिकों से वृक्षारोपण कार्य कराया गया? (घ) श्रमिकों के भुगतान का माध्यम क्या था, नगद/बैंक तथा यह कार्य करने के लिए एजेंसी कौन थी, बतलावें? श्रमिक के भुगतान का माध्यम बैंक था या नगद भुगतान किया गया?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) से (घ) महात्मा गांधी नरेगा के अंतर्गत प्रश्नाधीन अवधि में जबेरा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत वृक्षारोपण का कार्य कराया जाना प्रतिवेदित नहीं है। अतः शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते है।
विधायक निधि से स्वीकृत निर्माण कार्यों का क्रियान्वयन
[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]
33. ( क्र. 1536 ) श्रीमती ममता मीना : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कलेक्टर जिला गुना द्वारा अपने आदेश क्रमांक 3579-3580 दिनांक 21.11.2016 एवं आदेश क्रमांक 3622-3623 दिनांक 23.11.2016 द्वारा ग्राम उपरी में रेल्वे स्टेशन से कुम्भराज रोड तक सी.सी. रोड निर्माण कार्य फेस-1, फेस-2 एवं फेस-3 स्वीकृत कर क्रियान्वयन एजेंसी कार्यपालन यंत्री ग्रामीण यांत्रिकी सेवा को नियत किया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित आदेश की शर्तों का क्या क्रियान्वयन एजेन्सी कार्यपालन यंत्री ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभाग गुना द्वारा पालन किया गया है अथवा नहीं? कारण सहित जानकारी देवें? (ग) प्रश्नांश (क) में वर्णित कार्यों की निविदा प्रक्रिया किस दिनांक को प्रारम्भ की जाकर किस ठेकेदार को कार्यादेश जारी कर कार्य प्रारम्भ किया गया है अथवा नहीं? प्रशासकीय स्वीकृति आदेश प्राप्ति उपरांत कितने दिवस बाद निविदा प्रक्रिया प्रारम्भ की गई हैं, दिनांक सहित जानकारी दें। (घ) प्रश्नांश (ख) एवं (ग) अनुसार निर्धारित प्रक्रिया का पालन न करने वाले दोषी कार्यपालन यंत्री के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) निविदाओं की प्रक्रिया दिनांक 18.1.2017 को प्रारम्भ की गई एवं कार्यादेश जारी नहीं किया गया है। प्रशासकीय स्वीकृति आदेश के उपरान्त 1 माह 27 दिवस में निविदाओं की प्रक्रिया प्रारम्भ की गई। (घ) किसी के दोषी न होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
जनभागीदारी से स्वीकृत कार्यों में अनियमितता
[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]
34. ( क्र. 1537 ) श्रीमती ममता मीना : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अपर कलेक्टर जिला गुना के जाँच प्रतिवेदन दिनांक 22.07.2016 में दोषी पाये गये तत्कालीन सरपंच/सचिव एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत के विरूद्ध लगभग 6 माह का समय व्यतीत हो जाने के उपरांत भी आपराधिक प्रकरण दर्ज क्यों नहीं कराया गया है? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में वर्णित जाँच प्रतिवेदन में सामुदायिक भवन श्री पुरूषोत्तम के कब्जे में होना एवं उपयोग किया जाना पाया गया था? श्री पुरूषोत्तम ग्राम केदारपुरा के विरूद्ध दिनांक 22 जुलाई 2016 से प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई है? अगर भारतीय दण्ड संहिता के अनुसार कार्यवाही नहीं की गई है? तो क्यों नहीं की गई है, कारण स्पष्ट करें। (ग) प्रश्नांश (क) में वर्णित जाँच प्रतिवेदन में जनभागीदारी से स्वीकृत 02 कूप निर्माण कार्य, 03 विद्युत ट्रान्सफॉर्मर एवं रैनबसेरा भवन/सामुदायिक भवन के उपर प्रथम तल निर्माण कार्य निजी भूमियों पर निर्मित किये गये हैं? सांठ-गांठ करने वाले दोषी जिला योजना अधिकारी/सरपंच/सचिव एवं निजि भूमियों के भू-स्वामियों के विरूद्ध किस दिनांक तक आपराधिक प्रकरण दर्ज कराया जावेगा? (घ) क्या 07 निर्माण कार्यों की निजी भूमि मालिक कौन हैं? क्या एक ही व्यक्ति है अथवा एक ही परिवार के? नाम, पिता का नाम एवं पते सहित जानकारी दें?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) अपर कलेक्टर गुंना के जाँच प्रतिवेदन दिनांक 22.7.2016 में दोषी पाये गये तत्कालीन सरपंच ग्राम पंचायत नागनखेड़ी तत्कालीन पंचायत सचिव ग्राम पंचायत नागनखेड़ी को कारण बताओं सूचना पत्र जारी किया गया एवं सुनवाई उपरान्त एफ.आई.आर. दर्ज कराने हेतु पत्र क्रमांक 526, दिनांक 20.2.2017 द्वारा पुलिस अधीक्षक गुना को लिखा गया है एवं तकनीकी अधिकारी के रूप में कार्य करने वाले संबंधित तत्कालीन उपयंत्रियों से राशि वसूलने की कार्यवाही हेतु भी दिनांक 20.2.2017 को पत्र जारी किया जा चुका है। (ख) कलेक्टर, गुना के पत्र क्रमांक 526/जियोसां./2017, दिनांक 20.2.2017 द्वारा पुलिस अधीक्षक गुना को एफ. आई. आर. दर्ज करने हेतु लिखा गया है। (ग) 02 कूप का निर्माण निजी भूमि पर हुआ है। 03 विद्युत ट्रान्सफार्मर में से 01 ट्रान्सफार्मर निजी भूमि में है। शेष दो ट्रान्सफार्मर शासकीय भूमि के आम रास्ते पर है। रैन बसेरा/सामुदायिक भवन भूमि सर्वे क्रमांक 27/2/2 रकबा 0.014 हेक्टर है में निर्मित किये गये है। कलेक्टर गुना के पंत्र क्रमांक 526, दिनांक 20.2.2017 द्वारा संबंधितों पर एफ.आई.आर. दर्ज कराने हेतु पुलिस अधीक्षक गुना को लिखा गया है। (घ) कलेक्टर गुना का प्रतिवेदन दिनांक 23.2.2017 जो कि संलग्न परिशिष्ट पर है। सर्वे क्रमांक 159/1 रकबा 0.558 हेक्टर मजरा हीरापुर में कूप निर्माण हुआ है की भूमि मालिक श्री मांगीलाल पुत्र रामाजाति बंजारा निवासी नागनखेड़ी है एवं सर्वे क्रमांक 1536/1 रकबा 0.836 हेक्टर पृथ्वीपुरा का पुरा में कूप निर्माण हुआ है के भूमि मालिक श्री भरत सिंह पुत्र करण सिंह बंजारा निवासी ग्राम नागनखेड़ी है। मंजरा मकेरा कोलूआ के वार्ड-14 में विद्युत ट्रान्सफार्मर सर्वे क्रमांक 3 रकबा 0.251 हेक्टर पर स्थित इसके भूमि मालिक श्री रामचरण पुत्र चतरया जानकी बाई पुत्र चतरया, अमर सिंह हीरालाल पुत्र वंशी, शांति बाई, विमला बाई पुत्री वंशीलाल कमरी बाई देवा जमना लाल जाति गाडरी निवासी कोलूआं है। रैन बसेरा भवन सर्वे क्रमांक 27/2/2 रकबा 0.014 हेक्टर शासकीय भूमि पर निर्मित है।
विधायक विकास निधि के स्वीकृत निर्माण कार्य
[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]
35. ( क्र. 1560 ) डॉ. कैलाश जाटव : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2013-14 से वर्तमान तक विधानसभा क्षेत्र गोटेगांव में कितने कार्य स्वीकृत किये गये? दिनांक 28.2.2017 की स्थिति में कौन-कौन से कार्य अप्रारंभ, प्रगतिरत एवं पूर्ण थे? प्रश्नांश (क) में स्वीकृत कार्यों में से दिनांक 28.2.2017 की स्थिति में किन-किन कार्यों की राशि खर्च न होने के कारण सरेंडर की गई वर्ष 2013-14 से 28.2.2017 तक की स्थिति में प्रगतिरत एवं अप्रारंभ कार्यों की वर्तमान में क्या स्थिति है? क्या कार्यों को पूर्ण करा लिया गया है तथा ठेकेदारों को भुगतान हो गया है अथवा नहीं? यदि नहीं, तो क्यों? भुगतान न होने की स्थिति में दोषी कौन-कोन है? दोषियों पर क्या कार्यवाही की जा रही है?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) वर्ष 2013-14 से वर्तमान तक विधानसभा क्षेत्र गोटेगांव में 563 कार्य स्वीकृत किये गये। पूर्ण/अपूर्ण/अप्रारम्भ कार्यों की भौतिक स्थिति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के कॉलम-3 में दर्शित है। स्वीकृत कार्यों में से आज दिनांक तक की स्थिति में 02 निर्माण कार्यों को निरस्त किया जाकर राशि शासन के निर्धारित शीर्ष में जमा की गई है। वर्ष 2013-14 से दिनांक 28.2.2017 तक की स्थिति में पूर्ण/प्रगतिरत एवं अप्रारम्भ कार्यों की वर्तमान स्थिति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के कॉलम-3 में उल्लेखित है। सभी पूर्ण कार्यों का भुगतान किये जाने से किसी के विरूद्ध कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
अतिथि विद्वानों संबंधी यू.जी.सी. की गाईडलाइन का परिपालन
[उच्च शिक्षा]
36. ( क्र. 1594 ) श्री मोती कश्यप : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय जबलपुर द्वारा यूनीवर्सिटी ग्रान्ट कमीशन के फरवरी 2010 के अतिथि विद्वानों से संबंधित किन शर्तों सहित प्रभावशील रिवाइज्ड गाईडलाइन के अधीन प्रतिकालखण्ड तथा अधिकतम मानदेय प्रदान करने के निर्देश के विरूद्ध किस दर से प्रदान किया जा रहा है और क्या यह रिवाइज गाईडलाइन का उल्लंघन नहीं है? (ख) क्या प्रश्नांश (क) गाईडलाइन अंतर्गत मानदेय भुगतान के विरूद्ध किये गये भुगतान की अंतर की राशि का भुगतान किसी अवधि तक कराया जाना निर्देशित किया जावेगा? (ग) प्रश्नांश (क) विश्वविद्यालय के किस डिप्टी रजिस्ट्रार द्वारा समाजशास्त्र एवं जनजातीय अध्ययन विभाग के किन अतिथि विद्वानों द्वारा चालू वर्ष में निर्धारित कालखण्डों में किये गये अध्यापन में से किन कालखण्डों एवं मानदेय की कटौती की है और कितने माहों के भुगतान के उपरान्त किन माहों का किन्हीं कारणों से भुगतान लम्बित किया गया है तथा क्यों? (घ) क्या लोकसेवा गारन्टी अधिनियम एवं अन्य कार्यकारी आदेशों के अधीन निर्धारित समयावधि में मानदेय भुगतान एवं आपत्तियों का निराकरण नहीं करने वाले अधिकारियों कर्मचारियों के विरूद्ध कोई दण्डात्मक कार्यवाही की जावेगी। (ड.) क्या अतिथि विद्वानों को सम्मानजनक लोकसेवक का दर्जा प्रदान करने हेतु कोई नियम बनाये जावेंगे।
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी नहीं। राज्य शासन के नियमानुसार रूपये 275/- (प्रतिकाल खण्ड), अधिकतम रूपये 825/- प्रतिदिवस की दर से मानदेय का भुगतान किया जाता है। (ख) प्रश्नांश 'क' के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) विश्वविद्यालय द्वारा समाजशास्त्र एवं जनजातीय अध्ययन विभाग के किसी भी अतिथि विद्वान का चालू वर्ष में निर्धारित कालखण्डों में किये गये अध्यापन में से किसी भी कालखण्ड एवं मानदेय की कटौती नहीं की गई है। अतिथि विद्वान तृप्ति मांझी का माह जनवरी, 2017 का भुगतान प्रक्रिया में है। (घ) एवं (ड.) प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
वृद्धा/विधवा एवं नि:शक्तजन पेंशन
[नगरीय विकास एवं आवास]
37. ( क्र. 1632 ) श्री अंचल सोनकर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जबलपुर नगर निगम सीमा अंतर्गत वृद्धा/विधवा पेंशन के कुल कितने हितग्राहियों को पेंशन का भुगतान नगर निगम जबलपुर द्वारा किया जा रहा है? वृद्ध, विधवा एवं नि:शक्तों की वार्डवार संख्या बतावें। (ख) क्या नगर निगम के अधिकारियों/कर्मचारियों की लापरवाही के कारण अनेकों वृद्धों/विधवाओं एवं नि:शक्तजनों को विगत कई-कई माह से पेंशन का भुगतान नहीं किया जा रहा है जबकि आवेदक द्वारा अपने समस्त दस्तावेज नगर निगम में समय से जमा करा दिये गये हैं? यदि हाँ, तो ऐसे कितने पेंशनधारी हैं जो वर्तमान में पात्र होने के उपरांत भी पेंशन से वंचित हैं? वार्डवार संख्या बतावें। (ग) क्या नगर निगम के अधिकारियों/कर्मचारियों द्वारा पेंशनधारी के खातों, पता एवं जमा दस्तावेजों की समय पर जाँच एवं सत्यापन न करने के कारण प्रश्नांश (क), (ख) के पात्र हितग्राहियों को शासन की महत्वपूर्ण योजना से वंचित होना पड़ रहा है एवं उन्हें लगातार भटकना पड़ता है? क्या शासन ऐसे महत्वपूर्ण योजनाओं में लापरवाही बरतने वाले अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध जाँच कर कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) वार्डवार संख्या की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के संदर्भ में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
मुद्रण एवं स्टेशनरी खरीदी में अनियमितता की जाँच
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
38. ( क्र. 1661 ) श्री शंकर लाल तिवारी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के परि.अता. प्रश्न संख्या 59 (क्रमांक 2804) दिनांक 10 मार्च 2016 की जाँच बी.एस. चंदेल सहायक संचालक वित्त द्वारा की गयी थी तथा इन्होंने अपने प्रतिवेदन में गंभीर वित्तीय अनियमितता होना पाया था? इन्होंने किन अधिकारी/कर्मचारी को वित्तीय अनियमितता का दोषी माना है? प्रतिवेदन दें? (ख) क्या यही जाँच आर.के. शुक्ला संयुक्त आयुक्त रीवा संभाग द्वारा भी की गई है तथा अपना जाँच प्रतिवेदन पत्र क्रमांक/6-विकास/योजना/शिकायत/ 2016/6680 रीवा दिनांक 22.12.2016 द्वारा शासन को प्रेषित किया गया है? (ग) क्या संयुक्त आयुक्त रीवा ने अपने जाँच प्रतिवेदन में माना है कि जिला पंचायत सतना द्वारा विधान सभा को मुद्रण राशि के संबंध में गलत जानकारी दी गयी है वास्तव में 74,52,136.00 रू. का व्यय किया गया था। जाँच प्रतिवेदन की कंडिका 9 में वर्णित संस्था को कार्यालय नियंत्रक शासकीय मुद्रण तथा लेखन सामग्री विभाग भोपाल के पत्र क्र. जी-बी/2 (22) / 2009/6032 भोपाल दिनांक 02.11.2010 द्वारा इस संस्था का पंजीयन निरस्त कर ब्लैक लिस्टेड किया गया है? (घ) यदि प्रश्नांश (क), (ख), (ग) सही है तो मुद्रण घोटाले में सम्मिलित सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों को कब तक निलंबित कर विभागीय जाँच प्रस्तावित कर दी जायेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) श्री बी.एस. चंदेल, सहायक संचालक (वित्त) ने जिला पंचायत सतना में वर्ष 2012-13 से 2015-16 में मुद्रण/सामग्री खरीदी की जाँच का अंतरित प्रतिवेदन दिनांक 19/07/2016 को प्रस्तुत किया है जिसमें क्रय प्रक्रिया तथा आवंटन संबंधी अनियमितताओं का लेख है। जाँच पूर्ण नहीं हुई। किसी अधिकारी/कर्मचारी को दोषी पाने का लेख अंतरिम जाँच प्रतिवेदन में नहीं है। (ख) जी हाँ। (ग) जी हाँ। जी नहीं। (घ) जाँच प्रतिवेदन का परीक्षण किया जा रहा है। परीक्षण उपरान्त युक्तियुक्त कार्रवाई की जाएगी।
सतना में वाटर शेड कार्यों में व्यय राशि
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
39. ( क्र. 1662 ) श्री शंकर लाल तिवारी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या 1 अप्रैल 2016 से 31 दिसंबर 2016 तक सतना में वाटर शेड कार्यों में 50588303.00 रू. व्यय किये गये हैं? क्या सतना में एकीकृत जल ग्रहण क्षेत्र प्रबंधन की 10 परियोजनायें संचालित हैं? प्रशासकीय स्वीकृति अनुसार कराये गये कार्यों का विवरण एवं प्रशासकीय स्वीकृत राशि, व्यय राशि एवं मूल्यांकन की जानकारी दें? (ख) प्रश्नांश (क) की परियोजनाओं द्वारा एकीकृत जल ग्रहण क्षेत्र प्रबंधन समितियों के माध्यम से कराये गये कार्यों के भुगतान के पूर्व गुणवत्ता का परीक्षण एवं भौतिक सत्यापन कब-कब, किस-किस अधिकारी द्वारा किया गया है तथा क्या-क्या अनियमितता पायी गयी है? भौतिक सत्यापन प्रतिवेदन दें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। कोई अनियमितता परिलक्षित नहीं है।
मनरेगा के कार्यों संबंधी निर्देश
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
40. ( क्र. 1684 ) श्री कैलाश चावला : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा दिनांक 01-12-2016 को अपर मुख्य सचिव पंचायत को पत्र लिखकर मनरेगा में दिनांक 24-09-2016 को उज्जैन में आयोजित मीटिंग में जिन कार्यों को करने के निर्देश दिए गए थे, उन निर्देशों से व्यवहारिक कठिनाई उत्पन्न होने व मनरेगा के कार्य बंद होने की स्थिति के संबंध में जो पत्र लिखा गया था उस पर क्या कार्यवाही की गई है? (ख) उक्त निर्देशों का क्या माननीय पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री जी द्वारा अनुमोदन कराया गया है? यदि हाँ, तो दिनांक बतावें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) प्रश्नाधीन पत्र की प्राप्ति की जानकारी अथवा पत्र की प्रति विभाग में उपलब्ध नहीं है। महात्मा गांधी नरेगा के अंतर्गत प्रदेश की 22816 पंचायतों में से वर्तमान में 22632 ग्राम पंचायतों में सामुदायिक कार्य निर्माणाधीन हैं। प्रदेश में दिनांक 25.02.2017 की स्थिति में 10,79,192 मजदूरों के नियोजन के लिए मस्टर जारी हैं। (ख) विभागीय योजनाओं का क्रियान्वयन कराना, उनकी समीक्षा करना और आवश्यकतानुसार निर्देश जारी करना विभागध्यक्ष के क्षेत्राधिकार एवं जिम्मेदारी होने से विभागीय मंत्री के अनुमोदन की आवश्यकता नहीं है। प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होता है।
पेयजल समस्या का निराकरण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
41. ( क्र. 1691 ) श्री कैलाश चावला : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मनासा विधानसभा क्षेत्र के कई ग्राम पंचायत रायसिंगपुरा, ढोढरब्लाक, बरथून, अरनियाढानी आकली ग्राम पंचायत का ग्राम तुमडा में पेयजल समस्या निवारण हेतु ग्राम पंचायत द्वारा गांव के आसपास भू-जल उपलब्ध न होने के कारण क्या 1 किलोमीटर दूर निर्मल नीर कूप का खनन किया गया है जिनमें पर्याप्त पानी उपलब्ध है। (ख) क्या उक्त ग्राम पंचायतों के पास विद्युत् कनेक्शन हेतु राशि उपलब्ध न होने से पेयजल समस्या का निराकरण नहीं हो पा रहा है। इस समस्या को हल करने हेतु प्रश्नकर्ता द्वारा दिनांक 17-11-2016 को प्रमुख सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग एवं माननीय मंत्री पंचायत एवं ग्रामीण विकास को पत्र लिखकर इस समस्या के निराकरण हेतु आवश्यक कार्यवाही करने हेतु आग्रह किया गया था? इस संबध में विभाग द्वारा अभी तक क्या कार्यवाही की गई?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एवं (ख) प्रश्नाधीन ग्रामों में पेयजल की व्यवस्था है। निर्माणाधीन निर्मल नीर कूप का निर्माण कार्य पूर्ण नहीं हुआ है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होते है।
नगर पालिका परिषद् धनपुरी में अनियमितता
[नगरीय विकास एवं आवास]
42. ( क्र. 1702 ) श्री रामलाल रौतेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जिला शहडोल अंतर्गत न.पा. परिषद् धनपुरी में कुल कितने अधिकारी व कर्मचारी कार्यरत हैं। क्या वर्णित अधिकारी/कर्मचारियों का वेतन भुगतान बैंक के माध्यम से किया जाता है? (ख) क्या कुछ कर्मचारियों का वेतन बिना कार्य किये भुगतान किया जा रहा है? क्या भारसाधक अधिकारी द्वारा शासकीय राशि का दुरूपयोग किया जा रहा है? यदि हाँ, तो दोषी अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही करते हुये फर्जी भुगतान की वसूली की जायेगी।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) नगर पालिका परिषद्, धनपुरी में कुल कार्यरत नियमित अधिकारी/कर्मचारियों की संख्या 54 तथा कार्यरत दैनिक वेतन मस्टर श्रमिकों की संख्या 214 है। जी हाँ। (ख) जी नहीं। शेषांश प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
जनभागीदारी मद के कार्य
[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]
43. ( क्र. 1758 ) श्री लखन पटेल : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दमोह जिले में जनभागीदारी मद से विगत 2014-15, 2015-16 व 2016-17 में स्वीकृत किए गए कार्यों की सूची विकासखण्डवार अलग-अलग ग्राम पंचायतों के आधार पर प्रदान करें? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में प्राप्त आवंटन प्रशासकीय स्वीकृति के आधार पर प्रदान करावें व इन कार्यों की निर्माण एजेंसी क्या थी एवं पंचायतों में कार्यों को स्वीकृत करने के कोई मापदण्ड या सीमा है क्या? (ग) स्वीकृत किए गए कार्यों की प्रगति क्या है? क्या ये कार्य पूर्ण हो गए या प्रगतिरत हैं? यदि कार्य अपूर्ण हैं तो क्या कार्यों को पूरा करने की कोई समय-सीमा तय है कि नहीं और कार्य कब तक पूर्ण कराये जावेंगे?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) प्राप्त आवंटन के आधार पर प्रशासकीय स्वीकृति की राशि पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ के कॉलम-4 में एवं उक्त कार्यों के निर्माण एजेन्सी की जानकारी कॉलम क्रमांक-6 में उल्लेखित है। कार्यों को स्वीकृत करने की कार्यवाही जनभागीदारी नियम-2000 के अनुरूप की जाती है। नियम की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) स्वीकृत कार्यों की भौतिक स्थिति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ के कॉलम-5 में दर्शित है। वित्तीय वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 के कार्य प्रगतिरत है। समयावधि बताना संभव नहीं है।
मुरैना जिले की जनपद पहाडगढ़ की पंचायत चिन्नौनी करेरा को रिकार्ड नहीं देना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
44. ( क्र. 1767 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मुरैना जिले के पहाडगढ़ जनपद पंचायत की चिन्नौनी करेरा का चुनाव दिसम्बर 2015 में सम्पन्न होने के बावजूद संरपच को पंचायत का रिकार्ड जनवरी 2017 तक प्राप्त नहीं हुआ है? क्या कारण रहें? तथ्यों सहित पूर्ण जानकारी दी जावे? (ख) क्या निर्वाचित सरपंच द्वारा जिले के वरिष्ठ अधिकारियों को कई बार आवेदन देने पर भी रिकार्ड नहीं दिया। (ग) उक्त पंचायत का रिकार्ड दिसम्बर, 2015 के चुनाव के पूर्व किस कर्मचारी के पास था। विभाग द्वारा रिकार्ड नहीं देने पर कर्मचारी के खिलाफ कार्यवाही नहीं करने के क्या कारण रहे। रिकार्ड कब तक उपलब्ध करा दिया जावेगा ताकि पंचायत में विकास कार्य सुचारू रूप से चल सके?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) म.प्र.पंचायत एवं ग्राम स्वराज अधिनियम, 1993 में ग्राम पंचायत का अभिलेख सरपंच को सौंपा जाना अपेक्षित नहीं है। अधिनियम की धारा 69 के तहत अभिलेखों को रखने की जिम्मेदारी ग्राम पंचायत के सचिव की है। दिसम्बर 2015 के पंचायत चुनाव के पूर्व के अभिलेख तत्कालीन पंचायत सचिव की अभिरक्षा में थे। शेष प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होते है। (ख) म.प्र.पंचायत एवं ग्राम स्वराज अधिनियम,1993 में ग्राम पंचायत का अभिलेख सरपंच को सौंपा जाना अपेक्षित नहीं है। अधिनियम की धारा 69 के तहत अभिलेखों को रखने की जिम्मेदारी ग्राम पंचायत के सचिव की है। दिसम्बर 2015 के पंचायत चुनाव के पूर्व के अभिलेख तत्कालीन पंचायत सचिव की अभिरक्षा में थे। शेष प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होते हे। (ग) म.प्र.पंचायत एवं ग्राम स्वराज अधिनियम, 1993 में ग्राम पंचायत का अभिलेख सरपंच को सौंपा जाना अपेक्षित नहीं है। अधिनियम की धारा 69 के तहत अभिलेखों को रखने की जिम्मेदारी ग्राम पंचायत के सचिव की है। दिसम्बर 2015 के पंचायत चुनाव के पूर्व के अभिलेख तत्कालीन पंचायत सचिव की अभिरक्षा में थे। शेष प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होते है।
हाईमास्क लाईट संधारण
[नगरीय विकास एवं आवास]
45. ( क्र. 1799 ) श्री अनिल फिरोजिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) उज्जैन नगर पालिका निगम में वर्ष 2015-16, में हाईमास्क लाईट संधारण (2 x 400 वाट लाईट) हेतु क्या कोई निविदा आहूत की गई थी? यदि हाँ, तो क्या उक्त कार्य स्वीकृत दर पर कराया गया? यदि हाँ, तो किस फर्म द्वारा? (ख) यदि हाँ, तो किन-किन स्थानों पर हाईमास्क (2 x 400 वाट लाईट) लगाये गये? क्या वर्तमान में उक्त कार्य का भौतिक सत्यापन कराया जा सकता है? यदि नहीं, तो क्या निगम की स्थाई संपत्ति स्टॉक रजिस्टर में उक्त सामग्री दर्ज की गई? (ग) क्या हाईमास्क (2 x 400 वाट लाईट) हेतु निगम मद से भी कोई कार्य कराये गये? यदि हाँ, तो किन स्थानों पर एवं कितने? किस फर्म के द्वारा? (घ) क्या प्रश्नांश (क) में जारी निविदा के स्वीकृत दरों के कार्य एवं प्रश्नांश (ग) में कराये गये कार्य/स्थान/स्वीकृत दर फर्म में कोई समानता है? यदि हाँ, तो उक्त अनियमितता के लिये कौन दोषी है? क्या दोषियों के विरूद्ध विभाग कोई कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। मेसर्स डिलाईट ऑटो इले. उज्जैन से कार्य कराया गया है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। जी हाँ, शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता हैं। (ग) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (घ) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
कर्मचारियों का नियमीतिकरण
[खेल और युवा कल्याण]
46. ( क्र. 1816 ) श्री अनिल फिरोजिया : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या विभाग में कर्मचारियों को संविदा आधार पर नियुक्ति दी जाती है? यदि हाँ, तो उन्हें कितने वर्षों के बाद नियमित करने का प्रावधान है? (ख) क्या विगत 10 से 12 वर्ष तक विभाग में सेवा देने वाले संविदा कर्मचारियों को नियमित करने की कोई प्रक्रिया विचाराधीन है? यदि हाँ, तो उक्त कर्मचारियों को कब तक नियमित कर दिया जावेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जी हाँ। विभागीय संविदा भर्ती नियम 2006 में नियमित करने का कोई प्रावधान नहीं है। (ख) जी नहीं। प्रश्नोत्तर (क) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नगरपालिक निगम एवं नगर पालिका परिषदों में कर्मचारियों नियुक्तियाँ
[नगरीय विकास एवं आवास]
47. ( क्र. 1914 ) श्री के.पी. सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) शिवपुरी जिले में नगर पालिक निगम एवं नगर पालिका परिषदों में जनवरी 2014 से कितने स्थाई, अस्थाई एवं दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों की नियुक्तियां की गई हैं? नगरपालिका/नगर परिषद्वार पदवार संख्या बतावें? (ख) क्या नगर पालिक निगम एवं नगर पालिका परिषदों में बगैर आवश्यकता के स्थानीय जनप्रतिनिधियों/अधिकारियों द्वारा अपने रिश्तेदारों/निजी संबंधितों की नियुक्तियां कराई गई हैं? (ग) इन नियुक्तियों के संबंध में क्या विभाग को कोई शिकायतें प्राप्त हुई हैं? यदि हाँ, तो इन शिकायतों पर विभाग द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई हैं? शिवपुरी जिले की शिकायतवार जानकारी दें?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) शिवपुरी जिले की नगर परिषद्, बैराड में श्री पवन रावत को संविदा पर वाहन चालक पर रखा गया है, जो अध्यक्ष के रिश्तेदार हैं। (ग) जी नहीं। विभागीय स्तर पर कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है, अपितु कलेक्टर, शिवपुरी द्वारा मौखिक रूप से पम्प चालक की नियुक्ति संबंधी नस्तियां परीक्षण हेतु बुलाई गई है।
मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
48. ( क्र. 1973 ) श्रीमती उमादेवी लालचंद खटीक : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) हटा विधानसभा क्षेत्र में मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना अंतर्गत प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय चरण के अंतर्गत कुल कितनी सड़कें स्वीकृत की गई? नाम सहित संपूर्ण (सड़क की लंबाई, कुल पुलिया, लागत) जानकारी देवें? (ख) उक्त सड़कें कब स्वीकृत की गई? क्या उक्त सड़क निर्माण के वर्क ऑर्डर हो चुके हैं? यदि हाँ, तो वर्तमान में क्या स्थिति है? क्या कार्य प्रारंभ हो चुका है? उक्त सड़क का ठेका किस कंपनी को दिया गया है? (ग) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में उक्त योजना में केन्द्र व प्रदेश शासन की कितनी-कितनी राशि स्वीकृत है? (घ) उक्त सड़क निर्माण के संबंध में किन-किन जनप्रतिनिधियों के पत्र प्राप्त हुए एवं उन पर क्या कार्यवाही हुई?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) से (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) प्रश्नाधीन क्षेत्र में सड़क के निर्माण के संबंध में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग को कोई पत्र प्राप्त नहीं है। प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होता है।
खनिज पट्टाधारियों के राजस्व का मूल्यांकन
[खनिज साधन]
49. ( क्र. 2031 ) चौधरी चन्द्रभान सिंह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि जबलपुर संभाग के किन-किन जिलों में विभिन्न पट्टाधारियों के विरूद्ध खनिज राजस्व का कितना मूल्यांकन (असेसमेंट) बाकी है और कितना असेसमेंट हो चुका है? जिनका असेसमेंट नहीं हुआ है? वह कब तक करवा लिया जावेगा?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : प्रश्नानुसार जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर दर्शित है। कर निर्धारण किया जाना एक सतत् प्रक्रिया है। अत: समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
योजनाओं के संबंध में
[नगरीय विकास एवं आवास]
50. ( क्र. 2032 ) चौधरी चन्द्रभान सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या म.प्र. अर्बन डेवलपमेन्ट कंपनी का गठन किया गया है? यदि हाँ, तो कब और क्यों साथ ही कंपनी में किन-किन की नियुक्ति कब-कब किस-किस पद पर की गई है? इन अधिकारियों/कर्मचारियों की योग्यता क्या है? क्या कंपनी में नियुक्त अधिकारी/कर्मचारियों के नियम बने हैं? यदि हाँ, तो नियम की प्रति दें, यदि नहीं, तो उक्त नियुक्तियां किस आधार पर की गई है? (ख) क्या मुख्यमंत्री जी को कंपनी का अध्यक्ष बनाया गया है? यदि हाँ, तो आधी अधूरी योजना, बगैर कारण के भर्ती करने से मान. मुख्यमंत्री जी के पद का अवमूल्यन नहीं है? साथ ही वर्तमान में एम.पी.यू.डी.सी. में किन-किन योजनाओं पर कार्य किया जा रहा है? योजना का नाम, लागत राशि, योजनाकार का नाम एवं योजना किस फंड से क्रियांवित होगी? (ग) क्या पेयजल योजना एम.पी.यू.डी.सी. के द्वारा क्रियांवित होना है तो योजनाओं के संचालनालय अन्य कार्यालयों के माध्यम से क्यों अनुमोदित करवाया जाता है? क्या वहां पर नियुक्ति सलाहकार, योजना विशेषज्ञ उस कार्य को करने में सक्षम नहीं है? यदि नहीं, तो एम.पी.यू.डी.सी. के अलावा अन्य यंत्रियों के माध्यम से योजना का परीक्षण क्यों करवाया जाता है? (घ) क्या योजनाओं के परीक्षण, स्थल के परीक्षण के लिये पर्यावरणीय अभियंता, सोशल एवं जनरल अधिकारी, सामुदायिक विकास अधिकारी, बेनीफिट मॉनिटरिंग एवं इवेल्यूशन अधिकारी, एम.आई.एस. अधिकारी की नियुक्ति की गई है? यदि हाँ, तो किन अधिकारियों द्वारा कब-कब, किन-किन योजनाओं के स्थलों का निरीक्षण किया गया? नाम सहित जानकारी दें। यदि नहीं, तो क्यों? साथ ही उक्त अधिकारियों द्वारा यदि निरीक्षण नहीं किया गया तो विशेषज्ञों को रखे जाने का औचित्य क्या है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। मंत्री परिषद् आदेश दिनांक 09.12.2014 (आयटम क्रमाकं-3) से प्रदत्त स्वीकृति अनुसार म.प्र. शासन, नगरीय विकास एवं पर्यावरण विभाग के आदेश क्रमांक एफ-10-36/2014/18-2 दिनांक 01 जनवरी, 2015 द्वारा शत्-प्रतिशत शासन की अंशपूजी धारित कंपनी ''मध्यप्रदेश अर्बन डेवलपमेंट कंपनी'' का गठन कंपनी अधिनियम के अंतर्गत किया गया है। मध्यप्रदेश अर्बन डेवलपमेंट कंपनी लिमिटेड में बोर्ड आफ डायरेक्टर्स एवं कम्पनी में पदस्थ/नियुक्त अधिकारियों /कर्मचारियों के नाम, पदनाम एवं नियुक्ति दिनांक की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''1'' एवं ''2'' अनुसार है। मध्यप्रदेश अर्बन डेवलपमेंट कंपनी लिमिटेड के मुख्यालय एवं परियोजना क्रियान्वयन इकाइयों में अधिकारियों/कर्मचारियों की प्रतिनियुक्ति/संविदा पर भर्ती हेतु निर्धारित योग्यता संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''3'' एवं ''4'' अनुसार है। जी हाँ। मध्यप्रदेश अर्बन डेवलपमेंट कंपनी लिमिटेड में अधिकारियों/कर्मचारियों की पदस्थापना शासन द्वारा एवं प्रतिनियुक्ति उपरान्त शेष संविदा नियुक्ति, संविदा सेवा शर्तों के आधार पर की गई है। नियुक्तियों का अनुमोदन बोर्ड आफ डायरेक्टर की बैठक से प्राप्त है। जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हाँ। म.प्र. शासन, नगरीय विकास एवं पर्यावरण विभाग के आदेश क्रमांक एफ-10-05/2015/18-2 दिनांक 30.09.2015 द्वारा माननीय मुख्यमंत्री जी को कंपनी का चेयरमेन नियुक्त किया गया है। जी नहीं कंपनी द्वारा जिन योजनाओं में कार्य किया जा रहा है उनका विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '5'' अनुसार है। (ग) वर्तमान प्रस्ताव अनुसार 128 नगरीय निकायों के पेयजल आवर्धन योजनाएं कंपनी द्वारा क्रियान्वित की जा रही है, इनका अनुमोदन कंपनी के अन्तर्गत निर्धारित प्रक्रिया से ही कंपनी में करवाया जाता है। अन्य कार्यालयों से नहीं। जी हाँ- सक्षम है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी हाँ। विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''6'' एवं ''7'' अनुसार है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आपाती सहायक प्राध्यापकों को वेतनमान का लाभ
[उच्च शिक्षा]
51. ( क्र. 2072 ) श्री कुंवर सिंह टेकाम : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में संचालित शासकीय महाविद्यालयों के लिये विभिन्न विषयों में वर्ष 1987 से 1990 के मध्य सहायक प्राध्यापकों की भर्ती आपाती सेवा के रूप में की गई थी? यदि हाँ, तो जानकारी देवें? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या आपाती रूप से नियुक्त सहायक प्राध्यापकों को नियमितीकरण दिनांक से उच्च वेतनमानों का लाभ दिया जा रहा है? आपाती सहायक प्राध्यापकों को वेतनमान दिये जाने संबंधी नियम क्या हैं? नियम की प्रति उपलब्ध करावें। (ग) क्या आपाती सहायक प्राध्यापकों को नियुक्ति दिनांक से वरिष्ठ श्रेणी, प्रवर श्रेणी, चतुर्थ पे-बैण्ड वेतनमान दिये जाने संबंधी आदेश माननीय उच्च न्यायालय एवं सर्वोच्च न्यायालय द्वारा पारित किये गये हैं? यदि हाँ, तो जानकारी देवें। (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में माननीय न्यायालयों के आदेश के परिपालन में क्या सभी आपाती सहायक प्राध्यापकों को नियुक्ति दिनांक से वेतनमान का लाभ दिया जा चुका है? यदि अभी तक नहीं दिया गया है तो कितनों को दिया गया है एवं कितनों को अभी दिया जाना शेष है? शेष को कब तक वेतनमान का लाभ दिये जाने संबंधी आदेश जारी कर दिये जायेंगे?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी हाँ। प्रदेश के शासकीय महाविद्यालयों में वर्ष 1987 से 1990 के बीच 618 प्रत्याशियों को आपाती रूप से सहायक प्राध्यापक के पद पर नियुक्ति की गई थी। (ख) जी हाँ। मध्यप्रदेश शैक्षणिक सेवा (महाविद्यालयीन शाखा) भर्ती नियम-1990 में उच्च वेतनमान दिये जाने हेतु प्रावधानित नियम की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' पर है। (ग) जी हाँ। आपाती सहायक प्राध्यापकों को नियुक्ति दिनांक से वरिष्ठ, प्रवर एवं चतुर्थ पे-बैण्ड वेतनमान दिये जाने हेतु डॉ. रमेश चन्द्र दीक्षित, सहायक प्राध्यापक, भौतिकशास्त्र की याचिका क्र. 2742/2012 पर माननीय उच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेश दिनांक 18.04.2012 तथा माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेश दिनांक 18.02.2015 जिसके द्वारा शासन की ओर से प्रस्तुत एस.एल.पी. को खारिज किया गया है, कि जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' पर है। (घ) जी नहीं। माननीय न्यायालय के आदेश के परिपालन में आपाती रूप से नियुक्त 521 सहायक प्राध्यापकों को नियुक्ति दिनांक से वेतनमानों का लाभ दिया जा चुका है, शेष 97 सहायक प्राध्यापकों को नियुक्ति दिनांक से वेतनमान का लाभ दिया जाना शेष है। शेष प्रकरणों में अनुवीक्षण समिति द्वारा परीक्षण किया जा रहा है। निश्चित समय- सीमा बताना संभव नहीं है।
हरदा जिले की खिरकिया तहसील में शासकीय कॉलेज खोले जाना
[उच्च शिक्षा]
52. ( क्र. 2120 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या हरदा जिले की खिरकिया तहसील में शासकीय कॉलेज खोले जाने हेतु कुछ स्थानीय व्यक्तियों द्वारा भूमि दान की गई है? (ख) क्या हरदा जिले की तहसील खिरकिया के छात्र/ छात्राओं को उच्च शिक्षा हेतु हरदा या अन्य शहरों में जाना पड़ता है जिसके कारण कई छात्र/छात्रायें उच्च शिक्षा से वंचित हो जाते है, यदि हाँ, तो क्या खिरकिया तहसील में शासकीय कॉलेज खोले जाने की कोई योजना प्रस्तावित है? (ग) यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो उसका क्या कारण है?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। खिरकिया में एक अनुदान प्राप्त विष्णु राजोरिया अशासकीय महाविद्यालय तथा खिरकिया से 25 किमी. दूरी पर शासकीय महाविद्यालय, सिराली संचालित हैं, जहाँ पर विद्यार्थी अध्ययन कर सकते हैं। वर्तमान में सीमित वित्तीय संसाधनों को दृष्टिगत कर खिरकिया में महाविद्यालय खोलने की कोई योजना नहीं है। (ग) प्रश्नांश 'ख' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
गुणवत्ताविहीन सी.सी. रोड निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
53. ( क्र. 2155 ) श्री वेलसिंह भूरिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नगर पंचायत राजगढ़ जिला धार के बस स्टैण्ड में सी.सी.रोड का निर्माण कार्य कब किया गया? इसकी क्या लागत थी, इस पर कितना व्यय हुआ एवं इसकी कार्य एजेंसी कौन थी? (ख) क्या उक्त कार्य की गुणवत्ता घटिया होने से नगर पंचायत द्वारा इस मार्ग पर लीपा-पोती करने के लिए डामर डाल दिया था, जिसकी जाँच के आदेश कलेक्टर ने दिए थे? (ग) यदि हाँ, तो कार्य एजेंसी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों? इसके लिए कौन जिम्मेदार है? दोषियों के विरूद्ध कब तक कार्यवाही की जायेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) नगर परिषद्, राजगढ़ जिला धार के बस स्टेण्ड में सी.सी.रोड का निर्माण वर्ष 2013-14 में किया गया था। यह कार्य नगर परिषद्, राजगढ़ द्वारा नहीं कराया गया है। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी नहीं। (ग) नगर परिषद्, राजगढ़ द्वारा यह कार्य नहीं कराए जाने के कारण कार्य एजेंसी के विरूद्ध नगर परिषद् द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई है। इस प्रकरण में पदीय दायित्व के निर्वहन में लापरवाही बरतने के कारण निकाय के तत्कालीन मुख्य नगर पालिका अधिकारी, श्री संतराम चौहान को दोषी पाए जाने के उपरांत असंचयी प्रभाव से 02 वार्षिक वेतन वृद्धियां रोके जाने की शास्ति अधिरोपित की गई है।
मंदिर परिसरों का विकास एवं सौंदर्यीकरण
[धार्मिक न्यास और धर्मस्व]
54. ( क्र. 2185 ) श्री गोवर्धन उपाध्याय : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विदिशा जिले के सिरोंज विधान सभा क्षेत्रांतर्गत विगत 05 वर्षों में प्रश्नांश दिनांक तक सिरोंज के ग्राम वीरपुर में महामाई मंदिर परिसर देवपुर मंदिर परिसर एवं लटेरी के ग्राम महावन के मदागन मंदिर परिसर में विकास, निर्माण, सौन्दर्यीकरण में किस-किस विभाग द्वारा किस-किस मद में कितनी-कितनी धनराशि व्यय की गई है वर्षवार जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार उक्त स्थलों के विकास में क्या-क्या निर्माण एवं सौन्दर्यीकरण के कार्य किये गये? उक्त निर्माण कार्य किस निर्माण एजेंसी/किस विभाग के द्वारा किया जा रहा है? कितने कार्य पूर्ण हुए एवं कितने अपूर्ण हैं? अपूर्ण कार्यों को कब तक पूर्ण किया जाएगा?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
अवैध कालोनियों की शिकायतें
[नगरीय विकास एवं आवास]
55. ( क्र. 2186 ) श्री गोवर्धन उपाध्याय : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विदिशा जिले के विधान सभा क्षेत्र सिरोंज एवं लटेरी नगरीय क्षेत्र में अवैध कॉलोनी काटी जाने की विगत 3 वर्षों में कितनी शिकायत जनसुनवाई के माध्यम से या पत्राचार से प्राप्त हुई हैं? किन-किन स्थानों पर अवैध कॉलोनी काटे जाने की शिकायत कब-कब प्राप्त हुई है? अवैध कॉलोनी काटी जाने के स्थानों की सूची उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार इन अवैध कॉलोनी काटी जाने की शिकायतों पर जिला/स्थानीय प्रशासन द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? संबंधितों के नाम सहित कार्यवाही विवरण सहित सूची उपलब्ध करावें? (ग) क्या स्थानीय प्रशासन द्वारा अवैध कॉलोनी के विरूद्ध कार्यवाही करने के बाद भी अवैध कॉलोनियों में प्लाटों का क्रय-विक्रय होकर निर्माण कार्य किया जा रहा है? यदि हाँ, तो जिला एवं स्थानीय प्रशासन द्वारा इसे रोकने के लिए क्या व्यवस्था की जा रही है? (घ) क्या जिला एवं स्थानीय प्रशासन द्वारा इन अवैध कॉलोनी को वैध किये जाने हेतु शासन द्वारा कब तक निर्णय लिया जावेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) नगर पालिका सिरोंज एवं नगर परिषद् लटेरी को विगत तीन वर्षों में अवैध कॉलोनी काटे जाने की कोई शिकायत जनसुनवाई अथवा पत्राचार के माध्यम से प्राप्त नहीं हुई है। अनुविभागीय अधिकारी सिरोंज को जनसुनवाई के माध्यम से 7 शिकायतें प्राप्त हुई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। नगरीय क्षेत्र सिरोंज में अवैध कॉलोनी काटी जाने के स्थानों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। अनुविभागीय अधिकारी लटेरी को नगरीय क्षेत्र लटेरी में अवैध कॉलोनी काटे जाने की कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। (ख) नगरीय क्षेत्र सिरोंज में अवैध रूप से काटी गई कॉलोनी के कॉलोनाईजर के विरूद्ध प्राप्त शिकायतों के आधार पर जिला अनुविभागीय अधिकारी द्वारा कॉलोनाईजर एक्ट के तहत कार्यवाही हेतु प्रकरण तैयार कर जिला कार्यालय को प्रेषित किया गया है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। नगरीय क्षेत्र लटेरी में अवैध रूप से काटी गई कॉलोनी के विरूद्ध कोई शिकायत प्राप्त न होने से जानकारी निरंक है। (ग) नगरीय क्षेत्र सिरोंज में अवैध कॉलोनियों के विरूद्ध अनुविभागीय अधिकारी सिरोंज द्वारा कॉलोनाईजर एक्ट में वर्णित प्रावधानों के तहत कार्यवाही प्रचलित है। नगरीय क्षेत्र लटेरी में अवैध रूप से काटी गई कॉलोनी के विरूद्ध कोई शिकायत प्राप्त न होने से कार्यवाही प्रचलित नहीं है। (घ) अवैध कॉलोनियों को वैध करने हेतु शासन द्वारा नियमों में आवश्यक संशोधन की कार्यवाही की जा रही है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
सतना जिले में संचालित फैक्ट्रियों के ओवरलोडिंग
[खनिज साधन]
56. ( क्र. 2244 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत तीन वर्षों में सतना जिले में संचालित किन फैक्ट्रियों के ओवरलोडिंग के संबंध में कलेक्टर सतना एवं खनिज अधिकारी द्वारा फैक्ट्रियों, खदान संचालकों, क्रेशर संचालकों को पत्र जारी कर ओवरलोडिंग न करने की हिदायत दी गई? (ख) क्या खदान संचालकों एवं फैक्ट्री प्रबंधन द्वारा फ्लाईएस, लेट्राईट, लाइमस्टोन एवं बॉक्साइट का उत्खनन किया जाता है? क्या उसका असिस्मेंट खनिज विभाग द्वारा मौके पर जा कर सत्यापित किया जाता है यदि हाँ, तो विगत 3 वर्षों में कब-कब किया गया? (ग) क्या आज दिनांक तक खदान संचालक/फैक्ट्री संचालक द्वारा जो कांटे लगाए गए हैं उनकी दोनों जगह की कांटापर्ची का मिलान किया जाय तो स्पष्ट हो जायेगा कि दस चका हाइवे में 15 टन माल पास है लेकिन खदान संचालक एवं फैक्ट्री संचालकों द्वारा 35-40 टन माल लोड किया जा रहा है? इसी प्रकार 6 चका में 9 टन माल पास है जबकि 22-24 टन माल लोड कर भेजा जा रहा है? (घ) क्या उक्त कृत्य से शासन को अरबों रूपए की क्षति पहुँचाई जा रही है? क्या इस संपूर्ण प्रकरण की उच्चस्तरीय जाँच कराकर दोषियों के विरुद्ध आपराधिक प्रकरण दर्ज करते हुए क्षति का आंकलन कर राजस्व की वसूली की कार्यवाही की जावेगी?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी नहीं। (ख) प्रश्नाधीन जिले में खदान संचालकों तथा फैक्ट्री प्रबंधन द्वारा फ्लाय ऐश का उत्खनन नहीं किया जाता है। प्रश्नानुसार लेटेराइट, लाइमस्टोन, बॉक्साइट खनिज का उत्खनन किया जाता है। जी हाँ। खनिपट्टों का मौका निरीक्षण जिस-जिस दिनांक को किया गया है उसका विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट पर दर्शित है। (ग) जी नहीं। खदान/फैक्ट्री, संचालकों द्वारा तौल कांटे के अनुसार अभिवहन पार पत्र दिये जाते हैं। विभाग द्वारा ऐसेसमेन्ट अभिवहन पार पत्र में दर्शित खनिज मात्रा अनुसार किया जाता है। समय-समय पर जाँच के दौरान खनिज परिवहन करने वाले वाहन में अभिवहन पास में उल्लेखित मात्रा से अधिक मात्रा का खनिज पाए जाने पर ऐसी अधिक मात्रा के सम्बन्ध में अर्थदण्ड आरोपित कर वसूल किया जाता है। प्रश्न में किसी स्थान विशेष का उल्लेख न होने के कारण प्रश्नानुसार जानकारी दिये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
वनों की कटाई एवं व्यवस्थापन
[वन]
57. ( क्र. 2255 ) श्री राम लल्लू वैश्य : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) एन.सी.एल. सिंगरौली क्षेत्र में 22 KM दूरस्थ क्षेत्र के वनों का विनिर्दिष्ट करण पश्चात् वन और पर्यावरण विभाग द्वारा किन-किन जिलों में वृक्षारोपण के लिये भूमि प्राप्त कर ली गयी है? पर्यावरण एवं वन के इस तरह से उजाड़ के बाद उनके रोकथाम के लिये क्या उपाय किये जा रहे हैं? (ख) यदि नहीं, तो इसको नियंत्रित करने के लिये क्या उपाय किये जायेंगे वन की कटाई के परिप्रेक्ष्य में कंपनी के अनुबंध के अनुसार किन जिलों से अनुबंध किया गया है? इससे क्या सिंगरौली जिले के वन क्षेत्रों को कटाई से क्या लाभ प्राप्त होगा?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) एन.सी.एल. को सिंगरौली जिले में कोयला उत्खनन हेतु कुल 10 परियोजनाओं में भारत सरकार से स्वीकृति उपरांत कुल 3601.379 हेक्टेयर वन भूमि व्यपवर्तित की गई है। इस प्रत्यावर्तित वन भूमि के विरूद्ध वनों की वृद्धि हेतु भारत सरकार की शर्तों के अनरूप एन.सी.एल. से 2597.868 हेक्टेयर गैर वन भूमि प्राप्त कर इस पर रोपण किया गया है। इसके अतिरिक्त भारत सरकार की शर्तों के अनुसार 2012.00 हेक्टेयर बिगड़े वनों में भी रोपण किया गया है। अत: एन.सी.एल. को सिंगरौली में वन भूमि प्रतयावर्तित करने के बाद वनों को बनाये रखने के पर्याप्त प्रयास किये गये हैं। (ख) प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
पीथमपुर में सेंट्रल लाईंटिंग कार्य की स्वीकृति
[नगरीय विकास एवं आवास]
58. ( क्र. 2296 ) श्रीमती नीना विक्रम वर्मा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या पीथमपुर नगर में नगर पालिका निधि से महू घाटाबिल्लोद फोरलेन, जो शहर के मध्य से गुजरता है पर सेंट्रल एल.ई.डी. लाईंटिंग की प्रशासकीय स्वीकृति प्राप्त होने के बाद नियमानुसार ऑन लाईन टेण्डर किये गये थे? (ख) यदि हाँ, तो निविदा पश्चात् प्राप्त दरों को नगर पालिका परिषद् की पी.आई.सी. में अनुमोदन किया जा चुका है तथा प्रकरण में वित्तीय स्वीकृति हेतु शासन को प्रस्ताव भेजे गये थे? (ग) क्या माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा 20-10-2016 को पीथमपुर प्रवास के दौरान उक्त पीथमपुर नगर की सेंट्रल लाईंटिंग का भूमि पूजन सह शिलालेख अनावरण किया गया था? यदि हाँ, तो, नियमानुसार नगर पालिका निधि के जनहीत में की जाने वाली सेंट्रल लाईंटिंग कार्य की वित्तीय स्वीकृति किन तकनीकी कारणों से नहीं दी जा सकी? (घ) नगर पालिका क्षेत्रों में सेंट्रल लाईटिंग के प्रस्तावित पी.पी.पी. मॉडल में वे कौन से लाभ शासन व नगर पालिका को हैं, जिनके कारण प्रक्रियात्मक रूप से की जा रही निविदा की वित्तीय स्वीकृति नहीं दी जा सकी तथा इस संबंध में क्या नियम एवं गाईड लाईन है एवं इस कार्य को पी.पी.पी. मॉडल में करने पर वर्तमान निविदा प्रक्रिया से कितने राजस्व की बचत शासन को होगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) जी हाँ। संचालनालय, नगरीय प्रशासन एवं विकास, के द्वारा जारी दिशा निर्देशों के अनुसार LED लाईट विद्युत उपकरण क्रय करने के कार्य पर प्रतिबंध होने के कारण वित्तीय स्वीकृति प्रदान नहीं की गई है। (घ) सेन्ट्रल लाईटिंग के कार्य को पी.पी.पी. मॉडल पर किये जाने से शासन एवं नगरीय निकायों को अपनी निधि से व्यय होने वाली राशि की बचत होगी। पी.पी.पी. प्रणाली पर कार्य करने से विद्युत देयकों में होने वाली बचत द्वारा योजना की लागत की राशि उपलब्ध हो सकेगी।
रोड, भवन तथा खेल मैदानों की तकनीकी स्वीकृति
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
59. ( क्र. 2324 ) कुँवर विक्रम सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले में ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग द्वारा वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक कितने रोड एवं कितने भवनों की स्वीकृति प्रदान की गई तथा तकनीकी स्वीकृतियां दी? (ख) राजनगर विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक प्रशासकीय स्वीकृति के अनुसार ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग द्वारा ठेके पर हो रहे कितने कार्यों के पूर्णत: प्रमाण पत्र जारी किये गये? कितनों के नहीं? (ग) शासन आदेशों अनुसार कितनी अवधि में कार्य पूर्ण होना थे तिथि का विवरण दें? (घ) क्या खेल मैदानों की तकनीकि स्वीकृति कार्यपालन यंत्री द्वारा दी गई थी,? क्या ग्रामीण यांत्रिकी सेवा द्वारा महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गांरटी योजना अन्तर्गत कराये गये उक्त कार्य खराब हो गये?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) छतरपुर जिले में ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग द्वारा वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक कुल 17 रोड एवं 133 भवनों की तकनीकी स्वीकृति प्रदान की गई। (ख) पूर्ण हुये सभी 09 कार्यों के पूर्णत: प्रमाण पत्र जारी किये गये। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जी नहीं। उक्त कार्य महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना अंतर्गत नहीं होकर गुणवत्ता संतोषजनक है।
जलग्रहण प्रबंधन मिशन के तहत राशि
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
60. ( क्र. 2329 ) कुँवर विक्रम सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र राजनगर अंतर्गत विकासखण्ड लवकुशनगर तथा राजनगर के तहत जलग्रहण प्रबंधन मिशन के तहत दिनांक 1.1.13 से प्रश्न दिनांक तक किन-किन कार्यों पर व्यय किया गया? (ख) उक्त संस्थाओं के किन-किन बैंकों में खाते हैं तथा अब तक कितनी राशि खातों में शेष है? (ग) प्रश्नांश (क) अवधि में छतरपुर जिलें में विकासखण्डवार जलग्रहण प्रबंधन मिशन की किन-किन तिथियों में बैठकों का आयोजन जिला स्तर पर किया गया तथा व्यय राशि के क्या परिणाम प्राप्त हुए? (घ) क्या उपयंत्रियों द्वारा धरातल पर कार्य सही मापदण्डानुसार नहीं किये गये और मूल्यांकन कर दिया गया?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) आस्थामूलक, वाटरशेड विकास, आजीविका उन्नयन तथा कृषि उत्पादन प्रणाली के कार्यों पर व्यय किया गया है। (ख) परियोजना क्रमांक 3 एवं 4 की परियोजना क्रियान्वयन एजेंसी के खाते केनरा बैंक, बसारी और परियोजना क्रमांक 18 की परियोजना क्रियान्वयन एजेंसी का खाता पंजाब नेशनल बैंक, छतरपुर में है। वाटरशेड समितियों के खाते मध्यांचल ग्रामीण बैंक, बमीठा में है। इन खातों में कोई राशि शेष नहीं है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) मापदण्ड अनुसार कार्य एवं मूल्यांकन किया गया है।
निर्माण कार्य हेतु अनापत्ति प्रमाण पत्र
[नगरीय विकास एवं आवास]
61. ( क्र. 2414 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जिला कार्यालय नगरीय निवेश जिला राजगढ़ में वित्तीय वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में प्रष्न दिनांक तक निर्माण कार्य हेतु अनापत्ति प्राप्त करने हेतु किस-किस दिनांक को आवेदन प्राप्त किये गये? ग्राम/नगरवार कितने-कितने रकबे में निर्माण हेतु आवेदन किया गया है? (ख) क्या जिला राजगढ़ अन्तर्गत विभाग में निर्माण कार्य प्रारम्भ एवं पूर्ण करने के पश्चात् भी अनापत्ति के लिये आवेदन प्राप्त किये गये हैं? किन-किन के द्वारा निर्माण कार्य पूर्ण करने के पश्चात् एवं निर्माण कार्य प्रारम्भ करने के पश्चात् आवेदन किये गये हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार विभाग को निर्माण कार्य पूर्ण होने एवं प्रारम्भ करने के पश्चात् अनापत्ति प्रमाण-पत्र प्रदान करने के आदेश हैं या नहीं? शासन आदेश की प्रति से अवगत करावें? (घ) प्रश्नांश (क) अनुसार विभाग को प्राप्त आवेदनों में से कितनों को अनापत्ति प्रदान की गई एवं कितने आवेदकों को अनापत्ति प्रदान नहीं की गई?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) निर्माण कार्य संबंधी अनापत्ति नगर तथा ग्राम निवेश कार्यालय द्वारा नहीं दी जाती। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) उत्तरांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) उत्तरांश''ख'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) उत्तरांश''क'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
स्थायी बस स्टैण्ड की सुविधा
[नगरीय विकास एवं आवास]
62. ( क्र. 2432 ) श्री रामपाल सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या शहडोल जिले के ब्यौहारी तहसील के ब्यौहारी शहर में अस्थाई बस स्टैण्ड पंडित रामकिशोर शुक्ला महाविद्यालय द्वार के ठीक सामने संचालित है, जहां से छात्र-छात्राओं को आवागमन के अतिरिक्त अन्य ध्वनि प्रदूषण का सामना करना पड़ रहा है? (ख) यदि प्रश्नांश (क) हाँ तो उक्त समस्या के समाधान हेतु अस्थायी बस स्टैण्ड के समीप पुलिस थाना मैदान में स्थायी बस स्टैण्ड बनाया जाकर पुलिस थाना को मेन बाजार में रिक्त न्यायालय भवन जो बाउण्ड्रीवाल सुविधा सहित पर्याप्त भवन निर्मित है, स्थानांतरित कर शहरवासियों को सुविधा मुहैया करायी जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) उक्त अस्थायी बस स्टैण्ड के समीप पुलिस विभाग की भूमि व थाना संचालित है। पूर्व न्यायालय भवन न्यायालय स्वामित्व की भूमि है। वर्तमान में स्थानांतरित करने का प्रस्ताव नहीं है। शेषांश प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
इन्दौर शहर में मास्टर प्लान/स्मार्ट सिटी योजनान्तर्गत अतिक्रमण हटाया जाना
[नगरीय विकास एवं आवास]
63. ( क्र. 2450 ) श्री सुदर्शन गुप्ता (आर्य) : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या इन्दौर शहर में मास्टर प्लान/स्मार्ट सिटी योजनान्तर्गत व यातायात को सुचारू करने के लिए नगर पालिक निगम द्वारा रहवासियों के वैध मकान व अतिक्रमण हटाकर मार्ग का चौड़ीकरण कर फुटपाथ का निर्माण किया गया है? यदि हाँ, तो किन-किन स्थानों पर इस प्रकार से कार्यवाही की गई है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार ऐसे नवीन निर्मित मार्ग पर क्या पुनः व्यवसायियों/रहवासियों द्वारा अतिक्रमण कर व्यवसाय/अपने वाहन खड़े किये जा रहे हैं? यदि हाँ, तो इस हेतु निगम द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है, जिससे फुटपाथ अतिक्रमण मुक्त हो कर पैदल चलने वालों के उपयोग में आ सके? स्पष्ट करें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। विस्तृत जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ, यातायात को सुचारू करने हेतु सड़कों का चौड़ीकरण कार्य किया गया है, जिसके अंतर्गत फुटपाथ का निर्माण किया गया है। यह सही है कि व्यवसायियों एवं रहवासियों द्वारा फुटपाथ पर व्यवसायिक सामग्री एवं वाहन रख दिए जाते हैं, जिसे हटाने के लिए नगर निगम मार्केट विभाग द्वारा 6 रिमूव्हल गेंग बनाई गई है। उपरोक्त रिमूव्हल गेंग (दस्ता) द्वारा यातायात पुलिस से समन्वय कर प्रतिदिन फुटपाथों पर रखी सामग्री ठेले, गुमटी आदि को हटाने, नष्ट करने एवं जप्त करने की कार्यवाही की जा रही है। फुटपाथों को अतिक्रमण मुक्त कराने हेतु नगर निगम द्वारा निरंतर वाहनों के चालान बनाए जाकर नो पार्किंग जोन से वाहनों को हटाने की कार्यवाही भी की जा रही है। इस प्रकार नगर निगम का प्रयास जारी है कि मुख्य मार्गों के दोनों ओर निर्मित फुटपाथ पैदल चलने वाले आमजन को उपलब्ध रहे।
जिला पंचायत (डी.आर.डी.ए.) में गैर कार्यपालिक पदों पर पदोन्नति
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
64. ( क्र. 2453 ) श्री ठाकुरदास नागवंशी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला पंचायत (डी.आर.डी.ए.) में गैर कार्यपालिक पदों पर पदोन्नति के क्या नियम हैं? (ख) क्या गैर कार्यपालिक पदों पर नियम विरूद्ध पदोन्नति दी गई है? यदि हाँ, तो नियमों के विरूद्ध पदोन्नति दिये जाने के लिये कौन उत्तरदायी हैं? (ग) क्या वर्ष 2014 – 2015 से प्रश्न दिनांक तक गैर कार्यपालिक पदों पर पदोन्नति दी गई है? यदि हाँ, तो उसकी सूची जिलेवार एवं पदवार देवें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) नियम पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ। सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
जनपद पंचायतों/जिला पंचायतों में भुगतान के पूर्व भुगतान/नस्ती अनुमोदन
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
65. ( क्र. 2455 ) श्री ठाकुरदास नागवंशी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा आदेश जारी कर वर्ष 2015-16 में होशंगाबाद जिला अन्तर्गत जनपद पंचायतों/जिला पंचायत में भुगतान के पूर्व भुगतान का अनुमोदन/नस्ती अनुमोदन कराये जाने के शासनादेश हैं? (ख) यदि हाँ, तो जिला होशंगाबाद के जिला एवं जनपद पंचायतों में इस नियम का पालन किया जाकर भुगतान किया जा रहा हैं? क्या RTGS/NEFT जारी किये गये हैं? (ग) यदि इस नियम का पालन नहीं किया गया हैं तो इसके लिये होशंगाबाद जिले के अन्तर्गत जिला पंचायत एवं किस-किस जनपद पंचायत में पालन न किये जाने के लिये कौन उत्तरदायी है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। जी हाँ। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार शासन निर्देश के पालन नहीं करने का कोई प्रकरण शासन के संज्ञान में नहीं आया है। अतः शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
सोन चिरैया अभयारण्य
[वन]
66. ( क्र. 2499 ) श्री भारत सिंह कुशवाह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सोन चिरैया अभयारण्य किस सन् में स्थापित किया गया था? उस सन् में कौन-कौन से ग्राम सोन चिरैया अभयारण्य में प्रस्तावित किये गये थे? (ख) ग्वालियर शहर के वार्ड नम्बर 65 के ग्राम गिरवई का क्षेत्र क्या सोन चिरैया अभयारण्य में आता है? किस सन् में गिरवई को सोन चिरैया अभयारण्य में प्रस्तावित किया गया था? ग्राम गिरवई की सीमा से क्या नेशनल ए.बी. रोड बना हुआ है। (ग) क्या विभाग द्वारा ग्राम गिरवई को सोन चिरैया अभयारण्य में जान बूझकर किसानों को परेशान करने की दृष्टि से बाहर करने हेतु प्रस्तावित नहीं किया है? (घ) सोन चिरैया अभयारण्य से ग्राम गिरवई एवं कुछ अन्य ग्रामों को बाहर करने का प्रस्ताव शासन के पास विचाराधीन है? कब से विचाराधीन है? शासन ने विभाग द्वारा भेजे गये प्रस्ताव पर क्या निर्णय लिया है?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) ग्वालियर जिले के अंतर्गत घाटीगांव हुकना पक्षी अभयारण्य (सोन चिरैया अभयारण्य) मध्यप्रदेश शासन वन विभाग द्वारा वर्ष 1981 में अधिसूचित किया गया है। अधिसूचना में अभयारण्य की सीमा में आने वाले ग्रामों की सूची संलग्न परिशिष्ट में निहित है। (ख) जी हाँ। यह सही है कि ग्वालियर नगर निगम के वार्ड क्रमांक 65 के ग्राम गिरवाई का आंशिक क्षेत्र सोन चिड़िया अभयारण्य की सीमा के अंतर्गत आता है। ग्राम गिरवाई का आंशिक क्षेत्र अभयारण्य के गठन के वर्ष अर्थात 1981 से ही अभयारण्य की सीमा के अन्तर्गत आता है। ग्राम गिरवाई के मध्य से होकर राष्ट्रीय राजमार्ग ए.बी. रोड निर्मित है। (ग) जी नहीं। स्थिति यह है कि विभाग द्वारा अभयारण्य की सीमाओं में आंशिक संशोधन हेतु प्रेषित प्रस्ताव में अभयारण्य की सीमा के अन्तर्गत आने वाले ग्राम गिरवाई के राजस्व/निजी भूमि को अभयारण्य से बाहर करने हेतु प्रस्तावित किया गया है। (घ) जी हाँ। अभयारण्य के अतंर्गत आने वाले ग्राम गिरवाई सहित 23 आंशिक एवं पूर्ण ग्रामों की निजी/राजस्व भूमि रकवा 111.73 वर्ग कि.मी. को अभयारण्य से बाहर करते हुये अभयारण्य की सीमा में संशोधन संबंधी प्रस्ताव पर मध्यप्रदेश राज्य वन्यप्राणी बोर्ड की 11वीं बैठक दिनांक 08-07-2014 में अनुशंसा की गई है। उक्त प्रस्ताव में राष्ट्रीय वन्यप्राणी बोर्ड एवं माननीय सर्वोच्च न्यायालय की अनुमति की कार्यवाही प्रचलित है।
रोजगार योजनाओं का क्रियान्वयन
[सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम]
67. ( क्र. 2544 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या राज्यमंत्री, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी जिले के युवाओं को स्वरोजगार उपलब्ध कराने के लिये किस-किस योजना के तहत कितना-कितना भौतिक/वित्तीय लक्ष्य आवंटित किया गया वर्ष 2013-14 से विभागवार, योजनावार वर्षवार विवरण दें? (ख) क्या प्रश्नांश (क) के अनुसार निर्धारित लक्ष्य की पूर्ति की जाकर बेरोजगारों को स्वरोजगार उपलब्ध कराया गया? यदि हाँ, तो कितने हितग्राहियों को कितनी-कितनी राशि के प्रकरण तैयार किये जाकर अनुदान की राशि बैंको को प्रेषित की गई है? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार प्रश्नांकित अवधि में मुख्यमंत्री उद्यमी योजना में मार्बल कटिंग हेतु कल्लूदास बैरागी के नाम से प्रकरण देना बैंक शाखा पडुआ द्वारा स्वीकृत किया गया? क्या संबंधित हितग्राही के खाते में राशि रूपये 6.00 लाख प्रथम किश्त की जारी होना बताया गया? यदि हाँ, तो किस दिनांक को किस खाते में राशि जारी की गई है? (घ) प्रश्नांश (क) (ख) (ग) अनुसार सभी हितग्राहियों को बैंक शाखा द्वारा स्वीकृत किया जाकर, वितरित किया गया बताएं। यदि नहीं, तो कितने प्रकरणों में वितरण किया जाना शेष है? (ड.) प्रश्नांश (घ) अनुसार वितरण न होने के लिये दोषी कौन है? दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई है वर्षवार, कार्यवाहीवार विवरण दें?
राज्यमंत्री, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम ( श्री संजय पाठक ) : (क) एवं (ख) विभागवार कुल 07 विभागों की पृथक-पृथक जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) जी हाँ। देना बैंक की शाखा पडुआ ने अपने पत्र दिनांक 29.09.2015 से श्री कल्लूदास बैरागी को योजनान्तर्गत ऋण की सैद्धांतिक स्वीकृत प्रदान की है और अंतिम स्वीकृति के लिए उनके जोनल ऑफिस भोपाल को प्रकरण प्रेषित किया है। जी नहीं, क्योंकि प्रकरण में अंतिम स्वीकृति अपेक्षित है। (घ) विभागवार कुल 07 विभागों की पृथक-पृथक जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ड.) उपरोक्त जानकारी के आधार पर प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
स्वीकृत निर्माण कार्यl
[वन]
68. ( क्र. 2690 ) श्री दीवानसिंह विट्ठल पटेल : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2015 –16 एवं 2016-17 में पानसेमल विधानसभा क्षेत्र में निर्माण हेतु कार्य स्वीकृत किये गए हैं? कार्यों का पूर्ण विवरण प्रत्येक कार्य की लागत तथा निर्माण कार्य पूर्ण होने के पत्र की जानकारी के साथ उपलब्ध करावेंl (ख) यदि कोई कार्य अपूर्ण हैं तो उसकी सूची भी कारणों सहित प्रदाय की जावे? (ग) क्या विभाग के द्वारा सुकलघाट के कटिंग एवं रोड निर्माण किये जाने का प्रस्ताव है? यदि हाँ, तो वह कब तक स्वीकृत होगा? क्या उक्त कार्य हो जाने से विधान सभा मुख्यालय से जिला कार्यालय की दूरी बहुत कम हो जावेगी।
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) कोई प्रस्ताव नहीं है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
PMGSY-2 में चयनित मार्ग
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
69. ( क्र. 2838 ) श्री विष्णु खत्री : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के द्वितीय चरण अर्थात PMGSY-2 में बैरसिया विधानसभा अंतर्गत किन-किन मार्गों का चयन किया गया? सूची उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) में दर्शित मार्गों में से कौन-कौन से मार्ग स्वीकृत हो गये हैं? सूची उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (ख) में दर्शित मार्गों के निर्माण की स्थिति क्या है? कब तक इन मार्गों का निर्माण कार्य प्रारंभ हो जावेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) स्वीकृति की प्रक्रिया पूरी नहीं होने से जानकारी निरंक है। (ग) उत्तरांश (ख) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
ग्रामोदय से भारत उदय अभियान
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
70. ( क्र. 2839 ) श्री विष्णु खत्री : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र बैरसिया अंतर्गत 2016 में आयोजित ग्रामोदय से भारत उदय अभियान के दौरान कितने-कितने आवेदन किस-किस योजनान्तर्गत प्राप्त हुये, सूची सहित विवरण उपलब्ध करावे? (ख) इन प्राप्त आवेदनों में कितनों का निराकरण हो गया है, शेष लंबित आवेदन की योजनावार संख्या क्या है? सूची उपलब्ध करावें। (ग) शेष लंबित आवेदनों का निराकरण कब तक हो जावेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'ब' अनुसार है। (ख) प्राप्त समस्त आवेदनों का निराकरण हो जाने से शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते है। (ग) प्राप्त समस्त आवेदनों का निराकरण हो जाने से शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते है।
खनिज विभाग में अवैध रूप से खदानों का संचालन
[खनिज साधन]
71. ( क्र. 2845 ) श्री जितू पटवारी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) निर्मला माइनिंग कॉर्पोरेशन, निर्मला मिनरल्स के प्रोपराईट/सभी डायरेक्टर का नाम, रजिस्टर्ड ऑफिस के पते की जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) की कम्पनियों/फर्मों को मध्यप्रदेश में कहाँ-कहाँ, किस-किस खनिज के खनन की अनुमति 2007 से 2012 तक दी गई प्रोफार्मा में खनिज नाम, खदान नाम, जिला राजस्व/वन भूमि, खनन की मात्रा (स्वीकृत), कितनी मात्रा में खनन किया गया, रायल्टी कितनी जमा की गई व कोई अवैध खनन का मामला दर्ज किया गया है? (ग) प्रश्नांश (क) अन्तर्गत कम्पनियों ने क्या जबलपुर जिले के सीहोरा में आवंटित खदानों से नियम विरूद्ध खनन किया? यदि हाँ, तो कितना खनन किया व अवैध उत्खनन से सरकार को कितने राजस्व का नुकसान हुआ व बाजार में उस खनिज की कितनी-कितनी कीमत थी? (घ) प्रश्नांश (क) अन्तर्गत दोनों फर्मों/कम्पनी पर अवैध उत्खनन के कितने केस (पुलिस) में पंजीकृत करने हेतु विभाग ने लिखा है और उनकी क्या स्थिति है? साथ ही खनिज विभाग द्वारा कितना जुर्माना दोनों फर्मों पर जनवरी 2010 से 2016 तक लगाया गया और कितना उन्होंने भरा, जानकारी देवें।
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
विभाग द्वारा किए जाने वाले कार्य
[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]
72. ( क्र. 2865 ) श्री पुष्पेन्द्र नाथ पाठक : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बिजावर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत आने वाले विकासखंड बिजावर, छतरपुर, राजनगर में कौन–कौन से गाँव में अनुसूचित जाति जनजाति वर्ग के लोग निवासरत है? उनकी कितनी संख्या है? ग्रामवार सूची उपलब्ध करायें। (ख) अनुसूचित जनजाति वर्ग की आबादी वाले क्षेत्र में रोड, नाली, भवन, बिजली एवं अन्य अधोसंरचना विकास कार्य कराने में शासन के क्या प्रावधान है? (ग) जनवरी 2014 से प्रश्न दिनांक तक उक्त ग्रामों में क्या–क्या विकास कार्य पूर्ण हुए है? क्या-क्या चल रहे है? अद्यतन सूची उपलब्ध करायें? (घ) विभाग से कौन–कौन मद से बिजावर विधानसभा में बस्ती विकास कार्य कराने का प्रस्ताव है? सूची उपलब्ध करायें।
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
विस्थापित ग्रामों में मूलभूत सुविधाओं व योजनाओं का क्रियान्वयन
[वन]
73. ( क्र. 2962 ) श्री ठाकुरदास नागवंशी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र पिपरिया अन्तर्गत रिजर्व फारेस्ट/पचमढ़ी कन्टूमेंट क्षेत्र में बसे ग्रामों का विस्थापन कराया जाकर यहां के निवासियों को किन-किन ग्रामों में बसाया गया बतायें? (ख) इन ग्रामों में जहां लोगो को बसाया गया हैं यहां पर मूलभूत सुविधायें प्रदान की गई अथवा नहीं? यदि की गई हैं तो क्या-क्या सुविधायें प्रदान की गई हैं? (ग) क्या विस्थापित ग्राम मोहगांव एवं सिमारा में पेयजल व्यवस्थाओं हेतु क्या कार्ययोजना बनायी गयी, हाँ, तो कार्य योजना अन्तंर्गत कितना आवंटन प्राप्त हुआ, आवंटन के विरूद् क्या-क्या कार्य किये गये, मदवार व कार्य बार जानकारी देवें? (घ) क्या इन ग्रामों में शासन निधि व्यय होने के बाद भी पेयजल का परिवहन किया जा रहा हैं अथवा अन्य स्त्रोतों से पानी क्रय किया जाकर पेयजल उपलब्ध कराया जा रहा हैं?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) सतपुड़ा टाईगर रिजर्व, होशंगाबाद द्वारा विधानसा क्षेत्र पिपरिया अन्तर्गत रिजर्व फारेस्ट में बसे ग्रामों को विकल्प-1 (क) के तहत राशि 10.00 लाख रूपये प्रति परिवार देकर विस्थापित किया गया है। इन ग्रामों के निवासी अपनी-अपनी सुविधानुसार अलग-अलग ग्रामों फांसीढ़ाना, आमादेह, रैयतवाड़ी, नयागावं, ड़ोकरीखेड़ा, नंदवाड़ा, पनारी, डाबका एवं मोहारीकलां के आसपास बस गये हैं। पचमढ़ी कन्टूमेंट क्षेत्र में बसे ग्रामों का विस्थापन सतपुड़ा टाइगर रिजर्व द्वारा नहीं कराया गया है। रिजर्व फारेस्ट सतपुड़ा टाइगर रिजर्व से विस्थापित हुये ग्रामों के नवीन बसाहट संबधी जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) सतपुड़ा टाईगर रिजर्व, होशंगाबाद रिजर्व क्षेत्र से विकल्प-1 (क) के तहत विस्थापित ग्रामों में वनविभाग द्वारा प्रदाय की गई मूलभूत सुविधाओं की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) एवं (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्रधानमंत्री एवं मुख्य मंत्री सड़क निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
74. ( क्र. 2991 ) श्री दिव्यराज सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र में प्रधानमंत्री सड़क योजना एवं मुख्यमंत्री सड़क योजना अन्तर्गत जिन मार्गों का निर्माण कराया गया है उन मार्गों का विधिवत सर्वे कराने के उपरांत तकनीकी एवं वित्तीय स्वीकृति प्रदाय की गई है, किन्तु निर्माण के समय इन मार्गों की गुणवत्ता का ध्यान नहीं रखा जाता है? इन मार्गों के अल्प समय में खराब हो जाने का क्या कारण है ऐसी स्थितियों में विभाग द्वारा संबंधित ठेकेदारों एवं अधिकारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जाती है? (ख) क्या प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत निर्मित एवं निर्माणाधीन सड़कों के विभिन्न पैकेज क्रमांकों की किसी अन्य एजेन्सी से जाँच कराई जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ, जी नहीं। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत त्रिस्तरीय गुणवत्ता नियंत्रण की व्यवस्था है जिसमें इकाई स्तर पर इकाई के अधिकारी/कर्मचारी/कंसलटेंट के इंजीनियर, प्रदेश स्तर पर स्टेट क्वालिटी मॉनीटर एवं राष्ट्रीय स्तर पर नेशनल क्वालिटी मॉनीटर द्वारा समय-समय पर गुणवत्ता का परीक्षण किया जाता है जबकि मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत विभागीय अभियंताओं के साथ-साथ एस.क्यू.एम. से गुणवत्ता परीक्षण कराया जाता है। गुणवत्ता में कोई कमी पाई जाती है, तो तत्काल उसे सुधार कर कार्य मानक अनुसार कराया जाता है। कहीं-कहीं भारी वाहनों के आवागमन से सड़कें अल्प अवधि में क्षतिग्रस्त होना संभावित है। यदि कोई गंभीर त्रुटि अथवा लापरवाही के कारण सड़क क्षतिग्रस्त होती है तो गुणदोष के आधार पर संबंधित ठेकेदार के विरूद्ध अनुबंधानुसार तथा अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध नियमानुसर कार्यवाही की जाती है। (ख) उत्तरांश 'क' में वर्णित व्यवस्था के मद्देनजर आवश्यकता नहीं है।
इंदिरा आवास योजना के अंतर्गत हितग्राहियों को राशि का भुगतान
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
75. ( क्र. 3011 ) श्री अजय सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला सीधी में वर्ष 2013-14, 2014-15 एवं 2015-16 में वर्षवार इंदिरा आवास योजना के कितने प्रकरण स्वीकृत हुए? (ख) क्या यह योजना पूर्ण हो चुकी है? क्या स्वीकृत इंदिरा आवास की किश्तें बकाया है? (ग) यदि हाँ, तो कितनी-कितनी राशि विकासखण्डवार बकाया है? संबंधित हितग्राहियों को राशि का भुगतान न किये जाने का क्या कारण है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) इंदिरा आवास योजना अन्तर्गत वर्ष 2013-14 में 1935 वर्ष 2014-15 में 1822 एवं वर्ष 2015-16 में 1600 प्रकरण स्वीकृत हुए। (ख) एवं (ग) जी नहीं। हितग्राहियों को दी गई अनुदान की प्रथम किश्त से अपेक्षित स्तर तक निर्माण नहीं होने से द्वितीय किश्त देय नहीं हुई है।
पंचायतों द्वारा मनरेगा में श्रमिकों के बदले मशीनों द्वारा कार्य
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
76. ( क्र. 3012 ) श्री अजय सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला सीधी में वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 के दिसम्बर माह तक कितने मजदूरों को कार्य दिया गया? (ख) क्या ग्राम पंचायतों द्वारा श्रमिकों के बदले मशीनों द्वारा कार्य कराया जा रहा है? (ग) यदि यह सत्य है तो कितने ग्राम पंचातयों में कार्यवाही हुई?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) वित्तीय वर्ष 2015-16 में 90,870 जाबकार्डधारी मजदूरों को एवं 2016-17 में प्रश्न दिनांक तक 60,113 जाबकार्डधारी मजदूरों को महात्मा गांधी नरेगा अंतर्गत रोजगार दिया गया। (ख) एवं (ग) जी नहीं, केवल ग्राम पंचायत खड्डी खुर्द में सड़क निर्माण कार्य में जे.सी.बी. मशीन का उपयोग होना पाया गया। ग्राम पंचायत खड्डी खुर्द के सचिव का निलम्बन एवं ग्राम रोजगार सहायक की संविदा सेवा समाप्ति के आदेश दिये गये, जिस पर वर्तमान में न्यायालय अपर कमिश्नर, रीवा का स्थगन है।
तत्कालीन नगरपालिका अधिकारी भिण्ड द्वारा की गई आर्थिक अनियमितता की जाँच
[नगरीय विकास एवं आवास]
77. ( क्र. 3031 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नगर पालिका परिषद् भिण्ड अंतर्गत मेन अटेर रोड भिण्ड से शमशान घाट तक सी.सी. रोड निर्माण कार्य हेतु सांसद निधि से किस-किस एजेंसी को कितनी राशि का भुगतान किस दिनांक को किया गया है? (ख) क्या तत्कालीन प्रभारी मुख्य नगर पालिका अधिकारी, भिण्ड श्री वी.वी. अग्निहोत्री द्वारा पूर्व से निर्मित मेन अटेर रोड से शमशान घाट तक का पुन: लगभग रूपये 4.92 लाख का भुगतान मेसर्स पवैया इंजीनियरिंग वर्क्स भिण्ड को किया था? (ग) यदि हाँ, तो क्या संचालनालय नगरीय प्रशासन एवं विकास म.प्र. के पत्र क्रमांक/यां.प्र./7/2016-14154 भोपाल, दिनांक 10.11.2016 द्वारा कलेक्टर, भिण्ड को दोषियों के विरूद्ध अपराधिक प्रकरण की एफ.आई.आर. दर्ज कराकर प्रतिवेदन देने हेतु लिखा था? (घ) यदि हाँ, तो कलेक्टर, भिण्ड ने कब एफ.आई.आर. दर्ज कराई? यदि नहीं, तो क्यों? (ड.) क्या श्री वी.वी. अग्निहोत्री तत्कालीन प्रभारी सी.एम.ओ. एवं एस.डी.एम., भिण्ड को जाँच अधिकारियों द्वारा सांठगांठ कर दोषमुक्त करने का प्रयास किया जा रहा है? यदि नहीं, तो श्री अग्निहोत्री के विरूद्ध कब तक एफ.आई.आर. दर्ज कराई जावेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) कार्यपालन यंत्री, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभाग भिंड द्वारा संविदाकार श्री अवनीश मेहरोत्रा को एजेन्सी नियुक्त कर कार्य कराया गया, कराये गये कार्य का भुगतान राशि रू 5,21,043.00 श्री अवनीश मेहरोत्रा को दिनांक 04.10.14 को किया गया है। (ख) जी हाँ। (ग) जी हाँ। (घ) कलेक्टर भिंड द्वारा मुख्य नगर पालिका अधिकारी, नगर पालिका परिषद् को एफ.आई.आर. कराने का निर्देश जारी किया गया, जिसके परिपालन में मुख्य नगर पालिका अधिकारी, नगर पालिका परिषद्, भिंड द्वारा एफ.आई.आर. करने के लिए नगर निरीक्षक, शहर कोतवाली, भिंड को लिखा गया है, नगर निरीक्षक शहर कोतवाली, भिंड द्वारा प्रकरण की विवेचना की जा रही है। (ड.) जी नहीं, उत्तरांश (घ) के परिप्रेक्ष्य में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
जिला योजना समिति की बैठक आयोजित किए जाना
[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]
78. ( क्र. 3032 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र.जिला योजना समिति अधिनियम, 1995 की धारा के तहत जिला योजना समिति भिण्ड के गठन से प्रश्न दिनांक तक कब-कब बैठकें आयोजित की गई? यदि नहीं, तो क्यों? बैठकें आयोजित न करने वाले दोषियों के विरूद्ध जाँच कराकर कब तक कार्यवाही की जावेगी? (ख) क्या जिला योजना समिति के संकल्प धारा 9 की उपधारा 2 (क) के तहत अस्थाई प्रयोजन हेतु उप समितियां गठन करने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो भिण्ड जिले में उप समितियों के गठन हेतु कब और किसकी अध्यक्षता में प्रस्ताव पारित किया गया? (ग) यदि नहीं, तो प्रश्नकर्ता की बिना सहमति के सांसद एवं विधायक क्षेत्रीय विकास योजना के कार्यों की मॉनीटरिंग हेतु उपसमिति का पीठासीन अधिकारी किस नियम के तहत बनाया गया? (घ) वर्ष 2016-17 में भिण्ड जिले में कब-कब जिला योजना समिति की बैठकें आयोजित की गई तथा बैठकों में हुए निर्णयों की प्रोसीडिंग प्रश्नकर्ता को कब-कब उपलब्ध कराई गई? यदि नहीं, तो क्यों? (ड.) क्या प्रोसीडिंग की प्रतियां जिला योजना समिति भिण्ड के सदस्यों को उपलब्ध न कराने वाले अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों? (च) क्या म.प्र. जिला योजना समिति अधिनियम 1995 के नियम 7 में बताये गये कृत्यों का पालन न करने के दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) म.प्र. जिला योजना समिति अधिनियम 1995 की धारा के तहत जिला योजना समिति का गठन दिनांक 22.6.2015 को किया गया। प्रथम बैठक दिनांक 4.11.2015 को आयोजित की गई। द्वितीय बैठक का आयोजन दिनांक 26.12.2015 को किया गया। तृतीय बैठक का आयोजन दिनांक 22.4.2016 को किया गया। चतुर्थ बैठक का आयोजन दिनांक 7.9.2016 को किया गया। शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता। (ख) जी हाँ। जिला योजना समिति की बैठक दिनांक 7.9.2016 को मान. प्रभारी मंत्री (अध्यक्ष) द्वारा बैठक के दौरान ही उप समितियों के गठन हेतु आदेशित किया गया। (ग) मध्यप्रदेश जिला योजना उप समितियां (संरचना कार्य सदस्यों का कार्यकाल और कामकाज के संचालन की प्रक्रिया) नियम 1995 के नियम-5 के तहत पीठासीन अधिकारी बनाया गया है। (घ) वर्ष 2016-17 में दिनांक 22.4.2016 को तथा दिनांक 7.9.2016 को बैठकें आयोजित की गई तथा जिला योजना समिति के समस्त सदस्यों को पालन प्रतिवेदन क्रमशः पत्र क्रमांक 1506, दिनांक 4.8.2016 एवं पत्र क्र. 315, दिनांक 3.2.2017 द्वारा उपलब्ध कराया गया। (ड.) जिला योजना समिति भिण्ड के समस्त सदस्यों को पालन प्रतिवेदन 1. पत्र क्र. 6112, दिनांक 26.12.2015, 2. पत्र. क्र. 232, दिनांक 1.2.2016, 3. पत्र क्र. 1506, दिनांक 4.8.2016, 4. पत्र क्र. 315, दिनांक 3.2.2017 द्वारा उपलब्ध कराये गये (च) मध्यप्रदेश जिला योजना समिति अधिनिमय 1995 के नियम-7 में दर्शायें गये बिन्दुओं के अनुसार कार्यवाही सुनिश्चित की गई। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सामान्य वन मंडल में किए गए कार्य
[वन]
79. ( क्र. 3104 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कार्यालय वन संरक्षरक कटनी को वृक्षारोपरण में अनियमितताओं को लेकर दिनांक 01.01.2016 को शिकायत का पत्र एवं क्रमांक 1459/36/2016-17 दिनांक 09.04.2016 को प्राप्त हुआ था? यदि हाँ, तो शिकायत पर की गई जाँच का प्रतिवेदन बताएं? (ख) प्रश्नकर्ता के प्रश्न संख्या 68 (क्रमांक 2738) दिनांक 28.7.2016 के पुस्तकालय परिशिष्ट में शिकायतों की जानकारी निरंक किस आधार पर बताई गई? क्या दिया गया उत्तर सही था? यदि हाँ, तो किस प्रकार, यदि नहीं, तो इसके जिम्मेदारों पर क्या कार्यवाही कब तक की जावेगी? (ग) क्या विधानसभा अता. प्रश्न क्रमांक 3451 दिनांक 28.07.2016 के प्रश्नांश (ख) के परिशिष्ट 01 में बताये गये रोपण स्थल में बताये गये जीवित पेड़ों की संख्या सही है और क्या इन 12 स्थानों पर लगे, बताएं जा रहे पेड़ों की गणना एक ही दिन में किया जाना संभव था? यदि हाँ, तो 9509 पेड़ों की गणना, एक ही दिन (28.06.2016) में एक ही मूल्यांकनकर्ता द्वारा किस प्रकार की गई स्पष्ट करें? (घ) सतना जिले के विधानसभा क्षेत्र नागौद में वन विभाग द्वारा वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक किस-किस योजना में कितनी-कितनी राशि किस-किस मद में स्वीकृत थी तथा किस-किस कार्य में कितनी-कितनी राशि व्यय की गई?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी हाँ। जाँच प्रतिवेदन कार्यालयीन ज्ञाप क्रमांक/नि.स./4778 दिनांक 08.07.2016 से पत्र प्रेषक माननीय विधायक मुडवारा कटनी को भेजा गया है। पत्र की प्रति संलग्न है। (ख) विधान सभा प्रश्न क्रमांक-2738 के उत्तर से संलग्न परिशिष्ट में जानकारी निरंक दर्शायी है, चूँकि शिकायत का जाँच प्रतिवेदन प्रश्न दिनांक से पूर्व ही प्रेषित किया जा चुका था। उत्तर सही है। अतः उत्तर के आधार पर जिम्मेदारों के विरूद्ध कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) विधान सभा अतारांकित प्रश्न क्रमांक-3451 दिनांक 28.07.2016 के प्रश्नांश (ख) के संलग्न परिशिष्ट में बताये गये जीवित पेड़ों की संख्या तत्समय की गई गणना के आधार पर सही है। 12 स्थानों पर रोपित वृक्षों का क्षेत्र नगर निगम क्षेत्र के अन्तर्गत समीप होने के कारण एक ही दिन में उनकी गणना एवं मूल्यांकन श्री राजेन्द्र कर्ण वनपाल परिक्षेत्र सहायक कटनी द्वारा पूर्ण किया गया। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है।
प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना का क्रियान्वयन
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
80. ( क्र. 3139 ) कुमारी निर्मला भूरिया : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना अंतर्गत झाबुआ जिले में वर्ष 2014-15, 2015-16 एवं 2016-17 में कहाँ-कहाँ सड़क निर्माण कार्य कितनी-कितनी लागत के स्वीकृत कर कार्य करवाये गये हैं? (ख) प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना अंतर्गत आगामी वर्षों में कहाँ-कहाँ सड़क निर्माण कार्य प्रस्तावित हैं? सूची उपलब्ध करावें? (ग) पेटलावद विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत सड़क निर्माण हेतु ऐसे कितने प्रस्ताव लंबित हैं जो कि वन विभाग की आपत्ति के कारण स्वीकृत नहीं हो सके हैं तथा कितने समय से लंबित है? (घ) वन विभाग की आपत्ति से लंबित पड़े सड़क निर्माण कार्य के प्रस्ताव को स्वीकृत किये जाने हेतु शासन स्तर से कोई कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो निश्चित समय-सीमा बतावें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत आगामी वर्षों में सड़क निर्माण के कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। (ग) निरंक। (घ) उत्तरांश (ग) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
वन क्षेत्र में तालाब निर्माण कार्यों की स्वीकृति
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
81. ( क्र. 3140 ) कुमारी निर्मला भूरिया : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) झाबुआ जिले में ग्रामीण विकास विभाग अंतर्गत ऐसे कितने तालाब हैं, जिनका निर्माण कार्य वन विभाग की अनुमति नहीं मिलने से स्वीकृति हेतु लंबित है विकास खण्डवार सूची उपलब्ध करावें? (ख) उक्त लंबित तालाब निर्माण कार्य की स्वीकृति हेतु वन विभाग एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है। (ग) जिले में ऐसे बहुत से स्थल हैं जहाँ वृहद निस्तार तालाब निर्माण किये जाकर ग्रामीण आदिवासी कृषकों को सिंचाई सुविधा का लाभ मिल सकता है? (घ) वन विभाग की अनुमति नहीं मिलने से जिले में बहुत से प्रस्तावित तालाब निर्माण कार्य हैं जो कि वर्षों से स्वीकृति हेतु लंबित हैं क्या विभाग इन तालाब निर्माण की स्वीकृति हेतु कोई कार्यवाही करेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) वन मण्डलाधिकारी, सामान्य वन मण्डल, झाबुआ द्वारा वन विभाग के वानिकी कार्य अधिक होने से तालाब निर्माण में असमर्थता व्यक्त करने की पृष्ठभूमि में कलेक्टर, झाबुआ ने वन विभाग को दिनांक 21.12.2016 को वन मण्डलाधिकारी, झाबुआ को महात्मा गांधी नरेगा के अंतर्गत तालाबों के निर्माण के लिये एजेंसी बनाने के निर्देश देने का अनुरोध किया है। (ग) एवं (घ) जी हाँ।
मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना
[सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम]
82. ( क्र. 3187 ) श्री रमेश पटेल : क्या राज्यमंत्री, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजनान्तर्गत बड़वानी जिले में दिनांक 01.01.2014 से 31.01.2017 तक कितने आवेदन प्राप्त हुए वर्षवार बतावें। कितने आवेदन स्वीकृत हुए। (ख) स्वीकृत आवेदनों में से अनुसूचित जाति/जनजाति/अल्पसंख्यक/पिछड़ावर्ग एवं सामान्य वर्ग के कितने हितग्राही चयनित होकर उन्हें बैंक से ऋण प्राप्त हुआ? (ग) ऐसे कितने प्रकरण हैं जिनका चयन विभाग ने कर लिया परन्तु उन्हें बैंक से ऋण नहीं मिला? (घ) कितने प्रकरणों में ऋण हेतु शासन ने गांरटी दी है?
