मध्यप्रदेश विधान सभा
प्रश्नोत्तर-सूची
फरवरी-मार्च
2017 सत्र
सोमवार, दिनांक 06 मार्च 2017
भाग-1
तारांकित
प्रश्नोत्तर
चालू/बंद नल-जल
योजनाएं
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
1. ( *क्र. 1761 ) श्री गोविन्द सिंह पटेल : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नरसिंहपुर जिले की गाडरवारा विधान सभा क्षेत्र में कितनी नल-जल योजनाएं टंकी सहित एवं टंकी रहित स्थापित हैं, कितनी चालू एवं कितनी बंद हैं? (ख) जो बंद योजनाएं हैं उनके क्या कारण हैं? (ग) जो योजनाएं अभी तक चालू नहीं हुईं हैं एवं जो योजनाएं बंद हैं, उनका क्या कारण है?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) 54 टंकी सहित एवं 37 टंकी रहित योजनाएं हैं, जिनमें से 56 योजनाएं चालू एवं 35 योजनाएं बंद हैं। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) ऐसी एक भी योजना नहीं है जो अभी तक चालू नहीं हुई है, जो योजनाएं बंद हैं, उनकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
पुलिसकर्मियों को कम्प्यूटर दक्षता प्रशिक्षण
[गृह]
2. ( *क्र. 4415 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश सरकार द्वारा पुलिसकर्मियों को कम्प्यूटर दक्षता प्रशिक्षण दिया जा रहा है? (ख) क्या पुलिसकर्मियों को कम्प्यूटर प्रशिक्षण के लिए किसी संस्था को नियत किया गया है? यदि हाँ, तो संस्था का ब्यौरा दें? यदि नहीं, तो किस माध्यम से प्रशिक्षण दिया जा रहा है? (ग) सीहोर जिले में अभी तक कितने पुलिसकर्मियों को प्रशिक्षित किया जा चुका है और कितने पुलिसकर्मियों को प्रशिक्षण दिया जाना शेष है और कब तक प्रशिक्षित किया जाएगा? (घ) शासन द्वारा पुलिसकर्मियों के कम्प्यूटर प्रशिक्षण पर विगत दो वर्ष में कितनी राशि व्यय की जा चुकी है?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। भारत सरकार के मिशन मोड सी.सी.टी.एन.एस. प्रोजेक्ट के अंतर्गत मध्यप्रदेश के सभी 51 जिले एवं 03 रेल इकाइयों में पुलिसकर्मियों के प्रशिक्षण हेतु एच.सी.एल. (टी) कंपनी को नियत किया गया है। (ग) सीहोर जिले में 495 पुलिसकर्मियों को प्रशिक्षित किया जा चुका है। शेष 278 पुलिसकर्मियों को प्रशिक्षित किया जाना है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) विगत दो वर्षों में पुलिसकर्मियों के कम्प्यूटर प्रशिक्षण पर भारत सरकार के मिशन मोड सी.सी.टी.एन.एस. प्रोजेक्ट के तहत् राशि रूपये 38,33,572/- (अड़तीस लाख तैतीस हजार पाँच सौ बहत्तर रूपये), राज्य अपराध अनुसंधान ब्यूरो के सामान्य बजट से राशि रूपये 1,33,813/- (एक लाख तैतीस हजार आठ सौ तेरह रूपये) का व्यय किया गया।
अनुभाग सुसनेर को पूर्ण अनुभाग का दर्जा
[राजस्व]
3. ( *क्र. 2746 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत 05 वर्षों में शासन द्वारा कौन-कौन से नवीन अनुभाग स्वीकृत किये गये हैं? (ख) राजस्व अनुभाग के स्थायीकरण हेतु/पूर्ण अनुभाग बनाये जाने हेतु क्या मापदण्ड हैं एवं कौन-कौन से पद सृजित किये जाते हैं? (ग) अनुभाग सुसनेर कब से संचालित है? राजस्व अनुभाग सुसनेर में स्वीकृत एवं रिक्त पदों की जानकारी देवें? रिक्त पदों पर क्या व्यवस्था की गई है? (घ) क्या अनुभाग सुसनेर के स्थायीकरण हेतु/पूर्ण अनुभाग का दर्जा दिए जाने संबंधी कोई प्रस्ताव या मांग प्राप्त हुई थी? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्या स्वप्रेरणा से प्रशासनिक सुदृढ़ता व कार्यसुविधा को दृष्टिगत रखते हुए अनुभाग सुसनेर को पूर्ण अनुभाग का दर्जा दिया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
लंबित सीमांकन प्रकरणों का निराकरण
[राजस्व]
4. ( *क्र. 629 ) श्री गिरीश गौतम : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले के मऊगंज, नईगढ़ी, मनगवां तहसीलों में सीमांकन के कितने आवेदन जनवरी, 2015 से प्रश्न दिनांक तक प्रस्तुत किये गये, तहसीलवार संख्या बताएं तथा कितने प्रकरणों का निराकरण किया गया? संख्या बताएं। (ख) लंबित सीमांकन प्रकरणों का निराकरण कब तक कर दिया जायेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) रीवा जिले में तहसील मऊगंज नईगढ़ी, मनगवां में सीमाकंन आवेदनों की जानकारी निम्नानुसार है :-
तहसील का नाम |
प्राप्त आवेदन |
निराकृत आवेदन |
मऊगंज |
597 |
565 |
नईगढ़ी |
130 |
103 |
मनगवां |
296 |
275 |
(ख) जिन आवेदित भूमियों पर फसल नहीं लगी है, उनके सीमांकन की तिथि नियत है एवं फसल लगे खेतों का सीमांकन फसल कटने के बाद किया जायेगा।
रीवा जिले में संचालित गोदाम
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
5. ( *क्र. 4308 ) श्रीमती शीला त्यागी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले में कितने पी.डी.एस. केन्द्र एवं गोदाम संचालित हैं। जिले के सभी केन्द्रों की सूची तथा केन्दों में पदस्थ अधिकारियों/कर्मचारियों की सूची विधानसभावार/अनुभागवार उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में उक्त सभी केन्द्रों के लिए वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक कितनी सामग्री (गेहूँ, चावल, शक्कर एवं केरोसीन) का आवंटन प्रदान किया गया है? केन्द्रवार, माहवार सामग्रियों की सूची देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में क्या प्रबंध संचालक भोपाल, क्षेत्रीय प्रबंधक सतना म.प्र. स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन लि. को द्वार प्रदाय योजनांतर्गत परिवहनकर्ता मे. सुरेश कुमार मिश्र एवं अन्य परिवहनकर्ता के विरूद्ध शिकायत प्राप्त हुई है? यदि हाँ, तो शिकायत में क्या कार्यवाही की गई है? कृत कार्यवाही की प्रति देवें। (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में रीवा के गोदामों में पी.डी.एस. आवंटन के लिए खाद्यान्न सामग्री न होने की स्थिति में सीधे सतना वेयर हाउस से ट्रक क्र. एम.पी. 17 - एच.एच. 1460 द्वारा परिवहन किया गया है? यदि हाँ, तो क्या पावती ऑनलाईन जारी हुई है? यदि नहीं, तो क्यों, सामग्री की पावती कहाँ से है? सामग्री नहीं पहुंचने के लिए कौन जिम्मेदार है? उसके विरूद्ध कौन-सी दण्डात्मक कार्यवाही की गई है?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
शासकीय जमीन से अतिक्रमण हटाया जाना
[राजस्व]
6. ( *क्र. 2278 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रीवा जिले की तहसील हुजूर हल्का पटवारी टीकर, ग्राम टीकर की भूमि नं. 1673 रकबा 0.991 हे. जिसमें कि म.प्र. शासन (रास्ता) दर्ज रिकॉर्ड है, के अंश रकबा 0.222 हे. में ग्राम के ही निवासी छोटेलाल सिंह आ. तेजभान सिंह द्वारा फसल बोकर अवैधानिक रूप से अतिक्रमण किया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या इस शासकीय जमीन से अवैधानिक अतिक्रमण को हटाया जाकर अतिक्रमणकारी के विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक एवं यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट बतावें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में क्या बार-बार अतिक्रमण करने के आरोपी के विरूद्ध कार्यवाही कर आम रास्ता बहाल किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक एवं यदि नहीं, तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ, अतिक्रमण हटाने हेतु म.प्र. भू-राजस्व संहिता की धारा 248 के प्रावधानानुसार न्यायालयीन प्रक्रियानुरूप कार्यवाही प्रचलित है। (ग) जी हाँ। अतिक्रमण हटाना न्यायालयीन प्रक्रिया है, अत: निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
चितरंगी विकासखण्ड में आई.टी.आई. की स्थापना
[तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास]
7. ( *क्र. 148 ) श्रीमती सरस्वती सिंह : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग की नीति यह है कि ऐसे विकासखण्ड जिनमें कोई भी शासकीय/अशासकीय आई.टी.आई. महाविद्यालय संस्थान नहीं हैं, वहां आई.टी.आई. महाविद्यालय स्थापित किये जायें? (ख) यदि हाँ, तो प्रदेश में ऐसे कितने विकासखण्ड हैं और कितने विकासखण्ड में आई.टी.आई. महाविद्यालय संचालित कराए गए हैं? (ग) क्या सिंगरौली जिले के विकासखण्ड चितरंगी आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र में आई.टी.आई. महाविद्यालय खुलवाए जाने हेतु आवेदन प्राप्त हुए हैं? यदि हाँ, तो शासन स्तर से महाविद्यालय खोले जाने हेतु क्या-क्या विभागीय प्रयास हुए हैं एवं कब तक प्रारंभ करा दिए जाएंगे?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक जोशी ) : (क) जी हाँ। (ख) कुल 313 विकासखण्डों में से 249 विकासखण्डों में शासकीय आई.टी.आई. अथवा प्राईवेट आई.टी.आई. संचालित हैं तथा 64 विकासखण्डों में कोई भी शासकीय तथा प्राईवेट आई.टी.आई. संचालित नहीं है। (ग) जी हाँ। जी नहीं। समय अवधि बताना संभव नहीं है।
पॉलिथिन/प्लास्टिक के उपयोग पर प्रतिबंध
[पर्यावरण]
8. ( *क्र. 894 ) श्री राजेन्द्र फूलचंद वर्मा : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. शासन द्वारा प्रदेश में पॉलिथिन के उपयोग पर प्रतिबंध लगाया जा रहा है या नहीं? यदि हाँ, तो क्या इसका कठोरता से पालन कराया जा रहा है? (ख) क्या शासन द्वारा पॉलिथिन/प्लास्टिक के उपयोग से होने वाले दुष्परिणामों के व्यापक प्रचार-प्रसार हेतु कोई योजना बनाई गई है? पॉलिथिन के कारण हजारों बेजुबान जानवरों की मृत्यु हो जाती है तथा पॉलिथिन व प्लास्टिक का उपयोग करने से हजारों लोगों को कई प्रकार की बीमारियां होने लगी हैं तथा पर्यावरण भी प्रदूषित होता जा रहा है? क्या इस भयानक स्थिति को नियत्रंण करने हेतु शासन कोई ठोस कदम उठाएगा या नहीं? यदि हाँ, तो क्या और नहीं तो क्यों नहीं? (ग) क्या भविष्य में पॉलिथिन/प्लास्टिक के उपयोग पर पूर्णत: प्रतिबंध लगाया जाकर उसका कठोरता से पालन कराया जावेगा?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) एवं (ख) भारत सरकार, पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की अधिसूचना क्रमांक 320 (अ) दिनांक 18 मार्च, 2016 में उल्लेखित प्रावधान अनुसार 50 माईक्रोन से कम मोटाई की प्लास्टिक कैरी बैग का उपयोग वर्तमान में प्रतिबंधित है। प्रदेश में पॉलिथिन के उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध लागू कराये जाने की कार्यवाही प्रचलन में है। पॉलिथिन/प्लास्टिक के उपयोग से होने वाले दुष्परिणामों के व्यापक प्रचार-प्रसार हेतु नगरीय-निकायों के साथ पम्पलेट वितरण, रैली, नुक्कड़ नाटक, छापामार कार्यवाही एवं समाचार पत्रों में जानकारी के माध्यम से जनजागृति कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं। जानवरों की मृत्यु होने तथा लोगों की बीमारियों के संबंध में तथ्यात्मक जानकारी नहीं है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रदेश में पॉलिथिन के उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध लागू कराये जाने की कार्यवाही प्रचलन में है।
इन्दौर संभाग में प्रदूषण की रोकथाम
[पर्यावरण]
9. ( *क्र. 4566 ) श्री जितू पटवारी : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इन्दौर संभाग में प्रदूषण फैलाने वाले प्रमुख 20 कारखानों का नाम, उत्पादन का नाम, शहर/गांव का नाम सहित सूची प्रदान करें तथा बताएं की उक्त कारखाने किस-किस प्रकार से प्रदूषण फैला रहे हैं? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कारखानों में वर्ष 2015-16 में कब-कब किस-किस प्रकार से जाँच की गई जाँच के निष्कर्षों से कारखानेवार अवगत करावें। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कारखानों में कौन-कौन से कारखाने वायू प्रदूषण फैला रहे हैं और वे कौन सी हानिकारक गैस छोड़ रहें हैं तथा उससे कितने कि.मी. क्षेत्र की आबादी को कौन-कौन सी बीमारी होने की संभावना है, फसलों तथा भवनों को क्या-क्या नुकसान संभावित है? (घ) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित सूची में से कौन-कौन से उद्योग प्रतिदिन किस प्रकार का कितने लीटर जहरीला जल छोड़ रहे हैं, उसमें कौन-कौन से हानिकारक रसायन हैं तथा उससे कृषि भूमि के साथ कितने किलोमीटर क्षेत्र तक भूमिगत जल के दूषित होने की संभावना है?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) इंदौर संभाग में प्रदूषण फैलाने वाले उद्योग नहीं हैं। प्रदूषणकारी प्रकृति के उद्योगों में प्रदूषण नियंत्रण व्यवस्था स्थापित होने से प्रदूषण फैलने की स्थिति नहीं है। सभी इकाइयों द्वारा शून्य निस्त्राव की स्थिति रखी जाती है तथा किसी भी उद्योग को दूषित जल फैलाने की अनुमति नहीं है, अत: प्रदूषण फैलने, कृषि अथवा भूजल के प्रदूषण का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) से (घ) उत्तरांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
आदिवासियों की भूमि के बेनामी नामांतरण की जाँच
[राजस्व]
10. ( *क्र. 3402 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन नियमों में निर्धारित प्रावधान अनुसार आदिवासियों के स्वामित्व की कृषि भूमि आदि की खरीदी अन्य वर्ग के लोग शासन की अनुमति के बगैर नहीं कर सकते हैं? क्या विश्व प्रसिद्ध पर्यटक स्थल माण्डव क्षेत्र में अधिकांश बड़े-बड़े उद्योगपतियों एवं व्यवसायियों द्वारा आदिवासियों की जमीनें सस्ते दामों में अपने यहां कार्यरत अ.ज.जा. वर्ग के अन्यत्र निवासरत अनपढ़ व गरीब मजदूर के नाम से धड़ल्ले से खरीद रहे हैं व उनके नाम से बेनामी नामांतरण करवाया जाकर स्वयं के होटल, रेस्ट हाउस, ढाबा आदि व्यवसाय में उपयोग किया जा रहा है? (ख) क्या शासन विगत 10 वर्षों से अब तक व्यवसायियों द्वारा पंजीयन हेतु प्रस्तुत अभिलेखों की एवं राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज ऐसे बेनामी नामांतरणों की जाँच करवाकर पूंजीपतियों द्वारा गरीब आदिवासियों के नाम की भूमि पर किये जा रहे व्यवसाय व उनके शोषण को रोकने की दिशा में कोई ठोस कदम उठायेगा? यदि हाँ, तो समयावधि बतावें?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
भोपाल में संचालित बुल मदर/डेयरी फॉर्म
[पशुपालन]
11. ( *क्र. 2016 ) श्री बाबूलाल गौर : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पुशपालन विभाग द्वारा भोपाल में संचालित बुल मदर फॉर्म एवं डेयरी फॉर्म में वर्तमान में किस-किस प्रजाति की कितनी-कितनी गायें एवं भैंसें हैं? पृथक-पृथक संख्या बताई जाए। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित बुल मदर फॉर्म एवं डेयरी फॉर्म में प्रश्न दिनांक से विगत 5 वर्षों में किस-किस प्रजाति की कितनी-कितनी गायें एवं भैंसें क्रय की गईं एवं इसमें कितनी-कितनी धनराशि व्यय हुई? पृथक-पृथक बताया जाए। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित बुल मदर फॉर्म एवं डेयरी फॉर्म में प्रतिदिन के हिसाब से प्रतिमाह कितना-कितना दूध संग्रहित होता है एवं क्या इस दूध का बाजार में विक्रय किया जाता है, इससे कितनी धनराशि प्रतिमाह प्राप्त होती है? पृथक-पृथक बताया जाए? (घ) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित बुल मदर फॉर्म एवं डेयरी फॉर्म के संचालन में प्रश्न दिनांक से 5 वर्षों में कितनी-कितनी धनराशि व्यय की गई, वर्षवार बताया जाए?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) बुल मदर फॉर्म पर गिर नस्ल की 53, साहीवाल नस्ल की 27 तथा संकर नस्ल की 49 गायें रखी गई हैं एवं शासकीय जर्सी पशु प्रजनन प्रक्षेत्र भदभदा भोपाल में जर्सी नस्ल की 48, जर्सी साहीवाल क्रास की 46, साहीवाल नस्ल की 176 गौवंश का संधारण किया जाता है। बुल मदर फॉर्म एवं शासकीय जर्सी पशु प्रजनन प्रक्षेत्र भदभदा पर भैंसें नहीं हैं। (ख) बुल मदर फॉर्म पर गत 05 वर्षों में साहीवाल नस्ल की 20, गिर नस्ल की 24 तथा संकर नस्ल की 17 गायें क्रय की गई हैं, जिन पर क्रमश: रू. 9,95,150/-, रू. 11,38,597/- एवं रू. 11,90,000/- की राशि व्यय की गई है एवं शासकीय जर्सी पशु प्रजनन प्रक्षेत्र भदभदा भोपाल में विगत 05 वर्षों में साहीवाल नस्ल की 25 गायें, साहीवाल क्रास की 02 गायें तथा साहीवाल बछियां 50 क्रय की गई हैं, जिन पर कुल 28,44,000/- राशि व्यय की गई है। (ग) बुल मदर फॉर्म एवं शासकीय जर्सी पशु प्रजनन प्रक्षेत्र भदभदा, भोपाल के द्वारा दूध संग्रह (कलेक्शन) नहीं किया जाता है, परन्तु फॉर्म पर प्रतिमाह जो दुग्ध उत्पादन होता है, उसे फॉर्म के द्वारा भोपाल शहर के अधिकारियों/कर्मचारियों आदि को विक्रय किया जाता है तथा शेष बचा दूध भोपाल दुग्ध संघ सहकारी मर्यादित, भोपाल को प्रदाय किया जाता है। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) बुल मदर फॉर्म के संचालन पर वर्ष 2012-13 में राशि रूपये 77.32 लाख, वर्ष 2013-14 में राशि रूपये 82.76 लाख, वर्ष 2014-15 में राशि रूपये 69.63 लाख, वर्ष 2015-16 में राशि रूपये 82.62 लाख एवं वर्ष 2016-17 में (माह जनवरी तक) राशि रू. 112.16 लाख व्यय की गई है एवं शासकीय जर्सी पशु प्रजनन प्रक्षेत्र भदभदा भोपाल के संचालन में विगत 05 वर्षों में संचालन पर वर्ष 2012-13 में राशि रूपये 53.83 लाख, वर्ष 2013-14 में राशि रूपये 59.58 लाख, वर्ष 2014-15 में राशि रूपये 90.45 लाख, वर्ष 2015-16 में राशि रूपये 87.06 लाख एवं वर्ष 2016-17 में (माह जनवरी तक) राशि रू. 126.05 लाख व्यय की गई है।
शासकीय आराजी की भूमि को कृषकों के नाम किये जाने की जाँच
[राजस्व]
12. ( *क्र. 596 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सतना जिले की तहसील रघुराजनगर के अंतर्गत पटवारी हल्का सिजहटा के मौजा सोनौरा की शासकीय आराजी क्र. 44, 309, 329/342, 37, 38, 135, 89, 104 एवं 131 जो 16 कृषकों के नाम कूटरचित दस्तावेज़ तैयार कर राजस्व विभाग के अधिकारी, पटवारी एवं भू-माफियाओं ने खुर्दबुर्द कर दी है, जो कृषक क्रमशः बद्रीप्रसाद ब्राम्हण, सीताराम विश्वकर्मा, रामनारायण विश्वकर्मा, ईश्वरप्रताप सिंह, गोरेलाल रैकवार, लक्ष्मीनारायण ब्रा., रामनरेश ब्रा., रामकृपाल ब्रा., रामशिरोमणि निवासी नई बस्ती कृपालपुर सभी काल्पनिक नाम हैं जिसका स्थल पंचनामा राजस्व विभाग द्वारा 12/03/2016 को किया जा चुका है? शेष सात कृषक क्रमशः छोटेलाल चमार, त्रिवेणीप्रसाद ब्रा., हीरालाल गौतम, विद्यासागर तिवारी, सहेंद्रसिंह, रामलखन, बाबूलाल के नाम कर दी गई? (ख) उक्त आराजियों को खुर्दबुर्द करने के संबंध में थाना कोलगवां में अपराध क्र. 168/16 धारा 420, 467, 468-34 का मुकदमा दर्ज है, जिसमें फर्जी बद्रीप्रसाद ब्रा. एवं प्रथम रजिस्ट्री कराने वाले लक्ष्मण सिंह की गिरफ्तारी हो चुकी है? क्या इस संबंध में नगर पुलिस अधीक्षक सतना ने पत्र क्र. 3958 दिनांक 01/12/2016 द्वारा एस.डी.एम. राघुराजनगर से जानकारी मांगी थी, जिसका जवाब किन-किन दिनांकों को दिया गया है? (ग) क्या उक्त आराजी का जाँच प्रतिवेदन क्रमश: 10/03/2016, 19/03/2016 को तहसील रघुराजनगर कार्यालय में जमा कर दिया गया है, जिस प्रतिवेदन में स्पष्ट है कि कूटरचित ढंग से फर्जी दस्तावेज तैयार कर न्यायालय को गुमराह कर फर्जीवाड़ा किया गया है? (घ) क्या फर्जीवाड़े में संलिप्त व्यक्तियों के खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज करने की जाँच प्रतिवेदन में अनुशंसा की गई है? यदि हाँ, तो दोषियों के विरुद्ध अब तक कार्यवाही क्यों नहीं की गई है? विलम्ब के कारण सहित बताएं?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
दृष्टिहीनों के लिये कम्प्यूटर प्रशिक्षण की सुविधा
[तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास]
13. ( *क्र. 97 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जबलपुर, भोपाल एवं रीवा में दृष्टिहीन युवकों के लिये कम्प्यूटर कोर्स प्रारंभ किया गया है? (ख) क्या दृष्टिहीन युवक लगभग 95 प्रतिशत पढ़ाई, सुनकर ही करते हैं? (ग) क्या ऐसे युवकों के लिये लेपटॉप, डी.वी.डी. की सुविधायें व्यक्तिश: दी गई हैं? (घ) यदि नहीं, तो क्यों?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक जोशी ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) जी नहीं। (घ) व्यक्तिश: दिये जाने का प्रावधान नहीं है।
तहसील पलेरा एवं खरगापुर में स्थायी तहसीलदारों की पदस्थापना
[राजस्व]
14. ( *क्र. 1079 ) श्रीमती चन्दा सुरेन्द्र सिंह गौर : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या खरगापुर विधान सभा क्षेत्र में तहसील पलेरा एवं तहसील खरगापुर में प्रभारी तहसीलदार कार्यरत हैं? क्या तहसीलदारों को अतिरिक्त प्रभार सौंपने से शासन के एवं आम जनता के कार्य प्रभावित होते हैं? (ख) क्या उक्त दोनों तहसीलों में तहसीलदार न होने के कारण आम जनता के कार्यों पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है और दो-दो पदों के भार से अधिकारी तथा आम जनता भी परेशान होती है? क्या ऐसी स्थितियों को ध्यान में रखते हुये पलेरा एवं खरगापुर में तहसीलदारों की पदस्थापना कब तक करा देंगे? यदि नहीं, तो कारण बतायें कि क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। जी नहीं। (ख) जी नहीं। स्वीकृत पदों के विरूद्ध संपूर्ण प्रदेश में तहसीलदारों की अत्यधिक कमी होने से सभी तहसीलों में पृथक-पृथक तहसीलदार की पदस्थापना में कठिनाई है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
जिला अशोकनगर में भूमि पर अवैध निर्माण
[राजस्व]
15. ( *क्र. 48 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जल संसाधन विभाग के उपयंत्री श्री ए.के. जैन ने तहसीलदार अशोकनगर को सर्वे क्रमांक 623 व 624 पर अवैध निर्माण व अतिक्रमण की शिकायत की थी तथा जिले में इन नम्बरों तथा तुलसी सरोवर के बारें में कब-कब जिले में व किस-किस अधिकारी को शिकायत व ज्ञापन मिले व उन पर क्या कार्यवाही हुई? तहसीलदार ने कब-कब क्या आदेश व स्थगन दिये, तिथि सहित विवरण दें। (ख) क्या तुलसी सरोवर की उपरोक्त भूमि में नक्शे के नम्बर से छेड़छाड़ कर बदलने की शिकायत शासन को हुई है तथा इस संबंध में पटवारी को निलम्बित कर पुलिस रिपोर्ट भी की गई है? पुलिस रिपोर्ट व पटवारी पर लगे आरोपों का विवरण व की गई कार्यवाही का विवरण देवें?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
मण्डला जिले में चालू/बंद नल-जल योजनाएं
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
16. ( *क्र. 3882 ) श्री रामप्यारे कुलस्ते : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) निवास विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत प्रत्येक विकासखण्डवार कुल कितनी नल-जल योजनाएं संचालित हैं? उक्त नल-जल योजना में कितनी चालू हैं और कितनी बंद हैं? (ख) प्रश्नांश (क) अंतर्गत विकासखण्डवार ग्रामवार कितनी ऐसी योजनाएं हैं, जिनमें स्वीकृति उपरांत कार्य पूर्ण नहीं किया जा सका है? (ग) स्वीकृत नल-जल योजनाओं के बंद रहने के क्या कारण हैं, बंद योजनाएं को चालू करने की कोई योजना है तो अवगत करायें।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) कुल 140 नलजल योजनाएं संचालित हैं। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) कोई भी नहीं। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। ''नल से जल, आज और कल'' कार्यक्रम के अंतर्गत बंद योजनाओं को चालू करने की योजना है।
पट्टे की जमीन का नियम विरूद्ध विक्रय
[राजस्व]
17. ( *क्र. 4664 ) श्री हर्ष यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सागर नगर में खुरई मार्ग पर भाग्योदय तीर्थ चिकित्सालय के सामने स्थित भूमि रकबा लगभग 27 एकड़ को पट्टाधारक खत्री बंधुओं ने सुभाग्योदय डेव्हलपर्स को जनवरी 2017 में विक्रय किया है? क्या इस भूमि के नामांतरण का आवेदन तहसीलदार सागर को दिया गया है? यदि हाँ, तो उक्त भूमि खत्री बंधुओं को पट्टे पर कब किस प्रयोजन व किस अवधि के लिए दी गई थी? कब-कब मौका मुआयना कर पट्टे का नवीनीकरण किया गया? किस अधिकारी द्वारा मौका मुआयना किया गया? (ख) क्या कलेक्टर सागर द्वारा पट्टेधारियों को उक्त भूमि विक्रय की अनुमति दी थी? यदि हाँ, तो आदेश व नोटशीट की प्रमाणित प्रति दें। पट्टे की भूमि का भू-स्वामी कौन होता है? क्या लीज़धारी/पट्टाधारी भूमि का विक्रय कर सकता है। तत्संबंधी नियमों की प्रति दें। इस प्रकरण में पट्टाधारी खत्री बंधु कैसे उक्त भूमि के असली भूस्वामी बन गये? (ग) अध्यक्ष, राजस्व मंडल ग्वालियर के समक्ष भूमि विक्रय की अनुमति हेतु आवेदन कब आया एवं कब अनुमति जारी की गई? क्या मंडल को सागर जिले के राजस्व विभाग के शासकीय सेवकों द्वारा असत्य जानकारी/रिकॉर्ड/टीप दी, ताकि विक्रय अनुमति जारी हो सके। क्या इसकी जाँच की गई है? नहीं तो क्यों? (घ) उक्त वर्णित सागर की बेशकीमती शासकीय भूमि को भूमाफिया को विक्रय किये जाने के मामले में विक्रयपत्र व नामांतरण को शून्य किये जाने हेतु शासन/विभाग क्या कार्यवाही कब तक करेगा? क्या दोषियों पर पुलिस में प्राथमिकी दर्ज कराई जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों एवं हाँ तो कब तक?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
विधानसभा क्षेत्र राजगढ़ में समूह जल योजना की स्वीकृति
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
18. ( *क्र. 4325 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या राजगढ़ जिले की विधानसभा क्षेत्र राजगढ़ में विभाग द्वारा गोरखपुरा एवं मोहनपुरा डेम से ग्रामों में पेयजल हेतु समूह जल योजना स्वीकृत की है? यदि हाँ, तो कब? आदेश की प्रति उपलब्ध करावेंl (ख) उक्त समूह जल योजना से कितने ग्राम लाभान्वित होंगे? प्रत्येक ग्राम में कितनी-कितनी राशि स्वीकृत की गई है? (ग) क्या उक्त योजना अन्तर्गत राशि स्वीकृत की जाकर टेण्डर लगाये जा चुके हैं? (घ) यदि नहीं, तो इसके लिये कब तक राशि उपलब्ध कराई जा सकेगी तथा कब तक टेण्डर लगाये जाकर कार्य प्रारम्भ किया जावेगा?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) गोरखपुरा एवं मोहनपुरा समूह जल प्रदाय योजनाओं के क्रियान्वयन के उपरांत क्रमशः 163 एवं 400 ग्राम लाभांवित हो सकेंगे। ग्रामवार राशि स्वीकृत नहीं की गई है। (ग) जी नहीं। (घ) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में निश्चित समय अवधि नहीं बताई जा सकती।
शासकीय सड़क मार्ग की भूमि पर अतिक्रमण
[राजस्व]
19. ( *क्र. 4130 ) श्री नथनशाह कवरेती : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छिन्दवाड़ा जिले के अंतर्गत विधान सभा क्षेत्र परासिया के ग्राम कुण्डालीकला के पटवारी हल्का नं. 25 के अंतर्गत खसरा नं. 158, 168, 187 में लगभग 100 वर्षों से शासकीय सड़क मार्ग (कच्चा) है, लेकिन कुछ दबंगों द्वारा उक्त खसरा नंबर के शासकीय सड़क मार्ग की भूमि पर अतिक्रमण करके खेती कार्य कराया जा रहा है, जिसके कारण इस शासकीय मार्ग में लोगों को आवागमन में परेशानी होती है? (ख) क्या ग्रामीणों द्वारा कई बार इसकी शिकायत विभाग को की गई है, लेकिन उक्त दबंगों द्वारा किये गये अतिक्रमण को हटाया नहीं गया है, इसके लिये कौन अधिकारी/कर्मचारी दोषी है?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
आवारा गायों से फसलों को नुकसान
[पशुपालन]
20. ( *क्र. 3823 ) एडवोकेट सत्यप्रकाश सखवार : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अम्बाह एवं पोरसा में आवारा गायों का फसलीय आतंक बहुत अधिक हो चुका है, जिसके कारण किसान की फसल नष्ट होकर कृषक भूखों मरने की स्थिति में आ गये हैं? (ख) यदि हाँ, तो क्या शासन इन आवारा गायों के उचित संरक्षण एवं उनके द्वारा किये गये फसलीय नुकसान की भरपाई हेतु सर्वे कराकर मुआवजा दिलाने हेतु आदेश जारी करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) तहसील अम्बाह एवं पोरसा में आवारा गायों द्वारा फसल क्षति का कोई प्रकरण दर्ज नहीं है तथा न ही किसी कृषक द्वारा आवारा गायों द्वारा फसल नष्ट किए जाने संबंधी कोई आवेदन प्रस्तुत किया गया है एवं न ही कृषक भूखों मरने की स्थिति में आ गये हैं। (ख) प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 190, 110 के तहत् नामांतरण
[राजस्व]
21. ( *क्र. 3324 ) श्री गोपाल परमार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 190, 110 के तहत् कृषि भूमियों के नामान्तरण किये जाते हैं तथा धारा 190, 110 वर्तमान में प्रचलित हैं? (ख) क्या धारा 190, 110 के तहत् नामांतरण करने की अधिकारिता राजस्व अधिकारी तहसीलदार/नायब तहसीलदार को है? (ग) धारा 190, 110 के तहत् किये गए नामांतरण में स्टाम्प ड्यूटी ली जाती है। (घ) क्या धारा 190, 110 के तहत् किये गए नामांतरण आपराधिक कृत्य हैं? यदि हाँ, तो किस नियम के तहत् इसे अपराध घोषित किया गया है?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
ग्राम भुतिया एवं होलीबयड़ा में पीड़ितों को मुआवजा
[गृह]
22. ( *क्र. 4099 ) श्री उमंग सिंघार : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार जिले के गंधवानी ब्लॉक के ग्राम भुतिया एवं होलीबयड़ा में 25/01/2017 को घटना में जिले के कलेक्टर द्वारा कब संज्ञान लिया गया? उस संबंध में क्या कार्यवाही की गई? (ख) क्या कलेक्टर या अनुविभागीय अधिकारी राजस्व द्वारा घटना स्थल का दौरा किया गया? अगर किया गया तो कब किया? (ग) ग्राम भुतिया एवं होलीबयड़ा में आदिवासियों के घरों का नुकसान, लूटे रूपये, चांदी, अनाज, डीजल पंप, पशु एवं घरों को तोड़े गये? उसके नुकसान का सर्वे करवाया गया? यदि हाँ, तो कब और क्या कार्यवाही की गई? (घ) प्रश्नांश (क) के अनुसार घटना के संबंध में प्रश्नकर्ता द्वारा जारी किये गये पत्र क्रमांक 7609/दिनांक 28/01/2017 में क्या कार्यवाही की गई? (ड.) मध्यप्रदेश पीड़ित प्रतिकर योजना 2015 की योजना क्रमांक 5 तथा दण्ड प्रक्रिया की धारा 357-ए (1) और 357-ख के तहत् पीड़ित एवं उनके आश्रितों को कितना प्रतिकर देने का प्रकरण बनाया गया? अगर नहीं बनाया गया तो इसके लिये जवाबदार कौन है? क्या इन्हें प्रतिकर दिया जायेगा?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। संज्ञान लिया जाकर स्थानीय अधिकारियों से जानकारी ली गई। (ख) प्रभारी तहसीलदार, गंधवानी द्वारा ग्रामों का दौरा दिनांक 15, 16 एवं 18 फरवरी 2017 को किया गया। (ग) सर्वे कराया जा रहा है। राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग के केस नंबर 280/12/15/2017 डब्ल्यू.सी. दिनांक 09.02.2017 एवं कार्यालय अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (महिला अपराध) क्रमांक/file com-21 अति म.नि./महिला अपराध/P.A/2-B/2017 दिनांक 04.02.2017 के द्वारा विस्तृत जाँच की जा रही है। जाँच उपरांत कार्यवाही की जावेगी। (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार। (ड.) प्रश्नांश (ग) में वर्णित जाँच रिपोर्ट के आधार पर कार्यवाही की जायेगी।
पुलिस चौकी की स्थापना
[गृह]
23. ( *क्र. 1890 ) श्री संजय शर्मा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या तेन्दूखेड़ा विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत पुलिस चौकी सिहोरा को उन्नयन कर थाना एवं कल्याणपुर में नवीन पुलिस चौकी खोलने हेतु प्रस्ताव पुलिस अधीक्षक नरसिंहपुर द्वारा शासन को प्रेषित किया गया है। (ख) यदि हाँ, तो पुलिस चौकी सिहोरा का उन्नयन कर पुलिस थाना एवं कल्याणपुर में नवीन चौकी कब तक खोली जाएगी?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। (ख) पुलिस चौकी सीहोरा का थाने में उन्नयन किये जाने का प्रस्ताव निर्धारित मापदण्डों के अनुरूप नहीं पाये जाने के कारण अमान्य किया गया। कल्याणपुर में नवीन चौकी खोले जाने का प्रकरण परीक्षणाधीन है। समय-सीमा बताया जाना सम्भव नहीं है।
डायवर्सन एवं जमीन नामांतरण के लंबित प्रकरणों का त्वरित निराकरण
[राजस्व]
24. ( *क्र. 3632 ) श्री अंचल सोनकर : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर जिले के अन्तर्गत शहरी क्षेत्र में किस तहसीलदार के समक्ष कुल कितने प्रकरण नामांतरण के एवं अनुविभागीय अधिकारी के समक्ष डायवर्सन के लंबित हैं? अनुभाग वार संख्या बतावें। नामांतरण/डायवर्सन होने के उपरांत कितने आवेदकों के नाम कम्प्यूटर में क्यों दर्ज नहीं किये गये हैं। (ख) क्या कार्यालय में पदस्थ रीडर/पटवारी/राजस्व निरीक्षक की लापरवाही एवं हीलाहवाली के कारण नामांतरण एवं डायवर्सन के प्रकरण समयावधि में नहीं हो पाते एवं आवेदक कई-कई माह तक चक्कर लगाते रहते हैं? यदि हाँ, तो क्या शासन द्वारा ऐसे प्रकरणों की मॉनीटरिंग प्रत्येक माह कर अधिकारियों को एक टारगेट देकर कार्यों को सुगमता एवं सरलता से निपटवाया जावेगा? (ग) क्या संबंधित अधिकारी एवं कर्मचारियों द्वारा प्रकरण में प्रत्येक पेशी में एक कमी को बता कर आवेदक को एक से दो माह की पेशी दे कर प्रकरण में विलम्ब किया जाता है? क्या शासन ऐसे निर्देश जारी करेगा कि प्रकरण जमा होने के उपरांत एक ही बार में समस्त दस्तावेजों की जानकारी आवेदक को प्रदान कर अगली पेशी में प्रस्तुत कर प्रकरण का निपटारा कर दिया जावे? यदि हाँ, तो ऐसे आदेश शासन द्वारा कब तक प्रसारित किये जावेंगे?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जबलपुर जिले के अंतर्गत शहरी क्षेत्र तहसीलवार नामांतरण/डायर्वसन के प्रकरण निम्नानुसार लंबित है :-
तहसीलवार नामांतरण |
||
तहसील का नाम |
लंबित नामांतरण प्रकरण |
कम्प्यूटर में दर्ज होने से शेष |
रांझी |
59 |
3 |
गोहलपुरा |
189 |
- |
गोरखपुर 1- |
173 |
20 |
गोरखपुर 2- |
250 |
46 |
केन्ट |
115 |
10 |
कोतवाली |
1300 |
- |
ओमती |
162 |
- |
योग |
2248 |
79 |
अनुविभागीय अधिकारी के यहाँ डायवर्सन के लंबित प्रकरण |
||
अनुभाग का नाम |
लंबित प्रकरण |
कम्प्यूटर में दर्ज होने से शेष |
रांझी |
6 |
- |
गोहलपुरा |
59 |
15 |
गोरखपुर |
24 |
- |
कोतवाली |
28 |
- |
ओमती |
- |
- |
योग |
117 |
15 |
1. कम्प्यूटर खसरा सॉफ्टवेयर ग्वालियर से लिंक प्रॉब्लम के कारण कम्प्यूटर में दुरूस्त नहीं हो पा रहे हैं, जो शीघ्र कर दिये जावेंगे। (ख) जी नहीं। देरी से प्रकरण निपटाने के विविध कारण हो सकते हैं। 2. लंबित प्रकरणों की मॉनीटरिंग प्रत्येक माह राजस्व अधिकारी की बैठक एवं समय-सीमा बैठक वीडियो कॉन्फ्रेन्सिग के माध्यम से की जाती है एवं इसके संबंध में पृथक से निर्देश आवश्यक नहीं हैं। (ग) राजस्व प्रकरणों के निराकरण हेतु प्रत्येक प्रकरण में किन-किन दस्तावेजों की आवश्यकता होगी, यह प्रकरणों की प्रकृति व विवाद की स्थिति पर भी निर्भर करता है। उभय पक्षों के द्वारा कई बार दस्तावेज पेश करने में समय मांगा जाता है। साथ ही कभी-कभी न्यायालयीन कार्य से अधिक महत्वपूर्ण अन्य कार्य जैसे प्रोटोकॉल, कानून व्यवस्था, सिविल न्यायालयों में पेशी इत्यादि के कारण प्रकरणों में पेशी बढ़ाना पड़ती है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सिवनी जिले में वेयर हाउस (गोदामों) की क्षमता
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
25. ( *क्र. 4522 ) श्री रजनीश सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिले के अंतर्गत कितने शासकीय एवं कितने निजी वेयर हाउस हैं? विकासखण्डवार विवरण देवें? उक्त वेयर हाउसों (गोदामों) में भंडारण की क्या क्षमता है? वेयर हाउसों (गोदामों) का क्षमतावार विवरण देवें? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार उक्त वेयर हाउसों के समीप कितने-कितने धान एवं मक्का खरीदी केन्द्र स्थापित हैं? खरीदी केन्द्रों एवं वेयर हाउसों की दूरी नजदीकी वेयर हाउस से कितनी दूरी पर स्थित है? गोदामवार, खरीदी केन्द्रों का विवरण देवें। (ग) क्या भण्डारण नीति में रूट प्लान (मेपिंग) के अनुसार भण्डारण खरीदी केन्द्रों के समीपस्थ वेयर हाउसों में किया गया है? यदि हाँ, तो परिवहन अनुसार वेयर हाउसों में भंडारण का विवरण देवें और यदि नहीं, तो क्यों? (घ) वर्तमान में प्रश्नांश (क) अनुसार वेयर हाउसों में भण्डारण की क्या स्थिति है?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) सिवनी जिले के अन्तर्गत 37 शासकीय एवं 163 निजी वेयरहाउस हैं। वेयरहाउसों की विकासखण्डवार एवं गोदामवार भण्डारण क्षमता की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ग) खरीफ विपणन वर्ष 2016-17 में समर्थन मूल्य पर उपार्जित धान एवं मक्का के भण्डारण व्यवस्था हेतु निजी एवं संस्थागत गोदामों में पत्र क्रमांक 4303 दिनांक 19.10.2016 के तहत् ऑनलाईन प्राप्त गोदामों के प्रस्तावों के निरीक्षण उपरान्त उपयुक्त पाये गये गोदामों की जिला कलेक्टर कार्यालय स्तर पर 0 से 20 कि.मी. एवं 20 कि.मी. से अधिक दूरी के गोदामों की लॉटरी निकाली जाकर गोदामों के प्राथमिकता क्रम जिसमें सर्वप्रथम WDRA तत्पश्चात अन्य JVS के गोदामों का निर्धारण किया गया, सिवनी जिले की प्राथमिकता सूची शाखावार पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार एवं खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग भोपाल के पत्र क्रमांक एफ 5-16/2016/29-1, दिनांक 17.11.2016 के संदर्भ में PEG एवं शासकीय गोदामों में मैपिंग प्लान की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। (घ) उत्तरांश (क) में वर्णित सिवनी जिले में स्थित शासकीय एवं निजी गोदामों में खरीफ विपणन वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में उपार्जित धान/मक्का का भण्डारण मध्यप्रदेश स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन द्वारा गोदामों की प्राथमिकता सूची अनुसार गोदामों में भण्डारण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'द' अनुसार है। दिनांक 31.05.2015 एवं 31.05.2016 की स्थिति में सिवनी जिले में शाखावार गेहूँ, चावल, धान एवं अन्य की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ई' अनुसार है।
भाग-2
नियम
46 (2) के
अंतर्गत
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
के रुप में
परिवर्तित
तारांकित
प्रश्नोत्तर
खरीफ
2015 की
बीमा राशि का
वितरण
[राजस्व]
1. ( क्र. 50 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र.शासन द्वारा खरीफ 2015 में किसानों को राहत राशि का वितरण किया गया था? यदि हाँ, तो रतलाम एवं अशोकनगर जिले के किस-किस गांव की कितनी प्रतिशत नुकसानी के आधार पर राहत राशि वितरित किया गया विवरण दें? (ख) पटवारी हल्का नम्बर 1, 10, 11 की अनवारी क्रमश: 40 प्रतिशत, 44 प्रतिशत व 43 प्रतिशत होने के बाद भी उक्त पटवारी हल्का नम्बर 1 में 9.17 प्रतिशत, 10 में 3.30 प्रतिशत एवं 11 में 21.60 प्रतिशत बीमा क्लेम क्यों नहीं दिया गया? जबकि कई ग्रामों में 50 प्रतिशत से कम बीमा क्लेम दिया गया, कारण स्पष्ट करते हुए बताएं कि उक्त गांवों में अनवारी के आधार पर बीमा क्लेम नहीं देने के क्या कारण है, स्पष्ट विवरण दें? (ग) क्या पटवारी हल्का क्रमांक 10 में बीमा क्लेम प्रीमियम राशि से भी कम दिया गया? यदि हाँ, तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। रतलाम एवं अशोकनगर जिले में खरीफ 2015 में किसानों का राहत राशि का वितरण किया गया। जिला रतलाम एवं अशोकनगर की ग्रामवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "अ" अनुसार है। (ख) रतलाम जिले की तहसील पिपलौदा के पटवारी हल्का नम्बर 1,10,11 की आनावारी क्रमश: 40 प्रतिशत, 44 प्रतिशत व 43 प्रतिशत है। पटवारी हल्का नम्बर 1 में 9.17 प्रतिशत, 10 में 3.18 प्रतिशत एवं 11 में 21.60 प्रतिशत बीमा क्लेम का भुगतान किया गया है। उक्त पटवारी हल्कों में बीमा क्लेम बीमा कंपनी द्वारा फसल कटाई प्रयोगों से प्राप्त वास्तविक उपज के अनुसार गणना उपरांत प्रदाय किया गया है। बीमा क्लेम संबंधी गणना की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "ब" अनुसार है। (ग) बीमा कंपनी द्वारा क्लेम का भुगतान फसल कटाई प्रयोगों से प्राप्त वास्तविक उपज के अनुसार गणना उपरांत दिया गया है।
स्किल डेवलपमेंट सेंटर की स्थापना
[तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास]
2. ( क्र. 72 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में स्किल डेवलपमेंट सेंटर्स स्थापना के संबंध में सरकार ने अब तक क्या निर्णय लिये? (ख) क्या सरकार प्रदेश के सभी जिलों में उक्त सेंटर्स स्थापित करेगी? यदि हाँ, तो तत्संबंधी प्रगति ब्यौरा क्या है? (ग) स्किल डेवलपमेंट सेंटर में किन-किन यूनिट्स का निर्माण किन-किन तकनीकों के प्रशिक्षण हेतु किया जायेगा?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक जोशी ) : (क) अनसर्विस्ड ब्लॉक में कौशल विकास केन्द्र संचालित करने का निर्णय है। (ख) जी नहीं। (ग) रोजगार, स्वरोजगार एवं स्थानीय आवश्यकता को दृष्टिगत रखते हुये प्रशिक्षण के मॉड्यूलों का निर्धारण किया जाता है। वर्तमान में बताया जाना संभव नहीं है।
औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान हेतु चयन प्रक्रिया
[तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास]
3. ( क्र. 98 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शास. औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान जबलपुर में अधिकांश उम्मीदवारों को सीमित सीटें होने के कारण प्रवेश नहीं मिल पाता है? (ख) क्या अधिकांश गरीब युवकों को प्रवेश न मिलने के कारण बेरोजगार रहना पड़ता हैं? (ग) यदि हाँ, तो क्या सीटों की संख्या में वृद्धि की जायेगी? (घ) चालू वर्ष 2016-17 में चयनित उम्मीदवारों की शैक्षणिक योग्यता, प्राप्तांक सहित विवरण उपलब्ध करावें।
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक जोशी ) : (क) एवं (ग) जी नहीं। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
ट्रैक्टर चालकों के लायसेंस एव ट्राली के पीछे रेडियम पट्टी अनिवार्य करना
[परिवहन]
4. ( क्र. 121 ) श्री हितेन्द्र सिंह ध्यान सिंह सोलंकी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खरगोन जिले में कितने ट्रैक्टर विभाग में पंजीकृत हैं, विधानसभा क्षेत्रवार ट्रैक्टर पंजीयन की संख्या की जानकारी दी जावे। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार जिले में कितने ट्रैक्टर मालिकों द्वारा ट्रालियों का पंजीयन कराया गया है, उसकी सूची दी जाये। (ग) खरगोन जिले में कितने ट्रैक्टर चालकों ने वाहन चालक के लायसंस बनवाए हैं एवं कितने ट्रैक्टर चालकों ने लायसेंस नहीं बनवाए? जिले में कितने ट्रैक्टर कृषि एवं कितने गैर कृषि कार्य में पंजीयत हैं? विगत एक वर्ष में कृषि कार्य हेतु पंजीयत ट्रैक्टर को गैर कृषि कार्यों में उपयोग करते पकड़े जाने पर क्या कार्यवाही की गई? इसमें दंड के क्या प्रावधान है? गत माह में जिला योजना समिति की बैठक में लिए गए निर्णय अनुसार कितने ट्रैक्टर चालकों के लायसेंस बैठक उपरांत से प्रश्न दिनांक तक बनाये गए हैं, उसकी सूची दी जाये। (घ) ट्रैक्टर के पीछे ट्राली होने से चालक को दाए बाए मुड़ने पर होने वाली दुर्घटना पर क्या शासन ट्राली के पीछे रेडियम पट्टी अनिवार्य करने पर विचार कर रहा है? यदि हाँ, तो कब तक?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) खरगोन जिले में पंजीकृत टैक्टरों की कुल संख्या-10000 है। विधानसभा क्षेत्रवार पंजीकृत ट्रैक्टर वाहनों की संख्या निम्नानुसार है :-
क्र. |
विधानसभा क्षेत्र |
ट्रैक्टर पंजीयन संख्या |
1 |
खरगोन |
3227 |
2 |
कसरावद |
1532 |
3 |
महेश्वर |
1271 |
4 |
बडवाह |
1933 |
5 |
भीकनगांव |
1443 |
6 |
भगवानपुरा |
594 |
|
योग |
10000 |
सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ‘ अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार खरगोन जिले में पंजीकृत ट्रैक्टर ट्रालियों की विधानसभा क्षेत्रवार संख्या निम्नानुसार है।
क्र. |
विधानसभा क्षेत्र |
ट्रैक्टर पंजीयन संख्या |
1 |
खरगोन |
1597 |
2 |
कसरावद |
658 |
3 |
महेश्वर |
457 |
4 |
बडवाह |
574 |
5 |
भीकनगांव |
506 |
6 |
भगवानपुरा |
191 |
|
योग |
3983 |
सूची
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र ‘ब‘
अनुसार है।
(ग) जिन्होंने
चालन
अनुज्ञप्ति
ली है केवल
उन्हीं का
अभिलेख विभाग
द्वारा
संधारित किया
जाता है।
खरगोन जिले
में 7644
ट्रैक्टर
चालकों के
लायसेंस बने
है। जिन ट्रैक्टर
चालकों ने
वाहन लायसेंस
नहीं बनवाए है
उनका अभिलेख
संधारित नहीं
किया जाता
हैं।जिले में
निम्नानुसार
कृषि एवं गैर
कृषि
ट्रैक्टर
पंजीकृत हैः-
गैर
कृषि कार्य
में पंजीकृत
ट्रैक्टर - 1260
कृषि
कार्य में
पंजीकृत
ट्रैक्टर - 8740
योग - 10000
विगत एक वर्ष में कृषि कार्य हेतु पंजीकृत ट्रैक्टर को गैर कृषि कार्यों में उपयोग करते पकड़े जाने पर कुल 130 ट्रैक्टर ट्रालियों पर खनिजों का अवैध परिवहन करते पाये जाने पर उनके विरूद्ध म.प्र. गौण खनिज नियम 1996 के नियम 53 (5) के तहत खनिज विभाग खरगोन द्वारा कार्यवाही कर उनसे रूपये 16,35,000/- अर्थदण्ड वसूल किया गया है। परिवहन विभाग द्वारा पृथक से कोई कार्यवाही नहीं की गई है। कृषि कार्य हेतु पंजीकृत ट्रैक्टर का गैर कृषि कार्यों में उपयोग करने पर ट्रैक्टर को परिवहन यान मानते हुये ट्रैक्टर के विरूद्ध मोटरयान अधिनियम 1988 की धारा 56/192, 66/192-क के अंतर्गत दण्डिक/प्रशमन शुल्क अरोपित करने का प्रावधान है। इसके अतिरिक्त मध्यप्रदेश मोटरयान कराधान अधिनियम 1994 की धारा 16 (3) के अंतर्गत कर वसूल करने का प्रावधान है। गत माह में जिला योजना समिति की बैठक में लिये गये निर्णय अनुसार ट्रैक्टर चालकों के 483 लायसेंस बनाये गये। सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘स’ अनुसार है। (घ) केन्द्र शासन द्वारा जारी अधिसूचना दिनांक 12.11.2008 के प्रकाश में केन्द्रीय मोटरयान नियम 1989 के नियम 104 के क्रम में परिपत्र क्रमांक 5998/टीसी/12 दिनांक 02.12.15 जारी किया गया है, जिसमें ट्रैक्टर ट्राली के पीछे परावर्तित टेप लगाये जाने के निर्देश है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
उचित मूल्य की दुकानों द्वारा राशन वितरण
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
5. ( क्र. 141 ) श्री लखन पटेल : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दमोह जिले की पथरिया विधान सभा क्षेत्र में कुल कितनी उचित मूल्य की दुकानें हैं और कितना आवंटन प्राप्त होता है, कितने हितग्राहियों को राशन आवंटन होता है? (ख) ऐसे कितने हितग्राही हैं जिनका खाद्यान उचित मूल्य की दुकान में आता है किन्तु पात्रता पर्ची न होने के कारण सेल्समेन द्वारा खाद्यान नहीं दिया जाता है? क्या उक्त हितग्राही का खाद्यान सुरक्षित रहता है या स्टॉफ पंजी में बैलेंस रहता है? विगत दो वर्षों में कितना खाद्यान बैलेंस हुआ है? माहवार बतावें।
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) दमोह जिले की प्रश्नांकित विधानसभा क्षेत्र में कुल 110 उचित मूल्य दुकानें हैं, जिन्हें 1237.357 मे.टन गेहूँ, 327.425 मे.टन चावल, 71.499 मे.टन शक्कर, 71.412 मे.टन नमक एवं 153.948 किलोलीटर केरोसीन आवंटित किया गया है। प्रश्नांकित विधानसभा क्षेत्र में 73002 पात्र परिवारों के 286146 सदस्यों को राशन सामग्री आवंटित की गई है। (ख) सभी सत्यापित पात्र परिवारों को उचित मूल्य दुकानों से मेप करने पर उनकी पात्रता पर्ची जनरेट होती है। जिनकी पात्रता पर्ची जनरेट होती है, उन्हीं की राशन सामग्री उचित मूल्य दुकानों को आवंटित की जाती है। पात्रता पर्चीधारी ऐसे परिवार जो किसी कारणवश राशन सामग्री लेने नहीं आते हैं, उनकी राशन सामग्री उचित मूल्य दुकानों में सुरक्षित रहती है, जिसका आगामी माहों में समायोजन किया जाता है। शेष भाग की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
गोचर भूमि के नाम से आरक्षित भूमि
[राजस्व]
6. ( क्र. 142 ) श्री लखन पटेल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दमोह जिले के अंतर्गत पथरिया विधान सभा क्षेत्र में कितनी कहां-कहां की शासकीय भूमि रिक्त पड़ी है जो कि गौचर भूमि के नाम पर शासन में अंकित है? (ख) क्या पथरिया विधान सभा क्षेत्र की गौचर भूमि अतिक्रमित है? यदि हाँ, तो किन-किन व्यक्तियों द्वारा किस-किस खसरा नक्शा की जमीन पर अतिक्रमण किया गया है? नाम, पतावार जानकारी उपलब्ध करावें? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) अंतर्गत उक्त अतिक्रमण को हटाये जाने की मुहिम शासन स्तर पर चलायी जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
आवासीय भूमि के पट्टे का प्रदाय
[राजस्व]
7. ( क्र. 150 ) श्रीमती सरस्वती सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के परि.अता. प्रश्न संख्या 32 (क्र.308) दिनांक 07 दिसम्बर 2016 में चितरंगी तहसील अंतर्गत मध्यप्रदेश शासन के राजस्व विभाग के द्वारा दखल रहित अधिनियम के अंतर्गत आवासीय भूमि के पट्टे वितरित करने की कार्यवाही क्या प्रचलन में है के उत्तर में जानकारी एकत्रित की जा रही है प्राप्त हुयी थी तो क्या जानकारी एकत्रित कर ली गई है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या म.प्र. शासन दखल रहित भूमि पर आबादी बनाकर भूमिहीन व्यक्ति पुस्तैनी से काबिज हैं, को आवासीय पट्टा वितरण कराए गये हैं? यदि हाँ, तो कर्थुआ, झोखे, भर्रा, कसर, नौढ़िया, गौरबी, करैली, चुरकी, चतरी, खिरवा आदि ग्रामों के व्यक्तियों द्वारा आवेदन देने के उपरांत भी आवासीय पट्टा प्राप्त न होने के क्या कारण है? पटवारी हल्कावार विवरण देवें?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। एकत्रित जानकारी अनुसार कुल 5723 हितग्राहियों को पट्टा वितरण किया गया है। (ख) जी हाँ। तहसील चितरंगी में पात्रता अनुसार 5723 भूमिहीन व्यक्तियों को पट्टा वितरण कराया गया है। प्रश्नाधीन ग्राम नेशनल हाईवे रोड के 01 कि.मी. की परिधि में तथा नगर निगम क्षेत्र से 15 कि.मी. की परिधि में आते है। ऐसे ग्रामों की भूमि का पट्टा देने का दखल रहित अधिनियम में प्रावधान नहीं है।
गैस प्रभाव से विद्युत मंडल की मशीनों/उपकरणों का नुकसान
[पर्यावरण]
8. ( क्र. 256 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नागदा जिला उज्जैन में विद्युत मंडल के अधिकारियों ने आरोप लगाया है, कि उद्योगों की खतरनाक गैसों के कारण विद्युत मशीनें व तार एवं लौह उपकरण सड़ जाते है, कारणवश विभाग को करोडों रूपयों का नुकसान हो रहा है? (ख) यदि यह सत्य है, तो वायु प्रदूषण के संबंध में प्रदूषण मण्डल द्वारा दी गई रिपोर्ट का आधार क्या है? क्या विभाग उद्योगों के दबाव में उक्त रिपोर्टस बनाता है। (ग) यदि नहीं, तो क्या पृथक एजेंसी से निष्पक्ष जाँच करायी जाएगी?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जी नहीं। (ख) जी नहीं। मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा वायु मापन वैज्ञानिकी/तकनीकी आधार पर किया जाता है, उद्योगों द्वारा वायु प्रदूषण स्त्रोतों पर प्रदूषणरोधी उपकरण स्थापित किये गये है तथा मॉनिटरिंग परिणाम सामान्यतः निर्धारित मानकों में पाये जाते है, अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्नांश ‘‘ख‘‘ के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
शेष बचे मजरों को राजस्व ग्राम घोषित करना
[राजस्व]
9. ( क्र. 415 ) श्री भारत सिंह कुशवाह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधान सभा क्षेत्र क्रमांक 14 ग्वालियर ग्रामीण अंतर्गत आने वाले 22 मजरों को वर्तमान जनसंख्या के आधार पर राजस्व ग्राम घोषित किये जाने हेतु प्रस्ताव कलेक्टर जिला ग्वालियर को प्रेषित किये गये थे? (ख) क्या विधान सभा प्रश्न क्र. 2452 दिनांक 29/07/15 के परिप्रेक्ष्य में म.प्र. भू-राजस्व संहिता धारा 73 के तहत विधान सभा क्षेत्र के 12 मजरों को राजस्व ग्राम घोषित किया गया है? (ग) यदि हाँ, तो शेष वंचित 10 मजरों को राजस्व ग्राम कब तक घोषित किया जावेगा? समय-सीमा बतावें?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) कुल 12 ग्रामों के 12 मजरा टोला को जनसंख्या के आधार पर चिन्हित किया जाकर राजस्व ग्राम घोषित किया गया है। (ख) जी हाँ। (ग) समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
गिरते भूजल स्तर को ठीक करने कार्य योजना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
10. ( क्र. 421 ) श्री भारत सिंह कुशवाह : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) ग्वालियर जिले के विकासखण्ड मुरार, बरई, डबरा का भूजल स्तर की क्या स्थिति थी तथा वर्तमान में इन विकासखण्डों की भूजल स्तर की क्या स्थिति है? (ख) क्या गिरते भूजल स्तर को ठीक करने के लिये शासन ने कोई योजना बनाई है अथवा नहीं, यदि नहीं, तो क्यों? (ग) इन विकासखण्डों में पेयजल संकट से निपटने के लिये विभाग की क्या तैयारी है?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) विकासखण्ड मुरार, बरई एवं डबरा में (फरवरी 2016) ओसत भूजल स्तर क्रमशः 33, 35 एवं 14 मीटर था तथा वर्तमान में (फरवरी 2017) यह क्रमशः 34.5, 37 एवं 15 मीटर है। (ख) जी हाँ, भू-जल पुनर्भरण एवं जल संवर्धन कार्यक्रम अंतर्गत विभिन्न संरचनाओं का निर्माण किया जाता है। (ग) ग्वालियर जिले में संभावित पेयजल समस्या के निराकरण हेतु कार्य योजना बनाई है जिसके अंतर्गत राईजर पाईप बढ़ाना, नये नलकूप खनन एवं सिंगलफेस पंप लगाने का प्रावधान है।
शासकीय भूमियों में पुस्तैनी आबाद व्यक्तियों को भू-अधिकार प्रमाण पत्र दिये जाने
[राजस्व]
11. ( क्र. 630 ) श्री गिरीश गौतम : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रीवा जिले के मऊंगज तहसील अंतर्गत पटवारी हल्का एवं ग्राम सीतापुर के पठारी टोला में पुस्तैनी आबाद आदिवासियों द्वारा उन्हें भू-अधिकार प्रमाण-पत्र दिये जाने का आवेदन-पत्र तहसीलदार मऊगंज के यहां दिया गया है? यदि हाँ, तो किस आराजी नम्बर के लिए तथा कितने आवेदकों द्वारा तथा आवेदन कब दिया गया? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित आवेदन पत्रों का निराकरण अभी तक क्यों नहीं किया गया? कब तक निराकरण कर दिया जायेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जीं हा। तहसील मऊगंज के अंतर्गत पटवारी हल्का एवं ग्राम सीतापुर को भूमि खसरा क्रमाक 11 में भू-अधिकार प्रमाण पत्र हेतु कुल-16 व्यक्तियों द्वारा वर्ष 2016 में आवेदन दिया गया। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित भूमि राजस्व अभिलेख में नाला दर्ज है, नाले की भूमि पर भू-अधिकार प्रमाण पत्र प्रदाय किये जाने का प्रावधान नहीं होने से सभी आवेदन निरस्त किये गये है।
कूटरचित दस्तावेज़ के दोषियों पर कार्यवाही
[राजस्व]
12. ( क्र. 762 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सतना जिले की तहसील रघुराजनगर के अंतर्गत पटवारी हल्का सिजहटा के मौजा सोनौरा की शासकीय आराजी क्र.44,309,329/342,37,38,135,89,104 एवं 131 जो 16 कृषकों के नाम कूटरचित दस्तावेज़ तैयार कर राजस्व विभाग के अधिकारी, पटवारी एवं भू-माफियाओं ने खुर्दबुर्द कर दी है जो कृषक क्रमशः बद्रीप्रसाद ब्राम्हण, सीताराम विश्वकर्मा, रामनारायण विश्वकर्मा, ईश्वरप्रताप सिंह, गोरेलाल रैकवार, लक्ष्मीनारायण ब्राम्हण, रामनरेश ब्राम्हण, रामकृपाल ब्राम्हण, रामशिरोमणि निवासी नई बस्ती कृपालपुर सभी काल्पनिक नाम हैं जिसका स्थल पंचनामा राजस्व विभाग द्वारा 12/03/16 को किया जा चुका है? शेष सात कृषक क्रमशः छोटेलालचमार, त्रिवेणीप्रसाद ब्राम्हण, हीरालाल गौतम, विद्यासागर तिवारी, सहेंद्रसिंह, रामलखन, बाबूलाल के नाम कर दी गई है? (ख) उक्त आराजियों को खुर्दबुर्द करने के संबंध में थाना कोलगवां में अपराध क्र.168/16 धारा 420,467,468-34 का मुकदमा दर्ज है जिसमे फर्जी बद्रीप्रसाद ब्राम्हण एवं प्रथम रजिस्ट्री कराने वाले लक्ष्मणसिंह की गिरफ़्तारी हो चुकी है, क्या इस संबंध में नगर पुलिस अधीक्षक सतना ने पत्र क्र.3958 दिनांक 01/12/16 द्वारा एस.डी.एम. रघुराजनगर से जानकारी मांगी थी जिसका जवाब किन-किन दिनांकों को दिया गया है? (ग) क्या उक्त आराजी का जाँच प्रतिवेदन क्रमशः10/03/16,19/03/16 को तहसील रघुराजनगर कार्यालय में जमा कर दिया गया है जिस प्रतिवेदन में स्पष्ट है कि कूटरचित ढंग से फर्जी दस्तावेज तैयार कर न्यायालय को गुमराह कर फर्जीवाड़ा किया गया है? (घ) क्या फर्जीवाड़े में संलिप्त व्यक्तियों के खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज करने की जाँच प्रतिवेदन में अनुशंसा की गई है? यदि हाँ, तो दोषियों के विरुद्ध अब तक कार्यवाही क्यों नहीं की गई है? विलंब के कारण सहित बताएँ?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
नदी नालों के किनारों की फसल नुकसानी
[राजस्व]
13. ( क्र. 766 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मंत्री महोदय इस तथ्य से अवगत है कि प्रदेश में लगभग तीन लाख एकड़ कृषि भूमि नदी व नालों के किनारों से सटी होने के कारण किसानों की अधिकांश खरीफ फसल नदी नालों में आने वाली बाढ़ से प्रतिवर्ष नष्ट हो जाती है? यदि हाँ, तो क्या शासन उन्हें फसल नुकसानी का मुआवजा व राहत राशि प्रदान करने हेतु आदेश करेगा? (ख) क्या शासन के पास इस प्रकार से हर वर्ष हो रही क्षति को रोकने अथवा बचाव करने संबंधी कोई योजना है? यदि हाँ, तो क्या?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी नहीं। यह सही नहीं है कि प्रदेश में लगभग 3 लाख एकड़ कृषि भूमि नदी व नालों के किनारों से सटी होने के कारण किसानों की अधिकांश खरीफ फसल नदी-नालों में आने वाली बाढ़ से प्रति वर्ष नष्ट हो जाती है। अतिवर्षा/बाढ़ से फसल क्षति होने पर आर.बी.सी 6-4 में राहत राशि दिये जाने का प्रावधान है। प्रदेश के किसी भी जिले से ऐसी क्षति की जानकारी एवं मांग प्राप्त होने पर राहत राशि प्रदान की जाती है। (ख) जी नहीं।
सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग की योजनाएं
[विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी]
14. ( क्र. 895 ) श्री राजेन्द्र फूलचंद वर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग की कौन-कौन सी योजनाएं किस-किस नाम से संचालित हैं? (ख) सोनकच्छ नगर व देवास जिले में कौन-कौन सी व किस-किस नाम से योजनाएं संचालित हैं? (ग) क्या सोनकच्छ विधानसभा क्षेत्र में सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग की कोई सुविधा या योजना प्रस्तावित है?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) सामान्य प्रशासन विभाग की अधिसूचना क्रमांक F-A-1-7/2014/एक (1) दिनांक 28-7-2014 द्वारा सूचना प्रौद्योगिकी विभाग का विलय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग में किया गया है। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग अन्तर्गत कार्यरत निम्नलिखित संस्थान/निगम द्वारा विभाग की निम्नानुसार योजनाएं संचालित की जा रही है :-मध्यप्रदेश राज्य इलेक्ट्रानिक्स विकास निगम- निगम द्वारा निम्न परियोजनाए संचालित की जा रही है :-- (1) आई.टी. अधोसंरचना संबंधी विकास जिसमें स्टेट डाटा सेंटर (SDC), स्टेट वाइड एरिया नेटवर्क (SWAN) की स्थापना एवं इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर एवं भोपाल में आई.टी.पार्क की स्थापना संबंधी कार्य। (2) आई.टी.प्रमोशन, संबंधी कार्य एवं प्रदेश में सूचना प्रौद्योगिकी निवेश संबंधी कार्य। (3) प्रदेश में आधार पंजीयन संबंधी कार्य। मैप-आईटी द्वारा निम्न योजनाएं संचालित है :- ई-दक्ष, ई-शक्ति, म.प्र. स्टेट स्पेशियल डाटा इंफ्रास्ट्रक्चर एम.पी मोबाइल, ई-साइन वर्चुअल आईटी कैडर एवं डिजिटल लाकर। म.प्र. विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद् द्वारा विभिन्न योजनाएं जिसमें मुख्य रूप से अनुसंधान योजना तथा विकासीय गतिविधियों, जियोसाइंस एवं जियाइन्फार्मेटिक्स, विज्ञान का लोकव्यापीकरण एवं विज्ञान के प्रचार-प्रसार, सामाजिक आर्थिक विकास के लिये विज्ञान, सुदूर संवेदन उपयोग केन्द्र, पेटेन्ट सूचना केन्द्र, जैव प्रौद्योगिकी उपयोग केन्द्र, मिशन एक्सीलेंस, ग्रामीण तकनीक प्रयोग केन्द्र, एटलस परियोजना तथा जलवायु परिवर्तन शोध केन्द्र के अंतर्गत विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी से संबंधी कार्य किये जाते है। जैव प्रौद्योगिकी परिषद् - परिषद् को राज्य की जैव प्रौद्योगिकी नीति के क्रियान्वयन का दायित्व भी सौंपा गया है। परिषद् निम्न मुख्य उद्देश्य के साथ कार्यरत है:- जैव प्रौद्योगिकी आधारित उद्योगों एवं स्थानीय समुदायों के माध्यम से जैव प्रौद्योगिकी तकनीकों के प्रयोगों तथा शोध को प्रोत्साहन देने के लिये शासकीय विभागों/संस्थाओं को सहायता प्रदान करना तथा जैव प्रोद्योगिकी क्षेत्र में शिक्षा के विकास को प्रोत्साहित करना। (ख) विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग अन्तर्गत कार्यरत संस्थान/निगम द्वारा सोनकच्छ नगर व देवास जिले में निम्नानुसार योजनाएं संचालित की जा रही है :- मध्यप्रदेश राज्य इलेक्ट्रानिक्स विकास निगम की सोनकच्छ नगर व देवास जिले में निम्न परियोजनाएं संचालित की जा रही है :-- (1) स्टेट वाइड एरिया नेटवर्क (SWAN) (2) आधार पंजीयन (3) अतिरिक्त वीडियो कांफ्रेंसिंग रूम की स्थापना (4) क्षेत्रीय क्षमता निर्माण केंद्र (R.C.B.C.) की स्थापना। मैप आईटी द्वारा देवास जिले में ई-दक्ष योजना का संचालन एवं जिला ई-गवर्नेन्स सोसायटी को सहयोग प्रदान किया जाता है। सोनकच्छ में पृथक से कोई योजना संचालित नहीं है। उपरोक्त दोनों परियोजना का लाभ प्रदान किया जाता है। म.प्र. विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद् द्वारा सोनकच्छ एवं देवास जिले में निम्न योजनाएं/ कार्यक्रम संचालित है:- प्रतिभा सम्मान समारोह, राष्ट्रीय विज्ञान दिवस, अंतर्राष्ट्रीय दिवस, अंतर्राष्ट्रीय गणित ओलम्पियाड, नवाचारी विज्ञान शिक्षक पुरस्कार, कनिष्ठ एवं वरिष्ठ विज्ञान ओलम्पियाड, पश्चिम भारत विज्ञान मेला, राष्ट्रीय विज्ञान सेमीनार, खगोलीय विज्ञान उत्सव, टीचर्स ट्रेनिंग प्रोग्राम, सेमीनार, सिम्पोजिया एवं वर्कशाप, अंतर्राष्ट्रीय यात्रा अनुदान, युवा वैज्ञानिकों हेतु छात्रवृत्ति, भूसंसाधन प्रभाग के अंतर्गत भूक्षरण मानचित्रण एवं मरूस्थलीकरण स्थिति मानचित्रण द्वितीय चरण तथा राष्ट्रीय भू-आकर्तिक एवं मानचित्रण, जल संसाधन प्रभाग के अंतर्गत राजीव गांधी भूजल गुणवत्ता एवं राजीव गांधी राष्ट्रीय पेय जल मिशन चतुर्थ चरण, फसल परियोजना के अंर्तगत गेहूँ फसल क्षेत्र का आंकलन योजनायें संचालित है। (ग) उत्तरांश ''ख'' अनुसार।
आपराधिक प्रकरणों में कार्यवाही
[गृह]
15. ( क्र. 1247 ) श्री नरेन्द्र सिंह कुशवाह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्री संजीव सिंह कुशवाह उर्फ संजू सिंह पुत्र रामलखन सिंह कुशवाह और डॉ. रामलखन सिंह कुशवाह ग्राम मधुपुरा जिला भिण्ड हॉल ग्वालियर पर भिण्ड ग्वालियर और दतिया में कौन-कौन से अपराध पंजीबद्ध है? (ख) प्रश्नांश (क) अंतर्गत कब अपराध पंजीबद्ध किए गए? किसके द्वारा विवेचना की जा रही है? प्रश्नांश दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? (ग) प्रश्नांश (क) और (ख) के अंतर्गत किन प्रकरणों में कब जमानत मिली है, कौन से प्रकरण न्यायालय में विचाराधीन हैं? प्रश्नांश दिनांक तक क्या स्थिति है? छायाप्रति सहित जानकारी दें? (घ) क्या प्रश्नांश (क), (ख), (ग) अंतर्गत विभाग कार्यवाही नहीं कर रहा है? अभी तक प्रकरण में कार्यवाही विचारणीय क्यों है? इसके लिये कौन दोषी है? उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) से (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थिति नहीं होता।
प्रतिभूति (गारंटी) वापस करना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
16. ( क्र. 1248 ) श्री नरेन्द्र सिंह कुशवाह : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) भिण्ड जिले अंतर्गत लोक स्वास्थ्य यांत्रिकीय विभाग भिण्ड द्वारा संविदाकार से कार्य के लिए प्रतिभूति (गारंटी) (एफ.डी) दिनांक 01/01/2014 से प्रश्नांश दिनांक तक किस अनुबंधकार से कब जमा कराई? (ख) प्रश्नांश (क) अंतर्गत अनुबंधकार द्वारा कब कार्य पूर्ण किय गया? किस स्तर के अधिकारी द्वारा एम.बी पर दर्ज किया गया? प्रश्नांश दिनांक को कार्य की स्थिति क्या है? (ग) प्रश्नांश (क) अंतर्गत अनुबंधकार से प्रतिभूति जमा करने, वापस करने का क्या मापदण्ड निर्धारित किया गया है? (घ) क्या वर्ष 2016 में कार्य पूर्ण न होने के उपरांत प्रतिभूमि वापस कर दी गई? यदि हाँ, तो क्यों? इसके लिए कौन उत्तरदायी है? शासकीय क्षति कितनी हुई? अभी तक क्या कार्यवाही की गई?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) म.प्र. कार्य विभाग नियमावली में निहित प्रावधानों के अनुसार अनुबंधकार से प्रतिभूति अनुबंध करने के पूर्व जमा करने एवं कार्य पूर्ण होने के 12 माह पश्चात् वापस करने का प्रावधान है। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
प्रदूषण रोकने बावत्
[पर्यावरण]
17. ( क्र. 1290 ) श्रीमती सरस्वती सिंह : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सिंगरौली जिले के विधानसभा क्षेत्र चितरंगी के अंतर्गत गोरबी में संचालित कोयले की खदान से कोयला निकाल कर चौड़िया बाजार में कोयला यार्ड बनाकर लोडिंग की जाती है? क्या कोयले के प्रदूषण से वहा के निवासियों का जीना मुश्किल हो रहा है वहां प्रदूषण रोकने के लिए शासन क्या उपाय करेगा? क्या जब तक उपाय नहीं होता तब तक कोयला लोडिंग यार्ड को बंद किया जावेगा? (ख) क्या कटनी जिले के माधवनगर में राइस मिल एवं दाल मिलों द्वारा भारी मात्रा में प्रदूषण फैल रहा है, नगर निगम सीमा के बाहर लाल ईट भट्टे चल रहे हैं, बरही बडवारा में स्टोन क्रेशर चल रहे हैं जिससे उस क्षेत्र के निवासियों का जीना मुश्किल है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रदूषण रोकने की कार्यवाही करते हुए दोषियों को निलंबित करने की क्या कार्यवाही शासन करेगी यदि हाँ, तो कब तक?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जी हाँ। भारत सरकार का उपक्रम गोरवी ब्लॉक-‘‘बी‘‘ कोयला खदान में कोल परिवहन से उत्सर्जित धूलकणों के नियंत्रण हेतु जल छिड़काव किया जाता है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी नहीं। नगर निगम सीमा के बाहर 12 लाल ईट भट्टे मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की सम्मति के बगैर संचालित होने से उक्त सभी के विरूद्ध न्यायालयीन वाद दायर किये गये है। बरही एवं बड़वारा तहसील में संचालित स्टोन क्रेशरों में वायु प्रदूषण नियंत्रण की व्यवस्था है, अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्नांश ‘‘क‘‘ एवं ‘‘ख‘‘ के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
शासकीय भूमि पर अतिक्रमण
[राजस्व]
18. ( क्र. 1349 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भिण्ड जिले के मालनपुर में सर्वे क्रमांक 506 पहाड़ पर श्री महेन्द्र जाटव एवं अन्य लोगों द्वारा शासकीय भूमि पर अतिक्रमण किये जाने के संबंध में कलेक्टर, भिण्ड को श्री राघवेन्द्र शर्मा एवं अन्य के संयुक्त हस्ताक्षरयुक्त आवेदन पत्र दिनांक 17.01.2016 को दिया था जिसे कलेक्टर, भिण्ड द्वारा दिनांक 20.01.2016 को टी.एल. मीटिंग में प्रकरण क्रमांक के-267204 सुनवाई हेतु रखा गया था? (ख) यदि हाँ, तो उक्त प्रकरण की जाँच क्या समय-सीमा में पूर्ण कर ली गई एवं जाँच निष्कर्षों के आधार पर प्रकरण में क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या राजस्व निरीक्षक वृत्त एडौंरी तहसील गोहद, जिला भिण्ड द्वारा नायब तहसीलदार एडौंरी को दिये गये अपने जाँच प्रतिवेदन में शासकीय भूमि पर अतिक्रमण होने की पुष्टि की है? यदि हाँ, तो शासकीय भूमि से अतिक्रमण हटाने हेतु क्या-क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
गौवंश की हत्या एवं अवैध परिवहन पर रोक
[पशुपालन]
19. ( क्र. 1453 ) श्री प्रताप सिंह : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश शासन ने गौवंश की हत्या और अवैध परिवहन पर प्रतिबंध लगाने हेतु क्या कानून/नियम बनाये हैं? (ख) सागर संभाग में गौवंश की हत्या और अवैध परिवहन से संबंधित कितने प्रकरण पंजीबद्ध किये गये? गौ मांस की तस्करी करने से संबंधित कितने प्रकरणों में कितने व्यक्तियों को पकड़ा गया तथा उनके पास से कितनी मात्रा में मांस पकड़ा गया? इनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई है? वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक की वर्षवार व जिलावार जानकारी बतलावें। (ग) प्रश्नांश (ख) में गौवंश का अवैध रूप से परिवहन करने से संबंधित कितने प्रकरण पंजीबद्ध किये गये तथा कितने पशुओं को पकड़ा गया? इनमें से कितने दोषी व्यक्तियों के विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गई तथा प्रकरणों में पुलिस थाना में रिपोर्ट दर्ज करवायी गई? जिलावार व प्रकरणवार जानकारी देवें।
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) प्रदेश में वर्तमान में गौवंश वध प्रतिशेध अधिनियम 2004 (संशोधित) अधिनियम 2010 प्रभावशील है। (ख) गौवंश की हत्या एवं अवैध परिवहन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार, गौमांस से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार।
भू-जल स्तर गिरने से डेन्जर जोन घोषित करना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
20. ( क्र. 1576 ) श्री दिलीप सिंह शेखावत : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र (नागदा खाचरोद) का जल स्तर लगातार नीचे जा रहा है, क्षेत्र के कई ग्रामों में ट्युबवेल खनन करने पर 1000 फिट की गहराई तक भी पानी उपलब्ध नहीं हो रहा हैं। क्या क्षेत्र को भू-जल स्तर के मामले में डेन्जर जोन घोषित किया गया है? (ख) यदि नहीं, किया गया है तो कब तक सम्मिलित कर लिया जावेगा?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी हाँ। जी नहीं। भूजल स्तर के मामले में इसे सेमी क्रिटिकल ब्लॉक घोषित किया गया है। (ख) उत्तरांश ‘‘क’’ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आई.टी.आई. भवन की स्वीकृति
[तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास]
21. ( क्र. 1579 ) श्री दिलीप सिंह शेखावत : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नागदा शहर में नवीन आई.टी.आई. कक्षाओं का संचालन प्रारम्भ हो गया है, किन्तु इसके लिये विभाग का भवन निर्मित नहीं होने से बच्चों को पढ़ाई में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। क्या नवीन आई.टी.आई. के भवन की प्रक्रिया किस स्तर पर प्रचलित है? (ख) यदि हाँ, तो नवीन आई.टी.आई. के भवन की स्वीकृति कब तक हो जावेगी?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक जोशी ) : (क) एवं (ख) जी नहीं।
नक्शा के विरूद्ध निर्मित बायपास से प्रभावित कृषकों को न्याय
[राजस्व]
22. ( क्र. 1595 ) श्री मोती कश्यप : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कलेक्टर कटनी और तहसीलदार बड़वारा को प्रश्नकर्त्ता ने पत्र दिनांक 9-1-2017 के साथ किसी अभ्यावेदक के राजस्व प्रकरण 2008-2009 द्वारा सीमांकित एवं 2016 तक सर्वमान्य चौहद्दीधारक के किसी पत्र सहित आवेदन अनुसार पुन: सीमांकन किये जाने से किन्हीं कृषकों के रकबे प्रभावित होने का लेख किया है। (ख) क्या किसी बायपास के नक्शे में प्रश्नांश (क) अनावेदक की चौहद्दी की राजस्व व लगानी भूमि में निर्माण प्रस्तावित होने के विरूद्ध किन खसरे व रकबे की भूमि में दिशा परिवर्तित बायपास से किनके खसरे रकबे प्रभावित हुए हैं? (ग) क्या प्रश्नांश (क) के अनावेदक द्वारा 2008-2009 के सीमांकन पर वर्ष 2016 तक आपत्ति न की जाना उसे मान्य किया जाना सिद्ध नहीं करता है। (घ) क्या परिवर्तित दिशा में निर्मित बायपास के विरूद्ध आपत्ति न लगाने और दावा न करने के लिये अनावेदक स्वयं जिम्मेदार नहीं है? (ड.) क्या विभाग बायपास के नक्शे में प्रभावित और निर्मित भौतिक स्थिति पर बायपास के प्रारंभ से अंत तक का सीमांकन कराकर कृषकों को प्रभावित होने, विवादों से बचाने और निर्माण एजेन्सी से मुआवजा दिलाने और न्याय प्रदान करने का निर्देश देगा।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। (ख) उपलब्ध जानकारी अनुसार पूर्व स्वीकृत एकरेखण के विरूद्ध निर्माण कार्य नहीं किया गया है। (ग) जी हाँ। (घ) लागू नहीं है। (ड.) उपलब्ध जानकारी अनुसार पूर्व स्वीकृत एकरेखण पर ही बायापास का निर्माण किया गया है।
आबादी नजूल भूमि वारासिवनी शहर के प्रकरणों का निराकरण
[राजस्व]
23. ( क्र. 1600 ) डॉ. योगेन्द्र निर्मल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बालाघाट जिले के वारासिवनी शहर में नामांतरण, कर निर्धारण, भू-भाटक नवीनीकरण के संबंध में म.प्र.शासन एवं कलेक्टर से प्राप्त दिशा-निर्देशन/आदेश के पत्रों की तथा अधिनियम की छायाप्रति उपलब्ध करावें आबादी नजूल भूमि नामांतरण भू-भाटक निर्धारण हेतु अप्रैल २०१४ से नवम्बर २०१६ तक कुल कितने आवेदन प्राप्त हुये? नस्ती क्रमांक सहित सूची उपलब्ध करावें? (ख) आबादी नजूल भूमि वारासिवनी शहर में वर्ष ७५-७६ के जाँच सर्वे से लेकर वर्तमान तक कितने प्रकरणों के निराकरण नजूल अधिकारियों के द्वारा किये गये तथा कितने प्रकरण अनिर्णित लंबित विचाराधीन हैं, किन कारणों से हैं, सूची उपलब्ध करावें। (ग) आबादी नजूल भूमि वारासिवनी शहर में नजूल जाँच भूमि सर्वे ७५-७६ से वर्तमान तक कितने भू-धारकों को पट्टा प्रदान किया गया? शेष कितने प्रकरण पट्टे की कार्यवाही के लिए लंबित हैं? सूची उपलब्ध करावें? (घ) नजूल आबादी, नगरीय क्षेत्र वारसिवनी भूमि के जाँच के वर्गीकरण के तहत कब्जेदार (भू-धारक) की भूमि के स्थानांतरण, नामांतरण एवं भू-भाटक के प्रकरणों में म.प्र. भू-राजस्व संहिता १९५९ के तहत कर निर्धारण एवं शमन शुल्क लागू होता है, या नहीं? और यदि लागू होता हैं, तब म.प्र. शासन एवं कलेक्टर से प्राप्त दिशा/निर्देशों एवं आदेश के पत्रों की छायाप्रति उपलब्ध करावें?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
पंजीबद्ध अपराध में आरोपियों की गिरफ्तारी
[गृह]
24. ( क्र. 1604 ) डॉ. योगेन्द्र निर्मल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बालाघाट जिले के बैहर तहसील अंतर्गत प्रार्थी सुरेश यादव जिला प्रचारक की शिकायत पर किन-किन धाराओं के अंतर्गत कितने लोगों पर अपराध पंजीबद्ध किया गया? क्या प्रार्थी की रिपोर्ट पर अपराध पंजीबद्ध करते समय अभियुक्तगण थाना परिसर में उपस्थित थे या नहीं? (ख) अपराध पंजीबद्ध होने के उपरांत आज दिनांक तक कितने अपराधियों की गिरफ्तारी संभव हो सकी है एवं कितने आरोपी अभी तक फरार हैं? (ग) आरोपियों की गिरफ्तारियों को लेकर पुलिस द्वारा किन-किन जगहों पर कब-कब सर्च वारंट के साथ छापेमारी की गई एवं आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए क्या-क्या संभव प्रयास किये गये? (घ) पंजीबद्ध अपराध में सूचीबद्ध आरोपियों के पास क्या शासन द्वारा प्रदाय कोई भी सर्विस रिवाल्वर थे, हाँ या नहीं और यदि थे तो निलंबन के उपरांत वे सर्विस रिवाल्वर कहाँ हैं? (ड.) अपराध पंजीबद्ध होने के उपरांत किन-किन पुलिसकर्मियों को निलंबित किया गया एवं निलंबन उपरांत अगर पुलिसकर्मियों द्वारा सर्विस रिवाल्वर पुन: पुलिस विभाग में जमा किये गये तो निलंबन उपरांत पंजीबद्ध आरोपियों को सर्विस रिवाल्वर जमा करते वक्त गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया? (च) अरोपी पुलिसकर्मियों द्वारा अपने फरारीकाल के दौरान कितनी बार अग्रिम जमानत हेतु किस-किस न्यायालय में आवेदन किये गये?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जिला प्रचारक सुरेश यादव की शिकायत पर थाना बैहर में दिनांक 26.09.2016 को (1) तत्कालीन अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक बैहर राजेश शर्मा (2) तत्कालीन निरीक्षक जियाउल हक (3) तत्कालीन उप निरीक्षक अनिल अजमेरिया (4) तत्कालीन स.उ.नि. सुरेश विजयवार व अन्य उईके एवं पन्द्रे एस.ए.एफ. वाला के विरुद्ध पुलिस थाना बैहर जिला बालाघाट में अपराध क्रमांक 202/2016 धारा 294, 323, 506, 452, 392, 307, भा.द.वि. पंजीबद्ध किया गया। उक्त अपराध कायम करते समय आरोपी थाना परिसर में उपस्थित नहीं थे। (ख) प्रकरण की विवेचना विशेष अनुसंधान दल द्वारा की जा रही है। विवेचना में प्राप्त साक्ष्य के आधार पर अग्रिम कार्यवाही की जावेगी। (ग) विवेचना में प्राप्त साक्ष्य के आधार पर कार्यवाही की जावेगी। (घ) जी नहीं। (ड.) अपराध पंजीबद्ध होने के उपरांत निम्न पुलिस अधिकारी/कर्मचारी (1) तत्कालीन अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक बैहर राजेश शर्मा को दिनांक 28.09.2016 (2) तत्कालीन निरीक्षक जियाउल हक (3) तत्कालीन उप निरीक्षक अनिल अजमेरिया (4) तत्कालीन स.उ.नि. सुरेश विजयवार को दिनांक 26.09.16 (5) तत्कालीन आरक्षक कुंजबिहारी शर्मा क्रमांक 1225 (6) तत्कालीन चालक आरक्षक अभय सिंह क्रमांक 858 (7) एस.ए.एफ. आरक्षक धनेन्द्र टेम्भरे क्रमांक 382 को दिनांक 28.09.2016 को निलंबित किया गया। शेष जानकारी प्रश्नांश ‘‘घ‘‘ के उत्तर में समाहित है। (च) विस्तृत जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार।
शासकीय आई.टी.आई. प्रारंभ करना
[तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास]
25. ( क्र. 1616 ) कुँवर हजारीलाल दांगी : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजगढ़ जिले की विकासखण्ड जीरापुर में शासकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान नहीं होने से क्षेत्र के छात्र-छात्राओं को विकासखण्ड में संचालित अशासकीय आई.टी.आई. पर आश्रित होना पड़ता है? यदि हाँ, तो क्या अशासकीय आई.टी.आई. में व्यवसायवार सीमित सीट होने एवं गरीब परिवार के प्रतिभावान छात्र-छात्राओं द्वारा प्राईवेट आई.टी.आई. का शुल्क वहन न कर पाने के कारण कौशल विकास शिक्षा एवं प्रशिक्षण से निरंतर वंचित होना पड़ रहा है? (ख) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा उक्त संबंध में माननीय मुख्यमंत्री जी, माननीय विभागीय मंत्री जी सहित वरिष्ठ अधिकारियों से जीरापुर विकासखण्ड में शासकीय आई.टी.आई. प्रारंभ करने हेतु अनेकों बार आग्रह किया गया है? यदि हाँ, तो क्या विभाग द्वारा इस संबंध में प्रश्न दिनांक तक कोई कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो क्या? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या शासन उपरोक्तानुसार गरीब एवं मध्यम वर्ग के छात्र-छात्राओं के भविष्य को ध्यान में रखते हुये शासकीय आई.टी.आई. प्रारंभ करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक जोशी ) : (क) जी नहीं। प्रदेश में 218 शासकीय आई.टी.आई. संचालित है (जिनमें 14 आई.टी.आई. केवल महिलाओं के लिये है) जिनमें इस क्षेत्र के युवा प्रशिक्षण प्राप्त कर सकते है। (ख) जी हाँ। जी नहीं। विभागीय नीति अनुसार अनसर्विस्ड ब्लॉक में आई.टी.आई. खोली जाना है। (ग) ''ख'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
ग्रामों में नल-जल योजना के तहत जल प्रदाय
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
26. ( क्र. 1666 ) श्री शंकर लाल तिवारी : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सतना विधान सभा क्षेत्र अन्तर्गत कितने ग्रामों में नल-जल योजना के तहत पेयजल उपलब्ध कराया जा रहा है? (ख) शेष ग्राम पंचायतों में कब तक नल-जल योजना स्वीकृत कर दी जायेगी? (ग) किन-किन ग्राम पंचायतों में नल-जल योजना बंद पड़ी है उसका क्या कारण है? कब तक चालू कर ली जायेगी? (घ) बंद पड़ी नल-जल योजनाओं के लिये कौन अधिकारी/कर्मचारी दोषी है? विभाग दोषियों पर कब तक अनुशासनात्मक कार्यवाही करेगा?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) 17 ग्रामों में। (ख) वर्तमान में नवीन नल-जल योजनाओं की स्वीकृति पर प्रतिबंध है। समय-सीमा नहीं बताई जा सकती है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। जून 2017 तक अधिक से अधिक बंद नल-जल योजनाओं को ‘नल से जल, आज और कल‘ कार्यक्रम के अंतर्गत विभाग चालू करवाने हेतु प्रयासरत है, परन्तु निश्चित तिथी बताना संभव नहीं है। (घ) बंद पडी हस्तांतरित योजनाओं को चालू रखने का दायित्व संबंधित ग्राम पंचायतों का है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नामांतरण एवं सीमांकन हेतु पंजीकृत प्रकरण
[राजस्व]
27. ( क्र. 1667 ) श्री शंकर लाल तिवारी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र सतना अंतर्गत तहसील रघुराजनगर में वर्ष 2012 से प्रश्न दिनांक तक कितने प्रकरण, बंटवारा, नामांतरण एवं सीमांकन हेतु पंजीकृत हैं। पंजीकृत कितने प्रकरणों का निराकरण हो चुका है और कितने प्रकरण प्रश्न दिनांक तक लंबित हैं? (ख) प्रश्नांश (क) में लंबित प्रकरणों के लिये कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी दोषी है? (ग) आयुक्त रीवा संभाग ने लंबित प्रकरणों के संबंध में कब-कब निर्देश दिये? निर्देश की प्रतियां दें? विलंब के लिए दोषी अधिकारी/कर्मचारी पर शासन कब तक अनुशासनात्मक कार्यवाही करेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
डूब क्षेत्र के कृषकों को पट्टों का आवंटन बाबत्
[राजस्व]
28. ( क्र. 1687 ) श्री कैलाश चावला : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के पत्र पर राजस्व मंत्री मध्य प्रदेश शासन द्वारा आयुक्त उज्जैन संभाग को मनासा विधानसभा क्षेत्र के ऐसे कृषक, जो डूब से आए हैं, जिनका लगभग 30-40 वर्षों से शासकीय भूमि पर कब्जा है व उक्त भूमि को विकसित कर कुएं खोद कर विद्युत कनेक्शन कराकर कृषि कार्य कर रहे हैं, इनका सर्वे कराकर पट्टों के आवंटन की कार्यवाही हेतु पत्र किस दिनांक को भेजा गया था? (ख) आयुक्त द्वारा उक्त पत्र के प्रकाश में जाँच के आदेश किस दिनांक को व किस अधिकारी को दिए गए थे। जाँच अधिकारी द्वारा उक्त प्रार्थना पत्र में उल्लेखित कृषकों की जाँच में अभी तक क्या कार्यवाही की है।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
भूमि बेनामी नाम से/अन्य आदिवासियों के नाम से खरीदी
[राजस्व]
29. ( क्र. 1724 ) श्री
महेन्द्र
सिंह
कालूखेड़ा :
क्या राजस्व
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) अशोक
नगर शहर के
पास क्या
प्रश्नकर्ता
ने जिलाधीश को
02
रजिस्ट्रियों
की शिकायत की
है जो
आदिवासियों
द्वारा अन्य
आदिवासियों
के नाम की गई
है? क्या
उसकी जाँच
एस.डी.ओ. ने कर
रजिस्ट्री
निरस्त कर दी? (ख) क्या
इन
रजिस्ट्रियों
पर अजय नाम के
व्यक्ति के
गवाह के रूप
में दस्तखत
है तथा उनसे
पूछताछ भी की
गई कि उनके
द्वारा अन्य
ऐसी कितनी
भूमि अमरोद
भूरी या आसपास
के गाँवों में
आदिवासियों
से
आदिवासियों
के नाम पर खरीदी
है? (ग) अशोक
नगर शहर के
आसपास मोहरी
आदि गांव में
तथा प्रस्तावित
नवीन मंडी और
अमरोद के
आसपास इन
गाँवों में
कितनी
आदिवासी
जनसंख्या है
तथा उनमें
कितने लोगों
की भूमि
बेनामी नाम से
अन्य
आदिवासियों
के नाम से
खरीदी गई? मा. मुख्यमंत्री
एवं राजस्व
मंत्री की
बेनामी सम्मपत्तियों
को खरीदने
वालों के
विरूद्ध कार्यवाही
करने की घोषणा
के अनुक्रम
में इन पर क्या
कार्यवाही की
जाएगी?
