मध्यप्रदेश विधान सभा


प्रश्नोत्तर-सूची
नवम्‍बर-दिसम्‍बर, 2017 सत्र


बुधवार, दिनांक 06 दिसम्‍बर, 2017


भाग-1
तारांकित प्रश्नोत्तर


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पशु औषधालयों में चिकित्‍सकों की पूर्ति  

[पशुपालन]

1. ( *क्र. 2100 ) श्री दिनेश कुमार अहिरवार : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या पशु औषधालयों में कर्मचारियों, डॉक्‍टरों की पोस्टिंग नहीं की जा रही है?                                              (ख) पशु औषधालय जतारा, पशु औषधालय लिधौरा में 03 वर्षों से डॉक्‍टरों के पद खाली क्‍यों पड़े हैं? (ग) क्‍या शासन पशु औषधालयों में डॉक्‍टरों की पोस्टिंग करेगा, जिससे इलाज के लिये जानवरों को भटकना न पड़े? इलाज के अभाव में कई जानवरों की असमय मौत हो रही है? (घ) क्‍या मंत्री जी विधान सभा क्षेत्र जतारा के पशु औषधालयों में शीघ्र पदस्‍थापना करेंगे, जिससे जानवरों को समय पर इलाज मिल सके?

पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जी नहीं। समय-सीमा पर पदस्थापना की जाती है। (ख) जतारा में पशु औषधालय नहीं है। पशु चिकित्सालय है, जहां चिकित्सक पदस्थ हैं। लिधौरा में पशु चिकित्सालय में स्थानांतरण से पद रिक्त हुआ है। (ग) पशु औषधालयों में सहायक पशु चिकित्सा क्षेत्र अधि‍कारियों की पदस्थापना नवनियुक्ति‍ तथा स्थानांतरण के माध्यम से समय-समय पर की जाती है। पद रिक्त होने पर नजदीक की संस्था के अधि‍कारी को अतिरिक्त प्रभार देकर सेवायें उपलब्ध कराई जाती हैं। जी नहीं। (घ) समय-समय पर पदस्थापना की जाती है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।

एडव्‍होकेट प्रोडेक्‍शन एक्‍ट लागू किया जाना

[गृह]

2. ( *क्र. 2193 ) श्री रमेश पटेल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 01.01.2015 से 31.10.2017 तक प्रदेश में कितने वकीलों से कहाँ-कहाँ मारपीट, दुर्व्‍यवहार एवं अन्‍य प्रताड़ना के प्रकरण दर्ज हुए? न्‍यायालयों में तोड़फोड़, गोलीचालन के प्रकरणों की जानकारी भी जिलावार देवें? (ख) क्‍या शासन वकीलों की सुरक्षा के लिए एडव्‍होकेट प्रोडेक्‍शन एक्‍ट लागू करने पर विचार कर रहा है? (ग) यदि हाँ, तो इसकी तैयारी वर्तमान में किस स्‍तर पर है एवं यह कब तक लागू कर दिया जायेगा? यदि नहीं, तो क्‍यों?

गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

भवन संनिर्माण कर्मकार कार्ड का सरलीकरण

[श्रम]

3. ( *क्र. 1414 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भवन संनिर्माण कर्मकार कार्ड के आवेदन हेतु निर्माण श्रमिक को निर्माण में संलग्न होने के प्रमाण के लिये पंजीकृत ठेकेदार से प्रमाणीकरण कराने की बाध्यता रखी गई है? (ख) यदि नहीं, तो क्या निर्माण श्रमिक को निर्माण में संलग्न होने के प्रमाण के लिये अपंजीकृत व्‍यक्ति का प्रमाणीकरण मान्य है? (ग) क्या निर्माण श्रमिक के स्वहस्ताक्षर से या स्वप्रमाणीकरण के द्वारा निर्माण में संलग्न होने का प्रमाण मान्य नहीं है? (घ) क्या इस प्रक्रिया का सरलीकरण किया जा सकता है?

खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जी नहीं। म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल के अंतर्गत निर्माण कार्यों में लगे श्रमिकों के पंजीयन हेतु ठेकेदारों का प्रमाणीकरण आवश्यक नहीं है। अस्टांपित कागज पर स्वहस्ताक्षरित व स्व-प्रमाणित घोषणा पत्र के आधार पर निर्माण श्रमिक मान्य किया जाता है। (ख) अस्टांपित कागज पर स्वहस्ताक्षरित व स्‍व-प्रमाणित घोषणा पत्र के आधार पर निर्माण श्रमिक मान्य किया जाता है। (ग) जी नहीं। निर्माण कार्य में लगे श्रमिक द्वारा स्वयं के दिये शपथ पत्र/स्‍व-प्रमाणीकरण या भवन स्वा‍मी द्वारा किये गये प्रमाणीकरण या वार्ड पार्षद/ग्राम पंचायत के सरपंच/सचिव के प्रमाणीकरण के आधार पर जाँच उपरांत पात्र पाये जाने पर निर्माण श्रमिक का पंजीयन किया जाता है। (घ) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।

अपलोड खाद्यान्न पर्ची जनरेट की जाना  

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

4. ( *क्र. 2283 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विदिशा जिले में खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत पात्रता की श्रेणी में आने वाले नवीन परिवारों की खाद्यान्न पात्रता पर्ची एवं जारी खाद्यान्न पर्ची में आवश्यक सुधार हेतु अपलोड होने पर भी विगत 9 माहों से जनरेट नहीं की जा रही हैं? (ख) यदि हाँ, तो क्या शासन पात्र परिवारों को खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत खाद्यान्न से वंचित रखना चाहता है? यदि नहीं, तो अपलोड खाद्यान्न पर्चियां कब तक तक जनरेट की जा रही हैं?

खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) विदिशा जिले में कुल 2,11,658 परिवारों (10,38,017 हितग्राही) को पात्रता पर्ची का वितरण कर लाभ दिया जा रहा है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत भारत सरकार द्वारा राज्‍य के लिए हितग्राहियों की अधिकतम सीमा निर्धारित है। इस सीमा से अधिक हितग्राहियों को लाभांवित करने का प्रावधान अधिनियम की धारा-3 के अंतर्गत न होने के कारण शेष आवेदकों को सम्मिलित नहीं किया गया है। वर्तमान में सम्मिलित पात्र परिवारों में से हितग्राही की मृत्‍यु होने, विवाह होने, अन्‍य स्‍थान पर निवास करने एवं पात्रता श्रेणी में न रहने के कारण हितग्रा‍ही की पात्रता में परिवर्तन होना एक निरंतर प्रक्रिया है। तद्नुसार नवीन पात्रता पर्ची निर्धारित सीमा में जारी की जा रही है। जिले में 01 मई, 2017 की स्थिति में सदस्‍यों की संख्‍या के विरूद्ध विलोपन योग्‍य सदस्‍यों को पोर्टल पर विलोपित किया जाकर, उतनी ही संख्या में संबंधित जिले के नवीन सत्यापित सदस्‍यों को सम्मिलित किया जा रहा है। जुड़ने वाले नवीन परिवारों में बी.पी.एल. एवं अनुसूचित जाति/जनजाति श्रेणी को प्राथमिकता दी जा रही है। वर्ष 2017-18 में विदिशा जिले में 1,028 परिवारों के 4,916 हितग्राहियों के लिए नवीन पात्रता पर्ची जारी की गई है। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्‍तर के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

शिक्षण संस्‍था द्वारा लीज भूमि का दुरूपयोग  

[राजस्व]

5. ( *क्र. 2159 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या पूर्व सत्रों में सदन में उठाये गये प्रश्‍नों के आधार पर खंडवा जिला मुख्‍यालय पर निमाड़ एजुकेशनल सोसायटी की लीज फ्री-होल्‍ड करने की बड़े स्‍तर पर हुए भ्रष्‍टाचार की जाँच की जा रही है? यदि हाँ, तो वर्तमान में उसकी स्थिति क्‍या है? (ख) क्‍या शिक्षा के प्रचार-प्रसार हेतु मिली भूमि पर लीज धारक द्वारा बड़ा होटल एवं मैरिज गार्डन बनाकर व्‍यावसायिक उपयोग किया जा रहा है? यदि हाँ, तो इनके निर्माण की अनुमति किसके द्वारा दी गई? आदेश की प्रति उपलब्‍ध कराएं (ग) निगम के झोन कार्यालय से चंद कदम दूरी पर हजारों स्‍क्‍वायर मीटर भवन का अवैध निर्माण कैसे हुआ है तथा खेल मैदान पर बने अवैध मैरिज गार्डन का संचालन क्‍यों किया जा रहा है? ऐसे अवैध निर्माण को निगम द्वारा कब तक तोड़ा जाएगा? (घ) राजस्‍व विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से मूल लीज शर्तों में परिवर्तन कर फ्री-होल्‍ड की गई भूमि का वर्तमान बाजार मूल्‍य क्‍या है? क्‍या अब इसका भू-भाटक उस दर से वसूला जा रहा है? यदि हाँ, तो कितना? (ड.) फ्री-होल्‍डलीज प्रकरण की उच्‍चस्‍तरीय जाँच कब तक पूर्ण होकर संबंधित संस्‍था एवं दोषी अधिकारियों पर कब तक कार्यवाही की जाएगी?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। वर्तमान में संस्‍था के लीज प्रकरण की पुनर्विलोकन की कार्यवाही कलेक्‍टर न्‍यायालय राजस्‍व प्रकरण क्रमांक 0120 (1) वर्ष 2017-18 प्रचलित है। एवं उक्‍त संस्‍था के लीज नवीनीकरण एवं फ्री-होल्‍ड के संबंध में प्रकरण मान. लोकायुक्‍त संगठन, म.प्र. भोपाल विरूद्ध 162/2016 दर्ज होकर विचाराधीन है। (ख) जी हाँ। इसके निर्माण की अनुमति नहीं दी गयी है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) उक्‍त भूमि पर कॉलेज, स्‍कूल संचालित हैं। शेष खुले मैदान पर अवैध रूप से मैरिज गार्डन के रूप में उपयोग किया जाता है, जिसकी नगर निगम से कोई अनुमति नहीं है। इसी परिसर में निर्मित अवैध निर्माण पर होटल/रेस्‍टोरेंट संचालित हैं, जिसके लिये समय-समय पर अवैध निर्माण को तोड़ने हेतु सूचना पत्र जारी किये गये। अवैध निर्माण तोड़ने हेतु दिनांक 10.09.2017 नियत की गयी थी, किन्‍तु निर्माणकर्ता द्वारा नियत दिनांक को मान. उच्‍च न्‍यायालय जबलपुर की डब्‍ल्‍यू.पी. 11301/2017, दिनांक 02.08.2017 के पारित स्‍थगन आदेश स्‍थल पर प्रस्‍तुत करने के फलस्‍वरूप तोड़ने की कार्यवाही स्‍थगित की जाकर स्‍थगन आदेश के परिपालन में प्रकरण विवेचनाधीन होकर कार्यवाही प्रचलन में है। (घ) मूल लीज शर्तों में परिवर्तन कर फ्री-होल्‍ड की गई भूमि का वर्तमान बाजार भाव मूल्‍य राशि रूपये 55,03,00,140/-  एवं वार्षिक भू-भाटक रूपये 2,69,569/- निर्धारित किया गया है। (ड.) उत्‍तरांश () अनुसार। समय-सीमा बतायी जाना संभव नहीं है।

ड्राइविंग लाइसेंस बनाने की प्रक्रिया

[परिवहन]

6. ( *क्र. 3066 ) श्री मंगल सिंग धुर्वे : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                 (क) क्‍या परिवहन विभाग में दो पहिया, चार पहिया वाहनों के लिये ड्राइविंग लाइसेंस बनाने के लिये 8 वीं या 10 वीं पास होना अनिवार्य है? (ख) जो 8 वीं या 10 वीं पास नहीं है, उनके दो पहिया चार, पहिया वाहनों के लाईसेंस की विभाग में क्‍या व्‍यवस्‍था है?

गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) एवं (ख) तथ्यात्मक‍ स्थिति यह है कि केन्द्रीय मोटरयान नियम 1989 के नियम-8 के अनुसार मात्र परिवहन यान को चलाने के लिये अनुज्ञप्ति प्राप्ति करने हेतु न्यनूतम शैक्षणिक योग्‍यता 8 वीं स्‍तर उत्तीर्ण रखी गई है। परिवहन यान से भिन्न यान के चालन अनुज्ञप्ति के लिये ऐसा कोई बंधन नहीं है।

आई.टी.आई. में पद पूर्ति

[तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास]

7. ( *क्र. 2128 ) श्री कुंवर सिंह टेकाम : क्या राज्‍यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीधी जिले के अन्‍तर्गत विकासखण्‍ड मुख्‍यालय कुसमी एवं मझौली में संचालित आई.टी.आई. में कितने ट्रेड संचालित हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में संचालित आई.टी.आई. कुसमी एवं मझौली में विभिन्‍न पदों में कितने पद स्‍वीकृत, भरे एवं रिक्‍त हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में रिक्‍त पदों की पूर्ति कब तक कर ली जावेगी? (घ) आई.टी.आई. मझौली के भवन निर्माण की स्‍वीकृति कब हुई? लागत राशि सहित जानकारी देंवे। भवन का निर्माण कार्य कब तक पूर्ण कर लिया जायेगा?

राज्‍यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक कैलाश जोशी ) : (क) सीधी जिले के अंतर्गत विकासखण्‍ड मुख्‍यालय आई.टी.आई. कुसमी में 06 व्‍यवसाय तथा आई.टी.आई., मझौली में 01 व्‍यवसाय संचालित है। (ख) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है(ग) आई.टी.आई., मझौली में मात्र एक व्‍यवसाय संचालित है, संस्‍था में प्राचार्य वर्ग-1 को पदस्‍थ किये जाने की आवश्‍यकता नहीं है, प्रशिक्षण अधीक्षक ही पर्याप्‍त होगा। पदोन्‍नति पर आरक्षण के संबंध में माननीय न्‍यायालय में याचिका दायर होने के कारण प्रशिक्षण अधीक्षक, सहायक वर्ग-1, 2 एवं 3 के पद को भरा जाना संभव नहीं है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) आई.टी.आई., मझौली के भवन निर्माण की प्रशासकीय स्‍वीकृति राशि रूपये 995.27 लाख, दिनांक 23 मई, 2016 को जारी की गई पी.आई.यू. (पी.डब्‍ल्‍यू.डी.) द्वारा कार्यादेश अनुसार कार्यपूर्ण करने की तिथि 16.03.2018 है।

परिशिष्ट - ''एक''

जनभागीदारी नल-जल योजना की स्‍वीकृति

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

8. ( *क्र. 2084 ) श्री चेतराम मानेकर : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) आमला विधानसभा क्षेत्र में जन भागीदारी नल-जल योजना में कितने ग्राम सम्मिलित किये गये हैं? (ख) सम्मिलित किये गये ग्रामों के नाम बताएं? (ग) कितनी नल-जल योजनाएं स्‍वीकृत की गई हैं? (घ) कितनी योजनाएं लंबित हैं? नाम बताएं

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) 06 ग्राम। (ख) ग्राम कोढरखापाए, बेलमंडई, रतेड़ाकला, अंधारिया, सोनोलीबुण्डाला एवं खेड़ली बाजार। (ग) 05 योजनाएं। (घ) एक लंबित है। खेड़लीबाजार नल-जल योजना।

शासकीय भूमि पर कब्‍जे की जाँच

[राजस्व]

9. ( *क्र. 2741 ) श्री नथनशाह कवरेती : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र जुन्‍नारदेव जिला छिंदवाड़ा के अंतर्गत खसरा क्र. 167, रकवा 0.405 भूमि अभिलेख में शासकीय या निजी दर्ज है? (ख) क्‍या अभिलेख अनुसार शासकीय भूमि में दर्ज बताया गया है? यदि हाँ, तो इस भूमि पर किसका कब्‍जा है और किसके द्वारा अतिक्रमण किया गया है तथा किये गये अतिक्रमण को कब तक हटाया जायेगा? (ग) क्‍या पूर्व में आवंटित जनपद पंचायत कार्यालय तामिया, जिला छिंदवाड़ा का कार्यालय खोला जायेगा? (घ) क्‍या पूर्व जनपद सी.ई.ओ.                श्री पुरूषोत्‍तम राजौरिया द्वारा कार्यवाही कर जनपद पंचायत के कर्मचारियों के निवास हेतु भवन निर्माण की अनुमति दी गई थी? यदि हाँ, तो उस अनुमति को क्‍यों निरस्‍त कर दिया गया है?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) विधान सभा क्षेत्र जुन्नारदेव जिला छिंदवाड़ा के अंतर्गत खसरा क्र. 167, रकवा 0.405 के विकासखण्ड कार्यालय तामिया के नाम से भूमि स्वामी स्वत्व पर दर्ज है। (ख) अभिलेख अनुसार भूमि स्वामी स्वत्व में दर्ज है। खसरा नम्बर 167 में भूमि स्वामी विकासखण्ड कार्यालय तामिया का कब्जा है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं।                                  (घ) जी नहीं। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

सुवासरा नगरीय क्षेत्र में राजस्व विभाग की भूमि

[राजस्व]

10. ( *क्र. 3116 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सुवासरा नगर पंचायत के अधीन राजस्व विभाग की कितनी भूमि है, सर्वे नंबर सहित जानकारी देवें तथा नगर पंचायत के चारों तरफ से जुड़ी हुई राजस्व विभाग की भूमि का स्थान व सर्वे नंबर भी बतावें। (ख) सुवासरा नगर के अंतर्गत नगर की सीमा में आने वाली राजस्व विभाग की शासकीय भूमि में से कितनी भूमि रिक्त है, सर्वे क्र. व स्थान तथा शासकीय भूमि पर किन व्यक्तियों का कब्जा है? सर्वे क्र. व कब्जाधारियों के नाम सहित जानकारी देवें। (ग) प्रश्न क्रमांक 3659, दिनांक 20.03.2017 के संबंध में सर्वे क्र. 1035/11035/2 की भूमि पर अवैध कब्जा पूर्ण रूप से हटाया गया है या नहीं एवं विभाग द्वारा कब्जा हटा कर शासकीय भूमि होने का बोर्ड लगाया गया है या नहीं? यदि कब्जा पूर्णरूप से नहीं हटाया गया है तो इसका कारण स्पष्ट करें तथा कब तक शासन द्वारा पूर्णरूप से कब्जा हटाकर शासकीय भूमि होने का बोर्ड लगा दिया जावेगा? (घ) सुवासरा नगर में एवं नगर की सीमा के आसपास शासकीय भूमि होने का कोई बोर्ड लगाये गये हैं या नहीं? यदि हाँ, तो कितनी जगह लगाये गये हैं? यदि नहीं, तो समस्त शासकीय भूमि पर कब तक शासकीय भूमि होने के बोर्ड लगा दिया जावेंगे?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' तथा '' अनुसार है। (ग) प्रश्‍न क्र. 3659, दिनांक 20.03.2017 के संबंध में सर्वे क्र. 1035/2 की भूमि पर विभाग द्वारा अवैध कब्‍जा पूर्ण रूप से हटा दिया गया है तथा सर्वे क्र. 1035/1 में अवैध रूप से नागरिकों द्वारा अतिक्रमण किया जाकर अपने कच्‍चे मकान व झोपड़ि‍याँ बनाकर निवास कर रहे हैं, उन्‍हें नगर परिषद द्वारा अतिक्रमण किया जाकर विद्युत, पानी आदि उपलब्‍ध करवाई गई है। इस कारण से पूर्ण रूप से सर्वे क्र. 1035/1 का कब्‍जा नहीं हटाया गया। सर्वे क्र. 1035/2 का अतिक्रमण पूर्ण रूप से हटा दिया गया व 1035/1 में निवासरत् व्‍यक्तियों को शासन के नियमानुसार पट्टे प्रदान करने की कार्यवाही प्रचलित होने से कब्‍जा नहीं हटाया गया। सर्वे नंबर 1035/1 पर निवासरत् व्‍यक्ति पट्टे की पात्रता में नहीं आने पर कब्‍जा हटाने की कार्यवाही की जावेगी। शासकीय भूमि पर बोर्ड लगाने संबंधी कोई प्रावधान नहीं है। (घ) शासकीय भूमि पर बोर्ड लगाने संबंधी कोई प्रावधान नहीं होने से बोर्ड नहीं लगाये गये।

अवैध उत्खनन की शिकायत पर कार्यवाही

[राजस्व]

11. ( *क्र. 2614 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) तारांकित प्रश्न क्र. 3590, दिनांक 06 मार्च, 2017 उज्जैन संभाग में हो रहे अवैध उत्खनन की शिकायतों पर कार्यवाही के सम्बन्ध में दिये गये उत्तर में (क) से (घ) तक की जानकारी एकत्रित किये जाने का आश्वासन दिया गया है? यदि हाँ, तो क्‍या जानकारी का संकलन किया जाकर उपलब्ध कराई जा चुकी है? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) प्रश्नांश (क) में चाही गयी जानकारी एकत्रित नहीं कराये जाने के लिये कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी दोषी हैं? क्या शासन दोषियों के विरुद्ध कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो ब्यौरा दें?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) प्रश्‍नांश () के उत्‍तर के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

सूखे से प्रभावित मछुआ समितियों को राहत राशि का प्रदाय

[मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास]

12. ( *क्र. 1512 ) श्रीमती चन्‍दा सुरेन्‍द्र सिंह गौर : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या टीकमगढ़ जिले सहित खरगापुर विधानसभा क्षेत्र सूखे की चपेट में है तथा रजिस्‍टर्ड मछुआ समितियों द्वारा तालाबों में मछली का बीज (बच्‍चा) डाला गया था जो पानी कम होने से सूख जाने से उक्‍त बीज (बच्‍चा) मछली का मर गया है? क्‍या ऐसी हानि को शासन ध्‍यान में रखते हुये मछुआ समितियों को किसानों की तरह राहत राशि देगा? यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो कारण स्‍पष्‍ट करें? (ख) क्‍या यह सच है कि रैकवार समाज के व्‍यक्तियों द्वारा मछुआ समितियों का गठन ज्‍यादा संख्‍या में किया हुआ है? रैकवारों की समितियों को या अन्‍य समितियों को कब तक सूखा जैसी राहत राशि प्रदाय करा देंगे? (ग) क्‍या इन समितियों को सूखा राहत दिये जाने हेतु विभाग द्वारा कोई कार्ययोजना तैयार कराई गई? यदि हाँ, तो संपूर्ण जानकारी से अवगत करायें? यदि नहीं, तो कारण स्‍पष्‍ट करें?

पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) एवं (ख) जी हाँ समितियों से आवेदन प्राप्‍त होने पर राहत राशि दिये जाने पर विचार किया जावेगा। (ग) मत्‍स्‍य बीज मरने पर सहायता हेतु पूर्व से ही राजस्‍व पुस्‍तक परिपत्र छ: चार में प्रावधान किये गये हैं।

राजस्‍व वसूली के लक्ष्‍य की प्राप्‍ति‍

[परिवहन]

13. ( *क्र. 1678 ) श्रीमती शीला त्‍यागी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                 (क) रीवा संभाग अंतर्गत आने वाले जिले से वर्ष 2014 से प्रश्‍न दिनांक तक कितना राजस्‍व वसूली का लक्ष्‍य किस-किस जिले को दिया गया था? वर्षवार, जिलावार, शाखावार जानकारी देवें।                                  (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में कितनी-कितनी वसूली किस मद/शाखा की लंबित है? शाखावार, वर्षवार, जिलेवार जानकारी दें। (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में टैक्‍स वसूली लंबित होने के लिये                                    कौन-कौन अधिकारी व व्‍यक्ति जिम्‍मेदार हैं? उसकी सूची वार्षिकवार, शाखावार, जिलावार, अधिकारीवार देंवे। (घ) प्रश्नांश (ख), (ग) के संदर्भ में दोषियों के विरूद्ध कौन-सी दण्‍डात्‍मक कार्यवाही कब तक की जावेगी?

गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) एवं (ख) शाखावार लक्ष्‍य निर्धारित नहीं किये जाते हैं। वर्षवार, जिलेवार वसूली का लक्ष्‍य एवं उनके विरूद्ध प्राप्‍त राजस्‍व की जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ग) एवं (घ) लक्ष्‍य मार्गदर्शी होने एवं युक्तियुक्‍त वसूली हो जाने के कारण शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट - ''दो''

दखल रहित भूमियों की मदों का निर्धारण/परिवर्तन

[राजस्व]

14. ( *क्र. 3050 ) श्री संजय उइके : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                                     (क) क्‍या राजस्‍व विभाग निस्‍तार पत्रक, अधिकार अभिलेख, खसरा पंजी में गैरखाते की दखल रहित जमीनों को बड़े झाड़, छोटे झाड़ के जंगल, पहाड़ चट्टान, घास, चरनोई मदों में दर्ज करता है?                                                       (ख) यदि हाँ, तो निस्‍तार पत्रक, अधिकार अभिलेख एवं खसरा पंजी में बालाघाट, मण्‍डला, डिण्‍डोरी एवं बैतूल जिले में राजस्‍व विभाग किस-किस मद में भूमि दर्ज करता है? इन मदों का उल्‍लेख                                                   भू-राजस्‍व संहिता 1959 की किस-किस धारा में किया गया है? (ग) भू-राजस्‍व संहिता 1959 की किस-किस धारा के तहत मदों में परिवर्तन या संशोधन का अधिकार किस अधिकारी को दिया गया है, निस्‍तार पत्रक में दर्ज प्रयोजन में परिवर्तन का अधिकार किस धारा में किस अधिकारी को दिया गया है? (घ) भू-राजस्‍व संहिता 1959 में गैरखाते की दखल रहित भूमियों की मदों के निर्धारण एवं मदों में परिवर्तन का अधिकार कलेक्‍टर को प्रदान किए जाने के संबंध में शासन क्‍या कार्यवाही कर रहा है? कब तक करेगा?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। (ख) जिला बालाघाट, मण्डला, डिण्डोरी एवं बैतूल में निस्तार पत्रक अधिकार अभिलेख खसरा पंजी में बड़े झाड़, छोटे झाड़ के जंगल, पहाड़ चट्टान, घास, चरनोई, पानी के नीचे, इमारती लकड़ी, सड़क बगैरह मद में भूमि दर्ज है। निस्तार पत्रक संहिता की धारा 237 (1) में तथा अधिकार अभिलेख संहिता की धारा 108 में एवं खसरा पंजी संहिता की धारा 121 के तहत तैयार किये जाने के प्रावधान हैं। (ग) मध्य प्रदेश भू-राजस्व संहिता 1959 में धारा 237 (2) के तहत निस्तार पत्रक में दर्ज प्रयोजन में परिवर्तन के अधिकार पूर्व में जिला कलेक्टर को थे। मध्य प्रदेश भू-राजस्व संहिता संशोधन अधिनियम 2011 से संहिता की धारा 237 (2) को विलुप्त किया गया है। (घ) कोई प्रस्ताव लम्बित नहीं है।

कार्यभारित हैण्‍डपंप मैकेनिकों की वेतनमान विसंगतियों का निराकरण

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

15. ( *क्र. 2905 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रश्नकर्ता विधायक के दिनांक 27.03.2017 के अता. प्रश्न क्रमांक 5781 के खंड (ग) में बताया गया कि संयुक्त संचालक कोष एवं लेखा संभाग उज्जैन द्वारा पत्र क्रमांक 217 दिनांक 23.02.2017 के बिंदु क्र. 5 अनुसार वित्त विभाग म.प्र शासन के स्वीकृति आदेश की मांग की जा रही है, क्या स्वीकृति वित्त विभाग से प्राप्त हो गयी है? यदि हाँ, तो किस दिनांक को? जानकारी देवें (ख) प्रश्नांश (क) संदर्भित कार्यभारित हैण्‍डपंप मैकेनिकों की वेतनमान विसंगतियों का निराकरण कब तक कर दिया जायेगा? समय-सीमा बतायें। (ग) मंदसौर, रतलाम, नीमच जिलों में ऐसे कितने हैण्‍डपंप मैकेनिक हैं, जो 01 जनवरी, 2016 के पश्चात् वेतनमान संशोधन के पूर्व ही सेवानिवृत्त हो गए हैं? संख्या बतायें। उक्त वेतनमान विसंगति को दूर करने से उज्जैन संभाग में कितने मैकेनिकों को कितना-कितना लाभ होगा?

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) 01 जनवरी, 2016 के पश्चात् मंदसौर, रतलाम, नीमच जिलों में 01 हैण्डपंप मैकेनिक वेतनमान रूपये 950-1530 से सेवानिवृत्त हुआ है। उक्त वेतनमान विसंगति दूर करने पर उज्जैन संभाग में कुल 103 हैण्डपंप मैकेनिकों को उनकी सेवा अवधि अनुसार लाभ होगा।

प्रिज्म सीमेंट फैक्ट्री में माल सप्लाई की ओव्हरलोडिंग की जाँच

[गृह]

16. ( *क्र. 2299 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                (क) क्या सतना जिले के कोलगवां थाना के बाबूपुर चौकी प्रभारी द्वारा अपने पत्र क्रमांक 117/229, दिनांक 05.07.2017 को क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी को लिखे पत्र में यह बात स्वीकार की है कि तहसील रघुराजनगर के अंतर्गत ग्राम रामस्थान में श्रवणकुमार पाठक की 80 एकड़ की लीज में ए.आर.टी. कम्पनी द्वारा विगत 10 वर्षों से ओव्हर लोडिंग कर रामस्थान से प्रिज्म सीमेंट फैक्ट्री में माल सप्लाई की जा रही है? रामस्थान लोडिंग की पर्ची एवं प्रिज्म सीमेंट की अनलोडिंग पर्ची का मिलान कर दिया जाए तो स्पष्ट हो जाएगा कि ए.आर.टी. कम्पनी द्वारा उच्च न्यायालय एवं ई.टी.पी. सिस्टम का खुला उल्लंघन किया है? क्या उक्त हाइवों का एग्रीमेंट विमला पटेल द्वारा किया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो इस संबंध में पुलिस अधीक्षक सतना द्वारा अपने पत्र क्रमांक 23, दिनांक 18.07.2017 द्वारा नगर पुलिस अधीक्षक सतना को आठ बिन्‍दुओं की जाँच के आदेश दिए थे, जिसके परिपालन में नगर पुलिस अधीक्षक ने अपने पत्र क्रमांक 3094, दिनांक 04.09.2017 के तहत् थाना प्रभारी कोलगवां को 13 बिन्दुओं के जाँच के आदेश दिए थे?                                                                  (ग) क्या शासन हित में जनहित एवं समाज सेवी छत्रपाल सिंह छत्तू द्वारा क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी सतना को दिनांक 11.10.2017 को 06 बिन्दुओं का आवेदन दिया गया है? अगर हाँ तो क्या परिवहन विभाग द्वारा राजस्व, खनिज एवं पुलिस की संयुक्त टीम बनाकर जाँच समय-सीमा में कराई जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?

गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) चौकी प्रभारी बाबुपुर थाना कोलगवां सतना द्वारा पत्र क्रमांक 117/299, दिनांक 05.09.2017 आर.टी.ओ. सतना को भेजा गया है, जो कि संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। (ग) जी हाँ। परिवहन विभाग नहीं अपितु कलेक्‍टर सतना द्वारा बिन्‍दुओं की जाँच के लिए पत्र क्रमांक 3265/खनिज/2017, दिनांक 08.11.2017 द्वारा संयुक्‍त जाँच समिति की गठन कर जाँच करने के आदेश जारी किए गये हैं। समिति द्वारा जाँच की कार्यवाही प्रारंभ की जा चुकी है। जाँच की समय-सीमा बताना संभव नहीं है।

परिशिष्ट - ''तीन''

आर.टी.आई. कार्यकर्ताओं की वीडियोग्राफी

[गृह]

17. ( *क्र. 2428 ) श्री शैलेन्‍द्र पटेल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                                                             (क) क्‍या शासन द्वारा ग्‍वालियर संभाग में आर.टी.आई. कार्यकर्ताओं की वीडियो रिकार्डिंग कराई जा रही है? यदि हाँ, तो कौन-कौन आर.टी.आई. कार्यकर्ताओं की वीडियोग्राफी किस दिनांक से व किस अधिकारी के आदेश से क्‍यों कराई जा रही है? प्रकरणवार ब्‍यौरा दें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्‍या वीडियोग्राफी की रिकार्डिंग का वरिष्‍ठ अधिकारियों द्वारा अवलोकन किया जा रहा है? यदि हाँ, तो किस-किस रिकार्डिंग का किस-किस अधिकारी द्वारा कब-कब अवलोकन किया गया है?                                                                 (ग) क्‍या शासन द्वारा कराई जा रही वीडियोग्राफी के विरूद्ध शिकायतें की गई हैं? यदि हाँ, तो प्रश्‍न दिनांक तक प्राप्‍त शिकायतों का मय शिकायतकर्ता की जानकारी सहित ब्‍यौरा दें? क्‍या शिकायतों पर शासन द्वारा संज्ञान लिया गया है? यदि हाँ, तो जाँच प्रतिवेदन का ब्‍यौरा दें? यदि नहीं, तो क्‍यों? (घ) क्‍या अति. पुलिस अधीक्षक ग्‍वालियर पश्चिम द्वारा पत्र क्र. अ.पु.अ./पश्चिम/ग्‍वा./जी-874/2017, दिनांक 01.05.2017 जारी किया है? यदि हाँ, तो पत्र की प्रतिलिपि उपलब्‍ध कराएं? साथ ही इससे संबंधित जाँच प्रतिवेदन, कथन, वेदन, जाँच रिपोर्ट सहित अन्‍य दस्‍तावेजों की प्रति उपलब्‍ध कराएं।

गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी नहीं। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। अपितु स्‍थानीय पुलिस द्वारा श्री आशीष चतुर्वेदी को सुरक्षा गार्ड प्रदाय किया गया है। श्री चतुर्वेदी की सुरक्षा को सुदृढ़ बनाए रखने के लिए सुरक्षा कर्मियों को वीडियो कैमरा प्रदान किया गया है। इस विषय से संबंधित शिकायतों एवं उन पर की गई कार्यवाही का विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। सुरक्षा संबंधी व्‍यवस्‍थाओं तथा उनसे संबंधित पहलुओं का संज्ञान परीक्षण, विश्‍लेषण एवं आवश्‍यक कार्यवाहियां स्‍थानीय पुलिस अधिकारियों द्वारा की जाती हैं। (घ) जी हाँ। पत्र की प्रतिलिपि जाँच प्रतिवेदन, कथन एवं दस्‍तावेज पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है।

थाना भवंरपुरा में जमा शस्त्र

[गृह]

18. ( *क्र. 2912 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                                           (क) थाना भंवरपुरा जिला ग्वालियर ग्राम डांडा खिड़क के व्यक्तियों के जून 2017 में किस व्यक्तियों के किस अपराध में किस कर्मचारी/अधिकारी की अनुशंसा पर शस्त्र लाईसेन्स निरस्त कर रायफलें जमा कराई हैं? उनके नाम, पद स्पष्ट करें? यदि कोई मनगढ़ंत अपराध भी किया है, तो क्या इतने शस्त्रधारकों द्वारा एक साथ अपराध किया, स्पष्ट करें? (ख) डांडा खिड़क गाँव में कितने व्यक्तियों के पास किस प्रकार के शस्त्र हैं? शस्त्र धारक का नाम, पिता का नाम, उम्र, जाति तथा किस व्यक्ति पर क्या अपराध है? क्या पूरा गाँव अपराधी है या कुछ पुलिस के भ्रष्टाचार के कारण संपूर्ण गाँव से बचाकर उनके शस्त्र निलंबित या जमा कराने से बचाये हैं? उन व्यक्तियों के नाम बतावें, जिनके शस्त्र जमा नहीं करायें हैं? क्या शस्त्र जमा दिनांक से संबंधित व्यक्तियों को पुलिस विभाग या अन्य विभाग द्वारा कार्यवाही हेतु नोटिस या सूचना दी गई है? यदि हाँ, तो कब? दिनांक तथा दी गई सूचना की प्रति बतावें? (ग) क्‍या ग्राम डांडा खिड़क पूरी तरह डाकू प्रभावित क्षेत्र है? क्या पुलिस की लापरवाही के कारण इन शस्त्रधारकों के साथ कोई अप्रिय घटना घटित हो जाती है तो क्या इसके लिये पुलिस प्रशासन दोषी होगा? यदि नहीं, तो फिर इसके लिये सामूहिक शस्त्र जमा कराने का क्या औचित्य है? अब इन जमा शस्त्रों को कब तक वापिस कर दिया जावेगा?

गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) वन संरक्षक पदेन वन मण्डलाधिकारी सामान्य वन मण्डल के पत्र दिनांक 24.02.2017 के अनुसार ग्राम डांडा खिड़क के निवासियों द्वारा वन क्षेत्र से अवैध उत्खनन करने से रोकने पर वन अधिकारियों/कर्मचारियों पर सामूहिक रुप से हमला कर शासकीय कार्य में लगातार बाधा उत्पन्न करने में लायसेंसी शस्त्रों का दुरुपयोग करने के कारण ग्राम डांडा खिड़क थाना भंवरपुरा के लायसेंसधारियों के लायसेंस निरस्त किये जाने के प्रस्ताव पर जिला दण्डाधिकारी ग्वालियर के आदेश दिनांक 16.05.2017 से 34 लायसेंसधारियों के लायसेंस निलंबित किये जाकर उनके शस्त्र जमा कराये गये थे। चाही गई जानकारी एवं आदेश की प्रति संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है। लायसेंस निलंबन की कार्यवाही लायसेंसधारियों पर दर्ज आपराधिक प्रकरणों के आधार पर नहीं, बल्कि लायसेंसधारियों द्वारा अपने लायसेंसी शस्त्र का दुरुपयोग सामूहिक रुप से किये जाने के आधार पर की गयी है। (ख) 34 लायसेंसधारियों के शस्त्र लायसेंस ग्राम डांडा खिड़क से संबंधित है। जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट में समाहित है। लायसेंसधारियों के लायसेंस निलंबन की कार्यवाही पुलिस रिपोर्ट के आधार पर नहीं की गयी है, बल्कि वन संरक्षक पदेन वन मण्डलाधिकारी के प्रस्ताव पर की गयी है, अतः पुलिस के भ्रष्टाचार या अन्य किसी को बचाये जाने का प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है। (ग) ग्राम डांडा खिड़क एवं आस-पास के क्षेत्र करीबन 8 वर्ष पूर्व डाकू प्रभावित थे। वन विभाग की अनुशंसा पर शस्त्र निलंबन की कार्यवाही की गयी है। प्रश्नांश () के उत्तर में दर्शाये गये कारणों से शस्त्र जमा कराए गए हैं। प्रकरण में विधि सम्मत कार्यवाही की जाएगी।

परिशिष्ट - ''चार''

शासकीय भूमि का आवंटन

[राजस्व]

19. ( *क्र. 3118 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आगर एवं शाजापुर जिला अन्तर्गत विगत 02 वर्षों में स्कूल शिक्षा विभाग एवं नगर पंचायतों को स्कूल भवनों के लिए एवं प्रधानमंत्री आवास के लिये कुल कितनी शासकीय भूमि आवंटित की है? (ख) विधानसभा क्षेत्र सुसनेर के संदर्भ में प्रश्नांश (क) में उल्लेखित भूमि आवंटन की सूची सर्वे नम्बर एवं रकवा सहित उपलब्ध करावें। (ग) विगत 02 वर्षों में अनुविभागीय अधिकारी/तहसीलदार द्वारा भूमि आवंटन संबंधी कौन-कौन से प्रस्ताव वरिष्ठ कार्यालय को प्रेषित किये एवं उन पर क्या कार्यवाही की गई? प्रकरणवार पूर्ण जानकारी देवें (घ) प्रधानमंत्री आवास योजना हेतु सुसनेर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत नगरीय निकायों हेतु प्रेषित किये गये भूमि आवंटन संबंधी प्रस्तावों पर क्या कार्यवाही की गई? प्रकरणवार पूर्ण जानकारी देवें

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जिला आगर मालवा में विगत 02 वर्षों में स्‍कूल शिक्षा विभाग को रकवा 2.24 हेक्‍टेयर भूमि एवं नगर पंचायतों को स्‍कूल भवनों के लिये रकवा ''निरंक'' भूमि एवं प्रधानमंत्री आवास के लिये रकवा 5.00 हेक्‍टेयर भूमि आवंटित की गयी है तथा शाजापुर जिले में स्‍कूल शिक्षा विभाग एवं नगर पंचायतों को स्‍कूल भवनों के लिये कुल 5.44 हेक्‍टेयर भूमि आवंटित की गई है और प्रधानमंत्री आवास के लिये कुल 12.26 हेक्‍टेयर भूमि आरक्षित की गई है। (ख) जिला आगर मालवा में विधानसभा क्षेत्र सुसनेर के संदर्भ में प्रश्नांश (क) में उल्‍लेखित भूमि आवंटन की सूची सर्वे नम्‍बर एवं रकवा सहित संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है एवं शाजापुर जिले में विधानसभा क्षेत्र सुसनेर के ग्राम देहरीपाल तहसील मो. बड़ोदिया जिला शाजापुर में प्रधानमंत्री आवास योजना हेतु ग्राम देहरीपाल सर्वे क्र. 344 रकवा 8.16 हेक्‍टेयर में से रकवा 2.00 हेक्‍टेयर, 374 रकवा 2.09 हे. में से 1.00 हे. इस प्रकार कुल 4.00 हेक्‍टेयर भूमि आरक्षित की गई है। (ग) आगर जिले की प्रकरणवार जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है एवं शाजापुर जिले की जानकारी निरंक है। (घ) आगर जिले में प्रधानमंत्री आवास योजना हेतु सुसनेर विधानसभा क्षेत्रान्‍तर्गत नगरीय निकायों हेतु प्रेषित किये गये भूमि आवंटन संबंधित जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है एवं शाजापुर जिले में सुसनेर विधानसभा क्षेत्र की कोई भी पंचायत शाजापुर जिले से संबंधित नहीं होने से जानकारी निरंक है।

परिशिष्ट - ''पाँच''

राशन वितरण में अनियमितता

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

20. ( *क्र. 3306 ) श्री उमंग सिंघार : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                       (क) क्‍या भोपाल जिले में वर्ष 2017 में एक ही आधार नम्‍बर से राशन वितरण में गड़बड़ी होना संज्ञान में आई थी? यदि हाँ, तो किस प्रकार की अनियमितता/गड़बड़ी की जानकारी, तथ्‍य प्रकाश में आये? जाँच रिपोर्ट की प्रति देते हुए बतावें किस-किस लोक सेवकों के विरूद्ध कब-कब क्‍या कार्यवाही की गई? उसकी प्रति बताते हुए यह भी बतावें कि क्‍या अनुशासनिक कार्यवाही पर्याप्‍त है? (ख) क्‍या जिन संस्‍थाओं द्वारा गड़बड़ी/अनियमितता की जाना पाई गई है? क्‍या वे संस्‍थाएं यथावत दुकानें चला रही हैं? यदि हाँ, तो कौन-कौन सी संस्‍थाएं हैं और वे किस नियम के तहत चला रही है? इस नियम विरूद्ध संचालन के लिये कौन-कौन जिम्‍मेदार हैं? (ग) संस्‍थाओं द्वारा गड़बड़ी की जाना कब प्रकाश में आई? तिथि बतायें। उस तिथि के पश्‍चात् क्‍या-क्‍या कार्यवाही किस-किस के विरूद्ध की गई? अंतिम आदेश की प्रति बतायें। (घ) क्‍या वित्‍तीय हानि शासन को हुई? यदि हाँ, तो कितने रूपये की?

खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जी हाँ। माह मार्च 2017 में भोपाल नगर निगम क्षेत्र की 38 उचित मूल्‍य दुकानों पर एक ही आधार के सत्‍यापन पर एक से अधिक परिवारों को राशन सामग्री वितरण की अनियमितता पाई गई थी, जिसकी जाँच कराई गई है। दुकानवार जाँच रिपोर्ट की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है। दुकानों के पर्यवेक्षण के लिए नियुक्‍त कनिष्‍ठ आपूर्ति अधिकारियों को कारण बताओ सूचना पत्र जारी किए गए हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र  '' अनुसार है। उचित मूल्‍य दुकानों पर अनियमितता में संबंधित विभागीय अधिकारियों के विरूद्ध अनुशासनात्‍मक कार्रवाई प्रचलित है। (ख) जी हाँ। जाँच उपरांत 38 उचित मूल्‍य दुकान पर अनियमि‍तता पाई गई है, जिस हेतु म.प्र. सार्वजनिक वितरण प्रणाली (नियंत्रण) आदेश, 2015 की कंडिका 16 (7) के अनुसार वितरण में पाई गई अनियमितता के लिए प्रथम दृष्‍टया उत्‍तरदायी विक्रेता एवं सहायक को उनके पद से पृथक करने के आदेश पारित किए गए हैं, जिसका पालन करते हुए संबंधित सहकारी संस्‍थाओं द्वारा दोषी विक्रेता एवं सहायक को सेवा से पृथक कर उनके स्‍थान पर नये विक्रेता एवं सहायक को नियुक्‍त किया गया है। वर्तमान में नये विक्रेता एवं सहायक द्वारा दुकान का संचालन किया जा रहा है। अत: यह कहना सही नहीं है कि संस्‍थाओं द्वारा वर्तमान में नियम विरूद्ध दुकान का संचालन किया जा रहा है। (ग) दिनांक 17.04.2017 को संचालनालय खाद्य द्वारा ई-मेल के माध्‍यम से प्रेषित सूची से उक्‍त गड़बड़ी प्रकाश में आई उक्‍त तिथि के पश्‍चात् संपन्‍न की गई कार्यवाही पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (घ) जी हाँ। प्रकरण में राशन सामग्री का अपयोजन पाया गया, जिसकी कुल कीमत रू. 86,51,695/- (छियासी लाख इक्‍कावन हजार छ: सौ पिनचानवे रूपये मात्र) है, की वसूली के आदेश दिए गए हैं। दुकानवार विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है।


गैंगरेप की घटना पर कार्यवाही

[गृह]

21. ( *क्र. 1727 ) श्री बाला बच्‍चन : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                                           (क) भोपाल में दिनांक 31.10.2017 को हबीबगंज रेल्‍वे स्‍टेशन के पास हुई गैंगरेप की घटना की रिपोर्ट किस दिनांक को कितने बजे किस थाने में लिखी गई? रिपोर्ट लिखने में विलंब के कारण बतावें तथा इसके जिम्‍मेदार अधिकारियों के नाम, पदनाम सहित देवें? एफ.आई.आर. एवं लगाई गई धाराओं की छायाप्रति भी उपलब्‍ध करायें। (ख) इस विलंब के लिए उन पर क्‍या कार्यवाही की गई? पीड़िता एवं परिवार को थाना क्षेत्रों के चक्‍कर में उलझाकर परेशान करने वाले अधिकारियों व संबंधित स्‍टॉफ पर शासन ने क्‍या कार्यवाही की है? (ग) क्‍या पीड़िता के परिजनों ने ही एक या अधिक आरोपियों को पकड़कर पुलिस के हवाले किया? पुलिस ने स्‍वयं इन्‍हें पकड़ने में तत्‍परता क्‍यों नहीं दिखाई? (घ) ऐसे संवेदनशील प्रकरण में विलंब करने, पीड़िता को परेशान करने, सबूतों व घटनास्‍थल पर जाने में कोताही बरतने वाले संबंधित अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?

गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) भोपाल में दिनांक 31.10.2017 को हबीबगंज रेल्वे स्टेशन के पास हुई घटना की रिपोर्ट थाना जी.आर.पी. हबीबगंज में दिनांक 01.11.2017 सायं पंजीबद्ध की गई, प्रकरण की विवेचना पूर्ण कर सक्षम न्यायालय में अभियोग पत्र प्रस्तुत किया गया। भा.द.वि. की धारा 228-ए एवं माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा जारी किये गये दिशा निर्देशों के पालन में एफ.आई.आर. की प्रति प्रदाय की जाना विधिसम्मत नहीं होगा। उक्त संबंध में विलंब के लिये थाना एम.पी. नगर में पदस्थ उनि. रामनाथ टेकाम, थाना प्रभारी निरी. संजय सिंह बैस, थाना प्रभारी हबीबगंज निरीक्षक रवीन्द्र यादव एवं थाना प्रभारी जी.आर.पी. हबीबगंज निरी. मोहित सक्सेना, उनि. बी.पी. उईके, थाना जी.आर.पी. को निलंबित किया गया है तथा सी.एस.पी. एम.पी. नगर श्री कुलवंत सिंह को हटाते हुए, उनका स्थानान्तरण पुलिस मुख्यालय किया गया है। प्रकरण का विचारण माननीय सक्षम न्यायालय में विचाराधीन होने के कारण प्रकरण से संबंधित अन्य जानकारी दी जाना विधिसम्मत नहीं होगा। (ख) से (घ) उत्‍तर प्रश्‍नांश () के उत्‍तर में समाहित है।

मोटर यान अधिनियम अंतर्गत हेलमेट की अनिवार्यता

[गृह]

22. ( *क्र. 1337 ) श्री राजेश सोनकर : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                                  (क) क्या इन्दौर शहर में मोटर यान अधिनियम, 1988 कि धारा 129 के तहत् ही हेलमेट की अनिवार्यता पर सख्ती की जा रही है? हाँ या नहीं? यदि हाँ, तो मोटर यान अधिनियम, 1988 कि धारा 129 का स्पष्ट उल्‍लेख करें? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में मोटर यान अधिनियम, 1988 की धारा 129 के उल्‍लंघन में दण्ड के क्या प्रावाधान हैं या नहीं? यदि हाँ, तो दण्ड के प्रावधान विस्तृत रूप से स्पष्ट‍ करें? यदि नहीं, तो किस नियम के तहत् चौराहों, प्रमुख मार्गों, गलियों एवं मौहल्‍लों में चालानी कार्यवाही की जा रही है? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में मोटर यान अधिनियम, 1988 कि धारा 130 क्या है? स्पष्ट करें रास्ते पर रोककर किन-किन दस्तावेजों की जाँच/चैकिंग का अधिकार किस-किस स्तर के अधिकारी को है? स्पष्ट करें क्या शहर के चौराहों पर धारा 130 के स्‍पष्‍ट उल्‍लंघन की स्थिति है या नहीं? यदि हाँ, तो इस उल्‍लंघन को रोकने के संबंध में क्या‍ कदम उठाये जायेंगे? (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में इन्दौर शहर में ट्रैफिक के दबाव में वाहनों की अधिकतम गति सीमा निर्धारित है? क्या शहर के आंतरिक मार्गों पर जहां वाहनों की गति बहुत ही कम होने पर भी हेलमेट अनिवार्यता की आवश्यकता है, स्पष्ट करें?

गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र  '' एवं '' अनुसार है। (घ) जी हाँ। मोटर व्हीकल एक्ट के प्रावधान अनुसार उक्त अनिवार्यता निर्धारित है। चालक की सुरक्षा के लिए हेलमेट लगाना अनिवार्य है।

खाद्यान्न पात्रता की पर्ची में संशोधन

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

23. ( *क्र. 2554 ) श्री दिलीप सिंह शेखावत : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या वर्तमान में खाद्यान्न पात्रता की पर्चियां जिन हितग्राहियों के पास पूर्व से हैं, उन पात्रता पर्चियों में सदस्यों के नाम जोड़ने/घटाने/संशोधन के पश्‍चात् पात्रता पर्ची जनरेट होने में चार से आठ माह का समय लग रहा है, जिससे तत्कालीन समय में हि‍तग्राही का खाद्यान्न बन्द हो जाता है, जिससे कि हितग्राही परेशान होकर संबंधित कार्यालयों के चक्कर लगाता है? इस कारण शासन की इस महत्वपूर्ण योजना पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है? (ख) इस नियम के सरलीकरण की क्या योजना है? (ग) प्रश्‍नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र नागदा-खाचरौद की संशोधन वाली कितनी पात्रता पर्चियां विभाग के पास लंबित हैं? ये कब तक जनरेट हो जावेंगी? सूची उपलब्ध करावें।

खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत सम्मिलित पात्र परिवारों में नाम जोड़ने, घटाने एवं अन्‍य संशोधन करने का कार्य स्‍थानीय निकाय द्वारा प्राथमिक रूप से समग्र डाटाबेस में किया जाता है। पात्र हितग्राही के डाटाबेस में संशोधन करने पर उसको खाद्यान्‍न का प्रदाय बंद नहीं होता और न ही हितग्राही को परेशान होकर कार्यालय के चक्‍कर लगाना पड़ रहा है। वर्तमान में सम्मिलित पात्र परिवारों में नवीन सदस्‍य के जन्‍म लेने, हितग्राही की मृत्‍यु होने, विवाह होने से, अन्‍य स्‍थान पर निवास करने एवं पात्रता श्रेणी में न रहने के कारण हितग्रा‍ही की पात्रता में परिवर्तन होना एक निरंतर प्रक्रिया है। (ख) राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत सम्मिलित पात्र परिवारों का डाटा डिजिटाईज्‍ड किया जा चुका है एवं राज्‍य स्‍तर से ही उचित मूल्‍य दुकानवार राशन सामग्री का आवंटन जारी किया जाता है। समग्र सामाजिक सुरक्षा मिशन के पोर्टल पर पात्र परिवारों का सत्‍यापन, अपात्र परिवारों का विलोपन एवं पात्र परिवारों के डाटाबेस संशोधन की कार्यवाही स्‍थानीय निकाय द्वारा ऑनलाईन की जाती है। लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली का कम्‍प्‍यूटराईजेशन कर वितरण व्‍यवस्‍था का सरलीकरण किया गया है, जिसमें आवश्‍यकतानुसार समय-समय पर संशोधन एवं सुधार की कार्यवाही की जाती है। (ग) विधानसभा क्षेत्र नागदा-खाचरौद में पात्रता पर्ची में संशोधन पश्‍चात् 14 परिवारों को पात्रता पर्ची जारी की जाना शेष है। परिवार सदस्‍य जोड़ने का निराकरण राष्‍ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अंतर्गत भारत शासन द्वारा निर्धारित आवंटन सीमा के अधीन ही किया जा सकता है। इस सीमा से अधिक हितग्राहियों को लाभांवित करने का प्रावधान अधिनियम की धारा-3 के तहत लाभांवित नहीं किया जाता है। तदानुसार नवीन पात्रता पर्ची/संशोधन निर्धारित सीमा में जारी किए जाते हैं। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

जेलर पद के वेतन में विसंगति

[जेल]

24. ( *क्र. 3424 ) श्री सुरेन्‍द्र सिंह बघेल : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या प्रदेश की जेलर पद का वेतन पुलिस विभाग के समकक्ष पद की अपेक्षा कम है, क्‍यों? (ख) इस विसंगति को कब तक दूर कर दिया जायेगा? (ग) इंदौर संभाग की जेलों में विगत 2 वर्षों में कैदियों के भोजन, फल आदि के लिए कितनी राशि आवंटित की गई? कितनी व्‍यय की गई? जेलवार बतावें।

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी हाँ। भर्ती नियम में प्रावधान एवं राज्‍य वेतन आयोग की अनुशंसा अनुसार वेतन देय है। विभिन्‍न विभागों हेतु पृथक वेतन स्‍वीकृत होने से विसंगति हुई है। (ख) प्रकरण राज्‍य वेतन आयोग के विचाराधीन है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) इंदौर संभाग की जेलों में विगत 2 वर्षों में कैदियों के भोजन, फल आदि के लिए आवंटित की गई राशि, व्‍यय की गई राशि की जेलवार जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है।

परिशिष्ट - ''छ:''

राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कार्यक्रम का क्रियान्‍वयन

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

25. ( *क्र. 3231 ) श्री कमलेश्‍वर पटेल : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                            (क) खाद्यान्‍न प्रदाय किये जाने हेतु लगाई गई मशीनें कितने रूपये की दर से किस-किस कम्पनी के द्वारा ली गईं हैं? ऐसे व्यक्ति जो कि अति वृद्ध हैं और उनके अंगूठे की छाप मशीन पर नहीं आती है, उन्हें खाद्यान्‍न देने की क्या व्यवस्था है? पात्र परिवारों को निर्धारित सीमा के भीतर खाद्यान्न का लाभ दिलाये जाने के लिए शासन द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? (ख) पात्र होने के बावजूद भी खाद्यान्न न मिलने से लोगों का भरण पोषण न हो पाने और उनकी मृत्यु हो जाने की स्थिति‍ में कौन जिम्मेदार होगा? (ग) संज्ञान में आया है कि खाद्यान्न कूपन में किसी भी प्रकार का संशोधन नहीं हो रहा है? ग्राम पंचायत द्वारा समग्र पोर्टल से मृतकों को हटाया जा चुका है, किन्तु मृतकों के नाम भी आवंटन जारी किया जा रहा है? ऐसी स्थिति के लिए कौन जिम्मेदार है? (घ) उचित मूल्य की दुकानों में ग्रामों को सम्मिलित करने में दुकान से कितनी दूरी नियत की गई है? ऐसे कितने ग्राम हैं, जिनके व्यक्ति 5 से 10 कि.मी. दूर खाद्यान्न लेने जाते हैं? विधान सभा क्षेत्र सिंहावल अंतर्गत भरूही से बारपान, व्योहारखांड से बघोर, चितांग से हटवा के हितग्राही जो कि लगभग 10 किमी दूर खाद्यान्‍न लेने जाते हैं, इनकी सुविधा हेतु क्या नवीन दुकानें खोली जावेंगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?

खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) उचित मूल्‍य दुकानों पर पी.ओ.एस. मशीन मेसर्स डी.एस.के. डिजिटल टेक्‍नॉलाजीस प्राईवेट लिमिटेड एवं मेसर्स लिंकवेल टेली सिस्‍टम्‍स प्राइवेट लिमिटेड द्वारा BOO (Build-Own-Operate) मॉडल के तहत लगाई गई है, जिसमें मशीन के                  साथ-साथ उसके परिचालन पर व्‍यय, सिम का बिल, सॉफ्टवेयर आदि सम्मिलित है, कि दर क्रमश: रूपये 1191.30 एवं रूपये 1245.00 प्रतिमाह प्रति मशीन है। राष्‍ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत सम्मिलित पात्र परिवारों को पी.ओ.एस. मशीन के माध्‍यम से राशन वितरण की व्‍यवस्‍था की गई है। वर्तमान में नगरीय क्षेत्र की उचित मूल्‍य दुकानों पर ही बायोमैट्रिक सत्‍यापन के आधार पर राशन वितरण किया जा रहा है। ग्रामीण क्षेत्र की दुकानों में हितग्राहियों को राशन वितरण में बायोमेट्रिक सत्‍यापन की अनिवार्यता नहीं की गई है। नगरीय क्षेत्र में अतिवृद्धजनों या अन्‍य हितग्राहियों के किसी कारणवश पी.ओ.एस. मशीन पर बायोमेट्रिक्‍स सत्‍यापन विफल होने पर उन्‍हें वितरण पंजी के माध्‍यम से राशन वितरण किया जाता है। (ख) वैध पात्रता पर्चीधारी हितग्राहियों को पात्रता अनुसार राशन सामग्री वितरण की व्‍यवस्‍था की गई है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) समग्र सामाजिक सुरक्षा मिशन के पोर्टल पर स्‍थानीय निकाय को नवीन परिवारों के सत्‍यापन एवं अपात्र परिवारों के विलोपन की सुविधा उपलब्‍ध है। वर्तमान में सम्मिलित पात्र परिवारों में से अपात्र परिवारों को अनमेप करने की सुविधा जिला स्‍तर पर विभागीय अमले को भी दी गई है। किसी हितग्राही की मृत्‍यु होने अथवा अन्‍य कारणों से अपात्र होने की स्थिति में समय-समय पर पात्र परिवारों की सूची से विलोपित की कार्यवाही की जाती है। हितग्राही द्वारा अपात्र होने अथवा अन्‍य कारणों से उचित मूल्‍य दुकान से राशन प्राप्‍त न करने पर हितग्राहियों को आवंटित सामग्री का समायोजन कर आगामी माह का आवंटन जारी किया जाता है। (घ) मध्‍यप्रदेश सार्वजनिक वितरण प्रणाली (नियंत्रण) आदेश, 2015 के अंतर्गत प्रत्‍येक ग्राम पंचायत में उचित मूल्‍य दुकान खोलने का प्रावधान किया गया है। ग्रामीण क्षेत्र में उचित मूल्‍य दुकान खोलने हेतु दूरी का मापदण्‍ड निर्धारित नहीं है। ग्राम पंचायत भरूही में पात्र परिवारों की संख्‍या 402 है, जिसकी बारपान से दूरी 4 किलोमीटर है। ग्राम पंचायत बघोर की उचित मूल्‍य दुकान में पात्र परिवारों की संख्‍या 1127 होने के कारण ग्राम व्योहारखांड (बैगा बस्‍ती) में अतिरिक्‍त उचित मूल्‍य दुकान खोली जा चुकी है। ग्राम पंचायत हटावा की उचित मूल्‍य दुकान से ग्राम पंचायत चितांग के हितग्राहियों को राशन सामग्री का वितरण किया जा रहा है, जिसकी दूरी 3 किलोमीटर है। ग्राम पंचायत चितांग में नवीन उचित मूल्‍य दुकान खोलने हेतु आवेदन आमंत्रित किए गए हैं।

 

 


 


भाग-2

नियम 46 (2) के अंतर्गत अतारांकित प्रश्नोत्तर के रुप में परिवर्तित तारांकित प्रश्नोत्तर


खाद्दान्न पर्ची वितरण

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

1. ( क्र. 174 ) श्री हितेन्द्र सिंह ध्‍यान सिंह सोलंकी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन की विभिन्न जनकल्याणकारी योजना में से एक गरीबों को खाद्यान्‍न पर्ची वितरण करने के क्या नियम है? इस योजना में पात्रता की अर्हता क्या है? नियम की प्रति उपलब्ध करावें.               (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार बड़वाह विधान सभा क्षेत्र में विमुक्त, घुमक्कड़ एवम अर्द्ध घुमक्कड़ परिवारों को खाद्यान्‍न पर्ची प्रदाय वितरण करने के लिए प्रश्नकर्ता ने विगत एक वर्ष में कब-कब जिला प्रशासन को पत्र लिखा? (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुसार प्राप्त पत्र के आधार पर क्या कार्यवाही की गई है. पर्ची कहाँ-कहाँ वितरित की गई? यदि नहीं, जारी की तो उसके क्या कारण रहे हैं?

खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) राष्‍ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत हितग्राहियों को पात्रता पर्ची प्राप्‍त करने हेतु अधिनियम के अंतर्गत निर्धारित पात्रता श्रेणियों में होना अनिवार्य है। पात्रता पर्ची जारी करने हेतु स्‍थानीय निकाय द्वारा संबंधित परिवार की संपूर्ण जानकारी समग्र सामाजिक सुरक्षा मिशन के पोर्टल पर प्रविष्टि उपरांत समग्र परिवार आई.डी. निर्मित कराना, संबंधित पात्रता श्रेणी में सत्‍यापन एवं खाद्य विभाग के अमले द्वारा उचित मूल्‍य दुकान से मैपिंग उपरांत भारत सरकार द्वारा निर्धारित खाद्यान्‍न आवंटन सीमा के अंतर्गत पात्रता पर्ची एन.आई.सी. द्वारा जारी की जाती है, उसके उपरांत स्‍थानीय निकाय द्वारा हितग्रा‍ही को पर्ची का वितरण किया जाता है। अधिनियम के अंतर्गत चिन्हित श्रेणी के आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के ऐसे परिवार को पात्र परिवार श्रेणी में सम्मिलित किया गया है, जिनकी पात्रता का निर्धारण संबंधित विभागों द्वारा किया गया है। नियम की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) माननीय सदस्‍य द्वारा दिनांक 09-11-2016 को ग्राम बागदाबुजुर्ग के 14 घुमक्कड़ जाति के परिवारों को पात्रता पर्ची जारी करने के संबंध में लिखा गया था। (ग) खरगोन जिले में राष्‍ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के तहत 3,31,645 परिवारों के (16,59,571 हितग्राहियों) को पात्रता पर्ची वितरित कर लाभान्वित किया जा रहा है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत भारत सरकार द्वारा राज्‍य के लिए हितग्राहियों की अधिकतम सीमा निर्धारित है। इस सीमा से अधिक हितग्राहियों को लाभांवित करने का प्रावधान अधिनियम की धारा-3 के अंतर्गत न होने के कारण शेष आवेदकों को सम्मिलित नहीं किया गया है। वर्तमान में सम्मिलित पात्र परिवारों में से हितग्राही की मृत्‍यु होने, विवाह होने से, अन्‍य स्‍थान पर निवास करने एवं पात्रता श्रेणी में न रहने के कारण हितग्रा‍ही की पात्रता में परिवर्तन होना एक निरंतर प्रक्रिया है। तदनुसार नवीन पात्रता पर्ची निर्धारित सीमा में जारी की जा रही है। जिले में 01 मई, 2017 की स्थिति में सदस्‍यों की संख्‍या के विरूद्ध विलोपन योग्‍य सदस्‍यों को पोर्टल पर विलोपित किया जाकर, उतनी ही संख्या में संबंधित जिले के नवीन सत्यापित सदस्‍यों को सम्मिलित किया जा रहा है। जुड़ने वाले नवीन परिवारों में बी.पी.एल. एवं अनुसूचित जाति/जनजाति श्रेणी को प्राथमिकता दी जा रही है। उपरोक्‍त प्राथमिकता के उपरांत ही अन्‍य परिवार जोड़ने की प्रक्रिया है।

संचालित वाहनों के परमिट

[परिवहन]

2. ( क्र. 186 ) डॉ. कैलाश जाटव : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या विधानसभा क्षेत्र गोटेगाँव में यात्री वाहन के रूप में विभाग द्वारा वाहनों को सवारी लाने ले जाने हेतु परमिट प्रदान किया गया है? यदि हाँ, तो समस्त वाहन जिन्‍हे परमिट दिया गया है की सूची प्रदान करें। (ख) प्रश्‍नांस (क) अनुसार, नरसिंहपुर से गोटेगाँव, गोटेगाँव से जबलपुर, गोटेगाँव से सांकल होते हुए नरसिंहपुर, गोटेगाँव से धूमा, गोटेगाँव से झोतेश्‍वर होते हुए धूमा, आदि मार्गों पर कितने वाहन परमिट एवं कितने वाहन बगैर परमिट के संचालित हो रहे हैं की सूची मालिक का नाम, मार्ग का नाम, गाडी नं. सहित प्रदान करें। (ग) विधानसभा क्षेत्र गोटेगाँव में बगैर परमिट के संचालित हो रहे वाहनों पर शासन द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है? (घ) वर्ष दिसम्बर 2013 से प्रश्‍न दिनांक तक विधानसभा क्षेत्र गोटेगाँव में कितने वाहनों को परमिट प्रदान किये गये, की सूची प्रदान करें।

गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ख) एवं (ग) परमिटधारी संचालित वाहनों की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है। विभाग द्वारा चैकिंग के दौरान जो वाहन बिना परमिट संचालित पाए गये उनसे नियमानुसार कार्यवाही कर समझौता शुल्‍क वसूल किया गया है। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है।

गोटेगाँव में अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) पूर्णकालिक कार्यालय की स्थापना

[राजस्व]

3. ( क्र. 187 ) डॉ. कैलाश जाटव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या विधानसभा बजट सत्र 2016 के दौरान माननीय मंत्री महोदय द्वारा गोटेगाँव में अनुविभागीय अधिकारी राजस्व का पूर्णकालिक कार्यालय को जल्द से जल्द खोले जाने का कथन किया गया था? यदि हाँ, तो उक्त कार्यालय कब तक खोला जावेगा? (ख) क्‍या प्रश्‍न क्रमांक 1343 (अतारांकित) दिनांक 22.7.2016 के संदर्भ में माननीय मंत्री जी द्वारा अवगत कराया गया है कि गोटेगाँव में अनुविभागीय अधिकारी राजस्व का पूर्णकालिक कार्यालय है? क्‍या यह सही है कि वर्तमान में यह कार्यालय, तहसील गोटेगाँव के कार्यालय में संचालित किया जा रहा है, जिसमें एक डिप्टी कलेक्टर पदस्थ हैं? यदि हाँ, तो भ्रामक जानकारी प्रदान करने वाले अधिकारियों के विरूद्ध क्या शसन कोई कार्यवाही करेगा यदि हाँ, तो कब तक। (ग) गोटेगाँव में अनुविभागीय अधिकारी राजस्‍व का पूर्ण कालिक कार्यालय खोले जाने हेतु प्रश्‍नकर्ता द्वारा तीन बार पत्राचार किया जा चुका है उन पत्रों पर की गई कार्यवाही से अवगत करावें।

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) गोटेगाँव में अनुविभागीय अधिकारी राजस्व पदस्थ है। गोटेगाँव में अनुविभागीय कार्यालय उपलब्ध है। (ख) जिले की तहसील गोटेगाँव में एस.डी.एम. अनुविभागीय अधिकारी राजस्व का पद शासन द्वारा स्वीकृत है व पूर्णकालिक अनुविभागीय अधिकारी राजस्व की पद स्थापना की गई है जिसमें डिप्टी कलेक्टर पदस्थ है वर्तमान में कार्यालय तहसील कार्यालय भवन में संचालित है। शासन स्तर में स्टॉफ की व्यवस्था की जा रही हैं। किसी अधिकारी के विरुद कार्यवाही की आवश्यकता नहीं हैं। (ग) जी हाँ। प्राप्त सभी पत्र कलेक्टर नरसिंहपुर को आवश्यक कार्यवाही हेतु भेजे गये। जानकारी अप्राप्त होने पर स्मरण कराया गया।

विभागीय जाँच संस्थित करने का अधिकार

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

4. ( क्र. 222 ) श्री यादवेन्‍द्र सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) दिनांक 27.03.2017 में मुद्रित परि.अता. प्रश्‍न क्रमांक 7266 के प्रश्नांश (क) का उत्‍तर जी नहीं। प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। श्री बी.पी.तिवारी सहायक ग्रेड-3 के विभागीय जाँच संस्थित की गई है (ख) का उत्‍तर जांचोपरांत यथोचित कार्यवाही की जा सकेगी, प्रश्‍नांश (ग) का उत्‍तर दिनांक 13.02.2017 की शिकायत जनशिकायत निवारण विभाग के पत्र क्रमांक पी.जी.आर. 3398860 दिनांक 25.02.2017 द्वारा प्राप्‍त हुई। प्रमुख अभियंता को शीघ्र जाँच हेतु भेजा गया है दिया गया है तो बिना अधिकार विभागीय जाँच संस्थित करने के लिए दोषी अधीक्षण यंत्री के विरूद्ध अभी तक क्‍या कार्यवाही की गई तथा प्रमुख अभियंता द्वारा क्‍या जाँच की गई? जाँच प्रतिवेदन की प्रति उपलब्‍ध कराते हुये बताए कि जाँच प्रतिवेदन अनुसार क्‍या कार्यवाही की गई? (ख) श्री चन्‍द्रशेखर अग्निहोत्री (राजगुरू) निवासी रचना नगर कटनी द्वारा मुख्‍य सचिव म.प्र. शासन को पुन: दिनांक 25.05.2017 को शिकायत कर अधीक्षण यंत्री रीवा के विरूद्ध कार्यवाही करने का अनुरोध किया है मैदमवार अधीक्षण यंत्री के विरूद्ध विगत 3 वर्षों से वर्तमान तक कब कितनी शिकायतें प्राप्‍त हुई? शिकायतवार, कार्यवाहीवार विवरण देते हुये शिकायत की प्रतियां एवं कार्यवाही संबंधी पत्रों की प्रतियां उपलब्‍ध करावें?

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी हाँ। शिकायत की जाँच मुख्य अभियन्ता भोपाल परिक्षेत्र द्वारा कर प्रस्तुत जाँच प्रतिवेदन दिनांक 8.11.2017 प्रस्तुत किया गया है। शासन के पत्र क्रमांक एफ-5-48/1-34 दिनांक 25.7. 2017 द्वारा श्री पी.के.मैदमवार, अधीक्षण यंत्री, को बिना अधिकार विभागीय जाँच संस्थित करने के लिए उत्तरदायी मानते हुए कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। जाँच प्रतिवेदन पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। जाँच प्रतिवेदन परीक्षणाधीन है, परीक्षणोपरान्त गुण-दोष के आधार पर कार्यवाही की जाएंगी। (ख) जी हाँ। विगत 03 वर्षों में श्री मैदमवार के विरुद्ध प्राप्त शिकायतों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।

रेशम विभाग गुना में पदोन्‍नति में वरिष्‍ठता निर्धारण में अनियमितता

[कुटीर एवं ग्रामोद्योग]

5. ( क्र. 278 ) श्री पन्‍नालाल शाक्‍य : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                      (क) क्‍या कार्यालय जिला अधिकारी रेशम विभाग, गुना में पदस्‍थ श्री रमेशचंद्र वास्‍त्री जो 08 जून 1987 से दैनिक वेतनभोगी के पद पर पदस्‍थ थे। विभाग द्वारा आदेश क्रमांक रे.सं./14/3/दो/ 91/725 भोपाल, दिनांक 21.01.1994 के द्वारा श्री रमेशचंद्र वास्‍त्री से कनिष्‍ठ 12 कर्मचारियों को नियमित कर दिया। परंतु श्री वास्‍त्री का नाम सूची में नहीं जोड़ा गया। जिससे व्‍यथित होकर                                        श्री रमेशचंद्र वास्‍त्री न्‍यायालय की शरण में गये और न्‍यायालयीन आदेश के क्रम में इन्‍हें सहायक ग्रेड-3 के पद पर नियमित करने संबंधी आदेश जारी कर दिये थे? परंतु सहायक ग्रेड-3 के पद रिक्‍त होने के उपरांत भी इन्‍हें विभाग द्वारा नियमित नहीं किया गया? श्री रमेशचंद्र वास्‍त्री द्वारा न्‍यायालय की अवमानना का केस दर्ज कराने पर इन्‍हें विभाग द्वारा 30 अप्रैल 2010 से नियमित किया गया जबकि श्री वास्‍त्री को इसका लाभ दिनांक 21.01.1994 से दिया जाना चाहिए था। यह लाभ श्री वास्‍त्री को कब तक दे दिया जावेगा और इसके लिए दोषी अधिकारियों एवं कर्मचारियों पर क्‍या कार्यवाही की जावेगी और कब तक? (ख) क्‍या श्री वास्‍त्री वरिष्‍ठ कर्मचारी होने के उपरांत इनकी पदस्‍थापना मिनी आई.टी.आई. के पद पर की गई? जबकि इनसे कनिष्‍ठ कर्मचारियों को रेशम विभाग में सहायक ग्रेड-3 पर की गई? ऐसे में श्री वास्‍त्री को पदोन्‍नति के लाभ से वंचित होना पड़ रहा है जबकि वास्‍तव में श्री वास्‍त्री सभी कर्मचारियों से वरिष्‍ठ थे और रेशम विभाग में उस समय सहायक ग्रेड-3 के पद भी रिक्‍त थे? ऐसे में अधिकारी एवं कर्मचारियों की लापरवाही का खामयाजा श्री वास्‍त्री क्‍यों भुगतें? इन्‍हें दिनांक 21.01.1994 से वरिष्‍ठता का लाभ प्रदान करने संबंधी आदेश कब तक जारी करेंगे?

पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जी हाँ। श्री बास्त्री से भृत्य का कार्य लिया जा रहा था। रेशम संचालनालय सेवा भरती नियम 1991 के प्रावधान अनुसार भृत्य के रूप में नियोजित दैनिक वेतनभोगी श्रमिक को दो वर्ष के कार्य अनुभव के आधार पर वरियता क्रम में नाम आने पर तथा रिक्त पद उपलब्ध होने की स्थिति में नियमितीकरण की कार्यवाही का प्रावधान है। श्री बास्त्री का नाम सूची में अंकित था। विभागीय आदेश दिनांक 21/1/1994 द्वारा जिन 12 कर्मचारियों को सहायक ग्रेड-3 के पद पर नियमित किया गया है। श्री बास्त्री की अन्य 12 सहायक ग्रेड तीन के पद पर नियमित किये गये कर्मचारियों के कार्य की प्रकृति एवं योग्यता के समकक्ष नहीं थी। सामान्य प्रशासन विभाग के ज्ञापन दिनांक 9/1/1990 के अनुसार लिपिक कार्य हेतु नियोजित दैनिक भोगियों का नियमितीकरण सहायक ग्रेड-3 के पद पर लिपिक हेतु निर्धारित योग्यता को दृष्टिगत रखते हुए किया गया। (ख) माननीय न्यायालय द्वारा पारित आदेश के परिपालन में आदेश दिनांक 30/4/2010 से संचालनालय के अधीन स्वीकृत मिनी आई.टी.आई.के रिक्त पद सहायक ग्रेड-पर                           श्री बास्त्री को नियमित किया गया। रेशम संचालनालय के स्वीकृत पदों पर नियमित किये गये किसी भी कर्मचारी को सहायक ग्रेड-3 के पद पर वर्तमान तक पदोन्नति नहीं हुई अत: पदोन्नति के लाभ से वंचित होने तथा वरिष्ठता का लाभ देने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।

किसानों के खेती नहीं किया जाना

[पशुपालन]

6. ( क्र. 407 ) श्री सुखेन्‍द्र सिंह : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                              (क) प्रश्‍नकर्ता के पूर्व तारांकित प्रश्‍न क्रमांक 3481 दिनांक 06.03.2017 के उत्‍तर (घ) में बताया गया था, कि नि:शक्‍त असहाय गौवंश की सुरक्षा हेतु रीवा जिले में केवल 3 गौशाला संचालित हैं आवारा गौवंश अपितु उसी क्षेत्र के निवासरत पशुपालकों द्वारा स्‍वयं के पाले पशु जिनमें अधिकांश गौवंश है अनुत्‍पादक हो जाने पर छोड़ दिया जाता है यही गौवंश विचरण करते रहते हैं? य‍ह समस्‍या पशुपालकों से संबंधित है पशुपालकों को समझाइश दी जाकर उन्‍हें जागरूक किये जाने की आवश्‍यकता है, कि पशुओं का उचित प्रबंधन करें तो इस समस्‍या का समाधान हो सकता है, तो शासन द्वारा प्रश्‍न दिनांक तक प्रश्‍न में उपरोक्‍त के निदान हेतु कहाँ-कहाँ बैठक की गई? बैठक का दिनांक, स्‍थान, बैठक में खर्च की गई राशि की जानकारी उपलब्‍ध करायें? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में एवं नीलगाय से फसल नुकसान के कारण किसान खेती करना बंद न करे इसके लिये क्‍या ठोस योजना शासन द्वारा तैयार की गई है?

पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जानकारी संलग्‍न परिशि‍ष्ट अनुसार। (ख) वन विभाग से प्राप्त जानकारी अनुसार, नीलगाय से फसल नुकसान के कारण किसान खेती करना बंद न करें इसके लिये वन विभाग द्वारा मंदसौर जिले के ऐरा ग्राम से 27 नीलगायों को बोमा पद्धति से पकड़कर गांधी सागर अभ्यारण्य में छोड़ा गया है। साथ ही प्रदेश स्तर पर रोजड़ा से फसल हानि से प्रभावित जिलों से 1000 नीलगायों को पकड़कर उनमें से नर राजड़ो की नसबंदी करने के उपरांत उन्हें अन्यत्र वनक्षेत्र में छोड़े जाने की योजना है। इसके अतिरिक्त कृषि‍ विकास तथा किसान कल्याण विभाग के सहयोग से मध्यप्रदेश के होशंगाबाद जिले के सतपुडा टाइगर रिजर्व के नजदीक ग्राम धांई एवं चुरना में वन्यप्राणि‍यों से फसल हानि को रोकने हेतु सोलर फैसिंग लगाई गई है।

परिशिष्ट - ''सात''

किसान आत्‍महत्‍या, मुआवजा जानकारी विषयक

[गृह]

7. ( क्र. 501 ) श्री मधु भगत : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्‍यप्रदेश में दिनांक 1 अप्रैल 2017 से प्रश्‍न दिनांक तक की अवधि में हुये राज्‍य व्‍यापी किसान आंदोलन/अन्‍य कारणों से कहाँ-कहाँ, किन-किन कृषकों की मृत्‍यु हुई और उनके परिजनों को मुआवजा के रूप में कितनी-कितनी धन राशि का वितरण कब-कब किया गया? दिनांकवार, ग्रामवार, विकासखंडवार, जिलावार, संभागवार जानकारी देवें। (ख) क्‍या विगत कुछ माह पूर्व खैरी विकासखंड बालाघाट में अवैध पटाखा फैक्‍ट्री धमाके में 27 लोग जिंदा जल गये थे? उन्‍हें शासन द्वारा कब-कब कितनी-कितनी राशि का मुआवजा प्रदाय किया गया? उक्‍त घटना की जाँच कब और किन-किन अधिकारियों के माध्‍यम से कराई गई तथा जाँच में दोषी पाये गये अधिकारी/कर्मचारी/अन्‍य पर अब तक क्‍या-क्‍या दंडात्‍मक कार्यवाही की गई? (ग) क्‍या अवैध पटाखा फैक्‍ट्री में भारी मात्रा में विस्‍फोट फैक्‍ट्री मापदंड अनुसार नहीं होना पाया गया था एवं दर्जन भर से अधिक लापरवाही पाई गई थी? शासन द्वारा अब तक किसी प्रकार की दंडात्‍मक कार्यवाही नहीं की गई, क्‍यों? दोषियों को क्‍यों बचाया जा रहा है?

गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

पेयजल परिवहन व्‍यय देयकों की जानकारी

[राजस्व]

8. ( क्र. 779 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                     (क) क्‍या सागर जिले के राहतगढ़ विकासखण्‍ड में वर्ष 2012-13 में किन-किन ग्राम पंचायतों में पेयजल परिवहन की राशि का भुगतान पंचायतों/परिवहन कर्ताओं को आज दिनांक तक नहीं किया गया है? (ख) क्‍या कार्यालय जनपद पंचायत राहतगढ़ द्वारा पत्र क्रमांक 1764 दिनांक 31.08.2016 को परिवहनकर्ता की भुगतान राशि 482310 के संबंध में कोई पत्राचार किया गया है? यदि हाँ, तो इस संबंध में विभाग द्वारा क्‍या कार्यवाही की गई है? (ग) क्‍या कलेक्‍टर सागर द्वारा इस संबंध में पत्र क्रमांक 4376/व.लि.-1/2017 सागर दिनांक 26.04.2017 द्वारा इस संबंध में कार्यवाही की गई थी। यदि हाँ, तो विभाग द्वारा पत्र के संबंध में परिपालन किया गया है? (घ) यदि लंबित पेयजल परिवहन के संबंध में कार्यवाही की गई है तो ग्राम पंचायत कांचरी वि.ख. राहतगढ़ वर्ष 2012-13 पेयजल परिवहन कर्ता की व्‍यय राशि रूपये 42160.00 का भुगतान कब किया जायेगा?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) रा‍हतगढ़ विकासखण्ड़ में वर्ष 2012-13 में ग्राम मरदानपुर, मेनवारा कलॉ, सीहोरा, काचरी, सेमरामेड़ा, खरीगुमरिया, धनोरा में पेयजल परिवहन की राशि का भुगतान लंबित हैं। (ख) जी हाँ। बजट आवंटन की कार्यवाही प्रचलित हैं। (ग) जी हाँ। कार्यवाही प्रचलित हैं। (घ) कलेक्‍टर सागर द्वारा उक्‍त मद में प्राप्‍त प्रस्ताव के परीक्षण उपरांत नियमानुसार पात्रता होने पर भुगतान किया जावेगा।

थर्मल पॉवर प्रोजेक्ट

[राजस्व]

9. ( क्र. 971 ) श्री पुष्‍पेन्‍द्र नाथ पाठक : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                          (क) बिजावर विधानसभा क्षेत्र के ग्राम बरेठी तहसील राजनगर में प्रस्तावित थर्मल पॉवर प्रोजेक्ट के लिए कितनी जगह आरक्षित की गई हैं? इसमें कितनी भूमि शासकीय है? कितनी निजी भूमि अधिग्रहित की गई है तथा अधिग्रहण में कितनी राशि आवंटित की गई है? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में प्रस्तावित प्रोजेक्ट की वर्तमान में क्या स्थिति है? जो भी परिस्थिति हैं, क्‍या उसमें कोई परिवर्तन संभव हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुक्रम में यदि कोई अड़चन थर्मल पॉवर प्रोजेक्ट में आ रही है, तो क्या विभाग इस प्रोजेक्ट को सोलर प्रोजेक्ट में परिवर्तन की मांग केंद्र सरकार से करेंगे। यदि हाँ, तो कब तक सही स्थिति बन सकेगी?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) बिजावर विधान सभा क्षेत्र अन्तर्गत ग्राम बरेठी तहसील राजनगर जिला छतरपुर म.प्र. में प्रस्तावित थर्मल पावर प्रोजेक्ट के लिए ग्राम बरेठी, सांदनी, सतना एवं बसारी की 975.957 हे. निजी भूमि एवं 172.635 हे. शासकीय भूमि का अर्जन किया गया है। तदनुसार निजी भूमि/परिसम्पत्तियों के भूमिस्वामियों के लिए 1118733910-00 रूपये मुआवजा राशि, 1487723074-00 रूपये पुनर्वास अनुदान एवं शासकीय भूमि के लिए 3013296067-00 रूपये स्वीकृत की गई है। (ख) वर्तमान में केवल भूमि अधिग्रहण कर ली गई है। जी नहीं। (ग) जी नहीं। उत्‍तरांश '' के परिप्रेक्ष्‍य में वर्तमान में केन्‍द्र सरकार से मांग करने का कोई प्रस्‍ताव विचाराधीन नहीं है।

प्रसूति सहायता का लाभ न दिए जाना

[श्रम]

10. ( क्र. 1098 ) श्री कैलाश चावला : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                    (क) क्‍या विधायक मनासा जिला नीमच के पत्र 253 दिनांक 26-04-2017 से कलेक्‍टर मंदसौर को कालीबाई पति शंभुसिंह निवासी निपानिया तहसील गरोठ के कर्मकार मण्‍डल का कार्ड स्‍वीकृति के पश्‍चात् भी प्रसूति सहायता का लाभ न दिए जाने की शिकायत की गई थी? (ख) प्रश्‍नांश (क) में उल्‍लेखित हितग्राही का कर्मकार मण्‍डल का कार्ड बनाने हेतु मुख्‍य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत द्वारा सत्‍यापन करवाकर जानकारी सही होने पर आवेदन स्‍वीकृत किया गया है? यदि हाँ, तो स्‍वीकृति का दिनांक बतावें? (ग) प्रसूता की प्रसूति किस दिनांक को हुई है? क्‍या प्रसुति पूर्व हितग्राही के कर्मकार मण्‍डल के कार्ड बनाने की स्‍वीकृति हो चुकी थी, यदि हाँ, तो क्‍या हितग्राही स्‍वीकृति दिनांक से लाभ अभी तक न दिए जाने के क्‍या कारण हैं?

खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जी हाँ। माननीय विधायक मनासा जिला नीमच का प्रश्न में उल्लेनखित शिकायती पत्र प्राप्त हुआ था। (ख) जी हाँ। प्रश्नांश (क) में उल्लेखित हितग्राही का म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल का श्रमिक पंजीयन कार्ड बनाने हेतु मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत का सत्यापन करवाकर जानकारी सही होने पर आवेदन दिनांक 02.12.2016 को स्वीकृत किया गया। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित हितग्राही की प्रसूति दिनांक 28.01.2017 को हुई है। उक्त प्रकरण में हितग्राही को दिनांक 24.08.2017 को हितलाभ प्रदाय किया गया। उक्त के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।

दोषी अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

11. ( क्र. 1112 ) श्री रामलाल रौतेल : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मध्‍यप्रदेश शासन लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी विभाग मंत्रालय वल्‍लभ भवन भोपाल के पत्र क्रमांक 4094/2631/2071/1/34/पार्ट भोपाल दिनांक 31 जुलाई 2017 के अनुक्रमांक 3 में दोषी अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही किए जाने का लेख है? अब तक विभाग ने क्‍या कार्यवाही की है? कृत कार्यवाही से अवगत करावें। (ख) क्‍या वित्‍तीय वर्ष 2017 में लोकायुक्‍त ने अनूपपुर कार्यालय में छापा डालकर कुछ स्‍थानीय सप्‍लायर के यहां से भी दस्‍तावेज संग्रह किए हैं? यदि हाँ, तो उपलब्‍ध करावें। (ग) प्रश्नांश (क) में वर्णित अधिकारियों के विरूद्ध जाँच की जाकर दोष सिद्ध पाया गया है? लेकिन अभी तक कार्यवाही न करने का कारण क्‍या है? विभाग क्‍या दोषी अधिकारी को बचाना चाहती है?

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी हाँ। श्री हीरा सिंह धुर्वे, कार्यपालन यंत्री, श्री आर.पी. अहिरवार एवं श्री एस.पी. द्विवेदी, उपयंत्री, के विरूद्ध विभागीय जाँच संस्थित की गयी है। तथा श्री के.के. गुप्ता, से.नि. उपयंत्री, के विरूद्ध आरोप पत्र जारी किये गये हैं। श्री एस.पी. द्विवेदी, उपयंत्री, का स्थानांतरण किया जा चुका है एवं श्री आर.पी. अहिरवार, के स्थानांतरण की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ख) विभाग के संज्ञान में नहीं है। प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। जाँच की जा रही है। जी नहीं।

सिहोरा में आई.टी.आई. प्रारंभ की जानकारी

[तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास]

12. ( क्र. 1141 ) श्रीमती नंदनी मरावी : क्या राज्‍यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या प्रश्नकर्ता के पत्र पर आपके द्वारा क्रमांक 2616 दिनांक 6.9.17 को संचालक कौशल विकास भोपाल को सिहोरा जिला जबलपुर में नवीन आई.टी.आई. आरंभ किये जाने हेतु प्रस्‍ताव प्रस्‍तुत करने के निर्देश दिये गये थे? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार संचालक द्वारा प्रस्‍तुत प्रस्‍ताव की प्रति उपलब्‍ध करायें? यह भी बतायें कि सिहोरा में नवीन आई.टी.आई. कब से आरंभ कर दी जायेगी तथा कौन-कौन से ट्रेड कितनी कितनी सीटों के संचालित किये जावेंगे?

राज्‍यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक कैलाश जोशी ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रस्‍ताव जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। समयावधि बताया जाना संभव नहीं है। संस्‍था की स्‍वीकृति अभी नहीं हुई है। अतएव ट्रेड/सीटों की संख्‍या बताना संभव नहीं है।

परिशिष्ट - ''आठ''

खाद्यान्‍न की कालाबाजारी

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

13. ( क्र. 1212 ) श्री हेमन्‍त सत्‍यदेव कटारे : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या प्रा‍थमिक कृषि सहकारी संस्‍था मर्यादित परा तहसील अटेर जिला भिण्‍ड में कालाबाजारी के संबंध में दिनांक 28.08.2017 को कोई वीडियो वायरल हुआ था? यदि हाँ, तो विवरण दें।                         (ख) वायरल हुये वीडियो की जाँच कलेक्‍टर खाद्य द्वारा किस अधिकारी से करायी गई? जाँच में क्‍या पाया सहित जाँच अधिकारी का नाम पदनाम सहित जानकारी दे? (ग) वायरल वीडियो स्‍वयं साक्ष्‍य होने के बाद भी संस्‍था के सीमित प्रबंधक, विक्रेता तथा संचालक मण्‍डल के विरूद्ध खाद्य अधिनियम की धारा 3/7 के अंतर्गत कार्यवाही आज दिनांक तक लंबित रहने के क्‍या कारण हैं? कार्यवाही कब तक की जायेगी?

खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

पुलिस प्रताड़ना से पुलिसकर्मी द्वारा आत्‍महत्‍या करना

[गृह]

14. ( क्र. 1216 ) श्री हेमन्‍त सत्‍यदेव कटारे : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या पुलिस प्रताड़न एवं वरिष्‍ठ अधिकारी को शिकायत करने पर डांट मिलने से अन्‍तर्मन से दु:खी होकर थाना रोन में पदस्‍थ प्रधान आरक्षक 865 रामकुमार शुक्‍ला द्वारा दिनांक 02.10.2017 को जहरीला पदार्थ खाकर आत्‍महत्‍या कर ली गई थी? यदि हाँ, तो क्‍या घटना के संबंध में मृतक का वरिष्‍ठ अधिकारियों से बातचीत व प्रताड़ना की घटना का विवरण आदि से संबंधित कोई ऑडियो/वीडियो सोशल मीडिया अथवा अन्‍य माध्‍यम से पुलिस को प्राप्‍त हुआ है? यदि हाँ, तो उसका विवरण दें। (ख) क्‍या मृतक पुलिसकर्मी के उपचार के दौरान चिकित्‍सालय में लिये गये मृत्‍यु पूर्व कथन व कोई सुसाईट नोट भी पुलिस को मर्ग जाँच के दौरान प्राप्‍त हुआ? यदि हाँ, तो बताएं तथा उसमें किसे दोषी बताया गया, पूर्ण जानकारी दें? (ग) उक्‍त घटना के संबंध में उप पुलिस महानिरीक्षक चम्‍बल रेंज के निर्देशन में जाँच प्रचलित हैं, जाँच की स्थिति बताएं? यदि जाँच सम्‍पन्‍न हो गई है, तो जाँच प्रतिवेदन उपलब्‍ध कराया जाये? क्‍या घटना के दोषी थाना प्रभारी व पुलिस अधीक्षक भिण्‍ड के विरूद्ध अपराध पंजीबद्ध किया गया? यदि नहीं, तो क्‍यों कब तक किया जायेगा?

गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) थाना रौन में मर्ग क्र. 28/17 धारा 174 जाफौ, दिनांक 02.10.2017 को प्र.आर. 865 रामकुमार शुक्ला थाना रौन द्वारा जहरीला पदार्थ का सेवन कर लेने से उसकी जे..एच. ग्वालियर में उपचार के दौरान मृत्यु हो जाने पर पंजीबद्ध किया गया था। मर्ग की जाँच पुलिस महानिरीक्षक चंबल जोन म.प्र. के आदेश दिनांक 03.10.2017 द्वारा श्री अनुराग सुजानिया (भा.पु.से.) अति. पुलिस अधीक्षक मुरैना को सुपुर्द की गयी है तथा मर्ग जाँच की कार्यवाही का पर्यवेक्षण पुलिस उप महानिरीक्षक चंबल रेंज को सौंपा गया है। घटना से पूर्व प्रधान आरक्षक रामकुमार शुक्ला की अधिकारियों से हुई चर्चा के आडियो/वीडियो सोशल मीडिया के माध्यम से सायबर सेल भिण्ड द्वारा संकलित किये जाकर मर्ग की जाँच में शामिल किये गये है। मर्ग प्रकरण की जाँच जारी है। (ख) प्रधान आरक्षक रामकुमार शुक्ला के चिकित्सालय में उपचार के दौरान नायब तहसीलदार गोहद द्वारा मृत्यु पूर्व कथन लिये गये। पुलिस को मर्ग जाँच के दौरान स्वर्गीय रामकुमार शुक्ला के परिवारजन द्वारा एक पत्र दिया गया जिसे जाँच में शामिल किया गया है। दोष का निर्धारण मर्ग जाँच पूर्ण होने के उपरान्त ही हो सकेगा। (ग) मर्ग की जाँच अभी जारी है। जाँच पूर्ण होने पर जाँच में पाए गए तथ्यों के अनुसार विधि सम्मत कार्यवाही की जाएगी। समय-सीमा बताना सम्भव नहीं।

अवैध रेत का उत्‍खनन

[गृह]

15. ( क्र. 1217 ) श्री हेमन्‍त सत्‍यदेव कटारे : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या अनुविभागीय अधिकारी पुलिस अटेर, जिला भिण्‍ड के विरूद्ध पैसे लेकर प्रतिबंधित चम्‍बल अभ्‍यारण क्षेत्र से अवैध रेत का उत्‍खनन कराने संबंधी कार्यवाही एस.डी.ओ.पी. निवास पर हुई? डीलिंग/बातचीत की वीडियो सीडी सहित प्रमाणित शिकायत क्षेत्रीय विधायक द्वारा की गई है?                               (ख) प्रथम दृष्‍टया संलग्‍न दस्‍तावेजों से शिकायत प्रमाणित होने के फलस्‍वरूप क्‍या दोषी अधिकारी अनुविभागीय अधिकारी पुलिस अटेर के विरूद्ध कार्यवाही कर तत्‍काल हटाया जाकर शिकायत की जाँच किसी वरिष्‍ठ अधिकारी से करायी जावेगी? (ग) यदि हाँ, तो दोषी अधिकारी को कब तक हटाया जायेगा, जाँच के क्‍या निष्‍कर्ष रहे हैं? जाँच अधिकारी के पदनाम सहित प्रकरण में की गई कार्यवाही का पूर्ण विवरण दिया जाये? यदि जाँच सम्‍पन्‍न हो गयी हो, तो जाँच प्रतिवेदन की प्रति उपलब्‍ध करायी जाये?

गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) प्रश्‍नकर्ता, माननीय विधायक द्वारा दिनांक 08/11/2017 को एक आवेदन पत्र पेन ड्राइव के साथ पुलिस अधीक्षक भिण्‍ड को को दिया गया था जिसमें अवैध रेत उत्‍खनन कराने के संबंध में एस.डी.ओ.पी. निवास पर हुई कथित बातचीत का आक्षेप लगाया गया है। (ख) आक्षेपों की जाँच प्रचलन में है। (ग) जाँच अतिरिक्‍त पुलिस अधीक्षक, भिण्‍ड                          श्री राजेन्‍द्र वर्मा द्वारा की जा रही है। जाँच के दौरान दिनांक 02.11.2017 को श्री संदीप शर्मा द्वारा शिकायत संबंधी सी.डी. एवं मोबाईल फोन जप्‍त कराया गया। उक्‍त सी.डी. में रिकार्ड किये गये ऑडियो तथा वीडियो का जाँच कराई जा रही हैं। जाँच जारी है। पूर्ण होने पर जाँच के निष्‍कर्ष से माननीय विधायक को अवगत कराया जा सकेगा।

छिन्‍दवाड़ा जिले में नल-जल योजनाओं की जानकारी

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

16. ( क्र. 1243 ) श्री जतन उईके : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) छिन्‍दवाड़ा जिले में कुल कितनी नल-जल योजना संचालित हैं? उनमें से कितनी     नल-जल योजना किन कारणों से बंद हैं? (ख) क्‍या कार्यपालन मंत्री, अधीक्षण यंत्री लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी विभाग द्वारा 01 जनवरी 2015 के बाद प्रश्‍न दिनांक तक छिन्‍दवाड़ा जिले के बहुत से ग्रामों में बंद एवं नवीन नल-जल योजना के प्रस्‍ताव सहित प्राक्‍कलन जबलपुर स्थित वरिष्‍ठ कार्यालय को भिजवाये थे? (ग) यदि हाँ, तो प्रश्नांश (ख) में वर्णित भेजे गये प्रस्‍ताव के अनुसार छिन्‍दवाड़ा जिले के किन-किन विधान सभा क्षेत्रों के किन-किन ग्रामों में बंद एवं नवीन नल-जल योजनाएं स्‍वीकृत की गई है और किन-किन में नहीं? मापदण्‍ड का आधार बतावें? (घ) शेष बची बंद एवं नवीन नल-जल योजनाएं कब तक चालू करवा दी जायेगी?

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) कुल 986 नल जलप्रदाय योजनाएं। असफल हो जाने के कारण 37, मोटरपंप खराबी के कारण 11, विद्युत अवरोध के कारण 12, पाईप लाईन क्षतिग्रस्त होने से 5 एवं ग्राम पंचायत द्वारा न चलाये जाने से 5 इस प्रकार वर्तमान में कुल 70 योजनाएं बंद हैं। (ख) जी हाँ। (ग) बंद योजनाओं के सभी 126 प्रस्तावों का अनुमोदन तथा 5 नवीन योजनाएं स्वीकृत की गईं, शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) शेष बंद योजनाओं को शासन के निर्देशानुसार ग्राम पंचायत के माध्यम से चालू कराये जाने की कार्यवाही की जा रही है। नवीन नल-जल योजनाओं के कार्य स्वीकृति उपरांत चालू करने की कार्यवाही की जावेगी। निश्चित तिथि बताया जाना संभव नहीं है।

संचालित पशु औषधालय

[पशुपालन]

17. ( क्र. 1244 ) श्री जतन उईके : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                       (क) क्‍या पांढुर्णा विधान सभा क्षेत्रान्‍तर्गत नादनवाड़ी, सिराठा, चागोवा, मोरडोंगरी, बहुचिचोली, सिवनी, राजना, कस्‍बे में संचालित पशु औषधालय का भवन वर्तमान में जर्जर स्थिति में होकर जगह के अभाव में सुविधाविहीन भी है एवं इस कारण चिकित्‍सक स्‍टॉफ सहित पशुओं के उपचार हेतु आने वाले क्षेत्रीय पशुपालकों को भी असुविधाओं का सामना करना पड़ता है? (ख) उक्‍त स्थिति के मद्देनजर क्‍या विभाग द्वारा उक्‍त औषधालय भवन का प्रस्‍ताव/प्राक्‍कलन (लागत) तैयार कर उसे जिला योजना समिति से अनुमोदन कराने उपरांत स्‍वीकृति हेतु शासन को भेजा गया है? (ग) यदि हाँ, तो बतावे कि उक्‍त प्रस्‍ताव/प्राक्‍कलन वर्तमान में स्‍वीकृति हेतु किस स्‍तर पर लंबित है। क्‍या शासन इसे चालू वर्ष के अनुपूरक अथवा आगामी वर्ष के वार्षिक बजट में शामिल कर इन औषधालयों को स्‍वीकृति आदेश शीघ्र जारी करेगा? यदि नहीं, तो क्‍यों?

पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) विधानसभा क्षेत्र पांढुर्णा अंतर्गत पशु औषधालय नादनवाड़ी विभागीय जीर्ण-शीर्ण भवन में पशु चिकित्सालय सिराठा नवीन भवन में, पशु औषधालय चागोवा विभागीय जीर्णशीर्ण भवन में, पशु औषधालय मोरडोंगरी पंचायत के भवन में, पशु औषधालय बहुचिलोली पंचायत के भवन में तथा कृत्रिम गर्भाधान उपकेन्द्र राजना पंचायत के भवन में संचालित है। ग्राम सिवनी में विभागीय संस्था स्थापित नहीं है। संस्थाओं के भवन जीर्णशीर्ण है किन्तु क्षेत्र के समस्त पशुपालकों को विभाग की संस्थाओं द्वारा सभी प्रकार की पशु चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध काई जा रही है। (ख) जी नहीं। (ग) प्रश्न उपस्थि‍त नहीं है।

पेयजल संकट दूर करना

[राजस्व]

18. ( क्र. 1246 ) श्री जतन उईके : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                      (क) छिन्‍दवाड़ा जिले की पांढुर्णा विधान सभा क्षेत्र के मोहखेड़ विकासखण्‍ड पांढुर्णा के अन्‍तर्गत पेयजल परिवहन हेतु ग्राम पंचायतों को निर्देश दिये गये थे, उक्‍त निर्देश के परिपालन में ग्राम पंचायतों द्वारा पेयजल संकट को दूर करने हेतु पेयजल का परिवहन किया गया था? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में किन-किन ग्राम पंचायतों के पेयजल परिवहन व्‍यय की राशि संबंधित ग्राम पंचायत को शासन द्वारा आवंटित नहीं की गई है? जिससे पेयजल परिवहन का व्‍यय भुगतान नहीं किया जा सका? पृथक-पृथक ग्राम पंचायतवार विवरण दें? बकाया भुगतान कब तक कर दिया जायेगा?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। (ख) पांढुर्णा विधानसभा क्षेत्र के मोहखेड़ विकासखण्‍ड के अंतर्गत पेयजल परिवहन के व्‍यय देयकों का भुगतान किया जा चुका हैं। शेष प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता।

नवीन पुलिस चौकी अथवा पुलिस सहायता केंद्र खोले जाना

[गृह]

19. ( क्र. 1319 ) श्री पुष्‍पेन्‍द्र नाथ पाठक : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                   (क) सामान्य एवं विशेष परिस्थितियों में नवीन पुलिस चौकी खोले जाने अथवा स्थानांतरित किए जाने, पुलिस सहायता केंद्र अथवा बीट खोले जाने के संबंध में शासन के क्या नियम-निर्देश हैं?                 (ख) विधानसभा क्षेत्र बिजावर के ग्राम पंचायत झमटुली की जनसंख्या कितनी है? समीपवर्ती चौकी कौन सी है एवं कितने किलो दूरी पर स्थित है? (ग) विधानसभा क्षेत्र बिजावर के ग्राम झमटुली में पुलिस चौकी खोले जाने हेतु प्रश्नकर्ता ने पत्राचार किया था? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की गई?                  (घ) प्रश्नांश (ग) के अनुक्रम में क्या नवीन पुलिस चौकी खुल सकती है? यदि हाँ, तो कब तक, यदि नहीं, तो क्या पुलिस सहायता केंद्र खोलने हेतु विचार किया जायेगा?

गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- '' एवं '' अनुसार। पुलिस सहायता केन्द्र खोले जाने हेतु कोई नियम निर्धारित नहीं है। (ख) ग्राम पंचायत झमटुली की जनसंख्या 5000 है। समीपवर्ती चौकी सीलोन है, जिसकी दूरी लगभग 18 कि.मी. है। (ग) जी हाँ। प्रस्ताव, निर्धारित मापदण्ड के अनुरूप नहीं पाए जाने से अमान्य किया गया।                         (घ) उत्तरांश '' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।

दर्ज अपराधों में माल बरामदगी एवं आरोपियों की गिरफ्तारी

[गृह]

20. ( क्र. 1365 ) श्रीमती ममता मीना : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                        (क) जिला गुना के पुलिस थाना फतेहगढ़ में दर्ज अपराध क्रमांक 58/15 एवं अपराध क्रमांक 225/15, सिटी कोतवाली, गुना में दर्ज अपराध क्रमांक 312/15 एवं जिला सागर के थाना खुरई में अपराध क्रमांक 400/15 पर दर्ज अपराधों में कितना माल-मशरूका चोरी गया एवं कितना माल बरामद हुआ, शेष माल बरामद क्यों नहीं हुआ? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित अपराधों में गिरफ्तार व फरार आरोपियों के नाम क्या है? गिरफ्तार आरोपियों की जमानत कब हुई? फरार आरोपी कब तक गिरफ्तार किये जाएंगे? (ग) प्रश्नांश (क) में वर्णित अपराधों के आरोपियों का पुलिस रिमांड कब कितने दिन का लिया गया? यदि नहीं, लिया तो क्यों? शेष माल की बरामदगी कब तक की जाएगी? (घ) प्रश्नांश (क) में वर्णित अपराधों का पता लगाने के लिये सायबर सेल द्वारा आरोपियों की मोबाइल की कॉल डिटेल रिकॉर्ड में किन पुलिस अधिकारियों की आरोपियों से बात हुई, उनके नाम बतायें?

गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार।                      (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट में समाहित है। फरार आरोपी की गिरफ्तारी की समय-सीमा बताना संभव नहीं। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट में समाहित। (घ) गिरफ्तार किये गये आरोपियों से मोबाईल जप्त नहीं हुआ है एवं न ही विवेचना में कॉल डिटेल का उपयोग किया गया है। अतः पुलिस अधिकारियों से बातचीत होने की जानकारी निरंक है।

साईबर सेल में चोरी

[गृह]

21. ( क्र. 1366 ) श्रीमती ममता मीना : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                   (क) गुना जिला पुलिस अधीक्षक कार्यालय के साईबर सेल से अपराधियों की कॉल डिटेल रिकार्ड के लेपटॉप व एनालाईजर मोबाईल कैसे व क्यों चोरी हुआ? इस संबंध में थाना केंट में दर्ज अपराध क्रमांक 632/15 में आरोपी को गिरफ्तार करने के बाद उससे लेपटॉप की हार्ड डिस्क एवं कॉल डिटेल रिकार्ड गायब करने के संबंध में पूछताछ क्यों नहीं की गई? (ख) क्या सायबर एक्सपर्ट की मदद से हार्ड डिस्क और कॉल डिटेल रिकार्ड का बेकअप लेकर सी.डी.आर. में दर्ज विवरण के आधार पर दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की जाएगी, की जावेगी तो कब तक, यदि नहीं, की जाएगी तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) में वर्णित अपराध का पता लगाने के लिये आरोपियों के मोबाईल की सी.डी.आर. में आरोपियों की जिन पुलिस अधिकारियों से बात हुई, उनके नाम बताएं?

गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) दिनांक 30.11.15 की रात्रि जिला गुना के पुलिस साईबर सेल के कक्ष के पीछे की खिड़की की ग्रिल तोड़कर चोरी हुई थी, जिस पर थाना केंट जिला गुना में अपराध क्रमांक 632/15 धारा 457,380 भा.द.वि. पंजीबद्ध किया गया है। प्रकरण की विवेचना में आरोपी गुलशन पुत्र पांचेलाल पारदी को गिरफ्तार कर आरोपी से पूछताछ कर लैपटॉप,चार्जर एवं मोबाईल जप्त किये गये। (ख) लैपटॉप की हार्डडिस्क गायब होना नहीं पाया गया। लैपटॉप के डाटा का बैकअप साईबर सेल के मुख्य कम्प्यूटर पर उपलब्ध था। साईबर एक्सपर्ट की मदद की आवश्यकता नहीं है। दोषी के विरूद्ध वैधानिक कार्यवाही की गई है। (ग) आरोपी के पास उसका कोई मोबाईल जप्त न होने से प्रश्न उपस्थित नहीं होता।

जनपद पंचायत पनागर में भवन संनिर्माण कार्ड के नवीनीकरण

[श्रम]

22. ( क्र. 1415 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विषयांकित स्‍थान पर योजना प्रारंभ से अद्यतन कितने हितग्राहियों के संनिर्माण कार्डों का नवीनीकरण किया गया है? ग्राम पंचायतवार संख्यात्मक जानकारी देवें? (ख) कितने प्रकरणों में नवीनीकरण नहीं किया गया है? कारण सहित जानकारी दें? (ग) नवीनीकरण न करने के लिये कौन दोषी है? क्या दोषी के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी? (घ) प्रश्नांश (ख) के अंतर्गत कब तक नवीनीकरण किया जायेगा?

खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल के अंतर्गत जनपद पंचायत पनागर क्षेत्रान्तंर्गत 2751 हितग्राहियों के निर्माण श्रमिक कार्डों का नवीनीकरण किया गया हैं। ग्राम पंचायतवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) पंजीकृत निर्माण श्रमिक द्वारा आवेदन करने पर पात्रता जाँच उपरांत नवीनीकरण की कार्यवाही की जाती है। अपूर्ण/त्रुटिपूर्ण आवेदनों पर कमी पूर्ति नहीं होने की स्थिति में नवीनीकरण नहीं किया जाता है।     (ग) एवं (घ) प्रश्नांश (ख) के उत्‍तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न‍ उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट - ''नौ''

चेक पोस्‍ट पर पदस्‍थ अधिकारीयों एवं कर्मचारियों की पदस्‍थापना

[परिवहन]

23. ( क्र. 1447 ) श्री जितेन्‍द्र गेहलोत : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                               (क) प्रदेश में शासन ने परिवहन विभाग के सभी चेक पोस्‍ट बंद करने का निर्णय लिया है? यदि हाँ, तो कब से एवं किस कारण? (ख) कितने एवं कौन-कौन से परिवहन चेक पोस्‍ट बंद किये गये? इन चेक पोस्‍ट के कर्मचारी, अधिकारि‍यों को कहाँ-कहाँ पदस्‍थ किया गया एवं कौन-कौन से चेक पोस्‍ट प्रारंभ हैं। (ग) क्‍या चेक पोस्‍ट बंद होने से परिवहन विभाग का अमला असमंजस में है? उन्‍हें अन्‍य किसी विभाग में समायोजित (मर्ज) किया जायेगा या अन्‍य जाँच कार्य में लगाया जायेगा?

गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी नहीं। विभाग द्वारा केवल कम्प्यूटरीकृत बॉर्डर चैक पोस्ट जो एम.पी.आर.डी.सी के माध्यम से कम्प्यूटरीकृत रूप से संचालित हैं उनके अलावा, प्रदेश की सीमा में स्थित विभाग की समस्त जाँच चौकियों को प्रशासनिक कारणों से दिनांक 12 सितम्बर 2017 द्वारा बंद करने का निर्णय लिया गया हैं। (ख) प्रश्‍नांश '''' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में विभाग द्वारा बंद की गई 21 परिवहन जांच चौकियों की सूची संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। विभाग द्वारा बंद की गई परिवहन जाँच चौकियों पर पदस्थ कर्मचारियों/अधिकारियों को प्राथमिक तौर पर परिवहन आयुक्त कार्यालय ग्वालियर में पदस्थ किया गया। केवल 19 कम्प्यूटरीकृत बॉर्डर चैक पोस्ट जो एम.पी.आर.डी.सी. के माध्यम से संचालित हैं, वे ही एकीकृत परिवहन जाँच चौकियाँ ही वर्तमान में प्रारम्भ है। जिसकी सूची संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ग) जी नहीं। विभाग में मोटरयान अधिनियम में विहित प्रावधानों का पालन कराये जाने हेतु एवं अन्य पर्यवेक्षण (जाँच) हेतु प्रर्वतन अमले की आवश्यकता को दृष्टिगत रखते हुए प्रवर्तन अमले को क्षेत्रीय/अति.क्षेत्रीय/जिला परिवहन कार्यालय एवं एकीकृत परिवहन जाँच चौकियों व संभागीय परिवहन सुरक्षा स्क्वाड पर बल की आवश्यकता/कमी को देखते हुये तैनाती की जाती है, अन्य किसी विभाग में समायोजित (मर्ज) करने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - ''दस''

शासकीय भूमि को अतिक्रमण से मुक्त कराना

[राजस्व]

24. ( क्र. 1470 ) श्री हितेन्द्र सिंह ध्‍यान सिंह सोलंकी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खरगोन जिले की कसरावद तहसील के पटवारी हल्का नम्बर 2 की भूमि सर्वे नम्बर 476521 पर अतिक्रमण की सूचना दिनांक 01 मार्च, 2014 से प्रश्न दिनांक तक तहसील कार्यालय कसरावद एवम जिला प्रशासन को शिकायत की गई, उसकी तिथिवार संपूर्ण कार्यवाही की जानकारी देवें? (ख) प्रश्नांश (क) के सम्बन्ध में शिकायतवार यह भी बतावें की कौन सी शिकायत पर किस अवधि में क्या कार्यवाही करने की जवाबदेही किस अधिकारी/कर्मचारी की थी और वह जवाबदेही पूरी नहीं करने पर वरिष्ठ अधिकारियों ने कोई अनुशासनात्मक कार्यवाही क्यों प्रारंभ नहीं की? (ग) प्रश्नांश (क) एवम (ख) के सम्बन्ध में यह भी बतावें की जनहित याचिका की सुनवाई करते हाईकोर्ट इंदौर ने 2016 में उक्त शासकीय भूमि को अतिक्रमण मुक्त करने के आदेश दिए थे। हाईकोर्ट के आदेश के पालन में प्रशासन के कृत कार्यवाही की दिनांकवार जानकारी देवें? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) के सम्बन्ध में यह भी बतावें का क्या अतिक्रमण हटाने की कोई लिखित प्रतिवेदन किसी अधिकारी या कर्मचारी ने दिया है? क्या उक्त सर्वे नंबर वर्तमान में अतिक्रमण में है? अतिक्रमण की अनेकों शिकायतों के बाद भी अतिक्रमण मुक्त न करने पर अधिकारी/कर्मचारी पर क्या कार्यवाही की जावेगी? समय-सीमा बताई जावे।

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) एवं (ख) दिनांक 1 मार्च 2014 से प्रश्न दिनांक तक कुल 2 शिकायतें सरपंच चिचली द्वारा अनुविभागीय अधिकारी एवं जिला कार्यालय में प्रस्तुत की गई प्रथम शिकायत सरपंच चिचली द्वारा दिनांक 16.02.15 को तहसील कार्यालय में द्वितीय शिकायत कलेक्टर कार्यालय में दिनांक 21.05.16 को की गई थी। प्रथम शिकायत अनुविभागीय अधिकारी कसरावद के समक्ष दिनांक 16.02.15 को प्रस्तुत हुई जिसे अनुविभागीय अधिकारी कार्यालय के जावक क्रमांक 92/12.05.15 द्वारा आवश्यक कार्यवाही हेतु तहसीलदार कसरावद को प्रेषित किया गया, जिस पर तत्कालीन तहसीलदार को कार्यवाही करना थी। द्वितीय शिकायत 21.05.16 प्राप्त होने पर कलेक्टर के पत्र क्रमांक 1532/वाचक-1/2016 दिनांक 21.06.16 से तहसीलदार कसरावद से स्पष्ट जाँच प्रतिवेदन चाहा गया तहसीलदार कसरावद द्वारा पत्र क्रमांक 1581/री-1/16 दिनांक 01.07.16 से स्पष्ट जाँच प्रतिवेदन मय रा.प्र.क्र. 25/अ-68/13-14 प्रेषित किया गया। माननीय उच्च न्यायालय में रिट पिटीशन 1654/16 विचाराधीन होने के कारण अधीनस्थ तहसीलदार न्यायालय द्वारा कार्यवाही संभव नहीं होने से किसी पर अनुशासनात्मक कार्यवाही प्रारंभ करने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) दिनांक 01.06.16 को आवेदक द्वारा माननीय उच्च न्यायालय के रिट पिटीशन में पारित आदेश दिनांक 11.04.16 के पालन में निराकरण हेतु कलेक्टर न्यायालय में आवेदन प्रस्तुत किया गया जिसे संज्ञान में लेकर दिनांक 09.12.16 को आदेश पारित कर अप्राधिकृत कब्जा हटाने हेतु निर्देशित किया गया जिसके पालन में दिनांक 23.11.17 को मौके पर कब्जा हटा दिया गया है। (घ) जी हाँ। दिनांक 23.11.17 को खसरा नंबर 521 से अतिक्रमण हटाने एवं खसरा नंबर 476 पर किसी का अतिक्रमण नहीं होने का लिखित प्रतिवेदन राजस्व निरीक्षक तथा पटवारी द्वारा प्रस्तुत की गई है। अतः किसी अधिकारी/कर्मचारी पर कार्यवाही का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

चैक पोस्ट/टोल नाकाओं पर नशे की हालत में वाहन चलाए जाना

[गृह]

25. ( क्र. 1484 ) श्री हरवंश राठौर : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. मोटरयान परिवहनयानों पर शासन अधिनियम में निहित प्रावधानों के अंतर्गत बस/ट्रक ड्राइवरों द्वारा नशे की हालत में मोटरयान संचालन के समय परिवहन चेक पोस्ट/टोल नाका/रास्ता में वाहनों को रोककर वाहन चालकों की अल्कोहल ब्रीफ एनलाईजर मशीन से जाँच कराई जाती रही है एवं क्या प्रावधान है। (ख) क्या उक्त व्यवस्था वर्तमान में बंद कर दी गई है, जिसके कारण ड्राइवरों द्वारा नशे की हालत में वाहन चलाने से आए दिन दुर्घटना होती रहती हैं? (ग) विगत दो वर्षों में सागर जिलान्‍तर्गत ऐसे कितने वाहनों की टोल/चेक पोस्ट/टोल नाका एवं रास्ते में वाहनों को रोककर वाहन एवं वाहन चालकों की जाँच उपरांत दोषी वाहन चालकों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई है?

गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। संबंधित प्रावधान/जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। (ग) विगत दो वर्षों में सागर जिला अंतर्गत वाहनों को रोककर एवं वाहन चालकों की जाँच उपरान्‍त शराब पीकर वाहन चलाने वाले दोषी 955 वाहन चालकों के विरूद्ध मोटरयान धारा 185 के तहत चालानी कार्यवाही कर प्रकरण माननीय न्‍यायालय में प्रस्‍तुत किये गये है।

परिशिष्ट - ''ग्यारह''

थाना कोलगवां क्षेत्र में अवैध गांजा एवं शराब बिक्री

[गृह]

26. ( क्र. 1574 ) श्री शंकर लाल तिवारी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                         (क) सतना जिले में कोलगवां थाना अंतर्गत 01 मई, 2017 से आज दिनांक तक चोरी के कितने प्रकरण दर्ज किये गये हैं? कितने चोर पकड़े गये हैं? किन-किन प्रकरणों में चोरी का माल बरामद किया गया हैं? (ख) कोलगवां थाना क्षेत्र में किन-किन मजरा/टोला/वार्ड में अवैध गांजा एवं अवैध शराब बेचने के प्रकरण दर्ज किये गये हैं? कितना गांजा और शराब जप्‍त किया गया हैं? दोषियों के विरूद्ध अब तक क्‍या कार्यवाही की गई? (ग) क्‍या कोलगवां थाना अंतर्गत चोरी/अवैध गांजा एवं अवैध शराब की बिक्री रोक पाने में शासन अक्षम साबित हो रहा हैं? थाना प्रभारी के विरूद्ध कब तक कार्यवाही की जाएगी?

गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - ''बारह''

टेंडर स्‍वीकृति की जानकारी

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

27. ( क्र. 1736 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) ता.प्र.क्र. 2980, दिनांक 26.07.2017 को (घ) उत्‍तर में बताया गया कि 06 टेंडर स्‍वीकृत होकर कार्यादेश जारी हो चुके हैं, इन कार्यों की अद्यतन स्थिति बतावें? (ख) ये कार्य कब तक पूर्ण होंगे? इनकी कार्य पूर्णता दिनांक भी बतावें? (ग) क्‍या कारण है कि ये कार्य समय से विलंब से चल रहे हैं? इसके दोषियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) 31 दिसंबर 2017 तक पूर्ण किये जाने के प्रयास किये जा रहे हैं। (ग) क्रियान्वयन के दौरान वर्षा ऋतु, पाईप प्रदाय में देरी, थर्ड पार्टी निरीक्षण में विलम्ब, सीमेन्ट कांक्रीट रोड से पाईप लाईन क्रासिंग,निर्धारित मेक का ट्रांसफार्मर बाजार में उपलब्ध न होना, विद्युत कनेक्शन में विलम्ब, आदि अपरिहार्य कारणों से कार्य पूर्णता में विलम्ब हुआ है। अनुबंध के प्रावधान के अनुसार दोषी पाये जाने पर संबंधित के विरूद्ध अनुबंध की शर्तों के अधीन कार्यवाही की जा सकेगी। निश्चित समयावधि नहीं बताई जा सकती है।

परिशिष्ट - ''तेरह''

खसरा/नक्‍शा ऑनलाईन किये जाने में आ रही त्रुटि

[राजस्व]

28. ( क्र. 1747 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या खसरा नक्‍शा ऑनलाईन किये जाने हेतु पूर्व से प्रचलित एन.आई.सी. का सॉफ्टवेयर त्रुटिपूर्ण था? यदि नहीं, तो नया सॉफ्टवेयर हेतु प्राइवेट कंपनी को कार्य दिये जाने का क्‍या कारण हैं? (ख) म.प्र. में कृषि नक्‍शों को ऑनलाईन किये जाने का कार्य किस कंपनी को कितनी अवधि के लिये किस दर से दिया गया है? (ग) संबंधित कंपनी को खसरा नक्‍शा ऑनलाईन दर्ज किये जाने का भुगतान किये जाने से पूर्व कार्य का सत्‍यापन किस अधिकारी से कराया जाता है? (घ) वर्तमान में कंपनी द्वारा नक्‍शों को ऑनलाईन किये जाने के बाद भी उसमें त्रुटियों आ रही है, जिससे कृषकों को के.सी.सी. फसल बीमा खाद्य क्रय व अन्‍य योजनाओं का लाभ प्राप्‍त नहीं हो पा रहा है, उसके लिये कौन जवाबदार है? संबंधित जवाबदार पर क्‍या कार्यवाही की जावेगी?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी नहीं। एन.आई.सी. सॉफ्टवेयर क्लाइंट/सर्वर तकनीक पर आधारित है, जबकि नया सॉफ्टवेयर सेन्ट्रलाइज़ आर्किटेक्चर पर आधारित हो कर वेब बेस्ड है। (ख) कृषि नक्शों को ऑनलाइन करने का कार्य M/s Bhopal E-Governance Ltd. को 5 वर्ष के लिए पी.पी.पी. मॉडल आधार पर दिया गया है। (ग) कम्पनी को अभी तक कोई भुगतान नहीं किया गया है, अत: प्रश्न उद्भू‍त नहीं होता है। (घ) जी नहीं। अत: शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है।

विधानसभा क्षेत्र पनागर के बरेला में आई. टी. आई. खोलना

[तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास]

29. ( क्र. 1822 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या राज्‍यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग की नीति प्रत्येक विकासखंड में एक आई. टी. आई. खोलने की है? (ख) क्या छात्र-छात्राओं की परेशानी एवं बरेला से शासकीय आई. टी. आई. जबलपुर की 25 कि.मी. दूरी को ध्यान में रखते हुये बरेला में आई. टी. आई. खोलने की योजना है? (ग) क्या आई. टी. आई. खोलने से प्रशिक्षण के माध्यम से रोजगार सुविधा उपलब्ध हो जायेगी? (घ) यदि यो‍जना नहीं है तो कारण बतावें?

राज्‍यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक कैलाश जोशी ) : (क) जी हाँ। (ख) से (घ) बरेला, विकासखण्‍ड पनागर के अंतर्गत आता है। पनागर विकासखण्ड में 02 शासकीय आई.टी.आई. क्रमश: मॉडल आई.टी.आई. जबलपुर एवं महिला आई.टी.आई. जबलपुर तथा 33 प्रायवेट आई.टी.आई. संचाललित है। अतएत बेरला में एक और शासकीय आई.टी.आई. खोलना नीति अनुसार नहीं होने के कारण संभव नहीं है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

भवन संनिर्माण योजनांतर्गत विवाह सहायता राशि न मिलना

[श्रम]

30. ( क्र. 1826 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनपद पंचायत पनागर में भवन संनिर्माण योजनांतर्गत प्रश्‍न दिनांक तक विवाह सहायता राशि के भुगतान हेतु कितने प्रकरण लंबित हैं? विलंब के कारण सहित बकाया राशि की दिनांकवार जानकारी देवें. (ख) प्रश्नांश (क) के अंतर्गत कब तक विवाह सहायता राशि का भुगतान किया जायेगा? (ग) क्या दुर्गा राजपूत ग्राम निरंदपुर, विवाह दिनांक 22-06-2017, घसीटा भूमिया ग्राम कसही, आवेदन दिनांक 25-04-2017 एवं अन्य-150 श्रमिक कार्डधारियों को भुगतान न होने से शासन की छवि धूमिल हुई है? (घ) प्रश्‍नांश (ग) के अंतर्गत कौन दोषी है? क्या दोषी के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब?

खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) म. प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल के अंतर्गत जनपद पंचायत पनागर में प्रश्न दिनांक तक विवाह सहायता राशि के भुगतान हेतु 38 प्रकरण लंबित थे जिसका निराकरण किया जा चुका है। वर्तमान में कोई प्रकरण लंबित नहीं है। अत: प्रश्नांश की शेष जानकारी का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जनपद पंचायत पनागर द्वारा श्री दुर्गा राजपूत, पिता श्री सत्ती सिंह राजपूत को विवाह सहायता के अंतर्गत दिनांक 23.10.2017 को राशि 25,000/- का भुगतान किया गया है। एवं श्री घसीटा भूरिया ग्राम कसही का आवेदन अपूर्ण होने के कारण निरस्त किया गया। अत: प्रश्नांश की शेष जानकारी का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।  (घ) प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।

बाढ़ से हुयी क्षति के लंबित भुगतान के निराकरण

[राजस्व]

31. ( क्र. 1844 ) श्री दिव्‍यराज सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                 (क) क्या कारण है कि जिला रीवा के विकासखण्ड जवा की ग्राम पंचायत नीवा में पिछले वर्ष आयी बाढ़ से हुयी क्षति के मुआवजे का भुगतान अभी तक नहीं किया जा सका? (ख) क्या उक्त भुगतान के लंबित रखने में दोषी अधिकारी, कर्मचारियों के विरुद्ध विभाग द्वारा कार्यवाही की जावेगी? उक्त लंबित भुगतान कब तक किया जा सकेगा?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) वर्ष 2016 ग्राम नीवा तहसील जवा में आई बाढ़ से कुल 2388076/- रूपए आर्थिक अनुदान स्‍वीकृत कर आर.टी.जी.एस. माध्‍यम से 1475384/- रूपए का भुगतान किया गया था, किन्‍तु 912692/- रूपए राशि के प्रभावित व्‍यक्तियों द्वारा खाता नम्‍बर नहीं दिए जाने से भुगतान अभी तक नहीं हुआ हैं। कार्यवाही प्रचलित हैं। (ख) म.प्र. शासन के तात्‍कालिक दिशा निर्देश अनुसार ट्रेजरी बिल में खाता नम्‍बर न होने से भुगतान लंबित था। खाता नम्‍बर एकत्रित किए जाकर भुगतान की कार्यवाही प्रचलित हैं। शेष प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता।

आदिवासी बस्ती में निवासरत हरिजन आदिवासी परिवारों को आवासीय पट्टा का वितरण

[राजस्व]

32. ( क्र. 1845 ) श्री दिव्‍यराज सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                            (क) जिला रीवा के विकासखण्ड जवा अंतर्गत ग्राम पंचायत उपरवार के ग्राम गुढ़पटैती एवं ग्राम पंचायत छतैनी के टोला पोंगल्ला आदिवासी बस्ती में निवासरत कितने अनु.जाति, आदिवासी परिवारों को आवासीय पट्टा वितरित किया जा चुका है? कितने परिवार आवासीय पट्टा प्राप्त करने से वंचित रह गये हैं? (ख) ऐसे वंचित परिवारों को आवासीय पट्टा कब तक उपलब्ध कराया जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जिला रीवा के विकासखण्ड जवा अंतर्गत ग्राम पंचायत उपरवार के ग्राम गुढ़पटैती में कुल 43 अनुसूचित जाति आदिवासी परिवार म.प्र. शासन की भूमि आ.नं. 112 रकवा 37.55 एकड़ पर विगत कई वर्षों से निवासरत है। ग्राम गुढ़पटैती में आबादी भूमि आरक्षित न होने के कारण आवासीय पट्टा प्रदान नहीं किया गया है। ग्राम पंचायत छतैनी के टोला पोंगल्ला (ग्राम लोनी) आदिवासी बस्ती में वर्ष 2011-12 में 08 अनु. जाति वर्ग के व्यक्तियों को पट्टा वितरित किया गया है तथा आ.नं. 19/7 रकवा 0.619 हे. पर 14 अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति परिवार के व्यक्तियों को आबादी भूमि आरक्षित न होने से आवासीय पट्टा प्राप्त करने से वंचित है। (ख) उक्त शासकीय भूमियों को नियमानुसार आबादी घोषित कर पात्रता होने पर पट्टे दिये जायेंगे। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

खाद्यान्न वितरण व्यवस्था में हो रहे भ्रष्टाचार की जाँच

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

33. ( क्र. 1849 ) श्री दिव्‍यराज सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                           (क) जिला रीवा के विकासखण्ड सिरमौर की ग्राम पंचायत उमरी में गरीब आदिवासी बस्तियों में सुचारु रुप से खाद्यान्न वितरण नहीं हो पा रहा तथा कई हितग्राहियों के नाम पात्रता सूची से काट दिये जाते हैं, उक्त योजना के क्रियान्वयन में खाद्यान्न वितरण केन्द्रों में नियुक्त विक्रय प्रतिनिधियों के द्वारा भी अनियमितताएं की जा रही हैं। क्या उक्त विसंगतियों की निष्पक्ष जाँच कराई जावेगी? (ख) क्या उक्त भ्रष्टाचार में लिप्त विक्रय प्रतिनिधियों एवं कर्मचारियों पर दण्डात्मक कार्यवाही की जावेगी अथवा नहीं यदि हाँ, तो समय-सीमा बतावें।

खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

नल-जल योजना के संधारण हेतु स्वीकृत राशि का समय पर उपयोग न होना

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

34. ( क्र. 1855 ) श्रीमती झूमा सोलंकी : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) भीकनगाँव विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत वित्तीय वर्ष 2017-18 में कितनी नल-जल योजना संधारण हेतु स्वीकृति प्राप्त हुई है। ग्रामवार, लागत राशि, स्वीकृत दिनांक सहित जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) समस्त स्वीकृत योजनाओं की वर्तमान भौतिक स्थिति क्या है? क्या सभी संधारण कार्य पूर्ण हो चुका हैं? नहीं तो क्या कारण हैं? (ग) ग्रीष्मकालीन में संधारण न होने से जो ग्रामीणों को पेयजल उपलब्ध न होने से असुविधा हुई, इसके लिये कौन जिम्मेदार हैं? क्या इन्हें शीघ्र पूर्ण कराने हेतु कोई समीक्षा की गई थी? हाँ तो विवरण उपलब्ध करावें? नहीं तो क्यों?

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) 18 योजनाओं हेतु। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) 18 नल-जल योजनाओं में से 17 योजनाएं पूर्ण एवं 01 योजना प्रगतिरत है, जिसकी क्रियान्वयन एजेंसी ग्राम पंचायत है। असफल स्त्रोत को छोड़कर अन्य कारणों से बंद योजनाओं को चालू रखने का दायित्व संबंधित ग्राम पंचायतों का है। (ग) जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।

भीकनगाँव विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत आदिवासी परिवारों को खाद्यान्‍न पर्ची उपलब्ध कराना

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

35. ( क्र. 1856 ) श्रीमती झूमा सोलंकी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                     (क) भीकनगाँव विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत कुल कितने आदिवासी परिवार हैं वर्तमान में कितने परिवार को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के अन्तर्गत खाद्यान्न पात्रता पर्ची वितरित की गई तथा कितने शेष हैं तथा शेष परिवार रहने का क्या कारण हैं? इसके लिये कौन दोषी है? क्या दोषियों के विरूद्ध कोई कार्यवाही प्रस्तावित की गई है? (ख) क्‍या भीकनगाँव विधानससभा क्षेत्रान्तर्गत ग्राम पंचायत कांझर अंतर्गत ग्राम नागझिरी एवं ग्राम पंचायत नुरियाखेड़ी अन्तर्गत ग्राम मेहत्‍याखेड़ी में कुल कितने आदिवासी परिवार हैं तथा कितने परिवारों को खाद्यान्न पर्ची वितरण की गई तथा कितने परिवार शेष हैं? इसका शेष रहने का क्या कारण हैं तथा इन्हें कब तक खाद्यान्न पर्ची उपलब्ध कराई जाएगी?

खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) विधानसभा क्षेत्र भीकनगाँव में 60,413 अनुसूचित जनजाति के परिवार है। खरगोन जिले में राष्‍ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के तहत 3,31,645 परिवारों के (16,59,571 हितग्राहियों) को लाभांवित किया जा रहा है, जिसमें भीकनगाँव विधानसभा क्षेत्र के 63,606 पात्र परिवार (हितग्राहियों 3,51,034) सम्मिलित है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत भारत सरकार द्वारा राज्‍य के लिए हितग्राहियों की अधिकतम सीमा निर्धारित है। इस सीमा से अधिक हितग्राहियों को लाभांवित करने का प्रावधान अधिनियम की धारा-3 के अंतर्गत न होने के कारण शेष आवेदकों को सम्मिलित नहीं किया गया है। वर्तमान में सम्मिलित पात्र परिवारों में से हितग्राही की मृत्‍यु होने, विवाह होने से, अन्‍य स्‍थान पर निवास करने एवं पात्रता श्रेणी में न रहने के कारण हितग्रा‍ही की पात्रता में परिवर्तन होना एक निरंतर प्रक्रिया है। तदनुसार नवीन पात्रता पर्ची निर्धारित सीमा में जारी की जा रही है। जिले में 01 मई, 2017 की स्थिति में सदस्‍यों की संख्‍या के विरूद्ध विलोपन योग्‍य सदस्‍यों को पोर्टल पर विलोपित किया जाकर, उतनी ही संख्या में संबंधित जिले के नवीन सत्यापित सदस्‍यों को सम्मिलित किया जा रहा है। जुड़ने वाले नवीन परिवारों में बीपीएल एवं अनुसूचित जाति/जनजाति श्रेणी को प्राथमिकता दी जा रही है। वर्ष 2017-18 में खरगोन जिले में 180 परिवारों के 491 हितग्राहियों के लिए नवीन पात्रता पर्ची जारी की गई है। (ख) भीकनगाँव विधानसभा क्षेत्र के ग्राम नागझिरी के सभी 150 आदिवासी परिवारों को पात्रता पर्ची जारी की गई है। ग्राम मेहत्‍याखेड़ी के 166 परिवारों में से 160 परिवारों को पात्रता पर्ची जारी की गई है। शेष 6 आवेदकों को सम्मिलित नहीं करने का कारण प्रश्नांश (क) के उत्‍तर अनुसार है।

नामांतरण आदेशों का परिपालन न होने पर कार्यवाही

[राजस्व]

36. ( क्र. 1895 ) श्री मोती कश्यप : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                             (क) क्या किसी तहसीलदार (नजूल) गोहलपुर जबलपुर ने रा.प्र.क्र./817/अ-6/2015-16 में किसी दस्‍तावेज के आधार पर श्यामलाल बर्मन/अठईलाल बर्मन की किसी भूमि के संबंध में दिनांक                 16-5-2016 की तथा रा.प्र.क्र. 80/अ-6/2015-16 के किसी दस्तावेजों के आधार पर किसी स्थान की केशवप्रसाद पटेल की किसी भूमि के संबंध में दिनांक 20-11-2015 में कोई आदेश पारित कर किन्हीं को कोई कार्यवाही करना निर्देशित किया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) के आदेश दिनांकों से दिनांक 31-10-2017 के मध्य बीती किसी अवधि में आदेशों के परिपालन न होने से क्या यह सिद्ध नहीं है कि तहसीलदार, राजस्व निरीक्षक व पटवारी का आचरण भ्रष्ट और अनियमित है? (ग) क्या विभाग जिला जबलपुर की तहसीलों में आदेशित एवं लम्बित नामांतरण प्रकरणों की जाँच करायेगा और दोषी अधिकारी व कर्मचारियों के विरूद्ध कार्यवाही करेगा?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) तहसीलदार (नजूल) गोहलपुर जबलपुर के राजस्‍व प्रकरण क्र. 817/अ-6/2015-16 आदेश पारित दिनांक 16.05.2016 के अनुसार राजस्‍व रिकार्ड अद्तन किया जा चुका है तथा क्र. 80/अ-6/2015-16 दर्ज हुआ है। प्रकरण उपलब्‍ध नहीं हो रहा है इस हेतु अनुविभागीय अधिकारी गोहलपुर से जाँच कराई जा रही है। (ख) उत्‍तरांश (क) में उल्‍लेखित जाँच प्रतिवेदन प्राप्‍त होने पर नियमानुसार आवश्‍यक कार्यवाही की जावेगी। (ग) उत्‍तरांश (ख) के प्रकाश में प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता।

बिना पक्ष सुने अभिलेख से नाम हटाने की जाँच

[राजस्व]

37. ( क्र. 1900 ) श्री मोती कश्यप : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                              (क) क्या जिला/तहसील जबलपुर के रा.नि.मं. जबलपुर-1, प.ह.नं. 1 आधारताल के ग्राम माढ़ोताल के फार्म पी-।। खसरा में वर्ष 2015-16 में ख.नं. 121/2, रकवा 0.810 हे. भूमि राजेन्द्र तिवारी तथा वर्ष 2017-18 में ख.नं. 108/1, रकवा 0.263 हे. भूमि सतीश व सुधीर टंडन के नाम दर्ज है? (ख) क्या प्रश्नांश (क) खसरों में तहसीलदार नजूल गोहलपुर के दिनांक 1-6-11, 18-10-11, 13-12-15 व                         16-12-16 के विभिन्न राजस्व व नामांतरण (वसीयत) प्रकरणों में से किस में किनके संबंध में किन प्रकार के आदेश दिये गये हैं? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) के किसी के किन्हीं आदेशों द्वारा बिना दस्तावेज मांगे व पक्ष सुने किस आधार पर प्रश्नांश (क) के राजेन्द्र तिवारी का नाम अभिलेखों से हटाकर अन्यों का दर्ज कर दिया गया है? (घ) क्या प्रश्नांश (क) राजस्व निरीक्षक ने अपील प्रकरण/014/6/16-17 में किन्हीं खसरों व रकवों के संबंध में किन्हीं वसीयत व सहमति शपथ पत्र दिनांक 20-6-2016 का उल्लेख कर अ.वि.अ. गोहलपुर ने कोई अभिमत दिया है? (ड.) क्या. प्रश्नांश (क) से (ग) के तथ्यों की जाँच कर प्रभावित को न्याय प्रदान किया जायेगा और दो‍षि‍यों पर कार्यवाही की जावेगी?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जिला जबलपुर तहसील जबलपुर ग्राम माढ़ोताल नं.बं. 660 प.ह.नं. 25/31‍ स्थित भूमि खसरा नंबर 121/2 रकवा 0.810 हे. पर राजेन्‍द्र तिवारी का नाम वर्ष 2015-16 के खसरे में दर्ज नहीं है। तथा वर्ष 2017-18 में ग्राम माढ़ोताल के खसरा नंबर 108/1 रकवा 0.263 हे. सतीश व सुधीर टंडन के नाम पर दर्ज है। (ख) प्रश्नांश (ख) में उल्‍लेखित दिनांकों का ग्राम माढ़ोताल के खसरा से मिलान करने पर प्राप्‍त जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट पर है।                          (ग) प्रश्‍नांश (क) के सबंध में वर्ष 2015-16 के राजस्‍व रिकार्ड में राजेन्‍द्र तिवारी का नाम राजस्‍व अभिलेखों में दर्ज नहीं था। अत: शेष प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता है। (घ) जी हाँ। (ड.) अनुविभागीय अधिकारी गोहलपुर के न्‍यायायल में अपील प्रकरण क्र. 014/6/16-17 प्रचलन में है। निर्णय अनुसार कार्यवाही की जावेगी।

परिशिष्ट - ''चौदह''

ध्‍यानाकर्षण सूचना क्रमांक 25 दिनांक, 08 मार्च 2017 की जानकारी

[गृह]

38. ( क्र. 1985 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या 01 जनवरी, 2017 से 30 सितम्‍बर, 2017 तक प्रश्‍नकर्ता द्वारा तत्‍कालीन अनुविभागीय अधिकारी पुलिस लहार जिला भिण्‍ड के कृत्‍यों की जाँच हेतु माननीय गृह मंत्री जी म.प्र. शासन को पत्र लिखे गये एवं प्रश्‍नकर्ता की ध्‍यानाकर्षण सूचना क्रमांक 25 दिनांक 08.03.2017 पर चर्चा के दौरान माननीय गृह मंत्री जी द्वारा तत्‍कालीन अनुविभागीय अधिकारी पुलिस लहार के कृत्‍यों की जाँच ए.डी.जी. स्‍तर के अधिकारी से कराने की जानकारी दी गई थी? (ख) यदि हाँ, तो उक्‍त प्रश्‍नांश के परिप्रेक्ष्‍य में जाँच किस-किस अधिकारी से कब-कब करायी गई एवं जाँच निष्‍कर्षों के आधार पर क्‍या कार्यवाही की गई?

गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। (ख) उक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में पुलिस मुख्यालय द्वारा श्री बी.बी. शर्मा, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक से जाँच कराई जा रही है। जाँच पूर्ण होने पर गुण-दोष के आधार पर आवश्यक कार्यवाही की जावेगी। श्री अवनीश बंसल तत्कालीन अनुविभागीय अधिकारी पुलिस लहार जिला भिण्ड को स्थानांतरित कर पुलिस मुख्यालय भोपाल में पदस्थ किया जा चुका है।

प्रदेश में महिलाओं पर हुये बलात्‍कार के संबंध में जानकारी प्रदाय

[गृह]

39. ( क्र. 2011 ) श्री तरूण भनोत : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                          (क) मध्‍यप्रदेश में विगत 02 वर्षों में महिलाओं पर बलात्‍कार के कितने प्रकरण दर्ज किये गये जानकारी प्रदेश के महानगर भोपाल, जबलपुर, इंदौर, ग्‍वालियर के थानों में दर्ज प्रकरणवार दी जावे? जानकारी 01 अक्‍टूबर 2015 से 31 अक्‍टूबर 2017 तक बताई जावे? (ख) प्रदेश के जिन थानों के अंतर्गत महिलाओं पर बलात्‍कार की घटनाएं बढ़ी हैं, इसके थाने के प्रभारियों पर क्‍या कार्यवाही की गई, पूर्ण जानकारी दी जावे?

गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) एवं (ख) जानकारी संकलित की जा रही है।

समूह नल-जल योजना की जानकारी

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

40. ( क्र. 2024 ) कुँवर हजारीलाल दांगी : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या राजगढ़ जिले में कुण्‍डालिया डेम व मोहनपुरा डेम से समूह नल-जल योजना प्रस्‍तावित है? (ख) यदि हाँ, तो खिलचीपुर एवं जीरापुर विकासखण्‍ड के कौन-कौन से ग्राम लिये गये हैं तथा योजना की लागत क्‍या है? (ग) क्‍या समूह नल-जल योजना की डी.पी.आर. तैयार की जाकर स्‍वीकृत हो चुकी है? यदि हाँ, तो योजना के टेण्‍डर कब तक हो जावेंगे? (घ) यदि हाँ, तो कब तक कार्य प्रारंभ कर दिया जावेगा? एजेन्‍सी का नाम भी बतावें।

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं 2 के अनुसार है। कुण्डालिया समूह योजना की लागत रूपये 709.00 करोड़ एवं मोहनपुरा समूह जलप्रदाय योजना की लागत रूपये 304.92 करोड़ है। (ग) जी हाँ, योजना हेतु वित्तीय संयोजन की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। निश्चित समयावधि बताया जाना संभव नहीं है। (घ) उत्तरांश-'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।

खाद्यान्‍न पर्ची की जानकारी

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

41. ( क्र. 2026 ) कुँवर हजारीलाल दांगी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                       (क) खिलचीपुर विधान सभा क्षेत्र अन्‍तर्गत खाद्यान्‍न पर्ची से कितने लोगों को लाभांवित किया गया है? विकास खण्‍डवार वर्षवार विवरण देंवे। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार कितने परिवार खाद्यान्‍न पर्ची से वंचित हैं? विकासखण्‍डवार जानकारी देवें? (ग) क्‍या खाद्यान्‍न पर्ची से वंचित लोगों (परिवारों) को भी खाद्यान्‍न पर्ची मिलेगी? यदि हाँ, तो कब तक? (घ) खाद्यान्‍न पर्ची के वितरण के क्‍या मापदण्‍ड है?

खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) राजगढ़ जिले में कुल 2,60,398 परिवारों (12,43,666 हितग्राही) को पात्रता पर्ची का वितरण कर लाभ दिया जा रहा है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत भारत सरकार द्वारा निर्धारित आबादी की सीमा तक ही लाभ दिया जा सकता है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत पात्र परिवारों को स्‍थानीय निकाय द्वारा सत्‍यापन उपरांत पात्रता पर्ची (ई-राशनकार्ड) जारी की जाती है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत भारत सरकार द्वारा निर्धारित आबादी की सीमा तक ही लाभ दिया जा सकता है। अधिनियम अंतर्गत राज्‍य के लिए हितग्राहियों की अधिकतम सीमा निर्धारित है। इस सीमा से अधिक हितग्राहियों को लाभांवित करने का प्रावधान अधिनियम की धारा-3 के अंतर्गत न होने के कारण शेष आवेदकों की पात्रता नहीं बनती है। वर्तमान में सम्मिलित पात्र परिवारों में से हितग्राही की मृत्‍यु होने, विवाह होने से, अन्‍य स्‍थान पर निवास करने एवं पात्रता श्रेणी में न रहने के कारण हितग्रा‍ही की पात्रता में परिवर्तन होना एक निरंतर प्रक्रिया है। तदनुसार नवीन पात्रता पर्ची निर्धारित सीमा में जारी की जा रही है। जिले में      01 मई, 2017 की स्थिति में परिवारों की संख्‍या के विरूद्ध जितने अपात्र परिवारों को पोर्टल पर विलोपित किया जायेगा, उतनी ही संख्या में संबंधित जिले के नवीन सत्यापित परिवारों को सम्मिलित किया जा सकेगा। जुड़ने वाले नवीन परिवारों में बीपीएल एवं अनुसूचित जाति/जनजाति श्रेणी को प्राथमिकता दी जा रही है। वर्ष 2017-18 में राजगढ़ जिले में 186 परिवारों के 718 हितग्राहियों के लिए नवीन पात्रता पर्ची जारी की गई है। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्‍तर अनुसार।                                 (घ) प्रश्नांश (ख) के उत्‍तर अनुसार।

परिशिष्ट - ''पंद्रह''

पुलिस महकमे को अवकाश स्‍वीकृत करना

[गृह]

42. ( क्र. 2040 ) श्री अंचल सोनकर : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                            (क) मध्‍यप्रदेश पुलिस विभाग में थानों में पदस्‍थ पुलिस अमले के लिये अवकाश के क्‍या नियम हैं? यह भी बताया जावें कि क्‍या अन्‍य विभागों के समान ही पुलिस विभाग में अवकाश के नियम लागू होते है यदि हाँ, तो नियमों की प्रति देवें। (ख) क्‍या पुलिस महकमे को राष्‍ट्रीय एवं अन्‍य त्योहारों पर अवकाश नहीं दिया जाता है? यदि हाँ, तो क्‍यों? यह भी बताया जावे कि उनसे लगातार सेवायें ली जाती हैं जिससे पुलिस थानों में पदस्‍थकर्मी मानसिक तनाव में आ जाते हैं? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) क्‍या शासन पुलिस महकमे को सप्‍ताह में एक दिवस का अवकाश देने की कार्यवाही कर रही है, जिससे पुलिस को मानसिक तनाव से मुक्‍त किया जा सके एवं उनके परिवार को भी तनाव मुक्‍त रखा जावे। यदि हाँ, तो कब तक? य‍ह भी बताया जावे कि पुलिस से उत्‍कृष्‍ठ सेवायें लेने हेतु शासन इन्‍हें अन्‍य और क्‍या सुविधायें प्रदाय किये जाने पर विचार किया जा रहा है, जिससे प्रदेश में कानून व्‍यवस्‍था सुचारू रूप से चल सके?

गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' एवं '' अनुसार। (ख) पुलिस के कार्य की प्रकृति को दृष्टिगत रखते हुए सामान्यतः राष्ट्रीय एवं अन्य त्योहारों पर अवकाश नहीं दिया जाता है, किन्तु किसी अधिकारी/कर्मचारी को अवकाश की                      अति-आवश्यकता होने पर अवकाश दिया जाता है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं।

आवेदन एवं प्रस्‍ताव पर विभाग की कार्यवाही

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

43. ( क्र. 2042 ) श्री रजनीश सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सिवनी जिले के केवलारी विधानसभा क्षेत्र के वर्तमान में कितने ग्रामों एवं                         मजरे-टोलों में मापदण्‍ड के अनुसार पेयजल योजनाएं चालू हैं तथा मापदण्‍ड के अनुसार हैण्‍डपंपों एवं नल-जल आदि की और कितनी आवश्‍यकता है? (ख) प्रश्‍न दिनांक तक जनप्रतिनिधियों द्वारा पंचायतों द्वारा एवं जनता के द्वारा कितनी नल-जल योजनाएं एवं कितने हैण्‍डपंप लगाने हेतु आवेदन एवं प्रस्‍ताव प्राप्‍त हुये? उक्‍त आवेदन एवं प्रस्‍ताव पर विभाग द्वारा क्‍या कार्यवाही की गई? (ग) विगत 03 वर्षों से लंबित अपूर्ण नल-जल योजना की संख्‍या कितनी है? इन्‍हें कब तक पूर्ण करा लिया जावेगा।

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) 252 ग्रामों एवं 14 टोलों में पेयजल योजनाएं चालू हैं। इस वर्ष के विभागीय कार्ययोजना अनुसार 111 बसाहटो में 113 हैण्डपंप की आवश्यकता है। नल-जल योजना की स्वीकृति एवं क्रियान्वयन मांग आधारित है, ग्राम पंचायत की मांग पर विभागीय मापदंडों के अनुसार पात्रता होने पर स्वीकृति देने पर विचार किया जाता है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) 07 योजनाएं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।

अल्‍पवर्षा के कारण सूखा की स्थिति एवं राहत राशि

[राजस्व]

44. ( क्र. 2048 ) श्री रजनीश सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                       (क) क्‍या इस वर्ष प्रदेश में अल्‍पवर्षा, अवर्षा से सूखे की स्थिति निर्मित होकर खरीफ की फसल को भारी नुकसान हुआ है? यदि हाँ, तो आंकलन अनुसार प्रदेश के किन-किन जिलों की किन-किन तहसीलों में कितने प्रतिशत व कौन-कौन सी फसलों को नुकसान हुआ है? (ख) क्‍या सिवनी जिले की केवलारी, घनौरा, छपारा एवं सिवनी तहसील सूखे के कारण फसलों में हुए नुकसान का सर्वे कराया गया है? (ग) यदि हाँ, तो उक्‍त तहसीलों का विवरण उपलब्‍ध करायें। यदि नहीं, तो क्‍यों? उक्‍त तहसीलों के किसानों (संख्‍या में) राहत पाने की पात्रता में आते है? कितने किसानों को राहत राशि वितरित करने की स्‍वीकृति प्रदान की गई है? (घ) क्‍या कलेक्‍टर सिवनी द्वारा केवलारी एवं घनौरा तहसील को सूखा प्रभावित घोषित करने का प्रस्‍ताव राज्‍य शासन को भेजा गया है? यदि हाँ, तो राज्‍य शासन ने इस पर क्‍या कार्यवाही की?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। अल्‍पवर्षा से प्रदेश की 133 तहसीलों में खरीफ की फसल प्रभावित हुई हैं। नवीन सूखा मैन्‍युअल 2016 के वैज्ञानिक मापदंडों के अनुसार, 18 जिलों की 133 तहसील में बोई गई फसलों में 33 प्रतिशत से अधिक नुकसान हुआ हैं। (ख) जी नहीं। जिले की केवलारी, धनौरा, छपरा एवं सिवनी तहसीलों को सूखा ग्रस्‍त घोषित नहीं किया गया हैं एवं न ही सूखे के कारण फसलों में नुकसान हुआ हैं। (ग) उत्‍तरांश "ख" के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता। (घ) उत्‍तरांश "ख" के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता।

जल निगम के नरहेला वॉटर प्रोजेक्‍ट की जानकारी

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

45. ( क्र. 2065 ) श्री सूबेदार सिंह रजौधा : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विधान सभा जौरा में कार्याधीन नरहेला वॉटर प्रोजेक्‍ट के अंतर्गत पगारा बांध से विभिन्‍न ग्रामों में पेयजल आपूर्ति के लिए डाली गई लाईनों के कारण से विभिन्‍न ग्रामों में सी.सी. खरंजा एवं अन्‍य मार्ग को खोदकर क्षतिग्रस्‍त किया गया है? क्‍या उन्‍हें पुन: निर्माण करने की जवाबदेही विभाग की है? यदि हाँ, तो कब तक उनका निर्माण कराया जा सकेगा? यदि नहीं, तो जवाबदेह कौन होगा? (ख) प्रोजेक्‍ट के अंतर्गत कितने ग्राम लाभान्वित किये गये हैं एवं वर्तमान में कितने ग्रामों में कार्य पूर्ण कर लिया गया है और कितने ग्रामों में कार्य जारी हैं, उन्‍हें कब तक पूर्ण कर लिया जाएगा? (ग) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में विभिन्‍न ग्रामों में क्षतिग्रस्‍त सी.सी. खरंजा एवं अन्‍य मार्ग की वजह से आम रास्‍ता अवरूद्ध हो रहे हैं, जिससे आम ग्रामीणजनों को परेशानी हो रही है। उक्‍त क्षतिग्रस्‍त मार्गों को कब तक पुन: निर्माण करवा दिया जावेगा?

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी हाँ। जी हाँ, उक्त कार्य करने की जवाबदेही संबंधित एजेन्सी की है। कार्य प्रगतिरत है, इसे मार्च 2018 तक पूर्ण किया जाना लक्षित है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ख) प्रोजेक्ट के अंतर्गत 34 ग्राम लाभांवित किये जाना है वर्तमान में 23 ग्रामों में पाईप लाइन बिछाने का कार्य पूर्ण कर लिया गया है एवं घरों में नल कनेक्शन का कार्य प्रगति पर है तथा शेष 11 ग्रामों में पाईप लाईन बिछाने एवं घरों में नल कनेक्शन का कार्य प्रगति पर है, योजना के कार्य मार्च 2018 तक पूर्ण करना लक्षित है।                           (ग) क्षतिग्रस्त मार्गों का सुधार कार्य प्रगतिरत है, मार्च 2018 तक सुधार किया जाना लक्षित है।

रामलीला मैदान से अतिक्रमण हटाना

[राजस्व]

46. ( क्र. 2072 ) श्री मुकेश नायक : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                               (क) पन्‍ना जिले के शाहनगर ग्राम पंचायत के रामलीला मैदान एवं धरमपुरा में शासकीय अतिक्रमण की कब-कब कितनी शिकायतें प्राप्‍त हुई हैं और उन शिकायतों पर आज दिनांक तक क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई? (ख) उक्‍त रामलीला मैदान की जमीन वर्तमान खसरे में किस नाम से दर्ज है? अगर म.प्र. शासन में ये दर्ज हैं तो आज दिनांक तक अतिक्रमण नहीं हटाये जाने के लिये दोषी कौन हैं और कब-तक अतिक्रमण हटाया जावेगा?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) पन्‍ना जिले की शाहनगर ग्राम पंचायत के रामलीला मैदान एवं धरमपुरा के शासकीय भूमि में अतिक्रमण की पृथक-पृथक शिकायतें प्राप्‍त हुई है। ग्राम पंचायत शाहनगर के बीचों-बीच बजरंग चौक में रामलीला आयोजित होती है वर्तमान में वहां पर कोई अतिक्रमण नहीं है तथा धरमपुरा के अतिक्रमित भूमि के संबंध में अतिक्रमण प्रतिवेदन प्राप्‍त होने पर न्‍यायालय तहसीलदार शाहनगर के राजस्‍व प्रकरण क्रमांक 27/अ-68/2015-16 में पारित आदेश दिनांक 04.03.2016 के द्वारा अनावेदक को रूपये 5000/- के अर्थदण्‍ड से अधिरोपित किया जाकर भूमि से बेदखली आदेश पारित किया गया है। उक्‍त आदेश के विरूद्ध अनावेदक द्वारा न्‍यायालय अनुविभागीय अधिकारी शाहनगर में अपील प्रस्‍तुत की गई थीजिसमें अनुविभागीय अधिकारी शाहनगर द्वारा अपील खारिज कर न्‍यायालय तहसीलदार के आदेश को यथावत रखा गया। तदोपरान्‍त मौके से अतिक्रमण हटाया गया। (ख) ग्राम शाहनगर में रामलीला मैदान हेतु कोई भूमि आरक्षित नहीं है। वर्तमान में रामलीला ग्राम शाहनगर के बीचों-बीच बजरंग चौके में आयोजित होता है। उक्‍त स्‍थल/भूमि ग्राम शाहनगर के खसरा नंबर 1118 मद म.प्र. शासन आबादी दर्ज है। वर्तमान में रामलीला आयोजित स्‍थल पर कोई अतिक्रमण नहीं है।

आदिवासी कृषक की भूमि का 03 वर्ष पश्‍चात् भी मुआवजा भुगतान नहीं किया जाना

[राजस्व]

47. ( क्र. 2115 ) पं. रमेश दुबे : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या प्रश्‍नकर्ता के विधान सभा प्रश्‍न क्रमांक 1236 दिनांक 19.07.17 के उत्‍तर में यह बताया गया है कि मौजा मांडवी के आदिवासी भूमिस्‍वामी की भूमि का 3 वर्ष पूर्व अधिग्रहण किया गया है, किन्‍तु मुआवजा का भुगतान अभी तक क्‍यों नहीं किया गया है? (ख) क्‍या यह आदिवासी परिवारों व कृषकों पर अन्‍याय नहीं है? जिला प्रशासन इस मामले पर संवेदनशील क्‍यों नहीं है? (ग) राजस्‍व विभाग के अधिकारियों द्वारा निरंतर पत्राचार करने पर भी राष्‍ट्रीय राजमार्ग द्वारा मुआवजा भुगतान हेतु गंभीर नहीं है क्‍यों? क्‍या इस हेतु राष्‍ट्रीय राजमार्ग के अधिकारियों पर जवाबदारी नियत कर अनुसूचित जन जाति पर अत्‍याचार का प्रकरण दर्ज नहीं कराया जा सकता और यदि कराया जा सकता है तो जिला प्रशासन मौन क्‍यों है? (घ) अपनी भूमि खोकर मुआवजा हेतु विगत 4 वर्षों से दर-दर भटक रहे मौजा मांडवी के आदिवासी परिवारों की क्‍या मध्‍यप्रदेश शासन सुधि लेकर उन्‍हें वर्तमान दर पर मुआवजा भुगतान में रूचि नहीं लेने वाले राष्‍ट्रीय राजमार्ग के अधिकारियों की जवाबदेही नियत कर उनके विरूद्ध अनुसूचित जन जाति के सदस्‍यों के साथ आर्थिक अत्‍याचार का प्रकरण दर्ज कराने का आदेश देगा नहीं तो क्‍यों? कब तक मुआवजा का भुगतान करा दिया जावेगा?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। परियोजना निदेशक भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण 47 इकाई नागपूर के द्वारा भारत के राजपत्र में अधिसूचना के प्रकाशन किये जाने उपरांत नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही पूर्ण की जाकर मुआवजा राशि का अधिनिर्णय पारित किया जावेगा तथा नियमानुसार मुआवजा राशि भुगतान की कार्यवाही की जावेगी। (ख) जी नहीं। जिला प्रशासन की पहल पर ही आदिवासियों की भूमि के अधिग्रहण के सम्बंध में परियोजना निदेशक भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण इकाई 47 नागपूर को भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग अधिनियम के प्रावधान अनुसार 3 (ए) की प्रारंभिक अधिसूचना का प्रकाशन कराये जाने हेतु अनुविभागीय अधिकारी एवं सक्षम प्राधिकारी (भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग) तहसील-पाण्ढुर्णा के माध्यम से कार्यवाही सुनिश्चित की जा रही है। (ग) प्रकरण में अधिनिर्णय उपरांत नियमानुसार मुआवजा राशि का भुगतान सम्बन्धित भूमिस्वामी को किया जावेगा। परियोजना निदेशक, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण इकाई 47 नागपूर द्वारा अधिग्रहण की कार्यवाही सुनिश्चित की जा रही है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (घ) उतरांश (क), (ख) एवं (ग) अनुसार कार्यवाही प्रचलित है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

वर्षों से शासकीय भूमि पर निवासरत परिवारों को आवास का पट्टा प्रदाय करना

 [राजस्व]

48. ( क्र. 2116 ) पं. रमेश दुबे : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्राम मझियापार, तहसील बिछुआ जिला छिन्‍दवाड़ा के व्‍यक्तियों द्वारा वर्षों से शासकीय भूमि पर आवास निर्माण कर निवास करने के चलते निवासरत भूमि का पट्टा प्रदाय के संबंध में प्रश्‍नकर्ता को आवेदन प्रस्‍तुत करने पर क्‍या प्रश्‍नकर्ता ने कलेक्‍टर छिन्‍दवाड़ा को पत्र क्रमांक 1135 दिनांक 14.09.2017 प्रस्‍तुत किया है? (ख) यदि हाँ, तो इस पत्र पर किस स्‍तर से अब तक क्‍या कार्यवाही की गयी है? (ग) वर्षों से मकान बनाकर ग्राम मझियापार के निवासरत परिवारों को आवास का पट्टा कब तक प्रदाय कर दिया जावेगा? नहीं तो क्‍यों? (घ) क्‍या शासन इसे संज्ञान में लेकर वर्षों से निवासरत उक्‍त परिवारों को आवास का पट्टा प्रदाय किये जाने का आदेश जिला प्रशासन को देगा? नहीं तो क्‍यों?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। (ख) उपरोक्त पत्र के पालन में तहसीलदार बिछुआ से प्रश्‍नाधीन भूमि का सर्वेक्षण कराया गया। तदुपरांत पाया गया कि भूमि खसरा नं. 135 एवं 137 कुल रकवा 0.801 हेक्टर मद ''छोटे झाड का जंगल'' पर 17 अ.जा./अ.ज.जा. के परिवार मकान बनाकर निवास कर रहे है। चूंकि उक्त भूमि ''छोटे झाड़ के जंगल'' मद में दर्ज है जो वन की परिभाषा में आते है। अतः ऐसी भूमि का मद परिवर्तन किया जाकर उन्हें आवासीय पट्टा दिया जाना संभव नहीं है। (ग) उत्‍तरांश (ख) के अनुसार पट्टा दिया जाना संभव नहीं है। (घ) उत्‍तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता।

किसानों को मुआवज़ा राशि प्रदान किया जाना

[राजस्व]

49. ( क्र. 2171 ) श्री सोहनलाल बाल्‍मीक : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परासिया विधान सभा क्षेत्र की तहसील परासिया एवं तहसील उमरेठ के अंतर्गत दिनांक 09.09.2017 को तेज आंधी-तूफान चलने के कारण ग्राम पंचायत फुटेरा के ग्राम बिसखान एवं ग्राम तालपिपरिया, मालपिपरिया, घाघरतलाई, तिगाई एवं अपतरा के किसानों की मक्‍के व अन्‍य फसलें पूर्णत: क्षतिग्रस्‍त होकर नष्‍ट हो गई, जिसके कारण किसानों को बहुत अधिक नुकसान एवं क्षति हुई है, परंतु ऐसे प्रभावित किसानों को अभी तक विभाग द्वारा कोई क्षतिपूर्ति/मुआवज़ा राशि प्रदान नहीं की गई है, जिसका क्या कारण है? जानकारी उपलब्‍ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्‍लेखित ग्राम के प्रभावित किसानों को क्षतिपूर्ति/मुआवज़ा राशि विभाग द्वारा कब तक प्रदान कर दी जायेगी?                       (ग) प्रश्नांश (क) में उल्‍लेखित ग्राम के प्रभावित किसानों को क्षतिपूर्ति/मुआवज़ा राशि प्रदान किये जाने के संबंध में प्रश्‍नकर्ता द्वारा अनुविभागीय अधिकारी (राजस्‍व) परासिया, तहसीलदार परासिया एवं तहसीलदार उमरेठ को पत्र प्रेषित किये गये थे, जिन पत्रों पर अभी तक क्‍या कार्यवाही की गई है?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) दिनांक 09­.09.2017 को तेज आंधी-तुफान चलने के कारण प्रश्‍नांश में उल्‍लेखित ग्रामों के किसानों की मक्‍के व अन्‍य फसलें क्षतिग्रस्‍त होने के संबंध में हल्‍का पटवारी, ग्रामीण कृषि विस्‍तार अधिकारी, ग्राम सरपंच, सचिव एवं राजस्‍व निरीक्षक की गठित टीम द्वारा फसल क्षति की जाँच कराई गई। जाँच अनुसार मक्‍के की फसल झुकी हुई थी, जड़ से खराब नहीं हुई तथा अन्‍य फसल में क्षति 15-20 प्रतिशत होना पाया गया। आर.बी.सी. 6 (4) में 25 प्रतिशत से कम क्षति होने पर मुआवजा का प्रावधान नहीं हैं। (ख) उत्‍तरांश "क" के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता। (ग) प्रश्‍नकर्ता द्वारा दिये गये पत्र के पालन में उक्‍त ग्रामों में गठित टीम द्वारा फसल क्षति की जाँच कराई गई। फसल क्षति का प्रतिशत 25 प्रतिशत से कम पाया गया। अत: राजस्‍व पुस्‍तक परिपत्र 6 (4) के तहत मुआवजा राशि दिये जाने का प्रावधान नहीं हैं।

परासिया डिवीजन के सुचारू संचालन हेतु विभिन्‍न सुविधाएं उपलब्‍ध कराना

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

50. ( क्र. 2172 ) श्री सोहनलाल बाल्‍मीक : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी विभाग के द्वारा परासिया उपखण्‍ड को डिवीजन बनाया जा चुका है? अगर हाँ तो डिवीजन के सुचारू संचालन हेतु विभाग द्वारा जो विभिन्‍न सुविधायें (जैसे पर्याप्‍त स्‍टॉफ, आवश्‍यक सामग्री, बोर मशीन व अन्‍य संसाधन) उपलब्‍ध कराई जाती है? क्‍या वे सभी सुविधायें परासिया डिवीजन को विभाग द्वारा उपलब्‍ध कराई जा रही है?                            (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार यदि परासिया डिवीजन को यदि विभिन्‍न सुविधायें उपलब्‍ध नहीं कराई जा रही हैं तो इसका क्‍या कारण हैं? कब तक परासिया डिवीजन को पर्याप्‍त सुविधायें उपलब्‍ध करा दी जायेंगी? (ग) प्रश्‍नकर्ता द्वारा परासिया डिवीजन के सुचारू संचालन हेतु विभिन्‍न सुविधाओं को विभाग द्वारा प्रदान किये जाने के संबंध में प्रमुख सचिव, लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी विभाग भोपाल को पत्र क्रमांक वि.स./परासिया/127/2017/267 दिनांक 01.06.2017 एवं मुख्‍य अभियंता, लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी विभाग परिक्षेत्र जबलपुर को पत्र क्रमांक वि.स./परासिया/127/2017/266 दिनांक 01.06.2017 के माध्‍यम से अवगत कराया गया था, जिन पत्रों पर अभी तक क्‍या कार्यवाही की गई है?                       (घ) परासिया डिवीजन को विभाग द्वारा आगामी वर्ष में क्षेत्र में कितने बोर कराये जाने के टारगेट दिये जायेंगे?

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी नहीं। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के परियोजना खण्ड छिंदवाड़ा को लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी खण्ड परासिया में परिवर्तित करते हुए खण्ड छिंदवाड़ा के 03 उपखण्डों क्रमशः परासिया, अमरवाड़ा एवं जामई के कार्यक्षेत्र को खण्ड परासिया में सम्मिलित किया गया है। सम्मिलित किये गये उपखण्डों का अमला भी खण्ड परासिया को दिया गया है। खण्ड के सुचारू संचालन हेतु विभाग द्वारा जो विभिन्न सुविधायें (जैसे पर्याप्त स्टाफ, आवश्यक सामग्री बोर मशीन व अन्य संसाधन) उपलब्ध संसाधन अनुसार उपलब्ध करा दी गई है। सिविल संकाय का खण्ड होने के कारण रिग मशीन उपलब्ध नहीं करायी जाती है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ, कार्यालय मुख्य अभियंता, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग परिक्षेत्र जबलपुर के पत्र क्र. 4250 दिनांक 13.06.2017 द्वारा अधीक्षण यंत्री परियोजना मंडल छिंदवाड़ा को निर्देशित किया गया। अधीक्षण यंत्री द्वारा कार्यपालन यंत्री खण्ड परासिया के मांग अनुसार दो कर्मचारियों को परासिया खण्ड में शासकीय कार्य करने हतु निर्देशित किया गया। (घ) आगामी वर्ष के लिए बोर (नलकूप) खनन कार्यों के लक्ष्यों का निर्धारण नहीं हुआ है, प्रतिवर्ष बजट उपरांत लक्ष्यों का निर्धारण होता है, अतः प्रश्नाधीन जानकारी बताया जाना संभव नहीं है।

हितग्राहियों को उज्‍जवला योजना का लाभ

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

51. ( क्र. 2218 ) श्रीमती शीला त्‍यागी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                       (क) जनपद पंचायत गंगेव एवं जवा जिला रीवा को स्‍कीम दिनांक से प्रश्‍न दिनांक तक में उज्‍जवला योजना से कितने हितग्राहियों को गैस सिलेण्‍डर चूल्‍हा दिया गया है? सूची देवें?                          (ख) प्रश्नांश (क) की योजना एवं सूची में दर्ज हितग्राहियों को गैस सिलेंडर चूल्‍हा नहीं दिया गया है तो कौन दोषी है? दोषी पर क्‍या दण्‍डात्‍मक कार्यवाही करेगे तथा सूचीबद्ध हितग्राहियों को सिलेंडर चूल्‍हा उपलब्‍ध कराएंगे? (ग) प्रश्नांश (क) के योजना से क्‍या कई हितग्राहियों का सिलेंडर एवं चूल्‍हा नहीं दिया गया जैसा कि छेदीलाल पिता राम नाथ कोरी अथवा इनके पत्‍नी निवासी ग्राम पंचायत तेन्‍दुनी विकासखण्‍ड जवा का नाम सूची में दर्ज है किन्‍तु इन्‍हे सिलेंडर चूल्‍हा नहीं दिया गया है क्‍यों? कौन दोषी है? दोषी पर क्‍या कार्यवाही करते हुए सभी को सिलेन्‍डर चूल्‍हा देंगे? (घ) यदि प्रश्नांश (ख) (ग) हाँ तो सूची अनुसार हितग्राहियों को सिलेंडर मिला की नहीं? का सत्‍यापन संबंधित तहसीलदार से कराएंगे?

खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) प्रधानमंत्री उज्‍जवला योजनांतर्गत जनपद पंचायत गंगेव के 6365 हितग्राहियों एवं जवा के 7594 हितग्राहियों को गैस कनेक्‍शन दिये गये है। गैस कनेक्‍शन प्राप्‍त करने वाले हितग्राहियों की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) सामाजिक-आर्थिक एवं जाति जनगणना, 2011 में सर्वेक्षित परिवार के अंतर्गत ऐसे परिवार जो निर्धारित 7 श्रेणियों में से किसी भी एक वंचित श्रेणी के अंतर्गत आने वाले परिवारों को प्रधानमंत्री उज्‍जवला योजनांतर्गत गैस कनेक्‍शन दिये जाने का प्रावधान है। जिन हितग्राहियों द्वारा गैस कनेक्‍शन हेतु निर्धारित दस्‍तावेज के साथ आवेदन प्रस्‍तुत किया गया है परीक्षण उपरांत पात्र पाये गये उन हितग्राहियों को गैस कनेक्‍शन जारी किये गये है। गैस कनेक्‍शन जारी करना एक सतत् प्रकिया है। इस प्रकार गैस कनेक्‍शन जारी न होने के संबंध में किसी पर कार्यवाही का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। शेष रहे परिवारों द्वारा निर्धारित आवेदन प्रस्‍तुत करने पर परीक्षण उपरांत पात्र पाये जाने पर गैस कनेक्‍शन जारी किए जाते हैं। (ग) श्री छेदीलाल पिता रामनाथ कोरी निवासी ग्राम पंचायत तेंदुनी विकासखण्‍ड जवा का नाम ऐ.सी.सी.सी. डाटा में दर्ज नहीं है। श्री छेदिया ऊर्फ राजकुमार कोरी (पिता श्री रामनाथ कोरी) की पत्‍नी श्रीमती गीतादेवी का नाम ऐ.सी.सी.सी. सूची में है उनके नाम से जवा इण्‍डेन ग्रामीण वितरक जवा के द्वारा उपभोक्‍ता क्रमांक 7051245086 दिनांक 06.05.2017 को एस.व्‍हीं. जारी किया गया, किन्‍तु उपभोक्‍ता द्वारा प्रथम रिफिल एवं चूल्‍हे की राशि जमा न करने के कारण गैस कनेक्‍शन प्रदाय नहीं किया जा सका जिससे दिनांक 27.11.2017 को प्रदाय किया गया। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (घ) एस.ई.सी.सी. डाटा में दर्ज हितग्राहियों द्वारा प्रस्‍तुत आवेदन के परीक्षण उपरांत पात्र पाये जाने पर भारत शासन, पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय के द्वारा विहित प्रक्रिया से गैस कंपनियों द्वारा गैस कनेक्‍शन जारी किये गये है। योजना में राज्‍य शासन द्वारा सत्‍यापन का प्रावधान नहीं है तथापि कनेक्‍शन विशेष की शिकायतें पाने पर गैस कंपनी को राज्‍य शासन द्वारा कार्यवाही हेतु समन्‍वय किया जाता है।

विद्यालय भूमि से अतिक्रमण हटाना

[राजस्व]

52. ( क्र. 2220 ) श्रीमती शीला त्‍यागी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                           (क) कलेक्‍टर रीवा के पत्र क्र./आर.एम.एस.ए./वि.स. आश्‍वासन/स्‍मरण पत्र/2017/1530 दिनांक 3/4/17 से एस.डी.एम. पत्र राजस्‍व त्‍योंथर, नईगढ़ी तथा इन्‍हीं तहसीलदारों को आदेशित कर विद्यालय भूमि अतिक्रमण मुक्‍त कराने हेतु आदेशित किया है? (ख) प्रश्नांश (क) के पत्र में कितने पत्रों का संदर्भ लेख किया गया है? कई आदेशों के बावजूद भी कलेक्‍टर के आदेश का पालन नहीं किया गया? यदि हाँ, तो क्‍यों एवं इसके लिये कौन दोषी है? दोषी पर कब एवं क्‍या दण्‍डात्‍मक कार्यवाही की जायेगी? (ग) प्रश्नांश (क) के पत्र में उल्‍लेखित शालाओं को भवन निर्माण हेतु स्‍वीकृति राशि से अतिक्रमण होने के कारण निर्माण नहीं हो सका, इसमें कौन दोषी हैं? दोषी पर क्‍या कार्यवाही करेंगे? (घ) प्रश्नांश (क) के आदेश का पालन कब तक करा कर विद्यालय प्रमुख को भूमि सौंप कर दोषी अधिकारियों को दण्डित कर देंगे?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रश्नांश (क) में दर्शित पत्र में 10 पत्रों का संदर्भ लेख किया गया है। शासकीय हाई स्कूल चैखंडी तहसील जवा हेतु खसरा नं. 113 रकवा 0.544 हे. आवंटित की गई है। जिसमें से 0.05 एकड़ पर शिवबालक पिता पुलई कुशवाहा द्वारा आवंटन के पूर्व से मकान व बाड़ी बनाकर बेजा कब्जा किया गया था जिसके विरूद्ध न्यायालय नायब तहसीलदार वृत्त अतरैला तहसील जवा के राजस्व प्रकरण क्र 17/68/2011-12/अतरैला दिनांक 11.10.14 द्वारा अतिक्रामक के विरूद्ध बेदखली आदेश पारित किया गया था। जिसकी द्वितीय अपील न्यायालय अपर आयुक्त के यहा विचाराधीन है तथा हाई स्कूल गहिलवार की      आ. नं. 96/2 रकवा 2.023 हे. म.प्र. शासन हाईस्कूल खेल मैदान में अतिक्रमण का प्रकरण क्र 11/68/2016-17 पंजीबद्ध किया गया तथा शासकीय हाई स्कूल कन्या डभैरा के संबंध में माननीय अपर आयुक्त के अपील प्रकरण विचाराधीन है। न्यायालीयन प्रक्रिया पूर्ण के बाद अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही की जायेगी। नईगढ़ी एवं त्योंथर में अतिक्रमण नहीं है। (ग) उत्‍तरांश (ख) के प्रकाश में कोई दोषी नहीं है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (घ) शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

अवैध उत्‍खनन के प्रकरणों में की गई वसूली की कार्यवाही

[गृह]

53. ( क्र. 2245 ) श्रीमती इमरती देवी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                       (क) परि.अता. प्रश्‍न क्रमांक 30, दिनांक 19.07.2017 एवं पूर्व प्रश्‍न 04 (क्रमांक 63) दिनांक 19.07.2016 के उत्‍तर में बताया गया कि पालकटोरी एवं मनकपूर में अवैध उत्‍खनन के प्रकरण में कलेक्‍टर न्‍यायालय द्वारा रूपये 10,26,40,000/- का अर्थदण्‍ड आरोपियों के विरूदध आरोपित किया गया था? क्‍या उक्‍त अर्थदण्‍ड की वसूली करली गई है? यदि हाँ, तो कब रसीद संख्‍या सहित बतावें? (ख) यदि नहीं, तो क्‍यों तथा बिना अर्थदण्‍ड की वसूली किये फरार आरोपियों को किस आधार पर जमानत दे दी गई व क्‍यों कारण सहित विस्‍तृत विवरण देते हुये जमानत के आदेश की प्रति उपलब्‍ध करावें?

गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी नहीं। (ख) कलेक्टर न्यायालय अशोकनगर के प्रकरण क्र. 39/67/2015-16 में अनावेदकगणों को 10,26,40,000/- के अर्थदण्ड के लिये कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। प्रकरण में अंतिम आदेश अभी पारित नहीं किया गया है, क्योंकि प्रकरण में अन्य पक्षकारों की सुनवाई की जाना शेष है। जिसके पश्चात सभी तर्को को सुनने के बाद अंतिम आदेश पारित किया जावेगा। प्रकरण में थाना देहात अशोकनगर द्वारा अपराध क्रमांक 226/16 धारा 147, 148, 149, 379, 341 भा.द.वि. का अपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध किया गया था। आरोपियों को गिरफ्तार कर माननीय न्यायालय में पेश किया गया जहां माननीय न्यायालय द्वारा आरोपियों को जमानत पर रिहा किया गया है।

तुलसी सरोवर अशोकनगर की सिंचाई विभाग की भूमि

[राजस्व]

54. ( क्र. 2248 ) श्रीमती इमरती देवी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि दिनांक 06 मार्च 2017 के प्रश्‍न क्रमांक 48 के संदर्भ में बतायें कि राजस्‍व मण्‍डल के आदेश की अपील की गई या नहीं तथा इस सम्‍बंध में अभी तक क्‍या कार्यवाही हुई प्रगति का विवरण देवें?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : दिनांक 06 मार्च 2017 के प्रश्‍न क्रमांक 48 के संदर्भ में म.प्र. राजस्व मण्डल के प्र.क्र. 4277-2/2016 में पारित आदेश दिनांक 06.01.2017 के विरूद्ध अपील प्रस्तुत नहीं की गई है। अशोकनगर स्थित तुलसीसरोवर, सिंचाई विभाग की भूमि के संबंध में निगरानीकर्ता विजय स्वरूप, शांतस्वरूप पुत्रगण आनन्द स्वरूप द्वारा माननीय राजस्व मण्डल ग्वालियर में निगरानी प्रस्तुत की गई है, जिसका प्रकरण क्रमांक 830-। ।/17 संस्थित होकर विचाराधीन है। निराकरण की निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

शिवपुरी जिले के शासकीय विभागों में रिक्त पदों व अनुकम्पा नियुक्ति की जानकारी

[राजस्व]

55. ( क्र. 2251 ) श्री प्रहलाद भारती : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                      (क) शिवपुरी जिले के अन्तर्गत उच्चशिक्षा, स्कूल शिक्षा, राजस्व वन, जिला व जनपद पंचायत, पुलिस, लोक निर्माण, जलसंसाधन, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, पंजीयन, कृषि, विभागों व अन्य शासकीय विभागों में तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी वर्ग के कितने-कितने व कौन-कौन से पद वर्तमान में रिक्त हैं? विभागवार, पदवार पृथक-पृथक जानकारी उपलब्ध करावें?                      (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार उक्त विभागों में अनुकम्पा नियुक्ति के कितने-कितने व कौन-कौन से प्रकरण लंबित है? जानकारी विभागवार, नामवार पृथक-पृथक उपलब्ध करावें व उक्त रिक्त स्थानों पर अनुकम्पा नियुक्ति कब तक कर दी जावेगी?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जिले की राजस्‍व स्‍थानांतर्गत तृतीय श्रेणी के सहायक ग्रेड-3 के 26 पद व चतुर्थ श्रेणी का कोई भी पद रिक्‍त नहीं है। शेष विभागों की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) अनुकंपा नियुक्ति का एक प्रकरण श्री सचेन्द्र लोधी का राजस्‍व विभाग में लंबित है। कार्यवाही परिक्षणाधीन है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

विशेष सशत्र बल की कंपनियों का स्थायीकरण

[गृह]

56. ( क्र. 2291 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विशेष सशत्र बल की कंपनियों के जवानों को प्रतिवर्ष कंपनी बदल-बदल कर एक स्थान से दूसरे स्थान भेजा जाता है यदि हाँ, तो क्यों? क्या प्रतिवर्ष जवानों के स्थान परिवर्तन से इनके परिवार एवं बच्चों की शिक्षा में आने वाली परेशानियों का विभाग द्वारा कब-कब आंकलन किया गया? (ख) क्या उक्त कंपनियों (जवानों) को प्रतिवर्ष स्थानांतरण होने से जवान परिवार एवं बच्चों को लेकर चिन्तित रहता और डिप्रेशन का शिकार हो जाता हैं? यदि हाँ, तो विभाग द्वारा इस संबंध में क्या-क्या कार्यवाही कब-कब की गई, दिनांकवार जानकारी देवें। (ग) क्या विभाग द्वारा उक्त कंपनियों को प्रतिवर्ष की बजाय 5 वर्ष में फेरबदल किये जाने की कोई योजना बनाई हैं? यदि हाँ, तो अवगत कराएं। (घ) क्या भोपाल इंदौर, उज्जैन, जबलपुर आदि कंपनियों को अपनी रेंज से बाहर अन्य रेंज में पूरी तरह भेजा जाता है, यदि हाँ, तो गत 1 अप्रैल 2014 के पश्चात प्रदेश की                   किन-किन कंपनियों को चुनाव के अलावा प्रदेश में कहाँ-कहाँ भेजा गया? इस हेतु उक्त अवधि में जवानों को कितना यात्रा भत्ता दिया गया वर्षवार जानकारी देवें, क्या अपनी ही कंपनियों को अपनी ही रेंज में रखने की कोई योजना हैं? यदि हाँ, तो अवगत कराएं।

गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। (घ) जी हाँ। विशेष सशस्त्र बल की कंपनियों का डिप्लॉयमेंट संबंधी जानकारी सुरक्षा की दृष्टि से दिया जाना उचित नहीं। कंपनियों को कर्त्‍तव्‍य पर भेजे जाने पर उन्‍हें म.प्र. राज्‍य यात्रा भत्‍ता नियम के अनुसार ही यात्रा भत्‍ता दिया जाता है। जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार। जी नहीं।

परिशिष्ट - ''सोलह''

सैलाना विधानसभा की शासकीय भूमि की जानकारी

[राजस्व]

57. ( क्र. 2306 ) श्रीमती संगीता चारेल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सैलाना विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कुल कितने हेक्टर शासकीय एवं गोचर भूमि हैं? ग्रामवार विकासखंडवार मय रकवे व खसरे नम्बर के जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) क्या उक्त शासकीय भूमि को उद्योग धंधे व अन्य व्यवसायिक प्रयोजन हेतु हेतु लीज पर दिया जा सकता हैं? यदि हाँ, तो इसके क्या नियम हैं? सैलाना एवं बाजना विकासखंड में कितने हेक्टर शासकीय भूमि किस-किस व्यक्ति या संस्था को लीज पर दी गई? क्या इनके द्वारा शासन द्वारा लीज हेतु निर्धारित मापदंडों को पूरा किया गया? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) उक्त लीज की भूमि पर कच्चा या पक्का निर्माण किया जा सकता हैं? यदि हाँ, तो इसका क्या नियम हैं तथा लीज समय समाप्त होने के बाद इस प्रकार की परिसम्पत्ति पर किसका आधिपत्य रहता हैं?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) सैलाना विधानसभा के अन्तर्गत तहसील की कुल शासकीय भूमि 62084.080 हेक्टेयर जिसमें से गोचर भूमि 2648.146 हेक्टर है जिसकी ग्रामवार एवं विकासखंडवार सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। राजस्व पुस्तक परिपत्र खंड 4 क्रमांक 1 की कंडिका 26 के तहत लीज पर दिया जा सकता है। सैलाना एवं बाजना विकासखंड में किसी भी व्यक्ति या संस्था को शासकीय भूमि लीज पर नहीं दी गई है। (ग) प्रश्नांश '' के उत्‍तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता।

आपराधिक प्रकरण की जानकारी

[गृह]

58. ( क्र. 2307 ) श्रीमती संगीता चारेल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                     (क) सैलाना विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक कुल कितने जालसाजी, चोरी, डकैती व लूट के अपराधिक प्रकरण दर्ज हुए वर्षवार जानकारी उपलब्ध करावें? उक्त दर्ज प्रकरण की वर्तमान स्थिति क्या है? लंबित प्रकरणों को निपटाने हेतु पुलिस विभाग द्वारा क्या प्रयास किए जा रहे हैं? (ख) उक्त प्रकरणों में अपराधी से ली गई सामग्री को शिकायतकर्ता को वापस किए जाने सम्बन्धी क्या निर्देश हैं? क्या जब्ती के समय पंचनामा बनाया जाता है या इसे पंजीबद्ध किया जाता है? यदि हाँ, तो वर्ष 2015-16 से आज दिनाक तक की जानकारी उपलब्ध करावें? (ग) थाना क्षेत्र अंतर्गत विभिन्न अपराधों के नियंत्रण के लिए कौन-कौन अधिकारी कर्मचारी उत्तरदायी हैं? क्या अपराधों के नियंत्रण में सामाजिक सहभागिता के सम्बन्ध में क्या निर्देश हैं? इसके लिए सैलाना विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत वर्ष 2015--16 से आज दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई?

गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे गये परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार। (ख) प्रकरणों में अपराधी से जप्त सामग्री को माननीय न्यायालय के आदेश से शिकायतकर्ता या मालिक को वापस किये जाने का प्रावधान है। अपराधी से जप्त संपत्ति का जप्ती पंचनामा बनाया जाता है। वर्ष 2015-2016 से दिनांक 31.10.2017 तक की, की गयी जप्ती की विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे गये परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ग) थाना क्षेत्र के अपराधों के नियंत्रण के लिए थाना प्रभारी व बीट में लगे अधिकारी/कर्मचारी उत्तरदायी हैं। अपराधों के नियंत्रण में सामाजिक सहभागिता के संबंध में जनसंवाद किया जाता है एवं गणमान्य नागरिक, शांति समिति तथा सुरक्षा समिति के सदस्यों के साथ समय-समय पर बैठकों का आयोजन किया जाता है। सैलाना विधानसभा क्षेत्रांतर्गत की गई कार्यवाही का विवरण पुस्तकालय में रखे गये परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है।

तहसीलदारों के रिक्त पदों की पूर्ति

[राजस्व]

59. ( क्र. 2319 ) कुमारी निर्मला भूरिया : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में तहसीलदारों के कितने पद स्वीकृत हैं एवं कितने पद रिक्त हैं? (ख) क्या अधिकांश तहसीलों में तहसीलदारों के पद रिक्त होने से राजस्व न्यायालय संबंधित कार्य प्रभावित हो रहे हैं एवं आम लोगों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा हैं? (ग) इन रिक्त पदों पर तहसीलदारों की नियुक्ति हेतु शासन द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है एवं इन पदों पर कब तक तहसीलदार नियुक्त कर दिये जायेंगे?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) प्रदेश में तहसीलदारों के 519 पद स्‍वीकृत एवं 232 पद रिक्‍त है। (ख) जी नहीं। आम लोगों को कठिनाइयों का सामान न करना पड़े इस हेतु विभाग द्वारा मध्‍यप्रदेश भू-राजस्‍व संहिता 1959 की धारा 24 की उपधारा (1) में प्रदत्‍त शक्तियों का उपयोग करते हुए राजस्‍व निरीक्षकों को नायब तहसीलदार के रूप में कार्य करने हेतु तहसीलदार की शक्तियों प्रदान की गई है। (ग) तहसीलदार के पद पर नियमित पदोन्‍नति होने तक तहसीलदारों के रिक्‍त पदो की पूर्ति हेतु सेवानिवृत्‍त तहसीलदारों की संविदा नियुक्‍ती की कार्यवाही प्रचलित है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

रिक्त पटवारियों के पदों की पूर्ति एवं मोबाईल, सीम, नेटडाटा उपलब्ध कराना

 [राजस्व]

60. ( क्र. 2320 ) कुमारी निर्मला भूरिया : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में किन-किन जिलों में कितने-कितने पटवारियों के पद स्वीकृत हैं, इनमें से कितने पटवारी हल्कों पर पटवारी पदस्थ हैं? कितने हल्कों पर पद रिक्त हैं? जिलेवार, तहसीलवार जानकारी देवें? (ख) क्या वर्तमान कृषि वर्ष से फसल गिरदावरी का कार्य मोबाईल एप के जरिये किया जा रहा है, यदि हाँ, तो क्या शासन द्वारा समस्त पटवारियों को मोबाईल एवं सीम, नेट डाटा के लिए राशि स्वीकृत की गई हैं? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (ख) में पटवारियों को मोबाईल, सीम एवं नेटडाटा उपलब्ध कराने हेतु शासन के द्वारा कोई कार्यवाही की जा रही हैं, यदि हाँ, तो क्या?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। मोबाईल हेतु रू. 7300 प्रति पटवारी के मान से राशि दी जा रही है। सिम, नेट, डाटा के लिए सी.यू.जी. के माध्‍यम से, पृथक से कार्यवाही प्रस्‍तावित है। (ग) प्रश्‍नांश '' के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - ''सत्रह''

भूमिहीन निवासरत लोगों को आवासीय पट्टा देना

 [राजस्व]

61. ( क्र. 2334 ) श्री सुखेन्‍द्र सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                    (क) रीवा जिले में मुख्‍य सचिव की समीक्षा बैठक में ग्राम उदय से भारत उदय कार्यक्रम के दौरान 13195 भूमिहीनों ने पट्टे के लिये आवेदन किया था? यदि नहीं, तो कितनों ने दिया? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में जाँच के बाद 11538 भूमिहीनों को आवासीय पट्टे प्रदान किये गये? यदि नहीं, तो कितने? तहसीलवार प्राप्‍त आवेदनों की संख्‍या, स्‍वीकृत आवेदनों एवं अस्‍वीकृत आवेदनों की संख्‍या उपलब्‍ध करावें। (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के प्रकाश में अस्‍वीकृत आवेदनों (पात्रता श्रेणी के बाहर) कर दिये गए आवेदनों की तहसीलवार जानकारी नाम, पिता का नाम, ग्राम, पटवारी हल्‍का, अपात्रता के कारण, सहित जानकारी उपलब्‍ध करावें। (घ) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) के प्रकाश में रीवा जिले में भूमिहीनों को पट्टा प्रदान करने हेतु आवेदन प्राप्‍त करने के लिये तहसीलवार शिविर लगाये जावेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? पट्टे से वंचित भूमिहीनों को पट्टा कैसे मिल सके की शासन के पास क्‍या योजना है?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। (ख) क्रमांक तहसील का नाम भू-खंड धारक प्रमाण पत्र के आवेदन प्राप्त स्वीकृत, अस्वीकृत, वितरित की जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है। (घ) जी हाँ। शिविर लगाया जाकर पात्र भूमिहीनों को परीक्षण कर आवासीय पट्टा वितरित कराये जा रहे है। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

परिशिष्ट - ''अठारह''

अनुबंध का क्रियान्‍वयन

[राजस्व]

62. ( क्र. 2337 ) श्री सुखेन्‍द्र सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                          (क) क्‍या रीवा जिले में गृह निर्माण एवं अधोसंरचना विकास या अन्‍य विभाग द्वारा नये कलेक्‍ट्रेट भवन का निर्माण कराया गया है? यदि हाँ, तो इस नये भवन में साज-सज्‍जा के व्‍यवस्‍था हेतु समदड़ि‍या बिल्‍डर्स को शासकीय भूमि आवंटित कर साज-सज्‍जा कराया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में यदि हाँ, तो आवंटित जमीन की कितनी कीमत आंकी गई थी? समदड़ि‍या बिल्‍डर्स को साज-सज्‍जा हेतु क्‍या-क्‍या कितने नग की कहाँ-कहाँ साज-सज्‍जा करनी थी? अनुबन्‍ध की प्रमाणित प्रतिलिपि उपलब्‍ध करावें। (ग) प्रश्नांश (क) (ख) के प्रकाश में क्‍या राशि भी वापस (जमा) किये जाने का प्रावधान किया गया था? यदि हाँ, तो यह राशि कितनी और कब-कब जमा की जानी थी। राशि कब जमा की गई? यदि राशि जमा करने की अवधि में राशि नहीं जमा किये जाने के ब्‍याज का भुगतान के रूप में शासन को जो आर्थिक क्षति पहुंची है वह कौन वहन करेगा? (घ) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) के प्रकाश में नये कलेक्‍ट्रेट भवन में कौन-कौन से विभाग संचालित हैं? सूची उपलब्‍ध करावें। प्रश्नांश (ख) के प्रकाश में अनुबंध की कितनी शर्तें पूरी की गयी? कितनी पूरी नहीं की गई? सूची उपलब्‍ध करावें? पूरी करने की तिथि की सीमा क्‍या थी। इसके लिये कौन जिम्‍मेदार है? जिम्‍मेदार के खिलाफ क्‍या कार्यवाही की गई? नहीं की गई तो क्‍यों?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। (ख) रू. 650.00 लाख। समदड़ि‍या बिल्डर्स द्वारा नये कलेक्ट्रेट भवन में मीटिंग हॉल, वीडियो कान्फ्रेन्सिग हॉल, एन.आई.सी. कलेक्टर कोर्ट, कलेक्टर मीटिंग कक्ष, कलेक्टर कक्ष आदि की साज-सज्जा एवं कलेक्ट्रेट की विभिन्न शाखाओं हेतु फर्नीचर प्रदाय का कार्य कराया गया है। अनुबंध की प्रमाणित प्रतिलिपि पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (क) (ख) के प्रकाश में भूमि के अपसेट मूल्य                      रू. 650.00 लाख के विरूद्ध प्राप्त अधिकतम ऑफर रू. 663.99 लाख सक्षम प्राधिकारी द्वारा स्वीकृत किया गया है। इस राशि में से शासकीय सम्पत्ति के रूप में 590.00 लाख का कार्य कराया जाना प्रस्तावित है। शेष बची राशि 663.99 - 590.00=73.99 लाख शासन के खाते में कार्य पूर्ण होने एवं समायोजन के उपरांत जमा कराया जाना प्रस्तावित है। अनुबंध निष्पादन के पूर्व बिडर द्वारा  प्रथम किस्त के रूप में बिड राशि का 10 प्रतिशत रू. 66.40 लाख चेक क्र. 005384 स्टेट बैंक रीवा दिनांक 08.09.2016 द्वारा जमा किया गया है। तथा परफॉरमेंस सिक्यूरिटी (ऑफर राशि का 10 प्रतिशत) रू. 66.40 लाख की बैंक गारण्टी (सेन्ट्रल बैंक ऑफ इण्डिया जबलपुर क्र. 10074316BG 0000077 दिनांक 31.08.2016 द्वारा जमा की गई अनुबंध की शर्तों के अनुरूप भूमि का कब्जा देने के पूर्व शासकीय निर्माण कार्य की लागत के बराबर रू. 590.00 लाख की बैंक गारण्टी (सेन्ट्रल बैंक ऑफ इण्डिया जबलपुर क्र. 0074316BG 0000082 दिनांक 19 दिसम्बर 2016 को जमा की गई है। तत्पश्चात प्रस्तावित भूमि का कब्जा बिडर को सौंपा गया है। यह राशि समयावधि के अन्दर जमा की गई है अतः ब्याज के भुगतान के रूप में कोई क्षति नहीं पहुंची है। (घ) सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। अनुबंध की शर्तों के अनुरूप कलेक्ट्रेट भवन की साज-सज्जा एवं फर्नीचर प्रदाय का कार्य प्रगति पर है। अनुबंध के अनुसार कार्य पूर्ण करने की तिथि 07.09.2018 नियत है। कार्य निर्धारित समयावधि में पूर्ण कर लिया जावेगा। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।

भूमि का पट्टा दिया जाना

[राजस्व]

63. ( क्र. 2356 ) श्री राम लल्लू वैश्य : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                          (क) क्‍या जिला सिंगरौली तहसील सिंगरौली एवं माडा के अंतर्गत आबादी (भूमिहीनों) को दखल रहित अधिनियम के तहत पट्टा दिये जाने का प्रावधान है? (ख) दिनांक 31 दिसम्‍बर, 2014 के पूर्व आबादी घर बनाकर रह रहें व्‍यक्तियों को कब तक पट्टा दिया जायेगा? (ग) क्‍या आबादी वाले व्‍यक्तियों का सर्वे कर लिया गया है, तो ग्रामवार व्‍यक्तियों की सूची देवें, साथ ही पट्टा कब तक दिया जायेगा?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। (ख) पट्टा देने की प्रक्रिया निरंतर जारी है। (ग) जी हाँ, सर्वे कार्य निरंतर जारी है। अभी तक तहसील सिंगरौली अंतर्गत 813 पट्टे एवं तहसील माड़ा अंतर्गत 663 पट्टे कुल 1476 पट्टे जारी किये जा चुके है। ग्रामवार सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। शेष पात्रताधारियों को परीक्षण कर पात्रता अनुसार पट्टा देने की कार्यवाही निरंतर प्रक्रियाधीन है।

अपराधों के रोकथाम न करने के लिए संबंधितों पर कार्यवाही करना

[गृह]

64. ( क्र. 2363 ) श्री सुन्‍दरलाल तिवारी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                 (क) क्‍या विधान सभा प्रश्‍नोत्‍तरी दिनांक 20.3.2017 में मुद्रित प्रश्‍न क्र. 147 (6265) के उत्‍तर में वर्ष 2015 में 6828 अपराध वर्ष 2016 में 5459 अपराध घटित होने हुए रीवा जिले में वर्ष 2015 में 2360 अपराध घटित हुए व 2016 में 2315 अपराध घटित हुए की जानकारी दी गई? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में रीवा जिले में बलात्‍कार/हत्‍या के कितने अपराध घटित हुए इनमें से कितने अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं अन्‍य वर्ग के है, इनकी उम्र क्‍या थी सभी का विवरण थानावार एवं प्रश्‍नांश दिनांक तक का देवें? (ग) प्रश्नांश (क) के अनुसार चोरी, लूट, हत्‍या एवं एक्‍सीडेन्‍ट के कितने अपराध वर्ष 2016 से प्रश्‍नांश दिनांक तक में रीवा जिले में घटित हुए का विवरण माहवार देवें? य‍ह बतावें कि अभियुक्तों की पकड़ की स्थिति क्‍या है? कितने आवेदन थानों में विवेचना हेतु लंबित हैं एवं उन पर कार्यवाही किन कारणों से नहीं की गयी? कितने शिकायती आवेदन ऐसे प्राप्‍त हुए, जो झूठे एवं बनावटी थे, झूठी शिकायतकर्ताओं पर क्‍या कार्यवाही की गयी थी थानावार बतावें? (घ) प्रश्नांश (ख) के पीड़ि‍तों को शासन द्वारा मिलने वाले अनुदान/सहायता कब-कब दिये गये का विवरण भी थानावार बतावें? (ड.) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) अनुसार घटित अपराधों के रोकथाम वावत शासन द्वारा क्‍या कार्य योजना तैयार की गई है? आये दिन अमानवीय अपराध घटित हो रहे, अपराधों के रोक थाम न किये जाने के लिए दोषियों पर क्‍या कार्यवाही करेगे, अगर नहीं तो क्‍यों?

गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। (ख) से (घ) जानकारी संकलित की जा रही है। (ड.) अपराधों की रोकथाम के लिए पुलिस विभाग द्वारा विभिन्न योजनाएँ जैसे- डायल-100, सी.सी.टी.वी. कैमरे का उपयोग, निर्भया पेट्रोलिंग आदि प्रचलन में हैं। डायल-100 के कार्यरत होने से पुलिस के रिस्पॉन्स टाईम में सुधार हुआ है। पुलिस थानों को तकनीकी रूप से सक्षम बनाने के लिए सी.सी.टी.एन.एस. जैसी महत्वाकांक्षी योजना लागू की गई है। इसके अतिरिक्त जिलों में पदस्थ पुलिस अधिकारियों के निर्देशन में अपराधों की रोकथाम हेतु थाना स्तर से निरंतर अपराधियों की चेकिंग, गश्त एवं अन्य प्रतिबंधात्मक उपाय किये जाते हैं। दुर्घटनाओं को रोकने के सड़क सुरक्षा सप्ताह का आयोजन किया जाता है एवं प्रदेश की शिक्षण संस्थाओं में समय-समय पर जागरूकता अभियान चलाया जाता है। समाज में जागरूकता के उद्देश्य से ग्राम रक्षा समितियों एवं नगर सुरक्षा समितियों का प्रभावशाली ढंग से उपयोग किया जा रहा है तथा समय-समय पर जनसंवाद, गणमान्य नागरिकों से संवाद वरिष्ठ नागरिकों से संवाद से संबंधित कार्यक्रम संचालित किये जाते हैं। अपराधों के रोकथाम न किये जाने के लिए कोई दोषी नहीं है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।

दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही करना

[राजस्व]

65. ( क्र. 2364 ) श्री सुन्‍दरलाल तिवारी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. सरकार के राजस्‍व विभाग द्वारा किसानों को उनके राजस्‍व अभिलेखों की कम्‍प्‍यूटरीकृत नकल विभाग द्वारा आवेदन प्राप्‍त कर प्रदाय किये जाने के निर्देश हैं? प्रश्‍नांश 157 (6275) दिनांक 20.03.2017 के अनुसार कम्‍प्‍यूटर में फिडिंग कराकर नि: शुल्‍क भूखण्‍ड धारियों को खसरे की नकल दी गई तो कब-कब अगर नहीं तो क्‍यों? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में रीवा जिले में सीधे विभाग द्वारा आवेदन प्राप्‍त कर वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में कितने नकल प्रदान किये गये नकल हेतु कितना शुल्‍क लिया जा रहा है? (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुसार कम्‍प्‍यूटरीकृत खसरे की नकल हेतु शासन द्वारा क्‍या शुल्‍क निर्धारित किया गया है? प्रति वर्ष प्रति नम्‍बर हेतु क्‍या शुल्‍क है? बतावें, अगर पाँच वर्ष की नकल ली जाती है तो कितना शुल्‍क निर्धारित किया गया है? शुल्‍क प्रति पेज या प्रति नंबर निर्धारित है, नकल में टिकट व कागज हेतु क्‍या शुल्‍क निर्धारित है, पृथक-पृथक बतावें? (घ) प्रश्‍नांश (ग) के खसरे के नकल हेतु पंच शाला नकल 10 नम्‍बर पर 1,000 रू. शुल्‍क लिये जा रहे है, जिस पर 500 टिकट के व 500 कागज के समाहित है, की दर से वसूली रीवा जिले में की जा रही है? (ड.) यदि प्रश्नांश (क) के नकल हेतु प्रश्‍नांश (ग) एवं (घ) अनुसार शुल्‍क लिये जा रहे है और किसानों का शोषण किया जा रहा है, तो इस पर संशोधन कर शुल्‍क प्रति पेज की दर से निर्धारित करेंगे, यदि शुल्‍क शासन निर्धारित दरों से ज्‍यादा वसूले जा रहे हैं तो संबंधितों के विरूद्ध क्‍या कार्यवाही करेंगे अगर नहीं तो क्‍यों?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। वर्ष 2015-16 में वास स्थान दखलकार अधिनियम के पट्टे जिन्हें दिये गये थे उन्हें खसरे की प्रति उपलब्ध करा दी गई थी। शासन के निर्देश प्राप्त होने पर निःशुल्क खसरा की नकलें प्रदाय की जाती है। इस वर्ष भी निःशुल्क खसरा की नकल वितरित की गई हैं। (ख) रीवा जिले में वर्ष 2015–16 में 8126 एवं वर्ष 2016–17 में 87726 नकल प्रदान की गयी हैं। कलेक्टर, रीवा द्वारा पारित आदेश क्रमांक 600/लो.से.गा./2015, दिनांक 20/11/2015 अनुसार नकल शुल्क लिया जा रहा है। (ग) म.प्र. भूराजस्व संहिता 1959 की 256 के नियम 56 के अन्तर्गत न्यायालय फीस स्टाम्प मूल्य (प्रतिलिपिकरण फीस की रकम के बराबर) रुपए 10/- सहित एकसाला/पाँच साला खसरा के प्रत्येक एकल पृष्ठ के लिए रुपए 10/- निर्धारित है। वांछित सर्वेक्षण संख्यांक की प्रतियाँ एक पृष्ठ से अधिक होने पर प्रत्येक अतिरिक्त पृष्ठ के लिए रुपए 5/- प्रति पृष्ठ आधारित प्रभार लिया जाएगा। (घ) जी नहीं। (ड.) जी नहीं। प्रश्नांश (क) के नकल हेतु प्रश्‍नांश (ग) एवं (घ) अनुसार शुल्क नहीं लिए जा रहे हैं। इसलिए कार्यवाही का कोई प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है।

मुख्‍यमंत्री अन्‍नपूर्णा योजना का क्रियान्‍वयन

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

66. ( क्र. 2377 ) श्री कुंवर सिंह टेकाम : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि     (क) मुख्‍यमंत्री अन्‍नपूर्णा योजनान्‍तर्गत कितने श्रेणियों (वर्गों) को सस्‍ते दर पर खाद्यान्‍न प्रदाय किये जाने का प्रावधान है? श्रेणीवार जानकारी देवें (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में सीधी/सिंगरौली जिले के अनु. जाति एवं जनजाति वर्ग कि कितने पात्र हितग्राहियों को योजना का लाभ नहीं दिया जा रहा है? कारण सहित जानकारी देवें। ऐसे हितग्राहियों की संख्‍या, विकासखण्‍डवार उपलब्‍ध करावें इन वर्गों के पात्र हितग्राहियों को कब तक सस्‍ते दर पर खाद्यान्‍न उपलब्‍ध करा दिया जायेगा?      (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में सीधी/सिंगरौली जिले में अपात्र बी.पी.एल. कार्डधारी मृतक, शासकीय कर्मचारी एवं दोहरा कार्डधारियों की संख्‍या कितनी है? विकासखण्‍डवार जानकारी देवें। ऐसे अपात्र हितग्राहियों के नाम खाद्यान्‍न पोर्टल से कब तक हटा दिये जावेंगे? प्रत्‍येक ग्राम पंचायत में उचित मूल्‍य की दुकान कब तक प्रांरभ कर दी जायेगी?

खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) सीधी जिले में कुल 2,07,712 परिवारों (9,37,742 हितग्राही) एवं सिंगरौली जिले में कुल 2,33,307 परिवारों (10,98,863 हितग्राही) को पात्रता पर्ची का वितरण किया गया है। जिसमें सीधी जिले में 52 प्रतिशत एवं सिंगरौली जिले में 55 प्रतिशत अनुसूचित जाति/जनजाति सहित अन्‍य श्रेणियों के परिवारों को जारी पात्रता पर्ची के आधार पर योजना का लाभ दिया जा रहा है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत भारत सरकार द्वारा राज्‍य के लिए हितग्राहियों की अधिकतम सीमा निर्धारित है, इस सीमा से अधिक हितग्राहियों को लाभांवित करने का प्रावधान अधिनियम की     धारा-3 के अंतर्गत न होने के कारण शेष आवेदकों को सम्मिलित नहीं किया गया है। वर्तमान में सम्मिलित पात्र परिवारों में से हितग्राही की मृत्‍यु होने, विवाह होने से, अन्‍य स्‍थान पर निवास करने एवं पात्रता श्रेणी में न रहने के कारण हितग्रा‍ही की पात्रता में परिवर्तन होना एक निरंतर प्रक्रिया है। तदानुसार नवीन पात्रता पर्ची निर्धारित सीमा में जारी की जा रही है। जिले में 01 मई, 2017 की स्थिति में सदस्‍यों की संख्‍या के विरूद्ध विलोपन योग्‍य सदस्‍यों को पोर्टल पर विलोपन किया जाकर, उतनी ही संख्या में संबंधित जिले के नवीन सत्यापित सदस्‍यों को सम्मिलित किया जा रहा है। जुड़ने वाले नवीन परिवारों में बी.पी.एल. एवं अनुसूचित जाति/जनजाति श्रेणी को प्राथमिकता दी जा रही है। वर्ष 2017-18 में सीधी जिले में 66 परिवारों के 142 एवं सिंगरौली जिले में 216 परिवारों के 776 हितग्राहियों के लिए नवीन पात्रता पर्ची जारी की गई है। (ग) सिंगरौली जिले के विकासखण्‍ड बैढ़न-289, देवसर-330 एवं चितरंगी-797, कुल 1416 एवं सीधी जिले के रामपुर नैकिन-1662, सीधी नगरपालिका-170, मझौली-161 एवं कुसमी-23 अपात्र, बी.पी.एल. राशनकार्डधारी, मृतक, शासकीय कर्मचारी एवं दोहरे राशनकार्डधारियों को पोर्टल से विलोपित किया जा चुका है। सीधी जिले की कुल 22 ग्राम पंचायतें उचित मूल्‍य दुकान विहीन हैं, जिनमें दुकान खोलने की कार्यवाही प्रचलित है। सिंगरौली जिले की सभी पंचायतों में उचित मूल्‍य दुकाने हैं।

परिशिष्ट - ''उन्नीस''

कार्यों की निविदा की जानकारी

[गृह]

67. ( क्र. 2429 ) श्री शैलेन्‍द्र पटेल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                  (क) मुख्‍यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा भौंरी पुलिस अकादमी में 31 मार्च, 2017 के जिस पासिंग आउट परेड की सलामी ली थी क्‍या उसमें मंच परेड ग्राउण्‍ड और फोर्ट-वॉल एवं अन्‍य कार्य जो कि पी.टी.एस. भौंरी की वेबसाइड पर उपलब्‍ध है, उन कार्यों की निविदा कब जारी की गई? (ख) क्‍या इन निर्माण कार्यों और कार्यक्रम होने के बाद 15 अप्रैल 2017 को परियोजना अंतर्गत सागर संभाग मध्‍यप्रदेश पुलिस हाउसिंग कारर्पोरेशन द्वारा जो निविदा जारी की गई, क्‍या वो इसी काम से संबंधित है एवं एक ही निविदाकार के पक्ष में ये सारी निविदाएं किस-किस दर से स्‍वीकृत की गई? ब्‍यौरा दें। क्‍या इस संबंध में शासन द्वारा जाँच कराई जाएगी? यदि हाँ, तो ब्‍यौरा दें? यदि नहीं, तो क्‍यों? (ग) क्‍या एस.डी.ओ. जनार्दन सिंह को पुलिस हाउसिंग कारर्पोरेशन में प्रतिनियुक्ति दी गई है? यदि हाँ, तो कब से नियुक्ति दी गई व इनकी नियुक्ति का आधार क्‍या है? (घ) क्‍या पुलिस हाउसिंग कार्पोरेशन में वरिष्‍ठता को नजर अंदाज कर एस.डी.ओ. जनार्दन सिंह को प्रभारी परियोजना अधिकारी (यंत्री) बनाया गया है, यदि हाँ, तो क्‍यों?

गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) परेड ग्राउण्ड की निविदा दिनांक 27.05.2015, फोर्ट-वॉल की निविदा दिनांक 22.05.2017 एवं अन्य निर्माण कार्यों की निविदा वित्तीय वर्ष 2009-10 से 2015-16 के मध्य जारी की गई। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। दिनांक 05.02.2007 से प्रतिनियुक्ति पर हैं। निगम में स्वीकृत पदों की रिक्तता एवं निगम के निचले संवर्ग में यंत्रियों की आवश्यकता के कारण। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।

धान एवं गेहूँ की खरीदी

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

68. ( क्र. 2467 ) श्री गोविन्‍द सिंह पटेल : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या शासन जिला नरसिंहपुर में किसानों को अपनी फसल, धान एवं गेहूँ की खरीदी हेतु शासन द्वारा निर्धारित समितियों में ही केन्‍द्र बनाये जाकर खरीदी किये जाने हेतु आदेश जारी करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्‍यों? (ख) क्‍या समर्थन मूल्‍य पर धान एवं गेहूँ की फसल की खरीदी पर किसान की उपज को बिक्री के बाद भंडारण केन्‍द्र पर पहुँचाने के लिये जो भाड़ा ठेकेदारों को दिया जाता है, उस भाड़े को किसान को दिये जाने की योजना बनाये जाने पर भी क्‍या विभाग विचार कर रहा है? यदि हाँ, तो कब तक?

खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) समर्थन मूल्‍य पर उपार्जित खाद्यान्‍न को भंडारित किए जाने वाले गोदाम से 15 कि.मी. की परिधि में आने वाली कुछ चिन्हित उपार्जन समितियों को ही जिला स्‍तर पर गोदाम से सम्‍बद्ध कर एवं शेष समितियों द्वारा समिति स्‍तर पर ही उपार्जन का कार्य किया जाता है। गोदाम स्‍तर पर खाद्यान्‍न उपार्जन करने से खाद्यान्‍न के परिवहन मूल्‍य में कमी, गुणवत्‍ता में और अधिक सुधार होने से गोदाम के समीप की कुछ चिन्हित समितियों पर भी उपार्जन कराए जाने के आदेश जारी किया जाना आवश्‍यक नहीं है। (ख) गोदाम स्‍तर पर उपार्जन हेतु 15 कि.मी. की परिधि में आने वाली कुछ चिन्हित उपार्जन समितियों को ही जिला स्‍तर पर गोदाम से सम्‍बद्ध कर उपार्जन कार्य कराया जाता है। अत: किसानों को अतिरिक्‍त परिवहन व्‍यय देने की आवश्‍यकता नहीं है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

बी.पी.एल. राश‍न कार्ड का लाभ नहीं मिलना

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

69. ( क्र. 2474 ) श्रीमती प्रतिभा सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि      (क) बरगी विधान सभा क्षेत्र के नगर निगम सीमा में सम्मिलित हुये गाँवों के कितने गरीबों के कितने बी.पी.एल. राशन कार्ड जमा/निरस्‍त किये गये थे? (ख) वार्ड नं. 71, 72 (न.नि.) के बरगी वि.स. के ग्रामों की जानकारी ग्रामवार नाम सहित दें। उपरोक्‍त वार्डों के कितने गरीबों के बी.पी.एल. राशन कार्ड बनाने संबंधित अनु. दण्‍डाधिकारी द्वारा विगत 3 वर्षों में आदेश जारी किये गये? उक्‍त आदेशों का क्रियान्‍वयन कर उनमें से कितने B.P.L. राशन कार्ड बनाए गये? कितने नहीं बनाए गये एवं क्‍यों? उपरोक्‍त पात्र गरीबों को खाद्यान्‍न एवं अन्‍य सुविधाओं से वंचित रखने कौन-कौन से अधिकारी दोषी हैं?

खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) प्रश्‍नांकित विधानसभा क्षेत्र के 11 ग्राम नगर निगम सीमा जबलपुर में सम्मिलित हुए हैं। इन ग्रामों का कोई भी बी.पी.एल. राशनकार्ड निरस्‍त नहीं किया गया है। (ख) जबलपुर नगर निगम के वार्ड नं. 71 में तेवर, पिण्डरई, चैकीताल, दलपतपुर, छीतापार, कोगवां, अंधुवा, बहदन, मोहनिया, परसवारा एवं वार्ड 72 में लमती ग्राम शामिल हैं। जहां के 31 आवेदकों द्वारा विगत दिनांक 19.11.2017 एवं 20.11.2017 को लोक सेवा केन्‍द्र में आवेदन करने पर अनुविभागीय अधिकारी द्वारा उन्‍हें बी.पी.एल. राशन कार्ड प्रदाय कर दिये गये हैं। आवेदन प्राप्‍त होने पर समय-सीमा में राशनकार्ड जारी किये गये। प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। चूंकि राशनकार्ड जारी किये जाने के उपरांत ही संबंधितों को राशन प्रदाय किया जाता है अत: खाद्यान्‍न एवं अन्‍य सुविधायें से वंचित रखने के लिए किसी के दोषी होने का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

पेय-जल आपूर्ति हेतु हैण्‍डपंप एवं नल-जल योजनाएं

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

70. ( क्र. 2475 ) श्रीमती प्रतिभा सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) बरगी वि.स. क्षेत्र के गाँवों में पेय-जल प्रदाय हेतु स्‍थापित हैण्‍डपंपों में से कितने हैण्‍डपंप खराब हैं? कितनों में जल स्‍तर कम होने से पानी नहीं है? बिगड़े हैण्‍डपंपों का कब तक सुधार किया जावेगा? हैण्‍डपंपों की आवश्‍यकता वाले ग्रामों में नये हैण्‍डपम्‍पों का खनन कब तक होगा? (ख) शहपुरा वि.ख. के जुगपुरा (पावला), बैठान मुहल्‍ला बेलखेड़ा, सुनपुरा (खैरी), बरमान मुहल्‍ला ग्राम बगर्रइ, इमलिया-7, बरमान, कुटरी, पीली कगर, खैरी आदि ग्रामों हेतु खनन कर हैण्‍डपंप स्‍थापित करने हेतु लिखा था? उक्‍त पानी की आवश्‍यकता वाले ग्रामों में खनन कब तक कराया जावेगा?

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) 53 हैण्डपंप खराब हैं। जिसमें से 26 हैण्डपंप जल स्तर कम होने से एवं 27 हैण्डपंप सामान्य खराबी से बंद है। साधारण खराबी से बंद हैण्डपंपों को विभाग द्वारा सतत् हैण्डपंप संधारण की प्रक्रिया के तहत निरंतर नियमानुसार निर्धारित सुधार की समयावधि अधिकतम 15 दिवस है। वित्तीय वर्ष 2017-18 में जिले को दिये गये 165 आंशिकपूर्ण श्रेणी की बसाहटों के तहत ऐसे ग्रामों में नलकूप खनन कर हैण्डपंप स्थापना का कार्य कराया जा रहा है। निश्चित समयावधि नहीं बताई जा सकती। (ख) जी हाँ। उत्तरांश (क) अनुसार।

ग्रीन ट्री पट्टे की जानकारी

[राजस्व]

71. ( क्र. 2496 ) श्री रामप्यारे कुलस्ते : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि      (क) मण्‍डला जिले की वर्तमान नगर परिषद् निवास में मध्‍यप्रदेश स्‍थापना से लेकर प्रश्‍न दिनांक तक कुल कितने ग्रीन ट्री पट्टे के नाम से पट्टे प्रदाय किये गये हैं? (ख) पट्टे प्रदाय किये गये वर्ष एवं किस व्‍यक्ति को कितने वर्षों तक के लिये ग्रीन ट्री पट्टे प्रदाय किये गये थे? (ग) क्‍या ग्रीन ट्री पट्टे स्‍थाई होते हैं या समय अवधि पूर्ण होने पर उक्‍त जमीन खाली करनी होती है? कितने ऐसे ग्रीन ट्री पट्टेधारी हैं, जिनका पट्टा स्‍थाई कर दिया गया है तथा ग्रीन ट्री पट्टे की जमीन पर पक्‍का निर्माण कार्य भी किया जा सकता है? क्‍या स्‍थाई कृषि पट्टे भी बन जाते हैं?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) मण्डला जिले के वर्तमान नगर परिषद् निवास अंतर्गत 01 ग्रीन ट्री पट्टा वर्ष 1986-87 में प्रदाय किया गया था। (ख) वर्ष 1986-87 में श्री मूल्लू पिता हल्का झारिया को ग्राम आमाडोंगरी में पुराना खसरा न. 44/1 जिसका नया खसरा न. 104/1 में 3.00 एकड़ का 02 वर्ष के लिये ग्रीन ट्री पट्टा प्रदाय किया गया था। (ग) ग्रीन ट्री पट्टे स्थायी नहीं होते है। समयावधि पूर्ण होने पर ग्रीन ट्री पट्टेदार का अधिपत्य पट्टे की भूमि पर समाप्त हो जाता है। किसी भी व्यक्ति का ग्रीन ट्री पट्टा स्थाई नहीं किया गया है तथा ग्रीन ट्री पट्टा की जमीन में पक्का निर्माण नहीं किया जा सकता है। ग्रीन ट्री पट्टा स्थाई कृषि पट्टा नहीं बन सकता।

नल-जल योजनाओं का क्रियान्‍वयन

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

72. ( क्र. 2506 ) श्री मानवेन्द्र सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जिला छतरपुर के अंतर्गत किन-किन ग्रामों में कुल कितनी नल-जल योजनाएं हैं? विगत 3 वर्षों में इनमें से कौन-कौन सी किस-किस वर्ष में तैयार होकर विभाग के सुपुर्द की गई? ग्रामवार/दिनांकवार/लागत राशि सहित जानकारी उपलब्‍ध करायें। (ख) क्‍या उक्‍त सभी नल-जल योजनायें मौके पर चालू हैं या बंद पड़ी हुई हैं? यदि चालू है तो इनकी जाँच कराई जावेगी? यदि बंद है तो किस कारण से? इसके लिये कौन-कौन जिम्‍मेदार है? उनके खिलाफ क्‍या कार्यवाही की जायेगी? कारण सहित जानकारी उपलब्‍ध करायें। (ग) क्‍या प्रश्‍नकर्ता के पत्र पर कलेक्‍टर छतरपुर द्वारा नल-जल योजनाओं की स्‍थल निरीक्षण हेतु जाँच कमेटी का गठन किया गया? यदि हाँ, तो निरीक्षण दल में कौन-कौन से अधिकारी-कर्मचारी सम्मिलित हैं? आदेश की प्रति उपलब्‍ध करायें (घ) गठित दल द्वारा कितनी नल-जल योजनाओं का स्‍थल निरीक्षण कर जिला प्रशासन को प्रतिवेदन प्रस्‍तुत किया गया? जाँच प्रतिवेदन की प्रति उपलब्‍ध करायें यदि जिला प्रशासन के निर्देश पर संबंधित अधिकारियों द्वारा स्‍थल निरीक्षण नहीं किया गया है, तो क्‍या इनके विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी?