राज्यमंत्री, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम ( श्री संजय पाठक ) : (क) मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजनान्तर्गत बड़वानी जिले में प्रश्नांकित अवधि तक 2311 आवेदन प्राप्त हुए। वर्षवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। प्राप्त आवेदनों में से 1259 आवेदन स्वीकृत हुये। (ख) स्वीकृत आवेदनों में से अनुसूचित जाति/जनजाति/अल्पसंख्यक/पिछड़ावर्ग एवं सामान्य वर्ग के चयनित हितग्राहियों जिन्हें ऋण प्राप्त हुआ है, की वर्षवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) मात्र 02 प्रकरण जिनका चयन विभाग ने किया, परन्तु बैंक ने एडवर्ष क्रेडिट रिपोर्ट के कारण स्वीकृत नहीं हुये। (घ) उपरोक्त योजनान्तर्गत ऋण गारंटी योजना (CGTMSE) की कार्यवाही बैंक द्वारा की जाती है एवं जानकारी बैंक शाखाओं में संधारित की जाती है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
तालाबों की पाल एवं तालाबों पर अतिक्रमण
[नगरीय विकास एवं आवास]
83. ( क्र. 3216 ) श्री राजेश सोनकर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) इन्दौर विकास योजना के अध्याय 06 की कंडिका 6.15.3 के अनुबंध अनुसार इन्दौर जिला अंतर्गत मास्टर प्लान 2021 के एच.एफ.एल. स्तर से 60 मीटर दूरी तक किसी भी प्रकार का निर्माण किया जाना प्रतिबंधित है? (ख) यदि हाँ, तो क्या इन्दौर शहर में स्थित बिलावली तालाब की पाल से लगे हुये एवं तालाब के केचमेंट एरियां से लगे हुये निर्माण मास्टर प्लान 2012 एवं 2021 के मास्टर प्लान अनुसार तालाबों की एच.एफ.एल के हिसाब से तालाब/पाल से कितनी दूरी पर निर्मित है? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में बिलावली तालाब/पाल से कितने मीटर की दूरी पर पूर्व मास्टर प्लान व नये मास्टर प्लान से निर्माण की मंजूरी/स्वीकृति कब-कब व किन-किन विभागों/पंचायतों/अधिकारीयों द्वारा किन-किन संस्था व व्यक्तियों को दी गई? (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में क्या तालाब के केचमेंट एरिया/पाल के आस-पास निर्मित बहुमंजिला इमारतों/रेस्टोरेंटों व टाउनशिपों की भूमि पर हुए निर्माण की जाँच कराई जायेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) एच.एफ.एल से प्रतिबंधित सीमा 60 मीटर के अंदर निर्माण मौजूद हैं। (ग) वर्तमान में उपलब्ध अभिलेखों के अनुसार प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित क्षेत्र अंतर्गत नगर निगम, इंदौर, तत्कालीन पंचायत एवं नगर तथा ग्राम निवेश द्वारा कोई भवन निर्माण मंजूरी/स्वीकृति/अनुमति जारी नहीं की गई हैं। (घ) प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में नगर निगम, इंदौर एवं तत्कालीन पंचायत द्वारा कोई मंजूरी/स्वीकृति जारी नहीं की गई हैं, अत: प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
मुख्य कार्यपालन अधिकारी कैलारस द्वारा बरती जा रही अनियमितता
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
84. ( क्र. 3218 ) श्री सूबेदार सिंह रजौधा : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वाहन क्रं. एम.पी.०६ टी.ए. ०२०५ का अनुबंध जनपद अध्यक्ष कैलारस के परिभ्रमण हेतु किया गया है जिसका अनुबंध मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद कैलारस द्वारा प्रोसिडिंग में ०५-०८-२०१६ से किया गया है जबकि भुगतान ०१-०५-२०१६ से कर दिया गया है तथा अनुबंध करार ०१-०१-२०१६ से गैर न्यायिक स्टाम्प जिसकी खरीद दिनांक १३-०७-२०१६ को की गई है स्टाम्प खरीदी दिनांक के पूर्व के दिनांक में अनुबंध दर्शाना तथा अनुबंध से पूर्व का भुगतान करना न्याय संगत है? (ख) क्या अनुबंध शर्तों में वाहन चालक का ड्राईविंग लायसेंस ०५ वर्ष पुराना होकर करार वाहन का भुगतान व डीजल का भुगतान वाहन मालिक के खाते में कराया जाता है? (ग) क्या ०९-०८-२०१६ को जनपद पंचायत कैलारस में सामान्य प्रशासन एवं सामान्य सभा की बैठक का आयोजन ११:०० ए.एम. से ०४:०० पी.एम. तक अध्यक्ष की उपस्थिति में हुआ? यदि हाँ, तो क्या इसी दिनांक को अध्यक्ष का भ्रमण १०:०० ए.एम. से ०५:०० पी.एम. तक ६० कि.मी. का भ्रमण दिखाकर फर्जी लॉगबुक तैयार कर यात्रा व्यय राशि का दुरूपयोग किया गया है? (घ) प्रश्नांश (क) (ख) (ग) में संबंधितों के विरूद्ध वित्तीय अनियमितताओं पर दण्डात्मक कार्यवाही कब तक की जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) अध्यक्ष जनपद कैलारस के लिए किराए पर वाहन लेने एवं भुगतान में अनियमितता के लिए मुख्य कार्यपालन अधिकारी,जनपद पंचायत के विरुद्ध विभागीय जाँच संस्थित करने का निर्णय लिया गया है। अध्यक्ष, जनपद पंचायत कैलारस द्वारा दिनांक 09.08.2016 को दौरा किए बगैर वाहन की लॉग-बुक में दौरा दर्शायें जाने के संबंध में उन्हें मध्यप्रदेश पंचायत एवं ग्राम स्वराज अधिनियम के प्रावधानों के तहत कारण बाताओ सूचना जारी किए जाने के निर्देश कलेक्टर को दिए गए है। (ख) अध्यक्ष जनपद कैलारस के लिए किराए पर वाहन लेने एवं भुगतान में अनियमितता के लिए मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत के विरुद्ध विभागीय जाँच संस्थित करने का निर्णय लिया गया है। अध्यक्ष, जनपद पंचायत कैलारस द्वारा दिनांक 09.08.2016 को दौरा किए बगैर वाहन की लॉग-बुक में दौरा दर्शायें जाने के संबंध में उन्हें मध्यप्रदेश पंचायत एवं ग्राम स्वराज अधिनियम के प्रावधानों के तहत कारण बाताओ सूचना जारी किए जाने के निर्देश कलेक्टर को दिए गए है। (ग) अध्यक्ष जनपद कैलारस के लिए किराए पर वाहन लेने एवं भुगतान में अनियमितता के लिए मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत के विरुद्ध विभागीय जाँच संस्थित करने का निर्णय लिया गया है। अध्यक्ष, जनपद पंचायत कैलारस द्वारा दिनांक 09.08.2016 को दौरा किए बगैर वाहन की लॉग-बुक में दौरा दर्शायें जाने के संबंध में उन्हें मध्यप्रदेश पंचायत एवं ग्राम स्वराज अधिनियम के प्रावधानों के तहत कारण बाताओ सूचना जारी किए जाने के निर्देश कलेक्टर को दिए गए है। (घ) अध्यक्ष जनपद कैलारस के लिए किराए पर वाहन लेने एवं भुगतान में अनियमितता के लिए मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत के विरुद्ध विभागीय जाँच संस्थित करने का निर्णय लिया गया है। अध्यक्ष, जनपद पंचायत कैलारस द्वारा दिनांक 09.08.2016 को दौरा किए बगैर वाहन की लॉग-बुक में दौरा दर्शायें जाने के संबंध में उन्हें मध्यप्रदेश पंचायत एवं ग्राम स्वराज अधिनियम के प्रावधानों के तहत कारण बाताओ सूचना जारी किए जाने के निर्देश कलेक्टर को दिए गए है।
वन्य प्राणियों के शिकार पर प्रतिबंध संबंधी पत्रों पर कार्यवाही
[वन]
85. ( क्र. 3236 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता ने पत्र क्रमांक 7018 दिनांक 14 दिसम्बर 2016 प्रमुख सचिव वन विभाग भोपाल एवं प्रधान मुख्य वन संरक्षण (वन प्राणी) भोपाल को पत्र लिखकर वन्य प्राणियों के शिकार, प्रतिबंध संरक्षण से संबंधित कौन-कौन सी जानकारी उपलब्ध करवाए जाने का निवेदन कर पत्र की प्रति किस-किस पार्क डायरेक्टर को भी प्रेषित की है। (ख) प्रश्नकर्ता ने अपने पत्र में किस-किस कानून, नियम एवं किस-किस दिनांक को राजपत्र में प्रकाशित शिकार एवं प्रतिबंध की अधिसूचना का उल्लेख किया है, उसमें से कौन-कौन सी अधिसूचना विभाग के पास उपलब्ध है? प्रति सहित बतावें। (ग) प्रश्नकर्ता द्वारा पत्र लिखकर चाही गई जानकारी प्रश्नांकित दिनांक तक भी उपलब्ध नहीं करवाए जाने का क्या कारण रहा है प्रश्नकर्ता को चाही गई जानकारी उपलब्ध करवाए जाने के संबंध में प्रमुख सचिव एवं प्रधान मुख्य वन संरक्षण ने किस दिनांक को किस-किस को क्या निर्देश दिए हैं। (घ) प्रश्नकर्ता को पत्र लिखकर चाही गई जानकारी कब तक उपलब्ध करवा दी जावेगी?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी हाँ। प्रश्नकर्ता द्वारा प्रश्नांकित पत्र लिखा गया था। पत्र की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) से (घ) पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट में माननीय विधायक द्वारा चाही गई जानकारी का उल्लेख है। माननीय विधायक महोदय के पत्र का उत्तर प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यप्राणी) के पत्र क्रमांक/संरक्षण/146/1172, दिनांक 23.02.2017 से माननीय विधायक महोदय को प्रेषित किया गया है। प्रश्नांश के शेष भागों की स्थिति इस उत्तर में स्पष्ट की गई है।
सागर नगर की दुग्ध डेयरी का विस्थापन
[नगरीय विकास एवं आवास]
86. ( क्र. 3299 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या मध्यप्रदेश के समस्त नगर पालिक निगमों में डेयरी व्यवसाय नगर निगम सीमा से बाहर संचालित करने का नियम है? यदि हाँ, तो क्या समस्त नगर निगम पालिका निगमों में पालन किया जा रहा है? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) क्या सागर नगर पालिक निगम के अंतर्गत डेयरियों का विस्थापन कर लिया है? यदि नहीं, तो इस संबंध में अब तक की गई कार्यवाही से अवगत करायें एवं विस्थापन की प्रक्रिया कब तक पूर्ण कर ली जायेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) मध्य प्रदेश नगर पालिक निगम अधिनियम, 1956 की धारा 264 के अनुसार समस्त नगर पालिक निगमों में पालन किया जा रहा है, आयुक्त द्वारा प्रदान किये गये अनुमति पत्र के बिना नगर की सीमाओं के भीतर दुग्ध विक्रय या दुग्ध पालिक का व्यापार निषेध है, समस्त नगर पालिका निगमों द्वारा उपरोक्त नियम में प्रावधान के अंतर्गत सतत् कार्यवाही की जाती है। (ख) नगर पालिक निगम, सागर द्वारा वर्ष 2002 में पशुओं के नियंत्रण आदेश का प्रकाशन राजपत्र में किया गया है एवं इसी आदेश के अनुसार कलेक्टर, सागर द्वारा अधिसूचना क्रमांक 1336 दिनांक 25.05.2012 के अनुसार नगर निगम सीमा क्षेत्र से बाहर 33 ग्रामों को दुग्ध व्यवसाय हेतु चिन्हित किया जाकर नगर निगम सीमा में पशुओं को रखना निषेधित किया गया है यह कार्यवाही प्रक्रियाधीन है, नगर पालिक निगम, सागर के अंतर्गत वर्तमान तक दुग्ध डेरियों का विस्थापन नहीं किया जा सका है, इस संबंध में निगम क्षेत्र में स्थित छोटी-बड़ी लगभग 375 डेरियों में विधिवत् विस्थापन हेतु नगर पालिक निगम, सागर द्वारा नगर निगम, सागर पशु नियंत्रण आदेश 2001 का प्रकाशन वर्ष 2002 में मध्य प्रदेश के राजपत्र में एवं तदोपरांत स्थानीय समाचार-पत्र में किया गया था वर्ष 2001 में ही जिला योजना समिति द्वारा ग्राम बेरखेड़ी एवं बन्नाद की 97.91 हेक्टेयर भूमि निर्धारित प्रीमियम एवं भू-भाटक पर नगर पालिक निगम, सागर को डेरी व्यवस्थापन हेतु आवंटित की गई थी, परंतु डेरी स्वामियों द्वारा इस भूमि को पशुओं हेतु अनुचित बताकर शहर की चारों ओर भूमि आवंटन की मांग की गई, इस तारतम्य में 2007 में ग्राम रजौआ में 12.36 हेक्टेयर, ग्राम मझगुवां में 18.77 हेक्टेयर एवं ग्राम भैंसा में 1.62 हेक्टेयर शासकीय भूमि के आवंटन का निर्णय राजस्व विभाग द्वारा लिया गया ताकि दूध डेरी नगर के बाहर स्थापित की जा सके। वर्ष 2009 में डेरी स्वामियों द्वारा माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर से डेरियों को नगर से बाहर व्यवस्थापन की कार्यवाही पर स्थगन प्राप्त कर लिया गया, स्थगन हटने के उपरांत कलेक्टर, सागर द्वारा आदेश पारित कर वर्ष 2011 में निम्न लिखित ग्राम धर्मश्री पटवारी हल्का 64 खसरा नं. 160/3 रकवा 9.412 हेक्टेयर, ग्राम रजौआ पटवारी हल्का नं. 52 खसरा नं. 302, 303 की रकवा नं. 9.11, 79.36 है, ग्राम मझगुवॉं अहीर प.ह.नं. 54 खसरा नं. 78.93 रकवा 21.22, 11.79 है, ग्राम मझगुवां ग्रंट प.ह.नं. 54 खसरा नं. 37 रकबा 11.59 है एवं ग्राम अर्जुनी प.ह.नं. 53 खसरा नं. 115/1 रकबा 21.90 हेक्टेयर की भूमियां दूध डेरी हेतु आरक्षित कर दी गई थी, परंतु संयुक्त कलेक्टर के पत्र क्रमांक 2775 दिनांक 05.04.2012 के द्वारा आरक्षित भूमियों के आदेश निरस्त कर दिये गये। तदोपरांत पुन: कलेक्टर, सागर द्वारा संलग्न अधिसूचना क्रमांक 1336 दिनांक 25.05.2012 के अनुसार नगर निगम सीमा क्षेत्र से बाहर 33 ग्रामों को चिन्हित किया जाकर निगम सीमा के भीतर पशुओं का रखना निषेधित किया गया है, परंतु डेयरी स्वामियों के द्वारा चिन्हित ग्रामों में लाईट, सड़क तथा पानी इत्यादि की मांग रखते हुये विस्थापन हेतु सहमति नहीं दी गई वर्तमान में डेयरी विस्थापन हेतु निगम प्रशासन डेयरी मालिकों की पुन: बैठक आहूत की गई, जिसमें डेयरी विस्थापन हेतु मालिकों से सहमति पत्र लिया गया है, शासकीय पशु प्रजनन प्रक्षेत्र, ग्राम रतौना भोपाल रोड़, सागर में डेरी विस्थापन के लिए प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है, सक्षम स्वीकृति उपरांत डेरी विस्थापन की कार्यवाही की जाना प्रक्रियाधीन है।
सागर नगर में मीट/मछली विक्रय मार्केट
[नगरीय विकास एवं आवास]
87. ( क्र. 3300 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या सागर नगर में मीट/मछली विक्रय मार्केट का निर्माण किया गया है? यदि हाँ, तो कब एवं कितनी लागत से किया गया है स्थान सहित बतायें? (ख) क्या सागर नगर में मीट/मछली मार्केट निर्मित होने के बाद भी नगर में मीट/मछली विक्रेताओं द्वारा विभिन्न स्थानों पर मीट/मछली का विक्रय किया जा रहा है? यदि हाँ, तो मीट/मछली विक्रेताओं को नव निर्मित मार्केट में कब तक स्थानान्तरित किया जायेगा? (ग) क्या सागर नगर में गैर लायसेन्सी विक्रेताओं द्वारा एवं गैर अधिसूचित क्षेत्र में मीट/मछली का विक्रय किया जा रहा है? यदि हाँ, तो विगत दो वर्षों में शासन द्वारा प्रश्न दिनांक तक किन-किन विक्रेताओं पर कार्यवाही की गई है? नामवार, कार्यवाही दिनांक सहित बतायें। (घ) क्या शासन इस तरह की अवैध गतिविधियों पर पूर्ण अंकुश लगाने की कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ, नगर निगम सागर द्वारा मीट/मछली मार्केट का निर्माण वर्ष 1995-96 में तिलकगंज वार्ड में कराया गया था। वर्तमान में मछुआरों के उन्नयन हेतु तथा मतस्य उद्योग को प्रोत्साहन करने के उद्देश्य से केन्द्र शासन द्वारा स्वीकृत थोक मतस्य विपणन केन्द्र की स्थापना जिसकी लागत राशि रूपये 1.26 करोड़ से बाघराज वार्ड पर कराई गई है। (ख) नगर निगम सागर द्वारा पूर्व में निर्मित मीट/मछली मार्केट के अतिरिक्त अवैध रूप से मीट/मछली विक्रेताओं के विरूद्ध समय-समय पर हटाने की कार्यवाही की जाती है वर्तमान में उक्त मार्केट के जीर्णोद्धार का कार्य नगर निगम द्वारा किया जा रहा है। (ग) गैर लायसेंसी मांस विक्रेताओं पर नगर निगम द्वारा कड़ी कार्यवाही की जाती है, नगर निगम एवं जिला प्रशासन मिलकर अतिक्रमण दस्ते के साथ मांस एवं मछली विक्रेताओं की दुकानें हटवा दी जाती है, नगर निगम सागर द्वारा गैर लायसेंसी मांस/मछली विक्रेताओं पर विगत 02 वर्षों में जो कार्यवाही की गई है, जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जी हाँ, इस तरह की अवैध गतिविधियों की सूचना प्राप्त होते ही जिला प्रशासन के सहयोग से नगर निगम द्वारा समय-समय पर हटाने की कार्यवाही की जाती है। समय का कोई प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है।
वन्य जंगली पशुओं द्वारा किये जा रहे फसल नुकसान
[वन]
88. ( क्र. 3308 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विगत तीन वर्षों में नरयावली विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत वन्य जंगली पशुओं जैसे जंगली सुअर, नीलगाय आदि द्वारा ग्रामों में फसल नुकसान की शिकायतें विभाग को प्राप्त हुई है? (ख) यदि हाँ, तो विभाग द्वारा उक्त संबंध में क्या कार्यवाही की गई है? (ग) क्या विभाग जंगली पशु जंगल (सुअर, नीलगाय) जो किसानों की फसलों को नुकसान पहुंचा रहे हैं, उन पशुओं को पकड़कर जंगल में छोड़ने की कोई कार्यवाही प्रश्न दिनांक तक की गई है? (घ) क्या जंगली पशुओं द्वारा किये गये फसलों के नुकसान के मुआवजा के लिये विभाग में कोई योजना है? यदि हाँ, तो जानकारी देवें।
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी हाँ। नरयावली विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत विगत तीन वर्षों में वन्यप्राणियों (रोजड़ो, जंगली सुअर आदि) द्वारा ग्रामों में फसल नुकसानी की 03 शिकायतें उत्तर सागर वनमंडल में एवं 05 शिकायतें दक्षिण सागर वनमंडल में प्राप्त हुई है। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में प्राप्त निम्नांकित शिकायतों को संबंधित राजस्व अधिकारी (तहसीलदार जिला सागर) को मूलतः वनमंडल अधिकारी उत्तर सागर एवं दक्षिण सागर द्वारा अग्रिम कार्यवाही हेतु प्रेषित की गई है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) विभाग द्वारा सागर जिले में वन्यप्राणियों (जंगली सुअर, रोजड़ो), जो किसानों की फसलों को नुकसानी पहुंचा रहे है, को पकड़कर जंगल में छोड़ने की कार्यवाही प्रश्न दिनांक तक नहीं की गई है। मंदसौर जिले के ऐरा ग्राम में फसलों को नुकसान करने वाली 27 रोजड़ो को प्रायोगिक तौर पर बोमा पद्धति से पकड़कर गांधी सागर अभयारण्य में छोड़ने की कार्यवाही की गई है। (घ) जंगली पशुओं द्वारा किये गये फसलों के नुकसान के मुआवजों के लिये वन विभाग में कोई योजना नहीं है। वन्यप्राणियों द्वारा फसल क्षति किये जाने पर फसल क्षति प्रकरण में राहत राशि का निर्धारण एवं भुगतान राजस्व विभाग द्वारा ही की जाती है। राजस्व पुस्तक परिपत्र 6 (4) की कंडिका 11 (क) में दिये गये निर्देशानुसार प्रभावित कृषक द्वारा राजस्व विभाग में आवेदन प्रस्तुत किये जाने पर स्थल निरीक्षण उपरांत क्षति के आंकलन के आधार पर सहायता अनुदान राशि की स्वीकृति संबंधित सक्षम राजस्व अधिकारी द्वारा की जाती है। म.प्र. शासन लोक सेवा प्रबंधन विभाग की अधिसूचना क्रमांक एफ 308 -05-01-2010 दिनांक 24/09/2011 द्वारा मध्यप्रदेश लोक सेवाओं के प्रदान की गारंटी अधिनियम 2010 के तहत सेवा क्रमांक 4.6 में वन्यप्राणियों से फसल हानि के भुगतान की कार्यवाही प्रभावित कृषकों को 30 कार्यदिवस की समयावधि में राजस्व विभाग द्वारा किये जाने का प्रावधान है।
विधि विरूद्ध कार्यवाही करने वाले दोषियों पर किये जाने वाली कार्यवाही
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
89. ( क्र. 3348 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले में खुले में शौच मुक्त की गई पंचायतों की जिला एवं जनपदवार जानकारी वर्ष 2012 से प्रश्नांश तक की देवें? खुले में शौच से मुक्त किये जाने बावत स्वच्छ भारत मिशन के लिए कितनी-कितनी राशि जिला पंचायतों एवं जनपद पंचायतों को सरकार द्वारा दी गई का विवरण वर्षवार देवें? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में खुले में शौच से मुक्त ग्राम पंचायतों में कितने शौचालयों के निर्माण कराये गए? यह भी बतावें कि इन पंचायतों में कितने परिवार निवासरत हैं? निवासरत परिवारों में कितने परिवार बी.पी.एल. श्रेणी के एवं कितने परिवार बी.पी.एल. श्रेणी के नहीं है? इन परिवारों को कितनी-कितनी अनुदान राशि प्रदान की गई? (ग) प्रश्नांश (क) के शौचालयों के निर्माण बावत् राशि कब-कब किन-किन निर्माण एजेन्सियों/प्रायवेट सेक्टरों, एन.जी.ओ, को दी गई, दी गई तो बतावें? क्या डी.पी.आई.पी. योजना के तहत भी शौचालयों के निर्माण कराये गए, अगर कराये गए तो कब-कब किन-किन पंचायतों में कितनी-कितनी लागत से, का विवरण जिला एवं जनपदवार वर्ष 2012 से प्रश्नांश तक का देवें? (घ) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में खुले में शौच से मुक्त कराने में सहयोग न करने, अपने पदीय दायित्वों का निर्वहन न करने संबंधी नोटिस धारा 40 की सरपंचों जो जिला के वरिष्ठ अधिकारियों की अनुशंसा पर संबंधित अनुविभागीय अधिकारी राजस्व जारी की गई? साथ ही सचिवों के निलंबन एवं रोजगार सहायकों को पद से पृथक किये जाने की चेतावनी दी गई है, जबकि अनुदान राशि शासन द्वारा सीधे हितग्राहियों के खाते में भेजी जा रही है यदि हाँ, तो संबंधित अधीनस्थ कर्मचारियों एवं जनप्रतिनिधियों को जबरन प्रताड़ित किया जा रहा है तो क्यों, बतावें? पंचायतों को बगैर शौचालय के निर्माण पूर्ण हुए जबरन ओ.डी.एफ. घोषित किया जा रहा है क्यों? (ड.) प्रश्नांश (क) अनुसार शौचालयों के निर्माण पंचायतों के संबंधित हितग्राहियों के यहां न कराकर राशि फर्जी तरीके से आहरण कर गबन कर लिया गया एवं नियम विरूद्ध पंचायतों को ओ.डी.एफ. घोषित किया जा रहा है, इसके लिए दोषियों की पहचान कर क्या कार्यवाही करेंगे? ओ.डी.एफ. की गई पंचायतों में ऐसे परिवार है, जिनके शौचालय के निर्माण आज भी नहीं है, क्योंकि भारत सरकार के पोर्टल में इनके यहां शौचालय का निर्माण पूर्व में होना बताया जा रहा है? वास्तविक रूप से इनको न तो अनुदान राशि प्राप्त हुई और न ही शौचालयों के निर्माण संबंधितों द्वारा कराये गए, इस पर क्या कार्यवाही करेंगे, बतावें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) रीवा जिले में वर्ष 2015-16 में 15 ग्राम पंचायतों एवं वर्ष 2016-17 में 281 ग्राम पंचायतों को खुले में शौच मुक्त किया गया है, जिनकी जनपद पंचायतवार संख्या पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। जून 2016 तक स्वच्छ भारत मिशन के तहत हितग्राहियों को शौचालय निर्माण के लिए प्रोत्साहन राशि का भुगतान करने तथा अभियान चलाने के लिए वर्ष 2015-16 में रूपये 04.00 करोड़ एवं वर्ष 2016-17 में रूपये 44.30 करोड़ जिला पंचायत रीवा को भुगतान की गई। जनपद पंचायतों को राज्य स्तर से कोई धनराशि जारी नहीं की गई। जुलाई 2016 से शौचालय निर्माण के लिए प्रोत्साहन राशि का भुगतान सीधे हितग्राहियों के खाते में जनपद पंचायत द्वारा राज्य के खाते से किए जाने की व्यवस्था है। (ख) खुले में शौच से मुक्त ग्राम पंचायतों में आवास गृहों में वर्तमान में उपलब्ध शौचालयों की ए.पी.एल. एवं बी.पी.एल. परिवार संख्या तथा प्रोत्साहन राशि के भुगतान संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) शौचालय निर्माण संबंधि ग्राम पंचायतों अथवा हितग्राहियों द्वारा कराए गए होने से शासन द्वारा निर्माण एजेंसी नियुक्त नहीं की गई। शासन स्तर से आजीविका मिशन के तहत गठित स्वसहायता समूह को भी शौचालय निर्माण के लिए एजेंसी बनाने के लिए पंचायतराज संस्थाओं का विकल्प दिया गया है। (घ) स्वच्छता अभियान के क्रियान्वयन के लिए ग्रामवासियों को प्रेरित करने उन्हें मार्गदर्शन देने तथा समय पर प्रोत्साहन राशि के भुगतान के लिए ग्राम पंचायत के सचिव तथा रोजगार सहायक की भूमिका है। कर्तव्य निर्वहन में शिथिलता/लापरवाही की दशा में उनके विरूद्ध युक्तियुक्त कार्रवाई की जाना प्रतिवेदित है। ग्राम पंचायत के खुले में शौच मुक्त किए जाने के पूर्व आवश्यक सत्यापन कराया जाना प्रतिवेदित है। (ड.) हितग्राहियों के बैंक खातों में जमा कराई गई प्रोत्साहन राशि के गबन का कोई प्रकरण संज्ञान में नहीं आया है। ग्राम पंचायत को ओ.डी.एफ. घोषित करने के पूर्व ग्रामों के प्रत्येक आवास गृह में एक शौचालय होने संबंधी सत्यापन कराया जाना प्रतिवेदित है। शौचालय निर्माण के लिए प्रत्येक परिवार को प्रोत्साहन राशि का भुगतान करना अनिवार्य नहीं है।
नगर परिषद् राजगढ़ जिला धार के विकास कार्य
[नगरीय विकास एवं आवास]
90. ( क्र. 3371 ) श्री वेलसिंह भूरिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) वर्ष 2013-14 से 2016-17 तक नगर परिषद् राजगढ़ जिला धार के विकास कार्यों हेतु मध्यप्रदेश शासन द्वारा कितीन राशि स्वीकृत की गई एवं कितनी व्यय की गई, मदवार जानकारी दें? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में जो राशि जिस मद में आवंटित थी क्या उसी मद में उस राशि का उपयोग किया गया? यदि नहीं, तो किन नियमों के तहत? क्या शासन इसके लिए जिम्मेदार अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक। (ग) वर्ष 2013 -14 से 2016-17 की अवधि में नगर परिषद् राजगढ़ द्वारा विभिन्न करों से कितनी आय प्राप्त हुई एवं कितनी व्यय हुई?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ, शेषांश का प्रश्न ही नहीं उठता। (ग) निकाय को विभिन्न करों से राशि रू. 2,78,15,274/- की आय हुई तथा राशि रू. 2,78,15,274/- व्यय की गई।
हिन्दुओं की धार्मिक धरोहर भोजशाला का दर्शनार्थ खोला जाना
[धार्मिक न्यास और धर्मस्व]
91. ( क्र. 3374 ) श्री वेलसिंह भूरिया : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या हिन्दुओं की धार्मिक धरोहर भोजशाला में प्राचीन समय से राजाभोज के समय में संस्कृत भाषा की विद्या का अध्ययन किया जाता था? (ख) क्या भोजशाला में मां सरस्वती की ऐतिहासिक मूर्ति विराजमान थी जो कि वर्तमान में इंग्लैड के म्यूजियम में रखी हुई है? (ग) यदि हाँ, तो कब तक मां सरस्वती की मूर्ति को इंग्लैड से वापिस लाकर भोजशाला में कब तक स्थापित कर दिया जायेगा? जो कि करोड़ों हिन्दुओं की मानबिन्दु का केन्द्र है? (घ) भोजशाला के ताले हमेशा हिन्दू धर्मावलम्बियों के लिये खोल दिये जाये इस हेतु सरकार की क्या तैयारी है?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
रीवा जिले में हनुमना एवं मऊगंज तहसील के सीतापुर में अवैध उत्खनन
[खनिज साधन]
92. ( क्र. 3380 ) श्री गिरीश गौतम : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले के तहसील हनुमना तथा मऊगंज तहसील के सीतापुर में पत्थर पटिया के कितनी खदानों की स्वीकृत है? जिनके नाम से खदान की लीज (लायसेंस) है उनका नाम पता सहित तथा कितने रकबे के लिए खदान लीज दी गई है? विवरण देवे तथा खदानों से जंगल की जमीन की दूरी क्या है जनवरी 2015 से 31.12.16 तक उक्त स्थानों में कब-कब अवैध उत्खनन की जाँच किन-किन अधिकारियों द्वारा की गई उनके पद नाम सहित तारीखवार जानकारी देवें? अवैध उत्खनन के कितने प्रकरण कायम किये गये जानकारी देवें? पटिया पत्थर का अवैध परिवहन करते कितने वाहनों को पकड़ा गया एवं उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही हुई? (ख) क्या उच्च स्तरीय कमेटी द्वारा उक्त दोनों स्थान पर अवैध उत्खनन किये जाने एवं अवैध परिवहन किये जाने की जाँच करायेंगे तथा इस षडयंत्र में सम्मिलित अधिकारियों एवं कर्मचारियों के विरूद्ध भी कार्यवाही की जायेगी?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रश्नानुसार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर दर्शित है। प्रश्नाधीन अवधि में अवैध उत्खनन एवं परिवहन की जाँच एवं इस पर की गई कार्यवाही का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर दर्शित है। (ख) प्रश्नांश (क) में दिये उत्तर अनुसार कार्यवाही की गई है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पंचायत सचिव के भ्रष्टाचार की जाँच
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
93. ( क्र. 3392 ) श्री गिरीश गौतम : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रीवा जिले के विकासखण्ड गंगेव अंतर्गत ग्राम पंचायत कोलहई के सचिव के विरूद्ध ग्राम पंचायत के उप सरपंच द्वारा निर्माण कार्यों में लाखों की वित्तीय अनियमितता की शिकायत किये जाने पर मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत रीवा द्वारा जनवरी 2016 में कार्यपालन यंत्री ग्रामीण यांत्रिकी सेवा, संभाग क्रमांक 1 रीवा को शिकायत की जाँच शिकायतकर्ता की उपस्थिति में कराये जाने का आदेश दिया गया था? शिकायत पत्र एवं जाँच आदेश की प्रतिलिपियां उपलब्ध करायें। (ख) क्या प्रश्नांश (क) में वर्णित आदेश (क) अनुक्रम में कोई जाँच की गयी? यदि हाँ, तो कब-कब जाँच अधिकारी मौके पर गये? तारीख सहित बताएं। क्या शिकायतकर्ता को भी जाँच में उपस्थिति के लिए आहूत किया गया है और उसकी उपस्थिति में जाँच की गयी यदि जाँच हुई तो जाँच प्रतिवेदन की प्रतिलिपि उपलब्ध करायें? यदि नहीं, तो क्यों जाँच नहीं की गयी तथा लापरवाही करने वाले अधिकारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही कब तक की जायेगी तथा जाँच कब तक पूर्ण कर ली जायेगी? क्या जाँच के दर्मियान सचिव को पंचायत से अन्यत्र किया जायेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। शिकायत पत्र एवं जाँच आदेश की प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'ब' अनुसार है। (ख) जी हाँ। जाँच अधिकारी कार्यपालन यंत्री ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभाग क्रमांक-1 रीवा दिनांक 29.10.2016, 09.11.2016 एवं 11.02.2017 को जाँच हेतु मौके पर गये। शिकायतकर्ता को मौके पर उपस्थित होने हेतु सूचना भेजी गई किन्तु शिकायतकर्ता उपस्थित नहीं हुए। जाँच अधिकारी द्वारा जाँच कार्य पूर्ण कर दिनांक 17.02.2017 से जाँच प्रतिवेदन प्रस्तुत किया है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। जाँच प्रतिवेदन पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है।
शासकीय महाविद्यालयों में विज्ञान आदि उच्च संकाय की सुविधा
[उच्च शिक्षा]
94. ( क्र. 3400 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालयों में अध्ययनरत प्रत्येक छात्रों को उच्च शिक्षा विभाग द्वारा मान्य समस्त संकायों की शिक्षा प्राप्त करने की उचित सुविधा उपलब्ध कराना क्या शासन की जवाबदारी है अथवा नहीं? यदि हाँ, तो धरमपुरी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत विभाग द्वारा संचालित धामनोद एवं धरमपुरी महाविद्यालयों में अध्ययनरत छात्रों को संस्था प्रारंभ से ही मात्र कला एवं वाणिज्य संकाय की सुविधा ही क्यों दी जा रही है? (ख) धामनोद एवं धरमपुरी महाविद्यालयों को विज्ञान एवं गणित संकाय आदि की उच्च शिक्षा सुविधा उपलब्ध कराने की निरंतर मांग करने के बावजूद अब तक उक्त सुविधा से वंचित रखे जाने का कारण बतावें तथा आगामी शिक्षा सत्र 17-18 से उक्त संस्थाओं में विज्ञान एवं गणित आदि उच्च शिक्षा की सुविधा उपलब्ध करा दी जावेगी अथवा नहीं?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी हाँ। सीमित वित्तीय संसाधनों की कमी होने के कारण अन्य संकाय की सुविधा दिया जाना वर्तमान में संभव नहीं है। (ख) प्रश्नांश 'क' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शासन के दिशा निर्देशों का पालन
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
95. ( क्र. 3421 ) श्रीमती पारूल साहू केशरी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के तारांकित प्रश्न संख्या (क्रमांक 516) दिनांक 20.7.2015 के द्वारा प्रधानमंत्री सड़क के भूमि पूजन के उत्तर में द्वारा चुनाव आचार संहिता एवं अन्य अपरिहार्य कारणों से मार्गों के पूजन का कार्य प्रश्नांकित अवधि में न होने बाबत उत्तर दिया था? क्या कलेक्टर सागर के द्वारा अर्द्धशासकीय पत्र क्रमांक 1056 दिनांक 3.10.2016 के द्वारा प्रमुख सचिव सा.प्रशा. विभाग को भेजे गये प्रतिवेदन में दिसम्बर 2013 से 23 मार्च 2015 तक स्वीकृत मार्गों का भूमि पूजन सांसद एवं प्रश्नकर्ता द्वारा किये जाने बाबत् लेख किया गया है? (ख) क्या प्रश्नांश कंडिका (क) में वर्णित तथ्यों के बारे में क्या प्रश्नकर्ता द्वारा प्रमुख सचिव सामान्य प्रशासन विभाग को पत्र दिनांक 28.11.2016 के द्वारा वस्तुस्थिति से अवगत कराया गया है? प्रश्नकर्ता के उक्त पत्र पर अनुत्तरदायित्वपूर्ण तथ्यों को तोड़मरोड़कर शासन को फर्जी रूप से जानकारी देने के लिये प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के अधिकारियों के विरूद्ध क्या कोई कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक और यदि नहीं, तो क्या सदन में गलत उत्तर दिया गया था?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। (ख) जी हाँ। विधानसभा तारांकित प्रश्न क्रमांक 516 दिनांक 20.07.2016 के उत्तर में 01.04.2014 से 31.03.2015 तक की अवधि में आचार संहिता एवं अन्य अपरिहार्य कारणों से मार्गों का भूमि पूजन नहीं कराये जाने की जानकारी प्रश्न दिनांक 13.07.2015 की स्थिति में दी गई थी। जबकि कलेक्टर सागर द्वारा दिनांक 30.10.2016 की स्थिति में दिसम्बर 2013 से मार्च 2015 तक स्वीकृत मार्गों के भूमि पूजन कराये जाने की जानकारी दी गई है। अतः प्रश्न दिनांक तक सदन में दिया गया उत्तर एवं कलेक्टर द्वारा शासन को प्रेषित जानकारी सही है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
प्रधानमंत्री आवास के स्वीकृत प्रकरण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
96. ( क्र. 3422 ) श्रीमती पारूल साहू केशरी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिले की किस-किस विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2016-17 में प्रधानमंत्री आवास के कितने-कितने प्रकरण प्रश्न दिनांक तक स्वीकृत हुये हैं? (ख) क्या SECC Data (सामाजिक आर्थिक जनगणना पर आधारित डाटा) के वरीयता क्रम में ही पात्र हितग्राहियों को लाभ दिया गया है? (ग) क्या जैसीनगर विकासखंड में SECC Data के विपरीत शासन द्वारा निर्धारित मापदंड एवं नियमों-निर्देशों को दरकिनार करते हुये जनपद के अधिकारियों एवं कर्मचारियों की मिली भगत से मनमाने तरीके से हितग्राहियों को लाभ दिया गया है? (घ) यदि नहीं, तो क्या प्रकरण की जाँच करायी जाकर प्रश्नकर्ता को अवगत कराया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक और यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) विधानसभा रेहली 1106, देवरी 1845, सुरखी 1644, खुरई 1589, बीना 633, नरियावली 1034, बंण्डा 1869 प्रकरण स्वीकृत हुए है। (ख) जी हाँ। सामाजिक, आर्थिक एवं जाति जनगणना-2011 के आधार पर वंचितता की तीव्रता के मापदण्ड अनुसार। (ग) जी नहीं। (घ) प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
क्रय की गई लेडर मशीन की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
97. ( क्र. 3469 ) चौधरी मुकेश सिंह चतुर्वेदी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या भोपाल नगर निगम ने एक टन टेबल लैडर मशीन को क्रय किया है? यदि हाँ, तो कब और कितनी राशि की किस कंपनी से खरीदी गई? क्या यह लैडर मशीन नगर निगम को प्राप्त हो गया है? यदि हाँ, तो इसका उपयोग कहाँ हो रहा है? (ख) प्रश्नांश (क) के तहत उक्त मशीन को खरीदने के लिए राष्ट्रीय समाचार पत्रों में विज्ञापन जारी हुआ था? यदि नहीं, तो क्यों नहीं हुआ? यदि हुआ तो समाचार पत्र की एक प्रति दें? (ग) प्रश्नांश (ख) के तहत किन-किन कंपनियों के प्रस्ताव निगम के पास आए थे? क्या दरों और तकनीकी क्षमताओं का तुलनात्मक चार्ट तैयार किया गया था? किसने सत्यापन किया था? तुलनात्मक चार्ट की एक प्रति देते हुए जानकारी दें? (घ) प्रश्नांश (ग) के तहत इस मशीन के ऑपरेटिंग के लिए निगम के पास प्रशिक्षित अमला है? यदि हाँ, तो नाम सहित जानकारी दें? खरीदी दिनांक से प्रश्न दिनांक तक कितने रेसक्यू ऑपरेशन इस मशीन द्वारा किए गए?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी नहीं। टर्न टेबल लैडर मशीन क्रय की कार्यवाही प्रचलन में है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी हाँ। समाचार पत्रों की छाया प्रतियां जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ग) 03 कम्पनियां मेसर्स एवरडिगम कार्पोरेशन साउथ कोरिया मेसर्स एन.के. फायर एण्ड सेफ्टी गुजरात, मेसर्स रोजनबर इंटरनेशनल ऑस्ट्रीया के प्रस्ताव प्राप्त हुए। जी हाँ। सत्यापन तकनीकी दस्तावेजों के मूल्याकंन हेतु गाठित 05 सदस्यीय कमेटी द्वारा किया गया और फाईनेशियल बिड खोले जाने हेतु गठित समिति द्वारा अनुशंसा की गई। तुलनात्मक चार्ट की प्रति जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (घ) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
स्टीयर लोडर मशीन की खरीदी
[नगरीय विकास एवं आवास]
98. ( क्र. 3470 ) चौधरी मुकेश सिंह चतुर्वेदी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या भोपाल नगर निगम ने स्टीयर लोडर मशीन खरीदी है? यदि हाँ, तो कब और कितनी राशि की किस कंपनी की? (ख) प्रश्नांश (क) के तहत इस मशीन का उपयोग क्या है और यह कहाँ पर स्थापित है? (ग) प्रश्नांश (ख) के तहत यह मशीन किस बजट/मद से क्रय की गई? इसकी स्वीकृति किस के द्वारा दी गई? (घ) प्रश्नांश (ग) के तहत इसका संचालन कौन कर रहा है? मशीन निगम के किस विभाग ने खरीदी थी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। वित्तीय वर्ष 2016-17 में 17,99,000/- प्रति मशीन के मान से जे.सी.बी. कंपनी की 10 मशीने क्रय की गई। (ख) उक्त मशीन का उपयोग शहर की सकरी गलियों की सफाई से संबंधित समस्त कार्यों हेतु विभिन्न जोनों/ वार्डों में किया जाता है। (ग) यह मशीन निगम बजट मद 410501601 (जे.सी.बी./ हेबी मशीनरी) से क्रय की गई है। मशीन क्रय हेतु आयुक्त द्वारा स्वीकृति दी गई है। (घ) उक्त मशीन का संचालन नगर निगम द्वारा किया जा रहा है। मशीन निगम के केन्द्रीय कर्मशाला (मैकेनिकल) द्वारा क्रय की गई है।
बिना आवश्यकता के राशि खर्च किया जाना
[उच्च शिक्षा]
99. ( क्र. 3482 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अवधेश प्रतापसिंह विश्वविद्यालय रीवा में नैक टीम द्वारा मूल्यांकन एवं भ्रमण क्रम के लिये रीवा आने की सूचना 12 नवम्बर 2015 को प्राप्त हो गई थी कि भ्रमण कार्यक्रम 7 दिसम्बर 2015 से 13 दिसम्बर 2015 तक होगा? जिसके लिये विश्वविद्यालय द्वारा व्यवस्थाओं के लिये एक करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया था? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में नैक मूल्याकंन की आड़ में 31 मार्च 2016 तक 4888667 रूपये की राशि का अलग-अलग व्यय में 1.98 लाख का भुगतान होटल में ठहरने हेतु एवं विश्वविद्यालय के अधिकारियों कर्मचारियों को आधारभूत व्यवस्था एवं अतिथि सत्कार के नाम पर एडवास 75 हजार रूपये भोज पर खर्च किया गया? इतना ही नहीं नैक टीम सदस्यों द्वारा एयर टिकट रेलवे टिकट का आरक्षण कैंसिल कराकर राशि स्वत: प्राप्त कर ली गई जबकि नैक की गाइड लाइन अनुसार नैक टीम कोआर्डिनेटर से आरक्षण निरस्त के पूर्व स्वीकृति अनिवार्य है जो प्राप्त नहीं की गई? (ग) प्रश्नांश (ख) के प्रकाश में यदि हाँ, तो (क) के प्रकाश में जब विश्वविद्यालय के पास अतिथि गृह उपलब्ध है तो होटल में क्यों ठहराया गया नैक टीम के भोज हेतु 75000 रूपये का भुगतान किया गया है? (घ) प्रश्नांश (ग) के प्रकाश में यूजीसी की नैक मूल्यांकन गाइड लाइन में ऐसे भोज देने एवं एडवांस की रेवडी बांटने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो आदेश की प्रति उपलब्ध करावें यदि नहीं, तो प्रश्नांश (क) (ख) (ग) के लिये कौन-कौन दोषी है? उन्हें क्या दण्ड दिया जावेगा बतावें? यदि नहीं, तो क्यों कारण स्पष्ट करें? (ड.) क्या उपरोक्त की उच्च स्तरीय जाँच करायी जावेगी? नहीं की जावेगी तो क्यों कारण स्पष्ट करें?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी हाँ। भ्रमण तिथियां 09 से 12 दिसंबर 2015 थी। कार्यपरिषद् द्वारा दिनांक 22.07.2015 को विकास कार्य हेतु रूपये 1.00 करोड़ राशि की वित्तीय स्वीकृति दी है। (ख) नैक मूल्यांकन में कुल व्यय रूपये 45,40,191 का हुआ है, जिसमें नैक टीम के 07 सदस्यों के लिये होटल में ठहरने आदि की व्यवस्था में रूपये 1,98,747 तथा विश्वविद्यालय द्वारा भोज पर रूपये 74,865 व्यय किया गया। एक सदस्य द्वारा वापसी हवाई यात्रा का टिकट खराब मौसम के फलस्वरूप निरस्त कराया गया तथा विश्वविद्यालय से निरस्त किये जाने वाले यात्रा व्यय का भुगतान प्राप्त किया। यदि नैक द्वारा प्रतिपूर्ति नहीं होने की स्थिति में जाँच करवाकर वसूली हेतु कार्यवाही की जायेगी। (ग) जी हाँ। नियमों में प्रावधानित पात्रता अनुसार मान्य व्यय सीमा में ही होटल में ठहरने की व्यवस्था की गई। नैक टीम को ठहराने तथा उनके उपर आने वाले व्यय प्रथमत: विश्वविद्यालय द्वारा किया जाता है तथा व्यय की प्रतिपूर्ति विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (नैक) द्वारा की जाती है। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ड.) (क), (ख), (ग) एवं (घ) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पुरानी मिलों को पुन: चालू किया जाना
[वाणिज्य, उद्योग एवं रोजगार]
100. ( क्र. 3520 ) श्री सचिन यादव : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश सरकार ने आधुनिक प्रौद्योगिकी के साथ पुरानी वस्त्र मिलों को पुन: शुरू करने के लिए कोई योजना बनाई है? (ख) यदि हाँ, तो तत्संबंधी जिले एवं क्षेत्रवार ब्यौरा क्या है? नहीं तो इसके क्या कारण है? (ग) क्या प्रदेश सरकार बंद मिलों को पुन: शुरू करने के संबंध में कोई ठोस कदम उठा रही है यदि हाँ, तो तत्संबंधी ब्यौरा क्या है? नहीं तो क्या इस ओर कोई पहल या निर्णय लिया जायेगा?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी नहीं। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता हैं। (ग) उद्योग संवर्धन नीति 2014 में बंद/बीमार उद्योगों को अधिग्रहण/ क्रय कर पुर्नसंचालित करने पर, राज्य शासन दवारा दी जाने वाली सुविधाओं हेतु 'विशेष पैकेज 2014' का समावेश हैं। विशेष पैकेज 2014 का ब्यौरा संलग्न परिशिष्ट अनुसार हैं।
निर्मल भारत अभियान
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
101. ( क्र. 3580 ) श्री राजेश सोनकर : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) निर्मल भारत अभियान अंतर्गत इन्दौर जिले में जिला पंचायत इन्दौर द्वारा सांवेर विधानसभा क्षेत्र में क्या-क्या योजनाएं बनाई गई है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन हेतु कितनी राशि का आवंटन किया गया है या किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में क्या प्रत्येक ग्राम पंचायत के प्रत्येक गांव में स्वच्छता प्रबंधन हेतु सी.सी. रोड का निर्माण किया जावेगा? (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में सी.सी. रोड निर्माण हेतु राशि का निर्धारण किस प्राथमिकता से तय होगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) इंदौर जिला ओ.डी.एफ. होने के पश्चात् सांवेर विधानसभा क्षेत्र की सभी ग्राम पंचायतों में ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन की योजना तैयार की गई है। (ख) सांवेर विधानसभा अंतर्गत 34 ग्राम पंचायतों के ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन के नियोजन हेतु कुल राशि रूपये 5.76 करोड़ की परियोजनाएं स्वीकृत की गई है। (ग) पंचपरमेश्वर योजना के तहत वर्ष 2016-17 एवं 2017-18 के लिए ग्रामों की आबादी क्षेत्र में सी.सी. रोड एवं पक्की नालियों के निर्माण को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है। (घ) ग्राम पंचायत द्वारा 70 प्रतिशत धनराशि व्यय करने पर 30 प्रतिशत धनराशि संबंधित ग्राम पंचायत को राज्य स्तर से अतिरिक्त दी जाने की व्यवस्था की गई है। ग्राम पंचायत के 30 जून 2017 के पूर्व ओ.डी.एफ. हो जाने की दशा में राज्य स्तर से 10 प्रतिशत अतिरिक्त धनराशि दी जाने की व्यवस्था की गई है।
मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत गांव में सड़कों का निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
102. ( क्र. 3581 ) श्री राजेश सोनकर : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत गांव में सड़क बनाने हेतु गांव चयन के मापदण्ड क्या-क्या हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में सांवेर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना अन्तर्गत प्रश्न दिनांक तक कितने गांवों का चयन होना शेष है? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में क्या ग्राम मावलाखेड़ी से ग्राम सतलाना, ग्राम मावलाखेड़ी से ग्राम बघाना, ग्राम आशाखेड़ी से ग्राम गोगाखेड़ी एवं ग्राम मालीखेड़ी से चन्द्रावतीगंज तक सड़क मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना में चयनित कर सड़कों को निर्मित किया जाएगा? (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में सांवेर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत प्रश्न दिनांक तक कितने गांवों की सड़कों को मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना में स्वीकृत होना शेष है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) योजनांतर्गत सामान्य विकासखण्डों में 500 एवं आदिवासी विकासखण्डों में 250 से कम जनसंख्या के राजस्व ग्रामों को एकल संपर्कता प्रदान करने का प्रावधान है। (ख) निर्धारित मापदण्डों के अनुरूप कोई ग्राम शेष नहीं है। (ग) जी नहीं। योजना के मापदण्डानुसार नहीं होने से। (घ) उत्तरांश 'ग' अनुसार है।
महाविद्यालयों में शासकीय धनराशि का दुरुपयोग एवं गबन
[उच्च शिक्षा]
103. ( क्र. 3587 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत 05 वितीय वर्षों में किन-किन शासकीय महाविद्यालयों के प्राचार्यों के विरुद्ध शासकीय धनराशि के दुरुपयोग एवं गबन के आरोप में सक्षम स्तर से प्रारभिक जाँच सम्पन्न कराई गई है? (ख) प्रश्नांश (क) में प्रथम दृष्टया दोषी पाये गये प्राचार्यों के द्वारा कितनी-कितनी धनराशि का सीधे-सीधे दुरुपयोग एवं गबन किया जाना पाया गया है? योजनावार एवं घटकवार ब्यौरा दें। (ग) प्रश्नांश (ख) में दोषी पाये गये प्राचार्यों के विरुद्ध क्या शासन सक्षम न्यायालय में अपराधिक प्रकरण दर्ज करके शासन को हुई हानि की वसूली उनकी चल-अचल सम्पत्ति को अधिग्रहित करके करेगा? यदि हाँ, तो तत्संबंधी ब्योरा दें।
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर दृष्टांकित है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर दृष्टांकित है। (ग) विभागीय जाँच के निष्कर्ष के आधार पर कार्यवाही की जावेगी।
मोबाईल टावरों से हो रहे रेडियेशन
[नगरीय विकास एवं आवास]
104. ( क्र. 3635 ) श्री अंचल सोनकर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जबलपुर जिले के अतंर्गत कितने मोबाईल टावर किस-किस कंपनी के कहाँ-कहाँ पर लगे है इन टावरों से विभाग को वर्ष 2013-14 से वर्ष 2016-17 तक कुल कितनी राजस्व की आय हुई वर्षवार मोबाईल टावरवार बतावें? (ख) क्या मोबाईल कंपनियों द्वारा संबंधित विभाग की बिना स्वीकृति के अनेकों मोबाईल टावरों को लगा दिया गया है जिसकी जाँच विभाग द्वारा प्रश्न दिनांक तक नहीं की है यदि की गई है तो कब-कब जाँच प्रतिवेदन का विवरण एवं जाँचकर्ता अधिकारी का नाम बतावें? अवैध रूप से स्थापित टावरों से शासन को कितनी राजस्व की क्षति हुई? (ग) क्या मोबाईल कंपनियों द्वारा जबलपुर नगर निगम की सीमा में घनी आबादी में मोबाईल टावरों को लगा दिया गया है जिससे वहां के निवासियों को रेडियेशंस की शिकायत की संभावनाएं अत्याधिक बढ़ गई है। इस संबंध में न तो जिला प्रशासन द्वारा कार्यवाही की जाती है न ही अन्य संबंधित विभाग द्वारा यदि हाँ, तो क्या शासन इसकी विधिवत जाँच कराकर शासन को राजस्व की एवं आमजनता के स्वास्थ्य पर बढ़ रहे प्रतिकूल प्रभाव की क्षति पहुंचाने वाले अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध जाँच करगी हाँ, तो कब तक?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। टावरों से नगर निगम एवं नगरीय निकायों को कोई वार्षिक आय नहीं होती है, बल्कि अनुज्ञा शुल्क लिया जाता है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ख) नगरीय सीमा- अंतर्गत स्थापित अवैध टावरों को निगम एवं निकायों द्वारा सयम-समय पर हटाया गया है। नगर निगम जबलपुर द्वारा 14 अवैध टावरों का ऑपरेटिंग सिस्टम बंद कर दिया गया है, पृथक से कोई जाँच नहीं की गई है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। टावरों से मात्र अनुज्ञा शुल्क लिया जाता है राजस्व की क्षति का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) म.प्र. नगर पालिका (अस्थायी टॉवर का संस्थापक/सेल्यूलर मोबाइल नियम 2012 के उपनियम-2) के अनुसार रेडियेशन संबंधी शिकायतों हेतु दूरसंचार विभाग अथवा भारत सरकार के सक्षम प्राधिकारी अधिकृत हैं। जिला प्रशासन अथवा राज्य शासन के किसी विभाग द्वारा कार्यवाही का प्रावधान नहीं है। अत: किसी अधिकारी/ कर्मचारी के विरूद्ध जाँच का प्रश्न नहीं है।
स्वच्छता अभियान अंतर्गत शौचालय निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
105. ( क्र. 3642 ) श्री रामपाल सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शहडोल जिले में स्वच्छ भारत मिशन के तहत शासन द्वारा प्रचार-प्रसार तथा शौचालय निर्माण हेतु राशि आवंटित की गई है? (ख) यदि प्रश्नांश (क) हाँ तो उक्त जिले के ब्यौहारी जनपद पंचायत अंतर्गत प्रत्येक ग्राम पंचायतों में योजना प्रारंभ से प्रश्न दिनांक तक कितने हितग्राहयों को कितनी-कितनी राशि से शौचालय निर्माण हेतु लाभांवित कराया गया है? निर्मित शौचालयों का सत्यापन किसके द्वारा किया गया है। प्रत्येक ग्राम पंचायतवार, लाभांवित हितग्राही की संख्यावार व्यय राशि सहित जानकारी उपलब्ध करायी जावे। (ग) उक्त जिले में योजना प्रारंभ दिनांक से प्रश्न दिनांक तक प्रचार-प्रसार हेतु कितनी राशि आवंटित की गई है एवं कितनी राशि व्यय की गई। व्यय की गई राशि की प्रक्रिया सहित जानकारी उपलब्ध करावें।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। निर्मित शौचालयों का सत्यापन संबंधित ग्राम पंचायत के सचिव/पंचायत समन्वय अधिकारी/उपयंत्री/ ब्लॉक समन्वयक द्वारा किया जाता है। (ग) प्रचार-प्रसार हेतु धनराशि पृथक से आवंटित नहीं की जाती है। प्रश्नाधीन अवधि में रूपये 31.813 लाख का व्यय प्रेरकों के मानदेय, प्रशिक्षण एवं प्रचार-प्रसार में किया गया है। अभियान के तहत प्रशिक्षण एवं प्रचार-प्रसार के लिए व्यय की प्रक्रिया जिला/विकासखण्ड स्तर से तय करने की व्यवस्था है।
रोजड़े पकड़ने के अभियान में खर्च
[वन]
106. ( क्र. 3663 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग द्वारा सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में रोजड़े पकड़ने हेतु विगत दो वर्ष में किन-किन सामग्री एवं साधनों का उपयोग किया गया था? (ख) ऐरा में बोमा पद्धति से रोजड़े पकड़ने हेतु टेंट, पर्दे की दीवार एवं चद्दर, बांस या अन्य साधन विभाग द्वारा पूरे अभियान के तहत कितने दिन लगाए गए थे? (ग) ऐरा में लगाए गए साधन एवं सामग्री विभाग द्वारा क्रय की गई थी या किराए पर उपलब्ध कराई गई थी? यदि क्रय की गई थी तो क्रय की राशि और क्रय स्थान का नाम या किराए से ली गई है तो किराए के भुगतान राशि की जानकारी सामग्री का नाम, उस पर खर्च की अलग-अलग जानकारी देवें। (घ) ऐरा ग्राम में विभाग द्वारा अभियान के अंतर्गत जिन सामग्रियों का उपयोग किया गया था उनके खर्च हेतु विज्ञप्ति एवं टेण्डर की विवरण उपलब्ध करावें।
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में विगत 02 वर्ष (2015-16 एवं 2016-17) में रोजड़ा (नीलगाय) को पकड़ने हेतु क्रय की गयी सामग्री एवं साधनों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) वनमंडल अंतर्गत तहसील सीतामऊ ग्राम ऐरा में बोमा विधि से रोजड़ों को पकड़ने हेतु निर्मित बोमा में टेंट, पर्दे की दीवार एवं चद्दर, बांस एवं अन्य संसाधन दिनांक 08.12.2016 से 26.12.2016 तक कुल 19 दिन अभियान अवधि के लिए लगाये गये थे। (ग) अभियान में लगने वाली सामग्री एवं अन्य साधन तत्कालिक आवश्यकता को दृष्टिगत रखते हुए, सामग्री का क्रय विज्ञप्ति एवं टेंडर अनुसार मंदसौर से एवं टेंट किराये पर निम्बाहेड़ा राजस्थान से ली गई हैं। क्रय की गयी एवं किराये पर ली गयी सामग्री की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 एवं 3 अनुसार है। (घ) ऐरा ग्राम में विभाग द्वारा अभियान के अंतर्गत जिन सामग्रियों का उपयोग किया गया था, उनके लिये विज्ञप्तियों/टेण्डर का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है।
विक्रम विश्वविद्यालय में किताबों की खरीदी में अनियमितता
[उच्च शिक्षा]
107. ( क्र. 3675 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन में 1 जनवरी 2013 के पश्चात कितनी किताबें किसकी अनुसंशा पर किस-किस विक्रेता/प्रकाशक से कितनी राशि की खरीदी? क्या खरीदी में क्रय भण्डार नियम एव वित्त संहिता का पालन विश्वविद्यालय क्रय समिति दवारा किया गया है? यदि हाँ, तो किताबों की खरीदी को लेकर कितनी शिकायत किस व्यक्ति द्वारा किन बिन्दुओं के लिए कहाँ की गई, विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? (ख) विश्वविद्यालय में किताबों की खरीदी हेतु 1 जनवरी 2013 के पश्चात किस-किस दिनांक को टेंडर, कितनी अवधि के लिए आमंत्रित किये गये, प्रक्रिया में कितने प्रकाशक/सप्लायर /विक्रताओं एवं अन्य ने हिस्सा लिया? क्या टेंडर अवधि पूर्ण होने के पश्चात भी क्रय समिति द्वारा टेंडर की अवधि को बढ़ाया जा सकता है? यदि हाँ, तो किस नियम के तहत? (ग) क्या विक्रम विश्वविद्यालय में खरीदी गई करोड़ों रु की किताब आउटडेटेड हो गई थी, क्या उसे विभागाध्यक्ष की बिना सलाह के सीधे सप्लायर से खरीदा गया? जिससे बिना उपयोग के ही किताबें सभी विभागों में धूल खा रही हैं? (घ) क्या विभागाध्यक्ष ने सप्लायर के 2014 के ब्रोशर पर ही सील लगाकर अनुसंशा की? यदि हाँ, तो क्या विभाग द्वारा लाखों की खरीदी सप्लायर के ब्रोशर पर अनुसंशित की जा सकती है?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) 01 जनवरी 2013 के पश्चात् संलग्न परिशिष्ट अनुसार संबंधित विभागाध्यक्षों की अनुशंसा पर पुस्तकालय समिति/कार्यपरिषद् के अनुमोदन उपरांत मेसर्स इण्डिका पब्लिशर्स एण्ड डिस्ट्रीब्युटर्स, अंसारी रोड, नई दिल्ली से किताबें खरीदी गई। जी हाँ। इस संबंध में कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। (ख) टेण्डर दिनांक 04.05.2013 को दो वर्ष की अवधि के लिए आमंत्रित किए गए थे। टेण्डर प्रक्रिया में तीन प्रकाशन/सप्लायर विक्रेताओं द्वारा हिस्सा लिया गया। टेण्डर की शर्त अनुसार दोनों पक्षों की सहमति से अनुबंध अवधि को आगामी सत्रों के लिए बढ़ाया जा सकेगा। अत: टेण्डर अवधि पूर्ण होने के पश्चात् उभय पक्षों की आपसी सहमति से पुस्तकालय समिति की अनुशंसा तथा कार्यपरिषद् की बैठक 09.01.2016 एवं 26.03.2016 में दिए गए अनुमोदन उपरांत अनुमोदित फर्म की अवधि में पुन: दो वर्ष की वृद्धि की गई। उत्तर के प्रकाश में प्रश्नांश के शेष भाग में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। (घ) जी नहीं।
विधानसभा क्षेत्र सुसनेर में उद्योग की स्थापना
[वाणिज्य, उद्योग एवं रोजगार]
108. ( क्र. 3681 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत ग्राम लालूखेड़ी के निकट विभाग को भूमि आवंटित हुई है? यदि हाँ, तो आवंटन दिनांक से आज दिनांक तक भूमि के औद्योगिक उपयोग हेतु क्या- क्या कार्यवाही की गई है? विवरण देवें। (ख) विधानसभा क्षेत्र सुसनेर में उद्योग की स्थापना हेतु किन-किन उद्योगपतियों को प्रस्ताव भेजे गए हैं या विभाग को आवंटित भूमि उद्योगपतियों को दिखाई गई हैं? सूची उपलब्ध करावें? (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित उद्योगपतियों में से क्या किसी ने रूचि दिखाई हैं? यदि हाँ, तो आगे क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्या स्वप्रेरणा से विभाग द्वारा आवंटित भूमि पर उद्योग स्थापना हेतु कोई प्रभावी कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो क्या व कब तक?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) लालूखेड़ी के निकट की भूमि 82.260 हेक्टेयर का आधिपत्य विभाग के अधीन मध्यप्रदेश औद्योगिक केन्द्र विकास निगम उज्जैन को दिनांक 28.04.2013 को प्राप्त हो चुका हैं। प्रथम स्तरीय परियोजना प्राक्कलन तैयार करने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन हैं। (ख) यह भूमि सर्वसाधारण के अवलोकन हेतु एम.पी. ट्रायफेक भोपाल की वेबसाईट पर प्रदर्शित है, इस संबंध में इच्छुक उद्यमियों के प्रस्ताव प्राप्त होने पर सूची उपलब्ध कराई जायेगी (ग) प्रश्नाधीन भूमि पर उदयोग स्थापनार्थ अभी तक उद्योगपतियों दवारा रूचि नहीं दिखाई है। अविकसित भूमि, उद्यमियों को आवंटित करने के निरंतर प्रयास ए.के.व्ही.एन. दवारा किये जा रहे हैं। आगामी दो वर्ष में उद्यमियों दवारा इस क्षेत्र में इकाई स्थापित किये जाने की संभावनाएं है। यदि उपरोक्त अवधि में इकाइयाँ स्थापित नहीं होती हैं तो स्वप्रेरणा से आवंटित भूमि पर औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने के संबंध में मांग का सर्वेक्षण कर, आवश्यक कार्यवाही ए.के.व्ही.एन. द्वारा की जावेगी।
प्रदेश के रोजगार कार्यालयों में पंजीकृत शिक्षित एवं अशिक्षित बेरोजगार
[वाणिज्य, उद्योग एवं रोजगार]
109. ( क्र. 3692 ) श्री रामनिवास रावत : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) माह दिसम्बर 2015 की स्थिति में प्रदेश के रोजगार कार्यालयों में कितने शिक्षित एवं अशिक्षित बेरोजगार पंजीकृत थे? माह जनवरी 2017 की स्थिति में प्रदेश के रोजगार कार्यालयों में कितने शिक्षित एवं अशिक्षित बेरोजगार पंजीकृत हैं? महिला एवं पुरुष की पृथक-पृथक संख्या जिलेवार बतावें? विगत वर्ष की तुलना में इस वर्ष बेरोजगारों की संख्या में कितना प्रतिशत कमी अथवा वृद्धि हुई है? (ख) वित्तीय वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में जनवरी 2017 तक कितने बेरोजगारों को सार्वजानिक, सहकारी, प्रदेश शासन के कार्यालयों एवं निजी क्षेत्र में रोजगार दिया गया? पुरुष एवं महिला उम्मीदवारों की संख्या वर्षवार पृथक-पृथक बतावें? (ग) उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में भोपाल के रोजगार कार्यालय में माह सितम्बर 2016 से माह दिसम्बर 2016 की अवधि में किन किन शासकीय कार्यालयों से तृतीय श्रेणी के कितने कितने रिक्त पदों पर भर्ती हेतु प्रस्ताव प्राप्त हुए? उक्त प्रस्ताव के आधार पर रोजगार कार्यालय में दर्ज किन-किन शिक्षित बेरोजगारों के नाम किस-किस आधार पर किस-किस कार्यालय को भेजे गए? कृपया पंजीकृत बेरोजगारों का नाम, पिता का नाम, जीवित पंजीयन क्रमांक एवं दिनांक सहित सूची दें?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) माह दिसम्बर 2015 की स्थिति में प्रदेश के रोजगार कार्यालयों में कुल 1560493 बेरोजगार पंजीकृत हैं, जिसमें 1242082 शिक्षित एवं 318411 अशिक्षित हैं। पृथक-पृथक महिला पुरूष की संख्या पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। माह जनवरी 2017 की स्थिति में प्रदेश के रोजगार कार्यालयों में 1427430 बेरोजगार पंजीकृत हैं, जिसमें 1183528 शिक्षित एवं 243902 अशिक्षित हैं। जिलेवार महिला एवं पुरूष की संख्या पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। विभाग द्वारा प्रदेश में बेरोजगारी की वृद्धि या कमी की दर संधारित नहीं की जाती हैं। विगत वर्ष की तुलना में इस वर्ष पंजीकृत बेरोजगारों की संख्या में 9.08 प्रतिशत की कमी हुई हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन अनुसार है। (ख) वित्तीय वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में जनवरी 2017 तक शासकीय, सहकारी, प्रदेश शासन के कार्यालयों एवं निजी क्षेत्र में रोजगार उपलब्ध कराये जाने की जानकारी पुरूष व महिला की संख्या पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-चार एवं पाँच अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-छ: अनुसार है।
गुना जिले में स्टेडियम निर्माण तथा ग्रामीण अंचल में खेल गतिविधियों की स्वीकृति बावत्
[खेल और युवा कल्याण]
110. ( क्र. 3759 ) श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या म.प्र. शासन ने प्रत्येक जिलो में युवाओं के उत्थान हेतु खेल गतिविधियों हेतु ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में खेल परिवार तथा स्टेडियम निर्माण की कार्ययोजना बनाकर घोषणाएं एवं स्वीकृति दी है। (ख) क्या गुना जिले में भी म.प्र. के अन्य जिलों की तरह खेल परिवार तथा स्टेडियम निर्माण की घोषणा की है। क्या गुना में स्टेडियम निर्माण की स्वीकृति विभाग द्वारा दी जायेगी। हाँ तो कब तक? (ग) क्या प्रश्नांश (क) और (ख) में वर्णित तथ्यों के अनुसार गुना जिले में भविष्य में ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में युवाओं को कौन-कौन सी सुविधायें विभाग उपलब्ध करायेगा। (घ) क्या विभाग ने गुना जिले के लिये ग्रामीण क्षेत्र में ग्राम म्याना, फतेहगढ़ में तथा गुना शहर में स्टेडियम निर्माण की स्वीकृति लंबित है कब तक स्वीकृति प्रदान होगी?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जी नहीं, प्रत्येक जिले में खेल परिसर व स्टेडियम निर्माण की घोषणाएं एवं स्वीकृतियां नहीं दी गई है। (ख) जी नहीं। गुना में स्टेडियम निर्माण हेतु स्वीकृति विचाराधीन है, जिसकी निश्चित सीमा बताई जाना संभव नहीं है। (ग) गुना जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में विधानसभा क्षेत्र बमोरी की ग्राम पंचायत विनवाडा, विधानसभा क्षेत्र राधौगढ़ की ग्राम पंचायत आवन, विधानसभा क्षेत्र गुना की ग्राम पंचायत बरखेडागिर्द एवं विधानसभा क्षेत्र चाचौड़ा की ग्राम पंचायत महेशपुरा में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग को आउटडोर स्टेडियम निर्माण के प्रस्ताव प्रेषित किये जा चुके है। (घ) ग्राम म्याना, फतेहगढ़ में स्टेडियम निर्माण की स्वीकृति लंबित नहीं है, गुना शहर में स्टेडियम हेतु स्वीकृति लंबित है, जिसकी निश्चित अवधि बताई जाना संभव नहीं है।
मुख्यमंत्री हेल्पलाइन -181 के निराकरण से संबंधित
[लोक सेवा प्रबन्धन]
111. ( क्र. 3784 ) श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुख्यमंत्री हेल्पलाइन-181 में प्रस्तुत शिकायतों के निर्णय की क्या प्रक्रिया है उपलब्ध करावें। अर्थात शिकायत कर्ता द्वारा शिकायत उपरान्त कितने दिनों में संबंधित विभाग को निराकरण करने की समय-सीमा क्या हैं? (ख) जिला मुरैना म.प्र. के तहसील मुरैना जिला मुरैना के कितने शिकायत कर्ताओं द्वारा जनवरी 2016 से जनवरी 2017 तक कितनी शिकायतें किन-किन विभागों की गई? (ग) क्या शिकायतकर्ताओं का निराकरण समयावधि में हो चुका हैं अथवा नहीं तो क्यों इस हेतु कौन जिम्मेदार है। (घ) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित शिकायतों के निराकरण के आवेदन शेष है व कितने दिनों में निराकरण कर दिया जावेगा निश्चित समय-सीमा बतावें।
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) सी.एम. हेल्पलाईन 181 अंतर्गत शिकायतकर्ता द्वारा प्राप्त शिकायत को निराकरण हेतु संबंधित विभाग के लेवल अधिकारी को प्रेषित कर दी जाती है। शिकायत प्राप्ति उपरांत संबंधित विभाग के प्रारूपवार पृथक-पृथक समय-सीमा निर्धारित है। समय-सीमा विभागवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार। (ख) जिला मुरैना म.प्र. के तहसील मुरैना के शिकायतकर्ताओं द्वारा जनवरी 2016 से जनवरी 2017 तक 43441 शिकायतें प्राप्त हुई। जिसका विभागवार शिकायतों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार। (ग) शिकायतकर्ता द्वारा प्राप्त शिकायतों का विभागवार एवं प्रारूपवार निर्धारित समय-सीमा में यथासंभव निराकरण का प्रयास किया जाता है। शिकायतों का समय-सीमा में निराकरण होना अथवा नहीं होना, शिकायत की प्रकृति पर निर्भर करता है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित शिकायतों के निराकरण के 43441 प्राप्त शिकायतों में से 41053 शिकायतों का निराकण हो चुका है तथा 2388 शिकायतें शेष है, इन शिकायतों के निराकरण की कार्यवाही, शिकायत की प्रकृति पर निर्भर करती है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है।
मुख्यमंत्री हेल्पलाईन 181 के निराकरण
[लोक सेवा प्रबन्धन]
112. ( क्र. 3785 ) श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुख्यमंत्री हेल्पलाईन 181 में प्रस्तुत शिकायतों के निर्णय की क्या प्रक्रिया है अर्थात शिकायतकर्ता द्वारा शिकायत उपरांत कितने दिन में संबंधित विभाग को निराकरण करने की समय-सीमा क्या है? (ख) जिला मुरैना म.प्र. के तहसील अम्बाह जिला मुरैना के कितने शिकायतकर्ताओं द्वारा जनवरी 2016 से जनवरी 2017 तक कितनी शिकायतें किन-किन विभागों की की गई? (ग) क्या शिकायतकर्ताओं का निराकरण समयावधि में हो चुका है अथवा नहीं तो क्यों? इस हेतु कौन जिम्मेदार है? (घ) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित शिकायतों के निराकरण के कितने आवेदन शेष हैं व कितने दिनों में निराकरण कर दिया जावेगा?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) सी.एम. हेल्पलाइन 181 अंतर्गत शिकायतकर्ता द्वारा प्राप्त शिकायत को निराकरण हेतु संबंधित विभाग के लेवल अधिकारी को प्रेषित किया जाता है। शिकायत प्राप्ति उपरांत संबंधित विभाग के प्रारूपवार पृथक-पृथक लेवल हेतु समय-सीमा निर्धारित है। समय-सीमा विभागवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार। (ख) जिला मुरैना म.प्र. के तहसील अम्बाह जिला मुरैना के शिकायतकर्ताओं द्वारा जनवरी 2016 से जनवरी 2017 तक 5446 शिकायतें प्राप्त हुई। जिसकी विभागवार शिकायतों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार। (ग) शिकायतकर्ता द्वारा प्राप्त शिकायतों का विभागवार एवं प्रारूपवार निर्धारित समय-सीमा में निराकरण किया जाता है। शिकायतों का समय-सीमा में निराकरण होना या नहीं हो पाना, शिकायत की प्रकृति पर निर्भर करता है। अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित शिकायतों के निराकरण के 5446 प्राप्त शिकायतों में से 4986 शिकायतों को निराकरण किया जा चुका है तथा 460 शिकायतें शेष है, इन शिकायतों के निराकरण की कार्यवाही, शिकायत की प्रकृति पर निर्भर करती है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है।
अम्बाह विधानसभान्तर्गत स्थित नगरा घाट पर नाव संचालन
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
113. ( क्र. 3819 ) एडवोकेट सत्यप्रकाश सखवार : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्तमान में अम्बाह विधानसभान्तर्गत किन-किन घाटों पर नाव का संचालन हो रहा है? (ख) क्या नगराघाट तहसील पोरसा जिला मुरैना में नाव का संचालन नहीं हो रहा है? यदि हाँ, तो ऐसा क्यों? (ग) क्या नगराघाट पर नाव का संचालन हो जाने से म.प्र. का उ.प्र. से सीधा व्यापारिक, सामाजिक संबंध जुड़ने के साथ-साथ मरीजों को उपचार कराने में क्षेत्रवासियों को लाभ मिल सकेगा? यदि हाँ, तो नगराघाट पर नाव संचालन की स्वीकृति कब तक जारी कर दी जावेगी, नहीं तो क्यों नहीं?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) अम्बाह विधानसभा क्षेत्रांतर्गत किसी भी घाट पर नाव का संचालन नहीं हो रहा है। (ख) जी नहीं। नाव संचालन हेतु कोई आवेदन प्राप्त नहीं होने से। (ग) जी हाँ। कोई आवेदन प्राप्त नहीं होने से समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
अवैध उत्खनन की शिकायतों पर कार्यवाही
[खनिज साधन]
114. ( क्र. 3862 ) श्री मुकेश नायक : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग में अवैध उत्खनन से क्या आशय है और इस पर नियंत्रण रखने अवैध उत्खनन को रोकने, अवैध उत्खनन करने वाले के विरूद्ध उसको सहयोग देने वाले के विरूद्ध कार्यवाही करने के संबंध में क्या-क्या नियम, अधिनियम परिपत्र निर्देश नीति है और इसका प्रावधिकार किसको है तथा यह कब से प्रभावशील है उनकी नाम संदर्भ सहित प्रति बतायें। (ख) पन्ना जिले के अंतर्गत अप्रैल 2013 से प्रश्न दिनांक तक कितने अवैध उत्खनन के प्रकरण किस-किसके विरूद्ध कब-कब पंजीबद्ध किये गये तिथि अपराध उल्लंघन की धारा, जिस नियम के तहत पंजीबद्ध किया गया हो उस नियम का ब्यौरा यथा नियम, उपनियम सहित बतायें। (ग) अवैध उत्खनन से संबंधित कौन-कौन से प्रकरण कौन-कौन से न्यायालय में किस तिथि को पंजी किये गये है और उनकी वर्तमान स्थिति क्या है? (घ) वे कौन-कौन से प्रकरण है कि जिनमें कि खनिज विभाग के अधिकारी न्यायालय में कौन-कौन तिथि को अनुपस्थित रहे प्रत्येक प्रकरण का अलग-अलग तिथि सहित बतायें।
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) बिना अधिकार के खनिजों का उत्खनन किया जाना अवैध उत्खनन होता है। प्रश्नानुसार प्रावधान खान एवं खनिज (विकास एवं विनियमन) अधिनियम, 1957, मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 एवं मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता 1959 में है। यह अधिनियम/नियम/संहिता अधिसूचित है। (ख) प्रश्नानुसार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट पर दर्शित है। (ग) प्रश्नानुसार प्रकरण संबंधित अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) में पंजीबद्ध है। उनकी वर्तमान स्थिति प्रश्नांश (ख) के साथ पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट पर दर्शाई गई है। (घ) प्रश्नानुसार जानकारी विभाग में संधारित नहीं की जाती है। अत: प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नगरीय निकायों में तकनीकी स्वीकृति में संभागीय स्तर पर होने वाली देरी
[नगरीय विकास एवं आवास]
115. ( क्र. 3878 ) श्री
यशपालसिंह
सिसौदिया : क्या
नगरीय विकास
एवं आवास
मंत्री
महोदया यह बताने
की कृपा
करेंगी कि (क)
क्या
उज्जैन संभाग
के विभिन्न
नगरीय निकायों
में 1 लाख
से अधिक विकास
कार्य की
तकनीकी
स्वीकृति उज्जैन
से लेनी पड़ती
है यदि "हाँ" तो यह
नियम कब से
लागू हुआ इस
नियम को लागू
करने के क्या
कारण रहे? (ख) 1
जुलाई 2016 के
पश्चात संभाग
स्तर पर कितनी
तकनीकी
स्वीकृति
हेतु किस-किस
नगरीय निकाय
से कितने
प्रकरण,
किस-किस
दिनांक को, संभागीय
कार्यालय
उज्जैन को
प्राप्त हुवे? उनमें
कितनी
स्वीकृतियां
कितने दिवस
में दी,
संभागीय
कार्यालयों
को सम्भवत:
कितने दिवस
में
स्वीकृतियां
पुन: नगरीय
निकाय को लौटाना
आवश्यक है? (ग) क्या
विभाग मानता
है की 300
किलोमीटर दूर
के नगरीय
निकायों को
स्वीकृतियां
लेने से
निकायों के
विकास कार्यों
में देरी के
कारण
अनावश्यक
परेशानी का
सामना करना
पड़ता है यदि
"हाँ" तो क्या
विभाग तकनीकी स्वीकृतियों
का सरलीकरण
करने के लिए
अन्य विकल्प
निति पर विचार
कर रहा है? (घ) क्या
संभागीय स्तर
के अधिकारी
द्वारा अपनी अन्य
व्यस्तताओं
के कारण समय
पर तकनीकी
स्वीकृति नहीं
देने से
वित्तीय वर्ष
के अंत में
विकास की राशि
(विधायक निधि, अन्य) सभाग
में लेप्स हो
रही है यदि
"हाँ" तो गत 1 जनवरी 2010 के
पश्चात्
कितनी राशि
किस-किस मद की
लेप्स हई
उज्जैन संभाग
की जानकारी
देवें?
नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री (
श्रीमती माया
सिंह ) :
(क) जी
नहीं, अपितु
म.प्र.
नगरपालिका
लेखा नियम 1971 के नियम
132 में
तकनीकी स्वीकृति
के प्रावधान
हैं। (ख) जानकारी
पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट
अनुसार है। तकनीकी
स्वीकृति
जारी करने
हेतु नियमों
में कोई समय-सीमा
निर्धारित
नहीं है
सामान्यत:
नगरीय
निकायों से
प्रकरण
प्राप्त
होने के
उपरांत
प्रकरण सही
पाये जाने पर 07 दिवस के
भीतर तकनीकी
स्वीकृति
जारी कर दी
जाती है। (ग) जी नहीं।
(घ) जी नहीं।
शेषांश का
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है।
महाविद्यालय में रिक्त पदों की पूर्ति
[उच्च शिक्षा]
116. ( क्र. 3886 ) श्री चन्दरसिंह सिसौदिया : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गरोठ विधानसभा क्षैत्र के अन्तर्गत शासकीय महाविद्यालय भानपुरा, गरोठ में कौन-कौन से संकाय संचालित किये जा रहे हैं कुल कितने छात्र/छात्राएं इन महाविद्यालय में अध्ययनरत हैं कुल कितने पद प्राध्यापक, प्राचार्य एवं गैर शैक्षणिक पद स्वीकृत किये गये हैं। (ख) स्वीकृत अनुसार कुल कितने पदों की पूर्ति की जा चुकी है, शेष रिक्त पदों की पूर्ति कब तक की जावेगी। क्या भानपुरा शासकीय महाविद्यालय के भवन निर्माण की स्वीकृति जारी की जा चुकी है यदि हाँ, तो वर्तमान में उक्त कार्य की क्या स्थिति है।
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) (1) शासकीय महाविद्यालय, गरोठ में कला, विज्ञान एवं वाणिज्य संकाय संचालित हैं। महाविद्यालय में 535 छात्र एवं 497 छात्राएँ, कुल 1032 विद्यार्थी अध्ययनरत् हैं। (2) शासकीय महाविद्यालय, भानपुरा में कला संकाय संचालित है। महाविद्यालय में 164 छात्र एवं 127 छात्राएँ, कुल 291 विद्यार्थी अध्ययनरत् हैं। पदों की स्थिति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्राचार्य पद सहित शैक्षणिक संवर्ग अंतर्गत प्राध्यापकों/सहायक प्राध्यापकों/गैर शैक्षणिक पद के स्वीकृत रिक्त एवं कार्यरत पदों की महाविद्यालयवार विस्तृत जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। विषयवार सहायक प्राध्यापकों के रिक्त पदों की पूर्ति हेतु लोक सेवा आयोग से विज्ञापन दिनांक 19.02.2016 को जारी किया जा चुका है, सहायक वर्ग-3 के रिक्त पदों की पूर्ति हेतु व्यावसायिक परीक्षा मंडल को मांग पत्र दिनांक 30/10/2014 को भेजा जा चुका है। पूर्ति हेतु समय-सीमा बताना संभव नहीं है। जी नहीं। शासकीय महाविद्यालय, भानपुरा के भवन निर्माण हेतु प्रस्ताव प्राप्त हुआ है, कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
गरोठ भानपुरा औद्योगिक क्षेत्र का विकास
[सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम]
117. ( क्र. 3887 ) श्री चन्दरसिंह सिसौदिया : क्या राज्यमंत्री, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गरोठ विधानसभा क्षेत्र स्थित औद्योगिक क्षेत्र की वर्तमान में क्या स्थिति है क्या इन क्षेत्रों हेतु मूलभूत सुविधा का निर्माण किया जा चुका है यदि नहीं, तो क्यों कब तक इन क्षेत्रों को मूलभूत सुविधाएं प्राप्त होंगी कुल कितने लोगों को किन-किन योजनाओं हेतु प्लाट का आवंटन किया गया कुल कितने उद्योग स्थापित किये जा चुके हैं क्षेत्रवार जानकारी प्रदान करें। (ख) कुल कितने प्लाट आरक्षित किये गये हैं वर्तमान में जिन लोगों द्वारा उद्योग स्थापित नहीं किये गये उनके खिलाफ विभाग ने कोई कार्यवाही की है। (ग) यदि नहीं, तो क्यों गरोठ भानपुरा क्षेत्र में संतरा के अधिक उत्पादन होता है तो इनके लिए कोई उद्योग की स्थापना की जावेगी। यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों?
राज्यमंत्री, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम ( श्री संजय पाठक ) : (क) गरोठ विधान सभा क्षेत्र स्थित औद्योगिक क्षैत्र गरोठ में डब्ल्यू.बी.एम. सड़क का निर्माण एवं विद्युत व्यवस्था हुई है। औद्योगिक क्षेत्र भानपुरा में आंशिक विकास कार्य हुआ है। औद्योगिक क्षेत्र गरोठ में वर्तमान में 31 इकाइयों को भिन्न-भिन्न प्रयोजन हेतु प्लाट आवंटित हैं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। इनमें से 08 इकाइयाँ द्वारा उद्योग स्थापित किए गए हैं शेष इकाइयों द्वारा उद्योग स्थापना की प्रक्रिया जारी है। औद्योगिक क्षेत्र भानपुरा में दो इकाइयों को भूखण्ड आवंटन किये गये है, जिनकी जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ख) भूखण्ड आरक्षण हेतु नियम नहीं है। अतः उक्त क्षेत्रों में कोई भी भूखण्ड आरक्षित नहीं किये गये है। जिन इकाइयाँ द्वारा निर्धारित अवधि में उद्योग स्थापित नहीं किए गए हैं उन्हें 60 दिवसीय समयावधि सूचना पत्र जारी किए जाकर नियमानुसार कार्यवाही करते हुए औद्योगिक क्षेत्र गरोठ में दो इकाइयों के आवंटन निरस्त किए गए है, जिनकी जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (ग) सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विभाग द्वारा उद्योगों की स्थापना नहीं की जाती है।
इन्दौर नगर पालिक निगम क्षेत्र अन्तर्गत अवैध कॉलोनियाँ को वैध किया जाना
[नगरीय विकास एवं आवास]
118. ( क्र. 3908 ) श्री सुदर्शन गुप्ता (आर्य) : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या इन्दौर नगर पालिक निगम क्षेत्र अन्तर्गत अवैध कॉलोनियाँ हैं? यदि हाँ, तो विधानसभा क्षेत्रवार कॉलोनियों के नाम सहित सूची उपलब्ध करावें? (ख) क्या प्रश्न 'क' अनुसार प्रशासन द्वारा अवैध कॉलोनियों को वैध किये जाने की कार्यवाही की जा रही है? यदि हाँ, तो कब तक कार्यवाही पूर्ण कर ली जावेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं हैं।
निर्मल भारत/स्वच्छ भारत अभियान अन्तर्गत निर्मित शौचालयों की राशि का गबन
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
119. ( क्र. 3985 ) श्री संजय उइके : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा अपर मुख्य सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास को दिनांक 24-09-2015 को जिला पंचायत बालाघाट के अधिकारियों द्वारा शौचालय निर्माण में की गई अनियमितता एवं घोटाले के संबंध में की गई शिकायती पत्र पर कार्यवाही हेतु कलेक्टर बालाघाट को पत्र प्रेषित किया गया था? (ख) यदि हाँ, तो क्या जाँच प्रतिवेदन में यह उल्लेख किया गया है, कि वर्ष 2010-11 से 2013-14 तक जिला पंचायत द्वारा ग्राम पंचायतों एवं जनपद पंचायतों को शौचालय निर्माण हेतु राशि 38,43,19.585.00 दी गई और वर्तमान में ग्राम पंचायतों एवं जनपद पंचायतों के पास योजना की राशि नहीं होने के उपयोगिता प्रमाण पत्र दिया जा चुका है? (ग) क्या जिले में वर्ष 2010-11 से 2013-14 तक निर्मित शौचालयों के शत्-प्रतिशत सत्यापन रिपोर्ट दिनांक 17-07-2015 के अनुसार उक्त वर्षों में कुल 27,468 शौचालयों का निर्माण होना पाया गया जिस पर कुल राशि 10,25,56,020.00 व्यय हुआ तथा ग्राम पंचायतों एवं जनपद पंचायतों के पास राशि 28,17,63,565.00 शेष रही? (घ) यदि हाँ, तो जनपद पंचायतों एवं ग्राम पंचायतों द्वारा उक्त शेष राशि में जिला पंचायत को कितनी राशि वापस प्राप्त हुई और बाकि की शेष राशि का क्या हुआ क्या इसका गबन कर दिया गया?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। जिला पंचायत द्वारा ग्राम पंचायतों एवं जनपद पंचायतों को प्रश्नांश अवधि में राशि रूपये 35.31 करोड़ व्यक्तिगत पारिवारिक शौचालय निर्माण हेतु एवं राशि रूपये 3.12 करोड़ स्कूल शौचालय, प्रशासनिक मद, आ.ई.ई.सी. व एस.एल.डब्ल्यू.एम. तथा आंगनवाड़ी शौचालय में प्रदाय की गई। (ग) जी हाँ। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
स्वरोजगार योजनाओं की जानकारी
[सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम]
120. ( क्र. 3986 ) श्री संजय उइके : क्या राज्यमंत्री, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या केन्द्र एवं राज्य सरकार की योजनाओं में विभाग को राशि प्राप्त होती है? (ख) यदि हाँ, तो बालाघाट जिले में विभाग द्वारा वित्तीय वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक किस-किस योजना में कितनी-कितनी राशि जारी की गई एवं कितनी-कितनी राशि व्यय की गई? (ग) मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना, मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना, प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम योजनाओं में बालाघाट जिले में वित्तीय वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक कितने-कितने अनुसूचित जनजाति/अनुसूचित जाति/पिछड़ा वर्ग/अल्संख्यक एवं सामान्य वर्ग के कितने हितग्राहियों को योजनान्तर्गत लाभ दिया गया? (घ) प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित योजनाओं में कितने-कितने ऋण प्रकरण बैंकों को भेजे गये तथा कितने प्रकरणों में ऋण स्वीकृत किया गया?