राजस्व
मंत्री ( श्री
उमाशंकर
गुप्ता ) : (क) से
(ग) जानकारी
एकत्रित की जा
रही है।
राष्ट्रीय
राजमार्ग क्र.
03 हेतु
भू-स्वामियों
को भू-अर्जन
का मुआवजा वितरण
[राजस्व]
30. ( क्र. 1847 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला राजगढ़ के अनुविभाग सारंगपुर अंतर्गत राष्ट्रीय राजमार्ग क्र. 03 के उन्नयन हेतु किन-किन भूमि स्वामी से भू-अर्जन करना शेष है? (ख) अनुविभाग सारंगपुर अंतर्गत ऐसी कितनी भूमि है जिनका अधिग्रहणकर मुआवजा दिया गया है, परन्तु राष्ट्रीय राजमार्ग क्र. 03 में उपयोग नहीं होना है? सर्वे नं., रकबा, स्थान के विस्तृत ब्यौरे से अवगत करावे एवं भूमि अधिगृहण करने की क्यों आवश्यकता पड़ी? (ग) शासकीय भूमि पर मकान/दुकान स्वामी को किन-किन को मुआवजा दिया जाना शेष है? (घ) क्या ऐसे भू-स्वामी भी हैं जिनका राष्ट्रीय राजमार्ग क्र. 03 में भूमि अधिग्रहण का दैनिक पेपर में प्रकाशन किया जाना शेष है? यदि हाँ, तो उक्त भू अर्जन हेतु दैनिक पेपर में प्रकाशन कब तक किया जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
जिला जबलपुर की नदियों को प्रदूषण मुक्त बनाना
[पर्यावरण]
31. ( क्र. 1863 ) श्री मोती कश्यप : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला जबलपुर की सीमा में बहने वाली नर्मदा नदी, हिरननदी, परियट और गौर नदी की दूरी कितने किलोमीटर है और कौन किस नदी से मिलती है? (ख) क्या प्रश्नांश (क) नदियों का जल किन्हीं अवधियों में पेय योग्य रहा है? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) नदियों में किन कारणों से आज दिनांक तक कितना प्रदूषण बढ़ा है और उनका जल कहां-कहां पेय और स्पर्श योग्य नहीं रह गया है? (घ) क्या विभाग द्वारा प्रश्नांश (क) नदियों को प्रदूषण से मुक्त किये जाने के कोई ठोस प्रयास किये गये हैं? (ड.) प्रश्नांश (क) के जल को किस विधि कब तक पेय योग्य बना दिया जावेगा?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जबलपुर जिले की सीमा में नर्मदा नदी लगभग 70 कि.मी.,हिरन नदी लगभग 205 कि. मी.,परियट नदी लगभग 88 कि.मी. एवं गौर नदी लगभग 59 कि.मी. तक बहती है। परियट नदी हिरन नदी में तथा हिरन नदी एवं गौर नदी नर्मदा नदी में मिलती है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ‘‘ अनुसार है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ब‘‘ अनुसार है। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘स‘‘ अनुसार है। (ड.) मध्यप्रदेश शासन द्वारा डेयरियों से प्रदूषण के नियंत्रण हेतु ‘‘व्यावसायिक डेयरी प्रक्षेत्र मार्गदर्शी सिद्धांत, 2015‘‘ अनुसार डेयरियों के मालिकों को दूषित जल उपचार संयंत्र स्थापित करने हेतु निर्देशित किया गया है। परियट नदी में डेयरी व्यवसाय का अनुपचारित जल एवं गोबर मिलने से प्रदूषण बढ़ा है। मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा जल (प्रदूषण निवारण तथा नियंत्रण) अधिनियम, 1974 के प्रावधानों के अंतर्गत 105 डेयरियों को बंद करने के निर्देश जारी किये जा चुके है तथा 98 डेयरियों के विरूद्ध जिला न्यायालय, जबलपुर में वाद दायर किये गये है। 01 डेयरी द्वारा दूषित जल उपचार संयंत्र (ई.टी.पी.) स्थापित कर लिया है एवं 10 डेयरियों द्वारा निर्माण कार्य जारी है।
डी.बी.
पावर प्लांट
हेतु किसानो
की ली गई जमीन के
बदले रोजगार
उपलब्ध
कराना
[राजस्व]
32. ( क्र. 1882 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सिंगरोली जिले की तहसील सरई के अंतर्गत गोर्गी निवास में डी.बी. पवार प्लांट द्वारा वर्ष 2010-11 में उद्योग स्थापित करने के लिए किसानों की भूमि जरिये रजिस्ट्री व भू-अर्जन के माध्यम से ली गई थी? यदि हाँ, तो किन-किन ग्रामों के किसानों की भूमि ली गई, ग्रामवार, खसरावार, कृषकवार नाम सहित जानकारी देवें? (ख) प्रश्नांश (क) का उत्तर यदि हाँ, तो क्या उक्त भूमि में उद्योग स्थापित किया गया? यदि नहीं, किया गया तो जिन किसानों की भूमि ली गई थी क्या उन्हें वापस की जावेगी जबकि भूमि क्रय किये जाने की अवधी विगत सात वर्ष हो गई है? (ग) क्या म.प्र. शासन द्वारा प्रावधान किया गया है कि यदि क्रय की गई भूमि में पाँच वर्ष के अन्दर उद्योग स्थापित नहीं किया जाता तो उक्त जमीन किसानों को वापस करनी होगी? (घ) क्या जिन किसानों की भूमि क्रय कर ली गई है उनके जीविकोपार्जन का मात्र सहारा उक्त जमीनें थी, जिसे डी.बी. पावर प्लांट द्वारा क्रय की जाकर किसानों को बेसहारा कर दिया गया है? यदि हाँ, तो क्या किसानों को भूमि वापस की जावेगी या उन्हें रोजगार उपलब्ध कराया जावेगा? स्पष्ट विवरण सहित बतावें।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
श्रमिकों को प्रदान की जाने वाली सुविधाओं की जानकारी
[श्रम]
33. ( क्र. 1891 ) श्री संजय शर्मा : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) तेन्दूखेड़ा विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत कितने श्रमिकों का रजिस्टेशन किया गया है, ग्रामवार जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) म. प्र. शासन द्वारा श्रमिकों के कल्याण हेतु कौन-कौन सी जनहितैषी योजनायें संचालित है? (ग) तेन्दूखेड़ा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत वर्ष 2013 - 2014 से प्रश्न दिनाँक तक इन योजनाओं से कितने श्रमिक लाभान्वित हुये? ग्रामवार जानकारी प्रदान करें?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल के अंतर्गत तेन्दूखेड़ा विधानसभा क्षेत्र में कुल 3361 निर्माण श्रमिकों का पंजीयन किया गया है। जिनमें से 2140 पंजीयन आनलाईन इंद्राज किए जा चुके है। जिसकी ग्रामवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल के अंतर्गत पंजीकृत निर्माण श्रमिकों हेतु संचालित विभिन्न जनहितैषी योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत तेन्दूखेड़ा विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2013-2014 से प्रश्न दिनांक तक कुल 412 निर्माण श्रमिक लाभान्वित हुए। ग्रामवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है।
कृषि भूमि के पट्टेधारियों को वन विभाग द्वारा बेदखल किया जाना
[राजस्व]
34. ( क्र. 1934 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या छतरपुर जिले की चंदला विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत तहसीलों में वर्ष 1978-79 एवं 1991 में अलॉटमेंट अधिकारी भू-अभिलेख परिवर्तित भूमि छरतपुर द्वारा कृषि भूमि के पट्टे प्रदाय किये गये थे? (ख) क्या वन विभाग द्वारा इन पट्टेधारियों को उनकी भूमि पर से बेदखल किया जा रहा है यदि हाँ, तो क्यों? (ग) क्या वैध रूप से पट्टाधारी उक्त भूमि के भू-स्वामी नहीं हो गये है यदि हाँ, तो उन्हें बेदखल किये जाने की कार्यवाही अवैधानिक नहीं है। (घ) वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 से प्रश्न दिनाँक तक राजस्व विभाग में वन विभाग के खिलाफ शिकायती आवेदन देने पर भी कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है यदि कार्यवाही की गई है तो कार्यवाही का संपूर्ण ब्यौरा बतावें।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। (ग) जी हाँ, अवैधानिक तरीके से बेदखल करने का कोई मामला प्रकाश में आने पर जाँच की जावेगी। (घ) प्रश्नाधीन अवधि में कोई शिकायती आवेदन पत्र प्राप्त नहीं हुआ है। अत: कार्यवाही का प्रश्न उद्भूत नहीं होता है।
श्रमकों का पंजीयन
[श्रम]
35. ( क्र. 1971 ) श्रीमती उमादेवी लालचंद खटीक : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार मण्डल की योजना अन्तर्गत हटा विधानसभा क्षेत्र में अब तक कुल कितने श्रमिकों का पंजीयन किया गया है? इनमें से कितनें विगत दो वर्षों में विभाग की विभिन्न योजनाओं से लाभान्वित किया गया है? (ख) क्या योजना के प्रचार-प्रसार के अभाव में चिकित्सा सहायता आवास ऋण सहायता आदि योजनाओं का लाभ श्रमिकों को नहीं मिल पा रहा है? चिकित्सा/दुर्घटना चिकित्सा सहायता योजना में मापदण्डों का विवरण दें? निर्धारित चिकित्सालयों की सूची दें? (ग) क्या आवास ऋण सहायता योजना में श्रमिक को आवास हेतु ऋण अनुदान दिया जाता है? क्या पंजीकृत श्रमिक द्वारा मुख्यमंत्री आवास योजना में आवास ऋण लेने पर इस योजनान्तर्गत विभाग द्वारा 25 हजार ऋण/ब्याज अनुदान हितग्राही को दिया जाएगा? (घ) प्रश्नांश (क) संदर्भित विभाग को विभिन्न योजनाओं में सहायता भुगतान के कितने प्रकरण लंबित हैं और क्यों?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) म.प्र.भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल के अंतर्गत हटा विधानसभा क्षेत्र में कुल 6719 निर्माण श्रमिकों का पंजीयन किया गया है। विगत दो वर्षों में मंडल की विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत हटा विधानसभा क्षेत्र में कुल 2844 हितग्राहियों को लाभान्वित किया गया है। (ख) जी नहीं। चिकित्सा सहायता/दुर्घटना की स्थिति में चिकित्सा सहायता योजना के निर्धारित मापदंडों के विवरण संबंधी (राजपत्र में प्रकाशित) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। राज्य बीमारी सहायता निधि, मुख्यमंत्री बाल हृदय उपचार योजना के अंतर्गत मान्यता प्राप्त समस्त चिकित्सालय तथा दीनदयाल अंत्योदय उपचार योजना हेतु शासन द्वारा अधिकृत अस्पतालों से उपचार कराये जाने का प्रावधान है। इसके अतिरिक्त मंडल द्वारा वर्तमान में अधिमान्य चिकित्सालयों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) जी नहीं। अनुदान, ऋण के रूप में प्रदान नहीं किया जाता है। म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल के अंतर्गत पंजीकृत निर्माण श्रमिक को मुख्यमंत्री भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार आवास (ग्रामीण) योजना के अंतर्गत रूपये 50 हजार एवं मुख्यमंत्री भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार आवास (नगरीय) योजना में रूपये 1 लाख अनुदान के रूप में प्रदाय किये जाने का प्रावधान है। (घ) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में मंडल द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत हटा विधानसभा क्षेत्र में भुगतान हेतु वर्तमान में कोई भी प्रकरण लंबित नहीं है।
हैण्डपंप सुधार में ठेकेदार द्वारा लापरवाही
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
36. ( क्र. 1972 ) श्रीमती उमादेवी लालचंद खटीक : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) दमोह जिले में हैण्डपंप सुधार का ठेका किस कार्य एजेंसी को प्रदाय किया गया था एवं कब? आदेश की छायाप्रति उपलब्ध करावें। (ख) क्या कार्य एजेंसी द्वारा हैण्डपंप सुधार बिल्कुल नहीं किया जा रहा है? क्षेत्र भ्रमण उपरांत लगातार शिकायतें प्राप्त हो रही है, क्या उक्त ठेका निरस्त कर अन्य एजेंसी से कार्य कराया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) श्री राम ड्रिलर्स दमोह को दिनांक 23.02.2016 एवं 01.03.2016 को। आदेशों की छायाप्रतियाँ पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1, 2, 3 एवं 4 के अनुसार है। (ख) हैण्डपम्प सुधार किया जा रहा है। जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
आरक्षित एवं अनारक्षित पुलिस आरक्षक भर्ती प्रक्रिया में विसंगति
[गृह]
37. ( क्र. 2058 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में पुलिस आरक्षक भर्ती प्रक्रिया में आरक्षित वर्ग एवं अनारक्षित वर्ग में मूल निवासी होने में विसंगति है, जैसे आरक्षित वर्ग के अभ्यार्थियों को मूल निवासी होने की अनिवार्यता एवं अनारक्षित वर्ग में अनिवार्यता नहीं है यह विसंगति क्यों है? क्या शासन दो वर्गों को समान रखेगा जानकारी दी जावें? (ख) मध्यप्रदेश की पुलिस आरक्षक 2016 की भर्ती में कितने प्रतिशत अभ्यर्थी सामान्य, पिछड़ा वर्ग के मध्यप्रदेश के मूल निवासी चयनित हुए एवं कितने प्रतिशत मध्यप्रदेश के बाहर के अभ्यर्थी चयनित हुये? (ग) क्या शासन, अ.जा. एवं अ.ज.जा. के अभ्यार्थियों के समान सामान्य एवं पिछड़ा वर्ग के अभ्यार्थियों को एक समान मध्यप्रदेश के मूल निवासी की अनिवार्यता करेगा यदि हाँ, तो चयन प्रक्रिया में कब तक बदलाव किया जावेगा?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी नहीं। शासन द्वारा निर्धारित भर्ती नियमों के अनुसार किसी प्रकार के आरक्षण का लाभ प्राप्त करने हेतु मध्यप्रदेश का मूल निवासी होना अनिवार्य है, परन्तु अनारक्षित वर्ग में मध्यप्रदेश के बाहर का निवासी भारत का नागरिक आवेदन कर सकता है। अनारक्षित वर्ग हेतु मध्यप्रदेश के निवासी होने की अनिवार्यता नहीं है। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) पुलिस आरक्षक भर्ती 2016 में कुल रिक्त पद 14283 के विरूद्ध 11363 उम्मीदवार चयनित हुए। जिसमें अनारक्षित पदों पर चयनित अभ्यर्थियों की संख्या 7767 है। इसमें से मध्यप्रदेश के अनारक्षित वर्ग के चयनित अभ्यर्थी 5411 है, जो 47.61 प्रतिशत है तथा मध्यप्रदेश के बाहर के अनारक्षित वर्ग के चयनित अभ्यर्थी 2356 है, जिसका प्रतिशत 20.73 है। अन्य पिछड़ा वर्ग के आरक्षित पदों पर चयनित मध्यप्रदेश के अभ्यर्थियों की संख्या 862 है, जिसका प्रतिशत 7.58 है। (ग) जी नहीं। शेषांश प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
औद्योगिक प्रशिक्षण केन्द्र भवन निर्माण
[तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास]
38. ( क्र. 2070 ) श्री कुंवर सिंह टेकाम : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सीधी जिले की तहसील मझौली में औद्योगिक प्रशिक्षण केन्द्र संचालित है?यदि हाँ, तो जानकारी देवें? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या औद्योगिक प्रशिक्षण केन्द्र मझौली के लिये भवन निर्माण की स्वीकृति प्रदान कर दी गई है? यदि हाँ, तो लागत राशि सहित जानकारी देवें। यदि नहीं, तो कब तक भवन निर्माण की स्वीकृति प्रदान कर दी जावेगी? (ग) औद्योगिक प्रशिक्षण केन्द्र मझौली एवं कुसमी में कितने पद स्वीकृत हैं? स्वीकृत पदों में से कितने भरे एवं रिक्त हैं? पदवार जानकारी देवें। रिक्त पदों की पूर्ति कब तक कर दी जावेगी? (घ) औद्योगिक प्रशिक्षण केन्द्र कुसमी एवं मझौली में कौन-कौन से ट्रेड संचालित हैं एवं संचालित ट्रेडों में अध्ययनरत छात्रों की संख्या कितनी है? छात्रों के आवासीय व्यवस्था हेतु छात्रावास का निर्माण कब तक करा दिया जावेगा?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक जोशी ) : (क) जी हाँ। तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग के आदेश दिनांक 05.08.2015 के परिपालन में जिला सीधी में विकासखण्ड मझौली में आई.टी.आई. प्रारंभ की गई है। (ख) जी हाँ। म.प्र. शासन, तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग के आदेश दिनांक 20.08.2015 द्वारा राशि रूपये 995.27 लाख की प्रशासकीय स्वीकृति जारी की गई। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) आई.टी.आई. कुसमी एवं मझौली में संचालित ट्रेड एवं प्रशिक्षणार्थियों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। आई.टी.आई. मझौली में छात्रों के लिये 60 सीटर तथा छात्राओं के लिये 60 सीटर छात्रावास के निर्माण की प्रशासकीय स्वीकृति जारी की गई है। निर्माण कार्यों के लिये जारी किये गये वर्क ऑर्डर में पूर्णता की तिथि 16.03.2018 निर्धारित है। आई.टी.आई.कुसमी में छात्रावास भवन का प्रावधान नहीं है।
शासकीय नजूल भूमि के पट्टों का प्रदाय
[राजस्व]
39. ( क्र. 2079 ) श्रीमती प्रमिला सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विगत 100 वर्षों से नगर शहडोल के लोग मकान बनाकर निवास कर रहे हैं तथा दुकानें संचालित कर रहे हैं किंतु उन्हें राजस्व विभाग से किसी प्रकार के पट्टे आदि प्रदान नहीं किये गये हैं? (ख) क्या मकान और दुकानों के जर्जर होने पर आपस में सीमा को लेकर गंभीर विवाद होते हैं तथा मरम्मत के लिए बैंक/वित्तीय संस्थाओं से कर्ज आदि नहीं मिल पाते हैं? (ग) क्या माननीय मुख्यमंत्री जी, विभागीय मंत्री जी व प्रभारी मंत्री जी के शहडोल प्रवास के दौरान नगरवासियों के द्वारा समस्या को लेकर अभ्यावेदन प्रस्तुत किये गये हैं? (घ) प्रश्नांश (ग) यदि सही है तो शासन के द्वारा इस संबंध में अब तक क्या कार्यवाही की गई है? क्या समस्या के निदान हेतु शासन द्वारा सकारात्मक कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
डायवर्सन शुल्क व स्टाम्प ड्यूटी
[राजस्व]
40. ( क्र. 2126 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) हरदा जिले की सभी छः तहसीलों में डायवर्सन शुल्क व स्टाम्प ड्यूटी की दर क्या है व उसका मापदण्ड क्या है? (ख) क्या हरदा जिले की सभी छः तहसीलों में अलग-अलग डायवर्सन व स्टाम्प ड्यूटी शुल्क निर्धारित है? यदि हाँ, तो उसका क्या कारण है? (ग) क्या खिरकिया तहसील की डायवर्सन शुल्क व स्टाम्प ड्यूटी दर हरदा जिला मुख्यालय होने के बाद भी उससे अधिक है? (घ) यदि हाँ, तो उसका क्या कारण है? क्या इस विसंगति को दूर किये जाने के संबंध में विभाग द्वारा कोई कार्यवाही प्रचलन में है अथवा की जावेगी व जिला मुख्यालय में जो ज्यादा शुल्क व स्टाम्प ड्यूटी ली गई है वह संबंधितों को वापस की जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
घुसपैठियों को चिन्हित कर उनके विरूद्ध कार्यवाही
[गृह]
41. ( क्र. 2154 ) श्री वेलसिंह भूरिया : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. में कितने बंग्लादेशी घुसपैठिये निवास कर रहे हैं? इनमें से कितने घुसपैठियों ने राशन कार्ड तथा वोटर आई.डी. कार्ड भी बनवा लिये हैं? (ख) अभी तक कितने घुसपैठियों को चिन्हित कर उनके विरूद्ध कार्यवाही की गई व कितनों को वापस भेजा गया? यदि नहीं, तो क्यों? इसके लिए कौन दोषी है? (ग) भविष्य में कोई भी बंग्लादेशी, प्रदेश में घुसपैठ न कर सके इसकी रोकथाम के लिए गृह मंत्रालय ने क्या कार्यवाही की है?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) म.प्र. में जिला इन्दौर में 03 और जिला रायसेन में 01 कुल 04 बंग्लादेशी घुसपैठी चिन्हित किये गये है। जिला रायसेन में एक बंग्लादेशी नागरिक अवैध रूप से निवास करना पाया गया, जिसने राशन कार्ड तथा वोटर कार्ड भी बनवा लिया है। (ख) अभी तक प्रदेश में जिला रायसेन में 01 इन्दौर में 03 कुल 04 बंग्लादेशी घुसपैठी चिन्हित किये गये है। जिला रायसेन का 01 बंग्लादेशी घुसपैठी के विरूद्ध वैधानिक कार्यवाही की गयी है। प्रकरण की अपील न्यायालय में विचाराधीन होने एवं सुनवाई की अगली तिथि दिनांक 21.3.2017 नियम होने से उक्त का वापस भेजने संबंधी कार्यवाही न्यायालयीन निर्णय उपरान्त विधि अनुरूप की जायेगी। जिला इन्दौर के 03 बंग्लादेशी घुसपैठियों को क्रमशः दिनांक 04.11.2016 को 01 एवं 03.12.2016 को 02 को डिपोर्ट किया गया। (ग) कोई भी बंग्लादेशी प्रदेश में घुसपैठ न कर सके इसकी रोकथाम के लिये भारत सरकार के निर्देश दिनांक 23 नवम्बर 2009 की कंडिका-2 की उप कंडिका-3 के पालन में जिला स्तर पर स्पेशल टास्क फोर्स का गठन किया गया है, जिसके द्वारा जिले के थाना स्तर पर सतत् निगाह रखी जा रही है।
विभाग को भारत सरकार से मिलने वाला बजट
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
42. ( क्र. 2248 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विगत पाँच वर्षों में पेयजल हेतु भारत सरकार तथा राज्य सरकार द्वारा खर्च की गयी राशि की जानकारी वर्षवार दें? (ख) क्या पिछले वर्ष 2016 में सूखा राहत के तहत पेयजल की उपलब्धता हेतु बनायी गयी कार्ययोजना भारत सरकार से राशि प्राप्त न होने के कारण कार्यरूप नहीं ले सकी? (ग) क्या बजट के अभाव में प्रदेश के बिगड़े हुऐ हैण्डपंपों की मरम्मत हेतु पाईप तथा अन्य छोटी-छोटी सामग्री विभाग को उपलब्ध न कराए जाने के कारण हैण्डपंप की मरम्मत का कार्य रूका हुआ है ये सामग्रीयाँ विभाग में कब तक उपलब्ध करा दी जाएगी ताकि आगामी ग्रीष्म ऋतु में हैण्डपंपों की मरम्मत की जा सके?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। (ग) जी नहीं, पर्याप्त मात्रा में सामग्री उपलब्ध है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
बंद नल-जल योजना चालू कराने बावत्
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
43. ( क्र. 2304 ) श्री हरवंश राठौर : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) परि.अतारांकित प्रश्न संख्या 67 (क्र. 1016) कार्यवाही दिनांक 16/12/16 को अतारांकित प्रश्न संख्या 34 (क्रं. 1368) दिनांक 29/07/15 के संबध में बतायें कि स्त्रोत के असफल होने के कारण बंद नल-जल योजनाओं की संख्या क्या है और माननीय विभागीय मंत्री महोदय के जबाव के बाद अभी तक विभाग द्वारा नए स्त्रोत के संबंध में क्या कार्यवाही की गई है? (ख) क्षेत्र की ऐसी कितनी नल-जल योजनाएं हैं जो क्षतिग्रस्त पाइप लाइनों तथा वोर में पाइपों की कमी के कारण एवं अन्य तकनीकी कारणों से बंद है। इनमें कब तक सुधार कार्य करवाया जाकर ग्रामीणों को पेयजल उपलब्ध कराया जावेगा?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) प्रश्नांकित पूर्व प्रश्नों के संबंध में स्रोत असफल होने के कारण बंद नल-जल योजनाओं की संख्या 9 थी माननीय विभागीय मंत्री जी के जवाब के बाद विभाग द्वारा 7 योजनाओं में नलकूप स्रोत कराये गये जिनमें से 3 सफल रहे एवं 4 में पर्याप्त जल आवक क्षमता प्राप्त नहीं हुई तथा 1 योजना के लिये स्रोत सार्वजनिक कूप लिया है एवं 1 योजना के समस्त अवयव खराब होने से कार्य नहीं कराया गया। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) 42 योजनाएं बंद हैं। ‘नल से जल, आज और कल‘ कार्यक्रम के अंतर्गत अधिक से अधिक बंद योजनाओं को चालू करने का प्रयास विभाग एवं ग्राम पंचायत द्वारा किया जा रहा है। निश्चित समयावधि नहीं बताई जा सकती।
युवतियों के क्रय-विक्रय पर रोक
[गृह]
44. ( क्र. 2317 ) कुँवर विक्रम सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विगत 5 वर्षों में बुन्देलखण्ड के सागर संभाग में लिंगानुपात में अंतर के चलते उड़ीसा, बिहार समेत देश के विभिन्न प्रांतों से शादी के नाम पर हजारों युवतियों को बेचा गया? (ख) क्या युवतियों के क्रय-विक्रय का अवैध धंधा कई संगठित गिरोह संचालित कर रहे हैं? (ग) राज्य सरकार ने युवतियों के क्रय-विक्रय पर प्रभावी अंकुश लगाने के लिए क्या प्रयास किये और पुलिस को कितनी सफलता मिली जिलेवार जानकारी दें?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी नहीं। 02 घटनाओं में, टीकमगढ़ जिले में 01 एवं दमोह जिले में 01 घटनाओं में एक-एक महिला शादी के नाम पर उड़ीसा से खरीद कर लाई गई है। (ख) जी नहीं। (ग) राज्य सरकार द्वारा महिलाओं के सुरक्षा सुदृढ़ करने एवं क्रय विक्रय पर प्रभावी अंकुश लगाने हेतु जिला मुख्यालय स्तर पर महिला प्रकोष्ठ एवं परिवार परामर्श केन्द्र जिला स्तर पर मानव दुर्व्यापार विरोधी सेल का गठन किया गया है जिसके प्रभारी अधिकारी अति. पुलिस अधीक्षक है। थाना स्तर पर महिला डेस्क की स्थापना के साथ-साथ 100 डायल, निर्भया मोबाइल, महिला हेल्प लाईन 1090 संचालित की जा रही है। समस्त विद्यालयों में जागरूक हेतु सेमिनार का आयोजन किया जाकर जागरूक संवाद शिविर का आयोजन किया जा रहा है। यह एक सतत् प्रक्रिया है।
इंजीनियरिंग कॉलेज, आई.टी.आई. एवं कौशल विकास केन्द्र की सुविधाएं
[तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास]
45. ( क्र. 2360 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रतलाम, मंदसौर, नीमच तीनों जिलों के अंतर्गत एकमात्र पॉलीटेक्निक कालेज जावरा के अलावा तकनीकी उच्च शिक्षा हेतु कोई अन्य शासकीय महाविद्यालय नहीं है साथ ही आई.टी.आई. मात्र जिला मुख्यालयों पर बड़े तहसील केन्द्रों पर भी नहीं है तथा कौशल विकास केन्द्र इक्का-दुक्का प्रांरभ हुए है? क्या हजारों की संख्या में छात्र-छात्राओं को अनेक परेशानियां एवं बड़ी राशि खर्च करते हुए इंदौर, उज्जैन की ओर जाने को मजबूर होना पड़ता है? (ख) उज्जैन संभाग के केन्द्र स्थल जावरा नगर में स्थापित विगत कई वर्षों से संचालित पॉलीटेक्निक कालेज परिसर में आवश्यकता से अधिक पर्याप्त भूमि एवं मशीन, भवन, होस्टल इत्यादि होने के बावजूद इंजीनियरिंग कालेज, आई.टी.आई. की सुविधाएं क्यों नहीं दी जा रही? (ग) जावरा नगर एवं आसपास के क्षेत्रों से भी छात्र-छात्राओं द्वारा एवं जनप्रतिनिधियों द्वारा लगातार विगत कई वर्षों से उपरोक्त व्यवस्थाएं प्रदान किये जाने हेतु संघर्ष किया जा रहा है तो कब तक सुविधाएं दी जाकर कब तक कार्य प्रारंभ किया जाएगा?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक जोशी ) : (क) जी नहीं। रतलाम जिले में शासकीय पॉलीटेक्निक महाविद्यालय जावरा के साथ-साथ जिला मुख्यालय मंदसौर एवं नीमच जिले के जावद में शासकीय पॉलीटेक्निक महाविद्यालय संचालित है। रतलाम, मंदसौर तथा नीमच जिले में आई.टी.आई. की जानकारी निम्नानुसार है:-
क्र. |
जिले का नाम |
विकासखण्ड |
आई.टी.आई. का नाम |
1 |
मंदसौर |
मंदसौर |
मंदसौर |
भानपुरा |
भानपुरा एवं शामगढ़ |
||
मल्लहारगढ़ |
मल्लहारगढ़ |
||
सीतामऊ |
सीतामऊ |
||
गरौठ |
गरौठ |
||
2 |
रतलाम |
रतलाम |
रतलाम एवं म.रतलाम |
सैलाना |
सैलाना |
||
आलोट |
आलोट |
||
बाजना |
बाजना |
||
पिपलौदा |
- |
||
जावरा |
- |
||
3 |
नीमच |
नीमच |
नीमच |
जावद |
जावद |
||
मनासा |
मनासा एवं रामपुरा |
उक्तानुसार पर्याप्त संख्या में आई.टी.आई. की उपलब्धता है। (ख) जावरा पॉलीटेक्निक जावरा में उपलब्ध संसाधन पॉलीटेक्निक महाविद्यालय संचालित के लिये आवश्यक मापदण्डों के अनुरूप है। इंजीनियरिंग महाविद्यालय संचालित किये जाने के अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद् नई दिल्ली के मापदण्ड पृथक है। तकनीकी शिक्षा विभाग की नीति के अनुसार प्रत्येक विकासखण्ड में न्यूनतम एक आई.टी.आई. अथवा एक एस.डी.सी. स्थापित करने की योजना है। विकासखण्ड जावरा में एक प्रायवेट आई.टी.आई. संचालित है। वर्तमान में ऐसे 64 विकासखण्ड है जिनमें कोई शासकीय एवं प्रायवेट आई.टी.आई. नहीं है। (ग) कोई प्रस्ताव शासन स्तर पर विचाराधीन नहीं है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
गुमशुदा एवं अपहृतों की पताशजी व कार्यवाही
[गृह]
46. ( क्र. 2418 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र सारंगपुर अंतर्गत वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक कितने बच्चे/बालिका के गुमशुदगी की रिपोर्ट पुलिस थाने में दर्ज कराई गई? थानावार विवरण दें? (ख) प्रश्नांश (क) के गुम हुए व्यक्तियों में से किन-किन को पुलिस द्वारा खोजबीन कर बरामद किय गया? उनके नाम पते सहित थानावार विवरण दें। शेष को बरामद क्यों नहीं किया गया उसके क्या कारण है? थानावार बताऐं। (ग) प्रश्नांश (क) की अवधि में विधानसभा क्षेत्र सारंगपुर अंतर्गत लड़कियों/महिलाओं के अपहरण व भगाकर ले जाने के कितने प्रकरण थाने में दर्ज है? कितने प्रकरणों में अपराधी पकड़े गये एवं न्यायालय में चालान पेश किया गया तथा कितने प्रकरण ऐसे हैं, जिनमें पताशजी नहीं हो सकी व अपराधी नहीं पकड़े जा सके?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) विधानसभा क्षेत्र सारंगपुर अंतर्गत वर्ष 2014 से दिनांक 31.01.2017 तक 48 बच्चे/बालिका के गुमशुदगी की रिपोर्ट पुलिस थानों में दर्ज कराई गई। थानावार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश ’क’ के उत्तर में वर्णित 48 बच्चे/बालिका में से 38 बच्चे/बालिका को बरामद कर लिया गया है। बाल न्यायालय (बालकों का संरक्षण) अधिनियम 2015 की धारा 74 के तहत बालकों की पहचान प्रकटन का प्रतिषेध होने के कारण नाम पते की जानकारी दी जाना संभव नहीं है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट में समाहित है। शेष 10 की बरामदगी हेतु प्रयास जारी है। (ग) प्रश्नांश ’क’ की अवधि में विधानसभा क्षेत्र सारंगपुर अंतर्गत थानों में लड़कियों/महिलाओं के अपहरण व भगाकर ले जाने के 62 प्रकरण कायम किये गये, 44 प्रकरणों में अपराधी गिरफ्तार कर न्यायालय में चालान पेश किये गये, 02 प्रकरणों में खारजी कता की गई तथा 16 प्रकरण ऐसे हैं जिनमें पतासाजी नहीं हो सकी व अपराधी नहीं पकड़े जा सके हैं।
सेन्ट्रल जेल का निर्माण
[जेल]
47. ( क्र. 2448 ) श्री सुदर्शन गुप्ता (आर्य) : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या इन्दौर जिले में सांवेर रोड पर कैदियों के लिये सेन्ट्रल जेल का निर्माण किया जा रहा है? यदि हाँ, तो यह निर्माण कार्य कितने वर्षों से किया जा रहा है व कितने प्रतिशत निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है? (ख) क्या प्रश्नांश (क) अनुसार निर्माणाधीन सेन्ट्रल जेल का कार्य वर्तमान में रूका हुआ है? यदि हाँ, तो क्यों व विभाग द्वारा निर्माण कार्य पुनः प्रारंभ करने हेतु क्या कार्यवाही की जा रही है? कब तक निर्माण कार्य पूर्ण कर लिया जावेगा?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी हाँ। 06 वर्ष, 2002 से 2008 तक। 15 प्रतिशत निर्माण कार्य पूर्ण। (ख) जी हाँ। विभाग द्वारा निर्माण कार्य पुन: प्रारंभ करने हेतु कार्यवाही की जा रही है। लगभग 03 वर्ष की अवधि लगना संभावित है।
थानों एवं चौकियों में पदस्थ अमला
[गृह]
48. ( क्र. 2600 ) डॉ. कैलाश जाटव : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गोटेगांव विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कितने थाने एवं चौकियां हैं? इन थानों एवं चौकियों में पदस्थ अधिकारियों एवं कर्मचारियों के स्वीकृत पद एवं नाम उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के सदर्भ में उक्त थानों एवं चौकियों में ग्राम रक्षा समितियों का गठन कब किया गया? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में वर्ष २०१३-१४, २०१४-१५, २०१५-१६ एवं २०१६-१७ में इन समितियों का सम्मेलन किस-किस स्थानों पर किया गया? इन सम्मेलनों में समिति के कितने सदस्य उपस्थित हुए एवं उनके अधिकार क्या-क्या हैं?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) 03 थाने एवं 01 चौकी है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’अ’ एवं ’ब’ अनुसार। (ख) (1) थाना ठेमी में ग्राम रक्षा समिति का गठन दिनांक 11.02.2008 को किया गया। (2) थाना मुंगवानी में ग्राम रक्षा समिति का गठन दिनांक 02.01.2009 को किया गया। (3) थाना गोटेगांव में ग्राम रक्षा समिति का गठन दिनांक 05.01.2010 को किया गया। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’स’ अनुसार। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’द’ अनुसार।
आई.टी.आई. ब्यावरा की बाउण्ड्रीवाल एवं पहुँच मार्ग निर्माण
[तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास]
49. ( क्र. 2627 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के तारांकित प्रश्न संख्या 10 क्रमांक 322, दिनांक 07 दिसम्बर 2016 के उत्तर में बताया गया था कि आई.टी.आई. ब्यावरा परिसर की बाउण्ड्रीवॉल निर्माण हेतु प्रस्तुत प्रस्ताव परीक्षण कर परियोजना परीक्षण समिति के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा। स्वीकृति होने पर निर्माण की कार्यवाही हो सकेगी? तो उक्त प्रस्ताव में परियोजना परीक्षण समिति से स्वीकृति प्राप्त कर ली गई है अथवा नहीं? यदि हाँ, तो कब तक बाउण्ड्रीवॉल निर्माण कार्य कराया जाएगा? यदि नहीं, तो कब तक उक्त प्रस्ताव में स्वीकृति प्रदान की जावेगी? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या आई.टी.आई. ब्यावरा तक पहुँच मार्ग निर्माण कार्य हेतु राशि रूपये 6.27 लाख की पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति भी प्रश्न दिनांक तक लंबित है? यदि हाँ, तो क्यों? (ग) क्या शासन उपरोक्तानुसार दोनों प्रस्तावों को स्वीकृति प्रदान करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक जोशी ) : (क) जी हाँ। दिनांक 31.01.2017 को परियोजना परीक्षण समिति की बैठक में आई.टी.आई. ब्यावरा की बाउण्ड्रीवॉल के निर्माण के लिये प्रस्ताव पर अनुमोदन दिया गया है। प्रशासकीय आदेश जारी कर दिया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) विभाग के आदेश, दिनांक 21 सितम्बर 2016 द्वारा परियोजना परीक्षण समिति की बैठक दिनांक 25.06.2016 में की गई अनुशंसा अनुसार मंत्रिपरिषद् के आदेश दिनांक 02 अगस्त 2016 के पालन में आई.टी.आई., ब्यावरा की प्रशासकीय स्वीकृति राशि रूपये 497.47 लाख से पुनरीक्षित कर राशि रूपये 630.48 लाख की गई। परियोजना संचालक, लोक निर्माण विभाग, पी.आई.यू., भोपाल द्वारा दी गई जानकारी अनुसार पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति में से राशि रूपये 603.48 लाख में पहुँच मार्ग की राशि रूपये 6.27 लाख सम्मिलित है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
टप्पा कार्यालय सुठालिया का भवन निर्माण
[राजस्व]
50. ( क्र. 2628 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के अतांराकित प्रश्न संख्या 36 ( क्रमांक 333) दिनांक 07 दिसम्बर 2016 के उत्तर की कंडिका (ग) में बताया गया है कि टप्पा कार्यालय सुठालिया के भवन निर्माण हेतु कलेक्टर राजगढ़ से प्राप्त प्रस्ताव में कुछ विसंगतियां परिलक्षित होने के कारण, कलेक्टर से पुन: संशोधित प्रस्ताव चाहा गया है। उक्त प्रस्ताव प्राप्त होने पर, नियमानुसार कार्यवाही पूर्ण कर भवन निर्माण की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की जायेगी? तो उक्त पत्र की प्रति उपलब्ध कराते हुये बतावें, कि क्या प्रश्न दिनांक तक संशोधित प्रस्ताव प्राप्त हो चुका है? यदि हाँ, तो क्या भवन निर्माण की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान कर दी गई? (ख) क्या शासन उक्त कार्यालय के सुचारू रूप से संचालन हेतु संशोधित प्रस्ताव प्राप्त कर भवन निर्माण की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। प्रति संलग्न परिशिष्ट पर है। संशोधित प्रस्ताव प्राप्त हो चुका है। भवन निर्माण की प्रशासकीय स्वीकृति के लिये सक्षम समिति से अनुमोदन प्राप्त करने की कार्यवाही प्रचलित है। (ख) संशोधित प्रस्ताव प्राप्त हो चुका है, कार्यवाही प्रचलित है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
नल-जल योजना का क्रियान्वयन
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
51. ( क्र. 2669 ) श्री दीवानसिंह विट्ठल पटेल : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) पानसेमल विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कहां-कहां पर नल-जल योजनाएं शासन के द्वारा स्वीकृत कर निर्मित की गई हैं? (ख) प्रश्नांक (क) में उल्लेखित नल जल योजानाओं में से कौन–कौन सी प्रश्न दिनांक तक संचालित हैं तथा कौन कौन सी योजनाएं किन कारणों से बंद है, इन बंद पड़ी योजनाओं को कब तक किस प्रकार प्रारम्भ किया जावेगा? (ग) पानसेमल विधानसभा क्षेत्र के नगर खेतिया, पानसेमल एवं पलसुद में स्वीकृत की गई नल-जल योजना की क्या स्थिति है, कार्य कब तक प्रारम्भ होगा तथा ग्राम पंचायत निवाली बुजुर्ग में स्वीकृत नल–जल योजना का कार्य क्यों बंद है? इसे कब तक पूर्ण किया जावेगा?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) नगर खेतिया, पानसेमल एवं पलसुद नगरीय क्षेत्र हैं इनमें पेयजल व्यवस्था का दायित्व संबंधित स्थानीय निकायों का है। स्थानीय निकायों द्वारा दी गई नगरों की जानकारी संकलित कर पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। ग्राम निवाली बुजुर्ग की नल-जल योजना के कार्य वर्तमान में प्रगतिरत हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
सीमांकन / बंटवारा /नामांतरण के प्रकरण
[राजस्व]
52. ( क्र. 2672 ) श्री दीवानसिंह विट्ठल पटेल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश शासन के नियमानुसार सीमांकन, बंटवारा एवं नामांतरण आवेदन प्रस्तुत करने के उपरान्त कितनी समय-सीमा में प्रकरण के निराकरण करने का प्रावधान है? नियम की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) जनवरी 2016 से प्रश्न दिनांक तक विधानसभा क्षेत्र पानसेमल जिला बड़वानी में कितने प्रकरण सीमांकन, बटवारा एवं नामांतरण के लंबित है? (ग) प्रकरण किन-किन कारणों से लंबित हैं, लंबित प्रकरणों का निराकरण कब तक कर दिया जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
पटवारी चयन 2008 में समानता के आधार पर नियुक्ति
[राजस्व]
53. ( क्र. 2819 ) चौधरी मुकेश सिंह चतुर्वेदी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परि.अतारांकित प्रश्न संख्या 16 (क्र. 1578), दिनांक 11 मार्च 2011 वर्ष 2011 के उत्तर (ग) में निम्न जिलों में कम्प्यूटर डिप्लोमा नवीन सत्र के मान्य किये गये वे जिले इस प्रकार हैं :- अशोकनगर, दतिया, उज्जैन, देवास, मंदसौर, खरगोन, खण्डवा, रायसेन, विदिशा, सागर, छतरपुर, रीवा, सतना, होशंगाबाद व मुरैना में मान्य किये गये हैं, भिण्ड में मान्य करेंगे क्या? (ख) भिण्ड में नवीन सत्र के डिप्लोमा जमा की संख्या प्रश्न क्र. 1578, दिनांक 11.03.2011 के उत्तर (ग) में निरंक बताई गई है, जबकि डिप्लोमा 30.11.2009 तक जमा है? भू-अभिलेख भिण्ड के पूर्व लिपिक बीना वर्मा पर कार्यवाही करेंगे? (ग) इनकी समानता के आधार पर नियुक्ति कितने माह में करेंगे? इनके साथ क्या समानता की जाएगी? (घ) भिण्ड की अंतिम एकीकृत सूची दिनांक 18.01.2011 के अनुसार नवीन सत्र के उम्मीदवारों को विवादित दर्शाकर स्थान सुरक्षित रखा गया, इनको 3 वर्ष 6 माह तक विवादित क्यों रखा गया? कारण बतायें। (ड.) श्रीमान प्रमुख सचिव राजस्व महोदय भोपाल के अर्द्धशासकीय पत्र क्र. 208, दिनांक 06.09.2013 द्वारा मुरैना में पटवारियों की नियुक्ति करने के पत्र की प्रति उपलब्ध करायें, समस्त जिलों के नवीन सत्र के उम्मीदवारों की नियुक्ति की गई है? उनके प्रमाण-पत्र उपलब्ध करायें।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। (मुरैना छोड़कर) जी नहीं, (ख) जी हाँ, जानकारी नियमानुसार होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश ''ख'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उद्भूत नहीं होता। (घ) भिण्ड की अंतिम एकीकृत सूची दिनांक 18/01/2011 में नवीन सत्र के उम्मीदवारों की छानबीन करने में समय लगने से विवादित रखा गया था। (ड.) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार, नवीन सत्र में किसी जिले में कोई नियुक्ति नहीं की गयी है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नल-जल योजनाओं के संबंध में
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
54. ( क्र. 2830 ) श्री विष्णु खत्री : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) बैरसिया विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत कितनी नल-जल योजनाओं की अनुशंसा ग्रामसभा अथवा प्रश्नकर्ता द्वारा जनवरी 2014 से दिसम्बर 2016 के मध्य की गयी है? सूची उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) में दर्शित योजनाओं की वर्तमान स्थिति क्या है? इनमें से कितनी योजनायें स्वीकृत हो गयी हैं? इन स्वीकृत योजनाओं में कितनी योजनाओं का लाभ ग्रामवासियों को मिलने लगा है एवं कितनी योजनायें का लाभ ग्रामवासियों को अभी नहीं मिल पा रहा है? सूची उपलब्ध करायें। (ग) प्रश्नांश (ख) में दर्शित जिन नल-जल योजना का लाभ ग्रामवासियों को नहीं मिल पा रहा है, इसके क्या कारण रहे हैं एवं इनको कब तक पूर्ण कर लिया जावेगा?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) कुल 4 नल-जल योजनाओं की अनुशंसा की गई। सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) सभी योजनाएं स्वीकृत हैं। 2 योजनाओं से ग्रामवासियों को आंशिक लाभ मिल रहा है एवं शेष 2 योजनाओं से लाभ नहीं मिल रहा है। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। निश्चित समयावधि नहीं बताई जा सकती।
राजस्व ग्राम घोषित करना
[राजस्व]
55. ( क्र. 2832 ) श्री विष्णु खत्री : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र बैरसिया की ग्राम पंचायतों के कौन-कौन से ग्राम आबादी होने के बाद भी राजस्व ग्राम के रूप में घोषित नहीं किया गया है, आबादी सहित सूची उपलब्ध करावें। (ख) क्या विधानसभा क्षेत्र बैरसिया की ग्राम पंचायत रमपुरा का बालाचौन, ग्राम पंचायत जमूसरखुर्द का लालूखेडी एवं भूरीपठार, ग्राम पंचायत खजूरिया का मैनापुरा, ग्राम पंचायत इस्लामनगर का मस्तीपुरा, ग्राम पंचायत तरावली कलां का करोली, ग्राम पंचायत सेमरी का मोतीपुरा एवं ग्राम पंचायत कोटरा चोपड़ा का चोपड़ा वर्तमान में राजस्व ग्राम के रूप में घोषित किया गया है अथवा नहीं। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) में दर्शित ग्राम को विभाग कब तक राजस्व ग्राम घोषित करेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) विधान सभा क्षेत्र बैरसिया की ग्राम पंचायत जमूसरखुर्द से लालूखेडी एवं इस्लाम नगर से मस्तीपुरा राजस्व ग्राम घोषित किया जा चुका है। भूरी पठार के रूप में ग्राम जमूसरखुर्द विद्यमान है। ग्राम पंचायत रमपुरा का बालाचोन, खजूरिया का मैनापुरा, तरावली कलां का करोली, सेमरी का मोतीपुरा एवं ग्राम पंचायत कोटरा चोपड़ा का चोपड़ा को निर्धारित मापदंड न होने से राजस्व ग्राम घोषित नहीं किया गया है। (ग) प्रश्नांश ’क’ एवं ’ख’ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत के मजरा टोलों को राजस्व ग्राम घोषित करने बावत्
[राजस्व]
56. ( क्र. 2858 ) श्री हरवंश राठौर : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत ऐसे कितने मजरा टोला हैं जो कि राजस्व ग्राम की पात्रता रखते है। (ख) विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत ऐसे ग्राम जो कि भौगोलिक दृष्टि से ग्राम मुख्यालय से पर्याप्त दूरी पर है, बीच में नदी/नाला है तथा जनसंख्या भी पर्याप्त है उनको राजस्व ग्राम घोषित करने के लिए कलेक्टर सागर को भी पत्र लिखे जा चुके है उन पर अभी तक क्या कार्यवाही की गई है? (ग) प्रस्तावित मजरा टोलों को कब तक राजस्व ग्राम घोषित कर दिया जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) 4 मजरा टोला है, जो राजस्व ग्राम की पात्रता रखते हैं। (ख) ऐसे ग्राम जो कि भौगोलिक दृष्टि से ग्राम मुख्यालय से पर्याप्त दूरी पर हैं बीच में नदी/नाला है तथा जनसंख्या भी पर्याप्त है उन मजरों को राजस्व ग्राम घोषित करने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ग) समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
प्रदेश में अन्य राज्यों के अभ्यर्थियों का चयन
[तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास]
57. ( क्र. 2880 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत 3 वर्षों से प्रश्न दिनांक तक मध्यप्रदेश व्यावसायिक परीक्षा मण्डल (प्रोफेशनल एक्जामिनेशन बोर्ड) के द्वारा मध्यप्रदेश में किन-किन सेवा परीक्षाओं का आयोजन किया गया? जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार मण्डल द्वारा आयोजित भर्ती परीक्षा में प्रत्येक विभाग में प्रदेश के अतिरिक्त अन्य राज्यों के कितने प्रतिशत अभ्यर्थियों को चयनित किया गया? विभाग के नाम सहित वर्षवार जानकारी देवें। (ग) यदि शासन द्वारा रिक्त पदों की पूर्ति हेतु मध्यप्रदेश में योग्य उम्मीदवार पर्याप्त संख्या में हैं तो अन्य राज्यों के अभ्यर्थियों को परीक्षा में सम्मिलित करने का क्या कारण है? (घ) देश के अन्य सभी प्रदेशों में मध्यप्रदेश के अभ्यर्थियों को प्रादेशिक सेवा परीक्षाओं में कितने प्रतिशत पद चयन हेतु निर्धारित किए गए है? राज्य के नाम सहित जानकारी दें।
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक जोशी ) : (क) विगत 03 वर्षों अर्थात 2014, 2015 एवं 2016 तथा प्रश्न दिनांक तक व्यावसायिक परीक्षा मण्डल द्वारा आयोजित परीक्षाओं की सूची जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) विगत 03 अर्थात 2014, 2015 एवं 2016 तथा प्रश्न दिनांक तक व्यावसायिक परीक्षा मण्डल द्वारा आयोजित परीक्षाओं की सूची जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (ग) प्रचलित नीति अनुसार। (घ) निरंक।
नामांतरन सीमांकन के प्रकरण कम्प्यूटर में दर्ज करना
[राजस्व]
58. ( क्र.
2896 ) श्रीमती
अनीता नायक :
क्या राजस्व
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) जिला
टीकमगढ़ की
तहसीलों में
कितने
नामांतरण, बँटवारा, सीमांकन
के प्रकरण
विगत तीन
वर्षों में
प्राप्त हुये
कितने का
निराकरण हुआ
और कितने लंबित
है वर्षवार
तहसीलवार
बतायें। (ख) प्रश्नांश
(क) में
उल्लेखित
सीमांकन
बँटवारा, नामांकरण
का कम्प्यूटर
क़े रिकॉर्ड
में शत्-प्रतिशत
अमल हो चुका
है कि नहीं
अगर लंबित है, तो
कारण बतायें। (ग)
सीमांकन, बँटवारा, नामांकन
के कितने
प्रकरण तहसील
में राजस्व
मामलों में
दर्ज कर लंबित
है इनके
निपटारे की
समय-सीमा
बतावें।
राजस्व
मंत्री ( श्री
उमाशंकर
गुप्ता ) : (क)
जानकारी संलग्न
परिशिष्ट अनुसार
है। (ख) जी
हाँ। शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (ग) जिला
अंतर्गत
दिनांक 31.01.2017 की
स्थिति में
नामांतरण के 679
बंटवारा के 481
एवं सीमांकन
के 14
प्रकरण तहसील
कार्यालयों
में लंबित है।
विवादित
प्रकरणों में
न्यायालयीन
प्रक्रिया के
अंतर्गत
निराकरण की कार्यवाही
प्रचलित है
जिनमें
समय-सीमा बताया
जाना संभव
नहीं है।
टीकमगढ़ जिले में गौचर भूमि पर अतिक्रमण
[राजस्व]
59. ( क्र.
2930 ) श्रीमती
अनीता नायक :
क्या राजस्व
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) टीकमगढ़
जिले में गौचर
की कितनी भूमि
आरक्षित है। (ख)
क्या
आरक्षित गौचर
भूमि पर दबंग
व्यक्तियों का
कब्जा है।
ग्रामवार
कब्जा करने
वाले व्यक्तियों
के नाम, खसरा
नंबर, रकवा
सहित बतावें। (ग)
गौचर भूमि पर
अतिक्रमण
हटाने की
सरकार की क्या
योजना है और
अतिक्रमण
करने वाले
व्यक्तियों
क़े विरूद्ध
क्या कार्यवाही
की गई। कब तक
गौचर भूमि
अतिक्रमण
मुक्त की
जावेगी।
राजस्व
मंत्री ( श्री
उमाशंकर
गुप्ता ) : (क) से
(ग) जानकारी
एकत्रित की जा
रही है।
थानों में जब्त वाहनों की नीलामी
[गृह]
60. ( क्र. 2983 ) श्री चन्दरसिंह सिसौदिया : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गरोठ विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत आने वाले थानों में कुल कितने दुपहिया, चौपहिया लोडिंग वाहन कब से जब्त शुदा हैं। इन जब्त शुदा वाहनों की नीलामी की क्या प्रक्रिया है वर्तमान में इन वाहनों की क्या स्थिति है क्या शासन इन वाहनों की नीलामी करेगा? यदि हाँ,, तो कब तक। (ख) पिछले दो वर्षों में क्षेत्र अंतर्गत कुल कितने दो पहिया वाहनों की चोरी किन किन थाना क्षेत्र अंतर्गत हुई। प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई कितने चोरी के प्रकरण में खुलासा हुआ। (ग) क्या दोपहिया वाहन चोरी के संबंध में क्षेत्र से लगातार शिकायतें प्राप्त हो रही हैं? क्या ऐसे प्रकरणों के संबंध कोई ठोस नीति है, जिससे इन घटनाओं को रोका जा सकें?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) गरोठ विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले थानों में वर्तमान में कोई चौपहिया लोडिंग वाहन जब्त नहीं है, सिर्फ जब्तशुदा 2 दोपहिया वाहन थाना परिसर में सुरक्षित रखे गये हैं। ये दो पहिया वाहन अपराध से संबंधित होने के कारण न्यायालयीन निर्णय उपरांत निर्णय अनुसार निराकृत किये जावेंगे। (ख) गरोठ विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत दिनांक 01.01.2015 से 31.01.2017 तक कुल 58 प्रकरणों में कुल 60 दो पहिया वाहन चोरी हुए थे जिनमें से कुल 30 प्रकरणों में खुलासा होकर 30 दो पहिया वाहन जब्त हुए हैं तथा 06 वाहन अन्यत्र/लावारिस जब्त होने से कुल 36 दोपहिया वाहन बरामद किये गये हैं। शेष प्रकरणों में वाहनों की पतासाजी के प्रयास जारी हैं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ग) जी नहीं। जी हाँ, दो पहिया वाहनों की चोरी की रोकथाम हेतु समय-समय पर संदिग्ध बदमाशों की जाँच एवं चेकिंग की जा रही है।
मजरों टोलों को राजस्व ग्राम घोषित किया जाना
[राजस्व]
61. ( क्र. 2984 ) श्री चन्दरसिंह सिसौदिया : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत आने वाले कुल कितनें मजरो टोलों को राजस्व ग्राम हेतु चिन्हांकित किया गया है, क्या ये चिन्हित मजरे टोले राजस्व ग्राम संबंधी मापदंड पूर्ण करते है? (ख) यदि हाँ, तो क्या इन ग्रामों को राजस्व ग्राम घोषित कर दिया गया है? यदि नहीं, तो कब तक किया जावेगा? ऐसे घोषित ग्रामों की सूची उपलब्ध करावें? (ग) मध्यप्रदेश शासन द्वारा पंचायत राज संस्थाओं को अविवादित नामान्तरण बंटवारा के अधिकार पूर्व की भाति पुनः ग्राम पंचायतों को सौंपे जाने का मामला विचाराधीन है? यदि हाँ, तो कब तक यह अधिकार पंचायत राज संस्थाओं को सौंपे जावेंगे। इनका क्रियान्वयन कब तक प्रारम्भ होगा।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) गरोठ विधान सभा क्षेत्र के 8 मजरे टोलों को चिन्हांकित किया गया है। चिन्हांकित मजरे राजस्व ग्राम संबंधी मापदण्ड पूर्ण करते हैं। (ख) जी हाँ। आठों मजरे टोलों को राजस्व ग्राम घोषित किया जा चुका है। जो निम्नवत है- 1.बधुनिया, 2. सुरावता का डेरा, 3. अंत्रालिया, 4. गणेशपुरा, 5. रतनपुरा, 6. नयागांव, 7. केथूली, 8.भीमपुरा। (ग) विभागीय अधिसूचना क्रमांक एफ-2-3/2010/सात/शा-6 भोपाल दिनांक 13.06.2016 से अविवादित नामान्तरण एवं बंटवारे के अधिकार पंचायतों को दिये गये है। क्रियान्वयन हेतु विभागीय पत्र क्रमांक एफ-2-3/2010/सात/शा-6 भोपाल दिनांक 18.01.2017 से समस्त कलेक्टर एवं तहसीलदारों को निर्देशित किया गया है। क्रियान्वयन जारी है।
नलकूप खुदाई के बाद उसका प्लेटफार्म बनाना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
62. ( क्र. 2985 ) श्रीमती योगिता नवलसिंग बोरकर : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या विभाग द्वारा सभी उपयोगी, अनुपयोगी नलकूपों का बेस प्लेटफॉर्म बनाया जाता है? (ख) क्या प्लेटफॉर्म बेस बनाने से पहले यह चेक नहीं किया जाता है, की नलकूप उपयोगी है या अनुपयोगी? (ग) अनुपयोगी सूखे नलकूप पर प्लेटफॉर्म बेस बनाने में क्या सरकार का आर्थिक नुकसान नहीं होता है? (घ) विगत एक वर्ष में कितने अनुपयोगी सूखे नलकूपों पर कितनी लागत से प्लेटफॉर्म बेस बनाये गये हैं? उस पर कितनी लागत आई हैं?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी नहीं। (ख) चेक किया जाता है। (ग) उत्तरांश ‘‘क’’ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) उत्तरांश ‘‘क’’ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
विकासखण्ड सिरमौर में रिक्त पदों की पूर्ति
[पशुपालन]
63. ( क्र. 2990 ) श्री दिव्यराज सिंह : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विकासखण्ड सिरमौर अंतर्गत संचालित पशु चिकित्सालयों में कुल कितने पद स्वीकृत हैं तथा कितने पद रिक्त हैं? इन रिक्त पदों को कब तक भरा जावेगा? (ख) पशु चिकित्सा क्षेत्राधिकारियों एवं पशु चिकित्सा सहायकों के रिक्त पदों को भरने के संबंध में विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं हैं। (ख) नियंत्रक व्यवसायिक परीक्षा मण्डल, भोपाल को सहायक पशु चिकित्सा क्षेत्र अधिकारी के 215 रिक्त पदों की पूर्ति हेतु दिनांक 06.02.2017 को प्रस्ताव प्रेषित किया गया हैं एवं लोक सेवा आयोग द्वारा दिनांक 18.05.2016 को पशु चिकित्सा सहायक शल्यज्ञ के 492 रिक्त पदों की पूर्ति हेतु विज्ञापन प्रसारित किया गया है।
विकासखण्ड जवा के ग्राम भनिगवां में हुए गोमती विश्वकर्मा हत्याकाण्ड की सी.आई.डी. जाँच
[गृह]
64. ( क्र. 2996 ) श्री दिव्यराज सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विकासखण्ड जवा जिला रीवा के ग्राम भनिगवां में दिनांक 24.03.2016 को गोमती विश्वकर्मा उम्र 60 वर्ष की हत्या कर दी गई थी, इस अंधे हत्याकाण्ड में विरोधाभाषी बयान होने के कारण मामला संदेहात्मक होने से क्या इस प्रकरण में सी.आई.डी. विभाग को जाँच सौंप दी गई है अथवा नहीं? यदि हाँ, तो सी.आई.डी. विभाग की जाँच किस चरण में है? (ख) यदि उक्त प्रकरण की जाँच अभी तक सी.आई.डी. विभाग को नहीं सौंपी जा सकी तो इसका क्या कारण है? क्या अन्य एजेंसी के माध्यम से उक्त प्रकरण की जाँच कराया जाना प्रस्तावित किया गया है? विभाग द्वारा उक्त प्रकरण की जाँच हेतु क्या समय-सीमा निर्धारित की गई है?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) दिनांक 24.03.2016 को थाना जवा जिला रीवा में गोमती प्रसाद विश्वकर्मा उम्र 60 वर्ष की हत्या अज्ञात आरोपियों द्वारा किये जाने पर अपराध क्रमांक 27/16 धारा 302, 201 भा.द.वि. पंजीबद्ध किया गया था। विवेचना के दौरान प्रकरण में आरोपी बैजनाथ, संजय कुमार उर्फ राजू, सत्यदेव विश्वकर्मा एवं लवकुश को दिनांक 20.04.2016 को गिरफ्तार किया गया। शेष दो आरोपी मोहन लाल एवं श्रीराम पाठक फरार है। प्रकरण में चालान तैयार कर न्यायालय में दिनांक 19.07.2016 को पेश किया गया, जो न्यायालय में विचाराधीन है। जी नहीं, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रकरण न्यायालय में विचाराधीन होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्रदेश के बालक/बालिकाओं के अपहरण/गायब होने से उत्पन्न स्थिति
[गृह]
65. ( क्र. 3036 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पुलिस मुख्यालय में उपलब्ध जानकारी के अनुसार 01 जनवरी 2015 से 31 दिसम्बर 2016 तक की अवधि में चंबल संभाग में कितने-कितने अव्यस्क बालक/बालिकाएं गायब/अपहृत हुईं? उनमें से कितने-कितने बालक/बालिकाएं वापस हुईं? (ख) उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में ग्वालियर, भिण्ड, दतिया, मुरैना एवं श्योपुर जिले के किस-किस थाने के अंतर्गत बालक/बालिकाएं गायब/अपहृत हुई है? उनमें से कितने-कितने बालक/बालिकाओं पुलिस द्वारा बरामद किया गया? (ग) क्या पुलिस महानिरीक्षक चंबल जोन (म.प्र.) पत्र क्रमांक/पुमनि/च.जोन/रीडर/315 दिनांक 22/12/2015 द्वारा प्रश्नकर्ता को लिखे गये पत्र में अपहृत बच्चों एवं युवाओं को बरामद हेतु पतारसी करने का प्रयास करने की जानकारी दी गई थी? यदि हाँ, तो उनमें से किन-किन को बरामद किया गया? (घ) उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में पुलिस महानिरीक्षक चंबल जोन के पत्र दिनांक 22/12/2015 के बिन्दु क्रमांक-1 में वर्णित अपहृत गोलू के सन्देही अमित गुप्ता से कब-कब पूछताछ की गई तथा प्रश्नकर्ता की जुलाई 2010 सत्र की शून्यकाल सूचना क्रमांक 159 के लिखित उत्तर में विभाग द्वारा गोलू निवासी भटपुरा के बारे में लड़की से मैत्रीपूर्व संबंध अंग्रेजी शराब पीने आदि बताने की जाँच किस अधिकारी द्वारा की गई? जाँच प्रतिवेदन का विवरण देवें?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ‘‘ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ब‘‘ अनुसार है। (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘स‘‘ अनुसार है। (घ) पुलिस महानिरीक्षक चंबल जोन द्वारा प्रश्नांश में वर्णित पत्र द्वारा संदेही अमित गुप्ता पर शंका जाहिर करने का उल्लेख किया गया था, किन्तु अभी तक की विवेचना के दौरान अमित गुप्ता की इस प्रकरण में शंका करने की कोई साक्ष्य न आने से पूछताछ नहीं की गई। थाना प्रभारी डी.एल. धनेले एवं स.उ.नि. एम. खान ने पुलिस अधीक्षक को गुमशुदगी जाँच के दौरान भेजे अपने संयुक्त प्रतिवेदन क्रमांक 1250/10 दिनांक 16.05.2010 में प्रश्नांश में वर्णित तथ्य की जानकारी दी थी। प्रकरण विवेचनाधीन होने से प्रतिवेदन दिया जाना संभव नहीं है।
खाद्य एवं अन्य वस्तुएं प्राप्त करने की पात्रता
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
66. ( क्र. 3053 ) श्री गोविन्द सिंह पटेल : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सार्वजनिक वितरण प्रणाली के द्वारा कौन-कौन से व्यक्ति खाद्य एवं अन्य वस्तुएं प्राप्त करने की पात्रता रखते हैं? श्रेणीवार बतावें। (ख) पात्रता रखने के बाद भी यदि कोई हितग्राही खाद्य मिलने से वंचित होता है तो उसके लिए विभाग क्या व्यवस्था करता है? (ग) जिन लोगों को पात्रता पर्ची नहीं मिली है उनके लिये विभाग की क्या नीति है? हर पात्र व्यक्ति को पर्ची मिले इसके लिए विभाग की क्या नीति है? (घ) हर पात्र व्यक्ति को सस्ता अनाज सार्वजनिक वितरण प्रणाली से मिल सके इसके लिए विभाग क्या पुख्ता योजना बना रहा है?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत पात्र परिवार के रूप में सम्मिलित श्रेणी के सत्यापित एवं पात्रता पर्चीधारी परिवारों को लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत खाद्यान्न, शक्कर, नमक एवं केरोसीन (शहरी क्षेत्रों में जिन परिवारों के डाटाबेस में एल.पी.जी. कनेक्शन की सीडिंग है उनको छोड़कर) प्राप्त करने की पात्रता है। पात्र परिवारों की श्रेणियों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) समग्र सामाजिक सुरक्षा मिशन के पोर्टल पर सत्यापन उपरांत वैध पात्रता पर्चीधारी परिवारों को राशन सामग्री का वितरण किया जा रहा है। पात्रता श्रेणी के अंतर्गत सत्यापन से छूटे हुए परिवार द्वारा स्थानीय निकाय में आवेदन प्रस्तुत कर सत्यापन समग्र पोर्टल पर कराने की व्यवस्था है। इन परिवारों को भारत सरकार द्वारा निर्धारित खाद्यान्न आवंटन सीमा के अंतर्गत पात्रता पर्ची जारी कर राशन वितरण किया जाएगा। (ग) भारत सरकार द्वारा निर्धारित खाद्यान्न आवंटन की सीमा से अधिक खाद्यान्न की आवश्यकता होने के कारण माह सितम्बर, 2016 से सत्यापित नवीन परिवारों को पात्रता पर्ची जारी नहीं की गई है। पात्र परिवार के रूप में सम्मिलित परिवारों के डी-डुप्लीकेशन की कार्यवाही प्रचलित है उसके उपरांत अपात्र परिवारों को हटाने पर निर्धारित खाद्यान्न आवंटन की सीमा के अंतर्गत ही नवीन सत्यापित परिवारों को सम्मिलित कर पात्रता पर्ची जारी की जा सकेगी। (घ) प्रश्नांश ‘’ग’’ के उत्तर के अनुसार।
नामांतरण आदेश के उपरांत इस वर्ष के बाद भी अभिलेख दुरूस्ती न किया जाना
[राजस्व]
67. ( क्र. 3078 ) श्री तरूण भनोत : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता ने अपने पत्र क्रमांक 4735 दिनांक 30.07.2016 को कलेक्टर जबलपुर को विकास प्राधिकारण जबलपुर द्वारा नामान्तरण आदेश के उपरांत तहसीलदार गोरखपुर द्वारा आदेश के दस वर्ष होने के पश्चात् भी रिकार्ड दुरूस्तीकरण नहीं किये जाने संबंधी पत्र कब किया था? (ख) क्या उक्त पत्र की प्रति अपर कलेक्टर जबलपुर एवं तहसीलदार गोरखपुर जबलपुर को भी दी जाकर ग्राम वक्षपुरप.ह.नं. 28/33 खसरा क्रमांक 299/2 के दुरूस्तीकरण हेतु लेख किया गया था? (ग) यदि वर्णित (क) (ख) सही तो क्या यह भी सही है कि जे.डी.ए. से फ्री होल्ड करवाने के बाद राजस्व रिकार्ड में अपना नाम दर्ज करवाने हेतु विगत इस वर्ष से शहीद गुलाब सिंह वार्ड शक्ति नगर जबलपुर के निवासी भटक रहे है एवं राजस्व अधिकारियों द्वारा बताया जाता है कि उक्त खसरा क्रमांक 299/2 विलोपित हो चुका है? (घ) कब तक ग्राम बंदनपुर प.ह.नं. 28/33 खसरा क्रमांक 299/2 से संबंधित हितग्राहियों को नाम राजस्व रिकार्ड में दर्ज हो जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
प्रचलित पर्यावरण कानून
[पर्यावरण]
68. ( क्र. 3114 ) श्री मुकेश नायक : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में जल, वायु और ध्वनि प्रदूषण नियंत्रण से संबंधित कौन-कौन से केन्द्रीय और राज्य सरकार के कानून प्रचलन में है? उनकी सूची दीजिये। (ख) इन कानूनों के तहत वर्ष 2014 से दिसम्बर 2016 तक राज्य में प्रदूषण फैलाने के संबंध में कितने अपराध कायम हुये और उन पर क्या कार्यवाही की गई? (ग) कचरा जलाने और सार्वजनिक स्थलों आवासीय इलाकों में धुआं फैलाने पर रोक के लिये राज्य में कौन सा कानून लागू है और वर्ष 2014 से दिसम्बर 2016 की अवधि में ऐसे कितने मामलों में क्या कार्यवाही की गई?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) केन्द्र सरकार के प्रचलित कानून निम्नानुसार हैः 1- जल (प्रदूषण निवारण तथा नियंत्रण) अधिनियम, 1974 2- वायु (प्रदूषण निवारण तथा नियंत्रण) अधिनियम, 1981 3- पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम 1986 के अंतर्गत लागू ध्वनि प्रदूषण (विनियमन एवं नियंत्रण) नियम, 2000 4- मध्यप्रदेश कोलाहल नियंत्रण अधिनियम, 1985 (ख) प्रश्नांश ‘‘क‘‘ में उल्लेखित कानूनों के तहत मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय कार्यालयों द्वारा वर्ष 2014 से दिसम्बर, 2016 तक विभिन्न न्यायालयों में 216 आपराधिक प्रकरण दर्ज कराये गये है, जो विभिन्न न्यायालयों में विचाराधीन है। (ग) कचरा जलाने और सार्वजनिक स्थलों, आवासीय इलाकों में धुंआं फैलाने पर रोक के लिये केन्द्र सरकार का ठोस अपशिष्ट प्रबंधन नियम एवं हथालन नियम, 2016 लागू है। निकाय स्तर पर कचरा न जलाने के संबंध में जन जागरूकता अभियान का संचालन किया गया है, साथ ही कर्मचारियों को भी कचरा न जलाने हेतु निर्देशित किया गया है। दिसम्बर, 2014 से दिसम्बर, 2016 तक दण्डात्मक कार्यवाही निरंक है।
विचाराधीन कैदियों को बाहर से प्राप्त होने वाले सामान पर लगाई रोक हटाना
[जेल]
69. ( क्र. 3184 ) श्री रमेश पटेल : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जेल में बंद विचाराधीन कैदियों के परिजनों से प्राप्त होने वाली मूलभूत देनदारी आवश्यक सामग्री पर रोक किन नियमों के तहत एवं कब से लगायी गई है? (ख) इस संबंधी में जारी आदेश की जानकारी देवें? (ग) जिन विचाराधीन कैदियों का दोष सिद्ध नहीं हुआ है उन्हें इन मूलभूत सुविधाओं से वंचित रखकर उनके मानवाधिकारों के हनन करने वाला यह आदेश कब तक निरस्त कर दिया जायेगा?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) कारागार अधिनियम, 1894 की धारा-31 एवं मध्यप्रदेश जेल नियमावली, 1968 के नियम-518 के अन्तर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए दिनांक 09 दिसम्बर, 2016 से रोक लगाई गई है। (ख) परिपत्र दिनांक 09/12/2016 की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) विचाराधीन कैदियों को नियमानुसार सभी मूलभूत सुविधाएं जेलों में शासन द्वारा उपलब्ध कराई जा रही हैं। उक्त परिपत्र को निरस्त करने का वर्तमान में कोई प्रस्ताव नहीं है तथापि परिपत्र दिनांक 12/01/2017 द्वारा बंदियों को दी जा रही सुविधाओं एवं आहार व्यवस्था में उन्नयन किया गया है। उक्त परिपत्र की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।
जेल अधिकारियों/प्रहारियों का वेतनमान
[जेल]
70. ( क्र. 3185 ) श्री रमेश पटेल : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जेल अधिकारियों/प्रहरियों का वेतनमान एवं अन्य भत्ते पुलिस विभाग से कमतर क्यों है जबकि दोनों विभागों की सेवा शर्तें समान हैं कारण बतावें? (ख) इस संबंध में कितनी समितियाँ कब-कब बनायी गई? उन्होंने अपनी रिपोर्ट कब एवं किसे प्रस्तुत की? समितिवार जानकारी उपलब्ध करावें? (ग) इन समितियों की अनुशंसाओं पर जो कार्यवाही की गई उसकी जानकारी देवें? यदि कार्यवाही नहीं की गई तो कारण बतावें? (घ) कब तक जेल अधिकारियों/प्रहरियों का वेतनमान एवं भत्ते पुलिस विभाग के अनुरूप कर दिये जायेंगे?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जेल अधिकारियों में सहायक जेल अधीक्षक एवं उप जेल अधीक्षक का वेतनमान पुलिस विभाग के समकक्ष अधिकारी उप निरीक्षक एवं निरीक्षक से मध्यप्रदेश वेतन पुनरीक्षण नियम, 1998 की अनुशंसा के अनुसार कम है। प्रहरियों का वेतनमान पुलिस विभाग के आरक्षक के समान है। पुलिस विभाग के आरक्षक को पोषण आहार भत्ता एवं एक माह का अतिरिक्त वेतन स्वीकृत है, जबकि जेल विभाग के अंतर्गत प्रहरी संवर्ग को पोषण आहार भत्ता एवं एक माह का अतिरिक्त वेतन स्वीकृत नहीं है। (ख) इस संबंध में कोई भी समिति नहीं बनायी गई है। शासन निर्देशानुसार जेल विभाग के अधिकारियों तथा कर्मचारियों के कैडर रिव्यू हेतु दिनांक 24/12/2016 को वरिष्ठ अधिकारियों की विभागीय समिति का गठन किया गया है। (ग) समिति की रिपोर्ट अपेक्षित है। (घ) समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
सहकारी दुकानों से बी.पी.एल. कार्डधारियों को योजना एवं हितग्राहियों को लाभ
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
71. ( क्र. 3195 ) श्री जालम सिंह पटेल : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नरसिंहपुर एवं गोटेगांव विधानसभा क्षेत्र में सहकारी दुकानों से बी.पी.एल. कार्डधारियों को योजना के द्वारा कितने प्रकार के पात्र हितग्राहियों को गेहूँ, चावल, केरोसिन, शक्कर दी जा रही है? (ख) कितने हितग्राहियों को खाद्य योजना का लाभ दिया जा रहा है संख्यावार जानकारी प्रदान करें? (ग) कितने पात्र हितग्राही शेष बचे हुए है जिनको लाभ दिया जाना है? क्या इसके लिए कोई कार्यवाही प्रचलित है?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) कोई भी सत्यापित पात्र परिवार लाभ से वंचित नहीं है। राज्य शासन द्वारा प्रदेश में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अंतर्गत 115.37 लाख परिवारों को प्रदेश में लाभान्वित किया जा रहा है। भारत सरकार से राज्य को प्राप्त 2,89,336 मे.टन की आवंटन सीमा से अधिक मात्रा में खाद्यान्न की आवश्यकता होने के कारण अगस्त, 2016 के पश्चात चिन्हांकित परिवारों को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अंतर्गत शामिल नहीं किया गया है।
मंदसौर जिले में बढ़ते अपराध
[गृह]
72. ( क्र. 3221 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 जनवरी 2014 के पश्चात् मंदसौर में किस-किस स्थल पर, किस-किस के द्वारा, किस-किस व्यक्ति पर, गोली चलाई, इनमें कितने अपराधियों को पुलिस ने पकड़ कर किस-किस धारा में प्रकरण पंजीबद्ध किया, कितने प्रकरणों में अपराधी पकड़ से बाहर हैं? (ख) प्रश्नांश "क" संदर्भित पकड़ाए गये अपराधियों में एसे कितने अपराधी हैं जो राजस्थान में रहकर मध्यप्रदेश में वारदात करते हैं ऐसे अपराधियों की रोकथाम के लिए म.प्र. पुलिस ने कब-कब राजस्थान पुलिस के साथ संयुक्त बैठक की, क्या अपराधियों द्वारा जमीन विवाद, फिरौती एवं अन्य घटनाओं से कुछ माह से उक्त जिलों में व्यापारियों में भय का वातावरण है यदि नहीं, तो 1 जनवरी 2014 के पश्चात् विभिन्न सामाजिक संस्थाओं, नागरिकों ने उक्त जिले में कहां-कहां रैली निकाली? (ग) क्या उक्त जिले राजस्थान से लगे होने के कारण अवैध हथियार जिले में बढ़ते जा रहे हैं? क्या अवैध हथियारों को पकड़ने में कम पुलिस बल मुख्य बाधा है यदि हाँ, तो पुलिस कर्मियों की पूर्ति कब तक कर दी जायेगी? विभाग की मंदसौर जिले में राजस्थान और म.प्र. की सीमा पर नवीन पुलिस चौकी खोले जाने हेतु कोई कार्यवाही प्रचलन में है?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ‘‘ अनुसार है। (ख) प्रश्नांश ‘‘क‘‘ में उल्लेखित 28 प्रकरणों में से 11 प्रकरणों में राजस्थान के कुल 42 अपराधी संलिप्त पाये गये है। विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ‘‘ में समाहित है। मध्यप्रदेश एवं राजस्थान पुलिस की संयुक्त बैठकों संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ब‘‘ पर है। यह कहना सही नहीं है कि जिले में व्यापारियों में भय का वातावरण है। सामाजिक संस्थाओं, नागरिकों द्वारा निकाली गई रैली संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘स‘‘ पर है। (ग) जी नहीं। अवैध हथियारों को पकड़ने में कम पुलिस बल बाधा नहीं है। यह सही है कि मंदसौर में स्वीकृत बल से कुछ बल कम है, किन्तु आरक्षक भर्ती 2016 के अंतर्गत 119 नव आरक्षकों को मंदसौर जिला आवंटित किया गया है। जी नहीं।
प्रदेश में पेट्रोलियम इंजीनियरिंग इंस्ट्टीटयूट की स्थापना
[तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास]
73. ( क्र. 3222 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पेट्रोलियम इंजीनियरिंग की लगातार बढ़ती मांग को देखते हुए म.प्र. के तकनीकी विश्वविद्यालय द्वारा पेट्रोलियम इंस्टीट्यूट की स्थापना की कार्यवाही प्रचलन में है यदि नहीं, तो क्या पेट्रोलियम इंजीनियरिंग से विद्यार्थियों को जोड़ने हेतु सेंटर खोले जायेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? (ख) क्या प्रदेश में पेट्रोलियम कॉम्प्लेक्स की स्थापना हेतु, म.प्र. सरकार एव HPCL के स्तर पर आपसी सहमती के उपरान्त पेट्रोलियम मंत्रालय केंद्र सरकार दवारा गत दिनों एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया गया है यदि हाँ, तो समिति की योजना से अवगत करायें? (ग) प्रदेश के कितने तकनीकी शिक्षा महाविद्यालय में पेट्रोलियम इंजीनियरिंग का पाठ्यक्रम संचालित हैं तथा कितने महाविद्यालयों ने उक्त पाठ्यक्रम प्रारम्भ करने हेतु कार्यवाही की है? (घ) पेट्रोलियम इंजीनियरिंग पाठ्यक्रम को गति देने हेतु विभाग द्वारा क्या प्रयास किया जा रहे है?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक जोशी ) : (क) एवं (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रदेश के तकनीकी शिक्षा महाविद्यालयों में पेट्रोलियम इंजीनियरिंग क्षेत्र में पेट्रोकेमिकल इंजीनियरिंग का पाठ्यक्रम निम्न संस्थाओं में संचालित है:- 1. यूनिवर्सिटी इन्स्टीट्यूट ऑफ टेक्नालॉजी, आर.जी.पी.व्ही., भोपाल. 2. एस.ए.टी.आई. डिग्री, विदिशा. 3. शासकीय पॉलीटेक्निक महाविद्यालय, उज्जैन. 4. एस.ए.टी.आई., पॉलीटेक्निक, विदिशा. (घ) उत्तारांश ''ग'' के संदर्भ में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
भगवंत सागर जलाशय सुक्ता डेम पर मछली पालन
[मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास]
74. ( क्र. 3227 ) श्रीमती योगिता नवलसिंग बोरकर : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भगवंत सागर खंडवा जलाशय सुक्ता डेम पर मछली पालन होता है? (ख) यदि होता है तो किस समिति के पास उपरोक्त ठेका है? (ग) यदि नहीं, तो क्या विभाग ही मछली पालन कर रहा है? (घ) २०१५-१६ में हेचरी में कितने बच्चे छोड़े गए व उसका उत्पादन कितना हुआ?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जी हाँ। (ख) किसी भी समिति के पास सुक्ता जलाशय का ठेका नहीं है। जलाशय को विभाग के अधीन रखा गया है। (ग) जी हाँ। (घ) वर्ष 2015-16 में हेचरी में मत्स्य बीज नहीं छोड़ा गया। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
बैतूल जिले के 30 पुनर्वास ग्राम
[राजस्व]
75. ( क्र. 3228 ) श्री मंगल सिंग धुर्वे : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैतूल जिले के 30 पुनर्वास ग्रामों को राजस्व ग्राम किस अधिसूचना दिनांक से अधिसूचित किया इसमें से किस ग्राम का पटवारी मानचित्र निस्तार पत्रक एवं अधिकार अभिलेख किस अवधि में बनाए जाकर उसमें किस मद में कितनी दखल रहित जमीन शामिल की गई? (ख) डीनोटिफाईड आरक्षित वन भूमि पर बसाए गए पुनर्वास ग्रामों की गैर जाति में किस मद में दर्ज जमीन को राज्य शासन, भारत शासन या सर्वोच्च अदालत के किस आदेश के अनुसार नांरगी भूमि सर्वे या नांरगी वनखण्ड में शामिल करने का वन विभाग को अधिकार या छूट दी गई है, इस संबंध में कलेक्टर बैतूल ने किस दिनांक को अनुमति या सहमति प्रदान की? (ग) पुनर्वास ग्रामों के पटवारी मानचित्र, निस्तार पत्रक एवं अधिकार अभिलेख में दर्ज जमीनों को नारंगी भूमि सर्वे एवं नारंगी वनखण्ड में शामिल करने वाले किस किस वन अधिकारियों विरूद्ध राजस्व विभाग ने प्रश्नांकित दिनांक तक क्या क्या कार्यवाही की है यदि कार्यवाही नहीं की हो तो कारण बतायें? (घ) पुनर्वास ग्रामों की भूमि को नारंगी भूमि सर्वे एवं नारंगी वनखण्ड से पृथक करवाया जाकर दोषी एवं जिम्मेदार वन अधिकारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जा रही है और कब तक की जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
सहकारी समितियों को आवंटित भूमि के पट्टे
[राजस्व]
76. ( क्र. 3229 ) श्री मंगल सिंग धुर्वे : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बैतूल जिले के घोड़ाडोंगरी ब्लॉक में सामूहिक कृषि सहकारी समितियों को वर्ष 1971 में आवंटित दखल रहित भूमि पर काबिजों को प्रश्नांकित दिनांक तक भी कृषि कार्य के पट्टे या वन अधिकार पत्र वितरित नहीं किए जा सके हैं? (ख) यदि हाँ, तो किस ग्राम के निस्तार पत्रक एवं अधिकार अभिलेख में किस किस मद में किन किन योजनाओं के लिए दर्ज कितनी जमीन किस आदेश क्रमांक से किस समिति को आवंटित की गई इन भूमियों को किस दिनांक को काबिल कास्त घोषित कर किस दिनांक को निस्तार पत्रक संशोधित करने का आदेश दिया यदि काबिल कास्त एवं निस्तार पत्रक संशोधन के आदेश नहीं दिये हों तो उसका कारण बतायें? (ग) किस समिति को आवंटित कितनी भूमि वर्तमान राजस्व अभिलेखों में किस किस मद में किन-किन योजनाओं के लिए दर्ज है कितनी भूमि काबिजों के नाम पर दर्ज है इन भूमियों को काबिजों को कृषि कार्य के लिए आवंटित नहीं किए जाने का क्या क्या कारण रहा है? (घ) समितियों को आवंटित भूमि पर काबिज कर कब तक कृषि कार्य के पट्टे या वन अधिकार पत्र वितरित कर दिए जावेंगे?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
गंजबासौदा को जिला बनाये जाना
[राजस्व]
77. ( क्र. 3232 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन की कार्ययोजना में कितने नवीन जिले बनाने का प्रावधान है? (ख) क्या उक्त सूची में क्या गंजबासौदा को जिला बनाने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो गंजबासौदा को जिला बनाने की घोषणा कब तक कर दी जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) ऐसा कोई प्रावधान नहीं हैं। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
राजस्व न्यायालयों में लंबित प्रकरण का समय-सीमा में निराकरण
[राजस्व]
78. ( क्र. 3233 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्तमान में (जानकारी भेजने के दिनांक) भोपाल संभाग के अधीन आने वाले राजस्व न्यायालयों के पास ऐसे कितने राजस्व प्रकरण चल रहे है? जिसमें दस या उससे अधिक बार पेशी की तारीख दी गयी है? (ख) उक्त प्रकरणों की विस्तृत जानकारी तथा कितनी बार पेशी दी गयी है? विधानसभा क्षेत्रवार, न्यायालयवार, प्रकरणवार देवें। (ग) क्या राजस्व प्रकरणों के निपटारे में निर्णय से बचने के लिये अनावश्यक रूप से पेशी देकर लोगों को परेशान किया जाता है? (घ) क्या राजस्व प्रकरणों का निराकरण करने हेतु समय-सीमा तय करने के लिए कोई गाइड लाइन जारी करने पर विचार किया जा रहा है?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
प्रश्नकर्ता द्वारा दिनांक 26.06.2015 को लिखे गए पत्र
[राजस्व]
79. ( क्र. 3237 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता ने मुख्य सचिव को दिनांक 26.05.2015 को पत्र क्रमांक 1650 से 1699 ''दखल रहित जमीनों के संबंध में लंबित कार्यवाहियों की जानकारी उपलब्ध करवाए जाने बाबत'' लिखे जिनकी जानकारी प्रश्नांकित दिनांक तक भी उपलब्ध नहीं करवाई गई? (ख) यदि हाँ, तो प्रश्नकर्ता के द्वारा दिनांक 26.06.2015 को मुख्य सचिव को लिखा गया किस क्रमांक का पत्र किस दिनांक को किस आदेश, निर्देश के साथ किसको प्रेषित किया गया? उस पत्र में चाही गई जानकारी प्रश्नकर्ता को प्रश्नांकित दिनांक तक भी उपलब्ध नहीं करवाए जाने का क्या कारण रहा है? (ग) मुख्य सचिव कार्यालय ने पत्र क्रमांक 230 दिनांक 24 जुलाई 2004 में किन जमीनों से संबंधित किन-किन कार्यवहियों के आदेश, निर्देश दिए थे, उन कार्यवाहियों की निगरानी किस-किस के द्वारा की गई? (घ) प्रश्नकर्ता द्वारा मुख्य सचिव को लिखे गए पत्र क्रमांक 1650 से 1699 दिनांक 26.06.2015 में चाही गई जानकारी प्रश्नकर्ता को कब तक उपलब्ध करवाई जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
प्रश्नकर्ता के पत्र पर जानकारी का प्रदाय
[राजस्व]