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) 339 ग्रामों में 339 नल-जल योजनाएं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''1'' एवं ''2'' अनुसार है। (ख) योजनाओं के चालू/बंद, बंद के कारण सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है।     नल-जल योजनाओं के संचालन-संधारण का दायित्व संबंधित पंचायतों का है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ। आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है।     (घ) गठित दल द्वारा समस्त ग्रामीण नल-जल योजनाओं का निरीक्षण किया गया। जाँच प्रतिवेदन की प्रतियाँ पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।

शस्‍त्र लायसेंस की स्‍वीकृति

[गृह]

73. ( क्र. 2533 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि        (क) क्‍या आत्‍मरक्षार्थ एवं सुरक्षा गार्ड हेतु शस्‍त्र लायसेंस में एक ही नियम का पालन किया जाता हैं? (ख) यदि हाँ, तो सुरक्षा गार्ड हेतु सागर जिले में ऐसे कितने शस्‍त्र लायसेंस आवेदन/प्रकरण स्‍वीकृति हेतु लंबित हैं? (ग) सुरक्षा गार्ड हेतु सागर जिले में शस्‍त्र लायसेंस लंबित आवेदन/प्रकरण स्‍वीकृति हेतु शासन स्‍तर से क्‍या मापदण्‍ड तय किये गए हैं? (घ) सुरक्षा गार्ड हेतु शस्‍त्र लायसेंस कब तक स्‍वीकृत किए जावेंगे एवं कितने लायसेंस स्‍वीकृत किए जावेंगे?

गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) आयुध अधिनियम 1959 में निहित प्रावधानों के अन्तर्गत आत्मरक्षार्थ हेतु शस्त्र लायसेंस स्वीकृत किये जाते हैं। आयुध अधिनियम 1959 में निहित प्रावधानों के अन्तर्गत सुरक्षा गार्ड हेतु शस्त्र लायसेंस स्वीकृत किये जाने का पृथक से कोई प्रावधान नहीं है। (ख) सुरक्षा गार्ड हेतु लंबित शस्त्र लायसेंस स्वीकृति के आवेदन/प्रकरण की संख्या निरंक है। (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उत्पन्न नहीं होता। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।

नवीन माडॅल पशु चिकित्सालय केन्द्र की स्थापना

[पशुपालन]

74. ( क्र. 2555 ) श्री दिलीप सिंह शेखावत : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या मेरे विधानसभा क्षेत्र नागदा-खाचरौद पशु पालन के क्षेत्र में अग्रणी हैं? यहां के किसानों के पास प्रचुर मात्रा में दुधारू पशु उपलब्ध हैं? नागदा एवं खाचरौद शहरों के प्राथमिक पशु चिकित्सालय केन्द्रों के भवन काफी पुराने होकर जर्जर अवस्था में हैं? (ख) यहां आधुनिक नवीन माडॅल पशु चिकित्सालय केन्द्र स्थापना की कोई योजना है? (ग) आधुनिक नवीन मॉडल पशु चिकित्सालय केन्द्र कब तक स्वीकृत हो जावेंगे?

पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। वर्तमान में पशुपालन विभाग के सभी भवन उपयोगी होकर संचालित किये जा रहे हैं। (ख) वर्तमान में आधुनिक नवीन मॉडल पशु चिकित्सालय केन्द्र के रूप में जिला स्तर पर पॉलीक्लि‍निक स्थापित हैं। विकासखण्ड स्तर पर या नागदा, खचरौद क्षेत्र में अभी ऐसी कोई योजना प्रस्तावित नहीं है। (ग) विकासखण्ड स्तर पर अभी ऐसी कोई योजना प्रस्तावित नहीं है।

केन्द्रीय जेलों में खाद्यान्न आपूर्ति

[जेल]

75. ( क्र. 2605 ) श्री पुष्‍पेन्‍द्र नाथ पाठक : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मध्य प्रदेश में स्थित केन्द्रीय जेलों में प्रति माह कितनी एवं क्या-क्या खाद्यान्न आपूर्ति की जा रही है? विगत 03 वर्ष की माहवार, जेलवार खाद्यान्न आपूर्ति एवं खपत की जानकारी प्रदाय करें। (ख) केंद्रीय जेलों में खाद्यान्न आपूर्ति के लिए क्या प्रक्रिया अपनाई जाती है? विगत 03 वर्षों में कहाँ-कहाँ कितने व्यक्तियों या संस्था ने खाद्यान्न आपूर्ति के लिए आवेदन या निविदा डाली थी? (ग) वर्तमान में क्या-क्या सामग्री किस दर से विभिन्न केंद्रीय जेलों में ली जा रही है? सूची उपलब्ध करावें। (घ) केन्द्रीय जेल सतना में वर्तमान में खाद्यान्न आपूर्ति के लिए किस-किस संस्था या व्यक्ति ने निविदा डाली? किसे ठेका दिया गया? किस प्रक्रिया के तहत दिया गया वर्तमान में क्या-क्या सामग्री किस दर पर क्रय की जा रही है? अप्रैल-17 से अक्टूबर–17 तक माहवार वस्तुओं की खपत, दर एवं मात्रा की सूची उपलब्ध करावें।

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) मध्‍यप्रदेश की केन्‍द्रीय जेलों में प्रतिमाह बंदियों के क्रय की जारी खाद्यान्‍न सामग्री की आपूर्ति एवं खपत का विगत 03 वर्ष,     2014-15, 2015-16 एवं 2016-17 की माहवार जेलवार जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) केन्‍द्रीय जेलों में जेलपूर्ति नियम, 1968 एवं भण्‍डार क्रय नियम, 2015 के अनुसार ई-टेण्‍डर के माध्‍यम से वार्षिक निविदा द्वारा सामग्री क्रय की जाती है। विगत 03 वर्षों में केन्‍द्रीय जेलों में जिन व्‍यक्तियों अथवा संस्‍था ने खाद्यान्‍न आपूर्ति के लिए आवेदन या निविदा प्रस्‍तुत की थी, उनका विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) प्रदेश की केन्‍द्रीय जेलों में वर्तमान में क्रय की जा रही सामग्री एवं उनकी दर सहित सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (घ) केन्‍द्रीय जेल सतना में वर्तमान वर्ष, 2017-18 में खाद्यान्‍न आपूर्ति के लिए जिन संस्‍था या व्‍यक्तियों ने निविदा प्रस्‍तुत की थी एवं जिसे ठेका दिया गया, की सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-द अनुसार है। केन्‍द्रीय जेल सतना में माह अप्रैल, 2017 से अक्‍टूबर, 2017 तक की अवधि में बंदियों हेतु खपत/उपयोग के लिए क्रय की जा रही सामग्रियों एवं उनकी दर का विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-इ अनुसार है।

अनाधिकृत पट्टे जारी करना

[राजस्व]

76. ( क्र. 2615 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 1960-61 के राजस्व नक्शों के आधार पर उज्जैन संभाग के किन-किन जिलों में               कितनी-कितनी हेक्टेयर शासकीय राजस्व भूमि त्रुटिवश किसानों के नाम दर्ज होने के कारण किसानों द्वारा विधिवत् शासन को वापिस की है? जिलेवार विधानसभा क्षेत्रवार बतायें। (ख) क्‍या प्रश्नांश (क) में दर्शाई गई राजस्व भूमि में से विधानसभा क्षेत्र नीमच के किसानों द्वारा शासन को वापस की गयी राजस्व भूमि को अधिकारियों/कर्मचारियों द्वारा वर्ष 2000 से वर्ष 2014 की अवधि में राजस्व नक्शे में कूटरचना करके अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति वर्ग के किसानों के नाम अनाधिकृत पट्टे जारी कर बाद में बिक्री लेख के आधार पर अपने रिश्तेदारों के नाम कर शासन के साथ धोखाधड़ी करने बाबत कोई शिकायत विभाग को प्राप्त हुई है? यदि हाँ, तो विस्तृत ब्यौरा दें। (ग) प्रश्नांश (ख) में प्राप्त शिकायत पर क्‍या विभाग दोषी अधिकारियों/कर्मचारियों के विरुद्ध कोई कार्यवाही कर शासकीय राजस्व भूमि वापिस अपने कब्जे में लेगा? यदि हाँ, तो कब तक?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) वर्ष 1960-61 के राजस्व नक्शों के आधार पर उज्जैन संभाग के सभी जिलो में शासकीय राजस्व भूमि त्रुटिवश किसानों के नाम दर्ज होने के कारण किसानों द्वारा विधिवत् शासन को वापिस की प्रकरणों की जानकारी निरंक है। (ख) नीमच जिले में तदाशय की 02 शिकायतें प्राप्त हुई है, जिनका ब्यौरा निम्नानुसार है :- पहली शिकायत शिकायतकर्ता 1. पूनमचन्द पिता नाथूलाल पाटीदार निवासी अरनिया कुमार के द्वारा मौजा ग्राम अरनिया कुमार की भूमि सर्वे नं. 207 रकवा 0.63 हे. में से रकवा 0.15 हे. भूमि का पट्टा नवीन चन्द पिता ठोकरसी मोता निवासी विवेकानन्द मार्ग, बघाना को प्रकरण क्रमांक 25/अ-6अ/2006-07 आदेश दिनांक 29/09/2007 से स्वीकृत किये जाने की शिकायत कलेक्टर नीमच को प्रस्तुत की गई। जिसमें उक्त शासकीय भूमि का पट्टा तत्कालीन मौजा पटवारी सुनिल अग्रवाल व अन्य अधिकारियों की सांठ-गांठ से नियम विरूद्ध पट्टा दिया जाने के संबंध में शिकायत में यह उल्लेख किया गया है, कि शासकीय भूमि सर्वे नं. 207 रकवा 0.63 हे. में से रकवा 0.15 हे. भूमि का पट्टा नवीन चन्द्र पिता ठोकरसी मोता निवासी विवेकानन्द मार्ग बघाना को स्वीकृत कर दिया गया है। जिसे पट्टाधारी द्वारा कृषि भिन्न आशय से परिवर्तित कर फैक्ट्री का निर्माण कर लिया गया है। अतः उक्त पट्टे को निरस्त किया जाकर पट्टे की भूमि शासन के कब्जे में वापस लेने तथा संबंधित शासकीय सेवकों के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाने की मांग की गई है। शिकायत क्र. (2) - शिकायतकर्ता कमलेश पिता जानकीलाल सालवी निवासी खजूरी तहसील मनासा हालमुकाम नीमच के द्वारा मौजा धनेरियाकलां में विगत वर्ष 2016 में भूमियों के बंदोबस्त पूर्व भूमि स्वामी ऊंकारलाल, सुशील कुमार, राजकुमारी, फूल कुमारी पिता मूलचन्द ग्वाला निवासी बघाना नीमच के स्वामित्व की कृषि भूमियां सर्वे नं. 819 रकवा 0.658 हे., सर्वे नं. 848/2 रकवा 0.032 हे., सर्वे नं. 849 रकवा 1.003 हे., सर्वे नं. 854/2 रकवा 0.053 हे., सर्वे नं. 855 रकवा 0.648 हे. कुल किता-05 का कुल रकवा 2.394 हे. थी। उक्त भूमियों के पास शासकीय भूमियां सर्वे नं. 850 रकवा 0.314 हे., सर्वे नं. 856 रकवा 0.063 हे., सर्वे नं. 913 रकवा 0.073 हे., सर्वे नं. 941 रकवा 0.199 हे. कुल किता-04 का कुल रकवा 0.649 हे. भूमियां बंदोबस्त के दौरान ऊंकारलाल आदि चारों आरोपी व्यक्तियों ने राजस्व विभाग के बंदोबस्त प्रक्रिया में शामिल अधिकारियों के साथ मिलकर उपरोक्त चरण तीन में वर्णित शासकीय भूमियों को दस्तावेजों की कूटरचना कर हेराफेरी कर अपने खाते में मिला लिया और स्वयं को इन भूमियों का भूमि स्वामी बनाकर शासकीय भूमियों को रिकॉर्ड में से गायब कर दिया गया हैं। इसके फलस्वरूप उक्त आरोपी व्यक्तियों की भूमि का रकवा 2.394 हे. से बढ़कर 2.990 हे. हो गया हैं। शिकायत में यह भी उल्लेख किया गया है, कि इस प्रकार आरोपीगण की भूमि का रकवा बंदोबस्त के पश्चात 0.596 हे. अधिक हो गया जो प्रकरण में संलग्न प्रस्तुत खसरे खाते की नकलों से भी स्पष्ट हैं। इस प्रकार आरोपीगण द्वारा शासकीय कर्मचारियों के साथ मिलकर अधिकारों का दुरूपयोग कर शासकीय दस्जावेजों में हेराफेरी की गई हैं जो स्पष्टतः दस्तावेजों की कूटरचना, धोखाधड़ी, दस्तावेजों का अपने हित में उपयोग करने की श्रेणी में होने से अपराध हैं, जिस बारे में भा.द.वि. की धारा 420, 465, 467, 468, 471 के तहत विधिवत् प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कर आरोपी ऊंकारलाल, सुशील कुमार, राजकुमारी, फूल कुमारी पिता मूलचन्द ग्वाला निवासी बघाना नीमच व उनके सहयोगी बंदोबस्त प्रक्रिया के संबंधित राजस्व निरीक्षक, ट्रेसर, अधिकारियों को अनुसंधान पूर्ण कर न्यायालय के माध्यम से दण्डित करवाने की मांग की गई है। (ग) शिकायत क्रमांक-01 में सहायक अधीक्षक भू-अभिलेख नीमच व तहसीलदार नीमच से जांच करवाई गई। सहायक अधीक्षक भू-अभिलेख एवं तहसीलदार नीमच से पृथक-पृथक प्राप्त प्रतिवेदन के आधार पर ग्राम अरनिया कुमार स्थित सर्वे नं. 207 में से 0.15 हे. भूमि नवीनचन्द पिता ठोकरसी मोता के नाम दर्ज करने में की गई त्रुटि के परिणामस्वरूप तत्समय पदस्थ अतिरिक्त तहसीलदार संध्या श्रीवास्तव तथा तत्कालिन हल्का पटवारी सुनील अग्रवाल के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही के लिये निर्देश दिये गये हैं तथा शासकीय भूमि का विधिवत् सीमाकंन करने हेतु अधीक्षक भू-अभिलेख व मशीन के प्रशिक्षित राजस्व निरीक्षकों से सीमाकंन करवाया जाकर नियमानुसार अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही की जावेगी। शिकायत क्रमांक-02 के संबंध में न्यायालय तहसीलदार नीमच के न्यायालय में प्रकरण क्रमांक 20/अ-6अ/2016-17 से जाँच प्रारंभ की गई तथा अनावेदक के प्रस्तुत आवेदन पत्र पर कलेक्टर के प्रकरण क्रमांक 57/अ-74/2016-17 आदेश पत्रिका दिनांक 21/07/2017 से उक्त प्रकरण जाँच हेतु तहसीलदार मनासा को अंतरित किया गया है, जिसमें जाँच प्रचलित हैं। जाँच में प्राप्त निष्कर्षों के आधार पर प्रकरण में नियमानुसार अग्रिम कार्यवाही की जायेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

श्रमिकों के लिए कल्‍याण योजनाएं

[श्रम]

77. ( क्र. 2664 ) श्री मधु भगत : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि           (क) विभाग द्वारा श्रमिकों के लिये कौन-कौन सी योजनाएं संचालित की जा रही हैं? विभाग में बालाघाट जिले में कुल कितने श्रमिक चिन्हित हैं? (ख) बालाघाट जिले में श्रम विभाग द्वारा कितने रैन बसेरे एवं भवन बनाए गये हैं? इनकी बिंदुवार स्‍थानों की जानकारी विकासखंडवार विधान सभा क्षेत्रवार प्रदान करें? रैन बसेरों को संचालित करने एवं श्रमिकों को विश्राम के लिये कौन सी योजनाएं लागू हैं? (ग) श्रमिकों के बच्‍चों की पढ़ाई लिखाई एवं दवाईयों के लिये क्‍या कोई योजना संचालित है? यदि हाँ, तो बतायें। विगत 03 वर्ष में कितने श्रमिकों के परिवार के सदस्‍यों को किस-किस योजना का लाभ दिया गया?

खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) श्रम विभाग के अंतर्गत म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल के अंतर्गत पंजीकृत निर्माण श्रमिकों हेतु एवं म.प्र. श्रम कल्याण मंडल द्वारा योजनाएं संचालित की जा रही है। जिनकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' एवं '''' अनुसार है। म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल के अंतर्गत बालाघाट जिले में वर्तमान में कुल 56,777 निर्माण श्रमिक पंजीकृत है। म.प्र. श्रम कल्याण मंडल द्वारा श्रमिकों के पंजीयन का प्रावधान नहीं है। (ख) बालाघाट जिले में म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल द्वारा निर्माण श्रमिक रैन बसेरा का निर्माण नहीं किया गया है। अतः विकासखण्डवार विधानसभा क्षेत्रवार जानकारी निरंक है। म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल द्वारा शहरों में कार्य हेतु आये निर्माण श्रमिकों के रात्रि विश्राम हेतु ''निर्माण श्रमिक रैन बसेरा'' योजना संचालित की जा रही है। (ग) जी हाँ। म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल तथा म.प्र. श्रम कल्याण मंडल द्वारा प्रश्नांकित प्रकृति की योजनाएं संचालित की जा रही है। योजनावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' एवं '''' अनुसार है।

बंद नल-जल योजनाएं

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

78. ( क्र. 2687 ) श्री लखन पटेल : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रश्‍नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र पथरिया में कितनी नल-जल योजनाएं (सभी मदों की) है? इनमें से कितनी नल-जल योजनाएं चालू हैं व कितनी बंद हैं? बंद होने के कारण स्‍पष्‍ट बतायें। (ख) बंद नल-जल योजनाओं को चालू कराने हेतु आज प्रश्‍न दिनांक तक क्‍या-क्‍या कार्य कहा-कहाँ कराये गये? ग्राम पंचायतवार बताये। क्‍या वर्ष 2016-172017-18 में बंद पड़ी नल-जल योजनाओं को चालू कराने हेतु राशि उपलब्‍ध करायी गई? यदि हाँ, तो कितनी व उस राशि से कितनी नल-जल योजनाओं का सुधार हुआ व क्‍या-क्‍या कार्य कराया गया? क्‍या ये नल-जल योजनाएं सुचारू रूप से चालू हैं? यदि हाँ, तो कौन-कौन सी चालू हैं? ग्राम पंचाचत/ग्रामवार बतावें। (ग) बंद पड़ी नल-जल योजनाओं को आगामी ग्रीष्‍म काल को देखते हुये चालू कराने हेतु विभाग द्वारा कोई योजना बनायी गई है। हाँ तो क्‍या योजना है?

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) 88 नल-जल योजनायें।                  63 योजनायें चालू व 25 योजनायें बंद हैं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है।             (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं 2 अनुसार है। जी हाँ। रूपये 98.33 लाख की राशि उपलब्ध कराई गई। जिससे 38 नल-जल योजनाओं का सुधार हुआ है। शेष प्रश्नांश की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जी हाँ। शासन द्वारा विद्यमान बंद नल-जल योजनाओं को यथाशीघ्र चालू करने हेतु प्रत्येक जिले में कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित जिला स्तरीय समिति को रूपये 20.00 लाख तक की स्वीकृति के अधिकार सौंपे हैं।

परिशिष्ट - ''बीस''

लीज भूमि फ्री होल्‍ड संबंधी प्रकरण

[राजस्व]

79. ( क्र. 2693 ) श्रीमती रेखा यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि        (क) क्‍या नजूल अधिकारी जिला पन्‍ना के न्‍यायालय में मामला क्रमांक 02/बी-121/12-13 से लीज भूमि फ्री होल्‍ड संबंधी प्रकरण विचाराधीन है? हाँ या नहीं। (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार यदि हाँ, तो क्‍या उक्‍त प्रकरण के संबंध में नजूल अधिकारी को कब-कब वरिष्‍ठ अधिकारियों एवं उच्‍च न्‍यायालय द्वारा कितने दिन के अंदर उक्‍त प्रकरण का निराकरण करने के निर्देश दिये गये थे? उल्‍लेख करें। (ग) क्‍या प्रश्‍नांश (ख) के अनुसार नजूल अधिकारी द्वारा वरिष्‍ठ अधिकारी एवं उच्‍च न्‍यायालय के आदेश का पालन समय-सीमा में किया गया है? हाँ या नहीं। (घ) प्रश्नांश (ग) के अनुसार यदि नहीं, तो कारण सहित बतायें। क्‍या शासन विधिसम्‍मत एवं समय-सीमा में कार्यवाही न करने वाले अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही करने के आदेश जारी करेगा? यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो कारण स्‍पष्‍ट करें।

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी नहीं। नजूल अधिकारी जिला पन्‍ना के न्‍यायालय के मामला क्रमांक 02बी 121/12-13 से लीज भूमि फ्री होल्‍ड संबंधी प्रकरण् दिनांक 29.09.2017 को निर्णित हो चुका है। (ख) से (घ) उत्तरांश (क) के परिप्रे‍क्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

नामांतरण प्रकरण की जानकारी

[राजस्व]

80. ( क्र. 2694 ) श्रीमती रेखा यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि               (क) क्‍या प्रश्‍नकर्ता के प्रश्‍न क्रमांक 1302 दिनांक 19 जुलाई 2017 प्रश्‍न (क) में पूछा था कि सीट क्रमांक 46 भूखण्‍ड क्रमांक 277 खसरा नं. 2666 पर कब्‍जे के आधार पर बिहारीलाल राय तनय बल्‍देव राय पक्‍की दुकान क्षेत्रफल 8 वर्गमीटर दर्ज किया गया था, जिसका उत्‍तर माननीय मंत्री जी द्वारा जी हाँ दिया था? (ख) प्रश्‍नांश (क) के अनुसार यदि हाँ, तो क्‍या उक्‍त नजूल सीट में दर्ज व्‍यक्ति को सहायक भू-मापन अधिकारी छतरपुर के प्रकरण क्र. 104/अ-20/1987-88 स्‍वामित्‍व संबंधी दस्‍तावेज प्रस्‍तुत करने संबंधी पत्र जारी किया गय था? (ग) प्रश्‍नांश (ख) के अनुसार यदि हाँ, तो क्‍या उक्‍त व्‍यक्ति द्वारा स्‍वामित्‍व संबंधी दस्‍तावेज प्रस्‍तुत किये गये थे? (घ) प्रश्नांश (ग) के अनुसार यदि हाँ, तो उक्‍त दस्‍तावेजों की प्रति उपलब्‍ध कराये। यदि नहीं, तो क्‍या उक्‍त व्‍यक्ति को सक्षम अधिकारी द्वारा स्‍वामित्‍व का अधिकार दिया गया था। यदि हाँ, तो उक्‍त आदेश की प्रति उपलब्‍ध कराये। (ड.) प्रश्‍नांश (घ) के अनुसार यदि नहीं, तो क्‍या न्‍यायालय नजूल अधिकारी छतरपुर के प्रकरण क्रमांक 1/अ-6/2016-17 आदेश दिनांक 13.01.2017 को नाम परिवर्तन का आदेश क्‍यों जारी किया गया था? क्‍या म.प्र.भू.रा.सं. 1959 के प्रावधान के अन्‍तर्गत नजूल अधिकारी को कब्‍जेधारी का नाम परिवर्तन करने के अधिकार है? यदि हाँ, तो उक्‍त नियमों एवं निर्देशों की प्रति उपलब्‍ध कराये। यदि नहीं, तो क्‍या उक्‍त आदेश को सक्षम अधिकारी द्वारा निरस्‍त किया जायेगा? यदि हाँ, तो समय-सीमा बतायें। यदि नहीं, तो क्‍यों?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) एवं (घ) जी नहीं। (ड.) प्रकरण क्रमांक 01/अ-6/2016-17 में दिनांक 13/01/2017 को मध्‍यप्रदेश भू-राजस्‍व संहिता 1959 की धारा 109 एवं 110 के तहत आदेश पारित किया गया था उक्‍त आदेश के विरूद्ध सक्षम अधिकारी द्वारा प्रकरण सुनवाई में लिया जा चुका है। सम्‍यक सुनवाई उपरांत उचित आदेश पारित किया जावेगा। धारा 109 एवं 110 के अधिकार डिप्‍टी कलेक्‍टर नजूल को अधिसूचना क्रमांक 3215-2369-आठ-66 दिनांक 21/12/66 द्वारा प्रदान किये गए हैं। नियम की प्रति संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। मध्‍यप्रदेश भू-राजस्‍व संहिता 1959 के प्रावधान के अंतर्गत नजूल अधिकारों को कब्‍जेधारी का नाम परिवर्तन का अधिकार नहीं है।

परिशिष्ट - ''इक्कीस''

बंद पड़ी नल-जल योजनाओं को चालू करना

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

81. ( क्र. 2714 ) श्री सुदेश राय : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विधान सभा क्षेत्र सीहोर अन्‍तर्गत वर्ष 2016-17 में शासन द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में बंद पड़ी नल-जल योजना को चालू करने हेतु बजट स्‍वीकृत होने के उपरान्‍त भी अभी कार्य प्रारम्‍भ क्‍यों नहीं किया गया है? इसमें देरी होने का क्‍या कारण है? क्‍या 2 लाख से अधिक राशि के सभी कार्यों के टेण्‍डर हो गये हैं? (ख) यदि हाँ, तो किस एजेंसी को कितनी लागत का क्‍या-क्‍या काम दिये गये? कार्य अनुसार ग्राम पंचायतवार पृथक-पृथक विस्‍तृत विवरण देवें।

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी नहीं, कार्य अनुबंध की कार्यवाही प्रारंभ हो चुकी है। आमंत्रित निविदाओं में समय पर निविदाकारों के द्वारा भाग नहीं लेने के कारण एजेंसी के निर्धारण में विलंब होने से। जी नहीं, स्वीकृति की प्रक्रिया में है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।

परिशिष्ट - ''बाईस''

नल-जल योजना एवं हैण्‍डपंप खनन की जानकारी

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

82. ( क्र. 2727 ) श्री संजय शाह मकड़ाई : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या टिमरनी विधान सभा क्षेत्र एवं वन ग्रामों में कम वर्षा होने से ग्रीष्‍म ऋतु में पानी संकट गहराने की आशंका को देखते हुए नल-जल योजना एवं विभिन्‍न स्‍थानों पर हैण्‍डपंप खनन की स्‍वीकृति प्रदान करेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? (ख) पूर्व में नल-जल योजना एवं हैण्‍डपंप स्‍वीकृत हैं किन्‍तु रख-रखाव के अभाव एवं मैकेनिक कर्मचारियों की कमी के कारण बंद हो जाते हैं, इस हेतु शासन क्‍या योजना बनायेगी? यदि हाँ, तो कब तक? (ग) वर्तमान में कितनी नल-जल योजना स्‍वीकृत हैं, कितनी पूर्ण/अपूर्ण हैं? क्‍या उनसे जल प्रदाय हो रहा है? ग्रामवार सूची उपलब्‍ध करावें? (घ) पूर्व से स्‍वीकृत नल-जल योजना में पाईप लाईन का विस्‍तार होना है, क्‍या इसकी स्‍वीकृति प्रदान की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) ग्रीष्मकाल में पेय-जल संकट उत्पन्न होने पर आवश्यकतानुसार उपयुक्त कार्यों की स्वीकृति प्रदान की जाती है। निश्चित समयावधि नहीं बतायी जा सकती है। (ख) विद्यमान बंद नल-जल योजनाओं को चालू करने का दायित्व संबंधित ग्राम पंचायतों का है तथा इस हेतु शासन द्वारा प्रत्येक जिले में कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित जिला स्तरीय समिति को रू. 20.00 लाख तक के नल-जल योजना के मरम्मत कार्यों की स्वीकृति के अधिकार सौंपे गये हैं। हैण्डपंपों का सुधार कार्य विभाग द्वारा सतत् हैण्डपंप संधारण प्रक्रिया के तहत उपलब्ध मैकेनिक एवं आउट सोर्सिंग के माध्यम से निरंतर किया जाता है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) आवर्धन योजना बनाई जाकर नियमानुसार जनभागीदारी की राशि प्राप्त कर वित्तीय उपलब्धता एवं लक्ष्य अनुसार स्वीकृति दी जा सकेगी। निश्चित समयावधि नहीं बतायी जा सकती।

परिशिष्ट - ''तेईस''

कृषकों से कृषि कार्यों हेतु अवैध वसूली

[राजस्व]

83. ( क्र. 2747 ) श्रीमती शकुन्‍तला खटीक : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या आदर्श ग्राम सिरसौद तहसील करैरा, जिला शिवपुरी के कृषकों द्वारा ग्राम हल्‍का नं. 15 के पटवारी की मनमानी जैसे- नामांतरण, बंटवारा, बी.पी.एल. आदि कार्यों हेतु कृषकों से राशि वसूली की शिकायत दिनांक 12.6.17 में कलेक्‍टर शिवपुरी को व एस.डी.एम. एवं तहसीलदार करैरा को शपथ पत्रों सहित की गइ थी। जिस पर आज दिनांक तक कोई कार्यवाही नहीं की जा सकी है, मात्र स्‍थानांतरण किया गया है। (ख) क्‍या उपरोक्‍त शिकायत राजस्‍व अधिकारियों को करने के बाद भी शासन प्रशासन स्‍तर पर कोई कार्यवाही पटवारी के खिलाफ नहीं की गई? (ग) क्‍या उक्‍त महत्‍वपूर्ण शिकायत की प्रश्‍नकर्ता के समक्ष जाँच किसी वरिष्‍ठ अधिकारी द्वारा कराई जाकर ऐसे कर्मचारियों के खिलाफ दण्‍डात्‍मक कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। स्‍थानान्‍तरण के अतिरिक्‍त विभागीय जाँच भी प्रचलित है। (ख) जी नहीं। (ग) कार्यावाही नियमानुसार की जा रही है। समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है।

शासकीय भूमि को अतिक्रमणकारियों से मुक्‍त कराया जाना

[राजस्व]

84. ( क्र. 2748 ) श्रीमती शकुन्‍तला खटीक : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या प्रश्‍नकर्ता विधायक द्वारा शिकायत पत्र क्र. 68/एमएलए/2017, दिनांक 31.7.17 अनुविभागीय अधिकारी राजस्‍व करैरा को दिया गया था कि कस्‍बा करैरा में स्थित शासकीय भूमि सर्वे क्र. 1537 जो सब्‍जी मण्‍डी हेतु आरक्षित है, जिस पर अतिक्रमणकारियों ने पक्‍का निर्माण कर अवैध कब्‍जा कर लिया है और शेष भूमि पर भी कब्‍जा करने के प्रयास में हैं तथा कुछ लोगों द्वारा जिनकी स्‍वामित्‍व की भूमि शासकीय भूमि से ली हुई है, वे लोग अतिक्रमण कराने में पूर्ण सहयोगी है? (ख) क्‍या प्रश्‍नकर्ता शिकायत उपरांत तहसीलदार करैरा द्वारा अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही हेतु नोटिस भी जारी किये जा चुके हैं परन्‍तु अभी तक अतिक्रमण नहीं हटाया, क्‍यों? (ग) क्‍या उपरोक्‍त शासकीय भूमि जो शहर की मुख्‍य भूमि है, उस पर इस प्रकार खुले आम कब्‍जा हो जाना और प्रशासन इसको अनदेखा करता रहे, यह प्रशासन की लापरवाही नहीं दर्शाता है? (घ) उक्‍त शासकीय भूमि को अतिक्रमणधारियों से कब तक मुक्‍त कराई जाकर उनके खिलाफ कब तक आपराधिक प्रकरण दर्ज कर दिये जावेंगे, जिससे भविष्‍य में शहर की शेष शासकीय भूमि पर अतिक्रमण न हो सके?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। ग्राम करैरा के सर्वे क्रमांक 1537 रकवा 0.742 हेक्‍टेयर में से मात्र 4500 वर्गफीट भूमि सब्‍जी मण्‍डी हेतु नगर परिषद् करैरा को आवंटित की गई, उक्‍त भूमि पर वर्तमान में किसी का अतिक्रमण नहीं है। शेष भूमि पर हुए अवैध कब्‍जा करने वालों के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही की गई है। (ख) जी हाँ। अतिक्रामकों के विरूद्ध म.प्र.भू-राजस्‍व संहिता 1959 की धारा 248 के तहत प्रकरण दर्ज कर सूचना पत्र जारी किये गये है। (ग) एवं (घ) अतिक्रामकों के विरूद्ध म.प्र.भू-राजस्‍व संहिता 1959 की धारा 248 के तहत प्रकरण दर्ज कर सूचना पत्र जारी किया गया तथा नियमानुसार कार्यवाही प्रचलित है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

जन भागीदारी एवं नल-जल योजना

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

85. ( क्र. 2767 ) श्री पंडित सिंह धुर्वे : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मण्‍डला जिले में कितनी नल-जल योजनाएं किन-किन स्‍त्रोतों से संचालित है?            (ख) उक्‍त संचालित योजनाओं में वर्तमान समय में कितनी प्रांरभ हैं व कितनी किस कारण से बंद हैं? बंद नल-जल योजनाओं को शुरू करने हेतु विभाग द्वारा क्‍या कार्यवाही की जा रही है?               (ग) मण्‍डला जिले में जन भागीदारी योजना से वर्ष 2014 से वर्तमान तक विभाग को कितने प्रस्‍ताव योजना हेतु प्राप्‍त हुए? प्राप्‍त हुए प्रस्‍तावों में से कितने प्रस्‍तावों पर जनभागीदारी की राशि विभाग को जमा की गई? (घ) क्‍या जन भागीदारी की राशि जमा करने के बाद भी कई वर्षों से प्रस्‍ताव लंबित हैं? क्‍या इस मामलें की जाँच कराई जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) 413 योजनाएं। 280 योजनाएं नलकूप, 128 योजनाएं कूप एवं 05 योजनाएं सतही स्त्रोतों के माध्यम से संचालित हैं। (ख) 302 योजनाएं प्रारंभ एवं 111 योजनाएं बंद हैं। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) 33 योजनाओं के प्रस्ताव प्राप्त हुये हैं। सभी 33 योजनाओं हेतु राशि विभाग में जमा की गई है। (घ) कोई भी प्रस्ताव स्वीकृति हेतु लंबित नहीं हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।

बसाहटों में नल-जल योजना का क्रियान्‍वयन

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

86. ( क्र. 2769 ) श्री पंडित सिंह धुर्वे : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मण्‍डला जिले में वर्ष 2010-11 में 65 बसाहटों के लिये नल-जल प्रदाय योजना सिद्ध बाबा आर.डी. कॉलेज के सामने वर्ष 2010-11 में स्‍थानीय जन प्रतिनिधियों एवं तात्‍कालीन कलेक्‍टर की उपस्थिति में कार्य प्रारंभ करने हेतु भूमि पूजन किया गया था? उक्‍त कार्य हेतु शासन द्वारा कितनी राशि स्‍वीकृत की गई थी? प्रशासकीय स्‍वीकृति की दिनांक सहित जानकारी देवें।                  (ख) स्‍वीकृत राशि से किन-किन बसाहटों में क्‍या-क्‍या कार्य कराये जाना था? कार्यपूर्ण करने की समय-सीमा क्‍या थी? क्‍या कार्य पूर्ण हो चुका है? यदि हाँ, तो सम्‍पूर्ण बसाहटों में नल-जल योजना चालू कर दी गई हैं? यदि नहीं, तो इतने लम्‍बे अंतराल के बाद भी योजना प्रारंभ क्‍यों नहीं की गई है? इस कार्य में किन-किन अधिकारियों के द्वारा गंभीर लापरवाही बरती गई है? क्‍या इसकी जाँच कराई जायेगी? (ग) क्‍या जिन बसाहटों में पाईप लाईन बिछाई गई है वह अत्‍यन्‍त घटिया किस्‍म की है जो बिछाते ही टूट चुकी है, जिससे पानी की सप्‍लाई आज भी प्रारंभ नहीं हो पाई है? यदि हाँ, तो संबंधित अधिकारियों के खिलाफ उक्‍त कार्य की उच्‍च स्‍तरीय जाँच कर कार्यवाही की जावेगी व नल-जल योजना सम्‍पूर्ण बसाहटों में कब तक प्रारंभ कर दी जावेगी?

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी हाँ। प्रशासकीय स्वीकृति लागत रू. 3075.78 लाख की दिनांक 2.7.2010 को दी गई। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। पुनरीक्षित योजना में सम्मिलित कार्यों के अनुसार कार्य पूर्ण करने की समयावधि 25.09.2016 थी। जी नहीं। योजना के 30 ग्रामों में 30 बसाहटों में जल प्रदाय किया जा रहा है, शेष 25 ग्रामों की 48 बसाहटों में 90 प्रतिशत कार्य पूर्ण कर परीक्षण प्रगति पर है। योजना में पाईप लाईन बिछाने का कार्य अधिकांशतः वन-भूमि में होने से क्रियान्वयन के दौरान अतिरिक्त बसाहटों को योजना में शामिल किये जाने के कारण विलंब हुआ। किसी भी अधिकारी द्वारा लापरवाही परिलक्षित नहीं हुई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। पाईप लघु उद्योग निगम के माध्यम से क्रय किये गये हैं, जहां गुणवत्ता का परीक्षण अधिकृत संस्थाओं के द्वारा किया जाता है। जाँच का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। निश्चित समयावधि नहीं बताई जा सकती है।

सूखाग्रस्‍त घोषित करने के नियम

[राजस्व]

87. ( क्र. 2781 ) श्री ओमकार सिंह मरकाम : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2017-18 में मध्‍यप्रदेश के कितने जिलों की तहसीलों को सूखाग्रस्‍त घोषित किया गया हैं? सूखाग्रस्‍त घोषित करने के लिए क्‍या नियम हैं? (ख) डिण्‍डौरी जिले में सूखाग्रस्‍त की मांग को लेकर कब तक किसने-किसने मांग किया है। (ग) डिण्‍डौरी जिले को सूखाग्रस्‍त घोषित क्‍यों नहीं किया गया है? कारण बतावें। (घ) क्‍या पुन: सर्वे कराके डिण्‍डौरी जिले को सूखाग्रस्‍त घोषित किया जायेगा? अगर हाँ तो कब तक? अगर नहीं तो क्‍यों नहीं?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) वर्ष 2017-18 में म.प्र. में 18 जिलों की 133 तहसील को सूखाग्रस्‍त घोषित किया गया है। कृषि मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा जारी नवीन सूखा मैन्‍युअल 2016 के अनुसार, वैज्ञानिक मापदण्‍ड के आधार पर सूखाग्रस्‍त घोषित किया जाता हैं। (ख) डिण्‍डौरी जिले को सूखाग्रस्‍त घोषित करने हेतु जिला कार्यालय भू-अभिलेख द्वारा पत्र क्रमांक 516/2017 दिनांक 12.10.2017 को रिपोर्ट शासन को प्रेषित की गई है। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। (ग) नवीन सूखा मैन्‍युअल 2016 के अनुसार वैज्ञानिक मापदण्‍ड की पूर्ति नहीं होने से डिण्‍डौरी जिला सूखा घोषित नहीं किया गया। (घ) प्रश्‍नांग (ग) के उत्‍तर के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता।

एफ.आई.आर. की जानकारी

[गृह]

88. ( क्र. 2790 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या प्रश्‍नकर्ता सदस्‍य द्वारा दिनांक 20.10.2017 को स्‍लीमनाबाद जाकर स्‍वयं एफ.आई.आर. दर्ज करने को कहा गया? क्‍या संबंधित अधिकारियों द्वारा एफ.आई.आर. न लिखकर आवेदन देने को कहा गया था? क्‍या आवेदन 3-4 लोगों के चोटिल होने के संबंध में था? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्‍या आवेदन लगभग 11.00 से 1.00 बजे के मध्‍य में था? क्‍या इसके पश्‍चात पुलिस ने कुल अज्ञात लोगों के विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज की है? (ग) क्‍या प्रश्‍नकर्ता सदस्‍य द्वारा पत्र क्रमांक 1123 दिनांक 25.10.2017 भेजा गया है? अगर भेजा है तो उस पत्र पर क्‍या कार्यवाही हुई है? तिथिवार, कार्यवाहीवार बताएं?

गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। प्रश्नकर्ता घटना के प्रार्थी अथवा साक्षी नहीं थे तथा उक्त घटना की पूर्व से सूचना थाने पर थी, यह तथ्य प्रश्नकर्ता को अवगत कराया गया। पश्चात प्रश्नकर्ता द्वारा थाना स्लीमनाबाद पर स्वतः एक आवेदन पत्र दिया गया। आवेदन पत्र     श्री सुरेश चौधरी, विक्की गौतम, सुनील अग्रहरी एवं अन्य के साथ मारपीट के संबंध में था। (ख) जी हाँ। (ग) जी हाँ। पत्र क्रमांक-1123 दिनांक 28.10.17 को पुलिस अधीक्षक कार्यालय कटनी में प्राप्त हुआ। इसे दिनांक 30.10.17 को अनुविभागीय अधिकारी पुलिस, स्लीमनाबाद को जाँच हेतु भेजा गया था। उक्त पत्र अनुविभागीय अधिकारी पुलिस, स्लीमनाबाद को दिनांक 31.10.17 को प्राप्त हुआ। पत्र में उल्लेखित बिंदुओं की जाँच में पाया गया कि कटनी से स्लीमनाबाद वाले मार्ग में पुलिस/प्रशासन द्वारा सी.सी.टी.व्ही. कैमरे नहीं लगाये गये हैं। देशी शराब दुकान के बाहर लगे कैमरे में मात्र मॉनिटर है तथा रिकार्डिंग उपकरण हार्ड डिस्क नहीं है, अतः वीडियो फुटेज उपलब्ध नहीं है।

राजस्व सर्वेक्षण एवं भूमि बन्दोबस्त कार्य की जानकारी

[राजस्व]

89. ( क्र. 2808 ) डॉ. राजेन्‍द्र पाण्‍डेय : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                (क) क्‍या शासन/विभाग द्वारा समय-समय पर आवश्‍यकताओं के कारण भूमि बंदोबस्‍त एवं राजस्‍व रिकार्ड का संधारण, भूमि स्‍वामित्‍वों का निर्धारण इत्‍यादि कार्य किया जाता है? (ख) यदि हाँ, तो आजादी के बाद भी एवं मध्‍यप्रदेश राज्‍य गठन के पश्‍चात भी कब-कब किन वर्षों में भूमि बंदोबस्‍त का कार्य किया गया एवं इन किये गये कार्यों का रिकार्ड स्‍थानीय कार्य स्‍थल से लेकर तहसील, जिला इत्‍यादि किन-किन स्‍थानों पर लिपिबद्ध होकर संधारित किया गया? (ग) क्‍या जावरा नगर, तहसील पिपलौदा एवं जावरा तहसील में भूमि बंदोबस्‍त का कार्य किये जाने के बाद अनेक ग्रामों, मजरों, टोलों इत्‍यादि स्‍थानों के ट्रेस, नक्‍शा, नकल एवं बंदोबस्‍त के निर्धारण का रिकार्ड प्राप्‍त नहीं हो पा रहा है? (घ) यदि हाँ, तो जिन स्‍थानों एवं ग्रामों का रिकार्ड अप्राप्‍त होकर नहीं मिला है, क्‍या वहां पुन: बंदोबस्‍त का कार्य किया जाएगा? साथ ही बताएं कि नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्रों में शासन की भूमि पर कितना अतिक्रमण है तथा शासन की कितनी, किन स्‍थानों पर अतिक्रमण मुक्‍त भूमियां हैं?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। (ख) आजादी के बाद वर्ष 1956-57 एवं म.प्र. राज्य के गठन के पश्चात सर्वप्रथम वर्ष 1975-76 में राजस्व सर्वेक्षण एवं बन्दोबस्त का कार्य प्रारम्भ किया गया जो वर्ष 7 जून 2000 तक प्रभावशील रहा। म.प्र.राजपत्र दिनाकं 9 जून 2000 में प्रकाशित अधिसूचना से राजस्व सर्वेक्षण की संक्रियायें शासन द्वारा समाप्त की गई। बन्दोबस्त अभिलेख जिलों के अभिलेखागार में संधारित है। (ग) जी नहीं। (घ) प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में जानकारी निरंक है। अत: प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है। जावरा तहसील के अन्तर्गत 829 हेक्टेयर शासकीय भूमि पर अतिक्रमण है। 11589.931 हेक्टेयर भूमियां जावरा नगर व ग्रामीण क्षेत्रों में अतिक्रमण मुक्त है।

राशन कार्ड एवं खाद्यान्‍न वितरण

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

90. ( क्र. 2809 ) डॉ. राजेन्‍द्र पाण्‍डेय : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि       (क) वर्ष 2016-17 से लेकर प्रश्‍न दिनांक तक गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले बी.पी.एल. कार्डधारी रतलाम जिले में कुल कितने होकर नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्रों में किन-किन केन्‍द्रों के माध्‍यम से उन्‍हें खाद्यान्‍न प्राप्‍त हो रहा है एवं खाद्यान्‍न में क्‍या-क्‍या कितना-कितना राशन दिया जा रहा है? (ख) क्‍या खाद्यान्‍न वितरण में अनियमितता की शिकायतें लगातार प्राप्‍त हो रही हैं तथा साथ ही अपात्र परिवारों के राशन कार्डों की जाँच भी की जा रही है? यदि हाँ, तो उपरोक्त वर्षों में दोनों प्रकार की प्राप्‍त शिकायतों एवं उन पर की गई कार्यवाही से अवगत कराएं। (ग) उपरोक्‍त वर्षों में लगातार जाँच एवं कार्यवाहियों के दौरान चिन्हित हुए पात्र परिवारों के बनाए गये राशन कार्डों एवं दी गई खाद्यान्‍न पर्चियों के माध्‍यम से क्‍या सभी को खाद्यान्‍न राशन प्राप्‍त हो रहा है? (घ) कितने ऐसे परिवार हैं जो खाद्यान्‍न पर्ची मिलने के बावजूद राशन से वंचित हैं तथा उन्‍हें कब से मिलेगा?

खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) वर्ष 2016-17 से लेकर प्रश्‍न दिनांक तक रतलाम जिले में बी.पी.एल. प्राथमिकता परिवारों की संख्‍या 1,84,948 है। नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्र के उचित मूल्‍य दुकानों की सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' एवं '' अनुसार है। रतलाम जिले में अंत्‍योदय परिवारों को प्रति परिवार 30 किलोग्राम गेहूँ एवं 5 किलोग्राम चावल तथा बी.पी.एल. (प्राथमिकता) परिवारों को 4 किलोग्राम गेहूँ एवं 1 किलोग्राम चावल परिवार के प्रति सदस्‍य के मान से दिया जाता है। (ख) रतलाम जिले में वर्ष 2016 में 190 एवं वर्ष 2017 में 142 शिकायतें खाद्यान्‍न वितरण में अनियमितता के संबंध में सी.एम. हेल्‍पलाइन के माध्‍यम से प्राप्‍त हुई है। जिसमें से 234 का संतुष्टिपूर्वक निराकरण किया गया। 70 शिकायतें सही न पाने जाने पर नस्‍तीबद्ध किया गया। इसके अतिरिक्‍त अन्‍य माध्‍यम से पाँच शिकायतें प्राप्‍त हुई जिनकी जाँच में पाँच उचित मूल्‍य दुकानों के विरूद्ध प्रक्ररण दर्ज किये गये जिसमे से तीन प्रक्ररणों में एफ.आई.आर. एवं दो प्रक्ररणों में विभागीय कार्यवाही की गई। अपात्र परिवारों के राशन कार्ड की स्‍थानीय निकाय के अधिकारियों द्वारा नियमित प्रकिया में जाँच कर 4502 अपात्र परिवारों को हटाया गया है। (ग) जी हाँ। पात्रता पर्चीधारी पात्र परिवारों को योजनांतर्गत लाभान्वित किया जा रहा है। (घ) खाद्यान्‍न पर्ची जारी होने के बाद किसी भी परिवार को राशन से वंचित न‍हीं किया जा रहा है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

नामांतरण, बंटवारा व सीमांकन के प्रकरणों का निराकरण

[राजस्व]

91. ( क्र. 2821 ) श्री मुकेश नायक : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि       (क) क्‍या पन्‍ना जिले की पवई विधानसभा क्षेत्र की तहसील रैपुरा, शाहनगर सिमरिया एवं पवई में 2015 से प्रश्‍न दिनांक तक नामांतरण बंटवारा भूमि स्‍वामी की जमीन पर अवैध कब्‍जा (धारा 250) व सीमांकन हेतु किस-किस व्‍यक्ति के आवेदन कब-कब प्राप्‍त हुये? आवेदनों में से किस-किस का निराकरण किया गया व कौन-कौन से प्रकरण लंबित हैं? (ख) नामांतरण बंटवारा व सीमांकन किये जाने हेतु शासन द्वारा क्‍या समय-सीमा में प्रकरणों का निराकरण किया गया व कितने प्रकरण समय-सीमा समाप्‍त हो जाने के बाद भी लंबित हैं? इसके लिये कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी दोषी हैं व उन पर क्‍या कार्यवाही की जावेगी? (ग) क्‍या तहसील रैपुरा, शाहनगर, सिमरिया एवं पवई में कम्‍प्‍यूटराईज्‍ड त्रुटि के कारण निजी भूमि से शासकीय भूमि में कितने खातेदारों के खेतों में सुधार कार्य किया जा चुका है व कितने खातेदार शेष हैं व उनमें उक्‍त त्रुटि सुधार कब तक कर दिया जावेगा?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) पन्‍ना जिले की पवई विधानसभा क्षेत्र की तहसील रैपुरा, शाहनगर, सिमरिया एवं पवई में वर्ष 2015 से प्रश्‍न दिनांक तक नामांतरण, बंटवारा, भूमि स्‍वामी की जमीन पर अवैध कब्‍जा (धारा 250) व सीमांकन बाबत् प्राप्‍त आवेदन पत्रों तथा प्राप्‍त आवेदन पत्रों में से निराकृत एवं लंबित आवेदन (प्रकरणों) की जानकारी (गोशवारा) एवं सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''1'' एवं ''2'' अनुसार है। (ख) नामांतरण, बंटवारा व सीमांकन के प्रकरणों का निराकरण शासन द्वारा निर्धारित समय-सीमा के अंदर किया जा रहा है। कुछ प्रकरणों में स्‍वत्‍व आदि के प्रश्‍न उत्पन्न होने एवं वि‍वादित होने के कारण लंबित है जिनका नियमानुसार निराकरण किया जावेगा। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) तहसील रैपुरा एवं शाहनगर में कम्‍प्‍यूटराईज्‍ड त्रुटि के कारण निजी भूमि से शासकीय भूमि में सुधार किये जाने संबंधी जानकारी निरंक है एवं तहसील सिमरिया में 87 खातेदारों की भूमि का सुधार किया जा चुका है एवं 12 खातेदार शेष है तथा तहसील पवई में 01 खातेदार का आवेदन पत्र प्राप्‍त हुआ था जिसका सुधार किया जा चुका है।

जाति प्रमाण पत्र संबंधी

[राजस्व]

92. ( क्र. 2832 ) श्री कमलेश शाह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि       (क) मध्‍यप्रदेश भारिया प्राधिकरण की अध्‍यक्ष उर्मिला भारती का जाति प्रमाण पत्र कब व किस अधिकारी द्वारा जारी किया गया? नाम, पदनाम, प्रमाणित प्रति सहित देवें। (ख) उनके द्वारा जमा दस्‍तावेजों जिनमें उनके पिता श्री मुरारीलाल से संबंधित एवं अन्‍य दस्‍तावेजों की प्रमाणित प्रति देवें।

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

झूठे प्रकरण की जाँच

[गृह]

93. ( क्र. 2913 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि       (क) क्या थाना चीनौर जिला ग्वालियर में ग्राम बनवार निवासी अमर सिंह जाटव एवं इनकी पत्नी कुसमा बाई जाटव द्वारा दिनांक 24 अक्टूबर 2017 को बनवार निवासी कल्ला गिरी, नारायण गिरी एवं अनिल गिरी के नाम से झूठी रिर्पोट तथा अनु. जाति एक्ट थाना प्रभारी चीनौर को अवैध     लेन-देन कर रिर्पोट लिखाई थी? यदि हाँ, तो उक्त पीडि़त व्यक्तियों द्वारा दिनांक 26/10/2017 को ग्राम वनवार के व्यक्तियों द्वारा झूठी रिर्पोट के संबंध में दिया हुआ पंचनामा एवं आवेदन पत्र पुलिस अधीक्षक महोदय ग्वालियर को दिया था? यदि हाँ, तो क्या इस झूठे प्रकरण की जाँच कराई गई? क्या ऐसे थाना प्रभारी चीनौर के द्वारा जानकर भी झूठी रिर्पोट बिना जाँच की एफ.आई.आर. करने के लिये दोषी पाया? यदि हाँ, तो क्या इनके विरूद्ध कोई दण्डात्मक कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो क्या और कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) वर्तमान थाना प्रभारी चीनौर किस दिनांक से थाना चीनौर में पदस्थ हैं? क्या इतने लम्‍बे समय से एक ही थाने में रखना उचित है? यदि नहीं, तो इस थाना प्रभारी को थाना चीनौर से कब तक हटा दिया जावेगा?

गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) हाँ, यह सही है कि थाना चिनौर जिला ग्वालियर में फरियादी श्रीमती कुसमा बाई पत्नी श्री अमर सिंह जाटव निवासी ग्राम बनवार की रिपोर्ट पर अप.क्र. 174/17 धारा 323, 294, 506, 34 भा.द.वि. एवं 3 (1) एस, 3 (2) 5-, आरोपी कल्ला गिरी, नारायण गिरी एवं अनिल गिरी के विरुद्ध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया है। यह सही नहीं है कि उक्त प्रकरण आरोपीगणों के विरुद्ध थाना प्रभारी चिनौर को अवैध लेन-देन कर झूठी रिपोर्ट लिखाई गई थी। विवेचना में आई साक्ष्य से प्रकरण सही होना पाया गया है। दिनांक 24.10.2017 को आरोपी कल्ला गिरी के द्वारा ग्राम बनवार में अमर सिंह जाटव से खेती के चल रहे विवाद के संबंध में रिपोर्ट थाना चिनौर पर की गई थी जिस पर अदम चेक क्र. 80/17, दर्ज कर फरियादी      श्री कल्ला गिरी को सक्षम न्यायालय में कार्यवाही करने की सलाह दी गई थी। आवेदक नारायण गिरी, कल्याण गिरी, अनिल गिरी निवासी ग्राम बनवार ने श्री अमर सिंह जाटव निवासी बनवार के विरुद्ध अनुसूचित जाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम का असत्य केस थाना प्रभारी चिनौर को अवैध लेन-देन करने संबंधी आवेदन पत्र पंचनामा सहित दिनांक 13.11.17 को पुलिस अधीक्षक ग्वालियर को दिया गया है जिसकी जाँच अनुविभागीय अधिकारी घाटीगाँव से कराई जा रही है। जाँच पर प्राप्त तथ्यों अनुसार कार्यवाही की जावेगी। (ख) वर्तमान में थाना प्रभारी चिनौर के पद पर उप निरीक्षक श्री जितेन्द्र सिंह तोमर दिनांक 24.09.2014 से पदस्थ हैं। थाना प्रभारी चिनौर के पद पर उक्त अधिकारी को प्रशासनिक रुप से पदस्थ किया गया है। अनुविभागीय अधिकारी (पुलिस) घाटीगाँव द्वारा की जा रही जाँच के निष्कर्ष अनुसार कार्यवाही की जावेगी।

पट्टों का परीक्षण एवं अभिलेख संशोधन की कार्यवाही

[राजस्व]

94. ( क्र. 2918 ) श्री महेन्‍द्र सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या गुनौर विधासभा क्षेत्र अंतर्गत ग्राम नचने, गंज, कुलगंवा मड़ैयन एवं बिरहा मंटोला में शासन द्वारा वर्ष 1990-91 में आदिवासियों को पट्टे वितरित किये गये थे? यदि हाँ, तो सूची उपलब्ध करावें। यदि नहीं, तो उक्त ग्रामों में किस सन् में आदिवासियों को पट्टे वितरित किये गये? (ख) प्रश्‍नांश (क) से संबंधित ग्रामों में आदिवासियों को जो पट्टे वितरित किये गये थे, तब वे उस भूमि पर खेती कर रहे हैं, परन्तु उनके पट्टे को न तो राजस्व रिकार्ड में दर्ज किये गये और न ही नक्‍शा आदि में उनकी तरमीम की गई, क्यों? (ग) क्या प्रश्‍नांश (ख) से संबंधित आदिवासियों को पट्टे में प्राप्त भूमि का राजस्व अभिलेख में अमल न होने के कारण न तो वहां के आदिवासियों को शासकीय योजनाओं का लाभ मिल पा रहा है और न ही बीज खाद्य प्राप्त हो रही है तथा सूखा ग्रस्त होने के बाद भी इन्हें राहत राशि नहीं मिल पा रही है? (घ) प्रश्‍नांश (क) से संबंधित आदिवासियों के पट्टों को राजस्व अभिलेख में कब तक अमल कराया जावेगा?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी नहीं। वर्ष 1992-93, 1993-94, 1999-2000 एवं वर्ष 2001-02 में उक्त ग्रामों के आदिवासियों को पट्टे वितरित किये गये हैं। (ख) प्रश्नांश (क) वितरित किये गये पट्टों का परीक्षण कराया जाकर शीघ्र ही अभिलेख संशोधन कराया जावेगा। (ग) जी नहीं। (घ) कार्यवाही परीक्षणाधीन है। समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं हैं।

रिसोर्ट संचालन की जानकारी

[राजस्व]

95. ( क्र. 2953 ) श्री चम्पालाल देवड़ा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि       (क) प्र.क्र. 3215 दिनांक 29/7/16 के तारतम्‍य में जानकारी देवें कि देवास जिले के उदयनगर तहसील के ग्राम पुंजापुरा में विगत 10 वर्षों से सर्वे क्रमांक 60 के रकवा 6.65 हेक्‍टेयर भूमि पर रिसोर्ट संचालक द्वारा अवैध रूप में रिसोर्ट का संचालन किया जा रहा है? यदि हाँ, तो क्‍या राजस्‍व अधिकारियों की मिलीभगत से यह गौरख धंधा हो रहा है? अगर नहीं, तो अब तक प्रशासन ने रिसोर्ट संचालक के खिलाफ क्या कार्यवाही की? कौन-कौन से अधिकारी को अवैध निर्माण पर कौन-कौन से नियम के अंतर्गत कौन-कौन सी धाराओं में आरोपित किया है? (ख) प्रश्‍नांकित (क) अधिकारियों द्वारा रिसोर्ट संचालक का बचाव क्‍यों किया जा रहा है? अवैध रिसोर्ट कब तक गिराया जावेगा व पारस जलाशय को दूषित होने से बचाया जावेगा? समय-सीमा बतावें।

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) देवास जिले की उदयनगर तहसील के ग्राम कोलूघट्टा की शासकीय भूमि सर्वे नम्बर 60 रकवा 22.310 हेक्टेयर में से रकवा 6.65 हेक्टेयर पर रिसोर्ट संचालक द्वारा किये गये अतिक्रमण को हटाने के लिये म.प्र.भू.रा.संहिता 1959 की धारा 248 के तहत तहसीलदार उदयनगर के न्यायालय में प्रकरण क्रमांक 27/अ-68/2015-16 दर्ज कर अतिक्रामक को नोटिस जारी किया गया था। तहसील न्यायालय की कार्यवाही को माननीय राजस्व मंडल ग्वालियर द्वारा निगरानी प्रकरण क्रमांक 2580 आदेश दिनांक 03.08.2016 तथा पुन: आदेश दिनांक 02.11.2016 से स्थगित किया गया तथा तहसीलदार उदयनगर के प्रकरण को माननीय राजस्व मंडल ग्वालियर द्वारा निगरानी मांग पत्र क्रमांक R-2580-PBR-16 ग्वालियर दिनांक 16.08.2016 से आहूत किया गया, जिसके पालन में तहसीलदार उदयनगर द्वारा उनके पत्र क्रमांक 1480/R-2/2016 उदयनगर दिनांक 06.09.2016 से उक्त प्रकरण राजस्व मंडल ग्वालियर को प्रेषित किया गया। स्थगन समाप्त होने से अतिक्रमण के प्रकरण को पुन: प्रारम्भ किया गया है। सुनवाई के दौरान मानवीर सिंह के द्वारा अपर कलेक्टर न्यायालय के प्रकरण क्रमांक 59 अ-5/2016-17 आदेश दिनांक 17.07.2017 इस न्यायालय को पेश किया गया माननीय न्यायालय में सर्वे नं.15 एवं 60 की नक्शे में गलत प्रविष्टि होना पाया जाने का उल्लेख किया गया है। सर्वे नम्बर 15 निजी भूमि है तथा सर्वे नम्बर 1560 के स्थान को बदलने पर फ्लेम ऑफ फॉरेस्ट का निर्माण निजी भूमि सर्वे नम्बर 15 में माना जावेगा। इन परिस्थितियों में नक्शे में त्रृटि के सुधार होने तक इस न्यायालय की अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही रोक दी गई है। रिसोर्ट संचालक द्वारा वन कक्ष क्रमांक 738 की 0.196 हेक्टेयर वन भूमि पर जो आंशिक अतिक्रमण किया गया था। अतिक्रामक के विरूद्ध भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा 26 (ज) के तहत वन अपराध प्रकरण दर्ज किया गया एवं उक्त अतिक्रमिक वन भूमि दिनांक 05.09.2016 को अतिक्रमण से मुक्त करा ली गई है।             (ख) उत्तरांश (क) अनुसार अंतिम न्‍यायालयीन आदेशानुसार कार्यवाही की जावेगी। समय-सीमा का प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता।

नक्‍सल प्रभावित जिलों की जानकारी

[गृह]

96. ( क्र. 2984 ) श्री अजय सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या मध्‍यप्रदेश नक्‍सलवाद मुक्‍त प्रदेश घोषित हो गया है? यदि नहीं, तो कितने जिलों में नक्‍सली गतिविधियों का प्रभाव है? (ख) वर्ष 2010-11 से 2016-17 तक केन्‍द्र सरकार में नक्‍सल प्रभावित जिलों के लिये कितनी धनराशि मिली?

गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) मध्‍यप्रदेश का एक मात्र जिला बालाघाट नक्‍सलवाद से प्रभावित है। (ख) वर्ष 2010-11 से 2016-17 तक केन्‍द्र सरकार से नक्‍सल प्रभावित जिलों को प्राप्‍त राशि का विवरण संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है।

परिशिष्ट - ''चौबीस''

प्रदेश में वर्षा की स्थिति

[राजस्व]

97. ( क्र. 2985 ) श्री अजय सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2017 में जुलाई से सितंबर तक प्रदेश में कितनी बारिश हुई। जिलेवार वर्षा की जानकारी दें               (ख) इनमें से कितनी जिलों में अल्‍प वर्षा हुई? जिलेवार वर्षा की जानकारी दें। (ग) अल्‍प वर्षा वाले जिलों में से कितने जिलों को सूखा घोषित किया गया, उसका आधार क्‍या था? (घ) सूखाग्रस्‍त जिलों में राहत देने क्‍या-क्‍या कदम उठाए गए? (ड.) क्‍या केन्‍द्र सरकार से सूखाग्रस्‍त जिलों में राहत के लिए राशि मांगी गई? अगर हाँ तो कितनी? (च) इसके लिए केन्‍द्र सरकार को किस दिनांक को पत्र भेजा गया?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) प्रदेश में जिलेवार वर्षा संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) अल्‍प वर्षा वाले जिलों की संख्‍या संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ग) अल्‍प वर्षा वाले जिलों में से 18 जिलों की 133 तहसीलों को नवीन सूखा मैन्‍युअल 2016 के वैज्ञानिक मापदण्‍डों की पूर्ति होने से सूखाग्रस्‍त घोषित किया है। (घ) सूखाग्रस्‍त क्षेत्रों में फसल क्षति से प्रभावित कृषकों को राहत पुस्‍तक परिपत्र 6 (4) के तहत आर्थिक अनुदान दिया जाने की कार्यवाही प्रचलित है। (ड.) जी हाँ। केन्‍द्र सरकार को आर्थिक सहायता राशि उपलब्‍ध कराने हेतु, मेमोरेण्‍डम 3705.95 करोड़ रू. राशि का भेजा गया है। (च) केन्‍द्र सरकार को दिनांक 02/11/2017 को पत्र भेजा गया।

परिशिष्ट - ''पच्चीस''

बसाहट वाली भूमि को आबादी भूमि घोषित करना

[राजस्व]

98. ( क्र. 3004 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि      (क) श्‍योपुर विधान सभा क्षेत्रांतर्गत वर्तमान की स्थिति में ऐसे कौन-कौन से गाँव मजरे-टोले हैं जिनकी बसाहट वाली भूमि राजस्‍व अभिलेखों में आबादी भूमि घोषित नहीं है, के नाम बतावें?      (ख) क्षेत्रान्‍तर्गत ग्राम चकबमूल्‍या मकड़वदा, भसून्‍दर की एक चौथाई, श्रीजी की गाँवड़ी में तीन चौथाई बसाहट वाली भूमि सहित उक्‍त गाँव मजरे टोलों की बसाहट वाली भूमि को वर्तमान तक आबादी भूमि घोषित न करने का कारण व कब तक घोषित की जावेगी? इस हेतु विभाग द्वारा क्‍या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्‍यों? (ग) उक्‍त गाँव मजरे-टोलों की भूमि आबादी घोषित न होने के कारण इनमें दशकों से रह रहे नागरिकों को शासन की योजनाओं का समुचित लाभ नहीं मिल पा रहा है। इस कारण उन्‍हें कठिनाईयां आ रही हैं? (घ) यदि हाँ, तो क्‍या शासन अब उक्‍त गाँव मजरे टोलों का सर्वे करा कर इनकी बसाहट वाली भूमि की नोईयत परिवर्तन करा कर इसे राजस्‍व अभिलेखों में आबादी भूमि कब तक दर्ज करा दी जावेगी? इस हेतु समय-सीमा बतावें। यदि नहीं, तो क्‍यों?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) श्योपुर विधान सभा क्षेत्रांतर्गत वर्तमान में शालापथ, नीमदा, छोलघटा, गांधीनगर, तिल्लीडेरा, दीवानचन्द का डेरा एवं गुर्जर बस्ती, हरनाम चन्द का डेरा, कल्याणपुरा, फतेहपुर आदिवासी बस्ती, ढीमचोंतरा, मथुरा का सहराना, चीमलका, श्रीजी की गाँवड़ी, भसून्दर का भाग मजरे-टोले राजस्व अभिलेख में आबादी भूमि घोषित नहीं हैं। चकबमूल्या के सर्वे नम्बर 24/6 रकवा 2.769 हेक्टेयर आबादी राजस्व रिकार्ड में दर्ज है, जिसमें 30 सहरिया परिवार निवासरत हैं। (ख) 1. विधानसभा क्षेत्र श्योपुर के ग्राम चकबमूल्या के सर्वे क्रमांक 27/4 रकवा 2.90 हेक्टेयर में सन् 1965 में पून्या बैरवा के नाम से भू-दान पट्टा हुआ है। वर्तमान में पून्या के वारिसान देवीशंकर, सियाराम, रामेश्वर, महावीर पुत्रगण पून्या बेरवा की भूमि में 60 परिवार             कच्चे-पक्के मकान बनाकर निवासरत हैं। आबादी भूमि घोषित किया जाना संभव नहीं है। 2. ग्राम मकड़वदाकला की भूमि सर्वे क्रमांक 464 रकवा 0.573 हेक्टेयर शासकीय भूमि में से रकवा 0.314 हेक्येर में 25 परिवार निवासरत हैं। नियमानुसार आबादी भूमि घोषित कर दी जावेगी। 3. ग्राम भसून्दर की भूमि सर्वे क्रमांक 29/2 रकवा 418 हेक्टेयर सर्वे न. 714 रकवा 1.568 सर्वे न. 112 रकवा 0.199 हेक्टेयर आबादी भूमि राजस्व अभिलेख में दर्ज है। आबादी भूमि बसी हुई है। 4. श्रीजी की गाँवड़ी के सर्वे क्रमांक 05 कुल रकवा 1.672 हेक्टेयर में 04 पट्टेदार राजस्व रिकार्ड में दर्ज है, जिसमें से रकवा 1 हेक्टेयर में 30 परिवार बसे हुए हैं व सर्वे क्रमांक 27 रकवा 1.630 में 03 पट्टेदार राजस्व रिकार्ड में दर्ज हैं। सम्पूर्ण रकवे में 30 परिवार बसे हुए हैं। पट्टे की भूमि पर अन्य निस्तार भी है। पट्टे की भूमि को आबादी घोषित किया जाना संभव नहीं है। (ग) ग्राम व मजरा-टोला में निवासरत सभी नागरिकों को शासन की सभी योजनाओं का लाभ मिल रहा है।                  (घ) उत्तरांश (ख) अनुसार। चकबमूल्या, श्रीजी की गाँवड़ी, भसून्दर एवं श्रीजी की गाँवड़ी के कुछ भाग की आबादी खाते की भूमियों में निवासरत होने से नोईयत परिवर्तन किया जाना संभव नहीं हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।

राहत कार्यों हेतु कार्य योजना की स्‍वीकृति

[राजस्व]

99. ( क्र. 3007 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि            (क) सूखा घोषित श्‍योपुर जिले में असमय हुई, अल्‍प वर्षा के कारण समस्‍त खरीफ फसले 50 से 80 प्रतिशत तक नष्‍ट हुई। तत्‍पश्‍चात सर्वे दलों ने सर्वे करने उपरांत सर्वे अनुसार कितनी-कितनी राशि कितने प्रभावित कृषकों को विभाग द्वारा वितरित की जानकारी तहसील/ग्रामवार बतावें? इस हेतु कितनी रा‍शि जिले को प्रदाय की, यदि नहीं, तो क्‍यों? (ख) जिले में अल्‍प वर्षा के कारण प्रश्‍न दिनांक की स्थिति में गंभीर पेय-जल संकट व मजदूरों के अभाव के कारण मजदूरों के पलायन करने की स्थिति निर्मित होने लगी है। इसे रोकने हेतु कलेक्‍टर श्‍योपुर ने मजदूरों के वास्‍ते पर्याप्‍त पेय-जल/राहत कार्य प्रारंभ कराने हेतु क्‍या कोई कार्य योजना तैयार कराकर शासन को स्‍वीकृति हेतु भेजी है, की प्रति उपलब्‍ध करावें (ग) उक्‍त कार्य योजना वर्तमान में किस स्‍तर पर परीक्षणाधीन है व परीक्षण कार्य कब तक पूर्ण होगा? क्‍या शासन प्रश्नांश (ख) में वर्णित समस्‍या के समाधान हेतु मजदूरों के सम्‍भावित पलायन को रोकने हेतु कार्य योजना को तत्‍काल स्‍वीकृति प्रदान करेगा व कार्य योजना को धरातल पर क्रियान्वित कराएगा?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) सूखा घोषित श्‍योपुर जिले में अल्‍प वर्षा से खरीफ फसलों की क्षति हुई है। सर्वे उपरांत आर.बी.सी. 6 (4) के तहत राहत राशि का मांग पत्र तहसीलवार एवं ग्रामवार जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। केन्‍द्र सरकार से फसल क्षति की राशि प्राप्‍त करने हेतु मेमोरेण्‍डम भेजा गया है। (ख) वर्तमान में गंभीर पेय-जल संकट व मजदूरी का अभाव नहीं हैं। कार्ययोजना पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।             (ग) उक्‍त कार्य योजना का परीक्षण उपरांत केन्‍द्र सरकार से आर्थिक अनुदान राशि हेतु मेमोरेण्‍डम भेजा गया हैं। केन्‍द्र सरकार को मनरेगा योजना के अंतर्गत कार्यदिवस 100 दिवस से बढ़ाकर 150 दिवस किए जाने हेतु प्रस्‍ताव भेजा जा चुका है।

बी.पी.एल. योजना/मापदण्‍ड में संशोधन

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

100. ( क्र. 3018 ) श्री राजेन्द्र फूलचं‍द वर्मा : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सत्र 2016-17 में विधान सभा क्षेत्र सोनकच्‍छ में कितने ग्रामीण/नगरीय क्षेत्र में कितने बी.पी.एल. राशन कार्ड जारी किये गये? (ख) क्‍या शासन द्वारा प्रदेश के गरीब व निर्धन व्‍यक्तियों को जीवन यापन करने व शासन की जनकल्‍याणकारी योजनाओं का लाभ देने हेतु बी.पी.एल. एवं अत्‍योदय योजना अंतर्गत राशन कार्ड जारी किये गये हैं? (ग) यदि हाँ, तो किस मापदण्‍ड अनुसार जारी किये गये हैं? वर्तमान में शासन द्वारा बी.पी.एल. व अंत्‍योदय राशन कार्ड बनाये जाने हेतु जो मापदण्‍ड एवं नियम दिये गये हैं, उस मापदण्‍ड अनुसार किसी भी व्‍यक्ति का नाम बी.पी.एल. व अंत्‍योदय योजना में जोड़ा जाकर किसी भी व्‍यक्ति को लाभ दिया जाना संभव नहीं है? क्‍या शासन इस हेतु नियम परिवर्तन बाबत् विचार करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? (घ) वर्तमान में बी.पी.एल. मापदण्‍ड एवं प्रपत्र अनुसार मासिक आय निर्धारण के अंतर्गत पत्रता निर्धा‍रण किये जाने हेतु पत्रता बिन्‍दु में संशोधन किया जावेगा? यदि किया जावेगा तो आगामी निर्धारण क्‍या रहेगा? यदि नहीं, तो क्‍यों नहीं?

खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) ग्रामीण एवं नगरीय क्षेत्र में जारी पात्रता पर्ची               (ई-राशनकार्ड) की जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र-'' अनुसार है। (ख) प्रदेश में वर्तमान में राष्‍ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के अंतर्गत अंत्‍योदय अन्‍न योजना के परिवार तथा प्राथमिकता श्रेणी के परिवार हैं। प्राथमिकता श्रेणी के अंतर्गत बी.पी.एल. परिवार एक श्रेणी है। इन्‍हें पात्रता पर्ची (ई-राशनकार्ड) जारी है। (ग) बी.पी.एल. की सर्वे सूची में शामिल परिवारों को प्राथमिकता परिवार अथवा अंत्‍योदय की पात्रता पर्ची जारी की गई है। बी.पी.एल. सूची के अद्यतनीकरण का कार्य सतत् जारी रहता है। चूंकि बी.पी.एल. सूची में नाम जोड़ने एवं काटने की प्रक्रिया सतत् जारी है, जिसके आधार पर राष्‍ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के प्रावधानों के तहत भारत शासन द्वारा निर्धारित सीमा में आने पर बी.पी.एल. व्‍यक्ति को पात्रतानुसार प्राथमिकता परिवार अथवा अंत्‍योदय की पात्रता पर्ची जारी की जाती है। अत: वर्तमान में मापदंड परिवर्तन की आवश्‍यकता प्रतीत नहीं होती है। (घ) पात्रता पर्चियां जारी करने की श्रेणियों की जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र-'' अनुसार है। जिनमें बी.पी.एल. के अतिरिक्‍त शेष श्रेणियां कार्मिक, जातिगत, नि:शक्‍तता, आयु आदि के पिछड़ेपन को भी सम्मिलित किया गया है, जिससे वर्तमान में संशोधन की आवश्‍यकता नहीं है।

परिशिष्ट - ''छब्बीस

मतस्‍य पालन केन्‍द्र की जानकारी

[मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास]

101. ( क्र. 3022 ) श्री राजेन्द्र फूलचं‍द वर्मा : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सोनकच्‍छ विधान सभा क्षेत्र में मछली पालन केन्‍द्र कहाँ-कहाँ पर हैं तथा वर्तमान में उसका संचालन कौन-कौन कर रहे हैं? (ख) क्‍या इन केन्द्रों की प्रति वर्ष नीलामी होती है? यदि हाँ, तो किस माध्‍यम से तथा नहीं तो क्‍यों नहीं? (ग) प्रति वर्ष इन केन्‍द्रों से कितनी मछलियों का विक्रय किया जाता है?

पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के कालम 6 अनुसार है।

परिशिष्ट - ''सत्ताईस''

प्रशिक्षण संस्‍थानों को आवंटित राशि

[तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास]

102. ( क्र. 3028 ) श्री रामपाल सिंह : क्या राज्‍यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या शहडोल जिले में तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग द्वारा युवाओं को रोजगार उपलब्‍ध कराने की दृष्टि से प्रशिक्षण संस्‍थान संचालित किया जा रहा है? (ख) यदि हाँ, तो प्रश्‍नांकित जिले में कितने संस्‍थान संचालित हैं और प्रत्‍येक संस्‍थानों को वर्ष २०१३ से प्रश्‍न दिनांक तक कितनी-कितनी राशि आवंटित की गई तथा आवंटित राशि के विरूद्ध वर्षवार कितनी राशि का उपयोग किया गया? उपरोक्‍त संस्‍थानों के शासन के नियम निर्देशों के साथ व्‍यय संबंधी जानकारी उपलब्‍ध करायी जावे।

राज्‍यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक कैलाश जोशी ) : (क) जी हाँ। (ख) शहडोल जिले में 04 शासकीय आई.टी.आई. तथा 01 कौशल विकास केन्‍द्र संचालित है। वर्ष 2013 से प्रश्‍न दिनांक तक संस्‍थाओं को आवंटन राशि का व्‍यय संबंधित मद में ही किया जा रहा है। वर्षवार आवंटित राशि, व्‍यय की जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है।

परिशिष्ट - ''अट्ठाईस''

समर्थन मूल्‍य पर अनाज की खरीद

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

103. ( क्र. 3037 ) श्री दिनेश राय (मुनमुन) : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिला अंतर्गत कहाँ-कहाँ पर कब से समर्थन मूल्‍य, पर कौन-कौन सी कृषि उपज की खरीद की जा रही है? समितिवार, केन्‍द्रवार, जिन्‍सवार, 01 जनवरी 2016 से प्रश्‍न दिनांक तक की गई खरीदी की मात्रा सहित सूची देवें (ख) प्रश्नांश (क) में उल्‍लेखित खरीदी पर खरीदी केन्‍द्र/समिति को किस दर से कितना प्रासंगिक व्‍यय/तथा किस दर से कितना कमीशन प्रदान किया जाता है? जिन्‍सवार खरीदी प्रांरभ वर्ष से प्रश्‍न दिनांक तक की सूची देवें एवं इसमें कब-कब, कितनी बढ़ोत्‍तरी की गई? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्‍लेखित खरीद पर कब-कब, किस प्रकार से कितना कमीशन तथा प्रासंगिक व्‍यय प्राप्‍त हुआ? वर्षवार कृषि उपज का नाम तथा खरीदी केन्‍द्र/समिति के नाम सहित प्रदाय की गई राशि सहित सूची देवें। (घ) प्रश्नांश (ग) में उल्‍लेखित खरीदी कमीशन तथा प्रासंगिक व्‍यय प्राप्‍त न होने की किन-किन सहकारी समितियों ने समय-समय पर शिकायत दर्ज कराई एवं उन पर कब क्‍या कार्यवाही की गई?

खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) सिवनी जिले में भारत सरकार द्वारा घोषित समर्थन मूल्‍य पर राज्‍य सरकार द्वारा निर्धारित समयावधि में खाद्यान्‍न का उपार्जन किया जाता है। खरीफ विपणन मौसम 2017-18 में पंजीकृत किसानों से धान का उपार्जन 15 नवम्‍बर, 2017 से किया जा रहा है। वर्ष 2016-17 से 2017-18 तक धान एवं गेहूँ तथा वर्ष 2016-17 में मक्‍का उपार्जन की समितिवार, केन्‍द्रवार जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) वर्ष             2016-17 से 2017-18 तक समितिवार स‍मर्थन मूल्‍य पर उपार्जित गेहूँ के देय कमीशन, प्रासंगिक व्‍यय की दर एवं भुगतान की गई राशि की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। वर्ष 2016-17 में धान पर प्रासंगिक व्‍यय एवं कमीशन की दर एवं भुगतान की गई राशि की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-स अनुसार है। वर्ष 2016-17 में मक्‍का पर देय प्रासंगिक व्‍यय की दर एवं भुगतान की गई राशि की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-द अनुसार है। वर्ष 2017-18 में धान उपार्जन का कार्य प्रगति पर है। (ग) उपार्जन समितियों को आर.जी.टी.एस. के माध्‍यम से उपार्जन के दौरान सप्‍ताह में दो बार तात्‍कालिक रूप से एवं उपार्जन समाप्ति पश्‍चात उपार्जन के आंकड़े एवं बारदाना के मिलान उपरांत वास्‍तविक देय राशि का भुगतान जिला सहकारी केन्‍द्रीय बैंक के माध्‍यम से किया जाता है। वर्षवार भुगतान की गई राशि की जानकारी प्रश्नांश (ख) के उत्‍तर में उल्‍लेखित जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के      प्रपत्र '''', '''' एवं '''' अनुसार है। (घ) उपार्जन समितियों द्वारा कमीशन एवं प्रासंगिक व्‍यय का भुगतान प्राप्‍त न होने के संबंध में शिकायत प्राप्‍त होना नहीं पाया गया। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

खाद्यान्न पर्ची वितरण

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

104. ( क्र. 3039 ) श्री अनिल फिरोजिया : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासकीय उचित मूल्य दुकानों पर गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों को खाद्यान्न पर्ची जारी होना आवश्‍यक है? यदि हाँ, तो पर्ची जारी करने की क्या प्रक्रिया है?      (ख) उज्जैन जिले में किस दिनांक से खाद्यान्न पर्ची जारी नहीं की जा रही है? (ग) उक्त पर्चियां कब तक जारी कर दी जावेंगी? बिलंब के लिये कौन दोषी है?

खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) भारत सरकार द्वारा राष्‍ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 अंतर्गत निर्धारित सीमा तक के परिवारों को पात्रता पर्ची जारी की जा सकती है। राष्‍ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत सम्मिलित 25 श्रेणियों जिसमें गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों में सम्मिलित है, को समग्र सामाजिक सुरक्षा मिशन के पोर्टल पर स्‍थानीय निकाय द्वारा पात्रता श्रेणी के अंतर्गत सत्‍यापन उपरांत भारत सरकार द्वारा निर्धारित खाद्यान्‍न आवंटन सीमा के अंतर्गत पात्रता पर्ची (ई-राशनकार्ड) जारी की जाती है। (ख) उज्‍जैन जिले में कुल 2,60,613 परिवारों (12,07,724 हितग्राही) को पात्रता पर्ची का वितरण कर लाभ दिया जा रहा है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत भारत सरकार द्वारा निर्धारित आबादी की सीमा तक ही लाभ दिया जा सकता है। अधिनियम अंतर्गत राज्‍य के लिए हितग्राहियों की अधिकतम सीमा निर्धारित है। इस सीमा से अधिक हितग्राहियों को लाभांवित करने का प्रावधान अधिनियम की धारा-3 के अंतर्गत न होने के कारण शेष आवेदकों की पात्रता नहीं बनती है। वर्तमान में सम्मिलित पात्र परिवारों में से हितग्राही की मृत्‍यु होने, विवाह होने से, अन्‍य स्‍थान पर निवास करने एवं पात्रता श्रेणी में न रहने के कारण हितग्रा‍ही की पात्रता में परिवर्तन होना एक निरंतर प्रक्रिया है। तदानुसार नवीन पात्रता पर्ची निर्धारित सीमा में जारी की जा रही है। जिले में 01 मई, 2017 की स्थिति में परिवारों की संख्‍या के विरूद्ध जितने अपात्र परिवारों को पोर्टल पर विलोपित किया जाकर, उतनी ही संख्या में संबंधित जिले के नवीन सत्यापित परिवारों को सम्मिलित किया जा रहा है। जुड़ने वाले नवीन परिवारों में बी.पी.एल. एवं अनुसूचित जाति/जनजाति श्रेणी को प्राथमिकता दी जा रही है। वर्ष 2017-18 में उज्‍जैन जिले में 1,365 परिवारों के 5,877 हितग्राहियों के लिए नवीन पात्रता पर्ची जारी की गई है। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्‍तर अनुसार। विलंब के लिए किसी के दोषी होने का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

एफ.आई.आर. पर कार्यवाही

[गृह]

105. ( क्र. 3041 ) श्री जालम सिंह पटेल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि               (क) डॉ. दिनेश प्रताप सिंह आ.जयवीर सिंह द्वारा दिनांक 29-10-16 को नरसिंहपुर हरिजन थाना में एफ.आई.आर. अशोक गिरी (बाबा) निवासी जौरा भारत पेट्रोल पंप के पास दूध डेरी के बगल में कैलारस रोड का निवासी जौरा जिला मुरैना की कराई थी? (ख) उक्त अभियुक्त अशोक गिरी पर धारा भा.द.स. 1960, 420, 294, 506 तथा अनुसूचित जाति/जनजाति अधिनियम 1989 के तहत 3 (1) (और), 3 (1) (वी.ए.) एवं एफ.आई.आर. नं. 0031 दर्ज की गई परन्तु आज दिनांक तक अभियुक्त पर कोई कार्यवाही नहीं की गई? (ग) यदि कार्यवाही नहीं की गई तो क्यों और कब तक की जावेगी?

गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। (ख) यह सही नहीं है कि अभियुक्त अशोक गिरी पर उपरोक्त वर्णित प्रकरण में कोई कार्यवाही नहीं की गई। प्रकरण में विधि अनुसार विवेचना जारी है। (ग) उपरोक्त वर्णित प्रकरण में निरंतर कार्यवाही कर आरोपी की गिरफ्तारी के प्रयास किये जा रहे है। धारा 82/83 द.प्र.स. के अंतर्गत आरोपी की चल-अचल संपत्ति की कुर्की की कार्यवाही की जा रही है। प्रकरण में विवेचना जारी है। समय-सीमा बताना सम्भव नहीं।

परिवहन अनुज्ञा/परमिट की जानकारी

[परिवहन]

106. ( क्र. 3051 ) श्री संजय उइके : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                   (क) बालाघाट जिले की बैहर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत बालाघाट से बैहर, सालेटेकरी, दुर्ग रायपुर मार्ग मलाजखण्‍ड से इंदौर, भोपाल मार्ग एवं सालेटेकरी से नागुपर मार्ग में कौन-कौन सी बसों को परिवहन अनुज्ञा/परमिट किस-किस मार्ग के लिये जारी किया गया है? (ख) मलाजखण्ड से भोपाल, इंदौर एवं सालेटेकरी से नागपुर चलने वाली बसों की परिवहन अनुज्ञा की प्रति उपलब्ध करावें?            (ग) राष्ट्रीय परिवहन अनुज्ञा/टूरिस्ट परमिट जारी करने के दिशा निर्देश/नियमावली की प्रति देवें?

गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) प्रश्नांकित मार्गों में से मार्ग मलाजखण्ड से इन्दौर के दो स्थाई एवं भोपाल से मलाजखण्ड के दो अस्थाई अनुज्ञा पत्र परिवहन कार्यालय जबलपुर से जारी किये गये है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। शेष मार्गों में से मार्ग बालाघाट से दुर्ग अंतर्राज्यीय मार्ग होकर म.प्र. एवं छ.ग. के परिवहन करार में सम्मिलित है। इस मार्ग हेतु कोई आवेदन न होने से म.प्र. की ओर से कोई परमिट जारी नहीं है, किन्तु छ.ग. राज्य की ओर से दो अस्थाई अनुज्ञा एक-एक एकल फेरे के लिये जारी किये गये हैं जिन्हें म.प्र. राज्य परिवहन प्राधिकार द्वारा प्रतिहस्ताक्षर किया गया है। जिसकी प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। शेष मार्ग पारस्परिक करार में सम्मिलित नहीं है व अनुज्ञाएं जारी नहीं है। (ख) जानकारी प्रश्नांश (क) अनुसार है। (ग) राष्ट्रीय माल वाहन अनुज्ञा मोटरयान अधिनियम 1988 की धारा 77 सहपठित केन्द्रीय मोटरयान नियम 1989 के नियम 86 एवं 87 में तथा टूरिस्ट बस परमिट, मोटरयान अधिनियम 1988 की धारा 88 (9) सहपठित केन्द्रीय मोटरयान नियम 1989 के नियम 82, 83, 85 एवं 85क के अंतर्गत जारी किये जाते है। जिनकी प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है।

स्‍वीकृत एवं बंद नल-जल योजनाओं की जानकारी

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

107. ( क्र. 3067 ) श्री मंगल सिंग धुर्वे : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रश्‍नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र घोड़ाडोंगरी में तीनों ब्‍लॉक चिचोली, शाहपुर, घोडाडोंगरी में कितने नल-जल योजनाएं स्‍वीकृत हैं? (ख) कितनी नल-जल योजना चालू हैं?            (ग) कितनी नल-जल योजना बंद है और बंद नल-जल योजना कब तक शुरू कर दी जावेगी?

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) कुल 50 नल-जल योजनाएं।      (ख) 25 नल-जल योजनाएं। (ग) 25 नल-जल योजनाएं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। बंद नल-जल योजनाओं को चालू करने के प्रयास किये जा रहे हैं, निश्चित समयावधि नहीं बताई जा सकती।

परिशिष्ट - ''उनतीस''

उपजेल भवन का निर्माण

[जेल]

108. ( क्र. 3075 ) पं. रमाकान्‍त तिवारी : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) रीवा जिले की तहसील त्‍योंथर को उपजेल भवन का निर्माण कब प्रारंभ हुआ? कुल लागत तथा भवन का निर्माण कब पूर्ण हुआ? (ख) यदि उपजेल भवन त्‍योंथर का निर्माण पूर्ण है तो उपजेल अब तक प्रारंभ क्‍यों नहीं की गई? (ग) उपजेल त्‍योंथर को कब तक प्रारंभ करेंगे?      (घ) उपजेल त्‍योंथर आज दिनांक तक प्रारंभ न हो पाने के लिये दोषी कौन है? उनके विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की जावेगी एवं कब तक?

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) अष्‍टम वित्‍त आयोग में वर्ष, 1986 में प्रारंभ हुआ, निर्माण कार्य हेतु अभी तक राशि रूपये 54.78 लाख लोक निर्माण विभाग को आवंटित की गई है, जेल में पेय-जल, सैनीटेशन, इलेक्ट्रिक फिटिंग के कार्य पूर्ण नहीं हुए हैं।              (ख) उत्‍तर (क) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जेल का कार्य मूलभूत सुविधाओं सहित पूर्ण होने एवं स्‍टॉफ व अन्‍य संसाधनों की व्‍यवस्‍था होने पर प्रारंभ किया जा सकेगा।     समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (घ) कोई नहीं। प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

अनुविभागीय अधि. (पुलिस) के पद पर कार्यग्रहण

[गृह]

109. ( क्र. 3101 ) श्री विष्‍णु खत्री : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या अनुविभागीय अधिकारी (पुलिस) बैरसिया के पद पर श्री संजीव पाठक की पदस्‍थापना माह अगस्‍त 2017 को हो गयी है? यदि हाँ, तो क्‍या कारण है कि अभी तक श्री पाठक द्वारा बैरसिया में पदभार ग्रहण नहीं किया है? (ख) प्रश्नांश (क) में दर्शित अधिकारी को नवीन पदस्‍थापना स्‍थल बैरसिया में कार्यभार ग्रहण करें इस हेतु प्रश्‍नकर्ता द्वारा माननीय मुख्‍यमंत्री महोदय, माननीय गृह मंत्री महोदय एवं पुलिस महानिदेशक को इस संबंध में पत्र के माध्‍यम से अनुरोध किया गया था? उक्‍त पत्रों पर विभाग द्वारा क्‍या कर्यवाही की गयी है? (ग) प्रश्नांश (क) में दर्शित अधिकारी कब तक बैरसिया में अपना कार्यभार ग्रहण कर लेंगे?

गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। श्री संजीव कुमार पाठक द्वारा दिनांक 13/11/2017 को कार्यभार ग्रहण कर लिया गया है। (ख) श्री संजीव कुमार पाठक, उप पुलिस अधीक्षक, पुलिस मुख्‍यालय, भोपाल को अनुविभागीय अधिकारी (पुलिस) बैरसिया के पद पर कार्यभार ग्रहण करने हेतु पुलिस मुख्‍यालय द्वारा दिनांक 24/08/2017 को कार्यमुक्‍त किया गया है।      (ग) उत्तरांश (क) के प्ररिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

कब्जा की गई भूमि को मुक्त करवाना

[राजस्व]

110. ( क्र. 3111 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि             (क) धार जिले के माण्डव क्षेत्र के कृषक श्री नन्नु पिता झामरिया, निवासी रंगलाव माण्डव द्वारा स्वंय की मालिकी हक की कृषि भूमि सर्वे नं. 739/2, रकवा 1.325 पर खेत पड़ोसी इन्द्रिया पिता जाम सिंह एवं उसकी पत्नी व परिवार के अन्य सदस्यों द्वारा हथियारों से लैस होकर खेत मालिक को भगाकर उक्त जमीन पर अपना कब्जा जमा लिया था। जिसकी रिपोर्ट पीडि़त कृषक द्वारा दिनांक 08.03.2016 को पुलिस थाना माण्डव में दर्ज कराते हुए तहसीलदार टप्पा नालछा में भी कब्जा वापस दिलवाने का आवेदन दिया गया था? इसके कुछ दिनों पश्चात् इन्द्रिया, विशम्भर, उसकी पत्नी व लड़की आदि के द्वारा पीडि़त कृषक के पुत्र कालु पर प्राण घातक हमला कर उसे घायल कर दिया गया था? उपरोक्त प्रकरण में राजस्व विभाग द्वारा वास्तविक मालिक को कब्जा दिलवाने संबंधी अब तक क्या कार्यवाही की गई है? (ख) क्या इन्द्रिया, विशम्भर पिता जामसिंह व परिवार के अन्य सदस्यों द्वारा माण्डव की लगभग 25, 30 बीघा जमीन जो वन भूमि एवं राजस्व भूमि है, उस पर भी कब्जा कर रखा है? स्थानीय प्रशासन द्वारा संबंधित आरोपियों के विरूद्ध कब्जा छुडवाने आदि क्या-क्या वैधानिक कार्यवाही अब तक की गई है?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) भूमि स्वामी नन्नु पिता झामरिया के पुत्र फरियादी कालुराम पिता नन्नु जाति भील उम्र 30 निवासी रंगलाव वार्ड क्रमांक 07 माण्डव की रिपोर्ट पर अपराध क्रमांक 34/16 दिनांक 26.06.2016 को धारा 341, 294, 323, 506, 34 भा.द.वि. का अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना के दौरान धारा 324, 326 भा.द.वि. प्रकरण में बढ़ाई गई एवं उक्त तीनों अरोपियों को गिरपतार किया जाकर प्रकरण में चालान क्रमांक 50/16 दिनांक 28.07.2017 का तैयार किया जा कर श्रीमान जे.एम.एफ.सी. न्यायालय धार में फौ.मु.. 2090/16 दिनांक 29.07.2016 पर दर्ज होकर न्यायालय विचाराधीन है। 2. नन्नु पिता झामरिया निवासी माण्डव के स्वयं के मालिकी हक की कृषि भूमि सर्वे न.739/2 रकवा 1.385 का कब्जा दिलवाने संबंधी प्रकरण राजस्‍व न्‍यायालय की पंजी वर्ष 2016-17 में दर्ज नहीं है। इसलिए कब्जा दिलवाने संबंधी कार्यवाही का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्‍नांकित व्‍यक्तियों द्वारा मांडव की राजस्‍व/वन विभाग की 25-30 बीघा जमीन पर अतिक्रमण के संबंध में जाँच कराई गई। राजस्‍व/वन विभाग की भूमि पर कोई अतिक्रमण होना नहीं पाया गया है।

सौर ऊर्जा प्‍लांट हेतु अधिग्रहण की गई भूमि का मुआवजा

[राजस्व]

111. ( क्र. 3117 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रूनिजा, आम्बा सौर ऊर्जा प्लांट पर कितने पट्टेधारियों की भूमि प्लांट के उपयोग हेतु ली गई हैं? पट्टेधारियों के नाम एवं भूमि की जानकारी देवें। (ख) उपरोक्त पट्टेधारियों को इतने समय के बाद भी प्रश्न दिनांक तक मुआवजा राशि क्यों नहीं दी गई? (ग) उपरोक्त पट्टेधारियों को कब तक मुआवजा राशि दे दी जावेगी? (घ) गुर्जरखेड़ी में कितने पट्टेधारी हैं उनके नाम व पट्टे सहित जानकारी देवें?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) रूनिजा, आम्‍बा सौर ऊर्जा प्‍लांट में ग्राम रूनिजा के 03 पट्टेधारियों की भूमि तथा ग्राम गुर्जरखेड़ी के 06 पट्टेधारियों की भूमि सौर ऊर्जा प्‍लांट में उपयोग में ली गई जिनकी जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) उपरोक्‍त पट्टेधारियों को मुआवजा राशि दिये जाने हेतु भूमि अर्जन संबंधी कार्यवाही आपसी सहमति से क्रय नीति अनुसार अनुविभागीय अधिकारी, राजस्‍व एवं भूअर्जन अधिकारी सीतामऊ के यहां प्रकरण कमांक 02/अ-82/ 17-18 एवं प्रकरण क्रमांक 03/अ-82/17-18 पंजीबद्ध कर कार्यवाही प्रचलित है। अनुविभागीय अधिकारी, राजस्‍व एवं भूअर्जन अधिकारी सीतामऊ के पत्र क्रमांक 1869/भूअर्जन/2017 दिनांक 27/09/2017 एवं पत्र क्रमांक 2072/भूअर्जन/2017 दिनांक 03/11/2017 से आपसी सहमति से क्रय की जाने वाली भूमि के संबंध में राशि उपलब्‍धता की कार्यवाही हेतु नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग को भेजा जा चुका है। जहां प्रस्‍ताव प्रक्रियाधीन है। (ग) उपरोक्‍त पट्टेधारियों की भूमि आपसी सहमति से क्रय नीति से अर्जन की जाने हेतु प्रकरण प्रक्रियाधीन है। यथाशीघ्र कार्यवाही की जाएगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) ग्राम गुर्जरखेड़ी में कुल 61 पट्टेधारी हैं, जिनके नाम व पट्टे की जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।

परिशिष्ट - ''तीस''

स्वीकृत पेय-जल/नल-जल योजनाओं का क्रियान्वन

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

112. ( क्र. 3119 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विगत 02 वर्षों में सुसनेर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत कौन-कौन सी पंचायतों में पेय-जल/नल-जल योजना स्वीकृत की गई हैं? सूची उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित स्वीकृत योजनाओं के संचालन की क्या स्थिति हैं? पंचायतवार पूर्ण जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (क) के अलावा पूर्व से किन-किन ग्राम पंचायतों में नल-जल योजनायें संचालित हैं? क्या संचालित योजनाओं में से कुछ बंद पड़ी हैं? यदि हाँ, तो किस कारण से? (घ) क्या बंद योजनाओं के पुनः संचालन हेतु कोई रणनीति या योजना है? यदि हाँ, तो क्या? पूर्ण जानकारी देवें। बंद योजनाओं के पुनः संचालन हेतु कोई कार्यवाही की जावेगी?

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 के अनुसार है। (ख) उत्तरांश-'' अनुसार, योजनाएं क्रियान्वयन की प्रक्रिया में हैं। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 के अनुसार है। (घ) जी हाँ। शासन द्वारा बंद योजनाओं को यथाशीघ्र चालू करने हेतु प्रत्येक जिला स्तर पर कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित जिला स्तरीय समिति को रूपये 20.00 लाख तक के प्राक्कलन स्वीकृति के अधिकार प्रत्यायोजित किये गये हैं। नल-जल योजनाओं के संचालन-संधारण का दायित्व संबंधित ग्राम पंचायतों का है, बंद योजनाओं को यथाशीघ्र चालू किये जाने के प्रयास किये जा रहे हैं।

दतिया जिले की पेय-जल व्‍यवस्‍था की जानकारी

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

113. ( क्र. 3130 ) श्री घनश्‍याम पिरोनियाँ : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या प्रति वर्ष भूमिगत पेय-जल की जाँच लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी विभाग द्वारा किये जाने के निर्देश शासन से जारी किये गये हैं? यदि हाँ, तो दतिया जिले में इसकी जाँच प्रतिवर्ष कराई गई है कि नहीं? यदि कराई गई है तो वर्ष 2015 से अभी तक की टेस्‍ट रिपोर्ट उपलब्‍ध कराई जाए? (ख) क्‍या दतिया जिले के कई स्‍थानों पर भूमिगत जल में फलोराईड की मात्रा बहुतायात में है? यदि हाँ, तो कहाँ-कहाँ है और उन जल स्‍त्रोतों/हैण्‍डपंपों को बंद कर दिया गया है या वहां चेतावनी बोर्ड लगाया गया है? क्‍या बिना परीक्षण कराये कई नल-जल योजनायें फलोराईड वाले जल स्‍त्रोतों से नई नई प्रारंभ कर दी गई है? (ग) क्‍या केन्‍द्रीय जाँच दल ने फ्लोराईड वाले जल स्‍त्रोतों स्‍थानों को चिन्हित किया था किन्‍तु उसे नजर अंदाज कर उन्‍हीं क्षेत्रों में हैण्‍डपंपों/नल-जल योजनाओं के बोरिंग कर दिये गये हैं? यदि हाँ, तो क्‍यों? (घ) वर्ष 2017 में भाण्‍डेर सेवढ़ा के किन किन ग्रामों में हैण्‍डपंपो की मरम्‍मत की और उसका कितना भुगतान किया?

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। कराये गये परीक्षणों की रिपोर्ट पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। रूपये 2198059/- का भुगतान किया गया।

भूमि डायवर्सन के प्रकरण

[राजस्व]

114. ( क्र. 3138 ) श्रीमती रंजना बघेल (किराड़े) : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला धार में वर्ष 2013 से नवम्‍बर 2017 तक कितने कृषि भूमि के डायवर्सन (प्रत्‍यावर्तित) प्रकरणों का निराकरण किया गया है? वर्षवार विधान सभाक्षेत्रवार जानकारी देवें       (ख) क्‍या सभी डायवर्सन प्रकरणों का निपटारा किया जा चुका है? यदि हाँ, तो व्‍यक्तिवार खसरावार जानकारी देवें। (ग) क्‍या डायवर्सन (प्रत्‍यावर्तित) के प्रकरण लंबित है? यदि हाँ, तो कितने तथा लंबित होने का कारण बतायें?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जिला धार में वर्ष 2013 से नवम्बर 2017 तक कुल 2611 कृषि भूमि के डायवर्सन (प्रत्यावर्तित) प्रकरणों का निराकरण किया गया है। वर्षवार विधानसभा क्षेत्रवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। शेष प्रकरणों के निराकरण की कार्यवाही प्रचलित है। शेष का प्रश्न उद्भूत नहीं होता है (ग) जी हाँ। जिले में डायवर्सन (प्रत्यावर्तित) के कुल 212 प्रकरण लंबित है। उक्त प्रकरण टी.एन.सी.पी. तथा अन्य विभागों से अभिमत अप्राप्त होने, स्थल निरीक्षण एवं गणना/निर्धारण इत्यादि के कारण लंबित है।

विवादित, अविवादित, नामांतरण, बंटवारे की जानकारी

[राजस्व]

115. ( क्र. 3139 ) श्रीमती रंजना बघेल (किराड़े) : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार जिले में वर्ष 2013 से नवम्‍बर 2017 तक कितने विवादित, अविवादित नामांतरण, बंटवारे किए गए? वर्षवार, विधान सभावार जानकारी देवें। (ख) 2013 से वर्तमान तक धार जिले में विधान सभावार कितने नामांतरण प्रकरण लंबित हैं? कारण सहित बतावें?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जिला धार में वर्ष 2013 से नवम्बर 2017 तक कुल विवादित नामांतरण-5376, अविवादित नामांतरण-47461, विवादित बंटवारा-5130 अविवादित बंटवारा-6384 किये गये हैं। प्रश्नांकित अवधि में किये गये विवादित, अविवादित, नामांतरणबंटवारे की वर्षवार, विधान सभावार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) जिला धार में वर्ष 2013 से वर्तमान तक कुल नामांतरण 2247 प्रकरण लंबित/प्रचलित है। प्रकरण तामीली/साक्ष्य/अभिलेख आदि कारणों से लंबित है।

परिशिष्ट - ''इकतीस''

आरक्षक के पद पर नियुक्ति

[गृह]

116. ( क्र. 3160 ) चौधरी मुकेश सिंह चतुर्वेदी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2012 में म.प्र. व्‍यवसायिक परीक्षा मण्‍डल भोपाल द्वारा आयोजित पुलिस आरक्षकों की भर्ती परीक्षा में कुल कितने परीक्षार्थी उत्‍तीर्ण हुए थे? नामवार जानकारी दी जावें। (ख) क्‍या उक्‍त परीक्षा में चयनित परीक्षार्थी अमित दुबे पुत्र श्री महेश दुबे के विरूद्ध अपराधिक धारा 342, 327, 506, 323 का प्रकरण दर्ज होने से उसका नियुक्ति आदेश जारी नहीं किया गया है? जबकि उसे उक्‍त धाराओं में दो‍षमुक्‍त कर दिया था? (ग) क्‍या ऐसे ही अन्‍य प्रकरणों में कई उम्‍मीदवारों के नियुक्ति पत्र जारी किये गये हैं? यदि हाँ, तो फिर इस प्रकरण में क्‍यों नहीं? कारण बतायें।

गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) कुल 4776 उम्मीदवारों को अंतिम रूप से चयनित किया गया था। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) जी हाँ। चरित्र सत्यापन में अयोग्य पाया जाने के निर्णय के विरूद्ध, अभ्यर्थी द्वारा माननीय उच्च न्यायालय, खण्डपीठ ग्वालियर में, याचिका क्रमांक 6370/13 दायर की गई थी। उक्त याचिका में पारित निर्णय दिनांक 17.05.2017 के पालन में छानबीन समिति, विशेष शाखा पुलिस मुख्यालय द्वारा प्रकरण का परीक्षण माननीय उच्चतम न्यायालय के द्वारा एस.एल.पी. क्रमांक 20525/2011 अवतार सिंह विरूद्ध भारत सरकार संघ एवं अन्य में पारित निर्णय दिनांक 21.7.2016 में प्रतिपादित सिद्धांतो के आलोक में किया गया तथा प्रकरण के पुनः परीक्षण उपरांत अभ्यर्थी श्री अमित दुबे को पुलिस विभाग की सेवा के अयोग्य पाया गया है। (ग) जानकारी संकलित की जा रही है। अभ्यर्थी श्री अमित दुबे के विरूद्ध पंजीबद्ध अपराध की धारा 327 नैतिक अधोपतन के श्रेणी में होने से पुलिस विभाग की सेवा के अयोग्य पाया गया है।

भंडार क्रय नियमों की अनदेखी कर सामग्री क्रय किया जाना

[मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास]

117. ( क्र. 3187 ) श्री मानवेन्द्र सिंह : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या भंडार क्रय नियमों में बीस हजार से एक लाख रुपये की सामग्री कोटेशन से तथा एक लाख से अधिक की सामग्री निविदा के माध्‍यम से क्रय करने का नियम है? (ख) यदि हाँ, तो मछली पालन विभाग में प्रदेश के सभी जिलों में अनेक वर्षों से करोड़ों रुपयों की सीफेक्‍स नामक केमिकल बिना कोटेशन एवं निविदा के एक ही फर्म से बिना निगोसियेशन के एम.आर.पी. मूल्‍य पर कौन से नियमों से खरीदी जा रही है? (ग) क्‍या जाँच कराई जाकर दोषी के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्‍यों?

पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जी हाँ। (ख) केन्‍द्रीय मीठा जल जीव पालन अनुसंधान संस्‍थान कौशल्‍या भुवनेश्‍वर (ICAR) द्वारा सीफेक्‍स के निर्माण तथा विपणन के लिये मैमर्स अग्रवाल ट्रेडिंग कंपनी रायपुर को लायसेंस वर्ष 09.11.2021 तक के लिये जारी किया गया है। मध्‍यप्रदेश भंडार क्रय नियम की कंडिका 11.3.1 में प्रावधान है कि यह प्रयोक्‍ता विभाग/संस्‍था की जानकारी में है कि केवल एक फर्म विशेष ही अपेक्षित माल की विनिर्माता है तो एकल स्‍त्रोत से क्रय/उपार्जन का सहारा लिया जा सकेगा। उक्‍त प्रावधानों के अंतर्गत जिला अधिकारियों द्वारा नियमानुसार क्रय की कार्यवाही की गई है। (ग) उत्‍तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

सूखाग्रस्त तहसीलों में राहत राशि वितरण की जानकारी

[राजस्व]

118. ( क्र. 3191 ) श्री रामनिवास रावत : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में अल्प वर्षा एवं सूखे की स्थिति को देखते हुए 18 जिलों की 133 तहसीलों को सूखाग्रस्त घोषित करने के उपरांत म.प्र. शासन, राजस्व विभाग के पत्र क्र. 1520/2017 दिनांक     02-112017 को जारी निर्देशों के क्रम में किस-किस जिले में क्या क्या कार्यवाही की गयी है? किन किन तहसीलों में किस-किस फसल को कितना-कितना प्रतिशत क्षति का आंकलन किया गया है? खरीफ एवं रबी की फसल की पृथक-पृथक जानकारी जिलेवार दें (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में सूखाग्रस्त तहसीलों में राजस्व पुस्तक परिपत्र 6 (4) के तहत राहत राशि देने, राहत कार्य चलाने,     पेय-जल की व्यवस्था करने आदि के लिए जिलों द्वारा कितनी-कितनी राशि की मांग की गयी है? मांग के विरुद्ध कितनी-कितनी राशि किस-किस जिले को आवंटित की गयी है? क्षति के आंकलन उपरांत कृषकों को आर.बी.सी. 6 (4) के तहत कितनी-कितनी राहत राशि वितरित की गयी है? जिलेवार जानकारी दें। श्योपुर जिले की जानकारी तहसीलवार दें। (ग) प्रश्नकर्ता द्वारा श्योपुर जिले की तहसील विजयपुर, कराहल एवं वीरपुर को अति गंभीर सूखाग्रस्त घोषित करने हेतु मान. मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, राजस्व एवं राहत आयुक्त म.प्र. को दिनांक 03-11-2017 को लिखे गए पत्र पर क्या कार्यवाही की गयी? क्या उक्त तहसीलों को गंभीर सूखाग्रस्त घोषित करेंगे? यदि नहीं, तो क्यों?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) म.प्र.शासन राजस्‍व विभाग के पत्र क्र. 1520/2017 दिनांक 02.11.2017 को जारी निर्देशों के अनुसार 18 जिलों में संयुक्‍त दल गठित कर सूखे से प्रभावित फसलों का विस्‍तृत सर्वेक्षण किया गया। खरीफ फसल की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-'''' अनुसार है। रबी की फसल में वर्तमान में उक्‍त जिलों में बोनी की प्रक्रिया प्रचलित हैं। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-'''' अनुसार है। मांग के विरूद्ध राशि आवंटन की कार्यवाही प्रचलित है। श्‍योपुर जिले की तहसीलवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-'''' अनुसार है। (ग) श्‍योपुर जिले की तहसील विजयपुर को नवीन सूखा मैन्‍यूल 2016 के वैज्ञानिक मापदण्‍डों की पूर्ति होने से गंभीर सूखाग्रस्‍त घोषित किया गया हैं। शेष तहसील कराहल एवं वीरपुर मध्‍यम सूखे की श्रेणी में घोषित की गई हैं। शेष प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता।

प्रदेश में मानव तस्करी के प्रकरण

[गृह]

119. ( क्र. 3192 ) श्री रामनिवास रावत : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि      (क) क्या प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्र. 3689, दिनांक 06.03.17. में प्रदेश में 1 जनवरी 2016 से          31 जनवरी, 2016 तक की अवधि में महिलाओं/बच्चों की मानव तस्करी के 06, अपहरण के 702 एवं गुमशुदगी के 1575 प्रकरण, कुल 2283 प्रकरण पंजीबद्ध किये जाने, जिनमें अपहृत, गुम महिला/बच्चों की कुल संख्या 2292 महिला/बच्चे इनमें से (विवाहित महिलाएं-727, अविवाहित-1565) तथा (वयस्क-1296 तथा अवयस्क 996) है, की जानकारी दी गई थी? (ख) यदि हाँ, तो प्रदेश में 1 फरवरी, 2016 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में महिलाओं/बच्चों के मानव तस्करी/अपहरण/गुमशुदगी के कुल कितने प्रकरण पंजीबद्ध हुए? इनमें से कितने महिला एवं कितने पुरुष वयस्क एवं अवयस्क थे? जिलेवार जानकारी दें? (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में कितने पुरुष एवं महिलाएं अभी तक दस्तयाब (बरामद) किये गए हैं। वयस्क एवं अवयस्क सहित पृथक-पृथक जानकारी दें। (घ) क्या मान. उच्चतम न्यायालय के दिशा-निर्देश (दिनांक 10 मई 2013) अनुसार प्रत्येक गुमशुदा बच्चे के 4 माह तक दस्तयाब (बरामद) न होने की स्थिति में प्रकरण स्वतः ही मानव दुर्व्यापार विरोधी इकाई को हस्तांतरित किया जाना था? यदि हाँ, तो उक्त दिशा-निर्देशों के बाद से अभी तक कितने प्रकरण मानव दुर्व्यापार विरोधी इकाई को हस्तांतरित हुए हैं? लिंगवार, जिलेवार, आयुवार उपलब्ध करावें।

गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। (ख) से (घ) जानकारी संकलित की जा रही है।

परियोजना क्रियान्‍वयन इकाई कार्यालय की स्‍थापना

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

120. ( क्र. 3199 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या राजगढ़ जिले के अंतर्गत बांकपुरा (कुशलपुरा), पहाड़गढ़, मोहनपुरा, कुण्‍डालिया, समूह नल-जल योजनाओं की स्‍वीकृति शासन से प्राप्‍त होकर मध्‍यप्रदेश जल निगम मर्यादित द्वारा क्रियान्वित की जा रही है? यदि हाँ, तो क्‍या उक्‍त योजनाओं की सतत् मॉनिटरिंग करने हेतु जिला स्‍तर जल निगम का कोई स्‍थाई/अस्‍थाई कार्यालय नहीं है? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में क्‍या शासन द्वारा समूह नल-जल योजनाओं की सतत् मॉनिटरिंग एवं समय-सीमा में कार्य पूर्ण करवाने के दृष्टिगत जल निगम की परियोजना क्रियान्‍वयन इकाई (पी.आई.यू.) कार्यालय खोलने की कार्यवाही की जा रही है, जिसमें राजगढ़ जिला भी सम्मिलित है? (ग) यदि हाँ, तो क्‍या शासन विधानसभा क्षेत्र ब्‍यावरा के अंतर्गत जल निगम द्वारा क्रियान्वित की जा रही करोड़ों रूपये समूह नल-जल योजनाओं के दृष्टिगत जिले के मध्‍य स्थित ब्‍यावरा नगर में जल निगम का पी.आई.यू. कार्यालय स्‍थापित करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी हाँ। जिले में योजनाओं की सतत् मॉनिटरिंग हेतु परियोजना क्रियान्वयन इकाई कार्यालय की स्थापना हेतु कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ख) जी हाँ। (ग) विधानसभा क्षेत्र ब्यावरा अंतर्गत जल निगम द्वारा क्रियान्वित की जा रही, बांकपुरा-कुशलपुरा समूह जल प्रदाय योजना की मॉनिटरिंग हेतु सुपरविजन एवं क्वालिटी कंट्रोल कंसलटेंट की नियुक्ति की जा चुकी है। इसका रेजीडेन्ट इंजीनियर कार्यालय दिसंबर 2017 से ब्यावरा में प्रारंभ किया जा रहा है।

पटवारी हल्‍कों में आवास निर्माण

[राजस्व]

121. ( क्र. 3200 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या शासन की पटवारी हल्‍कों में पटवारियों की उपस्थिति एवं राजस्‍व कार्यों के समय-सीमा में निपटान सुनिश्चित किये जाने की दृष्टि से पटवारी आवास बनाये जाने की कोई नीति है? यदि हाँ, तो क्‍या, बतावें? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में क्‍या शासन स्‍तर पर, जिला स्‍तर पर, 181 सी.एम. हेल्‍पलाईन तथा अन्‍य शिकायतों में अधिकांश शिकायतें पटवारियों के मुख्‍यालय पर निवास नहीं करने, समय पर नहीं मिलने की निरंतर प्राप्‍त होती रहती है? यदि हाँ, तो क्‍या पटवारियों के हल्‍का मुख्‍यालयों पर आवास सुविधा नहीं होने से उन्‍हें काफी असुविधा का सामना करना पड़ता है? यदि हाँ, तो क्‍या शासन किसानों व आमजन के कार्य को समय पर उनके हल्‍के में ही निराकरण किया जा सके, इस हेतु पटवारी हल्‍कों में आवास बनाने के संबंध में कोई कार्यवाही करेगा?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ, भू-अभिलेख जिला प्रशासन के स्‍तरों में सुधार की योजना के अर्तगत राजस्‍व निरीक्षक/पटवारी कार्यालय सह-आवास भवनों का निर्माण कराया जाता है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्‍न उपस्‍थित नहीं होता।

राजस्‍व की भूमि पर अतिक्रमण

[राजस्व]

122. ( क्र. 3207 ) डॉ. मोहन यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि          (क) उज्जैन तहसील/नगर स्थित ग्राम नीमनवासा, धतरावदा, विक्रमनगर रेल्वे‍ स्टेशन, क्षेत्र में शासकीय कांकड की राजस्व भूमि पर (रास्ते की) आबादी/कृषि भूमि स्वामियों द्वारा अतिक्रमण किया गया है अथवा नहीं? यदि हाँ, तो क्या विभाग द्वारा शासकीय कांकड भूमि के अतिक्रामकों के विरूध्द दण्डात्मक कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक? (ख) उज्जैन तहसील की सभी ग्राम पंचायतों में दिनांक ६ से ८ सितम्बर २०१७ तक विशेष राजस्व ग्राम सभा के तहत राजस्व मामलों से संबंधित प्रत्येक ग्रामवार, पंचायतवार कितने प्रकरण प्राप्त हुए हैं व तहसील उज्जैन द्वारा कितने प्रकरणों का निराकरण किया गया है? (स) उज्जैन नगर तथा ग्राम नीमनवासा के मध्य शासकीय कांकड भूमि ६० फीट चौड़ी पर रह रहे समस्त पट्टाधारी पट्टा-शर्तों के अनुरूप रह रहे हैं? अथवा नहीं तथा कितने मूल पट्टाधारी पलायन कर चुके हैं तथा उनके स्थान पर अन्य खरीदार/किरायेदार निवास कर रहे हैं? क्या उक्त पट्टाधारियों के वैध/अवैध मकानों में विभिन्न विभागों में कार्यरत शासकीय सेवक भी निवास कर रहे हों, तो जानकारी प्रदान करें?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) उज्‍जैन जिले की उज्‍जैन तहसील/नगर में स्थित ग्राम नीमनवासा धतरवदा, विक्रमनगर रेल्‍वे स्‍टेशन क्षेत्र में शासकीय कांकड पर शासकीय रास्‍ते की भूमि सर्वे क्रमांक 249 रकवा 0.230 हे. के दोनों ओर 78 पक्‍के मकान बने हुए हैं जो कि प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत हैं जो कि अतिक्रमण की श्रेणी में नहीं आता है। (ख) उज्‍जैन तहसील की सभी ग्राम पंचायतों में दिनांक 6 से 8 सितम्‍बर 2017 तक विशेष राजस्‍व ग्राम सभा के तहत राजस्‍व मामलों में संबंधित प्रत्‍येक पंचायतवार दर्ज एवं निराकृत प्रकरणों की जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ग) उज्‍जैन नगर तथा ग्राम नीमनवासा के मध्‍य शासकीय कांकड भूमि सर्वे क्रमांक 8 रकवा 1.891 हे. (निस्‍तार) पर वर्तमान में रास्‍ता बना हुआ है। इस भूमि पर कोई भी पट्टाधारी निवासरत नहीं है।

परिशिष्ट - ''बत्तीस''

खाद्य निरीक्षकों द्वारा की गई कार्यवाही

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

123. ( क्र. 3208 ) डॉ. मोहन यादव : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि               (क) खाद्य एवं ना‍गरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के अन्तर्गत उज्जैन जिले में नापतौल विभाग एवं खाद्य विभाग में कितना निरीक्षण स्टॉफ पदस्थ है तथा विभाग द्वारा जनवरी, २०१५ से प्रश्न दिनांक तक उज्जैन नगर एवं दक्षिण विधान सभा क्षेत्र के अन्‍तर्गत कितने पेट्रोल पम्प गैस एजेन्सियों शासकीय उचित मूल्य की दुकानों पर शुद्धता की, मिलावट की, नापतौल आदि गुणवता की एवं अन्य आवश्यक मूलभूत सुविधाओं से संबंधित एवं संबंधित संस्थानों की कार्यप्रणाली की जाँच कि गयी हो तो उसका सम्पूर्ण विवरण दें? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार नियत अवधि में विभाग में कितनी शिकायतें प्राप्त हुई हैं? शिकायतों की प्रतिलिपि प्रदान करते हुए शिकायतों के निराकरण का विस्‍तृत विवरण प्रदान करें। (ग) विभाग द्वारा प्रश्नांश (क) के अनुसार शासकीय उचित मूल्य की दुकानों पर मशीनों के माध्यम से राशन वितरण की व्यवस्था किये जाने बाबत आदेशित किया गया है, तो आदेश की प्रतिलिपि प्रदान करें? क्‍या प्रश्नांश के अनुसार नियत क्षेत्र एवं अवधि में शासकीय उचित मूल्य की दुकानों पर मशीनों से राशन वितरण किया जा रहा है अथवा नहीं? यदि नहीं, तो क्यों तथा इस बाबत् क्या कार्यवाही की जायेगी व कब तक?

खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) वर्तमान में उज्‍जैन जिले में विभागांतर्गत 01 जिला आपूर्ति नियंत्रक, 03 सहायक आपूर्ति अधिकारी, 07 कनिष्‍ठ आपूर्ति अधिकारी एवं नापतौल के 01 सहायक नियंत्रक व 04 नापतौल निरीक्षक पदस्‍थ हैं। विभागीय अमले द्वारा उचित मूल्‍य की दुकान, पेट्रोल पम्‍प, गैस एजेंसी के संबंध में प्रावधानित जाँच की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ख) खाद्य कार्यालय अंतर्गत कुल 13 एवं नापतौल अंतर्गत कुल 01 शिकायत प्राप्‍त हुई। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' एवं '' अनुसार है।    (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

आई.टी.आई को एन.सी.व्‍ही.टी से मान्‍यता

[तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास]

124. ( क्र. 3216 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या राज्‍यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में अधिकांश शासकीय आई.टी.आई को एन.सी.व्‍ही.टी. से मान्यता नहीं मिली है? जिलेवार शासकीय आई.टी.आई तथा ट्रेड अनुसार जानकारी दें। किन्हें एन.सी.व्‍ही.टी से मान्यता है तथा किन्हें एस.सी.व्‍ही.टी. से मान्यता है? (ख) क्या प्रदेश के गली, मोहल्लों में इतनी ज्यादा संख्या में खोले गये प्राईवेट आई.टी.आई को एन.सी.व्‍ही.टी से मान्यता है, जबकि उनके पास ठीक से इन्‍फ्रास्‍ट्रक्‍चर नहीं है। ऐसी स्थिति में शासकीय संस्थानों को एन.सी.व्‍ही.टी से मान्यता दिलाने में क्या परेशानी है? (ग) क्या एस.सी.व्‍ही.टी सर्टिफिकेट वाले विद्यार्थियों को सेन्‍ट्रल से भर्ती में योग्य नहीं माना जाता? प्रदेश में छात्र-छात्राओं को हो रहे इतने भारी नुकसान के बावजूद शासन एन.सी.व्‍ही.टी मान्यता के प्रति गंभीर क्यों नहीं है?

राज्‍यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक कैलाश जोशी ) : (क) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) शासकीय आई.टी.आई. में एन.सी.व्‍ही.टी. से मान्‍यता नहीं होने के मुख्‍य कारण की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। (ग) शासन एन.सी.व्‍ही.टी. के तहत संचालित व्‍यवसायों को एन.सी.व्‍ही.टी. के तहत एफिलियेट करने के प्रति गंभीर है। एन.सी.व्‍ही.टी. के निर्धारित मानदण्‍डों के जिन अवयवों की पूर्ति की गई। उनके विवरण की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है।

उपार्जित धान को उपार्जन केन्‍द्र से सीधे मिलर्स को देना

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

125. ( क्र. 3218 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बजट सत्र २०१७ के दौरान अनुदान मागों पर चर्चा में प्रश्नकर्ता विधायक के सुझाव पर क्या माननीय मंत्री जी द्वारा उपार्जन केन्‍द्रों से धान सीधे मिलर्स को भेजने पर शासन द्वारा विचार करने हेतु कहा गया था? यदि हाँ, तो इस पर शासन ने क्या निर्णय लिया? (ख) बालाघाट प्रदेश का सर्वाधिक धान उत्पादक जिला है तथा जिले की सीमा से लगे धान उत्पादक राज्यों छत्‍तीसगढ तथा महाराष्‍ट्र में उपार्जन केन्‍द्रों से धान सीधे मिलर्स को तथा मिलर्स से चावल पी.डी.एस. को भेजा जाता है। म.प्र. को ऐसा करने में क्या परेशानी है जबकि ऐसा करने से भारतीय खाद्य निगम को करोड़ों रुपये के परिवहन की बचत होगी? (ग) क्या परिवहन में मिलने वाले भारी कमीशन के कारण विभागीय अधिकारी सिस्‍टम को नहीं बदलना चाहते चाहे भारत सरकार को करोड़ों का नुकसान हो?

खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जी हाँ। माननीय सदस्‍य द्वारा समर्थन मूल्‍य पर उपार्जित धान को उपार्जन केन्‍द्र से सीधे मिलर्स को देने के संबंध में दिये गये सुझाव पर विचार करने का कहा गया था। परीक्षण उपरांत राज्‍य में उपार्जित धान, उपलब्‍ध पर्याप्‍त भण्‍डारण क्षमता, मिलिंग क्षमता तथा री-साईकल न हो, इन तथ्‍यों को दृष्टिगत रखते हुए खरीफ 2017-18 में पूर्व वर्षों की भांति ही उपार्जन समाप्‍त होने के उपरांत मिलिंग कराने की नीति तय की गई है।         (ख) प्रश्नांश (क) के उत्‍तर अनुसार। (ग) समर्थन मूल्‍य पर उपार्जित धान के परिवहन हेतु निविदा के माध्‍यम से न्‍यूनतम दर देने वाले परिवहनकर्ता की नियुक्ति की जाती है। शेष उत्‍तर प्रश्नांश (क) के अनुसार।

क्षेत्रिय परिवहन अधिकारी के विरूद्ध प्राप्‍त शिकायतें

[परिवहन]

126. ( क्र. 3224 ) श्री मुकेश पण्‍ड्या : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                (क) उज्जैन जिले में पदस्थ क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी को उज्जैन में कब पदस्थ किया गया है एवं परिवहन अधिकारी के पद पर यह कौन-कौन से जिले में कब-कब और कितने समय तक पदस्थ रहे तारीखवार, वर्षवार जानकारी उपलब्ध करावें (ख) वर्तमान में उज्जैन में पदस्थ क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी के विरूद्ध रतलाम एवं मन्दसौर जिले में जिला परिवहन अधिकारी के रूप में पदस्थी के दौरन अनियमितताओं के संदर्भ में कौन-कौन सी शिकायतें प्राप्त हुई थीं? उन पर क्या-क्या कार्यवाही की गई? शिकायतवार, तारीखवार, वर्षवार सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) जिला परिवहन अधिकारी के रूप में पदस्थ रहते हुए रतलाम जिले में इनके खिलाफ कोई एफ.आई.आर. दर्ज की गई है? यदि हाँ, तो किन अनियमितताओं के चलते दर्ज की गई? एफ.आई.आर. सहित प्रकरण के दस्तावेज उपलब्ध करावें। इनके खिलाफ मन्दसौर एवं रतलाम में पदस्थी के दौरान जो विभागीय जाँच की जा रही है वह कितने समय में पूरी की जावेगी? क्‍या इस संदर्भ में शासन द्वारा कोई कार्यवाही की जा रही है? यदि हाँ, तो सम्पूर्ण जानकारी प्रदान करें। मामला शासन के संज्ञान में नहीं है तो यह किसकी जवाबदेही है एवं शासन इस पर क्या कार्यवाही करेगा?

गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : () श्री संतोष कुमार मालवीय, सहायक क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी को आदेश दिनांक 10.07.17 द्वारा क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय, उज्जैन में पदस्थ किया गया है। आदेश के अनुपालन में श्री संतोष कुमार मालवीय द्वारा क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय उज्जैन में दिनांक 17.07.2017 को पदभार ग्रहण किया गया है। श्री मालवीय सहायक क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी की उज्जैन से पूर्व की पदस्थापना की जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट अनुसार है।          (ख) वर्तमान में क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय उज्जैन में पदस्थ श्री मालवीय की रतलाम एवं मंदसौर जिले में पदस्थी के दौरान अभिलेख के अनुसार कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। (ग) कार्यालय पुलिस अधीक्षक, रतलाम से प्राप्त जानकारी अनुसार श्री संतोष कुमार मालवीय के विरूद्ध रतलाम कार्यालय में पदस्थी की अवधि में कोई एफ.आई.आर. दर्ज नहीं की गई है। इनके विरूद्ध कोई विभागीय जाँच संस्थित नहीं है। अतः शेषांश का प्रश्‍न उपस्थिति नहीं होता।

परिशिष्ट - ''तैंतीस''

संपत्तियों का अंतरण एवं नामांतरण

[राजस्व]

127. ( क्र. 3242 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी नगर में स्थित कटनी रिफैक्ट्री वर्क्स ए.सी.सी. लिमिटेड कटनी की संपूर्ण भूमि किस-किस प्रयोजन एवं किस-किस मद में कितनी-कितनी दर्ज थी? मदवार, क्षेत्रफलवार सम्पूर्ण विवरण देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में ए.सी.सी. लिमिटेड कटनी की भूमि, भवन एवं फैक्ट्री का कब-कब, किस-किस के नाम पर किस अधिकारिता एवं प्रयोजन हेतु नामांतरण किया गया है? भूमि का मद परिवर्तन (डायवर्सन) सहित सम्पूर्ण जानकारी मदवार प्रदान करें। (ग) क्या ए.सी.सी. लिमिटेड कटनी को शासकीय भूमि भी आंवटित की गयी? यदि हाँ, तो कितनी किस प्रयोजन एवं किस मद हेतु? ए.सी.सी. लिमिटेड कटनी के विक्रय उपरांत शासकीय भूमि की वर्तमान स्थिति क्या है? यह किसके आधिपत्य में है?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) कटनी नगर में स्थित कटनी रिफैक्ट्री वर्क्स ए.सी.सी. लिमिटेड कटनी की संपूर्ण भूमि का उपलब्ध अभिलेखों के अनुसार मदवार तथा क्षेत्रफलवार विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) वर्ष 2006-07 में ए.सी.सी. रिफैक्ट्री वर्क्‍स लिमिटेड कटनी द्वारा रजिस्टर्ड विक्रय पत्र के माध्यम से ए.सी.ई. रिफैक्ट्री वक्र्स लिमिटेड कटनी को अंतरित की गई, जिसका उल्लेख वर्ष 2006-07 के खसरे में अंकित है। ए.सी.सी. रिफैक्ट्री वर्क्स लिमिटेड द्वारा ए.सी.ई. रिफैक्ट्री वर्क्स लिमिटेड को 93.375 हेक्टर भूमि का अंतरण किया गया। जिसके पश्चात् ए.सी.ई. रिफैक्ट्री वर्क्स लिमिटेड कटनी द्वारा कैल्डरीस इंडिया रिफैक्ट्रीज लिमिटेड को भूमि का अंतरण किया गया। जिसका नामांतरण न्यायालय तहसीलदार कटनी के रा.प्र.क्र. 134/अ-6-अ/ 2011-12 आदेश दिनांक 12.09.2013 के अनुसार हुआ है। वर्तमान अभिलेख में ए.सी.सी. रिफैक्ट्री वर्क्स लिमिटेड कटनी के नाम पर ख.नं. 37/2क रकवा 2.067, ख.नं. 52/1ख रकवा 0.113, ख.नं. 90/1, 90/2,91/1,109/2,110/2, 111/1, 112/2, 179/3, 192/2, 160/5, 288/2, रकवा 3.821, 0.279, ख.नं. 65/10क रकवा 4.865 कुल रकवा 11.145 हे. शेष भूमि बची हुई है। ख.नं. 37/2, 51/7, कुल रकवा 2.478 हे. पर ए.सी.सी. रिफैक्ट्री लिमिटेड द्वारा स्वयं आवासीय कालोनी का निर्माण किया गया है तथा रकवा 2.478 में से 0.411 हे. का विक्रय छोटे-छोटे आवासीय भू-खण्डों के रूप में किया गया है। वर्ष 1961 में 150.54 एकड़ अर्थात 60.947 हे. भूमि का डायवर्सन रा.प्र.क्र. 15/अ-2/1960-61 आदेश दिनांक 16.12..61 के आधार पर स्वीकृत होना डायवर्सन मांग पंजी में दर्ज होना पाया गया है। प्रति संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 पर है। । (ग) जी हाँ। ए.सी.सी. रिफैक्ट्री वर्क्स लिमिटेड कटनी को शासकीय मद की भूमि का आवंटन मध्य प्रान्त सरकार के मेमो नंबर 194/एल/आईएस/दिनांक 28.04.58 सेटलमेंट एण्ड सर्वे कमिश्नर, ग्वालियर के आदेशानुसार तथा मध्यप्रदेश आब्रेलेशन ऑफ प्रोप्राईट्री एक्ट की धारा-4 (र) (जी) (एच) के अनुसार ए.सी.सी. रिफैक्ट्री वर्क्‍स लिमिटेड को 150.54 एकड़ अर्थात 60.947 हे. भूमि का आवंटन किया गया था, जो घास, सड़क, आबादी, बड़े झाड़ का जंगल मद की शासकीय भूमियाँ सम्मिलित है। वर्तमान में उक्त भूमियाँ अंतरण उपरांत कैल्डरीस इंडिया रिफैक्ट्रीज लिमिटेड के अधिपत्य में है।

परिशिष्ट - ''चौंतीस''

कौशल उन्नययन एवं नियोजन कार्यक्रमों का आयोजन

[तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास]

128. ( क्र. 3243 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या राज्‍यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्‍न क्रमांक 1602 दिनांक 21.7. 2017 के प्रश्‍नांश (ग) के तारतम्‍य में क्या संस्थाओं द्वारा नियमानुसार नियोजन नहीं किया गया? (ख) यदि हाँ, तो इसके लिये          कौन-कौन जिम्मेदार है? यदि नहीं, तो क्या इन कार्यक्रमों का प्रश्नकर्ता की सहभागिता में सघन परीक्षण कराये जाने के आदेश दिये जायेंगे?

राज्‍यमंत्री, तकनीकी शिक्षा (श्री दीपक कैलाश जोशी) : (क) प्रश्‍न क्रमांक 1602 दिनांक 21. 07. 2016 के प्रश्‍नांश '''' में उल्‍लेखित ज्ञापन में नियोजन की बाध्‍यता न होने के कारण संस्‍थाओं द्वारा नियोजन नहीं किया गया। (ख) प्रश्‍न '''' के तारतम्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

राजस्‍व विभाग से संबंधित प्रकरणों के निराकरण

[राजस्व]

129. ( क्र. 3274 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि         (क) सागर विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत प्रश्‍न दिनांक तक नामांतरण, फोती, बंटवारा, सीमांकन एवं बटांक के कितने प्रकरण लंबित हैं? आवेदकों के नाम प्रकरण लंबित रहने के कारण सहित बतायें? (ख) क्‍या प्रश्‍नाधीन राजस्‍व प्रकरणों के निराकरण हेतु, शासन ने कोई दिशा-निर्देश जारी किए हैं? दिशा-निर्देशों में जारी समय अवधि में कितने प्रकरणों का निराकरण नहीं हो पाया है? इसके लिए कौन दोषी है? (ग) क्‍या शासन निर्धारित समय-सीमा में कृषकों के लंबित नामांतरण, फोती, बंटवारा, सीमांकन एवं बटांक प्रकरणों के निपटान हेतु त्‍वरित कार्यवाही करेंगा?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) सागर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत आज दिनांक तक नामांतरण एवं फौती नामांतरण के 130 प्रकरण, नक्शा के बटांक 38 प्रकरण, बंटवारा के 27 प्रकरण लंबित है एवं सीमांकन का कोई भी प्रकरण लंबित नहीं है। आवेदकों के नाम प्रकरण के लंबित रहने के कारण सहित सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। राजस्व प्रकरणों के निराकरण हेतु राजस्व अभियान चलाकर प्रकरणों का त्‍वरित निराकरण करने के निर्देश जारी किये गये है। प्रश्‍नाधीन लंबित प्रकरणों का निराकरण पक्षकारों के मध्य विवाद होने से तथा राजस्व प्रकरणों के तकनीकी प्रक्रियात्‍मक एवं वैधानिक उपबंधों के परिपालन की बाध्‍यता के कारण विचाराधीन है। न्यायालयीन प्रक्रिया में होने से कोई दोषी नहीं है। (ग) राजस्व प्रकरणों को यथा संभव त्वरित निराकरण के निर्देंश दिये गये है। समय-सीमा दी जाना संभव नहीं है।

श्रमिक कल्‍याण कार्ड

[श्रम]

130. ( क्र. 3275 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि           (क) विधान सभा क्षेत्र सागर में श्रमिक कर्मकार मंडल द्वारा वर्ष 2013-14 से प्रश्‍न दिनांक तक कितने श्रमिक कर्मकार कार्ड जारी किये गये हैं? वार्डवार बतायें। (ख) प्रश्‍नाधीन क्षेत्र में वर्ष 2016-17 से प्रश्‍न दिनांक त‍क कितने श्रमिक परिवारों के छात्रों को उच्‍च शिक्षा छात्रवृत्ति दी गयी है? कुल कितनी राशि छात्रवृत्ति के रूप में दी गयी है? (ग) प्रश्नांश (क) में वर्णित क्षेत्र में कितने मृत श्रमिकों को दुर्घटना राहत राशि दी गयी? योजनावार बतायें।

खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) :  (क) म. प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल के अंतर्गत विधानसभा क्षेत्र सागर में वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक कुल 48 वार्डो में 3536 निर्माण श्रमिकों का पंजीयन कर कार्ड जारी किये गये है। वार्डवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) म. प्र. भवन एवं अन्‍य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल के अंतर्गत छात्रवृत्ति नहीं दी जाती है, अपितु शिक्षा हेतु प्रोत्साहन राशि एवं मेधावी छात्र/छात्राओं को नगद पुरूस्का‍र योजना अंतर्गत हितलाभ प्रदान किया जाता है। (ग) प्रश्नांकित क्षेत्र में वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक कुल 03 पंजीकृत निर्माण श्रमिकों की मृत्यु के पश्चात् उनके आश्रितों को ''मृत्यु की दशा में अंत्येष्टि सहायता एवं अनुगृह भुगतान योजना'' के अंतर्गत सहायता राशि प्रदान की गई है।

 परिशिष्ट - ''पैंतीस''

बीमित पशुओं का क्‍लेम भुगतान

[पशुपालन]

131. ( क्र. 3296 ) श्री इन्‍दर सिंह परमार : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में संचालित पशुधन बीमा योजना अंतर्गत वर्ष 2014-15, 2015-16, 2016-17 एवं 2017-18 में कितने पशुओं का बीमा किया गया? जिसमें से मृत होने पर कितने पशुओं का क्‍लेम भुगतान पशुपालकों को प्रदान किया गया? लंबित प्रकरण कितने हैं? वर्षवार जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्‍लेखित योजना में कुल बीमित राशि का कितने प्र‍तिशत क्‍लेम का प्रावधान है? क्‍या प्रावधान अनुसार क्‍लेम का भुगतान किया गया है? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित योजना में शाजापुर जिले में लंबित प्रकरणों का क्‍लेम का भुगतान कब तक किया जायेगा?

पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) प्रदेश में संचालित पशुधन बीमा योजनान्तर्गत बीमित पशुओं, निराकृत एवं लंबित प्रकरणों की वर्षवार जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है।         (ख) पशु की मृत्यु होने पर बीमित राशि के बराबर दावा राशि के भुगतान का प्रावधान है। न्यू इंडिया इंश्योरेंस कंपनी के द्वारा प्रावधान अनुसार बीमित राशि के बराबर दावा राशि का भुगतान किया गया है, जबकि ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी एवं युनाईटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी के द्वारा योजना के प्रावधानानुसार भुगतान न करते हुये पशु की मृत्यु के समय पशु चिकित्सक के द्वारा किये गये मूल्यांकन अनुसार दावा राशि‍ का भुगतान किया गया है। (ग) बीमा कंपनी से प्राप्त जानकारी अनुसार शाजापुर जिले में एक दावा प्रकरण निराकरण हेतु लंबित है, जिसका नियमानुसार यथाशीघ्र निराकरण किया जावेगा।

परिशिष्ट - ''छत्‍ती''

शराब का अवैध परिवहन व विक्रय

[गृह]

132. ( क्र. 3297 ) श्री इन्‍दर सिंह परमार : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि  (क) क्‍या शाजापुर जिले में शराब कारोबारियों द्वारा अवैध दुकानें एवं अवैध परिवहन संचालित करके शराब का धंधा किया जा रहा है? क्‍या इसे रोकने के लिये कार्यवाही की गई? यदि हाँ, तो      01 अप्रैल 2017 से प्रश्‍न दिनांक तक कितने प्रकरण पंजीबद्ध किये? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्‍लेखित प्रकरणों में आरोपी किस-किस शराब माफिया के लिए काम कर रहे थे? क्‍या उन पर भी कार्यवाही की गई है? (ग) शाजापुर जिले के शुजालपुर थाने में पंजीबद्ध प्रकरण अपराध क्रमांक 423/17 धारा (32) तथा अपराध क्रमांक 424/17 धारा (32) के आरोपियों को किस-किस शराब कारो‍बारियों ने शराब उपलब्‍ध करायी?

गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ख) उत्तर '''' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) शुजालपुर थाने के उल्लेखित अपराध क्रमांक 423/17 एवं अपराध क्रमांक 424/17 का अनुसंधान जारी है। विवेचना में साक्ष्य प्राप्त होने पर विधि सम्मत कार्यवाही की जाएगी।

सुमावली - सिधौरा प्रधानमंत्री सड़क राजस्‍व नक्‍शे में अंकित न होना

[राजस्व]

133. ( क्र. 3301 ) श्री सत्‍यपाल सिंह सिकरवार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या सुमावली से सिघोंरा तहसील जौरा (मुरैना) के सड़क मार्ग को राजस्‍व नक्‍शे में अंकित नहीं होने के क्‍या कारण हैं? जबकि मार्ग बने 10 वर्ष से अधिक समय हो गया है? इसे कब तक अंकित करा दिया जावेगा? (ख) क्‍या आसन बेराज में डूब में आने वाले किसानों को कृषि जमीन का मुआवजा राजस्‍व नक्‍शे में सड़क मार्ग अंकित नहीं होने के कारण राजस्‍व पुस्‍तक पत्रक के मापदंडों के अनुरूप नहीं दिया जा रहा हैं? क्‍यों? (ग) सुमावली विधानसभा मुरैना का गाँव गदालकापुरा सड़क मार्ग से एक किमी. से भी कम दूरी पर स्थित है, उनके मकानों व कृषि भूमि की कीमत कलेक्‍टर गाइड-लाईन के अनुसार सड़क विहीन गाँव के अतंर्गत आ रही है? शासन इसे कब तक संशोधन करायेगा?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) तहसील जौरा अन्तर्गत सुमावली से सिघोंरा सड़क मार्ग सुमावली,अनीपुर, हथरिया, पुरा हथरिया में प्रधान मंत्री ग्राम सड़क नक्शा में पूर्व से अंकित है एवं ग्राम लोहाबसई, इटावली, विरुंगा,चन्द्रपुरा व सिघोंरा राजस्व नक्‍शे में उक्त सड़क का कुछ भाग पूर्व से अंकित है शेष भाग संबंधित नक्‍शे में अंकित कर लिया गया है। मूल नक्शा निर्माण के समय उक्त सड़क अस्तित्व में नहीं थी। (ख) आसन बैराज डूब में आने वाले किसानों की कृषि भूमि का मुआवजा पटवारी अभिलेख में इन्द्राज के आधार पर भूमि अर्जन पुनर्वासन एवं पुर्नव्यवस्थान में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता अधिकार अधिनियम 2013 के नियमानुसार मुआवजा वितरण किया जा रहा है। (ग) ग्राम पुरा हथरिया में प्रधानमंत्री सड़क राजस्व नक्शा में पूर्व से अंकित हैं। विधान सभा सुमावली जिला मुरैना का ग्राम गदालपुरा राजस्व अभिलेख में पुराहथरिया के नाम से है जिसके मुख्य आबादी पक्की सड़क से एक किलो मीटर की दूरी पर स्थित है। सड़क से आबादी के लिये कच्चा रास्ता हैं। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

इंजीनियरिंग डिप्‍लोमाधारी विभागीय कार्यभारित कर्मचारियों की उपयंत्री पद पर पदस्‍थापना

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

134. ( क्र. 3310 ) श्री केदारनाथ शुक्ल : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) शैक्षणिक वर्ष 2011 तक कार्यभारित स्‍थापना में निचले पदों पर कार्यरत विभागीय अनुमति सहित कुल कितने इंजीनियरिंग डिप्‍लोमाधारी कर्मचारी कार्यरत हैं? उनके नाम, डिप्‍लोमा उत्‍तीर्ण के वर्ष सहित जानकारी दें? इन डिप्‍लोमाधारी अनुभवी कर्मचारियों को कब तक उपयंत्री पद पर पदस्‍थ कर दिया जावेगा? यदि नहीं, तो क्‍यों? (ख) क्‍या वर्ष 2012 के पूर्व कार्यभारित स्‍थापना में कार्यरत कर्मचारियों को उपयंत्री के पद पर पदोन्‍नति/नियुक्ति प्रदान की गई हैं? यदि हाँ, तो उनके नियुक्ति आदेशों एवं नियमों की प्रति उपलब्‍ध करावें? पदोन्‍नति/नियुक्ति के आधार क्‍या थे? क्‍या इसमें वरिष्‍ठता/योग्‍यता का पूर्णत: पालन किया गया है? यदि नहीं, तो क्‍यों? (ग) क्‍या वर्तमान में प्रश्नांश (ख) अनुसार नियुक्तियां नहीं की जा रही हैं? यदि हाँ, तो क्‍यों? क्‍या इस हेतु विभिन्‍न स्‍तरों पर अनुशंसाएं एवं अभिमत विभाग को प्राप्‍त हुए हैं? यदि हाँ, तो किन-किन माध्‍यमों से तथा क्‍या? उनकी प्रतियां उपलब्‍ध कराएं।

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- '''' अनुसार। वर्तमान में भर्ती नियमों में प्रावधान नहीं होने के कारण इन डिप्लोमाधारी अनुभवी कर्मचारियों को उपयंत्री के पद पर पदस्थ करना संभव नहीं है। (ख) जी हाँ। नियुक्ति आदेशों एवं नियमों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'''' अनुसार है। वर्ष 2012 के पूर्व कार्यभारित स्थापना में 7 कर्मचारियों को म.प्र.शासन, कार्मिक प्रशासनिक सुधार एवं प्रशिक्षण विभाग (वेतन आयोग प्रकोष्ठ) के परिपत्र क्रमांक 358/797/1/वे.अ.प्र./88, दिनांक 24.12.1998 द्वारा जारी आदेश के तहत उपयंत्री के पद पर पदोन्नति/नियुक्ति प्रदान की गई है। इसमें वरिष्ठता एवं योग्यता का पूर्णतः पालन किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'''' अनुसार। (ग) जी हाँ। भर्ती नियमों में प्रावधान नहीं होने के कारण। विभिन्न स्तर से प्राप्त अनुशंसाएं/अभिमत पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- '''' अनुसार।

प्रधानमंत्री उज्‍जवला योजनांतर्गत गैस चूल्‍हा एवं टंकी वितरण

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

135. ( क्र. 3317 ) श्री राजकुमार मेव : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि            (क) खरगोन जिले में विकासखण्‍डवार कौन-कौन सी गैस कंपनियों, किस-किस स्‍थान पर       किसके-किसके द्वारा संचालित की जा रही हैं? इनके प्रोपराईटर के नाम, पता, टेली. नं. भी उपलब्‍ध कराये जावें। (ख) प्रधानमंत्री उज्‍जवला योजना के अंतर्गत नि:शुल्‍क गैस चूल्‍हा एवं गैस टंकी उपलब्‍ध कराये जाने के क्‍या नियम हैं? किन-किन पात्र परिवारों को इस योजना का लाभ दिया जाता है? इसकी विस्‍तृत दिशा-निर्देश उपलब्‍ध कराये जावे? क्‍या गैस एजेंसियों एवं खाद्य विभाग के पास पात्र परिवारों की सूची उपलब्‍ध है? यदि हाँ, तो अवगत करावें। यदि न हीं तो किस आधार पर पात्र सूची तैयार की जा रही है? (ग) खरगोन जिले में विकाखण्‍डवार किस-किस गैस एजेंसी को कितने-कितने परिवारों को नि:शुल्‍क गैस चूल्‍हा एवं टंकी वितरण किये जाने का लक्ष्‍य प्राप्‍त हुआ है एवं लक्ष्‍य के विरूद्ध कितने आवेदन प्राप्‍त हुये एवं कितने परिवारों को नि:शुल्‍क गैस चूल्‍हा एवं टंकी वितरण की गई एवं कितने परिवार शेष हैं? (घ) खरगोन जिले के विकासखण्‍ड महेश्‍वर एवं विकासखण्‍ड बड़वाह में किस-किस गैस एजेंसी के पास कितने पात्र परिवारों की सूची उपलब्‍ध है? सूची में से कितने पात्र परिवारों को नि:शुल्‍क गैस चूल्‍हा एवं टंकी उपलब्‍ध कराई गई एवं कितने पात्र परिवार शेष बचे हैं? शेष पात्र परिवारों को कब तक योजना का लाभ दिया जावेगा?

खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) खरगोन जिले में कंपनीवार, विकासखण्‍डवार संचालित गैस एजेंसियों के नाम, मालिक का नाम, पता एवं टेलीफोन नंबर की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ख) सामाजिक-आर्थिक एवं जाति जनगणना, 2011 में सर्वेक्षित परिवार के अंतर्गत ऐसे परिवार जो निर्धारित 7 श्रेणियों में से किसी भी एक वंचित श्रेणी के अंतर्गत आने वाले परिवारों को प्रधानमंत्री उज्‍ज्‍वला योजनांतर्गत गैस कनेक्‍शन दिये जाने का प्रावधान है। निर्देश की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। सामाजिक-आर्थिक एवं जाति जनगणना, 2011 में सर्वेक्षित परिवारों की सूची गैस एजेंसियों एवं विभाग के पास उपलब्‍ध है, जिसमें उल्‍लेखित परिवारों द्वारा आवेदन प्रस्‍तुत करने पर परीक्षण उपरांत पात्र पाए जाने पर गैस कनेक्‍शन जारी किए जा रहे हैं। (ग) एक ही क्षेत्र में अलग-अलग ऑयल कंपनियों की गैस एजेन्‍सी होने एवं हितग्राही को किसी भी गैस एजेन्‍सी से गैस कनेक्‍शन प्राप्‍त करने की स्‍वतंत्रता होने के कारण गैस एजेन्‍सीवार गैस कनेक्‍शन जारी करने के लिए लक्ष्‍य का निर्धारण नहीं किया गया है। खरगोन जिले में सामाजिक-आर्थिक एवं जाति जनगणना, 2011 में 2,23,471 हितग्राहियों का नाम दर्ज है जिसमें से अभी तक 96,184 हितग्राहियों द्वारा आवेदन जमा किए गए हैं, 72,744 हितग्राहियों को गैस कनेक्‍शन जारी किए गए हैं। योजनांतर्गत गैस कनेक्‍शन प्रदाय हेतु आवदेन प्राप्‍त करना एवं उनका निराकरण एक सतत् प्रक्रिया है। (घ) खरगोन जिले के विकासखण्‍ड महेश्‍वर एवं बड़वाह स्थित एजेंसियों को सामाजिक-आर्थिक एवं जाति जनगणना, 2011 में सर्वेक्षित परिवारों की सूची उपलब्ध कराई गई है। एजेंसीवार हितग्राहियों का लक्ष्‍य निर्धारित नहीं किया गया है। महेश्‍वर-25,670 में से 7,135 हितग्राहियों के आवेदन प्राप्‍त होने से गैस कनेक्‍शन जारी किए गए हैं। बड़वाह-32,803 में से 19,771 हितग्राहियों को गैस कनेक्‍शन जारी किए गए हैं। योजनांतर्गत गैस कनेक्‍शन प्रदाय हेतु आवदेन प्राप्‍त करना एवं उनका निराकरण एक सतत् प्रक्रिया होने के कारण समय-सीमा बताया जाना सम्‍भव नहीं है।

नामांतरण, बंटवारा, सीमांकन से संबंधित प्रकरणों का निराकरण

[राजस्व]

136. ( क्र. 3318 ) श्री राजकुमार मेव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि          (क) नामांतरण, बंटवारा, सीमांकन किये जाने संबंधित क्‍या नियमावली एवं निर्देश हैं? नामांतरण, बंटवारा, सीमांकन हेतु प्राप्‍त आवेदन की तिथि से कितनी समयावधि में आवेदनों को निराकरण किये जाने के प्रावधान हैं? नियमों की प्रति उपलब्‍ध कराई जावें? क्‍या शासन ने किसानों को नि:शुल्‍क खाता एवं खसरा की सत्‍यापित प्रति, प्रतिवर्ष उपलब्‍ध कराने के निर्देश जारी किये हैं? यदि हाँ, तो उसकी प्रति उपलब्‍ध कराई जावें। (ख) वर्ष 2016-17 से प्रश्‍न दिनांक तक इंदौर संभाग क्षेत्रान्‍तर्गत तहसीलवार कितने आवेदन नामांतरण, बंटवारा, सीमांकन से संबंधित प्राप्‍त हुये? इनमें कितने विवादित एवं कितने अविवादित नामांतरण, बंटवारा, सीमांकन से संबंधित आवेदन प्राप्‍त होकर पंजीबद्ध किये गये एवं कितनी समयावधि में नामांतरण, बंटवारा, सीमांकन से संबंधित प्रकरणों का निराकरण किया गया एवं कितने वर्तमान में लंबित है? लंबित रहने का क्‍या कारण हैं? क्‍या नामांतरण, बंटवारा किये जाने के पश्‍चात शासकीय रिकार्ड में आवश्‍यक संशोधन कर लिया गया है? (ग) प्रश्नांश (ख) के संबंध में खरगोन जिले की तहसीलवार कितने आवेदन नामांतरण, बंटवारा, सीमांकन हेतु प्राप्‍त हुये? कितने आवेदनों का कितनी अवधि में निराकरण किया गया एवं कितने वर्तमान में लंबित है? लंबित रहने के कारण सहित जानकारी उपलब्‍ध कराई जावें? कितने निराकृत प्रकरणों को रिकार्ड में दर्ज कर भू-अधिकार एवं ऋण पुस्तिका (पावती) जारी कर दी गई है एवं कितनी भू-अधिकार एवं ऋण पुस्तिका (पावती) बनाना वर्तमान में लंबित है? (घ) प्रश्नांश (ख) एवं (ग) के संबंध में तहसील महेश्‍वर एवं बड़वाह में कितने नामांतरण, बंटवारा, सीमाकंन के आवेदन पंजीबद्ध किये गये हैं? कितनों का निराकरण किया गया एवं कितने वर्तमान में लंबित है? निराकृत एवं लंबित प्रकरणों की सूची उपलब्‍ध कराई जावे? लंबित रहने का कारण स्‍पष्‍ट किया जावे? कितने किसानों को भू-अधिकार एवं ऋण पुस्तिका उपलब्‍ध कराई गई? कितनी उपलब्‍ध कराई जाना शेष है एवं कितने किसानों को नि:शुल्‍क खाता एवं खसरे की सत्‍यापित प्रति वर्ष 2016-17 से प्रश्‍न दिनांक तक उपलब्‍ध कराई गई? कितनी शेष है?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) नामांतरण बंटवारा व सीमांकन म.प्र. भू-राजस्व सहिता 1959 की धारा क्रमशः 109,110,178,178 (क) एवं 129 के अन्तर्गत निराकृत किये जाते है। मध्‍यप्रदेश लोक सेवाओं के प्रदान की गारंटी अधिनियम, 2010 की धारा 3 के तहत राजस्‍व विभाग की सेवाओं अविवादित नामांतरण 30 कार्य दिवस तथा अविवादित बंटवारा 30 कार्य दिवस में तथा सीमांकन के आवेदन पत्रों का निराकरण 30 कार्य दिवस में दिये जाने का प्रावधान है। आयुक्त         भू-अभिलेख एवं बन्दोबस्त ग्वालियर के पत्र क्रमांक 115/9-एनआईसी/आभू-अभि./2017 दिनांक 30.08.2017 अनुसार किसानों को नि:शुल्क खाता एवं खसरा की सत्यापित प्रति प्रत्येक वर्ष में उपलब्ध कराने के निर्देंश जारी किये है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 1 से 21 तक अनुसार है। (ख) वर्ष 2016-17 से प्रश्न दिनांक तक इंदौर संभाग से नामांतरण, बंटवारा एवं सीमांकन की जिलेवार एवं तहसीलवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 1 से 21 अनुसार है। (ग) पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 1 से 21 अनुसार निराकरण से शेष रहे प्रकरण उभयपक्ष के मध्य विवाद के कारण लंबित है। निराकृत प्रकरण के अमल दरामद की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 1 से 21 अनुसार है। कुल 12415 किसानों को    भू-अधिकार एवं ऋण पुस्तिका जारी कर दी गई है। । पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 1 से 21 अनुसार है (घ) तहसील महेश्‍वर एवं बड़वाह कुल निराकृत एवं लंबित नामांतरण, बंटवारा एवं सीमांकन प्रकरणों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 1 से 21 अनुसार है।

राजगढ़ जिला मुख्‍यालय पर इंजीनियरिंग महाविद्यालय खोलने 

[तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास]

137. ( क्र. 3322 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या राज्‍यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्‍यप्रदेश शासन द्वारा इंजीनियरिंग महाविद्यालय खोले जाने के क्‍या नियम निर्देश हैं? निर्देश की प्रति उपलब्‍ध करावें? (ख) मध्‍यप्रदेश शासन द्वारा वर्तमान में कितने इंजीनियरिंग महाविद्यालय कहाँ-कहाँ पर कब से संचालित है? (ग) वर्तमान में राजगढ़ जिला मुख्‍यालय से कितनी-कितनी दूरी पर कहाँ-कहाँ पर इंजीनियरिंग महाविद्यालय संचालित हैं? (घ) क्‍या राजगढ़ जिला मुख्‍यालय पर कोई इंजीनियरिंग महाविद्यालय खोला जाना प्रस्‍तावित हैं? यदि हाँ, तो कब तक?

राज्‍यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक कैलाश जोशी ) : (क) इस संबंध में मध्‍यप्रदेश शासन की कोई नीति निर्धारित नहीं है। इंजीनियरिंग महाविद्यालय स्‍थापित करने के संबंध में अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद् के द्वारा मापदण्‍डों का निर्धारण किया जाता है। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र -1 अनुसार है। (ख) वर्तमान में प्रदेश में 05 स्‍वशासी इंजीनियरिंग महाविद्यालय संचालित है। (1) इंजीनियरिंग महाविद्यालय, जबलपुर-1947 से (2) इंजीनियरिंग महाविद्यालय, रीवा-1964 से (3) इंजीनियरिंग महाविद्यालय, उज्‍जैन-1966 से (4) इंजीनियरिंग महाविद्यालय, सागर-1981 से (5) इंजीनियरिंग महाविद्यालय, नौगाँव-2012 से           (ग) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र- 2 अनुसार है। (घ) जी हाँ। राष्‍ट्रीय उच्‍चतर शिक्षा अभियान (रूसा) के अंतर्गत प्रस्‍तावित है। समय-सीमा बनाये जाना संभव नहीं है।

राजगढ़ जिले में संचालित कुटीर एवं ग्रामोद्योगों की जानकारी

[कुटीर एवं ग्रामोद्योग]

138. ( क्र. 3323 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कुटीर एवं ग्रामोद्योग विभाग द्वारा कौन-कौन सी योजनायें संचालित की जाती हैं? पृथक-पृथक बतावें। (ख) उक्‍त योजनाओं के लाभ लिये जाने हेतु शासन द्वारा क्‍या-क्‍या योग्‍यतायें निर्धारित की हैं? निर्देश की प्रति उपलब्‍ध करावें? (ग) कुटीर एवं ग्रामाद्योग विभाग द्वारा राजगढ़ जिले में 1 जनवरी 2014 से प्रश्‍न दिनांक तक कितने हितग्राहियों को कौन-कौन सी योजनाओं का लाभ दिया गया है? विधानसभा क्षेत्रवार, संख्‍यावार बतावें? (घ) वित्‍तीय वर्ष 2017-18 में राजगढ़ जिले में कुटीर एवं ग्रामोद्योग विभाग द्वारा किन-किन योजनाओं हेतु आवेदन आमंत्रित किये गये हैं? उन्‍हें कब तक योजना का लाभ दिया जावेगा?

पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) एवं (ख) द्वारा संचालित योजनाओं एवं उनके निर्देश की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) राजगढ़ जिले में जनवरी 2014 से वर्तमान तक लाभान्वित हितग्राहियों की विधानसभा क्षेत्रवार जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-ब पर है। (घ) वर्ष 2017-18 में मुख्‍यमंत्री स्‍वरोजगार योजना, मुख्‍यमंत्री आर्थिक कल्‍याण योजना में ऑनलाईन आवेदन तथा हाथकरघा विकास योजना, उद्यमी, स्‍वसहायता समूहों एवं अशासकीय संस्‍थाओं को सहयोग, रेशम क्षेत्र विस्‍तार हेतु कृषकों से आवेदन आमंत्रित किये जाते है। मुख्‍यमंत्री स्‍वरोजगार/आर्थिक कल्‍याण योजना में बैंक स्‍वीकृति उपरांत लाभ दिया जायेगा। हाथकरघा विकास योजना में प्राप्‍त एक आवेदन में स्‍वीकृति दी गई है। अन्‍या योजनाओं में प्राप्‍त नहीं हुए है।

बी.पी.एल. कार्डधारियों को राशन उपलब्‍ध करवाना

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

139. ( क्र. 3337 ) श्री सूबेदार सिंह रजौधा : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या जिला मुरैना में नवीन बी.पी.एल. कार्ड बना तो दिये गये हैं लेकिन उन पर हितग्राहियों को राशन की पर्ची उपलब्‍ध नहीं हो पा रही है? कारण स्‍पष्‍ट किया जावें? (ख) मुरैना जिले में कितने बी.पी.एल. कार्डधारी हैं और कितनों को राशन मुहैया करवाया जा रहा है और कितने राशन कार्डधारी पर्चियों के अभाव में राशन लेने से वंचित रह जाते हैं? तहसीलवार जानकारी देवें? (ग) प्रश्नांश (क) (ख) के परिप्रेक्ष्‍य में विभाग द्वारा वंचित रह रहे कार्डधारियों को राशन कब तक उपलब्‍ध करवाया जाएगा? इस संबंध में विभाग की क्‍या योजना हैं?

खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) मुरैना जिले में कुल 2,06,244 परिवारों (10,42,372 हितग्राही) को पात्रता पर्ची का वितरण कर लाभ दिया जा रहा है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत भारत सरकार द्वारा निर्धारित आबादी की सीमा तक ही लाभ दिया जा सकता है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत पात्र परिवारों को स्‍थानीय निकाय द्वारा सत्‍यापन उपरांत पात्रता पर्ची (ई-राशनकार्ड) जारी की जाती है। अधिनियम अंतर्गत राज्‍य के लिए हितग्राहियों की अधिकतम सीमा निर्धारित है। इस सीमा से अधिक हितग्राहियों को लाभांवित करने का प्रावधान अधिनियम की धारा-3 के अंतर्गत न होने के कारण शेष आवेदकों को सम्मिलित नहीं किया जा सकता है। वर्तमान में सम्मिलित पात्र परिवारों में से हितग्राही की मृत्‍यु होने, विवाह होने से, अन्‍य स्‍थान पर निवास करने एवं पात्रता श्रेणी में न रहने के कारण हितग्रा‍ही की पात्रता में परिवर्तन होना एक निरंतर प्रक्रिया है। तदनुसार नवीन पात्रता पर्ची निर्धारित सीमा में जारी की जा रही है। जिले में 01 मई, 2017 की स्थिति में परिवारों की संख्‍या के विरूद्ध जितने विलोपन/संशोधन योजना सदस्‍य को पोर्टल पर संशोधित कर उतनी ही संख्या में संबंधित जिले के नवीन सत्यापित परिवारों को सम्मिलित किया जा रहा है। जुड़ने वाले नवीन परिवारों में बी.पी.एल. एवं अनुसूचित जाति/जनजाति श्रेणी को प्राथमिकता दी जा रही है। वर्ष 2017-18 में मुरैना जिले में 503 परिवारों के 2478 हितग्राहियों के लिए नवीन पात्रता पर्ची जारी की गई है। (ख) बी.पी.एल. कार्ड जारी नहीं किया जाता है। मुरैना जिले में 1,24,101 परिवारों को बी.पी.एल. श्रेणी अंतर्गत सत्‍यापन उपरांत पात्रता पर्ची जारी कर राशन उपलब्‍ध कराया जा रहा है। प्रश्‍न के शेष भाग का उत्‍तर प्रश्नांश (क) के उत्‍तर अनुसार। (ग) प्रश्नांश (क) के उत्‍तर अनुसार।

पेयजल की व्‍यवस्‍था

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

140. ( क्र. 3343 ) श्री गोविन्‍द सिंह पटेल : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या शासन की योजना है कि ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में प्रत्‍येक मकान तक पेयजल पहुँचाया जावेगा वर्तमान में गाडरवारा विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत ऐसे कितने गाँव हैं जिनमें उक्‍त योजनांन्‍तर्गत पेयजल की व्‍यवस्‍था नहीं है? (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में प्रत्‍येक मकान तक पानी पहुँचे इस संबंध में विभाग की क्‍या नीति है? (ग) उपरोक्‍तानुसार गाँव के प्रत्‍येक मकान तक गाँव के प्रत्‍येक मकान तक पेयजल उपलब्‍ध हो इस पर अभी तक कितना कार्य हुआ है?

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी हाँ। 74 ग्राम वर्तमान में इन ग्रामों में हैण्डपंपों के माध्यम से पेयजल उपलब्ध कराया जा रहा है। (ख) विभाग द्वारा प्रस्तावित ग्रामीण नल-जल योजनाओं में यथासंभव प्रत्येक घर में नल कनेक्शन द्वारा पेयजल उपलब्ध कराने की योजना है। (ग) गाडरवारा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत कुल 89 ग्रामों में नल-जल प्रदाय योजना स्थापित हैं। स्थापित योजनाओं से 7465 घरेलू नल कनेक्शन से ग्रामवासियों को लाभान्वित किया गया हैं।

नल-जल योजनाएं

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

141. ( क्र. 3352 ) श्री फुन्‍देलाल सिंह मार्को : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) अनूपपुर जिले के पुष्‍पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र में कितनी नल-जल योजनायें कहाँ-कहाँ स्‍थापित की गई हैं? उनमें से कितनी योजनायें पूर्ण रूप से और कितनी आंशिक रूप से बंद है और इसके क्‍या कारण हैं? (ख) पुष्‍पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र के विकासखण्‍ड में कितनी बसाहट में पानी के लिये कितने हैण्‍डपंप है? कितने हैण्‍डपंपों में पानी का स्‍तर कम होने से स्‍थाई तौर पर बंद हैं? कितने गाँव/बसाहट हैण्‍डपंप विहीन हैं। उनके नाम बतायें वहां पेयजल की विभाग ने क्‍या व्‍यवस्‍थायें की है? (ग) उक्‍त विधानसभा क्षेत्र में विभाग द्वारा पूर्ण की गई कितनी नल-जल योजनायें ग्राम पंचायतों को हस्‍तांतरित की गई हैं? ग्राम पंचायतों द्वारा संचालित कितनी योजनायें पूर्ण और आंशिक रूप से बंद हैं? विगत दो वर्ष के प्रश्‍न दिनांक तक सिविल और मैकेनिकल डिवीजन में कितनी राशि किन-किन कार्यों पर व्‍यय की गई है?

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) 66 नलजल योजनाएं। कुल 15 योजनाऐं बंद हैं जिनमें से 01 योजना के सभी अवयव समाप्त होने से स्थाई (पूर्ण) रूप से एवं शेष 14 अस्थाई रूप से बंद हैं, आंशिक रूप से कोई भी योजना बंद नहीं है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 के अनुसार है। (ख) पुष्पाराजगढ़ विधानसभा क्षेत्रांतर्गत विकासखण्ड पुष्पराजगढ़ एवं विकासखंड जैतहरी (आंशिक) की क्रमशः 1109 एवं 186 बसाहटों में क्रमशः 2762 एवं 705 हैण्डपंप स्थापित हैं। वर्तमान में जलस्तर गिरने से कोई भी हैण्डपंप बंद नहीं है। एक भी बसाहट हैण्डपंप विहीन नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) उत्तरांश-'' अनुसार। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 के अनुसार है।

अतिक्रमण पर कार्यवाही

[राजस्व]

142. ( क्र. 3353 ) श्री फुन्‍देलाल सिंह मार्को : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (‍क) प्रश्‍न क्रमांक 6498, दिनांक 17.03.2016 शासकीय भूमि से अतिक्रमण हटाने व कब्‍जा मुक्‍त किये जाने की जानकारी दी गई थी? (ख) क्‍या अतिक्रमणकारी स्‍वयं तथा उसका पति शासकीय सेवक है? यदि हाँ, तो अतिक्रमणकारी का नाम, पद विभाग उसके पति का नाम पद व विभाग की स्‍पष्‍ट जानकारी दें? क्‍या शासकीय सेवक व उसकी पत्‍नी द्वारा शासकीय भूमि पर अतिक्रमण करने के प्रमाणित तथ्‍य तथा राजस्‍व न्‍यायालय से अर्थदंड से आरोपितजनों पर अनुशासनात्‍मक कार्यवाही हेतु प्रावधान है? प्रावधान की प्रति उपलब्‍ध करायें। साथ ही राजस्‍व न्‍यायालय के आदेश की प्रति, अर्थदंड जमा होने की जानकारी। अतिक्रमण हटाने वाले अधिकारी का नाम तथा पद की जानकारी उपलब्‍ध करायें। (ग) क्‍या प्रश्नांश (क) में उल्‍लेखित अतिक्रमण न हटाने के लिये कौन-कौन दोषी है? दोषियों के विरूद्ध क्‍या कार्यवाही करेंगे? साथ ही अतिक्रमण हटाकर जमीन से बेदखल की कार्यवाही कब तक पूरा करावेंगे?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी नहीं, हर्री-बर्री में पदस्‍थ पटवारी की पत्‍नी श्रीमती बेलावती के द्वारा किए गए शासकीय भूमि पर अवैध कब्‍जा हटाने की जानकारी दी गई थी। एक अन्‍य अतिक्रामक श्रीमती विन्‍दा मार्को पत्‍नी पुलिस आरक्षक श्री शिवराम सिंह मार्को के द्वारा आराजी खसरा नं. 1082/1 रकवा 0.081 हे. के अंश भाग 880 वर्गफीट अतिक्रमण का प्रकरण दर्ज करने की जानकारी दी गई थी। (ख) जी नहीं। 1. अतिक्रामक श्रीमती विन्‍दा मार्को शासकीय सेवक  नहीं है। उनके विरूद्ध अनुशासनात्‍मक  कार्यवाही का कोई प्रावधान नहीं है। अतिक्रामक श्रीमती विन्‍दा मार्को के पति शासकीय सेवक हैं। 2. राजस्‍व न्‍यायालय के आदेश की प्रति संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार व अर्थदण्‍ड जमा होने की रसीद की छायाप्रति संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है । 3. अतिक्रमण को हटाने वाले अधिकारी का नाम व पदनाम इस प्रकार हैं।                                  1. श्री बजरंग सिंह (रा.नि. अनूपपुर) 2. श्री गजराज सिंह (तत्‍कालीन पटवारी अनूपपुर)। (ग) प्रश्‍नांश (क) में उल्‍लेखित अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही राजस्‍व विभाग के द्वारा मौके पर की गई थी तथा जे.सी.बी. मशीन की सहायता से अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही संपन्‍न की गई है। मौका पंचनामा दिनांक 29/05/2016 के अनुसार अतिक्रामक बिन्‍दा मार्को का अतिक्रमण हटाया गया था। उक्‍त मामले में पुन: वर्तमान स्थिति का प्रतिवेदन दिनांक 23/11/2017 राजस्‍व निरीक्षक से प्राप्‍त करने पर पाया गया कि अतिक्रामक श्रीमती बिन्‍दा मार्को द्वारा शौचालय कक्ष एवं स्‍नान गृह बनाकर पुन: अतिक्रमण कर लिया गया है जिसके विरूद्ध प्रकरण क्रमांक 02/अ-68/2017-18 दर्ज कर अतिक्रमण हटाने की नोटिस जारी की गई है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

परिशिष्ट - ''सैंतीस''

राष्‍ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

143. ( क्र. 3358 ) श्री सचिन यादव : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि           (क) कसरावद विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत राष्‍ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अंतर्गत ए.पी.एल., बी.पी.एल., ए.ए.वाय अन्‍त्‍योदय एवं समस्‍त बी.पी.एल श्रेणी के वंचित पात्र परिवारों को लाभांवित करने के लिए कितने पात्र परिवारों को चिन्‍हांकित किया गया? संख्‍यात्‍मक जानकारी दें। (ख) उक्‍त क्षेत्रान्‍तर्गत पात्र परिवारों को उक्‍त योजनाओं के अंतर्गत लाभांवित एवं चिन्‍हांकित करने की कार्यवाही प्रश्‍नांकित दिनांक की स्थिति में की जायेगी? हां, तो बतायें। नहीं तो क्‍यों वर्तमान में वंचित पात्र परिवारों को कब तक लाभांवित कर दिया जायेगा? (ग) उपरोक्‍तानुसार समय पर कार्यवाही नहीं किये जाने में कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी जिम्‍मेदार है?

खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) खरगोन जिले में राष्‍ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के तहत 3,31,645 परिवारों के (16,59,571 हितग्राहियों) को पात्रता पर्ची वितरित कर लाभान्वित किया जा रहा है, जिसमें कसरावद विधानसभा क्षेत्र के 53,935 परिवार सम्मिलित है। पात्र परिवारों की श्रेणी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत भारत सरकार द्वारा राज्‍य के लिए हितग्राहियों की अधिकतम सीमा निर्धारित है। इस सीमा से अधिक हितग्राहियों को लाभांवित करने का प्रावधान अधिनियम की धारा-3 के अंतर्गत न होने के कारण शेष आवेदकों को सम्मिलित नहीं किया गया है। वर्तमान में सम्मिलित पात्र परिवारों में से हितग्राही की मृत्‍यु होने, विवाह होने से, अन्‍य स्‍थान पर निवास करने एवं पात्रता श्रेणी में न रहने के कारण हितग्रा‍ही की पात्रता में परिवर्तन होना एक निरंतर प्रक्रिया है। तदनुसार नवीन पात्रता पर्ची निर्धारित सीमा में जारी की जा रही है। जिले में 01 मई, 2017 की स्थिति में सदस्‍यों की संख्‍या के विरूद्ध विलोपन योग्‍य सदस्‍यों को पोर्टल पर विलोपित किया जाकर, उतनी ही संख्या में संबंधित जिले के नवीन सत्यापित सदस्‍यों को सम्मिलित किया जा रहा है। जुड़ने वाले नवीन परिवारों में बी.पी.एल.एवं अनुसूचित जाति/जनजाति श्रेणी को प्राथमिकता दी जा रही है। वर्ष  2017-18 में खरगोन  जिले में 180 परिवारों के 491 हितग्राहियों के लिए नवीन पात्रता पर्ची जारी की गई है। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्‍तर के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - ''अड़तीस''

किसानों को फसल नुकसानी का मुआवजा

[राजस्व]

144. ( क्र. 3359 ) श्री सचिन यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि            (क) खरगोन जिले में वर्ष 2017 की खरीफ एवं कपास की फसलों के लिए कितना-कितना लक्ष्‍य निर्धारित किया गया था? क्‍या लक्ष्‍य के मान से प्रत्‍येक फसल की बोनी की गई थी? यदि हाँ, तो फसलवार एवं विकासखण्‍डवार रकवा  सहित बतायें। (ख) जिले में औसत से कम वर्षा एवं प्राकृतिक तक आपदा के कारण कितने किसानों की कौन-कौन सी फसलें नष्‍ट हुई है? क्‍या नष्‍ट फसलों का सर्वे पूर्ण करा लिया गया है? यदि हाँ, तो 25 प्रतिशत से कम 25 से 50 प्रतिशत तथा 50 प्रतिशत से अधिक नुकसानी की जानकारी विकासखण्‍डवार एवं फसलवार देवें? (ग) खरगोन जिला प्रशासन द्वारा कृषकों को फसल क्षति के मुआवजा हेतु कितनी राशि की मांग शासन से की गई है तथा कितनी राशि प्राप्‍त हुई है, इसका वितरण कृषकों में कर दिया गया है? खरीफ (कपास) 2017 की कौन-कौन सी फसलों के कितने कृषकों के बीमा किये गये थे? उनकी सूची उपलब्‍ध करायें। क्‍या ऐसे कृषकों को बीमा दावा राशि प्राप्‍त करा दी गई है? हां, तो बतायें नहीं तो कब तक प्राप्‍त करा दी जायेगी? (घ) उपरोक्‍त प्रश्‍नांशों के तत्‍समय से प्रश्‍नांकित दिनांक तक की गई कार्यवाही की अद्यतन स्थिति के तत्‍संबंध में जानकारी दें।

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) खरगोन जिले में वर्ष 2017 खरीफ की फसलों के लिए 3,73,570 हेक्‍टेयर बोनी का लक्ष्‍य रखा गया था। कपास का लक्ष्‍य 2,00,000 हेक्‍टेयर बोनी का रखा गया था। खरीफ के लक्ष्‍य के विरूद्ध 369753 हेक्‍टेयर पूर्ति की गई। खरीफ के लक्ष्‍य के‍ विरूद्ध पूर्ति कम होने का कारण फसल सोयाबीन का रकवा कम हुआ हैं तथा फसल मक्‍का तथा ज्‍वार का रकवा बढ़ा हैं। फसल कपास लक्ष्‍य के विरूद्ध 2,02,722 पूर्ति की गई के फसलवार एवं विकासखण्‍डवार रकवा की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है।     (ख) जिले में पटवारियों के द्वारा नेत्रांकन के आधार पर सर्वे पश्‍चात फसल क्षति होना नहीं पाया और न ही इस संबंध में फसल क्षति संबंधी कोई प्रतिवेदन प्रस्‍तुत किया गया। शेष प्रश्‍नांश उद्भुत नहीं होता। (ग) उत्‍तरांश "ख" के संदर्भ में प्रश्‍न उद्भुत नहीं होता। खरीफ (कपास) 2017 में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना तथा मौसम आधारित फसल बीमा योजनान्‍तर्गत- जिला सहकारी केन्द्रिय बैंक के कृषि साख सहकारी संस्‍थाओं के माध्‍यम से 1,42,992 कृषकों का बीमा किया था। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना तथा मौसम आधारित फसल बीमा योजनान्‍तर्गत राष्‍ट्रीयकृत बैंक द्वारा 1,02,325 कृषकों का बीमा किया था। जिला सहकारी केन्द्रिय बैंक से प्राप्‍त फसलवार सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। राष्‍ट्रीयकृत बैंकों से सूची प्राप्‍त की जा रही हैं। बीमा राशि की मांग बीमा कम्‍पनी को भेजी गई हैं। (घ) जिला सहकारी केन्द्रिय बैंक तथा राष्‍ट्रीयकृत बैंकों से प्राप्‍त जानकारी अनुसार प्रधानमंत्री फसल बीमा योजनान्‍तर्गत खरीफ 2017 में 2,45,317 कृषकों का बीमा किया था। तथा 2162.12 लाख रूपये की बीमा प्रीमियम राशि निर्धारित समयावधि में बीमा कम्‍पनियों को भेजी गई हैं।

आवासीय पट्टों का वितरण

[राजस्व]

145. ( क्र. 3370 ) श्री भारत सिंह कुशवाह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या राजस्‍व विभाग द्वारा ग्राम आबादी में शासकीय भूमि पर आवास निर्माण हेतु मुख्‍यमंत्री आवास योजनांतर्गत बैंक से ऋण लेने वाले व्‍यक्ति को भू-अधिकार, आवासीय पट्टे दिये जाते हैं? यदि हाँ, तो शासन द्वारा जारी आदेश की प्रति उपलब्‍ध कराई जाये। (ख) क्‍या शहरी में वर्ष 2011 से 2014 तक शासकीय भूमि पर काबिज व्‍यक्तियों को आवासीय पट्टे दिये जाने का शासन द्वारा निर्णय लिया गया था? यदि हाँ, तो निर्णय एवं आदेश की प्रति उपलब्‍ध कराई जाये। (ग) शासन द्वारा वर्ष 2011 से अभी तक कितने आवासीय पट्टे दिये गये हैं? यदि नहीं, दिये गये हैं तो कब तक दिये जायेंगे? (घ) क्‍या राजस्‍व विभाग द्वारा शहरी क्षेत्र सें 8 कि.मी. की दूरी तक शासकीय भूमि पर आवासीय भू-अधिकार पट्टे देने पर रोक लगाई गई है? यदि हाँ, तो आदेश की प्रति उपलब्‍ध कराई जाये तथा लगाई गई रोक कब तक हटाई जायेगी?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। प्रश्न उद्भूत नहीं होता है।         (घ) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। प्रश्न उद्भूत नहीं होता है।

अल्‍पवर्षा से प्रभावित किसानों को आर्थिक सहायता

[राजस्व]

146. ( क्र. 3378 ) श्री नीलेश अवस्‍थी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि   (क) क्‍या जबलपुर जिले में वर्ष 2017-18 में अल्‍पवर्षा होने की वजह से खरीफ फसल का उत्‍पादन प्रभावित हुआ है, इस वजह से कृषकों के समक्ष रोजी रोटी का संकट व्‍याप्‍त है तथा इस संबंध में शासन का ध्‍यान आकर्षित करने हेतु प्रश्‍नकर्ता द्वारा दिनांक 16.10.2017 को नर्मदा तट जबलपुर में जल सत्‍यागृह आयोजित किया गया था? (ख) यदि हाँ, तो मझौली, पाटन क्षेत्र समेत संपूर्ण जबलपुर जिले को पूर्ण सूखा क्षेत्र घोषित किये जाने हेतु प्रश्‍नकर्ता द्वारा कब-कब शासन स्‍तर पर क्‍या-क्‍या पत्राचार किया गया तथा शासन द्वारा इन मांग पत्रों पर कब, क्‍या कार्यवाही की गई?           (ग) शासन द्वारा क्‍या पाटन विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत मझौली एवं पाटन तहसीलों में गिरदावली कराकर फसल क्षति का सर्वे कराया गया है? यदि हाँ, तो कब, किन के द्वारा फसल क्षति सर्वे कराया गया तथा किन-किन ग्रामों के कितने कृषकों की कौन-कौन सी फसलों के कितने प्रतिशत क्षति का सर्वे कराया गया? सूची देवें। (घ) क्‍या शासन द्वारा अल्‍पवर्षा के प्रभावित कृषकों को त्‍वरित आर्थिक सहायता प्रदान की जावेगी तथा फसल क्षति सर्वे से वंचित कृषकों को कोई राहत प्रदान करते हुये पाटन, मझौली तहसील सहित संपूर्ण जबलपुर जिले को सूखा ग्रस्‍त घोषित किया जावेगा? यदि हाँ, तो किस प्रकार से कब तक यदि नहीं, तो क्‍यों नहीं?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जबलपुर जिले में वर्ष 2017-18 में अल्‍प वर्षा होने के कारण खरीफ फसल का उत्‍पादन आंशिक प्रभावित हुआ हैं। कृषकों के समक्ष रोजी रोटी के संकट जैसे कोई स्थिति नहीं हैं। जी हाँ। (ख) माननीय विधायक द्वारा जबलपुर जिले को पूर्ण सूखाग्रस्‍त घोषित करने के संबंध में दिए गए  मांग पत्र शासन स्‍तर पर परीक्षण किए गए। नवीन सूखा मैन्‍यूल 2016 के वैज्ञानिक मापदण्‍ड जिला जबलपुर में पूर्ण नहीं होने से सूखा ग्रस्‍त घोषित नहीं किया गया। (ग) जी हाँ, मझौली एवं पाटन के समस्‍त पटवारियों द्वारा मोबाईल एप से गिरदावरी कार्य किया गया हैं। फसल कटाई प्रयोगों में वा‍स्‍तविक उत्‍पादन सामान्‍य होने से आर.बी.सी. 6 (4) के अंतर्गत सर्वे नहीं कराया गया। शेष प्रश्‍नांश उद्भूत नहीं होता हैं। (घ) प्रश्‍नांश "ग" के उत्‍तर के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता।

राशन पात्रता पर्ची का वितरण

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

147. ( क्र. 3379 ) श्री नीलेश अवस्‍थी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि          (क) पाटन विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत कितने ग्रामों के कितने हितग्राहियों को राशन पात्रता पर्ची प्राप्‍त है तथा उन्‍हें इस पर्ची पर कब से किस मान से कितना-कितना खाद्यान्‍न दिया जा रहा है? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्‍लेखित खाद्यान्‍न पात्रता पर्ची किस दिनांक से किन कारणों से नहीं बन रही हैं? खाद्यान्‍न पात्रता पर्ची न निकलने की वजह से किन-किन ग्रामों के कितने हितग्राही खाद्यान्‍न प्राप्‍त करने से कब से वंचित हैं? (ग) वर्तमान समय में खाद्यान्‍न पात्रता पर्ची न बनने के क्‍या कारण हैं? खाद्यान्‍न पात्रता पर्ची प्राप्‍त न होने से खाद्यान्‍न से वंचित पात्र हितग्राहियों को शासन द्वारा किस प्रकार से कब तक राहत पहुँचाते हुये खाद्यान्‍न पात्रता पर्ची प्रदान कर दी जावेगी?             (घ) पात्र हितग्राहियों को लम्‍बे समय से खाद्यान्‍न पात्रता पर्ची प्रदान न करने का दोषी कौन है? क्‍या शासन इसकी जाँच कराकर दोषियों पर कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो किस प्रकार से कब तक? यदि नहीं, तो क्‍यों नहीं?

खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) पाटन विधानसभा क्षेत्र के 70 ग्रामों के 24,689 हितग्राहियों को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत पात्रता पर्ची जारी की गई है। अंत्‍योदय अन्‍न योजना के परिवारों को 35 किलो प्रति परिवार एवं प्राथमिकता परिवारों को 5 किलोग्राम प्रति सदस्‍य के मान से प्रतिमाह खाद्यान्‍न का वितरण किया जा रहा है। प्रदेश में राष्‍ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 का क्रियान्‍वयन माह मार्च, 2014 से सम्मिलित परिवारों एवं समय-समय पर नवीन सम्मिलित परिवारों को पात्रता पर्ची जारी होने के पश्‍चात राशन का आवंटन जारी किया जा रहा है। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्‍तर में उल्‍लेखित परिवारों को पात्रता पर्ची जारी कर खाद्यान्‍न का आवंटन जारी किया जा रहा है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) जबलपुर जिले में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत 3,83,914 परिवारों (14,80,188 हितग्राहियों) को पात्रता पर्ची जारी कर योजना का लाभ दिया जा रहा है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत भारत सरकार द्वारा राज्‍य के लिए हितग्राहियों की अधिकतम सीमा निर्धारित है। इस सीमा से अधिक हितग्राहियों को लाभांवित करने का प्रावधान अधिनियम की धारा-3 के अंतर्गत न होने के कारण शेष आवेदकों को सम्मिलित नहीं किया गया है। वर्तमान में सम्मिलित पात्र परिवारों में से हितग्राही की मृत्‍यु होने, विवाह होने से, अन्‍य स्‍थान पर निवास करने एवं पात्रता श्रेणी में न रहने के कारण हितग्रा‍ही की पात्रता में परिवर्तन होना एक निरंतर प्रक्रिया है। तदनुसार नवीन पात्रता पर्ची निर्धारित सीमा में जारी की जा रही है। जिले में 01 मई, 2017 की स्थिति में सदस्‍यों की संख्‍या के विरूद्ध विलोपन योग्‍य सदस्‍यों को पोर्टल पर विलोपित किया जाकर, उतनी ही संख्या में संबंधित जिले के नवीन सत्यापित सदस्‍यों को सम्मिलित किया जा रहा है। जुड़ने वाले नवीन परिवारों में बी.पी.एल. एवं अनुसूचित जाति/जनजाति श्रेणी को प्राथमिकता दी जा रही है। वर्ष 2017-18 में जबलपुर जिले में 390 परिवारों के 1545 हितग्राहियों के लिए नवीन पात्रता पर्ची जारी की गई है। (घ) प्रश्‍नांश (ग) के उत्‍तर के परिप्रेक्ष्‍य में किसी के दोषी होने का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

राघौगढ़ थाने में दर्ज चोरी प्रकरण की जानकारी

[गृह]

148. ( क्र. 3394 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि       (क) क्‍या राघौगढ़ थाने में दिनांक 08.11.2017 को गगन विजयवर्गीय नामक युवक पर धारा 379 और 411 में अपराध पंजीबद्ध किया गया है? यदि हाँ, तो किन तथ्‍यों, गवाहों के आधार पर प्रकरण दर्ज किया गया है? (ख) क्‍या गगन विजयवर्गीय की ऑटोमोबाईल और सर्विस सेन्‍टर की दुकान है? यदि हाँ, तो गगन विजयवर्गीय उसके पिता आदित्‍य नारायण विजयवर्गीय पर जिले में कितने आपराधिक प्रकरण पूर्व से दर्ज हैं? क्‍या गगन विजयवर्गीय अद्यतन अपराधी और निगरानीशुदा बदमाश है? (ग) क्‍या गगन विजयवर्गीय की दुकान के पास कोई अज्ञात व्‍यक्ति गाड़ी खड़ी कर गया था? यदि हाँ, तो धारा 379 और 411 में प्रमुख किस आधार पर प्रकरण दर्ज किया गया? (घ) क्‍या (क) अनुसार प्रकरण दर्ज करने के पूर्व इस परिवार का पूर्व का गैर आपराधिक रिकॉर्ड देखा गया था? क्‍या पुलिस ने बिना तथ्‍यों के आधार पर सिर्फ शंका के आधार पर प्रकरण दर्ज किया है? यदि हाँ, तो दोषी पुलिसवालों पर क्‍या कार्यवाही की जावेगी?

गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी नहीं। थाना राघौगढ़ में दिनांक 08.11.17 को नहीं बल्कि 07.11.17 को धारा 379 भा.द.वि. का अपराध प्रार्थी अरविन्द चौहान की रिपोर्ट पर अज्ञात आरोपी के खिलाफ पंजीबद्ध किया गया। विवेचना के दौरान साक्ष्य पाये जाने पर धारा 411 भा.द.वि. बढ़ाते हुए गगन विजयवर्गीय को आरोपी बनाया गया। (ख) जी हाँ। गगन विजयवर्गीय एवं श्री आदित्य नारायण विजयवर्गीय पर जिला गुना में पूर्व से आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध नहीं है। तथा गगन विजयवर्गीय आदतन अपराधी और निगरानी बदमाश नहीं है। (ग) जी नहीं। आरोपी गगन विजयवर्गीय द्वारा अपराध की स्वीकारोक्ति करने से व प्रकरण का माल गगन विजयवर्गीय की दुकान से आरोपी गगन विजयवर्गीय द्वारा प्रस्तुत करने पर उसे धारा 411 भा.द.वि. का आरोपी बनाया गया है। (घ) जी नहीं। आपराधिक प्रकरण दर्ज करने के पूर्व अपराधी के परिवार का आपराधिक रिकार्ड देखने की आवश्यकता नहीं होती है। पुलिस ने शंका के आधार पर प्रकरण दर्ज नहीं किया है। प्रकरण में कोई भी पुलिसकर्मी दोषी नहीं है।

सामूहिक बलात्‍कार के प्रकरण में कार्यवाही

[गृह]

149. ( क्र. 3406 ) श्री आरिफ अकील : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि            (क) क्‍या वर्ष 2017 मध्‍यप्रदेश की स्‍थापना दिवस की पूर्व संध्‍या पर हबीबगंज थानान्‍तर्गत रेल्‍वे स्‍टेशन परिसर के पास पुलिसकर्मी की नाबालिग पुत्री के साथ सामूहिक बलात्‍कार की घटना उजागर हुई है? यदि हाँ, तो पीड़ि‍ता द्वारा दुष्‍कर्मियों के विरूद्ध प्रकरण पंजीबद्ध कराने हेतु थाने दर थाने भटकना पड़ा? यदि हाँ, तो घटना स्‍थल का उल्‍लेख करते हुए? इस लापरवाही के लिये शासन द्वारा किन-किन के विरूद्ध क्‍या-क्‍या कार्यवाही की, उनके नाम व पद सहित यह बतावें कि घटना के कितने समय बाद प्रकरण पंजीबद्ध किया गया और कब मेडिकल परीक्षण कराया गया?                (ख) क्‍या पीड़ि‍ता की प्रारंभिक मेडि‍कल परीक्षण में संबंधित डॉक्‍टर द्वारा सहमति से सेक्‍स होना बताया और तनाव उत्‍पन्‍न होते देख संबधित डॉक्‍टर की मानवीय भूल बताकर उसे बचाते हुए तुरंत वास्‍तविक रिपोर्ट प्रस्‍तुत की गई? यदि हाँ, तो ऐसे संवेदनशील मामलों में लापरवाही करने वालों के विरूद्ध शासन द्वारा क्‍या तथा कब तक कार्यवाही की जावेगी? यदि नहीं, तो कारण सहित बतावें? (ग) प्रश्नांश (क) (ख) के परिप्रेक्ष्‍य में यह अवगत करावें कि भोपाल के किस-किस थाना क्षेत्र में जनवरी, 2015 से 15.11.17 की स्थिति में कब-कब किन-किन के विरूद्ध बलात्‍कार व सामूहिक बलात्‍कार के प्रकरण पंजीबद्ध किये गये? पीड़ि‍ता की आयु सहित आरोपियों की के संबंध में अद्यतन स्थिति से अवगत करावें।

गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) भोपाल में दिनांक 31.10.2017 को हबीबगंज रेल्वे स्टेशन के पास हुई घटना की रिपोर्ट दिनांक 01.11.2017 के सायं थाना जी.आर.पी. हबीबगंज में पंजीबद्ध की गई। प्रकरण पंजीबद्ध करने में बरती गई लापरवाही के लिये एम.पी. नगर के नगर पुलिस अधीक्षक श्री कुलवंत सिंह को तत्काल स्थानान्तरित कर पुलिस मुख्यालय संबंद्ध किया गया। इसी क्रम में थाना प्रभारी एम.पी.नगर निरीक्षक संजय सिंह बैस, थाना प्रभारी हबीबगंज, निरीक्षक रवीन्द्र यादव, थाना प्रभारी जी.आर.पी. हबीबगंज निरी. मोहित सक्सेना, उनि भावनीप्रसाद उईके, थाना जीआरपी एवं उ.नि. रामनाथ टेकाम थाना एम.पी.नगर को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है। प्रकरण में प्राथमिक जाँच पूर्ण होने पर संयुक्त विभागीय जाँच आदेशित की गई है। विभागीय जाँच उपरांत प्राप्त निष्कर्ष अनुसार अग्रिम कार्यवाही की जावेगी। प्रकरण पंजीबद्ध कराने के तत्काल बाद पीड़ि‍ता का चिकित्सीय परीक्षण कराया गया। (ख) पीड़ि‍ता के मेडिकल परीक्षण में लापरवाही के संबंध में डॉक्‍टर खुशबू एवं डॉक्‍टर संयोगिता सेहलाम, गांधी चिकित्सा महाविद्यालय भोपाल, को निलंबित किया गया है। (ग) जानकारी सं‍कलित की जा रही है।

महिला अपराधों पर नियंत्रण

[गृह]

150. ( क्र. 3407 ) श्री आरिफ अकील : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि             (क) क्‍या प्रदेश में बड़े पैमाने पर महिलाओं, बालिग युवतियों तथा नाबालिग युवतियों के साथ बलात्‍कार, सामूहिक बलात्‍कार, छेड़छाड़, ज्‍यादती की घटनाएं पंजीबद्ध हुई हैं? यदि हाँ, तो जनवरी, 2013 से प्रश्‍न दिनांक की स्थिति में किस-किस जिले में कितनी-कितनी घटनाएं पंजीबद्ध की गई वर्षवार, जिलेवार यह अवगत करावें कि पीड़ि‍ताओं की आयु सहित आरोपियों की गिरफ्तारी हुई अथवा नहीं? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में अवगत करावें कि जिन आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हुई है, उसके क्‍या कारण हैं तथा इस लापरवाही के लिये किन-किन के विरूद्ध क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई? नाम व पद सहित कब तक गिरफ्तार कर लिया जावेगा? जिलेवार वर्षवार यह अवगत करावें कि महिलाओं, बालिग युवतियों तथा नाबालिग युवतियों के साथ बढ़ते अपराध पर अंकुश लगाने/नियंत्रण करने हेतु शासन द्वारा कोई कार्य योजना बनाई है? यदि हाँ, तो क्‍या और यदि नहीं, तो क्‍यों? (ग) जनवरी, 2009 से प्रश्‍न दिनांक की स्थिति में प्रदेश के किस-किस जिले से कब-कब कितनी-कितनी महिलाएं, बालिग युवतियां तथा नाबालिग युवतियां लापता हैं तथा कितनी मिल गई हैं? जिलेवार वर्षवार बतावें।

गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क)  से (ग) जानकारी संकलित की जा रही है।

कम्‍प्‍यूटर डिप्‍लोमा को पूरे प्रदेश में मान्‍य करना

[राजस्व]

151. ( क्र. 3416 ) चौधरी मुकेश सिंह चतुर्वेदी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सत्र 2008-09 के कम्‍प्‍यूटर डिप्‍लोमा, अशोकनगर, दतिया, उज्‍जैन, देवास, मन्‍दसौर, खरगोन, खण्‍डवा, रायसेन, विदिशा, सागर, छतरपुर, रीवा आदि जिलों में मान्‍य किये गये हैं, जबकि भिण्‍ड जिले में नहीं मान्‍य किये हैं, ऐसा क्‍यों तथा इसका कारण स्‍पष्‍ट करेंगे? (ख) सत्र 2008-09 के कम्‍प्‍यूटर डिप्‍लोमा के संबंध में संपूर्ण म.प्र. में क्‍या एक समान स्‍पष्‍ट नीति लागू करेंगे? (ग) इस प्रक्रिया में जिन-जिन अधिकारियों ने भ्रमित किया है तथा असमान कर उम्‍मीदवार अभ्‍यर्थियों का नुकसान आज तक किया है, क्‍या उन अधिकारियों पर कार्यवाही करेंगे क्‍या? (घ) इस प्रक्रिया में सत्र 2008-09 के कम्‍प्‍यूटर डिप्‍लोमा मान्‍य के संबंध में पूरे प्रदेश में समानता लाने में कितना समय लगेगा?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी नहीं, भिण्‍ड जिले में पटवारी चयन परीक्षा 2008 हेतु कम्‍प्‍यूटर डिप्‍लोमा की मान्‍यता के संबंध में तत्‍समय प्रचलित पटवारी भरती नियम एवं शासन द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार ही मान्‍यता प्राप्‍त संस्‍थाओं के कम्‍प्‍यूटर डिप्‍लोमा मान्‍य किये गये है, जैसा कि अन्‍य जिलों में किये गये है। (ख) पूर्व से ही समान नीति लागू है। (ग) जी नहीं। '''' के संदर्भ में प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता। (घ) प्रश्‍नांश '' '' उत्‍तर के प्रकाश में प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता।

पेयजल योजनाएं

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

152. ( क्र. 3418 ) श्री चन्‍द्रशेखर देशमुख : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रश्‍नकर्ता के प्रश्‍न क्र. 2236, दिनांक 27.02.2017 में अपूर्ण पेयजल योजनाओं ग्राम सिरड़ी, सहनगाँव, घाटपिपरिया (तीन परसेंट) की योजनाओं को अब तक पूर्ण क्‍यों नहीं किया गया? कारण स्‍पष्‍ट करें। इन्‍हें कब तक पूर्ण कर लिया जायेगा? निश्‍चित समयावधि बताएं।        (ख) उक्‍त प्रश्‍न अंतर्गत क्‍या ग्राम निमनवाड़ा एवं दुनावा में किस मद के तहत पेयजल एवं टंकी की योजनायें स्‍वीकृत हैं? यदि हाँ, तो ये अपूर्ण क्‍यों हैं? इन्‍हें कब तक पूर्ण कर लिया जायेगा?                 (ग) उक्‍त योजनाओं के क्रियान्‍वयन एवं पूर्णता के लिये कौन-कौन से अधिकारी दोषी हैं? इनके विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की जायेगी?

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) भारत शासन द्वारा राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम के अंतर्गत नवीन योजनाओं की स्वीकृति पर प्रतिबंध होने के कारण ग्राम सहनगाँव की नल-जल योजना की स्वीकृति में विलंब हुआ। ग्राम सिरडी की योजना की स्वीकृति प्रक्रियाधीन है एवं ग्राम घाटपिपरिया की नल-जल योजना लागत की अशंदान की राशि जमा नहीं होने के कारण स्वीकृति नहीं दी जा सकी है। फलस्वरूप इन योजनाओं का कार्य पूर्ण नहीं किया जा सका है। स्वीकृत योजना के क्रियान्वयन हेतु निविदा आमंत्रण की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। निश्चित समयावधि नहीं बतायी जा सकती है। (ख) स्व-जलधारा योजनांतर्गत। योजना में प्रस्तावित कार्यों का क्रियान्वयन संबंधित ग्राम पंचायतों द्वारा किया जा रहा है। योजनाओं की अपूर्णता का कारण एवं पूर्ण करने की निश्चित समयावधि नहीं बताई जा सकती है। (ग) उत्तरांश-'' एवं '' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।

नल-जल योजनाओं की जानकारी

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

153. ( क्र. 3425 ) श्री सुरेन्‍द्र सिंह बघेल : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सरदार सरोवर परियोजना के पुनर्वास स्‍थलों पर विभाग ने विगत 3 वर्षों में कितनी नल-जल योजनाएं स्‍वीकृत की हैं? इनकी उद्यतन स्थिति स्‍थान नाम, जिलावार वर्षवार, लागत सहित देवें। (ख) विभाग द्वारा उपरोक्‍त अवधि में कितनी मोटरें, मोटर पंप, पाईप लगाये गये की जानकारी देवें। कितनी टंकियों से सप्‍लाई प्रारंभ हो गई? कितनी प्रश्‍न दिनांक तक बंद हैं?            (ग) क्‍या कारण है कि विभाग द्वारा मोटरें व मोटर पंप वापस निकाले जा रहे हैं? इसे कब तक रोका जाएगा? (घ) ऐसा करने वाले अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) कोई भी योजना स्वीकृत नहीं की है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) से (घ) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।

नागदा जं. स्थित उद्योगों द्वारा प्रदूषण

[पर्यावरण]

154. ( क्र. 3432 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग द्वारा नागदा जं. स्थिति उद्योगों के नमूने कब-कब लिए? उद्योग का नाम, दिनांक सहित विगत 3 वर्षों की जानकारी वर्षवार देवें। (ख) इन नमूनों की जाँच कहाँ-कहाँ कराई गई? इनमें मानक/अमानक स्थिति क्‍या रही? (ग) अमानक स्थिति एवं भू-जल प्रदूषण से संबंधित किया गया पत्राचार उद्योगवार देवें। विगत 3 वर्षों का बतावें। (घ) क्‍या ऑन-लाईन पर्यावरण निगरानी केन्‍द्र जो 2016 में प्रारंभ हुआ था से ग्रेसीम उद्योग नागदा जं. केमिकल डिवीजन नागदा जं. एवं लेक्‍सेंस नागदा जं. की निगरानी की जा रही है? यदि नहीं, तो क्‍यों?

पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (घ) जी हाँ। मेसर्स ग्रेसिम उद्योग की निगरानी की जा रही है। मेसर्स लेक्सेंस नागदा 17 प्रकार के अति प्रदूषणकारी उद्योगों की श्रेणी में न होने के कारण वर्तमान में पर्यावरण निगरानी केन्द्र से ऑनलाईन संबंद्ध (कनेक्टेड) नहीं है।

आंदोलनकर्ता किसानों पर दर्ज प्रकरणों की वापसी

[गृह]

155. ( क्र. 3454 ) श्री जितू पटवारी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि            (क) मंदसौर जिले में जून 2017 को हुये गोलीकांड में मारे गये किसानों के नाम, पिता का नाम व उम्र, पता की जानकारी देवें? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार हुये गोलीकांड के विरोध में इंदौर व उज्‍जैन संभाग में आंदोलन हुए उसमें कितने किसानों पर किस-किस जिले में कितने केस दर्ज हुए, उनकी संख्‍या जिलेवार बतावें। (ग) क्‍या आंदोलनकर्ता किसानों पर दर्ज किये केसों को वापस लेने की घोषणा माननीय मुख्‍यमंत्री ने की थी? यदि हाँ, तो प्रश्‍न दिनांक तक किन केसों को वापस लिया गया या प्रक्रिया शुरू की गई, की जानकारी देवें। (घ) प्रश्‍नांश (ग) के संदर्भ में मुख्‍यमंत्री सचिवालय से दर्ज केसों को वापस लेने हेतु किये गये पत्राचार की छायाप्रति उपलब्‍ध करायें।

गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार।   (ख) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार। (ग) जी नहीं। शेष के संबंध में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्‍तरांश '''' के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - ''उनतालीस''

प्रदेश में संचालित चिटफंड कम्‍पनियों में विसंगतियां

[गृह]

156. ( क्र. 3455 ) श्री जितू पटवारी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि               (क) इंदौर जिले में 2013 से आज दिनांक तक कितनी चिटफंड कम्‍पनियों के खिलाफ किस-किस थाने में एफ.आई.आर.दर्ज हुई है? दर्ज एफ.आई.आर. की प्रतिलिपि उपलब्‍ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में अभी तक की गई एफ.आई.आर. में कितनी गिरफ्तारी कम्‍पनियों के निदेशकों/ प्रमोटरों/मैनेजरों/अन्‍य व्‍यक्तियों की हुई है और प्रत्‍येक एफ.आई.आर. की वर्तमान स्थिति क्‍या है? टे‍बलरूप में जानकारी उपलब्‍ध करायें। (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में व अवधि में अभी तक जितनी एफ.आर.आर. हुई हैं वो लगभग कितनी राशि की हैं व उसमें से कितनी राशि कम्‍पनियों से जब्‍त कर निवेशकों को लौटा दी गई हैं? (घ) क्‍या इंदौर जिले के विभिन्‍न थानों में अधिनियम के तहत ज्‍यादातर एफ.आई.आर. निर्दोष एजेन्‍टों के खिलाफ की गई व उसके चलते कसरावद में 2 व विदिशा में 1 एजेन्‍ट ने आत्‍महत्‍या कर ली? उसका दोषी व झूठी एफ.आई.आर. लिखने वाले पुलिसवालों पर विभाग द्वारा क्‍या कार्यवाही की गई है? (ड.) पुलिस द्वारा निवेशकों के संरक्षण अधिनियम का दुरूपयोग करते हुये प्रबंधकों/मैनेजरों/प्रमोटरों/संचालकों की जगह ज्‍यादातर एफ.आई.आर. अभिकर्ता के खिलाफ करके खानापूर्ति की जा रही है तथा अधिनियम के बिन्‍दु 6 में उत्‍तरदायी संप्रवर्तक भागीदार, निदेशक प्रबंधक या कोई अन्‍य व्‍यक्ति में कोई अन्‍य व्‍यक्ति का अर्थ बतावें व टीप देवें।

गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) इंदौर जिले में वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक चिटफंड कंपनी के विरुद्ध प्रकरण पंजीबद्ध नहीं। (ख) प्रश्नांश '''' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश '''' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) यद्यपि प्रश्नांश में अधिनियम के नाम का उल्लेख नहीं, किन्तु प्रश्नांश (ड.) के परिप्रेक्ष्‍य में इन्दौर जिले में म.प्र. निक्षेपकों के हितों के संरक्षण अधिनियम 2000 के तहत किसी भी निर्दोष एजेन्ट को आरोपी नहीं बनाया गया। कसरावद में किसी ऐजेन्ट द्वारा आत्महत्या नहीं की गई तथा जिला विदिशा में गैर बैंकिंग वित्तीय कम्पनी सॉई प्रसाद प्रापर्टी प्राईवेट लिमिटेड के एक एजेन्ट द्वारा आत्महत्या की गई है किन्तु मृत एजेन्ट के विरुद्ध कोई अपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध नहीं किया गया है। कोई पुलिसकर्मी उपरोक्त घटना के संबंध में दोषी नहीं होने से कार्यवाही नहीं की गई है। (ड.) यह कहना सही नहीं है कि, पुलिस द्वारा म.प्र. निक्षेपकों के हितों के संरक्षण अधिनियम का दुरुपयोग किया जा रहा है तथा केवल अभिकर्ताओं के विरुद्ध प्रकरण पंजीबद्ध किये जा रहे है। म.प्र. निक्षेपकों के हितों के संरक्षण अधिनियम के अंतर्गत पंजीबद्ध प्रकरणों में संबंधित कंपनियों के संचालकों एवं अन्य जिम्मेदार पदाधिकारियों को भी विवेचना में आए तथ्यों के आधार पर आरोपी बनाया जाता है एवं उनके विरुद्ध विधिसम्मत कार्यवाही की जाती है। हालांकि म.प्र. निक्षेपकों के हितों का संरक्षण अधिनियम 2000 में ''कोई अन्य व्यक्ति'' को परिभाषित नहीं किया गया है, किन्तु उसका आशय ऐसे व्यक्ति से है जिन्होंने अपराध घटित करने में सहयोग किया हो।

थाना कोतवाली जिला भोपाल में पंजीबद्ध प्रकरण पर कार्यवाही

[गृह]

157. ( क्र. 3469 ) श्री जालम सिंह पटेल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि      (क) क्‍या थाना कोतवाली, भोपाल द्वारा दिनांक 09.11.15 को अपराध क्रमांक 238/15 पंजीबद्ध किया गया था? यदि हाँ, तो उसमें किस-किस के विरूद्ध प्रकरण पंजीबद्ध किया गया? (ख) क्‍या प्रकरण में नामजद अपराधियों में से पुलिस द्वारा मिलीभगत करके कुछ अपराधियों के नाम हटा दिये गये थे? (ग) क्‍या इस संबंध में पी‍ड़ति पक्षकार द्वारा शिकायत करने पर वरिष्‍ठ अधिकारियों द्वारा प्रकरण में जाँच की गई? यदि हाँ, तो जाँच में क्‍या तथ्‍य पाये गये? (घ) जाँच प्रतिवेदन के आधार पर आज दिनांक तक क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई है? बिन्‍दुवार जानकारी दें। (ड.) वर्तमान में प्रकरण किस स्‍तर पर किन कारणों से लंबित है? (च) कब तक दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही कर ली जायेगी?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। अतुल गुप्ता के विरुद्ध प्रकरण पंजीबद्ध किया गया है। (ख) जी नहीं। प्रकरण के प्रथम सूचना पत्र में एकमात्र नामजद आरोपी के विरुद्ध विवेचना उपरांत अभियोग पत्र सक्षम न्यायालय में प्रस्तुत किया गया है। (ग) जी हाँ। आवेदक श्री जलील मोहम्मद खान के द्वारा प्रस्तुत शिकायत पत्र की जाँच अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक स्तर के अधिकारी द्वारा की गई है तथा जाँच पर थाना कोतवाली जिला भोपाल के संबंधित अपराध क्र 238/15 धारा 420, 467, 468, 471 भा.द.वि की विवेचना में विसंगतियाँ पाई हैं। जाँच में पाया गया है कि आवेदक द्वारा दिये गये आवेदन पत्र पर केवल एक व्यक्ति के विरुद्ध प्रकरण पंजीबद्ध किया गया है, जबकि आवेदक के द्वारा प्रस्तुत आवेदन पत्र में 04 अनावेदकों का उल्लेख था। उक्त जाँच में अन्य अनावेदकगण व बाम्बे मर्केंन्टाईल को-ओपरेटिव बैंक लिमिटेड के संबंधित अधिकारी/कर्मचारी के विरुद्ध विवेचना के दौरान सुसंगत साक्ष्य संकलित करना नहीं पाया गया है। (घ) जाँच प्रतिवेदन में शेष अनावेदकगण की अपराध कारित करने की भूमिका के संबंध में सुसंगत साक्ष्य संकलित करने की अनुशंसा की गई है। चूँकि प्रकरण में पूर्व में ही अभियोग पत्र संबंधित न्यायालय में प्रस्तुत किया जा चुका था। अतः आगामी विवेचना कार्यवाही हेतु न्यायालय से अनुमति प्राप्त करने के उपरांत विवेचना की जावेगी। इस संबंध में कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।            (ङ) वर्तमान में प्रकरण न्यायालय में विचाराधीन है। आगामी विवेचना हेतु न्यायालय से अनुमति प्राप्त होने पर विधिसम्मत कार्यवाही की जावेगी। (च) दोषी पुलिस अधिकारियों को अर्थदण्ड से दण्डित किया गया है।

पटवारी भर्ती में आरक्षण नियमों का पालन

[राजस्व]

158. ( क्र. 3478 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. में पटवारी भर्ती हेतु अभी माह अक्टूबर-नबम्वर 2017 में कुल कितने पदों को भरने हेतु विज्ञापन जारी किया है? क्या इस भर्ती प्रक्रिया में एस.सी., एस.टी. एवं ओ.बी.सी. आरक्षण के नियमों का पालन किया गया है? यदि हाँ, तो उक्त कैटेगरी वाईज कितना-कितना प्रतिशत आरक्षण प्रदेश सरकार द्वारा उपरोक्त कैटेगरी के आवेदकों को दिया जाना है? क्या जारी विज्ञापित में नियमानुसार आरक्षण देने में कमी की गई है? यदि हाँ, तो किस-किस कैटेगरी में कितनी-कितनी कमी किस अधिकारी की लापरवाही से क्यों की गई है? कैटेगरी वाईज पदों की संख्या बतावें। क्या अब इस भूल को सुधार कर जो वास्तविक आरक्षण मिलना चाहिये, दिया जावेगा? यदि हाँ, तो           कितना-कितना? कैटेगरी वाईज सम्पूर्ण प्रदेश तथा प्रत्येक जिले वाईज स्पष्ट करें? (ख) क्या पूर्व में विज्ञापित पटवारी के पदों को बढ़ाकर 9235 से 19020 कर दिया गया है?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ, 9235 पदों को भरने का विज्ञापन जारी किया है। जी हाँ जिलेवार निर्धारित प्रतिशत अनुसार रोस्‍टर आरक्षण किया जाना है। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार। जी नहीं शेष प्रश्‍न उपस्‍थित नहीं होता। (ख) जी नहीं।

अनुसूचित जनजाति के क्षेत्रों का शेड्यूल के संबंध में

[राजस्व]

159. ( क्र. 3613 ) श्री नथनशाह कवरेती : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या मध्‍यप्रदेश भू-राजस्‍व संहिता 1959 में प्रदेश के कुल अनुसूचित जनजाति के क्षेत्रों को शेड्यूल 5 के तहत रखा गया है? इस नियम के कारण षड्बल फाइब के तहत इन अनुसूचित जनजाति क्षेत्र के नगरीय मुख्‍यालय में अनुसूचित जनजाति की जनसंख्‍या न होते हुए भी सामान्‍य सहित अन्‍य वर्गों को अपनी भूमि का व्‍यपवर्तन अर्थात डायवर्सन करने में लंबी प्रक्रिया का सामना करना पड़ रहा है? (ख) क्‍या मध्‍यप्रदेश भू-राजस्‍व संहिता 1959 की धारा 172 के तहत अनुसूचित जनजाति क्षेत्र के 815 के नियम में इस आदिवासी वर्ग की जनसंख्‍या के न होने के कारण नगरीय निकाय में उक्‍त नियम में शिथिलता प्रदान की जायेगी? (ग) क्‍या प्रश्नांश (क) के प्रकाश में भूमि का व्‍यपवर्तन अर्थात डायवर्सन में मध्‍यप्रदेश भू-राजस्‍व संहिता 1959 में प्रदेश के कुछ अनुसूचित जनजाति क्षेत्रों को शेड्यूल 5 में छूट प्रदान की जायेगी?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। जी नहीं। (ख) जी नहीं, उत्तर '''' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उद्भूत नहीं होता है। (ग) उत्तर '''' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उद्भूत नहीं होता है।

 

 




 

 

 

 


भाग-3

अतारांकित प्रश्नोत्तर


प्रदेश के थानों में पदस्थ उपनिरीक्षक

[गृह]

1. ( क्र. 8 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                 (क) क्या उज्जैन संभाग के विभिन्न थानों के प्रभारी  उपनिरीक्षक हैं, जबकि निरीक्षक लाइन में सेवाएं दे रहे निरीक्षकों को लाईन से हटाकर थानों का प्रभार नहीं देने के क्या कारण हैं? ऐसे थानों की संख्या बतायें? (ख) पुलिस विभाग में लाइन एवं थानों में पुलिसकर्मियों को पदस्थ करने के क्या नियम हैं? नियमों की प्रतिलिपि से अवगत करायें। उज्‍जैन संभाग में कितने थानों में कितने           कौन-कौन से पुलिसकर्मी के पद रिक्त हैं रिक्त के एवज में कितने पद पुलिसकर्मी के लाइन में सेवाएं दे रहे हैं जिन पर कोई खास गंभीर अनियमितता के आरोप नहीं हैं? क्या शासन उक्त पदस्थापना के लिए नये नियमों पर विचार कर रही है? (ग) मंदसौर में पुलिसकर्मियों के रिक्त पद कब तक भर दिए जायेंगे?

गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' एवं '' अनुसार। उक्त पदस्थापना के लिए नए नियमों पर कोई विचार नहीं किया जा रहा है। (ग) पुलिस विभाग में रिक्त पदों की पूर्ति सीधी भर्ती एवं पदोन्नति से की जाती है, जो एक निरन्तर चलने वाली प्रक्रिया है, अतः              समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं।

अर्थदण्‍ड की वसूली

[राजस्व]

2. ( क्र. 102 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि               (क) वर्ष 2013 से 2017 तक की समयावधि में डी.एम./एडी.एम./एस.डी.एम. न्यायालय के आदेशानुसार किन-किन व्यक्ति/संस्थाओं से अर्थदण्ड वसूली हेतु खरगोन जिले के राजस्व विभागीय किसी भी स्तरीय कार्यालय/अधिकारी को वसूली हेतु आदेश/नोटिस किसी भी माध्यम से प्राप्त हुए? उन आदेश की प्रतिया देवें। इनमें से वसूली की वर्तमान स्थिति क्या हैं, व्यक्ति/संस्था के नाम, पता एवं दण्डराशि सहित सूची देवें। (ख) उक्त वसूली में कितनी राशि चालान, डी.डी., चेक से प्राप्त हुई। चेक प्रदायकर्ता के नाम व पता सहित सूची देवें। इन चेकों की वर्तमान स्थिति क्या है? (ग) उक्त वसूली संबंधी विभागीय नीति/नियम की प्रति देवें। वसूली में विलंब होने पर किस प्रकार के प्रावधान किस-किस समयावधि पर निर्धारित है। (घ) उक्त वसूली में किन-किन की कौन सी सम्पत्ति कुर्क की गई? सूची देवें।

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं 2 अनुसार है। (ख) उक्त बकाया में से रूपये 7,45,500/- की राशि चालान, डी.डी. एवं एम.पी.टी.सी. रसीदों के माध्यम से प्राप्त हुई। चेक से कोई राशि प्राप्त नहीं होने से जानकारी निरंक है।                            (ग) नियम की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। अर्थदण्ड की बकाया वसूली मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 146 से धारा 155 में दिये गये प्रावधानों के तहत बकायादार से वसूली की जाती है। (घ) जानकारी निरंक है।

शिकायत पर कार्यवाही

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

3. ( क्र. 234 ) श्री यादवेन्‍द्र सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या कटनी जिले में वर्ष 2016-17 में समर्थन मूल्‍य में धान एवं गेहूं परिवहन तथा खरीफ विपणन वर्ष 2016-17 में भण्‍डरित अमानक स्‍कंध धान 17,777.35 क्विं. विक्रय करने एवं धान खरीदी केन्‍द्र हथियागढ़ में वर्ष 2015-16 में अनियमितता की शिकायत चन्‍द्रशेखर अग्निहोत्री (राजगुरू) रचना नगर निवासी कटनी द्वारा कलेक्‍टर कटनी को दिनांक 04.08.2017, 11.10.2017, 03.08.2017 एवं दिनांक 12.10.2017 को मुख्‍य सचिव म.प्र.शासन को की गई तथा जिला आपूर्ति अधिकारी कटनी को भी की गई? (ख) यदि हाँ, तो उक्‍त शिकायत की जाँच शिकायतकर्ता को सुना जाकर कब की गई? यदि नहीं, की गई तो कब तक की जावेगी? (ग) नागरिक आपूर्ति निगम कटनी में पदस्‍थ अधिकारी एवं कर्मचारियों की विगत दो वर्षों में किस-किस के द्वारा शिकायतें की गई? जाँच कब किसने की? जाँच प्रतिवेदनों की प्रतियां उपलब्‍ध करावें?

खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जी हाँ। (ख) कलेक्‍टर कटनी को श्री चन्‍द्रशेखर अग्निहोत्री (राजगुरू) रचना नगर निवासी कटनी द्वारा दिनांक 04.08.2017, 11.10.2017, 03.08.2017 एवं 12.10.2017 की गई शिकायत की जाँच जिला प्रबंधक, मध्‍यप्रदेश स्‍टेट सिविल सप्‍लाईज कार्पोरेशन, कटनी द्वारा की जा रही है। जाँच प्रचलित है। (ग) मध्‍यप्रदेश स्‍टेट सिविल सप्‍लाईज कार्पोरेशन, कटनी में पदस्‍थ अधिकारी एवं कर्मचारियों के विरूद्ध विगत दो वर्षों में की गई शिकायत एवं उस पर की गई कार्यवाही की जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है।

परिशिष्ट - ''चालीस''

मुआवजा वितरण के संबंध में

[राजस्व]

4. ( क्र. 235 ) श्री यादवेन्‍द्र सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या सतना जिले के बाण सागर परियोजना के यूनिट क्रमांक 4 के अंतर्गत ग्राम आमतारा तहसील मैहर में डूब क्षेत्र में आंशिक एवं पूर्ण रूप से आने वाली संपत्तियों के मुआवजा राशि का भुगतान वर्ष 2005 में किया गया है? यदि हाँ, तो वितरित राशि की सूची कृषकवार तथा छोड़े गये कृषकों की सूची उपलब्‍ध करायें तथा जिनको छोड़ दिया गया है उनका कारण बताएं। (ख) प्रश्नांश (क) के अतिरिक्‍त जिन 22 मकान मालिकों में से 13 मकान मालिकों के कुंए/मंदिरों के मुआवजे की राशि का भुगतान अवार्डधारी को नहीं किया गया उन्‍हें कब तक किया जाएगा और अब तक न करने के क्‍या कारण हैं? (ग) प्रश्नांश (क) और (ख) के परिप्रेक्ष्‍य में शासन की गाईड लाईन अनुसार प्रश्‍न दिनांक तक कितने ऐसे अवार्डधारी हैं, जिनको अवार्ड राशि का भुगतान अभी तक नहीं किया गया? अवार्डधारीवार, राशिवार विवरण देते हुए बताएं कि कब तक भुगतान कर दिया जावेगा और अभी तक भुगतान न करने के क्‍या कारण हैं?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। बाणसागर परियोजना के यूनिट क्र. 0-4 के अंतर्गत ग्राम आमातार तह. मैहर जिला सतना के अंतर्गत वर्ष 2005 में भवन संख्या 135 की राशि रूपये 6070321/- कूप संख्या 08 की राशि रूपये 108757/- एवं 02 नग मंदिर की राशि 23862/- का पूर्ण रूप से भुगतान किया जा चुका है। कोई भी कृषक भुगतान हेतु शेष नहीं हैं। भुगतान किए गए कृषकों की सूची को पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' पर है। (ख) प्रश्नांश (क) के अतिरिक्त 22 मकानों में से 13 मकान मालिकों के कुएं/मंदिर एफ.आ.एल. एवं एम.डब्लू.एल. के मध्य स्थित होने के कारण निर्देशानुसार प्रावधान नहीं होने से अर्जन की कार्यवाही नहीं की गई है। इस कारण इनके भुगतान का प्रश्न उदभूत नहीं होता है। (ग) भुगतान हेतु शेष अवार्डधारियों की सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' पर है। अवार्डधारियों द्वारा अपने भवन के संबंध में प्रमाणित अभिलेख प्रस्तुत करने के उपरांत भुगतान की कार्यवाही शीघ्र ही कर दी जावेगी।

प्रोग्रामरों की भर्ती में अनियमितता

[तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास]

5. ( क्र. 273 ) श्री संजय उइके : क्या राज्‍यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या भर्ती नियम, 2004 में प्रावधान न होने के बाद भी में प्रोग्रामरों को सहायक प्राध्‍यापक/ व्‍याख्‍याता महाविद्यालय में किन नियमों के तहत बनाया गया है? (ख) किन नियमों के तहत प्रोग्रामर पद की सेवा सहायक प्राध्‍यापक/व्‍याख्‍याता के समकक्ष घोषित की गयी? नियमावली उपलब्‍ध करावें? (ग) समस्‍त पोलिटेक्निक/इंजीनियरिंग महाविद्यालय वर्ष 1997 के उपरान्‍त स्‍वशासी घोषित कर समस्‍त पद संबंधित महाविद्यालय की सोसायटी को हस्‍तांतरण कर दिये गये थे? आज भी समस्‍त संस्‍थाएं सोसायटी के अधीन है? क्‍या कारण है कि सहायक प्राध्‍यापक/व्‍याख्‍याता के पद शासकीय कैडर में सृजित कर प्रोग्रामरों को नियमों के विरूद्ध सहायक प्राध्‍यापक/व्‍याख्‍याता बनाया गया है? (घ) किन कारणों से सहायक प्राध्‍यापक/व्‍याख्‍याता के पद पर नियुक्ति के पश्‍चात् इन प्रोग्रामरों को बिना CAS के नियमों के पालन एवं बिना शासन के आदेश के 7000 AGP प्रदान किया गया?

राज्‍यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक कैलाश जोशी ) : (क) विभाग के अंतर्गत इंजीनियरिंग एवं पोलिटेक्निक महाविद्यालय में कार्यरत प्रोग्रामरों/सिस्‍टम एनालिस्‍ट (वेतनमान 8000-13500) के 27 पदों को समाप्‍त कर इनके स्‍थान पर सहायक प्राध्‍यापक/व्‍याख्‍याता कम्‍प्‍यूटर साइंस/सूचना प्रोद्योगिकी, इलेक्‍ट्रोनिक्‍स एवं सिविल इंजीनियर के 27 पद ए.आई.सी.टी.ई. वेतनमान में (8000-13500) सृजित कर मंत्रि-परिषद के निर्णय दिनांक 23.06.2009 के अनुसार संविलियन किया गया। (ख) जी नहीं। शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) विभागीय आदेश दिनांक 03.10.1997 एवं संचालनालय के आदेश दिनांक 17.12.1997 के अनुसार शासन द्वारा तत्‍समय 08 शासकीय इंजीनियरिंग महाविद्यालय एवं 07 पोलिटेक्निक महाविद्यालय को स्‍वायत्‍ता देने का निर्णय लिया गया था। शेष का प्रश्‍नांश '''' के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (घ) विभागीय आदेश दिनांक 19.06.2013 द्वारा प्रोग्रामर/सिस्‍टम एनालिस्‍ट को प्रथम समयमान (10000-15200) वर्ष 2006/2007 से स्‍वीकृत किया गया है। शासन स्‍तर से केश के अंतर्गत 7000/- ए.जी.पी. की स्‍वीकृति के आदेश जारी नहीं किये गये हैं, न ही इस आशय के शासन स्‍तर से कोई निर्देश जारी किये गये है। प्रकरण का परीक्षण कर नियामानुसार कार्यवाही की जावेगी।

बिजली खंबे और बिजली तार चोरी के संबंध में

[गृह]

6. ( क्र. 280 ) श्री पन्‍नालाल शाक्‍य : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या गुना विधानसभा क्षेत्रांतर्गत बिजली के खंबे और बिजली के तारों की चोरी विगत 3 वर्ष से हो रही थी और ग्रामीणों द्वारा पुलिस को सूचना देकर अपराधियों को पकड़वाया गया यदि हाँ, तो पुलिस प्रशासन द्वारा चोरों के खिलाफ विगत 3 वर्ष में क्‍या कार्यवाही कब-कब की गई? (ख) पुलिस प्रशासन द्वारा कितने बिजली खंबे और बिजली के तार चोरी करने वाले अपराधियों को गिरफ्तार किया है और कितने अपराधियों पर मुकदमा दर्ज किया गया है? साथ ही कितने बिजली खंबे और बिजली तार बरामद किए गए हैं?

गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। चोरों के विरूद्ध विगत तीन वर्षों में की गई कार्यवाही पुस्तकालय में रखे गये परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट में समाहित है।

भवन निर्माण के संबंध में

[राजस्व]

7. ( क्र. 384 ) श्री प्रदीप अग्रवाल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                     (क) दतिया जिले की तहसील इन्‍दरगढ़ का तहसील भवन किस दिनांक को स्‍वीकृत होकर (कितनी लागत राशि) कब उसका निर्माण कार्य शुरू हुआ वर्तमान में इसकी क्‍या स्थिति है, इसका निर्माण कार्य कब पूर्ण होना था? (ख) क्‍या जो राशि शासन द्वारा निर्माण कार्य हेतु स्‍वीकृत की गई थी वह पूरी उपलब्‍ध न करने के कारण उक्‍त भवन आज दिनांक तक अधूरा पड़ा है वह दिन प्रतिदिन खराब होता जा रहा है? (ग) क्‍या प्रश्‍नकर्ता द्वारा कई बार पत्राचार करने के बावजूद आज दिनांक तक उक्‍त राशि उपलब्‍ध नहीं कराई गई? (घ) क्‍या विभाग को निर्देशित करने की कृपा करेंगे कि उक्‍त बकाया राशि शीघ्र उपलब्‍ध कराई जाये, ताकि तहसील भवन के अधूरे कार्य को शीघ्रता से पूर्ण कराया जा सके?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) दिनांक 08.06.2011 को भवन निर्माण के लिये रूपये 44.81 लाख की स्वीकृति दी गई तथा दिनांक 06.08.2013 से निर्माण कार्य प्रारंभ किया गया। तहसील भवन का निर्माण कार्य छत स्तर तक पूर्ण हो चुका है। अनुबंध अनुसार दिनांक 26.11.2013 तक कार्य पूर्ण होना था। (ख) जी नहीं। दिनांक 21.06.2011 को भवन निर्माण के लिये रूपये 30.00 लाख की राशि प्रदाय की गई है। (ग) आवश्यक धन राशि शीध्र उपलब्ध करा दी जावेगी। (घ) जी हाँ।

बस परमिट एवं अन्‍य जानकारी

[परिवहन]

8. ( क्र. 505 ) श्री मधु भगत : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या वर्तमान में पदस्‍थ जिला परिवहन अधिकारी अथवा प्रभारी अधिकारी द्वारा उसके बालाघाट जिले के कार्यालय में टूर डायरी प्रस्‍तुत की गई थी? यदि हाँ, तो उसकी प्रति बतायें। यदि नहीं, तो टूर का अनुमोदन तथा अनुमति किसने दी? (ख) जिले के अंतर्गत महाराष्‍ट्र राज्‍य में पंजीकृत कौन-कौन सी यात्री बसें है, जो कि बालाघाट जिले में आती जाती है। बस क्रमांक मालिक का नाम परमिट क्रमांक आने-जाने का समय प्रस्‍थान बताये? (ग) बालाघाट जिले के समस्‍त बसों में से कितनी बसों पर दो दरवाजें एवं आकस्मिक द्वारा लगाये गये है? बस नंबर बताये? यदि परिवहन नियमों का उपरोक्‍त बसों द्वारा उल्‍लंघन किया जा रहा है तो प्रभारी आर.टी.ओ. ने क्‍या-क्‍या कार्यवाही कब-कब की? दिनांकवार बतायें? (घ) बालाघाट से सालेटेका से हट्टा से भालवा होते हुये गोदरी एवं किरनापुर तक कितनी बस के आवागमन परमिट है? बस मालिक के नाम, आवागमन का प्रत्‍येक बस स्‍टैंड का समय बताये। उक्‍त मार्ग पर अधिकारी द्वारा विगत 3 वर्षों में कब-कब निरीक्षण किया गया तथा क्‍या कार्यवाही की गई?

गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ, टूर डायरी प्रस्तुत की गई है। जिला परिवहन अधिकारी को मोटरयान अधिनियम तथा इसके अधीन बनाए गए नियमों के उपबंधों का अनुपालन कराने एवं अपने क्षेत्राधिकार में चैकिंग करने हेतु मोटरयान अधिनियम 1988 की धारा-213 (5) (क) द्वारा शक्तियाँ प्राप्त हैं। इस क्रम में समय-समय पर वरिष्ठ अधिकारियों के आदेश प्राप्त होने पर चैकिंग कार्य भी किया जाता है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ख) बालाघाट जिले में महाराष्ट्र राज्य की आने जाने वाली बसों की सूची, बस क्रमांक, मालिक का नाम, परमिट क्रमांक, आने जाने का समय सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ग) बालाघाट जिले की बसों में नियमानुसार दो दरवाजे एवं आकस्मिक द्वार लगवाए जा चुके हैं। बस नम्बरों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। समय-समय पर विभिन्न मार्गों पर चैकिंग कार्य किया गया है, नियम विरूद्ध पायी गई बसों के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही की गई है। कार्यवाही की दिनांकवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (घ) बालाघाट से सालेटेका व्हाया-हट्टा, भालवा, गोदरी, किरनापुर तक 18 बसों को अस्थाई अनुज्ञापत्र जारी किये गए हैं वांछित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। विगत 03 वर्षों में से वर्ष 02 वर्षों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार हैं। वर्ष 2014-2015 की शेष जानकारी संकलित की जा रही है।

लेबड़ से नयागांव हाइवे पर अनियमित खड़े ट्रकों के कारण दुर्घटनायें

[गृह]

9. ( क्र. 582 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि            (क) 1 जनवरी, 2014 के पश्‍चात लेबड़ से नयागांव फोरलेन पर खड़े ट्रकों में वाहन टकराने की कितनी दुर्घटनाएं कहाँ-कहाँ हुई हैं, इन दुर्घटनाओं में कितने व्‍यक्तियों की मृत्यु हुई, कितने घायल हुए? अलग-अलग थानों की जानकारी देवें? (ख) क्या पुलिस विभाग की गस्त नहीं होने के कारण ये वाहन ले बाय छोड़ कर रहवासी इलाकों में खड़े हो रहे हैं, जिससे दुर्घटनायें बड़ रही है, यदि बढ़ रही है तो इस सम्बन्ध में विभाग द्वारा कब-कब क्या-क्या निर्देश जारी किये गये? क्या यह भी सही है की ले बाय पर कोई सुविधा नहीं होना भी इसका मुख्य कारण है? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में कितने वाहनों पर सड़क पर खड़े रहने के लिए विभाग द्वारा कहाँ-कहाँ पर कितनों के किस-किस तरह के चालन बनाए गये हैं कितने वाहनों की जप्‍ती हुई है तथा अन्य क्या-क्या कार्यवाही की गयी उक्त अवधि की जानकारी देवें? (घ) पुलिस विभाग ने उक्त फोरलेन पर उक्त अवधि में               कौन-कौन से स्थल चयनित किये? जहाँ ट्रक अवैधानिक रूप से खड़े रहते हैं?

गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) 1 जनवरी, 2014 के पश्चात लेबड़ से नयागांव फोरलेन पर खड़े ट्रकों में वाहन टकराने की कोई घटना घटित नहीं हुई है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ख) नीमच जिले में पुलिस हाईवे मोबाइल द्वारा निरंतर गश्त की जा रही है तथा पुलिस हाईवे मोबाइल द्वारा दुर्घटना को नियंत्रण करने हेतु हाईवे पर खड़े ऐसे वाहनों को जिससे दुर्घटनाओं की संभावना रहती है उन्हें हटवाया जाता है एवं हाइवे पर लगे ढाबों को नोटिस के जरिये वाहनों को खड़े नहीं करने देने हेतु समझाइश दी जाती है। (ग) उक्त फोरलेन पर कोई ट्रक खड़ा नहीं मिलने से किसी भी ट्रक की जब्ती व चालानी कार्यवाही नहीं की गई है। (घ) पुलिस द्वारा फोरलेन पर कोई स्थान चयनित नहीं किया गया है।

शासकीय विद्यालय में अतिक्रमण

[राजस्व]

10. ( क्र. 642 ) श्री हरवंश राठौर : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या बण्‍डा विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत शासकीय विद्यालय परिसरों में अतिक्रमण हटाने के लिए शासन स्तर से कोई निर्देश जारी किए गए हैं? (ख) यदि हाँ, तो क्‍या शासन के निर्देशों के परिपालन में प्रशासन द्वारा शासकीय स्कूलों से अतिक्रमण हटवाया गया है? (ग) यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत किन-किन शासकीय विद्यालयों में अतिक्रमण बचा हुआ है, जिसको संबंधित अधिकारियों द्वारा हटवाया नहीं जा सका? कारण बतावें। (घ) विगत 3 वर्षों में शालाओं से अतिक्रमण हटाने हेतु शाला प्रभारी से कितनी शिकायतें प्राप्त हुई हैं?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) एवं (ख) जी हाँ (ग) विधानसभा क्षेत्रान्‍तर्गत तहसील शाहगढ़ के ग्राम बरायठा में एक अतिक्रमिक के लिये बेदखल वारंट जारी कर प्रकरण प्रचलनशील है। (घ) विगत 3 वर्षों में शाला प्रभा‍रियों से 5 शिकायतें प्राप्‍त हुई है जिनके अतिक्रमण हटा दिये गये है।

मण्‍डला जिले में परिवहन राजस्‍व की वसूली

[परिवहन]

11. ( क्र. 688 ) प्रो. संजीव छोटेलाल उइके : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मण्‍डला जिले में वर्ष 2013-14 से प्रश्‍न दिनांक तक कौन-कौन से परिवहन अधिकारी नियुक्‍त रहे? क्‍या परिवहन कर वसूली का उत्‍तरदायित्‍व इनको था? यदि हाँ, तो वर्षवार परिवहन कर की वसूली की कमी के क्‍या कारण रहे हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्‍या परिवहन विभाग के कार्यों की जाँच सक्षम अधिकारी से कराई जा सकेगा? यदि हाँ, तो कब तक? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) में तथ्‍यों के आधार पर विभाग की योजनाओं एवं परिवहन की औसत वृद्धि अनुसार कर वसूली की कमी के लिए अधिकारी उत्‍तरदायी हैं, तो शासन स्‍तर पर क्‍या कार्यवाही की जा सकेगी?

गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) मण्डला जिले में वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक         श्री पी.के. हरदेनिया, श्री गोपाल शाह, श्री आर.डी.दक्ष, श्री सुरेन्द्र बड़ोनिया, श्री संतोष पाल,                                         श्री एल.आर. सोनवानी, श्री विक्रम सिंह राठौर, श्री डी.सी. शाक्य, श्री आर.एस. बघेल, श्री एल.आर. सोनवानी, श्री निर्मल कुमरावत, श्री बिमलेश कुमार गुप्ता, परिवहन अधिकारी नियुक्त रहे हैं। जी हाँ वर्ष 2013-14 से पिछले वित्तीय वर्षों की तुलना में प्रश्न दिनांक तक परिवहन कर/राजस्व की वसूली में लगातार वृद्धि दर्ज की गई है। वर्ष 2013-14 को छोड़कर मंडला जिले को आवंटित लक्ष्य को प्राप्त किया गया है। वर्ष 2013-14 में आवंटित लक्ष्य के अनुरूप वाहनों के पंजीयन में अधिक वृद्धि नहीं होने के कारण लक्ष्य प्राप्ति में कमी दर्ज की गई थी। (ख) एवं (ग) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।

पोलिटेक्निक कॉलेज निर्माण से संबंधित जानकारी

[तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास]

12. ( क्र. 697 ) श्री गोपाल परमार : क्या राज्‍यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आगर जिले में स्‍वीकृत पोलिटेक्निक कॉलेज के निर्माण हेतु शासन से स्‍वीकृत तकनीकी रिपोर्ट/भवन नक्‍शा/आवंटित भूमि की जानकारी एवं खसरा नम्‍बर की पूर्ण जानकारी देवें? (ख) प्रश्‍नांश (क) के अनुसार तकनीकी स्‍वीकृति के अनुसार निर्माण कार्य की गुणवत्‍ता की जाँच के लिये किन-किन अधिकारियों को नियुक्‍त किया गया? अधिकारियों द्वारा की गई गुणवत्‍ता जाँच की कब-कब कार्यवाही की गई, जानकारी देवें साथ ही जाँच रिपोर्ट की प्रति देवें? (ग) शासन द्वारा जारी टेण्‍डर नियम शर्तें तथा ठेकेदार को किस नियम शर्तों के अधीन टेण्‍डर स्‍वीकृत किया गया? स्‍वीकृत टेण्‍डर की शर्तें बतावें? (घ) प्रश्‍नांश (क) के अनुसार निर्माण कार्य की गुणवत्‍ता के लिये निर्धारित डी.पी.आर. तथा मैनेजमेंट की कॉपी तथा ठेकेदार द्वारा किस-किस सामग्री का उपयोग किया गया? इस हेतु सामग्री क्रय बिल्डिंग की फोटो कॉपी देवें? निर्माण कार्य में तार फेंसिग की गई है, यदि हाँ, तो निर्धारित की सीमा के अन्‍तर्गत या सीमा से बाहर बतायें?

राज्‍यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक कैलाश जोशी ) : (क) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) तकनीकी स्‍वीकृति के अनुसार निर्माण कार्य की गुणवत्‍ता की जांच                    श्री राजेन्‍द्र कुमार गुप्‍ता संभागीय परियोजना यंत्री, श्री सुनील कुमार नरगावे, परियोजना यंत्री एवं                          श्री प्रमोद कुमार शर्मा, सहायक परियोजना यंत्री द्वारा की जा रही है। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-ब एवं '' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-द अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-ई अनुसार है। ठेकेदार के द्वारा मुख्‍य रूप से अब तक स्‍टील, सीमेन्‍ट एवं ईट का प्रयोग किया गया है। जी नहीं। शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

परिवीक्षा पर नियुक्‍त कर्मचारियों की जानकारी

[पशुपालन]

13. ( क्र. 700 ) श्री गोपाल परमार : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                      (क) पशुपालन विभाग में वर्ष 2011 से वर्तमान समय तक कितने पशु चिकित्‍सक की नियु‍क्ति परिवीक्षा अवधि पर की गई है? (ख) प्रश्‍नांश (क) के अनुसार नियुक्‍त कर्मचारियों की परिवीक्षा अवधि कितने वर्ष की थी? परिवीक्षा अवधि समाप्ति के पश्‍चात नियुक्त कर्मचारियों की परिवीक्षा अवधि समाप्‍त कर दी गई है? यदि हाँ, तो कितने लोगों की बतावें? जिन लोगों की परिवीक्षा अवधि समाप्‍त नहीं की गई है, शासन के किस आदेशों से और क्‍यों पूर्ण विवरण देवें? (ग) प्रश्‍नांश (ख) के अनुसार ऐसे कितने कर्मचारी हैं जिनकी परिवीक्षा अवधि समाप्‍त नहीं हुई है, इसके लिये कौन अधिकारी/कर्मचारी जवाबदार हैं? शासन क्‍या कार्यवाही करेगा तथा इनकी परिवीक्षा अवधि कब तक समाप्‍त की जावेगी?

पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) 353 पशु चिकित्सा सहायक शल्यज्ञों की नियुक्ति‍ परिवीक्षा अवधि‍ पर की गई है। (ख) दो वर्ष। जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थि‍त नहीं होता। कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ग) 353 परिवीक्षा अवधि‍ समाप्त करने हेतु नव नियुक्त पशु चिकित्सा सहायक शल्यज्ञों को विभागीय परीक्षा उत्तीर्ण करना अनिवार्य है। इसके उपरांत नियुक्ति‍ प्राधि‍कारी स्तर पर गठित सक्षम समिति द्वारा परिवीक्षा अवधि‍ समाप्त करने के संबंध में निर्णय लिया जाना शेष है। यह निरंतर प्रक्रिया है। कार्यवाही प्रक्रियाधीन है समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं।

मुख्‍यमंत्री कौशल संवर्धन योजना का संचालन

[तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास]

14. ( क्र. 703 ) श्री गोपाल परमार : क्या राज्‍यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या जिला मुख्‍यालय आगर में मुख्‍यमंत्री जी की घोषणा अनुसार आई.टी.आई. संचालित हो रहा है या नहीं? नहीं तो कब तक आई.टी.आई. संचालित हो जायेगी? (ख) आगर जिले के अंतर्गत मुख्‍यमंत्री कौशल संवर्धन योजना का संचालन जिला स्‍तर पर व मुख्‍यमंत्री जी की घोषणा उपरांत जिला मुख्‍यालय पर हो रही है या नहीं? (ग) क्‍या मुख्‍यमंत्री कौशल संवर्धन योजना के अंतर्गत जो बजट जिला स्‍तर पर दिया गया है, उस बजट का उपयोग मुख्‍यालय पर हो रहा है या नहीं?

राज्‍यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक कैलाश जोशी ) : (क) जिला मुख्‍यालय आगर में आई.टी.आई. प्रारंभ करने की माननीय मुख्‍यमंत्रीजी की घोषणा नहीं है। प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ख) एवं (ग) मुख्‍यमंत्री कौशल संवर्धन योजना का जिला स्‍तर/जिला मुख्‍यालय पर संचालित करने की माननीय मुख्‍यमंत्री जी की घोषणा नहीं है। आगर जिले में एक आई.टी.आई. सुसनेर तथा दो कौशल विकास केन्‍द्र क्रमश: आगर एवं नलखेड़ा है। कौशल विकास केन्‍द्र आगर में मुख्‍यमंत्री कौशल संवर्धन योजना का संचालन प्रस्‍तावित था, किन्‍तु निजी भवन में भवन स्‍वामी से किराया निर्धारण पर विवाद होने के कारण योजना को संचालित करने में कठिनाइयां उत्‍पन्‍न हो रही थी। अतएव कौशल विकास केन्‍द्र आगर को आई.टी.आई. सुसनेर में स्‍थानांतरित कर योजना संचालित करने की कार्यवाही प्रारंभ की गई। माननीय विधायक महोदय के पत्र क्रमांक 523, दिनांक 29.10.2017 के परिप्रेक्ष्‍य में आई.टी.आई. सुसनेर के संस्‍था प्रमुख को आगर में किराए के भवन के चयन बाबत निर्देश दिये गए। किराए का उपयुक्‍त भवन अभी तक नहीं मिला है, इसलिए योजना संचालित नहीं हो रही है तथा आवंटित बजट का उपयोग भी नहीं हो रहा है।

डायवर्सन की जानकारी विषयक

[राजस्व]

15. ( क्र. 705 ) श्री गोपाल परमार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि            (क) अनुविभागीय अधिकारी (राजस्‍व) अनुभाग आगर-बड़ौद द्वारा वर्ष 2014-15 से आज दिनांक तक कितने डायवर्सन आवेदन प्राप्‍त हुये है और उसमें से कितने डायवर्सन किये गये हैं? आदेश की प्रति संलग्‍न करें? समय-सीमा में डायवर्सन नहीं होने से शासन को कितनी क्षति हुई, यदि हाँ, तो शासन दोषी अधिकारियों के विरूद्ध क्‍या कार्यवाही करेगा, यदि हाँ, तो कब तक? (ख) प्रश्‍नांश (क) के अनुसार कितने प्रकरणों में वसूली की कार्यवाही की गई? कितनी वसूली कार्यवाही में कितने राजस्‍व की वसूली की गई तथा कितने लंबित है? (ग) प्रश्नांश (क) किस नियम के तहत डायवर्सन आदेश जारी किये गये? आदेश की प्रति उपलब्‍ध करावें?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जिला आगर मालवा के अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) अनुभाग आगर-बड़ौद द्वारा वर्ष 2014-15 से आज दिनांक तक डायवर्सन कुल 463 आवेदन प्राप्त हुये है और उसमें से कुल 353 प्रकरणों में डायवर्सन के आदेश जारी किये गये हैं। जारी आदेशों की प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। सभी प्रकरण विधि अनुसार ही निराकरण किये गए है शेष 110 प्रकरण समय-सीमा में हो कर निराकरण विधि अनुसार ही किया जा रहा है। अत: शेष पश्न उद्भूत नहीं होता। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार आदेश किये गए समस्त प्रकरणों में वसूली की कार्यवाही की गई है, अनुविभाग आगर-बड़ोद अंतर्गत  प्रीमियम एवं भू-भाटक की कुल 138 लाख रूपये की वसूली की गयी है। चालू वर्ष में 11.78 शेष वसूली है जिसकी वसूली की कार्यवाही प्रचलित है। (ग) मध्यप्रदेश भू राजस्व संहिता की धारा 172 के तहत डायवर्सन के आदेश जारी किये गए है। आदेशों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार।

बंद नल-जल योजनायें

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

16. ( क्र. 724 ) श्रीमती पारूल साहू केशरी : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) वर्ष २०१६-१७ में बंद नल-जल योजनाओं को पुन: चालू करने हेतु शासन द्वारा सागर जिले की किस-किस विधानसभा क्षेत्र की किन-किन ग्रामों की बंद नल-जल योजनाओं को चालू करने हेतु कितना-कितना आवंटन उपलब्‍ध कराया गया था? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में क्‍या शासन द्वारा प्रदाय आवंटन का उपयोग किया जा चुका है? यदि हाँ, तो कितनी और           किस-किस ग्राम की बंद नल-जल योजनाओं को चालू कराये जाने के लिये कितनी-कितनी राशि का उपयोग किस-किस कार्य के लिये किया गया और क्‍या उक्‍त ग्रामों की बंद नल-जल योजनायें पुन: प्रारंभ हो गयी हैं? यदि नहीं, तो क्‍यों? (ग) जिन बंद नल-जल योजनाओं को अब तक नहीं सुधारा गया है वे कौन-कौन सी किस-किस ग्राम की हैं और इन बंद नल-जल योजनाओं को कब तक चालू करा दिया जायेगा? यदि नहीं, तो क्‍यों?

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जिला पंचायत सागर के माध्यम से सामान्य खराबी से बंद 108 योजनाओं को चालू कराने हेतु योजनावार आवंटित राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जी नहीं, किया जा रहा है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। वृहद खराबी के कारण बंद पाई गई 178 नल-जल योजनाओं को चालू कराने हेतु 2 बार निविदायें बुलाई गई। 31 योजनाओं हेतु एजेन्सी का निर्धारण हो गया है। तृतीय बार निविदा पुनः बुलाई गई है। निविदा द्वारा एजेन्सी का निर्धारण हो जाने के पश्चात् योजनाओं को चालू कराया जा सकेगा। निश्चित समयावधि बताना संभव नहीं है।

प्रधानमंत्री उज्‍ज्वला योजनान्‍तर्गत गैस कनेक्‍शनों का वितरण

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

17. ( क्र. 928 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                 (क) अतारांकित प्रश्‍न क्र. 3567 दिनांक 06 मार्च 2017 में दिये गये उत्‍तरानुसार हरदा विधान सभा क्षेत्र के 11,318 हितग्राहियों की गैस कनेक्‍शन वितरित किये जाने एवं शेष 15,494 हितग्राहियों को परीक्षण उपरांत पात्र पाये जाने पर गैस कनेक्‍शन का वितरण किया जाना था तो क्‍या परीक्षण करवाकर गैस कनेक्‍शनों का वितरण कर दिया गया है? (ख) यदि हाँ, तो प्रश्‍न दिनांक तक शेष रहे हितग्राहियों में से कितने हितग्राहियों को कनेक्‍शन का वितरण कर दिया गया है? (ग) हरदा जिले में कब तक पात्र हितग्राहियों को गैस कनेक्‍शन का वितरण कर दिया जावेगा? (घ) हरदा जिले में शासन द्वारा प्रति सिलेण्‍डर कितनी सब्‍सिडी प्रदान की जा रही है?

खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जी हाँ। परीक्षण उपरांत प्रति सिलेण्‍डर आवेदन करने वाले व आवेदकों में से पात्र 1,075 परिवारों को गैस कनेक्‍शन जारी किए गए है। (ख) प्रधानमंत्री उज्‍ज्‍वला योजनांतर्गत एस.ई.सी.सी. डाटा में दर्ज परिवारों में से गैस कनेक्‍शन प्राप्‍त करने से शेष रहे परिवारों द्वारा आवेदन प्रस्‍तुत न करने, पूर्व से गैस कनेक्‍शन होने, परिवार में वयस्‍क महिला सदस्‍य न होने, परिवार के सभी सदस्‍यों के आधार नंबर न होने आदि कारणों से गैस कनेक्‍शन जारी नहीं किये जा सके है। (ग) यह एक निरंतर प्रक्रिया है। एस.ई.सी.सी. डाटा में दर्ज परिवारों द्वारा आवेदन प्रस्‍तुत करने के उपरांत पात्र पाये जाने पर गैस कनेक्‍शन जारी किये जायेंगे।                 (घ) हरदा जिले में दिनांक 19.11.2017 की स्थिति में घरेलू उपयोग के सिलेण्‍डर रिफिल पर                     रू. 257.74 अनुदान दिया जा रहा है।

राजस्‍व भूमि से अतिक्रमण हटाए जाना

[राजस्व]

18. ( क्र. 1097 ) श्री कैलाश चावला : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                (क) क्‍या मनासा विधायक के पत्र क्रमांक 665 दिनांक 27-09-2017 से ग्राम मातारुण्‍डी ग्राम पंचायत पडदा में कुछ प्रभावशाली एवं बाहुबली व्‍यक्तियों द्वारा आवासीय भूमि पर बड़े-बड़े भूखण्‍डों पर किए गए अतिक्रमण हटाने के लिए अनुविभागीय अधिकारी राजस्‍व उपखण्‍ड मनासा जिला नीमच को पत्र लिखा गया था, ताकि उक्‍त भूमि का उपयोग प्रधानमंत्री आवास योजना हेतु किया जा सके?                               (ख) प्रश्‍नांश (क) में उल्‍लेखित पत्र के तारतम्‍य में अनुविभागीय अधिकारी उपखण्‍ड मनासा दवारा क्‍या कार्यवाही की गई है? क्‍या उक्‍त भूमि से अतिक्रमण हटा लिया गया है? यदि नहीं, तो अतिक्रमण कब तक हटा लिया जावेगा? अतिक्रमण हटाने में विलंब के क्‍या कारण हैं कौन उत्‍तरदायी है?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

स्‍वरोजगार के अवसर

[तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास]

19. ( क्र. 1123 ) श्री रामलाल रौतेल : क्या राज्‍यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनूपपुर जिले में कुल कितने प्रकार से तकनीकी शिक्षा प्रदान की जा रही है तथा विगत दो वर्षों में प्रशिक्षण के पश्‍चात कितने लोगों को स्‍वरोजगार का अवसर प्रदान किया गया है एवं कितने लोगों को नौकरी दिलायी जा सकी है? (ख) क्‍या प्रशिक्षण प्राप्‍त लोगों को बैंक के माध्‍यम से स्‍वरोजगार के अवसर दिए गए है? यदि हाँ, तो सूची उपलब्‍ध करावें।

राज्‍यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक कैलाश जोशी ) : (क) जिले में 01 पोलिटेक्निक एवं 05 आई.टी.आई. संचालित है। पोलिटेक्निक में 03 वर्षीय इंजीनियरिंग डिप्‍लोमा पाठ्यक्रम - कम्‍प्‍यूटर साइंस, इलेक्‍ट्रॉनिक्‍स एवं टेलीकम्‍यूनिकेशन तथा आई.टी.आई. में विघुतकार, प्‍लम्‍बर, फिटर, कोपा, वेल्‍डर, टर्नर, मैकेनिक मोटर व्‍हीकल एवं स्‍टेनोग्राफी हिन्‍दी व्‍यवसाय में प्रशिक्षण दिया जा रहा है। विगत 02 वर्षों में इंजीनियरिंग डिप्‍लोमा पाठ्यक्रम पूर्ण करने वाले 02 छात्रों द्वारा स्‍वरोजगार तथा 12 छात्रों को रोजगार प्राप्‍त हुआ है। (ख) विभाग का मूल कृत्‍य प्रशिक्षण संचालित करने का है अतएव स्‍वरोजगार/नौकरी में नियोजित लोगों की जानकारी देना संभव नहीं है।

भूमि का अधिकार पत्र देना

[राजस्व]

20. ( क्र. 1133 ) श्री रामलाल रौतेल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                  (क) जिला अनूपपुर के तहसील अनूपपुर जैतहरी में विगत वर्ष आवासीय पट्टा (अधिकार पत्र) कितने लोगों को प्रदान किया गया है? ग्राम का नाम, पट्टाधारी का विवरण प्रदान करें? (ख) प्रश्नांश (क) तहसील में क्‍या आज भी पात्र लोग वंचित हैं? यदि हाँ, तो परीक्षण करके कब तक उन्‍हें मालिकाना हक प्रदान कर दिया जाएगा? (ग) क्‍या जिला अनूपपुर में कितने प्रतिशत खसरा बी-वन का वितरण हो गया है?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जिला अनूपपुर अंतर्गत विगत वर्ष तहसील अनूपपुर में 1658 एवं जैतहरी में 1596 आवासीय पट्टा जारी किया गया है, सूची पुस्तकालय में रखे परिश्ष्टि अनुसार है। (ख) पात्र लोगों का सर्वेक्षण कराया जा रहा है, समय-सीमा निर्धारित नहीं है। (ग) जिला अनूपपुर अंतर्गत 98.26 प्रतिशत खसरा बी-1 का वितरण किया गया है।

भूमि के आधिपत्‍य के संबंध में

[राजस्व]

21. ( क्र. 1145 ) श्रीमती नंदनी मरावी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                 (क) प्रश्‍नकर्ता के प्रश्‍न क्रमांक 1065, दिनांक 07.12.2016 प्रश्‍न क्र. 667 दिनांक 27.2.2017 के तारतम्‍य में हिरन जल संसाधन की भूमि नगर पालिका सिहोरा को हस्‍तांतरित किये जाने के संबंध में जल संसाधन विभाग मंत्रालय भोपाल द्वारा 10.7.2017 को प्रमुख सचिव राजस्‍व को अनुपयोगी पड़ी भूमि सार्वजनिक पार्क हेतु नगर पालिका सिहोरा को 2.50 हेक्‍ट. भूमि हस्‍तांतरित की गई थी? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार भूमि नगर पालिका सिहोरा को कब आधिपत्‍य दिया गया? आधिपत्‍य की प्रति उपलब्‍ध करायें?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) प्रमुख सचिव जल संसाधन विभाग के पत्र क्र.333/4/ 1147/सि रेग्‍यु/2016/305एमपीएस/31/1307 दिनांक 10.07.2017 से प्रश्‍नाधीन भूमि राजस्‍व विभाग को हस्‍तांतरण कर दी है, जिसके अनुक्रम में भूमि राजस्‍व विभाग के नाम दर्ज कर लिया गया है। (ख) नगर पालिका सिहोरा को भूमि आवंटन की कार्यवाही प्रचलित है। भूमि आवंटन के प्रकरण में निर्णय होने पर नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

भूमि हस्‍तांतरण के संबंध में

[राजस्व]

22. ( क्र. 1146 ) श्रीमती नंदनी मरावी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि            (क) प्रश्‍नकर्ता द्वारा पत्र दिनांक 16.2.17 द्वारा कलेक्‍टर जबलपुर को सिहोरा नगर पालिका के वार्ड क्र.11 में स्थित जल विद्युत यांत्रिकीय विभाग के सामने पार्क निर्माण हेतु भूमि को आरक्षित कर नगर पालिका सिहोरा को सौंपे जाने हेतु मांग की गई थी? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार भूमि को आरक्षित करते हुए नगर पालिका को अभी तक क्‍यों नहीं सौंपी गई? कब तक सौंप दी जावेगी?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) एवं (ख) ग्राम सिहोरा स्थित भूमि खसरा नंबर 1488/2 का मांग पत्र प्राप्‍त होने पर न्‍यायालय तहसीलदार सिहोरा के रा.प्र.क्र. 01/अ-19/2017-18 पंजीबद्ध किया गया है। आवेदित भूमि वर्तमान अभिलेख खसरा नं. 1488/2 रकबा 0.405 इन्द्राज नजूल सरकार म.प्र.शासन मद में दर्ज है। भूमि हस्‍तांतरण संबंधी प्रकरण प्रचलित है। प्रकरण में निर्णय होने पर नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।

सेवानिवृत्‍त कर्मचारियों के स्‍वामित्‍व का भुगतान

[राजस्व]

23. ( क्र. 1147 ) श्रीमती नंदनी मरावी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि             (क) कार्यालय कलेक्‍टर जबलपुर के आदेश दिनांक 04.01.2016 के द्वारा कितने कर्मचारियों को अधिवार्षिकी आयु पूर्ण होने पर सेवानिवृत्‍त के आदेश जारी किये गये? आदेश की प्रति उपलब्‍ध कराये। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार सेवानिवृत्‍त किये गये कर्मचारियों का म.प्र. शासन वित्‍त विभाग के आदेश दिनांक 29.06.2015 के बिन्‍दु क्र.2 अनुसार पेंशन/अंतरिम पेंशन/उपादान के आदेश जारी कर दिए गये हैं। जारी आदेशों की प्रति उपलब्‍ध करायें। (ग) प्रश्नांश (क) आदेश के बिन्‍दु क्र. 7 में उल्‍लेखित कर्मचारी की पेंशन आदि स्‍वत्‍वों का भुगतान शासनादेश प्रश्नांश (ख) अनुसार कर दिया गया तो आदेश की प्रति उपलब्‍ध करायें। यदि नहीं, तो विलम्‍ब के लिये कौन-कौन दोषी हैं? इन पर कार्यवाही क्‍यों नहीं की गई? संबंधित कर्मचारी को समस्‍त स्‍वत्‍वों का भुगतान कर दिया जावेगा?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) कलेक्‍टर जबलपुर के आदेश दिनांक 04/01/2016 द्वारा 12 कर्मचारियों को अधिवार्षिकी आयु पूर्ण होने पर सेवानिवृत्‍त के आदेश जारी किए गए। आदेश की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार 10 कर्मचारियों के अंतिम पेंशन/उपादान के आदेश जिला पेंशन अधिकारी जबलपुर द्वारा जारी हो चुके है:- जानकारी पुस्‍तकायल रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार। श्री के.के. शर्मा सहायक ग्रेड-3 तहसील मझौली एवं श्री अशोक दहायत सहायक ग्रेड-3 तहसील सिहोरा की सेवापुस्तिका में संयुक्‍त संचालक कोष एवं लेखा जबलपुर द्वारा वेतन निर्धारण में आपत्तियों उठाई गई हे जिसके कारण पेंशन/ अंतरिम पेंशन/उपादान के आदेश जारी नहीं हुए है। (ग) जी नहीं। विलंब के लिए सेवानिवृत्‍त कर्मचारी श्री के.के.शर्मा, सहायक ग्रेड-3 स्‍वयं दोषी है। क्‍योंकि उन्‍हें दिनांक 30/11/2016 में पेंशन प्रकरण तैयार कराने हेतु पेंशन फार्म 3 प्रतियों में फोटोग्राफ सहित प्रस्‍तुत करने एवं सत्‍यापन कराने बावत तहसीलदार, तहसील मझौली के पत्र क्रमांक 1635/स्‍था./2016 मझौली दिनांक 30/11/2016 जारी किया गया था जो संबंधित कर्मचारी ने दिनांक 03/12/2016 में प्राप्‍त किया गया इसके उपरांत संबंधित कर्मचारी द्वारा स्‍वयं एवं अपनी पत्नि के फोटो सहित जून 2017 में पेंशन प्रपत्र तहसील कार्यालय में प्रदाय किया परन्‍तु आज दिनांक तक अपनी पत्नि सहित उपस्थित होकर फोटो का सत्‍यापन तहसीलदार के समक्ष नहीं कराया जिससे संबंधित का पेंशन प्ररकण लंबित है। सेवानिवृत्‍त कर्मचारी द्वारा अपने परिवार सहित उपस्थित होकर जाँच कराने के उपरांत नियमानुसार पेंशन प्रकरण तैयार किया जावेगा।

परकुलेशन टेंक निर्माण का भुगतान नहीं होना

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

24. ( क्र. 1224 ) श्री हेमन्‍त सत्‍यदेव कटारे : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या कार्यालय, कार्यपालन यंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी विभाग खण्‍ड भिण्‍ड आमंत्रित निविदा सूचना क्र. 370, दिनांक 30.06.2008 में साई वोरवेल कंपनी भिण्‍ड की दर सबसे कम हाने से साईवोरवेल कंपनी भिण्‍ड को ग्राम विजयगढ़ में परकुलेशन टेंक निर्माण हेतु कार्यपालन यंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी विभाग खण्‍ड भिण्‍ड के पत्र क्र. 6876/लेखा/का.यं./लो.स्‍वा.यां./खण्‍ड भिण्‍ड दिनांक 14.07.2008 द्वारा निविदा की दर सबसे कम होने से अनुबंध कर लेने से कार्य पूर्ण करने हेतु लिखा गया था? (ख) क्‍या साई वोरवेल कंपनी द्वारा उक्‍त निर्माण कार्य पूर्ण किये जाने पर विभाग के निर्माण पर्यवेक्षण अधिकारियों/अभियंताओं द्वारा एम.बी.नं. 770 पर मूल्‍यांकन भी अंकित किया जा चुका था? यदि हाँ, तो यह मूल्‍यांकन किस दिनांक को किया गया था व क्‍या संबंधित निर्माण कार्य का मूल्‍यांकन अनुसार साई वोरवेल कंपनी भिण्‍ड को भुगतान किया जा चुका है? यदि किया जा चुका है तो किस दिनांक को? यदि भुगतान नहीं किया तो क्‍या कारण रहे तथा इसके लिए कौन अधिकारी जिम्‍मेदार है तथा उसके विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की गई?

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। उपयंत्री द्वारा दिनांक 26.03.2009 को मूल्यांकन अंकित किया गया। जी नहीं। प्रशासकीय स्वीकृति की अनुपलब्धता के कारण भुगतान नहीं किया गया। प्रकरण का परीक्षण कराकर गुण-दोष के आधार पर कार्यवाही की जावेगी।

विवादित और अविवादित नामांतरण के लंबित प्रकरण

[राजस्व]

25. ( क्र. 1253 ) श्री जतन उईके : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                     (क) छिन्‍दवाड़ा जिले की पांढुर्णा विधान सभा क्षेत्र में कुल विवादित और अविवादित नामांतरण के लंबित प्रकरण कितने हैं? इसकी संख्‍या और प्रश्‍न दिनांक तक उनका निराकरण क्‍यों नहीं हो पाया? (ख) वर्ष 2013-14 एवं 2016-17 तथा प्रश्‍न दिनांक तक नामांतरण पंजी पर बिना प्रकरण चलाये केवल नामांतरण पंजी पर कितने नामांतरण किये गये, उसकी संख्‍या बताएं? (ग) क्‍या बिना प्रकरण दर्ज किये केवल नामांतरण पंजी पर नामांतरण किया जाना वैधानिक प्रक्रिया के अंतर्गत आता है?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) तहसील पांढुर्णा अंतर्गत लंबित अविवादित नामांतरण प्रकरणों की संख्या निरंक है। एवं विवादित नामांतरण प्रकरणों की संख्या प्रश्न दिनांक तक 154 है। उक्त समस्त प्रकरणों में निराकरण की कार्यवाही जारी है। (ख) वर्ष 2013-14 में नामांतरण पंजी पर चलाये गये अविवादित नामांतरण प्रकरणों की संख्या-1427 है। एवं वर्ष 2016-17 एवं चालू राजस्व वर्ष में प्रश्न दिनांक तक नामांतरण पंजी पर चलाये अविवादित नामांतरण प्रकरणों की संख्या-2276 है। (ग) जी हाँ।

उचित मूल्य की दुकानों का संचालन

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

26. ( क्र. 1320 ) श्री पुष्‍पेन्‍द्र नाथ पाठक : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) तारांकित प्रश्न क्र. 7288 दिनांक 27.03.17 के उत्तर में दी गई जानकारी के तारतम्य में ग्राम पंचायत डिलारी, नारायणपुरा, नगदा, सुकवाहा, मझगुवाकला, मतीपुरा, कदवारा, विहरवारा झरकुवा, लुहरपुरा की उचित मूल्य की दुकानों से कितनेकितने ग्राम संबद्ध है? संबद्ध ग्रामों की वास्तविक ट्रेक्टर मार्ग से दूरी कितनी है? संबद्ध ग्रामो में अलगअलग कितनीकितनी खाद्य आपूर्ति निर्धारित है? कितनी प्रदाय की जा रही है? किसके माध्यम से प्रदाय की जा रही है? पिछले 01 वर्ष का रिकॉर्ड प्रदाय करे. (ख) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में उपरोक्त उचित मूल्य की दुकानों का संचालन कौन कर रहा है, संचालन समिति के सभी सदस्यों के नाम. पिता/पति का नाम, पता, दुकान प्रभारी की भी जानकरी प्रदाय करे. (ग) उचित मूल्य की दुकानों का औचक निरीक्षण कौन कर सकता है? प्राप्त गड़बड़ी की जाँच स्थानीय स्तर पर कौन करता है? क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित ग्रामों की उचित मूल्य की दुकानें अनुशासित तरीके से संचालित है?

खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) प्रश्‍नांश 'में अंकित दुकानों से संबंधित ग्रामों तथा उचित मूल्‍य दुकान की उन ग्रामों से ट्रैक्‍टर मार्ग से दूरी की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र 'अनुसार है। शेष भाग की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र 'अनुसार है। उचित मूल्‍य दुकानों को मध्‍यप्रदेश स्‍टेट सिविल सप्‍लाईज कार्पोरेशन द्वारा खाद्यान्‍न की आपूर्ति परिवाहनकर्ता के माध्‍यम से की जा रही है। (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र 'अनुसार है। (ग) उचित मूल्‍य दुकानों का आकस्मिक निरीक्षण खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण विभाग के कनिष्‍ठ आपूर्ति अधिकारी से अनिम्‍न श्रेणी के अधिकारी द्वारा या राजस्‍व विभाग के नायब तहसीलदार से अनिम्‍न श्रेणी के अधिकारी द्वारा या सहकारिता विभाग के उप अंकेक्षक से अनिम्‍न श्रेणी के अधिकारी द्वारा अपनी अधिकारिता क्षेत्र के भीतर किया जाता है। उक्‍त अधिकारियों द्वारा स्‍थानीय स्‍तर पर गड़बडी की जाँच की जाती है। जी हाँ।

हैण्डपंप के संबंध में

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

27. ( क्र. 1321 ) श्री पुष्‍पेन्‍द्र नाथ पाठक : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विधानसभा क्षेत्र बिजावर के कितने स्कूल में पेयजल हेतु हैंडपंप नहीं हैं? प्रश्न दिनांक तक कितने स्कूलों के हैण्डपंप चालू नहीं हैं? कब से चालू नहीं हैं? किस कारण से बंद हैं? इनको ठीक करने हेतु क्या प्रयास किए गए? (ख) विधानसभा क्षेत्र बिजावर में विभाग के कितने अधिकारी, कर्मचारी पदस्थ हैं? उनके नाम, पद नाम, कार्य, कार्य क्षेत्र सहित जानकारी प्रदाय करें?

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) 14 स्कूलों में। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 के अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 के अनुसार है।

शासकीय कार्यालयों में कार्यरत लिपिकों की शाखा परिवर्तन

[राजस्व]

28. ( क्र. 1378 ) श्री कमलेश्‍वर पटेल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                   (क) म.प्र. शासन सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश है कि शासकीय कार्यालयों में कार्यरत लिपिकों की शाखा परिवर्तन तीन से पाँच साल में किया जाय। (ख) क्या शासन के आदेश सीधी जिले के राजस्व विभाग में लागू नहीं हैं? कार्यालय कलेक्टर सीधी के अधीन कार्यरत लिपिक सहायक वर्ग-2 एवं सहायक वर्ग-3 एक ही शाखा में 10-10 वर्षों से कार्यरत हैं, जबकि तीन या पाँच वर्ष में शाखा परिवर्तन होना चाहिये। (ग) यदि शासन के आदेश का पालन नहीं हो रहा है तो इसका जिम्मेदार कौन है? यदि नहीं, किया गया है तो कब तक शाखा परिवर्तन की कार्यवाही की जायेगी? यदि नहीं, तो क्यों?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ, लागू हैं कलेक्‍ट्रेट कार्यालय में क्रय/ स्‍टोर/स्‍थापना में कार्यरत कर्मचारियों का तीन वर्ष पूर्ण नहीं होने से स्‍थान परिवर्तन नहीं किया गया है। (ग) सीधी जिले में कार्य सुविधा एवं अमले की उपलब्‍धता को दृष्टिगत रखते हुये शासन के आदेश का पालन किया जा रहा है। कलेक्‍टे्ट कार्यालय में क्रय/स्‍टोर/स्‍थापना में कार्यरत अधिकारी/कर्मचारी का तीन वर्ष पूर्ण नहीं होने से स्‍थान परिवर्तन नहीं किया गया है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

नर्मदा वेली डेवलपमेंट अथॉरिटी द्वारा पर्यावरणीय स्वीकृति

[पर्यावरण]

29. ( क्र. 1403 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नर्मदा वेली डेवलपमेंट अथॉरिटी द्वारा खरगोन जिले की किन-किन सिंचाई योजनाओं हेतु           कब-कब पर्यावरणीय स्वीकृति प्रदान की गई। परियोजनाओं के नाम सहित दिनांकवार सूची देवें। (ख) खरगोन लिफ्ट सिंचाई योजना एवं बिस्टान लिफ्ट सिंचाई योजना हेतु नर्मदा वेली डेवलपमेंट अथारिटी द्वारा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रिय कार्यालय में दिये गये आवेदन की मय दस्तावेज प्रति देवें। इन दोनों परियोजनाओं को प्रदत्त पर्यावरणीय स्वीकृति की प्रति देवें। इन दोनों योजनाओं के पर्यावरणीय लोक सुनवाई की वीडि‍यो सी.डी. एवं कार्यक्रम विवरण की प्रति देवें। (ग) उक्त दोनों योजनाओं के लिए सुझाव/आपत्ति की नाम, पता, टिप्पणी सहित सूची देवें। (घ) विगत 5 वर्षों में म.प्र.प्रदुषण नियंत्रण बोर्ड इंदौर द्वारा कब-कब, किस-किस स्थान पर किस परियोजना के लिए पर्यावरणीय लोक सुनवाई की गई? परियोजना के नाम, सुनवाई का दिनांक, समय व स्थान सहित सूची देवें?

 पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) नर्मदा वेली डेव्लपमेन्ट अथॉरिटी द्वारा पर्यावरणीय स्वीकृति प्रदान नहीं की जाती है,बल्कि ई.आई.ए. नोटिफिकेशन 2006 की अनुसूची अनुसार पर्यावरणीय स्वीकृति '''' श्रेणी के अन्तर्गत 10000 हेक्टेयर अथवा उससे अधिक कल्चरेबल कमांड एरिया की योजनाओं हेतु भारत सरकार के पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय एवं इससे कम क्षेत्रफल की योजनाओं को ''बी'' श्रेणी के अन्तर्गत राज्य स्तरीय पर्यावरण प्रभाव निर्धारण प्राधिकरण द्वारा जारी की जाती है। मध्यप्रदेश राज्य स्तरीय पर्यावरण प्रभाव निर्धारण प्राधिकरण द्वारा नर्मदा वेली डेव्लपमेन्ट अथॉरिटी को जारी पर्यावरणीय स्वीकृतियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) एवं (ग) खरगोन लिफ्ट सिंचाई योजना, इंदिरा सागर परियोजना में सम्मिलित है। अतः पृथक से पर्यावरणीय स्वीकृति की आवश्यकता नहीं है। इंदिरा सागर परियोजना को भारत सरकार, पर्यावरण एवं वन मंत्रालय, नई दिल्ली द्वारा पत्र दिनांक 24/06/1987 के माध्यम से जारी पर्यावरणीय स्वीकृति संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। बिस्टान लिफ्ट परियोजना हेतु नर्मदा वेली डेव्हलपमेंट अथॉरिटी द्वारा म.प्र. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड में दिये गये आवेदन की प्रति, पर्यावरणीय लोक सुनवाई की वीडियो सी.डी. एवं कार्यक्रम विवरण की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार है।

जनपद पंचायत पनागर में भवन संनिर्माण कार्ड के पंजीयन

[श्रम]

30. ( क्र. 1416 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनपद पंचायत पनागर क्षेत्रान्तर्गत विगत 3 वर्ष में भवन संनिर्माण के कितने ऑनलाईन एवं कितने ऑफलाईन पंजीयन किये गये हैं? ग्राम पंचायतवार संख्यात्मक जानकारी देवें? (ख) प्रश्नांश (क) के अंतर्गत कितने आवेदन स्वीकृत कर कार्ड वितरित किये गये एवं कितने आवेदन निरस्त किये गये? (ग) निरस्त किये गये आवेदनों की कारण सहित जानकारी देवें? (घ) जिन पंचायतों में पंजीयन नहीं किये गये हैं या अल्प संख्या में किये गये हैं, उसके लिये कौन जवाबदार है?

खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) म.प्र.  भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल के अंतर्गत जनपद पंचायत पनागर क्षेत्रान्तर्गत विगत 03 वर्षों में कुल 2741 ऑनलाईन पंजीयन किये गये हैं। ग्राम पंचायतवार पंजीकृत निर्माण श्रमिकों की संख्यात्मक जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के अंतर्गत जनपद पंचायत पनागर द्वारा 2741 आवेदन स्वीकृत कर पंजीयन कार्ड वितरित किये गये है एवं 797 आवेदन निरस्त किये गये है। (ग) प्राप्त आवेदन पत्र अधूरे एवं दस्‍तावेज अपूर्ण होने के कारण आवेदन निरस्त  किये गये है।  (घ) निर्माण श्रमिक द्वारा आवेदन करने पर प्राप्त आवेदन की पात्रता जांच उपरांत पात्र निर्माण श्रमिक का पंजीयन किया जाता है अत: शेष प्रश्न उपस्थित नही होता है।

परिशिष्ट - ''इकतालीस''

भवन संनिर्माण कार्ड हेतु पंजीयन शुल्क लेना

[श्रम]

31. ( क्र. 1417 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विषयांकित स्‍थान एवं योजना में योजना प्रारंभ से अद्यतन कितने हितग्राहियों से कितना पंजीयन शुल्क लिया गया है? संख्यात्मक जानकारी देवें? (ख) इस शुल्क का क्या उपयोग किया गया? (ग) वर्षवार आय-व्यय की जानकारी देवें? (घ) क्या निर्धारित शुल्क से अधिक शुल्क लिया जाना नियमानुसार है? यदि नहीं, तो इसके लिये कौन दोषी है?

खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल के अंतर्गत जनपद पंचायत पनागर में प्रारंभ से अद्यतन तक कुल 3544 निर्माण श्रमिकों का पंजीयन किया गया है, जिनसे कुल 140975/- (एक लाख चालीस हजार नौ सौ पिचहत्तर मात्र) की पंजीयन राशि प्राप्त हुई है। (ख) प्राप्त  पंजीयन शुल्क जनपद पंचायत पनागर के खाते में जमा है। (ग) चाही गई जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जी नहीं। निर्धारित शुल्‍क से अधिक शुल्‍क लिया जाना नियमानुसार नहीं है। निर्धारित शुल्‍क से अधिक शुल्‍क  लिये जाने की  स्थिति  में संबंधित पदाभिहित अधिकारी दोषी होंगे।

परिशिष्ट - ''बयालीस''

पदस्‍थ कर्मचारियों द्वारा शासन आदेश की अव्हेलना

[राजस्व]

32. ( क्र. 1425 ) श्री राजेश सोनकर : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                (क) कलेक्‍टर कार्यालय संकुल इन्दौर व तहसीलों में किन-किन कर्मचारियों को शासन नियमानुसार वर्दी नियमित पहनना अनिवार्य है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में जिन कर्मचारियों द्वारा शासन नियमानुसार वर्दी पहन कर कार्यालय प्रतिदिन आया जाता है, उन कर्मचारियों पर शासन के नियमों का पालन नहीं करने पर पिछले 02 वर्षों में कोई कार्यवाही की गई है? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में लगातार शासन के नियमों का पालन न करने पर उन्हें बर्खास्त क्यों नहीं किया गया है? क्या इसके लिये संबंधित अधिकारी भी दोषी हैं?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) नियमित चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को नियमानुसार वर्दी नियमित पहनना अनिवार्य है। (ख) जी नहीं। सभी वर्दी पहनकर आते है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्‍तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता।

बी.पी.एल. राशन कार्ड धारियों के संबंध में

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

33. ( क्र. 1449 ) श्री जितेन्‍द्र गेहलोत : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि             (क) गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले कितने नागरिकों ने वर्ष २०१४ से अक्‍टूबर २०१७ तक राशन कार्ड बनाने हेतु आवेदन दिये? कितने आवेदकों के राशन कार्ड बने? कितने आवेदन निरस्‍त हुए? रतलाम एवं उज्‍जैन जिले का तहसीलवार ब्‍यौरा दें? (ख) कब-कब गरीबी रेखा राशन कार्ड का सत्‍यापन किया गया एवं कितने अपात्रों के राशन कार्ड निरस्‍त हुवे? (ग) कई आवेदक पात्र होने के बाद भी गरीबी रेखा राशन कार्ड से वंचित है? उनके आवेदन बिना जाँच निरस्‍त कर दिये जाते है? ऐसे पात्र आवेदकों के हित में शासन क्‍या कार्य योजना बना रही है? हॉ, तो ब्‍यौरा दें, नहीं। तो क्‍यों नहीं?

खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) प्रश्‍नांकित अवधि में उज्‍जैन जिले में 49458 एवं रतलाम जिले में 5215 व्‍यक्तियों ने गरीबी रेखा से नीचे की श्रेणी के राशनकार्ड बनाने हेतु आवेदन दिये। जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) स्‍थानीय निकाय के अधिकारियों द्वारा बी.पी.एल. सूची में नाम जोड़ना एवं बी.पी.एल. सूची से अपात्र परिवारों के नाम हटाने का कार्य सतत् किया जाता है। वर्ष 2014 से अक्‍टूबर 2017 तक उज्‍जैन जिले में 11686 एवं रतलाम जिले में 9082 अपात्र परिवारों के राशनकार्ड निरस्‍त किये गये है। (ग) राजस्‍व अधिकारी द्वारा विहित प्रक्रिया से जाँच कर पात्र परिवार को बी.पी.एल. परिवार में सम्मिलित किया जाता है जिसे स्‍थानीय निकाय द्वारा सूचीबद्ध किया जाता है। पात्र परिवारों को सत्‍यापन पश्‍चात मैपिंगकर पात्रता पर्ची जारी की जाती है। बिना जाँच के आवेदन निरस्‍त नहीं किये जाते है। पात्र बी.पी.एल. परिवारों के नाम जोड़ने एवं अपात्र बी.पी.एल. परिवारों के नाम हटाने की प्रक्रिया सतत् होने तथा सुचारू रूप से चलने से नई कार्ययोजना की आवश्‍यकता प्रतीत नहीं होती है।

परिशिष्ट - ''तैंतालीस''

जल प्रदूषण को रोके जाने के संबंध में

[पर्यावरण]

34. ( क्र. 1450 ) श्री जितेन्‍द्र गेहलोत : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भारत सरकार के केन्द्रीय प्रदूषण बोर्ड ने अपनी जाँच प्रतिवेदन में नागदा स्थित चंबल नदी के जल को डाउन स्‍ट्रीम में बीस किलोमीटर तक अति प्रदूषि‍त बताया? क्‍या य‍ह सही है? यदि हाँ, तो जाँच प्रतिवेदन बताये? (ख) जिस प्रदूषि‍त जल वाले नाले के चंबल में मिलने से नदी का जल जहरीला हो गया, आस-पास के गांवों में पेयजल स्‍त्रोत जहरीले हो गये, ग्राम परमारखेड़ी में पूरा गांव गंभीर बीमारी से ग्रसित हैं, मौतें हो रही है. सरकार इस नाले को चंबल नदी में मिलने से क्‍यों नहीं रोक रही है? उक्‍त संबंध में क्‍या कार्यवाहियां की गई? (ग) क्‍या लैंक्‍सेस जैसे खतरनाक केमिकल उद्योग शहरी घनी आबादी में संचालित करने का प्रावधान है? उक्‍त संबंध में माननीय उच्‍चतम न्‍यायालय तथा प्रदूषण नियत्रंण अधिनियम के क्‍या प्रावधान है?

पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) नागदा शहर के घरेलू जल-मल के उपचार हेतु जल-मल का अवरोधन व दिशा परिवर्तन (रू.218.47 लाख) कर, करनाल तकनीक पर आधारित उपचार योजना (रू.35.85 लाख) तैयार की गई थी जिसे लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग तथा नगर पालिका परिषद नागदा द्वारा संभागीय स्तर पर समन्वय कर योजना के तकनीकी पहलुओं को दृष्टिगत रखते हुए संचालन एवं संधारण हेतु प्रयास किये जा रहे हैं। मेसर्स ग्रेसिम इण्डस्ट्रीज लिमिटेड (केमिकल डिवीजन) के लगभग 180-200 कि.ली.प्रतिदिन को चंबल नदी में शून्य निस्त्राव करने की शर्त दी गई है जिसके तहत् उद्योग द्वारा मार्च 2018 तक शून्य निस्त्राव करने का प्रस्ताव दिया है। मेसर्स ग्रेसिम इण्डस्ट्रीज लिमिटेड (स्टेपल फाईबर डिवीजन) के लगभग 20500 कि.ली. प्रतिदिन उपचारित जल को चम्बल नदी में शून्य निस्त्राव किये जाने हेतु मई 2018 तक की शर्त दी गई है। मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा उद्योगों से प्रदूषण पाये जाने की स्थिति में जल (प्रदूषण निवारण तथा नियंत्रण) अधिनियम, 1974 एवं वायु (प्रदूषण निवारण तथा नियंत्रण) अधिनियम, 1981 के प्रावधानों के तहत् मेसर्स लेंक्सेस इंडिया लिमि. बिड़लाग्राम नागदा, मेसर्स ग्रेसिम इंडस्ट्रीज लिमि, (स्टेपल फाइबर डिवीजन) नागदा एवं मेसर्स ग्रेसिम इण्डस्ट्रीज लिमि. (केमिकल डिवीजन) नागदा के विरूद्ध न्यायालयीन प्रकरण दायर किये गये हैं। (ग) जी नहीं। इस प्रकार के उद्योगों को घनी आबादी में स्थापित होने के प्रावधान नहीं है, परन्तु मेसर्स लेंक्सेस इंडिया लिमिटेड (पूर्व नाम-मेसर्स ग्वालियर केमिकल लिमिटेड) ग्रेसिम समूह के उद्योगों के साथ पूर्व से स्थापित होकर औद्योगिक जोन में संचालित है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

नल-जल योजना

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

35. ( क्र. 1554 ) श्री बाबूलाल गौर : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) रायसेन जिले के विकासखण्‍ड बेगमगंज एवं सिलवानी में किन-किन ग्राम पंचायतों में नल-जल योजना चालू है तथा किन-किन ग्रामों की नल-जल योजना बंद है? बंद नल-जल योजनाओं को पुन: प्रारंभ करने के लिए विभाग द्वारा क्‍या कार्यवाही गई है? (ख) विकासखण्‍ड बेगमगंज एवं सिलवानी के किन-किन ग्रामों में नल-जल योजनाओं का कार्य अपूर्ण है? अपूर्ण योजनाओं का कार्य कब तक पूर्ण कर लिया जाएगा? (ग) विकासखण्‍ड बेगमगंज एवं सिलवानी में विगत 3 वर्षों में किस-किस नल-जल योजना में विभाग द्वारा क्‍या-क्‍या कार्य कराये गये तथा किस-किस संस्‍था को कितनी-कितनी राशि भुगतान की गई?

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। निश्चित समयावधि नहीं बताई जा सकती है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 के अनुसार है।

मजरे-टोले को आबादी ग्राम घोषित करना

[राजस्व]

36. ( क्र. 1565 ) श्री सचिन यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि             (क) कसरावद विधान सभा क्षेत्रान्‍तर्गत मजरे टोलों को आबादी के मान से राजस्‍व ग्राम घोषित करने की कार्यवाही के संबंध में प्रश्‍नकर्ता द्वारा कितने पत्र प्राप्‍त हुए और उन पर प्रश्‍न दिनांक तक की गई कार्यवाहीवार जानकारी देते हुए बतायें कि उक्‍त कार्यवाही से प्रश्‍नकर्ता को अवगत नहीं कराने में कौन-कौन जिम्‍मेदार है? पदनाम सहित जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में 2013 से प्रश्‍नांकित दिनांक तक कब-कब सर्वे किया गया? तत्‍समय की कार्यवाहीवार तत्‍संबंधी जानकारी दें? (ग) उक्‍त मजरों-टोलों में आबादी के मान से रहवासियों को सरकार द्वारा दी जाने वाली मूलभूत सुविधाओं से वंचित रखने के क्‍या कारण हैं? इस लापरवाही में जवाबदेही सुनिश्चित कर तत्‍संबंध में की गई कार्यवाही से अवगत करावें? (घ) प्रश्नांश (ख) में दर्शित कार्यवाही के उपरांत उक्‍त मजरों-टोलों को आबादी के मान से राजस्‍वत ग्राम घोषित नहीं किये जाने के क्‍या कारण हैं? कार्यवाही में विलंब एवं लापरवाही के संबंध में कौन-कौन जिम्‍मेदार है? उनके पदनाम सहित जानकारी दें?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) कसरावद विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत मजरे टोलों को आबादी के मान से राजस्व ग्राम घोषित करने की कार्यवाही के संबंध में 1- पत्र क्रमांक 786 दिनांक 25.01.2017 प्राप्त हुआ। प्राप्त पत्र के परिपालन में की गई कार्यवाही से कार्यालयीन पत्र क्रमांक 640/रीडर-2/17 दिनांक 27.02.2017 से माननीय क्षेत्रीय विधायक महोदय को अवगत करा दिया गया है। 2- पत्र क्र.1192/भू.अभि.खरगोन दिनांक 06.07.2017 की ओर से पत्र प्राप्त हुआ। कार्यवाही पूर्ण। अत: कोई जिम्मेदार नहीं। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में 2013 से प्रश्नांकित दिनांक तक वर्ष 2016-17 में सर्वे किया जाकर प्राप्त पत्र के परिपालन में तहसील कसरावद क्षेत्रान्तर्गत कुल 64 मजरे टोले चिन्हित किये गये, उनमें से तीन मजरे टोले (राघोगड़ नादला एवं बिलीदड़) पात्रता की श्रेणी में आने से कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ग) कोई रहवासी सुविधाओं से वंचित नहीं। अत: शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता (घ) कार्यवाही प्रक्रियाधीन है, अत: शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता।

गिरते भू-जल स्‍तर को ठीक करने की कार्ययोजना

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

37. ( क्र. 1593 ) श्री मेहरबान सिंह रावत : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सबलगढ़ विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत ग्राम पंचायत रामपुर, कमसौली, सेमना, वेरखेड़ा, सिमरौदा अहीर, सिमरौदा किरार, थरसोला, गोल्‍हारी एवं आस-पास की ग्राम पंचायतों के                भू-जल स्‍तर की क्‍या स्थिति थी तथा वर्तमान में इन विकासखण्‍डों के अंतर्गत भू-जल स्‍तर की क्‍या स्थिति है? (ख) क्‍या सबलगढ़ विकासखण्‍ड अंतर्गत कई ग्राम पंचायतों में विगत 10 वर्षों से अल्‍प वर्षा के कारण भू-जल स्‍तर काफी नीचे जाने से पीने के पानी की समस्‍या हो जाने के कारण आम जनता को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है? (ग) क्‍या गिरते जल स्‍तर को ठीक करने हेतु शासन ने कोई योजना बनाई है अथवा नहीं, तो क्‍यों? प्रश्‍नांश (क) अनुसार पेयजल संकट से निबटने के लिए विभाग की क्‍या तैयारी है? (घ) क्‍या पेयजल समस्‍या एवं सिंचाई की कमी को देखते हुये शासन द्वारा नवीन हैण्‍डपंप पर रोक हटा दी जायेगी एवं शासन द्वारा नवीन हैण्‍डपंप स्‍वीकृत कर नवीन हैण्‍डपंप अतिशीघ्र लगाये जाएंगे? समय-सीमा बताएं।

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। (ग) गिरते जल स्तर को ठीक करने हेतु योजना नहीं बनाई है, परंतु ग्रीष्मकाल में संभावित पेयजल संकट वाली बसाहटों में जलस्तर गिरने से बंद होने वाले हैंडपम्पों में राइजर पाइप विस्तार तथा सिंगलफेस पावरपंप स्थापना की कार्ययोजना बनाई गई है। (घ) पेयजल समस्या के निराकरण हेतु शासकीय नवीन नलकूप खनन पर कोई रोक नहीं है। शासन द्वारा आंशिक पूर्ण बसाहटों की वर्ष 2017-18 की स्वीकृत कार्ययोजना में प्रदत्त लक्ष्यानुसार नवीन हैण्डपंप लगाने की कार्यवाही प्रचलन में है जो कि 31 मार्च, 2018 तक पूर्ण किया जाना लक्षित है।

परिशिष्ट - ''चौवालीस''

स्‍थापित नल-जल योजनाएं

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

38. ( क्र. 1639 ) श्री बलवीर सिंह डण्‍डौतिया : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) दिनांक 26.07.2017 के प्रश्‍न क्र. (2658) के उत्‍तर भाग (ग) में बताया गया कि जी, हाँ राशि उपलब्‍ध कराई गई है टेंडर की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। तो क्‍या टेंडर प्रक्रिया पूर्ण होकर कार्य प्रारंभ कर दिये गये हैं। (ख) यदि नहीं, तो क्‍यों व कब तक कार्य प्रारंभ कर दिये जायेंगे?

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी हाँ। आमंत्रित 79 में से 73 निविदाएं स्वीकृत, शेष 06 निविदाएं पुनः आमंत्रित करने की कार्यवाही की जा रही है। अनुबंध निष्पादित करने के पश्चात शीघ्र ही कार्य प्रारंभ कराए जाएंगे। (ख) अनुबंध निष्पादन पश्चात कार्य प्रारंभ कराए जाएंगे।

बी.पी.एल. परिवारों को खाद्यान्‍न पर्ची वितरण

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

39. ( क्र. 1644 ) श्री गोविन्‍द सिंह पटेल : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गाडरवारा विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत ऐसे कितने लोग बी.पी.एल. कार्डधारी हैं तथा कितनों के खाद्यान्‍न पर्ची वितरित कर दी गई है एवं कितने खाद्यान्‍न पर्ची से वंचित हैं? (ख) क्‍या प्रत्‍येक बी.पी.एल. परिवार को खाद्यान्‍न पर्ची वितरित कर दी जाएगी, जिससे आवश्‍यक वस्तुएं प्राप्‍त कर सकें? (ग) क्‍या बिना राशन पर्ची के बी.पी.एल. कार्डधारी को राशन उपलब्‍ध कराया जावेगा और कैसे?

खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) गाडरवारा विधानसभा क्षेत्रांतर्गत कुल 59,074 परिवारों को पात्रता पर्ची का वितरण कर लाभ दिया जा रहा है जिसमें बी.पी.एल. श्रेणी के 46,701 परिवार हैं। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत भारत सरकार द्वारा निर्धारित आबादी की सीमा तक ही लाभ दिया जा सकता है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत पात्र परिवारों को स्‍थानीय निकाय द्वारा सत्‍यापन उपरांत पात्रता पर्ची (ई-राशनकार्ड) जारी की जाती है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत भारत सरकार द्वारा निर्धारित आबादी की सीमा तक ही लाभ दिया जा सकता है। अधिनियम अंतर्गत राज्‍य के लिए हितग्राहियों की अधिकतम सीमा निर्धारित है। इस सीमा से अधिक हितग्राहियों को लाभांवित करने का प्रावधान अधिनियम की धारा-3 के अंतर्गत न होने के कारण शेष आवेदकों की पात्रता नहीं बनती है। वर्तमान में सम्मिलित पात्र परिवारों में से हितग्राही की मृत्‍यु होने, विवाह होने से, अन्‍य स्‍थान पर निवास करने एवं पात्रता श्रेणी में न रहने के कारण हितग्रा‍ही की पात्रता में परिवर्तन होना एक निरंतर प्रक्रिया है। तद्नुसार नवीन पात्रता पर्ची निर्धारित सीमा में जारी की जा रही है। जिले में 01 मई, 2017 की स्थिति में परिवारों की संख्‍या के विरूद्ध जितने अपात्र परिवारों को पोर्टल पर विलोपित किया जायेगा, उतनी ही संख्या में संबंधित जिले के नवीन सत्यापित परिवारों को सम्मिलित किया जा सकेगा। जुड़ने वाले नवीन परिवारों में बी.पी.एल. एवं अनुसूचित जाति/जनजाति श्रेणी को प्राथमिकता दी जा रही है। वर्ष 2017-18 में नरसिंहपुर जिले में 94 परिवारों के 328 हितग्राहियों के लिए नवीन पात्रता पर्ची जारी की गई है। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्‍तर अनुसार। (ग) बगैर पात्रता पर्चीधारी परिवारों का राशन सामग्री उपलब्‍ध कराए जाने का प्रावधान नहीं है।

पोलिटेक्निक महाविद्यालय के संबंध में

[तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास]

40. ( क्र. 1645 ) श्री गोविन्‍द सिंह पटेल : क्या राज्‍यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या गाडरवारा विधान सभा क्षेत्र में दिनांक 8 मई 2017 को मुख्‍यमंत्री जी के गाडरवाडा नगर प्रवास के दौरान पोलिटेक्निक महाविद्यालय खोलने की घोषणा की गई थी? यदि हाँ, तो अभी तक विभाग ने इस पर क्‍या कार्यवाही की है? (ख) गाडरवारा नगर में पोलिटेक्निक महाविद्यालय प्रारंभ कर दिया जाएगा? यदि हाँ, तो कब-तक बतावें?

राज्‍यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक कैलाश जोशी ) : (क) जी नहीं। अपितु माननीय मुख्‍यमंत्रीजी द्वारा दिनांक 09.03.2017 को पोलिटेक्निक महाविद्यालय खोले जाने की घोषणा की गई है। संस्‍था की स्‍थापना हेतु विस्‍तृत परियोजना प्रोजेक्‍ट रिपोर्ट तैयार कर प्रशासकीय अनुमोदन प्राप्‍त किया जा चुका है। सक्षम समिति के अनुमोदन हेतु कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ख) जी हाँ। समय-सीमा बनाये जाना संभव नहीं है।

उद्योगों द्वारा फैलाये जा रहे प्रदूषण पर कार्यवाही

[पर्यावरण]

41. ( क्र. 1695 ) श्री हेमन्‍त सत्‍यदेव कटारे : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या औद्योगिक क्षेत्र मालनपुर स्थित खाद्य पदार्थ बनाने वाली इण्‍डस्‍ट्रीज कैडवरी से निकलने वाला गंदा प्रदूषित पानी गोहद की बंसली नदी को प्रदूषित कर रहा है? इसी प्रकार नीवा व पारस इण्‍डस्‍ट्रीज से निकलने वाली राख को एक निश्चित स्‍थान पर न डालते हुये कहीं भी फैंक दिया जाता है व यहां से निकला गंदा प्रदूषित पानी ग्राम गुरीखा के आसपास भरा होने से पूरे क्षेत्र में भारी प्रदूषण व्‍याप्‍त है, शिकायतें करने पर भी इस पर कोई कार्यवाही नहीं हुई? दोषियों पर कार्यवाही कब तक की जावेगी? (ख) क्‍या फिक्स Fiex एवं मेन्‍टेज Mentez इण्‍डस्‍ट्रीज द्वारा बिना प्रदूषण बोर्ड से अनुमति प्राप्‍त किये वायलर का उपयोग वायलर में ईंधन के रूप में कोयले के स्‍थान पर प्‍लास्टिक, लकड़ी व कचरे का उपयोग करने से जहरीली गैस निकलती है जिससे पूरे मालनपुर के आसपास भारी प्रदूषण व बीमारियां फैल रही हैं? इस संबंध में विभागीय अधिकारियों द्वारा क्‍या कार्यवाही की गई? (ग) इस प्रकार औद्योगिक इकाइयों से उत्‍सर्जित हो रहे गंदे व केमिकल युक्‍त पानी, राख व जहरीली गैसों से मालनपुर सहित आसपास के नागरिकों के स्‍वास्‍थ्‍य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है जिसे देखते हुये क्‍या शासन तत्‍काल प्रभावी कार्यवाही करेंगा? यदि हाँ, तो एवं दोषी अधिकारी एवं उद्योगों के खिलाफ कार्यवाही की जावेगी? कब तक?

पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जी नहीं। जी नहीं, प्रश्नांकित नीवा (स्टलिंग एग्रो इण्डस्ट्रीज) एवं पारस (व्ही.आर.एस.फूड्स लि.) उद्योगों से निकलने वाली राख को स्थानीय कृषकों की मांग के आधार पर प्रदान किया जाता है। इन उद्योगों द्वारा परिसर के बाहर गंदा प्रदूषित पानी निस्तारित नहीं किया जाता है और ना ही इस संबंध में कोई शिकायत प्राप्त हुई है, अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी नहीं। प्रश्नाधीन फिक्स (यूफ्लेक्टस लिमिटेड-लीजी मोण्टेज इंटरप्राइजेज) एवं मेंटेज (मोण्टेन इंटरप्राइजेज) द्वारा ईधन के रूप में कोयले का उपयोग किया जाता है, अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) उत्तरांश '''' एवं '''' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।

नायब तहसीलदार के रूप में कार्यरत सशक्‍त राजस्‍व निरीक्षक 

[राजस्व]

42. ( क्र. 1696 ) श्री हेमन्‍त सत्‍यदेव कटारे : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि  (क) क्‍या प्रदेश में राजस्‍व अधिकारियों की कमी को दृष्टिगत रखते राजस्‍व निरीक्षकों को सशक्‍त राजस्‍व निरीक्षक बनाया जाकर नायब तहसीलदार के रूप में पदस्‍थ कर कार्य लिया जा रहा है? यदि हाँ, तो सशक्‍त निरीक्षक बनाये जाने के मापदण्‍ड व नियम बताएं? (ख) क्‍या सशक्‍त राजस्‍व निरीक्षक के रूप में चयनित अधिकारी को नायब तहसीलदार के रूप में कार्य करने के पूर्व कुछ विभागीय परीक्षाएं उत्‍तीर्ण करना आवश्‍यक हैं? यदि हो तो कौन-कौन सी परीक्षाएं? (ग) क्‍या सशक्‍त राजस्‍व निरीक्षकों को नायब तहसीलदार के रूप में कार्य करने के साथ-साथ अपने मूल पद राजस्‍व निरीक्षक के कार्यों को भी संपादित करने के भी नियम हैं? (घ) क्‍या भिण्‍ड जिले में सशक्‍त राजस्‍व निरीक्षक श्री बलवीर सिंह भदौरिया द्वारा आवश्‍यक विभागीय परीक्षाएं उत्‍तीर्ण की हैं? यदि नहीं, तो ऐसे अयोग्‍य अधिकारी द्वारा राजस्‍व प्रकरणों में पारित समस्‍त न्‍यायालयीन आदेश की वैधानिकता क्‍या होगी अथवा शून्‍य घोषित होंगे, साथ ही ऐसे सशक्‍त राजस्‍व निरीक्षकों को नायब तहसीलदार के प्रभार से मुक्‍त किया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। राजस्‍व निरीक्षकों को मध्‍यप्रदेश भू-राजस्‍व संहिता 1959 की धारा 24 की उपधारा (1) के तहत तहसीलदार की शक्‍तीयां प्रदान की गई है।           (ख) जी नहीं। (ग) जी हाँ। (घ) जी नहीं। प्रश्नांश (क) के उत्‍तर के प्रकाश में शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

गंधवानी विधान सभा में कौशल विकास केन्‍द्र

[तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास]

43. ( क्र. 1712 ) श्री उमंग सिंघार : क्या राज्‍यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार जिले अंतर्गत गंधवानी विधान सभा क्षेत्र में कितने कौशल विकास केन्‍द्र स्‍थापित किये गये हैं और कितने प्रस्‍तावित है? (ख) उक्‍त केन्‍द्रों पर किस-किस प्रकार का कोर्स सिखाया जाता है और पिछले तीन वर्षों में कितने युवाओं ने इसका लाभ लिया? संपूर्ण ब्‍यौरा उपलब्‍ध करावें, जिसमें युवा का नाम, पता, कोर्स का नाम आदि जानकारी शामिल हो।

राज्‍यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक कैलाश जोशी ) : (क) गंधवानी विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत एक कौशल विकास केन्‍द्र स्‍थापित है। वर्तमान में कोई भी प्रस्‍तावित नहीं है। (ख) गंधवानी कौशल विकास केन्‍द्र में चार माड्यूल्‍स कम्‍प्‍यूटर ऑपरेटर, स्‍वीइंग ऑपरेटर (टेलर) वेल्‍डर आर्क, इलेक्‍ट्रीशियन डोमेस्टिक में प्रशिक्षण दिया जाता था। संचालित कोर्स में प्रशिक्षित प्रशिक्षणार्थियों के नाम एवं पते के विवरण की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है।

निस्‍तार पत्रक में दर्ज जमीनों का नियंत्रण एवं प्रबंधन

[राजस्व]

44. ( क्र. 1755 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. भू-राजस्‍व संहिता 1959 की धारा 234 के तहत बनाये गये निस्‍तार पत्रक की प्रति एवं निस्‍तार पत्रक में दर्ज संसाधनों का अधिकार, प्रबंधन एवं नियंत्रण संबंधित पंचायती राज व्‍यवस्‍था को सौंपे जाने का क्‍या प्रावधान है? इस संबंध में शासन ने किस दिनांक को पत्र जारी किया? प्रति सहित बतावें। (ख) हरदा, होशंगाबाद एवं बैतूल जिले के कितने ग्राम के निस्‍तार पत्रक की प्रति एवं कितने ग्रामों के निस्‍तार पत्रक में दर्ज कितनी जमीनों का अधिकार, नियंत्रण एवं प्रबंधन ग्रामसभा एवं ग्राम पंचायत को सौंपा जाना शेष है, कितने ग्रामसभा एवं ग्राम पंचायत को निस्‍तार पत्र की प्रति सौंप दी गई है? तहसीलवार बतावें। (ग) निस्‍तार पत्रक की प्रति सौंपे जाने एवं निस्‍तार पत्रक में दर्ज जमीनों का प्रबंधन, नियंत्रण एवं अधिकार सौंपे जाने की कार्यवाही कब तक पूरी कर ली जावेगी?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) राजस्व विभाग के पत्र क्रमांक एफ 30/57/2011/सात-2A भोपाल दिनांक 18 मार्च 2011 से ग्रामसभा, ग्राम पंचायत को आम निस्तार की भूमि को अनाधिकृत अधिपत्यधारियों से खाली करवाकर सौंपे जाने के निर्देश दिये गये। प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) जिला होशंगाबाद - सभी ग्रामों के निस्तार पत्रक पंचायतों को सौंप दिये गये है। तहसीलवार ग्राम पंचायत निस्तार पत्रक सौंपे जाने की जानकारी निम्नानुसार है - तहसील सिवनीमालवा - 87, तहसील इटारसी - 58, तहसील होशंगाबाद - 23, तहसील बावई - 60, तहसील सोहागपुर - 63, तहसील पिपरिया - 54, तहसील वनखेड़ी - 57, तहसील डोलरिया - 25, जिला हरदा- जिला हरदा अंतर्गत ग्राम के निस्तार पत्रक की प्रति ग्राम पंचायतों को सौंप दी गयी है, जिसकी तहसीलवार जानकारी इस प्रकार है. तहसील हरदा 86 ग्राम (36 ग्राम पंचायत), हंडिया ग्राम 109 (ग्राम पंचायत 35), टिमरनी 60 ग्राम (ग्राम पंचायत 28), रहटगांव 74 ग्राम (30 ग्राम पंचायत), खिरकिया 90 ग्राम (34 ग्राम पंचायत), सिराली 107 ग्राम (33 ग्राम पंचायत) जिला- बैतूल बैतूल जिले में 1303 ग्रामों निस्तार पत्रक की प्रति एवं निस्तार पत्रक में दर्ज 209418 हे. जमीनों का अधिकार नियंत्रण एवं प्रबंधन ग्राम सभा एवं ग्राम पंचायत को सौंप दिए गए है। तहसीलवार विवरण इस प्रकार है :-  तहसील को सौंपे गए निस्तार पत्रक की संख्या। बैतूल 188, चिचोली 71, शाहपुर 117, घोड़ाडोंगरी 146, मुलताई 260, आमला 156, भैंसदेही 272, आठनेर 93, कुल 1303              (ग) जिला हरदा, होशंगाबाद एवं बैतूल में कार्यवाही पूर्ण की जा चुकी है।

स्‍वीकृत व रिक्‍त पदों की जानकारी

[राजस्व]

45. ( क्र. 1776 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) हरदा जिले के सभी विभागों में किस-किस श्रेणी के कुल कितने पद स्‍वीकृत हैं, स्‍वीकृत पदों के विरूद्ध कुल कितने पद भरे हैं एवं कितने पद रिक्‍त हैं? विभागवार जानकारी उपलब्‍ध करावें।                            (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार रिक्‍त पद कब से रिक्‍त हैं? पदों की पूर्ति अभी तक नहीं किये जाने का क्या कारण है? (ग) हरदा जिले में रिक्‍त पदों की पूर्ति हेतु क्‍या-क्‍या प्रयास किये गये? विभागवार जानकारी उपलब्‍ध करावें। (घ) हरदा जिले में रिक्‍त पदों की पूर्ति कब तक कर दी जावेगी?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार।            (ख) सेवानिवृत्‍त/स्‍थानांतरण होने से रिक्‍त है। (ग) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार। (घ) समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

पीने के पानी की समस्या

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

46. ( क्र. 1785 ) डॉ. कैलाश जाटव : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विधानसभा क्षेत्र गोटेगांव अंतर्गत कितने ग्रामों में ग्रीष्‍म काल में पीने के पानी की सहज उपलब्धता नहीं हो पाती है? सूची प्रदान करें। (ख) जिन ग्रामों में ग्रीष्‍म काल में पीने के पानी की समस्या आती हैं क्‍या वहां उक्त समस्या से निजात दिलाने हेतु विभाग की ओर से कोई कार्ययोजना तैयार की गई है? यदि हाँ, तो अवगत करावें। (ग) विधानसभा क्षेत्र गोटेगांव में पायली जल प्रदाय योजना में कितने ग्रामों को शामिल किया गया है? सूची प्रदान करें। शामिल ग्रामों में से कितने ग्रामों में निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है एवं कितने ग्रामों में कार्य अपूर्ण है की सूची प्रदान करें? (घ) दो वर्ष बीत जाने के बाद भी जिन ग्रामों में पायली जल प्रदाय योजना अंतर्गत निर्माण अपूर्ण/अप्रारंभ हैं? का कारण स्पष्ट करें। (ड.) 1000 एवं 500 आबादी वाले ग्रामों को नल-जल योजना से जोड़े जाने हेतु ग्रामों का चयन का आधार क्या था? इस योजना में विधानसभा क्षेत्र के कितने ग्रामों को जोड़ा गया है? क्या इन ग्रामों में कार्य प्रारंभ हो चुका है? स्वीकृत राशि सहित ग्रामों की सूची प्रदान करें।

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी नहीं, विधानसभा क्षेत्र गोटेगांव अंतर्गत सभी ग्रामों में ग्रीष्मकाल में न्यूनतम आवश्यक मात्रा में पेयजल उपलब्ध होता है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) ग्रीष्म ऋतु के दौरान जिन हैण्डपंपों में जलस्तर में गिरावट संभावित हैं उनमें विभाग द्वारा राइजर पाइप बढ़ाने एवं सिंगलफेस मोटरपंप डालने की कार्ययोजना बनाई गई है। (ग) पायली समूह जलप्रदाय योजना में विधानसभा क्षेत्र गोटेगांव के 50 ग्रामों को सम्मिलित किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। योजनांतर्गत ग्रामों में कार्य प्रारंभ नहीं हुआ है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (घ) पायली समूह जल प्रदाय योजना के क्रियान्वयन हेतु वित्तीय संयोजन सुनिश्चित न होने के कारण निर्माण कार्य प्रारंभ नहीं किया गया है। (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। विधानसभा क्षेत्र गोटेगांव के 14 ग्रामों को चिन्हाकिंत किया गया है। जी नहीं। चिन्हांकित ग्रामों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है, इन ग्रामों में सफल स्रोत प्राप्त होने पर योजना की डी.पी.आर. तैयार कर राशि की स्वीकृति देने का प्रावधान है।

ग्रामीण स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के कार्य

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

47. ( क्र. 1786 ) डॉ. कैलाश जाटव : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) गोटेगांव विधानसभा क्षेत्रांतर्गत वर्ष 2016-17 एवं 2017-18 में प्रश्‍न दिनांक तक विभाग द्वारा कितने निर्माण कार्य स्वीकृति किये गये? सूची उपलब्ध करावें। स्वीकृत कार्यों में कितने प्रगति पर हैं, सूची उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार कितने कार्य वित्तीय स्वीकृति प्राप्त न होने के कारण प्रारंभ नहीं हुये एवं कितने कार्य वित्तीय स्वीकृति मिलने के पश्चात भी प्रारंभ नहीं हुए? सूची उपलब्ध करावें। (ग) निविदा प्रक्रिया पूर्ण हो जाने के पश्चात भी कितने कार्य अधूरे हैं एवं कार्य पूर्ण न होने के बाद भी कितने कार्यों का भुगतान किया गया? यदि भुगतान किया गया है, तो किस आधार पर? सूची उपलब्ध करावें। (घ) अधूरे निर्माण कार्यों के लिए निर्माण एजेंसी/संबंधित अधिकारियों पर क्या कार्यवाही की गई?

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) वर्ष 2016-17 एवं 2017-18 में क्रमशः 60 एवं 47 निर्माण कार्य स्वीकृत किये गये। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) सभी कार्यों की प्रशासकीय स्वीकृति प्राप्त हो चुकी हैं। तीन योजनाओं मुंगवाई, पालामुंडरई एवं सहजपुरा के कार्य अप्रारंभ है। (ग) केवल बौछार ग्रामीण नल-जल योजना अन्तर्गत उच्च स्तरीय टंकी का निर्माण प्रगति पर है। किये गये कार्यों का मापांकन के आधार पर भुगतान किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) उत्तरांश-'' एवं '' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।

 

रहवासी क्षेत्रों में हो रहे पटाखे हादसे

[गृह]

48. ( क्र. 1812 ) श्री राजेश सोनकर : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                  (क) इन्दौर जिले के अंतर्गत संचालित होने वाली फटाखा दुकानें रहवासी क्षेत्र में संचालित होने से राउ एवं रानीपुरा क्षेत्र में बड़े हादसे हो चुके है? हाँ या नहीं? यदि हाँ, तो उक्त हादसे के दोषियों पर किस अपराधिक धारा में प्रकरण दर्ज है? क्या इसमें कोई अधिकारी भी दोषी है? हाँ या नहीं वर्तमान में प्रकरण की क्या स्थिति है? दोषियों पर क्या कार्यवाही कि गई है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में इन्दौर जिले अंतर्गत राउ स्थित फटाखा गोदाम में आग लगने से जनहानि होने से इन्दौर के रहवासी क्षेत्रो से बाहर फटाखा दुकानों के संचालन हेतु प्रशासन द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई? क्या इन्हें शहर के बाहर व्यवस्थित गोदाम एवं दुकान आवंटित कि जानी है? यदि हाँ, तो कहाँ पर स्थापित किया जायेगा व कब तक स्‍थापित करने की प्रक्रिया पूर्ण की जायेगी? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में रहवासी क्षेत्र में हादसे के पश्चात् पटाखों कि स्थाई दुकाने एवं गोदामों को शहर के बाहर कब तक स्‍थापित किया जायेगा?

गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ उक्त हादसे के दोषियों पर राउ क्षेत्रांतर्गत थाना राउ में अपराध क्र.143/2016 धारा 304,308,34 भा.दं.वि. व 9 बी विस्फोटक अधिनियम व 3 (2) 5 एस.सी.एस.टी. एक्ट एवं रानीपुरा क्षेत्र अंतर्गत थाना सेन्ट्रेल कोतवाली में अप.क्र.75/2017 धारा 304, 308, 427 भा.दं.वि. 9 ख विस्फोटक अधिनियम के अंतर्गत अपराध पंजीबद्ध किए गए हैं। जी हाँ। रानीपुरा क्षेत्र की घटना के संबंध में मजिस्ट्रियल जाँच अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी (पूर्व) जिला इंदौर द्वारा की गई जिन्होंने अपनी जाँच रिपोर्ट में लेख किया है कि पूरे प्रकरण में क्षेत्र के संबंधित थाना प्रभारी रानीपुरा बीट में पदस्थ अमला एवं कार्यपालिक मजिस्ट्रेट की घोर लापरवाही पटाखा अवैध बिक्री होने से प्रदर्शित होती है, जिसके लिए वे दोषी हैं तथा उनके विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की अनुशंसा की जाती है। मजिस्ट्रियल जाँच प्रतिवेदन के आधार पर रानीपुरा क्षेत्र की घटना में पदीय उत्तरदायित्वों के निर्वहन में उदासीनता बरतने वाले अधिकारियों को दण्डित किया गया है। कार्यपालिक मजिस्ट्रेट के संबंध में अनुशासनात्मक कार्यवाही प्रचलन में है। थाना सेन्ट्रल कोतवाली का अपराध क्र.75/2017 विवेचनाधीन है। थाना राउ के अप.क्र.143/2016 में सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर विवेचना उपरांत चालान क्र.198/17 दि.06.07.2017 माननीय न्यायालय में पेश किया गया है। राउ क्षेत्र अंतर्गत घटित घटना में किसी अधिकारी को दोषी नहीं पाया गया है। (ख) इन्दौर जिले में पटाखे दुकानों में आग लगने की घटित घटनाओं के परिप्रेक्ष्‍य में इन्दौर जिले में आबादी क्षेत्रों में स्थित पटाखा दुकानों के लायसेंस निरस्त कर दिये गए है। जिनके लायसेंस आबादी में होने से निरस्त किए हैं, उन्हें आबादी से बाहर सुरक्षित स्थल हेतु नवीन लायसेंस के लिए आवेदन पत्र प्रस्तुत करने को कहा गया है। उक्त कार्यवाही शीघ्र संपादित कराये जाने के प्रयास किए जा रहे है। (ग) उक्त कार्यवाही शीघ्र संपादित कराये जाने हेतु प्रयास किये जा रहे है।

श्रवणबाधित भृत्य, के स्थानांतरण बावत्

[राजस्व]

49. ( क्र. 1821 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. शासन राजस्व विभाग के आदेश क्र.एफ/2-6/2017 सात-4, दिनांक 14-07-2017 द्वारा 34 भृत्यों के स्थानांतरण किये गये हैं? (ख) यदि हाँ, तो जितेन्द्र कुमार पटेल 100 प्रतिशत श्रवणबाधित भृत्य के स्थानांतरण हेतु प्रेषित पत्र क्र. 5385 दिनांक 18-01-2017 पर विचार क्यों नहीं किया गया? (ग) क्या मानवीय आधार पर पूर्व में किये गये 34 स्थानांतरणों को देखते हुये इस पर विचार किया जायेगा?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ, (ख) उक्‍त पत्र क्रमांक 5385 दिनांक 18.01.2017 प्रमुख राजस्‍व आयुक्‍त कार्यालय एवं विभाग में नहीं पाया जाता है। (ग) पत्र प्राप्‍त होने पर नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी।

सरकारी विभागों की उदासीनता.

[विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी]

50. ( क्र. 1823 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जबलपुर में आई.टी. पार्क की इमारत बनकर तैयार है? (ख) यदि हाँ, तो क्या सरकारी/ स्थानीय विभागों की उदासीनता के कारण विकास अवरूद्ध हो गया है? (ग) क्या स्ट्रीट लाईट, पानी, आवागमन के साधन, सुरक्षा आदि सुविधायें उपलब्ध नहीं कराई गई हैं? (घ) क्या ऐसी स्थिति में आई.टी. पार्क प्रारंभ हो पायेगा? यदि नहीं, तो इसके लिये कौन जिम्मे‍वार है?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। (ग) जी नहीं, आई.टी. पार्क में स्‍ट्रीट लाईट, पानी, आवागमन के साधन, सुरक्षा आदि सुविधायें उपलब्‍ध हैं। (घ) उत्‍तरांश '''' के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

मछुआ आवास निर्माण हेतु अनुदान राशि का आवंटन

[मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास]

51. ( क्र. 1824 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र पनागर के अंतर्गत कितने पट्टाधारी एवं गरीबी रेखा धारक मछुवारे हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के अंतर्गत विगत 5 वर्षों में कितने मछुआरों को मछुआ आवास योजना के अंतर्गत‍ आवास निर्माण हेतु अनुदान राशि दी गई? संख्या बतावें? (ग) शेष मछुआरों को राशि क्यों नहीं दी गई? (घ) क्या चालू वित्तीय वर्ष में शेष मछुआरों को राशि दी जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्यों?

पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) कुल 509 मछुआरे है। (ख) विगत 5 वर्षों में 30 मछुआरों को मछुआ आवास योजना के अंतर्गत मछुआ आवास निर्माण हेतु अनुदान राशि दी गई है। (ग) बजट आवंटन प्राप्‍त होने पर विचार किया जावेगा। (घ) चालू वित्‍तीय वर्ष में अनुसूचित जाति के 02 मछुआरों को मछुआ आवास निर्माण हेतु अनुदान राशि प्रदाय की गई है। शेष उत्‍तरांश "ख" अनुसार।

निर्माणाधीन पाइप लाइन निर्माण में किये गए भ्रष्टाचार की जाँच

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

52. ( क्र. 1852 ) श्री दिव्‍यराज सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या जिला रीवा के विकासखण्ड जवा की ग्राम पंचायत चौखण्डी में पाइप लाइन निर्माण का कार्य कराया गया है? यदि हाँ, तो ग्राम पंचायत के किन-किन वार्डों में अभी तक पाइप लाइन नहीं बिछाई गई है? (ख) क्या उक्त निर्माण में गुणवत्ता पूर्ण पाईप का प्रयोग नहीं किया गया है? यदि हाँ, तो क्या उक्त निर्माण कार्य की जाँच कराकर दोषियों के विरुद्ध कार्यवाही की जावेगी? समय-सीमा बतायें।

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी हाँ। ग्राम पंचायत चोखण्डी के ग्राम चोखण्डी के वार्ड क्रमांक 01,10,13 एवं 14 में पाईप लाईन नहीं बिछाई गई है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्नांश ही उपस्थित नहीं होता है।

आय-व्यय की जानकारी प्रदाय करना

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

53. ( क्र. 1857 ) श्रीमती झूमा सोलंकी : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग भीकनगांव क्षेत्रान्तर्गत वर्ष 2014-15 से वर्ष 2017-18 तक विभिन्न नल-जल योजना संधारण हैण्‍डपंप संधारण, खनन एवं पेयजल संबंधित समस्त कार्य हेतु एवं प्रशासनिक मद में कितना आवंटन प्राप्त हुआ है वर्षवार प्राप्त आवंटन किस मद हेतु प्राप्त हुआ तथा क्या कार्य किया जाना है? (ख) वर्णित प्राप्त आवंटन में से कौन-कौन से कार्य हेतु राशि खर्च की गई वर्षवार किए गये खर्च का विवरण मदवार, कार्यवार तथा प्रशासनिक व्यय किन-किन सामग्री क्रय करने पर किया गया है? विवरण उपलब्ध करावें? (ग) विभाग अन्तर्गत किए गए ऑडिट की ऑडिट रिपोर्ट वर्ष 2014-15में निरंतर वर्ष 2017-18 तक की उपलब्ध करावें?

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) आवंटन जिले को प्राप्त होता है, क्षेत्रवार नहीं। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।

फसल बीमा राशि का भुगतान

[राजस्व]

54. ( क्र. 1858 ) श्रीमती झूमा सोलंकी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                 (क) खरगोन जिले के अन्तर्गत भीकनगांव विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत वर्ष 2017 में अनियमित मानसून हवा-आंधी, वायरस (कीड़ों के प्रकोंपों) से, बीज की खराबी एवं अन्य प्राकृतिक कारणों से खरीफ के मौसम में किन-किन ग्रामों में कितने कृषकों की कितने हेक्टेयर फसल नष्ट हुई है या उत्पादन प्रभावित हुआ है? (ख) ग्रामवार, कृषकों की संख्यात्मक जानकारी बतावें? उपरोक्त अनुसार कितने कृषकों की फसल बीमा की प्रीमियम राशि सहकारी/राष्ट्रीयकृत बैंक द्वारा की गई? ग्रामवार, कृषकों की संख्यात्मक जानकारी दें? (ग) क्या जिन कृषकों के बीमे की प्रीमियम जमा की गई है तथा प्राकृतिक कारणों से फसल नष्ट हुई है या उपज कम प्राप्त हुई है? उन्हें बीमा की राशि प्रदाय की जावेगी? हाँ तो कब तक तथा किस मापदण्ड से भुगतान होगा? नहीं तो क्या कारण हैं?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ, खरगोन जिले के 244 ग्रामों में उत्‍पादन प्रभावित हुआ हैं। (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। (ग) जी हाँ, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजनान्‍तर्गत निर्धारित मापदण्‍डों की पूर्ति होने पर पात्रतानुसार भुगतान किया जावेगा।

वितरित राशन की पर्ची की जानकारी

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

55. ( क्र. 1868 ) श्री गोपालसिंह चौहान (डग्‍गी राजा) : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला अशोकनगर के जनपद ईसागढ़ एवं चंदेरी के अंतर्गत आने वाली प्रत्‍येक ग्राम पंचायतों में खाद्य विभाग द्वारा वितरित राशन पर्ची समय पर क्‍यों नहीं निकल रही है?                                  (ख) जनपद ईसागढ़ के अंर्तगत आने वाली बहुत सी ग्राम पंचायतो में BPL राशन कार्ड 8 माह पहले बनने के बाद भी आज दिनांक तक राशन पर्ची क्‍यों नहीं प्राप्‍त हो रही है? कारण बताये? यदि कोई कर्मचारी/अधिकारी इसमें दोषी पाया जाता है तो उसके खिलाफ क्‍या कार्यवाही होगी?

खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) अशोकनगर जिले में कुल 1,30,713 परिवारों (6,08,411 हितग्राही) को पात्रता पर्ची का वितरण कर लाभ दिया जा रहा है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत भारत सरकार द्वारा राज्‍य के लिए हितग्राहियों की अधिकतम सीमा निर्धारित है। इस सीमा से अधिक हितग्राहियों को लाभांवित करने का प्रावधान अधिनियम की धारा-3 के अंतर्गत न होने के कारण शेष आवेदकों को सम्मिलित नहीं किया गया है। वर्तमान में सम्मिलित पात्र परिवारों में से हितग्राही की मृत्‍यु होने, विवाह होने से, अन्‍य स्‍थान पर निवास करने एवं पात्रता श्रेणी में न रहने के कारण हितग्रा‍ही की पात्रता में परिवर्तन होना एक निरंतर प्रक्रिया है। तदनुसार नवीन पात्रता पर्ची निर्धारित सीमा में जारी की जा रही है। जिले में 01 मई, 2017 की स्थिति में सदस्‍यों की संख्‍या के विरूद्ध विलोपन योग्‍य सदस्‍य को पोर्टल पर विलोपित किया जा कर, उतनी ही संख्या में संबंधित जिले के नवीन सत्यापित सदस्‍यों को सम्मिलित किया जा रहा है। जुड़ने वाले नवीन परिवारों में बी.पी.एल. एवं अनुसूचित जाति/जनजाति श्रेणी को प्राथमिकता दी जा रही है। वर्ष 2017-18 में अशोकनगर जिले में 72 परिवारों के 348 हितग्राहियों के लिए नवीन पात्रता पर्ची जारी की गई है। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्‍तर अनुसार। विलंब के लिए किसी के दोषी होने का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

अवैध कालोनियों का विकास

[राजस्व]

56. ( क्र. 1888 ) श्री कैलाश चावला : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                        (क) जिला नीमच के मनासा नगर में अवैध कालोनियों के विकास हेतु नगर पालिका अधिनियम के अंतर्गत विकास कराए जाने हेतु व ऐसे कॉलोनी निर्माण करने वाले कॉलोनाईजर के विरुद्ध कार्यवाही करने हेतु प्रश्‍नकर्ता द्वारा अधिकारी राजस्‍व उपखण्‍ड मनासा जिला नीमच को दिनांक 10 सितम्‍बर 2017 को एक पत्र लिखा गया था। (ख) प्रश्‍नांश (क) में उल्‍लेखित पत्र पर विभाग द्वारा क्‍या कार्यवाही की गई।

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। (ख) मुख्‍य नगर पालिका अधिकारी मनासा को अवैध कालोनी के सर्वे कराया जाकर नियमितिकरण की कार्यवाही हेतु निर्देशित किया गया जिसके परिपालन में मुख्‍य नगर पालिका अधिकारी मनासा द्वारा म.प्र.शासन, नगरीय प्रशासन व विकास विभाग मंत्रालय भोपाल के परिपत्र क्रमांक 1-30/2011/18-3 दिनांक 06.092013 के प्रावधान अन्‍तर्गत अवैध कॉलोनियों के नियमितिकरण हेतु नगर परिषद के प्रस्‍ताव क्रमांक 397 दिनांक 11.09.2017 पारित किया गया है, तदनुसार अवैध कालोनी के नियमितिकरण की कार्यवाही प्रचलित है एवं अवैध कॉलोनी निर्माण करने वाले व्‍यक्तियों के विरूद्ध अनुविभागीय अधिकारी (राजस्‍व) न्‍यायालय मनासा में प्र.क्र. 99/बी-121/16-17 दर्ज दिनांक 09.05.2017 प्र.क्र. 180/बी-121/16-17 दर्ज, दिनांक 28.09.2017 प्र.क्र. 14/बी-121/17-18 दर्ज दिनांक 07.10.2017 प्र.क्र. 35/बी-121/17-18 दर्ज दिनांक 27.10.2017 दर्ज किया जाकर कार्यवाही प्रचलित है, साथ ही दिनांक 10.08.2017 को अवैध कालोनाईजर के विरूद्ध कार्यवाही हेतु एवं जनहित में (चौधरी कालोनी) अवैध कालोनी के नियमितिकरण हेतु प्रतिवेदन भिजवाया गया है।

नल-जल योजना

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

57. ( क्र. 1908 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) भगवानपुरा विधानसभा क्षेत्र में वर्तमान में किन-किन स्थानों पर नल-जल योजना संचालित की जा रही है? विगत 3 वर्षों में विभाग द्वारा इन ग्राम पंचायतों में नल-जल योजना अंतर्गत पेयजल/टंकी/संरचनाओं को निर्माण कर कब-कब ग्राम पंचायतों को हस्तांतरित की गई? (ख) उक्त नल-जल योजनाओं को किन-किन ठेकेदार द्वारा क्या-क्या कार्य किया गया?                             (ग) उक्त योजनाओं में किन-किन स्थानों पर मेंटेनेंस कार्य वर्तमान में किसके द्वारा किया जा रहा है? इन योजनाओं में ग्राम पंचायत द्वारा जमा की गई राशि का विवरण देवे? (घ) वर्तमान में उक्त नल-जल योजनाओं में प्रयुक्त मोटर कितने एचपी की है तथा पंप कितनी स्टेज का है?