राज्यमंत्री, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम ( श्री संजय पाठक ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं ब अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार है।
खंडवा जिले में संस्कार वन योजना में लापरवाही
[वन]
121. ( क्र. 4013 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में वृक्षारोपण के प्रति लोगों में जागरूकता लाने के लिए पूर्वजों की याद में संस्कारवन (पौधे) लगाने की कोई योजना है? (ख) यदि हाँ, तो खण्डवा जिले में इस योजना में 2013 से अब किन स्थानों पर कितने पौधों का रोपण कितने हेक्टेयर में किया गया? (ग) इस योजनान्तर्गत पूर्वजों की याद में लगाए जाने वाले प्रति पौधों पर विभाग द्वारा कितनी राशि ली जाती है? विगत तीन वर्षों में कितनी राशि एकत्रित हुई? (घ) क्या खंडवा में विभाग की लापरवाही से इंदौर रोड पर किया गया रोपित संस्कारवन के पौधे देखरेख एवं रख-रखाव के अभाव में नष्ट हो गए है? यदि हाँ, तो क्या पूर्वजों की याद में लगाए गए पौधों को पुन: लगाया जाएगा? या जनता की राशि विभाग द्वारा लौटाई जाएगी? यदि हाँ, तो कब तक?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) वन विभाग में ऐसी कोई योजना नहीं है। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) पूर्वजों की याद में पौधा लगाने हेतु कोई राशि नहीं ली जाती है और न ही विगत 3 वर्षों में कोई राशि एकत्रित हुई है। (घ) वन विभाग द्वारा राशि एकत्र करने एवं पौधा रोपण कार्य नहीं किया गया है। अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विधानसभा क्षेत्र विकास निधि से विकास कार्य
[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]
122. ( क्र. 4014 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र विकास निधि नियमावली के अंतर्गत विधायक द्वारा अनुशंसित कार्यों की स्वीकृति के पूर्व अक्षांश/देशांश दर्शाए जाने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो नियमावली उपलब्ध कराएं? (ख) क्या विधानसभा क्षेत्र विकास निधि नियमावली में शामिल कार्यों को तकनीकी शब्दों के प्रयोग एवं सामान्य तर्कशक्ति के आधार पर विधायक निधि के अनुशंसित कार्यों की स्वीकृति को लंबित रखा जा सकता है? (ग) क्या नियमावली के अंतर्गत विधायक निधि द्वारा अनुशंसित कार्यों की एजेंसी निर्धारित करने का अधिकार विधानसभा सदस्य को है? यदि हाँ, तो क्या इसका पालन सभी जिलों में किया जा रहा है? (घ) ग्रामीण क्षेत्र के किसानों को सिंचाई हेतु विद्युत लाईन विस्तार /ट्रांसफार्मर इत्यादि लगाये जाने हेतु म.प्र.वि.म. के सुपरविजन के तहत क्या संबंधित ग्राम पंचायत को कार्य एजेंसी बनाया जा सकता है? (ड.) यदि हाँ, तो क्या इस संबंध में प्रदेश के सभी जिलों में इस आशय के स्पष्ट निर्देश जिला योजना एवं सांख्यिकी अधिकारियों को जारी किये जायेंगे ताकि निधि का उपयोग व्यापक जनहित में किया जा सकें? यदि हाँ, तो कब तक?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी नहीं। (ख) विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र विकास योजना की मार्गदर्शिका में उल्लेख अनुसार अनुशंसित कार्यों को लंबित नहीं रखा जा सकता है। (ग) विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र विकास योजना की मार्गदर्शिका 2013 की कंडिका-2.7 के अनुसार विधायक के परामर्श से एजेन्सी का निर्धारण करने का प्रावधान है। इसके अनुसार ही कार्यवाही की जाती है। (घ) विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र मार्गदर्शिका के बिन्दु क्रमांक 2.2 में जिले की सरकारी एजेन्सियों/निगम मण्डलों/स्थानीय निकायों के माध्यम से कार्यों को क्रियान्वित किये जाने का प्रावधान है। अतः स्थानीय निकाय के तहत पंचायत एक क्रियान्वयन एजेन्सी हो सकती है। विद्युत ट्रान्सफार्मर संस्थापन एवं लाईन विस्तारीकरण के कार्य राज्य सरकार की एजेन्सियां पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग अथवा ऊर्जा विभाग के माध्यम से कार्यों को स्वीकृत एवं क्रियान्वित किया जा सकता है। (ड.) पत्र क्रमांक 275, दिनांक 20.2.2017 जिला बड़वानी एवं खण्डवा द्वारा मार्गदर्शन चाहे जाने पर तदाशय के निर्देश जारी किये गये।
क्षतिग्रस्त रपटों का निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
123. ( क्र. 4039 ) श्री चेतराम मानेकर : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) (1) ग्राम डांगवा से मेन रोड के बीच डांगवा के पास नदी पर रपटा पिछले कितने वर्षों से क्षतिग्रस्त है। (2) ग्राम जाजबोड़ी जाजलपुर मार्ग के पास नदी पर रपटा पिछले कितने वर्षों से क्षतिग्रस्त है? (3) ग्राम शोभापुर से बगडोना मार्ग के बीच ब्राम्हणवाड़ा के पास नदी पर रपटा कितने वर्षों से क्षतिग्रस्त है? (ख) क्या इन रपटो का निर्माण कार्य कराया जायेगा? (ग) यदि हाँ, तो समय-सीमा बताएं?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) ग्राम डागवा के पास नदी पर रपटा और ग्राम जाजबोड़ी जाजलपुर मार्ग पर रपटा लगभग 7 वर्ष पूर्व क्षतिग्रस्त हुये हैं। ग्राम शोभापुर से बगडोना मार्ग पर ब्राम्हणवाड़ा के पास नदी पर विभाग द्वारा कोई रपटा नहीं बनाया गया है। (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित स्थानों पर रपटा निर्माण किया जाना विचाराधीन नहीं है। (ग) उत्तरांश ''ख'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उत्पन्न नहीं होता।
क्षतिग्रस्त रपटों का निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
124. ( क्र. 4040 ) श्री चेतराम मानेकर : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्राम बाकुड़ से हाई स्कूल बाकुड़ एवं ग्राम डूल्हारा मार्ग के बीच नदी पर रपटा पिछले कितने वर्षों से क्षतिग्रस्त हैं? (ख) क्या बरसात के दिनों में आवागमन अवरूद्ध हो जाता है। छात्र-छात्राएं स्कूल जाने से वंचित हो जाते है? (ग) यदि हाँ, तो क्या विभाग इस रपटे का निर्माण करायेगा? (घ) यदि हाँ, तो समय-सीमा बतायें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) लगभग 8 वर्ष से। (ख) जी हाँ। वर्षाकाल में बाढ़ की स्थिति में मार्ग अवरूद्ध होने से संभावना है। (ग) जी हाँ। (घ) पी.एम.जी.एस.वाय. के तहत डी.पी.आर. तैयार कर भारत सरकार से स्वीकृति प्राप्त करने के उपरांत।
बैतूल जिले में बड़े झाड़-छोटे झाड़ मद की जमीन
[वन]
125. ( क्र. 4055 ) श्री हेमन्त विजय खण्डेलवाल : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बैतूल जिले में राजस्व अभिलेखों में दर्ज बड़े झाड़ के जंगल, छोटे झाड़ के जंगल मद की जमीन को वैकल्पिक वृक्षारोपण के लिए वन विभाग को अंतरित किए जाने के संबंध में मुख्य सचिव म.प्र.शासन ने दिनांक २४ दिसंबर २०१४ एवं मुख्य सचिव वन भोपाल ने दिनांक १३ फरवरी २०१५ को पत्र जारी किए है? यदि हाँ, तो इस संबंध में क्या कार्यवाही हुई? (ख) बैतूल जिले में बडे झाड़ एवं छोटे झाड के जंगल मद की कितनी जमीन नारंगी वनखंड में शामिल कर ली गई है? परिक्षेत्रवार जानकारी दें? (ग) क्या नारंगी वनखण्डों में शामिल की गई बडे झाड़ एवं छोटे झाड़ के जंगल मद की जमीन कलेक्टर बैतूल या बैतूल के राजस्व विभाग ने किस पत्र क्रमांक दिनांक से नारंगी भूमि सर्वे इकाई या वन विभाग को अंतरित कर अनुमति या सहमति प्रदान की है? यदि एसी कोई अनुमति नहीं है तो इन जमीनों को नारंगी वनखंड में किन किन कारणों से शामिल किया गया है? (घ) नारंगी वनखंडों में बड़े झाड़ एवं छोटे झाड़ के जंगल मद की जमीन को शामिल किए जाने के लिए कलेक्टर एवं राजस्व विभाग की अनुमति आवश्यक थी? यदि हाँ, तो क्या अनुमति ली गई है? यदि नहीं, तो क्यों?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) मुख्य सचिव, मध्यप्रदेश शासन द्वारा पत्र दिनांक 24.12.2014 एवं प्रमुख सचिव (वन) द्वारा पत्र दिनांक 13.02.2015 जारी किये गये हैं। किन्तु केवल मुख्य सचिव द्वारा अपने पत्र से बड़े झाड़ के जंगल एवं छोटे झाड़ के जंगल मद की जमीन को वैकल्पिक वृक्षारोपण के लिए वन विभाग को उपलब्ध कराये जाने के संबंध में निर्देश दिये गये है। बैतूल जिले के अंतर्गत वर्तमान तक क्षेत्रीय वनमण्डलों में 18 ग्रामों की 677 हेक्टेयर भूमियों को वैकल्पिक वृक्षारोपण हेतु उपयुक्त पाई जाने के कारण चयनित की गई है। (ख) बैतूल जिले के क्षेत्रीय वनमण्डलों के अंतर्गत बड़े झाड़ एवं छोटे झाड़ जंगल मद की 2795.689 हेक्टेयर भूमि नारंगी वनखण्डों में शामिल की गई है। परिक्षेत्रवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) विभागीय पत्र क्रमांक एफ 5/43/90/10-3 दिनांक 14.05.1996 के निर्देशानुसार राजस्व विभाग के अधीन अच्छी श्रेणी के वन वाले खसरों को भी सर्वे में शामिल किया जाना था, इस संबंध में कलेक्टर बैतूल के पत्र क्रमांक 38/92/एल.आर./2/908 दिनांक 02.08.1996 से राजस्व विभाग के अधीन छोटे झाड़ एवं बड़े झाड़ के जंगल मद की खसरावार सूची उपलब्ध कराई गई। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्तरांश 'ग' के अनुसार छोटे झाड़ के जंगल एवं बड़े झाड़ के जंगल मद की जमीनों को नारंगी वनखण्डों में शामिल किया गया। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नारंगी भूमि के आदेश एवं निर्देश
[वन]
126. ( क्र. 4057 ) श्री हेमन्त विजय खण्डेलवाल : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राज्य शासन ने १४ मई १९९६ को नारंगी भूमि के संबंध में जारी पत्र दिनांक से प्रश्नांकित दिनांक तक किस दिनांक को संशोधित पत्र जारी किया, प्रति सहित बतावें? (ख) १४ मई १९९६ को जारी पत्र में सर्वोच्च अदालत की सिविल याचिका क्रमांक २०२/९५ में १२ दिसंबर १९९६, आई.ए.क्रमांक.७९१-७९२ में दिनांक ०१ अगस्त २००३ एवं सिविल अपील प्रकरण क्रमांक १९८६९/२०१० में दिनांक २८ जनवरी २०११ के आदेशानुसार संशोधित पत्र जारी नहीं किए जाने का क्या क्या कारण रहा है? (ग) सर्वोच्च अदालत ने राजस्व अभिलेखों में दर्ज किन किन मदों की जमीनों के संबंध में १२ दिसंबर १९९६ एवं ०१ अगस्त २००३ में आदेश दिया है, किन किन सार्वजनिक प्रयोजनों के लिए दर्ज जमीनों के संबंध में २८ जनवरी २०११ को आदेश दिया है इन आदेशों के अनुसार कार्यवाही के संबंध में आदेश, निर्देश एवं पत्र जारी किए जाने हेतु वन विभाग द्वारा क्या कार्यवाही अभी तक की गई? (घ) क्या न्यायालयीन आदेशों के अनुसार कार्यवाही किए जाने के संबंध में म.प्र.शासन वन विभाग एवं वन मुख्यालय भोपाल कोई कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो क्या एवं कब तक?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) राज्य शासन द्वारा प्रश्नांश के संबंध में कोई संशोधित पत्र जारी नहीं किया गया। (ख) प्रश्नांश में दर्शित न्यायालयीन आदेशों में माननीय न्यायालयों द्वारा नारंगी भूमि के सर्वेक्षण के विषय में कोई लेख नहीं किये जाने के कारण। (ग) प्रश्नांश में दर्शित माननीय उच्चतम न्यायालय के आदेश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। वन मुख्यालय सतपुड़ा भवन भोपाल से माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेश दिनांक 12.12.1996 के परिप्रेक्ष्य में कार्यवाही हेतु दिनांक 06.01.1997, दिनांक 22.01.1997, दिनांक 04.03.1997, दिनांक 02.04.1997, दिनांक 23.11.2000 को समस्त वन संरक्षक/वनमंडलाधिकारियों/वन संरक्षक कार्य-आयोजना, भोपाल/समस्त कार्य-आयोजना मध्यप्रदेश को पत्र लिखे गये है। माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेश दिनांक 01.08.2003 के संबंध में दिनांक 25.01.2008 एवं दिनांक 23.06.2008 से समस्त मुख्य वन संरक्षक (क्षेत्रीय) एवं वनमंडलाधिकारी (क्षेत्रीय) को निर्देश दिये गये। माननीय सर्वोच्च न्यायालय का आदेश दिनांक 28.01.2011 वन विभाग से संबंधित नहीं है। (घ) उत्तरांश 'ग' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
रेत की खदानों के संबंध में
[खनिज साधन]
127. ( क्र. 4061 ) श्री राजेन्द्र फूलचंद वर्मा : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सोनकच्छ नगर की कालीसिंध नदी में रेत की खदानें नीलाम की जाती है? हाँ या नहीं। (ख) विधानसभा क्षेत्र में कालीसिंध नदी में रेत की कुल कितनी खदानें हैं जिसे नीलाम किया जाता है वर्तमान में उक्त खदानों की नीलामी हुई है या नहीं? (ग) यदि नीलामी हो चुकी है तो उक्त खदाने किस कंपनी/व्यक्ति ने खरीदी है तथा नीलामी में कितने वर्ष तक के लिए रेत खनन करने की अनुमति होती है?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रश्नाधीन विधानसभा क्षेत्र में प्रश्नाधीन नदी में रेत की 10 खदानों के लिये मध्यप्रदेश राज्य खनिज निगम के पक्ष में सैद्धांतिक स्वीकृति प्रदान की गई है। जिसमें से मध्यप्रदेश राज्य खनिज निगम द्वारा 07 खदानों को नीलामी में स्वीकृत किया गया है तथा 03 खदानें नीलामी में स्वीकृत नहीं हो सकी हैं। (ग) मध्यप्रदेश राज्य खनिज निगम द्वारा ई-नीलामी के माध्यम से यह खदानें आवंटित की गई हैं। जिसका विवरण संलग्न परिशिष्ट में दर्शाया गया है। जिसमें अवधि का विवरण दर्शाया गया है।
वन विकास निगम में स्थाईकर्मी श्रेणी में नियुक्ति
[वन]
128. ( क्र. 4077 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में वन विकास का निगम का गठन किन उद्देश्यों की पूर्ति हेतु किस विभाग के अधीन कब किया गया एवं विगत पाँच (5) वर्षों में इसके कार्य क्षेत्र में कितनी वृद्धि हुई तथा उल्लेखित वर्षों में निगम में कितने नियमित एवं दैनिक भोगी कर्मचारी कार्यरत रहे बतलावें? (ख) क्या प्रदेश सरकार का दैनिक वेतन भोगियों को स्थाई कर्मी की श्रेणी में नियुक्ति का आदेश इस निगम पर लागू होता है? उत्तर में यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक कितने दैनिक वेतन भोगियों को प्रदेश सरकार की नीतियों के अनुरूप स्थाई कर्मचारी की श्रेणी नियुक्त किया गया बतलावें? यदि नहीं, किया गया तो इसके क्या कारण हैं? (ग) क्या वन विकास निगम प्रबंधक संचालक मंडल भोपाल द्वारा निगम के सेवानिवृत्ति कर्मचारियों को निगम के मैदानी अमले एवं आफिस कार्य हेतु जाब दर पर नियुक्त किया गया? यदि हाँ, तो उपरोक्त नियुक्तियों हेतु क्या मध्यप्रदेश शासन वन विभाग से लिखित अनुमति ली गई है, यदि हाँ, तो कब किसके द्वारा यह अनुमति प्रदान की गई अनुमति की छायाप्रति देवें? (घ) क्या राज्य वन विकास निगम लिमिटेड भोपाल द्वारा पत्र क्र./प्रशासन/3/5281/ दिनांक 21.11.2016 के द्वारा अपर प्रबंधक संचालक (प्रशासन) म.प्र.शासन वन विभाग से वन विकास निगम में कार्यरत दैनिक वेतन भोगी श्रमिकों को स्थाई कर्मियों के समान सुविधाएं देने हेतु दिशा निर्देश मांगे गये थे? (ड.) प्रश्नांश (घ) के यदि हाँ, तो तत्संबंध में राज्य वन विकास निगम को कब क्या दिशा निर्देश प्रदान किये गये एवं म.प्र.शासन सामान्य प्रशासन विभाग के स्पष्ट आदेश दिनांक 07 अक्टूबर 2016 के बावजूद निगम में कार्यरत दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को प्रश्न दिनांक तक स्थाई कर्मी श्रेणी में समाहित न करने के क्या कारण है इन्हें किस प्रकार से कब तक स्थाई कर्मी श्रेणी में समाहित किया जायेगा?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) मध्य प्रदेश राज्य वन विकास निगम लि. का गठन निम्न कोटि के वन क्षेत्रों को तेजी से बढ़ने वाली बहुमूल्य तथा बहुउपयोगी प्रजातियों के रोपण द्वारा उच्च कोटि के वनों में परिवर्तन कर उत्पादन क्षमता एवं गुणवत्ता में सुधार लाने हेतु दिनांक 24 जुलाई, 1975 को म. प्र. शासन वन विभाग के अधीन किया गया है। विगत पाँच वर्षों में इसके कार्य क्षेत्र में हुई वृद्धि की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार। (ख) प्रकरण परीक्षणाधीन है। परीक्षण उपरांत नियमानुसार निर्णय लिया जाएगा। (ग) जी हाँ। जी नहीं। निगम के संचालक मण्डल की 163 वीं बैठक दिनांक 26.09.2013, 166 वीं बैठक दिनांक 19.08.2014, 168 वीं बैठक दिनांक 23.03.2015 एवं 170 वीं बैठक दिनांक 19.08.2015 में लिये निर्णय अनुसार निगम के सेवानिवृत्त कर्मचारियों को जाब दर पर रखा गया है। (घ) जी हाँ। (ड.) प्रश्नांश (ख) अनुसार।
परिशिष्ट - ''छत्तीस''
पाटन विधान सभा अंतर्गत क्षेत्र विकास निधि से कराये गये निर्माण कार्य
[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]
129. ( क्र. 4078 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पाटन विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत विधायक क्षेत्र विकास निधि से वित्त वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक किन-किन कार्यों हेतु कितनी-कितनी राशि अनुशंसित की गई वर्षवार जनपद वार निर्माण एंजेसी के नाम सहित सूची देवें? (ख) प्रश्नांश (क) में अनुशंसित कार्यों हेतु कब-कब टी.एस. एवं ए.एस. जारी तथा निर्माण एंजेसी के खाते में राशि स्थानांतरित की गई वर्षवार, जनपदवार सूची देवें? (ग) प्रश्नांश (क) में अनुशंसित कार्य किस दिनांक को प्रारंभ कर किस दिनांक को पूर्ण किये गये एवं उपरोक्त निर्माण कार्यों का पूर्णत: प्रमाण पत्र किस दिनांक को किस अधिकारी द्वारा दिया गया एवं इन निर्माण कार्यों की प्रश्न दिनांक तक अद्यतन स्थिति क्या है? कितने कार्य पूर्ण, अपूर्ण कितने प्रश्न दिनांक तक अप्रारंभ है जनपदवार सूची देवें? (घ) प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित अपूर्ण एवं अप्रारंभ निर्माण कार्यों के क्या कारण है, इसका दोषी कौन है दोषियों पर कब क्या कार्यवाही की गई एवं इन कार्यों को किस प्रकार से कब तक पूर्ण कर लिया जावेगा?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) पाटन विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक स्वीकृत कार्यों की जानकारी वर्षवार, जनपद/एजेन्सीवार पुस्तकालय में रखे अभिलेख परिशिष्ट के कॉलम-3 एवं 14 में उल्लेखित है। (ख) प्रश्नांश ''क'' में अनुशंसित कार्यों के तकनीकी स्वीकृति प्रशासकीय स्वीकृति एवं एजेन्सी के खाते में राशि स्थानान्तरण की वर्षवार एवं जनपदवार जानकारी पुस्तकालय में रखे अभिलेख परिशिष्ट के कॉलम-5, 6 एवं 8 में दर्शित है। (ग) अनुशंसित कार्यों की प्रारम्भ तिथि, कार्यपूर्णता तिथि पूर्णता प्रमाण पत्र जारी करने का दिनांक एवं अधिकारी की जानकारी, कार्य की अद्यतन स्थिति की जानकारी पुस्तकालय में रखे अभिलेख परिशिष्ट के कॉलम-9, 10, 11 एवं 12 में उल्लेखित है। (घ) अपूर्ण/अप्रारम्भ कार्यों को पूर्ण कराने हेतु संबंधित निर्माण एजेन्सी को पत्र जारी कर शीघ्र ही कार्य पूर्ण कराने हेतु निर्देशित किया गया है।
स्वच्छ भारत मिशन
[नगरीय विकास एवं आवास]
130. ( क्र. 4108 ) श्री अशोक रोहाणी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रदेश शासन ने प्रदेश में स्थित छावनी परिषद् केंट (जबलपुर) को नगरीय निकाय से संबंधित प्रदेश शासन की सभी योजनाओं का लाभ देने बाबत निर्णय कब लिया है और इस संबंध में कब क्या निर्देश/आदेश जारी किया है आदेश की छायाप्रति दें? (ख) क्या छावनी परिषद् केंट जबलपुर को स्वच्छ भारत मिशन के तहत सार्वजनिक/व्यक्तिगत शौचालयों का निर्माण कराने हेतु प्रदेश शासन अथवा नगर निगम जबलपुर द्वारा राशि प्रदाय की गई है? यदि हाँ, तो कब कितनी राशि दी गई? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या नगर निगम जबलपुर द्वारा प्रोजेक्ट उदय के तहत पानी की टंकी का निर्माण छावनी परिषद् केंट की भूमि पर कराया गया है? यदि हाँ, तो इस टंकी से कटंगा एवं संजय गांधी नगर की जनता को पेयजल की आपूर्ति न किये जाने का क्या कारण है? क्या शासन इस संबंध में नगर निगम को आवश्यक निर्देश जारी कराना सुनिश्चित करेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) नगरीय विकास एवं आवास विभाग के पत्र क्रमांक एफ 10- 74/2016/18-2 भोपाल, दिनांक 09 जनवरी 2017 द्वारा छावनी परिषद् को समेकित विकास की योजनाओं का लाभ दिये जाने का निर्णय लिया गया है। प्रश्नांश की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। उक्त संबंध में प्रस्ताव अप्राप्त है। (ग) जी नहीं। अपितु शासकीय नजूल भूमि पर प्रोजेक्ट उदय के अंतर्गत उच्च स्तरीय टंकी का निर्माण कराया गया है। उक्त टंकी नगर निगम क्षेत्र के रहवासियों हेतु बनायी गयी है शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
सी.ई.ओ. जुन्नारदेव द्वारा मनमाने तरीके से साधन सम्पन्न लोगों को लाभ पहुंचाना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
131. ( क्र. 4124 ) श्री नथनशाह कवरेती : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या छिंदवाडा जिले के विधान सभा क्षेत्र जुन्नारदेव के ग्राम खैरवानी में वर्ष 2016 में निर्मल वीर योजना से कुआं निर्माण कराया गया है? (ख) यदि हाँ, तो यह कुआं शासकीय भूमि खसरा क्रमांक 398 में स्वीकृत होने के बावजूद जनपद सदस्य सूरज रघुवंशी निवासी खैरवानी के भाई नारायण, पूनाराम, गुनाराम श्यामू की निजी भूमि खसरा क्रमांक 339/2 में व्यक्तिगत लाभ देने हेतु सी.ई.ओ. जुन्नारदेव द्वारा उसे निर्माण करा दिया गया। (ग) इसके लिये कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी दोषी है और इन पर कब तक कार्यवाही ही जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) छिन्दवाड़ा जिले के जुन्नारदेव विधानसभा क्षेत्र के ग्राम खैरवानी में वर्ष 2016 में निर्मल नीर योजना से कुओं का निर्माण कराया गया। (ख) एवं (ग) भू-जल के लिये उपयुक्त स्थल की निजी स्वत्व की भूमि दान में प्राप्त होने से कूप निर्माण कराया जाना प्रतिवेदित है। किसी अधिकारी/कर्मचारी के दोषी होने की स्थिति नहीं है। प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होता।
महाविद्यालय खोलना
[उच्च शिक्षा]
132. ( क्र. 4128 ) श्री नथनशाह कवरेती : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या छिंदवाड़ा जिले के अंतर्गत ग्राम नवेगांव कला से 50 कि.मी. दूर तक कोई शासकीय महाविद्यालय स्थापित है? (ख) यदि नहीं, तो जनसंख्या एवं ग्रामीणों की उच्च शिक्षा की दृष्टि से कब तक ग्राग नवेगांव कला में शासकीय महाविद्यालय खोला जायेगा? नवेगांव के अंतर्गत 351 पंचायत आती है, जिससे बालक-बालिकायें पढ़ने से वंचित रह जाते है? (ग) क्या प्रश्नकर्ता विधायक एवं जनप्रतिनिधियों द्वारा इस संबंध में आवेदन शासन स्तर पर लंबित है? यदि हाँ, तो कब तक निराकरण कर शासकीय महाविद्यालय खोलने की कार्यवाही की जायेगी? समय-सीमा बतावें? (घ) यदि शासन स्तर पर शासकीय महाविद्यालय खोलने की कार्यवाही लंबित है तो कब तक पूर्ण कर ली जायेगी? यदि नहीं, तो क्यों?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी हाँ। नवेगांव से (1) 25 कि.मी. की दूरी पर शासकीय महाविद्यालय, दमुआ एवं (2) 35 कि.मी. की दूरी पर शासकीय महाविद्यालय, जुन्नारदेव स्थापित है। (ख) प्रश्नांश 'क' अनुसार। (ग) जी हाँ। नवेगांव में नवीन शासकीय महाविद्यालय प्रारंभ करने हेतु प्रस्ताव प्राप्त हुआ हैं, किन्तु सीमित वित्तीय संसाधनों के कारण अभी स्वीकृति संभव नहीं है। (घ) प्रश्नांश 'ग' अनुसार।
पंचायत के सरपंच, सचिव की जाँच
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
133. ( क्र. 4129 ) श्री नथनशाह कवरेती : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र जुन्नारदेव जिला छिन्दवाड़ा के जनपद पंचायत के अंतर्गत ग्राम पंचायत सांगाखेड़ा में सरपंच सचिव द्वारा मुख्यमंत्री हाट बाजार योजना अंतर्गत सार्वजनिक चबूतरा का निर्माण कराया गया है? (ख) यदि हाँ, तो इसकी लागत क्या है? अनाधिकृत रूप से फर्जी तरीके से ई.पी.ओ. बनाकर 1,39,500/- रू. एवं 11,000/- रू तथा वित्त आयोग से हाट बाजार सांगाखेड़ा में शेड निर्माण हेतु 29,100/- रू. की राशि का भुगतान किसके द्वारा किया गया है? (ग) क्या ग्राम पंचायत सांगाखेड़ा के सचिव सरपंच द्वारा फर्जी तरीके से राशि का भुगतान किया गया है? यदि हाँ, तो इनके खिलाफ एफ.आई.आर. दर्ज कर अनुशासनात्मक कार्यवाही की जायेगी? (घ) प्रश्नांश (क) से (ग) के संबंध में प्रश्नकर्ता विधायक द्वारा शासन स्तर पर कितनी शिकायत प्राप्त हुई है और उन पर क्या कार्यवाही की गई है तथा इसका जवाब संबंधित विधायक को दिया गया है या नहीं? नहीं तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) ग्राम पंचायत सांगाखेड़ा में स्वर्ण जयंती ग्राम स्वरोजगार योजनांतर्गत मद की राशि से हाट बाजार चबुतरा निर्माण कराया गया है। (ख) हाट बाजार चबुतरा की प्रशासकीय स्वीकृति रु. 10.00 लाख की दी गई थी। निर्माण कार्य का अद्यतन मूल्यांकन रु. 5,95,391/- है। ग्राम पंचायत द्वारा सामग्री श्री सालकराम अखारी को प्रदाय के लिए प्रश्नाधीन राशि का भुगतान ई.पी.ओ. के माध्यम से किया गया है। फर्जी भुगतान की स्थिति नहीं है। (ग) उत्तरांश ''ख'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होता है। (घ) अभिलेख के मुताबिक मा.प्रश्नकर्ता विधायक से शासन को कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होता है।
अवैध उत्खनन के संबंध में
[खनिज साधन]
134. ( क्र. 4131 ) श्री नथनशाह कवरेती : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र जुन्नारदेव जिला छिन्दवाड़ा के तहसील तामिया में भारी मात्रा में रेत माफिया द्वारा रेत का उत्खनन अवैध रूप से किया जा रहा है? यदि हाँ, तो किस-किस व्यक्तियों के द्वारा किया जा रहा है नाम एवं पता सहित बतायें? (ख) क्या वर्तमान तहसीलदार से मिली भगत करके श्री सतीश मिश्रा, मनमोहन साहू, गनपत पटेल, भूपेन्द्र ठाकुर उर्फ नाना द्वारा अवैध रूप से किया जा रहा है? यदि हाँ, तो इनके खिलाफ जिलाध्यक्ष द्वारा कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक? (ग) प्रश्नकर्ता विधायक द्वारा विगत तीन वर्षों में (क) एवं (ख) के प्रश्नांश में जिलाध्यक्ष एवं शासन स्तर पर कई बार शिकायत की गई है? यदि हाँ, तो इस पर क्या कार्यवाही की गई और संबंधित विधायक को इसकी सूचना दी गई है? यदि नहीं, तो क्यो इसके लिए कौन जिम्मेवार है?
खनिज
साधन मंत्री (
श्री
राजेन्द्र
शुक्ल ) : (क)
जी
नहीं। अत: शेष
प्रश्नांश
उपस्थित नहीं
होता। (ख)
जी
नहीं। अत: शेष
प्रश्नांश
उपस्थित नहीं
होता। (ग) विधायक
प्रतिनिधि
श्री विजय
शिवहरे की
शिकायत
दिनांक 11.06.2015
कमिश्नर
कार्यालय के
पत्र दिनांक 15.05.2015 से
तामिया के रेत
माफियाओं पर
उचित
कार्यवाही
करने बाबत
कलेक्टर
कार्यालय को जाँच
हेतु भेजी गई
थी। इसके
अलावा माननीय
प्रश्नकर्ता
द्वारा
दिनांक 06.01.2017
को माननीय
प्रभारी
मंत्री जिला छिंदवाड़ा
को उक्त विषय
पर शिकायत की
गई है जिस पर
माननीय मंत्री, किसान
कल्याण एवं
कृषि विकास
द्वारा अपने
पत्र दिनांक 17.01.2017 से जिला
खनि अधिकारी, छिंदवाड़ा
को परीक्षण कर
आवश्यक
कार्यवाही
करने हेतु लेख
किया गया है। प्राप्त
शिकायतों के
संदर्भ में
कार्यालय
कलेक्टर
छिंदवाड़ा
द्वारा की गई
कार्यवाही के
संबंध में
अपने पत्र
दिनांक 22.06.2015
से कमिशनर
जबलपुर संभाग
एवं माननीय
विधायक विधानसभा
क्षेत्र जुन्नारदेव
को सूचित किया
गया है। खनि
अधिकारी
द्वारा पत्र
दिनांक 15.02.2017
से निज सचिव
प्रभारी
मंत्री जिला
छिंदवाड़ा
एवं माननीय
विधायक को की
गई कार्यवाही
से अवगत कराया
गया है। संबंधितों
के विरूद्ध की
गई कार्यवाही
को संक्षेप
में संलग्न
परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं 'ब' में
दर्शाया गया है। चूंकि
कार्यवाही की
गई है अत: शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
परिशिष्ट
- ''अड़तीस''
स्टेडियम निर्माण में विलंब
[नगरीय विकास एवं आवास]
135. ( क्र. 4159 ) श्री अनिल जैन : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या निवाडी नगर में स्टेडियम हेतु प्रशासकीय स्वीकृति लंबित है? यदि हाँ, तो कार्यालय का नाम एवं लंबित होने के कारण बताया जावे। प्रशासकीय स्वीकृति कब तक की जा सकेगी वर्ष 2012 में माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा इस कार्य की घोषणा की गई थी किन्तु पाँच वर्ष अवधि उपरांत भी निर्माण कार्य प्रारंभ नहीं किया जा सका है? यदि हाँ, तो विलम्ब हेतु दोषी अधिकारियों की जानकारी पृथक से दी जावे? (ख) उक्त स्टेडियम निर्माण हेतु शासन द्वारा क्रियान्वयन एजेंसी को कब तक बजट उपलब्ध कराया जा सकेगा? (ग) उक्त स्टेडियम का निर्माण कब तक प्रारंभ हो सकेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी नहीं, प्रशासकीय स्वीकृति लंबित नहीं होने से प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। जी हाँ, राशि उपलब्ध न होने के कारण कार्य में विलम्ब हुआ है वर्तमान में राशि उपलब्ध हो गई है, जिससे नगर परिषद्, निवाडी द्वारा कार्य कराने के लिए ई-निविदा की कार्यवाही की जा रही है। (ख) नगर परिषद्, निवाडी को संचालनालय, नगरीय प्रशासन एवं विकास, म.प्र. भोपाल द्वारा मुख्यमंत्री अधोसंरचना विकास योजना (द्वितीय चरण) में राशि रूपये 100.00 लाख की सैद्धांतिक स्वीकृति जारी की जा चुकी है। (ग) नगर परिषद्, निवाडी द्वारा स्टेडियम निर्माण कार्य के लिए ई-निविदा की कार्यवाही की जा रहीं हैं, निविदा स्वीकृति उपरान्त कार्य प्रांरभ हो सकेगा, समय-सीमा बताया जाना सभंव नहीं है।
नगरीय निकायों में विकास कार्य
[नगरीय विकास एवं आवास]
136. ( क्र. 4162 ) श्री अनिल जैन : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जिला टीकमगढ़ अंतर्गत आने वाली समस्त पंचायतों एवं नगर पालिका में विगत तीन वर्षों में क्या– क्या विकास कार्य कराये गये, योजनावार वित्तीय प्रगति बताई जावे? (ख) पेयजल एवं स्वच्छ हेतु निकायों में कौन– कौन से निर्माण कार्य कराये गये है निकायवार वर्षवार एवं घटकवार किए गए कार्यों की प्रगति अद्यतन स्थिति सहित दी जावे? (ग) किन–किन नगरीय निकायों में स्वीकृति उपरांत निर्माण कार्य नहीं कराये जा सके है? निकायवार निर्माण कार्यों की जानकारी कारण सहित बताई जावे?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' एवं ''स'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार है।
ग्रामीण क्षेत्रों में संचालित योजनायें
[वन]
137. ( क्र. 4185 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीधी एवं सिंगरौली वन विभाग अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में कितनी योजनाएं हैं एवं कितनी संचालित हैं? (ख) आस्थामूलक, पुलिया, गैस कनेक्शन, हैण्डपम्प, तेंदूपत्ता सामुदायिक भवन आदि के कितने कार्य वर्तमान में कराये जा रहे हैं? श्रमिकों एवं पौधों का कितना भुगतान लंबित है? लंबित भुगतान कब तक करा दिया जावेगा? (ग) कितने और किस प्रकार के कार्य वन समितियों द्वारा कराये जाने का प्रावधान है? कार्यवार विवरण दें। (घ) क्या वन विभाग द्वारा निजी स्वामित्व की राजस्व भूमि पर भी वन विभाग द्वारा पौधा रोपण या अन्य कार्य कराया गया है? क्या उक्त कार्यों में न्यायालयीन प्रकरण दर्ज हुए है यदि हाँ, तो विवरण दें? क्या निर्णय हुआ है? शासन द्वारा किसे जाँच सौंपी गयी? क्या समय पर जाँच की गई है? यदि जाँच लंबित है, तो क्यों? किस स्तर पर लंबित है?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं 2 अनुसार है। (ग) वन समितियों द्वारा वनों की सुरक्षा वनों में अग्नि, अवैध चराई, अवैध कटाई, उत्खनन, अतिक्रमण व वन्यप्राणियों का अवैध शिकार से बचाव करने हेतु वन विभाग को सहयोग प्रदान करना एवं वन विभाग के साथ मिलकर सूक्ष्म प्रबंधन योजना बनाने का प्रावधान है। (घ) जी हाँ। सीधी एवं सिंगरौली वन मण्डल अन्तर्गत बांस मिशन योजना के तहत 29 ग्रामों के 333 किसानों की निजी भूमि पर 1,65,285 बांस पौधा रोपण का कार्य वर्ष 2016 में कराया गया है, उक्त कार्य से संबंधित कोई न्यायालयीन प्रकरण दर्ज नहीं हुये हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
रेत उत्खनन पर कार्यवाही
[खनिज साधन]
138. ( क्र. 4199 ) श्री पुष्पेन्द्र नाथ पाठक : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले की सीमा में केन और धसान नदी में रेत उत्खनन के कितने पट्टे स्वीकृत हैं? पट्टेधारकों की फर्मों के नाम, आवंटित क्षेत्रफल एवं रेत उत्खनन की समय-सीमा एवं शर्तों की जानकारी उपलब्ध कराये। (ख) जिले के अंदर राजस्व एवं वन क्षेत्रो के नदी – नालों से रेत के उत्खनन के पट्टे कहाँ-कहाँ दिए गये हैं? किसे दिए गये हैं? कितने क्षेत्रफल एवं कितने समय के लिए दिए गये हैं? (ग) जिले का आम नागरिक या शासकीय, अर्द्धशासकीय निर्माण कार्य कराने वाली एजेंसी रेत का उपयोग करती है, तो इसके लिए क्या प्रावधान है। (घ) खनिज विभाग के अधिकारियों के आग्रह के बिना पुलिस या राजस्व विभाग रेत उत्खनन या परिवहन पर क्या कार्यवाही कर सकता है? क्या नियमावली है? खनिज विभाग स्वयं अवैध उत्खनन को रोकने के लिए क्या दैनिक प्रयास करता है?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रश्नाधीन जिले की सीमा में केन एवं धसान नदी में रेत उत्खनन के लिये कोई उत्खनन पट्टा स्वीकृत नहीं होने के कारण प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्नाधीन जिले में राजस्व एवं वन क्षेत्रों के नदी नालों में रेत खनिज के उत्खनन पट्टे स्वीकृत नहीं किये गये हैं। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 के प्रावधान अनुसार उत्खनन अनुज्ञा अथवा व्यापारिक खदान प्रश्नानुसार प्राप्त की जा सकती है। इसके अतिरिक्त आवंटित वैध खदानों से रेत खनिज का क्रय कर इसका उपयोग किया जा सकता है। (घ) खनिज राज्य की संपत्ति है। अत: इसकी चोरी रोकने के लिये भारतीय दण्ड विधान के प्रावधानों के अनुसार पुलिस तथा मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता 1959 के प्रावधानों के अनुसार राजस्व विभाग प्रश्नानुसार कार्यवाही कर सकता है। जिले में खनिज विभाग द्वारा समय-समय पर खनिजों के अवैध उत्खनन की रोकथाम हेतु जाँच की जाती है। प्रकरण प्रकाश में आने पर इसके विरूद्ध कार्यवाही की जाती है।
नि:शक्तजनों का नाम गरीबी रेखा में जोड़ा जाना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
139. ( क्र. 4219 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गरीबी रेखा सूची में नि:शक्तजनों एवं उनके अभिभावकों के नाम जोड़ने के लिए शासन द्वारा पृथक से क्या कोई निर्देश जारी किये गये हैं? यदि हाँ, तो विवरण देवें? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) विगत एक वर्ष में सीधी जिले में तहसीलवार कितने नि:शक्तजनों एवं उनके अभिभावकों के नाम गरीबी रेखा में जोड़े गये हैं और कितनों के जोड़े जाना शेष है? (ग) क्या नि:शक्तजन गरीबी रेखा में नाम जुड़वाने के लिए तहसील कार्यालयों के चक्कर काटते रहते हैं? किन्तु उनके आवेदन स्वीकार नहीं किये जाते हैं एवं बिचौलियों के माध्यम से नाम जोड़ने की कार्यवाही की जाती है? नि:शक्तजनों को पेंशन व खाद्यान्न का लाभ मिल सके एवं वह जीवन निर्वाह कर सके, क्या सरकार द्वारा कोई योजना बनाई जा रही है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी, नहीं। ग्रामीण गरीबों के चिन्हांकन एवं श्रेणी विभाजन के संबंध में भारत सरकार द्वारा निर्धारित प्रपत्र में जिन वंचितताओं को आधार माना गया है, उनमें निशक्तः होना शामिल नहीं है। (ख) एवं (ग) विगत एक वर्ष में सीधी जिले में तहसील गोपदवनास में 186, सिहावल में 499, रामपुर नैनकिन में 04, चुरहट में 11, मझौली में 69, कुसमी में 361 कुल 1130 निक्शतजनों एवं उनके अभिभावकों के नाम गरीबी रेखा की सूची में जोड़े गये हैं। नाम लंबित नहीं होना प्रतिवेदित है। पात्रता अनुसार पेंशन एवं रियायती दर पर खाद्यान्न का लाभ दिया जाना प्रतिवेदित है। शेष प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होते है।
शिवुपरी जिले में रेत उत्खनन के पट्टे
[खनिज साधन]
140. ( क्र. 4235 ) श्री रामसिंह यादव : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शिवपुरी जिले में रेत किस-किस नदी में कहाँ-कहाँ पर पायी जाती है? इनमें से वर्तमान में किस-किस नदी में कहाँ-कहाँ पर रेत उत्खनन हेतु किस-किस को कब से कब तक के लिए कितने क्षेत्रफल में लीज स्वीकृत की गई है? इनके द्वारा वर्ष 2014-15 से वर्ष 2016-17 तक कितनी-कितनी रॉयल्टी किस दर से कितने उत्खनन की जमा की गई? (ख) क्या कोलारस विधान सभा क्षेत्र में तहसील कोलारस एवं बदरवास के अंतर्गत बहने वाली नदियों में भी रेत पायी जाती है? यदि हाँ, तो किस-किस नदी में कहाँ-कहाँ पर रेत पायी जाती है? इन नदियों में रेत उत्खनन हेतु वर्तमान में किन-किन को कहाँ-कहाँ पर रेत उत्खनन के पट्टे दिए गए हैं? यदि पट्टे नहीं दिए गए है तो क्यों एवं कब तक दिए जावेंगे? (ग) क्या कोलारस विधान सभा क्षेत्र में बहने वाली सिंध आदि नदी में बहुत बड़े पैमाने पर हर स्थान पर रेत पायी जाती है? जिसकी किसी को भी लीज नहीं दी गई है? यदि हाँ, तो शासन शासकीय निर्माण कार्यों हेतु रेत उपलब्ध कराने हेतु रेत उत्खनन पट्टे कब तक स्वीकृत करेगा? यदि नहीं, तो ग्राम पंचायतों द्वारा शासकीय निर्माण कार्यों हेतु सिंध नदी से लायी जाने वाली रेत के ट्रेक्टर ट्राली जब्त क्यों किए जाते हैं?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रश्नाधीन जिले में प्रमुखत: महुअर, सिंध नदी, पारोच नदी, बुधना नदी, बरूआ नाला आदि के क्षेत्रों में रेत पाई जाती है। प्रश्नाधीन जिले में रेत उत्खनन के लिए खदानें लीज पर स्वीकृत नहीं हैं। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्नाधीन विधान सभा क्षेत्र अन्तर्गत प्रश्नाधीन तहसीलों के अंतर्गत सिंध नदी में रेत (काली बजरी) कुछ स्थानों पर पाई जाती है। कोलारस तहसील अंतर्गत ग्राम साखनौर, अनंतपुर एवं तहसील बदरवास अंतर्गत ग्राम सडबूड, घुरवार एवं रिजौदी क्षेत्र में रेत (काली बजरी) पाई जाती है। प्रश्नाधीन नदियों में रेत के उत्खनन पट्टे नहीं दिए गए हैं। मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 में व्यक्तियों को रेत खनिज के उत्खनन पट्टे स्वीकृत किये जाने के प्रावधान न होकर इनकी खदानों की नीलामी किये जाने के प्रावधान हैं। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। इन क्षेत्रों में किसी व्यक्ति को लीज (उत्खनन पट्टा) नहीं दी गई है। शासकीय निर्माण कार्य हेतु रेत के उत्खनन पट्टे स्वीकृत करने का प्रावधान म.प्र. गौण खनिज नियम 1996 में नहीं होने के कारण प्रश्नानुसार समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। नियम विरूद्ध खनिज के परिवहन पर मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 में कार्यवाही किये जाने के प्रावधान हैं।
खेल स्टेडियम का निर्माण
[खेल और युवा कल्याण]
141. ( क्र. 4236 ) श्री रामसिंह यादव : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या शिवपुरी जिले के कोलारस नगर में खेल स्टेडियम निर्माण हेतु विगत 2 वर्षों में कोई कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो क्या-क्या कार्यवाही की गई है? इस कार्यवाही का क्या परिणाम रहा? (ख) क्या कोलारस नगर में खेल स्टेडियम निर्माण हेतु जिला खेल अधिकारी शिवपुरी द्वारा सहमति पत्र लिया गया था एवं तहसीलदार कोलारस को खेल स्टेडियम हेतु भूमि आवंटित करने का अनुरोध किया था? यदि हाँ, तो खेल स्टेडियम हेतु कहाँ पर किस सर्वे नंबर की कितनी भूमि आवंटित की गई? भूमि आवंटन के पश्चात क्या कार्यवाही की गई? (ग) क्या कोलारस नगर में खेल स्टेडियम स्वीकृत नहीं हुआ है? यदि हाँ, तो उक्त खेल स्टेडियम कब तक स्वीकृत होगा? यदि खेल स्टेडियम स्वीकृत नहीं होगा तो क्यों?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) कोलारस नगर में इण्डोर खेल परिसर निर्माण हेतु भूमि खेल और युवा कल्याण विभाग के नाम हस्तांतरित कर सुरक्षित कर दी गई है, परंतु इण्डोर खेल परिसर निर्माण की योजना को को भारत सरकार के पत्र क्र. 30 01/एमवाईएएस/आरजीकेए/2015/6419/6428, दिनांक 05.11.2015 द्वारा योजना की पुनः समीक्षा के कारण स्थगित रखे जाने की जानकारी दी गई है। भारत सरकार का पत्र संलग्न परिशिष्ट पर है। (ख) जी हाँ। जी हाँ। ग्राम कोलारस में सर्वे नंबर 25 कुल रकबा 8.634 हेक्टेयर में से 0.95 हेक्टेयर (02 एकड़) भूमि खेल और युवा कल्याण विभाग के नाम आरक्षित की गई। अभी भूमि आवंटित नहीं हुई हैं। आवंटन पश्चात् आगामी कार्यवाही सुनिश्चित की जायेगी। (ग) जी नहीं। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
जनपत पंचायतों में पदस्थ अधिकारी/कर्मचारी
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
142. ( क्र. 4280 ) श्री गोपाल परमार : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनपत पंचायत आगर/बड़ोद में नियमित सेवा एवं अस्थाई सेवा के कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी कब से पदस्थ है? सूची देवें। (ख) क्या शासन द्वारा ऐसे नियम बनाये गए हैं की अधिकारी/कर्मचारी यदि जिम्मेदारी पद पर पदस्थ हैं, तो इनका 3 साल बाद स्थान परिवर्तन कर दिया जावे? यदि हाँ, तो ऐसे कितने कर्मचारी हैं जो 3 वर्ष से अधिक अवधि से पदस्थ है? क्या शासन नियमों के अंतर्गत तीन वर्ष से अधिक पदस्थ कर्मचारियों को हटा दिया गया है? यदि हाँ, तो किन-किन को हटाया गया है? यदि नहीं, तो क्यों? कारण बतावें। इनको अन्यत्र जगह पदस्थ करने की कार्यवाही शासन करेंगे तो कब तक? समय-सीमा बतावें। यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या विगत 2 वर्ष में कितने अधिकारियों के स्थानांतरण आदेश शासन द्वारा जारी किये गए है? किन अधिकारी के आदेश सहित नाम बतावें? स्थानांतरित किये गए अधिकारी को कब कार्य मुक्त किया गया है? दिनांक बतावें। यदि नहीं, तो कार्यमुक्त नहीं करने वाले अधिकारी के विरुद्ध शासन क्या कार्यवाही करेगा एवं स्थानांतरित अधिकारी को कब तक कार्यमुक्त किया जायेगा? बतावें। यदि नहीं, तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) एवं (ग) सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी स्थानान्तरण नीति के तहत सामान्यतः 03 वर्ष का कार्यकाल पूर्ण करने वाले अधिकारी/कर्मचारियों का स्थानांतरण किया जा सकता है, लेकिन 03 वर्ष पूर्ण करने पर स्थानांतरण करना अनिवार्य नहीं है। 03 वर्ष की अवधि का कार्यकाल पूरा करने के आधार पर जनपद पंचायत, आगर एवं बड़ोद में कोई स्थानांतरण किया जाना प्रतिवेदित नहीं है। शेष प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होते है।
खेल स्टेडियम एवं खेल मैदान निर्माण की नीति
[खेल और युवा कल्याण]
143. ( क्र. 4291 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मध्यप्रदेश में खेलों को बढ़ावा देने के लिए क्या खेल स्टेडियम तथा खेल मैदान बनाने की कोई नीति है? यदि हाँ, तो शाजापुर जिले में खेल और युवा कल्याण विभाग द्वारा वर्ष 2010 से प्रश्न दिनांक तक किन-किन नगरीय क्षेत्रों में खेल स्टेडियम तथा खेल मैदान बनाये गये है एवं उन पर कितना खर्च किया गया सूची देवें। (ख) क्या नगरीय क्षेत्र पोलायकला एवं पानखेड़ी (कालापीपल) में खिलाडियों की मांग पर खेल स्टेडियम निर्माण का प्रस्ताव जिला खेल और युवा कल्याण विभाग से प्राप्त हुए है? यदि हाँ, तो उन प्रस्तावों पर क्या कार्यवाही की गई?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जी हाँ। शाजापुर जिले में खेल और युवा कल्याण विभाग द्वारा वर्ष 2010 से प्रश्न दिनांक तक नगरीय क्षेत्रों में कोई स्टेडियम का निर्माण नहीं कराया गया है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही एवं बेरोजगारी भत्ता
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
144. ( क्र. 4330 ) श्री दिनेश राय (मुनमुन) : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिले में महात्मा गाँधी रोजगार गारण्टी योजना में वित्तीय वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक में कितने कार्य स्वीकृत कर पूर्ण किये गये? जनपद पंचायतवार जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के संर्दभ में कितने जॉब कार्डधारी मजदूर पंजीकृत किये गये तथा उनमें से कितनों को रोजगार दिया गया तथा कितने ऐसे परिवार हैं, जिनको आज दिनांक तक रोजगार नहीं दिया गया जबकि सिवनी जिले के सूखा जैसे हालात हो जाने के कारण 150 दिन कार्य देने की शासन की मंशा है? यदि कार्य नहीं दिया गया तो 150 दिन का बेरोजगारी भत्ता जॉब कार्डधारियों को देंगे? (ग) यदि प्रश्नांश (ख) के मजदूरों द्वारा कार्य किये गये जो उनमें से कितने मजदूरों को मजदूरी का भुगतान कर दिया तथा कितने मजदूर मजदूरी से वंचित है? कारण सहित बतावें। कितनी पंजीकृत फर्में हैं, जिनको सामग्री का भुगतान किस-किस दिनांक को किया गया? फर्मों के पंजीकरण हेतु शासन के क्या आदेश-निर्देश हैं? प्रति देवें। (घ) प्रश्नकर्ता के द्वारा पत्र क्रमांक/8086, दिनांक 28/12/2016 मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत लखनादौन को जानकारी उपलब्ध कराने हेतु पत्र लिखा गया था, किस कारण से प्रश्नकर्ता को जानकारी उपलब्ध नहीं कराई गई है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) सिवनी जिले में महात्मा गाँधी रोजगार गारंटी योजना में वित्तीय वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक 16193 कार्य स्वीकृत कर 10872 कार्य पूर्ण किये गए हैं। जनपद पंचायतवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में वर्ष 2014-15 में 234709 पंजीकृत जॉब कार्डधारी में से 100926 वर्ष 2015-16 में 224478 पंजीकृत जॉब कार्डधारी में से 104723 एवं 2016-17 में 195562 पंजीकृत जॉब कार्डधारी में से 65857 जॉब कार्डधारी परिवारों को रोजगार उपलब्ध कराया गया है। मनरेगा मांग आधारित योजना है, शेष जॉबकार्ड धारियों के द्वारा पंचायत में कार्य हेतु मांग प्रस्तुत नहीं किये जाने के कारण उन्हें कार्य प्रदान करने की स्थिति उत्पन्न नहीं हुई। शेष प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होता है। (ग) समस्त मजदूरों को भुगतान किया गया है। मनरेगा अंतर्गत सिवनी जिले में कुल 752 फर्म पंजीकृत है। सामग्री भुगतान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' में एवं फर्मों के पंजीयन हेतु दिशा-निर्देश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (घ) यद्यपि मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत लखनादौन को प्रश्नाधीन पत्र अप्राप्त है, दिनांक 20.02.17 द्वारा जानकारी प्रदाय की गयी है।
करों की वसूली में अनियमितता
[नगरीय विकास एवं आवास]
145. ( क्र. 4354 ) श्री मानवेन्द्र सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) छतरपुर जिले की नगर परिषद् चन्दला, लवकुशनगर, बारीगढ़ में विगत 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक साप्ताहिक बाजार बैठकी, दैनिक बाजार बैठकी, पशु पंजीयन, बस स्टैण्ड के कर एवं अन्य करों की वसूली किस माध्यम से की जा रही है? (ख) यदि वार्षिक ठेका पद्धति से वसूली की जा रही है, तो प्रश्नांश (क) अवधि में किन-किन ठेकेदारों द्वारा मदवार कितनी राशि जमा करवाई गई है? यदि ठेकेदारों पर राशि बकाया है, तो बकाया राशि की वसूली हेतु क्या कार्यवाही की गई है तथा बकाया ठेका राशि वसूल नहीं कर पाने के लिये कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी जवाबदार है तथा उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही कब तक की जावेगी? (ग) वर्तमान में किस आधार पर ठेकेदारों द्वारा बिना नीलामी के करों की वसूली की जा रही है? बेजा वसूली की अनुमति देने वाले अधिकारी के विरूद्ध क्या कार्यवाही कब तक की जावेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) 1. नगर परिषद्, चंदला द्वारा विगत वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक साप्ताहिक बाजार बैठकी, दैनिक बाजार बैठकी, बस स्टैण्ड के कर एवं अन्य करों की वसूली विभागीय कर्मचारियों से कराई जा रही है। 2. नगर परिषद्, लवकुशनगर द्वारा साप्ताहिक बाजार, दैनिक बाजार बैठकी की वसूली ठेका प्रथा से कराई जा रही हैं, पशु पंजीयन, बस स्टैण्ड कर एवं अन्य करों की वसूली विभागीय कर्मचारियों द्वारा की जा रही है। 3. नगर परिषद्, बारीगढ़ में विगत वर्ष 2015-16 में साप्ताहिक बाजार बैठकी, पंशु पंजीयन कर, बस स्टैण्ड कर एवं अन्य करों की वसूली विभागीय की जा रही है। (ख) नगर परिषद् लवकुशनगर में ठेका पद्धति से वर्षवार निम्नलिखित मदों की वसूली ठेकेदारों से की गई :-
मद |
वर्ष |
ठेकेदार का नाम |
वसूल की गई राशि |
बकाया |
साप्ताहिक बाजार बैठकी, दैनिक बाजार बैठकी |
2015-16 |
श्री अजमेरी खान |
2,64,000 |
निल |
बस स्टैण्ड कर |
2015-16 |
श्री कल्लू यादव |
4,45,320 |
निल |
हड्डी चमड़ा |
2015-16 |
श्री भजन जाटव |
5,324 |
निल |
(ग) वर्तमान में नगर परिषद्, लवकुशनगर में विधिवत् नीलामी की जाकर वसूली की जा रही हैं, शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नियम विरूद्ध पट्टा बहाली
[सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम]
146. ( क्र. 4365 ) श्रीमती सरस्वती सिंह : क्या राज्यमंत्री, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 26 जुलाई 2016 में मुद्रित अता. प्रश्न संख्या 4 (क्रमांक 159) के परिप्रेक्ष्य में जाँच अधिकारी द्वारा दिये गए जाँच प्रतिवेदन का विवरण उपलब्ध करायें तथा जाँच प्रतिवेदन अनुसार दोषी अधिकारी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई है, की गई कार्यवाही संबंधी विवरण उपलब्ध कराएं। यदि कोई कार्यवाही नहीं की गई तो कब तक की जाएगी और अब तक न करने के लिए कौन उत्तरदायी है और उत्तरदायी व्यक्ति के विरूद्ध कब क्या कार्यवाही करेंगे? बताएं। (ख) फर्म आर.आर.संस इन्डस्ट्रीयल एरिया कटनी द्वारा 4000 वर्ग फुट इन्डस्ट्रीज विभाग की भूमि बाउण्ड्री बनाकर अतिक्रमण कर लिया है जिसकी शिकायत चन्द्रशेखर अग्निहोत्री (राजगुरू) निवासी रचना नगर कटनी द्वारा दिनांक 19.06.2016, 09.01.2017 एवं 01.02.2017 से कलेक्टर कटनी को शिकायत की थी। उक्त शिकायतों पर क्या शिकायतकर्ता को सुना जाकर जाँच की गई। यदि नहीं, तो कब तक की जावेगी और अब तक न करने के लिए कौन दोषी है।
राज्यमंत्री, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम ( श्री संजय पाठक ) : (क) जाँच प्रतिवेदन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। जाँच प्रतिवेदन के आधार पर कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है। (ख) दिनांक 09.01.2017 एवं 01.02.2017 को कलेक्टर, जिला कटनी से की गई शिकायत महाप्रबंधक, जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र, कटनी को प्राप्त हुई है। इकाई आर.आर.संस इन्डस्ट्रीयल एरिया कटनी के द्वारा अपनी आवंटित भुमि 8000 वर्गफुट से लगी हुई अतिरिक्त 3658 वर्गफुट भूमि का म.प्र. राज्य औद्योगिक भूमि एवं भवन प्रबंधन नियम-2015 के उप नियम 17 (ii) के अंतर्गत आवंटन किये जाने के आवेदन पर उक्त भूमि का सक्षम प्राधिकारी द्वारा नियमानुसार नियमितीकरण किया गया। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है।
हितग्राहियों को आवास सुविधा एवं शौचालय निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
147. ( क्र. 4366 ) श्रीमती सरस्वती सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले के विकासखण्ड मझगवां की ग्राम पंचायत खांच में प्रश्न दिनांक तक कितने बी.पी.एल. कार्डधारी हैं तथा इंदिरा आवास एवं अन्य योजना के तहत कितने हितग्राहियों को वर्ष 2011-12 से प्रश्न दिनांक तक आवास स्वीकृत हुए तथा कितनी राशि कितने हितग्राहियों को भुगतान की गई? (ख) प्रश्नांश (क) की पंचायत में वर्ष 2011-12 से प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या निर्माण कितनी लागत के किस-किस गाँव में कराए गए हैं तथा उक्त अवधि में उक्त पंचायत में कितने हितग्राहियों के शौचालय का निर्माण हो चुका है? कितनों के यहां शेष हैं। पंचायत को शौचमुक्त कब तक कर दिया जावेगा। (ग) प्रश्नांश (क) की पंचायत में वर्ष 2012 से प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्य कितनी लागत किस मद से कराए गए हैं। कार्यवार राशिवार विवरण के साथ उक्त कार्यों का भौतिक सत्यापन किसके द्वारा किया गया? नाम, पदनाम सहित विवरण दें।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) 365 बी.पी.एल. कार्डधारी हैं। प्रश्नाधीन अवधि में इंदिरा आवास योजना के तहत् 30 हितग्राहियों को स्वीकृति देकर कुल अनुदान राशि रू.16.25 लाख जारी की गई है। प्रश्नाधीन अवधि में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 12 हितग्राहियों को स्वीकृति दी गई है जिन्हें अनुदान की प्रथम किश्त जारी करने की प्रक्रिया पूरी नहीं हुई है। (ख) निर्माण कार्यों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। 426 हितग्राहियों के आवासगृहों में शौचालयों का निर्माण हो चुका है। 223 हितग्राहियों के आवासगृह शौचालय विहीन है। ग्राम पंचायत को वर्ष 2018-19 में खुले में शौच मुक्त किया जाना संभावित है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
पंच/सरपंच का निर्विरोध निर्वाचन
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
148. ( क्र. 4372 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 29.07.2016 में मुद्रित प्रश्न संख्या 103 (क्रमांक 2734) में प्रश्नांश (ख) अंतर्गत स्वीकृति राशि जो परिशिष्ट में दर्शायी गई है, क्या संबंधितों को भुगतान कर दी गई है? (ख) यदि हाँ, तो किस ड्राफ्ट/चेक से भुगतान की गयी है? यदि नहीं, तो कब तक भुगतान की जावेगी और अब तक भुगतान न करने के लिये कौन दोषी है और उसके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) ग्राम पंचायत धौरहरा को छोड़कर प्रश्नाधीन शेष सभी ग्राम पंचायतों के खाते में चैक क्रमांक 826942 दिनांक 21.02.2017 द्वारा राशि आर.टी.जी.एस. जमा कराई गई है। ग्राम पंचायत धौरहरा के निर्विरोध निर्वाचित सरपंच श्री आकाश प्रताप सिंह के विरुद्ध आपराधिक प्रकरण थाना नागौद में दर्ज होने के कारण धनराशि जारी नहीं की गई है। पुरस्कार योजना की व्यवस्था के संबंध में खुलासा करते हुए सीधे राज्य स्तर से ग्राम पंचायत के खाते में धनराशि जमा कराने के निर्देश दे दिए गए हैं। अतः किसी आधिकारी के दोषी होने की स्थिति नहीं है।
कॉलेज की मान्यता समाप्त कर दंडात्मक कार्यवाही की जाना
[उच्च शिक्षा]
149. ( क्र. 4385 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी जिले के रीठी विकासखंड के राजीव गाँधी कॉलेज में भोज विश्वविद्यालय, चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय एवं रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय के कौन-कौन से पाठ्यक्रम कब से संचालित हैं? विवरण दें तथा किन-किन पाठ्यक्रमों के परीक्षा केन्द्र कब-कब बनाये गये? पृथक-पृथक विवरण दें। (ख) प्रश्नांश (क) के कॉलेज में वर्ष 2016 में सामूहिक नकल का प्रकरण बनाया गया था इस आश्य का समाचार भी दिनांक 07.11.2016 एवं 09.11.2016 को पत्रिका एवं दिनांक 06.11.2016 को नई दुनिया में प्रकाशित हुआ था? उक्त नकल प्रकरण की जाँच कब और किसके द्वारा कराई गई? जाँच प्रतिवेदन का विवरण उपलब्ध कराते हुये, बताएं कि जाँच प्रतिवेदन अनुसार क्या कार्यवाही हुई? (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में क्या उक्त कॉलेज की संबंधित विश्वविद्यालयों से संबद्धता समाप्त की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक और यदि नहीं, तो क्यों? रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय जबलपुर द्वारा कार्यवाही प्रक्रिया संस्तुति एवं कार्य परिषद् की बैठक में प्रस्ताव प्रस्तुत करने की क्या कार्यवाही की गई? तिथिवार बताएं। (घ) प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा माननीय उच्च शिक्षा मंत्री को संबोधित पत्र क्रमांक 2012 दिनांक 21.01.2016 के संदर्भ में क्या कार्यवाही की गई? तिथिवार, कार्यवाहीवार विवरण दें।
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) महाविद्यालय में भोज विश्वविद्यालय या चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय का कोई भी पाठ्यक्रम वर्तमान में संचालित नहीं है। रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय से संबद्ध होकर महाविद्यालय में बी.ए., बी.कॉम. पाठ्यक्रम सत्र 1999-2000 से एवं एम.ए. (अर्थशास्त्र, समाजशास्त्र, हिन्दी साहित्य) एम.कॉम. सत्र 2013-14 से संचालित है। महाविद्यालय को वर्ष 2008-09 से वर्ष 2015-16 तक बी.ए./बी.कॉम., नियमित/स्वाध्यायी विद्यार्थियों हेतु परीक्षा केन्द्र निर्धारित किया गया था, जिसका विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जी हाँ, जी हाँ। विश्वविद्यालय द्वारा दिनांक 07.11.2016 को तीन सदस्यीय जाँच समिति का गठन करते हुए जाँच कराई गई थी। जाँच प्रतिवेदन दिनांक 09.11.2016, पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। विश्वविद्यालय के कार्यालयीन आदेश दिनांक 07.11.2016 के अनुसार महाविद्यालय की शेष परीक्षा के पर्यवेक्षण एवं निर्देशन हेतु शासकीय महाविद्यालय के तीन शिक्षकों का दल गठित किया गया तथा यह भी निर्देशित किया गया कि ''विश्वविद्यालय की आगामी सेमेस्टर परीक्षाओं हेतु राजीव गाँधी कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय, रीठी, जिला-कटनी का परीक्षा केन्द्र, शासकीय तिलक महाविद्यालय, कटनी निर्धारित किया जाता है। '' उक्त आदेश से जाँच समिति की अनुशंसा की प्रतिपूर्ति होती है। (ग) सत्र 2016-17 की निरंतरता हेतु विश्वविद्यालय द्वारा निरीक्षण समिति का गठन पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार किया जा चुका है। निरीक्षण प्रतिवेदन प्राप्त होते ही प्रकरण विद्या परिषद् की स्थायी समिति एवं कार्य-परिषद् के समक्ष विचारार्थ रखा जावेगा। तदनुसार आगामी कार्यवाही की जावेगी। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नांकित पत्र क्रमांक 2012 दिनांक 21.01.2016 तत्कालीन मंत्री उच्च शिक्षा के निज कार्यालय से प्राप्त होना नहीं पाया गया है, परन्तु पत्र क्रमांक 2012 दिनांक 21.01.2017 प्राप्त हुआ है जिस पर निर्देशानुसार जाँच की कार्यवाही प्रचलित है।
नवीन शासकीय महाविद्यालयों में प्रवेश प्रक्रिया
[उच्च शिक्षा]
150. ( क्र. 4386 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी जिले के ढीमरखेड़ा, उमरियापान एवं सिलौडी में प्रारंभ नवीन महाविद्यालयों के लिये छात्रों के प्रवेश वर्ष 2016-17 में (नव.16 पश्चात) हुये है? यदि हाँ, तो छात्रों के प्रवेश प्रक्रिया एवं स्थानीय क्षेत्र के विद्यार्थियों की संख्या का लक्ष्य पूरा हुआ है? यदि नहीं, तो अत्यंत समीप खोले गये कॉलेजों के लिये इनटेक कैपेसिटी का हायर सेकेण्डरी शालावार जानकारी का आधार क्या रहा? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार पूरक तीनों नवीन प्रारंभ महाविद्यालयों कैंचमेंट एरिया में तीनों संकाय के लिये हायर सेकेण्डरी में कक्षा 12वीं में प्रवेशरत अलग-अलग संकायवार महाविद्यालय स्तर पर विवरण दें। (ग) विज्ञान एवं कामर्स के 12वीं उत्तीर्ण होने वाले छात्रों का महाविद्यालयवार अनुपात बताएं। इन महाविद्यालयों में छात्रों का अभाव होने के बावजूद भी तीनों संकाय खोले जाने का क्या औचित्य है? (घ) प्रश्नांश (क) से (ग) अनुसार नवीन महाविद्यालयों में प्राध्यापकों की व्यवस्था किस प्रकार की गई वर्तमान में तीनों महाविद्यालयों में पदस्थ प्राध्यापकों का विषयवार विवरण दें।
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी नहीं। कटनी जिले के ढीमरखेड़ा एवं सिलौडी में नवीन महाविद्यालय प्रारंभ किये जाने की स्वीकृति म.प्र. शासन, उच्च शिक्षा विभाग के आदेश क्रमांक एफ 23-1/2016/38-2, दिनांक 31.08.2016/09.09.2016 के द्वारा तथा उमरियापान में नवीन महाविद्यालय प्रारंभ किये जाने की स्वीकृति म.प्र. शासन, उच्च शिक्षा विभाग के आदेश क्रमांक एफ 23-1/2016/38-2, दिनांक 06.10.2016 को प्रदान की गई। ऑन-लाईन प्रवेश प्रक्रिया का अंतिम सी.एल.सी. चरण दिनांक 24.08.2016 को समाप्त हो जाने के कारण इन नवीन प्रारंभ किये गये महाविद्यालयों में शैक्षणिक सत्र 2016-17 में कोई भी विद्यार्थी प्रवेश नहीं ले सका। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ग) उत्तरांश 'क' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) वर्तमान में छात्रों की संख्या शून्य होने से नियमित शिक्षकों की व्यवस्था नहीं है। शेष प्रश्न की समग्र जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार महाविद्यालयवार दृष्टांकित है।
प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री सड़क योजना का क्रियान्वय
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
151. ( क्र. 4406 ) श्री मेहरबान सिंह रावत : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सबलगढ़ विधान सभा अंतर्गत ग्राम जॉसिल, गोंदोली धुर्रे, कलरघटी गाँव की जनसंख्या कितनी है? क्या इन गाँवों को आज दिनांक तक प्रधानमंत्री सड़क योजना, मुख्यमंत्री सड़क योजना या किसी को योजना से नहीं जोड़ा गया है? कारण बतावें। (ख) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा कई प्रस्ताव विभाग एवं जिला योजना समिति में देने के बाद भी आज दिनांक तक इन गाँवों को सड़क योजना से नहीं जोड़ा गया है? कारण बतावें। (ग) क्या अधिकारियों द्वारा प्रश्नांश (क) अनुसार गाँवों को रोड से जोड़ने की योजना तैयार की है? क्या ये मंजूर कर दी गई है एवं कब तक गाँवों में सड़कों का कार्य पूर्ण कर दिया जावेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) से (ग) जनगणना 2011 अनुसार ग्राम जॉसिल की जनसंखया 498, मजरा गौंदोली धुर्रे (राजस्व ग्राम नहीं) की जनसंखया 817 एवं ग्राम कलरघटी की जनसंख्या 413 है। महात्मा गाँधी नरेगा की सुदूर ग्राम सम्पर्क एवं खेत सड़क उपयोजना के तहत ग्राम जॉसिल को भवरेछा (प्रधानमंत्री गाम सड़क योजना सड़क तक) तथा मजरा गौंदोली धुर्रे को सेहजापुरा मोड़ तक जोड़ने का कार्य प्रगतिरत् है। ग्राम कलरघटी चंबल अभयारण्य तहत होने से वन विभाग को सड़क बनाने के लिये लिखा गया है। वर्ष 2017-18 में पूर्ण करना लक्षित है।
मनरेगा योजनांतर्गत कार्यों की जानकारी
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
152. ( क्र. 4407 ) श्री मेहरबान सिंह रावत : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सबलगढ़ विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत ग्राम पंचायतों में महात्मा गाँधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजनांतर्गत कितने कार्य प्रश्न दिनांक तक पूर्ण होने तक आज दिनांक तक भुगतान नहीं किया गया है? पंचायतवार जानकारी बतावें। (सन् 2013 से आज तक) (ख) प्रश्नांश (क) की ग्राम पंचायत में वित्तीय वर्ष 2016-17 में माह अप्रैल से प्रश्न दिनांक तक महात्मा गाँधी नरेगा अन्तर्गत कितने कार्यों की तकनीकी स्वीकृत कार्यपालन यंत्री ग्रामीण यांत्रिकी सेवा प्रदान की गई? पंचायतवार जानकारी बतावें एवं कितने कार्य की प्रशासकीय स्वीकृति मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत मुरैना द्वारा दी गई एवं कितने अस्वीकृत कर दिए गए? पंचायतवार जानकारी बतावें। (ग) प्रश्नकर्ता द्वारा कितने कार्यों की स्वीकृति हेतु जिला पंचायत मुरैना को पत्र लिखे गये? उन पर क्या कार्यवाही हुई एवं कब तक स्वीकृत कर दिये जाएंगे एवं पूर्ण हुए मनरेगा के कार्यों का कब तक भुगतान कर दिया जाएगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) सभी पूर्ण कार्यों का अंतिम मूल्यांकन अनुसार भुगतान किया जा चुका है। (ख) कार्यपालन यंत्री ग्रामीण यांत्रिकी सेवा द्वारा 362 कार्यों की तकनीकी स्वीकृति जारी की गयी एवं जिला कलेक्टर के अनुमोदन उपरांत मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत द्वारा 142 कार्यों की प्रशासकीय स्वीकृतियां जारी की गयी। कोई भी कार्य अस्वीकृत नहीं किया गया। प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होता। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। जानकारी उत्तरांश (क) अनुसार है।
ग्राम पंचायत मुख्यालय से ग्रामों के बीच संपर्क हेतु योजना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
153. ( क्र. 4417 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या इछावर विधान सभा क्षेत्र में ग्राम पंचायतों में एक से अधिक ग्राम शामिल किए गए हैं? यदि हाँ, तो कितनी ऐसी पंचायतें है जिनमें एक से अधिक ग्राम शामिल हैं? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार ग्राम पंचायत मुख्यालय से ग्रामों के बीच संपर्क हेतु सड़क मार्ग निर्मित है? यदि नहीं, तो किन-किन ग्राम पंचायतों व उसके अधीन ग्रामों के बीच सड़क मार्ग नहीं है? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या ग्राम पंचायत मुख्यालय से ग्रामों को जोड़ने के लिये सड़क निर्माण कराए जाने की कोई योजना बनाई जा रही है? यदि हाँ, तो ब्यौरा दें? यदि नहीं, तो सरकार इस दिशा में क्या कार्यवाही करने जा रही है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। 45 ग्राम पंचायत है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं, शासन नीति प्रत्येक ग्राम को न्यूनतम एक सड़क को जोड़ने की है।
अवैध परिवहन और ओवर लोड वाहनों पर जुर्माना
[खनिज साधन]
154. ( क्र. 4418 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सीहोर जिले में रेत के अवैध परिवहन और ओवर लोडिंग पर कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो विगत 2 वर्ष के दौरान की गई कार्यवाही का ब्यौरा दें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार विगत 2 वर्ष में रेत के अवैध परिवहन के कुल प्रकरणों का माहवार, तहसीलवार ब्यौरा दें? (ग) विगत 2 वर्ष के दौरान ओवर लोडिंग परिवहन के कितने प्रकरण बनाए गए, माहवार, तहसीलवार ब्यौरा दें? (घ) क्या विगत 2 वर्ष के दौरान रेत के ओवर लोडिंग के प्रकरणों में वाहनों पर जुर्माना किया गया है? यदि हाँ, तो वाहनवार जुर्माना वसूली का ब्यौरा दें? (ड.) क्या अवैध रेत उत्खनन के प्रकरणों में जुर्माना वसूला गया है? यदि हाँ, तो विगत 2 वर्ष में वसूली गई रकम का वाहनवार ब्यौरा दें?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी हाँ। प्रश्नांश की शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं 'ब' पर दर्शित है। (ख) प्रश्नानुसार जानकारी प्रश्नांश (क) के साथ पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर दर्शाई गई है। (ग) एवं (घ) प्रश्नानुसार जानकारी प्रश्नांश (क) के साथ पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर दर्शाई गई है। (ड.) प्रश्नानुसार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स पर दर्शाई गई है।
बजट में राशि के प्रावधान के बाद भी ट्रेफिक सिग्नल बंद
[नगरीय विकास एवं आवास]
155. ( क्र. 4437 ) श्री आरिफ अकील : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या भोपाल शहर विशेषकर पुराने भोपाल के अतंर्गत स्थापित अधिकांश ट्रेफिक सिग्नल मरम्मत के अभाव में बंद पड़े हैं, जिसकी चर्चा दिनांक 22 नवम्बर 2016 को आयोजित जिला योजना समिति में की गई थी? (ख) यदि हाँ, तो वित्तीय वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक की स्थिति में पुराने भोपाल के किन-किन ट्रेफिक सिग्नल कितनी-कितनी राशि से स्थापित किए गए तथा मरम्मत कार्य किये गये वर्षवार ट्रेफिक सिग्नल का स्थान सहित बतावें? (ग) प्रश्नांश (क) (ख) के परिप्रेक्ष्य में भोपाल के ट्रेफिक सिग्नल के संचालन का कार्य विज्ञापन अधिकार के तहत किन-किन एजेंसियों को दिया गया? (घ) भोपाल नगर निगम एवं ऊर्जा विकास निगम में किन-किन अधिकारियों/कर्मचारियों के नियंत्रण में देख-रेख की व्यवस्था है तथा शासन द्वारा अमले व ट्रेफिक सिग्नल पर कितनी-कितनी राशि व्यय की जा रही है तथा कौन-कौन से ट्रेफिक सिग्नल कब-कब से बंद तथा चालू हालत में है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी नहीं। (ख) वित्तीय वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक की स्थिति में वित्तीय वर्ष 2014-15 में पुराने भोपाल के छोला ओवर ब्रिज के दोनों तरफ ट्रेफिक सिग्नल की स्थापना का कार्य राशि रूपये 14,24,900/- से कराया गया है। नगर निगम भोपाल के विद्युत शाखा द्वारा वित्तीय वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक की स्थिति में पुराने भोपाल के ट्रेफिक सिग्नल के मरम्मत कार्य पर कोई राशि व्यय नहीं की गई है। (ग) भोपाल के ट्रेफिक सिग्नल के संचालन का कार्य विज्ञापन अधिकार के तहत मेसर्स आर्क मिडिया आउटडोर लि. को दिया गया है। (घ) भोपाल नगर निगम क्षेत्रांतर्गत स्थित ट्रेफिक सिग्नल यातायात पुलिस के अधिकारियों/कर्मचारियों एवं नगर निगम भोपाल विद्युत शाखा के नगर यंत्री, उपनगर यंत्री, क्षेत्रीय सहायक यंत्रियों के नियंत्रण में देख-रेख का कार्य सम्पन्न किया जाता है। नगर निगम भोपाल विद्युत शाखा द्वारा ट्रेफिक सिग्नल के संचालन/संधारण पर कोई राशि व्यय नहीं की जा रही है। शेष जानकारी उत्तरांश (क) अनुसार है। ऊर्जा विकास विभाग की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
आदर्श सड़कों का निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
156. ( क्र. 4438 ) श्री आरिफ अकील : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) वित्तीय वर्ष 2016-17 के भोपाल नगर निगम बजट भाषण में माननीय महापौर द्वारा आदर्श सड़कों का निर्माण/विकास कार्य किए जाने के नाम पर करोड़ों रूपये की राशि का बजट में प्रावधान किया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में अवगत करावें कि भोपाल शहर के किन-किन क्षेत्रों में आदर्श सड़कों के निर्माण की योजना है तथा हॉकर्स कार्नर हेतु किस-किस वार्ड में कहाँ-कहाँ स्थान चिन्हित किए जाकर किस-किस निधि व कितनी-कितनी लागत से कब तक कार्य प्रांरभ/निर्मित किए जायेंगे? निर्माण कार्यों की अद्यतन स्थिति से अवगत करावें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है।
प्रधानमंत्री आवास योजनांतर्गत आवास इकाइयों का निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
157. ( क्र. 4451 ) डॉ. मोहन यादव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) उज्जैन नगर निगम में प्रधानमंत्री आवास योजना अतंर्गत कुल कितनी आवास इकाइयों का निर्माण होना है? उक्त निर्माण किये जाने के संबंध में शासन द्वारा जारी निर्देशों के संबंध में संपूर्ण ब्यौरा उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) की जानकारी अनुसार निर्मित की जाने वाली आवास इकाइयों के लिए नगर निगम उज्जैन में कितनी मलिन बस्तियां किस वर्ष में दर्ज हैं? (ग) क्या नगर निगम उज्जैन द्वारा मलिन बस्तियों की सूची अद्यतन नहीं किये जाने से प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ नई मलिन बस्तियों के निवासियों को प्राप्त नहीं हो रहा है? यदि हाँ, तो इसके लिए कौन अधिकारी दोषी है? दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) प्रधानमंत्री आवास योजना अंतर्गत किये गये मांग सर्वेक्षण एवं उपलब्ध डॉटा अनुसार प्रस्तावित आवासीय इकाइयों का घटवार विवरण निम्नानुसार है :-
क्र. |
घटक |
प्रस्तावित
आवासीय इकाइयों |
1. |
''स्व स्थाने'' स्लम पुनर्विकास |
1429 |
2. |
क्रेडिट से जुड़ी सब्सिडी के माध्यम से किफायती आवास |
13213 |
3. |
भागीदारी में किफायती आवास |
9534 |
4. |
लाभार्थी आधारित व्यक्तिगत आवास निर्माण के लिये सब्सिडी |
23406 |
जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) वर्षवार प्रस्तावित मलिन बस्ती निम्नानुसार है :-
क्र. |
वर्ष |
संख्या मलिन बस्ती |
1 |
2015-16 |
06 |
2 |
2016-17 |
11 |
3 |
2017-18 |
11 |
4 |
2018-19 |
13 |
5 |
2019-20 |
01 |
6 |
2020-21 |
02 |
7 |
2021-22 |
0 |
(ग) जी नहीं। प्रधानमंत्री आवास योजना के अतंर्गत सभी को आवास उपलब्ध कराना है, हितग्राही चाहे वह मलिन बस्ती का निवासी हो चाहे न हो। मलिन बस्ती की सूची को अद्यतन करने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अवैध कॉलोनियों को वैध करना
[नगरीय विकास एवं आवास]
158. ( क्र. 4452 ) डॉ. मोहन यादव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विभाग द्वारा अवैध कॉलोनियों को वैध करने के संबंध में 01 जनवरी 2013 से प्रश्न दिनांक तक जारी पत्र, परिपत्र एवं निर्देशों के पालन में नगर निगम, उज्जैन द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई? किन-किन अवैध कालोनियों को वैध किया गया? वर्षवार जानकारी प्रदान करें। (ख) प्रश्नांश (क) की जानकारी अनुसार शासन द्वारा निर्देशित किये जाने के उपरांत भी अवैध कॉलोनियों को वैध घोषित नहीं किये जाने के लिए कौन अधिकारी दोषी हैं? दोषियों के विरूद्ध कब तक कार्यवाही की जावेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) नगर निगम उज्जैन द्वारा अवैध कालोनियों को वैध करने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है, अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्रधानमंत्री सड़क निर्माण अंतर्गत वन भूमि पर सड़क निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
159. ( क्र. 4465 ) श्रीमती प्रतिभा सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रधानमंत्री सड़क योजना का उद्देश्य दूर दराज के गाँवों में रहने वाले ग्रामवासियों को आवागमन का साधन उपलब्ध कराना है। क्या बरगी वि.स. क्षेत्र के अतंर्गत निर्माणाधीन इन्द्रानगर भैरोघाट प्रधानमंत्री सड़क निर्माण में आने वाली वन भूमि पर सड़क निर्माण 3 मी. की अनुमति दिनांक 10.09.2010 को एवं 5 मी. चौड़ाई की सड़क बनाने की अनुमति वन विभाग द्वारा 08.08.2016 को प्रदान की गई है (ख) यदि हाँ, तो उक्त इन्द्रानगर भैराघाट सड़क के वन क्षेत्र के भाग का निर्माण 3 मी. या 5 मी. चौड़ाई में क्यों नहीं किया जा रहा है? विभाग द्वारा सड़क निर्माण का कार्य नहीं करने वाले ठेकेदार के पक्ष में तर्क क्यों दिये जा रहे है? क्या शासन ग्रामीणों के हित में उक्त सड़क का संपूर्ण निर्माण करायेगा? तो कब तक?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) वन विभाग से प्राप्त अनुमति के आधार पर 8 मीटर चौडाई में मार्ग निर्माण हेतु ठेकेदार को निर्देशित किया गया है। ठेकेदार द्वारा धीमी गति से कार्य करने के कारण ठेकेदार के विरूद्ध कार्यवाही कर चलित देयकों से लिक्विडेटेड डेमेज की राशि काटी गई है। वर्ष 2017-18 में निर्माण पूर्ण कराना लक्षित है।
मुख्यमंत्री सड़क योजनांतर्गत घटिया सड़क निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
160. ( क्र. 4466 ) श्रीमती प्रतिभा सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बरगी वि.स. क्षेत्र के अतंर्गत वर्ष 2010-11, 2011-12, 2012-13 में स्वीकृत मुख्य मंत्री सड़कों का निर्माण कब-कब पूर्ण हुआ एवं उक्त सड़कों के निर्माण पर सड़कवार कितनी-कितनी राशि का भुगतान किन-किन ठेकेदारों को किया गया? (ख) उपरोक्त अवधि में निर्मित मुख्यमंत्री सड़कों में से बरगी विधान सभा क्षेत्र की सिहंपुर, कटीला, दिघौरा, लाभी परछिया, खयरिया एवं कैथरा ग्राम की सड़कें घटिया निर्माण के कारण बनने के एक माह में ही जर्जर हो गयी थी? उनका रख-रखाव भी एक वर्ष से नहीं कराया गया क्या शासन उक्त सड़कों के घटिया निर्माण की जाँच कराकर दोषी इंजीनियरों के विरूद्ध कार्यवाही करेगा? तो कब तक?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। सडकें अनुबंध की संधारण अवधि में हैं। ग्राम कटीला में निर्मित सड़क का संधारण ठेकेदार की जमा सुरक्षा निधि से कराया गया है। जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
निर्माण कार्यों की गुणवत्ता तथा निम्न दर पर टेण्डर स्वीकृति
[नगरीय विकास एवं आवास]
161. ( क्र. 4482 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) ग्वालियर नगर निगम में 1 अप्रैल 2015 से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन से निर्माण कार्य कितनी-कितनी लागत से किस-किस मद से स्वीकृत कर निर्माण कराये गये हैं तथा कराये जा रहे हैं? इन स्वीकृत कार्यों में ऐसे कितने निर्माण कार्य हैं जो कार्य की निर्माण लागत से 20 प्रतिशत या उससे भी निम्न दर पर टेण्डर स्वीकृत किये है? उन स्वीकृत निर्माण कार्यों का निर्माण किस ठेकेदार/ऐजेंसी द्वारा किस स्थान पर कितनी प्रतिशत निम्न दर पर स्वीकृत हुआ है किस इंजीनियर द्वारा प्राक्कलन तैयार कराया गया था? उस उपयंत्री, सहायक यंत्री एवं कार्यपालन यंत्री का नाम स्पष्ट करें। (ख) क्या 20 प्रतिशत से निम्न दर पर स्वीकृत कार्यों की गुणवत्ता की जाँच (निरीक्षण) मूल्यांकन उन यंत्रियों से ही कराया जाता है जिनके द्वारा पूर्व में प्राक्कलन तैयार कराये गये थे? क्या इतनी निम्न दर पर स्वीकृत कार्य अच्छी गुणवत्ता में किया जा सकता है? यदि हाँ, तो कैसे संभव है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के अनुसार क्या 20 प्रतिशत या अधिक निम्न दर पर स्वीकृत निर्माण कार्यों की गुणवत्ता के लिये जिन यंत्रियों/अधिकारियों द्वारा मूल्यांकन कर भुगतान कराया गया है, उन कार्यों की गुणवत्ता की जाँच हेतु भोपाल से प्रश्नकर्ता विधायक के साथ जाँच कमेटी नियुक्त कर निम्न दर पर निर्माण कराये गये कार्यों तथा निर्माणाधीन कार्यों की जाँच कराई जा सकती है? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? कारण सहित स्पष्ट करें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। जी हाँ। कार्यों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने हेतु 10% से कम स्वीकृत निविदा दरों में अतिरिक्त परफॉरमेन्स गारंटी जमा कराई जाती है एवं कार्यों के टेस्ट कराये जाते हैं। (ग) नगर पालिक निगम ग्वालियर में कराये गये/कराये जा रहे कार्यों के गुणवत्ता की शिकायत प्राप्त नहीं होने से शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजनांतर्गत राशि की जानकारी
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
162. ( क्र. 4483 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर जिले में वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक विधान सभा क्षेत्रवार प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के अंतर्गत कौन-कौन सी सड़क कितनी-कितनी राशि की स्वीकृत की गई? कितने कार्य पूर्ण किये गये? कितने कार्य निर्माणधीन है एवं कितने कार्य अप्रारंभ है? इनकी कार्यवाही स्वीकृत राशि, व्यय राशि की जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) क्या प्रश्नांश (क) के संदर्भ में अधिकारियों द्वारा सड़कों में किये गये निरीक्षण के दौरान पाई गई कमियों की पूर्ति की गई है? क्या वागवई से मेहगाँव नहर तक जो रोड का निर्माण कराया गया है/कराया जा रहा है, वह स्वीकृत प्राक्कलन के अनुसार सही है? यदि हाँ, तो क्या प्रश्नकर्ता विधायक के साथ भोपाल से वरिष्ठ अधिकारियों की टीम गठित कर निरीक्षण कराया जा सकता है? यदि हाँ, तो कब? यदि नहीं, तो क्यों? कारण सहित स्पष्ट करें। (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में परफॉरमेन्स/ग्यारंटी पीरियड के दौरान किन-किन सडकों में मरम्मत कार्य किया गया एवं कितनी-कितनी राशि व्यय की गई? कितनी-कितनी सड़कों के मरम्मत के प्रस्ताव भेजे गये? कितने स्वीकृत हुये, कितने कार्य प्रारंभ किये एवं कितने कार्य प्रारंभ किये जाना लंबित है? (घ) ग्वालियर जिले की कौन-कौन से विधान सभा क्षेत्रवार नवीन सडकों के निर्माण के कौन-कौन से प्रस्ताव चालू वित्तीय वर्ष में भेजे हैं? कितने प्रस्ताव स्वीकृत हेतु किस स्तर पर लंबित है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) निरीक्षण में निर्माण कार्यों में कमी नहीं पाई गयी। प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। जी हाँ। जी नहीं तकनीकी अधिकारियों द्वारा निरीक्षण की व्यवस्था होने तथा गुणवत्ता अच्छी होने के कारण। (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में वर्तमान 3 सडकें परफॉरमेन्स/ग्यारंटी अवधि में जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत पैकेज पूर्णता उपरांत पाँच वर्षीय ग्यारंटी अवधि के अंतर्गत सड़कों का प्रावधान डी.पी.आर. में ही रखा जाता है इसके लिये पृथक से प्रस्ताव भेजकर स्वीकृति प्राप्त नहीं की जाती है। पैकेज पूर्णता उपरांत रख-रखाव का कार्य प्रारंभ कर दिया जाता है। अतः मरम्मत के प्रस्ताव भेजने, स्वीकृत होने एवं कार्य प्रारंभ नहीं किये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रश्नाधीन क्षेत्र में नवीन सड़कों की स्वीकृति का कोई प्रस्ताव भारत सरकार को नहीं भेजा गया हैं। प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
वरिष्ठ अधिकारियों के आदेश की अवहेलना पर दण्डात्मक कार्यवाही
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
163. ( क्र. 4504 ) श्री मधु भगत : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) व्ही.के.एस कुशवाह सहायक यंत्री जल संसाधन विभाग से पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अंतर्गत जिला बालाघाट में परसवाड़ा जनपद पंचायत में कार्यरत है? यदि हाँ, तो किस हैसियत से? (ख) क्या इनमें पैतृक विभाग जल संसाधन विभाग द्वारा इसकी सेवायें वापस विभाग में लेने हेतु आदेश जारी किये जा चुके हैं? यदि हाँ, तो इनकी सेवायें पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने वापिस क्यों नहीं की? (ग) क्या उक्त कर्मचारी ने निजी स्वार्थों की पूर्ति हेतु विभाग के अधिकारियों से सांठ-गाठ कर सेवायें वापसी के आदेश पर न्यायालय से स्थगन प्राप्त किया है? यदि हाँ, तो श्री कुशवाह की इस मनमानी के विरूद्ध विभाग कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। सहायक यंत्री के पद पर प्रतिनियुक्ति पर। (ख) से (ग) जी हाँ। माननीय उच्च न्यायालय, जबलपुर द्वारा दिनांक 24.11.16 को प्रतिनियुक्ति समाप्त करने का आदेश निरस्त करने के कारण माननीय उच्च न्यायालय के निर्णय एवं आदेश का पालन बंधनकारी है।
अवैध रेत खनन ठेकेदारो पर कार्यवाही
[खनिज साधन]
164. ( क्र. 4505 ) श्री मधु भगत : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बालाघाट जिले में वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक किस-किस विकासखण्ड में कौन-कौन से रेत खदान की नीलामी की है? खदान का नाम, रकबा, खसरा नंबर ग्रामवार, विकासखण्डवार, तिथिवार बतायें। नीलामी हेतु किस-किस ठेकेदार द्वारा निविदाएं भरी गई? किसकी क्या दर थी? ठेकेदारवार बतायें? उक्त तिथि में अवैध उत्खन्न संबंधी मुख्यमंत्री ऑन-लाईन शिकायतें कितनी बार की गई तथा क्या कार्यवाही की गई? (ख) बालाघाट में किसी भी रेत खदान में नेशनल ग्रीन ट्रयूबनल के नियमानुसार खनन कार्य नहीं किया जा रहा है? संज्ञान में आया है कि रेत के कार्य में परिवहन करने वाले वाहनों पर तो दण्डात्मक/अनुशासनात्मक कार्यवाही रेत ठेकेदारो द्वारा ही करवाई जाती है किंतु रेत खदान ठेकेदारों पर कार्यवाही नहीं की जाती, क्यों? जबकि रेत खनन ठेकेदरो से भी अवैध खनिज रेत के उत्खनन का दस प्रतिशत दण्ड/जुर्माना वसूला जाना चाहिये जो कि परिवहन वाहन मालिकों से वसूला जाता है? (ग) उक्त दिनांक अवधि में जिले में कुल कितने प्रकरण अवैध उत्खनन तथा भण्डारण के किस-किस धारा के तहत/नियम के तहत पंजीबद्ध किये गये तथा वर्तमान में प्रकरण की क्या स्थिति है? कहाँ लंबित है? लंबित रहने का कारण क्या है? जिन अवैध उत्खन्न में प्रकरणों में अर्थ दंडित किया गया है, उनके अर्थदण्ड की राशि वसूल की गई है? अथवा नहीं? यदि वसूल नहीं की गई तो इसके लिये कौन जिम्मेदार है? (घ) क्या परि.ता.प्रश्न क्रमांक 1562 दिनांक 08 दिसंबर 2016 के जवाब में यह बताया गया कि जे.सी.बी./मशीनों से अवैध प्रकार से विभिन्न रेत खदानों में उत्खन्न कार्य किया जा रहा है? किस-किस रेत खदानों में जे.सी.बी. का उपयोग किया गया तथा उन पर कब-कब, क्या-क्या कार्यवाही की गई? पूर्ण ब्यौरा देवें? क्या भविष्य में मुनारा बनाकर सीमांकित क्षेत्र में रेत खनन कार्य किया जावेगा? जिले की समस्त रेत खदानों में कब तक पक्के मुनारे बनाकर कार्य कराया जावेगा?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रश्नाधीन जिले में वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक रेत खदानों की नीलामी में स्वीकृत खदानों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' पर दर्शित है। नीलामी द्वारा खदानें उच्चतम बोलीदार को आवंटित की जाती है। विभाग में नीलामी हेतु निविदाएं भरे जाने का कोई प्रावधान नहीं है। अत: प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। अवैध उत्खनन संबंधी मुख्यमंत्री ऑन-लाईन शिकायतों पर कार्यवाही का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' पर दर्शित है। (ख) जी नहीं। रेत के अवैध परिवहन करने वाले वाहनों पर खनिज विभाग द्वारा खनिज नियमों के तहत् कार्यवाही की जाती है। रेत खदान ठेकेदारों द्वारा नियमानुसार खदानों का संचालन नहीं किये जाने की स्थिति में उनके ऊपर भी कार्यवाही किये जाने का प्रावधान है। प्रश्नानुसार नियमों में कोई प्रावधान नहीं है। (ग) प्रश्नानुसार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' पर दर्शित है। अवैध उत्खनन के प्रकरण मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता, 1959 की धारा 247 (7) तथा अवैध भण्डारण के प्रकरण मध्यप्रदेश खनिज (अवैध उत्खनन, परिवहन तथा भण्डारण का निवारण) नियम, 2006 के नियम 18 के तहत पंजीबद्ध किये गये हैं। अवैध उत्खनन के निराकृत 4 प्रकरणों में अर्थदण्ड की अधिरोपित राशि रू. 580320/- जमा करा ली गई हैं एवं अवैध भंडारण के निराकृत 6 प्रकरणों में अर्थदण्ड की अधिरोपित राशि रू. 1726970/- जमा करा ली गई है। अवैध उत्खनन तथा भंडारण के अन्य प्रकरण अर्धन्यायिक प्रक्रिया के अंतर्गत विचाराधीन हैं। प्रकरण में अंतिम निराकरण नहीं हुआ है। अत: अर्थदण्ड की राशि वसूल किये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं। अत: शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। वर्तमान में ग्राम भटेरा, बुदबुदा, सरंण्डी, सिंगोड़ी, कंटगटोला, रामपायली, जागपुर तथा कडकना में स्थित रेत खदानों का सीमाकंन कर स्थायी सीमा-पिलर बनाया जाकर रेत उत्खनन कार्य किया जा रहा है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सड़क, नाली पुलियों का निर्माण एवं अनियमितताएं
[नगरीय विकास एवं आवास]
165. ( क्र. 4526 ) श्री जालम सिंह पटेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) करेली नगरपालिका परिषद् में वर्ष 2014-15, 2015-16, 2016-17 में विभिन्न वार्डों में सड़क, नाली, पुलियों के कितने निर्माण हुए? स्वीकृत बजट सहित विवरण देंवे? (ख) उपरोक्त निर्माण में कितने निर्माण अंडर स्टीमेट एवं कितने ओवर स्टीमेट हुए? (ग) क्या ओवर स्टीमेट निर्माण की तकनीकी प्रशासनिक एवं वित्तीय अनुमति समय पर नियमानुसार ली गई थी? यदि नहीं, तो दोषी कौन है? दोषियों पर क्या कार्यवाही कब तक की जावेगी? (घ) ओवर स्टीमेट निर्माण करने हेतु क्या नियम है? नियमावली सहित जानकारी देंवे। (ड.) क्या प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा करेली की मॉडल रोड निर्माण में हुई अनियमितताओं की जानकारी कलेक्टर महोदय नरसिंहपुर से पत्र द्वारा चाही गई थी? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की गई?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) जी हाँ। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रस्तावित कार्य की स्वाकृति से अतिरिक्त कार्य के प्राक्कलन की स्वीकृति म.प्र. नगर पालिका लेखा नियम 1971 के नियम 132 (1) दो (क) के प्रावधानों के अनुसार दी जाती है। (ड.) जी हाँ। शिकायत की जाँच कार्यपालन यंत्री, नगरीय प्रशासन एवं विकास, जबलपुर संभाग द्वारा की जा रही है।
जिले में संचालित छात्रावास
[उच्च शिक्षा]
166. ( क्र. 4527 ) श्री जालम सिंह पटेल : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नरसिंहपुर जिले में कितने छात्रावास उच्च शिक्षा विभाग द्वारा संचालित किए जा रहे हैं? इसमें भोजन एवं अन्य सुविधाऐं किस प्रकार प्रदान की जाती हैं? (ख) क्या छात्रावासों में वार्डन, केयर-टेकर छात्रावासों में रहना चाहिए ऐसा नियम है? अगर कोई वार्डन नहीं रहता तो क्या कार्यवाही का प्रावधान है? (ग) छात्रावास में रहने के लिए छात्रों का चयन किस प्रक्रिया द्वारा किया जाता है? जिले में छात्रावासी छात्र-छात्राओं की कितनी संख्या है? (घ) कितने छात्रावास प्रायवेट भवनों एवं सरकारी भवनों में संचालित हो रहे हैं? स्थानवार जानकारी प्रदान करें। प्रायवेट छात्रावासों का चयन किस प्रक्रिया द्वारा कितने समय के लिए कितने-कितने किराये (रेटों) पर लिया गया है?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) नरसिंहपुर जिले में उच्च शिक्षा विभाग द्वारा 02 छात्रावास संचालित है: 1. शासकीय श्यामसुंदर नारायण मुशरान कन्या महाविद्यालय, नरसिंहपुर 2. शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, नरसिंहपुर। शासकीय श्यामसंदुर नारायण मुशरान कन्या छात्रावास, नरसिंहपुर में भोजन व्यवस्था छात्राओं द्वारा स्वयं की जाती है। अन्य मूलभूत बुनियादी आवश्यक सुविधायें महाविद्यालय प्रबंधन द्वारा मुहैया कराई जाती है। शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, नरसिंहपुर में कन्या छात्रावास निर्मित होकर दिनांक 20.11.2016 को महाविद्यालय को हस्तांतरित हुआ है। छात्रावास का अभी लोकार्पण नहीं हुआ है तथा वर्तमान में संचालित नहीं है। (ख) जी हाँ। अनुशासनात्मक कार्यवाही का प्रावधान है। (ग) छात्रावास में उपलब्ध सीट संख्या के मान से तथा हायर सेकेण्डरी कक्षा में अधिकतम अंकों के साथ उत्तीर्ण अनुसूचित जाति, जनजाति एवं पिछड़ा वर्ग के छात्र/छात्राओं को मेरिट आधार पर समिति द्वारा चयन किया जाता है। जिले के शासकीय श्यामसुंदर नारायण मुशरान कन्या छात्रावास, नरसिंहपुर में प्रवेशित छात्राओं की संख्या 24 है। (घ) प्रश्न (क) के उत्तर अनुसार दोनों छात्रावास शासकीय भवनों में संचालित हैं। उच्च शिक्षा विभाग के अंतर्गत प्रायवेट भवनों में कोई छात्रावास संचालित नहीं है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
पार्क में अतिक्रमण एवं गंदगी का निराकरण
[नगरीय विकास एवं आवास]
167. ( क्र. 4564 ) श्री केदारनाथ शुक्ल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या भोपाल नगर निगम के वार्ड क्रमांक 29 नेहरू नगर, कोपल स्कूल के पास मकान नं. 317 से 374 कालोनी के बीचों बीच बने लगभग 20 हजार वर्गफिट शासकीय पार्क में व्याप्त गंदगी/लकड़ी/कड़ों के ढेर पशु पालन डेरी तथा मंदिर के चबूतरों के अतिक्रमण को हटाने लिए सी.एम. हेल्प लाइन के माध्यम से नं. दिनांक 3066201-19.12.16/3117706-29.12.16/3133401-17.01.17/32059-18.01.2017/282474-27.01.17 से शिकायत प्राप्त हुई है? (ख) क्या सी.एम. हेल्प लाइन से प्राप्त शिकायतों के निराकरण की कोई अधिकतम समय-सीमा तय की गई है? यदि हाँ, तो क्या प्रश्नांश (क) की शिकायतों का वास्तविक निराकरण हो गया है? यदि नहीं, तो कब तक वास्तविक रूप से पूर्ण अतिक्रमण हटा दिया जाएगा? (ग) क्या निगम द्वारा उक्त अतिक्रमण को हटाने के लिए जिला प्रशासन से भी मदद मांगी गई है? यदि हाँ, तो किस प्रकार की/कब-कब इस संबंध में पत्राचार हुआ/वहां से क्या प्रति उत्तर प्राप्त हुआ तथा विलंब के क्या कारण रहे? (घ) जिला प्रशासन से मदद में विलंब तथा तालमेल के अभाव में क्या स्थानीय रहवासियों को भयंकर गंदगी तथा अतिक्रमण के बीच ही हमेशा रहना पड़ेगा? यदि नहीं, तो कब तक अतिक्रमण हटेगा? बतायें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) नगर निगम, भोपाल में सी.एम. हेल्प लाइन के माध्यम से शिकायत क्रमांक 3066201 दिनांक 19.12.2016 वार्ड न. 29 नेहरू नगर में अवैध गुमठी/ठेले से सार्वजनिक स्थानों पर अतिक्रमण से सबंधित, शिकायत क्रमांक 3117706 दिनांक 29.12.2016 अवैध कब्जा/अतिक्रमण तथा शिकायत क्रमांक 3133401 दिनांक 02.01.2017 पार्कों एवं पेड़ की कटाई/छटाई से संबंधित है। शिकायत क्रमांक 32059 दिनांक 24.07.2011 ग्राम सकराया के तहसील अटेर में भूमि सीमांकन तथा शिकायत क्रमांक 282474 दिनांक 01.10.2014 जिला दतिया में नल-कूपों में मोटर के जाम होने या नहीं चलने से सबंधित है। (ख) जी हाँ, सी.एम. हेल्प लाइन में प्राप्त शिकायतों के निराकरण की समय-सीमा प्रत्येक लेवल पर लोक सेवा प्रबंधन विभाग द्वारा निर्धारित की गई है। नगर निगम, भोपाल के वार्ड क्रमांक 29 मकान नं. 371 से 374 कॉलोनी के बीच शासकीय पार्क की साफ-सफाई कराकर, कचरा, मलबा एवं गंदगी को उठाकर कीटनाशाक दवा का छिड़काव कर, लकड़ी/कांटों के ढेर की सफाई तथा आवारा पशुओं को पकड़ने की कार्यवाही कर निराकरण समय-सीमा में किया गया है। पार्कों एवं पेड़ की कटाई-छटाई समय-सीमा में की गई। अतिक्रमण के संबध में, प्रश्नाधीन भूमि शासकीय एवं मंदिर परिसर होने से कार्यवाही हेतु पत्र क्रमांक 133 दिनांक 06.01.2017 से अनुविभागीय अधिकारी, तहसील हुजूर, भोपाल, म.प्र. को नगर निगम द्वारा पत्र प्रेषित किया गया था। नगर निगम, भोपाल एवं जिला प्रशासन द्वारा आपसी सहयोग एवं समन्वय के आधार पर अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही की जायेगी। (ग) जी हाँ, अतिक्रमण अधिकारी, कोलार क्षेत्र नगर निगम भोपाल के पत्र क्रमांक 133/अति.शा./कोलार/जो.क्र.18,19 दिनांक 06.01.2017 से अनुविभागीय अधिकारी, तहसील हुजूर, भोपाल, म.प्र. को पत्र प्रेषित किया गया था। जिला प्रशासन द्वारा तिथि निर्धारित किये जाने के उपरांत नियमानुसार अतिक्रमण हटाये जाने की कार्यवाही की जायेगी। (घ) नगर निगम, भोपाल द्वारा वार्ड क्रमांक 29 नेहरू नगर, कोपल स्कूल के पास मकान नं. 371 से 374 कॉलोनी के बीच बने शासकीय पार्क में पशुपालन, डेयरी हटाने, पार्क में व्याप्त गंदगी व कचरा-मलबा हटवाकर स्थल पर कीटनाशक दवा का छिड़काव करा दिया गया है। जिला प्रशासन द्वारा तिथि निर्धारित किये जाने के उपरांत नगर निगम, भोपाल द्वारा आपसी समन्वय के उपरांत अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही की जायेगी।
प्रश्नकर्ता के पत्र पर कार्यवाही
[खनिज साधन]
168. ( क्र. 4585 ) श्रीमती शकुन्तला खटीक : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता (विधायक करैरा) द्वारा पत्र क्रमांक 233/एमएलए/2017 दिनांक 21.01.2017 एवं पत्र क्रमांक 226/एमएलए/2017 दिनांक 27.1.17 के माध्यम से अवैध रेत खदान जैतपुर स्थित सर्वे नंबर 2134,2254 रकबा 6.640 की स्वयं (करैरा विधायक) की उपस्थित व खनिज विभाग के विशेषज्ञों द्वारा जाँच की मांग की गई थी? (ख) यदि हाँ, तो प्रश्न प्रस्तुत दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही हुई? यदि नहीं, तो क्यों व क्या इस प्रकार के अत्यधिक महत्व के पत्रों की जाँच न होने से रेत माफियाओं के हौसले बुलन्द होकर मनमानी हेतु छूट दे दी गई हैं? (ग) क्या सामान्य प्रशासन के सख्त आदेश व निर्देशों के तहत माननीय सांसद व विधायकों के पत्र प्रस्तुत उपरांत पत्र की प्राप्ति देने का नियम होकर अतिशीघ्र कार्यवाही किया जाना भी शामिल है? यदि हाँ, तो पत्र का जवाब व जाँच क्यों नहीं की गई व जाँच कब तक कर खनिज पट्टा निरस्त कर दिया जावेगा।