80. ( क्र. 3239 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता ने प्रमुख सचिव राजस्व विभाग भोपाल को दिनांक 26.08.2016 को पत्र क्रमांक 4200 से 4278 पत्र क्रमांक 4249 से 4298 पत्र क्रमांक 4338 से 4390 एवं पत्र क्रमांक 4338 से 4390 एवं पत्र क्रमांक 4455 से 4505 लिखे जिनकी प्रश्नांकित दिनांक तक भी अभिस्वीकृति प्रश्नकर्ता को उपलब्ध नहीं करवाई गई? (ख) प्रश्नकर्ता द्वारा दिनांक 26.08.2016 को लिखे गये किस पत्र में किस जिले से संबंधित कौन-कौन सी जानकारी उपलब्ध करवाए जाने का निवेदन किया वह पत्र किस दिनांक को किस आदेश, निर्देश के साथ किसे प्रेषित किया गया? (ग) प्रश्नकर्ता के पत्र क्रमांक 7021 दिनांक 14 दिसम्बर 2016 माननीय राजस्व मंत्री जी को प्रेषित कर किस-किस दिनांक को लिखे गए पत्रों में चाही गई जानकारी उपलब्ध नहीं करवाए जाने का उल्लेख किया है? (घ) प्रश्नकर्ता को पत्र लिखकर कौन सी जानकारी प्राप्त करने का अधिकार है उस अधिकार के अनुसार प्रश्नकर्ता द्वारा लिखे गए पत्रों में चाही गई कौन सी जानकारी कब तक प्रश्नकर्ता को उपलब्ध करवाई जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
परिवहन विभाग पन्ना द्वारा जारी परमिट
[परिवहन]
81. ( क्र. 3251 ) श्री महेन्द्र सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पन्ना जिला अंतर्गत परिवहन विभाग द्वारा वर्ष 2010 से प्रश्न दिनांक तक कितने अस्थाई व स्थाई परमिट दिए जारी किये गये हैं? क्या दूरस्थ क्षेत्रों में यात्रियों की आवागमन सुविधा हेतु निजी वाहन मालिकों को प्राथमिकता के आधार पर परमिट दिये जाने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो परमिट दिये जाने के क्या नियम निर्देश हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार विधान सभा गुनौर के मुख्यालय गुनौर अमानगंज एवं देवेन्द्रनगर से कहां-कहां तक का किस वाहन का परमिट कितनी सवारी पास है, वाहन का नम्बर एवं वाहन का प्रकार एवं रूट बतायें? (ग) क्या वाहन में यात्रीगणों की सुविधा एवं सुरक्षा हेतु अग्नि शमन व प्राथमिक उपचार हेतु चिकित्सीय व्यवस्था का भी प्रावधान है? यदि हाँ, तो किस वाहन में क्या-क्या व्यवस्था है? (घ) प्रश्नांश (ग) के अनुसार यदि वाहन में नियम होने के बावजूद सुविधा नहीं है तो सम्बद्ध वाहन मालिक अथवा चालक के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक नहीं, तो क्यों?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) पन्ना जिला अंतर्गत परिवहन विभाग द्वारा प्रश्नांकित अवधि में निम्नानुसार स्थाई व अस्थाई परमिट जारी किये गये है :-
स.क्र. |
जारीकर्ता परिवहन कार्यालय |
परमिट का प्रकार |
जारी परमिटों की संख्या |
1 |
परिवहन कार्यालय सागर एवं रीवा |
स्थाई परमिट |
80 |
2 |
परिवहन कार्यालय रीवा |
अस्थाई |
618 |
3 |
परिवहन कार्यालय पन्ना |
अस्थाई |
5676 |
मोटरयान अधिनियम 1988 में प्राथमिकता बावत् पृथक से प्रावधान नहीं है। निजी वाहन स्वामियों द्वारा प्रस्तुत आवेदन पत्रों के अनुसार प्रकाशन व सुनवाई कर गुण-दोषों के आधार पर अर्ध न्यायिक प्रक्रिया के अंतर्गत मोटरयान अधिनियम 1988 की धारा 72, 80 एवं 87 के अंतर्गत परमिट जारी किये जाते है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ‘ ‘ब’ एवं ‘स’ अनुसार है। (ग) मध्य प्रदेश मोटरयान नियम 1994 के नियम 176 एवं 180 के तहत वाहन में यात्रियों की सुविधा एवं सुरक्षा हेतु अग्निशमन यंत्र व प्राथमिक उपचार पेटी वाहन में लगाये जाने की व्यवस्था का प्रावधान है, जिसका परमिट शर्तों में उल्लेख किया जाता है। वाहन स्वामियों द्वारा उक्त शर्तों का पालन किया जा रहा है। (घ) प्रश्नांश (ग) के अनुसार वाहन मालिक द्वारा यदि परमिट पर अंकित शर्तों का उल्लंघन किया जाता है तो मोटरयान अधिनियम 1988 की धारा 86, 192 के तहत वाहन स्वामियों के विरुद्ध समय-समय पर नियमानुसार कार्यवाही की जाती है।
भूमि की लीज
[राजस्व]
82. ( क्र. 3260 ) श्री संजय शाह मकड़ाई : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) होशंगाबाद जिले के अंतर्गत सोहागपुर तहसील में शासन द्वारा कौन कौन सी एजेन्सी/संस्था/ व्यक्तियों को सरकारी भूमि व्यवसायिक प्रयोजन हेतु लीज पर दी गयी है? नामवार/ लीज राशिवार/ समयावधि सहित जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) संदर्भ में शासन द्वारा व्यवसायिक प्रयोजन हेतु उपलब्ध कराई गई भूमि पर प्रयोजन अनुसार वर्तमान में व्यवसायिक कार्य संचालन है अथवा नहीं? यदि नहीं, तो संचालन नहीं होने का क्या कारण है?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
प्रदेश में भूतपूर्व सैनिकों एवं सैनिकों की विधवाओं को कृषि भूमि के पट्टे देना
[गृह]
83. ( क्र. 3284 ) श्रीमती ममता मीना : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भूतपूर्व सैनिकों अथवा भूतपूर्व सैनिकों की विधवाओं या आश्रितों को कृषि भूमि के पट्टे दिये जाते हैं? (ख) यदि हाँ, तो कितनी एकड़ कृषि भूमि पट्टे में दी जाती है? (ग) क्या मध्यप्रदेश में निवासरत सभी भूतपूर्व सैनिकों अथवा उनकी विधवाओं को कृषि भूमि के पट्टे दे दिये गये हैं? (घ) यदि नहीं, दिये गये हैं तो कृषि भूमि के पट्टे अब, कब तक दे दिये जावेंगे? इस संबंध में शासन की क्या योजना है और जिला सैनिक कल्याण कार्यालय उन्हें इस संबंध में क्या सहायता प्रदान कर रहा है?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
सागर जिले के रतौना पशु प्रक्षेत्र
[पशुपालन]
84. ( क्र. 3295 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिले में पशुपालन विभाग के रतौना प्रक्षेत्र की कुल कितनी भूमि है? कितनी भूमि में खेती होती है? खरीफ एव रबी फसल का रकबा कितना-कितना है वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक खरीफ एवं रबी फसल में कितने हेक्टेयर में कौन-कौन सी फसल बोई गयी है? (ख) प्रश्नांश (क) समय में खरीब एवं रबी की फसल में कितनी लागत आयी है, मदवार एवं वर्षवार बतायें? फसल विक्रय से कितनी राशि प्राप्त हुई? (ग) क्या जल संसाधन विभाग के तालाब से उक्त भूमि की सिंचाई हेतु पानी लिया गया है? यदि हाँ, तो इस पर कितना शुल्क व्यय किया गया है वर्षवार बतायें? (घ) विभाग ने रतौना प्रक्षेत्र में कितने कुआं, कितनी गहराई-चौड़ाई के, कितनी राशि के गत पाँच वर्षों में खुदवायें है? क्या शासन इस भूमि पर गौ अभ्यारण शुरू करने पर विचार करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) शासकीय पशु प्रजनन प्रक्षेत्र रतौना की कुल भूमि 278.46 हेक्टेयर है। जिसमें से 78.8 हेक्टेयर भूमि में हरा चारा उत्पादन किया जाता है। खरीफ फसल हेतु 78.8 हेक्टेयर तथा रवि फसल हेतु 38.8 हेक्टेयर रकबा है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। प्रक्षेत्र पर उत्पादित हरा चरी चारा का उपयोग प्रक्षेत्र पर संधारित पशुओं को खिलाने हेतु किया जाता है। हरा चरी चारा का विक्रय नहीं किया जाता है। (ग) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। (घ) शासकीय पशु प्रजनन प्रक्षेत्र रतौना में गत 5 वर्षों में 2 कुओं का निर्माण कार्य किया गया है। जिसमें से एक कुआं जिसकी गहराई 30 फुट एवं चौड़ाई 20 फुट है के निर्माण की लागत रूपये 5.00 लाख है। दूसरा कुआं जिसकी गहराई 25 फुट एवं चौड़ाई 20 फुट है के निर्माण की लागत रूपये 5.50 लाख है। जी नहीं।
सागर में आई.टी. पार्क स्थापित किया जाना
[विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी]
85. ( क्र. 3296 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभागीय मंत्री जी की घोषणानुसार सागर संभागीय मुख्यालय पर आई.टी. पार्क स्थापित किये जाने हेतु भूमि आवंटित की गई है?यदि हाँ, तो कितनी भूमि कहां, आरक्षित की गई है? (ख) क्या आरक्षित भूमि पर आई.टी. पार्क के निर्माण हेतु शासन द्वारा राशि स्वीकृत की गयी है? यदि हाँ, तो विवरण सहित बतायें। (ग) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में आई.टी. पार्क का निर्माण कार्य कब तक पूर्ण कर लिया जायेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। सागर संभागीय मुख्यालय पर आई.टी. पार्क की स्थापना हेतु विभाग को ग्राम सिदगुवां में 4.00 हेक्टेयर भूमि आवंटित की गई है। (ख) जी नहीं। (ग) समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
पटवारियों के रिक्त पद
[राजस्व]
86. ( क्र. 3307 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 01/02/2017 की स्थिति में पूरे प्रदेश में पटवारियों के स्वीकृत पद, भरे पदों की संख्या एवं रिक्त पदों की संख्या क्या है? (ख) भरे हुये पदों पर अनुसूचित जाति/जनजाति का आरक्षण का क्या प्रतिशत है? (ग) क्या सामान्य प्रशासन विभाग के ज्ञापन क्रमांक 7-7-2001/ भाप्र./एक/दिनांक 22 मई, 2001 के अनुसार 50 प्रतिशत से अधिक पद एस.सी. /एस.टी. से भरे जाने का प्रयास नहीं किया गया? (घ) ऐसे अभ्यार्थी जो स्नातक एवं कम्प्यूटर परीक्षा उर्तीण किये है उनको मानवीय आधार पर आयु में अतिरिक्त छूट देकर वर्ष 2017 की पटवारी परीक्षा में सम्मिलित किया जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) पटवारी के स्वीकृत पद 19020, भरे पद 9894, रिक्त पद 9126 (ख) नियमानुसार 16 एवं 20 प्रतिशत। (ग) सामान्य प्रशासन विभाग के ज्ञापन अनुसार पदों को भरे जाने की प्रक्रिया प्रचलित है। (घ) अद्यतन प्रचलित पटवारी भर्ती नियमों में उल्लेखित निर्धारित योग्यता के अनुसार की जाती है। अत: मानवीय आधार पर अतिरिक्त छूट दिया जाना संभव नहीं है।
पशु पालन विभाग में लिपिक वर्गीय कर्मचारियों के भर्ती नियम 1971 में संशोधन विषयक
[पशुपालन]
87. ( क्र. 3309 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पशु पालन विभाग अंतर्गत लिपिक वर्गीय कर्मचारियों के भर्ती नियम वर्ष 1971 से प्रचलित है, लिपिक वर्ग के भर्ती नियम की समस्त जानकारी से अवगत करायें। (ख) उक्त भर्ती नियम में कब-कब संशोधन किये गये इसकी प्रतियां उपलब्ध कराई जायें? (ग) यदि नहीं, तो लिपिक वर्गीय भर्ती नियमों में आज दिनांक तक संशोधन क्यों नहीं किया गया है, जबकि इसी विभाग के अन्य वर्गीय कर्मचारी/अधिकारियों का भर्ती नियमों में संशोधन कर दिये गये हैं? कारण स्पष्ट करें? (घ) पशु पालन विभाग के लिपिक वर्गीय कर्मचारियों का बिना भर्ती नियमों में संशोधन के ही सहायक ग्रेड-3 से सहायक ग्रेड-2 के पद पर पदोन्नति कर दी गई है जबकि सहायक ग्रेड-2 से सहायक ग्रेड-1 एवं लेखापाल के पद पर पद रिक्त होने के बावजूद भी पदोन्नति आदेश नहीं किये गये? कारण स्पष्ट करें।
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। (ग) संशोधन की कार्यवाही प्रचलन में है। (घ) माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर के निर्णय दिनांक 9.5.2005 अनुसार मात्र सहायक ग्रेड-2 की वरिष्ठता राज्य स्तरीय के निर्देश हैं तथा सहायक ग्रेड-3 की वरिष्ठता पूर्ववत् निर्धारित होने से सहायक ग्रेड-3 के कर्मचारियों की पदोन्नति सहायक ग्रेड-2 के पदों पर की गई है। माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर द्वारा याचिका क्रमांक एम.सी.सी.2181/3 में पारित निर्णय दिनांक 9.5.2005 में निर्देशित किया कि माननीय प्रशासनिक अभिकरण इन्दौर द्वारा याचिका क्र. 749/88 में जारी निर्णय दिनांक 20.2.1997 के अनुसार सहायक ग्रेड-1 के पदों को भरते समय सहायक ग्रेड-2 की संचालनालय स्तर/संभागीय स्तर की वरिष्ठता सम्मिलित करते हुए प्रथम नियुक्ति दिनांक के आधार पर राज्य स्तरीय वरिष्ठता की जाए। तत्संबंधी भर्ती नियमों में संशोधन की कार्यवाही प्रचलन में होने से सहायक ग्रेड-2 से लेखापाल एवं सहायक ग्रेड-1 के पद पर पदोन्नति नहीं की जा सकी।
किसानों के कर्ज माफी व आत्महत्या की संख्या
[गृह]
88. ( क्र. 3345 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 28/03/2016 में मुद्रित अता. प्रश्न क्रमांक 7036 के तारतम्य में दिनांक 29/02/2016 के बाद कितने किसानों द्वारा आत्महत्याएं की गई? (ख) प्रश्नांश (क) के किसानों की आत्महत्या पर सरकार उनके कर्ज माफी के साथ उनके परिवार के जीवकोपार्जन बाबत् सहायता राशि अथवा अन्य सुविधाएं देने की योजना बनायेगी? अगर नहीं तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में आत्महत्या किये हुए किसानों के परिवार के ऊपर कर्ज का भार कम करने एवं कर्ज से मुक्ति बाबत् योजना सरकार तैयारी करेगी, साथ भविष्य में इस तरह से किसानों को कर्ज के कारण आत्महत्याएं न करनी पड़े, इस पर सरकार क्या नीति तैयार करेगी अगर नहीं तो क्यों?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) दिनांक 01.03.2016 से प्रश्न दिनांक तक फसल खराब होने/कर्ज से कुल 03 किसानों द्वारा आत्महत्या की गई है। (ख) एवं (ग) कृषक परिवारों के स्वावलंबन के लिये विभागीय योजनाओं के अंतर्गत किसानों की आर्थिक प्रगति उन्नयन हेतु प्रदाय की जाने वाली सुविधा का विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार।
श्रम कानून का पालन न करने एवं न करवाने वाले के विरूद्ध कार्यवाही
[श्रम]
89. ( क्र. 3346 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिला अंतर्गत कितने मजदूरों का पंजीयन श्रम कानून अधिनियम के तहत किया गया है, श्रम कानून को लागू कराने बाबत् क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ख) प्रश्नांश (क) के श्रमिकों/मजदूरों को शासन द्वारा कितनी न्यूनतम मजदूरी/मासिक वेतन निर्धारित किया गया है? भिन्न-भिन्न सेक्टरों (प्रायवेट सेक्टरों/संस्थाओं) में काम करने वाले श्रमिकों एवं मजदूरों की मजदूरी/वेतन निर्धारण का क्या नियम शासन द्वारा तय किया गया है, यदि हाँ, तो प्रति दें? (ग) क्या प्रश्नांश (क) के मजदूरों/ श्रमिकों को श्रम कानून के तहत समय-समय पर मिलने वाली सुविधाएं जो शासन एवं प्रशासन द्वारा जारी निर्देशों के तहत निहित की गई हैं, का पालन रीवा जिले में प्रायवेट सेक्टरों/ निजी संस्थाओं द्वारा किया जा रहा है? श्रम विभाग द्वारा कब-कब आदेशों एवं निर्देशों के पालन कराने बाबत् कार्यवाही विगत एक वर्ष में की गई, साथ ही शासन के आदेशों के पालन न करने वालों पर क्या कार्यवाही की गई? (घ) क्या प्रश्नांश (क) के श्रमिकों/मजदूरों को प्रश्नांश (ख) अनुसार शासन द्वारा जारी दिया निर्देशों के तहत मजदूरी/वेतन का भुगतान प्रश्नांश (ग) के माध्यम से नहीं किया जा रहा एवं प्रश्नांश (घ) अनुसार श्रमिकों/मजदूरों को समय-समय पर जारी आदेशों-निर्देशों के पालन में कार्यवाही नहीं हो रही तो इसके लिए संबंधित अधिकारियों एवं प्रायवेट सेक्टरों/संस्थाओं के विरूद्ध किस तरह की कार्यवाही करेंगे? अगर नहीं तो क्यों?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) प्रायवेट/निजी संस्थाओं (पेट्रोल पंप, गैस एजेंसी, टोल प्लाजा एवं ठेकेदारों एवं फैक्ट्रियों) में कार्यरत मजदूरों की श्रेणीवार जानकारी श्रम कार्यालय में संधारित किये जाने का प्रावधान नहीं है। तथापि श्रम पदाधिकारी रीवा द्वारा अवगत कराया गया है कि विभिन्न स्त्रोतों से प्राप्त जानकारी के आधार पर रीवा जिले में उक्त श्रेणी के संस्थानों में लगभग 1055 कुशल एवं लगभग 4082 अकुशल मजदूर कार्यरत होना अनुमानित है। उक्त मजदूरों का पंजीयन राज्य के श्रम विभाग द्वारा किसी श्रम कानून में किये जाने का प्रावधान नहीं है। तथापि इन्हें विभिन्न श्रम कानूनों के अन्तर्गत प्रावधानित सुविधाए प्राप्त हो। इस हेतु समय-समय पर निरीक्षण किये जाकर उन्हें लागू कराया जाता है। वर्ष 2016-17 में किये गये अधिनियमवार निरीक्षणों तथा उल्लंघनों के संबंध में नियोजकों के विरूद्ध की गयी वैधानिक कार्यवाही की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित श्रमिकों हेतु न्यूनतम वेतन अधिनियम के अन्तर्गत न्यूनतम वेतन की दरे निर्धारित की जाती है। वर्तमान में निर्धारित दरों संबंधी जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) श्रमिकों को मजदूरी बैंक खाते के माध्यम से ही अनिवार्यतः किये जाने का प्रावधान नहीं है। वेतन भुगतान अधिनियम, 1936 के अन्तर्गत श्रमिकों को मजदूरी का भुगतान नगद अथवा चेक अथवा बैंक खाते के माध्यम से किया जा सकता है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) शिकायत अथवा वेब पोर्टल से जारी सूची के आधार पर विभिन्न श्रम अधिनियमों में संस्थानों के निरीक्षण किये जाते हैं तथा प्रावधानों का उल्लंघन पाये जाने पर संबंधित संस्थान के विरूद्ध वैधानिक कार्यवाही की जाती है। जिसकी जानकारी प्रश्नांश (क) में दिये उत्तर अनुसार है।
माण्डव के ग्राम जामन्या स्थित डायर्वटेड भूमि का सीमांकन व वास्तविक मालिक आदि की जाँच
[राजस्व]
90. ( क्र. 3403 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माण्डव के ग्राम जामन्या में स्थित भूमि सर्वे नम्बर 268/1 एवं 269/1 में स्थित गरीब आदिवासी वर्ग के भूमि स्वामि श्री राजाराम पिता हगरिया की कुल कृषि भूमि रकबा 1.048 हेक्टेयर में से 0.632 हेक्टेयर भूमि इन्दौर के उच्च वर्ग के व्यवसायी श्री मिश्रा द्वारा खरीद कर अ.ज.जा. वर्ग के श्री हटेसिंह पिता टन्टू जाति भिलाला, निवासी मेलखेडी तहसील महेश्वर के नाम से उसका बेनामी नामांतरण एवं डायवर्सन करवाकर अपना फार्म हाउस बना लिया गया है तथा गरीब आदिवासियों को डायवर्सन आदेश की प्रति दिखाकर समीप की वन भूमि एवं शासकीय व अन्य कृषकों की लगभग एक हेक्टेयर भूमि पर तार फेंसिंग कर कब्जा कर लिया गया है? (ख) क्या शासन उक्त भूमि पर बने हुए फार्म हाउस के वास्तविक मालिक की एवं स्थल पर उसके अधीन काबिज भूमि का सीमांकन व जाँच करवाकर एवं वर्ष 2005 से अब तक राजस्व रिकार्ड में दर्ज माण्डव व आस-पास क्षेत्र के ऐसे अनेकों बेनामी नामांतरणों की जाँच करवाकर पूंजीपतियों द्वारा गरीब आदिवासियों के किये जा रहे शोषण को रोकने की दिशा में कोई ठोस कदम उठायेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
शासन के आदेशों का उल्लंघन
[राजस्व]
91. ( क्र. 3418 ) श्रीमती पारूल साहू केशरी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के द्वारा पत्र दिनांक 6 सितम्बर 2016 को कमिश्नर सागर को राजस्व प्रकरण माननीय न्यायालय में विचाराधीन होते हुये भी हल्का पटवारी के द्वारा रिकार्ड में हेराफेरी करने के फलस्वरूप प्रकरण की जाँच किसी वरिष्ठ अधिकारी से कराये जाने का अनुरोध किया था? (ख) यदि हाँ, तो कमिश्नर सागर के द्वारा पत्र का उत्तर भी समय-सीमा में नहीं दिया गया और यहां तक कि न्याय की प्रतीक्षा में आवेदिका महिला की हत्या होने के बाद और कमिश्नर सागर को प्रश्नकर्ता द्वारा पुन: पत्र द्वारा स्मरण कराये जाने पर ही उनके द्वारा कलेक्टर सागर को प्रकरण की कार्यवाही से प्रश्नकर्ता को अवगत कराने हेतु निर्देश दिये गये हैं, जो प्रश्न दिनांक तक अपेक्षित हैं? (ग) यदि हाँ, तो प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में मध्यप्रदेश शासन के द्वारा समय-समय पर जारी किन-किन आदेशों/नियमों/निर्देशों का उल्लंघन हुआ है।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। कलेक्टर सागर का जाँच प्रतिवेदन दिनांक 22/02/2017 को प्राप्त हो गया है। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में समय समय पर जारी आदेशों व नियमों का उल्लंघन नहीं पाया गया है।
राजस्व रिकार्ड में दर्ज सिंचित भूमि पर असिंचित का मुआवजा
[राजस्व]
92. ( क्र. 3419 ) श्रीमती पारूल साहू केशरी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश के राजस्व विभाग के द्वारा सिंचित और असिंचित भूमि को किस प्रकार परिभाषित किया गया है? (ख) क्या सिंचित भूमि के क्रय विक्रय पर शासन द्वारा असिंचित भूमि से ज्यादा स्टाम्प ड्यूटी ली जाती है? और क्या सिंचित भूमि के भूमि अर्जन किये जाने पर असिंचित भूमि अर्जन से दोगुना प्रतिकर दिया जाता है? उचित प्रतिकर किस प्राधिकारी के द्वारा निर्धारित किया जाता है? (ग) क्या सुरखी विधानसभा क्षेत्र की परकुल मध्यम सिंचाई परियोजना के अंतर्गत कितने कृषकों की अर्जित की जाने वाली दशकों से राजस्व रिकार्ड में दर्ज सिंचित कृषि भूमि को असिंचित भूमि का मुआवजा देने का निर्णय लिया गया है? और क्या यह निर्णय अन्याय नहीं है बतावें? (घ) प्रश्नकर्ता के पत्र दिनांक 04/01/2017 पर मुख्य सचिव के द्वारा पत्र क्रमांक 398/अ.स./मु.स./2017 दिनांक 18 जनवरी 2017 को प्रेषित पत्र अनुसार प्रमुख सचिव राजस्व विभाग द्वारा प्रश्नकर्ता के पत्र पर अब तक क्या कार्यवाही की गयी है।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जल संसाधन विभाग के ज्ञापन क्रमांक प्र.स./जल संसा./2014/1691, दिनांक 22.11.2014 में सिंचाई परियोजना हेतु अर्जित अथवा क्रय की जाने वाली भूमि के सिंचित/असिंचित होने के संबंध में जाँच के निर्देश दिये गये है। जिसकी प्रति ध्वज-अ पर है। (ख) जी हाँ। अर्जित भूमि के बाजार मूल्य अनुसार प्रतिकर कलेक्टर द्वारा निर्धारित किया जाता है। (ग) प्रश्नाधीन सिंचाई परियोजना की अर्जित भूमि का प्रकरण वर्तमान में विचाराधीन है अभी अर्जित की जाने वाली भूमि का मुआवजा निर्धारित नहीं किया गया है। (घ) प्रश्नकर्ता के प्रश्नाधीन पत्र पर राजस्व विभाग के पत्र क्रमांक 296/154/2017/सात/2ए, दिनांक 13.2.2017 द्वारा कलेक्टर सागर से अपेक्षित प्रतिवेदन अप्राप्त है।
ओलावृष्टि से हुए नुकसान की प्रतिपूर्ति
[राजस्व]
93. ( क्र. 3445 ) श्री रामनिवास रावत : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) माह जनवरी-फरवरी 2017 में ओलावृष्टि, तूफान एवं वर्षा से प्रदेश के श्योपुर, मुरैना, भिण्ड, ग्वालियर, दतिया, शिवपुरी जिले के अंतर्गत किस-किस फसल को कितना-कितना नुकसान हुआ? जिलेवार जानकारी दें? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में ओलावृष्टि से हुए नुकसान से शासन द्वारा सर्वे कराए जाने के उपरांत कितनी-कितनी राहत राशि की मांग उक्त जिलों द्वारा की गई? मांग के विरूद्ध जिलों को कितनी-कितनी राशि क्षतिपूर्ति हेतु आवंटित की गई? जिलेवार बताएं? (ग) उक्त प्रश्नांश (क) अनुसार प्रभावित जिले के किन-किन ग्रामों में कौन-कौन सी फसल का कितना-कितना प्रतिशत नुकसान का सर्वे कर कितनी-कितनी राहत राशि वितरण किए जाने का आंकलन किया गया है? (घ) क्या पीड़ित किसानों को राहत राशि वितरण किया गया है? यदि हाँ, तो किस-किस जिले में कितने-कितने किसानों को राहत वितरित की गई है? (ड.) क्या माननीय मुख्यमंत्री महोदय द्वारा ओलापीड़ितों क्षेत्रों का दौरा किया गया? यदि हाँ, तो किन-किन जिलों का एवं उक्त प्रवास के दौरान पीड़ितों को राहत पहुंचाने के लिये क्या-क्या दिशा निर्देश दिए गए थे?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) माह जनवरी-फरवरी 2017 में ओलावृष्टि, तूफान एवं वर्षा से हुयी फसल क्षति की जिलेवार फसलवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "अ" अनुसार है। (ख) प्रश्नांश "क" के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में ओलावृष्टि से हुए नुकसान की सर्वे पश्चात् जिलों द्वारा राहत राशि की मांग एवं जिलों की आवंटित राशि की जिलेवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "ब" अनुसार है। (ग) प्रश्नांश "क" के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में जिलेवार ग्रामवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "स" अनुसार है। (घ) प्रभावित जिलों के पीड़ित किसानों को राहत राशि वितरण की कार्यवाही की जा रही है। जिलेवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "द" अनुसार है। (ड.) जी हाँ। माननीय मुख्यमंत्री महोदय द्वारा जिला भिण्ड एवं मुरैना जिले के ओला पीड़ित ग्राम गिरगांव एवं बानमौर का दौरा किया गया। प्रवास के दौरान माननीय मुख्यमंत्री महोदय द्वारा निम्न घोषणायें की गई। 1- ओला पीड़ित क्षेत्र में किसानों का भू-राजस्व वसूली एवं ऋण स्थगित रहेगा। 2-ओला पीड़ित का पारदर्शी सर्वे कराया जा कर आर.बी.सी के प्रावधानों के तहत राहत राशि प्रदाय की जायेगी।
आवारा पशुओं से किसानों की फसल नष्ट होना
[पशुपालन]
94. ( क्र. 3481 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश में बेसहारा पशुधन को संरक्षित करने के लिये गौ-पालन एवं पशुधन संवर्धन द्वारा संचालित किया जा रहा है? (ख) क्या जिला गौ-पालन एवं पशुधन संवर्धन समिति का गठन किया गया है? यदि हाँ, तो गठन की सूची उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के प्रकाश में क्या पशुओं के संवर्धन एवं पशुपालन विभाग से पंजीयन कराकर ही बाड़ा खोला जाता है? यदि हाँ, तो रीवा जिले में अनुमति प्राप्त कितने बाड़ा खोले जा चुके या संचालित हैं? उनकी सूची ब्लॉकवार, पूर्ण पता सहित उपलब्ध करावें। गठित समिति की कब-कब बैठक बुलाई गई एवं क्या निर्णय लिये गये वर्ष 2016 में उपलब्ध करावें। (घ) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) के प्रकाश में आवारा पशुओं को व्यवस्थित किये जाने का क्या प्रयास किया गया एवं आवारा पशुओं की संख्या बढ़ने के क्या कारण हैं। जो किसान की फसल को बरबाद कर रहे हैं? यदि नहीं, की गई तो इसके लिये कौन दोषी है? व्यवस्था कब तक की जावेगी?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परशिष्ट के प्रपत्र ’अ’ अनुसार। (ग) जी नहीं। म.प्र.गौपालन एवं पशुधन संवर्धन बोर्ड द्वारा ऐसी गौशालाएं जो संचालित है जिनमें कम से कम 50 गौवंश हो तथा उसके प्रबंधन की व्यवस्था हो उनका पंजीयन किया जाता है जानकारी पुस्तकालय में रखे परशिष्ट के प्रपत्र ’ब’ अनुसार है। (घ) निशक्त, असहाय गौवंश हेतु रीवा जिले में 03 गौशाला संचालित है आवारा गौवंश अपितु उसी क्षेत्र के निवासरत पशुपालकों द्वारा स्वंय के पाले पशु जिनमें अधिकांश गौवंश है अनुत्पादक हो जाने पर छोड़ दिया जाता है यही गौवंश विचरण करते है यह समस्या पशुपालकों से संबंधित है पशुपालकों को समझाईश दी जाकर उन्हें जागरुक किया जावे कि वह पशुओं का उचित प्रबंधन करें तो इस समस्या का समाधान हो सकता है।
सरकारी भूमि पर कब्जा
[राजस्व]
95. ( क्र. 3539 ) श्री पुष्पेन्द्र नाथ पाठक : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बिजावर नगर परिषद् के क्षेत्रफल के अंदर एवं 05 कि.मी. बाहर के क्षेत्रफल तक कितनी एवं कहाँ–कहाँ म.प्र. शासन की भूमि रिकॉर्ड में दर्ज है? खसरा न. एवं रकबा सहित जानकारी देवें। (ख) प्रश्नाश “क” के अनुक्रम में उक्त भूमि पर क्या किसी भी प्रकार का कब्ज़ा है? क्या इस भूमि का लोकहित प्रयोजन में उपयोग संभव है? (ग) क्या राजस्व विभाग अथवा शासन किसी विशेष प्रयोजन के लिए जनहित में कोई निजी अथवा संस्थागत भूमि अधिग्रहण कर सकता है? इसके लिए क्या नियमावली है। (घ) बिजावर नगर परिषद् क्षेत्र में बस स्टैंड निर्माण के लिए 02-03 एकड़ भूमि की आवश्यकता है। राजस्व विभाग कौन–कौन से खसरा नंबर से कितनी भूमि एक साथ उपलब्ध करा सकता है।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। कुल 9 ग्रामों में 770.765 हेक्टेयर शासकीय भूमि दर्ज है। खसरा नं. रकबा सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं, उपरोक्त भूमि का लोकहित प्रयोजन में उपयोग किया जा सकता है। (ग) जी हाँ। आवश्यकतानुसार निजी एवं संस्थागत भूमि का भू-अर्जन अधिनियम 2013 के अंतर्गत शासन द्वारा अधिग्रहण किया जा सकता है। (घ) बस स्टैण्ड निर्माण हेतु ग्राम बिजावर की शासकीय भूमि खसरा नम्बर, 438/2,438/3,438/5 कुल किता-03 कुल रकबा 1.947 खसरा नम्बर 2055 रकबा 1.408 हेक्टेयर उपलब्ध है।
थानों में रिक्त पदों की पूर्ति
[गृह]
96. ( क्र. 3561 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) हरदा जिले में पुलिस विभाग अन्तर्गत पुलिस कर्मियों व अधिकारियों के वर्गवार कितने-कितने पद कब से रिक्त हैं मैदानी अमले के संबंध में थानावार पुलिस चौकीवार जानकारी देवें? (ख) हरदा जिले के पुलिस विभाग में खाली पदों को भरे जाने हेतु अब तक क्या-क्या कार्यवाही की गई है? (ग) क्या थानों में पुलिस बल की कमी का सीधा प्रभाव अपराधों के नियंत्रण पर पड़ता है? यदि हाँ, तो रिक्त पदों को शीघ्र भरे जाने की कार्यवाही क्यों नहीं की जा रही है? (घ) हरदा जिले में पुलिस विभाग के रिक्त पदों की पूर्ति कब तक कर दी जावेगी?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) हरदा जिले में रिक्त पदों की पूर्ति, पदोन्नति एवं सीधी भर्ती से की जाती है। माननीय उच्चतम न्यायालय में पदोन्नति में आरक्षक संबंधी प्रकरण विचाराधीन होने से पदोन्नति कि प्रक्रिया वर्तमान में स्थगित है। सीधी भर्ती के पदों को भरने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ग) जी नहीं। प्रश्नांश-‘ख’ के उत्तर की स्थिति में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) रिक्त पदों की पूर्ति पदोन्नति एवं सीधी भरती से की जाती है, जो निरन्तर चलने वाली प्रक्रिया है, समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
पेयजल व्यवस्था कराये जाना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
97. ( क्र. 3569 ) श्री राजेश सोनकर : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) वित्तीय वर्ष 2016-17 में पेयजल हेतु इन्दौर जिले को कितनी राशि का आवंटन हुआ था? उसमें से इन्दौर जिले की किस-किस विधानसभा क्षेत्र में कितनी-कितनी राशि कहां-कहां व्यय की गई है? विधानसभा क्षेत्रवार जानकारी उपलब्ध करायें? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में वित्तीय वर्ष 2017-18 के लिए कितने नवीन बोरिंगों, मोटर पम्प, हैण्डपंप एवं कितनी नल-जल योजनाओं का लक्ष्य निर्धारित किया गया है? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में आगामी ग्रीष्म ऋतु हेतु ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल उपलब्ध करवाने के लिए जिले में नवीन बोरिंग, नल-जल योजना, हैण्डपंप एवं मोटर पम्पों की स्थापना आदि किस दिनांक तक प्रारंभ हो जाएगी?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) प्रश्न दिनांक तक राशि रू. 1015.26 लाख का आवंटन हुआ है एवं राशि रू. 796.27 लाख विभिन्न कार्यों पर व्यय की गई है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। विधानसभा क्षेत्रवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2, 3, 4, 5 एवं 6 अनुसार है। (ख) वर्ष 2017-18 (माह अप्रैल से जून) तक आंशिक पूर्ण बसाहटों हेतु 120 नलकूप खनन का अंतरिम लक्ष्य निर्धारित किया गया है। शेष कार्यों के लक्ष्य का निर्धारण किया जाना शेष है। (ग) उत्तरांश ‘‘ख’’ के परिप्रेक्ष्य में नवीन नलकूप खनन कर हैण्डपम्प स्थापना का कार्य मार्च 2017 से। शेष कार्यों की निश्चित समय अवधि नहीं बताई जा सकती।
उज्जैन संभाग में अवैध उत्खनन की शिकायतों पर कार्यवाही
[राजस्व]
98. ( क्र. 3590 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनवरी, 2011 से प्रश्न दिनांक की अवधि में उज्जैन संभाग में अवैध उत्खनन की शिकायतों के आधार पर कितने मामलों में मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता, 1959 की धारा-247 (7) के तहत प्रकरण कार्यवाही हेतु पंजीबद्ध किये गये हैं? (ख) प्रश्नांश 'क' में पंजीबद्ध किये गये प्रकरणों में विवेचना उपरान्त दोषी पाये गये उत्खननकर्ताओं को कितनी-कितनी राशि अर्थदण्ड के रुप में जमा कराने के आदेश माननीय राजस्व न्यायालय द्वारा पारित किये गये? प्रकरणवार विस्तृत ब्यौरा दें। (ग) क्या प्रश्नांश 'ख' में पारित आदेश के परिप्रेक्ष्य में अब तक राशि वसूल नहीं करने वाले अधिकारी एवं अवैध उत्खननकर्ताओं के विरुद्ध शासन द्वारा अब तक कोई ठोस कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) क्या अर्थदण्ड की राशि मय ब्याज के वसूल की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
मुआवजा का वितरण
[राजस्व]
99. ( क्र. 3597 ) श्री रामपाल सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शहडोल जिले में वर्ष २०१६ में वर्षा ऋतु में अतिवृष्टि के कारण मकान, कुआं इत्यादि क्षतिग्रस्त होने के कारण शासन द्वारा प्रभावित व्यक्ति को सहायता राशि उपलब्ध कराये जाने हेतु शासन से राशि आवंटित की गई है। (ख) यदि हाँ, तो उक्त जिले के प्रत्येक तहसीलों में सहायता राशि प्राप्त करने हेतु कितने आवेदन प्राप्त हुये हैं। कितने लोगों को कितनी राशि की सहायता प्रदान की गई है। तहसीलवार हितग्राही की संख्या, प्रदाय राशि की जानकारी उपलब्ध करायी जावें तथा लंबित प्रकरणों की संख्या उपलब्ध करायी जावें।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। (ख) तहसीलवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है।
अपराध क्रमांक ०१२० दिनांक ०३-०८-२०१६ की जानकारी
[गृह]
100. ( क्र. 3598 ) श्री रामपाल सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शहडोल जिले के पुलिस थाना सीधी में अपराध क्रमांक ०१२० दिनांक ०३-०८-२०१६ दर्ज की गई है। (ख) यदि प्रश्नांश ‘क’ हाँ तो उक्त अपराध के संबंध में प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई है। की गई कार्यवाही से अवगत कराया जावे। (ग) क्या फरियादी पुलिस कार्यवाही से संतुष्ट है। यदि हाँ, तो जानकारी दें यदि नहीं, तो क्यों।
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। (ख) फरियादी भगवान दीन पिता राम मिलन गुप्ता निवासी डोन्हार थाना सीधी जिला शहडोल की रिपोर्ट पर अज्ञात आरोपी द्वारा संपत्ति एक नग 12 बोर सिंगल बेरल की बंदूक, 08 नग कारतूस, 05 किलो देशी घी, 02 बोरी गेहूँ एवं नगदी रुपये 2000/- कुल राशि करीब रुपये 10400/- की चोरी कर लेने पर से दिनांक 03.08.2016 को थाना सीधी में अपराध क्रमांक- 120/16 धारा 457, 380 भादवि का कायम कर विवेचना में लिया गया। प्रकरण में पतासाजी के प्रयास के बाद भी आरोपी एवं अपहृत संपत्ति का पता न चलने के कारण खात्मा क्रमांक-08/16 दिनांक 31.12.2016 कता किया गया है। (ग) फरियादी द्वारा प्रकरण की विवेचना में अपराध के संबंध में किसी पर शंका जाहिर नहीं की गई एवं न ही फरियादी द्वारा अभी तक किसी वरिष्ठ कार्यालय में पुलिस कार्यवाही से संतुष्ट न होने की कोई शिकायत की गई है। खात्मा स्वीकृति के दौरान फरियादी के न्यायालय में उपस्थित होकर कथन देने के उपरांत ही उसके पुलिस कार्यवाही से संतुष्ट होने या न होने की वास्तविक जानकारी ज्ञात हो सकेगी।
विधवा नि:शक्त वृद्धों को गरीबी रेखा का राशन कार्ड/पात्रता पर्ची
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
101. ( क्र. 3633 ) श्री अंचल सोनकर : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गरीबी रेखा राशन कार्ड जारी करने के लिये पात्र हितग्राही के लिये किन-किन मापदण्डों की आवश्यकता है। वर्ष 2015-16 एवं वर्ष 2016-17 में कुल कितने राशन कार्ड किस-किस वार्ड में प्रश्नकर्ता की विधान सभा क्षेत्र पूर्व जबलपुर में बनाये गये? (ख) क्या शासन ने गंभीर बीमारी विधवा नि:शक्त एवं वृद्धों के गरीबी रेखा के राशन कार्ड प्राथमिकता के आधार पर तैयार करने हेतु जिला प्रशासन को निर्देशित किया है। यदि हाँ, तो क्या जिला प्रशासन ऐसे हितग्राहियों को गरीबी रेखा के राशन कार्ड जारी कर रही है यदि हाँ, तो वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में ऐसे कितने बीमार, विधवा नि:शक्त एवं वृद्धों को प्रश्नकर्ता की विधान सभा क्षेत्र अन्तर्गत राशन कार्ड जारी किये वार्ड वार सूची देवें? (ग) क्या हितग्राही द्वारा लोक सेवा केन्द्र में 30 रूपये की राशि जमा कर गरीबी रेखा का राशन कार्ड बनवाने हेतु अपना आवेदन प्रस्तुत करता है जिसे अनुविभागीय अधिकारी जाँच हेतु राजस्व निरीक्षक को प्रेषित करता है राजस्व निरीक्षक द्वारा आवेदक के निवास पर जाकर पंचनामा तैयार कर आवेदन में पात्र एवं अपात्र की श्रेणी का प्रमाण पत्र देता तो क्या राजस्व निरीक्षण जाँच हेतु आवेदक के निवास पर जाकर पंचानामा तैयार कर पात्र/अपात्र की प्रमाण की पत्र देता है अथवा कार्यालय में ही बैठकर समस्त आवेदन पर आय से अधिक की टीप देकर निरस्त कर देते है। यदि हाँ, तो क्या शासन इस संबंध में जाँच करवायेगा?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) गरीबी रेखा का राशनकार्ड जारी करने के लिए बी.पी.एल. सर्वे सूची में नाम होना आवश्यक है। शेष भाग की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) ऐसे परिवार जिसके मुखिया विधवा अथवा असाध्य रोग ग्रसित विकलांग तथा 60 वर्ष से अधिक आयु के अकेले पुरूष या महिला है उन्हें अन्त्योदय अन्न योजना अंतर्गत पात्र परिवार में पूर्व से रखा गया है। इसके अतिरिक्त नि:शुल्क वृद्धाश्रम के निवासरत भी प्राथमिकता परिवार में सम्मिलित हैं। शहरी क्षेत्र में गरीबी रेखा का राशनकार्ड जारी करने के पूर्व गरीबी रेखा की सूची में नाम आर्थिक मापदण्डों के आधार पर सक्षम अधिकारियों द्वारा शामिल किया जाता है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा के अंतर्गत सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत प्रश्नांकित विधानसभा क्षेत्र में सामाजिक सुरक्षा पेंशनधारी, अन्त्योदय, बी.पी.एल., वृद्धाश्रम एवं मानसिक मंदता/बहुविकलांगता श्रेणी के अंतर्गत लाभान्वित किये जाने वाले परिवारों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) जी हाँ। राजस्व निरीक्षक द्वारा आवेदन का मौका सत्यापन कर पंचनामा तैयार कर आय पर टीप प्राप्त होने के बाद सक्षम अधिकारी द्वारा आवेदन स्वीकृत अथवा निरस्त किया जाता है। शेष भाग का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में आई.टी.आई. शिक्षण संस्थान
[तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास]
102. ( क्र. 3660 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में आई.टी.आई. की संख्या बतावें तथा उनमें कौन-कौन से व्यवसाय (ट्रेड) की शिक्षा दी जा रही है? (ख) प्रत्येक ट्रेड पर कितने-कितने शिक्षक है तथा कितने पद रिक्त हैं? शासकीय एवं अतिथि शिक्षकों की पृथक-पृथक जानकारी देवें। (ग) सीतामऊ शामगढ़ में आई.टी.आई विकास हेतु शासन द्वारा कितनी राशि स्वीकृत की? (घ) नवीन भवन में आई.टी.आई. प्रारंभ होने से पहले पर्याप्त समय होने के बाद भी नवीन भवन का लोकार्पण नहीं करवाया गया, इसका कारण स्पष्ट करें।
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक जोशी ) : (क) सुवासरा विधान सभा क्षेत्र में दो शासकीय आई.टी.आई. क्रमश: सीतामऊ एवं शामगढ़ संचालित है संचालित व्यवसायों की जानकारी निम्नानुसार है-
क्र. |
संस्था का नाम |
कुल प्रवेशित संख्या |
1 |
सीतामऊ |
1. इलेक्ट्रीशियन |
2. कोपा |
||
3. फिटर |
||
4. वेल्डर |
||
2 |
शामगढ़ |
1. कोपा |
2. फिटर |
||
3. इलेक्ट्रीशियन |
||
4. वेल्डर |
||
5. डीजल मैकेनिक |
||
6. वेब डिजाईनिंग एण्ड कम्प्यूटर ग्राफिक्स |
(ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) औद्योगिक प्रशिक्षण संस्था सीतामऊ एवं शामगढ़ के विकास हेतु स्वीकृत की गई राशि का विवरण निम्नानुसार है:- 1. आई.टी.आई. सीतामऊ की इंस्टीट्यूट मैनेजिंग कमेटी को केन्द्र सरकार की ''पीपीपी मोड के तहत शासकीय आई.टी.आई. का उन्नयन'' योजना के तहत राशि रूपये 250.00 लाख का ब्याज रहित ऋण वर्ष 2011-12 में प्राप्त हुआ। 2. विगत तीन वर्षों में राज्य शासन के बजट से (भवन/उपकरण मद में) स्वीकृत की गई राशि का विवरण निम्नानुसार है:-
क्र. |
संस्था का नाम |
विकास हेतु तीन वर्षों में स्वीकृति |
|
मद |
राशि लाख रूपये में |
||
1 |
सीतामऊ |
उपकरण |
2.99 |
2 |
शामगढ़ |
उपकरण/ फर्नीचर |
12.48 |
भवन में |
349.66 |
(घ) नवीन व्यवसायों के लिये भवन की अत्यन्त आवश्यकता होने के कारण नवनिर्मित भवन में सितम्बर 2016 में स्थानांतरित किया गया। नवीन भवन में प्रशिक्षण प्रारंभ है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सड़क दुर्घटना के प्रकरण में जिम्मेदारों पर कार्यवाही
[गृह]
103. ( क्र. 3676 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र में गुराड़ी बंगला के निकट भीषण सड़क दुर्घटना के संबंध में थाना सुसनेर में अपराध क्रमांक 266/15 एवं सोयत में अपराध क्रमांक 172/15 अंतर्गत माननीय न्यायालय में चालान पेश किये गये थे? यदि हाँ, तो उक्त अपराध क्रमांकों में वर्तमान तक की गई कार्यवाही का विवरण देवें? (ख) प्रश्नांश ‘‘क‘‘ में उल्लेखित सड़क दुर्घटना में शामिल यात्री बस एवं डम्पर पर क्या-क्या वैधानिक कार्यवाही की गई? बस एवं डम्पर कब जब्त किए गए एवं कब जुर्माना, टैक्स आदि जमा कर छोड़ें गए? (ग) प्रश्नांश ‘‘ख‘‘ अनुसार उल्लेखित बस एवं डम्पर को किसके आदेश से छोड़ा गया? आदेशों की सत्यापित प्रति प्रस्तुत करें? दुर्घटना में 8 मौते हुई थी एवं कई अन्य घायल हुए थे? मृतकों के लिए किसकी जिम्मेदारी तय की गई? जिम्मेदारों पर क्या ठोस कार्यवाही की गई एवं मृतकजनों के परिवारों को सहायता उपलब्ध कराई गई? विवरण देवें? (घ) क्या वर्तमान में प्रकरण माननीय न्यायालय में प्रचलित हैं? यदि हाँ, तो प्रकरण में विभाग की ओर से क्या कार्यवाही की जा रही हैं?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) एवं (ख) जी हाँ, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’अ’ एवं ’ब’ अनुसार है। (ग) बस क्र. एम.पी. 04 पीए 2293 को जे.एम.एफ.सी. सुसनेर के आदेश से छोड़ा गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’स’ अनुसार है। डम्पर को नहीं छोड़ा गया। जी नहीं, 09 मृत्यु हुई है। विवेचना में डम्पर चालक हरिओम उर्फ नीतेश पिता कालू गिर उम्र 23 साल निवासी गणेशपुरा तथा डम्पर मालिक करण पिता रूगनाथ नायक उम्र 35 साल, निवासी बालोदा जिला शाजापुर एवं बस मालिक श्री कैलाश कृपलानी पिता हंसराज कृपलानी निवासी एम-65, टीलाजमालपुरा, भोपाल के विरूद्ध कार्यवाही की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’द’ एवं ’इ’ अनुसार है। (घ) जी हाँ। विभाग द्वारा विधि अनुसार कार्यवाही की जा रही है।
उपतहसील/टप्पा कार्यालयों को तहसील का दर्जा दिए जाना
[राजस्व]
104. ( क्र. 3677 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत 05 वर्षों में मध्यप्रदेश में किन-किन उप तहसील/टप्पा कार्यालयों को तहसील का दर्जा प्रदान किया गया हैं? (ख) उपतहसील/टप्पा कार्यालयों को तहसील का दर्जा दिये जाने हेतु क्या मापदण्ड एवं क्या वरीयतायें हैं? (ग) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा या कलेक्टर आगर द्वारा विधानसभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत टप्पा कार्यालय सोयतकलां एवं बड़ागांव को तहसील का दर्जा दिए जाने संबंधी प्रस्ताव प्रेषित किया गया था या मांग की गई थी? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की जा रही हैं एवं कब तक स्वीकृति होगी? (घ) प्रश्नांश ‘‘ग‘‘ का उत्तर यदि नहीं, हैं तो क्या स्वप्रेरणा से जनहित में सोयतकलां एवं बड़ागांव को शीघ्र तहसील बनाये जाने पर विचार कर ठोस कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो क्या व कब तक?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
राहत
राशि का एवं
फसल बीमा की
दावा राशि का
वितरण
[राजस्व]
105. ( क्र. 3688 ) श्री रामनिवास रावत : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या? श्योपुर जिले की तहसील श्योपुर, कराहल, विजयपुर, वीरपुर एवं बड़ोदा में वर्ष 2016 में फसल को भारी वर्षा एवं चक्रवाती तूफान के कारण हुए नुकसान का सर्वे राजस्व अमले द्वारा किया गया? यदि हाँ, तो किस-किस ग्राम के कितने कितने किसानों की कौन कौन सी फसल को कितना-कितना नुकसान का आंकलन किया गया एवं सर्वे रिपोर्ट फसल बीमा की दावा राशि हेतु सम्बंधित बैंकों को भेजी गई यदि हाँ, तो कब? (ख) प्रश्नांश 'क' के परिप्रेक्ष्य में फसलों को हुए नुकसान की राहत राशि एवं फसल बीमा की दावा राशि किसानों को दे दी गयी है? यदि हाँ, तो कितने किसानों को कितनी-कितनी राहत राशि एवं फसल बीमा की राशि प्रदाय की गई है? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) श्योपुर जिले के पीड़ित किसानों को उनकी फसलों को हुए नुकसान की राहत राशि एवं फसल बीमा की राशि प्रदान किये जाने हेतु प्रश्नकर्ता द्वारा राहत आयुक्त, प्रमुख सचिव राजस्व, म.प्र. शासन एवं जिलाधीश श्योपुर को दिनांक 20-12-16 को लिखे गए पत्र पर क्या कार्यवाही की गई? कब तक प्रश्नाश 'क' एवं 'ख' के परिप्रेक्ष्य में श्योपुर जिले के किसानों को राहत राशि एवं फसल बीमा की राशि प्रदाय कर दी जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। श्योपुर जिले की तहसील श्योपुर एवं बडोदा में वर्ष 2016 में भारी वर्षा एवं चक्रवाती तूफान से हुई फसल क्षति का सर्वे विभिन्न विभागों के अधिकारियों/कर्मचारियों के संयुक्त दल के माध्यम से कराया गया। ग्रामवार, फसलवार कृषकों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। तहसील विजयपुर, वीरपुर एवं कराहल में फसल क्षति नहीं हुई थी। सर्वे रिपोर्ट फसल बीमा की दावा राशि हेतु दिनांक 06.10.2016, 15.11.2016, 19.11.2016 एवं 23.11.2016 को संबंधित ए.आई.सी कम्पनी को भेजी गई है। (ख) प्रश्नांश "क" के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में तहसील श्योपुर एवं बडोदा के पात्र 947 प्रभावित कृषकों को आर.बी.सी 6-4 के प्रावधानानुसार सहायता राशि वितरित की जा चुकी है। शेष कृषकों के दावों के संबंध में जाँच चल रही है। फसल बीमा हेतु क्षतिपूर्ति की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ग) श्योपुर जिले की तहसील श्योपुर एवं बडोदा के पात्र 947 प्रभावित कृषकों को राहत राशि प्रदाय की जा चुकी है। शेष कृषकों को जाँच उपरांत पात्रतानुसार निर्णय लिया जावेगा। फसल बीमा हेतु क्षतिपूर्ति की कार्यवाही प्रकियाधीन है।
गुना जिले में राजस्व विभाग में पदस्थ कर्मचारियों के विरूद्ध कार्यवाही
[राजस्व]
106. ( क्र. 3715 ) श्रीमती ममता मीना : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2013 में गुना जिले में राजस्व विभाग अन्तर्गत कितने लिपिकों के विरूद्ध पुलिस थाना कैन्ट में एफ.आई.आर. दर्ज कराने हेतु तत्कालीन कलेक्टर द्वारा पत्राचार किया गया, दर्ज एफ.आई.आर. आपराधिक प्रकरण क्रमांक एवं दोषी लिपिकों के नाम व पद बतावें? (ख) क्या प्रश्नांश (क) अनुसार आपराधिक प्रकरण की पुलिस विभाग द्वारा विवेचना की जाकर न्यायालय में चालान प्रस्तुत किया गया? यदि हाँ, तो चालान प्रस्तुत होने के उपरांत दोषी कर्मचारियों को निलंबित किया गया? यदि नहीं, किया गया, तो कब तक निलंबित किया जावेगा? (ग) वर्ष 2014 में तत्कालीन मुख्य कार्यपालन जिला पंचायत गुना की अध्यक्षता में गठित दल द्वारा प्रस्तुत जाँच प्रतिवेदन के आधार पर तत्कालीन कलेक्टर द्वारा प्राथमिकी दर्ज करने हेतु पुलिस विभाग में लिखा गया था तो उसके विरूद्ध क्या प्राथमिकी दर्ज की गई? यदि नहीं, की गई है, तो कौन कर्मचारी/अधिकारी प्राथमिकी दर्ज न कराने वाले दोषी हैं, स्पष्ट उल्लेख करें?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) वर्ष 2013 में राजस्व विभाग अंतर्गत आर्म्स शाखा से संबंधित प्रकरण में 02 लिपिकों के विरूद्ध एफ.आई.आर. दर्ज कराने हेतु तत्कालीन कलेक्टर द्वारा पत्राचार किया गया। प्र.सू.प्र.क्र. 370, दिनांक 29.08.2013 धारा 420, 467, 468 भा.द.वि. 13 (1) डी 13 (2) भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 पुलिस द्वारा श्री मुकेश कुमार खुल्वे, सहायक ग्रेड-3 तथा श्री रामबाबू सेन, सहायक ग्रेड-3 तत्कालीन आर्म्स शाखा कलेक्टर कार्यालय गुना के विरूद्ध प्रकरण दर्ज किया गया। (ख) जी हाँ। जी हाँ। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पशु चिकित्सा विभाग द्वारा प्रदेश में जिला/तहसील स्तर पर गोकुल महोत्सव का आयोजन
[पशुपालन]
107. ( क्र. 3722 ) श्री सुदर्शन गुप्ता (आर्य) : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पशु चिकित्सा विभाग द्वारा प्रदेश में जिला/तहसील स्तर पर गोकुल महोत्सव का आयोजन किया जाता है? यदि हाँ, तो विगत तीन वर्षों में प्रदेश के समस्त जिलों में कब से कब तक गोकुल महोत्सव का आयोजन कहां-कहां किया गया? (ख) क्या गोकुल महोत्सव में व्यवस्था स्वरूप जिले के आस-पास के पशु चिकित्सकों की ड्यूटी लगाई जाती है? यदि हाँ, तो प्रश्न ‘क’ अनुसार कब-कब किन-किन पशु चिकित्सकों की ड्यूटी महोत्सव में लगाई गई, सूची उपलब्ध करावें? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) अनुसार गोकुल महोत्सव में पशु चिकित्सकों की ड्यूटी लगाने के कारण ग्रामीण क्षेत्र के पशु अस्पतालों (लगाये गये पशु चिकित्सक के मूल स्थान) उस अवधि में बन्द रहते है अथवा अन्य व्यवस्था की जाती है, स्पष्ट करें? (घ) प्रश्नांश (क) अनुसार गोकुल महोत्सव में क्या जन प्रतिनिधियों को आमंत्रित किया जाना अनिवार्य है? यदि हाँ, तो आज तक उक्त महोत्सव में जनप्रतिनिधियों को क्यों नहीं आमंत्रित किया गया?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जी हाँ। गोकुल महोत्सव का आयोजन प्रदेश के 45 जिलों के समस्त ग्रामों वर्ष 2016-17 में दिनांक 31.10.2016 से दिनांक 30.11.2016 की अवधि में एवं जिला सिंगरौली में अन्य जिलों के पशु चिकित्सकों का सहयोग लेने के कारण दिनांक 31.10.2016 से दिनांक 12.12.2016 तक किया गया। शेष जिलों बुरहानपुर, शहडोल, उमरिया, अनूपपुर एवं कटनी में निर्वाचन की आचार संहिता लागू होने के कारण महोत्सव का आयोजन नहीं हो सका। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ग) प्रश्नांश ‘‘ख‘‘ अनुसार ऐसे पशु चिकित्सकों की ड्यूटी लगाई गई है जो पशु चिकित्सालय में पदस्थ न हो कर अन्य संस्थाओं में कार्यरत हैं। जिला उमरिया, शहडोल, अनुपपूर तथा सीधी के कुछ पशु चिकित्सालयों के पशु चिकित्सकों की ड्यूटी 8 दिवस हेतु जिला सिंगरौली में लगाई गई थी। उक्त अवधि में नजदीक की संस्था के पशु चिकित्सक के द्वारा अतिरिक्त प्रभार के रुप में कार्य किया गया। इस प्रकार गोकुल महोत्सव में ड्यूटी लगाने की व्यवस्था की गई। (घ) जी नहीं। गोकुल महोत्सव के आयोजन में स्थानीय जनप्रतिनिधियों को आमंत्रित करने के निर्देश थे। गोकुल महोत्सव में स्थानीय जनप्रतिनिधियों को आमंत्रित किया गया है। विभागीय जनकल्याणकारी कार्यक्रम होने के कारण स्थानीय जनप्रतिनिधियों को सहभागीता हेतु आमंत्रण की सूचना दी जाती है।
दिनांक 25/12/2016 को घटित घटना की जाँच से संबंधित
[गृह]
108. ( क्र. 3782 ) श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 25.12.2016 को ग्राम मनफूल का पुरा थाना सिंहोनिया तहसील अम्बाह जिला मुरैना के रामऔतार तोताराम आदि केवट के घर में थाना सिंहोनिया के पुलिस अधिकारी देवेन्द्र सिंह कुशवास, बैजनाथ सिंह भदौरिया आदि द्वारा जबरन प्रवेश कर महिलाओं के निवेदन पर भी ताले तोड़कर घर में रखे समान की तोड़फोड़ की व महिला के विरोध करने पर मारपीट गाली गलोच, बुरी नीयत, हाथ मरोड़कर पैर में लात भी मारी जिससे महिला बेहोश हो गई परिवार सदस्यों द्वारा पुलिस अधीक्षक कार्यालय मुरैना रिपोर्ट करने आये तथा एस.पी.मुरैना की अनुपस्थिति में कार्यालय कलेक्टर मुरैना को घटना की कहानी सुनाई। कलेक्टर मुरैना द्वारा मुरैना अस्पताल में मेडिकल परीक्षण हेतु महिलाओं खेती, किशनदेई को भेजा गया। मरीजों की स्थिति गंभीर होने से मुरैना अस्पताल द्वारा ग्वालियर रेफर कर दिया गया व फरियादियों द्वारा कोई कार्यवाही न होने पर मुख्यमंत्री, गृह मंत्री, डी.जी.पी. भोपाल एवं आई जी.डी.आई.जी. चम्बल संभाग मुरैना को फैक्स द्वारा घटना से अवगत कराया। (ख) प्रश्नांश (क) में इतनी बड़ी घटित घटना को लेकर शासन एवं प्रशासन द्वारा प्रश्न प्रस्तुत दिनांक तक कोई कार्यवाही क्यों नहीं की गई है। (ग) यदि हाँ, तो इतनी बड़ी घटना घटित होने के बाद भी कोई कार्यवाही न होना दोषी पुलिस कर्मचारियों को पूर्ण रूपेण बचाया गया व फरियादियों के साथ कोई न्याय नहीं किया गया। (घ) यदि हाँ, तो घटित घटना में संलग्न पुलिस अधिकारी कर्मचारी के खिलाफ प्रश्नकर्ता विधायक एवं फरियादी परिवार जनों के साथ निष्पक्ष उच्च स्तर के अधिकारियों द्वारा जाँच कराकर आपराधिक प्रकरण पंजीकृत किया जायेगा यदि हाँ, तो कब तक व जाँच से पूर्व संबंधित पुलिस अधिकारियों को स्थानांतरित किया जावे। जिससे जाँच प्रभावित न हो।
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी नहीं। वस्तुस्थिति यह है कि दिनांक 25.12.2016 को थाना प्रभारी सिहोनिया एवं अन्य पुलिस स्टाफमय शासकीय वाहन के थाना इलाका गश्त पर गये हुये थे। गश्त के दौरान थाना सिहोनिया के अपराध क्रमांक 150/16 धारा 379 ता.हि. में चोरी गया मशरुका प्लास्टिक की लेजम मनफूल का पुरा में तोताराम व रामऔतार केवट के घरों के आसपास छिपा कर रखने की सूचना मुखबिर द्वारा मिलने पर थाना प्रभारीमय फोर्स के मनफूल का पुरा में सरपंच रामकरण सिंह, अशोक केवट, रामबरन केवट, कुम्हेर सिहं व जयपाल सिंह आदि की मौजूदगी में रामऔतार एवं तोताराम के घरों के आसपास उक्त चोरी गई लेजम की तलाश की थी। लेकिन चोरी गया मशरुका नहीं मिलने पर पुलिस के द्वारा पंचनामा बनाया जाकर वापस चली आई थी। इन तथ्यों का उल्लेख अपराध की विवेचना के दौरान अंकित किया गया था। यह सही है कि दिनांक 27.02.2016 को महिला श्रीमती किशनदेई, रेवती, मोहरवती एवं श्रीमती लाडो का मेडिकल परीक्षण जिला चिकित्सालय मुरैना से करवाया गया था तथा इनका एक्स-रे एवं पेट का अल्ट्रासाउन्ड भी करवाया गया। मेडिकल परीक्षण में सभी मुतजर्रर को किसी भी प्रकार की बोनी इन्जूरी होना नहीं पाई गई एवं न ही किसी प्रकार की गंभीर चोट आना पाई गई। यह सही नहीं है कि किसी भी मुतजर्रर को ग्वालियर रेफर किया गया था। (ख) जी हाँ। आवेदिका द्वारा प्रस्तुत शिकायत पत्र के आधार पर जिला चिकित्सालय मुरैना से उनका मेडीकल परीक्षण कराया गया था तथा उप पुलिस अधीक्षक (मुख्यालय) मुरैना द्वारा मौके पर जाकर वर्णित तथ्यों की जाँच की गई। जाँच में आवेदकगणों द्वारा लगाये गये आरोप असत्य एवं बढ़ा चढ़ाकर देना पाये गये है। (ग) जी हाँ। घटना से संबंधित शिकायत की जाँच में लगाये गये आरोप असत्य एवं बढ़ा चढ़ाकर देना पाये जाने के बावजूद पुलिस अधीक्षक मुरैना द्वारा आदेश क्रमांक पुअ/मुरैना/स्थापना/ए-2/613/2017 दिनांक 13.02.2017 द्वारा थाना प्रभारी सिहोनिया श्री देवेन्द्र सिंह कुशवाह को थाना सिहोनिया से हटाकर पुलिस लाईन मुरैना पदस्थ किया गया है। (घ) उत्तरांश ‘‘ख‘‘ एवं ‘‘ग‘‘ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पूर्व मंत्रियों को सुरक्षा
[गृह]
109. ( क्र. 3783 ) श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पुलिस रेग्यूलेशन की कंडिका 494 के अंतर्गत निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार सुरक्षा कारणों का परीक्षण कर आवश्यक सुरक्षा उपलब्ध कराई जाती है यदि हाँ, तो पुलिस रेग्यूलेशन की कंडिका 494 की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) उपरोक्त प्रश्न के उत्तर भाग (क) में राज्य सुरक्षा समिति के अनुमोदन उपरांत 07 पूर्व मंत्रियों को सुरक्षा कारणों से सुरक्षा उपलब्ध कराई गई है। (ग) यदि हाँ, तो देय सुरक्षा के माननीय पूर्व मंत्रियों के नाम व उनके कार्यरत वर्ष विभाग आदि की भी जानकारी दी जावे।
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) जी हाँ। (ग) सुरक्षा की दृष्टि से माननीय पूर्व मंत्रियों के नाम दिये जाना संभव नहीं है।
मुरैना
जिले में शस्त्र
लायसेंस
नवीनीकरण
शुल्क कम
रखना
[गृह]
110. ( क्र. 3825 ) एडवोकेट सत्यप्रकाश सखवार : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुरैना जिले में शस्त्र लायसेंस नवीनीकरण शुल्क की कितनी राशि किसके आदेश से वसूली जा रही है? आदेश की प्रति उपलब्ध कराई जावे। (ख) क्या उक्त नवीनीकरण शुल्क सीमा से अधिक होने से शस्त्रधारी नवीनीकरण कराने में अपने आपको ठगे एवं असमर्थ पा रहे हैं? यदि हाँ, तो क्या शासन उक्त नवीनीकरण में वृद्धि संबंधी आदेश को निरस्त कर विगत वर्ष की भांति नवीनीकरण शुल्क लिये जाने का आदेश पारित करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्यों नहीं?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) भारत सरकार के राजपत्र (असाधारण) जुलाई 15, 2016 (नियत 27) (भारत सरकार की वेबसाइट www.mha.nic.in/sites/upload-files/mha/files/ArmsRuleNotification2016.pdf एवं म.प्र. गृह विभाग की website का address www.home.mp.gov.in/wp-content/uploads /2016/07/ArmsRuleNotification2016.pdf पर उपलब्ध है) के क्रम में पिस्टल/रिवाल्वर एवं बन्दूक पर रूपये 1500/- तथा मध्यप्रदेश राजपत्र (असाधारण) दिनांक 14 जनवरी, 2016 के क्रम में रिवाल्वर/पिस्टल पर रूपये 2000/- एवं रिवाल्वर एवं पिस्टल से भिन्न अन्य हथियार पर रूपये 1000/- शस्त्र लायसेंस नवीनीकरण शुल्क के रूप में जमा कराये जा रहे हैं। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
तुषार पाले से प्रभावित फसलों का सर्वे
[राजस्व]
111. ( क्र. 3846 ) श्री सुदेश राय : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विकासखण्ड सीहोर के अंतर्गत तुषार पाले से प्रभावित फसलों के सर्वे हेतु विभाग द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की जा रही है? (ख) क्या विभाग द्वारा चना एवं गेहूँ की फसलों के अतिरिक्त भी अन्य उपजों का नुकसान का सर्वे किये जाने का प्रावधान है यदि हाँ, तो किन-किन उपजों के नुकसान का सर्वे विभाग द्वारा किया जा रहा है तथा इसके क्या मापदण्ड है?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) राजस्व एवं कृषि विभाग के अधिकारी/ कर्मचारी का संयुक्त सर्वे दल गठित कर प्रभावित फसलों का सर्वे कार्य किया जा रहा है। (ख) जी हाँ। विकास खण्ड सीहोर के अन्तर्गत चना एवं गेहूँ की फसल के अतिरिक्त अन्य फसलें जैसे मसूर, तुवर, सब्जियां इत्यादि के नुकसान का सर्वे भी किया जा रहा है। आर.बी.सी. 6-4 के अन्तर्गत फसलों के नुकसान के सर्वे के मापदण्ड निर्धारित है।
ऋण पुस्तिका की दुरूस्ती
[राजस्व]
112. ( क्र. 3847 ) श्री सुदेश राय : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विकासखण्ड सीहोर के अंतर्गत तहसील श्यामपुर एवं तहसील सीहोर में ऐसे कितने कृषकगण हैं जिनको नवीन ऋण पुस्तिका दी गई है, किन्तु उसमें जानकारी गलत अंकित होने से कृषक परेशान है उसे विभाग द्वारा दुरूस्त करने हेतु क्या कार्यवाही की जा रही है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में मिलान पूर्ण कर कब तक कृषकों को सही ऋण पुस्तिका दे दी जावेगी, उक्त त्रुटिपूर्ण कार्य हेतु कौन-कौन उत्तरदायी है जिसके कारण कृषकगण परेशान है और उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जा रही है? (ग) यदि नहीं, तो क्यों नहीं तथा कब तक कार्यवाही की जाकर उनको सही कार्य करने के लिये प्रेरित किया जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) विकासखण्ड सीहोर के अन्तर्गत तहसील श्यामपुर एवं तहसील सीहोर में कुल 66672 कृषकों को नवीन एकीकृत भू-अधिकार एवं ऋण पुस्तिका प्रदान की गई है, किन्तु यह सही नहीं है कि इन ऋण पुस्तिकाओं में जानकारी गलत अंकित की गई है। किसी भी ऋण पुस्तिका में प्रविष्टि की त्रुटि सामने आने पर उसे विभाग द्वारा तत्काल दुरूस्त करने की कार्यवाही की जाती है। (ख) तहसील श्यामपुर एवं सीहोर में कृषकों को उनके स्वत्वों के अनुरूप सही ऋण पुस्तिका वितरित की गई है। अतः इन ऋण पुस्तिकाओं के मिलान करने अथवा उत्तरदायित्व निर्धारित करने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश ’ख’ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
डेयरी विकास कार्य हेतु प्राप्त राशि
[पशुपालन]
113. ( क्र. 3889 ) श्री संजय उइके : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बालाघाट जिले में बैहर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत ग्राम पंचायत गढ़ी जनपद पंचायत बैहर में डेयरी फार्म संचालित है? (ख) यदि हाँ, तो वित्तीय वर्ष 2010-11 से प्रश्न दिनाँक तक कितनी-कितनी राशि डेयरी फार्म को प्राप्त हुई एवं कितनी-कितनी राशि का कहाँ-कहाँ, किन-किन कार्यों में व्यय किया गया योजनावार/मदवार बतावें? (ग) डेयरी फार्म में कितने पद स्वीकृत है? स्वीकृत पद के विरूद्ध कौन-कौन पदस्थ है पदवार जानकारी देवें?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार।
नलकूप खनन की निविदा
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
114. ( क्र. 3890 ) श्री संजय उइके : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या बालाघाट जिले की बैहर, बिरसा, परसवाड़ा, किरनापुर, लॉजी ब्लॉकों में साधारण नलकूप खनन कार्य निविदा बुलाकर किया गया है? (ख) यदि हाँ, तो वित्तीय वर्ष 2013-14,2014-15, 2015-16 से प्रश्न दिनाँक तक प्रश्नांश 'क' में उल्लेखित ब्लॉकों में साधारण नलकूप खनन कार्य की जो निविदा आमंत्रित कर स्वीकृत की गई उक्त निविदा में जिन अधिकारी/समिति द्वारा दर स्वीकृत की उसके कार्यालयीन दस्तावेज का विवरण उपलब्ध करावें?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
बोर खनन एवं नल-जल योजना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
115. ( क्र. 3912 ) श्री दिनेश राय (मुनमुन) : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सिवनी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक विभिन्न योजना के तहत कितने नवीन बोर खनन करायें गये वर्षवार नवीन बोर खनन की सूची मय स्थल सहित वर्ष करावें। (ख) प्रश्नांश ''क'' अवधि तक कितनी सिंगल फेस की कितनी मोटरें उपलब्ध करायी गई हैं वर्षवार सूची मय स्थान सहित बतावें? (ग) प्रश्नांश ''क'' अवधि तक कितनी नवीन नल-जल योजना स्वीक़ृत की जाकर पूर्ण की गई है तथा कितनी और प्रस्तावित है तथा राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल योजना के तहत नल-जल योजना के बोर खनन किन-किन स्थानों पर करायें गये है वर्षवार सूची मय स्थान सहित बतावें?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) प्रश्नांकित अवधि में 481 नवीन नलकूप खनन कराये गये हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) प्रश्नांकित अवधि तक 41 सिंगलफेस मोटरपंप। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) प्रश्नांकित अवधि में 04 नवीन नल-जल योजनाएं स्वीकृत की जाकर 03 योजनाएं पूर्ण की गई वर्तमान में कोई भी नवीन नल-जल योजना प्रस्तावित नहीं है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है।
जबलपुर संभाग में सड़क दुर्घटनाओं की संख्या
[गृह]
116. ( क्र. 3913 ) श्री दिनेश राय (मुनमुन) : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर संभाग में 01 जनवरी 2015 से प्रश्न दिनांक तक दुर्घटनाओं में कितने लोगों की मृत्यु हुई तथा कितने घायल हुए? दुर्घटना में म़ृतकों के परिवारजनों को शासन द्वारा कितनी सहायता राशि किस-किस को दी गई, प्रकरणवार, जिलेवार बतलावें? क्या दुर्घटना में घायल हुये व्यक्तियों को भी चिकित्सा, आर्थिक सहायता देने का प्रावधान है, यदि हां, हैं तो ऐसे कितने घायल व्यक्तियों को कितनी-कितनी सहायता दी गई? (ख) संभाग में अज्ञात वाहनों से प्रश्नांश ''क'' में कितने व्यक्तियों की मृत्यु हुई है, उनको सहायता राशि क्यों नहीं दी गई? (ग) क्या सरकार सड़क दुर्घटनाओं को रोकने हेतु कोई ठोस कार्ययोजना पर विचार कर रही है, यदि हाँ, तो क्या? सड़क दुर्घटनाओं में घायल हुये व्यक्ति जो अपंग एवं अपाहिज हो गये हैं, उनके पुनर्वास के लिये शासन की क्या नीति है?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘एक‘‘ एवं ‘‘दो‘‘ अनुसार है। जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘तीन‘‘ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘चार‘‘ अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘पाँच‘‘ अनुसार है। पात्रता मुताबिक अपराध पीड़ित प्रतिकर योजना का लाभ दिया जाता है।
नलकूप एवं हैण्डपंप खनन
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
117. ( क्र. 3972 ) श्री रामकिशन पटेल : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) रायसेन जिले के उदयपुरा विधानसभा क्षेत्र के विकासखंड उदयपुरा एवं बाड़ी में किन-किन ग्रामों में नल-जल योजनायें संचालित व प्रस्तावित हैं और किन ग्रामों में किन कारणों से अपूर्ण हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के ग्रामों में कितने हैण्डपंप स्थापित हैं और उनमें से कितने चालू हैं, कितने दुरूस्त योग्य बंद है तथा उनके वैकल्पिक खनन एवं सुधार की दिशा में कहाँ क्या प्रयत्न किया गया है? (ग) प्रश्नकर्ता विधायक के द्वारा वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक में किन ग्रामों में हैण्डपंप एवं नलकूप खनन प्रस्तावित किये हैं? (घ) प्रश्नांश (ग) के खनन किस अवधि तक निष्पादित कर दिये जावेंगे?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। वर्तमान में किसी भी ग्राम में नवीन योजना प्रस्तावित नहीं है। (ख) 1198 हैण्डपम्प स्थापित हैं। 1173 चालू। 25 हैण्डपम्प दुरूस्त/सुधार योग्य बंद हैं, इनके स्थान पर वैकल्पिक खनन की आवश्यकता नहीं है, सुधार कार्य निरंतर प्रक्रिया अंतर्गत किया जा रहा है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
शासकीय भूमि पर अतिक्रमण
[राजस्व]
118. ( क्र. 3976 ) श्री रामकिशन पटेल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रायसेन जिले के विधानसभा क्षेत्र उदयपुरा की तहसील बरेली, बाड़ी एवं उदयपुरा क्षेत्रान्तर्गत पटवारी हल्कावार किस-किस खसरा क्रमांकों में कितना-कितना रकबा शासकीय मद में दर्ज है तथा उक्त भूमि राजस्व अभिलेख में किस मद में दर्ज है। (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित भूमि के खसरे पर कितने-कितने भू-भाग में किस-किस के द्वारा कब से अतिक्रमण किया गया है? अतिक्रमण भूमि के खसरा व रकबा एवं अतिक्रमणाधारियों के नाम, पते सहित पूर्ण जानकारी दें? (ग) क्या उक्त अतिक्रमण को हटाने हेतु राजस्व विभाग द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई है? (घ) विगत दो वर्षों में उक्त अतिक्रमित भूमि को अतिक्रमण मुक्त करने हेतु किन-किन जनप्रतिनिधियों/आम नागरिकों द्वारा कब-कब शिकायतें की गई शिकायतवार कार्यवाहीवार विवरण दें? (ड़) तहसील बरेली, बाड़ी एवं उदयपुरा में कहां-कहां पर कितने रकबे में किस-किस के द्वारा कृषि भूमि पर 1 जनवरी 2010 से भवन निर्माण इत्यादि हेतु प्लाट काटकर विक्रय किया जा रहा है? इसमें किन-किन ने निर्माण हेतु अनुमति ली गई है?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
खंडवा जिले में मत्स्य उत्पाद एवं बिक्री
[मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास]
119. ( क्र. 4011 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खंडवा जिले में मत्स्य विभाग के अधीन कितने जलाशय है? इनकी वार्षिंक उत्पादन क्षमता क्या है? प्रश्नांश (क) के क्रम में इन जलाशयों पर किन किन संस्थाओं / निजी व्यक्तियों का ठेका हैं? इनकी वार्षिक नीलामी कब की जाती है? (ख) क्या जिले में मछुआरों के नाम पर अन्य संस्थाओं/ व्यक्तियों द्वारा ठेका लिया गया है? यदि हाँ, तो इनके नाम बतायें? (ग) इन जलाशयों में मत्स्य उत्पादन में वृद्धि के लिए विभाग द्वारा क्या प्रयास किये जा रहें है? जिले में बड़े-बड़े तालाब होने के उपरान्त यहां पर अन्य प्रांतों/स्थानों के मत्स्य सामग्री ब्रिकी हेतु आ रही है क्यों? (घ) ह्दय रोग में फायदेमंद एवं प्रचुर उत्पादन को देखते क्या इन जलाशयों के मत्स्य उत्पाद को शासकीय दर पर जिले में आम जनता के लिए उपलब्ध कराया जाएगा? यदि हाँ, तो कब तक? (ड.) जिले में मत्स्य कार्यालय के पास निर्मित मत्स्य उत्पाद के उपहारगृह का निर्माण कब किया गया? शासन की इस योजना को लागू क्यों नहीं किया गया? इसके लिए कौन जिम्मेदार है? इसे कब तक आरंभ किया जाएगा?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) खंडवा जिले में मत्स्य विभाग के अधीन एक एवं मत्स्य महासंघ के अधीन दो जलाशय है। जलाशयों की वार्षिक उत्पादन क्षमता का आंकलन कर वार्षिक लक्ष्य निर्धारित किये जाते है। प्रश्नांश (क) के क्रम में मत्स्य विभाग के अधीन जलाशय में रायल्टी आधार पर मत्स्याखेट कराया जाता है तथा मत्स्य महासंघ के अधीन जलाशयों से उत्पादित मछली के विक्रय हेतु निविदा कार्यवाही उपरान्त अनुबंध निष्पादित किया जाता है वार्षिक नीलामी का प्रावधान नहीं है। (ख) जी नहीं। नाम बताने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जलाशयों से मत्स्य उत्पादन में वृद्धि के लिये प्रतिवर्ष विभाग द्वारा मत्स्य अंगुलिकाओं का संचयन तथा जलाशयों में मछुआरों को 50 एवं 80 प्रतिशत अनुदान पर नाव जाल का वितरण किया जाता है। अन्य प्रांतों/स्थानों के मत्स्य सामग्री बिक्री के संबंध में जानकारी नहीं है। (घ) जलाशय में उत्पादित मछली को मत्स्याखेट करने वाली समितियों द्वारा स्थानीय बाजारों में विक्रय किया जाता है तथा मत्स्य महासंघ के जलाशयों से उत्पादित मछली को अनुबंध ग्रहिता द्वारा स्थानीय उपभोगताओं को निर्धारित दरों पर उपलब्ध कराई जाती है। विक्रय हेतु शासकीय दर निर्धारित नहीं है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ड.) मत्स्य कार्यालय के पास मत्स्य विक्रय केन्द्र का निर्माण मत्स्य महासंघ द्वारा वर्ष 2011 में किया गया। मत्स्य विक्रय केन्द्र को सहभागीदारी से संचालित करने हेतु किसी भी निविदाकार द्वारा भाग नहीं लिया गया। दिनांक 11-03-2016 से मत्स्य विक्रय केन्द्र को सहायक संचालक मत्स्योद्योग जिला खंडवा को हस्तांतरित किया गया। निविदा में किसी भी निविदाकार द्वारा भाग नहीं लेने से जिम्मेदारी निर्धारित नहीं की जा सकती। मत्स्य विक्रय केन्द्र को प्रारंभ करने की समय- सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
मुख्यमंत्री समूह नल-जल योजना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
120. ( क्र. 4012 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) खण्डवा विधानसभा के ग्रामीण क्षेत्रों में आगामी ग्रीष्मकाल में पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए विभाग द्वारा क्या कार्ययोजना तैयार की गई है? (ख) क्या गत वर्ष की तरह इस वर्ष भी ग्राम पंचायतों को ग्रीष्मकाल में पेयजल समस्या के निराकरण के लिए राशि का आवंटन किया जायेगा? यदि हाँ, तो प्रति ग्राम पंचायत कितनी राशि दी जायेगी? (ग) खण्डवा विधानसभा क्षेत्र में समूह नल-जल योजना में किन-किन ग्रामों को शामिल कर प्रस्ताव तैयार किये गये है? यदि नहीं, तो कब तक तैयार कर शासन को भेजे जाएंगे? (ड.) मुख्यमंत्री नल-जल योजना में विगत तीन वर्षों में किन-किन ग्रामों में वित्तीय अनियमितता की कितनी शिकायतें प्राप्त हुई? क्या इनका निराकरण कर लिया गया है?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) खण्डवा विधानसभा सहित खण्डवा जिले के लिये आगामी ग्रीष्मकाल में पेयजल उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिये कार्य योजना बनाई गई है जिसके अंतर्गत हैण्डपंपों में राइजर पाइप बढ़ाना, नवीन नलकूप खनन, सिंगलफेस सबमर्सिबल पंप स्थापना इत्यादि कार्य प्रस्तावित हैं। (ख) जी नहीं, पिछले वर्ष भी राशि आवंटित नहीं की गई थी। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ड.) एक भी शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
पाटन विधानसभा अंतर्गत संचालित नल जल योजनायें
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
121. ( क्र. 4082 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) पाटन विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत वित्त वर्ष 2014 -15, 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक पेयजल संग्रहण हेतु कितनी लागत से किसके द्वारा पानी की टंकियों का निर्माण कराया गया तथा इनमें से कितनी टंकियों का वर्तमान समय में शत्-प्रतिशत उपयोग हो रहा है एवं कौन-कौन सी टंकियों का उपयोग नहीं किया जा रहा अनुपयोगी पेयजल टंकियों के निर्माण का दोषी कौन है दोषियों के विरूद्ध कब क्या कार्यवाही की गई? (ख) क्या वर्तमान समय में केन्द्र पोषित नवीन नल-जल योजनाओं का निर्माण नहीं किया जा रहा है? यदि हाँ, तो ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल आपूर्ति हेतु शासन कौन सी नवीन योजना बना रहा हैं? (ग) पाटन विधान सभा क्षेत्र अन्तर्गत वित्त वर्ष 2014-15,2015-16 से प्रश्न दिनांक तक पेयजल संग्रहण हेतु कितनी लागत से किसके द्वारा पानी की टंकियों का निर्माण कराया गया तथा इनमें से कितनी टंकियों का वर्तमान समय में शत्-प्रतिशत उपयोग हो रहा है एवं कौन-कौन सी टंकियों का उपयोग नहीं किया जा रहा अनुउपयोगी पेयजल टंकियों के निर्माण का दोषी कौन है दोषियों के विरूद्ध कब क्या कार्यवाही की गई? (घ) क्या वर्तमान समय में केन्द्र पोषित नवीन नल-जल योजनाओं का निर्माण नहीं किया जा रहा है? यदि हाँ, तो ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल आपूर्ति हेतु शासन कौन सी नवीन योजना बना रहा है? (ड.) पाटन विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत वित्त वर्ष 2014-15 - 2015-16 एवं 2016-17 में कहां-कहां नलकूप खनन हेतु प्रश्नकर्ता द्वारा अनुशंसा की गई कौन-कौन से अनुशाति नलकूपों का खनन किया गया तथा किन-किन का किन कारणों से प्रश्न दिनांक तक खनन किया जाना शेष है वर्षवार सूची देवें? प्रश्न दिनांक तक कहां-कहां पर नवीन नल-जल योजनाएं प्रस्तावित है तथा किस प्रकार से तथा कब तक पूर्ण किया जावेगा?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। अनुपयोगी पेयजल टंकियों का निर्माण नहीं किया गया है। अतः शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (ख) नवीन नल-जल योजनाओं का निर्माण नहीं किया जा रहा है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश ‘‘क’’ के अनुसार। (घ) उत्तरांश ‘‘ख’’ के अनुसार। (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। जानकारी निरंक। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
वेयर हाउसिंग की नवीन शाखा
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
122. ( क्र. 4083 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. वेयर हाउसिंग ब्रान्ड लाजिस्टिक्स कार्पोरेशन भोपाल के पत्र क्र. 6559, दिनांक 18.12.2016 के अनुसार व्यवहारिक दृष्टिकोण से भेड़ाघाट जिला जबलपुर तथा ढ़ीकवाडा (शोभापुर) जिला होशंगाबाद में नवीन शाखाओं की स्थापना की गई थी? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित पत्रानुसार बी.पी.तिवारी वरिष्ठ सहायक शाखा सिरमौर का आदेश क्र. 5522 दिनांक 20.12.2015 के तहत शाखा भेडरहा किया गया स्थानांतरण निरस्त करते हुये उन्हें शाखा प्रबंधक भेड़ाघाट (शोभापुर) पदस्थ किया गया? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) यदि हाँ, तो प्रश्नांश ‘ख’ में उल्लेखित स्थानांतरण में से किन-किन ने कब प्रश्नांश ‘क’ में उल्लेखित नवीन शाखाओं में पदभार ग्रहण कर इन्हें प्रारंभ किया तथा किन-किन ने किन कारणों से पदभार ग्रहण नहीं किया? (घ) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित नवीन शाखाओं में से कौन कब प्रारंभ की गई एवं भेड़ाघाट (जबलपुर) में नवीन शाखा प्रारंभ न होने के क्या कारण है? व्यापक हित को देखते हुये क्या यहां शीघ्र नवीन शाखा प्रारंभ कर दी जायेगी? यदि हाँ, तो किस प्रकार से कब तक यदि नहीं, तो क्यों नहीं।
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। आदेश क्रमांक 5522 दिनांक 20.12.2015 न होकर उक्त आदेश की दिनांक 29.12.2015 थी, के तहत शाखा सिरमौर का संविलियन शाखा भेडरहा में करते हुए शाखा सिरमौर पर पदस्थ श्री बी.पी. तिवारी वरिष्ठ सहायक को शाखा भेडरहा जिला रीवा का कार्य संचालन करने हेतु आदेशित किया गया था। तदुपरांत आदेश क्रमांक 6559 दिनांक 18.02.2016 के तहत् पूर्व आदेश क्रमांक 5522 दिनांक 29.12.2015 से शाखा भेडरहा किया गया स्थानांतरण निरस्त करते हुये उन्हें शाखा प्रबंधक भेड़ाघाट की हैसियत से पदस्थ किया गया। (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित स्थानान्तरण आदेश जारी होने के पश्चात् श्री बी.पी. तिवारी द्वारा शाखा भेड़ाघाट पर पदभार ग्रहण न करते हुये दिनांक 31.12.2016 को उनकी सेवानिवृत्ति के दृष्टिगत स्थानांतरण निरस्त कर यथावत भेडरहा जिला रीवा पदस्थ करने का अनुरोध किया गया था। श्री तिवारी के निवेदन पर विचारोपरांत आदेश क्रमांक 08 दिनांक 18.03.2016 के तहत् नवीन शाखा भेडाघाट किया गया स्थानांतरण निरस्त कर उन्हें क्षेत्रीय कार्यालय रीवा पदस्थ किया गया। (घ) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित नवीन शाखाएं आदेश क्रमांक 6559 दिनांक 18.02.2016 के तहत प्रारंभ होकर वर्तमान में संचालित हैं। शाखा शहपुरा की भौगोलिक स्थिति एवं भण्डारण क्षमता को दृष्टिगत पृथक शाखा आवश्यक होने से नवीन शाखा भेड़ाघाट प्रारंभ की गई।