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं 2 के अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) संबंधित ग्राम पंचायतों द्वारा किया जा रहा है। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।              (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।

परिशिष्ट - ''पैंतालीस''

अटैचमेंट स्थानांतरण

[गृह]

58. ( क्र. 1909 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                    (क) प्रश्न दिनांक तक खरगोन जिले में किन-किन स्थानों पर कौन-कौन आरक्षक, प्रधान आरक्षक, उपनिरीक्षक एवं निरीक्षक अस्थायी तौर (आगामी आदेश तक) पर कब से अटैच हैं। नाम, पद, मूल पदस्थापना सहित सूची देवें। यह अटैचमेंट कब निरस्त किये जावेंगे? (ख) उक्त सूची में किन-किन आरक्षक, प्रधान आरक्षक, उपनिरीक्षक एवं निरीक्षक का अटैचमेंट वाला स्थान/थाना/चैकी गृह थाना, गृह विकासखण्ड या गृह जिला है? नाम, पद सहित सूची देवें। (ग) उक्त अटैचमेंट संबंधी विभागीय निति/निर्देशों की प्रति देवें। लंबी अवधि के अटैचमेंट, स्थानांतरण से क्यों भिन्न हैं? अटैचमेंट के स्थान पर स्थानांतरण क्यो नहीं किया गया? (घ) उक्त अटैचमेंट वाले किन-किन कर्मचारी/ अधिकारियों को शासकीय आवास उपलब्ध कराये गये है। नाम, पद, स्थान, आवास देने की दिनांक सहित सूची देवें।

गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) प्रश्न दिनांक तक खरगोन जिले में कोई भी आरक्षक, प्रधान आरक्षक, उप निरीक्षक एवं निरीक्षक अटैच नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।                (ख) से (घ) प्रश्नांश '' के उत्तर के परिप्रे‍क्ष्‍य में प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।

पंचायतों में नल-जल योजना का संचालन

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

59. ( क्र. 1910 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) खरगोन जिले में वर्तमान में किन-किन ग्राम पंचायतों में नल-जल योजना संचालित की जा रही है? पीएचई विभाग द्वारा इन ग्राम पंचायतों में नल-जल योजना अंतर्गत पेयजल/टंकी/संरचनाओं का निर्माण कर वर्ष 2016-17 से कब-कब ग्राम पंचायतों को हस्तांतरित की गई? योजनावार हस्तांतरण दिनांक सहित सूची देवें। (ख) उक्त नल-जल योजनाओं में ठेकेदार द्वारा कितने समय तक क्या-क्या मेंटेनेंस कार्य कब तक किया गया? योजनावार सूची देवें। मेंटेनेंस अवधि में ग्राम पंचायत द्वारा किया गया खर्च की सूची भी देवें। (ग) उक्त योजनाओं में किन-किन स्थानों पर मेंटेनेंस कार्य वर्तमान में किसके द्वारा किया जा रहा है? इन योजनाओं में ग्राम पंचायत द्वारा वर्ष 2016-17 में व्यय राशि की सूची देवें। (घ) वर्तमान में उक्त नल-जल योजनाओं में किन-किन पेयजल स्त्रोत पर प्रयुक्त मोटर कितने एच.पी. की है तथा पंप कितनी स्टेज का है? पंचायतवार सूची देवें।

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं 2 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) एवं (घ) उत्तरांश-'' अनुसार।

नेशनल ग्रीन ट्रिब्‍युशन में शासन व उद्योगों के विरूद्ध लंबित प्रकरण

[पर्यावरण]

60. ( क्र. 1967 ) श्री जितेन्‍द्र गेहलोत : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि उज्‍जैन जिले में औद्योगिक प्रदूषण जल प्रदूषण के किस-किस के कौन-कौन से मामले नेशनल ग्रीन ट्रिब्‍युशन में शासन व उद्योगों के विरुद्ध कब से लंबित है?

पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) माननीय राष्ट्रीय हरित अधिकरण में प्रकरण क्रं. 77/ 2017- दिनेश दुबे विरूद्ध मध्यप्रदेश शासन एवं अन्य दिनांक 28/07/2017 से विचाराधीन है, जिसमें उद्योग मे.ग्रेसिम इंडस्ट्रीज लि., नागदा, मे. ग्रेसिम केमिकल्स डिवीजन, नागदा एवं मे. लेक्सेस इंडस्ट्रीज, नागदा को प्रतिवादी बनाया गया है।

 

राज्य के 48 जिलों में हुए घोटले की जाँच

[राजस्व]

61. ( क्र. 1976 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा राज्य के 48 जिले में हुए भूमि घोटाले के संबंध में मुख्य सचिव वल्लभ भवन भोपाल को लिखे पत्र क्रमांक 7209/27 जुलाई 17 की राज्य मंत्रालय के स्तर पर जाँच करवाए जाने के संबंध में प्रश्‍न दिनांक तक भी आदेश नहीं दिये गए हैं? (ख) राज्य के 48 जिलों में हुए भूमि घोटले की जाँच के लिए राज्य मंत्रालय के स्तर पर जाँच दल का गठन नहीं किए जाने का क्या क्या कारण रहा है? राज्य मंत्रालय के स्तर पर जाँच दल गठित किए जाने के संबंध में मुख्य सचिव ने किन कारणों से प्रश्‍नांकित दिनांक तक भी आदेश नहीं किए? (ग) राज्य के 48 जिलों में हुए भूमि घोटले की उच्च स्तरीय जाँच के लिए मुख्य सचिव राज्य मंत्रालय के स्तर पर कब तक जाँच दल का गठन करेंगे? समय-सीमा बतावें।

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) प्रमुख सचिव राजस्‍व को संबोधित प्रश्‍नकर्ता विधायक महोदय के पत्र क्रमांक 8124 दिनांक 10 अक्‍टूबर, 2017 की प्रतियां समस्‍त कलेक्‍टर को भेजकर 'राज्‍य व्‍यापी' भूमि घोटाले की जाँच के संबंध में जिलों से प्रतिवेदन हेतु दिनांक 21.11.2017 को पत्र लिखा गया है।                       (ख) से (घ) प्रश्‍नांश ''  के उत्‍तर के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

पाठई पंचायत में पेयजल संकट

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

62. ( क्र. 1980 ) श्री मेहरबान सिंह रावत : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या ग्‍वालियर जिले की घाटीगांव विकासखण्‍ड के ग्राम पंचायत पाठई में पेयजल संकट व्‍याप्‍त हैं? विगत दो वर्षों में नवीन बोरिंग एवं नवीन हैण्‍डपम्‍प स्‍थापित करने के संबंध में ग्राम पंचायत द्वारा कब-कब किन-किन को पत्र लिखे गये हैं? उन पर क्‍या कार्यवाही की गई हैं? (ख) नवीन बोरिंग, नवीन हैण्‍डपम्‍प कब तक स्‍थापित किये जायेंगे एवं सिंगल फेश की विद्युत मोटर कब तक प्रदाय कराई जायेगी? ताकि पेयजल संकट का निराकरण हो सके।

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी नहीं। केवल एक पत्र दिनांक 2.10.2017 को कार्यपालन यंत्री, ग्वालियर को लिखा गया था पत्र में प्रस्तावित कार्यों पर कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ख) आंशिक पूर्ण बसाहटों में लक्ष्यानुसार विभागीय कार्य योजना अन्तर्गत नवीन नलकूप खनन कर हैण्डपंप स्थापित करने का कार्य किया जा रहा है जो 31 मार्च 2018 तक लक्ष्य अनुसार पूर्ण किया जाना संभावित है। आवश्यकतानुसार सिंगलफेस विद्युत मोटर भी उपलब्ध करवाई जाती है। निश्चित समयावधि नहीं बताई जा सकती है।

राजस्‍व एवं वन भूमि के संयुक्‍त सीमांकन

[राजस्व]

63. ( क्र. 1981 ) श्री मेहरबान सिंह रावत : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्‍वालियर जिले के घाटीगांव तहसील के अन्‍तर्गत ग्राम पंचायत पाठई के मानपुर एवं भकर्रा मौजे का राजस्‍व एवं वन विभाग संयुक्‍त सीमांकन कराने के संबंध में ग्राम पंचायत द्वारा दिये गये आवेदन पर क्‍या कार्यवाही की गई है? क्‍या सीमांकन करा दिया गया है? यदि हाँ, तो कब, यदि नहीं, तो क्‍यों नहीं कब तक संयुक्‍त सीमांकन कराया जायेगा? (ख) संयुक्‍त सीमांकन न होने से वन विभाग द्वारा राजस्‍व एवं कृषकों की भूमि पर अतिक्रमण किया जा रहा है? क्‍या यह सच है? यदि हाँ, तो उन किसानों को कब तक न्‍याय दिलाया जायेगा? (ग) घाटीगांव तहसील के पाठई आदिवासी मोहल्‍ला एवं पाठई पुलिया कापुरा को आवादी में कब तक घोषित किया जायेगा एवं करही पटवारी हल्‍के के रामपुरा एवं पिछोर कापुरा आरोन पटवारी हल्‍के के लावनपुरा बेरखेड़ा, भगवानपुरा, किशनपुरा, सबराई हल्‍के के सुभाषपुरा मजरों को राजस्‍व ग्राम घोषित करने के संबंध में शासन की क्‍या मंशा है?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) ग्वालियर जिले के घांटीगांव तहसील के अन्तर्गत ग्राम पंचायत पाठई के मानपुर एवं भकर्रा मौजे का राजस्व एवं वन विभाग संयुक्त सीमांकन कराने के संबंध में ग्राम पंचायत द्वारा दिये गये आवेदन पर राजस्व एवं वन विभाग की संयुक्त सर्वेक्षण दल द्वारा दिनांक 20.11.2017 व दिनांक 21.11.2017 को सीमांकन कराया गया है। (ख) सीमांकन रिपोर्ट के अनुसार वन विभाग द्वारा कृषकों की भूमि पर कोई अतिक्रमण नहीं किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। । (ग) तहसील घाटीगांव के ग्राम पाठई के आदिवासी मोहल्ले में लगभग 32 परिवार सर्वे क्र.121, 122, 191, 192,194 कुल रकवा 2.000 हेक्टर (नोईयत पठार) में रोड के किनारे बसे है। इसी तरह ग्राम पाटई के पुलिया का पुरा में 28 परिवार सर्वे क्र. 3/2 रकवा 3.135 हे. नोईयत चरनोई में 28 परिवार बसे है। परीक्षण किया जा रहा है। ग्राम करही के मजरा रामपुरा एवं पिछोर का पुरा ग्राम आरोन के मजरा लावनपुरा, बेरखेड़ा, भगवानपुरा, किशनपुरा एवं ग्राम सबराई के मजरा सुभाषपुरा मजरे से पृथक राजस्व ग्राम बनाये जाने के लिये म.प्र. भू-राजस्व संहिता में विहित मापदण्डों के अन्तर्गत नहीं आते है इसलिए इन्हे पृथक राजस्व ग्राम बनाए जाने का प्रस्ताव प्रचलित नहीं है।

चालू/बंद नल-जल योजनाओं की जानकारी

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

64. ( क्र. 1982 ) श्री मेहरबान सिंह रावत : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सबलगढ़ विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत कुल कितनी नल-जल योजनाएं संचालित हैं? उनमें से कितनी बंद हैं? कितनी चालू हैं वर्तमान में भौतिक स्थिति क्‍या है? स्‍वीकृत नल-जल योजनाओं के बंद होने के क्‍या कारण है? इसमें जिम्‍मेदारी तय कर कार्यवाही कब तक की जाएगी एवं बंद नल-जल योजनाओं को कब तक चालू कर दिया जाएगा? (ख) क्‍या ग्राम पंचायत सतमपुर में संचालित नल-जल योजनाओं में ठेकेदार द्वारा प्राक्‍कलन अनुसार पाइप नहीं डालने एवं घटिया पाइप डालने में पाईप में जगह-जगह छेद हो जाने से पानी की टंकी नहीं भरने के कारण ग्रामवासियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है? (ग) क्‍या ग्राम पंचायत सतमपुर में ठेकेदार द्वारा नवीन पाइप डालने की कार्यवाही कब तक की जाएगी एवं घटिया पाईप एवं प्राक्‍कलन अनुसार पाईप न डालने के कारण ठेकेदार पर क्‍या कार्यवाही प्रस्‍तावित की जाएगी?                  (घ) विधान सभा क्षेत्र सबलगढ़ में नई कितनी नल-जल योजनाएं स्‍वीकृत की गई हैं? इनमें से कितनी नल-जल योजनाओं का कार्य पूर्ण हो चुका हैं? नई नल-जल योजनाओं को शुरू नहीं होने के क्‍या कारण हैं? इसमें दोषी अधिकारी/कर्मचारी कौन है? जानकारी दें?

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) 51 नल-जल योजनायें। 20 योजनायें बंद हैं एवं 31 योजनायें चालू हैं। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। नल-जल योजनाओं के संचालन-संधारण का दायित्व ग्राम पंचायतों का है। बंद योजनाओं को यथाशीघ्र चालू करने के प्रयास किये जा रहे हैं, निश्चित समयावधि नहीं बताई जा सकती है।         (ख) जी नहीं। (ग) उत्तरांश-'' अनुसार। प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (घ) एक नवीन नल-जल योजना स्वीकृत की गई है। योजना का कार्य प्रगति पर है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।

नियम विरूद्ध पदोन्‍नति

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

65. ( क्र. 1993 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रश्‍नकर्ता के तारांकित प्रश्‍न क्रमांक 3033 दिनांक 27.03.2017 के प्रश्नांश (क) के उत्‍तर में तत्‍कालीन सहायक यंत्री श्री एम.के. उमरिया के जाति प्रमाण-पत्र के संबंध में प्रमुख अभियंता कार्यालय द्वारा परीक्षण किया जा रहा है? यथाशीघ्र जाँच पूर्ण की जायेगी की जानकारी दी गई है तो क्‍या प्रश्‍न दिनांक तक जाँच पूर्ण कर ली गई है एवं जाँच निष्‍कर्षों के आधार पर क्‍या कार्यवाही की गई? (ख) क्‍या उक्‍त प्रश्‍न के प्रश्‍नांश (ग) के उत्‍तर में परीक्षणोपरांत ही बताया जायेगा एवं प्रश्‍नांश (घ) के उत्‍तर में विभागीय प्रक्रिया अनुसार प्रत्‍येक कार्य के माप का              शत्-प्रतिशत सत्‍यापन सहायक यंत्री द्वारा किया जाना प्रावधानित है? किसी विशिष्‍ट कार्य के संबंध में शिकायत प्राप्‍त होने पर आवश्‍यकता होने पर पृथक से भौतिक सत्‍यापन कराया जा सकता है की जानकारी दी गई थी तो प्रश्‍न दिनांक तक क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्‍यों?

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी हाँ। शासन द्वारा दिनांक 09.10.2017 को श्री उमरिया के विरूद्ध आरोप पत्र जारी किये गये है। आरोप पत्र के प्रतिवाद उत्तर प्राप्त होने के पश्चात गुण दोष के आधार पर कार्यवाही की जावेगी। (ख) श्री एम.के.उमरिया सहायक यंत्री तत्कालीन प्रभारी कार्यपालन यंत्री लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी खण्ड भिण्ड की पदस्थापना अवधि में उनके द्वारा रू. 1,02,48,425/- के भुगतान किये गये कार्यों के भौतिक सत्यापन हेतु प्रमुख अभियंता लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग भोपाल के पत्र क्रमांक 2050/स्था./प्र.अ./राज./ भोपाल/दिनांक 20.03.2017 में दिये निर्देशों के परिपालन में अधीक्षण यंत्री लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग परियोजना मण्डल चम्बल संभाग मुरैना के पत्र क्रं. 1088 दिनांक 28.03.2017 एवं स्मरण पत्र क्रं. 2077 दिनांक 27.06.2017 एवं पत्र क्रमांक 3799 दिनांक 22.11.2017 द्वारा कार्यपालन यंत्री लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी खण्ड भिण्ड को भौतिक सत्यापन कराने हेतु निर्देशित किया गया। कार्यपालन यंत्री से भौतिक सत्यापन की जाँच रिपोर्ट अपेक्षित है।

कौशल विकास विभाग के कर्मचारियों की वेतन विसंगति

[तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास]

66. ( क्र. 1995 ) श्री बाबूलाल गौर : क्या राज्‍यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या म.प्र. शासन वित्‍त विभाग के परिपत्र क्रमांक एफ-8/2009/नियम/चार दिनांक 28.8.2009 के परिपालन में संचालक कौशल विकास विभाग द्वारा कर्मचारियों की वेतन विसंगति दूर करते हुए वेतन नियमन कर वेतन भुगतान सुनिश्चित करने के निर्देश दिये गये हैं? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्‍लेखित आदेशों के परिपालन में विभाग के किन-किन कर्मचारियों/अधिकारियों की वेतन नियमन कर वेतन भुगतान की कार्यवाही की गई? नाम, पदनाम एवं संस्‍था का नाम सहित बताया जाये। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्‍लेखित आदेशों का परिपालन किन-किन संस्‍था के अधिकारियों द्वारा नहीं किया गया है एवं कब तक कर दिया जाएगा?

राज्‍यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक कैलाश जोशी ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ग) प्रश्‍नांश '''' के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - ''छियालीस''

लीज नवीनीकरण के लंबित प्रकरण का निराकरण

[राजस्व]

67. ( क्र. 2009 ) श्री तरूण भनोत : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                     (क) क्‍या न्‍यायालय तहसीलदार, नजूल जबलपुर ने अपने प्रमाण पत्र क्रमांक रा.प्र.क्र./94-31-4/2004-05 जबलपुर दिनांक 03 जुलाई 2006 के द्वारा मध्‍यप्रदेश विद्युत मण्‍डल कर्मचारी गृह निर्माण सहकारी समिति मर्यादित जबलपुर को प्रमाण पत्र जारी करते हुये लेख किया था कि ग्राम रामपुर नं.ब.1 प.ह.नं. 28/32 स्थित शासकीय नजूल भूमि को 30 वर्षों के लिये स्‍थाई पट्टे पर लीज स्‍वीकृत हेतु प्रमाण पत्र जारी किया था? (ख) क्‍या उक्‍त स्‍वीकृत लीज की अवधि दिनांक 23/06/1998 को समाप्‍त हो गयी थी एवं लीज की नवीनीकरण कार्यवाही आज दिनांक तक वर्णित (क) के न्‍यायालय में आज भी लंबित हैं एवं उसका निराकरण नहीं किया जा रहा? क्‍यों? (ग) प्रकरण पर कार्यवाही न कर लंबित रखने वाले अधिकारी पर शासन क्‍या दण्‍डात्‍मक कार्यवाही करेगा एवं प्रकरण का कब तक निराकरण कर दिया जावेगा?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) उक्‍त आशय का प्रमाण पत्र समिति के पास फोटोकॉपी के रूप में उपलब्‍ध है किन्‍तु मूल अभिलेख खोजने पर उपलब्‍ध नहीं हो सका है। (ख) एवं                      (ग) प्रकरण से संबंधित मूल अभिलेख की जाँच/खोज हेतु नजूल अधिकारी, गोरखपुर जिला जबलपुर को आदेशित किया गया है। जाँच रिपोर्ट/अभिलेख प्राप्‍त होते ही यथाशीघ्र निराकरण किया जायेगा। यदि कोई दोषी पाया गया तो उसके विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी।

सुरक्षा में तैनात गनमैनों को वांरट (यात्रा पत्रक) दिया जाना

[गृह]

68. ( क्र. 2020 ) श्रीमती चन्‍दा सुरेन्‍द्र सिंह गौर : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या टीकमगढ़ जिले की तहसील जतारा में खरगापुर विधायक के गनमैन विधायक की सुरक्षा में तैनात हैं, जो जतारा थाना से संबद्ध है? (ख) सुरक्षा में तैनात गनमैनों को थाना जतारा द्वारा प्रश्‍न दिनांक तक कितने वारंट (यात्रा पत्रक) दिये गये हैं, सम्‍पूर्ण जानकारी से अवगत करायें। (ग) क्‍या गनमैनों को अवकाश की बदली देने का एवं वारंट दिये जाने की सम्‍पूर्ण जिम्‍मेदार पुलिस लाईन जिला मुख्‍यालय के आर.आई. की होती है, जबकि आर.आई. गनमैनों को वारंट नहीं देकर जतारा थाना से ले लेना कह कर पल्‍ला झाड़ते हैं और जतारा थाना पर भी आर.आई. द्वारा वांरट नहीं भेजे जाते हैं इसलिये गनमैन परेशान होते हैं? यदि नहीं, तो क्‍या आर.आइ. पुलिस लाईन टीकमगढ़ द्वारा विगत एक वर्ष में कब कब किन-किन दिनांकों में वारंट पत्र दिये गये? (घ) वारंट नहीं दिये जाने पर आर.आई. पुलिस लाईन टीकमगढ़ के विरूद्ध कार्यवाही प्रस्‍तावित करेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्‍यों?

गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी नहीं, माननीय विधायक खरगापुर जिला टीकमगढ़ की सुरक्षा ड्यूटी में तैनात गनमैन जतारा थाना से संबंध न होकर पुलिस मुख्यालय द्वारा नियमानुसार आदेशित होकर पदस्थ है। (ख) दिनांक 01.11.2016 से 31.10.2017 तक की अवधि में सुरक्षा डयूटी में पदस्थ किसी भी गनमैन को थाना जतारा से वारंट (यात्रा पत्रक) प्रदाय नहीं किये गये है।                  (ग) जी हाँ, जी नहीं, आर. आई. पुलिस लाईन टीकमगढ़ द्वारा विगत एक वर्ष में प्रदाय किए गए रेल/बस वारंटो का तिथिवार विवरण संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। (घ) प्रश्नांश-'''' में दिए गए उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - ''सैंतालीस''

प्राकृतिक आपदाओं में आर्थिक सहायता

[राजस्व]

69. ( क्र. 2060 ) श्री रजनीश सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                 (क) सर्पदंश, आसमानी बिजली, करंट, पानी में डूब जाने आदि दुर्घटनाओं व प्राकृतिक आपदाओं में मृत्‍यु हो जाने, घायल होने आदि में पीडि़त परिजनों की सहायता उपलब्‍ध कराने हेतु, क्‍या नीति, नियम-निर्देश प्रावधान प्रदेश में लागू हैं? किस प्रकरण में कितनी राशि किस अवधि में उपलब्‍ध कराने के प्रावधान है? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकरणों के निराकरण हेतु क्‍या कोई समय-सीमा निर्धारित है? यदि हाँ, तो किस प्रकरण के निराकरण की क्‍या समय-सीमा है? (ग) विधान सभा क्षेत्र केवलारी के अंतर्गत प्रश्नांश (क) अनुसार विगत 03 वर्षों में कितनी-कितनी प्राकृतिक आपदा एवं अन्‍य दुर्घटनाएं हुई हैं? प्राकृतिक आपदाओं/दुर्घटनाओं से मृत एवं घायल व्‍यक्तियों की जानकारी तहसीलवार देवें? (घ) प्रश्नांश (ख) अनुसार प्राकृतिक आपदा/दुर्घटना से मृत व्‍यक्तियों को               कितनी-कितनी राशि वितरित की गई है? तहसीलवार बतायें। एवं कितने प्रकरण लंबित है? इनका निराकरण कब तक कर लिया जावेगा?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) राजस्‍व पुस्‍तक परिपत्र 6 (4) के प्रावधान अनुसार राहत राशि प्रदान की जाती हैं। निर्देश विभाग की वेबसाईट पर उपलब्‍ध हैं। (ख) जी हाँ। प्रकरणों का निराकरण लोक सेवा गारन्‍टी अधिनियम के तहत, समय-सीमा में निराकृत किया जाता हैं।                      (ग) विधान सभा क्षेत्र केवलारी के अंतर्गत विगत 3 वर्षों में तहसील केवलारी-44, सिवनी-15, छपारा-15, धनोरा-45 कुल 129 व्‍यक्ति प्राकृतिक आपदा/दुर्घटना से मृत एवं घायल हुए हैं। (घ) आर.बी.सी. 6 (4) के प्रावधानों के अनुसार वितरित राशि का विवरण निम्‍नानुसार हैं:- 1. केवलारी रू. 81,17,000/- 2.सिवनी रू. 20,95,000/- 3. छपारा रू.10,98,150/- 4. धनोरा रू. 40,30,000/- कुल योग:-                                   रू. 1,53,40,150/- कोई प्रकरण लंबित नहीं हैं।

नक्‍सल प्रभावित ग्राम में किए गए विकास कार्य

[गृह]

70. ( क्र. 2061 ) श्री रजनीश सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या सिवनी जिले के कुछ ग्राम नक्‍सल प्रभावित क्षेत्र के अंतर्गत आते हैं? तो वह कौन-कौन से ग्राम हैं? सूची उपलब्‍ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार उक्‍त ग्रामों में विकास कार्यों की क्‍या स्थिति है तथा ए.आई.पी. योजना के अंतर्गत अभी तक कौन-कौन से कार्य कराये गये हैं एवं कितने कार्य कराया जाना शेष हैं वर्ष 2014-15 से प्रश्‍न दिनांक तक प्रत्‍येक कार्यों की जानकारी मदवार वर्षवार देवें। (ग) वर्तमान में शासन द्वारा नक्‍सल प्रभावित ग्रामों के लिए कौन-कौन सी कार्ययोजना तैयार की गई है? यदि नहीं, तो क्‍यों?

गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) सिवनी जिला नक्‍सल प्रभावित क्षेत्र के अंतर्गत नहीं आता। (ख) एवं (ग) प्रश्‍नांश के उत्‍तर के परिप्रेक्ष्‍य में उपस्थित नहीं होता।

अधिग्रहित भूमि का मुआवजा भुगतान नहीं होना

[राजस्व]

71. ( क्र. 2119 ) पं. रमेश दुबे : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                            (क) छिन्‍दवाड़ा जिले में मौजा हरनाखेड़ी, विकासखण्‍ड चौरई की भूमियों का क्‍या पेंच बांध के नहर निर्माण हेतु अधिग्रहण किया गया है? यदि हाँ, तो किन-किन की कितनी भूमियां कब अधिग्रहण किया गया है? अवार्ड आदेश एवं प्रतिकर पत्रक की प्रति व नहर एलायमेंट का खसरा नंबरवार नक्‍शा संलग्‍न करें? (ख) क्‍या हरनाखेड़ी ग्राम से नहर हेतु उनकी अधिग्रहित भूमि का मुआवजा भुगतान के संबंध में सामूहिक आवेदन प्राप्‍त होने पर प्रश्‍नकर्ता ने अनुविभागीय अधिकारी राजस्‍व चौरई एवं कलेक्‍टर छिन्‍दवाड़ा को दिनांक 26/10/2017 को पत्र प्रस्‍तुत किया है? (ग) ग्राम हरनाखेड़ी किसानों की भूमियों का 2 वर्ष पूर्व अधिग्रहण हो जाने के पश्‍चात भी उन्‍हे मुआवजा भुगतान नहीं होने के क्‍या कारण हैं? (घ) क्‍या शासन मौजा हरनाखेड़ी की 2 वर्ष पूर्व अधिग्रहित भूमि अर्थात भूमियों के अधिग्रहण हेतु प्रथम प्रकाशन की तिथि से मय ब्‍याज के अविलंब संबंधित भूमिस्‍वामियों को मुआवजा भुगतान करने का आदेश देगा? नहीं तो क्‍यों?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हां। विस्‍तृत विवरण पुस्‍तकालय में रखे गये परिशिष्‍ट के प्रपत्र-अ एवं '' अनुसार है। (ख) जी हाँ। (ग) जी नहीं, अधिनिर्णय आदेश दिनांक 1.5.2017 की निर्धारित मुआवजा राशि नियमानुसार प्रभावित कृषकों के बैंक खाते खोले जाकर भुगतान हेतु दिनांक 6.11.2017 को कृषकों को पृथक से सूचित किया गया है। (घ) प्रश्‍नाधीन प्रभावित कृषकों को भू-अर्जन अधिनियम 2013 की धारा-11 (1) की प्रारंभिक अधिसूचना प्रकाशन से अधिनिर्णय पारित दिनांक 1.5.2017 तक नियमानुसार भूमि के बाजार मूल्‍य पर 12 प्रतिशत की दर से ब्‍याज की राशि प्रदाय की गई है।

प्रधानमंत्री एवं मुख्‍यमंत्री कौशल विकास योजना

[तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास]

72. ( क्र. 2161 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या राज्‍यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खण्‍डवा जिले में प्रधानमंत्री एवं मुख्‍यमंत्री कौशल विकास योजनान्‍तर्गत कौन-कौन से प्रशिक्षण केन्‍द्र संचालित हैं? ये प्रशिक्षण केन्‍द्र किसके द्वारा संचालित किये जा रहे हैं? (ख) प्रशिक्षण केन्‍द्रों में किस-किस विधा में कितने प्रशिक्षणार्थी प्रशिक्षणरत हैं? प्रशिक्षण के उपरांत कितनों को रोजगार उपलब्‍ध हो पाया हैं? (ग) इन सभी कौशल विकास केन्‍द्रों को विगत 2 वर्षों में कितनी राशि शासन द्वारा दी गई है? क्‍या ये केन्‍द्र एवं राज्‍य शासन की मंशानुरूप निर्धन वर्ग के छात्र-छात्राओं को रोजगारोन्‍मुखी प्रशिक्षण देने के पश्‍चात रोजगार दिलाने में सक्षम सिद्ध हो रहे हैं? (घ) जिलों में इन प्रशिक्षण केन्‍द्रों का निरीक्षण एवं मानिटरिंग किस विभाग द्वारा कब की गई? क्‍या इन केन्‍द्रों पर कोई कमियां पाई गई हैं? यदि हाँ, तो इनके निराकरण के लिए क्‍या प्रयास किये जा रहे हैं?

राज्‍यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक कैलाश जोशी ) : (क) खण्‍डवा जिले में प्रधानमंत्री कौश्‍ल विकास योजना की जानकारी भारत सरकार से संबंधित है, अत: दी जाना संभव नहीं है। मुख्‍यमंत्री कौशल संवर्धन योजना के अंतर्गत खण्‍डवा जिले में शासकीय आई.टी.आई. खण्‍डवा में प्रशिक्षण केन्‍द्र के रूप में संचालित है। प्रशिक्षण केन्‍द्र, आई.टी.आई. खण्‍डवा द्वारा संचालित किया जा रहा है। (ख) प्रशिक्षण केन्‍द्र में संचालित विधा, प्रशिक्षणरत प्रशिक्षणार्थी एवं प्रशिक्षण उपरांत रोजगार की जानकारी निम्‍नानुसार है:-

स. क्रं.

जिले का नाम

मुख्‍यमंत्री कौशल संवर्धन योजना के अंतर्गत संचालित संस्‍था/केन्‍द्र का नाम

संचालित विधा का नाम

प्रशिक्षणरत् प्रशिक्षणार्थियों की संख्‍या

रोजगार में लगे प्रशिक्षणार्थियों की संख्‍या

रिमार्क

1.

खण्‍डवा

शासकीय आई.टी.आई. खण्‍डवा

अनआर्म्‍ड सिक्‍यूरिटी गार्ड

30

निरंक

प्रशिक्षण अक्‍टूबर 2017 से प्रारंभ किये गया है, जो कि पूर्ण नहीं हुआ है।

प्‍लम्‍बर

21

निरंक

(ग) खण्‍डवा जिले में मुख्‍यमंत्री कौशल संवर्धन योजना एवं मुख्‍यमंत्री कौशल्‍या योजना के लिये राशि रूपये 10.76 लाख का आवंटन किया गया है। अक्‍टूबर 2017 से प्रशिक्षण प्रारंभ किया गया है, प्रशिक्षण पूर्ण नहीं हुआ है। (घ) मुख्‍यमंत्री कौशल संवर्धन योजना एवं मुख्‍यमंत्री कौशल्‍या योजना अंतर्गत शासकीय आई.टी.आई. खण्‍डवा में प्रारंभ प्रशिक्षण केन्‍द्र का अभी निरीक्षण नहीं हुआ है, मॉनिटरिंग जिला प्रोजेक्‍ट मैनेजमेंट यूनिट (DPMU) द्वारा की जायेगी। शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता है।

नलकूप खनन एवं मरम्‍मत पर हुए व्‍यय

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

73. ( क्र. 2164 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) खण्‍डवा जिले में लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी विभाग द्वारा विगत 3 वर्षों में कितने नए नलकूप खनन कराए गए हैं? विकासखण्‍डवार संख्‍यात्‍मक जानकारी दी जाए? (ख) जिले में विगत 3 वर्षों में बंद/खराब पड़े नलकूपों की मरम्‍मत आदि पर वर्षवार कितनी राशि व्‍यय की गई है वर्षवार बतायें? (ग) क्‍या ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल नलकूपों की मरम्‍मत/सुधार कार्य किये बिना ही विभाग से उक्‍त राशि आहरित की जा रही है? यदि नहीं, तो क्‍या वे सभी नलकूप चालू हैं, जिन्‍हें सुधारा गया? (घ) आगामी ग्रीष्‍मकाल में नए नलकूप खनन हेतु क्‍या प्रावधान हैं? क्‍या विभाग के पास ऐसे ग्रामों की सूची है? जहां पेयजल संकट उत्‍पन्‍न हो सकता है? यदि हाँ, तो उपलब्‍ध कराएं? (ड.) नवीन मुख्‍यमंत्री नल-जल योजनाओं को कब तक पूर्ण कर लिया जाएगा तथा बंद योजनाओं को कब तक चालू कर दिया जाएगा?

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) कुल 1507 नलकूप। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) वर्ष 2014-15, 2015-16 एवं 2016-17 में क्रमशः रूपये 122.45 लाख, 163.60 लाख एवं रूपये 135.19 लाख। (ग) जी नहीं। जी हाँ।                        (घ) पेयजल संकटग्रस्त आंशिकपूर्ण श्रेणी के ग्रामों में विभाग द्वारा निर्धारित मापदण्ड 55 लीटर प्रतिव्यक्ति प्रतिदिन के मान से पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित करवाने हेतु नए नलकूप खनन का कार्य करवाया जाता है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।                      (ड.) निश्चित समयावधि नहीं बताई जा सकती है। विद्यमान बंद योजनाओं को चालू करने का दायित्व संबंधित ग्राम पंचायतों का है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।

श्रम विभाग की योजनाओं में संशोधन

[श्रम]

74. ( क्र. 2165 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खंडवा जिले में श्रम विभाग की विभिन्‍न योजनांतर्गत कुल कितने महिला एवं पुरूष पंजीबद्ध है? योजनावार संख्‍यात्‍मक जानकारी दी जाए? (ख) श्रम विभाग की निर्माण श्रमिक योजनांतर्गत महिलाओं को कितनी प्रसूति तक योजना का लाभ दिये जाने का प्रावधान है? (ग) क्‍या श्रम विभाग प्रदेश में परिवार नियोजन को प्रोत्‍साहन देते हुए श्रम विभाग की समस्‍त योजनाओं में प्रथम दो बच्‍चों को ही लाभ दिये जाने का निर्णय लिया जाएगा? यदि हाँ, तो कब तक? (घ) क्‍या श्रम विभाग में पंजीबद्ध श्रमिकों का वार्षिक भौतिक सत्‍यापन किया जा रहा है? क्‍या जीवन स्‍तर में हुए सुधार से श्रमिक का कार्य बंद करने वाले हितग्राहियों को उक्‍त सूची से अलग किया जाएगा? यदि हाँ, तो कब तक?

खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल के अंतर्गत खंडवा जिले में कुल 37835 महिला एवं पुरूष निर्माण श्रमिक पंजीकृत है। (ख) म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल की प्रसूति सहायता योजना के अंतर्गत वर्तमान में 03 प्रसूति तक हितलाभ दिये जाने का प्रावधान है। (ग) म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल की योजना अंतर्गत अन्य विभागों के अनुरूप दो प्रसूति तक हितलाभ दिये जाने के संबंध में कार्यवाही प्रचलन में है। (घ) म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल के अंतर्गत पात्र निर्माण श्रमिकों का पंजीयन सत्यापन उपरांत किया जाता है। पंजीबद्ध श्रमिकों द्वारा मंडल की योजना अंतर्गत हेतु आवेदन करने पर पुन: पात्रता जाँच कर सत्यापन निर्माण कार्य में संलग्न ना होने की स्थिति में अपात्र निर्माण श्रमिकों का पंजीयन निरस्त किया जाता है।

परासिया में उपजेल स्‍वीकृत किया जाना

[जेल]

75. ( क्र. 2176 ) श्री सोहनलाल बाल्‍मीक : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या परासिया में उपजेल नहीं होने के कारण विभिन्‍न अपराधियों को छिन्‍दवाड़ा जेल से परासिया व जामई न्‍यायालय में पेशी पर लाने व पेशी कराकर वापिस छिन्‍दवाड़ा जेल ले जाने में पुलिसकर्मियों को बहुत अधिक असुविधाओं का सामना करना पड़ता है और छिन्‍दवाड़ा से परासिया व जामई की दूरी भी बहुत अधिक है? जिसके कारण परासिया मध्‍य में होने के कारण परासिया में उपजेल प्रारंभ किया जाना अतिआवश्‍यक है? क्‍या विभाग द्वारा परासिया में उपजेल खोले जाने के संबंध में आवश्‍यक कार्यवाही करते हुए, उपजेल प्रारंभ कराया जायेगा?                                     (ख) परासिया विधान सभा क्षेत्रान्‍तर्गत परासिया में अतिरिक्‍त सत्र न्‍यायालय प्रारंभ किये जाने की स्‍वीकृति के उपरांत आवश्‍यकता को ध्‍यान में रखते हुए क्‍या परासिया में उपजेल स्‍थापित किया जाना आवश्‍यक नहीं है? (ग) अगर हाँ तो उपजेल की आवश्‍यकता को ध्‍यान में रखते हुए, परासिया में उपजेल खोले जाने की स्‍वीकृति शासन द्वारा कब तक प्रदान कर दी जायेगी?

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) बंदियों को पुलिस अभिरक्षा में जिला जेल छिन्‍दवाड़ा से परासिया एवं जामई न्‍यायालय ले जाया एवं वापस लाया जाता है। परासिया तहसील के औसतन 30 बंदी जिला जेल छिन्‍दवाड़ा में रहते हैं, बंदियों की संख्‍या को ध्‍यान में रखकर परासिया में उप जेल निर्मित करने का फिलहाल औचित्‍य नहीं है। (ख) उत्‍तर (क) के परिप्रेक्ष्‍य में परासिया में उप जेल स्‍थापित किया जाना आवश्‍यक नहीं है। (ग) प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

विभिन्‍न फसलों, सब्जियों, वृ‍क्षों व अन्‍य संसाधनों को अभिलेख में दर्ज किया जाना

[राजस्व]

76. ( क्र. 2177 ) श्री सोहनलाल बाल्‍मीक : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परासिया विधान सभा क्षेत्र के किसानों के द्वारा विभिन्‍न प्रकार की फसलों व सब्जियों का उत्‍पादन किया जाता है और फलदार वृक्षों को भी लगाया जाता है, जबकि शासन द्वारा विभिन्‍न प्रकार की फसलों, सब्जियों, वृक्षों व अन्‍य संसाधनों (जैसे कुआं, बोर) आदि को संबंधित अभिलेख में दर्ज किये जाने हेतु स्‍पष्‍ट निर्देश है, किन्‍तु फिर भी राजस्‍व विभाग के संबंधित पटवारियों द्वारा विभिन्‍न प्रकार की फसलों, सब्जियों, वृक्षों व अन्‍य संसाधनों को संबंधित अभिलेखों में दर्ज नहीं किया जा रहा है? इसका क्‍या कारण है? (ख) परासिया विधान सभा क्षेत्र के किसानों की सुविधा को ध्‍यान में रखते हुए, कब तक संबंधित पटवारियों द्वारा विभिन्‍न प्रकार की फसलों, सब्जियों, वृक्षों व अन्‍य संसाधनों को संबंधित अभिलेखों में दर्ज कर दिया जायेगा? (ग) परासिया विधान सभा क्षेत्र के किसानों की विभिन्‍न फसलों/सब्जियों के उत्‍पादन एवं फलदार वृक्षों को संबंधित अभिलेख में संबंधित क्षेत्र के पटवारियों द्वारा दर्ज किये जाने के संबंध में प्रश्‍नकर्ता द्वारा अनुविभागीय अधिकारी (राजस्‍व) परासिया को पत्र क्र. वि.स./परासिया/127/2017/618 दिनांक 23.09.2017 के माध्‍यम से अवगत कराया गया था? जिस पत्र पर अभी तक क्‍या कार्यवाही की गई है?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी नहीं। प्रश्‍न उदभूत नहीं होता है। (ख) कार्यवाही पूर्ण हो चुकी है। (ग) कार्यवाही पूर्ण कर ली गई है।

शेष राशि की वसूली एवं दोषी को दंडित करने

[परिवहन]

77. ( क्र. 2221 ) श्रीमती शीला त्‍यागी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                       (क) अता. प्रश्‍न क्र. 6107 दि. 20 मार्च 2017 के (ख) के उत्‍तर में कुल बकाया राशि                                         रू. 331878835 में से 28 फरवरी 2017 की स्थिति में 168901776 की वसूली एवं शेष राशि रूपये 162977059 के वसूली हेतु 3140 वाहन स्‍वामियों को राशि जमा करने नोटिस देना बताया गया है? तो उक्‍त कितनी शेष राशि की वूसली की जा चुकी है तथा किन-किन वाहन मालिकों से राशि वसूल होना बाकी है, की जानकारी वाहन मालिक का नाम, वाहन का प्रकार वर्तमान में रोड परमिट की स्थिति की प्रति उपलब्‍ध कराते हुए जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के बकायादारों, मोटर मालिकों से यदि कई प्रयासों के बाद शेष राशि की वसूली नहीं हुई तो क्‍या उनकी परमिट निरस्‍त करते हुए चल-अचल सम्‍पत्ति से राशि वसूल करने हेतु कलेक्‍टर रीवा को पत्र प्रेषित करेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्‍यों? (ग) प्रश्नांश (ख) की बकाया राशि की वसूली न हो पाने में क्‍या जिला परिवहन अधिकारी रीवा को दोषी माना जायेगा? यदि हाँ, तो उसके विरूद्ध कब तक कौन सी दण्‍डात्‍मक कार्यवाही करेंगे तथा उक्‍त शेष राशि की वसूली कब तक करा लेंगे?

गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) वसूल की गई रा‍शि की जानकारी संलग्न परिशिष्‍‍‍ट  अनुसार हैं। शेषांश की जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ख) बकायादार वाहन मालिकों से लगातार वसूली की कार्यवाही जारी है, किसी भी बकायादार वाहन को परमिट जारी नहीं किया गया है। क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी को अतिरिक्त तहसीलदार की वसूली की शक्तियाँ प्राप्त होने से वसूली की कार्यवाही प्रचलित है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) बकाया वसूली की प्रक्रिया निरंतर जारी है। ऐसी स्थिति में कोई दोषी नहीं है। अतः शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।                 समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

परिशिष्ट - ''अड़तालीस''

टोले मजरों को राजस्‍व रिकार्ड में इन्‍द्राज करने

[राजस्व]

78. ( क्र. 2242 ) श्रीमती इमरती देवी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                (क) क्‍या विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र अटेर का क्षेत्र चम्‍बल व क्‍वांरी नदी के मध्‍य स्थित होने पर कटाव की समस्‍या होने के कारण यहाँ के अधिकांश गांव के निवासी लगभग 10-15 वर्ष पूर्व ही मूल गांव छोड़कर खेती की जमीन पर आवास बनाकर निवास करने लगे जिनका स्‍वरूप वर्तमान टोला मजरों का होकर कई की आबादी मूल गांव से अधिक हो गई हैं, यदि हाँ, तो क्‍या इस टोला मजरों को अधिक जनसंख्‍या होने से राजस्‍व ग्राम बनाये जाने की शासन की कोई योजना है यदि हाँ, तो क्‍या पूर्ण जानकारी दें? (ख) क्‍या मूल गांव छोड़कर खेती की भूमि पर घर बनाकर टोले-मजरे के रूप में विकसित इन नवीन बसाहटों को राजस्‍व अभिलेख में बसाहट व इन बसाहटों पर आवागमन हेतु मार्ग/रास्‍ता का इन्‍द्राज किया जा चुका है यदि हाँ, तो किन किन टोलों मजरों का यदि नहीं, तो कब तक दर्ज कर दिया जवेगा (ग) क्‍या टोला मजरा के रूप में इन बसाहटों के निवासियों को राजस्‍व ग्राम घोषित न करने से शासन की कई योजनाओं का लाभ स्‍थानीय क्षेत्र निवासियों को नहीं मिल पा रहा है, यदि हाँ, तो इसके लिये कब तक कार्यवाही की जावेगी?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। मजरे टोले से राजस्व ग्राम बनाने की कार्यवाही परीक्षणाधीन है। (ख) जी नहीं। नवीन ग्राम घोषित होने के उपरान्‍त ही मार्ग एवं रास्ते का प्रावधान किया जाता है। समय-सीमा दिया जाना सम्भव नहीं। (ग) जी नहीं।

अतिक्रमण कर बनाये गये निर्माण कार्यों को हटाया जाना

[राजस्व]

79. ( क्र. 2246 ) श्रीमती इमरती देवी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                   (क) ता. प्रश्‍न क्रमांक २९ दिनांक १९-०७-२०१७ एवं तारांकित प्रश्‍न संख्‍या १५ (क्रमांक ४८) दिनांक ०६-०३-२०१७ के उत्‍तर में बताया गया कि राजस्‍व मण्‍डल के प्रकरण क्रमांक ७८८/२०१६ में पारित आदेश दिनांक १४-०३-२०१६ द्वारा गजराज सिंह पिता अलोलसिंह का नामांतरण का आदेश पारित किया गया था जिसे अध्‍यक्ष राजस्‍व मण्‍डल द्वारा प्रकरण को पुनर्विलोपन में लिया गया और पुनर्विलोपन के प्रकरण क्रमांक ११०/१/१७ में कार्यवाही प्रचलित है जिसमें इस न्‍यायालय का प्रकरण क्रमांक ११० '' ६/१४/१५ भेजा गया है ग्राम अथाईखेड़ा की शासकीय भूमि सर्वे क्रमांक ६९५/१, ६९६/२ को न्‍यायालयीन प्रकरण ०२/स्‍वमेव‍ निगरानी/१५-१६ में पारित आदेश दिनांक २०-०२-२०१७ से भूमि शासकीय घोषित की जा चुकी है व जिसका अमल राजस्‍व अभिलेख में भी कर दिया है या उसके उपर अतिक्रमण कर बनाये गये समस्‍त निर्माण कार्य हटा दिये गयें हैं? (ख) यदि हाँ, तो कब नहीं तो कब तक हटा दिये जायेंगे विवरण दें।

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। भूमि राजस्व अभिलेख में शासकीय दर्ज की जा चुकी है। (ख) राजस्व मण्डल ग्वालियर में विचाराधीन पुनर्वि‍लोकन प्रकरण क्रमांक - 110/1/2017 का निराकरण होने के बाद न्यायालय आदेशानुसार कार्यवाही की जा सकेगी। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।

सीलिंग एक्ट के अधीन अधिग्रहीत भूमि पट्टे पर आवंटित करना

[राजस्व]

80. ( क्र. 2297 ) श्री मोती कश्यप : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                     (क) क्या किसी अवधि के अर्बन लेण्ड सीलिंग एक्ट के अधीन जबलपुर नगर सीमा की किन्हीं कृषकों की कृषि‍ प्रयोजन की भूमि किन्हीं अवधियों में अधिग्रहीत कर मध्यप्रदेश शासन के नाम दर्ज कर दी गई है और क्या उक्त एक्ट किसी अवधि में निरस्त कर दिया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) के किन कृषकों को अधिनियम के प्रावधान के अनुसार अनुबंध निष्पादित कर किन अवधियों में कितनी किस्तों में कितनी-कितनी मुआवजा राशि प्रदान की गई है? (ग) प्रश्नांश (ख) कार्यवाहियां न किये जाने व अधिनियम के प्रावधानों का परिपालन न किये जाने एवं प्रश्नांश (क) भूमि पूर्ववर्ती भूमि स्वामियों को वापस न की जाने पर वैधानिक कारण क्या है और नैसर्गिक न्याय सिद्धान्त के अनुसार क्या वापस योग्य नहीं है? (घ) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) भूमि अधिनियम के प्रावधानों के परिपालन के बिना मध्यप्रदेश शासन के नाम है? तो क्या विभाग किसी नीति का निर्धारण कर किन्हीं उदार शर्तों सहित स्थायी पट्टों पर मूल भूमिस्वामी कृषकों को आवंटित करेगा और कब?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। नगर भूमि (अधिकतम सीमा और विनिमयन) अधिनियम, 1976 दिनांक 09.09.1976 से दिनांक 17.02.2000 तक प्रभावशील रहा है। इस अवधि में इस अधिनियम के अंतर्गत नगरीय सीमा अंतर्गत भूमियां अतिशेष घोषित की जाकर कब्‍जा प्राप्‍त कर मध्‍यप्रदेश शासन का नाम दर्ज किया गया। उक्‍त अधिनियम नगर भूमि (अधिकतम सीमा और विनिमयन) निरसन अधिनियम, 1999 दिनांक 17.02.2000 से निरस्‍त कर दिया गया है।           (ख) उपलब्‍ध जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार। (ग) प्रश्‍नांश '' की कार्यवाही सक्षम प्राधिकारी स्‍तर से पूर्ण है, परन्‍तु प्रावधानों के अनुसार मुआवजा राशि कम होने से भूमि स्‍वामियों द्वारा राशि नहीं ली जा रही है। नगर भूमि (अधिकतम सीमा और विनिमयन) निरसन अधिनियम, 1999 दिनांक 17.02.2000 से लागू होने के उपरान्‍त मूल नगर भूमि (अधिकतम सीमा और विनिमयन) अधिनियम 1976 के अंतर्गत अतिशेष घोषित कब्‍जा प्राप्‍त भूमियां वापस दिये जाने का प्रावधान नहीं है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्‍तरांश (क), (ख) एवं (ग) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - ''उन्चास''

बंदियों को प्रदाय सामग्री के सम्बन्ध में

[जेल]

81. ( क्र. 2308 ) श्रीमती संगीता चारेल : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) उपजेल सैलाना में प्रश्न दिनांक तक अलग अलग अपराधिक मामलों के कुल कितने बंदी हैं? इन बंदियों को क्या-क्या खाना तथा नाश्ता दिया जाता हैं? इसकी मात्रा कितनी होती है तथा इसे किसके द्वारा कंहा से किस नियम अंतर्गत खरीदा जाता है वर्ष २०१३-१४ से प्रश्न दिनांक तक की गई खरीदी की जानकारी प्रदान करें? (ख) जेल के अंदर किन-किन अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों को निरीक्षण का अधिकार प्राप्त है वर्ष २०१३-१४ से प्रश्न दिनांक तक सैलाना उपजेल में किस किस अधिकारी व जनप्रतिनिधि द्वारा निरीक्षण किया गया? निरीक्षण उपरांत क्या कमी पाई गई तथा विभाग द्वारा इस पर क्या कार्यवाही की गई?

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) उप जेल सैलाना में प्रश्‍न दिनांक तक अलग-अलग आपराधिक मामलों में 05 दंडित बंदी एवं 48 हवालाती कुल 53 बंदी परिरूद्ध हैं। विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। जेल मैन्‍युअल के अनुसार बंदियों को खाना तथा नाश्‍ते में दिये जाने वाली सामग्री व मात्रा का विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। खाद्यान्‍न सामग्री का क्रय जेल अधीक्षक द्वारा ई-टेंडरिंग के माध्‍यम से जेलपूर्ति नियम-1968 एवं भंडार क्रय नियम-2015 में दिये प्रावधान अनुसार किया जाता है। वर्ष, 2013-14 से प्रश्‍न दिनांक तक की गई खरीदी की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (ख) जेल के अंदर जेल मैन्‍युअल में प्रावधान/नियम के अनुसार जिन अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों को निरीक्षण का अधिकार प्राप्‍त हैं, का विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-द अनुसार है। वर्ष, 2013-14 से प्रश्‍न दिनांक तक सैलाना उप जेल में अधिकारी व जनप्रतिनिधि द्वारा निरीक्षण एवं निरीक्षण प्रतिवेदन पर की गई कार्यवाही का विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-इ अनुसार है।

फ्लोराइड प्रभावित ग्रामो के सम्बन्ध में

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

82. ( क्र. 2309 ) श्रीमती संगीता चारेल : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सैलाना विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कौन-कौन से ग्राम फ्लोराइड प्रभावित हैं? इन ग्रामों में शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराए जाने हेतु विभाग द्वारा क्या क्या कार्य किए गए? इस सम्बंध में विभाग द्वारा क्या कार्य योजना बनाई गई है तथा यह किस स्तर पर लंबित है? इसे कब तक पूर्ण कर लिया जावेगा? (ख) प्रश्नांश (क) के सम्बन्ध में फ्लोराइड प्रभावित ग्रामों में वर्ष          2014-15 से कितने ई.डी.एफ. प्लांट किस एजेंसी द्वारा लगाए गए वर्तमान में कितने प्लांट चालू हैं तथा कितने प्लांट किस कारण से बंद हैं? इसके लिए कौन जिम्मेदार है तथा इनके विरुद्ध विभाग द्वारा क्‍या कार्यवाही की गई है? इन प्लांटों का संचालन कितने समय तक एजेंसी द्वारा किए जाने का प्रावधान है तथा इन्हें किस आधार पर भुगतान किया जाता है? (ग) एक प्लांट की लागत क्या है तथा इसके संचालन के लिए राशि के भुगतान से पहले सेवाओं का प्रमाणीकरण किसके द्वारा किया जाता है? क्या इसमें स्थानीय जनप्रतिनिधि से भी जानकारी प्राप्त की जाती है वर्ष 2014-15 से 2016-17 तक किस किस एजेंसी को कितना कितना भुगतान किया गया?

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 के अनुसार है। 115 फलोराइड प्रभावित एवं 19 इनरूट कुल 134 ग्रामों की मझोड़िया समूह जल प्रदाय योजना बनाने की कार्यवाही मध्यप्रदेश जल निगम मर्यादित भोपाल द्वारा की जा रही है। वित्तीय संयोजन की कार्यवाही की जा रही है। योजना पूर्ण होने की निश्चित समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है। (ख) कुल 61 ई.डी.एफ. प्लांट मेसर्स श्री नाथ कायाकल्प एण्ड रेमिडिज मण्डीदीप जिला रायसेन द्वारा। वर्तमान में 58 प्लांट चालू एवं तीन प्लांट बंद हैं जिनमें से 2 विद्युत ट्रांसफार्मर क्षतिग्रस्त होने से तथा 1 नलकूप कोलेप्स हो जाने के कारण बन्द है। इसके लिए अधिकारी/कर्मचारी दोषी नहीं है, अतः कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। प्लांटों का संचालन मेसर्स श्री नाथ कायाकल्प एण्ड रेमिडिज मण्डीदीप जिला रायसेन द्वारा एजेंसी के माध्यम से 3 तथा 5 वर्ष तक किये जाने का प्रावधान है। मध्यप्रदेश लघु उद्योग निगम भोपाल द्वारा निर्धारित दर के आधार पर ही इनका भुगतान किया जाता है। (ग) रूपये 5.70 लाख है। उपयंत्री/सहायक यंत्री द्वारा किया जाता है एवं ग्रामवासी/सरपंच से भी प्रमाणीकरण लिया जाता है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 के अनुसार है।

भ्रष्‍टाचार एवं संविदा नियुक्ति देना

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

83. ( क्र. 2312 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या राज्‍य अनुसंधान प्रयोगशाला भोपाल में विगत तीन वर्षों से कार्यरत, पदस्‍थ, अनुलग्‍न, अधिकारियों/कर्मचारियों के वेतनभत्‍तों एवं क्रय कार्यों पर हुए व्‍यय तथा नमूना परीक्षण की संख्‍या के आधार पर प्रति नमूना परीक्षण लागत विश्‍व में सर्वाधिक है? (ख) उक्‍त अवधि में कौन-कौन से कितने उपकरण क्रय किये गये, उनसे कौन-कौन से कितने नमूनों में परीक्षण किया गया, उपकरणवार जानकारी दें? (ग) क्‍या प्रयोगशाला के लिये दर सूची से तिगुनी कीमत पर दो करोड़ की प्रयोगशाला सामग्री के क्रय की जाँच लोकायुक्‍त द्वारा की जा रही है? यदि हाँ, तो क्‍या शासन इसके लिये जिम्‍मेदार बायोलाजिस्‍ट की विभागीय जाँच के स्‍थान पर सेवानिवृत्ति उपरांत संविदा नियुक्ति देकर लाभांवित कर भ्रष्‍टाचार को प्रोत्‍साहित किया जा रहा है?

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी नहीं। (ख) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - ''पचास''

ग्राम गढ़ी में आई.टी.आई. महाविद्यालय की स्‍थापना बावत

[तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास]

84. ( क्र. 2323 ) श्री संजय उइके : क्या राज्‍यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बैहर विधानसभा क्षेत्र की ग्राम पंचायत गढ़ी बड़े कस्बे की श्रेणी में आती है एवं इस कस्बे से जुड़ी 18-19 ग्राम पंचायतें है जो कि नक्‍सल प्रभावित अत्यन्‍त पिछड़ा आदिवासी बाहुल्य ग्रामीण सुदुर क्षेत्र है तथा उच्च‍ शिक्षा एवं तकनीकी शिक्षा पाने हेतु यहाँ के छात्र-छात्राओं को काफी दूर जाना पड़ता है जिससे अधिकांश आदिवासी छात्र एवं छात्राएं उच्च शिक्षा अध्ययन से वंचित हो रहे हैं? (ख) प्रश्नांश (क) की स्थिति को देखते हुए क्या प्रशासन आदिवासी बाहुल्य छात्र एवं छात्राओं को उच्‍च शिक्षा अध्‍यापन कराने एवं उनके भविष्य का ध्‍यान रखते हुये आई.टी.आई. महाविद्यालय की स्थापना करेगा? यदि हाँ, तो समयावधि बताऐं? यदि नहीं, तो कारण बतावें?

राज्‍यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक कैलाश जोशी ) : (क) ग्राम पंचायत गढ़ी बड़े कस्‍बे में लगभग 42,000 जनसंख्‍या है। शासकीय महाविद्यालय, बैहर में छात्र संख्‍या 1,300 एवं शासकीय मलाजखण्‍ड में 590 विद्यार्थी अध्‍ययनरत हैं। ग्राम पंचायत गढ़ी से इन महाविद्यालयों की दूरी क्रमश: 40 एवं 52 कि.मी. है। (ख) विभाग की नीति प्रत्‍येक विकासखण्‍ड में 01 आई.टी.आई. खोलने की है। वर्तमान में विकासखण्‍ड बैहर के अंतर्गत दो शासकीय आई.टी.आई. क्रमश: आई.टी.आई. बैहर एवं आई.टी.आई. मलाजखण्‍ड संचालित है। शेष का प्रशन उपस्थित नहीं होता।

प्राकृतिक आपदाओं की क्षतिपूर्ति दिलाने बावत्

[राजस्व]

85. ( क्र. 2346 ) श्री सुखेन्‍द्र सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                     (क) प्रश्‍नकर्ता के प्रश्‍न क्रमांक 2621 उत्‍तर दिनांक 26 जुलाई 2017 के उत्‍तर में मध्‍यप्रदेश शासन द्वारा आपदा राहत मद से नाव दुर्घटना, बस या अधिकृत अन्‍य पब्लिक ट्रांस्‍पोर्टर के नदी व जलाशय में गिरने या पहाड़ी आदि से खड्डे में गिरने के कारण इन वाहनों पर सवार व्‍यक्तियों के शारीरिक क्षति/मृत्‍यु हो जाने पीडि़तों के आश्रितों को क्‍या राहत राशि प्रदान की जाती है? यदि हाँ, तो क्‍या पशुओं (बकरी, गाय, बैल, भैस) पर आकासीय बिजली (गाज) गिरने से मृत्‍यु पर भी आर्थिक क्षतिपूर्ति दिये जाने का प्रावधान है? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में यदि हाँ, तो विधानसभा क्षेत्र मऊगंज-71 के अंतर्गत शारदा प्रसाद यादव पिता श्री मटुक प्रसाद ग्राम बेलहा रौरहा टोला की दिनांक 20.09.2016 को गाज गिरने से 15 बकरियों की मौत, ग्राम पंचायत हर्रई प्रताप सिंह के गड्डा टोला में श्री जनार्दन प्रसाद यादव के घर में दिनांक 02.07.2015 को बिजली गिरने से 5 मवेशियों की मौत एवं कृष्‍ण बहादुर सिंह गोंड तनय बहोरी सिंह गोंड साकिन वीरादेर्ह के दिनांक 24.06.2016 को बिजली गिरने से एक बैल एक गाय की मौत हो गयी इसी प्रकार मऊगंज तहसील अंतर्गत उमरी मांधव निवासी राजमणि तनय किसोरे तनय जायसवाल को स्‍वीकृत सूची पर नाम दर्ज होने पर भी राहत राशि क्‍यों प्रदान नहीं की गई? उपरोक्‍त आवेदन एफ.आई.आर. तथा पी.एम. कराया गया किंतु प्रश्‍न दिनांक तक राहत राशि क्‍यों प्रदान नहीं की गई? की जावेगी तो कब तक? नहीं की जावेगी तो क्‍यों?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। राजस्‍व पुस्‍तक परिपत्र 6 (4) के प्रावधान अनुसार पात्रता होने पर आर्थिक क्षतिपूर्ति हेतु राहत राशि प्रदाय की जाती है। (ख) प्रश्‍नांश "क" के प्रकाश में शारदा प्रसाद यादव पिता श्री मटुक प्रसाद यादव ग्राम बेलहा का प्रकरण क्रमांक 157/अ-74 वर्ष 2015-16 परिक्षण उपरांत निरस्‍त किया गया हैं। ग्राम पंचायत हर्रई प्रताप सिंह के गड्डा टोला में श्री जनार्दन प्रसाद यादव का प्रकरण क्रमांक 34/अ-74 वर्ष 2015-16 आदेश दिनांक 19.01.2016 से उनके खाते में राशि 13,500/- रूपये भेजा जा चुका है। श्री कृष्‍ण बहादुर सिंह वास्‍तविक नाम विष्‍णु बहादुर सिंह पिता बहोरी सिंह को स्‍वीकृत राशि 13,000/- रूपये दिनांक 23.06.2017 को उनके खाते में भेजा जा चुका है। मऊगंज तहसील अंतर्गत उमरी माधव निवासी राजमणि के पुत्र दयाशंकर के पुत्र जितेन्‍द्र जायसवाल उम्र 5 वर्ष की आगजनी से मृत्‍यु होने पर 4 लाख रूपये आर्थिक अनुदान राजस्‍व पुस्‍तक परिपत्र 6 (4) के तहत राजस्‍व मामला क्रमांक 454/अ-74 वर्ष 2015-16 आदेश दिनांक 27.11.2017 से स्‍वीकृत किया गया हैं।

आदेशों का क्रियान्‍वयन कराये जाना

[राजस्व]

86. ( क्र. 2347 ) श्री सुखेन्‍द्र सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                  (क) भू-अभिलेख एवं बन्‍दोबस्‍त आयुक्‍त ने 2008-09 में सभी भू-स्‍वामियों की एकीकृत ऋण पुस्तिका बनाने के लिये आदेश दिया था? कलेक्‍टर रीवा द्वारा 15 अगस्‍त, 2017 से 02 अक्‍टूबर, 2017 तक सर्किल स्‍तर पर शिविर लगाकर किसानों को सत्‍यापित खसरा और खतौनी देने का आदेश दिया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में यदि हाँ, तो क्‍या विधानसभा क्षेत्र-71 मऊगंज में प्रश्‍न दिनांक तक खाता धारकों को फोटो युक्‍त ऋण पुस्तिका एवं प्रमाणित खसरा खतौनी उपलब्‍ध करा दी गयी है? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के प्रकाश में प्रश्‍नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र मऊगंज के ग्रामवार वितरित किये गये फोटो युक्‍त ऋण पुस्तिका व प्रमाणित खसरा खतौनी की संख्‍या उपलब्‍ध करावें(घ) प्रश्नांश (क), (ख) व (ग) के प्रकाश में प्रश्‍न दिनांक तक उपलब्‍ध नहीं कराये गये फोटोयुक्‍त ऋणपुस्तिका एवं प्रमाणित खसरा, खतौनी को शिविर लगाकर उपलब्‍ध कराया जावेगा? यदि हाँ, तो तारीख बतावें? यदि नहीं, तो क्‍यों?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ, केवल सत्‍यापित खसरा और खतौनी देने का आदेश दिया गया है। फोटोयुक्‍त ऋण पुस्तिका किसान माँग किया जाने पर दिया जाता हैं। (ग) विधान सभा क्षेत्र मऊगंज में 99.8% सत्‍यापित खसरा और खतौनी के वितरण किया गया हैं।             (ग) खसरा 112160 एवं खतौनी 72301)। (घ) ग्राम में जो किसान उपलब्ध नहीं हैं, उन्हें छोड़कर शेष किसानों को खसरा खतौनी उपलब्ध किया जा चुका हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।

शासन द्वारा भूमि के अभिलेख को नहीं मानने संबंधी

[राजस्व]

87. ( क्र. 2358 ) श्री उमंग सिंघार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                         (क) भूमि के अधिकार तय करने का माध्‍यम, किश्‍तबंदी व अधिकार अभिलेख में नाम दर्ज होने से निर्धारित होता है या नहीं? यदि हाँ, तो धार जिले के गंधवानी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत विकासखण्‍ड तिरला स्थित ग्राम पंचायत चाकल्‍य के ग्राम घोडाबाव में सर्वे नंबर 76/2 रकवा 1.881 हेक्‍टेयर भूमि के अभिलेख को मध्‍यप्रदेश शासन मानने को बाध्‍य है या नहीं? (ख) प्रश्‍नांकित (क) अनुसार यदि हाँ, तो थाना प्रभारी तिरला तथा पुलिस अधीक्षक धार द्वारा भूमि स्‍वामी दरियाव सिंह पिता मड़िया के प्रकरण में सहयोग नहीं करते हुये इस अधिकार अभिलेख को जो कि माननीय मुख्‍यमंत्री की योजना एवं घोषणानुसार नि:शुल्‍क प्राप्‍त हुई है, उसको नकली क्‍यों बताया गया? स्‍पष्‍ट कर प्रकरण का पूर्ण विवरण प्रस्‍तुत करें।

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता की धारा 117 में विहित प्रावधान अनुसार भू-अभिलेख में की गई समस्त प्रविष्टियां सही है, जब तक कि तत्प्रतिकूल साबित न कर दी जायें। (ख) यह कहना सही नहीं है कि थाना प्रभारी तिरला तथा पुलिस अधीक्षक धार द्वारा भूमि अभिलेख को नकली बताया गया है। अनावेदकों एवं भूमि स्वामी के मध्य बोनी के समय विवाद एवं मारपीट होने पर पुलिस द्वारा नियमानुसार कार्यवाही की गई। स्वत्तव संबंधी विवाद को लेकर प्रकरण उच्च न्यायालय खण्डपीठ इन्दौर में विचाराधीन है। विवरण संलग्‍न परिशिष्ट पर है।

परिशिष्ट - ''इक्यावन''

दोषियों पर कार्यवाही

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

88. ( क्र. 2368 ) श्री सुन्‍दरलाल तिवारी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि             (क) क्‍या मध्‍यप्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2012-13 के खरीद विपणन वर्ष के दौरान धान खरीदी पर बोनस की घोषणा की गई जिसके कारण धान कंपनी को उपार्जन हेतु दी गई? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में रीवा संभाग में कंपनी की भण्‍डारण क्षमता कितने लाख मैट्रिक टन थी, गेहूँ एवं धान का उपार्जन कितने लाख मैट्रिक टन उपरोक्‍त अवधि में हुआ? (ग) प्रश्नांश (क) की धान प्रश्नांश (ख) अनुसार भण्‍डारण क्षमता कम होने के कारण क्षतिग्रस्‍त हुई क्षतिग्रस्‍त धान कितनी मैट्रिक टन थी? (घ) प्रश्‍नांश (ग) की क्षतिग्रस्‍त धन की मिलिंग न होने से सार्वजनिक वितरण प्रणाली में वितरण नहीं किया गया जिसे खुले बाजार में बेचना पड़ा, इससे राज्‍य सरकार को हुए राजस्‍व के नुकसान का विवरण देते हुए बतावें कि इसके लिए कौन-कौन जवाबदार है? सरकार को हुए राजस्‍व की हानि की पूर्ति कहाँ से एवं किससे करेंगे बतावें? (ड.) प्रश्नांश (क) की धान प्रश्‍नांश (ग) अनुसार क्षतिग्रस्‍त हुई जिसके कारण प्रश्‍नांश (घ) अनुसार राजस्‍व की हानि हुई इसके लिए कौन-कौन दोषी हैं? दोषियों से क्‍या राजस्‍व की क्षति की वसूली के साथ अनुशासनात्‍मक कार्यवाही प्रस्‍तावित करेंगे? करेंगे तो कब तक, अगर नहीं तो क्‍यों?

खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) से (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

दोषियों पर कार्यवाही बाबत्

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

89. ( क्र. 2371 ) श्री सुन्‍दरलाल तिवारी : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या रीवा जिले में हुई अल्‍प वर्षा के कारण नदियों, नालों, तालाबों, कूपों एवं नलकूपों (हैण्‍डपंपों) के पानी का स्‍तर घटा है? ऐसी स्थिति में पेय-जल सुविधा उपलब्‍ध कराये जाने बाबत् शासन ने क्‍या कार्य योजना तैयार की है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में आमजन को शुद्ध पेय-जल सुविधा मुहैया कराये जाने बाबत् विगत दो वर्ष में कितने हैण्‍डपंप (नलकूप) रीवा जिले में शासकीय राशि से स्‍थापित किये गये हैं? उनमें से कितने पी.एच.ई. विभाग के द्वारा किये हैं? उनमें से कितने हैण्‍डपंप बंद हैं,? (ग) प्रश्नांश (ख) के पटे, धंसे एवं कम पानी के कारण बंद पड़े हैण्‍डपंपों (नलकूपों) का खनन विभाग द्वारा स्‍वयं किया गया अथवा ठेकेदारों द्वारा कराया गया? (घ) प्रश्नांश (ख) के हैण्‍डपंपों (नलकूपों) में कितने ऐसे हैं, जिनके पानी पीने लायक नहीं है? क्‍या शासन को इसकी जानकारी पूर्व में नहीं दी गयी, तो क्‍यों? (ड.) प्रश्नांश (ख) अनुसार स्‍थापित हैण्‍डपंपों प्रश्‍नांश (ग) अनुसार कम केसिंग एवं खनन कम करने के कारण धसें एवं पानी का स्‍तर घटा भुगतान नलकूप खनन का ज्‍यादा का लिया एवं संबंधित अधिकारियों द्वारा दिया गया, इसके लिए भुगतानकर्ता अधिकारियों/कर्मचारियों से राशि की वसूली के साथ अपराधिक प्रकरण दर्ज करने के आदेश जारी करेंगे एवं बंद पड़े हैण्‍डपंपों (नलकूपों) की जगह नवीन हैण्‍डपंप पेयजल हेतु खनन कराने के आदेश जारी करेंगे, तो कब तक? अगर नहीं तो क्‍यों?

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी हाँ। जलस्तर नीचे जाने वाले हैण्डपंपों को चालू करने हेतु राइजर पाइप बढ़ाकर एवं सिंगलफेस मोटरपंप स्थापित कर पेयजल की सुविधा उपलब्ध करवाने की योजना तैयार की गई है। (ख) विभाग द्वारा प्रश्नांकित अवधि में 1202 हैण्डपंप स्थापित किये गये हैं। वर्तमान में विभाग द्वारा लगाये गये हैण्डपंपों में से बंद हैण्डपंपों की संख्या शून्य है। (ग) उत्तरांश () के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।            (घ) उत्तरांश (ख) में विभाग द्वारा लगाये गये सभी हैण्डपंपों का पानी पीने योग्य है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ड.) उत्तरांश (ख), () एवं (घ) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।

मुआवजे की राशि दिलाए जाने एवं भू-खण्‍ड उपलब्‍ध कराए जाना

[राजस्व]

90. ( क्र. 2372 ) श्री सुन्‍दरलाल तिवारी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या रीवा जिले के तहसील गुढ़ के रामनगर पहाड़ में अर्सा पूर्व लगभग 50-60 वर्षों से मकान बनाकर कुछ परिवार निवास कर रहे थे, जिनके बेदखल/हटाने हेतु आदेश न्‍यायालय नायब तहसीलदार गुढ़ द्वारा दिया गया जिस में उल्‍लेख किया गया है कि आप सबका मकान अल्‍ट्रा सोलर परियोजना के स्‍थानांतरित जमीन पर बना हुआ है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में अल्‍ट्रा सोलर परियोजना पर संबंधितों के मकान बने होने का उल्‍लेख नोटिस में किया गया, जबकि इनकी जमीन को अधिग्रहीत/खरीदने की कार्यवाही परियोजना के द्वारा की गयी। उसी समय इनके मकानों की कीमत बनाकर मुआवजा की राशि क्‍यों नहीं दी गयी? जबकि तहसीलदार द्वारा अल्‍ट्रा सोलर परियोजना को मकान के भूमि स्‍वामियों को अनुदान राशि शासन के नियमानुसार देने का लेख किया गया है? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के तारतम्‍य में नोटिस प्राप्‍त करने वाले परिवारों को उनके मकान भूमि-स्‍वामी होने के नाते मुआवजे की पात्रता नहीं है जबकि शासकीय जमीनों पर बने मकान के अतिक्रमण हटाने के दौरान शासन द्वारा मुआवजा देने के प्रावधान निहित किये गये हैं। रोड के किनारे बने मकानों के हटाये जाने पर क्‍या मकान का मुआवजा रीवा जिले में नहीं दिये गये? अगर दिये गये तो क्‍या संबंधित प्रश्नांश (क) के परिवार पात्र नहीं हैं? (घ) प्रश्नांश (क) के परिवारों को जिनको नोटिस जारी की गई है, प्रश्नांश (ख) एवं (ग) अनुसार मकान के मुआवजे के भुगतान उपरांत संबंधितों को बेदखल करने के निर्देश जारी करेंगे? साथ ही इनके मकान निर्माण हेतु भू-खण्‍ड भी उपलब्‍ध करावेंगे, तो कब तक?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) ग्राम रामनगर पहाड़ की आ. नं. 112 काबिल कास्त रकवा 5.702 हे. आ.नं. 168 चट्टान रकवा 2.055 आ.नं. 195 चट्टान रकवा 4.630 हे. शासकीय दर्ज अभिलेख में है। जिन्हे सोलर पावर प्लांट को आवंटित किया गया, जिस पर 12 व्यक्तियों द्वारा मकान बनाकर अतिक्रमण किया गया था। न्यायालय नायब तहसीलदार गुढ़ द्वारा उक्त भूमि में 12 अतिक्रामको के विरूद्ध प्रकरण क्र 3/अ/68/2017-18 दर्ज कर अतिक्रामकों को नोटिस देकर आदेश दिनांक 20.11.2017 द्वारा बेदखल किया गया है। (ख) शासकीय भूमि पर अतिक्रमण किये गये व्यक्तियों को भूमि स्वामी नहीं माना जाता। अतः उन्हे मुआवजा देने का प्रश्न ही नहीं उठता। (ग) एवं (घ) उत्‍तरांश (क) एवं () के प्रकाश में प्रश्‍न उदभूत नहीं होता। भूमिहीन व्‍यक्तियों को पात्रतानुसार परीक्षण कर शासन के नियमानुसार आवास हेतु व्‍यवस्‍था का प्रावधान है।

नल-जल योजनाओं का क्रियान्‍वयन

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

91. ( क्र. 2382 ) श्री कुंवर सिंह टेकाम : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सीधी जिले के अन्‍तर्गत बनास नदी आधारित समूह नल-जल योजना निर्माणाधीन है? इसे कब तक पूर्ण करा लिये जाने की समयावधि निर्धारित थी? क्‍या निर्धारित समयावधि में कार्य पूर्ण नहीं कराया जा सका है? यदि हाँ, तो उसके लिये उत्‍तरदायी कौन है? दोषियों के विरूद्ध क्‍या कोई कार्यवाही की गयी है? निर्माण कार्य कब तक पूर्ण कराकर पेयजल की आपूर्ति क्षेत्रवासियों को प्रारंभ कर दी जायेगी? (ख) सीधी जिले के अन्‍तर्गत गोपद नदी आधारित पेयजल योजना कुसमी की स्‍वीकृति कब प्रदान की गयी थी? लागत राशि सहित जानकारी देवें। पेयजल योजना के निर्माण में प्रश्‍न दिनांक तक कितनी राशि व्‍यय की जा चुकी है? अधूरे कार्य को कब तक पूर्ण करा लिया जावेगा? (ग) सीधी/सिंगरौली जिले के अन्‍तर्गत विकासखण्‍ड कुसमी, मझौली एवं देवसर अन्‍तर्गत कितने नल-जल एवं मुख्‍यमंत्री पेयजल योजना संचालित है? सूची उपलब्‍ध करायें। नल-जल एवं मुख्‍यमंत्री पेयजल योजनाओं के मरम्‍मत के लिये वर्ष 2016-17 एवं 2017-18 में कितनी राशि स्‍वीकृत की गयी है? योजनवार जानकारी देवें। प्रश्‍न दिनांक तक मरम्‍मत का कार्य पूर्ण नहीं किया गया है? यदि हाँ, तो क्‍यों? कारण सहित जानकारी देवें। (घ) हैण्‍डपंपों के संधारण/ मरम्‍मत का कार्य ठेकेदार द्वारा कराये जाने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो जानकारी देवें। हैण्‍डपंपों का संधारण/मरम्‍मत का कार्य निर्धारित अवधि में क्‍यों नहीं किया जाता है?

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी हाँ। अनुबंध अनुसार योजना के कार्य पूर्णता की तिथि दिनांक 31.01.2016 निर्धारित थी। जी हाँ। सोन घड़ियाल वन्य प्राणी अभ्यारण्य एवं संजय दूबरी टाईगर रिजर्व क्षेत्रान्तर्गत योजना में प्रस्तावित इन्टेकवैल, पेयजल टंकी एवं पाइप लाईन कार्य हेतु राष्ट्रीय वन्य प्राणी बोर्ड एवं राज्य वन्य प्राणी बोर्ड की अनुमति प्राप्त होने में समय लगने के कारण कार्य में विलम्ब हुआ, अतः कोई उत्तरदायी नहीं है। प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। योजना के कार्य मार्च 2018 तक पूर्ण किया जाना लक्षित है। (ख) जनवरी 2008 में लागत राशि रूपये 181.00 लाख। रूपये 35.16 लाख राशि व्यय की जा चुकी है। अधूरे कार्य को पूर्ण किये जाने हेतु विभाग द्वारा योजना पुनरीक्षित कर रूपये 349.70 लाख की बनाई गयी है। स्वीकृति उपरांत अधूरे कार्य पूर्ण किये जा सकेंगे, निश्चित समयावधि नहीं बताई जा सकती है।                   (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। योजनाओं के मरम्मत का कार्य प्रगतिरत एवं प्रक्रियाधीन है। (घ) जी हाँ। साधारण खराबी से बंद हैण्डपंप सतत् हैण्डपंप संधारण की प्रक्रिया के तहत अधिकतम 15 दिवस की अवधि में सुधारे जाते है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।

सूखा राहत राशि के संबंध में

[राजस्व]

92. ( क्र. 2385 ) श्री कुंवर सिंह टेकाम : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीधी/सिंगरौली जिले के तहसील कुसमी, मझौली, देवसर एवं सरई के अन्‍तर्गत वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में कितने किसानों को सूखा राहत का लाभ दिया गया है? राशि सहित त‍हसीलवार किसानों की संख्‍या की जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के सन्‍दर्भ में कितने किसानों के बैंक खातों में राशि जमा की गयी एवं कितने किसानों के बैंक खातों में राशि जमा नहीं हो पायी? कारण सहित जानकारी देवें। जिन किसानों को अभी तक राहत राशि का लाभ नहीं मिल पाया है, उनके बैंक खाते में कब तक राशि जमा कर दिये जायेंगे? (ग) सीधी/सिंगरौली जिले के अन्‍तर्गत वर्ष 2017-18 में कौन-कौन से तहसीलों को सूखाग्रस्‍त घोषित किया गया है? सिंगरौली जिले के तहसील सरई एवं देवसर पूरी तरह से सूखे की चपेट में है एवं फसलें पूरी तरह से नष्‍ट हो गयी हैं? क्‍या इन तहसीलों को सूखाग्रस्‍त घोषित कर किसानों को राहत राशि प्रदान किया जायेगा? (घ) प्रश्‍नांश (ग) के सन्‍दर्भ में सूखाग्रस्‍त क्षेत्रों में फसल नुकसानी के सर्वे का कार्य कब तक पूर्ण किया जाना था एवं कब तक पूर्ण कर प्रभावित किसानों को राहत राशि प्रदान कर दी जायेगी?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जिला सीधी/सिंगरौली जिले की प्रश्‍नांश में उल्‍लेखित तहसीलों में संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार प्रभावित कृषकों को सूखा राहत राशि का लाभ दिया गया हैं। वर्ष 2016-17 में जिला-सीधी को सूखाग्रस्‍त घोषित नहीं किया गया था। (ख) प्रश्‍नांश के संदर्भ में सीधी जिले के तहसील मझौली के समस्‍त कृषकों के बैंक खातों में राहत राशि भेजी जा चुकी हैं। कोई भी प्रभावित किसान शेष नहीं हैं तथा कुसमी के 8535 कृषकों के खातों में राशि रूपये 4,92,37,865/- जमा की जा चुकी हैं तथा 130 कृषकों के खातो में राशि रूपये 5,61,934/- बैंक द्वारा गलत खाता होने के कारण डी.डी. से दिनांक 15.11.2017 को प्राप्‍त हुई हैं। जिसका भुगतान डी.डी. के माध्‍यम से सीधे कृषकों को किया जा रहा हैं तथा सिंगरौली जिले के तहसील देवसर एवं सरई के अंतर्गत प्रभावित समस्‍त किसानों को उनके बैंक खातों में राहत राशि जमा कराई जा चुकी हैं। (ग) सीधी जिले के अंतर्गत वर्ष 2017-18 में जिले की रामपुर नैकिन, चुरहट, गोपद वनास, सिहावल, बहरी, मझौली व कुसमी सभी सातों तहसीलों को मध्‍यम सूखाग्रस्‍त घोषित किया गया हैं। संशोधित सूखा मैन्‍यूअल 2016 के वैज्ञानिक मापदण्‍डों की पूर्ति सिंगरौली की उक्‍त तहसीलों में पूर्ण नहीं होने से सूखा घोषित नहीं किया गया हैं। शेष प्रश्‍न उद्भुत नहीं होता। (घ) सर्वे कार्य पूर्ण किया जा चुका हैं। नियमानुसार कार्यवाही प्रचलित हैं।

परिशिष्ट - ''बावन''

कलेक्टर निर्देश की समीक्षा

[राजस्व]

93. ( क्र. 2423 ) श्री मोती कश्यप : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                 (क) क्या कलेक्टर कटनी ने परिपत्र दिनांक 14-2-2017 द्वारा किसी उद्देश्य से एप सृजित कर लोकसेवकों को कर्तव्‍य हेतु निर्देशित किया है? (ख) क्या प्रश्नांश (क) परिपत्र में निर्देशित है कि जहां नेटवर्क उपलब्ध नहीं है, तब लोक सेवक पंचायत सचिव/रोजगार सहायक/शिक्षक के उपकरण से उपस्थिति व प्रवास दर्ज करावें? (ग) वि.स.क्षे. बड़वारा के वि.खं. बड़वारा, ढ़ीमरखेड़ा, कटनी की भौगोलिक स्थिति में वन-पर्वतीय क्षेत्र के ग्रा.पं. व ग्राम क्‍या होने से तथा संचार कम्पनियों का नेटवर्क उक्‍त ग्रामों व ग्राम पंचायतों में नहीं होने से लोकसेवक अपनी उपस्थिति व प्रवास कैसे दर्ज करा पायेगें? (घ) प्रश्नांश (क) से (ग) के परिप्रेक्ष्‍य में क्‍या विभागीय अधिकारियों द्वारा अधीनस्थ लोकसेवकों को ऐसे कोई संचार उपकरण उपलब्ध कराये हैं या कराए जायेगें जिससे लोक सेवक निर्देशित कर्त्तव्‍य का पालन कर सके? (ड.) क्या विभाग उपरोक्‍त कठिनाईयों का परीक्षण कराकर कोई सुविधाजनक योजना बनायेगा?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ, लोकसेवकों की उनके कार्यस्थल में समय पर उपस्थिति सुनिश्चित करने तथा भ्रमण की रिपोटिंग हेतु एप का सृजन किया गया है। (ख) जी हाँ, परिपत्र की कंडिका 05 में इस हेतु निर्देशित किया गया है। (ग) परिपत्र की कंडिका 07 के अनुसार जिन क्षेत्रों में मोबाईल नेटवर्क नहीं है वहां भी यह एप सुचारू रूप से चलेगा। एप में नेटवर्क न होने की स्थिति में आफलाईन लॉगिन का विकल्प भी दिया गया है। (घ) प्राप्त जानकारी अनुसार महिला बाल विकास विभाग द्वारा जिले के तीन विकासखण्डों ढ़ीमरखेड़ा, बड़वारा एवं विजयराघवगढ़ में पदस्थ आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं एवं पर्यवेक्षकों को स्मार्ट फोन प्रदान किए जा चुके हैं एवं शेष विकासखण्‍डों में मार्च 2018 तक प्रदाय करने की योजना है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा भी जिले के सभी ए.एन.एम. एवं आशा कार्यकर्ताओं को मोबाईल फोन एवं सिम वितरित किए गए हैं। मध्यप्रदेश राज्य रोजगार गारंटी परिषद के पत्र क्र./11608/एनआरईजीएस-म.प्र./ योजना/एनआर-1/16 भोपाल, दिनांक 18 नवम्बर, 2016 के अनुसार प्रत्येक ग्राम रोजगार सहायक को सिम सहित एक एंड्राइड मोबाईल फोन क्रय किये जाने का प्रावधान किया गया है। (ड.) प्रश्‍नांश (), (), () एवं (घ) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता।

एन्‍टी रेबीज टीकों के संबंध में

[पशुपालन]

94. ( क्र. 2434 ) श्री शैलेन्‍द्र पटेल : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि              (क) घरेलू एवं कृषि उपयोगी व दुधारू पशुओं को कुत्‍ते व सियार जैसे जानवरों के काटने से होने वाले रैबीज जनित रोगों के उपचार की शासन के पास क्‍या व्‍यवस्‍था है? (ख) प्रश्‍न दिनांक से 3 वर्ष के दौरान प्रश्नांश (क) अनुसार भोपाल संभाग में कितने प्रकरण सामने आए हैं? जिलावार, ब्‍लाकवार ब्‍यौरा दें। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार प्रकरणों में दुधारू पशुओं की मौत भी हुई है? यदि हाँ, तो भोपाल संभाग का प्रश्‍न दिनांक से 3 वर्ष का जिलावार ब्‍लाकवार ब्‍यौरा दें। (घ) क्‍या शासन के पास एंटी रैबीज टीके पर्याप्‍त मात्रा में उपलब्‍ध हैं, यदि हाँ, तो किस किस प्रकार के रोगों के टीके उपलब्‍ध है? प्रश्‍न दिनांक तक भोपाल संभाग में जिला उपलब्‍धता का ब्‍यौरा दें। (ड.) प्रश्नांश (क) अनुसार प्रकरणों में कौन-कौन से टीके उपयोग में लाए जाते है? रोगवार टीकों का ब्‍यौरा दें।

पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) घरेलू एवं कृषि‍ उपयोगी व दुधारू पशुओं को कुत्ते व सियार जैसे जानवरों के काटने पर, पशुओं के टीकाकरण हेतु, पशुपालन विभाग अंतर्गत पशु स्वास्थ्य एवं जैविक उत्पाद संस्थान महू द्वारा Post bite antirabies (multi dose) टीका उत्पादित किया जाता है, किन्तु रैबीज के लक्षण परिलक्षि‍त होने के उपरांत कोई उपचार संभव नहीं होता है। (ख) भोपाल संभाग में जानवरों के काटने से होने वाले प्रकरणों की संख्या जिलेवार, ब्लाकवार, संलग्‍न परिशि‍ष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है यद्यपि इनमें से किसी में भी रैबीज की पुष्टि‍ नहीं हुई है। (ग) विभाग के अंतर्गत प्रश्न दिनांक से 3 वर्ष की अवधि‍ में भोपाल संभाग में रैबीज के कारण किसी भी दुधारू पशु की मृत्यु पंजीकृत नहीं हुई है। (घ) जी हाँ, पशुपालन विभाग के अधीन पशु स्वास्थ्य एवं जैविक उत्पाद संस्थान, महू में Pre bite antirabies vaccine (single dose) की 775 doses एवं Post bite antirabies (multi dose) vaccine की 3206 doses उपलब्ध हैं। भोपाल संभाग में टीका द्रव्य की जिला उपलब्धता का ब्यौरा संलग्‍न परिशि‍ष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार। (ड.) घरेलू एवं कृषि‍ उपयोगी व दुधारू पशुओं को कुत्ते व सियार जैसे जानवरों के काटने पर, पशुओं के टीकाकरण हेतु Post bite antirabies (multi dose) टीका उपयोग में लाया जाता है किन्तु रैबीज के लक्षण परिलक्षि‍त होने के उपरांत कोई उपचार संभव नहीं होता है, टीके का विवरण संलग्‍न परिशि‍ष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार।

परिशिष्ट - ''तिरेपन''

भोपाल-इंदौर संचालित बसों के परमिट के संबंध में

[परिवहन]

95. ( क्र. 2435 ) श्री शैलेन्‍द्र पटेल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या इंदौर-भोपाल संचालित बसों के लिये भोपाल में बस अड्डा निर्धारित किया गया है? यदि हाँ, तो इसके लिये शासन द्वारा जारी नोटिफिकेशन का ब्‍यौरा दें? क्‍या शासन द्वारा भोपाल स्थित हलालपुर बस अड्डे को नोटीफिकेशन जारी किया है तो आई.एस.बी.टी. से किस नियम से इंदौर जाने वाली बसे संचालित हैं? भोपाल से इंदौर जाने वाली चार्टर्ड कंपनी की बसों को किस आधार पर भोपाल आई.एस.बी.टी. से परमिट जारी किये गये हैं? चार्टर्ड बसों को भोपाल से इंदौर के बीच स्‍टेट कैरिज के कितने परिमिट जारी किये गये हैं, ब्‍यौरा दें। (ख) भोपाल और इंदौर आर.टी.ओ. कार्यालय से कितनी चार्टर्ड बसों को नेशनल परमिट जारी किये गये हैं? क्‍या इस बात की जाँच की गई हैं कि नेशनल परमिट वाली बसे उक्‍त रूट पर चल रही हैं या नहीं ब्‍यौरा दें। (ग) भोपाल-हलालपुरा से इंदौर के लिये परमिट जारी होने के बाद जो बसे आई.एस.बी.टी. से संचालित होकर इंदौर जा रही हैं, वे भोपाल शहर के अंदर से गुजरते समय बिना परमिट संचालित मानी जाएगी यदि हाँ, तो क्‍या कार्यवाही की जाएगी ब्‍यौरा दें? यदि नहीं, तो क्‍यों?

गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। हलालपुर बस अडडा, आयुक्त भोपाल संभाग भोपाल सह क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकार भोपाल के आदेश क्र. 230 दिनांक 26.06.2011 के द्वारा निर्धारित किया गया है। आई.एस.बी.टी. से इंदौर जाने वाली बसों का संचालन नॉन स्टॉप परमिट के मार्ग दर्शक सिद्धांत के अंतर्गत संचालित है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। चार्टर्ड कम्पनी की बसों को भोपाल से इंदौर के लिए नॉन स्टॉप सेवा अंतर्गत परमिट जारी किया गया है। चार्टर्ड बसों को भोपाल से इंदौर के मध्य संचालन हेतु कुल 28 वाहनों को स्टेज कैरिज परमिट जारी किये गये है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ख) क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय भोपाल एवं इन्दौर से किसी भी चार्टर्ड बस को नेशनल परमिट जारी नहीं किये गये है। अतः शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) परमिट भोपाल से इन्दौर के लिये जारी किये गये है। अतः भोपाल शहर के अन्दर से गुजरते समय बिना परमिट मानने का विधि सम्मत औचित्य नहीं है। उक्त परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

बबीता मिश्रा के विरूद्ध अपराधिक प्रकरण दर्ज करने

[गृह]

96. ( क्र. 2437 ) श्री योगेन्‍द्र सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बबीता मिश्रा तत्‍कालीन प्रभारी शा.कन्‍या उ.मा.वि.सारंगपुर, जिला राजगढ़ द्वारा सन् 2011-12 में षड़यंत्रपूर्वक श्री सुभाषचन्‍द्र शर्मा के विरूद्ध बिना किसी जाँच के थाना सारंगपुर में अपराधिक प्रकरण दर्ज करवाया गया था तथा सर्वोच्‍च न्‍यायालय की विशाखा गाइड लाइन का कैसे उल्‍लंघन किया गया था? (ख) माननीय सर्वोच्‍च न्‍यायालय की विशाखा गाइड लाइन के तहत संस्‍था स्‍तरीय एवं जिला स्‍तरीय यौन उत्‍पीड़न जाँच समिति की जाँच रिपोर्ट के अनुसार श्री सुभाषचन्‍द्र शर्मा, अध्‍यापक को निर्दोष पाये जाने पर शिकायतकर्ता बबीता मिश्रा के विरूद्ध आपराधिक प्रकरण क्‍यों नहीं दर्ज किया गया तथा निर्दोष अध्‍यापक के विरूद्ध प्रकरण वापिस क्‍यों नहीं लिया गया स्‍पष्‍ट करें? (ग) श्री सुभाषचन्‍द्र शर्मा, अध्‍यापक के किसी भी यौन उत्‍पीड़न जाँच समिति की जाँच में दोषी नहीं पाये जाने पर कैसे उनके विरूद्ध असत्‍य अपराधिक प्रकरण दर्ज किया गया था? क्‍या प्रकरण वापिस लिया जाकर असत्‍य गंभीर एवं संगीन आरोप लगाने वाली तथा जाँच रिपोर्ट में दोषी पाये जाने पर बबीता मिश्रा के विरूद्ध अपराधिक प्रकरण दर्ज किया जायेगा। (घ) क्‍या शासन द्वारा बबीता मिश्रा कई विभागीय जांचों में अपराधिक षड़यंत्र करने, पद का दुरूपयोग करने, कुटरचित पत्र बनाने की तथा वित्‍तीय अनियमितताओं की दोषी पाये जाने तथा अनुविभागीय अधिकारी पुलिस सारंगपुर को दिये गये बयान एवं साक्ष्‍य के आधार पर बबीता मिश्रा के विरूद्ध अपराधिक प्रकरण दर्ज किया जायेगा, यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्‍यों नहीं?

गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) फरियादिया की रिपोर्ट पर दिनांक 04.09.12 को आरोपी सुभाष शर्मा, अध्यापक, शा.कन्या..मा.वि. सारंगपुर के विरुद्ध थाना सारंगपुर में अपराध क्रमांक 423/12 धारा 294, 506, 509 भादवि का प्रकरण पंजीबद्ध किया गया तथा अनुसंधान पूर्ण होने पर चालान 367/17 दिनांक 13.09.2012 को तैयार कर माननीय न्यायालय प्रस्तुत किया गया है, जो वर्तमान में न्यायालय विचाराधीन है। (ख) एवं (ग) उक्त प्रकरण माननीय न्यायालय जे.एम.एफ.सी. सारंगपुर की न्यायालय में विचाराधीन है माननीय न्यायालय के अग्रिम आदेशानुसार कार्यवाही की जावेगी। (घ) अनुविभागीय अधिकारी पुलिस सारंगपुर के द्वारा लिये गये बयान एवं साक्ष्य के आधार पर साक्ष्य प्राप्त न होने से अपराधिक प्रकरण दर्ज नहीं किया गया है। शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता।

 

नरसिंहपुर जिले में रिक्‍त पदों की पूर्ति

[राजस्व]

97. ( क्र. 2470 ) श्री गोविन्‍द सिंह पटेल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नरसिंहपुर जिले में कितनी तहसीलें, राजस्‍व निरीक्षक मण्‍डल एवं कितने पटवारी हल्‍का है?       (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में कितने तहसीलदार एवं नायब तहसीलदार के पद स्‍वीकृत हैं? तहसीलवार अलग-अलग जानकारी देवें? उक्‍त तहसीलों में कितने तहसीलदार एवं नायाब तहसीलदार पदस्‍थ हैं तथा कितने पद खाली हैं? (ग) जिले में कितने राजस्‍व निरीक्षकों के पद स्‍वीकृत हैं, कितने राजस्‍व निरीक्षक पदस्‍थ हैं एवं कितने पद खाली है? (घ) जिले में कितने पटवारी हल्‍का हैं जिसमें पटवारी पदस्‍थ हैं एवं कितने पटवारी हल्‍कों के पद खाली हैं? खाली पदों को कब तक भर दिया जायेगा?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) नरसिंहपुर जिले में 05 तहसीले, 21 राजस्‍व निरीक्षक मण्‍डल 462 पटवारी हल्‍के है। (ख) जिला नरसिंहपुर अंतर्गत तहसीलदार एवं नायब तहसीलदारों के स्‍वीकृत पद भरे पद तथा रिक्‍त पदों की जानकारी निम्‍नानुसार है:-

तहसील का नाम

तहसीलदार के पद

नायब तहसीलदार के पद

क्र.

स्‍वीकृत पद

भरे पद

रिक्‍त पद

स्‍वीकृत पद

भरे पद

रिक्‍त पद

नरसिंहपुर

02

02

---

06

04

02

करेली

01

01

---

---

---

---

गोटेगांव

01

01

---

---

---

---

गाडरवारा

02

01

01

05

03

02

तेंदुखेडा

01

01

---

---

---

---

(ग) जिले में राजस्‍व निरीक्षक के 32 पद स्‍वीकृत है, 30 पद भरे है तथा 02 पद रिक्‍त है।           (घ) जिले में 462 पटवारी हल्‍के है। 171 पटवारी पदस्‍थ हैं। 49 पद रिक्‍त है रिक्‍त पदों की पूर्ति हेतु कार्यवाही प्रचलित है समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

नल-जल योजनाओं में सुधार कार्य

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

98. ( क्र. 2479 ) श्रीमती प्रतिभा सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) बरगी वि.स. क्षेत्र में कौन-कौन सी नलजल योजनाओं में से कौन सी नल-जल योजनाएं बंद पड़ी हैं? किन-किन से पेयजल प्रदान किया जा रहा है? (ख) विगत 3 वर्षों में उक्‍त नल-जल योजनाओं पर मदवार कितना व्‍यय किया गया? बंद नल-जल योजनाओं की कब तक सुधार कर जलापूर्ति की जावेगी?

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। शीघ्र सुधार का प्रयास किया जा रहा है, निश्चित समय-सीमा नहीं बताई जा सकती।

परिशिष्ट - ''चउवन''

फसल नुकसानी का बीमा

[राजस्व]

99. ( क्र. 2487 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) देवास जिले की खातेगांव एवं कन्‍नौद तहसील के कितने गांवों में खरीफ फसल 2017 का फसल कटाई प्रयोग किया गया? गांवों की संख्‍या बतायें? (ख) कितने गांवों के किसानों द्वारा शासन को विभिन्‍न माध्‍यमों से सोयाबीन, उड़द के उत्‍पादन में नुकसान होने की सूचना राजस्‍व एवं कृषि विभाग के अधिकारियों को दी गई? ग्रामों का नाम बतायें। (ग) क्‍या सोयाबीन, उड़द के उत्‍पादन में अत्‍यंत गिरावट की जानकारी होने पर क्‍या शासन स्‍तर पर इन गांवों को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का लाभ दिलाये जाने की कार्यवाही प्रचलित है? (घ) यदि बीमा दिलाया जायेगा तो राजस्‍व एवं कृषि विभाग ने क्‍या तैयारी किसानों को बीमा राशि दिलवाने के लिये की है?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) देवास जिले में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना अन्तर्गत खरीफ फसल सोयाबीन के वर्ष 2017 में पटवारी हल्का इकाई होने से खातेगांव तहसील के कुल 74 पटवारी हल्कों में प्रति पटवारी हल्के में 2 प्रयोग पटवारी द्वारा एवं 2 प्रयोग कृषि विभाग द्वारा कुल 296 फसल कटाई प्रयोग किए गए। इसी प्रकार कन्नौद तहसील के कुल 40 पटवारी हल्को में 160 फसल कटाई प्रयोग किये गए। तहसील खातेगांव में 161 तथा कन्नौद में 52 इस प्रकार कुल 213 गांवों में फसल कटाई प्रयोग किए गए। (ख) खातेगांव तहसील के 47 ग्रामों के किसानों के आवेदन राजस्व/कृषि विभाग के अधिकारियों को प्राप्त हुए। विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। इसी प्रकार कन्नौद तहसील के 19 ग्रामों के आवदेन राजस्व/कृषि विभाग के अधिकारियों को प्राप्त हुए। विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना अन्तर्गत खरीफ बर्ष 2017 में खातेगांव एवं कन्नौद तहसील में सोयाबीन की फसल अधिसूचित है जिसके फसल कटाई प्रयोग परिणाम आगामी कार्यवाही हेतु प्रचलन में है। (घ) प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना अन्तर्गत खरीफ वर्ष 2017 के सोयाबीन फसल के फसल कटाई प्रयोग परिणाम प्राप्त हो चुके है। कृषकों को फसल बीमा दिलाने हेतु योजना प्रावधान अनुसार कार्यवाही प्रचलन में है।

राजस्‍व ग्राम घोषित करने के संबंध में

[राजस्व]

100. ( क्र. 2490 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन की किसी भी ग्राम को राजस्‍व ग्राम घोषित करने की क्‍या प्रक्रिया है? देवास जिले के खातेगांव विधानसभा क्षेत्र में कितने गांवों को राजस्‍व ग्राम बनाने का प्रस्‍ताव शासन के पास लंबित है? (ख) क्‍या कन्‍नौद तहसील के ग्राम दावतपुरा जो अ.ज.जा. संख्‍या बाहुल्‍य गांव है, उसे अभी तक राजस्‍व ग्राम का दर्जा प्राप्‍त नहीं हो सका है? (ग) यदि हाँ, तो इसको राजस्‍व ग्राम घोषित करने में कौन सी अड़चन आ रही है? (घ) यदि कोई दिक्‍कत नहीं है तो इस गांव को कब तक राजस्‍व ग्राम घोषित कर दिया जावेगा?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) राजस्व ग्राम घोषित करने के प्रावधान म.प्र. भू-राजस्व संहिता की धारा 73 में प्रावधानित है। केवल दो। (ख) जी हाँ। (ग) प्रक्रियाधीन है। (घ) समय-सीमा दिया जाना सम्भव नहीं है।

पुलिस थाना बनाने के संबंध में

[गृह]

101. ( क्र. 2491 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पुलिस विभाग की नवीन थाना बनाने एवं पुलिस चौकी को अपग्रेड करने की क्‍या योजना है, इस बाबद गृह विभाग के क्‍या नियम हैं? (ख) विगत 2 वर्षों में जिला पुलिस बल देवास द्वारा कितने नवीन पुलिस थाना बनाने एवं पुलिस चौकियों को अपग्रेड करने के विभाग को प्राप्‍त हुए हैं? (ग) क्‍या विभाग को लगता है कि पुलिस चौकी हरवागांव एवं पुलिस चौकी बिजवाड़ को पुलिस थाना बनाया जाना आवश्‍यक है? (घ) यदि हाँ, तो कब तक इन दोनों चौकियों को थाना बनाया जावेगा?

गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) नवीन पुलिस थाना खोले जाने अथवा पुलिस चौकी को अपग्रेड करने हेतु मापदण्ड पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' तथा नवीन पुलिस चौकी खोले जाने का मापदण्ड पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार। (ख) विगत 02 वर्षों में जिला पुलिस बल देवास से निम्‍नांकित प्रस्ताव प्राप्त हुए हैः- (1) नवीन थाना सिविल लाईन की स्थापना। (2) नवीन थाना नाहर दरवाजा की स्थापना। (3) पुलिस चौकी हरणगांव का थाने में उन्‍नयन।                (4) पुलिस चौकी विजयगंज मण्डी का थाने में उन्‍नयन। (ग) नवीन पुलिस चौकी हरणगांव खोले जाने का प्रस्ताव विचारण में है। समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं। बिजवाड़ पुलिस चौकी नहीं है, बल्कि पुलिस सहायता केन्द्र स्थापित है। बिजवाड़ चौकी की स्थापना का प्रस्ताव प्राप्त नहीं हुआ है। (घ) समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं।

भू-विस्‍थापित परिवार के सदस्‍य को रोजगार दिये जाने

[राजस्व]

102. ( क्र. 2501 ) श्री राम लल्लू वैश्य : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि        (क) क्‍या शासन पॉवर एवं जिला कलेक्‍टर सीधी/सिंगरौली के मध्‍य इकरारनामा 12 जुलाई, 2017 को बिन्‍दु क्र. 8 इकरारनामा के पैरा क्र. 8 ''कंपनी द्वारा जिन कृषकों की भूमि अधिग्रहित की जा रही है, उन कृषकों के परिवार के कम से कम एक सदस्‍य को आदर्श पुनर्वास नीति वर्ष 2002 में दिये गये निर्देशों के अनुरूप नौकरी देने के लिये वचनबद्ध होगी'' शासन पॉवर द्वारा बहु विस्‍थापित के परिवार आई.टी.आई. पॉलीटेक्निक इंजीनियरिंग, एल.एल.बी., हायर सेकेण्‍डरी पास, उच्‍च शिक्षा आदि को रोजगार (नौकरी) नहीं दिया गया है? इन भू-विस्‍थापित परिवार के शिक्षित लोगों के लिये इकरारनामा का पालन कराया जायेगा? यदि नहीं, तो दोषी कौन है? (ख) ग्राम सिद्धी खुर्द, सिद्धी कलां, हर्रहबा, झांझी एवं अमलोरी मुहरे गांवों के विस्‍थापित परिवार के शिक्षित युवकों को कण्डिका-8 के अनुसार नौकरी नहीं दी गई है तो कब तक दी जावेगी? क्‍या जिला प्रशासन इकरारनामे के हस्‍ताक्षरकर्ताओं की क्‍या जिम्‍मेदारी नहीं बनती? यदि बनती है तो इकरारनामें की शर्तों के अनुसार अभी तक क्‍या कार्यवाही की गई?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) एवं (ख) जी नहीं। प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता।

शासकीय भूमि पर अतिक्रमण

[राजस्व]

103. ( क्र. 2509 ) श्री मानवेन्द्र सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि          (क) छतरपुर जिले की तहसील छतरपुर के ग्राम धामची के खसरा नं. 3/1, 3/2, 2/1, 2/2 की शासकीय भूमि पर कितने-कितने भू-भाग पर किन-किन अतिक्रमणकर्ताओं के द्वारा कब से कब्‍जा किया गया है? अतिक्रमणकर्ताओं के नाम, पते सहित जानकारी देवें। (ख) क्‍या उक्‍त स्‍थल को अतिक्रमण से मुक्‍त किये जाने हेतु विभाग/शासन द्वारा अतिक्रमणकर्ताओं को अपने-अपने अतिक्रमण हटाने के नोटिस जारी किये गये थे? यदि हाँ, तो कब? यदि नहीं, तो क्‍यों? (ग) उक्‍त स्‍थल से अतिक्रमण नहीं हटाये जाने के लिए कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी जिम्‍मेदार हैं? उनके विरूद्ध विभाग द्वारा क्‍या कार्यवाही की जावेगी? उक्‍त स्‍थल को अतिक्रमण से कब तक मुक्‍त करा लिया जावेगा?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) छतरपुर जिले की तहसील छतरपुर के ग्राम धामची मण्‍डल महेबा तहसील छतरपुर स्थित भूमि खसरा नम्‍बर 1/2/1, 1/2/2,1/2/3, 1/2/3,3/1, 3/2/2/1, 3/2/2/2, 161/2 रकवा क्रमश: 3.699,0.040, 0.065, 0.858, 11.081 व.121, 4.026 हे. पर अतिक्रमणकारी श्री चरण सिंह यादव द्वारा लकड़ी के खम्‍बे एवं कटीले तार से तार फेंसिंग कर खेत की जुताई कर अतिक्रमण था। (ख) प्रश्‍नाधीन भूमि को हल्‍का पटवारी राजस्‍व निरीक्षक एवं पुलिस के सहयोग से अतिक्रमण हटा दिया गया है। वर्तमान में भूमि पर कोई अतिक्रमण नहीं है।                    (ग) प्रश्‍नाधीन भूमि अतिक्रमण मुक्‍त होने से कार्यवाही करने का प्रश्‍न ही उद्भूत नहीं होता है।

ठेका श्रमिकों को समान कार्य समान वेतन दिया जाना

[श्रम]

104. ( क्र. 2517 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                    (क) प्रश्‍नकर्ता के प्रश्‍न क्रमांक 2431 दिनांक 26.07.2017 के संदर्भ में क्‍या यह सही है कि अमरकंटक ताप विद्युत गृह चचाई जिला अनूपपुर के कोल हैंडलिंग प्‍लांट 210 मेगावाट के ठेकेदारों को ठेका श्रमिक (विनिमय एवं उन्‍मूलन) म.प्र. नियम 1973 के अंतर्गत लेबर लायसेंस जारी किये जाते हैं? यदि हाँ, तो श्रम पदाधिकारी जिला अनूपपुर द्वारा लायसेंस में उल्‍लेखित उपाबंध क्रमांक 5, 6 एवं 7 का पालन न करने वाले ठेकेदारों पर कब-कब कार्यवाही कर माननीय न्‍यायालय में प्रकरण प्रस्‍तुत किये हैं? (ख) क्‍या अमरकंटक ताप विद्युत गृह में ठेका श्रमिकों से स्‍थाई श्रमिकों के बराबर काम कराया जाता है तथा समान कार्य का समान वेतन नहीं दिया जाता है? यदि दिया जाता है तो लाभान्वित श्रमिकों का नाम बतावें? यदि नहीं, तो समान कार्य का समान वेतन कब तक दिया जायेगा? (ग) उपरोक्‍त प्रश्‍नांश के परिप्रेक्ष्‍य में क्‍या श्रम पदाधिकारी जिला अनूपपुर को हटाया गया था? यदि हाँ, तो पुन: पदस्‍थापना क्‍यों की गई?

खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जी हाँ। ठेका श्रम (विनियमन एवं प्रतिषेध) अधिनियम 1970 के प्रावधानानुसार श्रम पदाधिकारी जिला अनूपपुर द्वारा ठेकेदारों को अनुज्ञप्ति जारी की जाती है। अनुज्ञप्ति में उल्लेखित उपबंध क्रमांक 5, 6 एवं 7 के उल्लंघनों की स्थिति नहीं पाई गई है, अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी नहीं। ठेका श्रमिकों से स्थाई श्रमिकों के समान कार्य कराए जाने के प्रकरण समक्ष नहीं आए है, अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं।              श्री प्रेमनाथ सिंह बघेल श्रम पदाधिकारी माह जुलाई 2017 में सेवानिवृत्त हुए हैं। अतः रिक्त पद का प्रभार श्रम पदाधिकारी शहडोल को दिया गया है।

न्यूनतम मजदूरी निर्धारण की प्रक्रिया

[श्रम]

105. ( क्र. 2566 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि             (क) श्रम विभाग द्वारा अर्द्धकुशल एवं कुशल श्रमिकों के लिये किस नियम के तहत न्यूनतम वेतन निर्धारित किया जाता है? (ख) क्या ग्रामीण/आदिवासी क्षेत्रों, ग्राम पंचायत एवं नगरीय क्षेत्र नगर पंचायत आदि के लिये न्यूनतम मजदूरी एक समान होती है अथवा पृथक-पृथक होती है? यदि हाँ, तो क्या जनसंख्या के आधार पर भी वेतन देने का क्या कोई प्रावधान है?

खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (‍क) श्रम विभाग द्वारा न्‍यूनतम वेतन अधिनियम, 1948 के अंतर्गत 67 अधिसूचित नियोजनों में कार्यरत अकुशल, अर्द्धकुशल, कुशल एवं उच्‍चकुशल श्रमिकों एवं कर्मचारियों हेतू न्‍यूनतम वेतन का निर्धारण अधिनियम की धारा 3 के अंतर्गत किया जाता है।             (ख) ग्रामीण/आदिवासी क्षेत्र, ग्राम पंचायत एवं नगरीय क्षेत्र, नगर पंचायत इन सभी क्षेत्रों में स्थित वे अनुसूचित नियोजन जिनमें न्‍यूनतम वेतन दरें निर्धारित की गई है, सभी में न्‍यूनतम मजदूरी समान होती है। वर्तमान में जनसंख्‍या के आधार पर वेतन देने का कोई प्रावधान नहीं है।

फसलों की सिंचाई हेतु धारा 144 की जानकारी

[राजस्व]

106. ( क्र. 2572 ) श्री गोपालसिंह चौहान (डग्‍गी राजा) : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला अशोकनगर में क्‍या जिलाधीश महोदय द्वारा किसानों को फसलों की सिंचाई हेतु पानी देने वाले स्‍थानों जैसे स्‍टॉप डेम, नदी, तालाब इत्‍यादि जल स्‍त्रोतों पर धारा 144 लगाई गई है? (ख) क्‍या सिंचाई वाले पानी धारा 144 का प्रयोग किया जा सकता है? यदि लगाई गई है तो कब तक हटा दीं जावेगी?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। दिनांक 14/11/2017 से आदेश स्‍थागित कर दिया गया हैं।

मुख्‍यमंत्री मेघावी विद्यार्थी योजना के सत्र २०१७- १८ में लाभार्थियों

[तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास]

107. ( क्र. 2586 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या राज्‍यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क‌) विषयांकित योजना से सत्र २०१७-१८ में राष्‍ट्रीय शिक्षण संस्थानों, निजी मेडिकल कॉलेजों जे.ई.ई. में ५०,००० के अंदर रेंकिंग वाले प्रवेशित विद्यार्थियो जिन्‍होंने इंजीनियरिंग कालेजो में प्रवेश लिया है तथा शासकीय संस्थानों सहित लाभार्थी विद्यार्थियों की जानकारी संख्यात्मक अलग-अलग दें? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित संस्थानों अनुसार शासन द्वारा इस वर्ष की फीस पर खर्च की गयी या खर्च की जाने वाली राशि की जानकारी दें?

राज्‍यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक कैलाश जोशी ) : (क) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) योजना अन्‍तर्गत अभी तक खर्च की गई राशि 141489040.00 रूपये है।

परिशिष्ट - ''पचपन''

दस्तावेजों के डिजिटलाईजेशन

[परिवहन]

108. ( क्र. 2593 ) श्री प्रहलाद भारती : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश परिवहन विभाग द्वारा विभिन्न वाहन चालकों की सुविधा के दृष्टिगत ड्रायविंग लायसेंस, वाहन का रजिस्ट्रेशन, वाहन का बीमा आदि आवश्यक दस्तावजों को पेपरलेस डिजिटलाईजेशन किए जाने हेतु कोई योजना वर्तमान में प्रस्तावित है, जिससे यातायात जाँच के दौरान वाहन चालकों को उपर्युक्त दस्तावेजों की हार्ड प्रति दिखाने की अनिवार्यता को समाप्त किया जा सके? (ख) यदि हाँ, तो कब तक डिजिटलाईजेशन की कार्यवाही कर ली जावेगी? यदि नहीं, तो क्या योजना बनाकर उपर्युक्त दस्तावेजों को डिजिटल किए जाने की आवश्यकता नहीं है? कब तक इस हेतु योजना बना ली जाएगी?

गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी नहीं। मध्‍यप्रदेश परिवहन विभाग द्वारा MP Mobile App तथा M-Sewa दो एप्‍प जारी किये गये है। ई-ड्रायविंग लायसेंस तथा ई-रजिस्‍ट्रेशन MP Mobile App पर उपलब्‍ध है, जिन्‍हें नागरिकों के आधार नंबर से लिंक किया गया है, आधार नंबर सही होने पर ई-ड्रायविंग तथा ई-रजिस्‍ट्रेशन को डाउनलोड किया जा सकता है तथा इन दस्‍तावेजों को मूल दस्‍तावेजों के समान ही मान्‍य करने के संबंध में विभागा द्वारा आदेश जारी किये गये है। आदेश की प्रति संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) प्रश्‍नांश () के उत्‍तर के परिप्रेक्ष्‍य में शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट - ''छप्पन''

विस्थापित परिवारों के व्यवस्थापन में नीति निर्धारित

[राजस्व]

109. ( क्र. 2616 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजस्व विभाग द्वारा ज्ञाप दिनांक 09 जुलाई, 1986 के द्वारा भारत पाक विभाजन के फलस्वरूप पश्चिम पाकिस्तान से आये विस्थापित परिवारों के व्यवस्थापन के सम्बन्ध में नीति निर्धारित की गयी है? (ख) यदि हाँ, तो प्रश्नांश (क) में दर्शाई गई नीति के परिप्रेक्ष्य में मंदसौर एवं नीमच जिले में कितने-कितने विस्थापित परिवारों के व्यवस्थापन की कार्यवाही पूर्ण हो चुकी है तथा कितने-कितने परिवार आज भी व्यवस्थापन की कार्यवाही से वंचित हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) में व्यवस्थापन की कार्यवाही से वंचित परिवारों को कब तक शासन की व्यवस्थापन नीति का लाभ मिलेगा?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ (ख) नीति निर्धारण के पश्‍चात् नीमच जिले में 4 विस्‍थापित परिवारों का व्‍यवस्‍थापन किया गया था, जिन्‍हें पुनर्वास विभाग द्वारा पश्‍चातवर्ती कार्यवाही में पुनर्विचार पश्‍चात् निरस्‍त किया गया है। व्‍यवस्‍थापन की कार्यवाही से कोई पात्र परिवार वंचित नहीं है तथा मंदसौर जिले में 215 परिवारों के व्‍यवस्‍थापन की कार्यवाही पूर्ण हो चुकी है। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार निरंक है।

मत्स्य पालन हेतु स्थानीय समितियों को पट्टे नहीं दिये जाने

[मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास]

110. ( क्र. 2617 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के सिंचाई तालाबों में मत्स्य पालन हेतु पट्टे दिये जाने सम्बन्धी शासन के निर्देश क्या हैं? प्रति उपलब्ध कराई जाये? (ख) क्या मत्स्य पालन हेतु जारी किये जाने वाले पट्टो के संबंध में शासन के निर्देशों का पालन किया जा रहा है? यदि हाँ, तो मंदसौर एवं नीमच जिले में        किन-किन मत्स्य पालन समितियों द्वारा नियम विरुद्ध पट्टे दिये जाने की शिकायत शासन को करते हुए स्थानीय समितियों को पट्टे दिये जाने की मांग की जा रही है? (ग) प्रश्नांश (ख) में प्राप्त शिकायत की कब तक जाँच पूर्ण कराई जाकर पात्र स्थानीय मत्स्य पालन समितियों को पट्टे जारी किये जा सकेंगे? (घ) प्रश्‍नांश (ग) में दोषी अधिकारी के विरुद्ध शासन क्‍या कोई कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो तत्संबंधी ब्यौरा दें?

पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। मन्‍दसौर जिले में ऐसी कोई शिकायत प्राप्‍त नहीं हुई है, परंतु नीमच जिले में दो समितियों, मछुआ सहकारी समिति पडदा एवं आदिवासी अनुसूचित जाति मछुआ सहकारी समिति ग्‍वाल द्वारा शिकायत की गयी है। (ग) प्रश्‍नांश (ख) के अनुसार मछुआ सहकारी समिति पडदा की जाँच सहकारिता विभाग तथा आदिवासी अनुसूचित जाति मछुआ सहकारी समिति ग्‍वाल का प्रकरण मा. उच्‍च न्‍यायालय इंदौर में विचाराधीन है। निराकरण होते ही कार्यवाही की जावेगी। समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (घ) शिकायतों के निराकरण के निष्‍कर्ष के आधार पर कार्यवाही की जावेगी।

नामांतरण, बंटवारा, सीमांकन के प्रकरणों का निराकरण

[राजस्व]

111. ( क्र. 2673 ) श्री मधु भगत : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि               (क) परसवाड़ा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत वित्‍तीय वर्ष 2015 से प्रश्‍न दिनांक तक नामांतरण बंटवारे एवं सीमांकन के कितने आवेदन लिखित रूप से कितने आवेदन मौखिक रूप से प्राप्‍त हुए एवं इनके नामांतरण बंटवारा सीमांकन के प्रकरणों का निराकरण किन-किन के द्वारा किया गया? तहसीलवार जानकारी उपलब्‍ध करावें। (ख) क्‍या परसवाड़ा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत नामांतरण बंटवारा सीमांकन के प्रकरणों का निराकरण शासन द्वारा निर्धारित अवधि में नहीं किया गया? यदि हाँ, तो निर्धारित अवधि में कितने प्रकरणों का निराकरण नहीं किया गया और क्‍यों? (ग) प्रश्‍नांकित अवधि में प्राप्‍त आवेदनों में से कितने आवेदन प्रश्‍न दिनांक की स्थिति में निराकरण हेतु लंबित थे उनका निराकरण कब तक कर दिया जावेगा?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) परसवाड़ा विधानसभा क्षेत्र अन्‍तर्गत वित्‍तीय वर्ष 2015 से प्रश्‍न दिनांक तक निराकरण की स्थिति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। नामांतरण एवं बटवारा का निराकरण तहसीलदार द्वारा तथा सीमांकन का निराकरण संबंधित राजस्‍व निरीक्षक द्वारा किया गया है। (ख) परसवाड़ा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत नामांतरणबटवारासीमांकन के प्रकरणों का निराकरण शासन द्वारा निर्धारित नियम एवं प्रक्रिया अनुसार किया जाता है (ग) प्रश्‍नांकित अवधि में प्राप्‍त आवेदनों में से 131 आवेदन पत्र लंबित है जिनका नियमानुसार निराकरण कर दिया जायेगा।

परिशिष्ट - ''सत्तावन''

धान भण्‍डारण

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

112. ( क्र. 2677 ) श्री मधु भगत : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                (क) बालाघाट जिले के अंतर्गत वर्ष 2015-16, 2016-17 से प्रश्‍न दिनांक तक कितनी धान कौन-कौन से केन्‍द्र से कितनी मात्रा में क्रय की गई तथा कितनी क्रय धान का कितना भुगतान किया गया? केन्‍द्रवार मात्रा एवं राशि बतायें? (ख) उपरोक्‍त धान कहाँ-कहाँ, कौन-कौन से गोदाम में भण्‍डारित की गई थी? गोदाम का स्‍थान, गोदाम मालिक का नाम और धान की मात्रा, भण्‍डारण की अवधि सहित बताये तथा यह बतावें कि बालाघाट जिले के अंतर्गत वे कौन-कौन से गोदाम हैं जहां पर कि धान भण्‍डारित नहीं की गई थी? उसका क्‍या कारण है और उसके लिए जिम्‍मेदार कौन हैं? (ग) धान खरीदी केन्‍द्र से निकटतम बढ़ते क्रम में गोदाम कहाँ-कहाँ पर हैं जिनमें कि धान उस केन्‍द्र की भण्‍डारित नहीं की गई थी? इसका क्‍या कारण है और कौन जिम्‍मेदार है? (घ) धान के परिवहन में कुल कितना व्‍यय हुआ? किस-किस परिवहन एजेंसी को कितना भुगतान किया गया? उक्‍त कार्य में से किस-किस कार्य के लिये किस-किस कार्य एजेंसी/ट्रेवल्‍स को कितनी-कितनी राशि का भुगतान किया गया? जिले में आपके कार्यालय में किस-किस कार्य हेतु अथवा स्‍टेशनरी, दौरा कार्यक्रम आदि के लिये किस-किस कार्य के कहा कितना खर्च हुआ? विगत दो वर्ष का विस्‍तृत ब्‍यौरा देवें?

खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) बालाघाट जिले में खरीफ विपणन वर्ष 2015-16 में 2,77,895.99 एवं वर्ष 2016-17 में 3,59,480.48 मे.टन समर्थन मूल्‍य पर धान का उपार्जन किया गया। वर्षवार, उपार्जन केन्‍द्रवार उपार्जित धान की मात्रा एवं भुगतान की गई राशि की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) बालाघाट जिले में खरीफ विपणन वर्ष 2015-16 में धान विपणन संघ के भंडारण केन्‍द्रों एवं केपो में 2,01,357.32 एवं मध्‍यप्रदेश वेयरहाउसिंग एण्‍ड लॉजिस्टिक कार्पोरेशन के गोदामों में 75,970.35 मे.टन तथा वर्ष 2016-17 में विपणन संघ के भंडारण केन्‍द्रों एवं केपो में 2,22,170.75 मे.टन एवं मध्‍यप्रदेश वेयरहाउसिंग एण्‍ड लॉजिस्टिक कार्पोरेशन के बालाघाट एवं मंडला के गोदामों में 1,31,822.11 मे.टन तथा सी.डब्‍ल्‍यू.सी. गर्रा गोदाम में-4,556.02 मे.टन धान का भंडारण किया गया है। गोदामवार भंडारित धान की मात्रा, गोदाम का स्‍थान, मालिक का नाम एवं धान भण्‍डारण की अवधि की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। वर्ष 2015-16 में बालाघाट जिले में संचालित शाखाओं पर कोई भी वैज्ञानिक भंडारण हेतु उपयुक्‍त गोदाम रिक्‍त नहीं रहा है। खरीफ विपणन वर्ष 2016-17 में जिन गोदामों में धान का भंडारण नहीं किया गया है, उनकी कारण सहित जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (ग) वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में विपणन संघ द्वारा न्‍यूनतम दूरी के आधार पर निकटतम गोदमों में धान का भंडारण किया गया है। वेयर हाउसिंग एण्‍ड लॉजिस्टिक्‍स कार्पोरेशन को जिन गोदामों का आफर जे.व्‍ही.एस. योजना के तहत ऑनलाईन प्राप्‍त हुए थे, उनमें से समस्‍त अनुबंधित गोदामों में भण्‍डारण को किया गया था कोई भी निजी गोदाम रिक्‍त नहीं रहे हैं। (घ) खरीफ विपणन वर्ष 2015-16 में समर्थन मूल्‍य पर उपार्जित धान के परिवहन में कुल राशि रू. 10,03,28,258 का व्‍यय हुआ है एवं परिवहनकर्ता को राशि                                                                   रू. 10,02,60,014 का भुगतान किया गया है। शेष राशि रू. 68244 भंडारण केन्‍द्रों में धान कम प्राप्‍त होने से राशि रोकी गई। खरीफ विपणन वर्ष 2016-17 में समर्थन मूल्‍य पर उपार्जित धान के परिवहन में कुल राशि रू. 13,44,64,983 का व्‍यय हुआ है एवं परिवहनकर्ता को राशि रू. 13,20,09,000 भुगतान किया गया है। शेष राशि रू. 24,55,983 बारदाना के मिलान होने पर भुगतान किया जायेगा। मध्‍यप्रदेश राज्‍य सहकारी विपणन संघ, बालाघाट में स्‍टेशनरी, दौरा कार्यक्रम पर विगत दो वर्षों में हुए व्‍यय की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-द अनुसार है।

जाँच प्रतिवेदन के संबंध में

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

113. ( क्र. 2697 ) श्रीमती रेखा यादव : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                   (क) क्‍या प्रश्‍नकर्ता के प्रश्‍न क्रमांक 1303, दिनांक 19.07.2017 में उत्‍तर दिया गया था कि जाँच हेतु नामांकित किये गये अधिकारी के संबंध में आयुक्‍त खाद्य द्वारा जारी आदेश की प्रति संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है? (ख) प्रश्‍नांश (क) के अनुसार क्‍या जाँच अधिकारी द्वारा उक्‍त जाँच को पूर्ण कर लिया गया है? यदि हाँ, तो जाँच प्रतिवेदन की प्रति उपलब्‍ध करायें। (ग) प्रश्‍नांश (ख) के अनुसार यदि नहीं, तो कारण सहित बतायें। क्‍या शासन विधि सम्‍मत एवं समय-सीमा में कार्यवाही न करने वाले अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही करने के आदेश जारी करेगा? यदि हाँ, तो समय-सीमा बतायें? यदि नहीं, तो क्‍यों?

खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ग) प्रश्‍नांश () के उत्‍तर के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - ''अट्ठावन''

शासन की भूमि के संबंध में

[राजस्व]

114. ( क्र. 2698 ) श्रीमती रेखा यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि              (क) जिला छतरपुर, तहसील छतरपुर, हल्‍का पटवारी छतरपुर सरानी-पठापुर-सौरा-ढड़ारी-मौराहा-देरी-गुरैया-चन्‍द्रपुरा में किन-किन खसरा नंबरों में बन्‍दोबस्‍त के समय शासन दर्ज था? उक्‍त खसरा नंबरों को किस वर्ष में व्‍यक्तियों के नाम दर्ज की गई थी। सूची खसरा सहित रकवा उपलब्‍ध कराये।                (ख) जिला छतरपुर अन्‍तर्गत महाराज भवानी सिंह जू देव एवं राज परिवार छतरपुर द्वारा कितनी भूमियां दान स्‍वरूप सेवा, पूजा के लिये किन-किन मंदिरों में लगायी गई थी एवं किन-किन को कितनी भूमियों को सीलिंग एक्‍ट के अंतर्गत त्‍याग पत्र दिया गया था। खसरा नंबर एवं रकवा सहित बतावें। (ग) प्रश्‍नांश (ख) के अनुसार क्‍या राजस्‍व रिकार्ड में उक्‍त भूमियों मंदिर के नाम (प्रबंधक कलेक्‍टर) दर्ज किया गया था? हाँ या नहीं? क्‍या सीलिंग एक्‍ट के अंतर्गत त्‍यागपत्र भूमि पर शासन दर्ज किया गया था? हाँ या नहीं? (घ) प्रश्‍नांश (ग) के अनुसार यदि हाँ, तो क्‍या उक्‍त खसरा नंबरों में सक्षम अधिकारी के आदेश से मंदिर (प्रबंधक कलेक्‍टर) एवं शासन हटाकर व्‍यक्तियों के नाम दर्ज की गई थी। यदि हाँ, तो उक्‍त समस्‍त आदेशों की प्रति उपलब्‍ध करायें। यदि नहीं, तो कारण सहित बतायें। क्‍या उक्‍त खसरा नंबरो में मंदिर (प्रबंधक कलेक्‍टर) शासन दर्ज किया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) छतरपुर जिले की तहसील छतरपुर अंतर्गत प्रश्नाधीन पटवारी हल्काः- छतरपुर, सरानी, पठापुर, सौरा, ढडारी, मौराहा, देरी,गुरैया, चन्द्रपुरा में बंदोबस्त के समय राजस्व अभिलेख में म.प्र. शासन के नाम दर्ज की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। प्रश्नाधीन ग्रामों का बन्दोबस्त 1916 से 1946 के मध्य सम्पन्न हुआ तत्समय से वर्तमान वर्ष तक प्रश्नाधीन ग्रामों के शासकीय खसरा नंबरों का निजी व्यक्तियों के नाम भूमि अंतरण संबंधी जानकारी पुराने अभिलेख एवं विभिन्न न्यायालयों के प्रकरणों के अवलोकन पश्चात ही तैयार की जा सकेगी। प्रश्नाधीन जानकारी अत्यधिक श्रम साध्य एवं समय साध्य होने के कारण तत्काल उपलब्‍ध की जाना संभव नहीं है। (ख) जिला छतरपुर अंतर्गत महाराज भवानीसिंह जू देव राज परिवार द्वारा दान स्वरूप सेवा पूजा के लिए मंदिरों में लगाई गई भूमि एवं सीलिंग एक्ट के अन्तर्गत त्यागपत्र के माध्यम से त्यागी गयी भूमि के संबंध में बंदोबस्त दिनांक से वर्तमान अभिलेख तक में कोई भी प्रविष्टि दर्ज नहीं है। अतः शेष जानकारी निरंक है। (ग) जानकारी निरंक है। (घ) जानकारी निरंक है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।

महिलाओं को आवंटित राशन दुकान

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

115. ( क्र. 2726 ) श्रीमती पारूल साहू केशरी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्‍यप्रदेश में खाद्य नागरिक आपूर्ति विभागांतर्गत जिलेवार कितनी-कितनी राशन दुकानें संचालित हैं? उनमें से कितनी दुकानें महिलाओं के नाम से आवंटित हैं? जानकारी अलग-अलग जिलेवार दी जावे। (ख) क्‍या शासन द्वारा खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभागांतर्गत संचालित राशन दुकानों में से 50 प्रतिशत् राशन दुकानें महिला समूहों को आवंटित करने हेतु आदेश जारी किये गये थे? (ग) यदि हाँ, तो उक्‍त आदेश कब जारी किये गये थे और क्‍या शासनादेश के परिपालन में महिला समूहों को 50 प्रतिशत् राशन दुकानें आवंटित की गयी हैं? यदि नहीं, तो क्‍यों? शासनादेश का पालन क्‍यों नहीं किया गया?

खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। (ग) प्रश्‍नांश () के उत्‍तर के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट - ''उनसठ''

गृह निर्माण समिति को भूमि का आवंटन

[राजस्व]

116. ( क्र. 2739 ) श्री गोविन्‍द सिंह पटेल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. विधानसभा सचिवालय अधिकारी गृह निर्माण सहकारी संस्‍था के लिए भोपाल नगर निगम क्षेत्र में भूमि आवंटन हेतु शाहपुरा में खसरा क्र. 272, 266 एवं 267 में रकवा 4 एकड़ का प्रस्‍ताव विचाराधीन है? यदि हाँ, तो कब से? (ख) उक्‍त भूमि का टाउन एण्‍ड कन्‍ट्री प्‍लानिंग कार्यालय भोपाल से एन.ओ.सी. प्राप्‍त होने के बाद कलेक्‍टर भोपाल ने शासन के विचारार्थ भूमि आवंटन हेतु राशि का उल्‍लेख करते हुए ही भेजा है? (ग) प्रस्‍तावित भूमि का आरक्षण संबंधी कार्यवाही कब तक की जावेगी? अब तक की गई कार्यवाही से क्‍या संस्‍था को सूचित किया जावेगा? (घ) शासन द्वारा उक्‍त संबंध में संस्‍था को कब तक भूमि उपलब्‍ध करायी जावेगी?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। उक्‍त प्रस्‍ताव कलेक्‍टर जिला भोपाल द्वारा वर्ष 2010 में प्रेषित किया गया। (ख) कलेक्‍टर भोपाल के प्रकरण क्रमांक 551/न.अ./रा.परि./ टी.टी.नगर/ 10 दिनांक 21.09.2010 के द्वारा अध्‍यक्ष, विधानसभा सचिवालय अधिकारी गृह निर्माण सहकारी संस्‍था (मर्या.) भोपाल के पक्ष में आरक्षण प्रस्‍ताव प्रेषित किया गया है। (ग) एवं (घ) नगरीय विकास एवं आवास विभाग के द्वारा भूमि आरक्षण की कार्यवाही की जाती है। वर्तमान में गैर शासकीय संस्‍थाओं को विभिन्‍न प्रयोजन हेतु भू‍मि आवंटन की नीति मंत्रि परिषद की उप समिति के समक्ष विचाधीन है। अत: समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

शिवपुरी को सूखा संबंधित राहत प्रदाय

[राजस्व]

117. ( क्र. 2753 ) श्रीमती शकुन्‍तला खटीक : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या मध्‍यप्रदेश शासन द्वारा तहसील करैरा व नरवर जिला शिवपुरी को सूखाग्रस्‍त घोषित कर दिया गया है? (ख) यदि हाँ, तो शासन द्वारा सूखाग्रस्‍त क्षेत्रों के कृषक व मजदूर वर्गों को      क्‍या-क्‍या राहत योजना दिये जाने का प्रावधान है, की प्रति दी जावे व प्रावधानों के तहत प्रश्नांश (क) में वर्णित क्षेत्र में संबंधितों को अभी तक क्‍या-क्‍या राहत संबंधी कार्य दिये जा चुके हैं? यदि नहीं, तो क्‍यों व उन्‍हें राहत संबंधी कार्य कब तक किये जावेंगे?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। (ख) राजस्‍व पुस्‍तक परिपत्र 6 (4) के तहत प्रभावित कृषकों को फसलों की क्षति हेतु आर्थिक अनुदान सहायता राशि प्रदाय किए जाने का प्रावधान हैं। मजदूर वर्गों हेतु मनरेगा योजना के अंतर्गत 100 कार्यदिवस के अतिरिक्‍त 50 कार्यदिवस कुल 150 कार्यदिवस का प्रावधान हैं। मनरेगा योजना के तहत कार्य संचालित कर दिए हैं। शेष प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता है।

स्‍वीकृत पद, रिक्‍त पद, भरे हुए पदों की जानकारी

[गृह]

118. ( क्र. 2788 ) श्री ओमकार सिंह मरकाम : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गृह विभाग में म.प्र. में कौन-कौन पद किस किस श्रेणी के स्‍वीकृत हैं? स्‍वीकृत पद में            कौन-कौन से पद भरे हैं, कौन-कौन से पद रिक्‍त, क्‍यों रिक्‍त है, कब तक पद भरे जायेंगे।        (ख) आरक्षण रोस्‍टर अनुसार श्रेणीवार सभी पदों की जानकारी देवें?

गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' एवं '''' अनुसार।

परिशिष्ट - ''साठ''

स्‍वीकृत एवं रिक्‍त पदों की जानकारी

[राजस्व]

119. ( क्र. 2789 ) श्री ओमकार सिंह मरकाम : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि प्रदेश में राजस्‍व विभाग में कौन-कौन से पद किस-किस श्रेणी के स्‍वीकृत हैं? स्‍वीकृत पद में से कितने पद भरे हैं कितने पद रिक्‍त हैं? रिक्‍त पद कब तक भरे जायेंगे?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) प्रदेश में राजस्‍व विभाग अंतर्गत आयुक्‍त/कलेक्‍टर/प्रमुख राजस्‍व आयुक्‍त/आयुक्‍त भू-अभिलेख एवं बंदोबस्‍त/राहत आयुक्‍त/पुनर्वास एवं नियंत्रक शासकीय केन्‍द्रीय मुद्रणालय के अधीनस्‍थ स्‍वीकृत भरे एवं रिक्‍त पदों की जानकारी पदवार/श्रेणीवार पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। तहसीलदार के रिक्‍त पदों की पूर्ति हेतु संविदा नियुक्ति से भरे जाने हेतु कार्यवाही प्रचलित है, नायब तहसीलदार के रिक्‍त पदों की पूर्ति हेतु कार्यवाही प्रचलित है। चतुर्थ श्रेणी के सीधी भर्ती के पदों पर प्रतिबंध होने तथा माननीय उच्‍च न्‍यायालय जबलपुर द्वारा पदोन्‍नति नियम 2002 पर प्रतिबंध लगाये जाने के फलस्‍वरूप रिक्‍त पदों को भरा जाना संभव नहीं है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

कैरोसिन सेमी होल सेलर के कारोबार की जानकारी

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

120. ( क्र. 2800 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                        (क) जबलपुर एवं सागर संभाग में सार्वजनिक वितरण प्रणाली में कहाँ-कहाँ, कौन-कौन सेमी होलसेलर कब से किसके आदेश से कार्यरत हैं? सेमीहोल सेलर का मुख्‍यालय कहाँ है? कार्यक्षेत्र क्‍या है? (ख) प्रश्नांश (क) के सेमी होलर्स में किस-किस ने जी.एस.टी. में पंजीकरण कराया है? यह भी बतायें कि किस सेमीहोल सेलर ने कब कितना जी.एस.टी. जमा किया? कब रिटर्न जमा किया, बताएं? (ग) क्‍या राशन दुकान से बिकने वाले कैरोसिन पर कितना जी.एस.टी. अंतिम उपभोक्‍ता को देना पड़ रहा है? सेमीहोल सेलर के क्षेत्रवार अधिकतम बताएं?

खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जबलपुर संभाग के जबलपुर, कटनी, मंडला, नरसिंहपुर, सिवनी, डिंडोरी एवं एवं सागर संभाग के पन्‍ना जिले में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत कोई भी केरोसिन सेमी होलसेलर कार्यरत नहीं है। छिंदवाड़ा, बालाघाट, सागर एवं दमोह, छतरपुर एवं टीकमगढ़ की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ख) जबलपुर, कटनी, मंडला नरसिंहपुर, सिवनी, डिंडोरी एवं पन्‍ना जिले के संदर्भ में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। छिंदवाड़ा, बालाघाट, टीकमगढ़, छतरपुर एवं दमोह की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है। सागर जिले की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' में ही समाहित है। (ग) जी.एस.टी. दर का निर्धारण भारत शासन द्वारा किया जाता है।

क‍टनी खाद्य कार्यालय में आवक एवं प्रकरण पंजी के संधारण

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

121. ( क्र. 2801 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि         (क) जिला आपूर्ति अधिकारी कटनी के कार्यालय में आवक पंजी एवं प्रकरण पंजी का संधारण दिनांकवार किया जाता है या किसी अन्‍य क्रम से? बतांए? (ख) कटनी जिले में आवक पंजी एवं प्रकरण पंजी का अधिकारिक अपलेखन या विनिष्टिकरण कब-कब किया गया? (ग) क्‍या प्रश्नांश (क) अभिलेख दिनांकवार होने से दिनांक विशेष के प्रतिवेदनों पर क्‍या कार्यवाही एवं प्रकरणों की स्थिति का ब्‍यौरा आसानी से दिया जा सकता है? (घ) प्रश्‍न क्रमांक 6125 दिनांक 27.03.2017 का उत्‍तर क्‍यों नहीं दिया गया? तो शासन दोषियों के विरूद्ध क्‍या कार्यवाही करेगा और कब?

खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

पेयजल योजनाओं के कार्य व बजट

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

122. ( क्र. 2812 ) डॉ. राजेन्‍द्र पाण्‍डेय : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या ग्रामीण क्षेत्रों में सुगमता से पेयजल उपलब्‍धता हेतु समूह पेयजल योजना एवं मुख्‍यमंत्री ग्रामीण पेयजल योजनाओं के माध्‍यम से ग्रामीण क्षेत्रों में ग्रामवासियों हेतु लगातार प्रयास किये जा रहे हैं? (ख) यदि हाँ, तो जावरा एवं पिपलौदा तहसील में विभागीय परीक्षण में  किन-किन स्‍थानों को सम्मिलित किया गया है? साथ ही सीधे-सीधे किन-किन स्‍थानों से इस हेतु आवेदन प्राप्‍त हुए क्‍या जनप्रतिनिधियों के माध्‍यम से भी आवेदन प्राप्‍त हुए हैं? (ग) यदि हाँ, तो दोनों तहसीलों में विभिन्‍न स्‍थानों से कब-कब कुल कितने आवेदन किन-किन व्‍यवस्‍थाओं से प्राप्‍त हुए? उन पर क्‍या कार्यवाहियां की गई तथा विभागीय परीक्षण उपरांत क्‍या कार्यवाहियां की गई?        (घ) अवगत कराएं कि दोनों तहसीलों में वर्ष 2014-15 से लेकर प्रश्‍न दिनांक तक विभिन्‍न योजनाओं, कार्यों हेतु कुल कितना बजट प्राप्‍त होकर प्राप्‍त बजट से क्‍या-क्‍या कार्य किन-किन स्‍थानों पर पूर्ण हुए? अपूर्ण रहे?

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 के अनुसार है। जी नहीं। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) बजट आवंटन तहसीलवार नहीं, जिलेवार दिया जाता है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 एवं 3 के अनुसार है।

राजस्‍व संबंधी कार्य

[राजस्व]

123. ( क्र. 2813 ) डॉ. राजेन्‍द्र पाण्‍डेय : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि       (क) क्‍या नागरिकों की सुविधा हेतु शासन/विभाग राजस्‍व संबंधी कार्यों हेतु प्राथमिकता से उन कार्यों को किये जाने हेतु अनेक विभागीय माध्‍यमों से कार्य कर रहा है? (ख) यदि हाँ, तो पावती, ट्रेस नक्‍शा, नकल, नवीन पावती, सीमांकन इत्‍यादि प्रकार के कार्यों के साथ ही अतिवृष्टि, ओलावृष्टि, आकस्मिक दुर्घटनाएं इत्‍यादि प्रकार के कार्यों को भी करने के साथ ही क्षतिपूर्ति हेतु मुआवजे इत्‍यादि कार्य भी करता है? (ग) यदि हाँ, तो जावरा नगर, पिपलौदा, तहसील एवं जावरा तहसील में वर्ष 2013-14 से लेकर प्रश्‍न दिनांक तक मकान, झोपड़ी, दिवार इत्‍यादि क्षतिपूर्ति एवं आकस्मिक, प्राकृतिक दुर्घटनाओं में मुआवजा इत्‍यादि सहायता के कुल कितने प्रकरणों, आवेदनों पर क्‍या-क्‍या कार्यवाहियां की गई एवं दिये गये मुआवजे एवं की गई क्षतिपूर्ति की कार्यवाही से अवगत कराए।

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) तहसील जावरा एवं पिपलौदा के अन्‍तर्गत वर्ष 2013-14 से प्रश्‍न दिनांक तक कुएं/तालाब में डुबने के 58 प्रकरणों में राशि 8279400/- सर्पदंश से मृत्‍यु के 67 प्रकरणों में राशि 5505000/- मकान क्षति आग के 76 प्रकरणों में राशि 1347545/- मकान क्षति आग के 687 प्रकरणों में राशि 13644858/-, ओलावृष्टि के 23 प्रकरणों में राशि 13866075/-, आंधी तुफान से मृत्‍यु के 2 प्रकरणों में 800000 तथा सूखा राहत में 30985 कृषकों को 354187250/- की राशि मुआवजे एवं क्षतिपूर्ति के रूप में दी गई।

 

अधिकारियों की लिप्‍तता के कारण राशन वितरण में घोटाला

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

124. ( क्र. 2822 ) श्री मुकेश नायक : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि         (क) क्‍या एक आधार नंबर से राशन वितरण में घोटाला अनियमितता हुई थी यदि हाँ, तो इसकी जाँच कराई गई जाँच रिपोर्ट की प्रति बतायें और जिन अधिकारियों के कार्यकाल में यह अनियमितता पाई गई है इसके बावजूद भी ऐसे अधिकारी जिला भोपाल में क्‍यों पदस्‍थ हैं। उनका स्‍थानांतरण क्‍यों नहीं किया गया प्रत्‍येक का अलग-अलग कारण बतायें। (ख) जिला भोपाल में कौन-कौन सहायक आपूर्ति अधिकारी/कनष्टि आपूर्ति अधिकारी तीन वर्षों से अधिक पदस्‍थ हैं उनके नाम अवधि तथा इसके पूर्व में भी यदि भोपाल में पदस्‍थ रहे हो तो वह अवधि भी बतायें।           (ग) क्‍या जिला आपूर्ति नियंत्रक भोपाल श्रीमती ज्‍योति शाह नरवरिया को उनके होशंगाबाद में पदस्‍थीकरण के दौरान एक विधानसभा सदस्‍य के विरूद्ध गलत आरोप लगाने तथा अन्‍य कारणों से निलंबित किया गया था और क्‍या इन्‍होंने जिला होशंगाबाद में ही राशन की दुकानें ऐसी संचालन समिति को दे दी थी जो कि डिफालटर थी? यदि हाँ, तो ऐसे अधिकारी को भोपाल में पदस्‍थ क्‍यों किया गया? (घ) क्‍या तीन वर्ष की अवधि से अधिक पदस्‍थ अधिकारियों को जिले से बाहर स्‍थानांतरण प्रशासनिक आधार पर किया जायेगा।

खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। जांच रिपोर्ट की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है। संबंधित कनिष्‍ठ आपूर्ति अधिकारी को अभी नोटिस दिया जाकर कार्यवाही प्रचिलत है। (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ग) श्रीमती ज्‍योति शाह नरवरिया, जिला आपूर्ति नियंत्रक को होशंगाबाद में पदस्‍थी के दौरान एक विधानसभा सदस्‍य के विरूद्ध गलत आरोप लागोने से नहीं बल्कि अन्‍य कारणों से निलंबति किया गया था। उन्‍होंने जिला होशंगाबाद में ऐसी कोई डिफाल्‍टर संचालन समिति को राशन दुकान संचालन हेतु नहीं दी है। (घ) स्‍थानांतरण का निर्णय प्रशासकीय आवश्‍यकता के आधार पर लिया जाता है।

खाद वितरण में अनियमितता

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

125. ( क्र. 2825 ) श्री मुकेश नायक : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि         (क) क्‍या खाद्य विभाग द्वारा पन्‍ना जिले की पवई विधानसभा क्षेत्र में संचालित शासकीय उचित मूल्‍यों की दुकानों में गेहूँ, नमक, शक्‍कर, चावल एवं केरोसिन कितनी मात्रा में प्रदाय कराया जाता है? (ख) यदि हाँ, तो क्‍या उक्‍त दुकानों से केरोसिन का उपभोक्‍ताओं का वितरण राशन कार्डों से किया जाता है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में जिले के पवई एवं शाहनगर अंतर्गत वर्ष 2015 से प्रश्‍न दिनांक तक कितने राशन कार्डधारियों की संख्‍या कितनी-कितनी है? उक्‍त कार्डधारियों में ए.पी.एल., बी.पी.एल. एवं दीनदयाल कार्डधारी हैं? (घ) क्‍या विभाग द्वारा जाँच कराई जाती है कि हितग्राहियों को राशन सही रूप से दिया जाता है?

खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) पन्‍ना जिले की पवई विधानसभा क्षेत्र की सभी उचित मूल्‍य दुकानों में 15554.4 क्विंटल गेहूँ 786.3 क्विंटल नमक 3614.2 क्विंटल चावल एवं 193633 लीटर केरोसिन का प्रदाय किया जाता है। (ख) केरोसीन का वितरण पात्र हितग्राही परिवारों को जारी पात्रता पर्ची (ई-राशनकार्ड) पर किया जाता है। (ग) पन्‍ना जिले के पवई एवं शाह नगर क्षेत्र में प्रश्‍नांकित अवधि में अन्‍त्‍योदय परिवारों की संख्‍या 12614, बी.पी.एल. प्राथमिक्‍ता परिवारों की संख्‍या 54328 एवं गैर बी.पी.एल. प्राथमिक्‍ता परिवारों की संख्‍या 12240 प्राथमिकता परिवारों में ए.पी.एल. कार्डधारी नामक कोई श्रेणी नहीं है। (घ) जी हाँ।

बी.डी. श्रमिकों के आवास भूमि पर कब्‍जा

[श्रम]

126. ( क्र. 2863 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या जिला छतरपुर में बीड़ी श्रमिकों हेतु स्‍वीकृत आवासों के आस-पास स्थित नाला व लगी हुयी? यदि हाँ, तो क्‍या इस भूमि पर कुछ व्‍यक्तियों द्वारा जबरन कब्‍जा किया जा रहा है जिसकी शिकायत छतरपुर तहसील में व श्रम विभाग छतरपुर में प्राप्‍त हुयी है,? (ख) बीड़ी श्रमिक के आवास क्रमांक 196, 197, 198, 199, बीड़ी कॉलोनी देरी रोड छतरपुर की शासकीय जमीन के आस-पास       किन-किन व्‍यक्तियों की कृषि भूमि लगी हुयी है क्‍या उन व्‍यक्तियों द्वारा भी अनाधिकृत कब्‍जा किया जा रहा है? (ग) यदि हाँ, तो उक्‍त शासकीय भूमि का सीमांकन करवाकर कब्‍जा कब तक हटवाया जावेगा?

खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जी हाँ। इस आशय की शिकायत तहसील कार्यालय, छतरपुर में प्राप्त हुई है। श्रम कार्यालय छतरपुर में इस बाबत् कोई शिकायत प्राप्त नहीं है।                (ख) बीड़ी श्रमिकों के आवास क्रमांक 196, 197, 198, 199 बीड़ी कॉलोनी देरी रोड छतरपुर के     आस-पास मो. नाजिम तनय अब्दुल अजीम, मोतीलाल तनय प्यारेलाल यादव की कृषि भूमि है ख.क्र. 599 (नाला) में 0.010 हेक्टेयर पर तार फेंसिंग कर नाजि़म चैधरी के द्वारा अतिक्रमण किया गया है। (ग) तहसीलदार, छतरपुर द्वारा अवगत कराया गया है कि उपरोक्त शासकीय भूमि का सीमांकन 15 दिनों में करा दिया जायेगा। अतिक्रमण चिन्हित कर मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 248 के तहत् विधिवत् अतिक्रमण हटवाने की कार्यवाही की जायेगी।

मत्‍स्‍य पालन की जानकारी

[मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास]

127. ( क्र. 2887 ) श्री महेन्‍द्र सिंह सिसौदिया : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गुना जिले में मत्स्‍य पालन कितने तालाबों में किया जा रहा है? उक्त तालाबों को जनपद तथा जिला पंचायत द्वारा कितने दिनों के लिये किन-किन समि‍ति‍यों को लीज पर दिया है? सूची उपलब्ध करायें? (ख) ऐसे कितने तालाब हैं, जिनकी लीज समाप्त होने पर भी उन तालाबों पर समीतियां कार्य कर रही हैं तथा कितने वर्ष से सूची प्रदान करें? (ग) मत्‍स्‍य विभाग गुना द्वारा विगत 3 वर्षों में कितना-कितना बीज किस-किस प्रजाति का लागत राशि का किन-किन तालाबों में डाला गया? संख्या सहित सूची उपलब्धे करायें तथा उक्त तालाबों से कितना राजस्व प्राप्त हुआ है?

पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) 273 तालाबों में मत्‍स्‍य पालन किया जा रहा है। उक्‍त तालाबो में से जनपद पंचायत के 22 एवं जिला पंचायत के 08 तालाबों को 10 वर्ष के लिये समिति/समूहों को लीज पर दिया गया है। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है।       (ख) जानकारी निरंक है। (ग) मत्‍स्‍य विभाग गुना में गोपालपुरा जलाशय औसत जलक्षेत्र 30 हेक्‍टेयर वर्ष 2015-16 तक मत्‍स्‍य पालन हेतु विभाग के अधीन था। वर्ष 2015-16 में 60,000 मत्‍स्‍य अंगुलिकाओं जिसमें कतला 40 प्रतिशत रोहू 30 प्रतिशत मृगल 30 प्रतिशत का संचयन किया गया। मत्‍स्‍य उत्‍पादन निरंक रहने से राजस्‍व निरंक रहा है।

परिशिष्ट - ''इकसठ''

आरोपियों को गिरफ्तार करने के संबंध में

[गृह]

128. ( क्र. 2907 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                         (क) सतना जिले के धवारी मोहल्ला निवासी रामनरेश पाण्डेय द्वारा थाना सिटी कोतवाली में गंगागृह निर्माण समिति धवारी के विरुद्ध दिनांक 16/01/2016 को मयदस्तावेज शिकायत पत्र के साथ संलग्न कर जाँच हेतु दिया गया था? यदि हाँ, तो क्या उक्त पत्र के जाँच पश्चात् समिति के खिलाफ अपराध क्र.782 दिनांक 23/11/2016 को पंजीबद्ध किया गया था? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो वर्तमान समय में उक्त प्रकरण की जाँच किस अधिकारी द्वारा की जा रही है, क्या संबंधित प्रकरण में दोषी पाए गये अपराधियों की गिरफ्तारी की गई, यदि नहीं, तो क्यों कारण स्पष्ट करें? क्या शिकायतकर्ता, व्यथित होकर सिटी कोतवाली पुलिस द्वारा कार्यवाही न करने पर पुनः दिनांक 26/10/2017 को पुलिस अधीक्षक सतना को कार्यवाही करने हेतु आवेदन पत्र दिया गया है, यदि हाँ, तो उक्त पत्र में क्या कार्यवाही की गई बताएं? (ग) क्या संबंधित प्रकरण के संबंध में जाँच अधिकारी द्वारा समिति के सदस्यों से मूल राशन कार्डों/मूल शपथ पत्रों को संकलित कर लिया गया है, यदि हाँ, तो मूल राशन कार्डों के ऊपरी पृष्ठों सहित सभी पन्नों की छायाप्रति तथा मूल शपथ पत्र की छायाप्रति उपलब्ध कराएं? (घ) क्या जाँच अधिकारी द्वारा समिति द्वारा संचालित गंगापुरम कालोनी धवारी में जाकर अपराधियों की पतासाजी की गई? यदि हाँ, तो मकान नंबर, गली नंबर, मोहल्ला/वार्ड नंबर तथा आधारकार्ड व परिचयपत्र की छायाप्रति सहित जानकारी देवें?

गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। (ख) उक्त प्रकरण की विवेचना सहायक उप निरीक्षक श्री आर.के. सिंह द्वारा की जा रही है। विवेचना के अन्तर्गत दस्तावेजी साक्ष्य एकत्रित की जा रही है, इसलिये आरोपीगणों की गिरफ्तारी नहीं की गई है। जी हाँ- जाँच नगर पुलिस अधीक्षक, सतना द्वारा की जा रही है। (ग) चाही गई जानकारी विवेचना से संबंधित होने से नहीं दी जा सकती। (घ) जी हाँ। चाही गई जानकारी विवेचना से संबंधित होने से नहीं दी जा सकती।

भूमि अर्जन अधिनियम 2013 के प्रावधानों के तहत कार्यवाही

[राजस्व]

129. ( क्र. 2947 ) डॉ. योगेन्‍द्र निर्मल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि          (क) क्‍या भूमि अर्जन पुनर्वास एवं पुनर्व्‍यवस्‍थापन में उचित प्रतिकर एवं पारिदर्शिता का अधिकार अधिनियम 2013 की धारा 4 में दिए गए प्रावधानों के अनुसार भोपाल जिले में प्रश्‍नांकित दिनांक तक कलेक्‍टर भोपाल एवं जिले के राजस्‍व विभाग ने कार्यवाही की गई है? (ख) यदि हाँ, तो भोपाल जिले के ग्राम नरेला शंकरी के कितने किसानों की कितनी निजी भूमि का अवार्ड आदेश 1991 में पारित कर कितना मुआवजा निर्धारित किया उसमें से कितनी राशि मध्‍यप्रदेश गृह निर्माण मंडल भोपाल ने किस दिनांक को जमा करवाई एवं उस राशि का किस-किस किसान को किस-किस दिनांक को वितरण किया गया? (ग) उक्‍त प्रक्रिया के परिप्रेक्ष्‍य में गृह निर्माण मंडल को राजस्‍व विभाग ने कितनी जमीन का कब्‍जा किस दिनांक को सौंपा उसमें से कितनी-कितनी भूमि वर्तमान में भी खाली पड़ी है उसमें से कितनी भूमि पर मण्‍डल ने कौन सी आवासीय योजना कब प्रस्‍तावित की हैं? (घ) उक्‍त प्रश्‍नांश के परिप्रेक्ष्‍य में धारा 24 के प्रावधानों के अनुसार नरेला शंकरी के संबंधित प्रभावित किसानों को भूमि अर्जन अधिनियम 2013 की धारा 23 धारा 30 एवं धारा 31 का लाभ दिए जाने के संबंध में कलेक्‍टर भोपाल द्वारा क्‍या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्‍यों?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जीं नहीं। (ख) ग्राम नरेला शंकरी के भू-अर्जन प्रकरण क्रमांक 3/अ-82/87-88 में दिनांक 30.8.91 को 18 किसानों की भूमि रकवा 132.22 एकड़ भूमि की राशि 6521857 रूपये का निर्धारण कर अवार्ड आदेश पारित किया गया/म.प्र.गृह निर्माण मंडल द्वारा वर्ष 1992 में राशि जमा की गई है। उक्‍त राशि को किसानों के मध्‍य वितरण हेतु भू-स्‍वामियों को पंजीकृत डाक द्वारा दिनांक 28.8.92 को सूचना देकर स्‍थल पर दिनांक 4.9.92 को शिविर आयोजित किया गया। शिविर में कोई भी अवार्ड में उल्‍लेखित भूमि स्‍वामी मुआवजा प्राप्‍त करने हेतु उपस्थित नहीं हुआ। कार्यालयीन पत्र क्रमांक 1286/भू-अर्जन/2017 दिनांक 14.7.2017 द्वारा चेक क्रमांक 682589 दिनांक 12.7.2017 राशि 90550845 दिनांक 18.07.2017 को रिफरेंस न्‍यायालय में जमा की गई है। (ग) उक्‍त प्रक्रिया के परिप्रेक्ष्‍य में राजस्‍व विभाग में कुल 132.22 एकड़ भूमि का कब्‍जा दिनांक 16.09.1992 को म.प्र. गृह निर्माण मंडल को सौंपा गया था। वर्तमान में कोई भी भूमि खाली नहीं पडी है। उपयोग की गई भूमि का विवरण संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। (घ) उक्‍त भूमि का अर्जन भू-अर्जन अधिनियम 1894 में निहित प्रावधानों के अन्‍तर्गत किया गया था। अत: धारा 24 के प्रावधान के अनुसार भू-अर्जन अधिनियम 2013 की धारा 23 धारा 30 एवं धारा 31 का लाभ दिये जाने का प्रश्‍न ही नहीं है। इस प्रकरण में चूंकि किसानों द्वारा मुआवजा प्राप्‍त नहीं किया गया। अत: भू-अर्जन अधिनियम 1894 की धारा 31 के प्रावधानों के अनुसार भू-अर्जन शाखा द्वारा मुआवजा राशि रिफरेंस न्‍यायालय में जमा करा दी गई है। यहां पर यह भी उल्‍लेखित है, कि किसानों द्वारा माननीय उच्‍च न्‍यायालय जबलपुर में रिट पीटिशन क्रमांक 9832/2014 दायर की गई है एवं यह प्रकरण माननीय उच्‍च न्‍यायालय जबलपुर में विचाराधीन है।

परिशिष्ट - ''बासठ''

मिल मालिकों द्वारा चावल भण्‍डारण में अनियमितता

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

130. ( क्र. 2971 ) प्रो. संजीव छोटेलाल उइके : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या मध्‍यप्रदेश राज्‍य विपणन संघ मार्कफेड से प्राप्‍त धान के ऐवज में बालाघाट जिले में अनुबंधित राईस मिल मालिकों द्वारा किया गया चावल एवं भण्‍डारण में अनियमितता पाई गई है? अनुविभागीय अधिकारी बारासिवनी के द्वारा अग्रवाल राईमिल इंडस्‍ट्रीज नवेगांव, साईबाबा राईसमिल खैरलांजी, श्रीमाता राईस इंडस्‍ट्रीज खैरलॉजी, पायली राईसमिल अतरी की जाँच के निर्देश हुए थे? यदि हाँ, तो दोषी राईस मिल संचालकों/मालिकों एवं अधिकारी/कर्मचारियों के विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की गई है? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार राईस मिल मालिकों अथवा संचालकों द्वारा धान के बदले दिया गया चावल गुणवत्‍ताहीन तथा कम मात्रा में पाया गया है? क्‍या मिलर्स से मिलीभगत है? प्रश्‍नांश दिनांक तक राईस मिल संचालकों अथवा मालिकों द्वारा बकाया चावल जमा कर दिया गया हैं? यदि हाँ, तो, कितना? किस-किस राईस मिल संचालकों अथवा मालिकों द्वारा कितना-कितना चावल वापस किया गया है? राईसमिलवार विस्‍तृत विवरण देवें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के अनुसार मण्‍डला जिले में कितनी राईस मिल कब से तथा कहाँ-कहाँ पर संचालित हैं? विभागीय एवं पंचायत/नगर निकाय की अनुमति/सहमति सहित मिल संचालक/मालिकों का नाम ग्राम पंचायतवार नगर निकायवार एवं विकासखण्‍डवार, पूर्ण विवरण देवें? (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ग) अनुसार वर्ष 2013 से प्रश्‍नांश दिनांक तक मण्‍डला जिले में संचालित अनुबंधित राईस मिल मालिकों अथवा संचालकों को कितना-कितना धान कौन-कौन सी किस्‍म का दिया गया तथा उनसे किस-किस किस्‍म का कितना-कितना चावल बदले में प्राप्‍त किया गया है? मिलवार, विकासखण्‍डवार पूर्ण विवरण देवें।

खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) मध्‍यप्रदेश राज्‍य सहकारी विपणन संघ (मार्कफेड) द्वारा राईस मिलर्स को प्रदाय धान से निर्मित चावल मध्‍यप्रदेश स्‍टेट सिविल सप्‍लाईज़ कार्पोरेशन के केन्‍द्रों में परिदान/स्‍वीकार किया जाता है। भण्‍डारण केन्‍द्रों पर गुणवत्‍ता नियंत्रकों द्वारा चावल की गुणवत्‍ता की जाँच की जाती है जाँच में अमानक स्‍तर का चावल पाये जाने की स्थिति में संबंधित राईस मिलर्स के हर्जे-खर्चे पर चावल वापस कर निर्धारित गुणवत्‍ता का चावल जमा कराया जाता है। अनुविभागीय अधिकारी (राजस्‍व) बारासिवनी के द्वारा अग्रवाल राईस मिल नवेगांव, साईबाबा राईस मिल खैरलांजी, श्रीमाता राईस इंडस्‍ट्रीज खैरलॉजी एवं पायली राईस मिल अतरी की जाँच की गई थी। जाँच में अग्रवाल राईस मिल नवेगांव एवं साईबाबा राईस मिल खैरलांजी के बकाया 4-4 लाट (1080-1080 क्विंटल) धान का मिलिंग उपरांत चावल जमा न करने का प्रथम दृष्‍टयां करार का उल्‍लंघन पाया गया। पायली राईस मिल अतरी द्वारा 1258 क्विंटल चावल जमा कराया जाना शेष पाया गया था। उक्‍त राईस मिलर्स को चावल जमा न कराये जाने के संबंध में नोटिस जारी किया गया। जिसमें से अग्रवाल राईस मिल इंडस्‍ट्रीज नवेगांव द्वारा चावल जमा करा दिया गया है। शेष के विरूद्ध कार्यवाही प्रचलित है। (ख) राईस मिलर्स द्वारा धान के बदले परिदान की गई सी.एम.आर. के निरीक्षण में 9038.9 मे.टन चावल निर्धारित गुणवत्‍ता का नहीं पाया जिसे संबंधित मिलर्स को वापस कर, मानक गुणवत्‍ता का 4435.9 मे.टन चावल जमा कराया गया एवं 1397.7 मे.टन चावल की गुणवत्‍ता में अल्‍पांतर होने के कारण सार्वजनिक वितरण प्रणाली में वितरण कराया गया। शेष 3205.3 मे.टन चावल को बदलने की कार्यवाही जारी है। मिलर्स द्वारा जमा चावल की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। उक्‍त बदले हुए चावल पर अनुबंध अनुसार ब्‍याज़ भण्‍डारण, आदि पर हुए व्‍यय की वसूली संबंधित मिलर्स के मिलिंग, परिवहन एवं प्रोत्‍साहन के देयकों के अंतमीकरण करते समय किये जाने का प्रावधान है। मिलर्स से बदलवाया गया चावल में किसी भी प्रकार की कमी नहीं है। इसलिए बकाया चावल जमा करने का प्रश्‍न नहीं है। मिलर्स से मिलीभगत होने संबंधी स्थिति परिलक्षित नहीं हुए है। मिलर्स द्वारा लाया गये चावल में परिवहन की कमी के कारण यदि कुछ मात्रा कम आती है या मिलर्स द्वारा उठाव गई धान की मात्रा से कम चावल जमा कराया जाता है तो मिलर्स द्वारा जमा कराई गई एफडी/परिवहन व्‍यय से राशि का कटौत्रा चावल के मूल्‍य 1.25 गुना दर से किया जाता है। मिलर्स को प्रदाय धान के विरूद्ध जमा चावल एवं शेष मात्रा की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) मण्‍डला जिले में संचालित राईस मिलों की संचालन दिनांक, स्‍थान, स्‍थानीय निकाय की अनुमति, मिल मालिक का नाम एवं पते की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (घ) मण्‍डला जिले के मिलर्स को वर्ष 2013-14 से वर्ष 2016-17 तक मिलिंग हेतु कॉमन धान प्रदाय कर कॉमन किस्‍म का चावल प्राप्‍त किया गया। मिलर्स को प्रदाय धान एवं प्राप्‍त चावल की मिलवार एवं विकासखण्‍डवार जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-द अनुसार है।

राजस्‍व भूमियों को वन भूमि बताया जाना

[राजस्व]

131. ( क्र. 2986 ) श्री अजय सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                  (क) कलेक्‍टर बैतूल प्रकरण क्रमांक 0032/बी 121 वर्ष 2016-17 में जिले की कितनी राजस्‍व भूमियों को वर्किंग प्‍लान में शामिल करने की जाँच वर्तमान में कर रहे हैं? इन भूमियों के संबंध में                        भू-राजस्‍व संहिता 1959 की धारा 233 से 237 तक में क्‍या-क्‍या प्रावधान दिया है? (ख) जिले के निस्‍तार पत्रक, अधिकार अभिलेख, पटवारी मानचित्र एवं खसरा पंजी में किन-किन मदों एवं         किन-किन सार्वजनिक निस्‍तारी प्रयोजनों के लिए दर्ज कितनी जमीन वन विभाग के वर्किंग प्‍लान में शामिल कर ली है? इसकी कलेक्‍टर बैतूल या मध्‍यप्रदेश शासन राजस्‍व विभाग ने किस दिनांक को अनुमति प्रदान की है? यदि अनुमति प्रदान नहीं की हो तो कारण बतावें? (ग) राजस्‍व अभिलेखों में विभिन्‍न मदों, अधिकारों एवं प्रयोजनों के लिए दर्ज जमीनों को भारतीय वन अधिनियम 1927 की किस-किस धारा में दिए प्रावधानों के अनुसार वन विभाग ने किसकी अनुमति से वर्किंग प्‍लान में शामिल किया है? (घ) कलेक्‍टर बैतूल कब तक जाँच कर आदेश जारी करेंगे?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। न्यायालय कलेक्टर बैतूल में प्रकरण क्रमांक 0032/बी-121 वर्ष 2016-2017 दर्ज कर जाँच की कार्यवाही प्रारंभ की गई है। उक्त प्रकरण दिनांक 11/12/2017 को आगामी कार्यवाही हेतु नियत है। भूमियो की संख्या निर्धारित नहीं है। धारा 235 से 237 की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) से (घ) उत्तरांश (क) अनुसार जाँच पूर्ण होने पर जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी। समय-सीमा दी जाना संभव नहीं है।

भैंसदेही तहसील के ग्राम पलासखेड़ी ब.न. 413 में दर्ज भूमि

[राजस्व]

132. ( क्र. 2991 ) श्री अजय सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                (क) ग्राम पलासखेड़ी बन्‍दोबस्‍त नबंर 413 की मिसल बन्‍दोबस्‍त, निस्‍तार पत्रक, अधिकार अभिलेख एवं वर्ष 2015 तक की खसरा पंजी में किस खसरा नंबर का कितना-कितना रकवा पहाड़ चट्टान एवं घास मद में दर्ज रहा है, इनमें से किस खसरा नंबर के कितने रकवे को किस वर्ष में काबिल कास्‍त घोषित किया, कितने रकवे पर 1975 एवं 2011 में व्‍हाईट क्‍ले की खदान आवंटित की गई? (ख) भू-राजस्‍व संहिता 1959 की किस-किस धारा में पहाड़ चट्टान एवं घास मद में दर्ज जमीनों को संरक्षित वन, असी‍मांकित वन एवं नारंगी वन अधिसूचित करने या आदेशित करने का अधिकार किस-किस को प्रदान किया गया है? देश की सर्वोच्‍च अदालत ने इस बाबत किस याचिका में किस दिनांक को क्‍या आदेश दिया है? (ग) ग्राम पलासखेड़ी की व्‍हाईट क्‍ले खदान के संबंध में कलेक्‍टर बैतूल के समक्ष दिनांक 03 दिसम्‍बर, 2015 एवं दिनांक 26 दिसम्‍बर, 2015 को किन-किन अभिलेखों, दस्‍तावेजों के साथ आवेदन प्रस्‍तुत किया है? आवेदन पर तहसीलदार एवं अनुविभागीय अधिकारी ने किस दिनांक को अपना प्रतिवेदन प्रस्‍तुत किया? (घ) भू-राजस्‍व संहिता 1959 के प्रावधानों के अनुसार कलेक्‍टर बैतूल कब तक आवेदन की जाँच कर आदेश देंगे?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) बैतूल जिले में तहसील भैंसदेही के अंतर्गत ग्राम पलासखेड़ी की प्रश्नांगत विवरण निम्नानुसार हैः- 1- मिसल बंदोबस्त वर्ष 1919-20 में ख.न.-2 रकवा 177.75 एकड़ मद पहाड़ में दर्ज है। वर्तमान में ख. न. 21/1 रकवा 39.837 हेक्टेयर मद पहाड़ में दर्ज है। 2- निस्तार पत्रक में ख.न. 2/1 रकवा 132.28 एकड़ मद पहाड़ चट्टान में वर्ष 1956 में दर्ज है। कैफियतअ.वि.अ. भैंसदेही के आदेश पि. 9.12.1959 मा.क्र. 100 अ/46 वर्ष 1958-59 के अनुसार रकवा 50 एकड़ चराई निस्तार से खारिज कर काबिल काश्त घोषित किया गया। 3- अधिकार अभिलेख वर्ष 1973-74 में ख.न. 21 पुराना खसरा नंबर 2/1 रकवा 134.36 एकड़ 54.374 हेक्टेयर मद पहाड़ चट्टान मद में दर्ज है। 4- अधिकार अभिलेख वर्ष 1954-55 में ख.न. 2/1 रकवा 134.36 एकड़ मद पहाड़ चट्टान मद में दर्ज है। 5- निस्तार पत्रक वर्ष 1956 में ख.न. 2/1 रकवा 132.28 एकड़ कैफियत में अ. वि. अ. भैंसदेही के आदेश दिनांक 09.12.1959 मा. क्र. 100 अ/46 वर्ष 1958-59 के अनुसार रकवा 50.00 एकड़ चराई निस्तार से खारिज कर काबिल कास्त घोषित किया गया। वर्ष 2014-15 के खसरा में ख.न. 21/1 रकवा 39.837 हेक्टेयर मद पहाड़ में दर्ज है। कैफियत में नि. प. के अनुसार चराई इमारती जलाऊलकड़ी के लिए कुआ, प. 1 दि. 12.03.1975 के संदर्भ में कलेक्टर बैतूल। 6- ग्राम पलासखेड़ी तहसील भैंसदेही जिला बैतूल की भूमि ख.क्र. 2/1 के रकवा 54.374 हेक्टेयर पर वर्ष 1975 में खदान स्वीकृत थी जो समाप्त हो चुकी हैं। वर्ष 2011 में ख.क्र. 2/1 रकवा 39.837 हेक्टेयर पर व्हाईट क्ले की खदान स्वीकृत है। (ख) भू-राजस्व संहिता 1959 की किसी भी धारा में पहाड़ चट्टान एवं घास मद में दर्ज जमीनों को संरक्षित वन, असीमांकित वन एवं नारंगी वन अधिसूचित करने के संबंध में कोई प्रावधान नहीं हैं। शेष प्रश्नांश के संबंध में माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेश की छायाप्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट पर है। (ग) ग्राम पलासखेड़ी ख.न. 21/1 रकवा 39.837 हेक्टेयर मद पहाड़-चट्टान को राजस्व अभिलेखों में गैरखाते की दखल रहित भूमि घोषित करने के लिए दिनांक 3 दिसम्बर 2015 को आवेदिका श्रीमती शिखा उपाध्याय की ओर से उनके प्रतिनिधि श्री केदार सिंह निवासी भोपाल द्वारा आवेदन पत्र प्रस्तुत किया। उक्त आवेदन पत्र के साथ सलंग्न दस्तावेजों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। आवेदिका की ओर से दिनांक 26 दिसम्बर, 2015 को लिखित तर्क प्रस्तुत किए गए, जिसके साथ कोई दस्तावेज संलग्न नहीं किये गये हैं। आवेदन पत्र के संबंध में तहसीलदार एवं अनुविभागीय अधिकारी से प्रतिवेदन प्राप्त नहीं हुआ है। (घ) आवेदिका के आवेदन पत्र के आधार पर न्यायालय कलेक्टर बैतूल में राजस्व प्रकरण क्रमांक–45/बी 121/2015-16 प्रचलित था। कलेक्टर महोदय के आदेश 6.10.2017 द्वारा प्रकरण उभय पक्ष को सुनवाई का अवसर प्रदान करते हुए निराकरण करने के निर्देश के साथ न्यायालय अपर कलेक्टर बैतूल द्वारा आवेदिका के आवेदन पत्र के संबंध में अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) भैंसदेही से वस्तुस्थिति का प्रतिवेदन मांगा गया है। प्रकरण में आगामी पेशी दिनांक 11.12.2017 नियत हैं। अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) भैंसदेही से प्रतिवेदन प्राप्त होने पर विधि अनुसार प्रकरण का निराकरण किया जायेगा। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

सरकारी आयोजनों में टेंट व्‍यवस्‍था हेतु टेण्‍डर प्रक्रिया

[राजस्व]

133. ( क्र. 2995 ) श्री उमंग सिंघार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि            (क) क्‍या वर्ष 2015-16 के बाद से धार जिले में होने वाले सरकारी आयोजनों में टेन्‍ट व्‍यवस्‍था हेतु टेंडर प्रक्रिया का पालन किया जा रहा है, यदि नहीं, तो क्‍यों, कारण स्‍पष्‍ट करें। (ख) प्रश्‍नांकित (क) अनुसार यदि हाँ, तो कृषि मेला 2015, योग दिवस 2015, माण्‍डु उत्‍सव 2015, माननीय मुख्‍यमंत्रीजी की उपस्थिति में आयोजित कोटेश्‍वर (बदनावर) अंत्‍योदय मेला, पीथमपुर में मुख्‍यमंत्रीजी के आगमन पर आयोजित सरकारी आयोजन, माण्‍डु उत्‍सव 2016, मनावर में प्रधानमंत्री आवास योजना के शुभारंभ अवसर पर आयोजित सरकारी आयोजन एवं नर्मदा सेवा यात्रा तथा योग दिवस 2016 के अवसर पर आयोजित सरकारी आयोजनों के लिये टेन्‍ट व्‍यवस्‍था हेतु जारी टेंडरों की प्रतिलिपि उपलब्‍ध करावें। (ग) उक्‍त आयोजनों के टेंडर किस-किस दिनांक को कितनी-कितनी राशि हेतु जारी किये गये तथा उक्‍त टेंडर कौन-कौन सी फर्म को किस-किस दर पर दिये गये?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रतिलिपि पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'''' एवं '''' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'''' अनुसार है।

नलजल योजनाओं की स्थिति

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

134. ( क्र. 3012 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) श्‍योपुर जिले में वर्तमान में कितनी नल-जल, मुख्‍यमंत्री नल-जल, स्‍पाट सोर्स योजनाएं संचालित हैं? इनकी स्थिति क्‍या है? योजनावार बतावें। (ख) जिले में अल्‍प वर्षा के कारण भू-जल स्‍तर 150 से 300 फीट नीचे चला गया है, नतीजन पेयजल का गंभीर संकट व्‍यापत है? इस स्थिति से निपटने हेतु शासन क्‍या कार्यवाही कर रहा है? (ग) उक्‍त कारण से जिले की अधिकांश योजनाओं के ट्यूबवेल या तो सूख चुके हैं अथवा सूखने की कगार पर हैं? इस कारण पेयजल की समस्‍या के चलते जिले के नागरिकों में अपने मवेशियों सहित अन्‍यंत्र पलायन करने की स्थिति निर्मित होने लगी है? इससे निपटने विभाग द्वारा क्‍या कार्यवाही की जा रही है? इस हेतु कितनी राशि जिले को प्रदाय की गई? यदि नहीं, तो क्‍यों? (घ) क्‍या शासन यथाशीघ्र उक्‍त योजनाओं के ट्यूबवेलों में आवश्‍यकतानुसार पाईप बढ़वाकर एवं अन्‍य आवश्‍यक कार्य पूर्ण करवाकर उक्‍त योजनाओं को चालू कर जिलेवासियों को पर्याप्‍त पेयजल उपलब्‍ध करवायेगा? यदि नहीं, तो क्‍यों?

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। जलस्तर नीचे जाने वाले बंद हैण्डपंपों में राइजर पाइप बढ़ाये जाकर एवं सिंगलफेस मोटरपंप स्थापित कर पेयजल उपलब्ध करवाने की कार्यवाही विभाग द्वारा की जाती है। ग्रीष्मकाल में पेयजल व्यवस्था के लिये जिले हेतु आकस्मिक कार्ययोजना भी तैयार की गई है। (ग) जी नहीं। जी नहीं। उत्तरांश (ख) अनुसार। संधारण मद में राशि रूपये 83.14 लाख उपलब्ध करवाई गई है। (घ) जी हाँ, शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।

 

 

परिवहनकर्ता द्वारा सामग्री भेजना

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

135. ( क्र. 3016 ) श्री संजय शर्मा : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि           (क) रायसेन जिले में स्‍वाधान्‍न एवं केरोसिन तेल का परिवहन किस व्‍यक्ति या संस्‍था द्वारा         किन-किन शर्तों पर कब से किया जा रहा है? अनुबंध की प्रति दें। (ख) शासन के निर्देश एवं अनुबंध अनुसार परिवहनकर्ता द्वारा उचित मूल्‍य की दुकान पर किस दिनांक तक स्‍वाधान्‍न एवं केरोसिन तेल पहुँचाया जाना चाहिए? (ग) रायसेन जिले में 1 जनवरी, 16 से नवम्‍बर 17 की अवधि में परिवहनकर्ता द्वारा किस-किस दिनांक को किस-किस उचित मूल्‍य की दुकान पर स्‍वाधान्‍न एवं केरोसिन तेल पहुँचाया गया? किस दिनांक को वितरित हुआ? (घ) क्‍या परिवहनकर्ता द्वारा अनुबंध अनुसार निर्धारित दिनांक को स्‍वाधान्‍न एवं केरोसिन तेल नहीं पहुँचाया यदि हाँ, तो शासन ने  क्‍या-क्‍या कार्यवाही की?

खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ख) मध्‍यप्रदेश सिविल सप्‍लाईज कार्पोरेशन के परिवहनकर्ता ठेकेदार द्वारा परिवहन कार्यादेश में उल्‍लेखित अवधि के भीतर उचित मूल्‍य दुकानों पर सामग्री (खाद्यान्‍न एवं नमक) पहुँचाना चाहिए। केरोसिन का प्रदाय आयुक्‍त खाद्य द्वारा नियत की गई समयावधि के भीतर परिवहनकर्ता केरोसिन थोक विक्रेता द्वारा किया जाना चाहिए। (ग) प्रश्‍नांकित अवधि में रायसेन जिले में परिवहनकर्ता द्वारा उचित मूल्‍य दुकानों पर खाद्यान्‍न पहुँचाने की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है एवं केरोसिन डीलरों द्वारा केरोसिन पहुँचाने की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है। उचित मूल्‍य दुकानों से खाद्यान्‍न एवं केरोसिन वितरण की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (घ) अनुबंधित परिवहनकर्ता द्वारा परिवहन हेतु पर्याप्‍त वाहन नहीं लगाये जाने से विलंब हुआ जिसके फलस्‍वरूप उन्‍हे अनुबंधकर्ता अधिकारी द्वारा 'कारण बताओ सूचना पत्र' जारी किया गया।

सोनकच्‍छ में आई.टी.आई. की स्‍वीकृति

[तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास]

136. ( क्र. 3023 ) श्री राजेन्द्र फूलचं‍द वर्मा : क्या राज्‍यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या सोनकच्‍छ तहसील के युवा छात्र-छात्राओं के उज्‍जवल भविष्‍य तथा उन्‍हें रोजगार उपलब्‍ध कराने के उद्देश्‍य से आई.टी.आई. (औद्योगिक प्रशिक्षण संस्‍थान) स्‍वीकृत किया गया था? यदि हाँ, तो जानकारी उपलब्‍ध करावें। (ख) आई.टी.आई. स्‍वीकृत होने के पश्‍चात आज तक नगर में आई.टी.आई. शुरू क्‍यों नहीं हो सका। (ग) सोनकच्‍छ तहसील के लाखों युवा बच्‍चों को तकनीकी शिक्षा एवं प्रशिक्षण दिलाने हेतु आई.टी.आई. संस्‍थान की सौगात मिल सकेगी या नहीं?

राज्‍यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक कैलाश जोशी ) : (क) जी नहीं। (ख) प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) विभाग की नीति अनुसार प्रत्‍येक विकासखण्‍ड में एक आई.टी.आई. खोलने की है। विकासखण्‍ड सोनकच्‍छ में कोई भी शासकीय अथवा प्रायवेट आई.टी.आई. संचालित नहीं है। वर्तमान में ऐसे 58 विकासखण्‍ड हैं, जिनमें कोई शासकीय अथवा प्रायवेट आई.टी.आई. संचालित नहीं है। अतएव समयावधि बताना संभव नहीं है।

खाद्यान्न वितरण

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

137. ( क्र. 3029 ) श्री रामपाल सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                 (क) क्‍या शहडोल जिले के जयसिंहनगर एवं ब्‍यौहारी तहसील में सस्‍ते दर पर खाद्यान्न उपलब्‍ध कराया जा रहा है? (ख) यदि प्रश्नांश (क) हाँ तो प्रश्‍नांकित तहसीलों के प्रत्‍येक ग्रामों में कितने उपभोक्‍ता पंजीकृत किये गये हैं। कितनें उपभोक्‍ताओं को खाद्यान्न मुहैया कराया जा रहा है तथा कितनें पात्र व्‍यक्तियों को पात्रता पर्ची के आभाव में खाद्यान्न उपलब्‍ध नहीं कराया जा रहा है?

खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जी हाँ। (ख) शहडोल जिले में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत 2,13,220 परिवारों (8,65,135 हितग्राहियों) को पात्रता पर्ची जारी कर योजना का लाभ दिया जा रहा है, जिसमें जयसिंहनगर तहसील के 43,201 एवं ब्‍यौहारी तहसील के 45,713 परिवार सम्मिलित हैं। उचित मूल्‍य दुकानवार पात्र परिवारों की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। विभागीय पोर्टल www.food.mp.gov.in पर हितग्राहीवार एवं ग्रामवार पात्र परिवारों की जानकारी उपलब्‍ध है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत भारत सरकार द्वारा राज्‍य के लिए हितग्राहियों की अधिकतम सीमा निर्धारित है। इस सीमा से अधिक हितग्राहियों को लाभांवित करने का प्रावधान अधिनियम की धारा-3 के अंतर्गत न होने के कारण शेष आवेदकों को सम्मिलित नहीं किया गया है। वर्तमान में सम्मिलित पात्र परिवारों में से हितग्राही की मृत्‍यु होने, विवाह होने से, अन्‍य स्‍थान पर निवास करने एवं पात्रता श्रेणी में न रहने के कारण हितग्रा‍ही की पात्रता में परिवर्तन होना एक निरंतर प्रक्रिया है। तदनुसार नवीन पात्रता पर्ची निर्धारित सीमा में जारी की जा रही है। जिले में 01 मई, 2017 की स्थिति में सदस्‍यों की संख्‍या के विरूद्ध विलोपन योग्‍य सदस्‍यों को पोर्टल पर विलोपित किया जाकर, उतनी ही संख्या में संबंधित जिले के नवीन सत्यापित सदस्‍यों को सम्मिलित किया जा रहा है। जुड़ने वाले नवीन परिवारों में बी.पी.एल. एवं अनुसूचित जाति/जनजाति श्रेणी को प्राथमिकता दी जा रही है। वर्ष 2017-18 में शहडोल जिले में 177 परिवारों के 741 हितग्राहियों के लिए नवीन पात्रता पर्ची जारी की गई है।

ब्लैक मैलिंग रैकेट पर कार्यवाही

[गृह]

138. ( क्र. 3036 ) श्री दिनेश राय (मुनमुन) : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर संभाग के बडे शहरो में 1 जनवरी, 2014 से प्रश्‍न दिनांक तक कितने हाई-प्रोफाइल सेक्‍स व ब्‍लैकमेलिंग के रैकेट प्रकरण कहाँ-कहाँ, किस-किस शहर में सामने आये? इनके खिलाफ क्‍या-क्‍या सख्‍त कार्यवाही की गई? थानावार, शहरवार जानकारी उपलब्‍ध करायें? (ख) प्रश्नांश (क) संदर्भित प्रकरणों में एसे कितने प्रकरण हैं जिनमें पीड़ित बालिकाओं, महिलाओं एवं परिवारजनों ने आत्‍महत्‍या तक कर ली? सिर्फ संख्‍या बतायें। क्‍या सोशल मीडिया के इस युग में इस तरह के आपराधिक मामले बढ़े है? क्‍या उक्‍त संभाग में पकड़े गये सेक्‍स रैकेट ब्‍लैकमेलिंग मामलों में बड़ी मात्रा में महिलायें भी लिप्‍त पायी गयी हैं? (ग) दिनांक 1 जनवरी, 2016 से प्रश्‍न दिनांक तक प्रदेश के विभिन्‍न थानों में कुल कितने प्रकरण सायबर अपराध के प्रकाश में आये? क्‍या इसके लिये प्रदेश स्‍तर पर कोई नये सायबर थाने सेंटर स्‍थापित करने का विचार विभाग द्वारा किया जा रहा है? यदि हाँ, तो कब तक?

गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) से (ग) जानकारी संकलित की जा रही है।

नवीन हैण्‍डपंप व खनन करने के दोषियों के ऊपर कार्यवाही

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

139. ( क्र. 3038 ) श्री दिनेश राय (मुनमुन) : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सिवनी विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत विभाग के कितने हैण्‍डपंप स्‍थापित हैं? उनमें से कितने चालू एवं कितने बंद पड़े हैं? इनमें से कितने ऐसे हैण्‍डपंप हैं जो वाटर लेबिल की कमी, धसने के कारण एवं कितने ऐसे हैण्‍डपंप ऐसे हैं जिनके पानी पीने योग्‍य नहीं है, का विवरण देवें? (ख) प्रश्नांश (क) के हैण्‍डपंप वाटर लेबिल नीचे जाने व धसने के कारण बंद पड़े हैं, उनमें से कितने ऐसे हैं जिनका खनन विभाग द्वारा ठेकेदारों के माध्‍यम से कराया गया, कितने ऐसे हैं जो मैकेनिकल खण्‍ड (विभाग) द्वारा कराये गए का विवरण अलग-अलग देवें? (ग) प्रश्‍नांश () के संदर्भ में जिनका खनन मैकेनि‍कल खण्‍ड द्वारा कराया गया उन नलकूपों की गहराई खुदाई के समय क्‍या थी उनमें कितने फिट क्रेशिंग एवं कितने राइजर पाईप लगाये गए थे, का विवरण देवें? विभाग द्वारा ठेकेदारों के माध्‍यम से कराये गये हैण्‍डपंपों की भी जानकारी उपरोक्‍तानुसार ही देवें? (घ) प्रश्नांश (क) के सूखे, धसे एवं पीने योग्‍य पानी न होने के कारण बंद पडे हैं, हैण्‍डपंपों के स्‍थान पर नवीन नलकूप खनन कर हैण्‍डपंप स्‍थापित करने बावत क्‍या कार्यवाही की गई? यदि कार्यवाही नहीं की गई तो क्‍यों? इस हेतु राज्‍य शासन एवं प्रशासन स्‍तर से कब-कब कौन-कौन सी कार्यवाही की गई?

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) 1653 हैण्डपंप। 1554 हैण्डपंप चालू एवं 99 हैण्डपंप बंद हैं। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 के अनुसार है।        (ख) 40 हैण्डपंप सिविल खंड द्वारा एवं 06 हैण्डपंप मैकेनिकल खण्ड द्वारा किये गये हैं।                (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 के अनुसार है। (घ) आंशिकपूर्ण श्रेणी के ग्रामों में विभाग द्वारा निर्धारित मापदण्ड 55 लीटर प्रतिव्यक्ति प्रतिदिन के मान से पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित करवाने हेतु नए नलकूप खनन का कार्य करवाया जाता है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।

अधिग्रहित भूमि का मुआवजा

[राजस्व]

140. ( क्र. 3048 ) श्री योगेन्‍द्र सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                             (क) क्‍या सिवनी जिले में वर्ष 1983-84 में वन विभाग के द्वारा किसानों की भूमि अधिग्रहित के प्रकरणों में जिन किसानों की भूमि अधिग्रहित की गई थी उन किसानों की किसानों को भूमि या मुआवजा आज दिनांक तक नहीं मिला है क्‍या उन्‍हें नये भूमि अधिग्रहण बिल के तहत मुआवजा दिया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक? (ख) क्‍या वर्तमान में वन व्‍यवस्‍थापन प्रकरण 139 जिला सिवनी तह. बरघाट का प्रकरण लंबित है? यदि हाँ, तो कब तक इसका निराकरण किया जावेगा? क्‍या उक्‍त प्रकरण में किसानों को भूमि प्रदान की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्‍यों?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) वर्ष 1983-84 में अधिग्रहित भूमि पर किसानों को स्‍वीकृत मुआवजा प्रदाय किया जा चुका है। स्‍वीकृत मुआवजा राशि वितरण के सम्‍बंध में कोई प्रकरण प्रचलित नहीं है। वन व्‍यवस्‍थापन प्रकरण क्रमांक/139 वनखंड सिलघाट में आवेदक/कृषक- आत्‍माराम गौतम वगैरा से वन विभाग के द्वारा अधिग्रहित भूमि 8.08 एकड़ के बदले अन्‍य भूमि बंटन की कार्यवाही तहसीलदार बरघाट के कार्यालय में प्रचलित है। उक्‍त भूमि पर स्थित वृक्षों का मुआवजा रू. 545100=00/- खातेदारों को भुगतान किया जा चुका है। (ख) जी हाँ। उपरोक्‍त प्रकरण (139-सिलघाट) में वन व्‍यवस्‍थापन अधिकारी के आदेश अनुसार भूमि बंटन की कार्यवाही हेतु प्रकरण क्रमांक/4365/बी-121/2015-16तहसीलदार बरघाट के कार्यालय में प्रचलित है। आवेदक/कृषक -आत्‍माराम गौतम बगैरा के द्वारा ग्राम सिलघाट प.ह.नं. 8 में स्थित भूमि खसरा नं. 55 नया 305 रकवा 8.08 एकड़ जिसे वन विभाग के द्वारा अधिग्रहित किया गया है, उक्‍त भूमि से लगी शासकीय भूमि खसरा नं. 64 रकवा 4.05 हे. में से 3.26 हे. (8.05 एकड़) भूमि बदले में प्रदाय किये जाने हेतु निवेदन किया है। प्रकरण तहसीलदार बरघाट के न्‍यायालय में प्रचलित है। जिसका प्रकरण क्रमांक/4365/बी-121/2015-16 है। हल्‍का पटवारी एवं राजस्‍व निरीक्षक के द्वारा आवेदक/कृषक को भूमि मौके पर नापकर बताई गई है। कुछ खातेदार उक्‍त भूमि को प्राप्‍त करने हेतु सहमत है कुछ खातेदार भूमि के बदले मुआवजा चाहते है। भूमि बंटन करने की कार्यवाही नियमानुसार प्रचलित है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

जानकारी उपलब्ध कराया जाना 

[राजस्व]

141. ( क्र. 3058 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या श्री अजातशत्रु श्रीवास्तव, आयुक्त भोपाल संभाग भोपाल द्वारा कलेक्टर विदिशा को प्रेषित किये गए पत्र क्रमांक 6337 दिनांक 19.07.2017 में अंकित प्रश्नकर्ता के पत्र क्रमांक 5144     दिनांक 02.07.2017, पत्र क्रमांक 6016 दिनांक 11.03.17, पत्र क्रमांक 6806 दिनांक 25.04.14 एवं 6860 दिनांक 10.05.17 द्वारा अपेक्षित जानकारी प्रश्नकर्ता को उपलब्ध करवाए जाने के निर्देश है? यदि हाँ, तो पत्र की प्रति उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) का उत्तर हाँ तो प्रश्नकर्ता के किस-किस पत्र की जानकारी प्रश्नकर्ता को किस-किस दिनांक को उपलब्ध करवायी जा चुकी है, किस किस पत्र की जानकारी किन नियमों के तहत उपलब्ध नहीं करवाए जा सकी है?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। पत्रों की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) माननीय प्रश्‍नकर्ता के समस्‍त पत्रों द्वारा तहसीलदार बासौदा के प्रकरण क्रमांक 11/बी-121/84-85 के समस्‍त आर्थिक हानि सर्वे सूची की प्रतिलिपि चाही गई है। प्रकरण अत्‍यंत पुराना होने से उपलब्‍ध नहीं हो रहा है। प्रकरण की तलाश की जा रही है, प्रकरण प्राप्‍त होते ही माननीय प्रश्‍नकर्ता को जानकारी उपलब्‍ध करा दी जावेगी।

भूमि स्वामी की आराजी को म.प्र. शासन दर्ज किये जाना

[राजस्व]

142. ( क्र. 3060 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि          (क) क्या तहसील अमरपाटन के अंतर्गत ग्राम ललितपुर नंबर 01 के भूमिस्वामी की आराजी नंबर 442/1ख एवं 442/1ग से क्रमशः ब्रजभानसिंह पिता श्यामलालसिंह एवं दलबीर सिंह पिता रामरूप सिंह साकिन ललितपुर नंबर 01 का नाम कूटरचित तरीके से फर्जी प्रकरण क्र. 1/6अ द्वारा म.प्र. शासन वर्ष 2010-11 आदेश दिनांक 03/01/2017 डालकर आनंदगढ़ पटवारी द्वारा म.प्र. शासन वर्ष 2016-17 के खसरे में दर्ज कर दिया गया है एवं इसी आधार पर कंप्यूटर आपरेटर द्वारा भी खसरे में सुधार किया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो क्या बिंदु क्रमांक 01 में दर्शाई गई आराजियों के कूटरचित तरीके से खसरे के कालम नंबर 03 से भूमिस्वामी का नाम काटने के कारण खसरा सुधार किये जाने हेतु दिनांक 17/01/2017 को आवेदन पत्र नायब तहसीलदार तहसील, अमरपाटन वृत्त ताला में दिया गया था? (ग) क्या गलत प्रविष्ट के सुधार के आवेदन पत्र देने के बाद आनंदगढ़ पटवारी द्वारा सहवन गलत प्रविष्टि के सुधार किये जाने बावत दिनांक 18/01/2017 को नायब तहसीलदार वृत्त ताला के न्यायालय में अपनी रिपोर्ट पेश कर दिए थे? यदि हाँ, तो आज दिनांक तक सुधार किये जाने का आदेश क्यों नहीं किया गया? (घ) क्या फर्जी प्रकरण डालकर भूमिस्वामी का नाम खसरे एवं कंप्यूटर से विलोपित करने वाले दोषी पटवारी एवं कंप्यूटर आपरेटर के विरुद्ध कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों, कब तक की जावेगी?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ, दर्ज किया गया, परन्तु प्रकरण फर्जी नहीं है। (ख) हाँ, आवेदक ब्रजभान सिंह पिता श्यामलाल सिंह एवं दलवीर सिंह पिता रामरूप सिंह साकिन ललितपुर नंबर 1 द्वारा दिनांक 17.01.2017 को सुधार हेतु आवेदन दिया गया जिसे न्यायालय नायब तहसीलदार वृत्त ताला द्वारा प्रकरण क्रमांक 21/6अ/2016-17 दर्ज किया जाकर कार्यवाही प्रचलित है। जिसकी अगली सुनवाई हेतु पेशी दिनांक 27.11.2017 को नियत है। कूटरचित तरीके से कोई कार्यवाही नहीं की गयी है। (ग) हां। पटवारी द्वारा सुधार हेतु प्रतिवेदन दिया गया है। आवेदक से 1958-59 की खतौनी एवं अन्य दस्तावेजों की मांग की गई। किन्तु आवेदक द्वारा कोई भी दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किया गया है। चूंकि उक्त भूमियां पूर्व में म.प्र. शासन जंगल दर्ज थी, इसलिये जाँच उपरान्त एवं दस्तावेज प्रस्तुत किये जाने के उपरान्त नियमानुसार ही कार्यवाही की जाएगी। (घ) नहीं, कोई फर्जी प्रकरण बनाकर कार्यवाही नहीं की गयी है। अत: किसी के विरूद्ध कोई कार्यवाही का प्रश्न ही नहीं उठता।

होमगार्डों की भर्ती

[गृह]

143. ( क्र. 3064 ) श्री राजेश सोनकर : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                           (क) क्या शासन द्वारा सन 2016 में अस्थाई रूप से शारीरिक एवं अन्य‍ मापदण्‍डों के हिसाब से उज्जैन सिंहस्थ 2016 में होमगार्डों की भर्ती की थी? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में यदि हाँ, तो उन्हें रिफ्रेशर कोर्स कराया गया था? क्या प्राकृतिक आपदा व अन्य विपत्तियों में समय-समय पर कार्य लिया जाता रहा है? यदि हाँ, तो कब-कब कार्य लिया गया? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में क्या इन्हें विभाग/होमगार्ड/पुलिस विभाग में समायोजित किया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक व कितने सैनिको को कब तक सेवा में लिया जायेगा? यदि नहीं, तो क्यो नहीं लिया जायेगा?

गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) उज्जैन म.प्र. में आयोजित सिंहस्थ 2016 में Law and Order हेतु अस्थाई स्वयंसेवकों का नामांकन निर्धारित चयन प्रकिया के द्वारा किया गया था।         (ख) अस्थाई स्वयंसेवकों को नामांकन उपरांत 30 कार्यदिवस का प्रशिक्षण (क्रमशः दिनांक 01 सितम्बर 2015 से 1047, दिनांक 01 अक्टूबर, 2015 से 957, दिनांक 01 नवम्बर, 2015 से 434 एवं 01 दिसम्बर, 2015 से 352 कुल 2790 स्वयंसेवको को प्रशिक्षण दिया गया था तथा बाद में इन्हें 30 दिवस का विशेष प्रशिक्षण (दिनांक 11.1.2016 से 9.2.2016 तक 1490 एवं दिनांक 10.2.2016 से 10.3.2016 तक 1300 कुल 2790 अस्थाई स्वयंसेवकों को प्रशिक्षण दिया गया था। आपदा एवं बचाव संबंधी कार्य के लिए सिंहस्थ के लिए चयनित अस्थाई स्वयंसेवकों को दिनांक 01 सितम्बर, 2016 से 30 सितम्बर, 2016 तक की अवधि के लिए आव्हान (काल आउट) किया जाकर, अतिवृष्टि एवं बाढ़ वाले जिलों में तैनात किया गया था। (ग) प्रस्ताव विचाराधीन है। निर्णय लिए जाने की       समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं।

प्रकरणों की समुचित जाँच

[गृह]

144. ( क्र. 3077 ) पं. रमाकान्‍त तिवारी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि           (क) क्‍या कार्यालय पुलिस अधीक्षक (उत्‍तर क्षेत्र) जिला भोपाल द्वारा अपने पत्र क्र. विविध-73, दिनांक 18.04.2017 द्वारा अधीक्षक, हमीदिया चिकित्‍सालय एवं अन्‍य आवेदकगणों द्वारा प्रस्‍तुत आवेदन पत्रों के संबंध में अन्‍तरिम रिपोर्ट अधिष्‍ठाता, चिकित्‍सा महाविद्यालय भोपाल को भेजते हुए उक्‍त पत्र में शिकायतों की जाँच जारी है एवं प्रस्‍तुत प्रतिवेदन से शीघ्र अवगत कराने का लेख किया गया है? (ख) क्‍या थाना प्रभारी कोहेफिजा एवं विभाग के कुछ भ्रष्‍ट अधिकारियों द्वारा अधीक्षक हमीदिया चिकित्‍सालय से सांठ-गांठ कर तरह-तरह से उपकृ‍त होकर बिना जाँच करे ही जाँच नस्‍तीबद्ध कर दी गई है? (ग) उपरोक्‍तानुसार कर्मचारियों से प्राप्‍त शिकायत पर कब-कब, क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई? जाँच अधिकारी कौन है? किन-किन के बयान लिये गये? उपरोक्‍तानुसार विस्‍तृत प्रतिवेदन अधिष्‍ठाता, चिकित्‍सा महाविद्यालय कब भेजा गया? यदि नहीं, तो क्‍यों?              (घ) उपरोक्‍तानुसार लगभग 6 माह बीतने के पश्‍चात भी जाँच पूर्ण क्‍यों नहीं की गई? इसके लिये कौन जवाबदेह है, जाँच कब तक पूर्ण कर ली जावेगी?

गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। (ख) आवेदन पत्र की जाँच विधि अनुरुप की गयी। (ग) आवेदन पत्र की जाँच के दौरान उ.नि. रईस खान थाना कोहेफिजा द्वारा की जाकर जाँच के दौरान अनुराग सिंह, लीना वर्गीयस, श्रीमती ग्लोरिया सिंह, शिरिन जाय, रुबीना खान, पुष्पा ठाकुर, लता गरथने व उत्‍प्रेरणा मरावी के कथन दर्ज किये गये है। अंतरिम प्रतिवेदन के बाद जाँच में कोई नये तथ्य सामने नहीं आने के कारण विस्तृत प्रतिवेदन नहीं भेजा गया। (घ) जाँच पूर्ण कर ली गयी है। शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता।

मनमाने ढंग से मर्जर भूमि का विक्रय किया जाना

[राजस्व]

145. ( क्र. 3088 ) श्री आरिफ अकील : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                      (क) क्‍या मेसर्स कुनाल बिल्‍डर्स एवं डेवलपर्स प्रा.लिमि. मध्‍यप्रदेश नगर तथा ग्राम निवेश कार्यालय भोपाल, मध्‍यप्रदेश राजस्‍व विभाग एवं मध्‍यप्रदेश पर्यटन विकास निगम के अधिकारियों एवं कर्मचारियों व अन्‍य के द्वारा मिलीभगत कर ग्राम सेवनियागौड़ स्थित मर्जर एग्रीमेंट में सम्मिलित कृषि एवं अन्‍य उपयोग की भूमियों को षडयंत्रपूर्वक धोखाधड़ी कर तथ्‍यों को छिपाते हुए कूटरचित व मिथ्‍या दस्‍तावेजों के आधार पर विक्रय किये जाने के संबंध में निष्‍पक्ष जाँच कर दोषियों के विरूद्ध प्रकरण पंजीबद्ध किए जाने बाबत् प्रश्‍नकर्ता के पत्र क्रमांक 5750 एवं शपथ पत्र दिनांक 13.04.2017 के आधार पर लोकायुक्‍त में एवं पत्र क्रमांक 5762 के आधार पर पंजीबद्ध किया गया है और आर्थिक अपराध अन्‍वेषण ब्‍यूरों में शिकायत के आधार पर कार्यवाही प्रचलन में है? (ख) यदि हाँ, तो प्रश्‍न दिनांक की स्थिति में किन-किनके विरूद्ध क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो कारण सहित यह अवगत करावें कि क्‍या तथा कब तक कार्यवाही की जावेगी?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। शिकायतकर्ता द्वारा शिकायत माननीय लोकायुक्‍त के समक्ष प्रस्‍तुत की गई थी जिस पर मान. लोकायुक्‍त द्वारा प्रकरण क्रमांक 241/2017 पंजीबद्ध कर प्रतिवेदन चाहा गया है। प्रकरण में अनुविभागीय अधिकारी, टी.टी. नगर वृत्‍त से जाँच कराई जा रही है। (ख) लोकायुक्‍त कार्यालय में जाँच प्रचलित होने से समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

डेयरी उद्योग की स्थापना

[पशुपालन]

146. ( क्र. 3120 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग द्वारा दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने हेतु कौन-कौन सी योजनायें संचालित की जा रही हैं? योजनावार पात्रता, प्रक्रिया आदि की पूर्ण जानकारी देवें? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित योजना के लक्ष्य निर्धारित होते हैं या असीमित लक्ष्य हैं? यदि लक्ष्य निर्धारित हैं तो विगत 03 वर्षों में आगर जिले को कितना लक्ष्य आवंटित हुआ एवं इसके विरूद्ध कितने हितग्राहियों को लाभान्वित किया गया? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में विधानसभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत लाभान्वित किये गये हितग्राहियों की पूर्ण सूची, लाभांश आदि के साथ उपलब्ध करावें? (घ) सुसनेर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत डेयरी उद्योग की स्थापना हेतु विगत 03 वर्षों में कितने आवेदन प्राप्त हुए? प्राप्त आवेदनों पर क्या कार्यवाही की गई? आवेदनवार पूर्ण विवरण देवें?

पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) पशुपालन विभाग द्वारा दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने हेतु संचालित योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। योजनावार पात्रता, प्रक्रिया आदि की पूर्ण जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ख) योजनाओं के लक्ष्य जिलेवार निधारित किए जाते है, जो सीमित है। विगत तीन वर्षां में आगर जिले को आवंटित लक्ष्य एवं लाभान्वित हितग्राहियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है।

औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में कार्यरत प्रशिक्षको की वेतन वृद्धि

[तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास]

147. ( क्र. 3121 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या राज्‍यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. में कुल कितने शासकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान एवं कौशल उन्नयन केन्द्र संचालित हैं? संभागवार जानकारी देवें? इनमें कुल कितने शिक्षक/प्रशिक्षक के पद स्वीकृत हैं? स्वीकृत पदों में कितने भरे एवं कितने रिक्त हैं? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित रिक्त पदों की पूर्ति हेतु क्या रणनीति हैं? (ग) क्या रिक्त पदों के विरूद्ध अतिथि शिक्षक/प्रशिक्षक व्यवस्था की जाती है? यदि हाँ, तो नियुक्ति/व्यवस्था के क्या नियम एवं प्रक्रिया निर्धारित हैं एवं कितना मानदेय/वेतन नियत है? (ग) प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित शिक्षक/प्रशिक्षक के मानदेय/वेतन वृद्धि हेतु क्‍या कोई प्रस्ताव प्रक्रियाधीन हैं? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की जा रही हैं? यदि नहीं, तो क्या स्वप्रेरणा से समीक्षा की जाकर विचार किया जावेगा?

राज्‍यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक कैलाश जोशी ) : (क) मध्‍यप्रदेश में कुल 223 शासकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्‍था संचालित है। संभागवार जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र एक अनुसार है। मध्‍यप्रदेश में कुल 133 शासकीय कौशल विकास केन्‍द्र संचालित है। जिसका संचालन मध्‍यप्रदेश राज्‍य कौशल विकास मिशन (पूर्व नाम एमपीसीवेट) के द्वारा किया जाता है। अन्‍य दो कौशल विकास केन्‍द्र बिरसा एवं परसवाड़ा जिला बालाघाट के एलडब्‍लयूई के अंतर्गत संचालित है। कौशल विकास केन्‍द्रों की संभागवार सूची जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र दो अनुसार है। मध्‍यप्रदेश राज्‍य कौशल विकास मिशन के अंतर्गत संचालित 133 शासकीय कौशल विकास केन्‍द्रों में प्रत्‍येक कौशल विकास केन्‍द्र में 04 पद स्‍वीकृत किये गये थे। इस प्रकार प्रशिक्षकों के कुल 532 पद स्‍वीकृत किये गये थे। शासन आदेश दिनांक 28.03.2017 के द्वारा कौशल विकास केन्‍द्रों में संविदा पर स्‍वीकृत पद समाप्‍त किये जाने से वर्तमान में प्रशिक्षक के पद समाप्‍त हो गये है। (ख) वर्तमान में प्रशिक्षण अधिकारियों के 463 पदों पर भर्ती की कार्यवाही प्रचलन में है, जिनमें मेरिट सूची के उम्‍मीदवारों के नियुक्ति आदेश जारी किये जा चुके है तथा शेष रिक्‍त पदों पर प्रतीक्षा सूची के उम्‍मीदवारों की भर्ती की कार्यवाही प्रचलन में है। इसके अलावा 501 पदों को भरने हेतु प्रशासकीय स्‍वीकृति की कार्यवाही प्रचलन में है, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) जी हाँ। नियम/प्रक्रिया/मानदेय की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र तीन अनुसार है। (घ) जी नहीं। प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

पदमावती फिल्म से आपत्तिजनक दृश्य हटाना व फिल्म पर प्रतिबंध लगाना

[गृह]

148. ( क्र. 3133 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                      (क) पदमावती फिल्म के विरोध में सम्पूर्ण म.प्र. में कितने धरने प्रदर्शन व आंदोलन किये गये है? (ख) मध्यप्रदेश शासन द्वारा उक्त फिल्म व उसके आपतिजनक दृश्यों पर राज्य में प्रतिबंध लगाने हेतु प्रदेश सरकार द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई है? (ग) उक्त समस्त घटना उपरांत भी राजपूत समाज व जनता की भावनाओं को ठेस पहुंचाकर प्रदेश सरकार फिल्म प्रदर्शन की अनुमति प्रदान करेगी? (घ) यदि फिल्म राज्य में प्रदर्शित होती है और इस दौरान राज्य में कहीं भी किसी प्रकार की कोई घटना घटित होती है तो उसके लिए कौन जिम्मेदार या जवाबदार होगा?

गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) पदमावती फिल्म के विरोध में मध्यप्रदेश में कुल 150 धरने/प्रदर्शन व आंदोलन किए गए हैं। (ख) से (घ) फिल्म अभी प्रदर्शन के लिए रिलीज नहीं हुई है, अतः प्रश्न उपस्थित नहीं होता।

 

पंजीबद्ध अपराधिक प्रकरणों में कार्यवाही

[गृह]

149. ( क्र. 3173 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खातेगांव विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत वर्ष 2015-16 से प्रश्‍नांश दिनांक तक कितने अपराधिक प्रकरण जैसे चोरी, मारपीट, बलात्कार मोबाईल द्वारा आपत्तिजनक शब्दों का प्रयोग इत्यादि का प्रकरण कितने लोगों के खिलाफ दर्ज किये हैं? (ख) इस प्रकार के दर्ज प्रकरणों में क्या-क्या सजा जुर्माना दिया गया है? (ग) क्या अपराधों की रोकथाम हेतु विभाग द्वारा आम जनता के साथ जनसंवाद जैसे कार्यक्रम आयोजित किये गये हैं? यदि हाँ, तो स्थान एवं समय बतावें।

गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

कौशल विकास केन्‍द्र

[तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास]

150. ( क्र. 3175 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या राज्‍यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रधानमंत्री कौशल विकास केन्द्र स्थापित करने के क्या नियम एवं अर्हताएं हैं एवं इसके अंतर्गत कितने विषय (ट्रेड) आते हैं? खातेगांव विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत कितने केन्द्र संचालित हैं एवं किसके नाम से हैं? (ख) संचालित प्रधानमंत्री कौशल विकास केन्द्र द्वारा किस-किस ट्रेड में अध्ययन/प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है? (ग) कितने अभ्‍यर्थी किस-किस ट्रेड में अध्यन/ प्रशिक्षण प्राप्त कर हैं एवं कितनों ने प्राप्त कर लिया है? अध्ययन/प्रशिक्षण प्राप्त अभ्यर्थियों को केन्द्र द्वारा रोजगार संबंधी क्या सुविधा प्रदान कि गई है और कहाँ?

राज्‍यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक कैलाश जोशी ) : (क) से (ग) की जानकारी भारत सरकार से संबंधित है। पूर्व के वर्षों में यह योजना केवल भारत सरकार द्वारा ही संचालित की जाती थी। वर्ष 2016-17 से राज्‍य शासन को स्‍टेट कम्‍पोनेंट के अंतर्गत प्रशिक्षण हेतु लक्ष्‍य दिया गया है जिसके अंतर्गत प्रशिक्षण प्रदाता का चयन करने के लिए आर.एफ.पी. जारी किया गया है जिसकी अंतिम तिथि 08.12.2017 है।

ट़्रेनिंग मैन्‍युअल के अनुसार पदों की पूर्ति

[तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास]

151. ( क्र. 3176 ) श्री घनश्‍याम पिरोनियॉं : क्या राज्‍यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या एन.सी.ब्‍ही.टी. के अंतर्गत आने वाली ग्‍वालियर संभाग की समस्‍त  आई.टी.आई. में ट्रेनिंग मैन्‍युअल के अनुसार तकनीकी गैर तकनीकी पद स्‍वीकृत हैं और उनके विरूद् अधिकारी/कर्मचारी पदस्‍थ हैं? यदि हाँ, तो उनकी सूची आई.टी.आई.वार उपलब्‍ध करायें। यदि नहीं, तो कब तक पद स्‍वीकृत कर पदस्‍थापना कर दी जावेगी? (ख) क्‍या छात्रों से सेमेस्‍टर अनुसार फीस ली जा रही है? जबकि पहले इकजाई फीस ली जाती थी? यदि हाँ, तो क्‍या छात्र हित में पूर्व के अनुसार परीक्षा फीस ली जावेगी? यदि नहीं, तो क्‍यों? (ग) क्‍या विभिन्‍न आई.टी.आई. में स्‍टोर के चार्ज नियमानुसार तकनीकी स्‍टॉफ को दिया जाना चाहिये न कि गैर तकनीकी वर्ग यहां तक कि चतुर्थ श्रेणी से पदोन्‍नत सहायक ग्रेड 3 एवं 2 को बिना स्‍टोर ऑफि‍सर को साथ लिये अकेले दिया जा रहा है इससे कई संस्‍थाओं के स्‍टोर के चार्ज वर्षों से लंबित हैं? यदि हाँ, तो किन-किन संस्‍थाओं के चार्ज अभी तक नहीं हुए और वह कब तक पूर्ण हो जावेंगे और क्‍या सी.टी.सी. के अनुसार स्‍टोर का चार्ज तकनीकी स्‍टॉफ को दिया जावेगा? (घ) ग्‍वालियर आई.टी.आई. का चार्ज कब तक हो जावेगा?

राज्‍यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक कैलाश जोशी ) : (क) जी नहीं। ग्‍वालियर संभाग की संस्‍थावार जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। समय अवधि बताना संभव नहीं है। (ख) छात्रों से प्रशिक्षण शुल्‍क रूपये 2500/- प्रतिवर्ष (अनुसूचित जाति/जनजाति के छात्रों को छोड़कर) तथा परीक्षा शुल्‍क रूपये 100/- प्रति सेमेस्‍टर की दर से दो सेमेस्‍टर की कुल रूपये 200/- एक साथ ली जाती है। जी नहीं। परीक्षा प्रणाली सेमेस्‍टर अनुसार होने से परीक्षा शुल्‍क भी सेमेस्‍टर अनुसार लिया जाता है। (ग) स्‍टोर का चार्ज संस्‍थाओं में अमले की उपलब्‍धता अनुसार स्‍टोर कीपर का चार्ज लिपिकीय कर्मचारी को व भंडार अधिकारी का चार्ज तकनीकी कर्मचारी को दिया जाता है। ग्‍वालियर संभाग की संस्‍थाओं के स्‍टोर के चार्ज लं‍बित नहीं है। (घ) ग्‍वालियर आई.टी.आई. के भंडार का चार्ज 30 जून 2017 को पूर्ण हो चुका है।

परिशिष्ट - ''तिरेसठ''

कुटीर एवं ग्रामोद्योग द्वारा चलाई जा रही योजनाएं

[कुटीर एवं ग्रामोद्योग]

152. ( क्र. 3177 ) श्री घनश्‍याम पिरोनियॉं : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या कुटीर एवं ग्रामोद्योग द्वारा कई योजनायें चलायी जा रही हैं? यदि हाँ, तो दतिया जिले में कौन-कौन सी योजनाओं के तहत कितने हितग्राही लाभान्वित हुए हैं वर्ष 2013 से प्रश्‍न दिनांक तक वर्षवार, तहसीलवार एवं हितग्राही संख्‍यावार संपूर्ण जानकारी उपलब्‍ध कराई जाऐ।               (ख) क्‍या कुटीर एवं ग्रामोद्योग विभाग द्वारा दतिया जिले में विभिन्‍न योजनाओं के तहत हितग्राहियों को अनुदान दिया गया है यदि हाँ, तो वर्ष 2013 से प्रश्‍न दिनांक तक वर्षवार तहसीलवार कितने हितग्राही को दिया गया। (ग) क्‍या दतिया जिले में कुटीर एवं ग्रामोद्योग विभाग द्वारा चलाई जा रही योजनाओं का प्रचार-प्रसार न होने से पात्र हितग्राही वंचित रह गए हैं और कुछ लोग ही इसका फायदा उठा पा रहे हैं? (घ) क्‍या कुटिर एवं ग्रामोद्योग विभाग की योजनाओं के बारे में प्रचार प्रसार की कोई जवाबदारी सुनिश्चित की जावेगी?

पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) एवं (ख) संचालित योजनाएँ एवं लाभान्वित हितग्राहियों की वर्षवार, तहसीलवार संख्या की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र '' (1) (2) एवं (3) पर है। (ग) जी नहीं। जिला स्तर पर जनकल्याण शिविर, स्व-रोजगार मेलों, अन्त्योदय मेले एवं प्रदर्शनियों आदि के माध्यम से प्रचार-प्रसार किया जाता है। (घ) उत्तरांश (घ) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - ''चौंसठ''

स्‍वीकृत पदानुसार नियुक्ति

[मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास]

153. ( क्र. 3188 ) श्री मानवेन्द्र सिंह : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या मछली पालन विभाग में संचालक स्‍तर के दो पद स्‍वीकृत हैं जिसमें से एक पद मत्‍स्‍य महासंघ में प्रतिनियुक्ति का रिक्‍त है? (ख) क्‍या यह सही है कि भारत सरकार कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग की अधिसूचना क्रमांक 13031/5/2016 अभासे-(क) दिनांक 30.12.16 से म.प्र. में संचालक मत्‍स्‍य के पद पर भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी का पद स्‍वीकृत होने के पश्‍चात् भी आज दिनांक तक वर्तमान विभागीय संचालक के प्रभाव के कारण भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी को पदस्‍त नहीं किया गया? यदि नहीं, तो कारण क्‍या है? (ग) उक्‍त पद पर भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी की पदस्‍थापना कब तक की जावेगी? अभी तक पदस्‍थापना नहीं किये जाने हेतु दोषी के विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की जावेगी?

पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जी हाँ। (ख) एवं (ग) संचालक मत्‍स्‍य का संवर्गीय पद भाप्रसे के वरिष्‍ठ वेतनमान में स्‍वीकृत है। भाप्रसे अधिकारियों की उपलब्‍धता एवं प्रशासकीय व विभागीय आवश्‍यकताओं के दृष्टिगत इस पद पर पदस्‍थापना की जाती है। शेष प्रश्‍न उ‍पस्थित नहीं होता।

प्रदेश में महिलाओं के साथ दुष्कर्म/सामूहिक दुष्कर्म की घटनाएँ

[गृह]

154. ( क्र. 3193 ) श्री रामनिवास रावत : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                  (क) क्या प्रश्नकर्ता के अतारांकित प्रश्न संख्या 822 दिनांक 19.07.17 के उत्तर में दिनांक 01 जनवरी, 2017 से 20 जून, 2017 तक प्रदेश में कुल 2291 महिलाओं के साथ दुष्कर्म की घटनाएँ घटित होने जिसमें 1046 वयस्क एवं 1245 अवयस्क महिलाऐं तथा 131 महिलाओं के साथ सामूहिक दुष्कर्म की घटनाएँ घटित होने की जानकारी दी गई थी? (ख) यदि हाँ, तो दिनांक 21 जून, 2017 से प्रश्नांकित दिनांक तक की अवधि में प्रदेश में कितनी महिलाओं के साथ दुष्कर्म/सामूहिक दुष्कर्म की घटनाएँ घटित हुई? कृपया अ.जा., अ.ज.जा., पिछड़ा वर्ग एवं सामान्य वर्ग तथा वयस्क/ अवयस्क महिलाओं सहित जिलेवार जानकारी दें? इनमें से कितनी महिलाओं की हत्या हुई एवं कितनों ने आत्महत्या की? (ग) क्या शासन के लाख प्रयासों के बावजूद प्रदेश में महिलाओं पर बढ़ते अपराध एवं दुष्कर्म की घटनाओं में लगातार वृद्धि हो रही है? यदि हाँ, तो उक्त अपराधों पर नियंत्रण के लिए शासन द्वारा क्या विशेष प्रयास किये जा रहे हैं?

गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी संकलित की जा रही है।                               (ग) महिलाओं के विरुद्ध अपराधों एवं दुष्कर्म की घटनाओं की रोकथाम हेतु प्रदेश के समस्त जिलों में निर्भया मोबाईल शक्ति मोबाइल चलाई जाकर लगातार भ्रमण किया जा रहा है तथा समर्थ संगिनी का गठन किया गया है जिसमें महिला आंगनवाड़ी/सहायिका, आशा, उषा कार्यकर्ताओं स्वास्थ्य विभाग में ए.एन.एम. के कार्यकर्ता को शामिल किये गये है। दिनांक 11.11.17 से 25.11.17 तक विशेष अभियान के तहत पुलिस अधीक्षक से उनि. स्तर तक के अधिकारियों द्वारा प्रतिदिन विद्यालय/महाविद्यालय/गर्ल्‍स हॉस्टल, कोचिंग संस्था, संप्रेषण गृह, अनाथालय व आश्रमों में जाकर जागरुकता एवं विधि प्रावधानों की जानकारियों से बालिकाओं को अवगत कराया जा रहा है। व महिलाओं के लिये संचालित किये जा रहे महिला हेल्प लाईन 1090 चाईल्ड हेल्प लाईन 1098 एवं वन स्टॉफ सेंटर, फेसबुक तथा 100 डॉयल के मोबाईल फोन नंबर से अवगत कराया गया है।

 

प्रश्नकर्ता के पूर्व के प्रश्न की जानकारी

[राजस्व]

155. ( क्र. 3194 ) श्री रामनिवास रावत : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्र. 2811 उत्तर दिनांक 26-07-17 के प्रश्नांश '', '', '' एवं '' के उत्तर में जानकारी एकत्रित की जा रही है, प्रतिवेदित किया गया है? यदि हाँ, तो क्या जानकारी एकत्रित कर ली गयी है? यदि हाँ, तो बिन्‍दुवार जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) में संदर्भित प्रश्न के प्रश्नांश (ग) में उल्लेखानुसार प्रश्नकर्ता द्वारा मजरों-टोलों को राजस्व ग्राम घोषित करने एवं बसाहट वाली भूमि को राजस्व अभिलेख में आबादी भूमि दर्ज करने के लिए वर्ष 2015 से लगातार भेजे जा रहे पत्रों में उल्लेखित ग्रामों जो कि शासन के मानदण्डों को पूर्ण करते है, पर कार्यवाही कर प्रश्नकर्ता को अवगत न करने के क्या कारण हैं? क्या इसके लिए संबंधितों का उत्तरदायित्व निर्धारित करते हुए उनके विरुद्ध कार्यवाही की जावेगी? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्नकर्ता के पत्रों में उल्लेखित अनुसार कब तक मजरों-टोलों को राजस्व ग्राम घोषित करने एवं बसाहट वाली भूमि को राजस्व अभिलेख में आबादी भूमि दर्ज करने की कार्यवाही कर ली जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। कलेक्टर जिला श्योपुर से प्राप्त जानकारी अनुसार प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के संबंध में जानकारी एकत्रित कर ली गई है। जिसके द्वारा विधानसभा प्रश्न क्रमांक 2811 के प्रश्नांश (क) के अनुसार तहसील क्रमश: श्योपुर में 22, बडौदा में 05, कराहल में 07, विजयपुर में 13, वीरपुर में 07 इस प्रकार कुल 54 मजरे-टोलों को पृथक राजस्व ग्राम घोषित किये जाने संबंधी कार्यवाही पूर्ण की जा चुकी है। (ख) कार्यालय कलेक्टर जिला श्योपुर के आदेश क्रमांक 139 दिनांक 5.12.2012, आदेश क्रमांक 13 दिनांक 9.3.2017 एवं आदेश क्रमांक 129 दिनांक 15.11.2017 द्वारा धारा 73 की कार्यवाही करते हुये समस्त 54 मजरे टोलों को पृथक राजस्व ग्राम घोषित किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है तथा बसाहट वाली भूमि को राजस्व अभिलेख में आबादी भूमि दर्ज करने संबंधी कार्यवाही प्रचलित है। प्रश्नकर्ता के प्रथम भाग का कार्य पूर्ण कर सभी पात्र मजरे-टोलों को राजस्व ग्राम घोषित कर दिया गया, शेष भाग में बसाहट वाली भूमि को राजस्व अभिलेख में आबादी भूमि घोषित की जानी थी वह प्रक्रियाधीन हैं, नियमानुसार कार्यवाही पूर्ण करने के बाद ही क्रियान्वयन की स्थिति से माननीय को अवगत कराया जाएगा। (ग) प्रश्नकर्ता के पत्रों में उल्लेखित अनुसार पात्रता में आने वाले कुल 54 मजरे-टोलों को पृथक राजस्व ग्राम घोषित किया जा चुका है एवं बसाहट वाली भूमि को राजस्व अभिलेख में आबादी भूमि दर्ज करने संबंधी कार्यवाही नियमानुसार जिला स्तर पर प्रचलित है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।

विशेष सशस्‍त्र बल वाहिनी स्‍थापित करना

[गृह]

156. ( क्र. 3201 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि       (क) क्‍या राजगढ़ जिले में विशेष सशस्‍त्र बल की वाहिनी स्‍थापित नहीं है? यदि हाँ, तो क्‍या राजगढ़ जिले सहित जिला आगर-मालवा, शाजापुर, देवास तथा विदिशा के आस-पास के जिले में एस.ए.एफ. की वाहिनी नहीं है, अपितु अस्‍थाई रूप से जिलों में एस.ए.एफ. की एक कंपनी रहती है? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में क्‍या राजगढ़ जिला संवेदनशील श्रेणी का जिला होने से जिले में कभी भी कोई सांप्रदायिक घटना अथवा विशेष परिस्थितियों में जिले की अस्‍थाई कंपनी के अलावा भी अन्‍य जिलों से पुलिस बल बुलाना पड़ता है? यदि हाँ, तो क्‍या राजगढ़ जिले में विशेष सशस्‍त्र बल की स्‍थाई वाहिनी स्‍थापित किये जाने से राजगढ़ जिले सहित आस-पास के जिलों में समुचित पुलिस बल की व्‍यवस्‍था हो जाऐगी? (ग) यदि हाँ, तो क्‍या शासन राजगढ़ जिले में विशेष सशस्‍त्र बल वाहिनी की स्‍थापना किये जाने की स्‍वीकृति प्रदान करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?

गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। (ख) जी हाँ। वर्तमान में राजगढ़ जिले में सशस्त्र बल की कोई भी वाहिनी स्थापित करने की कोई योजना नहीं है। (ग) उत्तरांश () के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।

रिक्‍त पदों की पूर्ति

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

157. ( क्र. 3202 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) राजगढ़ जिले के अंतर्गत लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकीय विभाग में कौन-कौन से पद स्‍वीकृत हैं तथा स्‍वीकृत पदों के विरूद्ध कौन-कौन से पद कब से रिक्‍त हैं? रिक्‍त पदों की पूर्ति हेतु प्रश्‍न दिनांक तक क्‍या कार्यवाही की गई, बतावें? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में क्‍या राजगढ़ जिले में कार्यपालन यंत्री, सहायक यंत्री, उपयंत्री सहित फील्‍ड वर्कर हैण्‍डपंप तकनीशियनों के आधे से अधिक पद रिक्‍त हैं? यदि हाँ, तो क्‍या जिला स्‍तर पर बैकलाग पदों पर संविदा हैण्‍डपंप तकनीशियनों के रिक्‍त पदों की पूर्ति के संबंध में कोई कार्यवाही लंबित है? यदि हाँ, तो, बतावें?        (ग) उपरोक्‍तानुसार क्‍या वर्तमान में राजगढ़ जिला सूखाग्रस्‍त होने से गंभीर पेयजल संकट का सामना करना पड़ रहा है तथा सभी आवश्‍यक सेवाऐं रिक्‍त पदों के कारण बाधित हो रही हैं? यदि हाँ, तो शासन विभाग के अंतर्गत रिक्‍त कार्यपालन यंत्री, सहायक यंत्री, उपयंत्री सहित हैण्‍डपंप तकनीशियन के रिक्‍त पदों की पूर्ति करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ख) जी नहीं। जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। जी हाँ। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

परिशिष्ट - ''पैंसठ''

प्रदेश की विभिन्‍न जेलों में चिकित्‍सकों के संबंध में

[जेल]

158. ( क्र. 3213 ) डॉ. मोहन यादव : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या प्रदेश की अधिकांश जेलों में डॉक्टरों के पद स्वीकृत होने के बावजूद उक्त पदों पर अंशकालिक डॉक्‍टरों से कार्य लिया जा रहा है? यदि हाँ, तो क्यों? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में उज्जैन कि सेन्ट्रल जेल में डॉक्टरों के कितने स्वीकृत पद रिक्त हैं अथवा भरे हुए तथा जेल में चिकित्सा वार्ड में अधिकतम कितने बंदी बीमारों को रखे जाने का प्रावधान है? (ग) बंदियों में सुधार के लिए प्रदेश में वर्तमान में कोई नवीन खुली जेल स्थापना की योजना हो तो जानकारी प्रदान करें? खुली जेलों में अधिकांश कैदियों को रखे जाने कि योजना हो तो जानकारी प्रदान करें?

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी हाँ। जेलों हेतु डॉक्‍टरों के स्‍वीकृत पदों पर लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण विभाग से प्रतिनियुक्ति द्वारा पद पूर्ति का प्रावधान है। समय-समय पर जेलों हेतु डॉक्‍टरों के रिक्‍त पदों की पूर्ति किये जाने हेतु लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण विभाग को लिखा गया है। लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण विभाग द्वारा अवगत कराया गया है कि डॉक्‍टरों की विभाग में कमी के कारण पद पूर्ति की जाना संभव नहीं है। (ख) जेल विभाग के अंतर्गत सेन्‍ट्रल जेल उज्‍जैन में डॉक्‍टर का 01 पद स्‍वीकृत है, जो वर्तमान में रिक्‍त है। जेल चिकित्‍सा वार्ड में अधिकतम 20 बीमार बंदियों को रखे जाने का प्रावधान है।           (ग) बंदियों में सुधार के उद्देश्‍य से केन्‍द्रीय जेल होशंगाबाद परिसर में 25 बंदियों हेतु खुली जेल सफलतापूर्वक संचालित है। केन्‍द्रीय जेल सतना परिसर में 25 बंदियों हेतु खुली जेल का निर्माण कराया जा रहा है, जो इसी वित्‍तीय वर्ष में पूर्ण होना संभावित है। इसके अतिरिक्‍त केन्‍द्रीय जेल उज्‍जैन, केन्‍द्रीय जेल नरसिंहपुर, केन्‍द्रीय जेल जबलपुर एवं केन्‍द्रीय जेल भोपाल के परिसरों में खुली जेलों के निर्माण प्रस्‍तावित है, जो वित्‍तीय व्‍यवस्‍था के अनुसार आगामी योजनाओं में विचार क्षेत्र में लिये जाएंगे।

हैण्‍डपंप एवं नलजल योजना के संबंध में

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

159. ( क्र. 3214 ) डॉ. मोहन यादव : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) उज्‍जैन दक्षिण विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत विगत 3 वर्षों में कितने ग्रामो एवं ग्राम पंचायतो में नलजल योजना स्वीकृत की गयी है? कितनी जगहों पर कार्य प्रारम्भ कर दिया गया है तथा जिन स्वीकृत ग्राम पंचायतो में प्रश्न दिनांक तक कार्य प्रारम्भ‍ नहीं हुआ है। क्यो तथा कब तक कार्य प्रारम्भ कर लिया जायेगा? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्षेत्र में कितने चालू हैण्‍डपम्प में संधारण के अभाव में बंद पड़े है, इनका संधारण कब तक कर लिया जायेगा? विभाग द्वारा उक्त‍ संधारण कार्य स्वयं किया जा रहा है अथवा ठेके पर दिया गया है?

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) तीन ग्राम पंचायतों के तीन ग्रामों में। तीनों नलजल योजनाओं में कार्य प्रारंभ कर पूर्ण किये जा चुके है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) संधारण के अभाव में कोई हैण्डपंप बंद नहीं है। सतत् हैण्डपंप संधारण प्रक्रिया के तहत् बंद हैण्डपंप विभाग द्वारा निरंतर निर्धारित कम से कम 7 दिवस एवं अधिक से अधिक 15 दिवस की समयावधि में सुधारे जाते हैं। सतत् हैण्डपंप संधारण प्रक्रिया के तहत् बंद हैण्डपंप विभाग द्वारा निरंतर निर्धारित कम से कम 7 दिवस एवं अधिक से अधिक 15 दिवस की समयावधि में सुधारे जाते हैं। प्रश्नाधीन क्षेत्र में हैण्डपंप संधारण विभाग द्वारा स्वयं किया जा रहा है।

विकासखण्‍ड लांजी जिला बालाघाट की नलजल योजना

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

160. ( क्र. 3219 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या विषयांकित ग्राम पंचायत में नलजल योजना स्‍वीकृत हो चुकी है? यदि हाँ, तो आदेश की प्रति उपलब्ध कराए? (ख) नलजल योजना की लागत तथा इसका कार्य कब तक प्रारंभ कर दिया जाएगा?

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) योजना की अनुमानित लागत रूपये 26.88 लाख है। पर्याप्त जल आवक क्षमता का स्त्रोत प्राप्त होने के उपरांत शेष कार्यों की निविदा स्वीकृति पश्चात् कार्य प्रारंभ किये जा सकेंगे।

परिशिष्ट - ''छियासठ''

पशु औषधालय

[पशुपालन]

161. ( क्र. 3220 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र लां‍जी में पशु औषधालय कहाँ-कहाँ संचालित है? भवन तथा स्‍टॉफ की संख्‍या सहित जानकारी दें? (ख) विधानसभा क्षेत्र लां‍जी में नवीन पशु औषधालय खोलने के प्रस्ताव कहाँ-कहाँ हैं? क्या ग्राम पंचायत पौनी वि.ख. किरनापुर में पशु औषधालय खोलने पर शासन विचार करेगा?

पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जानकारी संलग्‍न परिशि‍ष्ट अनुसार। (ख) वर्तमान में विधानसभा क्षेत्र लांजी में 02 नवीन पशु औषधालय खोलने हेतु प्रस्ताव प्राप्त हुए है:- ग्राम पांधारगांव एवं ग्राम पौनी। ग्राम पांधारगांव नवीन पशु औषधालय खोलने के मापदण्डों की पूर्ति नहीं करता है। ग्राम पौनी विकासखण्ड किरनापुर में नवीन पशु औषधालय खोलने के संबंध में उपलब्ध वित्तीय प्रावधानों अनुसार कार्यवाही की जावेगी।

परिशिष्ट - ''सड़सठ''

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के अपूर्ण कार्य

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

162. ( क्र. 3223 ) श्री मुकेश पण्‍ड्या : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि दिसम्बर 2013 से 31 अक्टूबर, 2017 में बड़नगर विधानसभा क्षेत्र में कितने पूर्ण हुए कार्यों में से कितनों का लोकार्पण हो गया हैं? ऐसे कितने कार्य हैं जो पूर्ण हो गये हैं पर लोकार्पण नहीं हुआ है?

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : कुल 10 कार्य पूर्ण किये गये। 3 कार्यों का लोकार्पण हुआ है 7 पूर्ण कार्यों का लोकार्पण नहीं हुआ है।

शासकीय उचित मुल्य की दुकानें

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

163. ( क्र. 3225 ) श्री मुकेश पण्‍ड्या : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि            (क) बड़नगर विधानसभा क्षेत्र में वर्तमान में कितनी शासकीय उचित मूल्य की दुकानें हैं इनमें से कितनी शहर में तथा कितनी ग्रामीण क्षेत्र में हैं? (ख) वर्ष 2016-17 में एवं 2017 से प्रश्न दिनांक तक कितनी बार इन दुकानों की जाँच की गई तथा किस-किस अधिकारी के द्वारा की गई? अधिकारी का नाम जाँच दिनांक और दुकान के नाम सहित बतायें क्या जाँच के दौरान किसी दुकान का लायसेंस निरस्त किया गया? यदि हाँ, तो किस कारण से निरस्त किया गया? (ग) वर्तमान में कितनी दुकानें ऐसी हैं जहाँ डिजीटल मशीन उपलब्ध है तथा कितनों में अंगूठा लगवा कर अनाज का वितरण किया जा रहा है? जिन दुकानों में नहीं किया जा रहा है उसका क्या कारण है तथा जिन दुकानों में मशीन नहीं हैं वहाँ कब तक मशीन लगा दी जावेंगी?

खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) बड़नगर विधानसभा क्षेत्र में वर्तमान में कुल 95 शासकीय उचित मूल्‍य की दुकानें संचालित हैं। इनमें से 09 शहरी क्षेत्र में एवं 86 दुकानें ग्रामीण क्षेत्र में संचालित हैं। (ख) वर्ष 2016-17 में एवं 2017 से प्रश्‍न दिनांक तक 529 बार दुकानों की जाँच की गई है। जाँचकर्ता अधिकारी एवं जाँच दिनांक की दुकानवार जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। जी नहीं। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होते। (ग) वर्तमान में बड़नगर विधानसभा क्षेत्र की सभी 95 उचित मूल्‍य दुकानों में पी.ओ.एस. मशीन (डिजिटल मशीन) उपलब्‍ध है। शासन निर्देशानुसार नगरीय क्षेत्र की 09 उचित मूल्‍य दुकानों पर 'आधार अथेंटिकेशन' के आधार पर राशन वितरण का कार्य किया जा रहा है। वर्तमान में ग्रामीण क्षेत्र की दुकानों में हितग्राहियों को बायोमैट्रिक सत्‍यापन की अनिवार्यता नहीं की गई।

मजरे-टोले और राजस्व ग्राम की जानकारी

[राजस्व]

164. ( क्र. 3226 ) श्री मुकेश पण्‍ड्या : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि        (क) बड़नगर विधानसभा क्षेत्र में कितने मजरे, कितने टोले और कितने राजस्व ग्राम घोषित किये जाने है? (ख) ऐसे कितने मजरे और टोले हैं जिनको पिछले 3 वर्षों में राजस्व ग्राम घोषित किया गया है? (ग) राजस्व ग्राम घोषित किये गये मजरे और टोले में वर्तमान में सड़क लाईट और पेयजल की क्या स्थिति है?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) कोई शेष नहीं। (ख) केवल दो। (ग) संतोषजनक है।

श्रमिकों का पंजीयन

[श्रम]

165. ( क्र. 3232 ) श्री कमलेश्‍वर पटेल : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि              (क) सीधी जिले में पंचायवार कितने-कितने श्रमिकों के नवीन पंजीयन किये गये हैं और कितने श्रमिकों के पुराने कार्ड का नवीनीकरण किया गया है? कितने का नवीनीकरण किया जाना शेष है? आज दिनांक तक इनका नवीनीकरण क्यों शेष है? (ख) उक्त श्रमिकों को शासन से किन-किन योजनाओं का लाभ दिया जाता है? श्रमिकों को शासन से दी जाने वाली विभिन्न लाभ की योजनाओं में कितने आवेदन लंबित हैं और किन-किन कारणों से लंबित है? (ग) जनपद पंचायत सिहावल में कितने नवीन श्रम पंजियन कार्ड जारी किये गये हैं? उनमें से कितने को खाद्यान्‍न कूपन जारी किया गया है? कितने को किस कारण से खाद्यान्‍न कूपन जारी नहीं किया गया है? (घ) श्रम विभाग अन्तर्गत विगत तीन वर्षों में स्थानीय निकायों को कितना-कितना आवंटन प्राप्त हुआ है? उसमें से कितना व्यय, सरेन्डर, लैप्स हुआ है? क्या नवीन पंजियन व नवीनीकरण नहीं करने के कारण राशि व्यय नहीं हुई है? राशि व्यय न होने का क्या कारण है? दोषी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी?

खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल के अंतर्गत सीधी जिले की चाही गई पंचायतवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अ अनुसार है। (ख) म.प्र. भवन एवं अन्य‍ संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल के अंतर्गत पंजीकृत निर्माण श्रमिकों को 22 जनकल्याणकारी योजनाओं के माध्‍यम से हितलाभ प्रदाय किया जाता है। जिसकी योजनावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ब अनुसार है। वर्तमान में सीधी जिले में योजनावार हितलाभ प्रदान किये जाने बावत् कोई प्रकरण लंबित नहीं है। अत: प्रश्नांश की शेष जानकारी का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल के अंतर्गत जनपद पंचायत सिहावल में कुल 95 निर्माण श्रमिकों का पंजीयन कर नवीन कार्ड जारी किये गये है। प्रश्नांश की शेष जानकारी श्रम विभाग से संबंधित नहीं है। (घ) म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल के अंतर्गत विगत तीन वर्षों में सीधी जिले में स्थानीय निकायों को आवंटित राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र स अनुसार है। उपरोक्त आवंटित राशि में से रूपये 2587870 (पच्चीस लाख सत्तारसी हजार आठ सौ सत्तर) व्यय हुई। आवंटित राशि वित्तीय वर्ष की समाप्ति पर सरेन्डर या लैप्स नहीं होती है। भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार (नियोजन तथा सेवा शर्तों का विनियमन) अधिनियम 1996 की धारा 12 के अंतर्गत निर्माण क्षेत्र में कार्य करने वाले निर्माण श्रमिकों द्वारा संबंधित पदाभिहित अधिकारी के समक्ष आवेदन करने पर पंजीयन किया जाता है। अत: निर्माण श्रमिकों का पंजीयन या नवीनीकरण करने पर राशि व्यय नहीं होती है। पंजीबद्ध निर्माण श्रमिकों द्वारा संबंधित पदाभिहित अधिकारी के समक्ष आवेदन करने पर योजनाओं में लाभ प्रदाय किये जाने का प्रावधान है। अत: किसी के विरूद्ध कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।

कृषकों को उन्‍नत नस्‍ल के दुधारू पशु प्रदाय

[पशुपालन]

166. ( क्र. 3234 ) श्री कमलेश्‍वर पटेल : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीधी सिंगरौली जिले में कृषकों को पशुपालन के प्रति बढ़ावा देने के लिए शासन की कौन-कौन सी योजनाएं संचालित हैं? (ख) ऐसे कृषक जिनके पास अपने पशुओं को रखने के लिए छाँव की व्यवस्था नहीं है? सरकार के द्वारा क्या योजनाएं चालू की गई हैं? मनरेगा योजना से पशु शेड के निर्माण में रोक लगाई गई है? क्या विभाग द्वारा पशु शेड बनावाये जायेंगे? यदि नहीं, तो क्यों?  (ग) ऐसे पशु जिनकी उपयोगित न होने पर किसानों द्वारा उन्हे खुल्ला छोड़ दिया जाता है और फिर वे कृषि फसलों को चर जाते हैं कृषकों को नुकसान होता है? सरकार के पास ऐसे आवारा पशुओं को व्यवस्थित करने के लिए क्या प्रावधान हैं? (घ) कृषकों को उन्नत नस्‍ल के दुधारू पशु प्रदाय करने की क्या योजनाए हैं व्यवसाय को छोड़कर? किस प्रकार कृषक उन्नत नस्‍ल के पशु प्राप्त कर सकते हैं?

पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशि‍ष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ख) जी नहीं वर्तमान में ऐसी कोई योजना संचालित नहीं है। जी हाँ, स्वीकृति पर रोक लगाई गई है, किन्तु ऐसे यूनिट रहेंगे जिसमें शासन की किसी योजनांतर्गत छ: या अधि‍क दूध उत्पादक पशुओं की यूनिट बनाकर वित्त पोषण किया गया हो वहॉ स्वीकृति का प्रावधान है। जी नहीं, ऐसी कोई योजना प्रस्तावित नहीं है। (ग) प्रदेश में निराश्रित एवं असहाय पशुओं हेतु समस्त जिलों में स्वयं सेवी संस्थाओं द्वारा संचालित पंजीकृत गौशालाओं को अनुदान प्रदान किए जाने का प्रावधान है। (घ) प्रदेश में उन्नत नस्ल के दुधारू पशु प्रदाय हेतु आचार्य विद्यासागर गौसंवर्धन योजना संचालित है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशि‍ष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है।

पात्रता पर्चियों का वितरण

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

167. ( क्र. 3244 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भितरवार विधानसभा क्षेत्र में कितने परिवारों के कितने सदस्यों को पात्रता श्रेणी के तहत मुख्यमंत्री अन्नपूर्णा योजना का खाद्यान्न मिल रहा है? लाभार्थियों की संख्या, श्रेणी की प्रोजेक्ट जनसंख्या की कितने प्रतिशत है? ग्राम पंचायतवार बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक में कितने-कितने नए परिवार जोड़े गये एवं कितने अपात्र परिवार घटाए गए? ग्राम पंचायत क्षेत्रवार, राशन दुकानवार पात्रता श्रेणी के कितने परिवार और सदस्य, सत्यापन उपरांत पात्रता पर्ची से वंचित हैं और क्यों? (ग) क्या 01 अगस्त, 2016 के बाद सत्यापित नए परिवारों के सत्यापन उपरांत भी पात्रता पर्चियाँ जनरेट नहीं हो रही हैं? क्या भितरवार विधानसभा क्षेत्र में समग्र पोर्टल में पात्रता श्रेणी परिवारों और सदस्यों का सत्यापन भी नहीं किया जा रहा है? यदि हाँ, तो इसके लिये कौन दोषी है नाम तथा पद बतावें? शासन दोषियों के विरूद्ध क्या कोई कार्यवाही करेगा?

खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) भितरवार विधानसभा क्षेत्र में 44034 परिवारों (195005 हितग्राहियों) को राष्‍ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत मुख्यमंत्री अन्नपूर्णा योजना के तहत खाद्यान्‍न का वितरण किया जा रहा है। राष्‍ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत सम्मिलित 25 श्रेणियों के समस्‍त हितग्राहियों का विभाग द्वारा सर्वे नहीं कराए जाने के कारण श्रेणी की प्रोजेक्ट जनसंख्या दी जाना सम्‍भव नहीं है। (ख) प्रश्नांश (क) वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक 1104 नवीन परिवारों को पात्रता पर्ची जारी की गई है एवं 423 विभिन्‍न कारणों से अपात्र होने के कारण पोर्टल से विलोपित/अनमैप किये गये है। ग्‍वालियर जिले में राष्‍ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के तहत 2,10,049 परिवारों के (9,19,110 हितग्राहियों) को पात्रता पर्ची वितरित कर लाभान्वित किया जा रहा है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत भारत सरकार द्वारा राज्‍य के लिए हितग्राहियों की अधिकतम सीमा निर्धारित है। इस सीमा से अधिक हितग्राहियों को लाभांवित करने का प्रावधान अधिनियम की धारा-3 के अंतर्गत न होने के कारण शेष आवेदकों को सम्मिलित नहीं किया गया है। वर्तमान में सम्मिलित पात्र परिवारों में से हितग्राही की मृत्‍यु होने, विवाह होने से, अन्‍य स्‍थान पर निवास करने एवं पात्रता श्रेणी में न रहने के कारण हितग्रा‍ही की पात्रता में परिवर्तन होना एक निरंतर प्रक्रिया है। तदनुसार नवीन पात्रता पर्ची निर्धारित सीमा में जारी की जा रही है। जिले में 01 मई, 2017 की स्थिति में सदस्‍यों की संख्‍या के विरूद्ध विलोपन योग्‍य सदस्‍यों को पोर्टल पर विलोपित किया जाकर, उतनी ही संख्या में संबंधित जिले के नवीन सत्यापित सदस्‍यों को सम्मिलित किया जा रहा है। जुड़ने वाले नवीन परिवारों में बी.पी.एल. एवं अनुसूचित जाति/जनजाति श्रेणी को प्राथमिकता दी जा रही है। वर्ष 2017-18 में ग्‍वालियर जिले में 1509 परिवारों के 8016 हितग्राहियों के लिए नवीन पात्रता पर्ची जारी की गई है। (ग) प्रश्‍न (ख) के उत्‍तर के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

भू-जलस्तर घटने से उत्पन्न पेयजल संकट

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

168. ( क्र. 3245 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या ग्वालियर जिले में भयंकर सूखे के कारण वर्ष 2016 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में भू-जलस्तर क्रमश: निरन्तर कितने-कितने फुट घटा है और उससे पेयजल पर क्या प्रभाव पडा है? (ख) भितरवार विधानसभा क्षेत्र के कितने मैदानी एवं पहाड़ी क्षेत्रों के ग्रामों में प्रश्नांश (क) अनुसार जलस्तर कितना घटा है और विभाग को 01 अप्रैल 2017 से प्रश्न दिनांक तक कितने हैण्डपम्पों व ट्यूब वेलों में किस-किस गाँव, मजरा, टोला में अतिरिक्त राईजर पाइप जोड़ने पड़े हैं और कितने नये खनन किये गये हैं? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) में भू-जलस्तर निरन्तर घटने के         कौन-कौन से कारण पाये गये हैं? (घ) क्या विभाग द्वारा किन्ही अन्य विभागों के समन्वय एवं योजनानुसार भू-जलस्तर बनाये रखने का किन्हीं प्रकार का प्रयत्न प्रारंभ किया गया है? यदि हाँ,? तो क्या और कहाँ से? यदि नहीं, तो क्यों?

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) प्रश्नांकित अवधि में पेयजल स्त्रोतों में भूमि सतह से 46.9 फीट से 75.51 फीट की औसत गिरवाट हुई। पेयजल स्त्रोतों में जलस्तर गिरा है। (ख) प्रश्नाधीन क्षेत्र के जलस्तर की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1, प्रश्नांकित अवधि में बढ़ाये गये राईजर पाईप तथा हैण्डपंप हेतु खनन किये नलकूपों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 एवं 3 के अनुसार है। (ग) अल्प वर्षा एवं कृषकों द्वारा भूजल स्रोतों से सिंचाई। (घ) भू-जल स्तर बनाये रखने हेतु अन्य विभागों से समन्वय कर प्रयत्न प्रारंभ नहीं किया है परंतु विभाग द्वारा पेयजल स्त्रोतों की रिचार्जिंग हेतु रिचार्ज शॉफ्ट एवं रिचार्ज पिट संरचनाओं का निर्माण कराया गया है।

आरोन बायपास के 2 लेन मार्ग हेतु भू-अर्जन के संबंध में

[राजस्व]

169. ( क्र. 3255 ) श्रीमती ममता मीना : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गुना जिले के आरोन नगर के बायपास के 2 लेन मार्ग हेतु नवीन भू-अर्जन अधिकार अधिनियम 2013 के अन्तर्गत कलेक्टर जिला गुना के प्रकरण क्रमांक 03/अ-82/2016-17/कले. द्वारा किन-किन खातेदारों की अशासकीय भूमियों का भू-अर्जन किया गया है? खातेदारों के नाम, पता, सर्वे क्रमांक, अधिग्रहित, भूमि का क्षेत्रफल, भूमि की मुआवजा दर (वर्ग क्षेत्रफल मी. में/प्रति हेक्टेयर), अन्य समस्त प्रकार की मुआवजा राशि एवं कुल वितरित मुआवजा राशि की प्रति खाताधारक की जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित निर्माण कार्य हेतु भू-अर्जन के लिये किस-किस खातेदार को कितनी राशि का किन-किन दिनांकों को भुगतान किया गया, खातेदार के बैंक खाता क्रमांक, बैंक का नाम/शाखा, चेक/ई-चेक का क्रमांक सहित विस्तृत जानकारी देवें?           (ग) प्रश्नांश (क) में वर्णित निर्माण कार्य के भू-अर्जन हेतु तैयार किये गये समस्त प्रकार के नक्शों, अक्श, खसरे एवं सभी प्रकार के पत्रकों की जानकारी देवें? प्रस्तावित निर्माण कार्य के रोड एवं रोड के दोनों तरफ लगी हुई अशासकीय भूमि के जो भी नक्शे निर्मित किये गये हों, जानकारी उपलब्ध करावें? (घ) प्रश्नांश (क) में वर्णित निर्माण कार्य की अधिसूचना के प्रकाशन/समाचार पत्रों में प्रकाशित अधिसूचना के साथ-साथ अधिसूचना प्रकाशन दिनांक के उपरांत किन-किन खातेदारों के बंटवारा प्रकरण तैयार कर बटवारा राजस्व अभिलेखों में दर्ज कराया गया, जानकारी उपलब्ध करावें?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) गुना जिले में गुना-आरोन-सिरोंज मार्ग पर आरोन बायपास 2 लेन मार्ग निर्माण हेतु कस्वा आरोन की अशासकीय भूमि रकवा 22.789 हे. को नवीन भूमि अर्जन, पुनर्वासन और पुर्नवस्थापन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता अधिकार अधिनियम, 2013 के अंतर्गत प्रकरण क्रमांक 382/2015-16 में पारित अवार्ड दिनांक 24/01/2017 से प्रतिकर सहित मुआवजा राशि 287392810/- स्वीकृत की गई है। खातेदारों के नाम पते, सर्वे क्रमांक अधिग्रहित भूमि का क्षेत्रफल, भूमि की मुआवजा दर अन्य परिसंपत्तियों की मुआवजा राशि एवं कुल स्वीकृत मुआवजा राशि व खाताधारकों के नाम की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ख) गुना-आरोन- सिरोंज मार्ग पर आरोन बायपास हेतु अधिग्रहित की गई भूमि की मुआवजा राशि ई-पेमेंट के माध्यम से खातेदारों/सहखातेदारों को उनके बैंक खातों में वितरित की गई है। खातेदारों, सहखातेदारों के बैंक खाता क्रमांक, बैंक का नाम सहित भुगतान राशि का विवरण पुस्‍‍‍‍‍‍‍तकालय में रखे परिशिष्ट '''' अनुसार है। (ग) आरोन बायपास निर्माण हेतु प्रश्नांश (क) के उत्तर में वर्णित अर्जन की गई भूमि रकवा 22.789 हे. से संबंधित भूमि का नक्शा, खसरा पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (घ) जानकारी नामांत्रण पंजी प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है।

जमीन के कब्‍जे के संबंध में

[राजस्व]

170. ( क्र. 3262 ) पं. रमाकान्‍त तिवारी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला रीवा तहसील जवा पटवारी हल्का गेंदुरहा ग्राम कोटा में खसरा नं. 34/1 में 1962 से 1967 तक बीरराम दुबे का नाम दर्ज था? यदि हाँ, तो उनका कब्जा राजस्व के हिसाब से कब से कब था? (ख) खसरा नं. 34/1 का कुल रकवा क्‍या था एवं आज दिनांक की स्थिति में उक्‍त खसरा नं. किसके नाम दर्ज है एवं कब से है? क्‍या भौतिक रूप से श्री बीरराम दुबे ग्राम कोटा का कब्‍जा उक्‍त खसरा नं. 34/1 में 2015 तक था? यदि हाँ, तो उनके कब्‍जे से जमीन कब मुक्‍त हुई एवं क्‍यों? कारण सहित स्‍पष्‍ट करें। (ग) क्‍या बिना कारण एवं बिना वजह जिला रीवा तहसील जवा पटवारी हल्का गेंदुरहा ग्राम कोटा में खसरा नं 34/1 से श्री बीरराम दुबे का कब्‍जा हटाया गया, यदि हाँ, तो क्‍यों? कारण सहित स्‍पष्‍ट करें? (घ) उक्‍त जमीन से श्री बीरराम दुबे का कब्‍जा गलत तरीके से हटाने/खारिज करने में दोषी कौन है एवं उनके खिलाफ क्‍या कार्यवाही की जायेगी?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) ग्राम कोटा पटवारी हल्का गेंदुरहा तहसील जवा जिला रीवा के खसरा नं. 34/1 रकबा 11.556 हे. राजस्व अभिलेख में म.प्र.शासन वन दर्ज है, जिसके अंश भाग में पंचो के बताये अनुसार बीरराम दुबे, द्वारा बाड़ा बनाकर पशु पालन के उपयोग में अवैध रूप से लिया जाता था। उनकी मृत्यु पश्चात कब्जा स्वमेव समाप्त हो गया,वर्तमान में उक्त शासकीय भूमि रिक्त है, शासकीय राजस्व अभिलेख में भी कब्जा दर्ज नहीं है। (ख) ग्राम कोटा पटवारी हल्का गेंदुरहा तहसील जवा जिला रीवा के खसरा नं. 34/1 रकबा 11.556 हे. राजस्व अभिलेख में म.प्र.शासन वन दर्ज है। (ग) उक्त आराजी पर राजस्व विभाग द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई। क्योंकि भूमि वन विभाग की है, वन भूमि पर कब्जा करने पर भारतीय वन अधिनियम 1927 एवं वन संरक्षण अधिनियम 1980 के तहत कार्यवाही का प्रावधान है। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्न उद्धभूत नहीं होता।

कलेक्टर बैतूल का प्र.क्र. 0032/बी./121 वर्ष 2016-2017 में जाँच

[राजस्व]

171. ( क्र. 3264 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कलेक्टर बैतूल प्रकरण क्रमांक 0032/बी/121 वर्ष 2016-2017 में किसकी शिकायत पर        किन-किन मदों एवं किन-किन प्रयोजनों के लिए दर्ज कितनी दखल रहित भूमियों को वर्किंग प्लान में शामिल कर संरक्षित वन एवं नारंगी वन प्रतिवेदित किए जाने की जाँच कर रहे हैं।              (ख) म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 237 (1) में किन-किन प्रयोजनों के लिए आरक्षित भूमियों को किसकी अनुमति या किसके आदेश से वर्किंग प्लान में शामिल कर संरक्षित वन एवं नारंगी वन प्रतिवेदित किए जाने का अधिकार किस कानून की किस धारा में एवं किस न्यायालयीन आदेश में वन विभाग को प्रदान किया गया है? (ग) धारा 237 (1) में किन प्रयोजनों क लिए आरक्षित भूमियों को वर्किंग प्लान में शामिल कर संरक्षित वन नारंगी वन प्रतिवेदित किए जाने की अनुमति मध्यप्रदेश शासन राजस्व विभाग ने किस पत्र क्रमांक या अधिसूचना दिनांक से वन विभाग को प्रदान की है? यदि अनुमति प्रदान की है तो कारण बतावें। (घ) सार्वजनिक प्रयोजनों के लिए दर्ज भूमियों को वर्किंग प्लान में शामिल करने की राजस्व विभाग म.प्र. शासन भोपाल कब तक वन विभाग को अनुमति प्रदान कर देगा?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) श्री अनिल गर्ग, कोठी बाजार बैतूल के द्वारा आवेदन दिनांक 3.7.2017 प्रस्तुत करने पर न्यायालय कलेक्टर बैतूल में प्रकरण क्रमांक 0032/बी-121 वर्ष 2016-17 दर्ज कर जाँच की कार्यवाही प्रारम्भ की गई है। उक्त प्रकरण दिनांक 11.12.2017 को आगामी कार्यवाही हेतु नियत है। (ख) से (घ) प्रश्नांश '''' के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

भूमि आवं‍टन की जानकारी

[राजस्व]

172. ( क्र. 3270 ) श्रीमती शीला त्‍यागी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा संभाग में कितने अनुसूचित जाति/जनजाति/पिछड़ा वर्ग/सामान्‍य वर्ग के हितग्राहियों को चरनोई भूमि, आबादी भूमि वन भूमि एवं अन्‍य योजनान्‍तर्गत आवंटित भूमि के कितने पट्टे वितरित किये गये हैं। जिलावार, तहसीलवार, हितग्राही संख्‍यावार पते के साथ जानकारी देवें।           (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में कितने हितग्राहियों को मौके पर कब्‍जा प्राप्‍त न होने की शिकायत व प्रकरण लंबित है। कारणवार, तहसीलवार हितग्राही संख्‍यावार जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में पीड़ि‍त हितग्राहियों को कब्‍जा न दिलाने के लिए कौन-कौन अधिकारी दोषी हैं। अधिकारियों के नाम व पदवार तहसीलवार जानकारी देवें। (घ) प्रश्‍नांश (ग) के संदर्भ में लंबित प्रकरणों में व्‍यक्तियों को कब्‍जे कब तक प्रदान करा दिये जावेंगे तथा दोषी अधिकारियों को कब तक कौन सी दण्‍डात्‍मक कार्यवाही करेंगे?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) रीवा संभाग में वितरित पट्टो की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) कब्जा प्राप्त न होने के संबंध में कोई शिकायत व प्रकरण लंबित नहीं है। (ग) एवं (घ) उत्तरांश '''' के प्रकाश में प्रश्न उद्भू‍त नहीं होता है।

सोशल मीडिया में आ‍पत्तिजनक पोस्‍ट डालने के संबंध में

[गृह]

173. ( क्र. 3286 ) श्री सुदेश राय : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                    (क) विधानसभा प्रश्‍न क्रमांक 1306, दिनांक 19 जुलाई 2017 के उत्‍तर में (क) जी हाँ (ख) में शिकायत/ज्ञापन पर थाना प्रभारी कोहेफिजा थाना भोपाल द्वारा जाँच की जा रही है दर्शाया गया है? (ख) क्‍या थाना प्रभारी, कोहेफिजा द्वारा संबंधित चिकित्‍सक से साठ-गांठ कर एक लंबी रकम लेकर अपराध प्रमाणित होने के उपरांत भी आज दिनांक तक एफ.आई.आर. दर्ज नहीं की गई? यदि नहीं, तो क्‍या उपरोक्‍तानुसार जाँच पूर्ण कर ली गई है? जाँच में किन-किन के बयान लिये गये है? जाँच के आधार पर संबंधित आरोपी चिकित्‍सक के विरूद्ध कब एफ.आई.आर. दर्ज की गई? यदि नहीं, तो क्‍यों? (ग) क्‍या विभाग संबंधित थाना प्रभारी को उपरोक्‍त लापरवाही के लिए तत्‍काल निलंबित करते हुए सोशल मीडिया में एक समुदाय विशेष के विरूद्ध आपत्तिजनक पोस्‍ट डालने के मामले में तत्‍काल आरोपी चिकित्‍सक डॉ. दीपक मरावी के विरूद्ध एफ.आई.आर. दर्ज करेंगा? यदि नहीं, तो क्‍यों विधि सम्‍मत कारण बतायें।

गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। (ख) थाना प्रभारी कोहेफिजा के विरूद्ध लगाए गए आरोप सही नहीं हैं। आवेदन पत्र अभी जाँच में होकर विधि विशेषज्ञ से अभिमत लिये जाने की कार्यवाही प्रचलन में है। जाँच के दौरान आवेदक श्याम मिश्रा, साक्षी सोमदत्त शर्मा, रवि गदकने, लता गदकने, रामपाल सिंह, मुबीन ड्रायवर, मंजू दुबे, रामरीत यादव, चन्द्र शेखर तिवारी के कथन लिये गये हैं। जाँच उपरांत विधि अनुसार कार्यवाही की जाएगी। (ग) शिकायत वर्तमान में जाँच में होने से थाना प्रभारी को निलंबित करने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। आवेदन पत्र की जाँच प्रचलन में है, प्राप्त निष्कर्ष अनुसार विधि अनुरुप कार्यवाही की जाएगी।

प्रश्‍नकर्ता के पत्रों पर कार्यवाही

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

174. ( क्र. 3291 ) श्री गोपीलाल जाटव : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) वित्‍तीय वर्ष 2014-15 से प्रश्‍न दिनांक तक विभाग को प्रश्‍नकर्ता के कितने अनुशंसा पत्र नवीन हैंडपंप खनन हेतु प्राप्‍त हुये? दिनांकवार जानकारी देवें? (ख) क्‍या प्रश्‍नकर्ता के अनुशंसा पत्रों के अनुसार ग्रामों में नवीन हैण्‍डपंप लगाये गये? यदि हाँ, तो कौन-कौन से ग्रामों में कितने हैण्‍डपंप किस स्‍थान पर लगाये गये? (ग) यदि नहीं, तो क्‍यों? (घ) क्‍या अधिकारी कर्मचारियों ने अपनी इच्‍छानुसार ग्रामों का चयन कर नवीन हैण्‍डपंप लगाये?

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) 06 अनुशंसा पत्र प्राप्त हुए। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ, आंशिकपूर्ण बसाहटों की स्वीकृत कार्ययोजना में से अनुशंसित बसाहटों को प्राथमिकता देकर नवीन हैण्डपंप लगाये गये हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं।

विवादित/अविवादित/नामांतरण/बंटवारा एवं सीमांकन के प्रकरण

[राजस्व]

175. ( क्र. 3293 ) श्री गोपीलाल जाटव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि    (क) विधानसभा क्षेत्र अशोक नगर के अंतर्गत वर्ष 2015-16 से प्रश्‍न दिनांक तक कितने विवादित एवं अविवादित नामांतरण, बंटवारा व सीमांकन के प्रकरण प्राप्‍त हुये? (ख) प्रश्नांश (क) से प्राप्‍त प्रकरणों में से प्रश्‍न दिनांक तक कितने प्रकरणों का निराकरण किन कारणों से किया जाना शेष हैं? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में क्‍या उपरोक्‍तानुसार प्रकरणों का निराकरण करने हेतु कोई समय-सीमा निर्धारित है? (घ) ऐसे कितने प्रकरण हैं जिनका निराकरण निर्धारित समय-सीमा उपरांत भी नहीं किया जा सका? कारण सहित बतावें।

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) विधानसभा क्षेत्र अशोकनगर के अंतर्गत वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक नामांतरण विवादित एवं अविवादित के 7499, बंटवारा विवादित एवं अविवादित के 1877 एवं सीमांकन के 1136 प्रकरण प्राप्त हुये। (ख) प्रश्नाश '''' से प्राप्त प्रकरणों में से प्रश्न दिनांक तक नामांतरण के 150, बंटवारा के 130 तथा सीमांकन के 44 प्रकरण वर्तमान में शेष हैं। नामांतरण, बंटवारा न्यायालयीन प्रक्रिया के प्रकरण होने के कारण विधिवत नियमानुसार कार्यवाही प्रचलित है एवं सीमांकन चालू वर्ष के होने से व वर्तमान में मौके पर फसल की बोनी हो जाने के कारण शेष है। (ग) सिटीजन चार्टर में समय-सीमा में यथा संभव निराकरण की अपेक्षा की जाती है। (घ) जिला अशोकनगर की तहसील अशोकनगर के राजस्व न्यायालयो में नामांतरण- 30,                 बंटवारा-12 तथा सीमांकन-36 प्रकरण लंबित हैं, जिनमें पक्षकारों को आहूत किया गया है।

शिकायत की जाँच

[राजस्व]

176. ( क्र. 3299 ) श्री इन्‍दर सिंह परमार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या शाजापुर जिले की पोलाय कला तहसील के पटवारी हल्‍का नं. 39 में पदस्‍थ पटवारी की शिकायत सरपंच व ग्रामीणों द्वारा जुलाई माह में की गई थी? यदि हाँ, तो क्‍या जाँच पूर्ण हो चुकी है? जाँच प्रतिवेदन की प्रति देवें? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्‍लेखित शिकायत की जाँच में क्‍या शिकायतकर्ताओं के बयान लिये गये हैं? यदि हाँ, तो किस-किस के? बयान की प्रति देवें? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्‍लेखित पटवारी शिकायत के पूर्व कब-कब ग्राम निवालिया में उपस्थित रहा तथा गांव के किस सार्वजनिक भवन/स्‍थान पर उपलब्‍ध रहा?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। प्रकरण में जाँच प्रचलित है। संबंधित पटवारी को प..नं. 3942 तहसील पोलायकलां से हटाया जाकर कार्यालयीन स्‍थानांतरण आदेश से दिनांक 17/11/2017 को तहसील पोलायकलां से तहसील मोमन बड़ोदिया के लिये भारमुक्‍त किया गया है। (ख) प्रश्‍नांश '''' में उल्‍लेखित शिकायत के प्रकरण में जाँच प्रचलित होकर शिकायतकर्ताओं के कथन हेतु सूचना पत्र जारी किये है। शेष प्रश्‍न उपस्‍थित नहीं होता। (ग) माह जुलाई में दिनांक  03, 04 एवं 06 को ग्राम निवालिया में उपस्थित रहे। निवालिया में ग्राम पंचायत भवन में उपस्थित रहकर कार्य संपादित किया।

तहसील भवन का निर्माण

[राजस्व]

177. ( क्र. 3314 ) पं. रमाकान्‍त तिवारी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या जिला रीवा की त्‍यौंथर तहसील भवन के निर्माण की स्‍वीकृति शासन द्वारा दी जा चुकी है? (ख) यदि हाँ, तो स्‍वीकृति आदेश की प्रति उपलब्‍ध करायें? (ग) उक्‍त भवन की लागत क्‍या होगी? साथ ही यह भी बतायें कि क्‍या तहसील भवन के लिये अपेक्षित भूमि का आवंटन कर दिया गया है? यदि हाँ, तो आवंटित भूमि का राजस्‍व अभिलेख उपलब्‍ध करायें? (घ) यदि नहीं, तो भूमि का आवंटन कब तक कर दिया जायेगा?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी नहीं। (ख) प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) नवीन भवन के निर्माण की आवश्यकता का परीक्षण कर भूमि आवंटन  हेतु आवश्यकता होने पर नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी

राजगढ़ विधानसभा में पशुपालन को संचालित योजनाओं की जानकारी

[पशुपालन]

178. ( क्र. 3330 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पशुपालन विभाग के अंतर्गत शासन द्वारा पशुपालन को बढ़ावा दिये जाने के लिये कौन-कौन सी योजनायें संचालित की जा रही है? पृथक-पृथक बतावें। (ख) उक्‍त योजनाओं के लाभ लिये जाने हेतु शासन द्वारा कौन-कौन सी अर्हता निर्धारित की गई है? शासन के आदेश की प्रति उपलब्‍ध करावें। (ग) 01 जनवरी 2015 से प्रश्‍न दिनांक तक राजगढ़ विधानसभा क्षेत्र में कितने हितग्राहियों को कौन-कौन सी योजनाओं का लाभ दिया गया है? (घ) वित्‍तीय वर्ष 2017-18 में कौन-कौन सी योजनाओं हेतु आवेदन प्राप्‍त हुये हैं? उन्‍हें किस प्रक्रिया से कब तक उक्‍त योजनाओं का लाभ दिया जावेगा?

पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशि‍ष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशि‍ष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशि‍ष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशि‍ष्ट '''' अनुसार है। प्राप्त आवेदनों पर योजनाओं की निर्धारित प्रक्रिया एवं पात्रता अनुसार आवेदकों को लाभ दिया जाएगा, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

राजगढ़ विधानसभा में तालाब/जलाशय को मत्‍स्‍य पालन हेतु पट्टे पर देने बावत

[मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास]

179. ( क्र. 3331 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मत्‍स्‍य विभाग के अतंर्गत शासन द्वारा मत्‍स्‍य पालन को बढ़ावा दिये जाने के लिये कौन-कौन सी योजनायें संचालित की जा रही हैं? (ख) उक्‍त योजनाओं के लाभ लिये जाने हेतु शासन द्वारा कौन-कौन सी अर्हता निर्धारित की गई है? शासन के आदेश की प्रति उपलब्‍ध करावें? (ग) वर्तमान में प्रश्‍न दिनांक तक राजगढ़ विधानसभा में ऐसे कौन-कौन से तालाब/जलाशय हैं जिन्‍हें पट्टे पर दिया जाता है? नाम व ग्राम का नाम बतावें। (घ) 1 जनवरी 2014 से प्रश्‍न दिनांक तक राजगढ़ विधानसभा में कितने हितग्राहियों को कौन-कौन सी योजनाओं का लाभ‍ दिया गया है? वित्‍तीय वर्ष 2017-18 में कौन-कौन से तालाबों/जलाशयों में मछली पालन हेतु पट्टे पर‍ दिये जाने हेतु आवेदन प्राप्‍त हुये हैं? उन्‍हें किस प्रक्रिया से कब तक पट्टे दिये जावेंगे?

पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र "अ" अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र "ब" अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र "स" अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र "द" अनुसार है। मछली पालन पट्टे दिये जाने के लिये कोई आवेदन प्राप्‍त नहीं हुए है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

आवासीय भूमि का डायवर्शन

[राजस्व]

180. ( क्र. 3338 ) श्री सूबेदार सिंह रजौधा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या नगर पंचायत जौरा के रहवासियों को डायवर्सन शुल्‍क जमा करने के लिये नोटिस दिये गये है? जिनमें लाखों रूपये राशि का उल्‍लेख कर मांग की गई है? यदि हाँ, तो शुल्‍क की गणना किस आधार पर की गई है? (ख) नगर पंचायत जौरा में दिये गये नोटिसों में सबसे अधिक राशि का नोटिस किस भू/भवन स्‍वामी को दिया गया है और उसके डायवर्सन शुल्‍क की गणना का आधार क्‍या है? (ग) क्‍या डायवर्सन शुल्‍क की राशि इतनी अधिक हो रही है कि भू/भवन स्‍वामी उसे वहन करने में असहज महसूस कर रहा है? डायवर्सन शुल्‍क की पुनर्गणना कर भू/भवन स्‍वामियों को शुल्‍क में राहत प्रदान की जावेगी?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) हॉ। रहवासियों द्वारा कृषि भूमि को कृषि भिन्न आशय में सक्षम अधिकारी की अनुमति बगैर व्यपवर्तित करने पर राजस्व विभाग  मंत्रालय भोपाल के राजपत्र दिनांक 11 जुलाई 2014 भाग-04 (ग) में निर्देशित अनुसार प्रीमियम का अधिरोपण अनुसूची (नियम 6 तथा 8) के अनुसार गणना की जाती है। इस नियम के अन्तर्गत म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 59 एवं 172 के तहत निराकृत प्रकरणों में विधिसम्मत अर्थदण्ड आरोपित कर उनकी वसूली हेतु मांग पत्र जारी किये गये है। किसी भी प्रकरण में बाजारु मूल्य के 20 प्रतिशित से अधिक अर्थदण्ड की राशि अधिरोपित नहीं की गई है। (ख) नगर पंचायत जौरा में श्री लक्ष्मीकान्त पुत्र रामजीलाल जाति ब्राम्हण निवासी ग्राम अलापुर को ग्राम अलापुर की भूमि सर्वे क्रमांक 951 में से 1000 वर्ग मीटर व्यवसायिक प्रयोजन हेतु कृषि भूमि को कृषि भिन्न आशय में व्यपवर्तित किये जाने पर राशि 236800/- रुपये निर्धारित कर वसूली हेतु नोटिस जारी किया गया है। राजस्व विभाग वल्लभ भवन भोपाल के राजपत्र दिनांक 11 जुलाई 2014 भाग-04 (ग) में निर्देशित अनुसार प्रीमियम का अधिरोपण अनुसूची (नियम 6 तथा 8) के अनुसार गणना की गई है। (ग) जी नहीं। शासन नियमानुसार विधिसम्मत राशि की वसूली हेतु मांग पत्र जारी किये गये है। किसी भी प्रकरण में बाजारु मूल्य के 20 प्रतिशित से अधिक अर्थदण्ड की राशि अधिरोपित नहीं की गई है। शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता है।

मुख्‍यमंत्री की घोषणाओं का क्रियान्‍वयन

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

181. ( क्र. 3339 ) श्री सूबेदार सिंह रजौधा : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जौरा विधानसभा क्षेत्र में माननीय मुख्‍यमंत्री जी द्वारा कौन-कौन से ग्रामों में नल-जल योजना स्‍थापित करने की घोषणा की गई हैं? (ख) माननीय मुख्‍यमंत्री जी की घोषणानुसार उक्‍त ग्रामों में नल-जल योजना स्‍थापित करने के लिये विभाग की  क्‍या कार्य योजना है?                       (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के तारतम्‍य में घोषणाओं के पालन में कब तक कार्य प्रारंभ हो सकेगा?

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) घोषणा क्रमांक बी 3262 दिनांक 29.01.2017 के अंतर्गत 5 ग्राम गहतोली, निचली, बहराई, मालीबाजना, कहारपुरा एवं सागोरिया में मुख्यमंत्री ग्राम नल-जल योजना क्रियान्वित करने की घोषणा की गई है। (ख) योजनाओं की डी.पी.आर. तैयार होने पर सक्षम स्तर से प्रशासकीय स्वीकृति उपरांत योजनाओं का क्रियान्वयन किया जा सकेगा। (ग) उत्तरांश-'''' अनुसार। निश्चित समयावधि नहीं बताई जा सकती है।

सिंहस्‍थ में उत्‍कृष्‍ट कार्य करने वालो को प्रोत्‍साहित किया जाना

[गृह]

182. ( क्र. 3356 ) श्री फुन्‍देलाल सिंह मार्को : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                 (क) प्रदेश में हुये सिंहस्‍थ महाकुंभ 2016 में उत्‍कृष्‍ट कार्य हेतु शासन द्वारा कितने अधिकारियों /कर्मचारियों को प्रोत्‍साहन राशि के रूप में कितनी राशि एवं मेडल दिये जाने हेतु चयन किया गया था? संख्‍यात्‍मक जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार अनूपपुर जिले से कितने अधिकारियों/ कर्मचारियों को सिंहस्‍थ में उत्‍कृष्‍ट कार्य किये जाने हेतु निर्धारित प्रोत्‍साहन राशि, मेडल अथवा प्रशंसा पत्र प्रदाय किये जाने हेतु चयन किया गया था? सूची उपलब्‍ध करायें। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार सूची में से कितने लोगों को निर्धारित प्रोत्‍साहन राशि/मेडल अथवा प्रशंसा पत्र प्रदाय किये गये? सूची उपलब्‍ध करायें। जिन अधिकारियों/कर्मचारियों को प्रोत्‍साहन राशि, मेडल अथवा प्रशंसा पत्र प्रदाय नहीं किये जा सके हैं उनको कब तक प्रदाय कर दिये जायेंगे।

गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) 33541 अधिकारी/कर्मचारियों का चयन किया गया था। (ख) जिला अनुपपुर के 230 अधिकारी/कर्मचारियों का चयन किया गया। सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' एवं '''' अनुसार। (ग) जिला अनुपपुर के 99 अधिकारी/कर्मचारियों को प्रोत्साहन राशि, मेडल अथवा प्रशस्ति पत्र प्रदाय किये गये। सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' एवं '''' अनुसार। शेष बचे अधिकारी/कर्मचारियों को बजट प्राप्त होते ही पात्रता अनुसार सिंहस्थ प्रोत्साहन राशि, मेडल अथवा प्रशस्ति पत्र का वितरण कर दिया जायेगा।

 

 

जलस्‍त्रोतों का संरक्षण

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

183. ( क्र. 3357 ) श्री फुन्‍देलाल सिंह मार्को : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) अनूपपुर जिले में विभाग द्वारा स्‍वच्‍छता/पानी बचाओं/स्‍वच्‍छ जल स्‍त्रोतों की सुरक्षा आदि विषयों पर पिछले तीन वर्षों में जागरूकता शिविर, संगोष्‍ठी, प्रचार-प्रसार में कितनी धनराशि जिले को प्राप्‍त हुई तथा कितनी राशि का उपयोग किन-किन कार्यों में कब-कब किया गया? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसर जिले के विभिन्न अनुविभागों में कब एवं किस दिनांक को किस स्‍थान पर शिविर/संगोष्‍ठी/प्रचार-प्रसार सभायें आयोजित की गई तथा इनमें कितने धन की राशि का व्‍यय किस-किस कार्य में किया गया। (ग) यदि प्रचार-प्रसार/पम्‍पलेट्स/हेंड बिल/वाहन माईक आदि का उपयोग किया गया तो प्रत्‍येक आयोजन की अनुविभाग के अनुसार व्‍यय की गई राशि का ब्‍यौरा उपलब्‍ध करायें।

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) प्रश्नाधीन जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1, 23 के अनुसार है। (ख) एवं (ग) उत्तरांश-'''' अनुसार।

नल-जल योजना

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

184. ( क्र. 3362 ) श्री सचिन यादव : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) कसरावद विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत वर्ष 2016-17 में कितने ग्राम नल-जल योजनाओं से वंचित हैं और क्‍यों? नल-जल योजनाएं कहाँ-कहाँ, किस-किस गांव में स्‍वीकृत की गई हैं? कितनी योजनाओं का कार्य पूर्ण होकर पंचायतों को सौंपी गई? (ख) उक्‍त में से कितनी नल-जल योजनाएं अपूर्ण हैं इसके क्‍या कारण हैं इन्‍हें कब तक पूर्ण कर दिया जायेगा? (ग) वर्तमान में नल-जल योजनाओं में से कितनी संचालित (चालू) हैं तथा कितनी बंद हैं बंद योजनाओं को कब तक प्रारंभ कराया जावेगा?

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) 74 ग्राम। विभागीय मापदण्डानुसार कम जनसंख्या, ग्रामीणों द्वारा मांग नहीं होना तथा विभागीय लक्ष्य एवं सीमित आवंटन की उपलब्धता के कारण। 148 ग्रामों में नलजल योजनाएं स्वीकृत एवं सभी पूर्ण कर ग्राम पंचायतों को हस्तांतरित है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) कोई योजना अपूर्ण नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) सभी 148 नल-जल योजनाएं संचालित (चालू) हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।

पुलिस थानों/चौकियों में मूलभूत आवश्‍यकताओं की पूर्ति

[गृह]

185. ( क्र. 3363 ) श्री सचिन यादव : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि             (क) कसरावद विधान सभा क्षेत्रांतर्गत कितने पुलिस थाने/चौकी हैं? क्‍या सभी में मूलभूत सुविधाओं की आवश्‍यकताओं की पूर्ति की जा चुकी है? (ख) क्‍या निर्धारित योजना सीमा से उक्‍त पुलिस थानों की अद्योसंरचना के अंतर्गत बाउण्‍ड्रीवाल इत्‍यादि के निर्माण कार्य कर दिये गये है? यदि हाँ, तो थानेवार जानकारी दें नहीं तो क्‍यों और कब तक कर दिये जायेगें? (ग) उक्‍त क्षेत्रान्‍तर्गत सुरक्षा की दृष्टि से वे कौन-कौन सी पुलिस चौकियाँ हैं जिन्‍हें थाने में त‍बदील किया जाना है? निरीक्षण करते हुए तत्‍संबंध में समीक्षा कर की गई कार्यवाही से प्रश्‍नांकित दिनांक तक की स्थिति में जानकारी दें। (घ) प्रश्नांश (क) में दर्शित थाना/चौकियों में स्‍वीकृत पदों के मान से क्‍या अधिकारी/कर्मचारी पदस्‍थ है? नहीं तो कब तक उक्‍त पदों की पूर्ति कर दी जायेगी? (ड.) उक्‍त क्षेत्र में सुरक्षा की दृष्टि से सभी संसाधनों की उपलब्‍धता प्रदाय की गई है? हां, तो बतायें नहीं तो? कब तक कर दी जायेगी?

गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) 04 थाने एवं 03 चौकियॉ स्थापित हैं। पुलिस थानों के भवन अच्छी अवस्था में होकर उनमें मूलभूत सुविधाएं है। (ख) जी नहीं। विकेन्द्रीकृत जिला स्तरीय योजना के अंतर्गत निर्धारित विषयवस्तु अद्योसंरचना आवास एवं पुलिस कल्याण पर आधारित पुलिस थानों के बाउण्ड्रीवाल निर्माण के अंतर्गत योजना में प्राथमिकता वाले थानों को स्वीकृत राशि के अनुसार चरणबद्ध तरीके से शुमार किया जा रहा है। समय-सीमा बताना सम्भव नहीं।               (ग) तीन चौकियों में से चौकी खलटाका, थाना बलकवाडा को नवीन पुलिस थाना खोले जाने हेतु प्रस्ताव निर्धारित मापदण्ड के अनुरूप न होने के कारण अमान्य किया गया है। (घ) स्वीकृत पदों के मान से कई अधिकारी/कर्मचारी पदस्थ है, परन्तु कुल स्वीकृत पदों के मान से पुलिस कर्मियों की कमी है। रिक्त पदों की पूर्ति किये जाने के संबंध में चयन प्रक्रिया की कार्यवाही प्रचलन में हैं। चयन उपरान्त रिक्त पदों की पूर्ति कर दी जावेगी। समय-सीमा बताना सम्भव नहीं। (ड.) पुलिस लाईन में उपलब्ध संसाधनों में से आवश्यकतानुसार सशस्‍त्र, गोला बारूद, अश्रुगेस वाहन तथा अन्य संसाधन उपलब्ध कराये गये है। शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता।

मुख्‍यमंत्री पेयजल योजना

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

186. ( क्र. 3364 ) श्री सचिन यादव : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मुख्‍यमंत्री पेयजल योजना के तहत खरगोन जिले के कौन-कौन से गांवों को जोड़ा गया है? (ख) उक्‍त ग्रामों में वर्तमान में कौन-कौन से गांवों की स्थिति क्‍या है? ग्रामवार जानकारी दें। (ग) उक्‍त योजनांतर्गत खरगोन जिले के गांवों को जोड़ने के बारे में क्‍या प्रगति हुई है? यदि नहीं, तो क्‍यों और इस संबंध में कब तक कार्यवाही की जायेगी? (घ) उपरोक्‍तानुसार क्‍या कसरावद विधान सभा क्षेत्रान्‍तर्गत ग्रामों को लाभांवित किया गया? कितने शेष है और क्‍यों? कब तक इन ग्रामों को लाभांवित किया जायेगा?

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) 68 ग्रामों को चिन्हांकित किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) निर्धारित मापदण्डों के अनुसार समस्त ग्रामों को चिन्हांकित किया जा चुका है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी नहीं वर्तमान में ग्रामों को चिन्हांकित किया गया है तथा स्त्रोत निर्माण के कार्य कराए जा रहे हैं। चिन्हांकित ग्रामों में सफल स्त्रोत प्राप्त होने पर योजनाओं की डी.पी.आर. बनाई जाएगी। सक्षम स्तर से योजनाओं (डी.पी.आर.) की स्वीकृति उपरांत योजनाओं का क्रियान्वयन किया जा सकेगा। निश्चित समयावधि नहीं बताई जा सकती है।


निविदा प्रकाशन

[राजस्व]

187. ( क्र. 3367 ) श्री नथनशाह कवरेती : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या आदेशित प्रिंटिंग कार्य पूर्ण हो जाने तथा सुपुर्दगी मिल जाने के बावजूद शरोदा प्रिंटर्स भोपाल के प्रिंटिंग बिलों का भुगतान 4 साल से नहीं किया गया है? यदि हाँ, तो क्‍यों? भुगतान कब तक कर दिया जाएगा? (ख) क्‍या माह जून 2017 में पूरे देश में विक्रय कर का प्रावधान खत्म हो जाने के बावजूद माह जुलाई 2017 में शासकीय मुद्रणालय भोपाल ने टेंडर हेतु प्रकाशित विज्ञप्ति में विक्रय कर में पंजीयन की शर्त रखी थी और इसे समाप्‍त किए जा चुके विक्रय कर के पंजीयन को मान्‍य कर मेसर्स प्रिंटिंग पाइंट की निविदा स्‍वीकार कर ली गयी? यदि हाँ, तो ऐसे अनियमित विक्रय कर पंजीयन के आधार पर स्‍वीकृत की गयी निविदा को कब तक निरस्‍त किया जाएगा?    (ग) क्‍या निविदा प्रकाशन एवं निविदा खुलने की तिथि पर विक्रय कर का प्रावधान लागू था, यदि नहीं, तो शरोदा प्रिंटर्स की निविदा पर भी विचार किया जायेगा?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। भुगतान की कार्यवाही की जा रही है।           समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) निविदा सूचना क्रमांक 1587 दिनांक 12.07.2017 के अंतर्गत आमंत्रित निविदा की शर्तें क्रमाक 7 में 'वाणिज्यिक कर विभाग से आंवटित पंजीयन प्रमाण पत्र' चाहा गया था। जिन्‍होंने इस शर्तं की कंड़ि‍का का पालन किया उनका कामर्शियल भाग खोला गया। निविदा की शर्तों अनुसार पर्याप्‍त निविदाऐं प्राप्‍त हुई थी। अत: निविदा निरस्‍त करने का प्रश्‍न ही उत्‍पन्‍न नहीं होता है। मेसर्स शरोदा प्रिंटर्स भोपाल द्वारा प्रस्‍तुत निविदा में '' वाणिज्‍य कर विभाग से आवंटित पंजीयन प्रमाण पत्र" संलग्‍न नहीं किया गया। उक्‍त निविदा शर्तें का पालन नहीं किये जाने के कारण उनकी निविदा का कामर्शियल भाग नहीं खोला गया। (ग) शरोदा प्रिंटर्स, भोपाल द्वारा निविदा शर्तों का प्रालन नहीं किया गया है। अत: उसकी निविदा खोलने का प्रश्‍न ही उत्‍पन्‍न नहीं होता।

रिक्‍त पदों की पूर्ति

[राजस्व]

188. ( क्र. 3382 ) श्री नीलेश अवस्‍थी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि          (क) पाटन विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत पाटन एवं मझौंली तहसीलों के राजस्‍व कार्यालयों में           कितने-कितने अधिकारी/कर्मचारियों के कौन-कौन से पद स्‍वीकृत हैं तथा इन स्‍वीकृत पदों पर प्रश्‍न दिनांक तक कौन-कौन से अधिकारी/कर्मचारी पदस्‍थ हैं? नामवार, पदवार सूची देवें। (ख) पाटन विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत पाटन एवं मझौली तहसीलों में पटवारी के कितने पद स्‍वीकृत हैं त‍था वर्तमान समय में कितने पदस्‍थ है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में रिक्‍त पदों की पूर्ति किस प्रकार से कब तक कर दी जावेगी?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) पाटन विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत पाटन एवं मझौली तहसीलों के राजस्‍व कार्यालयों में स्‍वीकृत एवं कार्यरत अधिकारी/कर्मचारियों की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' एवं '' अनुसार है। (ख) पाटन विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत पाटन एवं मझौली तहसीलों में पटवारियों के कुल 99 पद स्‍वीकृत हैं 50 पदस्‍थ हैं। (ग) रिक्‍त पदों की पूर्ति हेतु कार्यवाही प्रचलित है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

पूर्व में पूछे प्रश्‍न के संदर्भ में

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

189. ( क्र. 3383 ) श्री नीलेश अवस्‍थी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि            (क) प्रश्‍नकर्ता के प्रश्‍न क्रमांक 4091 बैठक दिनांक 20.03.17 के प्रश्नांश (क) के उत्‍तर में कार्यवाही प्रचलन में है और प्रश्नांश (ख) के उत्‍तर में तथ्‍यों का परीक्षण किया जा रहा है? उत्‍तर दिया गया था एवं प्रश्‍न क्रमांक 1257 बैठक दिनांक 19.07.17 एवं प्रश्‍न क्रमांक 2373 बैठक दिनांक 24.07.17 के उत्‍तर में जानकारी एकत्रित की जा रही है? बतलाया गया था, तत्संबंध में हुई प्रगति से अवगत करवें? (ख) जबलपुर एवं सागर संभागों में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत केरोसिन के           कौन-कौन सेमी होलसेल डीलर कहाँ-कहाँ, किन आदेशों से कब से व्‍यापाररत् है उनके मुख्‍यालय कहाँ हैं उनका कार्यक्षेत्र क्‍या है? सेमी होलसेल डीलरवार बतलावें। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्‍लेखित सेमी होलसेलर व्‍यापारियों की विगत दो वर्षों में क्‍या-क्‍या जाँच किस-किस शासकीय सेवक द्वारा        कब-कब की गई एवं जाँच में क्‍या अनियमितता पाई गई और क्‍या कार्यवाही की गई बतलावें?           (घ) प्रश्नांश (ख) में उल्‍लेखित सेमी होलसेलरों में से किस-किस ने जी.एस.टी. में पंजीकरण कराया है तथा प्रश्‍न दिनांक तक कितना-कितना जी.एस.टी. जमा कराया है? सूची देवें एवं यह भी बतलावें कि क्‍या राशन दुकान से बिकने वाले केरोसिन पर जी.एस.टी. अंतिम उपभोक्‍ता को देना पड़ रहा है? यदि हाँ, तो कितना, सेमी होलसेलर के क्षेत्रवार अधिकतम बतलावें?

खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

निविदा की जानकारी

[राजस्व]

190. ( क्र. 3387 ) श्री योगेन्‍द्र सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि          (क) क्‍या भोपाल की एक महिला उद्यमी की निविदा शा. मुद्रणालय, भोपाल द्वारा दिनांक 27.07.2017 को इस कारण अमान्‍य कर दी गयी कि उसके द्वारा विक्रय कर पंजीयन एवं टिन नंबर प्रस्‍तुत नहीं किया गया था? क्‍या माह जुलाई, 2017 में विक्रय कर पंजीयन एवं टिन नंबर का प्रावधान समाप्‍त हो चुका था? यदि हाँ, तो ऐसे करने वाले अधिकारी अथवा कर्मचारी के विरूद्ध विभाग अनुशासनात्‍मक कार्यवाही करेगा? (ख) क्‍या दिनांक 27.07.2017 को पूरे देश में समाप्‍त किये जा चुके विक्रय कर एवं टिन नंबर को मान्य करते हुए मेसर्स प्रिटिंग पाईंट की निविदा को स्‍वीकार कर प्रिंटिंग का ठेका दिया गया है? यदि हाँ, तो इस अवैधानिक कार्य को करने वाले अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध कार्यवाही कर दिये गये ठेके को कब तक समाप्‍त कर दिया जायेगा?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। टिन नंबर एवं जी.एस.टी. प्रमाण दोनों प्रस्‍तुत नहीं किये जाने से निविदा अमान्‍य की गई। निविदा स्‍वीकृति की प्रक्रिया एवं शर्तों के अनुसार कार्यवाही की जाने से कोई दोषी नहीं है। (ख) जी नहीं। मेसर्स प्रिंटिंग पाईट को इस निविदा के तहत कोई ठेका नहीं दिया गया है, अत: किसी के विरूद्ध कार्यवाही का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

भूमि अतिक्रमण मुक्‍त करने संबंधी

[राजस्व]

191. ( क्र. 3390 ) श्री कमलेश शाह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि             (क) क्‍या कारण है कि किशन पिता दसरू गोंड निवासी बगडोना तहसील घोड़ाडोंगरी जिला बैतूल के भूमि रकवा नं. 233/2, 233/4 जिसका सीमांकन दिनांक 23.02.2013 को किया गया था, की भूमि पर रमेश पिता मौजी साहू का अतिक्रमण आज तक नहीं हटाया गया? (ख) इस विलंब का कारण बतावें तथा कब तक किशन पिता दसरू गोंड की भूमि अतिक्रमण मुक्‍त करा दी जावेगी?                  (ग) इस विलंब के दोषी अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) आवेदक की भूमि का सीमांकन करने के उपरान्त आवेदक द्वारा अवैध कब्जा हटाने की कार्यवाही हेतु म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 250 के तहत संबंधित कार्यालय में आवेदन प्रस्तुत नहीं किया गया। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में जानकारी निरंक है। (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में कार्यवाही का प्रश्न ही नहीं उठता।

आरोपियों की गिरफ्तारी

[गृह]

192. ( क्र. 3392 ) श्री कमलेश शाह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                (क) थाना करही जिला खरगोन में दिनांक 23.07.2017 को श्री राकेश विश्‍वकर्मा निवासी इंदौर के दिये आवेदन पर प्रश्‍न दिनांक तक की गई कार्यवाही से अवगत करावें? (ख) क्‍या आरोपियों को गिरफ्तार कर उनसे सामग्री जप्‍त कर ली गई है? यदि नहीं, तो कब तक करेंगे?

गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) थाना करही जिला खरगोन में दिनांक 20.07.2017 को आवेदक राकेश विश्वकर्मा (ठेकेदार) निवासी इंदौर द्वारा एक आवेदन पत्र उसके कार्यस्थल से एक मिक्सर मशीन एवं 40 बोरी सीमेंट उसके मजदूरों द्वारा बिना बतायें लेकर चले जाने के संबंध में दिया गया था। जाँच करने पर पाया गया कि उक्त सामग्री कार्यस्थल से मजदूरों द्वारा सुरक्षा की दृष्टि से अन्यत्र स्थान पर रखवा दी गई थी। आवेदक को उसकी मिक्सर मशीन एवं 40 बोरी सीमेंट वापस मिल जाने से आवेदक राकेश विश्वकर्मा द्वारा उक्त संबंध में कोई कार्यवाही नहीं चाहने बावत् कथन दर्ज कराया गया है। पुलिस हस्तक्षेप योग्य अपराध नहीं पाये जाने से प्रकरण नस्तीबद्ध किया गया है। (ख) प्रश्नांश '''' के उत्तर के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।

अभियोग पत्र प्रस्‍तुति में विलंब

[गृह]

193. ( क्र. 3397 ) श्री हर्ष यादव : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                 (क) क्‍या कृषि उपज मंडी समिति कटनी जिला कटनी के एक सहायक ग्रेड-3 के विरूद्ध थाना कुठला जिला कटनी में अपराध क्रमांक 272, दिनांक 06.07.2016 को धारा 409 के तहत दर्ज किया गया था? (ख) यदि हाँ, तो उक्‍त प्रकरण की विवेचना किसके द्वारा की जा रही है? क्‍या जाँच पूर्ण कर ली गई है? क्‍या अभियोग पत्र मा. न्‍यायालय में प्रस्‍तुत कर दिया गया है? यदि नहीं, तो कब तक प्रस्‍तुत कर दिया जावेगा?

गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। (ख) उक्त प्रकरण की विवेचना उप निरीक्षक रेनू त्रिपाठी तथा उप निरीक्षक रामदेव साकेत द्वारा की गई। जी हाँ। प्रकरण में अंतिम प्रतिवेदन (खात्मा) माननीय न्यायालय में प्रस्तुत कर दिया गया है।

नियम विरूद्ध कार्य लिया जाना

[पशुपालन]

194. ( क्र. 3410 ) श्री आरिफ अकील : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या पशुपालन विभाग के नियंत्रण में भोपाल के पशुओं की देखभाल हेतु ''आसरा'' में पशुओं का इलाज किया जाता है? यदि हाँ, तो यह अवगत करावें कि वित्‍तीय वर्ष 2014-15 से प्रश्‍न दिनांक की स्थिति‍ में कितनी-कितनी राशि का किस-किस वर्ष में बजट प्रावधानित किया गया तथा बजट राशि मनमाने ढंग से व्‍यय करने को लेकर विभागीय ऑडिट आपत्तियों से अवगत करावें?            (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में यह वर्ष 2014 से प्रश्‍न दिनांक की स्थिति में कितने मवेशी  किस-किस बीमारी के इलाज हेतु आसरा में आए और उनमें से कितने व कौन-कौन से मवेशियों की इलाज के दौरान मृत्‍यु हुई तथा कितनी-कितनी राशि किस-किस कार्य पर व्‍यय हुई वर्षवार बतावें। (ग) क्‍या कुछ मवेशियों के स्‍वामियों द्वारा इलाज सही नहीं होने व उनके मवेशियों की असमयिक मौत यानि पर्याप्‍त इलाज नहीं मिल पाने के कारण मृत्‍यु होने जैसी शिकायतें प्राप्‍त हुई हैं? यदि हाँ, तो किन-किन लोगों की कब-कब शिकायत के निराकरण हेतु शासन द्वारा क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई? (घ) क्‍या पशुचिकित्‍सक श्री एस.के. श्रीवास्‍तव वर्तमान में भोपाल नगर निगम में शासन द्वारा वेटनरी कार्य हेतु अटैच किये गये हैं? यदि हाँ, तो क्‍या श्री श्रीवास्‍तव से निगम में भोपालवासियों के जन्म-मृत्‍यु एवं विवाह पंजीयन का कार्य लिया जा रहा है? यदि हाँ, तो क्‍या यह अधिनियम/नियम तथा शासनादेश एवं निर्देशों के विरूद्ध नहीं है? इस लापरवाही के लिये कौन-कौन जिम्‍मेदार है? शासन द्वारा इनके विरूद्ध क्‍या तथा कब तक कार्यवाही करेगा? यदि नहीं, तो क्‍यों कारण सहित बतावें?

पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्‍न परिशि‍ष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्‍न परिशि‍ष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थि‍त नहीं होता है। (घ) जी हाँ। कार्यालय नगरपालिका निगम कार्यालय भोपाल के पत्र क्रमांक 668/स.प्र.वि./2017 दिनांक 19.11.2017 से प्राप्त जानकारी के अनुसार डॉ.एस.के.श्रीवास्तव से निगम में जन्म-मृत्यु एवं विवाह पंजीयन का कार्य नहीं लिया जा रहा है। उपरोक्त के परिप्रेक्ष्‍य में शेषांक का प्रश्न उपस्थि‍त नहीं होता।

परिशिष्ट - ''अड़सठ''

उज्‍जैन जिले में पर्सनल लोन संबंधी जानकारी

[राजस्व]

195. ( क्र. 3417 ) श्री रमेश पटेल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि         (क) प्र.क्र. 6540 दि. 27/03/2017 के (ग) उत्‍तर में उज्‍जैन जिले की जानकारी के समक्ष केवल उज्‍जैन उत्‍तर, उज्‍जैन दक्षिण की जानकारी दी गई लेकिन जिले की शेष वि.स. क्षेत्रों की जानकारी नहीं दी गई, क्‍यों? (ख) इसके दोषी अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा? (ग) शेष वि.स. क्षेत्रों की जानकारी प्रश्‍न (क) अनुसार देवें।

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। शेष जानकारी एकत्रित की जा रही थी।           (ख) प्रश्नांश '''' के प्रकाश में प्रश्न उद्भूत नहीं होता। (ग) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।

बैतूल से नागपुर मार्ग के दोनों ओर की भूमि का अधिग्रहण

[राजस्व]

196. ( क्र. 3421 ) श्री चन्‍द्रशेखर देशमुख : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या बैतूल-नागपुर NH-47 में मुलताई अनुभाग में उक्‍त मार्ग के दोनों ओर की भूमि का अधिग्रहण किया गया था? यदि हाँ, तो कितने कृषकों की कितनी भूमि अधिग्रहित की गई? उसकी कितनी कीमत किस मापदण्‍ड से कृषकों को मुआवजें के रूप में दी गई? सूची दें। (ख) उक्‍त अधिग्रहित भूमि के उपरांत उक्‍त कृषकों की शेष भूमि का खसरा/रकवे की जानकारी उपलब्‍ध करायें। (ग) सड़क निर्माण के समय की गई भूमि अधिग्रहण के पश्‍चात शेष भूमि को कार्य पूर्ण होने के उपरांत अधिग्रहित करने का क्‍या कारण था? साथ ही यह भी स्‍पष्‍ट करें कि यह भूमि एक साथ अधिग्रहित क्‍यों नहीं की गई? बाद में अधिग्रहित भूमि के रकवों की जानकारी सूची में दें।  (घ) उक्‍त में पहले तथा बाद में अधिग्रहित भूमियों की दर स्‍पष्‍ट करें। दर में भारी अंतर कारण स्‍पष्‍ट करें। साथ ही यह बतावें किस मुख्‍य अधिकारी की अनुमति से भूमि अधिग्रहित की गई?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। प्रश्‍नांश से संबंधित जानकारी ग्राम एवं कृषकों की संख्यावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। राष्ट्रीय राजमार्ग के अधिनियम के 3 ए के प्रकाशन के समय कलेक्टर गाईड-लाईन के अनुसार मुआवजें की दरें निर्धारित की गई है। अवार्ड पत्रक पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है।        (ख) प्रश्‍नांश से संबंधी जानकारी ग्रामवार एवं कृषकों की संख्यावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। खसरे एवं रकबे की शेष भूमि सम्बंधी जानकारी मुआवजा गणना पत्रक में वर्णित है जो पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है।                (ग) सड़क निर्माण के समय आवेदक विभाग द्वारा जिन भूमियों का अर्जन नहीं कराया गया था, उन भूमियों पर सड़क निर्माण होने की स्थिति में आवेदक विभाग द्वारा पूरक भू-अर्जन के प्रस्ताव प्रस्तुत किए गए थे उसी आधार पर तद्समय पदस्थ भू-अर्जन अधिकारी द्वारा अवार्ड पारित किया गया जिनके ग्रामवार एवं कृषकों की संख्यावार जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (घ) आवेदक विभाग द्वारा प्रथम बार भू-अर्जन के प्रस्ताव प्रस्तुत करने तथा प्रकाशित रकबे के अनुसार अवार्ड नहीं होने एवं छूटे हुए रकबे का पूरक भू-अर्जन प्रस्ताव प्रस्तुत होने की स्थिति में दोनों प्रस्ताव में 3 ए के प्रकाशन के समय मापदंड के अनुसार कलेक्टर गाईड-लाईन के तहत मुआवजा निर्धारित हुआ है। कतिपय प्रकरणों में पूरक अर्जन में छोटे भूखण्ड आने के कारण अधिक मुआवजा निर्धारण हुआ है। तद्समय पदस्थ भू-अर्जन अधिकारी द्वारा अवार्ड पारित किया गया। अवार्ड क्षेत्राधिकार के अंतर्गत पारित किया गया।

 

पर्यावरण निगरानी केन्‍द्र की स्‍थापना

[पर्यावरण]

197. ( क्र. 3428 ) श्री सुरेन्‍द्र सिंह बघेल : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या प्रदूषणकारी उद्योगों की ऑन-लाईन सतत् मॉनिटरिंग के लिए जनवरी 2016 में पर्यावरण निगरानी केन्‍द्र की स्‍थापना की गई है? (ख) यदि हाँ, तो इससे धार, इंदौर, भोपाल जिलों में जिन उद्योगों की निगरानी की जा रही है, उनकी सूची जिलावार देवें। क्‍या उज्‍जैन जिला भी इसमें शामिल है? यदि हाँ, तो उसकी भी सूची देवें। (ग) इससे क्‍या परिणाम प्राप्‍त हुए एवं क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई? उद्योगवार, जिलावार देवें। (घ) इस संबंध में किन-किन उद्योगों को नोटिस/पत्र जारी किए गए एवं किन-किन उद्योगों द्वारा उत्‍तर दिए गए?

पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) एवं (घ) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट के कॉलम 4, 5 एवं 6 अनुसार है।

परिशिष्ट - ''उनहत्तर''

धार जिले के प्रदूषण संबंधी

[पर्यावरण]

198. ( क्र. 3429 ) श्री सुरेन्‍द्र सिंह बघेल : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार जिले में विगत 3 वर्षों में कितने उद्योगों से जल के नमूने लिए उनके नाम, दिनांक सहित बतावें कि उनकी मानक/अमानक स्थिति क्‍या रही? उद्योंग के नाम सहित वर्षवार जानकारी देवें। (ख) विभाग द्वारा कितने उद्योगों को दूषित जल उपचार व्‍यवस्‍था सुधारने के लिए उक्‍त अवधि में निर्देशित किया गया और उद्योगों ने इस संबंध में क्‍या कार्यवाही की? विगत 3 वर्षों के इस संबंधी पत्राचार की छायाप्रति देवें। (ग) क्‍या विभाग द्वारा नये उद्योगों को वृक्षारोपण अनिवार्य करने की शर्त पर ही अनुमति दी जाती है? यदि हाँ, तो विगत 3 वर्षों में धार जिले में प्रारंभ हुए उद्योगों की सूची देवें। यह भी बतावें कि इनके द्वारा कहाँ-कहाँ, कितने पौधें लगाये गये? नाम, स्‍थान सहित देवें। (घ) दूषित जल का उपचार न करने व पौधें नहीं लगाने पर प्रश्‍नांश (ग) अनुसार विभाग संबंधित उद्योगों पर कब तक कार्यवाही करेगा?

पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ग) नये उद्योगों को जल (प्रदूषण निवारण तथा नियंत्रण) अधिनियम, 1974 तथा वायु (प्रदूषण निवारण तथा नियंत्रण) अधिनियम, 1981 के अंतर्गत प्रदत्त सम्मति में जल एवं वायु प्रदूषण नियंत्रण व्यवस्था स्थापित करने की प्रमुख शर्तों के साथ-साथ पर्यावरणीय स्थिति उन्नयन करने के दृष्टिकोण से वृक्षारोपण करने की भी सामान्य शर्त रखी जाती है। विगत तीन वर्षों में धार जिले में प्रारंभ उद्योगों की सूची एवं उनके द्वारा किये गये वृक्षारोपण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (घ) विगत 03 वर्षों में स्थापित सभी जल प्रदूषणकारी उद्योगों द्वारा दूषित जल उपचार संयंत्र की स्थापना की जाकर दूषित जल का उपचार किया जा रहा है। उत्तरांश '''' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।

नल-जल योजनाओं का क्रियान्‍वयन

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

199. ( क्र. 3433 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) महिदपुर विधान सभा क्षेत्र से संबंधित प्र.क्र.2980 दिनांक 26.07.2017 के (ग) उत्‍तर अनुसार जिन 16 नल-जल योजनाओं में से 10 के टेंडर स्‍वीकृत नहीं हुए थे, क्‍या वे स्‍वीकृत कर दिए गए हैं? (ख) यदि हाँ, तो पूरी जानकारी वर्क आर्डर की छायाप्रति सहित देवें? यदि नहीं, तो कब तक कर दिए जाएंगे? (ग) समय पर टेंडर न लगाकर कार्य में विलंब करने वाले अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी नहीं। उन 10 बंद योजनाओं को चालू करने हेतु जिला पंचायत के माध्यम से संबंधित ग्राम पंचायतों को राशि उपलब्ध करवा दी गई थी। उनके लिये विभाग द्वारा टेण्डर आमंत्रित नहीं किये गये थे। (ख) उत्तरांश-'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) उत्तरांश-'क एवं ख' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।

जाँच प्रकरण की स्थिति

[गृह]

200. ( क्र. 3434 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि   (क) महिदपुर विधान सभा क्षेत्र की कृषक सेवा सहकारी संस्‍था मर्या. बैजनाथ महिदपुर के प्रकरण की अद्यतन स्थिति बतावें। (ख) यह जाँच कब तक पूरी होगी?

गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) प्रकरण में अनुसंधान जारी है। (ख) जाँच के पूर्ण होने की समय-सीमा बताना संभव नहीं है।

विज्ञान भारती एवं टिश्‍यू कल्‍चर प्रयोगशाला के संबंध में

[विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी]

201. ( क्र. 3443 ) श्री बाला बच्‍चन : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि             (क) मध्‍यप्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्यागिकी परिषद (मेपकास्‍ट) द्वारा विज्ञान भारती नामक संस्‍था को 1 जनवरी 2014 से प्रश्‍न दिनांक तक किस-किस प्रोजेक्‍ट के लिये कितनी-कितनी राशि स्‍वीकृत की गई वर्षवार पृथक-पृथक जानकारी दें। इस संबंध में सक्षम अधिकारी द्वारा जारी किये गये समस्‍त आदेश की छायाप्रतियां भी उपलब्‍ध करावें। (ख) मेपकास्‍ट द्वारा औबेदुल्‍लागंज में संचालित प्‍लांट टिश्‍यू कल्‍चर प्रयोगशाला को भोपाल शिफ्ट किये जाने हेतु विभागीय मंत्री द्वारा किये गये अनुमोदन/स्‍वीकृति पत्र की छायाप्रति दें। इस प्रयोगशाला के लिए 1 जनवरी 2015 से प्रश्‍न दिनांक तक स्‍वीकृत बजट एवं यह राशि कहाँ-कहाँ खर्च की गई, इसकी जानकारी दें। प्रयोगशाला में 30 सितम्‍बर 2016 से प्रश्‍न दिनांक तक कितने प्रोटोकाल तैयार किये गये, उसकी विस्‍तृत जानकारी दें। यदि प्रोटोकाल तैयार नहीं किये गये तो इसके लिए दोषी अधिकारी का नाम, पदनाम व उस पर क्‍या कार्यवाही की गई? (ग) क्‍या 30 सितम्‍बर 2016 से प्रयोगशाला बंद है? यदि हाँ, तो प्रयोगशाला में वर्षों की मेहनत से जो औषधीय पौधों के प्रोटोकाल तैयार हुए थे उनके खराब हो जाने के लिए कौन अधिकारी जिम्‍मेदार है? दोषी के विरूद्ध प्रश्‍न दिनांक तक मेपकास्‍ट द्वारा की गई कार्यवाही का विवरण दें? यदि कार्यवाही नहीं की गई तो इसका कारण बतायें। (घ) प्रयोगशाला बंद हो जाने के संबंध में सी.एम. हेल्‍पलाईन में की गई शिकायत क्रमांक 3284120 के उत्‍तर में मेपकास्‍ट द्वारा दी गई जानकारी की छायाप्रति दें। इस संबंध में L-4 अधिकारी को शिकायतकर्ता द्वारा बताया गया कि गलत जानकारी दी गई है? गलत जानकारी देने वाले अधिकारी के विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की गई? प्रयोगशाला के संबंध में मेपकास्‍ट द्वारा गठित जाँच टीम के प्रतिवेदन की छायाप्रति दें और बतायें कि प्रोजेक्‍ट स्‍टॉफ क्‍यों हटाया गया?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) विज्ञान भारती नामक संस्‍था को दी गयी राशि की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। सक्षम अधिकारी द्वारा जारी किए गए आदेशों की छायाप्रतियॉं पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार हैं। (ख) टिश्‍यू कल्‍चर एक अत्‍यन्‍त संवेदनशील शोध कार्य है, जिसके लिए ऑपरेशन थियेटर जैसी व्‍यवस्‍था होनी चाहिए। औबेदुल्‍लागंज स्थित भवन में पानी टपकने तथा सीपेज होने के कारण दीवारों पर फंगस आदि का संक्रमण हो गया है। वर्तमान स्थिति में किसी भी प्रकार की लैब के लिए उपयुक्‍त नहीं है। अत: टिश्‍यू कल्‍चर प्रयोगशाला से संबंधित उपकरण परिषद् मुख्‍यालय में स्‍थानान्‍तरित किए गए हैं। औबेदुल्‍लागंज में संचालित प्‍लांट टिश्‍यू कल्‍चर प्रयोगशाला को शिफ्ट किये जाने हेतु विभागीय मंत्री द्वारा निर्दे‍श नहीं दिए गए हैं। प्रयोगशाला हेतु पृथक से बजट स्‍वीकृत नहीं है। प्रयोगशाला में 02 प्रजातियों के लगभग 20 कल्‍चर तैयार किए गए हैं। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।  (ग) जी नहीं। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। परिषद द्वारा एल-4 अधिकारी को गलत जानकारी नहीं दी गयी है, अत: कार्यवाही का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। मेपकास्‍ट द्वारा गठित जाँच टीम के प्रतिवेदन की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। परियोजना समाप्‍त हो जाने एवं कोई नवीन परियोजना स्‍वीकृत न होने के कारण, प्रोजेक्‍ट स्‍टाफ की सेवाऍं स्‍वत: समाप्‍त हो गईं।

नामांतरण, सीमांकन, बंटवारा के लंबित प्रकरणों का निराकरण

[राजस्व]

202. ( क्र. 3444 ) श्री बाला बच्‍चन : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि         (क) बड़वानी जिले में नामांतरण, फौती नामांतरण, सीमांकन, विवादित/अविवादित बंटवारा के कितने प्रकरण दिनांक 31.10.2017 की स्थिति में लंबित है? विधानसभावार देवें। (ख) उपरोक्‍तानुसार प्रकरणों में कितने प्रकरण 6 माह से अधिक समय से लंबित हैं सभी के बारे में पृथक-पृथक विधान सभावार बतावें। (ग) उपरोक्‍त वर्णित प्रकरणों के अतिरिक्‍त बड़वानी जिले में राजस्‍व विभाग से संबंधित कितने प्रकरण किन-किन अधिकारियों के पास कब से लंबित हैं? विधानसभावार बतावें?      (घ) इनका निराकरण कब तक कर दिया जायेगा?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) बड़वानी जिले के नामांतरण, फौती नामांतरण, सीमांकन, विवादित/अविवादित बटवारा प्रकरणों की दिनांक 31-10-17 की स्थिति में संलग्‍न परिशिष्ट के  प्रपत्र-1 में है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 में है।                (ग) जिला बड़वानी में राजस्व विभाग से सम्बंधित अधिकारियों के न्यायालयों में लंबित प्रकरणों की जानकारी RCMS SOFTWARE से निकाल कर संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 में है। (घ) उक्त लंबित प्रकरणों का निराकरण, न्यायालीन प्रक्रियाओं का पालन करते हुये किया जाएगा। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

परिशिष्ट - ''सत्तर''   

पचमढ़ी नगर की नजूल की भूमि को अभ्‍यारण्‍य से बाहर करने

[राजस्व]

203. ( क्र. 3460 ) श्री जितू पटवारी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि            (क) क्‍या सी.ई.सी. की रिपोर्ट के आधार पर माननीय सर्वोच्‍च न्‍यायालय द्वारा दायर रिट पिटीशन 202/95/2202-2203 के परिप्रेक्ष्‍य में अनुसूची में दर्षित 11 ग्रामों एवं पचमढ़ी नगर की 395.939 हेक्‍ट. नजूल भूमि को पचमढ़ी अभ्‍यारण्‍य से बाहर करने का निर्णय प्रदान किया गया है? (ख) यदि हाँ, तो क्‍या माननीय सर्वोच्‍च न्‍यायालय द्वारा प्रदत्‍त निर्णय आदेश के परिपालन में अनुविभागीय अधिकारी राजस्‍व पिपरिया द्वारा दिनांक 26.12.2015 को आदेश जारी कर अनुसूची में दर्षित 11 ग्रामों एवं पचमढ़ी नगर की नजूल भूमि को अभ्‍यारण्‍य की सीमा से बाहर कर भूमि के क्रय-विक्रय एवं नामांतरण पर लगी रोक को हटाया गया है? (ग) यदि हाँ, तो क्‍या होशंगाबाद तत्‍कालीन कलेक्‍टर के पत्र क्र.502/रीडर/2016 दिनांक 26.12.2016 द्वारा अनुविभागीय अधिकारी पिपरिया राजस्‍व द्वारा दिनांक 26.12.2015 को दिये गये आदेश को स्‍थगित किया जाकर राज्‍य शासन से इस बावत् अनुमति प्रदान करने हेतु लिखा गया है? (घ) प्रश्‍नांश 1,2,3 के तारतम्‍य में यदि हाँ, तो क्‍या राज्‍य शासन द्वारा मंत्रालय कैबिनेट बैठक में इन 11 गांवों को अभ्‍यारण्‍य क्षेत्र से बाहर कर राजस्‍व गांवों में तब्‍दील किये जाने की स्‍वीकृति प्रदान की गई है? (ड.) प्रश्‍नांश (घ) हाँ तो राज्‍य शासन द्वारा अनुसूची में दर्शित 11 गांवों की भूमि को क्रय-विक्रय, नामांतरण एवं मूलभूत सुविधायें प्रदान किये जाने के आदेश जारी किये गये हैं? यदि हाँ, तो आदेश प्रतिलिपि उपलब्‍ध करावें।          (च) प्रश्‍नांश (ड.) के तारतम्‍य में नहीं तो, क्‍या राज्‍य शासन द्वारा कैबिनेट बैठक में पारित निर्णय अनुसार अनुसूची में दर्शित 11 गांवों की भूमि को क्रय-विक्रय नामांतरण व मूलभूत सुविधायें प्रदान किये जाने के आदेश जारी किये जावेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो कारण स्‍पष्‍ट करें।

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (ग) जी हाँ। (घ) जी नहीं। (ड.) एवं (च) प्रश्‍नांश (घ) के उत्‍तर के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

भोपाल के रेल्‍वे स्‍टेशन के पास घटित घटना

[गृह]

204. ( क्र. 3461 ) श्री जितू पटवारी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                (क) दिनांक 31 अक्‍टूबर, 2017 को हबीबगंज रेल्‍वे स्‍टेशन के पास हुई बलात्‍कार की घटना के आरोपी के नाम, पिता का नाम, पता उम्र दर्ज प्रकरण क्रमांक धाराए प्रकरण दर्ज करने की दिनांक तथा समय अपराध की धटना  का दिनांक तथा समय बतावें। एफ.आई.आर. की प्रति देवें?           (ख) प्रश्नांश (क) से संबंधित एम.पी.नगर थाने हबीबगंज थाने तथा जी.आर.पी. थाने में पदस्‍थ सभी पुलिस अधिकारी, कर्मचारियों की सूची देवें तथा तीनों थाने के दिनांक 01.11.2017 के प्रश्नांश (क) के प्रकरण से संबंधित रोजनामचें/पुलिस डयूटी की प्रति देवें तथा बतावें कि निर्भया कितने बजे से कितने बजे तक किस-किस थाने में रही तथा उसे स्‍पाट पर कितने बजे से किस अधिकारी द्वारा ले जाया गया? (ग) भोपाल में हबीबगंज रेल्‍वे स्‍टेशन के पास दिनांक 31/10/2017 को हुये निर्भया कांड के संदर्भ में बतावें कि किन-किन पुलिस अधिकारियों को सस्‍पेंड तथा तबादला किया गया? उनको सस्‍पेंशन एवं तबादले के दिये गये नोटिस/आदेश की प्रति देवें तथा जिस तत्‍कालीन जाँच के आधार पर उक्‍त कार्यवाही की गई उस की रिपोर्ट की प्रति देवें। (घ) प्रश्नांश (क) की घटना क्षेत्र से संबंधित तीनों थाना प्रभारियों से लेकर डी.जी.पी.तक के समस्‍त जिम्‍मेदार अधिकारियों की उक्‍त कांड में एफ.आई.आर. विलंब से लिखे जाने की भूमिका के बारे में शासन की रिपोर्ट से अवगत करावें? (ड.) पुलिस महानिदेशक को घटना की जानकारी किस दिनांक को कितने बजे किसके माध्‍यम से मिली? जानकारी मिलने से लेकर मुख्‍यमंत्री निवास पर 03 नवम्‍बर, 2017 की बैठक के पूर्व तक क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई ? बतावें कि जिम्‍मेदार पुलिस अधिकारियों पर कार्यवाही माननीय मुख्‍यमंत्री के निर्देंश पर की गई या प्रशासनिक प्रक्रिया के तहत की गई? (च) क्‍या प्रश्नांश (क) की पीड़ि‍ता को सम्‍मानजनक जीवन यापन करने के लिये सरकार उनकी क्‍या मदद कर रही है या करने वाली है? क्‍या पीड़ि‍ता को सरकार 01 करोड़ मुआवजा देने का विचार कर रही है?

गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) एवं (ख) भोपाल में दिनांक 31.10.2017 को हबीबगंज रेल्वे स्टेशन के पास हुई घटना की रिपोर्ट थाना जी.आर.पी. हबीबगंज में दिनांक 01.11.2017 सायं पंजीबद्ध की गई, प्रकरण की विवेचना पूर्ण कर सक्षम न्यायालय में अभियोग पत्र प्रस्तुत किया गया। भा.द.वि. की धारा 228-ए एवं माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा जारी किये गये         दिशा-निर्देशों के पालन में एवं संबंधित प्रकरण सक्षम न्यायालय में विचाराधीन होने के कारण एफ.आई.आर. की प्रति एवं अन्य वांछित दस्तावेज प्रदाय की जाना विधिसम्मत नहीं होगा।        (ग) उक्त संबंध में विलंब के लिये थाना एम.पी. नगर में पदस्थ उनि. रामनाथ टेकाम, थाना प्रभारी निरी. संजय सिंह बैस, थाना प्रभारी हबीबगंज निरीक्षक रवीन्द्र यादव एवं थाना प्रभारी जी.आर.पी. हबीबगंज निरी. मोहित सक्सेना, उनि बी.पी. उईके, थाना जी.आर.पी. को निलंबित किया गया है तथा नगर पुलिस अधीक्षक एम.पी. नगर श्री कुलवंत सिंह को हटाते हुए उनका स्थानान्तरण पुलिस मुख्यालय किया गया है। (घ) घटना की वरिष्ठ अधिकारियों को जानकारी प्राप्त होने पर तत्काल विधि सम्मत कार्यवाही के निर्देश दिये गये। (ड.) प्रकरण का विचारण माननीय सक्षम न्यायालय में विचाराधीन होने के कारण प्रकरण से संबंधित अन्य जानकारी दी जाना विधिसम्मत नहीं होगा। (च) पीड़ि‍ता को पीड़ि‍त प्रतिकर योजना के अंतर्गत 3,00,000/- रुपये की राशि का भुगतान प्रक्रियाधीन है एवं शासकीय चिकित्सालय में निःशुल्क उपचार प्रदान किया गया है।

आहरण वितरण अधिकारों का उल्‍लंघन

[मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास]

205. ( क्र. 3470 ) श्री जालम सिंह पटेल : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या वित्‍तीय नियमों में कार्यालयों के आहरण वितरण का अधिकार राजपत्रित अधिकारियों को ही दिये जाने का प्रावधान है? (ख) यदि हाँ, तो संचालक मत्‍स्‍योद्योग द्वारा उनके विभाग के लगभग 30 जिलाधिकारी कार्यालयों का प्रभार तृतीय श्रेणी कर्मचारियों को किस नियम से आहरण वितरण के अधिकार प्रत्‍यायोजित किये गये हैं? (ग) यदि नहीं, तो जिला कोषालय अधिकारी गुना द्वारा किन नियमों के तहत कार्यालय सहायक संचालक मत्‍स्‍योद्योग गुना के आहरण पर रोक लगाई गई थी, जिसके कारण संचालक मत्‍स्‍योद्योग को आदेश क्रमांक 3510 दिनांक 27.10.17 का प्रभार राजपत्रित अधिकारी को सौंपा गया? (घ) क्‍या वित्‍तीय नियमों का उल्‍लंघन करने वाले अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक और यदि नहीं, तो क्‍यों?

पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) सामान्‍यत: आहरण संवितरण के अधिकार राजपत्रित अधिकारियों को दिये जाते है, पंरतु विशेष परिस्थितियों में अन्‍य को भी दिये जाने पर कोई प्रतिबंध नहीं है। (ख) वर्तमान में पदोन्‍नति पर प्रतिबंध होने के कारण राजपत्रित अधिकारियों के पद सेवानिवृत्‍त के कारण रिक्‍त है, इस कारण जिला कार्यालयों के वेतन भत्‍ते एवं योजनाओं के कार्यान्‍वयन हेतु प्रशासनिक व्‍यवस्‍था बनाये रखने के दृष्टिगत सहायक मत्‍स्‍य अधिकारियों को आहरण संवितरण अधिकार प्रत्‍यायोजित किये गये है। (ग) जिला कोषालय अधिकारी गुना ने एम.पी.पी.सी. के सहायक नियम 125 एवं एम.पी.एफ.सी. के नियमों के तहत आहरण पर रोक लगाई थी। इस कारण संचालक के द्वारा राजपत्रित अधिकारी को प्रभार सौपा गया है। (घ) किसी भी अधिकारी के द्वारा वित्‍तीय नियमों का उल्‍लंघन नहीं किया गया है। अत: कार्यवाही का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

मछुआ कल्‍याण बोर्ड में वाहन चालन मद में व्‍यय राशि

[मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास]

206. ( क्र. 3471 ) श्री जालम सिंह पटेल : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2013 में म.प्र. मछुआ कल्‍याण बोर्ड के पदाधिकारियों को पद से हटाने के बाद तथा वर्ष 2017 में मछुआ कल्‍याण बोर्ड के पुन: गठन के पूर्व वाहन चालन मद में कितनी राशि व्‍यय की गई ? वर्षवार विवरण दें। (ख) क्‍या कोई पदाधिकारी नहीं होने पर भी वाहन चालन मद में लाखों रुपये खर्च किए बिना सक्षम अधिकारी की अनुमति के व्‍यय किये गये, जिस अवधि में कोई कार्य ही नहीं किया गया है? (ग) क्‍या दोषी के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्‍यों?

पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) प्रश्‍नाश अवधि में वाहन चालन में वर्ष 2013-14 में राशि रूपये 83249/- एवं वर्ष 2014-15 में राशि रूपये 321928/- तथा 2015-16 में निरंक इस प्रकार कुल राशि रूपये 405177/- व्‍यय की गई। (ख) शासन आदेश दिनांक 23-12-2013 से बोर्ड के पदाधिकारियों का मनोनय निरस्‍त किया गया परंतु मछुआ कल्‍याण बोर्ड संचालित रहा एवं विभागीय मंत्री को प्रभार सौंपा गया। उक्‍त समयवधि में एक वाहन सचिव हेतु वित्‍त विभाग के ज्ञापन क्रमांक 11-16/2012/नियम/चार भोपाल दिनांक 06-10-2012 के अनुसार रही। (ग) उत्‍तरांश के परिप्रेक्ष्‍य में कार्यवाही का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

बंद पड़ी नल-जल योजनाओं एवं हैण्‍ड पम्‍पों के सम्‍बंध में

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

207. ( क्र. 3599 ) श्रीमती इमरती देवी : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) डबरा एवं अटेर विधान सभा क्षेत्र में पेयजल हेतु कौन-कौन सी नल-जल योजनायें संचालित हैं ? स्‍थान व नाम सहित जानकारी देवें। इन नल-जल योजनाओं में वर्तमान में कौन-कौन सी योजनायें किस कारण बंद हैं? क्‍या शासन विशेष अभियान चलाकर बंद पड़ी योजनाओं को चालू करायेगा यदि हाँ, तो कब तक समय-सीमा बतायें। (ख) क्‍या इन दोनों विधानसभा क्षेत्रों में कौन-कौन से बोर फैल हैं? क्‍या इनके स्‍थान पर नवीन बोर खनन कराकर पेयजल समस्‍या का समाधान किया जावेगा? इसी प्रकार खराब पड़े हैण्‍डपंपों के संधारण कार्य को एक विशेष अभियान चलाकर कराया जायेंगा, यदि हाँ, तो कब तक बतायें?

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 के अनुसार है। जी हाँ, निश्चित समयावधि नहीं बताई जा सकती है।              (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 के अनुसार है। जी हाँ, समुचित प्रयास किया जाएगा। ग्रीष्मकाल के पूर्व विशेष हैण्डपंप संधारण अभियान चलाया जाता है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।

 

 


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