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) कलेक्टर कार्यालय, शिवपुरी में पत्र क्रमांक 226/ एम.एल.ए/17 दिनांक 27.01.2017 प्राप्त हुआ है, जिसमें प्रश्नानुसार जाँच की मांग की गई थी। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित पत्र के संदर्भ में जाँच की गई है। जाँच में प्रश्नाधीन क्षेत्र में दो जगह जे.सी.बी. मशीन से खुदवाकर देखा गया है, जिसमें मिट्टी मिक्स रेत पाई गई है। उक्त क्षेत्र में मिट्टी मिक्स रेत के भण्डार हैं। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। प्राप्त पत्र अनुसार जाँच की कार्यवाही की गई है। माननीय विधायक महोदय द्वारा प्रेषित पत्र का उत्तर कलेक्टर कार्यालय, शिवपुरी द्वारा पत्र दिनांक 21.02.2017 से प्रेषित किया गया है। प्रेषित पत्र की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
अवैध उत्खनन
[खनिज साधन]
169. ( क्र. 4586 ) श्रीमती शकुन्तला खटीक : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कार्यालय कलेक्टर जिला शिवपुरी के पत्र क्रमांक/खनिज/2017 शिवपुरी दिनांक 23.01.2017 को आयुक्त ग्वालियर संभाग के निर्देश व आदेशानुसार जिला शिवपुरी में समस्त खदानों में हो रहे अवैध उत्खनन को लेकर जाँच टीम बनाई जाकर अवैध उत्खनन रोकने हेतु आदेशित किया गया है? (ख) क्या उपरोक्त (क) के निर्देशानुसार तहसील नरवर जिला शिवपुरी में स्थित ग्राम जैतपुर में संचालित खदान सर्वे नंबर 2134, 2254 रकबा 6.640 हेक्टर के नाम से रेत खनन दर्शाकर अवैध वसूली की जा रही है? जबकि जैतपुर खदान में रेत नाम की कोई चीज नहीं है। व उत्खनन दिखाकर अन्य खदानों से अवैध वसूली की जा रही हैं? (ग) यदि हाँ, तो क्या उपरोक्त पत्र के निर्देशों के तहत प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित खदान की जाँच भी की जा चुकी है? जाँच प्रतिवेदन की प्रति उपलब्ध करावें? यदि नहीं, तो क्यों व कब तक जाँच की जायेगी?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। स्वीकृत रेत खदान जैतपुर सर्वे नम्बर 2134, 2254 रकबा 6.640 हेक्टेयर क्षेत्र में मिट्टी मिक्स रेत का भण्डार है। अन्य स्थानों पर निरीक्षण के दौरान अवैध वसूली करते कोई नहीं पाया गया। (ग) प्रश्नाधीन खदान की जाँच की जा चुकी है। जाँच प्रतिवेदन की प्रति संलग्न परिशिष्ट पर दर्शित है।
रेत का अवैध उत्खनन एवं रॉयल्टी की अवैध वसूली
[खनिज साधन]
170. ( क्र. 4587 ) श्रीमती शकुन्तला खटीक : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या तहसील नरवर जिला शिवपुरी की जैतपुर में संचालित खदान सर्वे नंबर 2134, 2254 रकबा 6.640 हे. में रेत की मात्रा शून्य है व इस खदान के नाम से तहसील नरवर में स्थित अन्य खदानों से रेत का अवैध उत्खनन कर विक्रय किया जा रहा है रॉयल्टी जैतपुर के नाम से वसूल की जा रही है? (ख) यदि हाँ, तो खदान संचालित दिनांक से जनवरी 2017 तक कितने घन मीटर मात्रा में उत्खनन कराना दर्शाया गया है व इस पर कितना राजस्व कर प्राप्त हुआ है? (ग) क्या उक्त खदान में हो रहे अवैध खनन के संबंध में खदान को निरस्त करने हेत प्रश्नकर्ता विधायक, आयुक्त कलेक्टर अन्य खनिज अधिकारियों के मौखिक/लिखित शिकायत उपरांत भी खनन का पट्टा क्यों नहीं निरस्त किया गया व इस मनमानी को लेकर कौन-कौन किस-किस स्तर के अधिकारी/कर्मचारी दोषी है के नाम, पद बताते हुए? इनके खिलाफ कब तक आपराधिक प्रकरण दर्ज किया जायेगा?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी नहीं। इस खदान के नाम से अन्य खदानों से रेत का अवैध उत्खनन अथवा रेत खदान जैतपुर के नाम से रॉयल्टी की अवैध वसूली नहीं पाई गई है। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश (क) में दिये उत्तर अनुसार अन्य स्थानों पर निरीक्षण के दौरान प्रश्नाधीन खदान जैतपुर के नाम से अवैध वसूली करते कोई नहीं पाया गया है। माननीय प्रश्नकर्ता को पत्र दिनांक 21.02.2017 द्वारा कलेक्टर, शिवपुरी द्वारा सूचित भी किया गया है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मजदूरी का भुगतान नहीं किया जाना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
171. ( क्र. 4603 ) पं. रमेश दुबे : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्राम बारागोटी विकासखण्ड बिछुआ में आंगनवाड़ी भवन कब कितनी राशि से स्वीकृत हुआ? भवन का निर्माण कार्य कब प्रारंभ हुआ? भवन निर्माण की प्रगति से अवगत कराते हुए यह बतावें कि अब तक भवन निर्माण पूर्ण नहीं होने के क्या कारण है? कितनी राशि खर्च हुई, कितनी शेष राशि किसके पास है। (ख) क्या उक्त मामले में एवं ग्राम पंचायत थोटामाल विकासखण्ड विछुआ में वर्ष 2013 में सरपंच सचिव के निर्देश पर आंगनवाड़ी भवन निर्माण में कार्य करने वाले मजदूरों को उनकी मजदूरी का भुगतान नहीं होने पर प्रश्नकर्ता ने पत्र क्रमांक 1184 दिनांक 08.08.2016 कलेक्टर छिंदवाड़ा को सौंपा था? यदि हाँ, तो आज तक मजदूरी भुगतान क्यों नहीं हुई? (ग) क्या इसी प्रकार विकासखण्ड विछुआ के ग्राम सिरेपानी के मजदूर मंशू भलावी को मेढ़ बंधान की मजदूरी एवं कपिल धारा योजना के कूप निर्माण कार्य करने वाले मजदूर हरिभजन, पूसाराम व रूसा उईके को उनकी मजदूरी का भुगतान पंचायत द्वारा नहीं करने पर प्रश्नकर्ता ने पत्र क्रमांक 95 दिनांक 24.01.2017 मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत छिंदवाड़ा को प्रस्तुत किया है? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के प्रकाश में भवन निर्माण कार्य समय पर पूर्ण नहीं करने, राशि का गबन करने, मजदूरों की मजदूरी भुगतान नहीं करने वाले कर्मचारियों/पंचायत पदाधिकारियों के विरूद्ध नियंत्रणकर्ता अधिकारियों के द्वारा अब तक क्या कार्यवाही की गयी है? नहीं की गयी है तो क्यों? कब तक मजदूरी भुगतान करा दिया जावेगा तथा कब तक ग्राम बारागोटी के आंगनवाड़ी भवन की निकली गयी शेष राशि वसूल किया जावेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) आंगनवाड़ी भवन की स्वीकृति रू. 6.00 लाख की वर्ष 2014-15 में दी गई। निर्माण कार्य जुलाई 2015 में प्रारम्भ होकर भवन दरवाजे स्तर तक बन चुका है। तत्कालीन सरपंच द्वारा राशि आहरित कर कार्य नहीं कराने के कारण निर्माण में बिलम्ब हुआ। निर्माण में रू. 2.10 लाख का निर्माण कार्य हुआ एवं रू. 0.43 लाख की सामग्री उपलब्ध है। (ख) प्रश्नाधीन पत्र में उल्लेखित मजदूरों को मजदूरी का भुगतान किया जाना प्रतिवेदित है। (ग) मुख्य कार्यपालन अधिकारी, छिंदवाड़ा द्वारा प्रश्नाधीन पत्र में उल्लेखित मजदूरों को मजदूरी का भुगतान करना प्रतिवेदित है। (घ) गुण-दोष पर आवश्यकतानुसार कार्रवाई की गई है। मजदूरी का भुगतान किया गया है। प्रश्नाधीन आंगनवाड़ी भवन के लिए पूर्व सरपंच द्वारा आहरित धनराशि का कार्य कराया गया है और सरपंच से सामग्री प्राप्त की गई है।
स्वच्छता अभियान अंतर्गत शौचालय निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
172. ( क्र. 4610 ) श्री गिरीश भंडारी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नरसिंहगढ़ नगर पालिका परिषद् द्वारा नगर में स्वच्छता अभियान के तहत कुल कितने शौचालय स्वीकृत किये गये। शौचालय निर्माण स्वयं हितग्राही द्वारा बनाये गये या किसी निर्माण एजेंसी द्वारा कार्य कराया गया? (ख) प्रश्न की कंडिका (क) की उपलब्ध जानकारी अनुसार शौचालय किस निर्माण एजेंसी से कराया गया है क्या एजेंसी द्वारा किया गया कार्य मानक अनुसार है? यदि नहीं, तो इसकी जाँच करा कर कोई कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो क्या? नहीं तो क्यों नहीं?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) शौचालय निर्माण हेतु समष्टि शोध एवं प्रशिक्षण सेवी समाज संस्था (एन.जी.ओ.) द्वारा कराया जा रहा है। जी नहीं, मानक अनुसार कार्य में कमी पाए जाने के कारण संस्था के बिल से राशि रू. 59,630.00 कटौती की गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
औद्योगिक इकाइयों की जानकारी
[सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम]
173. ( क्र. 4611 ) श्री गिरीश भंडारी : क्या राज्यमंत्री, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले में सन् 2015 व सन् 2016 में औद्योगिक इकाई स्थापित करने के लिये कितने आवेदन विभाग को प्राप्त हुए। इकाई का नाम/फर्म का नाम सहित जानकारी दें। (ख) प्राप्त आवेदनों में कितने स्वीकृत हुए। स्वीकृत उद्योग कहाँ-कहाँ स्थापित हुये इकाई का नाम/ फर्म का नाम, ग्राम शहर का नाम सहित जानकारी देवें। (ग) स्थापित उद्योगों को शासन द्वारा कितनी-कितनी राशि अनुदान स्वरूप (सब्सिडी) दी गई एवं वर्तमान में उद्योगों की क्या स्थिति है व इनमें कितने व्यक्ति रोजगार प्राप्त कर रहें हैं।
राज्यमंत्री, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम ( श्री संजय पाठक ) : (क) राजगढ़ जिले में सन् 2015 एवं 2016 में औद्योगिक क्षेत्रों में औद्योगिक इकाई स्थापित करने के लिए 12 आवेदन प्राप्त हुए, जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) प्राप्त आवेदन में 02 उद्योग स्वीकृत हुए, जिसकी जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) वर्ष 2015 एवं 2016 में कुल 02 इकाइयों को राशि रूपये 9.75 लाख अनुदान स्वरूप (सब्सिडी) दी गई, इनमें 13 व्यक्ति रोजगार प्राप्त कर रहे है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।
मनरेगा के कार्य
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
174. ( क्र. 4633 ) श्री गोविन्द सिंह पटेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या केन्द्र सरकार द्वारा संचालित योजना मनरेगा के द्वारा कौन-कौन से कार्य कराये जाते हैं? उसमें सामग्री एवं मजदूरी का क्या-क्या अनुपात होता है? (ख) क्या कृषि क्षेत्र को भी इस योजना से जोड़ने का सरकार का विचार है? किसानों के खेत में काम करने वाले मजदूरों को भी क्या इस योजना से जोड़कर कृषि में सहायिका की भूमिका अदा की जाएगी? (ग) क्या मनरेगा योजना से भवन, सड़क, पुल-पुलियों आदि पक्के एवं स्थायी निर्माण को जोड़ा जावेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) महात्मा गाँधी नरेगा अंतर्गत मजदूरी मूलक ऐसे कार्य कराए जाते हैं जिनसे स्थाई परिसम्पत्ति सृजित होती हो। सामग्री एवं मजदूरी का अनुपात 60:40 होता है। (ख) एवं (ग) केन्द्र शासन की योजना में परिवर्तन/संशोधन राज्य के क्षेत्राधिकार में नहीं आता है।
पंचों को मिलने वाले पंच भत्ते
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
175. ( क्र. 4679 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश की ग्राम पंचायतों में ग्राम पंचायत पंचों को भत्ता देने के प्रावधान हैं? यदि हाँ, तो कितने भत्ते के प्रावधान है? पूर्व में यह कितने थे तथा इनमे कब-कब परिवर्तन किये गये है? (ख) पंच भत्ते के प्रावधान होने के बाद वर्तमान वर्ष तक राशि पंचों कितनी को किस माध्यम से भेजी गई? (ग) विगत दो वर्षों में पंच भत्ते की राशि पंचों को न मिलने संबंधी कितनी शिकायतें विभाग को मिली हैं तथा इन शिकायतों पर विभाग ने क्या कार्यवाही की है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। पूर्व में पंचों को मानदेय देने का प्रावधान नहीं था। (ख) राशि कोषालय सर्वर एवं बैंक ट्रांसफर से जनपद पंचायतों के माध्यम से भेजी गई। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) विगत दो वर्षों में 02 शिकायतें प्राप्त हुईं। निराकरण हेतु संबंधित जनपद पंचायतों को निर्देश दिए गए।
प्रधानमंत्री खनिज क्षेत्र कल्याण योजना
[खनिज साधन]
176. ( क्र. 4680 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रधानमंत्री खनिज क्षेत्र कल्याण योजना में खनिजों से प्राप्त रॉयल्टी का कितना प्रतिशत इस योजना में खर्च किये जाने के प्रावधान है? (ख) विषयांकित योजना में जिला अनुसार प्राप्त खनिजों की रॉयल्टी अनुसार राशि दी जायेगी या पूरे प्रदेश से प्राप्त कुल रॉयल्टी अनुसार? (ग) विषयांकित योजना से क्या केवल मेजर मिनरल्स की रॉयल्टी दी जाती है या माइनर मिनरल्स की भी रॉयल्टी दी जाती है? (घ) विषयांकित योजना के तहत जिलेवार आवंटित राशि की जानकारी दें।
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रश्नाधीन योजना में खनिजों से प्राप्त होने वाली रॉयल्टी का कोई भी प्रतिशत खर्च किए जाने का प्रावधान नहीं है। दिनांक 12.01.2015 के पूर्व स्वीकृत खनिपट्टे के धारकों द्वारा जमा रॉयल्टी के अतिरिक्त इसकी 30 प्रतिशत की राशि एवं दिनांक 12.01.2015 के पश्चात स्वीकृत खनिपट्टे के धारकों द्वारा जमा रॉयल्टी के अतिरिक्त इसकी 10 प्रतिशत की राशि को संबंधित जिले के जिला खनिज प्रतिष्ठान में जमा किये जाने का प्रावधान हैं। प्रश्नाधीन योजना को मध्यप्रदेश जिला खनिज प्रतिष्ठान नियम, 2016 में शामिल किया गया है। यह नियम अधिसूचित नियम है। (ख) जिस जिले में खनिपट्टा स्थित है, उस जिले के जिला खनिज प्रतिष्ठान में प्रश्नांश (क) में उल्लेख अनुसार राशि जमा किये जाने का प्रावधान मध्यप्रदेश जिला खनिज प्रतिष्ठान नियम, 2016 में किया गया है। (ग) मध्यप्रदेश जिला खनिज प्रतिष्ठान नियम, 2016 में मुख्य खनिज के पट्टेदारों द्वारा राशि जमा किये जाने का प्रावधान है। (घ) प्रश्नांश (क) में उल्लेख अनुसार राशि आवंटित किये जाने का प्रावधान नहीं है।
निवेश क्षेत्र विकास एवं प्रबंधन स्कीम में नगर पालिका के अधिकारों का हनन
[वाणिज्य, उद्योग एवं रोजगार]
177. ( क्र. 4695 ) श्रीमती नीना विक्रम वर्मा : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा म.प्र. निवेश क्षेत्र विकास एवं प्रबंधन अधिनियम 2013 बनाया है? (ख) यदि हाँ, तो क्या यह अधिनियम व इसके चेप्टर 3 की कण्डिका 11,13 तथा चेप्टर 4 की कण्डिका 20,21,22 संविधान के 74वें संशोधन के तहत गठित संवैधानिक प्रजातांत्रिक संस्था, नगर पालिका परिषद् पीथमपुर के अधिकारों का हनन करती है? (ग) क्या इस अधिनियम के अंतर्गत नगर पालिका क्षेत्र पीथमपुर में सार्वजनिक विकास कार्यों के लिये संवैधानिक लोकतांत्रिक तरीके से निर्वाचित नगर पालिका को ए.के.व्ही.एन. से अनुमति प्राप्त करने के लिये बाध्य होना होगा? (घ) अधिनियम-2013 लागू होने पर नगरपालिका क्षेत्र में यहां के नागरिकों व आम जनता को भवन निर्माण सहित अन्य सुविधाओं के लिये ए.के.व्ही.एन. और नगर पालिका में से अनुमति प्रदान करने के लिये कौन अधिकृत होगा? क्या दोनों संस्था से अनुमति प्राप्त करना होगी? यदि नहीं, तो संविधान द्वारा सम्पूर्ण भारत के नगरीय निकायों को पूर्व से प्रदान की गई शक्तियां व अधिकार, उपरोक्त दर्शित अधिनियम-2013 के माध्यम से ए.के.व्ही.एन. को प्राप्त होने से, निर्वाचित नगर पालिका के अधिकारों का अतिक्रमण नहीं है क्या? (ड.) क्या उपरोक्त विसंगतियों को देखते हुए नगर पालिका परिषद् के अधिकारों को यथावत् रखने हेतु अधिनियम-2013 आवश्यक संशोधन में किये जावेंगे?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। मध्यप्रदेश निवेश क्षेत्र विकास और प्रबंधन अधिनियम 2013 के प्रावधानों अनुसार इस अधिनियम अंतर्गत अधिसूचित योजना क्षेत्र के भीतर, भूमि अधिग्रहण/अर्जन, भूमि का उपयोग तथा उसमें परिवर्तन, भूमि के विकास, विकसित क्षेत्रों के संधारण तथा प्रबंधन, करारोपण/वसूली, जनसेवाओं के प्रभारों का अधिरोपण/वसूली का दायित्व, अधिनियम के अंतर्गत प्राधिकृत एजेंसी को सौंपा गया हैं। उपरोक्त वैधानिक स्थिति के प्रकाश में, नगर पालिका के अधिकारों के हनन का प्रश्न उपस्थित नहीं होता हैं। (ग) मध्यप्रदेश निवेश क्षेत्र विकास और प्रबंधन अधिनियम 2013 के प्रावधानों अनुसार अधिसूचित योजना क्षेत्र के भीतर, भूमि/भवन के उपयोग में परिवर्तन या विकास कार्य, अधिनियम अंतर्गत शासन दवारा प्राधिकृत एजेंसी की स्वीकृति से किये जाने का प्रावधान हैं। (घ) म.प्र. निवेश क्षेत्र विकास और प्रबंधन अधिनियम 2013 के प्रावधानों अनुसार अधिसूचित योजना क्षेत्र के भीतर, भूमि/भवन के उपयोग में परिवर्तन या विकास कार्य, अधिनियम अंतर्गत शासन दवारा प्राधिकृत एजेंसी की स्वीकृति से किये जाने का प्रावधान है। अत: उपरोक्त वैधानिक स्थिति के प्रकाश में, नगरपालिका के अधिकारों के अतिक्रमण का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ड.) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के संदर्भ में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
कन्या छात्रावास की स्वीकृति
[उच्च शिक्षा]
178. ( क्र. 4715 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के तारांकित प्रश्न क्रमांक 323 दिनांक 8 दिसम्बर 2016 में सदन में हुई चर्चा में माननीय विभागीय मंत्री द्वारा बताया गया था कि ''नेताजी सुभाषचन्द्र बोस शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय ब्यावरा में 100 सीटर कन्या छात्रावास की स्वीकृति बाबत् यू.जी.सी. एवं शासन को प्रस्ताव यथाशीघ्र भेजेंगे? तो क्या प्रश्न दिनांक तक यू.जी.सी. एवं शासन को प्रस्ताव प्रेषित कर दिये गये हैं? यदि हाँ, तो प्रति उपलब्ध करावें? यदि नहीं, तो किन कारणों से उक्त संबंध में कार्यवाही लंबित है? (ख) उपरोक्तानुसार क्या शासन छात्राओं को आवासीय सुविधा प्रदान करने हेतु उक्त कन्या छात्रावास की स्वीकृति प्रदान करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी हाँ। प्राचार्य, नेताजी सुभाष चंद्र बोस शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, ब्यावरा, जिला राजगढ़ के पत्र क्रमांक 187/17, दिनांक 17.02.2017 द्वारा प्रस्ताव यू.जी.सी. को भेजा गया है। पत्र की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश 'क' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में समय-सीमा बतायी जाना सम्भव नहीं है। ब्यावरा नगर में पिछड़ा वर्ग तथा अल्पसंख्यक कल्याण विभाग द्वारा 50 सीटर कन्या छात्रावास संचालित किया जा रहा है, जिसमें महाविद्यालय की 14 छात्रायें प्रवेशित हैं।
वैकल्पिक मार्ग की स्वीकृति
[नगरीय विकास एवं आवास]
179. ( क्र. 4716 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रश्नकर्ता के अता. प्रश्न क्रमांक 119 दिनांक 8 दिसम्बर 2015 के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में क्या नगर पालिका परिषद् ब्यावरा द्वारा प्रस्तुत डी.पी.आर. राशि रूपये 696.00 लाख की है तथा इस बाबत् क्या प्रश्नकर्ता द्वारा दिनांक 31 जनवरी 2017 को ब्यावरा नगर में एन.एच.ए.आई. के फोर-लेन भूमि पूजन कार्यक्रम एवं जिला स्तरीय अंत्योदय मेले में माननीय मुख्यमंत्री जी को पत्र सौंपकर वस्तुस्थिति से अवगत कराया गया था, जिसमें माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा उक्त वैकल्पिक मार्ग निर्माण करने की आवश्यकता को उचित ठहाराया? (ख) यदि हाँ, तो क्या शासन उक्त मार्ग की स्वीकृति प्रदान करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। जी हाँ। (ख) मुख्यमंत्री शहरी अधोसंरचना विकास योजना, द्वितीय चरण के अन्तर्गत नगर पालिका परिषद्, ब्यावरा को राशि रू. 300.00 लाख की सैद्धांतिक स्वीकृति संचालनालय, नगरीय प्रशासन एवं विकास, म.प्र. भोपाल द्वारा जारी की गई है। जारी की गई सैद्धांतिक स्वीकृति के परिपालन में योजना के दिशा-निर्देशों के अनुसार नगर पालिका परिषद्, ब्यावरा द्वारा डी.पी.आर. तैयार कराई जा रही है एवं नियमानुसार प्रशासकीय एवं तकनीकी स्वीकृति दी जाएगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग धंधे
[वाणिज्य, उद्योग एवं रोजगार]
180. ( क्र. 4723 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जावरा शुगर मिल जावरा एवं शुगर मिल से संलग्न सैंकड़ों बीघा जमीन सहकारिता विभाग से मुक्त होकर उद्योग विभाग को पुनः हस्तांतरित होकर प्राप्त हो चुकी है? (ख) यदि हाँ, तो बतायें कि शुगर मिल परिसर में कुल कितनी भूमि होकर कितने भवन, मशीनरी एवं अन्य सम्पतियाँ कब्जे में ली गयी? साथ ही मिल से संलग्न बाहरी स्थानों पर कुल कितनी-कितनी, किन-किन स्थानों पर भूमियाँ है? (ग) क्या शुगर मिल एवं मिल परिसर जावरा नगर रेलवे स्टेशन से लगा होकर काफी नजदीक है एवं रेलवे स्टेशन से शुगर मिल परिसर के भीतर तक रेलवे लाईन पटरी भी रेलवे परिवहन हेतु डाली गयी थी, जो वर्तमान में भी यथावत है? (घ) यदि हाँ, तो रतलाम जंक्शन रेलवे स्टेशन से मात्र 30 कि.मी. की दूरी पर स्थित इतने महत्वपूर्ण औद्योगिक क्षेत्र के विकास हेतु शासन/विभाग द्वारा किस प्रकार की कार्ययोजना बना कर क्या किया जा रहा है एवं कब तक किया जा सकेगा?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी हाँ। प्रश्नांकित जावरा शुगर मिल जावरा की 112.504 हेक्टेयर भूमि विभाग को हस्तांतरित हुई है। उक्त भूमि का आधिपत्य विभाग के अधीन मध्यप्रदेश औद्योगिक केन्द्र विकास निगम उज्जैन ने दिनांक 27.07.2016 को प्राप्त किया है। (ख) शुगर मिल परिसर में कुल 36.539 हेक्टेयर भूमि हैं, जिस पर स्थित होकर कब्जे में ली सम्पत्तियों का विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। शुगर मिल से संलग्न बाहरी 6 स्थानों पर मिल की कुल 75.965 हेक्टेयर भूमियां स्थित हैं, जिसका विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) हाँ, रेलवे लाईन पटरी भी रेलवे परिवहन हेतु डाली गयी थी, जो वर्तमान में भी यथावत हैं। (घ) प्रश्नाधीन क्षेत्र को विभाग के तहत लैंड बैंक में सम्मिलित किया गया। निवेशकर्ताओं के द्वारा उदयोग स्थापना हेतु प्रस्ताव के अनुसार मांग होने पर बहुउद्देशीय औद्योगिक क्षेत्र विकसित किया जा सकता है। समय-सीमा नहीं बताई जा सकती।
पीलिया खाल प्रदूषण मुक्त योजना एवं मल्टीलेवल पार्किंग सह शॉपिंग काम्प्लेक्स योजना
[नगरीय विकास एवं आवास]
181. ( क्र. 4724 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या शासन/विभाग एवं नगर पालिका परिषद् जावरा द्वारा शहर के मध्य बहने वाले नाले (पीलिया खाल) पर प्रदूषण मुक्त कार्ययोजना एवं बढ़ते यातायात, वाहनों तथा रोजगार हेतु (1) प्रीमियर ऑयल मिल भूमि पर (2) घंटा घर चौराहे पर (3) पुरानी सब्जी मंडी स्थल पर मल्टीलेवल पार्किंग सह शॉपिंग कॉम्प्लेक्स कार्य योजना बनाई गयी है? (ख) यदि हाँ, तो क्या विगत कई वर्षों से नगर की अत्यंत गंभीर आवश्यकताओं एवं ज्वलंत समस्याओं को शीघ्र दूर किये जाने हेतु लगातार मांग किये जाने पर डी.पी.आर. भी बना कर शीघ्र भेजे जाने हेतु शासन/विभाग द्वारा निर्देशित किया गया था? (ग) यदि हाँ, तो क्या शासन/विभाग के निर्देशों पर बनाई गयी डी.पी.आर. नगर पालिका परिषद् जावरा द्वारा शासन/विभाग को प्राप्त हुई है, तो डी.पी.आर.की कार्यवाही पूर्ण होकर किस स्थिति में है? (घ) नगर की महत्वपूर्ण आवश्यकताओं एवं ज्वलंत समस्याओं को दूर करने हेतु शासन/विभाग कब तक स्वीकृति देकर इन्हें कब प्रारम्भ करेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी नहीं, नगर पालिका परिषद्, जावरा द्वारा सिर्फ शहर के मध्य से बहने वाले नाले (पीलिया खाल) को प्रदूषण से मुक्त करने हेतु कार्ययोजना बनाई गई हैं। (ख) सिर्फ पीलिया खाल नाले को प्रदूषण से मुक्त करने हेतु कार्ययोजना बनानें के निर्देश दिये गये थे। (ग) पीलिया खाल नाले को प्रदूषण से मुक्त करने हेतु कार्ययोजना की स्वीकृति प्रक्रियाधीन है, समय-सीमा बताया जाना सभंव नहीं है। (घ) समय-सीमा बताया जाना सभंव नहीं है।
रेत से भरे ट्रक से बच्ची की मृत्यु
[खनिज साधन]
182. ( क्र. 4738 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले की चन्दला विधान सभा की तहसील गौरिहार की केन नदी से रेत का अवैध खनन कर परिवहन किया जा रहा है एवं रेत से भरे वाहन से माह अक्टूबर १६ में ग्राम खड्डी में एक बच्ची की कुचलने से मृत्यु हो गयी थी, जिससे गाँव वालों ने रास्ते में जाम लगाकर २३० रेत से भरे ट्रक रोके गये थे? (ख) क्या प्रश्नांश (क) अनुसार ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से अवैध रेत खनन को रोके जाने तथा रोके गये समस्त २३० ट्रकों में भरी रेत की वैधता एवं अवैधता की जाँच की माँग की थी? (ग) जिला प्रशासन द्वारा उन समस्त २३० वाहनों से परिवहन की जा रही रेत की वैधता हेतु क्या जाँच की गयी है? की गयी कार्यवाही की प्रति उपलब्ध करावें व सूचीवार जानकारी देवें। (घ) अवैध परिवहन में पायी गयी रेत हेतु किस-किस अधिकारी व कर्मचारी ने क्या कार्यवाही की तथा ट्रकों से अवैध परिवहन पर कितनी राशि जुर्माना वसूल किया? वाहनों में लोड रेत छोड़ी गयी या जप्त कर ली गयी? ट्रकों के नम्बर सहित जुर्माना की समस्त कार्यवाही की जानकारी देवें।
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी नहीं। समय-समय पर जाँच के दौरान अवैध उत्खनन/परिवहन के प्रकरण पाए जाने पर उनके विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जाती है। माह अक्टूबर 2016 में ग्राम खड्डी में एक बच्ची की रेत से भरे ट्रक से कुचलने से मृत्यु हो गई थी, जिस पर गाँव वालों द्वारा जाम लगाकर 216 रेत से भरे ट्रक रोके गये थे। (ख) जी नहीं। (ग) प्रश्न में 230 वाहनों का उल्लेख किया गया है जबकि जिला प्रशासन द्वारा मौके पर 216 वाहनों से रेत उत्खनन करते पाया गया था, जिनकी वैधता की जाँच की गई है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट पर है। (घ) संयुक्त जाँच थाना प्रभारी/खनिज निरीक्षक/राजस्व निरीक्षक (पुलिस/खनिज/राजस्व) द्वारा की गई, अवैध परिवहन के प्रकरण नहीं पाए गए, वाहन में क्षमता से अधिक रेत ओवरलोड होने पर पुलिस द्वारा ओवरलोड के संबंध में कार्यवाही सुनिश्चित की गई। जिसमें 27 प्रकरणों पर 81000/- समन शुल्क जमा कराया गया। 99 प्रकरण न्यायालय में पेश करने हेतु तैयार किए गए। थाना प्रभारी गौरिहार के प्रतिवेदन अनुसार 90 ट्रकों में रेत की ओवर लोडिंग न पाए जाने पर रेत सहित छोड़ा गया। ट्रकों के नम्बरों की सूची प्रश्नांश (ग) के साथ पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट में उल्लेखित है।
अवैध रेत का उत्खननन
[खनिज साधन]
183. ( क्र. 4739 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कलेक्टर एवं खनिज अधिकारी छतरपुर द्वारा वर्ष २०१५-१६, १६-१७ से प्रश्न दिनांक तक जिले की चन्दला विधान सभा क्षेत्र के अन्तर्गत गौरिहार जनपद व तहसील स्थित केन नदी से अथवा केन नदी के पास से लगी काश्तकारों या किसानों की जमीन से रेत निकालने हेतु किस-किस को कहाँ-कहाँ से कितनी रेत किस अवधि में रेत निकालने की अनुमति दी गयी थी? (ख) अनुमति प्राप्तकर्ता द्वारा अनुमति की सीमा से कितनी रेत कितनी अवधि में निकाली गयी अनुमति प्राप्तकर्ता द्वारा निकाली गयी रेत की कितनी रॉयल्टी प्रशासन को जमा की गयी? (ग) रेत खदान एवं परिवहन की जाँच करने पर क्या अनुमति प्राप्तकर्ता को अनुमति क्षेत्र से बाहर रेत खनन करते पाया गया? यदि हाँ, तो उसके विरूद क्या कार्यवाही की गयी? (घ) बिना अनुमति के केन नदी की सीमा से अवैध खनन व परिवहन करते हुये कितने-कितने व्यक्तियों को कितनी रेत खनन परिवहन करते पाया गया तथा उनके विरूद्ध प्रशासन द्वारा क्या कार्यवाही की गयी?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रश्नानुसार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-क पर दर्शित है। (ख) प्रश्नानुसार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-क में दर्शाये अनुसार अनुमत मात्रा से कम मात्रा में रेत अनुमत अवधि में निकाली गई है। जमा रॉयल्टी राशि का विवरण प्रश्नांश (क) के साथ पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-क में दर्शित है। (ग) जी हाँ। जिन अनुज्ञाधारी के विरूद्ध अनुमति क्षेत्र के बाहर रेत का उत्खनन किया जाना पाया गया है उनके विरूद्ध कार्यवाही की गई है, जिसका विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ख पर दर्शित है। (घ) प्रश्नाधीन नदी की सीमा से प्रश्नानुसार 93 व्यक्तियों के विरूद्ध 330116 घनमीटर रेत खनिज के अवैध खनन के प्रकरण बनाये गये। जिसमें राशि रूपये 71,82,25,000/- का अर्थदण्ड प्रस्तावित किया जाकर, निराकरण हेतु प्रकरण न्यायालय अनुविभागीय अधिकारी लवकुशनगर को प्रेषित किये गये हैं। 191 व्यक्तियों को खनिज मात्रा 2694 घनमीटर का अवैध परिवहन करते हुये पकड़ा गया था, जिसमें अर्थदण्ड रूपये 1,42,56,000/- की वसूली की गई है।
महाविद्यालय में भवन की स्वीकृति तथा पर्याप्त स्टाफ की पूर्ति
[उच्च शिक्षा]
184. ( क्र. 4750 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्तमान में राजगढ़ जिला मुख्यालय पर विधि महाविद्यालय संचालित है? यदि हाँ, तो कब से? (ख) क्या विधि महाविद्यालय के पास स्वयं का भवन है? यदि नहीं, तो कक्षायें कहाँ पर संचालित हो रही है? बतावें। (ग) विधि प्रथम वर्ष में प्रवेश के क्या नियम है? बतावें तथा वर्तमान में विधि महाविद्यालय राजगढ़ में कौन-कौन सी कक्षाओं में कितने-कितने छात्र अध्ययनरत् हैं तथा कितने प्राध्यापक कार्यरत है तथा कितने रिक्त हैं? बतावें। (घ) राजगढ़ जिला मुख्यालय पर संचालित विधि महाविद्यालय में भवन की स्वीकृति तथा पर्याप्त स्टाफ की पूर्ति कब तक की जावेगी? बतावें।
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी नहीं। शासकीय पी.जी. महाविद्यालय, राजगढ़ में विधि संकाय के रूप में विधि कक्षाएँ वर्ष 1972 से संचालित हैं। (ख) जी नहीं। विधि संकाय की कक्षायें शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय के कक्षों एवं पुराने बंद हो चुके शासकीय कन्या महाविद्यालय के छात्रावास में संचालित हो रही हैं। (ग) विधि संकाय प्रथम वर्ष में प्रवेश, संलग्न परिशिष्ट के रूप में प्रस्तुत, विभाग द्वारा जारी प्रवेश नियम एवं मार्गदर्शी सिद्धांत की कंडिका 5.2 अनुसार होता है। वर्तमान में विधि कक्षाओं में अध्ययनरत् छात्रों की संख्या निम्नानुसार है: 1. एल.एल.बी. प्रथम वर्ष में 60 छात्र हैं। 2. एल.एल.बी. द्वितीय वर्ष में 45 छात्र हैं। 3. एल.एल.बी. तृतीय वर्ष में 28 छात्र हैं तथा संचालित विधि संकाय में 02 सहायक प्राध्यापक स्वीकृत पद के विरूद्ध 01 कार्यरत तथा 01 पद रिक्त है। (घ) विधि महाविद्यालय का पृथक से भवन निर्माण हेतु कोई प्रस्ताव प्राप्त नहीं हुआ हैं, विभागवार शैक्षणिक संवर्ग के अंतर्गत रिक्त पदों की पूर्ति हेतु लोक सेवा आयोग से विज्ञापन दिनांक 19.02.2016 जारी किया गया है। लोक सेवा आयोग से चयनित प्रत्याशियों की सूची प्राप्त होने पर प्राथमिकता के आधार पर रिक्त पदों की पूर्ति की जावेगी तथा अशैक्षणिक संवर्ग के रिक्त पदों की पूर्ति के संबंध में निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
कर्मचारियों के भर्ती तथा निर्माण कार्य के अधिकारों में परिवर्ततन
[नगरीय विकास एवं आवास]
185. ( क्र. 4751 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नगरीय प्रशासन विकास विभाग द्वारा क्या पूर्व में नगरीय निकायों को दिये गये कर्मचारियों के भर्ती तथा निर्माण कार्यों आदि के अधिकारों में परिवर्ततन किया गया है? (ख) यदि हाँ, तो नगरीय निकायों को दिये गये कर्मचारियों के भर्ती तथा निर्माण कार्यों आदि के 1 जनवरी 2015 में क्या अधिकार थे तथा 1 जनवरी 2017 को क्या अधिकार है? (ग) क्या उक्त नगरीय निकायों के कर्मचारियों के भर्ती तथा निर्माण कार्यों आदि के अधिकारों में परिवर्तन से निकाय के कार्य प्रभावित नहीं हो रहे है? (घ) क्या शासन 1 जनवरी 2015 को जो निकायों को अधिकार थे, पुन: लागू करेगा? यदि हाँ, तो कब और यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) मध्यप्रदेश नगर पालिक निगम (अधिकारियों तथा सेवकों की नियुक्ति तथा सेवा की शर्तें) नियम 2000 एवं मध्यप्रदेश नगर पालिका कर्मचारी (भर्ती तथा सेवा शर्तें) नियम, 1968 के भर्ती नियमों के लिए जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। निर्माण कार्यों के लिए जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) जी नहीं। निकाय के कार्य प्रभावित नहीं हो रहे हैं। (घ) जी नहीं।
भारत सरकार की एम.ओ.ई.एफ. की गाइर्ड-लाईन
[खनिज साधन]
186. ( क्र. 4758 ) श्री उमंग सिंघार : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भारत सरकार की एम.ओ.ई.एफ. की गाइर्ड-लाईन के अनुसार सेड माईनिंग (बालू रेती) में खनन जे.सी.बी. मशीन व अन्य हेवी मशीनरी का उपयोग नदी में ले जाना प्रतिबंधित है, तो बालू रेती खनन में उपरोक्त एम.ओ.ई.एफ. गाइर्ड-लाईन के अनुसार कौन-कौन सी मशीनें नदी में ले जाई जा सकती है? नाम सहित सूची प्रदान करें। (ख) बालू रेती खनन में डम्पर व ट्रक नदी के किनारे या नदी के बीच में कितनी दूरी तक ले जाये जा सकते हैं। (ग) बुधानी, रेहती एवं नसरूल्लागंज तहसील में कितनी बालू रेत की खदाने हैं और किस-किस ने नाम से आवंटित है? पटवारी हल्का नं., खाता खसरना नं., रकबा एवं प्रत्येक खदान का अक्षांस एवं देशान्त के साथ सूची उपलब्ध कराएं। (घ) उपरोक्त (ग) प्रश्न के अनुसार कितनी खादानों को पर्यावरण की स्वीकृति दी गई एवं कितनी खदानों को पर्यावरण स्वीकृति नहीं मिली? संपूर्ण सूची स्वीकृति आदेश सहित उपलब्ध कराएं?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ग) तहसील बुधनी में 09, रेहटी में 10 एवं नसरूल्लागंज में 15 रेत खदानें स्वीकृत हैं। प्रश्नांश की शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर दर्शित है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर दर्शित है।
हिरण संरक्षण क्षेत्र का विकास
[वन]
187. ( क्र. 4791 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शाजापुर जिले में वन विभाग द्वारा हिरण संरक्षण क्षेत्र बनाने का प्रस्ताव तैयार किया गया है? यदि हाँ, तो, कितने हेक्टेयर भूमि आरक्षित की गई है, उसमे क्या-क्या प्रावधान किये गए हैं? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित हिरण संरक्षण क्षेत्र हेतु गजट नोटिफिकेशन की अनिवार्यता है? यदि हाँ, तो गजट नोटिफिकेशन कब तक किया जावेगा? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित हिरण संरक्षण क्षेत्र में प्रश्न दिनांक तक शासन द्वारा कितनी राशि का आवंटन किया गया? यदि नहीं, तो क्या शासन द्वारा शीघ्र बजट आवंटित कर राशि जारी की जावेगी?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी हाँ। शाजापुर में वन विभाग द्वारा काले हिरण के संरक्षण के लिए वन्यप्राणी (संरक्षण) अधिनियम, 1972 की धारा 36 (क) के अंतर्गत संरक्षण आरक्षित (Conservation Reserve) अधिसूचित किये जाने की योजना पर विचार किया जा रहा है। इसके लिए कलेक्टर शाजापुर द्वारा 175.691 हेक्टेयर भूमि आवंटित कर आरक्षित की है। संरक्षण आरक्षित (Conservation Reserve) घोषित होने के पश्चात् प्रबंध योजना का निर्माण एवं इसकी स्वीकृति उपरांत वन्यप्राणियों के प्रबंधन एवं संरक्षण से संबधित कार्य किये जा सकेंगे। (ख) जी हाँ। वनमण्डल स्तर से नोटिफिकेशन प्रारूप तैयार करने की कार्यवाही प्रचलित है। अधिसूचना की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित संरक्षण आरक्षिति (Conservation Reserve) वर्तमान में शासन द्वारा अधिसूचित नहीं है एवं इसकी कोई प्रबंध योजना निर्मित व स्वीकृत नहीं है। अतः शासन से इस योजना के अंतर्गत बजट आवंटन नहीं किया जा सकता है। प्रस्तावित क्षेत्र में 50 हेक्टेयर में माँग संख्या 10-2406 (2536) पर्यावरण वानिकी मद में वैकल्पिक व्यवस्था अंतर्गत रूपये 4.10 लाख के आवंटन से लेन्टाना उन्मूलन, जलस्त्रोत का विकास आदि के कार्य कराये गये हैं।
बंद पड़ी खदानों का संरक्षण
[खनिज साधन]
188. ( क्र. 4798 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के तारांकित प्रश्न संख्या 9 (क्रमांक- 6374) दिनांक-18/03/2016 के संदर्भ में प्रश्नांश (क) क्या कटनी नगर की बंद पड़ी खदानों की कार्ययोजना अब तक तैयार की जा चुकी है? यदि हाँ, तो यह कार्ययोजना क्या है? बतायें। यदि नहीं, तो क्यों? (ख) प्रश्नांश (क) क्या मौखिक चर्चा के दौरान कार्ययोजना तैयार करने में प्रश्नकर्ता को सम्मिलित किया जाना था? यदि हाँ, तो क्या कार्ययोजना तैयार करने में प्रश्नकर्ता को शामिल किया गया एवं जानकारी प्रदान की गई? यदि हाँ, तो विवरण देवें, यदि नहीं, तो क्यों? कारण बतायें। (ग) प्रश्नांश (क) से (ख) क्या आगामी वर्षा ऋतु के पूर्व वर्षा का पानी, खदानों तक पहुंचाने एवं खदानों के संरक्षण का कार्य पूर्ण कर लिया जायेगा? यदि हाँ, तो किस प्रकार एवं कब तक, यदि नहीं, तो क्यों?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी नहीं। कटनी नगर की बंद खदाने निजी भूमि स्वामी हक की भूमि में होने के कारण उक्त भूमि (बंद खदान) को संरक्षित किये जाने एवं कार्ययोजना तैयार किए जाने के पूर्व संबंधित भूमि स्वामियों से सहमति प्रदान किए जाने हेतु लेख किया गया था, जो अभी तक अप्राप्त है। बंद खदानों में उपलब्ध पानी के उपयोग के संबंध में जिले में स्थित रेलवे विभाग तथा आर्डिनेंस फैक्ट्री तथा कटनी शहर में पेय-जल के रूप में इसके उपयोग के संबंध में पत्राचार किया गया है। संबधितों से सहमति एवं जानकारी प्राप्त होने के पश्चात कार्ययोजना तैयार किया जाना संभव हो सकेगा। (ख) प्रश्नांश (क) में दिये गये उत्तर अनुसार सहमति प्राप्त होने तथा जानकारी प्राप्त होने के पश्चात उक्त खदानों के संबंध में कार्य योजना तैयार किए जाने में जिला प्रशासन द्वारा माननीय विधायक महोदय को शामिल किया जा सकेगा। शेष प्रश्नांश वर्तमान में उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश (क) में दिये उत्तर अनुसार संबधितों से सहमति एवं जानकारी प्राप्त होने के पश्चात कार्ययोजना तैयार किया जाना संभव हो सकेगा। इसकी समय-सीमा बताया जाना वर्तमान में संभव नहीं है।
मुख्यमंत्री युवा स्व-रोजगार योजना अंतर्गत लाभान्वित हितग्राही
[सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम]
189. ( क्र. 4804 ) श्री दीवानसिंह विट्ठल पटेल : क्या राज्यमंत्री, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़वानी जिले में मुख्यमंत्री युवा स्व-रोजगार योजना के तहत विगत दो वर्षों में कितने आवेदन पत्र प्राप्त हुए? जनपदवार संख्या बतावें। प्राप्त आवेदनों में से कितने आवेदनों का निराकरण कर उन्हें बैंक द्वारा ऋण उपलब्ध कराया गया है? जनपदवार संख्या बतावें। (ख) क्या विभाग से स्वीकृति के उपरान्त भी बैंकों के द्वारा युवाओं को ऋण उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है तथा उन्हें अनावश्यक परेशान किया जा रहा है, जिसके कारण युवा रोजगार से नहीं जुड़ पा रहे हैं? (ग) क्या विभाग के द्वारा बैंकों में लंबित प्रकरणों के निराकरण हेतु निर्देश प्रसारित किये गये हैं? यदि हाँ, तो निर्देशों की प्रति उपलब्ध करावें? नहीं तो लंबित प्रकरणों का निराकरण कब तक कर दिया जावेगा?
राज्यमंत्री, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम ( श्री संजय पाठक ) : (क) से (ग) मुख्यमंत्री युवा स्व-रोजगार योजना शासन द्वारा विगत दो वर्ष पूर्व ही समाप्त की जा चुकी है। अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत सड़कों का निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
190. ( क्र. 4820 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गुना जिले के राघौगढ़ विकासखण्ड में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना अंतर्गत विगत तीन वर्षों में कुल कितनी सड़के निर्मित हो चुकी है? (ख) उक्त योजना के अंतर्गत कुल कितनी नई सड़कें वर्तमान में स्वीकृत हैं? इनमें से कितनी सड़कों का काम प्रारंभ हो चुका है तथा कितनी सड़कों का कार्य प्रारंभ नहीं हुआ है? सड़कों के नाम सहित जानकारी दें। (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में निर्मित हो चुकी सड़कों में से कितनी तथा कौन-कौन सी सड़कें उखड़ चुकी हैं? उखड़ चुकी इन सड़कों में से कितनी तथा कौन-कौन सी सड़कें ऐसी हैं जो रख-रखाव की ग्यारंटी की समय-सीमा के भीतर हैं तथा कौन-कौन सी सड़कों के रख-रखाव की ग्यारंटी सीमा समाप्त हो गई है? (घ) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में जिन स्वीकृत सड़कों का कार्य प्रारंभ नहीं हुआ है, उसके क्या कारण हैं? उक्त विलंब के लिये कौन दोषी है तथा उसके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जा रही है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) गुना जिले के राघौगढ़ विकासखण्ड में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत विगत तीन वर्षों में कुल 27 सड़कें निर्मित की गई है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में निर्मित कोई भी सड़क नहीं उखड़ी है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
अवैध कॉलोनियों को वैध करना
[नगरीय विकास एवं आवास]
191. ( क्र. 4824 ) श्री चेतन्य कुमार काश्यप : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा दिनांक 19.08.2015 को क्र.6 बी-0488 घोषणा की थी कि रतलाम शहर की सभी कॉलोनियों को वैध किया जायेगा एवं इस हेतु 10 करोड़ रूपये की राशि तत्काल प्रदान की जाएगी? (ख) द्वितीय चरण की 33 कॉलोनियों के विकास हेतु 36 करोड़ की डी.पी.आर. स्वीकृति हेतु आयुक्त नगरीय प्रशासन को भेजी जा चुकी है? इसकी स्वीकृति कब तक होगी? (ग) इस कार्य में क्या प्रगति है? (घ) अब तक कितनी राशि जारी की जा चुकी है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं हैं। (ग) स्वीकृति प्रक्रियाधीन है। (घ) नगर पालिक निगम, रतलाम को राशि रू. 400.00 लाख जारी किये जा चुके हैं।
वृक्षारोपण में भारी अनियमितता
[वन]
192. ( क्र. 4857 ) श्री राजेन्द्र मेश्राम : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या देवसर विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत जंगल विभाग रेंज माड़ा के उप रेंज मकरोहर अन्तर्गत प्लांटेशन क्रमांक 429, 433, 434 के ग्राम बड़गड़, हटका, भंवरखोह, मलगो के जंगल के पिछले वर्ष 2016 में वृक्षारोपण कराया गया है? इसमें भारी मात्रा में अनियमितता व घोटाला किया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में क्या प्लांटेशन में जो पौधे लगे हैं? एरिया के हिसाब से बहुत कम हैं, आधे से अधिक सूख गए हैं, जिनकी देख-रेख नहीं की गई? पौधों की सुरक्षा हेतु कांटेदार तार लगाने हेतु जो पोल लगे हैं उसे सीमेंट से जाम नहीं किया गया है। जो सीमेन्ट आयी थी उसे अवैध रूप से विक्रय किये जाने से उनकी गुणवत्ता कमजोर हो गई हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) यदि हाँ, है तो जाँच कराकर दोषियों के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) देवसर विधान सभा क्षेत्र के अन्तर्गत वन विभाग द्वारा रेन्ज माड़ा के उप रेन्ज मकरोहर के अन्तर्गत वर्ष 2016 में कक्ष क्रमांक पी-429 ग्राम भवरखोह में तथा पी-441 मलगो में वृक्षारोपण का कार्य कराया गया है। उक्त वृक्षारोपण में कोई अनियमितता या घोटाला प्रकाश में नहीं आया है। कक्ष क्रमांक-433 एवं 434 में वृक्षारोपण का कार्य नहीं कराया गया है। (ख) रोपित पौधों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। जो पौधे लगाये गये हैं वह क्षेत्र के आवश्यकता के अनुसार कम नहीं लगाये गये हैं। रोपित पौधों में से आधे से अधिक पौधे नहीं सूखे हैं। रोपित पौधों की सुरक्षा श्रमिक एवं समिति के माध्यम से कराई जा रही है। पौधों की सुरक्षा हेतु लगाये गये कांटेदार तार के पोल कंक्रीट से जाम किये गये हैं। सीमेन्ट के अवैध रूप से विक्रय का प्रकरण प्रकाश में नहीं आया है और न ही सीमेन्ट पोल जाम करने पर गुणवत्ता कमजोर हुई है। (ग) जी नहीं। अत: जाँच करायी जाकर दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही करने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
महात्मा गाँधी रोजगार गारंटी योजना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
193. ( क्र. 4858 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 अप्रैल, 2015 से लेकर के प्रश्न दिनांक तक कितनी-कितनी राशि महात्मा गाँधी रोजगार गारंटी योजना के अंतर्गत अनूपपुर जिले को प्राप्त हुई? उसमें जिला स्तर से कितनी राशि के कितने कार्य स्वीकृत कर किस-किस शासकीय विभाग को एजेंसी बनाया गया? वित्तीय एवं भौतिक प्रगति की जानकारी प्रदान करें। (ख) प्रश्नांश (क) की समयावधि में क्या सभी कार्य की मांग करने वाले आवेदनकर्ताओं को कार्य उपलब्ध करा दिया गया है? यदि हाँ, तो कितने को, यदि नहीं, तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) अवधि में वनमंडल शहडोल को किन-किन कार्यों की एजेंसी नियुक्त किया गया? कार्य का नाम, प्रशासकीय स्वीकृति दिनांक व उपलब्ध कराये गये रोजगार दिवस की संख्या बतायें।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) महात्मा गाँधी नरेगा योजना अंतर्गत जिलों को राशि प्रदाय नहीं की जाती है, अपितु राज्य स्तरीय नोडल खाते से समस्त राज्य की जनपदों द्वारा एफ.टी.ओ. से भुगतान किया जाता है। योजनांतर्गत जिला स्तर से स्वीकृत कार्यों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। योजनांतर्गत कार्य की मांग करने वाले कुल 154328 जॉब कार्डधारी/आवेदकों में से कुल 139217 ही कार्य करने हेतु उपस्थित हुए जिन्हें कार्य उपलब्ध कराया गया। (ग) योजनांतर्गत वनमण्डल, शहडोल को एजेंसी नियुक्त नहीं किया गया है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
ग्राम वन समिति का गठन
[वन]
194. ( क्र. 4859 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला अनूपपुर में वन विभाग के द्वारा विगत तीन वर्षों में कहाँ-कहाँ पर ग्राम वन समिति का गठन किया गया है? इसमें कितने सदस्यों को रखा गया है? सूची उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में ग्राम वन समिति द्वारा विगत 3 वर्षों में क्या-क्या कार्य कराया गया व उस पर कितना-कितना व्यय किया गया है? (ग) उक्त क्षेत्र एवं अवधि में वन विभाग द्वारा कितनी राशि ग्राम वन समिति को उपलब्ध कराई गई है। वन समिति द्वारा कौन-कौन से निर्माण कार्य कराये गये हैं? कितने कार्य पूर्ण किये गये हैं? कितने अपूर्ण हैं? अपूर्ण कार्यों के लिये कौन जिम्मेदार है? अपूर्ण कार्यों को कब तक पूर्ण कर लिया जायेगा?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जिला अनूपपुर में वन विभाग के द्वारा विगत तीन वर्षों में ग्राम वन समिति का गठन नहीं किया गया है। शेष प्रश्नांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
परफॉरमेंस ग्रांट राशि आवंटन में भेदभाव
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
195. ( क्र. 4903 ) श्री बाला बच्चन : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पंचायत राज संचालनालय द्वारा दिनांक 01.01.2014 से 31.01.2017 तक सागर, सीहोर, विदिशा एवं बड़वानी जिले में कितनी राशि के कौन से कार्य स्वीकृत किए गए? वर्षवार वि.स. क्षेत्रवार, जिलेवार परफॉरमेंस ग्रांट की राशि के संबंध में बतावें। (ख) क्या इस राशि से वर्षों से लंबित ऐसे अधूरे कार्य पूर्ण कराए जा सकते हैं, जिनमें लागत राशि पूरी या कार्यानुपात से अधिक आहरित की जा चुकी है? (ग) यदि हाँ, तो बड़वानी जिले के राखी पुल, मलगाँव पुल, रेलता पुल, हरणगाँव पुल, कोचइया, नागलवाड़ी समेत अन्य अधूरे कार्य जिनकी लागत राशि संबंधित कार्य एजेंसियों द्वारा आहरित की जा चुकी है, को कब तक अतिरिक्त परफॉरमेंस ग्रांट की राशि स्वीकृत की जावेगी? (घ) क्या कारण है कि सागर, सीहोर, विदिशा जिले की तुलना में बड़वानी को परफॉरमेंस ग्रांट की राशि बहुत कम आवंटित की गई? ऐसा भेदभाव करने वाले अधिकारी पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) यद्यपि परफॉरमेंस ग्राट से नवीन कार्यों की स्वीकृति दी जाती है, अधूरे कार्यों को पूर्ण कराने के लिए प्रकरण के गुण-दोष पर धनराशि देने पर भी विचार किया जा सकता है। (ग) वर्तमान में कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। (घ) क्षेत्र की आवश्यकता एवं कार्य के औचित्य के आधार पर धनराशि प्रदाय की गई है। प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होता है।
उज्जैन सिंहस्थ 2016 अंतर्गत फर्मों/व्यक्तियों को भुगतान
[नगरीय विकास एवं आवास]
196. ( क्र. 4904 ) श्री बाला बच्चन : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सिंहस्थ 2016 उज्जैन का दि. 31-01-17 तक कितना भुगतान किन फर्मों, व्यक्तियों का शेष है, पूरी जानकारी फर्म/व्यक्ति नाम, कुल राशि, शेष राशि सहित देवें। (ख) शौचालय किराये पर देने वाली फर्मों के कितने भुगतान किन-किनके शेष हैं? इनके भुगतान की जानकारी फर्म नाम, शौचालय संख्या, कुल भुगतान राशि T.D.S. कटौत्रे सहित देवें। (ग) सिंहस्थ 2016 में 50 लाख रू. एवं इससे अधिक लागत के निर्माणकर्ता फर्मों द्वारा नियुक्त कर्मचारियों/श्रमिकों के नाम, उनके P.F. नंबर, कर्मचारी/श्रमिक अंशदान, नियोक्ता अंशदान सहित P.F. जमा राशि की जानकारी फर्मवार देवें। (घ) बिना टिन नंबर वाली फर्मों द्वारा शौचालय किराये पर देने व (ग) अनुसार श्रमिकों का P.F. न जमा करने वालों एवं इसकी अनदेखी करने वाले अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। शेष विभागों की जानकारी संकलित की जा रही है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) एवं (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। शेष विभागों की जानकारी संकलित की जा रही है।
अधिनियम में संशोधन
[नगरीय विकास एवं आवास]
197. ( क्र. 4910 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) म.प्र. नगर तथा ग्राम निवेश (संशोधन तथा विधिमानकरण) अधिनियम 2016 में म.प्र. अधिनियम क्र. 02 सन् 2017 के माध्यम से धाराएं (धारा 2, 20,50,56 विधिमानकरण ) में संशोधन की आवश्यकता क्यों पड़ी? (ख) इन सभी संशोधनों को भूतलक्षी प्रभाव अर्थात 26 अप्रैल 1973 से क्यों लागू किया गया है? (ग) किस कमेटी द्वारा यह अनुशंसा की गई? इस कमेटी में कौन-कौन शामिल थे?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) नगर विकास के कार्यक्रमों को सुचारू रूप से क्रियान्वित करने हेतु संशोधन किये गये हैं। (ख) नगर विकास की गति को बेहतर बनाने की दृष्टि से इन संशोधनों को भूतलक्षी प्रभाव से लागू किया गया है। (ग) म.प्र. नगर तथा ग्राम निवेश अधिनियम 1973 में संशोधन सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा विधायी प्रस्तावों का परीक्षण करने के लिए गठित वरिष्ठ सचिव समिति द्वारा अनुशंसा की गई है, जिसमें मुख्य सचिव म.प्र. शासन, अपर मुख्य सचिव नर्मदा घाटी विकास विभाग, अपर मुख्य सचिव वन विभाग, प्रमुख सचिव वित्त विभाग, प्रमुख सचिव विधि एवं विधायी कार्य विभाग, प्रमुख सचिव संसदीय कार्यविभाग (सहयोजित), संबंधित विभाग के प्रमुख सचिव सदस्य है। अधिनियम में संशोधन विधिक प्रावधानों के अंतर्गत किया गया है अत: शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
सरपंच के विरूद्ध कार्यवाही
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
198. ( क्र. 4917 ) श्री कमलेश शाह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अमरवाड़ा जनपद पंचायत के राजगुरू पिपरिया ग्राम के सरपंच के विरूद्ध फर्जी हाजिरी मामले में किस अधिकारी ने जाँच की? जाँच प्रतिवेदन का विवरण देवें। (ख) क्या जाँच में सरपंच दोषी पाया गया है? यदि हाँ, तो इस पर अभी तक क्या कार्यवाही की गई है? यदि कार्यवाही नहीं की गई तो कारण बतावें। (ग) क्या ग्राम पंचायत सचिव भी इसमें दोषी पाया गया है? यदि हाँ, तो इस पर कब तक कार्यवाही होगी? सरपंच व सचिव से कितनी राशि की रिकवरी की जायेगी? (घ) इन सरपंच सचिव पर कार्यवाही न करने वाले अधिकारियों पर शासन क्या जिम्मेदारी तय करेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) सहायक यंत्री, जनपद पंचायत अमरवाड़ा द्वारा जाँच की गई। जाँच में यह पाया गया कि ग्राम पंचायत पिपरिया राजगुरु के सरपंच, सचिव एवं रोजगार सहायक द्वारा दिनांक 17.01.2016 से 22.01.2016 की अवधि के लिए मस्टर रोल में फर्जी हाजिरी दर्ज कर बिना कोई कार्य कराए मूल्यांकन हेतु मस्टर रोल उपयंत्री को प्रस्तुत किए गए है। (ख) जी हाँ। सरपंच श्री दिनेश वर्मा को पद से पृथक करने संबंधी कार्यवाही पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम 1993 की धारा 40 के तहत न्यायालय अनुविभागीय अधिकारी (रा.) अमरवाड़ा में संस्थित की गई है। (ग) संबंधित रोजगार सहायक श्री सुनील वर्मा को दिनांक 15.03.2016 को सेवा से पृथक कर दिया गया है। ग्राम पंचायत सचिव के विरुद्ध कार्यवाही संस्थित करने के लिए मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत को निर्देश दिए गए हैं। प्रश्नाधीन अवधि के लिए भुगतान नहीं किया जाने से वसूली की स्थिति नहीं है। (घ) मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत, अमरवाड़ा को कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया है।
मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत मार्ग निर्माण की स्वीकृति
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
199. ( क्र. 4918 ) श्री कमलेश शाह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अमरवाड़ा विधान सभा क्षेत्र के ग्राम पंचायत बाबई पठार से छिंदी, करनखापा से कोलिप मार्ग, ग्राम सकरवाड़ा से रानिकमात सारा भाई से ग्राम सालीवाड़ा, ग्राम पंचायत हिर्री मुकासा से साली सारदा निर्माण कार्य मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना अन्तर्गत कब तक स्वीकृत कर प्रारंभ कर दिए जाएंगे? (ख) इनके स्वीकृति के लिए शासन को कब तक प्रस्ताव भेजे जाएंगे? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार ग्राम पंचायत पोनार से संकरू टोला एवं ग्राम पंचायत पोनार से निमाड़ी निर्माण कार्य मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना अन्तर्गत कब तक स्वीकृत कर प्रारंभ कर दिए जाएंगे?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) से (ग) प्रश्नाधीन मार्ग मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के मापदंडों में नहीं आते हैं। अतः शेष प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होते हैं।
अवैध खनन पर कार्यवाही
[खनिज साधन]
200. ( क्र. 4921 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनेश पिता मांगीलाल जैन के विरूद्ध राजस्व मंडल ग्वालियर में चल रहे प्रकरण की अद्यतन स्थिति बतावें। (ख) क्या कारण है कि इसकी सुनवाई तिथियों में विभाग के अधिकारी उपस्थित नहीं रहते हैं? अब तक की सभी सुनवाई तिथियों की जानकारी देवें। (ग) इसके लिए संबंधितों पर कब तक कार्यवाही की जावेगी।
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रश्नाधीन प्रकरण में राजस्व मंडल ग्वालियर में दिनांक 24.03.2017 को सुनवाई नियत है। (ख) राजस्व मंडल ग्वालियर में प्रचलित प्रकरण में सुनवाई हेतु नियत तिथि पर शासन पक्ष समर्थन हेतु राजस्व मंडल द्वारा आहूत न किये जाने के कारण उपस्थित होने का प्रश्न उत्पन्न नहीं होता। राजस्व मंडल में दिनांक 02.02.2017 को सुनवाई नियत थी। जो कि, अपरिहार्य कारणों से बढ़ाकर आगामी सुनवाई तिथि दिनांक 24.03.2017 को नियत की गई है। (ग) प्रश्नांश (ख) में दिये गये उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
फर्जी यात्रा देयक पर कार्यवाही
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
201. ( क्र. 4923 ) श्री नारायण त्रिपाठी (श्री बाला बच्चन) : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पूर्व लेखाधिकारी मनरेगा (संविदा) राजगढ़ द्वारा अपनी रायसेन पदस्थापना के दौरान फर्जी यात्रा देयक का भुगतान लिया गया था, जिसके तारतम्य में रोजगार गारंटी परिषद् भोपाल द्वारा पत्र क्रमांक 3947/एन.आर.ई.जी.एस. म.प्र./स्था./एन.आर-2/2016, दिनांक 28.04.2016 द्वारा कलेक्टर रायसेन को वैधानिक कार्यवाही (एफ.आई.आर. दर्ज) करने के निर्देश दिये गये थे? यदि हाँ, तो क्या एफ.आई.आर. दर्ज करायी गयी? यदि हाँ, तो उसकी प्रति उपलब्ध करायें? यदि नहीं, तो क्यों? कब तक दर्ज करायी जायेगी? (ख) लगभग एक वर्ष बीत जाने के बावजूद भी अभी तक कार्यवाही क्यों लंबित रखी गई है? इसके लिये किस स्तर पर लापरवाही बरती गई है? (ग) विलम्ब के लिये दोषी अधिकारी कौन हैं? उसका नाम एवं पदनाम बतायें? दोषी अधिकारी पर क्या कार्यवाही की जायेगी एवं कब तक?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) से (ग) तत्कालीन लेखाधिकारी सुश्री निगार सुल्तान खान द्वारा यात्रा देयकों को पारित कराकर लिया गया भुगतान अनियमित पाया गया। यात्रा देयक फर्जी होने के प्रमाण नहीं है। मध्यप्रदेश राज्य रोजगार गारंटी परिषद् के प्रश्नाधीन पत्र से कलेक्टर, रायसेन को सुश्री निगार सुल्तान खान से भुगतान की गई राशि की वसूली एवं अन्य वैधानिक कार्रवाई करने के लिए लिखा गया है। पत्र में एफ.आई.आर. दर्ज कराने के निर्देश नहीं दिए गए हैं। अतः शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते है।
नौरादेही अभयारण्य
[वन]
202. ( क्र. 4926 ) श्री हर्ष यादव : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिले में स्थित नौरादेही अभयारण्य का क्षेत्रफल कितना है? क्या इस अभयारण्य का क्षेत्र बढ़ाया जा रहा है? यदि हाँ, तो कितना? इसमें कौन-कौन से ग्राम आ रहे हैं? (ख) वर्तमान में नौरादेही अभयारण्य में देवरी विधान सभा क्षेत्र के कौन-कौन से आबाद एवं वीरान गाँव है? इन गाँवों की खेती की सुरक्षा व रहवासियों के विस्तार के लिए क्या किया जा रहा है व भविष्य के लिये क्या योजना है? (ग) नौरादेही अभयारण्य क्षेत्र में विगत दो वर्षों में बुन्देलखण्ड पैकेज की राशि से कहाँ-कहाँ, क्या-क्या कार्य कितनी राशि से कराये गये है? क्या वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा इन कार्यों का भौतिक सत्यापन किया गया हैं? यदि हाँ, तो कब-कब? (घ) अभयारण्य क्षेत्र में व बाहर जंगली जानवरों से खेती को होने वाले नुकसान को रोकने के लिए क्या कार्यवाही की जा रही है?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) सागर जिले में स्थित नौरादेही अभयारण्य का क्षेत्रफल 1197.04 वर्ग किलोमीटर है। अभयारण्य का क्षेत्र बढ़ाना प्रस्तावित नहीं है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) नौरादेही अभयारण्य के देवरी विधान सभा क्षेत्र में आने वाले आबाद एवं वीरान ग्रामों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। इन ग्रामों की खेती की सुरक्षा व रहवासियों की सुविधा की दृष्टि एवं ग्रामीणों की सहमति से इन ग्रामों का विस्थापन प्रस्तावित है। जिस पर कार्यवाही की जा रही है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (घ) अभयारण्य क्षेत्र में बसे ग्रामों की खेती को जंगली जानवरों से होने वाले नुकसान को रोकने हेतु क्षेत्र में सतत् गश्ती की जाती है। अभयारण्य क्षेत्र में वन्यप्राणियों के लिए रहवास का विकास आदि कार्य कराये जा रहे हैं, ताकि वन्यप्राणी अभयारण्य में ही रहें।
आर.ई.एस. विभाग अंतर्गत भवन निर्माण के स्वीकृत कार्य
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
203. ( क्र. 4931 ) श्री चन्द्रशेखर देशमुख : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनवरी 2013 से 31/12/2016 तक मुलताई विधान सभा क्षेत्र के आर.ई.एस. विभाग के भवन निर्माण के कितने कार्य स्वीकृत किये गये? कार्यनाम स्वीकृत दिनांक लागत कार्य पूर्णता दिनांक सहित बतावें? (ख) उपरोक्त में से कितने कार्य पूर्ण हैं? कितने अपूर्ण हैं? सूची दें। अपूर्ण कार्य की भुगतान राशि एवं कार्य पूर्णता की स्थिति बतावें? (ग) उपरोक्त अधूरे कार्यों के लिये जिम्मेदार अधिकारियों के नाम, पदनाम सहित बतायें। इन पर कब तक कार्यवाही की जायेगी? अपूर्ण कार्य कब तक पूर्ण किये जायेगे? प्रत्येक की समय-सीमा बतायें। (घ) उपरोक्त समयावधि में पूर्ण हो चुके भवनों/कक्षों में से कितने संबंधितों को हैण्ड-ओवर किये जा चुके हैं? सूची देवें। जो हैण्ड-ओवर नहीं किये, उनकी सूची देवें। जो हैण्ड-ओवर नहीं किये जा सके इनके कारण बताते हुये सूची देवें इनको कब तक संबंधितों को हैण्ड-ओवर किया जावेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। कार्य पूर्ण करने में ठेकेदार के स्तर से विलंब होने से उनके विरूद्ध अनुबंधानुसार कार्यवाही के निर्देश दे दिये गये हैं। किसी अधिकारी के दोषी होने की स्थिति नहीं है। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता।
मुख्यमंत्री हाट बाजारों के कार्य
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
204. ( क्र. 4932 ) श्री चन्द्रशेखर देशमुख : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुलताई विधान सभा क्षेत्र में विगत 4 वर्षों में कुल कितने मुख्यमंत्री हाट बाजार स्वीकृत हुये? सूची दें। प्रत्येक हाट बाजार का वर्क आर्डर दिनांक, कार्य पूर्णता दिनांक, निर्माणकर्ता फर्म का नाम, कार्य पूर्णता प्रतिशत दें। (ख) उपरोक्तानुसार प्रत्येक हाट बाजारों की स्वीकृत राशि की जानकारी अपूर्ण हाट बाजारों के कार्य कब तक पूर्ण कर लिये जायेंगे? प्रत्येक की समय-सीमा बतायें। (ग) उपरोक्त हाट बाजारों में कितने हाट बाजारों की गुणवत्ता से संबंधित शिकायतें विभाग को प्राप्त हुई? उन शिकायतों पर अधिकारियों द्वारा क्या कार्यवाही की गयी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) से (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) 02 हाट बाजारों की गुणवत्ता के संबंध में शिकायतें विभाग को प्राप्त हुईं, जिस पर तकनीकी रूप से सुधार कार्य कराया गया तथा संबंधित उपयंत्री की एक वेतन वृद्धि असंचयी प्रभाव से रोकी जाकर दंडित किया गया है।
भाग-3
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
विकलांग
व्यक्तियों
को स्वरोजगार
हेतु ऋण उपलब्ध
कराना
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
1. ( क्र. 110 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा विकलांग व्यक्तियों को स्वरोजगार हेतु ऋण उपलब्ध कराने का प्रावधान हैं? (ख) यदि हाँ, तो पनागर विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत गत ३ वर्षों में कितने सामान्य एवं कितने विकलांग व्यक्तियों को ऋण उपलब्ध कराये गये? सूची उपलब्ध करावे। (ग) क्या भविष्य में विकलांग व्यक्तियों को योजना का लाभ मिलेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) पनागर विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत गत 3 वर्षों में 265 सामान्य एवं 02 विकलांग व्यक्तियों को ऋण उपलब्ध कराया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ।
जनभागीदारी मद अंतर्गत स्वीकृत कार्य
[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]
2. ( क्र. 175 ) श्री रामकिशन पटेल : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2013-14 से प्रश्नांकित दिनांक तक जनभागीदारी योजनान्तर्गत रायसेन जिले में कितनी राशि प्राप्त हुई तथा इसके विरूद्ध कितनी राशि व्यय की गई वर्षवार जानकारी दें। (ख) रायसेन जिले के उदयपुरा विधानसभा क्षेत्र में उक्त योजनान्तर्गत कितने तथा कौन-कौन से कार्य स्वीकृत किये गये? प्रत्येक कार्य में कितना जन सहयोग तथा कितनी योजनान्तर्गत राशि शामिल कर व्यय किया गया? कार्यवार वर्षवार जानकारी देवें। (ग) इस योजनान्तर्गत किन-किन कार्यों को किसकी अनुशंसा से स्वीकृत किये गये? प्रशासनिक स्तर पर की गई कार्यवाही का विवरण भी बताइये। (घ) वर्ष 2013-14 से प्रश्नांकित दिनांक तक कितनी राशि योजनान्तर्गत लेप्स हुई है (अनाहरित) राशि लेप्स होने के लिए क्या प्रशासनिक स्तर पर योजना को सफल न करने के लिए शासकीय अमले को दोषी माना जावेगा? यदि हाँ, तो किसे? यदि नहीं, तो क्यों? इनके द्वारा सफलता के लिए क्या प्रयास किये गये?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) रायसेन जिले को वर्ष 2013-14 में राशि रूपये 574.20 लाख आवंटन के विरूद्ध राशि रूपये 574.20 लाख वर्ष 2014-15 में राशि रूपये 410.00 लाख के विरूद्ध राशि रूपये 410.00 लाख वर्ष 2015-16 में राशि रूपये 600.00 लाख के विरूद्ध 600.00 लाख एवं वर्ष 2016-17 में राशि रूपये 600.00 लाख के विरूद्ध 600.00 लाख का व्यय किया गया। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। (ग) जनभागीदारी नियम 2000 के अनुसार ग्रामीण/नगरीय निकायों के ठहराव प्रस्ताव के आधार पर तकनीकी स्वीकृति प्राप्त कर प्रशासकीय स्वीकृति जारी की गई है। (घ) वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक राशि लैप्स न होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नगरीय निकायों में सी.एम.ओ. के रिक्त पदों की पूर्ति
[नगरीय विकास एवं आवास]
3. ( क्र. 262 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) उज्जैन संभाग में कितनी निकायों में सी.एम.ओ. पदस्थ नहीं हैं एवं उक्त निकाय प्रभारियों के भरोसे कितने-कितने समय से चल रही है? (ख) सरकार कब तक इन निकायों में सी.एम.ओ. पदस्थ कर देगी? (ग) प्रश्नांश (क) के नगरीय निकायों में कितने आरक्षित पद कितने-कितने समय से रिक्त हैं?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) वर्ष 2012 एवं वर्ष 2013 के राज्य लोक सेवा आयोग से चयनित मुख्य नगर पालिका अधिकारी की पदस्थापना नगरीय निकायों में रिक्त पदों पर की गई है। मुख्य मुख्य नगर पालिका अधिकारी की उपलब्धता अनुसार रिक्त पदों पर पदस्थापना की जा सकेगी। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है।
नवीन महाविद्यालय की स्थापना
[उच्च शिक्षा]
4. ( क्र. 304 ) श्री जतन उईके : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) महाविद्यालय खोलने हेतु शासन द्वारा क्या नीति निर्धारित की है? (ख) विधान सभा क्षेत्र पांढुर्णा अंतर्गत नांदनवाड़ी, लावाधोगरी मैनी खापा जिनकी जनसंख्या आस-पास की पंचायतों को मिलाकर 30-40 हजार है, तो क्या महाविद्यालय खोलने में कठिनाई है? (ग) पांढुर्णा विद्यालय के पथ की दूरी 40-50 कि.मी. की है तो महाविद्यालय खोलने हेतु शासन की क्या योजना है? (घ) क्या भविष्य में महाविद्यालय खोलने की योजना है?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) मापदण्ड संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ, निर्धारित मापदण्डों की पूर्ति नहीं हो रही है। (ग) नांदनवाड़ी, मैनीखापा, लावाधोगरी से 25-25 किलोमीटर की दूरी पर एक शासकीय महाविद्यालय एवं चार अशासकीय महाविद्यालय संचालित हैं। शासकीय विज्ञान महाविद्यालय पांढुरना, (1) अशासकीय कला/वाणिज्य महाविद्यालय, पांढुरना तथा (2) अशासकीय एतश महाविद्यालय, पांढुरना (3) अशासकीय कैप्स महाविद्यालय, पांढुरना (4) अशासकीय महर्षि महाविद्यालय, पांढुरना जहाँ विद्यार्थी अध्ययन कर सकते हैं। अतः 12वीं के स्कूलों के उत्तीर्ण विद्यार्थियों की संख्या कम होने से मापदण्डों की पूर्ति नहीं होने के कारण नांदनवाड़ी, लावाधोगरी, मैनीखापा में नवीन महाविद्यालय खोले जाने में कठिनाई है। (घ) प्रश्नांश 'ख' एवं 'ग' के सबंध में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
खनिज खदानों का अवैध उत्खनन
[खनिज साधन]
5. ( क्र. 306 ) श्री जतन उईके : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छिन्दवाड़ा जिले में प्रश्न दिनांक से पिछले 03 वर्षों में कितने खदानों के पट्टे जारी किये गये हैं और कितने खदानों के पट्टे निरस्त किये गये हैं? खदान एवं पट्टाधारियों के जारी एवं निरस्त सहित सूची उपलब्ध करावें? (ख) क्या निरस्त किये गये खदानों के पट्टाधारियों से शासन की राशि वसूली की जाना है? यदि हाँ, तो उन पट्टाधारियों की सूची बकायादारों के नाम व बकाया राशि सहित सूची उपलब्ध करायें? क्या निरस्त खदानों से भी भारी मात्रा में अवैध उत्खनन किया जा रहा है? इसके लिये कौन जिम्मेदार है? शासन इस पर क्या कार्यवाही करेगा? (ग) क्या खनिज अधिकारी जिला छिन्दवाड़ा के द्वारा बकायादारों से सांठ-गांठ कर बकाया राशि वसूली के संबंध में कोई ठोस कार्यवाही नहीं की गई? जिससे शासन को करोड़ों राजस्व की राजस्व हानि हो रही है? यदि हाँ, तो ऐसे जिला खनिज अधिकारी के विरूद्ध शासन के द्वारा क्या कार्यवाही की जावेगी?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' एवं 'ब' में दर्शित है। प्रश्नांश की शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स में दर्शित है। (ख) जी हाँ। जानकारी प्रश्नांश (क) में दर्शाये अनुसार पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' में दर्शित है। जी नहीं। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
वृद्धावस्था, विधवा एवं विकलांग पेंशन
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
6. ( क्र. 390 ) प्रो. संजीव छोटेलाल उइके : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मण्डला विधानसभा क्षेत्र में वर्तमान में कितने व्यक्तियों को वृद्धावस्था, विधवा एवं विकलांग पेंशन स्वीकृत की गई है? पंचायतवार जानकारी देवें? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित हितग्राहियों में से कितने हितग्राहियों को तीन माह से ज्यादा अवधि से पेंशन की राशि प्राप्त नहीं हो रही है? नियमित पेंशन प्राप्ति हेतु जनपद पंचायत/जिलापंचायत द्वारा क्या कदम उठाये गये हैं? (ग) क्या जो लोग भिक्षावृत्ति कर जीवन गुजार रहे हैं? उनका सर्वे कर योजना से क्यों नहीं जोड़ा गया है और इन्हें कब तक जोड़ लिया जावेगा? (घ) यदि भिक्षावृत्ति कर जीवनयापन करने वाले लोगों की जानकारी संधारित की जाती है तो पंचायतवार देवें तथा अब तक हुई इस लापरवाही पर क्या कार्यवाही करेंगे?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। (ख) मण्डला विधान सभा क्षेत्र अन्तर्गत पात्र पाये हितग्राहियों को नियमित पेंशन प्राप्त हो रही है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) विभिन्न पेंशन योजना में पात्रता परीक्षण एक सतत् प्रक्रिया है। जिसके अनुसार पात्र हितग्राहियों को लाभान्वित किया जाता है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जन शिकायतों का समाधान
[जन शिकायत निवारण]
7. ( क्र. 391 ) प्रो. संजीव छोटेलाल उइके : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मण्डला विधानसभा क्षेत्र के वर्ष 2014-15,2015-16,2016-17, (फरवरी,17) तक कितनी जन शिकायतें प्राप्त हुई हैं? उनमें से कितनों का समाधान तय समय-सीमा में किया गया और कितनों का नहीं? (ख) क्या समय-सीमा पर शिकायतों को समाधान न होने के प्रकरण उक्त अवधि में उच्च अधिकारियों को प्राप्त हुए? यदि हाँ, तो इसके लिए जवाबदार अधिकारियों पर क्या कोई कार्यवाही की गई हैं? अगर हाँ, तो किन पर अगर नहीं तो क्यों नहीं? (ग) प्रश्नांश (ख) के प्रकाश में समय-सीमा में शिकायतों का समाधान न होने पर किस प्रकार की कार्यवाही किये जाने का प्रावधान है?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) मंडला विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2014-15 में 571 वर्ष 2015-16 में 145 वर्ष 2016-17 (फरवरी 2017) तक 398, कुल 1114 शिकायतें प्राप्त हुई है। जिसमे 969 शिकायतों का निराकरण किया जा चुका है, शेष 145 शिकायतों पर कार्यवाही प्रचलित है। निराकरण की समय-सीमा निर्धारित नहीं है। (ख) "क" के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
कब्रिस्तान के विकास हेतु आवंटित राशि
[नगरीय विकास एवं आवास]
8. ( क्र. 446 ) श्री बाबूलाल गौर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नगर पालिक निगम रीवा को नगर के बड़ी पुल के पास स्थित कब्रिस्तान के विकास हेतु विगत 5 वर्षों में विशेष निधि से कितनी धनराशि आवंटित की गई? (ख) उक्त धनराशि में से नगर पालिक निगम द्वारा क्या-क्या विकास कार्य प्रारंभ किये गए? (ग) क्या उक्त विकास कार्य पूर्ण कर लिये गये हैं? यदि हाँ, तो पूर्ण करने का दिनांक बताया जाये?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं, प्रस्तावित कब्रिस्तान के विकास कार्य शीघ्र करा लिए जाएंगे।
नियमित/दैनिक एवं संविदा कर्मचारियों का नियमितीकरण
[धार्मिक न्यास और धर्मस्व]
9. ( क्र. 477 ) श्री सतीश मालवीय : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) श्री महाकालेश्वर मंदिर में कितने कर्मचारी नियमित/दैनिक एवं संविदा आधार पर कार्यरत हैं? सूची उपलब्ध करावे। (ख) वर्ष २००६ के पश्चात् नियुक्त सभी कर्मचारी किस आधार पर नियुक्त किये गये? क्या उक्त अवधि में नियमित कर्मचारी श्री महाकालेश्वर मंदिर अधिनियम के प्रावधानों के तहत नियुक्त किये गये हैं? यदि हाँ, तो बैठक की कार्यवाही विवरण की प्रति उपलब्ध करावें। (ग) वर्ष २००६ के पश्चात् नियुक्त उन सभी दैनिक कर्मचारियों की सूची उपलब्ध करावें जिन्हें किसी उत्सव/पर्व आदि पर दैनिक वेतन कर्मचारी के रुप में नियुक्ति दी गई थी किंतु उन्हे कुछ समय पश्चात् नियमित कर दिया गया, किस आधार पर नियमित किया गया? किसकी अनुशंसा पर नियमित किया गया? सूची उपलब्ध करावें। (घ) ऐसे कितने कर्मचारी हैं जिनकी नियुक्ति समाचार पत्रों में बिना किसी विज्ञप्ति प्रकाशन के की गई? सूची उपलब्ध करावें। (ड.) कर्मचारियों की नियुक्ति किस प्रशासक के कार्यकाल में हुई? प्रशासक के नाम सहित सूची उपलब्ध करावें।
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) से (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
उज्जैन को धार्मिक नगरी घोषित करना
[धार्मिक न्यास और धर्मस्व]
10. ( क्र. 478 ) श्री सतीश मालवीय : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) उज्जैन धार्मिक दॄष्टि से विश्व में अपना विशिष्ट स्थान रखता है, सिंहस्थ २०१६ के सफल आयोजन के उपरांत क्या उज्जैन को धार्मिक नगरी घोषित किया जावेगा? यदि किया जावेगा तो कब तक? (ख) उज्जैन में प्रवाहित क्षिप्रा नदी जिसके किनारे पर विभिन्न धार्मिक महत्व के मंदिर स्थित है तो क्या शासन नर्मदा नदी की भांति माँ क्षिप्रा के किनारों से ५ कि.मी. की दूरी तक मांस-मदिरा की दुकानों को अन्यत्र स्थापित किया जावेगा? यदि किया जावेगा तो कब तक? (ग) उज्जैन में क्षिप्रा नदी के दोनों किनारों पर निर्मित घाट जो कि करोड़ों की लागत से बने हैं शासन ने उनके रखरखाव के संबंध में क्या तैयारी की है? क्या शासन द्वारा करोड़ों रूपए से निर्मित घाट को लावारिस स्थिति में छोड़ा है? शासन द्वारा दोनों ओर करोड़ों की लागत से निर्मित घाटों के रखरखाव की क्या योजना है? सिंहस्थ पूर्ण होने से प्रश्न दिनांक तक घाटों के रखरखाव के संबंध में क्या-क्या कार्यवाही कब-कब की गई?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही
[खनिज साधन]
11. ( क्र. 535 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 8 दिसम्बर 2016 में मुद्रित परि.अता. प्रश्न संख्या 132 (क्रमांक 1437) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में रीवा, जिले में संचालित खदानों के रकवा, ग्राम एवं कस्बे का नाम संचालित खदान का स्थान के साथ खदान किसके नाम पर स्वीकृत कर कितने वर्षों के लिए खनिज विभाग द्वारा सौंपा गया है, का विवरण वर्ष 2013 से प्रश्नांश तक का वर्षवार, जिलेवार एवं खदानवार देवें। (ख) प्रश्नांश (क) की खदानों की नीलामी के बाद उनकी समयावधि पूरी हो चुकी है तथा उनकी नीलामी कब-कब की गई, का पृथक-पृथक विवरण देवें तथा ऐसी कितनी खदानें हैं जो पूर्व में नीलामी के आधार पर संचालित हैं, (ग) प्रश्नांश (ख) की खदानों से खनिज निकालने हेतु शासन द्वारा कितनी गहरायी तय की गई है? क्या इन खदानों से खनिज साधन के मापदण्डों से हटकर ज्यादा गहरायी तक निकालने का कार्य किया गया एवं इनके पटाई एवं समतलीकरण बाबत् भी शासन के दिशा निर्देशों का पालन करते हुए कार्य कराया गया? अगर कराया गया तो किन-किन खदानों की पटाई एवं समतलीकरण का कार्य हुआ? अगर समतलीकरण/पटाई का कार्य संबंधित खदान के ठेकेदारों द्वारा नहीं किया गया तो इस पर किन-किन पर कार्यवाही प्रस्तावित की गई। (घ) प्रश्नांश (ख) के संचालित खदानों में से कितनी रेत की खदानें हैं? इनकी खुदाई की सीमा शासन द्वारा कितनी निर्धारित की गई है? रेत के मनमानीपूर्ण कीमत पर विक्रय किये जाने पर शासन की क्या कार्य योजना है? क्या रेत की कीमत वाहन/वर्गफिट के मान से निर्धारित करेंगे? (ड.) प्रश्नांश (ख) खदानों के समतलीकरण एवं पटाई का कार्य संबंधित ठेकेदारों द्वारा अधिकारियों की मिलीभगत से नहीं किया गया एवं निर्धारित शासन के मापदण्ड से हटकर खुदाई/ खनिज निकासी का कार्य किया गया तो इसके लिए कौन-कौन जवाबदार हैं? जवाबदारों के ऊपर क्या आपराधिक प्रकरण दर्ज करायेंगे? हाँ, तो कब तक, अगर नहीं तो क्यों?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। (ख) प्रश्नांश (क) के साथ संलग्न परिशिष्ट में प्रश्नानुसार जानकारी दर्शित है। प्रश्नाधीन जिले में पूर्व से की गई नीलामी के आधार पर कोई खदान संचालित नहीं है। (ग) खदानों से पत्थर निकालने हेतु गहराई नियत किये जाने के प्रावधान नियमों में नहीं है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नांश (ख) में दी गई जानकारी अनुसार एक रेत की खदान है। रेत खनन हेतु सतह से 03 मीटर अथवा जल स्तर तक, जो भी कम हो, प्रावधान हैं। प्रश्नानुसार वर्तमान में कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। (ड.) प्रश्नांश (ग) में दिये गये उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सहायक संचालक के पदों पर 5 वर्ष की सेवा को 3 वर्ष किये जाना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
12. ( क्र. 676 ) श्रीमती नंदनी मरावी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पंचायत राज संचालनालय के अधीन सहायक संचालकों के पदों पर राजस्व विभाग की भांति पदोन्नति हेतु 5 वर्ष की सेवा को शिथिल किये जाने हेतु आपके द्वारा पत्र क्रमांक 1658 दिनांक 30/07/2016 को विभागीय प्रस्ताव प्रस्तुत किये जाने के निर्देश दिये गये थे। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार विभागीय प्रस्ताव की प्रति उपलब्ध करायें। एवं राजस्व विभाग की भांति 5 वर्ष की सेवा को एक बार शिथिल करते हुये तीन वर्ष किये जाकर रिक्त पदों पर पदोन्नति की कार्यवाही कब तक की जावेगी।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) परीक्षणाधीन है,समय-सीमा बतलाना संभव नहीं।
पंचायत सचिवों को 6वां वेतनमान
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
13. ( क्र. 678 ) श्रीमती नंदनी मरावी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 14/01/2017 को राजधानी से प्रकाशित समाचार पत्रों में मुख्यमंत्री जी द्वारा पंचायत सचिवों को वर्तमान वेतनमान 2200-3700 के स्थान पर सहायक अध्यापक के बराबर 5200-20200 ग्रेड पे 2400 पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा सहायक अध्यापक को जारी आदेश दिनांक 22/02/2016 के अनुरूप 01/01/2016 से 6 वां वेतनमान दिये जाने के आश्वासन प्रमुखता से प्रकाशित किये गये हैं। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार पंचायत सचिवों को 6 वां वेतनमान का भुगतान किये जाने हेतु दिये गये निर्देश की प्रति उपलब्ध करायें। वेतनमान कब से आरंभ किया जायेगा।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एवं (ख) जानकारी सकंलित की जा रही है।
एन.सी.सी. ड्रेस का प्रदाय
[उच्च शिक्षा]
14. ( क्र. 688 ) श्रीमती नंदनी मरावी : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) महाविद्यालय में राष्ट्रीय कैडट कोर संचालित किये जाने के क्या प्रावधान है? (ख) शासकीय एस.एस.ए. महाविद्यालय सिहोरा में एन.सी.सी. कब से संचालित है? कितने छात्रों का पंजीयन है, कितने छात्रों को ड्रेस उपलब्ध है। कितनों के पास ड्रेस नहीं है। इन्हें कब तक ड्रेस उपलब्ध करा दी जावेगी? (ग) कंडिका (क) छात्रों को ड्रेस आदि की पूर्ति किस मद से की जाती है? जनवरी 2014 से प्रश्नांश दिनांक तक प्राप्त राशि एवं व्यय राशि का वर्षवार विवरण उपलब्ध करायें? यह भी बतायें कि एन.सी.सी. को बढ़ावा देने के लिये और क्या-क्या उपाय किये जा रहे है?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार। (ख) शासकीय एस.एस.ए. महाविद्यालय सिहोरा (जबलपुर) में एन.सी.सी. वर्ष 2009 से संचालित है। वर्तमान में 54 विद्यार्थी पंजीकृत हैं, 15 विद्यार्थियों को ड्रेस उपलब्ध है, 39 विद्यार्थियों के पास ड्रेस नहीं है। एन.सी.सी. कैडेट्स को ड्रेस इत्यादि की आपूर्ति महानिदेशालय एन.सी.सी. नई दिल्ली द्वारा की जाती है। वर्ष 2017-18 की आपूर्ति महानिदेशालय नई दिल्ली से प्राप्त होने पर शेष एन.सी.सी. कैडेट्स को उपलब्ध करा दी जाएगी। निश्चित अवधि दी जाना संभव नहीं है। (ग) एन.सी.सी. कैडेट्स को ड्रेस इत्यादि की आपूर्ति महानिदेशालय एन.सी.सी. नई दिल्ली द्वारा केन्द्रीय बजट से मद 01/543/02 से की जाती है। महाविद्यालय को एन.सी.सी. कार्यालय से किसी भी प्रकार की राशि उपलब्ध नहीं कराई जाती है। अतः प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। एन.सी.सी. को बढ़ावा देने के संबंध में विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है।
पी.सी.ओ./बी.पी.ओ. के वेतनमान में सुधार
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
15. ( क्र. 694 ) श्रीमती नंदनी मरावी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पंचायत राज संचालनालय के अधीन खण्ड पंचायत अधिकारी/पंचायत समन्वय अधिकारी के वेतनमानों में सुधार हेतु विभागीय प्रस्ताव नस्ती/क्रमांक 369/12/122/पी 1 एवं कर्मचारी संघों के द्वारा दिनांक 5/12/16 को प्रस्तुत ज्ञापनों में वेतनमानों में सुधार किये जाने की मांग की गई है? यदि हाँ, तो उसकी प्रति उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार वेतनमानों में सुधार कब तक कर दिया जावेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रश्नांश 'क' अनुसार वेतनमानों में सुधार हेतु प्रस्तुत वित्त विभाग में विचाराधीन है। समय-सीमा बतलाना संभव नहीं है। मांग पत्र/ज्ञापन की फोटो प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार।
पत्रों पर कार्यवाही
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
16. ( क्र. 781 ) श्री मुकेश नायक : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता द्वारा (1) विकास कार्यों की अनुशंसा करने के संबंध में (2) पंचायतों द्वारा विकास कार्यों में की गई अनियमितता की शिकायतों के संबंध में (3) पंचायतों से संबंधित समस्त प्रकार के कार्यों के संबंध में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत पन्ना को जनवरी 14 से प्रश्न दिनांक तक कुल कितने पत्र भेजे गये हैं और पत्रों पर आज दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई? पत्रवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) कितने पत्रों का निराकरण हुआ है कितने पत्रों में आज दिनांक तक कार्यवाही नहीं हुई है अगर नहीं हुई तो इसके लिये कौन दोषी है और उन पर क्या कार्यवाही की जावेगी? (ग) समस्त पत्रों की दिनांकवार, कार्यवार, विषयवार, जनपदवार, जानकारी बतावें।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) प्रश्नकर्ता द्वारा जनवरी 14 से प्रश्न दिनांक तक प्रश्नकर्ता द्वारा (1) विकास कार्यों की अनुशंसा करने के संबंध में 05 पत्र (2) पंचायतों द्वारा विकास कार्यों में की गई अनियमितता की शिकायतों के संबंध में 13 पत्र (3) पंचायतों से संबंधित समस्त प्रकार के कार्यों के संबंध में 49 पत्र मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत पन्ना को प्राप्त हुये है। पत्रों पर की कार्यवाही का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 'अ', 'ब' एवं 'स' अनुसार। (ख) समस्त पत्रों पर कार्यवाही की गई है। कृत कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 'अ', 'ब' एवं 'स' अनुसार। चूंकि सभी पत्रों पर नियमानुसार कार्यवाही की गई है, अतः कार्यवाही किये जाने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 'अ', 'ब' एवं 'स' अनुसार।
नवीन पंचायत भवन निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
17. ( क्र. 810 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) देवास जिला अंतर्गत ऐसी कितनी ग्राम पंचायतों के भवन हैं जो जीर्ण-शीर्ण अवस्था में हैं? संख्या बतावें। (ख) देवास जिला अंतर्गत वर्ष 2014-15 से प्रश्नांश दिनांक तक किन-किन ग्राम पंचायतों के भवन कितनी लागत से निर्माण किये गये है? (ग) खातेगांव विधान सभा क्षेत्र के जीर्ण-शीर्ण ग्राम पंचायत भवनों में दुरूस्तीकरण हेतु शासन की क्या योजना है एवं जीर्ण शीर्ण पंचायत भवनों की कब तक दुरूस्त किया जावेगा? (घ) क्या 2015-16 से प्रश्नांश दिनांक तक खातेगांव विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत नवीन पंचायत भवन निर्माण हेतु स्वीकृति प्रदान की गई है? अगर हाँ तो किन-किन ग्राम पंचायतों में की गई है? नाम बतावें।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) देवास जिले की कुल 100 ग्राम पंचायतों के भवन जीर्ण-शीर्ण है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ग) सर्व प्रथम बजट की उपलब्धता के आधार पर भवनविहीन ग्राम पंचायतों में नवीन पंचायत भवन निर्माण की योजना है। शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नाधीन अवधि में विधानसभा क्षेत्र खातेगांव की जनपद पंचायत कन्नौद की ग्राम पंचायत डोकाकुई, सुरानी, पिपलानी, बुरूट एवं पिपलकोटा तथा जनपद पंचायत खातेगांव की ग्राम पंचायत ओंकारा, सुलगांव, खिड़क्या, नवलगांव, निवारदी, बजवाड़ा, भटासा एवं तिवडि़या में नवीन पंचायत भवन निर्माण की स्वीकृति प्रदाय की गई।
नि:शक्तजनों हेतु संचालित योजनाएं
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
18. ( क्र. 814 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन/विभाग द्वारा चलाई जा रही नि:शक्त सहायता योजना अंतर्गत विगत दो वर्षों में खातेगांव विधानसभा क्षेत्र के नि:शक्तजनों को कौन-कौन सी योजनाओं के अंतर्गत लाभान्वित किया गया है? योजना का नाम बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) के ऐसे हितग्राही जिन्हें प्रश्न दिनांक तक विभाग द्वारा संचालित योजनाओं का लाभ प्राप्त नहीं हुआ है, ऐसे नि-शक्तजनों की संख्या बतावें। (ग) क्या स्पर्श अभियान में चिन्हित नि:शक्तजनों को मध्यप्रदेश में पेंशन समयावधि में मिल रही है या नहीं? अगर नहीं मिल रही है तो कारण बतावें। (घ) खातेगांव विधानसभा क्षेत्र के नि:शक्तजनों को विभाग द्वारा वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन से उपकरण प्रदाय किये गये हैं अगर नहीं किये गये हैं तो क्या उपकरण प्रदाय किये जाने हेतु कोई कठिनाई आ रही है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। (ख) पात्र हितग्राहियों को परीक्षण कर लाभांवित करना सतत् प्रक्रिया है। (ग) स्पर्श अभियान में चिन्हांकित निःशक्तजनों को मध्यप्रदेश में निःशक्त पेंशन योजना का लाभ उनकी पात्रतानुसार प्रदाय किया जा रहा है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मार्गों के निर्माण हेतु काटे गये वृक्षों पर वृक्षारोपण योजना
[वन]
19. ( क्र. 933 ) श्री मोती कश्यप : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर संभाग में विगत तीन वर्षों में निर्मित एवं निर्माणाधीन किन राष्ट्रीय राजमार्गों, राज्य मार्गों, मध्यम जिला मार्गों व स्थानीय मार्गों के निर्माण में वन और मैदानी क्षेत्रों में कहाँ, कितने वृक्षों की कटाई की गई है? (ख) क्या प्रश्नांश (क) से भूमिगत जल के प्रवाहित होने से संबंधित ग्रामों के हैण्डपंप नलकूप का जलस्तर और नाले नदियों का भण्डारण व प्रवाह प्रभावित हुआ है? (ग) क्या विभाग ने प्रश्नांश (क) मार्गों की दोनों दिशाओं में फलदार, छायादार और बहुउपयोगी वृक्षों के रोपण और संरक्षण की कोई योजना बनाई है? (घ) प्रश्नांश (ग) को कब तक प्रभावशील कर दिया जावेगा?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। (ग) एवं (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मंदिरों का जीर्णोंद्धार एवं मरम्मत
[धार्मिक न्यास और धर्मस्व]
20. ( क्र. 1055 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) शासन संधारित मंदिरों के जीर्णोंद्धार व मरम्मत कार्य कराने के संबंध में शासन के क्या निर्देश हैं? (ख) वर्ष 2014-15 से 2016-17 तक श्योपुर जिले को उक्त कार्य हेतु वर्षवार कितनी राशि प्रदाय की इससे श्योपुर विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत स्थित कितने मंदिरों के जीर्णोंद्धार व मरम्मत कार्य स्वीकृत कर करवाए का नाम, स्थान, स्वीकृत/व्यय राशि, कार्य एजेन्सी/पूर्णता की अवधि व कार्य की भौतिक स्थिति क्या है? चालू वित्त वर्ष में प्रश्न दिनांक की स्थिति में बची शेष राशि से क्या-क्या कार्य प्रस्तावित है। (ग) क्या उक्त कार्य पूर्ण हो चुके हैं? यदि नहीं, तो क्यों कब तक पूर्ण होंगे इन्हें अपूर्ण रखने के लिये उत्तरदायियों के विरूद्ध शासन क्या कार्यवाही करेगा? (घ) वर्ष 2016-17 में प्रश्नकर्ता द्वारा दिनांक 16/09/2016 को मंदिर श्री रघुनाथ जी ग्राम किशोरपुरा एवं मंदिर श्री सीताराम जी ग्राम नगदी के जीर्णोंद्धार व मरम्मत कार्य कराने हेतु कलेक्टर श्योपुर को पत्र लिखा था? पत्र पर क्या कार्यवाही की गई? कब तक पत्रानुसार प्रस्तावित मंदिरों के जीर्णोंद्धार व मरम्मत हेतु राशि स्वीकृत कर कार्य प्रारंभ/पूर्ण कराया जावेगा यदि नहीं, तो क्यों?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
कन्या छात्रावास का निर्माण
[उच्च शिक्षा]
21. ( क्र. 1056 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्योपुर जिला मुख्यालय पर संचालित पी.जी. कॉलेज केम्पस में कन्या छात्रावास भवन का निर्माण किस योजना/मद से स्वीकृत है? इसकी लागत, कार्य एजेन्सी कार्य पूर्ण करने की अवधि क्या है? छात्रावास हेतु किस-किस संवर्ग के कितने व कौन-कौन से पद स्वीकृत हैं? इन्हें कब तक भरा जावेगा? (ख) क्या उक्त छात्रावास का निर्माण कार्य क्या पूर्ण हो चुका है? यदि नहीं, तो निर्धारित अवधि के पश्चात् भी क्या-क्या कार्य अपूर्ण पड़े हैं व क्यों? कब तक पूर्ण होंगे? इस हेतु विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? (ग) क्या उक्त कार्यों के अपूर्ण रहने व स्वीकृत पदों को न भरे जाने के कारण छात्रावास प्रारंभ नहीं हो पा रहा है इस कारण अन्य स्थानों से कॉलेज में पढ़ने हेतु आने वाली छात्राओं को छात्रावास सुविधा का लाभ नहीं मिल पा रहा है? (घ) यदि हाँ, तो छात्राओं को उक्त सुविधा का लाभ दिलाने हेतु अपूर्ण कार्यों को समय-सीमा में पूर्ण करवा कर इसे कब तक प्रारंभ कराया जावेगा?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) श्योपुर जिला मुख्यालय पर शासकीय महाविद्यालय में कन्या छात्रावास भवन का निर्माण यू.जी.सी. मद में स्वीकृत है, जिसकी लागत 80.00 लाख रूपये है। निर्माण एजेन्सी लोक निर्माण विभाग है निर्माण कार्य दिनांक 03.10.2013 को तथा विद्युत फिटिंग कार्य फरवरी 2014 में पूर्ण किया गया, छात्रावास में होस्टल मैनेजर 01 पद, भृत्य 01 पद, स्वीपर 01 पद एवं चौकीदार 02 पद स्वीकृत हैं। होस्टल मैनेजर का पद स्थानांतरण से भरे जाने वाला पद है, चतुर्थ श्रेणी के पद आउट सोर्स से भरने हेतु दिनांक 05.02.2017 को विज्ञापन जारी किया गया है। समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है। (ख) जी हाँ। प्रश्नांश 'क' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्नांश लागू नहीं होता। (ग) स्वीकृत पदों को भरने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (घ) प्रश्नांश 'क' एवं 'ख' अनुसार समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
नील गाय की समस्या का निराकरण
[वन]
22. ( क्र. 1285 ) श्री दिलीप सिंह शेखावत : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन संभाग में नील गाय किसानों के लिये बड़ी समस्या बनती जा रही है, यहां आये दिन किसानों की फसलें चोपट कर रही है, शासन स्तर पर इनको पकड़कर वन अभयारण्यों में पहुंचानें की क्या योजना है? (ख) यदि ऐसी कोई योजना नहीं है तो शासन कब तक ऐसी योजना बनाने पर विचार करेगा?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) म.प्र. शासन वन विभाग, मंत्रालय वल्लभ भवन भोपाल द्वारा उनके आदेश क्रमांक/ 1355/1247/2016/10-2, दिनांक 13.06.2016 से जारी निर्देशानुसार वन्यप्राणी (संरक्षण) अधिनियम, 1972 की धारा 12 (bb) के तहत् नीमच, उज्जैन, छतरपुर एवं मंदसौर जिले से 50 रोजड़ो को प्रायोगिक तौर पर बोमा विधि से पकड़कर वन आच्छादित क्षेत्रों में छोड़े जाने की सैद्धांतिक सहमति प्रदान की गई है। प्रश्नांकित तिथि तक बोमा विधि से उज्जैन संभाग के मंदसौर जिला के ग्राम ऐरा से 27 रोजड़ो को पकड़कर गांधीसागर अभयारण्य के वनक्षेत्र में सुरक्षित निर्मुक्त करने की प्रक्रिया संपादित की गई है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) प्रदेश स्तर पर नीलगायों से फसल हानि को रोकने के उद्देश्य से प्रदेश के नीलगायों से फसल हानि हेतु प्रभावित जिलों से 1000 रोजड़ो को पकड़कर अन्यत्र वनक्षेत्र में छोड़े जाने हेतु कार्यवाही प्रचलित है।
नागदा में संचालीत फैक्ट्रियां
[वाणिज्य, उद्योग एवं रोजगार]
23. ( क्र. 1286 ) श्री दिलीप सिंह शेखावत : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि नागदा में संचालित ग्रेसीम, केमिकल डिविजन एवं लेन्सेक्स फैक्ट्रियां क्या केमिकल उद्योग की श्रेणी में आते है?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : जी हाँ। बिरलाग्राम नागदा में स्थापित ग्रेसिम इण्डस्ट्रीज लिमिटेड (केमिकल डिवीजन) एवं लेन्सेक्स इंडिया प्रा.लि. केमिकल उद्योग की श्रेणी में आते हैं।
लघु उद्योग निगम भोपाल को प्राप्त कोयले का आवंटन
[सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम]
24. ( क्र. 1358 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या राज्यमंत्री, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्य प्रदेश लघु उद्योग निगम भोपाल को गत एक वर्ष में किस-किस माह में किस कोयला कंपनी से कितना कोयले का आवंटन प्राप्त हुआ, उसमें से कितना कोयला उठाया गया? (ख) गत एक वर्ष में किस माह में कोयला कंपनी द्वारा आवंटित कितना कोयला लघु उद्योग निगम ने किन कारणों से नहीं उठाया, कोयला नहीं उठाए जाने पर किस कोयला कंपनी ने निगम के विरूद्ध किस दिनांक को क्या-क्या कार्यवाही की है? (ग) कोयला कंपनी ने किस एरिया से कितना कोयला निगम ने किस स्थान के लिये परिवहन करवाया? (घ) निगम ने किस एरिया के लिये किस आधार पर किसे अपना अधिकृत प्रतिनिधि बनाया उसे निगम ने किस दर से कितनी राशि का भुगतान किया? यदि निगम ने भुगतान नहीं किया तो उसे किसने किस दर से कितनी राशि का भुगतान किया?