बलात्कार, छेड़छाड़ एवं लूटपाट के प्रकरण
[गृह]
123. ( क्र. 4100 ) श्री उमंग सिंघार : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार जिले के गंधवानी ब्लॉक के ग्राम भूतिया एवं होलीबयड़ा में दिनांक 25/01/2017 को पुलिस द्वारा दी गई दबिश में कितने जवान व अधिकारी थे? पदनाम एव बेच नंबर सहित जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार उक्त दबिश के कितने अपराधी पकड़े गये? नाम बतावें। ग्राम होलीबयड़ा एवं भूतिया में पुलिस दबिश में पीडि़त कितनी महिलाओं द्वारा पुलिस पर दुष्कर्म, छेड़छाड़ एवं लूटपाट के कितने आवेदन दिये गये एवं पीडि़त पुरूषों द्वारा क्या दिये गये आवेदन पत्रों पर पुलिस द्वारा एफ.आई.आर. दर्ज की गई? अगर की गई तो किन धाराओं में प्रकरण दर्ज किया गया और आरोपी किसे बनाया गया? एफ.आई.आर. की छायाप्रति उपलब्ध करावें। (ग) पीडि़त आदिवासी फरियादी कितने थे और कितनी एफ.आई.आर. दर्ज पुलिस द्वारा की गई? (घ) क्या यह सही है कि अनुसूचित जाति, अनुसूचित जन जाति अत्याचार निवारण अधिनियम और नियम, लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम और नियम, भारतीय संविधान का दण्ड प्रक्रिया संहिता का और रिट याचिका नंबर 68/2008 और पुलिस मुख्यालय मध्यप्रदेश के परिपत्र क्रमांक अ.अ.वि./विधि/1/विविध/194/13/504 दिनांक 30.12.2014 एवं संशोधित परिपत्र क्र. अ.अ.वि./विधि/1/विविधि/194/13/1343 दिनांक 13.12.2013 परिपत्र क्रमांक अ.अ.वि./विधि/1/577/10 भोपाल दिनांक 15.06.2010 का पालन किया गया या नहीं? यदि नहीं, किया गया तो उसके लिये कौन दोषी अधिकारी कौन है? नाम बताएं। क्या उन दोषी अधिकारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) धार जिले के गंधवानी ब्लॉक के ग्राम भूतिया एवं होलीबयड़ा में दिनांक 25.01.2017 को विभिन्न थाना क्षेत्रों के फरार अपराधियों, वारंटियों की गिरफ्तारी हेतु पुलिस द्वारा दबिश दी गई थी। सर्चिंग के दौरान आरोपियों ने पुलिस पार्टी पर हमला भी किया। घटनाक्रम में तीन अपराध पंजीबद्ध किए गये हैं। चूंकि प्रकरण विवेचनाधीन है, अतः वांछित जानकारी दी जाना संभव नहीं है। (ख) ग्राम भूतिया के 143 बदमाश लूट, डकैती, हत्या जैसे गंभीर अपराधों में लिप्त होकर फरार है, इसी प्रकार ग्राम होलीबयड़ा में विभिन्न न्यायालयों के 175 स्थाई वारंट लंबित है, उनकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस दल द्वारा दिनांक 25.01.2017 को दबिश की कार्यवाही की गई थी। आरोपियों की गिरफ्तारी हेतु सर्चिंग के दौरान उन्होंने पहाडि़यों पर चढ़कर तीर व गोफन से पत्थर चलाना प्रारंभ कर दिया, पुलिस पार्टी द्वारा अश्रु गैस सेल भी चलाये गये किंतु बदमाश पहाडि़यों पर चढ़कर दुर्गम भौगोलिक स्थिति का फायदा उठाकर भाग गये। अतः फरार आरोपियों की गिरफ्तारी संभव नहीं हो सकी। पुलिस दल पर हमला करने के कारण संबंधित आरोपियों के विरूद्ध अपराध पंजीबद्ध किया गया है। उपरोक्त दबिश की कार्यवाही के दौरान श्रीमती रेशम बाई पति श्री हीरू के निवास पर 18 पेटी अवैध अंग्रेजी शराब पाई जाने पर जब्त कर आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। उपरोक्त कार्यवाही के दौरान बिना रजिस्ट्रेशन नंबर की 13 मोटर सायकिलें, 02 ट्रैक्टर, 01 ट्राली, 04 डीजल इंजन तथा 02 पानी के मोटर पम्प सेट चोरी की संपत्ति होने के संदेह में जब्त किये गये। विवेचना के दौरान वर्तमान स्थिति में 04 मोटर सायकिलों व 02 पानी के पम्प सेट विभिन्न थाना क्षेत्रों से चोरी होना ज्ञात हुए हैं, जिनमें पूर्व से आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध हैं। उपरोक्त पुलिस दबिश कार्यवाही के पश्चात् दिनांक 26.01.2017 को कुछ महिलाओं द्वारा पुलिस पर दुष्कर्म एवं अन्य आरोप संबंधी आवेदन पत्र दिये गये जिस पर थाना अजाक, जिला धार में अपराध क्र. 01/17 धारा 376-घ भा.द.वि. अज्ञात पुलिस कर्मियों के विरूद्ध पंजीबद्ध किया गया है। उक्त अपराध का प्रथम सूचना पत्र पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र पर है। प्रकरण विवेचनाधीन है, साक्ष्य अनुसार विधि अनुरूप कार्यवाही की जावेगी। यह भी उल्लेखनीय है कि उपरोक्त आवेदन पत्रों की अधिकांश आवेदिकाओं के पति व अन्य के करीबी रिश्तेदारों तथा आवेदकों के विरूद्ध विभिन्न थानों पर आपराधिक रिकार्ड भी हैं। (ग) प्रश्नांश का उत्तर प्रश्नांश (ख) के उत्तर में समाहित है। (घ) प्रश्नांश में वर्णित सभी संबंधित प्रावधानों का प्रकरण की विचेचना में पालन कर विधि अनुरूप कार्यवाही की गई है।
जिला पुलिस बल को संसाधन मशीनरी का प्रदाय
[गृह]
124. ( क्र. 4106 ) श्री अशोक रोहाणी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश शासन ने जिला पुलिस बल जबलपुर को सुदृढ़ करने आपराधिक गतिविधियों की रोकथाम, अपराधियों को पकड़ने पुलिस थानों को हाईटैक करने हेतु कौन-कौन से संसाधन मशीनरी आदि प्रदाय की है। वर्ष 2014-15 से 2016-17 तक की जानकारी दें। (ख) प्रश्नांकित (क) में किन-किन पुलिस थानों में कितना-कितना पुलिस बल स्वीकृत व पदस्थ हैं? कौन-कौन से कितने पद रिक्त है एवं क्यों? शासन ने इन रिक्त पदों की पूर्ति हेतु क्या प्रयास किये हैं? किन-किन थानों में कौन-कौन से संसाधन व सुविधाएं नहीं है एवं क्यों? सूची दें। (ग) प्रश्नांश (क) में दर्घटना में फंसे वाहने को उठाने व यातायात में अवरोधक भारी वाहनों, अवैध पार्किंग की समस्या से निजात दिलाने हेतु शासन ने कब कितनी क्रेने, कितनी राशि की, प्रदाय की थी? इनका क्या उपयोग किया गया? यदि नहीं, तो क्यों वर्तमान में इन क्रेनों की क्या स्थिति है? क्या शासन इन क्रेनों का उपयोग न किये जाने की जाँच कराकर दोषी अधिकारियों पर कार्यवाही करेगा?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार। जिला जबलपुर में विजयनगर, माढोताल, आधारताल, खमरिया, संजीवनी नगर, खितौला एवं हरिजन कल्याण थाना किराये के भवनों में संचालित हो रहे हैं। थाना विजयनगर, खमरिया के निर्माण कार्य प्रगति पर है। शेष थाने माढोताल, आधारताल, संजीवनी नगर, खितौला एवं हरिजन कल्याण के निर्माण कार्य की प्रक्रिया वर्तमान में स्थगित है। थानों के संचालन हेतु सभी आवश्यक संसाधन एवं सुविधाएं उपलब्ध है। पदोन्नति पर वर्तमान में रोक प्रभावी हैं। भर्ती हेतु कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार। क्रेनों से हाईवे पर दुर्घटनाग्रस्त हुये वाहनों को हटाये जाते हैं तथा शहर में जाम लगने की स्थिति में वाहनों को उठाकर रास्ता क्लीयर किया जाता है। क्रेनों का उपयोग यातायात पुलिस द्वारा गलत ढंग से किये गये पार्किंग में खड़े वाहनों को हटाने के उपयोग में किया जाता है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आर्थिक सहायता राशि का वितरण
[गृह]
125. ( क्र. 4107 ) श्री अशोक रोहाणी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर जिले में कितनी सड़क/वाहन दुर्घटनाएं घटित हुईं। इन दुर्घटनाओं में कितने व्यक्तियों की मृत्यु हुई। कितने व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हुये। इलाज के दौरान कितने व्यक्तियों की मृत्यु हुई? बतलावें। वर्ष 2014-15 से 2016-17 तक की थानावार जानकारी दें। (ख) प्रश्नांकित कितनी घटित दुर्घनाओं में मृतकों/घायलों के परिजनों को जिला प्रशासन ने कितनी राशि आर्थिक सहायता दी है? (ग) प्रश्नांश (क) में कितनी दुर्घटनाएं शराब पीकर वाहन चलाने, शराबी व वाहन चालक की लापरवाही के कारण हुई हैं? (घ) प्रश्नांकित घटित घटनाओं में कितने वाहन चालकों व वाहनों को पकड़ा गया है। इनमें से कितने प्रकरणों में न्यायालय में चालान प्रस्तुत किया गया? कितने प्रकरण विवेचना में हैं? (ड.) प्रश्नांश (क) में घटित घटनाओं के संबंध में कितने खतरनाक पॉइन्टों/ब्लैक स्पाट को चिन्हित किया गया है। इन जगहों को दुरूस्त करने के क्या प्रयास किये गये। यातायात पुलिस विभाग जबलपुर ने दुर्घनाओं को रोकने, दुर्घनाओं के बचाव हेतु कहाँ-कहाँ पर क्या-क्या व्यवस्थाएं/उपाय किये हैं।
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) से (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
निवेशकों
द्वारा
धोखाधड़ी की
शिकायत
[गृह]
126. ( क्र. 4118 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत 5 वर्षों में देवास जिले में कुल कितनी चिटफण्ड कंपनियों पर निवेशकों द्वारा धोखाधड़ी की शिकायत प्राप्त हुई है? नाम, संख्या एवं शाखावार स्थानों के नाम बतावें। (ख) आरोप लगाने वाली चिटफण्ड कंपनियों पर क्या पुलिस विभाग द्वारा जाँच कर आरोप तय किये गये है यदि हाँ, तो आरोपित चिटफण्ड कंपनियों के नाम एवं स्थानवार शाखाओं के नाम बतावें? (ग) देवास जिले की खातेगाँव विधान सभा क्षेत्र में ऐसी कितनी चिटफण्ड कंपनी संचालित थी जिन पर प्रकरण पंजीबद्ध किया गया है क्या कंपनी के साथ उनके एजेन्टों पर भी प्रकरण दर्ज किया गया है? यदि हाँ, तो कंपनी का नाम एवं एजेण्डों का नाम बतावें। (घ) क्या चिटफण्ड कंपनी में जमा राशि जमाकर्ताओं को वापस दिलाने हेतु शासन स्तर पर कोई कार्यवाही प्रचलित है यदि हाँ, तो प्रचलित कार्यवाही से अवगत करावें यदि नहीं, तो क्यों?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ जानकारी संलग्न परिशिष्ट में समाहित है। (ग) देवास जिले के खातेगाँव विधान सभा क्षेत्र में ऐसे कोई चिटफंड कंपनी संचालित नहीं थी, जिस पर प्रकरण पंजीबद्ध हो। (घ) माननीय न्यायालयीन निर्णय अनुसार कार्यवाही की जायेगी।
प्रदेश में नोटबंदी के कारण हुई मौतें
[गृह]
127. ( क्र. 4150 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पुलिस मुख्यालय में उपलब्ध जानकारी के अनुसार मध्यप्रदेश में 9 नवंबर से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में नोटबंदी के कारण कुल कितने लोगों की मृत्यु हुई है? जिलेवार एवं थानेवार मृत व्यक्तियों के नाम उनके पते सहित बताएं? (ख) क्या शासन द्वारा उक्त मृतकों के आश्रितों को आर्थिक सहायता प्रदान की गई है? यदि नहीं, तो क्यों? यदि हाँ, तो कितनी-कितनी आर्थिक सहायता प्रदान की गई है? प्रकरणवार जानकारी देवें।
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) एवं (ख) निरंक। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
पशु चिकित्सकों आदि के रिक्त पदों की पूर्ति
[पशुपालन]
128. ( क्र. 4233 ) श्री रामसिंह यादव : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शिवपुरी जिले में पशुपालन विभाग के अंतर्गत कौन-कौन से पद कहाँ-कहाँ पर स्वीकृत है? इन पदों पर प्रश्न दिनांक की स्थिति में कौन-कौन किस-किस पद पर कहाँ-कहाँ पर कार्यरत है? इनमें से वर्तमान में कार्य स्थल के बाहर कौन-कौन, कहाँ-कहाँ पर अटैच है? (ख) क्या बदरवास विकासखण्ड के अंतर्गत बदरवास, बिजरौनी, रन्नौद, खतौरा, इन्दार, अटलपुर एवं टीला में सहायक पशु चिकित्सा क्षेत्र अधिकारी एवं सहायक पशु चिकित्सा शल्यज्ञ के पद रिक्त हैं? यदि हाँ, तो उक्त पद कब से क्यों रिक्त है? रिक्त पद कब तक भरे जावेंगे? निश्चित समयावधि बताएं। (ग) प्रश्नांश (ग) में वर्णित रिक्त स्थानों पर सहायक पशु चिकित्सा क्षेत्र अधिकारी एवं सहायक पशु चिकित्सा शल्यज्ञ की सेवाएं विगत 02 वर्षों से किन-किन के द्वारा दी गई है? यदि सेवाएं नहीं दी गई तो वर्णित स्थानों के क्षेत्रान्तर्गत आने वाले ग्रामों के पशुओं का उपचार किसके द्वारा किया गया?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। कार्य स्थल के बाहर कोई भी अधिकारी/कर्मचारी अटैच नहीं है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार। पदों को भरने की सतत् प्रक्रिया है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार। शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
हैण्डपम्प/नल-कूप की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
129. ( क्र. 4234 ) श्री रामसिंह यादव : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या शिवपुरी जिले में वर्ष 2015-16 एवं वर्ष 2016-17 में हैण्डपम्प/नल-कूप खनन कराए गए है? यदि हाँ, तो विभागीय मशीनों एवं ठेकेदारों ने वर्षवार कितने-कितने हैण्डपम्प/नल-कूप खनन किए? विभागीय मशीनों एवं ठेकेदारों की पृथक-पृथक जानकारी दें। (ख) शिवपुरी जिले में वर्ष 2015-16 एवं वर्ष 2016-17 में हैण्डपम्प/नल-कूप किस मद से स्वीकृत थे? यदि हाँ, तो सूची संलग्न कर जानकारी दें कि इनमें से कहाँ-कहाँ पर खनन हो गए थे? उक्त स्वीकृत में से कहाँ-कहाँ पर प्रश्न दिनांक की स्थिति में खनन किया जाना शेष था? शेष नल-कूप/हैण्डपम्प कब तक खनन किये जावेंगे? (ग) क्या कोलारस विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत वर्ष 2017 में नवीन हैण्डपम्प/नल-कूप खनन कराए जाने हेतु कोई कार्ययोजना तैयार की गई है? यदि हाँ, तो विभागीय मद एवं अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति मद से कहाँ-कहाँ पर नवीन हैण्डपम्प/नल-कूप खनन कराया जाना शेष है? (घ) कोलारस विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत पेय-जल समस्या ग्रस्त ग्राम/स्थान कौन-कौन से हैं? इन ग्रामों/स्थानों में नलकूपों/हैण्डपम्प में मोटर कब तक डाली जावेगी और नवीन नल-कूप/हैण्डपम्प कब तक खनन कराए जावेंगे?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी हाँ, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ठ के प्रपत्र-1 एवं 2 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ठ के प्रपत्र-1 एवं 2 अनुसार है। (ग) जी नहीं। वर्ष 2017-18 की कार्य योजना बनाई जाना शेष है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) एक भी ग्राम पेय-जल उपलब्धता की दृष्टि से ''अनाच्छादित'' श्रेणी में नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
गैस एजेंसी के द्वारा फर्जी कनेक्शन वितरण
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
130. ( क्र. 4281 ) श्री मुकेश पण्ड्या : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या उज्जैन की भारत गैस एजेंसी के द्वारा बड़नगर के लोगों के नाम से कनेक्शन फर्जी तरीके से पूर्व में ही उज्जैन से जारी कर दिये गये हैं और इसी कारण बड़नगर के पात्र हितग्राहियों को उज्जवला योजना का लाभ प्राप्त नहीं हो पा रहा है। (ख) भारत गैस एजेंसी को लेकर कितनी शिकायत बड़नगर या उज्जैन में की गई है तथा शिकायत किस-किस बात को लेकर की गई है? (ग) भारत गैस एजेंसी को लेकर पिछले 2 वर्षों में कितनी शिकायतें हुई हैं? शिकायतकर्ता का नाम पता एवं शिकायत के संदर्भ में विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है? किस अधिकारी को जाँच सौंपी गई है तथा इस संदर्भ में अभी तक क्या कार्यवाही की गई है? इस फर्जीवाड़ा और नियम विरूद्ध कार्य को लेकर भारत गैस एजेंसी के लायसेंस को निरस्त करने की कार्यवाही की जा रही है। यदि हाँ, तो कब तक और नहीं तो ऐसे फर्जीवाड़े के बाद भी कोई कार्यवाही न होने का क्या कारण है?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) उज्जैन जिले में भारत गैस एजेंसी के नाम से कोई गैस एजेंसी संचालित नहीं है, अपितु भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लि. (ऑयल कम्पनी) के अंतर्गत उज्जैन नगर में संचालित तीन गैस एजेंसियों-सुविधा गैस एजेंसी, श्री महाकालेश्वर भारत गैस सर्विस एवं श्री महावीर गैस सर्विस द्वारा बड़नगर अनुविभाग के अंतर्गत ग्राम सुवासा, इटावा एवं भैसलाकला के 68 हितग्राहियों के नाम से फर्जी तरीके से गैस कनेक्शन जारी किये जाने के संबंध में बड़नगर में मौखिक रूप से शिकायतें प्राप्त हुई थी। उक्त शिकायतों की जाँच में शिकायतकर्ताओं द्वारा बताया गया कि उन्हें उज्जवला योजना के अंतर्गत गैस कनेक्शन प्राप्त नहीं हुआ है, जबकि संबंधित गैस एजेंसियों की जाँच में पाया गया कि उज्जवला योजना प्रारंभ होने के पूर्व से ही शिकायतकर्ताओं के नाम से अथवा इनके परिवार के किसी सदस्य के नाम से पूर्व में गैस कनेक्शन जारी हुए हैं। अत: पूर्व से ही गैस कनेक्शन जारी होने के कारण उक्त उपभोक्ताओं को प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के अंतर्गत योजना की पात्रता न होने से लाभ नहीं दिया जा सका है। (ख) उज्जैन जिले में भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (ऑयल कम्पनी) द्वारा संचालित गैस एजेंसियों के संबंध में की गई शिकायत का विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जिले में पिछले 02 वर्षों में भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लि. (ऑयल कम्पनी) द्वारा संचालित गैस एजेंसियों के विरूद्ध 11 लिखित/मौखिक शिकायतें प्राप्त हुई है। प्राप्त शिकायत, शिकायतकर्ता का नाम, शिकायत का स्वरूप, जाँचकर्ता अधिकारी का नाम तथा शिकायत में की गई कार्यवाही का विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। गैस एजेंसियों द्वारा की गई अनियमिताओं के संबंध में 07 प्रकरण आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 के अंतर्गत निर्मित किये जाकर प्रकरण कलेक्टर न्यायालय में प्रस्तुत किये गये, जिसमें कार्यवाही प्रचलित हैं। प्रदेश में गैस एजेंसी संचालित किये जाने के लिये किसी प्रकार का लायसेंस जारी नहीं किये जाने से लायसेंस निरस्त करने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
मछली पालन के लिये तालाबों का आवंटन
[मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास]
131. ( क्र. 4282 ) श्री मुकेश पण्ड्या : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन द्वारा मत्स्य विभाग द्वारा मछली पालन के लिये तालाबों का आवंटन कितने वर्षों के लिये किया जाता है आवंटन की क्या प्रक्रिया है? (ख) उज्जैन जिले में कुल कितने तालाब हैं? इनमें से कितने तालाबों को विभाग द्वारा मछली पालन के लिये आवंटित किया गया है, उससे कितनी मात्र में मछलियों का उत्पादन किया जा रहा है तथा कितने व्यक्तियों को रोजगार प्राप्त हो रहा है? (ग) बड़नगर विधान सभा क्षेत्र में कितने तालाब है तथा वर्तमान में किन-किन लोगों को मछली पालन के लिये तालाबों का आवंटन किन किन शर्तों के अधीन किया गया है? क्या आवंटित व्यक्तियों के द्वारा नियमानुसार शर्तों का पालन किया गया है? इसमें विभाग द्वारा कितना अनुदान किस-किस तालाब पर तथा कितने व्यक्तियों को दिया गया है? ग्रामवार एवं तालाबवार हितग्राहियों की संख्यात्मक सूची उपलब्ध करावें।
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) मत्स्य पालन की नीति 2008 से जारी नीति एवं निर्देश के तहत तालाबों को 10 वर्षीय पट्टे पर आवंटित करने का प्रावधान है। पट्टे पर आवंटित करने संबंधी नीति एव निर्देश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) उज्जैन जिले में 190 ग्रामीण तालाब हैं। 190 तालाबों को पट्टे पर आवंटित किया गया है। वर्ष 2016-17 माह जनवरी 2017 तक 1327 मैट्रिक टन मत्स्योत्पादन होकर 1728 व्यक्तियों को रोजगार प्राप्त हो रहा है। (ग) बड़नगर विधान सभा क्षेत्र में १२ ग्रामीण तालाब हैं। पट्टा धारकों को अनुबंध आधार पर तालाबों को आवंटन किया गया है, उनके द्वारा शर्तों का पालन किया जा रहा है। तालाब पट्टा धारकों एवं शर्तों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। विभाग द्वारा प्रदाय अनुदान एवं व्यक्तियों की ग्रामवार, तालाबवार एवं हितग्राहीवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है।
फसलों में पाले से हुए नुकसान
[राजस्व]
132. ( क्र. 4287 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शाजापुर जिले की तहसील कालापीपल, शुजालपुर, पोलायकलॉ एवं अवन्तिपुर बडोदिया में आलू, धनिया, चना एवं मसूर की फसलों में पाले से नुकसान हुआ है? यदि हाँ, तो क्या राजस्व विभाग द्वारा सर्वे किया गया है? यदि हाँ, तो किन-किन पटवारी हल्कों में नुकसान हुआ है? फसलवार/तहसीलवार जानकारी देवें। (ख) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित तहसीलों में पाले से नुकसान के लिए राहत देने के प्रावधान राजस्व पुस्तिका परिपत्र (RBC 6-4) के अनुसार में अलग से राज्य सरकार के निर्देश आवश्यक है? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित परिपत्र में राज्य सरकार के निर्देश आवश्यक नहीं है तो चना एवं मसूर की फसलों के नुकसान का सर्वे राजस्व अधिकारियों द्वारा क्यों नहीं किया गया? क्या नुकसान का सर्वे करवाया जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। शाजापुर जिले की तहसील कालापीपल, शुजालपुर, पोलायकलॉ एवं अवन्तिपुर बडोदिया में आलू, धनिया, चना एवं मसूर की फसलों में पाले से आंशिक क्षति हुई है। राजस्व, कृषि एवं उद्यानिकी विभाग के कर्मचारियों के गठित संयुक्त दलों से सर्वे कराया गया। सर्वे के आधार पर किसी भी ग्राम में आर.बी.सी. 6-4 के निर्धारित मानदण्डों के अनुसार क्षति नहीं हुई। अत: शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता। (ख) जी नहीं। (ग) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में निरंक।
नल-जल प्रदाय योजना के कार्यों में विलम्ब
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
133. ( क्र. 4289 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या शाजापुर जिले के ग्राम चाकरोद, मोहम्मदपुर मछनई, डूंगलाय एवं पोचानेर में नल-जल प्रदाय योजना हेतु ग्राम पंचायतों द्वारा जनभागीदारी से 3 प्रतिशत राशि जमा की गई है? यदि हाँ, तो योजनावार कितने-कितने रूपये का प्राक्कलन बनाया गया एवं ग्राम पंचायतों से कितनी-कितनी राशि जमा करवाई गई? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित नल-जल प्रदाय योजनाओं में से किस-किस की कब-कब प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित गाँवों की नल-जल प्रदाय योजनाओं की समय पर प्रक्रिया पूर्ण क्यों नहीं की गई? इन गाँवों की जनता से 3 प्रतिशत मद की राशि जमा करवाने के बाद भी योजना का लाभ ग्रामीणों को नहीं मिल पायेगा, इसके लिए जवाबदारी किसकी है? क्या इन गाँवों की पेय-जल की समस्या हल करने के लए कोई वैकल्पिक व्यवस्था बनाई गई या बनाई जावेगी? यदि हाँ, तो गाँववार जानकारी देवें?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) स्वीकृत योजनाओं के क्रियान्वयन हेतु आमंत्रित निविदाओं में निविदा दर अधिक आने के कारण निविदाएं निरस्त होने एवं नवीन पाईप नीति लागू होने के कारण। विलंब हेतु कोई जवाबदार नहीं है। उक्त ग्रामों में आवश्यकतानुसार एवं वित्तीय संयोजन सुनिश्चित होने पर पेय-जल व्यवस्था की कार्यवाही की जावेगी, परंतु इस संबंध में निश्चित समयावधि बताना संभव नहीं है।
राजस्व न्यायालय में प्रकरणों की तारीख बढ़ायी जाना
[राजस्व]
134. ( क्र. 4306 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. राजस्व संहिता १९५९ की धारा ३६ में राजस्व प्रकरणों में तीन से अधिक तारीखें/पेशी नहीं बढाने का प्रावधान है? (ख) यदि हाँ, तो छतरपुर जिले की राजनगर तहसील के चन्द्रनगर के राजस्व सर्किल के नायब तहसीलदार ने कितने प्रकरणों में तीन से अधिक पेशियां बढाकर जनता को परेशान किया है? (ग) क्या छतरपुर जिले की तहसील राजनगर के प्रकरण क्रमांक १००/अ ६/१५-१६ एवं १०१/अ ६/१५-१६ में तीन से अधिक तारीखें/पेशी बढ़ाई गयी हैं? यदि हाँ, तो इस गम्भीर अनियमितता के लिये नायब तहसीलदार को कब तक निलंबित किया जावेगा? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) क्या तीन से अधिक तारीखें बढाने पर विरोधी पक्षकार को क्षतिपूर्ति के रूप में भत्ता/खर्चा दिलवाया गया है? यदि नहीं, तो क्यों पक्षकार की इस आर्थिक हानि के लिये क्या नायबत हसीलदार जिम्मेदार है? यदि हाँ, तो उसके विरूद्ध कब तक कार्यवाही की जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
पशुपालन विभाग द्वारा हितग्राहियों को लाभ
[पशुपालन]
135. ( क्र. 4307 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत दो वर्षों में पशुपालन विभाग द्वारा छतरपुर जिले सहित चन्दला विधान सभा क्षेत्र में कितने हितग्राहियों को लाभ दिया गया है? (ख) पशुपालन को आधुनिकता के लिये पशुपालन विभाग द्वारा कौन-कौन सी नई प्रभावी योजनायें बनायी गयी हैं? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार अवधि में पशुपालन को उन्नत एवं प्रभावी बनाने हेतु विभाग द्वारा हितग्राही को कोई प्रशिक्षण दिया गया है तो चन्दला विधान सभा में प्रशिक्षित युवकों के नाम एवं ग्राम सहित जानकारी देवें? (घ) पशुपालन विभाग छतरपुर द्वारा पशुओं के पालन हेतु उत्कृष्ट किसानों के उत्साहवर्धन हेतु कौन-कौन सी योजनायें बनाई है?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) विगत दो वर्षों में पशुपालन विभाग द्वारा छतरपुर जिले में वर्ष 2014-2015 में 1192 एवं वर्ष 2015-2016 में 722 हितग्राहियों एवं चन्दला विधान सभा क्षेत्र में वर्ष 2014-2015 में 21 एवं वर्ष 2015-2016 में 42 हितग्राहियों को लाभ दिया गया है। (ख) पशुपालन को आधुनिकता के लिए हितग्राही मूलक योजना में आचार्य विद्यासागर गौ-संवर्धन योजना तथा जिला पशु चिकित्सालयों को पॉलीक्लीनिक के रूप में आधुनिक करने की योजना बनायी गयी है। (ग) जी हाँ, जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (घ) पशुपालन विभाग द्वारा पशुओं के पालन हेतु उत्कृष्ठ किसानों के उत्साहवर्धन हेतु गोपाल पुरस्कार योजना एवं वत्सपालन प्रोत्साहन योजना संचालित।
पर्यावरण का संरक्षण
[पर्यावरण]
136. ( क्र. 4309 ) श्रीमती शीला त्यागी : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा, सतना, शहडोल एवं कटनी जिले में स्थापित उद्योग धंधे, सीमेन्ट प्लान्ट, पेपर मिल, सोडा फैक्ट्री एवं चूना प्लान्ट आदि के द्वारा उत्पन्न प्रदूषण एवं धुंआ से पर्यावरण शुद्ध रखने के लिए म.प्र. शासन एवं भारत सरकार के क्या नियम एवं निर्देश हैं? नियमों एवं आदेशों/निर्देशों की प्रति उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक कितने उद्योगों, फैक्ट्रियों के खिलाफ प्राप्त शिकायतों में तथा शासनादेशों के पालनार्थ स्मरण पत्रों का पत्राचार किया गया है, यदि नहीं, तो क्यों? पत्रों की जानकारी जिलावार देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में कार्यवाही न करने के लिए कौन जिम्मेदार है? उस अधिकारी अथवा उद्योगपति के विरूद्ध कौन-सी दण्डात्मक कार्यवाही की गई है, कृत कार्यवाही की प्रति देवें।
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) उद्योगों के प्रदूषण एवं धुओं से पर्यावरण शुद्ध रखने हेतु केन्द्र सरकार द्वारा लागू निम्नलिखित अधिनियम/नियम हैं, उक्त अधिनियम/नियम वृहद स्वरूप के हैं, उक्त अधिनियम एवं नियम म.प्र.प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की वेब-साईट http://www.mppcb.nic.in/environment_legislation.htm पर उपलब्ध हैं :- (1) जल (प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण) अधिनियम 1974 (2) वायु (प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण) अधिनियम 1981 (3) पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम 1986 व नियम (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
राजस्व अभिलेखों की नकल का प्रदाय
[राजस्व]
137. ( क्र. 4318 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता सदस्य के परि. अता. प्रश्न क्रमांक-1628 दिनांक-07/12/2016 के प्रश्नांश (क) के उत्तर में जवाब दिया गया था कि जी नहीं ''राजस्व विभाग की सेवा क्र.-4.9 राजस्व/विभाग का पत्र क्रमांक एफ 5-9/2014/सात-१, दिनांक-28/01/2014 एवं सेवा क्रं-4.10 राजस्व विभाग का परिपत्र क्रं-एफ 5-१०/2014/सात-१, दिनांक-28/01/2014 में अभिलेख प्रकोष्ठ' में जमा प्रकरण के लिए प्रति पृष्ठ 20 रूपये मुद्रांक एवं २० रूपये प्रतिलिपि शुल्क देय है'', तो शासन के किस आदेश/निर्णय के आधार पर प्रतिपृष्ठ २० रूपये मुद्रांक एवं २० रूपये प्रतिलिपि शुल्क लिया जा रहा है? (ख) क्या उपरोक्त शुल्क की बढ़ी हुई राशि को समाप्त करते हुए पूर्ववत् शुल्क लिये जाने के निर्देश प्रदान करेंगे एवं नियम विरूद्ध तरीके से शुल्क बढ़ाने के लिये जवाबदार अधिकारियों पर कठोर कार्यवाही करेंगे?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) लोक सेवा प्रबंधन विभाग की अधिसूचना क्रं. एफ 2-13/2012/61/लोसेप्र/पीएसजी/-04, दिनांक 10 अप्रैल 2013 के क्रम में म.प्र. शासन, राजस्व विभाग के पत्र क्रं. एफ 5-10/2014/सात-1, दिनांक 28/01/2014 द्वारा राजस्व विभाग की सेवा क्रं. 4.10 ''अभिलेख प्रकोष्ठ में जमा भू-अभिलेखों/राजस्व प्रकरणों/नक्शों एवं अन्य अभिलेखों की सत्य प्रतिलिपि प्रदान करने के संबंध में'' प्रति पृष्ठ मुद्रांक की राशि रूपये 20/- तथा प्रतिलिपि शुल्क की राशि रूपये 20/- निर्धारित की गई है, जो कि मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता की धारा 256 के नियम 22 अनुसार है। (ख) उपरोक्त शुल्क नियमानुसार व न्यूनतम है। अतः जवाबदार अधिकारियों पर कार्यवाही का प्रश्न उद्भूत नहीं होता है।
यातायात सुरक्षा सप्ताह का आयोजन
[गृह]
138. ( क्र. 4320 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) यातायात सुरक्षा सप्ताह के अंतर्गत क्या-क्या कार्य/कार्यक्रम किये जाते हैं? कटनी जिले में विगत तीन वर्षों में क्या-क्या कार्य/कार्यक्रमों का आयोजन कब-कब किया गया? (ख) प्रश्नांश (क) के तहत कार्यों/कार्यक्रमों में, किन-किन विभागों की क्या-क्या भूमिका के शासनादेश हैं? कटनी में आयोजित कार्यक्रमों में किन-किन विभागों के शासकीय सेवकों एवं संस्थाओं द्वारा क्या-क्या कार्य कहाँ-कहाँ किये गये वर्षवार बतायें, (ग) प्रश्नांश (ख) के तहत, यातायात सुरक्षा सप्ताह के आयोजनों से क्या-क्या लाभ परिलक्षित हुये? क्या जिले की यातायात व्यवस्था/सड़क सुरक्षा में उत्तरोत्तर सुधार हुआ है? यदि हाँ, तो कैसे एवं क्या?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार। (ग) सड़क उपयोग करने वालों में वाहन चालक एवं पैदल यात्रियों में यातायात के नियमों के प्रति जागरूकता आई है एवं नियमों का ज्ञान हुआ है। जी हाँ। आम सड़क का उपयोग करने वालो में यातायात नियमों के प्रति जागरूकता आई है।
समर्थन मूल्य पर उपार्जित धान हेतु बारदानों की खरीदीl
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
139. ( क्र. 4321 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विषयांकित हेतु जो बारदाने खरीदे गये उनके खरीदी की प्रक्रिया क्या है? एक बारदाने का वजन तथा प्रति बारदाना खरीदी की कीमत के संबंध में विगत तीन वर्षों की जानकारी दें? (ख) बारदानों की खरीदी वजन के आधार पर की जाती है या प्रति नग के आधार पर की जाती हैl बारदानों की खरीदी फसलों के आधार पर की जाती है या सभी फसलों के लिए बारदानों की खरीदी एक जैसे की जाती है? (ग) बालाघाट जिले में कस्टम मिलिंग के लिए दिये गये धान के बारदानों में से खाली बारदानों के बदले प्रति खाली बारदानों से प्राप्त राशि की जानकारी राईस मिलों के अनुसार विगत तीन वर्षों की उपलब्ध करायें? (घ) प्रदेश की वर्ष २०१६-१७ के लिए समर्थन मूल्य उपार्जित धान की कस्टम मिलिंग नीति उपलब्ध करायें?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) समर्थन मूल्य पर उपार्जित खाद्यान्न के भरती हेतु मध्यप्रदेश स्टेट सिविल सप्लाईज़ कार्पोरेशन द्वारा डी.जी.एस. एण्ड डी. के माध्यम से बारदाना क्रय किया जाता है। शेष जानकारी पुस्तकाल में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) बारदानों की खरीदी नग के आधार उपार्जित किए जाने वाले गेहूँ, धान एवं मोटे अनाज हेतु जूट बारदाने एवं पी.पी. बैग्स क्रय किए जाते हैं। (ग) कस्टम मिलर्स से विगत 3 वर्षों में धान के साथ प्रदाय बारदानों के विरूद्ध उनको देय राशि से समायोजित की गई राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (घ) खरीफ विपणन वर्ष 2016-17 में समर्थन मूल्य उपार्जित धान की कस्टम मिलिंग हेतु जारी नीति की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है।
बीड़ी श्रमिकों को श्रमिक से मालिक बनाया जाना
[श्रम]
140. ( क्र. 4322 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बीड़ी श्रमिकों को श्रमिक से मालिक बनाने हेतु क्या विभाग मुख्यमंत्री सचिवालय को श्रमिक का सहकारी संघ बनाने जो बीड़ी का निर्माण कर बीड़ी श्रमिकों को मजदूर से मालिक बनाने संबंधी प्रस्ताव भेजेगा? (ख) यदि नहीं, तो तेंदु पत्ते का राष्ट्रीकरण कर लघुवन उपज संघ के माध्यम से जिस प्रकार तेंदु पत्ता मजदूरों को मालिक बनाया गया उसी तरह बीड़ी मजदूरों को बीड़ी मालिक बनाने के संबंध में विभाग को आपत्ति के कारण बतायें?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) सहकारी संघ बनाने हेतु प्रस्ताव विभाग द्वारा नहीं भेजा जाता है। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में जानकारी निरंक मान्य की जावे।
एक्सीडेंट में घायल एवं मृतकों को मुआवजा
[परिवहन]
141. ( क्र. 4326 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजगढ़ जिले की विधान सभा क्षेत्र राजगढ़ के अन्तर्गत एन.एच. 12 पर दिनांक 13 दिसम्बर 2016 को ऑटो तथा मिनी बस का एक्सीडेंट हुआ था जिसमें 5 स्कूली बालिका सहित 15 लोगों की मौत हो गई थी? यदि हाँ, तो उक्त दुर्घटना के लिये किसकी गलती थी? (ख) उक्त दुर्घटना में मृतक, घायल व्यक्तियों के नाम, पते सहित बतावें l क्या मृतकों के परिवार वालों को कोई सहायता राशि प्रदाय की गई है? यदि हाँ, तो किस-किस को कितनी-कितनी बतावें। (ग) क्या उक्त दुघर्टना में राजगढ़ जिले के प्रभारी आर.टी.ओ. को दोषी माना गया था? यदि हाँ, तो उन्हें क्या उन्हें निलम्बित किया गया था या अन्यत्र स्थान पर स्थानान्तरित किया गया था? (घ) क्या इतने बडे हादसे के बावजूद भी उक्त प्रभारी आर.टी.ओ. राजगढ़ में ही पदस्थ है अथवा उन्हें अन्यत्र स्थान पर स्थानान्तरित किया जावेगा?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। राजगढ़ जिले की विधान सभा क्षेत्र राजगढ़ के अन्तर्गत एन.एच. 12 पर दिनांक 13 दिसम्बर 2016 को ऑटो तथा मिनी बस का एक्सीडेंट हुआ था। पुलिस अधीक्षक राजगढ़ के अनुसार बस चालक जगदीश तवँर निवासी टांडी कला व बस मालिक विजय सिंह सौंधिया निवासी पिपलवे पुरोहित को दोषी पाया गया है। (ख) वांछित जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र “अ” एवं “ब” अनुसार है। (ग) जी हाँ। उक्त दुर्घटना के क्रम में श्री के.पी. अग्निहोत्री परिवहन निरीक्षक, प्रभारी जिला परिवहन अधिकारी राजगढ़ को कार्य के प्रति लापरवाही प्रतीत होने से परिवहन आयुक्त द्वारा दि. 13/12/2016 को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाकर इनका मुख्यालय परिवहन कैम्प कार्यालय भोपाल किया गया। (घ) श्री के.पी.अग्निहोत्री, प्रभारी जिला परिवहन अधिकारी राजगढ़ द्वारा परिवहन आयुक्त मध्यप्रदेश ग्वालियर के निलंबन आदेश क्रमांक 6781/स्था./ओ.एस./टीसी/16 दिनांक 13/12/2016 के विरुद्ध मान. उच्च न्यायालय खण्डपीठ इन्दौर में WP NO. 8326/16 दायर की गयी जिस पर मान. न्यायालय द्वारा पारित आदेश दिनांक 16/12/2016 से प्रकरण में स्थगन दिया गया है। जिसके पालन में श्री अग्निहोत्री जिला परिवहन अधिकारी कार्यालय राजगढ़ का कार्य संपादित कर रहे हैं। प्रकरण विचाराधीन है।
यामना नाले पर अतिक्रमण
[राजस्व]
142. ( क्र. 4333 ) श्री जालम सिंह पटेल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा नरसिंहपुर जिले की गोटेगाँव तहसील में यामना नाले पर अतिक्रमण होने की जानकारी पत्र क्र.जे.एसपी/2016/2126 दिनांक 03-12-16 को अनुविभागीय अधिकारी गोटेगाँव को दी गई है? (ख) यदि हाँ, तो उस पर क्या कार्यवाही की गई है? (ग) यदि कोई कार्यवाही नहीं की गई तो कब तक और क्या कार्यवाही की जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। (ख) शिकायत पत्र के संदर्भ में अभिलेखागार से पुराने रिकार्ड प्राप्त किये गये हैं तथा संबंधित पक्षकारों को नोटिस जारी कर नियमानुसार जाँच की जा रही है। (ग) कार्यवाही प्रचलन में है। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
अवैध शराब, स्मैक, गांजा बिक्री के दर्ज मामले
[गृह]
143. ( क्र. 4334 ) श्री जालम सिंह पटेल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नरसिंहपुर जिले में वर्ष 2015-2016 2016-2017 में अवैध शराब, स्मैक, गांजा बिक्री के कितने मामले दर्ज किये गये? (ख) इस अवैध नशे के धन्धों में लिप्त व्यक्तियों पर क्या-क्या कानूनी कार्यवाही की गई है? (ग) अवैध नशा धन्धों की रोकथाम के लिए क्या कोई कार्यवाही की जा रही है अगर हाँ, तो जानकारी प्रदान करें?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) नरसिंहपुर जिले में वर्ष 2015-16 एवं 2017 में अवैध शराब, स्मैक, गांजा बिक्री के दर्ज प्रकरणों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार हैं। (ख) इस अवैध नशे के धंधों में लिप्त व्यक्तियों पर आबकारी एक्ट व एन.डी.पी.एस. एक्ट के तहत की गई कार्यवाही की जानकारी संलग्न परिशिष्ट में निहित है, इसके अतिरिक्त एन.डी.पी.एस. के प्रकरण में लिप्त 04 आरोपियों के विरुद्ध एवं आबकारी एक्ट के प्रकरण में लिप्त 11 आरोपियों के विरुद्ध जिला बदर की कार्यवाही की गई हैं। (ग) अवैध नशे पर रोकथाम हेतु चिन्हित स्थानों पर अस्थाई पुलिस सहायता केन्द्र स्थापित किये गये है। वर्ष 2015 में 08 स्थानों पर वर्ष 2016 में 151 स्थानों पर वर्ष 2017 में 02 स्थानों पर नशामुक्ति जनसंवाद, नशामुक्ति जन चेतना रैली एवं नशामुक्ति शिविर आयोजित किये गये हैं।
अपराधों में बढ़ोत्तरी
[गृह]
144. ( क्र. 4352 ) श्री मानवेन्द्र सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले के अंतर्गत 1 जनवरी 2015 से प्रश्न दिनांक तक की कितनी आत्महत्या, एस.सी./एस.टी. एक्ट, हत्यायें, बलात्कार, लूटर, चेन स्नेचिंग, डकैती, हत्या के प्रयास एवं छेड़-छाड़ की घटनायें दर्ज की गईं? थानावार बतावें। उक्त अवधि में गांजा, अफीम, स्मैक, शराब, अवैध शस्त्र आदि के कितने प्रकरण दर्ज किये गये? उन पर क्या कार्यवाही हुई? थानावार विवरण देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में कितने प्रकरणों को न्यायालय में कब-कब प्रस्तुत किये गए? कितने प्रकरण जाँच में लंबित हैं? कितने प्रकरणों में जाँच उपरांत खात्मा लगया गया? कितने प्रकरण ऐसे हैं जिनमें किसी भी तरह की कार्यवाही नहीं हुई? (ग) प्रश्नांश (क) में दर्ज प्रकरणों में पुलिस की लापरवाही से अपराधियों को उचित दंड नहीं मिल पाया व ह खुले आम घूम रहे हैं? यदि हाँ, तो इसका दोषी कौन-कौन है? उन पर क्या कार्यवाही की गई? (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ख) यदि हाँ, तो क्या शासन अपराधियों के विरूद्ध ठोस कानून बनाकर उनके विरूद्ध कठोर कार्यवाही करते हुए दोषी अधिकारियों/कर्मचारियों को उचित दण्ड देते हुए कार्यवाही करेगी? हाँ तो कब तक?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' में समाहित है। (ग) एवं (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नामान्तरण के दर्ज प्रकरण
[राजस्व]
145. ( क्र. 4353 ) श्री मानवेन्द्र सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला छतरपुर की तहसील नौगाँव, महारजपुर, लवकुशनगर, चंदला, गौरिहार में ऐसे कितने प्रकरण लंबित है, जिन कृषकों को परिवारजनों माता-पिता, भाई-बहिनों की मृत्यु उपरांत नामान्तरणों का होना शेष है तथा ऐसे कितने प्रकरण शेष है? नामवार जानकारी देवें, जिनके नामांतरण हो जाने के बाद कम्प्यूटर में नाम दर्ज नहीं है। (ख) इस प्रकार के प्रकरण किस कारण से लंबित पड़े हैं और उन्हें क्यों पूर्ण नहीं किया गया तथा किसान इस प्रकार की समस्या से ग्रसित है तथा सूखा राहत राशि, खाद, बीज आदि नहीं मिल पा रही है, क्या ऐसे प्रकरणों का निपटारा करायेंगे? यदि हाँ, तो कब तक समयावधि बतायें। यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें। (ग) क्या प्रश्नांश (क) के संदर्भित तहसीलों में राजस्व मण्डल ग्वालियर, कमिश्नर, कलेक्टरों के द्वारा किये गये आदेशों अनुसार भी नामान्तरण शेष है? यदि हाँ, तो सक्षम अधिकारियों द्वारा पारित आदेशों के नामान्तरण कब तक पूर्ण करा लिये जायेंगे? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें तथा वर्णित अधिकारियों के आदेशों का पालन न करने वाले अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही प्रस्तावित करेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) छतरपुर की तहसील नौगाँव, महाराजपुर, लवकुशनगर, चंदला एवं गौरिहार में प्रश्नाधीन नामांतरण प्रकरण लंबित नहीं है शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्न ही उद्भूत नहीं होता। (ग) प्रश्नाधीन तहसीलों में वरिष्ठ न्यायालयों/प्राधिकारियों के आदेशों के अनुपालन में कोई भी नामांतरण निराकरण हेतु शेष नहीं है। शेष प्रश्नांश का प्रश्न ही उद्भूत नहीं होता है।
लाल पानी की समस्या
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
146. ( क्र. 4360 ) श्री चेतन्य कुमार काश्यप : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) रतलाम शहरी क्षेत्र के सात वार्डों और ग्रामीण क्षेत्र के 10 गांवों के लोगों को लाल पानी की समस्या से मुक्त कराने हेतु प्रस्तावित गुणावद समूह नल-जल योजना की वर्तमान स्थिति क्या है? 07 अक्टूबर, 2015 को ई-निविदा जारी होने के बावजूद योजना अभी तक पूरी नहीं हुई है वर्तमान स्थिति क्या है? (ख) यह कब तक पूर्ण होकर प्रभावित क्षेत्रों को कब तक शुद्ध पेय-जल मिल सकेगा?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) रतलाम नगर पालिका एवं इप्का लेबोरेटरी से अपेक्षित सहमति एवं अनुपातिक राशि प्राप्त न होने से वित्तीय संयोजन का अभाव है, फलस्वरूप योजना का क्रियान्वयन प्रारंभ नहीं किया जा सका है। (ख) निश्चित समय अवधि नहीं बताई जा सकती है।
दोषियों के विरूद्ध एफ.आई.आर.
[राजस्व]
147. ( क्र. 4370 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले में कलेक्टर सतना राजस्व प्र.क्र. 33 अ 19 (111) 2015-16 आदेश दिनांक 05.04.2016 राज. प्रकरण क्र. 32 अ 19 (111) 2015-16 आदेश दिनांक 29.03.2016 के द्वारा निजी स्वामित्व की त्रुटिपूर्वक दर्ज भूमियों को म.प्र. शासन दर्ज किया गया है तथा प्रकरण में दोषी व्यक्तियों/अधिकारी एवं कर्मचारी को चिन्हित किया गया है किन्तु कलेक्टर सतना द्वारा दोषियों के विरूद्ध भ्रष्टाचार किये जाने की एफ.आई.आर. अभी तक क्यों नहीं कराई गई। यदि कराई जावेगी तो कब तक। (ख) माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर के रिट पिटीशन क्र. 9659/15 में पारित आदेश दिनांक 04.08.2015 सतना जिले की बहुमूल्य भूमियों के खुर्द-बुर्द किये जाने के परिप्रेक्ष्य में कलेक्टर सतना के निर्देशानुसार एस.डी.एम. रघु द्वारा जाँच समिति का गठन पत्र क्रमांक 52 दिनांक 06.02.2016 को किया गया था। समिति द्वारा जाँच प्रतिवेदन के आधार पर प्रश्नांकित भूमियों के शासकीय घोषित किया गया है किन्तु त्रुटिकर्ता अधिकारी/कर्मचारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही सुनिश्चित की गई अद्यतन विवरण दें। (ग) ध्यानाकर्षण सूचना 506 दिनांक 11.03.2016 तहसीलदार रघुराज के पत्र क्र. 30 दिनांक 12.03.2016 को कलेक्टर सतना को प्रेषित जबाव में दोषी व्यक्तियों, अधिकारी एवं कर्मचारियों को स्पष्ट चिन्हित किया गया है। उक्त जवाब के परिप्रेक्ष्य में कलेक्टर सतना द्वारा दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई अद्यतन जानकारी दें। (घ) कलेक्टर सतना (तत्कालीन) श्री संतोष मिश्रा के पत्र क्र. 87 दिनांक 22.03.2016 के द्वारा अनुविभागीय अधिकारी की अध्यक्षता के जाँच समिति गठित कर सतना जिले की समस्त तहसीलों में 1958-59 में दर्ज शासकीय भूमियों के स्वामित्व परिवर्तन की जाँच करने के निर्देश दिये गये थे। गठित समितियों द्वारा की गई जाँच की अद्यतन जानकारी प्रस्तुत करें। यदि जाँच नहीं की गई तो क्यों तथा जाँच कब-तक पूर्ण करा ली जावेगी।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ तथा जी नहीं। न्यायालय कलेक्टर सतना के उपरोक्त आदेशों में किसी भी अधिकारी-कर्मचारी को दोषी नहीं ठहराया गया है। इसलिए एफ.आई.आर. किये जाने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी हाँ। जाँच उपरांत पाया गया कि प्रश्नाधीन/रिट पिटीशन में अंकित भूमियां खुर्द-बुर्द नहीं है। खसरे में पूर्व से मध्यप्रदेश शासन दर्ज है। कोई भी अधिकारी कर्मचारी दोषी नहीं है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी हाँ। जाँच प्रक्रिया सतत् जारी है। जिसके अंतर्गत पक्षकारों को नोटिस जारी है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
उच्च स्तरीय जाँच कर कार्यवाही
[राजस्व]
148. ( क्र. 4371 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नोत्तरी दिनांक 29 जुलाई 2016 में मुद्रित अता. प्रश्न संख्या 102 (क्र. 2733) के परिप्रेक्ष्य में की जा रही जांचों का क्या प्रतिवेदन प्राप्त हो गया? यदि हाँ, तो प्रतिवेदन की प्रति उपलब्ध करावें तथा उक्त प्रतिवेदनों अनुसार दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? पृथक-पृथक विवरण दें? (ख) यदि जाँच पूर्ण नहीं हुई, तो कब तक पूर्ण की जावेगी? जाँच किसको सौंपी गई है? किस आदेश दिनांक से सौंपी गई है?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
ए.सी.सी. फैक्ट्री में कार्यरत श्रमिकों की मांग
[श्रम]
149. ( क्र. 4387 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी जिले की ए.सी.सी. फैक्ट्री के श्रमिकों के संगठन कटनी पाटरी कर्मचारी संघ द्वारा श्रम अधिकारी कटनी को पत्र दिनांक 29/01/2015 एवं 31/12/2015 से मांगों के संबंध में ज्ञापन प्रस्तुत किया गया? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो उक्त ज्ञापन में उल्लेखित मांगों पर बिन्दुवार क्या कार्यवाही की गई? बताएं। यदि नहीं, की गई तो कब तक की जावेगी? समयावधि बताएं। (ग) प्रश्नकर्ता सदस्य के पत्र क्रमांक 2048 दिनांक 3/2/2017 को पुन: कलेक्टर कटनी एवं श्रम पदाधिकारी कटनी को पत्र लिखकर कार्यवाही की मांग की उक्त पत्र पर क्या कार्यवाही की गई? यह भी बताएं।
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जी हाँ कटनी जिले की ए.सी.सी. फैक्टी के श्रमिकों के संगठन कटनी पाटरी कर्मचारी संघ द्वारा श्रम अधिकारी कटनी को पत्र दिनांक 29/01/2015 एवं 31/12/2015 से मांगों के संबंध में ज्ञापन प्रस्तुत किया गया था। (ख) कटनी पाटरी कर्मचारी संघ द्वारा प्रस्तुत मांग बिन्दुओं के संबंध में उभय पक्षों के माध्य 18 बैठकें श्रम पदाधिकारी, कार्यालय कटनी में आयोजित कराई गई किन्तु उभय पक्षों के मध्य पर्याप्त प्रयास किये जाने के उपरान्त भी मांग पत्र के उल्लेखित बिन्दुओं पर कोई समाधान कारक हल सम्मुख न आने तथा विवाद विदयमान रहने के फलस्वरूप प्रकरण माननीय औद्योगिक न्यायाधिकरण इन्दौर को संदर्भ कर दिया गया है। (ग) प्रश्नकर्ता सदस्य के पृ.क्रमांक 2048 दिनांक 03/02/2017 कार्यालय कलेक्टर एवं श्रम पदाधिकारी कार्यालय कटनी को प्राप्त नहीं है। अत: कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
पशुओं के चिकित्सकीय एवं मृत्यु प्रमाण-पत्र के नियम
[पशुपालन]
150. ( क्र. 4416 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बाढ़ के दौरान बह गए पशुओं के चिकित्सकीय प्रमाण पत्र/मृत्यु प्रमाण-पत्र दिये जाने का क्या नियम है? ब्यौरा दें। (ख) प्रश्न दिनांक से विगत 2 वर्ष की अवधि में सीहोर जिले में बाढ़ में पशुओं के बहने की कितनी घटनाएं घटित हुई है? घटनाओं में कितने पशु बहे? ब्यौरा दें? (ग) क्या इछावर विधान सभा क्षेत्र के ग्राम झालकी में गत वर्ष पशु बहने की घटना घटित हुई थी? क्या पीडि़तों को RBC के तहत राहत राशि प्रदान की गई है? यदि हाँ, तो कितनी? यदि नहीं, तो क्या कार्यवाही की जा रही है? (घ) पशु का शव बरामद नहीं होने की दशा में क्या कार्यवाही की जाती है और RBC के तहत राहत प्रदान करने की क्या व्यवस्था की जाती है?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) बाढ़ से मृत पाए गए पशुओं का पशुपालक/सक्षम अधिकारी आमतौर पर तहसीलदार के आदेश पर विभागीय पशु चिकित्सकों द्वारा शव परीक्षण कर पोस्टमार्टम रिपोर्ट दी जाती है। (ख) बाढ़ में बह जाने वाले पशुओं की जानकारी पशुपालन विभाग में उपलब्ध नहीं होती है। विगत 02 वर्ष की अवधि में सीहोर जिले में बाढ़ से पशुओं के मृत होने से कुल 26 घटनाएं घटित हुई है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार। (ग) बाढ़ में बह जाने वाले पशुओं की जानकारी पशुपालन विभाग में उपलब्ध नहीं होती है। विधान सभा क्षेत्र ईछावर के ग्राम झालकी में तहसीलदार ईछावर से प्राप्त जानकारी अनुसार गत वर्ष में 03 गाय, 01 बछड़े की बहने से मृत्यु होना पाया गया। जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार। (घ) पशु का शव बरामद नहीं होने की दशा के संबंध में आर.बी.सी. 6-4 के प्रावधानों में उल्लेख नहीं है।
पुलिस सहायता केन्द्र की स्थापना
[गृह]
151. ( क्र. 4435 ) श्री आरिफ अकील : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भूमि के आवंटन उपरांत ही पुलिस चौकी व पुलिस सहायता केन्द्र स्थापित किए जाने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो भोपाल जिले में कहाँ-कहाँ कब-कब किस-किस के स्वामित्व की भूमि पर किस-किस की अनुमति/आदेश से तथा किस-किस जिम्मेदार अधिकारी के कार्यकाल में पुलिस चौकी व पुलिस सहायता केन्द्र स्थापित किए गए भूमि आवंटन की प्रति सहित बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में भोपाल में जो पुलिस चौकी व पुलिस सहायता केन्द्र निर्मित किए गए हैं, उसमें शासन की कितनी-कितनी राशि व्यय हुई या नियम विरूद्ध तरीके से चंदा/चौथ वसूली की राशि से निर्मित किए गए हैं? (ग) यदि हाँ, तो जिन महानिरिक्षक उपमहानिरिक्षक, अतिरिक्त महानिरिक्षक, अधीक्षक के कार्यकाल में अवैध रूप से पुलिस चौकी व सहायता केन्द्र स्थापित हुए है के कारण जिम्मेदार पुलिस अधिकारियों के विरूद्ध विभागीय कार्यवाही करते हुए राशि की वसूली करेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। जी नहीं। (ग) उत्तरांश (ख) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
स्थानान्तरण नीति लागू नहीं की जाना
[गृह]
152. ( क्र. 4436 ) श्री आरिफ अकील : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पुलिस मुख्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार क्या भोपाल पुलिस में अधिकांश अधिकारियों/ कर्मचारियों की सेवा अवधि भोपाल में ही व्यतीत हो रही है। यानि पदोन्नति प्राप्त करने के कुछ समय पश्चात् पुन: भोपाल में पदस्थ है? यदि हाँ, तो हवलदार, सहायक उपनिरीक्षक, उप निरीक्षक, निरीक्षक, नगर पुलिस अधीक्षक, उप पुलिस अधीक्षक, अधीक्षक, अतिरिक्त महानिरीक्षक, महानिरीक्षक, अतिरिक्त महानिदेशक के पद पर पदस्थ व्यक्तियों की प्रथम नियुक्ति दिनांक से प्रश्न दिनांक की स्थिति में कुल कितनी सेवा हो चुकी है और भोपाल में पदस्थी कब-कब तथा कुल कितनी-कितनी सेवा अवधि हो चुकी है? (ख) अधिकारी का नाम व पद सहित अवगत करावें कि क्या इन अधिकारियों एवं कर्मचारियों पर शासन की स्थानांतरण नीति लागू नहीं होती है? यदि होती है तो विगत 3-3 वर्षों से कौन-कौन पदस्थ हैं, उनका स्थानान्तरण भोपाल से बाहर कब-कब किया जावेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
डॉटा एन्ट्री ऑपरेटर के विरूद्ध कार्यवाही
[राजस्व]
153. ( क्र. 4449 ) डॉ. मोहन यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले में कितने डॉटा एन्ट्री ऑपरेटर पदस्थ हैं? तहसीलवार सूची उपलब्ध करावें। उक्त डॉटा एन्ट्री ऑपरेटर 1 जनवरी 2010 से प्रश्न दिनांक तक किस-किस स्थान पर पदस्थ रहे हैं? (ख) 01 जनवरी 2010 से प्रश्न दिनांक तक उज्जैन जिले में पदस्थ डॉटा एन्ट्री ऑपरेटरों के संबंध में कितनी शिकायतें प्राप्त हुईं? प्राप्त शिकायतों पर कितने डॉटा एन्ट्री ऑपरेटरों के विरूद्ध कार्यवाही की गई? कमीश्नर महोदय, कलेक्टर, अनुविभागीय अधिकारी, तहसीलदार द्वारा भ्रमण के दौरान कितने डॉटा एन्ट्री ऑपरेटरों के विरूद्ध कार्यवाही की गई? कितने ऑपरेटरों को निलंबित किया गया? इसमें से कितने ऑपरेटर परिवीक्षा अवधि में थे? निलंबित ऑपरेटरों को पुन: किस आधार पर नियुक्त किया गया? (ग) प्रश्नांश (ख) की जानकारी अनुसार क्या डॉटा एन्ट्री ऑपरेटरों के विरूद्ध गंभीर शिकायतें प्राप्त होने के उपरांत भी संबंधित दोषियों से स्थानीय अधिकारी द्वारा मिली-भगत कर उनके विरूद्ध कोई कार्यवाही नहीं की जाती है तथा निलबंन के पश्चात् भी उसी स्थान पर पदस्थ हो जाते है?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) उज्जैन जिले में 05 डॉटा एन्ट्री ऑपरेटर पदस्थ हैं, शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) डॉटा एन्ट्री ऑपरेटर के विरूद्ध एकमात्र शिकायत अभिभाषक से प्राप्त हुई, जिसके आधार पर एक जूनियर डॉटा एन्ट्री ऑपरेटर को जो परिवीक्षा अवधि में था, निलंबित किया जाकर पुन: बहाल कर विभागीय जाँच संस्थित की गई है। (ग) जी नहीं।
विभाग के कर्मचारियों द्वारा अन्यक सेवा विषयक
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
154. ( क्र. 4450 ) डॉ. मोहन यादव : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) उज्जैन जिले में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के कितने अधिकारी एवं कर्मचारी कब से नगर पालिका व नगर निगम एवं नगर पंचायत में कार्य कर रहे हैं? तहसीलवार, कर्मचारीवार, तिथिवार जानकारी प्रदान करें? (ख) प्रश्नांश (क) की जानकारी अनुसार विभाग के कर्मचारियों द्वारा नगर निगम, नगर पालिका एवं नगर पंचायतों में किस नियम के तहत कार्य किया जा रहा है? कार्य करने पर वेतन का भुगतान किसके द्वारा किया जा रहा है? (ग) प्रश्नांश (ख) की जानकारी अनुसार नगर निगम, नगर पालिका एवं नगर पंचातयों में कार्य करने बावजूद भी वेतन का भुगतान विभाग द्वारा किये जाने के लिये कौन अधिकारी दोषी है? विभाग के समस्त कर्मचारियों को पुन: विभाग में कार्य किये जाने हेतु कब तक बुलवा लिया जावेगा?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) 21 कर्मचारी बड़नगर नगर पालिका (तहसील बड़नगर) में दिनांक 10.9.1996 से, 24 कर्मचारी खाचरोद नगर पालिका (तहसील खाचरोद) में दिनांक 1.7.2000 से व 02 कर्मचारी तराना नगर पालिका (तहसील तराना) में दिनांक 1.8.1995 से एवं नगर निगम उज्जैन में कुल 813 कर्मचारी दिनांक 1.11.1996 से कार्यकारी नियंत्रण में कार्य कर रहे हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) राज्य शासन के निर्णय के अनुक्रम में विभागीय आदेश क्रमांक 4882/34-2/95, दिनांक 26.7.1995 के परिपालन में विभागीय अमला कार्यरत है। उक्त अमले के वेतन एवं अन्य देयकों का भुगतान लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा किया जा रहा है। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। संबंधित निकाय द्वारा स्वयं कर्मचारियों की व्यवस्था करने पर विभागीय अमले को वापस बुलाया जायेगा, निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
गौ-शाला खोलने की योजना
[पशुपालन]
155. ( क्र. 4480 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्वालियर जिले में शहर एवं ग्रामीण क्षेत्र में गाय, सांड, बछड़े, बछडि़या आवारा रूप से मारे-मारे परेशान होकर घूम रहे हैं? क्या शासन (पशुपालन) विभाग की कोई ऐसी योजना है कि इन आवारा गायों, सांड, बछड़ें बछडि़यों को गौं-शाला बनाकर पाला जावे? यदि हाँ, तो इन आवारा पशुओं के लिये कहाँ-कहाँ किस-किस स्थान पर गौ-शाला खोलने की योजना है? गौ-शाला बनाये जाने वाले स्थान तथा गौ-शाला में रखने की पशुओं की क्षमता (संस्था) की जानकारी स्पष्ट करें। यदि योजना है, तो इसकी क्या नियमावली है? (ख) यदि कोई योजना नहीं है तो क्या शासन (पशुपालन) विभाग इन आवारा पशुओं को किसानों की फसलों को बरबाद कराने तथा नगरीय क्षेत्र में दुर्घटनाओं के लिए इसी हालत में छोड़ेगा।
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) गौवंश आवारा नहीं अपितु क्षेत्रों में निवासरत् पशु पालकों के हैं जो अनुत्पादक हो जाने पर गौवंश को छोड़ दिया जाता है। यही गौवंश विचरण करते हैं। जी नहीं, जी नहीं, शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता (ख) शहरी क्षेत्रों में नगरीय निकाय एवं ग्रामीण क्षेत्र में ग्राम पंचायत द्वारा आवारा पशुओं का प्रबंधन किया जाता है। तथा ऐसे गौवंश जो बेसहारा अशक्त है, इन्हें अशासकीय एवं स्वयंसेवी संस्थाओं द्वारा संचालित गौ-शालाओं में रखे जाने का प्रावधान है।
अनियमितता/धांधली की जाँच एवं पदों की पूर्ति
[परिवहन]
156. ( क्र. 4502 ) श्री मधु भगत : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बालाघाट जिला परिवहन विभाग में जनवरी 2013 से प्रश्न दिनांक तक किस-किस अधिकारी/कर्मचारी तथा अन्य पर अनियमितता के प्रकरणों पर क्या-क्या विभागीय कार्यवाही की गई तथा विभागीय कार्यवाही को अब तक पूर्ण क्यों नहीं किया गया? (ख) बालाघाट परिवहन कार्यालय में वर्तमान में कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी किस-किस पद पर कार्यरत हैं? कुल कितने पदों की स्वीकृति शासन से है? कितने पद रिक्त हैं? रिक्त पदों पर कब तक पूर्ति की जावेगी? (ग) क्या लिपिक स्तर के कर्मचारियों से वाहन के फिटनेस जाँच का कार्य करवाया जा रहा है? यदि हाँ, तो कारण स्पष्ट करें? यदि नहीं, तो यह बतायें कि जनवरी 2013 से प्रश्न दिनांक तक किन-किन अधिकारी द्वारा फिटनेस जाँच का कार्य किया गया? (घ) क्या समस्त प्रकार के वाहन रजिस्ट्रेशन पत्र प्रदाय करने में तीन माह से अधिक अवधि का समय लगता है?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) आलोच्य अवधि में निम्न अधिकारी, कर्मचारियों के विरूद्ध अपराधिक प्रकरण दर्ज किए जाने के कारण, (1) श्री आर.डी दक्ष परिवहन निरीक्षक-पदाविहित, जिला परिवहन अधिकारी, (2) श्री रामप्रकाश गौड़, सहायक वर्ग-1, (3) श्री राजीव उपाध्याय सहायक वर्ग-3 तीनों को निलंबन कर, संबद्ध किया गया है। अपराधिक प्रकरण प्रचलन में है। अतएव विभागीय कार्यवाही पूर्ण होने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) बालाघाट जिला परिवहन कार्यालय में वर्तमान में पदस्थ अधिकारियों एवं कर्मचारियों की स्थिति निम्नानुसार हैः- (1) श्री पी.एस. भिलाला, जिला परिवहन अधिकारी, (2) श्री प्रमोद उईके, सहा.गेड-2 (3) श्री हरपाल सिंह बुन्देला, सहा.ग्रेड-3 (4) श्री दिलीप बाथम, सहा.ग्रेड-3 (5) श्री गेंदालाल कोल भृत्य (6) श्री प्रहलाद मिश्रा भृत्य स्वीकृत/रिक्त पदों की जानकारी निम्नानुसार हैः-
क्र. |
पदनाम |
स्वीकृत |
कार्यरत |
रिक्त |
1 |
सहायक क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी |
01 |
01 |
- |
2 |
सहायक वर्ग - 2 |
03 |
01 |
02 |
3 |
सहायक वर्ग -3 |
04 |
02 |
02 |
4 |
भृत्य |
02 |
02 |
- |
समस्त/सर्वसमावेशी रिक्तता के कारण वर्तमान में पद पूर्ति करना कठिन है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। अधिकारियों की जानकारी निम्नानुसार है :- (1) श्री पी. के. हरदैनिया-सहायक क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी (2) श्री सुभाष सोना-अतिरिक्त क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी (3) श्री आर.डी. दक्ष-परिवहन निरीक्षक (प्रभारी जिला परिवहन अधिकारी) (4) श्री संतोष पाल-सहायक क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी (5) श्री अजय मारको-परिवहन निरीक्षक (प्रभारी जिला परिवहन अधिकारी) (6) श्री आर.एस. चिकवां-परिवहन निरीक्षक (प्रभारी जिला परिवहन अधिकारी) (7) श्री पी.एस. भिलाला-परिवहन निरीक्षक (प्रभारी जिला परिवहन अधिकारी)। (घ) जी नहीं।
नल-जल योजना एवं अनियमितता की जाँच
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
157. ( क्र. 4503 ) श्री मधु भगत : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विभाग द्वारा बालाघाट जिले में वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में कितने सबमर्सिबल पम्प किस संस्था से किस दर पर खरीदे गये हैं? (ख) किस-किस विधान सभा क्षेत्र के किस-किस ग्राम में सबमर्सिबल पम्प स्थापित किये गये हैं? आज की स्थिति में वे चालू हैं या बंद पड़े हैं? यदि बंद पड़े हैं, तो कारण स्पष्ट करें। (ग) बालाघाट जिले में किस-किस ग्राम पंचायत में नल-जल योजना चल रही है? कितनी नल-जल योजना बंद पड़ी है? बंद होने का कारण क्या है? आम जनता को स्वच्छ पेय-जल न मिल पाने के लिये कौन अधिकारी जिम्मेदार है? (घ) प्रश्नांश (ख) एवं (ग) के लिये कौन अधिकारी/कर्मचारी दोषी है? इन लापरवाह अधिकारियों/ कर्मचारियों के विरूद्ध कब तक अनुशासनात्मक/दण्डात्मक कार्यवाही कर दी जावेगी? इन्हें कब तक बालाघाट जिले से हटा दिया जावेगा?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) लघु उद्योग निगम के माध्यम से लघु उद्योग निगम द्वारा निर्धारित दरों पर क्रय किये गये सबमर्सिबल पंपों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 के अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 के अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 के अनुसार है। जहाँ नल-जल योजना बंद है वहाँ स्थापित हैण्डपम्पों से आम जनता को पर्याप्त शुद्ध पेय-जल उपलब्ध हो रहा हैं, शेष प्रश्नांश ही उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्तरांश (ख) एवं (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
पशु औषधालयों में डॉक्टर व अन्य स्टॉफ की पूर्ति
[पशुपालन]
158. ( क्र. 4523 ) श्री रजनीश सिंह : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पशुपालन विभाग के अंतर्गत सिवनी जिले में विधान सभा क्षेत्रवार कितने औषधालय हैं? (ख) उक्त पशु औषधालय में कितने अधिकारी/कर्मचारी कार्यरत हैं? क्या इन पशु औषधालयों में स्टॉफ (कर्मचारियों) की कमी है? यदि हाँ, तो कितने पद कहाँ रिक्त है? औषधालयवार विवरण देवें। (ग) क्या विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत उगली, घुई (कान्हीकड़ा) पलारी, कुड़ारी के औषधालयों में डॉक्टर की कमी है? यदि हाँ, तो कब तक? डॉक्टर व अन्य स्टॉफ की कमी पूरी कर ली जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। (ख) उक्त पशु औषधालयों में 53 अधिकारी/कर्मचारी कार्यरत हैं। जानकरी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार। (ग) जी हाँ। पदस्थापना एक निरंतर प्रक्रिया है। अत: समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नवीन हैंड पम्प का खनन
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
159. ( क्र. 4572 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जिला अनूपपुर के विधान सभा क्षेत्र पुष्पराजगढ़ अन्तर्गत वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में कितने नवीन हैण्डपम्प खनन किस-किस योजना में स्वीकृत हुये थे? ग्रामवार सूची उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) में स्वीकृत किये गये हैण्डपम्पों के लिये कितने बोर खनन किस-किस ग्राम में किस स्थान पर किये गये? खनन किये गये बोर में कितने बोर सफल हुये व कितने असफल? सफल हुये बोर में से कितनों पर हैण्डपम्प स्थापित कर दिये गये हैं? कितने शेष हैं? (ग) क्या असफल बोर पर हैण्डपम्प स्थापित कर गाँव में संचालित हैण्डपम्प को गाँव की जनगणना के मापदण्ड में सम्मिलित किया गया है या नहीं? सूची उपलब्ध करावें। इन असफल बोर के स्थान पर ग्राम में अन्य स्थानों पर नवीन बोर खनन की क्या कार्य योजना है?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। आंशिक पूर्ण बसाहटों में नल-कूप असफल होने पर भू-जलविद् से परामर्श कर पुनः नल-कूप खनन की कार्यवाही की जाती है।
नल-जल योजनाओं का क्रियान्वयन
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
160. ( क्र. 4573 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जिला अनूपपुर में वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 तक की अवधि में कितने सबमर्सिबल पम्प किस संस्था से किस दर पर खरीदे गये हैं? (ख) जिला अनूपपुर के किस-किस विधान सभा क्षेत्र के किस-किस गाँव में सबमर्सिबल पम्प स्थापित किये गये हैं? भौतिक सत्यापन कर बतायें कि आज की स्थिति में वे चालू हैं या बंद पड़े हैं? (ग) जिला अनूपपुर के विधान सभा क्षेत्र पुष्पराजगढ़ के किस-किस ग्राम पंचायत में नल-जल योजनायें चल रही हैं? कितनी नल-जल योजनायें बंद पड़ी हैं? इन नल-जल योजनाओं के बंद रहने का क्या कारण है? कब तक इन बंद पड़ी नल-जल योजनाओं को चालू करवा दिया जायेगा?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। ‘नल से जल, आज और कल‘ कार्यक्रम के अंतर्गत जून 2017 तक अधिक से अधिक बंद योजनाओं को चालू करने हेतु विभाग प्रयासरत है। निश्चित समयावधि नहीं बताई जा सकती।
पटवारी पदों की पूर्ति
[राजस्व]
161. ( क्र. 4576 ) श्री सचिन यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कसरावद विधान सभा अंतर्गत स्वीकृत पदों के मान से पटवारियों के पद रिक्त क्यों है? (ख) उक्त स्थानों पर जनहित के महत्वपूर्ण कार्यों का निष्पादन समय पर नहीं होने के उपरांत भी उक्त रिक्त पदों पर पटवारी कर्मचारी पदस्थ नहीं करने के क्या कारण है? (ग) उपरोक्त रिक्त पदों पर संबंधित कर्मचारियों को पदस्थ करने के लिए जनवरी 2014 से प्रश्नांकित अवधि में प्रश्नकर्ता द्वारा खरगोन जिला उचित माध्यम एवं विभागीय स्तर पर प्रेषित पत्र कब-कब प्राप्त हुए और उस पर प्रश्न दिनांक तक की गई कार्यवाही संबंधी ब्यौरा क्या हैं? (घ) क्या उक्त रिक्त पदों के कारण कार्य प्रभावित नहीं हो रहा है? (ड.) हाँ, तो रिक्त पदों की पूर्ति कब तक कर दी जायेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) स्वीकृत 74 पदों के विरूद्ध 14 पद पटवारियों की कमी के कारण रिक्त हैं। (ख) उत्तरांश (क) अनुसार (ग) रिक्त पदों पर संबंधित कर्मचारी को पदस्थ करने के लिये जनवरी 2014 से प्रश्नांकित अवधि में प्रश्नकर्ता का कोई पत्र जिला कार्यालय को प्राप्त नहीं हुआ है। (घ) जी नहीं। (ड.) पटवारी के रिक्त पदों की पूर्ति की प्रक्रिया प्रचलित है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
ग्रामों में पीने के पानी की व्यवस्था
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
162. ( क्र. 4577 ) श्री सचिन यादव : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) कसरावद विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत कितने ग्राम वर्तमान में पीने के पानी से वंचित है और क्यों? विधान सभा क्षेत्रवार तत्संबंधी ब्यौरा दें। (ख) उक्त ग्रामों में पानी उपलब्ध कराये जाने के लिए विभाग द्वारा कौन-कौन सी कार्ययोजनाओं के अंतर्गत प्रस्ताव स्वीकृति हेतु भेजे गए? उनमें से कितने स्वीकृत हुए, कितने लंबित हैं और क्यों? प्रश्नांकित दिनांक तक की स्थिति में तत्संबंधी ब्यौरा क्या है? (ग) उक्त सभी ग्रामों में पीने का पानी किस-किस कार्य योजना अंतर्गत कब तक उपलब्ध करा दिया जायेगा?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) कोई भी ग्राम वर्तमान में पीने के पानी से वंचित नहीं हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) एवं (ग) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नये भू-अर्जन अधिनियम के आधार पर प्रतिकर का निर्धारण एवं भुगतान
[राजस्व]
163. ( क्र. 4600 ) पं. रमेश दुबे : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि पेंच बांध माचागोरा विकासखण्ड चौरई जिला छिंदवाड़ा के डूब क्षेत्र में आने वाला ग्राम केवलारी संभा के भूमियों का भू-अर्जन अधिनियम 1894 की धारा 11 के तहत दिनांक 05.11.2013 को अधिनिर्णय पारित किया गया है और डेढ़ वर्ष पश्चात दिनांक 09.06.2015 को संबंधितों को भुगतान किया गया है? यदि हाँ, तो अधिनिर्णय दिनांक और भुगतान दिनांक में कृषि भूमियों की शासकीय गाईड-लाईन दर क्या थी? भुगतान तिथि पर यदि निर्णय होता तो प्रतिकर के अंतर की राशि क्या होती? (ख) क्या शासन यह मानता है कि अधिनिर्णय दिनांक के आस-पास किसानों को उनकी भूमियों का मुआवजा भुगतान कर दिया गया होता तो किसान उसी वर्ष के गाईड-लाईन दर पर अन्य स्थानों पर भूमिया क्रय कर सकते थे? डेढ़ वर्ष पश्चात जून 2015 में प्रतिकर राशि का भुगतान करने से किसानों को वर्ष 2015-16 की शासकीय गाईड-लाईन दर पर भूमि क्रय करने हेतु मजबूर होना पड़ा? किसानों को इस आर्थिक क्षति के लिए कौन लोग जिम्मेदार है? (ग) क्या शासन, प्रश्नांश (क) और (ख) के प्रकाश में किसानों को हुई आर्थिक क्षति की भरपाई हेतु जिम्मेदारी नियत कर उनके विरूद्ध कार्यवाही करने तथा नये भू-अर्जन अधिनियम 2003 की धारा 24 की उपधारा 2 के परंतुक में किये गये प्रावधान अनुसार ग्राम केवलारीसभा के सभी लाभार्थियों को नये भू-अर्जन अधिनियम के तहत प्रतिकर का निर्धारण कर भुगतान किये जाने का आदेश देगा यदि नहीं, तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। अधिनिर्णय दिनांक 5.11.2013 के समय ग्राम केवलारी संभाग की कलेक्टर गाईड-लाईन वर्ष 2013-14 में सिंचित भूमि की दर 6,06,000/- रूपये प्रति हेक्टेयर व असिंचित भूमि की दर 3,03,000/- रूपये प्रति हेक्टेयर निर्धारित थी। भुगतान दिनांक 9.6.2016 की स्थिति में भी कलेक्टर गाईड-लाईन वर्ष 2015-16 सिंचित भूमि की दर 6,06,000/- रूपये प्रति हेक्टेयर व असिंचित भूमि की दर 3,03,000/- रूपये प्रति हेक्टेयर निर्धारित थी। कलेक्टर गाईड-लाईन में एक समान दर निर्धारित होने से शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता। (ख) एवं (ग) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उद्भूत नहीं होता है।
भूमियों के अधिग्रहण एवं भुगतान से किसानों को क्षति
[राजस्व]
164. ( क्र. 4601 ) पं. रमेश दुबे : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पेंच बांध माचागोरा विकासखण्ड चौरई जिला छिंदवाड़ा के डूब क्षेत्र में आने वाला ग्राम सिहोरामढका एवं केवलारी सभा की भूमियों का अधिग्रहण प्रकरण में अवार्ड किस तिथि को पारित किया गया? कमिश्नर जबलपुर के द्वारा किस तिथि को इस अधिनिर्णय का अनुमोदन किया गया? किसानों को राशि किस तिथि को भुगतान की गयी? (ख) क्या उक्त दोनों ग्रामों के भूमियों के अधिग्रहण प्रकरण में दिसम्बर 2013 में अवार्ड पारित किया गया तथा वर्ष 2014 में कमिश्नर जबलपुर के द्वारा अनुमोदन किया गया? (ग) क्या ग्राम सिहोरामढका एवं केवलारीसभा का भू-अर्जन अधिनियम 1894 की धारा 11 के तहत पारित किया गया अधिनिर्णय कमिश्नर के अनुमोदन के पूर्व विधिसम्यक मान्य था? यदि हाँ, तो कमिश्नर से अनुमोदन कराने का क्या औचित्य है? (घ) यदि कमिश्नर के अनुमोदन के बिना अनुविभागीय अधिकारी राजस्व द्वारा पारित अवार्ड विधिसम्यक मान्य नहीं है तो क्या शासन ग्राम सिहोरामढका एवं केवलारीसभा की भूमियों का भू-अर्जन, पुनर्वास और व्यवस्थापन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता अधिकार अधिनियम 2013 जो दिनांक 01.01.2014 से प्रवृत्त हुआ की धारा 24 में किये गये प्रावधानों के अनुसार नये सिरे से अवार्ड पारित कर डूब क्षेत्र से प्रभावित किसानों को प्रतिकर का संदाय किये जाने का आदेश देगा? यदि नहीं, तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) प्रश्नाधीन भूमि का अवार्ड 20.12.2013 को पारित किया गया है। कमिश्नर जबलपुर संभाग ने दिनांक 25 जनवरी, 2014 को अनुमोदन दिया है। ग्राम सिहोरामढका के कृषकों को दिनांक 20 मार्च,2014 के अंतर्गत शाखा प्रबंधक जिला सहाकरी केन्द्रीय बैंक बनगांव एवं शाखा प्रबंधक इलाहाबाद बैंक छिदंवाडा को किया गया एवं ग्राम केवलारीसभा के कृषकों को मुआवजा राशि का भुगतान दिनांक 9.6.2015 को दिया गया है। (ख) जी हाँ। (ग) जी हाँ वृहद परियोजना एवं 05 करोड़ से अधिक राशि का अवार्ड होने के कारण नियमानुसार कमिश्नर जबलपुर का अनुमोदन प्राप्त किया गया है। (घ) राज्य सरकार द्वारा प्रदत्त प्राधिकार एवं प्रशासनिक प्रक्रियाओं को दृष्टिगत रखते हुये ही विधि सम्यक अधिनिर्णय का अनुमोदन कमिश्नर जबलपुर संभाग, जबलपुर से कराना आवश्यक था तथा भू-अर्जन, पुनर्वास और व्यवस्थापन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता अधिकार अधिनियम,2013 जो दिनांक 01.01.2014 से लागू हुआ की धारा-24 में किये गये प्रावधानों के अनुसार नये सिरे से अवार्ड पारित कराने की आवश्यकता नहीं है।
हैण्डपम्प खनन/सुधार में उपयोगार्थ सामग्री खरीदी नीति
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
165. ( क्र. 4612 ) श्री गिरीश भंडारी : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) म.प्र. लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी द्वारा पेय-जल समस्या के निराकरण हेतु जो हैण्डपम्प खनन/संधारण में उपयोगितार्थ सामग्री जैसे पाइप, छड़ आदि (रॉ-मटेरियल) की खरीदी हेतु क्या क्रय नीति प्रचलन में है? क्रय नीति की प्रति उपलब्ध करावें? (ख) क्या लोक स्वास्थ्य यंत्रिकी विभाग जिल राजगढ़ में लगभग पिछले 06 से 08 माह से प्रश्नांश (क) में उल्लेखित सामग्री शासन द्वारा उपलब्ध न कराने से पेय-जल समस्या के कार्य अपूर्ण है एवं हैण्डपंपों का संधारण नहीं होने से पेय-जल समस्या का निराकरण नहीं हो पा रहा है? (ग) प्रश्न की कंडिका (ख) यदि हाँ, तो उपरोक्त सामग्री कब तक उपलब्ध करा दी जावेगी? शासन स्तर पर सामग्री समय पर उपलब्ध कराने हेतु कौन-कौन अधिकारी जिम्मेदार है?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) म.प्र. भंडार क्रय तथा सेवा उपार्जन नियम-2015 की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। ( ख) जी नहीं। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जिला परिवहन अधिकारी की जानकारी
[परिवहन]
166. ( क्र. 4613 ) श्री गिरीश भंडारी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माननीय न्यायालय के निर्देशानुसार आपराधिक प्रकरण दर्ज अधिकारी बिना जमानत कराये जिला परिवहन कार्यालय में उपस्थित होकर शासकीय कार्य संपादित कर सकता है? नियम सहित जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश की कण्डिका (क) यदि नहीं, तो राजगढ़ जिला परिवहन कार्यालय में पदस्थ जिला परिवहन अधिकारी ने माननीय न्यायालय के निर्देशानुसार आपराधिक प्रकरण दर्ज करने के आदेश से प्रश्न दिनांक तक किस नियम से शासकीय कार्यालय में बैठकर शासकीय कार्य संपादित किये? (ग) प्रश्नांश की कण्डिका (क) एवं (ख) के आधार पर यदि कोई अनिवार्यता हुई है तो शासन इस संबंध में क्या कोई कार्यवाही करेगा? हाँ, तो क्या? कब तक? नहीं, तो कारण बतावें?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) से (ग) माननीय न्यायालय के निर्देशानुसार अपराधिक प्रकरण दर्ज अधिकारी द्वारा बिना जमानत कराये जिला परिवहन कार्यालय में जब तक नियमानुसार निलंबन नहीं होता, शासकीय कार्य संपादन में कोई रोक नहीं है। मध्यप्रदेश सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम, 1966 में यह प्रावधान है कि, किसी शासकीय सेवक को किसी मामले में पुलिस द्वारा 48 घण्टे से अधिक समय के लिये यदि निरूद्ध रखा जाता है तो उसे कर्तव्यों से निलंबित किया माना जाता है। नियम की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
आदिवासी बालिका की गुमशुदगी रिपोर्ट
[गृह]
167. ( क्र. 4641 ) श्री
सुरेन्द्र
सिंह बघेल :
क्या गृह
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) थाना
डही जिला धार
में दि. 21.8.16 को
आदिवासी
बालिका कु.