राज्यमंत्री, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम ( श्री संजय पाठक ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। कोयला नहीं उठाये जाने पर कोयला कंपनियों द्वारा म.प्र. लघु उदयोग निगम के विरूद्ध कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) म.प्र. लघु उदयोग निगम द्वारा कोयला कंपनी के किसी भी एरिया से स्वयं कोयला का परिवहन नहीं कराया गया। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। प्रपत्र में दर्शाये एरिये के लिए लघु उद्योग इकाइयों की अनुंशसा के आधार पर अधिकृत प्रतिनिधि बनाया, उसे म.प्र. लघु उद्योग निगम ने कोई भुगतान नहीं किया। अधिकृत प्रतिनिधि को लघु उद्योग इकाइयों द्वारा भुगतान किया जाता है। जिसकी जानकारी निगम में उपलब्ध नहीं है।
शौचालय निर्माण संबंधी शिकायतें
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
25. ( क्र. 1375 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खरगोन जिले में प्रश्न दिनांक तक कितनी ग्राम पंचायतें ओ.डी.एफ. कब-कब घोषित हुई है, ग्राम पंचायतवार दिनांक सहित ब्लाकवार सूची देवें। ओ.डी.एफ. दिनांक तक ग्राम पंचायत में लक्षित शौचालयों की संख्या, स्वीकृत शौचालयों की संख्या, पूर्ण शौचालयों की संख्या, प्रगतिरत शौचालयों की संख्या एवं अप्रारंभ शौचालयों की संख्या ग्राम पंचायतवार बतायें। (ख) उक्त ओ.डी.एफ. ग्राम पंचायतों में ओ.डी.एफ. दिनांक उपरांत कितने शौचालयों की प्रशासकीय स्वीकृति किसी भी मद/योजना में स्वीकृत की गई? ग्राम पंचायतवार संख्या बतायें। क्या इन ग्राम पंचायतों में सभी संभावित हितग्राहियों के यहां शौचालय निर्माण पूर्ण हो चुका है। (ग) ओ.डी.एफ. घोषित ग्राम पंचायतों में शौचालय निर्माण संबंधी कितनी शिकायतें जिला/जनपद स्तर पर प्राप्त हुई हैं, शिकायतकर्ता के नाम व पते सहित सूची देवें। इन शिकायतों पर की गई कार्यवाही बतायें।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) से (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'ब' अनुसार है। जिला स्तर पर प्राप्त शिकायत की जानकारी शासन संकलित एवं संधारित नहीं करता है। अत: शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते हैं।
विधायक विकास निधि के कार्य
[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]
26. ( क्र. 1437 ) श्री हरवंश राठौर : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र बंडा अंतर्गत विधायक विकास निधि 2016-17 में जारी अनुशंसित निर्माण कार्यों में तकनीकी स्वीकृति कितने प्रकरणों में अप्राप्त है? सूची उपलब्ध कराई जाए। (ख) क्या उक्त कार्यों में तकनीकी स्वीकृति शीघ्र उपलब्ध कराने हेतु समुचित कार्यवाही की गई है? तकनीकी प्रतिवेदन समय-सीमा में प्राप्त न होने की दशा में संबंधित विभाग पर क्या कार्यवाही की गई है। (ग) वर्ष 2016-17 में अनुशंसित कार्यों की सूची एवं अप्रारंभ प्रकरण जिनमें तकनीकी प्रतिवेदन प्राप्त नहीं हुआ है सूची उपलब्ध कराई जाए?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) विधानसभा क्षेत्र बंडा मान. विधायक महोदय द्वारा वर्ष 2016-17 में अनुशंसित कार्यों में से 17 प्रकरणों में तकनीकी स्वीकृति अप्राप्त है। सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जी हाँ। तकनीकी प्रतिवेदन प्राप्त करने हेतु संबंधित विभागों को पत्र प्र्रेषित किये गये। (ग) वर्ष 2016-17 में अनुशंसित कार्यों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' एवं अप्राप्त तकनीकी प्रतिवेदन की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है।
स्वच्छ भारत मिशन अन्तर्गत शौचालय निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
27. ( क्र. 1441 ) श्री हरवंश राठौर : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र बंडा में शतप्रतिशत परिवारों के शौचालयों का निर्माण पूर्ण हो गया है? यदि नहीं, तो कितने ग्राम के कितने परिवारों के शौचालय नहीं बने हैं। (ख) जो ग्राम ओ.डी.एफ. हो चुके हैं क्या वहां के परिवारों ने शौचालय का उपयोग करना शुरू कर दिया है? यदि नहीं, तो इस व्यवस्था को सुधारने के लिए विभाग क्या प्रयास कर रहा हैं? (ग) खुले में शौच के अलावा घरों का कचरा, जानवरों से फैल रही गंदगी, नालियों से हो रही गंदगी से निपटने के लिए यदि पंचायतें अपने अधिकारों का उपयोग नहीं कर रहीं हैं तो उनके विरूद्ध विभाग क्या कार्यवाही करेगा और विगत एक वर्ष में अभी तक कितनी पंचायतों के विरूद्ध कार्यवाही की गई हैं?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। प्रश्नाधीन क्षेत्र के 276 ग्रामों में वर्ष 2012 में सर्वेक्षित शौचालय विहीन आवास गृहों में से 40581 आवास गृह वर्तमान में शौचालय विहीन है। (ख) उक्त उत्तरांश (क) के प्ररिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। स्वच्छता अभियान के लिए जन सहयोग एवं खुले में शौच करने वाले परिवारों को प्रेरित करने के लिए सतत् प्रयास की व्यवस्था है। (ग) ग्रामों में स्वच्छता बनाए रखने के लिए 14वें वित्त आयोग के तहत ग्राम पंचायतों को सफाई व्यवस्था के लिए ग्राम पंचायत की जनसंख्या के आधार पर प्रतिवर्ष रूपये 30000/- से लेकर रूपये 150000/- स्वच्छता के लिए व्यय करने के निर्देश दिए गए है। शासन नीति ग्राम पंचायतों को स्वच्छता में भागीदार बनाने की है, दण्डित करने की नहीं।
उत्खनन कार्य पर प्रतिबंध
[खनिज साधन]
28. ( क्र. 1474 ) श्री प्रताप सिंह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2014-15 में माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेशानुसार समय सीमा रिपोर्ट आने तक सम्पूर्ण मध्यप्रदेश में उत्खनन कार्य प्रतिबंधित थे? (ख) दमोह जिले में दमोह से कटनी मार्ग के निर्माण में लगने वाली सामग्री के उत्खनन हेतु किस-किस खसरा नंबर की किस-किस ग्राम की भूमि की लीज/ स्वीकृति किसके नाम से ली गई है? क्या लीज भूमि का मौके पर सीमांकन खनिज विभाग द्वारा किया गया है अथवा नहीं? (ग) क्या बंसल पथ वेज कम्पनी द्वारा मार्ग निर्माण के लिए ग्राम कुम्हारी एवं जमुनिया में खसरा नं. 70/1 में उत्खनन किये जाने की स्वीकृति प्राप्त की है? यदि हाँ, तो क्या उनके द्वारा पर्यावरण के नियमों का पालन किया गया है या नहीं? कम्पनी द्वारा किये गये उत्खनन कार्य के लिए कितनी राशि राजस्व के रूप में जमा की गई? यदि नहीं, की गई है, तो उसका क्या कारण है?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी नहीं। (ख) प्रश्नाधीन जिले में प्रश्नाधीन मार्ग के निर्माण में लगने वाले गौण खनिज के उत्खनन हेतु पृथक-पृथक ग्रामों में अस्थाई अनुज्ञा प्रदान की गई थी, जिसकी सूची संलग्न परिशिष्ट में दर्शित है। उक्त स्वीकृत अस्थायी अनुज्ञा पत्रों में संयुक्त स्थल निरीक्षण (वन/राजस्व एवं खनिज विभाग) के पश्चात् ही अस्थाई अनुज्ञा पत्र स्वीकृत अनुज्ञा पत्र स्वीकृत किये गये हैं। स्वीकृत अनुज्ञा पत्र की भूमि का मौके पर सीमांकन खनिज विभाग द्वारा नहीं किया गया है। (ग) बंसल पथवेज कंपनी को मार्ग निर्माण के लिये ग्राम कुम्हारी एवं जमुनिया में खसरा नंबर 70/1 में उत्खनन किये जाने की स्वीकृति कलेक्टर कार्यालय, दमोह द्वारा प्रदाय नहीं की गई है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। प्रश्नांश (ख) के साथ संलग्न परिशिष्ट में कंपनी द्वारा जमा राशि की जानकारी दी गई है।
ग्रामीण परिवारों को विस्थापित किया जाना
[वन]
29. ( क्र. 1475 ) श्री प्रताप सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दमोह जिले की जबेरा विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत नौरादेही अभ्यारण्य से कितने ग्राम के कितने परिवारों को अभी तक विस्थापित किया गया है, यदि हाँ, तो स्थान का नाम बतावें? यदि नहीं, तो क्यों? क्या ऐसे विस्थापित परिवारों को आवास तथा भूमि के बदले भूमि मुहैया कराये जाने की योजना है? यदि हाँ, तो बतलावें। (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित परिवारों को विस्थापित किये जाने के दौरान शासन द्वारा कौन सी सुविधाएं प्रदान की जा रही है? (ग) प्रश्नांश (क) में वर्णित विस्थापित परिवारों को मुआवजा राशि किन मापदण्डों के आधार पर नियत कर प्रदान की जा रही है? नियम/नीति की प्रति उपलब्ध करावें।
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) दमोह जिले की जबेरा विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत नौरदेही अभयारण्य से 02 ग्रामों के 100 परिवारों को विस्थापित किया गया है। विस्थापित ग्रामों का नाम कुसमी एवं लगरा है। मध्यप्रदेश शासन वन विभाग द्वारा विस्थापन हेतु जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार ग्राम कुसमी एवं लगरा के ग्रामीण विकल्प-1 का स्वेच्छा से चयन कर अपनी सहमति से 10.00 लाख रूपये नगद प्रति इकाई लेकर स्वयं की व्यवस्था से अपनी सुविधानुसार अन्यत्र पुनर्स्थापित हुये हैं। विकल्प-1 में आवास तथा भूमि के बदले भूमि प्रदाय का प्रावधान नहीं है। अत: इन विस्थापित लोगों को आवास तथा भूमि के बदले भूमि मुहैया नहीं कराया जाना है। (ख) मध्यप्रदेश शासन वन विभाग के पत्र क्रमांक-एफ 3-8/07/10-2/2129, दिनांक 30 अक्टूबर, 2008 से जारी दिशा-निर्देशों के विकल्प-1 के तहत विस्थापित परिवारों को 10.00 लाख रूपये नगद प्रति इकाई के अतिरिक्त अन्य कोई सुविधाएं प्रदान किये जाने का प्रावधान नहीं है। अत: विस्थापितों को अन्य कोई सुविधाएं प्रदान नहीं की गई हैं। (ग) मध्यप्रदेश शासन वन विभाग के पत्र क्रमांक-एफ 3-8/07/10-2/2129, दिनांक 30 अक्टूबर, 2008 से जारी दिशा-निर्देशों में उल्लेखित विकल्प-1 ग्रामीणों द्वारा सहमति देने पर इसके तहत मुआवजा राशि प्रदाय कर विस्थापन की कार्यवाही की गई है। पत्र की छायाप्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
शौचालय निर्माण में अनियमितताओं
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
30. ( क्र. 1505 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर जिले में वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक शौचालय निर्माण में कितनी राशि का व्यय किया गया एवं कितने शौचालय निर्मित हुये? (ख) क्या जबलपुर जिले में निर्मित शौचालयों के उपयोग न होने एवं इनका अन्य प्रकार से उपयोग होने की जानकारी प्राप्त हुई है यदि हाँ, तो शौचालय का उपयोग कराने हेतु क्या कार्यवाही की जा रही है? (ग) क्या ग्राम मलारा, तिलहरी, सिहोरा, सरोरा, खैरी बैरागी में शौचालय निर्माण में गंभीर अनियमितताओं की जानकारी प्राप्त हुई हैं? (घ) यदि हाँ, तो अनियमितता के लिये संबंधित के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, तो कब तक की जायेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) व्यय राशि रूपये 25.46 करोड़ है। निर्मित शौचालय संख्या 21219 है। (ख) वर्षों से प्रचलित खुले में शौच की प्रथा की आदत में परिवर्तन लाना ही स्वच्छता अभियान का मूल उद्देश्य है। अभियान के तहत खुले में शौच करने वाले व्यक्तियों को रोकने और समझाईश देने के सतत् प्रयास किए गए है। (ग) एवं (घ) ग्राम मलारा में ग्राम पंचायत के सरपंच एवं सचिव द्वारा 10 हितग्राहियों के शौचालय निर्माण की प्रोत्साहन राशि के दुरूपयोग के प्रकरण में वसूली की कार्रवाई संस्थित की गई है। शेष ग्रामों में अनियमितता की जानकारी शासन के संज्ञान में नहीं है।
विधानसभा क्षेत्र गोटेगांव अंतर्गत सड़कों का निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
31. ( क्र. 1557 ) डॉ. कैलाश जाटव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2016 में विधानसभा क्षेत्र गोटेगांव अंतर्गत मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजनान्तर्गत कितनी-कितनी राशि की कौन-कौन सी सड़कें स्वीकृत की गई है? सूची उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में जो सड़कें स्वीकृत की गई हैं उनका निर्माण कब तक पूर्ण हो जावेगा? (ग) प्रश्नकर्ता द्वारा दिनांक 06-07-2016 को अपने पत्र क्र. 196 द्वारा 17 मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़कों के निर्माण के प्रस्ताव आपकी ओर प्रस्तुत किये गये थे, उक्त सड़कों के निर्माण हेतु कार्यवाही की गई अथवा नहीं? (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में यदि हाँ, तो सड़कों का निर्माण कब तक हो जावेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) सड़कें वर्ष 2017-18 में पूर्ण करने का लक्ष्य है। (ग) एवं (घ) जी हाँ। मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के उपलब्ध वित्तीय संसाधन पूर्व स्वीकृत सड़कों के लिए आबद्ध होने से वित्तीय संसाधनों की सुनिश्चितता होने तक स्वीकृति तथा निर्माण के लिए समय-सीमा नियत करना संभव नहीं है।
महाविद्यालय भवन निर्माण
[उच्च शिक्षा]
32. ( क्र. 1558 ) डॉ. कैलाश जाटव : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र गोटेगांव अंतर्गत नगर पंचायत गोटेगांव में स्थित ठाकुर निरंजन सिंह महाविद्यालय गोटेगांव को आरक्षित 19 एकड़ भूमि रिक्त पड़ी है? (ख) यदि हाँ, तो क्या शासन द्वारा वहां पर महाविद्यालय का भवन निर्माण किये जाने की कोई मंशा है? (ग) यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्या महाविद्यालय उसी भवन में संचालित होता रहेगा जहां वर्तमान में संचालित किया जा रहा है? जबकि वहां न तो पर्याप्त स्थान है न ही खेल ग्राउंड।
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी हाँ, 18 एकड़ भूमि रिक्त है। (ख) वर्तमान में सीमित वित्तीय संसाधनों को दृष्टिगत कर नवीन भवन निर्माण में कठिनाई है। (ग) भवन निर्माण हेतु समय-सीमा बतायी जाना सम्भव नहीं। महाविद्यालय वर्तमान में पुराने भवन में ही संचालित है, बालक हायर सेकेण्डरी स्कूल के खेल मैदान का उपयोग महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं द्वारा किया जाता है।
दायीं तट नहर से पेयजल एवं सिंचाई योजना
[नगरीय विकास एवं आवास]
33. ( क्र. 1596 ) श्री मोती कश्यप : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या विभाग द्वारा मा. मुख्यमंत्री की माह अगस्त, सितम्बर, अक्टूबर 2016 की बड़वारा विधान सभा क्षेत्र की जनदर्शन यात्रा में की गई घोषणाओं के अनुसार कटनीनगर को पेयजल उपलब्ध कराने की कोई योजना बनायी गई है। (ख) क्या विकासखण्ड ढीमरखेड़ा के ग्राम भनपुरा स्थित दायीं तट नहर से कटनी नदी को जोड़ते हुये कटनी शहर तक पानी पहुंचाने और तटवर्ती ग्रामों के खेतों में सिंचाई की कोई योजना बनायी गई है। (ग) क्या प्रश्नांश (ख) स्थान से अमेहटा, ठरका, सिमरार आदि जलाशयों को जोड़ने और उनकी नहरों द्वारा प्रभावी ढंग से सिंचाई करने की कोई योजना बनायी गई है।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी नहीं। माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा उल्लेखित जनदर्शन यात्रा में ऐसी कोई घोषणा नहीं की है। (ख) एवं (ग) जी नहीं।
नीमच जिले के अस्पतालों के विकास हेतु प्रस्तावों पर कार्यवाही
[खनिज साधन]
34. ( क्र. 1688 ) श्री कैलाश चावला : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्य प्रदेश शासन द्वारा विभिन्न जिलों को खनिज रायल्टी की राशि आवंटित किया गया है, जिसमें नीमच जिले को 9 करोड़ रुपये का आवंटन प्राप्त हुआ है? (ख) उक्त राशि से नीमच जिले के विभिन्न अस्पतालों के विकास करने हेतु कितने प्रस्ताव रोगी कल्याण समितियों या जनप्रतिनिधियों द्वारा मुख्य जिला चिकित्साधिकारी नीमच को दिए गए हैं। (ग) उक्त प्रस्ताव पर अभी तक क्या कार्यवाही की गई है। इन प्रस्तावों पर कब तक स्वीकृति दे दी जावेगी।
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) मध्यप्रदेश शासन द्वारा विभिन्न जिलों को खनिज रॉयल्टी की राशि आवंटित नहीं की गई है। अत: प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश (क) के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सुमावली (मुरैना) विधानसभा को खुले में शौच से मुक्त करना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
35. ( क्र. 1772 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सुमावली विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2015, 2016 में शौचालय निर्माण कराने, गरीबी रेखा वाले व अन्य परिवारों को कितनी राशि प्रदान की गई वर्ष, पंचायतवार संख्या सहित पूर्ण जानकारी दी जावे? (ख) क्या बी.पी.एल. परिवार स्वयं की राशि से शौचालय निर्माण कराने में असमर्थ होने के कारण शौचालय निर्माण नहीं करा पा रहे हैं, शासन ऐसे परिवारों को एडवान्स देने या विभाग द्वारा निर्माण कराने की योजना बना रहा है। (ग) क्या ''स्वच्छ भारत मिशन'' तथा खुले में शौच जाने से ग्रामीण क्षेत्रों में कमी नहीं आ पाने का आर्थिक तंगी भी एक कारण है? शासन को इस योजना को पूर्णत: लागू कराने में विशेष अभियान चलाने की कोई योजना है? यदि हाँ, तो कब तक?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) भारत शासन की योजना के तहत शौचालय निर्माण के लिए निर्माण के उपरांत प्रोत्साहन राशि रूपये 12000/- दी जाने की व्यवस्था है। अग्रिम नहीं दिया जा सकता है। निर्माण की प्रगति पर प्रोत्साहन राशि दो किश्तों में देने की व्यवस्था की गई है। (ग) खुले में शौच की आदत में परिवर्तन के लिए ही स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) चलाया गया है। संकल्प की दशा में आर्थिक तंगी बाधक नहीं होती है।
खरगोन कार्यालय अंतर्गत पंजीकृत वाहनों की सूची
[खनिज साधन]
36. ( क्र. 1819 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत 5 वर्ष में खरगोन जिले में खनिज विभागीय अधिकारी/कर्मचारियों द्वारा कब-कब कितने प्रकरण/चालान बनाये गये। प्रकरणवार दिनांक, पकड़े गये वाहन का नंबर, वाहन चालक का नाम व लायसेंस नंबर सहित सूची देवें। पकड़े गये वाहन तथा वाहन चालक पर की गई कार्यवाही की प्रकरणवार जानकारी देवें। (ख) उक्त प्रकरणों में कितने वाहन राजसात किये गये, कितने वाहन किन कारणों से राजसात नहीं किये गये। प्रकरणवार बतायें। कितने वाहन चालकों के लायसेंस निरस्त करने हेतु आर.टी.ओ. कार्यालय पत्र भेजा गया? प्रकरणवार सूची देवें। यदि लायसेंस निरस्ती हेतु कोई कार्यवाही नहीं की गई है तो कारण बतायें। (ग) उक्त अवधि में खनिज विभाग व परिवहन विभाग के खरगोन जिला कार्यालयों के मध्य हुए पत्राचार की प्रति देवें।
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रश्नाधीन जिले में प्रश्नाधीन अवधि में खनिजों के अवैध परिवहन में पकड़े गये वाहनों के नंबर, दिनांक, वाहन चालकों के नाम एवं की गई कार्यवाही की प्रश्नानुसार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट पर है। वाहन चालकों के लायसेंस नंबर की जानकारी संधारित नहीं की जाती। अत: इसकी जानकारी दिये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 के अनुसार आरोपित अर्थदण्ड की राशि जमा होने के कारण वाहन राजसात किये जाने की कार्यवाही किये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। लायसेंस निरस्त करने के संबंध में कलेक्टर कार्यालय खरगौन द्वारा आर.टी.ओ. कार्यालय को कोई पत्र नहीं भेजा गया है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नाधीन अवधि में लायसेंस निरस्त करने संबंधी कोई पत्र नहीं लिखने के कारण पत्राचार की प्रति उपलब्ध कराये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विधायक विकास निधि के निर्माण कार्य
[योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी]
37. ( क्र. 1866 ) श्री मोती कश्यप : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता ने विधायक विकास निधि मद से विधान सभा क्षेत्र बड़वारा के किन विकासखण्ड के किन ग्रामों में वर्ष 2014 से 2016-17 की अवधि में किन निर्माण कार्यों हेतु विभागीय जिला अधिकारी को प्रस्ताव दिये हैं और उन पर तिथियों में स्वीकृति प्रदान की गई है? (ख) क्या प्रश्नांश (क) कार्यों की राशि निर्माण एजेन्सियों के खातों में स्थानांतरित कर दी गई है यदि हाँ, तो कब? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के कार्यों को किन निर्माण एजेन्सियों ने किन निर्माण कार्यों को कब पूर्ण कर लिये हैं और कौन से कार्य कितने प्रतिशत पूर्ण हो चुके हैं तथा कौन से अपूर्ण हैं? (घ) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) में से किन निर्माण कार्यों में राशि का दुरूपयोग किया गया है और किसके द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? (ड.) प्रश्नांश (ग) के अपूर्ण निर्माण कार्य कब तक पूर्ण करा लिये जावेंगे?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) विधानसभा क्षेत्र बड़वारा में वर्ष 2014 से 2016-17 तक विकासखण्ड अनुसार प्रस्तावित निर्माण कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के कॉलम-2 एवं कार्यों की स्वीकृति दिनांक कॉलम-4 पर दर्शित है। (ख) निर्माण एजेन्सियों को राशि हस्तांतरित करने की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के कॉलम-5 में दर्शित है। (ग) कार्यों को पूर्ण करने की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के कॉलम-6 एवं कार्य कितने प्रतिशत हो चुके की जानकारी कॉलम-7 में उल्लेखित है। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ड.) समयावधि बताना संभव नहीं है।
समग्र स्वच्छता अभियान, स्वच्छ भारत अभियान मिशन के अंतर्गत स्वीकृत कार्य
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
38. ( क्र. 1918 ) श्री प्रहलाद भारती : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पोहरी विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत समग्र स्वच्छता अभियान, स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत किस-किस ग्राम में कितने हितग्राहियों को शौचालय स्वीकृत किये गये है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार स्वीकृत किये गये शौचालयों में से कितने हितग्राहियों द्वारा शौचालय का निर्माण करा लिया गया है व शेष शौचालयों की अद्यतन स्थिति क्या है? जानकारी उपलब्ध करावें।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
इंदिरा आवास मुख्यमंत्री आवास व प्रधानमंत्री आवास अंतर्गत अपूर्ण कार्य
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
39. ( क्र. 1919 ) श्री प्रहलाद भारती : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पोहरी विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत जनवरी 2009 से प्रश्न दिनांक तक इंदिरा आवास योजना, मुख्यमंत्री आवास योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना के अन्तर्गत कितने हितग्राही को आवास स्वीकृत किए गये हैं? स्वीकृत आवासों में से कितने आवास पूर्ण हो चुके हैं व कितने आवास किस-किस कारणों से अपूर्ण हैं? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार अपूर्ण आवासों को कब तक पूर्ण कर लिया जावेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) स्वीकृत 9311आवासों में से 5462 पूर्ण हुए है। प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के अन्तर्गत चयनित हितग्राहियों को प्रथम किश्त हाल ही में जारी की गई है। अन्य योजनाओं में हितग्राही द्वारा निर्माण कार्य में शिथिलता के कारण आवास पूर्ण करने में समय लग रहा है। (ख) अधिकांश आवास वर्ष 2017-18 में पूर्ण होना संभावित है।
नगर पंचायत अकोड़ा में गुणवत्ताहीन कार्य
[नगरीय विकास एवं आवास]
40. ( क्र. 1940 ) श्री नरेन्द्र सिंह कुशवाह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जिला भिण्ड के नगर पंचायत अकोड़ा में वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन से निर्माण कार्य किस मद से स्वीकृत किए गए हैं? (ख) प्रश्नांश (क) अंतर्गत प्रश्न दिनांक तक निर्माण अप्रारंभ/अपूर्ण/पूर्ण कार्यों की स्थिति क्या है? अभी तक कितने कार्य अपूर्ण हैं उनको कब तक पूर्ण कर लिया जायेगा? क्या गंभीर अनियमितता हुई? यदि हाँ, तो उसके लिए कौन उत्तरदायी है? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) अंतर्गत उच्च स्तरीय जाँच करवाई जायेगी। यदि हाँ, तो कब तक किस अधिकारियों से जाँच करवाई जायेगी? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) में गुणवत्ताहीन कार्य के लिए कौन उत्तरदायी है? किस प्रयोगशाला में परीक्षण निरीक्षण किया गया? किस स्तर के अधिकारी द्वारा कब कार्य का अवलोकन किया गया? निरीक्षण प्रतिवेदन की छायाप्रति सहित जानकारी दें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। 08 कार्य अपूर्ण है, जिनको 31.12.2017 तक नगर परिषद, अकोड़ा द्वारा पूर्ण कराए जाने का लक्ष्य है। जी नहीं, शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्नांकित अवधि में कराए गए कार्यों में गंभीर अनियमितता प्रतिवेदित नहीं है। अत: उच्च स्तरीय जाँच का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रश्नांकित अवधि में कराए गए कार्यों में से वार्ड क्रमांक 14 में रामसिया के मकान से लोटन मास्टर के मकान तक सी.सी. रोड निर्माण कार्य की शिकायत हुई थी, जिसकी जाँच सहायक यंत्री, लोक निर्माण विभाग के सबडिविजन नम्बर 1 भिण्ड द्वारा की गई, जिसमें कार्य को गुणवत्तापूर्ण पाया गया है। कार्य के गुणवत्ता का परीक्षण जोनल रिसर्च लेबोरिटी एम.पी.पी.डब्ल्यू.डी., नार्थ जोन, ठाठीपुरा, ग्वालियर से कराया गया है। सहायक यंत्री, दिनांक 19.03.2016 निरीक्षण प्रतिवेदन पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है।
नगर पंचायत अकोड़ा में नियम प्रतिकूल कार्यवाही
[नगरीय विकास एवं आवास]
41. ( क्र. 1941 ) श्री नरेन्द्र सिंह कुशवाह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नगर पंचायत अकोड़ा जिला भिण्ड में विगत पाँच वर्षों में स्ट्रीट लाईट किस एजेंसी से क्रय की गई? क्रय करने के लिए शासन से क्या मापदण्ड निर्धारित किए गए हैं? (ख) नगर पंचायत अकोड़ा में स्वच्छता अभियान के तहत शौचालय का निर्माण, गड्ढे का निर्माण न करके फर्मा डालकर गंभीर अनियमितता की गई। शौचालयों का निरीक्षण किस यंत्री द्वारा किया गया? (ग) नगर पंचायत अकोड़ा में हैण्डपंप सामग्री क्रय करने के लिए बाजार दर से अधिक दर पर सामग्री क्यों क्रय की जा रही है? दर निर्धारित करने के लिए क्या मापदण्ड निर्धारित हैं? (घ) नगर पंचायत अकोड़ा में फायर ब्रिगेड पर बिना योग्यता के कौन कर्मचारी पदस्थ हैं? किन कर्मचारियों के पास नियमानुसार डिप्लोमा है? डिप्लोमाधारी का नाम सहित जानकारी दें। क्या हादसे पर नियंत्रण कर सकता है? यदि नहीं, तो क्यों सेवा में रखा गया है? जानकारी दें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। सामग्री क्रय करने के लिए नियम की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ख) व्यक्तिगत शौचालय का निर्माण कार्य सोकपिट गड्डे का निर्माण कर किया गया है, अनियमितता नहीं की गई है। नगर परिषद में पदस्थ उपयंत्री एवं संयुक्त संचालक, नगरीय प्रशासन एवं विकास, ग्वालियर संभाग में पदस्थ सहायक यंत्री द्वारा किया गया है। (ग) हैण्डपंप सामग्री विधिवत ई-निविदा से प्राप्त दरों में से न्यूनतम दर, बाजार दर एवं प्रचलित दर से तुलना कर निविदा समिति के अनुशंसा उपरांत सामग्री क्रय की गई है। क्रय की गई सामग्री बाजार दर से अधिक नहीं है। दर निर्धारित करने के लिए नियम की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (घ) नगर परिषद, अकोड़ा में फायर बिग्रेड पर बिना योग्यता के कोई कर्मचारी पदस्थ नहीं है। फायर वाहन चालक के पास विधिवत वाहन चालक का लायसेंस है। श्री ब्रजनंदन शर्मा एवं श्री अभिलाख सिंह यादव। जी हाँ। उत्तरांश के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
हटा नगर में नवीन बस स्टैण्ड स्थापित करना
[नगरीय विकास एवं आवास]
42. ( क्र. 1977 ) श्रीमती उमादेवी लालचंद खटीक : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जिला दमोह के हटा नगर में नवीन बस स्टैण्ड स्थापित करने की कार्यवाही विभाग में कहाँ लंबित है एवं नवीन बस स्टैण्ड बनाने हेतु क्या भूमि का भी आवंटन हुआ था? (ख) हटा नगर में नवीन बस स्टैण्ड में विलंब क्यों हो रहा है? कब तक स्थापित हो जावेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जिला दमोह के हटा नगर में नवीन बस स्टैण्ड स्थापित करने का प्रकरण किसी भी विभाग में लंबित नहीं है। जी नहीं। (ख) शेषांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
कंसल्टेंट द्वारा बनाई गई योजनाएं
[नगरीय विकास एवं आवास]
43. ( क्र. 2038 ) चौधरी चन्द्रभान सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या जबलपुर संभाग के नगरीय निकायों में कंसल्टेन्ट से योजनाएं बनवाई गई हैं? यदि हाँ, तो योजनवार राशि सहित दिनांक 01 जनवरी 2014 से प्रश्न दिनांक तक बनाई गई योजनाओं की जानकारी देवें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार संचालनालय एवं शासन स्तर से कितनी योजनाओं की स्वीकृति की गई है? योजनाओं के नाम, कंसल्टेन्ट के नाम, कितनी योजनाएं पूर्ण होकर सफलतापूर्वक संचालित है, अधूरी योजना, असफल योजना की जानकारी देवें एवं पेजयल की योजनाओं में स्त्रोत का निर्धारण तथा योजना के अन्य घटकों का निर्धारण कितने वर्षों के लिये किया जाता है? नियम सहित स्पष्ट जानकारी देवें?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। CPHEO manual के मापदण्ड अनुसार किया जाता है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। नियम की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है।
नगरीय निकायों में सी.एम.ओ. के रिक्त पदों की पूर्ति
[नगरीय विकास एवं आवास]
44. ( क्र. 2112 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) उज्जैन संभाग में कितनी निकायों में सी.एम.ओ. पदस्थ नहीं हैं? उक्त निकाय प्रभारियों के भरोसे कितने-कितने समय से चल रही हैं? (ख) सरकार कब तक इन निकायों में सी.एम.ओ. पदस्थ कर देंगी? (ग) प्रश्नांकित में नगरीय निकायों में कितने आरक्षित पद कितने-कितने समय से रिक्त हैं?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) वर्ष 2012 एवं वर्ष 2013 के राज्य लोक सेवा आयोग से चयनित मुख्य नगर पालिका अधिकारी की पदस्थापना नगरीय निकायों में रिक्त पदों पर की गई है। मुख्य नगर पालिका अधिकारी की उपलब्धता अनुसार रिक्त पदों पर पदस्थापना की जा सकेगी। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है।
प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
45. ( क्र. 2135 ) श्री शान्तिलाल बिलवाल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना अंतर्गत झाबुआ विधान सभा क्षेत्र में वर्ष 2013 से दिसम्बर 2016 तक कितनी प्रधानमंत्री सड़क योजना स्वीकृत होकर कार्य प्रारंभ है? उक्त कार्य किस-किस ठेकेदार द्वारा किये जा रहे हैं? (ख) उक्त प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना में निर्मित सड़क के मरम्मत हेतु वर्ष 2013 से दिसम्बर 2016 तक कितनी राशि का आवंटन शासन द्वारा झाबुआ जिले को दिया गया? उक्त आवंटन से कितनी सड़कों का मरम्मत कार्य किया गया? (ग) क्या प्रति वर्ष प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना अन्तर्गत सड़कों की मरम्मत हेतु राशि का आवंटन दिया जाकर कार्य करवाया जाता है? अगर हाँ, तो ग्रामीण क्षेत्र की सड़कों की स्थिति ऐसी क्यों है? (घ) क्या शासन द्वारा जो राशि दी जाती है, उस राशि का ठेकेदार एवं विभागीय अधिकारियों द्वारा मरम्मत के नाम पर दुरूपयोग किया जाता है? अगर नहीं तो झाबुआ जिले में मरम्मत की गई सड़कों की स्थिति वर्तमान तक ऐसी क्यों है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ, संधारण एक सतत् प्रक्रिया है जिसके अंतर्गत आवश्यकतानुसार समय-समय पर संधारण कार्य कराया जाकर सड़कों को संधारित रखा जाता है। (घ) जी नहीं, संधारण कार्यों को स्टेट क्वालिटी मॉनीटर/ विभागीय अधिकारियों द्वारा समय-समय पर निरीक्षण किया जाता है। झाबुआ जिले में सड़कों के संधारण की स्थिति संतोषजनक है।
झाबुआ जिला अंतर्गत एन.जी.ओ. के माध्यम से योजनाओं का क्रियान्वयन
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
46. ( क्र. 2141 ) श्री शान्तिलाल बिलवाल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला पंचायत झाबुआ अंतर्गत शासन की योजनाओं का क्रियान्वयन क्या एन.जी.ओ. के माध्यम से किया जा रहा है? यदि हाँ, तो वर्ष 2013 से लेकर प्रश्न दिनांक तक जानकारी से अवगत करावें। (ख) झाबुआ जिले में कितने एन.जी.ओ. के माध्यम से कौन-कौन से कार्य किन-किन विकासखण्डों में किन-किन योजनाओं हेतु किये जा रहे हैं? (ग) उपरोक्त कार्यों हेतु किन-किन योजनाओं के क्रियान्वयन के लिये शासन/विभाग द्वारा केन्द्र/राज्य प्रवर्तित योजनाओं का कितना-कितना बजट प्राप्त होकर कितने कार्य पूर्ण हुए? कितने अपूर्ण रहे? (घ) विकासखण्डवार योजना अनुसार कार्य एन.जी.ओ. का नाम, प्राप्त बजट एवं किये गये व्यय की स्थिति से अवगत करावें।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) से (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
बेरोजगारों को रोजगार का प्रदाय
[वाणिज्य, उद्योग एवं रोजगार]
47. ( क्र. 2144 ) श्री शान्तिलाल बिलवाल : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) झाबुआ जिले में रोजगार कार्यालय में प्रश्न दिनांक तक कितने शिक्षित एवं अशिक्षित बेरोजगार पंजीकृत हैं? पृथक-पृथक महिला पुरूष की संख्या बतावें? (ख) वित्तीय वर्ष 2013-14, 2014-15 एवं 2015-16 में कितने बेरोजगारों को सार्वजनिक, सहकारी एवं निजी क्षेत्रों में रोजगार दिया गया? पुरूष एवं महिला उम्मीदवारों की संख्या वर्षवार, पृथक-पृथक बतावें? (ग) वर्तमान में बेरोजगारों को स्वयं का रोजगार स्थापित करने के लिये शासन की कौन-कौन सी योजनाएं संचालित हैं?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) झाबुआ जिले के रोजगार कार्यालय में प्रश्न दिनांक तक 20260 शिक्षित एवं 3342 अशिक्षित बेरोजगार पंजीकृत हैं। पृथक-पृथक महिला पुरूष की संख्या निम्नानुसार हैं :-
शिक्षित |
अशिक्षित |
||
महिला |
पुरूष |
महिला |
पुरूष |
5598 |
14662 |
544 |
2798 |
(ख) वित्तीय वर्ष 2013-14,2014-15 एवं 2015-16 में शासकीय, सहकारी एवं निजी क्षेत्र में रोजगार उपलब्ध कराये जाने की जानकारी पुरूष व महिला की संख्या संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) वर्तमान में बेरोजगारों को स्वयं का रोजगार स्थापित करने के लिए शासन की निम्न योजनाएं संचालित की जाती हैं- 1. मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना (मध्यप्रदेश शासन) 2. मुख्यमंत्री स्व-रोजगार योजना (मध्यप्रदेश शासन) 3. मुख्यमंत्री आर्थिक कल्याण योजना (मध्यप्रदेश शासन) 4. प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (भारत शासन)।
खनिज खदानों के अवैध उत्खनन
[खनिज साधन]
48. ( क्र. 2145 ) श्री शान्तिलाल बिलवाल : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) झाबुआ जिले में विगत 03 वर्षों में कितनी खदानों की नीलामी की गई, कितना राजस्व प्राप्त किया गया एवं कितनी खदानों का सीमांकन किया गया? खदानों के नाम तथा किन व्यक्तियों द्वारा खदान ली गई, उनके नाम सहित सूची उपलब्ध करावें। (ख) क्या नीलाम की गई खदानों में से उत्खनन का कार्य नीलामी के निर्धारित रकबे व सर्वे नम्बर से अधिक दूसरे सर्वे नम्बर एवं रकबे में अवैध उत्खनन जिला खनिज अधिकारियों की सांठ-गांठ से किया जा रहा है? शासन इस पर क्या कार्यवाही करेगा? (ग) क्या नीलाम की गई खदानों को आवास एवं पर्यावरण विभाग से बगैर एन.ओ.सी. के ही भारी मात्रा में अवैध उत्खनन किया जा रहा है? बगैर एन.ओ.सी. प्राप्त किये खदानों के उत्खनन के लिये कौन-कौन से अधिकारी/कर्मचारी दोषी है? शासन इन पर क्या कार्यवाही करेगा?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रश्नाधीन जिले में प्रश्नाधीन अवधि में तीन खदानें नीलाम की गई हैं। जिसमें कुल राजस्व रूपये 15,05,121/- प्राप्त हुआ। इन तीन नीलाम खदानों में से एक खदान का सीमांकन कर कब्जा दिया गया है। शेष दो खदान का कब्जा प्रदान नहीं किया गया है। प्रश्नानुसार शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट में दर्शित है। संलग्न परिशिष्ट में दर्शाये अनुसार दो खदानें संचालित नहीं है। (ख) जी नहीं। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
बड़े झाड़ छोटे झाड़ के जंगल मद की जमीन
[वन]
49. ( क्र. 2174 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़े, छोटे झाड़ के जंगल मद की जमीनों के संबंध में अदालत ने सिविल याचिका क्रमांक 202/95 में 12 दिसम्बर 1996, आई.ए. क्रमांक 791-792 में दिनांक 1 अगस्त 2003 एवं ग्वालियर पीठ की याचिका क्रमांक 1413/2002 में दिनांक 8 सितंबर 2006 के आदेशों में वन विभाग को क्या-क्या अधिकार एवं क्या-क्या छूट प्रदान की गई हैं। (ख) बड़े झाड़ के जंगल छोटे झाड़ के जंगल मद की जमीनों के संबंध में दिनांक 12 दिसंबर, 1996 दिनांक 01 अगस्त, 2003, दिनांक 08 सितंबर, 2006 को क्या आदेश दिये हैं, मुख्य सचिव ने दि. 24 दिसम्बर, 2014 एवं प्रमुख सचिव वन ने दिनांक 13 फरवरी, 2015 को क्या आदेश दिए हैं? (ग) बैतूल एवं जबलपुर वनवृत्त के अंतर्गत कितनी बड़े झाड़, छोटे झाड़ के जंगल मद की जमीनों को किस दिनांक के आदेश, अनुमति या सहमति के आधार पर नारंगी भूमि सर्वे एवं नारंगी वनखण्डों में शामिल किया गया है? (घ) नारंगी भूमि सर्वे एवं नारंगी वनखण्ड में शामिल की गई बड़े झाड़, छोटे झाड़ के जंगल मद की जमीनों के संबंध में वन मुख्यालय सतपुड़ा भवन भोपाल में किस दिनांक को किस विषय पर पत्र जारी किया, प्रति सहित बतावें?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) माननीय उच्चतम न्यायालय की याचिका क्रमांक-202/95 में आदेश दिनांक 12.12.1996, में वन संरक्षण अधिनियम, 1980 हेतु वन को परिभाषित किया गया है। माननीय उच्चतम न्यायालय की आई.ए. क्रमांक 791-792 में दिनांक 01.08.2003 को छोटे झाड़, बड़े झाड़ के जंगल को वन की श्रेणी में माना गया है। माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर की डब्लू.पी. क्रमांक 1413/2002 में दिनांक 08.09.2006 में माननीय उच्चतम न्यायालय के टी.एन. गोदावर्मन के प्रकरण में प्रस्तुत शपथ पत्र में उल्लेखित वन के बाहर भूमियों पर गैर वानिकी गतिविधियाँ की जा सकती है। सर्वोच्च न्यायालय द्वारा सिविल याचिका क्रमांक 202/95 में पारित आदेश दिनांक 12.12.1996, आई.ए. क्रमांक 791-792 में पारित आदेश दिनांक 01 अगस्त 2003 एवं ग्वालियर खण्डपीठ की याचिका क्रमांक 1413/2002 में पारित आदेश दिनांक 08 सितम्बर 2006 के आदेश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र–एक अनुसार है। (ख) प्रश्नांश में दर्शित माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेश एवं माननीय उच्च न्यायालय के आदेश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। प्रश्नांश में दर्शित मुख्य सचिव का पत्र दिनांक 24.12.2014 एवं प्रमुख सचिव (वन) के पत्र दिनांक 13.02.2015 की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (ग) म.प्र. शासन वन विभाग के आदेश क्रमांक एफ 5/43/90/10-3 दिनांक 14 मई 1996 के निर्देशों के परिप्रेक्ष्य में जबलपुर वृत्त में 16213.78 हेक्टेयर बड़े झाड़ एवं 3579.01 हेक्टेयर छोटे झाड़ जंगल मद की भूमि को वनखण्डों में शामिल किया गया है तथा बैतूल वन वृत्त में 2421.858 हेक्टेयर बड़े झाड़ एवं 373.831 हेक्टेयर छोटे झाड़ जंगल मद की भूमि को वनखण्डों में शामिल किया गया। (घ) राज्य असीमांकित संरक्षित वनक्षेत्र (औरेंज एरिया) के सर्वेक्षण सीमांकन हेतु वन मुख्यालय सतपुड़ा भवन के पत्र क्रमांक/96/10/व्यय/572/ 2340 दिनांक 09.07.1996 से जारी निर्देश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन अनुसार है।
वनग्रामों की स्थापना
[वन]
50. ( क्र. 2175 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राज्य के 925 वनग्रामों में से वन विभाग ने किस वनग्राम की किस दिनांक को स्थापना की? किस वनग्राम की स्थापना का आदेश एवं अधिसूचना वन विभाग के पास किन कारणों से उपलब्ध नहीं है? (ख) किस वनग्राम का 1980 में बंदोबस्त कर पटवारी मानचित्र, खसरा पंजी, निस्तार पत्रक वन विभाग के किन कारणों से तैयार नहीं करवाया? ऐसे ग्रामों में से किस ग्राम का पटवारी मानचित्र एवं खसरा पंजी राजस्व विभाग के पास उपलब्ध है? (ग) राज्य के 925 वनग्रामों में से किस वनग्राम की कितनी भूमि किस अधिसूचना के तहत आरक्षित वन या संरक्षित वन अधिसूचित की गई? किस वनग्राम की भूमि आरक्षित या संरक्षित वन अधिसूचित करने की जानकारी वन विभाग के पास उपलबध नहीं है? (घ) किस वनग्राम के वन विभाग के पास उपलब्ध पटवारी मानचित्र, खसरा पंजी एवं निस्तार पत्रक किस दिनांक को आदिम जाति कल्याण विभाग एवं राजस्व विभाग को सौंपे गये? यदि नहीं, सौंपे हों तो उसका कारण बतावें?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। रियासतों एवं जागीरों के संविलयन के समय पूर्व से ही अधिसूचना/आदेश उपलब्ध नहीं थे। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन के कॉलम-06 पर दर्शित है। वनग्रामों का प्रबंधन वन विभाग द्वारा किये जाने के फलस्वरूप अभिलेख विभाग के पास ही उपलब्ध रहे। वन अधिकार अधिनियम के क्रियान्वयन हेतु आवश्यक होने एवं चाहे जाने पर अभिलेख आदिम जाति कल्याण विभाग/राजस्व विभाग को सौंपे गये।
ग्राम पंचायत सचिवों का निलंबन/बहाली
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
51. ( क्र. 2187 ) श्री गोवर्धन उपाध्याय : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला पंचायत विदिशा में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत विदिशा के द्वारा जनपद पंचायत सिरोंज एवं लटेरी क्षेत्र में जनवरी 2015 से दिसम्बर 2016 तक कितने ग्राम पंचायत सचिव किन-किन कारणों से निलंबित किये गये/हटाये गये? नामवार, पंचायतवार, निलंबन या हटाये जाने के कारणवार जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार निलंबित किये गये सचिवों को कब-कब बहाल किया जाकर कौन-कौन सी पंचायत में पदस्थ किया गया? दिनांकवार, पंचायतवार जानकारी उपलब्ध करावें? (ग) विधान सभा क्षेत्र सिरोंज अंतर्गत ऐसे कितने पंचायत सचिव थे, जिनको निलंबित या हटाने के पश्चात् उन्हें उसी पंचायत में पदस्थ किया गया? जहां से उन्हें निलंबित या हटाया गया था? उसी पंचायत में बहाल किये जाने के क्या कारण थे? क्या पदांकन शासन की नीति अनुसार किये गये हैं? जहां से निलंबित/हटाये गये थे वहीं बहाल होने वाले पंचायत सचिवों की जानकारी उपलब्ध करावें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) विधानसभा क्षेत्र सिरोंज की ग्राम पंचायत झूकरहोज के सचिव को निलंबन से बहाली पश्चात् यथावत ग्राम पंचायत झूकरहोज में तथा जनपद लटेरी की ग्राम पंचायत झूकर जोगी के ग्राम पंचायत सचिव को बहाली पश्चात् पूर्ववत ग्राम पंचायत में पदस्थ किया गया हैं। उक्त सचिवों को यथा स्थान पदस्थ करने के कारण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
शौचालय निर्माण योजना में लापरवाही
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
52. ( क्र. 2270 ) श्री मानवेन्द्र सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले में स्वच्छता अभियान के अंतर्गत ग्रामीण विकास विभाग द्वारा वर्ष 2014-15, 2015-16 एवं 2016-17 से प्रश्न दिनांक तक कितने शौचालयों का निर्माण जनपदवार कराया गया? संख्यात्मक जानकारी दें। क्या उनके हितग्राहियों को अनुदान का भुगतान कर दिया गया है? (ख) छतरपुर जिले में स्वच्छता अभियान अंतर्गत कितने शौचालय अपूर्ण हैं? इन्हें कब तक पूर्ण करा लिया जायेगा? (ग) क्या ग्रामीण विकास के अधिकारियों द्वारा इसमें रूचि नहीं लेने से इस योजना की गति अपेक्षाकृत धीमी है? इसके लिए कौन-कौन जिम्मेदार हैं? (घ) क्या योजनांतर्गत बने कई शौचालयों पर हितग्राहियों को अनुदान की राशि का समय पर भुगतान नहीं किया गया? यदि भुगतान नहीं किया गया है तो क्यों? कब तक इनका भुगतान किया जायेगा? (ड.) छतरपुर जिले में कितनी ग्राम पंचायत खुले में शौच मुक्त हो गई हैं? यदि नहीं, तो क्यों? क्या जनपद पंचायतवार खुले में शौच मुक्त पंचायतों का लक्ष्य निर्धारित किया जाएगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) प्रश्नाधीन अवधि में जनपद पंचायत बड़ामलहरा में 10358, जनपद पंचायत गौरिहार में 8205, जनपद पंचायत बिजावर में 8743, जनपद पंचायत बक्स्वाहा में 4995, जनपद पंचायत छतरपुर में 9863, जनपद पंचायत लवकुशनगर में 8910, जनपद पंचायत नौगांव में 9998 एवं जनपद पंचायत राजनगर में 12948 व्यक्तिगत पारिवारिक शौचालयों का निर्माण कराया जाकर प्रोत्साहन राशि का भुगतान किया गया। (ख) अपूर्ण शौचालयों की जानकारी संधारित नहीं की जाती है। शौचालय निर्माण प्रारंभ कर पूर्ण कराना एक सतत् प्रक्रिया है। (ग) स्वच्छ भारत अभियान को गति देने के लिए भरसक सतत् प्रयास किए गए है। (घ) शौचालय निर्माण उपरांत पात्र हितग्राहियों को प्रोत्साहन राशि का त्वरित भुगतान करने और साप्ताहिक वीडियो कान्फ्रेंस में समस्याओं के निदान की व्यवस्था की गई है। (ड.) जिला छतरपुर में 34 ग्राम पंचायतें शौच मुक्त हो चुकी है। जिला स्तर से सत्यापन की कार्यवाही प्रचलन में है। जी हाँ। जनपद पंचायतवार लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
लवकुश नगर को पवित्र नगर घोषित करना
[धार्मिक न्यास और धर्मस्व]
53. ( क्र. 2340 ) कुँवर विक्रम सिंह : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या छतरपुर जिले के राजनगर विधानसभा क्षेत्र के लवकुशनगर को पवित्र क्षेत्र घोषित किये जाने हेतु माननीय मंत्री महोदया ने सदन में घोषणा की थी? (ख) माननीय मंत्री महोदया का पत्र क्र. 1177 दिनांक 22/3/16 को कलेक्टर छतरपुर से प्रतिवेदन पवित्र नगर का चाहा गया? (ग) कलेक्टर छतरपुर के पत्र क्र. 237/धर्मस्व/2016 छतरपुर दिनांक 31.5.16 को पवित्र नगर घोषित किये जाने की अनुशंसा की गई तथा प्रश्नकर्ता द्वारा दिसम्बर 16 को मंत्रालय में पत्र दिया? (घ) यदि हाँ, तो अब तक आदेश क्यों नहीं किये गये? कब तक कर दिये जावेंगे?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
वित्त आयोग द्वारा प्रदाय राशि
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
54. ( क्र. 2341 ) कुँवर विक्रम सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पंचायत राज संचालनालय भोपाल द्वारा परफॉरमेंस ग्रान्ट एवं 14वें वित्त आयोग अंतर्गत प्राक्कलन के आधार पर राशि स्वीकृत की गई? जानकारी दें। (ख) क्या 14वां वित्त आयोग अंतर्गत सीधे ग्राम पंचायतों में राशि भेजे जाने के प्रावधान हैं? (ग) यदि हाँ, तो छतरपुर जिले के राजनगर विधान सभा क्षेत्र के प्रस्तावों के तहत सीधे ग्राम पंचायतों को राशि दी जावेगी? (घ) यदि नहीं, तो कारण बतायें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। (ख) जी हाँ। (ग) जी नहीं। प्रस्तावों के आधार पर ग्राम पंचायतों को राशि प्रदाय नहीं की जाती है। 14वें वित्त आयोग की राशि के उपयोग के संबंध में मध्यप्रदेश शासन, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा जारी निर्देश क्रमांक/335/475/2016/22/पं.-1, दिनांक 04.03.2016 के अनुसार प्रदेश की समस्त ग्राम पंचायतों को उनकी वर्ष 2011 की जनसंख्या के आधार पर 90 प्रतिशत तथा क्षेत्रफल के आधार पर 10 प्रतिशत राशि प्रदान किये जाने के निर्देश है। निर्देश की प्रति संलग्न है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (घ) उत्तरांश 'ग' अनुसार।
वृक्षारोपण पर व्यय राशि
[वन]
55. ( क्र. 2412 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वन विभाग द्वारा वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक विधानसभा क्षेत्र सारंगपुर अंतर्गत किस-किस योजना के तहत किस-किस स्थान पर कितनी-कितनी संख्या में वृक्षारोपण किया गया? वृक्षारोपण में कितना-कितना व्यय किया गया? (ख) प्रश्नांश (क) अंतर्गत किये गये वृक्षारोपण में से किस-किस योजना के तहत किस-किस स्थल पर कितने-कितने वृक्ष जीवित बचे हैं एवं विभाग द्वारा कुल किये गये व्यय एवं जीवित बचे वृक्ष के आधार पर प्रति जीवित वृक्ष कितनी लागत आई है?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
खेल सामग्री/उपकरणों का क्रय
[खेल और युवा कल्याण]
56. ( क्र. 2413 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जिला खेल एवं युवा कल्याण विभाग राजगढ़ को प्रदेश शासन ने खेलों को बढ़ावा देने व खिलाडि़यों को प्रोत्साहित करने हेतु संचालित किन-किन योजना मद से कितनी-कितनी राशि आवंटित की है एवं कितनी राशि किन-किन कार्यों में व्यय हुई वर्ष 2014-15 से 2016-17 तक की जानकारी से अवगत करावें? (ख) प्रश्नांश (क) में शासन द्वारा किस-किस योजना मद से किन-किन खेलों से संबंधित कितनी-कितनी मात्रा में कितनी राशि की खेल सामग्री व उपकरण आदि कहाँ-कहाँ और कब-कब प्रदाय किये गये है एवं जिला खेल एवं युवा कल्याण विभाग राजगढ़ द्वारा किन-किन खेलों से संबंधित खेल सामग्री व उपकरण आदि का क्रय किया गया है? (ग) किन-किन खेलों से संबंधित खेल सामग्री व उपकरणों का उपयोग नहीं किया गया है एवं क्यों? इसकी जाँच कब और किस अधिकारी द्वारा की गयी है?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जिला राजगढ़ को प्रश्नांकित अवधि में आवंटित व जिन कार्यों पर राशि व्यय की गई, उसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''क'' अनुसार है। (ख) जिला खेल और युवा कल्याण अधिकारी राजगढ़ द्वारा क्रय सामग्री की वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ख'' अनुसार है। (ग) समस्त क्रय खेल सामग्रियों एवं उपकरणों का उपयोग खेल गतिविधियों में किया गया है। अतः जाँच कराने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
रोजगार मेला का आयोजन
[वाणिज्य, उद्योग एवं रोजगार]
57. ( क्र. 2434 ) श्री रामपाल सिंह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शहडोल जिले में रोजगार मुहैया कराने हेतु मेला का आयोजन किया गया है? (ख) यदि हाँ, तो विगत ०५ वर्षों में शहडोल जिला अंतर्गत आयोजित रोजगार मेलों में वर्षवार कितने हितग्राही लाभान्वित हुये तथा उक्त मेला के आयोजन में वर्षवार कितनी राशि शासन की व्यय की गई?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी हाँ। (ख) विगत 05 वर्षों में शहडोल जिला अंतर्गत आयोजित रोजगार मेलों में वर्षवार लाभान्वित हितग्राही तथा उक्त मेलों के आयोजन में वर्षवार व्यय राशि की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार हैं।
खाद्य पदार्थों को हाईजनिक रखने के निर्देश
[नगरीय विकास एवं आवास]
58. ( क्र. 2449 ) श्री सुदर्शन गुप्ता (आर्य) : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या इन्दौर नगर पालिक निगम को खाद्य पदार्थों की साफ-सफाई और हाईजनिक कंडीशन को लेकर फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने हाईजनिक कंडीशन के डिस्प्ले लगाने के निर्देश दिये हैं? (ख) यदि हाँ, तो इस निर्देश का पालन खाद्य पदार्थ विक्रेता व किराना व्यवसायियों एवं खेरची विक्रेता द्वारा किया जा रहा है? यदि नहीं, तो उनके विरूद्ध निगम द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रथमत: शहर के प्रतिष्ठित होटलों/ रेस्टोरेन्टों व खाद्य पदार्थों की बड़ी निर्माण इकाइयों द्वारा हायजिनिक रूल के पालनार्थ उसकी वचनबद्धता के प्रदर्शन बाबद् डिस्प्ले लगवाए हैं व अन्य खाद्य निर्माताओं व विक्रेताओं को प्रचार-प्रसार के माध्यम से भी उक्त डिस्प्ले शीघ्र लगवाए जाने हेतु प्रेरित किया जा रहा है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
स्थायी/अस्थायी संविदा कर्मचारियों का स्थानांतरण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
59. ( क्र. 2454 ) श्री ठाकुरदास नागवंशी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) होशंगाबाद एवं भोपाल संभाग अन्तर्गत वर्ष 2013-14 से वर्ष 2015-16 तक विभाग द्वारा जिन स्थायी/अस्थायी संविदा कर्मियों के स्थानांतरण किये गये थे उनमें से किन-किन कर्मचारी को भारमुक्त नहीं किया गया? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) इन्हें कब तक भारमुक्त कराया जाकर शासनादेश/निर्देंशों का पालन कराया जावेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एवं (ख) विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
60. ( क्र. 2520 ) श्री संजय शर्मा : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रायसेन जिले में मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना अंतर्गत सड़क से वंचित किन-किन ग्रामों में सड़क निर्माण हेतु जिला योजना समिति से अनुमोदित प्रस्ताव किस स्तर पर कब से एवं क्यों लंबित हैं? (ख) क्या इस संबंध में कलेक्टर रायसेन द्वारा अपने पत्र क्रमांक 203 दिनांक 18/01/2017 द्वारा प्रमुख अभियन्ता ग्रामीण यांत्रिकी सेवा द्वारा मार्गदर्शन मांगा गया था? यदि हाँ, तो अभी तक मार्गदर्शन क्यों नहीं दिया गया? उक्त सड़कों का कार्य कब तक प्रारंभ होगा? (ग) रायसेन जिले के किन-किन मजरा/टोला को विगत 02 वर्षों में राजस्व ग्राम घोषित किया गया है? नवीन घोषित उक्त राजस्व ग्रामों में सड़क निर्माण के संबंध में विभाग के क्या निर्देश हैं? किस योजना में उक्त ग्रामों में सड़क स्वीकृत की जायेगी? (घ) 01 फरवरी 2017 की स्थिति में रायसेन जिले में मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत स्वीकृत किन-किन सड़कों/पुलों का कार्य अपूर्ण तथा अप्रारंभ हैं तथा क्यों कार्यवार कारण बतायें? उक्त कार्य निश्चित समयावधि में पूर्ण हों, इस हेतु विभाग द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। प्रस्ताव 18 जनवरी 2017 के पत्र द्वारा प्राप्त। उपलब्ध वित्तीय संसाधन पूर्व से स्वीकृत सड़कों के लिए आबद्ध होने से। (ख) जी हाँ, कलेक्टर, रायसेन ने निविदा आमंत्रण करने हेतु मार्गदर्शन चाहा। मार्गदर्शन दिया गया है। उपलब्ध वित्तीय संसाधन पूर्व से स्वीकृत सड़कों के लिए आबद्ध होने से समय-सीमा नियत करना संभव नहीं है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के मापदण्डानुसार पात्र ग्रामों के लिए सड़कों की स्वीकृति वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। कार्यों के अपूर्ण रहने के कारण निर्माण एजेंसी के पास नगदी का अभाव, स्थल विवाद, न्यायालयीन प्रकरण विचाराधीन होना आदि हैं। कार्य पूर्ण कराए जाने हेतु समीक्षा बैठकें एवं वीडियो कान्फ्रेन्सिंग के माध्यम से सतत समीक्षा की व्यवस्था की गई है।
जंगल मद की जमीनों को नारंगी वनखण्डों में शामिल करना
[वन]
61. ( क्र. 2527 ) श्री महेन्द्र केशर सिंह चौहान : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सर्वोच्च अदालत के सिविल याचिका क्रमांक 202/95 में 12 दिसम्बर 1996 एवं आई.ए. क्रमांक 791-792 में 01 अगस्त 2003 को दिये आदेश के बाद भी बैतूल जिले के राजस्व ग्रामों की बड़े झाड़ के जंगल, छोटे झाड़ के जंगल मद की जमीनों को नारंगी भूमि सर्वे एवं नारंगी वनखण्डों में शामिल किए जाने की कार्यवाही की गई हैं? (ख) यदि हाँ, तो दिनांक 12 दिसम्बर 1996 एवं 01 अगस्त 2003 को किन जमीनों के संबंध में क्या आदेश न्यायालय ने दिया हैं, इन आदेशों में बड़े झाड़ के जंगल, छोटे झाड़ के जंगल, पहाड़ चट्टान मद में दर्ज जमीनों को असीमांकित वन एवं नारंगी वन माना जाकर सर्वे एवं वनखण्ड में शामिल करने की क्या-क्या छूट या अधिकार वन विभाग को दिया है? (ग) बड़े झाड़ के जंगल, छोटे झाड़ के जंगल, पहाड़ चट्टान मद में दर्ज जमीनों को नारंगी भूमि सर्वे एवं नारंगी वनखण्ड में शामिल किए जाने का प्रावधान भारतीय वन अधिनियम 1927 वन संरक्षण कानून 1980 की किस धारा में दिया हैं, इस बाबत् राज्य शासन ने किस दिनांक को आदेश, निर्देश या पत्र जारी किया हैं? (घ) न्यायालय द्वारा परिभाषित एवं आदेशित बड़े झाड़, छोटे झाड़ के जंगल मद की जमीनों को नारंगी भूमि सर्वे, नारंगी वनखण्ड एवं नारंगी भूमि के आकड़ों में शामिल करने की जाँच वन मुख्यालय भोपाल एवं वन विभाग राज्य मंत्रालय भोपाल ने किस पत्र क्रमांक दिनांक से प्रारंभ किये जाने हेतु किस वन अधिकारी को जाँच का जिम्मा सौंपा हैं? यदि जाँच नहीं करवाई जा रही है तो उसका कारण बतावें?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा सिविल याचिका क्रमांक 202/95 में पारित आदेश दिनांक 12 दिसम्बर 1996 एवं आई.ए. क्रमांक 791-792 में पारित आदेश दिनांक 01 अगस्त 2003 में, प्रश्नांश में दर्शित मद की जमीनों को नारंगी भूमि सर्वे एवं नारंगी वनखण्डों में शामिल किये जाने संबंधी कोई लेख नहीं है। (ख) उत्तरांश 'क' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) बड़े झाड़ के जंगल, छोटे झाड़ के जंगल, पहाड़ चट्टान मद में दर्ज जमीनों को नारंगी भूमि सर्वे एवं नारंगी वनखण्ड में शामिल किये जाने का प्रावधान, भारतीय वन अधिनियम, 1927 एवं वन (संरक्षण) अधिनियम, 1980 में नहीं है। राज्य शासन के पत्र क्रमांक एफ-5/43/90/10-3 दिनांक 14 मई 1996 के निर्देश की कंडिका-3 के तहत अच्छी श्रेणी के राजस्व वनों को नारंगी इकाई सर्वे में शामिल किया गया। (घ) प्रश्नांश के संबंध में कोई भी जाँच प्रचलित नहीं हैं, नारंगी भूमि के आकड़ों से राजस्व भूमि के आकड़ों को पृथक कर दिया गया है।
मुख्य सचिव के आदेश का पालन
[वन]
62. ( क्र. 2528 ) श्री महेन्द्र केशर सिंह चौहान : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बैतूल जिले के जिन 680 ग्रामों की जमीन संरक्षित वन सर्वे में शामिल कर वनखण्डों के बाहर छोड़ी गई उन्हें मुख्य सचिव के दिनांक 24 जुलाई, 2004 के आदेशानुसार निर्वनीकरण किए जाने की अनुमति के प्रस्ताव वनमंडलों ने प्रश्नांकित दिनांक तक भी तैयार नहीं किए? (ख) 680 ग्रामों की कितनी जमीन संरक्षित वन सर्वे में शामिल की गई इसमें से कितने ग्रामों की कितनी भूमि वनखण्डों में अधिसूचित की, कितने ग्रामों की कितनी भूमि अन्तरित, आवंटित एवं नर्वनीकृत की गई, कितने ग्रामों की कितनी भूमि प्रश्नांकित दिनांक तक भी निर्वनीकृत एवं अन्तरित नहीं की गई? (ग) 680 ग्रामों में से कितने ग्रामों की संरक्षित वन सर्वे में शामिल समस्त वन भूमि राजपत्र में निर्वनीकृत की गई? इन ग्रामों की कितनी भूमि सर्वे में शामिल की गई थी? 680 ग्रामों में से कितने ग्रामों की कितनी भूमि नारंगी भूमि सर्वे में शामिल की गई, निर्वनीकृत भूमियों को नारंगी भूमि सर्वे में शामिल करने का क्या कारण रहा हैं? (घ) मुख्य सचिव के 24 जुलाई 2004 के आदेश के बाद भी वनखण्डों के बाहर छोड़ी भूमियों को निर्वनीकृत किए जाने की बजाय नारंगी सर्वे एवं नारंगी वनखण्ड में शामिल किए जाने का क्या कारण रहा हैं।
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी हाँ। (ख) बैतूल जिले के 680 ग्रामों की 1,49,495.06 हेक्टेयर संरक्षित वन भूमि सर्वे डिमारकेशन में शामिल की गई। जिसमें से 482 वनखण्डों में 71,684 हेक्टेयर शामिल की जाकर भारतीय वन अधिनियम, 1927 की धारा-4 (1) में अधिसूचित की गई। वर्ष 1980 के पूर्व बैतूल जिले में 63 ग्रामों की 2,341.302 हेक्टेयर वन भूमि विभागीय अर्द्ध शासकीय पत्र क्रमांक/14470/10/65 दिनांक 23.10.1965 से एवं 608 ग्रामों की 25211.683 हेक्टेयर वन भूमि विभागीय अर्द्ध शासकीय पत्र क्रमांक/1705/10/71 दिनांक 02.04.1971 से राजस्व विभाग को अंतरित की गई एवं 243 ग्रामों की समस्त वन भूमि वर्ष 1972 में निर्वनीकृत की गयी। बैतूल वन वृत्त में वनखण्डों के बाहर शेष बची लगभग 20,293.381 हेक्टेयर (कृषि एवं अधिक अन्य उपजाऊ योजना के अंतर्गत राजस्व विभाग को अंतरित) वन भूमि निर्वनीकरण हेतु तथा नारंगी इकाई के प्रारंभिक सर्वे में शामिल नारंगी भूमि से लगभग 35,853.34 हेक्टेयर भूमि अंतरण एवं निर्वनीकरण हेतु शेष है। (ग) बैतूल जिले के 680 ग्रामों में से 243 ग्रामों की समस्त वन भूमि सर्वे में शामिल की जाकर भारतीय वन अधिनियम, 1927 की धारा-34 (अ) के तहत वर्ष 1972 में निर्वनीकृत की गई। 680 ग्रामों में से 650 ग्रामों की 1,16,106.817 हेक्टेयर भूमि नारंगी इकाई द्वारा प्रारंभिक सर्वे में शामिल की गई। असीमांकित संरक्षित वन भूमि (ओरेंज क्षेत्र) के सर्वे-सीमांकन हेतु विभागीय परिपत्र दिनांक 14.05.1996 की कंडिका-3 में दिये गये निर्देशानुसार निर्वनीकृत वन भूमियों का वैधानिक स्वरूप राजस्व भूमि होने के कारण जिन भूमियों पर अच्छे वन थे, को नारंगी सर्वे क्षेत्र इकाई बैतूल द्वारा प्रारंभिक सर्वे में शामिल किया गया। (घ) मुख्य सचिव के परिपत्र दिनांक 24.07.2004 के आदेश के बाद वनखण्डों के बाहर छोड़ी गई वन भूमियों को नारंगी सर्वे में शामिल नहीं किया गया है अपितु वर्ष 2004 के पूर्व विभागीय परिपत्र दिनांक 14.05.1996 में दिये गये निर्देशानुसार असीमांकित संरक्षित वन भूमि (ओरेंज क्षेत्र) के सर्वे-सीमांकन उपरांत वनखण्डों में शामिल की गई।
मिनी स्टाप डैम निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
63. ( क्र. 2680 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिंगरौली जिले के विकासखंड देवसर अंतर्गत गठित वाटर शेड विकास समिति के अध्यक्ष/सचिव/ उपयंत्री द्वारा ग्राम निगरी, निवास, पापल, हर्दी, महुआगाँव, जोवा, बेलगाँव, कुचवाही व पोंडी में मिनी स्टाप डैम का निर्माण वर्ष 2015-16 में कराया गया है? यदि हाँ, तो क्या इनमें से अधिकांश ग्राम पंचायतों में बनाए गए मिनी स्टाप डैम एक ही बरसात सीजन में बह गए थे? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो उपरोक्त में से किन-किन ग्राम पंचायतों में बनाए गए मिनी स्टाप डैम बह गए? क्या उक्त ग्राम पंचायतों में बनाये गए मिनी स्टाप डैम का निर्माण कार्य गुणवत्ताविहीन व घटिया कराया गया था तथा वह भी अधूरा निर्माण कार्य कराये जाने से शासन को आर्थिक क्षति पहुंचाई गई है? (ग) क्या प्रश्नांश (क) में वर्णित ग्राम पंचायतों में कराये गए मिनी स्टापडैम के घटिया निर्माण कार्य की उच्चस्तरीय जाँच कराकर दोषी अधिकारी/कर्मचारी के विरुद्ध वसूली की कार्यवाही प्रस्तावित की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक जाँच करा ली जावेगी? (घ) क्या ग्राम पंचायत निगरी के तत्कालीन सरपंच द्वारा नियम विरुद्ध तरीके से अपने देवर को मिनी वाटर शेड विकास समिति का अध्यक्ष तथा भतीजे को सचिव नियुक्त किया गया था, यदि हाँ, तो क्या नियम विरुद्ध रखे गये अध्यक्ष/सचिव नियुक्ति की जाँच कराते हुए समिति से पृथक किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। जी नहीं। (ख) अतिवृष्टि से ग्राम हर्दी में बने स्टॉप डेम के किनारे की मिट्टी बह गई थी, जिसे ठीक करा दिया गया है। (ग) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रश्नाधीन वाटर-शेड समिति के अध्यक्ष/सचिव की नियुक्ति नियमानुसार की गई थी। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होते।
सीमेन्ट कांक्रीट रोड के प्रस्तावों की स्वीकृति
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
64. ( क्र. 2697 ) श्री कैलाश चावला : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नीमच जिले के विभिन्न विकासखण्डों में कितनी ग्राम पंचायतें ऐसी हैं, जो ओ.डी.एफ. घोषित की जा सकती हैं। (ख) उक्त ग्राम पंचायतों में से कितनी ग्राम पंचायतों में अनुसूचित जाति की बस्तियों में सीमेन्ट कांक्रीट रोड बनाए जाने के प्रस्ताव ग्राम पंचायतों द्वारा बनाए गए है। इनमें से कितनों को तकनीकी स्वीकृति एवं प्रशासकीय स्वीकृति दी जा चुकी है। (ग) क्या उक्त प्रस्तावों में विभाग द्वारा 40 प्रतिशत राशि उपलब्ध करवाया जाना सुनिश्चित किया गया है? (घ) यदि अभी तक ग्रामपंचायतों द्वारा इस संबंध में कार्यवाही नहीं की गई है तो मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत द्वारा इन विकास कार्यों हेतु क्या कदम उठाए गए है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) समस्त। (ख) 577 ग्रामों में सी.सी. रोड हेतु डी.पी.आर. तैयार की गई है। 537 में तकनीकी स्वीकृति एवं 308 में प्रशासकीय स्वीकृति जारी की गई है। (ग) पंच परमेश्वर योजना के तहत ग्राम पंचायत द्वारा 14वें वित्त आयोग की राशि व्यय करने के उपरांत राज्य स्तर से राज्यांश प्रदाय करने की नीति है। (घ) उत्तरांश (ख) अनुसार कार्यवाही की गई है।
कला संकाय प्रारंभ किया जाना
[उच्च शिक्षा]
65. ( क्र. 2717 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सतना जिले की विकासखंड अमरपाटन अंतर्गत खजुरीताल में शासकीय संस्कृत महाविद्यालय संचालित है यदि हाँ, तो प्रवेशित छात्रों/छात्राओं की संख्या एवं प्राध्यापकों की संख्या बताएं? (ख) क्या उक्त महाविद्यालय में मात्र 14 छात्र/छात्राएं अध्ययनरत हैं जिनको पढ़ाने हेतु पाँच प्राध्यापकों की नियुक्ति की गई है? (ग) क्या मात्र संस्कृत विषय संचालित होने से अन्य छात्र/छात्राएं उच्च शिक्षा से वंचित हैं तथा प्राध्यापकों को दी जाने वाली राशि का सदुपयोग नहीं हो रहा है एवं प्रति माह लाखों राशि का अकारण अपव्यय हो रहा है? (घ) क्या उक्त संस्कृत महाविद्यालय खजुरीताल में संस्कृत विषय के साथ-साथ कला संकाय प्रारंभ किये जाने के आदेश जारी किये जावेंगे जिससे आस-पास के सैकड़ों गावं के छात्र/छात्राओं को उच्च शिक्षा ग्रहण करने का अवसर मिल सके? कब तक आदेश जारी किये जाएंगे बताएं?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी हाँ। महाविद्यालय में प्रवेशित विद्यार्थियों की कुल संख्या 36 है तथा शैक्षणिक संवर्ग में सहायक प्राध्यापक के 02, व्याख्याता के 02 पद तथा उच्च श्रेणी शिक्षक के 02, इस प्रकार कुल 06 पद स्वीकृत है। (ख) जी नहीं। अध्ययनरत विद्यार्थियों के अध्यापन हेतु वर्तमान में 01 सहायक प्राध्यापक एवं 02 उच्च श्रेणी शिक्षक, इस प्रकार कुल 03 ही शिक्षक नियमित रूप से कार्यरत हैं। (ग) संस्कृत महाविद्यालय संचालन का उद्देश्य संस्कृत विषय के अध्ययन अध्यापन को प्रोत्साहित करना है। विकासखण्ड स्तर पर शासकीय महाविद्यालय, अमरपाटन में अन्य संकायों में अध्ययन अध्यापन उपलब्ध होने के कारण अन्य छा़त्र-छात्राएं उच्च शिक्षा से वंचित नहीं हैं। जी नहीं, अपव्यय नहीं हो रहा है। (घ) वर्तमान में शासन की ऐसी कोई योजना नहीं है।
बसोड़ समाज को बांस का प्रदाय
[वन]
66. ( क्र. 2723 ) श्रीमती योगिता नवलसिंग बोरकर : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग बसोड़ समाज को १५०० बांस प्रतिवर्ष देता है? (ख) यदि नहीं, तो क्यों? जबकि बांसों पर ही उक्त समाज का जीवन-यापन चलता है? (ग) क्या बसोड़ समाज को उद्योग चलाने हेतु बांस पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हो रहा है?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) एवं (ख) वर्तमान निस्तार नीति अनुसार बसोड़ समाज को प्रतिवर्ष उपलब्धता के आधार पर 1500 बांस प्रदाय किये जाने का प्रावधान है। बांसों की उपलब्धता के आधार पर बसोड़ समाज को बांस का प्रदाय किया जा रहा है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। उद्योग चलाने हेतु उपलब्धता अनुसार ही बांस उपलब्ध हो रहा है।
निर्माण कार्यों की जानकारी
[धार्मिक न्यास और धर्मस्व]
67. ( क्र. 2755 ) श्री रामकिशन पटेल : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जिला रायसेन में वर्ष 2012-13 से प्रश्न दिनांक तक कितने कार्य कितनी-कितनी राशि के किस मद से कब-कब करवाये गये? विकासखण्डवार एवं वर्षवार पूर्ण ब्यौरा देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार प्रचलित कार्य में से कितने कार्य पूर्ण हैं, कितने अपूर्ण हैं एवं उक्त कार्य में से किस-किस कार्य के लिये कितनी राशि का भुगतान चेक/ड्राफ्ट एवं नगद राशि के रूप में किया गया वर्षवार कार्यवार भुगतान की गई राशि का ब्यौरा देवें? (ग) प्रश्नांश (क) में वर्णित कार्यों में से कौन-कौन से कार्य हैं, जिनके पूर्ण किये बिना अथवा कार्य प्रारंभ किये बिना कार्य से अधिक राशि का भुगतान किया गया? कार्यवार किये गये भुगतान का पूर्ण ब्यौरा देवें। (घ) प्रश्नांश (क) अनुसार स्वीकृत कार्यों में अनियमितता और भ्रष्टाचार की कितनी शिकायतें जिला एवं राज्य स्तर पर प्राप्त हुई? शिकायतों का विवरण देते हुये बतावें कि इनमें से किन-किन शिकायतों की जाँच किसके द्वारा कराई गई एवं जाँच के पश्चात् क्या कार्यवाही की गई?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
सड़क योजना अंतर्गत निर्माण कार्य
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
68. ( क्र. 2760 ) श्री रामकिशन पटेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक उदयपुरा विधान सभा क्षेत्र में कितने मार्ग मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़क योजना एवं प्रधानमंत्री सड़क योजना अंतर्गत स्वीकृत किये गये? उनके नाम, ग्राम सहित बतायें? (ख) उपरोक्त वर्षों में कितनी-कितनी धनराशि व्यय कर कितने मार्गों का निर्माण कार्य पूर्ण हुआ एवं कितने मार्गों का निर्माण अपूर्ण है? मार्ग, ग्राम, धनराशि सहित बतायें? (ग) यदि उपरोक्त योजनान्तर्गत कोई मार्ग अपूर्ण है तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) 01 कार्य में स्थल उपलब्ध न होने तथा शेष 29 कार्य अनुबंध की समय–सीमा शेष होने से अपूर्ण हैं।
पेयजल टेंकर का क्रय
[योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी]
69. ( क्र. 2802 ) श्री अरूण भीमावद : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधायक निधि से पेयजल टेंकर कौन-कौन सी एजेंसियों द्वारा क्रय किए जा सकते हैं? (ख) वर्ष 2016-17 में उज्जैन संभाग की विधानसभाओं में कौन-कौन सी एजेंसियों द्वारा पेयजल टेंकर क्रय किये गये हैं? सूची उपलब्ध करावें। (ग) क्या ग्राम पंचायतों एवं स्थानीय निकायों को विधायक निधि से पेयजल टेंकर राशि स्वीकृत (अनुशंसा) किया जाना उचित है? (घ) यदि नहीं, तो शासन ने कौन-कौन सी एजेंसियों को अधिकृत किया है तथा किस मापदण्डों के अनुसार?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) विधायक निधि से स्वीकृत कार्यों हेतु क्रियान्वयन एजेन्सी का निर्धारण मार्गदर्शिका की कंडिका-2.2 का पालन करते हुए किया जाता है। (ख) उज्जैन संभाग की विधानसभा क्षेत्रों में एजेन्सियों द्वारा टेंकर क्रय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) मार्गदर्शिका की कंडिका-2.2 का पालन करते हुए अनुशंसा की जा सकती है। (घ) प्रश्नांश-ग के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
शासकीय मंदिरों का जीर्णोंद्धार
[धार्मिक न्यास और धर्मस्व]
70. ( क्र. 2806 ) श्री अरूण भीमावद : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) शाजापुर विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत कितने शास. मंदिर निर्मित हैं? (ख) कितने शासकीय मंदिरों के जीर्णोंद्धार हेतु राशि स्वीकृत हुई है तथा कितने मंदिरों के जीर्णोंद्धार हेतु राशि स्वीकृति की प्रक्रिया में है? (ग) यदि प्रक्रिया में है तो कब तक लंबित मंदिरों के जीर्णोंद्धार हेतु राशि उपलब्ध हो जावेगी?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) शाजापुर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत 520 शासकीय मंदिर है। (ख) वित्तीय वर्ष 2016-17 में शाजापुर जिले के 10 शासन संधारित मंदिरों को राशि स्वीकृत की गई है। शासन संधारित मंदिरों के जीर्णशीर्ण होने के दशा में आवश्यकतानुसार राशि स्वीकृत की जाती है। (ग) कलेक्टर/संभागायुक्त के माध्यम से तकनीकी प्रस्ताव प्राप्त कर शासन संधारित मंदिरों के निर्माण/जीर्णोंद्धार कार्य हेतु समय-समय पर राशि स्वीकृत की जाती है। यह एक सतत प्रक्रिया है।
प्रबंधकों/सह प्रबंधकों की नियुक्ति प्रक्रिया
[वाणिज्य, उद्योग एवं रोजगार]
71. ( क्र. 2854 ) श्री सुरेन्द्रनाथ सिंह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. औद्योगिक केन्द्र विकास निगम, भोपाल में नियुक्त प्रबंधकों और सहायक प्रबंधकों की नियुक्ति प्रक्रिया में शासन की निर्धारित प्रक्रिया, नियम या चयनित समिति है? यदि हाँ, तो प्रबंधकों और सहायक प्रबंधकों की चयन प्रक्रिया के मापदण्ड, नियमावली, योग्यता संबंधी जानकारी की प्रति उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या वर्तमान में आई.टी. शाखा में पदस्थ प्रबंधक की नियुक्ति में चयन प्रक्रिया का पूर्णत: पालन किया गया है? यदि हाँ, तो इनकी सर्विस बुक, गोपनीय प्रतिवेदन, व्यक्तिगत पत्रावली आदि का संधारण किस विभाग द्वारा किया जाता है? यदि संधारण में अनियमितता/लापरवाही पाई जाती हैं तो निगम द्वारा संबंधित के विरूद्ध क्या कोई कार्यवाही की गई हैं या इस प्रकार का कोई प्रकरण लंबित है? (ग) वर्तमान में आई.टी. शाखा में पदस्थ प्रबंधक की नियुक्ति और पदोन्नति में शासन की प्रक्रिया, नियमों एवं योग्यता की प्रमाणिकता की जाँच की गई है? यदि हाँ, तो उसकी विस्तृत जानकारी मय प्रमाणित प्रति के उपलब्ध करावें? (घ) प्रश्नांश (ग) के प्रतिप्रेक्ष्य में आई.टी. शाखा में पदस्थ प्रबंधक की नियुक्ति में क्या अनियमितता बरती गई हैं? यदि हाँ, तो इन्हें पद में कब तक बनाये रखा जा सकता हैं? नहीं तो कब तक हटाया जायेगा? नहीं हटाने का कारण बतावें?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) मध्यप्रदेश औदयोगिक केन्द्र विकास निगम भोपाल में नियुक्त प्रबंधकों और सहायक प्रबंधकों की नियुक्ति प्रक्रिया में निगम में लागू सेटअप दिनांक 01.04.2013 के बिंदु क्रमांक 18 के अनुसार चयन समिति गठित हैं। सेटअप की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) वर्तमान में निगम कार्यालय की आई.टी. शाखा में पदस्थ प्रबंधक की निगम में सहायक प्रबंधक के पद पर नियुक्ति वर्ष 1988 में हुई थी। नियुक्ति प्रक्रिया संपादित करने हेतु तत्समय बाह्य एजेंसी मेसर्स एफ.एम. कन्सल्टेन्टस इंडिया प्रा.लि. भोपाल की सेवाएं ली गई थी एवं इस एजेंसी के माध्यम से सहायक प्रबंधक के 03 पद भरे गए थे। सेवा प्रदायकर्ता दवारा नियमानुसार चयन प्रक्रिया संपादित कर नियुक्ति हेतु निगम को नाम अनुशंसित किए गए थे। वर्तमान में निगम के आई.टी. शाखा में पदस्थ प्रबंधक वर्ष 1988 में सहायक प्रबंधक के पद पर नियुक्त हुए थे एवं उन्हें विभागीय पदोन्नति की समिति की अनुशंसा पर दिनांक 17/12/1996 को उप प्रबंधक के पद पर पदोन्नत किया गया था। निगम के सेटअप दिनांक 01/04/2013 के प्रावधान अनुसार उप प्रबंधक के पदनाम को समाप्त कर प्रबंधक पद में समायोजित कर '' प्रबंधक'' पदनाम दिया गया हैं। प्रबंधक ''आई.टी. कक्ष'' की सर्विस बुक, गोपनीय प्रतिवेदन, व्यक्तिगत पत्रावली आदि का संधारण मध्यप्रदेश औदयोगिक केन्द्र विकास निगम, भोपाल के कार्यालय दवारा किया जाता हैं। प्रबंधक आई.टी. के सर्विस रिकार्ड संधारण में कोई अनियमितता नहीं पाई गई हैं। संबंधित की व्यक्तिगत नस्ती कार्यालयीन प्रक्रिया के दौरान गुम होने पर कार्यालय के पत्र क्रं. 5119 दिनांक 13/08/2008 दवारा प्रभारी अधिकारी, पुलिस स्टेशन हबीबगंज को एफ.आई.आर. दर्ज करने हेतु पत्र लिखा गया था। निगम दवारा डुप्लीकेट व्यक्तिगत नस्ती का संधारण संबंधित से अभिलेख प्राप्त कर किया गया है। अधिकारी की मूल सेवापुस्तिका कार्यालय में संधारित है। (ग) वर्तमान में आई.टी. शाखा में पदस्थ प्रबंधक की सहायक प्रबंधक पद पर नियुक्ति बाह्य एजेंसी के माध्यम से वर्ष 1988 में समाचार पत्र में विज्ञप्ति प्रसारित कर साक्षात्कार एवं चयन समिति की अनुशंसा अनुसार की गई थी। संबंधित पत्राचार की प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। वर्तमान में निगम के आई.टी. शाखा में पदस्थ प्रबंधक वर्ष 1988 में सहायक प्रबंधक के पद पर नियुक्त हुये थे, उन्हें विभागीय पदोन्नति समिति की अनुशंसा पर दिनांक 17/12/1996 को उप प्रबंधक के पद पर पदोन्नत किया गया था। निगम के सेटअप दिनांक 01/04/2013 के प्रावधान अनुसार उप प्रबंधक के पदनाम को समाप्त कर प्रबंधक पद में समायोजित कर प्रबंधक पदनाम दिया गया है। उपरोक्तानुसार वर्तमान में आई.टी. शाखा में पदस्थ प्रबंधक की नियुक्ति एवं पदोन्नति में प्रचलित नियमों/प्रावधानों का पालन किया गया है। (घ) औद्योगिक केन्द्र विकास निगम भोपाल की आई.टी.शाखा में पदस्थ प्रबंधक की नियुक्ति में कोई अनियमितता नहीं बरती गई है। अत: प्रश्नांश का शेष भाग असंबंधित है।
विद्यालयों में मध्यान्ह भोजन बनाने हेतु व्यवस्थाएं
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
72. ( क्र. 2951 ) श्री मुकेश पण्ड्या : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र बड़नगर में कितने विद्यालयों में मध्यान्ह भोजन बनाने का कार्य किया जाता है? (ख) इनमें से कितने विद्यालयों में भोजन बनाने के लिये गैस कनेक्शन है तथा कितनों में नहीं है? (ग) विद्यालय परिसर में ही मध्यान्ह भोजन बनता है तथा वहीं पर कक्षाएं भी लगती है ऐसी स्थिति में क्या छात्र-छात्राओं की सुरक्षा के लिये शासन की क्या योजना है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) 354 विद्यालयों में। (ख) 260 विद्यालयों में गैस कनेक्शन है और 94 विद्यालयों में नहीं। (ग) रसोई घर की दूरी तथा आवश्यकतानुसार अग्निशमन यंत्र से सुरक्षा की व्यवस्था है।
जावरा नगर पालिका को दी गई विधायक निधि की राशि
[नगरीय विकास एवं आवास]
73. ( क्र. 2976 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विधायक फण्ड से जिला रतलाम के जावरा शहर में महावीर कालोनी व अन्य वार्ड में यह तर्क देना सही है की पूरी सड़क के लिये और धनराशि की जरूरत इसलिये नहीं है कि जितनी धनराशि दी उतना सीमेंट कांक्रिट या डामर कर देना चाहिए व नगर पालिका में इतने वर्षों से बिना उपयोग का रखना अनुचित है। (ख) क्या ऐसा करने पर जिम्मेदारी तय कर क्या दण्डित करेंगे ताकि भविष्य में यह दोहराया नहीं जाए?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। विधायक निधि से नगर पालिका, जावरा को कुल 12 कार्यों हेतु राशि रू. 1.50 लाख प्रति कार्य के मान से राशि स्वीकृत की गई थी, जिसमें से 10 कार्य पूर्ण कराए गए हैं, शेष 02 कार्यों में से 01 कार्य, सांसद निधि से प्राप्त राशि से हो जाने एवं अन्य 01 कार्य स्थल पर भारी वाहनों के आवागमन के कारण पेवर ब्लॉक फ्लोरिंग का कार्य नहीं कराया गया। माननीय विधायक द्वारा विधायक निधि की इस शेष राशि से महावीर कॉलोनी की सड़क का कार्य कराने हेतु कलेक्टर, रतलाम को पत्र लिखा गया एवं प्रतिलिपि निकाय को दी गई। जिसकी स्वीकृति प्राप्त होने पर ही शेष राशि को उपयोग किया जाना था। (ख) उत्तरांश 'क' में किए गए उल्लेख अनुसार दो स्थलों पर कार्य नहीं किया गया। माननीय विधायक के लेख अनुसार इस शेष राशि का उपयोग अन्य स्थान पर कराए जाने की स्वीकृति प्रक्रियाधीन होने से किसी के दोषी होने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्रश्नकर्ता द्वारा लिखे पत्रों पर कार्यवाही
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
74. ( क्र. 2986 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता ने पिछले 2 वर्ष में कितने कब-कब, किस समस्या के बारे में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत अशोक नगर मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत मुंगावली को पत्र लिखे व उन पत्रों पर क्या कार्यवाही की गई?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत अशोकनगर को 26 पत्र तथा मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत मुंगावली को 12 पत्र प्राप्त हुए शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ एवं ब' अनुसार है।
पंचायतों द्वारा वेबसाइट निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
75. ( क्र. 3006 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2012 एवं 2013 में ग्राम पंचायतों द्वारा वेबसाइट निर्माण संबंधी कार्य संबंधित वरिष्ठ एवं जिला कार्यालयों के मध्य हुए यदि हाँ, तो इस संबंध में खरगोन जिले के भगवतपुरा खरगोन शैगांव एवं गोगावा ब्लाक की ग्राम पंचायतों द्वारा किन-किन कंपनियों से कोटेशन किस माध्यम से बुलाए तथा किस प्रकार वेबसाइट निर्माण हेतु कंपनी का चयन कब-कब किया गया, ग्राम पंचायतवार नाम, कंपनी के नाम, राशि कंपनी के नाम व पता सहित सूची देवें? (ख) उक्त कार्य हेतु ग्राम पंचायतों ने कब-कब किस माध्यम से समस्त जानकारी, कार्य बिल वेब निर्माण कंपनी को आदान-प्रदान की गई, किस-किस अधिकारी द्वारा कब-कब मूल्यांकन कराया गया, कब-कब सी.सी. जारी की गई। (ग) खरगोन जिले के भगवानपुरा, खरगोन, शैगांव एवं गोगावा ब्लाक की किन-किन ग्राम पंचायतों द्वारा सिर्फ कोटेशन पर ही वेब कंपनी को भुगतान किया गया तथा किन-किन ग्राम पंचायतों द्वारा देय बिल पर भुगतान किया गया क्या इन समस्त देयकों पर ब्लाक पंचायत अधिकारी के भी हस्ताक्षर हैं? (घ) इस संबंध में शिकायत, जाँच प्रतिवेदन तथा लिये गये निर्णय का विवरण देवें। इन जाँच प्रतिवेदनों में कोटेशन पर भुगतान करने तथा ब्लाक पंचायत अधिकारी के हस्ताक्षर संबंधी बिंदु का उल्लेख नहीं करने के कारण बतायें।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) से (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जाँच प्रचलित है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
उद्यमिता विकास केन्द्र
[सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम]
76. ( क्र. 3041 ) श्रीमती सरस्वती सिंह : क्या राज्यमंत्री, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वाणिज्य, उद्योग एवं रोजगार विभाग के अधीनस्थ कार्यरत संस्था उद्यमिता विकास केन्द्र म.प्र. को नये गठित विभाग सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम विभाग के अधीन कर दिया गया है? यदि हाँ, तो क्या इसके लिये मंत्रिमंडल की स्वीकृति लेकर राजपत्र में प्रकाशन किया गया है? प्रकाशित राजपत्र एवं आदेश की छायाप्रति देवें। (ख) क्या तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग के अंतर्गत एक और उद्यमिता विकास केन्द्र बनाया गया? यदि हाँ, तो इसकी स्थापना संबंधी जानकारी प्रश्नांश (क) अनुसार देवें। (ग) क्या उद्यमिता विकास केन्द्र नाम की एक संस्था पूर्व से ही इसी उद्देश्य के लिए सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग के अंतर्गत कार्यरत है? यदि हाँ, तो फिर नवीन उद्यमिता विकास केंद्र क्यों प्रारंभ किया गया? (घ) नवीन उद्यमिता विकास केन्द्र की स्थापना पश्चात् पूर्व से कार्यरत उद्यमिता विकास केन्द्र एवं उसके कर्मचारियों के संबंध में शासन की क्या योजना है?
राज्यमंत्री, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम ( श्री संजय पाठक ) : (क) जी नहीं। अत: प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नहीं। (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सिंगरौली में बेरियर नाका प्रारंभ करना
[वन]
77. ( क्र. 3043 ) श्रीमती सरस्वती सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिंगरौली जिले के वन विभाग द्वारा स्थापित बैरियर नाका कंचनी/गोखी/निवास/सुरही/झुरही/माड़ा/ कचुआ बंद करने से शासन को कितनी राजस्व हानि होगी? (ख) क्या इस बैरियर को बंद करने से रेत, कोयला व अन्य खनिजों के अवैध परिवहन में वृद्धि नहीं होगी? (ग) शासन की राजस्व क्षति रोकने एवं अवैध परिवहन को बंद करने के लिये उपरोक्त बैरियर नाका कब तक प्रारंभ कर दिया जायेगा?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) सिंगरौली जिले के अंतर्गत सुरही एवं कचुआ नाम का कोई बैरियर स्थापित नहीं है। अत: इनको बंद करने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। सिंगरौली जिले के अंतर्गत आंतरिक वन अवरोध नाकों गोरबी, निवास, झुरही, सरई मार्ग, माडा, कर्थुआ को बंद किया गया है, जिनसे राजस्व प्राप्ति नहीं होती थी। बैरियर चनी में अन्तर्राज्यीय परिवहन के मामलों में बदली पास जारी करने हेतु टी.पी. शुल्क से राजस्व प्राप्ति होती थी। कचनी बैरियर बैढन बरगवां बैढन शहर के मुख्य मार्ग में स्थित होने से वाहनों के अत्यधिक आवागमन के कारण असुविधा होती थी, इसलिये कचनी बैरियर को बैढन बरगवां मुख्य मार्ग से हटाकर छत्तीसगढ़ राज्य की सीमा पर छत्तीसगढ़ से आने वाले मार्ग बलंगी साशन मार्ग पर बरहपान में स्थानांतरित किया गया है। बरहपान बैरियर में बदली पास जारी किये जा रहे हैं एवं टी.पी. शुल्क वसूल की जा रही है। इस प्रकार कचनी बैरियर में जो शुल्क वसूल की जा रही थी वह शुल्क अब बरहपान बैरियर में वसूल की जा रही है। अत: प्रश्नाधीन बैरियर को बन्द करने से राजस्व हानि होने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नहीं। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ अधिकारी द्वारा नियम विरूद्ध कार्य करना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
78. ( क्र. 3080 ) श्री तरूण भनोत : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण मुख्यालय भोपाल में पदस्थ कितने अधिकारी प्रतिनियुक्ति पर हैं? जानकारी उनके नामवार, पदवार एवं संपादित किये जा रहे कार्य 01 जनवरी, 2011 से प्रश्न दिनांक तक बतायें जावें? (ख) वर्णित (क) के विभाग में ऐसे कितने अधिकारी हैं जिनके विरूद्ध विभागीय जाँच संस्थापित है? क्या जिनके विरूद्ध विभागीय जाँच चल रही है वही अधिकारी स्थापना एवं विभागीय जाँच व विधानसभा से संबंधित प्रश्नों के उत्तर तैयार करवाते हैं? (ग) यदि वर्णित (क), (ख) हाँ तो इस हेतु कौन अधिकारी दोषी है जिसके द्वारा संबंधित को उकत कार्य सौंपा है? शासन उसके विरूद्ध क्या दण्डात्मक कार्यवाही करेगा? (घ) वर्णित (क) के विभाग के ऐसे कितने अधिकारी है जिनको वाहन सुविधा उपलब्ध करवाई गई है, परन्तु उसकी स्वीकृति विभाग प्रमुख से नहीं ली गई? इसके लिये कौन अधिकारी दोषी है? क्या शासन उनके विरूद्ध कार्यवाही करते हुये वेतन से वसूली करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? जानकारी वर्ष 2011 से प्रश्न दिनांक तक देवें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) एवं (ग) एक अधिकारी है। जी हाँ, कार्य लेने पर कोई निषेध नहीं है। (घ) प्राधिकरण में वाहन हेतु विभाग प्रमुख की स्वीकृति आवश्यक नहीं है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
नगर निगम जबलपुर द्वारा सड़क निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
79. ( क्र. 3084 ) श्री तरूण भनोत : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जबलपुर पश्चिम विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत बोस कालोनी से पण्डा मढि़या तक की सड़क निर्माण की निविदा कब बुलाई गई थी वर्तमान में कार्य की क्या स्थिति है, कार्य कब तक पूर्ण हो जावेगा? इसी तरह गंगासागर मुख्यमार्ग की निविदा कब हुई थी एवं इसकी लागत क्या है एवं कार्य कब पूर्ण होंगे? (ख) वर्णित (क) विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत त्रिपुरी चौक से गढा बाजार मुख्यमार्ग सड़क निर्माण की निविदा कब बुलाई गई थी एवं इसकी चौड़ाई कितनी रखी गई है? इसी तरह गौतम मढि़या से आनंद कुंज मार्ग की निविदा कब बुलाई गई थी वर्तमान में कार्य की स्थिति क्या है? कार्य कब तक पूर्ण होंगे? (ग) वर्णित (क) विधान सभा क्षेत्र में पं. बनारसीदास भनोत वार्ड अन्तर्गत दुर्गा मंदिर से रतन कालोनी मार्ग की निविदा कब बुलाई गई थी वर्तमान में उक्त निर्माण की क्या स्थिति है? निर्माण कार्य कब पूर्ण होगा? इसी तरह शहीद गुलाब सिंह वार्ड अंतर्गत जोन क्र. (3) नगर निगम के सामने की सड़क की निविदा कब आमंत्रित की गई थी एवं उक्त सड़क निर्माण कब तक पूर्ण होगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जबलपुर पश्चिम विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत बोस कालोनी से पण्डा मढि़या तक की सड़क निर्माण के नाम से निविदा आमंत्रित नहीं की गई। यद्यपि पण्डा की मढि़या से दुर्गा कालोनी मोड़ तक सीमेंट कांक्रीट सड़क निर्माण कार्य की चौथी निविदा दिनांक 20.12.2016 को आमंत्रित की गई है, एकल निविदा प्राप्त हुई है, निविदा स्वीकृत की कार्यवाही प्रचलन में है और निविदा स्वीकृति उपरांत अनुबंध के दिनांक से 08 माह की अवधि में कार्य पूर्ण करने का प्रावधान है। प्रस्तावित कार्य में अतिक्रमण को हटाने की कार्यवाही प्रचलित है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है। गंगा सागर मुख्य मार्ग की निविदा दिनांक 06.10.2012 को बुलाई गई थी तथा कार्य की लागत राशि रू. 39.70 लाख है और कार्य दिनांक 15.04.13 को पूर्ण हो चुका है। (ख) त्रिपुरी चौक से गढ़ा बाजार मुख्य मार्ग निर्माण की निविदा 27.12.16 को आमंत्रित की गई तथा सड़क की चौड़ाई 12 मीटर प्रस्तावित है। प्रस्तावित कार्य में अतिक्रमण को हटाने की कार्यवाही प्रचलित है। गौतम जी मढि़या से आनंद कुंज सीमेंट कांक्रीट मार्ग निर्माण की निविदा 18.08.15 को बुलाई गई। स्थल पर सीवर लाईन डालने का कार्य प्रगति पर है, सीवर लाईन कार्य पश्चात् सड़क निर्माण कार्य मार्च 2017 तक प्रारंभ किया जावेगा। सड़क निर्माण कार्य की प्रस्तावित अवधि 04 माह है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (ग) पं. बनारसीदास भनोत वार्ड अंतर्गत दुर्गा मंदिर से रतन कॉलोनी मार्ग की निविदा दिनांक 27.04.16 को आमंत्रित की गई, कार्यादेश दिनांक 18.02.17 को दिया गया। कार्यपूर्ण करने की अवधि 04 माह है, कार्य प्रारंभ नहीं हुआ है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है। शहीद गुलाब सिंह वार्ड नगर निगम जोन-3 के सामने की सड़क की निविदा दिनांक 27.04.2016 को आमंत्रित की गई, कार्यादेश दिनांक 18.02.17 को दिया गया। कार्यपूर्ण करने की अवधि 04 माह है, कार्य प्रारंभ नहीं हुआ है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
G.P.F. पर्ची में सुधार
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
80. ( क्र. 3102 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अभिदाता हरिनारायण पाण्डे ए.डी.ई.ओ. विकासखण्ड रायपुर कर्चुलियान जिला रीवा का जी.पी.एफ. खाता क्रमांक C.P. (N.M.P.) 29486 की कटौती में त्रुटि सुधार करने हेतु स्वयं अभिदाता एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत रायपुर कर्चुलियान द्वारा पत्र क्रमांक पत्र क्रमांक 1482 दिनांक 09.02.2012, 448 दिनांक 12.07.2011 एवं क्र. 794 दिनांक 05.10.2016 एवं विधानसभा सदस्य श्री कुंवर सौरभ सिंह द्वारा अपने पत्र क्रमांक 326 दिनांक 20.05.2016, क्र. 869 दिनांक 12.08.2016 एवं पत्र क्रमांक 1706 दिनांक 19.12.2016 से वरिष्ठ लेखाधिकारी महालेखाकार (लेखा एवं हकदारी) द्वितीय ग्वालियर (म.प्र.) को पत्र लिखकर प्रतिलिपि माननीय वित्त मंत्री म.प्र. शासन को तथा विकास आयुक्त को भी दिया है? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो अभी तक जी.पी.एफ. खाते की स्लिप में कोई सुधार क्यों नहीं किया गया और न ही विधानसभा सदस्य को और न ही आवेदक को किसी कार्यवाही से अवगत कराया गया? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में उक्त जी.पी.एफ. खाते में त्रुटि सुधार कर कब तक अवगत कराया जावेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) से (ग) मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत रायपुर कर्चुलियान एवं मा. प्रश्नकर्ता विधायक द्वारा प्रेषित पत्रों की जानकारी शासन संधारित नहीं करता है। मा. प्रश्नकर्ता विधायक के पत्र की प्रति पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग को माननीय वित्त मंत्रीजी से प्राप्त हुई है। सामान्य भविष्य निधि खाते में सुधार राज्य शासन के क्षेत्राधिकार में नहीं होकर महालेखाकार के क्षेत्राधिकार में हैं जिसके लिए समय-सीमा राज्य सरकार नियत नहीं कर सकती है। यद्यपि मा. प्रश्नकर्ता विधायक का पत्र वरिष्ठ लेखाधिकारी, महालेखाकार को सम्बोधित होने से मा. प्रश्नकर्ता विधायक को शासन द्वारा अभिस्वीकृति दी जाना अपेक्षित नहीं है। तथापि पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के संचालनालय स्तर से महालेखाकार ग्वालियर को प्रकरण में शीघ्र कार्यवाही करने हेतु पत्र भेजा जायेगा।
एन.जी.ओ. द्वारा करवाये गये कार्य
[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]
81. ( क्र. 3161 ) कुमारी निर्मला भूरिया : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) झाबुआ जिले में कितने एन.जी.ओ. हैं, इनका पंजीयन कब-कब हुआ है वर्ष 2012-13, 2013-14, 2014-15, 2015-16 एवं 2016-17 में किस-किस एन.जी.ओ. को क्या-क्या कार्य दिये गये वर्षवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) एन.जी.ओ. की दिये गये कार्यों की सूची मय लागत के विकासखण्डवार उपलब्ध करावें? एन.जी.ओ. द्वारा करवाये गये कार्यों की मानिटरिंग किस-किस अधिकारी द्वारा की गई? क्या कोई अनियमितता पाई गई? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की गई? (ग) विगत 05 वर्षों में झाबुआ जिले में एन.जी.ओ. द्वारा कितने-कितने प्रशिक्षण कार्यक्रम किस-किस विभाग के कहाँ-कहाँ और किन उद्देश्य से करवाये गये, कितने प्रशिक्षणार्थियों द्वारा भाग लिया तथा उन पर कितनी-कितनी राशि व्यय की गई? प्रशिक्षणवार वर्षवार अवगत करावें। (घ) क्या अधिकांश एन.जी.ओ. द्वारा किये गये कार्यों में अनियमितता की है? इस संबंध में विभाग को शिकायतें भी प्राप्त हुई हैं? यदि हाँ, तो विभाग द्वारा कब-कब और क्या-क्या कार्यवाही की गई अवगत करावें?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
न्यायालय द्वारा परिभाषित एवं आदेशित भूमि
[वन]
82. ( क्र. 3230 ) श्री मंगल सिंग धुर्वे : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सर्वोच्च अदालत द्वारा सिविल याचिका क्रमांक 202/95 में 12.12.1996 को परिभाषित आई.आई.ए. क्रमांक 791/792 में दिनांक 01.08.2003 को आदेशित एवं उच्च न्यायालय ग्वालियर पीठ द्वारा याचिका क्रमांक 1413/2002 दिनांक 08.09.2006 को आदेशित की गई भूमियों को बैतूल जिले में वन विभाग की अनुमति या सहमति के बिना नारंगी भूमि सर्वे एवं नारंगी वनखण्डों में शामिल कर लिया है? (ख) न्यायालय द्वारा किस दिनांक को आदेशित कितने ग्रामों की कितनी भूमि वन विभाग ने नारंगी भूमि सर्वे एवं नारंगी वनखण्ड में किसकी अनुमति, सहमति या आदेश से शामिल कर ली कितनी भूमि पर वन विभाग ने कब्जा कर लिया इसकी कलेक्टर बैतूल ने किस दिनांक को अनुमति प्रदान की अनुमति पत्रक प्रति सहित बतायें? (ग) न्यायालय द्वारा परिभाषित एवं आदेशित भूमियों को नारंगी भूमि सर्वे एवं नारंगी वनखण्ड में शामिल कर कब्जा किए जाने पर राजस्व विभाग ने वन विभाग के किन अधिकारी के विरूद्ध प्रश्नांकित दिनांक तक क्या कार्यवाही की, यदि नहीं, की तो कारण बतायें? (घ) न्यायालय द्वारा दिए गए आदेशों के बाद भी आदेशित भूमियों को नारंगी भूमि सर्वे एवं नारंगी वनखण्ड में शामिल करने वाले वन अधिकारियों के विरूद्ध राजस्व विभाग क्या कार्यवाही कर रहा हैं कब तक करेगा समय-सीमा सहित बतायें?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) से (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विधायक निधि से स्वीकृत कार्यों की समीक्षा
[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]
83. ( क्र. 3242 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा जिले के अंतर्गत वर्ष 2012-13, 2013-14, 2014-15, 2015-16, 2016-17 में विधायक निधि से स्वीकृत कार्यों में से ऐसे कितने कार्य हैं जो प्रश्न दिनांक तक प्रारंभ नहीं हुये हैं? विधान सभा क्षेत्रवार, ग्रामवार, प्रशासकीय स्वीकृत एवं क्रियान्वयन एजेन्सीवार जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कार्य अभी तक प्रारंभ न होने के लिये शासन किस-किस अधिकारी एवं कर्मचारी को दोषी मानता है? (ग) क्या विभागीय अधिकारियों द्वारा नियमित समीक्षा बैठक न करने से उक्त कार्य लंबित पड़े हैं? नियमित समीक्षा बैठक आयोजित करने के संबंध में शासन निर्देश जारी करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? (घ) प्रश्नांश (क) में लंबित कार्यों को कब तक पूर्ण करा लिया जावेगा?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
प्रश्नकर्ता द्वारा चाही गई जानकारी
[वन]
84. ( क्र. 3249 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता द्वारा श्री अनिमेष शुक्ला प्रधान मुख्य वन संरक्षक सतपुड़ा भवन भोपाल को पत्र क्रमांक 7002 से 7018 दिनांक 14 दिसम्बर 2016 प्रेषित कर चाही गई जानकारी प्रश्नांकित दिनांक तक भी उपलब्ध नहीं करवाए जाने का क्या कारण रहा है? (ख) पत्र क्रमांक 7002 से 7018 तक के किस पत्र में भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा 29 एवं धारा 4 के अनुसार किस दिनांक को अधिसूचित किस जिले के कितने वनखण्डों में शामिल कितनी जमीनों के संबंध में कौन-कौन सी जानकारी उपलब्ध करवाए जाने का अनुरोध किया है? (ग) प्रश्नकर्ता द्वारा 14 दिसम्बर 2016 को लिखे गये किस पत्र में चाही गई कौन-कौन सी जानकारी शासन के पास उपलब्ध है? उसमें से कौन सी जानकारी प्रश्नकर्ता को किन कारणों से उपलब्ध नहीं करवाई जा सकती? (घ) प्रश्नकर्ता द्वारा चाही गई कौन-कौन से पत्र में चाही गई कौन-कौन सी जानकारी कब तक उपलब्ध करवाई जावेगी?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) प्रश्नांकित पत्रों से चाही गई जानकारी क्षेत्रीय वृत्तों से संबंधित है। ग्वालियर एवं छिन्दवाड़ा वृत्तों द्वारा जानकारी उपलब्ध करा दी गई हैं, शेष वृत्तों द्वारा चाही गई जानकारी वृह्द स्वरूप की होने के कारण संकलित की जा रही है। (ख) पत्र क्रमांक 7002 से 7017 तक के विभिन्न पत्रों में विभिन्न वृत्तों से धारा-29 एवं धारा-4 (1) में प्रकाशित विभिन्न जिलों के बारे में चाही गई जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) समस्त जानकारी क्षेत्रीय वनमण्डलों से संबंधित है, अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जानकारी क्षेत्रीय वनमण्डलों से संबंधित एवं वृह्द स्वरूप की होने से जानकारी उपलब्ध कराये जाने की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
प्रोफेसर एवं सहायक प्रोफेसरों के स्थानांतरण
[उच्च शिक्षा]
85. ( क्र. 3261 ) श्री संजय शाह मकड़ाई : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल जिले के शासकीय महाविद्यालयों में कार्यरत प्रोफेसर एवं सहायक प्रोफेसरों का स्थानांतरण कितने-कितने वर्ष में करने का प्रवधान है? नियम/निदेशों से अवगत करावें? (ख) क्या भोपाल जिले में कार्यरत प्रोफेसर एवं सहायक प्रोफेसर विगत 10 से 15 वर्षों से एक ही महाविद्यालय में या भोपाल जिले के अंतर्गत ही एक महाविद्यालय से दूसरे महाविद्यालयों में स्थानांतरण होकर कार्यरत हैं? यदि हाँ, तो शासन ऐसे प्रोफेसर एवं सहायक प्रोफेसरों के स्थानान्तरण के संबंध में शासन क्या कार्यवाही करेगा? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में भोपाल जिले के महाविद्यालयों में एक ही महाविद्यालय या जिले के जिले में ही अन्य महाविद्यालयों में कार्यरत प्रोफेसर एवं सहायक प्रोफेसरों के नाम व महाविद्यालयोंवार सूची उपल्बध करावें?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) सामान्य स्थानांतरण हेतु लागू स्थानांतरण नीति वर्ष 2015-16 की कंडिका 8.7 अनुसार स्थानांतरण हेतु निश्चित वर्ष का प्रावधान नहीं है। स्थानांतरण नीति निर्देश की प्रतिलिपि पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' पर है। (ख) जी हाँ। वर्तमान में प्रभावशील स्थानांतरण नीति में 10 से 15 वर्षों से एक ही स्थान पर पदस्थ प्रोफेसर एवं सहायक प्रोफेसर के अनिवार्यतः स्थानांतरित किये जाने का प्रावधान नहीं हैं। (ग) प्रश्नांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' पर है।
युवाओं को उद्योग एवं रोजगार ऋण प्रदाय
[सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम]
86. ( क्र. 3263 ) श्री संजय शाह मकड़ाई : क्या राज्यमंत्री, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) हरदा जिले में शासन द्वारा युवाओं को उद्योग एवं रोजगार हेतु शासन की योजनाओं से विगत 3 वर्षों से प्रश्न दिनांक तक कितनी राशि प्रदाय की गई? कितने आवेदन प्राप्त हुये? प्राप्त आवेदनों में से कितने आवेदन स्वीकृत हुये? कितने अस्वीकृत हुये व कितनी राशि हितग्राहियों को उपलब्ध करायी गई? (ख) प्रश्नांश (क) संदर्भ में कितने प्रकरण क्या लंबित हैं? लंबित प्रकरणों के निराकरण की समयावधि से अवगत करावें?
राज्यमंत्री, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम ( श्री संजय पाठक ) : (क) युवाओं को उद्योग एवं रोजगार हेतु शासन के विभिन्न विभागों द्वारा योजनाएं संचालित की जा रही हैं। संबंधित विभागों से जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही हे।
मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना अन्तर्गत ग्रामीण सड़कों का निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
87. ( क्र. 3286 ) श्रीमती ममता मीना : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना में चांचौड़ा विधानसभा क्षेत्र में ग्राम सड़कों के ग्यारह (11) पैकेज शासन द्वारा एक वर्ष पूर्व स्वीकृत हुये थे। स्वीकृत दिनांक सहित बतायें। (ख) चांचौड़ा विधानसभा क्षेत्र के मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के पैकेज नम्बर 0660, पैकेज नं. 0661, पैकेज नं. 0662, पैकेज नं. 0648 पैकेज नं. 0659 की निविदाओं को दो तीन बार क्यों निरस्त कर विकास कार्यों को क्यों रोका गया? (ग) चांचौड़ा विधानसभा क्षेत्र के पैकेज नं. 0648 की निविदा का ठेका ठेकेदार द्वारा अनुबंध नहीं करने पर 6 माह पूर्व निरस्त कर दी गई। आज दिनांक तक उक्त निर्माण कार्य की निविदा पुनः क्यों आमंत्रित नहीं की गई, बतायें? (घ) चांचौड़ा विधानसभा क्षेत्र में शासन की योजनाओं को जिन अधिकारियों द्वारा अवरूद्ध किया गया व किया जा रहा है उन पर क्या कार्यवाही की गई या क्या कार्यवाही की जा रही है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। पैकेज में शामिल सड़कों की प्रशासकीय स्वीकृति विकास आयुक्त कार्यालय के पत्र क्र.4140 दिनांक 24.7.2015 द्वारा जारी की गई। (ख) पैकेज क्र. 659 की निविदा द्वितीय आमंत्रण में स्वीकृत और पैकेज क्र. 660, 661 एवं 662 की निविदा तृतीय आमंत्रण में स्वीकृत की गई। उचित एवं प्रतियोगी दरें प्राप्त करने के लिए। (ग) एवं (घ) पैकेज क्र. 648 की निविदा पुन: आमंत्रित की जा चुकी है। अधीक्षण यंत्री, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा, मण्डल ग्वालियर के विरूद्ध विभागीय जाँच संस्थित करने का निर्णय लिया गया है।
दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
88. ( क्र. 3358 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले में वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक कितने परिवार को राष्ट्रीय परिवार सहायता के लाभ से संबंधित पदाविहित प्राधिकारियों द्वारा लाभान्वित किया गया, जनपदवार एवं वर्षवार विवरण देवें? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में राष्ट्रीय परिवार सहायता के स्वीकृत प्रकरणों में से ऐसे कितने परिवारों को लाभांवित किया गया, जिस परिवार में मुख्य पालनकर्ता सदस्य महिला थी तथा उस महिला सदस्य की मृत्यु होने पर उस परिवार में राष्ट्रीय परिवार सहायता के लाभ से लाभांवित किया गया? (ग) क्या भारत सरकार द्वारा नवंबर 2012 से राष्ट्रीय परिवार सहायता की राशि 10 हजार से बढ़ाकर 20 हजार रूपये की गई थी, जिसे राज्य सरकार द्वारा किस दिनांक से बढ़ाकर भुगतान कराया गया तथा क्या रीवा जिले में इस की अवधि से बढ़ाकर भुगतान किया गया? (घ) प्रश्नांश (ख) अनुसार महिला पालनकर्ता सदस्य की मृत्यु उपरांत राष्ट्रीय परिवार सहायता के लाभ से अगर परिवार वंचित हुआ तो उसके लिए कौन-कौन दोषी है? दोषियों की पहचान कर उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही करेंगे, साथ ही उनके आवेदन पत्रों का पुन: परीक्षण करवाकर आवेदन पत्रों को पात्रता अनुसार स्वीकृत प्रदान कराकर भुगतान करेंगे? साथ ही भविष्य में ऐसे आवेदन पत्र निरस्त न किये जाने संबंधी आदेश एवं निर्देश संबंधितों को जारी करेंगे? हाँ, तो कब तक, अगर नहीं तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) रीवा जिले में वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक 1727 परिवारो को लाभान्वित किया गया। इन स्वीकृत प्रकरणों में से 02 परिवार में मुख्य पालनकर्ता सदस्य महिला होने से परिवार को लाभान्वित किया गया। (ग) जी हाँ। दिनांक 25 अप्रैल 2013 से भुगतान किया गया। जी हाँ। रीवा जिले 25 अप्रैल 2013 से बड़ी हुई दर पर राष्ट्रीय परिवार सहायता का भुगतान किया गया। (घ) उत्तरांश ''ख'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विधायक विकास निधि की राशि से चबूतरा निर्माण
[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]
89. ( क्र. 3393 ) श्री गिरीश गौतम : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या देवतालाब विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र विकास योजना के अंतर्गत ग्राम उधौपुरवा में एक छतदार चबूतरे के निर्माण हेतु राशि स्वीकृत की जाकर कलेक्टर रीवा द्वारा प्रशासकीय/वित्तीय स्वीकृत दो लाख रूपये की दिनांक 22.6.15 को जारी की गयी और ग्राम पंचायत उधौपुरवा विकासखण्ड मऊगंज जिला रीवा एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत मऊगंज जिला रीवा को क्रियान्वयन एजेंसी बनाया गया? आदेश की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) क्या राशि आहरित करने के बाद भी ग्राम पंचायत उधौपुरवा द्वारा कोई निर्माण कार्य नहीं किया गया है और जबकि राशि सरपंच एवं सचिव द्वारा निकाल ली गयी है? (ग) कार्य निर्धारित अवधि में क्यों पूर्ण नहीं हुआ? इसके लिए कौन जिम्मेवार है तथा उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जायेगी तथा कार्य कब तक पूर्ण करा लिया जायेगा?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी हाँ। आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। संबंधित निर्माण एजेन्सी द्वारा कुर्सी स्तर तक का कार्य करा लिया गया है। (ग) क्रियान्वयन एजेन्सी ने कार्य समयावधि में पूर्ण नहीं किया। क्रियान्वयन एजेन्सी को पत्र जारी कर उक्त कार्य को शीघ्र पूर्ण कराने हेतु निर्देशित किया गया है।
रोजगार हेतु ऋण प्रकरणों के निराकरण
[सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम]
90. ( क्र. 3405 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या राज्यमंत्री, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सुक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग विभाग द्वारा धार जिला अंतर्गत प्रधानमंत्री रोजगार सृजन योजना एवं मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना, मुख्यमंत्री स्व-रोजगार योजना, मुख्यमंत्री आर्थिक कल्याण योजना में युवाओं को रोजगार हेतु ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में विगत एक वर्ष में धार जिले में व धरमपुरी विधानसभा क्षेत्र के युवाओं द्वारा सूक्ष्म, लघु उद्योग डालने हेतु कितने आवेदन प्राप्त हुए? कितने आवेदकों को ऋण स्वीकृत किया गया है तथा स्वीकृत प्रकरणों में से कितने हितग्राहियों की बैंक ऋण स्वीकृति उपरांत इकाइयां प्रारंभ की जा चुकी है तथा कितने आवेदन स्वीकृति हेतु किन कारणों से लंबित है? बैंकवार प्राप्त, स्वीकृत एवं लंबित प्रकरणों की हितग्राहियों के नाम पते सहित जानकारी उपलब्ध करावें?
राज्यमंत्री, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम ( श्री संजय पाठक ) : (क) जी हाँ। (ख) धार जिले व धरमपुरी विधानसभा क्षेत्र की जानकारी निम्नानुसार है :-
योजना का नाम |
प्राप्त आवेदन |
स्वीकृत |
वितरित/ प्रारंभ |
प्रधानमंत्री रोजगार सृजन योजना |
68 |
28 |
25 |
मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना |
106 |
46 |
46 |
मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना |
2765 |
901 |
870 |
मुख्यमंत्री आर्थिक कल्याण योजना |
65 |
65 |
65 |
उपरोक्त वितरित प्रकरणों में इकाइयां प्रारंभ हो चुकी है। स्वीकृति पश्चात् अतिशेष प्रकरण बैंक द्वारा लौटाया गया अतः कोई प्रकरण बैंक में लंबित नहीं है। बैंकवार स्वीकृत प्रकरणों के हितग्राहियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। खादी ग्रामोद्योग जिला धार से जानकारी एकत्रित की जा रही है।
स्वीकृत क्रेशर खदानें
[खनिज साधन]
91. ( क्र. 3407 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धरमपुरी विधानसभा क्षेत्र में खनिज विभाग की कितनी क्रेशर खदानें स्वीकृत/संचालित हैं? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित खदानों में से कितनी खदानें कब-कब से स्वीकृत हैं? खदानवार आवंटित वर्ष, आवंटिती के नाम सहित पूर्ण जानकारी देवें? (ग) आवंटित खदानों में से कितनी खदानें वर्तमान में चालू हैं? कितनी खदानें बन्द हैं? उक्त खदानें कब से बन्द हैं व बन्द होने का क्या कारण हैं? बन्द खदानों का पूर्ण विवरण उपलब्ध करावें?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रश्नाधीन विधानसभा क्षेत्र में क्रेशर से गिट्टी निर्माण हेतु कुल 18 खदानें स्वीकृत हैं जिसमें से 17 खदानें उत्खनिपट्टा पर एवं 01 खदान व्यापारिक खदान के रूप में स्वीकृत है। संचालित (कार्यशील) खदानों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' एवं 'ब' अनुसार है। (ख) वांछित जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' एवं 'ब' में दर्शित है। (ग) प्रश्न 'क' अनुसार आवंटित 18 खदानों में से 11 उत्खनन पट्टा एवं 01 व्यापारिक खदान संचालित है। 06 उत्खनन पट्टों में पर्यावरणीय स्वीकृति न होने से कार्य बंद है। बंद खदानों का विस्तृत विवरण प्रश्नांश (क) के उत्तर के साथ संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' पर है।
फसल क्षति से प्रभावित किसानों की पुत्रियों की शादी
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
92. ( क्र. 3434 ) श्रीमती पारूल साहू केशरी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2015 में फसल क्षति से प्रभावित किसानों की पुत्रियों की शादी के लिये माननीय मुख्यमंत्री जी की घोषणा के अनुसार राज्य शासन द्वारा प्रति पुत्री रूपये 25 हजार की सहायता राशि दिये जाने के आदेश जारी किये थे? (ख) यदि हाँ, तो सागर जिला अंतर्गत विधानसभा क्षेत्र सुरखी के अंतर्गत किस-किस ग्राम के किन-किन फसल क्षति से प्रभावित कुल कितने किसानों ने अपनी पुत्रियों के विवाह हेतु सहायता राशि दिये जाने के आवेदन पत्र दिये थे? इनमें से कितने किसानों को पात्र पाया गया तथा कितने किसानों के आवेदन पत्र अपात्रता के आधार पर अमान्य किये गये? पात्रता की शर्तें बतायी जावें? (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में बतावें कि क्या पात्र हितग्राही सभी किसानों को उनकी पुत्री के लिये स्वीकृत राशि का भुगतान किया जा चुका है अथवा अभी कुछ प्रकरण भुगतान हेतु लंबित है? लंबित प्रकरणों की कारण सहित सूची उपलब्ध करायी जावें? (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार लंबित प्रकरणों में हितग्राही किसानों को कब तक देय राशि का भुगतान कर दिया जावेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। विधान सभा क्षेत्र सुरखी के अंतर्गत फसल क्षति से प्रभावित मुख्यमंत्री सूखा राहत में कुल 193 आवेदन पत्र प्राप्त हुये है, जिनमें से 162 आवेदन पात्र एवं 31 आवेदन अपात्र पाये गये है। पात्रता की शर्तें:- अनुविभागीय अधिकारी राजस्व द्वारा आवेदन पत्रों का सत्यापन उपरांत 50 प्रतिशत या उससे अधिक फसल हानि की पुष्टि होने पर प्रकरण स्वीकृत किया जाता है। (ग) जी हाँ। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्तरांश ''ग'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मजदूरों का भुगतान
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
93. ( क्र. 3435 ) श्रीमती पारूल साहू केशरी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मनरेगा अंतर्गत किये गये कार्यों का समय पर मूल्यांकन न होने से एवं समय पर मजदूरों का भुगतान न होने से मजदूरों के पलायन करने की नौबत बार-बार आती है? (ख) क्या मनरेगा एक्ट एवं शासन के नियम अनुसार निर्धारित अवधि में मूल्यांकन किया जाता है? यदि हाँ, तो 1 अक्टूबर 2016 से प्रश्न दिनांक तक सुरखी विधानसभा क्षेत्रांतर्गत राहतगढ़, जैसीनगर एवं सागर जनपद में किस किस ग्राम पंचायतों में कितने कितने कार्यों का मूल्यांकन एवं सत्यापन किन अधिकारियों के द्वारा विलम्ब से किया गया है? (ग) प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में समय पर मूल्यांकन न करने वाले दोषी अधिकारियों एवं कर्मचारियों के विरूद्ध क्या कोई कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक और यदि नहीं, तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। भारत सरकार ने 01.11.2016 से मजदूरी भुगतान हेतु NEFMS (नेशनल इलेक्ट्रॉनिक फण्ड मैनेजमेंट सिस्टम) व्यवस्था लागू की है जिसके तहत सीधे मजदूरों के बैंक खातों में मजदूरी राशि जमा कराई जाती है। (ख) जी हाँ। विलंब की स्थिति नहीं है। (ग) उक्त उत्तर ''ख'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है।
इंदिरा आवास की स्वीकृति
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
94. ( क्र. 3436 ) श्रीमती पारूल साहू केशरी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2015-16 में सागर जिले की राहतगढ़ जनपद में इंदिरा आवास के तहत स्वीकृत कुटीरों में रोस्टर का पालन नहीं किया गया है? (ख) यदि नहीं, तो क्या यह सही है कि संबंधित अधिकारी और कर्मचारी की गलतियों से बिना परीक्षण किये एवं पंचायत के प्रस्ताव के बिना मनमाने तरीके से प्रकरणों पर राशि जारी कर दी गयी है? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार ऐसे प्रकरणों की पूरी जानकारी सहित प्रस्ताव की प्रमाणित प्रति उपलब्ध करावें? (घ) क्या पूरे प्रकरणों की जाँच कराकर दोषी अधिकारी एवं कर्मचारियों पर कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक और यदि नहीं, तो क्यो नहीं?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एवं (ख) जी नहीं। (ग) एवं (घ) प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है।
खरीदे गये टायर ट्यूब व पुराने टायरों
[नगरीय विकास एवं आवास]
95. ( क्र. 3474 ) चौधरी मुकेश सिंह चतुर्वेदी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) भोपाल नगर निगम ने वर्ष 2015-16 में कितने टायर-ट्यूब कितनी-कितनी राशि के किन-किन वाहनों के लिए किस ब्रांड के खरीदे? (ख) प्रश्नांश (क) के तहत सीधे कंपनी से खरीदे गये या अधिकृत विक्रेता से? (ग) प्रश्नांश (ख) के तहत टायर-ट्यूब खरीदने के लिए बजट में कितनी राशि का प्रावधान किया गया था? खरीदी कितनी राशि की हुई? (घ) प्रश्नांश ''क, ''ख'' व ग'' के तहत पुराने टायरों का क्या हुआ? पुराने टायरों की नीलामी कब से नहीं की गई? क्या निगम के वाहनों में रिमोल्ड टायर भी डाले जा रहे है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) अधिकृत विक्रेता से। (ग) राशि रूपये 2,50,00,000/- का प्रावधान था, जिसमें से राशि रूपये 1,03,20,478/- की खरीदी की गई। (घ) नीलामी प्रकिया में है, पूर्व में नीलामी वर्ष 2014-15 में की गई थी, जी हाँ, समय-समय पर रिमोल्ड टायरों का उपयोग किया जाता है।
शासन की गाईडलाईन अनुसार क्रियान्वयन
[नगरीय विकास एवं आवास]
96. ( क्र. 3484 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या प्रदेश में शहर के सुनियोजित विकास के लिये रीवा में मास्टर प्लान 2021 तैयार किया गया है? जिसका मुख्य बिंदु आबादी में स्थित 12 प्रकार के उद्योगों को शहर से हटाकर बाहरी क्षेत्र में व्यवस्थित करना है? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में यदि हाँ, तो इसके लागू होने के दिनांक से प्रश्न दिनांक तक अनुमति एवं बिना अनुमति के रीवा जिले में कितने उद्योग लगाये गये? अब तक शहर में कितने 12 प्रकार के उद्योग संचालित है? उनका विवरण स्थापना दिनांक, अनुमति दिनांक, उद्योग का प्रकार, औद्योगिक फर्म का नाम, पता, फर्म मालिक का नाम, पता का विवरण दें? (ग) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में अब तक कितने उद्योग व्यवस्थित किये गये उनका प्रश्नांश (ख) अनुसार विवरण प्रदान करें? (घ) 2021 के मास्टर प्लान पर कितना अमल हुआ? इसका रिव्यू 2017 में किया जावेगा? क्या बगैर मास्टर प्लान के निर्माण पर एफ.आई.आर. का प्रावधान है? यदि हाँ, तो क्या कराया गया है? यदि हाँ, तो नाम बतावें? यदि नहीं, तो क्यों कारण स्पष्ट करें? किया जावेगा तो कब तक?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। रीवा विकास योजना 2021 दिनांक 30.03.2010 द्वारा अनुमोदित होकर राजपत्र में प्रकाशन दिनांक 09.04.2010 से लागू है। विकास योजना की कंडिका क्रमांक 2.14, सारणी 2-सा-16 में नगर में स्थित 12 असंगत एवं अकार्यक्षम भूमि उपयोग की पुनर्स्थापन का विवरण दिया गया है जिसमें उद्योग के अलावा अन्य गतिविधियां सम्मिलित है। जिसका विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) रीवा विकास योजना 2021 के निवेश क्षेत्र में ग्राम चौरहटा में म.प्र. ओद्योगिक केन्द्र विकास निगम रीवा द्वारा विकसित ओद्योगिक क्षेत्र में कुल 87 उद्योग निगम की अनुमति से लगाये गये है। उत्तरांश 'क' अनुसार। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ग) उत्तरांश 'क' के संदर्भ में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) रीवा विकास योजना के अध्याय क्रमांक 5 के पैरा 5.2 अनुसार योजना क्रियान्वयन का मुख्य दायित्व नगर पालिका निगम रीवा का है। विकास योजना का रिव्यू, योजना लक्ष्य निर्धारित करते समय गुण-दोषों के आधार पर किया जाता है। म.प्र. नगर तथा ग्राम निवेश अधिनियम 1973 में एफ.आई.आर. संबंधी प्रावधान उल्लेखित नहीं है। अत: शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय में व्याप्त अनियमितताएं
[उच्च शिक्षा]
97. ( क्र. 3497 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय की स्थापना किस वर्ष में की गई तथा इसे यू.जी.सी. से मान्यता कब प्रदान की गई वर्तमान में रीवा और शहडोल संभाग के संबद्ध महाविद्यालयों की संख्या लगभग 153 तक एवं परिसर 246 एकड़ में फैला हुआ है इस विश्वविद्यालय में 19 विभागों का संचालन हो रहा है? (ख) यदि हाँ, तो अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय में अतिक्रमण करने वालों के विरूद्ध कार्यवाही की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है जो यहाँ से स्थानान्तरित या सेवानिवृत्त होने के बाद भी कब्जा किये बैंठे है? (ग) प्रश्नांश (ख) के प्रकाश में क्या अतिक्रमण हटाने का प्रयास शासन स्तर से प्राप्त हुआ है यदि हाँ, तो अवैध रूप से कब्जा जमाये हुये पूर्व के कर्मचारियों से दोगुना किराया वसूल किया जावेगा? (घ) क्या अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय में फिल्टर प्लांट का निर्माण नगर निगम के बिना अनुबंध ही प्रारंभ कर दिया गया है? प्रश्नांश (ग) के प्रकाश में कार्यवाही कब तक पूर्ण कर ली जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) विश्वविद्यालय की स्थापना 20 जुलाई 1968 को हुई तथा यू.जी.सी. से मान्यता फरवरी 1972 में प्रदान की गई। विश्वविद्यालय परिक्षेत्र के रीवा एवं शहडोल संभाग में संबद्ध शासकीय महाविद्यालय 52 एवं अशासकीय महाविद्यालय 161, कुल 213 महाविद्यालय हैं। विश्वविद्यालय परिसर 258 एकड़ क्षेत्रफल में फैला हुआ है तथा नियमित 14 विभाग संचालित हैं। (ख) जी हाँ। (ग) जी हाँ। विश्वविद्यालय के पत्र दिनांक 13.01.2017 द्वारा तत्कालीन कुलसचिव, श्री राकेश कुमार चौहान से पैनल रेन्ट के अनुरूप भवन का किराया जमा करने हेतु निर्देशित किया गया है। (घ) जी हाँ। विभाग के पत्र दिनांक 09.12.2016 के तहत नगर पालिक निगम रीवा एवं कुलसचिव, अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय, रीवा के बीच विधिक अनुबंध किया जाना प्रक्रियाधीन है। प्रश्नांश (ग) के प्रकाश में समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
पंचायतीराज व्यवस्था और ग्रामीणों का उत्थान
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
98. ( क्र. 3525 ) श्री सचिन यादव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) केन्द्र सरकार से वर्ष 2009 से 2014 के मध्य मध्यप्रदेश सरकार को पंचायतीराज व्यवस्था और ग्रामीणों के उत्थान हेतु कितनी-कितनी राशि किस-किस योजना के अंतर्गत प्राप्त हुई? (ख) क्या राज्य सरकार ने उक्त प्राप्त धनराशि को आवंटित प्रयोजनों में ही खर्च की है या नहीं? (ग) वर्तमान में मध्यप्रदेश सरकार द्वारा पंचायतों को कौन-कौन से अधिकार वित्तीय अधिकारी को दिए गऐ हैं और पंचायतों को सम्पन्न बनाने हेतु सरकार की आगामी कार्य योजनाएं क्या है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जी हाँ। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। प्रत्येक ग्राम पंचायत में ग्राम विकास योजना तैयार है, जिसके तहत कार्य होते है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
निस्तार हेतु जलाऊ लकड़ी, बांस एवं बल्ली का प्रदाय
[वन]
99. ( क्र. 3535 ) श्री संजय उइके : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या निस्तार नीति के अंतर्गत शासकीय वनों की सीमा से 5 कि.मी. परिधी के अंतर्गत आने वाले ग्राम के ग्रामीणों को कृषि एवं घरेलू कार्यों के उपयोग हेतु बांस, बल्ली, जलाऊ लकड़ी आदि वनोपज रियायती दरों पर प्रदाय किये जाने का प्रावधान हैं? (ख) यदि हाँ, तो वित्तीय वर्ष 2012-13 से प्रश्न दिनांक तक बालाघाट जिले की बैहर विधानसभा क्षेत्र में किन-किन कूपों में कितनी-कितनी जलाऊ लकड़ी बांस एवं बल्ली काटी गई एवं कहाँ-कहाँ, स्थायी एवं अस्थायी डिपो में कितनी-कितनी जलाऊ लकड़ी, बांस एवं बल्ली प्रदाय की गई? (ग) स्थायी एवं अस्थायी डिपो से कितने ग्रामीणों/व्यापारियों को कितनी-कितनी जलाऊ लकड़ी, बांस एवं बल्ली प्रदाय की गयी? (घ) क्या कान्हा नेशनल पार्क के बफर जोन में निवास करने वाले ग्रामीणों को पर्याप्त मात्रा में निस्तार हेतु जलाऊ लकड़ी बांस एवं बल्ली नहीं मिल पा रही है? क्या इन क्षेत्रों में पर्याप्त मात्रा में निस्तार सामग्री बढ़ाई जायेगी?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी हाँ। वर्तमान निस्तार नीति के अंतर्गत शासकीय वनों की सीमा से 5 कि.मी. परिधी के अंतर्गत आने वाले ग्राम के ग्रामीणों को कृषि एवं घरेलू कार्यों के उपयोग हेतु बांस, बल्ली, जलाऊ लकड़ी आदि वनोपज रियायती दरों पर प्रदाय किये जाने का प्रावधान है। (ख) दिनांक 01.04.2012 से प्रश्न दिनांक तक बालाघाट वन वृत्त के अंतर्गत बैहर विधानसभा क्षेत्र के 162 काष्ठ कूपों में 61922 बल्ली, 42544 जलाऊ चट्टे एवं 45 बांस कूपों में 1908898 व्यापारिक बांस का उत्पादन हुआ है। विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं 2 अनुसार है। इस अवधि में उक्त क्षेत्र के 48 डिपो में 2585060 बांस, 19069 बल्ली एवं 25279 जलाऊ चट्टे प्रदाय किए गए है। विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। बैहर विधानसभा क्षेत्र में निस्तार में बांस अन्य क्षेत्रों से काटकर भी निस्तार पूर्ति की गई है। (ग) उक्त अवधि में 48 स्थायी/ अस्थायी डिपो से कुल 2529388 बांस, 15727 बल्ली एवं 25279 जलाऊ चट्टे 50192 ग्रामीणों को प्रदाय किए गए है। विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। (घ) कान्हा नेशनल पार्क के बफर जोन के निवासी ग्रामीणों को उपलब्धता अनुसार पर्याप्त मात्रा में प्रतिवर्ष निस्तार हेतु जलाऊ लकड़ी, बांस एवं बल्ली प्रदाय की जाती है। दिनांक 01.04.2012 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में डिपो में उपलब्ध कराये गये 1153195 बांस, 15031 बल्ली एवं 8822 जलाऊ चट्टे के विरूद्ध 1142690 बांस, 14426 बल्ली एवं 7968 जलाऊ चट्टे 22669 ग्रामीणों को प्रदाय किये गए है। विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-5 अनुसार है। इस प्रकार पर्याप्त मात्रा में निस्तार वनोपज प्रदाय की जा रही है।
जिला पंचायत कार्यालय को प्राप्त जाँच प्रतिवेदन
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
100. ( क्र. 3548 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2014-15, 2015 -2016 तक खरगोन जिला पंचायत कार्यालय को कितने जाँच प्रतिवेदन प्राप्त हुए, प्रकरणवार सूची देवें। (ख) वर्ष 2014-15, 2015-2016 तक खरगोन जिले में कितने सचिव या रोजगार सहायक सस्पेंड किय गये, कितने बहाल हुए, कितने बहाली हेतु लंबित हैं। (ग) वर्ष 2014-15, 2015-2016 तक खरगोन जिले में कर्मचारियों को शिकायत या कार्य में लापरवाही के आधार पर अन्यत्र स्थानांतरित/अस्थाई तौर पर अन्य स्थान पर कार्यभार दिया गया है प्राप्त प्रकरणवार नाम, पद सहित सूची देवें।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 'अ' अनुसार। (ख) प्रश्नांकित अवधि के खरगोन जिले के 77 पंचायत सचिवों का निलंबन किया गया था जाँच उपरांत 22 को बहाल किया गया तथा शेष जांचाधीन है तथा 12 रोजगार सहायकों के विरुद्ध कार्यवाही कर 11 की सेवाएं समाप्त की गई। 01 को सेवा में पुनः बहाल किया गया। बहाली हेतु कोई भी रोजगार सहायक का प्रकरण लंबित नहीं है। (ग) जिले में वर्ष 2014-15, 2015-16 तक पंचायत सचिवों को शिकायत या कार्य में लापरवाही के आधार पर अन्यत्र अस्थाई तौर पर अन्य स्थान पर कार्यभार दिया गया है। जिसकी सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार।
विकास प्राधिकरण इन्दौर द्वारा बस टर्मिनलों का निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
101. ( क्र. 3571 ) श्री राजेश सोनकर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विकास प्राधिकरण, इन्दौर द्वारा इन्टर स्टेट बस टर्मिनल प्रोजेक्ट कहाँ-कहाँ प्रस्तावित किया गया? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में इन्टर स्टेट बस टर्मिनल निर्माण करने हेतु चिन्हित स्थानों पर किन-किन किसानों की भूमि विकास प्राधिकरण द्वारा ली गई? क्या विकास प्राधिकरण द्वारा भूमि के बदले व्यवसायिक/आवासीय भूखण्ड देने की घोषणा की गई थी? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में यदि हाँ, तो कितने किसानों को कहाँ-कहाँ पर कितनी-कितनी भूमि लेकर भूमि के बदले अन्य भूखण्ड दिये गये एवं कितनों को दिये जाना शेष हैं? (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में क्या विकास प्राधिकरण द्वारा दिये गये भूखण्ड छोटे किसानों के समूह बनाकर भूखण्ड देना स्वीकार किया है व किन-किन किसानों का समूह बनाया गया?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) इंदौर विकास प्राधिकारी द्वारा ग्राम सुखालिया में प्राधिकारी की योजना क्रमांक 169-ए, 139 के अंतर्गत इंटर स्टेट बस टर्मिनल का निर्माण प्रस्तावित है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। प्राधिकारी द्वारा योजना क्रमांक 169-ए में भूखंड दिये जाने हेतु आरक्षण पत्र जारी किये गये है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2-ए,-2-बी एवं 3 अनुसार है। (घ) प्राधिकारी एवं भू-धारकों के मध्य हुई चर्चा के आधार पर भू-धारकों द्वारा बनाये गये समूह को भूखंड देने के संबंध में प्राधिकारी स्तर पर विचार किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है।
निर्माण कार्यों की जानकारी
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
102. ( क्र. 3639 ) श्री रामपाल सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शहडोल जिले के ग्रामीण यांत्रिकी उप संभाग ब्यौहारी में उपयंत्री के पद पर पदस्थ श्री एम. खान द्वारा ग्रामीण यांत्रिकी सेवा के पदस्थापना के विगत पाँच वर्षों में कितने निर्माण कार्य कराये गये हैं? (ख) कार्यों की कुल स्वीकृत राशि भौतिक प्रगति पूर्णता प्रमाण पत्र तथा अपूर्ण कार्यों की जानकारी उपलब्ध करायी जावे?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
खेल मैदान निर्माण
[खेल और युवा कल्याण]
103. ( क्र. 3640 ) श्री रामपाल सिंह : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या मध्यप्रदेश में पारंपरिक खेलों को बढ़ावा देनें के लिये शासन द्वारा प्रभावी प्रयास कर खेल मैदान चिन्हित कर निर्माण कराये जाते हैं। (ख) यदि प्रश्नांश (क) हाँ तो शहडोल जिले के ब्यौहारी तहसील अंतर्गत ग्राम झरौसी स्थिति मध्यप्रदेश शासन राजस्व विभाग की आराजी खसरा क्रमांक ११० रकवा २२ एकड़ भूमि को खेल मैदान घोषित कर उक्त भूमि पर खेल मैदान निर्मित किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक।
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं, ग्राम झरोसी में खेल मैदान निर्मित करने की कोई योजना नहीं है। शहडोल जिले के ब्यौहारी तहसील में विभाग द्वारा खेल स्टेडियम निर्मित कराया गया है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
प्रधानमंत्री सड़क निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
104. ( क्र. 3641 ) श्री रामपाल सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शहडोल जिले के जनपद पंचायत जयसिंहनगर अंतर्गत रीवा शहडोल मार्ग से ग्राम कोठीगढ़ तथा छूदा तक प्रधानमंत्री सड़क निर्माण कार्य कराया गया है। (ख) यदि प्रश्नांश (क) हाँ तो उक्त सड़क का निर्माण कार्य पूर्ण कर संपूर्ण सड़क का पक्कीकरण किया जा चुका है? यदि हाँ, तो उक्त कार्य कब प्रारंभ किया गया था? कार्य की लागत कितनी थी तथा कब पूर्ण किया गया? यदि पूर्ण नहीं किया गया तो क्यों और कब तक पूर्ण किया जावेगा।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। शहडोल जिले में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत एस.एच.-9 से छूदा एवं करकी (सेमरा) से कोठीगढ़ सड़क का निर्माण कार्य कराया गया है। (ख) जी नहीं, एस.एच.-9 से छूदा सड़क लंबाई 5.99 कि.मी., लागत रूपये 90.76 लाख का निर्माण कार्य दिनांक 18.10.2007 को प्रारंभ कराया गया था जिसमें 1.56 कि.मी. में कार्य दिनांक 31.03.2014 तक पूर्ण कराया गया और शेष लंबाई में वन भूमि आने एवं वन विभाग से निर्माण कार्य की अनुमति नहीं मिलने से पूर्ण नहीं कराया जा सका है। करकी (सेमरा) से कोठीगढ़ सड़क लंबाई 8.66 कि.मी. लागत, रूपये 177.26 लाख का निर्माण कार्य दिनांक 18.10.2007 को प्रारंभ कर 3.36 कि.मी. लंबाई में कार्य दिनांक 31.03.2014 तक पूर्ण कराया गया और शेष लंबाई में वन भूमि आने एवं वन विभाग से निर्माण कार्य की अनुमति नहीं मिलने से पूर्ण नहीं कराया जा सका। वन क्षेत्र में कार्य करने की अनुमति प्राप्त नहीं होने से कार्यों को पूर्ण कराने की समय-सीमा नियत करना संभव नहीं है।
विकास कार्यों की जानकारी
[वन]
105. ( क्र. 3665 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में वन विभाग द्वारा विगत 2 वर्षों में पौध रोपण हेतु पौधे एवं बीज रोपण हेतु बीज कहाँ से किस मूल्य पर क्रय किये गए? बीज एवं पौधों की संख्या तथा खर्च राशि की जानकारी देवें। (ख) विगत 1 वर्ष में वन विभाग द्वारा वन भूमि पर जुताई, डबरी, सी.पी.टी. एवं पौध रोपण हेतु करवाए गए गड्ढ़ों की संख्या एवं लम्बाई, चौड़ाई एवं गहराई सहित व्यय राशि की जानकारी दें। (ग) वर्तमान में सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में विभाग की कितनी भूमि पर बाऊण्ड्रीवाल का निर्माण या खाई द्वारा भूमि को रक्षित की जाना बाकी है? (घ) विभाग द्वारा कौन-कौन से विकास कार्य करवाए जाना प्रस्तावित हैं?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं 2 अनुसार है। (ग) सामान्य वनमण्डल मन्दसौर के अन्तर्गत कार्य आयोजना के एक्शन प्लान अनुसार वर्ष 2016-17 में बाऊण्ड्रीवाल एवं सी.पी.टी. द्वारा भूमि को रक्षित किया जाना बाकी नहीं है। केम्पा मद के अन्तर्गत वर्ष 2016-17 में बरखेड़ा राठौर के कक्ष क्रमांक पी-16 के 50 हेक्टयर क्षेत्र में वृक्षारोपण क्षेत्र के बाऊण्ड्रीवाल (चेनलिंग फैंसिंग) का कार्य बाकी है। (घ) सामान्य वनमण्डल मन्दसौर के अन्तर्गत सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2017-18 में कार्य आयोजना क्रियान्वयन के अन्तर्गत बिगड़े वनों का सुधार योजना में कक्ष क्रमांक पी-08 गोपालपुरा 50 हेक्टर, पी-22 बरखेड़ानायक 52 हेक्टर एवं जलाऊ चारागाह विकास योजना में कक्ष क्रमांक पी-13, आर-14 आम्बा 70 हेक्टर, पी-15 बरखेड़ा राठौर 65 हेक्टर, पी-20 बर्डियापुना 57 हेक्टर वन क्षेत्र में डबरा-डबरी, सी.पी.टी., जुताई कार्य कराया जाना प्रस्तावित हैं। केम्पा मद के अन्तर्गत वर्ष 2017-18 में बरखेड़ा राठौर के कक्ष क्रमांक पी- 16 के 50 हेक्टर क्षेत्र में वृक्षारोपण कार्य कराया जाना प्रस्तावित है।
विभाग से जारी किए जाने वाले अनापत्ति प्रमाण पत्र
[नगरीय विकास एवं आवास]
106. ( क्र. 3678 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) आगर जिला अंतर्गत विगत 03 वर्षों में कितने व्यक्तियों/एजेन्सियों ने विविध प्रयोजन हेतु अनापत्ति प्रमाण पत्र की मांग की हैं? सूची उपलब्ध करावें? (ख) विभाग द्वारा कॉलोनी विकास/परियोजना संचालन आदि के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी किये जाने हेतु क्या मापदण्ड हैं? (ग) अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त किये बिना परियोजना प्रारम्भ किये जाने पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जाती हैं? विवरण देवें? (घ) प्रश्नांश ''ग'' में उल्लेखित अनुसार विगत 03 वर्ष में आगर जिला अंतर्गत की गई कार्यवाहियों का प्रकरणवार विवरण देवें?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) म.प्र. नगर पालिका (कालोनाइजर का रजिस्ट्रीकरण निर्बन्धन तथा शर्तें) नियम, 1998 के प्रावधानों के अंतर्गत कार्यवाही की जाती है। (ग) म.प्र. नगर पालिका अधिनियम 1961 में धारा 339-ग एवं इसके अंतर्गत शासन द्वारा बनाये गये म.प्र. नगर पालिका (कालोनाइजर का रजिस्ट्रीकरण निर्बन्धन तथा शर्तें) नियम, 1998 में कार्यवाही किये जाने के प्रावधान हैं। (घ) विगत 03 वर्षों में आगर जिले में कोई कार्यवाही नहीं की गई हैं।
खेल स्टेडियम की स्वीकृति
[खेल और युवा कल्याण]
107. ( क्र. 3683 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विगत 03 वर्षों में म.प्र. में कितने नवीन खेल स्टेडियम स्वीकृत किये गये हैं? (ख) जिला आगर अंतर्गत कितने खेल स्टेडियम वर्तमान में संचालित हैं? (ग) आगर जिला अंतर्गत विगत 03 वर्षों में कौन-कौन से वृहद खेल गतिविधियां आयोजित की गई? आयोजन स्थल सहित पूर्ण विवरण देवें? (घ) विधानसभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत नवीन खेल स्टेडियम स्वीकृति हेतु कोई मांग या प्रस्ताव प्राप्त हुआ हैं? यदि हाँ, तो कब तक स्वीकृति होगी? यदि नहीं, तो क्या स्वप्रेरणा से खेलों को बढ़ावा देने हेतु एवं विभागीय आयोजन की सुविधा हेतु खेल स्टेडियम की स्वीकृति पर विचार कर प्रभावी कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो क्या व कब तक?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) विगत 03 वर्षों में मध्यप्रदेश में 20 खेल स्टेडियम स्वीकृत किये गये है। (ख) आगर अन्तर्गत विभाग की ओर से कोई खेल स्टेडियम संचालित नहीं है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जी हाँ। ग्राम आंतरी में भूमि आरक्षित की गई है, किन्तु अभी विभाग को हस्तांतरित नहीं हुई है। अतः निश्चित समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
केंद्र प्रवर्तित योजनाएं अंतर्गत आवंटित राशि
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
108. ( क्र. 3691 ) श्री रामनिवास रावत : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में विभाग की कौन-कौन सी केंद्र प्रवर्तित योजनाएं संचालित हैं? इन योजनाओं में केंद्र सरकार द्वारा वर्ष 2015-16, 2016-17 में प्रश्न दिनांक तक कितनी-कितनी राशि का आवंटन किया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार राशि में राज्य शासन द्वारा दिये जाने वाली अंश राशि कब-कब व कितनी-कितनी प्रदाय की गई ? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) अनुसार राशि में से अभी तक कितनी कितनी राशि व्यय की गई है? कितनी राशि शेष है? योजनावार वर्षवार जानकारी दें।
पंचायत
मंत्री ( श्री
गोपाल भार्गव
) : (क) से (ग)
जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट के
प्रपत्र 1 एवं 2
अनुसार है।
परिशिष्ट
- ''सत्ताईस''
मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना पर व्यय राशि
[धार्मिक न्यास और धर्मस्व]
109. ( क्र. 3693 ) श्री रामनिवास रावत : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना योजना लागू किए जाने की दिनांक से प्रश्न दिनांक की स्थिति के प्रचार-प्रसार पर वर्षवार कितनी राशि व्यय की गई है?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : जानकारी एकत्रित की जा रही है।
महाविद्यालय में स्टॉफ क्वाटर, हॉस्टल एवं बाउन्ड्रीवाल संबंधी निर्माण
[उच्च शिक्षा]
110. ( क्र. 3698 ) श्री गोपालसिंह चौहान (डग्गी राजा) : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या चंदेरी महाविद्यालय को आवंटित भूमि 6 हेक्टेयर के करीब है, जिसमें केवल महाविद्यालय भवन ही बना है। (ख) ग्रामीण क्षेत्र की छात्र/छात्राओं हेतु हॉस्टल एवं महाविद्यालय स्टॉफ की सुविधा के लिये क्या स्टॉफ क्वार्टर नहीं है? इस हेतु विभाग की क्या आगामी योजना है? (ग) महाविद्यालय की बाउंड्रीवाल किस स्तर पर लंबित है? लंबित हैं तो कारण सहित बतावें एवं महाविद्यालय की बाउण्ड्रीवाल का निर्माण कब तक हो जावेगा?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) शासकीय महाविद्यालय चंदेरी को 4.073 हेक्टर भूमि आवंटित है, जिसमें केवल महाविद्यालय भवन निर्मित है। (ख) जी हाँ। चंदेरी महाविद्यालय में होस्टल तथा स्टॉफ क्वाटर्स की वर्तमान में कोई योजना नहीं है। (ग) महाविद्यालय की बाउन्ड्रीवाल हेतु दिनांक 20.02.2017 को प्रस्ताव प्राप्त हुआ है। वर्तमान में सीमित वित्तीय संसाधनों को दृष्टिगत कर बाउण्ड्रीवाल हेतु राशि स्वीकृत किये जाने में कठिनाई है, अतएव समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
महाविद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता के प्रयास
[उच्च शिक्षा]
111. ( क्र. 3699 ) श्री गोपालसिंह चौहान (डग्गी राजा) : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश शासन द्वारा उच्च शिक्षा में गुणवत्ता लाने हेतु क्या-क्या प्रयास किये जा रहे हैं? (ख) इन प्रयासों से गुणवत्ता में कितनी वृद्धि हुई है?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) प्रदेश शासन द्वारा उच्च शिक्षा में गुणवत्ता लाने हेतु निम्नांकित प्रयास किये जा रहे हैं- केन्द्रीय अध्ययन मंडल के माध्यम से प्रति तीन वर्ष में पाठ्यक्रम का निर्माण, सतत् समग्र मूल्यांकन, पुस्तकालय एवं प्रयोगशालाओं के आधुनिकीकरण एवं सुदृढ़ीकरण हेतु योजनाओं का संचालन, आधुनिक तकनीक से शिक्षण व्यवस्था, सेमीनार/कार्यशाला के आयोजन हेतु महाविद्यालयों को अनुदान, गुणवत्ता प्रबंधन हेतु महाविद्यालयों को दिशा-निर्देश, शोध पत्रिकाओं के प्रकाशन हेतु निर्देश एवं कार्यवाही वर्चुअल कक्षाओं का प्रसारण, प्रत्येक महाविद्यालय/ विश्वविद्यालयों में आंतरिक गुणवत्ता प्रकोष्ठ का गठन, व्यक्तित्व विकास प्रकोष्ठ का गठन, राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान के तहत शोध, नवोन्मेष एवं गुणवत्ता संवर्धन के प्रयास की योजना, विश्व बैंक परियोजना के तहत शिक्षक-प्रशिक्षण हेतु राज्य स्तरीय प्रशिक्षण केन्द्र की स्थापना के प्रयास, शोध प्रोत्साहन हेतु छात्रवृत्ति, मेधावी छात्रों एवं शिक्षकों के प्रोत्साहन हेतु स्व. श्री लक्ष्मण सिंह गौड़ स्मृति पुरस्कार योजना, नैक द्वारा शिक्षण संस्थाओं का मूल्यांकन, चुनिन्दा महाविद्यालयों का राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय शैक्षणिक संस्थाओं से साझेदारी के प्रयास, आदि। महाविद्यालयों को उच्च शिक्षा में गुणवत्ता प्रबंधन संबंधी जारी निर्देश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) गुणवत्ता परिमाणात्मक नहीं होने से वृद्धि को संख्यात्मक रूप से नहीं मापा जा सकता है। तथापि, विद्यार्थियों के परीक्षा परिणाम, प्लेसमेन्ट, शोध अभिरूचि, आदि में लगातार वृद्धि हो रही है। NAAC मूल्यांकित महाविद्यालयों की संख्या मार्च, 2015 की स्थिति में 30 थी वर्तमान में NAAC मूल्यांकित महाविद्यालयों की संख्या बढ़कर 76 हो गयी है, जो गुणवत्ता में वृद्धि को प्रदर्शित करता है।
बड़े झाड़, छोटे झाड़ जंगल मद की भूमि
[वन]
112. ( क्र. 3720 ) श्री हेमन्त विजय खण्डेलवाल : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मुख्य सचिव म.प्र. भोपाल द्वारा दिनांक २४ दिसंबर २०१४ एवं प्रमुख सचिव वन विभाग म.प्र. शासन भोपाल द्वारा दिनांक १३ फरवरी २०१५ को राजस्व अभिलेखों में दर्ज छोटे झाड़ एवं बड़े झाड़ के जंगल मद की भूमियों के संबंध में कोई आदेश जारी किए है? यदि हाँ, तो क्या? (ख) क्या प्रश्नांश (क) अनुसार आदेशानुसार बैतूल जिले के ग्रामों की भूमि का चयन कर लिया गया है? यदि हाँ, तो कितने ग्रामों की कितनी भूमि का चयन प्रश्न दिनांक तक कर लिया गया है? (ग) क्या बैतूल जिले में वन विभाग द्वारा बड़े झाड़ के जंगल मद एवं छोटे झाड़ के जंगल मद में दर्ज जमीनों को नारंगी भूमि वन खंड में शामिल कर लिया गया है? यदि हाँ, तो किस किस परिक्षेत्र के कितने ग्रामों की कितनी भूमि नारंगी वन खंड में शामिल की गई है? क्या इसके लिए विभाग के उच्चाधिकारियों एवं कलेक्टर बैतूल से अनुमति ली गई है? यदि हाँ, तो कब कब, जानकारी दें एवं अनुमति एवं सहमति पत्र की प्रति उपलब्ध करावें?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी नहीं, केवल मुख्य सचिव द्वारा अपने पत्र क्रमांक एफ 25-36/2005/10-3 दिनांक 24.12.2014 से वन (संरक्षण) अधिनियम, 1980 कें अंतर्गत वैकल्पिक वृक्षारोपण हेतु छोटे-बड़े झाड़ के जंगल मद की राजस्व भूमि उपलब्ध कराने हेतु जारी निर्देश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) जी हाँ, बैतूल जिले के अंतर्गत क्षेत्रीय वनमण्डलों में 18 ग्रामों की 677 हेक्टेयर भूमियों को वैकल्पिक वृक्षारोपण हेतु उपयुक्त पाई जाने के कारण चयनित की जाकर आदेश के अनुरूप प्रस्तावित किया गया है। (ग) जी हाँ, छोटे-बड़े झाड़ के जंगल मद एवं अन्य राजस्व मदों की नारंगी वनखण्ड में शामिल की गई भूमि की वनमण्डलवार, परिक्षेत्रवार एवं ग्रामवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। वन वृत्त बैतूल के अंतर्गत नारंगी क्षेत्र सर्वेक्षण एवं सीमांकन इकाई बैतूल द्वारा मध्यप्रदेश शासन वन विभाग के पत्र क्रमांक एफ 5-43/90/10-3 दिनांक 14.05.1996 के निर्देशानुसार छोटे झाड़, बड़े झाड़, पहाड़ चट्टान एवं अन्य राजस्व मदों में दर्ज भूमियों को नारंगी भूमि सर्वे एवं नारंगी वनखण्ड में शामिल किये जाने संबंधी पत्र की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन अनुसार है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
वनखण्डों के बाहर छोड़ी गई जमीन
[वन]
113. ( क्र. 3740 ) श्री मंगल सिंग धुर्वे : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैतूल जिले में किस अवधि में किए गए सर्वे में कितने ग्रामों की कितनी जमीन संरक्षित वन सर्वे एवं नारंगी वन सर्वे में शामिल की गई? इनमें से कितनी जमीनों को किन-किन कारणों से वनखण्डों के बाहर छोड़ा गया? (ख) संरक्षित वन सर्वे एवं नारंगी वन भूमि सर्वे में वनखण्डों के बाहर छोड़ी गई जमीनों को राजस्व विभाग को अन्तरित किए जाने एवं किस धारा में निर्वनीकृत किए जाने के क्या-क्या आदेश राज्य शासन ने किस दिनांक को दिए? इस आदेश के अनुसार कितनी संरक्षित वन एवं कितनी नारंगी भूमि अन्तरित एवं निर्वनीकृत की गई? (ग) संरक्षित वन सर्वे एवं नारंगी वन भूमि सर्वे में शामिल कितनी-कितनी भूमि वनखण्डों के बाहर छोड़े जाने के बाद भी किन-किन कारणों से प्रश्नांकित दिनांक तक भी राजस्व विभाग को अन्तरित नहीं की गई, कितनी-कितनी भूमि राजपत्र में निर्वनीकृत नहीं की गई पृथक-पृथक बतावें? (घ) नारंगी भूमि सर्वे में शामिल वनखण्डों के बाहर छोड़ी गई कितनी भूमियों को अन्तरित किए जाने, कितनी भूमियों को निर्वनीकृत किए जाने की कार्यवाही वर्तमान में लंबित है? यह कार्यवाही कब तक पूरी की जावेगी?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) बैतूल जिले में वर्ष 1962-63 में किये गये संरक्षित वन सर्वे में डिमारकेशन कंप्लीशन रिर्पोट में शामिल 680 ग्रामों की 149495.06 हेक्टेयर भूमि संरक्षित वन सर्वे में शामिल की गयी। संरक्षित वन सर्वे में शामिल 82226.058 हेक्टयर (सर्वे डीमारकेशन स्कीम में दिये गये ग्रामवार गोशवारे के आंकड़ों के आधार पर) वनखण्डों की सीमा लाईन सीधी करने, अतिक्रमण होने, पहाड़ी तथा मैदानी क्षेत्रों में छोटे-छोटे पृथक टुकड़े के रूप में होने के कारण वनखण्डों से बाहर छोड़ा गया। विभागीय परिपत्र दिनांक 14 मई 1996 के निर्देशानुसार असीमांकित संरक्षित वन भूमि (ओरेंज क्षेत्र) तथा कंडिका-3 के अनुसार अच्छी श्रेणी के वन उपलब्ध वाले राजस्व खसरें सहित 1269 ग्रामों की 136137.973 हेक्टेयर भूमि नारंगी क्षेत्र सर्वेक्षण एवं सीमांकन इकाई बैतूल द्वारा प्रारंभिक सर्वे में शामिल की गई। सर्वे में शामिल भूमियों में से 77109.032 हेक्टेयर राजस्व भूमि तथा 35853.34 हेक्टेयर असीमांकित संरक्षित वन भूमि (ओरेंज क्षेत्र) अनुपयुक्त होने के कारण वनखण्डों के बाहर छोड़ी गई। (ख) संरक्षित वन सर्वे में शामिल भूमियों को राजस्व विभाग को अंतरित करने के संबंध में विभागीय अर्द्ध शासकीय पत्र क्रमांक/4325/2983/10/2/75 दिनांक 18.09.1975 से निर्देश जारी किये गये। मुख्य सचिव मध्यपदेश शासन, भोपाल के पत्र क्रमांक/230/सी.एस./04 दिनांक 24 जुलाई 2004 में वन प्रबंधन हेतु अनुपयुक्त संरक्षित वन भूमियों को राजस्व विभाग को अंतरित करने का लेख है भारतीय वन अधिनियम, 1927 की धारा-34 (अ) के अंतर्गत संरक्षित वन भूमियों के निर्वनीकरण के प्रावधान वर्ष 1965 में अन्त: स्थापित किये गये। नारंगी सर्वे में शामिल राजस्व भूमियों का वैधानिक स्वरूप राजस्व भूमि होने एवं पूर्व से ही राजस्व विभाग के आधिपत्य में होने के कारण अंतरित एवं निर्वनीकृत किये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। असीमांकित संरक्षित वन अंतरित एवं निर्वनीकृत नहीं किये गये। (ग) वर्तमान में माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेश दिनांक 13.12.2000 से निर्वनीकृत पर रोक होने के कारण वन वृत्त बैतूल के क्षेत्रीय वनमंडलों के अंतर्गत संरक्षित वन सर्वे में शामिल 680 ग्रामों में से वर्तमान में वनखण्ड के बाहर शेष बची लगभग 20293.381 हेक्टेयर (कृषि योग्य एवं अधिक अन्य उपजाऊ योजना के अंतर्गत राजस्व विभाग को अंतरित भूमि) वन भूमि निर्वनीकरण हेतु तथा नारंगी भूमि सर्वे में शामिल नारंगी भूमि में से लगभग 35853.34 हेक्टेयर भूमि अंतरण एवं निर्वनीकरण हेतु शेष है। (घ) उत्तरांश 'ग' के परिप्रेक्ष्य में समय-सीमा बतायी जाना संभव नहीं है।
नारंगी भूमि सर्वे एवं नारंगी वनखण्डों में शामिल भूमि
[वन]
114. ( क्र. 3741 ) श्री मंगल सिंग धुर्वे : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैतूल जिले के राजस्व अभिलेख,पटवारी मानचित्र, निस्तार पत्रक, अधिकार अभिलेख, खसरा पंजी में किन किन मदों में, किन-किन सार्वजनिक एवं निस्तारी प्रयोजनों के लिए दर्ज जमीनों को नारंगी भूमि सर्वे एवं नारंगी वनखण्डों में शामिल करने का आदेश राज्य शासन, भारत शासन या सर्वोच्च अदालत ने किस दिनांक को दिया है? आदेश की प्रति सहित बतावें? (ख) बैतूल जिले के कितने राजस्व ग्रामों के पटवारी मानचित्र, निस्तार पत्रक अधिकार अभिलेख एवं खसरा पंजी में किन किन मदों की किन-किन सार्वजनिक निस्तारी प्रयोजनों की दर्ज कितनी-कितनी भूमि को नारंगी भूमि सर्वे एवं नारंगी वनखण्ड में शामिल किया? इसकी कलेक्टर बैतूल ने किस दिनांक को अनुमति या सहमति प्रदान की? यदि कलेक्टर बैतूल ने अनुमति या सहमति प्रदान नहीं की हो तो उसका कारण बातावें। (ग) विभिन्न मदों एवं विभिन्न प्रयोजनों के लिए राजस्व अभिलेखों में दर्ज दखल रहित जमीनों को कलेक्टर की अनुमति या सहमति के बिना नारंगी भूमि सर्वे एवं नारंगी वनखण्डों में शामिल किए जाने का क्या कारण है? इसके लिए कौन-कौन जिम्मेदार एवं दोषी है? पद, नाम एवं वर्तमान पदस्थापना सहित बतावें?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) विभागीय परिपत्र क्रमांक एफ 5/43/90/10-3 दिनांक 14.05.1996 से जारी दिशा-निर्देश की कंडिका-3 में जिलाध्यक्ष से ऐसे खसरों का हस्तांतरण वन विभाग को कराने की कार्यवाही की जावे, जिसमें अच्छी श्रेणी के वन उपलब्ध हैं। उक्त निर्देशों में राजस्व अभिलेखों के दर्ज मद एवं प्रयोजनों का कोई उल्लेख नहीं है। आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उत्तरांश 'क' में उल्लेखित निर्देशानुसार बैतूल जिले में 1269 ग्रामों की 1,37,752.393 हेक्टेयर में से 82,403.10 हेक्टेयर राजस्व क्षेत्र की भूमि नारंगी सर्वे इकाई बैतूल द्वारा प्रारंभिक सर्वे में शामिल की जाकर वन प्रबंधन हेतु उपयुक्त 3,679.61 हेक्टेयर राजस्व भूमि जिसमें 2795.689 हेक्टेयर छोटे-बड़े झाड़ के जंगल मद की तथा 883.921 हेक्टेयर घास, पहाड़-चट्टान सहित अन्य राजस्व मदों की थी, को वनखण्डों में प्रस्तावित किया गया। उक्त भूमि, सचिव वन विभाग एवं सचिव राजस्व विभाग के संयुक्त हस्ताक्षर से जारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट में दर्शित परिपत्र दिनांक 14.05.1996 के निर्देशानुसार सर्वे में शामिल की गई। कलेक्टर बैतूल के पत्र क्रमांक 38/92/एल.आर./2/908 दिनांक 02.08.1996 से राजस्व विभाग के अधीन, राजस्व मदों की खसरावार सूची वन विभाग को उपलब्ध कराई गई। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश 'क' एवं 'ख' के परिप्रेक्ष्य में राजस्व भूमियों को नारंगी सर्वे इकाई में शामिल करने के कारण किसी के दोषी होने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विकलांग (दिव्यांग) की नियुक्ति से संबंधित
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
115. ( क्र. 3791 ) श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. शासन द्वारा विकलांग/दिव्यांगों को निर्धारित आरक्षण नियमों के तहत विगत तीन वर्ष में जिला मुरैना में कितनी नियुक्तियां की गई की जानकारी विकलांग व्यक्ति का नाम, पता, विभाग का नाम, पद का नाम, नियुक्ति दिनांक आदि जानकारी दी जावे। (ख) यदि उपरोक्त (क) के संदर्भ में मुरैना जिले में कोई नियुक्ति नहीं की गई तो उसके कारण भी दर्शाये जावे। व साथ ही म.प्र. शासन द्वारा विकलांग/दिव्यांग व्यक्तियों के लिये आरक्षण नियमों की जानकारी प्रति सहित उपलब्ध करावे।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) उपरोक्त ''क'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। नि:शक्त व्यक्तियों के लिये शासकीय सेवा में आरक्षण नियम/ निर्देश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
नगर निगम भोपाल में कॉलोनियों को सुविधा
[नगरीय विकास एवं आवास]
116. ( क्र. 3792 ) श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नगरीय विकास एवं आवास के अंतर्गत निर्मित मध्यप्रदेश गृह निर्माण मण्डल भोपाल द्वारा निर्मित बागमुगालिया हाऊसिंग बोर्ड कॉलोनी लहारपुर भोपाल में एम.आई.जी. एवं एच.आई.जी. आवास का निर्माण लगभग 18-19 वर्ष पूर्व किया गया था? (ख) बागमुगालिया हाऊसिंग बोर्ड कालोनी लहारपुर नगर निगम भोपाल सीमा में आ गई है? यदि हाँ, तो किस दिनांक से? (ग) यह कॉलोनी लगभग 18-19 वर्ष पुरानी होने के उपरांत भी प्रश्न दिनांक तक कॉलोनी में जो सुविधाएं दिये जाने का प्रावधान है उनमें से सड़क की मरम्मत साफ सफाई आदि कार्य भी निरंतर नहीं किये गये हैं उदाहराणार्थ आवास क्रमांक एम.आई.जी. 271 व उसके आस-पास पर्यावरण प्रदूषण फैलाने की संभावना है? यदि हाँ, तो इस हेतु कौन अधिकारी कर्मचारी दोषी है तथा उनके खिलाफ क्या कार्यवाही प्रस्तावित है? (घ) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कॉलोनी में जो सुविधाओं का अथाव है जैसे सड़कों का डामरीकरण साफ-सफाई आदि उनको कब तक पूर्ण कर दिया जायेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ, कालोनी नगर निगम सीमा में दिनांक 05.05.2007 से आ गई है। (ग) नगर निगम भोपाल द्वारा समय-समय पर बजट उपलब्धता अनुसार कालोनी में विकास कार्य जैसे सड़क निर्माण, नाली निर्माण डामरीकरण आदि कार्य कराए जाते हैं। उक्त कालोनी के मार्गों की स्थिति संतोषजनक है। कालोनी में साफ-सफाई का कार्य नियमित रूप से कर्मचारियों की बीट लगाकर एवं समय-समय पर विशेष सफाई अभियान के दौरान भी सफाई गतिविधियां निरन्तर कराई जाती हैं तथा उक्त क्षेत्र में साफ-सफाई एवं कीटनाशक दवाइयों का स्प्रे एवं फौगिंग के माध्यम से छिड़काव नियमित रूप से किया जाता है। साफ सफाई संबंधी कार्यों को भविष्य में भी नियमित रूप से जारी रखा जावेगा। अतः कालोनी में पर्यावरण प्रदूषण फैलने की संभावना नहीं है व उपरोक्त स्थिति के दृष्टिगत कोई भी अधिकारी/कर्मचारी दोषी नहीं होने से किसी के खिलाफ कार्यवाही प्रस्तावित नहीं है। (घ) नगर निगम, भोपाल द्वारा समय-समय पर बजट उपलब्धता अनुसार कालोनी में विकास कार्य जैसे सड़क निर्माण नाली निर्माण डामरीकरण आदि कार्य कराए जाते हैं। आगामी वित्तीय वर्ष में भी राशि की उपलब्धता अनुसार कार्य कराया जाना संभव हो सकेगा। साफ सफाई संबंध विवरण उत्तरांश 'ग' में दिया गया है।
मुख्यमंत्री
आवास की
अनुदान राशि
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
117. ( क्र. 3812 ) श्री गोपीलाल जाटव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अशोकनगर जिले में वर्ष 2014-15, 2015-16 एवं 2016-17 में कितने पात्र हितग्राहियों को मुख्यमंत्री आवास स्वीकृत किये गये? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार वर्षवार कितने हितग्राहियों को अनुदान की राशि जारी की गई वर्षवार ग्रामवार जानकारी उपलब्ध करावे? (ग) यदि अनुदान की राशि जारी नहीं की गई तो क्यों? (घ) पात्र हितग्राहियों को कब तक अनुदान की राशि जारी की जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) अशोकनगर जिले में वर्ष 2014-15 में 2049 वर्ष 2015-16 में 2139 एवं 2016-17 में 1037 पात्र हितगाहियों को मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास मिशन के अंतर्गत आवास निर्माण हेतु बैंकों से आवास ऋण एवं शासन का अनुदान स्वीकृत कराया गया है। (ख) जिले में वर्ष 2014-15 में 1946 वर्ष 2015-16 में 1995 एवं 2016-17 में 522 हितग्राहियों को बैंक ऋण एवं शासन के अनुदान की राशि जारी की गई है। वर्षवार, ग्रामवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) हितग्राहियों के द्वारा पहली किश्त का, निर्धारित स्तर तक आवास निर्माण में उपयोग नहीं करने के कारण शेष ऋण एवं अनुदान की राशि जारी नहीं की जा सकी है। (घ) हितग्राहियों के द्वारा पहली किश्त का निर्धारित स्तर तक आवास निर्माण करने के उपरान्त।
प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजनान्तर्गत मार्ग निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
118. ( क्र. 3853 ) श्री सुदेश राय : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र 159 सीहोर के अंतर्गत 01 जनवरी 2014 से प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत कितने कार्य कहाँ से कहाँ तक कितनी-कितनी लागत से कब-कब स्वीकृत किये गये वर्तमान में कौन-कौन सी सड़कों का निर्माण कार्य चल रहा है, कितने कार्य पूर्ण हुए एवं कितने कार्य अपूर्ण हैं? अपूर्ण कार्यों को कब तक पूर्ण किया जावेगा? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत स्वीकृत होने के बाद भी अभी तक कौन-कौन से ग्राम प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत नहीं जोड़े गये है? प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना से वंचित रहे किन-किन ग्रामों को कब तक जोड़े जाने की संभावना है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। अपूर्ण/प्रगतिरत कार्यों को पूर्ण कराये जाने की निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के मार्गदर्शी दिशा-निर्देशों के अनुसार पात्र ग्राम शेष नहीं है।
मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़क योजनान्तर्गत मार्ग निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
119. ( क्र. 3854 ) श्री सुदेश राय : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र 159 सीहोर के अंतर्गत 01 जनवरी 2014 से मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत कितने कार्य कहाँ से कहाँ तक कितनी-कितनी लागत से कब-कब स्वीकृत किये गये वर्तमान में कौन-कौन सी सड़कों का निर्माण कार्य चल रहा है, कितने कार्य पूर्ण हुए एवं कितने कार्य अपूर्ण हैं? कार्य अपूर्ण होने के क्या कारण है? अपूर्ण कार्यों को कब तक पूर्ण किया जावेगा? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत स्वीकृत होने के बाद भी अभी तक कौन-कौन से ग्राम मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत नहीं जोड़े गये है? मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना से वंचित रहे किन-किन ग्रामों को कब तक जोड़े जाने की संभावना है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। निर्माणाधीन कार्यों को पूरा करने के लिए अनुबन्धित समयावधि शेष है। इन्हें वर्ष 2017-18 में पूर्ण करने का लक्ष्य है। (ख) उत्तरांश (क) अनुसार है। योजना के मापदण्डानुसार कोई ग्राम जुड़ने हेतु शेष नहीं है।
वाटर शेड योजनान्तर्गत कराये गये कार्य
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
120. ( क्र. 3855 ) श्री सुदेश राय : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला सीहोर अन्तर्गत विधानसभा क्षेत्र 159 सीहोर में शासन की वाटरशेड योजना अंतर्गत वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक किस-किस ग्राम में कितनी-कितनी लागत से क्या-क्या कार्य स्वीकृत कर कराये गये है। (ख) कितने कार्य पूर्ण/अपूर्ण हैं स्थान व नाम सहित वर्षवार जानकारी देवें? (ग) अपूर्ण कार्यों हेतु कौन-कौन जिम्मेदार है तथा उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही हुई।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) से (ग) प्रश्नाधीन विधानसभा क्षेत्र में जलग्रहण क्षेत्र प्रबंधन परियोजना स्वीकृत नहीं होने के कारण कोई वाटरशेड विकास कार्य नहीं कराये गये है। अतः शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होते।
पंचपरमेश्वर योजनान्तर्गत कराये गये कार्य
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
121. ( क्र. 3856 ) श्री सुदेश राय : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला सीहोर अन्तर्गत विधानसभा क्षेत्र 159 सीहोर में शासन की पंचपरमेश्वर योजना अंतर्गत वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक किस-किस ग्राम में कितनी-कितनी लागत से क्या-क्या कार्य स्वीकृत कर कराये गये है। (ख) कितने कार्य पूर्ण/अपूर्ण हैं स्थान व नाम सहित वर्षवार जानकारी देवें? (ग) अपूर्ण कार्यों हेतु कौन-कौन जिम्मेदार है तथा उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही हुई।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ग) 10 कार्य प्रगतिरत है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
परफार्मेंस ग्यारंटी अन्तर्गत विद्युत पम्पों की खरीदी
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
122. ( क्र. 3879 ) श्री
यशपालसिंह
सिसौदिया : क्या
पंचायत
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
परफार्मेंस
ग्यारंटी
अन्तर्गत
पेयजल प्रबन्धन
हेतु विद्युत
पम्प खरीदे जा
सकते हैं यदि
हाँ, तो नियमों
की जानकारी
देवे? मंदसौर, जिले
में नियमों के
विरुद्ध
कितने
विद्युत पम्प
वर्ष 2015-16, 2016-17 में क्रय
किये गये तथा
कितने
प्रकरणों में
शासन के
द्वारा विशेष
अनुमति
प्रदान की? नियम
विरूद्ध पम्प
खरीदी करने
वाले अधिकारी
के खिलाफ
विभाग द्वारा
कार्यवाही की
जावेगी? (ख) क्या
मंदसौर जिले
की सीतामऊ
तहसील की जनपद
पंचायत में
वर्ष 2015-16, 2016-17 में
परफार्मेंस
ग्यारंटी
अन्तर्गत
विद्युत पम्प
क्रय किये गये? यदि
हाँ, तो किस नियम
के तहत किसकी
अनुमति से? जानकारी
देवें? (ग) क्या प्रश्नांश
"ख" संदर्भित
जनपद पंचायत
सी.ई.ओ. सीतामऊ
के खिलाफ पम्प
खरीदी को लेकर
शिकायत दर्ज
हुई है यदि
हाँ, तो
शिकायतकर्ता
के नाम एवं की
गई कार्यवाही
सहित जानकारी
देवें?