रीना देवके की
गुमशुदगी
रिपोर्ट पर अब
तक क्या
कार्यवाही की
गई? (ख) इस
संबंध में अब
तक कितने
लोगों से
पूछताछ की गई? कितने
लोगों को
आरोपी बनाया
गया? (ग) गुमशुदा
की बरामदगी कब
तक सुनिश्चित
की जायेगी?
गृह
मंत्री ( श्री
भूपेन्द्र
सिंह ठाकुर ) : (क) घटना
दिनांक 21.08.2016 को
फरियादी
नवलसिंह पिता झेतरा
भिलाला
निवासी
अजगाँव की
नाबालिग पुत्री
के अपहृन के
संबंध में
रिपोर्ट पर
थाना डही पर
अपराध
क्रमांक 123/16 धारा 363 भा.द.वि.
का दिनांक 21.08.2016 को
अज्ञात आरोपी
के विरुद्ध
प्रकरण
पंजीबद्ध कर
अनुसंधान में
लिया गया, अनुसंधान
के दौरान
अपहृता को
दिनांक 13.02.2017 को
मोरवी गुजरात
राज्य से
बरामद की जाकर
पिता नवलसिंह
की सुपुर्दगी
में दी गई।
प्रकरण में धारा
363, 376, (एन), 368, 344, भा.द.वि.
एवं 3/4
पाक्सो एक्ट 2012 का इजाफा
किया गया। दो
आरोपी 01-रवि
पिता प्रताप
जाति भिलाला
उम्र 20
साल 02- प्रताप
पिता केमता
जाति भिलाला 45 साल
निवासीगण
अजगाँव को
दिनांक 13.02.2017 को
गिरफ्तार कर
दिनांक 14.02.2017 को
माननीय
जे.एम.एफ.सी.
न्यायालय
कुक्षी के समक्ष
पेश किया गया, माननीय
न्यायालय
द्वारा
आरोपीगणों को
न्यायिक
अभिरक्षा में
भेजा गया, आरोपियों
को जिला जेल
बड़वानी में
दाखिल कराया
गया। प्रकरण
विवेचनाधीन
है। (ख) प्रकरण
सदर में
आरोपियों एवं
अपहृता के
संबंध में तीन
लोगों से
पूछताछ की गई
जिसमें रवि एवं
प्रताप के
रिश्तेदार
कालू भिलाला
निवासी रणगाँव, अमना
उर्फ अमनसिंह
भिलाला
निवासी पलासी
एवं भूचरिया
पिता रतनसिंह
पटेल भिलाला
उम्र 48
साल निवासी
अजगाँव से
पूछताछ की गई।
प्रकरण में दो
लोगों को 01- रवि पिता
प्रताप जाति
भिलाला उम्र 20 साल 02-प्रताप
पिता केमता
पिता भिलाला
उम्र 45
साल निवासीगण
अजगाँव को
आरोपी बनाया
गया। (ग) उत्तरांश
(क) के
परिप्रेक्ष्य
में प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
मिनी आई.टी.आई. की स्थापना
[तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास]
168. ( क्र. 4642 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कुक्षी विधान सभा क्षेत्र के निसरपुर विकासखंड मुख्यालय के मिनी आई.टी.आई. की स्थापना कब की गई थी? इसमें कितनी ट्रेड में कितनी विद्यार्थी क्षमता का प्रशिक्षण दिया जाता है? विगत 3 वर्ष की जानकारी ट्रेडवार, छात्रसंख्या बतावें। (ख) क्या इसे अन्यत्र स्थानांतरित करने का प्रस्ताव शासन के पास विचाराधीन है? (ग) डूब क्षेत्र के विस्थापितों के इस क्षेत्र से आई.टी.आई. स्थानांतरित करने की योजना कब तक वापस ले ली जाएगी?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक जोशी ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नहीं। (ग) (क) एवं (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अमरवाड़ा वि.स. क्षेत्र में बंद पड़े हैण्डपम्प
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
169. ( क्र. 4647 ) श्री कमलेश शाह : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) अमरवाड़ा विधान सभा क्षेत्र में प्रश्न दिनांक तक कितनी नल-जल योजनाएं चालू हैं? कितनी बंद हैं? सूची देवें। (ख) विगत 3 वर्षों में कितने हैण्डपम्प स्वीकृत किए़ गए? ग्रामवार, नगरीय सीमा में वार्डवार बतावें। इनके लिये कितना भुगतान किया गया। (ग) उपरोक्त में कितने हैण्डपम्प कब तक चालू/बंद हैं? बंद पड़े हैण्डपम्प कब तक चालू कर दिए जायेंगे।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। विभाग द्वारा नगरीय सीमा में कार्य नहीं कराया गया है। प्रश्नांकित अवधि में इनके लिये राशि रू. 177.69 लाख का भुगतान किया गया है। (ग) सभी क्रियाशील हैण्डपम्प चालू हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
पुलिस थाने को प्रांरभ किया जाना
[गृह]
170. ( क्र. 4651 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या परासिया विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत पुलिस चौकी रावनवाड़ा का थाना में उन्नयन किए जाने संबंधी आदेश दिनांक 23.11.2016 को विभाग द्वारा जारी किया जा चुका है? अगर हाँ, तो आदेश पत्र का क्रमाक/दिनांक उपलब्ध करायें (ख) उपरोक्त संबंध में आदेश जारी किए जाने के बाद विभाग द्वारा थाने की स्थापना हेतु क्या-क्या कार्यवाही की गई है? (ग) विभाग द्वारा थाना स्थापित किए जाने की संपूर्ण प्रक्रिया को कब तक पूर्ण कर लिया जायेगा और कब तक पुलिस थाना स्थापित कर प्रांरभ कर दिया जायेगा?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) कलेक्टर/जिला दण्डाधिकारी छिंदवाडा द्वारा पुलिस चौकी रावनवाड़ा का थाना में उन्नयन कर अधिसूचना राजपत्र में दिनांक 10 फरवरी 2017 को प्रकाशित की गई। (ग) कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
ग्रेसिम इंडस्ट्रीज के प्रकरणों की स्थिति
[श्रम]
171. ( क्र. 4654 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अता. प्र. संख्या (क्र. 103) दिनांक 18/07/2016 को (ख) उत्तर अनुसार सहायक श्रम आयुक्त कार्यालय उज्जैन द्वारा दायर प्रकरणों में न्यायालयों में विभिन्न प्रकरणों में लगी 4 से 7 तारीखों में उद्योग के अधिकारी उपस्थित नहीं हुए, इस पर विभाग ने क्या कार्यवाही की है? बतावें। (ख) यदि कार्यवाही नहीं की तो कारण बतावें। (ग) इसी तरह उप संचालक कार्यालय उज्जैन औद्योगिक स्वा. एवं सुरक्षा के दायर प्रकरणों में भी उद्योग के अधिकारी उपस्थित नहीं हुए, इस पर भी की गई कार्यवाही बतावें। यदि कार्यवाही नहीं की तो इसका भी कारण बतावें। इनके लिए दोषी अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा? (घ) दिनांक 01/07/2016 से 31/01/2017 तक प्रकारणों में लगी तारीखों की जानकारी उद्योग अधिकारियों की उपस्थिति/अनुपस्थिति के साथ बतावें। इस प्रकरणों की अद्यतन स्थिति बतावें।
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) प्रश्नांकित प्रकरणों में उद्योग के अधिकारियों के न्यायालयों में उपस्थित नहीं होने के संबंध में कार्यवाही संबंधित न्यायालय द्वारा ही की जाना है। इसमें विभाग से कार्यवाही अपेक्षित नहीं है। (ख) एवं (ग) प्रश्नांश (क) के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रश्नांकित अवधि में न्यायालय में लगी तारीखों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं 2 अनुसार है, शेष जानकारी विभाग से संबंधित नहीं है।
नागदा जंक्शन स्थित ग्रेसिम उद्योग से प्रदूषण
[पर्यावरण]
172. ( क्र. 4655 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ता.प्र. क्रमांक 6354 दिनांक 18.3.16 के परिप्रेक्ष्य में मा. मंत्री श्री अंतर सिंह आर्य, श्री दिलीप सिंह शेखावत एवं प्रश्नकर्ता द्वारा विभागीय अधिकारियों के साथ दिनांक 02/02/2017 को ग्रेसिम उद्योग नागदा जक्शन जिला उज्जैन का दौरा करने पर जाँच समिति ने क्या-क्या जानकारियां प्राप्त की? सूची देवें। (ख) इन जानकारियों पर शासन द्वारा कब तक कार्यवाही की जावेगी? (ग) लम्बे समय से पदस्थ विभाग के अधिकारी का नागदा जक्शन से स्थानांतरण कब तक कर दिया जाएगा?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) चूंकि प्रकरण में माननीय विधायकों द्वारा ग्रेसिम इंडस्ट्रीज के गुजरात स्थापित ट्रीटमेंट प्लांट का भी निरीक्षण किया जाना है, अतः समयावधि बताया जाना संभव नहीं है। (ग) प्रशासनिक एवं जनहित में अधिकारियों के स्थानांतरण किये जाते है।
नजूल भूमि का पट्टा नवीनीकरण
[राजस्व]
173. ( क्र. 4658 ) श्री बाला बच्चन : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल शहर में मध्य रेल्वे गृह निर्माण समिति को आवंटित नजूल भूमि के पट्टे के अवसान होने के बाद नजूल नवीनीकरण के लिए संस्था द्वारा आवेदन कब प्रस्तुत किया गया था तथा नवीन दर भू-भाटक कब तथा कितना शासकीय खजाने में जमा किया गया तथा क्या समिति द्वारा नियमानुसार औपचारिकताएं पूर्ण कर ली गई है। (ख) समिति का प्रकरण 02 वर्ष से अधिक समय से लंबित रहने का क्या कारण है तथा समिति के सदस्यों को इस विलंब से हो रही समस्याओं के दृष्टिगत निश्चित समय-सीमा में निराकरण के निर्देश शासन कब तक देगा? (ग) शासन के निर्देश होने के उपरांत भी प्रकरण को लंबित रखने के लिए क्या उत्तरदायित्व निर्धारित किया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) मध्य रेल्वे गृह निर्माण समिति द्वारा दिनांक 17.09.2014 को नजूल लीज नवीनीकरण हेतु आवेदन प्रस्तुत किया गया। समिति के अध्यक्ष द्वारा बिना नवीनीकरण की स्वीकृति के स्वेच्छा से दिनांक 23.09.2015 को चालान क्रमांक 58 दिनांक 15.09.2015 द्वारा वर्ष 2015-16 की नजूल भू-भाटक की राशि रूपये 2,66,190/- एवं वर्ष 2016-17 के भू-भाटक की राशि रूपये 2,66,190/- चालान क्रमांक 0023 दिनांक 21.09.2016 को जमा कर, चालान की प्रति प्रस्तुत की गई। समिति/सदस्यों के द्वारा शर्त उल्लंघन का शमन हेतु निराकरण न होने से प्रकरण में समस्त नियमानुसार औपचारिकतायें पूर्ण नहीं होती है। (ख) समिति को पट्टा आवासीय उपयोग हेतु दिया गया था किन्तु समिति के 26 सदस्यों द्वारा व्यावसायिक गतिविधियां संचालित करने से आवंटन शर्त का उल्लंघन/अपालन होने से प्रकरण में कार्यवाही प्रचलित है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उद्भूत नहीं होता।
भोपाल ई-गवर्नेंस लिमिटेड द्वारा अनुबंध शर्तों का उल्लंघन
[राजस्व]
174. ( क्र. 4659 ) श्री बाला बच्चन : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में खसरा नकलों को डिजिटली साइन करने और उन्हें जनता को उपलब्ध कराने के लिए चयनित भोपाल ई-गवर्नेंस लिमिटेड को इस संबंध में कौन-कौन से कार्य करवाने हैं? सूची देवें। क्या पृथक-पृथक कार्यों के लिए भुगतान भी पृथक-पृथक किया जाना निर्धारित है? (ख) इस फर्म द्वारा सामान्य जनता को लाग इन बनाने और नकल प्राप्त करने की सुविधा प्रश्न दिनांक तक प्रारंभ क्यों नहीं की गई जबकि अनुबंध कंडिका 5.3.6.12.1 में प्रावधान है " Any Public user can print copies of khasra ....................... payment gateway ". (ग) इस संबंध में संबंधित वेबसाइड पर सर्च करने पर निर्माणाधीन लिखा आता है, इसकी निगरानी के लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा? इनके नाम, पदनाम भी बतावें। (घ) यह सुविधा न देने के लिए कब तक एवं कितना दंड संबंधित फर्म पर लगाकर यह सुविधा प्रारंभ करवाई जाएगी? ऐसा कार्य करने पर फर्म को ब्लैक लिस्टेड कब तक किया जायेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) कम्प्यूटराइज्ड भू अभिलेखों के ऑन-लाईन अद्यतन एवं सिटीजन सर्विसेज उपलब्ध कराने के लिए PPP boot model पर एप्लीकेशन तैयार करने का कार्य M/s Bhopal E-Governance Ltd. द्वारा निविदा अनुसार किया जा रहा है। निविदा विभागीय वेबसाइट www.mpbhuabhilekh.gov.in. पर उपलब्ध है। जी हाँ। पृथक-पृथक कार्यों के लिए पृथक-पृथक भुगतान किया जाना निर्धारित है। (ख) सामान्य जनता को लॉगिन बनाने तथा पेमेन्ट गेटवे से नकल प्राप्त करने हेतु सुविधा फर्म द्वारा तकनीकी कारणों से तथा पेमेंट गेटवे नहीं मिलने के कारण से नहीं की गई। (ग) Public interface निर्माणाधीन तथा प्रगतिरत् है। कम्पनी को पूर्णता प्रमाण पत्र नहीं दिया गया है, न ही कोई भुगतान किया गया है। कार्य तकनीकी स्वरूप का होने से बिलम्ब सम्भावित है। इसके लिए कोई जिम्मेदार नहीं है। कार्य की निगरानी मध्यप्रदेश भू-अभिलेख प्रबंधन समिति द्वारा की जा रही है। (घ) उक्त सुविधा शीघ्र प्रारंभ करायी जावेगी। कार्य तकनीकी प्रवृत्ति का होने के कारण समय-सीमा देना संभव नहीं है। सुविधा उपलब्ध होने पर, कार्य में देरी के हिसाब से अनुबंधानुसार दंड की कार्यवाही की जावेगी। कार्य तकनीकी प्रवृत्ति तथा प्रगतिरत् होने के कारण अभी ब्लैक लिस्ट नहीं किया जा सकता है।
कॉलोनाईजरों द्वारा विलेख पंजीकृत शुल्क का भुगतान
[राजस्व]
175. ( क्र. 4666 ) श्री हर्ष यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिले में अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) एवं कलेक्टर द्वारा दिनांक 01/01/2012 से 31/12/2016 तक कितने कॉलोनाईजरों को भूमि विकास की अनुमति दी गई? कॉलोनाईजर का नाम, भूमि रकबा, स्थान नाम, सहित विधान सभा क्षेत्रवार देवें। वर्षवार बतावें। (ख) क्या इन कॉलोनाईजरों द्वारा भू-खण्डों को 25 प्रतिशत बंधक रखने के नियम का पालन किया गया है? पूरी जानकारी कॉलोनाईजर नाम, बंधक रकबे सहित विधान सभा क्षेत्रवार देवें। (ग) इन कॉलोनाईजरों द्वारा विलेखों के पंजीकृत शुल्क की जानकारी देवें, जिन कॉलोनाइजरों द्वारा ये शुल्क जमा नहीं किया गया उनसे कब तक वसूली होगी? इनके कितने प्रकरण मुद्रांक संग्राहक को भेजे गए एवं मुद्रांक संग्राहक द्वारा उन पर क्या कार्यवाही की गई। यदि नहीं, भेज तो क्यों। विधान सभा क्षेत्रवार देवें।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
नल-जल योजनाओं की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
176. ( क्र. 4669 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सीधी एवं सिंगरौली जिले में कितनी नल-जल योजनाएं लगाई गई हैं? वर्तमान में कितनी चालू है एवं कितनी बंद हैं? (ख) सिहावल विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत सिहावल ब्लॉक एवं देवसर ब्लॉक में नल-जल योजनाऐं कितनी हैं एवं चालू हैं? (ग) इन नल-जल योजनाओं में वर्ष 2016-17 एवं 2017-18 तक कितना व्यय किया गया है? योजनावार वर्षवार सुधार कार्य में व्यय का ब्यौरा दें। (घ) सुधार कार्य हेतु कितना आवंटन प्राप्त हुआ? जानकारी दें। बंद पड़ी नल-जल योजनायें कब तक चालू कर दी जायेंगी।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। बंद पड़ी नल-जल योजनाओं को चालू करने की कार्यवाही विभाग/पंचायत द्वारा प्रक्रियाधीन है। समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
भाग-3
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
राज्य
परीवहन निगम
की सम्पत्ति
का उपयोग
[परिवहन]
1. ( क्र. 38 ) श्री हितेन्द्र सिंह ध्यान सिंह सोलंकी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्य प्रदेश शासन ने राज्य परिवहन निगम की बसों को घाटे के चलते बंद कर दिया है? यदि हाँ, तो कब से इसे बन्द किया गया है। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार यदि हाँ, तो निगम को बंद करने के दिनांक को राज्य परिवहन की संभागवार क्या-क्या सम्पत्ति थी? निगम को बंद करने के दिनांक को कितनी बसे बंद थी कितनी चालू थी, परिवहन निगम की कितनी अचल सम्पत्ति पर अवैध कब्ज़ा कब से है सरकार उस कब्जे को हटाने की क्या कार्यवाही कर रही है, चालू और बंद बसों के संबंध में सरकार क्या कार्यवाही कर रही है, यह सम्पत्ति किसी के सुपुर्द में है या नहीं, परिवहन निगम बंद/होने के दिनांक से क्या संम्पत्ति का भौतिक सत्यापन किया जा रहा है? (ग) क्या राज्य परिवहन निगम की सम्पत्ति को परिवहन बंद करने की तिथि के बाद से कोई नीलामी की कार्यवाही की है? यदि हाँ, तो कौन सी सम्पत्ति की नीलामी की गई, उसकी सूची दी जाये। कितनी राशि खजाने में आई है। कुल कितनी बसों के प्रकरण चल रहे है कितने लंबित है? और कितनों का निराकरण हो चुका है?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) वस्तु स्थिति यह है कि मंत्रि परिषद निर्णय दिनांक 18.02.2005 द्वारा मध्य प्रदेश सड़क परिवहन निगम को बंद करने का सैद्धांतिक निर्णय लिया गया है। जिसके अनुक्रम में सड़क परिवहन राजमार्ग मंत्रालय भारत सरकार के पत्र दिनांक 11.04.2014 द्वारा निगम के परिसमापन हेतु अनापत्ति प्रदान की जा चुकी है। रोजगार एवं श्रम मंत्रालय भारत सरकार से अनापत्ति विचाराधीन है। दिनांक 30.09.2010 से मध्य प्रदेश सड़क परिवहन निगम द्वारा यात्री बसों का संचालन बंद कर दिया गया है। (ख) एवं (ग) जानकारी संकलित की जा रही है
पायलेट प्रोजेक्ट योजना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
2. ( क्र. 47 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रश्नकर्ता के अतारांकित प्रश्न संख्या 1 (क्रमांक 122) दिनांक 9.7.2014 एवं प्रश्न संख्या 22 (क्रमांक 1142) दिनांक 13.3.2015 के संदर्भ में पिपलोदा जिला रतलाम में पायलट प्रोजेक्ट के संबंध में बताया गया था कि उक्त योजना के कार्य पूर्ण कराने की समय-सीमा 31.5.15 निश्चित की गई है तो उक्त योजना की प्रगति बताते हुए बतायें कि उक्त योजना में अभी तक क्या-क्या कार्य हुए व कितनी-कितनी राशि किस-किस मद में व्यय की गई। उक्त योजना समय-सीमा में पूर्ण नहीं होने के क्या कारण हैं व अब उक्त योजना कब तक पूर्ण कर ली जावेगी? (ख) रतलाम जिले के पिपलोदा ब्लॉक के लिये प्रदेश में सबसे ज्यादा नीचे चले गये भूजल स्तर के कारण जो 200 करोड़ की पायलेट प्रोजेक्ट योजना स्वीकृत हुई थी तथा जिसकी कार्य योजना बनाने में 1 करोड़ 72 लाख खर्च हो चुके हैं, पर कार्य अभी तक क्यों शुरू नहीं हो सका है तथा कब तक कार्य प्रारंभ हो जाएगा? (ग) उपरोक्त योजना में किस-किस गाँव में समिति बन चुकी है तथा किस-किस गाँव में समिति नहीं बनी है व कब तक बन जावेगी? (घ) उक्त योजना में कब-कब, किस-किस, तिथि को कितनी धनराशि केन्द्र व राज्य सरकार से मिली?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी हाँ। कार्ययोजना में प्रस्तावित कार्यों जो कि विभिन्न विभागों के अभिसरण से किये जाना हैं, की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। कार्ययोजना में प्रस्तावित कार्यों हेतु प्रशासकीय/वित्तीय स्वीकृति प्राप्त होना शेष है अतः कार्य पूर्ण करने की निश्चित समयावधि सूचित की जाना संभव नहीं है। (ख) सर्वेक्षण कर जिले के विभिन्न विभागों द्वारा प्रस्तावित जल संरक्षण एवं संवर्धन कार्यों के मात्र डी.पी.आर. बनाए जाना थे, सभी डी.पी.आर. तैयार किये जा चुके हैं। डी.पी.आर. की प्रशासकीय स्वीकृति प्राप्त होना शेष है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उपरोक्त योजना में सभी ग्रामों में समिति बनाई गई है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) पायलेट प्रोजेक्ट के अंतर्गत तैयार की गई डी.पी.आर. में प्रस्तावित कार्यों के निर्माण के लिए केंद्र व राज्य सरकार से कोई भी राशि प्राप्त नहीं हुई है।
मत्स्य पालन एवं मछुआ प्रशिक्षण
[मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास]
3. ( क्र. 65 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष २०१४ एवं २०१५ तथा २०१६ में अब तक उज्जैन संभाग की किन-किन तहसीलों में किस कारण से मछुआ प्रशिक्षण नहीं किया गया? जिम्मेदारों पर क्या कार्यवाही मछुआरों के हित में की गई? (ख) मत्स्य विभाग को प्रदेश में वर्ष २०१४ से अब तक नदियों, बांधों, तालाबों आदि से मत्स्य विक्रय में हुई आय का वर्षवार ब्यौरा दें. रतलाम जिले के आलोट विधानसभा क्षेत्र में तालाबों से मत्स्य पालन का पूर्ण ब्यौरा दें. (ग) सरकार मत्स्य आय में वृद्धि के लिए क्या-क्या कदम उठा रही है?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) वर्ष 2014 से 2016 तक उज्जैन संभाग की समस्त तहसीलों में मछुआ प्रशिक्षण दिया गया है। अत: किसी के विरूद्ध कार्यवाही किये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) मत्स्य विभाग को प्रदेश में वर्ष 2014 से अब तक विभागीय एवं मत्स्य महासंघ के जलाशयों से रायल्टी के रूप वर्ष 2014-15 में रूपये 256.125 लाख वर्ष 2015-16 में रूपये 312.477 लाख एवं वर्ष 2016-17 में (माह दिसम्बर 2016) तक रूपये 28.541 लाख प्राप्त हुई है। नदियों एवं तालाबों से मत्स्य विक्रय से विभाग को कोई आय प्राप्त नहीं होती है। रतलाम जिले के आलोट विधान सभा क्षेत्र में तालाबों से मत्स्य पालन की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) विभाग द्वारा मत्स्य कृषकों की आय वृद्धि के लिये विभागीय योजनाएं संचालित है।
जेलों में सुधार
[जेल]
4. ( क्र. 74 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) देश भर के जेल प्रमुखों के अधिवेशन में किन-किन बिन्दुओं पर कार्य करने के निर्देश दिये गये हैं? (ख) क्या सरकार जेल विभाग का नाम बदलने का निर्णय कर रही है? यदि हाँ, तो क्या नाम चयन किया गया है? (ग) प्रश्नांश (क) अधिवेशन के किन-किन सुझावों/निर्देशों पर सरकार जेलों में क्या-क्या काम करने जा रही है? कब तक समस्त सुझावों पर अमल हो जाएगा?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) कोई निर्देश प्राप्त नहीं हुए हैं। (ख) जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
पी.एस.ओ. को प्रतिनियुक्ति भत्ता
[गृह]
5. ( क्र. 99 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सुरक्षा वाहिनी के पी.एस.ओ. को प्रतिनियुक्ति भत्ता दिये जाने की व्यवस्था है? (ख) यदि हाँ, तो कौन-कौन सी पदस्थापना होने पर प्रतिनियुक्ति भत्ता दिया जाता है? (ग) क्या सुरक्षा वाहिनी के जवानों के वेलफेयर के लिये शासन ने कोई व्यवस्थायें की हैं? (घ) यदि हाँ, तो क्या व्यवस्थायें की हैं? यदि नहीं, तो क्यों?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी नहीं। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। (घ) सुरक्षा वाहिनी के जवानों के वेलफेयर के लिए सुविधायें मध्यप्रदेश पुलिस के समस्त कर्मचारीगणों के अनुरूप ही दी जा रही है।
औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान द्वारा हितग्राहियों को प्रशिक्षण
[तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास]
6. ( क्र. 100 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान जबलपुर द्वारा विभिन्न ट्रेड में हितग्राहियों को प्रशिक्षित किया जाता है? (ख) क्या प्रशिक्षित किये गये हितग्राहियों को रोजगार उपलब्ध कराया गया है? (ग) यदि हाँ, तो गत 3 वर्षों में कितने हितग्राहियों को रोजगार दिलाया गया है? (घ) यदि नहीं, तो क्यों? क्या शासन रोजगार उपलब्ध कराने हेतु कोई कार्यवाही करेगा?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक जोशी ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। (ग) प्रश्नांश ''ख'' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) विभाग का दायित्व प्रशिक्षण संचालित करने से है। प्रशिक्षित किये गये व्यक्तियों को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने की दृष्टि से आई.टी.आई. में समय-समय पर केम्पस इण्टरव्यू आयोजित किये जाते है। नियोक्ता एवं प्रशिक्षित व्यक्तियों के समन्वयन के लिये विभाग द्वारा प्लेसमेंट पोर्टल ''समर्थ एमपी'' बनाया गया है।
पशुओं के उपचार हेतु दवाइयों का क्रय
[पशुपालन]
7. ( क्र. 160 ) श्री हितेन्द्र सिंह ध्यान सिंह सोलंकी : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खरगोन जिले में उप संचालक पशु चिकित्सा द्वारा पशुओं के उपचार हेतु दवाइयों का क्रय वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक कितनी-कितनी व किस-किस एजेन्सी से दवाइयां क्रय की गई हैं? (ख) खरगोन जिले में पशु चिकित्सक द्वारा प्रश्नांश (क) के अनुसार वर्णित वर्षों के दौरान कहाँ-कहाँ पर भ्रमण कार्यक्रम किये गये हैं और उनके द्वारा कितने व्यय के बिल प्रस्तुत किये गये हैं? कितने पशुपालकों को भ्रमण के दौरान लाभ दिया गया? (ग) प्रश्नांश (क) में दर्शित वर्षों में क्रय दवाइयों को स्टॉक रजिस्टर में दर्ज कर कितनों को कितनी-कितनी दवाइयां वितरित की गई हैं एवं कितना व्यय किया गया? (घ) खरगोन जिले के बड़वाह विधान-सभा क्षेत्र में किस-किस ग्राम में कहाँ-कहाँ कैम्प आयोजित कर पशुओं का इलाज किया गया? यदि नहीं, तो क्यों? कैम्प के दौरान लाभान्वित हितग्राहियों की सूची भी दी जावे?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'द' अनुसार।
फौती नामांतरण में स्टांप ड्यूटी हटाई जाना
[राजस्व]
8. ( क्र. 224 ) श्री चम्पालाल देवड़ा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खातेदार के फौती होने पर, फौती नामान्तरण व बंटवारा होने पर यदि पुत्री, बहन भूमि से हिस्सा नहीं लेना चाहती तो क्या तहसीलदारों को अधिकार है, कि उनकी स्वेच्छा से वह उनके नाम हटाकर बंटवारा नामान्तरण कर दें? (ख) क्या तहसीलदारों द्वारा फौती नामान्तरण/बंटवारा में पुत्रियों या बहिनों के नाम खाते से हटाने के लिए हक त्याग प्रमाण पत्र मांगा जाता है, जो पंजीयक द्वारा स्टांप ड्यूटी लगाने के उपरांत ही दिया जाता है? जिससे कृषकों को अतिरिक्त वित्तीय भार आता है? (ग) प्रश्नांश (क) व (ख) के संदर्भ फौती नामांतरण/बंटवारा में पुत्री या बहन की इच्छा से नाम हटाने (खाते से) हेतु तहसीलदार को अधिकार दिये जाने हेतु शासन स्तर से कोई कार्यवाही की जा रही है? अगर हां, तो कब तक की जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी नहीं। (ख) जी हाँ। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं।
राजस्व भूमियों पर स्टे के प्रकरण
[राजस्व]
9. ( क्र. 285 ) श्री चम्पालाल देवड़ा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजस्व मंडल द्वारा भूमियों के बेदखली, अतिक्रमण हटाये जाने के संदर्भ में किन-किन बिन्दुओं व किन-किन कारणों से स्टे दिया जाता है? शासन के नियम, आदेश बतावें। (ख) देवास जिले में विगत जनवरी 2015 में कितने आवेदन पत्र स्टे हेतु प्रश्नांकित दिनांक तक राजस्व मंडल में आये हैं, कितने प्रकरणों में राजस्व मंडल ने अतिक्रमण के प्रकरण में स्टे, आवेदनकर्ता को दिये हैं? किस नियम व कौन सी धारा पर दिये हैं? प्रकरणवार जानकारी उपलब्ध करायें। (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के संदर्भ में क्या शासकीय भूमियों पर अतिक्रमण कर पक्का निर्माण कार्य कर व्यवसायिक उपयोग पर भी स्टे दिया गया है? अगर हाँ तो कारण बतावें।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
पीला मौजेक एवं ओलावृष्टि का मुआवजा
[राजस्व]
10. ( क्र. 330 ) श्री जतन उईके : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र पांढुर्णा अंतर्गत वर्ष 2015-16 में पीला मौजेक एवं ओलावृष्टि से प्रभावित कितने किसानों को सूचीबद्ध किया गया? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार वर्तमान में कितने किसानों को उसका मुआवजा भुगतान नहीं किया गया? भुगतान का क्या मापदण्ड निर्धारण था? क्या समस्त कृषकों को एक समान मुआवजा दिया गया? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार यदि नहीं, तो प्रभावित कृषकों के खातों में कब तक राशि का भुगतान किया जायेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) तहसील पांढुर्णा अंतर्गत वर्ष 2015-16 में पीला मौजेक एवं ओलावृष्टि से प्रभावित कुल 19955 किसानों को सूचीबद्ध किया गया। (ख) प्रश्नांश ‘’क’’ अनुसार वर्तमान में किसानों को मुआवजा भुगतान हेतु शेष नहीं है। आर.बी.सी. 6-4 के प्रावधान अनुसार फसल क्षति प्रतिशत के आधार पर मुआवजा का भुगतान किया गया है। (ग) प्रश्न ही उत्पन्न नहीं होता।
पांढुर्णा को जिला घोषित करना
[राजस्व]
11. ( क्र. 331 ) श्री जतन उईके : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन की कार्य योजना में कितने नये जिले बनाने का प्रावधान है? (ख) उक्त सूची में क्या पांढुर्णा को जिला बनाने का प्रावधान है? (ग) यदि हाँ, तो पांढुर्णा को जिला बनाने की घोषणा कब तक कर दी जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) ऐसा कोई प्रावधान नहीं है। (ख) जी नहीं। (ग) शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नवीन थाने एवं चौकियों के प्रस्ताव
[गृह]
12. ( क्र. 384 ) प्रो. संजीव छोटेलाल उइके : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मण्डला जिले में कुल कितने थाने और चौकियां कहां-कहां पर हैं? इनमें कितने पद स्वीकृत हैं, कितने कार्यरत हैं तथा कितने पद रिक्त हैं? प्रत्येक थानेवार, चौकीवार जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) प्रदेश में वर्तमान में नये थाने एवं चौकी बनाये जाने की नीति क्या है? मण्डला जिले में कौन-कौन से नवीन थाना एवं चौकी बनाये जाना प्रस्तावित हैं? उनकी अद्यतन स्थिति क्या है? (ग) मण्डला विधानसभा क्षेत्र में अपराधों एवं क्षेत्रफल तथा नक्सल गतिविधियों के दृष्टिगत कहां-कहां पर विभाग नवीन थाना एवं पुलिस चौकी प्रारंभ करने की आवश्यकता महसूस करता है?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) आदेश क्रमांक एफ.2 (क) -39/2010/बी-3/दो दिनांक 25.11.2010 द्वारा निर्धारित मापदण्ड अनुसार की जाती है। शेष प्रश्न की जानकारी निरंक है। (ग) उत्तरांश ’ख’ के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
हितग्राहियों को अनाज वितरण
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
13. ( क्र. 385 ) प्रो. संजीव छोटेलाल उइके : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भारत सरकार द्वारा खाद्य सुरक्षा कानून किस दिनांक से लागू किया गया है? इस कानून के तहत प्रश्न दिनांक तक मण्डला जिले में कितने पात्र हितग्राहियों का चयन किया गया? (ख) कानून लागू होने के बाद किस-किस माह में जिले के किस-किस विकासखण्ड में कितने पात्र हितग्राहियों को किस-किस माह में कितने-कितने अनाज का वितरण वर्ष 2016-17 में प्रश्न दिनांक तक किया गया? बदले में भारत सरकार से कितना-कितना अनाज माहवार प्राप्त हुआ? (ग) मण्डला विधानसभा क्षेत्र के दोनों विकासखण्ड मण्डला एवं नैनपुर के पात्र हितग्राहियों की संख्यात्मक जानकारी ग्राम पंचायतवार देवें एवं उक्त ग्राम पंचायतों में जो लोग भिक्षावृत्ति कर जीवन-यापन कर रहे हैं? क्या उन्हें इस योजना में शामिल नहीं किया गया है? कब तक शामिल किया जावेगा? (घ) प्रश्नांश (ख) अवधि में पात्रहितग्राहियों को पात्रता पर्ची प्रदान किये जाने संबंधी कितनी शिकायतें प्राप्त हुई हैं? उनका निराकरण हेतु शासन/प्रशासन ने क्या कदम उठाये हैं?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) दिनांक 05.07.2013 से लागू किया गया है। मध्यप्रदेश में अधिनियम का क्रियान्वयन दिनांक 01 मार्च, 2014 से किया गया है। अधिनियम, 2013 के अंतर्गत प्रश्न दिनांक तक मण्डला जिले में 2,45,221 पात्र हितग्राहियों का सत्यापन किया जाकर पात्रता पर्ची जारी की गई है। (ख) वर्ष 2016-17 में अप्रैल 2016 से जनवरी, 2017 तक मण्डला जिले में माहवार, विकासखण्डवार वितरित खाद्यान्न की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। भारत सरकार द्वारा मध्यप्रदेश को अप्रैल, 2016 से फरवरी, 2017 तक माहवार आवंटित खाद्यान्न की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) मण्डला विधानसभा क्षेत्र के विकासखण्ड मण्डला एवं नैनपुर के पात्र हितग्राहियों की ग्राम पंचायतवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। भिक्षावृत्ति कर जीवन यापन करने वाले परिवार यदि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत सम्मिलित श्रेणियों में से किसी श्रेणी में सत्यापित होकर पात्रता पर्चीधारी होने पर उन्हें राशन सामग्री का वितरण किया जा रहा है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) माह मार्च, 2014 से जनवरी, 2017 तक पात्रता पर्ची के संबंध में कुल 217 शिकायतें प्राप्त हुई जिसमें से 92 शिकायतों का निराकरण किया जा चुका है। शेष 125 शिकायतों का निराकरण नवीन सत्यापित पात्र परिवारों को पात्रता पर्ची जारी करने के उपरांत निराकरण किया जा सकेगा।
लीज होल्ड भूमि को फ्री होल्ड करना
[राजस्व]
14. ( क्र. 582 ) श्री तरूण भनोत : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर पश्चिम विधान सभा क्षेत्र अन्तर्गत लीज की भूमि कहां-कहां स्थित है? जानकारी स्थानवार दी जावे। (ख) क्या ए.पी.आर. गृह निर्माण सहकारी समिति मर्यादित कटंगी जबलपुर जिसका पंजीयन क्रं. 133/81 है, को म.प्र. शासन के राजस्व आदेश क्र. 6-85/85 सात/शाखा-2 (बी) भोपाल दिनांक 20/7/1986 व अपर कलेक्टर जबलपुर द्वारा स्थाई पट्टा रजिस्टर्ड बैनामा क्र.अ/1 ग्रन्थ 5532 क्र. 5229 दिनांक 4.12.1986 के तहत समिति के सदस्यों के निवास के उद्देश्य से ग्राम गोरखपुर (कंटगा) नं.बं. 605 प.ह.नं. 24/2 (पुराना) व नवीन पटवारी हल्का नं. 9 के खसरा नं. 773/6, 774/6, 775/5, 7776/9 रकवा 3.822 हेक्टेयर भूमि स्थाई पट्टे पर आवंटित की गई थी? (ग) यदि वर्णित (क) हाँ तो ए.पी.आर. कालोनी कंटगा का प्लाट नं. 174 का बटांक का खसरा नं. 773/90, 774/90, 775/90, 776/90 रकवा 1250 वर्गफुट की लीज भूमि को फ्री होल्ड करवाने का प्रकरण तहसीलदार गोरखपुर, जबलपुर के यहां कब से लंबित है व इसका निराकरण क्यों नहीं किया जा रहा है?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
पेयजल योजना का क्रियान्वयन
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
15. ( क्र. 822 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) देवास जिले अंतर्गत लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग की कौन-कौन सी पेयजल योजनाओं का कार्य प्रगति पर है? योजना का नाम सहित बतावे। (ख) देवास जिले अंतर्गत वर्ष 2014-15, 2015-16 से प्रश्नांश दिनांक तक पेयजल योजनाओं हेतु किन-किन ग्रामों में कितनी कितनी राशि व्यय की गई? (ग) खातेगाँव विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत वर्ष 2014-15,2015-16 से प्रश्न दिनांक तक जिन पेयजल योजना का कार्य पूर्ण किया गया था वे वर्तमान में चालू हैं या बंद पड़ी हैं? (घ) खातेगाँव विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत ऐसे कौन-कौन से ग्राम हैं जहाँ पर पेयजल योजना बंद पड़ी है एवं बंद पड़ी पेयजल योजना को पुन: चालू किये जाने हेतु विभाग क्या कार्यवाही कर रहा है? कब तक चालू की जावेगी?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) ग्राम लेदियाजागीर, गुराडियाकलॉ एवं अजनास की पेयजल योजनाओं के कार्य प्रगति पर हैं। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के अनुसार है। (ग) प्रश्नांकित अवधि में पूर्ण की गई 20 नल-जल योजनाओं में से मात्र ‘एक‘ योजना बंद है। (घ) ग्राम थूरिया, सुरानी, किलोदा-पी, कलावार, हरणगांव, अमेली, सिलफोडखेड़ा एवं पटरानी की योजनाएं बंद हैं एवं इन पेयजल योजनाओं को पुनः चालू करने हेतु कार्यों की स्वीकृति देकर निविदाएं आमंत्रित की गई हैं। निश्चित समयावधि बताना संभव नहीं है।
पुलिस थाना एवं पुलिस चौकी खोले जाना
[गृह]
16. ( क्र. 830 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. में पुलिस थाना एवं पुलिस चौकी खोले जाने संबंधी क्या-क्या अर्हताएं हैं? (ख) म.प्र. में वर्ष 2013-14 में प्रश्न दिनांक तक कितने पुलिस थाने एवं पुलिस चौकी किस वर्ष में किन-किन जिलों में खोले गये हैं जिलों के नाम बतायें? (ग) खातेगांव विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्र हरण गांव में पुलिस चौकी स्थापित है उक्त पुलिस चौकी को पुलिस थाने का दर्जा कब तक प्राप्त होगा? (घ) खातेगांव विधानसभा का कोई ऐसा ग्राम है जहां पर पुलिस थाना अथवा पुलिस चौकी खोले जाना विभाग/शासन द्वारा प्रस्तावित है?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’अ’ अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’ब’ अनुसार। (ग) प्रस्ताव निर्धारित मापदण्डों के अनुरूप नहीं पाये जाने के कारण अमान्य किया गया। (घ) जी नहीं।
ठेकेदार द्वारा फर्जी लेवर का बिल भुगतान
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
17. ( क्र. 1087 ) श्रीमती चन्दा सुरेन्द्र सिंह गौर : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या अनुविभागीय अधिकारी, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग बल्देवगढ़ द्वारा ठेकेदार की मिली भगत से हैण्डपंप सुधार किये जाने का लेबर का फर्जी भुगतान बनाकर शासन की राशि का दुरूपयोग किया जा रहा है? प्रश्नकर्ता द्वारा दिनांक 19.12.16 से 30.12.16 तक विधान सभा क्षेत्र के लगभग 50-60 ग्रामों का भ्रमण करने पर किसी भी ग्राम में लेवर यानि हैण्डपम्प मेकेनिकों द्वारा कोई भी हैण्डपंपों में सुधार कार्य नहीं पाया गया और क्षेत्र की जनता द्वारा भी इसकी शिकायत की गई। (ख) वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक तक बल्देवगढ़ में कितने बिलों का भुगतान हुआ, किस मद हेतु किया गया तथा भुगतान पाने वाले कौन से ठेकेदार हैं? (ग) क्या आज दिनांक तक जितने भी बिल वाउचर सरपंचों द्वारा सत्यापित कराये गये है उनकी असत्य जानकारी पाये जाने पर फर्जी कार्य करने वाले अधिकारी ठेकेदार के विरूद्ध कार्यवाही करेंगे? यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी नहीं। भ्रमण अवधि के दौरान प्राप्त शिकायत पर 92 हैण्डपम्पों का सुधार कार्य कराया गया। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) बिल वाउचर सरपंचों द्वारा सत्यापित किये जाने का कोई प्रावधान नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
निर्माण कार्यों की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
18. ( क्र. 1131 ) श्री रामलाल रौतेल : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जिला अनूपपुर अंतर्गत जनपद पंचायतों में निर्माण एजेन्सी लो. स्वा. यात्रिकी विभाग द्वारा वित्तीय वर्ष 2008-09 से 2013-14 तक निर्माण कराये गये (पम्प हाउस, स्विच रूम, पाइप लाइन विस्तार, डगवेल निर्माण एवं स्टाप डेम) के कार्य स्थल का नाम, वित्तीय वर्ष, प्राप्त आवंटन, व्यय राशि, कार्य आदेश क्र./दिनांक, कार्य की भौतिक स्थिति, ठेकेदार का नाम बतायें। (ख) क्या प्रश्नांकित निर्माण कार्य की निविदा समाचार पत्र में प्रकाशित की गई थी? यदि हाँ, तो किस समाचार पत्र में? समाचार पत्र का नाम व प्रकाशित होने का दिनांक बतायें। यदि नहीं, तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जिला अनूपपुर अन्तर्गत जनपद पंचायतों में निर्माण एजेंसी लो.स्वा.यांत्रिकी विभाग द्वारा वित्तीय वर्ष 2008-09 से 2013-14 तक कराये गये निर्माण कार्य की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं प्राप्त आवंटन एवं व्यय राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ख) जी हाँ। प्रश्नांकित निर्माण कार्यों की निविदा शासन के नियमानुसार समाचार पत्रों में प्रकाशन हेतु संचालक, जनसंपर्क संचालनालय भोपाल को प्रेषित किये गये थे, कुछ प्रकरणों में निविदा प्रकाशन एवं उसकी पेपर कटिंग कार्यालयीन अभिलेख में उपलब्ध नहीं है, निविदा सूचना के प्रकाशन से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। म.प्र. कार्य विभाग नियमावली के पैरा 2.077 के अनुसार रू. 2.00 लाख से अधिक लागत के कार्य के लिए निविदाएं समाचार पत्र में विज्ञापित की जाती हैं।
राज्य रोजगार गारंटी में अनियमितताएं
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
19. ( क्र. 1132 ) श्री रामलाल रौतेल : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा की गई शिकायत पर कार्यवाही हेतु मा.मुख्यमंत्री कार्यालय का पत्र क्र./2998/cm/MLA087/2014 भोपाल दिनांक 21.11.2014 एवं विकास आयुक्त म.प्र. भोपाल का पत्र क्र.10360/261/22बी-13/ग्रा.या.सेवा/14/भोपाल दिनांक 8.12.14 तथा म.प्र. राज्य रोजगार गारंटी परिषद भोपाल का पत्र क्र./8886/NR/-3/ मनरेगा/2014 भोपाल दिनांक 5.12.2014 प्रमुख अभियंता (लो.स्वा.यां. (म.प्र.) भोपाल के यहां प्रेषित किया गया था? (ख) क्या प्रमुख अभियंता (लो.स्वा.यां.) द्वारा उक्त पत्रों के आधार पर जाँच करायी गई? यदि हाँ, तो जाँच में किस अधि./कर्म. को दोषी पाया गया तथा उसके विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? जाँच प्रतिवेदन का विवरण उपलब्ध कराये? यदि नहीं, तो जाँच न कराने का औचित्य बताये?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। प्रारंभिक जाँच में श्री आर.वाय. तिवारी, तत्कालीन कार्यपालन यंत्री, श्री यू.एस. नामदेव, तत्कालीन कार्यपालन यंत्री, श्री हीरासिंह धुर्वे तत्कालीन कार्यपालन यंत्री खण्ड अनूपपुर श्री के.के. गुप्ता प्रभारी सहायक यंत्री, श्री आर.पी. अहिरवार, उपयंत्री, श्री एस.पी. द्विवेदी, उपयंत्री, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी उपखण्ड अनूपपुर उत्तरदायी पाए गए हैं। संबंधितों के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की जा रही है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
शस्त्र लायसेंस का नवीनीकरण
[गृह]
20. ( क्र. 1357 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 01 जनवरी 2016 से 31 दिसम्बर 2016 तक म.प्र. शासन गृह विभाग में भिण्ड, ग्वालियर सागर एवं दतिया जिले के कितने रिवाल्वर, पिस्टल के नवीन फौती एवं स्थानांतरण के आवेदन कलेक्टर की अनुशंसा सहित प्राप्त हुये नाम पता सहित बतायें? (ख) प्राप्त आवेदनों में किन-किन व्यक्तियों के शस्त्र लायसेंस स्वीकृत किये गये, किन-किन के निरस्त हुये और किन-किन के विभाग में विचाराधीन है? निरस्त किये गये आवेदन का कारण भी बतायें? (ग) म.प्र. रिवाल्वर/पिस्टल एनपी बोर रायफल, 12 बोर एवं कृषि रक्षा के आत्मरक्षार्थ टोपीदार शस्त्र लायसेंस नवीनीकरण हेतु लायसेंसधारी से वसूली जाने वाली राशि का विस्तृत विवरण दें? (घ) क्या नवीनीकरण शस्त्र लायसेंस की फीस वृद्धि का निर्देश भारत सरकार के निर्देश पर किया गया है? यदि नहीं, तो क्या शस्त्र अधिनियम केन्द्रीय सरकार का विषय होने के बाद भी म.प्र. में फीस वृद्धि वैधानिक है? वृद्धि की गई फीस वापिस ली जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’अ’ अनुसार है। (ग) भारत सरकार के शस्त्र अधिनियम 2016 की कंडिका 27 के अनुसूची IV पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’ब’ अनुसार एवं म.प्र.शासन, विधि और विधायी कार्य विभाग की अधिसूचना दिनांक 14.01.2016 द्वारा भारतीय स्टाम्प (म.प्र. संशोधन) अधिनियम 2015 के अंतर्गत स्टाम्प अनुसूची 1 (क) में अनुच्छेद 41 (क) अंतः स्थापित करते हुए शस्त्र अथवा गोला बारूद से संबंधित अनुज्ञप्ति एवं अनुज्ञप्ति के नवीनीकरण के स्टाम्प शुल्क की दरें निर्धारित की गई हैं। भारतीय स्टाम्प अधिनियम की धारा 3 के अंतर्गत प्रावधानित अनुसूची 1-क में संशोधन दरें निर्धारित की गई हैं। विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’स’ अनुसार है। (घ) जी हाँ। जी नहीं। भारतीय संविधान की सप्तम अनुसूची के अंतर्गत राज्य सूची की प्रविष्टि क्रमांक 63 के अनुसार स्टाम्प शुल्क की दरें निर्धारित करना राज्य शासन का क्षेत्राधिकार है।
तालाबों के प्रदाय पट्टे
[मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास]
21. ( क्र. 1457 ) श्री प्रताप सिंह : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दमोह जिले के जबेरा विधानसभा क्षेत्र के ग्राम माला में स्थित तालाब को क्या पट्टे पर दिये जाने का प्रस्ताव है? (ख) यदि हाँ, तो कितनी समितियों के आवेदन पत्र आये हैं, किस समिति की अनुशंसा किस आधार पर की गई है? समिति की सदस्यता सूची, कार्यकारिणी सूची, अध्यक्ष का नाम सहित बतलावें? (ग) दमोह जिले में कितनी सहकारी समितियां रजिस्टर्ड हैं तथा कितनी कार्यशील हैं एवं कितनी परिसमापन में हैं? इन समितियों के अध्यक्षों के नाम सहित बतलावें? (घ) विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत कितने शासकीय ग्रामीण सिंचाई तालाब हैं, उनके नाम एवं स्थान सहित बतलावें? इन तालाबों की सिंचाई क्षमता कितनी-कितनी है? इनमें से कितने तालाब पट्टे पर कब-कब और किस-किस समिति को दिये गये? विगत 05 वर्षों में मछुआरों को कितना-कितना लाभ किस-किस मद से दिया गया है?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जी हाँ। (ख) दो समितियों के आवेदन पत्र प्राप्त है, जिसमें ऊं साईराम मछुआ सहकारी मर्यादित माला विकासखण्ड जबेरा की अनुशंसा स्थानीय समिति होने से की गई। समिति की सदस्यता सूची, कार्यकारिणी सूची एवं अध्यक्षों के नाम की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) जिले में 56 सहकारी समितियां पंजीकृत है, जिसमें 52 क्रियाशील है एवं 04 परिसमापन है। समिति अध्यक्षों के नामों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (घ) विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत 70 ग्रामीण तालाब एवं 35 सिंचाई जलाशय है। तालाबों से सिंचाई कार्य नहीं होने से क्षमता बताया जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। समितियों को 8 तालाब पट्टे पर आवंटित किये गये है। ग्रामीण तालाब एवं सिंचाई जलाशयों के नाम व स्थान एवं समितियों को ग्रामीण तालाब आवंटन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। विगत पाँच वर्षों में मछुआरों को दिये गये लाभ की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार है।
नामांतरण बंटवारा के प्रकरणों का निराकरण
[राजस्व]
22. ( क्र. 1469 ) श्री प्रताप सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दमोह जिले की सातों तहसीलों में राजस्व के अविवादित नामांतरण, अविवादित बंटवारा के कितने आवेदन लोक सेवा गारंटी अधिनियम 2010 के अंतर्गत अधिसूचित सेवा केन्द्र क्रमांक 4.14 एवं 4.15 में दर्ज किये गये तथा समय-सीमा में आवेदनों का निराकरण न होने से अपील की गई? (ख) लोक सेवा गारंटी केन्द्र क्रमांक 4.14 एवं 4.15 में माह सितम्बर एवं अक्टूबर 2016 में अविवादित नामांतरण एवं अविवादित बंटवारा के दर्ज आवेदनों के आनलाईन रजिस्ट्रेशन नंबर उपलब्ध करावें? जानकारी तहसीलवार उपलब्ध करावें। क्या उल्लेखित सेवाओं के आवेदन लोक सेवा गारंटी में दर्ज नहीं किये जा रहे हैं, तो क्यों? (ग) मध्यप्रदेश शासन के राजस्व न्यायालय में कम्प्यूटरीकरण योजनान्तर्गत दमोह जिले की समस्त तहसीलों में प्रश्न दिनांक तक कितने प्रकरण ऑनलाइन दर्ज किये गये हैं? क्या 01 अक्टूबर 2016 से सभी प्रकरण ऑनलाइन दर्ज किये जा रहे है? यदि हाँ, तो ऐसे 5-5 प्रकरणों के ऑनलाइन प्रकरण क्रमांक मयपक्षकारों की जानकारी सहित उपलब्ध करावें, जिनमें अभी फैसला होना शेष है? यदि प्रकरण ऑनलाइन दर्ज नहीं किये जा रहे हैं, तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
कौशल उन्नयन हेतु प्रशिक्षण केन्द्र
[तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास]
23. ( क्र. 1471 ) श्री प्रताप सिंह : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दमोह जिले में कौशल उन्नयन के तहत् विगत 03 वर्षों में प्रशिक्षण केन्द्र कहां-कहां प्रारंभ किये गये? स्थान, कार्यक्रम का नाम, प्रशिक्षणार्थियों की संख्या सहित जानकारी विधान सभा क्षेत्रवार एवं वर्षवार बतलावें? (ख) प्रश्नांश (क) में दर्शायी समयावधि के दौरान कितने सिलाई प्रशिक्षण केन्द्र प्रारंभ हैं तथा कितने बंद हो गये हैं, केन्द्रों के बंद होने का क्या कारण है? (ग) प्रशिक्षण कार्यक्रमों से संबंधित परीक्षाएं कब-कब आरम्भ की गई? क्या इन परीक्षाओं पर विभाग द्वारा रोक लगायी गई है? यदि रोक लगायी गई है, तो कब तक उसे हटाकर परीक्षाएं आयोजित की जावेगी?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक जोशी ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्नांश ''क'' के संदर्भ में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश ''क'' एवं ''ख'' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शस्त्र लायसेंसों की स्वीकृति
[गृह]
24. ( क्र. 1535 ) श्रीमती ममता मीना : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गुना जिले में जनवरी 2016 से प्रश्न दिनांक तक नवीन शस्त्र लायसेंस प्राप्त करने हेतु कितने आवेदन पत्र प्राप्त हुए हैं तथा 12 बोर, 315 एवं रिवाल्वर एवं पिस्टल की पृथक-पृथक संख्यात्मक जानकारी देवें? (ख) गुना जिले में जनवरी 2016 से प्रश्न दिनांक तक पुलिस अधीक्षक जिला गुना द्वारा अनुशंसित कितने शस्त्र लायसेंसों की अनुज्ञप्ति जारी की गई है? उनके नाम ग्राम का नाम/ शस्त्र की श्रेणी की सूची सहित बतावें? (ग) प्रश्नांश (क) व (ख) अनुसार जिला दण्डाधिकारी गुना द्वारा कितने शस्त्र लायसेंस जारी किये गये हैं, उनके नाम/पता शस्त्र लायसेंस क्रमांक स्वीकृति दिनांक सहित उपलब्ध करावें? जिन्हें स्वीकृत लायसेंस जारी किये गये हैं क्या वे शस्त्रधारी शासन निर्देशानुसार शस्त्र प्रचलन की योग्यता रखते हैं? (घ) जिला दण्डाधिकारी द्वारा कितने नवीन रिवाल्वर एवं पिस्टल के आवेदन पत्र अनुशंसा कर वरिष्ठ कार्यालय को भेजे गये हैं, विस्तृत जानकारी देवें तथा फौती सहित जानकारी भी देवें?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) गुना जिला अन्तर्गत जनवरी 2016 से प्रश्न दिनांक तक 12 बोर के 69, 315 बोर के 190 एवं रिवाल्वार/पिस्टल के 38 आवेदन पत्र प्राप्त हुये है। (ख) एवं (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ‘‘ अनुसार है। (घ) जनवरी 2016 से प्रश्न दिनांक तक कुल 14 नवीन रिवाल्वर एवं पिस्टल के आवेदन पत्र अनुशंसा सहित वरिष्ठ कार्यालय को भेजे गये है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ब‘‘ अनुसार है।
अपराधियों की गिरफ्तारी
[गृह]
25. ( क्र. 1577 ) श्री दिलीप सिंह शेखावत : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नागदा नगर के महात्मा गांधी मार्ग पर सर्राफा व्यापारी नरेन्द्र राठी की दुकान पर दिन दहाड़े कुछ बदमाशों ने बम फेंक दिया था, जिसकी प्राथमिक रिपोर्ट पुलिस थाना नागदा में दर्ज है, जिसकी विवेचना चल रही है? क्या इस बम काण्ड के सारे अपराधी पकड़े गये हैं? (ख) यदि नहीं, तो क्यों नहीं? पुलिस ने इन्हें पकड़ने के लिये अभी तक क्या कार्यवाही की है?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। इस संबंध में थाना नागदा में अपराध क्र.514/ 14 धारा 307 भा.द.वि. एवं 3/4 विस्फोटक पदार्थ अधिनियम का अपराध पंजीबद्ध होकर अनुसंधान में है। अभी तक प्रकरण में 01 आरोपी राजा उर्फ अजहर अली पिता सैयद अनवर अली 24 साल निवासी जामा मस्जिद के पीछे, नागदा को दिनांक 26.06.2015 को गिरफ्तार किया गया है। प्रकरण में धारा 384, 120बी भा.द.वि. की वृद्धि की गई है, प्रकरण में 02 फरार आरोपियों सिकन्दर पिता शेर खां निवासी रतलाम एवं राजू निवासी आलोट की गिरफ्तारी शेष है, प्रयास जारी हैं। (ख) प्रकरण में शेष 02 फरार आरोपियों की तलाश हेतु संदिग्ध बदमाशों से पूछताछ के साथ ही संभावित स्थानों पर तलाश भी की गई है। गिरफ्तारी के प्रयास जारी हैं।
नागदा में पशु चिकित्सालय खोलना
[पशुपालन]
26. ( क्र. 1578 ) श्री दिलीप सिंह शेखावत : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नागदा नगर एक प्रसिद्ध औद्योगिक शहर है एवं जिले का दूसरा सबसे बड़ा शहर होकर नागदा तहसील में 110 ग्राम सम्मिलित हैं तथा उन्हैल क्षेत्र भी इसी में सम्मिलित है? (ख) क्या नागदा में एक बड़ा पशु चिकित्सालय खोलनें की शासन की कोई योजना है? यहां कब तक पशु चिकित्सालय स्वीकृत हो जावेगा?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। नागदा में पशु चिकित्सालय स्थापित होकर कार्यरत है।
मुख्यमंत्री की घोषणाओं का पालन
[गृह]
27. ( क्र. 1686 ) श्री कैलाश चावला : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 24 अप्रैल, 2008 में माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा लाल परेड ग्राउण्ड भोपाल में आयोजित ग्राम एवं नगर सुरक्षा समिति राज्य स्तरीय प्रशिक्षण शिविर को संबोधित करते हुए महत्वपूर्ण घोषणाएं की गई थी, जिसका स्मरण कराने हेतु प्रश्नकर्ता विधायक द्वारा इस संबंध में पत्र क्रमाक 660 दिनांक 14-12-2016 से माननीय मुख्यमंत्री जी को पत्र प्रेषित किया गया था? इस पत्र पर क्या कार्यवाही की गई? (ख) क्या उक्त घोषणाओं के पालन में विभाग द्वारा आदेश जारी किए गए हैं, यदि नहीं, किए गए तो कब तक आदेश जारी किए जावेंगे।
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। 07 घोषणाएं की गई थी, जो निम्नानुसार हैः- (1) रक्षा समितियों के लिए आवंटित बजट रूपये 50 लाख से बढ़ाकर 2 करोड़ किया जाऐगा। (2) प्रत्येक जिले के चयनित 03 उत्कृष्ट रक्षा समितियों को प्रतिवर्ष 15 अगस्त के अवसर पर रूपये 10,000 प्रति समिति के मान से पुरूस्कार दिया जायेगा। (3) रक्षा समितियों के ऐसे सदस्य जिनके द्वारा लगातार 03 वर्षों तक सक्रिय सेवाएं उपलब्ध कराये जाती है उन्हें पुलिस अधीक्षक द्वारा दिये गये प्रमाण पत्र के आधार पर शस्त्र लायसेंस जारी किये जाएंगे। (4) रक्षा समिति के सदस्यों को पुलिस बल के साथ कर्तव्य निर्वहन के समय निःशुल्क भोजन प्रदान किया जायेगा। (5) रक्षा समिति के ऐसे सदस्य जिनके द्वारा 3 वर्ष तक सक्रिय सेवा उपलब्ध कराई हो उन्हें पुलिस अधीक्षक के प्रमाण पत्र के आधार पर आरक्षक भर्ती में बोनस अंक दिया जावेगा। (6) रक्षा समिति के सदस्य की कर्तव्य निर्वहन के दौरान अथवा चोटिल होने पर बीमा का लाभ उपलब्ध कराया जावेगा। (7) रक्षा समिति के प्रशिक्षित सदस्यों को पुलिस के साथ कर्तव्य निर्वहन की अवधी के लिए मानदेय स्वीकृत किया जावेगा। जी हाँ। घोषणाओं पर कृत कार्यवाही का विवरण उत्तरांश ’ख’ पर है। (ख) जी हाँ। घोषणा क्रमांक 1 से 4 तक के संबंध में पुलिस मुख्यालय द्वारा विधिवत आदेश एवं निर्देश जारी कर घोषणा का पालन किया गया। घोषणा क्रमांक 5 के संबंध में वस्तुस्थिति यह है कि आरक्षक भर्ती परीक्षा व्यापम के माध्यम से संचालित किये जाने एवं साक्षात्कार की प्रक्रिया समाप्त किये जाने के फलस्वरूप वर्तमान में बोनस अंक का प्रावधान स्वतः समाप्त हो गया है। घोषणा क्रमांक 6 के संबंध में ग्राम एवं नगर रक्षा समिति के सदस्यो को कर्तव्य के दौरान मृत्यु अथवा चोटिल होने पर नियम अनुसार आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। घोषणा क्रमांक 7 के संबंध में ग्राम/नगर रक्षा समिति के सदस्यों को मानदेय दिये जाने के संबंध में प्रस्ताव अमान्य किया गया। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कॉलेज लेवल काउंसलिंग तथा लिटरल एंट्री में प्रवेश
[तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास]
28. ( क्र. 1835 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इंदौर जिले में वर्ष 2016 में अशासकीय तकनीकी शिक्षण संस्थानों द्वारा कॉलेज लेवल काउंसलिंग तथा लिटरल एंट्री में प्रवेश के समय समाचार पत्र में प्रकाशित विज्ञापन की सूची संस्थावार, प्रवेश दिनांकवार, समाचार पत्र के नाम व दिनांक सहित देवें। इन समस्त संस्थाओं के द्वारा प्रकाशित विज्ञापनों की जानकारी देवें। (ख) इंदौर संभाग के समस्त अशासकीय तकनीकी शिक्षण संस्थाओं में वर्ष 2008 से 2012 तक ऐसे विद्यार्थियों की सूची देवें जिन्होंने प्रथम वर्ष में प्रवेश लिया, छात्रवृत्ति प्राप्त की परंतु परीक्षा में उपस्थित नहीं हुए। ऐसे विद्यार्थियों की संख्या संस्थावार वर्षवार देवें। (ग) इंदौर संभाग के विगत 3 वर्षों में जीरो प्रवेश घोषित होने/करने वाले तकनीकी शिक्षण संस्थानों की सूची देवें।
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक जोशी ) : (क) वर्ष 2016 में संस्था स्तरीय काउंसिलिंग दिनांक 14 एवं 15 अगस्त, 2016 को सभी संस्थाओं में एक साथ आयोजित किये जाने के लिये अध्यक्ष, काउंसिलिंग समिति कार्यालय द्वारा एकीकृत विज्ञापन जारी किया गया था। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। जिसमें समाचार पत्रों के नाम का उल्लेख है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) तकनीकी शिक्षण संस्थाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है।
व्यवहार न्यायालय के कार्यालय निर्माण हेतु भूमि आंवटन
[राजस्व]
29. ( क्र.
1846 ) श्री
कुँवरजी
कोठार : क्या
राजस्व
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क)
क्या जिला
राजगढ़ के
कस्बा पचोर
में व्यवहार न्यायालय
वर्ग-2
के कार्यालय
निर्माण हेतु
सर्वे क्र. 249 रकबा 1.556
हेक्टेयर
भूमि आंवटित
की जा चुकी है? यदि
हाँ,
तो आदेश की
प्रति देवें? यदि
आवंटित नहीं
की गयी है तो
क्यों नहीं की
गयी? कारण
स्पष्ट करें? (ख) प्रश्नांश
(क) अनुसार
पचोर में
व्यवहार
न्यायालय
वर्ग 2
के कार्यालय
निर्माण हेतु
विभाग द्वारा
कब तक भूमि
आंवटित की
जावेगी?
राजस्व
मंत्री ( श्री
उमाशंकर
गुप्ता ) : (क) जी
हाँ। आदेश की
प्रति संलग्न
परिशिष्ट अनुसार।
शेष प्रश्न
उद्भूत नहीं
होता। (ख) उत्तरांश
’’क’’ के
परिप्रेक्ष्य
में प्रश्न
उद्भूत नहीं
होता।
पशु उपचार केन्द्रों की स्वीकृति
[पशुपालन]
30. ( क्र. 1864 ) श्री मोती कश्यप : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र बड़वारा के विकासखण्डों के किन-किन ग्रामों में कितने-कितने पशु पाये गये हैं? (ख) प्रश्नांश (क) क्षेत्र के किन ग्रामों में पशुचिकित्सा केन्द्र हैं और उनके अंतर्गत किन ग्रामों के कितने पशु आते हैं? (ग) प्रश्नककर्त्ता ने अपने पत्र दिनांक 8-9-2013 द्वारा विभागीय मंत्री को किन ग्रामों में पशु उपचार केन्द्रों की स्थापना हेतु प्रस्ताव किया है? (घ) क्या विभाग द्वारा अपने किसी आदेश द्वारा प्रश्नांश (ग) में से किन ग्रामों हेतु पशु उपचार केन्द्रों की स्वीकृति प्रदान कर दी है?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। (ख) पशु चिकित्सा केन्द्र के नाम से संस्था नहीं है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार। (घ) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार।
बीड़ी श्रमिकों की कल्याणकारी योजनाओं का क्रियान्वयन
[श्रम]
31. ( क्र. 1865 ) श्री मोती कश्यप : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राज्य के किन-किन जिलों में कितने बीड़ी श्रमिक पाये गये हैं? (ख) विभाग द्वारा बीड़ी श्रमिकों के कल्याण हेतु कौन-कौन सी योजनायें संचालित की जा रही हैं? (ग) प्रश्नांश (क) योजनाओं हेतु विगत 3 वर्षों में कितना आवंटन एवं लक्ष्य प्रदान किया गया है? (घ) विधान सभा क्षेत्र बड़वारा के विकासखण्डों के किन-किन ग्रामों में योजनावार कितने लोगों को लाभान्वित किया गया है?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) बीड़ी श्रमिकों को चिन्हांकन भारत सरकार के अधीन कल्याण एवं उपकर आयुक्त श्रम कल्याण संगठन, जबलपुर, मध्यप्रदेश द्वारा किया जाता है। (ख) एवं (ग) प्रश्नांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रश्नांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
जे.पी. पावर प्लांट निगरी द्वारा प्रदूषित पानी गोपद नदी में छोड़े जाना
[पर्यावरण]
32. ( क्र. 1883 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सिंगरौली जिले की तहसील सरई अंतर्गत निगरी में स्थापित जे.पी.पावर प्लांट द्वारा प्रदूषित पानी गोपद नदी में छोड़ा जाता है जिसमें रहवासी कालोनी एवं गटर सहित दूषित पानी को उक्त नदी में छोड़े जाने के कारण नदी से लगे लगभग हजारों गावों के आदिवासी परिवार प्रभावित हो रहे हैं, क्यों कि उनके पीने के पानी का एकमात्र सहारा यही नदी है? (ख) क्या फैक्ट्री के प्रदूषित पानी पीने से जंगली जानवर, पालतू जानवर एवं नदी के अन्दर रह रहे जीव जंतु की अकारण मौतें हो रही हैं? यदि हाँ, तो क्या प्रदूषित पानी रोकने हेतु स्थानीय प्रशासन को समय-समय पर स्थानीय लोगों द्वारा लिखित एवं मौखिक अवगत कराया जाता रहा है साथ ही समाचार पत्रों द्वारा भी शासन को आगाह कराया जाता रहा है? (ग) क्या प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार पर्यावरण को भारी नुकसान हो रहा है, यदि हाँ, तो विगत 5 वर्षों में फैक्ट्री प्रबंधन के विरूद्ध शासन/पर्यावरण विभाग द्वारा कब-कब क्या कार्यवाही की गई बताएं?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जी नहीं, सिंगरौली जिले के निगरी में स्थापित जे.पी.पावर प्लांट शून्य निस्त्राव पद्धति पर संचालित है, अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी नहीं, अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं, गोपद नदी के विभिन्न स्थानों से जल नमूने के विश्लेषण परिणाम निर्धारित मानकों के अंदर पाये गये है अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
शासकीय आराजी क्र.1069 व 1531 को अतिक्रमण से मुक्त कराया जाना
[राजस्व]
33. ( क्र. 1884 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सिंगरौली जिले की तहसील सरई अंतर्गत ग्राम पापल की शासकीय आराजी क्र.1069 व 1531 जो गोठान तथा आवास के लिए आरक्षित है? यदि हाँ, तो क्या उक्त आरक्षित आराजियों में वर्तमान में अतिक्रमण कर लिया गया है? यदि हाँ, तो किन-किन व्यक्तियों द्वारा? नाम सहित जानकारी देवें। (ख) क्या अतिक्रमण के विरुद्ध राजस्व विभाग को स्थानीय लोगों द्वारा लिखित एवं मौखिक तथा ऑनलाइन शिकायतें की गई हैं? यदि हाँ, तो प्रशासन द्वारा अभी तक अतिक्रामकों से आराजी खाली क्यों नहीं कराई गई? कारण सहित बताएं? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार अतिक्रमणकर्ताओं से उक्त आम निस्तार पत्रक की जमीन कब तक खाली करा ली जावेगी? निश्चित समय-सीमा बताएं। (घ) क्या सरई तहसील के ही ग्राम निगरी की वन भूमि व राजस्व भूमि की सीमा का निर्धारण नहीं किया गया है, जिससे ग्राम निगरी की आराजी क्र.01/20.45 एकड़, आराजी न.02/146.62 एकड़, आराजी क्र.1058/128.38 एकड़ तथा आराजी क्र.340क/50.75 एकड़ भूमि जे.पी. पावर प्लांट द्वारा अतिक्रमण कर ली गई है जिसका आवंटन न तो वन विभाग और न ही राजस्व विभाग द्वारा किया गया फिर उक्त जमीन में फैक्ट्री प्रबंधन द्वारा किसके इशारे पर अतिक्रमण कर लिया गया है? विवरण सहित बताएं कि कब तक उक्त जमीन खाली करा ली जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
योजनान्तर्गत स्वीकृत कार्य
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
34. ( क्र. 1924 ) श्री प्रहलाद भारती : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) पोहरी विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत जनवरी 2012 से प्रश्न दिनांक तक विभाग द्वारा कौन-कौन सी नल-जल, स्थल जल योजनाएं, हैण्डपम्प खनन व अन्य योजनाओं में कौन-कौन से कार्य स्वीकृत किये गये? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार स्वीकृत कार्यों में से कौन-कौन से कार्य पूर्ण किये जा चुके हैं व कौन-कौन से कार्य अपूर्ण हैं व उसके क्या कारण हैं? अपूर्ण कार्य कब तक पूर्ण कर लिये जावेंगे?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के अनुसार है।
स्वीकृत हैण्डपंप/ मोटर पम्प की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
35. ( क्र. 1984 ) श्रीमती उमादेवी लालचंद खटीक : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जिला दमोह में वर्ष 2014-15, 2015-16, 2016-17 में कितने हैण्डपंप स्वीकृत/खनित किये गये हैं, जिला दमोह में पानी की समस्या के निराकरण हेतु कितने वोरवेल्स में मोटरपंप डाले गये,? (ख) क्या क्षेत्र भ्रमण के दौरान प्राप्त शिकायतों के आधार पर चयनित स्थलों पर हैण्डपंप नहीं लगाये गये व मोटर पंप भी नहीं डाले गये है हैण्डपंप सुधार कार्य नहीं हो रहा, एस.डी.ओ. (लो.स्वा.यां.) मुख्यालय पर निवास नहीं करते उक्त व्यवस्थाओं में सुधार कब तक किया जावेगा? क्या जाँच दल बनाकर हैण्डपंप खनन, मोटर पंप, नल जल योजनाओं के संचालन की जाँच कराई जाकर दोषियों पर कार्यवाही सुनिश्चित की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। 237 मोटर पंप डाले गये। (ख) आंशिक पूर्ण श्रेणी की बसाहटों में निर्धारित मापदण्ड अनुसार पेयजल उपलब्ध करवाने हेतु नलकूप खनन कर हैण्डपंप स्थापना का कार्य किया जाता है। जिन नलकूपों में जलस्तर 200 फिट से अधिक गहरा होता है, सिंगलफेस मोटरपंप लगाये जाते हैं। हैण्डपंपों का सुधार कार्य नियमित रूप से किया जा रहा है। एस.डी.ओ. मुख्यालय पर निवास करते हैं। जी नहीं, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
एस.ए.एफ. ट्रेडमेनों को प्रधान आरक्षक के पद पर पदोन्नति
[गृह]
36. ( क्र. 2060 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश की विशेष शसस्त्र बल की कम्पनियों पदस्थ ट्रेड आर को सीधा हवलदार के पद पर पदोन्नत किया जा रहा है जबकि उन्हें आरक्षक बनाकर प्रशिक्षण दिये जाकर पदोन्नति प्रक्रिया अपनाई जाना चाहिये? (ख) क्या उक्त प्रक्रिया से सीधे आरक्षक पद पर चयनित व्यक्तियों को पदोन्नति में विलम्ब होकर उनके अधिकारों का हनन हो रहा है? (ग) क्या उक्त ट्रेड आर. जैसे कुक, वाटर-केरियर, बारबर (नाई) कपड़े धोने वाले, स्वीपर की पदोन्नति पहिले आरक्षक एवं उन्हें प्रशिक्षण देकर, हवलदार के पद पर पदोन्नति दी जानी चाहिये, इस प्रक्रिया को क्यों नजर अंदाज कर सीधी भर्ती के सैनिकों के अधिकार समाप्त किये जा रहे है?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) वर्तमान में मध्यप्रदेश विशेष सशस्त्र बल में पदोन्नति हेतु जी.ओ.पी-141/2012 के प्रावधानों का पालन किया जाता है, जो दिनांक 02.11.2012 से लागू की गई है। उक्त जी.ओ.पी. के अनुसार ट्रेड आरक्षकों को उनके लिए निर्धारित 03 माह के प्रशिक्षण उपरांत ही प्रधान आरक्षक/हवलदार के पद पर पदोन्नति की कार्यवाही की जाती है। (ख) एवं (ग) परीक्षण किया जा रहा है।
नर्मदा जल उपलब्ध कराने की योजना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
37. ( क्र. 2098 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सीहोर जिले में विभाग के द्वारा किस-किस कार्ययोजना को क्रियान्वित किया जा रहा है? योजनाओं की तहसीलवार जानकारी दें। (ख) क्या नर्मदा नदी का जल सीहोर जिले के इछावर आष्टा और सीहोर तहसील क्षेत्रों में पेयजल के लिए उपलब्ध कराए जाने की कोई योजना है? यदि हाँ, तो ब्यौरा दें। यदि नहीं, तो क्या कोई योजना बनाई जाकर पेयजल उपलब्ध कराया जा सकता है? (ग) जिले के पेयजल अभाव ग्रस्त सीहोर, इछावर सहित अन्य तहसीलों में नर्मदा जल लाने की क्या कोई घोषणा मुख्यमंत्री द्वारा की गई है? यदि हाँ, तो उक्त घोषणा की क्या प्रगति हैं? ब्यौरा दें।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। वर्तमान में कोई प्रस्ताव विचारणीय नहीं है। (ग) जी नहीं।
जनभागीदारी से ग्राम पंचायतों में पेयजल टंकी निर्माण
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
38. ( क्र. 2114 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) 1 जनवरी 2014 के पश्चात् मंदसौर विधानसभा क्षेत्र में जन भागीदारी योजना अन्तर्गत कितनी पंचायतों में कहां-कहां टंकी निर्माण कर पेयजल योजना का लाभ ग्रामवासियों को दिया गया? (ख) प्रश्न दिनांक तक उक्त विधान सभा क्षेत्र में ऐसी कितनी ग्राम पंचायतें हैं जिन्होंने जनभागीदारी की राशि जमा करा दी, किन्तु विभाग द्वारा कार्यादेश जारी नहीं किये? जनभागीदारी राशि जमा कराने की दिनांक सहित जानकारी देवें? (ग) उक्त विधान सभा में ऐसी कितनी ग्राम पंचायतें हैं जिनमें कार्यादेश जारी करने के बाद भी निर्धारित समय में ठेकेदार, अधिकारियों की लापरवाही के कारण प्रश्न दिनांक तक कार्य पूर्ण नहीं हुआ उनके खिलाफ विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) एक भी ग्राम पंचायत में नहीं। (ख) एक भी नहीं। (ग) एक भी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
कौशल उन्नयन कार्य
[तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास]
39. ( क्र. 2116 ) श्री कैलाश चावला : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्य प्रदेश शासन कौशल विकास विभाग द्वारा गत दो वर्षों में नीमच जिले में कौशल उन्नयन हेतु क्या-क्या कार्य किए गए हैं? (ख) इस हेतु कौन-कौन सी संस्थाएं नीमच जिले में कार्यरत हैं। कितने नवयुवक को इस हेतु प्रशिक्षण दिया गया है?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक जोशी ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) नीमच जिले में निम्नानुसार 04 औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थाएं संचालित है। 1. औद्योगिक प्रशिक्षण संस्था, नीमच, म.प्र.। 2. औद्योगिक प्रशिक्षण संस्था, रामपुर, जिला नीमच। 3. औद्योगिक प्रशिक्षण संस्था, जावद, जिला नीमच। 4. औद्योगिक प्रशिक्षण संस्था, मनासा, जिला नीमच। वर्ष 2015-16 में संस्थावार एवं व्यवसायवार कुल 1778 प्रशिक्षणार्थी प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे है/ कर चुके है।
सबमर्शिबल पम्प
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
40. ( क्र. 2136 ) श्री शान्तिलाल बिलवाल : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) झाबुआ जिले में वर्ष जनवरी, 2015 से दिसम्बर 2016 तक की अवधि में कितने सबमर्सिबल पम्प किस संस्था से किस दर पर खरीदे गये? (ख) किस-किस विधान सभा के किस-किस गांव में सबमर्सियल पम्प स्थापित किये गये हैं? जो सबमर्सिबल पम्प स्थापित किये व चालू है या बंद? यदि बंद है तो कारण बतावें? (ग) झाबुआ जिले में किस-किस ग्राम पंचायतों में नल-जल योजना चल रही हैं? कितनी योजना बंद पड़ी है?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है।
पेट्रोल पंप में मिलावट की जाँच
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
41. ( क्र. 2140 ) श्री शान्तिलाल बिलवाल : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) झाबुआ जिले में किन-किन कंपनियों के कितने-कितने पेट्रोल पंप कहां-कहां संचालित हैं? फर्म के नाम सहित जानकारी दें? (ख) क्या झाबुआ जिले में अधिकांश पेट्रोल पंप पर मिलावटी पेट्रोल, डीजल का उपयोग किया जाता है, इस संबंध में विभाग द्वारा जाँच के नाम पर महज खाना पूर्ति की जा रही है? (ग) यदि नहीं, तो विभाग द्वारा पेट्रोल पंप की किस दिनांक को किस सक्षम अधिकारी द्वारा जाँच की गई वर्ष 2013-14, 2014-15 एवं 2015-16 तक की जानकारी देवें एवं जाँच के दौरान इन पेट्रोल पंपों पर क्या-क्या कार्यवाही की गई? (घ) जिले के सभी पेट्रोल पंपों पर नियमानुसार पीने का पानी, हवा पंप, शेड, शिकायत पेटी, शिकायत रजिस्ट्रर आदि की सुविधा होना अनिवार्य है? यदि हाँ, तो इस संबंध में किन-किन पेट्रोल पंपों पर यह सुविधा है और किन-किन पर नहीं संपूर्ण जानकारी देवें।
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) जी नहीं, ऐसा कोई तथ्य प्रकाश में नहीं आया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (घ) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है।
बी.पी.एल. राशन कार्डों को जारी करने में अनियमितता
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
42. ( क्र. 2269 ) श्री मानवेन्द्र सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों के राशन कार्ड 2011 की सर्वे सूची के आधार पर जारी किये जा रहे हैं? (ख) किसी भी ग्रामीण एवं नगरीय निकाय में आबादी में कितने प्रतिशत गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन के राशन कार्ड जारी करने का नियम है? क्या एक ही परिवार में एकाधिक राशन कार्ड जारी किये जा रहे हैं? (ग) क्या छतरपुर जिले में शासन के इन निर्देशों का पालन किया जा रहा है? यदि नहीं, तो क्यों? तहसील नौगांव, लवकुशनगर, गौरिहार, चंदला में वर्ष 2014 से 2016 तक वर्षवार जारी बी.पी.एल. राशन कार्डों की नामवार जानकारी दें? (घ) क्या प्रश्नांश (ग) की अवधि में कई परिवारों का जीवन स्तर गरीबी रेखा के ऊपर होने के बाद भी उनके द्वारा इसका लाभ लिया जा रहा है? यदि हाँ, तो क्या ऐसे परिवारों का पुन: सर्वे कर अपात्र होने पर उनके राशन कार्ड निरस्त कर पात्र गरीबों के नाम जोड़ने के आदेश जारी किये जाएंगे? (ड.) क्या सरकार संपूर्ण प्रदेश में नए सिरे से गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन के वीडियो सर्वे के आदेश जारी कर नए राशन कार्ड जारी करने पर विचार करेगी ताकि पात्र लोगों को इसका लाभ मिल सके?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) से (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
बसों के रूकने एवं यात्रियों को ठहरने की व्यवस्था
[परिवहन]
43. ( क्र. 2306 ) श्री हरवंश राठौर : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र बण्डा में किस-किस जगह पर यात्री बसों को रूकने, यात्रियों को ठहरने, टिकिट काउंटर की व्यवस्था विभाग द्वारा स्थाई तौर पर की गई है। (ख) क्या ऐसे सभी स्टॉप पर भवन, बस स्टॉप तथा उनके प्रावधानों, निर्माण कार्यों की पूर्ति कर दी गई है? यदि नहीं, तो कब तक पूर्ति कर दी जावेगी।
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) एवं (ख) विधानसभा क्षेत्र बण्डा में वाहन स्टॉप पर यात्री प्रतीक्षालयों की सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। टिकिट काउण्टर की व्यवस्था इन स्थानों पर नहीं है। इन बस स्टापों पर भवन, बस स्टॉप आदि परिवहन विभाग द्वारा निर्मित नहीं है। वर्तमान में सड़क परिवहन निगम द्वारा बसों का संचालन बंद कर दिये जाने के कारण बस अड्डों/बस स्टॉप का संचालन/संधारण विभाग द्वारा नहीं किया जा रहा है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
राजस्व ग्राम बनाये जाना
[राजस्व]
44. ( क्र. 2347 ) कुँवर विक्रम सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मजरे टोलों को पृथक राजस्व ग्राम बनाये जाने की माननीय मुख्यमंत्रीजी की घोषणा क्र. ए-0969 है? (ख) यदि हाँ, तो छतरपुर जिले में मजरे टोले कुल कितने हैं? उनकी सूची तहसीलवार उपलब्ध करावें? (ग) छतरपुर जिले के ऐसे गांव जो भू-मापित नहीं हैं उनकी सूची उपलब्ध करावें? (घ) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या अभिलेख निर्माण कार्य जून 2016 तक पूर्ण होना था?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। (ख) छतरपुर जिले में कुल 469 मजरे टोले है। तहसीलवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ग) छतरपुर जिले में ऐसा कोई भी ग्राम नहीं है। (घ) न्यायालय कलेक्टर जिला छतरपुर द्वारा 53 मजरे टोलों को पृथक राजस्व ग्राम घोषित किया गया है। इनमें से 41 मजरों के अधिकार अभिलेख तैयार करा लिए गये हैं। शेष 12 ग्रामों के अधिकार अभिलेख बनाये जा रहें हैं। अभिलेख निर्माण कार्य एक सतत् प्रक्रिया है। जिसमें समय लगना सम्भावित है।
रतलाम जिला अंतर्गत जेलों की स्थिति
[जेल]
45. ( क्र. 2367 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या रतलाम जिले में जिला मुख्यालय रतलाम तथा सैलाना एवं जावरा नगर में जेल होकर संपूर्ण जिले के साथ ही बाहर के कैदियों को भी रखे जाने की व्यवस्थाएं है? साथ ही ये जेलें किन वर्षों में कब बनाई गई तथा इनमें कैदियों की रखे जाने की कुल कितनी संख्या का मापदण्ड रहा? (ख) मापदण्ड अनुसार निर्धारित संख्या के मान से कैदियों की संख्या कितनी बढ़ती-घटती रही तथा सुरक्षा हेतु सुरक्षा बलों एवं अधिकारियों की स्वीकृत पदों अनुसार क्या स्थिति रही? (ग) उपरोक्तानुसार निर्धारित मापदण्डों एवं नियमानुसार स्थितियों में भवन रख-रखाव, मरम्मत, फर्नीचर, विद्युतीकरण सुरक्षात्मक उपायों, खाद्यान्न एवं अन्य इत्यादि कार्यों हेतु कितना बजट प्राप्त होकर किन-किन मदों पर कितना व्यय हुआ? (घ) वर्ष 2013 से लेकर प्रश्न दिनांक तक शासन/विभाग द्वारा प्रदत्त प्राप्त बजट से हुए व्यय की भौतिक सत्यापन की स्थिति सहित जेल में हुए योजनानुसार कैदियों के सुधार हेतु अन्य आयोजनों, प्रयोजनों से भी स्पष्ट करें?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जिला मुख्यालय रतलाम स्थित जिला जेल रतलाम में संपूर्ण जिले के साथ ही बाहर के कैदियों को रखे जाने की व्यवस्था है। उप जेल जावरा व सैलाना में जिला रतलाम के स्थानीय कैदियों को रखा जाता है। जेलों के निर्माण वर्ष एवं बंदी क्षमता निम्नानुसार है :-
जेल का नाम |
निर्माण वर्ष |
बंदी क्षमता |
जिला जेल रतलाम |
1930 |
380 |
उप जेल जावरा |
1893 |
173 |
उप जेल सैलाना |
1989 |
77 |
(ख) जिला जेल रतलाम एवं उप जेल सैलाना में क्षमता से अधिक कैदी तथा उप जेल जावरा में क्षमता से कम कैदी परिरूद्ध हैं। विगत वर्षों में क्षमता की तुलना में परिरूद्ध कैदियों की संख्या का विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। जेलों में स्वीकृत स्टाफ का विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) विभिन्न मदों में प्राप्त राशि एवं व्यय का विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (घ) विभिन्न मदों में हुए व्यय का भौतिक सत्यापन कार्यालय प्रमुख विभागीय अंकेक्षण एवं महालेखाकार, ग्वालियर द्वारा किया जाता है। कैदियों के सुधार हेतु जेलों में शिक्षा, प्रशिक्षण, पी.टी. योग के साथ-साथ धार्मिक एवं सामाजिक संस्थाओं द्वारा सुधारात्मक कार्यक्रम चलाए जाते हैं।
पशु चिकित्सालयों एवं औषधालयों के भवनों/योजनाओं हेतु बजट
[पशुपालन]
46. ( क्र. 2368 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रतलाम जिला अंतर्गत किन-किन स्थानों पर प्रारंभ से पशु चिकित्सालय एवं पशु औषधालय कार्यरत होकर मूक पशुओं की देखभाल हेतु अपनी सेवाएं प्रदान कर रहे है तथा क्या ये सभी अपने स्वयं के भवनों में कार्यरत है या किराए के भवनों व अन्य व्यवस्थाओं के माध्यम से कार्य कर रहे है? (ख) वर्ष 2012-13 से लेकर प्रश्न दिनांक तक शासन/विभाग द्वारा जिले भर में किन-किन स्थानों पर पशु चिकित्सालय एवं पशु औषधालय नवीन प्रारंभ किये गये, नवीन स्वीकृत हुए, संख्या एवं स्थानों से अवगत कराएं? (ग) नवीन स्वीकृत चिकित्सालय एवं औषधालय कितने प्रारंभ हुए, कितने अप्रारंभ है तथा भवन निर्माणों की क्या स्थिति है इस हेतु उपरोक्त वर्षों में कितना बजट स्वीकृत होकर मदवार किन-किन स्थानों पर कितना व्यय हुआ? (घ) केन्द्र/राज्य प्रवर्तित योजनाओं के क्रियान्वयन में किन कार्यों हेतु कितना बजट प्राप्त होकर क्या-क्या कार्य किये गये तथा रतलाम जिले में जिलान्तर्गत विभागीय व्यवस्थाओं हेतु कुल कितने पद स्वीकृत होकर कितने भरे है, कितने रिक्त है? प्रश्नांश (क) से लेकर (घ) तक की समस्त स्थितियों से अवगत करे?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''इ'' अनुसार।
अनुविभागीय कार्यालय, कोषालय एवं उप-पंजीयक कार्यालय की स्थापना
[राजस्व]
47. ( क्र. 2376 ) श्री दिव्यराज सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विकासखण्ड जवा अन्तर्गत अनुविभागीय कार्यालय, कोषालय एवं उप-पंजीयक कार्यालय न होने के कारण क्षेत्रवासियों को लगभग 50-60 किलोमीटर दूर तहसील त्योंथर जाना पड़ता है, जबकि 60 प्रतिशत रजिस्ट्री सम्बंधी कार्य विकासखण्ड जवा अन्तर्गत होता है, ऐसी स्थिति में क्या विभाग द्वारा उक्त पृथक कार्यालय विकासखण्ड जवा में स्थापित किया जावेगा? (ख) क्या विकासखण्ड जवा के भूमि सम्बंधी विवादों के निराकरण हेतु क्षेत्र के लोग प्रभारी अनुविभागीय अधिकारी पर निर्भर हैं, जिससे समस्याओं के निराकरण में जनता को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है, ऐसी स्थिति में क्या पृथक अनुविभागीय अधिकारी की पदस्थापना तहसील जवा में की जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
अतारांकित प्रश्न क्र.82 (2366) दिनांक 29 जुलाई, 2016.
[राजस्व]
48. ( क्र. 2479 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अतारांकित प्रश्न संख्या क्र.82 (क्रमांक 2366), दिनांक 29 जुलाई, 2016 को प्रश्नकर्ता द्वारा सतना जिले की तहसील अमरपाटन के ग्राम रैकवार (पड़हा) की आराजी क्र.131 रकवा 2.12 एकड़ के संबंध में बिंदु क्र. (क) से (घ) तक की जानकारी मांगी गई थी? यदि जानकारी एकत्रित कर ली गई है, तो बताएं। (ख) क्या संपूर्ण प्रकरण की जाँच कराकर दोषी अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध कानूनी कार्यवाही की गई या नहीं विवरण सहित बतावें?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
महिलाओं पर अत्याचार के प्रकरण
[गृह]
49. ( क्र. 2509 ) श्री जितू पटवारी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इन्दौर एवं उज्जैन संभाग में दिनांक 01/01/2014 से 25/01/2017 तक महिलाओं के साथ बालात्कार, नाबालिग योन शोषण, नाबालिग लापताओं, बालिग युवतियों के लापता होने, बच्चों की किडनेपिंग के कितने प्रकरण दर्ज हुए? जिलेवार वर्षवार पृथक-पृथक जानकारी देवें। (ख) उपरोक्त अवधि में कितने प्रकरणों में दुष्कर्म के बाद हत्या के प्रकरण दर्ज किया गया जिलावार बतावें। उपरोक्त (क) अनुसार कितने नाबालिग, बालिग लापता एवं अपर्हित बच्चे बरामद कर लिये जानकारी देवें। (ग) कितने पुलिसकर्मियों पर अपराधियों से सांठ-गांठ, रिश्वत लेने संबंधी कितने प्रकरणों में कितने पुलिसकर्मियों पर विभागीय जाँच चल रही है जिलावार प्रश्नांश (क) अवधि अनुसार बतावें।
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) इंदौर एवं उज्जैन संभाग में दिनांक 01.01.2014 से 25.01.2017 तक महिलाओं के साथ बलात्कार के 4126, नाबालिग यौन शोषण के 5161, नाबालिग लापताओं के 5411, बालिग युवक-युवतियों के लापता होने के 14279 एवं बच्चों की किडनेपिंग में बालक 1333, बालिका 4162 कुल 5495 प्रकरण दर्ज हुए, जिलेवार वर्षवार पृथक-पृथक जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’क’ अनुसार है। (ख) प्रश्नांश ’क’ अवधि में इंदौर एवं उज्जैन संभाग में दुष्कर्म के बाद हत्या के 08 प्रकरण दर्ज किये गये, जिलेवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’क’ अनुसार है। प्रश्नांश ’क’ अवधि अनुसार इंदौर एवं उज्जैन संभाग में कुल नाबालिग लापता 5193, बालिग लापता, 10920 एवं अपहृत बच्चों में बालक 1266, बालिका 3548 कुल 4814 अपहृत बच्चे बरामद किये गये, जिलावार वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’क’ अनुसार है। (ग) 27 प्रकरणों में 38 पुलिसकर्मियों के विरूद्ध 27 विभागीय जाँच की गई, जिसमें से प्रश्न दिनांक 25.01.2017 की स्थिति में 24 पुलिस कर्मियों पर 17 प्रकरणों में 17 विभागीय जाँच चल रही है। जिलावार वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’ख’ अनुसार है।
प्रदेश के समस्त जिलों में थानेवार जानकारी
[गृह]
50. ( क्र. 2510 ) श्री जितू पटवारी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के इन्दौर एवं उज्जैन संभाग में थानेवार दिनांक 01.01.2013 से दिनांक 01.01.2017 तक अजाक्स थानों में अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग के फरियादियों द्वारा अपने साथ हुई घटनाओं के विरूद्ध कार्यवाही हेतु कितने आवेदन दिये है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार उसमें कितने आवेदनों की जाँच पूर्ण हो चुकी है व कितने आवेदनों की जाँच शेष है वर्षवार जिलेवार जानकारी देवें? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार जाँच उपरांत सही पाये गये आवेदनों पर क्या-क्या कार्यवाही की गई एवं कितने कारणों में चालान जमा किया गया, जानकारी देवें?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे गये परिशिष्ट के प्रपत्र ’अ’ अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे गये परिशिष्ट के प्रपत्र ’ब’ अनुसार।
श्रमिकों को सुविधायें
[श्रम]
51. ( क्र. 2515 ) श्री संजय शर्मा : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल में श्रमिकों के पंजीयन के संबंध में क्या-क्या प्रक्रिया निर्धारित है तथा श्रमिक को पंजीयन हेतु क्या-क्या करना पड़ता है? पंजीकृत श्रमिक को क्या-क्या सुविधायें मिलती हैं तथा इस हेतु श्रमिकों को क्या-क्या करना पड़ता हैं? (ख) रायसेन एवं नरसिंहपुर जिले में 01 फरवरी 2017 की स्थिति में कितने श्रमिक पंजीकृत है? नगरीय निकास एवं जनपद पंचायतवार संख्या बतायें? (ग) कर्मकार मंडल में श्रमिकों के पंजीयन हेतु विभाग एवं जिला पंचायत/जनपद पंचायतों द्वारा क्या-क्या प्रयास/कार्यवाही की जा रही है? (घ) 01 फरवरी 2017 की स्थित में रायेसन एवं नरसिंहपुर जिले के कितने श्रमिकों के किस-किस योजना के प्रकरण भुगतान हेतु क्यों लंबित है तथा कब तक भुगतान होगा?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) म.प्र.भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल के अंतर्गत श्रमिकों के पंजीयन के लिए निर्माण श्रमिक की आयु 18 वर्ष से 60 वर्ष के बीच होना चाहिए तथा पिछले 12 माहो में कम से कम 90 दिन निर्माण क्षेत्र में कार्य करना अनिवार्य हैं। निर्माण श्रमिक को पंजीयन हेतु ग्रामीण क्षेत्र में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत तथा शहरी क्षेत्र में आयुक्त नगर निगम/मुख्य नगरपालिका अधिकारी/नगर परिषद् के समक्ष आवेदन करने पर प्रथम बार 5 वर्ष के लिए पोर्टल के माध्यम से आनलाईन आवेदन करने पर 5 रूपये नगद भुगतान कर पंजीयन किया जा सकेगा एवं निरंतरण हेतु 10 रूपये शुल्क निर्धारित किया गया हैं। पंजीकृत निर्माण श्रमिकों को मंडल द्वारा संचालित 22 योजनाओं के अंतर्गत लाभांवित कर हितलाभ प्रदान किया जाता है तथा पंजीकृत निर्माण श्रमिक द्वारा संबंधित पदाभिहित अधिकारी के समक्ष निर्धारित प्रपत्र में आवेदन करने पर हितलाभ प्रदाय करने का प्रावधान है। (ख) म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल के अंतर्गत 01 फरवरी 2017 की स्थिति में रायसेन जिले में कुल 29128 एवं नरसिंहपुर जिले में कुल 27149 निर्माण श्रमिक पंजीकृत है। रायसेन जिले की नगरीय निकायवार एवं जनपद पंचायतवार श्रमिक संख्या की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है एवं नरसिंहपुर जिले की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल के अंतर्गत निर्माण श्रमिकों के पंजीयन हेतु समय-समय पर आयोजित लोक कल्याण शिविर, अंत्योदय मेला, प्रसार भारती तथा विशेष अभियान चला कर व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाता है। (घ) 01 फरवरी 2017 की स्थिति में रायसेन एवं नरसिंहपुर जिले के अंतर्गत कोई भी प्रकरण भुगतान हेतु लंबित नहीं है।
अनुविभागीय अधिकारी को अधिकार
[राजस्व]
52. ( क्र. 2525 ) श्री महेन्द्र केशर सिंह चौहान : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भू राजस्व संहिता 1959 की धारा 234 के तहत बनाए गए निस्तार पत्र में दर्ज जमीन एवं धारा 237 (1) में आरक्षित की गई जमीनों को भू राजस्व सहिता 1959 की किस-किस धारा के अनुसार क्या-क्या अधिकार दिए हैं, उनमें से किस धारा से इन जमीनों को आरक्षित वन बनाए जाने की जाँच एवं कार्यवाही करने के अधिकार हैं? (ख) बैतूल जिले में अनुविभागीय अधिकारी बैतूल, मुलताई एवं भैंसदेही वर्तमान में कितने ग्रामों के निस्तार पत्रक में दर्ज कितनी जमीनों को आरक्षित वन बनने की कार्यवाही कर रहे हैं, इन जमीनों को निस्तार पत्रक में किन-किन अधिकारी, सार्वजनिक एवं निस्तारी योजना के लिये दर्ज किया? (ग) आरक्षित वन बनाए जाने के लिए प्रस्तावित भूमियों पर निस्तार पत्रक में दर्ज अधिकारी के सामुदायिक वन अधिकार दिये जाने के संबंध में प्रमुख सचिव आदिम जाति कल्याण विभाग भोपाल ने 10 जून 2008 को क्या निर्देश दिए थें, उनका पालन किन-किन कारणों से नहीं किया गया? (घ) 10 जून 2008 के आदेश में क्या-क्या आदेश निर्देश दिए गए उनका पालन लिए जाने के संबंध में बैतूल जिले से क्या कार्यवाही की जा रही हैं, कब तक आरक्षित वन बनाए जाने के लिए प्रस्तावित भूमि के सामुदायिक वन अधिकार वितरित कर दिए जावेंगे?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
निस्तार पत्रक में सार्वजनिक प्रयोजन की दर्ज जमीन
[राजस्व]
53. ( क्र. 2526 ) श्री महेन्द्र केशर सिंह चौहान : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैतूल जिले के कितने राजस्व ग्रामों में से कितने ग्रामों के निस्तार पत्रक राजस्व विभाग के पास उपलब्ध हैं, उनमें किस-किस मद में कितनी-कितनी जमीन वर्तमान में दर्ज हैं इन जमीनों को किन-किन सार्वजनिक एवं निस्तारी प्रयोजनों के लिए दर्ज होना बताया गया हैं? (ख) निस्तार पत्रक में किन-किन मदों एवं किन-किन प्रयोजनों के लिए दर्ज कितनी जमीनों को नारंगी भूमि सर्वे एवं नारंगी वनखण्ड में शामिल किये जाने की अनुमति या सहमति कलेक्टर बैतूल या राजस्व विभाग मध्यप्रदेश शासन ने किस दिनांक को प्रदान की हैं प्रति सहित बतावें? (ग) निस्तार पत्रक में किन-किन मदों एवं किन-किन प्रयोजनों के लिए दर्ज जमीनों को नारंगी भूमि सर्वे एवं नारंगी वनखण्ड में शामिल किए जाने का प्रावधान किस कानून की किस धारा में दिया गया हैं, किस याचिका में किस दिनांक को दिए गए आदेश में दिया गया हैं? (घ) निस्तार पत्रक में दर्ज जमीनी को नारंगी भूमि सर्वे एवं नारंगी वनखण्ड में शामिल किए जाने की अनुमति या अधिकार राज्य शासन कब तक प्रदान कर देगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
आवास स्वीकृति एवं बाउण्ड्रीवाल निर्माण
[गृह]
54. ( क्र. 2629 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के परि.अता. प्रश्न संख्या 26 ( क्रमांक 519) दिनांक 20 जुलाई 2016 के उत्तर में बताया गया था कि ’मुख्यमंत्री आवास योजना’ अंतर्गत हुडको से ऋण लेकर आगामी पाँच वर्षों में 25000 आवासों का निर्माण करने के संबंध में प्रस्तावित विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन (डी.पी.आर.) पर परियोजना परीक्षण समिति की बैठक दिनांक 27.02.2016 को सम्पन्न हो चुकी है। प्रस्तावित परियोजना प्रतिवेदन में जिला राजगढ़ के लिए 208 पुलिस आवास-गृह पाँचवें चरण में बनाये जाने प्रस्तावित है? तो क्या प्रस्तावित परियोजना प्रतिवेदन में पुलिस थाना ब्यावरा व सुठालिया सम्मिलित है? (ख) क्या प्रश्नांश (क) वर्णित प्रश्न क्रमांक 519 में प्रश्नकर्ता द्वारा पुलिस थाना परिसर सुठालिया की सुरक्षा की दृष्टि से बाउण्ड्रीवाल निर्माण का भी उल्लेख किया गया था? यदि हाँ, तो क्या प्रश्न दिनांक तक बाउण्ड्रीवाल निर्माण की स्वीकृति प्रदान की जा चुकी है? यदि नहीं, तो कब तक स्वीकृति प्रदान की जावेगी?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। जी हाँ। (ख) जी हाँ। जी नहीं। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
स्टेनों टायपिस्ट से स्टोनोग्राफर के पद पर पदोन्नति
[राजस्व]
55. ( क्र. 2637 ) चौधरी मुकेश सिंह चतुर्वेदी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग में स्टेनों टायपिस्ट के पद से स्टेनों ग्राफर के पद पर पदोन्नति करने का प्रावधान किया गया था? यदि हाँ, तो शासन के आदेश की प्रति उपलब्ध कराते हुए जानकारी दें? (ख) क्या राजस्व विभाग द्वारा उक्त शासन के आदेश का पालन किया जा रहा है? यदि हाँ, तो उसके पालन में विगत 5 वर्ष से प्रश्न दिनांक तक कितनी बार पदोन्नति समिति की बैठक का आयोजन किया गया? पदोन्नति समिति की बैठक की दिनांकवार जिलावार जानकारी दें? (ग) क्या विभाग दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही कर उक्त शासन आदेश के क्रम पदोन्नति समिति की बैठकों का आयोजन करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
प्रधानमंत्री उज्जवला योजना
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
56. ( क्र. 2639 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले के विधानसभा क्षेत्र ब्यावरा के अंतर्गत प्रधानमंत्री उज्जवला योजना प्रारंभ दिनांक से प्रश्न दिनांक तक कितने हितग्राहियों के आवेदन प्राप्त हुये? प्राप्त आवेदनों में से कितने हितग्राहियों को योजना का लाभ दिया गया तथा प्रश्न दिनांक तक कितने हितग्राहियों के आवेदन किन कारणों से किस स्तर पर लंबित हैं। एजेन्सीवार जानकारी देवें? (ख) क्या वर्तमान में भी उक्त योजनांतर्गत हितग्राहियों को लाभांवित किया जा रहा है अथवा नहीं? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) उपरोक्तानुसार लंबित आवेदनों पर क्या विचार कर कब तक उनका निराकरण कर दिया जावेगा?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) राजगढ़ जिले के ब्यावरा विधानसभा क्षेत्रांतर्गत प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के तहत 11,447 आवेदन प्राप्त हुए एवं 9,144 हितग्राहियों को गैस कनेक्शन जारी किए जा चुके हैं। 764 हितग्राहियों के आवेदन गैस कनेक्शन हेतु सत्यापित किए जा चुके हैं, जिनके गैस कनेक्शन प्रदाय किए जाने की कार्यवाही प्रचलित है। 202 आवेदन डी- डुप्लीकेशन की कार्यवाही हेतु लंबित हैं। एजेन्सीवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रधानमंत्री उज्जवला योजनांतर्गत भारत सरकार द्वारा निर्धारित तथ्य अनुसार पात्र हितग्राहियों को लाभांवित किया जा रहा है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) गैस कनेक्शन के परीक्षण हेतु लंबित आवेदन पात्र पाए जाने पर समयबद्ध सीमा में भारत सरकार से प्राप्त सीमा तक गैस कनेक्शन जारी किए जाएंगे।
जल आपूर्ति हेतु कार्य योजना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
57. ( क्र. 2671 ) श्री दीवानसिंह विट्ठल पटेल : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) बड़वानी जिला लगातार विगत तीन वर्षों से सूखा से प्रभावित है तथा लगातार जलस्तर घटा है? (ख) बड़वानी जिले में वर्ष 2015 -16,2016-17 में विकासखंडवार नवीन हेन्डपंप खनन हेतु क्या लक्ष्य निर्धारित किये गए थे तथा लक्ष्य अनुसार कितने हैण्डपम्प खोदे गए? विकासखंडवार बतावें। (ग) क्या पानसेमल विधानसभा क्षेत्र में अभी से ही पानी की समस्या उत्पन्न होने लगी है, ऐसी स्थिति में आगामी ग्रीष्म ऋतु को देखते हुए पानी की आपूर्ति हेतु विभाग के द्वारा क्या कोई कार्य योजना बनाई जा रही है? यदि हाँ, तो उक्त कार्य योजना का क्रियान्वयन कब से प्रारम्भ कर दिया जावेगा
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी नहीं। (ख) लक्ष्य जिलेवार निर्धारित किये जाते हैं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। आगामी ग्रीष्म ऋतु (अप्रैल से जून 2017) में हैण्डपम्पों में राईजर पाईप बढ़ाने, सिंगल फेस मोटर पंप डालने एवं आंशिकपूर्ण बसाहटों में नलकूप खनन कर हैण्डपम्प स्थापना के माध्यम से पेयजल उपलब्ध करवाने की कार्य योजना है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
मध्यप्रदेश भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार मंडल योजना में लाभार्थी
[श्रम]
58. ( क्र. 2673 ) श्री दीवानसिंह विट्ठल पटेल : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़वानी जिले के अंतर्गत मध्यप्रदेश भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार मंडल योजना के तहत कितने हितग्राहियों का पंजीयन योजना प्रारम्भ से वर्तमान तक किया गया है, निकायवार संख्या बतावें? (ख) पंजीकृत हितग्राहियों में से कितने हितग्राहियों को योजना में प्रदत्त सुविधाओं से लाभान्वित किया गया है? योजना प्रारम्भ से वर्तमान तक वर्षवार संख्या बतावें? (ग) क्या उक्त योजना का व्यापक प्रचार-प्रसार नहीं होने से लोगों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है? क्या विभाग के द्वारा उक्त योजना का लाभ अधिक से अधिक लोगों को मिले इसके लिए कोई कार्य योजना बनाई है? यदि हाँ, तो कब तक उसका क्रियान्वयन प्रारम्भ कर दिया जावेगा?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल के अंतर्गत बड़वानी जिले में प्रारंभ से वर्तमान तक कुल 16660 निर्माण श्रमिकों का पंजीयन किया गया है, जनपदवार एवं निकायवार पंजीयन की जानकारी निम्नानुसार हैः-
क्रं जनपद का नाम पंजीयन संख्या निकाय का नाम पंजीयन संख्या
1 बड़वानी 3905 बड़वानी 2154
2 राजपुर 798 अजड 462
3 सेंधवा 820 सेंधना 474
4 पानसेमल 2685 राजपुर 97
5 निवाली 2301 पानसेमल 279
6 पाटी 1607 खेतिया 145
7 ठीकरी 813 पलसूद 120
(ख) म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल के अंतर्गत संचालित विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से कुल 14948 निर्माण श्रमिकों को लाभांवित किया गया जिसकी वर्षवार लाभांवित संख्या की जानकारी निम्नानुसार है :-
क्रमांक वर्ष लाभांवित संख्या
1 2006-07 निरंक
2 2007-08 01
3 2008-09 33
4 2009-10 130
5 2010-11 1251
6 2011-12 2320
7 2012-13 6242
8 2013-14 1080
9 2014-15 981
10 2015-16 2234
11 2016-17 1174
(माह जनवरी 2017 की
स्थिति में)
(ग) जी नहीं। म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल के अंतर्गत संचालित विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं का समय-समय पर आयोजित लोक कल्याण शिविर, अंत्योदय मेला, प्रसार भारती तथा विशेष अभियान चला कर व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाता है।
निर्माण कार्यों की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
59. ( क्र. 2758 ) श्री रामकिशन पटेल : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जिला रायसेन की विधानसभा क्षेत्र उदयपुरा में वर्ष 2014-15,2015-16 से प्रश्न दिनांक तक कितने कार्य कितनी-कितनी राशि के किस मद से कब-कब करवाये गये? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार प्रचलित कार्य में से कितने कार्य पूर्ण हैं, कितने अपूर्ण हैं? (ग) प्रश्नांश (क) में वर्णित कार्यों में से कौन-कौन से कार्य हैं, जिनके पूर्ण किये बिना अथवा कार्य प्रारंभ किये बिना कार्य से अधिक राशि का भुगतान किया गया? कार्यवार किये गये भुगतान का पूर्ण ब्यौरा देवें। (घ) प्रश्नांश (क) अनुसार स्वीकृत कार्यों में अनियमितता और भ्रष्टाचार की कितनी शिकायतें जिला एवं राज्य स्तर पर प्राप्त हुई? शिकायतों का विवरण देते हुये बतावें कि इनमें से किन-किन शिकायतों की जाँच किसके द्वारा कराई गई एवं जाँच के पश्चात् क्या कार्यवाही की गई?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) कोई भी नहीं शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) दो शिकायतें प्राप्त हुई है। नल-जल योजनाओं एवं नलकूप के कार्यों की शिकायतें हैं, जाँच की कार्यवाही प्रमुख अभियंता से कराई जा रही है।
उचित मूल्य की दुकानें
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
60. ( क्र. 2764 ) श्री रामकिशन पटेल : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला रायसेन अंतर्गत विकासखंड बाड़ी एवं उदयपुरा के ग्रामीण क्षेत्रों एवं शहरी क्षेत्रों में किस-किस स्थान पर शासकीय उचित मूल्य की दुकानें संचालित हैं? इन दुकानों पर कौन-कौन कर्मचारी कब से पदस्थ हैं तथा प्रत्येक दुकान के खुलने का समय, संचालित स्थान का पूर्ण पता सहित सूची उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार वि.ख. बाड़ी एवं उदयपुरा कि प्रति दुकान पर कितने-कितने बी.पी.एल., ए.पी.एल., अन्त्योदय, प्राथमिक परिवार तथा अन्य कार्डधारी हैं? दुकानवार संख्या बतावें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार विकासखण्ड बाड़ी एवं उदयपुरा क्षेत्र में संचालित प्रत्येक दुकान पर माह जनवरी 2017 की स्थिति में कितनी मात्रा में कैरोसीन, शक्कर, गेहूं, चावल अन्य सामग्री प्रदाय की गई? प्रत्येक दुकानवार सूची उपलब्ध करावें।
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) वर्तमान में ए.पी.एल. कार्ड प्रचलित नहीं हैं। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है।
हैण्डपम्प खनन
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
61. ( क्र. 2783 ) श्रीमती झूमा सोलंकी : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) भीकनगांव विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत पेयजल हेतु नल-कूप खनन मानक रूप से डिजाईन कर कितनी गहराई के खनन किये जाते है? जिससे हैण्डपम्प चल सके? क्या ग्रामीण क्षेत्रों में शासन के निर्धारित मापदंड से अधिक गहराई 200 से 300 फिट पर हैण्डपम्प के माध्यम से पेयजल प्राप्त करना संभव है? यदि नहीं, तो वैकल्पिक व्यवस्था क्या हैं? (ख) क्या ग्रामीण क्षेत्रों में हैण्डपम्प खनन हो जाने से उस क्षेत्र की पेयजल व्यवस्था हल हो जाती है? यदि मांग अनुसार पेयजल प्राप्त न हो तो गहरे नलकूपों में हैण्डपम्प के स्थान पर विद्युत पंप लगाने की व्यवस्था है? (ग) भीकनगांव विधानसभा में ऐसे कितने गांव व बस्ती चिन्हित हैं जिनमें पेयजल हेतु नलकूपों में सिंगल फेस पंप सेट के माध्यम से पेयजल आपूर्ति होगी? यदि नहीं, तो कब तक चिन्हित करेंगे और पेयजल आपूर्ति हेतु भविष्य में क्या कार्ययोजना बनाई गई है?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) भूजलविद की अनुशंसानुसार भीकनगांव विधानसभा क्षेत्र में औसत 120 मीटर गहरे नलकूप खनन किये जाते हैं। 200 से 300 फीट पर हैण्डपम्प के माध्यम से पेयजल प्राप्त करना कठिन है। उक्त स्थिति में सिंगल फेस पंप लगाकर पेयजल व्यवस्था की जाती है। (ख) जी हाँ। जी हाँ। (ग) वर्तमान में ऐसी कोई बस्ती या मजरा चिन्हित नहीं है। आगामी ग्रीष्म में संभावित पेयजल संकट के निवारण हेतु विभाग द्वारा जिले के लिये कार्य योजना बनाई गई है। विवरण संलग्न परिशिष्ट के अनुसार है। पेयजल संकट उत्पन्न होने की स्थिति में बसाहटों को चिन्हित कर कार्य करवाये जायेंगे। निश्चित तिथि नहीं बताई जा सकती है।
शाजापुर जिले में जारी खाद्यान्न पर्चियों की संख्या
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
62. ( क्र. 2801 ) श्री अरूण भीमावद : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शाजापुर जिले में खाद्य विभाग के अंतर्गत विकासखण्ड शाजापुर एवं मो.बड़ोदिया में कितने गरीबी रेखा, अति गरीबी रेखा एवं कर्मकार कार्डधारी पंजीकृत हितग्राही आज दिनांक तक खाद्यान्न पर्चीधारी है? (ख) खाद्यान्न पर्चीधारी को शासन द्वारा कौन-कौन सा खाद्यान्न तथा कितना प्रदाय करने के निर्देश है? (ग) क्या शासन के आदेशानुसार पर्चीधारियों को प्रतिमाह खाद्यान्न उपलब्ध कराया जा रहा है? (घ) यदि हाँ, तो शाजापुर एवं मो.बड़ोदिया विकासखण्डों में प्रतिमाह खाद्यान्न उपलब्ध क्यों नहीं हो रहा है?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) शाजापुर जिले के विकासखण्ड शाजापुर एवं मो. बड़ोदिया में गरीबी रेखा से नीचे, अन्त्योदय अन्न योजना एवं मध्यप्रदेश, भवन तथा अन्य संनिर्माण कर्मकार मंडल की श्रेणी अंतर्गत सत्यापित एवं पात्रता पर्चीधारी परिवारों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) अन्त्योदय अन्न योजना के परिवारों को 35 किलोग्राम (26 किलो गेहूं एवं 9 किलो चावल) एवं प्राथमिकता परिवारों को 5 किलोग्राम प्रति सदस्य के मान से खाद्यान्न (4 किलो गेहूं एवं 1 किलो चावल) दिया जा रहा है। (ग) जी हाँ। (घ) शाजापुर एवं मो.बड़ोदिया विकासखण्डों में वैध पात्रता पर्चीधारी परिवारों के मान से खाद्यान्न का आवंटन जारी किया जा रहा है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्रदेश में स्थापित प्रोसेस सर्वर
[राजस्व]
63. ( क्र. 2821 ) श्री मनोज कुमार अग्रवाल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश के संपूर्ण जिलों में कितने प्रोसेस सर्वर हैं एवं उन्हें किन-किन जिलों में नियमित किया गया? यदि नहीं, तो कब तक किया जायेगा तथा प्रोसेस सर्वरों के लिये नियमितीकरण की क्या नीति है? यदि नहीं, है, तो कब तक बनायी जाना अपेक्षित है? पूर्व वर्षों में सागर जिले सहित अन्य जिलों में प्रोसेस सर्वर 2-3 वर्षों की सेवा करने के पश्चात् नियमित कर दिये जाते थे। वर्तमान में कब तक प्रोसेस सर्वरों को नियमित किया जायेगा? (ख) प्रोसेस सर्वरों से वर्ष 1 जनवरी से 30 जून तक सेवायें ली जाती है। शेष अवधि में वसूली कार्य हेतु क्या व्यवस्था की जाती है? (ग) प्रोसेस सर्वर को केवल 6 माह का ही पारिश्रमिक भुगतान किया जाता है। शेष अवधि में प्रोसेस सर्वर को रोजगार एवं जीवन निर्वाह हेतु क्या व्यवस्था शासन द्वारा की जाती है।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
कौशल विकास के संबंध में
[तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास]
64. ( क्र. 2831 ) श्री विष्णु खत्री : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैरसिया विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत क्षेत्रीयजनों के कौशल विकास के लिये विभाग द्वारा जनवरी 2015 से दिसम्बर 2016 के मध्य क्या प्रयत्न किये गये हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के तारतम्य में कितने हितग्राही विभाग की इस योजना से लाभांवित हुये, सूची उपलब्ध करावें? (ग) कौशल विकास अंतर्गत प्रशिक्षित व्यक्तियों के स्व-रोजगार की दिशा में विभाग द्वारा क्या प्रयत्न किये गये?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक जोशी ) : (क) जनवरी 2015 से दिसम्बर 2016 तक बैरसिया क्षेत्र में संचालित शासकीय एवं प्राईवेट आई.टी.आई. में निम्नानुसार प्रशिक्षणार्थियों को प्रशिक्षण दिया गया :-
क्रं. |
आई.टी.आई. का नाम |
वर्ष 2015 |
वर्ष 2016 |
||
कुल प्रवेशित संख्या |
बैरसिया के लाभांवित प्रशिक्षणार्थी |
कुल प्रवेशित संख्या |
बैरसिया के लाभांवित प्रशिक्षणार्थी |
||
1 |
शासकीय आई.टी.आई., बैरसिया |
80 |
58 |
212 |
148 |
2 |
बैरसिया प्राईवेट आई.टी.आई. |
126 |
93 |
00 |
00 |
योग |
206 |
151 |
212 |
148 |
(ख) जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट
अनुसार
है। (ग) स्वरोजगार
में इच्छुक
प्रशिक्षणार्थियों
हेतु भोपाल
में उद्यमिता
विकास सेल स्थापित
किया गया है।
जेल विभाग को आवंटित भूमि
[जेल]
65. ( क्र. 2833 ) श्री विष्णु खत्री : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या बैरसिया थाना वर्तमान में जेल विभाग को आवंटित भूमि पर संचालित हो रहा है अथवा नहीं? (ख) क्या बैरसिया में विभाग को आवंटित भूमि का उपयोग किये जाने की मंशा रखता है अथवा नहीं? यदि हाँ, तो कार्य योजना का विवरण, समय-सीमा सहित देवें? यदि नहीं, तो विभाग को आवंटित इस भूमि की क्या उपयोगिता है?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी नहीं। (ख) जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
न्यू मार्केट, भोपाल के भू-खण्डों के लीज नवीनीकरण
[राजस्व]
66. ( क्र. 2850 ) श्री सुरेन्द्रनाथ सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या न्यू मार्केट, टी.टी. नगर, भोपाल के सभी भूखण्डों की लीज रिन्यू हो गई है या कुछ शेष बचे है? बचे भूखण्डों का क्या कारण है? सभी प्रकरणों के भूखण्डों की नामवार सूची उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में लीज रिन्यू के बचे भूखण्डों की लीज कब तक की जावेगी और क्या इस हेतु आवेदन प्राप्त हुए है? इन शेष बचे भूखण्डों पर किनका आधिपत्य है और किस आधार पर है? विवरण सहित सूची देवें? (ग) लीज भूखण्ड क्र.-01 की लीज का क्या ट्रांसफर किया गया है? किस-किस को किया गया, यदि हाँ, तो क्यों कारण और नियम बतावें? (घ) क्या भूखण्ड क्र.-01 के लीज धारक संस्था के द्वारा कोई आवेदन लीज रिन्यू के लिये किया गया है? यदि हाँ, तो उसका निराकरण किया गया है? यदि नहीं, तो कब तक किया जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) न्यू मार्केट टी.टी.नगर में सभी भूखण्डों की लीज रिन्यू नहीं हुई है। शर्त उल्लघंन एवं आवेदकों द्वारा समय पर नवीनीकरण का आवेदन पत्र प्रस्तुत न करने के कारण नवीनीकरण नहीं हो सका है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ’’अ’’ एवं ’’ब’’ अनुसार। (ख) शर्त उल्लंघन के मामलों का निराकरण एवं शमन राशि जमा होने के उपरान्त लीज नवीनीकरण की कार्यवाही की जावेगी। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ’’ब’’ अनुसार। (ग) कार्यालयीन अभिलेख अनुसार भूखण्ड क्रमांक-1 की लीज प्रेसिडेन्ट शासकीय कर्मचारी उपभोक्ता सहकारी समिति के नाम पर दर्ज है तथा इसके ट्रांसफर अथवा नामांतरण का कोई मामला प्राप्त नहीं हुआ है। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता।
जनपद पंचायत पृथ्वीपुर कार्यालय की आरक्षित भूमि पर अतिक्रमण
[राजस्व]
67. ( क्र. 2894 ) श्रीमती अनीता नायक : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनपद पंचायत पृथ्वीपुर कार्यालय (नवीन भवन) हेतु कुल कितनी भूमि आरक्षित है। खसरा नंबर रकवा सहित बतायें? (ख) क्या प्रशनांश (क) में उल्लेखित भूमि के अंश भाग पर असामाजिक तत्वों ने जबरन अतिक्रमण करके मकान एवं बाउंड्री बना ली है। यदि हाँ, तो कितने रकबे पर अवैध कब्जा कर लिया है। खसरा नंबर सहित बतायें? (ग) यदि अवैध अतिक्रमण कर लिया है तो कब तक अतिक्रमण हटाकर कब्जा करने वाले दोषी व्यक्तियों के विरूद्ध कानूनी कार्यवाही की जावेगी।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
विभाग द्वारा हितग्राहियों को प्रशिक्षण खर्च राशि
[पशुपालन]
68. ( क्र. 2944 ) श्री संजय शाह मकड़ाई : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) हरदा जिले के अन्तर्गत पुश पालन विभाग के विभिन्न योजनावार कितने हितग्राहियों को विगत 5 वर्षों से प्रश्न दिनांक तक प्रशिक्षण दिया गया, हितग्राहियों के नाम सहित विस्तृत जानकारी उपल्बध कराने का कष्ट करेंगे? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में कितने हितग्राही समान्य वर्ग के व कितने हितग्राही आरक्षित वर्ग के लाभांवित हुये? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में विभाग द्वारा प्रशिक्षण कार्यक्रम कब कब कहाँ-कहाँ आयोजित किये गये, प्रशिक्षण कार्यक्रम में वर्ष अनुसार विभागीय योजनाओं अंर्तगत व्यय की राशि का विवरण उपलब्ध करावें?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) हरदा जिले में विगत 05 वर्षों से प्रश्न दिनांक तक गौ-सेवक योजना अंतर्गत 28, राष्ट्रीय गौ भैंसवंशीय पशु प्रजनन परियोजना अंतर्गत 4 एवं मैत्री योजनांतर्गत 20, इस प्रकार कुल 52 हितग्राहियों को प्रशिक्षण दिया गया है। हितग्राहियों की सूची संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) प्रश्नांश 'क' के संदर्भ में सामान्य वर्ग के 41, अनुसूचित जन जाति के 1 एवं अनुसूचित जाति के 10 हितग्राहियों (गौ-सेवकों) को प्रशिक्षण देकर लाभान्वित किया गया है। (ग) गौ-सेवक योजना अंतर्गत गौ सेवकों का प्रशिक्षण पशु चिकित्सालय हरदा, टिमरनी एवं खिरकिया में वर्ष 2012-13, 2013-14, 2015-16 एवं 2016-17 में, राष्ट्रीय गौ भैंसवंशीय पशु प्रजनन परियोजना अंतर्गत कृत्रिम गर्भाधान प्रशिक्षण संस्थान, भोपाल पर वर्ष 2012-13 एवं 2014-15 में एवं मैत्री योजनान्तर्गत प्रशिक्षण, कृत्रिम गर्भाधान प्रशिक्षण संस्थान, भोपाल पर वर्ष 2015-16 में प्रदाय किया गया है। प्रशिक्षण कार्यक्रमों में व्यय की राशि की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है।
टैक्सी कोटे के वाहनों में टैक्स भुगतान के नियम
[परिवहन]
69. ( क्र. 2964 ) श्री ठाकुरदास नागवंशी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक टैक्सी कोटे पास वाहन को जीवनकाल के लिये एक मुश्त योजना के तहत कितने प्रतिशत टैक्स लिया गया हैं? (ख) यदि टैक्सी कोटे वाले वाहन निजी वाहन के रूप में परिवहन कराना हैं तो क्या वाहन स्वामी को पुन: टैक्स देना पड़ेगा? यदि हाँ, तो कितने प्रतिशत बताये? (ग) क्या होशंगाबाद जिले के परिवहन कार्यालय द्वारा बिना किसी अतिरिक्त टैक्स के टैक्सी व कोटा से प्राईवेट में परिवर्तित पास किया गया? यदि हाँ, तो पास करने वाले अधिकारी/ अधिकारी के खिलाफ क्या कार्यवाही की जावेगी और कब तक बताये एवं शासन को हुये राजस्व की हानि की किस से वसूली की जावेगी?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) मध्यप्रदेश शासन, परिवहन विभाग की अधिसूचना दिनांक 01.10.2014 तथा अधिसूचना दिनांक 03.01.2015 अनुसार जिन वाहनों की बैठक क्षमता 3+1 से 12+1 के मध्य है उन पर पंजीयन जीवन काल की दर निम्नानुसार लागू की गई :-
स.क्र. |
बैठक क्षमता |
दिनांक 01-10- 2014 से पूर्व के 03 वर्ष तक |
दिनांक 01-10- 2014 से पूर्व के 03 वर्ष से अधिक |
1 |
3+1 |
3 प्रतिशत |
2 प्रतिशत |
2 |
3+1 से 6+1 |
4 प्रतिशत |
3 प्रतिशत |
3 |
6+1 से 12+1 |
5 प्रतिशत |
4 प्रतिशत |
(ख) दिनांक 01.10.2014 के पूर्व पंजीकृत टैक्सी कोटे वाले वाहन जो त्रैमासिक कर की दर से कर जमा कर रहे थे उनको प्रश्नांश ‘क‘ के अनुसार कर जमा कराये जाने के उपरान्त प्रायवेट यान पर लागू कर की दर से यदि जमा राशि कम है तो अंतर की राशि जमा कराने पर निजी वाहन के रूप में परिवर्तित किया जाता है। (ग) क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय होशंगाबाद में दिनांक 01.10.2014 से दिनांक 31.01.2017 तक कुल 72 टैक्सी वाहनों को प्रायवेट वाहन के रूप में परिवर्तित किया गया है। देय टैक्स का परीक्षण कराया जा रहा है। परीक्षण उपरान्त विधि अनुसार आगामी कार्यवाही की जा सकेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
विभाग द्वारा किये जा रहे कार्य
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
70. ( क्र. 2981 ) श्री चन्दरसिंह सिसौदिया : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) पिछले 3 वर्षों में गरोढ़ विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत विभाग द्वारा क्या-क्या कार्य करवाये गये हैं। कौन-कौन से कार्य पूर्व से स्वीकृत होकर प्रश्न दिनांक तक निर्माण प्रारम्भ नहीं हुये हैं? कार्य प्रारंभ नहीं होने का कारण तथा ऐसे कार्यों की सूची उपलब्ध करावें। (ख) क्या ग्राम बर्डिया अमरा के लिये कोई पेयजल योजना बनाई गई हैं। यदि हाँ, तो वर्तमान में उसकी क्या स्थिति हैं और कब तक पूर्ण की जावेगी? (ग) क्या क्षेत्रीय विकास की दृष्टि से विभाग द्वारा कोई कार्य योजना बनाई गई हैं? यदि हाँ, तो क्या-क्या योजना बनाई है तथा कुल कितने स्थानों हेतु पेयजल योजना, पेयजल टंकी का निर्माण, पाईप लाईन, नलकूप खनन् किये जाने के प्रस्ताव प्राप्त हुये हैं और कब तक इन कार्यों को पूर्ण किया जावेगा।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के अनुसार है। केवल एक ग्राम दूधाखेड़ी विकासखण्ड भानपुरा की आवर्धन पेयजल योजना स्वीकृत है, सीमित वित्तीय संसाधनों के दृष्टिगत योजना का कार्य आरंभ नहीं किया जा सका है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी हाँ। अपर्याप्त स्त्रोत एवं तकनीकी परिवर्तन होने से योजना पुनरीक्षित की गई है, जिसकी लागत रूपये 140.11 लाख है। सीमित वित्तीय संसाधनों को दृष्टिगत रखते हुए योजना की प्रशासकीय स्वीकृति लंबित है। निश्चित तिथी नहीं बताई जा सकती। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पटवारी के रिक्त पदों की पूर्ति विषयक
[राजस्व]
71. ( क्र. 2982 ) श्री चन्दरसिंह सिसौदिया : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गरोठ विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कुल कितने पटवारी के पद स्वीकृत हैं और कितने कार्यरत हैं, कितने पद रिक्त हैं रिक्त पदों की पूर्ति कब तक कर दी जावेगी। (ख) कितने पटवारी ऐसे हैं जो एक ही पटवारी हल्के में 5 वर्षों से अधिक समय से पदस्थ हैं। क्या ये नियमानुसार हैं यदि नहीं, तो क्या विभाग ऐसे कर्मचारीयों के पटवारी हल्का परिर्वतन करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? (ग) पटवारी के एक ही तहसील में कब तक पदस्थ रह सकता है तत्संबंध में शासन की क्या नीति हैं। क्या प्रश्नकर्ता ने लम्बे समय से एक ही पटवारी हल्का में पदस्थ पटवारी को परिवर्तन करने के लिये जिलाधीश को पत्र लिखा हैं। (घ) यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक उस पर क्या कार्यवाही की गई यदि नहीं, तो कौन जिम्मेदार हैं।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) गरोठ विधानसभा क्षेत्र में पटवारी के 70 स्वीकृत पद 47 कार्यरत तथा 23 पद रिक्त है, रिक्त पदों की पूर्ति हेतु समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) 02 पटवारी, जी हाँ, समय-सीमा दी जाना संभव नहीं। (ग) पटवारी के पदस्थी संबंधी पृथक से कोई नीति नहीं है, जी हाँ। (घ) स्थानांतरण पर प्रतिबंध होने के कारण कार्यवाही नहीं की जा सकी, शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता।
खरगोन जिले में स्वीकृत कार्य
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
72. ( क्र.
3004 ) श्री
विजय सिंह
सोलंकी :
क्या लोक
स्वास्थ्य
यांत्रिकी
मंत्री महोदया
यह बताने की
कृपा करेंगी
कि (क) विभाग
अंतर्गत विगत 3
वर्षों में
खरगोन जिले
में कितने
निर्माण कार्य
किन-किन
स्थानों पर कितनी
राशि के
स्वीकृत हुए, इनमें
से कितने
पूर्ण, कितने
अपूर्ण तथा
कितने
अप्रारंभ है।
वर्तमान में
कितने कार्य
तय समय-सीमा
के बाद भी अधूरे
हैं।
कार्यवार
व्यय राशि, पूर्णता
दिनांक तथा
पूर्णता
कार्य
प्रतिशत की
सूची देवें। (ख)
इन कार्यों
से संबंधित
कितनी
शिकायतें
विभाग को
प्राप्त हुई
तथा कितनी
निराकृत हुई, शिकायतकर्ता
के नाम सहित
कार्यवार
सूची देवें। (ख)
उक्त
कार्यों के
भुगतान में
टी.डी.एस., श्रम
विभाग संबंधी, पेनल्टी, खनिज
रायल्टी
संबंधी आदि
कितने प्रकार
की कटौती की
गई। कार्यवार
कटौती राशि
सहित सूची देवें।
कटोत्रा
संबंधी
नियमावली
देवें। (ग) उक्त
कार्यों
संबंधी
सुरक्षा निधि, बैंक
ग्यारंटी
राशि कंपनी के
नाम सहित
कार्यवार
सूची देवें।
इन निधियों के
कंपनी को वापसी
संबंधी
शर्तों की
संक्षिप्त
जानकारी देवें।
(घ) उक्त
कार्यों की
वर्तमान
स्थिति क्या
है, किन
कार्यों की
मेंटेनेंस
संबंधी कार्य
किसके द्वारा
किया जा रहा
हैं। कौन-कौन
से कार्य
निर्माणकर्ता
कंपनी के पास वारंटी
अवधि में है, कार्यवार
सूची देवें।
लोक
स्वास्थ्य
यांत्रिकी
मंत्री (
सुश्री कुसुम
सिंह महदेले ) : (क)
जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-1 से
6
अनुसार
है। (ख) कोई भी
शिकायत
प्राप्त नहीं
हुई। शेष
प्रश्न उपस्थित
नहीं होता है।
जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-7
अनुसार
है। (ग)
जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-8
अनुसार
है। इन निधियों
को कार्य
पूर्ण होने
एवं अन्तिम
देयक पारित
होने के
पश्चात् वापस
की जाती हैं। (घ)
जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-1 से
6
अनुसार
है। हैण्डपंप
संधारण का
कार्य विभाग
के पास है।
नल-जल योजनाओं
का संधारण
कार्य
संबंधित ग्राम
पंचायतों
द्वारा एवं
निक्षेप मद
अंतर्गत
विभाग द्वारा
किया जा रहा
है। जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-9
अनुसार
है।
आंखों की जाँच रिपोर्ट
[परिवहन]
73. ( क्र. 3005 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खरगोन जिले में विगत 5 वर्षों में जारी भारीवाहन लायसेंसों की संख्या बतायें। क्या इसके आवदेन के साथ आंखों की जाँच रिपोर्ट लगाना अनिवार्य है यदि हाँ, तो वर्ष 2015 में जारी भारी वाहनों के लायसेंसों की सूची उनके धारकों के नाम, पता, आँखों की जाँच रिपोर्ट दिनांक व डॉक्टर के नाम सहित सूची देवें। (ख) लायसेंस धारक की उम्र 50 वर्ष से अधिक होने के बाद वाहन लायसेंस नवीनीकरण संख्या विगत 5 वर्षों की वर्षवार बतायें, इन नवीनीकरण लायसेंस हेतु आवेदन के साथ संलग्न आंख जाँच रिपोर्ट की संख्या बतायें। वर्ष 2014 के इस प्रकार के लायसेंसों में संलग्न आँख जाँच रिपोर्ट की छायाप्रति देवें। (ग) वाहनों में स्पीड गवर्नर लगाने संबंधी विभागीय पत्राचार की प्रति देवें। इस संबंध में हुए खरगोन जिले की वर्तमान स्थिति की जानकारी देवें। (घ) विगत 5 वर्षों में विभिन्न राज्य स्तरीय सम्मेलनों हितग्राहियों को आवागमन हेतु विभाग द्वारा कब-कब कितनी बसों का अधिग्रहण किया गया या बसों की सूची संबंधित कार्यप्रभारी को प्रदान की गई। सम्मेलनवार बस संख्या सहित सूची देवें।
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) खरगोन जिले में विगत 5 वर्षों में 12245 भारी वाहनों के लायसेंस जारी किये गये। मध्यप्रदेश मोटरयान नियम 1994 के नियम 06 एवं मोटरयान अधिनियम की धारा 08 की उपधारा (3) के प्रयोजनों के लिये मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से एलोपैथी में एम.बी.बी.एस. की उपाधि प्राप्त रजिस्ट्रीकृत चिकित्सा व्यवसायी को केन्द्रीय मोटरयान नियम 1989 के प्रारूप-1 ‘क‘ में नियमानुसार आवदेन के साथ लगाये जाने वाले चिकित्सीय प्रमाण-पत्र फार्म-1 लगाये जाने का प्रावधान है। जिसमें आँखों की जाँच संबंधी रिपोर्ट भी सम्मिलित रहती है। वर्ष 2015 में कुल 651 भारी वाहनों के लायसेंस जारी किये गये है। लायसेंस धारकों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ‘ अनुसार है। केवल आँखों की जाँच रिपोर्ट पृथक से संधारित नहीं हैं। (ख) लायसेंस धारक की उम्र 50 वर्ष से अधिक होने के बाद लायसेंस नवीनीकरण की संख्या विगत 05 वर्षों में निम्नानुसार है :-
वर्ष |
संख्या |
2013 |
189 |
2014 |
775 |
2015 |
1095 |
2016 |
898 |
2017 |
143 |
योग |
3100 |
आँखों की
जाँच रिपोर्ट
के संबंध में
प्रश्नांश (क) के
उत्तर में
उल्लेखानुसार
चिकित्सीय
प्रमाण पत्र
फार्म-1 में आंखों
की जाँच
संबंधी
रिपोर्ट भी
सम्मिलित
रहती है। वर्ष
2014
में 341
लायसेंस जारी
किये गये एवं 775
लायसेंसों का
नवीनीकरण
किया है। केवल
आंखों की जाँच
रिपोर्ट पृथक
से संधारित न
होने से आँखों
की जाँच
रिपोर्ट की
छायाप्रति दी
जाना संभव
नहीं है। (ग) वाहनों
में स्पीड
गर्वनर लगाये
जाने के संबंध
में भारत
सरकार नई
दिल्ली
द्वारा जारी
परिपत्र
क्रमांक 290 नई
दिल्ली
दिनांक 15.04.2015 एवं
मध्यप्रदेश
राजपत्र
क्रमांक एफ-22-08
भोपाल दिनांक 07.01.2016
तथा उक्त
परिपत्र के
क्रम में
कार्यालय
द्वारा विभाग
के समस्त
क्षेत्रीय/अति.
क्षेत्रीय
अधिकारी/जिला
परिवहन
कार्यालयों
को जारी पत्र
क्रमांक 6144/प्रशासन/टीसी
ग्वालियर
दिनांक 05.11.2016 की प्रति
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र 'ब' अनुसार
है। वर्तमान
में खरगोन
जिले में
वाहनों में लगाये
गये स्पीड
गर्वनर की
संख्या
निम्नानुसार
हैः-
1. यात्री वाहन - 90, 2. भारी वाहन - 145
(घ) परिवहन विभाग द्वारा वाहनों का अधिग्रहण नहीं किया जाता है और न ही कार्य प्रभारी को सूची उपलब्ध कराई जाती है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
ओलावृष्टि से हुए नुकसान से क्षतिपूर्ति
[राजस्व]
74. ( क्र. 3034 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) माह जनवरी-फरवरी 2016 में ओलावृष्टि, तूफान एवं वर्षा से प्रदेश के भिण्ड, मुरैना, ग्वालियर, दतिया, शिवपुरी एवं भोपाल जिले के अंतर्गत किस-किस फसल को कितना-कितना नुकसान हुआ? जिलेवार जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में ओलावृष्टि से हुए नुकसान से शासन द्वारा सर्वे कराए जाने के उपरांत कितनी-कितनी राहत राशि की मांग उक्त जिलों द्वारा की गई? मांग के विरूद्ध जिलों को कितनी-कितनी राशि क्षतिपूर्ति हेतु आवंटित की गई?जिलेवार बताएं। (घ) उक्त प्रश्नांश (क) अनुसार भिण्ड जिले के किन-किन ग्रामों में कौन-कौन सी फसल का कितना-कितना प्रतिशत नुकसान का सर्वे कर कितनी-कितनी राहत राशि वितरण किए जाने का आंकलन किया गया है? क्या किसानों को राहत राशि वितरण कर दी गई है? यदि हाँ, तो कितने किसानों को? (घ) क्या माननीय मुख्यमंत्री महोदय द्वारा दिनांक 28.01.2017 को भिण्ड जिले में ओलापीडि़त क्षेत्रों का दौरा किया गया? यदि हाँ, तो माननीय मुख्यमंत्री महोदय द्वारा ओला पीडि़तों के लिए क्या-क्या घोषणा की थी और घोषणा अनुसार क्या-क्या कार्यवाही की गई है?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
सिंगरौली कोल वाशरी से प्रदूषण संबंधी
[पर्यावरण]
75. ( क्र. 3040 ) श्रीमती सरस्वती सिंह : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिंगरौली जिले की ग्राम पंचायत नौढि़या महाविर गेल रिर्सोसेस प्रा.लि. कोलवाशरी का निर्माण एन.सी.एम. गोरवी के विस्थापितों की भूमि के पास क्यों किया जा रहा है? (ख) इस संबंध में ग्राम पंचायत नौढि़या जनपद चितरंगी के पत्र क्र. 09/2016 दिनांक 24-12-16 म.प्र. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड विन्ध्यनगर सिंगरौली पर क्या कदम उठाये गये। ग्राम पंचायत नौढि़या की आपत्ति पर सुनवाई कब तक की जावेगी? (ग) आवासीय स्थल के पास ये स्थापना होने से जनता के स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ने का जिम्मेदार कौन होगा? (घ) इसकी स्वीकृति कब तक निरस्त कर दी जावेगी?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) सिंगरौली जिले की ग्राम पंचायत नौढि़या में प्रस्तावित महावीर कोल रिसोर्सेस प्रा.लि. कोलवाशरी को वर्तमान तक पर्यावरणीय स्वीकृति प्राप्त नहीं है। अतः निर्माण का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) ग्राम पंचायत, नौढि़या, जनपद पंचायत चितरंगी से प्राप्त आपत्ति क्रमांक 09/2016 दिनांक 24/12/2016 अग्रिम कार्यवाही हेतु भारत सरकार, पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा गठित समिति एस.ई.आई.ए.ए. को भेजी जा चुकी है। (ग) उत्तरांश ‘क‘ के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) उत्तरांश ‘क‘ के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सहकारी दुग्ध संघ के द्वारा वितरक की नियुक्ति
[पशुपालन]
76. ( क्र. 3063 ) श्री हितेन्द्र सिंह ध्यान सिंह सोलंकी : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इंदौर संभाग में विगत 2 वर्षों में दुग्ध वितरक किन-किन शर्तों के साथ कितनी प्रतिभूति एवं अन्य कोई राशि शासन मद में जमा कर नियुक्त किये गए है, उसकी जारी की गई सूची, निविदा की कापी, वितरक के नाम एवं सम्पूर्ण जानकारी देवें। क्या संभाग में वितरक नियुक्ति में निविदा में शर्तों एवं प्रतिभूति राशि जमा में भिन्नता है, यदि हाँ, तो क्या कारण है? (ख) मुख्य कार्य पालन अधिकारी इंदौर दुग्ध संघ द्वारा विगत 5 वर्षों में कहाँ-कहाँ वितरक नियुक्त किये गए है उसकी सूचि, तत्समय की निविदा की कापी, कितनी प्रतिभूति एवं अन्य राशि जमा किस मद में कब की गई उसकी जानकारी देवें. (ग) प्रश्नांश (क) के अनुसार नगर बड़वाह एवं सनावद में विगत 05 वर्षों में कितने वितरक किन शर्तों, कितनी प्रतिभूति एवं अन्य राशि जमा कर नियुक्त किये गए है. उसकी सूचि नियुक्ति दिनांक सहित देवें. क्या यह सही है की 2 वर्षों में बड़वाह सनावद में नियुक्ति में निविदा में वितरक को 10 वर्षों का अनुभव भी माँगा गया था, क्या उक्त शर्त एक पक्षीय होकर व्यक्ति विशेष को लाभ पहुंचानें के उद्देश्य से जोड़ी गई. ताकि कोई नया व्यक्ति आवेदन न कर सके. इस प्रकार मनमानी शर्तों के आधार पर नियुक्ति में संबंधित अधिकारी के विरुद्ध क्या कार्यवाही कब की जावेगी.
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार। जी नहीं। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार। (ग) एक वितरक श्री रूद्रेश पुरूषोत्तम परमार-बड़वाह को दिनांक 01.12.16 को नियुक्त किया गया। राशि रू. 1,50,000/- प्रतिभूति राशि। अन्य कोई राशि (निरंक)। जी नहीं, शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
वितरण प्रणाली की दुकानें
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
77. ( क्र. 3119 ) श्री मुकेश नायक : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पन्ना जिले के पवई विधानसभा क्षेत्र के ग्रामीण इलाकों में कुल कितनी सार्वजनिक वितरण प्रणाली की दुकानें हैं और प्रत्येक दुकान से संबंद्ध ग्रामों की संख्या तथा दुकान से ग्रामों की दूरी की जानकारी दीजियें? (ख) क्या ग्राम जुगरवारा के लिये वितरण प्रणाली की दुकान 10 किलो मीटर रामपुरखजरी ग्राम में है, जिससे गरीब ग्रामीणों विशेषकर अपाहिज, अपंगों को भारी असुविधा होती है? (ग) क्या शासन ग्रामीण इलाकों में सस्ते राशन वितरण के लिये वितरण प्रणाली की दुकानों की पहुंच आसान करने के लिये विचार करेगा?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) प्रश्नांकित विधानसभा क्षेत्रांतर्गत कुल 173 उचित मूल्य दुकानें ग्रामीण क्षेत्र में संचालित हैं। शेष भाग की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। जुगरवारा ग्राम पंचायत के ग्राम पौसी की दूरी रामपुर खजुरी स्थित दुकान से लगभग 10 किलोमीटर है। अपाहिज अथवा अपंग व्यक्ति परिवार के किसी अन्य सदस्य को भेजकर उचित मूल्य दुकान से सामग्री प्राप्त कर सकता है। (ग) जी हाँ। मध्यप्रदेश सार्वजनिक वितरण प्रणाली (नियंत्रण) आदेश 2015 में प्रत्येक पंचायत में एक उचित मूल्य दुकान खोलने का प्रावधान किया गया है। परन्तु माननीय उच्च न्यायालय में सार्वजनिक वितरण प्रणाली (नियंत्रण) आदेश, 2015 की विभिन्न कंडिकाओं को चुनौती देने वाली याचिकाओं की सुनवाई में माननीय उच्च न्यायालय द्वारा याचिकाकर्ताओं (उचित मूल्य दुकानों) के विरूद्ध उत्पीड़क कार्यवाही न करने संबंधी अंतरिम आदेश देने के कारण प्रत्येक पंचायत में उक्त प्रावधानानुसार उचित मूल्य दुकान आवंटन की कार्यवाही नहीं हो सकी है।
शासकीय पॉलेटेक्निक कॉलेज झाबुआ में सामग्री क्रय
[तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास]
78. ( क्र. 3162 ) कुमारी निर्मला भूरिया : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासकीय पॉलेटेक्निक कॉलेज झाबुआ में विगत वर्ष 2014-15, 2015-16 एवं 2016-17 में कितनी-कितनी सामग्री क्रय के आर्डर दिये गये वर्षवार अवगत करावें? (ख) वर्षवार सामग्री क्रय हेतु कितने-कितने बिलों का भुगतान किया गया है तथा वर्तमान में कितने बिल भुगतान हेतु लंबित रहे है? (ग) क्या क्रय की गई सामग्री पर्याप्त मात्रा में होने के बावजूद भी शासकीय पॉलेटेक्निक कॉलेज झाबुआ द्वारा सामग्री क्रय आर्डर जारी किये गये है यदि हाँ, तो क्या कारण हैं? (घ) क्या शासकीय पॉलीटेक्निक कॉलेज झाबुआ में प्रश्न दिनांक तक लाखों रूपये के बिल भुगतान हेतु लंबित हैं यदि हाँ, तो कितनी राशि के बिल लंबित है तथा इनके लिए कौन जिम्मेदार है?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक जोशी ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी हाँ। प्रश्न दिनांक तक भोजन मद के देयक कुल रूपये 75,05,453/- लंबित है। योजनान्तर्गत वित्तीय वर्ष 2016-17 में भोजन मद में रूपये 1,80,00,000/- की राशि प्रावधित थी। जिसमें से झाबुआ को रूपये 1,34,99,869/- व मण्डला को रूपये 40,48,527/- कुल राशि रूपये 1,75,48,396/- आवंटित की जा चुकी है। बजट में आवश्यक प्रावधान न होने के कारण संस्था को आवंटन प्रदान नहीं किया जा सका। इस मद में पुनर्विनियोजन के माध्यम से राशि प्राप्त किये जाने के कार्यवाही प्रचलन में है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
किसानों की फसल नुकसानी
[राजस्व]
79. ( क्र. 3163 ) कुमारी निर्मला भूरिया : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) झाबुआ जिले में वर्ष 2014-15, 2015-16 एवं 2016-17 में शीतलहर/पाला/तुषार से किसानों की फसल नुकसानी हुई है? क्या किसानों की फसलों को हुई नुकसानी का आंकलन करवाया गया है? (ख) क्या फसल नुकसानी पर शासन द्वारा निर्धारित मापदण्ड अनुसार आर्थिक अनुदान राशि स्वीकृत की गई है? यदि हाँ, तो कितने कृषकों को कितनी-कितनी राशि स्वीकृत की? (ग) क्या नुकसानी के आंकलन हेतु कोई ग्राम शेष है यदि हाँ, तो नाम बतावें व कब तक आंकलन किया जावेगा? (घ) फसल नुकसानी में आर्थिक अनुदान हेतु प्रकरण लंबित है? यदि हाँ, तो कब तक निराकरण किया जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) झाबुआ जिले में वर्ष 2014-15, 2015-16, 2016-17 में शीतलहर/पाला/तुषार से किसानों की फसल नुकसानी नहीं हुई। (ख) से (घ) प्रश्नांश ‘’क’’ के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उद्भूत नहीं होता
शासकीय पॉलीटेक्निक कॉलेज झाबुआ के प्राचार्य की शिकायत
[तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास]
80. ( क्र. 3164 ) कुमारी निर्मला भूरिया : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासकीय पॉलीटेक्निक कॉलेज झाबुआ के प्राचार्य श्री राजेश शर्मा कब से पदस्थ है? उक्त पदस्थी के दौरान श्री शर्मा के विरूद्ध कितनी शिकायतें हुई है तथा उस पर क्या कार्यवाही की गई? (ख) क्या शासकीय पॉलीटेक्निक कॉलेज झाबुआ के छात्रावास के छात्रों ने मीनू अनुसार भोजन व अन्य सुविधाएं मुहैया नहीं कराने पर प्राचार्य के विरूद्ध कलेक्टर जिला झाबुआ को ज्ञापन दिया था यदि हाँ, तो उस पर क्या कार्यवाही की गई? (ग) क्या भण्डार क्रय नियमों के विरूद्ध क्रय किये जाने पर प्राचार्य के खिलाफ जाँच की गई थी यदि हाँ, तो जाँच किस अधिकारी द्वारा की गई तथा उसमें क्या अनियमितता पाई गई और क्या कार्यवाही की गई अवगत करावें?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक जोशी ) : (क) डॉ. राजेश शर्मा 22 अगस्त 2006 से प्राचार्य के पद पर पदस्थ है। डॉ. शर्मा के विरूद् कलेक्टर झाबुआ को शिकायत प्राप्त हुई है। जाँच रिपोर्ट के आधार पर अनुशासनात्मक कार्यवाही की गई है। (ख) जी हाँ। अनुशासनात्मक कार्यवाही की गई है। (ग) जी हाँ। प्रश्नांश ''क'' के अनुसार।
मंदसौर जिले में चौकियां बंद होने से बढ़ते अपराध.
[गृह]
81. ( क्र. 3215 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 जनवरी 2000 के पश्चात् किन-किन तहसीलों, में कितनी-कितनी चौकियां/थानों को, किस-किस अधिकारी के आदेश से, कहां-कहां, किस-किस मक़सद/उद्देश्य से खोला गया? इनमें से कितनी चौकियां विभाग के आदेश से, किन-किन कारणों से, बंद कर दी गई, बंद की गई चोकियों के अपराधों का विश्लेषण किस-किस अधिकारी ने कब-कब किया? बंद करने का कारण बतायें? (ख) क्या सीतामऊ तहसील में ग्राम खेजडि़या स्थित चौकी को बंद कर दिया गया है इसे किस वर्ष में किन उद्देश्यों को लेकर खोला गया था क्या वर्तमान में यह चौकी अनुपयोगी सिद्ध हो रही यदि हाँ, तो कैसे कारण स्पष्ट करें? (ग) प्रशनाश "ख" संदर्भित चौकी बंद होने से क्या क्षेत्र में लगातार अपराध बढ़ रहे हैं क्या इस चौकी को पुन: विभाग द्वारा प्रारंभ किया जा रहा है यदि नहीं, तो क्यों? चौकी बंद होने के पश्चात् इस क्षेत्र के कितने अपराध अन्य समीपस्थ थानों/चौकियों में दर्ज किये गये? इनमें कितने गम्भीर थे तथा कितने अन्य?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) तीन चैकियां व एक थाने की स्थापना की गई जो निम्नानुसार हैः- (1) मन्दसौर तहसील के अंतर्गत पुलिस थाना नई आबादी की स्थापना। (2) दलोदा तहसील के अंतर्गत पुलिस चौकी दलोदा की स्थापना। (3) सुवासरा तहसील के अंतर्गत पुलिस चौकी रूनीजा की स्थापना। (4) मल्हारगढ़ तहसील के अंतर्गत पुलिस चौकी पिपलिया मण्डी कस्बा। उक्त अवधि में कोई थाना/चौकी बंद नहीं किये गये है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) ग्राम खेजडि़या में पुलिस चौकी की स्थापना नहीं की गई थी। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश ’ख’ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नापतोल विभाग गंजबासौदा में रिक्त पदों की पूर्ति
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
82. ( क्र. 3245 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उप/सहायक नियंत्रक, गंजबासौदा/विदिशा द्वारा विगत 1 वर्षों में कितने निरीक्षण कार्य किये तथा अमानक नाप तौल के कितने प्रकरण दर्ज कराये? दर्ज प्रकरणों पर की गई कार्यवाही की सूची देवें? (ख) विभागीय अधिकारी द्वारा विदिशा जिले में वर्ष 2014 से प्रश्नांश दिनांक तक कितने बड़े तौल का सत्यापन कब-कब किया गया? तौल कांटे के नाम, स्थान सहित सूची देवें? विभागीय अधिकारी द्वारा विदिशा तहसील में वर्ष 2015 में कितनी जिनिंग एवं दाल मिलों में निरीक्षण कार्य किया गया तथा कितने प्रकरण बनाये गये? प्रकरणवार सूची देवें। (ग) प्रश्नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र बासौदा अन्तर्गत नापतोल विभाग में निरीक्षक एवं लिपिक, भृत्य का पद रिक्त होने से कार्यालय बंद पड़ा है? इस संबंध में विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? रिक्त पदों की पूर्ति कब तक कर दी जावेगी?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) गंजबासौदा व विदिशा में उप/सहायक नियंत्रक के पद नहीं है। उप नियंत्रक भोपाल, भोपाल संभाग का पर्यवेक्षण का कार्य देखते हैं। उनके द्वारा 08.06.2016 को विदिशा एवं दिनांक 17.08.2016 को गंजबासौदा भ्रमण कर निरीक्षण कार्य किया। अमानक नाप-तौल के प्रकरण दर्ज कराने संबंधी जानकारी निरंक है। (ख) विदिशा जिले में वर्ष 2014 से प्रश्नांश दिनांक तक सत्यापन की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार तथा विदिशा तहसील में दाल मिलों के 2015 के निरीक्षण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। विदिशा तहसील में जिनिंग मिल नहीं है। (ग) कार्य बंद नहीं है, गंजबासौदा में पदस्थ निरीक्षक के निलंबित होने से विदिशा में पदस्थ निरीक्षक गंजबासौदा का अतिरिक्त रूप से कार्य संपादन कर रहे हैं। विदिशा में पदस्थ लिपिक व श्रम सहायक के गंजबासौदा का भी कार्य संपादित करा रहे हैं। गंजबासौदा में भृत्य का पद स्वीकृत नहीं है। रिक्त पद की पूर्ति भविष्य में होने वाली नियुक्ति से की जा सकेगी। अत: निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
आयुक्त, भू-अभिलेख एवं कलेक्टर को लिखे पत्र
[राजस्व]
83. ( क्र. 3246 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता ने दिनांक 28 सितम्बर 2016 को आयुक्त भू-अभिलेख एवं बंदोबस्त ग्वालियर एवं राज्य के सभी कलेक्टरों को पत्र क्रमांक 4602 से 4698 शासकीय भूमियों के आवंटन एवं पत्र क्रमांक 4858 से 4900 अर्जित की गई भूमियों से संबंधित जानकारी हेतु पत्र प्रेषित किए जिनकी अभिस्वीकृति प्रश्नांकित दिनांक तक भी प्रश्नकर्ता को उपलब्ध नहीं करवाई गई? (ख) प्रश्नकर्ता ने किस पत्र में किस जिले से संबंधित कौन-कौन सी जानकारी उपलब्ध करवाई जाने का निवेदन किया उसमें से कौन-कौन सी जानकारी प्रश्नकर्ता को उपलब्ध करवाई जा सकती है, कौन-कौन सी जानकारी उपलब्ध नहीं करवाई जा सकती है? (ग) प्रश्नकर्ता को जानकारी उपलब्ध करवाए जाने के संबंध में आयुक्त भू-अभिलेख एवं बंदोबस्त ग्वालियर ने किस दिनांक को किस क्या निर्देश दिए, किन कारणों से जानकारी प्रश्नांकित दिनांक तक भी उपलब्ध नहीं करवाई जा सकी? (घ) प्रश्नकर्ता को किस पत्र में चाही गई कौन सी जानकारी कब तक उपलब्ध करवा दी जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
सहायक पशु चिकित्सा अधिकारियों का नियमितिकरण
[पशुपालन]
84. ( क्र. 3290 ) श्री योगेन्द्र सिंह : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग द्वारा विगत 5 वर्षों में सहायक पशु चिकित्सा अधिकारियों की भर्ती की गई है? (ख) यदि भर्ती की गई है तो सूची उपलब्ध करावें? (ग) सभी सहायक पशु चिकित्सा अधिकारियों को उनकी परिवीक्षा अवधि पूर्ण करने के उपरांत पदों पर नियमित कर दिया गया या नहीं? यदि नहीं, तो इन कर्मचारियों को कब तक नियमित किया जावेगा?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जी हाँ (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) जी नहीं। यह एक सतत् प्रक्रिया है, समय-सीमा बताना सम्भव नहीं।
कोटवारी खेती भूमि का आवंटन
[राजस्व]
85. ( क्र. 3310 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नरयावली विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत ग्राम रजाखेड़ी में कोटवार हेतु विभाग द्वारा खेती के लिये भूमि आवंटित की गई है? (ख) यदि हाँ, तो क्या वर्तमान में उक्त ग्राम नगर पालिका मकरोनिया में संविलियन हो गया है तदुपरांत भी कोटवार इस भूमि पर काबिज है एवं कोटवारी कार्य कर रहा है? (ग) क्या उक्त भूमि शासन के दिशा-निर्देशानुसार वापिस लेकर कोटवार को मासिक पारिश्रमिक राशि देने का प्रावधान है? (घ) यदि हाँ, तो उक्त कोटवारी भूमि नगर पालिका क्षेत्र में शासकीय भवनों के लिये आरक्षित किये जाने के लिये शासन की कोई कार्यवाही या योजना चल रही है? यदि हाँ, तो समस्त जानकारी से अवगत कराये?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (ग) जी हाँ। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता।
व्यापम परीक्षाओं का आयोजन
[तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास]
86. ( क्र. 3314 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 01 दिसम्बर 2016 से 31 जनवरी 2017 तक व्यापम ने कौन-कौन सी परिक्षायें संभाग स्तर पर कराई है? (ख) क्या शासन के निर्देश अनुसार परीक्षाओं में सम्मिलित अनु.जाति/अनु.जनजाति के छात्रों को यात्रा भत्ता दिये जाने का प्रावधान था? (ग) यदि हाँ, तो सागर जिले में ऐसे कितने परीक्षा केन्द्र हैं, जहां प्रश्नांश (क) की अवधि में आयोजित व्यापम की परीक्षाओं में सम्मिलित अनु.जाति/अनु.जनजाति के शतप्रतिशत छात्रों को यात्रा भत्ता नहीं दिया गया? (घ) क्या संभाग लेबल पर आयोजित परीक्षाओं में शहर से अधिक दूरी पर परीक्षा केन्द्र बनाये गये थे? यदि हाँ, तो क्या शहर से परीक्षा केन्द्र तक आने-जाने वाले छात्रों को आटो किराया भत्ता भी प्रदान किया गया है?
राज्यमंत्री, तकनीकी
शिक्षा ( श्री
दीपक जोशी ) : (क) पीईबी
द्वारा
दिनांक 1.2.2016 से 31.1.2017 तक कुल 03
परीक्षाओं का
आयोजन
संभाग/जिला स्तर
पर किया गया।
उक्त परीक्षाएं
निम्नानुसार
है:-
1. समूह-4 के अंतर्गत
सहायक ग्रेड-03, स्टेनोग्राफर, स्टेनोटायपिस्ट, डाटा
एन्ट्री
आपरेटर, आई.टी.
आपरेटर एवं
अन्य पदों
हेतु संयुक्त
भर्ती
परीक्षा-2016 2. समूह-2
उपसमूह-4 श्रम
निरीक्षक एवं
अन्य समकक्ष
पदों हेतु
संयुक्त
भर्ती परीक्षा-2017 3. समूह-2
उपसमूह-2 सहायक
अंकेक्षण, सहायक
लेखा अधिकारी, लेखापाल
एवं अन्य
समकक्ष पदों
हेतु संयुक्त
भर्ती
परीक्षा-2017 4. औद्योगिक
प्रशिक्षण
संस्थाओं के
प्रशिक्षण
अधिकारियों
के पद हेतु चयन
परीक्षा व्यापम
ने माह नबम्बर
2016
में सम्पन्न
करायी है। (ख) जी
हाँ। (ग) कौशल
विकास
संचालनालय के
अंतर्गत
करायी गई परीक्षा
के सागर जिले
में 06
परीक्षा केन्द्र
बनाये गये।
उक्त
परीक्षा में
सम्मिलित
अनुसूचित
जाति,
अनुसूचित
जनजाति के
शतप्रतिशत
छात्रों को यात्रा
भत्ता
भगुतान नहीं
हुआ है। (घ) जी
नहीं।
छोटे झाड़ के जंगल की परिभाषा
[राजस्व]
87. ( क्र. 3315 ) श्री संजय उइके : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजस्व रिकार्ड/दस्तावेजों में छोटे झाड़ का जंगल दर्ज किया गया है? (ख) यदि हाँ, तो छोटे झाड़ का जंगल की परिभाषा सहित राजस्व दस्तावेजों/रिकार्ड में किस आदेश/निर्देश/अधिनियम के तहत कब से दर्ज किया गया है? (ग) मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता 1959 की किस धारा में छोटे झाड़ का जंगल का उल्लेख किया गया है?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
केन्द्र/राज्य सरकार की योजनाएं
[पशुपालन]
88. ( क्र. 3323 ) श्री संजय उइके : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बालाघाट जिले को केन्द्र एवं राज्य सरकार की योजनाओं में वित्तीय वर्ष 2012-13 से प्रश्न दिनाँक तक कितनी-कितनी राशि आदिवासी उपयोजना क्षेत्र निधि माँग संख्या 41 एवं अन्य मद में प्राप्त हुई बतावें? (ख) विभागीय योजनाओं में प्राप्त राशि से कितने एवं कहाँ-कहाँ के आदिवासी हितग्राही को योजनावार जनपद पंचायतवार, लाभ दिया गया? (ग) क्या आदिवासी उपयोजना क्षेत्र की राशि डेयरी विकास परियोजना हेतु पूर्व वित्तीय वर्ष 2015-16 की स्वीकृत राशि का वित्तीय वर्ष 2016-17 में कितनी राशि का आवंटन प्राप्त हुआ है जानकारी देवें? (घ) डेयरी विकास परियोजना के D.P.R. की प्रति उपलब्ध करावें?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) बालाघाट जिले को केन्द्र एवं राज्य सरकार की योजनाओं में वित्तीय वर्ष 2012-13 से प्रश्न दिनांक तक आदिवासी उपयोजनाओं में वित्तीय वर्ष 2012-13 से प्रश्न दिनांक तक आदिवासी उपयोजना मांग संख्या 41 में राशि रू. 4,63,63,401/- एवं अन्य मदों से राशि रू. 6,84,01,677/- प्राप्त हुई है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ग) आदिवासी उपयोजना क्षेत्र की राशि डेयरी विकास परियोजना हेतु पूर्व वित्तीय वर्ष 2015-16 की स्वीकृत राशि के विरूध्द वित्तीय वर्ष 2016-17 में राशि रू. 2,22,61,000/- प्राप्त हुआ है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है।
वेयर हाउस की जानकारी
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
89. ( क्र. 3336 ) श्री मुकेश पण्ड्या : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़नगर विधानसभा क्षेत्र में कितने शासकीय तथा कितने अशासकीय वेयर हाउस हैं? (ख) शासकीय वेयर हाउस की भण्डारन क्षमता क्या हैं तथा क्या ये वेयर हाउस किसी संस्था से संबद्ध हैं? यदि हाँ, तो किन से? (ग) बड़नगर के अशासकीय वेयर हाउस क्या किसी शासकीय संस्था से संबद्ध हैं यदि हाँ, तो किस का वेयर हाउस किस संस्था से संबद्ध हैं तथा कितने समय के लिये संबद्ध किया गया हैं।
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) प्रश्नांकित विधानसभा क्षेत्र में 4 शासकीय तथा 15 निजी वेयरहाउस हैं। (ख) शासकीय वेयरहाउस की भण्डारण क्षमता एवं उसकी किसी संस्था से संबद्धता की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ग) अशासकीय वेयरहाउस की भंडारण क्षमता एवं उसकी किसी संस्था से संबद्धता की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है।
श्मशान घाटों के अतिक्रमण एवं रास्तों के अतिक्रमण हटाये जाना
[राजस्व]
90. ( क्र. 3355 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिला अंतर्गत किन-किन ग्रामों में कितनी-कितनी भूमि श्मशान घाट एवं कब्रिस्तान बाबत् राजस्व अभिलेखों में दर्ज की गई हैं, कि जानकारी ग्रामवार रकबा सहित खसरा नम्बरवार देवें तथा ऐसे कितने ग्राम हैं जहां श्मशान घाट एवं कब्रिस्तान बाबत् जमीन आरक्षित नहीं की गई, क्यों? (ख) प्रश्नांश (क) हेतु आरक्षित जमीनों पर वर्तमान समय पर कौन-कौन काबिज है तथा उक्त भूमि का किस रूप में उपयोग हो रहा है? अगर संबंधित भूमियों पर अतिक्रमण है तो अतिक्रमण हटाने बाबत् शासन एवं प्रशासन द्वारा कब-कब, कौन-कौन सी कार्यवाही की गई? अगर नहीं की गई तो क्यों? की जावेगी तो कब तक? (ग) प्रश्नांश (क) के भूमियों तक पहुंचने के लिए आवागमन बाबत् क्या राजस्व अभिलेख में रास्ता दर्ज कराया गया है? अगर हाँ तो विवरण आराजी नम्बर सहित देवें? अगर नहीं तो क्या रास्ता आवागमन बाबत् राजस्व अभिलेखों में दर्ज कराया जायेगा? साथ ही जहां जमीनें कब्रिस्तान एवं श्मशान घाट बाबत् आरक्षित नहीं हैं आरक्षण के पूर्व पहुंच मार्ग सुनिश्चित किया जायेगा? (घ) प्रश्नांश (ख) अनुसार अगर अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही संबंधित राजस्व अधिकारियों द्वारा जानकारी होने के बाद भी नहीं की गई तो क्यों? इसके लिए संबंधितों को दोषी मानकर क्या कार्यवाही करेंगे? करेंगे तो कब तक, अगर नहीं तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
दोषी थाना प्रभारी के विरूद्ध कार्यवाही कर अन्यत्र पदस्थापना
[गृह]
91. ( क्र. 3356 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले के मैहर के शारदा देवी मंदिर की चौकी में कितने पुलिस बल के पद स्वीकृत है? उनमें से चौकी प्रभारी के साथ कितने अन्य पुलिस बल कब से पदस्थ हैं, का विवरण देवें? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में चौकी प्रभारी को अधिकतम कितने वर्षों तक एक ही चौकी/थाना का प्रभारी रखा जा सकता है? पुलिस एक्ट के अनुसार इनकी पदस्थापना कितने वर्षों बाद बदली जावेगी? सतना जिले में कितने ऐसे चौकी/थाना प्रभारी हैं, जिनकी कार्यवधि 03 वर्ष से ज्यादा एक ही थाने/चौकी में है? (ग) प्रश्नांश (क) के चौकी प्रभारी द्वारा अपने पदस्थापना के दौरान अजिर बिहारी उर्फ सिब्बू पिता भोले उर्फ नरेन्द्र द्विवेदी इनके परिवार के अन्य सदस्यों के विरूद्ध कितने अपराध कब-कब पंजीबद्ध किन-किन अपराधों पर किये? इनमें से कितने प्रकरणों पर खात्मा न्यायालय द्वारा लगाया जा चुका है? क्या अनुविभागीय अधिकारी मैहर के यहां बिहारी उर्फ सिब्बू के विरूद्ध 110 जा.फौ. की धारा के तहत कार्यवाही प्रस्तावित की? (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में क्या अनुविभागीय अधिकारी द्वारा चौकी प्रभारी से स्पष्टीकरण चाहा गया था, जिसमें इनके द्वारा बताया गया कि अनावेदक नाबलिक है, जैसा चाहें श्रीमान् कर सकते हैं? क्या विधि अनुसार 110 जा.फौ. की कार्यवाही वर्जित है? अगर है तो चौकी प्रभारी द्वारा विधि के विपरीत क्यों कार्यवाही प्रस्तावित की? (ड.) प्रश्नांश (क) अनुसार चौकी प्रभारी द्वारा प्रकरण क्रमांक 650 दिनांक 01.09.2016 में चौकी प्रभारी के द्वारा एक व्यक्ति का दो बार एक ही प्रकरण में मेडिकल कराया गया एवं रिपोर्ट झूठी होने पर खात्मा भी लगाया गया, इसके लिए संबंधित चौकी प्रभारी के विरूद्ध क्या कार्यवाही प्रस्तावित करेंगे, बतावें? साथ ही प्रश्नांश (ग) अनुसार विधि विरूद्ध कार्यवाही के लिए दोषी चौकी प्रभारी के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही के साथ पुलिस एक्ट के अनुसार अन्यत्र हटाने की कार्यवाही करेंगे? करेंगे तो कब तक, अगर नहीं तो क्यों?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’अ’ अनुसार। (ख) चौकी प्रभारी को सामान्यतः 04 वर्षों तक व अधिकतम 05 वर्षों तक पदस्थापना पर रखा जा सकता है। सतना जिले में मात्र 01 थाना प्रभारी की कार्य अवधि 3 वर्ष से अधिक है। (ग) थाना मैहर की शारदा देवी चौकी पर अजिर बिहारी के विरूद्ध 06 प्रकरण, उसके पिता नरेन्द्र द्विवेदी के विरूद्व 05 प्रकरण व भोले उर्फ विपिन बिहारी के विरूद्ध 02 प्रकरण पंजीबद्ध हुए है। किसी भी प्रकरण में खातमा नहीं हुआ है। जानकारी पुस्तकालय में रखे गये परिशिष्ट के प्रपत्र ’ब’ अनुसार। (घ) जी नहीं। जी नहीं। प्रकरण में विधि अनुसार कार्यवाही की गई। (ड.) जी हाँ। प्रकरण में खारजी क्रमांक 01/16 दिनांक 20.12.2016 तैयार किया गया हैं। चौकी प्रभारी द्वारा विधि सम्मत कार्यवाही की गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
ऋण पुस्तिका के संबंध में
[राजस्व]
92. (
क्र. 3382 ) श्री
गिरीश गौतम :
क्या राजस्व
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
यह सही है कि
तहसील मऊगंज
जिला रीवा के
पटवारी हल्का
ढेरा 25
के ग्राम
पथरहा नं. 2 की
भूमि खसरा
क्रमांक 4/1/1 ख, क्रमांक
4/1/1 ख/5/1 क, 5/1 ख, 5/1 ग, 5/1 घ, 5/1 ड.
को नायब
तहसीलदार
सीतापुर के
प्र.क्र. 1-आर-19 (1) /2000/2007 में
पारित आदेश के
अनुसार व्यवस्थापन
आदेश किया गया
यदि हाँ, तो किन-किन
व्यक्तियों
को कितने रकवा
की भूमि का व्यवस्थापन
किया गया? (ख) क्या
प्रश्नांश (क) में
वर्णित
भूमियों की ऋण
पुस्तिका की
व्यवस्थापित
व्यक्तियों
की जारी की
गयी सभी का
नाम बल्दियत पता
सहित बताये? (ग) क्या
उक्त
भूमियों पर
जिनके नाम व्यवस्थापन
किया गया
उनमें से
कितने नामों
भूमि की पैमाइस
कर कब्जा
प्रदान किया
गया है अभी
कितने लोग शेष
है उनका नाम, पता
बतावें तथा
शेष लोगों को
कब तक मौके पर
पैमाइस कराकर
कब्जा
प्रदान कर
दिया जायेगा
और अभी तक जिन
राजस्व
अधिकारियों
की लापरवाही
से कब्जा दखल
नहीं दिया जा
सका उनके
विरूद्ध क्या
कार्यवाही की
जायेगी?
राजस्व
मंत्री ( श्री
उमाशंकर
गुप्ता ) : (क) जी
हाँ। तहीसल
मऊगंज जिला
रीवा अंतर्गत
पटवारी हल्का
ढेरा नं.25 के ग्राम
पथरहा नं.2 की
भूमि किता 8 रकवा 3.500
है. कुल 7 व्यक्तियों
को न्यायालय
नायब
तहसीलदार
वृत्त
सीतापुर के
राजस्व
प्रकरण
क्रमांक 1 अ 19 (1) 2001
में पारित
आदेश दिनांक 12.06.2001 से
भूमि का आवंटन
किया गया। (ख) आवंटित
भूमि के निम्न
सभी व्यक्तियों
को तत्समय ही
भू-अधिकार एवं
ऋण पुस्तिकाएं
प्रदान की गई।
ग्राम पथरहा
नं;
2, श्री
रविलाल पि.
मिटठू चमार
खसरा नं. 1/1 ख रकबा
हे. 0.500, श्री
नन्दलाल पि.
अनुसुइया कोल
खसरा नं. 4/1 ख रकबा
हे. 0.500, श्री
अनुसुइया पि.
छूटकू कोल, खसरा
नं. 4/1/1 ग, रकबा
हे. 0.410, 5/1
ख, रकबा
हे. 0.090, श्री अजय
कुमार पि. बैसाखू
चमार खसरा नं. 5/1 ग
रकबा हे. 0.500, श्री
श्यामलाल पि.
मुटुकधारी
खसरा नं. 5/1 घ रकबा हे.
0.500, श्री
श्यामा पि.
सूर्यभान
चमार खसरा नं. 5/1 ड.
रकबा हे. 0.500, श्री
परदेशी पि.