पंचायत
मंत्री ( श्री
गोपाल भार्गव
) : (क) परफॉरमेंस
ग्यारंटी नाम
से कोई
योजना/मद नहीं
है। शेष प्रश्न
ही उपस्थित
नहीं होता। (ख) एवं
(ग) उत्तरांश-(क)
के अनुसार
प्रश्न ही
उपस्थित नहीं
होता।
ऑनलाईन परीक्षा केंद्रों की स्थापना
[उच्च शिक्षा]
123. ( क्र. 3880 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में उच्च शिक्षा विभाग द्वारा शासकीय महाविद्यालयों में आनलाईन परीक्षा केंद्र खोले जाने का निर्णय विभाग द्वारा लिया गया है यदि हाँ, तो प्रदेश में कहाँ-कहाँ आनलाईन सेंटर प्रस्तावित है सेंटर खोले जाने हेतु क्या कार्यवाही प्रचलन में है? (ख) प्रश्नांश "क" संदर्भित खोले जाने वाले परीक्षा केंद्र पर कहाँ-कहाँ कितनी राशी प्रस्तावित है उन्हें प्रथम चरण में कितनी राशि उपलब्ध कराई गयी है? (ग) प्रदेश में किन-किन महाविद्यालयों ने अपने यहां सेंटर स्थापित करने हेतु प्रस्ताव उच्च शिक्षा विभाग को किस दिनांक को प्रेषित किये हैं? क्या इन में जमीन की उपलब्धता हेतु भी समस्त कार्यवाही पूर्ण हो चुकी है?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ख) एवं (ग) उत्तरांश 'क' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
निःशक्त जन कल्याण योजना
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
124. ( क्र. 3888 ) श्री चन्दरसिंह सिसौदिया : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गरोठ विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत सामाजिक न्याय एवं निःशक्त जन कल्याण विभाग द्वारा किन-किन योजनाओं का संचालन किया जा रहा है। (ख) कुल कितने हितग्राही को पिछले दो वर्षों में किन-किन योजना से लाभांवित किया गया कुल कितने निःशक्तजन क्षेत्र अंतर्गत निवासरत है। (ग) इन लोगों के शिक्षा एवं आवास की कोई व्यवस्था है गरोठ विधानसभा क्षेत्र मंदसौर जिले से 100 से अधिक कि.मी. दूर स्थित है क्या निःशक्त छात्र/छात्राओं हेतु गरोठ विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत छात्रावास की स्थापना की जावेगी यदि हाँ, तो कब तक।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ग) सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण विभाग द्वारा निःशक्तजनों हेतु शिक्षा प्रोत्साहन, उच्च शिक्षा हेतु फीस, सिविल सेवा प्रोत्साहन योजना, छात्रवृत्ति, परिवहन भत्ता, निर्वाह भत्ता आदि योजना संचालित है। शेष के संबंध में कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।
राजराजेश्वरी, भेरूडूंगरी एवं झरनेश्वर धार्मिक स्थानों का विकास
[धार्मिक न्यास और धर्मस्व]
125. ( क्र. 3904 ) श्री अरूण भीमावद : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) शाजापुर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत राजराजेश्वरी मंदिर, भेरूडूंगरी एवं झरनेश्वर (मक्सी) में अत्यन्त प्राचीन एवं रमणीय क्षेत्र है? जहां प्रति वर्ष नियमित ऋद्धालु आते हैं एवं भव्य मेला आयोजित किया जाता है? (ख) क्या प्रश्नांश (क) के परिपालन में शासन के पास इनके सौन्दर्यीकरण करने हेतु कोई प्रस्ताव लंबित है? (ग) यदि लम्बित है तो उक्त धार्मिक स्थलों का सौंदर्यीकरण कब तक होगा?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। (ग) कलेक्टर/संभागायुक्त से तकनीकी प्रस्ताव प्राप्त होने पर समय-समय पर मंदिर के जीर्ण-शीर्ण होने की स्थिति में आवश्यकतानुसार राशि स्वीकृत की जाती है। यह एक सतत् प्रक्रिया हैं।
ट्रांसपोर्ट सर्विस लिमिटेड (ए.आई.सी.टी.एस.एल.) द्वारा डबल डेकर बस चलाये जाना
[नगरीय विकास एवं आवास]
126. ( क्र. 3909 ) श्री सुदर्शन गुप्ता (आर्य) : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या इन्दौर में अटल इन्दौर सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विस लिमिटेड (ए.आई.सी.टी.एस.एल.) द्वारा डबल डेकर बस चलाये जाने की योजना है? यदि हाँ, तो कितनी बसें किन-किन मार्गों पर संचालित की जावेगी, सूची उपलब्ध करावें? (ख) क्या प्रश्न 'क' अनुसार चलाई जाने वाली डबल डेकर बसें जिन मार्गों पर संचालित की जावेगी उन मार्गों पर विद्युत तार बीच में आना, मार्ग दिशा निर्देश बोर्ड (रोडो के मध्य लगे साईन बोर्ड), पेड़ों की टहनियां व अन्य समस्या तो नहीं आवेगी? यदि हाँ, तो इस हेतु विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जावेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी नहीं। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
केन्द्र/राज्य सरकार की योजनाएं
[नगरीय विकास एवं आवास]
127. ( क्र. 3961 ) श्री संजय उइके : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या नगरीय निकायों को वित्त आयोग की मार्गदर्शन में राज्य द्वारा उदग्रहणीय ऐसे शुल्कों, करों पथकरों और फीस के शुद्ध आगमों के राज और नगर पालिकाओं के बीच वितरण को और सभी स्तरों पर नगर पालिकाओं के बीच आवंटन एवं राज्य की संचित निधि से नगर पालिकाओं के लिए सहायता अनुदान स्वीकृत किया जाता है? (ख) यदि हाँ, तो वित्तीय वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक किन-किन निकायों को कितनी-कितनी राशि की पात्रता बनती थी और कितनी-कितनी राशि आवंटित की गयी? (ग) वित्त आयोग की अनुशंसा/निर्देशों की प्रति उपलब्ध करावें?
नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री (
श्रीमती माया
सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) वर्ष
2013-14 से प्रश्न
दिनांक तक
वित्त विभाग
से प्राप्त
बजट आवंटन को
राज्य वित्त
आयोग की
अनुशंसा
अनुसार नगरीय
निकायों को उनकी
जनसंख्या के
मान से
समानुपातिक
रूप से वितरित
की गई राशि का
विवरण जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ग)
जानकारी पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
सरपंच, सचिवों एवं जनपद पंचायत व जिला पंचायतों के अध्यक्षों के अधिकार
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
128. ( क्र. 3990 ) श्रीमती इमरती देवी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्राम पंचायतों के सरपंच, सचिवों एवं जनपद पंचायतों व जिला पंचायतों के अध्यक्षों को पूर्व में दिये गये अधिकारों को सरकार द्वारा गत तीन वर्ष २०१४-१५, २०१५-१६, २०१६-१७ में कम किये गये हैं? यदि हाँ, तो क्या-क्या अधिकार कम किये गये हैं? विवरण सहित सूची उपलब्ध करावें। (ख) सरकार द्वारा कम किये गये अधिकारों को यथावत रखने हेतु सरपंच, सचिवों एवं जनपद व जिला पंचायतों के अध्यक्षों के द्वारा क्या कोई ज्ञापन सरकार को दिये गये हैं? यदि हाँ, तो उन ज्ञापनों पर क्या कार्यवाही की गई है? नहीं तो कब तक की जावेगी? दिनांक व विवरण सहित जानकारी देवें।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी हाँ। ज्ञापनों पर कार्यावाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
संरक्षित मंदिरों को प्रदत्त सुविधाएं
[धार्मिक न्यास और धर्मस्व]
129. ( क्र. 4026 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) धर्मस्व विभाग के नियमानुसार कौन-कौन से मंदिर शासन द्वारा संरक्षित/संधारित होने की श्रेणी में आते है? इन संरक्षित मंदिरों को शासन से कौन-कौन सी सुविधा प्राप्त हो सकती है? (ख) क्या इसकी प्रक्रिया जटिल होने से अधिकांश मंदिर शासन की योजना के लाभ से वंचित है? (ग) यदि हाँ, तो क्या ऐसे समस्त मंदिरों को सर्वे कराया जाकर उन्हें शासन संधारित मंदिरों की श्रेणी में रखा जाएगा? यदि हाँ, तो कब तक? (घ) क्या इन मंदिरों के शासन संधारित होने में उनके स्वामित्व एवं आधिपत्य में किसी प्रकार का बदलाव होगा?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) ऐसे मंदिर जिनके भू-अभिलेख में व्यवस्थापक कलेक्टर दर्ज है, शासन संधारित मंदिरों की श्रेणी में आते है। शासन संधारित मंदिरों में नियुक्त पुजारियों को मानदेय दिया जाता है एवं आवश्यकतानुसार मंदिरों के जीर्ण-शीर्ण होने की स्थिति में कलेक्टर/आयुक्त के माध्यम से प्रस्तावनुसार जीर्णोंद्धार हेतु राशि स्वीकृत की जाती है। (ख) जी नहीं। (ग) प्रश्नांश (ख) उत्तर के प्रकाश में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (घ) शासन संधारित मंदिरों की परिसंपत्तियों का स्वामी मंदिर के देवी/देवता है एवं व्यवस्थापक कलेक्टर है।
पंचायत सचिवों के रिक्त पदों की पूर्ति
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
130. ( क्र. 4027 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खंडवा जिले की ग्राम पंचायतों में पंचायत सचिव के कितने पद रिक्त हैं? इन पर नियुक्ति की क्या कार्यवाही की जा रही है? (ख) क्या ग्राम पंचायतों में पंचायत सचिवों के पद रिक्त होने के कारण ग्रामीण क्षेत्र के विकास/निर्माण कार्य प्रभावित हो रहे है? (ग) यदि हाँ, तो इन रिक्त पदों की पूर्ति कब तक करा ली जायेगी? पंचायत सचिवों के प्रभार क्या अन्य तृतीय श्रेणी कर्मचारियों को दिये जा सकते है? (घ) ग्राम पंचायत सचिवों के स्थानान्तरण की नीति कब तक लागू की जाएगी? क्या शासन द्वारा जारी नीति में अवधि को बढ़ाया जाएगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) पंचायत सचिव के 21 पद रिक्त हैं। नियुक्ति संबंधी कार्यवाही प्रचलित है। (ख) जी नहीं। रिक्त ग्राम पंचायतों में कार्य सुविधा की दृष्टि से ग्राम रोजगार सहायकों तथा समीप की ग्राम पंचायत के सचिव को सचिव का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है। (ग) सचिव के रिक्त पदों की पूर्ति की कार्यवाही प्रचलित है, समय-सीमा बताना संभव नहीं। मध्यप्रदेश शासन पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के परिपत्र क्रमांक 932/761/13/22/पी.1, दिनांक 06.07.2013 के अनुसार ग्राम रोजगार सहायक पदेन/अतिरिक्त सहायक सचिव घोषित है, जिन्हें आवश्यकता अनुसार रिक्त सचिव पद का प्रभार दिया जाता है। (घ) मध्यप्रदेश शासन पंचायत एवं ग्रामीण विकास द्वारा वर्ष 2016-17 हेतु स्थानातंरण नीति जारी की गई है। जी नहीं।
वन विभाग द्वारा नारंगी भूमि के आंकडों को पृथक न किया जाना
[वन]
131. ( क्र. 4054 ) श्री हेमन्त विजय खण्डेलवाल : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बैतूल जिले में वन विभाग द्वारा बड़े झाड़-छोटे झाड़ जंगल मद की जमीनों को नारंगी भूमि सर्वे, नारंगी वन खंड एवं नारंगी भूमि के आंकड़ों से पृथक किए जाने के माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा याचिका क्रं-२०२/९५ के अंतर्गत आदेश किया है? (ख) यदि हाँ, तो क्या इन भूमियों को नारंगी भूमि सर्वे, नारंगी वनखंड एवं नारंगी भूमि के आंकडों से पृथक कर दिया गया है? यदि हाँ, तो कब-कब यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या वन मुख्यालय भोपाल द्वारा इन भूमियों के संबध में कोई आदेश जारी किए है या पत्र लिखें है? यदि हाँ, तो कब कब, विवरण उपलब्ध कराएं?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) एवं (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) वन मुख्यालय द्वारा पत्र क्रमांक/वन अधि./619 दिनांक 25.07.2014, पत्र क्रमांक/वन अधि./946 दिनांक 04.10.2014, अर्द्ध शासकीय पत्र क्रमांक/का.आ./मा.चि./79 दिनांक 01.11.2014 से मुख्य वन संरक्षक (क्षेत्रीय) बैतूल को लिखे गये पत्रों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
सुदूर संपर्क मार्ग निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
132. ( क्र. 4087 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सुदूर संपर्क मार्ग निर्माण के क्या नियम है एवं इस योजना अंतर्गत कितनी-कितनी लागत से कौन से निर्माण कार्य किस प्रकार से कराये जा सकते है? (ख) क्या इन रास्तों के निर्माण हेतु पूर्व के नियमों में संशोधन कर निर्माण हेतु रास्ता शासकीय अभिलेख में निस्तार पत्रक 2013 में दर्ज होना आवश्यक है यदि हाँ, तो ग्रामीण के आवागमन के ऐसे रास्ते जो शासकीय अभिलेख में आबादी चरनोई या घास मद में दर्ज है ओर निस्तार पत्रक 2013 में दर्ज नहीं है परन्तु ग्रामसभा से अनुमोदित है मार्ग निर्माण से वंचित हो रहे है? (ग) क्या शासन प्रश्नांश (क) में उल्लेखित 2013 का बंधन समाप्त कर वर्तमान समय में ग्रामसभा के प्रस्ताव पर राजस्व विभाग द्वारा उक्त मार्ग को वर्तमान निस्तार पत्रक में दर्ज करने पर मार्ग निर्माण की अनुमति प्रदान की जायेगी? उत्तर में यदि हाँ, तो किस प्रकार से कब तक यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) सूदूर ग्राम संपर्क व खेत सड़क उपयोजना के तहत 'ग्रेवल सड़क' निर्माण में विभाग द्वारा जारी निर्देश दिनांक 17.12.2013, विकास आयुक्त द्वारा जारी निर्देश दिनांक 18.10.2016 एवं विकास आयुक्त द्वारा दिनांक 17.11.2016 एवं 12.01.2017 को ली गयी वीडियो कांफ्रेंस में दिए गए निर्देशों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1, 2, 3 एवं 4 अनुसार है। (ख) एवं (ग) दिनांक 12 जनवरी 2017 की साप्ताहिक वीडियो कांफ्रेंस में विकास आयुक्त ने यह निर्देश दे दिए हैं कि जिन प्रकरणों में सूदूर ग्राम संपर्क सड़क की आवश्यकता हो लेकिन मार्ग निस्तार पत्रक में दर्ज नहीं हो तो भी सड़क निर्माण की स्वीकृति देकर कार्य कराया जाए और निस्तार पत्रक में मार्ग की प्रविष्टि की कार्यवाही पूर्णतः समानांतर की जाए।
नगर पंचायत पाटन द्वारा कराये गये निर्माण कार्य
[नगरीय विकास एवं आवास]
133. ( क्र. 4088 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नगर पंचायत पाटन तहसील पाटन जिला जबलपुर द्वारा वित्त वर्ष 2012-13 एवं 2013-14 में कौन-कौन से निर्माण कार्य किसके द्वारा कराये गये तथा इन निर्माण कार्यों हेतु कितना-कितना भुगतान किसको किया गया? निर्माण कार्यवार वर्षवार सूची देवें? (ख) क्या नगर पंचायत पाटन द्वारा उल्लेखित समय में पाटन से सुरइया मार्ग के निर्माण हेतु 6,62,000/- का भुगतान किया गया? (ग) प्रश्नांश (ख) यदि हाँ, तो क्या पाटन से सुरइया मार्ग का निर्माण स्थल नगरीय क्षेत्र के बाहर था? (घ) प्रश्नांश (ग) के उत्तर में यदि हाँ, तो नगर पंचायत पाटन के अधिकार क्षेत्र के बाहर निर्माण कार्य का दोषी कौन है एवं क्या शासन नियम विरूद्ध तरीके से नगरीय क्षेत्र के बाहर ग्रामीण क्षेत्र में निर्माण कार्य करने की जाँच कराकर दोषियों पर कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो किस प्रकार से कब तक यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। (ग) जी नहीं। (घ) प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
खेल मैदानों का संधारण
[खेल और युवा कल्याण]
134. ( क्र. 4110 ) श्री अशोक रोहाणी : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) खेल एवं युवा कल्याण विभाग जबलपुर को किस-किस मद में कितनी-कितनी राशि आवंटित की गई एवं कितनी-कितनी राशि किन-किन कार्यों में व्यय हुई वर्ष 2014-15 से 2016-17 तक की जानकारी दें। (ख) जबलपुर शहर में कौन-कौन से खेल मैदान है। इन खेल के मैदानों में किन-किन खेलों से संबंधित कौन-कौन सी सुविधाएं/संसाधन उपलब्ध हैं तथा कौन-कौन सी सुविधाओं/संसाधनों/खेल सामग्री की आवश्यकता है। इसके लिए कब क्या प्रयास किये गये? (ग) विधान सभा केंट जबलपुर के तहत कौन-कौन से खेल मैदान हैं तथा इन खेल मैदानों में किन-किन खेलों से संबंधित खिलाड़ी प्रेक्टिस करने आते हैं। वर्तमान में इन खेल मैदानों की क्या स्थिति हैं? कौन-कौन से खेल मैदानों में बाउण्ड्रीवाल नहीं है एवं क्यों?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) प्रश्नांकित अवधि में जबलपुर जिले को आवंटित एवं व्यय राशि से किये गये कार्यों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-क अनुसार है। (ख) जबलपुर शहर में स्थित खेल मैदान एवं उपलब्ध सुविधाओं की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ख अनुसार है। इन मैदानों पर उपलब्ध सुविधायें एवं खेल सामग्री की अतिरिक्त आवश्यकता नहीं है। इसीलिए प्रयास किये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) विधान सभा कैंट जबलपुर के अंतर्गत रांझी खेल परिसर में इण्डोर एवं आउटडोर स्टेडियम उपलब्ध हैं। जिसमें बैडमिंटन, बास्केटबॉल, हैंडबॉल, मलखंब, एथलेटिक्स एवं क्रिकेट के खिलाड़ी प्रेक्टिस करने आते हैं। वर्तमान में इन खेल मैदानों की स्थिति ठीक है तथा इन पर खेल चल रहे हैं। आउटडोर खेल परिसर में बाउण्ड्रीवाल नहीं हैं तथा वर्तमान में इसकी आवश्यकता भी नहीं है।
जल स्त्रोत व तालाबों का संरक्षण संवर्धन
[नगरीय विकास एवं आवास]
135. ( क्र. 4114 ) श्री अशोक रोहाणी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रदेश शासन ने प्राचीन एतिहासिक जल स्त्रोंतो/तालाबों, कुंआ, बावडि़यों का संरक्षण, संवर्धन व सौंदर्यीकरण की क्या योजना बनाई हैं? (ख) जबलपुर जिले में कौन-कौन से प्राचीन ऐतिहासिक जल स्त्रोत, तालाब सरोवर, कुंआ व बावडि़यां कहाँ-कहाँ पर स्थित है? इनका क्षेत्रफल कितना है? इनमें शासकीय/निजी क्षेत्र, नगर निगम/नगरीय परिषद, जे.डी.ए. के कौन-कौन से है। जिला प्रशासन ने पर्यटन की दृष्टि से किन-किन तालाबों का संरक्षण, संवर्धन व सौंदर्यीकरण की कब क्या योजना बनाई है? (ग) प्रश्नांश (ख) में स्थित कौन-कौन से प्राचीन व ऐतिहासिक तालाबों में कार्बनडायआक्साईड व बी.ओ.डी. (बायोलाजिकल आक्सीजन डिमांड) की मात्रा कितनी-कितनी है। क्षेत्रीय नियंत्रण बोर्ड जबलपुर ने शहर के किन-किन बड़े तालाबों की जाँच कब-कब की है। किन-किन तालाबों में ऑक्सीजन (बी.ओ.सी.) की मात्रा कम पाई गई है। इसका जलीय जीव-जन्तुओं पर क्या असर पड़ रहा है वर्ष 2014-15 से 2016-2017 तक की जानकारी दें। (घ) जबलपुर शहर के किन-किन बड़े तालाबों में सीवर लाईन का गंदा पानी को री-साईकल करने हेतु ट्रीटमेंट प्लांट लगाये गये हैं? यदि नहीं, तो क्यों? ट्रीटमेंट प्लांट लगाने की क्या योजना है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) पर्यावरण नियोजन एवं समन्वय संगठन (एप्को) द्वारा झीलों के पर्यावरण संरक्षण हेतु Conservation of Urban Water Bodies (CUW) योजना क्रियान्वित की जा रही है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। पानी में कार्बन डाईआक्साईड की जाँच नहीं की जाती है। पानी में घुलित आक्सीजन (DO) की मात्रा 4 मि.ग्रा./लीटर से कम नहीं होने से जलीय जीवों के प्रभावित होने की स्थिति निर्मित नहीं हुयी है। (घ) जबलपुर शहर के किसी भी तालाब में गंदे पानी को रिसाइकिल करने हेतु ट्रीटमेंट प्लांट नहीं लगाये गये है। वर्तमान में नगर में सीवरेज योजना का कार्य प्रगतिशील है जिसके पूर्ण होने पर तालाबों में मिलने वाले गंदे जल की समस्या का समाधान हो सकेगा। वर्तमान में तालाबों पर ट्रीटमेंट प्लांट लगाने की कोई योजना नहीं है।
प्रधानमंत्री आवास सुविधा योजना
[नगरीय विकास एवं आवास]
136. ( क्र. 4115 ) श्री अशोक रोहाणी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या प्रदेश शासन द्वारा छावनी परिषद केंट (जबलपुर) के निवासियों को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास हेतु राशि आवंटित की गई है? यदि हाँ, तो कब कितनी राशि आवंटित की है? यदि नहीं, तो छावनी परिषद के निवासियों को इस योजना से वंचित रखने का क्या कारण है? (ख) क्या नगर निगम जबलपुर द्वारा छावनी परिषद केंट (जबलपुर) में प्रधानमंत्री आवास योजना लागू की गई है? यदि नहीं, तो क्यों? नगर निगम जबलपुर द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ छावनी परिषद के निवासियों को कब तक दिया जावेगा? इस संबंध में शासन के क्या निर्देश है एवं प्रधानमंत्री आवास योजना में क्या प्रावधान है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी नहीं। छावनी परिषद् द्वारा हितग्राही चयन कर विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन प्रस्तुत न करने से योजना स्वीकृत नहीं हो सकी है। जिससे राशि आवंटित नहीं की गई है। (ख) प्रधानमंत्री आवास योजना नगर पालिक निगम, जबलपुर द्वारा लागू नहीं की जाती है अपितु भारत सरकार, आवास एवं शहरी गरीबी, उपशमन, मंत्रालय द्वारा की गई है जो कि छावनी परिषद में भी लागू है। प्रधानमंत्री आवास योजनांतर्गत छावनी परिषद में नगर निगम द्वारा लाभ नहीं दिया जायेगा, अपितु छावनी परिषद द्वारा स्वयं विस्तृत परियोजना तैयार कराया जाकर नोडल एजेंसी संचालनालय, नगरीय प्रशासन एवं विकास में प्रस्तुत किया जायेगा जिसकी भारत सरकार से सक्षम स्वीकृति प्राप्त कर राशि उपलब्ध करायी जायेगी।
स्वयं सेवी संगठनों (NGO) की जानकारी
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
137. ( क्र. 4167 ) श्री अनिल जैन : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर संभाग में कितने स्वयं सेवी संगठन (एन.जी.ओ.) प्रश्न दिनांक तक पंजीबद्ध एवं कार्यरत हैं, जिलेवार संख्या बतायी जावे? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार पंजीबद्ध एवं टीकमगढ़ जिले में क्रियाशील स्वयं सेवी संगठनों के अध्यक्ष एवं सचिवों की जानकारी उनके मुख्यालय के स्थायी एवं वर्तमान पते सहित दी जावे? (ग) टीकमगढ़ जिले में क्रियाशील स्वयं सेवी संगठन किन-किन विभागों की किन-किन योजनाओं में कार्य कर रहे हैं, उनके द्वारा चालू वित्तीय वर्ष में किये जा रहे कार्यों की भौतिक एवं वित्तीय प्रगति की जानकारी एन.जी.ओ. वार दी जावे?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' पर । (ख) एवं (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार।
हाउसिंग बोर्ड में फ्लैटस निर्माण की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
138. ( क्र. 4168 ) श्री अनिल जैन : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) राजधानी भोपाल में स्थित हाउसिंग बोर्ड की कौन-कौन सी आवासीय परियोजनायें प्रश्न दिनांक को निर्माणाधीन है, उनकी लागत राशि सहित प्रस्तावित, निर्मित, निर्माणाधीन एवं हस्तांतरित मकानों एवं फ्लैट्स की संख्या बतायी जावे? (ख) निर्माणाधीन कीलन देव टावर्स भोपाल में कितने फ्लैट निर्माणाधीन है, क्या वर्तमान में निर्माण रोक दिया गया है? अब तक कितने फ्लैट्स बुक किये गये है एवं बुकिंग कराने वाले व्यक्तियों को उनके फ्लैट कब तक हस्तांतरित किये जा सकें? (ग) कीलन देव टावर्स भोपाल के फ्लैट्स के बारे में बुकिंग कराने वाले व्यक्तियों को निर्माण की अद्यतन स्थिति से अवगत कराने के लिये विभाग द्वारा क्या-क्या उपाय किये गये हैं?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट में है। (ख) निर्माणाधीन कीलनदेव टावर्स भोपाल में 222 प्रकोष्ठ भवन निर्माणाधीन हैं। जी नहीं। अब तक 210 प्रकोष्ठ भवन बुक किये गये हैं। योजनांतर्गत बुकिंग कराने वाले व्यक्तियों को मार्च 2018 में प्रकोष्ठ भवन हस्तांतरित किया जाना संभावित है। (ग) कीलनदेव टावर्स में बुकिंग कराने वाले व्यक्तियों को निर्माण की अद्यतन स्थिति से म.प्र. गृह निर्माण एवं अधोसंरचना विकास मण्डल द्वारा मौखिक रूप से, कार्यालयीन पत्रों द्वारा एवं एस.एम.एस. संदेश के माध्यम से समय-समय पर अवगत कराया गया है।
नि:शक्तों के सामाजिक सुरक्षा पेंशन में कटौती
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
139. ( क्र. 4186 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजनांतर्गत वर्ष 2016 में सीधी/सिंगरौली में 40 प्रतिशत से अधिक व 80 प्रतिशत से कम नि:शक्तों की पेंशन सीधी जिले में काटी गई थी, बाद में शासन द्वारा 40 प्रतिशत वाले नि:शक्तता को पेंशन प्रदाय किये जाने के निर्देश जारी किये गये थे? फिर पूर्व से पेंशन प्राप्त कर रहे नि:शक्तों को पेंशन से वंचित क्यों किया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में ऐसे पेंशनधारी जो विगत कई वर्षों से नि:शक्त पेंशन प्राप्त कर रहे थे एवं बी.पी.एल. में नाम न होने के कारण उन्हें पेंशन का लाभ नहीं मिल रहा है क्या शासन द्वारा प्रत्येक पंचायतों के लंबित आवेदन पत्रों का परीक्षण कर पात्र हितग्राहियों का नाम मार्च 17 तक जोड़े जायेंगे? (ग) क्या ऐसे नि:शक्तों का नाम बी.पी.एल. में शामिल किये जाने हेतु शासन द्वारा निर्देश जारी किये गये है? यदि हाँ, तो कितने नि:शक्तों का नाम बी.पी.एल. में जोड़ा गया है? नि:शक्तजनों को पेंशन हेतु बी.पी.एल. की अनिवार्यता क्यों रखी गई है जबकि नि:शक्त व्यक्ति बड़ी मुश्किल से अपना भरण-पोषण कर पाते है? यदि अनिवार्यता समाप्त की जावेगी तो कब तक? (घ) प्रश्नांश (क) अंतर्गत जनपदवार ऐसे कितने व्यक्ति है जो पेंशन हेतु पात्र है किन्तु उन्हें पेंशन प्रदाय किये जाने की कार्यवाही नहीं की गई है? कब तक पेंशन स्वीकृत की जावेगी? समस्त पेंशनधारियों को बैंकों से भुगतान दिलाये जाने हेतु शासन द्वारा क्या व्यवस्था की गई है जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में बैंकों की संख्या कम होने से बैंकों में भारी भीड़ रहती है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजनान्तर्गत वर्ष 2016 में सीधी/ सिंगरौली जिलो में 40 प्रतिशत से अधिक व 80 प्रतिशत से कम निःशक्तता वाले उन हितग्राहियों की पेंशन बंद की गई थी, जिनके द्वारा जिला मेडिकल बोर्ड का निःशक्तता प्रमाण पत्र उपलब्ध नहीं कराया गया था। उन सभी हितग्राहियों जिनके द्वारा मेडिकल प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया गया ऐसे पात्र हितग्राहियों की पेंशन नियमित रूप से चालू है, किसी भी पात्र हितग्राही को पेंशन से वंचित नहीं किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) वर्तमान योजना में ऐसे निःशक्तजनों को पात्रतानुसार सहायता दी जाती है, जिनके निःशक्तता 40 प्रतिशत से अधिक हो तथा जो कि बी.पी.एल. सूची में है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) बी.पी.एल. सूची में नाम बी.पी.एल. पात्रता श्रेणीकरण में आने पर ही नाम जोड़े जाने का प्रावधान है। इसमें शारीरिक क्षमताओं का आधार नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) सीधी जिले की सभी जनपद पंचायतों में पात्र निःशक्तजनों को पेंशन प्रदाय करने की कार्यवाही पूर्ण कर ली गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
स्वच्छ भारत मिशन के प्रचार-प्रसार में व्यय राशि
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
140. ( क्र. 4187 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा संभाग में विगत तीन वर्षों में स्वच्छ भारत मिशन के प्रचार-प्रसार की राशि का खर्च कितना हुआ है प्रदाय राशि व व्यय का विवरण जिला एवं जनपदवार देवें? जिला समन्वयकों एवं ब्लाक समन्वयकों द्वारा निरीक्षण एवं प्रचार-प्रसार हेतु कितना वाहन का एवं पी.ओ.एल. को उपयोग किया गया है भुगतान का विवरण देवें? (ख) सीधी/सिंगरौली जिले में कुल कितने शौचालय बनाये गये है कितने पूर्ण है और कितनों का निर्माण कराया जाना शेष है? अब तक कितनी राशि शौचालय निर्माण में व कितनी राशि प्रचार-प्रसार में व्यय की गई? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) कराये गये भुगतान संबंधितों/ हितग्राहियों को कराया जा चुका है यदि नहीं, तो क्यों? भुगतान की कार्यवाही कब तक की जावेगी? क्या बैंक खाता गलत होने से भुगतान नहीं हुआ था यदि हाँ, तो खाता सुधार किये जाने के बावजूद भी उन्हें आज तक भुगतान क्यों नहीं किया गया है? कब तक भुगतान होगा? (घ) क्या गुणवत्ताहीन शौचालय निर्माण कराये जाने व प्रचार-प्रसार के अभाव के कारण लोगों द्वारा शौचालय का उपयोग नहीं किया जा रहा है? यदि हाँ, तो प्रचार-प्रसार की राशि जिले द्वारा जनपदों को प्रदाय न की जाकर अनियमितता बरतते हुए अनावश्यक रूप से खर्च की गई है? खर्च की गई राशि का विवरण/अनियमितता एवं गुणवत्ता की जाँच की जाकर कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। प्रचार-प्रसार हेतु राशि पृथक से प्रदाय नहीं की जाती है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) जी हाँ। हितग्राहियों के बैंक खातों की जानकारी में त्रुटि होने के कारण। त्रुटि संशोधन करने में एक माह समय लगना संभावित है। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अप्रवासी भारतीयों का सम्मेलन
[प्रवासी भारतीय]
141. ( क्र. 4198 ) श्री
पुष्पेन्द्र
नाथ पाठक : क्या
खनिज साधन
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) म.प्र. के
मूल निवासी
विदेशों में
व्यापार या सेवा
कार्य में
संलग्न होकर
निवासरत है, उनकी
कोई सूची
उपलब्ध है
क्या? (ख) क्या
जिलावार इस
प्रकार की
जानकारी
एकत्रित की जा
रही है की
जिले से कौन–कौन
विदेश में है? क्या
कार्य कर रहे
हैं? म.प्र. के
विकास में
क्या योगदान
कर सकते है? (ग) यदि
प्रश्नांश ”ख” का
उत्तर नहीं है
तो बताये की
शासन द्वारा
इस प्रकार का
कार्य करके
उपयोगी
जानकारी
संग्रहित
करेगा? (घ) यदि
प्रश्नकर्ता
छतरपुर जिले
के अप्रवासी
भारतीयों का
एक सम्मेलन
म.प्र. स्थापना
दिवस 01 नवम्बर 2017 को
आयोजित करना
चाहे तो विभाग
क्या सहायता
कर सकता है?
खनिज
साधन मंत्री (
श्री
राजेन्द्र
शुक्ल ) : (क) इस
प्रकार की
जानकारी
संकलित नहीं
की जाती है। (ख)
जी नहीं। अत:
शेष का प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (ग) जी
नहीं। (घ) अस्पष्ट
प्रस्ताव
प्राप्त
होने पर ही
उपर्युक्त
कार्यवाही की
जा सकती है।
वन समितियों के संबंध में
[वन]
142. ( क्र. 4200 ) श्री पुष्पेन्द्र नाथ पाठक : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बिजावर विधानसभा क्षेत्र में ग्राम वन समितियों एवं अन्य इसी प्रकार की समितियों को वर्ष 2014-15 से 2016-17 तक समितिवार कितनी राशि आवंटित की गई? किस कार्य हेतु दी गई? क्या उपयोग हुआ? सूची सहित जानकारी उपलब्ध कराये। (ख) वन समितियों द्वारा रख– रखाव पर खर्च करने का क्या आशय है? रख– रखाव में क्या– क्या व्यय होता है? इसका कैसा परीक्षण होता है। (ग) रख–रखाव में किए गए व्यय की पुष्टि करने में कौन–कौन अधिकारी गत वर्ष में उत्तरदायी रहे है? नाम पदनाम सहित जानकारी प्रदाय करे। (घ) वन समितियों द्वारा किए गये व्यय एवं उसकी जाँच की कोई क्रॉस चैक व्यवस्था है? व्यय में अनियमितता मिलने पर क्या कार्यवाही नियमानुसार होती है।
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) वन क्षेत्रों में कार्य आयोजना अनुसार उपचारित कूपों एवं वृक्षारोपण में की गयी सुरक्षा कार्यों के एवज में विभाग द्वारा सुरक्षा राशि समितियों को दी जाती है। समिति द्वारा उक्त राशि का व्यय किया जाता है। रख-रखाव में सी.पी.टी./सी.पी.डब्ल्यू./चैनलिंक सुधार/मृत पौधों को बदलना एवं सुरक्षा कार्य होते हैं। रख-रखाव कार्यों का परीक्षण/निरीक्षण क्षेत्र के संबंधित अधिकारियों/कर्मचारियों द्वारा किया जाता है। जिसका विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) वन समितियों का ऑडिट चार्टर एकाउन्टेन्ट द्वारा किया किया जाता है। व्यय में अनियमितता मिलने पर नियमानुसार कार्यवाही होती है।
प्रतिनियुक्ति पर भेजे गए मानचित्रकारों की जानकारी
[वन]
143. ( क्र. 4247 ) श्री रामसिंह यादव : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. वन विभाग में वर्तमान में पदस्थ एवं प्रतिनियुक्ति पर भेजे गए मानचित्रकारों की पदस्थिति दिनांक एवं भर्ती का तारीक (प्रतियोगी परीक्षा, दैनिक वेतन से नियुक्ति आदि) तथा शैक्षणिक योग्यता (10 से लेकर) तथा तकनीकी योग्यता एवं यह परीक्षा कहाँ से उत्तीर्ण की है? की नामवार जानकारी दें। (ख) क्या वन विभाग में म.प्र. तृतीय श्रेणी (अलिपिकीय) वन सेवा भर्ती नियम 1967 की अनुसूची 3 के कॉलम 5 में मानचित्रकार की शैक्षणिक तथा तकनीकी अर्हताएं उच्चतर माध्यमिक शाला प्रमाण-पत्र तथा जे.जे. स्कूल ऑफ आर्ट्स बम्बई से प्रारंभिक (एलीमेंट्री) ड्राइंग में इंटर मीडिएट प्रमाण पत्र या मान्यता प्राप्त औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थाओं से मानचित्रकारी की प्रमाण पत्र वर्णित है तथा समय विषयक भर्ती नियम 2000 बनाकर उक्त योग्यता के साथ-साथ सर्वे ऑफ इंडिया हैदराबाद से फोटोग्राफी विषय में प्रशिक्षण को और शामिल किया गया है? (ग) यदि प्रश्नांश (ख) का उत्तर सही है तो क्या यह भी सत्य है कि प्रश्नांश (ख) में वर्णित तकनीकी योग्यता के समक्ष म.प्र. शासन द्वारा किसी अन्य डिप्लोमा अथवा डिग्री को मान्यता नहीं दी गई है? यदि मान्यता दी गई है तो शासनादेश के क्रमांक व दिनांक से अवगत करावें? (घ) प्रश्नांश (क) में वर्णित मानचित्रकारों में से ऐसे कितने मानचित्रकार हैं जिनके पास प्रश्नांश (ख) एवं (ग) के मापदण्डों के तहत योग्यता नहीं है तथा वह फिर भी विभाग में कार्य कर रहे हैं? नाम की सूची सहित जानकारी दें तथा उपरोक्त नियुक्तियों में म.प्र. शासन सामान्य प्रशासन विभाग के ज्ञापन क्रमांक सी/6-5/2006/3/1 दिनांक 16/11/2016 का पालन क्यों नहीं किया गया? यदि नहीं, तो कब तक किया जावेगा?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार। (ख) जी हाँ। (ग) मध्य प्रदेश शासन, सामान्य प्रशासन विभाग के ज्ञाप क्र. सी-3-10-2013-3-एक दिनांक 16.02.2015 (मध्यप्रदेश राजपत्र में प्रकाशित) अनुसार मान्यता दी गई है। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार। शेष प्रश्नांश के संबंध में शासन द्वारा दिनांक 16.11.2016 को ऐसा कोई परिपत्र जारी नहीं किया गया है। अत: पालन का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
शिवपुरी जिले के बदरवास नगर में नवीन महाविद्यालय खोलने की स्वीकृति
[उच्च शिक्षा]
144. ( क्र. 4248 ) श्री रामसिंह यादव : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शिवपुरी जिल के बदरवास नगर में नवीन महाविद्यालय खोलने के आदेश जारी किए गए है? यदि नहीं, तो उक्त आदेश कब तक जारी किए जावेंगे? (ख) क्या बदरवास नगर के दक्षिण दिशा में 50 कि.मी. दूर गुना, पूर्व दिशा में 75 कि.मी. दूर अशोकनगर, पश्चिम दिशा में 100 कि.मी. दूर राजस्थान तथा उत्तर दिशा में 30 कि.मी. दूर कोलारस में शासकीय महाविद्यालय है? जिसके कारण निर्धन छात्र उच्च शिक्षा से वंचित है? (ग) यदि हाँ, तो शासन बदरवास नगर में नवीन शासकीय महाविद्यालय खोलने की स्वीकृत क्यों प्रदान नहीं कर रहा है? उक्त स्वीकृति कब तक प्रदान कर दी जावेगी? निश्चित समयावधि बताएं। (घ) क्या बदरवास नगर में नवीन शासकीय महाविद्यालय खोले जाने हेतु जून 2014 से जनवरी 2017 तक कोई पत्र, ज्ञापन या अन्य मांग पत्र शासन को प्राप्त हुए है? यदि हाँ, तो संलग्न कर जानकारी दें कि इन पर शासन द्वारा कब-कब, क्या-क्या कार्यवाही की गई? यदि कार्यवाही नहीं की गई तो क्यों?
उच्च
शिक्षा
मंत्री ( श्री
जयभान सिंह
पवैया ) : (क) जी
नहीं।
समय-सीमा
बताया जाना संभव
नहीं है। (ख) जी
हाँ। जी नहीं।
(ग) प्रश्नांश
'ख' के
परिप्रेक्ष्य
में प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (घ) जी हाँ।
बदरवास नगर
में नवीन
महाविद्यालय
खोले जाने
हेतु जून 2014 से
जनवरी 2017 तक प्राप्त
पत्र, ज्ञापन या
अन्य मांग
पत्रों का
विवरण एवं प्राप्त
पत्रों पर कृत
कार्यवाही संलग्न
परिशिष्ट अनुसार
है।
परिशिष्ट
- ''छत्तीस''
विधानसभा आगर के अंतर्गत टी.एन.सी. के संबंध में
[नगरीय विकास एवं आवास]
145. ( क्र. 4274 ) श्री गोपाल परमार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या शासन के नियमानुसार जिला मुख्यालय आगर पर टी.एन.सी. (ग्राम व नगर निवेश) टाउन कंट्री प्लानिंग आगर में लागू हो गई है क्या? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार यदि लागू नहीं हुई है तो अब तक क्यों नहीं हुई? (ग) टी.एन.सी. उज्जैन द्वारा आगर में कैंप लगाकर पिछले वर्षों में दावे आपत्ति ली गई थी तो क्या उनका निराकरण हो गया है क्या, यदि नहीं, तो कब तक? (घ) क्या आगर नगर में टाउन कंट्री प्लानिंग के अनुरूप हो रहे निर्माण कार्य (शासकीय व निजी भवन, कालोनिया, सड़कें व बस्ती) टी.एन.सी. के नियमानुसार हो रहे है क्या यदि नहीं, हो रहे है तो क्यों और उनके विरुद्ध क्या कार्यवाही की जाएगी इसके लिए कौन अधिकारी जिम्मेदार है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी नहीं। (ख) कार्यवाही प्रचलन में है। (ग) जी हाँ। कार्यवाही प्रचलन में है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) म.प्र. नगर तथा ग्राम निवेश अधिनियम 1973 की धारा-19 के अंतर्गत राज्य शासन द्वारा अनुमोदन के पश्चात् विकास योजना लागू होती है। विकास योजना अनुमोदन के पश्चात् अधिनियम की धारा-27, 28 के अंतर्गत शासन एवं स्थानीय संस्था को विकास योजना अनुसार कार्य किया जाना अपेक्षित है तथा निजी विकासकर्ताओं द्वारा धारा-29 के अंतर्गत आवेदन किये जाने पर धारा-30 के अंतर्गत निराकरण किया जाता है। नियम विरूद्ध कार्यवाही की जानकारी प्राप्त होने पर जिला कार्यालय, नगर तथा ग्राम निवेश द्वारा अधिनियम 1973 में निहित प्रावधानों के अंतर्गत कार्यवाही की जाती है।
सचिव एवं सहायक सचिव की नियुक्ति
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
146. ( क्र. 4278 ) श्री गोपाल परमार : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आगर विधानसभा क्षेत्र के अन्तगर्त वर्ष 2015-16 में ग्राम पंचायतों के रिक्त पद पर सचिव/ सहायक सचिव की नियुक्ति हेतु मेरिट सूची बनाई गई है यदि हाँ, तो मेरिट सूची देवें? (ख) क्या मेरिट सूची के आधार पर रिक्त पदों पर नियुक्ति आदेश जारी किये गये है यदि हाँ, तो कब आदेश कॉपी देवें यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या ग्राम पंचायत जमुनिया बरोड़, खन्दवास, सांडा गुराडिया, बिनायगा के सहायक सचिव की नियुक्ति आदेश जारी कर दिए गये है यदि हाँ, तो कब यदि नहीं, तो क्यों कारण बतावें कब तक नियुक्ति आदेश जारी दिए जायेंगे समय-सीमा बतावें अभी तक नियुक्ति आदेश जारी नहीं करने के लिए कौन अधिकारी जिम्मेदार है शासन दोषी अधिकारी के विरुद्ध क्या कार्यवाही करेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। मेरिट सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) अंतिम मेरिट सूची के आधार पर आगर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत आगर जनपद पंचायत में 06 एवं बड़ौद जनपद पंचायत में 01 ग्राम पंचायत में ग्राम रोजगार सहायक (पदेन सहायक सचिव) के नियुक्ति आदेश जारी किये जा चुके है। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) ग्राम पंचायत जमुनिया बरोड़, खन्द्वास, सांडा, गुराडिया, बिनायगा के सहायक सचिव के नियुक्ति आदेश जारी नहीं किये गये है। उक्त चारों ग्राम पंचायतों में दावे-आपत्ति प्राप्त हुए थे। दावे-आपत्तियों का निराकरण नियमानुसार जिला स्तर से किया जाना था, निराकरण हेतु नस्ती जिला स्तर पर प्राप्त हुई, निराकरण के दौरान ग्राम रोजगार सहायक की संविदा नियुक्ति में कम्प्यूटर दक्षता प्रमाणीकरण परीक्षा (CPCT) अनिवार्य रुप से अर्हता से जोड़े जाने हेतु शासन स्तर पर प्रक्रियाधीन होने के कारण परिषद मुख्यालय से प्राप्त दिशा-निर्देशों के कारण नियुक्ति आदेश जारी नहीं किये गये है। इसके लिये कोई दोषी नहीं है। शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
स्वच्छ भारत मिशन के तहत शौचालयों का निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
147. ( क्र. 4292 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) शाजापुर जिले की पानखेड़ी (कालापीपल) एवं पोलायकला नगर परिषद में स्वच्छ भारत मिशन के तहत क्या गरीब परिवारों के घरों में शौचालय निर्माण किया जा रहा है? यदि हाँ, तो कार्य एजेंसी कौन-कौन सी है? (ख) प्रश्नांश 'क' में उल्लेखित संस्थाओं में कितने-कितने शौचालय बनाने का लक्ष्य है, प्रश्न दिनांक तक कितने शौचालयों का निर्माण कर दिया गया है? कार्य एजेंसी से अनुबंध में शौचालय निर्माण की अंतिम तिथि क्या है? क्या समयावधि में कार्य पूर्ण हो जायेगा? (ग) क्या प्रश्नांश 'क' में उल्लेखित संस्थाओं में घटिया शौचालय निर्माण की शिकायतें प्राप्त हो रही है? शौचालयों की गुणवत्ता देखने की जिम्मेदारी नगर परिषदों की है अथवा किसी कंसल्टेंसी एजेंसी की?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। जी हाँ। समयावधि में कार्य पूर्ण हो जायेगा। (ग) जी हाँ। निर्माण कार्यों की गुणवत्ता संबंधी शिकायतों के निराकरण सी.एस.क्यू.ए. एजेंसी द्वारा समय-समय पर किया जाता है। निकाय में शौचालयों के निर्माण कार्यों का निरीक्षण उपरांत गुणवत्ता संतोषप्रद पायी गयी है। शौचालयों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिये नगर परिषद एवं सी.एस.क्यू.ए. की संयुक्त रूप से जिम्मेदार है।
मंदिरों का जीर्णोंद्धार
[धार्मिक न्यास और धर्मस्व]
148. ( क्र. 4293 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) उज्जैन संभाग में वर्ष 2016-17 में किन-किन मंदिरों के जीर्णोंद्धार हेतु राशि का आवंटन किया गया? जिलेवार जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश 'क' में उल्लेखित मंदिरों के जीर्णोंद्धार के लिए निर्माण एजेंसी किस-किस को बनाया गया? (ग) प्रश्नांश 'क' में उल्लेखित मंदिरों में से कितने मंदिरों का जीर्णोंद्धार का कार्य पूर्ण हो गया अथवा पूर्णता की ओर है, कार्य कब तक पूर्ण हो जावेगा?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
जिला
पंचायत स्टेनो
की भूमिका
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
149. ( क्र. 4329 ) श्री दिनेश राय (मुनमुन) : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन द्वारा जिला पंचायतों में नियुक्त स्टेनों की क्या भूमिका तय की गई है? आदेश/निर्देश की छायाप्रति उपलब्ध करावें। (ख) जिला पंचायत सिवनी कार्यालय में श्री सुभाष साहू स्टेनों के पद पर कब से पदस्थ हैं? (ग) क्या श्री सुभाष साहू, स्टेनों पर गंभीर वित्तीय अनियमितताएं व कार्य के प्रति लापरवाही बरतने पर तत्कालीन कलेक्टर सिवनी श्री भरत यादव द्वारा निलंबित कर दिया गया था? यदि हाँ, तो श्री साहू को किस आधार पर पुन: बहाल कर जिला पंचायत कार्यालय सिवनी में पदस्थ कर दिया गया है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) स्टेनो सामान्यतः संबंधित नियंत्रणकर्ता की निजी स्थापना में श्रुति लेख लेने, टायपिंग कार्य करने आदि शासकीय कार्य करते है। (ख) दिनांक 03.09.1994 से पदस्थ है। (ग) जी नहीं। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
रोजगार गारण्टी का क्रियान्वयन
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
150. ( क्र. 4331 ) श्री दिनेश राय (मुनमुन) : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिले के अंतर्गत रोजगार गारण्टी योजना के अंतर्गत खेतों में मेड़ बंधान योजना के अंतर्गत 1 अप्रैल 2013 से प्रश्न दिनांक तक कितनी राशि प्राप्त हुई? कितने पात्र हितग्राहियों को इस योजना का लाभ दिया गया? कितने हितग्राहियों के मेड़ बंधान बने हैं? क्या किसानों के खेतों में मेड़ बंधान कार्य का लाभ पात्र हितग्राहियों को दिया जा रहा हैं? (ख) प्रश्नांश (क) अवधि के दौरान प्रश्नकर्ता द्वारा मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत सिवनी, छपारा व लखनादौन को मनरेगा योजनांतर्गत कौन-कौन सी जानकारी प्रश्नकर्ता को उपलब्ध कराने हेतु पत्र लिखा गया हैं वर्षवार जानकारी देवें? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में लिखे गये पत्रों की जानकारी प्रश्नकर्ता को उपलब्ध करा दी गई हैं? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना में कार्यवार राशि जारी किये जाने का प्रावधान नहीं है। 4203 हितग्राहियों के लिए स्वीकृति दी गई जिसके विरूद्ध 3717 कार्य पूर्ण हुए। मेड़ बंधान कार्य हवेली पद्धति से धान की खेती को छोड़कर अन्यत्र औचित्यपूर्ण नहीं होने से मेड़ बंधान के कार्य नहीं कराने का निर्णय लिया गया है। (ख) एवं (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
मुलताई नगर पालिका क्षेत्र में खेल स्टेडियम निर्माण में विलम्ब संबंधित
[नगरीय विकास एवं आवास]
151. ( क्र. 4341 ) श्री चन्द्रशेखर देशमुख : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मुलताई नगर में खेल स्टेडियम का निर्माण कब स्वीकृत किया गया था? स्वीकृति दिनांक, कार्य प्रारम्भ होने का दिनांक, लागत, ठेकेदार फ़र्म/एजेन्सी, कार्य पूर्णता दिनांक बताये। (ख) क्या कारण है कि उपरोक्त कार्य अभी तक अधूरा है? कितने प्रतिशत कार्य पूर्ण हुआ एवं भुगतान राशि कब-कब आहरित की गयी? पृथक-पृथक बतायें। कार्य को कब तक पूर्ण कर लिया जायेगा? (ग) कार्य में विलम्ब के लिये दोषी अधिकारियों के नाम, पदनाम सहित बतायें, इन पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा? (घ) कार्य में विलम्ब के लिये दोषी ठेकेदार फ़र्म को कब तक ब्लैक लिस्टेड कर उसकी एफ.डी. जब्त कर ली जायेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) मुलताई नगर में खेल स्टेडियम के निर्माण की सैद्धांतिक स्वीकृति संचालक खेल एवं युवा कल्याण म.प्र.के पत्र क्र./751/खे.यु.क/ अधो./2009 भोपाल दिनांक 25.05.2009 से राशि रूपये 40.00 लाख की प्रदान की गई है। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) स्थल पर अतिक्रमण होने से कार्य में विलंब हुआ, इसमें कोई अधिकारी/कर्मचारी दोषी नहीं है। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) स्थल पर अतिक्रमण होने कारण कार्य में विलंब हुआ, ठेकेदार फर्म उत्तरदायी नहीं है अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
स्टेट कनेक्टिविटी अंतर्गत रोड निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
152. ( क्र. 4357 ) श्री मानवेन्द्र सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिला अंतर्गत विधान सभा क्षेत्र महाराजपुर में वर्ष 2013-14 से वर्ष 2014-15 वर्ष 2015-16 तक स्टेट कनेक्टिविटी योजना में कितनी सड़कों को शामिल किया गया? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में महारजपुर विधान सभा क्षेत्र की कितनी सड़कों को पिछले 02 वर्षों में स्टेट कनेक्टिविटी में शामिल कर स्वीकृति प्रदान की गई? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में कितनी सड़कों का निर्माण प्रश्न दिनांक तक प्रारंभ किया गया है व प्रश्नकर्ता द्वारा भेजे गये सड़कों के कितने प्रस्तावों को स्टेट कनेक्टिविटी में शामिल किया गया है? (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में आगामी बजट वर्ष एवं पूर्व के 02 वर्षों में राज्य शासन द्वारा महाराजपुर विधान सभा क्षेत्र के लिए स्टेट कनेक्टिविटी के निर्माण हेतु कितनी-कितनी राशि कहाँ-कहाँ स्वीकृत की गई? क्या महाराजपुर विधान सभा की स्टेट कनेक्टिविटी सड़कों को भी इस आगामी बजट वर्ष में शामिल किया जावेगा।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एवं (ख) छतरपुर जिले की महाराजपुर विधान सभा क्षेत्र में वर्ष 2013-14 से वर्ष 2015-16 तक स्टेट कनेक्टिविटी योजना में 9 सड़कों को स्वीकृत किया गया। (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में स्वीकृत सभी 9 सड़कों का कार्य प्रारंभ कर 7 सड़कों का कार्य पूर्ण कराया जा चुका है। अभिलेखों के अनुसार प्रश्नकर्ता माननीय विधायक से कोई प्रस्ताव प्राप्त नहीं हुआ है। (घ) स्वीकृत कार्यों के लिये धनराशि उपलब्ध है।
बी.आर.जी.एफ., पी.जी.एफ. एवं पंचपरमेश्वर योजना के कार्य
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
153. ( क्र. 4358 ) श्री मानवेन्द्र सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला छतरपुर की जनपद पंचायत नौगाँव, लवकुशनगर, गौरिहार में बी.आर.जी.एफ., पंचपरमेश्वर योजनांतर्गत वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक कितनी-कितनी राशि के कौन-कौन से कार्य स्वीकृत किये गये थे वर्षवार, ग्राम पंचायतवार, कार्यवार स्वीकृत राशि की जानकारी से अवगत करावें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार उपरोक्त स्वीकृत कार्यों में से कितने-कितने कार्य पूर्ण किये गये है तथा उपयोगिता प्रमाण-पत्र जारी किये गये? अभी तक कौन-कौन से कार्य अपूर्ण हैं एवं अपूर्ण कार्यों के विरूद्ध जो राशि आहरण की गई है, उसकी वसूली हेतु क्या कार्यवाही की जा रही है? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार नियत समयावधि में कार्य पूर्ण नहीं होने के लिये दोषी अधिकारियों एवं ठेकेदारों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई है? यदि कोई कार्यवाही नहीं की गई, तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' के कॉलम 4, 5, 6 एवं 7 अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' के कॉलम 9 एवं 10 अनुसार। अपूर्ण कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' के कॉलम 7 अनुसार। अपूर्ण कार्यों के विरूद्ध किसी प्रकार की अनियमितता संबंधी शिकायत प्राप्त न होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जनपद पंचायतों में उक्त अवधि में किसी भी ग्राम पंचायत/क्रियान्वयन एजेंसी/अधिकारी/कर्मचारी के द्वारा निर्माण कार्यों में अनियमितता नहीं पाई गई है। वर्तमान में अपूर्ण कार्य प्रगतिरत् हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
डॉ. राजेन्द्र प्रसाद एज्यूकेशन सोसायटी
[नगरीय विकास एवं आवास]
154. ( क्र. 4369 ) श्रीमती सरस्वती सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) कटनी जिले में डॉ. राजेन्द्र प्रसाद एज्यूकेशन सोसायटी को क्या नगरपालिका निगम कटनी द्वारा पत्र क्र. 1744/लो.नि.वि./अनुज्ञा/2014 कटनी दिनांक 26.06.2014 को बिना स्वीकृति के भवन निर्माण के संबंध में नोटिस दिया गया था। (ख) यदि हाँ, तो बिना भवन निर्माण स्वीकृति के उक्त भवन को क्या हटा दिया गया है? यदि नहीं, तो अभी तक न हटाए जाने के क्या कारण और कब तक हटा दिया जावेगा? (ग) उक्त भवन का निर्माण जिस भूमि पर किया जा रहा है या हो गया है उस भूमि के भूमि स्वामी कौन है एवं क्या भूमि स्वामी से भूमि पर निर्माण कराए जाने हेतु सहमति प्राप्त की है? यदि नहीं, तो अवैध निर्माण को कब तोड़ा जावेगा? नगर निगम कटनी द्वारा नक्शा क्र. 1203 दिनांक 21.01.1983 द्वारा कितने क्षेत्रफल में भवन निर्माण की अनुमति दी गई है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी नहीं। नोटिस अतिरिक्त निर्माण कार्य के संबंध में जारी किया गया था और सोसायटी द्वारा दिये गये उत्तर अनुसार विद्यालय भवन में कोई अतिरिक्त निर्माण कार्य नहीं किया गया है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) भूमि का स्वामित्व गौ-शाला कमेटी कटनी का है। कमेटी द्वारा 16.04.1981 को लीज डीड तीस वर्षों हेतु डॉ. राजेन्द्र प्रसाद एज्यूकेशन सोसायटी के पक्ष में निष्पादित की गई है, जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। भवन निर्माण अनुमति 19600 वर्ग फुट दिनांक 31.01.1983 हेतु दी गई है।
ग्राम पंचायतों में प्रकाश व्यवस्था
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
155. ( क्र. 4373 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र.शासन द्वारा चौदहवें वित्त आयोग से ग्राम पंचायतों में प्रकाश व्यवस्था हेतु एल.ई.डी. लाइट अनिवार्यत: व्यवस्था करने के लिये राशि स्वीकृत की गई थी किन्तु मुख्यकार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत पन्ना द्वारा जनपदों की ग्राम पंचायतों को इस उक्त कार्य के लिए कोई राशि स्वीकृत नहीं कर रहे हैं। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में माननीय सांसद पन्ना द्वारा दिनांक 21/02/16 को मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत पन्ना एवं कलेक्टर पन्ना को पत्र दिनांक 11/11/2016 को चौदहवें वित्त के अनुसार ग्राम पंचायतों में प्रकाश व्यवस्था हेतु एल.ई.डी. लाइट लगाये जाने हेतु राशि स्वीकृत करने हेतु पत्र लिखा है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में क्या पंचायतों को प्रकाश व्यवस्था हेतु स्वीकृत की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक और अब तक न करने के लिए कौन उत्तरदायी है। (घ) सतना जिले के विकासखण्ड मझगवां की ग्राम पंचायत खांच में भी उक्त मद से प्रकाश व्यवस्था हेतु राशि स्वीकृत की जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। योजनान्तर्गत स्वीकृत किये जाने का प्रावधान नहीं है। (ख) जी हाँ। (ग) प्रश्नांकित कार्य को स्वीकृत किये जाने हेतु ग्राम पंचायत सक्षम है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (घ) प्रश्नांकित ग्राम पंचायत में विद्युत व्यवस्था है। अतिरिक्त प्रकाश व्यवस्था हेतु राशि स्वीकृत करने के लिये ग्राम पंचायत सक्षम हैं।
पेय-जल परिवहन व्यय की प्रतिपूर्ति
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
156. ( क्र. 4379 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नोत्तरी दिनांक 08.12.2016 में मुद्रित अता. प्रश्न संख्या 26 (क्रमांक 280) के परिप्रेक्ष्य में क्या आवंटन प्राप्त हो गया? यदि नहीं, तो बिना आवंटन के कार्य कराने के लिए कौन उत्तरदायी है और कब तक आवंटन प्राप्त कर पेय-जल परिवहन की राशि परिवहनकर्ता को भुगतान कर दी जावेगी? बताएं। (ख) अब तक भुगतान न करने के लिए कौन दोषी है और उसके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी? बताएं।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। सामान्य तौर पर ग्रीष्म ऋतु के दौरान जिन-जिन ग्रामीण क्षेत्रों में पेय-जल का गंभीर संकट व्याप्त होता हैं। वहाँ व्यापक जनहित में पेय-जल के परिवहन हेतु राहत आयुक्त से आवंटन के प्राप्त होने की प्रत्याशा में ग्राम पंचायतों को निर्देशित कर विधिवत् पेय-जल परिवहन प्रारंभ कर दिया जाता हैं। नागौद एवं उचेहरा विकासखण्ड के कुछ ग्रामों में उपरोक्तानुसार गंभीर पेय-जल संकट होने से ग्राम पंचायतों को पेय-जल परिवहन के निर्देश दिये गये। पेय-जल परिवहन की राशि के आवंटन हेतु राहत आयुक्त को पत्र भेजा गया है। आवंटन अभी प्राप्त नहीं हुआ है। इसलिए किसी के भी उत्तरदायी होने का प्रश्न नहीं उठता। आवंटन प्राप्त होते ही पेय-जल परिवहनकर्ताओं को पेय-जल परिवहन की राशि भुगतान की जा सकेगी। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता हैं।
शासकीय महाविद्यालयों में पुस्तकों की कमी
[उच्च शिक्षा]
157. ( क्र. 4391 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कटनी जिले के विधान सभा क्षेत्र बहोरीबंद अंतर्गत शासकीय महाविद्यालय बहोरीबंद में पुस्तकों की कमी है? संकायवार बताएं। (ख) क्या प्रदेश के महाविद्यालयों में विभागीय आंवटन की प्रक्रिया एवं खरीदी म.प्र. हिन्दी ग्रंथ अकादमी से होने में विलंब हो रहा है? यदि हाँ, तो छात्रों की शिक्षा पर होने वाले नुकसान के लिये कौन दोषी है? क्या इन्हें समय पर पुस्तकें उपलब्ध कराई जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? समयावधि बताएं। (ग) क्या रीठी क्षेत्र निवासियों द्वारा रीठी मुख्यालय में विगत कई वर्षों से शासकीय महाविद्यालय की निरंतर मांग की जा रही है? यदि हाँ, तो रीठी में शासकीय महाविद्यालय की स्वीकृति कब तक दी जावेगी? समयावधि बताएं। यदि नहीं, तो क्यों? (घ) प्रश्नकर्ता सदस्य के पत्र क्रमांक 1094 दिनांक 06.09.16 के संदर्भ में क्या कार्यवाही की गई? तिथिवार, कार्यवाहीवार विवरण दें।
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी नहीं। शासकीय महाविद्यालय बोहरीबंद में हिन्दी ग्रंथ अकादमी से पुस्तकें समय पर प्राप्त हो चुकी हैं एवं छात्र/छात्राओं को पुस्तकें वितरित की जा रही हैं। विदित हो कि बोहरीबंद महाविद्यालय जिला कटनी में केवल कला संकाय की कक्षाएं संचालित हो रही हैं। (ख) जी नहीं। शैक्षणिक सत्र 2016-17 हेतु प्रथम, तृतीय एवं पंचम सेमेस्टर की परीक्षाएं सम्पन्न हो चुकी हैं एवं द्वितीय, चतुर्थ एवं षष्टम सेमेस्टर की पुस्तकें समय पर प्राप्त हो चुकी हैं एवं छात्रों को वितरित कर दी गई हैं। (ग) जी हाँ। वर्तमान में सीमित वित्तीय संसाधनों को दृष्टिगत कर रीठी में नया शासकीय महाविद्यालय खोले जाने में कठिनाई है। (घ) प्रश्न का उत्तर (ग) अनुसार।
फर्जी इकाइयों द्वारा लिंकेज का कोयला प्राप्त किया जाना
[सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम]
158. ( क्र. 4392 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या राज्यमंत्री, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी जिले में वर्ष 2008 से वर्ष 2012 की स्थिति में कागजी 140 किन फर्मों का पंजीयन लघु उद्योग निगम में कराकर लघु उद्योग निगम के माध्यम से सब्सिडी वाला कोयला कितनी-कितनी मात्रा में किन-किन इकाइयों में कब-कब प्राप्त किया गया? पृथक-पृथक विवरण दें।
राज्यमंत्री, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम ( श्री संजय पाठक ) : (क) वर्ष 2008-09 से वर्ष 2012-13 के दौरान कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित जिला स्तरीय समिति द्वारा अनुशंसित कटनी जिले की सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम इकाइयों द्वारा अधिसूचित मूल्य पर म.प्र. लघु उद्योग निगम के माध्यम से प्राप्त किये गये कोयले की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
स्वच्छ भारत मिशन अंतर्गत शौचालय निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
159. ( क्र. 4402 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुरैना जिले के जौरा जनपद की ग्राम पंचायत बुरावली के मजरा रूध के पुरा पर कितने घरों में शौचालय निर्मित है? घरों की संख्या सहित पूर्ण जानकारी दी जावे। (ख) जनवरी 2017 तक कितने मकान शौचालय विहीन हैं? शासन की ओर से दी जाने वाली आर्थिक सहायता कितने लोगों को दी गई है? व्यक्ति के नाम, राशि सहित पूर्ण जानकारी दी जावे। (ग) उक्त मजरा रूध से पुरा में खुले में शौच जाने से शासन की नीतियों के अनुसार अभी तक क्या प्रयास किये गये ताकि स्वच्छ भारत मिशन का सरकार उद्देश्य पूर्ण हो सके? जानकारी दी जावें।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) मजरा रूध के पुरा में कुल 29 परिवारों में से 08 घरों में शौचालयों निर्मित हैं। (ख) जनवरी 2017 तक 21 आवास गृह सर्वेक्षण सूची में नाम नहीं होने से निर्मित शौचालयों के लिए प्रोत्साहन राशि का भुगतान किया जाना संभव नहीं हो सका है। (ग) ग्राम वासियों को स्वच्छता के प्रति प्रेरित कर शौचालय निर्माण कराने के साथ-साथ पात्र परिवारों के नाम सर्वेक्षित सूची में जोड़ने के लिए भारत सरकार से अनुरोध किया गया है।
पाटई महादेव मंदिर का निर्माण
[धार्मिक न्यास और धर्मस्व]
160. ( क्र. 4411 ) श्री मेहरबान सिंह रावत : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या ग्वालियर जिले के घाटीगाँव तहसील के अंतर्गत ग्राम पाटई महादेव मंदिर निर्माण विगत 4 वर्ष पूर्व ग्रामीण जनता के सहयोग से बनाया जा रहा था, जिसमें 4 कमरे अधूरे हैं, उसे शासन द्वारा रोक दिया गया था। (ख) क्या उसके बाद शासन से महादेव मंदिर निर्माण की मांग ग्रामीण जनता द्वारा की गई थी। जिसके संबंध में आज तक राशि स्वीकृत नहीं की गई है? इसका निराकरण कब तक किया जावेगा?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
सरपंचों एवं पंचों का मानदेय भुगतान
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
161. ( क्र. 4414 ) श्री मेहरबान सिंह रावत : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि ग्वालियर चंबल संभाग में सरपंचों एवं पंचों को मानदेय कब से भुगतान नहीं किया गया है, क्यों? कब तक मानदेय भुगतान कर दिया जावेगा? विकासखण्डवार जानकारी देवें। विलम्ब के लिये कौन-कौन दोषी हैं?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार हैं। विलंब के लिए दोषी पाये जाने पर जनपद पंचायत ईसागढ़ अन्तर्गत लेखापाल को निलंबित किया गया है।
ग्रामीण क्षेत्रों में आगजनी की घटनाएं
[नगरीय विकास एवं आवास]
162. ( क्र. 4427 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सीहोर जिले में विगत 2 वर्ष के दौरान कितनी आगजनी की घटनाएं घटित हुईं हैं? माहवार, ब्लॉकवार घटनाओं का ब्यौरा दें। (1) ग्रामीण क्षेत्र में हुई आगजनी की घटनाओं में हुए नुकसान का ब्यौरा प्रकरणवार प्रदान करें। (ख) क्या सीहोर जिले में दमकल वाहन उपलब्ध हैं? यदि हाँ, तो ब्लॉकवार उपलब्ध दमकलों का वाहन, मेक, फायर क्षमता, वाहन पर तैनात स्टॉफ प्रशिक्षित/अप्रशिक्षित का ब्यौरा दें। (ग) प्रत्येक वाहन पर कितने ग्रामों में भार निश्चित किया गया है? ब्लॉकवार ब्यौरा दें। घटनाओं की सूचना देने के लिए क्या व्यवस्था है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) सीहोर जिले में विगत 02 वर्ष के दौरान 1559 आगजनी की घटनाएं घटित हुई हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) फायर वाहन ग्रामवार व ब्लॉकवार उपलब्ध नहीं कराये जाते हैं, बल्कि भारत सरकार, स्टैंडिंग फायर एडवायजरी कमेटी द्वारा निर्धारित मापदण्ड अनुसार 50 हजार की जनसख्ंया पर 01 नग फायर वाहन उपलब्ध कराने का प्रावधान है। ब्लॉकवार उपलब्ध नहीं कराया जाता है। अनुविभागीय कार्यालय, तहसील कार्यालय एवं पुलिस नियंत्रण कक्ष से प्राप्त सूचना अनुसार आग बुझाने हेतु फायर वाहन भेजा जाता है।
लोक सेवा केन्द्रों की स्थापना
[लोक सेवा प्रबन्धन]
163. ( क्र. 4428 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल संभाग में लोक सेवा केन्द्रों की स्थापना की गई है यदि हाँ, तो कहाँ-कहाँ कितने केन्द्र स्थापित किए गए हैं? जिलावार, ब्लॉकवार ब्यौरा दें? (ख) क्या लोक सेवा केन्द्रों का संचालन निजी संस्थाओं व कंपनियों द्वारा किया जा रहा है? यदि हाँ, तो केन्द्रवार संचालन संस्थाओं का विवरण दें? (ग) क्या भोपाल जिले में स्थापित किसी लोक सेवा केन्द्र के विरूद्ध फर्जी प्रमाण-पत्र बनाने की कोई शिकायत सामने आई है? यदि हाँ, तो विगत 3 वर्ष के दौरान हुई? शिकायतों का ब्यौरा दें? शिकायतों की जाँच व निष्कर्ष का ब्यौरा दें?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार। (ख) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार। । (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जाँच लंबित होने के बावजूद पदोन्नति का लाभ
[नगरीय विकास एवं आवास]
164. ( क्र. 4443 ) श्री आरिफ अकील : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या अधिनियम 1976 की धारा 50 'क' के प्रावधानों के अतंर्गत मध्यप्रदेश गंदी बस्ती मण्डल के अधिकारियों एवं कर्मचारियों की सेवाएं विभिन्न नगरीय निकायों में संविलियन की गई है? (ख) यदि हाँ, तो किस-किस पद व वेतनमान के किन-किन अधिकारियों कर्मचारियों की सेवाएं भोपाल नगर निगम में किस-किस पद व वेतनमान पर कब संविलियन की गई? सूची उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के परिप्रेक्ष्य में उक्त अधिकारियों को उच्च वेतनमान समयमान वेतनमान या क्रमोन्नति उच्च पद, उपायुक्त/अपर आयुक्त का लाभ बिना रोस्टर का पालन किए देने की अनुशंसा की है? यदि नहीं, तो महापौर परिषद द्वारा किस नियम व अधिकार के तहत् शासन को अनुशंसा प्रेषित की गई? (घ) क्या उपायुक्त राजस्व के विरूद्ध प्लाटों में हेराफेरी जैसी और भी अनियमितताओं की जाँच लंबित होने के बावजूद पदोन्नति का लाभ किस नियम के तहत् दिया गया तथा क्या कार्यवाही विचाराधीन है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ग) गंदी बस्ती निर्मूलन मंडल के कर्मचारियों को नगरीय निकाय के कर्मचारियों के समान वेतन एवं भत्तों के भुगतान के संबंध में जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। गंदी बस्ती निर्मूलन मंडल से निगम में संविलियन हुए कर्मचारियों में से किसी को भी उपायुक्त/अपर आयुक्त पद पर पदोन्नत नहीं किया गया है। म.प्र. शासन एवं मेयर इन कौंसिल की स्वीकृति अनुसार श्री वीरेन्द्र तिवारी, जनसंपर्क अधिकारी को दिए गए वेतनमान की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। (घ) श्री प्रदीप वर्मा, राजस्व अधिकारी, नगर निगम, भोपाल के विरूद्ध शिकायत प्राप्त हुई थी। शिकायत के परीक्षण पश्चात् अशोक विहार कॉलोनी, नगर निगम, भोपाल के भूखण्डों के नामांतरण/विक्रय संबंधी अवैधानिक कार्यवाही पाए जाने पर श्री लालचंद पमनानी, श्री महेश माथुर एवं श्री मनोहर सक्सेना, वार्ड प्रभारियों के विरूद्ध विभागीय जाँच संस्थित की गई थी। विभागीय जाँच प्रतिवेदन प्राप्त होने के उपरांत तीनों कर्मचारियों को दंडित किया जाकर लोकायुक्त कार्यालय को सूचित किया है। उपायुक्त (राजस्व) के विरूद्ध निगम में कोई विभागीय जाँच लंबित नहीं है। वर्तमान में उपायुक्त (राजस्व) को पदोन्नति का लाभ नहीं दिया गया है।
खेल मैदानों का विकास
[खेल और युवा कल्याण]
165. ( क्र. 4444 ) श्री आरिफ अकील : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या भोपाल में राष्ट्रीय, राज्य, जिला एवं स्थानीय स्तर के खेल मैदान संचालित है? यदि हाँ, तो भोपाल के किस-किस वार्ड में किस-किस खेल के कौन-कौन से खेल मैदान कितने-कितने क्षेत्र में किन-किन के द्वारा संचालित किए जा रहे हैं? (ख) वित्तीय वर्ष 2009-10 से 2016-17 की अवधि में किस-किस खेल मैदान के विकास/उन्नयन हेतु कितनी-कितनी राशि का बजट में प्रावधान किया गया? खेल मैदानवार, वर्षवार बतावें? (ग) क्या उक्त खेल मैदानों के विकास/उन्नयन की कार्यवाही करने की अपेक्षा राशि लैप्स हुई है? यदि हाँ, तो प्रश्नांश (ख) अवधि में किस-किस वर्ष में कितनी कितनी राशि लैप्स हुई? इस लापरवाही के लिए कौन-कौन दोषी है? उनके विरूद्ध शासन द्वारा क्या तथा कब तक कार्यवाही की जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) से (ग) खेल मैदान खेल और युवा कल्याण विभाग के अतिरिक्त अन्य संस्थाओं यथा नगर निगम, राजधानी परियोजना प्रशासन स्कूल शिक्षा तथा विश्वविद्यालय, पुलिस विभाग आदि के भी हैं, जिनकी जानकारी एकत्रित की जा रही है।
प्रचार-प्रसार में राशि का व्यय
[नगरीय विकास एवं आवास]
166. ( क्र. 4453 ) डॉ. मोहन यादव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विभाग द्वारा प्रचार-प्रसार एवं होर्डिंग लगाये जाने के वित्तीय अधिकारों एवं प्रकाशित सामग्री यथा होर्डिंग पोस्टर आदि पर लगने वाले किन चित्रों की बाध्यता का उल्लेख है? निर्देशों एवं नियमों की प्रति उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) की जानकारी अनुसार 01 जनवरी 2015 से प्रश्न दिनांक तक नगर निगम उज्जैन एवं जिले की अन्य नगर पालिकाओं द्वारा प्रचार-प्रसार में कितनी राशि का व्यय किया गया? (ग) क्या उज्जैन नगर पालिका निगम द्वारा इन निर्देशों का पालन किया जा रहा है? यदि नहीं, तो इस संबंध में क्या कार्यवाही की जा रही है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) समस्त नगरीय निकायों के लिए आउट-डोर मीडिया रूल 2016 तैयार किए गए है, नियम प्रशासकीय स्वीकृति के पश्चात् विधि विभाग को अभिमत हेतु प्रेषित किए गए हैं, विधि विभाग के अनुमोदन पश्चात् प्रकाशित किए जाएंगे। (ख) 01 जनवरी, 2015 से प्रश्न दिनांक तक नगर निगम उज्जैन एवं जिले की अन्य निकायों द्वारा प्रचार-प्रसार में निम्नानुसार राशि का व्यय किया गया :-
स.क्र. |
निकाय का नाम |
व्यय राशि |
1 |
नगर निगम, उज्जैन |
372250 |
2 |
बड़नगर |
66742 |
3 |
नागदा |
362826 |
4 |
खाचरौद |
361500 |
5 |
महिदपुर |
91758 |
6 |
तराना |
62500 |
7 |
उन्हेल |
निरंक |
8 |
माकडोन |
निरंक |
|
योग |
1317576 |
(ग) वर्तमान में उत्तरांश (क) अनुसार नीति-निर्देशों की कार्यवाही प्रचलन में है, शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
लोक सेवा ग्यारंटी नियम व शर्तों का उल्लंघन
[लोक सेवा प्रबन्धन]
167. ( क्र. 4457 ) डॉ. मोहन यादव : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में लोक सेवा ग्यारंटी के तहत् कार्य करने के संबंध में 01 जनवरी, 2010 से प्रश्न दिनांक तक कब निविदा आमंत्रित की गई? वर्तमान में कार्य कर रही एजेंसियों की समयावधि कब समाप्त हो रही है? निविदा से संबंधित संपूर्ण प्रक्रिया नियम एवं शर्तों की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) की जानकारी अनुसार नियम एवं शर्तों का उल्लंघन करने एवं अवैध राशि वसूलने के संबंध में उज्जैन जिले में कितनी शिकायतें प्राप्त हुई? तहसीलवार जानकारी उपलब्ध करावें? प्राप्त शिकायतों पर क्या कार्यवाही की गई?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) म.प्र. में लोक सवा गारंटी के तहत् कार्य करने के संबंध में लोक सेवा केन्द्रों के संचालकों के चयन हेतु 1 जनवरी 2010 से प्रश्न दिनांक तक कुल 2 बार निविदाएं आमंत्रित की गई। प्रथम बार मई 2012 में तथा द्वितीय बार फरवरी 2016 में। वर्तमान में कार्य कर रहे लोक सेवा केन्द्रों की समयावधि अनुबंध दिनांक से 3 वर्ष की अवधि के लिए है। निविदा से संबंधित संपूर्ण प्रक्रिया नियम एवं शर्तों के लिए जारी आर.एफ.पी. की प्रति संलग्न है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार। (ख) लोक सेवा केन्द्रों द्वारा नियम एवं शर्तों का उल्लंघन करने पर कुल 8 शिकायतें प्राप्त हुईं। विवरण एवं की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार।
मार्ग विहीन ग्रामों को सड़क से जोड़ा जाना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
168. ( क्र. 4467 ) श्रीमती प्रतिभा सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बरगी विधान सभा क्षेत्र के जबलपुर एवं शहपुरा वि.ख. के कौन-कौन से गाँवों को अब तक मुख्य मंत्री ग्राम सड़क योजनान्तर्गत सड़क मार्ग से नहीं जोड़ा जा सका है? गाँवों के नाम एवं जनसंख्या बतायें। (ख) क्या वि.ख. शहपुरा के ग्राम खुलरी एवं भड़पुरा को अब तक मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत सड़क मार्ग से नहीं जोड़ा जा सका है? यदि हाँ, तो उक्त दोनों ग्रामों सहित पहुँच विहीन विधान सभा क्षेत्र के गाँवों की सड़क मार्ग से कब तक जोड़ा जावेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) प्रश्नाधीन क्षेत्र में मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत पात्र ग्रामों को जोड़ने की स्वीकृति जारी की जा चुकी है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी नहीं। ग्राम खुलरी एवं भड़पुरा प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत जुडे हुए हैं। शेष प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होता है।
शासकीय महाविद्यालय हेतु भवन निर्माण
[उच्च शिक्षा]
169. ( क्र. 4468 ) श्रीमती प्रतिभा सिंह : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बरगी वि.स. क्षेत्र का एक मात्र शासकीय महाविद्यालय हा.से. स्कूल के कुछ कमरों से संचालित हो रहे हैं? (ख) उक्त महाविद्यालय में छात्र-छात्राओं की बढ़ती संख्या एवं अध्यापन कार्य को सुचारू रखने महाविद्यालय हेतु भवन निर्माण की स्वीकृति कब तक प्रदान की जावेगी?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी हाँ। शासकीय नवीन महाविद्यालय, बरगी, शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के 04 बड़े एवं 01 छोटे कमरे में संचालित हो रहा है। (ख) प्राचार्य, शासकीय महाविद्यालय, बरगी के भवन निर्माण हेतु प्रस्ताव दिनांक 20.12.2016 को प्राप्त हुआ है। कार्यवाही प्रक्रियाधीन है, समय-सीमा बतायी जाना संभव नहीं है।
ग्रामीण यांत्रिकी सेवा द्वारा कराये गये निर्माण कार्य
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
170. ( क्र. 4492 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विकासखण्ड भितरवार एवं घाटीगाँव ग्रामीण यांत्रिकी सेवा द्वारा 01 अप्रैल 2015 से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन से निर्माण कार्य किस-किस मद से कितनी-कितनी वित्तीय स्वीकृति से किस-किस स्थान पर किस ठेकेदार/ ऐजेसी तथा किस-किस यंत्री/सहायक यंत्री के सुपरविजन में कराये गये हैं तथा कराये जा रहे उक्त निर्माण कार्यों की वर्तमान में भौतिक तथा वित्तीय स्थिति क्या है? (ख) ग्रामीण यांत्रिकी सेवा ग्वालियर में कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी पदस्थ हैं? उनका नाम, पद पदस्थापना दिनांक एवं मुख्यालय स्पष्ट करें।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
शौचालय निर्माण एवं सामग्री खरीदी की जानकारी
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
171. ( क्र. 4493 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वित्त वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक भितरवार विधान सभा अन्तर्गत किस-किस ग्राम के कितने-कितने हितग्राहियों द्वारा शौचालय का निर्माण किस योजना मद के तहत् किया गया? संख्यात्मक जानकारी देवें? क्या कई पंचायतों में शौचालय विहीन जो नाम सूची में है, वो पोर्टल में नहीं होने से हितग्राही परेशान हो रहे हैं? यदि हाँ, तो इसके लिये कौन कर्मचारी/अधिकारी दोषी है? उनके नाम स्पष्ट करें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित शौचालय के निर्माण का भुगतान कितना-कितना, कब-कब किया गया एवं कितना-कितना का भुगतान प्रश्न दिनांक तक किन कारणों से शेष है? भुगतान में हो रहे विलंब के दोषियों पर शासन द्वारा क्या कोई कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो किस प्रकार से कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? कारण सहित स्पष्ट करें। (ग) भितरवार एवं घाटीगाँव (बरई) जनपद पंचायतों के अतंर्गत वित्त वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक किन-किन निर्माण कार्यों हेतु कौन-कौन सी निर्माण सामग्री किस दर से किस प्रतिष्ठान से कब खरीदी गई एवं खरीदी गई सामग्री का भुगतान किस प्रकार से कब किया गया? ग्राम पंचायतवार सूची देवें। (घ) क्या प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित प्रतिष्ठान/दुकानदार शासन द्वारा खरीदी हेतु अधिकृत थे? यदि हाँ, तो दुकानदारों के टिन नंबर सहित सूची देवे एवं यह भी बतलावें कि बिना टिन नंबर वाले दुकानदारों से खरीदी का दोषी कौन है तथा शासन उन पर कब क्या कार्यवाही करेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एवं (ख) वित्तीय वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक भितरवार विधान सभा अंतर्गत स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) अंतर्गत ग्रामवार शौचालय निर्माण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। पोर्टल में जिन पात्र परिवारों के नाम नहीं हैं, उन्हें जोड़ने की कार्यवाही एक सतत् प्रक्रिया है, जिसके लिए भारत सरकार से अनुमोदन में समय लगता है। किसी कर्मचारी/अधिकारी के दोषी होने की स्थिति नहीं है। हितग्राहियों द्वारा खाता क्रमांक/आई.एफ.एस.सी. कोड गलत प्रस्तुत करने के कारण 342 शौचालय निर्माण की राशि का भुगतान शेष है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ग) एवं (घ) ग्राम पंचायतों तथा हितग्राहियों द्वारा किये गये क्रय की जानकारी संकलित एवं संधारित करने की व्यवस्था नहीं है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
अनियमितताओं की जाँच
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
172. ( क्र. 4515 ) श्री मधु भगत : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के परसवाड़ा विधान सभा क्षेत्र में वर्ष 2013-14, 2014-15, 2015-16, 2016-17 से प्रश्न दिनांक तक विकासखण्डवार मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के अंतर्गत कौन-कौन सी सड़क कितनी-कितनी राशि की स्वीकृत की गई? कितने कार्य पूर्ण किये गये? कितने कार्य निर्माणाधीन हैं एवं कितने कार्य अप्रारंभ हैं? इनकी कार्यवार स्वीकृत राशि, व्यय राशि, मूल्यांकन राशि की जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में किस-किस अधिकारी द्वारा किस सड़क का निरीक्षण किया गया? क्या उसमें कमियां पाई गईं एवं क्या उनकी पूर्ति की गई? (ग) प्रश्नांश (क) के सदंर्भ में परफॉरमेन्स/ग्यारंटी पीरियड के दौरान किन-किन सड़कों में मरम्मत कार्य किया गया एवं कितनी-कितनी राशि व्यय की गई? कितनी-कितनी सड़कों के मरम्मत के प्रस्ताव भेजे गये हैं? कितने स्वीकृत हुये, कितने कार्य प्रारंभ किये एवं कितने कार्य प्रारंभ किये जाना लंबित है? (घ) प्रश्नकर्ता के परसवाड़ा विधान सभा क्षेत्र की कौन-कौन सी नवीन सड़कों के निर्माण के कौन-कौन से प्रस्ताव मुख्य मंत्री ग्राम सड़क योजनान्तर्गत विगत दो वित्तीय वर्ष में भेजे हैं? विकासखण्डवार ब्यौरा देवें। कितने प्रस्ताव हेतु किस स्तर पर लंबित हैं? प्रश्नकर्ता द्वारा वर्ष 2016-17 से प्रश्न दिनांक तक कितने प्रस्ताव विभाग को भेजे हैं? उन प्रस्तावों के विरूद्ध कितने कार्य स्वीकृत किये गये एवं कितने अस्वीकृत किये गये? अस्वीकृत किये जाने का कारण स्पष्ट करें।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उल्लेखित सड़कों का निरीक्षण संबंधित कार्यपालन यंत्री, सहायक यंत्री एवं उपयंत्रियों द्वारा किया गया एवं निर्माण कार्य में आवश्यकतानुसार सुधार कराया गया। (ग) उक्त सड़कों के कार्य पूर्ण नहीं होने से परफॉरमेन्स पीरियड प्रारंभ नहीं हुआ है। अतः सड़कों की मरम्मत कराए जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) मा. प्रश्नकर्ता विधायक द्वारा जिले स्तर पर विकासखण्ड बालाघाट में ग्राम रट्टा में रईयकसा नाले पर कलवर्ट एवं ग्राम सेरवी से सूरिया मार्ग में कलवर्ट निर्माण की मांग की गई है। उपलब्ध वित्तीय संसाधन पूर्व से स्वीकृत सड़कों के लिए आबद्ध होने से शेष कार्य की स्वीकृति के संबंध में वर्तमान में विचार करना संभव नहीं है।
प्रधानमंत्री आवास योजना की स्वीकृति
[नगरीय विकास एवं आवास]
173. ( क्र. 4528 ) श्री जालम सिंह पटेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नरसिंहपुर विधान सभा अंतर्गत क्षेत्र नगरीय क्षेत्रों में कितने आवास प्रधानमंत्री आवास योजना से स्वीकृत किए जाने है? नगरीय क्षेत्र नरसिंहपुर नगरपालिका एवं करेली नगरपालिका की वार्डवार जानकारी देवें। (ख) प्रधानमंत्री आवास वितरण की क्या नीति-नियम हैं? (ग) हितग्राहियों को किस नियम से आवास वितरण किए जाने है एवं हितग्राही का चयन कौन-कौन तय करेंगे? (घ) आवास वितरण में भूमिहीनों एवं किरायेदारों के लिए क्या नीति होगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) नरसिंहपुर एवं करेली की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं 2 अनुसार है एवं अन्य नगरीय निकाय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं 2 अनुसार है (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। (ग) हितग्राही की पात्रता का निर्धारण जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-5 में ही उल्लेख अनुसार है। हितग्राही का पात्रता अनुसार चयन नगरीय निकाय द्वारा किया जाकर अंतिम अनुमोदन जिला कलेक्टर से होता है। (घ) प्रधानमंत्री आवास योजना की मार्गदर्शी सिद्धांत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-6 में ही उल्लेख अनुसार है।
नौरादेही वन अभयारण्य में जंगली जानवर की उपलब्धता
[वन]
174. ( क्र. 4529 ) श्री जालम सिंह पटेल : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नौरादेही वन अभयारण्य कितने हेक्टेयर में फेला है एवं कितने जिलों की सीमाओं में है? (ख) नौरादेही अभयारण्य में वर्तमान में कितने प्रकार के जंगली जानवर हैं? संख्या उपलब्ध करावें। (ग) जंगली जानवरों को संरक्षित करने के लिए क्या-क्या उपाय किए जा रहे हैं?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) नौरादेही वन्यप्राणी अभयारण्य 119704.278 हेक्टेयर क्षेत्र में सागर, दमोह एवं नरसिंहपुर जिले की सीमाओं में फैला हुआ है। (ख) वर्ष 2014 में संपन्न वन्यप्राणी आंकलन के अनुसार नौरादेही अभयारण्य में परिक्षेत्रों से प्राप्त जानकारी अनुसार वन्यप्राणियों का प्रजातिवार अनुमान संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) वन्यप्राणियों को संरक्षित करने के लिये वनक्षेत्र में रहवास सुधार एवं संरक्षण के कार्य एवं क्षेत्रों में सतत् गश्ती कर वन्यप्राणियों की सुरक्षा की जाती है।
इन्डोर हॉल परिसर में निर्माण कार्य
[खेल और युवा कल्याण]
175. ( क्र. 4540 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रश्नकर्ता के परि.अता.प्रश्न क्रमांक-3387 दिनांक-29/02/2016 के प्रश्नांश (घ) में दिये गये उत्तर अनुसार कार्यपूर्णता प्रमाण-पत्र का परीक्षण कर जाँच कार्यवाही की जा चुकी है? यदि हाँ, तो परीक्षण एवं जाँच प्रतिवेदन का विवरण बतायें? यदि नहीं, तो एक वर्ष पश्चात् भी कार्यवाही न होने का कारण बतायें। (ख) क्या प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक-1601 दिनांक 21/07/2016 के प्रश्नांश (ग) के उत्तर में लोक निर्माण विभाग कटनी एवं जिला योजना अधिकारी कटनी से संबंधित उल्लेखित जानकारी प्रश्न दिनांक तक प्राप्त हो गई? यदि हाँ, तो यह जानकारी क्या है? यदि नहीं, तो क्यों और इस संबंध में संबंधितों द्वारा अब तक क्या कार्यवाही की गई है? विवरण प्रदान करें। (ग) क्या इन्डोर हॉल परिसर माधवनगर कटनी में जनभागीदारी से किये गये निर्माण कार्यों का भौतिक परीक्षण प्रश्नकर्ता की उपस्थिति में कराया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक, यदि नहीं, तो क्या यह माना जाये कि अनियमितताओं को छिपाने के लिये, ऐसा किया जा रहा है? (घ) प्रश्नांश (क) से (ग) के परिप्रेक्ष्य में, खेल मैदानों के निर्माण एवं अन्य निर्माण कार्यों की अनियमितताओं की अब तक जाँच न होने एवं प्रश्नकर्ता सहित भौतिक परीक्षण की मांग से पीछे हटने के क्या कारण है? क्या यह कार्यशैली अनियमितताओं को संरक्षण प्रदान करना नहीं हैं?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। जाँच प्रतिवेदन उपलब्ध कराने हेतु जिला खेल और युवा कल्याण अधिकारी कटनी द्वारा अपने पत्र क्रमांक 5125 दिनांक 04.07.2016, 5188 दिनांक 07.09.2016 एवं पत्र क्रमांक 5239 दिनांक 09.12.2016 द्वारा कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण विभाग जिला कटनी से परीक्षण एवं जाँच प्रतिवेदन उपलब्ध कराने हेतु लेख किया गया था, परन्तु परीक्षण जाँच प्रतिवेदन प्राप्त नहीं होने से जाँच की कार्यवाही नहीं की जा सकी। अतः इस संदर्भ में समय-सीमा में जाँच के उत्तर न आने के कारण कलेक्टर जिला कटनी को संचालनालयीन पत्र क्रमांक 9356 दिनांक 21.12.2016 को जाँच के निर्देश दिये गये हैं। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। प्रश्नोत्तर (क) में उल्लेखित पत्रों द्वारा संबंधितों को स्मरण कराया गया है, किन्तु जानकारी प्राप्त नहीं हो सकी है। अतः प्रश्नोत्तर (क) अनुसार जाँच हेतु कलेक्टर, कटनी को निर्देश दिये गये हैं। (ग) जाँच हेतु कलेक्टर जिला कटनी को निर्देशित किया गया है। जाँच की प्रक्रिया कलेक्टर जिला कटनी द्वारा निर्धारित की जावेगी। समय-सीमा बतायी जाना संभव नहीं है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रश्नोत्तर (क) से (ग) के संदर्भ में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
ग्रामीण सडकों का संधारण कार्य
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
176. ( क्र. 4541 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुड़वारा विधान सभा क्षेत्र अन्तर्गत विगत चार वर्षों में प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना एवं मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत् कहाँ-कहाँ कितनी लागत से कब-कब सड़कें निर्मित की गई है? (ख) प्रश्नांश (क) के तहत् वर्ष 2013-14 से अब तक इन सड़कों के संधारण/मरम्मत के क्या-क्या कार्य कितनी-कितनी लागत से कब-कब कराये गये? सड़कवार बतायें एवं कार्यपूर्णता प्रमाण-पत्र उपलब्ध करायें। (ग) प्रश्नांश (क) के तहत् मुड़वारा विधान सभा क्षेत्र में निर्मित ऐसी कौन-कौन सी सड़कें हैं जो मोटरेवल नहीं है, इन सड़कों के मोटरेवल न होने के क्या कारण है? इनकी मरम्मत/संधारण के लिये क्या कार्यवाही की जा रही है एवं इन सड़कों को किस प्रकार एवं कब तक पूर्णतया मोटरेवल कर दिया जायेगा।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) संधारण एक सतत् प्रक्रिया है, जिसे आवश्यकतानुसार समय-समय पर संधारण कार्य कराया जाकर सड़कों को संधारित रखा जाता है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। कार्यपूर्णता प्रमाण-पत्र की छायाप्रति जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में सभी सड़कें मोटर वाहन परिवहन के लिये उपयुक्त है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
रेत खदानों की नीलामी
[खनिज साधन]
177. ( क्र. 4593 ) श्रीमती शकुन्तला खटीक : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश शासन खनिज नीति के तहत् उत्खनन पट्टे/लीज देने के क्या प्रावधान होकर उनकी क्या-क्या मार्ग दर्शिका प्रचलन में है, की प्रति सहित अवगत करावें? (ख) क्या तहसील नरवर जिला शिवपुरी में कितनी खदानों की नीलामी होकर उनमें से कितनी खदानों के अनुबंध हो चुके हैं व घन मीटर की मात्रा सहित बतायी जावे? (ग) क्या रेत खदान सोन्हर, गनियार, नंदपुर की सिया द्वारा एन.ओ.सी. देने के पश्चात् उपरोक्त खदानों का प्रश्न प्रस्तुत दिनांक तक अनुबंध क्यों नहीं किया गया? कारण बतावें। (घ) क्या एन.ओ.सी. उपरांत न होना शासन के नियम-निर्देशों का उल्लंघन है व इस हेतु कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी दोषी होकर नियमों की अवहेलना करने वाले के खिलाफ क्या कार्यवाही की जावेगी?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) उत्खनिपट्टा प्रदान करने हेतु मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम 1996 नियम में प्रावधान हैं। यह नियम अधिसूचित है। (ख) प्रश्नाधीन जिले के तहसील नरवर में 04 रेत खदानें नीलाम की गई थीं। जिसमें से 01 खदान का अनुबंध किया जा चुका है। जिसमें खनन योजना अनुसार खनन हेतु रेत खनिज की अनुमोदित मात्रा 113544 घनमीटर प्रतिवर्ष निर्धारित है। (ग) रेत खदान सोन्हर में सिया से एन.ओ.सी. प्राप्त है, परन्तु जल तथा वायु सम्मति अप्राप्त है रेत खदान गनियार में सिया से एन.ओ.सी. अप्राप्त है। रेत खदान नन्दपुर के संबंध में न्यायालयीन कार्यवाही प्रचलित है। इन कारणों से प्रश्न में उल्लेखित खदानों के अनुबंध निष्पादन की कार्यवाही पूर्ण नहीं की गई है। (घ) प्रश्नांश (ग) के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
दोषी सरपंच सचिवों को बचाने का प्रयास
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
178. ( क्र. 4606 ) पं. रमेश दुबे : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के परि.अता. प्रश्न संख्या 101 (क्रमांक 1805), दिनांक 14.12.2015 के उत्तर में बताया गया है कि ग्राम पंचायत जमुनिया विकासखण्ड चौरई जिला छिन्दवाड़ा में विगत 3 वर्षों में पशु शेड का निर्माण में शासन के आदेशानुसार पात्रता की शर्तों, प्राथमिकताओं व प्रक्रियाओं का पालन किया गया है? (ख) क्या ग्राम पंचायत जमुनिया में उक्त पशु शेड निर्माण की एक अन्य शिकायत जाँच में नेतराम, पूरनबाई, सीताराम, रघुनंदन, टीकाराम, विनोद को पशु शेड हेतु अपात्र पाया गया? रूखमणी को बिना टी.एस. के निर्माण कराया जाकर भुगतान किया जाना एवं सुखमन शिवराम को पशु शेड में स्वीकृत राशि से अधिक व्यय होना पाया जाकर राशि रूपये 567965.00 वसूली की कार्यवाही प्रचलन में है? (ग) यदि प्रश्नांश (ख) सही है तो प्रश्नांश (क) के गलत उत्तर के लिये कौन दोषी है और यदि प्रश्नांश (ख) ही सही है तो पूर्व में भी वित्तीय अनियमितता के चलते ग्राम पंचायत जमुनिया के पूर्व सरपंच सचिव के विरूद्ध दो बार वसूली की कार्यवाही एवं प्रश्नांश (क) अनुसार उन्हें बचाने का प्रयास, प्रश्नांश (ख) अनुसार तीसरी बार भी मात्र वसूली की कार्यवाही दर्ज कराकर कोई आपराधिक प्राथमिक थाने में दर्ज नहीं कराने के क्या कारण है? (घ) उक्त प्रश्नों के संदर्भ में क्या शासन बार-बार वित्तीय अनियमितता करने वाले आदतन अपराधियों के विरूद्ध थाने में प्राथमिकी दर्ज कराने का आदेश देगा? नहीं, तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) विधान सभा उत्तर के पश्चात्, तहसीलदार से पुन: जानकारी प्राप्त करने पर, पटवारी द्वारा प्रदाय प्रमाण-पत्र त्रुटिपूर्ण पाया गया। संलग्न परिशिष्ट अनुसार पायी गयी अनियमितता के लिए कार्रवाई की गयी है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं है। (घ) संलग्न परिशिष्ट अनुसार कार्रवाई की गयी है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं है।
प्रश्नकर्ता के पत्रों का जवाब नहीं दिया जाना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
179. ( क्र. 4607 ) पं. रमेश दुबे : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनपद पंचायत बिछुआ जिला-छिन्दवाड़ा को प्रश्नकर्ता द्वारा विगत जनवारी 2014 से प्रश्न दिनांक तक किन-किन विषयों पर पत्र प्रेषित किया गया है? पत्रवार जानकारी दें। (ख) क्या मध्यप्रदेश शासन सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी आदेशों/निर्देशों के अनुसार प्रश्नकर्ता के पत्रों की प्राप्ति अभिस्वीकृति प्रश्नकर्ता को तीन दिवस के भीतर उपलब्ध करायी गई? यदि नहीं, तो क्यों? क्या निर्देशों के तहत् माननीय विधान सभा सदस्यों के पत्रों के रजिस्टर निर्धारित प्रपत्र में संधारित किया जाकर कार्यालय प्रमुख द्वारा समय-समय पर सत्यापित किया गया है? यदि नहीं, तो क्यों? कौन जिम्मेदार है? (ग) क्या प्रश्नांश (क) के प्रकाश में प्रश्नकर्ता के पत्रों पर की गयी कार्यवाही से प्रश्नकर्ता को अवगत कराया गया है? यदि नहीं, तो क्यों और यदि हाँ, तो कब-कब, क्या-क्या कार्यवाही की गई है? पत्रवार जानकारी दें। (घ) प्रश्नकर्ता के पत्रों का शासनादेशों अनुसार रजिस्टर संधारित नहीं करना, तीन दिवस के भीतर प्राप्ति अभिस्वीकृति नहीं देने, समय पर की गई कार्यवाही से अवगत नहीं कराने के लिये कौन लोग जिम्मेदार हैं? जानकारी दें। क्या शासन जिम्मेदारी नियत कर कार्यवाही का आदेश देगा? यदि नहीं, तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) पत्रों का रजिस्टर संधारित किया गया है तथा कार्यालय प्रमुख द्वारा समय-समय पर अवलोकन किया जाता है। माननीय विधायक महोदय को पत्र प्राप्ति के 3 दिवस के भीतर अभिस्वीकृति देने का कार्य नहीं किया गया है। प्रथम दृष्ट्या मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिम्मेदार है। (ग) जी नहीं। प्राप्त पत्रों पर की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के कालम 6 अनुसार है। (घ) प्रश्नांश (ख) अनुसार। डॉ. आर.एस. परिहार सी.ई.ओ. जनपद पंचायत बिछुआ को तत्संबंध में कार्यालय जिला पंचायत के पत्र क्रमांक 8348 दिनांक 22.02.2017 के द्वारा कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया।
181 पर की गई शिकायतों का निराकरण
[लोक सेवा प्रबन्धन]
180. ( क्र. 4626 ) श्री गिरीश भंडारी : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नरसिंहगढ़ विधान सभा क्षेत्र अन्तर्गत दिनांक 01 जनवरी 2016 से प्रश्न दिनांक तक किस-किस विभाग की कितनी-कितनी शिकायतें 181 पर की गई? (ख) प्रश्न की कंडिका (क) की उपलब्ध जानकारी अनुसार प्राप्त शिकायतों में से प्रश्न दिनांक तक कितनी शिकायतों का निराकरण किया गया व कितनी शिकायतें लंबित हैं?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) शिकायतों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्न की कंडिका (क) की अनुसार कुल शिकायतें 1552 प्राप्त हुईं है, प्रश्न दिनांक तक 1002 शिकायतों का निराकरण किया गया। शेष 550 शिकायतें लंबित हैं।
लोक सेवा प्रबंधन के कार्य
[लोक सेवा प्रबन्धन]
181. ( क्र. 4627 ) श्री गिरीश भंडारी : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र.लोक सेवा प्रबंधन द्वारा कौन-कौन से कार्य किये जाते हैं? कार्यों की सूची उपलब्ध करायें। किस-किस कार्य हेतु कितना-कितना शुल्क निर्धारित है? (ख) प्रश्नांश की कंडिका (क) की उपलब्ध जानकारी अनुसार किसानों को खाता खसरा की नकल देने के क्या नियम हैं? खाता खसरा नकल हेतु कितना शुल्क निर्धारित है। जानकारी दें। (ग) नरसिंहगढ़ स्थित संचालित लोक सेवा प्रबंधन कार्यालय में 01 जनवरी 2015 से प्रश्न दिनांक तक कितना-कितना शुल्क प्राप्त हुआ?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) म.प्र. लोक सेवा प्रबंधन विभाग द्वारा प्रदेश के नागरिकों को समय-सीमा में विभिन्न विभागों की लोक सेवाएं प्रदाय किये जाने का कार्य किया जाता है। इसके तहत् म.प्र. लोक सेवा गारंटी अधिनियम 2010 पारित किया गया है। इस अधिनियिम के तहत् अब तक 28 विभागों की कुल 207 सेवाएं अधिसूचित की जा चुकी हैं। सेवाओं की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। लोक सेवाओं के प्रदाय हेतु प्रदेश के समस्त ब्लॉक एवं तहसील में कुल 413 लोक सेवा केन्द्रों का संचालन किया जा रहा है। लोक सेवा केन्द्रों के माध्यम से प्रदाय की जाने वाली सेवाओं का आवेदन शुल्क राशि रूपये 30/- निर्धारित है, जिसमें से 25 रूपये लोक सेवा केन्द्रों को प्राप्त होते हैं तथा 05 रूपये जिला ई-गवर्नेंस सोसायटी के खाते में जमा होते हैं। यदि किसी सेवा के लिए नियमानुसार विधिक शुल्क देय है, तो वह उस विभाग के नियमों के अनुसार अतिरिक्त देय होता है। (ख) खाता खसरे की नकल सेवा क्रमांक 4.2 चालू खसरा/खतौनी की प्रतिलिपियों का प्रदाय म.प्र. शासन राजस्व विभाग का पत्र क्रमांक एफ 5-2/2014/सात-1, भोपाल, दिनांक 28/01/2014 के अनुसार दिया जाता है एवं परिपत्र की कंडिका 9 अनुसार इस सेवा के लिए शुल्क लिया जाता है। परिपत्र पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) नरसिंहगढ में संचालित लोक सेवा केन्द्र नरसिंहगढ़ में 01 जनवरी 2015 से दिनांक 19/02/2017 तक समस्त सेवाओं के लिये कुल आवेदन शुल्क राशि रूपये 1172050/- (ग्यारह लाख बहत्तर हजार पचास रूपये) प्राप्त हुआ है, जिसका विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है।
जलाऊ एवं निस्तारी लकड़ी की व्यवस्था
[वन]
182. ( क्र. 4637 ) श्री गोविन्द सिंह पटेल : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नरसिंहपुर जिले में वन विभाग द्वारा किसानों को जलाऊ लकड़ी एवं कृषि कार्य हेतु निस्तारी लकड़ी उपलब्ध कराये जाने हेतु क्या व्यवस्था है? (ख) गाडरवारा विधान सभा सभा क्षेत्र अंतर्गत वन विभाग के कहाँ-कहाँ डिपो संचालित हैं। नाम सहित जानकारी दें। (ग) संचालित सभी डिपो में पर्याप्त मात्रा में निस्तारी एवं जलाऊ लकड़ी उपलब्ध क्यों नहीं रहती है?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) नरसिंहपुर जिले के अंतर्गत किसानों को जलाऊ लकड़ी एवं कृषि कार्य हेतु लकड़ी उपलब्ध कराने हेतु 5 केन्द्रीय डिपो एवं 33 निस्तार डिपो स्थापित है‚ इस प्रकार कुल डिपो 38 हैं। निस्तार डिपो वर्ष में 1 जनवरी से 30 जून एवं केन्द्रीय डिपो 1 जनवरी से 31 दिसम्बर तक की अवधि में वनोपज बिक्री हेतु खोले जाते हैं। (ख) गाडरवारा विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत 1 केन्द्रीय डिपो गाडरवारा तथा 4 निस्तार डिपो क्रमश: गोटीटोरिया‚ सेसाडाबर‚ बारहा तथा चीचली डिपो संचालित है। (ग) नरसिंहपुर जिले के गाडरवारा विधान सभा क्षेत्र में उपलब्ध कराई गई वनोपज का विवरण निम्नानुसार है :-
वनोपज |
वर्ष 2016 |
वर्ष 2017 |
||
|
उलब्ध कराई मात्रा |
बिक्री |
आज दिनांक तक उपलब्ध कराई मात्रा |
बिक्री |
बांस |
6638 |
6138 |
6100 |
निरंक |
बल्ली |
490 |
253 |
237 |
निरंक |
जलाऊ चट्टे |
142 |
79 |
63 |
11 |
वनमंडल में बांस‚ बल्ली‚ जलाऊ की पूर्ति अन्य वनमंडलों से की जाती है। उपलब्ध कराई गई वनोपज एवं विक्रित वनोपज की मात्रा से स्पष्ट है कि समस्त क्षेत्र में पर्याप्त मात्रा में वनोपज उपलब्ध रहती है।
कन्यादान योजना
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
183. ( क्र. 4638 ) श्री गोविन्द सिंह पटेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सामाजिक न्याय एवं नि:शक्त जन कल्याण विभाग द्वारा मुख्यमंत्री कन्यादान योजना अंतर्गत सम्मेलन में सम्मिलित होने वाली कन्या को इस योजना का लाभ दिया जाता है? (ख) ऐसी कन्याएं जो सम्मेलन में सम्मिलित नहीं हो पाती हैं और उनकी शादी होती है, उनको इस योजना का लाभ क्यों नहीं दिया जाता है। (ग) क्या ऐसे गरीब परिवारों की कन्याएं जिनकी सम्मेलन में शादी नहीं होती है, उनकी पंचायत या स्थानीय संस्था के माध्यम से शादी होती है तो क्या इस योजना का लाभ देने हेतु शासन कोई योजना बनाएगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना अंतर्गत ग्रामीण एवं शहरीय निकायों में सामूहिक विवाह कार्यक्रम में कम से कम 5 कन्याओं का विवाह कराये जाने का प्रावधान है। ग्रामीण एवं शहरी निकायों के माध्यम से कराये जाने वाले सामूहिक विवाह में सम्मिलित होने वाली गरीब, निर्धन परिवारों की कन्या/विधवा/परित्यक्ताओं को योजना का लाभ दिया जाता है। (ख) एवं (ग) उत्तरांश (क) अनुसार।
कॉलोनाईजरों द्वारा बंधक भूखंड
[नगरीय विकास एवं आवास]
184. ( क्र. 4656 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) अता.प्रश्न संख्या 145 (क्र. 4288) दिनांक 03/03/2016 के (ख) उत्तर में वर्णित जिन कॉलोनाईजरों द्वारा 25 प्रतिशत भूखण्ड बंधक रखे गये हैं, उस रकबे में से कितने भू-खण्डों का विक्रय कब-कब व किन-किनको किया गया? जानकारी देवें। (ख) संलग्न परिशिष्ट के नोट में उल्लेखित कीर्तीकुमार पिता धरमचंद सोगानी निवासी महिदपुर द्वारा किस स्थान पर कॉलोनी विकास किया जा रहा है? स्थान नाम, रकबा सहित बतावें। यह भी बतावें कि इनके द्वारा किन रकबा क्रमांक के भूखण्ड बंधक रखे गए हैं? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) अश्विन पिता चंद्रसहित मेहता के प्रकरण की अद्यतन स्थिति बतावें। यदि इन्हें कालोनी विकास की अनुमति प्रदान कर दी गई है, तो भूखण्ड बंधक रखने की इनकी जानकारी देवें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) किसी भी भूखण्ड का विक्रय पत्र पंजीबद्ध नहीं किया गया है। (ख) महिदपुर में कुल रकबा 4.03 भूमि पर विकास किया जा रहा है। प्लाट क्रमांक 173-180, प्लाट क्रमांक 202-236, प्लाट क्रमांक 237-263 के कुल 6041.28 वर्गमीटर भू-खण्ड बंधक रखे गए हैं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) बंधक पत्र निष्पादित नहीं कराए जाने से मुद्रांक संग्राहक उज्जैन को प्रकरण पंजीबद्ध किए जाने हेतु प्रेषित किया गया है।
मंदिरों की जमीनों की नीलामी
[धार्मिक न्यास और धर्मस्व]
185. ( क्र. 4673 ) श्री कल सिंह भाबर : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) झाबुआ जिले के अंतर्गत मंदिरों/मठों के अधीन वर्तमान में कितनी-कितनी जमीन है और उसका सर्वे नंबर क्या है? साथ ही उन पर किसका कब्जा है और किस प्रयोजन के लिये उपयोग किया जा रहा है। उक्त जमीन के उपयोग के नीलामी की क्या कार्यवाही है और पिछले 03 वर्षों में कब-कब की गई है। (ख) थांदला मुख्यालय पर स्थित बीर तेजाजी मंदिर के व्यवस्थापन संबंध में संस्था द्वारा 02 वर्ष पूर्व लिखित में शासन स्तर से कार्यवाही किये जाने हेतु निवेदन किया गया था, इस संबंध में क्या कार्यवाही की गई?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
प्राचार्य तथा अन्य शैक्षणिक स्टॉफ की नियुक्ति
[उच्च शिक्षा]
186. ( क्र. 4681 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासकीय महाविद्यालयों में प्राचार्य तथा अन्य शैक्षणिक स्टॉफ की नियुक्ति विश्वविद्यालय कोड 28 के तहत् होना आवश्यक है? (ख) यदि हाँ, तो प्रदेश के कितने शासकीय महाविद्यालयों में विषयानुसार नियुक्तियां हैं? प्राचार्य तथा स्टॉफ की जानकारी अलग-अलग दें? (ग) प्रदेश के समस्त शासकीय महाविद्यालयों में अशैक्षणिक स्टॉफ के स्वीकृत तथा वर्तमान में कार्यरत पदों की जानकारी संख्या अनुसार दें? (घ) महाविद्यालयों के अशैक्षणिक स्टॉफ की पूर्ति हेतु शासन क्या कदम उठा रहा है?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी नहीं। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रदेश के शासकीय महाविद्यालयों में अशैक्षणिक स्टॉफ के स्वीकृत एवं कार्यरत पदों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर दृष्टांकित है। (घ) सहायक वर्ग-3 के रिक्त पदों की पूर्ति हेतु दिनांक 30.10.2014 को व्यापमं भोपाल को मांग-पत्र भेजा गया है। निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
सामाजिक योजनाओं की जानकारी
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
187. ( क्र. 4709 ) श्रीमती शीला त्यागी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा एवं सतना जिले में वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक कितनी राशि स्वीकृत की गई। योजनावार एवं हितग्राही की संख्यावार जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में कितने कार्ययोजनाओं एवं हितग्राहियों को गलत लाभ देने के लिए शिकायतें प्राप्त हुई हैं, विवरण देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में कौन अधिकारी दोषी हैं, उसके विरूद्ध कौन-सी दण्डात्मक कार्यवाही कब तक की जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
गुणवत्ता की जाँच हेतु उच्च स्तरीय तकनीकी समिति का गठन
[नगरीय विकास एवं आवास]
188. ( क्र. 4710 ) श्रीमती शीला त्यागी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) तारांकित प्रश्न क्र.-245 दिनांक 08-12-2016 अंश (क) में अंकित बिल्डीकॉन के कार्यों की सूची प्रदान की गई है, जिसके गुणवत्ता की जाँच उच्च स्तरीय तकनीकी समिति का गठन कराकर करायेंगे, यदि हाँ, तो कब तक? समय-सीमा बतायें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में उपयंत्री श्री संतोष पाण्डेय को दिनांक 03-03-2004 से लगातार 13 वर्षों तक पदांकित है, की जानकारी दी गई है, तो क्या लम्बे समय से पदस्थापना के कारण इनके द्वारा निर्माण कार्यों को प्रभावित किया जाता है? यदि हाँ, तो श्री पाण्डेय को अन्यत्र स्थानान्तरित किया जायेगा, कब तक समय-सीमा बतायें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं ''ख'' के संदर्भ में कौन अधिकारी दोषी है? उसके विरूद्ध कौन सी दण्डात्मक कार्यवाही कब तक की जावेगी।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ, तारांकित प्रश्न क्रमांक 245 दिनांक 08-12-2016 के अंश (क) में कार्यों की सूची प्रदान की गई थी। कार्यों की गुणवत्ता के संबंध में कोई शिकायत प्राप्त नहीं होने के कारण उच्च स्तरीय जाँच का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी नहीं, अन्यत्र स्थानांतरण के संबंध में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) उत्तरांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
मिनी खेल स्टेडियम की स्वीकृति
[खेल और युवा कल्याण]
189. ( क्र. 4717 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या संचालक खेल और युवा कल्याण, मध्यप्रदेश द्वारा पत्र क्रमांक/8670/खे.यु.क./ अधो./2016 भोपाल दिनांक 14.01.2016 से कलेक्टर जिला राजगढ़ को सुठालिया नगर में नवीन खेल परिसर (स्टेडियम) स्वीकृत करने हेतु प्रकरण का परीक्षण कर खेल मैदान निर्माण हेतु आबादी, भूमि की उपलब्धता, खेलों की पृष्ठभूमि के संबंध में अभिमत चाहा गया था? यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक नवीन खेल स्टेडियम की स्वीकृति हेतु क्या कार्यवाही की गई? (ख) क्या मध्यप्रदेश शासन द्वारा विभिन्न खेलों में खिलाडि़यों को प्रोत्साहन हेतु विशेषकर ग्रामीण क्षेत्र एवं छोटे नगरों को केंद्रित कर योजनाऐं बनाई जा रही है, ऐसी स्थिति में सुठालिया नगर पंचायत जो कि तहसील मुख्यालय ब्यावरा से 26 कि.मी. दूरी पर स्थित होने से छात्र-छात्राओं व खिलाडि़यों को खेलों में भाग लेना व अभ्यास करना संभव नहीं है? क्या शासन उपरोक्त नीति अनुसार खिलाडि़यों को सुठालिया नगर में खेल मैदान (मिनी स्टेडियम) की स्वीकृति प्रदान करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जी हाँ। भारत सरकार की योजनान्तर्गत सुठालिया से 2 कि.मी. दूरी पर स्थित ग्राम मऊ में रू. 80.00 लाख की लागत से आउटडोर खेल परिसर का निर्माण किया जा रहा है। (ख) जी नहीं। प्रश्नोत्तर (क) अनुसार सुठालिया से 2 कि.मी. दूर स्थित ग्राम मऊ में खेल परिसर निर्मित किया जा रहा है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
शासन संधारित मंदिरों का जीर्णोद्धार
[धार्मिक न्यास और धर्मस्व]
190. ( क्र. 4718 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक राजगढ़ जिले की विधान सभा क्षेत्र ब्यावरा के अंतर्गत शासन द्वारा संधारित किन-किन मंदिरों के जीर्णोद्धार के लिये प्रशासकीय स्वीकृति एवं आवश्यक बंटन हेतु कलेक्टर जिला राजगढ़ द्वारा कब-कब प्रस्ताव शासन अथवा संबंधित विभाग को प्रेषित किये गये? सूची उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में उक्त प्रेषित प्रस्तावों में शासन अथवा संबंधित विभाग द्वारा किन प्रस्तावों में प्रशासकीय स्वीकृति एवं आवश्यक बंटन प्रदान किया गया तथा कौन-कौन से प्रस्ताव किन-किन कारणों से प्रश्न दिनांक तक लंबित हैं? (ग) उपरोक्तानुसार क्या शासन उक्त लंबित प्रस्तावों में प्रशासकीय स्वीकृति एवं आवश्यक बंटन प्रदान करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
महाविद्यालय एवं कन्या महाविद्यालय प्रारंभ किया जाना
[उच्च शिक्षा]
191. ( क्र. 4725 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पिपलोदा तहसील के नगर पिपलोदा में शासकीय महाविद्यालय प्रारम्भ किये जाने एवं जावरा नगर में शासकीय कन्या महाविद्यालय के प्रारम्भ किये जाने की लगातार मांग की जा रही है? (ख) यदि हाँ, तो क्या पिपलोदा नगर में महाविद्यालय नहीं होने एवं जावरा नगर में शासकीय कन्या महाविद्यालय नहीं होने से कई छात्र एवं छात्राओं को उच्च शिक्षा से वंचित होना पड़ रहा है? (ग) यदि हाँ, तो उक्त दोनों स्थानों की शैक्षणिक कठिनाईयों को दूर करने हेतु क्या जावरा नगर में कन्या महाविद्यालय एवं पिपलोदा नगर में शासकीय महाविद्यालय अतिशीघ्र प्रारम्भ किया जाए? तो कब तक?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। पिपलोदा से 20.2 कि.मी. दूर जावरा नगर में पूर्व से एक शासकीय महाविद्यालय, सहशिक्षा (बालक/बालिकाएं) संचालित है, जहाँ पर विद्यार्थी अध्ययन कर सकते हैं। (ग) वर्तमान में वित्तीय संसाधनों की कमी होने के कारण जावरा नगर में नवीन कन्या महाविद्यालय एवं पिपलोदा नगर में नवीन महाविद्यालय खोले जाने में कठिनाई है।
नगर पालिका एवं नगर परिषद् के कार्य
[नगरीय विकास एवं आवास]
192. ( क्र. 4726 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या जावरा विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत जावरा नगर पालिका परिषद् जावरा एवं पिपलोदा नगर परिषद् पिपलोदा शासन/विभाग की योजनाओं का क्रियान्वयन एवं आमजन हेतु विकास के कार्य कर रही है? (ख) यदि हाँ, तो बताये कि वर्ष 2012-13 से लेकर प्रशन दिनांक तक केंद्र/राज्य प्रवर्तित हितग्राही मूलक योजनाओं के साथ ही विभिन्न मदों से प्राप्त बजट द्वारा किये गए विकास कार्यों हेतु किन-किन स्थानों पर किस-किस प्रकार के क्या-क्या कार्य किये गए? कितने पूर्ण हुए, कितने अपूर्ण रहें? (ग) उपरोक्त वर्षों में प्रश्न दिनांक तक विभिन्न मदों से कितना-कितना बजट प्राप्त होकर किन-किन मदों पर कितना-कितना व्यय किया? हितग्राही मूलक योजनाओं में नाम सहित, विकास कार्यों में वार्ड एवं स्थान सहित स्पष्ट करें। (घ) हितग्राही मूलक योजनाओं के क्रियान्वयन एवं विकास कार्यों के साथ ही किस-किस प्रकार की सामग्री की खरीदी पर कितना व्यय हुआ? कार्य सहित बतायें तथा डीजल, छोटे बड़े कलपुर्जे विद्युत मोटर, नल-जल पाईप लाईन, वेपर लेम्प, वायर इत्यादि सहित मरम्मत मूलक कार्यों पर किये गए कार्यों का सम्पूर्ण व्यय इत्यादि का प्राप्त बजट एवं किये गए व्यय को भौतिक सत्यापन सहित अवगत करायें?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) एवं (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
ग्राम पंचायतों में खेल मैदान हेतु राशि की स्वीकृति
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
193. ( क्र. 4735 ) श्री मुकेश पण्ड्या : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़नगर विधान सभा क्षेत्र में किस-किस ग्राम पंचायतों में खेल मैदान हेतु राशि की स्वीकृति प्रदान की गई है? उपरोक्त राशि किस मद से कितनी स्वीकृत की गई है? (ख) वर्तमान में किस-किस ग्राम पंचायतों में कार्य पूर्ण हो गया है तथा कहाँ पर कार्य अपूर्ण है (ग) ऐसी कितनी ग्राम पंचायतें हैं, जिनमें अभी तक कार्य प्रारंभ नहीं हुआ है, उसका क्या कारण है तथा कब तक कार्य प्रारंभ कर दिया जावेगा? ग्रामवार जानकारी प्रदान करें।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) से (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
लघु उद्योग इकाइयों को शासन की सुविधाएं
[सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम]
194. ( क्र. 4736 ) श्री मुकेश पण्ड्या : क्या राज्यमंत्री, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले की बड़नगर विधान सभा क्षेत्र में किस-किस स्थान पर लघु उद्योग की स्थापना हेतु औद्योगिक क्षेत्र की स्थापना की गई है. (ख) लघु उद्योगों को शासन द्वारा क्या क्या सुविधाएं प्रदान की जाती हैं? (ग) बड़नगर विधान सभा क्षेत्र में कितनी लघु उद्योग की इकाईयाँ कार्य कर रही हैं तथा क्या इन इकाइयों को शासन की सम्पूर्ण सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं? यदि नहीं, तो क्यों और कब तक इनको यह सुविधाएं प्रदान की जावेगी?
राज्यमंत्री, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम ( श्री संजय पाठक ) : (क) उज्जैन जिले के बड़नगर विधान सभा क्षेत्र के बड़नगर में ग्रामीण कर्मशाला बड़नगर स्थापित है। (ख) राज्य शासन द्वारा घोषित म.प्र.एम.एस.एम.ई. प्रोत्साहन योजना 2014 के अनुसार पात्र लघु उदयोगों को पात्रतानुसार पूंजी अनुदान, प्रवेश कर छूट, वेटकर सुविधा, ब्याज अनुदान आदि की सुविधा प्रदान की जा रही है। (ग) बड़नगर विधान सभा क्षेत्र में 03 लघु उद्योग इकाईयां कार्य कर रही हैं। इन इकाइयों को शासन द्वारा समस्त सुविधाएं इकाई की पात्रता अनुसार प्रदान की जा रही है।
मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना की जानकारी
[धार्मिक न्यास और धर्मस्व]
195. ( क्र. 4737 ) श्री मुकेश पण्ड्या : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) उज्जैन जिले की बड़नगर विधान सभा क्षेत्र में पिछले 3 वर्षों में कितने लोगों के द्वारा मुख्यमंत्री तीर्थदर्शन योजना का लाभ लिया गया. (ख) कितने लोगों को कहाँ-कहाँ की यात्रा करवाई गई? उन यात्रियों का नाम एवं पते की जानकारी प्रदान करें। (ग) बड़नगर विधान सभा की ऐसी कितनी ग्राम पंचायतें हैं, जिनमें अभी तक किसी भी व्यक्ति को इस योजना का लाभ प्रदान नहीं किया गया है? ऐसी कितनी पंचायतें हैं और किस कारण यह लाभ प्रदान नहीं किया गया.
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) उज्जैन जिले की बड़नगर विधान सभा क्षेत्र में पिछले 3 वर्षों (फरवरी 2014 से फरवरी 2017) में कुल 745 व्यक्तियों के द्वारा मुख्यमंत्री तीर्थदर्शन योजना का लाभ दिया गया है। (ख) कुल 745 व्यक्तियों को 6 तीर्थस्थान (रामेश्वरम्, जगन्नाथपुरी, द्वारकापुरी, तिरूपति, वैष्णोदेवी, अजमेर शरीफ) की यात्रा करवाई गई। तिथिवार/तीर्थ स्थानवार यात्रियों के नाम एवं पते की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) बड़नगर विधान सभा की कुल 46 ग्राम पंचायतें ऐसी हैं, जिनमें यात्रा का लाभ प्राप्त करने हेतु इच्छुक/पात्र व्यक्ति द्वारा कोई आवेदन प्रस्तुत नहीं किये जाने से इन ग्राम पंचायतों में किसी भी व्यक्ति को योजना का लाभ प्राप्त नहीं हुआ है।
संचालित क्रेशर की जानकारी
[खनिज साधन]
196. ( क्र. 4740 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्राम पंचायत बाजीतपुरा तहसील जतारा जिला टीकमगढ़ के राजस्व क्रमांक १११/१ रकबा २-०० हेक्टेयर पर पट्टाधारी की क्रेशर संचालित हैं, जिस पर खनिज शाखा के पृ.क्रमांक २/६/१३ के द्वारा ६ करोड़ ५५ लाख ९६ हजार की राशि गौड़ खनिज अधिनियम ५३-५ के तहत् प्रस्तावित की गयी थी। उक्त प्रकरण में आज दिनांक तक कोई वसूली हुयी या नहीं? (ख) क्या किसी जनप्रतिनिधि द्वारा २/४/२०१५ को पत्र द्वारा कलेक्टर टीकमगढ़ से इस समस्त प्रकरण पर कार्यवाही के लिये पत्र लिख गया था? उक्त पत्र के जबाब में क्या कार्यवाही की गयी? (ग) उक्त पट्टे पर संचालित क्रेशर आज दिनांक तक चल रहा है या नहीं? इसके साथ ही क्या क्रेशर के नाम पर बिजली विभाग द्वारा कनेक्शन दिया गया है यदि दिया गया है तो आज दिनांक तक कनेक्शन है कि नहीं? जानकारी देवें। (घ) ०३/६/१३ के प्रस्तावित वसूली के प्रकरण में आज दिनांक तक वसूली न हो पाने के बिलम्ब के लिये कोई अधिकारी जिम्मेदार है, तो क्या कार्यवाही की जावेगी या नहीं?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रश्नाधीन क्षेत्र पर वर्तमान में क्रेशर संचालित नहीं है। प्रश्नाधीन पट्टाधारी के विरूद्ध मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 के नियम 53 (5) के अधीन प्रश्नाधीन राशि का अर्थदण्ड प्रस्तावित किया गया है। यह प्रकरण अपर कलेक्टर, टीकमगढ़ के समक्ष अर्धन्यायिक प्रक्रिया के तहत् विचाराधीन है। प्रकरण का अंतिम निराकरण नहीं हुआ है। अत: वसूली किये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हाँ। माननीय विधायक, विधान सभा क्षेत्र पृथ्वीपुर द्वारा कलेक्टर, टीकमगढ़ को कार्यवाही किये जाने हेतु लेख किया था। जिसके परिप्रेक्ष्य में खनि निरीक्षक, टीकमगढ़ द्वारा जाँच उपरांत दिनांक 13.10.2015 को प्रतिवेदन न्यायालय अपर कलेक्टर, टीकमगढ़ को प्रेषित किया गया है। (ग) जी नहीं। श्री रवि प्रताप सिंह तनय श्री भान सिंह परिहार निवासी चंद्रपुरा के नाम दिनांक 01.10.2010 को कनेक्शन क्रेशर हेतु स्थानांतरित हुआ था। जो कि वर्तमान में अस्थाई रूप से विच्छेदित है। (घ) प्रकरण का निराकरण वर्तमान में नहीं हुआ है। अत: वसूली किये जाने एवं विलंब किये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
क्रेशर संचालन एवं भण्डारण लायसेंस हेतु नियम
[खनिज साधन]
197. ( क्र. 4741 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले में कुल कितनी क्रेशर मशीनें संचालित हैं? नाम प्रोप्राईटर का नाम, पता तथा भण्डारण का लायसेंस कितने लोगों के पास हैं? (ख) अनुसूचित जाति, जनजाति एवं बी.पी.एल. कार्डधारियों, विधवा महिलाओं, तलाकशुदा महिलाओं व विकलांगों को क्रेशर संचालन एवं भण्डारण के लायसेंस लेने हेतु क्या नियम है? वर्तमान में इनके कितने लायसेंस स्वीकृत है या विभाग में स्थान रिक्त हैं? सूचीवार जानकारी देवें। (ग) क्या क्रेशर प्लान्ट के आस-पास की भूमि व कृषि भूमि प्रभावित होती है या फसल नष्ट होती है, तो क्या किसानों को मुआवजा प्रदान करने का कोई नियम है? यदि हाँ, तो प्रति उपलब्ध करावें? यदि नहीं, तो क्यों?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रश्नाधीन जिले में 73 क्रेशर मशीनें संचालित हैं, जिसका विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर दर्शित है। प्रश्नाधीन जिले में 05 खनिज व्यापारिक अनुज्ञप्ति स्वीकृत है, जिसका विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र–ब पर दर्शित है। (ख) मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम 1996 में क्रेशर द्वारा गिट्टी निर्माण हेतु पत्थर खनिज के उत्खनिपट्टा स्वीकृत किये जाने का प्रावधान है। उत्खनिपट्टा स्वीकृति में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, महिलाओं एवं गरीबी रेखा के नीचे के परिवार के शिक्षित बेरोजगारों को प्राथमिकता दिए जाने का प्रावधान है। विकलांगों को उत्खनिपट्टा स्वीकृति हेतु प्राथमिकता दिये जाने का कोई प्रावधान नहीं है। खनिज व्यापारी अनुज्ञप्ति (भण्डारण के लायसेंस) प्रदान करने में प्रश्नानुसार वर्गों के लिए कोई पृथक से प्रावधान नहीं है। अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के सदस्यों के लिए खनिज व्यापारी अनुज्ञप्ति आवेदन शुल्क 100 रूपये प्रावधानित है। प्रश्नानुसार उल्लेखित वर्गों को खनिज व्यापारी अनुज्ञप्ति स्वीकृत नहीं है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं।
विभाग द्वारा खरीदी गई सामग्री की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
198. ( क्र. 4762 ) श्री अजय सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सिंहस्थ 2016 के दौरान विभाग द्वारा किस मद से कितनी राशि व्यय कर कितनी मात्रा (संख्या) में किस दर पर क्या-क्या सामग्री किस नाम/पते वाली फर्मों/संस्थाओं/अन्य से कब-कब खरीदी? सामग्रीवार/दरवार/दिनांकवार/माहवार/वर्षवार/राशिवार जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित आयोजन में सामग्री खरीदी के लिये क्या-क्या प्रक्रियाएं अपनाई गयी? किस-किस को, किस सामग्री हेतु, कितनी-कितनी राशि का कब-कब, किस प्रकार से, किस दर से भुगतान किया गया? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित आयोजन हेतु खरीदी के लिए कब-कब निविदायें निकाली गयी? उन्हें किन-किन नाम के अखबारों में किस-किस दिनांकों को प्रकाशित किराया गया? किस-किस सामग्रियों के लिये निविदायें प्रकाशित नहीं करायी गयी? उन्हें किस दर पर, कितनी मात्रा में खरीदा गया? भुगतान किस-किस को कब-कब, कितना- कितना किया गया? (घ) क्या खरीदी गयी सभी सामग्रियों का दरवार ऑडिट कराया गया? अगर नहीं कराया गया तों क्यों? नियम बतायें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) से (घ) जानकारी संकलित की जा रही है।
विभाग द्वारा व्यय की गई राशि
[नगरीय विकास एवं आवास]
199. ( क्र. 4763 ) श्री अजय सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सिंहस्थ 2016 के दौरान विभाग द्वारा किस मद से कितनी राशि व्यय कर कितनी मात्रा (संख्या) में किस दर पर क्या-क्या सामग्री किस नाम/पते वाली फर्मों/संस्थाओं/अन्य से कब-कब खरीदी? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित आयोजन में सामग्री खरीदी के लिये क्या-क्या प्रक्रियाएं अपनाई गयी? किस-किस को, किस सामग्री हेतु, कितनी-कितनी राशि का कब-कब, किस प्रकार से, किस दर से भुगतान किया गया? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित आयोजन हेतु खरीदी के लिए कब-कब निविदायें निकाली गयी? उन्हें किन-किन नाम के अखबारों में किस-किस दिनांकों को प्रकाशित कराया गया? किस-किस सामग्रियों के लिये निविदायें प्रकाशित नहीं कराया गयी? उन्हें किस दर पर, कितनी मात्रा में खरीदा गया? भुगतान किस-किस को कब-कब, कितना-कितना किया गया? (घ) क्या खरीदी गयी सभी सामग्रियों का दर वार ऑडिट कराया गया? अगर नहीं कराया गया तो क्यों? नियम बतायें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) से (घ) जानकारी संकलित की जा रही है।
बरसाती नालों का निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
200. ( क्र. 4825 ) श्री चेतन्य कुमार काश्यप : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या मुख्यमंत्री द्वारा दिनांक 19.08.2015 को घोषणा की गई थी कि रतलाम शहर के बरसाती नालों के पक्के निर्माण हेतु 25 करोड़ रूपये की राशि दी जाएगी? (क्रमांक 7बी-0994 पर दर्ज) (ख) प्रश्नांश (क) अंतर्गत कितनी राशि प्रदान की गई है एवं क्या इसकी विस्तृत कार्ययोजना बनाई गई है? (ग) क्या गतवर्ष प्रशासन द्वारा नालों को अतिक्रमण मुक्त कर दिया गया है? क्या इस वर्ष वर्षा ऋतु के पहले सम्पूर्ण कर लिया जायेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) अमृत योजना प्रथम चरण में राशि रू. 10.00 करोड़ का प्रावधान किया गया है। विधिवत् परियोजना प्रतिवेदन तैयार किया जा रहा है। (ग) जी हाँ। प्रयास किया जा रहा है।
सॉलिड बेस्ट मैनेजमेंट प्लांट की स्थापना
[नगरीय विकास एवं आवास]
201. ( क्र. 4826 ) श्री चेतन्य कुमार काश्यप : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मुख्यमंत्री की घोषणा क्रमांक-01 बी-0453 दिनांक 19.10.2014 कि कचरा मुक्त शहर हेतु सॉलिड बेस्ट मैनेजमेंट प्लांट स्थापना का कार्य तत्काल किया जायेगा, के संबंध में इस प्रस्तावित परियोजना की क्या स्थिति है? (ख) यह कब पूर्ण हो जाएगी? (ग) वर्तमान में शहर के मध्य करमदी रोड पर स्थित ट्रेचिंग ग्राउन्ड को कब तक स्थानांतरित कर दिया जाएगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) माननीय मुख्यमंत्री जी घोषणा के अनुक्रम में नगर निगम, रतलाम एवं 17 अन्य नगरीय निकायों के ठोस अपशिष्ट प्रबंधन हेतु क्षेत्रीय एकीकृत ठोस अपशिष्ट प्रबंधन योजना अंतर्गत कार्यवाही की जा रही है। जिसमें फिजिबिलिटी स्टडी का कार्य पूर्ण हो चुका है। (ख) सम्पूर्ण योजना क्रियान्वित होने में 2 वर्ष का समय लगना संभावित है। (ग) वर्तमान में करमदी रोड पर स्थित ट्रेचिंग ग्राउण्ड का उपयोग नगर निगम द्वारा बन्द कर दिया गया है। उक्त भूमि के वैज्ञानिक कैंपिग हेतु पृथक कार्ययोजना तैयार की जायेगी।
मुख्यमंत्री स्व-रोजगार योजना में बैंक गारंटी
[सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम]
202. ( क्र. 4851 ) श्रीमती रेखा यादव : क्या राज्यमंत्री, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में शासन द्वारा ''मुख्यमंत्री स्व-रोजगार योजना'' अंतर्गत ऋण प्रकरण स्वीकृत किये जाने हेतु योजना संचालित है? यदि हाँ, तो कब से? उक्त योजना में ऋण प्राप्तकर्ताओं से बैंक द्वारा गारंटी लिये जाने का प्रावधान है अथवा नहीं? (ख) क्या उक्त योजना अंतर्गत छतरपुर जिले में वित्तीय वर्ष 2016-17 में प्रश्न दिनांक तक ऋण प्राप्त करने हेतु आवेदकों के आवेदन आहूत किये गये हैं? यदि हाँ, तो उक्त अवधि में प्राप्त आवेदनों में से कितने प्रकरण स्वीकृत किए गए? (ग) क्या प्रश्न दिनांक तक उक्त आवेदकों को शत्-प्रतिशत ऋण राशि/अनुदान राशि स्वीकृत कर भुगतान करा दी गई है? (घ) क्या उक्त आवेदकों से बैंक द्वारा गारंटी ली जा रही है? यदि हाँ, तो स्पष्ट करें कि उक्त गारंटी की प्रक्रिया शासन निर्देशों के अनुकूल है या प्रतिकूल? (ड.) शासन, उक्त आवेदकों को शत्-प्रतिशत अनुदान राशि तत्काल भुगतान कराने एवं प्रतिकूल बैंक गारंटी की प्रक्रिया को निरस्त कर बैंकों द्वारा की गई गारंटियों को वापिस लेने के आदेश/निर्देश जारी करेगा? हाँ तो कब तक?
राज्यमंत्री, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम ( श्री संजय पाठक ) : (क) जी हाँ। 30 जुलाई 2014 से संचालित है। योजना के अंतर्गत उद्योग एवं सेवा संबंधी इकाई के लिए गारंटी, ऋण गारंटी निधि योजना (क्रेडिट गारंटी फंड ट्रस्ट फॉर माईक्रो एण्ड स्माल एन्टरप्राइजेस) के माध्यम से दिया जाता हैं। (ख) जी हाँ। प्रश्नांश अवधि में (20.02.2017 तक) कुल 387 प्रकरण विभिन्न बैंकों द्वारा स्वीकृत किये गये। (ग) जी नहीं। स्वीकृत 387 प्रकरणों में से 246 प्रकरणों में ऋण वितरण की कार्यवाही की गई तथा शेष प्रकरणों में वितरण की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (घ) जी नहीं। उक्त योजना में उद्योग एवं सेवा संबंधी इकाइयों के लिये बैंक द्वारा दिये जाने वाले ऋण की गारंटी, ऋण गारंटी निधि योजना (CGTMSE) के माध्यम से दिये जाने का प्रावधान है तथा यह कार्यवाही बैंक द्वारा की जाती है। अत: जानकारी बैंक शाखा द्वारा संधारित की जाती है। बैंक द्वारा आवेदकों से गारंटी लिये जाने संबंधी कोई सूचना इस कार्यालय को प्राप्त नहीं हुई है। अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ड.) शासन द्वारा अनुदान राशि नोडल बैंकों के माध्यम से क्लेम सेटलमेट प्रक्रिया द्वारा आवेदकों को बैंक शखाओं के माध्यम से प्राप्त होती है। प्रश्नांश (घ) के संदर्भ में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
शांतिधाम उपयोजना के तहत् किये गये कार्य
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
203. ( क्र. 4864 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनूपपुर जिले के पुष्पराजगढ़ विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत विकासखण्डों में मनरेगा योजना से कितनी ग्राम पंचायतों में महात्मा गांधी नरेगा की शांतिधाम उपयोजना के तहत् वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक कितने कार्य स्वीकृत किये गये हैं? जनपद पंचायतवार स्वीकृत कार्यों की संख्या, स्वीकृत राशि सहित जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कार्यों में चबूतरा निर्माण शेड निर्माण हेतु एवं कूप निर्माण में कुल कितनी राशि स्वीकृत की गई है? उक्त कार्यों की वर्तमान स्थिति क्या है? कितने कार्य पूर्ण हो चुके हैं, कितने अपूर्ण है एवं कितने कार्य ऐसे हैं जो अभी तक प्रारंभ ही नहीं किये जा सके हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित कितने कार्यों का मूल्यांकन किया गया है? शेष कार्यों का मूल्यांकन कब तक कर दिया जावेगा एवं पुष्पराजगढ़ विधान सभा क्षेत्र में ऐसे कितने ग्राम है, जहां शांतिधाम हेतु चबूतरा, शेड निर्माण एवं नलकूप खनन नहीं हुये हैं? विकासखण्डवार जानकारी उपलब्ध करायें।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) से (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। शांतिधाम उपयोजना में चबूतरा, बैठक हेतु शेड निर्माण तथा नलकूप खनन जनभागीदारी से अपेक्षित है। महात्मा गांधी नरेगा के अंतर्गत निर्माण कार्य का मस्टर बंद होने के 15 दिवस के भीतर मूल्यांकन एवं मजदूरी भुगतान की समय-सीमा है, जिसका पालन किया जाना प्रतिवेदित है।
ग्राम सड़क योजनांतर्गत मार्गों का निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
204. ( क्र. 4865 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग द्वारा वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक जनपद पंचायतवार अनूपपुर जिले में मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत मार्गों के निर्माण हेतु कितनी राशि की किन-किन कार्यों की स्वीकृति दी गई? कार्यवार जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में कितने कार्य प्रारंभ किये गये, कितने पूर्ण हो गये, कितने कार्य अप्रारंभ हैं? विकासखण्ड एवं कार्यवार जानकारी उपलब्ध करायें। (ग) उक्त अवधि में पुष्पराजगढ़ विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत् कितने ग्रामों एवं मजरे टोलों का पहुँच मार्ग का निर्माण कार्य करके मुख्य सड़क से जोड़ दिया गया है, कितने शेष हैं? शेष को कब तक मुख्य सड़क से जोड़ दिया जायेगा? (घ) क्या मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत योजना प्रारंभ से वर्तमान तक निर्मित मार्गों पर डामरीकरण कार्य किये जाने की कोई योजना है? यदि हाँ, तो उक्त विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत कितने कार्यों के लिये प्रस्ताव तैयार किये गये हैं? कितने कार्यों की कितनी राशि स्वीकृति की कार्यवाही की गई है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एवं (ख) कोई स्वीकृत नहीं की गई। प्रश्नांश उपस्थित नहीं होते हैं। (ग) योजनांतर्गत पूर्व में स्वीकृत कार्यों से जोड़े गए ग्रामों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। योजना के मापदण्डानुसार कोई ग्राम जोड़े जाने हेतु शेष नहीं है। योजना में मजरे टोले जोड़े जाना अनुमत्य नहीं है। (घ) मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत निर्मित सड़कों में से 10,000 कि.मी. के डामरीकरण करने की परियोजना विश्व बैंक एवं एशियन इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट बैंक के वित्त पोषण से स्वीकृति के लिए भेजी गई है। अब तक स्वीकृति प्राप्त नहीं होने से जानकारी दी जाना संभव नहीं है।
जंगल मद में एवं सार्वजनिक निस्तारी प्रयोजन के लिए दर्ज भूमि को उद्योगों को आवंटन
[वाणिज्य, उद्योग एवं रोजगार]
205. ( क्र. 4871 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश शासन द्वारा निजी उद्योगों के लिए लैंड बैंक बनाया जाकर उद्योगों के लिए भूमि आरक्षित की गई? (ख) क्या उद्योगों के लिए लैंड बैंक में जंगल मद में दर्ज भूमि एवं सार्वजनिक निस्तार प्रयोजन के लिए दर्ज भूमि भी आरक्षित कराकर उद्योग विभाग को हस्तांतरित की गई है? (ग) यदि हाँ, तो माननीय उच्च न्यायालय के प्रकरण क्रमांक 19869/2010 में दिनांक 28 जनवरी 2011 को सार्वजनिक प्रयोजन की भूमि को लेकर दिये गये आदेश का प्रदेश में पालन किया गया है? यदि नहीं, तो क्या माननीय सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवहेलना की गई है? यदि हाँ, तो उद्योगों को आवंटित निस्तारी प्रयोजन की भूमि को निरस्त किया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में क्या सीहोर जिले की विधान सभा क्षेत्र बुदनी के अंतर्गत ग्राम महुकलां एवं पातालखोह की तालाब एवं गाँव के पशुधन निस्तार उपयोग की भूमि एवं किसानों की निजी भूमि लेकर उद्योग विभाग को हस्तांतरित की गई है? यदि हाँ, तो यह नियमानुकूल है? यदि नहीं, तो क्यों इस अवैधानिक कार्यवाही के लिए दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी हाँ। (ख) राजस्व विभाग की शासकीय भूमि उद्योग विभाग को हस्तांतरित हुई हैं। (ग) जी हाँ। जी नहीं। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता हैं। (घ) सीहोर जिले के विधान सभा क्षेत्र बुदनी के अंतर्गत ग्राम बेरखेड़ी एवं महुकलां (पातालखोह) में 27.778 हेक्टेयर निस्तार की भूमि तथा ग्राम महुकलां में ही 16.665 हेक्टेयर नोईयत पहाड़ की भूमि उद्योग विभाग को हस्तांतरित की गई हैं, मध्यप्रदेश शासन राजस्व विभाग के परिपत्र क्रमांक एफ 16-14/2013/सात/शा-2-ए/भोपाल,दिनांक 30 मई 2013 की कंडिका 3 (3) एवं मध्यप्रदेश राजस्व पुस्तक परिपत्र खण्ड-4 क्रमांक 1 की कंडिका 36 में निहित प्रावधानों के अनुसार हस्तांतरित की गई हैं। इस अंतरण में मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 237 के अंतर्गत उल्लेखित मदों में निस्तार की 2 प्रतिशत भूमि सुरक्षित रखी गई हैं, किसानों की निजी भूमि लेकर उद्योग विभाग को हस्तांतरित नहीं की गई हैं।
प्रदेश में विदेशी पूंजी निवेश से स्थापित उद्योग
[वाणिज्य, उद्योग एवं रोजगार]
206. ( क्र. 4872 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में वर्ष 2005 से विदेशी पूंजी निवेश से कितने एवं कौन-कौन से उद्योग कितनी-कितनी राशि के कहाँ-कहाँ स्थापित किये गये तथा इन उद्योगों को राज्य सरकार द्वारा कौन-कौन सी छूट प्रदान की गई है? (ख) उक्त किन-किन उद्योगों को कितनी-कितनी शासकीय/निजी भूमि किस-किस दर पर कहाँ-कहाँ पर आवंटित की गई है? (ग) उक्त उद्योगों के प्रारंभ होने/स्थापित होने की अद्यतन स्थिति क्या-क्या है? उद्योगवार बतायें। (घ) उक्त अवधि में विदेशी पूंजी निवेशकों को आमंत्रित करने एवं इन्वेस्टर मीट आदि विदेश यात्राएं एवं इन्वेस्टर मीट में आयोजित किये जाने पर अब तक कुल कितनी राशि व्यय की जा चुकी है?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) विदेशी पूंजी निवेश केन्द्र शासन का विषय हैं तथा राज्य शासन स्तर पर इसकी जानकारी संधारित नहीं हैं। अत: शेष प्रश्नांश का उत्तर देने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता हैं। (ख) (क) के परिप्रेक्ष्य में जानकारी दिया जाना संभव नहीं हैं। (ग) (क) के परिप्रेक्ष्य में जानकारी दिया जाना संभव नहीं हैं। (घ) आलोच्य अवधि में कुल राशि रू. 69.08 करोड़ व्यय की गई हैं।
मृतकों के वैध वारिसों को मुआवजा राशि का वितरण
[खनिज साधन]
207. ( क्र. 4877 ) श्री जितू पटवारी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रतलाम जिले में नामली ग्राम के जिस गड्ढे के पानी में बस के डूबने से 14 व्यक्तियों की मृत्यु हुई थी, क्या नियमानुसार खदान कार्य हुआ था? खनन अवधि में निरीक्षण किस अधिकारी द्वारा किया गया, निरीक्षण की टीप/रिपोर्ट की प्रति देवें तथा बतावें कि यदि खदान के गड्ढों में पानी नहीं होता है तो क्या 14 व्यक्तियों की अकाल मृत्यु होती? (ख) उन्हें शासन द्वारा किस-किस मद से कितना-कितना मुआवजा दिया गया तथा मुआवजा राशि किस अनुसार तय की गई?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी हाँ। खनन अवधि में खनि अधिकारी/खनि निरीक्षक द्वारा कोई जाँच प्रतिवेदन प्रस्तुत नहीं किया गया है। अत: प्रश्न उपस्थित नहीं होता। प्रश्नानुसार बस के अनियंत्रित होकर सड़क से नीचे उतर कर गड्ढे में गिरने से तथा गड्ढे में पानी भरने से दुर्घटना घटित हुई है। (ख) मृतक व्यक्तियों के वैध वारिसों को मुख्यमंत्री स्वेच्छानुदान मद से एक-एक लाख रूपये का मुआवजा दिया गया है। मुआवजा राशि राजस्व पुस्तक परिपत्र 6-4 की कंडिका 5 (2-क) के अनुसार प्रदान की गई है।
JNNURM के अंतर्गत प्राप्त राशि
[नगरीय विकास एवं आवास]
208. ( क्र. 4878 ) श्री जितू पटवारी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) JNNURM के अंतर्गत कुल कितनी राशि अनुदान के रूप में मध्यप्रदेश को केन्द्र में UPA शासनकाल में वास्तविक रूप से प्राप्त हुई थी। नगर निगमवार जानकारी प्रदान करें। (ख) स्मार्ट सिटी के अंतर्गत कुल कितनी राशि मध्यप्रदेश को केन्द्र में भाजपा शासन काल के दौरान आज दिनांक तक वास्तविक रूप से प्राप्त हुई है। नगर-निगमवार जानकारी देवें। (ग) JNNURM के अंतर्गत कुल कितनी राशि व्यय की जा चुकी है? नगर-निगमवार जानकारी दें। (घ) स्मार्ट योजना के अंतर्गत केन्द्र सरकार के अनुदान की कुल कितनी राशि व्यय की जा चुकी है? नगर-निगमवार जानकारी प्रदान करें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार है।
शौचालय निर्माण एवं आर्थिक अनियमितता पर कार्यवाही
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
209. ( क्र. 4885 ) श्रीमती प्रमिला सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनूपपुर जिला अन्तर्गत विकासखण्ड जैतहरी के तत्कालीन सरपंच धनराज सिंह ने कलेक्टर व मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत अनूपपुर को 6 मई 2015 एवं अन्य पत्र व ज्ञापन देकर शौचालय निर्माण में धांधली व भौतिक जाँच की मांग की है? यदि हाँ, तो पत्र व ज्ञापन की प्रति उपलब्ध कराते हुए जाँच व कार्यवाही से अवगत कराएं? (ख) क्या वर्तमान सरपंच की शिकायत पर कोई जाँच दल ने भौतिक सत्यापन किया है? यदि हाँ, तो हितग्राही की संख्या, शौचालय की स्थिति, व्यय राशि की जानकारी देवें? (ग) क्या वर्तमान सरपंच की शिकायत पर मेड़ बंधान व कुआं निर्माण की जाँच करायी गयी है? यदि हाँ, तो जाँच के तथ्य व निष्कर्ष तथा कार्यवाही से अवगत कराएं? (घ) क्या भ्रष्टाचार व धांधली पर समय-सीमा में कार्यवाही सुनिश्चित कर दोषीजनों पर कार्यवाही की जाएगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) से (घ) जिला एवं जनपद स्तर पर प्राप्त शिकायतों की जानकारी शासन स्तर पर संकलित एवं संधारित नहीं की जाती है।
नगर पालिकाओं को आंवटित राशि
[नगरीय विकास एवं आवास]
210. ( क्र. 4900 ) श्री रमेश पटेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विगत 4 वर्षों में बैतूल जिले की नगर पालिकाओं, नगर परिषदों को कितनी राशि कार्यों के लिए आवंटित की गई? (ख) इनके कितने कार्य पूर्ण हैं, कितने अपूर्ण हैं? यह भी बतावें कि अपूर्ण कार्य कब तक पूर्ण होंगे। (ग) विगत 4 वर्षों में सारणी नगर पालिका क्षेत्र में कितनी राशि किन-किन सड़क निर्माण कार्यों के लिए स्वीकृत की गई? दिनांक वर्षवार, कार्य का नाम, लागत, ठेकेदार फर्म, दूरी सहित देवें। वार्ड क्र. 2 से 13 तक डामरीकृत पेंच रिपेयर कार्य लागत 4.25 करोड़ रू. के टेंडर प्रक्रिया में शामिल सभी फर्मों के दस्तावेजों का विवरण देवें। यह कार्य कब कराये गये। (घ) मुख्यमंत्री अधोसंरचना अंतर्गत वार्ड क्र. 1,2,3,11,12 में हुए सी.सी. रोड निर्माण की दिनांक, लागत, ठेकेदार फर्म, टेंडर प्रक्रिया में शामिल सभी फर्मों के विवरण देवें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' एवं ''स'' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार है।
ऋण वितरण प्रकरण में फर्जीवाड़ा
[सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम]
211. ( क्र. 4907 ) श्री बाला बच्चन : क्या राज्यमंत्री, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छिंदवाड़ा जिले की जुन्नारदेव निवासी अपूर्वा शर्मा को प्रधानमंत्री युवा उद्यमी योजना के तहत् किस कार्य हेतु कितना ऋण स्वीकृत किया गया है? ऋण राशि दिनांक, तय अनुदान राशि बतावें। (ख) क्या इन्हें स्टोन क्रेशर संचालन के लिए ऋण दिया गया है? क्या स्टोन क्रेशर संचालन की इन्हें अनुमति हैं? (ग) अपूर्वा शर्मा ने इस योजना हेतु आवदेन कब दिया गया है? आवेदन का परीक्षण, स्थल निरीक्षण कर इसे स्वीकृति देने वाले अधिकारी का नाम, पदनाम सहित बतावें। स्थल निरीक्षण की उनकी टीप का विवरण देवें। (घ) विभाग द्वारा इनकी ऋणदाता बैंक-बैंक ऑफ महाराष्ट्र को इस संबंध में भेजे गए दस्तावेजों का प्रमाणित विवरण देवें। हितग्राही द्वारा जमा सभी किश्तों की राशि, दिनांक सहित जानकारी देवें। बिना स्टोन क्रेशर की अनुमति के प्रकरण स्वीकृत करने वाले अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
राज्यमंत्री, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम ( श्री संजय पाठक ) : (क) छिन्दवाड़ा जिले में प्रधानमंत्री युवा उद्यमी योजना के नाम से कोई भी योजना संचालित नहीं हैं, किन्तु केन्द्र प्रवर्तित प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम योजना अंतर्गत जिले की जुन्नारदेव निवासी श्रीमती अपूर्वा शर्मा को स्टोन क्रेशर हेतु राशि रू. 25.00 लाख (रूपये पच्चीस लाख) का ऋण दिनांक 13-01-2015 को स्वीकृत किया गया है। जिसमें रूपये 8.7 लाख अनुदान राशि है। (ख) जी हाँ। स्टोन क्रेशर संचालन हेतु खनिज विभाग की अनुमति की आवश्यकता नहीं है। (ग) श्रीमती अपूर्वा शर्मा द्वारा इस योजना हेतु आवेदन दिनांक 10-10-2014 को दिया गया था। बैंक से प्राप्त जानकारी अनुसार आवेदन का परीक्षण, स्थल निरीक्षण कर स्वीकृति देने वाले अधिकारी श्री विनायक बारा, शाखा प्रबंधक, बैंक ऑफ महाराष्ट्र जुन्नारदेव है, उनकी स्थल निरीक्षण टीप में उल्लेख है, कि क्रेशर लगाने का स्थल देखा गया एवं संचालन बाबत् जानकारी प्राप्त की गई एवं विद्युत कनेक्शन के लिये आपत्ति पत्र भी देखा गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (घ) विभाग द्वारा इनकी ऋणदाता बैंक, बैंक ऑफ महाराष्ट्र जुन्नारदेव को निर्धारित प्रारूप में आवेदन ग्राम पंचायत का अनापत्ति प्रमाण-पत्र, राशन कार्ड, स्थाई निवास प्रमाण-पत्र, फोटो परिचय पत्र जमीन संबंधी सहमति पत्र, अंक सूची, कोटेशन, कार्यालय कलेक्टर खनिज शाखा छिन्दवाड़ा से तहसीलदार जुन्नारदेव को जारी पत्र की फोटो प्रति (ई.एम. पार्ट-1) की फोटो प्रति कार्यपालन अभियंता म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी लि. जुन्नारदेव का अनापत्ति प्रमाण-पत्र, पी.एम.ई.जी.पी. अंडर टेकिंग एवं शपथ पत्र, सी.ए. द्वारा तैयार की गई प्रोजेक्ट रिपोर्ट संलग्न कर भेजा गया। बैंक से प्राप्त स्टेटमेंट के आधार बैंक द्वारा जमा की गई सभी किश्तों की राशि के विवरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। प्रश्नांश (ख) के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
म.प्र. नगर तथा ग्राम निवेश (संशोधन तथा विधिमान्यकरण) अधिनियम
[नगरीय विकास एवं आवास]
212. ( क्र. 4909 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) म.प्र. नगर तथा ग्राम निवेश (संशोधन तथा विधिमान्यकरण) अधिनियम 2016 की धाराएं 1, 2, 20, 50, 56 का संशोधन किया गया है? उन्हें भूतलक्षी प्रभाव से 1973 से क्यों लागू किया गया? (ख) धारा 6 का संशोधन क्यों किया गया? इसकी आवश्यकता क्यों पड़ी? (ग) धारा 56 के संशोधन की आवश्यकता क्यों पड़ी तथा इसमें किए गये संशोधन किसी भू-अर्जन कार्यवाही में पारित किसी पंचाट को इस अधिनियम के अधीन की गई कार्यवाही या पारित किया गया पंचाट समझा जायेगा? इस संशोधन की क्या आवश्यकता थी? इसके मूल कारण को स्पष्ट करें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। अधिनियम की दिनांक से उक्त संशोधन प्रभावी करने की दृष्टि से भूतलक्षी प्रभाव से लागू किया गया है। (ख) धारा-6 में कोई संशोधन नहीं है। (ग) धारा-56 के संशोधन का सुझाव म.प्र. महाधिवक्ता कार्यालय से प्राप्त अभिमत के आधार पर किया गया है।
ऑडिट रिपोर्ट की जानकारी
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
213. ( क्र. 4913 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्राम पंचायतों के अंकेक्षण हेतु एम.पी. स्टेप्स का गठन कर धार जिले का वर्ष 2015-16 से अभी तक प्रायवेट सी.ए. फर्मों को अंकेक्षण कार्य कितनी दरों पर किस स्तर से दिया गया एवं वर्ष 2015-16 से अभी तक वर्षवार कितनी राशि का भुगतान किस-किस फर्म को कब-कब किया? (ख) इन फर्मों द्वारा ऑडिट रिपोर्ट वर्षवार दी जाने की समय-सीमा बतावें तथा धार जिले की विधान सभा क्षेत्र कुक्षी के अन्तर्गत आने वाली ग्राम पंचायतों के संबंध में की गयी मुख्य-मुख्य ऑडिट आपत्तियों की जानकारी भी देवें? (ग) क्या उक्त C.A. फर्मों को प्रति 15 ग्राम पंचायत पर 1 व्यक्ति नियुक्त करना था? क्या यह किया गया है? यदि हाँ, तो उक्त चयनित व्यक्तियों की सूची देवें।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ग) जी हाँ। जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है।
ए.के.व्ही.एन.स्वामित्व की भूमि से अतिक्रमण हटाया जाना
[वाणिज्य, उद्योग एवं रोजगार]
214. ( क्र. 4914 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्राम बगदुन तह. धार की भूमि सर्वे क्रमांक 282/1 क्षेत्र 18.243 हेक्टर भूमि A.K.V.N. को अंतरित की गई है? (ख) क्या इस भूमि को कलेक्टर धार ने तत्कालीन ग्राम पंचायत बगदुन के आवेदन पर आदेश दि. 20.5.1996 द्वारा आवास के लिए घोषित किया था? (ग) क्या इस आदेश के विरूद्ध आयुक्त राजस्व इंदौर 30.7.1998 को A.K.V.N. के पक्ष में निर्णय दिया था? (घ) क्या इस आदेश के निरस्त होने के बाद भूमि पर कब्जा हटाने के लिए मा. उच्च न्यायालय इंदौर के समक्ष जनहित याचिका 458/2016 में पारित आदेश दि. 18.01.2016 के पालन में कलेक्टर धार के समक्ष संजय सिंह पिता बृजराज सिंह नि. लेबड द्वारा ज्ञापन प्रस्तुत कर अतिक्रमण हटाने का निवेदन किया था? इस पर कलेक्टर धार ने क्या कार्यवाही की? यदि नहीं, तो कब तक की जावेगी?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। (ग) जी हाँ। (घ) माननीय उच्च न्यायालय खण्डपीठ इंदौर दवारा जनहित याचिका 458/2016 में पारित आदेश दिनांक 18/01/2016 के पालन में कार्यालय कलेक्टर जिला धार का पृष्ठांकन पत्र क्रमांक 15037/आर.एम./2016, दिनांक 27/12/2016 से अवगत कराया गया हैं, कि ग्राम-बगदून के खसरा क्रमांक 282/1/1 एवं 282/1/2 कुल रकबा 18.243 हेक्टेयर भूमि राजस्व रिकॉर्ड खसरा वर्ष 2016-17 में उद्योग विभाग मध्यप्रदेश शासन के नाम से प्रविष्टी दर्ज की गई है। इस निगम दवारा प्रश्नाधीन भूमि से अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन हैं, जिसमें प्रकरण में उल्लेखित दोनों अतिक्रामकों को कब्जा हटाने बाबत् सूचना-पत्र जारी किया गया है।
समयमान वेतनमान व एरियर्स का लंबित भुगतान व रोजगार सहायकों की नियुक्ति
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
215. ( क्र. 4924 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले में कार्यरत पंचायत सचिवों का समयमान वेतनमान व एरियर्स का भुगतान कब से नहीं किया गया है? जनपदवार पंचायत सचिवों को देय एरियर्स व समयमान वेतनमान की जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) वर्णित शेष समयमान वेतनमान व एरियर्स का भुगतान न किये जाने हेतु कौन-कौन उत्तरदायी है? कब तक शेष भुगतान कर दिया जायेगा? (ग) मैहर विधान सभा क्षेत्र में रोजगार सहायकों के कितने पद रिक्त है? इनकी पूर्ति हेतु क्या कार्यवाही की जा रही है? कब तक ग्राम रोजगार सहायकों की नियुक्ति कर दी जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) अतिरिक्त आवंटन प्राप्त करने की कार्यवाही शासकीय प्रक्रिया अनुसार प्रचलन में है। आवंटन के अभाव में भुगतान न होने के संबंध में उत्तरदायित्व का निर्धारण नहीं किया जा सकता है। समय-सीमा का निर्धारण नहीं किया जा सकता है। (ग) मैहर विधान सभा क्षेत्र में रोजगार सहायक के कुल 12 पद रिक्त है। नियुक्ति की प्रक्रिया प्रचलन में है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
लोक सेवा प्रदाय में राजस्व व कृषि संबंधी कार्य
[लोक सेवा प्रबन्धन]
216. ( क्र. 4930 ) श्री हर्ष यादव : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक सेवा ग्यारंटी कानून में क्या राजस्व व कृषि विभाग के कार्य सम्मिलित किये गये हैं? सागर जिलान्तर्गत इन विभागों से संबंधित कौन-कौन सेवा कार्य के कितने आवेदन प्राप्त हुए वर्ष 2016-17 के संदर्भ में बतायें। (ख) क्या लोक सेवा केन्द्रों को प्रस्तुत आवेदन पर प्राप्त सेवा कार्य लोक सेवा केन्द्रों के ही माध्यम से लेने का प्रावधान है? राजस्व व कृषि विभाग से संबंधित कितने आवेदनों पर विभाग द्वारा दी गई सेवा/प्रमाण-पत्र/अनुज्ञा अादि लोक सेवा केन्द्रों के माध्यम से आवेदकों को प्रदाय की गई है? कितनों में नहीं? वर्ष 2016-17 के संदर्भ में बतावें। (ग) क्या सागर जिले में स्थित लोक सेवा केन्द्रों पर प्रदत्त सेवाओं व उनमें लगने वाले शुल्क आदि की दरें व समय-सीमा आदि के संबंध में स्पष्ट लेख/बोर्ड आदि लगाये गये हैं? यदि नहीं, तो क्यों? क्या इनका भौतिक सत्यापन अधिकारियों द्वारा किया गया?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी हाँ। वर्ष 2016-17 अंतर्गत लोक सेवा गारंटी कानून 2010 अंतर्गत राजस्व विभाग की वर्तमान में 15 सेवाओं एवं कृषि विभाग की 02 सेवाओं को सम्मिलित किया गया है। जिसमें सागर जिले में 01 जनवरी 2016 से 31 जनवरी 2017 की स्थिति में राजस्व विभाग अंतर्गत 124085 आवेदन एवं किसान कल्याण एवं कृषि विभाग अंतर्गत 347 आवेदन प्राप्त हुए। राजस्व विभाग एवं किसान कल्याण एवं कृषि विभाग की सेवावार आवेदनों की संख्या संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) लोक सेवा गारंटी अंतर्गत आवेदन पदाभिहित अधिकारी के समक्ष अथवा लोक सेवा केन्द्रों के माध्यम से प्रस्तुत करने का प्रावधान है। जिसमें सागर जिले में 01 जनवरी 2016 से 31 जनवरी 2017 की स्थिति में राजस्व विभाग अंतर्गत 121778 आवेदकों को पात्रता अनुसार सेवाएं प्रदान की गई हैं एवं किसान कल्याण एवं कृषि विकास विभाग अंतर्गत 258 आवेदकों को पात्रता अनुसार सेवाएं प्रदान की गई हैं। राजस्व विभाग अंतर्गत 137 आवेदक अपात्र पाए गए तथा किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग अंतर्गत 84 आवेदक अपात्र पाये गये। (ग) जी हाँ। बोर्ड लगाये गये हैं एवं समय समय पर कार्यक्षेत्र अंतर्गत अधिकारियों द्वारा भौतिक सत्यापन किया गया है।