मुगुल चमार
खसरा नं. 5/1 च रकबा
हे. 0.600
योग 08
किता रकबा 3.600
हे. (ग) प्रश्नांश
''ख'' में
वर्णित
आवंटित
भूमियों के व्यक्तियों
को उनके स्वामित्व
की भूमि का स्थल
पर पैमाइस कर
तत्समय ही
अधिपत्य
सौंपा गया था
अन्य
कार्यवाही
आपेक्षित
नहीं है।
हितग्राहियों का राशन प्रदान न किये जाने वाले आदेश
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
93. ( क्र. 3394 ) श्री गिरीश गौतम : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रीवा जिले में बी.पी.एल. कार्डधारियों एवं अन्य पात्रता पर्ची के द्वारा राशन प्राप्त करने वाले हितग्राहियों को उनके यहां शौचालय नहीं होने के कारण शौचालय नहीं बनने तक राशन नहीं दिये जाने का आदेश दिया गया है? आदेश की प्रति उपलब्ध करायें। (ख) रीवा जिले में जिन व्यक्तियों का मकान शासकीय भूमियों में बना है और उन्हें भू-अधिकार पत्र नहीं दिया गया है, इस कारण उनके यहां शौचालय का निर्माण नहीं कराया जा सकता? क्या इस तरह के हितग्राहियों को भी शौचालय नहीं होने पर राशन प्रदान किया जाना बंद रखा जायेगा?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जी नहीं। रीवा जिले के कलेक्टर द्वारा इस विषयक जारी आदेश की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। राज्य शासन द्वारा किसी भी पात्र परिवार को राशन सामग्री प्राप्त करने हेतु उसके घर में शौचालय होने अथवा न होने के संबंध में कोई शर्त का प्रावधान नहीं किया गया है।
खाद्यान्न पर्ची/पात्रता पर्ची वितरण
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
94. ( क्र. 3406 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राष्ट्रीय खाद्यान्न सुरक्षा मिशन लागू होने से धार जिले में अब तक कितने पात्र परिवारों को पात्रता/खाद्यान्न पर्ची वितरित कर दी गई है? प्रत्येक विकासखडवार निवासरत परिवार व वितरित पर्ची की जानकारी देवें? (ख) वर्तमान तक कितने परिवारों को पात्रता/खाद्यान्न पर्ची विपरीत कर दी है कितने परिवारों को विपरीत किया जाना शेष है तथा उन्हें कब तक वितरित कर दी जावेगी?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) धार जिले में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत माह फरवरी, 2017 की स्थिति में 3,69,655 परिवारों को पात्रता पर्ची का वितरण किया गया है। विकासखण्डवार निवासरत परिवार एवं वितरित पात्रता पर्ची की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) माह फरवरी, 2017 की स्थिति में 3,69,655 परिवारों को पात्रता पर्ची का वितरण किया गया है। भारत सरकार द्वारा निर्धारित खाद्यान्न आवंटन की सीमा से अधिक खाद्यान्न की आवश्यकता होने के कारण माह सितम्बर, 2016 से सत्यापित 9,689 नवीन परिवारों को पात्रता पर्ची जारी नहीं की गई है। पात्र परिवार के रूप में सम्मिलित परिवारों के डी-डुप्लीकेशन की कार्यवाही प्रचलित है उसके उपरांत अपात्र परिवारों को हटाने पर निर्धारित खाद्यान्न आवंटन की सीमा के अंतर्गत ही नवीन सत्यापित परिवारों को सम्मिलित कर पात्रता पर्ची जारी की जा सकेगी।
फसल क्षति का मुआवजा
[राजस्व]
95. ( क्र. 3433 ) श्रीमती पारूल साहू केशरी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश के बहुत से विधानसभा क्षेत्रों के अंतर्गत हजारों ग्रामों में विगत दो वित्तीय वर्ष में फसल क्षति के मुआवजे की राशि एवं बीमा क्लेम की राशि का भुगतान अभी तक नहीं किया गया है? (ख) विधानसभा क्षेत्रवार कितने ग्राम के कितने किसानों को कितनी मुआवजे की राशि एवं बीमा क्लेम की राशि का भुगतान अभी तक किया गया है एवं कितने किसानों को भुगतान नहीं हुआ है? (ग) क्या पटवारियों की लापरवाही के कारण सुरखी विधानसभा क्षेत्र में खरीफ वर्ष 2015 के बीमा क्लेम की राशि भुगतान में सैकड़ों ग्रामों के हजारों किसानों को छोड़ दिया गया है? क्लेम राशि के भुगतान में अलग-अलग हल्के अनुसार असमानता का क्या कारण है? कारण सहित जानकारी पटवारी हल्कावार, ग्रामवार एवं पंचायतवार दी जावें?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
परीक्षाएं फर्जी तरीके से पास किया जाना
[गृह]
96. ( क्र. 3447 ) श्री रामनिवास रावत : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2013 में टायपिंग एवं स्टेनों की परीक्षा के अभ्यर्थियों की कापी स्पेशल टास्क फोर्स (एस.टी.एफ.) ने जप्त की थी? यदि हाँ, तो कितने-कितने हिन्दी, अंग्रेजी टायपिंग, हिन्दी, अंग्रेजी शार्टहेण्ड के संदिग्ध अभ्यर्थियों की कॉपी जप्त की थी? (ख) उक्त प्रकरण की जाँच में प्रथम दृष्टया कितनी अभ्यर्थियों के द्वारा फर्जी तरीके से परीक्षा पास करना पाया गया? उनके नाम एवं पते की सूची वर्तमान में शासकीय नौकरी में कार्यरत कार्यालयों के नाम सहित बतायें? (ग) क्या एस.टी.एफ. द्वारा सरकारी कार्यालयों में कार्यरत उक्त कर्मचारियों की जानकारी वर्तमान पदस्थापना कार्यालय से प्राप्त की गई है? यदि हाँ, तो कर्मचारीवार/कार्यालयवार सूची दें? (घ) उक्त प्रकरण में जाँच की अद्यतन स्थिति क्या है? कितने दोषियों के विरूद्ध अपराधिक प्रकरण दर्ज किये गये है? आरोपी का नाम, पता, प्रकरण क्रमांक एवं दिनांकवार सहित जानकारी दें?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। हिन्दी टायपिंग की 2270 कापियॉ, अंग्रेजी टायपिंग की 300 कापियॉ, हिन्दी शार्टहेण्ड की 369 कापियॉ एवं अग्रेजी शार्टहेण्ड की 07 कापियॉ कुल 2946 कापियॉ जप्त की गई है। (ख) उक्त प्रकरण की जाँच में प्रथम दृष्टया-2946 अभ्यर्थियों का फर्जी तरीके से पास करने संबंधी प्रकरण दर्ज होकर विवेचनाधीन है, अतः अभ्यर्थियों के नाम एवं पते की जानकारी दिये जाने से प्रकरण की विवेचना पर विपरीत प्रभाव पड़ने की संभावना है इसलिये अभ्यर्थियों के नाम पते दिए जाना संभव नहीं है। (ग) जी हाँ। सरकारी कार्यालयों में कार्यरत उक्त कर्मचारियों की जानकारी वर्तमान पद स्थापना कार्यालय से प्राप्त की गई है। प्रकरण अभी विवेचनाधीन है, अतः कर्मचारीवार/कार्यालयवार कर्मचारियों की जानकारी दिये जाने से प्रकरण की विवेचना पर विपरीत प्रभाव पड़ने की संभावना है इसलिये कर्मचारीवार/कार्यालयवार कर्मचारियों की जानकारी दिया जाना संभव नहीं है। (घ) उक्त प्रकरण में थाना एस.टी.एफ. भोपाल में दिनांक 11.10.2013 को अपराध क्रमांक 09/2013 धारा-420,467,468,471, 120-बी 201 भा.द.वि., 3घ (1-2) /4 म.प्र. मान्यता प्राप्त परीक्षा अधिनियम 1937 एवं 13 (1) डी, 13 (2) भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 के तहत पंजीबद्ध किया गया है। प्रकरण में कुल 19 आरोपियों के विरुद्ध माननीय न्यायालय में 03 चालान पेश किये जा चुके है। वर्तमान धारा-173 (8) जा.फौ. के तहत अनुसंधान जारी है। प्रकरण में कुल-2946 आरोपियों के विरुद्ध थाना एस.टी.एफ. भोपाल में आपराधिक प्रकरण दर्ज है। प्रकरण अभी विवेचनाधीन है, अतः अभ्यर्थियों के नाम एवं पते की जानकारी दिये जाने से प्रकरण की विवेचना पर विपरीत प्रभाव पड़ने की संभावना है इसलिये अभ्यर्थियों के नाम पते दिए जाना संभव नहीं है।
ज्यादा खरीदे गये गेहूं का समय पर भुगतान न होना
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
97. ( क्र. 3468 ) चौधरी मुकेश सिंह चतुर्वेदी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या होशंगाबाद जिले में वर्ष 2016 के दौरान दिनांक 14 अप्रैल 2016 तक जिले के 128 केन्द्रों में लगभग 2 लाख 76 हजार मैट्रिक टन से ज्यादा खरीदा गया जिसकी कीमत 4 अरब रूपये से भी ज्यादा है के एवज में किसानों को मात्र 74 करोड़ का ही भुगतान किया गया यदि हाँ, तो क्यों? (ख) प्रश्नांश (क) के तहत भुगतान में विलम्ब के लिये कौन-कौन दोषी है? क्या उन पर कोई कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक? (ग) प्रश्नांश (क) व (ख) के तहत उच्च स्तरीय अधिकारियों द्वारा इस संबंध में पर्यवेक्षण किया गया है? यदि नहीं, तो क्यों?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) रबी विपणन वर्ष 2016-17 में होशंगाबाद जिले में दिनांक 14.04.2016 की स्थिति में 3,30,168.73 मे.टन गेहूं का उपार्जन किया गया, जिसकी राशि रू. 503.51 करोड़ होती है। मध्यप्रदेश स्टेट सिविल सप्लाईज़ कार्पोरेशन द्वारा उपार्जन संस्थाओं को प्रत्येक सोमवार एवं गुरूवार को ऑनलाईन आर.टी.जी.एस. के माध्यम से भुगतान किया जाता है। दिनांक 11.04.2016 तक समितियों को राशि रू. 275 करोड़ एवं दिनांक 14.04.2016 को अम्बेडकर जयंती एवं दिनांक 15.04.2016 को रामनवमीं का शासकीय अवकाश होने के कारण बैंक बंद होने से दिनांक 16.04.2016 को राशि रू. 234 करोड़ समितियों को भुगतान किया गया। इस प्रकार, कुल राशि रू. 509 करोड़ का भुगतान समितियों को किया गया है। दिनांक 14.04.2016 की स्थिति में समितियों द्वारा किसानों को राशि रू. 275 करोड़ का भुगतान किया गया। उपार्जन अवधि में नियमित रूप से निर्धारित समयावधि में किसानों को उपार्जित गेहूं का भुगतान किया जाता है। (ख) प्रश्नांकित अवधि में किसानों से उपार्जित गेहूं की मात्रा के विरूद्ध नियमानुसार भुगतान किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कानून व्यवस्था को चुस्त दुरूस्त किया जाना
[गृह]
98. ( क्र. 3495 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2016 में रीवा जिले में लगभग 5713 मामले दर्ज किये गये जिसमें हत्या व हत्या के प्रयास के प्रकरणों में इजाफा हुआ है? जहां 2015 में हत्या के 49 मामले दर्ज किये गये वहीं 2016 में 11 माह में 51 प्रकरण दर्ज हुए इसी प्रकार 2015 में हत्या के प्रयास के 30 मामले दर्ज थे वहीं 2016 के 11 माह में 44 मामले दर्ज किये गये वर्ष 2015 में चोरी के 576 मामले दर्ज थे किन्तु 2016 में 642 मामले दर्ज हुए वर्ष 2016 में जिले के भीतर कई बड़े ला एण्ड ऑर्डर हुए हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में वर्ष 2016 में पुलिस कई गम्भीर अपराधों जैसे थाने बरा में चिकित्सक लूट काण्ड, रायपुर कर्चुलियान थाने के कोष्टा में डकैती, विश्वविद्यालय थाना अन्तर्गत अजगरहा में बैंक डकैती, मनगवां में बैंक डकैती में पुलिस को असफलता मिली है तथा 31 अंधी हत्याओं का रहस्य आज भी अनसुलझा है? इनमें से 6 शव युवतियों के थे? (ग) रीवा शहर महिलाओं के लिए सुरक्षित नहीं रहा सड़क पर दौड़ते बाइकर्स लूट व चैन स्नेचिंग की घटना प्रश्न दिनांक से दो माह पूर्व तक में दो दर्जन घटनाएं घटित हुई है? यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही हुई बतावें। (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के प्रकाश में प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या ऐसी कार्यवाही की गई कि लंबित प्रकरणों का निराकरण हो सकें। इसके लिये किसी को जिम्मेदारी ठहराया गया है यदि हाँ, तो किसे-किसे? यदि नहीं, तो क्यों? लंबित मामलों का पटाक्षेप किया जावेगा। यदि हाँ, तो समय-सीमा बतावें। (ड.) क्या वर्ष 2017 में उपरोक्त मामलों में वृद्धि न हो इसके लिए कोई योजना बनाई गई है? यदि नहीं, तो क्यों? क्या प्लान बनाया जावेगा यदि हाँ, तो समय-सीमा बतावें।
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) वर्ष 2016 में थाना-समान अंतर्गत, बरा में चिकित्सक के साथ हुई लूट, रायपुर कर्चुलियान थाने के अंतर्गत ग्राम कोष्ठा में हुई डकैती एवं थाना विश्वविद्यालय अंतर्गत ग्राम अजगरहा में हुई बैंक डकैती की घटनाओं में अज्ञात आरोपियों के विरुद्ध पंजीबद्ध प्रकरणों में विवेचना हेतु विशेष टीम का गठन किया गया है, पतासाजी के प्रयास जारी है। थाना मनगवां क्षेत्रांतर्गत बैंक डकैती की कोई घटना घटित नहीं हुई है। वर्ष 2016 में कुल 24 अंधी हत्या के प्रकरण पंजीबद्ध हुऐ थे, इनमें से 12 प्रकरणों में आरोपियों को ज्ञात कर उनके विरुद्ध न्यायालय में चालान पेश किए गए, 01 प्रकरण में मृतिका एवं आरोपी अज्ञात होने के कारण खात्मा कता किया गया तथा 11 प्रकरणों में अज्ञात आरोपियों की पतारसी एवं विवेचना की जा रही है, इनमें से 02 प्रकरणों में ही मृतक महिलाएं है। (ग) जी नहीं। प्रश्न दिनांक से 02 माह पूर्व तक चैन स्नेचिंग की 02 दर्जन नहीं बल्कि 06 घटनाएं घटित हुई हैं। वर्ष 2016 में 02 चैन स्नेचर्स को पकड़ कर उनके कब्जे से 02 चैन बरामद की गई है। (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के प्रकाश में प्रश्नांश दिनांक तक पंजीबद्ध प्रकरणों में विवेचना जारी है तथा अज्ञात आरोपियों की तलाश के हर संभव प्रयास किये जा रहे है। इस संबंध में किसी को जिम्मेदार नहीं पाया गया है। लंबित मामलों के पटाक्षेप की समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है। (ड.) वर्ष 2017 में उपरोक्त मामलों में वृद्धि न हो इसके लिए रात्रि गस्त, कोम्बिंग गस्त, समय एवं स्थान बदलकर वाहन चेकिंग, डायल 100 की सेवा, असामाजिक तत्वों के विरुद्ध प्रभावी प्रतिबंधात्मक कार्यवाही, पूर्व के संपत्ति संबंधी अपराधों में गिरफ्तार व्यक्तियों के विरुद्ध त्वरित प्रभावी प्रतिबंधक कार्यवाही की जा रही है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विद्यालयों में हैण्डपम्प लगाने के संबंध में
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
99. ( क्र. 3540 ) श्री पुष्पेन्द्र नाथ पाठक : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) बिजावर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत कितने विद्यालयों परिसरों में हैण्डपंप लगाये है? कितने कार्यरत हैं? कितने अनुपयोगी हो गए है? (ख) अनुपयोगी हुए नष्ट हुए अथवा जहाँ बिल्कुल भी हैण्डपंप नहीं हैं क्या वहां पर द्वारा विद्यालय की मांग पर हैण्डपंप लगाने का कार्य किया जायेगा।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) 356 हैण्डपम्प लगाये हैं। 342 हैण्डपम्प कार्यरत हैं। 14 हैण्डपम्प अनुपयोगी हो गये हैं। (ख) जी हाँ। वित्तीय संयोजन की उपलब्धता अनुसार।
अनुविभागीय कार्यालय को कितने जाँच प्रतिवेदन प्राप्त
[राजस्व]
100. ( क्र. 3547 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2012 से 2016 तक खरगोन जिले में अनुविभागीय कार्यालय को कितने जाँच प्रतिवेदन प्राप्त हुए। प्रकरणवार विषय सहित सूची देवें। (ख) वर्ष 2012 से 2016 तक खरगोन जिले में कितने कर्मचारी सस्पेंड किय गये/हुए, कितने बहाल हुए, कितने बहाली हेतु लंबित है। प्रकरणवार नाम, पद सहित सूची देवें। (ग ) वर्ष 2012 से 2016 तक खरगोन जिले में कर्मचारियों को शिकायत या कार्य में लापरवाही के आधार पर अन्यत्र स्थानांतरित/अस्थाई तौर पर अन्य स्थान पर कार्यभार दिया गया है।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) कुल-11 जाँच प्रतिवेदन (शिकायत) प्राप्त हुई है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र "अ" अनुसार है। (ख) 21 कर्मचारी सस्पेंड जिनमें से कुल-19 कर्मचारी बहाल शेष-02 कर्मचारी बहाली से शेष हैं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र "ब" अनुसार है। (ग) जी हाँ।
प्रधानमंत्री उज्जवला योजनान्तर्गत गैस कनेक्शन का वितरण
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
101. ( क्र. 3567 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रधानमंत्री उज्जवला योजनान्तर्गत हरदा विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत कुल कितने हितग्राहियों को गैस कनेक्शन वितरित किये गये है एवं कितने हितग्राहियों को गैस कनेक्शन वितरण किया जाना शेष है। वार्डवार व ग्रामवार जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार शेष रहे हितग्राहियों को कब तक गैस कनेक्शन का वितरण कर दिया जावेगा। (ग) क्या उज्जवला योजनान्तर्गत गैस कनेक्शन प्राप्त करने वाले हितग्राहियों को भी गैस सिलेण्डर को भरवाये जाने हेतु दी जा रही सब्सिडी दी जावेगी? (घ) यदि हाँ, तो कितनी राशि प्रति सिलेण्डर की सब्सिडी प्रदान की जावेगी? यदि नहीं, तो उसका क्या कारण है।
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) प्रधानमंत्री उज्जवला योजनान्तर्गत हरदा विधानसभा क्षेत्र के 11,318 हितग्राहियों को गैस कनेक्शन वितरित किये गये है शेष 15,494 हितग्राहियों को परीक्षण उपरांत पात्र पाये जाने पर लक्ष्य की उपलब्धतानुसार गैस कनेक्शन का वितरण किया जाएगा। वार्डवार व ग्रामवार वितरित गैस कनेक्शन एवं शेष परिवारों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) भारत सरकार द्वारा योजना के प्रारम्भ से 3 वर्ष की समयावधि में हितग्राहियों को गैस कनेक्शन वितरण किया जाना है। हरदा विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत शेष परिवारों के सत्यापन उपरांत पात्र पाए जाने पर लक्ष्य की उपलब्धता अनुसार गैस कनेक्शन वितरित किए जाएंगे। (ग) जी हाँ। प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजनांतर्गत नगद राशि का भुगतान कर गैस चूल्हा एवं प्रथम रिफिल प्राप्त करने वाले हितग्राहियों को सब्सिडी की राशि रिफिल बुकिंग पर भुगतान की जाएगी। ऋण पर गैस चूल्हा एवं प्रथम रिफिल प्राप्त करने वाले हितग्राहियों को देय सब्सिडी की राशि का समायोजन ऋण राशि वसूल होने तक किया जाएगा। (घ) माह फरवरी 2017 की स्थिति में हरदा विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत गैस रिफिल पर राशि रू. 233.61 प्रति सिलेण्डर सब्सिडी निर्धारित है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
वितरित पर्सनल लोन प्राप्तकर्ता के संबंध में
[राजस्व]
102. ( क्र. 3629 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) महिदपुर वि.स. क्षेत्र में कितने व्यक्तियों/संस्थाओं/प्रायवेट फायनेंसरों द्वारा पर्सनल लोन दिया जा रहा है? उनके नाम, आवश्यक लायसेंस/अनुमति सहित देवें? (ख) क्या उपरोक्त कार्य करने वालों ने कलेक्टर/S.D.M./तहसील से आवश्यक अनुमतियां प्राप्त की है? यदि हाँ, तो समस्त अनुमति दस्तावेजों की छायाप्रति देवें? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार बतावें कि संबंधितों द्वारा दिनांक 01.01.2015 से 31.12.2016 तक कितने व्यक्तियों/संस्थाओं को पर्सनल लोन दिया? (घ) क्या इनसे दैनंदिन आधार पर भी लोन वापस लिया जा रहा है? यदि हाँ, तो (ग) में इसका भी उल्लेख करें? इसके नियम की छायाप्रति भी देवें?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
सार्वजनिक उपयोग हेतु भूमि अधिग्रहण
[राजस्व]
103. ( क्र. 3637 ) श्री रामपाल सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शहडोल जिले में सार्वजनिक प्रयोजन हेतु निजी स्वामित्वों की भूमियों के अधिग्रहण की कार्यवाही विगत ०२ वर्ष से प्रश्न दिनांक तक किया गया है या किया जाना प्रस्तावित है। (ख) यदि प्रश्नांश ‘क’ हाँ तो उक्त जिले में किस-किस प्रयोजन हेतु भूमि अधिग्रहण किया गया है/किया जा रहा है। प्रयोजनवार प्रभावित रकवा, भूमि स्वामी सहित, मुआवजा भुगतान सहित विस्तृत जानकारी उपलब्ध करायी जावे।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
नामांतरण एवं सीमांकन के प्रकरण
[राजस्व]
104. ( क्र. 3638 ) श्री रामपाल सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शहडोल जिले के विभिन्न तहसीलों में नामांतरण एवं सीमांकन की कार्यवाही प्रचलित है। (ख) यदि प्रश्नांश ‘क’ हाँ तो उक्त जिले के विभिन्न तहसीलों में कितनें सीमांकन एवं नामांतरण के प्रकरण प्रश्न दिनांक तक लंबित है, तहसीलवार जानकारी उपलब्ध करायी जावे।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ (ख)
क्र. |
तहसील का नाम |
लंबित नामांतरण |
लंबित सीमांकन |
1. |
ब्यौहारी |
248 |
54 |
2. |
जयसिह नगर |
55 |
29 |
3. |
गोहपारू |
144 |
15 |
4. |
सोहागपुर |
269 |
41 |
5. |
बुढार |
89 |
25 |
6. |
जैतपुर |
114 |
40 |
योग |
6 तहसीलें |
919 |
204 |
पशु कल्याण हेतु शासन की योजनाएं
[पशुपालन]
105. ( क्र. 3661 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन द्वारा पशुपालन हेतु कौन-कौन सी योजनाएं संचालित की जा रही हैं? (ख) किसी किसान/पशुपालनकर्ता के पशु की बिजली, विद्युत करंट, एक्सीडेंट, बिमारी या अन्य कारण से मृत्यु हो जाती है तो शासन द्वारा क्या-क्या मदद दी जाती है? (ग) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में कितने पशुपालनकर्ताओं को विभाग से विगत 3 वर्षों में क्या-क्या सहयोग दिया गया है? (घ) शासन द्वारा दूध डेयरी खोलने हेतु कौन-कौन सी योजनाएं संचालित की जा रही हैं?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। (ख) राजस्व विभाग द्वारा सहायता राशि पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार दी जाती है (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार। (घ) दुग्ध डेयरी खोलने हेतु विभाग द्वारा आचार्य विद्या सागर गौसंवर्धन योजना संचालित की जा रही है।
नवीन हैण्डपम्प का स्थान चयन
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
106. ( क्र. 3662 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में विगत 3 वर्षों में पुराने हैण्डपम्पों में से कितने रिबोर करवाए गए हैं वर्षवार जानकारी देवें। (ख) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में ऐसे कितने हैण्डपम्प हैं जिनको रिबोर करके जनता को पेयजल उपलब्ध करवाया जा सकता है? उनकी सूची उपलब्ध करावें। (ग) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में विभाग द्वारा नवीन हैण्डपम्प लगाने हेतु मशीन भेजने से पूर्व स्थान चयन करने का कार्य विभाग द्वारा किया जाता है या स्थानीय जनप्रतिनिधि द्वारा स्थान चयन कर हैण्डपम्प लगवाया जाता है?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) कोई नहीं। (ख) उत्तरांश ‘‘क’’ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) विभाग द्वारा नवीन हैण्डपम्प हेतु स्थल का चयन ग्रामवासियों की सहमति एवं भू-जलविद की अनुशंसा के आधार पर किया जाता है।
मत्स्य पालन हेतु विभाग द्वारा की गई मानिटरिंग
[मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास]
107. ( क्र. 3679 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आगर जिला अंतर्गत विगत 03 वर्ष में विभाग द्वारा किन-किन संस्थाओं को मत्स्य पालन हेतु ऋण दिया गया हैं? मत्स्य पालन प्रोत्साहन हेतु कौन-कौन सी योजनायें संचालित हैं? विगत 05 वर्षों में विभाग द्वारा किन-किन जलाशयों के मछली पालन हेतु पट्टे जारी किये गये हैं? जलाशयवार विवरण देवें? (ख) विधानसभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत कौन-कौन से मत्स्य पालन केन्द्र विभाग के अधीन हैं या समिति के अधीन होकर विभाग द्वारा अप्रत्यक्ष रूप से संचालित हैं? (ग) क्या विभाग द्वारा प्रश्नांश ‘‘ख‘‘ में उल्लेखित मत्स्य पालन केन्द्रों की मानिटरिंग की जाती हैं? यदि हाँ, तो विगत 03 वर्षों में कब-कब, कहाँ-कहाँ, किस-किस ने निरीक्षण किया? (घ) प्रश्नांश ‘‘ग‘‘ के संदर्भ में यदि कोई कार्यवाही की गई हो तो विवरण देवें?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) विभाग द्वारा संस्थाओं को ऋण नहीं दिया गया। मत्स्य पालन विभाग द्वारा संचालित योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है एवं विगत 5 वर्षों में जलाशयों को मछली पालन हेतु पट्टे पर देने की जलाशवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ख) विधान सभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत विभाग के अधीन मत्स्य पालन केन्द्र नहीं है और न ही समिति के अधीन होकर विभाग द्वारा अप्रत्यक्ष रूप से संचालित है। (ग) एवं (घ) जानकारी निरंक है।
महिलाओं/बच्चों के मानव तस्करी/अपहरण/गुमशुदगी
[गृह]
108. ( क्र. 3689 ) श्री रामनिवास रावत : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 1 जनवरी 2016 से 31 जनवरी, 2016 तक की अवधि में महिलाओं/बच्चों के मानव तस्करी/अपहरण/गुमशुदगी के कुल कितने प्रकरण पंजीबद्ध हुए? इनमे से कितनी महिला विवाहित/ अविवाहित एवं अवयस्क थी वर्गवार (सामान्य, पिछड़ावर्ग, अ.जा., अ.ज.जा.) सहित संख्यात्मक जानकारी जिलेवार दें? (ख) प्रश्नांश 'क' के परिप्रेक्ष्य में कितने महिलाएं/बच्चे अभी तक बरामद किये गए हैं? कितने अभी तक गये है? (ग) उक्त घटनाओं को अंजाम देने वाले कितने आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है? प्रदेश में मानव तस्करी की घटनाओं पर नियंत्रण हेतु क्या प्रयास किये जा रहे हैं? शासन के प्रयासों के बावजूद इन घटनाओं पर नियंत्रण न होने के क्या कारण है?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) दिनांक 01 जनवरी, 2016 से 31 जनवरी 2016 तक की अवधि में महिलाओं/बच्चों के मानव तस्करी के 06 प्रकरण, अपहरण के 702, गुमशुदगी के 1575, कुल-2283 प्रकरण पंजीबद्ध हुए जिनमें अपहृत, गुम महिला/बच्चों की कुल संख्या 2292 महिला/ बच्चे इनमें से (विवाहित महिलाएं-727, अविवाहित-1565) तथा (वयस्क-1296 तथा अवयस्क 996) है। वर्गवार महिला/बच्चों में (सामान्य महिला-287, बच्चे-245, पिछड़ावर्ग महिला-472, बच्चे-308, अजा महिला-225, बच्चे-183, अजजा महिला-312 बच्चे-360) कुल-2292 जिसमें जिला नीमच में 01 प्रकरण में 05 बच्चे, जिला हरदा में 01 प्रकरण में 02 बच्चे, जिला उमरिया के 02 प्रकरणों में 05 बच्चे, जिला मुरैना के 01 प्रकरण में 02 बच्चे उपरोक्त कुल-05 प्रकरणों में 09 बच्चों की मानव तस्करी/ अपहरण गुमशुदगी एक साथ दर्ज की गई है सहित संख्यात्मक जिलेवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) प्रश्नांश ’क’ के परिप्रेक्ष्य में अभी तक 874 महिलाएं एवं 780 बच्चे बरामद किये गये हैं। कुल-2292 महिला/बच्चे अभी तक बच गये हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ग) उक्त घटनाओं को अंजाम देने वाले 353 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। केन्द्र शासन द्वारा मानव दुर्व्यापार पर प्रभावी नियंत्रण हेतु राज्य स्तर पर महिला अपराध शाखा को नोडल एजेंसी घोषित किया है। महिला अपराध शाखा द्वारा प्रत्येक जिले में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक स्तर के अधिकारी को मानव दुर्व्यापार प्रकरणों की समीक्षा व पर्यवेक्षण हेतु नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। प्रत्येक मानव दुर्व्यापार निरोधी इकाई में 02 स्वयं सेवी संगठन को भी संबद्ध किया गया है। थाना स्तर पर महिला डेस्क की स्थापना के साथ-साथ 100 डॉयल, निर्भया मोबाइल, महिला हेल्पलाईन 1090 संचालित की जा रही है। समस्त विद्यालयों में पुलिस अधिकारियों द्वारा संवाद शिविर का आयोजन किया जा रहा है।
हैण्डपम्प एवं नलकूप खनन के लिए बजट आवंटन
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
109. ( क्र. 3717 ) श्री हेमन्त विजय खण्डेलवाल : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) बैतूल जिले के अंतर्गत लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग को वर्ष २०१५-२०१६ एवं २०१६-२०१७ में कितना बजट आवंटन किस किस कार्य के लिए प्राप्त हुआ? (ख) क्या नलकूप खनन, हैण्डपम्प खनन के लिए भी उक्त वर्षों में आवंटन प्राप्त हुआ है? यदि हाँ, तो वर्षवार कितना-कितना आवंटन प्राप्त हुआ? (ग) उक्त दोनों वर्षों में कितने नलकूप किस-किस ग्राम में खनन किए गए? विकासखंडवार जानकारी दें? (घ) कितने हैण्डपम्प/नलकूप खनन फेल हुए हैं? इसके कारण क्या रहे? विकासखंडवार जानकारी दें?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘1‘ के अनुसार है। (ख) जी हाँ, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘2‘ के अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘3‘ के अनुसार है। (घ) प्रश्नांकित अवधि में 25 नलकूप फेल (असफल) हुये। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘4‘ के अनुसार है।
मुख्य सचिव के आदेश का पालन
[राजस्व]
110. ( क्र. 3718 ) श्री हेमन्त विजय खण्डेलवाल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मुख्य सचिव म.प्र.शासन के २४ जुलाई २००४ के जारी आदेश के उपरान्त भी बैतूल जिले के ८२९ ग्रामों की वनभूमि राजपत्र में भारतीय वन अधिनियम १९२७ की धारा ३४ (अ) के अनुसार निर्वनीकृत की गई उन भूमियों को निस्तार पत्रक, अधिकार अभिलेख, खसरापंजी एवं संशोधन पंजी में प्रश्न दिनांक तक भी संशोधित नहीं किया गया है? (ख) यदि हाँ, तो क्यों? उक्त ८२९ ग्रामों में से किस ग्राम की कितनी भूमि वन विभाग ने संरक्षित वन सर्वे डिमारकेशन में शामिल की थी? (ग) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में ८२९ ग्रामों की संरक्षित वन सर्वे डिमारकेशन की रिपोर्ट वन विभाग से प्राप्त कर ग्राम की संशोधन पंजी में संशोधन दर्ज कर निस्तार पत्रक, अधिकार अभिलेख एवं खसरा पंजी को संशोधित कर लिया जाएगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
बड़े झाड़, छोटे झाड़ जंगल मद की भूमि
[राजस्व]
111. ( क्र. 3719 ) श्री हेमन्त विजय खण्डेलवाल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मुख्य सचिव म.प्र. भोपाल द्वारा दिनांक २४ दिसंबर २०१४ एवं प्रमुख सचिव वन विभाग म.प्र. शासन भोपाल द्वारा दिनांक १३ फरवरी २०१५ को राजस्व अभिलेखों में दर्ज छोटे झाड़ एवं बड़े झाड़ के जगल मद की भूमियों के संबंध में कोई आदेश जारी किए है? यदि हाँ, तो क्या? (ख) क्या प्रश्नांश (क) के अनुसार आदेशानुसार बैतूल जिले के ग्रामों की भूमि का चयन कर लिया गया है? यदि हाँ, तो कितने ग्रामों की कितनी भूमि का चयन प्रश्न दिनांक तक कर लिया गया है? (ग) क्या बैतूल जिले में वन विभाग द्वारा बड़े झाड़ के जंगल मद एवं छोटे झाड़ के जंगल मद में दर्ज जमीनों को नारंगी भूमि वन खंड में शामिल कर लिया गया है? यदि हाँ, तो किस-किस परिक्षेत्र के कितने ग्रामों की कितनी भूमि नारंगी वनखंड में शामिल की गई है? (घ) क्या इसके लिए विभाग के उच्चाधिकारियों एवं कलेक्टर बैतूल से अनुमति ली गई है? यदि हाँ, तो कब कब, जानकारी दें एवं अनुमति एवं सहमति पत्र की प्रति उपलब्ध करावें?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
अपूर्ण नल-जल योजनाएं?
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
112. ( क्र. 3721 ) श्री हेमन्त विजय खण्डेलवाल : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या बैतूल जिले में काफी नल जल योजनाएं अपूर्ण है? स्थलवार जानकारी दें? (ख) यदि हाँ, तो इसके क्या कारण है? (ग) अधूरी अपूर्ण नल-जल योजनाएं पूर्ण करने के लिए बजट आवंटन की मांग कब कब कितनी-कितनी की गई? अपूर्ण योजनावार जानकारी दें? (घ) सरकार कब तक इन नल-जल योजनाओं हेतु राशि उपलब्ध कराएगी तथा कब तक ये नल-जल योजनाएं पूर्ण हो जाएगी?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ख) ‘‘क’’ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
अपराधियों को पकड़ कर जिला बदर करने की कार्यवाही
[गृह]
113. ( क्र. 3726 ) श्री सुदर्शन गुप्ता (आर्य) : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या इन्दौर जिले में पुलिस प्रशासन द्वारा अपराधियों को पकड़ कर जिला बदर करने की कार्यवाही प्रस्तावित की गई है? (ख) यदि हाँ, तो माह जनवरी 2016 से प्रश्न पूछे जाने तक इन्दौर जिले के सभी थाना क्षेत्रों में जिला बदर किये गये व प्रस्तावित अपराधियों की सूची थानावार उपलब्ध करायें?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। (ख) न्यायालय अपर जिला दण्डाधिकारी, पूर्व एवं पश्चिम क्षेत्रान्तर्गत आने वाले थाना क्षेत्रों की थानावार अपराधियों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार।
अवैध शराब विक्रय के बनाये गये प्रकरण
[गृह]
114. ( क्र. 3727 ) श्री सुदर्शन गुप्ता (आर्य) : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या इन्दौर जिले में पुलिस एवं आबकारी विभाग द्वारा विगत 3 वर्षों में अवैध शराब विक्रय के प्रकरण बनाये गये है? यदि हाँ, तो थानावार दर्ज प्रकरण की सूची उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश ‘क’ अनुसार अवैध शराब विक्रय पर बनाये गये प्रकरणों में प्रश्न पूछे जाने तक संबंधित के विरूध्द क्या कार्यवाही की गई है?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
इन्दौर जिले को आठ तहसीलों में विभाजीत किया जाना
[राजस्व]
115. ( क्र. 3728 ) श्री राजेश सोनकर : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इन्दौर जिला अंतर्गत पिछले 03 वर्षों में किन-किन राजस्व निरीक्षकों/पटवारियों का स्थानान्तरण कब-कब किया गया? राजस्व निरीक्षक/पटवारी के स्थानान्तरण की नीति क्या है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या इन्दौर जिले को आठ तहसीलों में बांटे जाने का प्रस्ताव प्रशासन द्वारा शासन को भेजा गया है? यदि हाँ, तो शासन स्तर पर कब तक प्रस्ताव को स्वीकृति मिल जायेगी? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में बतायें कि इन्दौर जिले में तहसीलों/पटवारी हल्कों में कब से कौन-कौन राजस्व निरीक्षक/पटवारी कार्यरत हैं? पिछले 03 वर्षों की सूची उपलब्ध करायें। (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में इन्दौर जिले में कुछ पटवारियों का स्थानांतरण 01 वर्ष की अवधि से भी कम समय में एक से अधिक बार एक तहसील से दूसरी तहसील में किया गया था? यदि हाँ, तो किसकी अनुशंसा से कब-कब स्थानांतरित किया गया? क्या कारण था?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जिला इंदौर अंतर्गत पटवारियों के स्थानांतरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार राजस्व निरीक्षकों के स्थानांतरण नहीं किया गया है। स्थानांतरण नीति के तहत पटवारियों का स्थानांतरण किया गया है। (ख) जी नहीं। (ग) पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जी हाँ। तत्कालीन प्रभारी मंत्री के निर्देश के पालन में दिनांक 28/05/2015 को एवं कलेक्टर के निर्देशानुसार 03/11/2015 को किया गया है।
आदिवासियों की भूमि का विक्रय
[राजस्व]
116. ( क्र. 3746 ) श्री संजय शाह मकड़ाई : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश शासन द्वारा आदिवासियों की भूमि गैर आदिवासियों को विक्रय करने के लिए क्या मापदण्ड नियम है? नियमों की प्रति उपलब्ध करावें? (ख) क्या आदिवासी की अपनी भूमि गैर आदिवासी को विक्रय करने के लिए विक्रय अनुमति प्राप्त करने से पूर्व तहसील एवं जिला कलेक्टर में क्रेता का अनुबंध मांगा जाता है? यदि हाँ, तो क्या विक्रय अनुमति पूर्व भूमि का क्रेता अनुबंध से आदिवासी को भूमि का उचित बाजार मूल्य मिलता है? (ग) आदिवासियों की भूमि को गैर आदिवासियों को विक्रय में उचित बाजार मिल सके इस हेतु शासन द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है? (घ) आदिवासियों की भूमि गैर आदिवासियो को विक्रय की अनुमति प्राप्त करने की समय-सीमा अवधि बतावें? क्या अधिकांश आदिवासियों की भूमि गैर आदिवासियों को बाजार मूल्य में विक्रय करने के लिए विक्रय अनुमित प्राप्त करने हेतु वर्षों लग जाते है?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
नष्ट हुई फसलों का सर्वे कर सहित राशि प्रदान किया जाना
[राजस्व]
117. ( क्र. 3767 ) श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में हाल ही में शीत लहर से पाला, ओलावृष्टि आदि से फसलों को क्षति हुई है? यदि हाँ, तो शासन द्वारा दिनांक 14.01.17 को आदेश जारी कर क्षतिग्रस्त फसलों को सर्वेक्षण कराने के आदेश जिलो को दिये गये है? (ख) क्या उक्त आदेश के पालन में क्या जिलो में सर्वेक्षण का कार्य आरम्भ कर दिया है? (ग) प्रश्नांश (क) और (ख) अनुसार विधानसभा क्षेत्र बमोरी में किन-किन गांव में शीतलहर से फसलों को छति हुई है। क्या उक्त ग्रामों का सर्वेक्षण करा लिया गया है। उक्त ग्राम के कितने किसानों को कितनी सहायता राशि तथा कब तक उपलब्ध कराई जायेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) विधानसभा क्षेत्र बमौरी में किसी भी ग्राम में सर्वेक्षण उपरान्त फसल क्षति नहीं पाई गई है। शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता।
बंद नल-जल योजनाओं को चालू कराना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
118. ( क्र. 3768 ) श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या म.प्र. शासन द्वारा शहरों एवं ग्रामीण क्षेत्रों में जनसहयोग से नल- जल योजना लगाने हेतु आदेश जारी किये है? (ख) क्या विधान सभा क्षेत्र बमोरी के अन्तर्गत ग्राम पंचायतों ने जन सहयोग की राशि जमा की है? यदि हाँ, तो किन-किन पंचायतों ने एवं कितनी-कितनी राशि विगत 3 वर्ष में कब-कब जमा की है? (ग) क्या जिन ग्राम पंचायतों ने राशि जमा की है वहां नल-जल योजना चालू कर दी है? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) क्या नल-जल योजना हेतु शासन द्वारा रोक लगाई है यदि हाँ, तो रोक कब तक हटाकर योजनाएं प्रारंभ की जायेगी?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी हाँ, ग्रामीण क्षेत्रों के लिए। (ख) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) भारत सरकार पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय के पत्र क्रमांक डब्ल्यू-11041/ 9/2015- वाटर-I दिनांक 29.6.2015 द्वारा नवीन योजनाओं के क्रियान्वयन पर रोक लगाई है। समयावधि नहीं बताई जा सकती।
प्रश्न स.क. 108 (क्र01182) दिनांक 07.12.2016 परिवर्तित तारांकित उत्तर से संबंधित
[राजस्व]
119. ( क्र. 3789 ) श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 19.05.2015 को ग्राम किर्राइच मजरा (दुर्गादास की घड़ी) तहसील अम्बाह जिला मुरैना में भूकम्प आया था या आंधी आई थी? (ख) यदि आंधी आयी थी तो आंधी के कारण हुई क्षति के निरीक्षण हेतु कौन-कौन अधिकारी कर्मचारी स्थल पर गये व उन्होंने कितनी क्षति का आंकलन किया व आंकलन की प्रति जो संबंधित हितग्राही व राजस्व के वरिष्ठ अधिकारियों की प्रस्तुत की गई थी उसकी प्रति भी उपलब्ध करावे। (ग) क्या परीक्षण के समय स्थल परीक्षण कर्ताओं द्वारा संबंधित व्यक्ति/हितग्राही को क्षति आंकलन की प्रति उपलब्ध कराने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो क्या संबंधित व्यक्तियों को क्षति आंकलन की प्रति भी दी गई थी तो वह प्रति भी संबंधित हितग्राही के प्राप्ति के हस्ताक्षर सहित भी दी जावे।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) तेज आंधी आई थी। (ख) आंधी के पश्चात् मौके पर राजस्व निरीक्षक जण्डेल सिंह तोमर निरीक्षण हेतु गये। स्थल निरीक्षण में आवासीय मकान में कोई क्षति होना नहीं पाया गया था। शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता। (ग) राजस्व पुस्तक परिपत्र 6-4 में प्रावधान नहीं है। शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता।
उप तहसील कार्यालय की स्थापना
[राजस्व]
120. ( क्र. 3790 ) श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अता.प्रश्न स. 112 (क्र. 1190) दिनांक 07/12/2016 के भाग (क) से (घ) तक जानकारी एकत्रित की जा रही है। उत्तर दिया गया था यदि हाँ, तो क्या जानकारी एकत्रित कर ली गई है। (ख) यदि नहीं, तो उपरोक्त प्रश्न का उत्तर न देने हेतु कौन-कौन उत्तरदायी हैं व उनके खिलाफ अनुशासनहीनता की कार्यवाही कब तक की जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
मुख्यमंत्री पेयजल योजना एवं पूर्व में स्वीकृत बोट
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
121. ( क्र. 3852 ) श्री सुदेश राय : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विधानसभा क्षेत्र 159 सीहोर के अंतर्गत कितनी मुख्यमंत्री पेयजल योजना कब से चल रही है? चालू योजना का दिनांक स्थान सहित बतावें। (ख) कितनी योजना अधूरी है तथा कितनी पूर्ण होकर हेण्डओव्हर की जा चुकी है और जो अधूरी है उसको पूर्ण किये जाने हेतु क्या कार्यवाही की जा रही है? (ग) वर्ष 2015-16 में स्वीकृत वोर के विरूद्ध कुल कितने वोर का खनन किया जाकर उसमें हैण्डपम्प स्थापित कर दिये गये है तथा कितने बोर खनन और होना है? पूर्ण एवं अपूर्ण बोर की जानकारी स्थान सहित बतावें।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) 08 योजनाएं अधूरी है, 11 योजनाएं पूर्ण होकर हैण्डओवर की जा चुकी हैं। अधूरी योजनाओं को पूर्ण करने की कार्यवाही प्रगतिरत है। (ग) कुल 70 के विरूद्ध 63 बोर खनन किये एवं 7 बोर का खनन शेष है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
हैण्डपम्प मैकेनिक एवं संसाधनों की उपलब्धता
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
122. ( क्र. 3857 ) श्री सुदेश राय : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जिला सीहोर के अंतर्गत विकासखण्ड सीहोर में हैण्डपम्प मैकेनिक के कितने पद स्वीकृत हैं, इनमें कितने पद भरे एवं कितने पद रिक्त है? (ख) आगामी ग्रीष्मकालीन मौसम में हैण्डपम्प के सुचारू रूप से संधारण एवं संचालन के लिये संसाधनों की क्या उपलब्धता है, क्या क्षेत्र में मांग अनुसार पर्याप्त संसाधनों की उपलब्धता है, यदि नहीं, तो क्यों नहीं तथा संसाधन कब तक उपलब्ध हो जावेंगे? (ग) हैण्डपम्प मैकेनिक के रिक्त पदों के कारण उस क्षेत्र में जहां पद रिक्त हैं उसमें हैण्डपम्प के संचालन एवं संधारण हेतु विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है तथा कब तक व्यवस्था कर ली जावेगी? (घ) आगामी ग्रीष्म कालीन मौसम में वाटर लेवल कम हो जाने से जिन हैण्डपम्प में पर्याप्त पानी है उसमें सिंगल फेस मोटर डालने हेतु विभाग द्वारा ऐसे कितने स्थानों को चिन्हित कर सिंगल फेस मोटर के प्रस्ताव शासन को भेजे गये है यदि नहीं, तो कब तक प्रस्ताव शासन को प्रेषित किये जावेंगे?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जिला सीहोर के अन्तर्गत लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी उपखण्ड सीहोर (उपखण्ड सीहोर के कार्यक्षेत्र में विकासखण्ड सीहोर एवं इछावर सम्मिलित है) में नियमित स्थापना में हैण्डपम्प मैकेनिक के 06 पद स्वीकृत है, इनमें 03 पद भरे एवं 03 पद रिक्त हैं। (ख) आगामी ग्रीष्मकालीन मौसम में हैण्डपंपों के सुचारू रूप से संधारण एवं संचालन हेतु विकासखण्ड सीहोर में मानव संसाधन के रूप में 01 सहायक यंत्री, 03 उपयंत्री, नियमित हैण्डपंप मेकेनिक 3 एवं कार्यभारित हैण्डपम्प मैकेनिक 02 तथा 23 शासकीय सेवक अन्य पदों पर कार्यरत है। संसाधनों की पर्याप्त उपलब्धता है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) हैण्डपंप मैकेनिकों के रिक्त पदों के कारण हैण्डपंपों के संधारण कार्य प्रभावित न हों, इस हेतु उपखण्ड सीहोर में अन्य पदों पर पदस्थ 23 शासकीय सेवक जिनको हैण्डपंप संधारण कार्य का अनुभव है, से हैण्डपंपों के संधारण कार्य की व्यवस्था की गई है। (घ) जिले की संभावित पेयजल संकट निराकरण हेतु बनाई गई कार्ययोजना में सिंगल फेस मोटर पंप लगाने का प्रावधान है। आवश्यकतानुसार त्वरित कार्यवाही की जा सकेगी। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
तहसील भवन बिजावर का निर्माण
[राजस्व]
123. ( क्र. 3892 ) श्री पुष्पेन्द्र नाथ पाठक : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बिजावर तहसील का गठन कब हुआ था? बिजावर तहसील के अंतर्गत कितना कार्य क्षेत्र तत्समय था? (ख) वर्तमान में तहसील कार्यालय जिस भवन में संचालित हो रहा है वह पर्याप्त नहीं है। इसके विस्तार की क्या योजना है? (ग) शासन की नवीन तहसील भवन बनाने की क्या योजना है। क्या बिजावर तहसील को नवीन तहसील भवन की सौगात माननीय मंत्री जी देंगे?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) तहसील बिजावर का गठन वर्ष 1995 में हुआ था। तत्समय तहसील बिजावर क्षेत्रान्तर्गत वर्तमान तहसील वक्स्वाहा, बड़ामलहरा, धुवारा, का पूरा क्षेत्र समाविष्ट था। (ख) जी नहीं। जिस भवन में तहसील कार्यालय संचालित है वह पर्याप्त है। (ग) ''ख'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नामांतरण, बंटवारा एवं फौती के लंबित प्रकरण
[राजस्व]
124. ( क्र. 3899 ) श्री अरूण भीमावद : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शाजापुर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत विगत दो वर्षों से नामांतरण, बंटवारा एवं फौती के कुल कितने प्रकरण प्राप्त हुए? नाम सहित जानकारी देवें? (ख) क्या प्रश्नांश (क) के परिपालन में लंबित प्रकरणों को समय-सीमा में निराकरण किया गया हो तो कितने प्रकरण निराकृत हुए है? संख्या बताएं। (ग) यदि प्रकरण लंबित है तो लंबित होने का सहित उचित कारण देवें। (घ) यदि निराकरण किया जाता है तो समयावधि बतलावे।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) शाजापुर विधान सभा क्षेत्रांतर्गत विगत दो वर्षों में नामांतरण, बंटवारा एवं फौती के कुल 6976 प्रकरण प्राप्त हुए। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) कुल 6979 प्रकरण में से समय-सीमा में 6875 प्रकरण निराकृत हुए। (ग) प्रकरणों के लंबित रहने का कारण मुख्यत: पक्षकारों के तामिली पते सही नहीं होने से सूचना पत्र तामील नहीं होना, पक्षकारों की गैर हाजरी, पटवारी तथा पीठासीन अधिकारी की अन्य कार्यों में व्यस्तता है। (घ) समस्त प्रकरणों का निराकरण समयावधि में निराकरण कर दिया जाता है।
शीतलहर से रबी फसलों का सर्वे करना
[राजस्व]
125. ( क्र. 3900 ) श्री अरूण भीमावद : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शाजापुर जिले में वर्ष 2016 की रबी फसलें शीत लहर से नष्ट हुई है? क्या राजस्व विभाग ने फसलों का सर्वे करने हेतु मैदानी अमले को निर्देश जारी किये है? (ख) यदि निर्देश जारी हुए है तो सर्वे का क्या मापदण्ड है तथा कौन-कौन सी रबी की फसलों को सर्वे में लिया गया है? (ग) यदि सर्वे हो चुका है तो शीत लहर से प्रभावित रबी फसलों का मुआवजा हेतु किसानों को चिन्हित किया जा चुका है? (घ) यदि हाँ, तो प्रभावित किसानों को कब तक अपनी नष्ट हुई फसलों का मुआवजा प्राप्त होगा? समयावधि बतलावे?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी नहीं। जी हाँ। (ख) राजस्व पुस्तक परिपत्र 6-4 के तहत सर्वे कराया जाता है। शेष प्रश्नांश ‘’क’’ के संदर्भ में प्रश्न उत्पन्न नहीं होता। (ग) प्रश्नांश ‘क’ के परिप्रेक्ष्य में जानकारी निरंक है। (घ) प्रश्नांश ‘क’ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उत्पन्न नहीं होता।
तहसीलदार कार्यालयों में रिक्त पदों की पूर्ति
[राजस्व]
126. ( क्र. 3901 ) श्री अरूण भीमावद : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शाजापुर जिले के अंतर्गत तहसीलदार, अतिरिक्त तहसीलदार, नायब तहसीलदार एवं राजस्व निरीक्षक के कितने पद स्वीकृत है? कितने पद किन-किन कारणों से रिक्त हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या रिक्त पदों के कारण राजस्व कार्य बाधित हो रहा है? जिसके कारण किसानों को काफी परेशानियां हो रही हैं? (ग) यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक उक्त रिक्त पदों की पूर्ति क्या कोई कार्यवाही की गई है? (घ) यदि नहीं, तो क्यों? क्या शासन रिक्त पदों की पूर्ति हेतु कोई कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) शाजापुर जिले के अंतर्गत तहसीलदार, अतिरिक्त तहसीलदार, नायब तहसीलदार एवं राजस्व निरीक्षक के स्वीकृत एवं रिक्त पद निम्नानुसार हैः-
स.क्र. |
पद नाम |
स्वीकृत पदों की संख्या |
वर्तमान में रिक्त पदों की संख्या |
1 |
2 |
3 |
4 |
1. |
तहसीलदार (अतिरिक्त तहसीलदार सहित) |
10 |
05 |
2. |
नायब तहसीलदार |
10 |
05 |
3. |
राजस्व निरीक्षक |
38 |
10 |
स्वीकृत्त पदों के विरूद्ध संपूर्ण प्रदेश में तहसीलदारों/नायब तहसीलदारों/राजस्व निरीक्षक की कमी होने से कालम-04 में दर्शाये अनुसार पद रिक्त हैं। (ख) जी नहीं। अतिरिक्त प्रभार देकर कार्य संपन्न कराये जाते हैं। (ग) एवं (घ) नायब तहसीलदार के रिक्त पदों की पूर्ति हेतु मांग पत्र मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग को भेजे गये है।
हैण्डपंप लगाये जाने के मापदण्ड
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
127. ( क्र. 3914 ) श्री दिनेश राय (मुनमुन) : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विभाग द्वारा कौन-कौन से स्थानों पर हैण्डपंप लगाये जा सकते है? कार्य क्षेत्र की जानकारी देवें? (ख) बस स्टैंड, धार्मिक स्थल, चौपाटी, सत्संग भवन, धर्मशाला, प्रतीक्षालय, मुक्तिधाम, कब्रिस्तान आदि पर दूर तक पेयजल उपलब्ध नहीं होने पर विभाग द्वारा हैण्डपंप लगाये जाते है या नहीं? (ग) प्रश्नांश ''ख'' में उल्लेखित स्थानों पर यदि विभाग द्वारा हैण्डपंप लगाये जाते है तो सिवनी विधानसभा क्षेत्र में विगत तीन वर्ष में किन-किन स्थानों पर विभाग द्वारा हैण्डपंप लगाकर जनता को सुविधा दी गई है? (घ) जिन स्थानों पर पानी उपलब्ध नहीं है उन स्थानों पर विभाग द्वारा जनता को पेयजल मिल सके इस हेतु हैण्डपंप लगाए जा सकेंगे या नहीं?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) आंशिक पूर्ण बसाहटों में। (ख) यदि ग्रामीण बसाहटें आंशिक पूर्ण श्रेणी की बसाहट है तो ऐसे स्थानों पर हैण्डपम्प लगाये जा सकते हैं। (ग) सिवनी विधानसभा क्षेत्र में विगत 3 वर्षों में ऐसे किसी भी स्थान पर हैण्डपम्प नहीं लगाये गये हैं। (घ) पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम के लिये निर्धारित मापदंड की पूर्ति करने वाले स्थानों पर आवंटन की उपलब्धता होने पर हैण्डपम्प लगाने की कार्यवाही की जा सकेगी।
नामांतरण संबंधित कार्य ग्राम पंचायतों को सौंपा जाना
[राजस्व]
128. ( क्र. 3915 ) श्री दिनेश राय (मुनमुन) : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नामांतरण प्रकरण में हो रही देरी को रोकने के लिये विभाग द्वारा क्या कार्ययोजना बनाई जा रही है? क्या नामांतरण संबंधी समस्त कार्य ग्राम पंचायतों को सौंपनें की कार्ययोजना प्रस्तावित है? यदि हाँ, तो उक्त संबंध में समस्त जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश ''क'' की जानकारी अनुसार क्या ग्राम पंचायतों को नामांतरण के ही अधिकार दिये जा रहे हैं? ऐसी स्थिति में क्या राजस्व अभिलेखों में नामांतरण प्रविष्टि दर्ज कराने में कृषकों को पटवारियों द्वारा परेशान नहीं किया जावेगा एवं भ्रष्टाचार की संभावना नहीं बनेगी? (ग) यदि हाँ, तो नामांतरण की प्रविष्टि को राजस्व अभिलेखों में अमलदरामद कर खसरा एवं बी-1 की प्रति कृषकों को सुगमता से उपलब्ध कराये जाने के संबंध में विभाग द्वारा क्या कोई नवीन योजना बनाई जा रही है अथवा प्रस्तावित है?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) एवं (ग) जी हाँ।
श्रम न्यायालय के आदेश का पालन
[परिवहन]
129. ( क्र. 3943 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मा. श्रम न्यायालय भोपाल द्वारा प्रकरण क्रमांक 2/एमपीआई आर/2000 में अपने आदेश दिनांक 30 सितम्बर 2009 से श्री भगवानसिंह चौहान आ. श्री गुलाब सिंह चौहान निवासी हरदा को मध्य प्रदेश सड़क परिवहन निगम में परिचालक के पद पर सेवा में पुनः स्थापित किये जाने हेतु आदेश पारित किया गया है? (ख) यदि हाँ, तो विभाग द्वारा प्रश्न दिनांक तक उक्त आदेश का पालन नहीं किये जाने का क्या कारण है?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। श्री भगवान सिंह चौहान, परिचालक, सीहोर डिपो को यात्रियों को बिना टिकिट बिना यात्रा कराए जाने एवं किराए की राशि अपहरण करने का दोषी मानते हुए विभाग की सेवाओं से पृथक किया गया था। जिसे मान. श्रम न्यायालय द्वारा दिनांक 30 सितंबर 2009 को सेवा में पुनर्स्थापित करने का निर्णय दिया था। परन्तु मध्यप्रदेश शासन द्वारा 2005 में निगम की वित्तीय स्थिति खराब होने के कारण निगम को बंद करने का सैद्धांतिक निर्णय लिया गया था। वर्ष 2008 से निगम वाहनों का संचालन भी पूर्णत: बंद कर दिया गया था निगम के आय के स्रोत लगभग नगण्य हो गये थे। निगम में परिचालक के पद योग्य कोई कार्य नहीं था। इस कारण माननीय श्रम न्यायालय द्वारा निर्णित इस प्रवृत्ति के प्रकरणों में तत्समय पुनर्स्थापित करने के संबंध में कार्यवाही नहीं हुई है।
चिटफंड कंपनी पर कार्यवाही
[गृह]
130. ( क्र. 4060 ) श्री राजेन्द्र फूलचंद वर्मा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत 05 वर्षों में देवास जिले में संचालित किस-किस चिटफंड कंपनी के खिलाफ आम जनता द्वारा शिकायत अथवा एफ.आई.आर. दर्ज की गई है? (ख) उक्त शिकायत अथवा एफ.आई.आर. पर शासन द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? (ग) क्या उक्त सभी चिटफंड कंपनी के मालिकों को पुलिस हिरासत में लिया गया है? आम जनता के पैसे वापस दिलाने के लिए शासन क्या कार्यवाही कर रहा है?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) प्रकरण की विवेचना नियमानुसार की जा रही है। साक्ष्य अनुरूप विधिसंगत कार्यवाही की जायेगी। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट में समाहित है। मान. न्यायालयीन निर्णय अनुसार कार्यवाही की जायेगी।
मत्स्य पालन के संबंध में
[मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास]
131. ( क्र. 4074 ) श्री राजेन्द्र फूलचंद वर्मा : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सोनकच्छ विधानसभा क्षेत्र में मछली पालन केन्द्र है यदि है तो कहां-कहां पर है तथा वर्तमान में उसका संचालन कौन-कौन कर रहे है? (ख) क्या इन केन्द्रों की प्रति वर्ष निलामी होती है यदि हाँ, तो किस माध्यम से तथा नहीं तो क्यो नहीं? (ग) प्रति वर्ष इन केन्द्रों से कितनी मछलियों का विक्रय किया जाता है?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जी नहीं। (ख) एवं (ग) जानकारी निरंक है।
सुहार नदी के तट पर बसे राजस्व ग्राम
[राजस्व]
132. ( क्र. 4092 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पाटन विधान सभा अंतर्गत सुहार नदी के तट पर कौन-कौन से राजस्व ग्राम, मजरे-टोले स्थित है? बतलावें, सूची देवें? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित स्थलों में 1958 के बंदोबस्त अभिलेख के अनुसार कितनी कृषि भूमि एवं कितनी भूमि आवादी मद या अन्य शासकीय मद में दर्ज थी? ग्रामवार सूची देवें। (ग) क्या प्रतिवर्ष नदी में बाढ़ आने से इन ग्रामों की खरीफ फसल नष्ट होती है एवं नदी के कटाव की वजह से भूमि का क्षय भी होता है? (घ) प्रश्नांश (ग) के उत्तर में यदि हाँ, तो बतलावें की प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित रकबे में वर्तमान समय में कितना बचा हुआ है तथा कहाँ-कहाँ पर राजस्व नक्शा परिवर्तित हुआ है? क्या शासन कोई स्थाई योजना बनाकर नदी के तट पर बसे ग्रामों की भूमि को मिट्टी कटाव से बचा लेगी? यदि हाँ, तो किस प्रकार से कब तक? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) पाटन विधान सभा में तहसील मझौली के अंतर्गत सुहार नदी के तट पर राजस्व ग्राम स्थित है, जिनकी जानकारी निम्नानुसार है :- मुडिया मढोद, खम्हरिया, बम्हौरी, रीछी, तागबैहर, महगवां, बम्हौरी, सकरपीला, कुसमी, रजवाई, देवरी, बूढी, लमती, सिहौदा, धरमपुरा, सिमरिया घाट, खम्हरिया घाट, देवरीकला, अमगवां, सगौना, पटोरी, बकला, भटगवां, सरौदा, चनगवां, खखरा, बिलगवां, सुहजनी। (ख) वर्ष 1958 के अनुसार कृषि भूमि का कुल रकबा-4144.18 हे. है एवं आबादी मद का रकबा-32.02 है, अन्य शासकीय मद की भूमि-1230.95 हे. है। विस्तृत जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ग) यह कहना सही नहीं है कि प्रति वर्ष बाढ़ से फसल नष्ट होती है। जिस वर्ष अत्यधिक वर्षा होती है और नदी के तट पर खरीफ फसल लगी होती है तो उसका नुकसान हो सकता है। यह स्वाभाविक है कि नदी के कटाव की वजह से भूमि का क्षय होता है। (घ) वर्तमान समय में कृषि रकबा-4534.88 है, आबादी मद का रकबा 65.44 है, अन्य शासकीय मद की भूमि-943.35 हे. है। विस्तृत जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। यह कहना सही नहीं है कि नदी के कटाव मात्र के कारण यह अन्तर आया है, रकबे में अंतर के अन्य कारण भी है। भूमि के कटाव रोकने, कृषकों को वृक्षारोपण व तट बंधान/वोल्डर चैक बनाने की समझाइश दी जा रही है।
शासकीय भूमि में अतिक्रमण
[राजस्व]
133. ( क्र. 4093 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्राम कापा तहसील मझौली जिला जबलपुर पटवारी हल्का नंबर 37 खसरा नंबर 113 रकबा 0.70 हेक्टेयर शासकीय भूमि राजस्व अभिलेख में किसके नाम दर्ज है? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित शासकीय भूमि पर वर्तमान समय में जवाहर लाल नेहरू शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय इन्द्राना का शाला भवन निर्मित है? यदि हाँ, तो क्या शाला के प्राचार्य द्वारा शाला परिसर एवं उसके आस-पास की भूमि में अतिक्रमण दर्ज करवाया है? (ग) यदि हाँ, तो क्या राजस्व विभाग द्वारा टोटल मशीन से सीमांकन कर मौके पर खसरा नंबर 113 में अतिक्रमण किये जाने की रिपोर्ट पर अतिक्रमणकारियों को बेदखली का नोटिस भेजा गया था? (घ) प्रश्नांश (ग) के उत्तर में यदि हाँ, तो शाला भवन के आस-पास की किस-किस भूमि पर किन-किन द्वारा अतिक्रमण किया गया है एवं प्रश्न दिनांक तक अतिक्रमण न हटाये जाने का क्या कारण है? शासन इन अतिक्रमणों को किस प्रकार से कब तक अतिक्रमण मुक्त कर देगा जिससे अध्ययनरत् छात्र-छात्राओं को आने-जाने में सुविधा हो सके?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
म.प्र. में कोटवारों की वेतन वृद्धि
[राजस्व]
134. ( क्र. 4103 ) श्री उमंग सिंघार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. के राजस्व विभाग में प्रदेश के कोटवारों को प्रतिमाह कितना वेतन दिया जा रहा है? (ख) क्या कोटवारों को विगत कई वर्षों से मजदूरी से भी कम पारिश्रमिक दिया जा रहा है? शासन कोटवारों की वेतन वृद्धि करेगा या नहीं? (ग) क्या कई वर्षों से प्रदेश में राजस्व विभाग में पदस्थ कोटवारों को म.प्र. शासन नियमित करने का कार्य करेगा? (घ) कुशल/अकुशल श्रमिक को दैनिक न्यूनतम मजदूरी शासन द्वारा क्या निर्धारित की गई?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) कोटवारों को प्रतिमाह निम्नानुसार मानदेय प्रदाय किया जा रहा है :- भूमिहीन कोटवार को 2000/-, 3 एकड़ भूमि होने पर 1000/-, 4 से 6 एकड़ भूमि होने पर 600/-, 7 एकड़ भूमि होने पर 400/- (ख) कोटवार पूर्णकालिक शासकीय कर्मचारी नहीं है। कोटवारों को मानदेय दिया जाता है। (ग) उत्तरांश (ख) अनुसार। (घ) श्रम आयुक्त म.प्र. द्वारा दरें निर्धारित की जाती है, जो जिलावार निर्धारित होती है।
पर्यावरण संरक्षण नियमों के विपरीत संचालित डेयरियां
[पर्यावरण]
135. ( क्र. 4113 ) श्री अशोक रोहाणी : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश शासन ने डेयरियों के संचालन व डेयरियों से निकलने वाले अपशिष्ट गोबर, मूत्र के निपटारण व पर्यावरण संरक्षण के लिए कब कौन-कौन से नियम व कानून बनाये हैं। इसमें सजा व अर्थदण्ड का क्या प्रावधान है? (ख) जबलपुर जिले में म.प्र. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से अनापत्ति प्रमाण प्राप्त कितनी डेयरियां संचालित हैं। किन-किन डेयरियों में डेयरियों से निकलने वाले अपशिष्ट गोबर/मूत्र के निपटारण हेतु ट्रीटमेंट प्लांट, जल व वायु संरक्षण हेतु क्या उपाय किये गये है? इसकी जाँच कब-कब किन-किन अधिकारियों ने की है? सूची दें। वर्ष 2015-16 से 2016-17 तक की जानकारी दें? (ग) प्रश्नांश (ख) में पर्यावरण संरक्षण जल व वायु प्रदूषण संबंधी नियमों/मानकों का पालन न करने वाले किन-किन डेयरी संचालकों के विरूद्ध जिला प्रशासन ने कब-कब क्या-क्या कार्यवाही की है? प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड जबलपुर ने किन-किन डेयरी संचालकों को डेयरी बंद करने हेतु कब नोटिस दिये हैं व कब-कब किस-किस पर क्या-क्या कार्यवाही की है? सूची दें। (घ) प्रश्नांश (ख) में अवैध रूप से संचालित किन-किन डेयरी संचालकों के विरूद्ध पुलिस थाने में कब रिपोर्ट दर्ज कराई गई और किन-किन के विरूद्ध न्यायालय में चालान कब प्रस्तुत किया गया?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) पर्यावरण संरक्षण हेतु ''व्यावसायिक डेयरी प्रक्षेत्र हेतु मार्गदर्शी सिद्धांत 2015'' बनाये गये हैं। डेयरियों से उत्पन्न अपशिष्ट गोबर, मूल के निपटारा व पर्यावरण संरक्षण हेतु नियम व कानून तथा सजा व अर्थदंड के प्रावधान संबंधी विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। (ख) मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से जल एवं वायु अधिनियमों के तहत किसी भी डेयरियों द्वारा सम्मति प्राप्त नहीं की गई है, इस संबंध में माननीय मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय, जबलपुर में दायर जनहित याचिका कमंक 1219/1998 विचाराधीन है। मेसर्स मिठ्ठूलाल यादव डेयरी, ग्राम गौरयाघाट, जबलपुर द्वारा दूषित जल के उपचार हेतु ट्रीटमेंट प्लांट लगाया गया है। गोबर का उपयोग कंडे बनाने व ग्राम परियट स्थित बायोगैस आधारित पॉवर प्लांट मेसर्स आर.डी.एम. केयर प्रा.लि. को प्रदाय किया जाता है। वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में जाँच संबंधी विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''स'' अनुसार है (घ) न्यायालयीन कार्यवाही संबंधी विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''द'' अनुसार है।
अस्थायी कर्मचारियों का नियमितीकरण
[श्रम]
136. ( क्र. 4133 ) श्री गोविन्द सिंह पटेल : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. श्रम कल्याण मण्डल भोपाल मुख्यालय में कितने कर्मचारी संविदा, दैनिक वेतन भोगी, अस्थायी कार्यरत हैं? इनके नाम, पद एवं प्रथम नियुक्ति दिनांक की विस्तृत जानकारी देवें। साथ ही मण्डल में कितने-कितने वर्षों से रिक्त हैं? संपूर्ण जानकारी देवें। (ख) मण्डल कार्यालय में ऐसे कितने कर्मचारी है, जो दस वर्षों से अधिक समय से मण्डल मुख्य में कार्यरत हैं एवं अन्य अस्थायी कर्मी कब से कार्यरत हैं? सभी के नाम, पद एवं प्रथम नियुक्ति दिनांक की विस्तृत जानकारी देवें? (ग) क्या मण्डल मुख्यालय में पद रिक्त है, तो उच्चतम न्यायालय के निर्देशानुसार कितने पदों पर अस्थायी कर्मियों को नियमित किया गया है? यदि नहीं, तो क्यों मण्डल में भविष्य निधि से संबंधित कौन सी योजना लागू है? उक्त योजना का लाभ समस्त अस्थायी कर्मियों को दिया जा रहा है यदि नहीं, तो क्यों?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) मण्डल मुख्यालय में वर्तमान में 3 संविदा कर्मचारी एवं 09 दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी कार्यरत हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) मण्डल में दस वर्षों के अधिक समय से कार्यरत नियमित कर्मचारियों के नाम, पद एवं नियुक्ति दिनांक की वांछित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। मण्डल मुख्यालय में 10 वर्षों से अधिक समय से (संविदा/दैनिक वेतन भोगी) 07 कर्मचारी सेवारत है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (ग) मण्डल में सेवारत संविदा व अस्थायी सभी कर्मचारियों के नियमितीकरण के लिये शासन द्वारा 6 सदस्यों की समिति बनाई गई है, जिसके द्वारा कार्यवाही निरंतरित है। समिति गठन आदेश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार है। वर्तमान में मण्डल का पुर्नगठन नहीं किया गया है। मण्डल पुर्नगठन के बाद भविष्य निधि से सम्बन्धित योजना का लाभ देने हेतु प्रस्ताव मण्डल के समक्ष रखा जावेगा, मण्डल के निर्णय अनुसार कार्यवाही की जा सकेगी।
आवेदन एवं प्रस्ताव पर विभाग की कार्यवाही
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
137. ( क्र. 4134 ) श्री गोविन्द सिंह पटेल : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नरसिंहपुर जिले के गाडरवारा विधान सभा के वर्तमान में कितने ग्रामों एवं मझरे-टोलों में मापदण्ड के अनुसार पेय-जल योजनाएं चालू हैं तथा मापदण्ड के अनुसार हैण्डपम्पों की और आवश्यकता है? (ख) प्रश्न दिनांक तक जनप्रतिनिधियों द्वारा पंचायतों द्वारा एवं जनता के द्वारा कितनी जल योजनाएं एवं कितने हैण्डपम्प लगाने हेतु आवेदन एवं प्रस्ताव प्राप्त हुये उन पर विभाग ने क्या कार्यवाही की है? (ग) क्या जो पेज-यल योजनाएं एवं हैण्डपम्प जो अभी तक बंद है उनको चालू किये जाने हेतु विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की? स्पष्ट जानकारी देवें?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) 56 ग्रामों में, 56 नल-जल योजनाएं एवं 390 ग्रामों/मजरों में 2427 हैण्डपम्प योजनाएं क्रियाशील हैं तथा 46 आंशिक पूर्ण ग्रामों/मजरों में 64 हैण्डपम्पों की आवश्यकता है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जून 2017 तक अधिक से अधिक बंद नल-जल योजनाओं को 'नल से जल, आज और कल' कार्यक्रम के अंतर्गत विभाग चालू करवाने हेतु प्रयासरत् हैं। बंद हैण्डपम्पों को सतत् सुधार प्रकिया के अंतर्गत चालू किया जाता है।
निजी भूमि को शासकीय भूमि से मुक्त किया जाना
[राजस्व]
138. ( क्र. 4144 ) श्री सुरेन्द्रनाथ सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्राम अगरिया चोपड़ा तह. व जिला रायसेन की भूमि ख.क्र. 28/1, रकबा 2.88 एकड़ सिलिंग प्रावधान अनुसार शासकीय अभिलेख में शासकीय भूमि के रूप में दर्ज थी, तो कब तक और यदि हटाई गई है तो क्यों? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में यदि उक्त भूमि शासकीय है, तो किस अधिकारी द्वारा किस आधार पर किस दिनांक को किस आदेश से और यह शासकीय भूमि किन कृषकों की घोषित की गई? उनकी नामवार, खसरावार और कितने एकड़ हैं? जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अंतर्गत सिलिंग के आदेश दि. 31.03.1997 द्वारा भूमि के संबंध में राजस्व विभाग के ज्ञा. क्र. एफ-30/333/2014/सात-भोपाल दि.15.05.2015 के आदेश में कृषि जोत उच्चतम सीमा अधिनियम 1960 में घोषित करवाना क्या विधि विरूद्ध माना गया है? यदि हाँ, तो फिर प्रश्नांश (क) उल्लेखित खसरा क्र. के अतिरिक्त अन्य आस-पास के खसरों को इस प्रक्रिया से मुक्त क्यों नहीं किया गया? (घ) प्रश्नांश (ग) अंतर्गत उल्लेखित ज्ञाप सभी धारकों पर लागू हो गया, यदि हाँ, तो शेष कृषकों की भूमि को मुक्त करने की कार्यवाही क्यों नहीं की गई? और कब तक इन्हें मुक्त किया जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
प्रदेश में किसानों द्वारा की गई आत्महत्याएं
[गृह]
139. ( क्र. 4154 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पुलिस मुख्यालय में उपलब्ध जानकारी के अनुसार माह जनवरी 2014 से प्रश्न दिनांक तक ग्वालियर संभाग में कितने किसानों या खेतीहर मजदूरों द्वारा आत्महत्याएं की गई है? वर्षवार एवं जिलेवार संख्या बताएं। (ख) उक्त आत्महत्याओं के क्या-क्या कारण रहे हैं? (ग) कर्ज के कारण कितने किसानों एवं मजदूरों द्वारा उक्त अवधि में आत्महत्याएं की गई है? मृत व्यक्तियों की सूची दें।
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) से (ग) कर्ज के कारण किसानों एवं खेतीहर मजदूरों द्वारा आत्महत्याएं नहीं की गई हैं। जानकारी एकत्रित की जा रही है।
ग्रामीण पेय-जल योजना स्वीकृति
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
140. ( क्र. 4169 ) श्री अनिल जैन : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या विधान सभा क्षेत्र निवाड़ी की सभी ग्राम पंचायतों में ग्रामीण पेय-जल योजना स्वीकृत की गयी है, यदि हाँ, तो इस योजना में सम्मिलित ग्राम पंचायतों के नाम एवं स्वीकृत राशि बताई जावे? (ख) उक्त योजना कब तक प्रारंभ की जाकर निर्माण कार्य कब तक पूर्ण किये जा सकेंगे?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी नहीं, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
हैण्डपम्प संधारण
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
141. ( क्र. 4245 ) श्री रामसिंह यादव : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या वर्ष 2016-17 में विधान सभा क्षेत्र कोलारस के अंतर्गत कार्यरत हैण्डपम्प संधारण का कार्य दिया गया है? यदि हाँ, तो विकासखण्ड बदरवास एवं कोलारस में कुल कितने हैण्डपम्प है? इनमें से कितने हैण्डपम्प संधारण का कार्य किन-किन फर्मों को दिया गया है? (ख) उक्त फर्म/ठेकेदारों ने बदरवास एवं कोलारस विकासखण्ड में कितने हैण्डपम्पों का सुधार किया एवं कितने हैण्डपम्प सुधार कर बिल कब भुगतान हेतु संबंधित कार्यालय में प्रस्तुत किए गए? इसमें से कितने बिलों को भुगतान कब-कब किया गया? यदि भुगतान नहीं किया गया तो क्यों? (ग) क्या संबंधित फर्म/ठेकेदार को जून 2016 से प्रश्न दिनांक तक हैण्डपम्प संधारण का कोई बिल भुगतान नहीं किया है? इसलिए कोलारस विधान सभा क्षेत्र के हैण्डपम्प नहीं सुधारे जा रहे है? यदि नहीं, तो हैण्डपम्प क्यों खराब है? (घ) शिवपुरी जिले को वर्ष 2016-17 में प्रश्न दिनांक तक कितनी धनराशि किस उद्देश्य हेतु कब-कब प्राप्त हुई? उक्त राशि कितनी-कितनी किसे एवं किस कार्य हेतु भुगतान की गई?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी हाँ। विकासखण्ड बदरवास एवं कोलारस में क्रमशः 1042 एवं 1007 हैण्डपम्प हैं। विकासखण्ड बदरवास के 1042 हैण्डपम्पों का संधारण कार्य मे. पुष्पेन्द्र शर्मा, ठेकेदार, राघवेन्द्र नगर, शिवपुरी को दिया है तथा विकासखण्ड कोलारस के हैण्डपम्पों का संधारण कार्य विभागीय अमले द्वारा किया जा रहा है। (ख) 152 हैण्डपम्पों का सुधार किया जाकर दिनांक 29.8.2016 को एवं 31.12.2016 को बिल भुगतान हेतु प्रस्तुत किये गये, जिनका क्रमशः दिनांक 13.02.2017 एवं 14.02.2017 को भुगतान किया गया। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। खराब हैण्डपम्पों का सुधार कार्य सतत् संधारण प्रक्रिया के तहत् किया जा रहा है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं 2 अनुसार है।
रिक्त राजस्व भूमि
[राजस्व]
142. ( क्र. 4246 ) श्री रामसिंह यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कोलारस विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत कहाँ-कहाँ पर कौन-कौन सी कितनी-कितनी राजस्व भूमि रिक्त है? (ख) क्या कोलारस विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत कई ग्रामों में नवीन तालाब निर्माण हेतु उपयुक्त शासकीय भूमि एवं स्थान उपलब्ध है? यदि हाँ, तो वह कहाँ-कहाँ पर किन-किन सर्वे नंबर में कितनी-कितनी उपलब्ध है? (ग) क्या सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बदरवास में नवीन 30 बिस्तरीय अस्पताल के लिए शासकीय भूमि आवंटित करने हेतु कोई अनुरोध पत्र प्राप्त हुआ है? यदि हाँ, तो उक्त भूमि कब तक, कहाँ पर एवं कितनी आवंटित की जावेगी? (घ) क्या कोलारस नगर में बस स्टैण्ड निर्माण हेतु भूमि आवंटित करने की कार्यवाही प्रचलित है? यदि हाँ, तो कोलारस बस स्टैण्ड हेतु भूमि कब तक उपलब्ध करायी जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
मजरे-टोले और राजस्व ग्राम की जानकारी
[राजस्व]
143. ( क्र. 4285 ) श्री मुकेश पण्ड्या : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़नगर विधान सभा क्षेत्र में ऐसे कितने ग्राम हैं, जिनमें मजरे-टोले और राजस्व ग्राम के प्रस्ताव विचाराधीन है, उन पर आज दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई है? (ख) राजस्व विभाग द्वारा कितने मजरे-टोले और राजस्व ग्राम को चिहिन्त किया गया है? 2015-16 के बाद ऐसे कितने प्रस्ताव विचाराधीन है तथा कितने ग्राम इनके अंतर्गत आ जायेगें तथा उनको मिलने वाली सुविधा कब तक प्राप्त हो जायेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) बड़नगर विधान सभा क्षेत्र में 2 मजरे-टोले सावंतपुरा एवं अर्जुनखेड़ी के प्रस्ताव विचाराधीन थे। मजरे-टोले का कार्य पूर्ण होकर कलेक्टर उज्जैन के आदेश क्रमांक 443/भू.अ./रा.नि./2017 दिनांक 31.01.2017 से उक्त दोनों ग्रामों को राजस्व ग्राम घोषित किया जा चुका है। (ख) वर्तमान में ऐसे कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
बड़े ग्राम में पुलिस चौकियां स्थापित की जाना
[गृह]
144. ( क्र. 4286 ) श्री मुकेश पण्ड्या : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़नगर विधान सभा क्षेत्र में बड़े ग्राम जिनकी जनसंख्या 5000 से अधिक है, उन ग्रामों में पुलिस चौकियां स्थापित करने की कोई योजना इस वित्तीय वर्ष में है? (ख) क्या बड़नगर विधान सभा क्षेत्र में पुलिस चौकी खोलने संबंधित कोई प्रस्ताव जन प्रतिनिधियों ने दिये है? यदि हाँ, तो उस पर क्या कार्यवाही की गई है और यदि नहीं, की गई तो कब की जावेगी?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी नहीं। (ख) प्रस्ताव पुलिस अधीक्षक उज्जैन से प्राप्त हुआ था। जो कि निर्धारित मापदण्ड के अनुरूप नहीं पाये जाने से अमान्य किया गया।
नक्शा डिजीटाईजेशन
[राजस्व]
145. ( क्र. 4288 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन संभाग के जिलो में कितने ग्रामों की कृषि भूमी के नक्शों (अक्श) का डिजिटाईजेशन हुआ है और कितने शेष है? शेष रहने का कारण क्या है? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित नक्शों में बडी संख्या में नक्शा तरमीम होना शेष है, जिससे कृषकों को कम्प्यूटरीकृत नक्शे की प्रतिलिपि प्राप्त नहीं होती है। वर्तमान में शाजापुर जिले में कितने नक्शे तरमीमे की जाना है? गांववार/तहसीलवार जानकारी उपलब्ध करावें। लंबित तरमिमें कब तक कर ली जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) संभाग के सभी 7 जिलों के 6088 ग्रामों का डिजिटाईजेशन हुआ है। 181 ग्रामों की कृषि भूमि के नक्शे डिजिटाईजेशन से शेष है। नक्शाविहीन, जीर्ण-शीर्ण एवं मजरा टोलों को राजस्व ग्राम बनाने के कारण इनका डिजिटाईजेशन नहीं हुआ है। (ख) वेब बेस्ड जी.आई.एस. एप्लीकेशन में खसरे के अनुरूप नक्शा तरमीम को अनिवार्य बनाया गया है। जिलों द्वारा नक्शे तरमीम किए जा रहे हैं। ऐसे सर्वे नम्बर जिनके नक्शे, खसरे के अनुरूप अद्यतन नहीं हैं, एप्लीकेशन से सर्वे नम्बर को तरमीम कर कृषकों को नक्शें की कम्प्यूटरीकृत प्रतिलिपि उपलब्ध करायी जा रही है। वर्तमान में शाजापुर जिले के 629 ग्रामों के नक्शों में 4,31,144 सर्वे नम्बरों में तरमीम होना शेष है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। लंबित तरमीम शीघ्र पूर्ण कराने का कार्य चल रहा है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
नवीन पशु औषधालय की स्थापना
[पशुपालन]
146. ( क्र. 4290 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शाजापुर जिले में पशु औषधालय कहाँ-कहाँ है एवं उनमें कौन-कौन से डॉक्टर पदस्थ हैं? सूची देवें? (ख) क्या शाजापुर जिले के ग्राम पोचानेर के मवेशी पालकों द्वारा पशु औषधालय खोलने की मांग की जा रही है? यदि हाँ, तो क्या उपसंचालक पशु स्वास्थ्य सेवाएँ जिला शाजापुर द्वारा ग्राम पोचानेर में नवीन पशु औषधालय प्रारंभ करने का प्रस्ताव प्राप्त हुआ? यदि हाँ, तो क्या ग्राम पोचानेर में पशु औषधालय खोला जावेगा और कब तक?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) जी हाँ। जी हाँ। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं।
तहसीलों में राजस्व के लम्बित प्रकरण
[राजस्व]
147. ( क्र. 4304 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले की चन्दला विधान सभा क्षेत्र के अन्तर्गत तहसीलों में वर्ष 2014-15,15-16,16-17 से प्रश्न दिनांक तक कितने म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 36 के अन्तर्गत आने वाले राजस्व प्रकरण लम्बित हैं। (ख) प्रश्नाश (क) अनुसार उक्त तहसीलों में कितने प्रकरणों में तीन से अधिक पेशियां बढ़ाकर जनता को परेशान किया गया है। सूची उपलब्ध करावें। (ग) क्या तीन से अधिक तारीखें/पेशी बढाने पर विरोधी पक्षकार को क्षतिपूर्ति के रूप में भत्ता (खर्चा) दिलवाया गया है यदि नहीं, तो क्यों पक्षकार की इस आर्थिक हानि के लिये कौन से अधिकारी जिम्मेवार है। (घ) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) अनुसार दोषी पाये गये अधिकारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही कब तक की जावेगी।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
नीलगायों व आवारा पशुओं से हुये नुकसान का मुआवजा
[राजस्व]
148. ( क्र. 4305 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला छतरपुर की चन्दला विधान सभा क्षेत्र के अन्तर्गत तहसीलों में सन् 2014-15,15-16, 16-17 से प्रश्न दिनांक तक नीलगायों एवं आवारा पशुओं से हुये नुकसान के संबंध में कितने आवेदन प्राप्त हुये। आवेदक का नाम व पता सहित सूचीवार जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या राजस्व विभाग में हुये नुकसान का मुआवजा देने का प्रावधान है, यदि हाँ, तो क्या प्रावधान है? प्रति उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार प्राप्त आवेदनों में किन-किन अधिकारियों द्वारा किन-किन दिनांकों को जाँच की गयी जाँच में कृषकों का कितना नुकसान हुआ? क्या जाँच किसान की उपस्थिति में करायी गयी। (घ) यदि कृषकों के नुकसान मुआवजा नहीं दिया गया, तो इसके लिये कौन अधिकारी/कर्मचारी दोषी हैं। दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही व कब तक की जावेगी।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जिला छतरपुर की चंदला विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत तहसीलों में सन 2014-15, 2015-16 एवं 2016-17 से प्रश्न दिनांक तक नीलगायों से हुई फसल क्षति के संबंध में कोई आवेदन प्राप्त नहीं हुये है। आवारा पशुओं से हुई फसल क्षति के संबंध में आर.बी.सी 6-4 में अनुदान सहायता राशि दिये जाने का प्रावधान नहीं है। शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता। (ख) जी हाँ। आर.बी.सी 6-4 में प्रावधान है, प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (क) उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उद्भूत नहीं होता। (घ) प्रश्नांश (क) उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उद्भूत नहीं होता।
डिमॉस्ट्रेटर को राजपत्रित वर्ग का लाभ दिया जाना
[तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास]
149. ( क्र. 4310 ) श्रीमती शीला त्यागी : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पूर्ण उत्तर के खण्ड 8 में पृष्ठ 63 पर मुद्रित, दिनांक 29 मार्च 2016 के अतारांकित प्रश्न सं.-88 (क्र. 7464) के प्रश्नांश (ग) के अंश में सहायक ग्रेड-2 के वेतनमान एवं भण्डार लिपिक के वेतनमान का अंतर तथा इंजीनियरिंग महाविद्यालय के डिमॉस्ट्रेटर को राजपत्रित वर्ग-2 का लाभ एवं पॉलिटेक्निक के डिमॉस्ट्रेटर को तृतीय वर्ग श्रेणी के कर्मचारी में रखा गया है ऐसी विसंगति क्यों? बतायें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में उक्त वेतन विसंगति तथा पॉलिटेक्निक के डिमॉस्ट्रेटरों को राजपत्रित वर्ग-2 का लाभ कब तक दिया जावेगा?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक जोशी ) : (क) म.प्र.शासन, सामान्य प्रशासन विभाग (वेतन आयोग प्रकोष्ठ) मंत्रालय, भोपाल के ज्ञाप क्रं. एफ 2-6/1/वेआप्र/96, दिनांक 5/17 अक्टूबर 2006 के द्वारा भंडार लिपिक को सहायक ग्रेड-2 के सामन वेतनमान दिया जा चुका है। सहायक ग्रेड-2 एवं भंडार लिपिक का वेतनमान एक समान होने के कारण अब दोनों पदों में कोई वेतन विसंगति नहीं है। जहाँ तक डिमॉस्ट्रेटर के पदों को राजपत्रित घोषित करने का प्रश्न है, तो उल्लेखनीय है कि वर्तमान में इंजीनियरिंग एवं पॉलिटेक्निक महाविद्यालयों में डिमॉस्ट्रेटरों को तृतीय श्रेणी अलिपिकीय संवर्ग में ही रखा गया है, इन्हें राजपत्रित वर्ग-2 घोषित नहीं किया गया है। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
भूमि नामंकन में सुधार
[राजस्व]
150. ( क्र. 4311 ) श्रीमती शीला त्यागी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 24 फरवरी 2016 के अता. प्रश्न संख्या-102 (क्र.-1486) में चाही गयी जानकारी के जवाब में उत्तर दिया गया है कि जानकारी एकत्रित की जा रही है, तो एकत्रित जानकारी कब तक उपलब्ध करा दी जावेगी, समय-सीमा बतायें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में जानकारी एकत्र करने की कार्यवाही में हुये बिलंब के लिए कौन जिम्मेदार है? उसके विरूद्ध दण्डात्मक कार्यवाही की जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
भवन संनिर्माण श्रमिकों का पंजीयन
[श्रम]
151. ( क्र. 4317 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन/विभाग द्वारा भवन संनिर्माण मजदूरों के पंजीयन के क्या नियम/निर्देश हैं? निर्माण श्रमिकों की श्रेणी में क्या-क्या कार्य करने वाले श्रमिकों को रखा गया है? (ख) प्रश्नांश (क) के तहत भवन संनिर्माण मजदूरों के पंजीयन के लिये क्या पंजीकृत शासकीय ठेकेदार का प्रमाणीकरण आवश्यक है? अथवा मजदूर का शपथ-पत्र/स्व-प्रमाणीकरण या भवन स्वामी द्वारा किये गये प्रमाणीकरण या वार्ड पार्षद/ग्राम पंचायत के सरपंच/सचिव के प्रमाणीकरण के आधार पर भी पंजीयन किया जाता है? (ग) प्रश्नांश (ख) विकासखण्ड कटनी में वर्ष-2014-15 से प्रश्न दिनांक तक भवन संनिर्माण मजदूर पंजीयन हेतु कितने व्यक्तियों के आवेदन वर्षवार प्राप्त हुये? कितने व्यक्तियों/आवेदनों को पात्र पाया गया एवं कितने व्यक्तियों/आवेदनों को किन-किन कारणों से अपात्र पाया गया? (घ) प्रश्नांश (ग) क्या अपात्र पाये गये अनेक आवेदनों में आवेदकों द्वारा स्वयं का शपथ-पत्र दिया गया था एवं भवन स्वामी/वार्ड पार्षद/सरपंच/सचिव का प्रमाणीकरण भी प्रस्तुत किया गया था? यदि हाँ, तो इस प्रकार के आवेदनों को किस आधार पर निरस्त किया गया? (ड.) प्रश्नांश (ख) से (घ) क्या शासन द्वारा निर्माण श्रमिकों के पंजीयन के सुस्पष्ट नियम एवं मार्गदर्शन हेतु निर्देश जारी किये जायेंगे, यदि हाँ, तो किस प्रकार एवं कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल के अंतर्गत निर्माण श्रमिकों के पंजीयन हेतु भवन एवं संनिर्माण कर्मकार (नियोजन तथा सेवा शर्तों का विनियमन) अधिनियम, 1996 की धारा-12 के अंतर्गत पंजीयन के लिए निर्माण श्रमिक की आयु 18 वर्ष से 60 वर्ष के बीच होना चाहिए तथा पिछले 12 माहो में कम से कम 90 दिन निर्माण क्षेत्र में कार्य करना अनिवार्य हैं। प्रथम बार 5 वर्ष के लिए पोर्टल के माध्यम से ऑन-लाईन आवेदन करने पर 5 रूपये नगद भुगतान कर पंजीयन किया जा सकेगा एवं निरंतरण हेतु 10 रूपये शुल्क निर्धारित किया गया हैं। राजपत्र में प्रकाशित निर्माण श्रमिकों के कार्यों की श्रेणी की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल के अंतर्गत निर्माण कार्यों में लगे मजदूरों के पंजीयन के लिये पंजीकृत शासकीय ठेकेदार का प्रमाणीकरण आवश्यक नहीं है। निर्माण कार्य में लगे मजदूर द्वारा स्वयं के दिये शपथ-पत्र/स्व-प्रमाणीकरण या भवन स्वामी द्वारा किये गये प्रमाणीकरण या वार्ड पार्षद/ग्राम पंचायत के सरपंच/सचिव के प्रमाणीकरण के आधार पर जाँच उपरांत पात्र पाये जाने पर निर्माण श्रमिक का पंजीयन किया जाता हैं। (ग) म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल के अंतर्गत प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में विकासखण्ड कटनी में वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक पंजीयन हेतु कुल प्राप्त, पात्र, अपात्र आवेदनों का विवरण निम्नानुसार हैः-
क्रं वर्ष प्राप्त
आवेदन पात्र अपात्र
1 2014-15 40 5 35
2 2015-16 103 33 70
3 2016-17 (जनवरी
2017 की स्थिति
में) 389 349 40
जिन निर्माण श्रमिकों द्वारा पिछले 12 माह में 90 दिवस से कम कार्य करने, शपथ-पत्र प्रस्तुत न करने अथवा जाँच उपरांत निर्माण श्रमिक नहीं पाये जाने की स्थिति में अपात्र हुए है। (घ) जी हाँ। प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में अपात्र पाये गये आवेदनों में से आवेदकों द्वारा स्वयं का शपथ-पत्र दिया गया था एवं भवन स्वामी/वार्ड पार्षद/सरपंच/सचिव का प्रमाणीकरण भी प्रस्तुत किया गया था, पिछले 12 माह में 90 दिन मजदूरों के कार्य प्रमाणित न होने एवं जाँच में अपात्र पाये जाने के कारण आवेदन निरस्त किया गया है। (ड.) प्रश्नांश (ख) से (घ) के परिप्रेक्ष्य में म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल के अंतर्गत निर्माण कार्य में लगे निर्माण श्रमिकों के पंजीयन हेतु पूर्व से ही नियम व निर्देश प्रचलन में है, अतः नवीन मार्गदर्शन एवं निर्देश जारी किए जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विभागीय कार्यों का मूल्यांकन एवं कार्यवाही
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
152. ( क्र. 4319 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रश्नकर्ता सदस्य के अता. प्रश्न क्रमांक-3325 दिनांक 19/07/2016 के प्रश्नांश (ग) के उत्तर अनुसार कार्यक्रमों में शामिल शासकीय सेवकों एवं जनप्रतिनिधियों के नाम एवं पदनाम प्रत्येक आयोजित कार्यक्रमवार बतायें। (ख) क्या प्रश्न क्रमांक-3325 दिनांक 19/07/2016 के प्रश्नांश (घ) का उत्तर जी नहीं दिया गया था तो बतायें कि मध्यप्रदेश शासन सामान्य प्रशासन विभाग मंत्रालय का पत्र क्रमांक-एफ-II-03/2016/1/9 भोपाल 04/02/2016 में विभाग को क्या निर्देश दिये गये थे एवं इसके पालन में क्या कार्यवाही, किस प्रकार की जानी थी? पत्र के निर्देशों पर प्रश्न दिनांक तक की गई कार्यवाही बतायें तथा संदर्भित प्रश्न के (घ) भाग में ''प्रक्रिया में तृतीय पक्ष से आकलन का प्रावधान नहीं होने'' का उत्तर किस आधार पर दिया गया और शासन के निर्देशों का पालन न होने के क्या कारण रहे एवं इसके लिये कौन-कौन जिम्मेदार है? क्या इस पर कार्यवाही की जायेगी? (ग) कार्यालय संचालक राज्य जल मिशन द्वारा जारी अभिरूचि की अभिव्यक्ति के पत्र दिनांक-23/06/2015 के बिन्दु क्रमांक-2.0 की अपेक्षाओं का कटनी जिले में विगत तीन वर्षों में क्या और किस प्रकार आकलन किया गया? कार्यक्रमों के आयोजनों के क्या-क्या प्रभाव रहे? कार्यक्रम/ग्राम/वर्षवार बतायें।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) विभागीय कार्य योजनाओं एवं कार्यक्रमों का तृतीय पक्ष (बाह्य) मूल्यांकन कराने के निर्देश हैं। निर्माण कार्यों का तृतीय पक्ष मूल्यांकन हेतु एजेन्सी नियुक्त करने की प्रक्रिया का निर्धारण किया जा रहा है। प्रचार-प्रसार/सहायक गतिविधियों का प्रभाव दूरगामी होता है। प्रचार-प्रसार एवं सहायक गतिविधि का स्वरूप निर्माण कार्य से भिन्न है, गतिविधि सम्पन्न होने के पश्चात् इसका इसका तृतीय पक्ष से आंकलन निर्माण कार्यों के सदृश नहीं किया जा सकता है। अतः विभाग की इन गतिविधियों हेतु ''अभिरूचि की अभिव्यक्ति'' परिपत्र दिनांक 23.6.2015 में तृतीय पक्ष से मूल्यांकन का प्रावधान नहीं रखा गया था। इस कारण प्रक्रिया में तृतीय पक्ष से आंकलन का प्रावधान नहीं होने से कोई जिम्मेदार नहीं है अतः कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) परिपत्र दिनांक 23.6.2015 को जारी करने के पश्चात तीन वर्ष व्यतीत नहीं हुए हैं, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
अवैध चरस, अफीम तथा गांजे के प्रकरणों की जानकारी
[गृह]
153. ( क्र. 4323 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बालाघाट जिले में विगत 3 वर्षों में अवैध चरस, अफीम तथा गांजे के कुल कितने प्रकरण दर्ज हुए तथा उनमें से कितने पर चार्ज शीट हुई? नाम सहित बतायें तथा कितने प्रकरणों में सजा हुई है? (ख) उक्त प्रकरणों में ऐसे कितने प्रकरण हैं, जिसमे राजपत्रित पुलिस अधिकारियों द्वारा ही एफ.आई.आर लिखी गई तथा छापमार कार्यवाही की गई? (ग) क्या एन.डी.पी.एस के तहत ऐसे मामलों में राजपत्रित पुलिस अधिकारियों द्वारा ही एफ.आई.आर. लिखने तथा छापामार कार्यवाही करने के प्रावधान है?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। विगत 03 वर्ष में कुल 16 प्रकरण दर्ज कर 13 प्रकरणों में चार्जशीट हुई है एवं 03 प्रकरण पुलिस के स्तर पर पेण्डिंग है। 02 प्रकरणों में सजा हुई एवं 11 प्रकरण न्यायालय में विचाराधीन है। (ख) 01 प्रकरण में राजपत्रित पुलिस अधिकारी श्री शशिकांत सरयाम (उप पुलिस अधीक्षक) द्वारा एफ.आई.आर लिखी गई है तथा छापामार कार्यवाही की गई। (ग) एन.डी.पी.एस. के प्रकरणों में राजपत्रित अधिकारी (पुलिस) द्वारा एफ.आई.आर. लिखने तथा छापामार कार्यवाही करने का प्रावधान है, उक्त प्रकरणों में इनके अलावा निरीक्षक, उप निरीक्षक, सहायक उप निरीक्षक द्वारा भी एफ.आई.आर. लिखने तथा छापामार कार्यवाही करने का प्रावधान है।
विभाग की विभिन्न योजनाएं तथा प्रदेश में दुग्ध उत्पादन की स्थिति
[पशुपालन]
154. ( क्र. 4324 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र लांजी में विभाग की चल रही विभिन्न योजनाओं की जानकारी दें? (ख) विगत 3 वर्षों में बालाघाट जिले में पशुपालन को बढ़ावा देने विभाग द्वारा उठाये गये कदमों की जानकारी दें? (ग) जिले में दुग्ध उत्पादन की जानकारी विगत तीन वर्षों की उपलब्ध करावें? (घ) बालाघाट जिले में गौ-शालाएं कहाँ-कहाँ हैं? क्या लांजी विधान सभा क्षेत्र में गौ-शाला प्रारंभ की जायेगी?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार। (घ) बालाघाट जिले में वर्तमान में क्रमश: तीन गौ-शालाएं गौवंश रक्षण समिति वारासिवनी, मातृ शक्ति गौ-शाला चांगोटाला, सुरभि गौ-शाला पशुधन एवं गौ-संवर्धन समिति कारंजा पंजीकृत है। लांजी विधान सभा क्षेत्र में स्वयं-सेवी संस्था द्वारा सुरभि गौ-शाला पशुधन एवं गौ-संवर्धन समिति कारंजा पंजीकृत है।
नवीन पॉलीटेक्निक कॉलेज में पदों की स्थिति
[तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास]
155. ( क्र. 4327 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजगढ़ जिले की विधान सभा क्षेत्र राजगढ़ के जिला मुख्यालय पर नवीन पॉलीटेक्निक कॉलेज स्वीकृत किया गया है? यदि हाँ, तो कब आदेश की प्रति उपलब्ध करावेंl (ख) क्या उक्त्त पॉलीटेक्निक कॉलेज नवीन भवन में संचालित हो रहा है? यदि हाँ, तो कब से? उक्त भवन की निर्माण एजेन्सी का नाम लागत राशि सहित बतावें? (ग) उक्त पॉलीटेक्निक कॉलेज में वर्तमान में कौन-कौन सी ब्रांच की कक्षाएं संचालित हो रही है? उनमें कितने-कितने बच्चे अध्ययनरत् है? बतावें। (घ) उक्त पॉलीटेक्निक कॉलेज में कुल कितने पद स्वीकृत हैं तथा कितने रिक्त हैं और कितने कार्यरत हैं? कार्यरत अधिकारियों/कर्मचारियों के नाम, पदनाम, नियुक्ति दिनांक वर्तमान पदस्थापना सहित बतावें?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक जोशी ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) कॉलेज नवीन भवन में दिनांक 30.06.2016 से संचालित हो रहा है। मध्यप्रदेश गृह निर्माण एवं अधोसंरचना विकास मण्डल, भोपाल। लागत राशि रूपये 787.00 लाख है। (ग) 1. सिविल इंजी. संख्या-164 छात्र 2. इलेक्ट्रॉनिक्स एवं टेली.-69 छात्र। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
खुजनेर को तहसील का दर्जा दिया जाना
[राजस्व]
156. ( क्र. 4328 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्तमान में राजगढ़ जिले में कितनी तहसील हैं? क्या वर्तमान में राजगढ़ जिले में कोई नवीन तहसील बनाई गई है? यदि हाँ, तो कब तथा कौन सी? (ख) क्या विधान सभा क्षेत्र राजगढ़ के महत्वपूर्ण नगर खुजनेर जो कि नगर परिषद् होकर महत्वपूर्ण कृषि उपज मण्डी भी है, के निवासियों तथा उसके आस-पास के ग्रामों के लोगों विशेषकर बच्चों तथा बुजुर्गों को लगभग 35 से 40 किलोमीटर की दूरी तय कर तहसील कार्यालय राजगढ़ नहीं आना जाना पड़ता है? (ग) क्या इतनी दूर आने जाने में लोगों के समय एवं धन की बर्बादी नहीं होती है? (घ) क्या जनता की सुविधा को ध्यान में रखते हुये राजगढ़ जिले की जिला मुख्यालय की विधान सभा क्षेत्र राजगढ़ के महत्वपूर्ण नगर खुजनेर जो कि वर्तमान में टप्पा कार्यालय है, को तहसील का दर्जा दिया जावेगा यदि हाँ, तो कब तक?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) वर्तमान में राजगढ़ जिले में 07 तहसील हैं। वर्तमान में राजगढ़ जिले में कोई नवीन तहसील नहीं बनाई गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नहीं। (ग) (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) तहसील बनाने के संबंध में कोई प्रस्ताव नहीं है।
विधान सभा क्षेत्र नरसिंहपुर में जारी शस्त्र लायसेंस
[गृह]
157. ( क्र. 4335 ) श्री जालम सिंह पटेल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र नरसिंहपुर में विगत 2 वर्षों में कितने शस्त्र लायसेंस जारी किए गये? (ख) शस्त्र लायसेंस बनवाने में कितनी प्रक्रियाओं से आवेदक को गुजरना पड़ता है? बिन्दुवार जानकारी देवें। (ग) क्या शस्त्र लायसेंस बनवाने की प्रक्रिया का सरलीकरण नहीं किया जा सकता?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) विधान सभा क्षेत्र नरसिंहपुर में विगत 2 वर्षों में कुल 66 शस्त्र लायसेंस जारी किये गये हैं। (ख) आयुध नियम 2016 में प्रक्रिया वर्णित है। (ग) शस्त्र लायसेंस का प्रदाय भारत सरकार द्वारा जारी आयुध अधिनियम/नियम के अनुसार किया जाता है।
सहायक ग्रेड 1,2,3, के रिक्त एवं स्वीकृत पद
[राजस्व]
158. ( क्र. 4336 ) श्री जालम सिंह पटेल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नरसिंहपुर जिले में कितने सहायक ग्रेड 1,2,3, के पद स्वीकृत हैं? ग्रेडवार जानकारी प्रदान करें। (ख) कितने पदों पर सहायक ग्रेड 1,2,3, कार्यरत हैं? ग्रेडवार जानकारी प्रदान करें। (ग) कितने पद रिक्त हैं? (घ) उक्त रिक्त पद कब तक भर लिये जावेंगे?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) नरसिंहपुर जिले में राजस्व विभाग के अंतर्गत स.ग्रे-1 के 02 पद, स.ग्रे-2 के 36 पद, स.ग्रे-3 के 63 पद स्वीकृत हैं। (ख) स.ग्रे-1 के 01 पद, स.ग्रे-2 के 22 पद व स.ग्रे-3 के 54 पद पर कार्यरत हैं। (ग) स.ग्रे-1 के 01 पद, स.ग्रे-2 के 14 पद व स.ग्रे-3 के 09 पद रिक्त हैं। (घ) समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं।
जिला बैतूल में विभाग द्वारा किये गये कार्य
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
159. ( क्र. 4342 ) श्री चन्द्रशेखर देशमुख : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विगत वर्षों 2014-15, 2015-16 एवं 2016-17 में विभाग द्वारा कितनी-कितनी राशि बैतूल जिले को आवंटित की गयी? (ख) उपरोक्तानुसार कब-कब कितनी-कितनी राशि, व्यय की गयी वर्षवार, जानकारी दें। (ग) मुलताई विधान सभा क्षेत्र के लिये आगामी ग्रीष्मकाल के दृष्टिगत सम्भावित पेय-जल संकट से निपटने के लिये शासन को क्या कार्ययोजना/प्रस्ताव भेजे गये है? यदि नहीं, भेजे गये तो कब और कौन से कार्ययोजना/प्रस्ताव शासन को भेजें जायेंगे?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) बैतूल जिले को वर्ष 2014-15 में रूपये 3384.26 लाख, 2015-16 में रूपये 3011.41 एवं 2016-17 में रूपये 587.47 लाख की राशि आवंटित की गई है। (ख) वर्ष 2014-15 में रूपये 3058.19 लाख, 2015-16 में रूपये 2662.61 एवं 2016-17 में रूपये 578.13 लाख की राशि व्यय की गई है। (ग) जिला बैतूल के लिये आगामी ग्रीष्मकाल (माह अप्रैल से जून 2017) हेतु नल-कूप खनन कर पेय-जल उपलब्ध करवाने हेतु हैण्डपम्प स्थापना, स्थापित हैण्डपम्पों में राईजर पाईप बढ़ाने एवं सिंगल फेस मोटर पंप डालने इत्यादि की कार्य योजना है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
पेय-जल में फ्लोराईड की स्थिति
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
160. ( क्र. 4343 ) श्री चन्द्रशेखर देशमुख : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मुलताई विधान सभा क्षेत्र के प्रत्येक ग्राम के पेय-जल में फ्लोराईड की कितनी मात्रा है? (ख) उपरोक्तानुसार विगत 3 वर्षों में विधान सभा क्षेत्र में फ्लोराईड की अधिकता के कितने प्रकरण संज्ञान में आये है? इसके संबंध में क्या-क्या कदम विभाग द्वारा उठाये गये है? (ग) क्या शासन द्वारा फ्लोराईड प्रभावित ग्रामो में नि:शुल्क फिल्टर लगाने की योजना है? यदि हाँ, तो इसका आवंटन इन फ्लोराईड प्रभावित क्षेत्रो में कब तक किया जायेगा?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) 34 प्रकरण। फ्लोराईड की अधिकता वाले सभी पेय-जल स्रोतों को बंद कर दिया गया है। (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
आदिवासियों को दिये गये भूमि के पट्टे
[राजस्व]
161. ( क्र. 4350 ) श्रीमती इमरती देवी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अशोक नगर जिले में सन १९९० से प्रश्न दिनांक तक आदिवासियों को पट्टे दिये गये है? हाँ, तो जिले के ग्राम शंकरपुर पंचायत मोहरीराय, ग्राम टकनेरी पंचायत बरखेडा ग्राम अमरोद आदि में कितने आदिवासियों को पट्टे दिये गये तथा इनमें से किन किन आदिवासियों के द्वारा पट्टे की भूमि बेची गई है? नाम, पता सहित जानकारी बतायें। (ख) क्या शहरी सीमा से लगे पाँच किलोमीटर के क्षेत्र में आदिवासी एवं अनुसूचिज जाति को जमीन बेचने की परमीशन दी जा सकती है? यदि हाँ, तो किस किस को पिछले 5 वर्षों में जिलाधीश के द्वारा इजाजत दी है? विवरण नाम, पता सहित देवें। (ग) किस आधार पर आदिवासियों को पट्टे की जमीनों को बेचने की परमीशन दी गई है और क्या आदिवासी या अनुसूचित जाति द्वारा अपने पट्टे की जमीन सामान्य वर्ग के व्यक्तियों को बेची अथवा दी जा सकती है?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
भर्ती में अनियमिततायें
[श्रम]
162. ( क्र. 4356 ) श्री मानवेन्द्र सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्रम विभाग के अंतर्गत मध्यप्रदेश श्रम कल्याण मण्डल में दैनिक वेतन भोगी/संविदा कर्मचारियों के कितने पद स्वीकृत हैं तथा इन पर कितने कर्मचारियों की भर्ती की गई है? (ख) इन कर्मचारियों को सेवा में भर्ती करते समय क्या मापदण्ड अपनाये गये? (ग) मंडल में बैकलॉग के कितने पद रिक्त हैं? विगत 3 वर्षों में इन रिक्त पदों की भर्ती हेतु कब-कब तथा क्या-क्या प्रयास किये गये एवं कितने लोगों को सेवा में रखा गया? (घ) मंडल में कितने लोगों को स्वीकृत पद न होते हुये भी सेवा में रखा गया है?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) मध्यप्रदेश श्रम कल्याण मण्डल में संविदा का एक पद कार्यालय सहायक (संविदा) का स्वीकृत है। जिस पर कर्मचारी पदस्थ है। दैनिक वेतन भोगी का कोई पद स्वीकृत नहीं है। (ख) संविदा कार्यालय सहायक की भर्ती हेतु समाचार पत्र में विज्ञप्ति देकर आवेदन आमंत्रित करते हुये तद्नानुसार नियुक्ति की कार्यवाही की गई है। (ग) मण्डल में बैकलॉग के 17 पद रिक्त हैं, जिनकी भर्ती हेतु व्यापम (पी.ई.बी.) द्वारा भर्ती किये जाने हेतु प्रक्रियाधीन है। इस हेतु व्यापम (पी.ई.बी.) भोपाल को दिनांक 03-07-2015 एवं 11-05-2016 को पुनः पत्र लिखे गये हैं। (घ) मण्डल में तत्कालिक आवश्यकता के आधार पर 51 कर्मचारी संविदा/दैनिक वेतन भोगी/मानसेवी के रूप में स्वीकृत पद न होते हुये भी रखा गया है।
भ्रष्टाचार की जाँच
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
163. ( क्र. 4364 ) श्रीमती सरस्वती सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) कार्यपालन यंत्री लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग कटनी में हैण्डपम्प के एक्सटेन्शन पीस की खरीदी में गम्भीर अनियमितताएं की गई थीं तथा सहायक यंत्री निगम द्वारा कार्यक्षेत्र से बाहर की यात्राएं की गई और लॉगबुक में क्षेत्र की यात्राएं दर्शाया जाकर वाहन का दुरूपयोग किया गया है। इस पूरे प्रकरण की शिकायत श्री चन्द्रशेखर अग्निहोत्री निवासी रचनानगर कटनी द्वारा दिनांक 16.12.2016 को कलेक्टर कटनी को एवं श्री पी.के. मैढमवार मुख्य अभियंता लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी जबलपुर को की गई है। (ख) प्रश्नांश (क) की शिकायत की जाँच क्या शिकायतकर्ता को सुना जाकर कब तक की जावेगी और अभी तक जाँच न करने के क्या कारण हैं? दोषियों को क्यों बचाया जा रहा है? क्या सहायक यंत्री एवं उपयंत्री को निलंबित कर प्रकरण की जाँच कराई जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी हाँ। प्रश्नाधीन शिकायत मुख्य अभियंता कार्यालय जबलपुर को प्राप्त हुई है। (ख) शिकायत की जाँच कराई जा रही है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
थाना कोलगवां में दर्ज अपराध
[गृह]
164. ( क्र. 4377 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले के थाना कोलगवां में दर्ज अपराध क्रमांक 168/16, 420, 464 एवं धारा 34 के संबंध में तहसील रघुराज नगर के पत्र क्र. 193, दिनांक 12.07.2016 उल्लेखित नामों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? विवरण दें। यदि नहीं, तो क्यों? (ख) पुलिस अधीक्षक सतना के पत्र क्रमांक 815 बी दिनांक 30.03.2016 एवं नगर पुलिस अधीक्षक सतना के पत्र क्र. 2752/दिनांक 13.08.2016 के द्वारा कलेक्टर सतना से 9 बिन्दुओं में दस्तावेजों साक्ष्यों के साथ जानकारी चाही गई थी? यदि कलेक्टर सतना द्वारा जानकारी दी गई है, तो उसकी प्रति उपलब्ध कराएं? यदि नहीं, तो उक्त जानकारी देने में विलम्ब के लिये दोषी अधिकारी के विरूद्ध क्या कार्यवाही सुनिश्चित की जावेगी? (ग) पुलिस अधीक्षक सतना के पत्र क्रमांक 438, दिनांक 23.07.2016 के निर्देशानुसार नगर पुलिस अधीक्षक सतना के द्वारा क्या कार्यवाही की गई? अद्यतन जानकारी उपलब्ध करायें। यदि निर्देशों का पालन नहीं किया गया तो कब तक कार्यवाही सुनिश्चित की जावेगी? (घ) कलेक्टर सतना के पत्र क्रमांक 245, दिनांक 13.07.2016 प्रमुख सचिव राजस्व को तारांकित प्रश्न क्र. 2359 के जवाब एवं अनुविभागीय अधिकारी रघुराजनगर के द्वारा गठित जाँच समिति के जाँच प्रतिवेदन तथा तहसील रघुराज नगर के पत्र क्रमांक 80, दिनांक 12.03.2016 ध्यानाकर्षण 506 के जवाब में कलेक्टर सतना को प्रेषित जानकारी के अवलोकन से स्पष्ट है कि दोषी अधिकारी/कर्मचारी को आरोपी क्यों नहीं बनाया गया? क्या विभाग जानबूझकर आरोपियों को बचाने का कार्य कर रही है? यदि हाँ, तो स्पष्ट जानकारी दें? यदि नहीं, तो कब तक आरोपी बनाकर कार्यवाही सुनिश्चित की जावेगी?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
कैरोसिन फुटकर बिक्री दर निर्धारण
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
165. ( क्र. 4389 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला आपूर्ति अधिकारी को कैरोसिन फुटकर बिक्री दर निर्धारण में ''क्रॉस परिवहन से बचने का लघुतम सड़क मार्ग से न्यूनतम दूरी और न्यूनतम परिवहन व्यय'' सिद्धांत का पालन करना चाहिये ताकि आम उपभोक्ता को न्यूनतम कीमत चुकाना पड़े और शासन का अनुदान निष्प्रभावी न हो? (ख) क्या छतरपुर, पन्ना, टीकमगढ़, दमोह एवं जबलपुर जिलों में थोक डीलर के मुख्यालय, सेमी हाँले सैलर मुख्यालय एवं अन्य कारण से अन्य स्थान तक परिवहन के कारण प्रश्नांश (क) सिद्धांत का पालन नहीं हुआ है? यदि हाँ, तो किस राशन दुकान तक पहुँचने में कितने किलोमीटर क्रॉस या दूरस्थ परिवहन हुआ वर्ष 2014-15 की दुकानवार बताएं। (ग) प्रश्नांश (ख) जिलों और अवधि में कहाँ सुनिश्चित दूरी दर्ज करते हुये राशन दुकान तक बिक्री दर निर्धारित नहीं करके एक से दस किलोमीटर आदि पर दुकानों की दूरी और दर को खुला छोड़ा गया है और क्यों? बताएं।
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जी हाँ। (ख) कैरोसिन थोक डीलर द्वारा ऑयल कंपनी के डिपो से कैरोसिन का उठाव कर तेलदूत योजनांतर्गत उचित मूल्य दुकान तक, सेमी-होलसेलर के मुख्यालय तक एवं थोक डीलर द्वारा गैर तेलदूत योजनांतर्गत उचित मूल्य दुकानों को कैरोसिन प्रदाय की स्थिति में थोक डीलर के मुख्यालय तक कैरोसिन का परिवहन किया जाता है। इस प्रकार परिवहन में क्रॉस या दूरस्थ परिवहन वर्ष 2014-15 में होने के संबंध में एक माह में परीक्षण कर अवगत कराया जा सकेगा। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के अनुसार।
पुलिस पर कार्यवाही
[गृह]
166. ( क्र. 4390 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दिनांक 29.06.2016 को अवनीश भदौरिया पिता धरमबीर निवासी हनुमान मंदिर ग्वालियर जो अमेरिकन इंग्लिश स्पोकन कोचिंग में पढ़ने गया था, जिसका अपहरण हो गया, जिसकी सूचना अपहरणकर्ताओं ने शाम 4.30 बजे मोबाईल नं. 9407137358 से सूचना दी कि मैंने आपके लड़के का अपहरण कर लिया है, 10 लाख की फिरौती देकर लड़के को ले जाओ? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो जिसकी सूचना तुरंत गोल मंदिर थाना ग्वालियर को दी, जिस थाने में दिनांक 29.06.2016 अपराध पंजीबद्ध किया गया, अपहरणकर्ताओं ने उक्त नंबर से बार-बार फोन किया गया, किन्तु पुलिस मोबाईल लोकेशन से अपहरणकर्ताओं को पकड़ने में नाकाम रही? क्या यह सायबर सेल की विफलता नहीं है? (ग) क्या पुलिस की नाकामी से अपहरणकर्ताओं द्वारा अवनीश की हत्या की गई? क्या दिनांक 06.07.2016 को पुलिस ने 8 अपराधियों को गिरफ्तार किया और अपराधियों द्वारा बच्चे की हत्या करना स्वीकार किया तथा बच्चे की लाश को आरोपियों की निशानदेही से बरामद भी किया गया? (घ) क्या नावालिकता के कूटरचित दस्तावेज तैयार कर आरोपियों की जमानत कराई गई, जिसका पुलिस द्वारा विरोध न करने से कुछ आरोपियों की जमानत हो गई, बताएं? प्रश्नांश (क) (ख), (ग) के परिप्रेक्ष्य में क्या शासन उच्च स्तरीय जाँच करायेगी?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। (ख) घटना के संबंध में दिनांक 29.06.2016 को थाना गोला का मंदिर जिला ग्वालियर में प्रथम दृष्ट्या अपराध क्रमांक 315/16 धारा 363 भा.द.वि. दर्ज किया गया था। पुलिस द्वारा निरंतर विवेचना कर प्रकरण में 07 आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायालय में चालान पेश किया गया। (ग) जी नहीं। पुलिस द्वारा निरंतर अपहरणकर्ताओं एवं अपहृत अवनीश को खोजने के हर संभव प्रयास किए गए। पुलिस द्वारा दिनांक 05.07.2016 को चार अपराधी एवं दिनांक 09.07.2016 को तीन अपराधियों को गिरफ्तार किया। अपराधियों द्वारा हत्या स्वीकार करने पर निशानदेही से बच्चे की लाश बरामद की गई। (घ) जी नहीं।
नहर में डूबने पर मृतक के परिवार को सहायता
[गृह]
167. ( क्र. 4401 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मोनू यादव पुत्र ज्ञान सिंह यादव निवास ग्राम महाराजपुर तहसील जौरा की मृत्यु दिनांक 02.11.2016 को ग्राम परसौटा तहसील जौरा पुलिस स्टेशन जौरा में नहर में गिरने से हुई थी। यदि हाँ, तो उस पर क्या कार्यवाही की गई? जानकारी दी जावे। (ख) क्या मृतक के पिता द्वारा आवेदन दिया गया था। जिस पर विधायक सुमावली द्वारा दिनांक 29.12.2016 को जिलाधीश मुरैना को पत्र लिखकर आर्थिक सहायता प्रदान करने को कहा गया था। यदि हाँ, तो उस पर अभी तक क्या कार्यवाही की गई? (ग) क्या पुलिस थाना जौरा में उक्त घटना दिनांक 02.11.2016 को अकाल मृत्यु की प्रथम सूचना दी गई थी। जिसकी जानकारी राजस्व विभाग को प्राप्त हुई है, लेकिन आर्थिक सहायता अभी तक क्यों नहीं दी गई।
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। दिनांक 02.11.2016 को मोनू पुत्र ज्ञान सिंह यादव, उम्र 16 साल निवासी ग्राम महाराजपुर जिला मुरैना की मृत्यु ग्राम परसौंटा में नहर पर शौच क्रिया के दौरान पैर फिसलकर गिरने से हुई थी। उक्त घटनाक्रम के संबंध में थाना जौरा में दिनांक 02.11.2016 को ही सूचनाकर्ता पवन पुत्र राजेन्द्र सिंह यादव निवासी ग्राम महाराजपुर की सूचना पर मर्ग क्रमांक 51/16 धारा 174 जा.फौ. का कायम किया जाकर जाँच में लिया गया। जाँच जारी है। (ख) जी हाँ। जी हाँ। कार्यालय तहसीलदार परगना जौरा में कार्यवाही प्रचलित है। (ग) जी हाँ। जी हाँ। प्रथम सूचना रिपोर्ट दिनांक 13.01.2017 को प्राप्त हुई। आर्थिक सहायता संबंधी निर्णय के लिये दस्तावेज एकत्र किये जा रहे हैं, उपलब्ध होते ही नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी।
एफ.बी.एफ. एवं जी.आई.एस. राशि का भुगतान
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
168. ( क्र. 4425 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विकासखण्ड राजगढ़ के अंतर्गत वर्ष 2001 के बाद कितने सेवानिवृत्त एवं मृत कर्मचारी है जिन्हें या जिनके आश्रितों को आज दिनांक तक एफ.बी.एफ. एवं जी.आई.एस. की राशि का भुगतान नहीं हो पाया है? (ख) भुगतान नहीं होने के कारणों का ब्यौरा देवें। (ग) भुगतान नहीं होने के दोषी कौन अधिकारी एवं कर्मचारी दोषी हैं? क्या दोषियों पर कोई कार्यवाही हुई हैं? यदि हाँ, तो ब्यौरा देवें। यदि नहीं, तो क्यों? दोषियों पर कब तक कार्यवाही कर दी जावेगी?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ठ अनुसार। (ग) भुगतान की कार्यवाही प्रचलित है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
प्रदेश की झीलों की जानकारी
[पर्यावरण]
169. ( क्र. 4426 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र.में कुल कितनी झीलें हैं? इनके रख-रखाव हेतु शासन द्वारा कौन-कौन सी योजनाएं संचालित की जा रही है? योजना का ब्यौरा देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अंतर्गत झीलों के प्रदूषण का स्तर क्या है? प्रदूषण रोकथाम हेतु शासन द्वारा कौन-कौन सी योजनाएं संचालित की जा रही है? (ग) प्रश्नांश (क) में से कितनी झीलों का पानी पेय-जल हेतु इस्तेमाल किया जाता है? क्या पेय-जल हेतु उपयोगी झीलें प्रदूषित हैं? यदि हाँ, तो क्या इनके पानी से बीमारियां फैल रही हैं? यदि हाँ, तो इनके रोकथाम हेतु शासन की क्या योजना है?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) झील संरक्षण प्राधिकरण भोपाल द्वारा वर्ष 2007-08 में मध्यप्रदेश की लेक एटलस तैयार की गई थी, जिसके अनुसार प्रदेश के जिला मुख्यालय में 270 झीलें सूचीबद्ध की गई है। प्रदेश में स्थित झीलों का रख-रखाव संबंधित नगरीय निकायों द्वारा किया जाता है। पर्यावरण नियोजन एवं समन्वय संगठन (एप्को) द्वारा Conservation of Urban Water Bodies (CUW) मद से झीलों के पर्यावरण संरक्षण हेतु नगरीय निकायों द्वारा प्राप्त प्रस्तावों पर विचार/मूल्यांकन कर राशि आवंटित/प्रदान की जाती है। इस योजना के अंतर्गत मुख्यतः Dweeeding, Catchment area Plantation, Nalla diversion, Pitching, Fencing, Solid Waste Management, Lake Front Development आदि कार्य किये जाते हैं। (ख) जल गुणवत्ता संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। इस योजना के अंतर्गत निम्नलिखित योजनाएं संचालित हैं :- (1) भारत सरकार की झील संरक्षण योजना के अंतर्गत शिवपुरी तालाब जिला-शिवपुरी एवं ईसागढ़ तालाब, ईसागढ़ जिला-अशोकनगर। (2) मध्यप्रदेश शासन की नगरीय जलीय निकायों का संरक्षण योजना संचालित की जा रही है। (ग) भोपाल संभाग की नगरपालिका/नगर परिषदों में से नगरपालिका सीहोर एवं नगर परिषद् खिलचीपुर द्वारा तालाबों से पेय-जल प्रदाय किया जा रहा है। नगर निगम, भोपाल द्वारा बड़ा तालाब कोलार डेम का पानी पेय-जल में उपयोग किया जाता है। केरवा डेम से कोलार क्षेत्र में जल प्रदाय की योजना प्रगति पर है,इन तालाबों का पानी प्रदूषित नहीं है, रॉ-वाटर को उपचारित कर पेय-जल में उपयोग किया जाता है। बड़ा तालाब तथा कोलार डेम के पानी से बीमारियां नहीं फैल रही हैं। भारतीय मानक 2296 (1982) अनुसार झीलों का जल पेय-जल उपयोग संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है।
आरोपियों के विरूद्ध कार्यवाही नहीं की जाना
[गृह]
170. ( क्र. 4441 ) श्री आरिफ अकील : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पुलिस मुख्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार भोपाल संभाग में वर्ष 2012 से प्रश्न दिनांक की स्थिति में साम्प्रदायिक दंगे, साम्प्रदायिक तनाव धारा 144, गोली चालान आदि की घटनाएं घटित हुई है? (ख) यदि हाँ, तो भोपाल संभाग के किस-किस जिले में कहाँ-कहाँ किन-किन कारणों से उक्त घटनाएं घटित हुई? (ग) उक्त घटनाओं में आरोपियों के विरूद्ध नामजद एफ.आई.आर. दर्ज होने के बाद भी कुछ आरोपियों की प्रश्न दिनांक की स्थिति में किन कारणों से गिरफ्तारी नहीं हुई हो सकी तथा कब तक गिरफ्तार कर लिया जावेगा इस लापरवाही के लिए कौन-कौन जिम्मेदार हैं?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जनवरी 2012 से प्रश्न दिनांक तक प्रदेश में साम्प्रदायिक दंगा (Communal Riot) घटित नहीं हुआ है। इस अवधि में साम्प्रदायिक तनाव (Communal tension) की कुल 05 घटनाएं हुई है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। 1. धारा 144 संलग्न परिशिष्ट के कॉलम नंबर 9 पर दर्शायी गयी है। 2. गोली चालन संलग्न परिशिष्ट के कॉलम नंबर 10 पर दर्शायी गयी है। (ख) 1. वर्ष 2012 से भोपाल संभाग के जिला भोपाल में 03, विदिशा में 01 तथा राजगढ़ में 01 साम्प्रदायिक तनाव की स्थिति निर्मित हुई है। 2. तनाव के कारण संलग्न परिशिष्ट के कॉलम नंबर 6 पर दर्शाये गये हैं। (ग) संलग्न परिशिष्ट के कॉलम नंबर 13 पर दर्शायी गयी है। गिरफ्तारी के लिये शेष आरोपियो के संबंध में साक्ष्य संकलन किया जा रहा है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं।
अवैध रूप से विनिमय करने वाले अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही
[राजस्व]
171. ( क्र. 4442 ) श्री आरिफ अकील : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कार्यालय कलेक्टर (भू-अर्जन) नगर निगम क्षेत्र भोपाल भू-अर्जन प्रकरण क्रमांक 01/अ-82/2009-10 सेवनियागौड़ की मर्जर की भूमि खसरा नंबर 108 में एक एकड़ का भू-अर्जन किया गया है? यदि हाँ, तो कितनी राशि का भू-अर्जन किया गया? क्या मर्जर की भूमि को मध्यप्रदेश पर्यटन विभाग को आवंटित की गई? यदि हाँ, तो भू-अर्जन किस आधार पर किया गया? (ख) यदि मर्जर की भूमि शासकीय है, तो इसे सीधे तौर पर राजस्व विभाग द्वारा आवंटित की जा सकती थी? यदि हाँ, तो किस नियम के तहत? (ग) यदि नहीं, तो क्या नजूल बैरागढ़ वृत्त के अंतर्गत प्रकरण क्रमांक-8/स्व.निग./07-08 ग्राम सेवानिया गोड की मर्जर की भूमि का भू-अर्जन कर पर्यटन विभाग मध्यप्रदेश को आवंटित की गई है? यदि हाँ, तो किस अधिकारी द्वारा और क्या शासकीय भूमि को भू-अर्जन करने का अधिकार है? यदि नहीं, तो शासन द्वारा क्या तथा कब तक कार्यवाही करेंगे और यदि नहीं, तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
लावारिस भूमि घोषित किया जाना
[राजस्व]
172. ( क्र. 4456 ) डॉ. मोहन यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भूमि स्वामी के मरणोपरान्त अन्य कोई वारिस नहीं होने से उक्त भूमि को लावारिस घोषित किये जाने के संबंध में विभाग के क्या नियम हैं? नियमों की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) उक्त संबंध में अद्यतन प्रविष्टि कितने समय में की जानी चाहिये? समयावधि बतावें। (ग) प्रश्नांश (क) की जानकारी अनुसार उज्जैन जिले में राजस्व विभाग में ऐसी कितनी जमीने हैं, जिनके भूमि स्वामी के मरणोपरान्त उन्हें लावारिस घोषित किया गया है? इस संबंध में नियमानुसार अद्यतन प्रविष्टि कब करवाई गई थी? ग्रामवार, तहसीलवार, तिथिवार जानकारी उपलब्ध करावें?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) भूमि स्वामी के मरणोपरान्त अन्य कोई वारिस न होने से भूमि को लावारिस घोषित किए जाने हेतु म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 177 के तहत कार्यवाही की जाती है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) नियमानुसार प्रकरण के निराकरण उपरान्त ही अद्यतन प्रविष्टि की जाती है। समयावधि तय नहीं है। (ग) उज्जैन तहसील में कस्बा उज्जैन स्थित भूमि सर्वे क्रमांक 1031 रकबा 7.963 हे. के भूमि स्वामी पुरूषोत्तम सागर की मृत्यु होने पर उसके कोई वारिस न होने से तहसीलदार न्यायालय के प्रकरण क्रमांक 961/बी-121/2014-15 में आदेश दिनांक 31.01.2015 से लावारिस घोषित की गई है। जिसकी प्रविष्टि खसरे में अद्यतन कर ली गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आर्म्स एक्ट के प्रकरण
[गृह]
173. ( क्र. 4476 ) श्रीमती प्रतिभा सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर जिले में 25, 27 आर्म्स एक्ट के कितने प्रकरण विगत दो वर्ष में दर्ज किये गये? उक्त प्रकरणों पर अब तक क्या-क्या कठोर कार्यवाही की गयी? थानावार वर्षवार विवरण दें। (ख) अपराधिक घटनाएं रोकने जिले में उक्त एक्ट के तहत कड़े कदम कब तक उठाये जावेंगे?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जबलपुर जिले में 25,27 एक्ट के वर्ष 2015 से दिनांक 31.01.2017 तक कुल 101 प्रकरण पंजीबद्ध किये गये है। उक्त प्रकरणों में की गई कार्यवाही की जानकारी थानावार, वर्षवार पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) अपराधिक घटनाएं रोकने के लिये 25,27 आर्म्स एक्ट के अपराध पंजीबद्ध कर वैधानिक कार्यवाही समय-समय पर की जाकर प्रतिबंधात्मक कार्यवाही भी की जाती है।
गुमशुदगी के दर्ज प्रकरण
[गृह]
174. ( क्र. 4491 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर, दतिया, शिवपुरी, मुरैना जिलों में 01 जनवरी 2015 से प्रश्न दिनांक तक कितने महिला/पुरूष अवयस्क लड़के/लड़कियों के गुमशुदगी प्रकरण दर्ज हुए? (ख) कितनी महिलायें एवं अवयस्क लड़कियों के साथ गैंग रेप किया गया तथा कितनी पीडि़त महिला/लड़कियों ने आत्महत्या कर ली एवं कितनों की हत्या कर दी गई? (ग) गुमशुदा बच्चों एवं बच्चियों तथा महिलाओं को तलाशने के लिये पुलिस विभाग द्वारा अभी तक क्या प्रयास किये गये? प्रयास करने के पश्चात् कितने गुमशुदा बच्चों एवं बच्चियों तथा महिलाओं/पुरूषों को तलाशने में पुलिस विभाग को सफलता मिल है? (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ख) में दर्शाये पीडि़त महिला/पुरूष एवं अवयस्क लड़के/लड़कियों को शासन स्तर से क्या कोई सहायता दी गई है? यदि हाँ, तो कितने पीडि़तों को क्या सहायता दी गयी? इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिये क्या पुलिस विभाग द्वारा कोई ठोस कार्य योजना बनायी गई है? यदि हाँ, तो क्या? यदि नहीं, तो क्यों?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) ग्वालियर, दतिया, शिवपुरी, मुरैना, जिलों में 01 जनवरी 2015 से प्रश्न दिनांक (15.02.2017) तक 1782 महिला, 1458-पुरुष, 430-अवयस्क लड़के, 720-अवयस्क लड़कियों के कुल-4390 गुमशुदगी के प्रकरण दर्ज हुए है। (ख) कुल-86 दर्ज प्रकरणों में से 58 महिलाओं एवं 28-अवयस्क लड़कियों के साथ गैंग रेप किया गया तथा किसी भी पीडि़त महिला/लड़की के द्वारा आत्महत्या नहीं की गई एवं 01 पीडि़त महिला की हत्या कर दी गई। (ग) गुमशुदा बच्चों एवं बच्चियों तथा महिलाओं को तलाशने के लिये पुलिस विभाग द्वारा ''ऑपरेशन स्माइल'' एवं समय समय विशेष अभियान चलाये गये है, जिसमें कुल-3202 गुमशुदा बच्चों एवं बच्चियों तथा महिलाओं एवं पुरुषों को दस्तयाब किया गया है। (घ) हाँ, प्रश्नांश (ख) के अनुसार सामूहिक बलात्कार की पीडि़त महिलाओं एवं अवयस्क लड़कियों को शासन स्तर से सहायता दी गई है। कुल-20 पीडि़तों को कुल-47,96,750/- राशि की सहायता दी गई है। इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिये पुलिस विभाग द्वारा (1) डायल 100 योजना (2) समर्थ सगिनी योजना (3) निर्भया मोबाइल (4) महिला हेल्प लाईन 1090 इत्यादि योजना चलाई जा रही है।
तहसील का दर्जा देना
[राजस्व]
175. ( क्र. 4516 ) श्री मधु भगत : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनप्रतिनिधि/विधायक द्वारा परसवाड़ा विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत लामता को तहसील का दर्जा दिये जाने हेतु तहसील/जिला/प्रदेश स्तर पर/अन्य माध्यम से विगत दो वर्षों में कितने पत्र कब-कब दिये गये है? तत्संबंध में शासन स्तर से उक्त तहसील से निर्माण की पृष्ठ भूमि विचाराधीन है या नहीं यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों? (ख) लामता में उक्त तहसील कार्यालय भवन कब तक पूर्ण हो जावेगा? तत्संबंध में क्या योजना प्रस्तावित है? (ग) ग्राम पंचायत परसवाड़ा क्षेत्र क्षेत्रफल एवं राजस्व में दृष्टि से अतिविस्तृत, अतिनक्सलवादी, अतिसंवेदनशील है। इस कारण उक्त स्थान पर क्या अनुविभागीय अधिकारी कार्यालय की पदस्थापना की जायेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
रिक्त स्थानों पर नियुक्ति व राजस्व वसूली
[राजस्व]
176. ( क्र. 4517 ) श्री मधु भगत : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) समस्त म.प्र. में भू-राजस्व संहिता की धारा 222 के अंतर्गत कृषि ग्रामों में नवीन स्थाई पटेलों कि रिक्त स्थानों पर नियुक्ति के क्या नियम है? प्रतिलिपि प्रदाय करें तथा कुल कितने ग्रामों में स्थाई पटलों के माध्यम से लगान वसूली की जा रही है। जिलेवार ग्रामवार ब्यौरा देवें। (ख) क्या प्रदेश के जिन ग्रामों में पटेली व्यवस्था लागू है, उन ग्रामों में 1959 से प्रश्न दिनांक तक राजस्व वसूली का कमीशन नहीं दिया जा रहा है? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या भू-राजस्व संहिता की धारा 224 के अंतर्गत स्थाई पटेलों को राजस्व की लगान वसूली के लिये पटेल संघ म.प्र. द्वारा बी-5 राजस्व वसूली के लिये मांग पूर्व में अनेक बार दी गयी थी? राजस्व वसूली दी गई या नहीं? यदि हाँ, तो कितनी यदि नहीं, तो क्यों? (घ) क्या म.प्र. सरकार छत्तीसगढ़ एवं महाराष्ट्र शासन के समान अनुरूप स्थाई पटेलों को मानदेय/वेतन तथा अधिकार प्रदाय करेगी यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास की योजनाओं का क्रियान्वयन
[मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास]
177. ( क्र. 4524 ) श्री रजनीश सिंह : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विभाग के अंतर्गत सिवनी जिले में कौन-कौन सी योजनाएं संचालित हैं? (ख) इन योजनाओं के क्रियान्वयन हेतु कौन-कौन से अधिकारी/कर्मचारी कार्यरत हैं? इनका पदनाम सहित विवरण देवें। (ग) विगत तीन वर्षों में वर्ष 2014 से 2016 तक उक्त संचालित योजनाओं में कितने मछुआरे लाभान्वित हुये और इस हेतु कितनी राशि का विभाग द्वारा जिला सिवनी को आवंटन प्राप्त हुआ? विकासखंडवार विवरण देवें।
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जिले में संचालित योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) योजनाओं के क्रियान्वयन हेतु सिवनी जिले में कार्यरत अधिकारियों/कर्मचारियों की पदनाम सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) विगत 3 वर्षों में वर्ष 2014 से 2016 तक संचालित योजनाऐं से 8203 लाभान्वित मछुआरे एवं आवंटन की विकासखण्डवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है।
कुटीर एवं ग्रामोद्योग द्वारा संचालित योजनाएं
[कुटीर एवं ग्रामोद्योग]
178. ( क्र. 4525 ) श्री रजनीश सिंह : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि एं (क) वर्तमान में कुटीर एवं ग्रामोद्योग के लिए शासन द्वारा कौन-कौन सी योजनाएं संचालित की जा रही हैं? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या उक्त संचालित योजना में सिवनी जिला भी सम्मिलित है? यदि हाँ, तो जिले में कौन-कौन सी योजनाएं संचालित हैं? विकासखंडवार विवरण देवें। (ग) यदि नहीं, तो क्यों? यदि हाँ, तो वर्ष 2014-15 से 15-2016 तक कितनी राशि का आवंटन कुटीर एवं ग्रामोद्योग के लिये आवंटित की गई? (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार आवंटित राशि का उपयोग कहाँ-कहाँ पर किस-किस कार्य के लिए किया गया? विकासखंडवार विवरण देवें।
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-चार अनुसार है।
म.प्र. की पी.ई.जी. निविदा 2009 में वुडन केट्स का माप
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
179. ( क्र. 4567 ) श्री जितू पटवारी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. की पी.ई.जी. निविदा 2009 में वुडन क्रेट्स का माप क्या दर्शाया गया था? निविदा में दर्शाये गये माप से अलग माप के वुडन क्रेट्स की मांग करने पर क्या म.प्र. के समस्त निवेशकों को उचित मुआवजा एवं समय दिया गया? निवेशकों का पैसा निर्देश दिनांक की जगह पूर्व प्रभावी दिनांक से क्यों काटा जा रहा हैं? (ख) क्या 2 वर्ष के अंतर्गत गोदामों में भण्डारण हो जाने के बावजूद निर्माण अनुबंध निरस्त किया जा रहा है? क्या म.प्र. में निविदा के नियमों के अनुरूप हर स्तर पर संयुक्त निर्माण निरीक्षण किया गया और क्या निवेशकों को अवगत करवाया गया? (ग) सिर्फ म.प्र. के निवेशकों के निर्माण अनुबंध 2 वर्ष की समय-सीमा को आधार बनाकर क्यों निरस्त किये जा रहे हैं? उच्च स्तरीय समिति पी.ई.जी. निविदा 2009 के किस नियमानुसार निर्णय ले रही है? (घ) क्या 09.11.2016 को मान. मुख्यमंत्री जी के साथ हुए बैठक में म.प्र. निवेशक संगठन का प्रतिनिधि राज्य स्तरीय समिति में शामिल किये जाने का प्रस्ताव था और क्या कार्यवाही की गई? (ड.) आज दिनांक तक कितनी बार निविदा में उल्लेखित समस्या निवारण समिति की अधिकारियों की बैठक हुई? निविदा नियमानुसार गोदाम निर्माण समापन दिनांक क्या होना चाहिए? विभागीय संयुक्त निरीक्षण निविदा समयानुसार न होने पर निर्माण समापन दिनांक क्या होना चाहिए? राज्य स्तरीय/उच्च स्तरीय समिति एवं विभागीय कार्यवाही में विलंब के कारण क्या म.प्र. के निवेशको की पी.ई.जी. अनुबंध गारंटी समयावधि कम की जा रही है और क्यों? (च) क्या म.प्र. पी.ई.जी. निविदा 2009 में किराये कटौती की जगह दण्ड स्वरूप दुगुनी बचत राशि वास्तविक उपयोगिता आधार पर भुगतान किये जाने का नियम है? विभाग की गलती पाये जाने पर क्या कार्यवाही की जाएगी।
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) से (च) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
ट्रस्टों एवं एन.जो.ओ को भूमि का प्रदाय
[राजस्व]
180. ( क्र. 4568 ) श्री जितू पटवारी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के परि.अता.प्रश्न संख्या 185 (क्र 4092) दिनांक 02.03.2016 के (क) उत्तर में वर्णित सिमबायोसिस (इन्दौर एवं श्री विलो पारले केलवानी मंडल (इन्दौर) एवं उज्जैन जिले में एम.आई.टी. संस्था द्वारा निर्मित शिक्षा संस्थानों का निर्माण तीन वर्ष की समय-सीमा में पूर्ण क्यों नहीं किया गया? जबकि अनुबंध पत्र की शर्तों के अनुरूप तीन वर्ष के अन्दर कार्य पूर्ण कर परियोजना प्रारंभ किये जाने का प्रावधान है। (ख) इस विलंब के लिए अनुबंध शर्तों के अनुसार इनकी लीज कब निरस्त की जायेगी? अभी तक हुए कार्यों की वर्तमान स्थिति इंजीनियर द्वारा सत्यापित कार्य पूर्णता की प्रतिशतवार जानकारी देवें, क्या तीनों संस्थाओं को कोर्स शुरू करने के लिए अनुमति प्राप्त हो चुकी है? (ग) इन तीनों संस्थाओं द्वारा अनुबंध की शर्तानुसार प्रतिवर्ष 31 मार्च तक कितना भू-भाटक जमा करवाया गया वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 के संदर्भ में बतायें। (घ) तीनों संस्थाओं का टाउन एवं कंट्री नगर निगम/नगर पंचायत विभाग द्वारा स्वीकृत नक्शे का विवरण उपलब्ध करायें।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
हितग्राहियों को प्रशिक्षण
[पशुपालन]
181. ( क्र. 4574 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला अनूपपुर अंतर्गत पशुपालन विभाग द्वारा कितने हितग्राहियों को पिछले तीन वर्षों से प्रश्न दिनांक तक प्रशिक्षण दिया गया? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में इनमें से कितने हितग्राही सामान्य वर्ग से व कितने आरक्षित वर्ग के लाभान्वित हुये हैं? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में पशुपालन विभाग द्वारा प्रशिक्षण कार्यक्रम कब-कब, कहाँ-कहाँ पर आयोजित कराये गये? (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में इनमें से कितने हितग्राहियों को प्रशिक्षण उपरांत ऋण आदि व रोजगारोन्मुखी कार्यक्रम के माध्यम से क्या सहयोग प्रदान किया गया?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) 72 हितग्राहियों (गौ-सेवकों) को। (ख) सामान्य वर्ग से 39 एवं आरक्षित वर्ग से 33 हितग्राहियों (गौ-सेवकों)। (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में अनूपपुर जिले में मैत्री योजनान्तर्गत प्रशिक्षण वर्ष 2014-15 एवं वर्ष 2015-16 में कृत्रिम गर्भाधान प्रशिक्षण संस्थान मण्डला में प्रदाय किया गया है। गौ-सेवक योजनान्तर्गत प्रशिक्षण वर्ष 2016-17 में अनूपपुर जिले के चारों विकासखण्ड स्तर के पशु चिकित्सालयों में प्रदाय किया गया। (घ) 29 मैत्रियों को प्रशिक्षण उपरान्त कृत्रिम गर्भाधान किट प्रदाय की जा कर कृत्रिम गर्भाधान एवं अन्य विभागीय कार्य करने पर प्रथम वर्ष में राशि रू. 1500 प्रति माह, द्वितीय वर्ष में राशि रू. 1200 प्रति माह एवं तृतीय वर्ष में राशि रू. 800 प्रति माह इस प्रकार कुल राशि रू. 42000 टेपरिंग ग्रान्ड के रूप में दी जा रही है। इसके अतिरिक्त उनके द्वारा किये गये कृत्रिम गर्भाधान कार्य के फलस्वरूप वत्सोत्पादन पर प्रति वत्स राशि रू. 100 प्रोत्साहन राशि के रूप में दी जा रही हैं। गौ-सेवक योजना अन्तर्गत प्रशिक्षित 43 गौ-सेवकों को किट प्रदाय की गयी है ताकि वे पशुपालकों के पशुओं को प्राथमिक उपचार तथा अन्य पशु चिकित्सा सेवायें देकर सेवा शुल्क प्राप्त कर सकें एवं स्व-रोजगार स्थापित कर सकें।
खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत प्राप्त लाभ एवं खाद्य सुरक्षा पर्चियों का वितरण
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
182. ( क्र. 4575 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला अनूपपुर अंतर्गत पुष्पराजगढ़ विधान सभा क्षेत्र की किस पंचायत के कितने परिवारों को राशन की दुकान से खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत लाभ प्राप्त हो रहा है? प्रश्न दिनांक तक की स्थिति से अवगत करायें। (ख) उक्त क्षेत्र के अंतर्गत कितने परिवारों को खाद्य सुरक्षा पर्चियों का वितरण किया गया? कितने परिवारों को राशन कार्ड प्राधिकृत अधिकारियों द्वारा जारी किये गये हैं और कितने शेष हैं? शेष परिवारों को कब तक उक्त पर्चियों का वितरण कर दिया जायेगा? (ग) उक्त क्षेत्रान्तर्गत कितने परिवारों को समग्र सामाजिक सुरक्षा मिशन के तहत सर्वेक्षित किया गया है वर्तमान में कितने हितग्राही कार्ड/कूपन से वंचित हैं और इनके कूपन कब तक बनेगें? (घ) उक्त क्षेत्र में खाद्यान्न सुरक्षा मिशन पर्व के अंतर्गत अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति वर्ग के कितने परिवारों को लाभ दिया जा चुका है? कितने शेष हैं? शेष को कब तक लाभान्वित कर दिया जावेगा?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) पुष्पराजगढ़ विधान सभा क्षेत्र में 69,625 परिवार वैध पात्रता पर्चीधारी है। अधिनियम के तहत पात्र परिवार श्रेणी अंतर्गत सम्मिलित परिवारों को स्थानीय निकाय द्वारा समग्र पोर्टल पर सत्यापन उपरांत पात्रता पर्ची (ई-राशनकार्ड) जारी की गई है। योजना का लाभ लेने हेतु पृथक से राशनकार्ड जारी करने की आवश्यकता नहीं है। भारत सरकार द्वारा निर्धारित खाद्यान्न आवंटन की सीमा से अधिक खाद्यान्न की आवश्यकता होने के कारण माह अगस्त, 2016 के पश्चात् सत्यापित 329 नवीन परिवारों को पात्रता पर्ची जारी नहीं की गई है। पात्र परिवार के रूप में सम्मिलित परिवारों के डी-डुप्लीकेशन की कार्यवाही प्रचलित है, उसके उपरांत अपात्र परिवारों को हटाने पर निर्धारित खाद्यान्न आवंटन की सीमा के अंतर्गत ही नवीन सत्यापित परिवारों को सम्मिलित कर पात्रता पर्ची जारी की जा सकेगी। (ग) पुष्पराजगढ़ विधान सभा क्षेत्र में 69,954 परिवारों को स्थानीय निकाय द्वारा पात्रता श्रेणी अंतर्गत समग्र पोर्टल पर सत्यापित किया गया है। वर्तमान में 329 परिवारों को सत्यापन उपरांत पात्रता पर्ची जारी नहीं की गई है। शेष जानकारी प्रश्नांश (ख) के उत्तर अनुसार। (घ) पुष्पराजगढ़ विधान सभा क्षेत्र में खाद्य सुरक्षा पर्व के अंतर्गत 24,395 परिवारों को घोषणा-पत्र के आधार अनुसूचित जाति/जनजाति श्रेणी के अंतर्गत सत्यापन उपरांत पात्रता पर्ची जारी कर लाभान्वित किया गया है। खाद्य सुरक्षा पर्व के अंतर्गत सत्यापन उपरांत वैध पाये गये समस्त पात्र परिवारों की पात्रता पर्ची जारी की जा चुकी है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
ग्रामों में पीने के पानी की व्यवस्था
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
183. ( क्र. 4582 ) श्री सचिन यादव : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) खण्डवा जिले में कितने ग्राम वर्तमान में पीने के पानी से वंचित हैं और क्यों? विधान सभा क्षेत्रवार तत्संबंधी ब्यौरा दें। (ख) उक्त ग्रामों में पानी उपलब्ध कराये जाने के लिए विभाग द्वारा कौन-कौन सी कार्ययोजनाओं के अंतर्गत प्रस्ताव स्वीकृति हेतु भेजे गए उनमें से कितने स्वीकृत हुए कितने लंबित हैं और क्यों? प्रश्नांकित दिनांक तक की स्थिति में तत्संबंधी ब्यौरा क्या है? (ग) उक्त सभी ग्रामों में किस-किस कार्य योजना अंतर्गत पीने का पानी कब तक उपलब्ध करा दिया जायेगा?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) कोई नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) एवं (ग) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
पत्रों पर कार्यवाही
[राजस्व]
184. ( क्र. 4583 ) श्री सचिन यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनवरी 2017 से प्रश्नांकित दिनांक तक की अवधि में प्रश्नकर्ता द्वारा खरगोन जिला स्तर एवं उचित माध्यम से राजस्व विभाग से संबंधित कार्यों को पूर्ण किये जाने के लिए प्रेषित पत्रों पर की गयी। कार्यवाही से अवगत नहीं कराये जाने के क्या कारण है? (ख) उपरोक्त पत्रों पर प्रश्न दिनांक तक की गई कार्यवाही का तत्संबंधी ब्यौरा क्या है?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जनवरी, 2017 से प्रश्नांकित दिनांक तक की अवधि में राजस्व विभाग से संबंधित पत्र क्रमांक 786 दिनांक 25.01.2017 प्राप्त हुआ है। प्राप्त पत्र के परिपालन में की गयी कार्यवाही से तहसीलदार, कसरावद के पत्र क्रमांक 640 रीडर-2 दिनांक 17.02.2017 द्वारा माननीय प्रश्नकर्ता को अवगत करा दिया गया है। (ख) तहसीलदार, कसरावद के पत्र क्रमांक 628/रीडर-1 दिनांक 16.02.2017 द्वारा संबंधित ग्राम पंचायत को शासकीय भूमि को आबादी भूमि घोषित कराने संबंधी ठहराव प्रस्ताव पर विधिवत कार्यवाही करने के लिये निर्देशित किया गया है।
अतिक्रमित भूमि की जाँच
[राजस्व]
185. ( क्र. 4592 ) श्रीमती शकुन्तला खटीक : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परि.अता. संख्या प्रश्न 109 (क्रमांक 1199), दिनांक 07 दिसम्बर 2016 के भाग (क), (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में क्या राजस्व मण्डल ग्वालियर द्वारा उपरोक्त उल्लेखित निगरानी का क्या निर्णय हुआ।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) अनुभाग अधिकारी, राजस्व मण्डल, मध्यप्रदेश ग्वालियर के पत्र क्रमांक निग.3650-दो/16, दिनांक 17.02.2017 द्वारा अवगत कराया गया है कि तहसील न्यायालय प्रकरण क्रमांक 70/2015-16/68 आदेश दिनांक 05.08.16 पक्षकार कोमलप्रसाद साहू पुत्र भैयालाल साहू निवासी करैरा से संबंधित प्रकरण में माननीय न्यायालय, राजस्व मण्डल, म.प्र.ग्वालियर में निगरानी 3650-दो/16 शिवपुरी कोमलप्रसाद साहू विरूद्ध म.प्र. शासन में सुनवाई हेतु दिनांक 30.03.2017 नियत है।
अनैतिक लाभ पहुँचाने वाले के विरूद्ध कार्यवाही
[राजस्व]
186. ( क्र. 4604 ) पं. रमेश दुबे : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राष्ट्रीय राजमार्ग छिन्दवाड़ा-सिवनी के मौजा पिपरियालक्खा में भूमियों का अधिग्रहण करते समय मौके पर एलायमेंट अनुसार प्रस्तावित सड़क निर्माण की भूमियों का अधिग्रहण के पूर्व अधिग्रहण क्षेत्र में आने वाली भूमियों के सीमाओं के निर्धारण में क्या राजस्व विभाग की कोई भूमिका होती है? यदि हाँ, तो किनकी भूमिका किस प्रकार की होती है? (ख) क्या उक्त सड़क निर्माण हेतु मौजा पिपरियालक्खा तहसील चौरई की भूमि खसरा नं. 87/5 रकबा 0.370 हे. का अधिग्रहण कर संबंधित भू-स्वामी को भुगतान किया गया है? यदि हाँ, तो भूमि स्वामी को कितनी राशि भुगतान की गयी है? यह भूमि वर्तमान में निर्मित सड़क से कितनी दूरी पर स्थित है और भौतिक तौर पर किसके कब्जे में है? (ग) क्या उक्त भूमि पर सड़क का निर्माण नहीं हुआ है अपितु यह वर्तमान सड़क से काफी दूरी पर स्थित है और यह भूमि अभी भी भू-स्वामी के कब्जे में है व इस भूमि पर भू-स्वामी के द्वारा फसल लगायी गयी है? (घ) यदि हाँ, तो क्या यह माना जाये कि संबंधित हल्का पटवारी एवं मैदानी क्षेत्र में कार्यरत अधिकारियों के द्वारा जानबूझकर इस भूमि का अधिग्रहण कराया जाकर भू-धारी को अनैतिक लाभ पहुंचाया गया? यदि हाँ, तो इसके लिए कौन लोग दोषी हैं और उनके विरूद्ध अभी तक कार्यवाही क्यों नहीं की गयी? क्या शासन अनैतिक तौर पर भूमि स्वामी को भुगतान की गयी राशि अधिकारियों/कर्मचारियों से वसूल कर उनके विरूद्ध कार्यवाही का आदेश देगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
प्रश्नकर्ता के पत्रों का जवाब नहीं दिया जाना
[राजस्व]
187. ( क्र. 4605 ) पं. रमेश दुबे : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) तहसीलदार चांद, जिला छिन्दवाड़ा को प्रश्नकर्ता द्वारा सितम्बर, 2016 से प्रश्न दिनांक तक किन-किन विषयों पर पत्र प्रेषित किया गया है? पत्रवार जानकारी दें। (ख) क्या मध्यप्रदेश शासन सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी आदेशों/निर्देशों के अनुसार प्रश्नकर्ता के पत्रों की प्राप्ति अभिस्वीकृति प्रश्नकर्ता को तीन दिवस के भीतर उपलब्ध करायी गयी? यदि नहीं, तो क्यों? क्या निर्देशों के तहत माननीय विधान सभा सदस्यों के पत्रों के रजिस्टर निर्धारित प्रपत्र में संधारित किया जाकर कार्यालय प्रमुख द्वारा समय-समय पर सत्यापित किया गया है? यदि नहीं, तो क्या शासन इसके लिये तहसीलदार चांद को दोषी मानता है? (ग) क्या प्रश्नांश (क) के प्रकाश में प्रश्नकर्ता के पत्रों पर की गयी कार्यवाही से प्रश्नकर्ता को अवगत कराया गया है? यदि नहीं, तो क्यों और यदि हाँ, तो कब-कब क्या-क्या कार्यवाही की गयी है? (घ) प्रश्नकर्ता के पत्रों का शासनादेशों अनुसार रजिस्टर संधारित नहीं करवाने, तीन दिवस के भीतर प्राप्ति अभिस्वीकृति नहीं देने, समय पर की गयी कार्यवाही से अवगत नहीं कराने, प्रश्नकर्ता के पत्रों का उपेक्षा करने के लिये तहसीलदार चांद को दोषी मानता है? यदि हाँ, तो उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की गयी है? नहीं, तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) जी हाँ। तहसीलदार चांद से प्राप्त जानकारी के अनुसार उनके द्वारा प्राप्त पत्रों के संबंध में सूचना दिये जाने बाबत् परिशिष्ट– एक के कॉलम नम्बर 07 में दर्शाये अनुसार है विधान सभा सदस्यों के पत्रों के रजिस्टर निर्धारित प्रपत्र में संधारित किया जाकर कार्यालय प्रमुख द्वारा सत्यापित किया गया है। (ग) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (घ) संलग्न परिशिष्ट अनुसार तहसीलदार चांद द्वारा प्राप्त पत्रों में कार्यवाही किये जाने के उपरान्त प्रश्नकर्ता को सूचित किया गया है।
परिवहन अधिकारी पर आपराधिक दर्ज प्रकरण
[परिवहन]
188. ( क्र. 4623 ) श्री गिरीश भंडारी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 01 जनवरी 2016 से प्रश्न दिनांक तक जिला परिवहन कार्यालय राजगढ़ में कितने जिला परिवहन अधिकारी किस-किस दिनांक तक पदस्थ रहे? नाम सहित जानकारी दें। (ख) प्रश्न की कंडिका (क) के अनुसार उपलब्ध जानकारी में किसी अधिकारी के विरूद्ध क्या माननीय न्यायालय के निर्देश अनुसार कोई आपराधिक प्रकरण दर्ज भी हुआ है? नाम सहित जानकारी दें। (ग) प्रश्न की कंडिका (ख) के अनुसार उपलब्ध जानकारी क्या उक्त अधिकारी के विरूद्ध आपराधिक प्रकरण दर्ज होने के दिनांक से प्रश्न दिनांक तक उक्त अधिकारी ने कितने शासकीय प्रकरणों पर हस्ताक्षर किये, कितनी शासकीय बैठकों में उपस्थित हुआ, कितने दिन कार्यालय में उपस्थित हुआ?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) प्रश्नांकित अवधि में जिला परिवहन अधिकारी राजगढ़ के रूप में निम्न अधिकारी पदस्थ रहे :-
स.क्र |
अवधि |
पदस्थ अधि. का नाम |
1 |
12-10-15 से 01-04-16 तक |
श्री प्रदीप कुमार शर्मा |
2 |
02-04-16 से 27-09-16 तक |
श्री जे. एस. मीना |
3 |
28-09-16 से वर्तमान तक |
श्री के.पी. अग्निहोत्री |
(ख) एवं (ग) जी हाँ। मान. प्रथम अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश राजगढ़ द्वारा अपराध प्रकरण क्रमांक 756/16 में पारित आदेश दिनांक 20.12.16 द्वारा जिला परिवहन अधिकारी श्री के.पी. अग्निहोत्री के विरूद्ध थाना कोतवाली राजगढ़ में भा.द.वि की धारा 120 बी के तहत इजाफा की गई। उक्त के विरूद्ध मान. उच्च न्यायालय खण्डपीठ इंदौर द्वारा याचिका क्रमांक एम.सी.सी.आर.सी. नंबर 13077/2016 में पारित आदेश दिनांक 22.12.16 द्वारा उक्त आदेश पर स्थगन दिया गया है। तद्नुसार माननीय उच्च न्यायालय द्वारा स्थगन होने के कारण प्रश्न दिनांक तक उक्त जिला परिवहन अधिकारी द्वारा 4990 प्रकरणों का निराकरण किया गया एवं एक शासकीय बैठक में उपस्थित रहें तथा दिनांक 09-02-2017 तक कार्यालय में उपस्थित रहें।
राजस्व ग्राम घोषित करना
[राजस्व]
189. ( क्र. 4624 ) श्री गिरीश भंडारी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नरसिंहगढ़ विधान सभा क्षेत्र में कितने ग्राम ऐसे हैं जिनकी आबादी तो ज्यादा है लेकिन राजस्व ग्राम घोषित नहीं है? (ख) क्या नरसिंहगढ़ विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत ग्राम हिनोत्या क्र. 2, ग्राम पीपलढोन, ग्राम रूकनिया खेड़ी, ग्राम बॉकपुरा राजस्व ग्राम है? यदि नहीं, है तो उक्त ग्रामों को कब तक राजस्व ग्राम घोषित किया जावेगा? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) नरसिंहगढ विधान सभा क्षेत्र में 13 ग्राम ऐसे हैं जिनकी आबादी तो ज्यादा है परन्तु राजस्व ग्राम घोषित नहीं है। (ख) नरसिंहगढ विधान सभा क्षेत्र अन्तर्गत ग्राम हिनोत्या क्र.2 को कलेक्टर राजगढ़ द्वारा आदेश दिनांक 01.12.2016 से राजस्व ग्राम घोषित कर दिया गया है। ग्राम पीपलढोन, ग्राम रूकनिया खेडी, ग्राम बांकपुरा राजस्व ग्राम नहीं है। इन्हें राजस्व ग्राम घोषित करने के संबंध में पात्रता के परीक्षण की कार्यवाही प्रचलित है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
संविदा हैण्डपम्प टेक्निशियन के पद पर कार्यरत कर्मचारी
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
190. ( क्र. 4644 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) धार जिले में संविदा हैण्डपम्प टेक्निशियन के पद पर कितने कर्मचारी कार्यरत हैं। विधान सभावार बतावें। (ख) इन्हें कब कब नियुक्त किया गया। क्या इनका वेतनमान तब से 6500.00 रूपये प्रतिमाह ही है। (ग) यदि हाँ, तो इनका वेतनमान कब तक बढ़ाया जाएगा। (घ) क्या विभागीय परीक्षाओं में इन्हें इनके सेवाकाल के लिये बोनस अंक दिये जायेंगे। यदि नहीं, तो क्यों।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) कुल 21, संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) वर्ष 2010 से कार्यरत हैं। जी हाँ। (ग) फिलहाल एसा कोई प्रस्ताव नहीं है। (घ) सेवा शर्तों में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है। प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कॉलोनाईजरों को भूमि विकास की अनुमति
[राजस्व]
191. ( क्र. 4645 ) श्री रमेश पटेल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मंदसौर एवं नीमच जिले में अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) एवं कलेक्टर द्वारा दिनांक 01/01/2012 से 31/12/2016 तक कितने कॉलोनाईजरों को भूमि विकास की अनुमति प्रदान की। कॉलोनाईजर का नाम, भूमि रकबा, स्थान नाम सहित जिलावार वर्षवार देवें। (ख) क्या इन कॉलोनाईजरों द्वारा भू-खंडों को 25 प्रतिशत बंधक रखने के नियम का पालन किया गया है। पूरी जानकारी कॉलोनाईजर नाम, बंधक रकबे सहित जिलावार देवें। (ग) इन कॉलोनाईजरों द्वारा विलेखों के पंजीकृत शुल्क की जानकारी जमा/जमा नहीं के साथ देवें। इनके कितने प्रकरण मुद्रांक संग्राहक को भेजे गए एवं उन पर क्या कार्यवाही की गई। यदि नहीं, भेजे तो क्यों।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जिला मंदसौर की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं जिला नीमच की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार। (ख) जी हाँ। जिला मंदसौर की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं जिला नीमच की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार। (ग) जिला नीमच में वांछित अवधि में ऐसा कोई प्रकरण प्राप्त नहीं हुआ है। जिला मंदसौर की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। जिन कॉलोनाईजर्स द्वारा नियमों का पालन नहीं किया जावेगा उनके विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी।
कॉलोनाईजरों द्वारा विलेख पंजीकृत शुल्क का भुगतान
[राजस्व]
192. ( क्र. 4646 ) श्री रमेश पटेल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रतलाम एवं बैतूल जिले में अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) द्वारा दि. 01/01/2012 से 31/12/16 तक कितने कॉलोनाईजरों को भूमि विकास की अनुमति दी गई। कॉलोनाईजर का नाम, भूमि रकबा, स्थान नाम सहित जानकारी जिलावार वर्षवार देवें। कलेक्टर द्वारा अनुमति प्रदान करने की जिलावार वर्षवार पूरी जानकारी देंवे। (ख) क्या इन कॉलोनाईजरों द्वारा भू-खण्डों को 25 प्रतिशत बंधक रखने के नियम का पालन किया गया है। पूरी जानकारी कॉलोनाईजर नाम, रकबे सहित जिलावार देंवे। (ग) इन कॉलोनाईजरों द्वारा विलेखों के पंजीकृत शुल्क की जानकारी देंवे जिन कॉलोनाईजरों द्वारा ये शुल्क जमा नहीं किया गया उनसे कब तक वसूली होगी। इनके कितने प्रकरण मुद्रांक संग्राहक को भेजे गए एवं मुद्राक संग्राहक द्वारा उन पर क्या कार्यवाही की गई?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
फर्जी जाति-प्रमाण पत्र पर कार्यवाही
[राजस्व]
193. ( क्र. 4649 ) श्री कमलेश शाह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भोपाल जिले की हूजुर तहसील द्वारा अनुसूचित जनजाति का जाति-प्रमाण पत्र क्रमांक 2042/बी/121/04-05 एवं 2042/बी/121/04-05 दिनांक 28.07.2005 जारी किए गए है? (ख) यदि जारी किए गए है तो वह किस नाम व पते तथा किस अधिकारी द्वारा जारी किये गए है? (ग) क्या उपरोक्त दिनांक या वर्ष में कु. सुषमा कुमरे आ. श्री नारायण कुमरे के नाम से कोई अनु. जनजाति का जाति-प्रमाण पत्र जारी किया गया है? क्रमांक/दिनांक बतावें। (घ) प्रश्नांश (क), (ख) व (ग) के संदर्भ में यदि किसी व्यक्ति ने प्रश्नांश (क) में उल्लेखित प्रमाण-पत्र के आधार पर शासकीय सेवा प्राप्त कर ली हो तो, उस पर प्रशासन कब तक कार्यवाही करेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी नहीं। (ख) उतरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्तरांश (क), (ख), (ग) में उल्लेख अनुसार कार्यवाही का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
जब्त की गई बसें
[परिवहन]
194. ( क्र. 4652 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राज्य परिवहन प्राधिकार, ग्वालियर से विनोद कुमार पिता सोभागमल जैन निवासी इन्दौर ने 01 मार्च 2008 से मई 2011 तक कौन-कौन सी बसें ऑल इण्डिया परमिट किस दिनांक से किस दिनांक तक प्राप्त किये? (ख) विनोद कुमार पिता सोभागमल जैन निवासी इन्दौर की उपरोक्त बसें अवैध रूप से आल इण्डिया परमिट पर चल रही थीं, इसकी शिकायतें कब और किसने की थीं? (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुसार कौन-कौन सी बसे जब्त की गई थी? और उन जब्त की गई बसों पर कितना-कितना जुर्माना किया गया?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) विनोद कुमार पिता सोभागमल जैन निवासी इन्दौर की बसें अवैध रूप से ऑल इण्डिया परमिट पर चलने के संबंध में दिनांक 30.12.11 को श्री ईश्वरलाल शर्मा निवासी 43 जावरा कम्पाउन्ड इन्दौर द्वारा शिकायत परिवहन कार्यालय ग्वालियर में की गई थी। (ग) विशेष चैकिंग दस्ता, क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय, इंदौर द्वारा निम्न बसें जब्त की गई तथा उनके समक्ष दर्शायी राशि का जुर्माना किया गया। जिसकी जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है।
उप-जेल की स्वीकृति
[जेल]
195. ( क्र. 4653 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या परासिया विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत उप-जेल के निर्माण हेतु भूमि आरक्षित करने की कार्यवाही शासन द्वारा की जा चुकी है? (ख) विभाग द्वारा परासिया विधान सभा क्षेत्र में उप-जेल खोले जाने के संबंध में अभी तक क्या-क्या कार्यवाही की गई है? (ग) क्या जिला जेल छिन्दवाड़ा की परासिया से दूरी अधिक होने के कारण परासिया में उप-जेल खोला जाना आवश्यक है? अगर हाँ, तो परासिया में उप-जेल खोले जाने की स्वीकृति विभाग द्वारा कब तक प्रदान कर दी जायेगी?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी हाँ। (ख) वर्तमान में परासिया में उप-जेल का निर्माण विचाराधीन नहीं है। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
कॉलोनाईजरों द्वारा विलेख पंजीकृत शुल्क का भुगतान
[राजस्व]
196. ( क्र. 4657 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) महिदपुर विधान सभा क्षेत्र में अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) द्वारा दिनांक 01/01/2006 से 31/12/2009 तक कितने कॉलोनाईजरों को भूमि विकास की अनुमति दी गई? कॉलोनाईजर का नाम, भूमि रकबा, स्थान नाम सहित बतावें। (ख) क्या इस कॉलोनाईजरों द्वारा भू-खण्डों को 25 प्रतिशत बंधक रखने के नियम का पालन किया गया है? यदि हाँ, तो इसकी जानकारी स्थान, नाम, रकबा क्रमांक सहित देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार इन कॉलोनाईजरों द्वारा विलेखों के पंजीकृत शुल्क की जानकारी देवें। जिन कॉलोनाईजरों द्वारा ये शुल्क जमा नहीं किया गया उनसे वसूली कब तक की जावेगी? (घ) इनके कितने प्रकरण मुद्रांक संग्राहक को भेजे गए एवं मुद्रांक संग्राहक द्वारा उन पर क्या कार्यवाही की गई?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) महिदपुर विधान सभा क्षेत्र में अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) द्वारा दिनांक 1.1.2006 से 31.12.2009 तक किसी भी कॉलोनाईजर को भूमि विकास अनुमति प्रदान नहीं की गई है। शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता। (ख), (ग) एवं (घ) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उद्भूत नहीं होता।
गेहूँ का परिवहन
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
197. ( क्र. 4663 ) श्री बाला बच्चन : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इंदौर संभाग में दिनांक 01/01/2014 से 31/01/2017 तक कितना गेहूँ रेल्वे रेक के माध्यम से कौन-कौन से रेक प्वाइंट पर भेजा गया तथा कितना गेहूँ सड़क मार्ग से किन-किन जिलों में भेजा गया वर्षवार, रेक प्वाइंट/जिलावार बतावें। (ख) इंदौर संभाग में उपरोक्त अवधि में समर्थन मूल्य पर खरीदे गए गेहूँ की मात्रा, मूल्य सहित जिलावार बतावें। (ग) प्रश्नांश (क) व (ख) से प्राप्त गेहूँ में से इंदौर संभाग में कितना गेहूँ सार्वजनिक वितरण प्रणाली एवं अन्य योजनाओं के हितग्राहियों के लिए आवंटित किया गया? जिलावार बतावें। वितरण के बाद अतिशेष गेहूँ की मात्रा कितनी रही तथा इसे रेल तथा सड़क मार्ग से कहाँ-कहाँ भेजा गया। (घ) गेहूँ परिवहन में अनियमितता, दोहरे परिवर्तन आदि को लेकर उक्त अवधि के ऑडिट रिपोर्ट में आपत्तियों की जानकारी देते हुए प्रश्नांश (क) अनुसार परिवहन पर व्यय राशि की जानकारी जिलावार बताएँ?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है
बिना निविदा आमंत्रित किये कोटेशन के माध्यम से कराये गये कार्य
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
198. ( क्र. 4667 ) श्री हर्ष यादव : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग खण्ड सागर द्वारा विगत एक वर्ष से निविदा आमंत्रित न कर कोटेशन के माध्यम से हैण्डपम्पों का संधारण, मरम्मत, कूटांक मैपिंग दीवार लेखन, वाहन किराये पर लगाया, सामग्री खरीदी आदि कार्य कराये गये हैं। (ख) यदि हाँ, तो विगत 01 वर्ष के दौरान कौन-कौन से कार्य कोटेशन के माध्यम से कराये गये हैं। इन कार्यों में किन-किन फर्मों को कितना-कितना भुगतान किस कार्य के लिए किया गया। (ग) क्या उक्त कार्यों हेतु कोटेशन न बुलाकर निविदा जारी नहीं की जा सकती थी। यदि हाँ, तो निविदा जारी न करने के क्या कारण हैं। क्या निविदा न बुलाकर शासकीय धन का दुरूपयोग किया गया है। क्या इस मामले की जाँच कराई जावेगी।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) कार्य की तत्काल आवश्यकता एवं कम लागत को दृष्टिगत रखते हुये नियमानुसार कोटेशन पर कार्य करवाये जाने का प्रावधान है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
कर्मकार मंडल की संचित निधि का उपयोग
[श्रम]
199. ( क्र. 4668 ) श्री हर्ष यादव : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार मंडल में वर्तमान में कितने श्रमिक पंजीकृत हैं। जिलावार जानकारी दें। (ख) मंडल की कौन-कौन सी योजनायें श्रमिक कल्याण हेतु प्रचलित हैं। इनमें वर्ष 2015-16 व 2016-17 में कितने श्रमिक हिग्राहियों को योजनावार लांभावित किया गया है। इनमें कितना व्यय वर्षवार हुआ है। (ग) मंडल की योजनाओं के व्यय हेतु मंडल की आय के स्त्रोत क्या हैं। उपकर आदि से मंडल को प्रतिवर्ष कितनी आय होती है। मंडल की कुल संचित निधि कितनी है। क्या संचित निधि व्यय से बहुत अधिक है। क्या इस निधि का उपयोग श्रमिकों के हित में करने हेतु मंडल की योजनाओं का विस्तार किया जाकर श्रमिकों को और अधिक लाभ दिया जावेगा। इस हेतु क्या योजनाएं बनाई जा रही है।
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल के अंतर्गत प्रदेश में कुल 2511060/- (पच्चीस लाख ग्यारह हजार साठ) निर्माण श्रमिक पंजीकृत हैं। जिलावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल के अंतर्गत पंजीकृत निर्माण श्रमिकों के कल्याण हेतु संचालित योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। वर्ष 2015-16 व 2016-17 में पंजीकृत निर्माण श्रमिकों को योजनावार वितरित हितलाभ की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (ग) भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण उपकर अधिनियम, 1996 के अंतर्गत प्रदेश में संचालित निर्माण कार्य की कुल निर्माण लागत का 1 प्रतिशत उपकर मंडल की आय का स्त्रोत है। वर्ष 2003 से जनवरी 2017 की स्थिति में मंडल को प्राप्त उपकर की वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार है। वर्तमान में मंडल को कुल 1949.79 करोड़ उपकर राशि प्राप्त हुई है। प्राप्त उपकर राशि मंडल द्वारा संचालित योजनाओं एवं प्रशासनिक व्यय से अधिक नहीं है। वर्तमान में मंडल के अंतर्गत पंजीबद्ध निर्माण श्रमिकों हेतु कुल 22 योजनाएं संचालित कर लाभांवित किया जा रहा है वर्तमान में मंडल द्वारा संचालित योजनाओं में पंजीकृत निर्माण श्रमिकों को मिलने वाले हितलाभों में आवश्यकता अनुसार समय-समय पर वृद्धि की जाती है।
म.प्र. राज्य सड़क परिवहन निगम के बर्खास्त कर्मचारियों की जानकारी
[परिवहन]
200. ( क्र. 4671 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 1979 में मध्यप्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के उज्जैन डिपों में कार्यरत 21 परिचालकों की सेवा समाप्त (बर्खास्त) कर दी गई थी? (ख) यदि हाँ, तो क्या सेवा समाप्त (बर्खास्त) कर्मचारियों को अन्य किसी शासकीय विभाग में नियुक्ति देने का नियम है? यदि हाँ, तो नियम की प्रति उपलब्ध करायें? (ग) दिनांक 23 मार्च 2006 के तारांकित प्रश्न संख्या 5 (क्रमांक 5515) के परिशिष्ट में बर्खास्त कर्मचारियों के नाम के साथ उनकी वल्दियत एवं पता स्पष्ट करें एवं यह वर्तमान में किस विभाग में कार्यरत हैं? (घ) क्या ऐसे कर्मचारी की सेवा समाप्त कर शासन से सही तथ्य छिपाकर नियुक्ति लेने के संबंध में कठोर कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो कारण बतायें।
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित 21 परिचालकों के संबंध में संभागीय प्रबंधक मध्यप्रदेश सड़क परिवहन निगम संभागीय कार्यालय इंदौर से प्राप्त पत्र दिनांक 23.2.2017 द्वारा प्रतिवेदित किया गया है कि मध्यप्रदेश सड़क परिवहन निगम उज्जैन के मक्सी रोड स्थित डिपो एवं संभागीय कार्यालय में रखा विभागीय रिकार्ड काफी खोजबीन के बाद भी प्राप्त नहीं हो पा रहा है। जिसकी सूचना निगम की ओर से पुलिस थाना उज्जैन को दी गई है। संभागीय प्रबंधक स.प.नि. संभागीय कार्यालय से प्राप्त प्रतिवेदन पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। निगम द्वारा बर्खास्त किये गये कर्मचारी वर्तमान में कहाँ कार्यरत हैं, इसकी जानकारी विभाग द्वारा संधारित नहीं की जाती है। अत: शेषांश की जानकारी दी जाना संभव नहीं है। (घ) परिवहन विभाग द्वारा कार्यवाही अपेक्षित नहीं है क्यों कि शासकीय सेवा से बर्खास्त कर्मचारी यदि तथ्य छुपाकर अन्य विभाग में नियुक्ति प्राप्त करता है, तो उसके विरूद्ध कार्यवाही करने की अधिकारिता उसी विभाग को है जिस विभाग ने संबंधित कर्मचारी वर्तमान में कार्यरत है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।